बॉस्केट बाल (Basket Ball) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions बॉस्केट बाल (Basket Ball) Game Rules.

बॉस्केट बाल (Basket Ball) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

याद रखने योग्य बातें

  1. बॉस्केट बाल कोर्ट की लम्बाई और चौड़ाई = 28 × 15 मीटर
  2. बॉस्केट बाल टीम के खिलाड़ी = 12 खिलाड़ी खेलते हैं, सात बदलवें
  3. कोर्ट के केन्द्रीय चर्क का अर्धव्यास = 1.80 मीटर सैं०मी०
  4. रेखाओं की चौड़ाई = 5 सैं० मी०
  5. बोर्ड की मोटाई = 3 सैं० मी०
  6. बोर्ड की ज़मीन से निचले भाग की ऊंचाई = 2.90 मीटर
  7. बोर्ड का आकार = 180 × 120 मीटर
  8. बाल का घेरा = 75 से 78 सै० मी०
  9. बाल का भार = 600 से 650 ग्राम
  10. बोर्ड के आयात का साइज़ = 49 × 45 ग्राम
  11. पोलों की दूरी = 2 मीटर
  12. खेल का समय = 40 मिनट के चार क्वाटर 10-2-10 (10) 10-2-10
  13. बास्केट बाल के अधिकारी = एक टेबल कमिश्नर, एक रैफरी, एक अम्पायर, एक चीफ रैफरी, एक टाइम कीपर, एक स्कोरर कम 24 सैकिण्ड आपरेटर
  14. फालतू समय की मियाद = 5 मिनट
  15. दो मध्य के बीच आराम = 10 मिनट।

बास्केट बाल खेल की संक्षेप रूपरेखा
(Brief outline of the Basket-Ball)

  1. बॉस्केट बाल का मैच दो टीमों के मध्य होता है। प्रत्येक टीम में पाँच-पाँच खिलाड़ी होते हैं। इसके अतिरिक्त सात अतिरिक्त खिलाड़ी होते हैं जिन्हें हम बदलवें खिलाड़ी (Substitutes) कहते हैं।
  2. प्रत्येक टीम चाहती है कि वह विरोधी टीम की बॉस्केट में गेंद डाल दे तथा विरोधी टीम को न ही गेंद मिले और न ही प्वाईंट।
  3. बॉस्केट बाल खेल का मैदान आयताकार होता है। मैदान की लम्बाई 28 मीटर तथा चौड़ाई 15 मीटर होती है।
  4. टीम के प्रत्येक खिलाड़ी की बनियान के सामने और पीछे नम्बर लगे होते हैं। एक टीम के दो खिलाड़ी एक ही नम्बर नहीं डाल सकते।
  5. जब तक मध्यान्तर (Interval) न हो या अधिकारी आज्ञा न दे कोई भी खिलाड़ी मैदान से बाहर नहीं जा सकता।
  6. खेल 10 – 2 – 10, 10, 10 – 2- 10 की चार अवधियों की होती है तथा दो अवधियों के पश्चात् 10 मिनट का विश्राम होता है।
  7. बॉस्केट बाल के खेल में खिलाड़ियों को जितनी बार चाहे बदला जा सकता है।
  8. जब कोई टीम 4 फ़ाऊल कर जाती है तो विरोधी टीम को 2 या 3 फ्री-थ्रोज़ हालात अनुसार दी जाती हैं।
  9. किसी टीम का एक खिलाड़ी यदि 5 फ़ाऊल कर दे तो उसे मैच में से बाहर निकाल दिया जाता है।
  10. खेल के मध्य किसी समय भी कोई खिलाड़ी बदला जा सकता है परन्तु शर्त यह है कि थ्रो उस टीम की हो।

बॉस्केट बाल (Basket Ball) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
बॉस्केट बाल का संक्षिप्त परिचय दीजिए। रैस्ट्रिक्टेड एरिया से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
खेल-बॉस्केट बाल खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक टीम में पांच-पांच खिलाड़ी होते हैं। प्रत्येक टीम का यह लक्ष्य होता है कि वह विरोधी टीम की बॉस्केट में गेंद फेंक दे, न विरोधी टीम के हाथ गेंद लगने दे और न ही अंक प्राप्त करने दे।

कोर्ट-बॉस्केट बाल कोर्ट 28 मीटर लम्बा और 15 मीटर चौड़ा होगा। यह आयताकार और ठोस धरातल वाला होगा। यदि खेल हाल कमरे में हो तो हाल की छत की ऊंचाई कम-से-कम 7 मीटर होनी चाहिए। सम्बन्धित अधिकारी दो मीटर की लम्बाई और दो मीटर चौड़ाई की सीमा के अन्दर परिवर्तन (यह परिवर्तन एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं) की आज्ञा दे सकता है। फिर भी फीबा (FIBA-International Amateur Basketball Federation) की बड़ी सरकारी प्रतियोगिताओं के लिए निर्णित लम्बाई-चौड़ाई के अनुसार नई कोर्ट (Court) बनाई जाएगी। कोर्ट में पर्याप्त मात्रा में एक-सा प्रकाश रहना चाहिए।

सीमा-रेखाएं-कोर्ट की परिधि स्पष्ट रेखाओं द्वारा अंकित की जाएगी जो प्रत्येक स्थान से बाधाओं से कम-से-कम 2 मीटर की दूरी पर होगी। इन रेखाओं और दर्शकों के बीच दूरी कम-से-कम 3 मीटर की होगी।
केन्द्रीय वृत्त-कोर्ट के मध्य में एक वृत्त अंकित किया जाएगा। उसका अर्द्धव्यास 1.80 मीटर होगा। इसे केन्द्रीय वृत्त कहा जाता है।
केन्द्रीय रेखा-अन्त रेखाओं के समानान्तर केन्द्रीय रेखा खींची जाएगी जो कोर्ट को आगे वाली कोर्ट और पीछे वाली कोर्ट में विभक्त करेगी। यह रेखा 15 सम बाहर दोनों तरफ होगी।
BASKET-BALL GROUND
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तीन अंक मैदानी गोल-क्षेत्र-एक नई मार्किंग “तीन अंक मैदानी गोल क्षेत्र” की जाती है। यह दो सीमित चापें होती हैं जिनमें से प्रत्येक का बाहरी किनारों से अर्द्धव्यास 6.25 मीटर होता है। केन्द्र फर्श पर बिन्दु होता है, टोकरी के केन्द्र के ठीक लम्ब रूप होता है और किनारे वाली लकीरों पर समाप्त होती हुई पार्श्व रेखाओं के समानान्तर रहती है। केन्द्र अन्तिम लकीर के केन्द्रीय बिन्दु से 1.20 मीटर 0.225 मीटर + 0.10 मीटर + 1.525 मीटर होता है।
नोट-यह चाप केवल अर्द्ध वृत्त तक ही है और इसके पश्चात् पार्श्व रेखा के समानान्तर है (देखो चित्र)
फ्री-थो रेखाएं-प्रत्येक अन्त-रेखा के समानान्तर एक फ्री-थ्रो रेखा खींची जाएगी जो अन्त-रेखा के भीतर किनारे से 5.80 मीटर दूर होगी। इसकी लम्बाई 3.60 मीटर होगी तथा केन्द्र बिन्दु दोनों अन्त-रेखाओं के मध्य बिन्दुओं को जोड़ने वाली रेखा पर होगा।

प्रतिबद्ध क्षेत्र (रिस्ट्रिकटेड एरिया) तथा फ्री-थो रेखाएं-ये स्थान जिन पर परिधि अन्त-रेखाओं, फ्री-थ्रो रेखाओं से निकलने वाली रेखाओं से निर्धारित होती है, उन्हें प्रतिबद्ध क्षेत्र कहते हैं। सिरों की ओर फ्री-थ्रो रेखाएं इसके अर्द्धव्यास को अंकित करती हैं। इन रेखाओं का बाहरी किनारा अन्त-रेखाओं के मध्य बिन्दु से 3 मीटर होगा औरफ्री-थ्रो रेखाओं के सिरों पर आकर समाप्त हो जाएगा।
RESTRUCT AREA
REGULATION FREE THROW LANE
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फ्री-थ्रो रेखाएं वे प्रतिबद्ध स्थान हैं जो कोर्ट में 1.80 मीटर के अर्द्धव्यास वाले अर्द्ध-वृत्त में फैले होते हैं।
पहली रेखा सिरे वाली रेखा के भीतरी किनारे में 1.75 मीटर है। पहली गली के स्थान से आगे एक उदासीन क्षेत्र (Neutral Zone) होगा जिसकी चौड़ाई 30 सैंटीमीटर होगी। दूसरी गली का स्थान 85 सैंटीमीटर चौड़ा होगा और उदासीन क्षेत्र के साथ लगता होगा। तीसरी गली का स्थान दूसरी गली के साथ लगता है और इसकी चौड़ाई 85 सैंटीमीटर होगी। जहां तक टूटे हुए अर्द्ध वृत्त का सम्बन्ध है, प्रत्येक अंकित क्षेत्र की लम्बाई 35 सैंटीमीटर होगी और दोनों भागों के बीच की दूरी 40 सम होगी।

पिछले बोर्ड का आकार, पदार्थ और स्थिति (Back Board-Size, Material and Position)-पीछे वाले बोर्ड कठोर लकड़ी के बनाए जाएंगे या फाइबर ग्लास के भी हो सकते हैं जिनकी मोटाई 3 सम होगी। ये टेढ़े रुख 1.80 मीटर तथा खड़े रुख में 1.20 मीटर होंगे। यहां रिंग लगता है, उसके पीछे बोर्ड पर 59 सैंटीमीटर x 45 सैंटीमीटर की आयत बनाई जाती है। किनारा रिंग की सतह के बराबर होगा। बोर्ड की सीमाएं 5 सैंटीमीटर चौड़ी रेखाओं द्वारा अंकित की जाएंगी।
यह बोर्ड के रंग के उलट वाले रंग की होगी। बोर्ड का निचला किनारा ज़मीन से 2.75 मीटर ऊंचा होगा। पीछे बोर्ड के आधार स्तम्भ सीमा के बाहरी क्षेत्र में अन्त-रेखाओं के बाह्य किनारे से कम-से-कम 1.00 मीटर दूर गाड़े जाएंगे।

बॉस्केट-बॉस्केट छल्लों और जाली की बनी होती है। बॉस्केट नारंगी रंग वाले अन्दर से 45 सैंटीमीटर व्यास के लोहे के घेरे होते हैं। घेरे की धातु 20 मिलीमीटर मोटी होगी। जाल सफ़ेद रस्सी का बना होता है जोकि छल्लों से लटकता है। यह छल्ले इस प्रकार के बने होते हैं कि जब गेंद इनसे गुजरती है, वह इसे थोड़ी देर के लिए रोक लेते हैं।
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गेंद-गेंद गोलाकार होगी। यह चमड़े की बनी होगी और इसके अन्दर का ब्लैडर रबड़ का होगा। इसकी परिधि 75 सम से 78 सम होगी। इसका भार 600 ग्राम से 650 ग्राम होगा।
अब नियम यह आज्ञा देता है कि प्रयुक्त गेंद भी प्रयोग की जा सकती है। फिर भी गेंद के विषय रैफरी ने सहमति प्रकट की हो। रैफरी प्रयुक्त गेंद चुन सकता है। जब गेंद एक बार चुन ली गई हो तो कोई भी टीम खेल की गेंद का प्रयोग नहीं करती। यदि उचित पुरानी गेंद न मिल सकती हो तो नई गेंद प्रयुक्त की जा सकती है।

बॉस्केट बॉल का इतिहास (History of Basket Ball)
बॉस्केट बॉल एक उत्तेजना पूर्ण खेल है तथा इसका मूल स्थान अमेरिका है। इसका आविष्कार “अन्तर्राष्ट्रीय YMCA” के शिक्षक डॉ० स्मिथ (Dr. Smith) ने सन् 1891 में स्प्रिंगफील्ड मैसाशसटस (Spring filed Massa Chussets U.S.A.) में किया था। इसके नियम बाद में संशोधित (Revised) किए गए, जिनके अन्तर्गत ‘गोल’ (Goals) को कोर्ट (Court) के ठीक बाहर रखा गया, शारीरिक सम्पर्क (Body Contact) को स्वीकृति नहीं दी गई तथा गेंद के साथ-साथ दौड़ने को ‘फाऊल’ (Foul) घोषित कर दिया गया। अनुभवहीन खिलाड़ियों को खेल में शामिल करने के प्रयोजन से खेल को अधिक सरल बनाया गया। डॉ० स्मिथ ने खेल क्षेत्र के दोनों ओर दो बाक्स (Reach Baskets) दोनों ओर एक-एक, एक निश्चित ऊंचाई पर टांग दिए तथा खिलाड़ियों को स्कोर के लिए गेंद उन बाक्सों में फेंकनी पड़ती थी।

अब गेंद के बाक्स से वापस आने की समस्या थी इसलिए ‘बाक्स’ के स्थान पर आज की तरह के ‘गोल’ प्रयोग किए गए। इस प्रकार यह खेल अमेरिका में शुरू हुआ तथा इसके नियमों को सन् 1934 में मानक (Standardized) रूप दिया गया।
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बॉस्केट बाल (Basket Ball) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
बॉस्केट बाल खेल में तकनीकी उपकरण (सामान) क्या-क्या होते हैं ?
उत्तर-
तकनीकी उपकरण (सामान)
(क) (1) खेल की घड़ी (गेम-वाच)
(2) टाइम-आऊट के लिए घड़ी (टाइम-आऊट वाच)-एक
(3) स्टाप घड़ियां (स्टाप वाचिज़)

  1. टाइम कीपर के पास कम-से-कम दो घड़ियां होनी चाहिएं और खेल घड़ी मेज़ पर रखी जाएगी।
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  2. स्कोर-शीट
  3. कम-से-कम 20 सम × 10 सम आकार के एक से पांच तक अंक-एक से चार तक के काले रंग के अंक तथा पांच के लिए लाल रंग के अंक।
  4. 24 सैकिंड नियम के प्रबन्ध के लिए एक योग्य यन्त्र जिसको खिलाड़ी और दर्शक देख सकें।
  5. सब को दिखाई देने वाला एक खेल अंक बोर्ड स्कोर बोर्ड होगा जिस पर दोनों टीमों के खेल अंक लिखे जाएंगे।
  6. स्कोरर के पास दो लाल झण्डे दोनों टीमों के फाऊल मार्कर के हाथ में होंगे। इसे आठ फाऊल एक अवधि में होने की अवस्था में इस टीम की तरफ लिया जाएगा तथा खिलाड़ियों, कोच साहिब और खेल अधिकारियों को दिखाई दे सकेगा।

टीमें-प्रत्येक टीम में दस खिलाड़ी होंगे और सात खिलाड़ी प्रतिस्थापन के लिए होते हैं। प्रत्येक खिलाड़ी की कमीज़ के सामने और पिछली ओर कमीज़ के रंग से अलग नम्बर लगे होते हैं। यह नम्बर 4 से 15 तक होते हैं।
एक टीम के सभी खिलाड़ी ऐसी कमीजें पहनेंगे जिनका रंग आगे और पीछे की ओर एक जैसा होगा।
खिलाड़ी द्वारा कोर्ट छोड़ना-जब तक मध्यान्तर (Interval) न हो जाए अथवा नियम स्वीकृति न दे कोई भी खिलाड़ी बिना अधिकारियों की आज्ञा के कोर्ट छोड़ कर बाहर नहीं जा सकता।
कप्तान-इसके अधिकार और कर्त्तव्य-केवल कप्तान की सूचना लेने के लिए या किसी तरह की व्याख्या के लिए अधिकारी से बातचीत कर सकता है। खिलाड़ी बदलने का अधिकार कोच या कोच के स्थान पर काम कर रहे अधिकारी का होता है। _खेल की अवधि-खेल 10-2-10-10-2-10 मिनट की चार अवधियों में खेला जाएगा। इन दोनों अवधियों में 10 मिनट का अवकाश होगा।

खेल का आरम्भ-खेल का आरम्भ रैफरी द्वारा किया जाएगा। वह दोनों विरोधियों के बीच केन्द्र में गेंद को ऊपर उछालेगा। खेल उस समय तक आरम्भ नहीं होगा जब तक एक टीम पांच खिलाड़ियों सहित मैदान में खेलने के लिए प्रस्तुत न हो जाए। यदि खेल आरम्भ होने के समय तक कोई अनुपस्थित टीम मैदान में नहीं पहंचती तो उसकी विरोधी टीम को वॉक ओवर मिल जाता है, अर्थात् उसे बिना खेल के ही विजयी घोषित कर दिया जाता है।

प्रश्न
जम्प बाल और जम्प बाल के समय फाऊल बताएं।
उत्तर-
जम्प बाल-जम्प बाल के समय दो कूदने वाले अर्द्ध-वृत्त के अन्दर पांव रख कर अपनी-अपनी बॉस्केट के समीप खड़े होंगे तथा उनका एक पांव बीच में पड़ी रेखा के केन्द्र के पास होगा। उस समय कोई अधिकारी गेंद को इतनी ऊंचाई से ऊपर फैंकेगा कि उनमें से कोई खिलाड़ी उछल कर गेंद न पकड़ सके और गेंद उन दोनों के मध्य में गिरे। कोई खिलाड़ी गेंद को उस समय तक थपथपाने का यत्न नहीं करेगा जब तक उसने अधिकतम ऊंचाई प्राप्त न कर ली हो। कूदने वाला खिलाड़ी केवल दो बार ही गेंद को थपथपा सकता है।
जिस समय जम्प बाल (Jump Ball) में नियम तोड़ा जाता है इसके दण्ड-स्वरूप पार्श्व रेखा (Side line) पर से थ्रो-इन (Throw-in) दी जाती है। यह अपने विरोधियों के लिए केन्द्र बिन्दु होता है।

कोच (Coach)-खेल के आरम्भ होने के निश्चित समय से लगभग 20 मिनट पहले कोच (Coach) फलांकन कर्ता (Scorer) को उन खिलाड़ियों के नाम और गिनती जिन्होंने खेल में खेलना है, के अतिरिक्त कप्तान, कोच और सहायक कोच के नाम देगा। _ खेल के आरम्भ होने से स्कोर शीट (Score-Sheet) पर यह हस्ताक्षर करके खिलाड़ियों के नाम और गिनती से अपनी सहमति प्रकट करेंगे और उसी समय पांच खिलाडियों के नाम बताएंगे जिन्होंने खेल आरम्भ करना है।
ए (A) टीम का कोच यह जानकारी पहले देगा।
नोट-ऐसा न करने पर और जिससे खेल आरम्भ होने में देरी हो, कोच पर तकनीकी फाऊल (Technical Foul) का दोष लग सकता है और खेल दो फ्री-थ्रो (Free Throws) करने के पश्चात् आरम्भ होगा।
गोल-जब गेंद बास्केट में ऊपर से जाकर रुक जाए या निकल जाए तब गोल बन जाता है। रेखा के क्षेत्र से किए गए गोल के दो अंक तथा फ्री-थ्रो द्वारा किए गए गोल का एक अंक होता है।
बिन्दु रेखा से परे फील्ड गोल लगाने के लिए प्रयत्न करने के तीन अंक दिए जाएंगे।

आक्रमण के समय बाधा उत्पन्न करना-जिस समय गेंद बॉस्केट के समतल के ऊपर से नीचे की ओर आती है तो कोई खिलाड़ी अपने सीमित क्षेत्र में न तो गेंद को छु सकता है और न ही वह इसे पकड़ सकता है चाहे वह गोल बनाने की कोशिश में हो।
प्रतिरक्षा के समय गेंद में बाधा-जब विरोधी खिलाड़ी गोल करने के लिए गेंद फेंकता है तथा सारी गेंद बॉस्केट के घेरे की सतह के ऊपर हो, उस समय जैसे ही गेंद नीचे
आना शुरू करे, प्रतिरक्षा खिलाड़ी उसको छूने की बिल्कुल कोशिश नहीं करेगा। उल्लंघन होने पर गेंद मृत (Dead) हो जाती है। यदि फ्री-थ्रो के समय उल्लंघन हो तो फेंकने वाले के पक्ष में एक अंक यदि गोल की चेष्टा के समय हो तो फेंकने वाले के पक्ष में जोड़ दिए जाते हैं।
गोल के पश्चात् गेंद खेल में-गोल बनाने के 5 सैकिंड बाद विरोधी टीम का कोई खिलाड़ी, कोर्ट के अन्त में, परिधि से बाहर किसी भी बिन्दु से, जहां गोल बना था, गेंद खेल में डालेगा।

पिवटिंग
(Pivoting)
जब गेंद पकड़े हुए कोई खिलाड़ी एक ही पैर से एक बार या अधिक बार किसी दिशा में बढ़ता (घूमता) है तो इसे “पिवटिंग” (Pivoting) कहते हैं। खिलाड़ी के दूसरे पैर को जो ज़मीन के साथ सम्पर्क में रहता है-‘पिवट’ कहा जाता है।
बॉस्केट बॉल में पिवटिंग अग्रलिखित तीन प्रकार की होती है—
1. स्थित पिवट (Stationary Pivot)—इस पिवट में-

  1. एक खिलाड़ी दोनों पैरों को ज़मीन पर टिकाए हुए गेंद प्राप्त करता है।
  2. यह रिबाउण्ड (Rebound) लेता है।
  3. हवा में पास (Pass) देता है तथा दोनों पैरों को एक साथ ही भूमि पर टिकाते हुए वापस आता है। चाहे पैर एक-दूसरे के समान्तर हैं अथवा एक पैर दूसरे के सामने है। खिलाड़ी किसी भी पैर का प्रयोग करते हुए पिवट (रिवर्स अथवा रेयर पिवट) ले सकता है। यदि कोई खिलाड़ी ड्रिबलिंग (Dribbling) कर रहा है अर्थात् वह गतिशील है तो वह गेंद प्राप्त करके एक पैर को दूसरे पैर के सामने रखते हुए तथा सामने वाले पैर को किसी भी दिशा में गतिशील करते हुए स्ट्राइड स्टॉप (Stride Stop) में आ जाता है। इस पिवट का प्रयोग विपक्ष के खिलाड़ी से दूर जाने तथा अपने ही किसी साथी को खेल में लाने के लिए किया जाता है।

सामने या भीतरी पिवट
(Front or Inside Pivot)
इसकी तकनीक वही है जो रेयर पिवट (Rare Pivot) की है किन्तु इसमें अपने सामने के विपक्षी खिलाड़ी की तरफ टर्न (Turn) लिया जाता है अर्थात् गेंद पकड़े हुए खिलाड़ी एक पैर को आगे रख कर खड़ा होता है तथा दूरवर्ती पैर को विपक्षी खिलाड़ी के लगभग निकट रखते हुए अपने सामने के पैर पर पिवट लेता है।

आधिकारिक संकेत
(Official Signals)

  1. जब स्वतन्त्र थ्रो की संख्या का संकेत देता हो तो उंगलियों को अपने चेहरे की ऊंचाई पर रख कर कलाई से नीचे की ओर बार-बार गति दी जाती है।
  2. टाइम चार्ज (Charged Time Out) के लिए अधिकारी अपनी हथेली पर उंगलियों से T का चिह्न बनाता है।
  3. जम्प बॉल (Jump Ball) के संकेत के लिए अधिकारी अपने दोनों अंगूठे ऊपर करते हैं।
  4. त्रुटिपूर्ण ड्रिबल (Illegal dribble) के लिए वह Patting motion देता है।
  5. तीन सैकेण्ड के नियम (Three second rule) का उल्लंघन होने पर अधिकारी अपनी तीन उंगलियों (अंगूठा सहित) को साइड की तरफ करके संकेत करता है।
  6. किसी क्षेपण को निरस्त (Cancellation of a throw) करने के लिए अधिकारी अपने बाजुओं को अपने शरीर पर स्थानान्तरित करता है।
  7. स्टैपिंग (Stepping or travelling) के संकेत के लिए अधिकारी अपनी मुट्ठी घुमाता है।
  8. व्यक्तिगत फाऊल के लिए रैफरी बन्द मुट्ठी (Close fist) द्वारा संकेत करता है।
  9. व्यक्तिगत फाऊल की स्थिति में यदि कोई स्वतन्त्र क्षेपण न देता हो तो अधिकारी अपनी उंगली को साइड रेखा की तरफ कर देता है।
  10. किसी तकनीकी फाऊल का संकेत देने के लिए अधिकारी खुली हथेली से ‘T’ बनाता है तथा उसे दूसरी हथेली पर दिखाता है।
  11. दोहरे फाऊल के संकेत के लिए वह अपनी बन्द मुट्ठियों को अपने सिर के ऊपर हिलाता है।
  12. जानबूझ कर किए गए फाऊल के लिए रैफरी अपनी मुट्ठियों को बन्द रखते हुए अपनी कलाई को पकड़ कर संकेत करता है।
  13. धकेलने तथा चार्जिंग के संकेत के लिए रैफरी धकेलने जैसी नकल करता है।
  14. सीमाओं के उल्लंघन के लिए रैफरी हाथ हिला कर सीमा के बाहर संकेत करता है तत्पश्चात् उस टीम की बॉस्केट की तरफ संकेत करता है-जिसे “आऊट ऑफ़ बाऊण्ड-बॉल” दी गई है।
  15. टाइम आऊट के लिए अधिकारी सिर के ऊपर खुली हथेली से संकेत करता है।

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प्रश्न
बॉस्केट बाल खेल के विभिन्न पासों के विषय में लिखें ।
उत्तर-
पास के प्रकार
(Types of Passes)
पासिंग (Passing)-बॉस्केट बॉल के खिलाड़ी को उन सभी प्रकार के पास (Passes) देने में निपुण होना चाहिए जिनका प्रयोग गेंद को अपने साथी को देने के लिए विपक्षी खिलाड़ी के ऊपर से, नीचे से अथवा उसके पास से फेंका जाता है।

पास देने के लिए आवश्यक बातें
(Some Essentials of Passing)
पास देने के लिए कुछ आवश्यक बातें निम्नलिखित हैं—

  1. पास देने से पहले सामने देखने की आदत बनाओ।
  2. पास प्राप्त करने वाले साथी की दूरी का अनुमान लगाना तथा साथ ही यह अनुमान भी लगाना कि कितने समय में गेंद उसके पास पहुंचेगी।
  3. पास करने से पहले विपक्षी खिलाड़ी की स्थिति का अनुमान लगाना। (4) “पास” सही तथा शीघ्र होना चाहिए।

दो हाथ का छाती वाला या पुश पास
(Two Handed Chest Pass or Push Pass)
बॉस्केट बॉल में यह सबसे अधिक प्रयुक्त होने वाला पास है। कम या मध्यम दूरियों के लिए इस पास का प्रयोग होता है तथा इसमें कलाई द्वारा अतिरिक्त शक्ति लगाई जाती है। गेंद को छाती की ऊंचाई पर लाना चाहिए ताकि इसे सरलता से प्राप्त (Catch) किया जा सके। पास देने के लिए गेंद को छाती के सामने दोनों हाथों में पकड़ा जाता है, कोहनियां काफ़ी दूर होती हैं ताकि गति में अवरोध न हो। इस स्थिति में खिलाड़ी गेंद को पास, शूट या स्टार्ट (Pass, Shoot or Start) कर सकता है। भुजाओं को फैला कर तथा हथेली को पास की दिशा में घुमाकर गेंद को शक्ति के साथ आगे की ओर धकेलना चाहिए।

दो हाथ का बाउन्स पास (Two Handed Bounce Pass) यह पास भी लगभग “Chest Pass” की तरह ही है। इसमें गेंद को ठीक पहले की तरह ही फेंका जाता है किन्तु इसे ज़मीन की तरफ प्राप्तकर्ता खिलाड़ी के यथासम्भव निकट फेंकते हैं ताकि वह गेंद को घुटनों तथा कमर के बीच किसी ऊंचाई पर प्राप्त करके ले। “बाउन्स पास” का प्रयोग साधारणतया छोटी दूरियों के लिए किया जाता है। बाउन्स पास देने के लिए गेंद को अपनी छाती या कभर की ऊंचाई पर दोनों हाथों में पकड़े कोहनियों को सीधा करें तथा हथेली से शक्ति के साथ गेंद को ज़मीन की तरफ इस प्रकार फेंको कि विपक्षी के पास से होकर जैसे ही गेंद जमीन को छुए, वह उछल कर प्राप्तकर्ता के हाथ में गिरे।

दो हाथों का अण्डर हैण्ड पास
(Two Handed Under Hand Pass)
इसे शौवल पास (Shoval Pass) भी कहते हैं। यह तब प्रयोग किया जाता है जब खिलाड़ी (Passer) अपने साथी खिलाड़ी के निकट ही हो। गेंद शीघ्र देने के लिए यह एक छोटा पास है। यह पास देने के लिए कोहनियों को बाहर की तरफ़ मोड़ते हुए दाएं या बाएं तरफ से दोनों हाथों का प्रयोग करो। दाईं साइड के पास के लिए बायां तथा बाईं साइड के पास के लिए तुम्हें दायां पैर आगे धकेलना चाहिए।

बेस बॉल पास
(Base Ball Pass)
यह पास बहुत प्रभावशाली है। इसका प्रयोग गेंद को पिवट खिलाड़ी (Pivot Player) को देने अथवा लम्बा पास देने के लिए होता है। सुविधा के अनुसार दायां या बायां हाथ प्रयोग किया जा सकता है। पास को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए गेंद को अपने कन्धों के ऊपर तथा दाएं कान के निकट रखो। अब गेंद को पूरी शक्ति के साथ आगे फेंको। इस पूरी क्रिया में तुम्हारा दायां हाथ पीछे रहना चाहिए। इस पास में देखने की महत्त्वपूर्ण बात यह है कि गेंद को कलाई (न कि बाजुओं) की मदद से कितनी शक्ति से धकेला जाता है।

दो हाथों वाला साइड पास
(Two Handed Side Pass)
सिवाय हाथों की स्थिति के, यह पास “बेस बॉल पास” की तरह ही है। इसमें हाथों को गेंद के दोनों तरफ फैलाना चाहिए। इसे हुक के दाएं या बाएं किसी तरफ से भी खेला जा सकता है।
बैक पास
(Back Pass)
अपने असुरक्षित साथी (Unguarded) को गेंद देने के लिए यह सर्वोत्तम पास है। इसमें गेंद को पीछे से, कलाई से तथा उंगलियों की मदद से पास किया जाता है। क्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए कूल्हों (Hips) को थोड़ा हिलाया जा सकता है। किसी भी हाथ से यह पास प्रभावशाली ढंग से दिया जा सकता है।

एक हाथ का बाऊन्स पास
(One Handed Bounce Pass)
यह दाएं या बाएं हाथ से दिया जाता है। इसका प्रयोग दो स्थितियों में किया जाता है।

  1. जब “गार्ड” खिलाड़ी (Guard Player) पासर खिलाड़ी (Passer Player) को बहुत निकट से गार्ड कर रहा है।
  2. जब गतिशील प्राप्तकर्ता खिलाड़ी बहुत निकट से गार्ड किया जा रहा हो।

इस ‘पास’ की तकनीक स्थिति के साथ बदलती रहती है। पहली स्थिति में पास को प्रभावशाली बनाने के लिए इसे शीघ्रता से तथा अकस्मात् (Suddenness and Surprise) किया जाता है। इसकी साधारण विधि में इसे शुरू करके आवश्यकतानुसार किसी भी साइड में शीघ्रता से हट जाना होता है। ठीक उसी समय गार्ड खिलाड़ी से बचने के लिए बाजू को कदम की दिशा में बढ़ा कर गेंद प्राप्तकर्ता की तरफ आवश्यकतानुसार स्विग (Swing) के साथ उछाल दिया जाता है। दूसरे प्रकार का ‘एक हाथ वाला पास’ तब आवश्यक होता है जब दौड़ता हुआ प्राप्तकर्ता (Receiver) खिलाड़ी बहुत निकट से गार्ड हो रहा हो। इस स्थिति में ‘गार्ड’ द्वारा इसी प्रकार का सीधा पुश पास प्रयोग करना सम्भावित है। इस पास (Pass) को फेंकने के लिए गेंद को थोड़ा-सा कन्धों के ऊपर कानों के पास रखा जाता है। इसके बाद बाजू को आगे तथा नीचे की तरफ इस तरह फैलाया जाता है कि गेंद को सामने स्विंग किया जा सके परन्तु गेंद ‘गार्ड’ (जो प्राप्तकर्ता को कवर किए हैं) की पहुंच के बाहर होनी चाहिए।

फ्लिप पास
(Flip Pass) ‘फ्लिप पास’ का प्रयोग गेंद को निकट से ‘पास’ के लिए किया जाता है। यह आवश्यकतानुसार दोनों हाथों से या एक हाथ से किया जा सकता है। थोड़ी दूरी पर खड़े खिलाड़ी को गेंद फ्लिप करने के लिए झुकी हुई कलाई (Flexed Wrist) का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि यह एक छोटा ‘पास’ है गेंद को केवल कलाई द्वारा ही ‘फ्लिप’ किया जाता है ताकि गेंद को केवल इतना बल ही मिले कि प्राप्तकर्ता इसे सरलता से तथा निश्चित रूप से दबोच सके। क्योंकि दूरी कम होती है इसलिए प्रतिपक्षी खिलाड़ी इसे रोक नहीं सकता तथा प्राप्तकर्ता इसे सरलता से पकड़ लेता है।

एक हाथ का साइड पास
(One Handed Side Pass)
जब अधिक शुद्धता (Accuracy) तथा गति (Speed) की आवश्यकता न हो तो उस स्थिति में यह ‘पास’ प्रयोग किया जाता है। इस पास की तकनीक इस प्रकार है—
गेंद को अपने हाथों में पकड़ो, हाथों की उंगलियां अच्छी तरह फैली हुई हों ताकि पूरे गेंद को ढक सकें। अपने शरीर को थोड़ा-सा घुमाते हुए गेंद को दाएं कान के पास ले जाओ। कोहनियों को खोलते हुए तथा उसी समय बाएं पैर को आगे बढ़ाओ। कोहनी को नीचे की तरफ खोलते हुए दाएं हाथ से गेंद को आगे की ओर फेंको। विश्राम सहित (Relaxed) शरीर तथा कलाई द्वारा इसका पीछा करो। पास देते समय बाईं भुजा, दाईं भुजा की मदद करती है। परन्तु बाईं कोहनी छाती की ऊंचाई पर मुड़ी रहती है।

टिप अर्थात् वॉली पास
(Tip or Volley Pass)
किसी दिशा में भी एक कदम लेकर फ्रन्ट लाइन की स्थिति से यह पास दिया जा सकता है। गेंद पकड़ते समय एक हाथ गेंद के नीचे तथा दूसरा उसकी मदद करते हुए होता है। गेंद को उंगलियों के सिरों से या कलाई द्वारा फ्लिप करके थोड़ी दूर पर खड़े अपने साथी खिलाड़ी को लुढ़का दिया जाता है।

पासिंग क्रिया की आवश्यक बातें
(Some Hints on Passing Strategy)

  1. ‘पासर’ खिलाड़ी को प्राप्तकर्ता खिलाड़ी की स्थिति तथा उसके द्वारा की जाने वाली सम्भावित कार्यवाही का पूर्व अनुमान लगा लेना चाहिए।
  2. पास देते समय शीघ्रता नहीं करनी चाहिए विशेषकर जब उसका साथी विपक्षी खिलाड़ियों से घिरा हुआ हो।
  3. टीम का आफैन्स (Offence) मुख्य रूप से छोटे पासों (Short Passes) पर ‘निर्भर होता है।

बॉस्केटबाल में प्रयुक्त शब्दावली
पिछला कोर्ट-कोर्ट का आधा भाग जहां से आक्रामक टीम आती है। अन्य शब्दों में, वह अर्द्ध भाग है जिसमें कि बॉस्केट होती है जिसको उन्होंने बचाना होता है।
ब्लाईंड पास–एक दिशा में देखते हुए बाल को पृथक् दिशा का प्रयोग करते हुए दूसरी दिशा में पास देना।
स्पष्ट शॉट-यह शॉट जो बोर्डों या रिंग को बिना छुए सीधा बॉस्केट में जाता है।

क्षेत्र से क्षेत्र की प्रतिरक्षा (Zone to Zone defence) यह एक प्रकार की प्रतिरक्षा प्रणाली है जिसमें खिलाड़ी किसी क्षेत्र की केवल प्रतिरक्षा के ज़िम्मेदार होते हैं। इनका ध्यान केवल गेंद की तरफ होता है, प्रतिपक्षी खिलाड़ी की तरफ नहीं।
खिलाड़ी से खिलाड़ी की प्रतिरक्षा (Man to Man defence)-यह वह प्रतिरक्षा प्रणाली है जिसमें प्रत्येक खिलाड़ी की ज़िम्मेदारी किसी विशेष शत्रु खिलाड़ी से प्रतिरक्षा की होती है।
मिश्रित प्रतिरक्षा (Combined defence)—यह प्रतिरक्षा प्रणाली दोनों प्रणालियों ‘क्षेत्र से क्षेत्र’ तथा ‘खिलाड़ी से खिलाड़ी’ का मिश्रण है।
कट इन (Cut in)-किसी खिलाड़ी का दो या अधिक शत्रु खिलाड़ियों के मध्य से होकर गेंद प्राप्त करने के लिए किसी बॉस्केट की ओर तेज़ी से भागना ‘कट इन’ कहलाता है।

चार्जिंग (Charging)-किसी खिलाड़ी के साथ अनावश्यक शारीरिक सम्पर्क। किसी खिलाड़ी के बीच से निकलना तथा उससे बचने की कोशिश करना।
फाऊल आऊट (Fouled Out)-पांच फाऊलों के बाद खिलाड़ी को क्षेत्र से बाहर कर दिया जाता है। इसे फाऊल आऊट कहते हैं।
फ्रीज या हैल्ड गेंद (Freeze or Held ball)-गेंद को बजाय खेलने की कोशिश करने के उसे अपने पास ही रख लेना।
ओवर लोडिंग (Over Loading)-‘क्षेत्र से क्षेत्र प्रतिरक्षा’ के विरुद्ध विरोधी खिलाडियों की आक्रामक प्रणाली। इस हेतु एक ही तरफ अधिक आक्रामक खिलाड़ियों को खड़े करने की प्रणाली को ओवरलोडिंग कहा जाता है।
पोस्ट खिलाड़ी (Post Player)—स्वतन्त्र थ्रो के क्षेत्र में खड़े आक्रामक खिलाड़ी को पोस्ट खिलाड़ी कहते हैं।
स्क्रीन (Screen)-जब कोई खिलाड़ी अपने साथी की रक्षा के लिए उसके गार्ड के मार्ग में स्वयं को खड़ा कर लेता है।
खेल का निर्णय-खेल में अधिक अंक प्राप्त करने वाली टीम को विजयी घोषित किया जाएगा।

खेल का अधिकार छिन जाना—मध्यान्तर या टाइम-आऊट के पश्चात् यदि कोई टीम रैफरी के बुलाने के बाद एक मिनट के अन्दर खेल के लिए मैदान में नहीं उतरती तो गेंद खेल में लाई जाएगी और अनुपस्थित टीम खेल अधिकार खो देगी। यदि खेल के दौरान किसी टीम के खिलाड़ियों की संख्या दो से कम रह जाए तो खेल समाप्त हो जाएगा और टीम भी खेल अधिकार खो देगी।

स्कोर तथा अतिरिक्त समय—यदि दूसरे खेल अर्द्धक की समाप्ति तक दोनों टीमों के अंक बराबर हों तो पांच मिनटों की अधिक अवधि दी जाएगी और ऐसी अवधि जब तक खेल का फैसला न हो, दी जाएगी। अतिरिक्त समय में बॉस्केट के चुनाव के लिए टॉस होगा और उसके बाद प्रत्येक अतिरिक्त समय के लिए बॉस्केट बदल लिया जाएंगे।
टाइम-आऊट-मध्यान्तर तक प्रत्येक टीम को दो टाइम-आऊट मिल सकते हैं तथा अतिरिक्त समय में एक टाइम-आऊट मिल सकता है। किसी खिलाड़ी को चोट लगने की दशा में एक मिनट का टाइम-आऊट मिलता है। यदि इस बीच घायल खिलाड़ी ठीक नहीं होता तो उसकी जगह नया खिलाड़ी ले लिया जाता है।

खेल की समाप्ति-टाइम कीपर द्वारा खेल की समाप्ति की सूचना दिए जाने पर खेल समाप्त कर दिया जाएगा।
खिलाड़ी का बदलना-स्थानापन्न खिलाड़ी (Substitute Player) मैदान में उतरने से पहले स्कोरर के पास रिपोर्ट करेगा और तुरन्त खेलने के लिए प्रस्तुत रहेगा। अधिकारी का संकेत पाते ही मैदान में तुरन्त उतरेगा। स्थानापन्न को मैदान में उतरने के लिए 20 सैकिंड से अधिक समय नहीं लगना चाहिए। यदि उसे अधिक समय लगता है तो टाइमआऊट माना जाएगा और विरोधी दल के विरुद्ध अंकित कर दिया जाएगा।

मृत गेंद (Dead Ball)—गेंद उस समय भी मृत होती है जब गेंद जो पहले ही गोल के लिए शॉट (Shot) के लिए उड़ान में होती है और खिलाड़ी के द्वारा उस समय के पश्चात् छुई जाती है जब बाधा या फाऊल समय पूरा हो चुका होता है या जब फाऊल बुलाया जा चुका होता है। (ऊपर की ओर उड़ान में जब गेंद को छुआ जाता है, बॉस्केट यदि असफल हो, नहीं गिनी जाती।)

बॉस्केट बाल (Basket Ball) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
बास्केट बाल खेल में तीन सैकिण्ड, पांच सैकिण्ड, आठ सैकिण्ड और चौबीस सैकिण्ड नियम क्या हैं ?
उत्तर-
तीन सैकिण्ड नियम-जब गेंद किसी टीम के अधिकार में हो तो उस टीम का कोई भी खिलाड़ी विरोधी टीम के प्रतिबद्ध क्षेत्र में तीन सैकिण्ड से अधिक नहीं रहेगा। पांच सैकिण्ड नियम-जब पास का कोई रक्षक खिलाड़ी गेंद को खेलने से रोकता है और वह पांच सैकिण्ड के अन्दर गेंद को खेल में डालने की कोई सामान्य कोशिश नहीं करता तो वह ब्लॉकिंग कहलाता है।
आठ सैकिण्ड नियम -जब किसी टीम को मैदान के पिछले भाग में गेंद प्राप्त हो जाता है तो उसे आठ सैकिण्ड के अन्दर गेंद को अगले भाग में डालना पड़ता है।
चौबीस सैकिण्ड नियम-नये नियम के अनुसार पार्श्व रेखा (Side line) पर आऊट ऑफ बाऊंड्ज़ (Out of bounds) से थ्रो-इन के पश्चात् एक नई चौबीस (26) सैकिण्ड की अवधि तब तक आरम्भ नहीं होती जब तक

  1. गेंद आऊट ऑफ बाऊंड्ज़ (Out of bounds) नहीं जाती है और उसी टीम के खिलाड़ी के द्वारा थ्रो-इन नहीं ली जाती।
  2. अधिकारी (Officials) ने किसी आहत को बचाने के लिए खेल को रोक (Suspend) कर दिया हो और आहत खिलाड़ी वाली टीम के खिलाड़ी ने थ्रो-इन (Throw-in) ली हो।

24 सैकिण्ड आप्रेटर (Operator) उस समय से घड़ी को रोके हुए समय से चलाये जब तक वह टीम थ्रो-इन (Throw-in) किये जाने के पश्चात् पुनः काबू पा लेती है।
फाऊल के बाद गेंद खेल में-जब गेंद किसी फाऊल के साथ खेल से बाहर हो जाए तो इस स्थिर गेंद को—

  1. बाहर से थ्रो करके, या
  2. किसी एक वृत्त में जम्प बाल द्वारा, या
  3. एक या अधिक फ्री-थ्रो द्वारा फिर खेल में लाया जाएगा।

थो-इन-जब किसी नियम का उल्लंघन हो जाए तो गेंद स्थिर समझी जाती है और विरोधी टीम को साइड-लाइन के समीपवर्ती बिन्दु से थ्रो-इन के लिए दी जाती है।।
अब नियम उस खिलाड़ी को आज्ञा देता है जिसने थ्रो-इन (Throw-in) करना है कि वह समाप्ति रेखा (End line) को छुए और यह नियम का उल्लंघन नहीं है।
फ्री-थो-जिस खिलाड़ी पर फाऊल किया गया हो वह फ्री-थ्रो लेता है परन्तु किसी तकनीकी फाऊल होने की दशा में कोई भी खिलाड़ी फ्री-थ्रो ले सकता है। जब फ्री-थ्रो ली जाती है, तो खिलाड़ियों की स्थिति इस प्रकार होती है—

  1. विरोधी टीम के दो खिलाड़ी बॉस्केट के समीप खड़े होंगे।
  2. अन्य खिलाड़ी भिन्न-भिन्न पोजीशन लेंगे।
  3. बाकी के खिलाड़ी कोई भी और पोजीशन ले सकते हैं परन्तु वे फ्री-थ्रो के समय बाधक नहीं बनने चाहिएं।

फ्री-थ्रो के उल्लंघन-फ्री-थ्रो करने वाले सैकिण्ड खिलाड़ी के अधिकार में गेंद देने के पश्चात्

  1. इन पांच सैकिण्ड के अन्दर गेंद को इस तरह फेंकेगा कि खिलाड़ी द्वारा छुए जाने से पहले गेंद बॉस्केट में चली जाए या घेरे का स्पर्श कर ले।
  2. गेंद के बॉस्केट की ओर जाते समय या अन्दर पहुंचने पर न तो वह और न ही कोई दूसरा खिलाड़ी गेंद या बॉस्केट को छुएगा।
  3. वह फ्री-थ्रो लाइन या उसके परे भूमि को छुएगा और न ही किसी टीम का कोई दूसरा खिलाड़ी फ्री-थ्रो लाइन को छुएगा या फ्री-थ्रो करने वाले खिलाड़ी को बाधा पहुंचाएगा।

खेल को प्रतिबन्धित करना (Game to be Forefeited)-नये नियम के अनुसार रैफरी को अब यह आवश्यक नहीं है कि वह गेंद को उस विधि से खेल में रखे जैसे कि दोनों टीमें फर्श पर खेलने के लिए और खेल को प्रतिबन्धित करने के लिए तैयार हों। अब रैफरी के खेल में बुलाने के पश्चात् यदि एक टीम खेलने से इन्कार कर देती है तो खेल प्रतिबन्धित हो जाता है।
गेंद का पिछली कोर्ट को वापिस जाना (Ball Return to Back Court)-नये नियम के अनुसार गेंद को टीम ए (A) को पिछली कोर्ट की ओर भेजा जाता है, शर्त यह है कि इसको टीम ए (A) का एक खिलाड़ी छूता है जबकि टीम ‘A’ सामने की कोर्ट में गेंद को नियन्त्रित रखती है। इसके अनुसार A, खिलाड़ी को छूना जबकि गेंद टीम ए के सामने की कोर्ट में टीम बी (B) के नियन्त्रण में है। यदि गेंद टीम ए (A) के सामने की कोर्ट में जाता है उसको ऐसा नहीं समझा जाता है कि पिछली कोर्ट में जाने दिया जाए।
इसके आगे केन्द्र (Mid-Point) से थ्रो-इन (Throw-in) के बीच अधिकारी (Official) यह निश्चित बताएगा कि खिलाड़ी बढ़ाई गई पार्श्व रेखा (Side-line) के दोनों ओर एक पैर रख कर पोजीशन स्थापित करता है।

आऊट आफ बाऊंड खेल पर नियम का उल्लंघन (Violation on out of bounds play)-यह नियम को तोड़ना नहीं है जबकि थ्रो-इन (Throw-in) दी गई है, खिलाड़ी गेंद को छोड़ते समय लकीर पर पांव रखता है।
दण्ड—

  1. फ्री-थ्रो करने वाले खिलाड़ी द्वारा उल्लंघन होने पर कोई अंक रिकार्ड न होगा। फ्री-थ्रो करने वाले खिलाड़ी के विपक्षी की गेंद फ्री-थ्रो लाइन के सामने दे दी जाएगी।
  2. फ्री-थ्रो करने वाले खिलाड़ी को टीम के अन्य खिलाड़ी द्वारा नियम का उल्लंघन होने पर भी अंक रिकार्ड होगा। यदि नियम (ख) का बन दोनों टीमों द्वारा होता है तो कोई अंक दर्ज नहीं होगा और फ्री-थ्रो लाइन पर जम्प बाल द्वारा खेल जारी किया जाएगा।
  3. यदि नियम (ग) का उल्लंघन फ्री-थ्रो करने वाले खिलाड़ी के साथी द्वारा होता है तथा फ्री-थ्रो सफल हो जाती है तो उल्लंघन की उपेक्षा करके गोल गिन लिया जाएगा और उसका दण्ड दिया जाएगा।
  4. यदि (ग) नियम का उल्लंघन फ्री-थ्रो करने वाले खिलाड़ी के विरोधियों से होता है तो फ्री-थ्रो सफल होने पर उल्लंघन की उपेक्षा करके गोल गिना जाएगा।
  5. यदि नियम (ग) का उल्लंघन दोनों टीमों द्वारा होता है और फ्री-थ्रो सफल हो जाती है तो उल्लंघन की उपेक्षा करके गोल गिना जाएगा। फ्री-थ्रो सफल न होने की दशा में फ्री-थ्रो लाइन पर जम्प बाल के साथ खेल पुनः जारी किया जाएगा।

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प्रश्न
बॉस्केट बाल खेल में खिलाड़ी के तकनीकी फाऊल लिखें।
उत्तर-
खिलाड़ी द्वारा तकनीकी फाऊल-कोई भी खिलाड़ी अधिकारियों द्वारा दी गई चेतावनी की अवहेलना नहीं करेगा और न ही ऐसा व्यवहार करेगा जो एक खिलाड़ी को शोभा न दे, जैसे—

  1. अधिकारी को अपमानजनक ढंग से सम्बोधित करना या मिलना।
  2. असभ्य व्यवहार करना।
  3. विरोधी खिलाड़ी को तंग करना या उसकी आंखों के आगे हाथ करके उसे देखने में रुकावट डालना।
  4. खेल को अनुसूचित ढंग से विलम्बित करना।
  5. फाऊल का संकेत मिलने पर ठीक ढंग से बाजू न उठाना।
  6. स्कोरर या रैफरी को बिना सूचित किए अपना नम्बर बदलना।
  7. स्कोरर को सूचित किए बिना स्थानापन्न (Substitute) की तरह कोर्ट में प्रवेश करना।

दण्ड-प्रत्येक अपराध को एक फाऊल माना जाएगा और प्रत्येक फाऊल के लिए विरोधी को दो फ्री-थ्रो दी जाएंगी। इस नियम का बार-बार उल्लंघन किए जाने पर खिलाड़ी को अयोग्य घोषित करके खेल से निकाल दिया जाएगा।
कोच का स्थानापन्न (Substitute) द्वारा तकनीकी फाऊल-कोई कोच या स्थानापन्न बिना अधिकारी की आज्ञा के कोर्ट में दाखिल नहीं हो सकता, न ही कोर्ट के कार्यों को जानने के लिए अपना स्थान छोड़ सकता है और न ही किसी अधिकारी या विरोधी को अपमानजक ढंग से बुला सकता है।

दण्ड-कोच द्वारा इस नियम का उल्लंघन करने पर उसके नाम फाऊल दर्ज किया जाएगा। प्रत्येक अपराध के लिए एक फ्री-थ्रो दी जाएगी और बाल उसी टीम को केन्द्रीय रेखा पर थ्रो-इन करने के लिए मिलेगा। इस नियम के बार-बार उल्लंघन किए जाने पर कोच को क्षेत्र की सीमाओं से बाहर निकाला जा सकता है।
निजी फाऊल-निजी फाऊल उस खिलाड़ी का होता है तो विरोधी खिलाड़ी को ब्लॉक करता है, पकड़ता है, धक्का देता है तथा उस पर आक्रमण करता है।
दण्ड-यदि शूटिंग करते समय खिलाड़ी पर फाऊल देता है तो—

  1. यदि गोल हो जाता है तो उसकी गिनती की जाएगी और एक फ्री-थ्रो दी जाएगी।
  2. यदि गोल (2 अंक) असफल हो, दो फ्री-थ्रो (Free Throw) दिए जाएंगे।
  3. यदि गोल (Goal) के लिए शाट (Shot) असफल होता है तो तीन फ्री-थ्रो (Free Throws) दिये जाएंगे।

जानबूझ कर (साभिप्राय) फाऊल-यह वह शारीरिक फाऊल है जो किसी खिलाड़ी द्वारा जानबूझ कर दिया जाता है। जो खिलाड़ी बार-बार साभिप्राय फाऊल करता है उसे अयोग्य करार देकर खेल से निकाला जा सकता है।
दण्ड-अपराधी पर शारीरिक फाऊल का दोष लगाया जाएगा और दो फ्री-थ्रो दिए जाएंगे। यदि यह फाऊल ऐसे खिलाड़ी पर होता है तो गोल बनाता है तो यह गोल माना जाएगा और एक अतिरिक्त फ्री-थ्रो दी जाएगी।
डबल फाऊल-डबल फाऊल उस स्थिति में होता है जब दो खिलाड़ी एक-दूसरे के प्रति लगभग एक ही समय फाऊल करते हैं। डबल फाऊल होने पर निकटतम वृत्त से जम्प बाल द्वारा खेल पुनः शुरू करवा दी जाएगी।
बहुपक्षीय (Multiple) फाऊल-बहुपक्षीय फाऊल उस समय होता है जब एक टीम के दो या तीन खिलाड़ी एक ही विरोधी खिलाड़ी पर निजी फाऊल कर देते हैं।
इस स्थिति में प्रत्येक अपराधी खिलाड़ी पर एक फाऊल लगेगा और जिस खिलाड़ी के प्रति अपराध हुआ है उसे दो फ्री-थ्रो दी जाएगी। यदि फेंकने की प्रक्रिया में किसी खिलाड़ी के प्रति फाऊल हुआ है तो गोल बनने पर किया जाएगा और एक फ्री-थ्रो दी जाएगी।

पांच फाऊल-यदि कोई खिलाड़ी पांच फाऊल (निजी या तकनीकी) करता है तो उसे नियमानुसार बाहर निकाल देना चाहिए।
तीन और दो नियम (Three for two Rule)-जब खिलाड़ी गोल करने लगा हो तो उस पर विरोधी टीम का खिलाड़ी फाऊल कर दे और यदि गोल बन जाए तो एक और फ्री-थ्रो मिलेगा। गोल न होने की अवस्था में दोनों फ्री-थ्रो में से एक भी न होने पर अतिरिक्त फ्री-थ्रो मिलेगा।
चयन का अधिकार (Right of Option) केन्द्र बिन्दु (Mid Point) से थ्रो-इन के लिए चयन का अधिकार एक, दो और तीन थ्रो की दशा में लागू होता है। चयन करने से पहले कप्तान को कोच के साथ संक्षिप्त परामर्श करने की आज्ञा होती है।
टीम के द्वारा चार फाऊल (Four fouls by the Team)-जब टीम किसी अवधि में चार खिलाड़ियों का फ़ाऊल (निजी और तकनीकी) कर चुकती है, इस अवधि समय में सभी बाद के खिलाड़ियों को फाऊल होने पर दो फ्री-थ्रो मिलती है।

बॉस्केट बाल (Basket Ball) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

PSEB 10th Class Physical Education Practical बॉस्केट बाल (Basket Ball)

प्रश्न 1.
बास्केट-बाल टीम में कितने खिलाड़ी होते हैं ?
उत्तर-
बास्केट-बाल टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं जिनमें 5 खिलाड़ी खेलते हैं और 7 खिलाड़ी अतिरिक्त (Substitutes) होते हैं।

प्रश्न 2.
बास्केट-बाल का कोर्ट बनाओ और लम्बाई-चौड़ाई बताओ।
उत्तर-
बास्केट-बाल कोर्ट की लम्बाई 28 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर होती है। इसकी लम्बाई 2 मीटर और चौड़ाई एक मीटर कम की जा सकती है।

प्रश्न 3.
बास्केट-बाल के खेल का कितना समय होता है ? बराबर की स्थिति में आप क्या करोगे ?
उत्तर-
बास्केट-बाल खेल का समय 10-2-10,-10-10-2-10 मिनट की चार अवधियों का होता है। बराबर की स्थिति में 5-2-5 मिनट दिए जाते हैं। यदि फिर भी बराबर रह जाए तो 5-5 मिनट दिए जाते हैं। परन्तु आराम का समय नहीं होता। 5 मिनट के पश्चात् केवल साइड ही बदलते हैं। उतनी देर तक 5-5 मिनट दिए जाएंगे जब तक फैसला नहीं होता।

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प्रश्न 4.
बास्केट-बाल के खेल में हार-जीत का फैसला कैसे होता है ?
उत्तर-
बास्केट-बाल में हार-जीत का फैसला इस प्रकार होता है कि जो टीम अधिक प्वाईंट बना लेती है उसे विजयी घोषित किया जाता है।

प्रश्न 5.
बास्केट-बाल के खेल में कितने फाऊल होते हैं ?
उत्तर-
बास्केट-बाल में 5 फाऊल होते हैं; जैसे—

  1. निजी फाऊल (Personal Foul)
  2. तकनीकी फाऊल (Technical Foul)
  3. दोहरा फाऊल (Double Foul)
  4. बहुमुखी फाऊल (Multiple Foul)
  5. जानबूझ कर फाऊल (Attentional Foul)

प्रश्न 6.
खिलाड़ी को कितने फाऊलों के बाद टीम में से निकाला जाता है ?
उत्तर-
बास्केट-बाल के खेल में जब एक खिलाड़ी पांच फाऊल कर देता है तो उसको टीम से बाहर निकाल दिया जाता है।

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प्रश्न 7.
बास्केट-बाल की खेल में टाइम आऊट कितने होते हैं ? उनका समय बताओ।
उत्तर-
बास्केट-बाल के खेल में दो टाइम आऊट आराम से पहले दोनों अवधियों में और दो बाद में लिए जाते हैं। टाइम आऊट का समय एक मिनट का होता है।

प्रश्न 8.
कितने खिलाड़ियों को बास्केट-बाल के खेल में बदला जा सकता है और कितना समय लिया जाता है ?
उत्तर-
बास्केट-बाल के खेल में किसी समय भी खिलाड़ी को बदला जा सकता है । शर्त यह है कि साइड थ्रो उनकी हो तथा समय 30 सैकिंड का होता है।

प्रश्न 9.
बास्केट-बाल के खेल में तकनीकी सामान का वर्णन करो।
उत्तर-
तकनीकी सामान (Technical Equipments)

  1. खेल की घड़ी (Game Watch)
  2. टाइम आऊट के लिए घड़ी (Time out watch)
  3. 24 सैकिण्ड रूल स्कोर शीट के लिए 24 सैकिण्ड आप्रेटर (24 Second Operator for Twenty four second Rule Score Sheet)

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प्रश्न 10.
बास्केट-बाल का भार कितना होता है और उसका घेरा बताओ।
उत्तर-
बास्केट-बाल का भार 600 से 650 ग्राम और घेरा 75 सैंटीमीटर से 78 सैंटीमीटर तक होता है।

प्रश्न 11.
बास्केट-बाल की ग्राऊंड में कितने चक्कर होते हैं और कितने चौड़े होते हैं ?
उत्तर-
बास्केट-बाल के खेल में तीन चक्कर होते हैं और चौड़ाई 1.80 मीटर होती है।

प्रश्न 12.
बास्केट-बाल की ग्राऊंड में पोल ग्राऊंड से कितनी दूरी पर बाहर होते
उत्तर-
बास्केट-बाल की ग्राऊंड में पोल ग्राऊंड से एक मीटर बाहर होते हैं।

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प्रश्न 13.
बास्केट-बाल के खेल में स्कोर कैसे लिए जाते हैं ?
उत्तर-
बास्केट-बाल के खेल में यदि सीधी बास्केट हो तो 2 अंक होते हैं। Free Throw हो तो एक अंक माना जाता है। यदि सर्कल के बाहर से गोल हो तो तीन अंक मिलते हैं।

प्रश्न 14.
7 फाऊल रूल क्या है ?
उत्तर-
जो टीम 7 फाऊल कर देती है उसकी विरोध टीम को Free Throws दी जाती हैं।

प्रश्न 15.
आठ सैकिण्ड नियम किसे कहते हैं ?
उत्तर-
इसके आधार पर एक टीम को अपने कोर्ट में आठ सैकिण्ड के अन्दर बाल को दूसरे कोर्ट में देना पड़ता है। दूसरे कोर्ट में वह दूसरी बार बाल अपने कोर्ट में नहीं दे सकता।

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प्रश्न 16.
तीन सैकिण्ड रूल किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब कोई खिलाड़ी वर्जित क्षेत्र (Restricted Area) में तीन सैकिण्ड से अधिक ठहरता है तो उस समय रैफरी द्वारा विरोधी को थ्रो दी जाती है।

प्रश्न 17.
24 सैकिण्ड से आपका क्या भाव है ?
उत्तर-
जब एक टीम बाल को नियन्त्रित रखती है तो वह उस टीम को 24 सैकिण्ड के अन्दर गेंद स्कोर करने के लिए हाथ में से नहीं छोड़नी चाहिए। फिर दूसरी टीम को बाल दे दिया जाता है। यह अवसर कभी-कभी ही खेल में आता है।

प्रश्न 18.
बास्केट-बाल के खेल में अधिकारियों की संख्या बताओ।
उत्तर-
बास्केट-बाल के खेल में निम्नलिखित अधिकारी होते हैं—

  1. रैफ़री = 1
  2. अम्पायर = 1
  3. स्कोरर = 1
  4. टाइम कीपर = 1
  5. 24 सैकिण्ड = 1
  6. ओप्रेटर = 1
  7. इंडीकेटर = 1

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प्रश्न 19.
बास्केट-बाल की खेल में बनियान के नम्बर किससे आरम्भ होते हैं ?
उत्तर-
बास्केट-बाल की खेल में 4 से लेकर 15 तक बनियान के नम्बर लगाए जाते

प्रश्न 20.
बास्केट-बाल के रिंग की जाली की लम्बाई बताएं।
उत्तर-
बास्केट-बाल के रिंग की जाली की लम्बाई 40 सैंटीमीटर लम्बी होती है।

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