PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 परोपकार

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 10 परोपकार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 10 परोपकार

Hindi Guide for Class 7 PSEB परोपकार Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ

सराहना = प्रशंसा करना
दयावान = दयालु
द्रवित = पिघलना
नि:स्वार्थ = स्वार्थ से रहित
वेदना = पीड़ा, कष्ट, दुःख
उदार = दाता, दयालु
ऊर्जा = शक्ति
वरुण = जल का देवता
स्तुति = पूजा
सम्पदा = दौलत, सम्पत्ति
परहित = दूसरों का भला
तरुवर = श्रेष्ठवृक्ष
सरवर = सरोवर
सहर्ष = खुशी-खुशी
तृप्ति = सन्तोष, तसल्ली
भूस्खलन = भूकंप
मूसलाधार = लगातार ज़ोर की वर्षा
विपत्ति = मुसीबत
कर्म = कार्य
शोकग्रस्त = दुःख से पीड़ित
नेक = अच्छे

2. इन मुहावरों और शब्दों का वाक्यों में प्रयोग करें :

फूले न समाना ______________ ______________________
हक्के-बक्के होना ________________ ______________________
मूसलाधार ______________ _____________________
प्राचीन ________________ ______________________
ऊर्जा __________________ __________________
सहानुभूति _________________ ______________________
महर्षि ____________ _________________
बलिदान ________________ ___________________
उत्तर:
फूले न समाना (बहुत प्रसन्न होना) – परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर सुजाता फूली नहीं समा रही थी।
हक्के-बक्के होना (हैरान होना) – दीदी ने जब बच्चों की शरारत पकड़ ली, तो वे हक्के-बक्के रह गए।
मूसलाधार (बहुत तेज़) – बाहर मूसलाधार वर्षा हो रही है।
प्राचीन (पुराना) – दिल्ली में पांडवों के ज़माने का एक प्राचीन किला है।
ऊर्जा (गर्मी, शक्ति) – सूर्य हमें ऊर्जा प्रदान करता है।
सहानुभूति (हमदर्दी) – हमें दीन-दुखियों से सहानुभूति होनी चाहिए।
महर्षि (महान् ऋषि) – महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना की थी।
बलिदान (कुर्बानी) – वीर मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे देते हैं।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 परोपकार

3. विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें:

उपकार = ………………..
परहित = ………………..
दयालु = ………………..
उदार = ……………….
देवता = ……………….
सुर = ………………….
उत्साह = ……………..
उत्तर-शब्द विपरीत शब्द
उपकार अपकार
परहित = स्वहित
दयालु = क्रूर
उदार = अनुदार
देवता = दानव
सुर = असुर
उत्साह = निरुत्साह

4. मन, वाणी और कर्म से परोपकार के कोई दो-दो उदाहरण लिखें:
मन = _____________ , _______________
वाणी = ____________ , _______________
कर्म = ____________ , ________________
उत्तर:
मन से बीमार की सेवा करना, दुखी को दिलासा देना।
वाणी से अच्छे बोल बोलना, निराश को उत्साहित करना।
कर्म से अपंगों-अंधों को सहारा देना, पढ़ाई में पिछड़े साथियों की सहायता करना।

5. प्रयोगात्मक व्याकरण

(1) पर + उपकार = परोपकार
अ + उ = ओ
सुर + ईश = सुरेश
अ + ई = ए
महा + ऋषि = महर्षि
आ + ऋ = अर्
अतः ‘अ’ और ‘आ’ स्वरों के बाद यदि ह्रस्व या दीर्घ ‘उ’, ‘इ’ या ‘ऋ’ स्वर आते हैं तो दोनों के स्थान पर क्रमशः ‘ओ’, ‘ए’ तथा ‘अर्’ हो जाता है। इसे गुण संधि कहते हैं।
नीचे लिखे शब्दों की संधि करें।
सर्व + उत्तम = …………………….
महा + ईश = …………………….
नर + ईश = ………………….
शुभ + इच्छा = …………………
परम + ईश्वर = …………………..
सप्त + ऋषि
उत्तर: संधि
सर्व + उत्तम = सर्वोत्तम
महा + ईश = महेश
नर + ईश = नरेश
शुभ + इच्छा = शुभेच्छा
परम + ईश्वर = परमेश्वर
सप्त + ऋषि = सप्तर्षि

(2) नि:स्वार्थ = निस्स्वार्थ

विसर्ग के बाद ‘स’ होने से विसर्ग को ‘स्’ हो गया तथा शब्द बन गया। निस्स्वार्थ। यह विसर्ग संधि का उदाहरण है।

6. निम्नलिखित समस्त पदों का विग्रह करें

समस्त पद विग्रह समास का नाम
राष्ट्रपति …………. ………………
पशुपक्षी …………. ……………….
रोगपीड़ित ……………. ………………….
शोकग्रस्त …………….. ……………….
पाप-पुण्य ………….. …………………..
उत्तर:
समस्त पद विग्रह समास का नाम
राष्ट्रपति राष्ट्र का पति तत्पुरुष
पशुपक्षी पशु और पक्षी द्वंद्व
रोगपीड़ित रोग से पीड़ित तत्पुरुष
शोकग्रस्त शोक से ग्रस्त तत्पुरुष
शरीरत्याग शरीर का त्याग तत्पुरुष
पाप-पुण्य पाप और पुण्य द्वंद्व

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
अब्राहम लिंकन ने सुअर को कीचड़ में फंसा हुआ देखकर क्या किया ?
उत्तर:
अब्राहम लिंकन सुअर को कीचड़ में फंसा हुआ देखकर उसे कीचड़ से बाहर निकालने के लिए पहने हुए कपड़ों सहित कीचड़ में कूद गया।

प्रश्न 2.
सीनेट के सदस्यों ने लिंकन की सराहना क्यों की ?
उत्तर:
सीनेट के सदस्यों ने लिंकन की सराहना इसलिए की क्योंकि उसने अपनी परवाह न करते हुए कीचड़ में फंसे हुए सुअर को बाहर निकाल दिया था।

प्रश्न 3.
राष्ट्रपति ने अपनी प्रशंसा सुनकर क्या उत्तर दिया ?
उत्तर:
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सुअर पर दया नहीं की बल्कि उसे कीचड़ में फंसा देखकर उन्हें बहुत कष्ट हुआ था, इसलिए उसे बाहर निकाला।

प्रश्न 4.
महर्षि वेद व्यास ने परोपकार का महत्त्व कैसे बताया है ?
उत्तर:
महर्षि वेद व्यास ने परोपकार को सबसे बड़ा पुण्य और परपीड़ा को सब से बड़ा पाप माना है।

प्रश्न 5.
प्राचीन काल में सूर्य, अग्नि आदि को देवता क्यों मानते थे ?
उत्तर:
प्राचीन काल में सूर्य, अग्नि आदि को देवता इसलिए मानते थे क्योंकि वे प्राकृतिक पदार्थों को नि:स्वार्थ भाव से दान में देते थे।

प्रश्न 6.
परोपकारी मनुष्य का लक्ष्य क्या होता है ?
उत्तर:
परोपकारी मनुष्य का लक्ष्य सदा बिना किसी स्वार्थ और भेदभाव के दूसरों का उपकार करना होता है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 परोपकार

प्रश्न 7.
प्राचीन काल के तीन महान् दानियों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्राचीनकाल के तीन महादानी महर्षि दधीचि, महाराज शिवि और दानवीर कर्ण है।

प्रश्न 8.
धन की कौन-सी तीन गतियाँ होती हैं ?
उत्तर:
धन की तीन गतियाँ-दान, भोग और नाश हैं।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
प्रकृति का स्वभाव दूसरों का उपकार करना है।
उत्तर:
प्रकृति बिना किसी स्वार्थ के सबका सदा उपकार करती है। सूर्य ऊर्जा देता है, नदियाँ जल देती हैं, शीतल हवा बहती है। वृक्ष अपने फल और छाया देते हैं। धरती अन्न पैदा करके हमारा पोषण करती है। इस प्रकार प्रकृति का स्वभाव ही दूसरों का उपकार करना है।

प्रश्न 2.
परोपकार में सबसे बड़ी बाधा लालच है |
उत्तर:
परोपकार करने में लालच बाधक बनता है। मनुष्य धन कमाने की लालसा में सदा लगा रहता है। सौ वाला हज़ार, हज़ार वाला लाख और लाखों वाला करोड़ चाहता है। इसी लालच में फंस कर वह परोपकार नहीं करता क्योंकि परोपकार करने में उसका धन खर्च हो जाएगा। वह अपनों को भी पराया कर देता है और उसका जीवन नरक बन जाता
है।

प्रश्न 3.
धन से ही नहीं, प्रत्येक व्यक्ति अपने ढंग से परोपकार कर सकता है। इस पंक्ति की अपने शब्दों में उदाहरण देकर व्याख्या करें।
उत्तर:
परोपकार केवल धन से ही नहीं, मन, वचन और कर्म से भी किया जा सकता है। दुःखियों के प्रति सहानुभूति दिखा कर तथा अपंगों को सहारा दे कर परोपकार किया जा सकता है। पढ़ाई में पिछड़े साथियों को सहयोग देकर तथा निराश व्यक्ति को उत्साहित करना भी परोपकार है। बीमार की सेवा करना भी परोपकार है।

(ग) भाव-बोध

प्रश्न 1.
तब ही लग जीवो भले, दीबो परै न धीम।
महान् कवि रहीम के इस कथन से उनके जीवन (दान-महिमा/दयनीय दशा) पर प्रकाश पड़ता है-अपने शब्दों में स्पष्ट करें।
उत्तर:
इस कथन से कवि यह कहना चाहता है कि मनुष्य का जीना तब तक सफल है तब तक वह दान देता रहता है क्योंकि दान देने से धन कभी कम नहीं होता, इसलिए धन दान देना चाहिए।

प्रश्न 2.
परहित सरिस धरम नहि भाई।
इस कथन को स्पष्ट करें।
उत्तर:
इस कथन का अर्थ है कि हे भाई! इस संसार में दूसरे का कल्याण करने से बढ़ कर कोई धर्म नहीं है, इसलिए परोपकार करते रहो।

PSEB 7th Class Hindi Guide परोपकार Important Questions and Answers

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
सबसे बड़ा धर्म किसे माना जाता है ?
(क) लड़ाई
(ख) ईर्ष्या
(ग) परोपकार
(घ) संघर्ष
उत्तर:
(ग) परोपकार

प्रश्न 2.
राष्ट्रपति लिंकन कहाँ जा रहे थे ?
(क) सीनेट
(ख) संसद
(ग) विधानसभा
(घ) विधान परिषद्
उत्तर:
(क) सीनेट

प्रश्न 3.
कर्ण किस प्रकार के व्यक्ति थे ?
(क) महादानी
(ख) कंजूस
(ग) तलवार बाज
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) महादानी

प्रश्न 4.
लेखक ने किसके समान व्यक्ति को परोपकारी बनने को कहा है ?
(क) असुरों के समान
(ख) सुरों के समान
(ग) प्रकृति के समान
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(ग) प्रकृति के समान

प्रश्न 5.
कबूतरों के प्राणों की रक्षा करने के लिए किसने अपने शरीर का माँस दे दिया था ?
(क) महाराजा शिवि
(ख) महाराजा दशरथ
(ग) महाराजा लव
(घ) महाराजा कुश
उत्तर:
(क) महाराजा शिवि

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
परोपकार करने में ………… बाधा डालता है।
(क) धन का लालच
(ख) शरीर का कष्ट
(ग) मनोविकार
(घ) झूठ
उत्तर
(क) धन का लालच

प्रश्न 2.
महिर्ष वेदव्यास ने ……….को सबसे बड़ा पुण्य माना है।
(क) परपीड़ा
(ख) स्वार्थ
(ग) झूठ
(घ) परोपकार
उत्तर:
(घ) परोपकार

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 परोपकार

प्रश्न 3.
………. ने असुरों का नाश करने के लिए अपना शरीर दान दे दिया था।
(क) महर्षि दधीचि
(ख) कर्ण
(ग) अर्जुन
(ग) रावण
उत्तर:
(क) महिर्ष दधीचि

प्रश्न 4.
दूसरों को ………….सबसे बड़ा पाप है।
(क) सुख देना
(ख) कष्ट देना
(ग) किताब
(घ) कलम
उत्तर:
(ख) कष्ट देना

प्रश्न 5.
परोपकारी व्यक्ति सदा ………… से सबका भला करता है।
(क) उदारता
(ख) अज्ञानता
(ग) स्वार्थ
(घ) कलम
उत्तर:
(क) उदारता

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
परोपकार:
दया
ईष्या
संघर्ष
उत्तर:
दया

प्रश्न 2.
परपीड़ा:
परि की पीड़ा
दूसरे का दर्द
परी का पेड़
उत्तर:
दूसरे का दर्द

प्रश्न 3.
सरोवर:
सिर को वारना
सिर पर वार
तालाब
उत्तर:
तालाब

प्रश्न 4.
दीन:
गरीब
अमीर
उत्तर:
गरीब

परोपकार Summary

परोपकार पाठ का सार

‘परोपकार’ नामक पाठ में लेखक ने परोपकार की महिमा का गुणगान किया है। लेखक अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राह्म लिंकन के जीवन की एक घटना का वर्णन करता है कि एक दिन वे सीनेट जा रहे थे कि रास्ते में उन्हें एक सुअर कीचड़ में फंसा हुआ दिखाई दिया, जो कोशिश करने पर भी कीचड़ से निकल नहीं पा रहा था। वे पहने हुए कपड़ों समेत कीचड़ में कूद कर सुअर को कीचड़ से बाहर निकाल लाए और कीचड़ से सने हुए सीनेट में जा पहुँचे। वहाँ सभी सदस्य उन्हें इस दशा में देखकर हैरान रह गए परन्तु उनसे सारी घटना सुनकर उनकी दयालुता की प्रशंसा करने लगे।

इस घटना से पता चलता है कि मन परोपकार से कोमल होकर दूसरों की हीन दशा देख कर पिघलता है तथा बिना किसी स्वार्थ के उसकी सहायता करता है। इस प्रकार मन की सरलता, कोमलता, करुणा, सहानुभूति, त्याग और बलिदान की भावना से परोपकार होता है। इसलिए परोपकार सबसे बड़ा धर्म माना जाता है। महर्षि वेदव्यास ने परोपकार को सबसे बड़ा पुण्य और दूसरों को कष्ट पहुँचाने अथवा परपीड़ा को सबसे बड़ा पाप माना प्रकृति भी सदा परोपकार करती है। सूर्य का प्रकाश, वर्षा का जल, शीतल वायु, वृक्ष पथिकों छाया देने के साथ पत्थर मारने वाले को फल देते हैं। सूर्य, अग्नि, वायु, वरुण आदि इसी परोपकार की भावना के कारण पूज्य माने जाते हैं। धरती माता के समान हमारा पोषण करती है। कवि रहीम ने भी कहा है कि जैसे पेड़ फल नहीं खाते, सरोवर जल नहीं पीते, वैसे ही परोपकार के लिए अच्छे लोग धन जोड़ते हैं। परोपकारी व्यक्ति सदा उदारता पूर्वक सबका भला करता है। महर्षि दधीचि ने देवताओं को असुरों का नाश करने के लिए अपना शरीर दे दिया था और महाराजा शिवि ने कबूतरों की प्राण रक्षा के लिए अपने शरीर का माँस दे दिया था ! कर्ण महादानी थे जिन्होंने अपने कवच-कुण्डल तक दान में दे दिए थे।

परोपकार करने में धन का लालच बाधा डालता है। इसलिए धन का लालच नहीं करना चाहिए तथा दीनों, अनाथों, अपंगों, रोगियों की सदा सहायता करनी चाहिए। परोपकार केवल धन से ही नहीं मन, वाणी और कर्म द्वारा भी किया जा सकता है। दुखी को दिलासा देना, अपंगों को सहारा देना, अनपढ़ों को पढ़ाना आदि भी परोपकार है। इसलिए तुलसीदास जी कहते हैं कि संसार में परोपकार से बढ़ कर कोई धर्म नहीं है और परपीड़ा अथवा दूसरों को कष्ट देने के समान कोई पाप नहीं है।

PSEB 7th Class Maths MCQ Chapter 12 Algebraic Expressions

Punjab State Board PSEB 7th Class Maths Book Solutions Chapter 12 Algebraic Expressions MCQ Questions with Answers.

PSEB 7th Class Maths Chapter 12 Algebraic Expressions MCQ Questions

Multiple Choice Questions :

Question 1.
On subtracting 9 from -q, we get:
(a) 9 – q
(b) q – 9
(c) 9 + q
(d) 9 – q
Answer:
(b) q – 9

Question 2.
The numerical coefficient of variable in expression 5 – 3t2 is :
(a) 3
(b) -3
(c) – 32
(d) 2
Answer:
(b) -3

Question 3.
In the expression 5y2 + 7x, the coefficient of y2 is :
(a) 5
(b) 7
(c) -5
(d) 2
Answer:
(a) 5

Question 4.
The sum of 3mn, -5mn, 8mn, -4mn is :
(a) 10 mn
(b) – 8 mn
(c) 12 mn
(d) 2 mn.
Answer:
(d) 2 mn.

PSEB 7th Class Maths MCQ Chapter 12 Algebraic Expressions

Question 5.
If m = 2, the value of 3m – 5 is :
(a) 6
(b) 1
(c) 11
(d) -1.
Answer:
(b) 1

Question 6.
If m = 2, the value of 9 – 5m is :
(a) -1
(b) 1
(c) 19
(d) 13
Answer:
(a) -1

Question 7.
If p = – 2, the value of 4p + 7 is :
(a) 15
(b) 18
(c) 20
(d) -1.
Answer:
(d) -1.

Question 8.
If a = 2, b = – 2, the value of a2 + b2 is :
(a) 0
(b) 4
(c) 8
(d) 10
Answer:
(c) 8

PSEB 7th Class Maths MCQ Chapter 12 Algebraic Expressions

Fill in the blanks :

Question 1.
On subtracting 5 from x we get ……………
Answer:
x – 5

Question 2.
The vable of 4x + 7 for x = 2 is ……………
Answer:
15

Question 3.
The sum of -4xy, 2xy, 3xy is ……………
Answer:
xy

Question 4.
A symbol having a fixed numerical value is called ……………
Answer:
constant

Question 5.
Binomial has …………… terms.
Answer:
two

PSEB 7th Class Maths MCQ Chapter 12 Algebraic Expressions

Write True or False :

Question 1.
Every number is a constant. (True/False)
Answer:
True

Question 2.
A symbol which takes on various numerical value is called a variable (True/False)
Answer:
True

Question 3.
Expressions are formed by addition of terms. (True/False)
Answer:
False

Question 4.
7 and 12xy are like terms. (True/False)
Answer:
False

Question 5.
The coefficient of x in 2x + 3y = 6 is 3. (True/False)
Answer:
False

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 पुष्प की अभिलाषा

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 9 पुष्प की अभिलाषा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 9 पुष्प की अभिलाषा

Hindi Guide for Class 7 PSEB पुष्प की अभिलाषा Textbook Questions and Answers

(क) भाषा बोध

1. शब्दार्थ
शब्दों के अर्थ कविता के सरलार्थों के साथ दे दिए हैं।

चाह = इच्छा
सुरबाला = देवता की लड़की, देवागना
शव = मृत शरीर
वनमाली = माली
शीश = सर
पाथ = मार्ग

2. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें:

अभिलाषा = …………………..
बाला = …………………..
पुष्प = …………………….
सुर = ………………….
सम्राट = …………………..
पथ = ……………………
वीर = ……………………..
हरि = …………………
उत्तर:
शब्द पर्यायवाची शब्द
अभिलाषा = इच्छा, कामना, आकांक्षा
बाला = कन्या, बालिका, लड़की
पुष्प = कुसुम, सुमन, फूल
सुर = अमर, देवता, देव
सम्राट = नरेश, महाराजा, राजन
पथ = रास्ता, मार्ग, राह
वीर = बलवान, बहादुर, बलवीर
हरि = प्रभु, ईश्वर, विष्णु

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 पुष्प की अभिलाषा

3. इन शब्दों के अलग-अलग अर्थ लिखते हुए वाक्य बनाएँ:

(1) सुर = ………………..
सूर = ………………..
(2) हरि = ………………….
हरी = …………………
(3) बाला = ……………….
वाला = ……………
(4) वन = ………………..
बन = ………………
(5) पथ = …………………
पंथ = ………………..
(6) सिर = ……………..
सिरा = ………………….
उत्तर:
शब्द अर्थ वाक्य
सुर = देवता – सुरों के सिर पर चढ़कर पुष्प गर्व नहीं करना चाहता।
सूर = अंधा- वह सूरदास बहुत अच्छा गाता है।
हरि = ईश्वर- हे हरि! सब पर कृपा करना।
हरी = हरे रंग की – सुधा को हरी साड़ी पसंद है।
बाला = कन्या – वह बाला बहुत समझदार है।
वाला = किसी का – गोपाल रुचि का घरवाला है।
वन = जंगल – पठानकोट के पास घने वन हैं।
बन = समूह – भेड़ों के बन चरने जा रहे हैं।
पथ = रास्ता – यह पथ टूटा-फूटा है
पंथ = धर्म संप्रदाय/मत – हमें सभी पंथों का आदर करना चाहिए।
सिर = शीश – वीर सिर कटा सकते हैं परन्तु झुका नहीं सकते।
सिरा = कोना – इस दीवार को सिरे से नापो।

4. इन शब्दों के लिंग परिवर्तन करें :

सुरबाला = ………………..
प्रेमी = …………………
सम्राट = ………………
देव = ……………………
माली = ……………….
वीर = …………………
उत्तर:
मूल शब्द परिवर्तित लिंग
सुरबाला = सुरबाल
प्रेमी = प्रेमिका
सम्राट = साम्राज्ञी
देव = देवी
माली = मालिन
वीर = वीरांगना

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
पुष्प की क्या-क्या इच्छा नहीं है ?
उत्तर:
पुष्प देवकन्या के गहनों में नहीं गूंथा जाना चाहता। वह प्रेमी की माला में नहीं बींधना चाहता। वह सम्राटों के शवों और देवताओं के सिरों पर भी नहीं रखा जाना चाहता।

प्रश्न 2.
उसकी इच्छा क्या है ?
उत्तर:
पुष्प उस मार्ग पर बिखरना चाहता है जहाँ से बलिदानी वीर अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान देने के लिए निकलते हैं।

प्रश्न 3.
इस कविता के कवि का नाम लिखें।
उत्तर:
इस कविता के कवि श्री माखन लाल चतुर्वेदी हैं।

2. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

प्रश्न 1.
इस कविता में व्यक्ति के हित की अपेक्षा देश के हित की बात कही गई है। कैसे? स्पष्ट करें।
उत्तर:
‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता में कवि ने पुष्प के माध्यम से स्पष्ट किया है कि व्यक्ति के अपने निजी स्वार्थों की अपेक्षा देश का हित सब से ऊपर है। फूल देवकन्या के गहनों में, प्रेमी की माला में गुँथने को अच्छा नहीं समझता। वह सम्राटों के शवों अथवा देवताओं के सिरों पर भी नहीं चढ़ना चाहता। वह तो उस रास्ते पर फेंका जाना पसंद करता है, जहाँ से मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान देने वीर जाते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि फूल अपना कल्याण करने के स्थान पर देश पर बलिदान देने वालों पर न्योछावर हो पुस्तकीय भाग कर हमें यह संदेश देता है कि अपना हित साधने की अपेक्षा देश का हित करना चाहिए।

प्रश्न 2.
इन काव्य पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें:
मुझे तोड़ …………. वीर अनेक
उत्तर:
सप्रसंग व्याख्या के लिए क्रमांक तीन सप्रसंग सरलार्थ देखिए।

प्रश्न 3.
यह छोटी सी कविता देशप्रेमियों के लिए प्रेरणास्त्रोत रही है। राष्ट्र हित व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर है। यदि आपके समक्ष कोई ऐसी परिस्थिति बन जाए तो आप किसे चुनना पसन्द करेंगे ? व्यक्तिगत स्वार्थ या राष्ट्र हित और क्यों ?
उत्तर:
ऐसी स्थिति में मैं व्यक्तिगत स्वार्थ के स्थान पर राष्ट्रहित चुनना पसंद करूँगा क्योंकि राष्ट्र के हित में ही हम सब का कल्याण है। राष्ट्र यदि खुशहाल होगा तो हमारा जीवन भी सुखी होगा। राष्ट्र की सुरक्षा में ही हमारी सुरक्षा है। राष्ट्र है तो हम है, राष्ट्र नहीं होगा तो हम भी नहीं होंगे। इसलिए व्यक्तिगत स्वार्थ से राष्ट्रहित ही सब से ऊपर होना चाहिए।

प्रश्न 4.
हमें अपने देश की उन्नति के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
हमें अपने देश की उन्नति के लिए अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए गलत कार्य नहीं करने चाहिए। हमें देश की उन्नति के लिए ईमानदारी से अपना काम करना चाहिए। हमें भ्रष्टाचार, काला बाज़ारी, जमाखोरी आदि का विरोध करते हुए सादा, सच्चा तथा ईमानदार जीवन व्यतीत करना चाहिए। अपने अधिकारों और कर्तव्यों का पालन करते हुए देश के विकास में योगदान देना चाहिए। अनुशासित राष्ट्र उन्नत होता है, इसलिए हमें स्वयं अनुशासन का पालन करते हुए दूसरों को भी अनुशासित करना चाहिए।

PSEB 7th Class Hindi Guide पुष्प की अभिलाषा Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

प्रश्न 1.
‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता के रचनाकार कौन हैं ?
(क) माखन लाल चतुर्वेदी
(ख) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(ग) धर्मवीर भारती
(घ) महादेवी वर्मा
उत्तर:
(क) माखन लाल चतुर्वेदी।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 पुष्प की अभिलाषा

प्रश्न 2.
पुष्प किससे प्रार्थना करता है ?
(क) वृक्षों से
(ख) परमात्मा से
(ग) नदियों से
(घ) मनुष्यों से
उत्तर:
(ख) परमात्मा से

प्रश्न 3.
पुष्प किसके गहनों में पिरोया जाना चाहता है ?
(क) मनुष्य
(ख) देवताओं की कन्याओं
(ग) राक्षस
(घ) सैनिकों
उत्तर:
(ख) देवताओं की कन्याओं

प्रश्न 4.
पुष्प किसके शवों पर नहीं गिरना चाहता ?
(क) मनुष्य
(ख) सैनिक
(ग) सम्राटों
(घ) विद्यार्थियों
उत्तर:
(ग) सम्राटों

प्रश्न 5.
पुष्प देवताओं के मस्तक पर बैठकर क्या नहीं बनना चाहता ?
(क) अहंकारी
(ख) दयालु
(ग) झगड़ालू
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) अहंकारी

2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित विकल्पों से कीजिए

प्रश्न 1.
फूल अपना जीवन …… को प्रसन्न करने के लिए नष्ट नहीं करना चाहता।
(क) देव कन्याओं
(ख) नेताओं
(ग) मालिक
(घ) खिलाड़ियों
उत्तर:
(क) देव कन्याओं

प्रश्न 2.
पुष्प माली से उसे ……… पर बलिदान देने वाले वीरों के चरणों के नीचे फैंक देने को कहता है।
(क) नेताओं
(ख) परिवार
(ग) मातृभूमि
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) मातृभूमि

प्रश्न 3.
‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता में व्यक्ति के हित की अपेक्षा …………. की बात कही गयी है।
(क) देशहित
(ख) परहित
(ग) परिवारहित
(ग) पत्नीहित
उत्तर:
(क) देशहित

प्रश्न 4.
फूल देवताओं के सिर पर नहीं ………… चाहता।
(क) गाना
(ख) नाचना
(ग) उतरना
(घ) चढ़ना
उत्तर:
(घ) चढ़ना

प्रश्न 5.
मातृभूमि की रक्षा करने के लिए बलिदान देने ………… जाते हैं।
(क) वीर
(ख) कायर
(ग) बच्चे
(घ) बड़े
उत्तर:
(क) वीर

3. दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
मस्तक:
माथा
मस्त
मस्ताना
उत्तर:
माथा।

प्रश्न 2.
देवकन्या:
देवता
कन्या
देवताओं की लड़की
उत्तर:
देवताओं की लड़की

प्रश्न 3.
अभिलाषा:
अभियंता
इच्छा
अबलाशा
उत्तर:
इच्छा

प्रश्न 4.
शव:
मृत शरीर
सेब
शवना
उत्तर:
मृत शरीर

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 पुष्प की अभिलाषा

सप्रसंग सरलार्थ

1. चाह नहीं, मैं सुरबाला के
गहनों में गँथा जाऊँ।
चाह नहीं, प्रेमी माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ।

शब्दार्थ:
चाह = इच्छा, कामना। सुरबाला = देवकन्या, देवताओं की लड़की गूंथा = पिरोया। बिंध = बींधा जाना। ललचाऊँ = मोहित करना।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘माखन लाल चतुर्वेदी’ द्वारा रचित कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ से लिया गया है, जिसमें कवि ने बलिदानी वीरों के प्रति पुष्प की इच्छा व्यक्त की है।

सरलार्थ:
कवि लिखता है कि पुष्प अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए कहता है कि उसकी यह इच्छा नहीं है कि उसे किसी देवकन्या के गहनों में गूंथा जाए। उसकी यह भी कामना नहीं है कि वह किसी प्रेमी की माला में बींधा जा कर उसकी प्रेमिका को मोहित करे।

भाव:
फूल अपना जीवन देव कन्याओं अथवा किसी प्रेमी की प्रेमिका को प्रसन्न करने के लिए नष्ट नहीं करना चाहता।

2. चाह नहीं, सम्राटों के शव पर,
हे हरि, डाला जाऊँ
चाह नहीं, देवों के सर पर
चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ॥

शब्दार्थ:
चाह = इच्छा, कामना। सम्राट = महाराजा। शव = मरा हुआ शरीर। इठलाऊँ = अक, अहंकार करूँ, गर्व करूँ।

प्रसंग:
यह पद्यांश माखन लाल चतुर्वेदी’ द्वारा रचित कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ से लिया गया है, जिस में पुष्प चाहता है कि उसे बलिदानी वीरों पर न्योछावर किया जाए।

सरलार्थ:
कवि पुष्प की कामना लिखता है कि हे प्रभु! वह यह नहीं चाहता कि उसे मरे हुए सम्राटों के ऊपर डाला जाए। वह यह भी नहीं चाहता कि वह देवताओं के सिर पर चढ़ाया जाए और वह इसे अपना भाग्य समझ कर अपने ऊपर गर्व करने लगे।

भाव:
फूल न तो सम्राटों के शवों पर गिरना चाहता है और न ही देवताओं के सिरों पर चढ़ कर अपने पर गर्व करना चाहता है।

3. मुझे तोड़ लेना वनमाली,
उस पथ पर तुम देना फेंक।
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक॥

शब्दार्थ:
वनमाली = जंगल का माली। पथ = रास्ता, मार्ग। मातृभूमि = अपनी जन्म भूमि, अपना देश। शीश चढ़ाने = बलिदान देने, सिर चढ़ाने।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘माखन लाल चतुर्वेदी’ द्वारा रचित कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ से लिया गया है, जिस में कवि ने पुष्प की यह इच्छा व्यक्त की है कि उसे वीरों के बलिदानी पथ पर बिखेर दिया जाए।

सरलार्थ:
कवि पुष्प की अभिलाषा बताते हुए लिखता है कि फूल वन के माली को कहता है कि उसे तोड़ कर तुम उस रास्ते पर फेंक देना जिस पर अपनी मातृभूमि पर अपना बलिदान देने के लिए अनेक वीर जा रहे हों।

भाव:
फूल चाहता है कि वह उन वीरों के चरणों पर न्योछावर हो जाए जो अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान देने जा रहे हों।

पुष्प की अभिलाषा Summary

पुष्प की अभिलाषा कविता का सार

‘पुष्प की अभिलाषा’ देश प्रेम की कविता है, जिसमें पुष्प परमात्मा से प्रार्थना करता है कि उसे बलिदानी वीरों के कदमों पर न्योछावर किया जाए। कवि पुष्प की इच्छा बताते हुए लिखता है कि वह यह नहीं चाहता कि उसे देवताओं की कन्याओं के गहनों में पिरोया जाए अथवा प्रेमी की माला में पिरोया जा कर प्रेमिका को मुग्ध करे। वह सम्राटों के शवों पर भी नहीं गिरना चाहता और न ही देवताओं के मस्तक पर बैठकर अहंकारी बनना चाहता है। वह चाहता है कि उसे तोड़ कर उस रास्ते पर फेंक दिया जाए जिस रास्ते से मातृभूमि पर अपना बलिदान देने अनेक वीर जा रहे हों।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 चन्दन का पेड़

Hindi Guide for Class 7 PSEB चन्दन का पेड़ Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

1. शब्दार्थ

भूस्खलन = मिट्टी और पत्थर के ढेर का पहाड़ से खिसककर नीचे गिरना
ग्रास = निवाला, कौर
अनिच्छा = न चाहते हुए भी, बिना इच्छा के
अतिक्रमण = मर्यादा का उल्लंघन, सीमा को तोड़ना
श्रवण शक्ति = सुनने की ताकत
स्पर्श = छूना
देह-शरीर
सांत्वना = तसल्ली, ढांढस बंधना
गिरफ्तार-कैद करना
प्रधानाचार्य = प्रिंसीपल, स्कूल का मुखिया
मुदालियर = गाँव की पुलिस चौकी का हैड कांस्टेबल
अधीरता = बेसब्री
सतर्क = होशियार
नेतृत्व = सरदारी, अगुवाई
एकाग्र = एकाचित होकर
किर्र-किर्र का स्वर = लकड़ी चीरने का स्वर
पुष्टि = तसल्ली
प्रमाण = सबूत
अवैध = न्याय के विरुद्ध, अनुचित

2. इन शब्दों और मुहावरों के अर्थ लिखते हुए वाक्य बनाएँ:

अतिक्रमण ________________ _________________________
गिरफ्तार ________________ _________________________
अवैध ________________ ________________________
चैन की साँस लेना _______________ ____________________
भंडाफोड़ करना ______________  _______________
प्रधानाचार्य _______________ ______________________
उत्तर:
अतिक्रमण (सीमा का उल्लंघन) – कुछ लोगों ने नगर-निगम की ज़मीन पर अतिक्रमण करके अपने घर बना लिए हैं।
गिरफ़्तार (कैद करना) – पुलिस ने डकैतों को जंगल से गिरफ्तार कर लिया।
अवैध (अनुचित, कानून के विरुद्ध) – दुकानदारों ने सड़कों पर अवैध रूप से कब्जा करके अपने सामान सजा लिए हैं।
चैन की साँस लेना (आराम से रहना) – परीक्षाओं के समाप्त होने पर विद्यार्थियों ने चैन की साँस ली।
भंडाफोड़ करना (राज खोलना) – सुनन्दा ने चन्दन की लकड़ी की चोरी में मुदालियर का भंडाफोड़ कर उसे सजा दिलाई।
प्रधानाचार्य (मुख्य अध्यापक) – डॉक्टर रत्न चन्द्र शर्मा हमारे विद्यालय के श्रेष्ठ प्रधानाचार्य थे।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़

(ख) विचार-बोध

1. इन प्रश्नों के उत्तर: एक या दो वाक्यों में लिखें:

(क) सुनन्दा कहाँ रहती थी ?
उत्तर:
सुनन्दा पूर्वीघाट में करीमुनाई गाँव के नज़दीक रहती थी।

(ख) उसका साथी कौन था ?
उत्तर:
सुनन्दा का साथी गुगु नाम का कुत्ता था।

(ग) सुनन्दा के माता-पिता किस प्राकृतिक आपदा का ग्रास बन गए थे ?
उत्तर:
सुनन्दा के माता-पिता भूस्खलन आपदा के ग्रास बन गए थे।

(घ) रावगुरु कौन थे ?
उत्तर:
रावगुरु गाँव के स्कूल के प्रधानाचार्य थे।

(ङ) भू-स्खलन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
भूस्खलन चट्टानों और मिट्टी के धरती के नीचे हलचल होने से पहाड़ से नीचे गिरने को कहते हैं।

(च) मुदालियर कौन था ?
उत्तर:
मुदालियर गाँव की पुलिस चौकी का हैडकांस्टेबल था।

(छ) उसने रमेश को क्या कहा ?
उत्तर:
मुदालियर ने रमेश को ज्यादा चन्दन के पेड़ काटने से रोका क्योंकि रात के दो बज गए थे और चन्दन की लकड़ी की बिक्री से दस प्रतिशत देने के लिए कहा।

(ज) सुनन्दा को इनाम क्यों दिया गया ?
उत्तर:
सुनन्दा को इनाम इसलिए दिया गया क्योंकि उसने चन्दन की लकड़ी के चोरों का भंडाफोड़ किया था।

(झ) रावगुरु ने सुनन्दा को राष्ट्रीय अन्धमहाविद्यालय में भर्ती करवाने का निश्चय क्यों किया ?
उत्तर:
रावगुरु ने सुनन्दा को राष्ट्रीय अन्धविद्यालय में इसलिए भर्ती करवाना चाहा, जिससे वह कुछ अपने फायदे के काम सीख सके।

2. इन प्रश्नों के उत्तर: चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

(क) पेड़ों की अवैध कटाई से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
पेड़ों की अवैध कटाई का संबंध उन पेड़ों की कटाई से है जिन्हें सरकार ने काटने से मना किया हुआ है। उन्हें काटना अपराध माना जाता है। उन्हें काटने वालों को अपराधी सिद्ध कर जेल में बंद कर दिया जाता है। चंदन जैसे बहुमूल्य पेड़ सभी जगहों पर पुस्तकीय भाग नहीं उगाए जा सकते। उन्हें उगाने के लिए विशेष परिस्थितियों और मौसम की आवश्यकता होती है। कुछ लालची लोग धन कमाने के लिए उन्हें चोरी-छिपे काट कर बेच देते हैं जिसे अवैध कटाई कहते हैं।

(ख) सुनन्दा को कैसे पता चला कि ये पेड़ चन्दन के हैं ?
उत्तर:
सुनन्दा अपनी नेत्र ज्योति खोने के बाद अपने कुत्ते के साथ अकेली ही आसपास की पहाड़ियों में चली जाया करती थी। एक दोपहर उसे जंगल में चंदन की सुगंध से युक्त हवा का झोंका अनुभव हुआ। उस दिन जंगल में कोयल की कूक भी उसे सुनाई नहीं दी थी। जिस पेड़ का सहारा ले कर प्रायः बैठा करती थी वह कटा हुआ था। उसके आसपास के पेड़ भी कटे हुए थे। कटे हुए तने के ठूठ को सूंघने और उस स्थान पर पत्थर को रगड़ कर सूंघने से सुनन्दा को पता चल गया था कि पेड़ चन्दन के थे।

(ग) सुनन्दा ने चन्दन की लकड़ी के तस्करों को कैसे पकड़वाया ?
उत्तर:
सुनन्दा को जब चन्दन के पेड़ों की चोरी का शक हुआ तो उसने इस विषय में रावगुरु से बात की। उन्होंने गाँव की पुलिस चौकी के हैड-कांस्टेबल मुदालियर से शिकायत की पर वह इस विषय में कुछ नहीं बोला। सुनन्दा अपने गुगु के साथ सुबह-सवेरे चन्दन क्षेत्र में चली गई। वहाँ एक झाड़ी के पीछे छिपकर बैठ गई। कुछ देर बाद उसे मुदालियर की आवाज़ सुनाई दी पर इस से अधिक वहाँ कुछ नहीं हुआ। अगली रात ग्यारह बजे सुनन्दा और गुगु दोनों फिर वहीं गए। उन्हें वहाँ किर्र-किर्र की आवाज़ सुनाई दी। वहाँ वाहनों की आवाज़ भी थी। उसने रमेश नामक तस्कर और मुदालियर की बातचीत को सुना। अगले दिन रावगुरु ने उटकमंड के पुलिस मुख्यालय में इसकी शिकायत की। सुनन्दा की गवाही और जाँच के बाद तस्करों को पकड़ लिया गया।

(घ) यदि आप को किसी अवैध घटना का पता चले तो आप क्या करोगे ?
उत्तर:
यदि मुझे किसी अवैध घटना का पता चला तो मैं भी सुनन्दा की तरह उस विषय के बारे में अपने मम्मी-पापा को बताऊँगा। उनके साथ जा कर पुलिस अधिकारी को शिकायत करूँगा। अपराधियों को पकड़वाऊँगा। ऐसा कर के मैं अपने समाज और देश की सेवा करूँगा।

3. बहुवचन रूप लिखें:

बकरी = ………………..
सिसकी = ………………..
पहाड़ी = ………………..
लड़की = ………………..
लकड़ी = ………………..
झपकी = ………………..
उत्तर:
बकरी = बकरियाँ
सिसकी = सिसकियाँ
पहाड़ी = पहाड़ियाँ
लड़की = लड़कियाँ
लकड़ी = लकड़ियाँ
झपकी = झपकियाँ

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़

4. विलोम शब्द लिखें:

अनिच्छा, निम्न, पहाड़ी, अन्धकार
उत्तर:
शब्द = विलोम
1. अनिच्छा = इच्छा
2. निम्न = उच्च
3. पहाड़ी = मैदानी
4. अन्धकार = उजाला

5. ‘ता’ लगाकर भाववाचक संज्ञा बनायें:

अधीर + ता = ……………………..
सतर्क + ता = …………………….
एकाग्र + ता = ……………………
उत्तर::
अधीर + ता = अधीरता
सतर्क + ता = सतर्कता
एकाग्र + ता = एकाग्रता

6. प्रयोगात्मक व्याकरण

संधि संधि विच्छेद
दुर्घटना = दु+घटना उपर्युक्त

उदाहरण में ‘उ’ के बाद विसर्ग है तथा बाद में ‘क’ वर्ग का चौथा वर्ग है, इसलिए विसर्ग को र् हो गया।

अन्य उदाहरण

निः + मल = निर्मल
निः + धन = निर्धन
दु: + जन = दुर्जन
आशी: + वाद = आशीर्वाद

अतएव विसर्ग से पूर्व अ, आ को छोड़कर यदि कोई दूसरा स्वर हो तो परे वर्ग का तीसरा, चौथा, पाँचवाँ वर्ण हो या य, र, ल, व, ह में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग को र् हो जाता है।
समस्त पद विग्रह
माता-पिता = माता और पिता

उपुर्यक्त समस्त पद बनाते समय और योजक का लोप हो गया है तथा उसकी जगह योजक चिह्न (-) लग गया है, इसे दोनों प्रधान होते हैं।

अतएव जिस समास में दोनों पद प्रधान हों, उसे द्वंद्व समास कहते हैं।

अन्य उदाहरण

समस्त पद विग्रह
देवी-देवता = देवी और देवता
मामा-मामी = मामा और मामी
अंधेरा-उजाला = अंधेरा और उजाला
ऊपर-नीचे = ऊपर और नीचे

पुस्तकीय भाग निम्नलिखित की संधि करें:

  1. प्रधान+आचार्य = …………………..
  2. वि+अवहार = …………………..
  3. प्रति+ईक्षा = …………………..
  4. पद+अधिकारी = …………………..
  5. मुख्य+आलय = …………………..
  6. सु+आगत = …………………..

उत्तर:-संधि

  1. प्रधान+आचार्य = प्रधानाचार्य
  2. वि+अवहार = व्यवहार
  3. प्रति ईक्षा = प्रतीक्षा
  4. पद+अधिकारी = पदाधिकारी
  5. मुख्य+आलय = मुख्यालय
  6. सु+आगत = स्वागत

(2) शब्दांश+मूल शब्द (अर्थ) = नवीन शब्द (अर्थ)
अ+वैध (विधि के अनुकूल) = अवैध (विधि के प्रतिकूल)
अनु+मान (परिमाण) = अनुमान (अंदाजा)

उपर्युक्त मूल शब्द वैध में अ शब्दांश लगाने से अवैध तथा मान में ‘अनु’ शब्दांश लगाने से ‘अनुमान’ नवीन शब्द बने हैं तथा उनके अर्थ में भी परिवर्तन आ गया है। ये ‘अ’ तथा ‘अनु’ उपसर्ग हैं। अतएव जो शब्दांश किसी शब्द के शुरू में जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं।

(3) मूल शब्द (अर्थ) + शब्दांश = नवीन शब्द (अर्थ)
पहाड़ (पर्वत) + ई = पहाड़ी (पहाड़ी सम्बन्धी) पहाड़ पर मिलने वाला
छाया (वातावरण जहाँ प्रकाश = छायादार (जो छाया करने वाला हो) की किरण आवरण के कारण
न पहुँच सके) + दार

उपर्युक्त मूल शब्द पहाड़ में ‘ई’ लगाने से पहाड़ी तथा छाया शब्द में ‘दार’ लगाने से ‘छायादार’ नवीन शब्द बने हैं तथा उनके अर्थ में भी परिवर्तन आ गया है। ये ‘ई’ तथा ‘दार’ प्रत्यय है।

अतएव जो शब्दांश किसी के शब्द के अंत में जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं।

PSEB 7th Class Hindi Guide चन्दन का पेड़ Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प चुनकर लिखिए

(1) रावगुरु कौन थे ?
(क) अध्यापक
(ख) प्रधानाचार्य
(ग) मुख्याध्यापक
(घ) चपड़ासी
उत्तर:
(ख) प्रधानाचार्य

(2) कुत्ते का क्या नाम था ?
(क) गुगु
(ख) रिंकी
(ग) टामी
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) गुगु।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 चन्दन का पेड़

‌(3)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌को‌ ‌जब‌ ‌होश‌ ‌आया‌ ‌था,‌ ‌तब‌ ‌वह‌ ‌किसके‌ ‌घर‌ ‌थी‌ ‌?‌
‌(क)‌ राहुल‌ ‌के‌ ‌
(ख)‌ ‌चंदन‌ ‌के‌ ‌
(ग)‌ ‌इंद्रजीत‌ ‌के‌ ‌
(घ)‌ ‌रावगुरु‌ ‌के
‌उत्तर:
(घ)‌ ‌रावगुरु‌ ‌के

‌(4)‌ ‌नुकीली‌ ‌चीज़‌ ‌लगने‌ ‌से‌ ‌सुनन्दा‌ ‌को‌ ‌क्या‌ ‌हुआ‌ ‌था‌ ‌?‌ ‌
(क)‌ बहरी‌ ‌
(ख)‌ ‌अन्धी‌
‌(ग)‌ ‌गूंगी‌ ‌
(घ)‌ ‌लंगड़ी
‌उत्तर:
(ख)‌ ‌अन्धी

‌(5)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌के‌ ‌तेरह‌ ‌वर्ष‌ ‌के‌ ‌होने‌ ‌पर‌ ‌कौन-सी‌ ‌आपदा‌ ‌आई‌ ‌थी‌ ‌?‌
‌(क)‌ ‌भूस्खलन‌ ‌
(ख)‌ ‌बाढ़‌
‌(ग)‌ ‌सूखा‌ ‌
(घ)‌ ‌बिजली‌ ‌गिरी
‌उत्तर:
(क)‌ ‌भूस्खलन

‌प्रश्न‌ ‌2.
‌निम्नलिखित‌ ‌रिक्त‌ ‌स्थानों‌ ‌की‌ ‌पूर्ति‌ ‌उचित‌ ‌विकल्पों‌ से‌ ‌कीजिए

(1)‌ ‌सुनंदा‌ ‌ने‌ ‌……….‌ ‌को‌ ‌रात‌ ‌की‌ ‌सारी‌ ‌घटना‌ ‌बता‌ ‌दी।‌
‌(क)‌ ‌रावगुरु‌ ‌को‌ ‌
(ख)‌ ‌वेदांत‌ ‌को‌
‌(ग)‌ ‌अनिल‌ ‌को‌ ‌
(घ)‌ ‌मनोज‌ ‌को
‌उत्तर:
(क)‌ ‌रावगुरु‌ ‌को।‌

‌(2)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌……….‌ ‌वर्षीय‌ ‌लड़की‌ ‌थी।‌
‌(क)‌ ‌पंद्रह‌ ‌
(ख)‌ ‌तेरह‌
‌(ग)‌ ‌चौदह‌ ‌
(घ)‌ ‌बीस
‌उत्तर:
(ख)‌ ‌तेरह

‌(3)‌ ‌’यहाँ‌ ‌क्या‌ ‌मेरी‌ ‌तरह‌ ‌गश्त‌ ‌कर‌ ‌रहे‌ ‌हो’‌ ‌वाक्य‌ ‌…….‌ ‌का‌ ‌है।‌ ‌
(क)‌ ‌मुदालियर‌ ‌
(ख)‌ ‌रावगुरु‌
‌(ग)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌
(घ)‌ ‌चंदन।‌ ‌
उत्तर:
(क)‌ ‌मुदालियर

‌(4)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌पेड़ों‌ ‌के‌ ‌पास‌ ‌………..‌ ‌बजे‌ ‌गई‌ ‌थी।‌
‌(क)‌ ‌बारह‌ ‌बजे‌ ‌
(ख)‌ ‌दो‌ ‌बजे‌
‌(ग)‌ ‌ग्यारह‌ ‌बजे‌ ‌
(घ)‌ ‌दस‌ ‌बजे
‌उत्तर:
(ग)‌ ‌ग्यारह‌ ‌बजे

‌(5)‌ ‌सुनन्दा‌ ‌गुगु‌ ‌को‌ ‌…………से‌ ‌खींच‌ ‌कर‌ ‌लाई।‌
‌(क)‌ ‌पैर‌ ‌से‌ ‌
(ख)‌ ‌पूँछ‌ ‌से‌
‌(ग)‌ ‌पट्टे‌ ‌से‌ ‌
(घ)‌ ‌गर्दन‌ ‌से
‌उत्तर:
(ग)‌ ‌पट्टे‌ ‌से

प्रश्न 3.
दिए गए शब्द का सही अर्थ से मिलान कीजिए

(1) अगुवाई:
पितृत्व
मातृत्व
नेतृत्व
उत्तर:
नेतृत्व।

(2) दूंठ:
बिना फूल पत्तों वाला पेड़
ठठेरा
ठिगना
उत्तर:
बिना फूल पत्तों वाला पेड़।

(3) स्पर्श:
संघर्ष
छूना
स्कंद
उत्तर:
छूना।

(4) कौर:
करना
करवाना
निवाला
उत्तर:
निवाला।

चन्दन का पेड़ Summary

चन्दन का पेड़ पाठ का सार

‘चन्दन का पेड़’ एक तेरह वर्षीय अन्धी लड़की सुनन्दा की कहानी है, जो अपनी सूझबूझ से चन्दन के पेड़ों की अवैध कटाई करने वालों को पकड़वा देती है। वह अपने माता-पिता के साथ पूर्वी घाट में करीमुनाई गाँव में रहती थी। उसके पिता पहाडी की ढलान पर सीढ़ीनुमा ज़मीन पर खेती करते थे तथा माँ बकरियों की देखभाल करती थी। वह उन दोनों की सहायता करने के साथ-साथ स्कूल पढ़ने भी जाती थी। उसका साथी गुगु नाम का कुत्ता था, जिस दिन वह तेरह वर्ष की हुई, उसी दिन भूस्खलन हुआ, जिसमें उसके माता-पिता और बकरियाँ मर गईं और वह पहाड़ी से फिसल कर ऐसे गिरी कि उसकी आँखों में कोई नुकीली चीज़ लगी तथा वह बेहोश हो गई। नुकीली चीज़ से लगी चोट के कारण वह अन्धी हो गई। जब उसे होश आया तो वह गाँव के स्कूल के प्रधानाचार्य रावगुरु के घर में थी। गुगु कुत्ता भी वहीं था। वह उनके घर में रहने लगी तथा रावगुरु की पत्नी को मामी कहने लगी। वे उसका बहुत ध्यान रखते थे। उसे स्कूल भी भेजना चाहते थे परन्तु उसने घर पर ही रहना स्वीकार किया।

सुनन्दा धीरे-धीरे अपनी अन्धेरी दुनिया की आदी हो गई। गुगु उसके साथ रहता था। वह मामी की पूजा के लिए फूलों की माला पिरोने लगी। शाम को रावगुरु उससे अनेक विषयों पर बातें करते थे। एक दिन उसने उनसे भूस्खलन के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मनुष्य अंधाधुंध पेड़ों को काटता जाता है। पेड़ पहाड़ की मिट्टी को बाँध कर रखते हैं। उनके कट जाने से धरती के भीतर की हलचल से चट्टानें और मिट्टी नीचे फिसलने लगती है और भूस्खलन हो जाता है। सुनन्दा को लगा कि इस प्रकार से पेड़ों की कटाई ने ही उसे अपने परिवार से अलग कर दिया।

अब सुनन्दा स्पर्श, गन्ध और श्रवण शक्ति के माध्यम से बहुत कुछ जानने-समझने लगी थी। उसमें आत्मविश्वास आ गया था। वह गुगु के साथ आसपास की पहाड़ियों और पेड़ों के झुरमुट में घूमने निकल जाती थी और एक पेड़ में तने का सहारा लेकर बैठ जाती थी। गुगु उसके पास बैठता था और कोयल उससे बातें करती थीं। एक दिन जब वह अपने निश्चित स्थान पर पहुँची तो उसे कोयल की आवाज़ सुनाई नहीं दी और जहाँ टेक लगा कर बैठती थी, वहाँ पेड़ के स्थान पर दूंठ था। आस-पास भी ढूँठ थे और जब उसने ठूठ को पत्थर से रगड़ कर देखा तो उसे चन्दन की सुगंध आई। वह सोचने लगी कौन इन चन्दन के वृक्षों को काट गया। घर आकर उसने रावगुरु को बताया। रावगुरु ने मुदालियर से पता किया तो उसने कहा कि चन्दन के पेड़ सुरक्षित हैं। अगले दिन सुनन्दा ने फिर कुछ पेड़ों को कटा पाया और रावगुरु को बताया। उन्होंने मुदालियर से कहा तो उसने अन्धी लड़की पुस्तकीय भाग का बातों पर विश्वास नहीं करने और उसे अफवाहें फैलाने से रोकने के लिए रावगुरु को कहा। सुनन्दा को विश्वास था कि चन्दन की लकड़ी की चोरी हो रही है।

अगले दिन सुबह ही सुनन्दा गुगु को लेकर चन्दन क्षेत्र की ओर गई और झाड़ी के पीछे छिप कर बैठ गई। किसी के आने की आहट सुन कर गुगु भौंकने लगा तो सुनन्दा झाड़ियों में छिप गई। तभी उधर से मुदालियर गुजग और गुगु को ‘यहाँ क्या मेरी तरह गश्त कर रहे हो’ कह कर चला गया। सुनन्दा ने उसको आवाज़ पहचान ली थी। वह अगली रात, रावगुरु और उनकी पत्नी के सोने के बाद, ग्यारह बजे गुगु के साथ चन्दन के पेड़ों के पास गई तो गुगु किर्रकिर्र की आवाज़ सुन कर गुर्राने लगा तो उसने उसे चुप करा दिया। उसे किरै-किर्र और वाहनों के आने-जाने के स्वरों के साथ मुदालियर की आवाज़ भी सुनाई दी जो किसी रमेश से कह रहा था ‘इतना ही काफी है। रात के दो बज गए हैं। इस की बिक्री का दस प्रतिशत मेरा होगा।’ उसने उत्तर: दिया था कि ज़रूर दूंगा। इस के बाद शान्ति छा गई थी। सुनन्दा गुगु को पट्टे से खींचती हुई घर आ गई, परन्तु सो न सकी।

सुबह हुई तो सुनन्दा ने रावगुरु को रात की सारी घटना बता दी। वे उटकमंड में पुलिस मुख्यालय गए, जहाँ रावगुरु के साथ सुनन्दा को भी बुलाया गया और उससे पूछताछ की गई। रावगुरु ने सुनन्दा को बताया कि यदि मुदालियर के विरुद्ध प्रमाण मिले तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एक महीने बाद रावगुरु ने सुनन्दा को बताया कि चन्दन की लकड़ी की चोरी का भंडाफोड़ करने के लिए उसे पुलिस विभाग ने इनाम दिया है। मामी भी बहुत प्रसन्न होकर देवी लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने की बात कहने लगी। सुनन्दा को राष्ट्रीय अन्धविद्यालय में दाखिल कराने का निश्चय किया गया और उसके इनाम की राशि बैंक में जमा करा दी गई, जिससे वह अपना जीवन ठीक से चला सके। सुनन्दा के पास रावगुरु को धन्यवाद करने के लिए शब्द नहीं थे।

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 12 Algebraic Expressions Ex 12.3

Punjab State Board PSEB 7th Class Maths Book Solutions Chapter 12 Algebraic Expressions Ex 12.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Maths Chapter 12 Algebraic Expressions Ex 12.3

1. Fill in the Table by substituting the values in the given expressions.
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 12 Algebraic Expressions Ex 12.3 1
Solution:
(i) 10, 1, 16, 37
(ii) 2, 11, 6, 83
(iii) 5, – 76, 189, 7700
(iv) 10, – 80, – 30, – 800.

2. If a = 1, b = – 2 find the value of given expressions

(i) a2 – b2
Solution:
a2 – b2
Putting a = 1, b = – 2 in a2 – b2, we get
a2 – b2 = (1)2 – (- 2)2
= 1 – 4
= -3

(ii) a + 2ab – b2
Solution:
a + 2ab – b2 = 1 + 2 × 1 × – 2 – (- 2)2
= 1 – 4 – 4
= – 7

(iii) a2b + 2ab2 + 5
Solution:
a2b + 2ab2 + 5 = 1² × – 2 + 2 × 1 × (- 2)2 + 5
= -2 + 2 × 4 + 5
= – 2 + 8 + 5
= 11

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 12 Algebraic Expressions Ex 12.3

3. Simplify the following expressions and find their values for. m = 1, n = 2, p = – 1.

(i) 2m + 3n – p + 7m – 2n
Solution:
2m + 3n – p + 7m – 2n
= 2m + 7m + 3n – 2n – p
= 9m + n – p
Putting m = 1, n = 2, p = – 1, we get
9m + n – p = 9 × 1 + 2- (-1)
= 9 + 2 + 1
= 12.

(ii) 3p + n – m + 2n
Solution:
3p + n- m + 2n = 3p + n + 2n – m
= 3p + 3n – m
Putting m = 1, n = 2, p = – 1
3p + 3n – m = 3 × -1 + 3 × 2 -1
= -3 + 6 – 1
= 2.

(iii) m + p – 2p + 3m
Solution:
m + p – 2p + 3m = m + 3m + p – 2p
= 4m – p
Putting m =1, n = 2, p = -1
4m – p = 4 (1) – (- 1)
= 4 + 1
= 5.

(iv) 3n + 2m – 5p – 3m – 2n + p
Solution:
3n + 2m – 5p – 3m – 2n + p
= 3n – 2n + 2m – 3m – 5p + p
= n – m – 4p
Putting m =1, n = 2, p = – 1
n – m – 4p = 2 – 1 – 4 (-1)
= 2 – 1 + 4
=5

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 12 Algebraic Expressions Ex 12.3

4. What should be the value of a if the value of 2a2 + b2 = 10 when b = 2 ?
Solution:
2a2 + b2 = 10
Putting b = 2, we get
2a + (2)2 = 10
2a + 4 = 10
2a = 10 – 4 = 6
a = \(\frac {6}{2}\) = 3
a = 3

5. Find the value of x if – 3x + 7y2 = 1 when y = 1.
Solution:
-3x + 7y2 = 1
Putting y = 1
-3x + 7y2 = 1
-3x + 7 (1)2 = 1
-3x + 7 = 1
-3x = 1 – 7
-3x = – 6
x = \(\frac {-6}{-3}\) = 2
x = 2.

6. Observe the pattern of shapes of letters formed from line segment of equal lengths.
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 12 Algebraic Expressions Ex 12.3 2
If n shapes of letters are formed, then write the algebraic expression for the number of line segment required for making these n shapes in each case.
Solution:
(i) 2n + 1
(ii) 4n + 2

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 12 Algebraic Expressions Ex 12.3

7. Observe the following pattern of squares made using dots.
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 12 Algebraic Expressions Ex 12.3 3
If n is taken as the number of dots in each row then find the algebraic expression for number of dots in nth figure. Also find number of dots if.
(i) n = 3
(ii) n = 7
(iii) n = 10
Solution:
n2 (i) 9, (ii) 49, (iii) 100.

8. Observe the pattern of shapes of digits formed from line segment of equal lengths.
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 12 Algebraic Expressions Ex 12.3 4
If n shapes of digits are formed then write the algebric expression for the numbers of line segment required to make n shapes.
Solution:
(i) 3n + 1
(ii) 4n + 2
(iii) 5n + 1

9. Multiple Choice Questions :

Question (i).
If l is the length of the side of the regular pentagon, perimeter of a regular Pentagon is.
(a) 3 l
(b) 4 l
(c) 5 l
(d) 8 l.
Answer:
(c) 5 l

Question (ii).
The value of the expression 5n – 2 when n = 2 is.
(a) 12
(b) -12
(c) 8
(d) 3
Answer:
(c) 8

Question (iii).
The value of 3x2 – 5x + 6 when x = 1.
(a) 3
(b) 4
(c) – 8
(d) 14.
Answer:
(b) 4

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran विराम-चिह्न

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar viram chinh विराम-चिह्न Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 7th Class Hindi Grammar विराम-चिह्न

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran विराम-चिह्न

प्रश्न 1.
विराम चिह्न से क्या अभिप्राय है ? हिन्दी में प्रचलित चिह्न को स्पष्ट करें।
उत्तर:
वाक्य का उच्चारण करते समय भाव को प्रकट करने के लिए जहाँ-जहाँ जिह्वा रुकती है, उसे विराम कहते हैं। इसी विराम को प्रकट करने के लिए हम जिन चिह्न का प्रयोग करते हैं, उन्हें विराम चिह्न कहते हैं। विराम चिहन निम्नलिखित हैं :

विराम चिह्न
1. अल्प विराम (,)
2. अर्द्ध-विराम (;)
3. अपूर्ण विराम (:)
4. विराम या पूर्ण विराम (।)
5. प्रश्न चिह्न (?)
6. विस्मयादि बोधक (!)
7. निर्देशक (-)
8. योजक या विभाजक (.)
9. उद्धरण चिह्न (“)
10. कोष्ठक () [ ] {}
11. लाघव चिह्न (० या)
12. त्रुटि पूरक (^)

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran वाक्य

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Vakya वाक्य Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 7th Class Hindi Grammar वाक्य

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran वाक्य

प्रश्न 1.
वाक्य किसे कहते हैं ? रचना के विचार से वाक्य के प्रकार भी लिखो।
उत्तर:
दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के मेल को वाक्य कहते हैं; जैसे- वह कक्षा में प्रथम आया है।

रचना के विचार से वाक्य के प्रकार-
1. सरल वाक्य – जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय हो उसे सरल वाक्य कहते हैं जैसे राम जी वन को गए।

2. संयुक्त वाक्य – जिस वाक्य में दो या दो से अधिक सरल वाक्य और तथा आदि योजक शब्दों के द्वारा जुड़कर बने हों, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं जैसे- राम और लक्ष्मण वन को गए।

3. मिश्र या मिश्रित वाक्य – जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा अन्य उस पर आश्रित उप-वाक्य हों उसे मिश्र वाक्य कहते हैं जैसे- यदि राम वन न जाते तो राजा दशरथ बच जाते।

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran समास

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Samas समास Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 7th Class Hindi Grammar समास

प्रश्न 1.
समास किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर:
परस्पर सम्बन्ध रखने वाले दो या दो से अधिक शब्दों के मेल को समास कहा जाता है। जैसे-माता-पिता (माता और पिता)।

विग्रह :
समास के नियम हटाकर पूर्वपद तथा उत्तरपद को पुनः अलग-अलग करने और विभक्तियाँ आदि फिर से जोड़ने की क्रिया को विग्रह कहते हैं; जैसे-‘माता-पिता’ समस्तपद का विग्रह होगा-माता और पिता।

समास के भेद-
समस्त शब्दों में कभी दोनों पद (पूर्वपद तथा उत्तरपद) प्रधान होते हैं, कभी पूर्वपद प्रधान होते हैं, कभी उत्तरपद और कभी दोनों को ही छोड़कर कोई अन्य होता है। समास के निम्नलिखित चार भेद हैं
1. तत्पुरुष समास
2. बहुब्रीहि समास
3. द्वंद्व समास
4. अव्ययीभाव समास

1. तत्पुरुष समास :
जिस समास में सम्मिलित शब्दों में अर्थ की दृष्टि से पूर्वपद गौण और उत्तरपद प्रधान हो, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। इस समास में दोनों के मध्य आने वाले परसर्गों का लोप हो जाता है।

कर्म : स्वर्ग को प्राप्त-स्वर्गप्राप्त। यश को प्राप्त-यशप्राप्त। परलोक को गमनपरलोकगमन । ग्राम को गत (गया)-ग्रामगत। गिरह को काटने वाला-गिरहकट। देश को गत-देशगत। ग्रन्थ को करने वाला-ग्रन्थकार।

करण :
तुलसी द्वारा कृत-तुलसीकृत। रचना को करने वाला-रचनाकार। दुर्दशा से ग्रस्त-दुर्दशाग्रस्त। हस्त से लिखित-हस्तलिखित। भाग्य द्वारा कृत-भाग्यकृत। मन से माना-मनमाना। प्रेम से आतुर-प्रेमातुर। दया से आर्द्र-दयार्द्र । रेखा से अंकित-रेखांकित। अकाल से पीड़ित-अकालपीड़ित। मन से गढ़ा-मनगढंत। मन से चाहा-मनचाहा। मद से माता-मदमाता।

सम्प्रदान :
रसोई के लिए घर-रसोईघर। मार्ग के लिए व्यय-मार्गव्यय। पाठ के लिए शाला-पाठशाला। यज्ञ के लिए शाला-यज्ञशाला। देश के लिए अर्पण-देशार्पण। देश के लिए भक्ति-देशभक्ति । गुरु के लिए दक्षिणा-गुरुदक्षिणा। युद्ध के लिए भूमियुद्धभूमि। डाक के लिए गाड़ी-डाकगाड़ी। राह के लिए खर्च-राहखर्च। सत्य के लिए आग्रह-सत्याग्रह।

अपादान :
ऋण से मुक्त-ऋणमुक्त। पद से च्युत-पदच्युत। भय से भीत-भयभीत। धन से हीन-धनहीन। पथ से भ्रष्ट-पथभ्रष्ट। देश से निकाला-देशनिकाला। देश से निर्वासित-देशनिर्वासित।

सम्बन्ध :
गंगा का जल-गंगाजल। देव का स्थान–देवस्थान। देश का वासीदेशवासी। गंगा का जल-गंगाजल । घोड़ों की दौड़-घुड़दौड़। राजा का कुमार-राजकुमार। पवन का पुत्र-पवनपुत्र। राज्य का दूत-राजदूत। बैलों की गाड़ी-बैलगाड़ी। सेना का पति-सेनापति। उद्योग का पति-उद्योगपति। देवों का आलय-देवालय।

अधिकरण :
गृह में प्रवेश-गृहप्रवेश। शरण में आगत-शरणागत। शोक में मग्नशोकमग्न। सिर में दर्द-सिरदर्द। हर फन में मौला-हरफनमौला। शरम में आगत शरणागत। दान में वीर-दानवीर। घोड़े पर सवार-घुड़सवार। आप पर बीती-आपबीती। वन में वास-बनवास।

(i) कर्मधारय तत्पुरुष का भेद है। इसमें भी उत्तरपद प्रधान होता है। जब पर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा उपमेय हो तब कर्मधारय समास होता है; जैसे-

विशेषण-विशेष्य : नीली है जो गाय-नीलगाय। महान् है जो देव-महादेव। पीत है जो अम्बर– पीताम्बर। लाल है जो टोपी-लालटोपी।

उपमान-उपमेय : कमल के समान नयन-कमलनयन। चन्द्र के समान मुख-चन्द्रमुख। घन के समान श्याम-घनश्याम।

उपमेय-उपमानमुख : रूपी चन्द्र-मुखचन्द्र। विद्या रूपी धन-विद्याधन।

(ii) द्विगु समास, कर्मधारय का भेद है।
इस समास में पूर्वपद संख्यावाचक होता है। विशेष्य-विशेषण भाव के अतिरिक्त यह समास समूहवाची भी होता है; जैसे
नव (नौ) रत्नों का समूह-नवरत्न। चार मासों का समूह-चौमासा। सात सौ (दोहों) का समूह-सतसई। शत अब्दों (वर्षों) का समूह-शताब्दी। चार राहों का समूह-चौराहा। पाँच वटों का समूह-पंचवटी।

(iii) नञ् समास भी तत्पुरुष का ही भेद है। जिस समास में पहला पद निषेधात्मक हो, उसे नञ् समास कहते हैं; जैसे
न सत्य-असत्य। नस्थिर-अस्थिर। न आस्तिक-नास्तिक। न हिंसा-अहिंसा। न वैरअवैर। न देखी-अनदेखी। न होनी-अनहोनी।

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran समास

2. बहुब्रीहि समास :

जिस समास के समस्तपदों में कोई भी प्रधान न होकर कोई अन्य (बाहर का) पद प्रधान हो, उसे बहुब्रीहि समास कहते हैं। बहुब्रीहि समास द्वारा रचित शब्द विशेषण का कार्य करता है; जैसे-
पीत (पीले) हैं अम्बर (वस्त्र) जिसके-पीतांबर। नीला है कंठ जिसका-नीलकंठ। उदार है हृदय जिसका-उदारहृदय। दस आनन (मुख) हैं जिसके-दशानन (रावण)। चन्द्र है शिखर (माथे) पर जिसके-चन्द्रशेखर (शिव)। विष को धारण करने वालाविषधर (सर्प) । घन (बादल) के समान श्याम-घनश्याम (कृष्ण)। चार हैं आनन (मुख) जिसके-चतुरानन (ब्रह्मा) । कुसुमों का आकर (खज़ाना) जो-कुसुमाकर (बसंत)। नाक कटी है जिसकी-नकटा। महान् है आत्मा जिसकी-महात्मा। बारह हैं सींग जिसकेबारहसिंगा।

3. द्वंद्व समास :
जिस समास में दोनों खंड समान हों, कोई प्रधान-गौण न हो, उसे द्वंद्व समास कहते हैं। इनको मिलाने वाले समुच्चयबोधक अव्यय का लोप हो जाता है; जैसे

सुख और दुःख-सुख-दुःख। माता और पिता-माता-पिता। नर और नारी-नरनारी। पाप और पुण्य-पाप-पुण्य। राम और लक्ष्मण-राम-लक्ष्मण। सीता और रामसीता-राम । दाल और रोटी-दाल-रोटी। दाल और भात-दाल-भात । वेद और पुराणवेद-पुराण। जन्म और मरण-जन्म-मरण। खरा और खोटा-खरा-खोटा। अन्न और जल-अन्न-जल। हाथ और पाँव-हाथ-पाँव। राधा और श्याम-राधेश्याम। राजा और प्रजा-राजा-प्रजा। गुरु और शिष्य-गुरु-शिष्य।

4. अव्ययीभाव समास :

जब समास में सम्मिलित पूर्वपद अव्यय हो तथा उसके योग से पूर्ण समस्तपद अव्यय बन जाए तो अव्ययीभाव समास होता है; जैसे-
स्थान के अनुसार-यथास्थान। दिन-दिन-प्रतिदिन। एक एक-प्रत्येक। जैसे संभव हो-यथासंभव। शक्ति के अनुसार-यथाशक्ति। रूप के योग-अनुरूप। मरने तक – आमरण। वर्ष वर्ष-प्रतिवर्ष। जन्म से लेकर-आजन्म। हाथ ही हाथ में-हाथोंहाथ। जीवन भर-आजीवन । आँखों के सामने प्रत्यक्ष। पेट भर कर-भरपेट। आदर के सहितसादर। डर से रहित-निडर। खटके के बिना-बेखटके। समुद्र पर्यंत-आसमुद्र।

 

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran सन्धि

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sandhi सन्धि Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 7th Class Hindi Grammar सन्धि

प्रश्न 1.
सन्धि किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
दो वर्गों के मेल को सन्धि’ कहते हैं। सन्धि संस्कृत का शब्द है। दो शब्द जब पास-पास होते हैं तब उच्चारण की सुविधा के लिए पहले शब्द के अन्तिम और दूसरे शब्द के आरम्भिक अक्षर आपस में एक-दूसरे से मिल जाते हैं। सन्धि में जब दो अक्षर मिलते हैं तब शब्दों में भी विकार उत्पन्न हो जाता है।
सन्धि के तीन भेद हैं-
(क) स्वर सन्धि
(ख) व्यंजन सन्धि
(ग) विसर्ग सन्धि।
स्वर सन्धि स्वर वर्णों के साथ स्वर वर्णों के मेल को स्वर-सन्धि कहते हैं। इनके पाँच भेद हैं
PSEB 7th Class Hindi Vyakaran सन्धि 1

स्वर सन्धि : (अक: सवर्ण दीर्घः) :
दो समान स्वर वर्ण, परस्पर मिलकर दीर्घ हो जाते हैं। यदि ह्रस्व या दीर्घ, अ, इ, उ, ऋ वर्ण के पश्चात् ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ या ऋ आवें तो इन दोनों वर्गों के स्थान पर उन्हीं का दीर्घ वर्ण अर्थात् आ, ई, या ऋ हो जाता है।
उदाहरण-
(क) अ + अ = आ = परम + अर्थ = परमार्थ ।
अ + आ = आ = भोजन + आलय = भोजनालय।
आ + अ = आ = विद्या + अर्थी – विद्यार्थी ।
आ + आ = आ = महा + आशय = महाशय।

(ख) इ + इ = ई = गिरि + इन्द्र = गिरीन्द्र।
इ + ई = ई = वारि + ईश = वारीश।
ई + इ = ई = मही + इन्द्र = महीन्द्र।
उ + उ = ऊ = भानु + उदय =भानूदय।
उ + ऊ = ऊ = लघु + ऊर्मि = लघूर्मि।
ऊ + उ = ऊ = वधू + उत्सव = वधूत्सव।
ऊ + ऊ = ऊ = भू + उर्ध्व = भूल।

गुण स्वर-सन्धि :
(क) यदि अ अथवा आ के पश्चात् इ अथवा ई आती है तो दोनों के स्थान पर ‘ए’ हो जाता है; जैसे
अ + इ = ए = नर + इन्द्र =नरेन्द्र।।
अ + ई = ए = परम + ईश्वर =परमेश्वर।
आ + इ = ए = महा + इन्द्र = महेन्द्र।
आ + इ = ए = महा + ईश = महेश।

(ख) अब अ या आ के बाद उ या ऊ आते हैं तो दोनों के स्थान में ‘ओ’ हो जाता है; जैसे
अ + उ = ओ = हित + उपदेश = हितोपदेश।
अ + ऊ = ओ = जल + ऊर्मि = जलोर्मि।
आ + उ = ओ = गंगा — उदक = गंगोदक।
आ + ऊ = ओ = गंगा + ऊर्मि = गंगोर्मि।

(ग) यदि अ अथवा आ के परे ऋ हो तो दोनों मिलकर ‘अर्’ हो जाते हैं; जैसे
अ + ऋ = अर् = देव + ऋषि = देवर्षि
आ + ऋ = अर् = महा + ऋषि = महर्षि

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran सन्धि

वृद्धि स्वर-सन्धि :

(क) यदि अ अथवा आ के बाद ए या ऐ हो तो दोनों मिलकर ‘ऐ’ हो जाते हैं; जैसे
अ + ए = ऐ = एक + एक = एकैक।
अ + ऐ = ऐ = मत + ऐक्य = मतैक्य।
आ + ए = ऐ = सदा + एव = सदैव।
ऐ = ऐ = महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य।

(ख) यदि अ अथवा आ के बाद ओ या औ आए तो दोनों मिलकर ‘औ’ हो जाते हैं;
जैसे
अ + ओ = औ = जल + ओध = जलौध।
अ + औ = औ = परम + औषधि = परमौषधि।
आ + ओ = औ = महा + ओजस्वी = महौजस्वी।
आ + औ = औ = महा + औदार्य = महौदार्य।

यण स्वर-सन्धि :
(क) इ अथवा ई के बाद यदि इ या ई को छोड़कर कोई दूसरा स्वर हो तो इ या ई के स्थान पर ‘य्’ हो जाता है; जैसे
इ + अ = य = यदि + अपि = यद्यपि।
इ + आ = या = इति + आदि = इत्यादि।
इ + उ = य = अति + उत्तम = अत्युत्तम।
इ + ए = ये = प्रति + एक = प्रत्येक।

(ख) उ या ऊ के पश्चात् उ या ऊ को छोड़कर कोई दूसरा स्वर आये तो उ या ऊ के स्थान पर ‘व्’ हो जाया करता है; जैसे
उ + अ = व = अनु + अय = अन्वय
उ + आ = वा = सु + आगतम् = स्वागतम्।
उ + ए = वे = अनु + एषण = अन्वेषण।

(ग) ऋ या ऋ के पश्चात् कोई असवर्ण स्वर (ऋया ऋ) को छोड़कर कोई दूसरा स्वर आये तो ऋ अथवा ऋ के स्थान पर ‘र’ हो जाता है; जैसे
ऋ + अ = र = पितृ + अनुमति = पित्रनुमति ।
ऋ + आ = रा = पित + आज्ञा = पित्राज्ञा।
ऋ + इ = रि = पितृ + इच्छा = पित्रिच्छा।
ऋ + उ = रु = पितृ + उपदेश = पित्रुपदेश।

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran सन्धि

अयादि स्वर-सन्धि :

(क) ए अथवा ऐ के पश्चात् जब कोई स्वर हो तो ए के स्थान पर ‘अय्’ और ऐ के स्थान पर ‘आय’ हो जाता है; जैसे
ए + अ = अय् = ने + अन = नयन।।
ऐ + अ = आय = नै + अक = नायक।
ऐ + ई = आयि = नै + इका = नायिका।

(ख) ओ अथवा औ के पश्चात् जब कोई स्वर हो तो ओ के स्थान पर ‘अव्’ और औ के स्थान पर ‘आव्’ हो जाता है; जैसे
ओ + अ = अव् = पो + अन = पवन।
औ + अ = आव् = पौ + अक = पावक।

व्यंजन सन्धि :

(क) त् या द् के परे च या छ हो अथवा ज या झ हो तो त् या द् के स्थान में क्रम से च् और ज् हो जाते हैं; जैसे-
उत् + चारण = उच्चारण।
शरत् + चन्द्र = शरच्चन्द्र।
विपद् + जाल = विपज्जाल।
सत् + जन = सज्जन ।

(ख) यदि पद के अन्त में त् या द् और इनके परे श वर्णन हो तो त् या द् के स्थान में ‘च’ हो जाता है और श बदलकर ‘छ’ हो जाता है; जैसे-
सत् + शास्त्र = सच्छास्त्र।
उत् + शिष्ट = उच्छिष्ट।
तद् + शरीर = तच्छरीर।

(ग) यदि पद के अन्त में त् या द् हो और इनके परे ह हो तो त् या द् के स्थान पर ‘द’ और ह के स्थान में ‘ध्’ हो जाता है। जैसे-
उत् + हत = उद्धत।
तत् + हित = तद्धित।

(घ) पदान्त त् के बाद यदि कोई स्वर आये अथवा ग, घ, द, ध, व, भ, य,र व इनमें कोई वर्ण हो, तो त् बदलकर ‘द्’ हो जाता है; जैसे-
जगत् + ईश = जगदीश।
महत् + ऐश्वर्य = महदैश्वर्य।
जगत् + इन्द्र = जगदिन्द्र।
महत् + औषध = महदौषध।

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran सन्धि

विसर्ग-सन्धि :

(क) यदि विसर्ग के परे च या छ हो, तो विसर्ग का श् हो जाता है। जैसे
निः + चल = निश्चल।
निः + छल = निश्छल।

(ख) यदि विसर्ग के बाद ट या ठ आवे,तो विसर्ग का ष् हो जाता है। जैसे
धनुः + टकार = धनुष्टंकार।
स्थिरः + ठक्कुर = स्थिरष्ठक्कुर।

(ग) यदि विसर्ग के पहले अ हो और आगे किसी वर्ग का तृतीय, चतुर्थ अथवा पंचम वर्ण अथवा य, र, ल,व, ह इनमें से कोई वर्ण हो तो विसर्ग और पूर्ववर्ती अ दोनों मिलकर ओ हो जाते हैं; जैसे
मनः + योग = मनोयोग।
तेजः + राशि = तेजोराशि।
मनः + रथ = मनोरथ।
मनः + हर = मनोहर।
मनः + विकार = मनोविकार।

(घ) यदि विसर्ग के पहले अ, आ को छोड़कर कोई दूसरा स्वर हो और आगे किसी वर्ग का तृतीय, चतुर्थ या पंचम वर्ण य, र, ल, व, ह या अन्य कोई स्वर हो, तो विसर्ग के स्थान में र हो जाता है; जैसे-
निः + धन = निर्धन।
निः + गुण = निर्गुण।

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग और प्रत्यय

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Upasarg aur Pratyay उपसर्ग और प्रत्यय Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 7th Class Hindi Grammar उपसर्ग और प्रत्यय

प्रश्न 1.
उपसर्ग किसे कहते हैं ? इसके कितने प्रकार हैं ?
उत्तर:
जो शब्दांश किसी शब्द के आरम्भ में जुड़ कर उसके अर्थ को बदल देते हैं, उन्हें उपसर्ग कहा जाता है; जैसे-प्र + हार = प्रहार (हार = माला या हार जाना) प्रहार का अर्थ हमला या प्रहार करना।

संस्कृत के उपसर्गों का प्रयोग तत्सम शब्दों के साथ होता है। जैसे-

उपसर्ग अर्थ उदाहरण
अति अधिक अतिप्रिय, अतिरिक्त, अत्यन्त
अधि विशेष, प्रधान अधिकार, अध्यक्ष, अधिपति
अनु पीछे अनुशासन, अनुचर, अनुमान, अनुरूप
अप बुरा अपकर्ष, अपकार, अपमान, अपयश
अभि सामने अभिसार, अभिमुख, अभिमान, अभ्यास
अव नीचे, हीन अवनति, अवतार, अवगुण
तक, चारों ओर आमरण, आजीवन, आगमन, आकार
उत् ऊपर, ऊँचा उद्गार, उत्कर्ष, उत्थान, उत्तीर्ण
उप सहायक, पास उपकार, उपमंत्री, उपस्थित, उपदेश
दुः, दुर् बुरा, कठिन दुश्चरित्र, दुष्कर, दुष्कर्म, दुश्शासन, दुराचार, दुर्जन, दुर्दशा
नि विशेष निरत, नियम, निवारण, निकाम
निः, निर् बिना, बाहर निस्तेज, निश्चज, निष्काम, निर्गुण, निर्धन, निगमन
परा परे, उलटा परामर्श, पराजय, पराभव, पराक्रम
परि चारों ओर परिक्रमा, परिश्रम, परिचय, परिवर्तन
प्र विशेष, आगे प्रकाश, प्रगति, प्रसिद्ध, प्रचार, प्रदेश, प्रबल
प्रति उलटा, विपरीत प्रत्युत्तर, प्रतिकूल, प्रतिकार, प्रतिशोध
वि विशेष, भिन्न विकास, विज्ञान, विशेष, विदेश, विमान
सम् अच्छी तरह सम्पूर्ण, संगीत, संतोष, संसार
सु अच्छा सुमति, सुधार, स्वागत, सूक्ति, सुगति
नहीं अजर, अज्ञान, अमर, अधर्म, असुर
अधः नीचे अधोमुख, अध:पतन, अधोलिखित
कु बुरा कुमार्ग, कुपुत्र, कुकर्म, कुरूप, कुमति
पर पराया परदेश, पराधीन, परधन
बहु बहुत बहुमूल्य, बहुवचन, बहुमुखी
सह साथ सहकारी, सहपाठी, सहयोग, सहशिक्षा
साथ ससाथ, सरस, सपरिवार, सफल, सगोत्र

कुछ अन्य प्रसिद्ध उपसर्ग-

अन नहीं अनपढ़, अनजान, अनबन, अनहोनी
बै बिना बेईमान, बेचारा, बेकार, बेअसर
भर भरभरा भरपेट, भरपूर, भरमार, भरसक

PSEB 7th Class Hindi Vyakaran उपसर्ग और प्रत्यय

प्रश्न 2.
प्रत्यय किसे कहते हैं और इसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जो धातु या शब्द के अन्त में जुड़ कर उसके रूप को बदल देते हैं, उन्हें प्रत्यय कहा जाता है।

प्रत्यय शब्द
-अन गमन, चलन, दर्शन
-अना घटना, सूचना, भावना
-ति गति, स्तुति, यति, मति
-या क्रिया, विद्या, माया
-ता सुन्दरता, मधुरता, दासता, साधुता, मानवता
– त्व गुरुत्व, महत्त्व (महत् + त्व), बन्धुत्व, कवित्व, नारीत्व
-अक कारक, पाठक, लेखक
-इक धार्मिक, दैनिक, ऐतिहासिक, मार्मिक, हार्दिक, दार्शनिक
-मान् बुद्धिमान् श्रीमान्, कीर्तिमान्
-वान् बलवान् , रथवान्, धनवान्, दयावान्
-आई चढ़ाई, लड़ाई, खुदाई, पढ़ाई, लिखाई, अच्छाई
-पन बचपन, लड़कपन, पागलपन, भोलापन, सस्तापन
-त रंगत, बचत, हालत, संगत
-हार पालनहार, सिरजनहार, होनहार, राखनहार, देवनहार
-आव पड़ाव, छिड़काव, घेराव
-आवट थकावट, सजावट, रुकावट, लिखावट
-खाना डाकखाना, कैदखाना, छापाखाना, जेलखाना, दवाखाना।