PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 1 मनुष्य का शरीर

Punjab State Board PSEB 7th Class Physical Education Book Solutions Chapter 1 मनुष्य का शरीर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Physical Education Chapter 1 मनुष्य का शरीर

PSEB 7th Class Physical Education Guide मनुष्य का शरीर Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
मानव के शरीर के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
मानव का शरीर मांसपेशियों, हड्डियों तथा बहुत-से छोटे तथा बड़े अंगों जैसे दिल, फेफड़े, जिगर, गुदा आदि से बना है। जब दर्शक कबड्डी आदि खेलों में भाग लेने से पूर्व शरीर को गर्माते हुए खेल के मैदान में प्रवेश करते हैं तो उनके आकर्षक, सुन्दर हृष्टपुष्ट शरीर को देखते हैं तो उनके मन में भी उसी प्रकार का सुन्दर और आकर्षक शरीर पाने की मन में इच्छा होती है। खिलाड़ियों को अपने शरीर को आकर्षक और शक्तिशाली बनाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। प्रत्येक खेल में शरीर का स्वस्थ व शक्तिशाली होना आवश्यक है। खेलों में खिलाड़ी की उन्नति उसके शरीर की क्षमता पर निर्भर करती है। शरीर को स्वस्थ और मेहनती बनाने के लिए खिलाड़ी को शारीरिक जानकारी होना अति आवश्यक है। अगर खिलाड़ी को शरीर के सभी अंगों, उनकी कार्यक्षमता व कार्यप्रणाली की जानकारी नहीं होगी तो उसे शारीरिक व्यायाम करते समय चोट लग सकती है अथवा चोट लगने का भय बना रहता है और उसकी शारीरिक क्षमता में वृद्धि नहीं हो सकती।

प्रश्न 2.
मानव शरीर को समझने के लिए कौन से दो भागों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-

  1. शारीरिक ढांचा
  2. शारीरिक क्रियाएं।

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प्रश्न 3.
हमारे शरीर में कुल कितनी हड्डियां होती हैं ?
उत्तर-
206 हड्डियां होती हैं।

प्रश्न 4.
रक्त प्रवाह प्रणाली के मुख्य अंग कौन से हैं ?
उत्तर-

  1. दिल
  2. धमनियां
  3. शिराएं
  4. कोशिकाएं।

प्रश्न 5.
ज्ञानेन्द्रियों के बारे में आप क्या जानते हो?
उत्तर-
ज्ञानेन्द्रियों में आंख, कान, जिह्वा, नाक और त्वचा शामिल है। इन ज्ञानेन्द्रियों से हमें अपने आस-पास की सभी जानकारी मिलती है। आंख से हम सभी वस्तुओं को देखते हैं। नाक से संघकर सुगंध और दुर्गंध में अन्तर मालूम होता है। कानों के द्वारा हम सुनते हैं। जिह्वा से खाने-पीने की वस्तुओं के स्वाद के बारे में पता चलता है। त्वचा द्वारा स्पर्श से गर्मी-सर्दी का पता चलता है। इन ज्ञानेन्द्रियों का हमारे मस्तिष्क से सीधा सम्बन्ध होता है।

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प्रश्न 6.
मानव शरीर में मल त्याग प्रणाली का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
मल-विसर्जन प्रणाली-जो भोजन हम खाते हैं उसका कुछ भाग ही शरीर में इस्तेमाल होता है, शेष भोजन व्यर्थ पदार्थ के रूप में बच जाता है। इसी तरह जब हम कार्य करते हैं तो शरीर में ऊर्जा का प्रयोग होता है जिससे कई व्यर्थ पदार्थ शरीर में बच जाते हैं। इन व्यर्थ पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना आवश्यक है यदि यह व्यर्थ पदार्थ शरीर से बाहर न निकलें तो कई रोग लग जाते हैं। मल त्याग प्रणाली इन हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का कार्य करती है। त्वचा और गुर्दे इस प्रणाली का मुख्य अंग है जो पसीने और मूत्र द्वारा इन व्यर्थ पदार्थों को शरीर से बाहर निकालते हैं।

प्रश्न 7.
शारीरिक ढांचे के प्रमुख कार्य कौन से हैं ?
उत्तर-
हमारा शारीरिक ढांचा कई प्रकार के कार्य करता है जो निम्नलिखित हैं
1. सुरक्षा-हमारे शरीर में कई कोमल अंग हैं जैसे हृदय, फेफड़े, मस्तिष्क आदि इन पर हल्की सी चोटें भी खतरनाक हो सकती हैं। हमारा शारीरिक ढांचा इन कोमल अंगों को हड्डियों और पसलियों से ढककर सुरक्षा देता है जैसे खोपड़ी की हड्डियां हमारे दिमाग और पसलियां हृदय और फेफड़ों को सुरक्षा देते हैं।

2. आकार-शारीरिक ढाँचा हमारे शरीर को आकार देता है। यदि हमारे शरीर में हड्डियां न हों तो शरीर मांस का लोथड़ा बनकर रह जाएगा और इसे किसी प्रकार का आकार प्रदान नहीं हो सकता।

3. गतिशीलता-शारीरिक ढाँचा शरीर को गतिशील बनाता है। हमारी मांसपेशियां शारीरिक ढाँचे से जुड़ी होती हैं। मांसपेशियों के सिकुड़ने और फैलने से हडियों में गति होती है जिससे हम चलने, कूदने और दौड़ सकते हैं।

4. खनिज भण्डार-हमारे शरीर की हड्डियां खनिज भण्डार का काम भी करती हैं। हड्डियों में बड़ी मात्रा में कैल्शियम और फास्फोरस होता है जिनसे हमारे शरीर की वृद्धि और विकास होता रहता है। इन खनिजों के लिए संतुलित भोजन खाना चाहिए। यदि शरीर में इन तत्त्वों की कमी हो जाए तो हड्डियां इसकी पूर्ति करती हैं।

Physical Education Guide for Class 7 PSEB मनुष्य का शरीर Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मनुष्य का शरीर किस वस्तु का बना है ?
उत्तर-
मांसपेशियों, हड्डियों तथा बहुत-से छोटे और बड़े अंगों का।

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प्रश्न 2.
मानव शरीर में तीन महत्त्वपूर्ण अंगों के नाम लिखें।
उत्तर-

  1. दिल (हृदय)
  2. फेफड़े
  3. गुर्दे।

प्रश्न 3.
शरीर के कोमल अंगों को चोट से कौन रक्षा करता है ?
उत्तर-
कोमल अंगों को हड्डियां व पसलियां ढककर सुरक्षा प्रदान करती हैं।

प्रश्न 4.
खोपड़ी की हड्डियां किस शरीर के अंग की रक्षा करती हैं ?
उत्तर-
दिमाग की (मस्तिष्क)।

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प्रश्न 5.
हमारे शरीर को आकार कौन प्रदान करता है ?
उत्तर-
शारीरिक ढांचा मानव शरीर को आकार प्रदान करता है।

प्रश्न 6.
यदि हमारे शरीर में हड्डियां न होती तो क्या होता ?
उत्तर-
हमारा शरीर मांस का लोथड़ा बन जाता।

प्रश्न 7.
शरीर को गतिशीलता कैसे मिलती हैं ?
उत्तर-
मांसपेशियां शरीर में गति पैदा करती हैं।

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प्रश्न 8.
खनिज भण्डार का कार्य कौन करता है ?
उत्तर-
हड्डियां खनिज भण्डार का कार्य करती हैं।

प्रश्न 9.
हमारे शरीर में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण कौन-कौन सी प्रणालियां हैं ?
उत्तर-

  1. रक्त प्रवाह प्रणाली
  2. श्वास क्रिया प्रणाली

प्रश्न 10.
हमारे शरीर को चलने, फिरने, दौड़ने, कूदने में कौन-सी प्रणाली कार्य करती है ?
उत्तर-
मांसपेशी प्रणाली।

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प्रश्न 11.
श्वास प्रणाली के मुख्य अंग कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
नाक, श्वासनली और फेफड़े हैं।

प्रश्न 12.
हमारे शरीर को ऊर्जा कौन-सी प्रणाली देती है ?
उत्तर-
पाचन प्रणाली।

प्रश्न 13.
मल विसर्जन प्रणाली के मुख्य दो अंग लिखें।
उत्तर-

  1. त्वचा (चमड़ी)
  2. गुर्दे।

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प्रश्न 14.
स्नायु तंत्र प्रणाली के कार्य लिखें।
उत्तर-
मस्तिष्क के संदेशों को शारीरिक अंगों में होने वाली क्रियाओं को मस्तिष्क से मांसपेशियों द्वारा संदेश पहुंचाता है।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खिलाड़ियों को अपना शरीर सुन्दर और आकर्षक बनाने के लिए क्या करना पड़ता है ?
उत्तर-
खिलाड़ी अपने शरीर को गर्माते हुए खेल के मैदान में चाहे वह कबड्डी खेल हो या कोई दूसरा खेल प्रवेश करते हैं तो उनके सुन्दर और आकर्षक शरीर को देखकर हैरानी होती है। खिलाड़ियों को अपने शरीर को आकर्षक और शक्तिशाली बनाने के लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है।

प्रश्न 2.
खिलाड़ी की उन्नति के लिए उसे क्या-क्या जानना जरूरी है ?
उत्तर-
खिलाड़ी की उन्नति उसके शरीर की क्षमता पर निर्भर करती है। खिलाड़ी को शरीर के अंगों, उनकी कार्य प्रणाली और कार्यक्षमता का ज्ञान होना आवश्यक है।

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प्रश्न 3.
हड्डियों में कौन-सा खनिज भण्डार होता है ?
उत्तर-
हड्डियों में कैल्शियम और फॉसफोरस जमा होता है जो हमारे शरीर की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है। हमारे शरीर में आवश्यक तत्त्वों की कमी हो जाए तो हमारी हड्डियां इसकी पूर्ति करती हैं।

प्रश्न 4.
हमारे शरीर को ऊर्जा कैसे प्राप्त होती है ?
उत्तर-
यह ऊर्जा हमें भोजन से मिलती है। हम जो भोजन खाते हैं उसके कई रासायनिक क्रियाओं के पश्चात् शरीर के योग्य बनता है। भोजन-प्रणाली से हमें पता चलता है कि शरीर द्वारा भोजन कैसे पचता है और उससे ऊर्जा का प्रयोग कैसे होता है ?

प्रश्न 5.
मानव शरीर किसकी भांति लगता है ?
उत्तर-
मानव शरीर मशीन जैसा है। मशीन के ठीक कार्य करने के लिए उसके सभी पुों का अच्छे ढंग से कार्य करना ज़रूरी है। उसी प्रकार शरीर की क्रिया प्रणालियां है। यदि शरीर की किसी प्रणाली में खराबी आती है तो इसका प्रभाव शरीर पर पड़ता है और व्यक्ति रोगी हो जाता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शरीर सम्बन्धी पूर्ण जानकारी ज़रूरी है।

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प्रश्न 6.
धमनियों और शिराओं में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
धमनियां वे नलियां हैं जो रक्त को दिल से शरीर के प्रत्येक भाग में पहुंचाती हैं। यह धीरे-धीरे बारीक शिराओं में बंट जाती हैं जिन्हें कोशिकाएं कहते हैं। शिराएं वे नलियां हैं जो रक्त को फेफड़ों और शरीर के दूसरे भागों से हृदय में पहुँचाती हैं।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मनुष्य को शारीरिक क्रियाओं का ज्ञान क्यों जरूरी है ?
उत्तर-
हमारे शरीर में कई कार्य प्रणालियाँ हैं जो मिलकर भिन्न कार्य करती हैं। इन प्रणालियों का ठीक प्रकार से काम करना ज़रूरी है। यदि इनमें एक प्रणाली भी ठीक कार्य करना बंद कर दे तो सारे शरीर पर उसका बुरा प्रभाव पड़ेगा और शरीर में रोग आ जाता है।
मानव शरीर की कार्य प्रणालियां इस प्रकार हैं :

1. मांसपेशी प्रणाली-इस प्रणाली से मांसपेशियों के बारे में जानकारी मिलती है। मांसपेशियों द्वारा हम चलने, फिरने, कूदने और दौड़ने के काबिल होते हैं। हमारे शरीर में होने वाली गतिशीलता मांसपेशियों के कारण ही सम्भव है।

2. रक्तप्रवाह प्रणाली-हमारे शरीर में रक्त प्रवाह लगातार हमेशा चलता रहता है। रक्त प्रवाह प्रणाली के मुख्य अंग हृदय, धमनियां, शिराएं और कोशिकाएं हैं। दिल की आकृति बंद मुट्ठी के बराबर की होती है। दिल हमारा धड़कता रहता है। रक्त धमनियों द्वारा सारे शरीर में पहुंचता है। हम अपने हाथ के ऊपरी भाग में नीले रंग की शिराएं देख सकते हैं जो रक्त को हृदय की ओर ले जाती हैं।

3. श्वासक्रिया प्रणाली-मनुष्य को जीवित रहने के लिए हर समय आक्सीजन की ज़रूरत होती है। ऑक्सीजन श्वास द्वारा शरीर में प्रवेश करती है और कार्बन-डाइआक्साइड बाहर निकालते हैं। नाक, श्वासनली और फेफड़े इस श्वास प्रणाली के मुख्य अंग हैं।

4. पाचन प्रणाली-शरीर को कार्य करने के लिए ऊर्जा की ज़रूरत होती है जो ऊर्जा हमें भोजन से मिलती है जो भोजन हम खाते हैं। कई रासायनिक क्रियाओं के पश्चात् शरीर में कार्य करने के योग्य बनता है। इस प्रणाली से हमें मालूम पड़ता है शरीर में भोजन कैसे पचता है और पैदा होने वाली ऊर्जा का प्रयोग कैसे होता है ?

5. मल-विसर्जन प्रणाली-जो भोजन हम खाते हैं उसका कुछ भाग ही शरीर में इस्तेमाल होता है, शेष भोजन व्यर्थ पदार्थ के रूप में बच जाता है। इसी तरह जब हम कार्य करते हैं तो शरीर में ऊर्जा का प्रयोग होता है जिससे कई व्यर्थ पदार्थ शरीर में बच जाते हैं। इन व्यर्थ पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना आवश्यक है यदि यह व्यर्थ पदार्थ शरीर से बाहर न निकलें तो कई रोग लग जाते हैं। मल त्याग प्रणाली इन हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का कार्य करती है। त्वचा और गुर्दे इस प्रणाली का मुख्य अंग है जो पसीने और मूत्र द्वारा इन व्यर्थ पदार्थों को शरीर से बाहर निकालते हैं।

6. स्नायु तंत्र प्रणाली-हमारी सभी क्रियाएं मस्तिष्क द्वारा संचालित होती हैं। हमारे शरीर में स्नायु तंत्र का जाल-सा बना हुआ है, जो मस्तिष्क के संदेशों को शारीरिक अंगों तथा शारीरिक अंगों की क्रियाओं को मस्तिष्क तक संदेशों को लाने और ले जाने का कार्य करते हैं। रीढ़ की हड्डी का महत्त्वपूर्ण योगदान है। सारे संदेश इसके द्वारा आगे पहुंचते हैं।

7. ज्ञानेन्द्रियां-इस प्रणाली में आंख, कान, जिह्वा, नाक और त्वचा शामिल है। इन ज्ञानेन्द्रियों से हमें अपने आस-पास की सभी जानकारी मिलती है। आंख से हम सभी वस्तुओं को देखते हैं। नाक से सूंघकर सुगंध और दुर्गंध में अन्तर मालूम होता है। कानों के द्वारा हम सुनते हैं। जिह्वा से खाने-पीने की वस्तुओं के स्वाद के बारे में पता चलता है। त्वचा द्वारा स्पर्श से गर्मी-सर्दी का पता चलता है। इन ज्ञानेन्द्रियों का हमारे मस्तिष्क से सीधा सम्बन्ध होता है।

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 1 मनुष्य का शरीर

प्रश्न 2.
शारीरिक कार्य प्रणालियों का महत्त्व लिखें।
उत्तर-
सारी शारीरिक प्रणालियों का मानव शरीर के लिए बहुत महत्त्व है। इनमें रक्त प्रवाह प्रणाली और श्वास क्रिया प्रणाली बहुत महत्त्वपूर्ण है। इन प्रणालियों में अगर कोई प्रणाली अपना कार्य न करे तो मनुष्य की मृत्यु हो जाती है। किसी भी व्यक्ति को ज़िन्दा रहने के लिए शरीर में रक्त और ऑक्सीजन का मिलना अति आवश्यक है।

मानव शरीर एक मशीन की भांति ही कार्य करता है और सभी क्रिया प्रणालियां इस मशीन के भिन्न-भिन्न पुर्जे (अंग) हैं। मशीन को अच्छी प्रकार काम करने के लिए उसके सभी पुर्जी का ठीक कार्य करना आवश्यक है। अगर शरीर की किसी प्रणाली में कोई खराबी आ जाती है तो उसका असर सारे शरीर पर पड़ता है और मनुष्य बीमार हो जाता है। इसलिए हमें स्वस्थ रहने के लिए शरीर की पूरी जानकारी ज़रूरी है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 9 दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास (700-1200 ई० तक)

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions History Chapter 9 दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास (700-1200 ई० तक) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 9 दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास (700-1200 ई० तक)

SST Guide for Class 7 PSEB दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास (700-1200 ई० तक) Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
चोल वंश के किन शासकों ने चोल राज्य की दोबारा स्थापना की?
उत्तर-
राजराज प्रथम चोल तथा राजेन्द्र चोल शासकों ने चोल राज्य को दोबारा स्थापित किया।

प्रश्न 2.
राजराज प्रथम नै किन राजाओं (राज्यों) को पराजित करके उनके क्षेत्रों पर कब्जा किया?
उत्तर-
राजराज प्रथम ने चेर, पांड्य एवं श्रीलंका के राजाओं को हराकर उनके बहुत से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया।

प्रश्न 3.
राजेन्द्र चोल शासक की महत्त्वपूर्ण विजय के विषय मैं लिखो।
उत्तर-
राजेन्द्र चोल ने पांड्य, चेर एवं श्रीलंका के शासकों को हराकर उनके क्षेत्र अपने राज्य में मिला लिये, जिस कारण उसने ‘गंगईकोंडा चोलपुरम्’ की उपाधि धारण की।

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प्रश्न 4.
चोल राज्य की रूप-रेखा के बारे में आप क्या जानते हो?
उत्तर-
चोल राज्य की रूप-रेखा का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
1. राजा-चोल राजा बहुत ही शक्तिशाली होता था। वह केन्द्रीय सरकार का प्रमुख था। उसके पास बहुत-सी शक्तियां होती थीं। परन्तु वह सरकारी मामलों में मन्त्रिमण्डल की सलाह लेता था। वह राज्य प्रबन्ध की निगरानी करता था, न्याय करता था तथा युद्ध में सैनिक दल भेजता था।

2. प्रान्त-चोल राज्य प्रान्तों में विभक्त था। प्रान्तों को ‘मंडलम्’ कहा जाता था। मंडलम् आगे ‘वलनाडु’ में विभक्त था। प्रत्येक वलनाडु में कई गांव शामिल थे।

3. नाडू-चोल राज्य प्रबन्ध की सबसे छोटी इकाई ग्राम या नाडू थी। प्रत्येक ग्राम की दो सभाएं थीं-उर एवं सभा। उर के सदस्य साधारण ग्रामीण थे। सभा वयस्क पुरुषों का समूह थी। ग्राम के सभी कार्य जैसे कि झगड़ों का निपटारा करना, पानी का वितरण तथा कर एकत्रित करना आदि की देखभाल, छोटी कमेटियों द्वारा किये जाते थे।

4. सेना-चोल शासकों के पास एक शक्तिशाली सेना थी। सेना में हाथी, घुड़सवार सेना तथा पैदल सेना सम्मिलित थी। जल-सेना चोल सेना का एक शक्तिशाली भाग था।

5. आय के साधन-चोलों की आय के दो प्रमुख साधन भूमि लगान एवं व्यापार थे। उस समय दूसरे देशों के साथ भी व्यापार होता था।

प्रश्न 5.
तमिलनाडू में किस प्रकार की सिंचाई व्यवस्था का विकास हुआ?
उत्तर-
चोल शासकों ने तमिलनाडू में सिंचाई व्यवस्था की ओर विशेष ध्यान दिया। सिंचाई के लिए लगभग सभी नदियों का, विशेषकर कावेरी नदी का उपयोग किया गया। इसके अतिरिक्त बहुत से तालाब भी बनवाये। उन्होंने खेतों में पानी का वितरण करने के लिए एक तालाब कमेटी भी बनाई।

प्रश्न 6.
चोल शासन काल दौरान किन भाषाओं का विकास हुआ?
उत्तर-
चोल राज्यकाल में संस्कृत तथा क्षेत्रीय भाषाओं-तमिल, तेलुगु एवं कन्नड़ का विकास हुआ।

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प्रश्न 7.
चोल शासन काल दौरान में कौन-सा धर्म अधिक प्रसिद्ध था?
उत्तर-
चोल शासन काल में हिन्दू धर्म अधिक प्रसिद्ध था। बौद्ध तथा जैन धर्म इत्यादि भी अस्तित्व में थे।

(ख) निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. पल्लव शासकों ने ………….. को अपनी राजधानी बनाया।
  2. मार्को पोलो ने ………….. राज्य की यात्रा की।
  3. राजेन्द्र चोल ने ………….. की उपाधि धारण की।
  4. चोल शासनकाल दौरान स्त्रियों का भी ……… किया जाता था।
  5. ननियाह तथा तिकना तेलुगू विद्वानों ने …………. का तेलुगू भाषा में अनुवाद किया।

उत्तर-

  1. कांची,
  2. पाण्डेय
  3. गंगईकोण्डा चोलपुरम्,
  4. विशेष सम्मान,
  5. महाभारत।

(ग) निम्नलिखित के सही जोड़े बनाएं

क – (ख)

  1. बासव – अद्वैत मत
  2. शंकराचार्य – लिंगायत मत
  3. रामानुज – भक्ति लहर
  4. माधव – भक्ति लहर

उत्तर-

  1. बासव-लिंगायत मत,
  2. शंकराचार्य-अद्वैत मत,
  3. रामानुज-भक्ति लहर,
  4. माधव-भक्ति लहर।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 9 दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास (700-1200 ई० तक)

(घ) निम्नलिखित प्रत्येक कथन के सामने ठीक (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाएं-

  1. कंबन विद्वान् ने रामायण का तमिल भाषा में अनुवाद किया।
  2. मदुरै चोल शासकों की राजधानी थी।
  3. चोल शासकों के पास शक्तिशाली जल सेना थी।
  4. महेन्द्र वर्मन ने गंगईकोण्डा चोलपुरम् नगर को स्थापित किया।
  5. चोल राज्य प्रांतों में बँटा हुआ था।

उत्तर-

1. (✓),
2. (✗),
3. (✗),
4. (✗),
5. (✓)

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प्रश्न 1.
मध्यकालीन युग के दक्षिण भारत के तीन शक्तिशाली राज्यों के नाम बताओ।
उत्तर-
पल्लव, पांड्य तथा चोल।

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प्रश्न 2.
पांड्य राज्य की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-
पांड्य राज्य तमिलनाडु के दक्षिणी भागों में स्थापित था। पांड्य शासकों की राजधानी को मदुरा या मुदरा कहा जाता था। यह शिक्षा का एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र था। मार्को पोलो ने इस राज्य की यात्रा की और एक वृत्तान्त लिखा। 14वीं सदी में पांड्य राज्य का पतन हो गया।

प्रश्न 3.
पल्लव कब शक्तिशाली बने? उनकी सफलताओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पल्लव 5वीं तथा छठी शताब्दी में सातवाहनों के पतन के बाद शक्तिशाली शासक बने। महेन्द्र वर्मन प्रथम एवं नरसिंह वर्मन प्रथम पल्लव वंश के दो प्रमुख शासक थे। उन्होंने अपने राज्य का बहुत विस्तार किया। उन्होंने कांची को अपनी राजधानी बनाया।

पल्लव शासकों ने कला एवं भवन-निर्माण कला को संरक्षण दिया। उन्होंने महाबलिपुरम् में शोर (तट) मन्दिर एवं रथ मन्दिर बनवाया। उन्होंने कांची में कैलाश नाथ मन्दिर भी बनवाया। 9वीं शताब्दी में चोल शासकों ने पल्लवों को हरा दिया।

प्रश्न 4.
आरम्भिक चोल राज्य की स्थापना एवं पतन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
चोल शासकों ने दक्षिण भारत में एक शक्तिशाली राज्य की स्थापना की। इस राज्य के आरम्भिक शासकों का वर्णन इस प्रकार है :–
1. विजयालय-विजयालय चोल वंश का संस्थापक था। उसने पल्लवों से तंजौर जीत लिया और उसे अपनी राजधानी बनाया।

2. प्रान्तक प्रथम-प्रान्तक प्रथम चोल राज्य का एक शक्तिशाली शासक था। उसने पांड्य शासक को हराकर उसकी राजधानी मदुरा पर अधिकार कर लिया। इसके पश्चात् वह 949 ई० में तकोलम की लड़ाई में राष्ट्रकूट शासक कृष्ण तृतीय से हार गया। परिणामस्वरूप चोल शासक शक्तिशाली हो गये।

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प्रश्न 5.
प्रान्तक प्रथम के पश्चात् किन दो शासकों ने दक्षिण में चोल राज्य को पुनः शक्तिशाली बनाया?
उत्तर-
प्रान्तक प्रथम के पश्चात् राजराजा प्रथम तथा राजेन्द्र चोल, चोल राज्य को पुनः अस्तित्व में लाये और इसे दक्षिण भारत की महाशक्ति बनाया।

प्रश्न 6.
राजराजा प्रथम की दो प्रशासनिक सफलताएं बताओ।
उत्तर-

  1. राजराजा प्रथम ने अपनी समुद्री शक्ति का आधुनिकीकरण किया।
  2. वह शैव मत का अनुयायी था, परन्तु अन्य धर्मों के प्रति भी उदार था।

प्रश्न 7.
चोल राज्य का अन्त कैसे हुआ?
उत्तर-
राजेन्द्र चोल के उत्तराधिकारी अपने पड़ोसी शासकों के साथ लड़ते रहते थे। इस कारण चोल शासक शक्तिहीन हो गये। परिणामस्वरूप चोल राज्य का अन्त हो गया।

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प्रश्न 8.
700-1200 ई० तक दक्षिणी भारत के समाज पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
700-1200 ई० तक दक्षिण भारत के समाज में कुलीन वर्ग, ब्राह्मणों तथा व्यापारियों का भी बहत सम्मान किया जाता था। समान उद्देश्य की पूर्ति के लिए समाज के भिन्न-भिन्न वर्ग एक-दूसरे को सहयोग देते थे। नारी का भी समाज में बहुत सम्मान था। उन्हें उच्च शिक्षा दिलाई जाती थी। किसान एवं मज़दूर कामगार वर्ग से सम्बन्ध रखते थे। वे बहुत निर्धन होते थे और बहुत कठिन जीवन व्यतीत करते थे।

प्रश्न 9.
700-1200 ई० तक दक्षिणी भारत के धर्म की मुख्य विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
700-1200 ई० तक दक्षिणी भारत के धर्म की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थीं :–
1. हिन्दू धर्म-हिन्दू धर्म बहुत ही लोकप्रिय था। हिन्दू देवताओं-जैसे कि विष्णु और शिव की पूजा की जाती थी।
2. बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म-उस समय बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म भी अस्तित्व में थे।
3. धार्मिक लहरें-इस समय अनेक धार्मिक लहरों का जन्म हुआ।
(i) बासव ने लिंगायत मत की स्थापना की।
(ii) शंकराचार्य ने अद्वैत मत का प्रचार किया।
(iii) रामानुज तथा माधव भक्ति लहर के अन्य महान् प्रचारक थे। उन्होंने ईश्वर की भक्ति करने पर बल दिया। उन्होंने लोगों को शिक्षा दी कि मोक्ष प्राप्ति का एकमात्र साधन, ईश्वर के साथ सच्चे मन से प्रेम करना है। वे जाति तथा वर्ग के भेदभाव के विरुद्ध थे। लोग उनकी शिक्षाओं से बहुत प्रभावित हुए।

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प्रश्न 10.
चोल वंश के उत्थान-पतन की कहानी लिखो।
उत्तर-
चोल वंश दक्षिणी भारत का सबसे प्रसिद्ध राज्य था। इस वंश के शासकों ने लगभग 400 वर्षों तक शासन किया। इनके राज्य में आधुनिक तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश तथा कर्नाटक का एक बहुत बड़ा भाग सम्मिलित था।
प्रमुख राजा-चोल वंश के निम्नलिखित प्रमुख राजा हुए –

1. विजयालय-विजयालय पहला प्रसिद्ध चोल शासक था। उसने 846 ई० से 871 ई० तक शासन किया। उसने तंजौर पर विजय प्राप्त की थी।

परांतक प्रथम-परांतक प्रथम 907 ई० में राजगद्दी पर बैठा और उसने 955 ई० तक शासन किया। उसने पाण्ड्य राज्य को जीता और मदुराई कोंडा की उपाधि धारण की। अपने राज्य को शक्तिशाली बनाने के लिए उसने राज्य में कृषि की उन्नति की ओर विशेष ध्यान दिया।

2. राजराजा प्रथम-राजराजा प्रथम (985-1014 ई०) चोल वंश का एक अन्य प्रसिद्ध राजा था। उसने अपने वंश के झगड़ों को समाप्त किया और विजयों द्वारा अपने राज्य का विस्तार किया। उसने चेरों, वेंगी के चालुक्यों और पाण्ड्य शासकों को भी पराजित किया। कहते हैं कि उसने लंका तक के प्रदेशों पर विजय पाई थी।

3. राजेन्द्र चोल-राजेन्द्र चोल (1014-1044 ई०) राजराजा प्रथम का पुत्र था। उसने बंगाल के पाल वंश के राजाओं के साथ युद्ध किया। उसका दूसरा प्रसिद्ध

4. युद्ध दक्षिणी-पूर्वी एशिया में श्रीविजय के विरुद्ध था। इस युद्ध में श्रीविजय पराजित हुआ और भारतीय द्वीपों पर चोलों का अधिकार हो गया।

चोलों का पतन-चोल वंश का अन्तिम शासक राजाधिराज था। वह चालुक्यों के साथ लड़ता हुआ मारा गया। उसकी मृत्यु के साथ ही चोल वंश का पतन होना आरम्भ हो गया।

प्रश्न 11.
चोल शासकों की मुख्य विशेषताएं क्या थी?
उत्तर-
चोल शासक अपनी प्रजा की सुविधाओं का बहुत ध्यान रखते थे। उन्होंने अपने राज्य की उन्नति के लिए अनेक कार्य किए। उन्होंने उत्तम शासन प्रबन्ध की व्यवस्था की हुई थी। उन्होंने गांवों के लोगों को यह सुविधा दे रखी थी कि वे अपना शासन चलाएं। वे मन्दिरों के निर्माण में बड़ी रुचि लेते थे। उन्होंने कई भव्य मन्दिर बनवाये थे। उन्होंने अनेक शिलालेख संस्कृत और तमिल दोनों भाषाओं में लिखवाए। इस प्रक्चर चोल शासनकाल का भारतीय संस्कृति को अच्छा योगदान रहा।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 9 दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास (700-1200 ई० तक)

प्रश्न 12.
राजराजा प्रथम तथा राजेन्द्र चोल की सैनिक उपलब्धियों का वर्णन करो।
उत्तर-
1. राजराजा प्रथम (985-1014 ई०)-राजराजा प्रथम को राजराजा चोल भी कहा जाता था। वह चोल वंश का महान् शक्तिशाली शासक था। उसने चेर, पांड्य एवं श्रीलंका के राजाओं को हराकर उनके बहुत से महत्त्वपूर्ण क्षेत्र अपने अधीन कर लिये।

2. राजेन्द्र चोल (1014-1044 ई०)-राजेन्द्र चोल अपने पिता राजराजा प्रथम के समान बहुत ही वीर था। उसने चोल राज्य का काफ़ी विस्तार किया।

(i) उसने पांड्य, चेर एवं श्रीलंका के शासकों को हराकर उनके क्षेत्र जीत लिये थे, जिस कारण उसने ‘गंगईकोंडा चोलपुरम्’ की उपाधि धारण की।

(ii) दक्षिण-पूर्वी एशिया में उसने अंडमान-निकोबार, मलाया, सुमात्रा तथा जावा पर महत्त्वपूर्ण विजयें प्राप्त की।

प्रश्न 13.
चोल शासकों की कला तथा भवन उसारी कला का वर्णन करो।
उत्तर-
चोल शासक कला प्रेमी थे। उनके अधीन कला एवं भवन उसारी कला में बहुत अधिक उन्नति हुई :

  1. राजराजा प्रथम ने तंजौर का प्रसिद्ध राजराजेश्वर मन्दिर बनवाया। यह द्रविड़ शैली में बना है।
  2. राजेन्द्र चोल ने गंगईकोंड चोलपुरम् नामक नगर बसाया और उसे अपनी राजधानी बनाया।
  3. चोल काल में कांस्य की अनेक मूर्तियां बनाई गईं। तंजौर की नटराज मूर्तियां इस काल की उत्कृष्ठ कांस्य मूर्तियां हैं।

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प्रश्न 14.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त नोट लिखें –
(अ) तमिलनाडु में ज़मींदारा विस्तार।
उत्तर-
(i) चोल शासकों ने तमिलनाडु में कृषि के विकास की ओर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने घुमक्कड़ कबीलों की सहायता से जंगलों को साफ कराकर भूमि को कृषि योग्य बनाया। परिणामस्वरूप वहां ज़मींदारी का बहुत विस्तार हुआ।

(ii) चोल शासकों ने सिंचाई प्रबन्ध की ओर भी विशेष ध्यान दिया। सिंचाई के लिए लगभग सभी नदियों का, विशेषकर कावेरी नदी का उपयोग किया गया। जहां नदी का पानी ले जाना सम्भव नहीं था, वहां उन्होंने सिंचाई के लिए बहुत से तालाब बनवाये। उन्होंने खेतों में पानी का वितरण करने के लिए एक तालाब कमेटी भी बनाई।

(iii) चोल शासक राज्य में भारी वर्षा या सूखा पड़ जाने के कारण नष्ट हुई फसलों पर भूमि-लगान नहीं लेते थे। वे संकट काल में कृषकों को ऋण भी देते थे।

(आ) शिक्षा तथा साहित्य।
उत्तर-
मध्यकालीन भारत में चोल शासकों के अधीन शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में बहुत उन्नति हुई। उन्होंने व्याकरण, दर्शन शास्त्र, कला, विज्ञान एवं भूगोल-विज्ञान आदि अनेक विषयों को प्रोत्साहन दिया। शिक्षा का माध्यम संस्कृत तथा तमिल भाषाएं थीं। शिक्षा मन्दिरों के परिसरों में दी जाती थी।

चोल राज्य में संस्कृत तथा क्षेत्रीय भाषाओं-तमिल, तेलुगु एवं कन्नड़ का विकास हुआ। संस्कृत की अनेक पुस्तकों का इन भाषाओं में अनुवाद किया गया। उदाहरण के लिए विद्वान् कम्बन ने रामायण का तमिल में अनुवाद किया। नन्नयया एवं तिकना आदि तेलुगु विद्वानों ने महाभारत का तेलुगु भाषा में अनुवाद किया।
रामायण तथा महाभारत महाकाव्यों से हमें दक्षिण भारत के आरम्भिक एवं उत्तर मध्यकालीन युग के इतिहास बारे जानकारी मिलती है।

सही उत्तर चुनिए :

प्रश्न 1.
पाण्डेय दक्षिण भारत का एक राज्य था। क्या आप इस राज्य की राजधानी का नाम बता सकते हैं?
(i) कांचीपुरम्
(ii) महाबलिपुरम्
(ii) मदुरै।
उत्तर-
(iii) मदुरै।

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प्रश्न 2.
गंगईकोण्डा चोलपुरम् उपाधि किस चोल शासक ने धारण की?
(i) राजेन्द्र चोल
(ii) राजराज चोल
(iii) कृष्ण तृतीय।
उत्तर-
(i) राजेन्द्र चोल।

प्रश्न 3.
कैलाशनाथ मंदिर (कांचीपुरम्) किस राजवंश के शासकों ने बनवाया?
(i) पाल
(ii) राष्ट्रकूट
(iii) पल्लव।
उत्तर-
(iii) पल्लव।

प्रश्न 4.
चित्र में दिखाए गए रथ मंदिर कहां स्थित हैं?
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 9 दक्षिणी भारत में राजनीतिक विकास (700-1200 ई० तक) 1
(i) कांचीपुरम्
(ii) महाबलिपुरम्
(iii) चोलपुरम्।
उत्तर-
(ii) महाबलिपुरम्।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions History Chapter 8 नए राज्य एवं शासक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 8 नए राज्य एवं शासक

SST Guide for Class 7 PSEB नए राज्य एवं शासक Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
मध्यकालीन युग दौरान जाति-प्रथा किस प्रकार की थी ?
उत्तर-
आरम्भिक मध्यकाल में जाति-प्रथा बहुत कठोर थी। समाज चार जातियों में बंटा हुआ था। ये जातियां थीं-ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र। ब्राह्मण धार्मिक रस्में पूरी करते थे। इसलिए समाज में उनका बहुत आदर था। क्षत्रिय सैनिक तथा शासक बनते थे और युद्ध में भाग लेते थे। वैश्य व्यापार करते थे। परन्तु समाज में शूद्रों की दशा अच्छी नहीं थी। राजपूतों को अपनी ऊँची जाति पर बहुत मान था। वे अपनी पुत्रियों को विवाह निम्न कही जाने वाली जातियों में नहीं करते थे। समाज में स्त्रियों का आदर किया जाता था। उन्हें उच्च शिक्षा दिलाई जाती थी। वे सामाजिक तथा धार्मिक कार्यों में भाग लेती थीं। उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार अपना पति चुनने का अधिकार था। वे जौहर की रस्म करती थीं जो उनकी पवित्रता का प्रतीक थी।

प्रश्न 2.
त्रिपक्षीय संघर्ष किन तीन राजवंशों के बीच (मध्य) हुआ ?
उत्तर-
त्रिगुट संघर्ष से तात्पर्य उस संघर्ष से है जो राष्ट्रकूटों, प्रतिहारों तथा पालों के बीच कन्नौज पर अधिकार करने के लिए हुआ। कन्नौज उत्तरी भारत का प्रसिद्ध नगर था। उत्तरी भारत में इस नगर की स्थिति बहुत अच्छी थी। क्योंकि इस नगर पर अधिकार करने वाला शासक गंगा के मैदान पर अधिकार कर सकता था, इसलिए इस पर अधिकार करने के लिए कई लड़ाइयां लड़ी गईं। इस संघर्ष में राष्ट्रकूट, प्रतिहार तथा पाल नामक प्रमुख राजवंश भाग ले रहे थे। इन राजवंशों ने बारी-बारी से कन्नौज पर अधिकार किया। आधुनिक इतिहासकार इसी संघर्ष को त्रिगुट संघर्ष का नाम देते हैं।

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प्रश्न 3.
किस काल को ‘राजपूत काल’ कहा जाता है ?
उत्तर-
हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात् भारत अनेक छोटे-बड़े राज्यों में बंट गया। इनमें से अधिकतर राज्यों पर राजपूतों का शासन था। राजपूत शासक आपस में लड़ते-झगड़ते रहते थे। अतः राजपूत राज्य समाप्त होते रहते थे और फिर से अस्तित्व में आते रहते थे। इस प्रकार 8वीं शताब्दी से लेकर 13वीं शताब्दी तक देश पर मुख्य रूप से राजपूतों का ही शासन रहा। इसलिए इस काल को राजपूत काल का नाम दिया जाता है।

प्रश्न 4.
महमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण क्यों किया था ?
उत्तर-
महमूद गज़नवी (999-1030) गज़नी राज्य के शासक सुबुक्तगीन का पुत्र था। उसने भारत पर 17 बार आक्रमण किया। इन आक्रमणों का मुख्य उद्देश्य भारत के धन को लूटना था।

प्रश्न 5.
मुहम्मद गौरी ने भारत पर आक्रमण क्यों किया था ?
उत्तर-
मुहम्मद गौरी अफ़गानिस्तान के गौर (Ghor) वंश से सम्बन्ध रखता था। उसके राज्य में आधुनिक अफ़गानिस्तान के गज़नी और हरात के बीच के क्षेत्र शामिल थे। उसके भारत पर आक्रमणों का उद्देश्य केवल भारत के धन को लूटना ही नहीं था, वह भारत में मुस्लिम राज्य स्थापित करना चाहता था।

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(ख) निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. मिहिरभोज ……………. वंश का शक्तिशाली शासक था।
  2. देवपाल शासक ने बौद्ध गया में …………… मंदिर का निर्माण करवाया।
  3. राष्ट्रकूट शासक ………….. के शौकीन थे।

उत्तर-

  1. गुर्जर-प्रतिहार,
  2. महाबौद्धी,
  3. कला तथा साहित्य।

(ग) निम्नलिखित के सही जोड़े बनाएं :

(क) – (ख)
1. गुर्जर-प्रतिहार शासक – 1. बंगाल, बिहार एवं झारखंड
2. पाल शासक – 2. राजस्थान तथा गुजरात
3. राष्ट्रकूट शासक – 3. दक्षिण
उत्तर-
1. गुर्जर-प्रतिहार शासक – राजस्थान तथा गुजरात
2. पाल शासक – बंगाल, बिहार एवं झारखंड
3. राष्ट्रकूट शासक-दक्षिण

PSEB 7th Class Social Science Guide नए राज्य एवं शासक Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
आरम्भिक (पूर्व) मध्यकालीन युग के उत्तरी तथा दक्षिणी भारत के तीन-तीन राज्यों के नाम बताओ।
उत्तर-
उत्तरी भारत के राज्य-प्रतिहार अथवा गुर्जर-प्रतिहार राज्य, पाल तथा राजपूत राज्य। दक्षिणी भारत के राज्य-पल्लव, पाण्डेय तथा चोल।

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प्रश्न 2.
गुर्जर-प्रतिहार शासक कहां शासन करते थे ?
उत्तर-
गुर्जर-प्रतिहार शासक राजस्थान तथा गुजरात के कुछ भागों पर शासन करते थे।

प्रश्न 3.
गुर्जर-प्रतिहार वंश का सबसे शक्तिशाली शासक कौन था ? उसने कब से कब तक शासन किया ?
उत्तर-
गुर्जर-प्रतिहार वंश का सबसे शक्तिशाली शासक मिहिर भोज था। उसने 836 ई० से लेकर 885 ई0 तक शासन किया।

प्रश्न 4.
गुर्जर-प्रतिहार वंश का अंत किस प्रकार हुआ?
उत्तर-
गुर्जर-प्रतिहार वंश के अन्तिम शासक राजपाल ने 1018-19 ई० में महमूद गज़नवी की अधीनता स्वीकार कर ली थी। इससे क्रोधित होकर राजपूतों ने उसकी हत्या कर दी, उसकी मृत्यु के साथ गुर्जर-प्रतिहार वंश का अंत हो गया।

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प्रश्न 5.
गुर्जर-प्रतिहार शासक महेन्द्रपाल की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-
महेन्द्रपाल मिहिर भोज का पुत्र तथा उत्तराधिकारी था। उसने 885-910 ई० तक शासन किया। वह कला और साहित्य प्रेमी था।

प्रश्न 6.
पाल शासकों ने कहां पर शासन किया ? इस वंश का संस्थापक कौन था ?
उत्तर–
पाल शासकों ने आधुनिक बंगाल, बिहार तथा झारखंड के प्रदेशों पर शासन किया। इस वंश का संस्थापक गोपाल था। उसने 750 ई० में पाल वंश की स्थापना की थी।

प्रश्न 7.
पाल शासकों की दो सफ़लताएं बताओ।
उत्तर-

  1. पाल शासकों के अधीन भवन-निर्माण कला, चित्रकला, शिक्षा तथा साहित्य में बहुत उन्नति हुई।
  2. पाल शासक बौद्ध धर्म के अनुयायी थे। परन्तु वे अन्य धर्मों के प्रति भी उदार थे।

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प्रश्न 8.
पाल शासक धर्मपाल की एक शिक्षा सम्बन्धी सफ़लता बताओ।
उत्तर-
धर्मपाल शिक्षा-प्रेमी शासक था। उसने विक्रमशिला विहार की स्थापना की जो बाद में एक महान् विश्वविद्यालय (यूनिवर्सिटी) बना।

प्रश्न 9.
राष्ट्रकूट शासक कहां शासन करते थे ?
उत्तर-
राष्ट्रकूट दक्कन पर शासन करते थे। दक्कन में कृष्णा तथा तुंगभद्रा नदियों के उत्तरी प्रदेश शामिल हैं।

प्रश्न 10.
राष्ट्रकूट वंश के प्रसिद्ध शासकों के नाम बताओ।
उत्तर-
दन्तीदुर्ग, कृष्ण प्रथम, गोविन्द द्वितीय, ध्रुव, गोविन्द तृतीय, अमोघवर्ष तथा कृष्ण तृतीय।

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प्रश्न 11.
राष्ट्रकूट शासकों की मुख्य सफ़लताएं बताओ।
उत्तर-
राष्ट्रकूट शासकों की मुख्य सफ़लताएं निम्नलिखित थीं –

  1. राष्ट्रकूट शासकों ने दक्षिण भारत में चालुक्यों तथा पल्लवों से युद्ध किए।
  2. राष्ट्रकूट शासक ध्रुव ने प्रतिहार शासक वत्सराज को हरा कर कन्नौज पर अधिकार कर लिया।
  3. राष्ट्रकूट शासक कला तथा शिक्षा के संरक्षक थे। अमोघवर्ष एक अच्छा कवि था। कृष्ण प्रथम ने एलोरा में कैलाश मन्दिर बनवाया।
  4. राष्ट्रकूटों ने दूसरे देशों के साथ व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित किए।
  5. उन्होंने हिन्दू धर्म के साथ-साथ अन्य सभी धर्मों को भी संरक्षण दिया।

प्रश्न 12.
निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए –
1. मिहिरभोज
2. धर्मपाल
3. देवपाल
4. अमोघवर्ष
5. पृथ्वीराज चौहान।
उत्तर-
1. मिहिरभोज-मिहिरभोज प्रथम (836-885 ई०) गुर्जर-प्रतिहार वंश का एक प्रसिद्ध शासक था। अरब यात्री सुलेमान ने उसे एक वीर योद्धा तथा कुशल प्रशासक कहा है। उसने पाल वंश से अपने खोये हुए प्रदेश पुनः प्राप्त किए। वह विष्णु का उपासक था। उसने ‘आदिवराह’ की उपाधि धारण की।

2. धर्मपाल-धर्मपाल (770-810 ई०) पाल वंश का प्रसिद्ध शासक था। अरब यात्री सुलेमान लिखता है कि उसकी सैनिक शक्ति उसके विरोधियों से कहीं अधिक थी। उसने प्रतिहार तथा राष्ट्रकूट शासकों के साथ युद्ध किए। धर्मपाल शिक्षा-प्रेमी भी था। उसने विक्रमशिला के प्रसिद्ध बौद्ध मठ की स्थापना की जो उच्च शिक्षा का केन्द्र बना।

3. देवपाल-देवपाल पाल शासक धर्मपाल का पुत्र था। उसने 810 ई० से 850 ई० तक शासन किया। उसे पाल वंश का सबसे शक्तिशाली शासक माना जाता है। उसने असम तथा उड़ीसा को विजय किया। उसने प्रतिहारों के विरुद्ध भी युद्ध किए और उन्हें पराजित करके पाल राज्य की प्रतिष्ठा में वृद्धि की।

4. अमोघवर्ष-अमोघवर्ष (814-878 ई०) राष्ट्रकूट वंश का एक शासक था। उसने 64 वर्ष तक शासन किया। वह अपनी विद्वता के लिए विख्यात है। उसने ‘कविराज मार्ग’ नामक ग्रन्थ की रचना की। यह कन्नड़ साहित्य की सबसे पहली काव्य रचना है।

5. पृथ्वीराज चौहान-पृथ्वीराज चौहान चौहान वंश का सबसे महान् शासक था। उसने 1179 से 1192 ई० तक शासन किया। दिल्ली तथा अजमेर के प्रदेश उसके अधीन थे। उसने चन्देल राजा को हरा कर महोबा तथा कुछ अन्य किले अपने अधिकार में ले लिए। उसने गुजरात के चालुक्य शासक भीम द्वितीय से भी टक्कर ली। वह 1192 ई० में मुहम्मद गौरी के हाथों पराजित हुआ।

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प्रश्न 13.
किन्हीं दो प्रसिद्ध राजपूत वंशों के बारे में लिखिए।
उत्तर-
दो प्रसिद्ध राजपूत वंश निम्नलिखित थे –
1. प्रतिहार वंश-इस वंश के राजा कन्नौज तथा उसके आस-पास के प्रदेश पर शासन करते थे। इस वंश का पहला महान् शासक नागभट्ट-I था। भोज प्रथम इस वंश का एक अन्य प्रसिद्ध शासक था।

2. चौहान वंश-इस वंश का शासन राजस्थान में अजमेर के प्रदेश पर था। पृथ्वीराज चौहान इस वंश का प्रसिद्ध राजा था। उसने मुहम्मद गौरी से दो बार टक्कर ली।

प्रश्न 14.
महमूद गज़नवी और मुहम्मद गौरी के आक्रमणों में क्या अन्तर था ?
उत्तर-
महमूद गज़नवी और मुहम्मद गौरी के आक्रमणों में निम्नलिखित अन्तर था –

महमूद गज़नवी मुहम्मद गौरी
(1) महमूद गज़नवी के आक्रमणों का उद्देश्य केवल धन लूटना था। (1) मुहम्मद गौरी के आक्रमणों का उद्देश्य उत्तरी भारत में मुस्लिम राज्य की स्थापना करना था।
(2) महमूद गज़नवी अपने सभी आक्रमणों में विजयी रहा। (2) मुहम्मद गौरी अपने आक्रमणों में एक बार पराजित हुआ।
(3) महमूद गज़नवी के आक्रमणों से भारत को धन की बड़ी हानि हुई। (3) मुहम्मद गौरी के आक्रमणों से भारत में मुस्लिम राज्य की स्थापना हुई।

 

प्रश्न 15.
कन्नौज का क्या महत्त्व था ? उन राजाओं के नाम बताओ जो कन्नौज पर अधिकार करना चाहते थे।
उत्तर-
कन्नौज हर्षवर्धन की राजधानी था। इस पर विजय प्राप्त करना प्रभुसत्ता का चिन्ह माना जाता था। कन्नौज की स्थिति ऐसी थी कि इस पर अधिकार करने वाला शासक पूरी गंगा घाटी पर अधिकार कर सकता था। अतः कन्नौज पर अधिकार करने के लिए बंगाल-बिहार के पाल, मध्य भारत तथा पूर्वी राजस्थान के प्रतिहार तथा दक्कन के राष्ट्रकूट राजाओं के बीच संघर्ष हुआ। इस संघर्ष को त्रिपक्षीय संघर्ष का नाम दिया जाता है। यह संघर्ष लगभग 200 वर्ष तक चला। इस संघर्ष ने तीनों राजवंशों को आर्थिक दृष्टि से कमजोर बना दिया।

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प्रश्न 16.
राजपूतों की उत्पत्ति के विषय में लिखिए।
उत्तर-
राजपूतों की उत्पत्ति के बारे में इतिहासकारों के अलग-अलग विचार हैं। इनमें से मुख्य विचार निम्नलिखित हैं –

  1. राजस्थान के प्रसिद्ध इतिहासकार कर्नल टॉड के अनुसार राजपूत मध्य एशिया के कबीलों की सन्तान हैं। वे हूणों के आक्रमणों के बाद भारत में आ बसे।
  2. वेद व्यास तथा गौरी शंकर ओझा का विचार है कि राजपूत प्राचीन क्षत्रियों की सन्तान हैं।
  3. एक अन्य विचार चन्द बरदाई का है। वह अपनी पुस्तक पृथ्वीराज रासो में लिखता है कि राजपूतों की उत्पत्ति अग्निकुल से हुई।
    चौहान, परमार, गुर्जर-प्रतिहार, चालुक्य तथा चन्देल इस काल के मुख्य राजपूत वंश अथवा कुल थे।

प्रश्न 17.
चौहान कौन थे ? उनके विषय में संक्षेप में वर्णन करें।
उत्तर-
चौहानों को चाहमान भी कहा जाता है। पृथ्वीराज चौहान इस वंश का सबसे शक्तिशाली शासक था। उसने 1179 से 1192 ई० तक शासन किया। वह एक वीर योद्धा था। उसने चन्देल राजा को पराजित करके उसके कई प्रदेश छीन लिए। 1191 ई० में उसने तराइन की पहली लड़ाई में मुहम्मद गौरी को पराजित किया। परन्तु अगले ही वर्ष 1192 ई० में तराइन की दूसरी लड़ाई में वह मुहम्मद गौरी से पराजित हुआ और उसका वध कर दिया गया। इस प्रकार दिल्ली से चौहान वंश का राज्य समाप्त हो गया।
चन्द बरदाई ने अपनी पुस्तक पृथ्वीराज रासो में पृथ्वीराज चौहान की सफलताओं का विस्तार से वर्णन किया है।

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प्रश्न 18.
महमूद गज़नवी के प्रमुख आक्रमणों के बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
महमूद गज़नवी गज़नी का शासक था। वह गज़नी को एक शक्तिशाली राज्य बनाना चाहता था। इसलिए वह एक बड़ी सेना तैयार करना चाहता था जिसके लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता थी। धन प्राप्त करने के लिए उसने भारत पर 17 हमले (आक्रमण) किए। उसके प्रमुख आक्रमणों का वर्णन इस प्रकार है –

1. जयपाल पर आक्रमण, 1001 ई०-1001 ई० में महमूद गज़नवी ने पंजाब के हिन्दूशाही शासक जयपाल पर आक्रमण किया। इसमें जयपाल पराजित हुआ और उसे बन्दी बना लिया गया। कहा जाता है कि महमद ने जयपाल से 2,50,000 सोने के सिक्के लेकर उसे मुक्त कर दिया। परन्तु जयपाल इस अपमान को सहन न कर सका। उसने अपने आपको आग लगा कर अपनी जान दे दी।

2. आनन्दपाल से युद्ध 1008 ई०-आनन्दपाल जयपाल का पुत्र था। महमूद गज़नवी ने 1008 ई० में उसके साथ युद्ध किया। आनन्दपाल ने उज्जैन, ग्वालियर, कालिंजर, दिल्ली तथा अजमेर के हिन्दू शासकों की सेना को इकट्ठा करके महमूद का सामना किया। एक भीषण लड़ाई के बाद महमूद विजयी रहा। उसने पंजाब में भयंकर लूटमार की।।

3. नगरकोट पर आक्रमण-महमूद गज़नवी ने 1009 ई० में नगरकोट (कांगड़ा) पर आक्रमण किया। उसने नगरकोट पर अधिकार कर लिया और यहां के मन्दिरों से अपार सोना-चांदी लूटा।

4. थानेश्वर पर आक्रमण-महमूद ने 1014 ई० में थानेश्वर पर आक्रमण किया। यहां के विशाल मन्दिरों में अपार धन-सम्पत्ति थी। महमूद गज़नवी इसे लूट कर अपने देश ले गया।

5. मथुरा तथा कन्नौज पर आक्रमण 1018-19 ई०-महमूद गजनवी ने 1018-19 ई० में मथुरा पर आक्रमण किया। उसने मार्ग में आने वाले नगरों में लूटमार की और उन्हें आग की भेंट चढ़ा दिया। 1018 ई० में वह मथुरा पहुंचा और वहां के मन्दिरों को ध्वस्त कर दिया। ___ मथुरा से वह कन्नौज पहुंचा। कन्नौज के शासक राजपाल ने उसके आगे आत्म-समर्पण कर दिया। महमूद ने वहां के मन्दिरों में खूब लूटमार की और उन्हें तोड़-फोड़ डाला।

6. कालिंजर पर आक्रमण, 1021 ई०-1021 ई० में महमूद ने कालिंजर पर आक्रमण कर दिया। वहां के शासक विद्याधर के पास एक विशाल सेना,थी। फिर भी वह महमूद का सामना न कर सका और मैदान छोड़ कर भाग गया।
सोमनाथ के मन्दिर पर आक्रमण, 1025 ई०-1025 ई० में महमूद गज़नवी ने काठियावाड़ (गुजरात) में स्थित सोमनाथ के मन्दिर पर आक्रमण किया। यह

7. मन्दिर अपनी धन-सम्पदा के लिए संसार भर में प्रसिद्ध था। इसके अतिरिक्त यह हिन्दुओं का सबसे, पवित्र मन्दिर माना जाता था। महमूद ने इस मन्दिर में भयंकर लूटमार की और मन्दिर को ध्वस्त कर दिया। यहां से वह सैंकड़ों मन सोना-चांदी तथा हीरे-जवाहरात अपने देश ले गया। यह महमूद की सबसे बड़ी विजय थी। इसके लिए खलीफ़ा ने उसे सम्मानित किया। 1030 ई० में महमूद गज़नवी की मृत्यु हो गई।

प्रश्न 19.
मुहम्मद गौरी के प्रमुख हमलों (आक्रमणों) की समीक्षा कीजिए।
उत्तर-
मुहम्मद गौरी अफ़गानिस्तान के गौर राज्य का शासक था। वह 1173 ई० में सिंहासन पर बैठा। शासक बनने के पश्चात् उसने भारत-विजय करने का निश्चय किया। 1175 ई० में उसने मुल्तान पर आक्रमण किया और उस पर अधिकार कर लिया। उसके अन्य प्रमुख आक्रमणों का वर्णन इस प्रकार है –
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक 1

1. गुजरात पर आक्रमण-1178 ई० में गौरी ने गुजरात पर आक्रमण किया। गुजरात के शासक ने बड़ी वीरता से मुहम्मद गौरी का सामना किया | और उसे बुरी तरह पराजित किया।

2. तराइन का पहला युद्ध-मुहम्मद गौरी भारत में मुस्लिम राज्य की स्थापना करना चाहता था। इसलिए उसने 1191 ई० में दिल्ली पर आक्रमण कर दिया। दिल्ली पर उन दिनों पृथ्वीराज चौहान का शासन था, जो बड़ा ही वीर तथा साहसी शासक था। तराइन के स्थान पर पृथ्वीराज और गौरी की सेनाओं | में घमासान युद्ध हुआ। इस युद्ध में मुहम्मद गौरी बुरी तरह पराजित हुआ।

3. तराइन का दूसरा युद्ध-अपनी हार का बदला लेने के लिए गौरी ने 1192 ई० में दोबारा भारत पर आक्रमण किया। इस बार कन्नौज के राजा म्मद गौरी जयचन्द ने भी उसका साथ दिया। तराइन के स्थान पर गौरी और पृथ्वीराज की सेनाओं में जमकर युद्ध हुआ। पृथ्वीराज चौहान के नेतृत्व में राजपूत बड़ी वीरता से लड़े, परन्तु अन्त में गौरी की विजय हुई। इस विजय से दिल्ली और अजमेर पर मुहम्मद गौरी का अधिकार हो गया।

4. जयचन्द से युद्ध-1194 ई० में मुहम्मद गौरी ने कन्नौज के शासक जयचन्द को पराजित किया और कन्नौज का प्रदेश जीत लिया।

5. अन्य विजयें-इसी बीच मुहम्मद गौरी के एक सेनानायक मुहम्मद-बिन-बख्तियार खिलजी ने बंगाल और बिहार पर अधिकार कर लिया। उसके अन्य सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक ने गुजरात को भी जीत लिया।
इस प्रकार मुहम्मद गौरी ने कुछ ही समय में लगभग पूरे उत्तरी भारत पर अपना अधिकार जमा लिया। उसे भारत में तुर्क राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। 1206 ई० में उसकी मृत्यु हो गई।

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प्रश्न 20.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त लेख लिखिए –
(क) आर्थिक दशा
(ख) धर्म।
उत्तर-
(क) आर्थिक दशा-पूर्व मध्यकाल में कृषि लोगों का मुख्य व्यवसाय था। भारत से कीमती पत्थर, मसाले, रेशम, ऊनी तथा सूती वस्त्र, चन्दन की लकड़ी, नारियल आदि विदेशों को भेजे जाते थे। मध्य एशिया से खजूर, शराब तथा घोड़े भारत में आते थे।

(ख) धर्म-पूर्व (आरम्भिक) मध्यकाल में भारत में मुख्य रूप से जैन धर्म, बौद्ध धर्म तथा हिन्दू धर्म प्रचलित थे। परन्तु राजपूत हिन्दू धर्म के अनुयायी थे। इसलिए उनके शासनकाल में हिन्दू धर्म ने बड़ी उन्नति की।

उत्तरी भारत में हिन्दू धर्म के दो सम्प्रदाय बहुत अधिक लोकप्रिय थे-शैव मत तथा वैष्णव मत। लोग विष्णु, शिव तथा शक्ति की पूजा करते थे। वे विष्णु के दस अवतारों की पूजा भी करते थे। इस काल में उत्तरी तथा दक्षिणी भारत में भक्ति लहर बहुत अधिक लोकप्रिय हुई। श्री गुरु नानक देव जी, समानुज तथा माधव जी ने ईश्वर की भक्ति पर बल दिया। उन्होंने लोगों को बताया कि सच्चे मन से प्रभु-भक्ति करना ही मुक्ति का साधन है। वे जाति तथा वर्ण के भेदभाव के विरुद्ध थे।

(क) सही कथनों पर (✓ ) तथा ग़लत कथनों पर (✗) का चिन्ह लगाएं :

  1. प्रारम्भिक मध्यकालीन युग में भारतीय लोगों का मुख्य कार्य कृषि था।
  2. महमूद गज़नवी ने भारत पर सत्रह आक्रमण किए।
  3. जयचन्द अजमेर का शासक था जिसने मुहम्मद गौरी को हराया।
  4. राजा हर्षवर्धन की राजधानी दिल्ली थी।

उत्तर-

  1. (✓ )
  2. (✓ )
  3. (✗)
  4. (✗)

(ख) सही उत्तर चुनिए :

प्रश्न 1.
चित्र में दिखाया गया व्यक्ति चाहमान वंश का एक शक्तिशाली शासक था। इसका क्या नाम था ?
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक 2
(i) जयचन्द
(ii) विद्याधर
(iii) पृथ्वीराज चौहान।
उत्तर-
(iii) पृथ्वीराज चौहान।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक

प्रश्न 2.
राजा हर्षवर्धन की राजधानी कौन-सी थी?
(i) कन्नौज
(ii) चंदवाड़ा
(iii) सियालकोट।
उत्तर-
(i) कन्नौज।

प्रश्न 3.
चित्र में एलोरा का कैलाश मंदिर दिखाया गया है ? बताइए कि यह किसके द्वारा बनवाया गया था?
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 8 नए राज्य एवं शासक 3
(i) राष्ट्रकूट शासक कृष्ण तृतीय द्वारा
(ii) राष्ट्रकूट शासक दंतीदुर्ग द्वारा
(iii) प्रतिहार शासक वत्सराज द्वारा।
उत्तर-
(i) राष्ट्रकूट शासक कृष्ण तृतीय द्वारा।

PSEB 7th Class Home Science Practical एल्यूमीनियम, स्टील, पीतल और शीशे की सफाई

Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Practical एल्यूमीनियम, स्टील, पीतल और शीशे की सफाई Notes.

PSEB 7th Class Home Science Practical एल्यूमीनियम, स्टील, पीतल और शीशे की सफाई

1. एल्यूमीनियम के बर्तनों की सफ़ाई

आवश्यक सामग्री-पानी, साबुन, नींबू का रस, सिरका, स्टील वूल।
सफ़ाई की विधियां-

  1. एल्यूमीनियम के बर्तन सस्ते होते हैं। इनकी सफ़ाई के लिए गर्म पानी व साबुन का प्रयोग किया जाना चाहिए।
  2. बर्तन में यदि धब्बे हों तो धब्बों पर नींबू का रस लगाएँ और फिर साफ़ गर्म पानी से धोकर मुलायम कपड़े से पोंछ लें।
  3. यदि बर्तन का रंग खराब हो जाए तो उबलते पानी में सिरका डालकर उसमें बर्तन डाल दें। बर्तन चमक जायेंगे।
  4. इनमें चमक लाने के लिए स्टील वूल (steel wool) का प्रयोग भी कर सकते हैं।

नोट-

  1. एल्यूमीनियम के बर्तनों को साफ़ करने के लिए किसी भी अम्ल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  2. इनके लिए सोडे का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे धातु काली पड़ जाती है।

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2. स्टेनलेस स्टील के बर्तनों की सफाई

आवश्यक सामग्री-पानी, साबुन, विम जैसा पाउडर, झाड़न सफ़ाई की विधियां-

  1. इन्हें पानी और साबुन के घोल से साफ़ किया जाता है।
  2. इनकी सफ़ाई के लिए बाज़ार में विम जैसे पाउडर उपलब्ध हैं। ये पाउडर इन बर्तनों की सफाई के लिए बहुत अच्छे रहते हैं।
  3. धोने के बाद इन्हें एक सूखे स्वच्छ कपड़े से पोंछकर ही रखना चाहिए।

नोट-

  1. स्टेनलेस स्टील के बर्तनों की सफ़ाई राख आदि से नहीं करनी चाहिए क्योंकि इनमें खरोंचें पड़ जाती हैं।
  2. स्टेनलेस स्टील के बर्तनों को स्वच्छ व मुलायम कपड़े से अच्छी प्रकार रगड़ने से उनमें चमक आ जाती है।

3. पीतल के बर्तनों की सफाई

आवश्यक सामग्री-राख, मिट्टी, इमली, नींबू या आम की खटाई, पानी, साबुन, सिरका, नमक, ब्रासो।
सफ़ाई की विधियां-

  1. घर के रोज उपयोग किए जाने वाले बर्तनों को राख व मिट्टी से माँज कर साफ़ किया जा सकता है।
  2. अधिक गन्दे बर्तनों की सफाई के लिए इमली, नींबू या आम की खटाई का प्रयोग करना उचित रहता है।
  3. पीतल की सजावटी वस्तुओं को साफ़ करने के लिए निम्न विधि अपनाते हैं,
    • वस्तु को गर्म साबुन के घोल में डालें।
    • छोटे ब्रुश या पुराने टूथ ब्रुश से अच्छी प्रकार साफ़ करें जिससे कोनों तथा डिज़ाइन आदि में घुसी गन्दगी भी साफ़ हो जाये।
    • इसे अब साफ़ पानी में धोएँ।
    • सूखे कपड़े से पोंछकर सुखाएँ।
    • बाज़ार मे उपलब्ध ब्रासो (Brasso) नामक पॉलिश लगाकर रगड़ें ताकि यह
      चमक जाये।
  4. पीतल की वस्तुओं पर यदि दाग-धब्बे लगे हों तो पॉलिश करने से पहले सिरका तथा नमक का प्रयोग करें।

PSEB 7th Class Home Science Practical एल्यूमीनियम, स्टील, पीतल और शीशे की सफाई

4. काँच, चीनी मिट्टी और शीशे की वस्तुओं की सफाई

आवश्यक सामग्री-साबुन का घोल, कपड़ा (मुलायम), नमक, सिरका, चाय की पत्ती, अख़बार, ब्रुश, स्प्रिट, चूने का पाउडर।
सफ़ाई की विधियां-

  1. साबुन का घोल लेकर कपड़े से काँच की वस्तु या बर्तन को धीरे-धीरे रगड़ें। ऐसा करने से गन्दगी छूट जायेगी। अब साफ़ गुनगुने पानी में से खंगालकर मुलायम कपड़े से पोंछने पर बर्तन चमक जाते हैं।
  2. यदि बर्तन अधिक चिकना है तो नमक, सिरका, चाय की पत्ती या अख़बार के टुकड़े या स्याही सोखता इनमें से कोई भी एक उस बर्तन में भरकर रगड़ें। ऐसा करने से बर्तन से गन्दगी छूट जायेगी। इसके बाद इस बर्तन को फिर साबुन के घोल या विम के घोल में साफ़ करें। अब इसे साफ़ गुनगुने पानी में खंगालें। इसके बाद साफ़ मुलायम कपड़े से पोंछे।
  3. डिज़ाइनर बर्तनों को साफ़ करने के लिए मुलायम ब्रुश का प्रयोग करें।
  4. खिड़कियों तथा दरवाजों के शीशों की सफ़ाई के लिए कपड़े में स्प्रिट लगाकर रगड़ें। इन्हें चूने का पाउडर तथा अमोनिया के गाढ़े घोल से रगड़कर भी साफ़ किया जा सकता है।

PSEB 7th Class Home Science Practical कृत्रिम कपड़ों की धुलाई

Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Practical कृत्रिम कपड़ों की धुलाई Notes.

PSEB 7th Class Home Science Practical कृत्रिम कपड़ों की धुलाई

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
नाइलॉन की साड़ी कैसे धोते हैं ?
उत्तर-
नाइलॉन की साड़ी को साबुन वाले गुनगुने पानी में हल्के दबाव से धोते हैं। फाल वाला हिस्सा ज़मीन के साथ लगा रहता है, इसलिए ज्यादा गन्दा हो जाता है, उसको साबुन की झाग लगाकर हाथों में रगड़कर साफ़ करते हैं।

प्रश्न 2.
नाइलॉन की साड़ी पर प्रैस कैसे करना चाहिए?
उत्तर-

  1. साड़ी को खोलकर उल्टी तरफ से फाल को हल्की गर्म प्रैस से प्रैस करना चाहिए।
  2. साड़ी के पहले लम्बाई की तरफ से दोहरी और फिर चार तह लगाकर प्रैस करना चाहिए।
  3. साड़ी को दो बार और तह लगाना चाहिए ताकि सोलह तह हो जाए। इसके बाद हैंगर में लटका देना चाहिए या चौड़ाई की तरफ से दोहरी करके रख देना चाहिए।

PSEB 7th Class Home Science Practical कृत्रिम कपड़ों की धुलाई

बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
रेयॉन (करेप) के ब्लाऊज़ किस प्रकार धोए जाते हैं ? विस्तारपूर्वक लिखिए।
उत्तर-
धोने से पहले तैयारी-ब्लाऊज़ को खोलकर देखना चाहिए। अगर कहीं फटा हुआ हो तो मुरम्मत कर लेनी चाहिए। अगर कोई दाग लगा हो तो उसको साफ़ कर लेना चाहिए। अगर कोई बटन लगे हों तो धुलने पर खराब हो सकते हों तो उन्हें उतार लेना चाहिए।

धोने का तरीका–एक चिलमची में गुनगुना पानी डालकर साबुन का घोल तैयार करना चाहिए। उसमें ब्लाऊज़ को डाल देना चाहिए। गले पर अगर मैल लगा हो तो उस हिस्से को बाएं हाथ की हथेली पर रखकर दाएँ हाथ से थोड़ी झाग डालकर धीरे-धीरे मलना चाहिए। जब साफ़ हो जाए तो गुनगुने पानी में दो-तीन बार खंगालना चाहिए। इसमें न नील लगाने की ज़रूरत पड़ती है न माया लगाने की।

निचोड़ना-एक तौलिए में ब्लाऊज़ को रखकर लपेट लेना चाहिए और थोड़ा-सा हाथों से दबाना चाहिए। इस तरह तौलिया पानी सोख लेता है।
सुखाना-खाट पर तौलिया बिछाकर ब्लाऊज़ को हाथ से सीधा करके छाया में फैला देते हैं। 15 मिनट बाद उसका दूसरा हिस्सा सामने कर देते हैं ताकि दोनों तरफ से अच्छी तरह सूख जाए।
प्रैस करना-

  1. एक मेज़ पर कंबल या खेस की तह लगाकर बिछा देते हैं। उसके बाद उस पर एक सफ़ेद चादर भी बिछा देते हैं।
  2. प्रैस को हल्की गर्म करते हैं।
  3. ब्लाऊज़ को उल्टा करके सिलाई वाले हिस्से और दोहरे हिस्से पर प्रैस करते हैं। हुकों पर प्रैस नहीं करते हैं।
  4. बाजू को स्लीव बोर्ड में डालकर प्रैस करते हैं। अगर स्लीव बोर्ड न हो तो अख़बार या तौलिए को रोल करके बाजू में डालकर प्रैस करते हैं।
    PSEB 7th Class Home Science Practical कृत्रिम कपड़ों की धुलाई 1
    चित्र 2.1 ब्लाऊज़ प्रैस करना
  5. ब्लाऊज़ के बारीक हिस्से को सीधी तरफ से प्रैस करते हैं।
  6. बाजुओं को धीरे से अगली तरफ मोड़ देते हैं।
  7. ब्लाऊज़ को तह करने के बाद प्रैस नहीं करते हैं।

PSEB 7th Class Home Science Practical कृत्रिम कपड़ों की धुलाई

प्रश्न 2.
टेरीलीन की कमीज़ किस प्रकार धोई जाती है ? विस्तारपूर्वक लिखिए।
उत्तर-
धोने से पहले की तैयारी-कमीज़ों की जेबें अच्छी तरह देख लेनी चाहिएं। अगर कुछ पैसे, पेन या कागज़ हो तो निकाल लेना चाहिए। अगर कोई दाग लगा हो तो साफ़ कर लेना चाहिए। कहीं कमीज़ फटी हुई हो तो मुरम्मत कर लेनी चाहिए।

धोने का तरीका-साबुन वाले गुनगुने पानी में हाथों से मलकर धोना चाहिए। अगर कालर और कफ साफ़ न हो तो प्लास्टिक के ब्रुश से थोड़ा-सा रगड़ना चाहिए।

खंगालना-कमीज़ को गुनगुने पानी में दो-तीन बार खंगालना चाहिए। निचोड़ना और सुखाना-हाथों से थोड़ा-सा दबाकर पानी निचोड़ लेना चाहिए और हैंगर में लटकाकर तार पर टाँग देना चाहिए। हाथ से कालर और कफ ठीक कर लेना चाहिए।
PSEB 7th Class Home Science Practical कृत्रिम कपड़ों की धुलाई 2
चित्र 2.2 कमीज़ को निचोड़ना और सुखाना
प्रैस करना-

  1. सबसे पहले हल्की गर्म प्रैस से कालर और योक को प्रैस करनी चाहिए।
    PSEB 7th Class Home Science Practical कृत्रिम कपड़ों की धुलाई 3
    चित्र 2.3 कमीज़ पर प्रैस करना
  2. बाजुओं को प्रैस करना चाहिए।
  3. अगला और पिछला भाग प्रैस करके कमीज़ की तह लगा देना चाहिए।

PSEB 7th Class Home Science Practical कृत्रिम कपड़ों की धुलाई

कृत्रिम कपड़ों की धुलाई PSEB 7th Class Home Science Notes

  • सफ़ेद रेयॉन फटने तक सफ़ेद रहती है। इसलिए नील लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ती और न ही इसको माया लगानी पड़ती है।
  • रेयॉन के ब्लाऊज़ को तह करने के बाद प्रैस नहीं करना चाहिए।
  • नाइलॉन, जारजट या वूली की साड़ी को साबुन वाले गुनगुने पानी में हल्के दबाव से धोना चाहिए।
  • नाइलॉन, जारजट या वूली की साड़ी को खोलकर उल्टी तरफ से फाल को हल्की प्रैस से प्रेस करना चाहिए।
  • नाइलॉन, जारजट या वूली की साड़ी को पहले लम्बाई की तरफ से दोहरी और फिर चार तह लगाकर प्रैस करना चाहिए।
  • टेरीलीन की कमीज़ को साबुन वाले गुनगुने पानी में हाथों से मलकर धोना चाहिए।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions History Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

SST Guide for Class 7 PSEB भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
इतिहास में भारतीय उपमहाद्वीप के कौन-कौन से नाम रखे गए ?
उत्तर-
भारतीय महाद्वीप के दो नाम रखे गए–हिन्दुस्तान तथा भारतवर्ष।

प्रश्न 2.
इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को कितने युगों में बाँटा है ?
उत्तर-
प्राचीन युग, मध्यकालीन युग तथा आधुनिक युग।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

प्रश्न 3.
भारतीय इतिहास के स्त्रोत कितनी प्रकार के हैं ?
उत्तर-
मध्यकालीन भारतीय इतिहास की जानकारी के लिए दो प्रकार के ऐतिहासिक स्रोत मिलते हैं –
I. पुरातत्त्व स्रोत
II. साहित्यिक स्रोत
I. पुरातत्त्व स्रोत- पुरातत्त्व स्रोतों में प्राचीन स्मारक, मन्दिर, शिलालेख, सिक्के, बर्तन, हथियार, आभूषण तथा चित्र शामिल हैं।

1. प्राचीन स्मारक अथवा इमारतें-इन इमारतों में मन्दिर, मस्जिद तथा किले शामिल हैं। मन्दिरों में खजुराहो, भुवनेश्वर, कोणार्क आदि का नाम लिया जा सकता है। मस्जिदों में जामा मस्जिद तथा मोती मस्जिद और किलों में जैसलमेर, जयपुर आदि मुख्य है।
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) 1
2. शिलालेख-शिलालेख हमें आरम्भिक (पूर्व) मध्यकाल के भिन्न-भिन्न पहलुओं की जानकारी देते हैं। इनसे हमें मध्ययुग की महत्त्वपूर्ण घटनाओं, शासकों तथा उनके शासनकाल एवं गुणों, कला के नमूनों, प्रशासनिक गतिविधियों आदि का पता चलता है।
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) 2
3. सिक्के-हमें मध्ययुग के बहुत अधिक सिक्के प्राप्त हुए हैं। ये इस युग की महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं तथा प्रसिद्ध व्यक्तियों की जानकारी देते हैं। कुछ सिक्के उस समय की आर्थिक दशा पर भी प्रकाश डालते हैं।

4. चित्रकारी-चित्रकारी से हमें मध्ययुग की साधारण जानकारी के साथ-साथ उस समय की कला के विकास का भी पता चलता है।

II. साहित्यिक स्रोत-साहित्यिक स्रोतों में आत्मकथाएं, जीवन कथाएं, राजा तथा राजवंशों के वृत्तांत, दस्तावेज़ आदि शामिल हैं। बाबर, जहांगीर की आत्मकथाएं हमें विभिन्न शासकों की महत्त्वपूर्ण जानकारी देती हैं। दस्तावेज़ भिन्न-भिन्न शासकों के बीच हुई सन्धियों पर प्रकाश डालते हैं।

प्रश्न 4.
विदेशी यात्रियों के लेख किस प्रकार ऐतिहासिक स्रोत हैं ?
उत्तर-
विदेशी यात्रियों के लेख मध्यकालीन इतिहास के महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्रोत हैं। मध्ययुग में कई मुस्लिम तथा यूरोपीय यात्रियों ने भारत की यात्रा की। उन्होंने भारत के बारे में अपने-अपने लेख लिखे। ये लेख मध्ययुग से सम्बन्धित कई बातों की जानकारी देते हैं।

  1. इन-बतूता के किताब ‘उल-रिहला’ लेख से मुहम्मद-बिन-तुगलक के शासन की जानकारी मिलती है।
  2. अलबेरूनी का भारत सम्बन्धी लेख भी काफ़ी महत्त्वपूर्ण है।
  3. अब्दुल राजाक ने विजय नगर राज्य की यात्रा की। उसने उस समय के विजय नगर राज्य की स्थिति के बारे में लिखा।
  4. यूरोपीयन यात्रियों ने अपनी भारत यात्रा के बारे में कई लेख लिखे जो उस समय की भारतीय दशा पर प्रकाश डालते हैं।

(ख) निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. भारतीय उपमहाद्वीप को पूर्व काल में ……………… कहा जाता था।
  2. भारत में ………………. को परिवर्तन की शताब्दी माना जाता है।
  3. चीन निवासियों ने भारत को ……………… का नाम दिया।
  4. स्मारक, शिलालेख तथा सिक्के आदि भारतीय इतिहास के …………… स्रोत हैं, जबकि आत्मकथा तथा जीवनगाथा ………………… स्रोत हैं।
  5. इब्नबतूता एक ………………… यात्री था।

उत्तर-

  1. हिन्दुस्तान,
  2. आठवीं शताब्दी,
  3. ताइन चूँ,
  4. पुरातत्व, पुरातत्व साहित्य,
  5. विदेशी।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

(ग) निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य के सामने ठीक (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाएं

  1. मध्यकालीन युग प्रारम्भिक मध्यकालीन युग एवं उत्तर-मध्यकालीन युगों में बँटा हुआ था।
  2. मध्यकालीन युग दौरान बहुत-से सामाजिक रीति-रिवाज और धार्मिक विश्वास अस्तित्व में नहीं आए थे।
  3. मध्यकालीन युग में व्यापार एवं वाणिज्य के विकास के लिए विशेष सुधार किए गए।
  4. मध्यकालीन युग दौरान हिन्दुओं तथा मुसलमानों में आपसी सम्बन्ध स्थापित नहीं थे।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✗)

PSEB 7th Class Social Science Guide भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
मध्यकालीन युग से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
इतिहास के प्राचीन युग तथा आधुनिक युग के बीच के समय को मध्यकालीन युग कहते हैं।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

प्रश्न 2.
भारत में किस काल को मध्यकालीन युग कहा जाता है ?
उत्तर-
भारत में 8वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी के बीच के समय को मध्यकालीन युग कहा जाता है।

प्रश्न 3.
भारत में 8वीं शताब्दी को परिवर्तन की शताब्दी क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
भारत में 8वीं शताब्दी में समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था, सभ्याचार तथा धर्म में बहुत-से परिवर्तन आए। इसी कारण भारत में 8वीं शताब्दी को परिवर्तन की शताब्दी माना जाता है।

प्रश्न 4.
भारत को किस काल में ‘आर्यवर्त’ का नाम दिया गया है ? इसका शाब्दिक अर्थ क्या है ?
उत्तर-
भारत को वैदिक काल में आर्यवर्त का नाम दिया गया है। इसका शाब्दिक अर्थ है-आर्यों का देश।

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प्रश्न 5.
भारत में मध्यकालीन युग को कौन-कौन से दो भागों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-
भारत में मध्यकालीन युग को निम्नलिखित दो भागों में बांटा जाता है –

  1. 8वीं शताब्दी से लेकर 13वीं शताब्दी के आरम्भ तक के समय को आरम्भिक अथवा पूर्व मध्यकालीन युग कहा जाता है।
  2. 13वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक का समय उत्तर मध्यकालीन युग कहलाता है।

प्रश्न 6.
अकबर के प्रसिद्ध संगीतकार का नाम बताओ।
उत्तर-
अकबर के दरबार का प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन था।

प्रश्न 7.
इतिहास ने भिन्न-भिन्न युगों में भारत को भिन्न-भिन्न नाम दिए। व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
निम्नलिखित तथ्यों से पता चलता है कि इतिहास ने भिन्न युगों में भारत को भिन्न नाम दिए –

  1. वैदिक काल में भारत को आर्यवर्त कहा जाता था।
  2. महाभारत तथा पुराणों के समय में राजा भरत के नाम पर हमारे देश को भारतवर्ष कहा जाने लगा।
  3. ईरानियों ने इसे ‘हिन्दू’ तथा यूनानियों ने इसे इण्डस का नाम दिया।
  4. बाइबल में भारत को होडू कहा गया है।
  5. जब चीन में बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ तो चीनियों ने भारत को ताइन-चूं का नाम दिया।
  6. ह्यूनसांग की भारत यात्रा के बाद भारत को इंटू कहा जाने लगा।

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प्रश्न 8.
भारत में मध्यकालीन युग का अंत कब माना जाता है ?
उत्तर-
भारत में मध्यकालीन युग का अन्त मुग़ल साम्राज्य के पतन तथा अंग्रेजों द्वारा शक्ति पकड़ने के साथ माना जाता है। ऐसा 18वीं शताब्दी के मध्य में हुआ।

प्रश्न 9.
संगीत ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। वर्णन कीजिए।
उत्तर-
इसमें कोई संदेह नहीं कि संगीत भी ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। उदाहरण के लिए हम मुग़ल काल को लेते हैं। मुग़ल शासक संगीत प्रेमी थे। इसलिए उनके शासन काल में संगीत का बहुत अधिक विकास हुआ। अकबर ने तो अपने दरबार में अनेक संगीतकारों को संरक्षण दिया हुआ था। तानसेन उसके समय का प्रसिद्ध संगीतकार था। मुग़लकाल में संगीत के माध्यम से ही हिन्दू तथा मुस्लिम संस्कृति का मेल हुआ।

प्रश्न 10.
मध्यकालीन युग में भारतीय उपमहाद्वीप में कौन-कौन से देश शामिल थे?
उत्तर-
मध्यकालीन युग में भारतीय उपमहाद्वीप में आज के छ: देश शामिल थे। ये देश थे-पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश तथा भारत।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

प्रश्न 11.
मध्यकालीन युग के दौरान प्रमुख ऐतिहासिक प्रवृत्तियों का वर्णन करो।
उत्तर-
मध्यकालीन युग की ऐतिहासिक प्रवृत्तियां इस युग को प्राचीन युग से अलग करती हैं। इनमें से प्रमुख प्रवृत्तियाँ निम्नलिखित हैं –

  1. मध्यकाल में भारत में मुसलमान आए और उनका हिन्दुओं से मेलजोल बढ़ा। परिणामस्वरूप मिश्रित सभ्यता
    जन्म हुआ।
  2. मध्यकाल में बहुत-सी भाषाओं का विकास हुआ जो हम आज भी बोलते हैं। इनमें से हिन्दी तथा उर्दू प्रमुख थीं।
  3. इस युग में हमारे बहुत से सामाजिक रीति-रिवाजों, रस्मों तथा धार्मिक विश्वासों की उत्पत्ति हुई।
  4. इस काल में भारत के बाहरी संसार के साथ गहरे आपसी सम्बन्ध स्थापित हुए। व्यापार के कारण संसार के भिन्न-भिन्न भागों में रहने वाले लोग एक-दूसरे के निकट आए। उन्होंने एक-दूसरे के रीति-रिवाज अपनाए। भारत ने भी अन्य देशों से अनेक रीति-रिवाज ग्रहण किये।
  5. भारत में भक्ति मत तथा सूफी मत का प्रचार हुआ। इससे हिन्दुओं तथा मुसलमानों को एक-दूसरे के धर्मों के सिद्धान्तों को समझने में सहायता मिली।
  6. मध्ययुग में व्यापार तथा वाणिज्य के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण सुधार किये गये।

(क) सही कथनों पर (✓) तथा ग़लत कथनों पर (✗) का चिन्ह लगाएं :

  1. शिलालेख साहित्यिक स्त्रोत हैं।
  2. मुग़ल शासक संगीत प्रेमी थे।
  3. इब्न-बतूता के लेख से हमें अकबर के शासनकाल की जानकारी मिलती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)

(ख) सही जोड़े बनाएं:

  1. अब्दुल रज्जाक – अकबर
  2. तानसेन – विजयनगर राज्य
  3. इण्डस – यूनसांग
  4. इंटू – ग्रीक

उत्तर-

  1. अब्दुल रज्जाक – विजयनगर राज्य
  2. तानसेन – अकबर
  3. इण्डस – ग्रीक
  4. इंटू – यूनसांग

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

(ग) सही उत्तर चुनिए :

प्रश्न 1.
‘किताब-उल-रिहला’ भारत में आने वाले एक विदेशी का लेख है। बताइए वह कौन था?
(i) अल्बेरुनी
(ii) इब्न-बतूता
(iii) अब्दुल रज्जाक।
उत्तर-
(ii) इब्न-बतूता।

प्रश्न 2.
चित्र में दिखाया गया व्यक्ति अकबर के समय का प्रसिद्ध संगीतकार था।
PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) 3
(i) तानसेन
(ii) अब्दुल रज्जाक
(iii) अलबेरुनी।
उत्तर-
(i) तानसेन।

प्रश्न 3.
चित्र में दिखाया गया स्रोत साहित्यिक स्रोतों में शामिल है? यह क्या है?
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(i) आत्मकथा
(ii) अकबर का सिक्का
(iii) चित्रकारी।
उत्तर-
(ii) अकबर का सिक्का ।

PSEB 7th Class Agriculture Objective Questions and Answers

Punjab State Board PSEB 7th Class Agriculture Book Solutions Agriculture Objective Questions and Answers.

PSEB 7th Class Agriculture Objective Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

हरित क्रांति

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्ष 1967-68 में रासायनिक खादों का कितना प्रयोग होता था ?
(क) 10 लाख टन
(ख) 5 लाख टन
(ग) 25 लाख टन
(घ) 19 लाख टन।
उत्तर-
(क) 10 लाख टन

प्रश्न 2.
हरित क्रांति किस कारण आई ?
(क) परिश्रमी किसान
(ख) रासायनिक खादों के उत्पादन में वृद्धि
(ग) खोज तथा परीक्षण सुविधाओं में वृद्धि
(घ) सारें ठीक
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 3.
वर्ष 1960 में हुए कृषि उत्पादन की वृद्धि को कौन-सा नाम दिया गया?
(क) हरित क्रांति
(ख) सफेद क्रांति
(ग) काली क्रांति
(घ) सुनहरी क्रांति।
उत्तर-
(क) हरित क्रांति।

रिक्त स्थान भरो

  1. चावल पंजाब की …………. फसल नहीं है
  2. आज देश में कृषि लागत में ………… हो गई है।
  3. वर्ष 1971-72 में पंजाब का अनाज उत्पादन …………. था।

उत्तर-

  1. पारम्परिक
  2. वृद्धि
  3. 119 लाख टन।

ठीक/गलत

  1. हरित क्रान्ति के कारण दूध की पैदावार में वृद्धि हुई।
  2. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय कपूरथला में है।
  3. हरित क्रांति के कारण कृषि विभिन्नता घटी है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✓)

कृषि हेतु मिट्टी एवं जल परीक्षण

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मिट्टी के परीक्षण से पता लगने वाले लघु तत्त्व हैं :
(क) जिंक
(ख) लोहा
(ग) मैंगनीज़
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
मिट्टी का नमूना लेने के लिये सही समय कौन सा है?
(क) फसल काटने के बाद
(ख) वर्षा होने के बाद
(ग) खेत को पानी देने के बाद
(घ) सारे गलत
उत्तर-
(क) फसल काटने के बाद।

प्रश्न 3.
पानी तथा मिट्टी का परीक्षण कितने समय बाद करना चाहिए ?
(क) दस साल बाद
(ख) हर तीन साल बाद
(ग) कभी नहीं करना चाहिए
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(ख) हर तीन साल बाद।

रिक्त स्थान भरो

  1. बाग लगाने के लिए मिट्टी का परीक्षण करवाने के लिए खेत में ………… गहरा गड्डा बनाना चाहिए।
  2. टयूबवैल से पानी का नमूना लेने के लिए कम से कम ……….. तक चलते रखना चाहिए।
  3. खारे पानी से लगातार सिंचाई करते रहने से मिट्टी की .. …….. शक्ति घटती है।

उत्तर-

  1. 6 फुट
  2. आधे घंटा
  3. उपजाऊ।

ठीक / गलत

  1. सिंचाई के लिये नमक वाले पानी का प्रयोग करना चाहिए।
  2. सेम वाली भूमि में बाग लगाया जा सकता है।
  3. पी०ए०यू० के क्षेत्रीय केन्द्र गुरदासपुर में मिट्टी का परीक्षण किया जा सकता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✓)

फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्त्व

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नाइट्रोजन तत्त्व वाली खाद है :
(क) यूरिया
(ख) अमोनियम क्लोराइड
(ग) कैन
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
पोटाशियम की पूर्ति के लिए कौन सी खाद है?
(क) म्यूरेट आफ पोटाश
(ख) कैन
(ग) यूरिया
(घ) सोडियम क्लोराइड
उत्तर-
(क) म्यूरेट आफ पोटाश।

प्रश्न 3.
रेतली भूमि में बोए गेहूँ में कौन से तत्त्व की कमी हो जाती है?
(क) मैंगनीज़
(ख) लोहा
(ग) फास्फोरस
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) मैंगनीज़

रिक्त स्थान भरो

  1. जिप्सम, सुपर फास्फेट में फास्फोरस के साथ ………. तत्त्व भी मिल जाते हैं।
  2. जिंक ……….. का आवश्यक भाग है।
  3. मैगनीज़ पौधे में ………… बनाने का काम करते हैं।

उत्तर-

  1. गंधक
  2. एन्जाइमों
  3. क्लोरोफिल

ठीक / गलत

  1. डाया खाद में लोहा तत्त्व मिलता है।
  2. जिंक की कमी से धान के पत्तों में पीलापन आ जाता है।
  3. लोहे की कमी की पूर्ति म्युरेट आफ पोटाश के साथ की जाती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)

कृषि में पानी का कुशल प्रयोग

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्ष 2023 तक पानी का स्तर कितने फुट नीचे होने की सम्भावना है?
(क) 160
(ख) 500
(ग) 223
(घ) 634.
उत्तर-
(क) 160

प्रश्न 2.
कम पानी की आवश्यकता वाली फसल है :
(क) दालें
(ख) तेल बीज
(ग) नरमा
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 3.
आधुनिक सिंचाई प्रणाली के तरीके हैं :
(क) बूंद-बूंद प्रणाली
(ख) फव्वारा प्रणाली
(ग) दोनों ठीक (घ) दोनों गलत।
उत्तर-
(ग) दोनों ठीक

रिक्त स्थान भरो

  1. फसलों में पराली की परत बिछाने को ………… कहा जाता है।
  2. …………लेवलर से 25-30 प्रतिशत पानी की बचत हो जाती है।
  3. …………. की फसल में टैंशियोमीटर का प्रयोग करके भी पानी की बचत हो जाती

उत्तर-

  1. मल्चिग
  2. लेज़र
  3. धान।

ठीक / गलत

  1. नहरों तथा नालों को पक्का करने से पानी की बरबादी होती है।
  2. बूंद-बूंद सिंचाई भी सिंचाई की एक प्रणाली है।
  3. कियारा विधि में पानी की खपत कम होती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)

फसलों में खरपतवार एवं उनकी रोकथाम

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गेहूँ में चौड़े पत्ते वाले खरपतवार हैं :
(क) मैना
(ख) मैनी
(ग) तकला
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
गुडाई में काम आने वाले कृषि औजार हैं :
(क) खुरपा
(ख) ‘कसौला
(ग) त्रिफाली
(घ) सारे ठीक
उत्तर-
(घ) सारे ठीक

प्रश्न 3.
खरपतवार फसलों के साथ उनके कौन से ऊर्जा स्त्रोतों से मुकाबला करते
(क) सूर्य प्रकाश
(ख) पोषक तत्त्व
(ग) खादें
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

रिक्त स्थान भरो

  1. गुल्ली डंडा …………फसलों के चक्र वाले खेतों में होते हैं।
  2. खड़ी फसल में खरपतवार को खत्म करने के लिए ………… खरपतवारनाशके का प्रयोग किया जाता है।
  3. खरपतवारनाशकों का प्रयोग ………… मौसम वाले दिन ही करना चाहिए।

उत्तर-

  1. गेहूँ धान
  2. टौपिक
  3. शांत।

ठीक / गलत

  1. तकड़ी घास सावनी की फसलों में होते हैं।
  2. खरपतवारों को गुडाई करके भी खत्म किया जा सकता है।
  3. राऊंड अप को सुरक्षित हुड लगा कर प्रयोग किया जाता है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)

फसलों के कीट और बीमारियाँ

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
फसल को कौन-से रस चूसने वाले कीड़े हानि पहुंचाते हैं ?
(क) तेला
(ख) चेपा
(ग) सफेद मक्खी
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
पत्ते खाने वाले कीडे हैं :
(क) टिड्डे
(ख) सैनिक सूंडी
(ग) लाल भंग
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 3.
उल्ली के साथ होने वाले रोग हैं :
(क) झुलस रोग
(ख) कंगियारी
(ग) बीज गलने का रोग
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक

रिक्त स्थान भरो

  1. दीमक …………. को नुकसान पहुंचाने वाला कीड़ा है।
  2. चितकबरा रोग …………. के कारण होता है।
  3. ………… में 1943 में धान के भूरी चित्ती के रोग के कारण अकाल पड़ गया था।

उत्तर-

  1. जड़ों
  2. विषाणुओं
  3. बंगाल

ठीक/ गलत

  1. यदि किसी को जहर चढ़ जाये तो नमक वाला पानी पिला कर उल्टी करवाई जाती है।
  2. कृषि ज़हरों का छिड़काव भूखे पेट नहीं करना चाहिए।
  3. कीटों के हमले के कारण फसलों का झाड़ बढ़ जाता हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)

पौष्टिक घरेलू बगीचा

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विटामिन ए की कमी से कौन-सा रोग होता है ?
(क) अन्धराता
(ख) सकर्वी
(ग) रिकेट्स
(घ) अनीमिया।
उत्तर-
(क) अन्धराता।

प्रश्न 2.
घरेलू बगीचों में उगाए जा सकने वाले पौधे हैं :
(क) अमरूद
(ख) पपीता
(ग) नाशपाती
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 3.
घरेलू बगीचे में फलों के पौधे कौन-सी दिशा में लगाये जाने चाहिए?
(क) उत्तर
(ख) पूर्व
(ग) पश्चिम
(घ) दक्षिण।
उत्तर-
(क) उत्तर।

रिक्त स्थान भरो

  1. तीन ………… में 1500 वर्ग मीटर होते हैं।
  2. तोरी ……….. जाति की सब्जी है।
  3. करेला ………. महीने में बोया जाता है।

उत्तर-

  1. कनाल
  2. कद्
  3. फरवरी।

ठीक/ गलत

  1. लोहे की कमी के कारण अनीमिया रोग हो जाता है।
  2. सब्जियों में से मिलने वाले रेशे मनुष्य के पाचन को खराब करते हैं।
  3. स्वस्थ व्यक्ति को रोज 50 ग्राम फल अवश्य खाने चाहिएं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)

सजावटी पौधे

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सड़कों के आस-पास लगाने वाले वृक्ष हैं :
(क) पिलकन
(ख) सिल्वर ओक
(ग) डेक
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
खुशबूदार फूलों वाली झाड़ी है :
(क) रात की रानी
(ख) पिलकन
(ग) बोतल बुरश
(घ) सारे गलत।
उत्तर-
(क) रात की रानी।

प्रश्न 3.
हल्की बेल है:
(क) लोनीसोरा
(ख) माधवी लता
(ग) झुमका बेल
(घ) बिगनोनिया।
उत्तर-
(क) लोनीसोरा।

रिक्त स्थान भरो

  1. अर्जुन ………… गुणों वाला वृक्ष है।
  2. घरों के अन्दर …………. के लिए प्रयोग होने वाली बेल है मनी प्लांट।
  3. गोल्डन शावर …………. वाली बेल है।

उत्तर-

  1. औषधी
  2. सजावट
  3. पर्दे।

ठीक / गलत

  1. कैलेंडुला सर्दी ऋतु के फूल हैं।
  2. कचनार सजावटी वृक्ष है।
  3. जीनीया गर्मी के मौसमी फूल हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)

अनाज की सम्भाल

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अनाज को लगने वाले कीड़े हैं :
(क) खपरा
(ख) सुसरी
(ग) दाने का छोटा बोरर
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
एक टोपी गोदाम में कितनी बोरियां आ सकती है?
(क) 200
(ख) 96
(ग) 150
(घ) 500
उत्तर-
(ख) 96.

प्रश्न 3.
दानों की कीटों से बचाने के लिए प्रयोग करते हैं :
(क) सुमीसाइडीन
(ख) सिम्बुश
(ग) साइथियॉन
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

रिक्त स्थान भरो

  1. मैलाथियान ………… को शोधने के लिये प्रयोग की जाने वाली दवाई है।
  2. स्टोर किये दानों में लगभग ………… किस्म के कीड़े लग सकते हैं।
  3. मूंगफली में अधिकतम ………… नमी होनी चाहिए।

उत्तर-

  1. गोदामों
  2. 20
  3. 10 प्रतिशत।

ठीक / गलत

  1. स्टोर भण्डार तीन किस्म के होते हैं।
  2. दीवारों से बोरियों को 5-6 मीटर दूर रखना चाहिए।
  3. 65°F पर कीड़े अण्डे देना बन्द कर देते हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)

प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत है :
(क) कोयला
(ख) हवा
(ग) सूर्य का प्रकाश
(घ) पानी
उत्तर-
(क) कोयला

प्रश्न 2.
पैट्रोल में हानिकारक तत्त्व है :
(क) सल्फर
(ख) लोहा
(ग) ताँबा
(घ) सोना।
उत्तर-
(क) सल्फर।

प्रश्न 3.
धरती पर उपलब्ध कुल पानी में से कितना पानी प्रयोग होने योग्य है ?
(क) 1 प्रतिशत
(ख) 3 प्रतिशत
(ग) 5 प्रतिशत
(घ) 8 प्रतिशत
उत्तर-
(क) 1 प्रतिशत।

रिक्त स्थान भरो

  1. ढलानों पर ………….. कृषि करनी चाहिए।
  2. धरती पर ……………… पानी है।
  3. हवा के प्रदूषण के कारण …………… परत का क्षय हो रहा है।

उत्तर-

  1. सीढ़ीदार
  2. 70 %
  3. ओजोन।

ठीक/ गलत

  1. पानी के प्रदूषण के कारण बीमारियां पैदा होती हैं।
  2. धरती पर 2% पानी है।
  3. कोयले के स्थान पर बायोगैस का प्रयोग करना चाहिए।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)

बायोगैस

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बायोगैस में मीथेन गैस कितने प्रतिशत हैं ?
(क) 10-20%
(ख) 30-40%
(ग) 50-60%
(घ) 15-20%
उत्तर-
(ग) 50-60%.

प्रश्न 2.
देश में सालाना कितना गोबर पैदा होता है?
(क) 5500 लाख टन
(ख) 9800 लाख टन
(ग) 2500 लाख टन
(घ) 1000000 लाख टन
उत्तर-
(ख) 9800 लाख टन

प्रश्न 3.
1 घन मीटर बायोगैस कितनी बिजली ऊर्जा के बराबर है?
(क) 0.47 किलो वाट बिजली
(ख) 1.90 किलो वाट बिजली
(ग) 2.56 किलो वाट बिजली
(घ) 5.23 किलो वाट बिजली
उत्तर-
(क) 0.47 किलो वाट बिजली।

रिक्त स्थान भरो

  1. बायोगैस में मुख्य तौर पर ………… गैस होती है।
  2. कोयला ……………. ऊर्जा का स्त्रोत है।
  3. दीनबंधु बायोगैस प्लांट…………. में अस्तित्व में आया।

उत्तर-

  1. मीथेन
  2. पारंपरिक
  3. 1984

ठीक/ गलत

  1. बायोगैस में से बहुत धुआं निकलता है।
  2. बायोगैस में 30-40% कार्बनडाईआक्साइड होती है।
  3. बायोगैस बहुत महंगी होती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 11 बायोगैस

Punjab State Board PSEB 7th Class Agriculture Book Solutions Chapter 11 बायोगैस Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Agriculture Chapter 11 बायोगैस

PSEB 7th Class Agriculture Guide बायोगैस Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दें :

प्रश्न 1.
बायोगैस में निहित कोई दो गैसों के नाम लिखो।
उत्तर-
मीथेन, कार्बन-डाइऑक्साइड।

प्रश्न 2.
बायोगैस में मीथेन गैस कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
50-60%.

प्रश्न 3.
बायोगैस में कार्बन-डाइऑक्साइड गैस कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
30-40%.

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प्रश्न 4.
बायोगैस संयंत्र गैस क्षमता के अनुसार कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
यह तीन प्रकार के हैं।

प्रश्न 5.
बायोगैस उत्पन्न करने का सबसे बड़ा स्त्रोत क्या है ?
उत्तर-
पशुओं का. गोबर।

प्रश्न 6.
एक घन मीटर बायोगैस जलने से कितने किलोग्राम उपलों के बराबर ऊर्जा प्राप्त होती है ?
उत्तर-
12.30 किलोग्राम उपलों के बराबर।

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प्रश्न 7.
बायोगैस का प्रयोग किस काम के लिए किया जा सकता है ?
उत्तर-
खाना बनाने, प्रकाश पैदा करने तथा डीजल इंजन चलाने के लिए।

प्रश्न 8.
बायोगैस संयंत्र से निकलने वाली स्लरी किस काम के लिए उपयोग में आती है ?
उत्तर-
स्लरी खाद के लिए उपयोग होती है।

प्रश्न 9.
बायोगैस संयंत्र मकान की नींव से कम-से-कम कितनी दूरी पर बनाना चाहिए ?
उत्तर-
6 फुट की दूरी पर।

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प्रश्न 10.
बायोगैस संयंत्र का सस्ता आधुनिक डिज़ाइन किस कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया है ?
उत्तर-
पजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
प्राकृतिक ऊर्जा संसाधन कितनी प्रकार के होते हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट करें।
उत्तर-
प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत दो प्रकार के होते हैं।
(1) रिवायती परम्परागत
(2) गैर-रिवायती गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत।

  1. रिवायती स्रोत–पेट्रोलियम पदार्थ, कोयला आदि।
  2. गैर-रिवायती स्रोत-गोबर गैस, सौर ऊर्जा आदि।

प्रश्न 2.
बायोगैस की रचना के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
बायोगैस में 50-60% मीथेन, 30-40% कार्बन-डाइऑक्साइड तथा कुछ मात्रा में नाइट्रोजन, हाइड्रोजन सल्फाइड तथा जलवाष्प होते हैं।

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प्रश्न 3.
बायोगैस के कोई तीन लाभ लिखो।
उत्तर-

  1. यह धुंआ रहित गैस है। इसे जलाने से धुआँ पैदा नहीं होता।
  2. इस गैस में एल०पी०जी० गैस की तरह धमाके से कोई हादसा होने का डर नहीं रहता।
  3. यह गैस सस्ती पड़ती है।
  4. इसकी स्लरी को खाद के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
बायोगैस के पश्चात् निकलने वाली स्लरी के क्या गुण होते हैं ?
उत्तर-
गैस बनने के पश्चात् बचे पदार्थ जिसको स्लरी कहते हैं, में से बदबू नहीं आती तथा मक्खियां भी भिनभिनाती नहीं।
साथ ही स्लरी एक खाद का कार्य करती है। इसमें नाइट्रोजन तथा फॉस्फोरस वाले खाद्य तत्त्व होते हैं।

प्रश्न 5.
बायोगैस संयंत्र का आकार किन बातों पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
गोबर की उपलब्ध मात्रा तथा गैस की आवश्यकता के अनुसार बायोगैस प्लांट (संयंत्र) का आकार होता है, जैसे-50 किलोग्राम गोबर की प्राप्ति 3-4 पशुओं से होती है तथा 2 घन मीटर आकार का प्लांट तैयार किया जा सकता है।

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प्रश्न 6.
दीनबंधु मॉडल बायोगैस संयंत्र पर संक्षेप नोट लिखें।
उत्तर-
यह प्लांट वर्ष 1984 में अस्तित्व में आया तथा पंजाब में 1991 से लगने शुरू हुए। यह प्लांट बहुत सस्ते थे। यह प्लांट दो गोलाकार टुकड़ों (भिन्न-भिन्न व्यास वाले) को आपस में आधार से जोड़कर अण्डाकार आकार का बनाया जाता है। इसको अण्डे के आकार का डायजैस्टर (गोबर गलाने वाला कुंआ) कहते हैं। यह चैंबर (गैस होल्डर) गैस एकत्र करने के काम आता है। इसके दोनों तरफ इनलैट पाइप पर आऊटलैट चैंबर बने होते हैं। गुंबद के ऊपर पाइप लगी होने के कारण गैस को प्रयोग के स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है।
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चित्र-दीनबन्धु बायोगैस प्लांट

प्रश्न 7.
बायोगैस संयंत्र लगाने के लिए स्थान का चुनाव करते समय कौन-सी सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-

  1. संयंत्र के आस-पास वाला स्थान थोड़ा ऊंचा होना चाहिए ताकि इस जगह पानी एकत्र न हो सके।
  2. प्लांट, रसोई तथा पशु बांधने वाली जगह के पास होना चाहिए।
  3. प्लांट वाली जगह पर अधिक-से-अधिक धूप पड़नी चाहिए तथा पास वृक्ष नहीं होने चाहिएं।

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प्रश्न 8.
बायोगैस संयंत्र के काम-काज के समय ध्यान रखने योग्य सावधानियां लिखें।
उत्तर-

  1. जिस पाइप द्वारा गैस रसोई की तरफ जाती है उसकी ढलान गैस प्लांट की तरफ होनी चाहिए।
  2. यदि पाइप में से किसी स्थान पर गैस लीक हो रही हो उसके पास जलती हुई कोई वस्तु नहीं ले जानी चाहिए।
  3. गैस पाइप में मोड़ तथा जोड़ कम-से-कम होने चाहिएं।

प्रश्न 9.
रसोई में उपलों का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
उपले जलाने से धुआँ पैदा होता है जो आंखों को नुकसान पहुंचाता है। इनसे ऊर्जा भी कम प्राप्त होती है। गोबर में मौजूद खाद्य तत्त्व सड़ जाते हैं जोकि खेतों में खाद के तौर पर प्रयोग किए जा सकते हैं।

प्रश्न 10.
जनता बायोगैस संयंत्र के सम्बन्ध में संक्षिप्त जानकारी दें।
उत्तर-
इस संयंत्र में कच्चा गड्ढा (डायजैस्टर) खोदा जाता है जो गोबर गलाने के लिए होता है तथा इसको पक्का नहीं किया जाता है मतलब इसकी चिनाई नहीं की जाती। इस गड्डे के ऊपर गैस एकत्र करने के लिए गुंबद तथा स्लरी इकट्ठी करने के लिए आऊटलैट चैंबर की ही चिनाई की जाती है। यह दूसरे प्लाटों से 25-40% सस्ता होता है।

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(ग) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दें :

प्रश्न 1.
बायोगैस संयंत्र लगाने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
1. गोबर गैस बनाने के लिए सूखे पत्ते, मूंगफली के छिलके, बचा-खुचा चारा आदि भी मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है जिससे हमारा आस-पास साफ़ रहता

2. गैस बनने के पश्चात् जो स्लरी (तरल) बाहर निकलती है, उसमें से दुर्गन्ध नहीं आती तथा इस पर मक्खियां भी नहीं भिनभिनाती। इस तरह गन्दगी फैलने की भी कोई समस्या नहीं रहती तथा वातावरण सुखद बना रहता है।

3. बचे हुए घोल, स्लरी से प्राप्त हुई खाद से पौधों को सभी खाद्य तत्त्व प्राप्त हो जाते हैं|

4. स्लरी वाली खाद में नदीनों के बीजों के बढ़ने की शक्ति समाप्त हो जाती है। इसलिए खाद के प्रयोग से गुडाई तथा नदीननाशक दवाइयों पर खर्च नहीं होता।

5. प्लांट से निकली खाद ट्यूबवैल के पानी से ही खेतों तक पहुंचाकर तथा इस खाद को उठाकर खेतों में ले जाने की मेहनत से भी बचा जा सकता है।

6. ईंधन की पूर्ति तो प्लांट से ही हो जाती है इसलिए ईंधन के लिए जन्तर तथा अरहर आदि फसलें बोने की ज़रूरत नहीं रहती तथा दूसरी फसलें बोकर अतिरिक्त लाभ लिया जा सकता।

7. बायोगैस प्लांट के लिए देसी खाद के लिए आवश्यक स्थान से कम स्थान चाहिए तथा इसमें खाद गड्डे भी बनाए जा सकते हैं।

8. प्लांट पर वर्षा का कोई प्रभाव नहीं होता। इसलिए वर्षा में भी बढ़िया ईंधन मिलता रहता है तथा गीली लकड़ियों, उपलों आदि जैसी समस्या नहीं आती।

9. बायोगैस प्लांट में से प्राप्त स्लरी में ह्यूमस काफ़ी मात्रा में होता है। यह भूमि के भौतिक गुणों को बनाए रखने में सहायक होता है तथा भूमि की पानी को अधिक देर तक सम्भालने की शक्ति को बढ़ाता है।

10. प्लांट के साथ लैटरीन भी जोड़ी जा सकती है। इस तरह अलग सैप्टिक टैंक बनाने का खर्च बच जाता है।

प्रश्न 2.
बायोगैस संयंत्र कितने प्रकार के होते हैं ? दीनबंधु बायोगैस संयंत्र का वर्णन करें।
उत्तर-
बायोगैस प्लांट दो तरह के होते हैंपी०ए०यू० कच्चा पक्का जनता माडल गैस प्लांट तथा दीनबंधु बायोगैस प्लांट।
यह प्लांट वर्ष 1984 में अस्तित्व में आया तथा पंजाब में 1991 से लगने शुरू हुए। यह प्लांट बहुत सस्ते थे। यह प्लांट दो गोलाकार टुकड़ों (भिन्न-भिन्न व्यास वाले) को आपस में आधार से जोड़कर अण्डाकार आकार का बनाया जाता है। इसको अण्डे के आकार का डायजैस्टर (गोबर गलाने वाला कुंआ) कहते हैं। यह चैंबर (गैस होल्डर) गैस एकत्र करने के काम आता है। इसके दोनों तरफ इनलैट पाइप पर आऊटलैट चैंबर बने होते हैं। गुंबद ऊपर पाइप लगी होने के कारण गैस को प्रयोग के स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 11 बायोगैस

प्रश्न 3.
बायोगैस बनने की विधि लिखें।
उत्तर-
पशुओं के मल-त्याग, गोबर आदि को ऑक्सीजन रहित कुएँ में इकट्ठा करके उसमें उतना ही पानी मिला दिया जाता है। गोबर तथा पानी 1:1 अनुपात में मिलाना आवश्यक है। इस घोल को ऑक्सीजन रहित स्थान पर गलने के लिए डाल दिया जाता है। इस कुएं को बायोगैस प्लांट कहा जाता है। गोबर को 15-20 दिनों के लिए कुएं में गलने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस तरह इसमें कीटाणु पैदा हो जाते हैं जो बायोगैस बनाते हैं। गैस इकट्ठा करने वाले होल्डर से कुएं को ढक दिया जाता है, ताकि तापमान 25°C से 30°C पर खमीर उठाकर गैस के प्रैशर को पाइपों द्वारा दूर-दूर तक प्रयोग में लाने के लिए भेजा जा सके।

प्रश्न 4.
जनता बायोगैस संयंत्र का विस्तार सहित वर्णन करें।
उत्तर-
बायोगैस प्लांटों के परम्परागत माडलों जैसे लोहे के ड्रमों वाले प्लांट काफ़ी महंगे होते हैं। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना ने एक सस्ता बायोगैस प्लांट डिजाइन किया है जो सस्ता पड़ता है। इस को पी०ए०यू० कच्चा पक्का जनता मॉडल बायोगैस प्लांट कहा जाता है। इस प्लांट में कच्चा गड्ढा (डायजैस्टर) गोबर गलाने के लिए खोदा जाता है तथा इसको पक्का अर्थात् इसकी चिनाई नहीं की जाती। इस गड्डे के ऊपर गैस इकट्ठी करने के लिए गुबंद तथा स्लरी इकट्ठी करने के लिए आऊटलैट चैंबर की ही चिनाई की जाती है। यह दूसरे संयंत्रों से 25-40% सस्ता होता है।
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प्रश्न 5.
बायोगैस संयंत्र को पहली बार चालू करने का सही तरीका लिखो।
उत्तर-

  1. गैस प्लांट की पहली भराई के लिए अधिक मात्रा में गोबर की आवश्यकता होती है। इसलिए काफ़ी दिन पहले ही आवश्यकता अनुसार गोबर इकट्ठा कर लेना चाहिए।
  2. गोबर इकट्ठा कर लेने के बाद ध्यान रखें कि यह सूख कर सख्त न हो जाए।
  3. ताजा गोबर डेयरी से भी लाया जा सकता है तथा गैस प्लांट की भराई 2-4 दिनों में कर लेनी चाहिए।
  4. गोबर तथा पानी का अनुपात 1:1 होना आवश्यक होता है। इस घोल को मिट्टी, लकड़ी के बूरे, साबुन के पानी तथा फिनाइल की मिलावट से बचाएं।
  5. पहली बार शुरू किए गोबर गैस प्लांट में पुराने चलते गोबर गैस प्लांट से निकली कुछ स्लरी की बाल्टियां इसमें डाल देनी चाहिए। इस तरह गैस जल्दी बनती है।
  6. शुरू में पैदा हुई गैस में कार्बन-डाइऑक्साइड गैस की मात्रा अधिक होती है तथा मीथेन गैस की मात्रा कम होती है परन्तु कुछ दिनों में यह ठीक हो जाती है।
  7. इस प्लांट में प्रतिदिन आवश्यकता अनुसार गोबर डालते रहना चाहिए।

Agriculture Guide for Class 7 PSEB बायोगैस Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग लगभग कितना गोबर ईंधन के रूप में प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
50%.

प्रश्न 2.
देश में वार्षिक कितना गोबर पैदा होता है ?
उत्तर-
9800 लाख टन।

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प्रश्न 3.
देश में पैदा वार्षिक गोबर पर कितने बायोगैस प्लांट लगाए जा सकते
उत्तर-
4,11,600.

प्रश्न 4.
1 घन मीटर बायोगैस कितनी बिजली ऊर्जा के बराबर है ?
उत्तर-
0.47 किलोवाट बिजली।

प्रश्न 5.
बायोगैस बनाने के लिए गोबर तथा पानी का अनुपात कितना लेना चाहिए ?
उत्तर-
बराबर अनुपात (1:1).

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प्रश्न 6.
दीनबंधु गैस प्लांट कब अस्तित्व में आया ?
उत्तर-
1984 में।

प्रश्न 7.
कच्चा पक्का जनता गैस प्लांट कितना सस्ता पडता है ?
उत्तर-
अन्य प्लांटों से 25%-40% सस्ता पड़ता है।

प्रश्न 8.
गैस प्लांट से जो पाइप रसोई घर में जाती है उसकी ढलान किस ओर होनी चाहिए ?
उत्तर-
गैस प्लांट की तरफ ताकि पानी रसोई की तरफ न जाए।

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प्रश्न 9.
1 घन मीटर बायोगैस के जलने से पैदा ऊर्जा कितनी लकड़ी से प्राप्त होती है ?
उत्तर-
3.5 किलोग्राम लकड़ी से।

प्रश्न 10.
2 घन मीटर बायोगैस संयंत्र से कितने व्यक्तियों का खाना बन सकता है ?
उत्तर-
4-5 व्यक्ति प्रतिदिन।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे देश में वार्षिक कितना गोबर पैदा होता है तथा कितने बायोगैस प्लांट तैयार हो सकते हैं ?
उत्तर-
हमारे देश में 9800 लाख टन गोबर प्रतिवर्ष पैदा होता है तथा इसके तीसरे भाग से 100 लाख बायोगैस प्लांट तैयार हो सकते हैं।

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प्रश्न 2.
बायोगैस प्लांटों का आकार क्या होता है ?
उत्तर-
बायोगैस प्लांटों का आकार साधारणत: 2 घन मीटर होता है। इनके लिए पशुओं की संख्या 3-4 तक हो सकती है। इस प्लांट के लिए 50 किलो गोबर की ज़रूरत होती है।

प्रश्न 3.
एक घन मीटर गोबर गैस के जलने से पैदा हुई ऊर्जा की तुलना विभिन्न ईंधनों से प्राप्त ऊर्जा से करो।
उत्तर-
0.52 लीटर डीज़ल, 0.62 लीटर मिट्टी का तेल, 0.4 किलो पेट्रोलियम गैस, 1.6 किलो कोयला तथा 4.7 किलोवाट बिजली, 12.30 किलो उपले आदि से प्राप्त ऊर्जा एक घन मीटर गोबर गैस के जलने से प्राप्त ऊर्जा के बराबर होती है।

प्रश्न 4.
गोबर गैस कैसे बनती है ?
उत्तर-
पशुओं के गोबर, मानवीय मल-मूत्र, पत्ते, सब्जियों के छिलके, बचे-खुचे चारे, सूअरों की लीद, मुर्गियों की बीठे आदि के ऑक्सीजन रहित वातावरण में गलने-सड़ने से गोबर गैस पैदा होती है।

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प्रश्न 5.
बायोगैस प्लांट को गैस पैदा करने की समर्था अनुसार कौन-सी श्रेणियों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-

  1. पारिवारिक बायोगैस प्लांट
  2. संस्थापक बायोगैस प्लांट
  3. सामुदायिक बायोगैस प्लांट।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
अलग-अलग आकार के बायोगैस संयंत्रों के लिए कम से कम ज़रूरी पशुओं की संख्या बताएं।
उत्तर-

संयंत्र का आकार पशुओं की संख्या
2 घन मीटर 3-4
3 घन मीटर 5-6
4 घन मीटर 7-8
6 घन मीटर 10-12

 

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बायोगैस PSEB 7th Class Agriculture Notes

  • गांव में रहने वाले लोग लगभग 50% पशुओं के गोबर का प्रयोग ईंधन के रूप में करते हैं।
  • बायोगैस से ईंधन के योग्य धुंआ रहित गैस तथा खेतों में डालने के लिए (स्लरी) खाद भी मिल जाती है।
  • गोबर गैस पशुओं के गोबर, मानवीय मल-मूत्र, बचे-खुचे चारे, पत्ते, सब्जियों के छिलके, मुर्गियों का मलमूत्र, सूअरों की लीद आदि के ऑक्सीजन रहित वातावरण में गलने-सड़ने से पैदा होती है।
  • गोबर गैस में 50-60% मीथेन, 30-40% कार्बन-डाइऑक्साइड, कुछ मात्रा में नाइट्रोजन, हाइड्रोजन सल्फाइड तथा जल वाष्प होते हैं।
  • हमारे देश में लगभग 9800 लाख टन गोबर उपलब्ध है।
  • इस गोबर के तीसरे भाग से 100 लाख बायोगैस प्लांट लगाए जा सकते हैं।
  • यह गोबर वार्षिक 4,10,000 लाख टन से अधिक बायोगैस पैदा कर सकता है।
  • इससे 196 मैगावाट बिजली की बचत की जा सकती है तथा 2,95,000 लाख लीटर पेट्रोल की बचत हो सकती है।
  • पारिवारिक स्तर पर पंजाब में 4,11,600 बायोगैस प्लांट लगाए जा सकते हैं।
  • एक घन मीटर गोबर गैस के जलने से प्राप्त हुई ऊर्जा 0.52 लीटर डीज़ल या 1.6 किलो कोयला या 0.43 किलो पेट्रोलियम गैस से प्राप्त ऊर्जा या 0.62 मिट्टी का तेल या 3.5 किलो ग्राम लकड़ी या 0.47 किलोवाट बिजली के बराबर होती है।
  • गोबर गैस बनाने के लिए गोबर तथा पानी का अनुपात 1:1 होता है।
  • इस घोल को ऑक्सीजन रहित स्थान पर गलने के लिए रख दिया जाता है। 15 – 20 दिन में गोबर गल जाता है।
  • दो तरह के गैस प्लांटों का प्रयोग किया जाता है-
    • दीनबंधु बायोगैस संयंत्र
    • पी०ए०यू० कच्चा पक्का जनता मॉडल बायोगैस संयंत्र।
  • 2 घन मीटर आकार वाले प्लाटों के लिए पशुओं की संख्या 3-4 हो सकती है।
  • इन साइज़ों के लिए 50 किलो गोबर की आवश्यकता है।
  • इससे 4-5 व्यक्तियों का खाना बनाया जा सकता है।
  • इस प्रकार 6 घन मीटर वाले प्लांट के लिए पशुओं की संख्या 10 से 12 होती है तथा इसके लिए 150 किलोग्राम गोबर की आवश्यकता होती है।
  • गोबर गैस प्लांट के आकार से भाव है कि 24 घण्टों में कितने घन मीटर या घन फुट गैस प्राप्त की जा सकती है।
  • एक पशु से प्रतिदिन लगभग 15 किलोग्राम ताजा गोबर प्राप्त हो जाता है तथा 25 किलोग्राम गोबर से 1 घन मीटर गैस पैदा होती है।
  • बायोगैस प्लांट को गैस पैदा करने की समर्था अनुसार तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है-पारिवारिक, संस्थापक, सामुदायिक बायोगैस प्लांट आदि।
  • गोबर गैस खाना पकाने, प्रकाश पैदा करने तथा डीज़ल इंजन चलाने के लिए प्रयोग होती है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 6 मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 6 मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार

SST Guide for Class 7 PSEB मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 1-15 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
कृषि मानवीय बस्तियों को कैसे प्रभावित करती है ?
उत्तर-
कृषि के लिए मनुष्य को एक स्थान पर टिककर रहना पड़ता है, ताकि खेतों की उचित देखभाल की जा सके। इससे खेतों के आस-पास मानव बस्तियां विकसित हो जाती हैं।

प्रश्न 2.
पहले पहल मनुष्य ने कहां रहना आरम्भ किया ?
उत्तर-
पहले पहल मनुष्य वहां रहना पसन्द करता था, जहां पानी आसानी से प्राप्त होता था। पानी मनुष्य की कई घरेलू तथा खेती की ज़रूरतों को पूरा करता था। इसलिए मनुष्य नदी घाटियों में रहने लगा।

प्रश्न 3.
किसी स्थान का धरातल मानव बस्तियों के विकास को कैसे प्रभावित करता है ?
उत्तर-
समतल धरातल पर मानव बस्तियां बनाना आसान होता है। यहां खेती तथा रेलें-सड़कों की सुविधा होती है। इसी कारण अधिकतर नगर भारत के उत्तरी मैदान में बसे हैं। परन्तु पर्वतों पर ऊबड़-खाबड़ धरातल के कारण मानव बस्तियां कम मिलती हैं।

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प्रश्न 4.
सड़क मार्गों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
सड़कें तुलनात्मक पक्ष से बनानी आसान तथा सस्ती हैं। ये एक घर से दूसरे घर तक (Door to Door) सामान पहुंचाती हैं। सड़कें ऊबड़-खाबड़ प्रदेशों में भी बनाई जा सकती हैं।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
संसार के रेलमार्गों के बारे जानकारी देते हुए इनका महत्त्व बताओ।
उत्तर-
रेल मार्ग आवागमन का महत्त्वपूर्ण साधन है। इनके द्वारा बड़ी संख्या में मुसाफिरों तथा बहुत ज्यादा मात्रा में सामान पहुंचाया जाता है। सबसे पहले कोयले से चलने वाले रेल इंजन होते थे। अब बिजली तथा डीज़ल से चलने वाले इंजन अस्तित्व में आ गए हैं।

मैट्रो रेलें-अत्यधिक जनसंख्या के कारण स्थल पर वाहनों की भीड़ लगी रहती है। इससे छुटकारा पाने के लिए भूमिगत रेलमार्ग बिछाए गए हैं। इनको मैट्रो रेल सेवाएं कहते हैं। जैसे कि दिल्ली में ये काफी प्रचलित हो गई हैं।

संसार के प्रमुख रेलमार्ग-संसार में यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका में रेलमार्गों का जाल बिछा हुआ है। अब सभी महाद्वीपों के तटों के साथ रेलमार्ग बनाए गए हैं। रूस (C.I.S.) के रेल मार्ग सेंट पीटर्सबर्ग को ब्लाडी वास्टक से जोड़ते हैं। इस रेलवे लाइन को ट्रांस साइबेरियन रेलवे कहते हैं। यह संसार का सबसे बड़ा रेलमार्ग है। जापान में रेलों का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। जापानी रेलों में रोज़ाना बड़ी संख्या में सफर करते हैं। चीन, जापान तथा फ्रांस में बहुत तेज़ गति से चलने वाली रेलगाड़ियां बनाई गई हैं।
जापान में बुलट रेलगाड़ी 350 कि०मी० प्रति घण्टा से भी अधिक की रफ्तार से चलती है।

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प्रश्न 2.
संसार के प्रमुख जलमार्गों के नाम बताओ।
उत्तर-
जल मार्ग आवागमन का सबसे सस्ता साधन है। इन मार्गों पर समुद्री जहाज, स्टीमर, नाव चलाई जाती हैं। संसार के प्रमुख समुद्रीय मार्ग निम्नलिखित हैं –

  1. उत्तरी अन्ध महासागरीय मार्ग
  2. शान्त महासागरीय मार्ग
  3. केप मार्ग
  4. स्वेज नहर मार्ग
  5. पनामा नहर मार्ग।

प्रश्न 3.
संसार के आन्तरिक जलमार्गों के नाम बताओ।
उत्तर-
नदी (दरिया) तथा झील आन्तरिक जल-मार्ग हैं –

  1. भारत में गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियां तथा केरल में स्थित झीलें जलमार्ग का काम करती हैं।
  2. यूरोप का डैनुब दरिया मध्य तथा दक्षिण यूरोप को काला सागर से मिलाता है।
  3. चीन की यंगसटी क्यिांग नदी, दक्षिणी अमेरिका की अमेज़न नदी।
  4. उत्तरी अमेरिका की पांच ऐसी झीलें हैं जो जल परिवहन द्वारा कैनेडा को यू०एस०ए० से जोड़ती हैं।

प्रश्न 4.
वायुमार्ग द्वारा संसार एक विश्वीय गांव (Global Village) बन गया। इस तथ्य को उदाहरण देकर समझाओ।
उत्तर-
वायुमार्ग सबसे तेज़ गति वाला आवागमन का साधन है। परंतु यह महंगा भी बहुत है। आज लगभग सारे देश वायु-मार्गों के द्वारा एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनके कारण संसार एक ग्लोबल गांव बन गया है। वास्तव में हवाई जहाज़ द्वारा यात्रा करने से समय की बहुत बचत होती है। इसलिए हवाई यात्रा बहुत लोकप्रिय हो गयी है। संसार के कई देशों में बड़े-बड़े हवाई अड्डे हैं। इन हवाई अड्डों में दिल्ली, लन्दन, पेरिस, मास्को, टोकियो, दुबई आदि के नाम लिये जा सकते हैं। इन अड्डों द्वारा लगभग पूरा संसार आपस में जुड़ा हुआ है।

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प्रश्न 5.
संसार तथा भारत की मुख्य बन्दरगाहों के नाम बताओ।
उत्तर-
संसार की प्रमुख बंदरगाहें, शंघाई (चीन), लॉस एंजल्स (यू०एस०ए०), ऑकलैंड (न्यूजीलैंड) आदि हैं। भारत की प्रमुख बन्दरगाहें कोलकाता, चेन्नई (मद्रास), कोचीन, गोआ, कांडला, मुंबई तथा विशाखापट्टनम हैं। यह भारत को बाकी संसार से जोड़ती हैं।

प्रश्न 6.
संचार के साधन कौन-कौन से हैं ? इनकी उन्नति से हमें क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
संदेशों का आदान-प्रदान करने वाले साधन संचार के साधन कहलाते हैं। इनमें इंटरनेट, मोबाइल, टेलीफोन, रेडियो, टी.वी., समाचार-पत्र, पत्रिकाएं तथा पत्र आदि शामिल हैं।
लाभ-संचार के संसाधनों का बहुत अधिक महत्त्व है –

  1. यह शिक्षा के प्रसार तथा मनोरंजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  2. इनके कारण राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
  3. इनसे सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सहायता मिलती है।
    सच तो यह है कि संचार के साधन विश्व के विभिन्न देशों को आपस में जोड़ते हैं। परिणामस्वरूप विश्व एक इकाई बन गया है।

प्रश्न 7.
स्वेज नहर के विषय में विस्तृत जानकारी दें।
उत्तर-
स्वेज नहर एक महत्त्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय जलमार्ग है। यह नहर भूमध्य सागर (रोमसागर) तथा लाल सागर को मिलाती है। यह मार्ग यूरोप के देशों को दक्षिणी एशिया, ऑस्ट्रेलिया तथा पूर्वी अफ्रीका के देशों से मिलाता है।

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(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 125-130 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
बस्तियों के विकास में कौन-से कारक प्रभाव डालते हैं ? .
उत्तर-
एक ही स्थान पर बने घरों के समूह को बस्ती कहते हैं। निम्नलिखित कुछ कारण हैं जो लोगों को बस्तियां बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

  1. जनसंख्या का बढ़ना ।
  2. व्यवसाय का विकास
  3. नदी घाटियों में कृषि
  4. औद्योगिक विकास।

बस्तियों के विकास पर प्रभाव डालने वाले कारक

1. पानी की उपलब्धता-लोग अधिकतर उन स्थानों पर रहना पसन्द करते हैं जहां पानी आसानी से प्राप्त हो जाता है। इसी कारण ही बहुत-सी सभ्यताओं को नदी घाटियों ने जन्म दिया। उदाहरण के लिए सिन्धु घाटी सभ्यता का विकास सिन्धु नदी की घाटी में हुआ।

2. धरातल-बस्तियां बनाना/लोगों के बसने के लिए धरातल का विशेष महत्त्व है। ऊबड़-खाबड़ धरातल में मानवीय बस्तियां कम होती हैं –
(i) क्योंकि आवागमन में रुकावट आती है।
(ii) कृषि करनी भी कठिन होती है।
(iii) घर बनाने भी बड़े मुश्किल होते हैं।
इसके मुकाबले समतल धरातल वाले क्षेत्रों में सुविधाएं हैं –
(i) यातायात के लिए सड़कें तथा रेल लाइनें बनाना आसान है।
(ii) कृषि करना आसान होता है।
(iii) कृषि की उपजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना भी आसान है।
इसी कारण बड़े-बड़े नगर तथा महानगर समतल धरातल पर ही विकसित हुए हैं। उदाहरण-उत्तरी भारत के मैदान में बहुत उन्नत नगर विकसित हुए हैं।

3. प्राकृतिक सुन्दरता-कई नगर प्राकृतिक सुन्दरता के कारण विकसित हुए हैं। इनका विकास सैर-सपाटे के लिए हुआ है। क्योंकि सैर-सपाटा (पर्यटन) वर्तमान समय में एक प्रमुख उद्योग बन गया है इसलिए इस उद्योग ने भी बहुत सारे लोगों को रोजगार दिया है। सारे संसार से लोग इन स्थानों की प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द लेने के लिए आते हैं। उदाहरण-कश्मीर और गोआ अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के कारण ही विकसित हुए हैं।

4. आवागमन तथा संचार के साधन आवागमन तथा संचार के साधन भी किसी स्थान को विकसित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। आवागमन की अच्छी सुविधाओं के कारण लोगों तथा वस्तुओं को लाने तथा ले जाने में आसानी हो जाती है, जिससे आर्थिक तथा सामाजिक दृष्टि से उन्नति होती है।

प्रश्न 2.
जलमार्गों के बारे में विस्तृत जानकारी दें।
उत्तर-
1. उत्तरी अन्ध महासागर मार्ग-यह मार्ग सबसे अधिक प्रयोग में आता है। यह पश्चिमी यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कैनेडा को मिलाता है। इस मार्ग के द्वारा संसार का सबसे अधिक व्यापार होता है।

2. शान्त महासागर मार्ग-यह मार्ग उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका को एशिया तथा आस्ट्रेलिया से मिलाता है।

3. केप मार्ग-इस मार्ग की खोज वास्कोडिगामा ने सन् 1498 ई०. में की.। यह मार्ग पश्चिमी यूरोपीय देशों तथा अमेरिका को दक्षिणी एशिया, आस्ट्रेलिया तथा न्यूज़ीलैंड से मिलाता है। स्वेज नहर बनने से इस मार्ग का महत्त्व कम हो गया है।

4. स्वेज नहर मार्ग-स्वेज नहर भू-मध्य सागर (रूम सागर) तथा लाल सागर को मिलाती है। यह मार्ग यूरोप के देशों को दक्षिणी एशिया, आस्ट्रेलिया तथा पूर्वी अफ्रीका के देशों से जोड़ता है।

5. पनामा नहर-यह नहर पनामा गणराज्य में से बनाई गई है। यह नहर अन्ध महासागर तथा शान्त मासागर को मिलाती है। यह नहर पश्चिमी यूरोप तथा पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका (यू० एस० ए०) को पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका तथा पश्चिमी एशिया से मिलाती है।

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प्रश्न 3.
मानवीय बस्तियों के विकास में यातायात के साधनों ने क्या योगदान डाला है ?
उत्तर-
आवागमन में भी बहुत आधुनिकीकरण आया है। पहले लोग आवागमन तथा सामान लाने तथा ले जाने में पालतू जानवरों का प्रयोग करते थे। तकनीकी विकास के कारण आवाजाही तथा सामान लाने तथा ले जाने की तकनीक में भी बहुत ज्यादा विकास हुआ है। कई बार देखा गया है कि किसी जगह की उसके बिल्कुल पड़ोसी की अपेक्षा दूर जगह पर ज्यादा महत्ता होती है। यदि वहां आवागमन के साधन अच्छे होंगे तो उस जगह पर उत्पन्न की या बनाई वस्तु दूर स्थान पर जहां इसकी ज्यादा आवश्यकता है, पहुंचाने से ज्यादा आर्थिक लाभ हो सकता है। इस प्रकार ऐसे स्थान जल्दी ही सांस्कृतिक तथा व्यापारिक संस्थाओं का रूप धारण कर लेते हैं। इसके अतिरिक्त जो शहर मुख्य सड़कों, रेल लाइनों तथा बन्दरगाहों के किनारे पर स्थित होते हैं, वे सांस्कृतिक तथा व्यापारिक संस्थाओं के रूप में प्रसिद्ध हो जाते हैं।

PSEB 7th Class Social Science Guide मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
पर्यावरण से क्या भाव है ?
उत्तर-
मनुष्य के आस-पास को पर्यावरण कहते हैं।

प्रश्न 2.
प्रारम्भिक मनुष्य के जीवन में कैसे क्रान्ति आई ?
उत्तर-
मनुष्य ने आग जलाना सीखा, कपड़े पहनना सीखा तथा रहने के लिए बस्ती बनाई।

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प्रश्न 3.
नदी घाटियों में कृषि का विकास क्यों हुआ ?
उत्तर-
उपजाऊ दरियाई मिट्टी के कारण।

प्रश्न 4.
Sky Scrapers से क्या भाव है ?
उत्तर-
बहु-मंजिली गगनचुम्बी इमारतें।

प्रश्न 5.
विश्व गांव से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
विश्व विशाल होते हुए भी तेज़ आवागमन के साधनों के कारण सिकुड़कर एक गांव रह गया है।

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प्रश्न 6.
एक नगर बताएं जहां मैट्रो रेल है।
उत्तर-
दिल्ली।

प्रश्न 7.
रूस के एक अन्तमर्हाद्वीपीय रेल मार्ग का नाम बताएं।
उत्तर-
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग।

प्रश्न 8.
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग कौन-से नगरों को जोड़ता है ?
उत्तर-
पश्चिम में सेंट पीटर्सबर्ग को पूर्व में व्लाडीवास्तक के साथ।

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प्रश्न 9.
संचार के दो नवीन साधन बताएं।
उत्तर-
इंटरनेट तथा मोबाइल।

प्रश्न 10.
जलमार्ग कहां-कहां मिलते हैं ?
उत्तर-
महासागर, सागर, नदियों, नहरों तथा झीलों में।

प्रश्न 11.
संसार का सबसे बड़ा रेलमार्ग बताएं।
उत्तर-
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग।

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प्रश्न 12.
यूरोप का एक आन्तरिक जलमार्ग बताएं।
उत्तर-
डैन्यूब दरिया।

प्रश्न 13.
उत्तरी अमेरिका का आन्तरिक जलमार्ग बताएं।
उत्तर-
पांच महान् झीलें।

प्रश्न 14.
भारत के दो आन्तरिक जलमार्ग बताएं।
उत्तर-
गंगा तथा ब्रह्मपुत्र।

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प्रश्न 15.
पाइप लाइनों द्वारा किन दो पदार्थों का परिवहन होता है ?
उत्तर-
गैस तथा तेल।

प्रश्न 16.
बिजली दूर-दूर तक कैसे पहुंचाई जाती है ?
उत्तर-
इलैक्ट्रिक ग्रिड के द्वारा।

प्रश्न 17.
हवाई जहाज़ की खोज किसने की ?
उत्तर-
अमेरिका के राइट ब्रदर्ज ने।

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प्रश्न 18.
भारत के पूर्वी तट पर दो बन्दरगाहें बताएं।
उत्तर-
कोलकाता तथा चेन्नई।

प्रश्न 19.
स्वेज़ नहर कौन-से दो सागरों को जोड़ती है ?
उत्तर-
लाल सागर तथा भूमध्य सागर।

प्रश्न 20.
प्राचीन सभ्यताओं का विकास नदी घाटियों में क्यों हुआ ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
नदी घाटियों पर आसानी से पानी की प्राप्ति होती थी। वहाँ उपजाऊ मिट्टी में खेती का विकास सम्भव था। रहने के लिए समतल भूमि प्राप्त थी। इसलिए आरम्भ में सिन्धु घाटी सभ्यता तथा नील घाटी सभ्यता का विकास हुआ।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 6 मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार

प्रश्न 21.
मानवीय बस्तियों में किस प्रकार के बदलाव आए हैं ?
उत्तर-
घरों के समूह को बस्ती कहते हैं। बस्ती मनुष्य का निवास स्थान है। आरम्भ में मनुष्य खानाबदोश जीवन व्यतीत करता था। फिर उसने कच्ची मिट्टी की झोंपड़ियां, पक्की झोंपड़ियां तथा घर बनाए। अब मनुष्य कई बहु-मंज़िली इमारतें तथा गगनचुम्बी भवन (Sky Scrapers) बना रहा है।

प्रश्न 22.
आवागमन के साधनों वाले महत्त्वपूर्ण नगर क्यों व्यापारिक केन्द्र बन जाते हैं ?
उत्तर-

  1. वस्तुओं के आवागमन में आसानी।
  2. वस्तुओं के आवागमन से आर्थिक लाभ।
  3. सांस्कृतिक तथा व्यापारिक संस्थाओं का बन जाना।
  4. रेलों, सड़कों तथा बन्दरगाहों का विकास होना।

प्रश्न 23.
मैट्रो रेलों की क्यों आवश्यकता है ?
उत्तर-

  1. धरती की ऊपरी सतह पर भूमि की कमी के कारण भूमि के नीचे मैट्रो रेलें बनाई गई हैं।
  2. बढ़ती जनसंख्या के कारण यात्रियों की अधिक संख्या को सवारी देने के लिए।
  3. आवागमन की भीड़ से बचाने के लिए।

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प्रश्न 24.
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग की महत्ता बताएं।
उत्तर-
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग संसार का सबसे बड़ा रेलमार्ग है। यह एक अन्तर्महाद्वीपीय मार्ग है। यह सेंट पीटर्सबर्ग तथा व्लाडीवास्तक (रूस) के नगरों को जोड़ता है। यह इस लम्बे मार्ग पर कोयले, लोहे, लकड़ी, अनाज के आवागमन के लिए महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न 25.
जल मार्गों के लाभ बताएं। यह सबसे सस्ता साधन क्यों है ?
उत्तर-

  1. यह समुद्री यात्राओं के लिए अच्छा साधन है।
  2. इससे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार होता है।
  3. यह सबसे सस्ता आवागमन का साधन है।
  4. जलमार्ग बनाने पर कोई खर्च नहीं आता।
  5. इससे बड़े पैमाने पर भारी सामानं कम लागत पर भेजा जाता है।

(क) रिक्त स्थान भरी:

  1. मनुष्य ने सबसे पहले ………….. में रहना शुरू किया।
  2. सबसे पहले रेलवे इंजन …………….. से चलते थे।
  3. ………………… रेलवे संसार का सबसे बड़ा रेलमार्ग है।
  4. केप मार्ग (जलमार्ग) की खोज …………. ई० में वास्कोडिगामा ने की।

उत्तर-

  1. नदी घाटियों,
  2. कोयले,
  3. ट्रांस-साइबेरियन,
  4. 1498

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(ख) सही कथनों पर (✓) तथा ग़लत कथनों पर (✗) का चिन्ह लगाएं :

  1. बड़े-बड़े शहर समतल धरातल पर बसे हुए हैं।
  2. स्वेज नहर भूमध्य सागर (रूमसागर) तथा लाल सागर को मिलाती है।
  3. पनामा नहर अंध महासागर तथा हिन्द महासागर को आपस में मिलाती है।
  4. पंजाब में स्थित झीलें जलमार्ग का काम करती हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)
  4. (✗)

(ग) सही उत्तर चुनिए

प्रश्न 1.
बस्तियां बसाने में सहायक कारण नहीं है –
(i) समतल धरातल
(ii) पानी की सुविधा
(iii) सघन वनस्पति की समीपता।
उत्तर-
(iii) सघन वनस्पति की समीपता।

प्रश्न 2.
अन्धमहासागर तथा शान्त महासागर को एक नहर आपस में मिलाती है। उसका नाम बताइए।
(i) पानामा
(ii) स्वेज़
(iii) एस०बाई०एल०।
उत्तर-
(i) पानामा।

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प्रश्न 3.
आज हम आकाश में हवाई जहाज़ उड़ते देखते हैं। क्या आप बता सकते हैं कि सबसे पहले उड़न मशीन किसने बनाई थी?
(i) राँग ब्रदर्ज़
(ii) रॉइट ब्रदर्ज
(iii) रॉइटर ब्रदर्ज।
उत्तर-
(ii) रॉइट ब्रदर्ज।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 10 प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

Punjab State Board PSEB 7th Class Agriculture Book Solutions Chapter 10 प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Agriculture Chapter 10 प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

PSEB 7th Class Agriculture Guide प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दो :

प्रश्न 1.
अपने आस-पास मिलने वाले कोई दो नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधनों के नाम लिखो।
उत्तर-
पन ऊर्जा, सौर ऊर्जा।

प्रश्न 2.
अलग-अलग स्रोतों से हवा में फैल रही कोई दो जहरीली गैसों को नाम लिखो।
उत्तर-
कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर-डाइऑक्साइड।

प्रश्न 3.
फसलों को ज़रूरत के अनुसार कम-से-कम पानी लगाने के लिए विकसित की गई नवीनतम सिंचाई विधियों के नाम लिखो।
उत्तर-
फव्वारा तथा ड्रिप सिंचाई प्रणाली।

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प्रश्न 4.
रेतीली जमीनों में प्रति एकड़ कितनी.क्यारियां बनानी चाहिए ?
उत्तर-
रेतीली ज़मीनों में 16 क्यारे प्रति एकड़ बनाएं।

प्रश्न 5.
भूमि की सेहत के लिए फसली चक्र में कौन-सी फसलें आवश्यक हैं ?
उत्तर-
फसली चक्रों में फलीदार फसलें होनी चाहिएं।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
फलीदार फसलें क्यों उगानी चाहिए ?
उत्तर-
फलीदार फसलें हवा में से नाइट्रोजन लेकर भूमि में इकट्ठा करती हैं।

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प्रश्न 2.
नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधनों के नाम लिखो।
उत्तर-
नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन हैं-जीव-जन्तु, हवा से ऊर्जा, अवशेष से ऊर्जा, समुद्री लहरों से ऊर्जा, पन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, जंगलात आदि।

प्रश्न 3.
फसलों और घरेलू अवशेष से किस प्रकार की खाद तैयार की जा सकती है ?
उत्तर-
फसलों के अवशेष से बनी कम्पोस्ट खाद, हरी खाद आदि तैयार की जा सकती है।

प्रश्न 4.
घरेलू स्तर पर पानी की बचत के लिए किए जा सकने वाले कोई पाँच उपाय बताएं।
उत्तर-
फर्श को धोने के स्थान पर पोंचे से साफ करना, फलों, सब्जियों को बर्तन में पानी डाल कर धोना, घर की खराब टूटियों को जल्दी-जल्दी मुरम्मत करवाना, कार को पाइप से नहीं धोना चाहिए। घरों में छोटे मुँह वाली टुटियां लगानी चाहिए। रसोई का पानी घर के बगीचे में, लॉन या गमलों को देना चाहिए।

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प्रश्न 5.
प्राकृतिक संसाधन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं-

  1. नवीकरणीय
  2. अनवीकरणीय।

नवीकरणीय स्त्रोत हैं-पन बिजली, हवा से ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि।
अनवीकरणीय स्रोत हैं-कोयला, पेट्रोलियम पदार्थ आदि।

(ग) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
प्राकृतिक संसाधनों के अधिक प्रयोग के कारण किस प्रकार की समस्याएं पैदा हो रही हैं ?
उत्तर-
प्राकृतिक संसाधनों का अधिक प्रयोग करने से अग्रलिखित समस्याएं पैदा हो रही हैं@

  1. पानी के अधिक प्रयोग से भूमिगत पानी का स्तर और नीचे जा रहा है।
  2. खेतों में अनावश्यक खादों तथा रसायनों का प्रयोग करने से मिट्टी, पानी तथा वातावरण प्रदूषित हो रहा है।
  3. शहरीकरण तथा. औद्योगीकरण के कारण जंगल काटे जा रहे हैं तथा खेती योग्य भूमि कम हो रही है। .
  4. अधिक प्रयोग के कारण अनवीकरणीय स्रोत जल्दी समाप्त हो जाएंगे।

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प्रश्न 2.
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं ?
उत्तर-
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं@

  1. अधिक वृक्ष लगाने चाहिए जिससे कार्बन डाइऑक्साइड कम होती है तथा ऑक्सीजन बढ़ती है।
  2. सल्फर तथा सीसा रहित पेट्रोल का प्रयोग करना चाहिए।
  3. ज़हरीली गैसों वाले धुएं को पानी के स्प्रे में से गुज़ार कर साफ करना चाहिए।
  4. ईंधन वाले कोयले के स्थान पर सौर ऊर्जा, बायोगैस, गैस तथा बिजली का प्रयोग करना चाहिए।
  5. कारखानों में धुएं को साफ करने के लिए उपकरण लगाएं तथा चिमनियां ऊंची होनी चाहिए।
  6. हवा साफ करने के लिए फिल्टर प्लांट लगाने चाहिए।

प्रश्न 3.
खेती में पानी का उचित प्रयोग कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर–
पानी एक प्राकृतिक स्रोत है जिसे बचाने की बहुत आवश्यकता है। खेतों में भी पानी का उचित प्रयोग बहुत ज़रूरी है। इसलिए निम्नलिखित अनुसार करना चाहिए-

  1. सिंचाई करने के लिए फव्वारा तथा ड्रिप सिंचाई प्रणाली का प्रयोग करना चाहिए।
  2. खेतों को लेज़र कराहे से समतल करने से भी पानी की बचत होती है।
  3. ऐसी फसलों की बोआई करनी चाहिए जिनको विकसित होने के लिए कम पानी की आवश्यकता हो।
  4. धान में पहले 15 दिन के बाद पानी लगातार खड़ा नहीं रखना चाहिए। धान में पानी की बचत के लिए टैंशियोमीटर का प्रयोग करना चाहिए।
  5. फसल की बोआई मेड़ों पर करनी चाहिए इससे पानी की बचत की जा सकती है।
  6. खेतों में पराली या पॉलीथीन बिछा कर मल्चिंग करने से पानी की बचत होती है।

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प्रश्न 4.
भूमि की सम्भाल के बारे में अपने विचार दें।
उत्तर-
भूमि सम्भाल के लिए निम्नलिखित अनुसार करना चाहिए@

  1. पहाड़ियों पर ढलान की उल्ट दिशा में कतारों में फसलें बोने से भूमि क्षरण कम होता है।
  2. ढलान वाले स्थानों पर सीढ़ीदार खेती करनी चाहिए।
  3. रसायनों तथा खादों का अनावश्यक प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  4. वायु द्वारा भूमि क्षरण को रोकने के लिए वायु रोधी बाड़ तथा वृक्षों की कतारें लगानी चाहिए।
  5. जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए।
  6. फसलों के अवशेष से बनी कम्पोस्ट खाद, रूड़ी खाद, हरी खाद आदि का प्रयोग करना चाहिए।
  7. फसली चक्रों में फलीदार फसलें ज़रूर लगानी चाहिएं जो हवा में से नाइट्रोजन को ज़मीन में जमा करती हैं।

प्रश्न 5.
प्राकृतिक संसाधनों के दुरुपयोग एवं प्रदूषण पर एक नोट लिखो।
उत्तर-

  1. अधिक विकसित देशों ने तकनीकी तरक्की करके प्राकृतिक स्रोतों का बहुत नुकसान (दोहन) किया है तथा अधिक जनसंख्या वाले देशों; जैसे चीन तथा भारत में प्राकृतिक स्रोतों की कमी हो गई है।
  2. जगलों की अधाधुन्ध कटाई से वातावरण में मौसमी बदलाव आ रहे हैं तथा हानिकारक गैसों की वृद्धि हवा में हो रही है।
  3. पानी के अधिक प्रयोग के कारण भूमिगत जल का स्तर और नीचे जा रहा है।
  4. खेतों में अनावश्यक खादों तथा रसायनों के प्रयोग के कारण मिट्टी, पानी तथा वातावरण प्रदूषित हो रहा है।
  5. शहरीकरण तथा औद्योगीकरण के कारण जंगल काटे जा रहे हैं तथा खेती योग्य भूमि कम हो रही है।
  6. अधिक प्रयोग के कारण अनवीकरणीय स्रोत जल्दी समाप्त हो जाएंगे।

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Agriculture Guide for Class 7 PSEB प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मुख्य प्राकृतिक स्रोत कौन-से हैं ?
उत्तर-
हवा, पानी, भूमि।

प्रश्न 2.
तापमान में वृद्धि क्यों हो रही है ?
उत्तर-
जंगलों के कटने के कारण।

प्रश्न 3.
पानी के प्रदूषण के कारण क्या फैल रहा है ?
उत्तर-
रोग।

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प्रश्न 4.
ओजोन परत नष्ट होने के कारण कौन-सी किरणें धरती पर पहुंच रही हैं ?
उत्तर-
पराबैंगनी किरणें।

प्रश्न 5.
पराबैंगनी किरणों से कौन-सी बीमारी का खतरा बढ़ता है ?
उत्तर-
कैंसर का।

प्रश्न 6.
वृक्ष लगाने से कौन-सी गैस वातावरण में कम होती है ?
उत्तर-
कार्बन-डाइऑक्साइड।

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प्रश्न 7.
धरती के कुल पानी में से कितना पानी खारा है ?
उत्तर-
97%.

प्रश्न 8.
धरती पर कितना पानी बर्फ है ?
उत्तर-
2%.

प्रश्न 9.
प्रयोग होने वाले पानी में से कितना पानी कृषि में प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
90%.

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प्रश्न 10.
उद्योग तथा घरेलू प्रयोग में कितना पानी प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
उद्योग में 7% तथा घर में 3%.

प्रश्न 11.
फर्श को धोने के स्थान पर क्या करना चाहिए?
उत्तर-
पोंचे से साफ करना।

प्रश्न 12.
कार साफ करने के लिए कितना पानी चाहिए ?
उत्तर-
3 से 4 लीटर।

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प्रश्न 13.
धान में पानी की बचत के लिए क्या प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
टैंशियोमीटर।

प्रश्न 14.
भारी भूमियों में कितने क्यारे बनाने चाहिए ?
उत्तर-
8 क्यारे प्रति एकड़।

प्रश्न 15.
वन्य कृषि कैसे लाभदायक है ?
उत्तर-
भूमि क्षरण को रोकती है।

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छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
ट्यबवैल के अधिक प्रयोग से क्या हुआ है ?
उत्तर-
इससे धरती के नीचे वाले पानी का स्तर और नीचे चला गया है तथा इस तरह होता रहा तो यह पानी बहुत नीचे चला जाएगा।

प्रश्न 2.
प्राकृतिक स्रोतों से क्या भाव है ?
उत्तर-
प्रकृति से मिलने वाली प्राकृतिक वस्तुएं-जैसे-हवा, पानी, सूरज ऊर्जा, पशु, सूक्ष्मजीव, पौधे, वृक्ष, मिट्टी, खनिज आदि प्राकृतिक स्रोत हैं।

प्रश्न 3.
पहाड़ों से जंगल काटने से क्या वृद्धि हुई है ?
उत्तर-
डैमों में मल्ल जमना, भू-क्षरण, बाढ़ तथा भू-स्खलन में वृद्धि हुई है।

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प्रश्न 4.
नवीकरणीय स्रोत क्या होते हैं ?
उत्तर-
ऐंसे स्रोत जो प्रयोग के साथ-साथ नए-नए बनते रहते हैं, को नवीकरणीय स्रोत कहते हैं। उदाहरण–पन ऊर्जा, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा।

प्रश्न 5.
ईंधन में कोयले के स्थान पर क्या प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
कोयले के स्थान पर बायोगैस, सौर ऊर्जा, गैस तथा बिजली का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 6.
वस्त्र धोने के लिए पानी की सम्भाल के बारे में लिखें। …
उत्तर-
कपड़े धोने से पहले आधा घण्टा तक भिगो कर रखने से पानी बचता है तथा कपड़े धोकर बचे पानी से फर्श तथा पशुओं की शैड धो सकते हैं।

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प्रश्न 7.
फव्वारा प्रणाली का प्रयोग कौन-सी ज़मीन पर करना चाहिए ?
उत्तर-
फव्वारा प्रणाली का प्रयोग रेतीली तथा टिबों वाली ज़मीन पर किया जाता है। यहां ज़मीन समतल करने पर अधिक खर्चा आता है।

प्रश्न 8.
धान को 15 जून के बाद क्यों बोना चाहिए ?
उत्तर-
मई और जून में बहुत गर्मी होती है। यह महीने गर्म तथा शुष्क होते हैं तथा फसल को अधिक पानी देने की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए धान को 15 जून के बाद बोना चाहिए।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
पानी की घरेलू स्तर पर सम्भाल के बारे में बताओ।
उत्तर-

  1. फलों, सब्जियों को बहते पानी के नीचे न धोकर बर्तन में धोना चाहिए।
  2. बर्तन धोने के लिए बड़े टब में पानी भर कर धोना चाहिए। खुले पानी में नहीं।
  3. यदि बहते पानी में बर्तन धुलने हों तो टूटी को धीमा चलाएं।
  4. फर्श धोने के स्थान पर पोचा लगाएं।
  5. कपड़े धोने से पहले आधे घण्टे के लिए भिगो कर रखने चाहिएं।
  6. कपड़े धोकर बचे पानी से फर्श साफ की जा सकती है।
  7. घर में फल्श की टंकी छोटी तथा वाल्व वाली होनी चाहिए।
  8. कार को धोने के लिए 3-4 लीटर पानी की आवश्यकता है जबकि पाइप लगाकर धोने से अधिक पानी खर्च होता है।
  9. खराब टूटियों, टंकियों को तुरंत ठीक करवाएं।
  10. छतों पर वर्षा के पानी को ज़मीन में डालने के लिए बोर करने चाहिए या टैंक में स्टोर करके प्रयोग करना चाहिए।
  11. कार को लॉन में धोने से लॉन को भी पानी दिया जाता है।
  12. दांत साफ करते, शेव करते, हाथों पर साबुन मलते समय टूटी बंद रखनी चाहिए।
  13. रसोई के पानी को बगीचे, गमलों आदि में देना चाहिए।
  14. घरों में छोटे मुंह वाली टूटियां लगानी चाहिएं।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 10 प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण PSEB 7th Class Agriculture Notes

  • हवा, पानी, मिट्टी, सूर्य ऊर्जा, पौधे, पेड़, खनिज, पशु तथा सूक्ष्मजीव आदि – प्राकृतिक साधन व संसाधन हैं।
  • ट्यूबवैल के अधिक प्रयोग से धरती के नीचे भूमिगत जल का स्तर नीचे जा रहा है।
  • प्राकृतिक साधनों की मनुष्य द्वारा किए कार्यों के कारण हानि हो रही है; जैसे_कृषि में उर्वरकों का अनावश्यक उपयोग, औद्योगीकरण, जंगलों की कटाई आदि।
  • पानी के प्रदूषण के कारण बहुत-सी बीमारियां फैल रही हैं।
  • कुछ प्राकृतिक स्रोत नवीकरणीय होते हैं; जैसे-हवा से ऊर्जा, अवशेष से उत्पन्न ऊर्जा, पनबिजली, सौर ऊर्जा, समुद्री लहरों से ऊर्जा आदि। यह स्रोत प्रयोग के साथ नए बनते रहते हैं।
  • कुछ प्राकृतिक स्रोत प्रयोग के बाद नए नहीं बनते या सदा के लिए समाप्त हो जाते हैं; जैसे-कोयला, पेट्रोलियम पदार्थ, खनिज आदि।
  • हवा के प्रदूषण के कारण ओजोन परत नष्ट होती जा रही है तथा सूर्य की परा बैंगनी किरणें धरती पर पहुंच रही हैं जिससे कैंसर जैसे रोग होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
  • धरती पर 70% पानी है तथा कुल पानी में से 97% समुद्री खारा पानी है।
  • धरती पर कुल पानी में से 3% साफ पानी है जिसमें से 2% पानी बर्फ के रूप में है।
  • धरती पर उपलब्ध कुल पानी का सिर्फ 1% पानी ही प्रयोग लायक है।
  • पानी को खेतों में, घरों में तथा उद्योगों में संभाल कर प्रयोग करना चाहिए।
  • भूमि भी एक प्राकृतिक स्रोत है इसकी भी सम्भाल करनी आवश्यक है।