PSEB 8th Class Hindi Vyakaran क्रिया

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Kriya क्रिया Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar क्रिया

प्रश्न 1.
क्रिया की परिभाषा लिखकर कर्म के आधार पर क्रिया के भेद लिखो।
अथवा
क्रिया की परिभाषा सोदाहरण दें।
अथवा
क्रिया किसे कहते हैं ? कर्म के आधार पर क्रिया के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जिस शब्द के द्वारा किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है, उसे क्रिया कहते हैं; जैसे-
(i) भगवान् की पूजा करो।
(ii) कृष्ण राधा को देखता है,
(iii) किसान बैल को हाँकता है,
(iv) पानी बहता है।
इन वाक्यों में पूजा करना, देखना, हाँकना तथा बहना क्रियाएँ हैं कि क्योंकि इनसे कार्य करने या होने का बोध होता है।

कर्म के अनुसार क्रिया के दो भेद हैं-
1. अकर्मक :
जिस क्रिया के व्यापार का फल कर्ता पर ही पड़े (कर्म न हो) अकर्मक क्रिया कहलाती है। जैसे-कृष्ण रोता है। मोहन भागता है।

2. सकर्मक :
जिस क्रिया के व्यापार का फल कर्ता को छोड़ कर कर्म पर ही पड़े, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं; जैसे-श्याम पुस्तक पढ़ता है। मोहन पेंसिल देता है।

सकर्मक क्रिया के भेद :
(i) एककर्मक क्रिया-जिन क्रियाओं का एक कर्म होता है, वे एककर्मक क्रियाएँ कहलाती हैं; जैसे-शोभा फूल तोड़ती है। सतीश पुस्तक पढ़ता है। ‘फूल’ तथा ‘पुस्तक’ इन वाक्यों में कर्म हैं।
(ii) द्विकर्मक क्रियाएँ-कुछ सकर्मक क्रियाएँ ऐसी होती हैं जिनमें दो कर्म आ जाते है, उन्हें द्विकर्मक क्रियाएँ कहते हैं; जैसे-राम मुझे पुस्तक देता है। ‘मुझे’ तथा ‘पुस्तक’ दोनों ही वाक्य में कर्म हैं। अतः ‘उक्त वाक्य में’ द्विकमर्क क्रिया है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran क्रिया

प्रश्न 2.
रचना की दृष्टि से क्रिया के भेद लिखो।
उत्तर:
रचना की दृष्टि से क्रिया के निम्नलिखित भेद हैं
1. सामान्य क्रिया : जहाँ केवल एक क्रिया का प्रयोग किया जाए वह सामान्य क्रिया कहलाती है; जैसे-अनिल आया। सोहन ने पढ़ा। मैंने खाया।
2. संयुक्त क्रिया : दो या दो से अधिक धातुओं से मिलकर बनने वाली क्रियाएँ संयुक्त क्रियाएँ कहलाती हैं; जैसे-लिखना चाहता है, पढ़ सकता है, जा सकता है।
3. नामधातु क्रिया : संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण से बनने वाली क्रियाओं को नाम धातु क्रिया कहते हैं; जैसे-हथियाना, बतियाना, लतियाना आदि।
4. प्रेरणार्थक क्रिया : जो क्रिया या कर्ता स्वयं क्रिया न करके किसी अन्य को क्रिया करने की प्रेरणा देता है, उस क्रिया को प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं; जैसे-सुनाना, लिखाना, पढ़ाना, कराना।

प्रेरणार्थक क्रियाएँ
मूल धातु
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5. पूर्वकालिक क्रिया : जब कोई क्रिया मुख्य क्रिया से पूर्व ही समाप्त हो जाए तो उसे पूर्वकालिक क्रिया कहते हैं; जैसे-सीता खाना खा कर स्कूल जाएगी। यहाँ पर ‘जाएगी’ मुख्य क्रिया है और ‘खा कर’ पूर्वकालिक क्रिया है।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

1. निम्नलिखित क्रियाओं में से सकर्मक और अकर्मक क्रियाएँ छाँट कर लिखो

प्रश्न 1.
तोड़ना, रोना, मरना, मारना, उबालना, लड़ना, गिरना।
उत्तर:
अकर्मक – तोड़ना, मारना, उबालना।
सकर्मक – रोना, मरना, लड़ना, गिरना।

2. नीचे लिखे वाक्यों में जो क्रियाएँ हैं, उन्हें छाँट कर लिखो

प्रश्न 1.
(क) राम ने पत्र लिखा।
(ख) मोहन अपनी जगह से उठ बैठा।
(ग) रमा पुस्तक पढ़ रही है।
(घ) वह देखो, चन्द्रमा निकल आया।
उत्तर:
(क) लिखा
(ख) उठ बैठा
(ग) पढ़ रही है
(घ) देखो, निकल आया।

3. निम्नलिखित शब्दों के नाम धातु रूप को वाक्यों में प्रयोग करें-

हाथ, बात, दुःख, आप, शर्म।
उत्तर:
1. हाथ = हथियाना – उसने मेरी पुस्तक हथिया ली।
2. बात = बतियाना – शिमला आने से पूर्व मुझे बतिया देना।
3. दुःख = दुखाना – कभी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए।
4. आप = अपनाना – सदा सद्गुणों को अपनाना चाहिए।
5. शर्म = शर्माना – पेट भर कर खाओ, शर्माओ मत।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran क्रिया

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
क्रिया के कितने भेद हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
दो।

प्रश्न 2.
क्रियापद चुन कर लिखें
(क) राम
(ख) ने
(ग) पत्र
(घ) लिखा।
उत्तर:
लिखा।

प्रश्न 3.
श्याम पुस्तक पढ़ता है-में कौन-सी क्रिया है ?
(क) अकर्मक
(ख) सकर्मक
(ग) द्विकर्मक
(घ) प्रेरणार्थक।
उत्तर:
सकर्मक।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran क्रिया

प्रश्न 4.
पूजा सोती है-में कौन-सी क्रिया है ?
(क) अकर्मक
(ख) सकर्मक
(ग) द्विकर्मक
(घ) प्रेरणार्थक।
उत्तर:
अकर्मक।

प्रश्न 5.
पूनम ने आद्या को हलवा दिया-में कौन-सी क्रिया है ?
(क) सकर्मक
(ख) प्रेरणार्थक
(ग) द्विकर्मक
(घ) अकर्मक।
उत्तर:
द्विकर्मक।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Visheshan विशेषण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar विशेषण

प्रश्न 1.
विशेषण किसे कहते हैं ? विशेषण के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करे, विशेषण कहलाता है; जैसे-वीर पुरुष। इसमें वीर शब्द पुरुष की विशेषता प्रकट करता है। इसलिए यह विशेषण है। विशेषण के चार भेद हैं
(1) गुणवाचक
(2) परिमाणवाचक
(3) संख्यावाचक
(4) निर्देशक या सार्वनामिक।
1. गुणवाचक : जो शब्द किसी पदार्थ के गुण, दोष, आकार, रंग, अवस्था, समय आदि का बोध कराए, उसे ‘गुणवाचक विशेषण’ कहते हैं; जैसे-भला मनुष्य, काला घोड़ा, निचला कमरा।

2. परिमाणवाचक :
जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की माप या तोल सम्बन्धी विशेषता को प्रकट करें, उन्हें ‘परिमाणवाचक विशेषण’ कहते हैं; जैसे-दो मीटर कपड़ा, चार किलो मिठाई। इसके दो भेद हैं
(i) निश्चित परिमाणवाचक-जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध हो; जैसे-दो क्विटल, चार लिटर।
(ii) अनिश्चित परिमाणवाचक-जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध न हो; जैसे-कुछ दूध, थोड़ा घी, बहुत मिठाई।

3. संख्यावाचक :
जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की संख्या (गिनती) का ज्ञान कराए, उसे ‘संख्यावाचक विशेषण’ कहते हैं; जैसे-एक पुस्तक, दस लड़के। इसके भी दो भेद निम्नलिखित हैं
(i) निश्चित संख्यावाचक-जो निश्चित संख्या का ज्ञान कराए; जैसे-पाँच लड़कियाँ, दुगुना बोझ।
(ii) अनिश्चित संख्यावाचक-जो निश्चित संख्या का बोध न कराए; जैसे-सभी छात्र, कुछ लोग, कई दिन।

4. निर्देशन या सार्वनामिक :
जो सर्वनाम संज्ञा के साथ उसके संकेत या निर्देश के रूप में आता है, वह विशेषण बन जाता है; जैसे-यह घोड़ा, वह पुस्तक। निर्देशक विशेषण को निर्देशवाचक, संकेतवाचक, सांकेतिक और सार्वनामिक विशेषण भी कहा जाता है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण

प्रश्न 2.
विशेषण और विशेष्य किसे कहते हैं ?
उत्तर:
विशेषण जिस शब्द की विशेषता बताता है उसे विशेष्य कहते हैं। विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने वाले शब्द को कहते हैं।
जैसे-मुर्ख लड़का’ में मुर्ख विशेषण है तथा लड़का विशेष्य।

प्रश्न 3.
सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में क्या अंतर है ? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर-संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द ‘सर्वनाम’ कहलाते हैं परन्तु यदि वाक्य में वे किसी संज्ञा से पहले प्रयुक्त होकर उसकी ओर संकेत करते हैं तो वे सर्वनाम न रह कर विशेषण बन जाते हैं; जैसे-यह चुप बैठा है। वह रोटी खाता है। (यह, वहसर्वनाम)। ये कपड़े मेरे हैं। वह पुस्तक किसकी है ? (ये, यह–सार्वनामिक विशेषण)।

प्रश्न 4.
विशेषणों की तुलना से क्या अभिप्राय है ? तुलना की दृष्टि से विशेषण की कितनी अवस्थाएँ होती हैं ?
उत्तर-संज्ञाओं के गुण-दोषों की न्यूनता-अधिकता का बोध कराए जाने को विशेषण की तुलना कहा जाता है। तुलना के विचार से विशेषण की तीन अवस्थाएँ हैं
(1) मूलावस्था
(2) उत्तरावस्था
(3) उत्तमावस्था।

1. मूलावस्था : इसमें विशेष्य की किसी से तुलना नहीं की जाती; जैसे–मोहन सुन्दर
2. उत्तरावस्था : इसमें दो पदार्थों की तुलना की जाती है और एक की अधिकता या न्यूनता दिखाई जाती है; जैसे-राम श्याम से अधिक चतुर है।
3. उत्तमावस्था : इसमें एक की तुलना दो से अधिक वस्तुओं से की जाती है और इसे सबसे ऊँचा या सबसे नीचा दर्शाया जाता है; जैसे-राम अपनी श्रेणी में सबसे चतुर है।

आवश्यक जानकारी :
विशेषण की पहली अवस्था (मूलावस्था) में विशेषण शब्द के साथ कोई प्रत्यय नहीं लगता जबकि उत्तरावस्था में ‘तर’ और उत्तमावस्था में ‘तम’ प्रत्यय लगते हैं। कुछ उदाहरण-
मूलावस्था – उत्तरावस्था – उत्तमावस्था
योग्य – योग्यतर – योग्यतम
प्रिय – प्रियतर – प्रियतम
अधिक – अधिकतर – अधिकतम
निकट – निकटतर – निकटतम

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण

प्रश्न 5.
परिमाण वाचक विशेषण किसे कहते हैं और ये कितने प्रकार के हैं ?
उत्तर:
परिमाण वाचक विशेषण-जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की मापतोल सम्बन्धी विशेषता को प्रकट करे उन्हें परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं; जैसे-दो मीटर कपड़ा, चार किलो मिठाई। इसके दो भेद हैं
(1) निश्चित परिमाण वाचक।
(2) अनिश्चित परिमाण वाचक।

प्रश्न 6.
सार्वनामिक विशेषण किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर लिखिए।
उत्तर:
सार्वनामिक विशेषण-जो सर्वनाम संज्ञा के साथ उसके संकेत या निर्देश के रूप में आता है, वह विशेषण बन जाता है; जैसे-यह घोड़ा, वह पुस्तक। इनमें ‘यह’ और ‘वह’ सार्वनामिक विशेषण है।

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

1. निम्नलिखित वाक्यों में से सार्वनामिक विशेषण छाँटिए

प्रश्न 1.
(क) वे विद्यार्थी लगातार परिश्रम करते हैं।
(ख) यह भारत का सर्वप्रिय फल है।
(ग) वह बच्चा खेल रहा है।
उत्तर:
(क) वे
(घ) यह
(ग) वह।

2. नीचे लिखे वाक्यों में से विशेषण चुनिए

प्रश्न 1.
(1) काला घोड़ा सबसे आगे निकल गया।
(2) मनोहर के घर सफ़ेद गाय है।
(3) वीर पुरुष किसी से नहीं डरता।
(4) पर्वत से भारी चट्टान नीचे जा गिरी।
(5) हमेशा बुरे लोगों से दूर रहो।
(6) हमें अब पता चला कि हममें क्या कमी है ?
(7) वह विकराल डाकू सामने आ खड़ा हुआ।
(8) उसका भाई बहुत निपुण है।
उत्तर:
(1) काला
(2) सफ़ेद
(3) वीर
(4) भारी
(5) बुरे
(6) कमी
(7) विकराल
(8) निपुण।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण

3. नीचे लिखे सन्दर्भ में से विशेषण छांटो

प्रश्न 1.
सहसा उन्हें किसी की कठोर आवाज़ सुनाई दी-“ठहरो”। वृद्ध ने रुक कर और पीछे मुड़कर देखा तो जंगल की झाड़ियाँ चीरता हुआ वह विकराल डाकू सामने आ खड़ा हुआ। ऊँचा कद, काला शरीर, विकराल चेहरा, लाल आँखें, उठे हुए केश, बड़ी-बड़ी मूंछे और हाथ में तेज़ कटार। निश्चय ही वह मनुष्य नहीं दैत्य दिखाई देता था।
उत्तर:
कठोर, विकराल, ऊँचा, काला, लाल, बड़ी-बड़ी तेज़।

4. नीचे दिए गए कोष्ठक में से उपयुक्त विशेषण शब्द चुनकर रिक्त स्थानों में भरो

प्रश्न 1.
(उत्साही, क्रूर, हज़ारों, धर्म के रक्षक, विरक्त, निर्भीक) ।
मालाधारी………….. व्यक्ति भी तलवार उठा लेता है। खालसा धर्म के प्रवर्तक तथा ………… गुरु गोबिन्द सिंह जी ने बन्दा बैरागी को तत्कालीन………….. मुग़ल सरकार से …………. बेगुनाहों के खून का बदला लेने के लिए आशीर्वाद देकर भेजा। वह बचपन से ही …………. और …………… प्रकृति का था।
उत्तर:
विरक्त, धर्म के रक्षक, क्रूर, हज़ारों, उत्साही, निर्भीक।

5. निम्नलिखित शब्दों में से संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण अलग-अलग करें

प्रश्न 1.
कर्तव्य, हम, अधिकार, वे, वृद्ध, अचल।
उत्तर:
संज्ञा – कर्त्तव्य, अधिकार, वृद्ध।
सर्वनाम – हम, वे।
विशेषण – अचल।

6. नीचे लिखे गद्यांश में से संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण शब्द चुनो

प्रश्न 1.
महापुरुषों के जीवन के आलोक में जब हम अपने आपको पढ़ते हैं तब हमें पता चलता है कि हम में क्या कमी है, हमारी कमजोरियाँ क्या हैं, हमारा जीवन इतना आलोकहीन क्यों है ? हम इस सत्य से परिचित होते हैं कि हमारे अन्दर भी उतनी ही शक्ति छिपी है, जितनी कि महापुरुषों के पास थी।
उत्तर:
संज्ञाएँ-महापुरुषों, शक्ति, जीवन, सत्य। सर्वनाम-हम, अपने। विशेषण-कमी, आलोकहीन।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
विशेषण के कितने भेद हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
चार।

प्रश्न 2.
विशेषण छाँट कर लिखें
(क) काला
(ख) घोड़ा
(ग) भाग
(घ) गया।
उत्तर:
काला।

प्रश्न 3.
‘इतिहास’ शब्द का विशेषण क्या है ?
(क) इतिहासिक
(ख) ऐतिहासिक
(ग) इतिहासता
(घ) ऐतिहासिकता।
उत्तर:
ऐतिहासिक।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विशेषण

प्रश्न 4.
‘साहसी’ का विशेषण नहीं है
(क) साहसिक
(ख) साहस
उत्तर:
साहस।

प्रश्न 5.
चार किलो दूध लाना में रेखांकित विशेषण है
(क) संख्यावाचक
(ख) गुणवाचक
(ग) परिमाणवाचक
(घ) सार्वनाम वाचक।
उत्तर:
परिमाणवाचक।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sarvanam सर्वनाम Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar सर्वनाम

प्रश्न 1.
सर्वनाम किसे कहते हैं ? सर्वनाम के कितने भेद हैं ? भेदों के नाम लिखो।
अथवा
सर्वनाम की परिभाषा लिखो और उसके भेद भी बताओ।
उत्तर:
वाक्य में संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले विकारी शब्दों को सर्वनाम कहते हैं; जैसे-सोहन, मोहन के साथ उनके घर गया। इस वाक्य में ‘उसके’ सर्वनाम मोहन के स्थान पर प्रयुक्त हुआ है। सर्वनाम के छः भेद हैं

1. पुरुष वाचक – जिससे वक्ता (बोलने वाला), श्रोता (सुनने वाला) और जिसके सम्बन्ध में चर्चा हो रही है उसका ज्ञान प्राप्त हो।
जैसे- अन्य पुरुष – वह, वे
मध्यम पुरुष – तू, तुम
उत्तम पुरुष – मैं, हम

2. निश्चय वाचक – इस सर्वनाम से वक्ता के समीप या दूर की वस्तु का निश्चय होता है; जैसे-यह, ये, वह, वे।

3. अनिश्चय वाचक – इस सर्वनाम से किसी पुरुष एवं वस्तु का निश्चित ज्ञान नहीं होता है; जैसे-कोई, कुछ।

4. संबंध वाचक – इस सर्वनाम से दो संज्ञाओं में परस्पर संबंध का ज्ञान होता है; जैसे-जो, सो। जो करेगा, सो भरेगा।

5. प्रश्न वाचक – इस सर्वनाम का प्रयोग प्रश्न पूछने और कुछ जानने के लिए होता है; जैसे-कौन, क्या। आप कौन हैं ? मैं क्या करूंगा ?

6. निज वाचक – जिन वाक्यों में सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता स्वयं अपने लिए करता है, उसे निज वाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे-मैं अपने विद्यालय गया। यह अपनी पुत्री है। मोहन ने अपना पाठ याद किया।
यहाँ पर ‘अपने’, ‘अपनी’ और ‘अपना’ शब्द निज वाचक सर्वनाम के रूप में प्रयोग किए गए हैं। इसलिए ये शब्द निज वाचक सर्वनाम कहलाएंगे।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

प्रश्न 2.
निजवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
निजवाचक सर्वनाम-जिन वाक्यों में सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता स्वयं अपने लिए करता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे-मैं अपने विद्यालय गया। उसने अपना पाठ याद कर लिया है।

प्रश्न 3.
पुरुष वाचक सर्वनाम किसे कहते हैं ? और ये कितने प्रकार के हैं ? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
पुरुष वाचक सर्वनाम-जिन सर्वनाम शब्दों के द्वारा वक्ता, श्रोता और जिसके सम्बन्ध में चर्चा हो रही है, उसका ज्ञान प्राप्त हो, वह पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाता है। यह तीन प्रकार के हैं-
(1) उत्तम पुरुष : जैसे-मैं, तुम।
(2) मध्यम पुरुष : जैसे-तू, तुम।
(3) अन्य पुरुष : जैसे, वह, वे आदि।

बहुविकल्पीय प्रश्न सही शब्द चुन कर उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
सर्वमान के कितने भेद हैं ?
(क) दो
(ख) चार
(ग) छः
(घ) आठ।
उत्तर:
छः।

प्रश्न 2.
‘यह’ कौन सा सर्वनाम है ?
(क) निजवाचक
(ख) निश्चयवाचक
(ग) संबंधवाचक
(घ) प्रश्नवाचक।
उत्तर:
निश्चयवाचक।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

प्रश्न 3.
संबंधवाचक सर्वनाम का वाचक है
(क) जो
(ख) कौन
(ग) कोई
(घ) यह।
उत्तर:
जो।

प्रश्न 4.
सर्वनाम छाँट कर लिखें
(क) हम
(ख) कल
(ग) घूमने
(घ) गए।
उत्तर:
हम।

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न

1. नीचे लिखे वाक्यों में से सर्वनाम चुनिए

(क) मैं खेलने जा रहा था।
(ख) हम कल घूमने गए।
(ग) मैं स्कूल जाता हूँ।
(घ) हरीश ने कहा कि वह आज स्कूल नहीं जाएगा।
(ङ) सोहन मोहन के साथ उसके घर को गया।
(च) पूनम तथा उसकी माता अमृतसर गए हैं।
(छ) माता जी ने पुत्रों से कहा, “तुम यहीं बैठे रहो।”
(ज) मुख्याध्यापक जी ने कहा, “हमें सत्य पर डटे रहना चाहिए।”
(झ) मैं छोटा बच्चा थोड़े ही हूँ।
(ञ) हम कल दिल्ली गए।
उत्तर:
(क) मैं
(ख) हम
(ग) मैं
(घ) वह
(ङ) उसके
(च) उसकी
(छ) तुम
(ज) हमें
(झ) मैं
(ञ) हम।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran सर्वनाम

2. नीचे के रिक्त स्थानों में सर्वनाम की पूर्ति करें

(क) हरि ने …………माँ से कहा कि …………. आज व्रत रमूंगा।
(ख) मोहन ने …………… मित्र से कहा कि ………….. आज घर पर रहेगा।
(ग) दुष्ट ………… दुष्टता नहीं छोड़ता।
(घ) पिता ने …………. पुत्र से कहा बेटा ………….. सच बोलना चाहिए।
(ङ) सेठ ने …………… नौकर को डाँटकर कहा …………… सीधे हो जाओ।
उत्तर:
(क) अपनी, मैं
(ख) अपने, वह
(ग) अपनी
(घ) अपने, तुम्हें
(ङ) अपने, तुम।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sangya ke Vikar (ling, vachan, karak) संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक) Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

प्रश्न 1.
संज्ञा शब्दों में विकार किनके कारण होता है ?
उत्तर:
लिंग, वचन और कारक के कारण संज्ञा शब्दों में विकार होता है। इनको विकारक तत्व भी कहते हैं।

(अ) लिंग

प्रश्न 1.
लिंग किसे कहते हैं ? उसके भेद बताओ।
उत्तर:
संज्ञा के जिस रूप से स्त्री या पुरुष जाति का बोध हो उसे लिंग कहते हैं। हिन्दी में दो लिंग हैं-
(i) पुल्लिग
(ii) स्त्रीलिंग।
1. पुल्लिग : संज्ञा के जिस रूप से पुरुष जाति का बोध हो, उसे पुल्लिग कहते हैं; जैसे-लड़का, शेर, धोबी।
2. स्त्रीलिंग : संज्ञा के जिस रूप से स्त्री जाति का बोध हो, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं; जैसे-लड़की, शेरनी, धोबिन।
आवश्यक निर्देश-लिंग परिवर्तन और उसके नियम स्मरण तालिका (Memory Chart) में देखें।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

(आ) वचन

प्रश्न 1.
वचन किसे कहते हैं और वचन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
संज्ञा के जिस रूप से किसी वस्तु के एक अथवा अनेक होने का बोध हो, उसे वचन कहते हैं।
हिन्दी में दो वचन हैं-
(i) एकवचन
(ii) बहुवचन।

1. एकवचन : संज्ञा का जो रूप एक ही वस्तु का बोध कराए, उसे एकवचन कहते हैं; जैसे-लड़का, घोड़ा, बहन आदि।
2. बहवचन : संज्ञा का जो रूप एक से अधिक वस्तुओं का बोध कराए, उसे बहुवचन कहा जाता है; जैसे-लड़कियाँ, घोड़े, बहनें आदि।
आवश्यक निर्देश : वचन परिवर्तन सम्बन्धी नियम स्मरण तालिका (Memory Chart) में विस्तार से देखिए।

(इ) कारक

प्रश्न 1.
कारक किसे कहते हैं ? इसके कितने भेद हैं ? उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर:
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उस वाक्य का दूसरे शब्दों से सम्बन्ध जाना जाता है उस रूप को कारक कहते हैं; जैसे-मोहन ने पुस्तक को मेज़ पर रख दिया।
विभक्ति : कारक प्रकट करने के लिए संज्ञा अथवा सर्वनाम के साथ ‘ने’, ‘को’, ‘से’ आदि जो चिह्न लगाए जाते हैं, उन्हें विभक्ति कहा जाता है। हिन्दी में आठ कारक हैं। इनके नाम और विभक्ति चिह्न इस प्रकार हैं
कारक – विभक्ति चिह्न
(1) कर्ता – ने
(2) कर्म – को
(3) करण – से, के द्वारा, के साथ
(4) सम्प्रदान – को, के लिए, वास्ते
(5) अपादान – से (पृथक्त्व बोधक)
(6) सम्बन्ध – का, के, की
(7) अधिकरण – में, पर
(8) सम्बोधन – हे, अरे, रे।
1. कर्ता : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के करने वाले का बोध होता है, उसे कर्ता कारक कहा जाता है; जैसे-(i) मोहन पुस्तक पढ़ता है। (ii) सोहन ने दूध पीया।
2. कर्म : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप पर क्रिया के व्यापार का फल पड़ता हो, उसे कर्म कारक कहते हैं; जैसे-श्याम पाठशाला जाता है।
3. करण : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से कर्ता के काम करने के साधन का बोध हो उसे करण कारक कहा जाता है; जैसे-राम ने बाण से बाली को मारा।
4. सम्प्रदान : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप के लिए क्रिया की जाए, उसे सम्प्रदान कारक कहा जाता है; जैसे-अध्यापक विद्यार्थियों के लिए पुस्तकें लाया।
5. अपादान : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से पृथक्कता, आरम्भ, भिन्नता आदि का बोध होता हो, उसे अपादान कारक कहा जाता है; जैसे-वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।
6. सम्बन्ध : संज्ञा या सर्वनाम का जो रूप एक वस्तु का दूसरी वस्तु के साथ सम्बन्ध प्रकट करे, उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं; जैसे-यह मोहन का घर है।
7. अधिकरण : संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते हैं; जैसे-वीर सैनिक युद्ध भूमि में मारा गया।
8. सम्बोधन : संज्ञा का जो रूप चेतावनी या किसी को पुकारने का सूचक हो; जैसेहे ईश्वर ! हमारी रक्षा करो। .

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

प्रश्न 2.
कर्ता कारक की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के करने वाले का बोध होता है, उसे कर्ता कारक कहा जाता है; जैसे-मोहन पुस्तक पढ़ता है-इस वाक्य में कर्ता कारक है।

प्रश्न 3.
नीचे लिखे कारकों में क्या भेद हैं ? स्पष्ट कीजिए
(क) कर्ता और कर्म।
(ख) करण और अपादान में अन्तर।
(ग) संबंध और सम्प्रदान।
उत्तर:
(क) कर्ता और कर्म कर्ता :

कर्ता कर्म
(1) कर्ता कारक में संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया को करने वाले का बोध कराया जैसे-देव ने कविता पढ़ी। (1) कर्म कारक में किसी वस्तु या व्यक्ति पर क्रिया के व्यापार का फल पड़ता है; जैसे-अध्यापक छात्र को पढ़ाता है|
(2) कर्ता कारक का सामान्य विभक्ति चिह्न ‘ने’ होता है। (2) कर्म कारक का विभक्ति चिह्न ‘को’ होता है।

(ख) करण और अपादान :

करण अपादान
(1) करण कारक क्रिया के साधन का बोध कराने वाले संज्ञा के रूप को कहते हैं; जैसे-सुनील कलम से लिखता है। (1) अपादान कारक संज्ञा के किसी रूप से किसी वस्तु के दूसरी वस्तु से अलग होने का बोध कराता है; जैसे-वृक्ष से पत्ता गिरता है।
(2) इसके विभक्ति चिह्न ‘से’, ‘के साथ’, ‘के द्वारा’ आदि होते हैं। (2) इसका विभक्ति चिह्न ‘से’ है।

(ग) संबंध और सम्प्रदान :

संबंध सम्प्रदान
(1) संबंध कारक में संज्ञा के किसी रूप का दूसरी वस्तु से संबंध सूचित किया जाता है; जैसेराम चरित मानस तुलसी कृत महाकाव्य है। (1) सम्प्रदान कारक में किसी वस्तु के लिए कोई क्रिया की जाती है; जैसे-वह स्नान के लिए नदी पर जाता है।
(2) इसके विभक्ति चिह्न ‘के’, ‘की’, ‘रा’, ‘रे’, ‘री’, ‘ना’, ‘ने’, ‘नी’ आदि हैं। (2) इसके विभक्ति चिहन ‘का’, ‘को’ तथा ‘के लिए’ हैं।
(3) संबंध कारक का रूप, लिंग और वचन आदि के कारण बदल जाता है। (3) सम्प्रदान कारक का रूप, लिंग और वचन आदि के कारण नहीं बदलता है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

प्रश्न 4.
सम्प्रदान और कर्म कारक में क्या अंतर है ? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
सम्प्रदान कारक-सम्प्रदान कारक में किसी वस्तु के लिए’ क्रिया की जाती है; जैसे-वह पढ़ने के लिए विद्यालय गया। इसका विभक्ति चिह्न ‘के लिए’ है।
कर्म कारक : कर्म कारक में किसी व्यक्ति या वस्तु पर क्रिया के व्यापार का फल पड़ता है; जैसे-पुलिस ने चोर को पकड़ा। इसका विभक्ति चिहन ‘को’ है।

प्रश्न 5.
करण और अपादान कारक में अंतर बताइए। उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
करण और अपादान कारक में अंतर :
करण कारक : करण कारक क्रिया के साधन का बोध कराने वाले संज्ञा के रूप को कहते हैं; जैसे-वह साइकिल से स्कूल गया। सोहन कलम से लिखता है। इसका विभक्ति चिह्न ‘से’ है लेकिन इसका अर्थ के साथ या के द्वारा होता है।
अपादान कारक : अपादान कारक संज्ञा के किसी रूप से किसी वस्तु के दूसरी वस्तु से अलग होने का बोध कराता है; जैसे-वृक्षों से पत्ते गिरते हैं। इसका विभक्ति चिह्न ‘से’ है लेकिन इसका अर्थ वस्तु से अलग होने का भाव दर्शाता है।

प्रश्न 6.
अपादान कारक किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संज्ञा का सर्वनाम के जिस रूप से पृथक्कता, आरम्भ, भिन्नता आदि का बोध होता हो, उसे अपादान कारक कहा जाता है। जैसे-वृक्ष से पत्ते गिरते हैं-इस वाक्य में से अपादान कारक है।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

1. प्रत्येक का सही उत्तर छाँट कर लिखिए

प्रश्न (क)
नदी का बहुवचन क्या है ?
(क) नदियाँ
(ख) नदीयाँ
(ग) नदियों।
उत्तर:
(क) नदियाँ

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

प्रश्न (ख)
नीति का बहुवचन क्या है ?
(क) नीतीयाँ
(ख) नीतियों
(ग) नीतियाँ।
उत्तर:
(ख) नीतियाँ

प्रश्न (ग)
खिड़की का बहुवचन क्या है ?
(क) खिड़कियों
(ख) खिड़कीयाँ
(ग) खिड़कियाँ।
उत्तर:
(ग) खिड़कियाँ।

2. निम्नलिखित के स्त्रीवाचक रूप बनाओ और उस स्त्रीवाचक रूप को बहुवचन में बदलो-

शब्द – स्त्रीवाचक – बहुवचन
कवि – …………….. – ………….
नर – …………….. – ………….
चूहा – …………….. – ………….
वर – …………….. – ………….
बेटा – …………….. – ………….
लड़का – …………….. – ………….
पति – …………….. – ………….
छात्र – …………….. – ………….
उत्तर:
शब्द – स्त्रीवाचक – बहुवचन
(i) कवि – कवयित्री – कवयित्रियाँ
(ii) नर – नारी – नारियाँ
(ii) चूहा – चुहिया – चुहियाँ
(iv) वर – वधू – वधुएँ
(v) बेटा – बेटी – बेटियाँ
(vi) लड़का – लड़की – लड़कियाँ
(vii) पति – पत्नी – पत्नियाँ
(viii) छात्र – छात्रा – छात्राएँ

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

3. नीचे लिखे वाक्यों को कारक चिहनों से भरो

(क) उस ……………अपनी बेटी ऋतु के लिए पुस्तकें खरीदीं।
(ख) पेड़………….. पत्ता गिरता है।
(ग) दूध ………… सेहत अच्छी रहती है।
(घ) अध्यापक कुर्सी………………. बैठता है।
(ङ) तुम यह कोट लेकर किस ………… देना चाहते हो ? ।
उत्तर:
(क) ने
(ख) से
(ग) से
(घ) पर
(ङ) को।

4. निम्नलिखित वाक्यों में से कारक छाँटिये तथा कारक का नाम भी लिखिए

(i) मनुष्य धन के लिए देश विदेश भटकता है।
(ii) चोर चलती गाड़ी से कूद गया।
(iii) राम ने मोहन को पुस्तक दी।
(iv) वह घोड़े से गिर गया।
(v) वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।
(vi) हे वीरो ! देश की रक्षा करो।
(vii) प्रकाश से अन्धकार नष्ट होता है।
(viii) रोगियों की सेवा करो।
(ix) समुद्र में लहरें उठती हैं।
(x) पीड़ितों को दान दो।
(xi) मोहन का ज्वर उतर गया।
(xii) भिखारी को भिक्षा दे दो।
(xiii) भिखारी को भगा दो।
(xiv) बच्चे छत पर खेल रहे हैं।
उत्तर:
(i) धन के लिए-सम्प्रदान कारक।
(ii) गाड़ी से-अपादान कारक।।
(iii) राम ने-कर्ता कारक, मोहन को-कर्म कारक।
(iv) घोड़े से-अपादान कारक।
(v) वृक्ष से-अपादान कारक।
(vi) हे वीरो-संबोधन कारक, देश की-संबंध कारक।
(vii) प्रकाश से-करण कारक।
(viii) रोगियों की-संबंध कारक।
(ix) समुद्र में-अधिकरण कारक।
(x) पीड़ितों को-कर्म कारक।
(xi) मोहन का संबंध कारक।
(xii) भिखारी को-कर्मकारक।
(xiii) भिखारी को-कर्मकारक।
(xiv) छत पर-अधिकरण।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
संज्ञा के कितने भेद हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
तीन।

प्रश्न 2.
लिंग कितने होते हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
दो।

प्रश्न 3.
वचन कितने होते हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
दो।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

प्रश्न 4.
कारक के कितने भेद हैं ?
(क) दो
(ख) चार
(ग) सात
(घ) आठ।
उत्तर:
आठ।

प्रश्न 5.
वृक्ष से पत्ते गिरते हैं, रेखांकित में कारक है
(क) संप्रदान
(ख) अपादान
(ग) करण
(घ) कर्म।
उत्तर:
अपादान।

प्रश्न 6.
‘नदी’ का बहुवचन है
(क) नदियाँ
(ख) नदीयाँ
(ग) नदियों
(घ) नदीयों
उत्तर:
नदियाँ।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा के विकार (लिंग, वचन, करक)

प्रश्न 7.
‘शेर’ का स्त्रीलिंग है
(क) शेरि
(ख) शेरी
(ग) शेरिनी
(घ) शेरनी।
उत्तर:
शेरनी।

प्रश्न 8.
संज्ञा शब्द चुनें
(क) घोड़ा
(ख) बहुत
(ग) तेज़
(घ) दौड़ा।
उत्तर;
घोड़ा।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विराम-चिह्न

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Viram Chinh विराम-चिह्न Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar विराम-चिह्न

प्रश्न 1.
विराम चिहन किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विराम चिह्न-बोलते समय हम सब कुछ एक ही गति से नहीं बोलते जाते। एक वाक्य के मध्य में कहीं-कहीं कुछ क्षणों के लिए रुकते हैं और इसी प्रकार वाक्य के समाप्त होने पर भी रुकना पड़ता है। इसी रुकने को ‘विराम’ कहते हैं। इसी विराम को प्रकट करने के लिए हम जिन चिह्नों को लिखते हैं, उन्हें ‘विराम चिह्न’ कहते हैं।
जैसे-पकड़ो मत, जाने दो।
पकड़ो, मत जाने दो।
इन दोनों वाक्यों में विराम चिह्न अल्पविराम के प्रयोग से अर्थ ही उलट गया है। लिखते समय जिन विराम चिहनों का प्रयोग होता है वे निम्नलिखित हैं

1. पूर्ण विराम (।) : वाक्य की पूर्ति की सूचना देने वाले चिह्न को पूर्ण विराम कहते हैं; जैसे-जीवन में अनुशासन का विशेष महत्त्व है।
2. अर्द्ध विराम (;) : वाक्य की पूर्ण समाप्ति न होने पर भी जहाँ बीच में समाप्ति सी लगे। अगले वाक्य से जोड़ने वाले अव्यय का अभाव हो, तब इसका प्रयोग होता है; जैसे-आजकल शिक्षा का उद्देश्य नौकरी है; इसलिए इसका वास्तविक महत्त्व जाता रहा
3. अल्पविराम (,) : पढ़ते समय जहाँ थोड़ी देर ठहरना हो, वहाँ अल्प विराम (,) लगाते हैं; जैसे-लोकमान्य तिलक, मालवीय, महात्मा गाँधी आदि महान् नेता थे।
4. अपूर्ण विराम (:-) : आगे जाने वाली बात के लिए पहले वाक्य से संकेत करना हो तो इसका निर्देशक वाक्य के साथ प्रयोग होता है; जैसे-निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार का उत्तर दीजिए
5. प्रश्न सूचक (?) : वाक्य को प्रश्न वाचक सूचित करने के लिए इसका प्रयोग होता है; जैसे-क्या मूर्ख को समझाना सरल है ?
6. विस्मयादिबोधक (!) : मानसिक आवेगों को प्रकट करने के लिए इसका प्रयोग होता है। जैसे हाय ! मैं मारा गया। उफ ! इतनी पीड़ा।
7. निर्देशक (-) : किसी शब्द के भाव को साफ-साफ स्पष्ट करने के लिए उसके आगे लगाया जाता है; जैसे-लाला लाजपतराय-पंजाब केसरी–ने अंग्रेजी साम्राज्य की जड़ें हिला दी थीं। यथा, जैसे आदि शब्द के बाद भी इसका प्रयोग होता है।
8. संयोजक (-) : यह ससम्त पदों के बीच लगकर समास की सूचना देता है; जैसे–माता-पिता, सुख-दुःख।
9. कोष्ठक चिहन [ ] : किसी बात के स्पष्टीकरण के लिए इसका अर्थ वाक्य का अंग न बनाते हुए इसमें लिखा जाता है; जैसे-30 जनवरी हमारे राष्ट्रपिता (महात्मा गाँधी) की बलिदान तिथि है।
10. उद्धरण चिह्न (“”) : जब किसी वक्ता या लेखक की उक्ति को ज्यों-कात्यों उद्धृत करना हो; जैसे-लाला लाजपतराय ने कहा था, “मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के कफ़न में कील का काम देगी।”
11. लाघव चिह्न (०) : किसी शब्द को संक्षेप में लिखने के लिए इसका प्रयोग होता है; जैसे-पं० नेहरू। ला० लाजपतराय। डॉ० राजेन्द्र प्रसाद।
12. सम्बोधन चिह्न (!) : किसी को बुलाने या पुकारने में इसका प्रयोग होता है; जैसे हे ईश्वर ! हम पर दया करो।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विराम-चिह्न

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

1. निम्नलिखित में जहाँ जो विराम चिह्न लग सकता है, लगाएँ

प्रश्न (1)
मित्र कैसा अद्भुत खेल है क्या जीवन भी एक खेल के समान है थोड़ा सोच कर बताना
उत्तर:
“मित्र, कैसा अद्भुत खेल है ? क्या जीवन भी एक खेल के समान है ? थोड़ा सोचकर बताना।”

प्रश्न (2)
उसने पुस्तकें कॉपियाँ तथा कुछ अन्य सामान खरीदा सामान को थैले में डाल कर दुकानदार से पूछा कितने पैसे दूँ।
उत्तर:
उसने पुस्तकें, कापियाँ तथा कुछ अन्य सामान खरीदा ; सामान को थैले में डाल कर दुकानदार से पूछा, “कितने पैसे दूँ ?”

प्रश्न (3)
मेरे मित्र दौड़ कर आओ यह देखो कितना सुन्दर फूल खिला है इसे तोड़ना मत मित्र ने मुझसे कहा
उत्तर:
मेरे मित्र ! दौड़ कर आओ। यह देखो कितना सुन्दर फूल खिला है। “इसे तोड़ना मत।”-मित्र ने मुझसे कहा।

प्रश्न (4)
पिता पुत्र तथा पुत्री तीनों एक साथ बोले क्या गाड़ी अभी तक नहीं आई नहीं आई” मैं उत्तर में बोला।
उत्तर:
पिता, पुत्र तथा पुत्री-तीनों एक साथ बोले, “क्या गाड़ी अभी तक नहीं आई।” नहीं आई, मैं उत्तर में बोला।

प्रश्न (5)
यह देखकर उस किसान ने कहा देखा एकता का प्रभाव यदि तुम सब इसी प्रकार इकट्ठे रहोगे तुम्हारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता यदि तुम अलग-अलग रहे तो तुम्हारा भी हाल छड़ियों जैसे होगा शत्रु आसानी से तुम्हें नष्ट कर देगा इसलिए मेरे उपदेश को मन में धारण करके उस पर आचरण करना इससे तुम्हें सारा जीवन सुख और ऐश्वर्य प्राप्त होगा यह उपदेश देकर किसान चल बसा।
उत्तर:
यह देखकर उस किसान ने कहा, “देखा, एकता का प्रभाव, यदि तुम सब इसी प्रकार इकट्ठे रहोगे तुम्हारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। यदि तुम अलग-अलग रहे तो तुम्हारा भी हाल छड़ियों जैसा होगा। शत्रु आसानी से तुम्हें नष्ट कर देगा। इसलिए मेरे उपदेश को मन में धारण करके उस पर आचरण करना। इससे तुम्हें सारा जीवन सुख और ऐश्वर्य प्राप्त होगा।”-यह उपदेश देकर किसान चल बसा।।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विराम-चिह्न

प्रश्न (6)
पंजाब भारत के बाजू के समान है जिसमें सदा तलवार पकड़ी रहती है अब दुनिया के हर भाग में पंजाबी रहते हैं उनकी बहादुरी तपस्या लगन कुर्बानी की कहानियाँ सुनकर बड़े-बड़े पत्थर दिल भी हिल जाते हैं पंजाबियों के कार्यों से भारत पर ही नहीं वरन् सारे संसार पर प्रभाव पड़ा है संसार का प्रत्येक मनुष्य इस बात को मानता है कि पंजाबी बहादुर निर्भीक और हिम्मती हैं।
उत्तर:
पंजाब भारत के बाजू के समान है, जिसमें सदा तलवार पकड़ी रहती है। अब दुनिया के हर भाग में पंजाबी रहते हैं। उनकी बहादुरी, तपस्या, लगन, कुर्बानी की कहानियाँ सुनकर बड़े-बड़े पत्थर दिल भी हिल जाते हैं। पंजाबियों के कार्यों से भारत पर ही नहीं वरन् सारे संसार पर प्रभाव पड़ा है। संसार का प्रत्येक मनुष्य इस बात को मानता है कि पंजाबी बहादुर, निर्भीक और हिम्मती हैं।

2. उपयुक्त विराम चिह्न लगाएँ

प्रश्न (1)
उसके मस्तिष्क का सिन्दूर पोंछती हुई चाची ने उत्तर दिया अभागिनी तेरा करम फूट गया
उत्तर:
उसके मस्तिष्क का सिन्दूर पोंछती हुई चाची ने उत्तर दिया, “अभागिनी ! तेरा करम फूट गया।”

प्रश्न (2)
संजय ने पापा से पूछा पापा यह फसल कहीं-कहीं से क्यों कटी हुई है
उत्तर-संजय ने पापा से पूछा, “पापा यह फसल कहीं से क्यों कटी हुई है?”

प्रश्न (3)
मुझे आते देख पिता जी बोले बेटी तैयार नहीं हुई देर न कर वे लोग आधपौन घंटे तक आने वाले हैं
उत्तर:
मुझे आते देख, पिता जी बोले, “बेटी तैयार नहीं हुई। देर न कर, वे लोग आध-पौन घंटे तक आने वाले हैं।”

प्रश्न (4)
माँ तुम रो क्यों रही हो क्या तुम्हें अपने किए पर दुःख है राकेश ने प्रश्न किया
उत्तर:
“माँ, तुम रो क्यों रही हो ? क्या तुम्हें अपने किए पर दुःख है ?” राकेश ने प्रश्न किया।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विराम-चिह्न

प्रश्न (5)
स्वामी रामतीर्थ एक कवि दार्शनिक सन्त देशभक्त तथा समाज सुधारक थे।
उत्तर:
स्वामी रामतीर्थ एक कवि, दार्शनिक, सन्त, देशभक्त तथा समाज-सुधारक थे।

प्रश्न (6)
सैनिक सचिव के पद पर रहते हुए उन्हें अनेक कटु अनुभव हुए चपरासी तक उनके हाथों से फाइलें लेने में कतराते थे उन्हें पानी तक नहीं मिलता था।
उत्तर:
सैनिक-सचिव के पद पर रहते हुए उन्हें अनेक कटु अनुभव हुए। चपरासी तक उनके हाथों से फाइलें लेने में कतराते थे। उन्हें पानी तक नहीं मिलता था।

प्रश्न (7)
धोबी ने कपड़े गिनकर कहा बाबू साहब लिखिए चौदह पायजामे बीस कमीजें।
उत्तर:
धोबी ने कपड़े गिनकर कहा, “बाबू साहब ! लिखिए-चौदह पायजामे, बीस कमीजें।

प्रश्न (8)
दोनों ने बारी-बारी से उत्तर दिया हम बी० ए० पास हैं नौकरी की तलाश में हैं।
उत्तर:
दोनों ने बारी-बारी से उत्तर दिया, “हम बी० ए० पास हैं। नौकरी की तलाश में हैं।”

प्रश्न (9)
महात्मा बुद्ध ने बड़े प्रेमपूर्वक उससे पूछा मैं तो ठहर गया भला तुम कब ठहरोगे
उत्तर:
महात्मा बुद्ध ने बड़े प्रेमपूर्वक उससे पूछा, “मैं तो ठहर गया, भला तुम कब ठहरोगे ?”

प्रश्न (10)
बच्चो शान्तिपूर्वक बैठो अध्यापक ने कहा
उत्तर:
“बच्चो, शान्तिपूर्वक बैठो”-अध्यापक ने कहा।

प्रश्न (11)
मोहन तुम क्या कर रहे हो ज़रा इधर तो आओ माँ ने कहा
उत्तर:
“मोहन तुम क्या कर रहे हो ? ज़रा इधर तो आओ”-माँ ने कहा।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विराम-चिह्न

प्रश्न (12)
बेटी मुझे माफ कर दो मैं लालच में अन्धा हो गया था तुमने मेरी आँखें खोल दी हैं
उत्तर:
“बेटी, मुझे माफ कर दो। मैं लालच में अन्धा हो गया था। तुमने मेरी आँखें खोल दी हैं।”

प्रश्न (13)
महात्मा बुद्ध ने बड़े प्रेमपूर्वक अंगुलिमाल से कहा मैं तो ठहर गया भला तुम कब ठहरोगे
उत्तर:
महात्मा बुद्ध ने बड़े प्रेमपूर्वक अंगुलिमाल से कहा- “मैं तो ठहर गया, भला तुम कब ठहरोगे ?”

प्रश्न (14)
सच्च है सच्चे पातशाह भाई कन्हैया ने निःसंकोच स्वीकार किया।
उत्तर:
“सच्च है सच्चे पातशाह !” भाई कन्हैया ने निःसंकोच स्वीकार किया।

प्रश्न (15)
सबकी आँखें आकाश की ओर लगी रहती थीं मगर वहाँ दुर्भाग्य की घटाएँ थीं पानी की घटाएँ न थीं
उत्तर:
सबकी आँखें आकाश की ओर लगी रहती थीं, मगर वहाँ दुर्भाग्य की घटाएँ थीं, पानी की घटाएँ न थीं।

प्रश्न (16)
मैंने कहा, बाबा अब नहीं रहा जाता कहीं से रोटी का टुकड़ा ला दें
उत्तर:
मैंने कहा, बाबा अब नहीं रहा जाता; कहीं से रोटी का टुकड़ा ला दें।”

प्रश्न (17)
मेरे हृदय में गुदगुदी सी होने लगी पूछा तो तुमने महाराज के दर्शन किए हैं
उत्तर:
मेरे हृदय में गुदगुदी-सी होने लगी; पूछा-“तो तुमने महाराज के दर्शन किए

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विराम-चिह्न

प्रश्न (18)
धोबी के कपड़े गिनकर कहा बाबू साहब लिखिए चौदह पायजामे बीस कमीजें मैंने कॉपी उठा ली और लिखने लगा।
उत्तर:
धोबी के कपड़े गिनकर कहा, “बाबू साहब ! लिखिए चौदह पायजामे, बीस कमीजें।” मैंने कॉपी उठा ली और लिखने लगा।

प्रश्न (19)
भगवान् अब मौत दे दे ग़रीब थे पर किसी के सामने हाथ तो नहीं फैलाते
उत्तर:
भगवान् अब मौत दे दे। ग़रीब थे, पर किसी के सामने हाथ तो नहीं फैलाते

प्रश्न (20)
एक युवक ने कहा अंकल हौसला रखो बस दो मिनट में अस्पताल पहुंचे।
उत्तर:
एक युवक ने कहा, “अंकल ! हौसला रखो, बस दो मिनट में अस्पताल पहुँचे।”

प्रश्न (21)
क्या करूँ एक ही बच्चा है इतने दिनों बाद मिला भी तो मृत्यु उसको अपने चंगुल में दबा रही है, इसे कैसे बचाऊँ
उत्तर:
‘क्या करूँ, एक ही बच्चा है। इतने दिनों बाद मिला भी तो मृत्यु उसको अपने चंगुल में दबा रही है। इसे कैसे बचाऊँ ?’

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran विराम-चिह्न

प्रश्न (22)
मुँह खोलने में कष्ट होने पर भी शिष्टाचार के नाते उन्होंने पूछ ही लिया बेटा तुम क्या काम करते हो।।
उत्तर:
मुंह खोलने में कष्ट होने पर भी शिष्टाचार के नाते उन्होंने पूछ ही लिया, “बेटा तुम क्या काम करते हो ?”

प्रश्न (23)
अच्छा भाई चाय तो वैसे मैं अभी घर से पीकर आया हूँ पर तुम बुरा न मान जाओ इसलिए तुम्हारा साथ देता हूँ
उत्तर:
“अच्छा भाई ! चाय तो वैसे मैं अभी घर से पीकर आया हूँ, पर तुम बुरा न मान जाओ, इसलिए तुम्हारा साथ देता हूँ।”

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran शब्द प्रकरण

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Shabd Prakaran शब्द प्रकरण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar शब्द प्रकरण

प्रश्न 1.
शब्द किसे कहते हैं ?
उत्तर:
दो या दो से अधिक सार्थक वर्णों के मेल को शब्द कहते हैं; जैसे-राम, लक्ष्मण, सूर्य, गुरु आदि।

प्रश्न 2.
शब्द किसे कहते हैं ? अर्थ के आधार पर इसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
शब्द : दो या दो से अधिक सार्थक वर्णों के मेल को शब्द कहते हैं; जैसेराम, लक्ष्मण, सूर्य, गुरु आदि। अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद हैं-सार्थक और निरर्थक।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran शब्द प्रकरण

प्रश्न 3.
व्युत्पत्ति (रचना या बनावट) के विचार से शब्द के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
व्युत्पत्ति के विचार से शब्द के तीन भेद हैं-
(1) रूढ़ि
(2) यौगिक
(3) योग रूढ़ि।
1. रूढ़ि : जिन शब्दों के खण्ड का कोई अर्थ नहीं होता, वे रूढ़ि शब्द कहलाते हैं। जैसे-कमल (क + म + ल), दवात (द + वा + त)।

2. यौगिक : जो दो शब्दों के योग से बनते हैं, उन्हें यौगिक शब्द कहा जाता है। जैसे-पाठशाला (पाठ + शाला), विद्यालय (विद्या + आलय), महात्मा (महा + आत्मा) आदि।

3. योग रूढ़ि : जो यौगिक शब्दों की भान्ति दो शब्दों के योग से तो बनें परन्तु किसी विशेष अर्थ को प्रकट करें, उन्हें योग रूढ़ि कहा जाता है। जैसे-पीताम्बर (पीत = पीला, अम्बर = कपड़ा) पीताम्बर शब्द का अर्थ पीला कपड़ा न होकर इसका विशेष अर्थ कृष्ण (भगवान् कृष्ण) है। पंकज (पंक = कीचड़, ज = उत्पन्न होने वाला) पंकज का अर्थ कीचड़ में उत्पन्न होने वाला मेंढक, कछुआ आदि नहीं बल्कि इसका अर्थ कमल है।

प्रश्न 4.
शब्द भण्डार या उत्पत्ति के विचार से शब्द के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
उत्पत्ति के विचार से हिन्दी में चार प्रकार के शब्द हैं-
(1) तत्सम
(2) तद्भव
(3) देशज
(4) विदेशज।
1. तत्सम : जो शब्द संस्कृत भाषा से बिना किसी परिवर्तन के हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं; जैसे-माता, पिता, ज्ञान, सुन्दर आदि।
2. तद्भव : संस्कृत के वे शब्द जो कुछ बिगाड़ कर हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं; जैसेहस्त से हाथ, ग्राम से गाँव, अग्नि से आग।
3. देशज : जो शब्द स्थानीय भाषाओं में से हिन्दी में प्रयुक्त होते हों; जैसे-रोड़ा, बैंगन, आलू, सेब आदि।
4. विदेशज : जो शब्द अंग्रेजी, उर्दू, फ़ारसी आदि विदेशी भाषाओं से हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं; जैसे-स्टेशन, स्कूल, आदमी, वकील, बाज़ार आदि।

प्रश्न 5.
अर्थ के अनुसार शब्द के कितने भेद हैं ? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
अर्थ के अनुसार शब्द के दो भेद हैं-
(1) सार्थक और
(2) निरर्थक।
1. सार्थक : जिन शब्दों का कोई अर्थ हो; जैसे-कुर्सी, गाय, घोड़ा आदि।
2. निरर्थक : जिन शब्दों का कोई अर्थ न हो; जैसे-घोड़ा-घाड़ा (घाड़ा), आलूशालू आदि।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran शब्द प्रकरण

प्रश्न 6.
प्रयोग के अनुसार शब्द के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
प्रयोग के अनुसार शब्द के आठ भेद हैं
विकारी
(1) संज्ञा
(2) सर्वनाम
(3) विशेषण
(4) क्रिया
अविकारी
(5) क्रिया विशेषण
(6) सम्बन्ध बोधक
(7) समुच्चय बोधक
(8) विस्मयादि बोधक
विकारी : जिन शब्दों का पुरुष, लिंग, वचन आदि के कारण रूप बदल जाता है, उन्हें विकारी कहा जाता है; जैसे-पर्वत-पर्वतों। बादल-बादलों। विद्वान्-विदुषी आदि।
अविकारी : जिन शब्दों का रूप नहीं बदलता; जैसे-और, यहाँ, वहाँ, या, अथवा आदि।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran वर्ण प्रकरण

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Varn Prakaran वर्ण प्रकरण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar वर्ण प्रकरण

प्रश्न 1.
वर्ण या अक्षर को परिभाषित करो।
उत्तर:
वह छोटी-से-छोटी मूल ध्वनि को जिसके टुकड़े न हो सकें, वर्ण या अक्षर कहा जाता है ; जैसे-अ, इ, उ, ऋ, क्, च्, ट्, त्, प् आदि।

प्रश्न 2.
उच्चारण किसे कहते हैं ? भाषा के वर्गों का शुद्ध उच्चारण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
बोलते समय जब वायु कंठ से लेकर होठों तक किसी उच्चारण अवयव द्वारा व्यक्त की जाती है तो विशेष प्रकार की ध्वनि पैदा होती है जिसे उच्चारण कहते हैं। किसी भाषा के सम्यक् ज्ञान के लिए उसके वर्णों का शुद्ध उच्चारण बहुत आवश्यक है।

प्रश्न 3.
वर्णमाला किसे कहते हैं ? हिन्दी वर्णमाला में कितने वर्ण (अक्षर) हैं ?
उत्तर:
वर्णों के क्रमानुसार समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी वर्णमाला में 44 वर्ण हैं-ग्यारह स्वर तथा तैंतीस व्यंजन।

प्रश्न 4.
वर्ण के कितने भेद हैं ?
उत्तर:
वर्ण के दो भेद हैं-स्वर और व्यंजन।

प्रश्न 5.
स्वर किसे कहते हैं ? उसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जो बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से बोले जाते हैं, उन्हें स्वर कहा जाता है। जैसे-अ, इ, उ, ऋ आदि ग्यारह स्वर हैं।
स्वर के तीन भेद हैं:
(i) ह्रस्व
(ii) दीर्घ
(iii) प्लुत।
(i) ह्रस्व : जिनके बोलने में कम समय लगे। जैसे-अ, इ, उ, ऋ। इन्हें एक मात्रिक स्वर भी कहा जाता है।
(ii) दीर्घ : जिनके बोलने में ह्रस्व स्वर से दुगुना समय लगे। जैसे-आ, ई, ऋ, ए, ओ, औ।
(iii) प्लुत : जिनके बोलने में ह्रस्व स्वर से तिगुना समय लगे। जैसे-ओ३म्, हे राम ! आदि।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran वर्ण प्रकरण

प्रश्न 6.
अनुनासिक और निरनुनासिक में अंतर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
उच्चारण के अनुसार स्वरों के भेद बताओ।
उत्तर:
उच्चारण के अनुसार सभी प्रकार (ह्रस्व, दीर्घ, प्लुत) स्वरों के दो भेद हैं
1. अनुनासिक : जब स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका से होता है, तब वे ‘अनुनासिक’ कहलाते हैं। इस स्वर के ऊपर चन्द्रबिन्दु (ँ) या अनुस्वार ( . ) लगाया जाता है। जैसे-हँसना, दाँत, हंस आदि।।

2. निरनुनासिक : जब स्वरों का उच्चारण केवल मुख से होता है, तब वे ‘निरनुनासिक’ कहलाते हैं। इनके ऊपर चन्द्र बिन्दु नहीं लगता है। जैसे-अ, आ, इ, ई आदि स्वर।
इसी तरह नाग, अमर, मगर, जाग, भाग आदि शब्दों में आए हुए स्वर भी निरनुनासिक हैं।

प्रश्न 7.
व्यंजन किसे कहते हैं और इसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
जो वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाएँ, उन्हें व्यंजन कहते हैं। जैसे – क (क् + अ), च (च् + अ), ट (ट् + अ), त (त् + अ), प (प् + अ) आदि।

व्यंजन के भेद :
(i) स्पर्श
(ii) अन्तस्थ
(iii) ऊष्म।
स्पर्श वर्ण : क से ले र म तक = 25 वर्ण।
अन्तस्थ वर्ण : य, र, ल, व।
ऊष्म वर्ण : श, ष, स, ह।

प्रश्न 8.
संयुक्त व्यंजन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जो दो या दो से अधिक व्यंजनों से मिलकर बनते हैं, उन्हें संयुक्त व्यंजन कहते हैं, देवनागरी लिपि में ये चार हैं
(i) क्ष = क् + ष् + अ।
(ii) त्र = त् + र् + अ।
(iii) ज्ञ = ज् + ञ् + अ।
(iv) श्र = श् + र् + अ।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran वर्ण प्रकरण

प्रश्न 9.
वर्गों के उच्चारण स्थान लिखो।
उत्तर:
वर्णों के उच्चारण स्थान निम्नलिखित हैं
उच्चारण स्थान तालिका

वर्ण स्थान नाम
अ, आ, कवर्ग (क, ख, ग, घ, ङ), ह, विसर्ग ( : ) कण्ठ कण्ठ्य
इ, ई, चवर्ग (च, छ, ज, झ, ञ), य, श तालु तालव्य
ऋ, टवर्ग (ट, ठ, ड, ढ, ण), र, ष मूर्धा मूर्धन्य
तवर्ग (त, थ, द, ध, न), ल, स दन्त दन्त्य
उ, ऊ, पवर्ग (प, फ, ब, भ, म) ओष्ठ ओष्ठ्य
ङ, ञ, ण, न, म, अनुस्वार नासिका नासिक्य
ए, ऐ कण्ठ-तालु कण्ठ-तालव्य
ओ, औ कण्ठ-ओष्ठ कण्ठौष्ठ्य
दन्त-ओष्ठ दान्तौष्ठ्य

नोट : हिन्दी वर्णमाला में तीन संयुक्त अक्षर भी सम्मिलित किए गए हैं-क्ष, त्र, ज्ञ। जैसे-क् + ष् + अ = क्ष, त् + र् + अ = त्र, ज् + ञ् + अ = ज्ञ।

प्रश्न 10.
अयोगवाह किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जो बिना किसी अन्य वर्ण के आधार लिए नहीं बोले जा सकते। जैसे-
(i) अं (अनुस्वार) इसमें अनुस्वार का बिन्दु अ अक्षर का सहारा लिए हुए है।
(ii) अः (विसर्ग) दोनों बिन्दु ( : ) अ अक्षर का सहारा लिए हुए हैं।

प्रश्न 11.
अनुस्वार और अनुनासिक में क्या भेद ( अन्तर) है ?
उत्तर:
उत्तर:
अनुस्वार (अं) : इसका उच्चारण करते समय श्वास (साँस) केवल नाक से निकलती है। अनुस्वार सामने के व्यंजन पर आश्रित होता है, अत: कभी भी शब्द के अन्त में नहीं आ सकता ; जैसे-रंक, पंक, मंगल आदि।

अनुनासिक (अँ) : इसका उच्चारण मुख और नासिका दोनों से मिलकर होता है। जैसे-हँसना, पाँच, साँठ, गाँठ आदि। अनुनासिक पूर्व के स्वर पर आश्रित रहता है। अतः शब्द के अन्त में नासिका ध्वनि सदा अनुनासिक ही होती है। अनुस्वार नहीं, जैसेलड़कियाँ, जाएँ, आएँ आदि।

प्रश्न 12.
विसर्ग किसे कहते हैं ? इसका उच्चारण कैसे होता है ?
उत्तर:
विसर्ग दो बिन्दुओं ( : ) के चिह्न को कहते हैं। इसका उच्चारण ‘ह’ की ध्वनि के समान होता है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran वर्ण प्रकरण

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के वर्गों को अलग-अलग दर्शाइए
क्षत्रिय, प्रसिद्ध, परीक्षा, विज्ञान, विद्या, क्रान्ति, दीक्षा, हृदय, राष्ट्र, प्रत्येक, उज्ज्वल, उद्दण्ड, स्वास्थ्य, उत्कर्ष, कार्यक्रम।
उत्तर:
क्षत्रिय = क् + ष् + अ, त् + र् + इ, य् + अ।
प्रसिद्ध = प् + र् + अ, स् + इ, द् + ध् + अ।
परीक्षा = प् + अ, र् + ई, क् + ष् + आ।
विज्ञान = व् + इ, ज् + ञ् + आ, न् + अ।
विद्या = व् + इ, द् + य् + आ।
क्रान्ति = क् + र् + आ, न् + त् + इ।
दीक्षा = द् + इ, क् + ष् + आ।
हृदय = ह् + ऋ, द् + अ, य् + अ।
राष्ट्र = र् + आ + ष् + ट् + र् + अ।
प्रत्येक = प् + र् + अ + त् + य् + ए + क् + अ।
उज्व ल = उ + ज् + ज् + व् + अ + ल् + अ।
उद्दण्ड = उ + द् + द् + अ + ण् + ड् + अ।
स्वास्थ्य = स् + व् + आ + स् + थ् + य् + अ।
उत्कर्ष = उ + त् + क् + अ + र् + ष् + अ।
कार्यक्रम = क् + आ + र् + य् + अ + क् + र् + अ + म् + अ।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran भाषा और व्याकरण

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Bhasha aur Vyakaran भाषा और व्याकरण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar भाषा और व्याकरण

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran भाषा और व्याकरण

प्रश्न 1.
भाषा किसे कहते हैं ? सोदाहरण बताओ।
अथवा
भाषा की परिभाषा सोदाहरण लिखिए।
उत्तर:
भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचार (बोल कर या लिख कर) दूसरों तक प्रकट करते हैं। हिंदी, संस्कृत, अंग्रेज़ी, बांग्ला, उर्दू, पंजाबी, गुजराती, तमिल, तेलगू, मलयालम, कन्नड़ आदि भाषाएँ हैं। विश्व में बोली तथा लिखी जाने वाली भाषाएँ हिन्दी, अंग्रेज़ी, लेटिन, चीनी, रूसी तथा जर्मन हैं।

प्रश्न 2.
भाषा किसे कहते हैं और इसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने मन के विचार दूसरों तक प्रकट करते हैं और दूसरों के विचारों से परिचित होते हैं। इसके दो भेद होते हैं-
(1) मौखिक।
(2) लिखित।

प्रश्न 3.
लिपि किसे कहते हैं ? हिन्दी की लिपि का नाम लिखो।
उत्तर:
जिन वर्ण चिह्नों के द्वारा भाषा लिखी जाती है, उसे लिपि कहते हैं। हिंदी भाषा को लिपि का नाम देवनागरी है।

प्रश्न 4.
भाषा का प्रयोग कितने प्रकार से होता है ?
उत्तर:
भाषा का प्रयोग दो प्रकार से होता है
(i) मौखिक रूप से
(ii) लिखित रूप से।
(i) मौखिक रूप : जब हम अपने विचारों को मुख से बोल कर प्रकट करते हैं, उसे भाषा का मौखिक रूप कहते हैं।
(ii) लिखित रूप : जब हम अपने विचारों को लिखकर प्रकट करते हैं, उसे भाषा का लिखित रूप कहते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran भाषा और व्याकरण

प्रश्न 5.
भाषा की सार्थक इकाई क्या है ?
उत्तर:
भाषा की सार्थक इकाई वाक्य है।

प्रश्न 6.
भाषा की लघुत्तम इकाई क्या है ?
उत्तर:
भाषा की लघुत्तम इकाई शब्द है।

प्रश्न 7.
भाषा और बोली में मुख्य अंतर क्या है ?
उत्तर:
बोली जाने वाली शब्दावली को बोली कहते हैं, जबकि भाषा बोली का विकसित रूप है। विचारों के प्रकटीकरण में गहनता, स्पष्टता तथा अनेकता लाने के लिए भाषा की ज़रूरत पड़ती है। बोली का क्षेत्र सीमित होता है जबकि भाषा का क्षेत्र विस्तृत होता है।

प्रश्न 8.
व्याकरण से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
जिस शास्त्र के द्वारा हमें भाषा के शुद्ध या अशुद्ध होने का ज्ञान प्राप्त हो, उसे व्याकरण कहते हैं।

प्रश्न 9.
व्याकरण का ज्ञान क्यों आवश्यक है ?
अथवा
व्याकरण किस काम आता है ?
उत्तर:
व्याकरण के ज्ञान के बिना न तो किसी भाषा को ठीक ढंग से पढ़ा जा सकता है और न ही उसे शुद्ध रूप में लिखा जा सकता है। अतः भाषा की शुद्धि और अशुद्धि का विवेचन करने के लिए व्याकरण का ज्ञान आवश्यक है।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran भाषा और व्याकरण

प्रश्न 10.
हिन्दी व्याकरण के घटक कौन-से हैं ?
अथवा
हिन्दी व्याकरण के कितने भाग हैं ?
उत्तर:
हिन्दी व्याकरण के तीन भाग हैं
(1) वर्ण विचार
(2) शब्द विचार और
(3) वाक्य विचार।
1. वर्ण विचार : व्याकरण का वह भाग है जिसमें वर्गों के आकार, भेद, उच्चारण स्थान तथा उनके मेल से शब्द बनाने के नियमों पर विचार किया जाता है।
2. शब्द विचार : व्याकरण का वह भाग है जिसके अन्तर्गत शब्दों के निर्माण, भेद, रूप परिवर्तन, व्युत्पत्ति आदि विषयों पर विचार किया जाता है।
3. वाक्य विचार : व्याकरण के इस भाग में वाक्यों की रचना या संगठन, वाक्यों के भेद तथा लक्षण, वाक्य विश्लेषण और विराम चिह्नों पर विचार किया जाता है।

प्रश्न 11.
भाषा की तीन परस्पर सापेक्ष इकाइयाँ कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर:
भाषा की तीन परस्पर सापेक्ष इकाइयाँ-वर्ण, शब्द और वाक्य हैं।

प्रश्न 12.
भाषा का मुख्य अंग क्या है ?
अथवा
भाषा का क्या मूल है ?
उत्तर:
भाषा का मुख्य अंग या मूल ‘वाक्य’ होता है। प्रत्येक व्यक्ति अपना अभिप्राय या विचार सदा वाक्य के रूप में ही प्रकट करता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

Hindi Guide for Class 8 PSEB पदावली-सूरदास, मीराबाई Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

औगुन = अवगुण, बुराइयाँ, दोष। समदरसी = समदर्शी, सब को समान देखने वाला। नार = नाला। नीर = जल। बरन = रंग, एक रूप। बधिक = शिकारी। पारस = एक ऐसा पत्थर जिसके स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है। कंचन = सोना। टरौ = टल जाएगा। दाऊ = बलदेव। खिझायौ = चिढ़ाता है। मोसौ = मुझसे। लीन्हौ = लिया है। कहा करौं = क्या करूँ या क्या कहूँ। रिस के मारे = गुस्से के मारे। पुनि-पुनि = बारबार। मात = माता। कत = किस लिए। स्यामल = काले रंग का। गात = शरीर। दाउहीं = बलदेव को। रिस = गुस्सा। चबाई = चुगलखोर। धूत = धूर्त। सौं = सौगन्ध । पूत = पुत्र। वसतु = वस्तु। अमोलक = अमूल्य। खरचै = खर्च करने पर। सत्त = सत्य। खेवटिया = मल्लाह, केवट। हरषि = प्रसन्न। जस = यश। पग = पैर। बावरी = पगली। न्यात = नातेदार, रिश्तेदार । कुलनासी = कुल का नाश करने वाली। पीवत = पीकर । सहज = आसानी से। अविनासी = सदा रहने वाला भगवान्।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

II. हिंदी रूप लिखें :

औगुन – ………………….
समदरसी – ………………….
बधिक – ………………….
बरन – ………………….
मोसों – ………………….
कान्ह – ………………….
मोहौं – ………………….
बसतु – ………………….
किरपा – ………………….
इक – ………………….
उत्तर:
औगुन – अवगुण ।
समदरसी – समदर्शी।
बधिक – वधिक।
बरन – वर्ण।
मोसों – मुझसे।
कान्ह – कृष्ण।
मोहौं –मुझे।
बसतु – वस्तु।
किरपा – कृपा।
इक – एक।

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(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
श्रीकृष्ण ने यशोदा से क्या शिकायत की है ?
उत्तर:
श्रीकृष्ण ने यशोदा से यह शिकायत की कि बड़ा भाई बलराम उसे चिढ़ाता है। वह कहता है कि तुझे तो मोल लिया गया है। तू यशोदा का पुत्र नहीं है, क्योंकि नन्द बाबा भी गोरे हैं तथा यशोदा भी गोरी है। तू काले शरीर वाला है।

प्रश्न (ख)
माता ने श्रीकृष्ण को कैसे विश्वास दिलाया कि वह उसका पुत्र है ?
उत्तर:
माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को यह कह कर विश्वास दिलाया कि बलदेव तो जन्म काल से ही चुगलखोर और धूर्त है। मुझे गो-धन की सौगन्ध है कि तू मेरा पुत्र है और मैं तेरी माता हूँ।

प्रश्न (ग)
बलराम श्री कृष्ण को कैसे खिझाते थे ?
उत्तर:
बलराम श्रीकृष्ण को यह कहकर खिझाते थे-तू तो मोल लिया हुआ है। तू यशोदा का पुत्र नहीं है।

प्रश्न (घ)
मीरा ने राम रूपी रत्न-धन कैसे प्राप्त किया ?
उत्तर:
मीरा ने राम रूपी रत्न-धन अपने सतगुरु की कृपा से प्राप्त किया।

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प्रश्न (ङ)
‘सत की नाव’ से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
‘सत की नाव’ का अर्थ-सत्य स्वरूप परमात्मा। मीरा ने भगवान् के भजन को ‘सत्य की नौका’ कहा है जोकि इस भव सागर से पार उतारने वाला है।

प्रश्न (च)
मीरा को जहर क्यों दिया गया ?
उत्तर:
मीरा का देवर उसे कुल को बदनाम करने वाली मानता था। उसे मीरा द्वारा साधु-सन्तों की संगति पसन्द नहीं थी। इस कारण मीरा को जहर दिया गया।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
तीसरे पद के आधार पर मीरा की भक्ति-भावना पर संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर:
मीरा ने अपने गुरु की कृपा से राम नाम का रत्न-धन प्राप्त कर लिया। मानो उसने जन्म-जन्म की पूँजी पा ली हो। पूँजी भी ऐसी, जो कभी खर्च करने से कम नहीं होती, बल्कि उत्तरोत्तर बढ़ती ही रहती है। मीरा भगवान् कृष्ण के रंग में पूरी तरह रंग गई।

प्रश्न (ख)
चौथे पद की प्रसंग सहित व्याख्या करो।
उत्तर:
मीरा पैरों में घुघरू बाँध कर नाचती है और कहती है कि मैं तो अपने नारायण श्रीकृष्ण की स्वयं ही दासी बन गई हूँ। लोग कहते हैं कि मीरा पागल हो गई है और रिश्तेदार कहते हैं कि वह कुल का नाश करने वाली हो गई है। राणा जी ने मीरा को मारने के लिए विष का प्याला भेजा। उसे पीकर वह हँसने लगी। मीरा कहती है कि मेरे तो प्रभु चतुर गिरिधारी कृष्ण हैं, वे सदा रहने वाले भगवान् मुझे आसानी से मिल गए हैं। भाव है कि संसार के कष्टों को मीरा तुच्छ मानती है। उसे अब देह (शरीर) की चिन्ता नहीं रही। उस पर जहर के प्याले का भी कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि वह श्रीकृष्ण की शरण में चली गई है।

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(ग) व्यावहारिक व्याकरण

पर्यायवाची लिखें :

प्रभु – ………………….
कंचन – ………………….
जल – ………………….
गंगा – ………………….
माता – ………………….
पूत – ………………….
कृपा – ………………….
उत्तर:
1. प्रभु – ईश्वर, परमात्मा।
2. कंचन – सोना, स्वर्ण, हेम।
3. जल – पानी, नीर, वारि, तोय, आब, अंबू।
4. गंगा – जाह्नवी, सुरसरिता, मंदाकिनी, जाह्नवी।
5. माता – माँ, जननी, अम्बा।
6. पूत – पुत्र, तनय, सुत, तनुज।
7. कृपा – दया, अनुकम्पा, मेहरबानी, अनुग्रह।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

PSEB 8th Class Hindi Guide पदावली-सूरदास, मीराबाई Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
‘समदरसी’ किस का नाम है ?
(क) कवि का
(ख) भगवान का
(ग) प्रांत का
(घ) देश का।
उत्तर:
भगवान का।

प्रश्न 2.
श्रीकृष्ण को कौन खिझाता है ?
(क) दाऊ
(ख) भाऊ
(ग) दमन
(घ) रमन।
उत्तर:
दाऊ।

प्रश्न 3.
‘चबाई’ कौन होता है ?
(क) खिलाड़ी
(ख) शैतान
(ग) संत
(घ) चुगलखोर।
उत्तर:
चुगलखोर।

प्रश्न 4.
मीरा ने कौन-सा ‘रत्न’ पाया है ?
(क) राम
(ख) श्याम
(ग) सीता
(घ) राधा।
उत्तर:
राम।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

प्रश्न 5.
मीरा किस नाव पर सवार है ?
(क) लकड़ी की
(ख) मन की
(ग) सत की
(घ) शरीर की।
उत्तर:
सत की।

प्रश्न 6.
राणा जी ने किस का प्याला भेजा था ?
(क) विष का
(ख) दूध का
(ग) शहद का
(घ) जल का।
उत्तर:
विष का।

प्रश्न 7.
‘न्यात’ का क्या अर्थ है ?
(क) न्यौता देना
(ख) नाते-रिश्तेदार
(ग) मना करना
(घ) स्नान करना।
उत्तर:
नाते रिश्तेदार।

प्रश्न 8.
गोवर्धन पर्वत किसने उठाया था ?
(क) राम ने
(ख) बलराम ने
(ग) कृष्ण ने
(घ) रावण ने।
उत्तर:
कृष्ण ने।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

सप्रसंग व्याख्या

1. हमारे प्रभु, औगुन चित न धरौ।
समदरसी है नाम तुम्हारी, सोई पार करौ॥
इक लोहा पूजा मैं राखत, इक घर बधिक परौ।
सो दुबिधा पारस नहिं जानत, कंचन करत खरौ॥
इक नदिया इक नार कहावत, मैलो नीर भरौ।
जब मिलि गए तब एक बरन है, गंगा नाम परौ॥
तन माया, ज्यौ ब्रह्म कहावत, सूर सु मिलि बिगरौ।
कै इनकौ निरधार कीजियै, कै प्रन जात टरौ॥

शब्दार्थ:
औगुन = अवगुण, बुराइयाँ, दोष। समदरसी = समदर्शी, सब को समान देखने वाला। नार = नाला। नीर = जल। बरन = रंग, एक रूप। बधिक = शिकारी। पारस = एक ऐसा पत्थर जिसके स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है। कंचन = सोना। टरौ = टल जाएगा।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ से लिया गया है। प्रस्तुत पद में सूरदास जी भगवान् कृष्ण से प्रार्थना करते हुए कहते हैं

व्याख्या:
हे परमात्मा ! हमारी बुराइयों को अपने मन में न रखो। हमारे अवगुणों को क्षमा कर दो। आपका नाम तो समदर्शी है अर्थात् आप सब को समान दृष्टि से देखते हैं, इसलिए चाहो तो हमें भवसागर से पार उतार दो। एक लोहा पूजा में रखा जाता है और एक शिकारी के घर में तीर तलवार आदि के रूप में पड़ा होता है। पारस इस भेद को नहीं जानता। वह उन दोनों के गुण-दोष नहीं देखता बल्कि अपने संपर्क से दोनों को खरा सोना बना देता है। एक पवित्र जल वाली नदी कहलाती है। एक नाला कहलाता है, जिसमें गंदा पानी भरा होता है। जब ये दोनों मिल जाते हैं तब एक रूप हो जाते हैं और दोनों मिल कर बहते हुए गंगा नदी में मिल जाते हैं, उनका नाम गंगा पड़ जाता है। सूरदास जी कहते हैं कि यह सारा संसार माया और भ्रम के जाल से भरा हुआ कहलाता है। माया के इस भ्रम जाल को दूर कर दो। हे भगवान् ! मुझे इस बार संसार सागर से पार उतार दो, नहीं तो आपका पतित-पावन होने का प्रण टल जाएगा। कवि का भाव है कि भगवान् भले-बुरे सब का रक्षक है। वह पारस पत्थर के समान है, जो अच्छे-बुरे दोनों तरह के लोहे को सोना बना देता है।

विशेष:

  1. कवि ने ईश्वर की महिमा का वर्णन किया है।
  2. ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

2. मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायौ।
मोसौं कहत मोल को लीन्हौं, तू जसुमति कब जायौ।
कहा करौं, इहि रिस के मारै खेलन कै नहिं जात।
पुनि पुनि कहत कौन है माता, को है तेरौ तात॥
गोरे नन्द, जसोदा गोरी, तुम कत स्यामल गात।
चुटकी दे दे ग्वाल नचावत, हंसत सबै मुसकात॥
तू मोही कौं मारन सीखी, दाउहिं कबहुं न खीझे।
मोहन मुख रिस की ये बातें, जसुमति सुनि-सुनि रीझै॥
सुनहु कान्ह, बलभद्र चबाई, जनमत ही को धूत।
सूर स्याम मोहिं गोधन की सौं, हौं माता तू पूत॥

शब्दार्थ:
दाऊ = बलदेव। खिझायौ = चिढ़ाता है। मोसौ = मुझसे। लीन्हौ = लिया है। कहा करौं = क्या करूँ या क्या कहूँ। रिस के मारे = गुस्से के मारे। पुनि-पुनि = बारबार। मात = माता। कत = किस लिए। स्यामल = काले रंग का। गात = शरीर। दाउहीं = बलदेव को। रिस = गुस्सा। चबाई = चुगलखोर। धूत = धूर्त। सौं = सौगन्ध । पूत = पुत्र।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ में से लिया गया है। यह पद सूरदास जी द्वारा रचित है। इसमें बाल-कृष्ण माता यशोदा से अपने बड़े भाई बलराम की शिकायत करते हुए कहते हैं

व्याख्या:
हे माता ! मुझे भाई बलराम बहुत चिढ़ाता है। वह मुझे कहता है कि तू मोल लिया गया है; तुझे तो खरीदा गया है। यशोदा ने तुझे कब जन्म दिया है? क्या कहूँ, इसी गुस्से के मारे मैं खेलने के लिए नहीं जाता। वह मुझे बार-बार कहता है कि कौन तुम्हारी माता है और कौन तुम्हारे पिता हैं ? क्योंकि नन्द गोरे रंग के हैं, यशोदा भी गोरे रंग की है, तू काले शरीर वाला किस लिए है। सभी ग्वालों को वह चुटकी बजा-बजा कर नचवाता है। सब हँसते और मुस्कुराते हैं। तू तो मुझे ही

मारना सीखी है, बलदेव को तो तू कभी भी गुस्से भी नहीं होती। कृष्ण के गुस्से से भरे मुख को देख कर तथा ये बातें बार-बार सुनकर यशोदा प्रसन्न होती है। यशोदा कहती है कि हे कृष्ण ! सुनो, बलदेव तो चुगलखोर है, जन्म से ही वह धूर्त है। सूरदास कहते हैं कि माता यशोदा कृष्ण से फिर कहती है कि मुझे गो धन (गऊओं) की सौगन्ध है-मैं तुम्हारी माता हूँ और तू मेरा पुत्र है। भाव है कि बालकृष्णं माता यशोदा से बड़े भैया बलराम की शिकायत करते हैं कि वह मुझे चिढ़ाता है कि तुझे मोल लिया गया है, तो माता यशोदा गऊओं की सौगन्ध खाकर कृष्ण को विश्वास दिलाती है। वह कहती है कि मैं तुम्हारी माता हूँ और तू मेरा पुत्र है।

विशेष:

  1. कवि ने यशोदा ममता और श्रीकृष्ण के प्रेम को वाणी प्रदान की है।
  2. ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है। |

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

3. मैंने राम रतन धन पायौ।
वसतु अमोलक दी मेरे सतगुरु, करि किरपा अपणायो।
जनम जनम की पूँजी पाई, जग में सबै खवायो।
खरचै नहिं कोई चोर न लवै, दिन-दिन बढ़त सवायौ।
सत्त की नाव खेवटिया सतगुरु, भवसागर तरि आयो।
‘मीरा’ के प्रभु गिरिधर नागर, हरखि हरखि जस गायौ॥

शब्दार्थ:
वसतु = वस्तु। अमोलक = अमूल्य। खरचै = खर्च करने पर। सत्त = सत्य। खेवटिया = मल्लाह, केवट। हरषि = प्रसन्न। जस = यश।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ में से लिया गया है। प्रस्तुत पद में मीरा गुरु की महिमा का गुण-गान करती हुई कहती है

व्याख्या:
मैंने भगवान् के नाम का रत्न-धन प्राप्त कर लिया है। मेरे सच्चे गुरु ने मुझे अमूल्य वस्तु प्रदान की है। कृपा करके उन्होंने मुझे अपनी शरण में अपना लिया है। मैंने तो जन्म-जन्म की सम्पत्ति प्राप्त कर ली है। इस संसार में मेरे पास जो कुछ था उस सब को मैंने त्याग दिया है। मैंने सांसारिक मोह-माया को त्याग कर गुरु की शरण प्राप्त कर ली है। भगवान् के नाम रूपी रत्न धन को खर्च करने से भी वह कम नहीं होता। चोर इसे ले नहीं सकता। यह तो दिन-प्रतिदिन सवाया होकर बढ़ता जाता है। मीरा कहती है कि मैंने सत्य की नाँव बनाकर और सच्चे गुरु को मल्लाह बनाकर इस संसार रूपी सागर को पार कर लिया है। मेरे प्रभु गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले चतुर कृष्ण हैं। मैं हर्ष के साथ उन्हीं का यशोगान करती हूँ कि सच्चे गुरु की कृपा से भगवान् के नाम का रत्न धन प्राप्त किया जा सकता है।

विशेष:

  1. कवयित्री ने श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति-भावना को प्रकट किया है।
  2. भाषा में गेयता का गुण है।

4. पग धुंघरू बाँध मीरा नाची रे।
मैं तो अपने नारायण की, आपहि हो गई दासी रे।
लोग कहैं मीरा भई बावरी, न्यात कहैं कुलनासी रे।
विष का प्याला राणाजी भेज्या, पीवत मीरा हांसी रे।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर, सहज मिले अविनासी रे।

शब्दार्थ:
पग = पैर। बावरी = पगली। न्यात = नातेदार, रिश्तेदार । कुलनासी = कुल का नाश करने वाली। पीवत = पीकर । सहज = आसानी से। अविनासी = सदा रहने वाला भगवान्।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ में से लिया गया है। प्रस्तुत पद में मीरा ने भगवान् कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति-भावना और आप बीती का वर्णन किया है।

व्याख्या:
मीरा पैरों में घुघरू बाँध कर नाचती है और कहती है कि मैं तो अपने नारायण श्रीकृष्ण की स्वयं ही दासी बन गई हूँ। लोग कहते हैं कि मीरा पागल हो गई है और रिश्तेदार कहते हैं कि वह कुल का नाश करने वाली हो गई है। राणा जी ने मीरा को मारने के लिए विष का प्याला भेजा। उसे पीकर वह हँसने लगी। मीरा कहती है कि मेरे तो प्रभु चतुर गिरिधारी कृष्ण हैं, वे सदा रहने वाले भगवान् मुझे आसानी से मिल गए हैं। भाव है कि संसार के कष्टों को मीरा तुच्छ मानती है। उसे अब देह (शरीर) की चिन्ता नहीं रही। उस पर जहर के प्याले का भी कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि वह श्रीकृष्ण की शरण में चली गई है।

विशेष:

  1. मीरा ने श्रीकृष्ण के प्रति अपने प्रेम और भक्ति को व्यक्त किया है।
  2. गेयता का गुण है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

पदावली (सूरदास, मीराबाई) Summary

पदावली (सूरदास, मीराबाई) पदावली सार

सूरदास का ईश्वर के प्रति गहरा विश्वास है कि वे सभी प्राणियों का कल्याण करते हैं। वे उनके अवगुणों की ओर ध्यान नहीं देते। जिस प्रकार पारस पत्थर मंदिर में रखे हुए लोहे को सोना बना देता है तो वह कसाई के द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले लोहे के साधन को भी वह सोना ही बनाता है। वे उनमें कर्म के आधार पर भेद-भाव नहीं करता। गंदे नालोंनालियों का जल भी गंगा की धारा में मिल कर गंगा की पवित्रता को पा जाता है। हर अच्छे-बुरे का रक्षक ईश्वर ही है। श्रीकृष्ण साँवले रंग के थे। उनके बड़े भाई बलराम उन्हें चिढ़ाते थे कि उनका जन्म यशोदा माता से नहीं हुआ। उन्हें तो बाज़ार से खरीदा गया था। यशोदा माता ने गउओं की सौगंध खाकर कहा कि वह ही उनकी माँ थी। बलराम का कहना झूठ था क्योंकि वह तो जन्म से ही धूर्त था। मीराबाई कृष्ण भक्ति के विषय में कहती है कि उनकी भक्ति सबसे अच्छी है जिसे चोर चुरा नहीं सकता, खर्च करने पर वह घटती नहीं बल्कि बढ़ती ही जाती है। वह सत्य की नौका को चलाने वाले हैं। उन्हीं का यश गागा कर वह प्रसन्नता प्राप्त करती है। वह अपने पाँवो में धुंघुरू बाँध कर उनके समक्ष नाचती है। लोग कहते हैं कि वह कुल का नाश कर रही थी पर वह उनकी परवाह नहीं करती। उसने राणा के द्वारा भेजा जहर का प्याला भी उनका प्रसाद समझ कर पी लिया था। वह तो केवल श्रीकृष्ण का है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 24 नेत्रदान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 24 नेत्रदान

Hindi Guide for Class 8 PSEB नेत्रदान Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

नसीब = भाग्य।
सहसा = अचानक।
आशैंका = सन्देह, शक।
हृदयआघात = दिल का दौरा।
चुहलबाजी = शरारती।
विलाप = रोना-धोना।
असहनीय = जिसे सहन न किया जा सके।
संकल्प = इच्छा, निश्चय।
सर्वोपरि = सबसे ऊपर।
स्वेच्छा = अपनी इच्छा।
आर्द्र = नमी युक्त।
शल्य = चीर-फाड़।
आश्वस्त = जिसे आश्वासन या भरोसा मिला हो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

II. इन मुहावरों के अर्थ समझते हुए वाक्य बनायें

लुत्फ उठाना, मातम छाना, गले से लिपटकर रोना, किसी और दुनिया में जाना, जीवन प्रकाशमान होना, यज्ञ सफल होना, जीवन के मायने बदलना।

उत्तर:
1. लुत्फ उठाना – सभी बच्चों ने रीना की जन्मदिवस पार्टी में बहुत लुत्फ उठाया था।
2. मातम छाना – भरी सभा में नेता जी की हृदय गति रुक जाने के कारण मातम छा गया।
3. गले से लिपटकर रोना – विवाह के पश्चात् विदाई के समय रोहिणी अपनी मम्मी के गले से लिपट फूट-फूट कर रो रही थी।
4. किसी और दुनिया में जाना-हम सब को मर कर किसी और दुनिया में जाना ही
5. जीवन प्रकाशमान होना-भाई साहब ने अपनी सारी संपत्ति दीन-दुखियों को दान देकर समाज सेवा में लगकर अपने जीवन को प्रकाशमान कर लिया।
6. यज्ञ सफल होना-ग्यारह गरीब लड़कियों का आर्य समाज में विवाह कराने का काम कठिन था पर सब की कोशिश से यज्ञ सफल हो ही गया।
7. जीवन के मायने बदलना-बचपन से अपंग हो चुके राजेश ने जब से कृत्रिम पाँव प्राप्त किए हैं तब से उसके जीवन के मायने बदल गए हैं।

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
नेत्रदान करने का संकल्प किस-किसने किया था ?
उत्तर;
नेत्रदान करने का संकल्प मृतका और उसकी सहेली ने किया था।

प्रश्न (ख)
हृदयाघात के कारण किसकी मृत्यु हो गई थी ?
उत्तर:
हृदयाघात के कारण लेखिका की सखी की मृत्यु हो गई थी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

प्रश्न (ग)
नेत्र संकल्प का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
नेत्र संकल्प का अर्थ है-मृत्यु के पश्चात् नेत्रों का दान।

प्रश्न (घ)
सहेली के परिवार वालों ने नेत्रदान करने का विरोध कैसे किया ?
उत्तर:
सहेली के परिवार वालों ने नेत्रदान करने का विरोध इसलिए किया था कि उन्हें उसके नेत्रदान के विषय में कुछ भी पता नहीं था।

प्रश्न (ङ) एक व्यक्ति की आँखें कितने लोगों को लगाई जाती हैं ?
उत्तर:
एक व्यक्ति की आँखें दो लोगों को लगाई जाती हैं।

प्रश्न (च)
हमारे देश में कितने लोग ऐसे हैं जिनका आँखों का पर्दा किसी न किसी कारण धुंधला हो जाता है ?
उत्तर:
हमारे देश में 25 लाख से अधिक लोगों की आँखों का पर्दा किसी न किसी कारण धुंधला हो जाता है।

प्रश्न (छ)
नेत्र बैंक की टीम के पहुंचने से पूर्व क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
नेत्र बैंक की टीम पहुँचने से पूर्व मृतक की दोनों आँखें बंद कर उन पर रूई में लपेट कर बर्फ रखनी चाहिए और पंखा बंद कर देना चाहिए।

प्रश्न (ज)
नेत्रदान करने में कितना समय लगता है ?
उत्तर:
नेत्रदान करने में 15-20 मिनट लगते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
जीवित नेत्र संकल्प पत्र के बारे में आप क्या जानते हैं ? लिखें।
उत्तर:
जीवित नेत्र संकल्प पत्र एक प्रकार का शपथ-पत्र होता है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति शपथ लेता है कि जब वह मर जाएगा तो उसकी दोनों आँखें घर के लोग दान दे देंगे। उन आँखों को डॉक्टर किन्हीं दो ज़रूरतमंद लोगों को लगाएंगे जिससे वे इस संसार को देख सकें। नेत्रदान विशेष नेत्र-बैंकों के डॉक्टर ही ले सकते हैं।

प्रश्न (ख)
नेत्रदान के क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
नेत्रदान एक ऐसा दान है जो किसी नेत्रहीन को फिर से संसार की सुन्दरता देखने के योग्य बना देता है। इससे एक साथ दो अंधे लोगों को देखने की शक्ति प्राप्त हो जाती है। जिन मृतक आँखों को नष्ट होना ही था वे किसी को जीवन देने के योग्य बन जाती हैं। इससे मृतक शरीर को कोई क्षति नहीं होती।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. ‘अ’ लगाकर विपरीत शब्द बनायें

प्रिय = …………………
सहनीय = …………………
सहमति = …………………
सहयोग = …………………
सम्भव = …………………
उत्तर:
प्रिय = अप्रिय
सहनीय = असहनीय
सहमति = असहमति
सहयोग = असहयोग
सम्भव = असम्भव।

इन विपरीत अर्थ वाले शब्दों को भी समझें

अर्थ = अनर्थ
इच्छा = अनिच्छा
ठण्डक = तपन
कर्तव्य = अधिकार।

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II. लिंग बदलें

बेटा = …………………
पति = …………………
सास = …………………
माता = …………………
मौसी = …………………
दादी = …………………
साधु = …………………
उत्तर:
बेटा = बेटी
पति = पत्नी
सास = ससुर
माता = पति
मौसी = मौसा
दादी = दादा
साधु = साध्वी।

III. ‘बे’ लगाकर नये शब्द बनायें

बे + ख़बर = …………………
बे + सहारा = …………………
बे + शक = …………………
बे + मेल = …………………
+ रोक = …………………
उत्तर
बे + ख़बर = बेख़बर
बे + सहारा = बेसहारा
बे + शक = बेशक
बे + मेल = बेमेल
बे + रोक = बेरोक।

IV. ‘नेत्र’ शब्द के पर्यायवाची लिखें।

उत्तर:
नेत्र = आँख, दृग, लोचन, नयन, चक्षु, विलोचन, अक्षि।

योग्यता विस्तार

  • नेत्रदान किसी भी आय में मरणोपरान्त किया जा सकता है।
  • एक व्यक्ति की आँखें किन्हीं दो व्यक्तियों को प्रत्यारोपित की जाती हैं।
  • यह सूचना गुप्त रखी जाती है कि किस व्यक्ति को किसकी आँख लगी है।
  • नेत्रदान करने वाले को दानी (Donar) और नेत्र प्राप्त करने वाले को प्राप्त कर्ता (Donee) कहा जाता है।
  • नेत्र लेने के बाद इन्हें 24 से 36 घंटे तक रखा जाता है, जहाँ इनकी जाँच-पड़ताल की जाती है।
  • नेत्र बैंक में एक रजिस्टर लगा होता है जिसमें इच्छुक व्यक्तियों के नाम दर्ज होते हैं। क्रम अनुसार ही नेत्र प्रत्यारोपित किये जाते हैं।
  • नेत्र लगाने को ग्राफटिंग (Grafting) कहते हैं।
  • केवल आँख का पर्दा (Cornea) ही प्रत्यारोपित किया जाता है।
  • नेत्र में रोशनी आने में तीन से चार माह लगते हैं।
  • कोर्निया के धुंधले होने के अनेक कारण जैसे आँख में संक्रमण, चोट, खान-पान में कमी और आप्रेशन में कोई बाधा आदि हैं।
  • जिस व्यक्ति का रेटिना खराब हो गया या पीलिया, कैंसर, एडज़, रेबीज जैसे संक्रामक रोग से पीड़ित मृतक के नेत्रदान के अयोग्य होते हैं।
  • नेत्र बैंक की टीम के पहुँचने तक मृत्यु के उपरान्त दोनों आँखें बन्द कर दें, पंखा न चलायें। बर्फ रुई में लपेटकर उसकी आँखों पर रख दें। तकिया लगाकर मृतक का सिर ऊँचा कर दें।

संकल्प

  • कोई भी जीवित व्यक्ति संकल्प पत्र भर सकता है।
  • संकल्प पत्र निकटवर्ती क्षेत्र बैंक को भेजा जाता है।
  • नेत्र बैंक से नेत्र दानी कार्ड (Eye Donar Card) मिलता है। इसे हमेशा अपने पास संभाल कर रखें।
  • संकल्प पत्र न भी भरा हो तो भी नेत्रदान हो सकता है। उत्तराधिकारी की सहमति आवश्यक है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

PSEB 8th Class Hindi Guide नेत्रदान Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
लेखिका को किसकी मृत्यु की सूचना मिली थी ?
(क) भाई
(ख) पिता
(ग) माता
(घ) सहेली।
उत्तर:
सहेली।

प्रश्न 2.
लेखिका को सहेली की मृत्यु की सूचना किस दिन मिली ?
(क) रविवार को
(ख) सोमवार को
(ग) मंगलवार को
(घ) बुधवार को।
उत्तर:
रविवार को।

प्रश्न 3.
एक व्यक्ति की आँखें कितने लोगों को लगाई जा सकती हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
दो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

प्रश्न 4.
लेखिका की सहेली को दिल का दौरा सुबह कब पड़ा था ?
(क) दो बजे
(ख) तीन बजे
(ग) चार बजे
(घ) पाँच बजे।
उत्तर:
चार बजे।

प्रश्न 5.
मृतका के नेत्रदान करने के संकल्प की किसने,सराहना की थी ?
(क) मौसा ने
(ख) ससुर ने
(ग) पति ने
(घ) मौसी सास ने।
उत्तर:
मौसी सास ने।

प्रश्न 6.
मौसी सास ने नेत्रदान का संकल्प पत्र कितने वर्ष पूर्व भरा था ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
चार।

प्रश्न 7.
क्या लगाने से न देख सकने वाले भी देख सकते हैं ?
(क) लैंस
(ख) ऐनक
(ग) कार्निया
(घ) सुरमा।
उत्तर:
कार्निया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

प्रश्न 8.
नेत्रदान के लिए किस बैंक को सूचना देनी होती है ?
(क) ब्लड
(ख) नेत्र
(ग) सहकारी
(घ) सरकारी।
उत्तर:
नेत्र।

प्रश्न 9.
हमारे देश में कितने लाख से अधिक लोग देख नहीं सकते ?
(क) बीस
(ख) पच्चीस
(ग) तीस
(घ) पैंतीस।
उत्तर:
पच्चीस।

प्रश्न 10.
नेत्रदान करने में कितने मिनट का समय लगता है ?
(क) 10-12
(ख) 15-20
(ग) 8-10
(घ) 12-15.
उत्तर:
15-20.

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

नेत्रदान Summary

नेत्रदान पाठ का सार

प्रातः का समय था। ठंडी हवा चल रही थी। अपनी बात सुनाने वाली महिला घर के बगीचे में चाय पी रही थी कि फोन की घंटी बजी। उसकी बेटी फोन बाहर ही ले आई और उसने फोन अपनी मम्मी को दिया। फोन सुनते ही वह फूट-फूट कर रोने लगी। पूछने पर पता लगा कि उसकी प्रिय सहेली हृदयघात से चल बसी थी। वह और उसका पति शीघ्रता से उसके घर को चले। घर से चलने से पहले उसने अपने नेत्रदान करने का संकल्प पत्र उठाया और फोन से नेत्र बैंक को सूचना दी। वहाँ पहुँचकर पता लगा कि सुबह चार बजे उसकी सहेली को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। महिला ने उसके पति को बताया कि उसकी मृतक पत्नी ने कुछ दिन पहले नेत्रदान करने का संकल्प किया था। पति ने बताया कि वह बाहर गया हुआ था और कल रात ही वापस लौटा था। उसने फोन पर इतना अवश्य बताया था कि वह मुझे कोई महत्त्वपूर्ण बात बताने वाली थी। महिला ने उसे अपना नेत्रदान पत्र दिखाया।

सहेली की सास और ससुर पहले तो अपनी बहू के नेत्रदान के लिए तैयार नहीं हुए लेकिन बाद में वे इसके लिए मान गए। मृतका की मौसी सास ने तो बहू की इस काम के लिए सराहना की। उसने स्वयं भी चार वर्ष पहले नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा था। उसका पोता देख नहीं सकता था और हो सकता था कि बहू की आँखों से वह देखने लगे। नेत्रदान किसे प्राप्त होगा यह बात गुप्त रखी जाती है और एक व्यक्ति को एक ही आँख दान में दी जाती है। हमारे देश में 25 लाख से अधिक ऐसे बच्चे हैं जो देख नहीं सकते। आँख के सामने का कॉर्निया नामक पर्दा धुंधला हो जाने के कारण दिखाई नहीं देता। जब साफ कॉर्निया लगा दिया जाए तो न देख सकने वाले वे लोग भी देख सकते हैं। मृतका की सहेली शल्य चिकित्सकों के आने से पहले रूई में बर्फ लपेट कर मृत शरीर की आँखों पर रखती रही थी। डॉक्टरों ने 15 से 20 मिनट में आँखें लेकर मृतका को नकली आँखें लगा दी थीं ताकि उसका चेहरा सामान्य बना रह सके।