PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 बस चुप भली

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 8 बस चुप भली Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 बस चुप भली

Hindi Guide for Class 8 PSEB बस चुप भली Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ

निगाह = नज़र।
जुबानदराजी = अधिक बोलने की आदत।
दस्तक = खटखटाना।
जहर उगलना = बुरा-भला कहना।
रामबाण औषधि = अचूक दवा।
नसीहतें = उपदेश।
बयान = वर्णन करना।
चटोरी = स्वाद लेने वाली।
रसना = जीभ।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 बस चुप भली

II. इन मुहावरों को अपने वाक्यों में प्रयोग करें:

1. काला अक्षर भैंस बराबर
2. छाती पर मूंग दलना
3. फाँसी का फंदा चूमना
4. कान पकड़ना
5.मैदान में कूद पड़ना
6. राग अलापना
7. नमक खाना
8. अपना-सा मुँह लेकर चले जाना
9. जान के पीछे पड़ना
उत्तर:
1. काला अक्षर भैंस बराबर – आज के युग में काला अक्षर भैंस बराबर व्यक्ति को समाज में सम्मान प्राप्त नहीं होता।
2. छाती पर मूंग दलना – गणेशी का बदमाश पोता न पढ़ता है और न ही कोई काम करता है, बस बूढ़ी दादी की छाती पर मूंग दलता रहता है।
3. फाँसी का फंदा चूमना – भगत सिंह ने देश के लिए खुशी-खुशी फाँसी का फंदा चूम लिया था।
4. कान पकड़ना – मैं तो कान पकड़ता हूँ कि तुम्हारे घर अब कभी नहीं आऊँगा।
5. मैदान में कूद पड़ना – झांसी की रानी अंग्रेजों के व्यवहार से क्रोधित हो कर मैदान में कूद पड़ी थी।
6. राग अलापना – तेरी यहाँ कोई सुनवाई नहीं तो फिर क्यों अपना राग अलाप रहा है।
7. नमक खाना – तुम्हारा बरसों तक नमक खाया है इसलिए यह काम तो मुझे करना ही पड़ेगा।
8. अपना-सा मुँह लेकर चले जाना – अफ़सर ने जब गाँव वालों की बात सुनी ही नहीं तो वे अपना-सा मुँह लेकर चले गए।
9. जान के पीछे पड़ना – ये गुंडे तो तुम्हारी जान के पीछे पड़े हुए हैं इसलिए जल्दी पुलिस की सहायता प्राप्त करो।

(ख) विषय – बोध

I. सही पर (✓) और गलत पर (×) का चिह्न लगायें :

(क) जुबानदराजी बुरी आदत है?
(ख) मौन के बल पर कालिदास का विवाह राजकुमारी से नहीं हुआ था। ( )
(ग) निर्दय जुबान के कारण रहीम अन्तिम दिनों में परेशान हुए थे। ( )
(घ) बिहारी लाल और मुरारी लाल को साहब ने तरक्की दी थी। ( )
(ङ) चुनाव अभियान में लेखक ने खन्ना का पक्ष लिया था। ( )
उत्तर:
सही- क, ग।
गलत- ख, घ, ङ।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 बस चुप भली

II. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
सब आफ़तों से बचने की रामबाण औषधि क्या है?
उत्तर:
सब आफ़तों से बचने की रामबाण औषधि मौन धारण कर लेना है।

प्रश्न (ख)
न चाहते हुए भी हम क्यों जुबानदराजी करते हैं?
उत्तर:
न चाहते हुए भी मन के भावों के कारण जुबान नियंत्रण में नहीं रहती है और हम जुबानदराजी करते हैं।

प्रश्न (ग)
जुबानदराजी के कारण मनसूर का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर:
जुबानदराजी के कारण मनसूर को फांसी के फंदे पर झूलना पड़ा था।

प्रश्न (घ)
अपने ही घर में लेखक को मेहमान क्यों बनना पड़ा?
उत्तर:
लेखक को अपने किसी जान-पहचान वाले के बेटे की शादी में न चाहते हुए भी भागीदार बनने के कारण अपने ही घर में मेहमान बनना पड़ा था।

प्रश्न (ङ)
बिहारी लाल और मुरारी लाल की गवाही से लेखक ने मुक्ति किस युक्ति से ली?
उत्तर:
लेखक को झूठ-मूठ की भयंकर खाँसी का बहाना करने की युक्ति से बिहारी लाल और मुरारी लाल की गवाही से मुक्ति मिली थी।

III. चार या पाँच वाक्यों में उत्तर लिखें:

प्रश्न (क)
एक चुप सौ सुख’ इस तथ्य (सच्चाई) को अपनी युक्तियों से स्पष्ट करें।
उत्तर:
वास्तव में ही ‘एक चुप सौ सुख’ एक सच्चाई है। यदि दो मित्र आपस में किसी भी बात पर झगड़ पड़ें तो उन में से किसी एक का पक्ष नहीं लिया जा सकता। ऐसा करने से उन दो में से एक मित्र का दुश्मन बन जाना निश्चित होता है। लड़ाई-झगड़ा तो घर में भी हो जाता है। चुप रह कर किसी भी पक्ष का साथ न देना समस्या को कम ही करता है और अपने शत्रुओं और विरोधियों की संख्या को भी कम करता है।

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प्रश्न (ख)
क्या हर स्थिति में चुप रहना चाहिए’ अपने विचार लिखें।
उत्तर:
हर स्थिति में चुप नहीं रहना चाहिए। ऐसा तो केवल वही कर सकता है जो मूर्ख हो या पागल हो। जब कोई अन्याय के रास्ते पर चलता हुआ किसी पर भी अनावश्यक रूप से अत्याचार कर रहा हो तो चुप नहीं रहना चाहिए। देखकर मक्खी नहीं निगली जा सकती। जब हमारे हितों को चोट लग रही हो या किसी पर भी अनर्थ ढाया जा रहा हो तो चुप नहीं रहना चाहिए, सदा चुप रहने वाले को लोग मूर्ख ही मानते हैं और जीवन जीते हुए मूर्ख कदापि नहीं बनना चाहिए। इसके लिए व्यवहार बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न (ग)
बिहारी लाल और मुरारी लाल के झगड़े से बचने के लिए लेखक ने क्या नाटक किया?
उत्तर:
बिहारी लाल और मुरारी लाल के झगड़े से बचने के लिए लेखक ने अपने दफ़्तर के साहब से भयंकर खांसी का नाटक किया था। वह ज़ोर-जोर से खाँसी करते हुए लुढ़क गया था। उसने अपनी सांस रोक ली थी। उसे डिस्पैंसरी ले जाना पड़ा था।

प्रश्न (घ)
लेखक ने उलझनमयी परिस्थितियों कोर्ट कचहरी, शादी-मंगनी, चुनाव उपचुनाव-आदि से दूर रहने का संकेत क्यों दिया है ?
उत्तर:
जब हम किसी विषय पर चुप हो जाते हैं और किसी भी पक्ष के पक्ष या विपक्ष का साथ नहीं देते तो लोग हमें अपना शस्त्र नहीं बना पाते। वे हम से तब किसी गवाही की उम्मीद नहीं रखते। उन्हें लगता है कि हम उनके किसी काम के नहीं हैं। ऐसी स्थिति में हम कोट-कचहरी, शादी-मंगनी, चुनाव-उपचुनाव आदि चक्करों से बच जाते हैं।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग पृथक् करें :

1. अधिपति, अध्यक्ष, अध्यात्म, अधिराज।
2. अभिप्राय, अभिशाप, अभिलाषा, अभिमान।
3. अपराध, अपमान, अपशब्द, अपवाद।
4. अतिशय, अतिनिर्धन, अत्याचार, अत्यावश्यक।
5. अनुवाद, अनुचर, अनुरूप, अनुकरण।
6. अवगुण, अवनति, अवस्था, अवसर।
7. उपमान, उपवन, उपकार, उपमंत्री।
8. निर्भय, निर्दोष, निर्वाह, नीरोग (निर्)
9. निस्तार, निश्चल, निष्प्राण, निष्प्रभ (निस / निश / निष् । निः)
10. परिचय, परिमाण, परिक्रमा, परिवर्तन।
उत्तर:
1. अधि
2. अभि
3. अप
4. अति
5. अनु
6. अव
7. उप
8. निर्
9. निस / निश / निष् / निः
10. परि।

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II. समस्तपदों को अलग करें (विग्रह)

जुबान दराजी = ……………….
वाणी-संयम = ……………….
योग-साधना = ……………….
तन-मन = ……………….
शरणागत = ……………….
रसोईघर = ……………….
आपबीती = ……………….
अनपढ़ = ……………….
उत्तर:
जुबान दराजी = जुबान की दराजी
वाणी-संयम = वाणी का संयम
योग-साधना = योग की साधना
तन-मन = तन और मन
शरणागत = शरण में गत
रसोई घर = रसोई के लिए घर
आप बीती = अपने पर बीती
अनपढ़ = नहीं पढ़ा है जो/ न पढ़ा

PSEB 8th Class Hindi Guide बस चुप भली Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
किस पर लगाम लगाने से सभी काम शीघ्रता और शांति से हो जाते हैं ?
(क) हाथों पर
(ख) पैरों पर
(ग) जुबान पर
(घ) मन पर।
उत्तर:
जुबान पर।

प्रश्न 2.
जुबानदराजी के कारण किसे फाँसी पर झूलना पड़ा
(क) महमूद को
(ख) मनसूर को
(ग) मुनव्वर को
(घ) मुज़रूह को।
उत्तर:
मनसूर को।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 बस चुप भली

प्रश्न 3.
गवाही नहीं देने से मुक्ति कैसे मिलती है ?
(क) बेहोश होकर
(ख) बीमार होकर
(ग) खांसी के दौरे से
(घ) विदेश भाग कर।
उत्तर:
खांसी के दौरे से।

प्रश्न 4.
रहीम के अनुसार अनुचित बात कहने पर जूते किसे पड़ते हैं ?
(क) मुँह को
(ख) खोपड़ी को
(ग) पीठ को
(घ) टांगों को
उत्तर:
खोपड़ी को।

प्रश्न 5.
विधानसभा के चुनाव अभियान का काम संभालने से बचने के लिए लेखक कहाँ चले गए ?
(क) दिल्ली
(ख) शिमला
(ग) अमृतसर
(घ) पटियाला।
उत्तर:
दिल्ली

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 बस चुप भली

बस चुप भली Summary

बस चुप भली पाठ का सार

युगों से समझदार लोग सभी प्रकार की मुसीबतों से बचने के लिए एक ही बात कहते आएं हैं कि ‘एक चुप सौ सुख’। जुबान पर लगाम लगाने से सभी काम शीघ्रता और शांति से पूरे हो जाते हैं लेकिन जुबान है कि मुँह में टिकती ही नहीं। जरा-सी बात पर गज भर लंबी हो कर यह बाहर निकल आती है और झगड़े का बड़ा कारण बन जाती है। बुजुर्गों की चुप रहने की नसीहत धरी-की-धरी रह जाती है। चुप रहना आसान नहीं है पर इसके फ़ायदे बहुत हैं। मूर्ख और अनपढ़ कालिदास केवल चुप रहने के कारण सुंदर राजकुमारी का पति बन गया था और वहीं अपने युग का सबसे बड़ा दार्शनिक मन्सूर जोबस हर बात को बोलने के कारण फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था। तभी तो रहीम को कहना पड़ा था कि जुबान अच्छी-बुरी सब बातें कह कर स्वयं तो दाँतों के पीछे मुँह में जा छिपती है और जूते बेचारी खोपड़ी को खाने पड़ते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के समय मुहल्ले के दो लोग लेखक के घर पधारे।

वे दोनों चाहते थे कि लेखक महोदय उनके लिए चुनावअभियान का सारा कार्यभार संभाल लें। लेखक ने उन दोनों को किन्हीं विशेष एहसानों के कारण साफ-साफ मना तो करना नहीं था, इसलिए उन्होंने उन्हें एक कागज़ पर लिख कर बताया कि वे मौन व्रत पर थे और अगले दिन बताएंगे कि वे उन दोनों में से किस के लिए काम करेंगे। अगले दिन सुबह-सवेरे वे दिल्ली चले गए और विवाद से बच गए। दफ़्तर में बिहारी लाल और मुरारी लाल ने आपस में जोरदार झगड़ा किया, तोड़-फोड़ भी कर दी। बड़े साहब ने उन दोनों के कहने पर लेखक को गवाह के रूप में बुलाया। संकट से बचने के लिए लेखक ने भयंकर खाँसी के दौरे का नाटक किया। लेखक को तो डिस्पैंसरी भेज दिया गया पर बिहारी-मुरारी दोनों की तरक्की रोक दी गई थी जिसका सारा दोष दोनों ने लेखक पर डाला। एक बार मुहल्ले के कुछ बुजुर्गों ने अपने होनहार पुत्र को विवाह के लिए लड़की पक्ष को दिखाने हेतु लेखक का घर चुन लिया। लेखक चाह कर भी उन्हें ना नहीं कह सका जिसका परिणाम है कि अब उसका मेहमानखाना लड़के-लड़की वालों के आपसी झगड़ों का पंचायत घर बना हुआ है। लेखक का यही मानना है कि कोर्ट-कचहरी, शादी-मंगनी, चुनाव-उपचुनाव, सिफ़ारिश, गवाही, जमानत आदि से दूर ही रहना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जा सकता तो जुबान अवश्य खोलनी पड़ेगी और जुबान का रस तो निश्चित रूप से दुःखदायी होता ही है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 गुरु गोबिन्द सिंह जी

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 7 गुरु गोबिन्द सिंह जी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 7 गुरु गोबिन्द सिंह जी

Hindi Guide for Class 8 PSEB गुरु गोबिन्द सिंह जी Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ

दशम् = दसवें।
दुर्लभ = जिनका मिलना कठिन हो।
तेजस्वी = शक्तिशाली।
बलात् = बलपूर्वक, ज़बरदस्ती।
अल्पावस्था = छोटी आयु।
आक्रमण = हमला।
मैत्री = मित्रता।
कृपाण = तलवार।
निधन = स्वर्गवास।
नेतृत्व करना = अगुवाई करना।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 गुरु गोबिन्द सिंह जी

II. मुहावरों और लोकोक्तियों का वाक्यों में प्रयोग करो

1. छक्के छुड़ाना –
2. होनहार बिरवान के होत चीकने पात –
3. काम तमाम करना –
4. हिम्मत न हारना –
5. वीरगति को प्राप्त होना –
6. तलवार के घाट उतारना –
7. खूब फलना –
8. फूलना –
9. बीड़ा उठाना –
10. मौत को गले लगाना –
11. ईंट से ईंट बजाना –
12. प्राण फूंक देना –
13. जान से खेलना –
उत्तर:
1. छक्के छुड़ाना – शिवाजी ने मुग़ल सेना के छक्के छुड़ा दिए थे।
2. होनहार बिरवान के होत चीकने पात – गुरु गोबिन्द सिंह की बचपन में ही अद्भुत योग्यता इस बात की परिचायक थी कि होनहार बिरवान के होत चीकने पात।
3. काम तमाम करना – तलवार के एक ही वार से उसने डाकू का काम तमाम कर दिया।
4. हिम्मत न हारना – अनेक संकटों के बाद भी गुरु जी ने हिम्मत न हारी।
5. वीरगति को प्राप्त होना – युद्ध में अनेक भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
6. तलवार के घाट उतारना – वीर सैनिक ने शत्रु को तलवार के घाट उतार दिया।
7. खूब फलना – फूलना-ईश्वर की कृपा से हमारा व्यापार खूब फल-फूल गया है।
8. बीड़ा उठाना – मैंने देश की सेवा करने का बीड़ा उठा लिया है।
9. मौत को गले लगाना – गरीब किसान ने उधार न चुका पाने के कारण नदी में कूद कर मौत को गले लगाया था।
10. ईंट से ईंट बजाना – चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने विरोधियों की ईंट से ईंट बजा दी थी।
11. प्राण फूंक देना – सेठ जी की सहायता ने युवक में प्राण फूंक दिये थे।
13.जान से खेलना – जान से खेलकर राहुल ने अपने पिता को डाकुओं से बचा लिया था।

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
भारतीय इतिहास में गुरु गोबिन्द सिंह जी का नाम क्यों प्रसिद्ध है ?
उत्तर:
गुरु गोबिन्द सिंह के त्याग, बलिदान और वीरता के कारण ही उनका नाम भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध है।

प्रश्न (ख)
गोबिन्द राय ने पिता को बलिदान के लिए प्रेरणा क्यों दी ?
उत्तर:
गोबिन्द राय ने अपने पिता गुरु तेग़ बहादुर को हिन्दू-धर्म की रक्षा के लिए बलिदान देने की प्रेरणा दी।

प्रश्न (ग)
गुरु जी के प्रिय खेल क्या-क्या थे ?
उत्तर:
गुरु गोबिन्द सिंह जी के प्रिय खेल हथियार चलाना, घुड़सवारी करना, साथियों की दो टोलियाँ बनाकर नकली युद्ध करना आदि थे।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 गुरु गोबिन्द सिंह जी

प्रश्न (घ)
‘पाऊँटा’ शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
पाऊँटा का अर्थ है पाँव टिकाना। जिस स्थान पर गुरु जी ने पाँव टिकाए, वह स्थान पाऊँटा साहिब के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

प्रश्न (ङ)
गुरु जी ने सेना क्यों सजाई ?
उत्तर:
गुरु गोबिन्द सिंह जी ने धर्म की रक्षा और औरंगज़ेब के अत्याचारों का मुकाबला करने के लिए सेना सजाई।

प्रश्न (च)
जफरनामा के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
निडर और साहसी गुरु गोबिन्द सिंह जी ने औरंगज़ेब को जो फ़ारसी में पत्र लिखा था उसे जफ़रनामा कहते हैं।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
गोबिन्द राय का बचपन ‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात’ कहावत को कैसे चरितार्थ करता है ?
उत्तर:
गुरु गोबिन्द सिंह जी जब बाल्यावस्था में ही थे, तो उनमें महानता के गुण झलकने लगे थे। तीर-तलवार चलाना, घुड़सवारी करना आदि उनके प्रिय खेल थे। जब कश्मीरी पंडित फ़रियाद लेकर गुरु तेग़ बहादुर जी के पास आनन्दपुर आए तो उस समय गुरु गोबिन्द सिंह जी केवल नौ वर्ष के थे। उन्होंने अपने पिता गुरु तेग़ बहादुर जी को धर्म की रक्षा तथा अत्याचारों के विरुद्ध बलिदान देने की प्रेरणा दी। गुरु गोबिन्द सिंह जी की इन्हीं विशेषताओं के कारण यह लोकोक्ति उन पर पूर्णतया चरितार्थ होती है, ‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात।’

प्रश्न (ख)
गुरु जी ने खालसा पंथ की स्थापना कैसे की ?
उत्तर:
गुरु गोबिन्द सिंह जी ने सन् 1699 को वैशाखी के पर्व पर आनन्दपुर साहिब में दरबार सजाया। भरी सभा में उन्होंने बलिदान के लिए पाँच शिष्यों की माँग की। सभा में सन्नाटा छा गया। फिर दिल्ली का जाट धर्मदास, द्वारिका का धोबी मुहकम चन्द, जगन्नाथ का कहार हिम्मत राय और लाहौर का क्षत्रिय दयाराम और विदर का नाई साहब चन्द बलिदान के लिए सामने आए। गुरु जी एक-एक करके उन्हें अपने तम्बू में ले जाते और उन्हें वहाँ बैठा देते। इस तरह पाँच प्यारों का चुनाव किया गया। उन्हें अमृत छकाया। ‘पाँच ककार धारण कराये। स्वयं भी अमृत पिया। इस तरह धर्म की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना की।

प्रश्न (ग)
“इन पुत्रन के सीस, पर, वार दिए. सुत चार,
चार मुए तो क्या भया, जीवित कई हजार।”
इन पंक्तियों का क्या भाव है?
उत्तर:
मुग़ल सेना से लड़ते हुए गुरु गोबिन्द सिंह जी ने अपने एक जाट शिष्य की हवेली को ही किला बना कर शत्रु का सामना किया। उनके दो पुत्र अजीत सिंह और जुझार सिंह युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो गए। छोटे दोनों पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह को सरहिन्द के सूबेदार ने जीवित ही दीवार में चिनवा दिया पर उन्होंने अपना धर्म नहीं बदला। माता सुन्दरी के आँसुओं को देखकर गुरु जी ने भरी सभा में कहा था-

इन पुत्रन के सीस पर, वार दिए सुत चार,
चार मुए तो क्या भया, जीवित कई हजार।

अर्थात् मेरे हज़ारों शिष्य पुत्रों के समान हैं। मैंने चार पुत्रों का बलिदान इन्हीं की रक्षा के लिए किया है। वे चार मर भी गए तो कोई बड़ी बात नहीं, जबकि मेरे कई हज़ार पुत्र जीवित हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 गुरु गोबिन्द सिंह जी

प्रश्न (घ)
‘सुभ करमन से कबहूँ न टरौ’ पंक्ति का क्या भाव है?
उत्तर:
गुरु गोबिन्द सिंह जी स्वभाव से मानवतावादी थे। वे किसी भी अवस्था में जीवन की राह में आने वाली मुसीबतों और कठिनाइयों से भयभीत नहीं होते थे। धर्म और जाति की रक्षा के लिए वे सदा तत्पर रहते थे। ‘सुभ करमन से कबहूँ न टरौ’ से तात्पर्य है कि मैं जीवन की राह पर शुभ कार्यों को पूरा करने से कभी भी भयभीत न होऊँ। मैं सदा जाति और धर्म के लिए श्रेष्ठ कार्य करता रहूँ।

प्रश्न (ङ)
“मैं हूँ परम पुरख का दासा। देखन आयो जगत तमासा” पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर:
गुरु गोबिन्द सिंह जी पूर्ण रूप से ईश्वर में विश्वास रखते हुए अपने कर्तव्यपथ पर डटे रहे थे। “मैं हूँ परम पुरख का दासा। देखन आयो जगत तमासा” के द्वारा उन्होंने यही माना है कि मैं परम पिता परमात्मा का दास हूँ और उनके द्वारा रचे गए संसार रूपी इस तमाशे को देखने के लिए ही धरती पर आया हूँ। इस संसार की सुंदरता-बदसूरती, अच्छाई-बुराई, कोमलता-कठोरता, सच-झूठ, प्रेम-घृणा आदि सब सांसारिक तमाशे ही हैं। महान् आत्मा होते हुए भी एक सामान्य व्यक्ति की तरह गुरु जी ने इस संसार में रह कर परमात्मा के तमाशे ही तो देखे थे।

प्रश्न (च)
गुरु गोबिन्द सिंह जी का व्यक्तित्व अलौकिक था, स्पष्ट करें।
उत्तर:
गुरु गोबिन्द सिंह जी का व्यक्तित्व निस्संदेह रूप से अलौकिक था। उन्होंने धर्म, जाति और देश के लिए अपने युग को दिशा-निर्देश ही नहीं दिया था बल्कि स्वयं तलवार हाथ में थाम कर इन्सानियत के दुश्मनों को संसार से दूर भी कर दिया था। वे अवतार पुरुष थे जिन्होंने निर्जीवों में प्राण फूंक दिये थे, कायरों को वीरता का पाठ पढा दिया था और वीरों को शेर की तरह बहादुर बना दिया था। उनके एक-एक सिंह में लाखों से जूझने की अद्भुत शक्ति थी। उन्होंने अपनी अलौकिक क्षमता से धर्म, जाति और राष्ट्र को नया जीवन प्रदान कर दिया था। वै महान् बोद्धा, दीन-दुखियों के संरक्षक, महान् संत, धर्म और संस्कृति के उद्धारक, खालसा पंथ के संस्थापक और मानवतावादी होने के कारण लौकिक न हो कर अलौकिक थे।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 गुरु गोबिन्द सिंह जी

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें

जो विश्वास के योग्य हो – ……………
जो निडरता से कार्य करे – ……………
जो कभी न मरे – ……………
आक्रमण करने वाला – ……………
धर्म से सम्बन्धित – ……………
दूर की सोचने वाला – ……………
जो घोड़े की सवारी करे – ……………
जानने की इच्छा रखने वाला – ……………
उत्तर:
1. जो विश्वास के योग्य हो – विश्वसनीय, विश्वासपात्र
2. जो निडरता से कार्य करे – निर्भीक/निडर
3. जो कभी न मरे – अमर
4. आक्रमण करने वाला – आक्रमणकारी/हमलावर
5. धर्म से सम्बन्धित – धार्मिक
6. दूर की सोचने वाला – दूरदर्शी
7. जो घोड़े की सवारी करे – घुड़सवार
8. जानने की इच्छा रखने वाला – जिज्ञासु

II. निम्नलिखित समास का विग्रह करके समास का नाम बतायें :

शस्त्र विद्या = ……………
धर्म परिवर्तन = ……………
महापुरुष = ……………
पुत्र इच्छा = ……………
युद्ध साम्रगी = ……………
भयभीत = ……………
पंजाब = ……………
उत्तर:
शस्त्र विद्या = शस्त्र की विद्या – संबंध तत्पुरुष समास
धर्म परिवर्तन = धर्म का परिवर्तन – संबंध तत्पुरुष समास
महापुरुष = महान् है पुरुष जो – कर्मधारय समास
पुत्र इच्छा = पुत्र की इच्छा – संबंध तत्पुरुष समास
युद्ध साम्रगी = युद्ध के लिए सामग्री – संप्रदान तत्पुरुष समास
भयभीत = भय से भीत – करण तत्पुरुष समास
पंजाब = पाँच आबों (नदियों) का समूह-द्विगु समास।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 गुरु गोबिन्द सिंह जी

III. सन्धि-विच्छेद करें

अत्याचारी = ……………
युवावस्था = ……………
अल्पावस्था = ……………
भाषानुवाद = ……………
रामायण = ……………
दुर्लभ = ……………
विद्याभ्यास = ……………
सम्मान = ……………
उत्तर:
संधि विच्छेद
अत्याचारी = अति + आचारी।
युवावस्था = युवा + अवस्था।
अल्पावस्था = अल्प + अवस्था।
भाषानुवाद = भाषा + अनुवाद।
रामायण = राम + आयन।
दुर्लभ = दुः + लभ।
विद्याभ्यास = विद्या + अभ्यास।
सम्मान = सम् + मान।

IV. विशेषण बनाएँ

साहित्य + इक = साहित्यिक
सम्प्रदाय + इक = ………
धर्म + इक = ……………
संस्कृति + इक = ………
साहस + इक = …………..
स्वभाव + इक = ………..
उत्तर:
विशेषण
साहित्य + इक = साहित्यिक
सम्प्रदाय + इक = साम्प्रदायिक
धर्म + इक = धार्मिक
संस्कृति + इक = सांस्कृतिक
साहस + इक = साहसिक
स्वभाव + इक = स्वाभाविक।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 गुरु गोबिन्द सिंह जी

V. ‘प्रहार’ और ‘प्रशिक्षित’ में ‘प्र’ उपसर्ग है। ‘निर्जीव’ में ‘निर्’ और ‘दुर्लभ’ में ‘दुर्’ उपसर्ग है। इन तीनों उपसर्गों का प्रयोग करते हुए पाँच-पाँच शब्द लिखें।

उत्तर:
प्र – प्रगति, प्रमाण, प्रवीण, प्रचण्ड, प्रवृत्ति।
निर् – निर्लज्ज, निर्लोभ, निर्बल, निर्धन, निर्जन।
दुर् – दुर्दशा, दुर्जन, दुर्गम, दुराचार, दुर्लभ।

(घ) रचनाबोध

प्रश्न 1.
गुरु गोबिन्द सिंह जी पर एक निबन्ध लिखें।
उत्तर:
निबन्ध-लेखन भाग देखिए।

PSEB 8th Class Hindi Guide गुरु गोबिन्द सिंह जी Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी सिखों के कौन-से गुरु थे ?
(क) द्वितीय
(ख) चतुर्थ
(ग) अष्टम
(घ) दशम्।
उत्तर:
दशम्।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 गुरु गोबिन्द सिंह जी

प्रश्न 2.
श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का जन्म कब हुआ था ?
(क) 22-12-1646
(ख) 22-12-1666
(ग) 22-12-1665
(घ) 22-12-1664.
उत्तर:
22-12-1666.

प्रश्न 3.
श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का जन्म कहाँ हुआ था ?
(क) पटियाला
(ख) पटना
(ग) पाटन
(घ) पालमपुर।
उत्तर:
पटना।

प्रश्न 4.
श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का बचपन का नाम क्या था ?
(क) गोबिन्द राय
(ख) गोबिन्द राम
(ग) गोबिन्द सिंह
(घ) गोबिन्द लाल।
उत्तर:
गोबिन्द्र राय।

प्रश्न 5.
श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी ने गुरु पद कब ग्रहण किया था ?
(क) 11-11-1657
(ख) 11-11-1670
(ग) 11-11-1675
(घ) 11-11-1660.
उत्तर:
11-11-1675.

प्रश्न 6.
पाऊँटा साहिब का किला कब बना था?
(क) 1680
(ख) 1682
(ग) 1683
(घ) 1685.
उत्तर:
1685.

प्रश्न 7.
पाँच प्यारों का चुनाव कहाँ हुआ था ?
(क) पटना साहिब में
(ख) नांदेड़ में
(ग) आनन्दपुर साहिब में
(घ) अमृतसर में।
उत्तर:
आनन्दपुर साहिब में।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 गुरु गोबिन्द सिंह जी

प्रश्न 8.
गुरु गोबिन्द सिंह जी के कितने पुत्रों ने बलिदान दिया था ? ।
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
चार।

प्रश्न 9.
‘जफरनामा’ किस भाषा की रचना है ?
(क) अरबी
(ख) फ़ारसी
(ग) संस्कृत
(घ) गुरुमुखी।
उत्तर:
फ़ारसी।

प्रश्न 10.
खालसा पंथ की स्थापना सन् 1699 ई० को किस दिन हुई थी ?
(क) लोहड़ी के
(ख) वैशाखी के
(ग) दीपावली के
(घ) दशहरा के।
उत्तर:
वैशाखी के।

गुरु गोबिन्द सिंह जी Summary

गुरु गोबिन्द सिंह जी पाठ का का सार

गुरु गोबिन्द सिंह जी सिखों के दशम गुरु थे। वे अनेक गणों के भंडार थे। वे धीर. वीर. त्यागी और तेजस्वी महापुरुष थे। उन्होंने देश धर्म की रक्षा के लिए अपने चारों पुत्रों का बलिदान दिया। वे महान् योद्धा थे। वे सूर्य के समान तेजस्वी थे। उन्होंने कायरों को वीर बनाया और वीरों को सिंह बना दिया था।

गुरु जी का जन्म 22 दिसम्बर, सन् 1666 ई० को पटना (बिहार) में हुआ। उनका बचपन का नाम गोबिन्द राय रखा गया। उनके पिता गुरु तेग़ बहादुर जी थे। उनकी माता जी श्रीमती गुजरी जी थीं। गोबिन्द राय जी का बचपन भी असाधारण था। शस्त्र और शास्त्र विद्या से उन्हें बड़ा प्रेम था।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 गुरु गोबिन्द सिंह जी

गुरु तेग़ बहादुर परिवार सहित पटना से आनन्दपुर आ गए। देश में औरंगजेब का शासन था। भयभीत कश्मीरी गुरु तेग़ बहादुर जी की शरण में आए। उन्होंने हिन्दू-धर्म की रक्षा के लिए प्रार्थना की। गुरु तेग़ बहादुर जी ने कहा-“स्थिति किसी महापुरुष का बलिदान चाहती है।” पास बैठे नौं वर्षीय पुत्र गोबिन्द राय ने कहा-“पिता जी, आप से बढ़ कर बलिदान योग्य महापुरुष कौन हो सकता है ?” पुत्र की इच्छा को समझ कर गुरु जी ने दिल्ली पहुँच कर चाँदनी चौक में अपना शीश भेंट कर दिया।

श्री गोबिन्द राय ने 11 नवम्बर, सन् 1675 को गुरु-पद ग्रहण किया। उन्होंने गुरु-गद्दी पर बैठकर ही धर्म की रक्षा का बीड़ा उठाया। उन्होंने पाँच सिखों को संस्कृत पढ़ने के लिए काशी भेजा। सन् 1685 ई० में उन्होंने यमुना के किनारे एक किला बनवाया जिसका नाम पाऊँटा साहिब रखा गया। वहाँ गुरु जी ने अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाया। गुरु जी की बढ़ती शक्ति से पहाड़ी राजा उनके शत्रु बन गए। औरंगजेब भी क्रोधित हो उठा। सन् 1699 ई० में वैशाखी के दिन गुरु जी ने आनन्दपुर साहिब में दरबार सजाया। वहाँ आपने पाँच प्यारों का चुनाव किया। वहाँ खालसा पंथ की स्थापना की। गुरु जी ने अपना नाम गोबिन्द सिंह रखा। धर्म की रक्षा करने के लिए अन्याय तथा अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष किया। उन्होंने अपने चारों पुत्रों को देश धर्म के लिए बलिदान कर दिया।
गुरु जी ने औरंगज़ेब को फ़ारसी में एक पत्र लिखा। इसे ‘जफ़रनामा’ कहा जाता है। औरंगज़ेब को इसमें धिक्कारा गया था। गुरु जी नन्देड़ (महाराष्ट्र) में रहने लगे। वहाँ से उन्होंने बन्दा बहादुर को अत्याचार का दमन करने के लिए पंजाब भेजा। उसने सरहिन्द की ईंट से ईंट बजा दी। गुरु गोबिन्द सिंह जी 7 अक्तूबर, सन् 1708 ई० को स्वर्ग सिधार गए। उनके महान् आदर्श आज भी हमारे प्रेरणा स्रोत हैं।

 

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 मुँह बोले बेटे

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 6 मुँह बोले बेटे Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 6 मुँह बोले बेटे

Hindi Guide for Class 8 PSEB मुँह बोले बेटे Textbook Questions and Answers

(क) भाषा बोध

I. शब्दार्थ

दुर्घटना = दुर् + घटना = बुरी घटना
असमर्थ = शक्ति के बाहर
निरुत्तर = निर् + उत्तर = उत्तर न देना
गति = चाल
चौकस = सतर्क
शीघ्र = जल्दी
फुर्ती = तेजी
अनुरोध = प्रार्थना
लथपथ = भीगा हुआ, तर। .
समीप = पास
दर्पण = शीशा
पर्याप्त = काफी
इशारा = संकेत
दंग = हैरान
तिराहा = तीन रास्तों का समूह
प्रभाव = असर।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 मुँह बोले बेटे

II. इन शब्दों को अपने वाक्यों में प्रयुक्त करें

दुर्घटना – ……………..
निरुत्तर – ……………..
चौकस – ……………..
लथपथ – ……………..
प्रभाव – ……………..
दंग – ……………..
उत्तर:
दुर्घटना – बस दुर्घटना में कई लोग मारे गए।
निरुत्तर – गुरु जी के कथन पर सब निरुत्तर हो गए।
चौकस – यात्रा करते समय चौकस रहना चाहिए।
लथपथ – सब घायल खून से लथपथ थे।
प्रभाव – महात्मा जी के भाषण का बड़ा प्रभाव हुआ।
दंग – मोहन के आने पर सब दंग रह गए।

III. मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करें

1.  झाँसा देना – ……………..
2. चम्पत हो जाना – ……………..
3. जान में जान आना – ……………..
4. धोखा खाना – ……………..
5. आँख लगना – ……………..
6. लहूलुहान होना – ……………..
7. जान के लाले पड़ना – ……………..
8. ढांढ़स बंधाना – ……………..
9. साँस फूलना – ……………..
10. दंग रह जाना – ……………..
11. चपेट में आ जाना – ……………..
12. चौकसी बरतना – ……………..
13. बंटाधार हो जाना – ……………..
उत्तर:
1. झाँसा देना – आज के राजनीतिज्ञ जनता को झांसा देने में बहुत चतुर हैं।
2. चम्पत हो जाना – लुटेरा पुलिस को देखते ही चम्पत हो गया।
3. जान में जान आना – सुरेश के सकुशल लौटने पर सब की जान में जान आ गई।
4. धोखा खाना – जनता नेताओं से बार-बार धोखा खाती रहती है।
5. आँख लगना – ठण्डी हवा के झोंके से सुधा की आँख लग गई।
6. लहूलुहान होना – दुर्घटना में सभी यात्री लहूलुहान हो गए।
7. जान के लाले पड़ना – सब यात्रियों को अपनी-अपनी जान के लाले पड़े थे।
8. ढांढ़स बंधाना – दुर्घटना स्थल पर लोगों ने बढिया को ढांढस बंधाया।
9. साँस फूलना – पहाड़ी की चढ़ाई पर साँस फूलने लगता है।
10. दंग रह जाना – छोटी-सी बच्ची की चतुराई भरी बातें सुन कर मैं तो दंग रह गया हूँ।
11. चपेट में आ जाना – दो कारों की टक्कर की चपेट में बेचारा साइकिल वाला भी आ गया था।
12. चौकसी बरतना – बिजली के उपकरणों को हाथ लगाते समय हमेशा चौकसी बरतनी चाहिए।
13.बंटाधार हो जाना – तुम्हारे बहकावे में आकर मेरी परीक्षा का भी बंटाधार हो गया है।

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(ख) विषय बोध

I रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

(1) दो बसों की ……….. हो गई थी।
उत्तर:
टक्कर

(2) मार्च का ……….. था।
उत्तर:
महीना

(3) नौजवान …… वाली दुकान से …. खरीद लाया।
उत्तर:
दवाइयों, टीका

(4) हम ……… पास हैं।
उत्तर:
बी० ए०

(5) नौकरी की ………… में हैं।
उत्तर:
तलाश।

II. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
घटना स्थल से शिमला कितनी दूर था?
उत्तर:
घटना स्थल से शिमला पाँच मील दूर था।

प्रश्न (ख)
सोहन लाल खन्ना चण्डीगढ़ से कहाँ जा रहे थे?
उत्तर:
सोहन लाल खन्ना चण्डीगढ़ से शिमला जा रहे थे।

प्रश्न (ग)
डॉ० सोहन लाल खन्ना बस से उतरने के लिए कितनी देर इन्तजार करते रहे?
उत्तर:
सोहन लाल खन्ना बस से उतरने के लिए पाँच मिनट इन्तजार करते रहे।

प्रश्न (घ)
जब दुर्घटना घटित हुई तब कौन-सा महीना था?
उत्तर:
जब दुर्घटना घटी, उस समय मार्च का महीना था।

प्रश्न (ङ)
कितने युवक डॉ० खन्ना की ओर लपके ?
उत्तर:
दो युवक डॉ० खन्ना की ओर लपके।

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III. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
दुर्घटना होने के बाद जब डॉ० खन्ना की आँख खुली तो उन्होंने क्या अनुभव किया?
उत्तर:
जब बसों के टकराने से डॉ० खन्ना की आँख खुली तो वह दस-बीस सैकण्ड तक यह न समझ पाये कि वह सपना देख रहे थे कि सचमुच कोई दुर्घटना हुई है। उनके निचले होंठ और ठोडी के बीच के भाग से खून टपक रहा था। उन्हें दर्द हो रही थी। उन के सफेद स्वैटर पे खून के धब्बे थे।

प्रश्न (ख)
दोनों लड़कों ने डॉ० खन्ना की किस प्रकार सहायता की?
उत्तर:
दोनों लड़कों ने डॉ० खन्ना की बहुत सहायता की। बस से उतरने पर उनका भारी सामान उठा लिया। फिर वे उन्हें घायल अवस्था में एक अस्पताल ले गए। अपने पास से पैसे खर्च करके उन्हें टीका लगवाया। तदन्तर उन्हें पंचायत भवन पहुंचाया।

प्रश्न (ग)
‘मुँह बोले बेटे’ कहानी का उद्देश्य स्पष्ट करें।
उत्तर:
‘मुँह बोले बेटे’ कहानी का उद्देश्य यह है कि मुसीबत और कष्ट में फंसे व्यक्ति की नि:स्वार्थ भाव से सहायता करनी चाहिए। स्वयं कष्ट सहकर भी दूसरों की मदद करनी चाहिए। व्यर्थ में किसी पर सन्देह नहीं करना चाहिए। सभी इन्सान स्वार्थी या धोखेबाज नहीं होते। बेरोज़गार और सुविधाविहीन लोग भी परोपकारी होते हैं और वे सेवाभाव का कोई मूल्य नहीं चाहते।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. कारक ढूंढ़ कर नाम बताएँ

(1) दो बसों की टक्कर हो गई।
(2) चण्डीगढ़ से शिमला के लिए चले थे।’
(3) बाज़ार में काफ़ी भीड़ थी।
(4) लड़कों ने डॉ० खन्ना की बहुत सेवा की।
(5) दोनों लड़के डॉ० खन्ना के मुँह बोले बेटे बन गए।
(6) डॉ० खन्ना ने अपनी आप बीती सुनाई।
(7) स्ट्रेचर से उतर कर चप्पल पहनी।
(8) हे भगवान्! रक्षा करो।
(9) लड़कों को पैसे दिए।
(10) दर्पण में देखना चाहते थे।
उत्तर:
(1) बसों की-सम्बन्ध
(2) चण्डीगढ़ से-अपादान, शिमला के लिए-कर्म
(3) बाज़ार में-अधिकरण
(4) लड़कों ने-करण, खन्ना का-संबंध।
(5) दोनों लड़केकर्ता, खन्ना के-संबंध
(6) खन्ना ने-कर्ता
(7) स्ट्रेचर से-अपादान
(8) हे भगवान्संबोधन
(9) लड़कों को-सम्प्रदान
(10) दर्पण में-अधिकरण।

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II. इन वाक्यों में सकर्मक क्रिया पर गोला लगायें तथा अकर्मक क्रिया को रेखांकित करें :

(i) दो बसों की टक्कर हो गई थी।
(ii) नींद का झोंका आया।
(ii) वे खिड़की से सटी सीट पर बैठे थे।
(iv) दोनों एक साथ बोले।
(v) खन्ना साहब ने दोनों ओर निगाह दौड़ाई।
(vi) दोपहर का समय था।
(vii) उसने अपना वाहन रोक दिया।
(viii) मार्च का महीना था।
उत्तर:
(i) बसों की टक्कर हो गई-सकर्मक
(ii) नींद का झोंका आया-अकर्मक
(iii) सीट पर बैठे थे-सकर्मक
(iv) दोनों एक साथ बोले-अकर्मक
(v) दोनों ओर निगाह दौड़ाई-अकर्मक
(vi) दोपहर का समय था-अकर्मक
(vii) वाहन रोक दिया-सकर्मक
(viii) मार्च का महीना था-अकर्मक।

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III. विराम चिह्न लगायें

  • एक युवक ने हँसते हुए कहा हम ही आपको पंचायत भवन पहुँचाएँगे
  • बस हमारे पीछे पीछे चले आओ
  • मुँह खोलने में कष्ट होने पर भी शिष्टाचार के नाते उन्होंने पूछ ही लिया बेटा तुम क्या काम करते हो
  • डॉक्टर ने पूछा कहिए दादा कैसा लग रहा है
  • उन्होंने कहा हाँ अब ठीक हूँ

उत्तर:

  • एक युवक ने हँसते हुए कहा- “हम ही आपको ‘पंचायत भवन’ पहुँचाएँगे।” ।
  • बस, हमारे पीछे-पीछे चले आओ।
  • मुँह खोलने में कष्ट होने पर भी शिष्टाचार के नाते उन्होंने पूछ ही लिया, “बेटा! तुम क्या काम करते हो?”
  • डॉक्टर ने पूछा, “कहिए दादा! कैसा लग रहा है?”
  • उन्होंने कहा, “हाँ! अब ठीक हूँ।”

IV. विशेषण बनायें।

नीचे = निचला
ऊपर = …………….
आगे = …………….
भीतर = …………….
पीछे = …………….
बाहर = …………….
उत्तर:
नीचे = निचला
ऊपर = ऊपरी
आगे = अगला
भीतर = भीतरी
पीछे = पिछला
बाहर = बाहरी।

V. यद्यपि-तथापि, जो-सो, यदि-तो, क्योंकि-इसलिए आदि योजकों को प्रयोग करते हुए वाक्य बनाएँ।

उत्तर:
यद्यपि-तथापि – यद्यपि वह ग़रीब है, तथापि ईमानदार है।
जो-सो – जो उचित समझो, सो लिखो।
यदि-तो – यदि तुम वहाँ गए तो मेरा काम करते आना।।
क्योंकि-इसलिए – क्योंकि वह बीमार हो गया, इसलिए परीक्षा नहीं दे सका।

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VI. शब्दों के शुद्ध रूप लिखें

दूरघटना – …………….
लहूलुहान – …………….
सवारिया – …………….
वयोवरदध – …………….
अनूरोध – …………….
उत्तर:
अशुद्ध रूप – शुद्ध रूप
दूरघटना – दुर्घटना
लहूलूहान – लहूलुहान
सवारिया – सवारियाँ
वयोवरदध – वयोवृद्ध
अनूरोध – अनुरोध।

VII. समस्त पद विग्रह करें

पंचायत-भवन = …………….
दुर्घटना-स्थल = …………….
गंतव्य-स्थलों = …………….
उत्तर:
(1) पंचायत का भवन।
(2) दुर्घटना का स्थल।
(3) गंतव्य का स्थल।

(घ) रचना भाग

I. अपने मित्र को आँखों देखी दुर्घटना का विवरण देते हुए पत्र लिखो।

उत्तर:
181-मॉडल टाऊन,
पटियाला।
दिसंबर 18, 20….
प्रिय परमजीत,
नमस्ते।

आशा है कि घर में सभी प्रसन्नचित होंगे। मैं काफी दिन से तुम्हें पत्र लिखने की सोच रहा था। लेकिन परीक्षाओं के कारण ऐसा नहीं कर पाया। आज स्कूल से लौटते समय मैंने एक ऐसी दुर्घटना देखी जिसे तुम्हें बताने के लिए मैं चाह कर भी स्वयं को रोक नहीं पा रहा हूँ। तुम्हें तो पता ही है कि मेरा स्कूल और घर का फासला बहुत कम है और मुझे वहाँ पहुंचने में मुश्किल से पांच मिनट लगते हैं। आज जब छुट्टी के बाद मैं स्कूल से घर की ओर चला तो स्कूल के गेट से कुछ आगे एक मोटा आवारा सांड सड़क किनारे खड़ा था। वह बिल्कुल शांत था। एक रिक्शा चालक वहीं पास ही सड़क पर खड़ा था। शायद वह सवारी का इंतजार कर रहा था। अचानक सांड को पता नहीं क्या हुआ? उसने दो-तीन बार अपने अगले खुर जमीन पर ज़ोर से मारे और उस रिक्शा चालक की ओर सिर झुका कर तेज़ी से भागा और सीधा उसके पेट में टक्कर मार दी। उसके सींग उस बेचारे के पेट में जा घुसे। सांड ने अपना सिर पीछे किया। खून से रंगा हुआ रिक्शा चालक चीख भी नहीं पाया था कि सांड ने उसे अपने पाँव से कुचल डाला। जब तक लोग सांड को काबू कर पाते तब तक बेचारा रिक्शा वाला खून से लथपथ सड़क किनारे मृत रूप में पड़ा था। यह देखकर सब सन्न रह गए थे। यह दृश्य मेरे लिए अति भयानक था। ईश्वर ऐसा कभी किसी को न दिखाए। मेरा मन अभी भी अन्दर ही अन्दर डर रहा है। बाकी फिर कभी लिखूगा।
माता-पिता जी को मेरा प्रणाम कहना।
तुम्हारा मित्र,
रमनीत सिंह।

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II. यदि आपकी किसी ने संकट के समय सहायता की हो तो उसे 50 शब्दों में लिखें।

उत्तर:
पिछले सोमवार मैं स्कूल नहीं गया था। पेट में तेज दर्द था जो दवाई लेने के बाद भी ठीक नहीं हुआ था। मम्मी ने मुझे स्कूल न जाने के लिए कहा था और स्वयं ही पड़ोस में रहने वाले आलोक को मेरी छुट्टी का प्रार्थना-पत्र दे आई थी। लगभग दो-तीन घंटे बाद पेट दर्द ठीक हो गया और मैं पिता जी की दुकान पर चला गया। उन्होंने मुझे बिजली का बिल जमा कराने के लिए पैसे दिए। मैं साइकिल पर बिल जमा कराने गया। बिल जमा करा के जब लौट रहा था तो मेरा साइकिल एक स्कूटर वाले से टकरा गया। मैं सड़क पर जा गिरा था। मेरा सिर सड़क से टकरा गया था। मुझे इसके बाद कुछ पता नहीं। मुझे एक आदमी उठा कर डॉक्टर के पास ले गया था। मेरी आँखें जब खुली तो वह मेरे पास था। उसने मेरी पट्टी करवाई थी। वही मुझे मेरे घर छोड़ कर गया था। मैं उसकी सद्भावना और सहायता को अपने जीवन में कभी नहीं भुला पाऊँगा।

PSEB 8th Class Hindi Guide मुँह बोले बेटे Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर.लिखें

प्रश्न 1.
एक बस चण्डीगढ़ से कहाँ जा रही थी ?
(क) कांगड़ा
(ख) मनाली
(ग) शिमला
(घ) सोलन।
उत्तर:
शिमला।

प्रश्न 2.
दूसरी बस शिमला से कहाँ जा रही थी ?
(क) चण्डीगढ़
(ख) रोपड़
(ग) अमृतसर
(घ) लुधियाना।
उत्तर:
चण्डीगढ़।

प्रश्न 3.
किस बस का ड्राइवर खून से लथपथ था ?
(क) शिमला की
(ख) चण्डीगढ़ की
(ग) सोलन की
(घ) रोपड़ की।
उत्तर:
चण्डीगढ़ की।

प्रश्न 4.
डॉ० सोहनलाल खन्ना किस सीट पर बैठे थे ?
(क) सातवीं
(ख) आठवीं
(घ) दसवीं।
उत्तर:
नौवीं।

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प्रश्न 5.
एम्बुलेंस कितने घायलों को अस्पताल ले गई ?
(क) चार
(ख) पाँच
(ग) छः
(घ) सात।
उत्तर:
छः।

प्रश्न 6.
वैन के किस ड्राइवर ने खन्ना साहब को अस्पताल तक पहुँचाया ?
(क) पारसी
(ख) खान
(ग) सिक्ख
(घ) पंडित।
उत्तर:
सिक्ख।

प्रश्न 7.
खन्ना साहब को युवकों ने कहाँ पहुँचाया ?
(क) उनके घर
(ख) पंचायत भवन
(ग) होटल
(घ) धर्मशाला।
उत्तर:
पंचायत भवन।

प्रश्न 8.
कितने युवकों ने खन्ना साहब की सहायता की ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पांच।
उत्तर:
दो।

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प्रश्न 9.
युक्क खन्ना साहब के लिए क्या खरीद कर लाए ?
(क) फल
(ख) भोजन
(ग) टीका
(घ) दवा।
उत्तर:
टीका

प्रश्न 10.
खन्ना साहब ने युवकों को कितने रुपए का नोट देना चाहा ?
(क) पचास
(ख) सौ
(ग) दो सौ
(घ) पाँच सौ।
उत्तर:
पचास।

प्रश्न 11.
युवक कितने पढ़े-लिखे थे ?
(क) मैट्रिक
(ख) बारहवीं
(ग) बी. ए.
(घ) एम. ए.।
उत्तर:
बी.ए.।

प्रश्न 12.
युवकों को किसकी तलाश थी ?
(क) मकान की
(ख) भोजन की
(ग) नौकरी की
(घ) समान की।
उत्तर:
समान की।

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मुँह बोले बेटे Summary

मुँह बोले बेटे कहानी का सार

‘मुँह बोले बेटे’ नामक कहानी इन्सानियत का पाठ पढ़ाने वाली एक कहानी है। दो बसों में टक्कर हो गई। एक बस चण्डीगढ़ से शिमला जा रही थी, दूसरी शिमला से चण्डीगढ़। चण्डीगढ़ वाली बस का ड्राइवर खून से लथपथ अपनी सीट में फँसा कराह रहा था। डॉ० सोहन लाल खन्ना नौवीं सीट पर बैठे थे। वह शिमला जा रहे थे। वे नींद के झोंके में थे। जैसे ही टक्कर हुई वह अगली सीट से टकरा गए। खून की कुछ बूंदें टपक पड़ी। सभी सवारियों को अपनी जान के लाले पड़े थे। सभी बस से उतरने लगे। सब उतरने की जल्दी में थे। डॉ० सोहन लाल खन्ना सब के बाद बस से उतर सके। उनका रुमाल खून से तर-बतर हो चुका था। बस से उतरने पर दो युवक खन्ना साहब की ओर बढ़े। एक ने उनका अटैची थाम लिया और दूसरे ने बैग।

पुलिस की सूचना पर एक एम्बुलेंस की गाड़ी आई। वह छः घायलों को अस्पताल ले गई। इनमें एक महिला भी थीं। रोकने पर भी कोई वाहन वहाँ न रुकता था। लोग दुर्घटना के लिए कंकरीट को दोष दे रहे थे। खन्ना साहब को यह डर था कि कहीं दोनों युवक सामान लेकर चंपत न हो जाएं। युवकों के अनुरोध पर खन्ना साहिब ने पहाड़ी सड़क पर चढ़ने का इरादा बना लिया। एक किलोमीटर चलने के बाद तिराहा आया। इतने में एक वैन आई। उसका ड्राइवर एक सिक्ख नौजवान था। वह उन्हें अस्पताल तक पहुँचाने को तैयार हो गया। दोनों युवक और खन्ना साहब उसमें सवार हो गए। दस-बारह मिनट बाद वैन एक चौड़ी सड़क पर जा रुकी। अब तीनों अस्पताल तक पहुँचने के लिए छोटे रास्ते पर चल पड़े। खन्ना साहब अब भी शंकित थे। थोड़ी देर में एक सरकारी अस्पताल में पहुँच गए। डॉक्टर ने खन्ना साहब को स्ट्रेचर पर लिटाया और चोट पर दवाई का फाहा रख दिया। डॉक्टर के कहने पर एक नौजवान दवाइयों वाली दुकान से टीका खरीद लाया।

खन्ना साहब की कमर में टीका लगाया गया। खन्ना साहब ने स्वस्थ मन से कहाअब वह ठीक है। पहाड़ी-साहित्य-गोष्ठी का समय दस बजे था। खन्ना साहब ने कहाडॉक्टर साहब आपका भी धन्यवाद है, और इन दोनों बेटों का भी। उन्होंने लड़कों से कहा बेटा ! इंजैक्शन कितने का आया ? अपने पैसे ले लो। मुझे एक कुली कर दो, जो पंचायतभवन पहुँचा दे। एक युवक ने हँसते हुए कहा-हम ही आपको पंचायत भवन पहुँचाएंगे।

दूसरे ने कहा-वहीं आपसे इंजैक्शन के पैसे ले लेंगे। डॉक्टर की फीस और माल ढुलाई का भाड़ा भी लेंगे। तीनों पंचायत भवन की ओर चल पड़े। पूछने पर दोनों युवकों ने बताया कि वे बी० ए० पास थे और वे किसी नौकरी की तलाश में थे। अब खन्ना साहब पंचायत भवन पहुँच गए थे। खन्ना साहब ने लड़कों को पचास रुपये का नोट देते हुए कहा-‘बेटा’, यह लो दवाई के पैसे। अपने घर का पता बता दो। युवकों ने कहा-आपने हमें बार-बार बेटा कहा है। पैसे देकर हमारी इन्सानियत पर धब्बा न लगाएं। खन्ना साहब के मन में उन ‘मुँह बोले बेटों’ के सद् कारनामे याद आने लगे।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 पेड़

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 5 पेड़ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 5 पेड़

Hindi Guide for Class 8 PSEB पेड़ Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

स्वच्छ = साफ़।
विश्रामस्थल = आराम का स्थान
कोटर = वृक्षों की खोह, गह्वर।
नीड़ = घोंसला।
बरगद = बोहड़, वटवृक्ष।
वन-सम्पदा = वनों की दौलत।
लोलुप = लालची।
विभूतियाँ = सम्पत्तियाँ।
आशीष = आशीर्वाद।
पथिकों = मुसाफिरों।
पर्यावरण = वातावरण।
चिकित्सक = वैद्य, डॉक्टर।
भक्षक = खाने वाला।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 पेड़

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें.

प्रश्न (क)
धूल और धुएँ से दूषित वातावरण में पैदा होने वाले रोगों की कौनसी सर्वोत्तम दवा है ?
उत्तर:
दूषित वातावरण में, खाँसी, श्वास-रोग, हृदय रोग, कैंसर आदि घातक रोग पनपते हैं। इनसे बचने की एकमात्र दवा शुद्ध वायु है। यह केवल पेड़ों से ही उपलब्ध हो सकती है।

प्रश्न (ख)
पेड़ किस तरह अपनी ममता बरसाते हैं ?
उत्तर:
पेड़ मनुष्य को फल-फूल देकर अपनी ममता बरसाते रहते हैं।

प्रश्न (ग)
शरारती बच्चे पेड़ों से किस तरह फल प्राप्त करते हैं ?
उत्तर:
शरारती बच्चे उन पर पत्थर फेंक कर फल प्राप्त करते हैं।

प्रश्न (घ)
पक्षी और जीव-जन्तु पेड़ पर कहाँ-कहाँ घर बनाकर रहते हैं ?
उत्तर:
पक्षी पेड़ पर घोंसले बना कर रहते हैं। अन्य जीव-जन्तु पेड़ों की खोखल (खोह) में अपना आवास बनाते हैं।

प्रश्न (ङ)
नीम के पेड़ को बड़ा चिकित्सक क्यों कहा गया है ?
उत्तर:
नीम के सभी अंग अर्थात् जड़, छाल, पत्ते, फल-फूल किसी-न-किसी रोग का इलाज उपलब्ध कराते हैं। मधुमेह के रोगियों के लिए नीम वरदान है। इसके पत्ते, फलफूल रक्त-शोधक हैं। इसी कारण नीम को बड़ा चिकित्सक कहा गया है।

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प्रश्न (च)
पेड़ों को सोने के अण्डे देने वाली मुर्गी क्यों कहा गया है ?
उत्तर:
पेड़ मानव-जाति के लिए हर प्रकार से उपयोगी हैं। मनुष्य को फल-फूल, जड़ी-बूटियाँ, लकड़ी पेड़ों से ही प्राप्त होती है। इसी कारण इन्हें सोने का अंडा देने वाली मुर्गी कहा गया है।

प्रश्न (छ)
पाँच फल देने वाले पेड़ों के नाम लिखें।
उत्तर:
(1) आम
(2) जामुन
(3) अनार
(4) सेब
(5) खजूर।

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II. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें

प्रश्न (अ)
प्रस्तुत कविता ‘पेड़’ का सारांश अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर:
‘पेड़’ कविता का सारांश पहले दिया जा चुका है।

प्रश्न (आ)
पेड़ों को उगाना और उनकी रक्षा करना मनुष्य के लिए क्यों आवश्यक
उत्तर:
मानव-सभ्यता का विकास करने में पेड़ों का योगदान सभी को ज्ञात है। हम अपने जीवन बिताने के लिए जो कुछ खाते हैं, वह पेड़-पौधों की ही देन है। सभी प्रकार के फल जैसे-आम, सेब, अंगूर, आदि मधुर फल हमें पेड़ों से ही प्राप्त होते हैं। सभी प्रकार की सब्जियाँ और दालें भी पौधों से ही प्राप्त होती हैं। हमारे घरों में जितना भी फर्नीचर है, दरवाजे और खिड़कियाँ हैं, उनकी लकड़ी हमें पेड़ों से ही प्राप्त होती है। हमारे आवागमन को सुविधापूर्ण बनाने में पेड़ों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। रेलगाड़ियों के डिब्बे और पटड़ियों के आधार पेड़ों से प्राप्त लकड़ी से ही तैयार होते हैं। पेड़ों की लकड़ी ईंधन के रूप में भी प्रयुक्त होती है। इन्हीं कारणों से मनुष्य को पेड़ लगाने चाहिए। पेड़ वातावरण को भी स्वच्छ रखते हैं अतः मनुष्य के लिए पेड़ लगाना आवश्यक है।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. इन काव्य-पंक्तियों में से क्रिया-शब्द छाँटिए

हरियाली-आशीष बाँटते,
भरते जीवन की झोली।
वर्षा लाते अन्न उगाते,
बरसाते ममता भोली।
उत्तर:
बाँटते, भरते, लाते उगाते, बरसाते क्रिया-शब्द हैं।

II. इन शब्दों के समानार्थक शब्द देंपेड़, मानव, हवा, फूल, नज़र, पक्षी, हाथ, नीड़।

उत्तर:
पेड़ = वृक्ष, तरु। मानव = मनुष्य, इन्सान, नर। हवा = वायु, अनिल। फूल = कुसुम, पुष्प। नज़र = दृष्टि, निगाह। पक्षी = खग, विहग। नीड़ = घोंसला, घरोंदा। हाथ = हस्त, कर।

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III. विपरीतार्थक शब्द लिखेंरक्षक, प्राणी, रोग, लाभ, धूप, ताज़ा, दुःख, स्वागत।

रक्षक – …………….
प्राणी – …………….
रोग – …………….
लाभ – …………….
धूप – …………….
ताज़ा – …………….
दुःख – …………….
स्वागत – …………….
उत्तर:
रक्षक – भक्षक।
प्राणी – अप्राणी (जड़)।
रोग – नीरोग।
लाभ – हानि।
धूप – छाया।
ताज़ा – बासी।
दुःख – सुख।
स्वागत – तिरस्कार।

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IV. शुद्ध करके लिखें

अशुद्ध – शुद्ध रूप
विशराम – …………….
चीकित्सक – …………….
कुलहाड़ा – …………….
विभूती – …………….
लोलूप – …………….
सम्पधा – …………….
भाशा – …………….
उत्तर:
अशुद्ध – शुद्ध रूप
विशराम – विश्राम
चीकित्सक – चिकित्सक
कुलहाड़ा – कुल्हाड़ा.
विभूती – विभूति
लोलूप – लोलुप।
सम्पधा – संपदा
भाशा – भाषा।

V. निम्नलिखित समासों का विग्रह. करें तथा समास का नाम बतायें :

विश्राम स्थल = …………….
जीव-जन्तु = …………….
वन सम्पदा = …………….
पीपल-बरगद = …………….
उत्तर:
विश्राम स्थल = विश्राम के लिए स्थल – संप्रदान तत्पुरुष समास

जीव-जन्तु = जीव और जन्तु – द्वंद्व समास
वन-सम्पदा = वन की सम्पदा – संबंध तत्पुरुष समास
पीपल-बरगद = पीपल और बरगद – द्वंद्व समास।

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VI. निम्नलिखित की संधि विच्छेद करें :

स्वच्छ – …………….
पर्यावरण – …………….
मनोरम – …………….
स्वागत – …………….
वर्षर्तु – …………….
उत्तर:
स्वच्छ – सु + अच्छ
पर्यावरण – परि + आवरण
मनोरम – मनः + रम
स्वागत – सु + आगत
वर्षर्तु – वर्षा + ऋतु।

(घ) रचना – भाग

I. ‘पेड़ों’ का हमारे जीवन में महत्त्व’ विषय पर एक 150 शब्दों का निबन्ध । लिखें।

उत्तर:
पेड़ों का हमारे जीवन में महत्त्व
प्राय : कहा जाता है कि पेड़-पौधे ही हमारा जीवन हैं। यह कथन पूरी तरह से सत्य है। पेड़-पौधे हम सब जीवों के लिए प्रकृति के अद्भुत उपहार हैं और इन्हीं के कारण हम सब का जीवन संभव है। यदि पेड़-पौधे न हों तो धरती पर अन्य प्राणियों का जीवन संभव नहीं हो सकता। पेड़-पौधे ही सूर्य के प्रकाश में अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं। वे स्वयं जीवित रहते हैं और अन्य सभी प्राणी उन से ही किसी-न-किसी रूप में जीवन प्राप्त करते हैं। पेड़-पौधे ही हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। पेड़ हमें भयानक से भयानक रोगों को समाप्त करने वाली अमूल्य औषधियां प्रदान करते हैं। इन्हीं से हमें तरहतरह के फल प्राप्त होते हैं; पौधे हमें सब्ज़ियाँ और अनाज प्रदान करते हैं जिन से आवश्यक पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है। ये ही प्राकृतिक खाद प्रदान करते हैं जिनसे फसलें उगती हैं और भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है। पेड़-पौधों के महत्त्व के कारण ही प्राचीनकाल में ऋषि-मुनि वनों में रहते थे और वहीं अपने शिष्यों को शिक्षा दिया करते थे। युगों से बढ़, पीपल, तुलसी, नीम आदि को जीवन में अति महत्त्वपूर्ण माना जाता रहा है। हरे वक्षों को काटना पाप माना जाता है। संध्या के बाद किसी पत्ते को तोड़ने का निषेध है। पेड़ वर्षा लाने में सहायक होते हैं। प्राचीन काल में जब कागज़ की खोज नहीं हुई थी तो भोज पत्तों पर ही लिखा जाता था। आदि मानव ने सदियों तक वृक्षों की छाल को अपने वस्त्रों के समान प्रयोग किया था। उनकी टहनियों को अस्त्र-शस्त्र की तरह प्रयुक्त किया था। जब वह सभ्य हुआ तो उन्हीं की सहायता से अपनी झोंपड़ियां और घर बनाए थे। आज भी पेड़ों से प्राप्त लकड़ी का घर में भरपूर प्रयोग किया जाता है। फर्नीचर इसी से ही तो बनता है। पेड़ों की रक्षा हर अवस्था में की जानी चाहिए। यदि किसी भी कारण हमें एक पेड़ काटना पड़े तो उसकी जगह दो पेड़ लगाने चाहिए और उनकी रक्षा की जानी चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति और समाज को पेड़ों का महत्त्व समझना चाहिए।

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II. अपने मित्र को पत्र लिखकर अपने स्कूल में होने वाले ‘वन-महोत्सव’ का वर्णन करें।

उत्तर:
48-सराभा नगर,
लुधियाना।
सितम्बर 17, 20….
प्रिय सखी नव्या,
नमस्ते।

मैं तुम्हें बहुत लम्बे समय के बाद पत्र लिख रही हूँ। तुम्हारा भी तो कोई पत्र नहीं आया था। शायद तुम्हें पढ़ाई और परीक्षाओं में उलझ कर समय नहीं मिला होगा। मैं पिछले सप्ताह तक अपने स्कूल के एक कार्यक्रम के कारण बहुत व्यस्त थी। हमारे स्कूल में वन महोत्सव इस बार बड़े उत्साह से मनाया गया था और मुझे भी इस कार्यक्रम के लिए कुछ ज़िम्मेदारियों को सौंपा गया था। सच मुझे कार्यक्रम में सहभागी बन कर बहुत अच्छा लगा। कार्यक्रम से पंद्रह दिन पहले ही सब कक्षाओं में पर्यावरण बचाओ’ शीर्षक से चित्रकलाप्रतियोगिता का हर कक्षा में आयोजन किया गया था और सभी से दस-दस श्रेष्ठ प्रवृष्टियां ले कर उन्हें मुख्य हॉल में सजाया गया था। माली ने स्कूल के चारों ओर की दीवार के साथ-साथ पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोद दिए थे। जिस दिन मुख्य कार्यक्रम था उसमें एक दिन पहले शाम के समय दो सौ फूलों-फलों के पौधे नर्सरी से स्कूल में मंगवा लिए थे। मुख्य कार्यक्रम में नगर के उपायुक्त महोदय को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। वे ठीक समय पर पहुँच गए थे। पहले उनका स्वागत किया गया और फिर एक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें पर्यावरण संबंधी एक नाटिका भी प्रस्तुत की गई थी। मुख्य अतिथि के भाषण के बाद पौधों में से एक को रोपित किया गया था। अन्य पौधे अध्यापकों और विद्यार्थियों ने लगाए थे। उन पौधों की देखभाल की ज़िम्मेदारी माली के साथ-साथ हम विद्यार्थियों को भी दी गई है। जब पेड़-पौधे बड़े हो जाएंगे तब हमारा स्कूल हरा-भरा दिखाई देने लगेगा। तुम भी मुझे स्कूल के बारे में कुछ लिखना। अच्छा, अब बस करती हूँ।

अंकल-आंटी को मेरी ओर से नमस्ते।
तुम्हारी सखी,
मान्या।

III. एक-एक पौधा लगायें और उसकी देखभाल करें।

उत्तर:
आप अपनी मनपसंद का पौधा लगायें और उसकी देखभाल करें।

PSEB 8th Class Hindi Guide पेड़ Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
‘पेड़’ कविता के कवि कौन हैं ?
(क) डॉ. बच्चन
(ख) डॉ. योगेन्द्र बख्शी
(ग) डॉ. संसार चन्द्र
(घ) डॉ. पंत।
उत्तर:
डॉ. योगेन्द्र बख्शी।

प्रश्न 2.
पेड़ झूम-झूम कर क्या देते हैं ?
(क) फल
(ख) फूल
(ग) पत्ते
(घ) हवा।
उत्तर:
हवा।

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प्रश्न 3.
पेड़ किनके विश्राम स्थल हैं ?
(क) छाया के
(ख) धरती के
(ग) पथिकों के
(घ) जल के।
उत्तर:
पथिकों के।

प्रश्न 4.
पेड़ पक्षियों को क्या देते हैं ?
(क) कोटर
(ख) नीड़
(ग) पीड़ा
(घ) छाया।
उत्तर:
नीड़।

प्रश्न 5.
कवि ने बड़ा चिकित्सक’ किस पेड़ को बताया है ?
(क) आम
(ख) अमरूद
(ग) कीकर
(घ) नीम।
उत्तर:
नीम।

सप्रसंग व्याख्या

1 झूम-झूम कर पेड़ कह रहे
यह लो ताज़ा स्वच्छ हवा,
धूल धुएँ से दूषित जग के,
रोगों की है यही दवा।

शब्दार्थ : स्वच्छ = साफ़। दूषित = गन्दा। जग = संसार। रोगों = बीमारियों।

प्रसंग : प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पेड़’ कविता में से लिया गया है। कविता के रचयिता डॉ० योगेन्द्र बख्शी हैं। इसमें पेड़ों की महिमा का वर्णन किया गया है।

व्याख्या:
पेड़ मानव समाज को झूम-झूम कर कह रहे हैं कि ताज़ा और स्वच्छ हवा लो। पेड़ ही वायु को शुद्ध कर देते हैं। धूल और धुएँ से दूषित हुए इस संसार को यही पेड़ बीमारियों से छुटकारा दिलाते हैं। भाव यह है कि पेड़ धूल और धुएँ को दूर करते हैं और रोगों से मुक्ति दिलाते हैं।

विशेष

  1. कवि ने पेड़ों की देन की ओर संकेत किया है।
  2. भाषा सरल, सरस और सहज है।

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2 हरियाली-आशीष बाँटते।
भरते जीवन की झोली।
वर्षा लाते, अन्न उगाते,
बरसाते ममता भोली।

शब्दार्थ : आशीष = आशीर्वाद। जीवन = ज़िन्दगी। वर्षा = बरसात। ममता = ममत्व, प्यारा।

प्रसंग:
यह पद्यांश डॉ० योगेन्द्र बख्शी द्वारा रचित ‘पेड़’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने पेड़ों के महत्त्व को प्रकट किया जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक होते हैं।

व्याख्या:
पेड़ मानव समाज को हरियाली का आशीर्वाद बाँटते हैं। ये मनुष्य की झोली खुशियों से भर देते हैं। पेड़ वर्षा लाने में सहायक सिद्ध होते हैं। यही अन्न पैदा करने में मददगार बनते हैं। ये अपना भोला प्यार बरसाते रहते हैं। भाव यह है कि पेड़ हरियाली प्रदान कर मानव को प्रसन्न रखते हैं।

विशेष:

  1. कवि ने पेड़ों की उपयोगिता की ओर संकेत किया है।
  2. भाषा सरल और सरस है।

3 विश्रामस्थल ये पथिकों के,
कड़ी धूप में दे छाया।
पत्थर फेंक रहे हाथों ने,
भी इनसे मधु फल पाया।

शब्दार्थ : विश्रामस्थल = आराम का स्थान। पथिकों = मुसाफिरों। मधु = मीठा।

प्रसंग : यह पद्यांश डॉ योगेन्द्र बख्शी द्वारा रचित ‘पेड़’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने पेड़ों के महत्त्व को प्रकट किया जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक होते

व्याख्या:
पेड़ों की महिमा का गुण-गान करते हुए कवि कहता है कि ये थके-मांदे मुसाफिरों के लिए आराम करने का स्थल प्रदान करते हैं अर्थात् थके-हारे मुसाफ़िर इसकी शीतल छाया में आराम करते हैं। ये उन्हें कड़कती धूप में छाया प्रदान करते हैं। पेड़ों की महिमा का कहाँ तक बख़ान करें, जो हाथ इन पर पत्थर फेंकते हैं, उन्हें भी ये मीठे फल प्रदान करते हैं। भाव यह है कि हम पेड़ों की बहुत उपेक्षा करते हैं, जबकि पेड़ हमें स्वच्छ वायु, फल, लकड़ी एवं छाया प्रदान करते हैं।

विशेष:

  1. कवि ने पेड़ों के महत्त्व को स्पष्ट किया है।
  2. भाषा सरल, सरस और सहज है।

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4 जीव-जन्तुओं को कोटर दें,
पक्षी को देते हैं नीड़।
पर्यावरण मनोरम करते,
प्राणी का दुःख इनकी पीड़।

शब्दार्थ : कोटर = वृक्षों की खोह, गह्वर। नीड़ = घोंसला। पर्यावरण = वातावरण। मनोरम = सुन्दर, मन को अच्छा लगने वाला। प्राणी = जीव। पीड़ = दुःख।

प्रसंग:
यह पद्यांश ‘पेड़’ नामक कविता से लिया गया है। यह डॉ० योगेन्द्र बख्शी द्वारा रचित है। इसमें कवि ने पेड़ों के महत्त्व को प्रकट किया जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक होते हैं।

व्याख्या:
कवि वृक्षों के महत्त्व को प्रतिपादित करते हुए कहता है-ये सभी जीवजन्तुओं को रहने के लिए तनों में बने खोह (कोटर) प्रदान करते हैं। उड़ने वाले पक्षियों को ये घोंसले देते हैं। अधिकतर पक्षी वृक्षों पर अपने घोंसले बनाते हैं। ये पेड़ वातावरण को सुन्दर एवं स्वच्छ बनाते हैं। हर जीव के दुःख को ये अपना दुःख मानते हैं। भाव है कि पेड़ समस्त मानव जाति एवं जीव-जन्तुओं को हमेशा देते ही हैं, उनसे कुछ लेते नहीं।

विशेष:

  1. कवि ने पेड़ों की उपयोगिता प्रकट की है।
  2. भाषा सरल, सरस और सहज है।

5 पीपल बरगद युगों-युगों से,
अपने बनते रहे हकीम।
सारी नज़रें टिकी उसी पर,
बड़ा चिकित्सक अपना नीम।

शब्दार्थ : बरगद = बोहड़, वटवृक्ष। चिकित्सक = वैद्य, डॉक्टर।
प्रसंग : प्रस्तुत अवतरण ‘पेड़’ नामक कविता से लिया गया है। इस कविता के कवि डॉ० योगेन्द्र बख्शी हैं। कवि ने पेड़ों के महत्त्व को इस माध्यम से प्रकट किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है-अति प्राचीनकाल से ही पेड़ के विभिन्न भाग औषधि के रूप में प्रयुक्त होते रहे हैं। पीपल और बरगद तो हकीम के रूप में सिद्ध हुए हैं। आज के नवीन अनुसंधानों ने भी सिद्ध कर दिया कि नीम का पेड़ रोगों का उपचार करने वाला बहुत बड़ा वैद्य है। भाव यह है कि पेड़ हमें अनेक प्रकार की जीवनदायी जड़ी-बूटियाँ भी प्रदान करते हैं।

विशेष:

  1. कवि ने पेड़ों के महत्त्व को प्रकट किया है।
  2. सामान्य बोलचाल के शब्दों का प्रयोग किया है।

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6 सोने के अण्डे देती,
मुर्गी पर तने, कुल्हाड़े अब।
थोड़ा लाभ प्राप्त करने हित
लोलुप नज़रें गाड़े अब।

शब्दार्थ : लाभ = फायदा। प्राप्त = पाना, ग्रहण करना। करने हित = करने के लिए। लोलुप = लालची।

प्रसंग : प्रस्तुत अवतरण ‘पेड़’ नामक कविता से लिया गया है। इस कविता के रचयिता डॉ० योगेन्द्र बख्शी हैं। कवि ने पेड़ों के महत्त्व को इस माध्यम से प्रकट किया है।

व्याख्या:
कवि पेड़ों की अन्धा-धुन्ध कटाई पर क्षुब्ध होकर कहता है-पेड़ तो सोने का अण्डा देने वाली मुर्गी के समान हैं। उस पर मनुष्य ने कुल्हाड़े तान लिए हैं। उन्हें काटने पर उतारू हो गया है। यह तो मानव की हीन प्रवृत्ति है कि थोड़ा-सा लाभ प्राप्त करने के लिए उन पर लालची नजरें गड़ा रखी हैं। भाव है कि थोड़े से लाभ के लिए वृक्षों को काटना निंदनीय है।

विशेष:

  1. कवि ने मनुष्य के लालची और स्वार्थी स्वभाव को प्रकट किया है।
  2. भाषा सरल और सरस है।

7 वन-सम्पदा धरोहर अपनी,
प्राणि मात्र की रक्षक है।
इसका नाश करेगा जो भी,
मानवता का भक्षक है।

शब्दार्थ : वन-सम्पदा = वनों की दौलत। धरोहर = विरासत। प्राणि मात्र = सब जीवों। रक्षक = रक्षा करने वाला। मानवता = इन्सानियत। भक्षक = खाने वाला।

प्रसंग : प्रस्तुत अवतरण ‘पेड़’ नामक कविता से लिया गया है। इस कविता के रचयिता डॉ० योगेन्द्र बख्शी हैं। कवि ने पेड़ों के महत्त्व को इस माध्यम से प्रकट किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि वन हमें विरासत में मिली एक महान् दौलत हैं। वनसम्पदा जीव मात्र की रक्षा करती है। जो भी इसे नष्ट करेगा, वह इन्सानियत का भक्षक होगा। भाव है कि वन-सम्पदा हमारी धरोहर है, इसकी रक्षा करना हमारा परम कर्त्तव्य है।

विशेष:

  1. कवि ने पेड़ काटने वालों को बुरा माना है।
  2. भाषा सरल, सरस और सहज है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 पेड़

8 रंग-बिरंगे गंध भरे,
फूलों की भाषा में स्वागत।
पाना है तो पेड़ उगाओ,
ये विभूतियाँ बिन लागत।

शब्दार्थ : गन्ध = खुशी। स्वागत = आने पर खुशी। विभूतियाँ = सम्पत्तियाँ।

प्रसंग:
प्रस्तुत अवतरण ‘पेड़’ नामक कविता से लिया गया है। इसके कवि डॉ० योगेन्द्र बख्शी हैं। कवि ने पेड़ों के महत्त्व को इस माध्यम से प्रकट किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि पेड़ विविध रंगों वाले हैं, जो खुशबू से भरे रहते हैं। ये अपने फूलों की भाषा में सबका स्वागत करते हैं। यदि बिना मूल्य दिए बहुमूल्य दौलत प्राप्त करनी है तो सबको मिलकर पेड़ लगाने चाहिए। भाव है कि पेड़ मानव जाति की अमूल्य सम्पत्ति हैं, सभी को पेड़ लगाने चाहिए।

विशेष:

  1. कवि ने पेड़ों की उपयोगिता के कारण इन्हें उगाने की प्रेरणा दी है।
  2. भाषा सरल और सरस है।

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पेड़ Summary

पेड़ कविता का सार

‘पेड़’ डॉ० योगेन्द्र बख्शी के द्वारा रचित कविता है। इसमें कवि ने पेड़ों की महिमा का गान किया है। पेड़ पर्यावरण की रक्षा करते हैं। इन्हीं से वायु स्वच्छ होती है। संसार को धुएँ और धूल से दूर करके यही रोगों से मुक्ति दिलाते हैं। पेड़ हरियाली लाते हैं। यही वर्षा लाते हैं और अन्न पैदा करते हैं। झुलसती गर्मी में ये पथिकों को छाया प्रदान करते हैं। हमें मधुर फल भी पेड़ से प्राप्त होते हैं। पेड़ ही जीव-जन्तुओं और पक्षियों को सहारा देते हैं। पर्यावरण को स्वच्छ बनाकर सभी प्राणियों को सुख पहुँचाते हैं। पीपल, बरगद युगों से हकीम बन कर प्राणियों के रोग दूर करते आए हैं। नीम अनेक रोगों को दूर करता रहा है और वह हमारा बड़ा चिकित्सक सिद्ध होता है। पेड़ तो सोने का अण्डा देने वाली मुर्गी के समान है। मनुष्य की लोभी नज़रें इसी पर कुल्हाड़ा चला रही हैं। वन-सम्पदा को जो भी नष्ट करता है, वह मानवता का भक्षक है। पेड़ धरती की विभूतियाँ हैं। इनकी रक्षा करना सबका कर्त्तव्य है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 कश्मीर यात्रा

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 4 कश्मीर यात्रा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 4 कश्मीर यात्रा

Hindi Guide for Class 8 PSEB कश्मीर यात्रा Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ

ग्रीष्मावकाश = गर्मियों की छुट्टियाँ
अचानक = एकाएक
सौन्दर्य = सुन्दरता
मध्य = बीच में
पर्वतीय = पहाड़ी क्षेत्र
पर्यटन स्थल = वह स्थान जहाँ यात्री घूमने आते हैं।
खूबसूरत = सुन्दर
अनुभूति = महसूस होना
आजीविका = रोजगार
पर्यटक = सैलानी
सुरम्य = सुन्दर
नौका-विहार = किश्ती से सैर
रौनक = गहमागहमी, चहलकदमी
प्रतिबिम्ब = परछाई
वास्तव में = सच में
मशहूर = प्रसिद्ध
सूर्योदय = सूरज का चढ़ना
मनोहारी = मन हरने वाला
सूर्यास्त = सूर्य का डूबना
व्यञ्जन = खाद्य
पदार्थ सीढ़ीनुमा = सीढ़ी जैसा
हिमक्रीड़ा = बर्फ के खेल
निर्यात = बाहर भेजना
रोमांचकारी = आनन्द दायक
उत्कृष्ट = सबसे अच्छा
धूमिल = ओझल

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 कश्मीर यात्रा

II. शुद्ध करें

श्रृंखला, थित, मुखय, ग्रीष्म अवकाश, हिमकरीड़ा, शोपिंग सैंटर
उत्तर:
श्रृंखला, स्थित, मुख्य, ग्रीष्मावकाश, हिमक्रीड़ा, शॉपिंग सैंटर।

(ख) विषय बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
कश्मीर अन्य पर्वतीय प्रदेशों से किस प्रकार अलग है ?
उत्तर:
कश्मीर में अन्य पर्वतीय प्रदेशों की तरह ढलानों पर घर, बाज़ार नहीं बसे हैं। वे सब इसकी विशाल घाटी में मैदानी क्षेत्र की तरह बने हुए हैं।

प्रश्न (ख)
कश्मीरी लोगों की आजीविका का मुख्य साधन क्या है ?
उत्तर:
पर्यटन ही कश्मीरी लोगों की आजीविका का मुख्य साधन है।

प्रश्न (ग)
इस प्रदेश की गर्मी और सर्दी की राजधानी के नाम लिखें।
उत्तर:
इस प्रदेश की गर्मी की राजधानी श्रीनगर और सर्दी की जम्मू है।

प्रश्न (घ)
यहाँ पर कौन-कौन सी झीलें हैं ?
उत्तर:
यहां पर डल, वूलर, नगीना आदि झीलें हैं।

प्रश्न (ङ)
यहाँ के लोगों को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
यहां के लोगों को डोगरी कहते हैं।

प्रश्न (च)
यहाँ के कौन-कौन से बाग देखने योग्य हैं ?
उत्तर:
यहां के निशात और शालीमार बाग देखने योग्य हैं।

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प्रश्न (छ)
यहाँ की प्रसिद्ध वस्तुएँ कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर:
पशमीना, अंगोरा, जामावर शाल, कश्मीरी कढ़ाई वाले फरन, गलीचे, केसर, सूखे मेवे, हस्तशिल्प, पेपरमेशी और चमड़े की बनी वस्तुएँ प्रसिद्ध हैं।

प्रश्न (ज)
यहाँ के लोग अपने आपको ठण्ड से कैसे बचाते हैं ?
उत्तर:
यहां के लोग अपने आपको कहवा, गर्म कपड़ों और कांगड़ी से अपने आपको ठण्ड से बचाते हैं।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
डल झील के सौन्दर्य का वर्णन करें।
उत्तर:
डल झील कश्मीर की शोभा है। इसमें खिले हुए कमल इसकी शोभा को चार चाँद लगा देते हैं। इसमें हाऊस बोट तैरती हुई बहुत सुन्दर लगती है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय आकाश का नारंगी रंग इसे अपने रंग में रंग देता है। रात के समय हाऊस बोटों की बत्तियाँ इसके पानी में झिलमिलाती हुई दिखाई देती हैं तब ऐसा लगता है जैसे आकाश के तारे इसमें जगमगाने लगे हों।

प्रश्न (ख)
मुगल बागों की क्या विशेषता है ?
उत्तर:
कश्मीर के मुगल बाग निशात और शालीमार मुगल बादशाहों ने शाही आरामगाहों के रूप में बनवाये थे। निशात बाग तो डल झील के किनारे बना हुआ है पर शालीमार वहाँ से दस किलोमीटर दूर है। निशात को ‘बागों की रानी’ कहते हैं और शालीमार ‘बागों का राजा’ माना जाता है। इन बागों में चिनार, देवदार और चील के लम्बे-लम्बे पेड़ शोभा देते हैं। सीढ़ीनुमा बागों में रंग-बिरंगे फूल, मखमली घास, आड़, बादाम, चेरी, खुमानी, सेब आदि के फलों से लदे हुए पेड़ अति आकर्षक लगते हैं।

प्रश्न (ग)
हाऊस बोट के बारे में आपने क्या जाना ?
उत्तर:
हाऊस बोट डल झील में तैरती हुई नौकाएं हैं जो किसी होटल के समान ही दिखाई देती हैं। इनमें घर की तरह रसोई, खाने, बैठने और सोने के अलग-अलग कमरे बने होते हैं। इन्हें फूलों से सजाया जाता है। रोशनी की पूरी व्यवस्था इन पर की जाती है। रात के समय इनमें जलने वाली बत्तियाँ पानी में दीपमालिका की तरह जगमगाती हुई बहुत ही सुन्दर लगती हैं। तब ऐसा लगता है जैसे आसमान तारों सहित धरती पर उतर आया हो।

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व्यावहारिक व्याकरण

I. इन मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करें :

चार चाँद लगाना = …………..
मन मोहित करना = …………..
अपने रंग में रंग लेना = …………..
मनोहारी लगना = …………..
मंत्र मुग्ध करना = …………..
मन मोह लेना = …………..
उत्तर:
1. चार चाँद लगाना = सुन्दरता को बढ़ा देना-विवाह मंडप में मोतियां और गुलाब के फूलों की सुन्दर लड़ियों ने तो चार चांद लगा दिए थे।
2. मन मोहित करना = आकृष्ट करना-श्री कृष्ण की बाँसुरी की मोहक तान ने राधा का मन मोहित कर दिया था।
3. अपने रंग में रंग लेना = पूरी तरह से प्रभावित करना-नवाब को तो अब बाबा जी के उपदेशों ने पूरी तरह अपने रंग में रंग लिया है।
4. मनोहारी लगना = सुन्दर लगना-चांदनी रात में ताजमहल बहुत मनोहारी लगता है।
5. मन्त्र मुग्ध करना = बस में कर लेना, प्रभावित कर लेना-लता मंगेश्कर की मधुर आवाज़ तो सभी को मन्त्र मुग्ध करने की क्षमता रखती है।
6. मन मोह लेना = आकृष्ट कर लेना-तुम्हारे इस सुन्दर नृत्य ने सभी का मन मोह लिया है।

II. वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखें :

1. सूर्य का उदय होना = …………..
2. सूर्य का अस्त होना = …………..
3. गर्मियों की छुट्टियाँ = …………..
4. जहाँ तरह-तरह की वस्तुएं प्रदर्शित की जाएं = …………..
5. आराम करने का स्थान = …………..
6. मनमोहने वाला = …………..
उत्तर
1. सूर्य का उदय होना = सूर्योदय
2. सूर्य का अस्त होना = सूर्यास्त
3. गर्मियों की छुट्टियाँ = ग्रीष्मावकाश
4. जहां तरह-तरह की वस्तुएं प्रदर्शित की जाएं। = प्रदर्शनी
5. आराम करने का स्थान = आरामगाह
6. मन मोहने वाला = मनमोहक

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 कश्मीर यात्रा

III. विपरीतार्थक शब्द लिखें :

दिन = ………………
देश = …………..
विशाल = ………………
सर्दी = ………………
निर्यात = ………………
सुबह = ………………
सूर्योदय = = ………………
दूर = ………………
सरकारी = ………………
उत्तर:
दिन = रात
देश = विदेश
विशाल = संकुचित
सर्दी = गर्मी
निर्यात = आयात।
सुबह = शाम
सूर्योदय = सूर्यास्त
दूर = पास
सरकारी = गैर-सरकारी

IV. इन शब्दों में से विशेषण और विशेष्य अलग करके लिखें :-

शब्द = विशेषण – विशेष्य
पर्वत श्रृंखला = पर्वत , श्रृंखला
पर्वतीय प्रदेश = ………. – ………..
पहाड़ी ढलान = ………. – ………..
विशाल घाटी = ………. – ………..
मैदानी शहर = ………. – ………..
मनमोहक झील = ………. – ………..
सुरम्य वातावरण = ………. – ………..
अद्भुत सौन्दर्य = ………. – ………..
शाकाहारी व्यंजन = ………. – ………..
मुगल उद्यान = ………. – ………..
सीढ़ीनुमा बाग = ………. – ………..
बर्फ की चादर = ………. – ………..
उत्तर:
शब्द – विशेषण – विशेष्य
पर्वत श्रृंखला = पर्वत – श्रृंखला
पर्वतीय प्रदेश = पर्वतीय – प्रदेश
पहाड़ी ढलान = पहाड़ी – ढलान
विशाल घाटी = विशाल – घाटी
मैदानी शहर = मैदानी – शहर
मनमोहक झील = मनमोहक – झील
सुरम्य वातावरण = सुरम्य – वातावरण
अद्भुत सौन्दर्य = अद्भुत – सौन्दर्य
शाकाहारी व्यंजन = शाकाहारी – व्यंजन
मुगल उद्यान = मुगल – उद्यान
सीढ़ीनुमा बाग = सीढ़ीनुमा – बाग
बर्फ की चादर = बर्फ की – चादर

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 कश्मीर यात्रा

V. इन शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखें :

बाग = ………. , ………..
पहाड = ………. , ………..
आजीविका = ………. , ………..
पर्यटक = ………. , ………..
आकाश = ………. , ………..
तारा = ………. , ………..
प्रसिद्ध = ………. , ………..
उत्तर:
बाग = बगीचा , वाटिका
पहाड़ = पर्वत , गिरि
आजीविका = धन्धा , रोज़गार
पर्यटक = घुमक्कड़ , भ्रमणकारी
आकाश = व्योम , नभ
तारा = तारक , नक्षत्र
प्रसिद्ध = मशहूर , विख्यात।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 कश्मीर यात्रा

(घ) रचना बोध

  • इस पत्र को पढ़कर कश्मीर के बारे में दस पंक्तियाँ लिखें।

उत्तर:
हमारे देश भारत के उत्तर दिशा में स्थित कश्मीर राज्य अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसे धरती का स्वर्ग माना जाता है। यह अन्य पर्वतीय क्षेत्रों की तरह नहीं है क्योंकि इसके घर, दुकानें, संस्थान आदि पहाड़ी ढलानों पर बने हुए नहीं हैं। वे सब मैदानी नगरों की तरह एक बड़ी और अपार सुन्दर घाटी में बने हुए हैं। इसमें जहां सब ओर ऊँचे-ऊँचे पहाड़ हैं तो दूसरी ओर समतल मैदान हैं जिन पर केसर लहलहाता है। यहाँ शालीमार, निशात और चश्माशाही जैसे सुन्दर बाग हैं जिनसे नज़र हटाने का मन नहीं करता। इनके ऊँचे-ऊँचे वृक्ष, रंग-बिरंगे फूल और हरी-भरी मखमली घास सभी को अपने पास रोक रखने की अद्भुत प्राकृतिक क्षमता रखते हैं। पीर पंचाल के आंचल में स्थित बेरी नाग, जलस्रोतों का प्राकृतिक स्थल कुक्कर नाग, दूध जैसे पानी से भरी नदी वाला पहलगाम, पर्वतीय शिखर पर बना गुलमर्ग और जादुई भूमि सनासर इसी राज्य की शोभा हैं जो संसारभर में पर्यटकों को अपनी ओर आकृष्ट करते हैं। डल झील, वुल्लर झील और विष्णु पाद झील अपनी सुन्दरता से सब का मन मोह लेती हैं। कश्मीर घाटी पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। यहाँ की सुन्दरता से मन और तन को अपार सुख प्राप्त होता है।

  • भ्रमण से जहां हमारा ज्ञान बढ़ता है वहीं हमें स्थानीय लोगों की संस्कृति, वेशभूषा, रीति-रिवाज, खान-पान आदि समझने का भी अवसर प्राप्त होता है। यदि आपने किसी अन्य प्रदेश की यात्रा की हो तो अपने अनुभव डायरी में नोट करें।
  • कश्मीर के लोक गीत याद करें और वार्षिक उत्सव या किसी अन्य अवसर पर भाव-भंगिमा के साथ गायें।
  • छुट्टियों में आप अन्य कौन-कौन से काम सीख सकते हैं, उनकी सूची बनायें। जैसे :
  • नृत्य सीखना
  • चटनी, जैम आदि बनाना सीखना
  • चित्रकला सीखना • वस्त्रों की सिलाई करना
  • तैराकी सीखना • कढ़ाई करना
  • योग-आसन करना
  • मिट्टी, पेपरमेशी, पत्थर, लकड़ी आदि से हस्तशिल्प बनाना
  • चारपाई बुनना
  • पेंट-सफेदी करना
  • बिजली का काम
  • खेतीबाड़ी करना
  • जूडो-कराटे सीखना।
  • अपने माता-पिता के द्वारा किए जाने वाले व्यावसायिक कार्य को सीखना

PSEB 8th Class Hindi Guide कश्मीर यात्रा Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
कश्मीर भारत की किस दिशा में है ?
(क) उत्तर
(ख) दक्षिण
(ग) पूर्व …
(घ) पश्चिम।
उत्तर:
उत्तर।

प्रश्न 2.
‘कश्मीर यात्रा’ पत्र किसने गुंजन को लिखा है ?
(क) महक
(ख) सुगन्ध
(ग) खुशबू
(घ) खुशनुमा।
उत्तर:
खुशबू।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 कश्मीर यात्रा

प्रश्न 3.
कश्मीर की कितनी राजधानियाँ हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
दो।

प्रश्न 4.
कश्मीरी लोगों की आजीविका का मुख्य साधन क्या है ?
(क) खेती
(ख) सरकारी नौकरी
(ग) पर्यटन
(घ) दस्तकारी।
उत्तर:
पर्यटन।

प्रश्न 5.
डल झील के किनारे कौन-सा बाग है ?
(क) निशान
(ख) निशात
(ग) निहात
(घ) निहाल।
उत्तर:
निशात।

प्रश्न 6.
कश्मीर की घाटियाँ किससे महकती हैं ?
(क) केवड़े
(ख) केसर
(ग) कमल
(घ) क्यूर।
उत्तर:
केसर।

प्रश्न 7.
कश्मीर का प्रसिद्ध गर्म पेय कौन-सा है ?
(क) चाय
(ख) काफी
(ग) कहवा
(घ) काढ़ा।
उत्तर:
कहवा।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 कश्मीर यात्रा

प्रश्न 8.
कश्मीर में बागों का राजा कौन-सा बाग है ?
(क) निशात
(ख) शालीमार
(ग) शालीन
(घ) निस्बत।
उत्तर:\
शालीमार।

प्रश्न 9.
कश्मीर में बागों की रानी किस बाग को कहते हैं ?
(क) निकहत
(ख) निशात
(ग) निहाल
(घ) निस्बत।
उत्तर:
निशात।

प्रश्न 10.
जाड़े से बचने के लिए कश्मीरी अपने साथ क्या रखते हैं ?
(क) काँवड़ी
(ख) काँगड़ी
(ग) काँखड़ी
(घ) काँघड़ी।
उत्तर:
काँगड़ी।

प्रश्न 11.
कश्मीर के लोगों को क्या कहते हैं ?
(क) कश्मीरी
(ख) कह्वा
(ग) शालीमार
(घ) डोगरी।
उत्तर:
कश्मीरी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 कश्मीर यात्रा

कश्मीर यात्रा Summary

कश्मीर यात्रा पाठ का सार

‘कश्मीर यात्रा’ नामक पाठ पत्र-शैली में लिखा गया है। जालन्धर में रहने वाली एक लड़की खुशबू ने अपनी सहेली गुंजन को गर्मी की छुट्टियों में की गई अपनी कश्मीर-यात्रा का वर्णन एक पत्र में किया है। कश्मीर ग्रेट हिमालयन रेंज और पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित एक सुन्दर पर्वतीय प्रदेश है। यह एक विशाल घाटी के बीचो-बीच स्थित है। इसलिए इसके घर, बाज़ार आदि पहाड़ी ढलानों पर नहीं बने हुए हैं। यह मैदानी शहरों जैसा ही लगता है। गर्मियों में यहाँ का मौसम बहुत सुहावना होता है और सर्दियों में हर तरफ बर्फ की चादर बिछी होती है। पतझड़ आने पर चिनार के पेड़ों का सुनहरा सौन्दर्य सभी का मन मुग्ध कर देता है। कश्मीर की गर्मियों की राजधानी श्रीनगर है और सर्दियों की जम्मू। कश्मीर झीलों और बागों का प्रदेश है। डल, वूलर, नगीना आदि इसकी प्रसिद्ध झीलें हैं जो कमल के फूलों से सजी-संवरी प्रतीत होती हैं। डल झील पर सुबह से शाम तक रौनक छाई रहती है। पर्यटक प्रायः हाऊसबोट पर ठहरना पसन्द करते हैं जिनमें घर की तरह सब सुख-सुविधाएं होती हैं। इनसे झील की सुबह, दोपहर, शाम और रात की सुन्दरता झिलमिलाती-सी दिखाई देती रहती है। रात के समय हाऊसबोटस में जगमगाती रोशनियां इसके जल में ऐसे लगती हैं जैसे आकाश के तारे झील के जल में उतर आए हों। झील के बीचों-बीच एक छोटे से टापू पर नेहरू पार्क बना हुआ है। यहाँ से दूर-दूर का दृश्य बहुत सुन्दर लगता है। यहाँ के लोगों को डोगरी और उनकी भाषा को कश्मीरी कहते हैं। ये बहुत अच्छे मेहमाननवाज़ होते हैं। मुगल-उद्यान निशात बाग डल झील के किनारे बना हुआ है। इसे बागों की रानी कहते हैं। शालीमार बाग यहाँ से दस किलोमीटर दूर है। उसे बागों का राजा कहते हैं। ये बाग अपनी सुन्दरता से सभी के मन को मोह लेते हैं। कश्मीर में केसर बहुत उगता है। इसीलिए इसे ‘केसर की क्यारी’ कहते हैं। संसार का सबसे ऊँचा गोल्फ कोर्स भी यहीं है। सर्दियों में यहीं हिमक्रीड़ा और स्कीइंग के शौकीन अपना शौक पूरा करते हैं। कड़ाके की सर्दी को दूर करने के लिए यहाँ का कहवा बहुत प्रसिद्ध है। हमने सरकारी एम्पोरियम हस्तकला प्रदर्शनी और लाल चौंक शॉपिंग केन्द्र से अनेक वस्तुएँ भी खरीदी। यहाँ के लोग सुन्दर, आकर्षक और लम्बे कद के हैं। युवक प्रायः पठानी सूट और युवतियाँ कश्मीरी कढ़ाई वाले पोंचू या फरन पहनती हैं। यहाँ की सुन्दरता के चित्र देखकर ही मन में धरती के स्वर्ग की सैर करने की इच्छा जाग जाती है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 रक्त की आत्मकथा

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 3 रक्त की आत्मकथा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 3 रक्त की आत्मकथा

Hindi Guide for Class 8 PSEB रक्त की आत्मकथाTextbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ

नाड़ी = शरीर की रक्त वहन करने वाली शिरा। संपूर्ण = सारा। विश्व = संसार। अपेक्षा = बजाए की तुलना में। कार्य स्थल = काम करने का स्थान। जटिल = कठिन। संरचना = बनावट। वयस्क = अठारह वर्ष से अधिक आयु वाला। सूक्ष्मदर्शी = एक यंत्र, जिसमें छोटी चीज़ का बड़ा आकार दिखाई देता है। अनीमिया = रक्ताल्पता (रक्त की कमी)। विकसित = बनना, बढ़ना। उत्पादन = निर्माण, बनना। परिवर्तन = बदलाव। निरंतर = लगातार। जमावड़ा = इकट्ठा होना। बेझिझक = बिना संकोच। घुसपैठ = पहुँच। द्रव्य = तरल पदार्थ। नामुराद = जिस की कोई कामना न हो। स्वेच्छा = अपनी इच्छा से। अत्यन्त = बहुत। संकल्प = इरादा, निश्चय। पर्याप्त = काफ़ी। व्यर्थ = बेकार।

II. इन मुहावरों और लोकोक्ति के अर्थ समझते हुए वाक्यों में प्रयोग करें

चैन की साँस लेना, प्राण देना, शहीद होना, साँस में साँस आना, हाथ कंगन को आरसी क्या।
उत्तर:
1. चैन की साँस लेना-भूकंप के झटकों के बाद पुत्र को सुरक्षित घर वापस आया देख माँ ने चैन की सांस ली।
2. प्राण देना-देश की आजादी के लिए लाखों देश भक्तों ने अपने प्राण दे दिए थे।
3. शहीद होना-वीर सैनिक दुश्मन के टेंक को बम से उड़ाने के बाद शहीद हो गया था।
4. साँस में साँस आना-मेरे पीछे लगे कुत्ते को जब तुमने मार भगाया तब मेरी साँस में साँस आई।
5. हाथ कंगन को आरसी क्या-तुम्हारे बस्ते में से मैंने अपनी कॉपी तुम्हारे सामने ही निकाली है और तुम स्वयं को अभी भी चोर नहीं मान रहे। अब तुम्हीं बताओ कि हाथ कंगन को आरसी क्या?

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 रक्त की आत्मकथा

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
रक्त के कितने अंग होते हैं ? उनके नाम लिखें।
उत्तर:
रक्त में चार अंग होते हैं-प्लाज्मा, लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कणिकाएं और प्लेटलेट्स।

प्रश्न (ख)
लाल कोशिकाओं का रंग किस पदार्थ के कारण लाल होता है ?
उत्तर:
लाल कोशिकाएं हीमोग्लोबिन के कारण लाल होती हैं।

प्रश्न (ग)
हीमोग्लोबिन किस-किस तत्व का बना होता है ?
उत्तर:
हीमोग्लोबिन लोहे और प्रोटीन से बना होता है।

प्रश्न (घ)
लाल कोशिकाओं का मुख्य कार्य क्या है ?
उत्तर:
लाल कोशिकाएँ फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के अंगों तक और कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर फिंकवाती हैं।

प्रश्न (ङ)
लाल कोशिकाओं का विकास कहाँ होता है ?
उत्तर:
लाल कोशिकाओं का विकास बोन मैरो में होता है।

प्रश्न (च)
श्वेत कोशिकाएँ क्या कार्य करती हैं ?
उत्तर:
श्वेत कणिकाएँ बाहरी रोगाणुओं से लड़ कर शरीर को स्वस्थ रखती हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 रक्त की आत्मकथा

प्रश्न (छ)
प्लेटलेट्स कोशिकाएँ रक्त जमाव में कैसे सहायता करती हैं ?
उत्तर:
पारदर्शी प्लेटलेट्स प्लाज्मा में उपस्थित विशेष प्रोटीन के साथ मिल कर मकड़ी के जाल की तरह एक बढ़िया-सा जाल लाल कोशिकाओं को रोक देता है। पपड़ी के रूप में जम कर यह रक्त जमाव कर देता है।

प्रश्न (ज)
प्लाज्मा का विकास शरीर के किस अंग में होता है ?
उत्तर:
प्लाज्मा का विकास जिगर (लिवर) में होता है।

प्रश्न (झ)
एक वयस्क स्त्री और पुरुष में प्रति किलोग्राम रक्त की कितनी मात्रा होती है ?
उत्तर:
एक वयस्क स्त्री में प्रति किलोग्राम में 67 सी०सी० और पुरुष में 75 सी०सी० रक्त की मात्रा होती है।

प्रश्न (ज)
किस आयु वर्ग के व्यक्ति रक्तदान कहाँ-कहाँ पर जाकर कर सकते हैं ?
उत्तर:
अठारह वर्ष से लेकर पैंसठ वर्ष आयु वर्ग के स्वस्थ व्यक्ति किसी मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक, रक्त शिविर या आवश्यकता पड़ने पर किसी भी मरीज को रक्तदान कर सकते हैं।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
रक्त के मुख्य अंग कौन-कौन से हैं ? प्रत्येक अंग के बारे में लिखें।
उत्तर:
रक्त के मुख्य अंग प्लाज्मा, लाल कोशिकाएँ, श्वेत कोशिकाएँ और प्लेटलेट्स होते हैं। प्लाज्मा हल्के पीले रंग का द्रव्य है जिसमें उसके अन्य सभी अंग तैरते रहते हैं और इसी की सहायता से अपना-अपना काम करते हैं। इसका विकास जिगर (लिवर) में होता है। लाल रक्त कोशिकाएँ हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण लाल होती हैं। इनका आकार बालूशाही की तरह होता है। ये फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर शरीर के अंगों तक भेजती हैं तथा कार्बन डाइऑक्साइड को फेफड़ों के द्वारा शरीर से बाहर निकालती हैं। श्वेत कोशिकाएँ बोन मैरो में बनती हैं। इनकी संख्या लाल कोशिकाओं से बहुत कम होती है पर ये आकार में उनसे दुगुनी बड़ी होती हैं। ये शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं से लड़ती हैं और शरीर को रोगों से बचाती हैं। प्लेटलेट्स पारदर्शी छोटी सपाट प्लेटों जैसे होते हैं। ये रक्त को बहने से रोकने के लिए जमाव क्रिया में सहायता करते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 रक्त की आत्मकथा

प्रश्न (ख)
लाल कोशिकाओं के बारे में आपने क्या सीखा ?
उत्तर:
लाल कोशिकाओं का रंग सदा लाल होता है और इसका कारण इनमें उपस्थित हीमोग्लोबिन होता है जो लोहे और प्रोटीन से बनता है। लाल कोशिकाओं की बनावट दोनों ओर से दबी बालूशाही जैसी होती है। किसी वयस्क पुरुष में रक्त की एक बूंद में इनकी संख्या लगभग पचास लाख तक होती है लेकिन स्त्रियों और बच्चों में इनकी संख्या इससे भिन्न होती है। लाल कोशिकाएँ दिन-रात काम करती हैं और फेफड़ों से ऑक्सीजन ले कर शरीर के सभी अंगों तक पहुँचाती हैं। ये ही कार्बन डाइऑक्साइड को फेफड़ों के माध्यम से शरीर से बाहर निकलती हैं। लाल कोशिकाएं बोन-मैरो में बनती हैं और इनकी आयु . चार महीने ही होती है।

प्रश्न (ग)
श्वेत कोशिकाओं के बारे में आपने क्या सीखा ?
उत्तर:
श्वेत रक्त कोशिकाएं बोन मैरो में बनती हैं। ये प्लाज्मा में तैरती रहती हैं। ये लाल कोशिकाओं से आकार में दो गुणा बड़ी होती हैं लेकिन संख्या में बहुत कम होती हैं। रक्त की एक बूंद में इनकी संख्या लगभग दस हज़ार होती है। ये शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं से लड़ती हैं और उन्हें मार कर बीमारियों से हमारी रक्षा करती हैं। किसी चोट से निकली मवाद या पस भरी हुई श्वेत रक्त कोशिकाएं ही होती हैं। इनकी आयु कुल छ: सात घण्टे ही होती है। ये आवश्यकतानुसार बढ़ कर शरीर की रक्षा करती हैं और इन्हें किसी विशेष प्रकार के भोजन की आवश्यकता नहीं होती।

प्रश्न (घ)
प्लेटलेट्स की क्या भूमिका है ?
उत्तर:
प्लेटलेट्स प्लाज़मा में तैरने वाले पारदर्शी छोटी-छोटी सपाट-प्लेटों की तरह होते हैं। ये शरीर से बहने वाले रक्त की जमाव-क्रिया में सहायता देती हैं। रक्त के प्रति घन मिलीमीटर में इनकी संख्या लगभग डेढ़ लाख से चार लाख तक होती है। चोट लग जाने की स्थिति में ये एक विशेष प्रोटीन के साथ मिलकर मकड़ी के जाल की तरह जालासा बना देती है जिससे लाल रक्त कणिकाएं बाहर बहनी बन्द हो जाती हैं। समय के साथ ये त्वचा के साथ विकसित होकर घाव को भर देती हैं। इन्हें किसी विशेष भोजन की आवश्यकता नहीं होती। ये अपनी तरह की अन्य कोशिकाओं को स्वयं विकसित कर लेती

प्रश्न (ङ)
प्लाज़मा के बारे में आपने क्या जाना ?
उत्तर:
प्लाज़मा रक्त का प्रमुख अंग है जिसमें रक्त की अन्य कोशिकाएं अपने-अपने कार्य करने के लिए तैरती रहती हैं। हल्के-पीले रंग के इस द्रव्य की उपस्थिति में ही रक्त के अंग अपने काम को पूरा कर पाते हैं। यह जिगर (लिवर) में बनता है और इसकी रचना अनेक प्रकार के प्रोटीन्ज़ से होती है। आवश्यकता पड़ने पर जिगर (लिवर) इसका विकास सामान्य की अपेक्षा आठ गुणा तेज़ी से कर सकता है।

प्रश्न (च)
रक्त दान करना क्यों जरूरी है ?
उत्तर:
प्रत्येक मनुष्य के जीवन के लिए रक्त बहुत आवश्यक होता है। यह जीवन का प्रमुख आधार है। यह कृत्रिम रूप से नहीं बनाया जा सकता। यह बोन मैरो में ही बनता है। दुर्घटनाओं, भयंकर बीमारियों, बड़े आप्रेशनों आदि के कारण अनेक बार शरीर में रक्त कम हो जाता है जिसे तत्काल पूरा करने के लिए स्वस्थ लोगों के रक्तदान से सहायता लेनी ही पड़ती है। ऐसा करने से रक्तदाता को कोई क्षति नहीं होती लेकिन ज़रूरतमन्द व्यक्ति की जान बच जाती है। रक्तदान को इसीलिए महादान भी कहा जाता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 रक्त की आत्मकथा

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. इन शब्दों के विपरीत अर्थ वाले शब्द बनायें

उपस्थित = …………………
उचित = …………..
इच्छा = …………..
आवश्यकता = …………..
नियमित = …………..
स्वस्थ = …………..
हिंसा = …………..
पूर्ति = …………..
जन्म = …………..
एक = …………..
ग्रहण = …………..
सामान्य = …………..
उत्तर:
उपस्थित = अनुपस्थित
उचित = अनुचित
इच्छा = अनिच्छा
आवश्यकता = अनावश्यकता
नियमित = अनियमित
स्वस्थ = अस्वस्थ
हिंसा = अहिंसा
पूर्ति = अपूर्ति
जन्म = मरण
एक = अनेक
ग्रहण = त्याग
सामान्य = असामान्य।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 रक्त की आत्मकथा

II. इन शब्दों में से मूल शब्द पहचान कर लिखें

सम्पूर्ण = …………..
संरचना = …………..
संकल्प = …………..
सुरक्षित = …………..
नियमित = …………..
विकसित = …………..
प्रदर्शित = …………..
सुरक्षा = …………..
उत्तर:
सम्पूर्ण = पूर्ण
संरचना = रचना
संकल्प = कल्प
सुरक्षित = रक्षा
नियमित = नियम
विकसित = विकास
प्रदर्शित = दर्श
सुरक्षा = रक्षा

III. इन शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखें-

रक्त = …………..
स्वस्थ = …………..
नाड़ी = …………..
भूमिका = …………..
घुसपैठ = …………..
उत्तर:
रक्त = लहू, शोणित
स्वस्थ = निरोग, हृष्टपुष्ट
नाड़ी = नली, रक्तवाहिनी
भूमिका = पृष्ठभूमि, प्रस्तावना
घुसपैठ = बलपूर्वक प्रवेश, बँसना।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 रक्त की आत्मकथा

IV. इन रेखांकित विशेषण शब्दों के भेद का नाम लिखिए

प्रश्न (क)
मेरा रंग लाल होता है। (गुणवाचक विशेषण)
उत्तर:
गुणवाचक विशेषण।

प्रश्न (ख)
वयस्क पुरुष में मेरी एक बूंद में इनकी संख्या लगभग पचास लाख होती है।
उत्तर:
वयस्क = गुणवाचक विशेषण, एक = निश्चित संख्यावाचक विशेषण। लगभग पचास लाख-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण।

प्रश्न (ग)
इनके स्थान पर नई कोशिकाएं जन्म ले लेती हैं।
उत्तर:
नई = गुणवाचक विशेषण।

प्रश्न (घ)
हमें सदैव सन्तुलित भोजन लेना चाहिए।
उत्तर:
सन्तुलित-गुण वाचक विशेषण।

प्रश्न (ङ)
मेरी श्वेत कोशिकाएं आपके शरीर में किसी रोगाणु की घुसपैठ के समय किसी बहादुर सिपाही की तरह बचाव के लिए आती हैं।
उत्तर:
श्वेत = गुणवाचक विशेषण, बहादुर = गुणवाचक विशेषण।

अतिरिक्त ज्ञान:

(क) अपने रक्त समूह (ब्लड ग्रुप) की जाँच करवायें। अपना रक्त समूह नोट करके रखें।
(ख) रक्त समूह आठ प्रकार के होते हैं ए-पाजिटिव, ए-नेगेटिव, बी-पाजिटिव, बी-नेगेटिव, ए-बी पाजिटिव, ए-बी नेगेटिव, ओ-पाज़िटिव, ओ-नेगेटिव।
(ग) मान्यता प्राप्त संस्था को ही रक्त दान करें।
(घ) रक्त बेचना दण्डनीय अपराध है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 रक्त की आत्मकथा

PSEB 8th Class Hindi Guide रक्त की आत्मकथा Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
किसके कारण इन्सानों का जीवन चलता है ?
(क) माँस
(ख) खाल
(ग) बाल
(घ) रक्त।
उत्तर:
रक्त।

प्रश्न 2.
रक्त का रंग क्या होता है ?
(क) लाल
(ख) नीला
(ग) पीला
(घ) बैंगनी।
उत्तर:
लाल।

प्रश्न 3.
कोशिकाएँ सदा किसमें तैरती हैं ?
(क) प्लेटों में
(ख) प्लाज्मा में
(ग) प्लैटिनिम में
(घ) प्लाटों में।
उत्तर:
प्लाज्मा में।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 रक्त की आत्मकथा

प्रश्न 4.
हीमोग्लोबिन की कमी से कौन-सा रोग होता है ?
(क) अफारा
(ख) आसियाना
(ग) अनीमिया
(घ) शूगर।
उत्तर:
अनीमिया।

प्रश्न 5.
रक्त में लाल कोशिकाओं की आयु कितने मास की होती है ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
चार

प्रश्न 6.
कितने वर्ष की आयु का स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है ?
(क) 15-20
(ख) 18-50
(ग) 18-60
(घ) 18-65.
उत्तर:
18-65.

प्रश्न 7.
लाल कोशिकाओं का विकास कहाँ होता है ?
(क) बौनमैरी में
(ख) प्लाज्मा में
(ग) प्रोटीन में
(घ) प्लेटलेस में।
उत्तर:
बोनमैरी में।

प्रश्न 8.
रक्त में मुख्य रूप से कितने अंग होते हैं ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
दो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 रक्त की आत्मकथा

रक्त की आत्मकथा Summary

रक्त की आत्मकथा पाठ का सार

रक्त अपनी कहानी सुनाते हुए कहता है कि उसके कारण ही हम इन्सानों का जीवन चलता है। वह निरन्तर हमारी नाड़ियों में बहता रहता है। लाल रंग का रक्त शरीर से किसी भी कारण बाहर निकलने पर पानी की तरह बहता है। रक्त के मुख्य रूप से दो हिस्से होते हैं-प्लाज्मा और कोशिकाएँ। कोशिकाएँ सदा प्लाज्मा में तैरती रहती हैं। रक्त का 55 प्रतिशत भाग प्लाज्मा होती है और शेष 45 प्रतिशत भाग लाल कोशिकाएँ, श्वेत कोशिकाएँ और पारदर्शी प्लेटलेट्स कोशिकाएँ बनाती हैं। लाल कोशिकाओं के कारण रक्त लाल रंग का दिखाई देता है। किसी भी वयस्क पुरुष के खून की एक बूंद में लाल कोशिकाओं की लगभग संख्या पचास लाख होती है। बच्चों और स्त्रियों में इनकी संख्या बदल जाती हैं। इनका लाल रंग हीमोग्लोबिन नामक एक पदार्थ के कारण होता है। लाल कोशिकाओं की बनावट ऐसी होती है जैसे बालूशाही को दोनों ओर से दबाया गया हो। ये लाल कोशिकाएँ दिन-रात चौबीसों घंटे ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के अंगों तक पहुँचाती हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को फेफड़ों के माध्यम से बाहर फेंकती हैं। हीमोग्लोबिन लोहे और प्रोटीन से बनता है। यदि रक्त में हीमोग्लोबिन कम हो जाए तो अनीमिया नामक बीमारी हो जाती है। लाल कोशिकाओं का विकास ‘बोन मैरो’ नामक पदार्थ में होता है जो हड्डियों के खोखले भाग में भरा होता है। बोन मैरो का तीन-चौथाई भाग श्वेत कोशिकाओं और प्लेटलेट्स बनाने का कार्य करता है।

रक्त में लाल कोशिकाओं की आयु चार महीने ही होती है। रक्त के निर्माण के लिए हम सब को प्रोटीन, लोह तत्व और विटामिन खाने चाहिएं। यदि रक्त अधिक मात्रा में बह जाए तो बोन मैरो इसके उत्पादन को आठ गुणा तक बढ़ा सकती है। रक्त का प्रत्येक हिस्सा हमारे लिए उपयोगी होता है। श्वेत कोशिकाएँ शरीर का सुरक्षा कवच बनती हैं और आकार में लाल कोशिकाओं से दो गुणा बड़ी होती हैं, पर संख्या में कम होती हैं। ये रोगाणुओं से लड़ती हैं। जब ये मर जाती हैं तो पस या मवाद के रूप में दिखाई देती हैं। इनकी आयु छ:-सात घंटे ही होती है। प्लाज्मा में तैरती प्लेटलेट्स कोशिकाएँ छोटी-छोटी पारदर्शी प्लेटों की तरह होती हैं। ये रक्त की जमाव क्रिया में सहायक होती हैं। इनकी संख्या प्रति घन मिलीमीटर में डेढ़ लाख से चार लाख तक होती है। जब कभी चोट लगती है तो ये प्लाज्मा में उपस्थित एक विशेष प्रोटीन के साथ मिल कर एक जाल-सा बना देती है जिससे खून बहना बंद हो जाता है। जरूरत पड़ने पर प्लेटलेट्स अपने जैसी कोशिकाओं को स्वयं बना लेते हैं। इन्हीं के कारण हम मच्छरों से फैलने वाले ‘डेंगू’ से बच पाते हैं। हल्के-पीले रंग का प्लाज्मा अन्य सभी अंगों को साथ लेकर कार्य करता है। कोशिका के तीनों अंग इसी में तैरते रहते हैं। प्लाज्मा तरह-तरह के प्रोटीन्ज़ से बनता है और इसका विकास जिगर (लिवर) में होता है। जब कभी कोई व्यक्ति रक्त दान करता है तो जिगर सामान्य की अपेक्षा आठ गुना तेज़ी से इसका निर्माण कर देता है। किसी वयस्क पुरुष के शरीर में रक्त की मात्रा 75 सी०सी० प्रति किलोग्राम और वयस्क स्त्री में यह 67 सी०सी० प्रति किलोग्राम होती है। जरूरत पड़ने पर अपना रक्त दूसरों को दान दिया जा सकता है। रक्त फैक्ट्रियों में नहीं बनाया जा सकता। इसलिए इसे जरूरतमंद लोगों को देना चाहिए। अठारह से पैंसठ वर्ष का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति प्रत्येक तीन महीने बाद रक्त दान कर सकता है। अब ऐसी अनेक मशीनें हैं जो रक्त के हिस्सों को अलग-अलग कर सकती हैं और अलग-अलग रोगियों को उन्हें दिया जा सकता है। रक्त बहुत उपयोगी है और इसे हिंसा के द्वारा कभी नहीं बहाना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 ईदगाह

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 2 ईदगाह Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 2 ईदगाह

Hindi Guide for Class 8 PSEB ईदगाह Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ

ईद = मुसलमानों का प्रसिद्ध त्योहार। ईदगाह = ईद के दिन मुसलमानों के एकत्र होकर नमाज़ पढ़ने की जगह। रमजान = रोजा रखने का महीना। बिसात = पूंजी। जाज़िम = दरी के ऊपर बिछाने की छपी चादर। विपन्नता = ग़रीबी। सिजदे = सिर झुकाना। कवायद = मार्च, परेड। हिंडोला = झूला। जिरह = बहस। आपत्ति = एतराज। वजू = नमाज़ पढ़ने से पहले हाथ-मुँह धोने का काम। कोष = खज़ाना। भिश्ती = मशक से पानी ढोने वाला। घुड़कियाँ = धमकी देना। स्नेह = प्यार। कचोट = चुभन । दामन = आँचल। सहसा = अचानक। रहस्य = भेद।

II. निम्नलिखित शब्दों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करेंकोष, बिसात, स्नेह, दामन, हिंडोला, कचोट।

उत्तर:
कोष = खज़ाना-हमारा राष्ट्रीय कोष अच्छी स्थिति में है। बिसात = हैसियत, जमा पूंजी-अपनी बिसात देखकर व्यापार करो। स्नेह = प्यार-माता का अपने बच्चे से स्वाभाविक स्नेह होता है। दामन = आँचल-कभी अपने दामन पर बुराई का काला धब्बा मत लगने दो। हिंडोला = झूला-हिंडोला देखकर बच्चे उस पर बैठने के लिए मचल उठते हैं। कचोट = चुभन-उसे क्यों कचोट रहे हो, अपना काम करो।

III. निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करें

पैरों में पर लगना, दिल बैठ जाना, राई का पर्वत बनाना, रंग जमाना, बाल भी बाँका न होना, भेंट हो जाना, मैदान मार लेना, मन गद्गद् हो जाना।
उत्तर:
पैरों में पर लगना – बच्चे को सम्भाल कर रखो, अब इसके पैरों में पर लग गए हैं।
राई का पर्वत बनाना – शीला तो हर बात को राई का पर्वत बना देती है, उस की बातों पर विश्वास मत किया करो।
रंग जमना – पार्टी में गायिका के आने पर रंग जमना शुरू हो गया था।
बाल भी बांका न होना – बस-दुर्घटना कितनी गंभीर थी, परन्तु नन्हें बच्चे का बाल भी बांका न हुआ।
भेंट हो जाना = मिल जाना-आज बरसों बाद मेरी रीना से भेंट हो गई थी।
मैदान मार लेना = जीत जाना-इस वर्ष तो हॉकी मैच में हमारे स्कूल ने मैदान मार लिया।
मन गद्गद् हो जाना = खुश हो जाना-पुरस्कार प्राप्त कर मेरा मन गद्गद् हो गया

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(ख) विषय – बोध

I. रिक्त स्थानों की पूर्ति करो

(क) अमीना का दिल …………. रहा है।
(ख) इस्लाम की …………….. में सब बराबर हैं।
(ग) ईदगाह जाने वालों की ……………. नज़र आने लगी।
(घ) चिमटे ने सभी को …………. कर लिया।
(ङ) बुढ़िया का …………… तुरन्त स्नेह में बदल गया।
उत्तर:
(क) कचोट
(ख) निगाह
(ग) टोलियाँ
(घ) मोहित
(ङ) क्रोध।

II. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
नमाज़ खत्म होने पर लोग क्या करते हैं ?
उत्तर:
नमाज़ खत्म होने पर लोग आपस में गले मिलते हैं।

प्रश्न (ख)
रमजान के कितने दिनों बाद ईद आती है ?
उत्तर:
रमजान के तीस दिनों बाद ईद आती है।

प्रश्न (ग)
ईद का त्योहार किस धर्म से सम्बन्धित है ?
उत्तर:
ईद का त्योहार मुस्लिम धर्म से सम्बन्धित है।

प्रश्न (घ)
हामिद हिंडोले में क्यों नहीं चढ़ता ?
उत्तर:
हामिद के पास केवल तीन पैसे थे। वह थोड़े-से मज़े के लिए उन पैसों को व्यर्थ खर्च करना नहीं चाहता था। इसलिए वह हिंडोले में नहीं चढ़ता।

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III. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें

प्रश्न 1.
ईद का त्योहार कब आता है ? इस दिन मुसलमान क्या करते हैं ?
उत्तर:
ईद का त्योहार रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आता है। इस दिन मुसलमान ईदगाह जाकर नमाज़ पढ़ते हैं। फिर आपस में गले मिलते हैं। इस त्योहार पर भारी मेला लगता है। बाज़ार सजते हैं। नये-नये कपड़ों से सजे लोग भिन्न-भिन्न प्रकार की चीजें खरीदते हैं।

प्रश्न 2.
अमीना हामिद को मेले क्यों नहीं भेजना चाहती ?
उत्तर:
अमीना सोचती है कि गांव के बच्चे अपने-अपने बाप के साथ जा रहे हैं। वह उसे मेले में अकेला कैसे भेजे ? भीड़-भाड़ में बच्चा कहीं खो गया तो क्या होगा ? फिर यह नन्हा-सा बच्चा तीन कोस चलेगा कैसे ? पैरों में छाले पड़ जाएंगे। जूते भी तो उसके पास नहीं थे। इसी कारण अमीना हामिद को मेले में नहीं भेजना चाहती थी।

प्रश्न 3.
हामिद ने अपनी दादी के लिए चिमटा क्यों खरीदा ?
उत्तर:
हामिद ने अपनी दादी के लिए चिमटा इसलिए खरीदा क्योंकि रोटी पकाते समय उसकी बूढ़ी दादी के हाथ जल जाते हैं। घर में चिमटा नहीं है। हामिद ने सोचा कि चिमटे को पाकर दादी प्रसन्न हो जाएगी और दुआएँ देगी। उसकी उंगलियाँ नहीं जलेंगी। घर में एक काम की चीज़ भी हो जाएगी।

प्रश्न 4.
हामिद का चिमटा रुस्तमे हिन्द कैसे है ?
उत्तर:
हामिद का चिमटा रुस्तमे हिन्द इसलिए है, क्योंकि वह बड़ा बहादुर है। उसमें आग में कूदने की शक्ति है और आग में बहादुर ही कूद सकते हैं। उसके साथियों के मिट्टी के बने खिलौने वकील, भिश्ती और सिपाही बहादुरी का काम नहीं कर सकते। चिमटा अपने साथियों के खिलौनों को तोड़ भी सकता है। अतः वह रुस्तमे हिन्द है।

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(ग) व्यावहारिक व्याकरण :

I. वचन बदलें

1. बन्दूक = बन्दूकें
आँख = …………
सड़क = ………..
किताब = ……….
दुआ = …………
उत्तर:
बन्दूक = बन्दूकें
आँख = आँखें
सड़क = सड़कें
किताब = किताबें
दुआ = दुआएँ

2. चिमटा = चिमटे
पैसा = ………..
खिलौना – ………..
ताँगा = ………..
हिंडोला = ………..
उत्तर:
चिमटा = चिमटे
पैसा = पैसे
खिलौना = खिलौने
ताँगा = ताँगे
हिंडोला = हिंडोले

3. टोली = टोलियाँ
घुड़की = ………..
उंगली = ………..
पसली = ………..
चर्खि = ………..
उत्तर:
टोली = टोलियाँ
घुड़की = घुड़की
उंगली = उँगलियाँ
पसली = पसलियाँ
चर्खि = चर्खियाँ

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II. लिंग बदलें-

1. धोबी = धोबिन
सुनार = ………..
ग्वाला = ……….
तेली = ………..
उत्तर:
धोबी. = धोबिन
सुनार = सुनारिन
ग्वाला = ग्वालिन
तेली = तेलिन

2. ऊँट = ऊँटनी
सिंह = ……..
हंस = ………..
शेर = ………..
उत्तर:
ऊँट = ऊँटनी
सिंह = सिंहनी
हंस = हंसनी
शेर = शेरनी

3. दादा = दादी
चिमटा= ……..
बच्चा = ……..
लड़का= ……..
उत्तर:
दादा = दादी
चिमटा= चिमटी
बच्चा = बच्ची
लड़का= लड़की

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III. विपरीतार्थक शब्द लिखें

प्रसन्न – ……………..
महँगा – ……………..
विवेक – ……………..
आगे – ……………..
धीरे – ……………..
धूप – ……………..
उत्तर:
प्रसन्न – अप्रसन्न
महँगा – सस्ता
विवेक – अविवेक
आगे – पीछे
धीरे – तेज़
धूप – छाँव

IV. इन भिन्नार्थक शब्द-युग्मों के अर्थ दिए गए हैं। इनके अर्थों को ध्यान में रखते हुए वाक्य बनाएँ

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 ईदगाह 1
उत्तर:
I. मैं मोहन की ओर मुड़ा और उसका हाथ पकड़ लिया।
II. मैंने नरेश के कुल के विषय पर नदी के कूल पर सब कुछ जानना चाहा था।
II. सूर्यास्त के अभिराम दृश्य को आप अविराम निहार रहे थे।
IV. इस कलि काल में कोई कली भी सुरक्षित नहीं है।
V. घाट का शुल्क आज जमा कराना था पर शुक्ल धन के अभाव में ऐसा न कर पाया।
VI. सभी बच्चे क्रम से अपने-अपने कर्म के विषय में बतला रहे थे।
VII. आप के पास तो अपने प्रमाण-पत्रों का परिमाण बहुत अधिक है।
VIII. चिर काल से सुदामा इसी पुराने चीर का उपयोग कर रहा था। ।

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V. इन वाक्यों में से संज्ञा शब्द छाँटकर उनके भेद का नाम लिखें

1. हामिद के पाँव में जूते नहीं हैं।
2. यह हिंडोला है।
3. हामिद खिसिया जाता है।
4. अमीना का दिल कचोट रहा है।
5. चिमटे ने सभी को मोहित कर लिया।
उत्तर:
1. हामिद-व्यक्तिवाचक संज्ञा। पाँव-जातिवाचक संज्ञा। जूतेजातिवाचक संज्ञा।
2. हिंडोला-जातिवाचक संज्ञा ।
3. हामिद-व्यक्तिवाचक संज्ञा।
4. अमीना–व्यक्तिवाचक संज्ञा। दिल-जातिवाचक संज्ञा ।
5. चिमटे-जातिवाचक संज्ञा।

VI. रेखांकित शब्दों में कौन-सा सर्वनाम है ?

प्रश्न 1.
यह देखो, हिंडोला है।
उत्तर:
यह-निश्चयवाचक

प्रश्न 2.
वह सबको ललचाई आँखों से देखता है।
उत्तर:
वह–अन्य पुरुषवाचक

प्रश्न 3.
यहाँ कोई धन और पद नहीं देखता।
उत्तर:
कोई-अनिश्चय वाचक

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प्रश्न 4.
क्यों नहीं कुछ लेकर खाता ?
उत्तर:
क्यों-प्रश्नवाचक, कुछ-अनिश्चयवाचक

प्रश्न 5.
वे सब के सब आगे बढ़ जाते हैं।
उत्तर:
वे अन्य पुरुषवाचक

प्रश्न 6.
उसे ख्याल आया, दादी के पास चिमटा नहीं है।
उत्तर:
उसे-अन्य पुरुषवाचक

प्रश्न 7.
इसे क्या करेगा ?
उत्तर:
इसे-निश्चयवाचक

प्रश्न 8.
वह रोने लगी।
उत्तर:
वह-अन्य पुरुषवाचक।

(घ) रचनात्मक ज्ञान

प्रश्न (क)
मान लीजिए आप स्कूल की तरफ से शिमला शैक्षिक भ्रमण पर जाते हैं। वहाँ से आप अपने छोटे भाई-बहन के लिए कुछ न कुछ खरीद कर लाते हो। आप अपने दादादादी के लिए वहाँ से क्या खरीदकर लायेंगे? अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर:
जब मैं स्कूल की तरफ से शिमला शैक्षिक भ्रमण के लिए जाऊँगा तो मैं अपने दादा जी के लिए लक्कड़ बाज़ार से एक सुंदर-सी मज़बूत छड़ी खरीद कर लाऊँगा। वे हर सुबह सैर करने जाते हैं। छड़ी से उन्हें सहारा मिलेगा, चलने में सहायता मिलेगी और आवारा कुत्ते भी उनके पास नहीं आएंगे। मैं अपनी दादी के लिए एक टोपी लाऊँगा। वे सर्दी में भी सिर पर शाल नहीं ओढतीं। टोपी से उनका सिर ठंड से बचा रहेगा।

प्रश्न (ख)
यदि आप साधन सम्पन्न हैं और आप अपने दोस्तों के साथ कहीं पिकनिक पर गये हैं। आपका कोई एक ऐसा दोस्त है जिसके पास आपके बनस्पित कम पैसे हैं तो क्या आप उसे चिढ़ा-चिढ़ाकर चीजें खायेंगे या मिल बाँटकर ; लिखें।
उत्तर:
मैं अपने दोस्त के प्रति उसे बुरा भाव प्रकट करने वाला कोई काम नहीं करूँगा। मैं उसके साथ मिल-बाँट कर खाऊँगा। मैं उसे महसूस ही नहीं होने दूंगा कि उसके पास कम पैसे हैं।

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PSEB 8th Class Hindi Guide ईदगाह Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
ईदगाह में नमाज़ के दृश्य का वर्णन करें।
उत्तर:
ईदगाह में नमाज़ का दृश्य बहुत प्रभावशाली था। ज़मीन पर जाज़िम बिछा हुआ था। रोज़े रखने वालों की कई पंक्तियाँ लगी थीं। यहाँ सब लोग बराबर थे। अमीरग़रीब का कोई फर्क नहीं था। लाखों लोग सिजदे में एक साथ सिर झुकाते, फिर इकट्ठे खड़े हो जाते। एक साथ झुकते और एक साथ घुटनों के बल बैठ जाते। कई बार यही क्रिया होती।

प्रश्न 2.
हामिद के हाथ में चिमटा देखकर अमीना क्रोध में क्यों आई ?
उत्तर:
हामिद के हाथों में चिमटा देखकर अमीना को क्रोध इसलिए आया क्योंकि उसने तो हामिद को कुछ खाने-पीने के लिए, खिलौने के लिए या और कोई मनचाही चीज़ लाने के लिए पैसे दिए थे। लेकिन हामिद ने अपनी खुशी के लिए कुछ भी न लिया। इस पर अमीना को क्रोध आ गया। इसे क्या पता था कि उसी के सुख के लिए वह चिमय लाया है।

प्रश्न 3.
हामिद के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:
त्यागी – हामिद बड़ा त्यागी लड़का है। वह अमीना के दिए पैसे अपने लिए खर्च नहीं करता बल्कि उनसे वह दादी के लिए चिमटा लाता है, ताकि रोटी सेंकते समय उसकी अँगलियाँ न जलें। उन पैसों से वह न कोई खिलौना लेता है और न उससे खाने की चीजें खरीदता है।

संतोषी – हामिद के साथी महमूद, मोहसिन, नूरे और शम्मी ऊँटों और घोड़ों पर बैठ कर एक पैसे में पच्चीस चक्करों का मज़ा लेते हैं। लेकिन हामिद एक पैसा खोना नहीं चाहता, वह बड़ा सन्तोषी है। हामिद खिलौने के लिए भी पैसे खर्च नहीं करता और न मिठाई खाने की इच्छा रखता है।

बुद्धिमान् – वह अपने घर की हालत समझता है। जब उसके साथी चिमटा खरीदने पर उससे हँसी-मखौल करते हैं, तब वह अपनी युक्तियाँ देकर उनको कायल कर लेता है। सब उसे अपने खिलौने दिखाने लगते हैं और उसका चिमटा देखते हैं। हामिद अपने साथियों के मज़ाक को समझता है। इसीलिए वह मिठाइयों की बदनामी करता है और मिठाई नहीं खरीदता। उससे उसकी बुद्धिमत्ता प्रकट होती है।

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बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
‘ईदगाह’ कहानी के लेखक का नाम क्या है
(क) प्रेमचन्द
(ख) जैनेन्द्र
(ग) यशपाल
(घ) मीना शर्मा।
उत्तर:
प्रेमचन्द।

प्रश्न 2.
अमीना हामिद की क्या लगती है ?
(क) नानी
(ख) माता
(ग) दादी
(घ) चाची।
उत्तर:
दादी।

प्रश्न 3.
ईदगाह किन वृक्षों की घनी छांह में बनी हुई थी ?
(क) नीम
(ख) इमली
(ग) आम
(घ) जामुन।
उत्तर:
इमली।

प्रश्न 4.
हामिद के पास कितने पैसे थे ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच
उत्तर:
तीन।

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प्रश्न 5.
हामिद ने दादी के लिए क्या खरीदा ?
(क) चप्पल
(ख) चिमटा
(ग) चम्मच
(घ) चायदानी।
उत्तर:
चिमटा।

प्रश्न 6.
‘रुस्तमे हिंद’ कौन-सी वस्तु है ?
(क) सिपाही
(ख) वकील
(ग) भिश्ती
(घ) चिमटा।
उत्तर:
चिमटा।

प्रश्न 7.
रमज़ान के कितने रोजों के बाद ईद का दिन आता है ?
(क) बीस
(ख) तीस
(ग) चालीस
(घ) पचास।
उत्तर:
तीस।

प्रश्न 8.
हामिद कितने वर्ष का है ?
(क) 10-12
(ख) 12-13
(ग) 13-14
(घ) 14-15.
उत्तर:
13-14.

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ईदगाह Summary

ईदगाह कहानी का सार

रमजान के पूरे तीस रोज़ के बाद आज ईद का दिन आया था। सारे गाँव में हलचल मची हुई थी। सब ईदगाह जाने की तैयारी कर रहे थे। लड़के सबसे ज्यादा खुश थे। वे बारबार अपने पैसे गिन रहे थे। हामिद उन सबसे ज्यादा प्रसन्न था। उसके पास केवल तीन पैसे थे। हामिद के माता-पिता मर चुके थे। अब वह अपनी बूढ़ी दादी अमीना के साथ रहता था और उसकी गोद में सोता था। गाँव में बच्चे अपने-अपने बाप के साथ मेले को जाने की तैयारी कर रहे थे। हामिद की दादी उसे अकेले मेले में भेजना नहीं चाहती थी। हामिद के जिद्द करने पर वह उसे भेजने के लिए मान गई थी। गाँव से टोलियाँ मेले के लिए चली तो हामिद भी साथ चल पड़ा। सब बच्चे कभी दौड़ कर आगे निकल जाते और कभी पेड़ के नीचे बैठ कर पीछे वालों का इन्तजार करने लगते। शहर को जाने वाला रास्ता शुरू हो गया था। ईदगाह जाने वालों की टोलियाँ नज़र आने लगी थीं। ग्रामीणों का यह दल अपनी ग़रीबी से बेखबर धीरे-धीरे चल रहा था। बच्चों को नगर की सभी चीजें बड़ी अनोखी लग रही थीं।
.इमली के घने वृक्षों की छाया में बनी हुई ईदगाह नज़र आने लगी थी। हजारों की संख्या में लोग एक के पीछे एक पंक्ति बना कर खड़े थे। ग्रामीणों का दल भी पिछली पंक्ति में जाकर खड़ा हो गया था। नमाज़ शुरू हुई। सभी सिर एक साथ सिजदे के लिए झुकते और फिर सब के सब एक साथ खड़े हो जाते। ऐसा कई बार हुआ।

नमाज़ खत्म होने पर सभी लोग एक-दूसरे के गले मिले। फिर सभी बच्चे मिठाई और खिलौनों की दुकानों पर टूट पड़े। बहुत-से लोग हिंडौला झूल रहे थे। हामिद के साथी महमूद, मोहसिन, नूरे और सम्मी घोड़ों और ऊँटों पर बैठे क्योंकि उनके पास पैसे थे। हामिद उन्हें दूर खड़ा देखता रहा। वह अपने तीन पैसे फ़िजूल में खर्च करना नहीं चाहता था। फिर महमूद, मोहसिन और नूरे ने अपनी पसन्द के खिलौने खरीदे। वे सब दो-दो पैसे के खिलौने थे। हामिद यह नहीं चाहता कि अपने पैसे खिलौनों पर खर्च करे। उसने अपनी दादी के लिए तीन पैसे में एक चिमटा खरीद लिया।

हामिद ने जब चिमटा ले जाकर अपनी दादी को दिखाया तो वह नाराज़ हुई। किन्तु जब हामिद ने बताया कि तवे से उसकी उँगलियाँ जल जाती थीं इसलिए उसने चिमटा खरीदा था तब यह सुनकर बूढ़ी दादी बच्चों की तरह रोने लगी और हामिद उसे चुप कराने और उसके आँसू पोंछने लगा था।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 कोई नहीं बेगाना

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 1 कोई नहीं बेगाना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 कोई नहीं बेगाना

Hindi Guide for Class 8 PSEB कोई नहीं बेगाना Textbook Questions and Answers

(क) भाषा ज्ञान

I. शब्दार्थ

उत्तर:
गर्जना = तीव्र आवाज़, गरजने की क्रिया।
वीर बाँकुरे = बहादुर जवान।
मशक = भेड़ या बकरी की खाल की सिलाई कर के बनाया हुआ थैला जिस में भिश्ती पानी ढोते हैं।
समदृष्टि = सब को बराबर समझना।
बेगाना = पराया, अनजान।
माहेर = क्रुपा
सेवारात = सेवा में लीन।

II. अर्थ समझते हुए वाक्यों में प्रयोग करें :

घमसान, उपहार, समदृष्टि, उपकार, उपचार, दुःख हरना, जीवनदान देना, जान बचाना।
उत्तर:
(i) घमसान = आज के युग में किसी भी तरीके से धन इकट्ठा करने का घमसान मचा हुआ है, जो उचित नहीं है।
(ii) उपहार = मेरे जन्मदिन पर मम्मी-पापा ने मुझे उपहार में एक सुन्दर घड़ी दी है।
(ii) समदृष्टि = सभी की समदृष्टि ही समाज को ऊँचा उठा सकती है।
(iv) उपकार = आप के उपकार का मूल्य मैं कभी नहीं चुका सकता।
(v) उपचार = हमारे नगर में घायल पक्षियों के उपचार का सुन्दर प्रबन्ध किया गया
(vi) दुःख हरना = सभी प्राणियों के दुःख हरना तो ईश्वर के हाथ में ही है।
(vii) जीवनदान देना = डॉक्टरों के परिश्रम ने रोगी को जीवन दान देना लगभग निश्चित कर दिया था।
(viii) जान बचाना = अब रोगी की जान बचाना डॉक्टरों के लिए सम्भव है।

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(ख) विचार बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
भाई कन्हैया कौन था ?
उत्तर-भाई कन्हैया गुरु गोबिन्द सिंह जी के शिष्य थे और वे गुरु घर के एक सेवादार थे।

प्रश्न (ख)
वह घायलों की सेवा किस प्रकार करता था ?
उत्तर:
भाई कन्हैया प्यास से परेशान घायल लोगों को पानी पिला कर सेवा करता था।

प्रश्न (ग)
वह अपने और बेगाने का भेदभाव क्यों नहीं करता था ?
उत्तर:
उन्हें सभी इन्सानों में ईश्वर दिखाई देता था, इसलिए वह अपने और बेगाने में भेदभाव नहीं करता था।

प्रश्न (घ)
विरोधियों ने दशमेश पिता से उसकी क्या शिकायत की ?
उत्तर:
विरोधियों ने गुरु जी से शिकायत की थी कि वह युद्धभूमि में घायल पड़े मुसलमान सैनिकों को भी पानी पिलाता था जिससे वे जीवन दान पा जाते थे जिससे सिख वीरों की मेहनत बेकार हो जाती थी। वह बेगानों की सहायता करता है।

प्रश्न (ङ)
भाई कन्हैया ने गुरु जी को शिकायत का क्या उत्तर दिया ?
उत्तर:
भाई कन्हैया ने गुरु जी को शिकायत का उत्तर देते हुए कहा था कि उसे सभी में गुरु जी का रूप दिखता था। उसके लिए कोई पराया नहीं था।

प्रश्न (च)
गुरु जी ने भाई कन्हैया को मरहम क्यों दी ?
उत्तर:
गुरु जी भाई कन्हैया के इन्सानियत से भरे स्वभाव से खुश हो गए थे और उन्होंने उसे मरहम दी थी जिससे वह युद्धभूमि में घायल पड़े सैनिकों की पीड़ा और कष्टों को भी कम कर सके। वे किसी प्रकार का भेद-भाव नहीं करते थे।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 कोई नहीं बेगाना

II. इन काव्य-पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें :

“अव्वल अल्ला नूर वही है, कुदरत के सब बन्दे,
सब जग फैला नूर उसी का, कौन भले कौन मन्दे।”
उत्तर:
भाई कन्हैया ने गुरु गोबिन्द सिंह जी के समक्ष कहा था कि मैंने तो गुरुवाणी का केवल इतना ही अर्थ समझा है कि मुझे हर प्राणी में परम पिता परमात्मा ही दिखाई देते हैं। मुझे सभी अपने लगते हैं और कोई भी पराया नहीं लगता। वह परमात्मा ही तो सबसे श्रेष्ठ हैं, प्रमुख हैं, सर्वोपरि है। इस सृष्टि की ज्योति वही है और सारे इन्सान, सारे प्राणी उसी परमात्मा की कुदरत से उत्पन्न हुए हैं। सारे संसार में उसी का तेज फैला हुआ है। केवल वही है जिससे सारी सृष्टि बनी है। जब सभी उस परमात्मा की सन्तान हैं तो फिर कौन अच्छा है और कौन बुरा ? अर्थात् न कोई बुरा है और न अच्छा, न कोई छोटा है और न कोई बड़ा। सारे मानव एक-दूसरे के समान हैं। भाव है कि हमें धर्म और जाति के आधार पर मानव को नहीं बांटना चाहिए।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. ‘उप’ और ‘बे’ शब्दांश लगाकर नये शब्द बनायें :

उप + हार = उपहार
उप + वास = ………………..
उप + नयन = ………………..
उप + हास = ………………..
उप + कार = ………………..
बे + रहम = ………………..
बे + कायदा = ………………..
बे + कसूर = ………………..
बे + मेल = ………………..
बे + रोक = ………………..
बे + मिसाल = ………………..
उत्तर:
उप + हार = उपहार
उप + वास = उपवास
उप + नयन = उपनयन
उप + हास = उपहास
उप + कार = उपकार
बे + रहम = बेरहम
बे + कायदा = बेकायदा
बे + कसूर = बेकसूर
बे + मेल = बेमेल
बे + रोक = बेरोक
बे + मिसाल = बेमिसाल।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 कोई नहीं बेगाना

II. ‘गुरु’ लगाकर नये शब्द बनायें जैसे-गुरुवाणी

उत्तर:
गुरुकृपा, गुरुशिक्षा, गुरुप्रदत्त, गुरुदक्षिणा, गुरुदास, गुरुप्रशंसा, गुरुनिष्ठा, गुरुपद, गुरुपाद, गुरुगौरव, गुरुकुल, गुरुदीक्षा, गुरुप्रेम।

III. इन शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

शत्रु = …………..
युद्ध = …………..
धरती = …………..
पानी = …………..
गर्मी = …………..
उपहार = …………..
गुरु दुःख = …………..
बेगाना = …………..
मेहर = …………..
कृपा = …………..
नूर = …………..
हाथ = …………..
घाव = …………..
उत्तर:
शत्रु = दुश्मन , अरि।
युद्ध = लड़ाई , रण।
धरती = अवनि , पृथ्वी।
पानी = जल , नीरज।
गर्मी = ग्रीष्म , निदाघ।
उपहार = भेंट , सौगात।
गुरु = शिक्षक , बड़ा।
दुःख = पीड़ा , कष्ट।
बेगाना = पराया , अन्य।
मेहर = कृपा , दया।
कृपा = दया , करुणा।
नूर = प्रकाश , चमक।
हाथ = हस्त , कर।
घाव = चोट , जख्म।

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IV. विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें:

युद्ध = ……………
दुःख = …………..
गुरु = …………..
मुश्किल = …………..
धरती = …………..
शत्रु = …………..
प्यास = …………..
शिकायत = …………..
उत्तर:
युद्ध = शान्ति
दुःख = सुख
गुरु = चेला (शिष्य)
मुश्किल = आसान
धरती = आकाश
शत्रु = मित्र
प्यास = तृप्ति/तृप्त
शिकायत = रजा/सुलह।

PSEB 8th Class Hindi Guide कोई नहीं बेगाना Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित. प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
‘कोई नहीं बेगाना’ कविता के कवि कौन हैं ?
(क) डॉ० योगेन्द्र बख्शी
(ख) डॉ० बच्चन
(ग) डॉ० रघुवंश ।
(घ) डॉ० संसार चन्द्र।
उत्तर:
डॉ. योगेन्द्र बख्शी।

प्रश्न 2.
कहाँ घमासान युद्ध हुआ था ?
(क) अमृतसर
(ख) पटना साहिब
(ग) आनन्दपुर साहिब
(घ) बंगला साहिब।
उत्तर:
आनन्दपुर साहिब।

प्रश्न 3.
दशमेश गुरु कौन हैं ?
(क) गुरु नानक देव जी
(ख) गुरु तेग बहादुर जी
(ग) गुरु गोबिन्द सिंह जी
(घ) गुरु रामदास जी।
उत्तर:
गुरु गोबिन्द सिंह जी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 कोई नहीं बेगाना

प्रश्न 4.
कन्धे पर मशक उठाए पानी कौन पिला रहा था ?
(क) भाई बंदा
(ख) भाई कन्हैया
(ग) भाई रमैया
(घ) भाई सतनाम।
उत्तर:
भाई कन्हैया।

प्रश्न 5.
‘देखू हर प्राणी में प्रभुवर’ किसका मतलब है ?
(क) गुरुवाणी का
(ख) कन्हैया का
(ग) योगेन्द्र बख्शी का
(घ) रमैया का।
उत्तर:
गुरुवाणी का।

कोई नहीं बेगाना सप्रसंग व्याख्या

1. आनन्दपुर साहब के बाहर
जब हुआ युद्ध घमसान,
दशमेश गुरु का हर सिख
लड़ो हथेली पर रख जान।
तोपों की गर्जना भयंकर
‘सत श्री अकाल’ का गान,
अल्ला हू अकबर के नारे
बहरे कर देते थे कान।

शब्दार्थ:
घमसान = भयंकर, बहुत ज़ोर से। दशमेश = दशम् गुरु श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी। हर = प्रत्येक। गर्जना = तीव्र आवाज़, गरजने की क्रिया।

प्रसंग:
यह पद्यांश डॉ० योगोन्द्र बख्शी द्वारा रचित ‘कोई नहीं बेगाना’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने आनन्दपुर साहब के बाहर सिखों और मुसलमानों के बीच हुए भयंकर युद्ध का वर्णन किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि जब आनन्दपुर साहब के बाहर सिख-सैनिकों के साथ मुसलमानों की लड़ाई हुई थी तब दशम गुरु गोबिन्द सिंह की सेना का प्रत्येक सिख सिपाही मरने का डर छोड़ कर जी-जान से लड़ा था। तोपों की भयंकर आवाज़, सिख वीरों के द्वारा किया गया ‘सत श्री अकाल’ का गान और मुसलमान सैनिकों के ‘अल्ला हु अकबर’ के नारे कानों को बहरा कर रहे थे। भाव है कि दोनों पक्षों के सैनिक अति वीरता और साहस से एक-दूसरे के सामने अपनी-अपनी जीत के लिए डटे हुए थे।

विशेष:

  1. कवि ने सिख सैनिकों और मुसलमानों के बीच हुई लड़ाई की भयंकरता को प्रकट किया है।
  2. कवि की भाषा सरल और सरस है।

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2. वीर बाँकुरे डटकर लड़ते
धरती पर बिछ-बिछ जाते,
गिरते-गिरते फिर उठते
पानी-पानी चिल्लाते।
गर्मी का यह कठिन महीना
उन वीरों पर भारी था,
जलते तपते मैदानों में
युद्ध अभी तक जारी था।

शब्दार्थ: वीर बाँकुरे = बहादुर जवान। कठिन = कठोर, मुश्किल। जारी = चलना, होना।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ से ली गई हैं। इसके रचयिता डॉ० योगेन्द्र बख्शी हैं। कवि ने सिखों और मुसलमान वीरों के बीच गर्मियों के मौसम में हुए भयंकर युद्ध का वर्णन किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि सिख और मुसलमान सेनाओं के बहादुर जवान एकदूसरे के विरुद्ध डट कर लड़ रहे थे। वे एक-दूसरे के आघात से घायल होकर धरती पर गिरते जाते थे। वे गिर कर फिर लड़ने के लिए उठ जाते थे और अपनी प्यास बुझाने के लिए ‘पानी-पानी’ चिल्लाते थे। गर्मी का बहुत कष्टकारी महीना था। युद्ध लड़ने वाले दोनों तरफ के बहादुरों के लिए गर्मी का महीना बहुत भारी पड़ रहा था। सूर्य की गर्मी से मैदान तप रहे थे, दहक रहे थे लेकिन उनके कारण लड़ाई बन्द नहीं हो रही थी। दोनों पक्षों के बीच लड़ाई अभी तक बिना रुके हुए चल रही थी। भाव है कि सूर्य की तेज गर्मी और तपे हुए मैदान भी दोनों पक्षों की लड़ाई को रोकने में असफल रहे थे।

विशेष:

  1. कवि ने सिख और मुस्लिम सैनिकों के बीच हुई भयंकर लड़ाई का वर्णन किया है जिसे विपरीत परिस्थितियां भी रोक नहीं पा रही थीं।
  2. भाषा, सरल-सरस और जोश से भरी हुई है। |

3. जलती-तपती दोपहरी में
गुरुघर का इक सेवादार,
कन्धे पर इक मशक उठाए
देता पानी का उपहार।
संगत की सेवा करता
भाई कन्हैया उस का नाम
गुरुवाणी का भक्त अनोखा
करता जनसेवा का काम।

शब्दार्थ:
जलती-तपती = गर्मी से जली और तपी हुई। दोपहरी = दोपहर का समय। इक = एक। मशक = भेड़ या बकरी की खाल की सिलाई कर के बनाया हुआ थैला जिस में भिश्ती पानी ढोते हैं। उपहार = भेंट। अनोखा = अद्भुत ।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ डॉ० योगेन्द्र बख्शी द्वारा रचित कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ से ली गई हैं जिसमें कवि ने सब मानव एक समान है का संदेश दिया है।

व्याख्या:
तेज गर्मी के कारण दोपहर का समय जल-सा रहा था; दहक रहा था। उस गर्मी में गुरुघर का एक सेवादार अपने कन्धे पर भेड़-बकरी की खाल से बनी एक मशक उठा कर सभी सैनिकों को पानी की भेंट दे रहा था। वह घायल और प्यासे सैनिकों को पानी पिला रहा था। सभी लोगों की समान रूप से सेवा करने वाले उस व्यक्ति का नाम भाई कन्हैया था। वह गुरुवाणी का अनूठा और अद्भुत भक्त था। वह लोगों की सेवा करने का काम करता था। भावार्थ है कि दोपहर की तेज गर्मी में अपनी तपन को भुला कर भाई कन्हैया सभी भेद- भावों से दूर रह लोगों की सेवा करता था। वह सच्चा सेवादार था।

विशेष:

  1. कवि ने भाई कन्हैया के इन्सानी गुण को प्रकट किया है।
  2. भाषा सरल और सरस है।

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4. सब में गुरु का रूप देखता
सबकी सेवा करता था,
हर प्यासे की प्यास बुझाता
दुःख सभी के हरता था।
समदृष्टि थी शत्रु मित्र में
दोनों उसको एक समान,
हर घायल को पानी देना
होता उसका पहला काम।

शब्दार्थ: दुःख = कष्ट, पीड़ा। हरता = दूर करता, मिटाता। समदृष्टि = सब को बराबर समझना। शत्रु = दुश्मन। समान = बराबर ।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ से ली गई हैं जिसके रचयिता डॉ० योगेन्द्र बख्शी हैं। कवि ने भाई कन्हैया के इन्सानियत के भावों और सेवा-भाव को व्यक्त किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि भाई कन्हैया सभी लोगों में अपने गुरु का रूप देखता था और उन सब की एक समान सेवा करता था। वह हर प्यासे की प्यास बुझाता था और गर्मी से उत्पन्न सभी के दुखों को मिटाता था। उसकी नज़र में न कोई शत्रु था और न कोई मित्र था। शत्रु और मित्र दोनों ही उसके लिए एक बराबर थे। युद्धभूमि में हर घायल व्यक्ति को पानी देना उसका पहला काम था। भाव है कि सच्चे इन्सान के मन में किसी के लिए अपनेपराये का भेदभाव नहीं होता।

विशेष:

  1. कवि ने भाई कन्हैया के इन्सानियत और बड़प्पन के भावों को प्रकट किया है जिसके लिए सारे इन्सान एक बराबर थे।
  2. कवि की भाषा सरल और सरस है।

5. हुई साँझ तो सिख वीरों ने
छेड़ी एक विरोधी तान,
जिनको मुश्किल से हम मारे
उनको देता जीवन दान।
लगता गुरुवर ! भाई कन्हैया
का दुश्मन से नाता है।
घायल शत्रु को जल देता,
उसकी जान बचाता है।

शब्दार्थ: साँझ = शाम, संध्या। वीरों = बहादुरों। तान = स्वर, आवाज़। मुश्किल = कठिनाई। नाता = सम्बन्ध।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में दी गई कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ से ली गई हैं जिसके रचयिता डॉ० योगेन्द्र बख्शी हैं। भाई कन्हैया बिना किसी भेदभाव के घायल सिख और मुसलमान सैनिकों को पानी पिलाकर जीवन दान दिया करता था। सिख सैनिकों को यह अच्छा नहीं लगता था।

व्याख्या:
कवि कहता है कि जैसे ही शाम हुई और लड़ाई बन्द हुई वैसे ही सिख बहादुरों ने एक ही आवाज़ में भाई कन्हैया के विरोध में ऊँची आवाज़ उठाई। उन्होंने कहा कि जिन मुसलमान सैनिकों को वे मुश्किल से घायल करते थे उन्हें भी पानी पिला कर वह उन्हें नया जीवन-दान दे देता था। हे गुरु जी! हमें लगता है कि इसका दुश्मनों से कोई सम्बन्ध है। यह दुश्मन के घायल सिपाहियों को युद्ध भूमि में पानी पिलाता है और उनकी जान बचाता है। भाव है कि सिख वीरों को भाई कन्हैया का इन्सानियत का भाव भी दुश्मनी से भरा हुआ प्रतीत होता है क्योंकि वहाँ वह सिख वीरों को ही नहीं बल्कि मुसलमान सैनिकों को भी युद्धभूमि में पानी पिलाता था।

विशेष:

  1. सिख वीरों के मन में उत्पन्न स्वार्थी भावों के कारण भाई कन्हैया पर दोषारोपण किया गया है।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 कोई नहीं बेगाना

6. हँस कर बोले दशम पिता फिर
क्यों भाई क्या कहते हो,
ठीक शिकायत क्या सिखों की
सबकी सेवा करते हो ?
हाथ जोड़ कर चरण छुए
नतमस्तक हो वचन कहे,
गुरुवर ! सब को जल देता हूँ
मानो सब में आप रहे।

शब्दार्थ: दशम पिता = दशम गुरु गोबिन्द सिंह जी। चरण = पैर। नतमस्तक = सिर झुका कर प्रणाम करना।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ से ली गई हैं। इसके रचयिता डॉ० योगेन्द्र बख्शी हैं। सिख वीरों ने भाई कन्हैया पर आरोप लगाया था कि वे युद्धभूमि में मुस्लिम सैनिकों की पानी पिला कर सहायता करते थे। वे उनसे मिले हुए थे।

व्याख्या:
सिख वीरों के द्वारा लगाए गए आरोप को सुन कर दशम् गुरु गोबिन्द सिंह जी ने हँसते हुए भाई कन्हैया से पूछा कि क्यों भाई ! क्या सिखों की यह शिकायत ठीक थी कि वह सब की सेवा करते था। यह सुन कर भाई कन्हैया ने हाथ जोड़कर गुरु जी के पाँव छुए और सिर झुका कर ये शब्द कहे कि गुरुवर! मैं तो सभी को ऐसे पानी देता हूँ जैसे सब में आप ही विद्यमान हों। मुझे तो सब में आप ही दिखाई देते हैं। भाव है कि भाई कन्हैया को गुरु जी के प्रति अपार भक्ति के कारण सभी में वही दिखाई देते थे। उन्हें कोई भी पराया नहीं लगता था।

विशेष:

  1. कवि ने भाई कन्हैया की अपार गुरु-भक्ति को सरल शब्दों में प्रकट कर दिया है।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

7. गुरुवाणी का मतलब मैंने
केवल बस इतना जाना,
देखें हर प्राणी में प्रभुवर
कोई नहीं है बेगाना।
अव्वल अल्ला नूर वही है
कुदरत के सब बन्दे,
सब जग फैला नूर उसी का
कौन भले कौन मन्दे।

शब्दार्थ:
मतलब = अर्थ। बेगाना = पराया, अनजान। अव्वल = प्रथम, पहला। अल्ला = ईश्वर। नर = ज्योति, प्रकाश, तेज, परमात्मा का नाम। कुदरत = प्रकृति । बन्दे = इन्सान । भले = अच्छे। मन्दे = बुरे।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ से ली गई हैं। इस कविता के रचयिता डॉ० योगेन्द्र बख्शी हैं। भाई कन्हैया ने गुरु गोबिन्द सिंह जी के प्रश्न का उत्तर देते हुए माना था कि उनके लिए कोई भी प्राणी न तो छोटा है और न ही बड़ा। वे सभी बराबर हैं जिनमें परमात्मा बसता है।

व्याख्या:
भाई कन्हैया ने गुरु गोबिन्द सिंह जी के समक्ष कहा था कि मैंने तो गुरुवाणी का केवल इतना ही अर्थ समझा है कि मुझे हर प्राणी में परम पिता परमात्मा ही दिखाई देते हैं। मुझे सभी अपने लगते हैं और कोई भी पराया नहीं लगता। वह परमात्मा ही तो सबसे श्रेष्ठ हैं, प्रमुख हैं, सर्वोपरि है। इस सृष्टि की ज्योति वही है और सारे इन्सान, सारे प्राणी उसी परमात्मा की कुदरत से उत्पन्न हुए हैं। सारे संसार में उसी का तेज फैला हुआ है। केवल वही है जिससे सारी सृष्टि बनी है। जब सभी उस परमात्मा की सन्तान हैं तो फिर कौन अच्छा है और कौन बुरा ? अर्थात् न कोई बुरा है और न अच्छा, न कोई छोटा है और न कोई बड़ा। सारे मानव एक-दूसरे के समान हैं। भाव है कि हमें धर्म और जाति के आधार पर मानव को नहीं बांटना चाहिए।

विशेष:

  1. भाई कन्हैया के माध्यम से सृष्टि का रहस्य प्रकट किया गया है और उसी के आधार पर सब को एक समान माना गया है।
  2. भाषा सरस और भावपूर्ण है। उर्दू शब्दों का प्रयोग किया गया है। |

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 कोई नहीं बेगाना

8. दशम पिता गदगद हो बोले,
सच्चे सिख ! गुरु मेहर करे,
भेदभाव बिन सेवारत जो
उसके सिर प्रभु हाथ धरे।
यह मरहम भी ले लो मुझ से
तुम सबका उपकार करो,
हर घायल में प्रभु को देखो
घावों का उपचार करो।

शब्दार्थ:
गद्गद् = प्रसन्न। मेहर = कृपा। भेदभाव = अंतर; ऊँच-नीच का भाव। सेवारत = सेवा में लीन। हाथ धरे = कृपा करे। उपकार = भला, कल्याण। घावों = घाव, चोट, जख्म। उपचार = इलाज।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ से ली गई हैं जिसकी रचना डॉ० योगेन्द्र बख्शी ने की है। गुरु गोबिन्द सिंह जी ने भाई कन्हैया के उत्तर को सुनकर उसे आशीर्वाद दिया था और उस पर ईश्वर की कृपा बनी रहने की प्रार्थना की थी।

व्याख्या:
भाई कन्हैया के उत्तर को सुन कर दशम पिता गुरु गोबिन्द सिंह जी प्रसन्न हो गए, खुशी से भर उठे। उन्होंने उसे सम्बोधित करते हुए कहा कि हे सच्चे सिख ! ईश्वर तुम पर कृपा बनाये रखे। जो व्यक्ति बिना भेदभाव किए हुए समाज में रहते हुए सबकी सेवा करता रहता है, ईश्वर उसके सिर पर अपनी कृपा का हाथ सदा बनाए रखें। तुम मुझ से यह मरहम भी ले लो और बिना जात-पात और धर्म का ध्यान रखे हुए सब का भला करो, सब की सेवा करो। तुम हर घायल व्यक्ति में ईश्वर को देखो, सबको एक समान समझो और सब के घावों का ईलाज करो, उन्हें कष्टों से मुक्त करो। भाव है कि गुरु जी ने अपने मानवतावादी भावों से सबका कल्याण करने की बात सदा ही सबसे कही थी।

विशेष:

  1. गुरु गोबिन्द सिंह जी ने समाज में व्याप्त भेदभाव का विरोध करते हुए सबको एक समान ईश्वर की सन्तान माना था।
  2. भाषा सरल और सरस है।

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कोई नहीं बेगाना Summary

कोई नहीं बेगाना कविता का सार

डॉ० योगेन्द्र बख्शी के द्वारा रचित कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ मानवतावादी कविता है। इन्सान वही अच्छा होता है जो किसी में भी भेदभाव न करे। आनन्दपुर साहब के बाहर गुरु गोबिन्द सिंह जी की सेना की मुसलमानों से भयंकर लड़ाई हो रही थी। गर्मियों के दिन थे। सूर्य की गर्मी से सारे मैदान दहक-से रहे थे। युद्ध में हर वीर अपनी जान की परवाह किए बिना लड़ रहा था। तोपें गरज रहीं थीं। दोनों सेनाओं के सैनिक पूरे जोश में भरे हुए थे। सिख सैनिक ‘सत श्री अकाल’ का जयघोष कर रहे थे तो मुसलमान सैनिक ‘अल्ला हू अकबर’ के नारे लगा रहे थे। दोनों तरफ के सैनिक घायल हो-होकर धरती पर गिर रहे थे। वे तड़प रहे थे और प्यास के कारण पानी-पानी चिल्ला रहे थे। गुरुघर का एक सेवादार भाई कन्हैया कन्धे पर एक मशक लिए हुए सिखों और मुसलमानों को पानी पिला रहा था। उसे उन सभी घायल सैनिकों में गुरु का ही रूप दिखाई दे रहा था। वह अपने और पराये का कोई भेद नहीं कर रहा था। जब शाम हुई तो सिख सैनिकों ने गुरु जी से शिकायत की कि जिन मुसलमान सैनिकों को हम काट कर नीचे गिराते हैं उन्हें ही भाई कन्हैया पानी पिलाता है। उनकी जान बचा कर वह दुश्मन का काम कर रहा था। गुरु जी ने हँस कर भाई कन्हैया से इस शिकायत के बारे में पूछा। उसने हाथ जोड़ कर गुरु जी के पाँव छू कर अपना सिर झुकाते हुए कहा कि वह सभी को एक समान पानी पिलाता था क्योंकि उसे उन सभी में आप ही दिखाई दे रहे थे। गुरुबाणी के अनुसार तो उसे हर प्राणी में भगवान् ही दिखता था। कोई भी तो पराया नहीं। इस संसार के हर प्राणी में परमात्मा का ही तो नूर हैचाहे वह अच्छा है या बुरा। दशम गुरु ने प्रसन्न होकर कहा कि अरे सच्चे सिख, ईश्वर तुम पर कृपा करे। तुम मुझ से मरहम भी लो और इसे सभी घायलों के घावों पर लगाओ। तुम सभी से एक-सा व्यवहार करो।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ

Punjab State Board PSEB 8th Class Punjabi Book Solutions Punjabi Grammar Vacana ਵਚਨ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB 8th Class Punjabi Grammar ਵਚਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
‘ਵਚਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਆਖਦੇ ਹਨ ? ਇਹ ਕਿੰਨੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ? ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਸਹਿਤ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਵਚਨ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਵਚਨ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ? ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਦੇ ਕੇ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ :
ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ :
ਇਕ ਜਾਂ ਬਹੁਤੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ, ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਜਾਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੇ ਭੇਦ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਸ਼ਬਦ ਦਾ ਰੂਪ ਉਸ ਦਾ ਵਚਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਵਚਨ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ।
(ੳ) ਇਕ-ਵਚਨ :
ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਜਿਹੜਾ ਰੂਪ ਕਿਸੇ ਚੀਜ਼, ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਜਾਂ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਵੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਇਕ-ਵਚਨ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਇਸ ਦੇ ਦੋ ਰੂਪ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਸਾਧਾਰਨ ਤੇ ਸੰਬੰਧਕੀ । ਇਸ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਰੂਪ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹਨ
(ਉ) ਤੇਰਾ ਮੁੰਡਾ ਕਿੱਥੇ ਹੈ ? (“ਮੁੰਡਾ” ਇਕ-ਵਚਨ ਸਾਧਾਰਨ ਰੂਪ)
(ਅ ਤੇਰੇ ਮੁੰਡੇ ਨੇ ਸਾਰਾ ਕੰਮ ਵਿਗਾੜ ਦਿੱਤਾ । (‘ਮੁੰਡੇ’ ਇਕ-ਵਚਨ ਸੰਬੰਧਕੀ ਰੂਪ”)
(ਆ) ਬਹੁ-ਵਚਨ-ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਜਿਹੜਾ ਰੂਪ ਇਕ ਤੋਂ ਬਹੁਤੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ, ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਜਾਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਵੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਇਸ ਦੇ ਵੀ ਦੋ ਰੂਪ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਸਾਧਾਰਨ ਤੇ ਸੰਬੰਧਕੀ । ਇਹ ਦੋਵੇਂ ਰੂਪ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹਨ
(ੳ) ਉਸ ਦੇ ਦੋ ਮੁੰਡੇ ਹਨ (“ਮੁੰਡੇ’ ਬਹੁ-ਵਚਨ, ਸਾਧਾਰਨ ਰੂਪ”)
(ਅ) ਉਸ ਦੇ ਮੁੰਡਿਆਂ ਨੇ ਸਾਰਾ ਕੰਮ ਵਿਗਾੜ ਦਿੱਤਾ । (“ਮੁੰਡਿਆਂ” ਬਹੁ-ਵਚਨ, ਸੰਬੰਧਕੀ ਰੂਪ”)
ਉਪਰੋਕਤ ਵਾਕਾਂ ਤੋਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਦੇ ਦੋਦੋ ਰੂਪ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਦੋਹਾਂ ਦਾ ਇਕ ਸਾਧਾਰਨ ਰੂਪ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਦੂਜਾ ਸੰਬੰਧਕੀ । ਜਦੋਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਕ ਦਾ, ਦੇ, ਦੀਆਂ, ਨੇ, ਨੂੰ, ਲਈ, ਖ਼ਾਤਰ, ਤੋਂ ਆਦਿ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਹ ਸੰਬੰਧਕੀ ਰੂਪ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
(ਨੋਟ-ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਦੇ ਇਹੋ ਤਰੀਕੇ ਹੀ ਸਿੱਖਣੇ ਤੇ ਸਿਖਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਤੇ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਦੇ ਦੋ-ਦੋ ਰੂਪ ਹੀ ਲਿਖਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ !)

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ

ਹੇਠਾਂ ਦੇਖੋ ਵਚਨ ਬਦਲੀ ਦੇ ਕੁੱਝ ਨਿਯਮ

1. ਜੇਕਰ ਪੁਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਕੰਨਾ (1) ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਉਸ ਸ਼ਬਦ ਦੇ ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਰੂਪ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-1
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-2

ਉੱਪਰਲੇ ਨੇਮ ਦਾ ਉਲੰਘਣ-ਕਈ ਕੰਨਾ ਅੰਤ ਵਾਲੇ ਪੁਲਿੰਗ ਨਾਂਵ ਅਜਿਹੇ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਇਕ-ਵਚਨ ਅਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਰੂਪ ਇਕੋ ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ
(ਉ) ਸਤਲੁਜ ਪੰਜਾਬ ਦਾ ਇਕ ਦਰਿਆ ਹੈ । (ਇਕ-ਵਚਨ)
ਪੰਜਾਬ ਵਿਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਦਰਿਆ ਹਨ । (ਬਹੁ-ਵਚਨ)

(ਅ) ਉਸ ਦਾ ਇਕ ਭਰਾ ਹੈ । (ਇਕ-ਵਚਨ)
ਮੇਰੇ ਤਿੰਨ ਭਰਾ ਹਨ । (ਬਹੁ-ਵਚਨ)

2. ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਪੁਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਕੰਨਾ (1) ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ, ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਰੂਪ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਬਣਦੇ ਹਨ-
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-3

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ

3. ਕਈ ਪੁਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਇਕ-ਵਚਨ ਰੂਪ ਹੀ ਨਹੀਂ, ਸਗੋਂ ਉਹ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਰੂਪ ਵਿਚ ਹੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-ਦਾਦਕੇ, ਨਾਨਕੇ, ਮਾਮੇ ।

4. ਜੇਕਰ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਬਿਹਾਰੀ (ੀ ), ਦੁਲੈਂਕੜ (ੂ) ਹੋੜਾ (ੋ) ਜਾਂ ਕਨੌੜਾ (ੌ) ਲੱਗਾ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਇਕ-ਵਚਨ ਤੇ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਰੂਪ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਵਿਚ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਸ਼ਬਦ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ‘ਆਂ’ ਦਾ ਵਾਧਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ :
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-4
5. ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਮੁਕਤਾ ਹੋਵੇ, ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਬਹੁ-ਵਚਨ ਕੰਨਾ ਤੇ ਬਿੰਦੀ ( ) ਵਧਾਉਣ ਨਾਲ ਬਣਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-5
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-6

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ

6. ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਨਾਂਵਾਂ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਕੰਨਾ ਬਿੰਦੀ ਹੋਵੇ, ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਬਹੁ-ਵਚਨ ‘ਬੰਦੀ ਹਟਾ ਕੇ ‘ਤੇ “ਵਾਂ’ ‘ਜਾਂ’ ‘ਈਆਂ ਵਧਾਇਆਂ ਬਣਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-7

7. ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਨਾਂਵਾਂ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ‘ਕੰਨਾ ਹੋਵੇ, ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਬਹੁ-ਵਚਨ ‘ਵਾਂ ਵਧਾ ਕੇ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ
PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ-8

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚਲੇ ਨਾਂਵ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਵਚਨ ਬਦਲ ਕੇ ਵਾਕ ਨੂੰ ਦੁਬਾਰਾ ਲਿਖੋ
(ਉ) ਲੜਕਾ ਗੀਤ ਗਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਪੰਛੀ ਅਕਾਸ਼ ਵਿਚ ਉਡਾਰੀ ਮਾਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(ੲ) ਚਿੜੀ ਚੀਂ-ਚੀਂ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
(ਸ) ਪੁਸਤਕ ਅਲਮਾਰੀ ਵਿਚ ਪਈ ਹੈ ।
(ਹ) ਕੁੜੀ ਰੌਲਾ ਪਾ ਰਹੀ ਹੈ ।
(ਕ) ਸ਼ੇਰਨੀ ਜੰਗਲ ਵਿਚ ਫਿਰਦੀ ਹੈ ।
(ਖ) ਅੰਬ ਮਿੱਠਾ ਤੇ ਸੁਆਦੀ ਹੈ ।
(ਗ) ਕਿਸਾਨ ਹਲ ਚਲਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(ਘ) ਮੇਰੇ ਮਿੱਤਰ ਕੋਲ ਬੱਕਰੀ ਹੈ ।
(ਛ) ਕੁੜੀ ਟੈਲੀਫੋਨ ‘ਤੇ ਗੱਲ ਕਰ ਰਹੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਲੜਕੇ ਗੀਤ ਗਾ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ਅ) ਪੰਛੀ ਅਕਾਸ਼ਾਂ ਵਿਚ ਉਡਾਰੀਆਂ ਮਾਰ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ੲ) ਚਿੜੀਆਂ ਚੀਂ-ਚੀਂ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(ਸ) ਪੁਸਤਕਾਂ ਅਲਮਾਰੀਆਂ ਵਿਚ ਪਈਆਂ ਹਨ ।
(ਹ) ਕੁੜੀਆਂ ਰੌਲਾ ਪਾ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
(ਕ) ਸ਼ੇਰਨੀਆਂ ਜੰਗਲਾਂ ਵਿਚ ਫਿਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(ਖ) ਅੰਬ ਮਿੱਠੇ ਤੇ ਸੁਆਦੀ ਹਨ ।
(ਗ) ਕਿਸਾਨ ਹਲ ਚਲਾ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ਘ) ਸਾਡੇ ਮਿੱਤਰਾਂ ਕੋਲ ਬੱਕਰੀਆਂ ਹਨ ।
(ਛ) ਕੁੜੀਆਂ ਟੈਲੀਫੋਨਾਂ ‘ਤੇ ਗੱਲਾਂ ਕਰ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਵਚਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਵਚਨ ਬਦਲ ਕੇ ਲਿਖੋ
(ਉ) ਨਿੱਕਾ ਮੁੰਡਾ ਪਲੇਟ ਵਿਚੋਂ ਚਮਚੇ ਨਾਲ ਆਈਸਕਰੀਮ ਖਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਲਾਲ ਘੋੜਾ ਅਤੇ ਚਿੱਟਾ ਕੁੱਤਾ ਦੌੜ ਲਾ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ਇ) ਠੰਢੀ ਹਵਾ ਚਲ ਰਹੀ ਹੈ ।
(ਸ) ਮੈਂ ਤੇਰੀ ਮੱਦਦ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦਾ ।
(ਹ) ਬੱਚਾ ਗੇਂਦ ਨਾਲ ਖੇਡ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਨਿੱਕੇ ਮੁੰਡੇ ਪਲੇਟਾਂ ਵਿਚੋਂ ਚਮਚਿਆਂ ਨਾਲ ਆਈਸਕਰੀਮਾਂ ਖਾ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ਅ) ਲਾਲ ਘੋੜੇ ਅਤੇ ਚਿੱਟੇ ਕੁੱਤੇ ਦੌੜਾਂ ਲਾ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ੲ) ਠੰਢੀਆਂ ਹਵਾਵਾਂ ਚਲ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
(ਸ) ਅਸੀਂ ਤੁਹਾਡੀਆਂ ਮੱਦਦਾਂ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ।
(ਹ) ਬੱਚੇ ਗੇਂਦਾਂ ਨਾਲ ਖੇਡ ਰਹੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਵਚਨ ਬਦਲ ਕੇ ਦੁਬਾਰਾ ਲਿਖੋ
(ਉ) ਮੈਂ ਉਸ ਦੀ ਕਿਤਾਬ ਲੈ ਕੇ ਪੜੀ ।
(ਅ) ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਮੈਨੂੰ ਧੋਖਾ ਦਿੱਤਾ ।
(ੲ) ਮੱਝਾਂ, ਗਾਈਆਂ ਤੇ ਬੱਕਰੀਆਂ ਖੇਤਾਂ ਵਿਚ ਘਾਹ ਚੁਗ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
(ਸ) ਉਸ ਦੇ ਦੋ ਮੁੰਡੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਅਸੀਂ ਉਹਨਾਂ ਦੀਆਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਲੈ ਕੇ ਪੜ੍ਹੀਆਂ ।
(ਅ) ਉਸ ਨੇ ਸਾਨੂੰ ਧੋਖੇ ਦਿੱਤੇ ।
(ੲ) ਮੱਝ, ਗਾਂ ਤੇ ਬੱਕਰੀ ਖੇਤ ਵਿਚ ਘਾਹ ਚੁਗ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
(ਸ) ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਇਕ ਮੁੰਡਾ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

Punjab State Board PSEB 8th Class Punjabi Book Solutions Punjabi Grammar Ling ਲਿੰਗ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB 8th Class Punjabi Grammar ਲਿੰਗ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਲਿੰਗ ਕੀ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿੰਨੀ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਸ਼ਬਦ ਦੇ ਲਿੰਗ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿੰਨੀ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ :
ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ :
ਸ਼ਬਦ ਦਾ ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਤੇ ਇਸਤਰੀਵਾਚਕ ਭਾਵ ਉਸ ਦਾ ਲਿੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਜਾਨਦਾਰ ਚੀਜ਼ਾਂ ਵਿਚ ਨਰ-ਮਦੀਨ, ਨਿਰਜੀਵ ਜਾਂ ਸਬੂਲ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦੇ ਵੱਡੇ-ਛੋਟੇ ਆਕਾਰ ਜਾਂ ਸ਼ਕਲ ਨੂੰ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਆਪ-ਮੁਹਾਰੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਵੀ ਵਿਚਰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਵਾਕ ਦੇ ਹੋਰਨਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਲਿੰਗ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-ਪੁਲਿੰਗ ਅਤੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ।
(ਉ) ਪੁਲਿੰਗ :
ਪੁਰਖਵਾਚਕ ਭਾਵ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਸ਼ਬਦ ਪੁਲਿੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਜਾਨਦਾਰ ਚੀਜ਼ਾਂ ਵਿਚ ਨਰ ਭਾਵ ਨੂੰ ਅਤੇ ਨਿਰਜੀਵ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦੇ ਵੱਡੇ ਆਕਾਰ ਜਾਂ ਸ਼ਕਲ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਆਪ-ਮੁਹਾਰੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਵੀ ਵਿਚਰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਵਾਕ ਦੇ ਹੋਰਨਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-ਮੁੰਡਾ, ਬਲਦ, ਪਹਾੜ ਆਦਿ ।

(ਅ) ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ :
ਇਸਤਰੀਵਾਚਕ ਭਾਵ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਸ਼ਬਦ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਜਾਨਦਾਰ ਚੀਜ਼ਾਂ ਵਿਚ ਮਦੀਨ ਭਾਵ ਨੂੰ ਅਤੇ ਨਿਰਜੀਵ ਤੇ ਸਥਲ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦੇ ਛੋਟੇ ਆਕਾਰ ਜਾਂ ਸ਼ਕਲ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਆਪ-ਮੁਹਾਰੇ ਵਿਚ ਵੀ ਵਿਚਰਦਾ ਹੈ ਤੇ ਵਾਕ ਦੇ ਹੋਰਨਾਂ ਸ਼ਬਦਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-ਕੁੜੀ, ਗਾਂ, ਪਹਾੜੀ ਆਦਿ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪੁਲਿੰਗ ਨਾਂਵਾਂ ਤੋਂ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਨੇਮ ਦੱਸੋ । ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਵੀ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ :
ਲਿੰਗ ਬਦਲੀ ਦੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਨਿਯਮ ਹਨ । ਹੇਠਾਂ ਇਹਨਾਂ ਨਿਯਮਾਂ ਨੂੰ ਉਦਾਹਰਨਾਂ ਸਹਿਤ ਪੇਸ਼ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ
1. ਜੇਕਰ ਪੁਲਿੰਗ ਨਾਂਵ ਦੇ ਅਖੀਰ ਵਿਚ ਮੁਕਤਾ ਅੱਖਰ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਅੱਗੇ ਬਿਹਾਰੀ (ੀ), ‘ਨੀ’, ‘ਣੀ, ਕੰਨਾ, “ਕੰਨਾ +ਣੀ’, ‘ਕੀ ਜਾਂ ‘ੜੀ’ ਨੂੰ ਵਧਾ ਕੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-

(ਉ) ਬਿਹਾਰੀ ਵਧਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਕਬੂਤਰ – ਕਬੂਤਰੀ
ਦੇਵਤਾ – ਦੇਵੀ
ਬਾਂਦਰ – ਬਾਂਦਰੀ
ਹਰਨ – ਹਰਨੀ
ਦਾਸ – ਦਾਸੀ
ਪੁੱਤਰ – ਪੁੱਤਰੀ
ਟੋਪ – ਟੋਪੀ
ਗਿੱਦੜੇ – ਗਿੱਦੜੀ
ਮੁੱਛ – ਮੱਛੀ
ਬ੍ਰਾਹਮਣ – ਬਾਹਮਣੀ
ਪਹਾੜ – ਪਹਾੜੀ
ਘੁਮਿਆਰ – ਘੁਮਿਆਰੀ
ਮਿਆਰ – ਮਿਆਰੀ
ਕੁੱਕੜ – ਕੁੱਕੜੀ
ਗੁੱਜਰ – ਗੁੱਜਰੀ
ਲੂੰਬੜ – ਲੂੰਬੜੀ
ਗਲਾਸ – ਗਲਾਸੀ
ਹਿਰਨ – ਹਿਰਨੀ
ਬੱਦਲ – ਬੱਦਲੀ
ਜੱਟ – ਜੱਟੀ
ਗੁਜਰ – ਗੁਜਰੀ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

(ਅ) ਨੂੰ ਵਧਾ ਕੇ

ਫ਼ਕੀਰ – ਫ਼ਕੀਰਨੀ
ਜਥੇਦਾਰ – ਜਥੇਦਾਰ
ਸੂਬੇਦਾਰ – ਸੂਬੇਦਾਰਨੀ
ਠੇਕੇਦਾਰ – ਠੇਕੇਦਾਰਨੀ
ਜਮਾਂਦਾਰ – ਜਮਾਂਦਾਰਨੀ
ਨੰਬਰਦਾਰ – ਨੰਬਰਦਾਰਨੀ
ਬਾਜ਼ੀਗਰ – ਬਾਜ਼ੀਗਰਨੀ
ਸ਼ੇਰ – ਸ਼ੇਰਨੀ
ਮੋਰ – ਮੋਰਨੀ
ਸਰਦਾਰ – ਸਰਦਾਰਨੀ
ਸ਼ਾਹੂਕਾਰ – ਸ਼ਾਹੂਕਾਰਨੀ
ਜਾਦੂਗਰ – ਜਾਦੂਗਰਨੀ
ਸੇਵਾਦਾਰ – ਸੇਵਾਦਾਰਨੀ
ਪੁੱਤਰ – ਪੁੱਤਰੀ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

(ੲ) ‘ਈਂ ਵਧਾ ਕੇ

ਊਠ – ਊਠਣੀ
ਉਸਤਾਦ – ਉਸਤਾਦਣੀ
‘ਮਹੰਤ – ਮਹੰਤਣੀ
ਸੱਪ – ਸੱਪਣੀ
ਸਿੱਖ’ – ਸਿੱਖਣੀ
ਭਗਤ – ਭਗਤਣੀ
ਸ਼ਾਹ – ਸ਼ਾਹਣੀ
ਸਰਾਫ਼ – ਸਰਾਫ਼ਣੀ
ਸੁੰਮ – ਮੂੰਮਣੀ
ਸਾਧ – ਸਾਧਣੀ
ਭੰਡ – ਭੰਡਣੀ
ਭਾਲ – ਭੀਲਣੀ
ਰਾਗ – ਰਾਗਣੀ
ਰਿੱਛ – ਗਿੱਛਣੀ
ਕੁੜਮ – ਕੁੜਮਣੀ
ਸੰਤ – ਸੰਤਣੀ
ਨਾਗ – ਨਾਗਣੀ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

(ਸ) ਕੰਨਾ ‘ ਵਧਾ ਕੇ

ਨਾਇਕ – ਨਾਇਕਾ
ਸੇਵਕ – ਸੇਵਕਾ
ਲੇਖਕ – ਲੇਖਕਾ
ਪ੍ਰਬੰਧਕ – ਪ੍ਰਬੰਧਕਾ
ਪ੍ਰਚਾਰਕ – ਪ੍ਰਚਾਰਕਾ
ਪ੍ਰੀਤਮ – ਪੀਤਮਾ
ਅਧਿਆਪਕ – ਅਧਿਆਪਕਾ
ਪਾਠਕ – ਪਾਠਕਾ
ਉਪਦੇਸ਼ਕ – ਉਪਦੇਸ਼ਕਾ

(ਹ) ‘ਕੰਨਾ + ਈਂ ਵਧਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਪੰਡਤ – ਪੰਡਤਾਣੀ
ਸੇਠ – ਸੇਠਾਣੀ
ਨੌਕਰ – ਨੌਕਰਾਣੀ
ਦਿਓਰ – ਦਿਓਰਾਣੀ
ਜੇਠ – ਜੇਠਾਣੀ
ਪ੍ਰੋਹਤ – ਪ੍ਰੋਹਤਾਣੀ
ਮਾਸਟਰ – ਮਾਸਟਰਾਣੀ
ਪ੍ਰੋਫ਼ੈਸਰ – ਪ੍ਰੋਫ਼ੈਸਰਾਣੀ
ਮੁਗਲ – ਮੁਗ਼ਲਾਣੀ

(ਕ) ‘ਸੀਂ ਜਾਂ ‘ੜੀ ਵਧਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਢੋਲ – ਢੋਲਕੀ
ਚੰਮ – ਚੰਮੜੀ
ਖੰਭ – ਡੋਲ
ਡੋਲਕੀ –
ਬਾਲ – ਬਾਲੜੀ
ਸੂਤ – ਸੂਤੜੀ
ਸੰਦੂਕੜੀ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

2. ਜੇਕਰ ਪੁਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਅਖ਼ੀਰ ਵਿਚ ਕੰਨਾ (ਾ) ਲੱਗਾ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ‘ਕੰਨੇ ਦੀ ਜਗਾ ਬਿਹਾਰੀ (ੀ), ਜਾਂ “ਨ’ ਲਾ ਕੇ ਜਾਂ ਕੰਨਾ ਹਟਾ ਕੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ

(ਉ) ਕੰਨੇ ਦੀ ਥਾਂ ‘ਬਿਹਾਰੀ (ੀ)’ ਲਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਦਾਦਾ – ਦਾਦੀ
ਖੋਤਾ – ਖੋਤੀ
ਪਠੋਰਾ – ਪਠੋਰੀ
ਆਰਾ – ਆਰੀ
ਮਹਿਰਾ – ਮਹਿਰੀ
ਕੁੜਤਾ – ਕੁੜਤੀ
ਵੱਢਾ – ਵੱਛੀ
ਬਾਟਾ – ਬਾਟੀ
ਕਿਰਲਾ – ਕਿਰਲੀ
ਕੁੱਤਾ – ਕੁੱਤੀ
ਮਾਮਾ – ਮਾਮੀ
ਝੋਟਾ – ਝੋਟੀ
ਬੋਤਾ – ਬੋਤੀ
ਚਾਚਾ – ਚਾਚੀ
ਰਾਖਾ – ਰਾਖੀ
ਘੋੜਾ – ਘੋੜੀ
ਭੁੱਖਾ – ਭੁੱਖੀ
ਚਰਖਾ – ਚਰਖੀ
ਬੱਚਾ – ਬੱਚੀ
ਨਾਨਾ – ਨਾਨੀ
ਭਤੀਜਾ – ਭਤੀਜੀ
ਭਾਣਜਾ – ਭਾਣਜੀ/ਭਣੇਵੀਂ
ਤਾਇਆ – ਤਾਈ
ਮੁਰਗਾ – ਮੁਰਗੀ
ਬਿੱਲ – ਬਿੱਲੀ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

(ਅ) ਕੰਨੇ ਦੀ ਥਾਂ ‘ਨ ਲਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ ਇ: ਲਿੰਗ
ਸ਼ਿਕਾਰੀ – ਸ਼ਿਕਾਰਨ
ਸ਼ਹਿਰੀ – ਸ਼ਹਿਰਨ
ਮਛੇਰਾ – ਮਛੇਰਨ
ਲੁਟੇਰਾ – ਲੁਟੇਰਨ
ਵਣਜਾਰਾ – ਵਣਜਾਰਨ
ਭਠਿਆਰਾ – ਭਠਿਆਰਨ
ਸਪੇਰਾ – ਸਪੇਨ
ਕਸੇਰਾ – ਕਸੇਰਨ
ਹਤਿਆਰਾ – ਹਤਿਆਰਨ
ਹਾਣੀ – ਹਾਣਨ
ਖਿਡਾਰੀ – ਖਿਡਾਰਨ
ਲਿਖਾਰੀ – ਲਿਖਾਰਨ

(ੲ) ‘ਕੰਨਾ (ਾ)’ ਹਟਾ ਕੇ
ਗੱਡਾ – ਗੱਡ
‘ਸੰਢਾ – ਸੰਢ
ਠੰਡਾ – ਰੰਡ

3. ਜੇਕਰ ਪੁਲਿੰਗ ਨਾਂਵ ਦੇ ਅਖ਼ੀਰ ਵਿਚ ਬਿਹਾਰੀ + ਆ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਇਹਨਾਂ ਦੋਹਾਂ ਨੂੰ ਹਟਾ ਕੇ “ਨ ਜਾਂ ‘ਣ ਲਾ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ , ਜਿਵੇਂ-

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਪੋਠੋਹਾਰੀਆ – ਪੋਠੋਹਾਰਨ
ਪੂਰਬੀਆ – ਪੂਰਬਣ
ਹਟਵਾਣੀਆ – ਹਟਵਾਣਨ
ਦੁਆਬੀਆ – ਦੁਆਬਣ
ਪਹਾੜੀਆ – ਪਹਾੜਨੇ
ਪਸ਼ੌਰੀਆ – ਪਸ਼ੌਰਨ
ਕਸ਼ਮੀਰੀਆ – ਕਸ਼ਮੀਰ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

4. ਜੇਕਰ ਪੁਲਿੰਗ ਨਾਂਵ ਦੇ ਅੰਤ ਵਿਚ ਬਿਹਾਰੀ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਬਿਹਾਰੀ ਹਟਾ ਕੇ ‘ਣ’, ‘ਇਣ’ ਜਾਂ “ਆਣੀ ਲਾ ਕੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ

(ਉ) ਬਿਹਾਰੀ ਦੀ ਥਾਂ ‘ਣ ਲਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਮਾਲ – ਮਾਲਣ
ਧੋਬੀ – ਧੋਬਣ
ਗੁਆਂਢੀ – ਗੁਆਂਢਣ
ਪੰਜਾਬੀ – ਪੰਜਾਬਣ
ਸਾਥੀ – ਸਾਥਣ
ਤੇਲੀ – ਤੇਲਣ
ਮੋਚੀ – ਮੋਚਣ
ਗਿਆਨੀ – ਗਿਆਨਣ
ਧੋਬੀ – ਧੋਬਣ

(ਅ) ਬਿਹਾਰੀ ‘ਈਂ ਦੀ ਥਾਂ “ਇਣ ਲਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਨਾਈ – ਨਾਇਣ
ਅਰਾਈਂ – ਅਰਾਇਣ
ਈਸਾਈ – ਈਸਾਇਣ
ਕਸਾਈ – ਕਸਾਇਣ
ਸੁਦਾਈ – ਸੁਦਾਇਣ
ਹਲਵਾਈ – ਹਲਵਾਇਣ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

(ੲ) ਬਿਹਾਰੀ ਦੀ ਥਾਂ ਆਣੀ ਲਾ ਕੇ

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਖੱਤਰੀ – ਖੱਤਰਾਣੀ
ਚੌਧਰੀ – ਚੌਧਰਾਣੀ
ਸਾਂਸੀ – ਸਾਂਸੀਆਣੀ
ਪਾਦਰੀ – ਪਾਦਰਆਣੀ
ਭਾਈ – ਭਾਈਆਣੀ
ਮਾਂਦਰੀ – ਮਾਂਦਰਆਣੀ

5. ਜੇਕਰ ਪੁਲਿੰਗ ਨਾਂਵ ਦੇ ਅਖੀਰ ਵਿਚ ‘ਦੁਲੈਂਕੜ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ‘ਣੀ, ਜਾਂ ‘ਆਣੀ ਦਾ ਵਾਧਾ ਕਰ ਕੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ; ਜਿਵੇਂ-

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਪੇਂਡੂ – ਪੇਂਡੂਆਣੀ
ਹਿੰਦੂ – ਹਿੰਦੂਆਣੀ
ਸਾਊ – ਸਾਊਆਣੀ

6. ਕਈ ਵਾਰੀ ਬਿਨਾਂ ਕਿਸੇ ਨੇਮ ਤੋਂ ਵੀ ਲਿੰਗ ਬਦਲੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ | ਅਜਿਹੀ ਹਾਲਤ ਵਿਚ ਪੁਲਿੰਗ ਅਤੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦ ਇਕ ਦੂਜੇ ਤੋਂ ਬਿਲਕੁਲ ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-

ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਪੁੱਤਰ – ਧੀ
ਰਾਜਾ – ਰਾਣੀ
ਨਵਾਬ – ਬੇਗ਼ਮ
ਵਰ -ਕੰਨਿਆ
ਭੂਤ – ਚੁੜੇਲ
ਖ਼ਸਮ – ਮੱਝ
ਗੱਭਰੂ – ਮੁਟਿਆਰ
ਪਿਓ – ਮਾਂ
ਲਾੜਾ – ਵਹੁਟੀ
ਨਰ – ਮਾਦਾ
ਪਿਤਾ – ਮਾਤਾ
ਦਵਿਆਹੁਰਾ – ਦਢੇਸ
ਮਿੱਤਰ – ਸਹੇਲੀ
ਪੁਰਖ – ਇਸਤਰੀ
ਦਿਓ – ਪਰੀ
ਫੁੱਫਿਆਹੁਰਾ – ਫੁਫੇਸ
ਮਰਦ – ਤੀਵੀਂ
ਮਾਨ – ਸ੍ਰੀਮਤੀ
ਭਰਾ – ਭੈਣ
ਸਹੁਰਾ – ਸੱਸ
ਮੁੰਡਾ – ਕੁੜੀ
ਸਾਹਿਬ – ਮੇਮ

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

7. ਕਈ ਪੁਲਿੰਗਾਂ ਦੇ ਦੋ-ਦੋ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਕਈ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗਾਂ ਦੇ ਦੋ-ਦੋ ਪੁਲਿੰਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-
ਪੁਲਿੰਗ – ਇ: ਲਿੰਗ
ਭਰਾ – ਭੈਣ, ਭਰਜਾਈ
ਸਾਲਾ – ਸਾਲੀ, ਸਾਲੇਹਾਰ
ਪੁੱਤ – ਧੀ, ਨੂੰਹ
ਸਾਲਾ, ਸਾਂਢੂ – ਸਾਲੀ
ਜਵਾਈ, ਪੁੱਤਰ – ਧੀ
ਭਰਾ, ਭਣਵੱਈਆ – ਭੈਣ

8. ਕਈ ਪੁਲਿੰਗ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਤੋਂ ਬਣਦੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ-
ਇ: ਲਿੰਗ – ਪੁਲਿੰਗ
ਭੈਣ – ਭਟੱਵਈਆ
ਭੂਆ, ਫੁੱਫੀ – ਫੁੱਫੜ
ਮਾਸੀ – ਮਾਸੜ
ਨਿਨਾਣ – ਨਿਨਾਣਵਈਆ
ਨਣਦ – ਨਣਦੋਈਆ
ਰੇਤ – ਰੇਤਾ

9. ਕਈ ਵਾਰ ਪੁਲਿੰਗ ਸ਼ਬਦ ਦੁਆਰਾ ਕਿਸੇ ਚੀਜ਼ ਦੇ ਵੱਡੇ ਅਕਾਰ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਇਸਤਰੀ ਲਿੰਗ ਦੁਆਰਾ ਛੋਟੇ ਅਕਾਰ ਨੂੰ ਜਿਵੇਂ-

ਇ: ਲਿੰਗ ਪੁਲਿੰਗ
ਮੱਖੀ – ਮੁੱਖ
ਤੱਕੜੀ – ਤੱਕੜ
ਪਗੜੀ – ਪੱਗੜ
ਛਤਰੀ – ਛਤਰ
ਟੋਕਰੀ – ਟੋਕਰਾ
ਆਰੀ – ਆਰਾ
ਬਾਟਾ – ਬਾਟੀ
ਰੰਬਾ – ਰੰਬੀ
ਪੱਖਾ – ਪੱਖੀ
ਸੰਦੂਕ – ਸੰਦੂਕੜੀ
ਘੜਾ – ਘੜੀ
ਡੱਬਾ – ਡੱਬੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਵਿਚੋਂ ਮੋਟੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਲਿੰਗ ਬਦਲ ਕੇ ਦੁਬਾਰਾ ਲਿਖੋ
(ੳ) ਉਹ ਇਕ ਕਮਜ਼ੋਰ ਆਦਮੀ ਹੈ ।
(ਅ) ਵੀਰ ਜੀ ਘਰ ਪਹੁੰਚ ਗਏ ਹਨ ।
(ੲ) ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਪੜ੍ਹ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(ਸ) ਹਾਥੀ ਨਦੀ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਪੀ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ :
(ੳ) ਉਹ ਇਕ ਕਮਜ਼ੋਰ ਤੀਵੀਂ ਹੈ ।
(ਅ) ਭੈਣ ਜੀ ਘਰ ਪਹੁੰਚ ਗਏ ਹਨ ।
(ੲ) ਵਿਦਿਆਰਥਣ ਪੜ੍ਹ ਰਹੀ ਹੈ ।
(ਸ) ਹਥਨੀ ਨਦੀ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਪੀ ਰਹੀ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Punjabi Vyakaran ਲਿੰਗ

ਪਸ਼ਨ 4.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦੇ ਲਿੰਗ ਬਦਲੋ
(ਉ) ਸੱਪ, ਬੱਕਰਾ, ਹਾਥੀ, ਚਾਚਾ, ਵੱਛਾ, ਨਾਨੀ ।
(ਅ) ਮਾਮੀ, ਧੋਬਣ, ਸੋਹਣੀ, ਤੇਲਣਾ |
(ੲ) ਪੁੱਤਰੀ, ਮੋਰਨੀ, ਨੌਕਰਾਣੀ, ਪੰਜਾਬੀ, ਰਾਗ ।
(ਸ) ਸੰਤ, ਲਾੜਾ, ਮੁਗ਼ਲ, ਸੰਦੂਕ, ਖੋਤਾ, ਭੂਤ |
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਸੱਪਣੀ, ਬੱਕਰੀ, ਹਾਥਣ, ਚਾਚੀ, ਵੱਛੀ, ਨਾਨਾ ।
(ਅ) ਮਾਮਾ, ਧੋਬੀ, ਸੋਹਣਾ, ਤੇਲੀ ।
(ੲ) ਪੁੱਤਰ, ਮੋਰ, ਨੌਕਰ, ਪੰਜਾਬਣ, ਰਾਗਣੀ ।
(ਸ) ਸੰਤਣੀ, ਲਾੜੀ, ਮੁਗਲਾਣੀ, ਸੰਦੂਕੜੀ, ਖੋਤੀ, ਭੁਤਨੀ ॥

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਾਕਾਂ ਨੂੰ ਲਿੰਗ ਬਦਲ ਕੇ ਦੁਬਾਰਾ ਲਿਖੋ
(ਉ) ਵਕੀਲ, ਡਾਕਟਰ ਤੇ ਮਾਸਟਰ ਸਲਾਹਾਂ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ ।
(ਅ) ਪਿੰਡਾਂ ਵਿਚ ਜੱਟ, ਝੀਉਰ, ਬਾਹਮਣ, ਨਾਈ, ਸਿੱਖ ਤੇ ਹਿੰਦੂ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(ੲ) ਬਾਗ਼ ਵਿਚ ਮੋਰ, ਚਿੜੀਆਂ, ਕਬੂਤਰ ਤੇ ਸੱਪ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
(ਸ) ਮੇਰਾ ਦਿਓਰ, ਜੇਠ, ਫੁੱਫਿਆਹੁਰਾ, ਦਵਿਆਹੁਰਾ ਤੇ ਮਮਿਅਹੁਰਾ ਮਿਲਣ ਲਈ ਆਏ ।
(ਹ) ਮੇਰੇ ਪਤੀ ਨੇ ਗਵਾਂਢੀ ਦੇ ਸਿਰ ਵਿਚ ਸੋਟਾ ਮਾਰਿਆ ।
ਉੱਤਰ :
(ਉ) ਵਕੀਲਣੀਆਂ, ਡਾਕਟਰਾਣੀਆਂ ਤੇ ਮਾਸਟਰਾਣੀਆਂ ਸਲਾਹਾਂ ਕਰ ਰਹੀਆਂ ਹਨ ।
(ਅ) ਪਿੰਡਾਂ ਵਿਚ ਜੱਟੀਆਂ, ਝੀਉਰੀਆਂ, ਬਾਹਮਣੀਆਂ, ਨਾਇਣਾਂ, ਸਿੱਖਣੀਆਂ ਤੇ ਹਿੰਦੁਆਣੀਆਂ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(ੲ) ਬਾਗ਼ ਵਿਚ ਮੋਰਨੀਆਂ, ਚਿੜੇ, ਕਬੂਤਰੀਆਂ ਤੇ ਸੱਪਣੀਆਂ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(ਸ) ਮੇਰੀ ਦਰਾਣੀ, ਜਿਠਾਣੀ, ਫੁੱਫੀ, ਦੇਸ ਤੇ ਮਐਸ ਮਿਲਣ ਲਈ ਆਈਆਂ ।
(ਹ) ਮੇਰੀ ਪਤਨੀ ਨੇ ਗਵਾਂਢਣ ਦੇ ਸਿਰ ਵਿਚ ਸੋਟੀ ਮਾਰੀ ।