PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 16 प्रकाश

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 16 प्रकाश Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 16 प्रकाश

PSEB 8th Class Science Guide प्रकाश Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
मान लीजिए आप एक अंधेरे कमरे में हैं। क्या आप कमरे में वस्तुओं को देख सकते हैं ? क्या आप कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते हैं ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
नहीं, अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं देता क्योंकि कमरे में पड़ी हुई वस्तुओं पर कोई प्रकाश नहीं पड़ रहा और न ही वह स्वयं प्रकाश उत्सर्जित कर रही हैं। इसलिए अंधेरे कमरे में कुछ नहीं दिखाई देता।

कमरे के बाहर की वस्तुएँ दिखाई दे सकती हैं, यदि उन पर प्रकाश की किरणें आपतित हों अथवा वे अपना प्रकाश उत्सर्जित करें।

प्रश्न 2.
नियमित तथा विसरित परावर्तन में अंतर बताइए। क्या विसरित परावर्तन का अर्थ है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए हैं ?
उत्तर-
नियमित तथा विसरित परावर्तन में अंतर-

नियमित परावर्तन विसरित परावर्तन
(1) समतल और चिकने पृष्ठ पर परावर्तन होता है। (1) विषम और अनियमित पृष्ठ पर परावर्तन होता है।
(2) परावर्तित किरणें समांतर होती हैं। (2) परावर्तित किरणें असमांतर होती हैं।

विसरित परावर्तन के नियम का विफल होना नहीं है। यह पृष्ठ की अनियमिताओं के कारण हैं।

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प्रश्न 3.
निम्न में से प्रत्येक के स्थान के सामने लिखिए, यदि प्रकाश की एक समांतर किरण-पुंज इनसे टकराए तो नियमित परावर्तन होगा या विसरित परावर्तन होगा। प्रत्येक स्थिति में अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
(क) पॉलिश युक्त लकड़ी की मेज़
(ख) चाक पाऊडर
(ग) गत्ते का पृष्ठ
(घ) संगमरमर के फर्श पर फैला जल
(ङ) दर्पण
(च) कागज़ का टुकड़ा।
उत्तर-
(क) पॉलिश युक्त लकड़ी की मेज़ – नियमित परावर्तन क्योंकि लकड़ी की मेज़ का पृष्ठ पॉलिश होने के अतिरिक्त समतल भी है।

(ख) चाक पाऊडर – विसरित परावर्तन क्योंकि चाक पाऊडर रुक्ष पृष्ठ प्रदान करता है।

(ग) गत्ते का पृष्ठ – विसरित परावर्तन, पृष्ठ पर उपस्थित अनियमितताओं के कारण।

(घ) संगमरमर के फर्श पर फैला जल – नियमित परावर्तन क्योंकि जल से समतल पृष्ठ बन जाता है।

(ङ) दर्पण – नियमित परावर्तन क्योंकि इसका पृष्ठ समतल है।

(च) कागज़ का टुकड़ा – नियमित यदि कागज़ समतल है और विसरित यदि कागज़ रुक्ष है।

प्रश्न 4.
परावर्तन के नियम बताइए।
उत्तर-
परावर्तन के नियम-
(i) आपतित कोण ∠i = परावर्तित कोण ∠r
(ii) आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलंब तथा परावर्तित किरण सभी एक ही तल में होते हैं।

प्रश्न 5.
यह दर्शाने के लिए कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर अभिलंब एक ही तल में होते हैं, एक क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
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क्रियाकलाप – एक मेज़ पर एक सफेद शीट फैलाइए। इस पर MM1 एक सीधी रेखा खींचिए। इस समतल दर्पण रेखा के अनुदिश समतल दर्पण की एक पट्टी ऊध्वाधर स्थिति में रखें। अब टार्च की सहायता से प्रकाश को कंघी पर पुंज इस तरह डालें कि इससे निकलने वाला प्रकाश पुंज मेज़ के समांतर हो। आपतित और परावर्तित किरणों का एक सुंदर पैटर्न प्राप्त होता है, एक पेंसिल से किसी भी आपतित किरण पर तीन बिंदु A, B, C अंकित करें और इसकी संगत परावर्तित किरण पर बिंदु D.E,F, अंकित करें। टार्च बंद कर दें। दर्पण हटा लें। अब बिंदुओं को मिलाकर दर्पण तक बढ़ाएं। ABC रेखा MM’ को O पर मिलती है। इसी तरह DEF रेखा भी MM’ को O पर मिलती है। OA आपतित किरण है जबकि OF परावर्तित किरण है। O पर अभिलंब ON खींच कर आपतन कोण AON तथा परावर्तन कोण FON मापें जो बराबर होगा। आपतित किरण, परावर्तित किरण और आपतन बिंदु पर अभिलंब सभी एक ही तल (पृष्ठ) में हैं। इससे परावर्तन के दोनों नियम सत्यापित होते हैं।

प्रश्न 6.
नीचे दिए गए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(a) एक समतल दर्पण के सामने 1m दूर खड़ा व्यक्ति अपने प्रतिबिंब से …………………………. m दूर दिखाई देता है।
(b) यदि किसी समतल दर्पण के सामने खड़े होकर आप अपने दाएँ हाथ से अपने ………………………… कान को छुएँ तो दर्पण में ऐसा लगेगा कि आपका दायाँ कान …………………………. हाथ से छुआ गया है।
(c) जब आप मंद प्रकाश में देखते हैं तो आपकी पुतली का साइज़ ………………………….. हो जाता है।
(d) रात्रि पक्षियों के नेत्रों में शलाकाओं की संख्या की अपेक्षा शंकुओं की संख्या …………………………. होती है।
उत्तर-
(a) 2
(b) बाएँ, बाएँ
(c) बड़ा
(d) अधिक।

प्रश्न 7 तथा 8 में सही विकल्प छाँटिए-
प्रश्न 7.
आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है-
(क) सदैव
(ख) कभी-कभी
(ग) विशेष दशाओं में
(घ) कभी नहीं।
उत्तर-
(क) सदैव।

प्रश्न 8.
समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिंब होता है-
(क) आभासी, दर्पण के पीछे तथा आवर्धित।
(ख) आभासी, दर्पण के पीछे तथा वस्तु के साइज के बराबर।
(ग) वास्तविक, दर्पण के पृष्ठ पर तथा आवर्धित।
(घ) वास्तविक, दर्पण के पीछे तथा वस्तु के साइज़ के बराबर।
उत्तर-
(ख) आभासी, दर्पण के पीछे तथा वस्तु के साइज़ के बराबर ।

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प्रश्न 9.
कैलाइडोस्कोप की रचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कैलाइडोस्कोप – यह एक खिलौना है, जिससे अनेक प्रतिबिंब बनाए जा सकते हैं। बहुमूर्तिदर्शी में दर्पण की लीन आयताकार पट्टियों को प्रिज्म की आकृति में जोड़ा जाता है और एक मोटे चार्ट से बने बेलनाकार ट्यूब में लगा दिया जाता है। ट्यूब के एक सिरे पर केंद्र पर छिद्रयुक्त एक गत्ते की डिस्क लगाते और दूसरे सिरे पर समतल काँच की वृत्ताकार प्लेट, दर्पण को छूते हुए दृढ़तापूर्वक चिपका देते हैं। इसके ऊपर कुछ रंगीन काँच के टुकड़े रखकर घिसे हुए काँच की प्लेट से बंद कर देते हैं। इस प्रकार बहुमूर्तिदर्शी तैयार हो जाती है।
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प्रश्न 10.
मानव नेत्र का एक नामांकित रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर-
मानव नेत्र का नामांकित रेखाचित्र-
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प्रश्न 11.
गुरमीत लेज़र टार्च के द्वारा पाठ्य-पुस्तक के क्रियाकलाप 16.8 को करना चाहता था। उसके अध्यापक ने ऐसा करने से मना किया। क्या आप अध्यापक की सलाह के आधार की व्याख्या कर सकते हैं ?
उत्तर-
लेज़र टार्च की किरण आँख के रेटिना को क्षति पहुँचा सकती है। इसलिए अध्यापक ने लेज़र टार्च के उपयोग के लिए मना किया।

प्रश्न 12.
वर्णन कीजिए कि आप अपने नेत्रों की देखभाल कैसे करेंगे ?
उत्तर-
आँखों की देखभाल – नेत्र प्रकृति की दी हुई बहुमूल्य देन हैं। इसलिए यह आवश्यक है, कि नेत्रों की उचित देखभाल की जाए।

  1. साफ स्वच्छ जल से प्रतिदिन नेत्रों की सफाई करनी चाहिए।
  2. बहुत तेज़ अथवा मंद प्रकाश में नहीं पढ़ना चाहिए।
  3. चलते वाहन में कभी नहीं पढ़ना चाहिए।
  4. आँखों को अधिक मलना नहीं चाहिए।
  5. बहुत गर्मी वाले दिन, धूप के चश्मे उपयोग में लाने चाहिए।
  6. सूर्य को सीधा नहीं देखना चाहिए और न ही सूर्य ग्रहण को देखना चाहिए।
  7. स्वस्थ, साफ आँखों के लिए विटामिनयुक्त भोजन खाना चाहिए।

प्रश्न 13.
यदि परावर्तित किरण, आपतित किरण से 90° का कोण बनाए तो आपतन कोण का मान कितना होगा ? . .
हल-
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यदि ∠i = आपतन कोण
∠r = परावर्तन कोण
तो ∠i + ∠r = 90° (दिया हुआ)
पर ∠i = ∠r (∵ परावर्तन के नियम)
∴ ∠i + ∠i = 90°
या 2∠i = 90°
∠i = \(\frac{90^{\circ}}{2}\) = 45°

प्रश्न 14.
यदि दो समांतर समतल दर्पण एक-दूसरे से 40cm के अंतराल पर रखे हों तो इनके बीच रखी एक मोमबत्ती के कितने प्रतिबिंब बनेंगे ?
उत्तर-
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यदि दो समतल दर्पण 40cm की परस्पर दूरी पर | समांतर रखे हैं तो दर्पण के बीच का कोण 0° होगा जो 360° का छोटा गुणांक नहीं है। इसलिए वास्तव में प्रतिबिंबों की संख्या असंख्य होनी चाहिए क्योंकि परावर्तनों के कारण, प्रकाश की ऊर्जा नष्ट हो जाती है। इसलिए कुछ ही प्रतिबिंब बनते हैं जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है।

प्रश्न 15.
दो दर्पण एक-दूसरे के लंबवत् रखे हैं। प्रकाश की एक किरण एक दर्पण पर 30° के कोण पर आपतित होती है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। दूसरे दर्पण से परावर्तित होने वाली परावर्तित किरण बनाइए।
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उत्तर-
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प्रश्न 16.
चित्र में दर्शाए अनुसार बूझो एक समतल दर्पण के ठीक सामने पार्श्व से कुछ हटकर एक किनारे A पर खड़ा होता है। क्या वह स्वयं को दर्पण में देख सकता है ? क्या वह P, Q तथा R पर स्थित वस्तुओं के प्रतिबिंब भी देख सकता है ?
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उत्तर-
बूझो स्वयं को नहीं देख सकता क्योंकि वह दर्पण सीमा से बाहर है। उसे P का प्रतिबिंब आसानी से दिखाई देंगे परंतु Q तथा R का प्रतिबिंब नहीं दिखाई देगा।
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प्रश्न 17.
(a) A पर स्थित किसी वस्तु के समतल दर्पण में बनने वाले प्रतिबिंब की स्थिति ज्ञात कीजिए।
(b) क्या स्थिति B से पहेली प्रतिबिंब को देख सकती है ?
(c) क्या स्थिति C से बूझो इस प्रतिबिंब को देख सकता है ?
(d) जब पहेली B से C पर चली जाती है तो A का प्रतिबिंब किस ओर खिसक जाता है ?
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उत्तर-
(a) A पर स्थित वस्तु का प्रतिबिंब दर्पण में उतनी ही दूरी पर बनेगा जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने
(b) स्थिति B से पहेली A का प्रतिबिंब देख सकती है।
(c) स्थिति C से बूझो A का प्रतिबिंब देख सकता है।
(d) जब स्थिति B से पहेली स्थिति C पर जाती है तो प्रतिबिंब आगे की ओर नहीं खिसकता है।
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PSEB Solutions for Class 8 Science प्रकाश Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या कोई अंधेरे में देख सकता है ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 2.
हमें देखने के लिए किस वस्तु की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
प्रकाश।

प्रश्न 3.
किन्हीं दो दीप्त वस्तुओं के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. सूर्य,
  2. विद्युत् बल्ब।

प्रश्न 4.
क्या चंद्रमा दीप्त पिंड है अथवा अदीप्त ?
उत्तर-
अदीप्त पिंड।

प्रश्न 5.
प्रतिबिंब कहाँ दिखाई देता है ?
उत्तर-
दर्पण में।

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प्रश्न 6.
कौन-से पृष्ठ दर्पण बन सकते हैं ?
उत्तर-
कोई भी पॉलिश किया हुआ अथवा चमकीला पृष्ठ।

प्रश्न 7.
यदि आप दर्पण के सम्मुख खड़े हों और आप अपना प्रतिबिंब देख रहे हों। आपका और आपके प्रतिबिंब में कितनी दूरी है ?
उत्तर-
वस्तु की दर्पण से दूरी = प्रतिबिंब की दर्पण से दूरी। इसलिए हम अपने प्रतिबिंब से दुगुनी दूरी पर हैं।

प्रश्न 8.
जब प्रकाश की किरण दर्पण पर अभिलंब रूप में गिरती है, तो आपतन कोण कितना होता है ?
उत्तर-
शून्य।

प्रश्न 9.
किन्हीं दो वस्तुओं के नाम लिखो जो सफेद प्रकाश को कई रंगों में विभाजित करती हैं।
उत्तर-
पानी के बुलबुले, CD का पृष्ठ, प्रिज्म।

प्रश्न 10.
प्रकाश के सात रंगों के नाम लिखो।
उत्तर-
लाल, केसरी, पीला, हरा, नीला, नील, बैंगनी।

प्रश्न 11.
सात रंगों की प्राकृतिक उदाहरण क्या है ?
उत्तर-
इंद्र धनुष।

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प्रश्न 12.
सफेद आवरण (Sclerotic) का मानव नेत्र में क्या कार्य है ?
उत्तर-
सफेद आवरण नेत्र को आकार और आंतरिक भागों की दुर्घटनाओं से रक्षा करता है।

प्रश्न 13.
पक्ष्माभ पेशी (Ciliary muscle) का मानव नेत्र में क्या कार्य है ?
उत्तर-
पक्ष्माभ पेशी नेत्र लेंस को स्थिर रखती हैं और नेत्र लेंस को अपने फोकस में परिवर्तन लाने में सहायक होती है।

प्रश्न 14.
क्या नेत्र लेंस का फोक्स अनिश्चित है ?
उत्तर-
नहीं। मानव नेत्र लेंस का फोकस अनिश्चित है। यह पक्ष्माभ पेशी द्वारा बदलता रहता है।

प्रश्न 15.
शलाकाओं (Rods) का मानव नेत्र में काम लिखिए।
उत्तर-
शलाकाएँ प्रकाश की तीव्रता के लिए सुग्राही हैं। अधिक प्रकाश की तीव्रता से शलाकाएँ अधिक उत्तेजित होती हैं।

प्रश्न 16.
शंकु (Cones) क्या है ?
उत्तर-
रेटिना पर शंकु रंगों के संवेदक हैं। यदि शंकु कम मात्रा में या नहीं हैं, तो व्यक्ति रंगांधता (colour blind) से ग्रसित होता है।

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प्रश्न 17.
अंधराता का मूल कारण क्या है ?
उत्तर-
शंकुओं का कम मात्रा में अथवा न होना।

प्रश्न 18.
बिल्लियाँ और चमगादड़ रात्रि में कैसे देख पाते हैं ?
उत्तर-
इनके रेटिना पर शलाकाओं की मात्रा बहुत अधिक होती है, इसलिए यह मंद से मंद प्रकाश में भी देख पाते

प्रश्न 19.
चलचित्र पर्दे पर बिंब किस दर से परिवर्तित होते हैं ?
उत्तर-
25 बिंब/सेकंड और इससे अधिक।

प्रश्न 20.
नेत्र के रेटिना पर कौन-से प्रकाश सुग्राही अंग हैं ?
उत्तर-
शंकु और शल्काएँ।

प्रश्न 21.
उस यंत्र का नाम बताओ जिससे एक बौना व्यक्ति भीड़ में से ऊपर देख सकता है ?
उत्तर-
परिदर्शी (पेरिस्कोप) (Periscope)।

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प्रश्न 22.
अंग्रेज़ी वर्णमाला अथवा किसी दूसरी वर्णमाला के उन अक्षरों को लिखिए, जो दर्पण में समान दिखाई देते हैं।
उत्तर-
अंग्रेज़ी वर्णमाला के शब्द
A, H, O, I, M, T, U, V, W, X.
हिंदी और पंजाबी के अक्षर
ठ तथा ठ क्रमशः।

TYPE -II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
दीप्त और अदीप्त पिंड क्या है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
दीप्त पिंड – वे पिंड जो स्वयं प्रकाश उत्सर्जित करते हैं, दीप्त पिंड कहलाते हैं। जैसे-सूर्य, तारे, अग्नि, रेडियम आदि।
अदीप्त पिंड – वे पिंड जो स्वयं प्रकाश उत्सर्जित नहीं करते पर दूसरे दीप्त पिंडों के कारण चमकते हैं, अदीप्त पिंड कहलाते हैं। वे तभी दिखाई देते हैं, जब प्रकाश उन पर पड़ता है।
जैसे-चंद्रमा, पृथ्वी तथा अन्य ग्रह, कमरे की वस्तुएँ।

प्रश्न 2.
हम वस्तुएँ कैसे देखते हैं ?
उत्तर-
जब किसी स्रोत से प्रकाश वस्तु पर पड़ता है तो इस द्वारा परिवर्तित होता है । यह परिवर्तित प्रकाश आँखों में प्रवेश करता है और वस्तु का प्रतिबिंब आँखों में बनता है, जिससे वस्तु दिखाई देती हैं।

प्रश्न 3.
किसी वस्तु को देखने के लिए किन शर्तों की आवश्यकता है ?
उत्तर-
किसी वस्तु को देखने के लिए तीन अनिवार्य शर्ते हैं

  1. प्रकाश का स्रोत
  2. वस्तु
  3. दृष्टि।

प्रश्न 4.
आभासी प्रतिबिंब (Virtual Image) क्या है ? एक स्थिति बताएँ जहाँ आभासी प्रतिबिंब बनता है ?
उत्तर-
आभासी प्रतिबिंब – ऐसा प्रतिबिंब, जो प्रकाश किरणों के परावर्तन अथवा अपवर्तन के पश्चात् एक बिंदु दर नहीं मिलती, से बनता है आभासी प्रतिबिंब कहलाता है। इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता। दर्पण में सदैव आभासी प्रतिबिंब ही बनता है।

प्रश्न 5.
पार्श्व-परिवर्तन (Lateral Inversion) से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
पार्श्व-परिवर्तन – एक समतल दर्पण में, वस्तु का दायां भाग बिंब में बायां और वस्तु का बायां भाग बिंब में दायां बन जाता है अर्थात् पार्श्व परिवर्तन होता है।

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प्रश्न 6.
परावर्तन के नियम लिखिए।
उत्तर-
परावर्तन के नियम – समतल पृष्ठ से प्रकाश का परावर्तन दो नियमों का पालन करता है, जिन्हें परावर्तन के नियम कहते हैं।

  1. आपतन कोण सदैव परिवर्तित कोण के बराबर होता है अर्थात् ∠i = ∠r
  2. आपतित किरण, परिवर्तित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलंब, सभी एक ही तल में होते हैं।

प्रश्न 7.
विसरित (Diffused) और नियमित (Regular) परावर्तन क्या है ?
उत्तर-
विसरित परावर्तन – जब पृष्ठ समतल अथवा पॉलिश न हो। (दीवार, कागज़) तब इस प्रकार का परावर्तन होता है। किरणें खुरदरे पृष्ठ से परिवर्तित होकर समांतर नहीं रहतीं और सभी दिशाओं में फैल जाती हैं। इस परावर्तन को विसरित परावर्तन कहते हैं।
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नियमित परावर्तन – यह परावर्तन समतल अथवा पॉलिश पृष्ठ दर्पण से होता है। समतल पृष्ठ से परावर्तन किरणें साफ प्रतिबिंब बनाती हैं।

प्रश्न 8.
प्रकाश के परावर्तन (Reflection of Light) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
प्रकाश का परावर्तन – जब प्रकाश की किरण किसी समतल अथवा पॉलिश पृष्ठ पर पड़ती है तो परावर्तन के नियमों अनुसार विशेष दिशा में वापस लौट आती है। इस प्रक्रिया को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।

प्रश्न 9.
निम्न की परिभाषा दीजिए।
(i) परावर्तित किरण
(ii) परावर्तन कोण।
उत्तर-
(i) परावर्तित किरण – दर्पण से निकली हुई किरण, परिवर्तित किरण कहलाती है।
(ii) परावर्तन कोण – अभिलंब और परावर्तित किरण के बीच बना कोण परावर्तन कोण कहलाता है। इसे । द्वारा दर्शाया जाता है।

प्रश्न 10.
यदि आपतित किरण दर्पण R 90° पर टकराती है तो परावर्तित किरण कौन-सा कोण बनाएगी ?
उत्तर-
जब आपतित किरण दर्पण को 90° पर टकराती है तो परावर्तित किरण उसी दिशा में वापस लौट आएगी। आपतन कोण शून्य है इसलिए परावर्तन कोण भी शून्य होगा।

प्रश्न 11.
प्रकाश का विक्षेपण (Dispersion of Light) क्या है ?
उत्तर-
प्रकाश का विक्षेपण (Dispersion of Light) – जब सफेद प्रकाशं एक प्रिज्म में से गुज़रता है तो यह अपने संघटक रंगों में विभाजित हो जाता है। सफेद प्रकाश के अपने संघटक रंगों में विभाजित होने की परिघटना को, वर्ण-विक्षेपण कहते हैं।

प्रश्न 12.
प्रिज्म में से गुज़रते समय, सफेद प्रकाश सात रंगों में विभाजित क्यों होता है ?
उत्तर-
विभिन्न रंगों की तरंगें वायु में से आराम से गुज़र जाती हैं परंतु प्रिज्म में से गुज़रते समय उन्हें अपनी गति प्रिज्म के कोण के अनुसार बदलनी पड़ती है। विभिन्न रंगों के विचलन की मात्रा विभिन्न होती है इसलिए वे विभिन्न रास्तों पर चलते हैं और स्पैक्ट्रम बनता है।

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प्रश्न 13.
निकट दृष्टि दोष (Myopia) क्या है ?
उत्तर-
निकट दृष्टि दोष – कुछ व्यक्तियों के नेत्र लेंस की फोकस दूरी कम होती है। इसलिए दूरस्थ वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना से काफ़ी आगे बनता है। दूसरे शब्दों में वे दूर की वस्तुएँ नहीं देख पाते। इस दोष को निकट दृष्टि दोष कहते हैं।

प्रश्न 14.
दूर दृष्टि दोष (Hypermetropia) क्या है ?
उत्तर-
दूर दृष्टि दोष – वृद्ध होने पर, नेत्र लेंस की पेशियाँ दुर्बल हो जाती हैं और नेत्र लेंस की वक्रता को नियंत्रित नहीं कर पाती हैं। ऐसे में निकट पड़ी वस्तुओं का प्रतिबिंब रेटिना से पीछे बनता है। इसलिए ऐसे व्यक्ति निकट पड़ी वस्तुएँ नहीं देख पाते। इस दृष्टि दोष को दूर दृष्टि दोष कहते हैं।

प्रश्न 15.
रंगों की पहचान (Perception of Colour) पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
मानव नेत्र में कई शंकु और शाल्काएँ होती हैं जो प्रकाश संवेदी हैं । शल्काएं प्रकाश की तीव्रता के संवेदक हैं और शंकु रंगों के संवेदक हैं। यदि आँख में शंकु नहीं होते तो व्यक्ति रंगांधता (colourblindness) का शिकार होता है। शंकुओं के होने से ही रंगों की पहचान होती है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वास्तविक और आभासी प्रतिबिंब में अंतर लिखिए।
उत्तर-
वास्तविक और आभासी प्रतिबिंब में अंतर-

वास्तविक प्रतिबिंब आभासी प्रतिबिंब
1. प्रकाश की किरणें परावर्तन या अपवर्तन के बाद वास्तव में एक बिंदु पर मिलती हैं। 1. प्रकाश की किरणें परावर्तन या अपवर्तन के बाद एक बिंदु पर मिलती प्रतीत होती हैं।
2. ये सदा उल्टे बनते हैं। 2. ये सदा सीधे बनते हैं।
3. इन्हें पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है। 3. इन्हें पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 2.
समतल दर्पण के द्वारा बने प्रतिबिंब की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
समतल दर्पण के द्वारा बने प्रतिबिंब की विशेषताएं-

  1. यह दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु, दर्पण के सामने होती है।
  2. यह सीधा तथा आभासी होता है। यह वस्तु के आकार के बराबर होता है।
  3. यह पार्श्व परिवर्तित होता है।
  4. यह पर्दे पर नहीं प्राप्त किया जा सकता।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

PSEB 8th Class Science Guide कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1 तथा 2 में सही विकल्प का चयन कीजिए-
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसे घर्षण द्वारा आसानी से आवेशित नहीं किया जा सकता?
(क) प्लास्टिक का पैमाना
(ख) तांबे की छड़
(ग) फूला हुआ गुब्बारा
(घ) ऊनी वस्त्र।
उत्तर-
(ख) ताँबे की छड़।

प्रश्न 2.
जब काँच की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ते हैं तो छड़-
(i) तथा कपड़ा दोनों धनावेश अर्जित कर लेते हैं।
(ii) धनावेशित हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित हो जाता है।
(iii) तथा कपड़ा दोनों ऋणावेश अर्जित कर लेते हैं।
(iv) ऋणावेशित हो जाती है तथा कपड़ा धनावेशित हो जाता है।
उत्तर-
(ii) धनावेशित हो जाती है तथा कपड़ा ऋणावेशित हो जाता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों के सामने सही के सामने ‘T’ तथा गलत कथनों के सामने ‘F’ लिखिए-
(क) सजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। [T/F]
(ख) आवेशित काँच की छड़ आवेशित प्लास्टिक स्ट्रा को आकर्षित करती है। [T/F]
(ग) तड़ित चालक किसी भवन की तड़ित से सुरक्षा नहीं कर सकता। [T/F]
(घ) भूकंप की भविष्यवाणी की जा सकती है। [T/F]
उत्तर-
(क) False
(ख) True
(ग) False
(घ) False.

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प्रश्न 4.
सर्दियों में स्वैटर उतारते समय चट-चट की ध्वनि सुनाई देती है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
स्वैटर उतारते समय घर्षण के कारण स्वैटर आवेशित हो जाता है। इन आवेशों के एक-दूसरे के संपर्क में आने के कारण हुए आकर्षण/प्रतिकर्षण के कारण चट-चट की ध्वनि सुनाई देती है।

प्रश्न 5.
जब हम किसी आवेशित वस्तु को हाथ से छूते हैं तो वह अपना आवेश खो देती है, व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
मानव शरीर विद्युत् का चालक है। जब किसी आवेशित वस्तु को हाथ से छुआ जाता है, तो आवेश शरीर से होकर पृथ्वी में चला जाता है और वस्तु अनावेशित हो जाती है।

प्रश्न 6.
उस पैमाने का नाम लिखिए जिस पर भूकंपों की विनाशी ऊर्जा मापी जाती है। इस पैमाने पर किसी भूकंप का माप 3 है। क्या इसे भूकंप लेखी (सीसमोग्राफ़ी ) से रिकॉर्ड किया जा सकेगा? क्या इससे अधिक हानि होगी?
उत्तर-
रिक्टर पैमाने पर भूकंपों की विनाशी ऊर्जा मापी जाती है। यह पैमाना रेखिक नहीं है।
रिक्टर पैमाने पर 3 का मान सिसमोग्राफी द्वारा रिकार्ड किया जा सकता है, परंतु यह भूकंप बहुत दुर्बल होता है और इससे अधिक हानि नहीं होती।

प्रश्न 7.
तड़ित से अपनी सुरक्षा के तीन उपाय सुझाइए।
उत्तर-
तड़ित से सुरक्षा के उपाय-

  1. तड़ित की गरज सुनते ही किसी मकान अथवा भवन में चले जाएँ।
  2. तड़ित समय यदि वाहन में हैं, तो वाहन की खिड़कियां व दरवाज़े बंद कर लें।
  3. तड़ित समय यदि खुले में है तो सिमट कर बैठ जाएं और सिर को घुटनों और हाथों के बीच रखें।

प्रश्न 8.
आवेशित गुब्बारा दूसरे आवेशित गुब्बारे को प्रतिकर्षित करता है, जबकि अनावेशित गुब्बारे द्वारा आकर्षित किया जाता है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
एक ही तरह के पदार्थ आवेशित होने पर समान रूप से आवेशित होते हैं। सजातीय आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। इसलिए दो आवेशित गुब्बारे, सजातीय होने के कारण प्रतिकर्षण करते हैं। एक आवेशित और एक अनावेशित गुब्बारा विजातीय होने के कारण आकर्षित होते हैं।

प्रश्न 9.
चित्र की सहायता से किसी ऐसे उपकरण का वर्णन कीजिए जिसका उपयोग किसी आवेशित वस्तु की पहचान में होता है?
उत्तर-
आवेशित वस्तु की पहचान करने वाला उपकरण विद्युत्दर्शी कहलाता है।
विद्युत्दर्शी बनाना – एक शीशे के जार के मुँह के साइज़ से बड़े गत्ते के टुकड़े में पेपर क्लिप खोल कर लगाते हैं। इसमें एल्यूमीनियम की दो बारीक पत्तियाँ गत्ते के लंबवत् लगाते हैं और इसे जार में फिट कर देते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ 1

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

प्रश्न 10.
भारत के उन तीन राज्यों ( प्रदेशों) की सूची बनाइए जहाँ भूकंपों के झटके अधिक संभावित हैं ?
उत्तर-
भारत के अति भूकंप आशंकित राज्यों के नाम-

  1. कच्छ का रन
  2. राजस्थान
  3. सिंध-गंगा के मैदान
  4. कश्मीर।

प्रश्न 11.
मान लीजिए आप घर से बाहर हैं तथा भूकंप के झटके लगते हैं। आप अपने बचाव के लिए क्या सावधानियां बरतेंगे?
उत्तर-
घर के बाहर भूकंप के झटकों से बचाव-

  1. भवन, वृक्ष, विद्युत् लाइनों से दूर किसी खुले स्थान पर लेट जाएं।
  2. कार या बस में से बाहर न निकलें।
  3. कार या बस को खुले स्थान की ओर ले जाएं।

प्रश्न 12.
मौसम विभाग यह भविष्यवाणी करता है कि किसी निश्चित दिन तड़ित झंझा की संभावना है और मान लीजिए उस दिन आपको बाहर जाना है। क्या आप छतरी लेकर जाएँगे? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
तड़ित झंझा में बाहर निकलना सुरक्षित नहीं है और छतरी लेकर निकलना तो अधिक घातक है, क्योंकि ऊँचे भवन, विद्युत् तारें, काले रंग की वस्तुएँ तड़ित झंझा को आकर्षित करती हैं। इसलिए इन सबसे दूर रहना ही अक्लमंदी है।

PSEB Solutions for Class 8 Science कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ऐंबर क्या है?
उत्तर-
ऐंबर एक प्रकार की रेज़िन (राल) (Resin) है।

प्रश्न 2.
ऐंबर को अधिक देर रगड़ने से क्या होता है?
उत्तर-
एक चिंगारी उत्पन्न होती है।

प्रश्न 3.
किस वैज्ञानिक ने दर्शाया कि तड़ित और चिंगारी एक ही परिघटना है?
उत्तर-
अमेरिकी वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन।

प्रश्न 4.
क्या होता है, जब प्लास्टिक पैमाने को सूखे बालों में रगड़ कर कागज़ के टुकड़ों के पास लाते हैं ?
उत्तर-
पैमाना टुकड़ों को आकर्षित करता है।

प्रश्न 5.
आवेशित वस्तुओं के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. सूखे बालों में रगड़ा हुआ प्लास्टिक पैमाना।
  2. पॉलिथीन से रगड़ी हुई प्लास्टिक रिफिल।
  3. ऊनी कपड़े से रगड़ा हुआ गुब्बारा।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

प्रश्न 6.
जब दो ऊनी कपड़े से रगड़े गए दो गुब्बारे एक-दूसरे के पास लाए जाते हैं, तो क्या होता है ?
उत्तर-
वे एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।

प्रश्न 7.
कौन-से आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं ?
उत्तर-
असमान अथवा विजातीय आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।

प्रश्न 8.
आवेश कितनी प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
आवेश दो प्रकार के होते हैं-

  1. ऋणावेश और
  2. धनावेश।

प्रश्न 9.
बालों में रगड़ी प्लास्टिक कंघी कागज़ के टुकड़ों को आकर्षित क्यों करती है?
उत्तर-
क्योंकि कंघी आवेशित हो गई है।

प्रश्न 10.
दो विजातीय बादलों के एक-दूसरे के संपर्क में आने से क्या होता है?
उत्तर-
तड़ित उत्पन्न होती है।

प्रश्न 11.
क्या मानव शरीर विद्युत् का चालक है या नहीं?
उत्तर-
विद्युत् का चालक है।

कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बालों में रगड़ा गया फूला हुआ गुब्बारा दीवार से क्यों चिपक जाता है ?
उत्तर-
हवा से फूला हुआ गुब्बारा बालों में रगड़ने से आवेशित हो जाता है। इस आवेश के कारण गुब्बारा दीवार से चिपक जाता है।

प्रश्न 2.
कागज़ की पत्ती को जब आवेशित छड़ से छते हैं तो वह फैल जाती है। क्यों?
उत्तर-
जब कागज़ की पत्ती को आवेशित छड़ से छुआ जाता है तो कागज़ की पत्ती पर समान आवेश प्राप्त होता है। सजातीय आवेशों के कारण पत्तियाँ प्रतिकर्षण करती हैं और अपसरित हो जाती हैं।

प्रश्न 3.
तड़ित झंझा के समय पेड़ के नीचे खड़े होने की सलाह क्यों नहीं दी जाती?
उत्तर-
एक आवेशित बादल जब पेड़ के ऊपर से गुज़रता है तो वह उसमें असमान आवेश उत्पन्न करता है। इन विजातीय आवेशों के कारण तड़ित उत्पन्न हो सकती है, जो वृक्ष को नष्ट कर आग लगा देगी। इसलिए तड़ित झंझा के समय पेड़ के नीचे खड़ा होने की सलाह नहीं दी जाती है।

प्रश्न 4.
ऊँचे भवनों में धातुओं की लंबी छड़ें, ऊपर से पृथ्वी के नीचे तक क्यों लगाई जाती हैं ?
उत्तर-
एक आवेशित बादल भवन के पास से गुज़रता है, तो असमान आवेश धातु की छड़ की नोक पर उत्पन्न करता है। यह आवेश छड़ द्वारा पृथ्वी में पहुँच जाता है जिससे भवन सुरक्षित रहता है।

प्रश्न 5.
किसी वस्तु के आवेशित होने से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
प्लास्टिक की कंघी, पेन आदि जैसी वस्तुएँ जब दूसरे पदार्थों से रगड़ी जाती हैं, तो उनमें कागज़ के टुकड़ों अथवा पिथ गेंद को अपनी और आकर्षित करने का गुण उत्पन्न हो जाता है। तब इस वस्तु को आवेशित कहते हैं।

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प्रश्न 6.
सुनामी पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
सुनामी – कंपनों के कारण समुद्र में उठी लंबी और ऊँची लहरें, सुनामी हैं। यह प्रायः अत्यंत तीव्र वेग की लहरें हैं, जो समुद्र में उत्पन्न होती हैं। इन्हें हार्बर तरंग (Harbour Wave) भी कहते हैं।
उदाहरण-

  1. हवाई छिद्रों में 1819 में।
  2. 2004 में।

सुनामी के प्रभाव-

  1. जीवन की क्षति।
  2. जल-जीवन की क्षति।
  3. भवनों सड़कों तथा चल-अचल संपत्ति का नुकसान।
  4. तटीय क्षेत्रों अथवा समुद्र के किनारों पर वृक्षों का उखड़ना।

प्रश्न 7.
विद्युत्दर्शी के उपयोग लिखें।
उत्तर-
विद्युत्दर्शी के उपयोग-

  1. विद्युत्दर्शी आवेश की उपस्थिति का पता लगाने में काम आता है।
  2. यह आवेश का प्रकार पता लगाने में प्रयुक्त होता है।
  3. यह आवेशों की मात्रा की तुलना करने के लिए प्रयुक्त होता है।

प्रश्न 8.
विद्युत् विसर्जन क्या है ?
उत्तर-
विद्युत् विसर्जन (तड़ित) की परिघटना वायु में विसर्जन के कारण होती है। गर्जन से पहले बादलों में अत्यधिक मात्रा में आवेश एकत्र हो जाता है। आकाश में विजातीय आवेशित बादलों के परस्पर निकट आने पर, इनके मध्य वायु में आवेश तीव्र वेग से गति करते हैं। इससे वायु में तड़ित की तीव्र चिंगारी गति करती दिखाई देती है। इसे विद्युत् विसर्जन अथवा तड़ित कहते हैं।

प्रश्न 9.
विद्युत् विसर्जन के दो उदाहरण दीजिए जिनका उपयोग हम ईंधन को जलाने में करते हैं।
उत्तर-
विद्युत् विसर्जन के उदाहरण :

  1. स्कूटर तथा कार में स्पार्क प्लग द्वारा।
  2. रसोई गैस जलाने के लिए विद्युत् लाइटर द्वारा।

प्रश्न 10.
प्राकृतिक परिघटनाएँ क्या होती हैं ?
उत्तर-
प्रकृति में अचानक घटने वाली घटनाएँ, प्राकृतिक परिघटनाएँ कहलाती हैं। इनसे संबद्ध क्षेत्र में व्यापक रूप से जान-माल की हानि होती है और मानव जीवन के साथ-साथ पर्यावरण प्रभावित होता है।
उदाहरण – भूकंप, भूस्खलन, बाढ़, सूखा, चक्रवात, ज्वालामुखी का फटना व सुनामी आदि।

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प्रश्न 11.
चक्रवात किसे कहते हैं ? इसके उत्पन्न होने के कारण व प्रभाव लिखो।
उत्तर-
चक्रवात-चक्रवात एक भयानक तूफान होता है जिसकी गति 119 कि० मी० प्रति घंटा से अधिक होती है।

कारण – जब गर्म मौसम में सागरों का जल वाष्पित होता है तो यह वायु मंडल में ऊपर जाता है, संघनित होता है और बादल बनाता है। ऊपर उठती वायु का स्थान लेने के लिए वायु तेज़ी से नीचे आती है। वहाँ यह एक केंद्र के आस-पास (चक्रीय गति) बनाती है अर्थात् सागर के गर्म जल के ऊपर उपस्थित वायु के तापमान तथा दबाव में अंतर के कारण चक्रवात आते हैं।

प्रभाव – चक्रवात के प्रभाव निम्नलिखित हैं-फसलों, स्वास्थ्य समुद्रीयानों आदि पर चक्रवातों का विपरीत प्रभाव पड़ता है। भू-स्खलन व बाढ़ से जन-जीवन को भारी नुकसान होता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक प्रयोग द्वारा दर्शाओ कि जब वस्तुएँ परस्पर रगड़ी जाती हैं तो उन पर विजातीय आवेश उत्पन्न होते हैं।
उत्तर-
प्रयोग – एक प्लास्टिक का पैमाना लें। इसके एक सिरे को ऊनी कपडे से रगड़ें। अब इस पैमाने को दसरे पैमाने से रगड़ें। इन दोनों पैमानों को अलग-अलग कागज़ के छोटे-छोटे टुकड़ों के पास लाएं। आप देखेंगे कि दोनों पैमाने कागज़ के टुकड़ों को आकर्षित करते हैं।
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इससे ज्ञात होता है कि दोनों पैमाने आवेशित हैं। अब एक पैमाने को स्टैंड से लटकाएँ और दूसरे पैमाने को उसके पास लेकर जाएँ दोनों में आकर्षण होगा क्योंकि आकर्षण केवल विजातीय आवेशों में होता है। इस प्रयोग से यह सिद्ध हुआ कि दो वस्तुओं को परस्पर में रगड़ने से उन दोनों में विजातीय आवेश उत्पन्न होते हैं।

प्रश्न 2.
तड़ित (Lightning) क्या है ?
उत्तर-
तड़ित – वायु में विद्युत् विसर्जन द्वारा तड़ित उत्पन्न होती है। जब बादलों में आवेशों की संघनता एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाती है तब विद्युत् विसर्जन होता है। इन परिस्थितियों में, बादलों के ऊपरी किनारों के निकट धनावेश एकत्र हो जाते हैं तथा ऋणावेश बादलों के निचले किनारे पर संचित हो जाते हैं। धरती के निकट भी आवेशों का संचय होता है। जब आवेशों का परिमाण अधिक हो जाता है तो वायु की विद्युत्हीन चालकता भी आवेशों के प्रवाह को नहीं रोक पाती। ऋणात्मक और धनात्मक आवेशों के उस रास्ते से तीव्र गति में प्रवाहित होने से वायु कण गर्म होकर चमकीली धारियाँ और ध्वनि उत्पन्न करते हैं, जिसे तड़ित कहते हैं।

प्रश्न 3.
तड़ित से बचने के क्या उपाय हैं ?
उत्तर-
तड़ित से बचने के उपाय-

  1. तड़ित के समय, वृक्षों के नीचे नहीं खड़े होना चाहिए। वर्षा के दिन, तड़ित झंझा की अधिक संभावना होती है। इसलिए वृक्ष के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए।
  2. भवनों और मकानों को नष्ट होने से बचाने के लिए तड़ित चालक का उपयोग करना चाहिए।
  3. टी० वी० के स्विच को सोकट में से निकाल देना चाहिए।

प्रश्न 4.
तड़ित चालक की संरचना और कार्यविधियों की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ 3
तड़ित चालक – यह एक नुकीली धातु की छड़ है जो भवनों के एक सिरे में जुड़ी होती है। इस छड़ के निचले सिरे को धरती के भीतर दबा दिया जाता है।

कार्यविधि – एक तड़ित चालक दो तरीकों से तड़ित से सुरक्षा करता है-

  • तड़ित झंझा के समय, एक आवेशित बादल जब तड़ित चालक के ऊपर से गुज़रता है तो इसके नुकीले सिरे पर विपरीत आवेश उत्पन्न करता है। यह सिरा नुकीला होने के कारण आवेश संचित नहीं कर पाता और वायुमंडल में समान प्रकृति के आवेश को विसर्जित करता है। यह आवेश बादलों के आवेशों को उदासीन करते हैं जिससे तड़ित की संभावना कम हो जाती है।
  • यदि विद्युत् विसर्जन होता है तो तड़ित चालक द्वारा यह विसर्जन आसानी से पृथ्वी में चला जाता है और भवन को कोई क्षति नहीं पहुँचती।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ

प्रश्न 5.
भूकंप के कारण और प्रभाव क्या हैं ? इससे बचने के उपाय लिखो।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ 4
भूकंप – पृथ्वी की सतहों में उत्पन्न तरंगें भूकंप हैं। यह अचानक ही उत्पन्न होती हैं।
भूकंप का कारण – पृथ्वी की परत सात खंडों से बनी है जिन्हें प्लेट कहते हैं। यह प्लेटें बहुत धीमी गति करती हैं। परंतु जब इस गति में वृद्धि होती है तो पृथ्वी पर हलचल (विक्षोभ) होती है। इस विक्षोभ से भवन, पुल तथा सड़कें आदि टूट जाते हैं।

भूकंप के प्रभाव-
सुनामी – यह एक समुद्री लहर सुनामी के कारण आता है।

  1. कई भवनों का गिरना।
  2. मूल वस्तुओं की आपूर्ति में रुकावट।
  3. स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं।

भूकंप से बचने के उपाय-

  1. भूकंप संभावित क्षेत्रों में मकान इमारती लकड़ी के बनाए जाने चाहिएँ न कि भारी पदार्थों मिट्टी, पत्थर व ईंटों आदि से।
  2. अलमारियाँ इत्यादि दीवार जड़ित होनी चाहिएँ ताकि वे भूकंप के समय आसानी से न गिरें।
  3. दीवार घड़ी, फोटो, फ्रेम, जल तापक (गीजर) आदि को दीवारों पर सावधानीपूर्वक लटकाओं ताकि भूकंप के समय ये वस्तुएँ न गिरें।
  4. भवनों में भूकंप के कारण आग लग सकती है अतः इन भवनों में अग्निशमन के उपकरण स्थापित किए जाने चाहिएं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

PSEB 8th Class Science Guide विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(a) विद्युत् चालन करने वाले अधिकांश द्रव ……………….., ………………… तथा ………………. के विलयन होते हैं।
(b) किसी विलयन से विद्युत् धारा प्रवाहित होने पर …………………… प्रभाव उत्पन्न होता है।
(c) यदि कॉपर सल्फेट विलयन से विद्युत् धारा प्रवाहित की जाए तो कॉपर बैटरी के ………………………….. टर्मिनल से संयोजित प्लेट पर निक्षेपित होता है।
(d) विद्युत् धारा द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को ………………… कहते हैं।
उत्तर-
(a) अम्ल, क्षार, लवण
(b) रासायनिक
(c) -ve (ऋण)
(d) विद्युत् लेपन।

प्रश्न 2.
जब किसी संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को किसी विलयन में डुबोते हैं तो चुंबकीय सुई विक्षेपित होती है। क्या आप ऐसा होने के कारण की व्याख्या कर सकते हैं ?
उत्तर-
विलयन में विद्युत् धारा के प्रवाहित होने से चुंबकीय सुई विक्षेपित होती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

प्रश्न 3.
ऐसे तीन द्रवों के नाम लिखिए जिनका परीक्षण चित्र में दर्शाए अनुसार करने पर चुंबकीय सुई विक्षेपित हो सके।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव 1
उत्तर-
अम्ल, क्षार और लवण के विलयन।

प्रश्न 4.
चित्र में दर्शायी गई व्यवस्था में बल्ब नहीं जलता। क्या आप संभावित कारणों की सूची बना सकते हैं ? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव 2
उत्तर-
चित्र में दर्शाई गई व्यवस्था में बल्ब प्रदीप्त नहीं होता है परंतु इसका अर्थ यह नहीं कि द्रव में से धारा प्रवाहित नहीं हो रही। हो सकता है कि द्रव इतना दुर्बल हो कि बल्ब को प्रदीप्त करने में समर्थ न हो। इसलिए विश्वसनीय जाँच के लिए, LED का उपयोग किया जा सकता है, जो बहुत ही दुर्बल विद्युत् धारा से भी प्रदीप्त हो उठता है।

प्रश्न 5.
दो द्रवों A तथा B के विद्युत् चालन की जाँच करने के लिए एक संपरीक्षित्र का प्रयोग किया गया। यह देखा गया कि संपरीक्षित का बल्ब द्रव A के लिए चमकीला दीप्त हुआ जबकि द्रव B के लिए अत्यंत धीमा दीप्त हुआ। आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि :
(i) द्रव A, द्रव B से अच्छा चालक है।
(ii) द्रव B, द्रव A से अच्छा चालक है।
(iii) दोनों द्रवों की चालकता समान है।
(iv) द्रवों की चालकता के गुणों की तुलना इस प्रकार नहीं की जा सकती।
उत्तर-
(i) द्रव A, द्रव B से अच्छा चालक है।

प्रश्न 6.
क्या शुद्ध जल विद्युत् का चालन करता है ? यदि नहीं, तो इसे चालन बनाने के लिए हम क्या कर सकते हैं ?
उत्तर-
शुद्ध जल विद्युत् का चालन नहीं करता। इसको चालक बनाने के लिए इसमें कुछ बूंदें तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की डालनी चाहिए।

प्रश्न 7.
आग लगने के समय, फायरमैन पानी के हौज़ (पाइपों) का उपयोग करने से पहले उस क्षेत्र की मुख्य विद्युत् आपूर्ति को बन्द कर देते हैं। व्याख्या कीजिए कि वे ऐसा क्यों करते हैं ?
उत्तर-
शुद्ध जल विद्युत्हीन चालक है, परंतु नल का जल विद्युत् का अच्छा चालक है। विद्युत् के झटके से बचने के लिए फायरमैन पानी के हौज (पाइपों) का उपयोग करने से पहले मुख्य विद्युत् आपूर्ति को बंद कर देते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

प्रश्न 8.
तटीय क्षेत्र में रहने वाला एक बालक अपने संपरीक्षित से पीने के पानी तथा समुद्र के पानी का परीक्षण करता है। वह देखता है कि समुद्र के पानी के लिए चुंबकीय सुई अधिक विक्षेप दर्शाती है। क्या आप इसके कारण की व्याख्या कर सकते हैं ? ।
उत्तर-
समुद्र के पानी में लवणों की सघनता अधिक होती है। इसी कारण चुंबकीय सुई अधिक विक्षेपित होती है।

प्रश्न 9.
क्या तेज़ वर्षा के समय किसी लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत् तारों की मरम्मत .. करना सुरक्षित होता है ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
नहीं, लाइनमैन के लिए वर्षा के समय, बाहरी मुख्य लाइन के विद्युत् तारों की मरम्मत करना सुरक्षित नहीं है क्योंकि वर्षा का जल विद्युत् का चालक है, जिससे लाइनमैन को विद्युत् झटका लग सकता है।

प्रश्न 10.
पहेली ने सुना था कि वर्षा का जल उतना ही शुद्ध है जितना कि आसुत जल। इसलिए उसने एक स्वच्छ काँच के बर्तन में कुछ वर्षा का जल एकत्रित करके संपरीक्षित्र से उसका परीक्षण किया। उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि चुंबकीय सुई विक्षेप दर्शाती है। इसका क्या कारण हो सकता है ?
उत्तर-
निसंदेह वर्षा का जल आसुत जल की तरह ही शुद्ध होता है, परंतु वातावरण अशुद्धियों से भरा पड़ा है। ये अशुद्धियाँ वर्षा के जल में घुल कर इसे विद्युत् चालक बना देती हैं।

प्रश्न 11.
अपने आस-पास उपलब्ध विद्युत्लेपित वस्तुओं की सूची बनाइए।
उत्तर-
विद्युत् लेपित वस्तुएँ-

  1. साइकिल का हैंडल
  2. कार के पहिए
  3. कृत्रिम गहने
  4. स्नानगृह के नल
  5. गैस चुल्हे के बर्नर।

प्रश्न 12.
जो प्रक्रिया आपने पाठ्य-पुस्तक के क्रियाकलाप 14.7 में देखी वह कॉपर के शोधन में उपयोग होती है। एक पतली शुद्ध कॉपर छड़ एवं एक अशुद्ध कॉपर की छड़ इलेक्ट्रोड के रूप में उपयोग की जाती है। कौन-सा इलेक्ट्रोड बैटरी के धन टर्मिनल से संयोजित किया जाए ? कारण भी लिखिए।
उत्तर-
जब कॉपर सल्फेट विलयन में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाती है, तो कॉपर सल्फेट, कॉपर और सल्फेट में नियोजित होता है। कॉपर ऋण टर्मिनल पर जुड़े अशुद्ध कॉपर इलेक्ट्रोड पर निक्षेपित हो जाता है जबकि धन टर्मिनल पर जुड़ा शुद्ध कॉपर इलेक्ट्रोड विलयन में कॉपर की आपूर्ति करता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

PSEB Solutions for Class 8 Science विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या मानव शरीर विद्युत् चालक है या विद्युत् प्रतिरोधक ?
उत्तर-
विद्युत् चालक।

प्रश्न 2.
विद्युत चालक (Conductors) क्या है ?
उत्तर-
विद्युत् चालक – पदार्थ जो अपने में से विद्युत् धारा प्रवाहित होने देते हैं, विद्युत् चालक कहलाते हैं। उदाहरण-चाँदी, ताँबा, एल्यूमीनियम, लोहा, मानव शरीर आदि।

प्रश्न 3.
विद्युतरोधक (Insulators) क्या है ?
उत्तर-
विद्युतरोधक-वे पदार्थ जो अपने से विद्युत् धारा प्रवाहित नहीं होने देते, विद्युत्रोधक कहलाते हैं। उदाहरण-लकड़ी, रबड़, रेशम तथा प्लास्टिक आदि।

प्रश्न 4.
क्या सभी द्रव विद्युत् प्रवाहित होने देते हैं ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 5.
एल० ई० डी० (LED) क्या है ?
उत्तर-
एल० ई० डी०-प्रकाश उत्सर्जक डायोड।

प्रश्न 6.
उस प्रक्रम का नाम बताओ जिसमें कोई भी रासायनिक पदार्थ विद्युत् धारा के प्रवाह से अपघटित हो जाता है ?
उत्तर-
विद्युत् अपघटन (Electrolysis)।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

प्रश्न 7.
अम्लयुक्त जल के विद्युत् अपघटन से क्या उत्पाद मिलते हैं ?
उत्तर-
हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन।

प्रश्न 8.
विद्युत् लेपन में विद्युत् धारा का कौन-सा प्रभाव उपयोग में आता है ?
उत्तर-
रासायनिक प्रभाव।

प्रश्न 9.
विद्युत् धारा का कौन-सा प्रभाव बल्ब जलाने में सहायक होता है ?
उत्तर-
ऊष्मीय प्रभाव।

प्रश्न 10.
दुर्बल और थोड़ी विद्युत् धारा का परीक्षण कैसे होता है ?
उत्तर-
एल० ई० डी० के उपयोग से।

प्रश्न 11.
विद्युत् धारा के विभिन्न प्रभावों के नाम लिखो।
उत्तर-
ऊष्मीय प्रभाव, रासायनिक तथा चुंबकीय प्रभाव।

प्रश्न 12.
क्या वायु विद्युत्रोधक है ?
उत्तर-
हाँ।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

प्रश्न 13.
कुछ द्रवों के नाम बताइए जो विद्युत् चालक हैं ?
उत्तर-
नींबू का रस, चूने का पानी, सिरका, नल का जल।

प्रश्न 14.
क्या विद्युत् चालकों को विद्युत्हीन चालकों में, विशेष परिस्थितियों में वर्गीकृत कर सकते
उत्तर-
हाँ।

प्रश्न 15.
कौन-से द्रव विद्युत् चालन कर सकते हैं ?
उत्तर-
म्ल, क्षार और लवण के विलयन।

प्रश्न 16.
इलेक्ट्रोड (Electrodes) क्या है ?
उत्तर-
इलेक्ट्रोड – बैटरी से जोड़ने के लिए विद्युत् चालक द्रव में उपयुक्त की जाने वाली धातु की छड़ें, इलेक्ट्रोड कहलाती हैं।

प्रश्न 17.
किस प्रक्रम द्वारा सस्ती धातु को सोने अथवा महँगी धातु से ढका जाता है ?
उत्तर-
विद्युत् लेपन।

प्रश्न 18.
क्या विद्युत् लेपन लाभकारी प्रक्रम है ?
उत्तर-
हाँ।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वायु विद्युत् की अच्छी चालक नहीं है। प्रयोग द्वारा दर्शाइए।
उत्तर-
वायु विद्युत्हीन चालक – एक बल्ब लेकर एक सैल और स्विच से इसे जोड़ो। जब स्विच में पिन का उपयोग होता है तो बल्ब प्रकाशमान हो जाता है। परंतु पिन को हटाने से स्विच के बीच वायु होती है और विद्युत् धारा नहीं बहती। इससे सिद्ध होता है कि वायु विद्युत् की अच्छी चालक नहीं है।

प्रश्न 2.
विद्युत् अपघटन (Electrolysis) क्या है ?
उत्तर-
विद्युत् अपघटन – विद्युत् के प्रवाह से रासायनिक यौगिकों के विलयन का अपघटित होना, विद्युत् अपघटन कहलाता है। जब अम्लीय जल में से विद्युत् धारा प्रवाहित होती है तो यह अपने संघटक-हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में टूट जाता है। हाइड्रोजन कैथोड पर और ऑक्सीजन एनोड पर एकत्रित होती है।

प्रश्न 3.
विद्युत् लेपन (Electroplating) क्या है ?
उत्तर-
विद्युत् लेपन – विद्युत् अपघटन के प्रक्रम द्वारा किसी सस्ती धातु पर मूल्यवान धातु (जैसे जस्त, चाँदी और सोने) की पतली परत चढ़ा कर संक्षरण से बचाया जा सकता है। इस प्रक्रम को विद्युत् लेपन कहते हैं।

प्रश्न 4.
LED पर एक संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-
एल० ई० डी० (LED) – यह प्रकाश उत्सर्जक डायोड है। यह अति दुर्बल विद्युत् धारा से भी दीप्त हो उठता है।

इसमें एक बल्ब और दो तारें होती हैं। तारों को लीड्स कहते हैं। एक तार दूसरे की अपेक्षा थोड़ी लंबी होती है। लंबी तार, बैटरी के धन (+ve) टर्मिनल से तथा छोटी तार बैटरी के ऋण (-ve) टर्मिनल से जोडते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव 3

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या जल विद्युत् का अच्छा चालक है ? क्या होता है जब जल में साधारण नमक मिलाया जाता है ?
उत्तर-
प्रयोग – शुद्ध अथवा आसुत जल विद्युत् के रोधक हैं। दो कार्बन की छड़ें आसुत जल में डुबोएँ और उन्हें बल्ब, 6V बैटरी और स्विच से जोड़ें, बल्ब दीप्त नहीं होगा। इसका निष्कर्ष है कि आसुत जल विद्युत्हीन चालक है।

अब आसुत जल के स्थान पर साधारण नमक का विलयन उपयोग में लाएँ। स्विच दबाते ही बल्ब दीप्त हो जाएगा। इससे सिद्ध होता है कि आसुत जल विद्युत्रोधक है, परंतु अशुद्ध जल विशेष तौर पर साधारण नमक मिश्रित जल विद्युत् का अच्छा चालक है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव 4

प्रश्न 2.
विद्युत् लेपन क्या है ? इसके उपयोग लिखिए।
उत्तर-
विद्युत् लेपन – इस प्रक्रिया में सस्ती धातु पर महँगी धातु की पतली परत, विद्युत् धारा के प्रवाह से रोपित की जाती है। जब विद्युत् धारा रासायनिक यौगिक अथवा द्रव में से प्रवाहित होती है तो यह अपने संघटकों से टूट जाता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव 5

धन-आयन, ऋण इलेक्ट्रोड की तरफ और ऋण-आयन-धन इलेक्ट्रोड की ओर आकर्षित होते हैं। इस प्रक्रिया का उपयोग घटिया वस्तुओं पर धातुओं की पतली परत विलोपित करने के लिए किया जाता है।

विद्युत् लेपन के उपयोग

  1. लोहे को संक्षरण से बचाने के लिए निकिल अथवा क्रोमियम से विलोपित किया जाता है।
  2. कृत्रिम आभूषण, जो सस्ती धातुओं से बनते हैं, उन्हें आकर्षित बनाने के लिए सोने अथवा चाँदी से विलोपित करते हैं।
  3. साइकिल के हैंडल, पहिए के रिम, कारों के भाग क्रोमियम से विलोपित होते हैं ताकि वे चमकदार तथा आकर्षक बन सकें।
  4. लोहे पर टीन की पतली परत विलोपित करने से टीन के डिब्बे तैयार किये जाते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव

प्रश्न 3.
एक चम्मच कॉपर से कैसे विलोपित किया जा सकता है ?
उत्तर-
प्रयोग – एक चम्मच लो जिसका कॉपर से विद्युत् लेपन करना है। एक कॉपर प्लेट लो और उसे एनोड इलेक्ट्रोड की जगह बैटरी के धन (+ve) टर्मिनल से जोड़ो। चम्मच को ऋण (-ve) टर्मिनल से जोड़ो। एक रियोस्टेट (Rheostat), स्विच और एममीटर (Ammetre) को भी धारा में जोड़ो जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 14 विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव 6

काँच के जार में कॉपर सल्फेट (CuSO4) का विलयन लो। रियोस्टेट (Rheostat) को इस तरह स्थापित करो कि विलयन में से उचित धारा का प्रवाह हो। (प्रायः 1A धारा 100 cm2 क्षेत्रफल के लिए पर्याप्त होती है अर्थात् यदि चम्मच का क्षेत्रफल दोनों तरफ से 60 cm2 है तो 0.6 A धारा का प्रवाह होना अनिवार्य है।) अब विद्युत् धारा का प्रवाह 5-10 मिनट तक होने दें ताकि चम्मच पर चमकता हुआ कॉपर विलोपित हो जाए।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 13 ध्वनि Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 13 ध्वनि

PSEB 8th Class Science Guide ध्वनि Textbook Questions and Answers

अभ्यास
प्रश्न 1.
सही उत्तर चुनिए-
ध्वनि संचरित हो सकती है :
(क) केवल वायु या गैसों में
(ख) केवल ठोसों में
(ग) केवल द्रवों में
(घ) ठोसों, द्रवों तथा गैसों में।
उत्तर-
(घ) ठोसों, द्रवों तथा गैसों में।

प्रश्न 2.
निम्न में से किस वाक् ध्वनि की आवृत्ति न्यूनतम होने की संभावना है-
(क) छोटी लड़की की
(ख) छोटे लड़के की
(ग) पुरुष की
(घ) महिला की।
उत्तर-
(ग) पुरुष की।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही कथन के सामने ‘T’ तथा गलत कथन के सामने ‘F’ पर निशान लगाइए-

(क) ध्वनि निर्वात में संचरित नहीं हो सकती।
[T/F]
उत्तर-
True

(ख) किसी कंपित वस्तु के प्रति सेकंड होने वाली दोलनों की संख्या को इसका आवर्तकाल कहते हैं। [T/F]
उत्तर-
False

(ग) यदि कंपन का आयाम अधिक है, तो ध्वनि मंद होती है। [T/F]
उत्तर-
False

(घ) मानव कानों के लिए श्रव्यता का परास 20 Hz से 20,000 Hz है। [T/F]
उत्तर-
True

(ङ) कंपन की आवृत्ति जितनी कम होगी, तारत्व उतना ही अधिक होगा। [T/F]
उत्तर-
False

(च) अवांछित या अप्रिय ध्वनि को संगीत कहते हैं। [T/F]
उत्तर-
False

(छ) शोर प्रदूषण आंशिक श्रवण अशक्कता उत्पन्न कर सकता है। [T/F]
उत्तर-
True

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

प्रश्न 4.
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) किसी वस्तु द्वारा एक दोलन को पूरा करने में लिए गए समय को ………………………. कहते हैं।
उत्तर-
आवर्तकाल

(ख) प्रबलता कंपन के ……………………… से निर्धारित की जाती है।
उत्तर-
आयाम

(ग) आवृत्ति का मात्रक ………………………. है।
उत्तर-
हर्ट्ज

(घ) अवांछित ध्वनि को ………………………… कहते हैं।
उत्तर-
शोर

(ङ) ध्वनि की तीक्ष्णता कंपनों की ………………………. से निर्धारित होती है।
उत्तर-
आवृत्ति।

प्रश्न 5.
एक दोलक 4 सेकंड में 40 बार दोलन करता है। इसका आवर्तकाल और आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल-
दोलनों की संख्या = 40
दोलनों के लिए लगा कुल समय = 4 सेकंड
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि 1
समय (सेकंड में)
\(\frac{40}{4}\) = 10 Hz.
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि 2
\(\frac{1}{10}\) = 0.1 सेकंड उत्तर

प्रश्न 6.
एक मच्छर अपने पंखों को 500 कंपन प्रति सेकंड की औसत दर से कंपित करके ध्वनि उत्पन्न करता है। कंपन का आवर्तकाल कितना है ?
हल-
आवृत्ति = 500 कंपन प्रति सेंकड = 500 Hz
आवर्तकाल = ?
हम जानते हैं. आवर्तकाल = PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि 3
= \(\frac{1}{500}=\frac{2 \times 1}{2 \times 500}\)
= 2 × 10-3 सेकंड उत्तर

प्रश्न 7.
निम्न वाद्ययंत्रों में उस भाग को पहचानिए जो ध्वनि उत्पन्न करने के लिए कंपित होता है-
(क) ढोलक
(ख) सितार
(ग) बाँसुरी।
उत्तर-

वाद्ययंत्र कंपित भाग
(क) ढोलक तानित झिल्ली
(ख) सितार तानित तार
(ग) बाँसुरी वायु-स्तंभ

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प्रश्न 8.
शोर तथा संगीत में क्या अंतर है ? क्या कभी संगीत शोर बन सकता है ?
उत्तर-
शोर और संगीत में अंतर-

शोर संगीत
(i) यह अप्रिय ध्वनि है। (i) यह प्रिय ध्वनि है।
(ii) यह कष्टदायक है। (ii) यह सुखद है।
(iii) इससे स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। (iii) स्वास्थ्य समस्याओं से इसका कोई संबंध नहीं।

हाँ. संगीत उस अवस्था में शोर बनता है, जब यह बहत ऊँचा होता है अर्थात् इसकी तीव्रता अधिक होती है।

प्रश्न 9.
अपने वातावरण में शोर प्रदूषण के स्रोतों की सूची बनाइए।
उत्तर-
शोर प्रदूषण के स्त्रोत-

  1. वाहनों का शोर
  2. लाऊडस्पीकर
  3. चलित मशीनें
  4. पटाखे
  5. वातानुकूलक
  6. रेडियो अथवा टेलीविज़न
  7. रसोई के उपकरण
  8. खोमचे वाले।

प्रश्न 10.
वर्णन कीजिए कि शोर प्रदूषण मानव के लिए किस प्रकार से हानिकारक है ?
उत्तर-
शोर प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव

  1. नींद कम आना
  2. उच्च रक्त-चाप
  3. उत्सुकता
  4. आंशिक श्रवण अशक्तता (Partial deafness)।

प्रश्न 11.
आपके माता-पिता एक मकान खरीदना चाहते हैं। उन्हें एक मकान सड़क के किनारे पर तथा दूसरा सड़क से तीन गली छोड़कर देने का प्रस्ताव किया गया है। आप अपने माता-पिता को कौन-सा मकान खरीदने का सुझाव देंगे ? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
माता-पिता को सड़क से तीन गली दूर वाला मकान खरीदना चाहिए क्योंकि सड़क वाले मकान की कई हानियाँ हैं। जैसे –

  1. मकान के पास से गुज़रते हुए वाहनों का अत्यधिक शोर
  2. वाहनों से निकला धुआँ और धूल
  3. ट्रैफिक बाधा के समय ऊँचे हॉर्मों का शोर ।

प्रश्न 12.
मानव वाक्यंत्र का चित्र बनाइए तथा इसके कार्य की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
वाक्यंत्र की कार्य-विधि – जब वायु वाक् तंतुओं में से गुज़रती है, तो कंपन होता है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। वाक् तंतु ढीले, मोटे, तने हुए, पतले होने पर विभिन्न गुणों वाली वाक् ध्वनि उत्पन्न करते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि 4

प्रश्न 13.
आकाश में तड़ित तथा मेघगर्जन की घटना एक समय पर तथा हमसे समान दूरी पर घटित होती है। हमें तड़ित पहले दिखाई देती है तथा मेघगर्जन बाद में सुनाई देता है। क्या आप इसकी व्याख्या कर सकते हैं ?
उत्तर-
प्रकाश का वेग 3 × 108 m/s है, जबकि ध्वनि का वेग 340 m/s है। इसलिए तड़ित तथा मेघगर्जन की घटना एक ही समय तथा एक समान दूरी पर होने पर भी तड़ित प्रकाश से पहले दिखाई देगी और मेघगर्जन बाद में सुनाई देगी।

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PSEB Solutions for Class 8 Science ध्वनि Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ध्वनि क्या है ?
उत्तर-
ध्वनि – यह एक प्रकार की ऊर्जा का रूप है, जो सुनने की क्षमता प्रदान करती है।

प्रश्न 2.
ध्वनि कैसे उत्पन्न होती है ?
उत्तर-
कंपित वस्तुओं द्वारा ध्वनि उत्पन्न होती है।

प्रश्न 3.
क्या ध्वनि निर्वात में संचरित होगी ?
उत्तर-
नहीं, इसे संचारित होने के लिए माध्यम चाहिए।

प्रश्न 4.
क्या ध्वनि गैसों में संचरित होती है ?
उत्तर-
हाँ।

प्रश्न 5.
क्या ध्वनि द्रवों में संचरित होती है ?
उत्तर-
हाँ।

प्रश्न 6.
क्या ध्वनि ठोसों में संचरित होती है ?
उत्तर-
हाँ।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

प्रश्न 7.
ध्वनि की तीव्रता किन कारकों पर निर्भर करती है ?
उत्तर-
ध्वनि की तीव्रता कंपित वस्तु के आयाम पर निर्भर करती है।

प्रश्न 8.
यदि एक वस्तु एक सेकंड में 10 दोलन करती है तो उसकी आवृत्ति क्या है ?
उत्तर-
10 Hz.

प्रश्न 9.
ध्वनि लकड़ी या जल किस में तेज़ चलती है ?
उत्तर-
ठोसों में ध्वनि द्रवों की अपेक्षा तेज़ चलती है। इसलिए लकड़ी में ध्वनि अधिक तेज़ चलती है।

प्रश्न 10.
ध्वनि उत्पन्न होती है, जब वस्तुएँ ………………………. करती हैं।
उत्तर-
ध्वनि उत्पन्न होती है, जब वस्तुएँ कंपन करती हैं।

प्रश्न 11.
एक सेकंड में दोलनों की संख्या ………………… कहलाती है।
उत्तर-
एक सेकंड में दोलनों की संख्या आवृत्ति कहलाती है।

प्रश्न 12.
हमारे कर्ण ध्वनि की उस आवृत्ति को ग्रहण करते हैं जो …………………… से अधिक और ……………………. से कम होती है।
उत्तर-
हमारे कर्ण ध्वनि की उस आवृत्ति को ग्रहण करते हैं, जो 20 Hz से अधिक और 20,000 Hz से कम होती है।

प्रश्न 13.
मनुष्य शरीर के उस भाग का नाम बताओ, जिसमें ध्वनि उत्पन्न होती है ?
उत्तर-
वाक्यंत्र अथवा कंठ (Larynx)।

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प्रश्न 14.
ध्वनि का कौन-सा गुण विभिन्न ध्वनियों को पहचानने में सहायक हैं?
उत्तर-
ध्वनि के गुण जो विभिन्न ध्वनियों को पहचानने में सहायक हैं-तारत्व और तीक्ष्णता।

प्रश्न 15.
मानव कानों के लिए श्रव्य की आवृत्ति का परास क्या है ?
उत्तर-
20 Hz से 20,000 Hz तक।

प्रश्न 16.
तारत्व को परिभाषित करें।
उत्तर-
तारत्व – कंपन की आवृत्ति ध्वनि के तारत्व का माप है।

प्रश्न 17.
किसकी आवृत्ति अधिक होगी ? भिनभिनाते मच्छर की अथवा गरजते शेर की।
उत्तर-
भिनभिनाते मच्छर की ध्वनि की आवृत्ति शेर के गरजने की आवृत्ति से अधिक होगी।

प्रश्न 18.
निम्न आवृत्तियों को बढ़ते क्रम में लिखिए।
(i) बच्चे की ध्वनि
(ii) मानव नर की ध्वनि
(iii) औरत की ध्वनि।
उत्तर-
मानव नर की ध्वनि < औरत की ध्वनि < बच्चे की ध्वनि।

प्रश्न 19.
हम आवाज़ कैसे सुन पाते हैं ?
उत्तर-
जब ध्वनि की तरंगें हमारे कानों को छूती हैं, तो यह कर्ण पट्ट (Ear drum) से टकराती हैं, जहाँ कंपन उत्पन्न होता है। ये कंपन छोटी हड्डियों द्वारा मस्तिष्क तक भेज दिए जाते हैं और हम सुन पाते हैं।

प्रश्न 20.
पुरुषों में वाक् तंतुओं की लंबाई कितनी होती है ?
उत्तर-
लगभग 20 mm.

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प्रश्न 21.
अप्रिय ध्वनि को ………………………. कहते हैं ?
उत्तर-
शोर।

प्रश्न 22.
वाद्ययंत्रों द्वारा कैसी ध्वनि उत्पन्न होती है ?
उत्तर-
संगीतमयी (मधुर)।

प्रश्न 23.
ध्वनि की प्रबलता का मात्रक क्या है ?
उत्तर-
डेसीबल (dB)।

प्रश्न 24.
किसी एक वाद्य यंत्र का नाम लिखें जो मधुर ध्वनि उत्पन्न करता है ?
उत्तर-
हारमोनियम/गिटार/पिआनो।

प्रश्न 25.
श्रवण अश्क्तता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ध्वनियों का न सुन पाना श्रवण अशक्तता है।

प्रश्न 26.
श्रवण अशक्तता के कारण क्या हैं ?
उत्तर-
श्रवण रोग, चोट, आयु और ऊँचा शोर।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

प्रश्न 27.
शोर के उदाहरण दो।
उत्तर-

  1. फैक्टरी में मशीनों की ध्वनियाँ
  2. ऊँची आवाज़ में लाऊडस्पीकर ।

प्रश्न 28.
किस मात्रक पर ध्वनि हानिकारक हो जाती है ?
उत्तर-
80 dB से अधिक।

प्रश्न 29.
शोर प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर-
वाहन।

प्रश्न 30.
कौन-से प्राकृतिक सजीव शोर प्रदूषण कम करने में महत्त्वपूर्ण हैं ?
उत्तर-
पेड़-पौधे।

प्रश्न 31.
शोर प्रदूषण (Noise-pollution) क्या है ?
उत्तर-
वातावरण में अत्यधिक व अवांछित ध्वनियाँ, शोर प्रदूषण कहलाती हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आयाम, आवर्तकाल और आवृत्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
आयाम – कंपित वस्तु द्वारा माध्य स्थिति से अधिकतम तय की दूरी, आयाम कहलाती है।
आवर्तकाल – एक दोलन को पूरा करने में लगा समय, वस्तु का आवर्तकाल कहलाता है।
आवृत्ति – प्रति सेकंड होने वाली दोलनों की संख्या को दोलन की आवृत्ति कहते हैं। आवृत्ति का मात्रक हर्ज़ (Hz.) है।

प्रश्न 2.
चाँद पर एक यात्री दूसरे यात्री से बात करता है। क्या दूसरा यात्री पहले यात्री की बात सुन सकता
उत्तर-
चाँद पर कोई वातावरण नहीं है। इसलिए यात्री एक-दूसरे की बातचीत नहीं सुन सकते क्योंकि ध्वनि के संचारण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3.
मच्छरों द्वारा उत्पन्न की ध्वनि शेर की दहाड़ से भिन्न क्यों होती है ?
उत्तर-
ध्वनि की प्रबलता वस्तु के आयाम पर निर्भर करती है। मच्छरों में ध्वनि पंखों की फरफराहट से उत्पन्न होती है। जबकि शेर की दहाड़ गले में उपस्थित वाक्-तंतुओं से उत्पन्न होती है। मच्छरों में ध्वनि का आयाम कम होता है। इसलिए दोनों ध्वनियों का तारत्व और गुण भिन्न होते हैं जिससे दोनों ध्वनियाँ भिन्न और पहचानने योग्य होती हैं।

प्रश्न 4.
एक प्रयोग द्वारा दर्शाओ कि ध्वनियाँ ठोसों में संचारित होती हैं।
उत्तर-
प्रयोग – दो माचिस की डिब्बियों को धागे के दोनों सिरों पर बाँधे। अपने मित्र को एक माचिस की डिब्बी
कान के पास रखने के लिए कहें (आग्रह करें)। फिर धागे को तानित कर दूसरी डिब्बी में आवाज़ पैदा करें। आपका मित्र यह आवाज़ आसानी से सुन लेगा। इससे यह प्रमाणित होता है ध्वनि ठोसों में संचारित होती है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि 5

प्रश्न 5.
मनुष्य ध्वनि कैसे उत्पन्न करता है ?
उत्तर-
मनुष्य ध्वनि की उत्पत्ति – मानव ध्वनि कंपनों का परिणाम है। यह वाक्यंत्र (Harynx) में उत्पन्न होती है। वाक्यंत्र की पेशियाँ वाक्तंतुओं को तानित करती हैं। फेफड़ों से वायु जब इन तंतुओं में में गुज ली है. तो कंपन पैदा होता है। यह कंपन ध्वनि पैदा करती हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

प्रश्न 6.
पराश्रव्य ध्वनि क्या है ?
उत्तर-
पराश्रव्य ध्वनि (Ultrasound) – हमारे कान 20 हर्ट्ज से कम और 20.(04)() हर्ज़ से अधिक आवृत्ति वाली ध्वनि नहीं सुन सकते। 20,000 हर्ज़ से अधिक आवृत्ति वाली ध्वनि पराश्रव्य ध्वनि कहलाती है। इस ध्वनि को उत्पन्न करने वाला यंत्र पराश्रव्य CT है।

प्रश्न 7.
पराश्रव्य ध्वनि के उपयोग क्या हैं ?
उत्तर-
पराश्रव्य ध्वनि के उपयोग-

  1. कुत्ते पराश्रव्य ध्वनि को सुन सकते हैं। इसलिए कुत्तों को बुलाने के लिए लोग इस ध्वनि का उपयोग करते हैं।
  2. चिकित्सा विज्ञान में पराश्रव्य द्वारा मानव शरीर के आंतरिक अंगों की तस्वीरें बनाई जाती हैं।

प्रश्न 8.
एक बच्चा सीढ़ियों के सामने ताली बजाता है और मीठी ध्वनि सुनता है। वर्णन करें।
उत्तर-
सीढ़ियों के हर स्टिप (step) की दूरी बच्चे से बढ़ती जाती है। जब बच्चा नाला बनाता है, तो ध्यान प्रत्येक कदम पर एक जैसे और एक समय पर नहीं टकराती। यह छोटे. नियमित अंतगला पर टकाना है और लंट कर वापस आती है। यह ध्वनि कानों को मधुर प्रतीत होती है, क्योंकि यह नियमित रूप में की है।

प्रश्न 9.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि ध्वनि वायु की अपेक्षा त्रों में अधिक तेज़ी से संचरित होती
उत्तर-
ध्वनि द्रवों में गैसों की अपेक्षा तीव्र गति से संचरित होती है। इसको हम निम्नलिखित प्रयोग द्वारा सिद्ध कर सकते हैं।
प्रयोग – एक लंबा गुब्बारा लो और इसे पानी से भरी। इस कान के पास रखा और दूसरे सिरे पर अंगुली से खरोंचो। एक ध्वनि उत्पन्न होगी। अब यही क्रिया वायु से भरे गुब्बारे से करो। दोनों ध्वनियों की तुलना से सुनिश्चित होता है कि ध्वनि द्रवों में अधिक तीव्र गति से संचारित होती है।

प्रश्न 10.
शोर क्या है ? इसका मात्रक क्या है ?
उत्तर-
शोर-अप्रिय ध्वनि जो मधुर और धीमी नहीं होती, शोर कहलाती है जैसे- मशीनों, वाहनों, पटाखों आदि की ध्वनि।
ध्वनि का मात्रक डेसीबल (dB) है। शोर का परास 80 dB-120 dB हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

प्रश्न 11.
शोर और संगीत में एक अंतर लिखिए।
उत्तर-
शोर ऐसी ध्वनि है जो कानों के लिए अप्रिय है, जबकि संगीत एक मधुर ध्वनि है, जो कानों के लिए प्रिय है।

प्रश्न 12.
श्रवण क्षतिग्रस्त बच्चे आपस में बातचीत कैसे करते हैं ?
उत्तर-
श्रवण क्षतिग्रस्त बच्चे इंगित भाषा (संकेत भाषा) और औद्योगिक युक्तियों के प्रयोग द्वारा आपस में बातचीत करते हैं।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक प्रयोग द्वारा दर्शाओ कि ध्वनि को सुनने के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।
उत्तर-
ध्वनि को सुनने के लिए माध्यम की आवश्यकता – कंपित वस्तु से ध्वनि कानों तक वायु (माध्यम) के अणुओं के कंपन द्वारा पहुँचती है। यदि कान और कंपित वस्तु के बीच कोई माध्यम नहीं होगा, तो ध्वनि सुनाई नहीं देगी। इसका अध्ययन अग्र वर्णित क्रिया द्वारा किया जा सकता है-

क्रिया-कलाप – एक लकड़ी की छड़ लो और उसका एक सिरा कान के पास रखो। किसी मित्र से दूसरे सिरे को खरोंचने के लिए कहो। आप खरोंचने की ध्वनि आसानी से सुन सकते हैं।

इसी तरह पानी से भरे गुब्बारे और वायु से भरे गुब्बारे द्वारा ध्वनि को सुनो। आप पाओगे कि तीनों अवस्थाओं में ध्वनि सुनाई देती है परंतु वायु में इसकी प्रबलता कम होती है।
इससे सिद्ध हुआ कि ध्वनि सुनने के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2.
शोर प्रदूषण क्या है ? इसके कारण और प्रभाव क्या हैं ?
उत्तर-
शोर प्रदूषण – अवांछित ध्वनि, जो कानों के लिए प्रिय और मधुर नहीं, शोर कहलाती है। वातावरण में पाई जाने वाली अत्यधिक ऊँची ध्वनि शोर प्रदूषण करती है।
शोर प्रदूषण के कारण-

  1. फैक्टरियों में मशीनों द्वारा उत्पन्न ध्वनि
  2. लाऊडस्पीकर
  3. जेनरेटर
  4. रेलवे स्टेशन
  5. हवाई अड्डे
  6. संगीत कार्यक्रम
  7. पटाखे।

शोर प्रदूषण के प्रभाव-

  1. बहरापन (श्रवण अशक्तता)
  2. हृदय गति को तीव्र करना
  3. पुतली को प्रभावित करती है जिसके परिणामस्वरूप रात को दिखाई देना बंद हो जाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 13 ध्वनि

प्रश्न 3.
संगीत क्या है ? वाद्य यंत्रों में उपयोग होने वाली विभिन्न कंपित वस्तुओं के नाम लिखो।
उत्तर-
संगीत (Music) – ध्वनि को विभिन्न आवृत्ति के अनुसार स्वरों में डालने से मधुर ध्वनि पैदा करना, संगीत कहलाता है। वादय यंत्रों में डोरी, झिल्ली, वायु स्तंभ आदि का उपयोग होता है। अत: वादय यंत्रों के तीन वर्ग हैं-

  1. तंतु वाद्य : उदाहरण-वायलिन, सितार आदि।
  2. सुशीर वाद्य : उदाहरण-बाँसुरी, शहनाई आदि।
  3. अवाद्य वाद्य : उदाहरण-तबला, मृदंगम आदि।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स

मैमरी क्या है?
कम्प्यूटर भी मनुष्य के दिमाग की तरह कार्य करता है। इसे भी काफ़ी डाटा सम्भाल कर रखना पड़ता है। इसके लिए यह मैमरी डिवासिज का प्रयोग करता है। जो बहुत ही सुनियोजित ढंग से कार्य करते है। कम्प्यूटर की विभिन्न जनरेशनज़ में विभिन्न प्रकार की मैमरी प्रयोग में लाई जाती है। स्टोरेज डिवाइस वह यन्त्र होता है जिस का प्रयोग जानकारी संभालने के लिए किया जाता है। हमारे पास बहुत से ऐसे यन्त्र उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग हम अपनी आवश्यकता अनुसार डाटा स्टोर करने के लिए कर सकते हैं।

मैमरी यूनिट्स-
मैमरी के मुख्य यूनिट बिट तथा बाइट हैं । कम्प्यूटर में किसी भी चीज़ को 0 से 1 में लिखा जाता है। मैमरी के यूनिट निम्न हैं

  1. बिट (Bit)-एक बिट या वाइनरी डिजिट को लाजिकल 0 या 1 द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
  2. निबल (Nibble)-चार बिटस के समूह को निबल कहते हैं।
  3. बाइट (Byte)-आठ बिटस के समूह को बाइट कहते हैं। बाईट वह सबसे छोटी इकाई है जिस द्वारा किसी डाटा आइटम या अक्षर को पेश किया जाता है।
  4. वर्ड (Word)-वर्ड कुछ निर्धारित बिटस का समूह होता है जिसे एक इकाई के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। वर्ड की लम्बाई को वर्ड साइज या वर्ड लैंथ कहते हैं। यह 8 बिटस जितना छोटा या 96 बिटस जितना बड़ा हो सकता है। कम्प्यूटर सूचना को कम्प्यूटर वर्ड के रूप में सेव करता है।

कम्प्यूटर मैमरी को मापने की इकाई

  1. बिट
  2. 1 निवल = 4 बिटस
  3. बाइट = 8 बिटस (Bytes)
  4. 1 किलोबाइट = 1024 बाइट (Bytes)
  5. 1 मैगाबाइट = 1024 किलोबाइट (KB)
  6. 1 गीगाबाइंट = 1024 मैगाबाइट। (MB)
  7. 1 टेराबाइट = 1024 गीगा बाइट। (GB)
  8. 1 पैंटाबाइट = 1024 टैराबाइट (TB)

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स

मैमरी की किस्में
कम्प्यूटर का वह स्थान जहां पर डाटा स्टोर किया जाता है उसको मैमरी कहते हैं। मैमरी एक प्रकार की इलैक्ट्रॉनिक चिप होती है। इसकी भण्डारण क्षमता अलग-अलग होती है। मैमरी दो प्रकार की होती है।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स 1
मैमरी की किस्में
I. प्राइमरी मैमरी/इंटरनल
II. सैकेण्डरी मैमरी/एक्सटरनल इंटरनल

इंटरनल मैमरी इंटरनल मैमरी CPU की अंदरूनी मैमरी होती है। इसको आगे भागों में बांटा जा सकता है
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स 2
1. सी पी यू रजिस्टर-सीपीयू रजिस्टर एक अस्थाई तथा सबसे तेज़ रफ्तार वाली कंप्यूटर मैमरी होती है। यह मैमरी सीपीयू के अंदर मौजूद होती है। इसका प्रयोग सीपीयू द्वारा तुरंत प्रयोग होने वाले डाटा तथा निर्देश को स्टोर करने के लिए किया जाता है। सीपीयू द्वारा प्रयोग होने वाले रजिस्टर को अक्सर प्रोसेसर रजिस्टर भी कहा जाता है। प्रोसेसर रजिस्टर में निर्देश मैमरी एड्रेस या कोई डाटा स्टोर किया जाता है। सीपीयू रजिस्टर की उदाहरणे हैं-इंस्ट्रक्शन रजिस्टर, मैमरी बफर रजिस्टर, मैमरी डाटा रजिस्टर तथा मैमरी एड्रेस रजिस्टर।

2. कैश मैमरी-यह बहुत तेज़ सैमी कंडक्टर मैमरी होती है, जो CPU को रफ्तार देती है। यह CPU तथा मुख्य मैमरी के बीच वफर का काम करती है। यह प्रोग्राम तथा डाटा के उन भागों को रखती है, जो ज्यादा प्रयोग में आते हैं।
कैश मैमरी के लाभ-
कैश मैमरी के निम्न लाभ हैं –

  1. यह मुख्य मैमरी से तेज़ होती है।
  2. इसका एक्सैस टाइम कम होता है।
  3. यह उस प्रोग्राम को स्टोर करती है जो कम समय में लागू होना होता है।
  4. यह डाटा को अस्थायी तौर पर सेव करती है।

कैश मैमरी की हानियाँ-कैश मैमरी की निम्न हानियां होती हैं-

  • इसकी भंडारण क्षमता बहुत कम होती है।
  • इसकी कीमत काफ़ी ज्यादा होती है।

3. प्राइमरी मैमरी-प्राइमरी मैमरी कम्प्यूटर की मुख्य मैमरी होती है। यह प्रोसैसर के साथ सीधे तौर पर जुड़ी होती है। इसको अन्दरूनी मैमरी भी कहते हैं। प्रोसैसर इस मैमरी से सीधे ही पढ़ तथा लिख सकता है। इस मैमरी में रखी गई सूचना कम्प्यूटर के बन्द होने के बाद खत्म हो जाती है। यह मैमरी इलैक्ट्रॉनिक चिप के रूप में होती है।

प्राइमरी मैमरी की किस्में –
प्राइमरी मैमरी दो प्रकार की होती है –
1. RAM
2. ROM.

1. RAM-RAM का पूरा नाम Random Access Memory है। यह कम्प्यूटर के मदर बोर्ड में लगी होती है। इसमें डाटा रीड तथा राइट किया जा सकता है। यह मैमरी बिजली की सहायता से चलती है। यह मैमरी में डाटा पक्के तौर पर स्टोर नहीं करती। कम्प्यूटर के बन्द होने के बाद इस मैमरी में रखा डाटा भी नष्ट हो जाता है।
यह मैमरी दो प्रकार की होती है –

  • स्टैटिक रैम
  • डायनिक रैम।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स 3

रैम अस्थायी मैमरी होती है। इसका अर्थ है, कम्प्यूटर के बंद होने या बिजली जाने की स्थिति में रैम के कंटेंट नष्ट हो जाते हैं। इसलिए कम्प्यूटर में UPS का प्रयोग किया जाता है। रैम में डाटे को कहीं से भी प्रयोग किया जा सकता है। यह बहुत महंगी होती है। रैम का आकार तथा भंडारण क्षमता कम होती है। रैम दो प्रकार की होती है।

  • स्टैटिक रैम
  • डायनमिक रैम

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स 4

स्टैटिक रैम-स्टैटिक का अर्थ है इसमें तब तक डाटा रहता है जब तक इसे बिजली मिलती रहती है। इसमें छः ट्रांजिस्टर का प्रयोग होता है पर किसी कपैस्टर का प्रयोग नहीं होता। ट्रांजिस्टर की लीकेज रोकने के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं होती। इसलिए इसे बार-बार रिफरैश करने की आवश्यकता नहीं होती।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स

स्टैटिक रैम की विशेषताएं तथा गुण –

  1. यह ज्यादा समय तक चलती है।
  2. इसे रिफरैश करने की ज़रूरत नहीं होती।
  3. यह तेज़ होती है।
  4. इसका प्रयोग कैश मैमरी की तरह होता है।
  5. यह बड़े आकार की होती है।
  6. यह महंगी होती है।
  7. यह ज्यादा बिजली का प्रयोग करती है।

(2) डायनमिक रैम-डायनमिक रैम को डाटा संभालने के लिए रिफरैश करने की आवश्यकता होती है। इसलिए इसे रिफरैश सरकट पर चलाया जाता है। इसे ज्यादातर सिस्टम मैमरी के रूप में प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह छोटी तथा सस्ती होती है। यह रैम सैल से बनी होती है, जिसमें एक कपैस्टर तथा एक ट्रांजिस्टर लगा होता है।

डायनमिक रैम की विशेषताएं तथा गुण –

  • यह कम समय तक चलती है।
  • इसे लगातार रिफरैश करना पड़ता है।
  • इसकी रफ्तार कम होती है।
  • इसे रैम की तरह प्रयोग किया जाता है।
  • इसका आकार छोटा होता है।
  • यह सस्ती होती है।
  • यह बिजली की कम खपत करती है।

2. ROM-ROM का पूरा नाम Read Only Memory है। इस मैमरी को सिर्फ पढ़ा जा सकता है। इसमें डाटा राइट नहीं किया जा सकता। इस पर सूचना पक्के तौर पर ही स्टोर होती है। कम्प्यूटर बन्द होने के बाद इसमें रखा डाटा नष्ट नहीं होता।
रोम को निम्न भागों में बांटा जा सकता है –

  • MROM
  • PROM
  • EPROM
  • EEPROM.

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स 6

 

एक रोम में कम्प्यूटर को शुरू करने के निर्देश स्टोर होते हैं। रोम चिपस कम्प्यूटर के अलावा इलैक्ट्रानिक मशीन में प्रयोग की जाती है। रोम अग्र प्रकार की होती है

  1. मास्कड रोम (Masked ROM) (MROM)-पहले समय में रोम तारों से बने यंत्र होते थे जिनमें डाटा तथा निर्देश भरे होते थे। इन को मास्कड रोम कहते हैं। यह सस्ती होती है।
  2. प्रोग्रामेबल रीड ओनली मैमरी (PROM)-PROM वह रोम होती है जिसे सिर्फ एक बार बदला जा सकता है। हम खाली PROM खरीद सकते हैं तथा इसमें अपनी ज़रूरत अनुसार निर्देश भर सकते हैं। फिर इसमें से डाटा डिलीप नहीं किया जा सकता।
  3. इरेजेवल प्रोग्रामेवल रीड ओनली मैमरी (EPROM) EPROM से 40 मिनट तथा अलट्रावायलेट किरण डाल कर डाटा डिलीट किया जा सकता है। इसे प्रोग्राम करने के लिए इलैक्ट्रिक चार्ज का प्रयोग होता है। यह चार्ज दस साल से ज्यादा समय तक रह सकता है। इसे मिटाने के लिए अल्ट्रावायलेट लाइट का प्रयोग होता है।
  4. इलैक्ट्रिकली इरेजेबल तथा प्रोग्रामेबल रीड ओनली मैमरी : EEPROM को बिजली द्वारा प्रोग्राम तथा मिटाया जा सकता है। इसे लगभग 10,000 बार मिटाया तथा प्रोग्राम किया जा सकता है। इसमें 4 से 10 मिली सैकिंड का समय लगता है। इसमें से खास हिस्से को भी मिटाया जा सकता है। इसमें से एक बाइट को भी मिटाया जा सकता है। इससे समय की बचत होती है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स 7
रोम के लाभ-रोम के लाभ अग्रलिखित अनुसार हैं

  • यह स्थायी मैमरी होती है।
  • इसके डाटा को बदला नहीं जा सकता।
  • यह रैम से सस्ती होती है।
  • यह रैम से ज्यादा भरोसेमंद होती है।
  • यह स्टैटिक होती है। इसे रिफरैश करने की ज़रूरत नहीं होती।

RAM तथा ROM में अन्तर
RAM तथा ROM में निम्न अन्तर हैं –

RAM ROM
(1) इसका नाम Random Access Memory है। (1) इसका पूरा नाम Read Only Memory है।
(2) यह टैम्परेरी मैमरी है। (2) यह पक्की तौर की मैमरी है।
(3) इस पर पढ़ तथा लिख सकते हैं। (3) इसको सिर्फ पढ़ सकते हैं।
(4) कम्प्यूटर बंद होने पर इसमें डाटा नष्ट हो जाता| (4) इसमें रखा डाटा नष्ट नहीं होता।

सैकेण्डरी मैमरी
वह मैमरी जो कम्प्यूटर के साथ सीधे तौर पर नहीं जुड़ी होती उसे सैकेण्डरी मैमरी कहते हैं। इसका प्रयोग पक्के तौर पर डाटा स्टोर करने के लिए किया जाता है। इसमें रखा डाटा कम्प्यूटर बन्द होने के बाद भी नष्ट नहीं होता। यह गति में प्राइमरी मैमरी से धीमी होती है पर आकार में प्राइमरी मैमरी से बड़ी होती है। इस मैमरी में कम्प्यूटर के सारे प्रोग्राम तथा डाटा पड़ा रहता है। कम्प्यूटर चलने के बाद इसी से ही डाटा तथा प्रोग्राम प्राप्त करता है।

सैकेण्डरी मैमरी की किस्में
I. सिक्वेनशल एक्सैस डिवाइस
1. मैगनैटिक टेप
II. डायरैक्ट एक्सैस डिवाइस
1. मैगनैटिक डिस्क

  • फ्लापी डिस्क
  • हार्ड डिस्क

2. ऑप्टीकल डिस्क _

  • सी०डी०
  • डी०वी०डी०

3. मैमरी स्टोरेज डिवाइसज

  • फ्लैश ड्राइव
  • मैमरी कार्ड

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स 9
सैकेण्डरी मैमरी की विशेषताओं –
सैकेण्डरी मैमरी की निम्न विशेषताएं हैं –

  1. यह मैगनैटिक तथा ऑप्टीकल होती है।
  2. इस पर डाटा पक्के तौर पर रहता है।
  3. बिजली बंद होने पर डाटा स्टोर रहता है।
  4. यह मैमरी भरोसेमंद होती है।
  5. ये प्रयोग में आसान होती है।
  6. इन की भण्डारण क्षमता बहुत अधिक होती है।
  7. इनकी कीमत प्राइमरी मैमरी से काफ़ी कम होती है।
  8. कम्प्यूटर इस मैमरी के बगैर चल सकता है।
  9. इनकी रफ्तार प्राइमरी मैमरी से कम होती है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स

मुख्य मैमरी तथा सैकेण्डरी मैमरी में अन्तर
मुख्य मैमरी तथा सैकेण्डरी मैमरी में निम्न अंतर होते हैं।

मुख्य मैमरी सैकेण्डरी मैमरी
(1) यह प्रोसैसर से सीधी जुड़ी होती है। (1) यह प्रोसैसर से मुख्य मैमरी द्वारा जुड़ी होती है।
(2) यह महंगी होती है। (2) यह सस्ती होती है।
(3) यह आकार में कम होती है। (3) यह आकार में बड़ी होती है।
(4) यह प्रोसैसर से सीधी जुड़ी होती है। (4) यह प्रोसैसर से सीधे तौर पर जुड़ी नहीं होती।
(5) यह एक अस्थाई मैमरी है। (5) यह स्थाई मैमरी है।
(6) इसमें कम डाटा स्टोर होता है। (6) इसमें ज़्यादा डाटा स्टोर किया जा सकता है।
(7) यह दो प्रकार की होती है। (7) यह कई प्रकार की होती है।
(8) यह मैमरी चिप रूप में मिलती है। (8) यह मैमरी कई अन्य रूपों में मिलती है।

I. सिक्वेनशल एक्सैस डिवाइस
इन डिवाइस में डाटा एक के बाद एक क्रम में प्रयोग होता है। आगे का डाटा एक्सैस करने के लिए पहले को रीड करना पड़ता है। इसकी सबसे बढ़िया उदाहरण मैगनैटिक टेप है। इस में डाटा की समस्या बाइटस प्रति इंच में मापी जाती है।
टेप की समस्या = डाटा की घनता x टेप की लम्बाई

II. डायरैक्ट एक्सैस डिवाइस
इन डिवाइस में डाटा कहीं से भी एक्सैस किया जा सकता है। इससे समय की काफी बचत होती है। इनमें कम स्थान पर ज्यादा डाटा स्टोर किया जा सकता है। इन डिवाइस की कुछ उदाहरण हैं : मैगनैटिक डिस्क, आपटीकल डिस्क तथा मैगनेटो-आप्टीकल डिस्क। सैकेण्डरी मैमरी कई प्रकार की होती है।

मैगनेटिक डिस्क का भौतिक स्ट्रक्चर
मैग्नेटिक डिस्क एक सेकेण्डरी स्टोरेज डिवाइस है। जिसका प्रयोग डाटा को पक्के तौर पर स्टोर करने के लिए किया जाता है। हम मैग्नेटिक डिस्क में डाटा को क्रमवार तथा रेंडम तौर से भी प्राप्त कर सकते हैं। इस चुंबकीय डिस्क को ट्रैक तथा सेक्टर में बांटा जाता है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स

1. टरैक
किसी भी डिस्क का तल पारदर्शी साझे केंद्र बिन्दु वाले चक्रों में बांटा गया होता है। इनको ट्रैक्स कहा जाता है। इनको अंदर वाले से शुरू कर O से नंबर दिये जाते हैं। इनकी गिनती डिस्क की भंडारण क्षमता अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है। इनको आगे सैक्टर में बांटा जाता है।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स 8
2. सैक्टर किसी डिस्क के प्रत्येक सैक्टर को छोटे हिस्सों में बांटा जाता है। इनको सैक्टर कहते हैं। प्रत्येक ट्रैक में 8 या ज्यादा सैक्टर होते हैं। एक सैक्टर में 512 बाइट्स स्टोर करने की क्षमता होती है। किसी डिस्क की स्टोरेज क्षमता को निम्न फार्मूले के साथ पता किया जा सकता है।
भंडारण क्षमता = तलों की गिनती x ट्रैक्स प्रतिशत x सैक्टर प्रति ट्रैक x कुल बाईट प्रति सैक्टर
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 8 मैमरी यूनिट्स 10

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 12 घर्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 12 घर्षण

PSEB 8th Class Science Guide घर्षण Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) घर्षण एक-दूसरे के संपर्क में रखी दो वस्तुओं के पृष्ठों के बीच …………………….. का विरोध करता है।
उत्तर-
गति

(ख) घर्षण पृष्ठों के ………………….. पर निर्भर करता है।
उत्तर-
चिकनेपन

(ग) घर्षण से ……………………. उत्पन्न होती है।
उत्तर-
ऊष्मा

(घ) कैरम बोर्ड पर पाऊडर छिड़कने से घर्षण ……………………….. हो जाता है।
उत्तर-
कम

(ङ) सर्पा घर्षण स्थैतिक घर्षण से ………………………….. होता है।
उत्तर-
कम।

प्रश्न 2.
चार बच्चों को लोटनिक, स्थैतिक तथा सी घर्षण के कारण बलों को घटते क्रम में व्यवस्थित करने लिए कहा गया। उनकी व्यवस्था नीचे दी गयी है। सही व्यवस्था का चयन कीजिए-
(क) लोटनिक, स्थैतिक, सपी
(ख) लोटनिक, सी, स्थैतिक
(ग) स्थैतिक, सी, लोटनिक
(घ) सी, स्थैतिक, लोटनिक।
उत्तर-
(ग) स्थैतिक, सी, लोटनिक।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

प्रश्न 3.
आलिदा अपनी खिलौना कार को संगमरमर के सूखे फर्श, संगमरमर के गीले फर्श, फर्श पर बिछे समाचार-पत्र तथा तौलिए पर चलाती है। कार पर विभिन्न पृष्ठों द्वारा लगे घर्षण बल का बढ़ता क्रम होगा-
(क) संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, समाचार-पत्र, तौलिया
(ख) समाचार-पत्र, तौलिया, संगमरमर का सूखा फर्श, संगमरमर का गीला फर्श
(ग) तौलिया, समाचार-पत्र, संगमरमर का सूखा फर्श, संगमरमर का गीला फर्श
(घ) संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, तौलिया, समाचार-पत्र।
उत्तर-
(क) संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, समाचार-पत्र, तौलिया।

प्रश्न 4.
मान लीजिए आप अपने डेस्क को थोड़ा झुकाते हैं। उस पर रखी कोई पुस्तक नीचे की ओर सरकना आरंभ कर देती है। इस पर लगे घर्षण बल की दिशा दर्शाइए।
उत्तर-
घर्षण बल ऊपर की दिशा में लगता है।

प्रश्न 5.
मान लीजिए दुर्घटनावश साबुन के पानी से भरी बाल्टी संगमरमर के किसी फर्श पर उलट जाए। इस गीले फर्श पर आपके लिए चलना आसान होगा या कठिन। अपने उत्तर का कारण बताइए।
उत्तर-
हम जानते हैं कि चलने में सुगमता के लिए एक सीमा तक घर्षण होना वांछनीय है। साबुन का पानी गिरने से गीले हुए फर्श पर चलना कठिन हो जाता है क्योंकि इस अवस्था में चिकने साबुन के पानी की पतली परत बन जाती है। इस प्रकार अनियमितताओं का अंत: बंधन काफ़ी सीमा तक कम हो जाता है जिससे चलने में कठिनाई अनुभव होती है।

प्रश्न 6.
खिलाड़ी कीलदार जूते ( स्पाइक्स ) क्यों पहनते हैं ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
कीलदार जूतों की फर्श पर पकड़ मजबूत होती है और वे फिसलने से बचाते हैं। इसलिए खिलाड़ी कीलदार जूते पहनते हैं।

प्रश्न 7.
इकबाल को हलकी पेटिका धकेलनी है तथा सीमा को उसी फर्श पर भारी पेटिका धकेलनी है ? कौन अधिक घर्षण बल अनुभव करेगा और क्यों ?
उत्तर-
हम जानते हैं कि दाब बढ़ने से घर्षण बल भी बढ़ जाता है। सीमा अधिक घर्षण बल को अनुभव करेगी क्योंकि भारी पेटिका, हल्की पेटिका से अधिक दाब डालती है।

प्रश्न 8.
व्याख्या कीजिए, सी घर्षण, स्थैतिक घर्षण से कम क्यों होता है ?
उत्तर-
जब वस्तु विराम अवस्था में होती है, तो वस्तु और धरती की सतह के बीच उन दोनों के पृष्ठों की अनियमितताओं के कारण घर्षण अधिक होगा।

परंतु जब वस्तु गति की स्थिति में होती है, तो अनियमितताओं को एक-दूसरे में धंसने का अधिक अवसर नहीं मिलता, जिससे घर्षण कम होती है। इसलिए सी घर्षण, स्थैतिक घर्षण से कम होता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

प्रश्न 9.
वर्णन कीजिए, घर्षण किस प्रकर शत्रु एवं मित्र दोनों हैं ?
उत्तर-
घर्षण एक अनिवार्य हानिकारक बल है क्योंकि यह शत्रु भी है और मित्र भी है। यह एक मित्र है, क्योंकि यह सहायता करता है-

  1. चलने में
  2. मोटर और मशीन चलाने में
  3. ब्रेक लगाने में।

यह एक शत्रु है, क्योंकि-

  1. यह टूट-फूट का उत्तरदायी है।
  2. ऊष्मा के रूप में ऊर्जा व्यय होती है।
  3. मशीन की कार्यक्षमता कम करता है।
  4. मशीनों के पुों को स्नेहक लगाने से काफी मात्रा में धन व्यय होता है।

प्रश्न 10.
वर्णन कीजिए, तरल में गति करने वाली वस्तुओं की आकृति विशेष प्रकार की क्यों बनाते हैं ?
उत्तर-
तरल में गति कर रही वस्तु को उस पर लगे घर्षण बल को पार करने में ऊर्जा की क्षति होती है। इस ऊर्जा की क्षति को रोकने और सुगम गति के लिए मछली अथवा पक्षी, जैसी विशेष आकृतियों वाली वस्तुएँ बनाई जाती हैं।

PSEB Solutions for Class 8 Science घर्षण Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
घर्षण बल किस दिशा में कार्यरत होता है ?
उत्तर-
घर्षण बल वस्तु पर लग रहे बल की दिशा से विपरीत दिशा में कार्यरत होता है।

प्रश्न 2.
साइकिल की ब्रेक लगाते हुए उसे सड़क पर चलाना मुश्किल है। क्यों ?
उत्तर-
सपी घर्षण, लोटनिक घर्षण से अधिक होता है।

प्रश्न 3.
लुढ़कता हुआ गेंद कुछ समय बाद रुक क्यों जाता है ?
उत्तर-
गेंद और धरती की सतहों के मध्य घर्षण बल के कारण गेंद रुक जाता है क्योंकि यह बल गति का प्रतिरोध करता है।

प्रश्न 4.
घर्षण क्या है ?
उत्तर-
घर्षण – यह एक प्रतिरोध है, जो एक वस्तु की गति के सापेक्ष दूसरी वस्तु की गति को कम करता है।

प्रश्न 5.
टायर वृत्तीय क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
लोटनिक घर्षण सी घर्षण से कम होता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

प्रश्न 6.
घर्षण स्व:अनुकूलित होता है। क्या यह सत्य है ?
उत्तर-
जब तक वस्तु गति करती है, घर्षण बल स्वयं को इस प्रकार अनुकूलित करता है ताकि यह लगाए गए बल के समान और उल्ट दिशा में हो।

प्रश्न 7.
कौन-सी अधिक चिकनी है-गीली मिट्टी अथवा सीमेंट फर्श।
उत्तर-
गीली मिट्टी।

प्रश्न 8.
कमानीदार तुला (Spring Balance) किस काम आती है ?
उत्तर-
कमानीदार तुला – यह एक ऐसा यंत्र है, जिस से वस्तु पर लगे गुरुत्वीय बल को मापा जाता है।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
टाँगा चलाते समय अधिक बल क्यों चाहिए ?
उत्तर-
शुरू में घोड़े को टाँगा के घर्षण बल पर काबू पाने के लिए और उसको संवेग देने के लिए (गतिज ऊर्जा की वृद्धि) अधिक बल लगाना पड़ता है। इसके बाद केवल घर्षण बल पर काबू पाने के लिए बल लगाना पड़ता है।

प्रश्न 2.
घर्षण बल के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
दैनिक जीवन में घर्षण बल के निम्नलिखित उदाहरण हैं-

  1. एक बड़े कमरे के चिकने फर्श पर गेंद ज्यादा दूरी तक लुढ़कती है जबकि खुरदरे फर्श पर कम दूरी तय करती है।
  2. कमरे की पॉलिश की गई टाइलों पर चलने वाला व्यक्ति डरता है विशेषकर जब टाइलें गीली हों।
  3. यदि कैरम बोर्ड पृष्ठ पर बोरिक पाऊडर छिड़का जाता है तो गोटियाँ आराम से और अधिक दूरी तक सरकती हैं।
  4. वाहन चालक द्वारा ब्रेक लगाने से वाहन रुक जाता है।

प्रश्न 3.
घर्षण ऊष्मा पैदा करता है। कैसे ?
उत्तर-
घर्षण से ऊष्मा उत्पन्न होती है। इसे निम्न उदाहरणों द्वारा दर्शाया जा सकता है-

  1. हाथों को परस्पर रगड़ने से हाथ गर्म हो जाते हैं।
  2. माचिस की तीली रगड़ने से आग उत्पन्न होती है।
  3. मिक्सर का ज़ार, कुछ देर चलने के बाद गर्म हो जाता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
घर्षण को परिभाषित करें। घर्षण का कारण क्या है ? कौन-से कारक घर्षण के लिए उत्तरदायी हैं ? वर्णन करें कि घर्षण हानिकारक है, परंतु अनिवार्य भी है ?
उत्तर-
घर्षण – वह प्रतिरोधी बल जो किसी वस्तु के किसी सतह पर चलने के समय लगता है, घर्षण बल कहलाता है।

जब एक वस्तु पर धीरे से धक्का लगाया जाए, तो वह नहीं हिलती। इसका अर्थ हुआ कि जिस सतह पर वस्तु रखी गई है, वह लगाए गए बल के उल्ट दिशा में प्रतिरोध बल लगाती रही है। यह प्रतिरोधक बल घर्षण बल है।

घर्षण के कारण – सभी सतहें अनियमित होती हैं अर्थात् उन पर गड्ढे होते हैं। जब एक सतह दूसरी सतह पर सरकती है, तो यह अनियमितताएँ एक-दूसरे में फँस जाती हैं और प्रतिरोध उत्पन्न करती हैं। यह घर्षण बल है। अत: घर्षण बल पृष्ठों के खुरदरेपन के कारण होता है।

घर्षण के उत्तरदायी कारक

  1. दो संपर्की सतहों/पृष्ठों की प्रकृति
  2. संपर्क क्षेत्र
  3. बल जिससे दोनों पृष्ठों को दबाया जाता है।
    घर्षण हानिकारक है, परंतु अनिवार्य भी है।

घर्षण के लाभ – यह हमारे दैनिक जीवन में महत्त्वपूर्ण है।

  1. टहलने, दौड़ने, पर्वतों और पेड़ों पर चढ़ने के लिए घर्षण का उपयोग होता है। सीढ़ियाँ बनाई जाती हैं ताकि फिसलने से बचा जाए।
  2. गतिशील वाहन केवल ब्रेक लगाकर रोके जा सकते हैं। कीचड़ में घर्षण न होने के कारण, वाहन को कीचड़ में चलाना अति मुश्किल है। टायरों पर खांचे बनाए जाते हैं ताकि फिसलन न हो सके।
  3. घर्षण के बिना गाँट नहीं बाँधी जा सकती, लकड़ी में कील नहीं लगाया जा सकता, इमारतें नीचे गिर पड़तीं, खाद्य पदार्थ न तो हाथों में पकड़े जाते और न ही दाँतों द्वारा चबाए जाते, कपड़े सिले नहीं जा सकते और पेन से लिखना असंभव होता है।

घर्षण की हानियाँ-

  1. यह टूट-फूट का कारण है।
  2. घर्षण सं ऊर्जा की क्षति होती है और मशीनों की कार्यक्षमता में कमी आती है।
  3. घर्षण से उत्पन्न ऊष्मा मशीनों को नष्ट करती है।
    यह सब दर्शाता है कि घर्षण हानिकारक है, परंतु अनिवार्य भी है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

प्रश्न 2.
घर्षण (Limiting Friction) तथा सी घर्षण (Sliding Friction) क्या है ?
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण 1
उत्तर-
जब किसी वस्तु पर कोई बल नहीं लग रहा होता तो उस समय इस पर कोई घर्षण बल भी नहीं लगता और वस्तु आराम की स्थिति में रहती है। जैसे-जैसे लगाया गया बल बढ़ता है, वैसे ही घर्षण बल उसी परिमाण से स्थिति तक बढ़ता है। O से L तक, वस्तु आराम की स्थिति में रहती है, इसे स्थैतिक घर्षण कहते हैं। यदि बल को थोड़ा-सा L से बढ़ा देते हैं, तो वस्तु दूसरी वस्तु पर सरकना आरंभ कर देती है। यह अत्यधिक बल जो उत्पन्न होता है उसे (Limiting friction) कहते हैं। . के आगे, घर्षण बल थोड़ा कम हो जाता है और वस्तु सरलता से सरकती है। इस घर्षण बल को सी या गतिज बल कहते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 11 बल तथा दाब Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 11 बल तथा दाब

PSEB 8th Class Science Guide बल तथा दाब Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
धक्के या खिंचाव के द्वारा वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. क्रिकेट मैच में क्षेत्र रक्षक गेंद को धक्का लगाकर रोकता है।
  2. चलती हुई गाड़ी को रोकने के लिए ब्रेक लगाई जाती है।

प्रश्न 2.
ऐसे दो उदाहरण दीजिए जिनमें लगाए गए बल द्वारा वस्तु की आकृति में परिवर्तन हो जाए।
उत्तर-

  1. मेज़ पर पड़े गेंद को दबाने से।
  2. साइकिल की सीट पर लगा स्प्रिंग, सवारी के भार से नीचे चला जाता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) कुएँ से पानी निकालते समय हमें रस्सी को …………………… पड़ता है।
(ख) एक आवेशित वस्तु अनावेशित वस्तु को ……………………… करती है।
(ग) सामान से लदी ट्रॉली को चलाने के लिए हमें उसको ………………….. पड़ता है।
(घ) किसी चुंबक का उत्तरी ध्रुव दूसरे चुंबक के उत्तरी ध्रुव को ………………………. करता है।
उत्तर-
(क) खींचना
(ख) आकर्षित
(ग) धकेलना
(घ) प्रतिकर्षित।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 4.
एक धनुर्धर लक्ष्य पर निशाना साधते हुए अपने धनुष को खींचती है। जब वह तीर को छोड़ती है जो लक्ष्य की ओर बढ़ने लगता है। इस सूचना के आधार पर निम्नलिखित प्रकथनों में दिए गए शब्दों का उपयोग करके रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
पेशीय/संपर्क/असंपर्क/गुरुत्व/घर्षण/आकृति/आकर्षण
(क) धनुष को खींचने के लिए धनुर्धर एक बल लगाती है, जिसके कारण इसकी …………………. में परिवर्तन होता है।
(ख) धनुष को खींचने के लिए धनुर्धर द्वारा लगाया गया बल ……………………… बल का उदाहरण है।
(ग) तीर की गति की अवस्था में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी बल का प्रकार ……………………….. बल का उदाहरण है।
(घ) जब तीर लक्ष्य की ओर गति करता है तो इस पर लगने वाले बल ………………………. तथा वायु के ……………………… के कारण होते हैं।
उत्तर-
(क) आकृति
(ख) पेशीय
(ग) पेशीय
(घ) गुरुत्व, घर्षण।

प्रश्न 5.
निम्न स्थितियों में बल लगाने वाले कारक तथा जिस वस्तु पर बल लग रहा है, उनको पहचानिए। प्रत्येक स्थिति में जिस रूप में बल का प्रभाव दिखाई दे रहा है, उसे भी बताइए।
(क) रस निकालने के लिए नींबू के टुकड़ों को अँगुलियों से दबाना।
(ख) दंत मंजन की ट्यूब से पेस्ट बाहर निकालना।
(ग) दीवार में लगे हुए हुक से लटकी कमानी के दूसरे सिरे पर लटका एक भार।
(घ) ऊँची कूद करते समय एक खिलाड़ी द्वारा एक निश्चित ऊँचाई की छड़ (बाधा) को पार करना।
उत्तर-

स्थिति बल का कारक बल प्रभावित वस्तु परिणाम
(क) अंगुलियाँ नींबू रस का स्त्राव
(ख) अंगुलियाँ दंत मंजन की ट्यूब पेस्ट का बाहर आना
(ग) लटकता भार कमानी कमानी का लंबा होना
(घ) टांग का पेशीय बल खिलाड़ी का शरीर ऊँची कूद

प्रश्न 6.
एक औज़ार बनाते समय कोई लोहार लोहे के गर्म टुकड़े को हथौड़े से पीटता है। पीटने के कारण लगने वाला बल लोहे के टुकड़े को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर-
पीटने के कारण लगने वाले बल से लोहे का टुकड़ा चपटा हो जाता है।

प्रश्न 7.
एक फुलाए हुए गुब्बारे को संश्लिष्ट कपड़े के टुकड़े से रगड़ कर एक दीवार पर दबाया गया। यह देखा गया कि गुब्बारा दीवार से चिपक जाता है। दीवार तथा गुब्बारे के बीच आकर्षण के लिए उत्तरदायी बल का नाम बताइए।
उत्तर-
स्थिर विदयुतीय बल।

प्रश्न 8.
आप अपने हाथ में पानी से भरी प्लास्टिक की बाल्टी लटकाए हुए हैं। बाल्टी पर लगने वाले बलों के नाम बताइए। विचार-विमर्श कीजिए की बाल्टी पर लगने वाले बलों द्वारा इसकी गति की अवस्था में परिवर्तन क्यों नहीं होता ?
उत्तर-
प्लास्टिक की बाल्टी पर लगे बल से :

  1. धरती का गुरुत्वाकर्षण बल (नीचे की ओर)
  2. बाजुओं का पेशीय बल (ऊपर की ओर)

दोनों बलों से बाल्टी की गति की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आता, क्योंकि दोनों बल समान हैं और एक-दूसरे से विपरीत दिशा में कार्य करते हैं। अतः एक-दूसरे के प्रभाव को समाप्त कर देते हैं। बाल्टी के भार के कारण पेशियाँ खिंच जाती हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 9.
किसी उपग्रह को इसकी कक्षा में प्रमोचित करने के लिए किसी रॉकेट को ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया गया। प्रमोचन मंच को छोड़ने के तुरंत बाद रॉकेट पर लगने वाले दो बलों के नाम बताइए।
उत्तर-
प्रमोचित रॉकेट पर लगने वाले बल से :

  1. धरती का गुरुत्वाकर्षण बल (नीचे की ओर)।
  2. ईंधनों के जलने से उत्सर्जित गैसों का निर्मोचित बल (ऊपर की ओर)।

प्रश्न 10.
जब किसी ड्रॉपर के चंचु ( नोज़ल) को पानी में रखकर इसके बल्ब को दबाते हैं तो ड्रॉपर की वायु बुलबुलों के रूप में बाहर निकलती हुई दिखलाई देती है। बल्ब पर से दाब हटा लेने पर ड्रॉपर में पानी भर जाता है। ड्रॉपर में पानी के चढ़ने का कारण है-
(क) पानी का दाब
(ख) पृथ्वी का गुरुत्व
(ग) रबड़ के बल्ब की आकृति
(घ) वायुमंडलीय दाब।
उत्तर-
(घ) वायुमंडलीय दाब।

PSEB Solutions for Class 8 Science बल तथा दाब Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न क्रियाएँ समान क्यों हैं ? ठोकर मारना, हिट करना, उठाना, खींचना।
उत्तर-
उपरोक्त सभी क्रियाओं में वस्तु की गति बदलने के लिए बल लगाया जाता है।

प्रश्न 2.
गति से संबंधित कार्यों को किन नामों से जाना जा सकता है ?
उत्तर-
खिंचाव अथवा धक्का।

प्रश्न 3.
बल क्या है ?
उत्तर-
बल – यह खिंचाव या धक्का है जो वस्तु की गति अथवा आकृति में परिवर्तन करता है या करने का प्रयत्न करता है।

प्रश्न 4.
दाब से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
दाब – एकांक क्षेत्र पर लगाए गए बल को दाब कहते हैं।

प्रश्न 5.
एक उदाहरण द्वारा वर्णन करो कि बल वस्तु की गति बदल सकता है ?
उत्तर-
मान लो आप उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर 10 m/s की चाल से साइकिल चला रहे हो। यदि आपका मित्र उसी दिशा में धक्का लगाता है, तो आपकी चाल बढ़ जाती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 6.
एक क्रिया द्वारा दर्शाओ कि बल वस्तु की आकृति बदल देता है ?
उत्तर-
रबड़ की गेंद को हथेलियों के मध्य दबाने से गेंद की आकृति गोल नहीं रहती और चपटी-गोल हो जाती है।

प्रश्न 7.
एक क्रिया द्वारा दर्शाओ कि बल वस्तु की गति और दिशा दोनों में परिवर्तन लाता है ?
उत्तर-
गेंदबाज द्वारा फेंका गया गेंद जब बल्ले से टकराता है, तो उसकी गति और दिशा दोनों में परिवर्तन आ जाता है।

प्रश्न 8.
एक क्रिया द्वारा दर्शाओ कि बल गति कर रही वस्तु की दिशा बदलता है।
उत्तर-
फुटबाल के खेल में, गतिशील गेंद को ठोकर मारकर उसकी गति की दिशा बदल सकते हैं।

प्रश्न 9.
जब बल को गति की दिशा में लगाया जाता है, तो क्या होता है ?
उत्तर-
गति में वृद्धि होती है।

प्रश्न 10.
क्या होता है जब समान परिणाम वाला बल उल्ट दिशा में लगाया जाता है ?
उत्तर-
नेट बल शून्य होगा अर्थात् वस्तु किसी दिशा में गति नहीं करेगी।

प्रश्न 11.
संपर्क बल क्या है ?
उत्तर-
संपर्क बल – वह बल, जो दो वस्तुओं के परस्पर के संपर्क में आने से लगता है, संपर्क बल कहलाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 12.
संपर्क बल का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
पेशीय तथा घर्षण बल।

प्रश्न 13.
गुरुत्व बल किस प्रकार का बल है ?
उत्तर-
असंपर्क बल।

प्रश्न 14.
किसी एक असंपर्क बल का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
चुंबकीय बल।

प्रश्न 15.
स्थिर विद्युतीय बल क्या है ?
उत्तर-
आवेशित वस्तुओं द्वारा लगाया गया बल।

प्रश्न 16.
दाब को किस प्रकार बढ़ाया या घटाया जा सकता है ?
उत्तर-
क्षेत्रफल में परिवर्तन करके।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 17.
दीवार की नींव चौड़ी क्यों रखी जाती है ?
उत्तर-
दीवार के आधार पर लग रहे दाब को कम करने के लिए।

प्रश्न 18.
बल, क्षेत्रफल और दाब में संबंध बताइए।
क्षेत्रफल
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 1

प्रश्न 19.
काटने अथवा छेद करने के लिए कैसा औज़ार चाहिए ?
उत्तर-
तीखी धार वाला औजार ।

प्रश्न 20.
क्या द्रव और गैसें दाब डालते हैं ?
उत्तर-
हाँ।

प्रश्न 21.
ट्यूबें हवा भरने से फूल क्यों जाती हैं ?
उत्तर-
ट्यूब की दीवार पर हवा के दाब बढ़ने के कारण।

प्रश्न 22.
फव्वारा किस सिद्धांत पर कार्य करता है ?
उत्तर-
द्रव दाब डालते हैं।

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प्रश्न 23.
पृथ्वी के इर्द-गिर्द वातावरण के आवरण को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
वायुमंडल।

प्रश्न 24.
वायुमंडलीय दाब अधिक है या कम ?
उत्तर-
अधिक।

प्रश्न 25.
क्या कभी मानव या अन्य प्राणी वायुमंडलीय दाब से दब सकते हैं ?
उत्तर-
कभी नहीं।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
गति करती हुई गेंद को कैसे रोका जा सकता है ?
उत्तर-
गति की विपरीत दिशा में बल लगाकर गेंद को रोका जा सकता है।

प्रश्न 2.
क्या एक समतल सतह पर वस्तु की गति कम हो सकती है ? यदि हाँ तो क्यों ?
उत्तर-
एक गति करती वस्तु की गति समतल सतह पर कम हो सकती है क्योंकि इसकी समतल सतह के बीच घर्षण होता है। घर्षण उल्टी दिशा में बल लगाता है जिससे वस्तु की गति कम हो जाती है।

प्रश्न 3.
नेट बल शून्य कब होता है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जब किसी वस्तु पर दो बल एक-दूसरे की उल्टी दिशा में और समान परिमाण के लग रहे हों, तब नेट बल शून्य होता है। उदाहरण-रस्सा-कशी का खेल।

प्रश्न 4.
बल एक सदिश राशि है ? कैसे ?
उत्तर-
सदिश राशि में परिमाण और दिशा दोनों होते हैं। बल को परिभाषित करने के लिए भी दोनों परिमाण और दिशा का ज्ञान होना आवश्यक है। अतः बल एक सदिश राशि है।

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प्रश्न 5.
बल की विभिन्न किस्मों के नाम लिखिए।
उत्तर-
बल की विभिन्न किस्में-

  1. पेशीय बल
  2. चुंबकीय बल
  3. स्थिर विद्युतीय बल
  4. गुरुत्व बल
  5. घर्षण बल।

प्रश्न 6.
बल के दो प्रभाव लिखिए।
उत्तर-
बल के प्रभाव-

  1. बल गति की स्थिति में परिवर्तन लाता है।
  2. बल आकृति में परिवर्तन लाता है।

प्रश्न 7.
वस्तु की गति की स्थिति से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
वस्तु की चाल और दिशा वस्तु की गति की स्थिति कहलाती है। . विराम की स्थिति में चाल शून्य होती है। चाल और दिशा में परिवर्तन से वस्तु की गति की स्थिति में परिवर्तन आता है।

प्रश्न 8.
क्या बल से केवल दिशा में परिवर्तन हो सकता है, गति में नहीं ? यदि हाँ, तो कैसे ?
उत्तर-
बिना गति में परिवर्तन हुए बल द्वारा वस्तु की दिशा में परिवर्तन किया जा सकता है। इसके लिए निम्न प्रयोग है-
प्रयोग – एक छोटा पत्थर लें। इसे धागे से बांधे। धागे को हाथ से घुमाएँ। पत्थर वृतीय पथ में एक समान गति से घूमता है। जब घुमाना बंद कर छोड़ दिया जाता है, तो पत्थर सरल रेखा में जाता है। इससे प्रमाणित होता है कि बल से दिशा में परिवर्तन हुआ है परंतु, गति में नहीं।

प्रश्न 9.
पेशीय बल के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
टहलना, साँस लेना, दौड़ना, उठाना, बर्फ पर चलना, प्रहार करना आदि कुछ उदाहरण हैं जिनमें पेशीय बल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 10.
संपर्क बल की एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कैरम बोर्ड के खेल में जब एक गोटी से दूसरी गोटी टकराती है, तो विराम अवस्था वाली गोटी गति में आ जाती है। यह संपर्क बल का उदाहरण है।

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प्रश्न 11.
गुरुत्व बल को असंपर्क बल क्यों कहते हैं ? व्याख्या करें।
उत्तर-
गुरुत्व बल धरती पर या धरती की सतह से ऊपर पड़ी वस्तुओं पर लगता है। यह दूरस्थ वस्तुओं पर भी लगता है। उदाहरणार्थ पेड़ों से पत्ते गिरते हैं, नदियों में पानी नीचे की ओर बहता है, चंद्रमा धरती के चारों तरफ घूमता है। इन सभी उदाहरण में वस्तु धरती के संपर्क में नहीं है। इसलिए, इसे असंपर्क बल कहते हैं।

प्रश्न 12.
दाब की परिभाषा दीजिए। इसका मात्रक क्या है ?
उत्तर-
दाब- प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाव कहते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 2
दाव का मात्रक पासकल अथवा Nm-2 है।

प्रश्न 13.
फल को काटने के लिए तेज़ धार वाला चाकू क्यों चाहिए ?
उत्तर-
तेज़ धार वाला चाकू फल पर अधिक दाब डालता है जो फल को आसानी से काट देता है।

प्रश्न 14.
पानी से भरी बोतल में दाब सबसे अधिक और सबसे कम कहाँ होगा ?
उत्तर-
पानी से भरी बोतल में दाब बोतल के निचले तल पर सबसे अधिक होगा और ऊपरी सतह पर सबसे कम होगा।

प्रश्न 15.
हवा भरने से गुब्बारा क्यों फैल जाता है ? उत्तर-गुब्बारे में हवा भरने से, हवा गुब्बारे की भीतरी दीवारों पर दाब डालती है। यह दाब गुब्बारे को फैलाता है।

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प्रश्न 16.
प्रयोग द्वारा सिद्ध करो कि दाब गहराई के साथ बढ़ता है।
उत्तर-
द्रव का दाब उसकी गहराई पर निर्भर करता है। इसे निम्न प्रयोग द्वारा सिद्ध कर सकते हैं-
प्रयोग – एक लंबा बर्तन लीजिए, जिसमें कम-से-कम तीन छिद्र हों (जैसे चित्र में दर्शाया गया है) अब इसे पानी से भरिए। तीनों छिद्रों में से पानी की धारा बाहर निकलती है। परंतु सबसे नीचे वाली धारा सबसे दूर जाकर गिरती है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 3
यह बात प्रमाणित होती है कि दाब गहराई के साथ बढ़ता है।

प्रश्न 17.
वायुमंडलीय दाब क्या है ?
उत्तर-
वायुमंडलीय दाब – धरती के चारों तरफ वायु का आवरण है। वायु का स्तंभ, द्रव स्तंभ की तरह ही दाब डालता है। वायु के इस दाब को वायुमंडलीय दाब कहते हैं।

प्रश्न 18.
वायुमंडलीय दाब अधिक है, परंतु इस दाब से हम पिचकते क्यों नहीं ?
उत्तर-
हमारा शरीर और अन्य जंतुओं का शरीर कोशिकाओं से बना है जिनमें द्रव है, जो अंदर से बाहर की ओर दाब डालता है। शरीर के अंदर का दाब, वायुमंडलीय दाब के बराबर होता है। इसलिए हम पिचकने से बच जाते हैं।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बल कितनी प्रकार का होता है ? प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बल के प्रकार-

  1. पेशीय बल
  2. चुंबकीय बल
  3. स्थिर विद्युतीय बल
  4. गुरुत्व बल
  5. घर्षण बल।

1. पेशीय बल – सजीवों द्वारा अपनी पेशियों का बल उपयोग में लाना, पेशीय बल कहलाता है। जैसे-बैलों द्वारा पेशीय बल से गाड़ी खींचना।

2. चुंबकीय बल – चुंबक का गुण है कि वह कोबाल्ट, निक्कल, लोहे अथवा स्टील से बनी वस्तुओं को आकर्षित करता है। चुंबकीय पदार्थ पर लगने वाला बल चुंबकीय बल कहलाता है। जैसे चुंबक से लोहे की कीलें आकर्षित होती हैं।

3. स्थिर विद्युतीय बल (Electric Static Force) – जब प्लास्टिक और टैरीलीन जैसे पदार्थ परस्पर रगड़े जाते हैं तो उनमें विद्युत् उत्पन्न होती है। इस विद्युत् कारण उत्पन्न बल, स्थिर विद्युतीय बल कहलाता है। जैसे-जब शीशे की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ा जाता है, तो शीशे की छड़, कागज़ के टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसा स्थिर विद्युतीय बल के कारण होता है।

4. गुरुत्व बल – धरती की सतह के ऊपर और निकट पाई जाने वाली वस्तुओं पर धरती एक बल लगाती है, जिसे गुरुत्व बल कहते हैं। ऊँचाई से छोड़ी गई कोई भी वस्तु, धरती पर गुरुत्व बल के कारण गिरती है।

5. घर्षण बल – एक वस्तु का दूसरी वस्तु के ऊपर गति करने से, उन दोनों के बीच उत्पन्न बल को घर्षण बल कहते हैं। घर्षण बल, वस्तु की गति से उल्ट दिशा में होता है। जैसे काँच की गोली धरती पर कुछ समय लुढ़कने के बाद रुक जाती है। यह घर्षण बल के कारण होता है।

प्रश्न 2.
एक वस्तु पर बल लगने के परिणाम लिखिए।
उत्तर-
बल लगाने से वस्तु पर प्रभाव-

  1. गति में परिवर्तन-बल वस्तु की गति बदल सकता है।
  2. दिशा में परिवर्तन-बल से गति की दिशा में परिवर्तन होता है।
  3. गति और दिशा दोनों में परिवर्तन-बल वस्तु की गति और दिशा दोनों बदल सकता है।
  4. आकृति और आकार में परिवर्तन-बल से वस्तु की आकृति और आकार दोनों बदले जा सकते हैं।

प्रश्न 3.
बल की लाभ और हानियाँ लिखिए।
उत्तर-
बल के लाभ-

  1. यह एक स्थिर वस्तु को गति में ला सकता है। जैसे, एक खिलौने को बल लगाकर हिलाया जा सकता है।
  2. इससे गति कर रही वस्तु को धीमा किया जा सकता है। जैसे-बल लगाकर साइकिल की गति कम की जाती
  3. इससे गति की दिशा में परिवर्तन किया जा सकता है। जैसे-बल्लेबाज गेंद को हिट करके उसकी गति और दिशा में परिवर्तन लाता है।
  4. इससे वस्तु की आकृति बदली जा सकती है। जैसे- स्पंज को हथेली से दबाकर अर्थात् बल लगाकर उसकी आकृति बदली जा सकती है।

बल की हानियाँ-

  1. घर्षण बल से वाहनों के टायर और जूते टूट-फूट जाते हैं।
  2. घर्षण बल से ऊष्मा उत्पन्न होती है जो हानिकारक है। तेज़ गति से चलती मशीनों में यह ऊष्मा उनकी कार्यक्षमता को कम करती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 4.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध करो कि दाब समान गहराई पर एक समान होता है।
उत्तर-
प्रयोग- एक खाली टीन लो और उसमें एक समान गहराई पर तीन-चार छेद करो और उन्हें सैलोटेप से बंद कर दें। टीन को पानी से भर दो
और सभी सैलोटेप को हटा दो। पानी सभी छेदों से एक समान गति से बाहर निकलता है और समान दूरी पर पहुँचता है।
इस प्रयोग से सिद्ध होता है कि समान गहराई पर दाब एक समान होता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 4

प्रश्न 5.
प्रयोग द्वारा वायुमंडलीय दाब की उपस्थिति दर्शाइए।
उत्तर-
प्रयोग – एक धातु का टीन लो। उसमें थोड़ा पानी डालें। ढक्कन उतार दें और टीन को गर्म करें। पानी उबलना शुरू कर देगा और भाप बाहर निकल जाएगी। भाप के साथ टीन में से वायु भी बाहर निकल जाएगी। अब ढक्कन को बंद कर दें और टीन पर ठंडा पानी डालें। पानी से टीन में बची भाप पानी बन जाएगी और टीन में निर्वात पैदा हो जाएगा जिसके फलस्वरूप वायुमंडलीय दाब भीतरी दाब से बढ़ जाएगा और टीन को पिचका देगा।
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

PSEB 8th Class Science Guide किशोरावस्था की ओर Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित पदार्थ का क्या नाम है ?
उत्तर-
हार्मोन (Hormone) ।

प्रश्न 2.
किशोरावस्था को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
किशोरावस्था (Adolescence) – जीवनकाल की वह अवधि, जब जनन विकास के कारण शरीर में परिवर्तन होते हैं, किशोरावस्था कहलाती है। यह अवस्था 11 वर्ष की आयु से 18 या 19 वर्ष की आयु तक रहती है। किशोरावस्था को टीनेजर्स (Teenagers) भी कहते हैं। लड़कियों में यह अवस्था लड़कों की अपेक्षा एक या दो वर्ष पूर्व प्रारंभ हो जाती है। यह अवस्था की अवधि विभिन्न व्यक्तियों में भिन्न होती है।

प्रश्न 3.
ऋतुस्त्राव क्या है ? वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ऋतुस्त्राव (Monstrual Cycle) – स्त्री में रजोधर्म चक्र अथवा ऋतुस्राव किशोरावस्था से प्रारंभ होता है, जो सामान्य रूप से प्रत्येक 28 दिनों के बाद स्त्री के सारे जनन जीवन (गर्भ धारण अवस्था छोड़कर) में नियमित चलता रहता है। इस चक्र की एक अवस्था में गर्भाशय से रुधिर प्रवाह होता है। इसको मासिक धर्म अथवा ऋतुस्त्राव कहते हैं। इस चक्र में लिंग हार्मोन गर्भाशय की दीवार को अंडे के चिपकने के लिए तैयार करते हैं। जब गर्भ धारण नहीं होता तो दीवार की तरह वह टूट जाती है और डिसचार्ज हो जाती है। यह ऋतु स्त्राव सामान्यतः 10 से 14 वर्ष की आयु में शुरू होता है और 45-50 वर्ष तक चलता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 4.
यौवनारंभ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची बनाइए।
उत्तर-
यौवनारंभ की अवधि 11 से 19 वर्ष के बीच की है। इस अवस्था में निम्न परिवर्तन आते हैं-
यौवनारंभ में लड़कों में परिवर्तन-

  1. अचानक लंबाई में वृद्धि होना। बाजू और टाँगों की अस्थियाँ लंबी हो जाती हैं और लड़का लंबा हो जाता है।
  2. कंधे और वक्ष दोनों ही चौड़े हो जाते हैं।
  3. शरीर की माँसपेशियाँ विकसित हो जाती हैं।
  4. आवाज़ भारी हो जाती है। ऐडम्स (Adams Apple) ऐपल, सुस्पष्ट उभरा भाग गले में दिखाई देता है। आवाज़ भर्राने लगती है।
  5. पसीना और स्वैद ग्रंथियों के स्त्राव में वृद्धि के कारण चेहरे पर कुंसियाँ और मुँहासे हो जाते हैं।
  6. नर जननांग जैसे शिश्न एवं वृषण पूर्णतः विकसित हो जाते हैं।
  7. लड़कों के सीने, बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग में बाल आ जाते हैं।

यौवनारंभ में लड़कियों में परिवर्तन-

  1. लंबाई में वृद्धि तुलनात्मक कम होती है।
  2. कमर के नीचे का भाग चौड़ा हो जाता है।
  3. लड़कियों का स्वरयंत्र नज़र नहीं आता। उनकी आवाज़ उच्च तारत्व वाली होती है।
  4. लड़कों की तरह, चेहरे पर मुँहासे हो जाते हैं।
  5. अंडाशय बड़े हो जाते हैं और अंडाणु विकसित होने लगते हैं।
  6. स्तन विकसित हो जाते हैं।
  7. बगल और जाँघों में बाल आ जाते हैं।

प्रश्न 5.
दो कॉलम वाली एक सारणी बनाइए जिसमें अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम तथा उनके द्वारा स्रावित हार्मोन के नाम दर्शाए गए हों।
उत्तर-अग्र सारणी में अंत:स्त्रावी ग्रंथियों के नाम और उनके हार्मोन दर्शाए गए हैं-

अंत:स्त्रावी ग्रंथि (Endocrine Glands) हार्मोन (Hormones)
(1) पीयूष (Pituitary gland) (1) वृद्धि हार्मोन (Growth Hormone)
(2) थायराइड (Thyroid) (2) थायराक्सिन हार्मोन (Thyroxin Hormone)
(3) एड्रीनल (Adrenal) (3) एड्रिनेलिन (Adrenal)
(4) अग्न्याशय (Pancreas) (4) इंसुलिन (Insulin)
(5) वृषण (Testis) (5) एंड्रोजन (टैस्टोस्टीरॉन) (Endrogen)
(6) अंडाशय (Ovaries) (6) एस्ट्रोजन (Estrogen)

प्रश्न 6.
लिंग हार्मोन क्या हैं ? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया ? उनके प्रकार्य बताइए।
उत्तर-
लिंग हार्मोन – नर में वृषण द्वारा और मादा में अंडाशय द्वारा स्त्रावित हार्मोन, लिंग हार्मोन कहलाते हैं। इन्हें यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह नर और मादा लिंग में भिन्न-भिन्न होते हैं।

नर लिंग हार्मोन (टेस्टोस्टरॉन) वृषण द्वारा स्त्रावित होता है। इससे लड़के में चेहरे के बालों में वृद्धि होती है। यह शुक्राणु उत्पन्न करने की क्षमता उत्पन्न करता है।

मादा लिंग हार्मोन (एस्ट्रोजन) अंडाशय द्वारा स्त्रावित होते हैं। यह मादा में गौण जनन लक्षण जैसे स्तनों की वृद्धि आदि को नियंत्रित करते हैं। यह गर्भधारण में सहायक है।

प्रश्न 7.
सही विकल्प चुनिए-

(क) किशोरों को सचेत रहना चाहिए कि वे क्या खा रहे हैं, क्योंकि
(i) उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है।
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के उचित आहार की आवश्यकता होती है।
(iii) किशोर को हर समय भूख लगती रहती है।
(iv) किशोर में स्वाद कलिकाएँ (ग्रंथियाँ) भली-भाँति विकसित होती हैं।
उत्तर-
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है।

(ख) स्त्रियों में जनन आयु (काल) का प्रारंभ उस समय होता है जब उनके :
(i) ऋतुस्त्राव प्रारंभ होता है।
(ii) स्तन विकसित होना प्रारंभ करते हैं।
(iii) शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है।
(iv) शरीर की लंबाई बढ़ती है।
उत्तर-
(i) ऋतुस्त्राव प्रांरभ होता है।

(ग) निम्न में से कौन-सा आहार किशोर के लिए सर्वोचित है ?
(i) चिप्स, नूडल्स, कोक
(ii) रोटी, दाल, सब्ज़ियाँ
(iii) चावल, नूडल्स, बर्गर
(iv) शाकाहारी टिक्की, चिप्स तथा लेमन पेय।
उत्तर-
(ii) रोटी, दाल, सब्जियाँ।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 8.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए-
(i) ऐडम्स ऐपॅल
(ii) गौण लैंगिक लक्षण
(ii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण।
उत्तर-
(i) ऐडम्स ऐप्पल (Adam’s Apple) – यौवनारंभ में लड़कों में स्वरयंत्र के बढ़ने से जो अंग गले में सुस्पष्ट उभरा हुआ नज़र आता है, इसे ऐडम्स ऐप्पल कहते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 1

(ii) गौण लैंगिक लक्षण (Secondary Sexual Characters) – वृषण और अंडाशय जननांग हैं। वे युग्मक उत्पन्न करते हैं जैसे शुक्राणु और अंडाणु/लड़कियों में स्तनों का विकास होता है और लड़कों में चेहरे पर दाड़ी, मूंछ आने लगती है। यह लक्षण लड़की और लड़के को भिन्न करने में मदद करते हैं। इसलिए इन्हें गौण लैंगिक लक्षण कहते हैं। लड़कों के सीने पर बाल आ जाते हैं। दोनों, लड़कों और लड़कियों के बगल और जांघों के ऊपरी भाग अथवा प्यूबिक क्षेत्र में बाल आ जाते हैं।

(ii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण-
लिंग निर्धारण विशेष लिंग गुणसूत्रों के आधार पर होता है। नर में XY गुणसूत्र होते हैं और मादा में XX गुणसूत्र विद्यमान होते हैं। इससे स्पष्ट है कि मादा के पास Y गुणसूत्र होता ही नहीं है। जब नर-मादा के संयोग से संतान उत्पन्न होती है तो मादा किसी भी अवस्था में नर शिशु को उत्पन्न करने में समर्थ हो ही नहीं सकती क्योंकि नर शिशु में XY गुणसूत्र होने चाहिए।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 2

निषेचन क्रिया में यदि पुरुष का X लिंग गुणसूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलता है तो इससे XX जोड़ा बनेगा। अत: संतान लड़की के रूप में होगी लेकिन जब पुरुष का Y लिंग गुणसूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलकर निषेचन करेगा तो XY बनेगा। इससे लड़के का जन्म होगा। किसी भी परिवार में लड़के या लड़की का जन्म पुरुष के गुणसूत्रों पर निर्भर करता है, क्योंकि Y गुणसूत्र तो केवल उसी के पास होता है।

प्रश्न 9.
शब्द पहेली : शब्द बनाने के लिए संकेत संदेश का प्रयोग कीजिए-
बाईं से दाईं ओर
3. एड्रिनल ग्रंथि से स्रावित हार्मोन
4. मेंढक में लारवा से वयस्क तक होने वाला परिवर्तन
5. अंत: स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ
6. किशोरावस्था को कहा जाता है।

ऊपर से नीचे की ओर
1. अंत: स्रावी ग्रंथियों का दूसरा नाम
2. स्वर पैदा करने वाला अंग
3. स्त्री हार्मोन।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 3
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 4

प्रश्न 10.
नीचे दी गई सारणी में आयु वृद्धि के अनुपात में लड़कों एवं लड़कियों की अनुमानित लंबाई के आँकडे दर्शाए गए हैं। लड़के एवं लड़कियां दोनों की लंबाई एवं आयु को प्रदर्शित करते हुए एक ही कागज़ – पर ग्राफ खींचिए। इस ग्राफ से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ?
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 5
उत्तर-
उपरोक्त ग्राफ से पता लगता है कि लड़कों और लड़कियों दोनों में लंबाई वृद्धि लगभग एक समान होती है। यह वृद्धि पहले 8 वर्षों तक लड़कियों में कम और फिर 20 वर्ष तक समान होती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

PSEB Solutions for Class 8 Science किशोरावस्था की ओर Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कॉलम I में दी गई हार्मोन ग्रंथि को कॉलम II में दिए गए हार्मोनों से मिलाइए।

कॉलम I कॉलम I
(क) थाइरॉयड 1. थाइरोट्रापिक
(ख) वृषण 2. थायराक्सिन
(ग) अंडाशय 3. टेस्टोस्टरॉन
(घ) पीयूष 4. एस्ट्रोजन।

उत्तर-

कॉलम I कॉलम I
(क) थाइरॉयड 2. थायराक्सिन
(ख) वृषण 3. टेस्टोस्टरॉन
(ग) अंडाशय 4. एस्ट्रोजन
(घ) पीयूष 1. थाइरोट्रापिक।

प्रश्न 2.
मानव में दो अंतःस्त्रावी ग्रंथियों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. पीयूष
  2. थाइरॉयड।

प्रश्न 3.
कौन-सी अंतःस्त्रावी ग्रंथि वृद्धि हार्मोन उत्पन्न करती है ?
उत्तर-
पीयूष ग्रंथि (Pituitary gland)।

प्रश्न 4.
मादा जनन कोशिका को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
अंडा (Ova).

प्रश्न 5.
मानव में वृद्धि किस आयु में रुक जाती है ?
उत्तर-
20-25 वर्ष की आयु में।

प्रश्न 6.
थाइराक्सिन हार्मोन का मुख्य तत्त्व क्या है ?
उत्तर-
आयोडीन (Iodine)।

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प्रश्न 7.
कौन-सी ग्रंथि से एडीनेलिन उत्पन्न होती है ?
उत्तर-
एड्रीनल ग्रंथि (Adrenal gland)।

प्रश्न 8.
नर और मादा जनन हार्मोनों के नाम लिखिए।
उत्तर-
टेस्टोस्टरॉन और एस्ट्रोजन।

प्रश्न 9.
निम्न के नाम लिखिए-
(i) ग्रंथियाँ जो हार्मोन उत्पन्न करती हैं।
(ii) हार्मोन की प्रकृति।
(iii) मास्टर ग्रंथि।
(iv) थाइरॉयड ग्रंथि से स्त्रावित हार्मोन।
(v) आयोडीन की कमी से होने वाला रोग।
(vi) हार्मोन जो शक्कर का स्तर नियंत्रित करता है।
(vii) ‘आपातकालीन हार्मोन’ उत्पन्न करने वाली ग्रंथि।
उत्तर-
(i) अंत: स्त्रावी ग्रंथियाँ अथवा नलिकाविहीन ग्रंथियाँ ।
(ii) रासायनिक स्त्राव
(iii) पीयूष ग्रंथि
(iv) थाइराक्सिन
(v) घेघा (Goitre)
(vi) इंसुलिन तथा ग्लूकोज़न
(viii) एड्रीनल।

प्रश्न 10.
लिंग गुणसूत्रों (Sex Chromosomes) को परिभाषित करें।
उत्तर-
लिंग गुणसूत्र (Sex Chromosomes) – वे गुणसूत्र जो लिंग निर्धारण से संबंध रखते हैं, लिंग गुणसूत्र कहलाते हैं। मादा में XX और नर में XY गुणसूत्र है।

प्रश्न 11.
मानव कोशिका में कितने गुणसूत्र पाए जाते हैं ?
उत्तर-
46 (44 सामान्य गुणसूत्र और एक जोड़ी लिंग गुणसूत्र)।

प्रश्न 12.
किशोरावस्था कब आरंभ और खत्म होती है ?
उत्तर-
किशोरावस्था 11 वर्ष की आयु से आरंभ होकर 18 अथवा 19 वर्ष की आयु तक रहती है।

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प्रश्न 13.
ग्रंथियां जो अपना स्त्राव सीधा रक्त प्रवाह में बहने देती हैं …………………….. कहलाती हैं।
उत्तर-
अतःस्त्रावी ग्रंथियाँ (Endocrine glands) |

प्रश्न 14.
‘लक्ष्य स्थल’ क्या है ?
उत्तर-
लक्ष्य स्थल – शरीर का वह भाग जहाँ हार्मोन प्रभावित होते हैं।

प्रश्न 15.
मादा मानव में जनन प्रक्रिया की अवधि क्या है ?
उत्तर-
मादा में जनन प्रक्रम 10-12 वर्ष की आयु में विकसित होता है और 45-50 वर्ष की आयु में खत्म हो जाता है।

प्रश्न 16.
रजोदर्शन (Menarche) की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
रजोदर्शन : यौवनारंभ का पहला ऋतु स्राव रजोदर्शन कहलाता है।

प्रश्न 17.
रजोनिवृत्ति (Menopause) क्या है ?
उत्तर-
रजोनिवृत्ति : ऋतु स्त्राव का रुक जाना रजोनिवृत्ति कहलाता है।

प्रश्न 18.
नर और मादा के लैंगिक गुण सूत्र कौन-से हैं ?
उत्तर-
मादा में दो X-गुणसूत्र (XX) होते हैं जबकि नर में एक X-गुणसूत्र और दूसरा Y-गुणसूत्र होता है। (XY).

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प्रश्न 19.
पीयूष ग्रंथि कहाँ होती है ?
उत्तर-
मस्तिष्क के पास।

प्रश्न 20.
कीटों और मेढकों के कायांतरण में से कौन-से हार्मोन उपयोग में आते हैं ?
उत्तर-
कीट हार्मोन।

प्रश्न 21.
AIDS को विस्तृत रूप में लिखें।
उत्तर-
AIDS : एक्वायरड इम्यूनो डैफीशेंसी सिंड्रॉम। (Acquired Immuno Deficiency Syndrome).

प्रश्न 22.
भारतीय संविधान के अनुसार विवाह की आयु क्या है ?
उत्तर-
लड़की की न्यूनतम आयु-18 वर्ष
लड़के की न्यूनतम आयु-21 वर्ष।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लड़की के 10-15 वर्ष की आयु में हार्मोन क्या करते हैं ?
उत्तर-
10-15 वर्ष की आयु में लड़की के स्तन विकसित होते हैं और नितंब गोल हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
लड़के की 10-15 वर्ष की आयु में हार्मोन क्या प्रभाव डालते हैं ?
उत्तर-
लड़के के शरीर में हार्मोन का प्रभाव-

  1. उसकी आवाज़ भर्राने लगती है और गहरी हो जाती है।
  2. चेहरे और सीने पर बाल आ जाते हैं।
  3. शरीर की माँसपेशियाँ विकसित हो जाती हैं।
  4. वृषण शुक्राणु पैदा करना आरंभ कर देते हैं।

प्रश्न 3.
संक्षिप्त नोट लिखें-
(i) ऋतुस्त्राव
(ii) रजोनिवृत्ति।
उत्तर-
(i) ऋतुस्त्राव – भ्रूण की म्यूक्स झिल्ली का नष्ट होना और प्रति माह रक्त स्त्राव होना ऋतुस्त्राव कहलाता है। यह प्रक्रम मादा मानव और मादा स्तनधारी में होता है।

(ii) रजोनिवृत्ति – ऋतु स्त्राव का रुकना रजोनिवृत्ति है। यह 45-55 वर्ष की आयु में होता है।

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प्रश्न 4.
मादा मानव में जनन चक्र समझाइए।
उत्तर-
ऋतुस्त्राव (Monstrual Cycle) – स्त्री में रजोधर्म चक्र अथवा ऋतुस्राव किशोरावस्था से प्रारंभ होता है, जो सामान्य रूप से प्रत्येक 28 दिनों के बाद स्त्री के सारे जनन जीवन (गर्भ धारण अवस्था छोड़कर) में नियमित चलता रहता है। इस चक्र की एक अवस्था में गर्भाशय से रुधिर प्रवाह होता है। इसको मासिक धर्म अथवा ऋतुस्त्राव कहते हैं। इस चक्र में लिंग हार्मोन गर्भाशय की दीवार को अंडे के चिपकने के लिए तैयार करते हैं। जब गर्भ धारण नहीं होता तो दीवार की तरह वह टूट जाती है और डिसचार्ज हो जाती है। यह ऋतु स्त्राव सामान्यतः 10 से 14 वर्ष की आयु में शुरू होता है और 45-50 वर्ष तक चलता है।

यदि अंडाणु शुक्राणु से निषेचित हो जाता है, तो युग्मनज गर्भाशय में विकसित होता है और विकसित होता भ्रूण, गर्भ कहलाता है और अपरा (Placenta) से पोषण ग्रहण करता है। इस अवधि में अंडोत्सर्जन और ऋतुस्त्राव नहीं होता परंतु यह सभी कार्यविधियाँ बच्चे के जन्म के बाद पुनः आरंभ हो जाती हैं।

प्रश्न 5.
प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य से क्या भाव है ?
उत्तर-
प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य (Reproductive Health) – जनन अंगों की संभाल तथा सफ़ाई की आवश्यकता होती है। यदि हम ऐसा नहीं करते, तो हमें कई प्रकार के संक्रमण रोग हो सकते हैं। इनकी सही संभाल जानकारी की आवश्यकता है। इसलिए प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य भी व्यक्तिगत स्वास्थ्य का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। जनन अंगों के कारण होने वाले रोगों को सैक्सूयली ट्रांसमिटड रोग (S.T.D.) कहते हैं।

प्रश्न 6.
AIDS फैलने के तरीके लिखिए।
उत्तर-
AIDS (Acquired Immuno Deficiency Syndrome)
फैलने के तरीके – संक्रमित रक्त देने से, संक्रमित सूइयों के उपयोग से, कृत्रिम गर्भारोधन से और संक्रमित व्यक्ति से लैंगिक संपर्क रखने से।

प्रश्न 7.
रजोदर्शन और रजोनिवृत्ति में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
रजोदर्शन और रजोनिवृत्ति में अंतर-

रजोदर्शन (Menarche) रजोनिवृत्ति (Menopause)
(i) यौवनारंभ में पहला ऋतु स्राव (i) ऋतु स्राव का रुकना
(ii) 11-12 वर्ष की आयु में (ii) 40-45 वर्ष की आयु में।

प्रश्न 8.
सत्य (T) और असत्य (F) कथन अंकित करें-
(i) निषेचन क्रिया में शुक्राणु और अंडाणु का युग्म होता है।
(ii) ऋतुस्त्राव की मानव मादा में अवधि 20 दिन होती है।
(iii) ऋतुस्त्राव के शुरू होने को रजोनिवृत्ति कहते हैं।
(iv) मानव में नर मादा से कुछ देर में किशोरावस्था में आते हैं।
उत्तर-
(i) सत्य (T)
(ii) असत्य (F)
(iii) असत्य (F)
(ii) सत्य (T).

प्रश्न 9.
अंतःस्त्रावी ग्रंथियों को नलिका रहित ग्रंथियाँ क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
हार्मोन का स्थानांतरण नलियों द्वारा नहीं होता बल्कि द्रव्यों द्वारा होता है। इसलिए अंत: स्त्रावी ग्रंथियों को नलिका रहित ग्रंथियाँ भी कहते हैं।

प्रश्न 10.
किस ग्रंथि का स्त्राव पीयूष ग्रंथि के स्त्राव को कम कर देता है ?
उत्तर-
थाइरॉइड ग्रंथि का स्त्राव थाइरॉक्सिन की अधिक मात्रा पीयूष ग्रंथि के स्त्राव (हार्मोन) को कम करता है।

प्रश्न 11.
एडीनेलिन स्त्राव भयभीत स्थिति में बढ़ जाता है ? यह कौन-सी उत्तेजना है ?
उत्तर-
भयभीत दृश्य एक ऐसी उत्तेजना है जिसके कारण एड्रिनेलिन स्त्राव बढ़ जाता है। इसलिए एड्रिनेलिन स्त्राव उत्तेजना का परिणाम है।

प्रश्न 12.
एक चित्र बनाइए जिसमें सभी अंत:स्त्रावी ग्रंथियाँ दर्शाइए।
उत्तर-
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प्रश्न 13.
पीयूष ग्रंथि के कुछ कार्य लिखिए।
उत्तर-
पीयूष ग्रंथि के कार्य-

  1. वृद्धि का नियंत्रण
  2. थाइरॉयड, एड्रीनल और लैंगिक ग्रंथियों को प्रभावित करती है।
  3. जलचर और मछलियों में रंग परिवर्तित करना।

प्रश्न 14.
किसी किशोर को उचित आहार क्यों खाना चाहिए ?
उत्तर-
किशोर की आयु में वृद्धि हो रही होती है। उचित आहार वृद्धि करती हड्डियों, पेशियों और दूसरे भागों के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 15.
किशोर आत्मनिर्भर कैसे हो जाते हैं ?
उत्तर-
किशोर आत्मनिर्भर और सचेत होते हैं। यह अवधि उनकी सोच में परिवर्तन लाती है। विचारों में बदलाव आते हैं और किशोर कल्पनाओं में अपना समय व्यतीत करता है। सच्चाई यह है कि इस अवधि में मस्तिष्क की सीखने की क्षमता अत्यधिक होती है। कभी-कभी, किशोर अपने आप को अपने शरीर और मन के बदलावों के अनुरूप नहीं ढाल पाते और स्वयं को असुरक्षित समझते हैं।

प्रश्न 16.
वर्णन करो कि लैंगिक हार्मोन पीयूष ग्रंथि पर निर्भर करते हैं ?
उत्तर-
लैंगिक हार्मोन पीयूष ग्रंथि द्वारा नियंत्रित होते हैं। पीयूष ग्रंथि कई हार्मोन स्त्रावित करता है। उनमें से एक हार्मोन FSH है। यह अंडाणु और शुक्रास्त्राणु को अंडाशय और वृषण में क्रमशः विकसित करते हैं। जैसे- पीयूष ग्रंथि से स्त्रावित हार्मोन टेस्टोस्टरॉन और एस्ट्रोजन को उत्तेजित करते हैं। हार्मोन स्त्रावित होकर लक्ष्य स्थल पर पहुँचते हैं। शरीर में परिवर्तन लाते हैं और यौवनारंभ हो जाता है।

प्रश्न 17.
किशोरों को नशीले पदार्थों को ‘न’ कहना चाहिए। क्यों ?
उत्तर-
किशोर अवस्था में मन और शरीर अत्यधिक क्रियाशील होता है। इसलिए असुरक्षित और बेचैन नहीं होना चाहिए और किसी द्वारा सुझाया गया तरीका अर्थात् नशा करने से आराम मिल सकता है, कभी न अपनाएँ। यदि किसी डॉक्टर ने दवाई के रूप में दिया है तो अवश्य ग्रहण करें। जब एक बार नशा करने की लत लग जाती है तब बार-बार नशा करने को मन करता है। नशे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। यह स्वास्थ्य और खुशियों को खत्म कर देते हैं।

प्रश्न 18.
किशोरों में कुछ भ्रांतियाँ लिखिए।
उत्तर-
किशोरों में कुछ भ्रांतियाँ-

  1. लड़की यदि ऋतुस्त्राव में लड़कों की तरफ देखे तो गर्भधारण हो जाता है।
  2. वीर्य की एक बूंद नष्ट होने का अर्थ है, 10 बूंदें रुधिर की नष्ट होना, जिससे लड़का कमज़ोर हो जाता है।
  3. माता शिशु के लिंग को निर्धारित करती है।
  4. ऋतुस्त्राव के दिनों में लड़की को रसोई में नहीं जाने दिया जाता।

प्रश्न 19.
यौवनारंभ के समय आवाज में किस प्रकार का परिवर्तन आता है ?
उत्तर-
यौवनारंभ के समय लड़कों का स्वरयंत्र अपेक्षाकृत बड़ा होकर बाहर की ओर उभरा हुआ दिखाई देता है। लड़कों की आवाज स्वरयंत्र में वृद्धि के कारण भारी या फटी हुई हो जाती है। लड़कियों के स्वरयंत्र में इस प्रकार का अंतर दिखाई नहीं देता। लड़कियों के स्वरयंत्र के छोटा होने के कारण इनकी आवाज पतली व सुरीली होती है।

प्रश्न 20.
हार्मोन के लक्षण लिखें।
उत्तर-
हार्मोन के प्रमुख लक्षण-

  1. हार्मोन अन्तः-स्त्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित होते हैं। इनके कार्य विशिष्ट होते हैं।
  2. ये केवल कार्यक्षेत्र बिंदु पर ही प्रभावी होते हैं, अन्यत्र कहीं नहीं।
  3. इनकी आवश्यकता बहुत कम मात्रा में होती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 21.
पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland) को मास्टर ग्रंथि क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
यह ग्रंथि मस्तिष्क के निचले भाग में स्थित होती है। इसके द्वारा स्त्रावित हार्मोन से हड्डी तथा ऊतकों की वृद्धि को नियंत्रित किया जाता है। यह ग्रंथि ऐसे हार्मोन स्त्रावित करती है, जो अन्य ग्रंथियों के कार्यों को नियंत्रित करते हैं। इसलिए इसे ‘मास्टर ग्रंथि’ कहा जाता है।

प्रश्न 22.
लड़के-लड़कियों का विवाह कम उम्र में क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
कम उम्र में किशोरों के शरीर, विशेष कर जनन अंग मातृत्व का बोझ सहन करने के लिए भली-भाँति तैयार नहीं होते। यदि ऐसी अवस्था में विवाह हो भी जाए तो ऐसे युगलों में स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं जिनसे युवा तनाव में आ सकते हैं और इनका भविष्य इससे प्रभावित हो सकता है। हमारे देश के कानून के अनुसार लड़कियों की 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष आयु ऐसी अवस्था है जब किशोरों को विवाह करने की अनुमति होती है।

प्रश्न 23.
किशोरों में HIV-AIDS के होने की संभावना प्रबल क्यों होती है ?
उत्तर-
काफी संख्या में किशोर तनाव से मुक्ति पाने हेतु ड्रग्स लेना आरंभ कर देते हैं। HIV की संदूषित इंजेक्शन की सूई से ड्रग्स लेने पर यह खतरनाक विषाणु अन्य किशोरों में फैल जाता है। इस विषाणु के फैलने का अन्य कारण असुरक्षित लैंगिक संपर्क भी है। कई मामलों में यह विषाणु पीड़ित (रोगी) माँ से दूध द्वारा शिशु में भी फैल सकता है।
अत: किशोरों को अपने बहुमूल्य जीवन को HIV से बचाने के लिए सचेत रहने की अति आवश्यकता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक सारणी बनाओ जिसमें आयु में वृद्धि के साथ लंबाई में औसतन दर से वृद्धि दर्शाएँ।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 7
उदाहरण के लिए – एक लड़के की आयु 8 वर्ष है और लंबाई 108 cm है। वृद्धि अवधि के पश्चात् उसकी लंबाई-
= \(\frac{108}{72}\) × 100 = 150 cm.

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 2.
किशोरावस्था में स्वस्थ शरीर के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं ?
उत्तर-
किशोरावस्था में निम्न परिस्थितियां अथवा कारक उत्तरदायी हैं-

(i) पाचन संबंधी – किशोरावस्था में तीव्र वृद्धि और विकास होता है, इसलिए आहार नियमित और सुचारु ढंग से करना चाहिए। एक संतुलित आहार जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेटस, वसा, विटामिन और खनिज उचित अनुपात में होते हैं। भारतीय भोजन जिसमें रोटी, चावल, दाल और सब्जियाँ, दूध, फल एक संतुलित आहार है।
चिप्स और डिब्बाबंद नाश्ते स्वादिष्ट तो होते हैं परंतु नियमित रूप से सेवन नहीं करने चाहिएं क्योंकि उनमें पोषक तत्त्वों की कमी होती है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर 8

(ii) व्यक्तिगत सफ़ाई – प्रतिदिन स्नान आवश्यक है क्योंकि तेलीय ग्रंथियों से स्त्रावित द्रव्य शरीर में बदबू पैदा करते हैं। शरीर के सभी भागों की नित्यप्रति सफ़ाई आवश्यक है। यदि सफ़ाई पर ध्यान न दिया गया तो जीवाणु संरक्षण हो सकता है। लड़कियों को ऋतुस्त्राव अवधि का ध्यान रखना चाहिए।

(iii) व्यायाम – टहलना और खेलना शरीर को स्वस्थ रखता है। किशोरों को खेल में टहलना, व्यायाम करना और खेलना चाहिए।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 7 कम्प्यूटर जनरेशन्स

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 7 कम्प्यूटर जनरेशन्स

कम्प्यूटर जनरेशन्ज़
कम्प्यूटर की तकनीकी शब्दावली में जनरेशन से अभिप्राय कम्प्यूटर की टैक्नोलॉजी में बदलाव से है। पहले जनरेशन से सिर्फ हार्डवेयर बदलाव से ही माना जाता था परंतु आप इसमें हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर दोनों प्रकार के बदलाव शामिल हैं। कम्प्यूटर को टैकनॉलोजी के बदलाव के हिसाब से पांच जनरेशन में विभाजित किया जाता है।

पहली जनरेशन
पहली जनरेशन वैक्यूम ट्यूब प्रयोग करने वाली, बड़े आकार की, महंगी, इस्तेमाल में मुश्किल तथा मशीन भाषा प्रयोग करने वाली थी। इस का समय 1942 से 1955 तक था। इन कम्प्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था। यह वैक्यूम ट्यूब बिजली के बल्ब की तरह दिखाई देती थी इनके प्रयोग से बहुत गर्मी उत्पन्न होती थी तथा यह ट्यूब बहुत जल्दी खराब भी हो जाती थी। इस जनरेशन के कम्प्यूटर बहुत ही बड़े तथा महंगे होते थे। इन कंप्यूटर में बैच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग होता था तथा इसके साथ ही इनमें पंच कार्ड पेपर, टेप तथा मैग्नेटिक टेप का ही प्रयोग होता था।

पहली जनरेशन की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार थीं

  1. वैक्यूम टयूब अकेले विकल्प थे।
  2. मशीन तथा असैंबली भाषा का प्रयोग होता था।
  3. ये आकार में काफ़ी बड़े थे।
  4. ये भरोसे योग्य नहीं थे।
  5. इनका प्रयोग व्यापारिक कार्यों में नहीं हो सकता था।
  6. ये बहुत महंगे तथा प्रयोग में मुश्किल थे।

पहली जनरेशन कम्प्यूटर के नाम

  1. ENIAC
  2. EDVAC
  3. EDSAC
  4. UNIVAC-I
  5. IBM 701

दूसरी जनरेशन दूसरी जनरेशन कम्प्यूटर 1955 से 1964 तक थी। इसमें ट्रांजिस्टर का प्रयोग होता था। ये पहली जनरेशन से आकार में कम, सस्ते, कम बिजली खपत करने वाले, भरोसेमंद तथा तेज थे। इनमें मैगनैटिक कोर वाली प्राइमरी मैमरी तथा मैगनैटिक टेप या डिस्क सैकेण्डरी स्टोरेज के तौर पर प्रयोग होती थी। इन कम्प्यूटरों में FORTRAN तथा COBOL जैसी भाषाएं प्रयोग होती थीं। इनमें बैच प्रोसैसिंग तथा मल्टी प्रोग्रामिंग आपरेटिंग सिस्टम प्रयोग होते थे। इन कम्प्यूटर की उत्पादकता अभी भी मुश्किल थी।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 7 कम्प्यूटर जनरेशन्स

इनकी कीमत भी ज्यादा थी। दूसरी जनरेशन की मुख्य विशेषताएं तथा गुण-

  1. इसका मुख्य भाग ट्रांजिस्टर, मैगनैटिक कोर मैमरी, मैगनैटिक टेप तथा डिस्क का प्रयोग होता था।
  2. वैच आपरेटिंग सिस्टम तथा हाई लैवल प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग होता था।
  3. यह पिछली जनरेशन से तेज, छोटे, भरोसेलायक तथा प्रोग्राम करने में आसान थे। इनका प्रयोग वैज्ञानिक तथा व्यापारिक कार्यों के लिए किया जाता है।
  4. इनका उत्पादन मुश्किल था।
  5. यह महंगे होते थे।
  6. यह पहली जनरेशन से कम गर्मी पैदा करते थे।
  7. इन में बिजली की खपत कम होती थी।

दूसरी जनरेशन सिस्टम के नाम

  • IBM 7030
  • UNIVAC – LARC तीसरी जनरेशन

तीसरी जनरेशन
कम्प्यूटर 1964 से 1975 तक थे। इनमें आई० सी० का प्रयोग होता था। इसमें कई ट्रांजिस्टर तथा कपैसटर लगे होते थे। ये कम्प्यूटर छोटे आकार के, भरोसे लायक तथा बढ़िया थे। इनमें रिमोट प्रोसैसिंग, टाइम शेयरिंग, रियल टाइम, मल्टी प्रोग्रामिंग आपरेटिंग सिस्टम प्रयोग किये जाते थे। इन कम्प्यूटरों में हाई लैवल भाषाएं जैसे FORTRAN II-IV, COBOL, PASCAL PL/1, BASIC, ALGOL-68 आदि प्रयोग होती थी। इन कम्प्यूटरों की उत्पादकता तथा अपग्रेड आसान था। इनका प्रयोग वैज्ञानिक, व्यापारिक तथा इंटरएक्टिव ऑनलाइन कामों के लिए होता था। IBM, 360/370, PDP-8, 11, CDC-6600 आदि इसकी उदाहरण हैं।

तीसरी जनरेशन की मुख्य विशेषताएं तथा गुण

  1. इनका मुख्य पुर्ने IC या जो SSI तथा MSI तकनीक का प्रयोग करते थे।
  2. बड़ी मैगनैटिक कौर मैमरी, डिस्क तथा मैगनैटिक टेप का प्रयोग होता था।
  3. इनमें टाइम शेयरिंग तथा मल्टी प्रोग्रामिंग आपरेटिंग सिस्टम प्रयोग होते थे।
  4. इनका उत्पादन आसान था तथा अपग्रेड भी आसानी से होते थे।
  5. इनका वैज्ञानिक, व्यापारिक तथा इंटरएक्टिव आन लाइन कार्यों के लिए प्रयोग होता था।

कम्प्यूटर जनरेशन्ज़
चौथी जनरेशन चौथी जनरेशन में IBM PC, Apple-II, Cray-I, Cray-II तथा Cray-X/MP कम्प्यूटर सिस्टम थे। 1975 से 1989 तक का समय चौथी जनरेशन कम्प्यूटर का समय था। इनमें वैरी लार्ज स्केल इंटीग्रेटिड सर्कट (VLSI) का प्रयोग होता था। इससे एक विषय पर पांच हज़ार ट्रांजिस्टर तथा अन्य पुर्जे लग जाते थे। इससे माइक्रो कम्प्यूटर का निर्माण सम्भव हुआ। ये कम्प्यूटर बहुत शक्तिशाली, छोटे, भरोसे लायक तथा आसानी से खरीदने लायक थे। इससे पर्सनल कम्प्यूटर का युग शुरू हो गया। इस जनरेशन में टाइम शेयरिंग, रीयल टाइम, नैटवर्क, डिस्ट्रीबियुटिड आपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग होता था। इनमें सारी हाई लैवल भाषाएं जैसे कि C, C++, DBMS का प्रयोग होता था।

चौथी जनरेशन की मुख्य विशेषताएं तथा गुण

  1. VLSI वाली तकनीक IC तथा माइक्रो प्रोसैसर का प्रयोग होता है।
  2. सैमी कंडक्टर मैमरी तथा ज्यादा क्षमता वाली हार्डडिस्क का सैकंडरी स्टोरेज के लिए प्रयोग होता था।
  3. मैगनैटिक टेप तथा फ्लापी डिस्क का पोर्टेवल मीडिया के रूप में प्रयोग होता था।
  4. PC में CIUI तथा सिंगल टरमीनल में मल्टीपल विंडो प्रयोग में आई।
  5. मल्टी प्रोसैसिंग आपरेटिंग सिस्टम, यूनिक्स, आपरेटिंग सिस्टम, C, आवजैक्ट ओरिएंटिड डिजाइन का प्रयोग होता था।
  6. PC नैटवर्क आधारित तथा सुपर कम्प्यूटिंग का प्रयोग करते थे।
  7. इनका आकार छोटा, भरोसेमंद, आसानी से खरीदे तथा प्रयोग आने वाले थे।
  8. ये जनरल परपज कम्प्यूटर थे जिनकी उत्पादन तथा अपग्रेडेशन काफ़ी आसान थी।

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पांचवीं जनरेशन
कम्प्यूटर की पांचवीं जनरेशन 1989 से शुरू होती है तथा आज तक चलती है। इसमें VLSI से टैक्नोलोजी ULSI में बदल गई। इसमें माइक्रोप्रोसैसर चिप का प्रयोग होता है जिसमें दस मिलियन मतलब एक करोड़ तक पुर्जे लगे होते हैं। यह जनरेशन समांतर प्रोसैसिंग हार्डवेयर तथा आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के आधार पर कार्य करती है।
AI में शामिल है

  1. रोवोटिक
  2. गेम प्लेईंग
  3. एक्सपर्ट सिस्टम
  4. मानवी भाषाओं को समझना तथा बोलना इसमें हाई लेबल भाषाएं जैसे C, C++, Java आदि का प्रयोग होता है।

पांचवीं जनरेशन कम्प्यूटर के नाम

  1. IBM नोटबुक
  2. पेंटियम पीसी
  3. Sun वर्क स्टेशन
  4. IBM SP/2
  5. परम 10000

पांचवीं जनरेशन कम्प्यूटर की निम्न विशेषताएं हैं –

  • ULSI तकनीक का प्रयोग होता है।
  • ऑप्टीकल डिस्क का प्रयोग होता है।
  • नोटबुक, डेस्कटॉप, वर्क स्टेशन, सरवर तथा सुपर कम्प्यूटर प्रयोग होते हैं।
  • इंटरनैट तथा कलस्टर कम्प्यूटिंग का प्रयोग होता है।
  • कठिन एप्लीकेशनज़ का प्रयोग होता है।
  • इनकी उत्पादकता तथा अपग्रेड करना आसान है।
  • रैपिड साफ्टवेयर डिवैल्पमैंट संभव है।

IBM नोट बुक, पैंटीयम PC, सन वर्क स्टेशन, 1BM sp/2 तथा परम 10000 इसकी

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3)

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3)

भूमिका
माइक्रोसॉफ्ट पावरप्वाइंट में बहुत सारे एडवांस्ड विकल्प भी मौजूद हैं। इन एडवांस विकल्पों में ट्रांजिशन तथा एनिमेशन इफेक्ट सेट करना, नरेशन दाखिल करना तथा प्रेजेंटेशन को अन्य फाइल फॉर्मेट में सेव करना शामिल होता है।

ट्रांजिशन के साथ कार्य करना 
स्लाइड ट्रांजिशन विजुअल तथा गति से संबंधित इफेक्ट्स होते हैं जो उस समय दिखाई देते हैं जब हम प्रेजेंटेशन को स्लाइड शो के दौरान एक स्लाइड से अगली स्लाइड पर ले जाते हैं। हम ट्रांजिशन इफेक्ट की गति को नियंत्रित कर सकते हैं। हम उस में आवाज़ भी दाखिल कर सकते हैं तथा उसकी दिखावट के स्टाइल को भी बदल सकते हैं। ट्रांजिशन इफेक्ट लागू करने का मुख्य उद्देश्य बढ़िया तथा एनिमेटेड रूप देना होता है। प्रेजेंटेशन में ट्रांजिशन इफेक्ट लागू करने के निम्नलिखित स्टेप प्रयोग किए जाते हैं।

  1. स्लाइड पर क्लिक करो या सिलेक्ट करो, जिस पर ट्रांजिशन लागू करनी है।
  2. ट्रांजिशन टैब के ऊपर Transition to This Slide ग्रुप में अपनी इच्छा अनुसार ट्रांजिशन इफेक्ट का चुनाव करो।
  3. आवश्यकतानुसार अन्य विकल्प जैसे कि इफेक्ट ऑप्शन, साउंड तथा समय अवधि का भी चुनाव करो।
  4. ट्रांजिशन की दिखावट को देखने के लिए Preview बटन पर क्लिक करो।
  5. अगर आप प्रेजेंटेशन की सारी स्लाइड्स पर ट्रांजिशन लगाना चाहते हैं तो Timing ग्रुप में से Apply to All पर क्लिक करो। हम ट्रांजिशन टैब में None बटन पर क्लिक करके स्लाइड पर लगे हुए सारे ट्रांजिशन इफेक्ट्स को खत्म भी कर सकते हैं।

ट्रांजिशन सेटिंग्ज़-पावरप्वाइंट में बहुत सारे ट्रांजिशन इफेक्ट्स लगाए जा सकते हैं। इनमें से कुछ सेटिंग्ज़ का वर्णन नीचे किया गया है।
1. इफेक्ट विकल्प (Effect option)- यह विकल्प ट्रांजिशन टैब में ट्रांजिशन गैलरी के बाद Transition to this slide ग्रुप में मौजूद होती है। इस विकल्प से ट्रांजिशन कैसी हो, उसको बदला जा सकता है। यह हमें ट्रांजिशन इफेक्ट की दिशा तथा ट्रांजिशन इफेक्ट के अन्य विकल्पों को बदलने की सुविधा प्रदान करती है।

2. साउंड (Sound)-यह विकल्प ट्रांजिशन टैब के बाद Timing ग्रुप में मौजूद होता है। इसकी मदद से हम प्रत्येक ट्रांजिशन के ऊपर साउंड या आवाज़ सेट कर सकते हैं।

3. अंतराल (Duration)-यह विकल्प ट्रांजिशन के बाद Timing ग्रुप के अंदर मौजूद होता है। इस विकल्प द्वारा प्रेजेंटेशन की समय अवधि को बढ़ाया या घटाया जा सकता है। ट्रांजिशन कितनी तेज़ चले या कितनी धीमी चले, यह निर्धारित करने के लिए समय अंतराल का मूल्य सेट करना पड़ता है। हम ट्रांजिशन के ऊपर अपनी आवश्यकतानुसार सारी सैटिंग लगाकर अपनी प्रेजेंटेशन को और प्रभावशाली बना सकते हैं। इससे हमारी प्रेजेंटेशन स्लाइड शो भी प्रभावशाली बन जाती है।

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एनिमेशन के साथ कार्य करना
एनिमेशन विजुअल इफेक्ट्स होते हैं जो ऑब्जेक्ट के ऊपर लगाए जाते हैं तथा जिन का मुख्य उद्देश्य ऑब्जेक्ट को गति प्रदान करना होता है। ये किसी भी प्रकार के हो सकते हैं जैसे कि टेक्सट, तस्वीरें, स्मार्ट आर्ट, ग्राफिक, शेप्स, वीडियो क्लिप आदि एनिमेशन हमारी प्रेजेंटेशन को गतिमान बनाने में सहायता करते हैं जिससे हमारी प्रेजेंटेशन बहुत प्रभावशाली बन जाती है।

पावरप्वाइंट में चार प्रकार के एनिमेशन उपलब्ध होते हैं-
1. एंट्रेंस (Entrance)-प्रेजेंटेशन के दौरान जब कोई ऑब्जेक्ट स्क्रीन के ऊपर दिखाई देना शुरू होता है उस समय अप्लाई की जाने वाली एनिमेशन को एंट्रेंस किस्म की एनिमेशन कहा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य ऑब्जेक्ट को गतिमान रूप से स्लाइड पर लाना होता है। उदाहरण के तौर पर किसी भी ऑब्जेक्ट का स्लाइड पर मूव करते हुए दाखिल होना।

2. प्रभाव (Emphasis)-एनिमेशन का प्रयोग किसी भी ऑब्जेक्ट और दर्शकों का ध्यान खींचने के लिए किया जाता है। यह एनिमेशन किसी भी ऑब्जेक्ट के स्लाइड में दाखिल होने के बाद दिखाई देती है। उदाहरण के तौर पर ऑब्जेक्ट के ऊपर दर्शकों का ध्यान खींचने के लिए, उसका आकार बड़ा करना, उसका रंग बदलना या उसमें कोई अन्य गति प्रदान करना।

3. एग्जिट (Exit)-एनिमेशन का प्रयोग ऑब्जेक्ट के स्लाइड़ से बाहर जाते समय किया जाता है जब यूज़र चाहता है कि उसका ऑब्जेक्ट दर्शकों को दिखना बंद हो जाए तो उसको एक गतिमान रूप से स्लाइड से बाहर किया जा सकता है। उदाहरण के लिए ऑब्जेक्ट का स्लाइड से बाहर जाते समय zoom होते हुए या Fade होते हुए गायब हो जाना।

4. मोशन पाथ (Motion Path)-मोशन पाथ एनिमेशन किसी भी ऑब्जेक्ट को स्लाइड पर अपनी आवश्यकता अनुसार घुमाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें ऑब्जेक्ट के लिए एक रास्ता निर्धारित कर दिया जाता है और वह ऑब्जेक्ट पर घूमते हुए ही स्लाइड में दिखाई पड़ता है। उदाहरण के तौर पर एक ऑब्जेक्ट का दाएं से बाएं की ओर चले जाना।
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एनिमेशन किस प्रकार लागू करनी है ?
पावरप्वाइंट में पहले से ही परिभाषित एनिमेशन इफेक्ट का एक संग्रह होता है। एनिमेशन इफेक्ट के इस संग्रह को एनिमेशन स्कीम कहा जाता है। हम पहले से परिभाषित एनिमेशन को एक क्लिक करके अपनी
ऑब्जेक्ट पर लगा सकते हैं। पावरप्वाइंट में स्लाइड ऑब्जेक्ट के ऊपर एनिमेशन लागू करने के लिए निम्नलिखित पग प्रयोग किए जाते हैं।

  1. एनिमेशन टैब के ऊपर क्लिक करो।
  2. उस ऑब्जेक्ट का चुनाव करो जिस पर एनिमेशन लागू करनी है।
  3. एनिमेशन ग्रुप में मोर एरो बटन के ऊपर क्लिक करके हम मौजूदा सारी एनिमेशन की किस्मों को देख सकते हैं।
  4. एनिमेशन गैलरी में अपनी आवश्यकतानुसार किसी भी एनिमेशन इफेक्ट का चुनाव करो।

यह चुनाव ऊपर दी गई चार प्रकार की एनिमेशन में से किसी भी प्रकार के लिए किया जा सकता है। आमतौर पर हम किसी भी ऑब्जेक्ट पर तीन प्रकार की एनिमेशन लगाते हैं। पहले उसकी एंट्री के लिए, दूसरी उसको प्रभावशाली बनाने के लिए तथा तीसरी उसके एग्जिट के लिए।
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एनिमेशन विकल्प के साथ कार्य करना
हम अपने स्लाइड ऑब्जेक्ट पर लागू किए जाने वाले एनिमेशन इफेक्ट को कस्टुमाइज़ भी कर सकते हैं। जैसे कि मोर एरे ऑब्जेक्ट की गति को बढ़ाना या कम करना, इफेक्ट की समय अवधि को कम Effect करना या बढ़ाना, इफेक्ट के क्रम में बदलाव करना, एनिमेशन के क्रम में तबदीली करना आदि एनिमेशन इस इफेक्ट को कस्टुमाइज करने Sequence के लिए हमें एनिमेशन टेप के ऊपर उपलब्ध विकल्पों के मूल्य को बदलना पड़ता है।

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एनिमेशन इफेक्ट कस्टुमाइज़ करने के लिए आम प्रयोग किए जाने वाले कुछ विकल्प निम्नानुसार हैं –
1. इफेक्ट ऑप्शन-कुछ एनिमेशन इफेक्ट में इफेक्ट ऑप्शन भी होते हैं जिनमें बदलाव करके हम अपने एनिमेशन इफेक्ट को और बढ़िया बना सकते हैं। ऑप्शन में मौजूद विकल्प किसी ऑब्जेक्ट के ऊपर लगाई गई एनिमेशन के ऊपर निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिए एनिमेशन इफेक्ट में इफेक्ट ऑप्शन की मदद से यह नियंत्रित किया जा सकता है कि वस्तु किस दिशा से आएगी। इसी प्रकार बुलेटेड लिस्ट के ऊपर एनिमेशन इफेक्ट लगाकर हम अपनी लिस्ट आइटम के क्रम को निर्धारित कर सकते हैं अर्थात् हम यह निर्धारित कर सकते हैं कि टेक्सट किस प्रकार दिखाई देगा जैसे कि हम एनिमेशन टैब का चुनाव करके इफेक्ट से संबंधित विकल्पों को देख सकते हैं।
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2. ऐड एनिमेशन-हम अपनी स्लाइड में एक ऑब्जेक्ट पर एक से ज्यादा एनिमेशन इफेक्ट भी लागू कर सकते हैं। एक स्लाइड ऑब्जेक्ट के ऊपर चारों प्रकार की एनिमेशन लगाई जा सकती Trigger हैं। उनको इस प्रकार सेट किया जा सकता है कि वह एक के बाद एक चलें। इन से बनने वाला प्रभाव काफी सुंदर तथा आकर्षित हो सकता है।

मल्टीपल एनिमेशन लागू करने के लिए ऑब्जेक्ट का चुनाव करो तथा फिर एनिमेशन इफेक्ट को देखने के लिए बटन पर क्लिक करो। सभी प्रकार के एनिमेशन इफेक्ट ऐड करने के बाद हम उसको देख भी सकते हैं। सभी प्रकार के एनिमेशन को देखने के लिए लाइव प्रीवियू का विकल्प भी मौजूद होता है। इसके लिए हमें माउस प्वाइंटर को उसके ऊपर क्लिक करना पड़ता है। इफेक्ट को लागू करने के लिए उसके ऊपर क्लिक करो। एनिमेशन इफेक्ट को लागू किए गए क्रम के अनुसार ही चलाया जा सकता है।
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3. एनिमेशन पेन-एनिमेशन पेन हमें मौजूदा स्लाइड में होने वाले सारे इफेक्ट को देखने तथा उनको ठीक से प्रबंधन करने के लिए सहूलत प्रदान करता है। हम एनिमेशन पेन का प्रयोग करके लागू किए गए इस इफेक्ट को सीधे-सीधे एडिट भी कर सकते हैं, उनको क्रमवार भी कर सकते हैं तथा उनसे संबंधित कई प्रकार की सेटिंग्स भी कर सकते हैं। इसका प्रयोग उस समय लाभदायक होता है जब हम ऑब्जेक्ट पर कई प्रकार के इफेक्ट्स लागू करते हैं। एनिमेशन पेन को खोलने के लिए निम्नलिखित स्टेपस का प्रयोग किया जाता है-

  • एनिमेशन टैब के ऊपर एनिमेशन पेन बटन के ऊपर क्लिक करो।
  • एनिमेशन पावरप्वाइंट विंडो में दाएं तरफ खुल जाएगा।

इसमें मौजूदा स्लाइड में उपलब्ध सारे ऑब्जेक्ट के ऊपर लागू किए गए इफेक्ट उसी क्रम में दिखाई देंगे जिस क्रम में स्लाइड शो के दौरान प्रदर्शित किए जाएंगे।

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एनिमेशन पेन का प्रयोग अपने स्लाइड के ऑब्जेक्ट के ऊपर लागू किए गए एनिमेशन इफेक्ट को क्रमवार करने के लिए कर सकते हैं। एनिमेशन इफेक्ट को दोबारा क्रमवार करने के लिए निम्नलिखित पग प्रयोग किए जाते हैं।
1. एनिमेशन पेन में इफेक्ट के ऊपर क्लिक करो तथा करते हुए उसे ऊपर नीचे की तरफ ले जाओ।
2. इफेक्ट दोबारा क्रमबद्ध हो जाएगा। अगर हम अपने ऑब्जेक्ट के ऊपर लागू किए गए एनिमेशन इफेक्ट को देखना चाहते हैं तो बगैर स्लाइड शो किए सभी इफेक्ट को देखा जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित पगों का प्रयोग किया जाता है।

  • एनिमेशन पेन के ऊपर Play बटन पर क्लिक करो।
  • मौजूदा स्लाइड में इफेक्ट Play होने शुरू हो जाएंगे। एनिमेशन पेन के बाएं तरफ एक समय रेखा दिखाई देगी जो कि प्रत्येक इफेक्ट की प्रगति को दर्शाती है। अगर टाइम लाइन दिखाई नहीं दे रही है तो इफेक्ट के ड्रॉप डाउन एरो पर क्लिक करो तथा वहां पर Show Advanced Timeline विकल्प का चुनाव करो।

4. एनिमेशन पेंटर-इस विकल्प का प्रयोग एनिमेशन इफेक्ट को कॉपी करने के लिए किया जाता है। अगर हम एक जैसे इफेक्ट एक से ज्यादा ऑब्जेक्ट पर लगाना चाहते हैं तो इसके लिए एनिमेशन पेंटर का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग करने से यूज़र के समय की काफी बचत होती है अगर यूज़र इस विकल्प का प्रयोग नहीं करता तो उसे सारे दोबारा सभी ऑब्जेक्ट पर लगाने पड़ेंगे। इससे उसका समय काफी व्यर्थ होगा। एनिमेशन पेंटर का प्रयोग करने के लिए निम्नलिखित पग प्रयोग किए जाते हैं
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  • उस ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करो जिस पर आप लागू किए गए इस इफेक्ट को कॉपी करना चाहते हैं।
  • एनिमेशन पेन के ऊपर Animation Painter कमांड पर क्लिक करो।
  • अब उस ऑब्जेक्ट पर क्लिक करो जिस पर आप एनिमेशन इफेक्ट्स लागू करना चाहते हैं। ऑब्जेक्ट पर क्लिक करने के साथ ही उस पर सारे एनिमेशन इफेक्ट कॉपी हो जाएंगे। कॉपी किए गए इन एनिमेशन इफेक्ट्स को बाद में कस्टुमाइज भी किया जा सकता है।

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5. टाइमिंग इफेक्ट-एनिमेशन टाइप का Timing ग्रुप हमें कई विकल्प प्रदान करता है जो कि एनिमेशन के समय से संबंधित होते हैं। उदाहरण के तौर पर एनिमेशन कब स्टार्ट हो, एनिमेशन के प्रभाव का समय अभी क्या हो, एनिमेशन में देरी का समय क्या हो तथा एनिमेशन इफेक्ट का क्रम बदलने संबंधी विकल्प इस ग्रुप में किसी भी विकल्प के मूल्य को बदलने से हम अपने एनिमेशन को और प्रभावशाली बना सकते हैं। इसके लिए हमें पहले सारे एनिमेशन इफेक्ट्स को एनिमेशन पेन में सिलेक्ट करना पड़ता है तथा फिर से संबंधित को बदला जाता है।
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1. Start विकल्प का प्रयोग करके हम एनिमेशन के स्टार्ट होने के तरीके को बदल सकते हैं। By Default या क्लिक करने से शुरू होती है। हम Start विकल्प के ड्रॉप डाउन लिस्ट में से निग्रलिखित विकल्पों का चयन कर सकते हैं
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  • On Click-इसका प्रयोग उस समय किया जाता है अगर यूज़र यह चाहता है कि उसका एनिमेशन तब शुरू हो जब उस ऑब्जेक्ट पर माउस के बाएं बटन के साथ क्लिक किया जाए।
  • With Previous-इस विकल्प का प्रयोग करने से एनिमेशन इफेक्ट पहले ऑब्जेक्ट के एनिमेशन के साथ ही शुरू हो जाता है।
  • After Previous-इस विकल्प का प्रयोग करने से एनिमेशन इफेक्ट तब तक शुरू नहीं होता जब तक पहले ऑब्जेक्ट की एनिमेशन खत्म नहीं हो जाती। पहले ऑब्जेक्ट की एनिमेशन खत्म होने के साथ ही दूसरे ऑब्जेक्ट की एनिमेशन शुरू हो जाती है।

2. Duration-इस विकल्प का प्रयोग एनिमेशन के चलने की समय अवधि को बदलने के लिए किया जाता है। समय की अवधि में कई बदलाव करके एनिमेशन को ज्यादा प्रभावशाली बनाया जा सकता है।
3. Delay-ऑब्जेक्ट के ऊपर सेट की गई एनिमेशन कितने समय बाद शुरू हो। इसको निर्धारित करने के लिए Delay विकल्प का प्रयोग किया जाता है। इस विकल्प में सेट किए गए समय के बाद ही एनिमेशन चलनी शुरू होती है।
4. Move Earlier या Move Later-इस विकल्प का प्रयोग ऑब्जेक्ट के ऊपर लाग किए गए एनिमेशन को दोबारा क्रमबद्ध करने के लिए किया जाता है।

6. एनिमेशन देखना-ऑब्जेक्ट के ऊपर लागू किए गए एनिमेशन किस प्रकार दिखाई देते हैं। यह टेस्ट करने के लिए हम किसी भी समय एनिमेशन टैब के Preview ग्रुप में Preview बटन पर क्लिक करके अपने द्वारा बनाई गई एनिमेशन देख सकते हैं। इसके लिए हमें स्लाइड शो विकल्प का प्रयोग नहीं करना पड़ता। हम एनिमेशन का Preview देखने के लिए Animation pane के ऊपर Play बटन पर भी क्लिक कर सकते हैं|
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रिकॉर्ड स्लाइड शो-नरेशन तथा टाइमिंग
रिकॉर्ड स्लाइड शो पावरप्वाइंट की एक बहतु बढ़िया लाभदायक विशेषता है। यह विशेषता रिहर्सल टाइमिंग की विशेषता के समान ही है पर यह ज्यादा व्यापक विकल्प प्रदान करती है। अगर हमारे पास साऊंड कार्ड माइक्रोफोन स्पीकर तथा एक वेब कैमरा उपलब्ध हो तो हम अपनी स्लाइड टाइमिंग्स को कैप्चर कर सकते हैं। नरेशन या वृत्तांत रिकॉर्ड करने के बाद यह सारे दर्शकों के लिए एक स्लाइड शो के रूप में चलाई जा सकती है। हम अपनी प्रेजेंटेशन को एक वीडियो फाइल के रूप में भी सेव कर सकते हैं। अगर अपने स्लाइड शो को अपने आप चलने वाली प्रेजेंटेशन के लिए प्रयोग करना है तो ऐसे हालात में रिकॉर्ड की गई प्रेजेंटेशन बहुत लाभदायक साबित होती है।

पावरप्वाइंट में नरेशन दाखिल करना बहुत ही आसान होता है निम्नलिखित पगों का प्रयोग करके पावरप्वाइंट में Record Slide Show द्वारा नरेशन तथा टाइमिंग रिकॉर्ड की जा सकती है।
1. Slide Show पैन के ऊपर क्लिक करो।

2. Setup ग्रुप में Record Slide Show ड्रॉपडाऊन एरो के ऊपर क्लिक करो।

3. Start Recording from the beginning या Start Recording from Current Slide के ऊपर क्लिक करो (Record Slide Show डायलॉग बाक्स दिखाई देगा)।
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4. अपनी आवश्यकतानुसार उपलब्ध विकल्पों में से विकल्पों का चयन भी किया जा सकता है उसके बाद Start Recording बटन पर क्लिक करके रिकॉर्डिंग की शुरुआत की जा सकती है। हम नरेशन तभी रिकॉर्ड कर सकते हैं अगर हमारे कंप्यूटर के साथ माइक्रोफोन जुड़ा हुआ है।
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5. सारी प्रेजेंटेशन पूरी स्क्रीन पर खुल जाएगी। प्रेजेंटेशन से संबंधित स्लाइड टाइमिंग रिकार्ड करने के लिए प्रेजेंटेशन स्लाइड शो चलाओ। अगर आप नरेशन रिकॉर्ड करना चाहते हैं तो माइक्रोफोन में स्पष्ट तौर पर बोलना सुनिश्चित करें। अगर आपने अगली स्लाइड पर जाना हो तो ऊपर Recording टूल बार Next बटन पर क्लिक किया जा सकता है या कीअ बोर्ड से राइट एरो कीअ भी दवाई जा सकती है।
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6. अपनी रिकॉर्डिंग को बीच में ही रोकने के लिए रिकॉर्डिंग टूल बार पर उपलब्ध Pause बटन का भी प्रयोग किया जा सकता है।

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7. इसी प्रकार अपनी रिकॉर्डिंग को दोबारा शुरू किया जा सकता है।

8. जब हम स्लाइड शो के अंत में पहुंच जाते हैं तो Esc कीअ का प्रयोग करके स्लाइड शो बंद कर के बाहर आ सकते हैं।

9. हमारे स्लाइड शो का सारा समय तथा नरेशन हमारी प्रेजेंटेशन में शामिल हो चुके हैं। स्लाइड के ऊपर नरेशन की रिकॉर्डिंग हो चुकी है। उनके नीचे दाएं तरफ कोने में स्पीकर का आइकन नज़र आएगा।

10. अब हम अपनी प्रेजेंटेशन को चला सकते हैं उसको एक स्वचालित प्रेजेंटेशन के रूप में सुन सकते हैं तथा एक वीडियो फाइल के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।

रिकॉर्ड किए गए स्लाइड शो नरेशन तथा टाइमिंग को खत्म करना
पहले से रिकॉर्ड किए गए नरेशन तथा टाइमिंग को खत्म करने के लिए निम्नलिखित कदमों के प्रयोग किए जाते हैं।

  1. Slide Show टैब पर क्लिक करो।
  2. Set up ग्रुप में Record Slide Show के ड्रॉपडाउन एरो पर क्लिक करो।
  3. Clear ऑपशन क्लिक करके सब मीनू ओपन करो।
  4. आवश्यकतानुसार विकल्प का चयन करो।

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प्रेजेंटेशन को किसी अन्य फॉर्मेट में सेव करना
पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन पावरप्वाइंट फाइल के रूप में सेव करता है। इसके अलावा पावरप्वाइंट हमें कई प्रकार के विकल्प प्रदान करता है। जिसका प्रयोग करके हम अपनी प्रेजेंटेशन को अलग-अलग रूप में सेव कर सकते हैं। प्रेजेंटेशन को दूसरे रूप में सेव करने के लिए Save As कमांड का प्रयोग किया जाता है। इसको File मैन्यू में से खोला जा सकता है। अपनी प्रेजेंटेशन को हम पीडीएफ के रूप में, वीडियो फाइल के रूप में, स्लाइड शो के रूप में तथा पिक्चर फाइलों के रूप में सेव कर सकते हैं।

प्रैजेंटेशन को पीडीएफ के रूप में सेव करना पीडीएफ का अर्थ होता है-पोर्टेबल डॉक्युमेंट फॉरमैट। अपनी प्रेजेंटेशन को एक पीडीएफ के रूप में सेव करके हम उसको प्रिंटिंग के लिए, पढ़ने के लिए या ईमेल करने के लिए प्रयोग कर सकते हैं। इन सभी कार्यों के लिए यह सबसे बढ़िया विकल्प है। पीडीएफ के रूप में प्रेजेंटेशन को सेव करने का सबसे बढ़िया लाभ यह होता है कि प्राप्तकर्ता प्रेजेंटेशन अथवा कंटेंट में बदलाव नहीं कर सकते। किसी भी प्रेजेंटेशन को पीडीएफ के रूप में सेव करने के निम्नलिखित कदम होते हैं
1. File के ऊपर क्लिक करो।
2. Save As.. विकल्प के ऊपर क्लिक करो। (Save As डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा)
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3. इस डायलॉग बॉक्स में फाइल का नाम तथा उसको सेव करने की लोकेशन का चुनाव करो।
4. Save As Type ड्रॉप डाऊन लिस्ट में से .PDF विकल्प का चुनाव करो।
5. Save बटन पर क्लिक करो (पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन को .pdf रूप में सेव कर देगा)

प्रेजेंटेशन को वीडियो फॉमेट में सेव करना
पावरप्वाइंट में हम अपनी प्रेजेंटेशन को एक वीडियो फाइल के तौर पर भी सेव कर सकते हैं। इस वीडियो फाइल को बाद में किसी भी वीडियो प्लेयर पर चलाया जा सकता है। जब अपनी लाइनों को तैयार करने के बाद उन पर टाइमिंग तथा नरेशन रिकॉर्ड कर लेते हैं तो हमारी प्रेजेंटेशन वीडियो फॉर्मेट में सेव करने के लिए तैयार हो जाती है। एक अच्छी वीडियो प्रेजेंटेशन नरेशन के साथ ही बनाई जा सकती है। इसमें हमें वीडियो तथा ऑडियो दोनों प्रैजेंटेशन प्राप्त होती हैं। एक प्रेजेंटेशन को वीडियो फाइल के रूप में सेव करने के कदम होते हैं।

1. File के ऊपर क्लिक करो।
2. Save As विकल्प के ऊपर क्लिक करो। (Save As डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा)
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3. इस डायलॉग बॉक्स में फाइल का नाम तथा उसको सेव करने की लोकेशन का चुनाव करो।
4. Save As Type ड्रॉप डाउन लिस्ट में से Windows Media Video (.wmv) विकल्प का चुनाव करो।
5. Save बटन पर क्लिक करो।(पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन को वीडियो रूप में सेव कर देगा) जब पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन को एक वीडियो रूप में सेव करना शुरू करेगा तो नीचे दाएं तरफ एक प्रगति बार दिखाई देगा।

यह वीडियो फाइल के बनने की प्रगति को दर्शाता है। पावरप्वाइंट को वीडियो फाइल के रूप में सेव करने का समय उस फ़ाइल के आकार पर निर्भर करता है। ज्यादा बड़ी फ़ाइल होने पर ज्यादा समय लगेगा। जब हम पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन को एक वीडियो फॉर्मेट में सेव कर लेते हैं तब उसको किसी भी वीडियो प्लेयर पर चलाया जा सकता है या उसको किसी भी वेबसाइट फेसबुक यूट्यूब या अन्य किसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपलोड भी किया जा सकता है। इस वीडियो फ़ाइल को कम्प्यूटर पर भी चलाया जा सकता है।

पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन को प्रेजेंटेशन शो के रूप में सेव करना
जब हम किसी भी प्रेजेंटेशन को सेव करते हैं तो पावरप्वाइंट उसे एक फाइल के रूप में सेव करता है। अगर उस फाइल को दर्शकों के आगे चलाना हो तो पहले हमें उस फाइल को पावरप्वाइंट में खोलना पड़ता है। फिर उसको स्लाइड शो के रूप में चलाया जाता है। हम अपनी प्रेजेंटेशन को इस प्रकार भी सेव कर सकते हैं कि उस पर क्लिक करने के बाद वह पावरप्वाइंट में ना खुल कर सीधा ही स्लाइड शो के रूप में चले। इस प्रेजेंटेशन को प्रेजेंटेशन शो के रूप में सेव करना कहते हैं। किसी भी प्रेजेंटेशन को प्रेजेंटेशन शो के रूप में सेव करने के निम्नलिखित कदम होते हैं।
1. File के ऊपर क्लिक करो
2. Save As.. विकल्प के ऊपर क्लिक करो (Save As डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा)
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3. इस डायलॉग बॉक्स में फाइल का नाम तथा उसको सेव करने की लोकेशन का चुनाव करो।
4. Save As Type ड्रॉप डाउन लिस्ट में से PowerPoint Show विकल्प का चुनाव करो।
5. Save बटन पर क्लिक करो। (पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन को PowerPoint Show रूप में सेव कर देगा) इस फाइल की एक्सटेंशन .ppsx होती है। इस्माइल के ऊपर डबल क्लिक करके इसको ओपन किया जा सकता है। जिससे सीधा स्लाइड शो ही चलेगा न कि यह फाइल पावरप्वाइंट में ओपन होगी।

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प्रेजेंटेशन को पिक्चर फाइलों के रूप में सेव करना
हम अपनी इस स्लाइड को तस्वीरों के रूप में भी सेव कर सकते हैं। एक स्लाइड की एक तस्वीर फाइल तैयार होती है किसी भी प्रेजेंटेशन को पिक्चर फ़ाइलों के रूप में सेव करने के निम्नलिखित कदम होते हैं।
1. File के ऊपर क्लिक करो।
2. Save As .. विकल्प के ऊपर क्लिक करो। (Save As डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा)
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3. इस डायलॉग बॉक्स में फाइल का नाम तथा उसको सेव करने की लोकेशन का चुनाव करो।
4. Save As Type ड्रॉप डाउन लिस्ट में से Image फॉर्मेट के किसी एक विकल्प का चुनाव करो।

  • GIF (Graphical Interchange Format)
  • JPEG (Joint Photographic Format)
  • PNG (Portable Network Graphic Format)
  • TIFF (Tag Image File Format)
  • BMP (Bitmap)
  • WMF (Window Meta File)
  • EMF (Enhanced Window Meta File)

5. Save बटन पर क्लिक करो।
6. एक नया डायलॉग बॉक्स ओपन हो जाएगा जिसमें तीन बटन मौजूद होंगे (Evey Slide, Current Slide Only तथा Cancel) अपनी आवश्यकतानुसार किसी भी विकल्प का चयन करें।
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7. एक पुष्टिकरण संदेश दिखाई देगा जो हमें सारी स्लाइड या मौजूदा स्लाइड को एक तस्वीर के रूप में सेव करने के बारे में पूछेगा OK बटन पर क्लिक करो। (पावरप्वाइंट प्रेजेंटेंशन को Image रूप में सेव कर देगा) अगर हम अपनी प्रेजेंटेशन की स्लाइड को ब्लॉक या किसी अन्य वेबसाइट पर पोस्ट करना चाहते हैं तो यह विकल्प काफ़ी लाभदायक होता है।