PSEB 6th Class Hindi Vyakaran विशेषण

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Visheshan विशेषण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar विशेषण

प्रश्न 1.
विशेषण किसे कहते हैं और उसके भेद बताओ।
उत्तर:
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करते हैं उन्हें विशेषण कहा जाता है; जैसे-वीर पुरुष। इसमें ‘वीर’ शब्द पुरुष की विशेषता प्रकट करता है। इसलिए यह विशेषण है।

विशेषण के चार भेद हैं :
1. गुणवाचक – संज्ञा या सर्वनाम के गुण-दोष, रंग, अवस्था आदि को बताने वाला गुणवाचक विशेषण होता है; जैसे-विद्वान् पुरुष। मूर्ख लड़का। (गुण-दोष)। सफ़ेद (घोड़ा)। काली बिल्ली (रंग)।

2. संख्यावाचक – जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का ज्ञान कराये, वह संख्यावाचक विशेषण कहलाता है; जैसे-एक पुस्तक । दस मनुष्य।

3. परिमाणवाचक – जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम के नाप-तोल का ज्ञान होता है, वह परिमाणवाचक विशेषण कहलाता है; जैसे-दो मीटर कपड़ा। चार किलो मिठाई।

4. सार्वनामिक या सांकेतिक – जो सर्वनाम संज्ञा के साथ उसके संकेत के रूप में आता है। तब वह सार्वजनिक विशेषण बन जाता है; जैसे-वह मेरी पुस्तक है।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran विशेषण

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से विशेषण शब्द चुनें :
(क) मिठाई
(ख) प्राणी
(ग) बुराई
(घ) दो।
उत्तर:
(घ) दो

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द विशेषण नहीं है ?
(क) महिला
(ख) तेज़
(ग) पंजाबी
(घ) लाल।
उत्तर:
(क) महिला

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से गुणवाचक विशेषण चुनें :
(क) सफेद
(ख) दो
(ग) चार
(घ) वह।
उत्तर:
(क) सफेद

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran विशेषण

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से संख्यावाचक विशेषण चुनें :
(क) अच्छा
(ख) सुंदर
(ग) दस
(घ) काला।
उत्तर:
(ग) दस

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से निश्चित परिमाणवाचक विशेषण चुनें:
(क) सफेद
(ख) कुछ
(ग) दो मीटर
(घ) थोड़ी।
उत्तर:
(ग) दो मीटर

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण चुनें :
(क) कितना मीटर
(ख) दो मीटर
(ग) तीन लीटर
(घ) छठी कक्षा।
उत्तर:
(क) कितना मीटर

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran विशेषण

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से सार्वनामिक या सांकेतिक विशेषण चुनें :
(क) मोटा
(ख) खोटा
(ग) दस लीटर
(घ) यह पुस्तक।
उत्तर:
(घ) यह पुस्तक।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 25 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 25 हम पंछी उन्मुक्त गगन के Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 25 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

Hindi Guide for Class 7 PSEB हम पंछी उन्मुक्त गगन के Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ-शब्दार्थ सरलार्थ के साथ दिए हैं।

2. पर्यायवाची शब्द लिखें:-

पंछी = ………………
गगन = ……………….
कनक = ……………….
पंख = ……………….
तरु = ……………….
नीड़ = …………………
उत्तर:
शब्द पर्यायवाची शब्द
पंछी = खग, पक्षी
गगन = आकाश, नभ
कनक = स्वर्ण, सोना
पंख = पर, डैना
तरु = वृक्ष, पेड़
नीड़ = घोंसला, बसेरा

3. स्वर्ण श्रृंखला, कनक-कटोरी, लाल किरण-सी में स्वर्ण, कनक और लाल शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। इसी प्रकार तीन उदाहरण ढूंढ़कर लिखें।
उत्तर-
‘कटुक निबौरी, नीले नभ, सीमाहीन’ इन शब्दों में ‘कनक, नीले, हीन’ गुणवाचक विशेषण हैं।

4. भूखे-प्यासे में द्वंद्व समास है। इन दो शब्दों के बीच लगे चिह्न को संयोजक चिह्न कहते हैं। इसी चिह्न से और का संकेत मिलता है। इसी प्रकार के तीन उदाहरण और लिखें।
उत्तर:
रात-दिन, राजा-रानी. माता-पिता।

5. संधिविच्छेद करें:

उन्मुक्त = ………………….
उन्नायक = ………………..
उत्तर:
उत् + मुक्त,
उत् + नायक।

(ख) विचार-बोध :

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
इस कविता में पक्षी क्या चाहते हैं ?
उत्तर:
इस कविता में पक्षी खुले आकाश में आजादी से उड़ना चाहते हैं।

प्रश्न 2.
पक्षी अपनी क्या-क्या इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं ?
उत्तर:
पक्षी बहता जल पीना, कड़वी निबौरी खाना, पेड़ की फुनगी पर झूलना, तारों रूपी अनार के दानों को चुगना, क्षितिज से बाज़ी लगाना तथा खुले आकाश में आज़ादी से उड़ना चाहते हैं।

प्रश्न 3.
पक्षी कौन-कौन सी सुख-सुविधाएँ पाकर भी पिंजरे में नहीं रहना चाहते ?
उत्तर:
पक्षी सोने की कटोरी में विशेष खाद्य पदार्थ, सुरक्षा, सोने की जंजीरों के बंधन जैसी सुख-सुविधाएँ पा कर भी पिंजरे में नहीं रहना चाहते।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 25 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

प्रश्न 4.
पक्षियों के लिए पंखों की सार्थकता किस बात में है ?
उत्तर:
पक्षियों के लिए पंखों की सार्थकता आज़ादी से उड़ने में है।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
सप्रसंग व्याख्या करें:

नीड़ न दो ….. विघ्न न डालो।
उत्तर:
कविता का सप्रसंग सरलार्थ भाग देखिए।

प्रश्न 2.
इस कविता में पक्षियों की कौन-कौन सी स्वभावगत विशेषताएँ बताई गई हैं ?
उत्तर:
पक्षी खुले आकाश में उड़ना पसंद करते हैं। वे पिंजरे में गा नहीं सकते। वे बहता जल पीते हैं। उन्हें सोने की कटोरी में दिया भोजन कड़वी निबौरी के सामने अच्छा नहीं लगता। वे पेड़ों की फुनगी पर झूलना चाहते हैं। उन्हें क्षितिज से बाज़ी लगाकर उड़ना पसंद है। वे पिंजरे के बन्धन से आज़ादी अच्छी समझते हैं।

प्रश्न 3.
पक्षियों को पिंजरे में बन्द करने से उनकी आज़ादी का हनन होता है। क्या आपको भी आज़ादी पसन्द है? किस-किस क्षेत्र में आप आज़ाद होकर जीना चाहेंगे? अपने विचार लिखें।
उत्तर:
पिंजरे में बन्द रखने से पक्षियों की आज़ादी समाप्त हो जाती है। पिंजरे की तीलियों से टकरा कर उस के पंख टूट जाते हैं और वे उड़ना भूल जाते हैं। हमें भी
आज़ादी पसंद है। हम अपनी पढ़ाई, खेल-कूद, खाने-पीने, अपने जीवन का उद्देश्य निर्धारित करने में आजादी चाहते हैं। हम अपने भरोसे तथा बल पर अपने जीवन का निर्माण करना चाहते हैं।

प्रश्न 4.
यदि वातावरण में पक्षी न हों तो आपको कैसा लगेगा ? इस विषय पर वादविवाद प्रतियोगिता का आयोजन करें।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Guide हम पंछी उन्मुक्त गगन के Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ कविता के रचनाकार कौन हैं ?
(क) शिव मंगल सिंह सुमन
(ख) महादेवी वर्मा
(ग) सुमित्रानंदन पंत
(घ) राजेश जोशी
उत्तर:
(क) शिव मंगल सिंह सुमन

प्रश्न 2.
पंछी कहाँ उड़ते हैं ?
(क) उन्मुक्त गगन में
(ख) विस्तृत धरती पर
(ग) गहरे पाताल में
(घ) उथले पानी में
उत्तर:
(क) उन्मुक्त गगन में

प्रश्न 3.
पंछी कहाँ नहीं गा पाएंगे ?
(क) घरों में
(ख) पिंजरे में
(ग) पेड़ों पर
(घ) घोंसले में
उत्तर:
(ख) पिंजरे में

प्रश्न 4.
पंछी के पंख कैसे हैं ?
(क) पीले
(ख) नीले
(ग) काले
(घ) पुलकित
उत्तर:
(घ) पुलकित

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प्रश्न 5.
पंछियों के पंख क्यों टूट जाऐगे ?
(क) हवा के वेग से
(ख) पंख फडफड़ाने से
(ग) पानी में भेगकर
(घ) कनक तीलियों से टकराकर
उत्तर:
(घ) कनक तीलियों से टकराकर

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
पक्षियों के …………………. अरमान थे।
(क) नील गगन में उड़ने के
(ख) पेड़ पर रहने के
(ग) घोंसले में सोने के
(घ) महलों में रहने के
उत्तर:
(क) नील गगन में उड़ने के

प्रश्न 2.
पक्षियों को अनार के दाने …….. लग रहे थे।
(क) बूंदों जैसे
(ख) पत्तों जैसे
(ग) तारों जैसे
(घ) मोती जैसे
उत्तर:
(ग) तारों जैसे

प्रश्न 3.
निबौरी ……………… है।
(क) कटुक
(ख) मीठी
(ग) नमकीन
(घ) खट्टी-मीठी
उत्तर:
(क) कटुक

प्रश्न 4.
पंछी सपनों में … ………… देख रहे हैं।
(क) तरु के फूल
(ख) तरु की फुनगी के झूले
(ग) तरु के फल
(घ) फल और पत्तियाँ
उत्तर:
(ख) तरु की फुनगी के झूले

प्रश्न 5.
पक्षी के लिए मैदा ……… कटोरी में रखा गया है।
(क) चाँदी की
(ख) हीरे की
(ग) पीतल की
(घ) सोने की
उत्तर:
(घ) सोने की

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
नीड़:
घोंसला
नीर
उत्तर:
घोंसला

प्रश्न 2.
तरु:
वृक्ष
नीम
तैरना
तर्पण
उत्तर:
वृक्ष।

प्रश्न 3.
अरमान:
इच्छा
अनिच्छा
मानना
उत्तर:
इच्छा

प्रश्न 4.
निबौरी:
नीम की बोरी
बोरी
नीम का फल
उत्तर:
नीम का फल

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 25 हम पंछी उन्मुक्त गगन के

सप्रसंग सरलार्थ

1. हम पंछी उन्मुक्त गगन के
पिंजरबद्ध न गा पायेंगे,
कनक-तीलियों से टकराकर
पुलकित पंख टूट जायेंगे।
हम बहता जल पीने वाले
मर जायेंगे भूख-प्यासे,
कहीं भली है कटक निबौरी
कनक-कटौरी की मैदो से।

शब्दार्थ:
पंछी = पक्षी। उन्मुक्त = आज़ाद। गगन = आकाश। पिंजरबद्ध = पिंजरे में बन्द। कनक-तीलियां = सोने की तारें। पुलकित = रोमांचित, प्रसन्न, आनन्दित। कटुक = कड़वी। निबौरी = नीम की निबौरी। कनक = सोना।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘शिव मंगल सिंह सुमन’ द्वारा रचित कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ से लिया गया है। इसमें कवि ने पिंजरे में बन्द पक्षी की दशा का वर्णन किया है।

सरलार्थ:
कवि एक पक्षी की दशा का वर्णन करते हुए लिखता है कि पक्षी तो आज़ादी से खुले आकाश में उड़ते हैं, वे पिंजरे में बन्द हो जाने पर गा नहीं पाते। वे पिंजरे की सोने की तीलियाँ से टकरा-टकरा कर अपने रोमांचित पंखों को तोड़ देंगे। वे सदा बहता जल पीते हैं नहीं तो भूखे-प्यासे मर जाते हैं। उन्हें कड़वी निबौरी सोने की कटोरी में दिए गए खाद्य पदार्थों से कहीं अधिक अच्छी लगती हैं।

भावार्थ:
पक्षी को पिंजरे में बन्द रहने के स्थान पर खुले आकाश में आजादी से उड़ना अच्छा लगता है।

2. स्वर्ण-श्रृंखला के बंधन में
अपनी गति उड़ान सब भूले,
बस सपनों में देख रहे हैं
तरु की फुनगी पर के झूले।
ऐसे थे अरमान कि उड़ते
नीले नभ की सीमा पाने,
लाल किरण सी चोंच खोल
चुगते तारक-अनार के दाने।

शब्दार्थ:
स्वर्ण-श्रृंखला = सोने को जंजीर । गति = चाल । तरु = वृक्ष, पेड़। फुनगी = पेड़ के सब से ऊपर की कोमल नई पत्ती! अरमान = इच्छा, कामना। नभ = आकाश। तारक – तारे।

प्रसंग:
यह पद्यांश शिव मंगल सिंह सुमन द्वारा रचित कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ से लिया गया है। इसमें कवि ने पिंजरे में बन्द पक्षी की दशा का वर्णन किया है।

सरलार्थ:
कवि बताता है कि सोने की जंजीरों में बंध कर पक्षी अपनी चाल और उड़ान सब कुछ भूल गया है। अब वह केवल सपने में ही देखता है कि वह वृक्ष की फुनगी पर बैठा झूल रहा है ! उसकी यह इच्छा थी कि वह नीले आकाश की सीमा जानने के लिए उड़ता और अपनी लाल किरण जैसी चोंच को खोल कर आकाश में उगे हुए तारों रूपी अनार के दानों को चुगता।

भावार्थ:
पक्षी पिंजरे में बन्द होने पर स्वयं को बहुत असहाय अनुभव करता है, उसके मन की इच्छाएँ हैं मन में ही रह जाती हैं।

3. होती सीमाहीन क्षितिज से
इन पंखों की होड़ा-होड़ी,
या तो क्षितिज मिलन बन जाता
या तनती साँसों की डोरी।
नीड़ न दो, चाहे टहनी का
आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो,
लेकिन पंख दिए हैं तो
आकुल उड़ान में विघ्न न डालो।

शब्दार्थ:
सीमाहीन = असीम, जिसकी सीमा न हो। क्षितिज = जहाँ धरती और आसमान मिलते हुए दिखाई देते हैं। होड़ा-होड़ी = बाजी लगाना, मुकाबला करना। तनती = तन जाती। नीड़ = घर, घोंसला। आश्रय = रहने की जगह, सहारा। आकुल = व्यग्र। विघ्न = बाधा, रुकावट।

प्रसंग:
यह पद्यांश शिव मंगल सिंह सुमन द्वारा रचित कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ से लिया गया है। इसमें कवि ने पिंजरे में बन्द पक्षी की दशा का वर्णन किया है।

सरलार्थ:
कवि लिखता है कि यदि पक्षी पिंजरे में बन्द न होता तो वह असीम क्षितिज से अपने पंखों द्वारा उड़ने की बाज़ी लगा कर उड़ता और उसका क्षितिज से मिलन हो जाता अथवा उसकी सांसों की डोरी तन जाती। वह चाहता है कि चाहे उसे किसी वृक्ष की टहनी पर घोंसला न दिया जाए अथवा उस का सहारा नष्ट कर दिया जाए परन्तु जब उसे पंख दिए गए हैं तो उस की व्यग्र उड़ान में बाधा नहीं डालो।

भावार्थ:
पक्षी अपना सब कुछ गंवा कर भी अपनी उड़ान में किसी प्रकार की बाधा नहीं चाहता है।

हम पंछी उन्मुक्त गगन के Summary

हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता का सार

शिव मंगल सिंह सुमन द्वारा रचित कविता ‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’ में कवि ने आज़ादी से उड़ने वाले पक्षी के विचारों का वर्णन किया है। कवि लिखता है कि खुले आकाश में उड़ने वाला पक्षी कहता है कि वह पिंजरे में बन्द हो कर गा नहीं सकेगा क्योंकि पिंजरे की सोने की तीलियों से टकराकर उसके आनन्द में मग्न पंख टूट जाएंगे। वे सदा बहता हुआ जल पीते हैं तथा उन्हें पिंजरे में सोने की कटोरी में दिए गए स्वादिष्ट भोजन की अपेक्षा कड़वी नीम की निबौरी ही अच्छी लगती है। सोने के पिंजरे में बन्द होकर वे अपनी स्वाभाविक चाल और गति भी भूल जाते हैं और पेड़ की फुनगी पर बैठने से मिलने वाले झूले का आनन्द उनके लिए स्वप्न ही बन जाता है। वे नीले आकाश में बहुत ऊँचे उड़कर अपनी लाल चोंच से तारों रूपी अनार के दानों को चगना चाहते थे। वे असीम क्षितिज को अपने पंखों से नाप लेना चाहते थे जिस से वे उसे पा लेते अथवा उनकी साँसों की डोरी तन जाती। वे चाहते हैं कि चाहे उन्हें किसी टहनी पर रहने के लिए घोंसला न दो परन्तु यदि पंख दिए हैं तो उन्हें निर्विघ्न उड़ान भरने दो।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sarvanam सर्वनाम Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar सर्वनाम

प्रश्न 1.
सर्वनाम किसे कहते हैं ? सर्वनाम के कितने भेद हैं ? भेदों के नाम लिखो।
अथवा
सर्वनाम की परिभाषा लिखो और उसके भेद भी बताओ।
उत्तर:
वाक्य में संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले विकारी शब्दों को सर्वनाम कहते हैं; जैसे-सोहन, मोहन के साथ उनके घर गया। इस वाक्य में ‘उसके’ सर्वनाम मोहन के स्थान पर प्रयुक्त हुआ है। सर्वनाम के छः भेद हैं

सर्वनाम के भेद :

1. पुरुष वाचक – जिससे वक्ता (बोलने वाला), श्रोता (सुनने वाला) और जिसके सम्बन्ध में चर्चा हो रही है उसका ज्ञान प्राप्त हो।
जैसे-
अन्य पुरुष – वह, वे
मध्यम पुरुष – तू, तुम
उत्तम पुरुष – मैं, हम

2. निश्चय वाचक – इस सर्वनाम से वक्ता के समीप या दूर की वस्तु का निश्चय होता है; जैसे-यह, ये, वह, वे।

3. अनिश्चय वाचक – इस सर्वनाम से किसी पुरुष एवं वस्तु का निश्चित ज्ञान नहीं होता है; जैसे-कोई, कुछ।

4. संबंध वाचक – इस सर्वनाम से दो संज्ञाओं में परस्पर संबंध का ज्ञान होता है; जैसे-जो, सो। जो करेगा, सो भरेगा।

5. प्रश्न वाचक – इस सर्वनाम का प्रयोग प्रश्न पूछने और कुछ जानने के लिए होता है; जैसे-कौन, क्या। आप कौन हैं ? मैं क्या करूंगा ?

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से सर्वनाम शब्द चुनें:
(क) जाह्नवी
(ख) चाची
(ग) वह
(घ) ऐलीफेंटा।
उत्तर:
(ग) वह

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द सर्वनाम नहीं है ?
(क) मैं
(ख) हमारा
(ग) अच्छाई
(घ) उनका।
उत्तर:
(ग) अच्छाई

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द पुरुषवाचक सर्वनाम का उदाहरण है ?
(क) प्रसन्न
(ख) वर्णन
(ग) मूर्तियां
(घ) मैं।
उत्तर:
(घ) मैं

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द निश्चयवाचक सर्वनाम का उदाहरण है ?
(क) तुम
(ख) वह
(ग) कोई
(घ) हम।
उत्तर:
(ख) वह

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम का उदाहरण नहीं
(क) यह
(ख) वह
(ग) कोई
(घ) वे।
उत्तर:
(ग) कोई

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द सम्बन्धवाचक सर्वनाम का उदाहरण है ?
(क) जो
(ख) उनका
(ग) किनका
(घ) मैं।
उत्तर:
(क) जो

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द प्रश्नवाचक सर्वनाम का उदाहरण नहीं है ?
(क) आप
(ख) हमारा
(ग) क्या
(घ) कोई।
उत्तर:
(ग) क्या।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran संज्ञा

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sangya संज्ञा Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar संज्ञा

प्रश्न 1.
संज्ञा की परिभाषा उदाहरण सहित लिखो।
अथवा
संज्ञा किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर स्पष्ट करो।
उत्तर:
परिभाषा – किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी, भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे
(1) मेरा नाम ‘हरीश’ है। इनका नाम ‘सतीश’ है। आपका क्या ‘नाम’ है ?
(2) यह ‘हाथी’ है। यह ‘खरगोश’ है। यह ‘मोर’ है।
(3) मैं ‘लुधियाना’ जा रहा हूँ।
(4) ‘नेकी’ कर कुएँ में डाल।
(5) ‘बैठना’ कहाँ है ?
ऊपर के वाक्यों में ‘व्यक्तियों’, ‘पशुओं’, ‘स्थान’, ‘भाव’ और ‘क्रिया व्यापार’ को उनके नामों से बताया गया है। अतः ये नाम ही संज्ञा हैं।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran संज्ञा

प्रश्न 2.
संज्ञा की परिभाषा लिखो और उसके भेद बताओ।
अथवा
संज्ञा किसे कहते हैं ? उसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, जाति, गुण या भाव का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं; जैसे-राम, कृष्ण, दिल्ली, सिंह, पुस्तक, गर्मी, सुन्दरता, दया आदि।

संज्ञा के तीन भेद हैं-
(1) व्यक्तिवाचक
(2) जातिवाचक
(3) भाववाचक।

1. व्यक्तिवाचक : जो शब्द किसी विशेष व्यक्ति, स्थान आदि का बोध कराए, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे-कृष्ण, दिल्ली, गंगा आदि।
2. जातिवाचक : जो शब्द किसी सम्पूर्ण जाति का बोध कराए, उसे जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है; जैसे-स्त्री, पुरुष, पशु, नगर आदि।
3. भाववाचक : जो शब्द किसी धर्म, अवस्था, भाव, गुण, दोष आदि प्रकट करे, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे-मिठास, मानवता, सत्यता आदि।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द संज्ञा’ का उदाहरण है ?
(क) काली
(ख) आनन्द
(ग) यह
(घ) मेहनती।
उत्तर:
(घ) मेहनती

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से संज्ञा शब्द चुनें:
(क) तानसेन
(ख) वह
(ग) बुद्धिमान
(घ) शान्त।
उत्तर:
(क) तानसेन

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran संज्ञा

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से जातिवाचक संज्ञा छांटिए :
(क) वृक्ष
(ख) रहीम
(ग) पारस
(घ) साहसी।
उत्तर:
(क) वृक्ष

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द ‘जातिवाचक संज्ञा’ का उदाहरण नहीं है ?
(क) क्रोध
(ख) गायक
(ग) साधु
(घ) अध्यापक।
उत्तर:
(क) क्रोध

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा का उदाहरण नहीं है ?
(क) सरिता
(ख) अपसरा
(ग) हमारा
(घ) समरजीत।
उत्तर:
(ग) हमारा

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran संज्ञा

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द भाववाचक संज्ञा का उदाहरण नहीं है ?
(क) मानवता
(ख) मिठास
(ग) सत्यता
(घ) अच्छा।
उत्तर:
(घ) अच्छा

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से भाववाचक संज्ञा शब्द चुनें
(क) बचपन
(ख) अच्छा
(ग) सच्चा
(घ) वह।
उत्तर:
(क) बचपन।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran शब्द

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Shabd शब्द Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar शब्द

प्रश्न 1.
शब्द किसे कहते हैं ? इसके कितने प्रकार हैं ?
उत्तर:
दो या दो से अधिक सार्थक वर्णों के मेल को शब्द कहा जाता है। जैसे-राम, … लक्ष्मण आदि।

प्रश्न 2.
व्युत्पति (रचना या बनावट) के विचार से शब्द के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
व्युत्पति के विचार से शब्द के तीन भेद हैं-
(1) रूढ़ि
(2) यौगिक
(3) योगरूढ़ि।

1. रूढि – जिन शब्दों के खण्डों का कोई अर्थ नहीं होता, वे रूढि शब्द कहलाते हैं; जैसे-कमल (क + म + ल), दवात (द + वा + त)।

2. यौगिक – जो दो शब्दों के योग से बनते हैं, उन्हें यौगिक शब्द कहा जाता है; जैसे-पाठशाला (पाठ + शाला), विद्यालय (विद्या + आलय), महात्मा (महा + आत्मा)।

3. योगरूढ़ि – जो यौगिक शब्दों की भांति दो शब्दों के योग से तो बनें, परन्तु किसी विशेष अर्थ को प्रकट करें, उन्हें योगरूढ़ि कहा जाता है; जैसे-पीताम्बर (पीत = पीला, अम्बर = कपड़ा) पीताम्बर शब्द का अर्थ है पीला कपड़ा न होकर इसका विशेष अर्थ कृष्ण (भगवान् कृष्ण) है। पंकज (पंक = कीचड़, ज = उत्पन्न होने वाला) पंकज का अर्थ कीचड़ में उत्पन्न होने वाले मेंढक, मछली, कछुआ आदि नहीं बल्कि इसका अर्थ कमल है।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran शब्द

प्रश्न 3.
शब्द-भण्डार या उत्पत्ति के विचार से शब्द के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
उत्पत्ति के विचार से हिन्दी में चार प्रकार के शब्द हैं-
(1) तत्सम
(2) तद्भव
(3) देशज
(4) विदेशी।

1. तत्सम – जो शब्द संस्कृत भाषा में से बिना किसी परिवर्तन के हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें तत्सम कहा जाता है; जैसे-माता, पिता, फल, ज्ञान, सुन्दर।
2. तद्भव – संस्कृत के वे शब्द जो कुछ बिगड़ कर हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें तद्भव कहा जाता है; जैसे-हस्त से हाथ, ग्राम से गाँव, अग्नि से आग।
3. देशज – जो शब्द स्थानीय भाषाओं में से हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें देशज कहा जाता है; जैसे-रोड़ा, बैंगन, आलू, सेब।
4. विदेशी – जो शब्द अंग्रेज़ी, उर्दू, अरबी, फ़ारसी आदि विदेशी भाषाओं से हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें विदेशी कहा जाता है; जैसे-स्टेशन, स्कूल, आदमी, वकील, बाज़ार।

प्रश्न 4.
अर्थ के अनुसार शब्द के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
अर्थ के अनुसार शब्द के दो भेद हैं-
(1) सार्थक और
(2) निरर्थक।
1. सार्थक – जिन शब्दों का कोई अर्थ हो, उन्हें सार्थक कहते हैं; जैसे-कुर्सी, गाय, घोड़ा।
2. निरर्थक – जिन शब्दों का कोई अर्थ न हो; उन्हें निरर्थक कहते हैं। जैसे-घोड़ाघाड़ा (घाड़ा), आलू-शालू (शालू), बक-बक, पी-पी।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran शब्द

प्रश्न 5.
प्रयोग के अनुसार शब्द के कितने भेद हैं ? उत्तर-प्रयोग के अनुसार शब्द के आठ भेद हैं :
1. संज्ञा
2. सर्वनाम
3. विशेषण
4. क्रिया
5. क्रिया विशेषण
6. सम्बन्ध बोधक
7. समुच्चय बोधक
8. विस्मयादि बोधक

विकारी – जिन शब्दों का पुरुष, लिंग, वचन आदि के कारण रूप बदल जाता है, उन्हें विकारी कहा जाता है; जैसे–पर्वत–पर्वतों, बादल-बादलों, विद्वान्–विदुषी।

अविकारी – जिन शब्दों का रूप नहीं बदलता, उन्हें अविकारी कहा जाता है; जैसेऔर, यहाँ, वहाँ, या, अथवा।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran व्याकरण, भाषा और वर्ण

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Vyakaran, Bhasha Aur Varn व्याकरण, भाषा और वर्ण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar व्याकरण, भाषा और वर्ण

प्रश्न 1.
व्याकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिस शास्त्र के द्वारा हमें भाषा के शुद्ध या अशुद्ध होने का ज्ञान प्राप्त हो, उसे व्याकरण कहते हैं।

प्रश्न 2.
हिन्दी व्याकरण के कितने भाग हैं ?
उत्तर:
हिन्दी व्याकरण के तीन भाग हैं
(i) वर्ण विचार,
(ii) शब्द विचार और
(iii) वाक्य विचार ।

प्रश्न 3.
भाषा किसे कहते हैं ?
उत्तर:
विचारों के आदान-प्रदान करने के साधन को भाषा कहते हैं, जैसे-हिन्दी, मराठी, पंजाबी, बंगला भाषाएँ हैं।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran व्याकरण, भाषा और वर्ण

प्रश्न 4.
लिपि किसे कहते हैं ? हिन्दी की लिपि का नाम लिखो।
उत्तर:
जिन वर्ण चिह्नों के द्वारा भाषा लिखी जाती है, उसे लिपि कहते हैं। हिन्दी भाषा की लिपि का नाम देवनागरी है।

प्रश्न 5.
भाषा के प्रकार लिखो।
उत्तर:
भाषा के दो प्रकार हैं-
(i) लिखित
(ii) मौखिक।

प्रश्न 6.
वर्ण या अक्षर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
छोटी-से-छोटी ध्वनि को जिसके टुकड़े न हो सकें, वर्ण या अक्षर कहा जाता जैसे-अ, इ, उ ऋ, क्, च्, ट्, त्, ।

प्रश्न 7.
वर्णमाला किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वर्गों के समूह को वर्णमाला कहते हैं।

प्रश्न 8.
हिन्दी वर्णमाला में कितने वर्ण (अक्षर) हैं ?
उत्तर:
ग्यारह स्वर और तैंतीस व्यंजन।

प्रश्न 9.
वर्ण के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
वर्ण के दो भेद हैं-स्वर और व्यंजन।

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प्रश्न 10.
स्वर किसे कहते हैं ? उसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जो बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से बोले जाते हैं, उन्हें स्वर कहा जाता जैसे-अ, इ, उ, ऋ आदि ग्यारह स्वर हैं।
स्वरों के तीन भेद हैं-
(i) ह्रस्व
(ii) दीर्घ
(iii) प्लुत।
ह्रस्व – जिनके बोलने में समय कम लगे, जैसे-अ, इ उ, ऋ, इन्हें एक मात्रिक स्वर भी कहा जाता है।
दीर्घ – जिनके बोलने में ह्रस्व से दुगुना समय लगे; जैसे-आ, ई, उ, ए, ऐ, ओ, औ।
प्लुत – जिनके बोलने में ह्रस्व स्वर से तिगुना समय लगे, जैसे-ओउम्, हे राम!।

प्रश्न 11.
व्यंजन किसे कहते हैं और उनके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जो स्वरों की सहायता से बोले जाएँ, उन्हें व्यंजन कहते हैं जैसे-
क (क् + अ),
च (च् + अ),
ट (ट् + अ),
त (त् + अ),
प (प् + अ)।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 24 माँ तुलसी मेरे आँगन की

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 24 माँ तुलसी मेरे आँगन की Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 24 माँ तुलसी मेरे आँगन की

Hindi Guide for Class 7 PSEB माँ तुलसी मेरे आँगन की Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ:

आँगन = सेहन
अलापना = ऊँचे स्वर में भजन गाना
निपटा कर = खत्म करके
पश्चात् = बाद में
शीतलता = ठण्डक
पावनता = पवित्रता
हर = शिव
पटरानी = मुख्य पत्नी
अनुभव = महसूस
सहज = आसानी से
पाला = सर्दी
भयंकर = डरावनी
शीत = सर्दी
तारीफ =प्रशंसा
श्यामा = काली
अर्चना = पूजा करना
रक्षा = बचाव
प्रकृति = कुदरत
कीटाणु = जर्म, कीड़े आदि
सामान्य = आम
गृहणियाँ = घर की स्त्रियाँ
मंगल-कामना = भले की इच्छा
उपयोगी = लाभदायक

2. निम्नलिखित शब्दों/मुहावरों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए

पश्चात् ____________ ____________________
शीतलता ___________ ____________________
पावनता _____________ __________________
अमृत ______________ ________________
पाला पड़ना _____________ ___________________
दूंठ हो जाना _____________ _________________
स्थापित _____________ ________________________
उत्तर:
पश्चात् (बाद में) – स्नान करने के पश्चात् पूजा-पाठ करो।
शीतलता (ठंडक) – चन्दन में अद्भुत शीतलता होती है।
पावनता (पवित्रता) – तुलसी के पौधे की पावनता प्रसिद्ध है।
अमृत (अमरता के गुण वाला रस) – तुलसी के पौधे में अमृत जैसे गुण हैं।
पाला पड़ना ( बहुत ठंड पड़ना) – पाला पड़ने से कई पौधे मुरझा जाते हैं।
ढूंठ हो जाना (पत्तों से रहित होना) – कड़ी सर्दी में पौधे लूंठ हो जाते हैं।
स्थापित (लगाना, बनाना) – ऊँचे चबूतरे पर तुलसी का पौधा स्थापित करना चाहिए।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 24 माँ तुलसी मेरे आँगन की

3. पावनता एक भाववाचक संज्ञा है-जिसका मूल शब्द है नीचे लिखे शब्दों की भाववाचक संज्ञाएं बताइए

शीतल = ……………….
प्रभु = ………………….
माता = ……………….
व्यक्ति = ………………
बुरा = …………………
भला = ……………..
उत्तर:
शीतल = शीतलता
प्रभु = प्रभुता
माता = मातृत्व
व्यक्ति = व्यक्तित्व
बुरा = बुराई
भला = भलाई

4. वैज्ञानिक एक विशेषण शब्द है जिसका मूल शब्द है-विज्ञान नीचे लिखे शब्दों के विशेषण बनाइए

श्याम = ………………
रंग = …………………..
देश = …………………
धर्म = …………………
प्रकृति = …………….
प्रातःकाल = ………………
उत्तर:
शब्द विशेषण
श्याम – श्यामल
रंग – रंगीन
देश – देशज
धर्म – धार्मिक
प्रकृति – प्राकृतिक
प्रातःकाल – प्रात:कालीन

5. नीचे लिखे शब्दों के स्त्रीलिंग रूप लिखें:

माली = …………………
तेली = …………………
नाग = …………………
बूढ़ा = …………………
बेटा = …………………
मोर = …………………
नौकर = …………………
उत्तर:
शब्द स्त्रीलिंग
माली – मालिन
तेली = तेलिन
नाग – नागिन
बूढ़ा = बुढ़िया
बेटा – बेटी
मोरनी = मोरनी
नौकर – नौकरानी
साँप का स्त्रीलिंग साँपिनी है।

6. नीचे लिखे शब्दों को अलग-अलग (सन्धिच्छेद) करें:

चरणामृत = …………………
महौषधि = …………………
नीरोग = …………………
महेन्द्र = …………………
हिमालय = …………………
उत्तर:
शब्द सन्धि विच्छेद
चरणामत = चरण +अमृत
महौषधि – महा + औषधि
नीरोग = निर् +रोग
महेन्द्र = महा +इन्द्र
हिमालय = हिम + आलय

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7. प्रयोगात्मक व्याकरण

(क)
(1) महा + औषध = महौषध
आ + औ = औ

(2) वन + ओषधि = वनौषधि
अ + ओ = औ अतएव अ, आ के बाद ‘ओ’ या ‘औ’ आ जाये जो दोनों के स्थान पर ‘औ’ हो जाता है। यह वृद्धि संधि का उदाहरण है।
अन्य उदाहरण :- महा + ओजस्वी = महौजस्वी
परम + औदार्य = परमौदार्य

(ख)
(1) एक + एक = एकैक
अ + ए = ऐ

(2) सदा + एव = सदैव
आ + ए = ऐ

(3) मत + ऐक्य = मतैक्य
अ + ऐ = ऐ

अतएव अ, आ के बाद ए/ऐ आ जायें तो दोनों के स्थान पर ‘ऐ’ हो जाता है। यह वृद्धि संधि का उदाहण है।

(ख) विचार-बोध

1. रिक्त स्थानों में उपयुक्त शब्द भरें:

  1. सिम्पी की आवाज़ शशि को सुनाई नहीं दी, क्योंकि वह ………… थी। (काम में लीन, पढ़ रही, गुनगुना रही)
  2. तुलसी को जल चढ़ाने से ……… मिलती है । (तृप्ति, सन्तुष्टि, शान्ति)
  3. तुलसी को देवी का रूप माना गया क्योंकि वह …….. (शिव की पत्नी, पूजी जाती, उत्तम, हरा-भरा, पौधा, अमृत जैसे गुणों वाली)
  4. तुलसी मनुष्य के लिए अमृत के समान ………… है। (सुखकारी, वरदान, औषधि, गुणकारी)
  5. तुलसी का विवाह ………… में होता है। (वैशाख, कार्तिक, माघ)

उत्तर:

  1. गुनगुना रही
  2. शान्ति
  3. शिव की पत्नी
  4. गुणकारी
  5. कार्तिक

2. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
शशि ‘माँ तुलसी मेरे आँगन की’ क्यों गुन-गुना रही थी ?
उत्तर:
शशि ‘माँ तुलसी मेरे आँगन की’ इसलिए गुनगुना रही थी, क्योंकि उसे स्नान के पश्चात् तुलसी माता को जल चढ़ाने से शान्ति मिलती थी।

प्रश्न 2.
तुलसी को देवी का रूप क्यों माना गया है ?
उत्तर:
तुलसी को उसके अमृत जैसे गुणों के कारण देवी का रूप माना जाता है।

प्रश्न 3.
तुलसी की पूजा कैसे करते हैं ?
उत्तर:
तुलसी की पूजा प्रातः स्नान करने के बाद उस पर जल चढ़ाकर की जाती है

प्रश्न 4.
तुलसी मुख्यतः कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर:
तुलसी मुख्यतः दो प्रकार की सामान्य तुलसी और श्यामा तुलसी होती है।

प्रश्न 5.
तुलसी का एक नाम वृन्दा क्यों है ?
उत्तर:
तुलसी का एक नाम ‘वृन्दा’ इसलिए है क्योंकि वह शिव की पत्नी है।

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3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न 1.
आयुर्वेद में तुलसी का क्या महत्त्व है ?
उत्तर:
आयुर्वेद में तुलसी को महौषधि माना जाता है। ये बुखार, खाँसी, मलेरिया आदि रोगों को दूर करती है। इसकी सुगन्धि से वातावरण शुद्ध होता है। मच्छर और कीटाणु नष्ट होते हैं। इन्हीं कारणों से तुलसी का आयुर्वेद में बड़ा महत्त्व है।

प्रश्न 2.
चरणामृत और प्रसाद में तुलसी पत्र क्यों डालते हैं?
उत्तर:
चरणामृत में तुलसी पत्र पावन और सुखद होने के कारण डाले जाते हैं। इन्हें शास्त्रों में पवित्र माना जाता है और इन्हें धार्मिक महत्त्व प्रदान किया गया है।

प्रश्न 3.
तुलसी की सुगन्धि के क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
तुलसी के पत्तों में एक अद्भुत सुगन्धि होती है। इससे वातावरण शुद्ध रहता है। मच्छर और कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। जहाँ तुलसी की सुगन्धि होगी, वहाँ रोग नहीं फैलते।

प्रश्न 4.
‘तुलसी का विवाह’ का वास्तविक तात्पर्य क्या है?
उत्तर:
‘तुलसी का विवाह’ का वास्तविक तात्पर्य है-तुलसी में विशिष्ट गुण होना। हमारे देश में अच्छी चीज़ को समझने के लिए उसे धार्मिक रीति-रिवाज से जोड़ दिया जाता है। तुलसी को शीत ऋतु में ठंड से बचाए रखने के लिए उसका विवाह कर चूनर से ढक दिया जाता है।

प्रश्न 5.
‘श्यामा तुलसी’ और ‘सामान्य तुलसी’ का अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
श्यामा तुलसी के पत्ते छोटे-छोटे होते हैं। इसके पत्ते कुछ कालापन लिए होते हैं। सामान्य तुलसी के पौधे अपेक्षाकृत बड़े और हरे होते हैं। गुणों की दृष्टि से दोनों उपयोगी हैं।

प्रश्न 6.
क्या ‘माँ तुलसी मेरे आँगन की’ शीर्षक उपयुक्त है?
उत्तर:
तुलसी अपने विशिष्ट गुणों एवं रोग-नाशक प्रभावों के कारण माता के रूप में पूजनीय मानी जाती है। धार्मिक दृष्टि से भी इसे पवित्र माना जाता है। सचमुच यह माता के समान है। इसलिए ‘माँ तुलसी मेरे आँगन की’ पाठ का शीर्षक उपयुक्त है।

प्रश्न 7.
तुलसी के गुण लिखें।
उत्तर:
आयुर्वेद में इसे महौषधि बताया गया है । इससे सामान्य बुखार, जुकाम, खाँसी, मलेरिया, खून के अनेक दोष विकार न जाने कितने रोग सहज ही दूर हो जाते हैं।

प्रश्न 8.
तुलसी का पौधा प्रवेश द्वार के निकट क्यों रखा जाता है ?
उत्तर:
तुलसी के पौधे के चारों ओर एक अच्छा वातावरण मिल जाता है इसलिए बहुत से घरों में प्रवेश द्वार के नज़दीक ही तुलसी का पौधा होता है।

(ग) रचना-बोध

‘तुलसी के महत्त्व’ पर मंच पर भाषण दें।
संकेत – धार्मिक, आयुर्वेदीय, पर्यावरण।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।
करो – तुलसी का पौधा गमले में लगायें और उसकी देखभाल करें।

PSEB 7th Class Hindi Guide माँ तुलसी मेरे आँगन की Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
किसके नियमित सेवन से रोग पास नहीं आते हैं ?
(क) आँवला
(ख) आम
(ग) तुलसी
(घ) चावल
उत्तर:
(ग) तुलसी

प्रश्न 2.
चरणामृत और प्रसाद के साथ और क्या रखा जाता है ?
(क) तुलसी
(ख) गेंदा
(ग) बिस्तर
(घ) तेल
उत्तर:
(क) तुलसी

प्रश्न 3.
तुलसी की सुगंध से कौन-कौन दूर भागते हैं ?
(क) साँप
(ख) मच्छर
(ग) कीटाणु
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 4.
तुलसी कितने प्रकार की होती है ?
(क) चार
(ख) तीन
(ग) पाँच
(घ) दो
उत्तर:
(घ) दो।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 24 माँ तुलसी मेरे आँगन की

प्रश्न 5.
राशि किसकी आवाज़ नहीं सुन पाती ?
(क) सिम्पी
(ख) माँ
(ग) पिता
(घ) भाई
उत्तर:
(क) सिम्पी

2. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
औषधी:
दवाई
मिठाई
कलाई:
उत्तर:
दवाई

प्रश्न 2.
लीन होना:
समा जाना
ले कर आना
उत्तर:
समा जाना

प्रश्न 3.
अर्चना:
पूजा करना
आँच न आना
चर्च
उत्तर:
पूजा करना

प्रश्न 4.
पटरानी:
पाट की रानी
मुख्य पत्नी
पटरी रानी
उत्तर:
मुख्य पत्नी

माँ तुलसी मेरे आँगन की Summary

माँ तुलसी मेरे आँगन की पाठ का सार 

‘माँ तुलसी मेरे आँगन की’ पाठ में लेखक ने तुलसी के पौधे के औषधीय गुणों का शशि और सिम्पी के वार्तालापों के माध्यम से वर्णन किया है। राशि स्नान के बाद माँ तुलसी मेरे आँगन की गुनगुनाती हुई तुलसी के पौधे को जल चढ़ा कर शीतलता, शान्ति और पवित्रता का अनुभव कर उसी में लीन है और सिम्पी की आवाज़ नहीं सुन पाती और उस के यह कहने पर कि क्या वह ‘मैं तुलसी मेरे आँगन की’ फ़िल्म देख कर गुनगुना रही है? उसे उत्तर देती है कि तुलसी को जल चढ़ा कर उसे ऐसा लगता है जैसे उसे माँ के आंचल की छाया मिल गई हो। सिंपी भी अपने आँगन में तुलसी का पौधा मँगवा कर लगाना चाहती है। शशि उसे अपने तुलसे के चबूतरे से तुलसी का नन्हा पौधा ले जाकर अपने घर लगाने के लिए कह कर उसे उस के वृन्दा के देवी रूप के विषय में बताती है जो कहीं हर-शिव तथा जालंधर की पत्नी के रूप में प्रसिद्ध है। वृन्दावन में भी तुलसी-दलों की ही अधिकता रही होगी।

सिम्पी बताती है कि उसके घर आए एक वैद्यराज ने इसे महौषधि बताकर इसे सामान्य बुखार, जुकाम, खाँसी, मलेरिया, खून के विकारों को दूर करने में लाभदायक बताया था। शशि कहती है कि तुलसी से रोग ही दूर नहीं होते बल्कि इसके नियमित सेवन से रोग पास भी नहीं आते। इसे चरणामृत और प्रसाद में रखते हैं। इस की सुगन्ध मच्छर कीटाणुओं, साँप तक को दूर भगाती है। चाय में इस की महक बहुत अच्छी लगती है। यह दो प्रकार की सामान्य और श्यामा तुलसी होती है तथा दोनों के गुण सामान्य होते हैं। सिम्पी को भी तुलसी माता जैसी लगती है और दोनों गुनगुनाने लगती हैं ‘माँ तुलसी मेरे आँगन की।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 23 बहू की विदा

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 23 बहू की विदा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 23 बहू की विदा

Hindi Guide for Class 7 PSEB बहू की विदा Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ:

एकांकी = एक अंक का नाटक
समाधान = हल
सराहनीय = तारीफ के लायक, प्रशंसनीय
अवथा = आयु
द्वार = दरवाज़ा
समृद्धि = खुशहाली, धन वैभव की अधिकता, सम्पन्नता
चिह्न = निशान
विनम्र = विनीत, झुका हुआ
निराशाजन्य = निराशा से पैदा हुआ
करुण = दूसरों के दुःख से दुखी होने का भाव
बदतमीजी = बेअदबी
अपमान = निरादार
तिलमिलाना = अचानक मिले कष्ट से पीड़ित होना
दर्द-मिश्रित = दर्द से मिला
आवेश – जोश, उत्साह
जिद्द = हठ
विनती = प्रार्थना, निवेदन
प्रस्थान = जाना
निर्णय = फैसला
सामर्थ्य = शक्ति, हिम्मत
नाता = रिश्ता
ख़ातिर = स्वागत, सेवा
शान = इज्जत, सम्मान
ठेस = दुःख
चेष्टा = कोशिश
सरासर = बिलकुल
अन्याय = अनुचित, गलत
सुख-सुहाग – पति से मिलने वाला सुख
सौगन्ध = कसम
कामना = इच्छा
पूर्ति = पूरा करना
कीमत = मूल्य
चिन्ता = फिक्र
अखरेगी = बुरा लगेगा
उपक्रम = कोशिश, प्रयत्न
कुशल-क्षेम = खैरियत, हालचाल
मूर्तिवत = मूर्ति के समान
राह देखना = प्रतीक्षा करना
मन्दगति = धीमी चाल
नाक वाले = प्रतिष्ठित, इज्ज़तदार
नेपथ्य = पर्दे के पीछे से
हतप्रभ-सी = निराश होकर, उत्साहहीन होकर, शोभा से रहित होकर
कम्पन = काँपना
शराफ़त = भले मानसी, भद्रता
इन्सानियत = मानवता
अनसुनी = सुने को न सुनना
निःश्वास = साँस
ओट = आड़
यवनिका = पर्दा

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 23 बहू की विदा

2. निम्नलिखित मुहावरों/लोकोक्ति को अपने वाक्यों में प्रयोग करें :

सपना देखना ____________ _________________________
हृदय टूटना _________________ __________________________
झोंपड़ी में रहकर महल से नाता जोड़ना __________________ ____________________
ठेस पहुँचाना ______________ _______________________
धूप में बाल सफ़ेद होना __________________ _________________________
दाँतों तले अंगुली दबाना _________________ _________________________
पानी से पत्थर नहीं पिघलता ___________________ ______________________
नाक भौंह सिकोड़ना ___________ ___________________________
कलेजे में घाव होना ___________________ __________________________
मुँह ताकना __________________ _______________________
धब्बा लगना _________________ __________________________
हँसी होना ________________ ________________________
सपनों का खून होना _______________ _______________________
तराजू में तौलना _____________ __________________________
नाक होना ____________________ ________________________
मुँह से सीधी बात न निकालना _______________ ______________________
हाथ मलना _____________ ___________________________
उत्तर:
सपना देखना (कल्पना करना) – सफलता केवल सपना देखने से नहीं मिलती, मेहनत करनी पड़ती है।
हृदय टूटना (दुःख होना) – पुत्र की अचानक मौत से माँ का हृदय टूट गया।
झोंपड़ी में रहकर महल से नाता जोड़ना (गरीब का अमीर से रिश्ता होना)मज़दूर सुशान्त अपनी बहन की शादी ज़मींदार के बेटे से करने की सोच रहा है जो अगर सच हो गया तो झोपड़ी में रहकर महल से नाता जोड़ने जैसा काम होगा।
ठेस पहुँचाना (दुःख देना) – महमूद ने शराब पीकर अपने माता-पिता को बहुत ठेस पहुँचाई।
धूप में बाल सफ़ेद होना (बूढ़े होने पर भी अनुभव नहीं होना) – बाबा भारती ने खड्ग सिंह की चापलूसी भरी बातें सुन कर उसे कहा कि उन्होंने कोई धूप में बाल सफेद नहीं किए जो वह उन्हें ठग लेगा।
दाँतों तले अंगुली दबाना (हैरान होना) – जादूगर के खेलों को देखकर बच्चों ने दाँतों तले अंगुली दबा ली।
पानी से पत्थर नहीं पिघलता (कठोर व्यक्ति आँसुओं से नहीं बहलते) – ठेकेदार की ज्यादतियों के खिलाफ अपने साथी मज़दूर को ठेकेदार के सामने गिड़गिड़ाते तथा रोते देख कर उसके साथी ने उसे समझाते हुए कहा कि शान्त हो जाओ क्यों कि पानी से पत्थर नहीं पिघलता।
नाक भौंह सिकोड़ना (नखरे करना) – सुशीला के घर की गन्दगी देखकर हरभजन कौर नाक भौंह सिकोड़ने लगी।
कलेजे में घाव होना (बहुत दुःख होना) – अध्यापक जी की कठोर बातें सुनकर सुरेश के कलेजे में घाव हो गया।
मुँह ताकना (लाचारी से देखना) – मेरा मुँह ताकना बन्द करो और अपना काम पूरा करो।
धब्बा लगना (बदनाम होना) – पुत्र के जेल जाने पर उस के खानदान पर उसके अपराधी होने का धब्बा लग गया।
हँसी होना (मज़ाक उड़ना, बदनामी करना) – बारातियों के ठीक से स्वागत-सत्कार नहीं होने पर सब में सेठी खानदान की हँसी हो गई।
सपनों का खून होना (कल्पना पूरी नहीं होना)-जवान पुत्र की मृत्यु ने माँ-बाप के सपनों का खून कर दिया।
तराजू में तौलना (बराबर समझना, सच्ची बात करना) – मुझे तुमसे उलझना नहीं है इसीलिए मैं तो जो कहता हूँ तराजू में तौल कर कहता हूँ।
नाक होना (इज्जत होना) – लाला फकीर चन्द की अपनी बिरादरी में बड़ी नाक
मुँह से सीधी बात न निकलना (इधर-उधर की बातें करना) – श्याम गुरु जी से मेरी शिकायत करने गया था परन्तु उसके मुँह से सीधी बात न निकल सकी।
हाथ मलना (दु:ख होना) – हाथ आया अवसर निकल जाने पर हाथ मलते रह जाना पड़ता है।

3. लिंग बदलो :

माँ = ……………….
पति = ……………..
पुत्र = ………………..
भाई = ……………..
सास = ………………
देवर = ……………….
जेठ = …………….
ननद = …………….
बहन = ……………..
समधि = ……………
बाबू = …………………
मालिक = ………………
उत्तर:
माँ = बाप
जेठ = जेठानी
पति = पत्नी
ननद = ननदोई
पुत्र = पुत्री
बहन = बहनोई
भाई = भावज
समधि = समधन
सास = ससुर
बाबू = बबुआईन
देवर = देवरानी
मालिक = मालकिन

4. भाववाचक संज्ञा बनाओ:

अपना = ………………….
बच्चा = ……………….
पराया = ……………..
भारी = ………………….
मुस्कराना = …………………
घबराना = ………………….
सजाना = …………………
लिखना = ………………
उत्तर:
अपना = अपनापन
मुस्कराना = मुस्कराहट
बच्चा = बचपन
घबराना = घबराहट
पराया = परायापन
सजाना = सजावट
भारी = भारीपन
लिखना = लिखावट

5. विराम चिह्न लगाएं:

प्रश्न 1.
तो वह क्या कर लेता
उत्तर:
तो वह क्या कर लेता ?

प्रश्न 2.
बहू और बेटी बेटी और बहू अजीब उलझनें हैं कुछ समझ में नहीं आता
उत्तर:
बहू और बेटी ! बेटी और बहू ! अजीब उलझनें हैं। कुछ समझ में नहीं आता।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 23 बहू की विदा

प्रश्न 3.
बहुत अच्छा स्वभाव है उसका हर समय हँसती हँसाती रहती है
उत्तर:
बहुत अच्छा स्वभाव है उसका, हर समय हँसती-हँसाती रहती है।

प्रश्न 4.
सच विदा न होने का मुझे ज़रा भी दुःख न होगा
उत्तर:
सच, विदा न होने का मुझे ज़रा भी दुःख न होगा।

प्रश्न 5.
हाँ विदा के लिए क्या कहा उन्होंने
उत्तर:
हाँ, विदा के लिए क्या कहा उन्होंने ?

6. इन वाक्यों को शुद्ध करें:

प्रश्न 1.
मैं आपको केवल पाँच सौ रुपये मात्र ही दे सकता हूँ।
उत्तर:
मैं आप को केवल पाँच सौ रुपये ही दे सकता हूँ।

प्रश्न 2.
उसने अपनी बात सप्रमाण सहित कही।
उत्तर:
उसने अपनी बात सप्रमाण कही।

प्रश्न 3.
हम सब यहाँ सकुशलतापूर्वक हैं।
उत्तर:
हम सब यहाँ सकुशल हैं।

प्रश्न 4.
मकान लगभग कोई सात-आठ हज़ार में बिक जायेगा।
उत्तर:
मकान लगभग सात-आठ हज़ार में बिक जायेगा।

7. प्रयोगात्मक व्याकरण

  1. जीवन लाल खिड़की के समीप खड़े हुए दिखाई दिया।
  2. कमरे के बीच में सोफा सेट है।
  3. हर लड़की पहला सावन अपनी सखी-सहेलियों के साथ हँस-खेलकर बिताने का सपना देखती है।
  4. मेरे सामने मुँह खोलने की हिम्मत किसी में नहीं है।
  5. हम अपनी बेटी के लिए आए हैं।
  6. हमने अपने सामर्थ्य के अनुसार तो दे दिया।
  7. क्या गालियों के अलावा कभी सीधी बात नहीं निकलती मुँह से।
  8. वह प्रमोद के पास जाकर खड़ी हो जाती है।

उपर्युक्त वाक्यों में के समीप, के बीच, के साथ, सामने, के लिए, के अनुसार, के अलावा, के पास शब्द संज्ञा तथा सर्वनाम शब्दों के साथ आकर उनका सम्बन्ध वाक्य में दूसरे शब्दों के साथ बता रहे हैं। अतः सम्बन्ध बोधक हैं। अतएव जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ जुड़कर उनका सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों से बताते हैं, उन्हें सम्बन्ध बोधक कहते हैं। यदि इन सम्बन्ध बोधक अविकारी शब्दों को वाक्य में से निकाल दिया जाए तो वाक्य का कोई अर्थ नहीं रह जाता।

अन्य सम्बन्ध बोधक शब्द-पहले, बाद, आगे, पीछे, बाहर, भीतर, ऊपर, नीचे, अनुसार, तरह, बिना, समान, निकट, बगैर, रहित, सिवाय, अतिरिक्त, तक, भर, संग। सम्बन्धबोधक का प्रयोग दो प्रकार से होता है :

1. विभक्तियों के साथ
2. विभक्तियों के बिना

(1) विभक्तियों के साथ सम्बन्धबोधक का प्रयोग
* वह माँ के साथ बाजार गया है।
** वह प्रमोद के पास जाकर खड़ी हो गयी।

(2) विभक्तियों के बिना सम्बन्धबोधक का प्रयोग
* मैं बिना विदा कराए ही जा रहा हूँ।
* * ज्ञान बिना जीवन बेकार है।
*** हमने जीवन भर की कमाई दे दी।

8. उपयुक्त योजक भर कर वाक्य पूरे करें:

1. जीवन लाल सोफे पर बैठकर जम्हाई लेते हैं ………….. प्रमोद की बातों से ऊब रहे हों (मानो, अतः)
2. …………. माँ-बहन का इतना ही ख्याल था ………. दहेज पूरा क्यों नहीं दिया (चाहे.. फिर भी, अगर ..तो) .
3. उन्होंने इतना दहेज दिया ………….. देखने वालों के दाँतों तले उँगली दबा ली (कि, और)
4. ………….. बेटी वाले अपना घर-द्वार बेचकर दे दें ………….. बेटे वालों की नाक-भौंह सिकुड़ी ही रहती है (यद्यपि.. तथापि, चाहे… फिर भी)
5. मुझे तो ऐसा लगता है ………….. सब एक ही धातु के बने हैं (या, कि)
6. मेरे लिए ………….. रमेश ………….. ही तुम (जैसा, वैसे, यदि… तो)
7. ………….. मैं उतावली होकर गौरी की राह देख रही हूँ ………….. तुम्हारी माँ भी कमला की राह देख रही होगी (जिस तरह…. उसी तरह, यदि …. नहीं तो)
उत्तर:
1.जीवन लाल सोफे पर बैठकर जम्हाई लेते हैं मानो प्रमोद की बातों से ऊब रहे हों।
2. अगर माँ-बहन का इतना ही ख्याल था तो दहेज पूरा क्यों नहीं दिया।
3. उन्होंने इतना दहेज दिया कि देखने वालों ने दाँतों तले उँगली दबा ली।
4. चाहे बेटी वाले अपना घर-द्वार बेचकर दे दें फिर भी बेटे वालों की नाकभौंह सिकुड़ी ही रहती है।
5. मुझे तो ऐसा लगता है कि सब एक ही धातु के बने हैं।
6. मेरे लिए जैसा रमेश वैसे ही तुम।
7. जिस तरह मैं उतावली होकर गौरी की राह देख रही हूँ उसी तरह तुम्हारी माँ भी कमला की राह देख रही होगी।

(ख) विचार-बोध

(क) इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
जीवन लाल अपनी बहू कमला की विदाई क्यों नहीं कर रहे थे ?
उत्तर:
जीवन लाल अपनी बहू कमला की विदाई इसलिए नहीं कर रहे थे क्योंकि उन्हें दहेज कम मिला था।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 23 बहू की विदा

प्रश्न 2.
प्रमोद को जीवन लाल ने किस बात पर बदतमीज और आवारा छोकरा कहा ?
उत्तर:
जब प्रमोद ने जीवन लाल को यह कहा कि वे बिना पैसे लिए कमला को विदा न करके अन्याय कर रहे हैं तथा उसे विदा न करके कोई बदला ले रहे हैं तथा यदि रमेश बाबू होते’ इस पर जीवन लाल ने उसे बदतमीज़ और आवारा छोकरा कहा था।

प्रश्न 3.
प्रमोद अपनी बहन कमला को लेने क्यों आया ?
उत्तर:
प्रमोद अपनी बहन कमला को उस के विवाह के बाद के पहले सावन पर ससुराल से विदा करा के मायके ले जाने आया है।

प्रश्न 4.
जीवन लाल कितने रुपये लेकर बहू को विदा करने को तैयार थे ?
उत्तर:
जीवन लाल पाँच हजार रुपए लेकर विदा करने को तैयार हैं।

प्रश्न 5.
जीवन लाल की बेटी क्यों नहीं आई ?
उत्तर:
जीवन लाल की बेटी इसलिए नहीं आई क्योंकि उसने अपनी बेटी के विवाह पर दहेज पूरा नहीं दिया था।

प्रश्न 6.
इस एकांकी में किस प्रमुख सामाजिक समस्या को उठाया गया है?
उत्तर:
इस एकांकी में दहेज की समस्या को प्रमुख रूप से उठाया गया है।

प्रश्न 7.
दहेज की समस्या का समाधान लेखक ने राजेश्वरी के शब्दों में प्रस्तुत किया है। उस वाक्य को ढूंढकर लिखें।
उत्तर:
जो व्यवहार अपनी बेटी के लिए तुम दूसरों से चाहते हो, वही दूसरों की बेटी को भी दो। जब तक बहू और बेटी को एक-सा नहीं समझोगे न तुम्हें सुख मिलेगा और न शान्ति।

प्रश्न 8.
इन मोतियों का मूल्य समझने वाला यहाँ कोई नहीं है। इस वाक्य को स्पष्ट करें।
उत्तर:
इस वाक्य से तात्पर्य यह है कि कमला की ससुराल में उस के आँसुओं अथवा रोने से किसी को कोई अन्तर नहीं पड़ता। उस के दुःख कोई नहीं समझ सकता।

(ख) इन प्रश्नों के उत्तर चार या पांच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
‘आज के युग में पैसा ही नाक और मूंछ है।’ इस वाक्य से जीवन लाल के चरित्र पर प्रकाश डालें।
उत्तर:
इस कथन से यह ज्ञात होता है कि जीवन लाल पैसे को बहुत महत्त्व देता है। उसके लिए पैसे से ही मनुष्य का सम्मान होता है और वह समाज में आदर-मान पाता है। दहेज में पाँच हजार रुपए कम मिलने के कारण ही वह अपनी बहू को विदा नहीं कराने दे रहा तथा बहू के भाई को बुरा-भला भी कहता है। उसे अपने अमीर होने का बहुत घमण्ड भी है। उसके लिए पैसा ही सब कुछ है।

प्रश्न 2.
प्रमोद और कमला में हुई बातचीत को अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर:
कमला जब प्रमोद से मिलती है तो सिसकने लगती है। प्रमोद उसे शान्त करता है और पाँच हजार रुपए उसके ससुर को देकर उसे विदा करा ले जाने की बात कहता है। इन रुपयों का प्रबन्ध वह अपना मकान बेच कर करेगा। कमला उसे घर नहीं बेचने की कसम देती है। वह अपने स्वार्थ के लिए घर नहीं बिकवाना चाहती। वह अपनी ननद के साथ सावन मना लेगी तथा उसे सहेलियों की कमी भी महसूस नहीं होगी। वह धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाने के लिए भी प्रमोद को कहती है।

प्रश्न 3.
‘जो व्यवहार अपनी बेटी के लिए तुम दूसरों से चाहते हो वहीं दूसरे की बेटी को भी दो।’ राजेश्वरी के इस कथन से माँ की ममता किस प्रकार झलकती है ?
उत्तर:
इस कथन से स्पष्ट है कि राजेश्वरी बहू और बेटी को एक समान समझती है। उसके मन में दोनों के प्रति बहुत ममता है। इसलिए बहू की विदाई न होने पर उसके भाई प्रमोद को अपने पास से पाँच हज़ार रुपए देकर अपने पति को देने के लिए कहती है जिससे वह अपनी बहन को विदा करा के ले जा सके।

प्रश्न 4.
‘मेरी चोट का इलाज बेटी के ससुराल वालों ने दूसरी चोट से कर दिया है। इस कथन का क्या आशय है ?
उत्तर:
इस कथन का यह आशय है कि जब गौरी को उसके ससुराल वालों ने उचित दहेज नहीं देने के कारण उसके भाई रमेश के साथ विदा नहीं किया तो जीवन लाल को लगा कि उसने जैसा व्यवहार अपनी बहू के भाई प्रमोद से किया था वैसा ही उसकी बेटी-बेटे के साथ हुआ तो उसे लगा कि उसने जो बुरा व्यवहार प्रमोद से किया उसका उसे तुरन्त बदला मिल गया है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 23 बहू की विदा

रचना-बोध :

प्रश्न 1.
‘दहेज की समस्या स्त्रियों के लिए अभिशाप है और समाज के लिए कलंक’ विषय पर निबन्ध लिखने के लिए कहें।
उत्तर:
दहेज की शुरुआत विवाह के अवसर पर कन्या पक्ष की ओर से उसे तथा उसके ससुराल वालों को दिए जाने वाले स्नेह-उपहारों से हुई थी। आज इसने विकराल रूप धारण कर लिया है। वर-पक्ष वाले मुँह फाड़ कर दहेज माँगते हैं तथा माँग पूरी नहीं होने पर बहू को जलाने, मारने, पीटने आदि के घिनौने कार्य करते हैं। नारी ही नारी की शत्रु बन कर सास, ननद के रूप में अपनी बहू-भाभी को सताती है। पैसे की भूख मनुष्य को राक्षस बनाकर अपनी बेटी समान बहू को सताने-जलाने से भी शर्म नहीं करता। इससे स्त्रियां तो अभिशप्त हैं ही समाज भी दहेज के कलंक से मुक्त नहीं हो सकता। कन्या के शील, सौन्दर्य से अधिक उस के विवाह पर मिलने वाला दहेज प्रमुख हो गया है। इसके लिए युवा वर्ग को आगे आ कर इस कुप्रथा का विरोध करना चाहिए तथा स्त्रियों को स्वावलम्बी बन कर आर्थिक दृष्टि से अपने पैरों पर खड़े हो कर पुरुषों की बराबरी करनी चाहिए, तभी वे दहेज के अभिशाप से मुक्त हो कर समाज को भी इस बुराई से बचा सकती है।

प्रश्न 2.
इस एकांकी का स्कूल के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह पर अभिनय करें।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने शिक्षक शिक्षिका के सहयोग से करें।

PSEB 7th Class Hindi Guide बहू की विदा Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
‘बहु की विदा’ किस प्रकार की विधा है ?
(क) कहानी
(ख) नाटक
(ग) एकांकी
(घ) रेखाचित्र
उत्तर:
(ग) एकांकी

प्रश्न 2.
‘बहू की विदा’ एकांकी के रचनाकार कौन हैं ?
(क) प्रमोद रस्तोगी
(ख) विनोद रस्तोगी
(ग) अनिल कुमार
(घ) प्रेमचंद
उत्तर:
(ख) विनोद रस्तोगी

प्रश्न 3.
जीवन लाल की आयु कितनी थी ?
(क) चालीस वर्ष
(ख) तीस वर्ष
(ग) पचास वर्ष
(घ) साठ वर्ष
उत्तर:
(ग) पचास वर्ष

प्रश्न 4.
जीवन लाल की बहू का क्या नाम था ?
(क) कमला
(ख) सावन
(ग) प्रमोद
(घ) राधिका
उत्तर:
(क) कमला

प्रश्न 5.
कमला के भाई का क्या नाम था ?
(क) विनोद
(ख) प्रमोद
(ग) सुभाष
(घ) वैभव
उत्तर:
(ख) प्रमोद

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
कमला की ननद का नाम …………. था।
(क) गीता
(ख) सीता
(ग) रजनी
(घ) गौरी
उत्तर:
(घ) गौरी

प्रश्न 2.
कमला ने अपनी सास ………….. की प्रशंसा की।
(क) राजेश्वरी
(ख) महेश्वरी
(ग) भारती
(घ) आरती
उत्तर:
(क) राजेश्वरी

प्रश्न 3.
जीवनलाल ने कहा ……….. आ गई है।
(क) गीता
(ख) राजेश्वरी
(ग) गौरी
(घ) भारती
उत्तर:
(ग) गौरी

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 23 बहू की विदा

प्रश्न 4.
गौरी के भाई का नाम
(क) सोहन
(ख) मोहन
(ग) महेश
(घ) रमेश
उत्तर:
(घ) रमेश

प्रश्न 5.
प्रमोद कमला की विदाई के लिए अपना ………. तक बेचने को तैयार था।
(क) घर
(ख) कार
(ग) जीप
(घ) साइकिल
उत्तर:
(क) घर

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
प्रथा:
प्रेरणा
परम्परा
परिवार
उत्तर:
परम्परा

प्रश्न 2.
शेष:
बची हुई
आगे की
शेषनाग
उत्तर:
बची हुई

प्रश्न 3.
अखरेगी:
अकड़ अच्छा
लगना
बुरा लगना
उत्तर:
बुरा लगना

प्रश्न 4.
यवनिका:
यवन
यौवन
पर्दा
उत्तर:
पर्दा

बहू की विदा Summary

बहू की विदा पाठ का सार

‘बहू की विदा’ विनोद रस्तोगी द्वारा रचित एक एकांकी है जो दहेज-प्रथा पर आधारित है। जीवन लाल पचास वर्षीय धनी व्यापारी था। उनकी बहू कमला का भाई प्रमोद पहले सावन के अवसर पर अपनी बहन को विदा कराने आया था परन्तु जीवन लाल उसे तब तक विदा करने के लिए तैयार नहीं था जब तक उन्हें दहेज की शेष राशि पाँच हजार रुपए नकद न मिल जाते। प्रमोद ने उस समय बहन की विदाई के लिए प्रार्थना की तथा गौने में उनकी सभी माँगें पूरी करने की बात कही परन्तु वे नहीं माने और अपनी बेटी गौरी के धूमधाम से किए विवाह की बात कहते हुए उसे स्पष्ट कह दिया कि अभी विदा नहीं हो सकती। प्रमोद ने उनसे बहन से मिलने की आज्ञा मांगी तो उसने और पत्नी से प्रमोद की बहन को उस से मिलने के लिए भेजने के लिए कहा स्वयं वहाँ से चला गया।

कमला अपने भाई प्रमोद से मिलकर सिसकने लगी। प्रमोद ने उसे समझाया और कहा कि वह उसके ससुर को पाँच हज़ार रुपए देकर उसे विदा करा के ले जाएगा। इस कार्य के लिए वह अपना घर तक बेचने के लिए तैयार था। कमला ने उसे इस के लिए मना किया है और कहा है कि उस की ननद गौरी आ रही है, इसलिए उस का ससुराल में ही मन लग जाएगा और वह यहीं सावन मना लेगी। उसे अपनी सखियों की कमी भी नहीं खलेगी। कमला ने अपनी सास राजेश्वरी की प्रशंसा और कहा कि वह उसके ससुर के समान नहीं थी। वे बहुत अच्छी थी। तभी राजेश्वरी वहाँ आई और अपने पास से प्रमोद को रुपए देकर कमला के ससुर को देने के लिए कहा, जिससे वह अपनी बहन को विदा करा के ले जा सके।

प्रमोद इसके लिए तैयार हुआ। तभी जीवन लाल ने आ कर गौरी के आगमन पर उसके स्वागत की तैयारी करने के लिए कहा। बाहर से कार के हार्न की आवाज़ सुनकर जीवनलाल ने कहा कि गौरी आ गई है, उसके लिए मिठाई का थाल लाओ। गौरी का भाई रमेश आया और बताया कि गौरी को उसके ससुराल वालों ने विदा नहीं किया क्योंकि उन्होंने दहेज पूरा नहीं दिया था। इस पर राजेश्वरी ने उसे बुरा-भला कहा और कहा कि बहू-बेटी में अन्तर करने का यही नतीजा होता है। प्रमोद जाने लगा तो जीवनलाल ने उसे बहन को विदा कराने के ले जाने की आज्ञा दे दी तथा पत्नी को बहू को विदा करने की तैयारियाँ करने के लिए कहा।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 22 हार की जीत

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 22 हार की जीत Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 22 हार की जीत

Hindi Guide for Class 7 PSEB हार की जीत Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ:

आनन्द = प्रसन्नता, सुख
बलवान् = ताकतवर
खरहरा करना = खाज आदि करने के लिए हाथ या ब्रश फेरना
कठिन = मुश्किल
कीर्ति = बड़ाई, यश
अधीर = बेचैन
भगवद् भजन = ईश्वर की भक्ति
अर्पण = भेंट
वेदना = पीड़ा
असह्य = सह न सकने वाली
विचित्र = अनोखा
प्रशंसा = तारीफ
छवि = शोभा
अंकित = चिह्नित
अस्तबल = घोड़ों को बाँधने का स्थान
सहस्रों = हज़ारों
बाँका = सुन्दर
अधीरता = बेचैनी
वायु वेग = वायु की रफ्तार
अधिकार = हक
बाहुबल = भुजाओं की शक्ति
प्रतिक्षण = हर समय
स्वप्न = सपना
न्याई = तरह
मिथ्या = झूठ
करुणा = दया
कष्ट = तकलीफ
स्वयं = आप
सहसा = अचानक
विस्मय = हैरानी
निराशा = न उम्मीद
अस्वीकार = नामंजूर
दास = नौकर
घटना = वारदात
प्रकट = सामने
प्रयोजन = उद्देश्य
सिद्ध = पूरा
पश्चात्ताप = पछतावा
अपाहिज = अंगहीन
तन कर = अकड़ कर
विषय में = बारे में
भाव = विचार
सावधानी = चतुराई, होशियारी
नेकी = सज्जनता, भलाई
सहायता = मदद
अभिलाषा = इच्छा

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 22 हार की जीत

2. इन मुहावरों का इस प्रकार प्रयोग करें कि उनके अर्थ स्पष्ट हो जायें:

लटू होना _______________ ______________________________
अधीर हो उठना ______________ ___________________________
पीठ पर हाथ फेरना _________________ _________________________
हृदय पर साँप लोटना ________________ _________________________
आँखों में चमक होना _________________ ______________________
फूले न समाना ________________ ____________________
दिल टूट जाना ____________________ _______________________
खिल जाना _______________ ___________________________
उत्तर:
लटू होना (मोहित होना) – कार के इस नए मॉडल को देखकर सब का मन इस पर लटटू होने होने लगेगा।
अधीर हो उठना (बेचैन होना) – मोहन अपने बीमार भाई से मिलने के लिए अधीर हो गया।
पीठ पर हाथ फेरना (शाबासी देना) – गुरु जी ने राकेश की पीठ पर हाथ फेर कर आशीर्वाद दिया।
हृदय पर साँप लोटना (ईर्ष्या से जलना) – लता की सफलता पर सुधा के हृदय पर साँप लोटने लगा।
आँखों में चमक होना (खुश होना) – पिता जी को अपने सामने पाकर नेहा की आँखों में चमक आ गई।
फूले न समाना (प्रसन्न होना) – एशिया कप की जीत पर हमारी हॉकी टीम फूली न समा रही थी।
दिल टूट जाना (निराश होना) – परीक्षा में फेल होने से रमेश का दिल टूट गया।
खिल जाना (प्रसन्न होना) – पिता जी के घर आने पर देव खिल जाता है।

3. उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्द किस प्रकार के क्रिया विशेषण हैं ?

चौथा पहर आरम्भ होते ही बाबा भारती ने अपनी कुटिया से बाहर निकल कर ठंडे जल से स्नान किया। उसके पश्चात् इस प्रकार जैसे कोई स्वप्न में चल रहा हो, उनके पाँव अस्तबल की ओर बढ़े। (संकेत-समय, स्थान, रीति, दिशा)
उत्तर:
चौथा पहर आरम्भ होते ही बाबा भारती ने अपनी कुटिया से बाहर निकल कर ठंडे जल से स्नान किया। उसके पश्चात् इस प्रकार जैसे कोई स्वप्न में चल रहा हो, उनके पाँव अस्तबल की ओर बढ़े। (संकेत-समय, स्थान, रीति, दिशा)

4. इन शब्दों के विशेषण बनाएं:

अंक = ……………….
हृदय = ………………
विस्मय = ………………..
भय = ………………….
निश्चय = ………………….
उत्तर:
शब्द विशेषण
अंक = अंकित
हृदय = हार्दिक
विस्मय = विस्मित
भय = भयानक
निश्चय = निश्चित

5. विपरीतार्थक शब्द लिखें:

उपस्थित = ……………….
धीर = ………………….
स्वीकार = …………………
प्रकट = ………………
प्रसन्न = ………………….
सहय = ……………….
आज्ञा = …………………
गरीब = ……………….
मिथ्या = ……………..
प्रशंसा = ……………….
निराशा = ……………….
भय = ……………….
निश्चय = …………………..
भाग्य = ………………….
उत्तर:
शब्द विपरीत शब्द
उपस्थित = अनुपस्थित
धीर = अधीर
स्वीकार = अस्वीकार
प्रकट = गुप्त
प्रसन्न = अप्रसन्न
सह्य = असह्य
आज्ञा = अवज्ञा
गरीब = अमीर
मिथ्या = सत्य
प्रशंसा = निंदा
निराशा = आशा
भय = निर्भय
निश्चय = अनिश्चय
भाग्य = दुर्भाग्य

6. अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द लिखें:

जिसे सहन न किया जा सके = ………………….
घोड़े बाँधने का स्थान = …………………..
उत्तर:
जिसे सहन न किया जा सके = असहनीय
घोड़े बाँधने का स्थान = अस्तबल

7. विराम चिह्न लगाएं:

बाबा जी आज्ञा कीजिए मैं आपका दास हूँ केवल यह घोड़ा न दूंगा वहाँ तुम्हारा कौन है
ओ बाबा इस कंगले का बात भी सुनते जाना
उत्तर:
“बाबा जी, आज्ञा कीजिए। मैं आपका दास हूँ, केवल यह घोड़ा न दूँगा।”
“वहाँ तुम्हारा कौन है ?” “ओ बाबा! इस कंगले की बात भी सुनते जाना।”

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 22 हार की जीत

8. शब्द के पहले ‘सु’ तथा ‘अ’ उपसर्ग का प्रयोग कर शब्द बनाना सीखें :

(क) सु-उपसर्ग (ख) अ-उपसर्ग
परिचित – सुपरिचित गम – अगम
विदित – सुविदित भाव – अभाव
पुत्र – सुपुत्र सह्य – असह्य
लक्षणा – सुलक्षणा (अच्छे गुणों वाली) टूट – अटूट (गहरा, पक्का )
कर्म – सुकर्म (पुण्य-अच्छे व नेक काम) धीर -अधीर
जन – सुजन बोध – अबोध (नादान)
गम – सुगम (आसान) धर्म – अधर्म
शिक्षित – सुशिक्षित छूत – अछूत
गति – सुगति ज्ञान – अज्ञान
व्यय – अव्यय

9. प्रयोगात्मक व्याकरण

भगवत् + भजन = भगवद्भजन (त् को द)
त् के बाद पवर्ग का तीसरा अक्षर भ होने से त् को द् हो गया।
अन्य उदाहरण :

सत + भावना = सद्भावना (त् को द्)
भगवत् + भक्ति = भगवद्भक्ति (त् को द्)
सत् + भाव = सद्भाव (त् को द)
जगत् + ईश = जगदीश (त् को द् + ई = दी)
सत् + उपयोग = सदुपयोग (त् को द् + उ = दु)
अतएव त के बाद ग्, ध, द् ब, भ (कवर्ग, तवर्ग, पवर्ग का तीसरा और चौथा व्यंजन) या प, र ल, व या कोई स्वर हो तो उसके स्थान पर द हो जाता है।

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न 1.
बाबा भारती के घोड़े का क्या नाम था ?
उत्तर:
बाबा भारती के घोड़े का नाम सुलतान था।

प्रश्न 2.
खड्ग सिंह कौन था ?
उत्तर:
खड्ग सिंह इलाके का कुख्यात डाकू था।

प्रश्न 3.
खड्ग सिंह बाबा भारती से क्या चाहता था ?
उत्तर:
खड्ग सिंह बाबा भारती से उनका घोड़ा लेना चाहता था।

प्रश्न 4.
अपाहिज कौन था ?
उत्तर:
अपाहिज बना हुआ व्यक्ति खड्ग सिंह था।

प्रश्न 5.
बाबा भारती ने खड्ग सिंह से क्या प्रार्थना की ?
उत्तर:
बाबा भारती ने खड्ग सिंह से कहा कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना कि तुमने घोड़ा कैसे लिया था।

प्रश्न 6.
इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना बाबा भारती ने ऐसा क्यों कहा ?
उत्तर:
बाबा भारती ने ऐसा इसलिए कहा था कि इस घटना को सुन कर लोग गरीबों पर विश्वास करना छोड़ देंगे।

प्रश्न 7.
जब खड्ग सिंह घोड़े को लौटा गया तो बाबा भारती ने क्या कहा ?
उत्तर:
बाबा भारती ने कहा कि अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह नहीं मोड़ेगा।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
सुलतान को पाने के लिए खड्ग सिंह ने कौन-सी चाल चली ?
उत्तर:
सुलतान को पाने के लिए खड्ग सिंह एक अपाहिज बन कर रास्ते में एक पेड़ की छाया में कराहते हुए बाबा भारती को उसे रामांवाला तक घोड़े पर बैठा कर पहुँचा दें तो उनका भला होगा। उसने स्वयं को दुर्गा दत्त वैद्य का सौतेला भाई बताया। बाबा भारती को उस पर दया आ गई और स्वयं घोड़े से उतर कर उसे घोड़े पर बैठा दिया। घोड़े पर बैठते ही वह उस पर तन कर बैठ गया और झटके से बाबा भारती के हाथ से लगाम छीन कर घोड़े को ले भागा।

प्रश्न 2.
कैसे पता चलता है कि बाबा भारती अपने घोड़े को बहुत प्यार करते थे?
उत्तर:
बाबा भारती अपने घोड़े को देखकर वैसे ही प्रसन्न होते थे जैसे माँ अपने बेटे, साहूकार अपने देनदार और किसान अपने लहलहाते खेतों को देखकर होता है। वे अपने घोड़े को स्वयं खरहरा करते और खुद दाना खिला कर खुश होते थे। वे उसकी चाल पर लटू थे। जब खड्ग सिंह ने उनके घोड़े को उनसे लेने की बात कही तो उन्हें रात में नींद नहीं आती थी। वे सारी रात अस्तबल में घोड़े की रखवाली करते थे। इस से स्पष्ट है कि वे अपने घोड़े से बहुत प्यार करते थे। __

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 22 हार की जीत

प्रश्न 3.
खड्ग सिंह ने घोड़े व उसकी चाल को देखकर मन में क्या सोचा?
उत्तर:
बाबा भारती ने जब खड्ग सिंह को अपने घोड़े सुलतान की चाल दिखाई तो उस घोड़े की चाल देखकर खड्ग सिंह की छाती पर साँप लोट गया। वह उस घोड़े को बाहुबल अथवा रुपए के बल प्राप्त करना चाहता था। उसने जाते-जाते बाबा भारती को कह दिया कि अब यह घोड़ा वह उनके पास नहीं रहने देगा।

प्रश्न 4.
इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना।” बाबा भारती ने खड्ग सिंह से ऐसा क्यों कहा ?
उत्तर:
जब खड्ग सिंह ने लाचार अपाहिज बन कर बाबा भारती से उन का घोड़ा छीन लिया तो उन्होंने इस घटना को किसी अन्य के सामने बताने से खड्ग सिंह को इसलिए मना किया था क्योंकि इस धोखेबाज़ी की घटना को सुन कर लोग गरीबों पर विश्वास करना छोड़ देंगे तथा उन्हें मुसीबत में देखकर भी उनकी सहायता नहीं करेंगे।

प्रश्न 5.
बाबा भारती का ऐसा कौन-सा वाक्य था जिस ने खड्ग सिंह को घोड़ा वापस देने पर मजबूर कर दिया।
उत्तर:
बाबा भारती के जाने के बाद खड्ग सिंह जब सुलतान घोड़े को लेकर चला तो सोचने लगा कि बाबा भारती तो सुलतान से बहुत प्रेम करते थे। वे कहते थे कि इसके बिना वे जिंदा नहीं रहेंगे। इसकी रखवाली में वे कई रात सोए तक नहीं थे परन्तु आज जब उसने उन से छल से सुलतान ले लिया तो उनके मुख पर शिकन तक नहीं थी। उन्हें सिर्फ यही ख्याल था कि कहीं लोग गरीब पर विश्वास करना न छोड़ दें। यही सोचसोचकर खड्ग सिंह ने बाबा भारती का घोड़ा वापस कर दिया था।

प्रश्न 6.
बाबा हारकर भी जीत गए और खड्ग सिंह जीतकर भी हार गया कैसे?
उत्तर:
खड्ग सिंह छल पूर्व बाबा भारती का घोड़ा ले जाता है और इसे अपनी जीत मानता है क्योंकि उसने बाबा भारती को कहा था कि वह यह घोडा उन के पास नहीं रहने देगा परन्तु जब बाबा उसे अपने छल की बात किसी को नहीं बताने के लिए कहते हैं क्योंकि उन्हें भय है कि कहीं यह सुन कर कोई गरीब पर विश्वास ही नहीं करेगा तथा मुसीबत में भी उसे सहायता नहीं मिलेगी तो उसे बाबा मनुष्य नहीं देवता लगते हैं और वह उन का घोड़ा उनके अस्तबल में छोड़ आता है। इस प्रकार बाबा की जीत हुई। इस से स्पष्ट है कि बाबा भारती हार कर भी जीत गए और खड़ग सिंह जीत कर भी हार गया।

3. यह वाक्य किसने, किससे कहा :

प्रश्न 1.
यह घोड़ा, आपके पास नहीं रहने दूंगा।
उत्तर:
खड्ग सिंह ने बाबा भारती से कहा है।

प्रश्न 2.
क्यों, तुम्हें क्या कष्ट है ?
उत्तर:
बाबा भारती ने अपाहिज बने खड्ग सिंह से कहा है।

प्रश्न 3.
इस कंगले की बात भी सुनते जाना।
उत्तर:
अपाहिज बने खड्ग सिंह ने बाबा भारती से कहा है।

प्रश्न 4.
इसकी चाल न देखी तो क्या देखा?
उत्तर:
खड्ग सिंह ने बाबा भारती को कहा है।

प्रश्न 5.
विचित्र जानवर है, देखोगे तो प्रसन्न हो जाओगे।
उत्तर:
बाबा भारती ने खड्ग सिंह से कहा है।

(ग) रचना-बोध

1. कहानी का सार अपने शब्दों में दें।
2. आपके पड़ोस में चोरी हो गयी है, इस घटना की प्राथमिक सूचना अपने स्थानीय पुलिस चौकी में पत्र के माध्यम से लिखें।
उत्तर:
1. कहानी का सार पाठ के प्रारंभ में दिया गया है।

2. चोरी की सूचना का पत्र
नवजोत सिंह सराभा
52-आदर्श नगर,
लुधियाना।
दिनांक 25 मई, 20…
सेवा में
चौकी अधिकारी,
पुलिस चौकी,
आदर्श नगर, लुधियाना।
महोदय,
निवेदन यह है कि हमारे पड़ोस के मकान नम्बर 51 में गत रात चोरी हो गई है। इस मकान में हरकिशन सिंह बजाज अपने परिवार के साथ रहता है, जो कल परिवार सहित किसी विवाह में अमृतसर गया हुआ था। हमने सुबह देखा तो उस के घर के दरवाजे खुले हुए थे तथा सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा है। आप से प्रार्थना है कि इस चोरी की प्राथमिक सूचना दर्ज करके शीघ्र उचित कार्यवाही करें, जिससे अपराधियों को सज़ा मिले तथा इस इलाके के लोग शांति से रह सकें।
धन्यवाद,
भवदीय,
नवजोत सिंह सराभा

PSEB 7th Class Hindi Guide हार की जीत Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
घोड़े का क्या नाम था ?
(क) सुल्तान
(ख) चेतक
(ग) टॉमी
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) सुलतान

प्रश्न 2.
घोड़ा सुलतान किसके पास था ?
(क) पुलिस
(ख) सजा
(ग) खड्ग सिंह
(घ) बाबा भारती
उत्तर:
(घ) बाबा भारती

प्रश्न 3.
‘हार की जीत’ किस प्रकार की कहानी है ?
(क) हृदय परिवर्तन
(ख) खेल-कूद
(ग) व्यंग्यात्मक
(घ) चित्रात्मक
उत्तर:
(क) हृदय परिवर्तन

प्रश्न 4.
खड्ग सिंह कौन था ?
(क) ऋषि
(ख) डाकू
(ग) संत
(घ) सेवक
उत्तर:
(ख) डाकू

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 22 हार की जीत

प्रश्न 5.
‘हार की जीत’ कहानी के रचनाकार कौन थे ?
(क) प्रेमचंद
(ख) राकेश शर्मा
(ग) सुदर्शन
(घ) जयशंकर प्रसाद
उत्तर:
(ग) सुदर्शन

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
एक दिन …………. बाबा भारती घूमने जा रहे थे।
(क) सुबह
(ख) संध्या समय
(ग) रात को
(घ) दोपहर
उत्तर:
(ख) संध्या समय

प्रश्न 2.
बाबा भारती ने ……….. को घोड़े पर चढ़ा लिया।
(क) सैनिक
(ख) राजा
(ग) राजकुमार
(घ) अपाहिज
उत्तर:
(घ) अपाहिज

प्रश्न 3.
अपाहिज के वेश में …………….. था।
(क) खड्ग सिंह
(ख) बाबा भारती
(ग) लेखक
(घ) राजकुमार
उत्तर:
(ग) खड्ग सिंह

प्रश्न 4.
बाबा भारती सुलतान पर बैठकर कितने चक्कर लगाते थे ?
(क) पाँच मील
(ख) आठ-दस मील
(ग) बीस मील
(घ) एक मील
उत्तर:
(ख) आठ-दस मील

प्रश्न 5.
बाबा भारती ने बोला अब कोई गरीबों की ………. से मुंह न मोड़ेगा।
(क) सहायता
(ख) दुश्मनी
(ग) मज़ाक
(घ) अत्याचार
उत्तर:
(क) सहायता

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
मशहूरी:
प्रसिद्धि
मशूरी
मोर
उत्तर:
प्रसिद्धि

प्रश्न 2.
लट्टू होना:
मोहित होना
लड्डू खाना
लटू चलाना
उत्तर:
मोहित होना

प्रश्न 3.
मिथ्या:
मित्र
सच
उत्तर:
झूठ

प्रश्न 4.
कराहना:
पीड़ा से तड़पना
खुश होना
नाराज़ होना
उत्तर:
पीड़ा से तड़पना

हार की जीत Summary

हार की जीत पाठ का सार

श्री सुदर्शन द्वारा लिखित कहानी ‘हार की जीत’ में एक डाक के हृदय परिवर्तन की घटना का वर्णन किया गया है। बाबा भारती के पास एक बहुत सुन्दर घोड़ा था। उसकी मशहूरी दूर-दूर तक फैल गई थी। बाबा भारती सब कुछ छोड़कर साधु बन गये थे, परन्तु घोड़े को छोड़ना उनके वश में न था। वे उसे ‘सुलतान’ कह कर पुकारते थे। संध्या के समय वे सुलतान पर चढ़कर आठ दस मील का चक्कर लगा लेते थे। उस इलाके के मशहूर डाकू खड्ग सिंह के कानों में भी सुलतान की चर्चा पहुँची। वह उसे देखने के लिए बेचैन हो उठा और एक दिन दोपहर के समय बाबा भारती के पास पहुँचा। उन्हें नमस्कार करके बैठ गया। बाबा भारती ने उससे पूछा कि कहो खड्ग सिंह क्या हाल है ? इधर कैसे आना हुआ। खड्ग सिंह ने कहा, कि आपकी कृपा है। सुलतान को देखने की चाह मुझे यहाँ खींच लाई। इस पर बाबा भारती ने उत्तर दिया कि सचमुच घोड़ा बाँका है। उन्होंने खड्ग सिंह को अस्तबल में ले जाकर घोड़ा दिखाया। खड्ग सिंह उस पर लटू हो गया। वह मन ही मन सोचने लगा कि ऐसा घोड़ा तो उसके पास होना चाहिए था। वहाँ से जातेजाते वह बोला कि बाबा जी! मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूंगा। यह सुन कर बाबा भारती को डर के मारे अब नींद न पड़ती। वे सारी रात अस्तबल में घोड़े की रखवाली में बिताते।

एक दिन संध्या के समय बाबा भारती घोड़े पर सवार होकर घूमने जा रहे थे। अचानक उन्हें एक आवाज़ सुनाई दी- “ओ बाबा!” इस कंगले की बात सुनते जाना।” उन्होंने देखा एक अपाहिज वृक्ष के नीचे बैठा कराह रहा है। बाबा भारती ने पूछा, तुम्हें क्या तकलीफ है। वह बोला, मैं दुखी हूँ। मुझे पास के रामांवाला गाँव जाना है। मैं दुर्गादत्त वैद्य का सौतेला भाई हूँ। मुझे घोड़े पर चढ़ा लो।”

बाबा भारती ने उस अपाहिज को घोड़े पर चढ़ा लिया और स्वयं लगाम पकड़ कर चलने लगा। अचानक लगाम को झटका लगा और लगाम उनके हाथ से छूट गई। अपाहिज घोड़े पर तन कर बैठ गया। अपाहिज के वेश में वह खड्ग सिंह था। बाबा भारती के मुँह से चीख निकल गई। बाबा भारती थोड़ी देर चुप रहने के बाद चिल्लाकर बोले, “खड्ग सिंह मेरी बात सुनते जाओ।” वह कहने लगा, “बाबा जी अब घोड़ा न दूँगा।

बाबा भारती बोले- “घोड़े की बात छोड़ो। अब मैं घोड़े के बारे में कुछ न कहूँगा। मेरी एक प्रार्थना है कि इस घटना के बारे में किसी से कुछ न कहना, क्योंकि लोगों को यदि इस घटना का पता चल गया तो वे किसी दीन-हीन गरीब पर विश्वास न करेंगे।” बाबा भारती सुलतान की ओर से मुँह मोड़ कर ऐसे चले गए मानो उसके साथ उनका कोई सम्बन्ध न था।

बाबा जी के उक्त शब्द खड्ग सिंह के कानों में गूंजते रहे। एक रात खड्ग सिंह घोड़ा लेकर बाबा भारती के मन्दिर में पहुँचा, चारों ओर खामोशी थी। अस्तबल का फाटक खुला था। उसने सुलतान को वहाँ बाँध दिया और फाटक बन्द करके चल दिया। उसकी आँखों से पश्चाताप के आँसू बह रहे थे। रात के आखिरी पहर में बाबा भारती स्नान आदि के बाद अचानक ही अस्तबल की ओर चल दिए पर फाटक पर पहुँच कर उन्हें वहाँ सुलतान के न होने की बात याद आई तो उनके पैर स्वयं रुक गए। तभी उन्हें अस्तबल से सुलतान के हिनहिनाने की आवाज़ सुनाई दी। वे प्रसन्नता से दौड़ते हुए अन्दर आए और सुलतान से ऐसे लिपट गए जैसे कोई पिता अपने बिछुड़े हुए पुत्र से मिल रहा हो और बोले कि अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह नहीं मोड़ेगा।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 21 जिन्दगी-एक रिक्शा

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 21 जिन्दगी-एक रिक्शा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 21 जिन्दगी-एक रिक्शा

Hindi Guide for Class 7 PSEB जिन्दगी-एक रिक्शा Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ:

सरलार्थों के साथ दे दिए गए हैं।
वचन = खींचकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाना
चाह = इच्छा
संतुलन = बराबर होना
स्थिति = हालत
गृहस्थी = परिवार

2. वचन बदलें:-

सवारियाँ = ………………….
भूखा = ………………..
थाली = ………………
वह = ………………..
गाड़ी = ……………….
नाली = ……………….
उत्तर:
सवारियाँ = सवारी
भूखा = भूखे
थाली = थालियाँ
वह = वे
गाड़ी = गाड़ियाँ
नाली = नालियाँ

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 21 जिन्दगी-एक रिक्शा

3. विपरीत शब्द लिखें:-

निराशा = …………………
संतुलन = ………………..
जिंदगी = ………………..
खोना = …………………
उत्तर:
निराशा = आशा,
संतुलन = असंतुलन
जिंदगी = मौत
खोना = पाना

4. भाववाचक संज्ञा बनाएं:-

भूखा = …………………
अकेला = …………………
कमाना = ……………….
अपना = ………………….
बिखरना = ……………….
मज़बूत = …………………….
उत्तर:
भूखा = भूख
अकेला = अकेलापन
कमाना = कमाई
अपना = आपा
बिखरना = बिखराव
मज़बूत = मज़बूती

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न 1.
प्रस्तुत कविता में कवि ने जिंदगी को किसके साथ जोड़ा है ?
उत्तर:
कवि ने जिंदगी को रिक्शा के साथ जोड़ा है।

प्रश्न 2.
रिक्शे की हालत किस पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
रिक्शे की हालत रिक्शेवाले पर निर्भर करती है।

प्रश्न 3.
कवि के अनुसार अधिक कमाने की चाह में चालक का क्या नुकसान हो सकता है ?
उत्तर:
अधिक कमाने की चाह में चालक का संतुलन बिगड़ सकता है।

प्रश्न 4.
रिक्शा चालक अपनी स्थिति किस प्रकार मज़बूत कर सकता है ?
उत्तर:
रिक्शाचालक अपनी रिक्शा की ब्रेक, पुर्जे, टायर आदि ठीक-ठाक रख कर तथा जितनी सवारियाँ वह ढो सकता है उतनी ढोकर अपनी स्थिति मज़बूत कर सकता है।

प्रश्न 5.
प्रस्तुत कविता में कवि ने हमें क्या संदेश दिया है ?
उत्तर:
प्रस्तुत कविता में कवि हमें यह संदेश देता है कि यदि मनुष्य अपना परिवार छोटा रखेगा तथा अपनी हैसियत के अनुसार चलेगा तो उसकी ज़िन्दगी सदा सुखी रहेगी।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 21 जिन्दगी-एक रिक्शा

(ग) भाव-बोध

1. निम्न पंक्तियों का प्रसंग सहित व्याख्या करें:

चाह में
अधिकाधिक कमाने की
कहीं खो न दे
वह अपना संतुलन
और बिखर जाए
उसका तन-मन
गृहस्थी की इस गाड़ी में।
उत्तर:
सरलार्थ देखिए।

(घ) रचना-बोध

प्रश्न 1.
‘छोटा परिवार सुखी परिवार’ विषय पर एक संक्षिप्त निबंध लिखें।
उत्तर:
हमारे देश की बढ़ती हुई जनसंख्या से जहाँ सरकार चिन्तित है, वहीं प्रत्येक घर परिवार के मुखिया को भी बढ़ते हुए परिवार की समस्याओं ने परेशान कर रखा है। महँगाई के इस युग में सुखी जीवन जीने के लिए छोटे परिवार की आवश्यकता है। अनेक सरकारी योजनाएँ परिवारों को छोटा रखने में नाकाम रही हैं, इसलिए हमें अपनी आमदनी और खर्चे का ध्यान रखते हुए अपना परिवार उतना रखना चाहिए, जितने से हम परिवार के प्रत्येक सदस्य का पालन, पोषण, शिक्षा आदि उचित रूप से कर सकें। छोटे परिवार का मुखिया अपना, अपनी पत्नी और बच्चों का अधिक अच्छी प्रकार से ख्याल रख सकता है। वे सब मिलजुल कर सब कार्य करते हुए एक-दूसरे की भावनाओं को समझ-समझा सकते हैं। बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर उन का उज्ज्वल भविष्य बना सकते हैं। छोटा परिवार सदा सुखी रहता है, इसलिए हमें छोटा परिवार रखना चाहिए।

PSEB 7th Class Hindi Guide जिन्दगी-एक रिक्शा Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
‘जिंदगी एक रिक्शा’ कविता के रचनाकार कौन हैं ?
(क) डॉ० राकेश कुमार बब्बर
(ख) शिव मंगल सिंह सुमन
(ग) विनोद पाण्डेय
(घ) धर्मवीर भारती
उत्तर:
(क) डॉ० राकेश कुमार बब्बर

प्रश्न 2.
कविता में कवि ने रिक्शे वाले को क्या कहा है ?
(क) कुम्हार
(ख) मज़दूर
(ग) बोझ
(घ) परिवार का मुखिया
उत्तर:
(घ) परिवार का मुखिया

प्रश्न 3.
कवि के अनुसार जिंदगी किसके समान है ?
(क) साइकिल
(ख) कार
(ग) जीप
(घ) रिक्शे
उत्तर:
(घ) रिक्शे

प्रश्न 4.
मनुष्य को अपना परिवार कैसा बनाना चाहिए ?
(क) छोटा
(ख) बीस लोगों का
(ग) बड़ा
(घ) अपनी हैसियत के अनुसार।
उत्तर:
(घ) अपनी हैसियत के अनुसार

प्रश्न 5.
मनुष्य सुखी जीवन कैसे व्यतीत कर सकता है ?
(क) सीमित परिवार रखकर
(ख) वैर-विरोध से
(ग) अलग नीति से
(घ) झगड़े से
उत्तर:
(क) सीमित परिवार रखकर

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
अधिक कमाने की चाह में मनुष्य अपना ………….. खो देता है।
(क) संतुलन
(ख) घर
(ग) धन
(घ) नाम
उत्तर:
(क) संतुलन

प्रश्न 2.
संतुलन खोकर व्यक्ति ………… पर भटक जाता है।
(क) धन
(ख) प्रसिद्धि
(ग) लोकाचार
(घ) गलत रास्तों
उत्तर:
(घ) गलत रास्तों

प्रश्न 3.
अनेक सरकारी योजनाएँ परिवारों को छोटा रखने में ………… रही है।
(क) प्रभावी
(ख) सफल
(ग) नाकाम
(घ) ठीक-ठीक
उत्तर:
(ग) नाकाम

प्रश्न 4.
रिक्शे की हालत …………… पर निर्भर करती है।
(क) रिक्शे वाले
(ख) पुलिस वाले
(ग) सैनिक
(घ) छात्रों
उत्तर:
(क) रिक्शे वाले

प्रश्न 5.
……… के लालच में वह अपना संतुलन बिगाड़ देता है।
(क) कम कमाई
(ख) अधिक कमाई
(ग) घर
(घ) दुकान
उत्तर:
(ख) अधिक कमाई

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए.

प्रश्न 1.
व्यतीत:
व्यय करना
बिताना
हटाना
उत्तर:
बिताना।

प्रश्न 2.
वहन करना:
ढो सकना
वाहन
वाहिनी
उत्तर
ढो सकना

प्रश्न 3.
थामना:
पकड़ना
थम
उत्तर:
पकड़ना

प्रश्न 4.
गृहस्थी:
आराम
गृह का आसन
परिवार
उत्तर:
परिवार

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 21 जिन्दगी-एक रिक्शा

सप्रसंग सरलार्थ

1. जिंदगी एक रिक्शा है
जिसे
हर कोई चलाता रहता है
कोई घसीट कर
कोई दौड़ा कर
कोई अकेले
कोई कई को लादकर

प्रसंग:
यह पद्यांश डॉ० राकेश कुमार बब्बर की कविता ‘ज़िन्दगी-एक रिक्शा’ से लिया गया है। इसमें कवि ने मनुष्य की ज़िन्दगी को एक रिक्शा से जोड़ा है।

सरलार्थ:
कवि कहता है कि मनुष्य का जीवन एक रिक्शा के समान है। जैसे रिक्शे को चलाता तो हर आदमी है परन्तु कोई उसे घसीट कर. कोई दौडाकर तथा कोई एक सवारी बैठा कर तो कोई कई सवारियाँ लाद कर रिक्शा चलाता है। इसी प्रकार से
व्यक्ति भी अपनी ज़िन्दगी को घसीट कर, दौड़ाकर, सीमित परिवार अथवा बहुत बड़े परिवार के साथ चला रहा है।

भावार्थ:
ज़िन्दगी रिक्शे के समान है जिसे कोई आराम से तो कोई कठिनाई से चला रहा है।

2. रिक्शे की हालत
है निर्भर
चलाने वाले पर
चाहे तो
खटारा बना दे
चाहे रखे टिप-टाप
सवारियां उतनी
वहन कर पाए जितनी
पहुँचा सके
उन्हें मंजिल तक
बिना रुके
बना थके।

शब्दार्थ:
हालत = दशा। निर्भर = टिकी हुई, आश्रित। खटारा = बेकार । टिप-टाप = साफ-सुथरी। वहन = खींच सकना, ढो सकना।

प्रसंग:
यह पद्यांश डॉ० राकेश कुमार बब्बर द्वारा लिखित कविता ‘ज़िन्दगी-एक रिक्शा’ से लिया गया है। इसमें कवि ने मनुष्य की ज़िन्दगी की तुलना एक रिक्शा से की है।

सरलार्थ:
कवि कहता है कि रिक्शे की दशा उसे चलाने वाले पर होती है। वह चाहे तो उसे खटारा बना दे या साफ-सुथरा रखे। वह उतनी ही सवारियाँ अपनी रिक्शा पर : बैठाए, जितनी का बोझ वह सहन कर सकता है और उन्हें उन के ठिकाने तक बिना रुके, बिना थके सही सलामत पहुँचा सकता है।

भावार्थ:
मनुष्य को अपना परिवार उतना ही सीमित रखना चाहिए जिस का वह सही-सही भरण-पोषण कर सके।

3. चाह में
अधिकाधिक कमाने की
कहीं खो न दे
वह अपना संतुलन
और
बिखर जाए
उसका तन-मन
गृहस्थी की इस गाड़ी में।
गिर पड़े वह
निराशा की गंदी नाली में
पेट रह जाए भूखा
और
कुछ न बचा हो
भोजन की सूनी थाली में।

शब्दार्थ”:
चाह = इच्छा। अधिकाधिक = ज्यादा से ज्यादा। संतुलन = बराबर होना। गृहस्थी = परिवार।

प्रसंग:
यह पद्यांश डॉ० राकेश कुमार बब्बर द्वारा लिखित कविता ‘ज़िन्दगी-एक रिक्शा’ से लिया गया है। इसमें कवि ने मानव जीवन को एक रिक्शा के समान माना है। – सरलार्थ-कवि कहता है कि कहीं अधिक कमाने की चाहना से वह अपने होश न खो बैठे और अपनी गृहस्थी की गाड़ी खींचते-खींचते उस का तन-मन ही न टूट जाए। वह जीवन से निराश होकर गलत रास्तों पर न चलने लगे और उस का परिवार भूखा रह जाए तथा उनके खाने की थाली में कुछ भी खाने के लिए न हो।

भावार्थ:
अधिक कमाने की चाह में मनुष्य अपना संतुलन खो कर गलत रास्तों पर भटक जाता है, जिससे उसे निराशा हाथ लगती है और भुगतना उस के परिवार को पड़ता इसलिए है

4. इसलिए है जरूरत
कि वह
एक-एक पुर्जा
रिक्शे का ठीक रखे,
ब्रेक कसवा कर
टायरों को थामे
सीट पर हो सवार
ले उतनी जिम्मेदारी
जिससे
वह अपनी
और सवारियों की
स्थिति मजबूत रखे।

शब्दार्थ:
स्थिति = दशा।

प्रसंग:
यह पद्यांश डॉ० राकेश कुमार बब्बर के द्वारा रचित कविता ‘ज़िन्दगी-एक रिक्शा’ से लिया गया है। इसमें कवि ने मनुष्य की ज़िन्दगी की तुलना एक रिक्शा से की है।

सरलार्थ:
कवि कहता है कि इसीलिए ज़रूरी है कि रिक्शा वाला उसके एक-एक पुर्जे, ब्रेक, टायर आदि ठीक रख कर अपनी सीट संभाले। वह सही सलामत उनके ठिकानों तक सवारियों को पहुँचाने की ज़िम्मेदारी ले। इसी से वह सभी सवारियों की स्थिति को मज़बूत रख सकेगा।

भावार्थ:
मनुष्य को अपनी ज़िन्दगी ठीक से जीने के लिए सभी ज़िम्मेदारियां ठीक प्रकार से निभानी चाहिए।

ज़िन्दगी-एक रिक्शा Summary

ज़िन्दगी-एक रिक्शा कविता का सार

“ज़िन्दगी-एक रिक्शा’ कविता में कवि डॉ० राकेश कुमार बब्बर ने ज़िन्दगी को रिक्शा के साथ जोड़कर यह संदेश दिया है कि जिस प्रकार रिक्शा में दो सवारियों को बैठा कर रिक्शावाला रिक्शा आराम से चलाता है तथा अपनी रिक्शा को भी ठीक-ठाक रखता है, वैसे . ही मनुष्य अपने जीवन को सीमित परिवार में रखकर सुखी ज़िन्दगी व्यतीत कर सकता है। – कवि कहता है कि जिंदगी एक रिक्शे के समान है जिसे हर कोई चला तो रहा है परन्तु कोई घसीट कर, कोई दौड़ा कर, कोई अकेले तो कोई कइयों को लादकर चलता है। यदि रिक्शा ठीक-ठाक रखनी है तो वह उतनी ही सवारियां बैठाता है, जितनी वह सहन कर सकता है। अधिक कमाई करने के लालच में वह अपना संतुलन बिगाड़ देता है और अपनी : ………………. हैसियत से अधिक परिवार बनाने पर व्यक्ति की ज़िन्दगी की दशा खराब हो जाती है। इसलिए जैसे रिक्शावाला अपनी रिक्शा को ठीक-ठाक रखने के लिए उसकी ब्रेक, पुर्जे, टायर आदि ठीक रखता है और उतनी सवारियां बैठाता है जिन्हें वह आसानी से ले जा सकता हैं वैसे ही मनुष्य को भी अपना परिवार अपनी हैसियत के अनुसार बनाना चाहिए।