मार्चिंग (Marching) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions मार्चिंग (Marching) Game Rules.

मार्चिंग (Marching) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
माचिंग का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सावधान
(Attention)
यह बहुत महत्त्वपूर्ण स्थिति है। पैरों की एड़ियां एक पंक्ति में परस्पर जुड़ी होती हैं तथा 30° का कोण बनाती हैं। घुटने सीधे, शरीर सीधा तथा छाती ऊपर को खींची होती है। बाजुएं शरीर के साथ लगें तथा मुट्ठियां थोड़ी सी बंद होनी चाहिए।
मार्चिंग (Marching) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 1
गर्दन सीधी तथा अपने सामने की ओर नज़र करके तथा स्वाभाविक शरीर का भार दोनों पैरों पर बराबर, श्वास क्रिया स्वाभाविक ढंग से लेते हैं।

विश्राम
(Stand at Ease)
विश्राम में अपना बायां पैर बाईं ओर 12 इंच की दूरी तक ले जाते हैं, जिससे शरीर का सारा भार दोनों पैरों पर भी रहे तथा दोनों बाजुओं को पीछे ले जाएं जिससे दायां हाथ बाएं हाथ को पकड़े हुए होगा तथा दाएं हाथ का अंगूठा बाएं हाथ पर आराम से होगा।
मार्चिंग (Marching) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 2
दोनों बाजुओं को सीधा रखते हुए उंगलियों को पूरी तरह से सीधा रखना है।

मार्चिंग (Marching) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

दाएं सज
(Right Dress)
दाएं सज का निर्देश मिलने पर सभी विद्यार्थी बाएं पैर से आगे बढ़ते हुए 15 इंच के फासले पर स्थान ग्रहण करेंगे परन्तु इसमें दाईं ओर खड़ा विद्यार्थी वहां ही खड़ा होगा। पहली पंक्ति में खड़े सभी विद्यार्थी दायां हाथ अपने कन्धे के बराबर आगे को बढ़ाएंगे तथा हाथ की ऊंगलियां बंद होंगी। दूसरे विद्यार्थी उसके दाईं ओर हाथ द्वारा छूते हुए खड़े होंगे तथा बाकी उनके पीछे-पीछे खड़े होंगे। इनका परस्पर 30 इंच का फासला होगा।
मार्चिंग (Marching) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 3

बाएं सज
(Left Dress)
बाएं सज का आदेश मिलने पर उपरोक्त सभी क्रियाएं बाएं हाथ को जाएंगी।

बाएं मुड़
(Left Turn)
मार्चिंग (Marching) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 4
इस क्रिया में सावधान खड़े हो दो की गिनती करेंगे। एक की गिनती पर विद्यार्थी बाईं ओर 90° का कोण बनाते हुए एड़ी तथा दाएं पंजे को ऊपर उठाएंगे। इस क्रिया के बाद दो की गिनती पर 6 इंच ऊपर उठाकर अपने पैर के साथ मिलाएंगे।

दाएं मुड़
(Right Turn)
मार्चिंग (Marching) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 5
यह क्रिया दो की गिनती में जिस प्रकार बाएं मुड़ की जाती है, उसी प्रकार दाईं एड़ी तथा बाएं पंजे को ऊपर करेंगे।

पीछे मुड़
(About Turn)
पीछे मुड़ का निर्देश मिलने पर विद्यार्थी दाईं ओर 180° का कोण बनाते हुए बाएं पैर की एड़ी तथा दाएं पैर के पंजे पर घुमेगा। इसमें शरीर का भार बराबर रखना होता है। दो गिनने पर विद्यार्थी बाएं पैर को ज़मीन से 6 इंच उठाते हुए दाएं पैर के बराबर लाएंगे तथा सावधान अवस्था में होंगे। सभी का क्रिया करते समय शरीर का भार दाएं पैर पर होगा।
मार्चिंग (Marching) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 6
तेज़ चल
(Quick March)
इस निर्देश पर विद्यार्थी अपना बायां पैर आगे लायेगा। वह पैर ज़मीन के सामने आगे लाएगा। वह पैर ज़मीन के सामने घुटने को सीधा रखते हुए आगे लेकर जाएंगे तथा उसके साथ अपने दाएं हाथ को ऊपर घुमाते हुए कदम के स्तर तक ले जाएंगे। हाथ की उंगलियां बन्द होंगी। यह क्रिया दायां पैर आगे करते हुए दोहराएंगे तथा हाथ की स्थिति इससे विपरीत होगी। यह क्रिया एक दो गिनती पर निरन्तर चलती रहेगी।

मार्चिंग (Marching) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

थम्म
(Halt)
थम्म का निर्देश जब दायां पैर बाएं पैर को पार करता है, तब दिया जाता है। इसके निर्देश मिलने पर विद्यार्थी, जैसे-बायां पैर जमीन को छू लेगा, दायां पैर बाएं पैर के बराबर आयेगा तथा विद्यार्थी वहीं खड़ा हो जायेगा तथा उनके दोनों हाथ बराबर होंगे तथा विद्यार्थी सावधान स्थिति में होंगे।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

Punjab State Board PSEB 10th Class Home Science Book Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Home Science Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

PSEB 10th Class Home Science Guide भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन हमारे शरीर में कौन-कौन से काम करता है?
उत्तर-
भोजन प्राणियों को जीवित रखने के अतिरिक्त शरीर में अग्रलिखित कार्य करता है

  1. शरीर को शक्ति देता है-मशीनों की तरह मानवीय शरीर को भी शक्ति की आवश्यकता होती है जोकि भोजन से प्राप्त होती है।
  2. शरीर की वृद्धि-जन्म से लेकर जवानी तक मानवीय शरीर में लगातार वृद्धि होती है। इस वृद्धि के पीछे भोजन की शक्ति ही कार्य करती है।
  3. टूटे तन्तुओं की मुरम्मत- भोजन शरीर के नष्ट हुए तन्तुओं के स्थान पर नए तन्तु बनाता है।

प्रश्न 2.
भोजन के कौन-से पौष्टिक तत्त्वों से हमें ऊर्जा मिलती है?
उत्तर-
भोजन के कार्बोज, चिकनाई और प्रोटीन से शरीर को ऊर्जा मिलती है।

प्रश्न 3.
भोजन जीवन का मूल आधार माना जाता है। क्यों?
उत्तर-
भोजन शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर की अन्दरूनी तोड़-फोड़ की मुरम्मत करता है। ऊर्जा से शरीर अपनी आवश्यक क्रियाएं करने योग्य होता है और साथ-साथ शरीर की मुरम्मत भी होती रहती है। ये दोनों क्रियाएं शरीर को जीवित रखती हैं। इसलिए भोजन को जीवन का मूल आधार कहा जाता है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 4.
शक्ति या ऊर्जा देने वाले भोजन पदार्थों के नाम लिखें।
उत्तर-
शक्ति निम्नलिखित भोजन पदार्थों से मिलती है, जैसे

  1. कार्बोज युक्त पदार्थ-गुड़, शक्कर, चीनी और जड़ों वाली सब्जियां।
  2. चिकनाई युक्त पदार्थ-जैसे मक्खन, घी, तेल और तले हुए भोजन पदार्थ ।
  3. प्रोटीन युक्त पदार्थ- भोजन पदार्थ जैसे दूध, दही, मक्खन, अण्डे, मीट आदि।

प्रज्ञ 5.
शरीर का निर्माण तथा टूटी-फूटी कोशिकाओं की मुरम्मत करने के लिए वन-से पौष्टिक तत्त्वों की आवश्यकता होती है तथा कौन-से भोजन पदार्थों से प्राई किए जा सकते हैं?
उत्तर-
भिन्न-भिन्न शारीरिक क्रियाएं करते समय शरीर के सैल टूटते, घिसते और नष्ट होते रहते हैं। इसलिए नए सैलों के निर्माण के लिए हमें प्रोटीन युक्त भोजन पदार्थ खाने चाहिएं जैसे अण्डा, दूध, मीट, मछली अनाज। सोयाबीन प्रोटीन का एक मुख्य और सस्ता स्रोत है।

प्रश्न 6.
भोजन के पौष्टिक तत्त्व कौन-से हैं ? उनके नाम लिखो।
उत्तर-
पौष्टिक तत्त्व भोजन का महत्त्वपूर्ण अंग हैं। ये भिन्न-भिन्न रासायनिक तत्त्वों का मिश्रण होते हैं। इनकी शरीर को काफ़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। एक सन्तुलित भोजन में निम्नलिखित पौष्टिक तत्त्व होते हैं-प्रोटीन, कार्बोज, चिकनाई, विटामिन, लवण और पानी है।

प्रश्न 7.
प्रोटीन कौन-से तत्त्वों का मिश्रण है?
उत्तर-
प्रोटीन पौष्टिक तत्त्वों में एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इसको मानवीय जीवन का आधार कहा जाता है। प्रोटीन कई प्रकार के अमीनो अम्लों के मिश्रण से बनता है। यह अमीनो अम्ल, कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और कई सल्फर के संयोग से बनते हैं।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 8.
कौन-सा तत्त्व केवल प्रोटीन में ही मिलता है?
उत्तर-
नाइट्रोजन तत्त्व केवल प्रोटीन में ही मिलता है।

प्रश्न 9.
कार्बोहाइड्रेट के मुख्य स्रोत कौन-से हैं?
उत्तर-
यह हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और कार्बन का मिश्रण है। यह शरीर को गर्मी और शक्ति देने का सबसे सस्ता स्रोत है। कार्बोहाइड्रेट, गेहूँ, चावल, मक्की, जौ, फल, सूखे मेवे, गुड़, शक्कर, चीनी, शहद आदि से प्राप्त होता है।

प्रश्न 10.
विटामिन हमारे जीवन तत्त्व क्यों हैं?
उत्तर-
विटामिन पौष्टिक तत्त्वों में एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व हैं। ये बढ़िया स्वास्थ्य, शारीरिक वृद्धि और बीमारियों का मुकाबला करने के लिए आवश्यक हैं। ये हमारे शरीर को थोड़ी मात्रा में चाहिए। परन्तु शरीर इनकी रचना नहीं कर सकता है इसलिए इनको भोजन में शामिल करना आवश्यक है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 11.
पानी में घुलनशील विटामिन कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
घुलनशीलता के आधार पर विटामिनों को दो भागों में विभाजित किया जाता है-चर्बी में घुलनशील और पानी में घुलनशील विटामिन। पानी में घुलनशील विटामिनों का एक ग्रुप बी समूह होता है जो पानी में घुल जाता है। इसके अतिरिक्त विटामिन ‘सी’ तथा विटामिन ‘बी’ भी पानी में घुलनशील हैं।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 12.
विटामिन ‘ए’ की कमी से शरीर को क्या हानि होती है? मुख्य स्त्रोत कौन-से हैं?
उत्तर-
विटामिन ‘ए’ की कमी से शरीर पर हानिकारक प्रभाव होता है जो इस प्रकार है

  1. अन्धराता (Night Blindness)-विटामिन ‘ए’ की कमी से मनुष्य की अन्धेरे में देखने की शक्ति कम हो जाती है। रोशनी वाले स्थान या बाहर तेज़ धूप से अन्धेरे या अन्दर कमरे में आने पर कुछ समय के लिए देखने में रुकावट आती है। इसकी कमी से रंगों को ठीक तरह पहचानने में भी रुकावट होती है।
  2. जीरोसिस (Xerosis)—विटामिन ‘ए’ की कमी से आंसू ग्रन्थियां सूख जाती हैं। आंखों के सफेद भाग पर धुंधलापन और कार्निया (Cornea) पर छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। इनमें सफ़ेद चिपचिपा पदार्थ निकलता है और पलकें बन्द हो जाती हैं। अधिक समय तक विटामिन ‘ए’ की कमी से मनुष्य अन्धा हो जाता है।
  3. चमड़ी का खुरदरापन (Toad’s skin)
  4. प्रजनन क्रिया पर प्रभाव (Effect on reproduction system)
  5. गर्दे में पत्थरी की सम्भावना (Chances of Stone formation in kidney)
  6. वृद्धि में रुकावट (Effect on growth)
  7. दांतों और हड्डियों के विकार (Effects on teeth and bones)।

इसके अतिरिक्त गर्भ के समय और बच्चे को दूध देते समय विटामिन ‘ए’ की आवश्यकता अधिक होती है और ताज़ी सब्जियों में बासी सब्जियों से अधिक विटामिन ‘ए’ मिलता है। शरीर में इसका अधिक होना भी नुकसानदायक होता है।
मुख्य स्रोत-मछली, दूध, मक्खन, देसी घी, आम, पपीता, गाजर, टमाटर, अनानास आदि।

प्रश्न 13.
क्या विटामिन ‘के’ पानी में घुलनशील है ? इसका सबसे सस्ता स्त्रोत कौन-सा है?
उत्तर-
नहीं, विटामिन ‘के’ पानी में घुलनशील नहीं बल्कि यह चर्बी में घुलनशील है। यह अधिकतर वनस्पति वर्ग में पाया जाता है। इस की कमी से बहते खून का बन्द होना कठिन हो जाता है क्योंकि यह खून के जमने में सहायक है। यह हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है। इसका सब से सस्ता स्रोत फूलगोभी, बन्द गोभी और गण्ड गोभी है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 14.
कौन-से विटामिन प्रकाश तथा गर्मी से जल्दी नष्ट हो जाते हैं?
उत्तर-
राइबोफ्लेविन (विटामिन B.) गर्मी और रोशनी से शीघ्र नष्ट हो जाते हैं।

प्रश्न 15.
कौन-कौन से खनिज पदार्थ हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं? नाम बताओ।
उत्तर-
हमारे शरीर को दो प्रकार के खनिज पदार्थों की आवश्यकता होती है। एक मैक्रोमिनरल्ज़ जैसे-कैल्शियम, फॉस्फोरस, सल्फर, सोडियम और क्लोरीन आदि। दूसरे माइक्रोमिनरल्ज़ हैं जैसे-लोहा, आयोडीन, तांबा, जिंक, कोबाल्ट आदि।

प्रश्न 16.
आयोडीन नमक लेने का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
जिन स्थानों पर ज़मीन में आयोडीन की कमी हो वहां सभी व्यक्तियों को आयोडाइज़्ड नमक (Iodised salt) ही प्रयोग करना चाहिए। भारत में पोटाशियम आयोडेट से नमक को आयोडाइज्ड किया जाता है। जिन स्थानों पर ज़मीन में आयोडीन की कमी है वहां केवल यही नमक बेचा जा सकता है। व्यस्कों में 100-150 माइक्रो ग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है। विशेष हालतों जैसे कि गर्भ अवस्था में इसकी आवश्यकता बढ़ जाती है। गिल्लड़ होने की स्थिति में आयोडीन की गोलियां दी जाती हैं।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 17.
पानी की कमी से हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर–
पानी की कमी का प्रभाव (Effects of deficiency of Water)—जिस मात्रा में पानी शरीर में से निकलता है उतनी मात्रा में द्रव्य पदार्थों या भोजन पदार्थों द्वारा यदि पूरा न किया जाए तो हानिकारक प्रभाव होता है। इससे शरीर के पानी की मात्रा कम हो जाती है और शरीर के द्रव्य पदार्थों में परिवर्तन आ जाते हैं। शरीर की क्रियाओं की गति कम हो जाती है और फोक पदार्थों का विकास नहीं हो सकता। यदि पानी की बहुत कमी हो जाए तो मृत्यु भी हो सकती है।

प्रश्न 18.
बढ़ने वाले बच्चों के भोजन में प्रोटीन का होना क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
बढ़ रहे बच्चों को प्रोटीन की अधिक आवश्यकता होती है क्योंकि उनके शरीर में नए सैलों का निर्माण होना होता है और बच्चों के शरीर में सैलों की तोड़-फोड़ भी अधिक होती है। इसलिए नए सैलों को बनाने और टूटे सैलों की मुरम्मत के लिए बच्चों को प्रोटीन की आवश्यकता अधिक होती है।

प्रश्न 19.
प्रोटीन के मुख्य कार्य क्या हैं तथा इसकी कमी का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
प्रोटीन के कार्य (Functions of Protein)-प्रोटीन एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। यह हमारे शरीर में निम्नलिखित कार्य करती है

  1. शरीर की सुरक्षा और विकास का कार्य
  2. शरीर को ऊर्जा देने का कार्य
  3. रोगों से मुकाबला करने के लिए शक्ति को बढ़ाना
  4. खून बनाने में सहायक
  5. अम्ल और क्षार में सन्तुलन रखना
  6. हार्मोन्ज़ और एन्जाइमज़ (Enzymes) बनाने का कार्य
  7. मानसिक शक्ति प्रदान करना।

प्रोटीन की कमी से होने वाले नुकसान (Effect of deficiency of Protein) —
प्रोटीन की कमी का प्रभाव बच्चों, गर्भवती औरतों और दूध पिलाने वाली माताओं पर अधिक पड़ता है। इसकी कमी से निम्नलिखित नुकसान होते हैं —

  1. शरीर की वृद्धि और विकास में रुकावट-प्रोटीन की कमी से शरीर की वृद्धि और बढ़ोत्तरी की रफ्तार कम हो जाती है। इससे शरीर कमजोर हो जाता है और बच्चों में शारीरिक वृद्धि रुक जाती है।
  2. खून की कमी-भोजन में प्रोटीन की कमी से खून की कमी (Anaemia) हो जाती है।
  3. रोग प्रतिरोधक (Antibodies) पदार्थ की कमी-प्रोटीन शरीर में रोग प्रतिरोधक तत्त्वों का निर्माण करता है। प्रोटीन की कमी से शरीर में बीमारियों से मुकाबला करने की शक्ति कम हो जाती है जिससे कई रोग लग जाते हैं।
  4. हड्डियां कमज़ोर होना-इसकी कमी हड्रियों को भी कमजोर करती है। इसलिए इनके जल्दी टूटने का डर रहता है।
  5. चमड़ी का खुशक होना-शरीर में प्रोटीन की कमी से चमड़ी खुशक हो जाती है और इससे शरीर पर झुर्रियां पड़ जाती हैं।
  6. बच्चे का कमज़ोर पैदा होना-गर्भवती और दूध पिलाने वाली औरतों में इसकी कमी होने से बच्चा कमजोर होता है और उसकी वृद्धि ठीक नहीं होती।
  7. प्रोटीन की कमी से बच्चे क्वाशियोरकॉर और मरास्मस (सूखा) रोगों का शिकार हो जाते हैं।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 20.
प्रोटीन के स्त्रोत कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
प्रोटीन की प्राप्ति के स्रोत (Sources of Protein)

    1. पशु जगत् से प्राप्त होने वाले प्रोटीन (Animal Sources)-जैसे दूध और दूध से बने पदार्थ, पनीर, दही, खोया, मक्खन आदि, मीट और मीट से बने पदार्थ अण्डे और मछली।
    2. वनस्पति जगत् से प्राप्त होने वाले प्रोटीन (Vegetable Sources)-जैसे दालें, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, बादाम, पिस्ता, नारियल, मटर और अनाज आदि।
      चित्र-प्रोटीन की प्राप्ति के स्रोत

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व 1

प्रश्न 21.
कार्बोहाइड्रेट्स हमारे शरीर में क्या काम करते हैं?
उत्तर-

  1. शक्ति प्रदान करना-कार्बोहाइड्रेट का मुख्य कार्य शारीरिक कार्यों के लिए गर्मी और शक्ति देना है। एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट से 4 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। शरीर को शक्ति प्रदान करने के लिए यह सबसे अच्छा स्रोत है। भोजन से प्राप्त होने वाली शक्ति का 50% से 60% भाग कार्बोहाइड्रेट द्वारा ही प्राप्त होता है।
  2. प्रोटीन एक महंगा स्रोत है और कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन की बचत करते हैं ताकि प्रोटीन शरीर के निर्माण का कार्य कर सके।
  3. यह चिकनाई की कमी को भी पूरा करते हैं और चिकनाई के पाचन में भी सहायक हैं।
  4. ग्लूकोज़ आवश्यक अमीनो एसिड के निर्माण में भी सहायक होता है।
  5. कार्बोहाइड्रेट्स भोजन को स्वादिष्ट बनाते हैं।
  6. सैलुलोज फोक का कार्य करता है जिससे शरीर में से मल निकालने के लिए सहायता मिलती है और कब्ज दूर होती है।
  7. कार्बोहाइड्रेट चिकनाई से मिल कर भूख की तृप्ति (Satiety) महसूस कराते हैं। इससे काफ़ी देर भूख महसूस नहीं होती।

प्रश्न 22.
भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स की उचित मात्रा होना क्यों जरूरी है?
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेट का मुख्य कार्य शरीर को ऊर्जा प्रदान करना है। इसकी कमी के कारण शरीर में प्रोटीन और चर्बी इस कार्य के लिए प्रयोग की जाती है और शरीर कमज़ोर होना शुरू हो जाता है। लगातार भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स की कमी होने से शारीरिक वृद्धि रुक जाती है और मरास्मस नाम का रोग हो जाता है। इसलिए कार्बोज़ का भोजन में उचित मात्रा में होना बहुत आवश्यक है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 23.
कार्बोहाइड्रेट्स की कमी का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेट्स की कमी का प्रभाव (Effect of deficiency of Carbohydrates) — कार्बोहाइड्रेट्स की कमी प्रायः कम ही देखने को मिलती है, परन्तु यदि इसकी कमी हो जाए तो शरीर पर कई तरह से प्रभाव होता है।

  1. बच्चों पर कार्बोहाइड्रेट्स की कमी का प्रभाव (Effect of deficiency of Carbohydrates on children)-प्रायः पांच साल से कम आयु के बच्चों में इसकी कमी के लक्षण दिखाई देते हैं। जब बच्चों से दूध छुड़वाया जाता है तो उनके भोजन में पूर्ण पौष्टिक तत्त्व शामिल नहीं किए जाते या अधिक समय के लिए बच्चों को मां के दूध पर ही रखे जाने से भी शरीर में इसकी कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में शरीर कार्बोहाइड्रेट के स्थान पर ऊर्जा के लिए प्रोटीन का प्रयोग करता है और इससे प्रोटीन की कमी भी आ जाती है। इस अवस्था को मरास्मस या सूखा (Marasmus) कहा जाता है।
  2. भार की कमी (Loss of Weight) भोजन में जब कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो जाए तो शरीर कमजोर हो जाता है। इससे काम करने के लिए दिल नहीं करता। भार कम होने लग पड़ता है और थकावट महसूस होती है।
  3. किटोसिस (Ketosis)-कार्बोहाइड्रेट्स की कमी से शरीर में कीटोन-बॉडीज़ (Ketone Bodies) बढ़ जाती हैं। खून में अम्ल की मात्रा बढ़ जाती है। इससे मनुष्य को बेहोशी होने लगती है और मृत्यु भी हो सकती है।
  4. मांसपेशियों का ढीला पड़ना (Loosening of Muscles)-कार्बोहाइड्रेट्स की कमी का प्रभाव मांसपेशियों पर भी दिखाई देता है। चमड़ी ढीली पड़ने के कारण झुर्रियां पड़ जाती हैं और चेहरे की चमक भी कम हो जाती है।
    कार्बोहाइड्रेट्स की उचित मात्रा ही लेनी चाहिए। आवश्यकता से अधिक कार्बोज़ खाने से यह शरीर में जाकर चर्बी का रूप धारण करके कोशिका में इकट्ठा हो जाता है और मोटापे का रोग हो जाता है। इससे आदमी आलसी हो जाता है और खून का दौरा तेज़ होने का डर रहता है।

प्रश्न 24.
निशास्ते में कौन-सा पौष्टिक तत्त्व होता है और यह तत्त्व और कौनसे भोजन पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है?
उत्तर-
निशास्ते में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं। यह अनाजों, जड़ों वाली सब्जियां और कंदमूल जैसे शकरकंदी और आलू में होता है।

प्रश्न 25.
चर्बी हमारे शरीर में क्या काम करती है?
अथवा
चिकनाई के शरीर के लिए कार्य बताएं।
उत्तर-
चर्बी के कार्य (Functions of Fat)-चर्बी हमारे शरीर में निम्नलिखित कार्य करती है

  1. ऊर्जा का साधन (Source of energy)
  2. आवश्यक वसा अम्लों का साधन (Sources of essential fatty acids)
  3. चर्बी में घुलनशील विटामिनों का स्रोत (Source of fat soluble vitamins)
  4. कोमल अंगों की सुरक्षा (Protection of sensitive body organs)
  5. भोजन को स्वादिष्ट बनाती है (Help in making food tasty)
  6. सन्तुष्टि देती है (Give satisfaction)
  7. शरीर का तापमान बनाए रखती है (Helps in regulating body temperature)
  8. चमड़ी के स्वास्थ्य के लिए (For healthy skin)।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 26.
चर्बी की कमी तथा अधिक मात्रा का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
चर्बी की कमी से हानियां (Effects of deficiency of fats)-चर्बी की कमी से निम्नलिखित नुकसान होते हैं

  1. चर्बी की कमी से चिकनाई में घुलनशील विटामिन शरीर को नहीं मिलते और उनकी कमी से होने वाले रोग हो जाते हैं।
  2. आवश्यक वसा अम्लों (Fatty acids) की कमी हो जाती है, जिसका असर आंखों और चमड़ी पर पड़ता है। इसलिए चमड़ी खुशक हो जाती है। दाद और खुजली रोग होने का डर रहता है।
  3. चर्बी की कमी से शारीरिक ऊर्जा के लिए प्रोटीन का प्रयोग शुरू हो जाता है जिससे शारीरिक निर्माण का कार्य रुक जाता है।
  4. इसकी कमी से पाचन प्रणाली पर भी प्रभाव पड़ता है और कब्ज रहने लग पड़ती है।
  5. चर्बी की कमी से मनुष्य का शरीर हड्डियों का ढांचा बन जाता है।

एक बात ध्यान रखने योग्य यह है कि यदि चर्बी का अधिक प्रयोग किया जाए तो मोटापा हो जाता है और हाजमा भी खराब हो जाता है। आज-कल की खोजों से यह सिद्ध हुआ है कि चिकनाई से प्राप्त की कोलेस्ट्रॉल स्वास्थ्य के लिए गम्भीर समस्या पैदा कर सकती है। जिससे खून का दबाव बढ़ जाता है और दिल का रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है इसलिए हमें वनस्पति तेलों का प्रयोग अधिक करना चाहिए।

प्रश्न 27.
(i) विटामिन ‘ए’ का मुख्य काम क्या है तथा भोजन स्रोत बताएं।
(ii) विटामिन ‘ए’ का हमारे शरीर में क्या काम है ?
उत्तर-
(i) विटामिन ‘ए’ के कार्य (Functions of Vitamin ‘A’) शरीर में विटामिन ‘ए’ निम्नलिखित कार्यों के लिए आवश्यक है

  1. शारीरिक विकास के लिए (For Physical growth)
  2. स्वस्थ आंखों के लिए (For healthy eyes)
  3. स्वस्थ चमड़ी के लिए (For healthy skin)
  4. प्रजनन क्रिया के लिए (For reproduction)
  5. छूत के रोगों की रक्षा के लिए (For protection against contagious diseases)
  6. स्वस्थ हड्डियों और दांतें के लिए (For healthy bones and teeth)।

विटामिन ‘ए’ के स्रोत (Sources of Vitamin ‘A’)

  1. मछली के जिगर का तेल, कुछ समुद्री मछलियां जैसे शार्क, काड, हैलीबुल के जिगर के तेल में इस विटामिन की बहुत मात्रा पाई जाती है।
    PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व 2
  2. दूध, मक्खन और देसी घी
  3. अण्डे और कलेजी
  4. हरे पत्ते वाली सब्जियां
  5. पीले, संतरी और लाल फल और सब्जियां जैसे आम, पपीता, अनानास, बेर, गाजर और टमाटर में यह विटामिन कैरोटीन के रूप में पाया जाता है।

(ii) देखें भाग (i)

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 28.
विटामिन ‘डी’ के कार्य तथा कमी के बारे में बताएं।
उत्तर-
विटामिन ‘डी’ शरीर के लिए निम्नलिखित कार्य करता है

  1. कैल्शियम और फॉस्फोरस के अवशोषण में मदद करता है। (Helps in absorption of Calcium and phosphorus)
  2. हड्डियों के विकास के लिए (For development of bones)
  3. शरीर के पूर्ण विकास के लिए (For development of body)।

विटामिन ‘डी’ की कमी के प्रभाव (Effects of the Deficiency of Vitamin’D’) – विटामिन ‘डी’ की कमी से निम्नलिखित रोग हो जाते हैं

  1. रिकेट्स रोग (Rickets)
  2. ओस्टोमलेशिया (Osteomalacia)
  3. ओस्टियोपरोसिस (Osteoporosis)।

प्रश्न 29.
विटामिन ‘ई’ का मुख्य कार्य क्या है तथा इसकी कमी का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
विटामिन ‘ई’ के कार्य-शरीर में विटामिन ‘ई’ निम्नलिखित कार्य करता है

  1. प्रजनन क्रिया में सहायता करता है।
  2. मांसपेशियों के विकास के लिए आवश्यक है।
  3. विटामिन ‘ए’ के बनने में सहायता करता है।

विटामिन ‘ई’ की कमी के शरीर पर प्रभाव

  1. प्रजनन सम्बन्धी बिकार (Effect on reproduction system)
  2. गर्भपात (Miscarriage)
  3. भ्रूण की मृत्यु (Death of the foetus)
  4. दिल का रोग (Disease of heart)।

प्रश्न 30.
विटामिन ‘के’ का मुख्य काम क्या है तथा इसकी कमी का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
विटामिन ‘के’ भी मनुष्य के पोषण के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि यह खून को जमाने में सहायता करता है।
विटामिन ‘के’ के कार्य (Functions of Vitamin ‘K’)-इसका मुख्य कार्य खून को जमाने में सहायता करना है।
विटामिन ‘के’ की कमी के प्रभाव-प्रायः विटामिन ‘के’ की कमी कम ही होती है क्योंकि यह विटामिन छोटी आन्त में बनता है। सल्फा दवाइयों का अधिक प्रयोग करने से शरीर में इसका निर्माण रुक जाता है और यदि खून बहने लगे तो रुकता नहीं।

प्रश्न 31.
विटामिन ‘बी’ समूह में कौन-कौन से विटामिन आते हैं? नाम बताएं।
उत्तर-
ग्यारह विटामिन ‘बी’ समूह को बनाते हैं परन्तु इनमें 7 बहुत महत्त्वपूर्ण हैंथायामिन, राइबोफ्लेविन, निकोटिनिक एसिड, पैंटोथिनिक एसिड, पिरिडाक्सिन, फौलिक एसिड, विटामिन ‘बी’ 12, कोलीन, इनोसीटोल और बायोटिन आते हैं। ये सभी विटामिन पानी में घुलनशील होते हैं।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 32.
निम्नलिखित के काम और स्रोत लिखें
(1) थायामिन
(2) राइबोफ्लेविन
उत्तर-
1. थायामिन (B) – यह विटामिन पनीर, साबुत दालें, अनाज, अंकुरित दालों और चावलों की ऊपरी सतह पर काफ़ी मात्रा में होता है। यह विटामिन तन्त्रिका प्रणाली (Nervous system) के लिए शरीर की वृद्धि और विकास के लिए और रोगों से मुकाबला करने की शक्ति के लिए चाहिए। इसकी कमी से मनुष्य को बेरी-बेरी रोग हो जाता है। यह रोग दो प्रकार होता है सूखी बेरी-बेरी और गीली बेरी-बेरी। सूखी बेरी-बेरी में भूख कम लगती है, कब्ज हो जाती है, टांगें, बाहें ठण्डी पड़ जाती हैं और जोड़ों में दर्द होने लग जाता है।
गीली बेरी-बेरी में टांगों और पेट में पानी भर जाता है। सांस लेने के लिए मुश्किल आती है और दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है और कई बार दिल की गति रुक जाने की सम्भावना होती है। अधिक संख्त कार्य करने वालों में, गर्भवती और बच्चे को दूध देने वाली माताओं को इस विटामिन की आवश्यकता अधिक होती है। चावल पालिश करने से थायामिन कम हो जाती है। साबुत दालों और अन-छने आटे का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि इसमें थायामिन होती है। खाना अधिक देर तक पकाने और उसमें सोडे का प्रयोग करने से भी थायामिन नष्ट हो जाता है।

2. राइबोफ्लेविन (B), यह विटामिन पानी में घुलनशील है और प्रकाश से जल्दी नष्ट हो जाता है। भोजन को उबालने और भूनने के दौरान यह विटामिन काफ़ी मात्रा में . नष्ट हो जाता है। यह विशेषकर पट्ठों और नसों में काम करता है। इसकी कमी से आंखों और चमड़ी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। होठों के कोने फट जाते हैं चमड़ी सूखी और खुशक हो जाती है। यह विटामिन दूध या दूध से बने पदार्थ मूंगफली, खमीर, दालों, मास, अण्डा और हरे पत्ते वाली सब्जियों में होता है।

प्रश्न 33.
विटामिन ‘सी’ के कार्य, स्रोत तथा कमी का प्रभाव बतायो।
उत्तर-
यह पानी में घुलनशील है और इसको एसकार्बिक एसिड भी कहा जाता है।
1. विटामिन ‘सी’ के कार्य शरीर में विटामिन ‘सी’ अग्रलिखित कार्य करता है —

  1. यह कोलेजन के निर्माण के लिए कार्य करता है। (It helps in the formation and maintenance of collagen.)
    कोलेजन एक प्रकार का सीमेंट जैसा पदार्थ है जो शरीर की कोशिकाओं को स्थिर रखता है। हड्डियों और दांतों के सख्त पदार्थ मैट्रिक और डैनटाइन का निर्माण भी करता है।
    जख्मों के जल्दी भरने और टूटी हड्डियों को जोड़ने के लिए भी विटामिन ‘सी’ ही कार्य करता है।
  2. फौलिक अम्ल के पाचन के लिए (For the metabolism of folic acid)
  3. कैल्शियम और लोहे के अवशोषण करने के लिए (For the absorption of calcium and iron)
  4. टाइरोसिन के ऑक्सीकरण के लिए (For the Oxidation of tyrosine)
  5. रोगों से लड़ने की शक्ति देता है। (Give resistance against disease)।

2. विटामिन ‘सी’ के स्रोत —

  1. सबसे अधिक विटामिन आंवले में मिलता है। इसके अतिरिक्त खट्टे फल जैसे नींबू, संतरा, गलगल, चिकोतरा आदि।
    PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व 3
  2. हरे पत्ते वाली सब्जियां और टमाटर आदि।
  3. अंकुरित दालें और अनाज।
  4. मां का दूध।

विटामिन ‘सी’ की कमी से होने वाले रोग —

  1. इसकी कमी से सकर्वी नामक रोग हो जाता है जिससे मसूड़े सूज जाते हैं और कोशिकाओं में से खून बहने लग जाता है।
  2. दांतों में पाइयोरिया नामक रोग हो जाता है और दांत हिलने लग पड़ते हैं।
  3. जख्म जल्दी ठीक नहीं होते।
  4. खून कम और अशुद्ध हो जाता है।
  5. हड्डियां और शरीर कमज़ोर हो जाता है।
  6. थकावट महसूस होती है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 34.
कैल्शियम तथा फॉस्फोरस महत्त्वपूर्ण खनिज पदार्थ हैं। कैसे?
उत्तर-
1. कैल्शियम-यह बहुत महत्त्वपूर्ण खनिज लवण है। शरीर में पाए जाने वाले कुल लवणों का 75% भाग कैल्शियम और फॉस्फोरस में होता है। शरीर के कुल कैल्शियम का 99% भाग हड्डियों और दांतों में पाया जाता है।
कैल्शियम के कार्य-कैल्शियम के दो महत्त्वपूर्ण कार्य हैं —

  1. हड्डियों और दांतों का निर्माण (Building Bones and Teeth) — कैल्शियम और फॉस्फोरस दोनों मिल कर हड्डियों और दांतों का निर्माण करते हैं। इससे हड्डियों और दांतों का ढांचा मज़बूत होता है। दांतों के डैनटिन (Dentin) में 27 प्रतिशत कैल्शियम और एनमल (Enamel) में 36 प्रतिशत कैल्शियम होता है।
  2. शारीरिक क्रियाओं को चलाना (Regulating Body Processes) — शरीर में होने वाली क्रियाओं के लिए कैल्शियम फॉस्फोरस के साथ मिलकर सहायता करता _है। ये क्रियाएं इस प्रकार हैं

(क) कैल्शियम खून को जमाने में सहायता करता है।
(ख) पेशियों के सिकुड़ने पर दिल की गति को बनाए रखने के लिए भी कैल्शियम आवश्यक है। कैल्शियम की प्राप्ति के साधन.
भोजन में कैल्शियम निम्नलिखित साधनों से प्राप्त होता है —

  1. दूध और दूध से बने पदार्थ।
  2. हरे पत्ते वाली सब्जियां जैसे पालक, सरसों, पुदीना, मूली और गाजर आदि।
  3. छोटी मछलियां जो हड्डियों समेत खाई जाती हैं।

कैल्शियम की कमी के प्रभाव (Effects of deficiency of Calcium) —

  1. बच्चों के दांत देरी से निकलते हैं या ठीक नहीं निकलते।।
  2. हड्डियों कमज़ोर होकर टेढ़ी हो जाती हैं।
  3. बच्चों में रिकेट्स (Rickets) और बड़ों में औस्टोमलेशिया (Osteomalacia) रोग हो जाता है। इनका विवरण विटामिन ‘डी’ की कमी से हानियों (प्र० 28) में दिया गया है।

3. फॉस्फोरस (Phosphorus)-कैल्शियम के साथ-साथ फॉस्फोरस का भी बहुत महत्त्व है। फॉस्फोरस लगभग शरीर के भार का 1 प्रतिशत भाग होता है। यह कैल्शियम में मिल कर हड्डियों और दांतों का निर्माण करता है।
फॉस्फोरस के कार्य (Functions of Phosphorus)-शरीर की रचना के लिए फॉस्फोरस बहुत कार्य करता है, जैसे

  1. हड्डियों और दांतों का निर्माण (Building bones and teeth)
  2. कोशिकाओं की बनावट (Formation of Cells)
  3. एन्ज़ाइम बनाना (Formation of Enzymes) फॉस्फोरस के स्रोत-अनाज, अण्डा, मांस, मछली, दूध।

फॉस्फोरस की कमी के प्रभाव (Effects of deficiency of Phosphorus) —
फॉस्फोरस की कमी बहुत कम होती है क्योंकि यह अनाज में काफ़ी मात्रा में पाया जाता है। परन्तु यदि कहीं इसकी कमी हो जाए तो हड्डियां और दांत कमजोर हो जाते हैं। इसकी कमी से कोशिकाओं के बनने की प्रक्रिया में खराबी आ जाती है।

प्रश्न 35.
लोहे की दैनिक आवश्यकता बहुत कम होने के बावजूद यह बहुत महत्त्वपूर्ण खनिज पदार्थ है । कैसे?
अथवा
लोहा हमारे शरीर के लिये कैसे आवश्यक है ? इसकी प्राप्ति के साधनों के बारे में बताएं।
उत्तर-
लोहा (Iron) — शरीर में लोहा बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। परन्तु शरीर की वृद्धि और शारीरिक क्रियाओं को ठीक ढंग से चलाने में इसका बहुत योगदान है।
लोहे के कार्य (Functions of Iron) — लोहा हमारे शरीर में निम्नलिखित कार्य करता है

  1. होमोग्लोबिन का निर्माण।
  2. मांसपेशियों का आवश्यक तत्त्व।
  3. ऑक्सीकरण की क्रियाओं के लिए यह फेफड़ों के लिए ऑक्सीजन कोशिकाओं तक और कोशिकाओं से फेफड़ों तक पहुंचाता है।

लोहे की प्राप्ति के स्रोत (Sources of Iron) —
लोहे की प्राप्ति के स्रोत निम्नलिखित हैं
PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व 4

  1. अण्डे का पीला भाग, कलेजी या मांस।
  2. गुड़, शक्कर और सूखे मेवे।
  3. हरे पत्ते वाली सब्जियां।।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 36.
आयोडीन की कमी से क्या होता है तथा प्राप्ति के साधनों के बारे में बताओ।
उत्तर-
आयोडीन की कमी से

  1. घेघा रोग हो जाता है।
  2. थाइराइड ग्रन्थियों में थायराक्सिन कम निकलता है, जिससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास पूरा नहीं होता। बालिग व्यक्तियों में भी मानसिक विकास कम हो जाता है। शरीर सूज जाता है और ढीला पड़ जाता है।
  3. अधिक कमी होने से मिक्सोडीमा हो जाता है। आंखें बाहर को आ जाती हैं।
  4. बच्चों में क्रेटिनिज्म (Cretinism) अर्थात् बच्चे बौने और भद्दे लगते हैं। चमड़ी मोटी और खुरदरी हो जाती है। जीभ बढ़ जाने से मुंह बन्द नहीं होता।

आयोडीन की प्राप्ति के स्रोत – आयोडीन की आवश्यक मात्रा का 75% भाग ज़मीन पर पैदा हुई सब्जियों, दालों और अनाज से पूरी हो जाती और शेष पानी से। परन्तु कई पहाड़ी स्थानों पर ज़मीन और पानी में आयोडीन नहीं होती, वहां आवश्यक आयोडाइज्ड नमक खाना चाहिए। अधिक नमी की स्थिति में इसकी गोलियां भी दी जाती हैं।

प्रश्न 37.
पानी मनुष्य के शरीर के लिए कैसे महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर-
पानी (Water) — पानी हमारे भोजन का एक बड़ा भाग है। यद्यपि पानी को हम भोजन नहीं कह सकते क्योंकि न तो यह शक्ति देता है और न ही शरीर में होने वाली क्रियाओं का निर्माण करता है। परन्तु फिर भी हर कोश (Cell) में पौष्टिक तत्त्व पहुंचाने का कार्य पानी ही करता है। शरीर के भार का लगभग 61% भाग पानी ही है।
पानी के कार्य (Functions of Water)—पानी हमारे शरीर में निम्नलिखित कार्य करता है

  1. घोलक के रूप में (Water act as a solvent)
  2. पाचन क्रियाओं में सहायता (Helps in the process of digestions)
  3. फोक को बाहर निकालने में सहायता (Helps in the removal of waste products)
  4. कोमल अंगों की सुरक्षा (Helps in the protection of sensitive organs)
  5. तापमान को स्थिर रखने में सहायता करना (Helps in the temperature regulation)
  6. स्नेहक के रूप में कार्य करता है (Act as a lubricant)।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 38.
फोक का अपना महत्त्व कैसे है तथा प्राप्ति के क्या स्त्रोत हैं?
अथवा
फोक का सन्तुलित भोजन में क्या महत्त्व है?
उत्तर-
फोक (Roughage)-फल और सब्जियों के रेशे और अनाजों के छिलके फोक बनाते हैं, यह स्टार्च के कणों को बांध कर रखते हैं। ये पदार्थ आप नहीं पचते इनको चाहे जितना भी पचाया जाए फिर भी ये घुलते नहीं।
फोक के कार्य (Functions of Roughage) — ये शरीर को कोई पौष्टिक तत्त्व नहीं देते फिर भी इनका शरीर के लिए बहुत महत्त्व है।

  1. इनसे भोजन की मात्रा बढ़ जाती है।
  2. फोक से भोजन को पाचन प्रणाली को चलाने में सहायता मिलती है।
  3. आंतों और पट्ठों को क्रियाशील रखने में मदद करते हैं।
  4. पाचन के पश्चात् मल बाहर निकालने में सहायता करते हैं।
  5. कब्ज़ को दूर करते हैं।
  6. ये कुछ ऐसे जीवाणु के बनने में सहायता करते हैं जो कि पित एसिड को तोडते हैं।

फोक की प्राप्ति के स्त्रोत (Sources of Roughage) —

  1. हरी सब्ज़ियाँ जैसे बन्द गोभी, गाजर के पत्ते, हरा धनिया, कड़ी पत्ता, पुदीना आदि।
  2. फल जैसे-अंजीर, संतरा, अनार, टमाटर, अंगूर और अमरूद।
  3. सम्पूर्ण अनाज।

प्रश्न 39.
लोहे की कमी से कौन-सा रोग हो जाता है? लोहे के हमारे शरीर में क्या कार्य हैं?
अथवा
लोहे की कमी का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
लोहे की कमी से अनीमिया हो जाता है। खून में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। इससे भूख कम लगना, सांस फूलना, दिल की धड़कन बढ़ना, नाखून सफेद होना और शारीरिक कमजोरी हो जाती है।
यह रोग विटामिन बी कम्पलैक्स की कमी से भी हो जाता है। लोहे के कार्य

  1. हीमोग्लोबिन का निर्माण
  2. मांसपेशियों की आवश्यकता
  3. ऑक्सीकरण की क्रियाओं के लिए ये फेफड़ों के लिए ऑक्सीजन और कोशिकाओं से ऑक्सीजन फेफड़ों तक पहुँचाता है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 40.
भोजन के पौष्टिक तत्त्व कौन-कौन से हैं? प्रोटीन के कार्य, कमी के परिणाम और स्रोत लिखो।
उत्तर-
पौष्टिक तत्त्व, वे रासायनिक तत्त्व हैं जो हमें भोजन से प्राप्त होते हैं और ये शारीरिक क्रियाओं के लिए आवश्यक ऊर्जा और शरीर के प्रत्येक कोश की बनावट और देखभाल के लिए आवश्यक योगदान देते हैं।
पौष्टिक तत्त्व निम्नलिखित हैं

  1. प्रोटीन (Protein)
  2. कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates)
  3. चर्बी (Fat)
  4. विटामिन (Vitamin)
  5. खनिज पदार्थ (Mineral)
  6. पानी (Water)
  7. फोक (Roughage)।

लाभ-पौष्टिक तत्त्वों में से प्रोटीन एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इसको मानवीय जीवन का आधार कहा जाता है। जैसे मकान बनाने के लिए ईंटें, सीमेंट और मिट्टी की आवश्यकता होती है ठीक उसी तरह की शरीर की रचना के लिए कोशों (Cells) की आवश्यकता होती है। इन कोशों के अन्दर प्रोटोप्लाज़म (Protoplasm) होता है जिस को जीवन का आधार माना जाता है। प्रोटोप्लाज़म प्रोटीन से ही बनता है।

प्रोटीन कई प्रकार के अमीनो अम्लों (Amino acids) के मिश्रण से बनता है। ये अमीनो अम्ल कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और कई सल्फर के संयोग से बनते हैं अमीनो अम्ल दो प्रकार के होते हैं
(क) आवश्यक (Essential)
(ख) अनावश्यक (Non-essential)
(क) आवश्यक (Essential)-ये शरीर के निर्माण के लिए आवश्यक अमीनो अम्ल हैं जिनको भोजन में से लेना आवश्यक हो जाता है। बच्चों के लिए 10 और बड़ों के लिए 8 अमीनो अम्ल आवश्यक हैं। बच्चों में इन 8 अमीनो अम्लों के अतिरिक्त हिस्टीडी (Histidi) और आरजनीन (Argnine) भी आवश्यक हैं। यह अमीनो अम्ल शारीरिक और मानसिक विकास करते हैं।।
(ख) अनावश्यक (Non-essential) ये अम्ल शरीर में ही पैदा हो जाते हैं यह भी बहुत आवश्यक हैं।
प्रोटीन के वर्गीकरण का आधार-प्रोटीन का वर्गीकरण तीन बातों के आधार पर किया जाता है

  1. साधन के आधार पर
  2. गुणों के आधार पर
  3. भौतिक और रासायनिक विशेषताओं के आधार पर।

1. साधन के आधार पर (On the basis of Source)
(क) वनस्पति से प्राप्त होने वाले प्रोटीन (Vegetables Protein)-जैसे दालें, अनाज, मूंगफली, सोयाबीन, तिल और मटर आदि।
(ख) पशु-जगत् से प्राप्त होने वाले प्रोटीन (Animal Protein)-जैसे दूध और दूध से बने पदार्थ, मीट और मीट से बने पदार्थ, मछली, अण्डे आदि।

2. गुणों के आधार पर (On the basis of Qualities)
(क) पूर्ण प्रोटीन (Complete Protein) — यह दूध, अण्डे, मछली और मांस में पाई जाती है। इसको ‘ए’ श्रेणी की प्रोटीन कहा जाता है।
(ख) अपूर्ण प्रोटीन (Incomplete Protein) — यह अनाज, दालों और सूखे मेवों में होती है। इसको ‘बी’ श्रेणी का प्रोटीन कहा जाता है।
(ग) अर्द्ध-पूर्ण प्रोटीन (Partial Protein) — यह घटिया किस्म की प्रोटीन होती है। यह मक्की की जीन और जैलेटिन में पाई जाती है।

3. भौतिक और रासायनिक विशेषताओं के आधार पर (On the basis of Physical and Chemical properties) —
(क) साधारण प्रोटीन (Simple Protein) — यह अण्डे के सफेद भाग (Albumin) में पाई जाती हैं।
(ख) मिश्रित प्रोटीन (Conjugated Protein) — इस तरह की प्रोटीन में प्रोटीन के साथ और प्रोटीन पदार्थ मिले होते हैं जैसे दूध में एजील (फॉस्फोरस + प्रोटीन) खून की हीमोग्लोबिन (लोहा + प्रोटीन)।
(ग) प्राप्त की गई प्रोटीन (Derivated Protein) — ये पैप्टोन, पैप्टाइड और अमीनो अम्लों जैसे पदार्थ हैं। प्रोटीन के कार्य (Functions of Protein)-प्रोटीन एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। यह हमारे शरीर में निम्नलिखित कार्य करती है

  1. शरीर की सुरक्षा और विकास का कार्य
  2. शरीर को ऊर्जा देने का कार्य
  3. रोगों से लड़ने के लिए शक्ति बढ़ाना
  4. खून बनाने में सहायक
  5. अम्ल और क्षार में सन्तुलन रखना
  6. हार्मोन्ज़ और एन्जाइम्ज़ (Enzymes) बनाने का कार्य
  7. मानसिक शक्ति प्रदान करना।

प्रोटीन की प्राप्ति के स्रोत (Sources of Protein) —

  1. पशु जगत् से प्राप्त होने वाले प्रोटीन (Animal Sources) — जैसे दूध और दूध से बने पदार्थ, पनीर, दही, खोया, मक्खन आदि मीट और मीट से बने पदार्थ, अण्डे और मछली।
  2. वनस्पति जगत् से प्राप्त होने वाले प्रोटीन (Vegetable Sources) — जैसे दालें, सोयाबीन, मूंगफली, तिल. बादाम. पिस्ता, नारियल, मटर और अनाज आदि।
    PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व 5

प्रोटीन की कमी से होने वाले नुकसान (Effects of deficiency of Protein) —
प्रोटीन की कमी का असर बच्चों, गर्भवती औरतों और दूध पिलाने वाली माताओं पर अधिक पड़ता है। इसकी कमी से निम्नलिखित नुकसान होते हैं —

  1. शरीर की वृद्धि और विकास में रुकावट-प्रोटीन की कमी से शरीर के विकास और वृद्धि की रफ्तार कम हो जाती है। इससे शरीर कमजोर हो जाता है और बच्चों में शारीरिक वृद्धि रुक जाती है।
  2. खून की कमी होना-भोजन में प्रोटीन की कमी से खून की कमी (Anaemia) हो जाती है।
  3. रोग प्रतिरोधक (Antibodies) पदार्थ की कमी-प्रोटीन शरीर में रोग प्रतिरोधक तत्त्वों का निर्माण करती है। प्रोटीन की कमी से शरीर में बिमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है जिससे कई रोग लग जाते हैं।
  4. हड्डियां कमज़ोर होना- इसकी कमी हड्डियों को भी कमज़ोर करती है इसलिए इनके जल्दी टूटने का डर रहता है।
  5. चमड़ी का खुशक होना-शरीर में प्रोटीन की कमी से चमड़ी खुशक हो जाती है और इससे शरीर पर झुर्रियां पड़ जाती हैं।
  6. बच्चे का कमज़ोर पैदा होना-गर्भवती और दूध पिलाने वाली औरतों में इसकी कमी होने से बच्चा कमज़ोर होता है और उसकी वृद्धि ठीक नहीं होती।
  7. प्रोटीन की कमी से बच्चे क्वाशियोरकॉर और मरास्मस (सूखा) रोगों के शिकार हो जाते हैं।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 41.
वसा में घुलनशील विटामिन कौन-से हैं और हमारे शरीर में क्या कार्य करते हैं और कहां से प्राप्त किए जा सकते हैं?
अथवा
चर्बी क्या है? इसके कार्यों तथा प्राप्तियों के साधनों के बारे में लिखें।
उत्तर-
चर्बी (Fat)-चर्बी भी मनुष्य की खुराक का एक महत्त्वपूर्ण भाग है। यह हाइड्रोजन, कार्बन और ऑक्सीजन का मिश्रण है। यह शरीर को शक्ति प्रदान करती है
और पानी में अघुलनशील है। इसमें कार्बोज़ प्रोटीन से दुगुनी शक्ति होती है। एक ग्राम चर्बी से 9 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। हमारे शरीर को 15 से 20 प्रतिशत ऊर्जा चर्बी से मिलनी चाहिए। मनुष्य को रोज़ना 20 से 30 ग्राम चर्बी की आवश्यकता होती है। चर्बी में घुलनशील विटामिन ए, डी और के हैं।
चर्बी का वर्गीकरण-चर्बी को उसके स्रोत के आधार पर दो वर्गों में विभाजित किया जाता है
1. पशु चिकनाई या चर्बी (Animal fats)-जैसे घी, मक्खन, मछली का तेल, अण्डे की जर्दी, जानवरों की चर्बी आदि।
2. वनस्पति या चर्बी (Vegetable fats)-जैसे मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, सरसों, तिल, नारियल, बिनोले आदि के तेल।
3. चर्बी के कार्य (Functions of fat)-चर्बी हमारे शरीर में निम्नलिखित कार्य करती है

  1. ऊर्जा का स्रोत (Source of energy)
  2. आवश्यक वसा अम्लों का स्रोत (Source of essential fatty acids)
  3. चर्बी में घुलनशील विटामिनों का स्रोत (Source of fat soluble Vitamins)
  4. कोमल अंगों की सुरक्षा (Protection of sensitive body organs)
  5. भोजन को स्वादिष्ट बनाती है (Help in making food tasty)
  6. सन्तुष्टि देती है (Give satisfaction)
  7. शरीर का तापमान बनाए रखती है (Helps is regulating body temperature)
  8. चमड़ी के स्वास्थ्य के लिए (For healthy skin)
    PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व 6

चर्बी की प्राप्ति के स्रोत (Sources of fat) —
चर्बी निम्नलिखित भोजन पदार्थ में अधिक पाई जाती है

  1. घी, मक्खन, क्रीम और तेल।
  2. वनस्पति तेल पदार्थ जैसे-सरसों, तिल, मूंगफली, नारियल, बिनौलों का तेल और वनस्पति घी।
  3. सूखे फल और मेवे जैसे-बादाम, अखरोट, सूखी गिरी और काजू।
  4. मीट वाले पदार्थ जैसे-अण्डा, जिगर, गुर्दे और मांस।
  5. दूध और दूध से बने पदार्थ जैसे-दूध का पाऊडर और खोया आदि।

Home Science Guide for Class 10 PSEB भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सन्तुलित भोजन में कौन-कौन से पौष्टिक तत्त्व होते हैं?
उत्तर-
प्रोटीन, कार्बोज़, विटामिन, चिकनाई, लवण, पानी आदि।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 2.
प्रोटीन का क्या काम है?
उत्तर-
शरीर के तन्तुओं का निर्माण तथा मुरम्मत।

प्रश्न 3.
ऊर्जा प्रदान करने वाले पौष्टिक तत्त्व कौन-से हैं?
उत्तर-
कार्बोज़, चिकनाई।

प्रश्न 4.
नाइट्रोजन तत्त्व किस तत्त्व में होता है?
उत्तर-
प्रोटीन में।

प्रश्न 5.
कार्बोहाइड्रेट्स के स्रोत बताओ।
उत्तर-
चावल, मक्की, गुड़, शक्कर, चीनी आदि।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 6.
पानी में घुलनशील विटामिन का नाम बताओ।
उत्तर-
विटामिन बी, सी आदि।

प्रश्न 7.
चर्बी में घुलनशील विटामिन का नाम बताओ।
उत्तर-
विटामिन ए।

प्रश्न 8.
विटामिन B, का दूसरा नाम बताओ।
उत्तर-
राईबोफेलबीन।

प्रश्न 9.
अन्धराता कौन-से विटामिन की कमी से होता है?
उत्तर-
विटामिन ए।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 10.
जिरोसिस किस विटामिन की कमी से होता है?
उत्तर-
विटामिन ए।

प्रश्न 11.
बहते खून का बन्द न होना किस विटामिन की कमी से होता है?
उत्तर-
विटामिन ‘के’ की कमी से।

प्रश्न 12.
जीवन तत्त्व किन पौष्टिक तत्त्वों को कहते हैं?
उत्तर-
विटामिनों को।

प्रश्न 13.
कौन-से खनिज की कमी के कारण रक्त की कमी हो जाती है?
उत्तर-
लोहे की कमी के कारण।

प्रश्न 14.
प्रोटीन की प्राप्ति के स्त्रोत बताओ।
उत्तर-
पशु जगत् तथा वनस्पति जगत्।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 14.
A. भोजन में लगातार प्रोटीन की कमी से कौन सी बिमारी हो जाती है?
उत्तर-
क्वाशियोरकर।

प्रश्न 15.
पशु जगत् से प्राप्त होने वाले प्रोटीन बताओ।
उत्तर-
दही, दूध, अण्डे, मछली आदि।

प्रश्न 16.
एक ग्राम कार्बोज से हमें कितनी ऊर्जा मिलती है?
उत्तर-
4 कैलोरी।

प्रश्न 17.
एक ग्राम चर्बी से हमें कितनी ऊर्जा (कैलोरी) मिलती है?
उत्तर-
9 कैलोरी।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 18.
भोजन से प्राप्त होने वाली शक्ति का कितने प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट से मिलना चाहिए?
उत्तर-
50% से 60% तक।

प्रश्न 19.
नशासते वाले पदार्थों का नाम बताओ।
उत्तर-
अनाज, कंदमूल, शकरकन्दी, आलू।

प्रश्न 20.
विटामिन ‘ई’ का एक काम बताओ।
उत्तर-
विटामिन ‘ए’ के बनने में सहायता करता है।

प्रश्न 21.
थायमीन क्या है?
उत्तर-
यह विटामिन B, का नाम है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 21.
A. विटामिन B, का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर-
थायमीन

प्रश्न 22.
खट्टे फलों में कौन-सा विटामिन होता है?
उत्तर-
विटामिन सी।

प्रश्न 23.
शरीर में कैल्शियम की कितनी मात्रा हड्डियों तथा दांतों में होती है?
उत्तर-
99%.

प्रश्न 24.
बच्चों में क्रेटीनिज्म किसकी कमी से होता है?
उत्तर-
आयोडीन की कमी से।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 25.
अमीनो अम्ल कितनी प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
दो प्रकार के आवश्यक तथा 20-22 प्रकार के अनावश्यक अम्ल होते हैं।

प्रश्न 26.
पूर्ण प्रोटीन के स्रोत बताओ।
उत्तर-
मास, मछली, अण्डे।

प्रश्न 27.
चर्बी के प्राप्ति के साधन बताओ।
उत्तर-
घी, मक्खन, क्रीम आदि।

प्रश्न 28.
शरीर का कितना भाग खनिजों से बना है?
उत्तर-
पच्चीसवां भाग।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 29.
मैकरोमिनरलज़ की उदाहरण दें।
उत्तर-
कैल्शियम, सल्फर, फॉस्फोरस, क्लोरीन आदि।

प्रश्न 30.
माइक्रोमिनरलज की उदाहरण दें।
उत्तर-
लोहा, ताँबा, कोबाल्ट, आयोडीन आदि।

प्रश्न 31.
एक आम आदमी की ज़िन्दगी में पानी की क्या आवश्यकता है?
उत्तर-
आम आदमी को प्रतिदिन 7-8 गिलास पानी की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 32.
त्वचा में विटामिन D का निष्क्रिय रूप क्या है?
उत्तर-
विटामिन D3 (कोलकैलसीफिरोल)।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 33.
खनिज क्या होते हैं?
उत्तर-
खनिज ऐसे पदार्थ हैं जो शरीर के लिए आवश्यक हैं तथा यह खाद्य पदार्थों में ही मौजूद होते हैं यह हैं सोडियम, कैल्शियम, लोहा, फास्फोरस, आयोडीन आदि।

प्रश्न 34.
हिमोग्लोबिन की संरचना लिखें।
उत्तर-
हिमोग्लोबिन में प्रोटीन तथा लोहा होता है।

प्रश्न 35.
आयोडीन की कमी से हमारे शरीर में कौन-सा रोग (बीमारी) हो जाता
उत्तर-
घेघा रोग।

प्रश्न 36.
लोहे की कमी से होने वाले रोग का नाम बताओ।
उत्तर-
अनीमिया।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 37.
विटामिन के (K) की कमी से कौन-सा रोग हो जाता है?
उत्तर-
चोट लग जाने पर रक्त बहता रहता है, रुकता नहीं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पानी में घुलनशील विटामिन कौन-से हैं? यह हमारे शरीर में क्या काम करते हैं तथा प्राप्ति के स्त्रोत बताएं।
उत्तर-
देखें विटामिन C, B तथा K वाले प्रश्न।

प्रश्न 2.
भोजन के पौष्टिक तत्त्व कौन-कौन-से हैं ? किन्हीं दो के काम, कमी से नतीजों के बारे में बताएं।
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 3.
अमीनो एसिड किसको कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
अमीनो एसिड वह छोटी-छोटी इकाइयां हैं जिनसे प्रोटीन बनते हैं। अमीनो अम्ल 20-22 प्रकार के होते हैं।

प्रश्न 4.
प्रॉक्सिमेट प्रिंसीपल्ज़ किसे कहते हैं?
उत्तर-
भोजन से प्राप्त होने वाले कार्बोहाइड्रेट्स, वसा तथा प्रोटीन वाले तत्त्वों को प्रॉक्सिमेट प्रिंसीपल्ज़ कहा जाता है क्योंकि ये हमारे शरीर का निर्माण करने वाले तत्त्वों से मिलते हैं तथा पचने के बाद ये तत्त्व शारीरिक तत्त्वों के अनुरूप ही बन जाते हैं।

प्रश्न 5.
भोजन शरीर में टूटे तन्तुओं की मुरम्मत किस प्रकार करता है?
उत्तर-
हमारे शरीर में हर समय तन्तुओं की टूट-फूट होती रहती है। तन्तु, कोशिकाओं के समूह, घिसते तथा नष्ट होते रहते हैं। भोजन में मौजूद प्रोटीन इन टूटे हुए तन्तुओं तथा कोशिकाओं की मुरम्मत करने में सहायता करते हैं तथा नए तन्तु उत्पन्न भी करते हैं।

प्रश्न 6.
कार्बोहाइड्रेट और चर्बी की शरीर को कितनी आवश्यकता है?
उत्तर-
भोजन से प्राप्त होने वाली ऊर्जा का 50-60% भाग कार्बोहाइड्रेट्स से प्राप्त होनी चाहिए। एक साधारण व्यक्ति के भोजन में 400-450 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा प्रतिदिन उचित मानी जाती है। परन्तु शर्करा के रोगी के लिए इसकी मात्रा 90-110 ग्राम कार्बोज़ प्रतिदिन ठीक है।
प्रतिदिन कैलोरी की आवश्यकता का लगभग 15% भाग चर्बी से मिलना चाहिए। यह मात्रा 40-45 ग्राम प्रतिदिन होनी चाहिए।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 7.
काम के अनुसार खनिज पदार्थों का वर्गीकरण करें।
उत्तर-

काम खनिज पदार्थ
1. अम्ल-क्षार का सन्तुलन सोडियम, पोटाशियम
2. खून का निर्माण लोहा, कोबाल्ट, कॉपर
3. हड्डियों, दाँतों का निर्माण तथा शारीरिक वृद्धि कैल्शियम, फॉस्फोरस
4. आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा दाँतों के इनेमल के लिए। क्लोरीन, आयोडीन, फ्लोरीन
5. हार्मोन पैदा करने के लिए उत्प्रेरक मैग्नीशियम, मैंगनीज़, जिंक, सल्फर।

प्रश्न 8.
निकोटिनिक एसिड के स्रोत और कमी से होने वाली हानियों के बारे में बताएं।
उत्तर-
स्रोत-अंकुरित दालें, सम्पूर्ण अनाज, मूंगफली, खमीर उठा भोजन, यकृत आदि।
कमी से हानियाँ-

  1. प्लैगरा नामक रोग हो जाता है। त्वचा का रंग काला हो जाता है, खुजली तथा सूजन हो जाती है।
  2. मुँह का स्वाद खराब हो जाता है।
  3. अनीमिया के साथ-साथ मानसिक परेशानी भी हो सकती है।
  4. दस्त लग जाते हैं।

प्रश्न 9.
आवश्यक अमीनो एसिड की मात्रा और गिनती के हिसाब से प्रोटीन को कितने भागों में बांटा जा सकता है?
उत्तर-
आवश्यक अमीनो एसिड की मात्रा और गिनती के हिसाब से प्रोटीन को तीन भागों में बांटा जा सकता है
(i) सम्पूर्ण प्रोटीन, (ii) असम्पूर्ण प्रोटीन, (iii) अपूर्ण प्रोटीन।

  1. सम्पूर्ण प्रोटीन-इनमें सभी आवश्यक अमीनो अम्ल उचित मात्रा तथा गिनती में होते हैं, जैसे मछली, अण्डा, दूध आदि।
  2. असम्पूर्ण प्रोटीन-इनमें कुछ आवश्यक अमीनो अम्ल नहीं होते, जैसे-गेहूँ, दाल, फलियाँ आदि में।
  3. अपूर्ण प्रोटीन-इनमें आवश्यक अमीनो अम्ल नहीं होते जैसे मक्की।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 10.
मैक्रोमिनरल्ज तथा माइक्रोमिनरल्ज़ क्या होता है?
उत्तर-
शरीर का पच्चीसवां भाग (1/25 भाग) खनिज पदार्थों से बना होता है। ये खनिज पदार्थ शरीर के निर्माण, स्वास्थ्य तथा शारीरिक क्रियाओं को ठीक ढंग से चलाने के लिए आवश्यक हैं। ये दो प्रकार के होते हैं

  1. बृहत खनिज पदार्थ (Macrominerals) — ये अधिक मात्रा में शरीर को चाहिए होते हैं, जैसे कि कैल्शियम, सल्फर, फॉस्फोरस, क्लोरीन, सोडियम आदि।
  2. लघु खनिज पदार्थ (Microminerals) — ये शरीर में बहुत कम मात्रा में चाहिए होते हैं। इन्हें नाममात्र (Trace) खनिज पदार्थ भी कहा जाता है। परन्तु इनकी शरीर में उपस्थिति अति आवश्यक है, जैसे-लोहा, तांबा, जिंक, आयोडीन, कोबाल्ट आदि।

प्रश्न 11.
फास्फोरस तथा लोहे के शरीर के लिए काम बताओ।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 12.
भोजन की परिभाषा देते हुए इसके कार्यों का वर्णन करो।
अथवा
भोजन के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 13.
लोहे तथा आयोडीन की कमी से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव बताएं।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 14.
भोजन हमारे शरीर के लिए क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 15.
अनाज और दालों में से हमें कौन-से पौष्टिक तत्त्व मिलते हैं?
अथवा
भोजन में अनाज और दालों को क्यों शामिल करना चाहिए?
उत्तर-
अनाज से हमें कार्बोज़ तथा प्रोटीन प्राप्त होते हैं तथा दालों में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है तथा दालों में कुछ मात्रा में विटामिन भी होते हैं। अनाज जैसे गेहूँ, मक्की, बाजरा आदि में कार्बोज़ अधिक तथा प्रोटीन 6-12% होते हैं। दालों में 20-25% प्रोटीन होती है। दालों में विटामिन बी तथा खनिज पदार्थ जैसे कैल्शियम की मात्रा भी अधिक होती है। अंकुरित दालों में विटामिन सी भी होता है। इसलिए भोजन में अनाज तथा दालों की उचित मात्रा होनी चाहिए।

प्रश्न 16.
पानी के शरीर के लिए क्या काम हैं तथा उसकी कमी का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 17.
रेशे और फोकट का शरीर के लिए क्या महत्त्व है?
उत्तर-
हम अपने भोजन में पौष्टिक तत्त्वों के अलावा कुछ ऐसे पदार्थ भी लेते हैं जिन्हें हम रेशे और फोकट कहते हैं। इसमें पौधों के रेशे, अनाज का चौकर, फलों का छिलका, हरे पत्तेदार साग-सब्जी आदि शामिल हैं। इनका हमारे शरीर में विशेष महत्त्व है। रेशे शरीर में पचते नहीं तथा आंतड़ियों को ठीक प्रकार से अपना कार्य करने में सहायक हैं तथा व्यक्ति को कब्ज नहीं होती।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 18.
पानी के स्रोत और इसकी शरीर के लिए ज़रूरत के बारे में बताएं।
उत्तर-
पानी के स्त्रोत-शरीर के लिए पानी के स्रोत इस प्रकार हैं-हम प्यास लगने पर सीधे ही पानी पी लेते हैं। सब्जियों में 60-90%, फलों, लस्सी, चाय, शकंजवी, शरबत, कोका कोला, लिम्का आदि में से भी काफ़ी पानी मिलता है। दूध में भी 87% पानी होता है।

पानी की ज़रूरत-पानी की सभी को अपनी आयु, लिंग, कार्य, मौसम के तापमान आदि के अनुसार आवश्यकता होती है। एक साधारण व्यक्ति को प्रतिदिन 7-8 गिलास पानी लेना चाहिए। पानी शरीर के तापमान को ठीक रखने के लिए ज़रूरी है तथा पाचन क्रिया के लिए भी ज़रूरी है। गर्भ के समय, दूध पिलाने वाली मां को तथा रोगी को पानी की अधिक आवश्यकता होती है।

प्रश्न 18 A.
एक व्यक्ति को रोजाना कितने पानी की जरूरत है। विस्तारपूर्वक र्णन करो।
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 19.
प्रोटीन के स्रोत तथा इसकी आवश्यकता के बारे में बताएं।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 20.
लोहे के स्रोत तथा इसके शरीर के लिए कार्य बताएं।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 21.
भोजन हमें शक्ति कैसे देता है?
उत्तर-
हम भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स, चर्बी का प्रयोग करते हैं। इन दोनों की शरीर में रासायनिक क्रियाएं होती हैं तथा ऊर्जा पैदा होती है। एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स से 4 कैलोरी तथा एक ग्राम चर्बी से 9 कैलोरी ऊर्जा मिलती है।

प्रश्न 22.
चिकनाई की अधिकता से हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
चिकनाई का अधिक प्रयोग मोटापा पैदा करता है। इससे पाचन क्रिया खराब हो जाती है। इसके अधिक प्रयोग से मनुष्य का लीवर खराब हो जाता है। कलैस्ट्रोल बढ़ जाना है, रक्त दबाव बढ़ जाता है तथा दिल के रोग की सम्भावना हो जाती है। इसलिए चिकनाई का प्रयोग आवश्यकता अनुसार ही करें।

प्रश्न 23.
प्राणी के अस्तित्व के लिए जल की क्या उपयोगिता है?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 24.
वसा में उच्च संतृप्ता मूल्य होता है, वर्णन कीजिए।
उत्तर-
वसा के एक ग्राम में से 9 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। इस प्रकार कम वसा के प्रयोग से अधिक संतृप्ता प्राप्त हो जाती है तथा लम्बे समय तक पेट भरा रहता है।

प्रश्न 25.
विटामिन D व B के दो-दो अच्छे स्रोत बताइए।
उत्तर-
विटामिन D के स्रोत हैंजिगर का तेल, अण्डे की जर्दी, धूप विटामिन B के स्त्रोत हैं- अंकुरित दालें, दूध, अण्डे, जिगर, सूखे मेवे आदि।

प्रश्न 26.
स्तम्भ A के तथ्यों का स्तम्भ B के तथ्यों से मिलान कीजिए।

स्तम्भ A स्तम्भ B
1. कैल्शियम रक्तक्षीणता
2. लोहा स्कर्वी
3. आयोडीन रिकेट्स
4. विटामिन D बेरी बेरी
5. थायमीन गलगंड
6. विटामिन मज़बूत दांत

उत्तर-
1. कैल्शियम – मज़बूत दांत
2. लोहा – रक्तक्षीणता
3. आयोडीन – गलगंड
4. विटामिन D – रिकेट्स
5. थायमीन – बेरी बेरी
6. विटामिन C – स्कर्वी

प्रश्न 27.
कार्बोज़ के प्रोटीन बचाव क्रिया के बारे में बताइये। कार्बोज़ से कितने प्रतिशत कैलोरी प्राप्त होनी चाहिये?
उत्तर-
जब शरीर में कार्बोज़ की कमी हो जाती है तो ऊर्जा की प्राप्ति प्रोटीन से शुरू हो जाती है तथा प्रोटीन अपने वास्तविक कार्य, शरीर के निर्माण तथा तंतुओं की मुरम्मत नहीं कर पाते। इसलिए कार्बोज़ की उचित मात्रा का शरीर में होना, प्रोटीन को शरीर की मुरम्मत के लिए बचाता है।
कार्बोज़ के 1 ग्राम से 4 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 28.
आयोडीन के कार्यों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखो।
उत्तर-
आयोडीन गल ग्रंथियों की क्रियाशीलता के लिए महत्त्वपूर्ण है। गल ग्रंथियों का रस थायरोक्सान शरीर की क्रियाओं को नियमित करता है।
आयोडीन बच्चों की वृद्धि तथा विकास के लिए बहुत आवश्यक है तथा प्रजनन के लिए भी आवश्यक है।

प्रश्न 29.
कार्बोहाइड्रेट्स तथा वसा हमारे लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 30.
क्वाशियोरकर पर नोट लिखें।
उत्तर-
यह एक रोग है जो बच्चों में कुपोषण के कारण तथा भोजन में प्रोटीन की लगातार कमी के कारण होता है। यह रोग अधिकतर विकासशील देशों में गरीबी तथा अज्ञानता के कारण होता है। कई बार भोजन में प्रोटीन की मात्रा बिल्कुल नहीं ली जाती है। इस रोग के कारण बच्चे के शरीर में कई कमियां तथा अयोग्यताएं पैदा हो सकती हैं तथा ध्यान न दिया जाए तो मृत्यु भी हो सकती है। इस रोग से बचाव के लिए दूध पिलाने वाली माताओं को अच्छा सन्तुलित भोजन लेना चाहिए तथा जब बच्चा मां का दूध छोड़. दे तो उसे प्रोटीन की कमी नहीं होने दें तथा उसे सन्तुलित भोजन दें।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 31.
पानी के कार्यों का वर्णन करो।
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 32.
पानी हमारे शरीर के लिए कैसे महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 33.
फोक का हमारे शरीर के लिए क्या महत्त्व है? इसकी प्राप्ति के क्या साधन हैं?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 34.
मोहन को पेलाग्रा रोग हो गया है? यह कौन से पौष्टिक तत्त्व की कमी से होता है और कौन-कौन से खाद्य पदार्थों को खुराक में शामिल करके इस रोग से बचा जा सकता है?
उत्तर-
यह रोग निकोटिनीक एसिड की कमी के कारण होता है। इसकी कमी दूर करने के लिए अंकुरित दालें, संपूर्ण अनाज, मूंगफली, खमीर, जिगर आदि लेने चाहिएं।

प्रश्न 35.
शीना का बेटा 6 महीने का है। शीना को ऑस्टियोमलेशिया का रोग हो गया है। इसके होने का क्या कारण है और किन-किन खाद्य पदार्थों को खुराक में शामिल करके इस रोग की रोकथाम की जा सकती है?
उत्तर-
यह रोग विटामिन डी तथा कैल्शियम की कमी के कारण होता है। भोज्य पदार्थों की आवश्यकता-स्वयं करें।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
थाईयामीन (बी,) तथा राईब्रोफलेनिन (बी,) की कमी से शरीर में क्या हानियां होती हैं?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 2.
कार्बोहाइड्रेट्स को कौन-से मुख्य भागों में बांटा जा सकता है? वर्णन करो।
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेटस को तीन भागों में बांटा जा सकता है
(i) इकहरी शक्कर
(ii) दोहरी शक्कर
(iii) बहुभांती शक्कर।

  1. इकहरी शक्कर-यह साधारण शक्कर है इसमें अणु सरल तथा छोटे होते हैं। यह पानी में घुल सकती है, रवेदार होती है तथा स्वाद में मीठी होती है। ग्लूकोज़, फ्रेक्टोज़, गलैक्टोज़ तीन ऐसी मुख्य शक्करें हैं।
  2. दोहरी शक्कर-दो इकहरी शक्करें आपस में मिल कर दोहरी शक्कर बनाती हैं। यह भी पानी में घुलनशील हैं, रवेदार तथा मीठी होती हैं। सुक्रोज, मालटोज़ आदि इस प्रकार की शक्कर हैं।
  3. बहुभांती शक्कर-यह स्वाद में मीठी नहीं होती तथा पानी में नहीं घुलती। यह कई इकहरी तथा दोहरी शक्करों के मिलकर बनी होती हैं। ग्लाईकोजन, सैलुलोज़ आदि इस के उदाहरण हैं निशस्ता पानी में घुलनशील नहीं है पर उबालने पर गाढ़ा घोल बनाता है। ग्लाईकोजन प्राणियों के ज़िगर में तथा सैलूलोज़ पौधों के रेशों में होते हैं।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 3.
(A) प्रोटीन तथा कार्बोहाइड्रेट के शरीर में काम बताएं।
(B) प्रोटीन के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेट्स के कार्य

  1. यह शरीर को ऊर्जा तथा गर्मी देता है।
  2. यह शरीर के लिए प्रोटीन की बचत करता है।
  3. ग्लूकोज़ आवश्यक अमीनो एसीड के निर्माण में सहायक है।
  4. यह भोजन को स्वादिष्ट बनाते हैं।
  5. सैलूलोज़ फोम का कार्य करता है।
  6. चिकनाई से मिल कर शरीर को सन्तुष्टि प्रदान करते हैं। नोट : प्रोटीन के कार्यों के लिए देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 4.
विटामिन ‘ई’ तथा ‘के’ के मुख्य कार्य क्या हैं? तथा इनकी कमी से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 5.
पानी हमारे शरीर के लिये कैसे महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर-
मनुष्य के शरीर के भार का लगभग 70 प्रतिशत भार पानी का ही है। पानी हमारे खून के अतिरिक्त हर कोश की बनावट के लिये आवश्यक है। शरीर के बीच की क्रियाओं तथा रासायनिक परिवर्तनों के लिये भी पानी एक मुख्य अंश है। पानी में घुलनशील पोषक तत्त्व केवल पानी को मौजूदगी में ही शरीर को पोषण दे सकते हैं। पानी शरीर में से फालतू रसायन, अम्ल तथा फोक बाहर निकालने का भी कार्य करता है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 6.
चिकनाई की अधिकता से हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
चिकनाई का अधिक प्रयोग करने से मोटापा हो जाता है तथा हाजमा भी बिगड़ जाता है। इसके ज्यादा प्रयोग से मनुष्य का लिवर खराब हो जाता है, कलैस्ट्रोल बढ़ने से खून का दबाव बढ़ जाता हैं तथा दिल के रोग की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिये भोजन में चिकनाई का प्रयोग आवश्यकता अनुसार ही करना चाहिये।

प्रश्न 7.
चर्बी तथा विटामिन D हमारे शरीर में क्या कार्य करते हैं?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 8.
स्तम्भ A के तथ्यों का स्तम्भ B से मिलान करें:

क्रम सं० स्तम्भ-A स्तम्भ-B
1. विटामिन डी किटोसिस
2. कार्बोहाइड्रेट भूख लगना
3. विटामिन ए अंधराता
4. थायमिन रिकेट्स
5. विटामिन बी बेरी-बेरी

उत्तर-

क्रम सं० स्तम्भ-A स्तम्भ-B
1. विटामिन डी रिकेट्स
2. कार्बोहाइड्रेट किटोसिस
3. विटामिन ए अंधराता
4. थायमिन बेरी-बेरी
5. विटामिन बी भूख लगना

प्रश्न 9.
निम्न लिखे रोगों का वर्णन करें।
(क) अन्धराता
(ख) जीरोसीस।
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 10.
विटामिन D हमारे शरीर में क्या कार्य करते हैं?
उत्तर-
स्वयं करें।

प्रश्न 11.
भोजन मे कौन-से तत्व हैं? कार्बोज़ के कार्य बताओ।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 12.
विटामिन डी के कार्यों, स्रोत और कमी के प्रभाव के बारे में वर्णन कीजिए।
उत्तर-
स्वयं करें।

प्रश्न 13.
शरीर में विटामिन ए (A) के कार्य, स्रोत और कमी के असर के बारे में बताओ।
उत्तर-
स्वयं करें।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 14.
विटामिन सी के कार्य, स्रोत और कमी के प्रभाव का वर्णन करें।
उत्तर-
स्वयं करें।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. रिक्त स्थान भरें

1. कार्बोज़ कार्य करने के लिए ………. प्रदान करते हैं।
2. विटामिन ‘के’ …………….. में घुलनशील है।
3. प्रजनन सम्बन्धी विकार …………….. विटामिन की कमी से आते हैं।
4. राइबोफ्लेविन ……………… विटामिन का नाम है।
5. खट्टे फलों में ………………. विटामिन अधिक होता है।
6. शरीर का ……………….. भाग खनिजों से बना होता है।
7. विटामिन B, का नाम ………………… है।
8. आयोडीन …………….. ग्रंथी की सामान्य क्रिया में सहायक है।
9. थायमीन की कमी से …………. बीमारी होती है।
10. पशुजन्य खाद्य व सोयाबीन में अनिवार्य …………… की मात्रा अधिक होती है।
11. ………………. शरीर की वृद्धि तथा तंतुओं की मुरम्मत में सहायक है।
12. ………………. और ………………. समूह के विटामिन पानी में घुलनशील हैं।
13. वसा ………………. अम्ल से बनाई जाती है।
14. ……………… की कमी से क्वाशियोरकर रोग होता है।
15. अपने दांतों व मसूढ़ों को स्वस्थ रखने के लिए हमें ………. लेना चाहिए।
16. कैल्शियम मज़बूत ………. और …….. के लिए ज़रूरी है।
17. अंधराता …….. विटामिन की कमी से होता है।
18. विटामिन ए का एक कार्य ………. को स्वस्थ्य रखना है।
19. यदि आप पाचन में सुधार लाना चाहते हों तो …………. विटामिन लें।
20. विटामिन ए ………………. में होता है।
21. कैल्शियम मज़बूत ………… तथा दांतों के लिए आवश्यक है।
22. स्कर्वी रोग ……… विटामिन की कमी से होता है।

उत्तर-

1. ऊर्जा,
2. चर्बी,
3. ई,
4. B
5. सी,
6. पच्चीसवां,
7. थाईयामीन,
8. थाइराइड,
9. बेरी-बेरी,
10. प्रोटीन,
11. प्रोटीन,
12. विटामिन C तथा विटामिन B,
13. फैटी,
14. प्रोटीन,
15. विटामिन सी,
16. हड्डियों, दांतों,
17. विटामिन ए,
18. आंखों,
19. विटामिन बी (थायमिन),
20. मक्खन,
21. हड्डियों,
22. विटामिन C

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

II. ठीक/ग़लत बताएं

  1. भोजन शरीर को ऊर्जा देता है।
  2. विटामिन ‘के’ पानी में घुलनशील है।
  3. नाइट्रोजन तत्व प्रोटीन में होता है।
  4. दालों में 20-25% प्रोटीन होता है।
  5. प्रोटीन की कमी से क्वाशियोरकर रोग हो जाता है।
  6. अनाज, कंदमूल, शक्करकंदी, आलू आदि निशास्ते वाले पदार्थ हैं।
  7. हिमोग्लोबिन में प्रोटीन तथा लोहा होता है।
  8. लोहा, तांबा, कोबाल्ट माइक्रोमिनरलज़ हैं।
  9. अमीनो अमल 30-40 प्रकार के हैं।

उत्तर-

  1. ठीक,
  2. ग़लत,
  3. ठीक,
  4. ठीक,
  5. ठीक,
  6. ठीक,
  7. ठीक,
  8. ठीक,
  9. ग़लत।

III. बहविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कोलकैलसी फिरोल किसे कहते हैं?
(क) विटामिन A
(ख) विटामिन D
(ग) विटामिन C
(घ) विटामिन K
उत्तर-
(ख) विटामिन D

प्रश्न 2.
मरास्मस रोग ……….. की कमी के कारण होता है।
(क) प्रोटीन
(ख) आयोडीन
(ग) कार्बोज
(घ) नमक।
उत्तर-
(ग) कार्बोज

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

प्रश्न 3.
ज़ीरोसिस ………. की कमी से होता है।
(क) विटामिन A
(ख) विटामिन D
(ग) विटामिन C
(घ) विटामिन K
उत्तर-
(क) विटामिन A

प्रश्न 4.
खट्टे फलों में कौन-सा विटामिन होता है?
(क) विटामिन A
(ख) विटामिन D
(ग) विटामिन C
(घ) विटामिन K
उत्तर-
(ग) विटामिन C

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 6 भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व

भोजन तथा पौष्टिक तत्त्व PSEB 10th Class Home Science Notes

  • भोजन मानवीय जीवन का मूल आधार है।
  • भोजन शरीर को शक्ति प्रदान करता है।
  • भोजन शरीर की आन्तरिक मुरम्मत करता है।
  • सन्तुलित भोजन में शरीर के सभी आवश्यक पौष्टिक तत्त्व होते हैं।
  • प्रोटीन सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है।
  • विटामिन शरीर को बीमारियों से बचाते हैं।
  • विटामिन ए की कमी से अन्धराता हो सकता है।
  • प्रोटीन, कार्बोज़, चिकनाई, विटामिन, लवण और पानी शरीर के लिए आवश्यक पौष्टिक तत्त्व हैं।
  • कार्बोहाइड्रेट्स गेहूं, चावल, मक्की, सूखे मेवे, गुड़, शक्कर, चीनी, शहद आदि से प्राप्त होते हैं।
  •  विटामिन B, गर्मी और प्रकाश से नष्ट हो जाते हैं।
  • प्रोटीन की कमी से शारीरिक विकास रुक जाता है।
  • विटामिन ‘ए’ आँखों और चमड़ी के लिए लाभदायक होता है।
  • विटामिन ‘सी’ शरीर को बीमारियों से बचाता है और यह खट्टे फलों जैसे नींबू, संतरा, मालटा आदि में मिलता है।

PSEB 10th Class SST Solutions History उद्धरण संबंधी प्रश्न

Punjab State Board PSEB 10th Class Social Science Book Solutions History उद्धरण संबंधी प्रश्न.

PSEB 10th Class Social Science Solutions History उद्धरण संबंधी प्रश्न

(1)

‘पंजाब’ फ़ारसी के दो शब्दों-‘पंज’ तथा ‘आब’ के मेल से बना है। इसका अर्थ है-पाँच पानियों अर्थात् पांच दरियाओं की धरती। ये पांच दरिया हैं-सतलुज, ब्यास, रावी, चिनाब व जेहलम। पंजाब भारत की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर स्थित है। 1947 ई० में भारत का बंटवारा होने पर पंजाब दो भागों में बांटा गया। इसका पश्चिमी भाग पाकिस्तान बना दिया गया। पंजाब का पूर्वी भाग वर्तमान भारतीय गणराज्य का उत्तरी-पश्चिमी सीमा-प्रान्त बन गया है। पाकिस्तानी पंजाब जिसे पश्चिमी पंजाब कहा जाता है, में आजकल तीन दरिया-रावी, चिनाब व जेहलम बहते हैं। भारतीय पंजाब जिसे कि ‘पूर्वी पंजाब’ कहा जाता है, में दो दरिया ब्यास व सतलुज ही रह गए हैं। वैसे यह नाम ‘पंजाब’ इतना सर्वप्रिय है कि दोनों पंजाब के लोग आज भी अपने-अपने हिस्से में आए पंजाब को ‘पश्चिमी’ या ‘पूर्वी’ कहने की बजाए ‘पंजाब’ ही कहते हैं। हम इस पुस्तक में जमुना तथा सिंध के मध्य पुरातन पंजाब के बारे में पढ़ेंगे।
(a) पंजाब किस भाषा के शब्द-जोड़ से मिलकर बना है? इसका अर्थ भी बताएं।
उत्तर-
‘पंजाब’ फ़ारसी के दो शब्दों-‘पंज’ तथा ‘आब’ के मेल से बना है। जिसका अर्थ है-पांच पानियों अर्थात् पांच दरियाओं (नदियों) की धरती।।
(b) भारत के बंटवारे के बाद ‘पंजाब’ शब्द उचित क्यों नहीं रह गया ?
उत्तर-
बंटवारे से पहले पंजाब पांच दरियाओं की धरती था, परन्तु बंटवारे के कारण इसके तीन दरिया पाकिस्तान में चले गए और वर्तमान पंजाब में केवल दो दरिया (ब्यास तथा सतलुज) ही शेष रह गए।
(c) किन्हीं तीन दोआबों का संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-

  1. दोआबा सिन्ध सागर-इस दोआबे में दरिया सिन्ध तथा दरिया जेहलम के मध्य का प्रदेश आता है। यह भाग अधिक उपजाऊ नहीं है।
  2. दोआबा चज-चिनाब तथा जेहलम नदियों के मध्य क्षेत्र को चज दोआबा के नाम से पुकारते हैं। इस दोआब के प्रसिद्ध नगर गुजरात, भेरा तथा शाहपुर हैं।
  3. दोआबा रचना-इस भाग में रावी तथा चिनाब नदियों के बीच का प्रदेश सम्मिलित है जो काफ़ी उपजाऊ है। गुजरांवाला तथा शेखुपुरा इस दोआब के प्रसिद्ध नगर हैं।

(2)

इब्राहिम लोधी के बुरे व्यवहार के कारण अफगान सरदार उससे नाराज थे। अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए उन्होंने आलम खाँ को दिल्ली का शासक बनाने की योजना बनाई। उन्होंने इस उद्देश्य के लिए बाबर की सहायता लेने का फैसला किया। परन्तु 1524 ई० में अपने जीते हुए इलाकों का प्रबन्ध करके बाबर काबुल गया ही था कि दौलत खाँ लोधी ने अपनी सेनाएँ इकट्ठी करके अब्दुल अज़ीज से लाहौर छीन लिया। उसके उपरान्त उसने सुलतानपुर में से दिलावर खाँ को निकाल कर दीपालपुर में आलम खाँ को भी हरा दिया। आलम खाँ काबुल में बाबर की शरण में चला गया। फिर दौलत खाँ लोधी ने सियालकोट पर हमला किया पर वह असफल रहा। दौलत खाँ की बढ़ रही शक्ति को समाप्त करने के लिए तथा बाबर की सेना को पंजाब में से निकालने के लिए इब्राहिम लोधी ने फिर अपनी सेना भेजी। दौलत खाँ लोधी ने उस सेना को करारी हार दी। परिणाम स्वरूप केन्द्रीय पंजाब में दौलत खाँ लोधी का स्वतन्त्र राज्य स्थापित हो गया।
(a) इब्राहिम लोधी के किन्हीं दो अवगुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-

  1. इब्राहिम लोधी पठानों के स्वभाव तथा आचरण को नहीं समझ सका।
  2. उसने पठानों में अनुशासन स्थापित करने का असफल प्रयास किया।

(b) दिलावर खां लोधी दिल्ली क्यों गया ? इब्राहिम लोधी ने उसके साथ क्या बर्ताव किया?
उत्तर-
दिलावर खां लोधी अपने पिता की ओर से आरोपों की सफाई देने के लिए दिल्ली गया। इब्राहिम लोधी ने दिलावर खां को खूब डराया धमकाया। उसने उसे यह भी बताने का प्रयास किया कि विद्रोही को क्या दण्ड दिया जा सकता है। उसने उसे उन यातनाओं के दृश्य दिखाए जो विद्रोही लोगों को दी जाती थीं और फिर उसे बन्दी बना लिया। परन्तु वह किसी-न-किसी तरह जेल से भाग निकला। लाहौर पहुंचने पर उसने अपने पिता को दिल्ली में हुई सारी बातें सुनाईं। दौलत खां समझ गया कि इब्राहिम लोधी उससे दो-दो हाथ अवश्य करेगा।

PSEB 10th Class SST Solutions History उद्धरण संबंधी प्रश्न

(3)

गुरु नानक देव जी से पहले पंजाब में मुसलमान शासकों की सरकार थी। इसलिए मुसलमान सरकार में ऊँची से ऊँची पदवी प्राप्त कर सकते थे। उनके साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाता था। सरकारी न्याय उनके पक्ष में ही होता था। उस समय का मुस्लिम समाज चार श्रेणियों में बंटा हुआ था-अमीर तथा सरदार, उलेमा व सैय्यद, मध्य श्रेणी व गुलाम।
मुस्लिम समाज में महिलाओं को कोई सम्मानयोग्य स्थान प्राप्त नहीं था। अमीरों तथा सरदारों की हवेलियों में स्त्रियों के ‘हरम’ होते थे। इन स्त्रियों की सेवा के लिए दासियाँ तथा रखैलें रखी जाती थीं। उस समय पर्दे का रिवाज आम था। साधारण मुसलमान घरों में स्त्रियों के रहने के लिए पर्देदार अलग स्थान बना होता था। उस स्थान को ‘जनान खाना’ कहा जाता था। इन घरों की स्त्रियाँ बुर्का पहन कर बाहर निकलती थी। ग्रामीण मुसलमानों में सख्त पर्दे की प्रथा नहीं थी।
(a) मुस्लिम समाज कौन-कौन सी श्रेणियों में बंटा हुआ था?
उत्तर-
15वीं शताब्दी के अन्त में मुस्लिम समाज चार श्रेणियों में बंटा हुआ था-

  1. अमीर तथा सरदार,
  2. उलेमा तथा सैय्यद,
  3. मध्य श्रेणी तथा
  4. गुलाम अथवा दास।

(b) मुस्लिम समाज में महिलाओं की दशा का वर्णन करो।
उत्तर-
मुस्लिम समाज में महिलाओं की दशा का वर्णन इस प्रकार है

  1. महिलाओं को समाज में कोई सम्मान जनक स्थान प्राप्त नहीं था।
  2. अमीरों तथा सरदारों की हवेलियों में स्त्रियों को हरम में रखा जाता था। इनकी सेवा के लिए दासियां तथा रखैलें रखी जाती थीं।
  3. समाज में पर्दे की प्रथा प्रचलित थी। परन्तु ग्रामीण मुसलमानों में पर्दे की प्रथा सख्त नहीं थी।
  4. साधारण परिवारों में स्त्रियों के रहने के लिए अलग स्थान बना होता था। उसे ‘जनान खाना’ कहा जाता था। यहां से स्त्रियां बुर्का पहन कर ही बाहर निकल सकती थीं।

(4)

ज्ञान-प्राप्ति के बाद जब गुरु नानक देव जी सुलतानपुर लोधी वापस पहुंचे तो वे चुप थे। जब उन्हें बोलने के लिए मजबूर किया गया तो उन्होंने केवल यह कहा-‘न कोई हिन्द्र न मुसलमान।’ जब दौलत खाँ, ब्राह्मणों तथा काज़ियों ने इस वाक्य का अर्थ पूछा तो गुरु साहिब ने कहा कि हिन्दू व मुसलमान दोनों ही अपने-अपने धर्मों के सिद्धान्तों को भूल चुके हैं। इन शब्दों का अर्थ यह भी था कि हिन्दू व मुसलमानों में कोई फर्क नहीं तथा वे एक समान हैं। उन्होंने इन महत्त्वपूर्ण शब्दों से अपने संदेश को शुरू किया। उन्होंने अपना अगला जीवन ज्ञान-प्रचार में व्यतीत कर दिया। उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर लम्बी उदासियां (यात्राएँ) शुरू कर दी।
(a) गुरु नानक देव जी ने ज्ञान प्राप्ति के बाद क्या शब्द कहे तथा उनका क्या भाव था?
उत्तर-
गुरु नानक देव जी ने ज्ञान प्राप्ति के बाद ये शब्द कहे-‘न कोई हिन्दू न कोई मुसलमान।’ इसका भाव था कि हिन्दू तथा मुसलमान दोनों ही अपने धर्म के मार्ग से भटक चुके हैं।
(b) गुरु नानक देव जी के परमात्मा सम्बन्धी विचारों का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
गुरु नानक देव जी के परमात्मा सम्बन्धी विचारों का वर्णन इस प्रकार है

  1. परमात्मा एक है-गुरु नानक देव जी ने लोगों को बताया कि परमात्मा एक है। उसे बांटा नहीं जा सकता। उन्होंने एक ओंकार का सन्देश दिया।
  2. परमात्मा निराकार तथा स्वयंभू है-गुरु नानक देव जी ने परमात्मा को निराकार बताया और कहा कि परमात्मा का कोई आकार व रंग-रूप नहीं है। फिर भी उसके अनेक गुण हैं जिनका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार परमात्मा स्वयंभू तथा अकालमूर्त है। अतः उसकी मूर्ति बना कर पूजा नहीं की जा सकती।
  3. परमात्मा सर्वव्यापी तथा सर्वशक्तिमान् है-गुरु नानक देव जी ने परमात्मा को सर्वशक्तिमान् तथा सर्वव्यापी बताया। उनके अनुसार वह सृष्टि के प्रत्येक कण में विद्यमान है। उसे मन्दिर अथवा मस्जिद की चारदीवारी में बन्द नहीं रखा जा सकता।
  4. परमात्मा सर्वश्रेष्ठ है -गुरु नानक देव जी के अनुसार परमात्मा सर्वश्रेष्ठ है। वह अद्वितीय है। उसकी महिमा तथा महानता का पार नहीं पाया जा सकता।
  5. परमात्मा दयालु है-गुरु नानक देव जी के अनुसार परमात्मा दयालु है। वह आवश्यकता पड़ने पर अपने भक्तों की सहायता करता है।

PSEB 10th Class SST Solutions History उद्धरण संबंधी प्रश्न

(5)

गुरु नानक देव जी के सांसारिक व्यवहार के प्रति उपेक्षा देख कर कालू जी उदास रहने लगे। आखिरकार गुरु जी की रुचियों में बदलाव लाने के लिए मेहता कालू जी ने उन्हें घर की भैंसें चराने का काम सौंप दिया। गुरु जी पशुओं को खेतों की तरफ ले तो जाते पर उनका ध्यान न रखते। वह अपना ध्यान ईश्वर में लगा लेते। भैंसें खेतों को उजाड़ देती। मेहता कालू जी को इस बारे में कई उलाहने मिलते। उन उलाहनों से तंग आकर मेहता जी ने गुरु जी को खेती का काम संभाल दिया। गुरु जी ने उस काम में भी कोई दिलचस्पी न दिखाई। हार कर मेहता कालू जी ने गुरु जी को व्यापार में लगाना चाहा। मेहता जी ने उनको 20 रुपए दिए तथा किसी मंडी में सच्चा तथा लाभ वाला सौदा करने को कहा। उनकी छोटी उम्र होने के कारण उनके साथ भाई बाला को भेजा गया। उन्हें रास्ते में फ़कीरों का एक टोला मिला जो कि भूखा था। गुरु नानक देव जी ने सारी रकम की रसद लाकर उन फ़कीरों को रोटी खिला दी। जब वे खाली हाथ घर लौटे तो मेहता जी बड़े दुखी हुए। जब उन्होंने 20 रुपयों का हिसाब मांगा तो गुरु जी ने सच बता दिया। इस घटना को ‘सच्चा सौदा’ कहा जाता है।
(a) ‘सच्चा सौदा’ से क्या भाव है?
उत्तर-
सच्चा सौदा से भाव है-पवित्र व्यापार जो गुरु नानक साहिब ने अपने 20 रु० से फ़कीरों को रोटी खिला कर किया था।
(b) गुरु नानक देव जी ने अपने प्रारम्भिक जीवन में क्या-क्या व्यवसाय अपनाए?
उत्तर-
गुरु नानक देव जी पढ़ाई तथा अन्य सांसारिक विषयों की उपेक्षा करने लगे थे। उनके व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए. उनके पिता जी ने उन्हें पशु चराने के लिए भेजा। वहां भी गुरु नानक देव जी प्रभु चिन्तन में मग्न रहते और पशु दूसरे किसानों के खेतों में चरते रहते थे। किसानों की शिकायतों से तंग आकर मेहता कालू जी ने गुरु नानक देव जी को व्यापार में लगाने का प्रयास किया। उन्होंने गुरु नानक देव जी को 20 रुपए देकर व्यापार करने भेजा, परन्तु गुरु जी ने ये रुपये संतों को भोजन कराने में व्यय कर दिये। यह घटना सिक्ख इतिहास में ‘सच्चा सौदा’ के नाम से प्रसिद्ध है।

(6)

लंगर संस्था, जिसे गुरु नानक देव जी ने आरम्भ किया था, गुरु अंगद देव जी ने उसे जारी रखा। गुरु अमरदास जी के समय में भी यह संस्था विस्तृत रूप से जारी रही। उनके लंगर में ब्राह्मण, क्षत्रीय, वैश्य तथा शूद्रों को बिना किसी भेद-भाव के एक ही पंगत में बैठ कर इकट्ठे लंगर छकना पड़ता था। गुरु जी की आज्ञानुसार लंगर किए बगैर कोई भी उन्हें नहीं मिल सकता था। मुगल सम्राट अकबर तथा हरीपुर के राजा को भी गुरु साहिब को मिलने से पहले लंगर में से भोजन छकना पड़ा था। इस तरह से यह संस्था सिक्ख धर्म के प्रचार का एक शक्तिशाली साधन सिद्ध हुई।
(a) लंगर प्रथा से क्या भाव है?
उत्तर-
लंगर प्रथा अथवा पंगत से भाव उस प्रथा से है जिसके अनुसार सभी जातियों के लोग बिना किसी भेदभाव के एक ही पंगत में इकट्ठे बैठकर खाना खाते थे।
(b) मंजी-प्रथा से क्या भाव है तथा इसका क्या उद्देश्य था?
उत्तर-
मंजी प्रथा की स्थापना गुरु अमरदास जी ने की थी। उनके समय में सिक्खों की संख्या काफ़ी बढ़ चुकी थी। परन्तु गुरु जी की आयु अधिक होने के कारण उनके लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर अपनी शिक्षाओं का प्रचार करना कठिन हो गया था। अत: उन्होंने अपने सारे आध्यात्मिक प्रदेशों को 22 भागों में बांट दिया। इनमें से प्रत्येक भाग को ‘मंजी’ कहा जाता था। प्रत्येक मंजी छोटे-छोटे स्थानीय केन्द्रों में बंटी हुई थी जिन्हें पीड़ियां (Piris) कहते थे। मंजी प्रणाली का सिक्ख धर्म के इतिहास में विशेष महत्त्व है। डॉ० गोकुल चन्द नारंग के शब्दों में, “गुरु जी के इस कार्य ने सिक्ख धर्म की नींव सुदृढ़ करने तथा देश के सभी भागों में प्रचार कार्य को बढ़ाने में विशेष योगदान दिया।”

PSEB 10th Class SST Solutions History उद्धरण संबंधी प्रश्न

(7)

गुरु अर्जुन देव जी ने अमृतसर सरोवर के बीच 1588 ई० में ‘हरिमंदिर साहिब’ का निर्माण कार्य करवाया। ऐसा माना जाता है कि हरिमंदिर साहिब की नींव का पत्थर 1589 ई० में सूफी फकीर, मीयां मीर ने रखा। हरिमंदिर साहिब के दरवाजे चारों तरफ रखे गए, भाव यह कि यह मन्दिर चारों जातियों तथा चारों दिशाओं से आने वाले लोगों के लिए खुला था। हरिमंदिर साहिब का निर्माण भाई बुड्डा सिंह जी तथा भाई गुरदास जी की देख-रेख में हुआ जो 1601 ई० में पूरा हुआ। सितम्बर 1604 ई० में हरिमंदिर साहिब में आदि ग्रन्थ की स्थापना कर दी गई। भाई बुड्डा सिंह जी को वहाँ का पहला ग्रन्थी बनाया गया था। __ अमृतसर में हरिमंदिर साहिब का निर्माण सिक्ख धर्म की दृढ़ता- पूर्वक स्थापना के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण कार्य था। इससे सिक्खों को हिन्दू तीर्थ-स्थानों की यात्रा करने की ज़रूरत न रही। अमृतसर सिक्खों का ‘मक्का’ तथा ‘गंगाबनारस’ बन गया।
(a) हरिमंदिर साहिब की नींव कब तथा किसने रखी?
उत्तर-
हरिमंदिर साहिब की नींव 1589 ई० में उस समय के प्रसिद्ध सूफ़ी सन्त मियां मीर ने रखी।
(b) हरिमंदिर साहिब के बारे में जानकारी दीजिए।
उत्तर-
गुरु रामदास जी के ज्योति जोत समाने के पश्चात् गुरु अर्जन देव जी ने ‘अमृतसर’ सरोवर के बीच हरिमंदिर साहिब का निर्माण करवाया। इसका नींव पत्थर 1589 ई० में सूफ़ी फ़कीर मियां मीर जी ने रखा। गुरु जी ने इसके चारों ओर एक-एक द्वार रखवाया। ये द्वार इस बात के प्रतीक हैं कि यह मंदिर सभी जातियों तथा धर्मों के लोगों के लिए समान रूप से खुला है। हरिमंदिर साहिब का निर्माण कार्य भाई बुड्डा जी की देख-रेख में 1601 ई० में पूरा हुआ। 1604 ई० में हरिमंदिर साहिब में आदि ग्रन्थ साहिब की स्थापना की गई और भाई बुड्डा जी वहां के पहले ग्रन्थी बने।
हरिमंदिर साहिब शीघ्र ही सिक्खों के लिए ‘मक्का’ तथा ‘गंगा-बनारस’ अर्थात् एक बहुत बड़ा तीर्थ-स्थल बन गया।

(8)

दो मुग़ल बादशाह-अकबर तथा जहांगीर गुरु अर्जुन देव जी के समकालीन थे। चूंकि गुरुओं के उपदेशों का उद्देश्य जाति-पाति, ऊँच-नीच, अंध-विश्वास तथा धार्मिक कट्टरता से रहित समाज की स्थापना करना था, इसलिए अकबर गुरुओं को पसंद करता था। पर जहाँगीर गुरु अर्जुन देव जी की बढ़ती हुई ख्याति को पसंद नहीं करता था। उसे इस बात का गुस्सा भी था कि हिन्दुओं के साथ-साथ कई मुसलमान भी गुरु जी से प्रभावित हो रहे थे। कुछ समय पश्चात् शहज़ादा खुसरो ने अपने पिता जहांगीर के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। जब शाही सेनाओं ने खुसरो का पीछा किया तो वह भाग कर पंजाब आ गया तथा गुरु जी से मिला। इस पर जहांगीर ने जो पहले ही गुरु अर्जुन देव जी के विरुद्ध कार्यवाही करने का बहाना ढूंढ रहा था विद्रोही खुसरो की सहायता करने के अपराध में गुरु जी पर दो लाख रुपयों का जुर्माना कर दिया। गुरु जी ने इस जुर्माने को अनुचित मानते हुए इसे अदा करने से इन्कार कर दिया। इस पर उनको शारीरिक यातनाएँ देकर 1606 ई० में शहीद कर दिया गया।
(a) जहांगीर गुरु अर्जुन देव जी को क्यों शहीद करना चाहता था?
उत्तर-
जहांगीर को गुरु अर्जन देव जी की बढ़ती हुई ख्याति से ईर्ष्या थी। जहांगीर को इस बात का दुःख था कि हिन्दुओं के साथ-साथ कई मुसलमान भी गुरु साहिब से प्रभावित हो रहे हैं।
(b) गुरु अर्जुन देव जी की शहादत पर एक नोट लिखिए।
उत्तर-
मुग़ल सम्राट अकबर के पंचम पातशाह (सिक्ख गुरु) गुरु अर्जन देव जी के साथ बहुत अच्छे सम्बन्ध थे। परन्तु अकबर की मृत्यु के पश्चात् जहांगीर ने सहनशीलता की नीति छोड़ दी। वह उस अवसर की खोज में रहने लगा। जब वह सिक्ख धर्म पर करारी चोट कर सके। इसी बीच जहांगीर के पुत्र खुसरो ने उसके विरुद्ध विद्रोह कर दिया। खुसरो पराजित होकर गुरु अर्जन देव जी के पास आया। गुरु जी ने उसे आशीर्वाद दिया। इस आरोप में जहांगीर ने गुरु अर्जन देव जी पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। परन्तु गुरु अर्जन देव जी ने जुर्माना देने से इन्कार कर दिया। इसलिए उन्हें बन्दी बना लिया गया और अनेक यातनाएं देकर शहीद कर दिया गया। गुरु अर्जन देव जी की शहीदी से सिक्ख भड़क उठे। वे समझ गए कि उन्हें अब अपने धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र धारण करने पड़ेंगे।

PSEB 10th Class SST Solutions History उद्धरण संबंधी प्रश्न

(9)

गुरु गोबिन्द सिंह जी सिक्खों के दसवें तथा आखिरी गुरु हुए हैं। गुरु नानक देव जी ने सिक्ख धर्म की स्थापना का कार्य किया था। उनके आठ उत्तराधिकारों ने धीरे-धीरे सिक्ख धर्म का प्रचार व प्रसार किया। पर उस कार्य को संपूर्ण करने वाले गुरु गोबिन्द सिंह जी ही थे। उन्होंने 1699 ई० में खालसा की स्थापना कर के सिक्ख मत को अन्तिम रूप दिया। उन्होंने सिक्खों में विशेष दिलेरी, बहादुरी तथा एकता की भावना उत्पन्न कर दी। सीमित साधनों तथा बहुत थोड़े सिक्ख-सैनिकों की सहायता से उन्होंने मुगल साम्राज्य के अत्याचारों का विरोध किया। अपने देहान्त से पहले उन्होंने गुरु-परम्परा का अंत करते हुए गुरु की शक्ति गुरु ग्रन्थ साहिब तथा खालसा में बांटी। इसीलिए उनमें एक ही समय में आध्यात्मिक नेता, उच्च कोटि का संगठन-कर्ता, जन्म-सिद्ध सेनानायक, प्रतिभाशाली विद्वान तथा उत्तम सुधारक के गुण विद्यमान थे।
(a) गुरु गोबिन्द राय जी का जन्म कब और कहां हुआ? उनके माता-पिता का नाम भी बताओ।
उत्तर-
22 दिसम्बर, 1666 ई० को पटना में उनकी माता का नाम गुजरी जी और पिता का नाम श्री गुरु तेग बहादुर जी था।
(b) गुरु गोबिन्द सिंह जी के सेनानायक के रूप में व्यक्तित्व का वर्णन करो।
उत्तर-
गुरु गोबिन्द सिंह जी एक कुशल सेनापति तथा वीर सैनिक थे। पहाड़ी राजाओं तथा मुगलों के विरुद्ध लड़े गए प्रत्येक युद्ध में उन्होंने अपने वीर सैनिक होने का परिचय दिया। तीर चलाने, तलवार चलाने तथा घुड़सवारी करने में तो वे विशेष रूप से निपुण थे। गुरु जी में एक उच्च कोटि के सेनानायक के भी सभी गुण विद्यमान थे। उन्होंने कम सैनिक तथा कम युद्ध सामग्री के होते हुए भी पहाड़ी राजाओं तथा मुग़लों के नाक में दम कर दिया। चमकौर की लड़ाई में तो उनके साथ केवल चालीस सिक्ख थे, परन्तु गुरु जी के नेतृत्व में उन्होंने वे हाथ दिखाए कि एक बार तो हजारों की मुग़ल सेना घबरा उठी।

(10)

1699 ई० को वैशाखी के दिन गुरु गोबिन्द राय जी ने आनन्दपुर साहिब में सभा बुलाई। उस सभा की संख्या लगभग अस्सी हज़ार थी। जब सभी लोग अपने-अपने स्थान पर बैठ गए तो गुरु जी ने म्यान में से तलवार निकाल कर जोरदार शब्दों में कहा-तुममें से कोई ऐसा व्यक्ति है जो धर्म के लिए अपना सिर दे सके ? गुरु जी ने ये शब्द तीन बार दोहराए। तीसरी बार पर लाहौर-निवासी दया राम (क्षत्रिय) ने उठ कर गुरु जी के सामने अपना शीश झका दिया। गुरु जी उसे पास के एक तम्बू में ले गए। फिर वे तम्बू से बाहर आए और उन्होंने पहले की तरह ही एक और व्यक्ति का शीश मांगा। इस बार दिल्ली का धर्म दास (जाट) अपना सिर. भेंट करने के लिए आगे आया। गुरु साहिब उसे भी साथ के तम्बू में ले गए। इस प्रकार गुरु जी ने पांच बार शीश की मांग की और पांच व्यक्तियों भाई दयाराम तथा भाई धर्मदास के अतिरिक्त भाई मोहकम चंद (द्वारका का धोबी) भाई साहिब चंद (बीदर का नाई) तथा भाई हिम्मत राय (जगन्नाथ पुरी का कहार) ने गुरु जी को अपने सिर भेंट किए। कुछ समय पश्चात् गुरु जी उन पाँचों व्यक्तियों को केसरिया रंग के सुन्दर वस्त्र पहना कर लोगों के बीच में ले आए। उस समय स्वयं भी गुरु जी ने वैसे ही वस्त्र पहने हुए थे। लोग. उन पाँचों को देख कर आश्चर्यचकित हुए। गुरु साहिब ने उन्हें ‘पाँच-प्यारे’ की सामूहिक उपाधि दी।
(a) खालसा का सृजन कब और कहां किया गया ?
उत्तर-
1699 ई० में आनन्दपुर साहिब में।
(b) खालसा के नियमों का वर्णन करो।
उत्तर-
खालसा की स्थापना 1699 ई० में गुरु गोबिन्द सिंह जी ने की। खालसा के नियम निम्नलिखित थे

  1. प्रत्येक खालसा अपने नाम के साथ ‘सिंह’ शब्द लगाएगा। खालसा स्त्री अपने नाम के साथ ‘कौर’ शब्द लगाएगी।
  2. खालसा में प्रवेश से पूर्व प्रत्येक व्यक्ति को ‘खण्डे के पाहुल’ का सेवन करना पड़ेगा। तभी वह स्वयं को खालसा कहलवाएगा।
  3. प्रत्येक ‘सिंह’ आवश्यक रूप से पांच ‘ककार’ धारण करेगा-केश, कड़ा, कंघा, किरपान तथा कछहरा।
  4. सभी सिक्ख प्रतिदिन प्रातःकाल स्नान करके उन पांच बाणियों का पाठ करेंगे जिनका उच्चारण ‘खण्डे का पाहुल’ तैयार करते समय किया गया था।

PSEB 10th Class SST Solutions History उद्धरण संबंधी प्रश्न

(11)

बंदा सिंह बहादुर का असली निशाना सरहिन्द था। यहाँ के सबेदार वजीर खां ने सारी उम्र गरु गोबिन्द सिंह जी को तंग किया था। उसने आनन्दपुर साहिब तथा चमकौर साहिब के युद्धों में गुरु जी के खिलाफ फौज भेजी थी। यहीं पर उनके छोटे साहिबजादों को दीवार में चिनवा दिया गया था। वजीर खां ने हज़ारों निर्दोष सिक्खों तथा हिन्दुओं के खून से अपने हाथ रंगे थे। इसलिए बंदा बहादुर तथा सिक्खों को वजीर खां पर बहुत गुस्सा था। जैसे ही पंजाब में बंदा बहादुर के सरहिन्द की तरफ बढ़ने की खबरें पहुँची तो हजारों लोग बंदा सिंह बहादुर के झंडे के तले एकत्रित हो गए। सरहिन्द के कर्मचारी, सुच्चा नंद का भतीजा भी 1,000 सैनिकों के साथ बंदे की सेना में जा मिला। दूसरी तरफ वजीर खाँ की फौज की गिनती लगभग 20,000 थी। उसकी सेना में घुड़सवारों के अतिरिक्त बंदूकची तथा तोपची व हाथी सवार भी थे।
(a) हुक्मनामे में गुरु (गोबिन्द सिंह) जी ने पंजाब के सिक्खों को क्या आदेश दिए?
उत्तर-
बंदा सिंह बहादुर उनका राजनीतिक नेता होगा तथा वे मुग़लों के विरुद्ध धर्मयुद्ध में बंदे का साथ दें।
(b) चप्पड़-चिड़ी तथा सरहिन्द की लड़ाई का वर्णन करो।
उत्तर-
सरहिन्द के सूबेदार वज़ीर खान ने गुरु गोबिन्द सिंह जी को जीवन भर तंग किया था। इसके अतिरिक्त उसने गुरु साहिब के दो साहिबजादों को सरहिन्द में ही दीवार में चिनवा दिया था। इसलिए बंदा सिंह बहादुर इसका बदला लेना चाहता था। जैसे ही वह सरहिन्द की ओर बढ़ा, हजारों लोग उसके झण्डे तले एकत्रित हो गए। सरहिन्द के कर्मचारी, सुच्चा नंद का भतीजा भी 1,000 सैनिकों के साथ बंदा की सेना में जा मिला। परन्तु बाद में उसने धोखा दिया। दूसरी ओर वज़ीर खान के पास लगभग 20,000 सैनिक थे। सरहिन्द से लगभग 16 किलोमीटर पूर्व में चप्पड़चिड़ी के स्थान पर 22 मई, 1710 ई० को दोनों सेनाओं में घमासान युद्ध हुआ। वज़ीर खान को मौत के घाट उतार दिया गया। शत्रु के सैनिक बड़ी संख्या में सिक्खों की तलवारों के शिकार हुए। वज़ीर खान की लाश को एक पेड़ पर टांग दिया गया। सुच्चा नंद जिसने सिक्खों पर अत्याचार करवाये थे, की नाक में नकेल डाल कर नगर में उसका जुलूस निकाला गया।

(12)

1837 ई० में भारत का गवर्नर-जनरल लार्ड ऑक्लैड-अफगानिस्तान में रूस के बढ़ते हुए प्रभाव से भयभीत हो गया। वह यह भी महसूस करता था कि दोस्त मुहम्मद अंग्रेजों के शत्रु रूस से मित्रतापूर्ण सम्बन्ध कायम कर रहा था। इन हालातों में लार्ड ऑकलैंड ने दोस्त मुहम्मद की जगह शाह शुजाह को (अफगानिस्तान का भूतपूर्वकशासक जो अंग्रेजों की पैन्शन पर पलता था) अफगानिस्तान का शासक बनाना चाहा। इस उद्देश्य से 26 जून, 1838 ई० को अंग्रेज सरकार की आज्ञा से अंग्रेजों, रणजीत सिंह तथा शाह शुजाह के दरम्यान, एक संधि हुई जिसे ‘त्रिपक्षीय संधि’ कहा जाता है। इसके अनुसार अफगानिस्तान के होने वाले शासक शाह शुजाह ने अपनी तरफ से महाराजा के अफगानों से जीते गए सारे प्रदेश (कश्मीर, मुलतान, पेशावर, अटक, डेराजात आदि) पर उसका अधिकार स्वीकार कर लिया। महाराजा ने उस संधि की एक शर्त कि अफगान-युद्ध के समय वह अंग्रेजों को अपने इलाके में से होकर आगे जाने देगा, न मानी। इस पर अंग्रेजों तथा महाराजा के सम्बन्धों में बड़ी दरार पैदा हो गई। जून, 1839 ई० को महाराजा का देहान्त हो गया।
(a) रणजीत सिंह का जन्म कब हुआ तथा उसके पिता का क्या नाम था?
उत्तर-
रणजीत सिंह का जन्म 13 नवम्बर, 1780 को हुआ। उसके पिता का नाम सरदार महा सिंह था।
(b) त्रिपक्षीय सन्धि क्या थी?
उत्तर-
त्रिपक्षीय सन्धि 26 जून, 1838 ई० में महाराजा रणजीत सिंह, अंग्रेज़ों तथा शाह शुजाह के बीच हुई। इसकी शर्ते निम्नलिखित थीं

  1. महाराजा रणजीत सिंह द्वारा विजित प्रदेश शाह शुजाह के राज्य में नहीं मिलाए जाएंगे।
  2. तीनों में से कोई भी किसी विदेशी की सहायता नहीं करेगा।
  3. महाराजा रणजीत सिंह सिन्ध के उस भाग पर भी नियन्त्रण कर सकेगा जिस पर उसका अभी-अभी अधिकार हुआ था।
  4. एक का दुश्मन अन्य दोनों का दुश्मन समझा जाएगा।
  5. सिन्ध के मामले में अंग्रेज़ तथा महाराजा रणजीत सिंह मिल कर जो भी निर्णय करेंगे, वह शाह शुजाह को मान्य होगा।
  6. शाह शुजाह महाराजा रणजीत सिंह तथा अंग्रेजों की अनुमति के बिना किसी भी देश से अपना सम्बन्ध स्थापित नहीं करेगा।

PSEB 10th Class SST Solutions History उद्धरण संबंधी प्रश्न

(13)

यद्यपि लार्ड हार्डिग ने सिक्खों को हराकर पंजाब को ब्रिटिश साम्राज्य में सम्मिलित नहीं किया, पर लाहौर सरकार
को कमजोर अवश्य कर दिया। अंग्रेजों ने लाहौर राज्य के सतलुज के दक्षिण स्थित क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। उन्होंने दोआबा बिस्त जालन्धर के उपजाऊ क्षेत्रों पर अधिकार जमा लिया। कश्मीर, कांगड़ा और हजारा के पहाड़ी राज्य लाहौर राज्य से स्वतंत्र कर दिए गए। लाहौर राज्य की सेना कम कर दी गई। लाहौर राज्य से बहुत बड़ी धनराशि वसूल की गई। पंजाब को आर्थिक और सैनिक दृष्टि से इतना कमज़ोर कर दिया गया कि अंग्रेज़ जब भी चाहें उस पर कब्जा कर सकते थे।
(a) महाराजा रणजीत सिंह के बाद कौन उसका उत्तराधिकारी बना?
उत्तर-
महाराजा रणजीत सिंह के बाद खड़क सिंह उसका उत्तराधिकारी बना।
(b) लाहौर की दूसरी सन्धि की धाराएं क्या थी?
उत्तर-
लाहौर की दूसरी सन्धि 11 मार्च, 1846 ई० को अंग्रेज़ों तथा सिक्खों के बीच हुई। इसकी मुख्य धाराएं निम्नलिखित थीं

  1. ब्रिटिश सरकार महाराजा दलीप सिंह और नगरवासियों की रक्षा के लिए लाहौर में बड़ी संख्या में सेना रखेगी। यह सेना 1846 ई० तक वहां रहेगी।
  2. लाहौर का किला और नगर अंग्रेज़ी सेना के अधिकार में रहेंगे।
  3. लाहौर-सरकार 9 मार्च, 1846 ई० को सन्धि द्वारा अंग्रेज़ों को दिए गए क्षेत्रों के जागीरदारों तथा अधिकारियों का सम्मान करेगी।
  4. लाहौर-सरकार को अंग्रेजों को दिए प्रदेशों के किलों में से तोपों के अतिरिक्त खज़ाना या सम्पत्ति लेने का कोई अधिकार नहीं होगा।

(14)

जनवरी 1848 ई० में लार्ड हार्डिग के स्थान पर लार्ड डलहौजी भारत का गवर्नर जनरल बना। वह भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार करने में विश्वास रखता था। सबसे पहले उसने पंजाब को ब्रिटिश साम्राज्य में मिलाने का फैसला किया। मुलतान के मूलराज और हज़ारा के चतर सिंह और उसके पुत्र शेर सिंह द्वारा विद्रोह कर देने पर उन्हें सिक्खों के साथ युद्ध करने का बहाना मिल गया। दूसरे आंग्ल-सिक्ख युद्ध में सिक्खों की हार के बाद पहले ही निश्चित नीति को वास्तविक रूप देने का काम विदेश सचिव हैनरी इलियट (Henry Elliot) को सौंपा गया। इलियट ने कौंसिल आफ रीजेंसी के सदस्यों को एक सन्धि-पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर कर दिया। उस सन्धि के अनुसार महाराजा दलीप सिंह को राजगद्धी से उतार दिया गया। पंजाब की सारी सम्पत्ति पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया। कोहेनूर हीरा इंगलैंड की महारानी (विक्टोरिया) के पास भेज दिया गया। महाराजा दलीप सिंह की 4 लाख और 5 लाख के बीच पेंशन निश्चित कर दी गई। उसी दिन हैनरी इलियट ने लाहौर दरबार में लार्ड डलहौजी की ओर से घोषणा-पत्र पढ़कर सुनाया गया। इस घोषणा-पत्र में पंजाब को अंग्रेजी साम्राज्य में मिलाने को उचित ठहराया गया।
(a) पंजाब को अंग्रेजी साम्राज्य में कब शामिल किया गया ? उस समय भारत का गवर्नर जनरल कौन था?
उत्तर-
पंजाब को अंग्रेजी साम्राज्य में 1849 ई० में सम्मिलित किया गया। उस समय भारत का गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौज़ी था।
(b) महाराजा दलीप सिंह के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
महाराजा दलीप सिंह पंजाब (लाहौर राज्य) का अंतिम सिक्ख शासक था। प्रथम ऐंग्लो-सिक्ख युद्ध के समय वह नाबालिग था। अत: 1846 ई० की भैरोंवाल की सन्धि के अनुसार लाहौर-राज्य के शासन प्रबन्ध के लिए एक कौंसिल ऑफ़ रीजैंसी की स्थापना की गई। इसे महाराज के बालिग होने तक कार्य करना था। परन्तु दूसरे ऐंग्लोसिक्ख युद्ध में सिक्ख पुनः पराजित हुए। परिणामस्वरूप महाराजा दलीप सिंह को राजगद्धी से उतार दिया गया और उसकी 4-5 लाख रु० के बीच वार्षिक पेंशन निश्चित कर दी गई। पंजाब अंग्रेजी साम्राज्य का अंग बन गया।

PSEB 10th Class SST Solutions History उद्धरण संबंधी प्रश्न

(15)

अमृतसर और रायकोट के बूचड़खाने पर आक्रमण करके कई बूचड़ों को मार दिया। कूकों को सबके सामने फांसी की सजा दी जाती परन्तु वे अपने मनोरथ से पीछे न हटते। जनवरी 1872 में 150 कूकों का जत्था बूचड़ों को सज़ा देने के लिए मलेरकोटला पहुँचा। 15 जनवरी, 1872 को कूकों और मलेरकोटला की सेना के मध्य घमासान युद्ध हुआ। दोनों पक्षों के अनेक व्यक्ति मारे गये। अंग्रेज़ सरकार ने कूकों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए अपनी सेना मलेरकोटला भेजी। 65 कूकों ने स्वयं को गिरफ्तार करवा दिया। उनमें से 49 कूकों को 17 जनवरी 1872 ई० में तोपों से उड़ा दिया गया। सरकारी मुकद्दमें के पश्चात् 16 कूकों को भी 18 जनवरी 1872 ई० में तोपों से उड़ा दिया। श्री सतगुरु रामसिंह जी को देश निकाला देकर रंगून भेज दिया गया। कई नामधारी सूबों को काले पानी भेज दिया। कइयों को समुद्र के पानी में डुबोकर मार दिया गया और कई कूकों की जायदाद जब्त कर ली गई। इस प्रकार अंग्रेज़ सरकार ने हर प्रकार से जुल्म ढाये परन्तु लहर तब तक चलती रही जब तक 15 अगस्त, 1947 ई० को देश आजाद नहीं हो गया।
(a) श्री सतगुरु राम सिंह जी ने अंग्रेज़ सरकार से असहयोग क्यों किया?
उत्तर-
क्योंकि श्री सतगुरु राम सिंह जी विदेशी सरकार, विदेशी संस्थाओं तथा विदेशी माल के कट्टर विरोधी थे।
(b) नामधारियों और अंग्रेजों के मध्य मलेरकोटला में हुई दुर्घटना का वर्णन करो।
उत्तर-
नामधारी लोगों ने गौ-रक्षा का कार्य आरम्भ कर दिया था। गौ-रक्षा के लिए वे कसाइयों को मार डालते थे। जनवरी, 1872 को 150 कूकों (नामधारियों) का एक जत्था कसाइयों को दण्ड देने मलेरकोटला पहुंचा। 15 जनवरी, 1872 ई० को कूकों और मालेरकोटला की सेना के बीच घमासान लड़ाई हुई। दोनों पक्षों के अनेक व्यक्ति मारे गए। अंग्रेजों ने कूकों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए अपनी विशेष सेना मालेरकोटला भेजी। 65 कूकों ने स्वयं अपनी गिरफ्तारी दी। उनमें से 49 कूकों को 17 जनवरी, 1872 ई० को तोपों से उड़ा दिया गया। सरकारी मुकद्दमों के पश्चात् 16 कूकों को भी 18 जनवरी 1872 ई० में तोपों से उड़ा दिया।

(16)

अशांति और क्रोध के इस वातावरण में अमृतसर और गाँवों के लगभग 25,000 लोग 13 अप्रैल, 1919 ई० को वैशाखी वाले दिन जलियाँवाला बाग में जलसा करने के लिए इकट्ठे हुए। जनरल डायर ने उसी दिन साढ़े नौ बजे ऐसे जलसों को गैर कानूनी करार दे दिया, परन्तु लोगों को उस घोषणा का पता नहीं था। इसी कारण जलियांवाला बाग़ में जलसा हो रहा था। जनरल डायर को अंग्रेजों के कत्ल का बदला लेने का मौका मिल गया। वह अपने 150 सैनिकों समेत जलियाँवाला बाग के दरवाजे के आगे पहुंच गया। बाग में आने-जाने के लिए एक ही तंग रास्ता था। जनरल डायर ने उसी रास्ते के आगे खड़े होकर लोगों को तीन मिनट के अन्दर-अन्दर तितर-बितर हो जाने का आदेश दिया परन्तु ऐसा करना असम्भव था। तीन मिनट के बाद जनरल डायर ने गोली चलाने का आदेश दे दिया। लगभग 1000 लोग मारे गए और 3000 से भी अधिक जख्मी हो गए। जलियाँवाला बाग की घटना के बाद देश की स्वतंत्रता की लहर को एक नया रूप मिला। इस घटना का बदला सरदार ऊधम सिंह ने 21 वर्ष पश्चात् इंग्लैंड में सर माइकल ओ डायर (जो घटना के समय पंजाब का लेफ्टिनेंट गवर्नर था) को गोली मारकर उसकी हत्या करके लिया।
(a) जलियाँवाला बाग़ की दुर्घटना का बदला किसने और कैसे लिया?
उत्तर-
जलियाँवाला बाग़ की दुर्घटना का बदला शहीद ऊधमसिंह ने 21 वर्ष बाद इंग्लैंड में सर माइकल ओ’डायर की गोली मारकर हत्या करके लिया।
(b) जलियाँवाला बाग़ की दुर्घटना के क्या कारण थे?
उत्तर-
जलियाँवाला बाग़ की दुर्घटना निम्नलिखित कारणों से हुई

  1. रौलेट बिल-1919 में अंग्रेजी सरकार से ‘रौलेट बिल’ पास किया। इसके अनुसार पुलिस को जनता के दमन के लिए विशेष शक्तियां दी गईं। अतः लोगों ने इनका विरोध किया।
  2. डॉ० सत्यपाल तथा डॉ० किचलू की गिरफ्तारी-रौलेट बिल के विरोध में पंजाब तथा अन्य स्थानों पर हड़ताल हुई। कुछ नगरों में दंगे भी हुए। अतः सरकार ने पंजाब के दो लोकप्रिय नेताओं डॉ० सत्यपाल तथा डॉ० किचलू को गिरफ्तार कर लिया। इससे जनता और भी भड़क उठी।
  3. अंग्रेजों की हत्या-भड़के हुए लोगों पर अमृतसर में गोली चलाई गई। जवाब में लोगों ने पांच अंग्रेजों को मार डाला। अतः नगर का प्रबन्ध जनरल डायर को सौंप दिया गया। इन सब घटनाओं के विरोध में अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में एक आम सभा हुई जहां भीषण हत्याकांड हुआ।

PSEB 10th Class SST Solutions History उद्धरण संबंधी प्रश्न

(17)

अकाली जत्थों ने चरित्रहीन महन्तों के अधिकार से गुरुद्वारों को खाली करवाने का काम आरम्भ किया। उन्होंने हसन अब्दाल स्थित गुरुद्वारा, पंजा साहिब, जिला शेखूपुरा का गुरुद्वारा सच्चा सौदा तथा अमृतसर जिले का गुरुद्वारा चोला साहिब महन्तों से खाली करवा लिए। तरनतारन में अकालियों की महन्तों से मुठभेड़ हो गई। स्यालकोट स्थित गुरुद्वारा बाबा की बेर और लायलपुर (फैसलाबाद) जिला के गुरुद्वारे गोजरां में भी ऐसे ही हुआ।.अकाली दल फिर भी गुरुद्वारों को स्वतंत्र करवाने में जुटा रहा। 20 फरवरी, 1921 ई० को ननकाना साहिब गुरुद्वारा में एक बड़ी दुर्घटना घटी। जब अकाली जत्था शांतिपूर्वक ढंग से गुरुद्वारा पहुंचा तो वहाँ के महन्त नारायण दास ने 130 अकालियों का कत्ल करवा दिया। अंग्रेज़ सरकार ने अकालियों के प्रति कोई भी सहानुभूति प्रदर्शित न की। पर सारे प्रांत के मुसलमानों और हिन्दुओं ने अकालियों के प्रति सहानुभूति दिखाई।
(a) चाबियाँ वाला मोर्चा क्यों लगाया गया?
उत्तर-
अंग्रेजी सरकार ने दरबार साहिब अमृतसर की गोलक की चाबियां अपने पास दबा रखी थीं जिन्हें प्राप्त करने के लिए सिक्खों ने चाबियों वाला मोर्चा लगाया।
(b) गुरु का बाग़ घटना ( मोर्चे) का वर्णन करो।
उत्तर-
गुरुद्वारा ‘गुरु का बाग़’ अमृतसर से लगभग 13 मील दूर अजनाला तहसील में स्थित है। यह गुरुद्वारा महंत सुन्दरदास के पास था जो एक चरित्रहीन व्यक्ति था। शिरोमणि कमेटी ने इस गुरुद्वारे को अपने हाथों में लेने के लिए 23 अगस्त, 1921 ई० को दान सिंह के नेतृत्व में एक जत्था भेजा। अंग्रेजों ने इस जत्थे के सदस्यों को बन्दी बना लिया।
इस घटना से सिक्ख भड़क उठे। सिक्खों ने कई और जत्थे भेजे जिन के साथ अंग्रेजों ने बहुत बुरा व्यवहार किया। सारे देश के राजनीतिक दलों ने सरकार की इस कार्यवाही की कड़ी निन्दा की। अंत में अकालियों ने ‘गुरु का बाग़’ मोर्चा शांतिपूर्ण ढंग से जीत लिया।

लेज़ियम डम्बल (Lezium Dumble) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions लेज़ियम डम्बल (Lezium Dumble) Game Rules.

लेज़ियम डम्बल (Lezium Dumble) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 1.
लेज़ियम से आप क्या समझते हो ? लेजियम की मूलभूत अवस्थाएं बताइए।
उत्तर-
लेज़ियम-इसमें 16 लकड़ियों का एक लम्बा हैंडल होता है जिसके साथ लोहे की चेन लगी होती है। यह लकड़ी के दोनों सिरों से जुड़ी होती है। इसमें एक 5 इंच की छड़ होती है जिसको पकड़कर लेज़ियम से तालयुक्त झंकार और ध्वनि उत्पन्न की जा सकती है। इसका भार लगभग एक किलोग्राम होता है।
लेज़ियम का प्रयोग भारत देश के ग्रामीणीय क्षेत्रों में तालयुक्त क्रियाओं के लिए किया जाता है। इसके साथ ढोलक पर ताल दी जाती है। स्कूली छात्र इसमें बड़े उत्साह से भाग लेते हैं। इसलिए लेज़ियम से बच्चों का मनोरंजन बहुत अधिक होता है। शारीरिक व्यायाम के रूप में लेज़ियम का बहुत महत्त्व है, क्योंकि इसमें भाग लेने वालों को काफी व्यायाम करना पड़ता है।

लेजियम की मूलभूत अवस्थाएं

  1. लेज़ियम संकद-इसको बाईं भुजा में डालकर कंधे पर रखा जाता है, जोकि अंडे के रूप में होती है। लकड़ी का बड़ा हैंडल कंधे के पीछे और लोहे की चेन सामने होती है।
    लेज़ियम डम्बल (Lezium Dumble) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 1
  2. आराम-लेजियम को लोहे की छड़ से दाएं हाथ में पकड़कर और बाएं हाथ में पकड़कर बाईं तरफ लटके रहने दिया जाता है। जब विद्यार्थी इससे होशियार अवस्था में हो, तो आराम का आदेश दिया जाता है।
  3. होशियार-व्यायाम शुरू करने के लिए होशियार अवस्था में आना होता है। यह अवस्था उस समय की जा सकती है, जब बच्चे लेज़ियम को कंधे पर रखकर सावधान या आराम की अवस्था में हो, इस क्रिया की गणना दो में की जा सकती है। इसकी गणना में लोहे की छड़ को दाएं हाथ से पकड़ा जाता है। दो की गणना में लेज़ियम को बाएं कंधे से उतार कर छाती के सामने लाते हैं। बाएं हाथ में लकड़ी का हैंडल पकड़े हुए आगे को फैलाया जाता है और लोहे की छड़ को दाएं हाथ से छाती की तरफ खींचा जाता है। व्यायाम के बाद इस अवस्था में आना होता है।
  4. पवित्रता-यह अवस्था संकद अवस्था से हासिल की जाती है। दाएं घुटने को सीधा रख कर, बाएं घुटने में झुकाव डालकर, दायां पैर पीछे कर के घुटना झुकाकर, बाएं पैर पर आना चाहिए और उस पैर को नीचे दबाना चाहिए। शरीर का धड़ सीधा रख कर छाती, सिर और एड़ियों को ज़मीन पर रखते हुए ऊपर की तरफ करो इससे दायां पैर बाएं पैर के समकोण पर रहे, लेज़ियम होशियार अवस्था में होनी चाहिए।
  5. चार आवाज़-शुरू की अवस्था होशियार एक से घुटनों को सीधा रखते हुए, धड़ को नीचे झुकाओ और पैरों के नज़दीक पहला स्ट्रोक लो। इस अवस्था में बाईं कलाई बाहर की तरफ हो जाती है और लकड़ी का हैंडल शरीर के बराबर हो जाता है। दूसरी अवस्था में धड़ को ऊपर उठा कर और लोहे की चेन को लकड़ी के हैंडल से दूर खींच कर, दूसरा स्ट्रोक लें। इस अवस्था में लेज़ियम कमर के पास शरीर के सामने होगा।
    तीसरी अवस्था में धड़ सीधा करके खड़े होने की अवस्था में आकर, लकड़ी के हैंडल को जल्दी से दाएं कंधे के ऊपर लाओ, बायां हाथ सामने हो।
    चौथी अवस्था में हैंडल ऊपर की तरफ और मुंह सामने इस तरह फैलाओ जिससे लेजियम में देखा जा सके।
  6. एक जगह-इस व्यायाम में पहली चार गणनाएँ और लेजियम को अर्ध-गोलाकार रूप में घुमाकर बाएं से दाएं की तरफ लाया जाता है। इसके बाद अगली चार गणनाओं में इसे बाईं तरफ लाया जाता है।
  7. आदि लगाओ-इस व्यायाम में एक स्थान की सभी आठ गणनाएं उसी तरह होंगी और साथ ही प्रत्येक विषम गणना से पैर पर क्रिया की जाएगी, चार बार आवाज़ भिन्न करते समय बाईं टांग को दाईं टांग से लगाया जाएगा और बायां पैर दाईं एड़ी के नज़दीक ज़मीन पर रखा जाता है। टांगों को ऊपर ले जाते समय पहले उसको आगे फैलाओ और तब दूसरे के ऊपर ले जाओ।
  8. शुरू की अवस्था पवित्र-इस अवस्था में पीछे घूमते समय चार आवाज़ चार बार करो। शुरू की अवस्था में आने से क्रिया पूरी हो जाती है। घूमने की क्रिया दाएं तरफ को
    की जाती है और लेज़ियम को सामने की तरफ छाती की ऊँचाई तक रखा जाता है। ताल को बनाए रखने के लिए चौथी गणना के साथ तेज़ी से मुड़ा जाए। इस व्यायाम को करते समय भुजा गोलाकार घुमाई जाती है।
  9. दो रुख-यह आठ गणना का व्यायाम है। इसमें पवित्रता शुरू की अवस्था में होती है। तीन तक की गणना तीन गणना के सामने होती है। चौथे से उल्ट दिशा की तरफ़ मुंह करते हुए बदली हुई पवित्रता स्थिति में बाएं से एकदम आगे को झपटते हुए चार बार आवाज़ करो। पांच पर लेजियम को उल्टा करते हुए बाएं से दाएं पैर के नज़दीक होकर चार आवाज़ करो। छः दो बार, सात शुरू की दिशा में पूरी तरह मुड़ी और अच्छी पवित्रता अवस्थाएं बनाए रखते हुए चार आवाज़ तीन करो और आठ ऊपर शुरू की अवस्था जारी रखो।
  10. आगे छलांग-यह दस गणना का व्यायाम है। शुरू की अवस्था पवित्रता होती है। एक आगे झुककर बाएं पैर के नज़दीक चार बार आवाज़ तीन उस समय करो, जब दाएं पैर से लाया गया कदम पूरा हो जाए, जहां बाएं तरफ मुड़ा जाता है। तीसरी गणना से दाएं पैर से आगे कदम करते हुए पीछे मुड़ कर दूसरी दिशा की तरफ मुंह करके बाएं पैर से आगे को उछलते हैं। इस तरह बाएं पैर के नज़दीक पांच और चार आवाज़ एक किया जाता है। छठा और सातवां स्ट्रोक लेते समय लेज़ियम के साथ बनाया पैर भी आगे लाया जाता है
    और पवित्र अवस्था के साथ आगे रख दिया जाता है। आठ और चार आवाज़ चार बार करो। नौवें पर नीचे झुकते हुए चार आवाज़ एक स्ट्रोक बाएं पैर के नज़दीक लाया जाता है, दसवें पर धड़ को ऊपर उठा कर चार आवाज़ दो करके पवित्र अवस्था लेनी चाहिए।
  11. पीछे छलांग-इस व्यायाम के गणना दस से शुरू होगी और शुरू की अवस्था पवित्र होती है, पहला बाएं पैर के नज़दीक चार आवाज़ एक करो। दूसरे और तीसरे में दाएं तरफ घूमते हुए आवाज़ दो करो और विपरीत दिशा में बायां पैर आगे बढ़ा कर चार आवाज़ तीन करो और चार आवाज़ चार करो। पांच और बाएं पैर के नज़दीक आवाज़ एक करो। छठे और सातवें पर बाएं पैर की तरफ घूमते हए उस तरफ दायां पैर पीछे रखो। आठ से चार आवाज़ चार यहां विद्यार्थी बाएं तरफ पवित्र स्थिति में होंगे। नौवें से नीचे झुकते हुए चार आवाज़ एक दी जाती है।
  12. आगे झुकना-एक से बायां पैर थोड़ा सा आगे को रखें, दाईं तरफ नीचे झुको और झुके हुए धड़ की हालत में लेज़ियम खोलो। दो पर दायां पैर 3 इंच ऊपर उठाओ और झुके हुए धड़ की स्थिति में सामने की तरफ लेज़ियम बंद करो। तीन पर दायां पैर थोड़ सा आगे रखो और दायें तरफ गणना एक की हरकत दोहराओ। इस प्रकार व्यायाम जारी रखा जा सकता है। इस प्रकार लेज़ियम के भिन्न-भिन्न व्यायाम किए जा सकते हैं।

लेज़ियम डम्बल (Lezium Dumble) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 2.
डम्बल से आप क्या समझते हो ? विस्तारपूर्वक समझाइए।
उत्तर-
डम्बल-डम्बल पश्चिमी देशों का खेल है। जो शरीर निर्माण के लिए ज़िमनेज़ियम में प्रयोग किया जाता है। डम्बल दो प्रकार के होते हैं। एक भारी लोहे के दूसरे हल्के लकड़ी के। डम्बल का अर्थ दो सिरा भार है। लकड़ी के डम्बल से स्कूलों के बच्चे कसरत करते हैं। एक हाथ में एक डम्बल पकड़ा जाता है और बाजुओं को घुमाकर इनका अभ्यास किया जाता है। डम्बल से कसरत करने का उद्देश्य वह कसरत है जिस से शारीरिक और मानसिक विकास हो सके। इनके साथ बाजुओं की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं। छाती चौड़ी होकर ज्यादा हवा सांस के द्वारा दिल तक पहुँचाती है जिससे खून साफ होता है। साफ खून मिलने से शरीर निरोग और स्वस्थ रहता है, पुरातन समय में मलयुद्ध और कुश्तियां करने वाले डम्बल का अभ्यास ज़रूर करते हैं। जिन लोगों को बाजुओं की मांसपेशियां बनानी होती थी और छाती चौड़ी करनी होती थी वह भी डम्बल का व्यायाम करते थे।
लेज़ियम डम्बल (Lezium Dumble) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 2
आज भी डम्बल का प्रयोग पुरातन समय की तरह ही होता है। डम्बल एक प्रकार का खेल भी है और व्यायाम भी। खेल और व्यायाम के साथ ही मनोरंजन का साधन भी है। डम्बल सूखी लकड़ी का बना होता है जिसके अन्दर मुट्ठी होती है। यह दोनों सिरों से गोल एवं मोटा होता है। इस मुट्ठी को हाथ से पकड़ा जाता है। सूखी लकड़ी के डम्बल मज़बूत होते हैं। इसकी आवाज़ भी काफी तीखी होती है। डम्बल व्यायाम में परस्पर टकराया जाता है। इसलिए इन्हें सावधानी से पकड़ने की जरूरत होती है। डम्बल को बीच से पकड़कर, पहले मुट्ठी के गिर्द, चारों उंगलियों को लपेट लिया जाता है। अंगूठा चारों उंगलियों के बीच रखा जाता है। डम्बल इस ढंग से पकड़ना चाहिए कि डम्बल टकराते समय हाथ से गिर न जाए।

डम्बल करते समय शरीर की स्थिति—
डम्बल करते समय पैर से एड़ियां मिली होनी चाहिएं और पैर खुले होने चाहिएं। घटने एवं टांगें सीधी हों। कंधे को पीछे खींचने से छाती तनी होगी। आँखें सामने सीधी होंगी। डम्बल करते समय विद्यार्थी विश्राम से सावधान अवस्था में आता है और दोनों हाथों में डम्बल पकड़े होते हैं और उनको सावधान स्थिति में रहना पड़ता है।
लेज़ियम डम्बल (Lezium Dumble) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 3
पहले अभ्यास को शुरू करते हुए लीडर सावधान की मुद्रा (अवस्था) में होने का निर्देश देता है। उसके आदेश पर विद्यार्थी सावधान अवस्था में डम्बल पकड़े हुए अपने हाथ ऊपर को उठाते हैं और वह डम्बलों को अपनी कहनी की तरफ मोडते हैं। डम्बलों को अपने पेट के पास लाते हैं और दोनों पैरों से मिलाते हुए एक ही सुर से बाएं और दाएं हाथ के डम्बल एक-दूसरे से टकराते हैं, डम्बल जब परस्पर टकराते हैं और साथ ही मिली जुली ध्वनि पैदा होती है। उसके अनुसार लीडर विश्राम का आदेश देता है। विश्राम के आदेश पर सभी विद्यार्थी अपने दाएं पैर को उठाएंगे और कम से कम 6 इंच की दूरी से ज़ोर से भूमि पर पटक के इकट्ठे ध्वनि पैदा करेंगे।

ऐसा करते हुए दोनों हाथों से पकड़े हुए डम्बल को पीछे की तरफ ले जाएंगे और इकट्ठे डम्बल इस तरह बजाएंगे कि एक साथ ध्वनि पैदा हो जाए। इसके बाद सावधान का आदेश देने से अभ्यास करता कुहनी को मोड़ कर और दोनों हाथों से पकड़े डम्बलों को अपनेअपने सामने लाकर टकराएंगे और एक साथ ध्वनि उत्पन्न करेंगे। फिर अपने दोनों हाथों को सीधा भूमि की तरफ ले जाते हैं। इस अभ्यास में निम्नलिखित अवस्थाएं होती हैं—
इस अवस्था में सबसे पहले सावधान हो जाएं। दोनों पैरों की एड़ियां आपस में मिलाई जाती हैं और पैर फैले हुए होते हैं। कुहनी घुमाकर दोनों हाथों में पकड़े डम्बलों को परस्पर टकराया जाता है और ध्वनि पैदा की जाती है।
दूसरी अवस्था में आने के लिए पहली अवस्था को बदल दिया जाता है। इसमें दोनों हाथों को सीधा आगे किया जाता है।
हाथों की हथेलियाँ भूमि की तरफ की जाती हैं। उपरोक्त मुद्रा में डम्बल परस्पर तीसरी अवस्था में आने के लिए दूसरी अवस्था में परिवर्तन किया जाता है।
तीसरी अवस्था से पहली अवस्था में आया जाता है। इस अवस्था में हाथों को अपनी ठोड़ी के नीचे लाया जाता है। इस अवस्था में हाथों की हथेलियां ऊपर की ओर होती हैं।
हाथों को ठोड़ी के नीचे लाकर डम्बलों को परस्पर टकराया जाता है और एक.साथ ध्वनि पैदा की जाती है।
चौथी अवस्था में आने के लिए फिर से तीसरी अवस्था में परिवर्तन किया जाता है। इस अवस्था में सावधान स्थिति में लाया जाया है। सावधान स्थिति में अभ्यास करने वाला एड़ियों को मिलाकर और पैर खोलकर रखते हैं। उनकी टांगें सीधी होती हैं और घुटने लगभग एक-दूसरे से मिले हुए होते हैं। हाथों में पकड़े हुए डम्बल नीचे शरीर के साथ स्पर्श करते हैं। इस समय गर्दन सीधी होती है। नज़रें सामने होती हैं। कंधे पीछे को खींचे हुए और सीना तना हुआ होता है।

  1. पहली अवस्था-अभ्यास नं० 4 की अवस्था का अभ्यास करने वाले सावधान की अवस्था में खड़े होते हैं। दोनों बाजुओं को आगे की तरफ फैलाया जाता है। हाथ की हथेलियां आगे को झुकी होती हैं।
    इस अवस्था में डम्बल परस्पर टकरा कर ध्वनि पैदा करते हैं और इस तरह करते समय नज़र सामने की तरफ सीधी रखी जाती हैं।
  2. दूसरी अवस्था—दूसरी अवस्था में आने के लिए पहली अवस्था में परिवर्तन किया जाता है।
    दोनों हाथों को ऊपर की तरफ सीधा किया जाता है और डम्बल सिर के ऊपर लाए जाते हैं। इस अवस्था में दोनों की हथेलियां आगे की तरफ आती हैं। बाजू पीछे रख कर डम्बल आपस में टकराए जाते हैं और एक साथ ध्वनि उत्पन्न की जाती है। इस अवस्था में ध्यान रखना चाहिए कि अभ्यास करने वाले का चेहरा सूरज की तरफ न हो।

(इ) तीसरी अवस्था-इस अवस्था में आने के लिए दूसरी अवस्था में परिवर्तन किया जाता है। ऊपर उठे हुए बाजुओं को पहले नीचे लेकर आते हैं, कुहनी मोड़ कर बाजू ऊपर की ओर जाती हैं और ठोड़ी के नीचे की जाती है।
डम्बलों को ठोड़ी के नीचे टकराकर ध्वनि पैदा की जाती है।

(ई) चौथी अवस्था–इस अवस्था में आने के लिए उठे हुए हाथों को नीचे लाया जाता है।
चौथी अवस्था में सावधान मुद्रा बनाई जाती है, जिस में अभ्यास करने वाले एड़ियां मिलाकर और पैर खोलकर खड़े होते हैं, टांगें सीधी होती हैं और घुटने लगभग एक-दूसरे से स्पर्श करते हैं, इस समय गर्दन सीधी रखी जाती है। नज़रें सामने को देखते हुए, कंधे पीछे को खींचे हुए और सीना तना हुआ होता है।
अभ्यास 5 में निम्नलिखित चार अवस्थाएं आती हैं—

  1. पहली अवस्था में अभ्यास करने वाला सावधान मुद्रा में आता है। फिर कुहनियों को मोड़ कर हाथ ऊपर की तरफ ले जाते हैं और फिर हाथ ठोड़ी के नीचे किए जाते हैं।
  2. दूसरी अवस्था में आने के लिए पहली अवस्था में काफी परिवर्तन किया जाता है। ऊपर को उठी बाजू को नीचे लाया जाता है और बाजुओं को पीछे करके हाथ पीछे लाए जाते हैं, फिर दोनों को सीधा करने के बाद कुहनियां पेट के साथ लगाई जाती है। इस मुद्रा में डम्बल परस्पर टकराकर एक ही समय ध्वनि उत्पन्न की जाती है।
  3. तीसरी अवस्था में आने के लिए पीछे किए हुए हाथों को वहां से हटा कर आगे लाया जाता है। इस मुद्रा में डम्बल परस्पर टकराकर एक ही समय ध्वनि उत्पन्न की जाती
  4. चौथी अवस्था में अभ्यास करने वाले सावधानी की अवस्था में आ जाते हैं, डम्बल मुट्ठी से हाथों में पकड़े हुए शरीर को स्पर्श करेंगे।

टेबल टेनिस (Table Tennis) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions टेबल टेनिस (Table Tennis) Game Rules.

टेबल टेनिस (Table Tennis) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

याद रखने योग्य बातें

  1. टेबल टेनिस खेल की किस्म = दो सिंगल और डबल
  2. टेबल टेनिस मेज़ की लम्बाई और चौड़ाई = 274 × 152.5 सैंटीमीटर
  3. खेलने वाले फर्श की ऊंचाई = 76 सैंटीमीटर
  4. खेलने वाले फर्श से जाल की ऊंचाई = 15.25 सैंटीमीटर
  5. जाल की लम्बाई = 183 सैंटीमीटर
  6. गेंद का वज़न = 2.55 ग्राम के 2.7 ग्राम.
  7. गेंद किस वस्तु का बना होता है = सेल्यूलाइड अथवा सफेद प्लास्टिक
  8. गेंद की परिधि = 40 सैंटीमीटर
  9. गेंद का रंग = सफेद
  10. मैच के अधिकारी = 1 रैफ़री, अम्पायर, 1 सहायक अम्पायर।
  11. गेमों के मध्य अन्तराल = 1 मिनट
  12. मैच के दौरान टाइम आउट = 1 मिनट
  13. रेखाओं की चौडाई = 2 सैं०मी०
  14. सतह को विभाजित करने वाली रेखा की चौड़ाई = 3 मि०मी०

टेबल टेनिस खेल की संक्षेप रूप-रेखा
(Brief outline of the Table Tennis Game)

  1. टेबल टेनिस के मेज़ की लम्बाई 274 सैंटीमीटर और चौड़ाई 152.5 सैंटीमीटर होती है।
  2. टेबल टेनिस की खेल दो प्रकार की होती है-सिंगल्ज़ तथा डबल्ज़। सिंगल्ज़-इसमें कुल खिलाड़ी दो होते हैं। एक खिलाड़ी खेलता है तथा एक खिलाड़ी अतिरिक्त होता है। डबल्ज़-इसमें चार खिलाड़ी होते हैं, जिनमें से दो खेलते हैं तथा दो खिलाड़ी अतिरिक्त होते हैं।
  3. डबल्ज़ खेल के लिए खेलने की सतह (Playing Surface) को 3 सैंटीमीटर चौड़ी सफ़ेद रेखाओं द्वारा दो भागों में बांटा जाएगा।
  4. टेबल टेनिस की खेल में सिरों तथा सर्विस आदि के चुनाव का फैसला टॉस द्वारा किया जाता है।
  5. टॉस जीतने वाला सर्विस करने का फैसला करता है तथा टॉस हारने वाला सिरे का चुनाव करता है।
  6. सिंगल्ज़ खेल में 2 प्वाइंटों के बाद सर्विस बदल दी जाती है।
  7. मैच की अन्तिम सम्भव गेम में जब कोई खिलाड़ी या जोड़ी पहले 10 प्वाइंट कर ले तो सिरे बदल लिए जाते हैं।
    टेबल टेनिस (Table Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 1
  8. मैच एक पांच गेमों या सात गेमों में से सर्वोत्तम गेम होता है।
  9. टेनिस के टेबल की लाइनें सफेद होनी चाहिएं।
  10. टेनिस के टेबल का शेष भाग हरा और नीला होना चाहिए।

टेबल टेनिस (Table Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
टेबल टेनिस की खेल के सामान का संक्षेप वर्णन करें।
उत्तर-
मेज़ (Table)-मेज़ आयताकार होता है। इसकी लम्बाई 274 सैंटीमीटर तथा चौड़ाई 152.5 सैंटीमीटर होती है। इसकी ऊपरी सतह फर्श से 76 सैंटीमीटर ऊंची होगी। मेज़ किसी भी पदार्थ से निर्मित हो सकता है, परन्तु उसके धरातल पर 30.5 सैंटीमीटर की ऊंचाई से कोई प्रामाणिक गेंद फैंकने पर एक सार ठप्पा खाएगी जो 22 सेंटीमीटर से कम तथा 25 सैंटीमीटर से अधिक ऊंचा नहीं होना चाहिए। मेज़ के ऊपरी धरातल को क्रीड़ा तल (Playing Surface) कहते हैं। यह गहरे हल्के रंग का होता है। इसके प्रत्येक किनारे 42 सैंटीमीटर चौड़ी श्वेत रेखा होगी, 152.2 सैं० मी० के किनारे वाली रेखाएं अन्त रेखाएं तथा 23.4 सैंटीमीटर किनारे की रेखाएं पार्श्व (साइड) रेखाएं कहलाती हैं। डबल्ज़ खेल में मेज़ की सतह 3 मिलीमीटर चौड़ी सफेद रेखा दो भागों में विभक्त होती है जो साइड रेखा के समान्तर तथा प्रत्येक के समान दूरी पर होती है, इसे केन्द्र रेखा कहते हैं।
टेबल टेनिस (Table Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 2
जाल (Net)-जाल की लम्बाई 183 सैं० मी० होती है। इसका ऊपरी भाग क्रीडा तल (Playing Surface) से 15.25 सैं० मी० ऊंचा होता है। यह रस्सी द्वारा- 15.25 सैं० मी० ऊंचे सीधे खड़े डण्डों से बांधा होता है। प्रत्येक डण्डे की बाहरी सीमा उसी पार्श्व रेखा अर्थात् 15.25 सैंटीमीटर से बाहर की ओर होती है।
गेंद (Ball)—गेंद गोलाकार होती है। यह सैल्यूलाइड अथवा प्लास्टिक की सफ़ेद पीली परन्तु प्रतिबिम्बहीन होती है। इ’ का व्यास 37.2 मिलीमीटर से कम तथा 40 मि० गी0 से अधिक नहीं होता। इसका भार 2.40 ग्रा० से कम तथा 2.53 ग्रा० से अधिक नहीं होता।
रैकेट (Racket)-फेट किसी भी आकार या भार का हो सकता है। इसका तल गहरे रंग का होना चाहिए। यह खेल 21 अंक का होता है।

प्रश्न
टेबल टेनिस खेल में निम्नलिखित से आपका क्या भाव है ?
(1) टेबल का कम
(2) बाल खेल में
(3) अच्छी सर्विस
(4) अच्छी वापिसी
(5) लैट।
उत्तर-
खेल का क्रम (Order of Play) एकल (Single) खेल में सर्विस करने वाला (सर्वर) लगातार पांच वार सर्विस करता है, चाहे उसका अंक बने या न बने। उसके पश्चात् सर्विस दूसरे खिलाड़ी को मिलती है। इस तरह उसे भी पांच सर्विस करने का हक मलता है। इस तरह हर पांच सर्विस करने के बाद सर्विस में तबदीली होती है।
टेबल टेनिस (Table Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 3
दोकल (Double)-खेल में सर्वर सर्विस करता है तथा रिसीवर अच्छी वापसी करेगा। सर्वर का साथी फिर बढ़िया वापसी करेगा और बारी-बारी प्रत्येक खिलाड़ी उसी क्रम से बढ़िया वापसी करेंगे।

उत्कृष्ट ( अच्छी) सर्विस (Good Service) सर्विस में गेंद का सम्पर्क करता हुआ मुक्त हाथ खुला, अंगुलियां जुड़ी हुईं तथा अंगूठा मुक्त रहेगा और क्रीड़ा तल के लेवल के द्वारा सर्वर गेंद को ला कर हवा में इस प्रकार सर्विस शुरू करेगा कि गेंद हर समय निर्णायक को नज़र आए।
गेंद फिर इस प्रकार प्रहारित होगी कि सर्वप्रथम सर्वर का स्पर्श करके सीधे जाल के ऊपर या आस-पास पार करती हुई पुनः प्रहारक के क्षेत्र का स्पर्श कर ले।
दोकल (Double)-खेल में गेंद पहले सर्वर का दायां अर्द्धक या उसके जाल की ओर की केन्द्र रेखा स्पर्श करके जाल के आस-पास या सीधे ऊपर से गुजर कर प्रहारक के दायें अर्द्धक या उसके जाल की ओर केन्द्र रेखा स्पर्श करे।
उत्कृष्ट ( अच्छी) वापसी (A Good Return) सर्विस या निवर्तन (Return) की हुई गेंद खिलाड़ी द्वारा इस प्रकार प्रहारित की जाएगी कि वह सीधे जाल को पार करके या चारों ओर पार करके विरोधी के क्षेत्र को स्पर्श कर ले।
बाल खेल में (Ball in Play)-सर्विस में हाथ द्वारा आगे को बढ़ाने के क्षण में गेंद खेल में मानी जाएगी जब तक कि—

  1. गेंद एक क्षेत्र में दो बार स्पर्श नहीं कर लेती।
  2. वह किसी खिलाड़ी को या उसके वस्त्र को छू नहीं लेती।
  3. वह किसी खिलाड़ी द्वारा एक से अधिक बार लगातार प्रहारित नहीं हो जाती।
  4. सर्विस को छोड़ कर वह प्रत्येक क्षेत्र को रैकेट तुरन्त प्रहारित किए बिना एकान्तर से स्पर्श नहीं कर लेती।
  5. बिना टप्पा खाए आती है।
  6. वह जाल तथा उसकी टेकों (Supports) को छोड़ कर किसी अन्य वस्तु से छू जाए।
  7. दोकल (Double) खेल की सर्विस में सर्वर या रिसीवर की बाईं कोर्ट को छू ले।
  8. डबल्ज़ खेल में यदि टीम से बाहर के खिलाड़ी ने प्रहार किया हो।

लैट (Let)—विराम लैट होता है—

  1. अच्छी सर्विस होने पर गेंद यदि जाल पार करते समय जाल या उसकी टेकों को छू जाती है।
  2. जब सर्विस प्राप्तकर्ता या उसके साथी के तैयार न होने की अवस्था में सर्विस कर दी जाए।
  3. यदि किसी दुर्घटना के कारण कोई खिलाड़ी अच्छी सर्विस या रिटर्न करने से रुक जाता है।
  4. यदि किसी त्रुटि को दूर करने के लिए खेल रोका जाता है।

टेबल टेनिस (Table Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
टेबल टेनिस खेल में अंक कैसे मिलते हैं और खिलाड़ी कैसे विजय होता है ?
उत्तर-
अंक (Points)—नियम 9 में दी गई स्थिति को छोड़ कर कोई भी खिलाड़ी अंक खो देगा—

  1. यदि वह अच्छी सर्विस करने में असफल रहता है।
  2. यदि विपक्षियों में से किसी एक द्वारा सर्विस या अच्छी रिटर्न होते पर वह अच्छी रिटर्न में असफल हो जाए।
  3. यदि किसी खिलाड़ी या गेंद के खेल में रहते हुए क्रीड़ा तल को हिला दे।
  4. यदि उसका मुक्त हाथ गेंद के खेल में रहते हुए क्रीड़ा तल का स्पर्श कर ले।
  5. यदि गेंद खेल में आने से पूर्व अन्त रेखा या पार्श्व रेखा पार करती हुई उनकी ओर की मेज़ के क्रीड़ा तल को स्पर्श नहीं कर पाई है।
  6. यदि गेंद बिना टप्पा खाये लौटता है।
  7. दोकल खेल (Double) में यदि वह उचित अनुक्रम के बिना गेंद को प्रहारित नहीं करता।

जब कोई खिलाड़ी सर्विस करता है या कोई स्ट्रोक मारता है तो उसकी तरफ से खेली गई गेंद विरोधी तरफ से टप्पा खाने की बजाए सीधी उसके रैकेट को लगती है तो उस अवस्था में टेकन होता है जो अंक या स्ट्रोक मारने वाले को मिलता है।
खेल (Game)-खेल उस खिलाड़ी या जोड़े द्वारा जीती हुई मानी जाएगी जो पहले 11 अंक बना लेगा। यदि दोनों खिलाड़ी जोड़े 10 अंक बना लेते हैं तो उस वक्त दोनों खिलाड़ी या जोड़े को क्रमवार एक-एक सर्विस करने के लिए सुचेत किया जाता है जो खिलाड़ी या जोड़ा पहले दो अंक विरोधी से अधिक बना लेगा वह विजयी कहलाएगा।

मैच (Match)—मैच एक गेम, तीन गेम या पांच गेम का होगा। खेल निरन्तर जारी रहेगा, जब तक कोई खिलाड़ी या युगल विश्राम के लिए नहीं कहता। यह विश्राम पांच खेल वाले में से तीसरी और चौथी खेल के बीच पांच मिनट से अधिक नहीं होगा। अन्तरवर्ती क्षेत्रों में विश्राम एक मिनट से अधिक नहीं होगा।

प्रश्न
टेबल टेनिस में दिशा और सर्विस का चुनाव कैसे होता है ? दिशा परिवर्तन कैसे होता है ? सर्विस और रसीव करने की ग़लतियों पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
दिशा और सर्विस का चुनाव (Selection of side and service)प्रत्येक मैच में दिशा का चुनाव तथा सर्वर या प्रहारक बनने का अधिकार चुनता है तो विपक्षी को दिशा चुनने का अधिकार होगा। यह रीति विपरीत क्रम में भी रहेगी। टॉस जीतने वाला यदि चाहे तो विपक्षी को प्रथम- चयन का अधिकार दे सकता है।
दोकल (Double)-खेल में जिस जोड़े को पहले सर्विस करने का अधिकार होगा वह निश्चित करेगा कि किस साथी को ऐसा करना है। इसी प्रकार मैच के प्रथम खेल में विपक्षी जोड़ा भी यह निश्चित करेगा कि किस साथी खिलाड़ी ने पहले सर्विस प्राप्त करनी है।
दिशा परिवर्तन तथा सर्विस
(Change of Ends and Service)
खेल में एक दिशा से प्रारम्भ करने वाला खिलाड़ी या जोड़ा उससे अगले खेल में दूसरी ओर से प्रारम्भ करेगा। यह क्रम मैच के अन्त तक जारी रहेगा। मैच के अन्तिम खेल में जो खिलाड़ी या जोड़ा पहले 5 फलांकन बना लेगा वह दिशा परिवर्तन कर सकता है। . एकल (Single) खेल में 2 अंक के पश्चात् रिसीवर सर्वर बन जाएगा और सर्वर रिसीवर
और यही क्रम मैच के अन्त तक जारी रहेगा (नीचे दी हुई स्थिति को छोड़ कर)।

दोकल खेल में पहली 2 सर्विस उस जोड़े के चुने हुए साथी द्वारा होगी जिन्हें निर्णय का अधिकार या विपक्षी जोड़े के चुने हुए साथी द्वारा प्राप्त की जाएगी। दूसरी 2 सर्विस, प्रथम 2 सर्विस प्राप्त करने वाला प्रहार करेगा तथा पहली 2 सर्विस करने वाला सर्वर उन्हें प्राप्त करेगा। तीसरी 2 सर्विस प्रथम 2 सर्विस करने वाला सर्वर का साथी करेगा तथा प्रथम 2 सर्विस प्राप्त करने वाला प्रहारक का साथी उन्हें प्राप्त करेगा। चौथी । सर्विस प्रथम 2 सर्विस करने वाला प्रहारक का साथी करेगा तथा प्रथम 2 सर्विस करने वाला सर्वर उन्हें प्राप्त करेगा। पांचवीं 2 सर्विस प्रथम 2 सर्विस के समान संक्रमिन होगी। खेल इसी क्रम में जारी रहेगा जब तक खेल समाप्त नहीं हो (नीचे दी हुई स्थिति को छोड़ कर) जाता।

फलांकन के 10 अंक होने पर या खेल के एकस्पिडाइट पद्धति के अन्तर्गत खेले जाने पर सर्विस और प्रहार करने का क्रम वही रहेगा, किन्तु खेल के अन्त तक प्रत्येक खिलाड़ी बारी-बारी से केवल एक सर्विस करेगा जो खिलाड़ी या जोड़ा पहले खेल में सर्विस करेगा वह उससे अगले खेल में सर्विस प्राप्त करेगा।

‘दोकल’ मैच के अन्तिम खेल में 5 फलांकन पर जोड़े दिशा परिवर्तन कर लेंगे। इस तरह सिगल्ज़ में भी अन्तिम गेंद में 10 अंक खेलने के बाद दिशा बदल जाती है।
दिशा में सर्विस अनियमतता (Out of orders of Ends of Service)–यदि कोई खिलाड़ी समय पर दिशा परिवर्तन नहीं करते तो वे त्रुटि ज्ञात होते ही दिशाएं बदलेंगे, जब तक कि त्रुटि के बाद खेल समाप्त न हो चुका हो। तब त्रुटि की उपेक्षा कर दी जाएगी। किसी भी परिस्थिति में त्रुटि ज्ञात होने से पूर्व वे सब बनाए हुए अंक माने जाएंगे।

यदि कोई खिलाड़ी अपनी बारी के बिना सर्विस करता है तो त्रुटि ज्ञात होते ही खेल रोक दिया जाएगा और खेल उस खिलाड़ी की सर्विस या प्राप्ति द्वारा पुनः जारी किया जाएगा जिस खेल के प्रारम्भिक क्रम के अनुसार करनी चाहिए थी या फलांकन के 5 पर पहुंचने पर। यदि नियम 14 के अंतर्गत उस क्रम में परिवर्तन हो गया तो उसी क्रम के अनुसार उसे सर्विस करनी या प्राप्त करनी चाहिए। किसी भी परिस्थिति में त्रुटि होने से पूर्व के सब बनाये हुए अंक माने जाएंगे।

टेबल टेनिस (Table Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

PSEB 10th Class Physical Education Practical टेबल टेनिस (Table Tennis)

प्रश्न 1.
टेबल टेनिस के मेज़ की लम्बाई और चौड़ाई बताओ।
उत्तर-
टेबल टेनिस के मेज़ की लम्बाई 2.74 सैंटीमीटर और चौड़ाई 152.5 सैंटीमीटर होती है।

प्रश्न 2.
टेबल टेनिस की खेल कितनी प्रकार की होती है ?
उत्तर-
टेबल टेनिस की खेल दो प्रकार की होती है—

  1. सिंगल्ज़
  2. डबल्ज़।

टेबल टेनिस (Table Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 3.
टेबल टेनिस के खिलाड़ियों की संख्या बताओ।
उत्तर-

  1. सिंगल्ज़-इसमें दो खिलाड़ी होते हैं। एक खेलता है और एक खिलाड़ी अतिरिक्त (Substitute) होता है।
  2. डबल्ज़-इसमें तीन खिलाड़ी होते हैं। दो खिलाड़ी खेलते हैं और एक खिलाड़ी अतिरिक्त (Substitute) होता है।

प्रश्न 4.
खेल कैसे शुरू होता है ?
उत्तर-
टॉस जीतने वाला सर्विस करने का फैसला करता है और हारने वाला सिरे का चुनाव करता है।

प्रश्न 5.
जाल की लम्बाई और ऊंचाई बताओ।
उत्तर-
जाल की लम्बाई 1.83 सैंटीमीटर होगी और इसकी ऊंचाई सतह (Playing Surface) से 15.25 सैंटीमीटर होगी।

टेबल टेनिस (Table Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 6.
गेंद का भार और उसकी गोलाई बताओ।
उत्तर-
गेंद का भार कम-से-कम 2.40 ग्राम और अधिक-से-अधिक 2.50 ग्राम होगा। उसकी गोलाई कम-से-कम 37.2 m.m. और अधिक-से-अधिक 38.2 m.m. होनी चाहिए।

प्रश्न 7.
रैकेट किस तरह का होना चाहिए ?
उत्तर-
रैकेट (Racket) किसी भी आकार या भार का हो सकता है। इसका तल गहरे रंग (Dark Colour) का होना चाहिए।

प्रश्न 8.
टेबल टेनिस बाल को किस तरह जज करेंगे कि बाल ठीक है ?
उत्तर-
टेबल टेनिस का बाल 30.5 सेंटीमीटर की ऊंचाई से गिराया जाए तो कम-से-कम 22 सैंटीमीटर और अधिक-से-अधिक 25 सैंटीमीटर उछलना चाहिए।

टेबल टेनिस (Table Tennis) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न 9.
टेबल टेनिस की गेम कितने प्वाइंटों की होती है ?
उत्तर-
टेबल टेनिस का एक खिलाड़ी या एक जोड़ा गेम जीत जाएगा, यदि वह पहले 11 प्वाइंट स्कोर कर लेता है। जब दो खिलाड़ियों का जोड़ा 11 प्वाईंट कर ले तो वे खिलाड़ी या जोड़ा विजयी होगा जो दूसरे से पहले दो प्वाइंट प्राप्त कर लेगा।

प्रश्न 10.
टेबल टेनिस की खेल में प्वाइंट कैसे किए जाते हैं और कोई खिलाड़ी कैसे विजयी होता है ?
उत्तर-

  1. प्वाइंट (Point) एक खिलाड़ी एक प्वाइंट दे देगा यदि वह अच्छी सर्विस करने से असफल रहे।
  2. यदि उसके विरोधी ने अच्छी तरह सर्विस या अच्छी रिटर्न तो की है और वह आप अच्छी रिटर्न करने में असफल हो जाए।
  3. यदि वह या उसका रैकेट जाल को स्पर्श कर जाए जब कि गेंद खेल में (Ball in Play) हो।
  4. यदि उसका स्वतन्त्र हाथ (Free Hand) खेल की सतह (Playing Surface) को स्पर्श कर जाए जबकि गेंद खेल में (Ball in Play) हो।
  5. यदि वह गेंद को वॉली (Volley) मारता है।
  6. डबल्ज़ में अपनी बारी के बिना गेंद को चोट मारता है।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

Punjab State Board PSEB 10th Class Welcome Life Book Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Welcome Life Chapter 10 तनाव प्रबंधन

PSEB 10th Class Welcome Life Guide तनाव प्रबंधन Textbook Questions and Answers

अभ्यास-I

प्रश्न 1.
तनाव हमारे लिए कैसे उपयोगी हो सकता है?
उत्तर-
आमतौर पर कहा जाता है कि तनाव हमारे लिए हानिकारक है लेकिन कभी कभी यह उपयोगी भी हो सकता है। तनाव हमें प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ना सिखाता है, हमारी एकाग्रता को बढ़ाता है, हमारी कार्य क्षमता और आत्म सम्मान को बढ़ाता है। इस प्रकार तनाव हमारे लिए एक उपयोगी पहलू भी है।

प्रश्न 2.
तनाव ग्रस्त होने पर कौन-से शारीरिक और मानसिक परिवर्तन महसूस होते हैं?
उत्तर-
आंतरिक रूप से, तनाव का शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति का दिल तेज़ी से धड़कता है, हृदय रोग होता है, सिरदर्द शुरू होता है और सांस लेने में समस्या शुरू हो जाती है। यह शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को भी कम करता है। बाहरी रूप से शरीर कई बदलावों से गुज़रता है। व्यक्ति का वज़न बढ़ना शुरू हो जाता है, बाल झड़ने लगते हैं, पसीना निकलने लगता है। व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार हो जाता है, जिसका असर उसके चेहरे पर साफ दिखता है और उसके चेहरे पर चिंताएँ हमेशा दिखाई देती हैं।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

प्रश्न 3.
तनाव ग्रस्त व्यक्ति का चेहरा कैसा होता है?
उत्तर-
तनाव ग्रस्त व्यक्ति का चेहरा मुरझा जाता है, वह हमेशा ही बीमार दिखने लगता है और उसके माथे पर हमेशा चिंता के भाव रहते हैं।

प्रश्न 4.
आपके लिए कौन-सी बातें तनाव देने वाली हैं?
उत्तर-
यदि हम छात्र के दृष्टिकोण से देखें, तो तनाव का मुख्य कारण कक्षा में कम अंक लाना, पीछे रह जाना तथा फेल होने का डर इत्यादि तनाव के मुख्य कारण होते हैं। एक पिता या पति के रूप में तनाव के मुख्य कारण नौकरी या व्यवसाय की चिंताएं, आय और व्यय की चिंता, परिवार की चिंता, बच्चों के सैट होने की चिंता तनाव के कारण हैं। इस प्रकार अलग-अलग परिस्थितियों तनाव के कारण अलग-अलग होते हैं।

व्यायाम-II

प्रश्न 1.
क्या इंसान जीव-जन्तुओं के बिना धरती पर रह सकता है?
उत्तर-
नहीं, इंसान जीव-जन्तुओं के बिना धरती पर जीवित नहीं रह सकता। इसका कारण यह है कि प्रकृति ने एक जीवन चक्र बनाया है जिसके अनुसार एक प्राणी दूसरों पर जीने के लिए निर्भन करता है। उसी तरह, मानव अपने अस्तित्व के लिए दूसरे जानवरों पर निर्भर करता है। उनकी अनुपस्थिति में, मानव अस्तित्व खतरे में होगा। यही कारण है कि मनुष्य दूसरे जीव-जन्तुओं पर निर्भर करता है।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

प्रश्न 2.
प्राकृतिक वनस्पति को नष्ट करने से क्या नुकसान हैं?
उत्तर-

  1. प्राकृतिक वनस्पति वर्षा लाने में मदद करती है। इसके अभाव में वर्षा की कमी होगी।
  2. प्राकृतिक वनस्पति मिट्टी के कटाव को रोकती है। इसके अभाव में मिट्टी का कटाव कभी नहीं रुकेगा?
  3. प्राकृतिक वनस्पतियाँ लकड़ी की हमारी ज़रूरतों को पूरा करती हैं, और इसके अभाव में ऐसी ज़रूरतें पूरी नहीं होंगी।
  4. यदि प्राकृतिक वनस्पति नहीं होगी तो वन्य जीवों के लिए कोई निवास स्थान नहीं होगा।

प्रश्न 3.
प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए हम छात्रों के रूप में क्या कर सकते हैं?
उत्तर-

  1. हम प्राकृतिक वनस्पति के संरक्षण के लिए दूसरों को प्रेरित कर सकते हैं।
  2. प्राकृतिक वनस्पति की संभाल के लिए सैमिनार आयोजित किया जा सकता है।
  3. छात्र प्राकृतिक वनस्पति बढ़ाने के लिए नए पौधे लगा सकते हैं।

पाठ पर अधारित प्रश्न

प्रश्न 1.
तनाव हमारे शरीर को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर-
अभ्यास-I का प्रश्न 2 देखें।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

प्रश्न 2.
तनाव कम करने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
उत्तर-

  1. जब भी आप तनाव में हों, धीरे-धीरे अपनी आँखें बंद करें। पांच मिनट के बाद अपनी आँखें खोलें। यह आपके तनाव को कम करेगा।
  2. जब भी आप तनाव में हों, गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
  3. हमें सुबह की सैर के लिए बाहर जाने या योग करने की आवश्यकता है।
  4. संतुलित आहार लेने से तनाव को कम किया जा सकता है।
  5. तनाव कम करने के लिए आपको अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों से बात करते रहना चाहिए।
  6. व्यक्ति को अपने शौक पूरे करने चाहिएं।

प्रश्न 3.
दूसरों को तनाव मुक्त रखने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
उत्तर-
देखें पिछला प्रश्न।

प्रश्न 4.
क्या तनाव हमारे लिए उपयोगी भी हो सकता है?
उत्तर-
अभ्यास-I का प्रश्न नं0 1 देखें।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

Welcome Life Guide for Class 10 PSEB तनाव प्रबंधन Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(क) बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
………. वह स्थिति जो हमारे तन, मन की उम्मीद के अनुसार नहीं हो रही होती।
(a) तनाव
(b) खुशी
(c) घृणा
(d) द्वेश।
उत्तर-
(a) तनाव।

प्रश्न 2.
मन की वह स्थिति जिसको हम ………. मान लेते हैं उसे ही हम तनाव कहते हैं।
(a) घृणा
(b) बोझ
(c) खुशी
(d) अत्याचार।
उत्तर-
(d) यह सभी।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

प्रश्न 3.
इनमें से तनाव का कारण क्या है?
(a) अधिक आकांक्षाएं
(b) हमारा प्राकृतिक स्वभाव
(c) काम का दबाव
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 4.
तनाव से हमारी ……… शक्ति कमजोर होती है।
(a) शारीरिक
(b) मानसिक
(c) दोनों (a) और (b)
(d) कोई नहीं।
उत्तर-
(c) दोनों (a) और (b)।

प्रश्न 5.
तनाव के कारण इनमें से कौन-सी बीमारी होती है?
(a) एड्स
(b) दिल का रोग
(c) कैंसर
(d) टी० बी०।
उत्तर-
(b) दिल का रोग।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

प्रश्न 6.
तनाव का गलत पहलू क्या है?
(a) व्यक्ति काम करना बंद कर देता है।
(b) व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों से दूर भागता है।
(c) तनाव कई बीमारियों का कारण बनता है।
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 7.
तनाव कम करने के लिए छात्र क्या कर सकते हैं?
(a) सुबह की सैर या योग करके
(b) हम दोस्तो के साथ खेल सकते हैं
(c) हम परिवार के सदस्यों से बात कर सकते हैं
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

(ख) खाली स्थान भरें

  1. पृथ्वी पर ………… और जीव-जन्तु रहने के लिए एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
  2. ………….. वनस्पति को संरक्षित किया जाना चाहिए।
  3. ………….. करने से तनाव को कम किया जा सकता है।
  4. ………. के कारण दिल की बीमारी हो सकती है।
  5. तनाव हमारे जीवन की ……….. घटना है।
  6. तनाव हमारे लिए ………. भी हो सकता और ……… भी।

उत्तर-

  1. मनुष्य,
  2. प्राकृतिक,
  3. सुबह की सैर,
  4. तनाव,
  5. प्राकृतिक,
  6. लाभदायक, नुकसानदायक।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

(ग) सही/ग़लत

  1. तनाव के बोझ के कारण एड्स हो सकता है।
  2. तनाव दिमाग पर बोझ डाल देता है।
  3. काम के भोझ से तनाव नहीं होता।
  4. तनाव से मानसिक शक्ति कमज़ोर होती है।
  5. तनाव के कारण कई लोग ज़िम्मेदारियों से दूर भागते हैं।
  6. इंसान और जीव-जन्तु एक-दूसरे के मददगार हैं।

उत्तर-

  1. ग़लत,
  2. सही,
  3. ग़लत,
  4. सही,
  5. सही,
  6. सही।

(घ) कॉलम से मेल करें

कॉलम ए — कॉलम बी
(a) तनाव — (i) तनाव का नतीजा
(b) काम का दबाव — (ii) प्रकृति का संतुलन
(c) हृदय रोग — (iii) तनाव को दूर करने का तरीका
(d) गहरी सांस लेना — (iv) मन की स्थिति
(e) जीव-जंतु — (v) तनाव का कारण।
उत्तर-
कॉलम ए — कॉलम बी
(a) तनाव — (iv) मन की स्थिति
(b) काम का दबाव — (v) तनाव का कारण
(c) हृदय रोग — (i) तनाव का नतीजा
(d) गहरी सांस लेना — (iii) तनाव को दूर करने का तरीका
(e) जीव-जंतु — (ii) प्रकृति का संतुलन

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
तनाव क्या है?
उत्तर-
वह मन की अवस्था जिसे हम बोझ मान लेते हैं, तनाव होता है।

प्रश्न 2.
तनाव को कैसे कम किया जा सकता है?
उत्तर-
इसके कारण को समझ उसका समाधान करके से तनाव को कम किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
हम तनावग्रस्त क्यों हो जाते हैं?
उत्तर-
जब हम किसी समस्या को बोझ मानने लगते हैं, तो हम तनावग्रस्त हो जाते हैं।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

प्रश्न 4.
तनाव का एक कारण दीजिए।
उत्तर-
हम तब तनाव में आते हैं जब हमारी आकांक्षाएं पूरी नहीं होती हैं।

प्रश्न 5.
दूसरों से तुलना करके हम तनाव में कैसे आ जाते हैं?
उत्तर-
जब हम देखते हैं कि अन्य लोग अधिक सफल हो रहे हैं, तो हम तनाव में आ जाते हैं।

प्रश्न 6.
तनाव का हम पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
तनाव हमारी शारीरिक और मानसिक स्थिति को कमज़ोर करता है।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

प्रश्न 7.
तनाव से कौन-सी बीमारी हो जाती है?
उत्तर-
तनाव से हृदय रोग होता है और रक्तचाप भी बढ़ सकता है।

प्रश्न 8.
तनाव का गलत पहलू क्या है?
उत्तर-
यह हमें काम करने से रोकता है और हमें कभी भी अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा नहीं करने देता है।

प्रश्न 9.
छात्र तनाव में क्यों आते हैं?
उत्तर-
असफलता का डर, कम अंक प्राप्त करने का डार, कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त न करने का डर इत्यादि ऐसे कारण हैं जिनके कारण छात्र तनाव में आते हैं।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

प्रश्न 10.
तनाव कम करने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर-
धीरे-धीरे अपनी आँखें बंद करें, पाँच सैकेंड के बाद आँखें खोलें या तनाव को कम करने के लिए लंबी साँसें लें।

प्रश्न 11.
छात्र तनाव को कैसे कम कर सकते है?
उत्तर-
सुबह की सैर या योग करने से छात्र तनाव को कम कर सकते हैं।

प्रश्न 12.
प्रकृति का संतुलन क्या हैं?
उत्तर-
यह कि मनुष्य और अन्य जीव-जन्तु एक-दूसरे पर निर्भर हैं।

प्रश्न 13.
प्रकृति का संतुलन कैसे बनाए रखा जा सकता है?
उत्तर-
यदि हम सभी प्राकृतिक चीज़ों की परवाह करते हैं, तो प्रकृति का संतुलन बनाए रखा जा सकता है।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

प्रश्न 14.
प्राकृतिक वनस्पति का एक लाभ दें।
उत्तर-
प्राकृतिक वनस्पति से हमें ऑक्सीजन मिलती है।

प्रश्न 15.
प्राकृतिक वनस्पतियों को नष्ट करने का नुकसान कया है?
उत्तर-
इससे हमारी लकड़ी की ज़रूरत नहीं पूरी होगी और वर्षा भी कम होगी।

प्रश्न 16.
प्राकृतिक वनस्पति को कैसे बचाया जा सकता है?
उत्तर-
नए पौधे लगाकर, प्राकृतिक वनस्पति को बचाया जा सकता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
तनाव की स्थिति पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
तनाव एक प्रकार की वह स्थिति है जो हमारे मन के अनुसार नहीं है। यह मन की वह स्थिति है जिसे हम बोझ समझते हैं और उसे तनाव का नाम देते हैं। उदाहरण के लिए यदि हमें किसी काम को करने में देर हो जाती है, तो हम तनाव में आ जाते हैं। तनाव सकारात्मक और साथ ही व्यक्ति के लिए नकारात्मक स्थिति भी पैदा कर सकता है। यदि हमें तनाव के कारण के बारे में पता चल जाए, तो हम आसानी से इसका समाधान पा सकते हैं। लेकिन यदि कारण का पता न चले तो यह समस्या हमारे लिए बोझ बन जाती है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम तनाव को एक सहायक या समस्या के रूप में कैसे ले सकते हैं।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

प्रश्न 2.
तनाव के चार कारण बताइए।
उत्तर-

  1. हमारी कई आकांक्षाएं हैं और यदि वे पूरी नहीं होती हैं, तो हम तनाव में आ जाते हैं।
  2. कुछ लोगों का तनाव में रहना स्वाभाविक प्रवृत्ति है। वे हमेशा तनाव में रहते हैं।
  3. लोग काम के दबाव में होते हैं और अपने बॉस के गुस्से का शिकार हो जाते हैं। इसलिए वे तनाव में आते हैं।
  4. कई व्यक्तियों की पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं है और वे हमेशा तनाव में रहते हैं।

प्रश्न 3.
तनाव के प्रभाव क्या हैं?
उत्तर-

  1. तनाव हमारी शारीरिक और मानसिक शक्ति को कमज़ोर करता है और दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है।
  2. व्यक्ति सो नहीं पाता और अधिक पसीना आने लगता है। वह मोटा हो जाता है। कई बीमारियां हो सकती हैं जैसे पेट में दर्द, सिरदर्द, दिल की बीमारियां, रक्तचाप बढ़ना इत्यादि।
  3. हम बीमारियों से लड़ने में बहुत अधिक ऊर्जा खो देते हैं और हम तनाव से राहत नहीं ले पाते।
  4. तनाव का सबसे बुरा हिस्सा यह है कि यह हमें अपनी ज़िम्मेदारियों से दूर भगाता है, और हमें काम करने से रोकता है।

प्रश्न 4.
तनाव से बचने के लिए छात्र क्या कर सकते हैं?
उत्तर-

  1. तनाव कम करने के लिए हम अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ खेल सकते हैं।
  2. तनाव को कम करने के लिए प्राकृतिक वातावरण में सैर के लिए निकल सकते हैं।
  3. हम परिवार के सदस्यों के साथ काम कर सकते हैं, उनके साथ सहयोग कर सकते हैं, तनाव को दूर करने में उनकी मदद ले सकते हैं।
  4. सुबह की सैर के लिए बाहर जा सकते हैं, योग कर सकते हैं और तनाव कम करने के लिए संतुलित आहार ले सकते हैं।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 10 तनाव प्रबंधन

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न-तनाव के कारण क्या हैं?
उत्तर-

  1. हम अपनी पारिवारिक स्थितियों या पड़ोस की स्थितियों के कारण तनाव में आ जाते हैं।
  2. यदि किसी को छोटे कद या शरीर के किसी हिस्से के बारे में साथियों द्वारा चिढ़ाया जाता है, तो वह तनाव में आ सकता है।
  3. देश में विपरीत परिस्थितियों के कारण भी व्यक्ति तनाव में आ सकता है।
  4. हमारी कई आकांक्षाएँ हैं और यदि वे पूरी नहीं होती हैं तो हम तनाव में आ जाते हैं।
  5. कुछ लोग स्वाभाविक रूप से तनाव में रहते हैं।
  6. कुछ लोग काम के दबाव में और प्रबंधन के दबाव के कारण तनाव में रहते हैं।
  7. यदि कोई किसी बीमारी से पीड़ित है या किसी ने किसी से का लिया है, तो वह तनाव में रहता है।
  8. यदि हम दूसरों के साथ अपनी तुलना करते हैं तो हम तनाव में आ जाते हैं।

तनाव प्रबंधन PSEB 10th Class Welcome Life Notes

  • यदि कोई भी स्थिति हमारे मन के अनुरूप नहीं है या हमारे मन के अनुसार नहीं है, तो यह तनाव की स्थिति है। ज्यादातर तनाव हानिकारक होता है लेकिन कई बार यह फलदायक भी हो सकता है।
  • तनाव के कई कारण हो सकते हैं जैसे हमारा प्राकृतिक व्यवहार, अधिक आकांक्षाएं, बीमारी, कर्जा, काम का बोझ इत्यादि।
  • सकारात्मक दृष्टिकोण वाले लोग अपने लाभ के लिए भी तनावपूर्ण स्थिति का उपयोग करते हैं। तनाव का समाधान खोजने के दौरान वह एक नई चीज़ की खोज करते हैं या स्थिति से बहुत लाभ प्राप्त करते हैं।
  • तनाव से अनिद्रा, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, हृदय रोग इत्यादि जैसे गलत प्रभाव हो सकते हैं। तनाव से लड़ने में बहुत ऊर्जा खर्च होती है और इसीलिए लोग अपनी ज़िम्मेदारियों से दूर भागते हैं।
  • हालांकि तनाव किसी के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है लेकिन इसे कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए। गहरी साँस लेना, आँखें बंद करके बैठना, चिंताओं के बारे में न सोचना यह कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे हम तनाव को कम कर सकते हैं।
  • धरती पर इंसान और जानवर एक-दूसरे का साथ देते हैं। यह प्राकृतिक प्रणाली को संतुलित करने में मदद करता है।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

Punjab State Board PSEB 10th Class Social Science Book Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

SST Guide for Class 10 PSEB स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर एक शब्द/एक पंक्ति (1-15 शब्दों) में लिखें

प्रश्न 1.
1857 ई० के स्वतन्त्रता संग्राम के समय पंजाब की किन-किन छावनियों में विद्रोह हुआ?
उत्तर-
1857 ई० के स्वतन्त्रता संग्राम के समय पंजाब की लाहौर, फिरोजपुर, पेशावर, अम्बाला, मियांवाली आदि छावनियों में विद्रोह हुआ।

प्रश्न 2.
सरदार अहमद खां खरल ने आजादी की लड़ाई में क्या योगदान दिया?
उत्तर-
सरदार अहमद खां खरल ने कई स्थानों पर अंग्रेजों से टक्कर ली और अंत में वह पाकपटन के निकट अंग्रेज़ों का विरोध करते हुए शहीद हो गया।

प्रश्न 3.
श्री सतगुरु राम सिंह जी ने अंग्रेज़ सरकार का असहयोग क्यों किया?
उत्तर-
क्योंकि श्री सतगुरु राम सिंह जी विदेशी सरकार, विदेशी संस्थाओं तथा विदेशी माल के कट्टर विरोधी थे।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 4.
ग़दर लहर क्यों असफल रही?
उत्तर-
क्योंकि अमृतसर के एक सिपाही कृपाल सिंह के धोखा देने के कारण गदर लहर की योजना की पोल समय से पहले ही खुल गई और अंग्रेज़ सरकार तुरन्त सक्रिय हो उठी।

प्रश्न 5.
अकाली लहर के अस्तित्व में आने के दो कारण बताओ।
उत्तर-
गुरुद्वारों को चरित्रहीन महंतों से मुक्त करवाना तथा गुरुद्वारों के प्रबन्ध में सुधार लाना।

प्रश्न 6.
चाबियाँ वाला मोर्चा क्यों लगाया गया?
उत्तर-
अंग्रेजी सरकार ने दरबार साहिब अमृतसर की गोलक की चाबियां अपने पास दबा रखी थीं जिन्हें प्राप्त करने के लिए सिक्खों ने चाबियों वाला मोर्चा लगाया।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 7.
‘गुरु का बाग’ मोर्चे का कारण बताओ।
उत्तर-
सिक्खों ने गुरुद्वारा ‘गुरु का बाग’ (जिला अमृतसर) को महंत सुन्दर दास के अधिकार से मुक्त कराने के लिए गुरु का बाग मोर्चा लगाया।

प्रश्न 8.
साइमन कमीशन कब भारत आया और इसका बहिष्कार क्यों किया गया?
उत्तर-
साइमन कमीशन 1928 में भारत आया। इसमें एक भी भारतीय सदस्य सम्मिलित नहीं था जिसके कारण भारत में इसका बहिष्कार किया गया।

(ख) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 30-50 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
श्री सतगुरु राम सिंह जी की कैसी गतिविधियों से अंग्रेजों को डर लगता था?
उत्तर-

  1. श्री सतगुरु राम सिंह जी जहां भी जाते, उनके साथ घुड़सवारों की टोली अवश्य जाती थी। इससे अंग्रेज़ सरकार यह सोचने लगी कि नामधारी किसी विद्रोह की तैयारी कर रहे हैं। .
  2. अंग्रेज़ श्री सतगुरु राम सिंह जी के डाक प्रबन्ध को संदेह की दृष्टि से देखते थे।
  3. श्री सतगुरु राम सिंह जी ने प्रचार की सुविधा को सम्मुख रखकर पंजाब को 22 प्रांतों में बांटा हुआ था। प्रत्येक प्रांत का एक सेवादार होता था जिसे सूबेदार कहा जाता था। नामधारियों की यह कार्यवाही भी अंग्रेजों को डरा रही थी।
  4. 1869 ई० में नामधारियों या कूकों ने कश्मीर के शासक के साथ सम्पर्क स्थापित किया। उन्होंने नामधारियों (कूकों) को फौजी प्रशिक्षण देना भी आरम्भ कर दिया।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 2.
नामधारियों और अंग्रेजों के मध्य मलेरकोटला में हुई दुर्घटना का वर्णन करो।
उत्तर-
नामधारी लोगों ने गौ-रक्षा का कार्य आरम्भ कर दिया था। गौ-रक्षा के लिए वे कसाइयों को मार डालते थे। जनवरी, 1872 को 150 कूकों (नामधारियों) का एक जत्था कसाइयों को दण्ड देने मालेरकोटला पहुंचा। 15 जनवरी, 1872 ई० को ककों और मालेरकोटला की सेना के बीच घमासान लड़ाई हुई। दोनों पक्षों के अनेक व्यक्ति मारे गए। अंग्रेजों ने कूकों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए अपनी विशेष सेना मालेरकोटला भेजी। 68 कूकों ने स्वयं अपनी गिरफ्तारी दी। उनमें से 49 कूकों को 17 जनवरी, 1872 ई० को तोपों से उड़ा दिया गया। सरकारी मुकद्दमों के पश्चात् 16 कूकों को मृत्यु दण्ड दिया गया। बाबा राम सिंह को देश निकाला देकर रंगून भेज दिया गया।

प्रश्न 3.
पंजाब में आर्य समाज द्वारा किए गए कार्यों का वर्णन करो।
उत्तर-
पंजाब में आर्य समाज ने निम्नलिखित कार्य किए

  1. इसने पंजाबियों की राष्ट्रीय भावना को जागृत किया।
  2. इसने लाला लाजपत राय, सरदार अजीत सिंह, श्रद्धानंद, भाई परमानंद तथा लाला हरदयाल जैसे महान् देशभक्तों को उभारा।
  3. इसने पंजाब में शिक्षा का विस्तार किया।
  4. इसने पंजाब में स्वदेशी लहर को बढ़ावा दिया।

प्रश्न 4.
ग़दर पार्टी ने पंजाब में आजादी के लिए क्या-क्या यत्न किए?
उत्तर-
ग़दर पार्टी द्वारा पंजाब में आजादी के लिए किए गए कार्यों का वर्णन इस प्रकार है

  1. रास बिहारी बोस ने लाहौर, फिरोजपुर, मेरठ, अम्बाला, मुलतान, पेशावर तथा कई अन्य छावनियों में अपने प्रचारक भेजे। इन प्रचारकों ने सैनिकों को विद्रोह के लिए तैयार किया।
  2. करतार सिंह सराभा ने कपूरथला के लाला रामसरन दास के साथ मिल कर ‘गदर’ नामक साप्ताहिक पत्र को छापने का प्रयास किया। परन्तु वह सफल न हो सका। फिर भी वह ‘गदर-गूंज’ प्रकाशित करता रहा।
  3. सराभा ने फरवरी, 1915 में फिरोजपुर में सशस्त्र विद्रोह करने का यत्न किया। परन्तु कृपाल सिंह नामक एक सिपाही की धोखेबाज़ी के कारण उसका भेद खुल गया।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 5.
बाबा गुरदित्त सिंह ने कैनेडा जाने वाले लोगों के लिए क्या क्या कार्य किए?
उत्तर-
पंजाब के अनेक लोग रोजी-रोटी की खोज में कैनेडा जाना चाहते थे। परन्तु कैनेडा सरकार की भारत विरोधी गतिविधियों के कारण कोई भी जहाज़ उन्हें कैनेडा ले जाने को तैयार न था। 1913 में जिला अमृतसर के बाबा गुरदित्त सिंह ने ‘गुरु नानक नेवीगेशन’ नामक कम्पनी स्थापित की। 24 मार्च, 1914 को उसने ‘कामागाटामारू’ नामक एक जहाज़ किराये पर लिया और इसका नाम ‘गुरु नानक जहाज़’ रखा। इस जहाज़ में उसने कैनेडा जाने के इच्छुक लोगों को कैनेडा ले जाने का प्रयास किया। परन्तु वहां पहुंचते ही उन्हें वापिस जाने का आदेश दे दिया गया।

प्रश्न 6.
जलियांवाला बाग़ की दुर्घटना के क्या कारण थे?
उत्तर-
जलियांवाला बाग़ की दुर्घटना निम्नलिखित कारणों से हुई

  1. रौलेट बिल-1919 में अंग्रेज़ी सरकार ने ‘रौलेट बिल’ पास किया। इस के अनुसार पुलिस को जनता के दमन के लिए विशेष शक्तियां दी गईं। अत: लोगों ने इनका विरोध किया।
  2. डॉ० सत्यपाल तथा डॉ० किचलू की गिरफ्तारी-रौलेट बिल के विरोध में पंजाब तथा अन्य स्थानों पर हड़ताल हुई। कुछ नगरों में दंगे भी हुए। अतः सरकार ने पंजाब के दो लोकप्रिय नेताओं डॉ० सत्यपाल तथा डॉ० किचलू को गिरफ्तार कर लिया। इससे जनता और भी भड़क उठी।
  3. अंग्रेजों की हत्या-भड़के हुए लोगों पर अमृतसर में गोली चलाई गई। जवाब में लोगों ने पांच अंग्रेजों को मार डाला। अत: नगर का प्रबन्ध जनरल डायर को सौंप दिया गया।
    इन सब घटनाओं के विरोध में अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में एक आम सभा हुई जहां भीषण हत्याकांड हुआ।

प्रश्न 7.
सरदार ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग़ दुर्घटना का बदला कैसे लिया?
उत्तर-
सरदार ऊधम सिंह पक्का देश भक्त था। जलियांवाला बाग़ में हुए नरसंहार से उसका युवा खून खौल उठा। उसने इस घटना का बदला लेने का दृढ़ निश्चय कर लिया। उसे यह अवसर 21 वर्ष पश्चात् मिला। उस समय वह इंग्लैण्ड में था। वहां उसने सर माइकल ओडायर (लैफ्टिनेंट गवर्नर) को गोली से उड़ा दिया। जलियांवाला बाग़ हत्याकाण्ड के लिए यही अधिकारी उत्तरदायी था।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 8.
खिलाफ़त लहर पर नोट लिखो।
उत्तर-
खिलाफ़त आन्दोलन प्रथम विश्व-युद्ध के पश्चात् मुसलमानों ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध चलाया। युद्ध में तुर्की की पराजय हुई और विजयी राष्ट्रों ने तुर्की साम्राज्य को छिन्न-भिन्न कर डाला। इससे मुस्लिम जनता भड़क उठी क्योंकि तुर्की के साथ उसकी धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई थीं। इसी कारण मुसलमानों ने खिलाफ़त आन्दोलन आरम्भ कर दिया। परन्तु यह आन्दोलन भारत के राष्ट्रवादी आन्दोलन का एक अंग बन गया और इसमें कांग्रेस के भी अनेक नेता सम्मिलित हुए। उन्होंने इसे पूरे देश में फैलाने में सहायता दी।

प्रश्न 9.
बब्बरों की गतिविधियों का वर्णन करो।
उत्तर-
बब्बरों का मुख्य उद्देश्य सरकारी पिठुओं तथा मुखबिरों का अंत करना था। इसे वे ‘सुधार करना’ कहते थे। इसके लिए उन्हें शस्त्रों की आवश्यकता थी और शस्त्रों के लिए उन्हें धन चाहिए था। अतः उन्होंने सरकारी पिठ्ठओं से धन तथा हथियार भी छीने। उन्होंने पंजाबी सैनिकों से अपील की कि वे शस्त्रों की सहायता से स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए कार्य करें। अपने कार्यों के विस्तार के लिए उन्होंने ‘बब्बर अकाली दुआबा’ नामक समाचार-पत्र निकाला। उन्होंने अनेक सरकारी पिळुओं को मौत के घाट उतार दिया। उन्होंने अपना बलिदान देकर पंजाबियों को स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए अपनी जान पर खेल जाने का पाठ पढ़ाया।

प्रश्न 10.
नौजवान भारत सभा पर नोट लिखो।
उत्तर-
नौजवान भारत सभा की स्थापना सरदार भगत सिंह ने 1925 ई० में लाहौर में की। वह स्वयं इसका जनरल सचिव बना। इस संस्था ने लाला लाजपतराय की मृत्यु का बदला लिया तथा नवयुवकों को जागृत किया। इसे गर्म दल के कांग्रेसी नेताओं का भी समर्थन प्राप्त था। शीघ्र ही यह संस्था क्रांतिकारियों का केन्द्र बन गई। समय समय पर यह संस्था लाहौर में सभा करके मार्क्स और लेनिन के विचारों पर वाद-विवाद करती थी। यह सभा दूसरे देशों में घटित हुई क्रान्तियों पर भी विचार करती थी।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 11.
साइमन कमीशन पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
1928 ई० में एक सात सदस्यीय कमीशन भारत में आया। इसके अध्यक्ष सर जॉन साइमन थे। इस कमीशन में कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था। इसी कारण भारत में इसका स्थान-स्थान पर विरोध किया गया। यह कमीशन जहां भी गया वहीं इसका स्वागत काली झण्डियों से किया गया। स्थान-स्थान पर ‘साइमन कमीशन वापिस जाओ’ के नारे लगाये गये। जनता के इस शान्त प्रदर्शन को सरकार ने बड़ी कठोरता से दबाया। लाहौर में इस कमीशन का विरोध करने के कारण लाला लाजपतराय पर लाठियाँ बरसायी गईं जिससे वह शहीदी को प्राप्त हुए।

प्रश्न 12.
प्रजामंडल के कार्यों का वर्णन करो।
उत्तर-
पंजाब प्रजामण्डल तथा रियासती प्रजामण्डल ने सेवा सिंह ठीकरी वाला की अध्यक्षता में जन-जागृति के लिए महत्त्वपूर्ण कार्य किया।

  1. इसने किसानों तथा साधारण लोगों की समस्याओं पर विचार करने के लिए सभाएं कीं।
  2. इसने रियासत पटियाला में हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध आवाज़ उठाई।
  3. इसने बाबा हीरा सिंह महल, तेजा सिंह स्वतन्त्र, बाबा सुंदर सिंह तथा अन्य कई मरजीवड़ों के सहयोग से रियासती शासन तथा अंग्रेजी साम्राज्य का डटकर विरोध किया।

(ग) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 100-120 शब्दों में लिखो

प्रश्न 1.
श्री सतगुरु राम सिंह ने भारत की आज़ादी के लिए क्या-क्या यत्न किए?
उत्तर-
श्री सतगुरु राम सिंह एक महान् देश भक्त थे। उन्होंने बाबा बालक सिंह के पश्चात् पंजाब में नामधारी अथवा कूका लहर का नेतृत्व किया। बाबा राम सिंह ने 1857 ई० में कुछ लोगों को अमृत छका कर नामधारी लहर को संगठित रूप प्रदान किया। भले ही इस लहर का मुख्य उद्देश्य धार्मिक एवं सामाजिक सुधार के लिए कार्य करना था, तो भी इसने अंग्रेजी शासन का विरोध किया और उसके प्रति असहयोग की नीति अपनाई।
बाबा राम सिंह की गतिविधियां-

  1. बाबा राम सिंह जहां भी जाते, उनके साथ घुड़सवारों की टोली अवश्य जाती थी। इससे अंग्रेज़ सरकार यह सोचने लगी कि नामधारी किसी विद्रोह की तैयारी कर रहे हैं।
  2. अंग्रेज़ बाबा राम सिंह के डाक प्रबन्ध को सन्देह की दृष्टि से देखते थे।
  3. बाबा राम सिंह ने प्रचार की सुविधा को सम्मुख रख कर पंजाब को 22 प्रांतों में बांटा हुआ था। प्रत्येक प्रांत का एक सेवादार होता था जिसे सूबेदार कहा जाता था। नामधारियों की यह कार्यवाही भी अंग्रेजों को डरा रही थी।
  4. 1869 में नामधारियों या कूकों ने कश्मीर के शासक के साथ सम्पर्क स्थापित किया। उन्होंने नामधारियों (कूकों) को सैनिक प्रशिक्षण देना भी आरम्भ कर दिया।
  5. नामधारी लोगों ने गौ-रक्षा का कार्य आरम्भ कर दिया था। गौ-रक्षा के लिए वे कसाइयों को मार डालते थे। 1871 ई० में उन्होंने रायकोट (अमृतसर) के कुछ बूचड़खानों पर आक्रमण करके कई कसाइयों को मार डाला।
  6. जनवरी, 1872 में 150 कूकों (नामधारियों) का एक जत्था कसाइयों को दण्ड देने मालेरकोटला पहुंचा। 15 जनवरी, 1872 ई० को कूकों और मालेरकोटला की सेना के बीच घमासान लड़ाई हुई ! दोनों पक्षों के अनेक व्यक्ति मारे गए। अंग्रेजों ने कूकों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए अपनी विशेष सेना मालेरकोटला भेजी। 68 कूकों ने स्वयं अपनी गिरफ्तारी दी। उनमें से 49 कूकों को 17 जनवरी, 1872 ई० को तोपों से उड़ा दिया गया। सरकारी मुकद्दमों के पश्चात् 16 कूकों को मृत्यु दण्ड दिया गया। बाबा राम सिंह को देश निकाला देकर रंगून भेज दिया गया।
    सच तो यह है कि बाबा राम सिंह के नेतृत्व में नामधारी अपने प्राणों की परवाह न करते हुए अपने उद्देश्य पर डटे रहे।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 2.
आर्य समाज ने पंजाब में स्वतन्त्रता संग्राम में क्या योगदान दिया?
उत्तर-
आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती (1824-1883) थे। इसकी स्थापना उन्होंने 1875 ई० में की। 1877 ई० में उन्होंने आर्य समाज की एक शाखा लाहौर में खोली।
स्वतन्त्रता संग्राम में योगदान-आर्य समाज ने जहां सामाजिक तथा धार्मिक क्षेत्र में अपना योगदान दिया वहीं इसने स्वतन्त्रता लहर में भी बहुमूल्य भूमिका निभाई। स्वतन्त्रता संग्राम में इसके योगदान का वर्णन इस प्रकार है —

  1. राष्ट्रीय भावना जागृत करना-स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज के माध्यम से पंजाबियों की राष्ट्रीय भावना को जागृत किया और उन्हें स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए तैयार किया।
  2. महान् देशभक्तों का उदय-स्वामी दयानंद सरस्वती ने भारतीयों को अपने देश और सभ्यता पर गर्व करने को शिक्षा दी। इस बात का प्रभाव पंजाबियों पर भी पड़ा। लाला लाजपतराय, सरदार अजीत सिंह और श्रद्धानंद जैसे महान् देशभक्त आर्य समाज की ही देन थे। भाई परमानंद और लाला हरदयाल भी प्रसिद्ध आर्य समाजी थे।
  3. असहयोग आन्दोलन में भाग-इस संस्था ने अंग्रेजों के विरुद्ध असहयोग आन्दोलन में भाग लिया। इसने स्कूल तथा कॉलेज खोलकर स्वदेशी लहर को बढ़ावा दिया।
  4. सरकारी विरोध का सामना-आर्य समाजियों की राजनीतिक गतिविधियों को देखते हुए अंग्रेजी सरकार ने उन पर कड़ी नज़र रखनी आरम्भ कर दी। जो आर्य समाजी सरकारी नौकरी में थे, उन्हें सन्देह की दृष्टि से देखा जाने लगा। यहाँ तक कि उन्हें वांछित तरक्कियां भी न दी गईं। फिर भी उन्होंने अपना कार्य जारी रखा।
    1892 ई० में आर्य समाज दो भागों में बंट गया-कॉलेज पार्टी और गुरुकुल पार्टी। इनमें से कॉलेज पार्टी के नेता लाला लाजपतराय तथा महात्मा हंसराज थे। वे वेदों की शिक्षा के साथ-साथ पश्चिमी विज्ञान की शिक्षा देने के भी पक्ष में थे। इस कारण अंग्रेजों और आर्य समाजियों के बीच तनाव लगभग समाप्त हो गया। फिर भी आर्य समाजी देश में स्वतन्त्रता सेनानियों को अपना पूरा सहयोग देते रहे। आर्य समाजियों के समाचार-पत्र भी पंजाब की स्वतन्त्रता लहर में पूरी तरह सक्रिय रहे।

प्रश्न 3.
ग़दर पार्टी ने स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए क्या क्या यत्न किए?
उत्तर-
ग़दर पार्टी की स्थापना 1913 ई० में सान फ्रांसिस्को (अमेरिका) में हुई। इसका प्रधान बाबा सोहन सिंह भकना थे। लाला हरदयाल इसके मुख्य सचिव तथा कांशी राम सचिव एवं खजांची थे।
इस संस्था ने सान फ्रांसिस्को से उर्दू में एक साप्ताहिक पत्र ‘ग़दर’ निकालना आरम्भ किया। इसका सम्पादन कार्य करतार सिंह सराभा को सौंपा गया। उसके परिश्रम से यह समाचार-पत्र हिंदी, पंजाबी, पश्तो, नेपाली आदि अनेक भाषाओं में प्रकाशित होने लगा। इस समाचार-पत्र के नाम पर ही इस संस्था का नाम ग़दर पार्टी रखा गया।
उद्देश्य-ग़दर पार्टी का मुख्य उद्देश्य भारत को सशस्त्र क्रांति द्वारा स्वतन्त्र करवाना था। इसलिए इस पार्टी ने अग्रलिखित कार्यों पर बल दिया

  1. सेना में विद्रोह का प्रचार
  2. सरकारी पिट्ठओं की हत्या
  3. जेलें तोड़ना
  4. सरकारी खज़ाने और थाने लूटना
  5. क्रान्तिकारी साहित्य छापना और बांटना
  6. अंग्रेजों के शत्रुओं की सहायता करना
  7. शस्त्र इकट्ठे करना
  8. बम बनाना
  9. डाक-तार व्यवस्था को अस्त-व्यस्त करना तथा रेल मार्गों की तोड़-फोड़ करना।
  10. क्रान्तिकारियों का झंडा फहराना
  11. क्रान्तिकारी नवयुवकों की सूची तैयार करना।
    स्वतन्त्रता प्राप्ति के प्रयास-कामागाटामारू की घटना के पश्चात् काफ़ी संख्या में भारतीय अपने देश वापिस आ गए। वे ग़दर द्वारा अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालना चाहते थे। अंग्रेजी सरकार भी बड़ी सतर्क थी। बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की छान-बीन होती थी। संदेह होने पर व्यक्ति को नज़रबंद कर दिया जाता था। परन्तु जो व्यक्ति बच निकलता था, वह क्रान्तिकारियों से मिल जाता था। – भारत में ग़दर पार्टी और विदेश से लौटे क्रान्तिकारियों का नेतृत्व रास बिहारी बोस ने किया। अमेरिका से वापिस आए करतार सिंह सराभा ने भी बनारस में श्री रास बिहारी बोस के गुप्त अड्डे का पता लगाकर उनसे सम्पर्क स्थापित किया। ग़दर पार्टी द्वारा आज़ादी के लिए किए गए कार्य-ग़दर पार्टी द्वारा पंजाब में आज़ादी के लिए किए गए कार्यों का वर्णन इस प्रकार है

    1. रास बिहारी बोस ने लाहौर, फिरोज़पुर, मेरठ, अम्बाला, मुलतान, पेशावर तथा कई अन्य छावनियों में अपने प्रचारक भेजे। इन प्रचारकों ने सैनिकों को विद्रोह के लिए तैयार किया।
    2. करतार सिंह सराभा ने कपूरथला के लाला रामसरन दास के साथ मिल कर ‘ग़दर’ नामक साप्ताहिक पत्र को छापने का प्रयास किया परन्तु वह सफल न हो सका। फिर भी वह ‘ग़दर-गूंज’ प्रकाशित करता रहा।
    3. ग़दर पार्टी ने लाहौर तथा कुछ अन्य स्थानों पर बम बनाने का कार्य भी आरम्भ किया।
    4. ग़दर दल ने स्वतन्त्र भारत के लिए एक झंडा तैयार किया। करतार सिंह सराभा ने इस झंडे को स्थान-स्थान पर लोगों में बांटा।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 4.
कामागाटामारू दुर्घटना का वर्णन करो।
उत्तर-
पृष्ठभूमि-अंग्रेजी सरकार के आर्थिक कानूनों से पंजाबियों की आर्थिक दशा बहुत शोचनीय हो गई थी। अत: 1905 ई० में कुछ लोग रोजी-रोटी की खोज में विदेशों में जाने लगे। इनमें से कई पंजाबी लोग कैनेडा जा रहे थे। परन्तु कैनेडा सरकार ने 1910 ई० में एक कानून पास किया। इसके अनुसार केवल वही भारतीय कैनेडा में प्रवेश कर सकते थे, जो अपने देश की किसी बंदरगाह से बैठकर सीधे कैनेडा जाते थे। परंतु 24 जनवरी, 1913 ई० को कैनेडा के हाई कोर्ट ने इस कानून को रद्द कर दिया। यह समाचार पाकर पंजाब के बहुत से लोग कैनेडा जाने के लिए कलकत्ता (कोलकाता), सिंगापुर तथा हांगकांग की बंदरगाहों पर पहुँच गए। परन्तु कैनेडा सरकार द्वारा भारतीयों से किए जाने वाले दुर्व्यवहार को देखते हुए कोई भी जहाज़ कम्पनी उन्हें कैनेडा पहुँचाने के लिए तैयार न हुई।

बाबा गुरदित्त सिंह के प्रयास-अमृतसर निवासी बाबा गुरदित्त सिंह सिंगापुर तथा मलाया में ठेकेदारी करता था। उसने 1913 ई० में ‘गुरु नानक नेवीगेशन कम्पनी’ स्थापित की। 24 मार्च, 1914 ई० को इस कम्पनी ने कामागाटामारू नामक एक जहाज़ किराये पर ले लिया जिसका नाम ‘गुरु नानक जहाज़’ रखा गया। उसे हांगकांग से 500 यात्री भी मिल गए। परन्तु हांगकांग की अंग्रेजी सरकार इस बात को सहन न कर सकी। उसने बाबा गुरदित्त सिंह को बंदी बना लिया। भले ही उसे अगले दिन रिहा कर दिया, फिर भी विघ्न पड़ जाने के कारण यात्रियों की संख्या घटकर केवल 135 रह गई।

गुरु नानक जहाज़ 23 मई, 1914 ई० को वेनकुवर (कैनेडा) की बंदरगाह पर पहुंचा, परन्तु यात्रियों को बंदरगाह पर न उतरने दिया गया। बाबा गुरदित्त सिंह प्रीवी कौंसिल में अपील करना चाहता था। परन्तु अंत में भारतीयों ने वापिस आना ही मान लिया। कामागाटामारू की दुर्घटना-23 जुलाई, 1914 ई० को जहाज़ वेनकुवर से वापिस भारत की ओर चल पड़ा। जब जहाज़ हुगली नदी में पहुंचा, तो लाहौर का डिप्टी कमिश्नर पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गया। यात्रियों की तलाशी लेने के पश्चात् जहाज़ को 27 किलोमीटर दूर बजबज घाट पर खड़ा कर दिया गया। यात्रियों को यह बताया गया कि उन्हें वहां से रेलगाड़ी द्वारा पंजाब ले जाया जाएगा। यात्री कलकत्ता (कोलकाता) में ही कोई काम धंधा करना चाहते थे। परन्तु उनकी किसी ने एक न सुनी और उन्हें जहाज़ से नीचे उतार दिया गया। शाम के समय रेलवे स्टेशन पर इन यात्रियों की पुलिस से मुठभेड़ हो गई। पुलिस ने गोली चला दी। इस गोलीकांड में 40 व्यक्ति शहीद हो गए तथा बहुत से घायल हुए।

बाबा गुरदित्त सिंह बचकर पंजाब पहुंच गया। 1920 ई० में उसने गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस पर ननकाना साहिब में स्वयं को पुलिस के हवाले कर दिया। उसे 5 वर्ष के कारावास का दंड दिया गया।

प्रश्न 5.
जलियांवाला बाग़ दुर्घटना का वर्णन करो।
उत्तर-
जलियांवाला बाग़ अमृतसर (पंजाब) में है। यहां 13 अप्रैल, 1919 को एक निर्मम हत्याकाण्ड हुआ। इसका वर्णन इस प्रकार है —
पृष्ठभूमि-1919 ई० में केन्द्रीय विधान परिषद ने दो बिल पास किए। इन्हें रौलेट बिल (Rowlatt Bill) कहते हैं। इन बिलों द्वारा पुलिस और मैजिस्ट्रेट को षड्यन्त्र आदि को दबाने के लिए विशेष शक्तियां दी गईं। इनके विरुद्ध 13 मार्च, 1919 ई० को महात्मा गाँधी ने हड़ताल कर दी। परिणामस्वरूप अहमद नगर, दिल्ली और पंजाब के कुछ नगरों में दंगे आरम्भ हो गए। स्थिति को सम्भालने के लिए.पंजाब के दो प्रसिद्ध नेताओं डॉ० सत्यपाल तथा डॉ० किचलू को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके विरोध में नगर में हड़ताल कर दी गई। प्रदर्शनकारियों का एक दल शान्तिपूर्वक ढंग से डिप्टी कमिश्नर की कोठी की ओर चल दिया। परन्तु उन्हें हाल दरवाज़े के बाहर ही रोक लिया गया। सैनिकों ने उन पर गोली भी चलाई। परिणामस्वरूप कुछ लोग मारे गए तथा अनेक घायल हो गए। नगरवासियों ने क्रोध में आकर पाँच अंग्रेजों को मौत के घाट उतार दिया। एक अंग्रेज़ महिला कुमारी शेरवुड भी नगरवासियों के क्रोध का शिकार हो गई। इस पर सरकार ने नगर का प्रबन्ध जनरल डायर को सौंप दिया।

जलियांवाला बाग़ में सभा तथा हत्याकाण्ड-अशांति और क्रोध के इस वातावरण में अमृतसर नगर तथा आस-पास के गाँवों के लगभग 25,000 लोग 13 अप्रैल, 1919 ई० को (वैसाखी वाले दिन) जलियांवाला बाग़ में सभा करने के लिए एकत्रित हुए। जनरल डायर ने ऐसे जुलूसों को गैर-कानूनी घोषित कर दिया था और अपने 150 सैनिकों सहित जलियांवाला बाग़ के दरवाजे के आगे आ डटा। बाग़ में आने-जाने के लिए एक ही तंग मार्ग था। जनरल डायर ने लोगों को तीन मिनट के अन्दर-अन्दर तितर-बितर हो जाने का आदेश दिया। इतने कम समय में लोगों के लिए वहां से निकल पाना असम्भव था। तीन मिनट के पश्चात् जनरल डायर ने गोली चलाने का आदेश दे दिया। इस गोलीकाण्ड में लगभग 1000 लोग मारे गए और 1500 से भी अधिक लोग घायल हो गए।
महत्त्व-जलियांवाला बाग़ की घटना ने भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में एक नया मोड़ ला दिया। इससे पहले यह संग्राम गिने चुने लोगों तक ही सीमित था। अब यह जनता का संग्राम बन गया। इसमें श्रमिक, किसान, विद्यार्थी आदि भी शामिल होने लगे। दूसरे, इसके साथ स्वतन्त्रता आन्दोलन में नया जोश भर गया तथा संघर्ष की गति बहुत तीव्र हो गई।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 6.
अकाली लहर ने स्वतन्त्रता संग्राम में क्या योगदान दिया?
उत्तर-
अकाली लहर का जन्म अकाली लहर में से हुआ। इसका संस्थापक किशन सिंह गड़गज था। इसका उदय गुरुद्वारों में बैठे चरित्रहीन महंतों का सामना करने के लिए हुआ। सरकार के पिठुओं से टक्कर लेने के लिए ‘चक्रवर्ती’ जत्था बनाया गया। कुछ समय के पश्चात् अकालियों ने ‘बब्बर अकाली’ नामक समाचार-पत्र निकाला। तभी से इस लहर का नाम बब्बर अकाली पड़ गया। महंतों के साथ अन्य सरकारी पिटाओं से निपटना भी इसका उद्देश्य था।
स्वतन्त्रता संग्राम में योगदान-बब्बर अकालियों ने मुखबिरों तथा सरकारी पिठुओं का अंत करने की योजना बनाई। बावरों की भरमा इस ‘सुधार करना कहते थे। बब्बरो को विश्वास था कि यदि सरकारी मुखाबरों का सफाया कर दिया जाये तो अंग्रेजी सरकार असफल हो जाएगी और भारत छोड़कर चली जायेगी। उनकी मुख्य गतिविधियों का वर्णन इस प्रकार है —

  1. शस्त्रों की प्राप्ति– बब्बर अकाली अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए शस्त्र प्राप्त करना चाहते थे। उनके अपने सदस्य भी शस्त्र बनाने का यत्न कर रहे थे। शस्त्रों के लिए धन की आवश्यकता थी। धन इकट्ठा करने के लिए बब्बरों ने सरकारी पिठ्ठओं से धन और शस्त्र छीने।
  2. सैनिकों से अपील-बब्बरों ने पंजाबी सैनिकों से अपील की कि वे अपने शस्त्र धारण करके स्वतन्त्रता प्राप्ति का प्रयास करें।
  3. समाचार-पत्र-बब्बरों ने साइक्लोस्टाइल मशीन की सहायता से अपना समाचार-पत्र ‘बब्बर अकाली दुआबा’ निकाला। इस समाचार-पत्र का चंदा यह था कि इसे पढ़ने वाला, इस समाचार-पत्र को आगे पाँच अन्य व्यक्तियों को पढ़ाता था।
  4. सरकारी पिठुओं की हत्या-बब्बरों ने अपने समाचार-पत्रों में उन 179 व्यक्तियों की सूची प्रकाशित की जिनका उन्हें ‘सुधार’ करना था। सूची में सम्मिलित जिस व्यक्ति का अंतिम समय आ जाता, उसके बारे में वे अपने समाचार-पत्र द्वारा ही उस व्यक्ति को सूचित कर देते थे। दो-तीन बब्बर उस व्यक्ति के गाँव जाते और उसे मौत के घाट उतार देते। वे खुलेआम वध करने की जिम्मेवारी भी लेते थे। उन्होंने पुलिस से भी डटकर टक्कर ली।
  5. सरकारी अत्याचार–सरकार ने भी बब्बरों को समाप्त करने का निश्चय कर लिया। उनका पीछा किया जाने लगा। उनमें से कुछ को पकड़ लिया गया और कुछ मारे गए ! सौ से भी अधिक बब्बरों पर मुकद्दमा चलाया गया। 27 फरवरी, 1926 ई० को जत्थेदार किशन सिंह, बाबू संता सिंह, धर्म सिंह हयातपुरा तथा कुछ अन्य बब्बरों को फांसी का दण्ड दिया गया।
    इस प्रकार बब्बर लहर अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में असफल रही। फिर भी इस लहर ने पंजाबियों को देश की स्वतन्त्रता के लिए अपनी जान पर खेल जाने का पाठ पढ़ाया।

प्रश्न 7.
जैतों के मोर्चे का वर्णन करो।
उत्तर-
जैतों का मोर्चा 1923 ई० में हुआ। इसके कारणों तथा घटनाओं का वर्णन इस प्रकार है —
कारण-नाभा का महाराजा सरदार रिपुदमन सिंह सिक्खों का बहुत बड़ा हितैषी था। इससे न केवल सिक्खों में अपितु पूरे देश में उसका सम्मान होने लगा। यह बात अंग्रेज़ सरकार को अच्छी न लगी। अतः अंग्रेज़ सरकार किसी न किसी बहाने उसे अपमानित करना चाहती थी। अंग्रेजों को यह अवसर प्रथम विश्व युद्ध के समय मिला। क्योंकि इस युद्ध में महाराजा ने अपनी सेना भेजने से इन्कार कर दिया। उधर पटियाला के महाराजा भूपेन्द्र सिंह और रिपुदमन सिंह के बीच झगड़ा उठ खड़ा हुआ। स्थिति का लाभ उठाते हुए अंग्रेजों ने महाराजा पटियाला की सहायता से रिपुदमन सिंह पर अनेक मुकद्दमे दायर कर दिए और झूठे आरोप लगा कर उसे गद्दी से उतार दिया।

घटनाएं-सिक्ख महाराजा के साथ हुए इस दुर्व्यवहार के कारण क्रोधित हो उठे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्ध कमेटी के नेतृत्व में सिक्खों ने रोष दिवस मनाने का निर्णय किया। परन्तु पुलिस ने अनेक लोगों को बन्दी बना लिया और जैतों के गुरुद्वारे गंगसर पर अधिकार कर लिया। उस समय गुरुद्वारे में अखंड पाठ चल रहा था। पुलिस कार्यवाही के कारण पाठ खंडित हो गया। इस घटना से सिक्ख और भी भड़क उठे और उन्होंने अंग्रेज़ों से टक्कर लेने के लिए वहां अपना मोर्चा लगा लिया।

15 सितम्बर, 1923 ई० को 25 सिक्खों का एक जत्था जैतों भेजा गया। इसके पश्चात् छ: महीने तक 25-25 सिक्खों के जत्थे लगातार जैतों जाते रहे। सरकार इन जत्थों पर अत्याचार करती रही। मोर्चा लम्बा होता देखकर शिरोमणि कमेटी ने 500-500 के जत्थे भेजने का कार्यक्रम बनाया। 500 सिक्खों का पहला जत्था जत्थेदार ऊधम सिंह के नेतृत्व में अकाल तख्त से चला। हज़ारों लोग जत्थे के साथ माझे और मालवे से होते हुए नाभा रियासत की सीमा पर जा पहुंचे। __यह जत्था अभी गुरुद्वारा गंगसर से एक फलाँग की दूरी पर ही था कि अंग्रेज़ी सरकार की मशीनगनों ने सिक्खों पर गोलियां बरसानी आरम्भ कर दीं। परन्तु सिक्ख गोलियों की बौछार की परवाह न करते हुए अपने मोर्चे पर डटे रहे। इसी गोलीबारी में अनेक सिक्ख शहीद हो गए।

जैतों का मोर्चा दो वर्ष तक चलता रहा। 500-500 में जत्थे आते रहे और अपना बलिदान देते रहे। पंजाब से बाहर कलकत्ता (कोलकाता), शंघाई और हांगकांग से भी जत्थे जैतों पहुंचे। अन्त में विवश होकर पुलिस ने गुरुद्वारा से पहरा हटा लिया और 1925 ई० में सरकार को गुरुद्वारा एक्ट पास करना पड़ा। अत: अकालियों ने जैतों का मोर्चा समाप्त कर दिया।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 8.
आजाद हिन्द फ़ौज पर विस्तारपूर्वक नोट लिखो।
उत्तर-
आजाद हिन्द सेना की स्थापना की पृष्ठभूमि-आजाद हिन्द सेना की स्थापना रास बिहारी बोस ने जापान में की थी। द्वितीय विश्व युद्ध के समय जापान ब्रिटिश सेना को पराजित करके बहुत-से सैनिकों को कैदी बना कर जापान ले गया था। उनमें अधिकांश सैनिक भारतीय थे। इन सैनिकों को लेकर रास बिहारी बोस ने कैप्टन मोहन सिंह की सहायता से ‘आज़ाद हिन्द सेना’ बनाई।

रास बिहारी बोस आज़ाद हिन्द सेना का नेतृत्व सुभाष चन्द्र बोस को सौंपना चाहते थे। उस समय सुभाष जी जर्मनी में थे। अतः रास बिहारी बोस ने उन्हें जापान आने का आमन्त्रण दिया। जापान पहुंचने पर सुभाष बाबू ने आज़ाद हिन्द सेना का नेतृत्व सम्भाला। तभी से वह नेताजी सुभाषचन्द्र के नाम से लोकप्रिय हुए।
आज़ाद हिन्द सेना का स्वतन्त्रता संघर्ष-

  1. 21 अक्तूबर, 1943 को नेता जी ने सिंगापुर में ‘आज़ाद हिन्द सरकार’ की स्थापना की। उन्होंने भारतीयों का ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ कह कर आह्वान किया। शीघ्र ही उन्होंने अमेरिका तथा इंग्लैंड के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी।
  2. नवम्बर, 1943 ई० में जापान ने अन्दमान निकोबार नामक भारतीय द्वीपों को जीत कर आजाद हिन्द सरकार को सौंप दिया। नेता जी ने इन द्वीपों के नाम क्रमशः ‘शहीद’ और ‘स्वराज्य’ रखे।
  3. इस सेना ने 1 मार्च, 1944 ई० को असम स्थित मावडॉक चौकी को जीत लिया। इस प्रकार उसने भारत की धरती पर पाँव रखे और वहां आज़ाद हिन्द सरकार का ध्वज फहराया।
  4. तत्पश्चात् असम की कोहिमा चौकी पर भी आज़ाद हिन्द सेना का अधिकार हो गया।
  5. अब आज़ाद हिन्द सेना ने इम्फाल की महत्त्वपूर्ण चौकी जीतने का प्रयास किया, परन्तु वहाँ की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण उसे सफलता न मिल सकी।
    आजाद हिन्द सेना की असफलता (वापसी)-आजाद हिन्द सेना को जापान से मिलने वाली सहायता बन्द हो गई । सैन्य सामग्री के अभाव के कारण आज़ाद हिन्द सेना को पीछे हटने के लिए बाध्य होना पड़ा। पीछे हटने पर भी आजाद हिन्द सेना का मनोबल कम नहीं हुआ। परन्तु 18 अगस्त, 1945 ई० को फार्मोसा में एक विमान दुर्घटना में नेता जी का निधन हो गया। अगस्त, 1945 ई० में जापान ने भी आत्म-समर्पण कर दिया। इसके साथ ही आज़ाद हिन्द सेना द्वारा प्रारम्भ किया गया स्वतन्त्रता का संघर्ष समाप्त हो गया।
    आज़ाद हिन्द सेना के अधिकारियों की गिरफ्तारी एवं मुकद्दमा-ब्रिटिश सेना ने आजाद हिन्द सेना के कुछ अधिकारियों तथा सैनिकों को इम्फाल के मोर्चे पर पकड़ लिया। पकड़े गए तीन अधिकारियों पर दिल्ली के लाल किले में देशद्रोह का मुकद्दमा चलाया गया। न्यायालय ने निर्णय दिया कि तीनों दोषियों को फांसी के तख्ते पर चढ़ाया जाए, परन्तु जनता के जोश को देख कर सरकार घबरा गई। अतः उन्हें बिना कोई दण्ड दिये रिहा कर दिया गया। यह रिहाई भारतीय राष्ट्रवाद की एक महान् विजय थी।

PSEB 10th Class Social Science Guide स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Ouestions)

I. उत्तर एक शब्द अथवा एक लाइन में

प्रश्न 1.
(i) ग़दर विद्रोह का मुखिया कौन था?
(ii) उसने ‘कामागाटामारू’ घटना के बाद कहां मीटिंग बुलाई?
उत्तर-
(i) ग़दर विद्रोह दल का मुखिया सोहन सिंह भकना था।
(ii) उसने कामागाटामारू घटना के बाद अमेरिका में एक विशेष मीटिंग बुलाई।

प्रश्न 2.
19 फरवरी, 1915 के आन्दोलन में पंजाब में शहीद होने वाले चार ग़दरियों के नाम लिखो।
उत्तर-
करतार सिंह सराभा, जगत सिंह, बलवंत सिंह और अरूढ़ सिंह।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 3.
पंजाब में अकाली आन्दोलन किस वर्ष शुरू हुआ और कब समाप्त हुआ?
उत्तर-
पंजाब में अकाली आन्दोलन 1921 ई० में शुरू हुआ और 1925 ई० में समाप्त हुआ।

प्रश्न 4.
(i) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी की स्थापना कब हुई?
(ii) इसके सदस्यों की संख्या कितनी थी?
उत्तर-
(i) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी की स्थापना 1920 में हुई।
(ii) इसके सदस्यों की संख्या 175 थी।

प्रश्न 5.
लोगों ने इसे (रौलेट एक्ट) को किस नाम से पुकारा?
उत्तर-
लोगों ने इसे “काले कानून” कह कर पुकारा।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 6.
(i) लाहौर में ‘साइमन कमीशन’ के विरोध में किए गए प्रदर्शन में किस महान् नेता पर लाठी के भीषण प्रहार हुए?
(ii) इसके लिए कौन-सा अंग्रेज़ पुलिस अधिकारी ज़िम्मेदार था?
उत्तर-
(i) लाहौर में ‘साइमन कमीशन’ के विरोध में किए गए प्रदर्शन में लाला लाजपत राय पर लाठी के भीषण प्रहार हुए।
(ii) इसके लिए अंग्रेज़ पुलिस अफ़सर सांडर्स ज़िम्मेदार था।

प्रश्न 7.
(i) नामधारी लहर के संस्थापक कौन थे?
(ii) उन्होंने अपने धार्मिक विचारों का प्रचार पंजाब के कौन-से दोआब में किया?
उत्तर-
(i) नामधारी लहर के संस्थापक बाबा बालक सिंह जी थे।
(ii) इन्होंने अपने धार्मिक विचारों का प्रचार पंजाब के सिन्ध सागर दोआब में किया।

प्रश्न 8.
नामधारियों ने मलेरकोटला पर हमला कब किया?
उत्तर-
1872 ई० में।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 9.
पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव कब और क्यों पास किया गया?
उत्तर-
पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव 31 दिसम्बर, 1929 को लाहौर के कांग्रेस अधिवेशन में पास हुआ। इस अधिवेशन के अध्यक्ष पं० जवाहर लाल नेहरू थे। इस प्रस्ताव के परिणामस्वरूप 26 जनवरी, 1930 का दिन पूर्ण स्वराज्य दिवस के रूप में मनाया गया।

प्रश्न 10.
1857 के स्वतन्त्रता संग्राम की पहली लड़ाई कब और कहां से शुरू हुई?
उत्तर-
10 मई को मेरठ से।

प्रश्न 11.
नामधारी या कूका लहर की नींव कब पड़ी?
उत्तर-
12 अप्रैल, 1857 को।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 12.
श्री सतगुरु राम सिंह जी ने अंतर्जातीय विवाह की कौन-सी नई नीति चलाई?
उत्तर-
आनन्द कारज।

प्रश्न 13.
आर्य समाज के संस्थापक कौन थे?
उत्तर-
स्वामी दयानन्द सरस्वती।

प्रश्न 14.
आर्य समाज की स्थापना कब हुई?
उत्तर-
1875 ई० में।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 15.
देश भक्ति के प्रसिद्ध गीत ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ के लेखक कौन थे?
उत्तर-
बांके दयाल।

प्रश्न 16.
ग़दर पार्टी का जन्म कब और कहां हुआ?
उत्तर-
1913 ई० में सॉन फ्रांसिस्को में।

प्रश्न 17.
ग़दर लहर के साप्ताहिक पत्र ‘ग़दर’ का सम्पादक कौन था?
उत्तर-
करतार सिंह सराभा।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 18.
‘कामागाटामारू’ नामक जहाज़ किसने किराए पर लिया था?
उत्तर-
बाबा गुरदित्त सिंह ने।

प्रश्न 19.
जलियांवाला बाग़ की घटना कब घटी?
उत्तर-
13 अप्रैल, 1919 को।

प्रश्न 20.
जलियांवाला बाग़ में गोलियां किसने चलवाईं?
उत्तर-
जनरल डायर ने।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 21.
माइकल ओ’डायर की हत्या किसने की और क्यों?
उत्तर-
माइकल ओ’डायर की हत्या शहीद ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग़ हत्याकाण्ड का बदला चकाने के लिए की।

प्रश्न 22.
बब्बर अकाली जत्थे की स्थापना कब हुई?
उत्तर-
अगस्त 1922 ई० में।

प्रश्न 23.
सरदार रिपुदमन सिंह कहां का महाराजा था?
उत्तर-
नाभा का।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 24.
साइमन कमीशन कब भारत आया?
उत्तर-
1928 में।

प्रश्न 25.
साइमन कमीशन का प्रधान कौन था?
उत्तर-
सर जॉन साइमन।

प्रश्न 26.
लाला लाजपत राय कब शहीद हुए?
उत्तर-
17 नवम्बर, 1928 को।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 27.
‘नौजवान भारत सभा’ की स्थापना कब और कहां हुई?
उत्तर-
1925-26 में लाहौर में।

प्रश्न 28.
भगत सिंह और उसके साथियों को फांसी कब दी गई?
उत्तर-
23 मार्च, 1931 को।

प्रश्न 29.
पूर्ण स्वराज प्रस्ताव के अनुसार भारत में पहली बार स्वतन्त्रता दिवस कब मनाया गया?
उत्तर-
26 जनवरी, 1930 को।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 30.
आजाद हिन्द फ़ौज की स्थापना कब और किसने की?
उत्तर-
1943 में सुभाष चन्द्र बोस ने।

प्रश्न 31.
‘आप मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा किसने दिया?
उत्तर-
सुभाष चन्द्र बोस ने।

प्रश्न 32.
आज़ाद हिन्द फ़ौज के अधिकारियों पर मुकद्दमा कहां चलाया गया?
उत्तर-
दिल्ली के लाल किले में।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. सरदार अहमद खां खरल अंग्रेजों के हाथों ……….. के निकट शहीद हुआ।
  2. गदर लहर अमृतसर के एक सिपाही ………… के धोखा देने के कारण असफल हो गई।
  3. साइमन कमीशन …………. ई० में भारत आया।
  4. गदर विद्रोह दल का मुखिया …………….. था।
  5. लोगों ने रौलेट एक्ट को ………………. के नाम से पुकारा।
  6. पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव ……………. ई० को लाहौर के कांग्रेस अधिवेशन में पास हुआ।

उत्तर-

  1. पाकपटन,
  2. कृपाल सिंह,
  3. 1928,
  4. सोहन सिंह भकना,
  5. काले कानून,
  6. 31 दिसंबर, 1929।

III. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
19 फरवरी, 1915 के आंदोलन में पंजाब में शहीद होने वाला गदरिया था
(A) करतार सिंह सराभा
(B) जगत सिंह
(C) बलवंत सिंह
(D) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(D) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 2.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की स्थापना हुई
(A) 1920 ई० में
(B) 1921 ई० में
(C) 1915 ई० में
(D) 1928 ई० में।
उत्तर-
(A) 1920 ई० में

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 3.
लाहौर में ‘साइमन कमीशन’ के विरोध में किए गए प्रदर्शन के परिणामस्वरूप किस भारतीय नेता को अपनी जान गंवानी पड़ी?
(A) बांके दयाल
(B) लाला लाजपत राय
(C) भगत सिंह
(D) राज गुरु।
उत्तर-
(B) लाला लाजपत राय

प्रश्न 4.
पूर्ण स्वराज्य प्रस्ताव के अनुसार पहली बार कब पूर्ण स्वतन्त्रता दिवस मनाया गया?
(A) 31 दिसंबर, 1929
(B) 15 अगस्त, 1947
(C) 26 जनवरी, 1930
(D) 15 अगस्त, 1857
उत्तर-
(C) 26 जनवरी, 1930

प्रश्न 5.
देश भक्ति के प्रसिद्ध गीत ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ के लेखक थे
(A) बांके दयाल
(B) भगत सिंह
(C) राज गुरु
(D) अजीत सिंह।
उत्तर-
(A) बांके दयाल

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 6.
‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा दिया
(A) शहीद भगत सिंह ने
(B) शहीद उधम सिंह ने
(C) शहीद राजगुरु ने
(D) सुभाष चंद्र बोस ने।
उत्तर-
(D) सुभाष चंद्र बोस ने।

IV. सत्य-असत्य कथन ।

प्रश्न-सत्य/सही कथनों पर (✓) तथा असत्य/ग़लत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं

  1. गदर लहर सशस्त्र विद्रोह के पक्ष में नहीं थी।
  2. 1857 का विद्रोह 10 मई को मेरठ से आरम्भ हुआ।
  3. 1913 में स्थापित गुरु नानक नेवीगेशन कम्पनी के संस्थापक सरदार वरियाम सिंह थे।
  4. 1929 के लाहौर कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता पं० जवाहर लाल नेहरू ने की।
  5. पंजाब सरकार के 1925 के कानून द्वारा सभी गुरुद्वारों का प्रबन्ध सिखों के हाथ में आ गया।

उत्तर-

  1. (✗),
  2. (✓),
  3. (✗),
  4. (✓),
  5. (✓).

V. उचित मिलान

  1. ग़दर विद्रोह दल का मुखिया — श्री सतगुरु राम सिंह जी
  2. नामधारी लहर के संस्थापक — बांके दयाल
  3. आनंद कारज — बाबा बालक सिंह जी
  4. पगड़ी संभाल जट्टा — सोहन सिंह भकना।

उत्तर-

  1. ग़दर विद्रोह दल का मुखिया — सोहन सिंह भकना,
  2. नामधारी लहर के संस्थापक — बाबा बालक सिंह जी,
  3. आनंद कारज — श्री सतगुरु राम सिंह जी,
  4. पगड़ी संभाल जट्टा — बांके दयाल।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

छोटे उत्तर वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
‘कामागाटामारू’ की घटना का वर्णन करो।
उत्तर-
कामागाटामारू एक जहाज़ का नाम था। इस जहाज़ को एक पंजाबी वीर नायक बाबा गुरदित्त सिंह ने किराए पर ले लिया। बाबा गुरदित्त सिंह के साथ कुछ और भारतीय भी इस जहाज़ में बैठ कर कैनेडा पहुंचे, परन्तु उन्हें न तो वहां उतरने दिया गया और न ही वापसी पर किसी नगर हांगकांग, शंघाई, सिंगापुर आदि में उतरने दिया। कलकत्ता (कोलकाता) पहुंचने पर यात्रियों ने जुलूस निकाला। जुलूस के लोगों पर पुलिस ने गोली चला दी जिससे 40 व्यक्ति शहीद हुए और बहुत से घायल हुए। इस घटना से विद्रोहियों को विश्वास हो गया कि राजनीतिक क्रान्ति ला कर ही देश का उद्धार हो सकता है। इसीलिए उन्होंने ग़दर नाम की पार्टी बनाई और क्रान्तिकारी आन्दोलन आरम्भ कर दिया।

प्रश्न 2.
रास बिहारी बोस के ग़दर आन्दोलन में योगदान का वर्णन करो।
उत्तर-
ग़दर आन्दोलन से सम्बन्धित नेताओं को पंजाब पहंचने के लिए कहा गया। देश के अन्य क्रान्तिकारी भी पंजाब में पहुंचे। इनमें बंगाल के रास बिहारी बोस भी थे। उन्होंने स्वयं पंजाब में ग़दर आन्दोलन की बागडोर सम्भाली। उनके द्वारा घोषित क्रान्ति दिवस का सरकार को पता चल गया। अनेक विद्रोही नेता पुलिस के हाथों में आ गए। कुछ को प्राण दण्ड दिया गया। रास बिहारी बोस बच कर जापान पहुंच गए।

प्रश्न 3.
ग़दर आन्दोलन के भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर क्या प्रभाव पड़े?
उत्तर-
यद्यपि ग़दर आन्दोलन को सरकार ने कठोरता के साथ दबा दिया परन्तु इसका प्रभाव हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन पर अधिक पड़ा। ग़दर आन्दोलन के कारण कांग्रेस के दोनों दलों में एकता आई। कांग्रेस-मुस्लिम लीग समझौता हुआ। इसके अतिरिक्त इस आन्दोलन ने सरकार को अन्ततः भारतीय समस्या के विषय में सहानुभूतिपूर्वक सोचने के लिए विवश कर दिया। 1917 ई० में बर्तानवी शासन के भारत-मन्त्री लॉर्ड मान्टेग्यू ने इंग्लैंड की भारत सम्बन्धी नीति की घोषणा की, जिसमें उन्होंने प्रशासन में भारतीयों की भागीदारी पर बल दिया।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 4.
गुरुद्वारों से सम्बन्धित सिक्खों तथा अंग्रेज़ों में बढ़ते रोष पर नोट लिखो।
उत्तर-
अंग्रेज़ गुरुद्वारों के महंतों को प्रोत्साहन देते थे। यह बात सिक्खों को प्रिय नहीं थी। महंत सेवादार के रूप में गुरुद्वारों में प्रविष्ट हुए थे। परन्तु अंग्रेज़ी राज्य में वे यहां के स्थायी अधिकारी बन गए। वे गुरुद्वारों की आय को व्यक्तिगत सम्पत्ति समझने लगे। महंतों को अंग्रेज़ों का आशीर्वाद प्राप्त था। इसलिए उन्हें विश्वास था कि उनकी गद्दी सुरक्षित है। अतः वे ऐश्वर्यपूर्ण जीवन व्यतीत करने लगे। सिक्ख इस बात को सहन नहीं कर सकते थे।

प्रश्न 5.
‘जलियांवाला बाग़ की घटना’ कब, क्यों और कैसे हुई? एक संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-
जलियांवाला बाग़ की दुर्घटना अमृतसर में 1919 ई० में बैसाखी वाले दिन हुई। इस दिन अमृतसर की जनता जलियांवाला बाग़ में एक सभा कर रही थी। यह सभा अमृतसर में लागू मार्शल ला के विरुद्ध की जा रही थी। जनरल डायर ने बिना किसी चेतावनी के इस शान्तिपूर्ण सभा पर गोली चलाने की आज्ञा दे दी। इससे सैकड़ों निर्दोष व्यक्तियों की जानें गईं और अनेक लोग घायल हुए। परिणामस्वरूप सारे देश में रोष की लहर दौड़ गई और स्वतन्त्रता संग्राम ने एक नया मोड़ ले लिया। अब यह सारे राष्ट्र की जनता का संग्राम बन गया।

प्रश्न 6.
जलियांवाला बाग़ की घटना ने भारत के स्वतन्त्रता संग्राम को कैसे नया मोड़ दिया?
उत्तर-
जलियांवाला बाग़ की घटना (13 अप्रैल, 1919 ई०) के कारण कई लोग शहीद हुए। इस घटना में हुए रक्तपात ने भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में एक नया मोड़ ला दिया। यह संग्राम इससे पहले गिने-चुने लोगों तक ही सीमित था। अब यह जनता का संग्राम बन गया। इसमें श्रमिक, किसान, विद्यार्थी आदि भी शामिल होने लगे। दूसरे, इसके साथ स्वतन्त्रता आन्दोलन में बहुत जोश भर गया तथा संघर्ष की गति बहुत तीव्र हो गई।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

प्रश्न 7.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी तथा शिरोमणि अकाली दल किस प्रकार अस्तित्व में आए?
उत्तर-
पंजाब में पहले गुरुद्वारों के ग्रन्थी भाई मनी सिंह जैसे चरित्रवान् तथा महान् बलिदानी व्यक्ति हुआ करते थे। परन्तु 1920 ई० तक ये गुरुद्वारे चरित्रहीन महन्तों के अधिकार में आ गए। ये महंत अंग्रेज़ी सरकार के पिठू थे। महन्तों की अनैतिक कार्यवाहियों से तंग आकर लोग गुरुद्वारों के प्रबन्ध में सुधार लाना चाहते थे। इस कार्य में उन्होंने अंग्रेजी सरकार की सहायता लेनी चाही, परन्तु असफल रहे। नवम्बर, 1920 ई० को सिक्खों ने यह निर्णय लिया कि गुरुद्वारों की देखभाल के लिए सिक्खों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाई जाये। फलस्वरूप 16 नवम्बर, 1920 ई० को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी अस्तित्व में आई और 14 दिसम्बर, 1920 ई० को शिरोमणि अकाली दल की स्थापना हुई।

प्रश्न 8.
अखिल भारतीय किसान सभा पर नोट लिखो।
उत्तर-
अखिल भारतीय किसान सभा की स्थापना 11 अप्रैल, 1936 को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में हुई। 1937 में इस संगठन की शाखाएं देश के अन्य प्रान्तों में फैल गईं। इसके अध्यक्ष स्वामी सहजानंद थे। इसके दो मुख्य उद्देश्य थे

  1. किसानों को आर्थिक शोषण से बचाना।
  2. ज़मींदारी तथा ताल्लुकेदारी प्रथा का अंत करना।

इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इसने ये मांगें की-

  1. किसानों को आर्थिक संरक्षण दिया जाए।
  2. भू-राजस्व में कटौती की जाए।
  3. किसानों के ऋण स्थगित किए जाएं।
  4. सिंचाई की उत्तम व्यवस्था की जाए तथा
  5. खेतिहर श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित की जाए।

PSEB 10th Class SST Solutions History Chapter 9 स्वतन्त्रता संघर्ष में पंजाब का योगदान

बड़े उत्तर वाला प्रश्न (Long Answer Type Question)

प्रश्न
पंजाब में गुरुद्वारा सुधार के लिए अकालियों द्वारा किए गए संघर्ष पर एक निबन्ध लिखिए।
अथवा
अकाली आन्दोलन किन कारणों से आरम्भ हुआ? इसके बड़े-बड़े मोर्चों का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
ग़दर आन्दोलन के बाद पंजाब में अकाली आन्दोलन चला। यह 1921 ई० में आरम्भ हुआ और 1925 ई० तक चलता रहा। इसके प्रमुख कारण अग्रलिखित थे —

  1. गुरुद्वारों का प्रबन्ध महंतों के हाथ में था। वे अंग्रेजों के पिट्ठ थे। वे गुरुद्वारों की आय को ऐश्वर्य में उड़ा रहे थे। सिक्खों को यह बात स्वीकार नहीं थी।
  2. अंग्रेज़ों ने ग़दर सदस्यों पर बड़े अत्याचार किए थे। इनमें से 99% सिक्ख थे। इसलिए सिक्खों में अंग्रेजों के प्रति रोष था।
  3. 1919 ई० के कानून से भी सिक्ख असन्तुष्ट थे। इसमें जो कुछ उन्हें दिया गया वह उनकी आशा से बहुत था।

इन बातों के कारण सिक्खों ने एक आन्दोलन आरम्भ कर दिया जिसे अकाली आन्दोलन कहा जाता है। प्रमुख घटनाएं अथवा प्रमुख मोर्चे

  1. ननकाना साहिब की घटना-ननकाना साहिब का महंत नारायण दास बड़ा ही चरित्रहीन व्यक्ति था। उसे गुरुद्वारे से निकालने के लिए 20 फरवरी, 1921 ई० के दिन एक शान्तिमय जत्था ननकाना साहिब पहुंचा। महंत ने जत्थे के साथ बड़ा बुरा व्यवहार किया। उसके पाले हुए गुण्डों ने जत्थे पर आक्रमण कर दिया। जत्थे के नेता भाई लक्ष्मणदास तथा उसके साथियों को जीवित जला दिया गया।
  2. हरमंदर साहिब के कोष की चाबियों की समस्या-हरमंदर साहिब के कोष की चाबियां अंग्रेजों के पास थीं। शिरोमणि कमेटी ने उनसे गुरुद्वारे की चाबियां माँगी, परन्तु उन्होंने चाबियां देने से इन्कार कर दिया। अंग्रेजों के इस कार्य के विरुद्ध सिक्खों ने बहुत-से प्रदर्शन किए। अंग्रेजों ने अनेक सिक्खों को बन्दी बना लिया। कांग्रेस तथा खिलाफ़त कमेटी ने भी सिक्खों का समर्थन किया। विवश होकर अंग्रेजों ने कोष की चाबियां शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी को सौंप दीं।
  3. ‘गुरु का बाग’ का मोर्चा-गुरुद्वारा ‘गुरु का बाग’ अमृतसर से लगभग 13 मील दूर अजनाला तहसील में स्थित है। यह गुरुद्वारा महंत सुन्दरदास के पास था जो एक चरित्रहीन व्यक्ति था। शिरोमणि कमेटी ने इस गुरुद्वारे को अपने हाथों में लेने के लिए 23 अगस्त, 1921 ई० को दान सिंह के नेतृत्व में एक जत्था भेजा। अंग्रेजों ने इस जत्थे के सदस्यों को बन्दी बना लिया। इस घटना से सिक्ख और भी भड़क उठे। उन्होंने और अधिक संख्या में जत्थे भेजने आरम्भ कर दिए। इन जत्थों के साथ भी बुरा व्यवहार किया गया। इनके सदस्यों को लाठियों से पीटा गया। परंतु अंत में सिक्खों ने गुरु का बाग मोर्चा शांतिपूर्ण ढंग से जीत लिया।
  4. पंजा साहिब की घटना-‘गुरु का बाग’ गुरुद्वारा आन्दोलन में भाग लेने वाले एक जत्थे को अंग्रेज़ों ने रेलगाड़ी द्वारा अटक जेल में भेजने का निर्णय किया। इस गाड़ी को हसन अब्दाल स्टेशन से गुज़रना था। पंजा साहिब के सिक्खों ने सरकार से प्रार्थना की कि रेलगाड़ी को हसन अब्दाल में रोका जाए ताकि वे जत्थे के सदस्यों को भोजन दे सकें। परन्तु सरकार ने जब सिक्खों की इस प्रार्थना को स्वीकार न किया तो भाई कर्म सिंह तथा भाई प्रताप सिंह नामक दो सिक्ख रेलगाड़ी के आंगे लेट गए और शहीदी को प्राप्त हुए। यह घटना 30 अक्तूबर, 1922 ई० की है।
  5. जैतों का मोर्चा-जुलाई, 1923 ई० में अंग्रेजों ने नाभा के महाराजा रिपुदमन सिंह को बिना किसी दोष के गद्दी से हटा दिया। शिरोमणि कमेटी तथा अन्य सभी देश-भक्त सिक्खों ने सरकार के विरुद्ध गुरुद्वारा गंगसर (जैतों) में बड़ा भारी जलसा करने का निर्णय किया। 21 फरवरी, 1924 ई० को पाँच सौ अकालियों का एक जत्था गुरुद्वारा गंगसर के लिए चल पड़ा। नाभा की रियासत में पहुंचने पर उसका सामना अंग्रेज़ी सेना से हुआ। सिक्ख निहत्थे थे। फलस्वरूप 100 से भी अधिक सिक्ख शहीदी को प्राप्त हुए और 200 के लगभग सिक्ख घायल हुए।
    सिक्ख गुरुद्वारा अधिनियम-1925 ई० में पंजाब सरकार ने सिक्ख गुरुद्वारा कानून पास कर दिया। इसके अनुसार गुरुद्वारों का प्रबन्ध और उनकी देखभाल सिक्खों के हाथ में आ गई। धीरे-धीरे बन्दी सिक्खों को मुक्त कर दिया गया।
    इस प्रकार अकाली आन्दोलन के अन्तर्गत सिक्खों ने महान् बलिदान दिए। एक ओर तो उन्होंने गुरुद्वारों जैसे पवित्र स्थानों से अंग्रेजों के पिट्ठ महंतों को बाहर निकाला और दूसरी ओर सरकार के विरुद्ध एक ऐसी अग्नि भड़काई जो स्वतन्त्रता प्राप्ति तक जलती रही।

तालमयी क्रियाएँ (Rhythmic Activities) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions तालमयी क्रियाएँ (Rhythmic Activities) Game Rules.

तालमयी क्रियाएँ (Rhythmic Activities) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
तालमयी क्रियाओं के नाम लिखो।
उत्तर-
तालमयी क्रियाओं में निम्नलिखित क्रियाएं सम्मिलित हैं!
तालमयी क्रियाएँ (Rhythmic Activities) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 1

  1. लोक नृत्य (Folk Dance)
  2. रस्सी कूदना (Skipping)
  3. डम्बल्ज़ (Dumbles)
  4. पी० टी० कसरतें (Calesthenics)
  5. लेज़ियम (Lezium)
  6. टिपरी (Tipri)

तालमयी क्रियाएँ (Rhythmic Activities) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
लोक नृत्य के नाम लिखें।
उत्तर-
लोक नृत्य
(Folk Dances)
लोक नृत्यों को निम्नलिखित दो भागों में विभाजित किया जा सकता है—
1. प्रादेशिक लोक नृत्य (Regional Folk Dances)-जैसे—

  1. गुजराती टिपरी नृत्य गुजरात
  2. महाराष्ट्र का मछुआ नृत्य
  3. राजस्थानी नृत्य पकी फसल की कटाई पर किया जाता है।
  4. कुम्भी
  5. तमिल का कोलाहम नृत्य
  6. बंगाल देश का प्रशंसा नृत्य
  7. पंजाब का भंगड़ा और गिद्दा ।

2. पश्चिमी लोक नृत्य (Western Folk Dances)

  1. कुछ कदम (Few steps) जैसे—
    • Do sido
    • Heal Toe-steps
    • हाप (Hop)
    • पोलका (Polka)
    • स्लाइड इत्यादि (Slide)
  2. कुछ नृत्य (Few Dances) जैसे—
    • जेसीया पोलका (Jessia Polka)
    • नयोम (Nayim)
    • मिकोल ओराडिया (Mechol Oradya)
    • शू-मेकर (Shoemaker)
    • वे-डेविड नृत्य (Ve-David Dance)।

तालमयी क्रियाएँ (Rhythmic Activities) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
लेज़ियम क्या है ?
उत्तर-
लेज़ियम (Lezium)—इसमें 15″ से 18″ लकड़ी का एक लम्बा हैंडल होता है जिसके हाथ लोहे की चेन लगी होती है जो लकड़ी के दोनों सिरों से जुड़ी होती है। बीच में 15″ की छड़ होती है जिसको पकड़ कर लेज़ियम से तालयुक्त झंकार व ध्वनि उत्पन्न की जा सकती है। इसका भार लगभग एक किलोग्राम होता है।
लेजियम का भारतवर्ष के ग्रामीण क्षेत्र में प्रयोग तालयुक्त क्रिया के लिए किया जाता है। इसके साथ ढोल पर ताल दी जाती है। स्कूलों के बच्चे इसमें बड़े उत्साह से भाग लेते हैं। इसलिए लेज़ियम से बच्चों का मनोरंजन बहुत अधिक होता है। शारीरिक व्यायाम के रूप में भी लेज़ियम का बहुत महत्त्व है क्योंकि इसमें भाग लेने वालों को काफ़ी व्यायाम करना पड़ता है।

प्रश्न
लेज़ियम की मूलभूत अवस्थाएं लिखो।
उत्तर-
मूलभूत अवस्थाएं
(Fundamental Positions)

  1. लेज़ियम स्कन्ध
  2. पवित्र
  3. आराम
  4. होशियार
  5. चार आवाज़
    तालमयी क्रियाएँ (Rhythmic Activities) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 2
    लेजियम
  6. एक जगह
  7. आधी लगाओ
  8. आरम्भिक अवस्था पवित्र
  9. दो रुख
  10. आगे फलाग
  11. पीछे फलाग
  12. (12) आगे को झुकना।

तालमयी क्रियाएँ (Rhythmic Activities) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
निम्नलिखित पर नोट लिखो—
(क) डम्बल
(ख) टिपरी
(ग) रस्सी कूदना।
उत्तर-डम्बल (Dumble)—यह दो तरह के होते हैं-लोहे के तथा लकड़ी के। इसमें एक हैंडल होता है। इसके दोनों सिरे गोल और मोटे होते हैं। हैंडल से पकड़ कर दोनों सिरों को टकराया जाता है जिससे काफ़ी ऊंची आवाज़ पैदा होती है। इसमें पहली अवस्था, दूसरी अवस्था, तीसरी अवस्था और चौथी अवस्था की जाती है।
तालमयी क्रियाएँ (Rhythmic Activities) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 3
डम्बल
टिपरी (Tipri) यह 15 से 18 इंच लम्बाई का लकड़ी का डंडा होता है। इसकी मोटाई 20 से 25 सैं० मी० होती है। इसका भार 100 ग्राम होता है। इसको दोनों हाथों में पकड़कर संगीत की धुनों पर टकराया और नाचा जाता है।
रस्सी कूदना (Skipping)—सूत की तीन मीटर लम्बी रस्सी होती है। उसकी मोटाई 20 मि० मी० तक हो सकती है। इसको दोनों हाथों में पकड़कर या अलग-अलग सिरे से पकड़कर घुमाया जाता है और ज़मीन से टकराया जाता है। उसी समय इस को कूदा जाता है।

  1. एक आदमी एक रस्सी को पकड़कर आगे पीछे कूदना,
  2. साथी के साथ रस्सी कूदना,
  3. स्टंट करना,
  4. रस्सी के दोनों सिरों को पकड़कर कूदना,
  5. अन्दर जाना, बाहर आना,
  6. एक पैर पर रस्सी कूदना।
  7. स्कैट पुजीशन में रस्सी कूदना।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

Punjab State Board PSEB 10th Class Welcome Life Book Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Welcome Life Chapter 9 प्रभावशाली संचार

PSEB 10th Class Welcome Life Guide प्रभावशाली संचार Textbook Questions and Answers

गतिविधि – I

स्थान: कक्षा का कमरा, सामग्री-एक पानी का आधा भरा गिलास। छात्र अपनी नोटबुक में इस भरे हुए गिलास पर एक वाक्य लिखें।
प्रश्न-क्या आपने यह लिखा है कि —
1. पानी का गिलास आधा खाली है?
उत्तर-नहीं, हमने यह नहीं लिखा है।
2. पानी का गिलास आधा भरा है?
उत्तर-जी हाँ, हमने यह लिखा है।
3. क्या आपने कुछ अलग लिखा है?
उत्तर-नहीं।

सोचिए और बताएं

प्रश्न 1.
कक्षा में आपका सबसे प्रिय दोस्त कौन है?
उत्तर-
कक्षा के अन्य सभी छात्रों में रितेश चोपड़ा मेरा सबसे प्रिय मित्र है।

प्रश्न 2.
आपका प्यारा मित्र आपको कौन से गुणों के कारण अच्छा लगता है?
उत्तर-
मेरे दोस्त का व्यवहार काफी अच्छा है। वह दूसरों के साथ नरमी से बात करता है। कभी भी गलत भाषा का इस्तेमाल नहीं करता है। हमेशा दूसरों के साथ सहयोग करता है और जब भी मुझे उसकी आवश्यकता होती है, वह मेरे साथ खड़ा होता हैं। इसलिए मैं उसे बहुत पसंद करता हूँ।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

प्रश्न 3.
कौन है जिसे आप पसंद नहीं करते?
उत्तर-
मुझे नील पसंद नहीं है, क्योंकि वह हमेशा दूसरों का मज़ाक बनाता है।

पाठ पर आधारित प्रश्न

गतिविधि-I

इंटरव्यू कक्षा के सामने होगी। कुछ इस तरह के प्रश्न पूछे जाएंगे

प्रश्न 1.
यदि आप कक्षा के C.R./मानीटर होंगे, तो आप क्या करेंगे?
उत्तर-
यदि मुझे कक्षा का C.R./मानीटर बनाया जाएगा, तो मैं कक्षा के अनुशासन को सही करूँगा क्योंकि मुझे पता है कि कई बच्चे कक्षा के अनुशासन को खराब करते हैं। इसके साथ ही मैं कक्षा की स्वच्छता का ध्यान रखूगा और यह सुनिश्चित करूँगा कि कोई भी विद्यार्थी कक्षा में कचरा न फेंके। कक्षा को सुंदर बनाने के लिए मैं अन्य छात्रों की मदद लूँगा और कई प्रयत्न करूंगा।

प्रश्न 2.
आप अपने आप में कौन-सा सुधार लाना चाहते हैं?
उत्तर-
सबसे पहले मैं खुद को अनुशासन में लाऊंगा ताकि दूसरे बच्चे मुझसे शिक्षा ले सकें। यदि कक्षा का मानीटर अनुशासन में नहीं रहेगा, तो अन्य छात्र अनुशासन में कैसे रहेंगे। मैं अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए कठिन अध्ययन करूंगा और अपने शिक्षकों और माता-पिता को खुश करूंगा।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

प्रश्न 3.
आप कक्षा में कैसे सुधार करेंगे?
उत्तर-

  1. मैं लगातार विद्यार्थियों को अनुशासन में रहने की याद दिलाऊंगा।
  2. मैं उन्हें कक्षा को साफ रखने के फायदे बताऊंगा और गंदी कक्षा होने के नुकसान बताऊंगा।
  3. मैं लगातार छात्रों को कठिन अध्ययन करने और अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रेरित करूँगा।

Welcome Life Guide for Class 10 PSEB प्रभावशाली संचार Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(क) बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
…………. का अर्थ है अपने विचारों, भावनाओं इत्यादि को व्यक्त करना।
(a) अभिव्यक्ति
(b) साक्षात्कार
(c) प्रशंसा
(d) व्यक्तित्व।
उत्तर-
(a) अभिव्यक्ति।

प्रश्न 2.
अभिव्यक्ति से हम अपने ………….
(a) विचार
(b) भावनाएं
(c) पक्ष
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

प्रश्न 3.
खुद को सही तरीके से पेश नहीं करने से ……….. प्रभाव पड़ता है।
(a) सकारात्मक
(b) नकारात्मक
(c) दुख वाला
(d) सुख वाला।
उत्तर-
(b) नकारात्मक।

प्रश्न 4.
मेहनत करने से ही
(a) शाबाश मिलती है
(b) लक्ष्य प्राप्त होते हैं
(c) कामयाबी मिलती है
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 5.
शिक्षक द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने में विद्यार्थी क्यों संकोच करते हैं?
(a) आत्मविश्वास की कमी
(b) सवाल का जवाब नहीं जानते
(c) पता नहीं कैसे जवाब देना है
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

प्रश्न 6.
नौकरी देने से पहले सवाल पूछने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
(a) इंटरव्यू
(b) अनुसूची
(c) प्रश्नावली
(a) अवलोकन।
उत्तर-
(a) इंटरव्यू।

प्रश्न 7.
किसी के साथ बात करते समय …………. का बहुत महत्त्व है।
(a) व्यक्तित्व
(b) कपड़े
(c) भाषा
(a) हाव-भाव।
उत्तर-
(c) भाषा।

प्रश्न 8.
दूसरों को प्रभावित करने के लिए क्या आवश्यक है?
(a) आवाज़
(b) चेहरे के हाव-भाव
(c) शरीर की मुद्रा
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

प्रश्न 9.
कैसे व्यावहारिक जीवन में कुशल बनें?
(a) निरंतर अभ्यास से
(b) बोलने के बेहतर तरीकों के साथ
(c) शारीरिक हाव-भाव का सही इस्तेमाल
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

(ख) खाली स्थान भरें

  1. अभिव्यक्ति से हमारे ……………. का अन्दाज़ा हो जाता है।
  2. शिक्षक द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर न देने का मुख्य कारण ………. की कमी है।
  3. हर किसी के पास चीज़ों को देखने का अपना ………… होता है।
  4. व्यक्ति को हमेशा ……………… सोच रखनी चाहिए।
  5. ……… देने का हमेशा उचित तरीका होता है।
  6. बोलने वाले की ……….. का बहुत महत्त्व है।

उत्तर-

  1. व्यक्तित्व,
  2. आत्मविश्वास,
  3. दृष्टिकोण,
  4. सकारात्मक,
  5. इंटरव्यू,
  6. भाषा।

(ग) सही/ग़लत चुनें

  1. यदि हम अपने आप को सही तरीके से पेश नहीं कर सकते तो उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  2. अभिव्यक्ति के उचित तरीके से हमारी कई समस्याओं को हल किया जा सकता है।
  3. अन्य चीजों को देखने के लिए सभी का दृष्टिकोण समान है।
  4. हमारा दृष्टिकोण ही हमारे आस-पास को परिभाषित करता है।
  5. आशावादी लोगों को हर जगह पसंद किया जाता है।

उत्तर-

  1. ग़लत,
  2. सही,
  3. ग़लत,
  4. सही,
  5. सही।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

(घ) कॉलम से मेल करें

कॉलम ए — कॉलम बी
(a) संचार — (i) मधुरता
(b) हानि — (ii) परीक्षण
(c) अभिव्यक्ति — (iii) बोलने का तरीका
(d) चैकिंग — (iv) प्रगटावा
(e) आवाज़ — (v) क्षति।
उत्तर-
कॉलम ए — कॉलम बी
(a) संचार — (iii) बोलने का तरीका
(b) हानि — (v) क्षति।
(c) अभिव्यक्ति — (iv) प्रगटावा
(d) चैकिंग — (ii) परीक्षण
(e) आवाज़ — (i) मधुरता

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अभिव्यक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर-
अभिव्यक्ति का अर्थ है अपने भावों, विचारों और अपने पक्ष को किसी के सामने पेश करना।

प्रश्न 2.
हम किसी पर नकारात्मक प्रभाव कब डालते हैं?
उत्तर-
जब हम खुद को उस व्यक्ति के सामने व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

प्रश्न 3.
बेहतर तरीके से अभिव्यक्त करने का क्या फायदा है?
उत्तर-
इससे व्यक्ति जीवन में बहुत उन्नति करता है।

प्रश्न 4.
मास्टर जी ने छात्रों से किस राज्य के ज़िले लिखने के लिए कहा?
उत्तर-
उन्होंने छात्रों से पंजाब के जिलों को लिखने के लिए कहा।

प्रश्न 5.
रविंदर ने किससे कॉपी मांगी थी?
उत्तर-
रविंदर ने परगट से अपना काम करने के लिए कॉपी मांगी।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

प्रश्न 6.
सभी जिलों के नाम सही तरीके से किसने बताएँ?
उत्तर-
परगट सिंह ने सभी जिलों के नाम सही ढंग से बताएँ और उसको शिक्षक की तरफ से शाबाशी भी मिली।

प्रश्न 7.
परगट को डांट पड़ने का मुख्य कारण क्या था?
उत्तर-
परगट को डांट पड़ने का मुख्य कारण उसमें अपना पक्ष न रख सकने की असमर्थता थी।

प्रश्न 8.
परेशानी से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर-
हमें परेशानी से बचने के लिए अपना पक्ष मजबूती से रखना आना चाहिए।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

प्रश्न 9.
छात्र शिक्षक द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं देते हैं? क्यों?
उत्तर-
क्योंकि उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है, जवाब नहीं जानते या खुद को व्यक्त करने का तरीका नहीं जानते।

प्रश्न 10.
छात्रों में आत्म अभिव्यक्ति का कौशल कैसे विकसित किया जा सकता है?
उत्तर-
उन्हें इस कौशल को विकसित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने के लिए कहा जाना चाहिए।

प्रश्न 11.
किसी के व्यक्तित्व के बारे में कैसे जाना जा सकता है?
उत्तर-
किसी वस्तु को देखने के दृष्टिकोण से हम आसानी से किसी के व्यक्तित्व के बारे में जान सकते हैं।

प्रश्न 12.
मनुष्य का दृष्टिकोण कैसा होना चाहिए?
उत्तर-
मनुष्य का दृष्टिकोण सकारात्मक होना चाहिए।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

प्रश्न 13.
हमारे शिक्षक हमसे क्या उम्मीद करते हैं?
उत्तर-
वे हमसे सकारात्मक दृष्टिकोण की उम्मीद रखते हैं।

प्रश्न 14.
नकारात्मक सोच वाले व्यक्ति किस प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
वे हमेशा दूसरों में कमियां और दोष खोजने की कोशिश करते हैं।

प्रश्न 15.
आशावादी होने का व्यक्ति को क्या फायदा है?
उत्तर-
आशावादी व्यक्ति का सभी सम्मान करते हैं और वह सभी के बीच लोकप्रिय हो जाते हैं।

प्रश्न 16.
साक्षात्कार से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
जब किसी से किसी मुद्दे पर कुछ सवाल पूछे जाते हैं और वह उन सवालों का जवाब देता है, तो उसे साक्षात्कार (इंटरव्यू) कहते है।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

प्रश्न 17.
आपके सामने बोलने वाले व्यक्ति को क्या प्रभावित करता है?
उत्तर-
हमारी भाषा आपके सामने बोलने वाले व्यक्ति को बहुत प्रभावित करती है।

प्रश्न 18.
किसी को प्रभावित करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
हमारी भाषा और शरीर की भाषा अर्थात् हाव-भाव का।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अभिव्यक्ति के महत्त्व पर नोट लिखो।
उत्तर-
अभिव्यक्ति का अर्थ है अपने विचारों और भावनाओं को किसी के सामने व्यक्त करना। हमारी अभिव्यक्ति का तरीका हमारे व्यक्तित्व के बारे में बताता है। यदि हम अपने व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाना चाहते है, तो स्वयं में क्षमता होना आवश्यक है। कई बार, यह गुण स्वयं में होता है लेकिन हम इसके बारे में शायद ही जानते हैं और इसलिए हम स्वयं को व्यक्त करने में असमर्थ हैं। व्यक्ति अभिव्यक्ति के बेहतर तरीके बड़ी सफलता प्राप्त कर सकता है। इसलिए हमारे जीवन में अभिव्यक्ति का बहुत महत्त्व है।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

प्रश्न 2.
आमतौर पर छात्र शिक्षकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं देते हैं। इसके क्या कारण हैं?
उत्तर-

  1. आत्म-विश्वास की कमी-छात्रों में आत्म-विश्वास की कमी हो सकती है और वे अपने विचार व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं।
  2. सही उत्तर नहीं जानते-हो सकता है कि छात्रों ने अध्याय नहीं पढ़ा हो और सही उत्तर नहीं जानते।
  3. खुद को अभिव्यक्त कर ना नहीं जानते-हो सकता है कि वह जवाब जानता हो, लेकिन खुद को व्यक्त करने का तरीका शायद ही जानता हो। इसलिए वह जवाब नहीं देता।

प्रश्न 3.
सकारात्मक दृष्टिकोण पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
हर किसी के पास चीज़ों को देखने का अपना नजरिया होता है। यदि कोई व्यक्ति किसी वस्तु को पसंद करता है और उसमें कई गुण ढूंढ लेता है तो इसे सकारात्मक दृष्टिकोण कहा जाता है। लेकिन यदि वह वस्तु में कमियां देखता है और उसे पसंद नहीं करता है, तो उसे नकारात्मक रवैया कहा जाता है। जिस तरह से एक व्यक्ति किसी वस्तु को देखता है वह उसके व्यक्तित्व का वर्णन करता है। यदि किसी व्यक्ति का नकारात्मक रवैया है, तो वह जीवन में प्रगति नहीं कर सकता है। लेकिन यदि जीवन के बारे में उसका दृष्टिकोण सकारात्मक है, तो वह निश्चित रूप से जीवन में प्रगति करेगा।

प्रश्न 4.
“हमारा दृष्टिकोण हमारे परिवेश को परिभाषित करता है।” टिप्पणी स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
इस तथ्य से इन्कार नहीं किया जाता है कि हमारा दृष्टिकोण हमारे परिवेश को परिभाषित करता है। उदाहरण के लिए एक गिलास पानी आधा खाली है या आधा भरा हुआ है। यह एक व्यक्ति के दृष्टिकोण को निर्धारित करता है। यदि कोई व्यक्ति आधा खाली गिलास देखता है, तो वह एक नकारात्मक सोच वाला व्यक्ति है। लेकिन यदि गिलास आधा भरा हुआ है, तो वह एक सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति है। सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति हमेशा दूसरों में गुणों को पाता है लेकिन एक नकारात्मक सोच वाला व्यक्ति हमेशा दूसरों के बीच कमियों को खोजने की कोशिश करता है। यह सही या गलत व्यक्तित्व के विकास में मदद करता है और हम उसी के अनुसार प्रगति करते हैं या नहीं करते हैं।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

प्रश्न 5.
हमारे सकारात्मक या नकारात्मक रवैये का परिणाम क्या है?
उत्तर-
हमारे सकारात्मक या नकारात्मक रवैये के कारण हम कुछ लोगों को पसंद या नापसंद करते हैं। यदि हमारे पास सकारात्मक दृष्टिकोण है, तो हमें दूसरों में गलतियाँ नहीं मिलती और हम तुच्छ मुद्दों की भी अनदेखी करते हैं। इसके विपरीत नकारात्मक दृष्टिकोण वाला व्यक्ति हमेशा दूसरों में गलतियां खोजने की कोशिश करता है। सकारात्मक दृष्टिकोण वाले लोग हमेशा सम्मानित होते हैं, लोकप्रिय होते हैं और जीवन में प्रगति करते हैं।

प्रश्न 6.
हमारी भाषा दूसरे लोगों को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर-
जब हम दूसरों के साथ संवाद करते हैं, तो हमारी भाषा दूसरों को प्रभावित करती हैं। यदि हम अपने व्यक्तित्व का अच्छा प्रभाव चाहते हैं तो हमें बहुत ही नरमी वाले शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। हमारी आवाज़ में मधुरता, कोमलता और मिठास होनी चाहिए। यह सब हमारे व्यक्तित्व के विकास पर बहुत प्रभाव डालते हैं। हमारी बात करने का तरीका हमारे व्यक्तित्व और दूसरों के साथ संबंधों को प्रभावित करता हैं।

प्रश्न 7.
प्रभावी ढंग से संवाद करने के दो प्रभावी तरीके क्या हैं?
उत्तर-

  1. भाषा-दूसरों के साथ संवाद स्थापित करने में भाषा सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि हमारी भाषा में कोमलता है तो निश्चित रूप से दूसरे लोग प्रभावित होंगे। लेकिन यदि हमारी भाषा ग़लत है, तो दूसरे हमसे नफरत करेंगे।
  2. शारीरिक भाषा-प्रभावी संचार में हमारी शारीरिक भाषा भी महत्त्वपूर्ण है। हम दूसरों से बात करते समय किस प्रकार के चेहरे के भाव रखते हैं। हम किस प्रकार के इशारे करते हैं हम कैसे इशारों से चीज़ों को समझाते हैं इसका भी दूसरों पर प्रभाव पड़ता है।

PSEB 10th Class Welcome Life Solutions Chapter 9 प्रभावशाली संचार

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न-इंटरव्यू करते समय किन प्रभावी तरीकों का इस्तेमल करना चाहिए?
उत्तर-
इंटरव्यू के समय निम्नलिखित चरणों का प्रयोग किया जाना चाहिए

  1. प्रश्न सरल और स्पष्ट होना चाहिए।
  2. प्रश्न की भाषा सरल होनी चाहिए और सवाल दोबारा न बोले जाएं।
  3. यदि इंटरव्यू नौकरी के लिए है, तो नौकरी से संबंधित गुणों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
  4. प्रश्न करते समय सम्मान दिया जाना चाहिए।
  5. उत्तर विश्वास के साथ देना चाहिए।
  6. उत्तर हल्की मुस्कुराहट से दिए जाएं।
  7. टिककर सीधा बैठे।
  8. विनम्रता से बात करें और जाते समय धन्यवाद कहें।
  9. यदि आपको उत्तर नहीं पता, तो विनम्रता से बताएं कि आपको उत्तर नहीं पता।

प्रभावशाली संचार PSEB 10th Class Welcome Life Notes

  • अभिव्यक्ति का अर्थ है अपनी भावनाओं, विचारों या दृष्टिकोण किसी के सामने रखना या बताना। हमारी अभिव्यक्तियों का तरीका हमारे व्यक्तित्व के बारे में बताता है। बेहतर अभिव्यक्ति का तरीका हमें सफल बना सकता है।
  • यदि किसी में किसी मामले को सही तरीके से दूसरों के सामने रखने की क्षमता नहीं है, तो वह व्यक्ति जीवन में असफलताओं का सामना भी कर सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम अपने आप में अपने विचारों का सही तरीके से अभिव्यक्त करने का गुण विकसित करें।
  • प्रत्येक व्यक्ति के पास कुछ देखने का एक अलग दृष्टिकोण होता है और यह नज़रिया ही उस व्यक्ति के व्यक्तित्व को बताता है। यदि किसी व्यक्ति का दृष्टिकोण सकारात्मक है, तो किसी भी चीज़ पर उसका दृष्टिकोण अच्छा होगा। इसीलिए किसी व्यक्ति का सकारात्मक दृष्टिकोण होना चाहिए।
  • हमारा दृष्टिकोण हमारे परिवेश को परिभाषित करता है क्योंकि सकारात्मक विचार वाले व्यक्ति का दृष्टिकोण सब कुछ बेहतर बनाता है।
  • हमारे दृष्टिकोण के कारण ही कुछ लोगों को हम पसंद करते हैं और कुछ हमें बुरे लगते हमसे नफरत करते हैं। कभी-कभी हम दूसरों की गलतियों को नज़र अंदाज कर देते हैं क्योंकि हम उनमें दोष नहीं देखते है। इस आशावादी सोच के कारण लोग उनका सम्मान करते हैं।
  • कैरियर बनाने या नौकरी पाने के लिए इंटरव्यू बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसलिए हमारे पास बोलने की क्षमता होनी चाहिए ताकि हम उस व्यक्ति को प्रभावित कर सके जो इंटरव्यू ले रहा है।
  • हमारी भाषा का दूसरों पर बहुत प्रभाव पड़ता है। यदि हमारी भाषा में मिठास और कोमलता है तो निश्चित रूप से दूसरे लोग बहुत प्रभावित होंगे। इसलिए हमारी भाषा हमारे व्यक्तित्व के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण रोल अदा करती है।
  • प्रत्येक छात्र को अपनी आवाज़, चेहरे के हाव-भाव और इशारों, शरीर की मुद्रा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इससे वे दूसरों को आसानी से प्रभावित कर सकेंगे। इसे बॉडी लैंग्वेज के नाम से जाना जाता है।

बाक्सिंग (मुक्केबाज़ी) (Boxing) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions बाक्सिंग (मुक्केबाज़ी) (Boxing) Game Rules.

बाक्सिंग (मुक्केबाज़ी) (Boxing) Game Rules – PSEB 10th Class Physical Education

मुक्केबाजी में याद रखने योग्य बातें

  1. रिंग का आकार = वर्गाकार
  2. एक भुजा की लम्बाई = 20 फुट
  3. रस्सों की संख्या = तीन अथवा पांच
  4. भारों की संख्या = 11
  5. पट्टी की लम्बाई = 8’4″
  6. पट्टी की चौड़ाई = \(1 \frac{1}{4}\)
  7. रिंग की फर्श से ऊंचाई = 3’4″
  8. सीनियर प्रतियोगिता का समय = 3-1-3-1-3
  9. जुनियर के लिए समय = 2-1-2-2
  10. अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए समय = 2-1-2-1-2-1–2-1-2
  11. कोर्नर का रंग = लाल और नीला
  12. अधिकारी = 1 रैफरी, 3 या 5 जज

खेल सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण जानकारी

  1. बाक्सिग में रिंग का आकार वर्गाकार और एक भुजा की लम्बाई 20 फुट होती है।
  2. रिंग में रस्सों की गिनती तीन होती है और साइडों का रंग एक नीला तथा दूसरा लाल होता है।
  3. बाक्सिग के लिए भार के वर्गों की गिनती 12 होती है।
  4. दस्तानों का भार 10 औंस से अधिक नहीं होना चाहिए।
  5. पट्टी की लम्बाई 8 फुट 4 इंच और चौड़ाई \(1 \frac{3}{4}\) इंच 4.4 सैं० मी० होनी चाहिए।
    बाक्सिंग (मुक्केबाज़ी) (Boxing) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 1

बाक्सिंग (मुक्केबाज़ी) (Boxing) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
बाक्सिग में भार अनुसार कितने प्रकार की प्रतियोगिताएं होती हैं ?
उत्तर-
मुक्केबाज़ी के भारों का वर्गीकरण
(Weight Categories in Boxing)

  1. लाइट फलाई वेट (Light Fly Weight) = 48 kg
  2. फलाई वेट (Fly Weight) = 51 kg
  3. बैनटम वेट (Bentum Weight) = 54 kg
  4. फ़ैदर वेट (Feather Weight) = 57 kg
  5. लाइट वेट (Light Weight) = 60 kg
  6. लाइट वैल्टर वेट (Light Welter Weight) = 63.5 kg
  7. वैल्टर वेट (Welter Weight) = 67 kg
  8. लाइट मिडल वेट (Light Middle Weight) = 71 kg
  9. मिडल वेट (Middle Weight) = 75 kg
  10. लाइट हैवी वेट (Light Heavy Weight) = 81 kg से 91 kg तक
  11. हैवी वेट (Heavy Weight) = 91 kg से अधिक 100 kg तक
  12. सुपर हैवी वेट (Super Heavy Weight) = 100 kg से ऊपर

प्रश्न
बाक्सिग में रिंग, रस्सा, प्लेटफ़ार्म, अंडर-कवर, पोशाक और पट्टियों के बारे में लिखें।
उत्तर-
रिंग (Ring)-सभी प्रतियोगिताओं में रिंग का आन्तरिक माप 12 फुट से 20 फुट (3 मी० 66 सैं० मी० से 6 मी० 10 सैं० मी०) वर्ग में होगा। रिंग की सतह से सबसे ऊपरी रस्से की ऊंचाई 16”, 28”, 40”, 50” होगी।
रस्सा (Rope)-रिंग चार रस्सों के सैट से बना होगा जोकि लिनन या किसी नर्म पदार्थ से ढका होगा।

प्लेटफ़ार्म (Platform)-प्लेटफार्म सुरक्षित रूप में बना होगा। यह समतल तथा बिना किसी रुकावटी प्रक्षेप के होगा। यह कम-से-कम 18 इंच रस्सों की लाइन से बना रहेगा उस पर चार कार्नर पोस्ट लगे होंगे जो इस प्रकार बनाए जाएंगे कि कहीं चोट न लगे।
अंडर-कवर (Under-cover)-फर्श एक अण्डर-कवर से ढका होगा जिस पर कैनवस बिछाई जाएगी।

पोशाक (Costumes)-प्रतियोगी एक बनियान (Vest) पहन कर बाक्सिग करेंगे जोकि पूरी तरह से छाती और पीठ ढकी रखेगी। शार्ट्स उचित लम्बाइयों की होगी जोकि जांघ के आधे भाग तक जाएगी। बूट या जूते हल्के होंगे। तैराकी वाली पोशाक पहनने की आज्ञा नहीं दी जाएगी। प्रतियोगी उन्हें भिन्न-भिन्न दर्शाने वाले रंग धारण करेंगे जैसे कि कमर के गिर्द लाल या नीले कमर-बन्द, दस्ताने (Gloves) स्टैंडर्ड भार के होंगे। प्रत्येक दस्ताना 8 औंस (227 ग्राम) भारी होगा।

पट्टियां (Bandages)-एक नर्म सर्जिकल पट्टी जिसकी लम्बाई 8 फुट 4 इंच (2.5 मी०) से अधिक तथा चौड़ाई \(1 \frac{3}{4}\) इंच (4.4 सैं० मी०) से अधिक न हो या एक वैल्यियन टाइप पट्टी जो 6 फुट 6 इंच से अधिक लम्बी तथा \(1 \frac{3}{4}\) इंच (4.4 सैं० मी०) से अधिक चौड़ी नहीं होगी, प्रत्येक हाथ पर पहनी जा सकती है।
अवधि (Duration)-सीनियर मुकाबलों तथा प्रतियोगिताओं के लिए खेल की अवधि निम्नलिखित होगी—
बाक्सिंग (मुक्केबाज़ी) (Boxing) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 2
प्रतियोगिताएं (Competitions)—
Senior National Level 3-1-3-1-3 तीन-तीन मिनट के तीन राऊण्ड
Junior National Level
2-1-2-1-2 दो-दो मिनट के तीन राऊण्ड
International Level
2-1-2-1-2-1-2 दो-दो मिनट के पांच राऊण्ड

बाक्सिंग (मुक्केबाज़ी) (Boxing) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
बाक्सिग में ड्रा, बाई, वाक ओवर के बारे में लिखें।
उत्तर-
ड्रा, बाई, वाक ओवर (The Draw, Byes and Walk-over)

  1. सभी प्रतियोगिताओं के लिए भार तोलने तथा डॉक्टरी निरीक्षण के बाद ड्रा किया जाएगा।
  2. वे प्रतियोगिताओं में जिनसे चार से अधिक प्रतियोगी हैं, पहली सीरीज़ में बहुतसी बाई निकाली जाएंगी ताकि दूसरी सीरीज़ में प्रतियोगियों की संख्या कम रह जाए।
  3. पहली सीरीज़ में जो मुक्केबाज़ (Boxer) बाई में आते हैं वे दूसरी सीरीज़ में पहले बाक्सिग करेंगे। यदि बाइयों की संख्या विषय हो तो अन्तिम बाई का बाक्सर दूसरी सीरीज़ में पहले मुकाबले के विजेता के साथ मुकाबला करेगा।
  4. कोई भी प्रतियोगी पहली सीरीज़ में बाई ओर दूसरी सीरीज़ में वाक ओवर नहीं प्राप्त कर सकता या दो प्रतियोगियों के नाम ड्रा निकाला जाएगा जोकि अब भी मुकाबले में हों। इसका अर्थ इन प्रतियोगियों के लिए विरोधी प्रदान करना है जोकि पहली सीरीज़ में पहले ही वाक ओवर ले चुके हैं।

सारणी-बाऊट से बाइयां निकालना
बाक्सिंग (मुक्केबाज़ी) (Boxing) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education 3
प्रतियोगिता की सीमा (Limitation of Competitors)-किसी भी प्रतियोगिता में 4 से लेकर 8 प्रतियोगियों को भाग लेने की आज्ञा है। यह नियम किसी ऐसोसिएशन द्वारा आयोजित किसी चैम्पियनशिप पर लागू नहीं होता। प्रतियोगिता का आयोजन करने वाली क्लब को अपना एक सदस्य प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए मनोनीत करने का अधिकार है, परन्तु शर्त यह है कि वह सदस्य प्रतियोगिता में सम्मिलित न हो।

नया ड्रा (Fresh Draw)–यदि किसी एक ही क्लब के दो सदस्यों का पहली सीरीज़ में ड्रा निकल जाए तो उनमें एक-दूसरे के पक्ष में प्रतियोगिता से निकलना चाहे तो नया ड्रा किया जाएगा।
वापसी (Withdrawl)-ड्रा किए जाने के बाद यदि प्रतियोगी बिना किसी सन्तोषजनक कारण के प्रतियोगिता से हटना चाहे तो इन्चार्ज अधिकारी इन दशाओं में एसोसिएशन को रिपोर्ट करेगा।

रिटायर होना (Retirement)-यदि कोई प्रतियोगी किसी कारण प्रतियोगिता से रिटायर होना चाहता है तो उसे इन्चार्ज अधिकारी को सूचित करना होगा।
बाई (Byes)—पहली सीरीज़ के बाद उत्पन्न होने वाली बाइयों के लिए निश्चित समय के लिए वह विरोधी छोड़ दिया जाता है जिससे इन्चार्ज अधिकारी सहमत हो।
सैकिण्ड (Second)—प्रत्येक प्रतियोगी के साथ एक सैकिण्ड (सहयोगी) होगा तथा राऊंड के दौरान वह सैकिण्ड प्रतियोगी को कोई निर्देश या कोचिंग नहीं दे सकता।
केवल पानी की आज्ञा (Only water allowed)–बाक्सर को बाऊट से बिल्कुल पहले या मध्य में पानी के अतिरिक्त कोई अन्य पीने वाली चीज़ नहीं दी जा सकती।

बाक्सिंग (मुक्केबाज़ी) (Boxing) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
बाक्सिग में बाऊट को नियन्त्रण कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
बाऊट का नियन्त्रण
(Bout’s Control)

  1. सभी प्रतियोगिताओं के मुकाबले एक रैफ़री, तीन जजों, एक टाइम कीपर द्वारा निश्चित किए जाएंगे। रैफ़री रिंग में होगा। जब तीन से कम जज होंगे तो रैफ़री स्कोरिंग पेपर को पूरा करेगा। प्रदर्शनी ब्राऊट एक रैफ़री द्वारा कण्ट्रोल किए जाएंगे।
  2. रैफ़री एक स्कोर पैड या जानकारी सलिप का प्रयोग बाक्सरों के नाम तथा रंगों का रिकार्ड रखने के लिए करेगा। इन सब स्थितियों को जब बाऊट चोट लगने के कारण या किसी अन्य कारणवश स्थगित हो जाए तो रैफ़री इस पर कारण रिपोर्ट करके इंचार्ज अधिकारी को देगा।
  3. टाइम कीपर रिंग के एक ओर बैठेगा तथा जज अन्य तीन ओर बैठेंगे। सीटें इस प्रकार की होंगी कि वे बाक्सिग को सन्तोषजनक ढंग से देख सकें। ये दर्शकों से अलग होंगी। रैफ़री बाऊट को नियमानुसार कण्ट्रोल करने के लिए अकेला ही उत्तरदायी होगा तथा जज स्वतन्त्रतापूर्वक प्वाइंट देंगे।
  4. प्रमुख टूर्नामैंट में रैफ़री सफेद कपड़े धारण करेगा। प्वाईंट देना (Awarding of Points)
    • सभी प्रतियोगिताओं में जज प्वाईंट देगा।
    • प्रत्येक राऊंड के अन्त में प्वाईंट स्कोरिंग पेपर पर लिखे जाएंगे तथा बाऊंट के अन्त में जमा किए जाएंगे, भिन्नों का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
    • प्रत्येक जज को विजेता मनोनीत करना होगा या उसे अपने स्कोरिंग पेपर पर हस्ताक्षर करने होंगे। जज का नाम बड़े अक्षरों (Block Letters) में लिखा जाएगा। उसे स्कोरिंग स्लिपों पर हस्ताक्षर करने होंगे।

प्रश्न
बाक्सिग में स्कोर कैसे मिलते हैं ?
उत्तर-
स्कोरिंग (Scoring)

  1. जो बाक्सर अपने विरोधी को सबसे अधिक मुक्के मारेगा उसे प्रत्येक राऊंड के अन्त में 20 प्वाईंट दिए जाएंगे। दूसरे बाक्सर को उसी अनुपात में अपने स्कोरिंग मुक्कों में कम प्वाईंट मिलेंगे।
  2. जब जज यह देखता है कि दोनों बाक्सरों ने एक जितने मुक्के मारे हैं तो प्रत्येक प्रतियोगी को 20 प्वाईंट दिए जाएंगे।
  3. यदि बाक्सरों को मिले प्वाईंट बाऊट के अन्त में बराबर हों तो जज अपना निर्णय उस बाक्सर के पक्ष में देगा जिसने अधिक पहल दिखाई हो, परन्तु यदि समान हो उस बाक्सर के पक्ष में जिसने बेहतर स्टाइल दिखाया हो। यदि वह सोचे कि वह इन दोनों पक्षों में बराबर हैं तो वह अपना निर्णय उस बाक्सर के पक्ष में देगा जिसने अच्छी सुरक्षा (Defence) का प्रदर्शन किया हो।

परिभाषाएं (Definitions)-उपर्युक्त नियम निम्नलिखित परिभाषाओं द्वारा लागू होता है—

  1. स्कोरिंग मुक्के या प्रहार (Scoring Blows)-वे मुक्के जो किसी भी दस्ताने के नक्कल से रिंग के सामने या साइड की ओर या शरीर के बैल्ट के ऊपर मारे जाएं।
  2. नान-स्कोरिंग मुक्के (Non-Scoring Blows)
    • नियम का उल्लंघन करके मारे गए मुक्के।
    • भुजाओं या पीठ पर मारे गए मुक्के।
    • हल्के मुक्के या बिना ज़ोर की थपकियां।
  3. पहल करना (Leading Off)-पहला मुक्का मारना या पहला मुक्का मारने की कोशिश करना। नियमों का उल्लंघन पहल करने के स्कोरिंग मूल्य को समाप्त कर देता है।
  4. सुरक्षा (Defence)–बाक्सिग, पैरिंग, डकिंग, गार्डिंग, साइड स्टैपिंग द्वारा प्रहरों से बचाव करना।.

बाक्सिंग (मुक्केबाज़ी) (Boxing) Game Rules - PSEB 10th Class Physical Education

प्रश्न
बाक्सिग में कोई दस त्रुटियां लिखें।
उत्तर-
त्रुटियां (Fouls)-जजों या रैफ़री का फ़ैसला अन्तिम होगा। रैफ़री को निम्नलिखित कार्य करने पर बाक्सर को चेतावनी देने या अयोग्य घोषित करने का अधिकार है—

  1. खुले दस्ताने से चोट करना, हाथ के आन्तरिक भाग या बट के साथ चोट करना, कलाइयों से चोट करना या बन्द दस्ताने के नक्कल वाले भाग को छोड़कर किसी अन्य भाग से चोट करना।
  2. कुलनी से मारना।
  3. बैल्ट के नीचे मारना।
  4. किडनी पंच (Kidney Punch) का प्रयोग करना।
  5. पिवट ब्लो (Pivot Blow) का प्रयोग करना।
  6. गर्दन या सिर के नीचे जानबूझ कर चोट करना।
  7. नीचे पड़े प्रतियोगी को मारना।
  8. पकड़ना।
  9. सिर या शरीर के भार लेटना।
  10. बैल्ट के नीचे किसी ढंग से डकिंग (Ducking) करना जोकि विरोधी के लिए खतरनाक हो।
  11. बाक्सिग का सिर पर खतरनाक प्रयोग। (12) रफिंग (Roughing)
  12. कन्धे मारना।
  13. कुश्ती करना।
  14. बिना मुक्का लगे जान-बूझ कर गिरना।
  15. निरन्तर ढक कर रखना।
  16. रस्सों का अनुचित प्रयोग करना।
  17. कानों पर दोहरी चोट करना।

ब्रेक (Break) जब रैफ़री दोनों प्रतियोगियों को ब्रेक (To Break) की आज्ञा देता है तो दोनों बाक्सरों को पुनः बाक्सिग शुरू करने से पहले एक कदम पीछे हटना ज़रूरी है। ‘ब्रेक’ के समय एक बाक्सर को विरोधी को मारने की आज्ञा नहीं होती।
डाऊन तथा गिनती (Doun and Count)-एक बाक्सर को डाऊन (Doun) समझा जाता है जब शरीर का कोई भाग सिवाए उसके पैरों के फर्श पर लग जाता है या जब वह रस्सों से बाहर या आंशिक रूप में बाहर होता है या वह रस्सी पर लाचार लटकता है।
बाऊट रोकना (Stopping the Bout)—

  1. यदि रैफ़री के मतानुसार एक बाक्सर चोट लगने के कारण खेल जारी नहीं रख सकता या वह बाऊट बन्द कर देता है तो उसके विरोधी को विजेता घोषित कर दिया जाता है। यह निर्णय करने का अधिकार रैफ़री को होता है जोकि डॉक्टर का परामर्श ले सकता है।
  2. रैफ़री को बाऊट रोकने का अधिकार है यदि उसकी राय में प्रतियोगी को मात हो गई है या वह बाऊट जारी रखने के योग्य नहीं है।

बाऊट पुनः शुरू करने में असफल होना (Failure to resume Bout) सभी बाऊटों में यदि कोई प्रतियोगी समय कहे जाने पर बाऊट को पुनः शुरू करने में असमर्थ होता है तो वह बाऊट हार जाएगा।

नियमों का उल्लंघन (Breach of Rules)-बाक्सर या उसके सैकिण्ड (Second) द्वारा इन नियमों के किसी भी उल्लंघन से उसे अयोग्य घोषित किया जाएगा। एक प्रतियोगी जो अयोग्य घोषित किया गया हो उसे कोई ईनाम नहीं मिलेगा।

शंकित फाऊल (Suspected Foul)–यदि रैफ़री को किसी फ़ाऊल का सन्देह हो जाए जिसे उसने स्वयं साफ नहीं देखा, वह जजों की सलाह ले सकता है तथा उसके अनुसार अपना फैसला दे सकता है।