PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 12 घर्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 12 घर्षण

PSEB 8th Class Science Guide घर्षण Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) घर्षण एक-दूसरे के संपर्क में रखी दो वस्तुओं के पृष्ठों के बीच …………………….. का विरोध करता है।
उत्तर-
गति

(ख) घर्षण पृष्ठों के ………………….. पर निर्भर करता है।
उत्तर-
चिकनेपन

(ग) घर्षण से ……………………. उत्पन्न होती है।
उत्तर-
ऊष्मा

(घ) कैरम बोर्ड पर पाऊडर छिड़कने से घर्षण ……………………….. हो जाता है।
उत्तर-
कम

(ङ) सर्पा घर्षण स्थैतिक घर्षण से ………………………….. होता है।
उत्तर-
कम।

प्रश्न 2.
चार बच्चों को लोटनिक, स्थैतिक तथा सी घर्षण के कारण बलों को घटते क्रम में व्यवस्थित करने लिए कहा गया। उनकी व्यवस्था नीचे दी गयी है। सही व्यवस्था का चयन कीजिए-
(क) लोटनिक, स्थैतिक, सपी
(ख) लोटनिक, सी, स्थैतिक
(ग) स्थैतिक, सी, लोटनिक
(घ) सी, स्थैतिक, लोटनिक।
उत्तर-
(ग) स्थैतिक, सी, लोटनिक।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

प्रश्न 3.
आलिदा अपनी खिलौना कार को संगमरमर के सूखे फर्श, संगमरमर के गीले फर्श, फर्श पर बिछे समाचार-पत्र तथा तौलिए पर चलाती है। कार पर विभिन्न पृष्ठों द्वारा लगे घर्षण बल का बढ़ता क्रम होगा-
(क) संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, समाचार-पत्र, तौलिया
(ख) समाचार-पत्र, तौलिया, संगमरमर का सूखा फर्श, संगमरमर का गीला फर्श
(ग) तौलिया, समाचार-पत्र, संगमरमर का सूखा फर्श, संगमरमर का गीला फर्श
(घ) संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, तौलिया, समाचार-पत्र।
उत्तर-
(क) संगमरमर का गीला फर्श, संगमरमर का सूखा फर्श, समाचार-पत्र, तौलिया।

प्रश्न 4.
मान लीजिए आप अपने डेस्क को थोड़ा झुकाते हैं। उस पर रखी कोई पुस्तक नीचे की ओर सरकना आरंभ कर देती है। इस पर लगे घर्षण बल की दिशा दर्शाइए।
उत्तर-
घर्षण बल ऊपर की दिशा में लगता है।

प्रश्न 5.
मान लीजिए दुर्घटनावश साबुन के पानी से भरी बाल्टी संगमरमर के किसी फर्श पर उलट जाए। इस गीले फर्श पर आपके लिए चलना आसान होगा या कठिन। अपने उत्तर का कारण बताइए।
उत्तर-
हम जानते हैं कि चलने में सुगमता के लिए एक सीमा तक घर्षण होना वांछनीय है। साबुन का पानी गिरने से गीले हुए फर्श पर चलना कठिन हो जाता है क्योंकि इस अवस्था में चिकने साबुन के पानी की पतली परत बन जाती है। इस प्रकार अनियमितताओं का अंत: बंधन काफ़ी सीमा तक कम हो जाता है जिससे चलने में कठिनाई अनुभव होती है।

प्रश्न 6.
खिलाड़ी कीलदार जूते ( स्पाइक्स ) क्यों पहनते हैं ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
कीलदार जूतों की फर्श पर पकड़ मजबूत होती है और वे फिसलने से बचाते हैं। इसलिए खिलाड़ी कीलदार जूते पहनते हैं।

प्रश्न 7.
इकबाल को हलकी पेटिका धकेलनी है तथा सीमा को उसी फर्श पर भारी पेटिका धकेलनी है ? कौन अधिक घर्षण बल अनुभव करेगा और क्यों ?
उत्तर-
हम जानते हैं कि दाब बढ़ने से घर्षण बल भी बढ़ जाता है। सीमा अधिक घर्षण बल को अनुभव करेगी क्योंकि भारी पेटिका, हल्की पेटिका से अधिक दाब डालती है।

प्रश्न 8.
व्याख्या कीजिए, सी घर्षण, स्थैतिक घर्षण से कम क्यों होता है ?
उत्तर-
जब वस्तु विराम अवस्था में होती है, तो वस्तु और धरती की सतह के बीच उन दोनों के पृष्ठों की अनियमितताओं के कारण घर्षण अधिक होगा।

परंतु जब वस्तु गति की स्थिति में होती है, तो अनियमितताओं को एक-दूसरे में धंसने का अधिक अवसर नहीं मिलता, जिससे घर्षण कम होती है। इसलिए सी घर्षण, स्थैतिक घर्षण से कम होता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

प्रश्न 9.
वर्णन कीजिए, घर्षण किस प्रकर शत्रु एवं मित्र दोनों हैं ?
उत्तर-
घर्षण एक अनिवार्य हानिकारक बल है क्योंकि यह शत्रु भी है और मित्र भी है। यह एक मित्र है, क्योंकि यह सहायता करता है-

  1. चलने में
  2. मोटर और मशीन चलाने में
  3. ब्रेक लगाने में।

यह एक शत्रु है, क्योंकि-

  1. यह टूट-फूट का उत्तरदायी है।
  2. ऊष्मा के रूप में ऊर्जा व्यय होती है।
  3. मशीन की कार्यक्षमता कम करता है।
  4. मशीनों के पुों को स्नेहक लगाने से काफी मात्रा में धन व्यय होता है।

प्रश्न 10.
वर्णन कीजिए, तरल में गति करने वाली वस्तुओं की आकृति विशेष प्रकार की क्यों बनाते हैं ?
उत्तर-
तरल में गति कर रही वस्तु को उस पर लगे घर्षण बल को पार करने में ऊर्जा की क्षति होती है। इस ऊर्जा की क्षति को रोकने और सुगम गति के लिए मछली अथवा पक्षी, जैसी विशेष आकृतियों वाली वस्तुएँ बनाई जाती हैं।

PSEB Solutions for Class 8 Science घर्षण Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
घर्षण बल किस दिशा में कार्यरत होता है ?
उत्तर-
घर्षण बल वस्तु पर लग रहे बल की दिशा से विपरीत दिशा में कार्यरत होता है।

प्रश्न 2.
साइकिल की ब्रेक लगाते हुए उसे सड़क पर चलाना मुश्किल है। क्यों ?
उत्तर-
सपी घर्षण, लोटनिक घर्षण से अधिक होता है।

प्रश्न 3.
लुढ़कता हुआ गेंद कुछ समय बाद रुक क्यों जाता है ?
उत्तर-
गेंद और धरती की सतहों के मध्य घर्षण बल के कारण गेंद रुक जाता है क्योंकि यह बल गति का प्रतिरोध करता है।

प्रश्न 4.
घर्षण क्या है ?
उत्तर-
घर्षण – यह एक प्रतिरोध है, जो एक वस्तु की गति के सापेक्ष दूसरी वस्तु की गति को कम करता है।

प्रश्न 5.
टायर वृत्तीय क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
लोटनिक घर्षण सी घर्षण से कम होता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

प्रश्न 6.
घर्षण स्व:अनुकूलित होता है। क्या यह सत्य है ?
उत्तर-
जब तक वस्तु गति करती है, घर्षण बल स्वयं को इस प्रकार अनुकूलित करता है ताकि यह लगाए गए बल के समान और उल्ट दिशा में हो।

प्रश्न 7.
कौन-सी अधिक चिकनी है-गीली मिट्टी अथवा सीमेंट फर्श।
उत्तर-
गीली मिट्टी।

प्रश्न 8.
कमानीदार तुला (Spring Balance) किस काम आती है ?
उत्तर-
कमानीदार तुला – यह एक ऐसा यंत्र है, जिस से वस्तु पर लगे गुरुत्वीय बल को मापा जाता है।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
टाँगा चलाते समय अधिक बल क्यों चाहिए ?
उत्तर-
शुरू में घोड़े को टाँगा के घर्षण बल पर काबू पाने के लिए और उसको संवेग देने के लिए (गतिज ऊर्जा की वृद्धि) अधिक बल लगाना पड़ता है। इसके बाद केवल घर्षण बल पर काबू पाने के लिए बल लगाना पड़ता है।

प्रश्न 2.
घर्षण बल के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
दैनिक जीवन में घर्षण बल के निम्नलिखित उदाहरण हैं-

  1. एक बड़े कमरे के चिकने फर्श पर गेंद ज्यादा दूरी तक लुढ़कती है जबकि खुरदरे फर्श पर कम दूरी तय करती है।
  2. कमरे की पॉलिश की गई टाइलों पर चलने वाला व्यक्ति डरता है विशेषकर जब टाइलें गीली हों।
  3. यदि कैरम बोर्ड पृष्ठ पर बोरिक पाऊडर छिड़का जाता है तो गोटियाँ आराम से और अधिक दूरी तक सरकती हैं।
  4. वाहन चालक द्वारा ब्रेक लगाने से वाहन रुक जाता है।

प्रश्न 3.
घर्षण ऊष्मा पैदा करता है। कैसे ?
उत्तर-
घर्षण से ऊष्मा उत्पन्न होती है। इसे निम्न उदाहरणों द्वारा दर्शाया जा सकता है-

  1. हाथों को परस्पर रगड़ने से हाथ गर्म हो जाते हैं।
  2. माचिस की तीली रगड़ने से आग उत्पन्न होती है।
  3. मिक्सर का ज़ार, कुछ देर चलने के बाद गर्म हो जाता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
घर्षण को परिभाषित करें। घर्षण का कारण क्या है ? कौन-से कारक घर्षण के लिए उत्तरदायी हैं ? वर्णन करें कि घर्षण हानिकारक है, परंतु अनिवार्य भी है ?
उत्तर-
घर्षण – वह प्रतिरोधी बल जो किसी वस्तु के किसी सतह पर चलने के समय लगता है, घर्षण बल कहलाता है।

जब एक वस्तु पर धीरे से धक्का लगाया जाए, तो वह नहीं हिलती। इसका अर्थ हुआ कि जिस सतह पर वस्तु रखी गई है, वह लगाए गए बल के उल्ट दिशा में प्रतिरोध बल लगाती रही है। यह प्रतिरोधक बल घर्षण बल है।

घर्षण के कारण – सभी सतहें अनियमित होती हैं अर्थात् उन पर गड्ढे होते हैं। जब एक सतह दूसरी सतह पर सरकती है, तो यह अनियमितताएँ एक-दूसरे में फँस जाती हैं और प्रतिरोध उत्पन्न करती हैं। यह घर्षण बल है। अत: घर्षण बल पृष्ठों के खुरदरेपन के कारण होता है।

घर्षण के उत्तरदायी कारक

  1. दो संपर्की सतहों/पृष्ठों की प्रकृति
  2. संपर्क क्षेत्र
  3. बल जिससे दोनों पृष्ठों को दबाया जाता है।
    घर्षण हानिकारक है, परंतु अनिवार्य भी है।

घर्षण के लाभ – यह हमारे दैनिक जीवन में महत्त्वपूर्ण है।

  1. टहलने, दौड़ने, पर्वतों और पेड़ों पर चढ़ने के लिए घर्षण का उपयोग होता है। सीढ़ियाँ बनाई जाती हैं ताकि फिसलने से बचा जाए।
  2. गतिशील वाहन केवल ब्रेक लगाकर रोके जा सकते हैं। कीचड़ में घर्षण न होने के कारण, वाहन को कीचड़ में चलाना अति मुश्किल है। टायरों पर खांचे बनाए जाते हैं ताकि फिसलन न हो सके।
  3. घर्षण के बिना गाँट नहीं बाँधी जा सकती, लकड़ी में कील नहीं लगाया जा सकता, इमारतें नीचे गिर पड़तीं, खाद्य पदार्थ न तो हाथों में पकड़े जाते और न ही दाँतों द्वारा चबाए जाते, कपड़े सिले नहीं जा सकते और पेन से लिखना असंभव होता है।

घर्षण की हानियाँ-

  1. यह टूट-फूट का कारण है।
  2. घर्षण सं ऊर्जा की क्षति होती है और मशीनों की कार्यक्षमता में कमी आती है।
  3. घर्षण से उत्पन्न ऊष्मा मशीनों को नष्ट करती है।
    यह सब दर्शाता है कि घर्षण हानिकारक है, परंतु अनिवार्य भी है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण

प्रश्न 2.
घर्षण (Limiting Friction) तथा सी घर्षण (Sliding Friction) क्या है ?
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 12 घर्षण 1
उत्तर-
जब किसी वस्तु पर कोई बल नहीं लग रहा होता तो उस समय इस पर कोई घर्षण बल भी नहीं लगता और वस्तु आराम की स्थिति में रहती है। जैसे-जैसे लगाया गया बल बढ़ता है, वैसे ही घर्षण बल उसी परिमाण से स्थिति तक बढ़ता है। O से L तक, वस्तु आराम की स्थिति में रहती है, इसे स्थैतिक घर्षण कहते हैं। यदि बल को थोड़ा-सा L से बढ़ा देते हैं, तो वस्तु दूसरी वस्तु पर सरकना आरंभ कर देती है। यह अत्यधिक बल जो उत्पन्न होता है उसे (Limiting friction) कहते हैं। . के आगे, घर्षण बल थोड़ा कम हो जाता है और वस्तु सरलता से सरकती है। इस घर्षण बल को सी या गतिज बल कहते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 11 बल तथा दाब Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 11 बल तथा दाब

PSEB 8th Class Science Guide बल तथा दाब Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
धक्के या खिंचाव के द्वारा वस्तुओं की गति की अवस्था में परिवर्तन के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. क्रिकेट मैच में क्षेत्र रक्षक गेंद को धक्का लगाकर रोकता है।
  2. चलती हुई गाड़ी को रोकने के लिए ब्रेक लगाई जाती है।

प्रश्न 2.
ऐसे दो उदाहरण दीजिए जिनमें लगाए गए बल द्वारा वस्तु की आकृति में परिवर्तन हो जाए।
उत्तर-

  1. मेज़ पर पड़े गेंद को दबाने से।
  2. साइकिल की सीट पर लगा स्प्रिंग, सवारी के भार से नीचे चला जाता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) कुएँ से पानी निकालते समय हमें रस्सी को …………………… पड़ता है।
(ख) एक आवेशित वस्तु अनावेशित वस्तु को ……………………… करती है।
(ग) सामान से लदी ट्रॉली को चलाने के लिए हमें उसको ………………….. पड़ता है।
(घ) किसी चुंबक का उत्तरी ध्रुव दूसरे चुंबक के उत्तरी ध्रुव को ………………………. करता है।
उत्तर-
(क) खींचना
(ख) आकर्षित
(ग) धकेलना
(घ) प्रतिकर्षित।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 4.
एक धनुर्धर लक्ष्य पर निशाना साधते हुए अपने धनुष को खींचती है। जब वह तीर को छोड़ती है जो लक्ष्य की ओर बढ़ने लगता है। इस सूचना के आधार पर निम्नलिखित प्रकथनों में दिए गए शब्दों का उपयोग करके रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
पेशीय/संपर्क/असंपर्क/गुरुत्व/घर्षण/आकृति/आकर्षण
(क) धनुष को खींचने के लिए धनुर्धर एक बल लगाती है, जिसके कारण इसकी …………………. में परिवर्तन होता है।
(ख) धनुष को खींचने के लिए धनुर्धर द्वारा लगाया गया बल ……………………… बल का उदाहरण है।
(ग) तीर की गति की अवस्था में परिवर्तन के लिए उत्तरदायी बल का प्रकार ……………………….. बल का उदाहरण है।
(घ) जब तीर लक्ष्य की ओर गति करता है तो इस पर लगने वाले बल ………………………. तथा वायु के ……………………… के कारण होते हैं।
उत्तर-
(क) आकृति
(ख) पेशीय
(ग) पेशीय
(घ) गुरुत्व, घर्षण।

प्रश्न 5.
निम्न स्थितियों में बल लगाने वाले कारक तथा जिस वस्तु पर बल लग रहा है, उनको पहचानिए। प्रत्येक स्थिति में जिस रूप में बल का प्रभाव दिखाई दे रहा है, उसे भी बताइए।
(क) रस निकालने के लिए नींबू के टुकड़ों को अँगुलियों से दबाना।
(ख) दंत मंजन की ट्यूब से पेस्ट बाहर निकालना।
(ग) दीवार में लगे हुए हुक से लटकी कमानी के दूसरे सिरे पर लटका एक भार।
(घ) ऊँची कूद करते समय एक खिलाड़ी द्वारा एक निश्चित ऊँचाई की छड़ (बाधा) को पार करना।
उत्तर-

स्थिति बल का कारक बल प्रभावित वस्तु परिणाम
(क) अंगुलियाँ नींबू रस का स्त्राव
(ख) अंगुलियाँ दंत मंजन की ट्यूब पेस्ट का बाहर आना
(ग) लटकता भार कमानी कमानी का लंबा होना
(घ) टांग का पेशीय बल खिलाड़ी का शरीर ऊँची कूद

प्रश्न 6.
एक औज़ार बनाते समय कोई लोहार लोहे के गर्म टुकड़े को हथौड़े से पीटता है। पीटने के कारण लगने वाला बल लोहे के टुकड़े को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर-
पीटने के कारण लगने वाले बल से लोहे का टुकड़ा चपटा हो जाता है।

प्रश्न 7.
एक फुलाए हुए गुब्बारे को संश्लिष्ट कपड़े के टुकड़े से रगड़ कर एक दीवार पर दबाया गया। यह देखा गया कि गुब्बारा दीवार से चिपक जाता है। दीवार तथा गुब्बारे के बीच आकर्षण के लिए उत्तरदायी बल का नाम बताइए।
उत्तर-
स्थिर विदयुतीय बल।

प्रश्न 8.
आप अपने हाथ में पानी से भरी प्लास्टिक की बाल्टी लटकाए हुए हैं। बाल्टी पर लगने वाले बलों के नाम बताइए। विचार-विमर्श कीजिए की बाल्टी पर लगने वाले बलों द्वारा इसकी गति की अवस्था में परिवर्तन क्यों नहीं होता ?
उत्तर-
प्लास्टिक की बाल्टी पर लगे बल से :

  1. धरती का गुरुत्वाकर्षण बल (नीचे की ओर)
  2. बाजुओं का पेशीय बल (ऊपर की ओर)

दोनों बलों से बाल्टी की गति की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आता, क्योंकि दोनों बल समान हैं और एक-दूसरे से विपरीत दिशा में कार्य करते हैं। अतः एक-दूसरे के प्रभाव को समाप्त कर देते हैं। बाल्टी के भार के कारण पेशियाँ खिंच जाती हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 9.
किसी उपग्रह को इसकी कक्षा में प्रमोचित करने के लिए किसी रॉकेट को ऊपर की ओर प्रक्षेपित किया गया। प्रमोचन मंच को छोड़ने के तुरंत बाद रॉकेट पर लगने वाले दो बलों के नाम बताइए।
उत्तर-
प्रमोचित रॉकेट पर लगने वाले बल से :

  1. धरती का गुरुत्वाकर्षण बल (नीचे की ओर)।
  2. ईंधनों के जलने से उत्सर्जित गैसों का निर्मोचित बल (ऊपर की ओर)।

प्रश्न 10.
जब किसी ड्रॉपर के चंचु ( नोज़ल) को पानी में रखकर इसके बल्ब को दबाते हैं तो ड्रॉपर की वायु बुलबुलों के रूप में बाहर निकलती हुई दिखलाई देती है। बल्ब पर से दाब हटा लेने पर ड्रॉपर में पानी भर जाता है। ड्रॉपर में पानी के चढ़ने का कारण है-
(क) पानी का दाब
(ख) पृथ्वी का गुरुत्व
(ग) रबड़ के बल्ब की आकृति
(घ) वायुमंडलीय दाब।
उत्तर-
(घ) वायुमंडलीय दाब।

PSEB Solutions for Class 8 Science बल तथा दाब Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न क्रियाएँ समान क्यों हैं ? ठोकर मारना, हिट करना, उठाना, खींचना।
उत्तर-
उपरोक्त सभी क्रियाओं में वस्तु की गति बदलने के लिए बल लगाया जाता है।

प्रश्न 2.
गति से संबंधित कार्यों को किन नामों से जाना जा सकता है ?
उत्तर-
खिंचाव अथवा धक्का।

प्रश्न 3.
बल क्या है ?
उत्तर-
बल – यह खिंचाव या धक्का है जो वस्तु की गति अथवा आकृति में परिवर्तन करता है या करने का प्रयत्न करता है।

प्रश्न 4.
दाब से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
दाब – एकांक क्षेत्र पर लगाए गए बल को दाब कहते हैं।

प्रश्न 5.
एक उदाहरण द्वारा वर्णन करो कि बल वस्तु की गति बदल सकता है ?
उत्तर-
मान लो आप उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर 10 m/s की चाल से साइकिल चला रहे हो। यदि आपका मित्र उसी दिशा में धक्का लगाता है, तो आपकी चाल बढ़ जाती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 6.
एक क्रिया द्वारा दर्शाओ कि बल वस्तु की आकृति बदल देता है ?
उत्तर-
रबड़ की गेंद को हथेलियों के मध्य दबाने से गेंद की आकृति गोल नहीं रहती और चपटी-गोल हो जाती है।

प्रश्न 7.
एक क्रिया द्वारा दर्शाओ कि बल वस्तु की गति और दिशा दोनों में परिवर्तन लाता है ?
उत्तर-
गेंदबाज द्वारा फेंका गया गेंद जब बल्ले से टकराता है, तो उसकी गति और दिशा दोनों में परिवर्तन आ जाता है।

प्रश्न 8.
एक क्रिया द्वारा दर्शाओ कि बल गति कर रही वस्तु की दिशा बदलता है।
उत्तर-
फुटबाल के खेल में, गतिशील गेंद को ठोकर मारकर उसकी गति की दिशा बदल सकते हैं।

प्रश्न 9.
जब बल को गति की दिशा में लगाया जाता है, तो क्या होता है ?
उत्तर-
गति में वृद्धि होती है।

प्रश्न 10.
क्या होता है जब समान परिणाम वाला बल उल्ट दिशा में लगाया जाता है ?
उत्तर-
नेट बल शून्य होगा अर्थात् वस्तु किसी दिशा में गति नहीं करेगी।

प्रश्न 11.
संपर्क बल क्या है ?
उत्तर-
संपर्क बल – वह बल, जो दो वस्तुओं के परस्पर के संपर्क में आने से लगता है, संपर्क बल कहलाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 12.
संपर्क बल का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
पेशीय तथा घर्षण बल।

प्रश्न 13.
गुरुत्व बल किस प्रकार का बल है ?
उत्तर-
असंपर्क बल।

प्रश्न 14.
किसी एक असंपर्क बल का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
चुंबकीय बल।

प्रश्न 15.
स्थिर विद्युतीय बल क्या है ?
उत्तर-
आवेशित वस्तुओं द्वारा लगाया गया बल।

प्रश्न 16.
दाब को किस प्रकार बढ़ाया या घटाया जा सकता है ?
उत्तर-
क्षेत्रफल में परिवर्तन करके।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 17.
दीवार की नींव चौड़ी क्यों रखी जाती है ?
उत्तर-
दीवार के आधार पर लग रहे दाब को कम करने के लिए।

प्रश्न 18.
बल, क्षेत्रफल और दाब में संबंध बताइए।
क्षेत्रफल
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 1

प्रश्न 19.
काटने अथवा छेद करने के लिए कैसा औज़ार चाहिए ?
उत्तर-
तीखी धार वाला औजार ।

प्रश्न 20.
क्या द्रव और गैसें दाब डालते हैं ?
उत्तर-
हाँ।

प्रश्न 21.
ट्यूबें हवा भरने से फूल क्यों जाती हैं ?
उत्तर-
ट्यूब की दीवार पर हवा के दाब बढ़ने के कारण।

प्रश्न 22.
फव्वारा किस सिद्धांत पर कार्य करता है ?
उत्तर-
द्रव दाब डालते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 23.
पृथ्वी के इर्द-गिर्द वातावरण के आवरण को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
वायुमंडल।

प्रश्न 24.
वायुमंडलीय दाब अधिक है या कम ?
उत्तर-
अधिक।

प्रश्न 25.
क्या कभी मानव या अन्य प्राणी वायुमंडलीय दाब से दब सकते हैं ?
उत्तर-
कभी नहीं।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
गति करती हुई गेंद को कैसे रोका जा सकता है ?
उत्तर-
गति की विपरीत दिशा में बल लगाकर गेंद को रोका जा सकता है।

प्रश्न 2.
क्या एक समतल सतह पर वस्तु की गति कम हो सकती है ? यदि हाँ तो क्यों ?
उत्तर-
एक गति करती वस्तु की गति समतल सतह पर कम हो सकती है क्योंकि इसकी समतल सतह के बीच घर्षण होता है। घर्षण उल्टी दिशा में बल लगाता है जिससे वस्तु की गति कम हो जाती है।

प्रश्न 3.
नेट बल शून्य कब होता है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जब किसी वस्तु पर दो बल एक-दूसरे की उल्टी दिशा में और समान परिमाण के लग रहे हों, तब नेट बल शून्य होता है। उदाहरण-रस्सा-कशी का खेल।

प्रश्न 4.
बल एक सदिश राशि है ? कैसे ?
उत्तर-
सदिश राशि में परिमाण और दिशा दोनों होते हैं। बल को परिभाषित करने के लिए भी दोनों परिमाण और दिशा का ज्ञान होना आवश्यक है। अतः बल एक सदिश राशि है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 5.
बल की विभिन्न किस्मों के नाम लिखिए।
उत्तर-
बल की विभिन्न किस्में-

  1. पेशीय बल
  2. चुंबकीय बल
  3. स्थिर विद्युतीय बल
  4. गुरुत्व बल
  5. घर्षण बल।

प्रश्न 6.
बल के दो प्रभाव लिखिए।
उत्तर-
बल के प्रभाव-

  1. बल गति की स्थिति में परिवर्तन लाता है।
  2. बल आकृति में परिवर्तन लाता है।

प्रश्न 7.
वस्तु की गति की स्थिति से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
वस्तु की चाल और दिशा वस्तु की गति की स्थिति कहलाती है। . विराम की स्थिति में चाल शून्य होती है। चाल और दिशा में परिवर्तन से वस्तु की गति की स्थिति में परिवर्तन आता है।

प्रश्न 8.
क्या बल से केवल दिशा में परिवर्तन हो सकता है, गति में नहीं ? यदि हाँ, तो कैसे ?
उत्तर-
बिना गति में परिवर्तन हुए बल द्वारा वस्तु की दिशा में परिवर्तन किया जा सकता है। इसके लिए निम्न प्रयोग है-
प्रयोग – एक छोटा पत्थर लें। इसे धागे से बांधे। धागे को हाथ से घुमाएँ। पत्थर वृतीय पथ में एक समान गति से घूमता है। जब घुमाना बंद कर छोड़ दिया जाता है, तो पत्थर सरल रेखा में जाता है। इससे प्रमाणित होता है कि बल से दिशा में परिवर्तन हुआ है परंतु, गति में नहीं।

प्रश्न 9.
पेशीय बल के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
टहलना, साँस लेना, दौड़ना, उठाना, बर्फ पर चलना, प्रहार करना आदि कुछ उदाहरण हैं जिनमें पेशीय बल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 10.
संपर्क बल की एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कैरम बोर्ड के खेल में जब एक गोटी से दूसरी गोटी टकराती है, तो विराम अवस्था वाली गोटी गति में आ जाती है। यह संपर्क बल का उदाहरण है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 11.
गुरुत्व बल को असंपर्क बल क्यों कहते हैं ? व्याख्या करें।
उत्तर-
गुरुत्व बल धरती पर या धरती की सतह से ऊपर पड़ी वस्तुओं पर लगता है। यह दूरस्थ वस्तुओं पर भी लगता है। उदाहरणार्थ पेड़ों से पत्ते गिरते हैं, नदियों में पानी नीचे की ओर बहता है, चंद्रमा धरती के चारों तरफ घूमता है। इन सभी उदाहरण में वस्तु धरती के संपर्क में नहीं है। इसलिए, इसे असंपर्क बल कहते हैं।

प्रश्न 12.
दाब की परिभाषा दीजिए। इसका मात्रक क्या है ?
उत्तर-
दाब- प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाव कहते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 2
दाव का मात्रक पासकल अथवा Nm-2 है।

प्रश्न 13.
फल को काटने के लिए तेज़ धार वाला चाकू क्यों चाहिए ?
उत्तर-
तेज़ धार वाला चाकू फल पर अधिक दाब डालता है जो फल को आसानी से काट देता है।

प्रश्न 14.
पानी से भरी बोतल में दाब सबसे अधिक और सबसे कम कहाँ होगा ?
उत्तर-
पानी से भरी बोतल में दाब बोतल के निचले तल पर सबसे अधिक होगा और ऊपरी सतह पर सबसे कम होगा।

प्रश्न 15.
हवा भरने से गुब्बारा क्यों फैल जाता है ? उत्तर-गुब्बारे में हवा भरने से, हवा गुब्बारे की भीतरी दीवारों पर दाब डालती है। यह दाब गुब्बारे को फैलाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 16.
प्रयोग द्वारा सिद्ध करो कि दाब गहराई के साथ बढ़ता है।
उत्तर-
द्रव का दाब उसकी गहराई पर निर्भर करता है। इसे निम्न प्रयोग द्वारा सिद्ध कर सकते हैं-
प्रयोग – एक लंबा बर्तन लीजिए, जिसमें कम-से-कम तीन छिद्र हों (जैसे चित्र में दर्शाया गया है) अब इसे पानी से भरिए। तीनों छिद्रों में से पानी की धारा बाहर निकलती है। परंतु सबसे नीचे वाली धारा सबसे दूर जाकर गिरती है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 3
यह बात प्रमाणित होती है कि दाब गहराई के साथ बढ़ता है।

प्रश्न 17.
वायुमंडलीय दाब क्या है ?
उत्तर-
वायुमंडलीय दाब – धरती के चारों तरफ वायु का आवरण है। वायु का स्तंभ, द्रव स्तंभ की तरह ही दाब डालता है। वायु के इस दाब को वायुमंडलीय दाब कहते हैं।

प्रश्न 18.
वायुमंडलीय दाब अधिक है, परंतु इस दाब से हम पिचकते क्यों नहीं ?
उत्तर-
हमारा शरीर और अन्य जंतुओं का शरीर कोशिकाओं से बना है जिनमें द्रव है, जो अंदर से बाहर की ओर दाब डालता है। शरीर के अंदर का दाब, वायुमंडलीय दाब के बराबर होता है। इसलिए हम पिचकने से बच जाते हैं।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बल कितनी प्रकार का होता है ? प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बल के प्रकार-

  1. पेशीय बल
  2. चुंबकीय बल
  3. स्थिर विद्युतीय बल
  4. गुरुत्व बल
  5. घर्षण बल।

1. पेशीय बल – सजीवों द्वारा अपनी पेशियों का बल उपयोग में लाना, पेशीय बल कहलाता है। जैसे-बैलों द्वारा पेशीय बल से गाड़ी खींचना।

2. चुंबकीय बल – चुंबक का गुण है कि वह कोबाल्ट, निक्कल, लोहे अथवा स्टील से बनी वस्तुओं को आकर्षित करता है। चुंबकीय पदार्थ पर लगने वाला बल चुंबकीय बल कहलाता है। जैसे चुंबक से लोहे की कीलें आकर्षित होती हैं।

3. स्थिर विद्युतीय बल (Electric Static Force) – जब प्लास्टिक और टैरीलीन जैसे पदार्थ परस्पर रगड़े जाते हैं तो उनमें विद्युत् उत्पन्न होती है। इस विद्युत् कारण उत्पन्न बल, स्थिर विद्युतीय बल कहलाता है। जैसे-जब शीशे की छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ा जाता है, तो शीशे की छड़, कागज़ के टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसा स्थिर विद्युतीय बल के कारण होता है।

4. गुरुत्व बल – धरती की सतह के ऊपर और निकट पाई जाने वाली वस्तुओं पर धरती एक बल लगाती है, जिसे गुरुत्व बल कहते हैं। ऊँचाई से छोड़ी गई कोई भी वस्तु, धरती पर गुरुत्व बल के कारण गिरती है।

5. घर्षण बल – एक वस्तु का दूसरी वस्तु के ऊपर गति करने से, उन दोनों के बीच उत्पन्न बल को घर्षण बल कहते हैं। घर्षण बल, वस्तु की गति से उल्ट दिशा में होता है। जैसे काँच की गोली धरती पर कुछ समय लुढ़कने के बाद रुक जाती है। यह घर्षण बल के कारण होता है।

प्रश्न 2.
एक वस्तु पर बल लगने के परिणाम लिखिए।
उत्तर-
बल लगाने से वस्तु पर प्रभाव-

  1. गति में परिवर्तन-बल वस्तु की गति बदल सकता है।
  2. दिशा में परिवर्तन-बल से गति की दिशा में परिवर्तन होता है।
  3. गति और दिशा दोनों में परिवर्तन-बल वस्तु की गति और दिशा दोनों बदल सकता है।
  4. आकृति और आकार में परिवर्तन-बल से वस्तु की आकृति और आकार दोनों बदले जा सकते हैं।

प्रश्न 3.
बल की लाभ और हानियाँ लिखिए।
उत्तर-
बल के लाभ-

  1. यह एक स्थिर वस्तु को गति में ला सकता है। जैसे, एक खिलौने को बल लगाकर हिलाया जा सकता है।
  2. इससे गति कर रही वस्तु को धीमा किया जा सकता है। जैसे-बल लगाकर साइकिल की गति कम की जाती
  3. इससे गति की दिशा में परिवर्तन किया जा सकता है। जैसे-बल्लेबाज गेंद को हिट करके उसकी गति और दिशा में परिवर्तन लाता है।
  4. इससे वस्तु की आकृति बदली जा सकती है। जैसे- स्पंज को हथेली से दबाकर अर्थात् बल लगाकर उसकी आकृति बदली जा सकती है।

बल की हानियाँ-

  1. घर्षण बल से वाहनों के टायर और जूते टूट-फूट जाते हैं।
  2. घर्षण बल से ऊष्मा उत्पन्न होती है जो हानिकारक है। तेज़ गति से चलती मशीनों में यह ऊष्मा उनकी कार्यक्षमता को कम करती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब

प्रश्न 4.
एक प्रयोग द्वारा सिद्ध करो कि दाब समान गहराई पर एक समान होता है।
उत्तर-
प्रयोग- एक खाली टीन लो और उसमें एक समान गहराई पर तीन-चार छेद करो और उन्हें सैलोटेप से बंद कर दें। टीन को पानी से भर दो
और सभी सैलोटेप को हटा दो। पानी सभी छेदों से एक समान गति से बाहर निकलता है और समान दूरी पर पहुँचता है।
इस प्रयोग से सिद्ध होता है कि समान गहराई पर दाब एक समान होता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 11 बल तथा दाब 4

प्रश्न 5.
प्रयोग द्वारा वायुमंडलीय दाब की उपस्थिति दर्शाइए।
उत्तर-
प्रयोग – एक धातु का टीन लो। उसमें थोड़ा पानी डालें। ढक्कन उतार दें और टीन को गर्म करें। पानी उबलना शुरू कर देगा और भाप बाहर निकल जाएगी। भाप के साथ टीन में से वायु भी बाहर निकल जाएगी। अब ढक्कन को बंद कर दें और टीन पर ठंडा पानी डालें। पानी से टीन में बची भाप पानी बन जाएगी और टीन में निर्वात पैदा हो जाएगा जिसके फलस्वरूप वायुमंडलीय दाब भीतरी दाब से बढ़ जाएगा और टीन को पिचका देगा।
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

PSEB 8th Class Science Guide किशोरावस्था की ओर Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित पदार्थ का क्या नाम है ?
उत्तर-
हार्मोन (Hormone) ।

प्रश्न 2.
किशोरावस्था को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
किशोरावस्था (Adolescence) – जीवनकाल की वह अवधि, जब जनन विकास के कारण शरीर में परिवर्तन होते हैं, किशोरावस्था कहलाती है। यह अवस्था 11 वर्ष की आयु से 18 या 19 वर्ष की आयु तक रहती है। किशोरावस्था को टीनेजर्स (Teenagers) भी कहते हैं। लड़कियों में यह अवस्था लड़कों की अपेक्षा एक या दो वर्ष पूर्व प्रारंभ हो जाती है। यह अवस्था की अवधि विभिन्न व्यक्तियों में भिन्न होती है।

प्रश्न 3.
ऋतुस्त्राव क्या है ? वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ऋतुस्त्राव (Monstrual Cycle) – स्त्री में रजोधर्म चक्र अथवा ऋतुस्राव किशोरावस्था से प्रारंभ होता है, जो सामान्य रूप से प्रत्येक 28 दिनों के बाद स्त्री के सारे जनन जीवन (गर्भ धारण अवस्था छोड़कर) में नियमित चलता रहता है। इस चक्र की एक अवस्था में गर्भाशय से रुधिर प्रवाह होता है। इसको मासिक धर्म अथवा ऋतुस्त्राव कहते हैं। इस चक्र में लिंग हार्मोन गर्भाशय की दीवार को अंडे के चिपकने के लिए तैयार करते हैं। जब गर्भ धारण नहीं होता तो दीवार की तरह वह टूट जाती है और डिसचार्ज हो जाती है। यह ऋतु स्त्राव सामान्यतः 10 से 14 वर्ष की आयु में शुरू होता है और 45-50 वर्ष तक चलता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 10 किशोरावस्था की ओर

प्रश्न 4.
यौवनारंभ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची बनाइए।
उत्तर-
यौवनारंभ की अवधि 11 से 19 वर्ष के बीच की है। इस अवस्था में निम्न परिवर्तन आते हैं-
यौवनारंभ में लड़कों में परिवर्तन-

  1. अचानक लंबाई में वृद्धि होना। बाजू और टाँगों की अस्थियाँ लंबी हो जाती हैं और लड़का लंबा हो जाता है।
  2. कंधे और वक्ष दोनों ही चौड़े हो जाते हैं।
  3. शरीर की माँसपेशियाँ विकसित हो जाती हैं।
  4. आवाज़ भारी हो जाती है। ऐडम्स (Adams Apple) ऐपल, सुस्पष्ट उभरा भाग गले में दिखाई देता है। आवाज़ भर्राने लगती है।
  5. पसीना और स्वैद ग्रंथियों के स्त्राव में वृद्धि के कारण चेहरे पर कुंसियाँ और मुँहासे हो जाते हैं।
  6. नर जननांग जैसे शिश्न एवं वृषण पूर्णतः विकसित हो जाते हैं।
  7. लड़कों के सीने, बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग में बाल आ जाते हैं।

यौवनारंभ में लड़कियों में परिवर्तन-

  1. लंबाई में वृद्धि तुलनात्मक कम होती है।
  2. कमर के नीचे का भाग चौड़ा हो जाता है।
  3. लड़कियों का स्वरयंत्र नज़र नहीं आता। उनकी आवाज़ उच्च तारत्व वाली होती है।
  4. लड़कों की तरह, चेहरे पर मुँहासे हो जाते हैं।
  5. अंडाशय बड़े हो जाते हैं और अंडाणु विकसित होने लगते हैं।
  6. स्तन विकसित हो जाते हैं।
  7. बगल और जाँघों में बाल आ जाते हैं।

प्रश्न 5.
दो कॉलम वाली एक सारणी बनाइए जिसमें अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम तथा उनके द्वारा स्रावित हार्मोन के नाम दर्शाए गए हों।
उत्तर-अग्र सारणी में अंत:स्त्रावी ग्रंथियों के नाम और उनके हार्मोन दर्शाए गए हैं-

अंत:स्त्रावी ग्रंथि (Endocrine Glands) हार्मोन (Hormones)
(1) पीयूष (Pituitary gland) (1) वृद्धि हार्मोन (Growth Hormone)
(2) थायराइड (Thyroid) (2) थायराक्सिन हार्मोन (Thyroxin Hormone)
(3) एड्रीनल (Adrenal) (3) एड्रिनेलिन (Adrenal)
(4) अग्न्याशय (Pancreas) (4) इंसुलिन (Insulin)
(5) वृषण (Testis) (5) एंड्रोजन (टैस्टोस्टीरॉन) (Endrogen)
(6) अंडाशय (Ovaries) (6) एस्ट्रोजन (Estrogen)

प्रश्न 6.
लिंग हार्मोन क्या हैं ? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया ? उनके प्रकार्य बताइए।
उत्तर-
लिंग हार्मोन – नर में वृषण द्वारा और मादा में अंडाशय द्वारा स्त्रावित हार्मोन, लिंग हार्मोन कहलाते हैं। इन्हें यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह नर और मादा लिंग में भिन्न-भिन्न होते हैं।

नर लिंग हार्मोन (टेस्टोस्टरॉन) वृषण द्वारा स्त्रावित होता है। इससे लड़के में चेहरे के बालों में वृद्धि होती है। यह शुक्राणु उत्पन्न करने की क्षमता उत्पन्न करता है।

मादा लिंग हार्मोन (एस्ट्रोजन) अंडाशय द्वारा स्त्रावित होते हैं। यह मादा में गौण जनन लक्षण जैसे स्तनों की वृद्धि आदि को नियंत्रित करते हैं। यह गर्भधारण में सहायक है।

प्रश्न 7.
सही विकल्प चुनिए-

(क) किशोरों को सचेत रहना चाहिए कि वे क्या खा रहे हैं, क्योंकि
(i) उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है।
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के उचित आहार की आवश्यकता होती है।
(iii) किशोर को हर समय भूख लगती रहती है।
(iv) किशोर में स्वाद कलिकाएँ (ग्रंथियाँ) भली-भाँति विकसित होती हैं।
उत्तर-
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है।

(ख) स्त्रियों में जनन आयु (काल) का प्रारंभ उस समय होता है जब उनके :
(i) ऋतुस्त्राव प्रारंभ होता है।
(ii) स्तन विकसित होना प्रारंभ करते हैं।
(iii) शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है।
(iv) शरीर की लंबाई बढ़ती है।
उत्तर-
(i) ऋतुस्त्राव प्रांरभ होता है।

(ग) निम्न में से कौन-सा आहार किशोर के लिए सर्वोचित है ?
(i) चिप्स, नूडल्स, कोक
(ii) रोटी, दाल, सब्ज़ियाँ
(iii) चावल, नूडल्स, बर्गर
(iv) शाकाहारी टिक्की, चिप्स तथा लेमन पेय।
उत्तर-
(ii) रोटी, दाल, सब्जियाँ।

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प्रश्न 8.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए-
(i) ऐडम्स ऐपॅल
(ii) गौण लैंगिक लक्षण
(ii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण।
उत्तर-
(i) ऐडम्स ऐप्पल (Adam’s Apple) – यौवनारंभ में लड़कों में स्वरयंत्र के बढ़ने से जो अंग गले में सुस्पष्ट उभरा हुआ नज़र आता है, इसे ऐडम्स ऐप्पल कहते हैं।
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(ii) गौण लैंगिक लक्षण (Secondary Sexual Characters) – वृषण और अंडाशय जननांग हैं। वे युग्मक उत्पन्न करते हैं जैसे शुक्राणु और अंडाणु/लड़कियों में स्तनों का विकास होता है और लड़कों में चेहरे पर दाड़ी, मूंछ आने लगती है। यह लक्षण लड़की और लड़के को भिन्न करने में मदद करते हैं। इसलिए इन्हें गौण लैंगिक लक्षण कहते हैं। लड़कों के सीने पर बाल आ जाते हैं। दोनों, लड़कों और लड़कियों के बगल और जांघों के ऊपरी भाग अथवा प्यूबिक क्षेत्र में बाल आ जाते हैं।

(ii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण-
लिंग निर्धारण विशेष लिंग गुणसूत्रों के आधार पर होता है। नर में XY गुणसूत्र होते हैं और मादा में XX गुणसूत्र विद्यमान होते हैं। इससे स्पष्ट है कि मादा के पास Y गुणसूत्र होता ही नहीं है। जब नर-मादा के संयोग से संतान उत्पन्न होती है तो मादा किसी भी अवस्था में नर शिशु को उत्पन्न करने में समर्थ हो ही नहीं सकती क्योंकि नर शिशु में XY गुणसूत्र होने चाहिए।
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निषेचन क्रिया में यदि पुरुष का X लिंग गुणसूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलता है तो इससे XX जोड़ा बनेगा। अत: संतान लड़की के रूप में होगी लेकिन जब पुरुष का Y लिंग गुणसूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलकर निषेचन करेगा तो XY बनेगा। इससे लड़के का जन्म होगा। किसी भी परिवार में लड़के या लड़की का जन्म पुरुष के गुणसूत्रों पर निर्भर करता है, क्योंकि Y गुणसूत्र तो केवल उसी के पास होता है।

प्रश्न 9.
शब्द पहेली : शब्द बनाने के लिए संकेत संदेश का प्रयोग कीजिए-
बाईं से दाईं ओर
3. एड्रिनल ग्रंथि से स्रावित हार्मोन
4. मेंढक में लारवा से वयस्क तक होने वाला परिवर्तन
5. अंत: स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ
6. किशोरावस्था को कहा जाता है।

ऊपर से नीचे की ओर
1. अंत: स्रावी ग्रंथियों का दूसरा नाम
2. स्वर पैदा करने वाला अंग
3. स्त्री हार्मोन।
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उत्तर-
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प्रश्न 10.
नीचे दी गई सारणी में आयु वृद्धि के अनुपात में लड़कों एवं लड़कियों की अनुमानित लंबाई के आँकडे दर्शाए गए हैं। लड़के एवं लड़कियां दोनों की लंबाई एवं आयु को प्रदर्शित करते हुए एक ही कागज़ – पर ग्राफ खींचिए। इस ग्राफ से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ?
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उत्तर-
उपरोक्त ग्राफ से पता लगता है कि लड़कों और लड़कियों दोनों में लंबाई वृद्धि लगभग एक समान होती है। यह वृद्धि पहले 8 वर्षों तक लड़कियों में कम और फिर 20 वर्ष तक समान होती है।

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PSEB Solutions for Class 8 Science किशोरावस्था की ओर Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कॉलम I में दी गई हार्मोन ग्रंथि को कॉलम II में दिए गए हार्मोनों से मिलाइए।

कॉलम I कॉलम I
(क) थाइरॉयड 1. थाइरोट्रापिक
(ख) वृषण 2. थायराक्सिन
(ग) अंडाशय 3. टेस्टोस्टरॉन
(घ) पीयूष 4. एस्ट्रोजन।

उत्तर-

कॉलम I कॉलम I
(क) थाइरॉयड 2. थायराक्सिन
(ख) वृषण 3. टेस्टोस्टरॉन
(ग) अंडाशय 4. एस्ट्रोजन
(घ) पीयूष 1. थाइरोट्रापिक।

प्रश्न 2.
मानव में दो अंतःस्त्रावी ग्रंथियों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. पीयूष
  2. थाइरॉयड।

प्रश्न 3.
कौन-सी अंतःस्त्रावी ग्रंथि वृद्धि हार्मोन उत्पन्न करती है ?
उत्तर-
पीयूष ग्रंथि (Pituitary gland)।

प्रश्न 4.
मादा जनन कोशिका को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
अंडा (Ova).

प्रश्न 5.
मानव में वृद्धि किस आयु में रुक जाती है ?
उत्तर-
20-25 वर्ष की आयु में।

प्रश्न 6.
थाइराक्सिन हार्मोन का मुख्य तत्त्व क्या है ?
उत्तर-
आयोडीन (Iodine)।

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प्रश्न 7.
कौन-सी ग्रंथि से एडीनेलिन उत्पन्न होती है ?
उत्तर-
एड्रीनल ग्रंथि (Adrenal gland)।

प्रश्न 8.
नर और मादा जनन हार्मोनों के नाम लिखिए।
उत्तर-
टेस्टोस्टरॉन और एस्ट्रोजन।

प्रश्न 9.
निम्न के नाम लिखिए-
(i) ग्रंथियाँ जो हार्मोन उत्पन्न करती हैं।
(ii) हार्मोन की प्रकृति।
(iii) मास्टर ग्रंथि।
(iv) थाइरॉयड ग्रंथि से स्त्रावित हार्मोन।
(v) आयोडीन की कमी से होने वाला रोग।
(vi) हार्मोन जो शक्कर का स्तर नियंत्रित करता है।
(vii) ‘आपातकालीन हार्मोन’ उत्पन्न करने वाली ग्रंथि।
उत्तर-
(i) अंत: स्त्रावी ग्रंथियाँ अथवा नलिकाविहीन ग्रंथियाँ ।
(ii) रासायनिक स्त्राव
(iii) पीयूष ग्रंथि
(iv) थाइराक्सिन
(v) घेघा (Goitre)
(vi) इंसुलिन तथा ग्लूकोज़न
(viii) एड्रीनल।

प्रश्न 10.
लिंग गुणसूत्रों (Sex Chromosomes) को परिभाषित करें।
उत्तर-
लिंग गुणसूत्र (Sex Chromosomes) – वे गुणसूत्र जो लिंग निर्धारण से संबंध रखते हैं, लिंग गुणसूत्र कहलाते हैं। मादा में XX और नर में XY गुणसूत्र है।

प्रश्न 11.
मानव कोशिका में कितने गुणसूत्र पाए जाते हैं ?
उत्तर-
46 (44 सामान्य गुणसूत्र और एक जोड़ी लिंग गुणसूत्र)।

प्रश्न 12.
किशोरावस्था कब आरंभ और खत्म होती है ?
उत्तर-
किशोरावस्था 11 वर्ष की आयु से आरंभ होकर 18 अथवा 19 वर्ष की आयु तक रहती है।

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प्रश्न 13.
ग्रंथियां जो अपना स्त्राव सीधा रक्त प्रवाह में बहने देती हैं …………………….. कहलाती हैं।
उत्तर-
अतःस्त्रावी ग्रंथियाँ (Endocrine glands) |

प्रश्न 14.
‘लक्ष्य स्थल’ क्या है ?
उत्तर-
लक्ष्य स्थल – शरीर का वह भाग जहाँ हार्मोन प्रभावित होते हैं।

प्रश्न 15.
मादा मानव में जनन प्रक्रिया की अवधि क्या है ?
उत्तर-
मादा में जनन प्रक्रम 10-12 वर्ष की आयु में विकसित होता है और 45-50 वर्ष की आयु में खत्म हो जाता है।

प्रश्न 16.
रजोदर्शन (Menarche) की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
रजोदर्शन : यौवनारंभ का पहला ऋतु स्राव रजोदर्शन कहलाता है।

प्रश्न 17.
रजोनिवृत्ति (Menopause) क्या है ?
उत्तर-
रजोनिवृत्ति : ऋतु स्त्राव का रुक जाना रजोनिवृत्ति कहलाता है।

प्रश्न 18.
नर और मादा के लैंगिक गुण सूत्र कौन-से हैं ?
उत्तर-
मादा में दो X-गुणसूत्र (XX) होते हैं जबकि नर में एक X-गुणसूत्र और दूसरा Y-गुणसूत्र होता है। (XY).

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प्रश्न 19.
पीयूष ग्रंथि कहाँ होती है ?
उत्तर-
मस्तिष्क के पास।

प्रश्न 20.
कीटों और मेढकों के कायांतरण में से कौन-से हार्मोन उपयोग में आते हैं ?
उत्तर-
कीट हार्मोन।

प्रश्न 21.
AIDS को विस्तृत रूप में लिखें।
उत्तर-
AIDS : एक्वायरड इम्यूनो डैफीशेंसी सिंड्रॉम। (Acquired Immuno Deficiency Syndrome).

प्रश्न 22.
भारतीय संविधान के अनुसार विवाह की आयु क्या है ?
उत्तर-
लड़की की न्यूनतम आयु-18 वर्ष
लड़के की न्यूनतम आयु-21 वर्ष।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लड़की के 10-15 वर्ष की आयु में हार्मोन क्या करते हैं ?
उत्तर-
10-15 वर्ष की आयु में लड़की के स्तन विकसित होते हैं और नितंब गोल हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
लड़के की 10-15 वर्ष की आयु में हार्मोन क्या प्रभाव डालते हैं ?
उत्तर-
लड़के के शरीर में हार्मोन का प्रभाव-

  1. उसकी आवाज़ भर्राने लगती है और गहरी हो जाती है।
  2. चेहरे और सीने पर बाल आ जाते हैं।
  3. शरीर की माँसपेशियाँ विकसित हो जाती हैं।
  4. वृषण शुक्राणु पैदा करना आरंभ कर देते हैं।

प्रश्न 3.
संक्षिप्त नोट लिखें-
(i) ऋतुस्त्राव
(ii) रजोनिवृत्ति।
उत्तर-
(i) ऋतुस्त्राव – भ्रूण की म्यूक्स झिल्ली का नष्ट होना और प्रति माह रक्त स्त्राव होना ऋतुस्त्राव कहलाता है। यह प्रक्रम मादा मानव और मादा स्तनधारी में होता है।

(ii) रजोनिवृत्ति – ऋतु स्त्राव का रुकना रजोनिवृत्ति है। यह 45-55 वर्ष की आयु में होता है।

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प्रश्न 4.
मादा मानव में जनन चक्र समझाइए।
उत्तर-
ऋतुस्त्राव (Monstrual Cycle) – स्त्री में रजोधर्म चक्र अथवा ऋतुस्राव किशोरावस्था से प्रारंभ होता है, जो सामान्य रूप से प्रत्येक 28 दिनों के बाद स्त्री के सारे जनन जीवन (गर्भ धारण अवस्था छोड़कर) में नियमित चलता रहता है। इस चक्र की एक अवस्था में गर्भाशय से रुधिर प्रवाह होता है। इसको मासिक धर्म अथवा ऋतुस्त्राव कहते हैं। इस चक्र में लिंग हार्मोन गर्भाशय की दीवार को अंडे के चिपकने के लिए तैयार करते हैं। जब गर्भ धारण नहीं होता तो दीवार की तरह वह टूट जाती है और डिसचार्ज हो जाती है। यह ऋतु स्त्राव सामान्यतः 10 से 14 वर्ष की आयु में शुरू होता है और 45-50 वर्ष तक चलता है।

यदि अंडाणु शुक्राणु से निषेचित हो जाता है, तो युग्मनज गर्भाशय में विकसित होता है और विकसित होता भ्रूण, गर्भ कहलाता है और अपरा (Placenta) से पोषण ग्रहण करता है। इस अवधि में अंडोत्सर्जन और ऋतुस्त्राव नहीं होता परंतु यह सभी कार्यविधियाँ बच्चे के जन्म के बाद पुनः आरंभ हो जाती हैं।

प्रश्न 5.
प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य से क्या भाव है ?
उत्तर-
प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य (Reproductive Health) – जनन अंगों की संभाल तथा सफ़ाई की आवश्यकता होती है। यदि हम ऐसा नहीं करते, तो हमें कई प्रकार के संक्रमण रोग हो सकते हैं। इनकी सही संभाल जानकारी की आवश्यकता है। इसलिए प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य भी व्यक्तिगत स्वास्थ्य का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। जनन अंगों के कारण होने वाले रोगों को सैक्सूयली ट्रांसमिटड रोग (S.T.D.) कहते हैं।

प्रश्न 6.
AIDS फैलने के तरीके लिखिए।
उत्तर-
AIDS (Acquired Immuno Deficiency Syndrome)
फैलने के तरीके – संक्रमित रक्त देने से, संक्रमित सूइयों के उपयोग से, कृत्रिम गर्भारोधन से और संक्रमित व्यक्ति से लैंगिक संपर्क रखने से।

प्रश्न 7.
रजोदर्शन और रजोनिवृत्ति में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
रजोदर्शन और रजोनिवृत्ति में अंतर-

रजोदर्शन (Menarche) रजोनिवृत्ति (Menopause)
(i) यौवनारंभ में पहला ऋतु स्राव (i) ऋतु स्राव का रुकना
(ii) 11-12 वर्ष की आयु में (ii) 40-45 वर्ष की आयु में।

प्रश्न 8.
सत्य (T) और असत्य (F) कथन अंकित करें-
(i) निषेचन क्रिया में शुक्राणु और अंडाणु का युग्म होता है।
(ii) ऋतुस्त्राव की मानव मादा में अवधि 20 दिन होती है।
(iii) ऋतुस्त्राव के शुरू होने को रजोनिवृत्ति कहते हैं।
(iv) मानव में नर मादा से कुछ देर में किशोरावस्था में आते हैं।
उत्तर-
(i) सत्य (T)
(ii) असत्य (F)
(iii) असत्य (F)
(ii) सत्य (T).

प्रश्न 9.
अंतःस्त्रावी ग्रंथियों को नलिका रहित ग्रंथियाँ क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
हार्मोन का स्थानांतरण नलियों द्वारा नहीं होता बल्कि द्रव्यों द्वारा होता है। इसलिए अंत: स्त्रावी ग्रंथियों को नलिका रहित ग्रंथियाँ भी कहते हैं।

प्रश्न 10.
किस ग्रंथि का स्त्राव पीयूष ग्रंथि के स्त्राव को कम कर देता है ?
उत्तर-
थाइरॉइड ग्रंथि का स्त्राव थाइरॉक्सिन की अधिक मात्रा पीयूष ग्रंथि के स्त्राव (हार्मोन) को कम करता है।

प्रश्न 11.
एडीनेलिन स्त्राव भयभीत स्थिति में बढ़ जाता है ? यह कौन-सी उत्तेजना है ?
उत्तर-
भयभीत दृश्य एक ऐसी उत्तेजना है जिसके कारण एड्रिनेलिन स्त्राव बढ़ जाता है। इसलिए एड्रिनेलिन स्त्राव उत्तेजना का परिणाम है।

प्रश्न 12.
एक चित्र बनाइए जिसमें सभी अंत:स्त्रावी ग्रंथियाँ दर्शाइए।
उत्तर-
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प्रश्न 13.
पीयूष ग्रंथि के कुछ कार्य लिखिए।
उत्तर-
पीयूष ग्रंथि के कार्य-

  1. वृद्धि का नियंत्रण
  2. थाइरॉयड, एड्रीनल और लैंगिक ग्रंथियों को प्रभावित करती है।
  3. जलचर और मछलियों में रंग परिवर्तित करना।

प्रश्न 14.
किसी किशोर को उचित आहार क्यों खाना चाहिए ?
उत्तर-
किशोर की आयु में वृद्धि हो रही होती है। उचित आहार वृद्धि करती हड्डियों, पेशियों और दूसरे भागों के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 15.
किशोर आत्मनिर्भर कैसे हो जाते हैं ?
उत्तर-
किशोर आत्मनिर्भर और सचेत होते हैं। यह अवधि उनकी सोच में परिवर्तन लाती है। विचारों में बदलाव आते हैं और किशोर कल्पनाओं में अपना समय व्यतीत करता है। सच्चाई यह है कि इस अवधि में मस्तिष्क की सीखने की क्षमता अत्यधिक होती है। कभी-कभी, किशोर अपने आप को अपने शरीर और मन के बदलावों के अनुरूप नहीं ढाल पाते और स्वयं को असुरक्षित समझते हैं।

प्रश्न 16.
वर्णन करो कि लैंगिक हार्मोन पीयूष ग्रंथि पर निर्भर करते हैं ?
उत्तर-
लैंगिक हार्मोन पीयूष ग्रंथि द्वारा नियंत्रित होते हैं। पीयूष ग्रंथि कई हार्मोन स्त्रावित करता है। उनमें से एक हार्मोन FSH है। यह अंडाणु और शुक्रास्त्राणु को अंडाशय और वृषण में क्रमशः विकसित करते हैं। जैसे- पीयूष ग्रंथि से स्त्रावित हार्मोन टेस्टोस्टरॉन और एस्ट्रोजन को उत्तेजित करते हैं। हार्मोन स्त्रावित होकर लक्ष्य स्थल पर पहुँचते हैं। शरीर में परिवर्तन लाते हैं और यौवनारंभ हो जाता है।

प्रश्न 17.
किशोरों को नशीले पदार्थों को ‘न’ कहना चाहिए। क्यों ?
उत्तर-
किशोर अवस्था में मन और शरीर अत्यधिक क्रियाशील होता है। इसलिए असुरक्षित और बेचैन नहीं होना चाहिए और किसी द्वारा सुझाया गया तरीका अर्थात् नशा करने से आराम मिल सकता है, कभी न अपनाएँ। यदि किसी डॉक्टर ने दवाई के रूप में दिया है तो अवश्य ग्रहण करें। जब एक बार नशा करने की लत लग जाती है तब बार-बार नशा करने को मन करता है। नशे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। यह स्वास्थ्य और खुशियों को खत्म कर देते हैं।

प्रश्न 18.
किशोरों में कुछ भ्रांतियाँ लिखिए।
उत्तर-
किशोरों में कुछ भ्रांतियाँ-

  1. लड़की यदि ऋतुस्त्राव में लड़कों की तरफ देखे तो गर्भधारण हो जाता है।
  2. वीर्य की एक बूंद नष्ट होने का अर्थ है, 10 बूंदें रुधिर की नष्ट होना, जिससे लड़का कमज़ोर हो जाता है।
  3. माता शिशु के लिंग को निर्धारित करती है।
  4. ऋतुस्त्राव के दिनों में लड़की को रसोई में नहीं जाने दिया जाता।

प्रश्न 19.
यौवनारंभ के समय आवाज में किस प्रकार का परिवर्तन आता है ?
उत्तर-
यौवनारंभ के समय लड़कों का स्वरयंत्र अपेक्षाकृत बड़ा होकर बाहर की ओर उभरा हुआ दिखाई देता है। लड़कों की आवाज स्वरयंत्र में वृद्धि के कारण भारी या फटी हुई हो जाती है। लड़कियों के स्वरयंत्र में इस प्रकार का अंतर दिखाई नहीं देता। लड़कियों के स्वरयंत्र के छोटा होने के कारण इनकी आवाज पतली व सुरीली होती है।

प्रश्न 20.
हार्मोन के लक्षण लिखें।
उत्तर-
हार्मोन के प्रमुख लक्षण-

  1. हार्मोन अन्तः-स्त्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित होते हैं। इनके कार्य विशिष्ट होते हैं।
  2. ये केवल कार्यक्षेत्र बिंदु पर ही प्रभावी होते हैं, अन्यत्र कहीं नहीं।
  3. इनकी आवश्यकता बहुत कम मात्रा में होती है।

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प्रश्न 21.
पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland) को मास्टर ग्रंथि क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
यह ग्रंथि मस्तिष्क के निचले भाग में स्थित होती है। इसके द्वारा स्त्रावित हार्मोन से हड्डी तथा ऊतकों की वृद्धि को नियंत्रित किया जाता है। यह ग्रंथि ऐसे हार्मोन स्त्रावित करती है, जो अन्य ग्रंथियों के कार्यों को नियंत्रित करते हैं। इसलिए इसे ‘मास्टर ग्रंथि’ कहा जाता है।

प्रश्न 22.
लड़के-लड़कियों का विवाह कम उम्र में क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
कम उम्र में किशोरों के शरीर, विशेष कर जनन अंग मातृत्व का बोझ सहन करने के लिए भली-भाँति तैयार नहीं होते। यदि ऐसी अवस्था में विवाह हो भी जाए तो ऐसे युगलों में स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं जिनसे युवा तनाव में आ सकते हैं और इनका भविष्य इससे प्रभावित हो सकता है। हमारे देश के कानून के अनुसार लड़कियों की 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष आयु ऐसी अवस्था है जब किशोरों को विवाह करने की अनुमति होती है।

प्रश्न 23.
किशोरों में HIV-AIDS के होने की संभावना प्रबल क्यों होती है ?
उत्तर-
काफी संख्या में किशोर तनाव से मुक्ति पाने हेतु ड्रग्स लेना आरंभ कर देते हैं। HIV की संदूषित इंजेक्शन की सूई से ड्रग्स लेने पर यह खतरनाक विषाणु अन्य किशोरों में फैल जाता है। इस विषाणु के फैलने का अन्य कारण असुरक्षित लैंगिक संपर्क भी है। कई मामलों में यह विषाणु पीड़ित (रोगी) माँ से दूध द्वारा शिशु में भी फैल सकता है।
अत: किशोरों को अपने बहुमूल्य जीवन को HIV से बचाने के लिए सचेत रहने की अति आवश्यकता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक सारणी बनाओ जिसमें आयु में वृद्धि के साथ लंबाई में औसतन दर से वृद्धि दर्शाएँ।
उत्तर-
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उदाहरण के लिए – एक लड़के की आयु 8 वर्ष है और लंबाई 108 cm है। वृद्धि अवधि के पश्चात् उसकी लंबाई-
= \(\frac{108}{72}\) × 100 = 150 cm.

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प्रश्न 2.
किशोरावस्था में स्वस्थ शरीर के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं ?
उत्तर-
किशोरावस्था में निम्न परिस्थितियां अथवा कारक उत्तरदायी हैं-

(i) पाचन संबंधी – किशोरावस्था में तीव्र वृद्धि और विकास होता है, इसलिए आहार नियमित और सुचारु ढंग से करना चाहिए। एक संतुलित आहार जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेटस, वसा, विटामिन और खनिज उचित अनुपात में होते हैं। भारतीय भोजन जिसमें रोटी, चावल, दाल और सब्जियाँ, दूध, फल एक संतुलित आहार है।
चिप्स और डिब्बाबंद नाश्ते स्वादिष्ट तो होते हैं परंतु नियमित रूप से सेवन नहीं करने चाहिएं क्योंकि उनमें पोषक तत्त्वों की कमी होती है।
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(ii) व्यक्तिगत सफ़ाई – प्रतिदिन स्नान आवश्यक है क्योंकि तेलीय ग्रंथियों से स्त्रावित द्रव्य शरीर में बदबू पैदा करते हैं। शरीर के सभी भागों की नित्यप्रति सफ़ाई आवश्यक है। यदि सफ़ाई पर ध्यान न दिया गया तो जीवाणु संरक्षण हो सकता है। लड़कियों को ऋतुस्त्राव अवधि का ध्यान रखना चाहिए।

(iii) व्यायाम – टहलना और खेलना शरीर को स्वस्थ रखता है। किशोरों को खेल में टहलना, व्यायाम करना और खेलना चाहिए।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 7 कम्प्यूटर जनरेशन्स

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 7 कम्प्यूटर जनरेशन्स

कम्प्यूटर जनरेशन्ज़
कम्प्यूटर की तकनीकी शब्दावली में जनरेशन से अभिप्राय कम्प्यूटर की टैक्नोलॉजी में बदलाव से है। पहले जनरेशन से सिर्फ हार्डवेयर बदलाव से ही माना जाता था परंतु आप इसमें हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर दोनों प्रकार के बदलाव शामिल हैं। कम्प्यूटर को टैकनॉलोजी के बदलाव के हिसाब से पांच जनरेशन में विभाजित किया जाता है।

पहली जनरेशन
पहली जनरेशन वैक्यूम ट्यूब प्रयोग करने वाली, बड़े आकार की, महंगी, इस्तेमाल में मुश्किल तथा मशीन भाषा प्रयोग करने वाली थी। इस का समय 1942 से 1955 तक था। इन कम्प्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था। यह वैक्यूम ट्यूब बिजली के बल्ब की तरह दिखाई देती थी इनके प्रयोग से बहुत गर्मी उत्पन्न होती थी तथा यह ट्यूब बहुत जल्दी खराब भी हो जाती थी। इस जनरेशन के कम्प्यूटर बहुत ही बड़े तथा महंगे होते थे। इन कंप्यूटर में बैच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग होता था तथा इसके साथ ही इनमें पंच कार्ड पेपर, टेप तथा मैग्नेटिक टेप का ही प्रयोग होता था।

पहली जनरेशन की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार थीं

  1. वैक्यूम टयूब अकेले विकल्प थे।
  2. मशीन तथा असैंबली भाषा का प्रयोग होता था।
  3. ये आकार में काफ़ी बड़े थे।
  4. ये भरोसे योग्य नहीं थे।
  5. इनका प्रयोग व्यापारिक कार्यों में नहीं हो सकता था।
  6. ये बहुत महंगे तथा प्रयोग में मुश्किल थे।

पहली जनरेशन कम्प्यूटर के नाम

  1. ENIAC
  2. EDVAC
  3. EDSAC
  4. UNIVAC-I
  5. IBM 701

दूसरी जनरेशन दूसरी जनरेशन कम्प्यूटर 1955 से 1964 तक थी। इसमें ट्रांजिस्टर का प्रयोग होता था। ये पहली जनरेशन से आकार में कम, सस्ते, कम बिजली खपत करने वाले, भरोसेमंद तथा तेज थे। इनमें मैगनैटिक कोर वाली प्राइमरी मैमरी तथा मैगनैटिक टेप या डिस्क सैकेण्डरी स्टोरेज के तौर पर प्रयोग होती थी। इन कम्प्यूटरों में FORTRAN तथा COBOL जैसी भाषाएं प्रयोग होती थीं। इनमें बैच प्रोसैसिंग तथा मल्टी प्रोग्रामिंग आपरेटिंग सिस्टम प्रयोग होते थे। इन कम्प्यूटर की उत्पादकता अभी भी मुश्किल थी।

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इनकी कीमत भी ज्यादा थी। दूसरी जनरेशन की मुख्य विशेषताएं तथा गुण-

  1. इसका मुख्य भाग ट्रांजिस्टर, मैगनैटिक कोर मैमरी, मैगनैटिक टेप तथा डिस्क का प्रयोग होता था।
  2. वैच आपरेटिंग सिस्टम तथा हाई लैवल प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग होता था।
  3. यह पिछली जनरेशन से तेज, छोटे, भरोसेलायक तथा प्रोग्राम करने में आसान थे। इनका प्रयोग वैज्ञानिक तथा व्यापारिक कार्यों के लिए किया जाता है।
  4. इनका उत्पादन मुश्किल था।
  5. यह महंगे होते थे।
  6. यह पहली जनरेशन से कम गर्मी पैदा करते थे।
  7. इन में बिजली की खपत कम होती थी।

दूसरी जनरेशन सिस्टम के नाम

  • IBM 7030
  • UNIVAC – LARC तीसरी जनरेशन

तीसरी जनरेशन
कम्प्यूटर 1964 से 1975 तक थे। इनमें आई० सी० का प्रयोग होता था। इसमें कई ट्रांजिस्टर तथा कपैसटर लगे होते थे। ये कम्प्यूटर छोटे आकार के, भरोसे लायक तथा बढ़िया थे। इनमें रिमोट प्रोसैसिंग, टाइम शेयरिंग, रियल टाइम, मल्टी प्रोग्रामिंग आपरेटिंग सिस्टम प्रयोग किये जाते थे। इन कम्प्यूटरों में हाई लैवल भाषाएं जैसे FORTRAN II-IV, COBOL, PASCAL PL/1, BASIC, ALGOL-68 आदि प्रयोग होती थी। इन कम्प्यूटरों की उत्पादकता तथा अपग्रेड आसान था। इनका प्रयोग वैज्ञानिक, व्यापारिक तथा इंटरएक्टिव ऑनलाइन कामों के लिए होता था। IBM, 360/370, PDP-8, 11, CDC-6600 आदि इसकी उदाहरण हैं।

तीसरी जनरेशन की मुख्य विशेषताएं तथा गुण

  1. इनका मुख्य पुर्ने IC या जो SSI तथा MSI तकनीक का प्रयोग करते थे।
  2. बड़ी मैगनैटिक कौर मैमरी, डिस्क तथा मैगनैटिक टेप का प्रयोग होता था।
  3. इनमें टाइम शेयरिंग तथा मल्टी प्रोग्रामिंग आपरेटिंग सिस्टम प्रयोग होते थे।
  4. इनका उत्पादन आसान था तथा अपग्रेड भी आसानी से होते थे।
  5. इनका वैज्ञानिक, व्यापारिक तथा इंटरएक्टिव आन लाइन कार्यों के लिए प्रयोग होता था।

कम्प्यूटर जनरेशन्ज़
चौथी जनरेशन चौथी जनरेशन में IBM PC, Apple-II, Cray-I, Cray-II तथा Cray-X/MP कम्प्यूटर सिस्टम थे। 1975 से 1989 तक का समय चौथी जनरेशन कम्प्यूटर का समय था। इनमें वैरी लार्ज स्केल इंटीग्रेटिड सर्कट (VLSI) का प्रयोग होता था। इससे एक विषय पर पांच हज़ार ट्रांजिस्टर तथा अन्य पुर्जे लग जाते थे। इससे माइक्रो कम्प्यूटर का निर्माण सम्भव हुआ। ये कम्प्यूटर बहुत शक्तिशाली, छोटे, भरोसे लायक तथा आसानी से खरीदने लायक थे। इससे पर्सनल कम्प्यूटर का युग शुरू हो गया। इस जनरेशन में टाइम शेयरिंग, रीयल टाइम, नैटवर्क, डिस्ट्रीबियुटिड आपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग होता था। इनमें सारी हाई लैवल भाषाएं जैसे कि C, C++, DBMS का प्रयोग होता था।

चौथी जनरेशन की मुख्य विशेषताएं तथा गुण

  1. VLSI वाली तकनीक IC तथा माइक्रो प्रोसैसर का प्रयोग होता है।
  2. सैमी कंडक्टर मैमरी तथा ज्यादा क्षमता वाली हार्डडिस्क का सैकंडरी स्टोरेज के लिए प्रयोग होता था।
  3. मैगनैटिक टेप तथा फ्लापी डिस्क का पोर्टेवल मीडिया के रूप में प्रयोग होता था।
  4. PC में CIUI तथा सिंगल टरमीनल में मल्टीपल विंडो प्रयोग में आई।
  5. मल्टी प्रोसैसिंग आपरेटिंग सिस्टम, यूनिक्स, आपरेटिंग सिस्टम, C, आवजैक्ट ओरिएंटिड डिजाइन का प्रयोग होता था।
  6. PC नैटवर्क आधारित तथा सुपर कम्प्यूटिंग का प्रयोग करते थे।
  7. इनका आकार छोटा, भरोसेमंद, आसानी से खरीदे तथा प्रयोग आने वाले थे।
  8. ये जनरल परपज कम्प्यूटर थे जिनकी उत्पादन तथा अपग्रेडेशन काफ़ी आसान थी।

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पांचवीं जनरेशन
कम्प्यूटर की पांचवीं जनरेशन 1989 से शुरू होती है तथा आज तक चलती है। इसमें VLSI से टैक्नोलोजी ULSI में बदल गई। इसमें माइक्रोप्रोसैसर चिप का प्रयोग होता है जिसमें दस मिलियन मतलब एक करोड़ तक पुर्जे लगे होते हैं। यह जनरेशन समांतर प्रोसैसिंग हार्डवेयर तथा आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के आधार पर कार्य करती है।
AI में शामिल है

  1. रोवोटिक
  2. गेम प्लेईंग
  3. एक्सपर्ट सिस्टम
  4. मानवी भाषाओं को समझना तथा बोलना इसमें हाई लेबल भाषाएं जैसे C, C++, Java आदि का प्रयोग होता है।

पांचवीं जनरेशन कम्प्यूटर के नाम

  1. IBM नोटबुक
  2. पेंटियम पीसी
  3. Sun वर्क स्टेशन
  4. IBM SP/2
  5. परम 10000

पांचवीं जनरेशन कम्प्यूटर की निम्न विशेषताएं हैं –

  • ULSI तकनीक का प्रयोग होता है।
  • ऑप्टीकल डिस्क का प्रयोग होता है।
  • नोटबुक, डेस्कटॉप, वर्क स्टेशन, सरवर तथा सुपर कम्प्यूटर प्रयोग होते हैं।
  • इंटरनैट तथा कलस्टर कम्प्यूटिंग का प्रयोग होता है।
  • कठिन एप्लीकेशनज़ का प्रयोग होता है।
  • इनकी उत्पादकता तथा अपग्रेड करना आसान है।
  • रैपिड साफ्टवेयर डिवैल्पमैंट संभव है।

IBM नोट बुक, पैंटीयम PC, सन वर्क स्टेशन, 1BM sp/2 तथा परम 10000 इसकी

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3)

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3)

भूमिका
माइक्रोसॉफ्ट पावरप्वाइंट में बहुत सारे एडवांस्ड विकल्प भी मौजूद हैं। इन एडवांस विकल्पों में ट्रांजिशन तथा एनिमेशन इफेक्ट सेट करना, नरेशन दाखिल करना तथा प्रेजेंटेशन को अन्य फाइल फॉर्मेट में सेव करना शामिल होता है।

ट्रांजिशन के साथ कार्य करना 
स्लाइड ट्रांजिशन विजुअल तथा गति से संबंधित इफेक्ट्स होते हैं जो उस समय दिखाई देते हैं जब हम प्रेजेंटेशन को स्लाइड शो के दौरान एक स्लाइड से अगली स्लाइड पर ले जाते हैं। हम ट्रांजिशन इफेक्ट की गति को नियंत्रित कर सकते हैं। हम उस में आवाज़ भी दाखिल कर सकते हैं तथा उसकी दिखावट के स्टाइल को भी बदल सकते हैं। ट्रांजिशन इफेक्ट लागू करने का मुख्य उद्देश्य बढ़िया तथा एनिमेटेड रूप देना होता है। प्रेजेंटेशन में ट्रांजिशन इफेक्ट लागू करने के निम्नलिखित स्टेप प्रयोग किए जाते हैं।

  1. स्लाइड पर क्लिक करो या सिलेक्ट करो, जिस पर ट्रांजिशन लागू करनी है।
  2. ट्रांजिशन टैब के ऊपर Transition to This Slide ग्रुप में अपनी इच्छा अनुसार ट्रांजिशन इफेक्ट का चुनाव करो।
  3. आवश्यकतानुसार अन्य विकल्प जैसे कि इफेक्ट ऑप्शन, साउंड तथा समय अवधि का भी चुनाव करो।
  4. ट्रांजिशन की दिखावट को देखने के लिए Preview बटन पर क्लिक करो।
  5. अगर आप प्रेजेंटेशन की सारी स्लाइड्स पर ट्रांजिशन लगाना चाहते हैं तो Timing ग्रुप में से Apply to All पर क्लिक करो। हम ट्रांजिशन टैब में None बटन पर क्लिक करके स्लाइड पर लगे हुए सारे ट्रांजिशन इफेक्ट्स को खत्म भी कर सकते हैं।

ट्रांजिशन सेटिंग्ज़-पावरप्वाइंट में बहुत सारे ट्रांजिशन इफेक्ट्स लगाए जा सकते हैं। इनमें से कुछ सेटिंग्ज़ का वर्णन नीचे किया गया है।
1. इफेक्ट विकल्प (Effect option)- यह विकल्प ट्रांजिशन टैब में ट्रांजिशन गैलरी के बाद Transition to this slide ग्रुप में मौजूद होती है। इस विकल्प से ट्रांजिशन कैसी हो, उसको बदला जा सकता है। यह हमें ट्रांजिशन इफेक्ट की दिशा तथा ट्रांजिशन इफेक्ट के अन्य विकल्पों को बदलने की सुविधा प्रदान करती है।

2. साउंड (Sound)-यह विकल्प ट्रांजिशन टैब के बाद Timing ग्रुप में मौजूद होता है। इसकी मदद से हम प्रत्येक ट्रांजिशन के ऊपर साउंड या आवाज़ सेट कर सकते हैं।

3. अंतराल (Duration)-यह विकल्प ट्रांजिशन के बाद Timing ग्रुप के अंदर मौजूद होता है। इस विकल्प द्वारा प्रेजेंटेशन की समय अवधि को बढ़ाया या घटाया जा सकता है। ट्रांजिशन कितनी तेज़ चले या कितनी धीमी चले, यह निर्धारित करने के लिए समय अंतराल का मूल्य सेट करना पड़ता है। हम ट्रांजिशन के ऊपर अपनी आवश्यकतानुसार सारी सैटिंग लगाकर अपनी प्रेजेंटेशन को और प्रभावशाली बना सकते हैं। इससे हमारी प्रेजेंटेशन स्लाइड शो भी प्रभावशाली बन जाती है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3)

एनिमेशन के साथ कार्य करना
एनिमेशन विजुअल इफेक्ट्स होते हैं जो ऑब्जेक्ट के ऊपर लगाए जाते हैं तथा जिन का मुख्य उद्देश्य ऑब्जेक्ट को गति प्रदान करना होता है। ये किसी भी प्रकार के हो सकते हैं जैसे कि टेक्सट, तस्वीरें, स्मार्ट आर्ट, ग्राफिक, शेप्स, वीडियो क्लिप आदि एनिमेशन हमारी प्रेजेंटेशन को गतिमान बनाने में सहायता करते हैं जिससे हमारी प्रेजेंटेशन बहुत प्रभावशाली बन जाती है।

पावरप्वाइंट में चार प्रकार के एनिमेशन उपलब्ध होते हैं-
1. एंट्रेंस (Entrance)-प्रेजेंटेशन के दौरान जब कोई ऑब्जेक्ट स्क्रीन के ऊपर दिखाई देना शुरू होता है उस समय अप्लाई की जाने वाली एनिमेशन को एंट्रेंस किस्म की एनिमेशन कहा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य ऑब्जेक्ट को गतिमान रूप से स्लाइड पर लाना होता है। उदाहरण के तौर पर किसी भी ऑब्जेक्ट का स्लाइड पर मूव करते हुए दाखिल होना।

2. प्रभाव (Emphasis)-एनिमेशन का प्रयोग किसी भी ऑब्जेक्ट और दर्शकों का ध्यान खींचने के लिए किया जाता है। यह एनिमेशन किसी भी ऑब्जेक्ट के स्लाइड में दाखिल होने के बाद दिखाई देती है। उदाहरण के तौर पर ऑब्जेक्ट के ऊपर दर्शकों का ध्यान खींचने के लिए, उसका आकार बड़ा करना, उसका रंग बदलना या उसमें कोई अन्य गति प्रदान करना।

3. एग्जिट (Exit)-एनिमेशन का प्रयोग ऑब्जेक्ट के स्लाइड़ से बाहर जाते समय किया जाता है जब यूज़र चाहता है कि उसका ऑब्जेक्ट दर्शकों को दिखना बंद हो जाए तो उसको एक गतिमान रूप से स्लाइड से बाहर किया जा सकता है। उदाहरण के लिए ऑब्जेक्ट का स्लाइड से बाहर जाते समय zoom होते हुए या Fade होते हुए गायब हो जाना।

4. मोशन पाथ (Motion Path)-मोशन पाथ एनिमेशन किसी भी ऑब्जेक्ट को स्लाइड पर अपनी आवश्यकता अनुसार घुमाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें ऑब्जेक्ट के लिए एक रास्ता निर्धारित कर दिया जाता है और वह ऑब्जेक्ट पर घूमते हुए ही स्लाइड में दिखाई पड़ता है। उदाहरण के तौर पर एक ऑब्जेक्ट का दाएं से बाएं की ओर चले जाना।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3) 1

एनिमेशन किस प्रकार लागू करनी है ?
पावरप्वाइंट में पहले से ही परिभाषित एनिमेशन इफेक्ट का एक संग्रह होता है। एनिमेशन इफेक्ट के इस संग्रह को एनिमेशन स्कीम कहा जाता है। हम पहले से परिभाषित एनिमेशन को एक क्लिक करके अपनी
ऑब्जेक्ट पर लगा सकते हैं। पावरप्वाइंट में स्लाइड ऑब्जेक्ट के ऊपर एनिमेशन लागू करने के लिए निम्नलिखित पग प्रयोग किए जाते हैं।

  1. एनिमेशन टैब के ऊपर क्लिक करो।
  2. उस ऑब्जेक्ट का चुनाव करो जिस पर एनिमेशन लागू करनी है।
  3. एनिमेशन ग्रुप में मोर एरो बटन के ऊपर क्लिक करके हम मौजूदा सारी एनिमेशन की किस्मों को देख सकते हैं।
  4. एनिमेशन गैलरी में अपनी आवश्यकतानुसार किसी भी एनिमेशन इफेक्ट का चुनाव करो।

यह चुनाव ऊपर दी गई चार प्रकार की एनिमेशन में से किसी भी प्रकार के लिए किया जा सकता है। आमतौर पर हम किसी भी ऑब्जेक्ट पर तीन प्रकार की एनिमेशन लगाते हैं। पहले उसकी एंट्री के लिए, दूसरी उसको प्रभावशाली बनाने के लिए तथा तीसरी उसके एग्जिट के लिए।
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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3)

एनिमेशन विकल्प के साथ कार्य करना
हम अपने स्लाइड ऑब्जेक्ट पर लागू किए जाने वाले एनिमेशन इफेक्ट को कस्टुमाइज़ भी कर सकते हैं। जैसे कि मोर एरे ऑब्जेक्ट की गति को बढ़ाना या कम करना, इफेक्ट की समय अवधि को कम Effect करना या बढ़ाना, इफेक्ट के क्रम में बदलाव करना, एनिमेशन के क्रम में तबदीली करना आदि एनिमेशन इस इफेक्ट को कस्टुमाइज करने Sequence के लिए हमें एनिमेशन टेप के ऊपर उपलब्ध विकल्पों के मूल्य को बदलना पड़ता है।

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एनिमेशन इफेक्ट कस्टुमाइज़ करने के लिए आम प्रयोग किए जाने वाले कुछ विकल्प निम्नानुसार हैं –
1. इफेक्ट ऑप्शन-कुछ एनिमेशन इफेक्ट में इफेक्ट ऑप्शन भी होते हैं जिनमें बदलाव करके हम अपने एनिमेशन इफेक्ट को और बढ़िया बना सकते हैं। ऑप्शन में मौजूद विकल्प किसी ऑब्जेक्ट के ऊपर लगाई गई एनिमेशन के ऊपर निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिए एनिमेशन इफेक्ट में इफेक्ट ऑप्शन की मदद से यह नियंत्रित किया जा सकता है कि वस्तु किस दिशा से आएगी। इसी प्रकार बुलेटेड लिस्ट के ऊपर एनिमेशन इफेक्ट लगाकर हम अपनी लिस्ट आइटम के क्रम को निर्धारित कर सकते हैं अर्थात् हम यह निर्धारित कर सकते हैं कि टेक्सट किस प्रकार दिखाई देगा जैसे कि हम एनिमेशन टैब का चुनाव करके इफेक्ट से संबंधित विकल्पों को देख सकते हैं।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3) 4

2. ऐड एनिमेशन-हम अपनी स्लाइड में एक ऑब्जेक्ट पर एक से ज्यादा एनिमेशन इफेक्ट भी लागू कर सकते हैं। एक स्लाइड ऑब्जेक्ट के ऊपर चारों प्रकार की एनिमेशन लगाई जा सकती Trigger हैं। उनको इस प्रकार सेट किया जा सकता है कि वह एक के बाद एक चलें। इन से बनने वाला प्रभाव काफी सुंदर तथा आकर्षित हो सकता है।

मल्टीपल एनिमेशन लागू करने के लिए ऑब्जेक्ट का चुनाव करो तथा फिर एनिमेशन इफेक्ट को देखने के लिए बटन पर क्लिक करो। सभी प्रकार के एनिमेशन इफेक्ट ऐड करने के बाद हम उसको देख भी सकते हैं। सभी प्रकार के एनिमेशन को देखने के लिए लाइव प्रीवियू का विकल्प भी मौजूद होता है। इसके लिए हमें माउस प्वाइंटर को उसके ऊपर क्लिक करना पड़ता है। इफेक्ट को लागू करने के लिए उसके ऊपर क्लिक करो। एनिमेशन इफेक्ट को लागू किए गए क्रम के अनुसार ही चलाया जा सकता है।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3) 5

3. एनिमेशन पेन-एनिमेशन पेन हमें मौजूदा स्लाइड में होने वाले सारे इफेक्ट को देखने तथा उनको ठीक से प्रबंधन करने के लिए सहूलत प्रदान करता है। हम एनिमेशन पेन का प्रयोग करके लागू किए गए इस इफेक्ट को सीधे-सीधे एडिट भी कर सकते हैं, उनको क्रमवार भी कर सकते हैं तथा उनसे संबंधित कई प्रकार की सेटिंग्स भी कर सकते हैं। इसका प्रयोग उस समय लाभदायक होता है जब हम ऑब्जेक्ट पर कई प्रकार के इफेक्ट्स लागू करते हैं। एनिमेशन पेन को खोलने के लिए निम्नलिखित स्टेपस का प्रयोग किया जाता है-

  • एनिमेशन टैब के ऊपर एनिमेशन पेन बटन के ऊपर क्लिक करो।
  • एनिमेशन पावरप्वाइंट विंडो में दाएं तरफ खुल जाएगा।

इसमें मौजूदा स्लाइड में उपलब्ध सारे ऑब्जेक्ट के ऊपर लागू किए गए इफेक्ट उसी क्रम में दिखाई देंगे जिस क्रम में स्लाइड शो के दौरान प्रदर्शित किए जाएंगे।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3) 6
एनिमेशन पेन का प्रयोग अपने स्लाइड के ऑब्जेक्ट के ऊपर लागू किए गए एनिमेशन इफेक्ट को क्रमवार करने के लिए कर सकते हैं। एनिमेशन इफेक्ट को दोबारा क्रमवार करने के लिए निम्नलिखित पग प्रयोग किए जाते हैं।
1. एनिमेशन पेन में इफेक्ट के ऊपर क्लिक करो तथा करते हुए उसे ऊपर नीचे की तरफ ले जाओ।
2. इफेक्ट दोबारा क्रमबद्ध हो जाएगा। अगर हम अपने ऑब्जेक्ट के ऊपर लागू किए गए एनिमेशन इफेक्ट को देखना चाहते हैं तो बगैर स्लाइड शो किए सभी इफेक्ट को देखा जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित पगों का प्रयोग किया जाता है।

  • एनिमेशन पेन के ऊपर Play बटन पर क्लिक करो।
  • मौजूदा स्लाइड में इफेक्ट Play होने शुरू हो जाएंगे। एनिमेशन पेन के बाएं तरफ एक समय रेखा दिखाई देगी जो कि प्रत्येक इफेक्ट की प्रगति को दर्शाती है। अगर टाइम लाइन दिखाई नहीं दे रही है तो इफेक्ट के ड्रॉप डाउन एरो पर क्लिक करो तथा वहां पर Show Advanced Timeline विकल्प का चुनाव करो।

4. एनिमेशन पेंटर-इस विकल्प का प्रयोग एनिमेशन इफेक्ट को कॉपी करने के लिए किया जाता है। अगर हम एक जैसे इफेक्ट एक से ज्यादा ऑब्जेक्ट पर लगाना चाहते हैं तो इसके लिए एनिमेशन पेंटर का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग करने से यूज़र के समय की काफी बचत होती है अगर यूज़र इस विकल्प का प्रयोग नहीं करता तो उसे सारे दोबारा सभी ऑब्जेक्ट पर लगाने पड़ेंगे। इससे उसका समय काफी व्यर्थ होगा। एनिमेशन पेंटर का प्रयोग करने के लिए निम्नलिखित पग प्रयोग किए जाते हैं
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3) 7

  • उस ऑब्जेक्ट को सिलेक्ट करो जिस पर आप लागू किए गए इस इफेक्ट को कॉपी करना चाहते हैं।
  • एनिमेशन पेन के ऊपर Animation Painter कमांड पर क्लिक करो।
  • अब उस ऑब्जेक्ट पर क्लिक करो जिस पर आप एनिमेशन इफेक्ट्स लागू करना चाहते हैं। ऑब्जेक्ट पर क्लिक करने के साथ ही उस पर सारे एनिमेशन इफेक्ट कॉपी हो जाएंगे। कॉपी किए गए इन एनिमेशन इफेक्ट्स को बाद में कस्टुमाइज भी किया जा सकता है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3)

5. टाइमिंग इफेक्ट-एनिमेशन टाइप का Timing ग्रुप हमें कई विकल्प प्रदान करता है जो कि एनिमेशन के समय से संबंधित होते हैं। उदाहरण के तौर पर एनिमेशन कब स्टार्ट हो, एनिमेशन के प्रभाव का समय अभी क्या हो, एनिमेशन में देरी का समय क्या हो तथा एनिमेशन इफेक्ट का क्रम बदलने संबंधी विकल्प इस ग्रुप में किसी भी विकल्प के मूल्य को बदलने से हम अपने एनिमेशन को और प्रभावशाली बना सकते हैं। इसके लिए हमें पहले सारे एनिमेशन इफेक्ट्स को एनिमेशन पेन में सिलेक्ट करना पड़ता है तथा फिर से संबंधित को बदला जाता है।
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1. Start विकल्प का प्रयोग करके हम एनिमेशन के स्टार्ट होने के तरीके को बदल सकते हैं। By Default या क्लिक करने से शुरू होती है। हम Start विकल्प के ड्रॉप डाउन लिस्ट में से निग्रलिखित विकल्पों का चयन कर सकते हैं
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3) 9

  • On Click-इसका प्रयोग उस समय किया जाता है अगर यूज़र यह चाहता है कि उसका एनिमेशन तब शुरू हो जब उस ऑब्जेक्ट पर माउस के बाएं बटन के साथ क्लिक किया जाए।
  • With Previous-इस विकल्प का प्रयोग करने से एनिमेशन इफेक्ट पहले ऑब्जेक्ट के एनिमेशन के साथ ही शुरू हो जाता है।
  • After Previous-इस विकल्प का प्रयोग करने से एनिमेशन इफेक्ट तब तक शुरू नहीं होता जब तक पहले ऑब्जेक्ट की एनिमेशन खत्म नहीं हो जाती। पहले ऑब्जेक्ट की एनिमेशन खत्म होने के साथ ही दूसरे ऑब्जेक्ट की एनिमेशन शुरू हो जाती है।

2. Duration-इस विकल्प का प्रयोग एनिमेशन के चलने की समय अवधि को बदलने के लिए किया जाता है। समय की अवधि में कई बदलाव करके एनिमेशन को ज्यादा प्रभावशाली बनाया जा सकता है।
3. Delay-ऑब्जेक्ट के ऊपर सेट की गई एनिमेशन कितने समय बाद शुरू हो। इसको निर्धारित करने के लिए Delay विकल्प का प्रयोग किया जाता है। इस विकल्प में सेट किए गए समय के बाद ही एनिमेशन चलनी शुरू होती है।
4. Move Earlier या Move Later-इस विकल्प का प्रयोग ऑब्जेक्ट के ऊपर लाग किए गए एनिमेशन को दोबारा क्रमबद्ध करने के लिए किया जाता है।

6. एनिमेशन देखना-ऑब्जेक्ट के ऊपर लागू किए गए एनिमेशन किस प्रकार दिखाई देते हैं। यह टेस्ट करने के लिए हम किसी भी समय एनिमेशन टैब के Preview ग्रुप में Preview बटन पर क्लिक करके अपने द्वारा बनाई गई एनिमेशन देख सकते हैं। इसके लिए हमें स्लाइड शो विकल्प का प्रयोग नहीं करना पड़ता। हम एनिमेशन का Preview देखने के लिए Animation pane के ऊपर Play बटन पर भी क्लिक कर सकते हैं|
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रिकॉर्ड स्लाइड शो-नरेशन तथा टाइमिंग
रिकॉर्ड स्लाइड शो पावरप्वाइंट की एक बहतु बढ़िया लाभदायक विशेषता है। यह विशेषता रिहर्सल टाइमिंग की विशेषता के समान ही है पर यह ज्यादा व्यापक विकल्प प्रदान करती है। अगर हमारे पास साऊंड कार्ड माइक्रोफोन स्पीकर तथा एक वेब कैमरा उपलब्ध हो तो हम अपनी स्लाइड टाइमिंग्स को कैप्चर कर सकते हैं। नरेशन या वृत्तांत रिकॉर्ड करने के बाद यह सारे दर्शकों के लिए एक स्लाइड शो के रूप में चलाई जा सकती है। हम अपनी प्रेजेंटेशन को एक वीडियो फाइल के रूप में भी सेव कर सकते हैं। अगर अपने स्लाइड शो को अपने आप चलने वाली प्रेजेंटेशन के लिए प्रयोग करना है तो ऐसे हालात में रिकॉर्ड की गई प्रेजेंटेशन बहुत लाभदायक साबित होती है।

पावरप्वाइंट में नरेशन दाखिल करना बहुत ही आसान होता है निम्नलिखित पगों का प्रयोग करके पावरप्वाइंट में Record Slide Show द्वारा नरेशन तथा टाइमिंग रिकॉर्ड की जा सकती है।
1. Slide Show पैन के ऊपर क्लिक करो।

2. Setup ग्रुप में Record Slide Show ड्रॉपडाऊन एरो के ऊपर क्लिक करो।

3. Start Recording from the beginning या Start Recording from Current Slide के ऊपर क्लिक करो (Record Slide Show डायलॉग बाक्स दिखाई देगा)।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3) 11

4. अपनी आवश्यकतानुसार उपलब्ध विकल्पों में से विकल्पों का चयन भी किया जा सकता है उसके बाद Start Recording बटन पर क्लिक करके रिकॉर्डिंग की शुरुआत की जा सकती है। हम नरेशन तभी रिकॉर्ड कर सकते हैं अगर हमारे कंप्यूटर के साथ माइक्रोफोन जुड़ा हुआ है।
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5. सारी प्रेजेंटेशन पूरी स्क्रीन पर खुल जाएगी। प्रेजेंटेशन से संबंधित स्लाइड टाइमिंग रिकार्ड करने के लिए प्रेजेंटेशन स्लाइड शो चलाओ। अगर आप नरेशन रिकॉर्ड करना चाहते हैं तो माइक्रोफोन में स्पष्ट तौर पर बोलना सुनिश्चित करें। अगर आपने अगली स्लाइड पर जाना हो तो ऊपर Recording टूल बार Next बटन पर क्लिक किया जा सकता है या कीअ बोर्ड से राइट एरो कीअ भी दवाई जा सकती है।
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6. अपनी रिकॉर्डिंग को बीच में ही रोकने के लिए रिकॉर्डिंग टूल बार पर उपलब्ध Pause बटन का भी प्रयोग किया जा सकता है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3)

7. इसी प्रकार अपनी रिकॉर्डिंग को दोबारा शुरू किया जा सकता है।

8. जब हम स्लाइड शो के अंत में पहुंच जाते हैं तो Esc कीअ का प्रयोग करके स्लाइड शो बंद कर के बाहर आ सकते हैं।

9. हमारे स्लाइड शो का सारा समय तथा नरेशन हमारी प्रेजेंटेशन में शामिल हो चुके हैं। स्लाइड के ऊपर नरेशन की रिकॉर्डिंग हो चुकी है। उनके नीचे दाएं तरफ कोने में स्पीकर का आइकन नज़र आएगा।

10. अब हम अपनी प्रेजेंटेशन को चला सकते हैं उसको एक स्वचालित प्रेजेंटेशन के रूप में सुन सकते हैं तथा एक वीडियो फाइल के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।

रिकॉर्ड किए गए स्लाइड शो नरेशन तथा टाइमिंग को खत्म करना
पहले से रिकॉर्ड किए गए नरेशन तथा टाइमिंग को खत्म करने के लिए निम्नलिखित कदमों के प्रयोग किए जाते हैं।

  1. Slide Show टैब पर क्लिक करो।
  2. Set up ग्रुप में Record Slide Show के ड्रॉपडाउन एरो पर क्लिक करो।
  3. Clear ऑपशन क्लिक करके सब मीनू ओपन करो।
  4. आवश्यकतानुसार विकल्प का चयन करो।

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प्रेजेंटेशन को किसी अन्य फॉर्मेट में सेव करना
पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन पावरप्वाइंट फाइल के रूप में सेव करता है। इसके अलावा पावरप्वाइंट हमें कई प्रकार के विकल्प प्रदान करता है। जिसका प्रयोग करके हम अपनी प्रेजेंटेशन को अलग-अलग रूप में सेव कर सकते हैं। प्रेजेंटेशन को दूसरे रूप में सेव करने के लिए Save As कमांड का प्रयोग किया जाता है। इसको File मैन्यू में से खोला जा सकता है। अपनी प्रेजेंटेशन को हम पीडीएफ के रूप में, वीडियो फाइल के रूप में, स्लाइड शो के रूप में तथा पिक्चर फाइलों के रूप में सेव कर सकते हैं।

प्रैजेंटेशन को पीडीएफ के रूप में सेव करना पीडीएफ का अर्थ होता है-पोर्टेबल डॉक्युमेंट फॉरमैट। अपनी प्रेजेंटेशन को एक पीडीएफ के रूप में सेव करके हम उसको प्रिंटिंग के लिए, पढ़ने के लिए या ईमेल करने के लिए प्रयोग कर सकते हैं। इन सभी कार्यों के लिए यह सबसे बढ़िया विकल्प है। पीडीएफ के रूप में प्रेजेंटेशन को सेव करने का सबसे बढ़िया लाभ यह होता है कि प्राप्तकर्ता प्रेजेंटेशन अथवा कंटेंट में बदलाव नहीं कर सकते। किसी भी प्रेजेंटेशन को पीडीएफ के रूप में सेव करने के निम्नलिखित कदम होते हैं
1. File के ऊपर क्लिक करो।
2. Save As.. विकल्प के ऊपर क्लिक करो। (Save As डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा)
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3. इस डायलॉग बॉक्स में फाइल का नाम तथा उसको सेव करने की लोकेशन का चुनाव करो।
4. Save As Type ड्रॉप डाऊन लिस्ट में से .PDF विकल्प का चुनाव करो।
5. Save बटन पर क्लिक करो (पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन को .pdf रूप में सेव कर देगा)

प्रेजेंटेशन को वीडियो फॉमेट में सेव करना
पावरप्वाइंट में हम अपनी प्रेजेंटेशन को एक वीडियो फाइल के तौर पर भी सेव कर सकते हैं। इस वीडियो फाइल को बाद में किसी भी वीडियो प्लेयर पर चलाया जा सकता है। जब अपनी लाइनों को तैयार करने के बाद उन पर टाइमिंग तथा नरेशन रिकॉर्ड कर लेते हैं तो हमारी प्रेजेंटेशन वीडियो फॉर्मेट में सेव करने के लिए तैयार हो जाती है। एक अच्छी वीडियो प्रेजेंटेशन नरेशन के साथ ही बनाई जा सकती है। इसमें हमें वीडियो तथा ऑडियो दोनों प्रैजेंटेशन प्राप्त होती हैं। एक प्रेजेंटेशन को वीडियो फाइल के रूप में सेव करने के कदम होते हैं।

1. File के ऊपर क्लिक करो।
2. Save As विकल्प के ऊपर क्लिक करो। (Save As डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा)
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3) 16
3. इस डायलॉग बॉक्स में फाइल का नाम तथा उसको सेव करने की लोकेशन का चुनाव करो।
4. Save As Type ड्रॉप डाउन लिस्ट में से Windows Media Video (.wmv) विकल्प का चुनाव करो।
5. Save बटन पर क्लिक करो।(पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन को वीडियो रूप में सेव कर देगा) जब पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन को एक वीडियो रूप में सेव करना शुरू करेगा तो नीचे दाएं तरफ एक प्रगति बार दिखाई देगा।

यह वीडियो फाइल के बनने की प्रगति को दर्शाता है। पावरप्वाइंट को वीडियो फाइल के रूप में सेव करने का समय उस फ़ाइल के आकार पर निर्भर करता है। ज्यादा बड़ी फ़ाइल होने पर ज्यादा समय लगेगा। जब हम पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन को एक वीडियो फॉर्मेट में सेव कर लेते हैं तब उसको किसी भी वीडियो प्लेयर पर चलाया जा सकता है या उसको किसी भी वेबसाइट फेसबुक यूट्यूब या अन्य किसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपलोड भी किया जा सकता है। इस वीडियो फ़ाइल को कम्प्यूटर पर भी चलाया जा सकता है।

पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन को प्रेजेंटेशन शो के रूप में सेव करना
जब हम किसी भी प्रेजेंटेशन को सेव करते हैं तो पावरप्वाइंट उसे एक फाइल के रूप में सेव करता है। अगर उस फाइल को दर्शकों के आगे चलाना हो तो पहले हमें उस फाइल को पावरप्वाइंट में खोलना पड़ता है। फिर उसको स्लाइड शो के रूप में चलाया जाता है। हम अपनी प्रेजेंटेशन को इस प्रकार भी सेव कर सकते हैं कि उस पर क्लिक करने के बाद वह पावरप्वाइंट में ना खुल कर सीधा ही स्लाइड शो के रूप में चले। इस प्रेजेंटेशन को प्रेजेंटेशन शो के रूप में सेव करना कहते हैं। किसी भी प्रेजेंटेशन को प्रेजेंटेशन शो के रूप में सेव करने के निम्नलिखित कदम होते हैं।
1. File के ऊपर क्लिक करो
2. Save As.. विकल्प के ऊपर क्लिक करो (Save As डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा)
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3. इस डायलॉग बॉक्स में फाइल का नाम तथा उसको सेव करने की लोकेशन का चुनाव करो।
4. Save As Type ड्रॉप डाउन लिस्ट में से PowerPoint Show विकल्प का चुनाव करो।
5. Save बटन पर क्लिक करो। (पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन को PowerPoint Show रूप में सेव कर देगा) इस फाइल की एक्सटेंशन .ppsx होती है। इस्माइल के ऊपर डबल क्लिक करके इसको ओपन किया जा सकता है। जिससे सीधा स्लाइड शो ही चलेगा न कि यह फाइल पावरप्वाइंट में ओपन होगी।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3)

प्रेजेंटेशन को पिक्चर फाइलों के रूप में सेव करना
हम अपनी इस स्लाइड को तस्वीरों के रूप में भी सेव कर सकते हैं। एक स्लाइड की एक तस्वीर फाइल तैयार होती है किसी भी प्रेजेंटेशन को पिक्चर फ़ाइलों के रूप में सेव करने के निम्नलिखित कदम होते हैं।
1. File के ऊपर क्लिक करो।
2. Save As .. विकल्प के ऊपर क्लिक करो। (Save As डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा)
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 6 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-3) 18
3. इस डायलॉग बॉक्स में फाइल का नाम तथा उसको सेव करने की लोकेशन का चुनाव करो।
4. Save As Type ड्रॉप डाउन लिस्ट में से Image फॉर्मेट के किसी एक विकल्प का चुनाव करो।

  • GIF (Graphical Interchange Format)
  • JPEG (Joint Photographic Format)
  • PNG (Portable Network Graphic Format)
  • TIFF (Tag Image File Format)
  • BMP (Bitmap)
  • WMF (Window Meta File)
  • EMF (Enhanced Window Meta File)

5. Save बटन पर क्लिक करो।
6. एक नया डायलॉग बॉक्स ओपन हो जाएगा जिसमें तीन बटन मौजूद होंगे (Evey Slide, Current Slide Only तथा Cancel) अपनी आवश्यकतानुसार किसी भी विकल्प का चयन करें।
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7. एक पुष्टिकरण संदेश दिखाई देगा जो हमें सारी स्लाइड या मौजूदा स्लाइड को एक तस्वीर के रूप में सेव करने के बारे में पूछेगा OK बटन पर क्लिक करो। (पावरप्वाइंट प्रेजेंटेंशन को Image रूप में सेव कर देगा) अगर हम अपनी प्रेजेंटेशन की स्लाइड को ब्लॉक या किसी अन्य वेबसाइट पर पोस्ट करना चाहते हैं तो यह विकल्प काफ़ी लाभदायक होता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 9 जंतुओं में जनन

PSEB 8th Class Science Guide जंतुओं में जनन Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
सजीवों के लिए जनन क्यों महत्त्वपूर्ण है ? समझाइए।
उत्तर-
सजीवों में जनन की महत्ता – यह जीवों में योग्यता है जिस द्वारा वे अपने जैसे जीव पैदा करते हैं । जनन से प्रजाति की वृद्धि होती है। यह जैविक प्रक्रम उत्तरजीविता और निरंतरता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इससे आनुवंशिकता और गुणों का अगली पीढ़ी में स्थानांतरण भी होता है।

प्रश्न 2.
मनुष्य में निषेचन प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर-
निषेचन-वृषण, नर युग्मक, शुक्राणु पैदा करते हैं। वृषण द्वारा लाखों शुक्राणु उत्पन्न होते हैं। शुक्राणु चाहे बहुत सूक्ष्म होते हैं, परंतु प्रत्येक में एक सिर, मध्यभाग और एक पूंछ होती है।

जनन प्रक्रम का पहला चरण शुक्राणु और अंडाणु का संलयन है। नर से लाखों शुक्राणु मादा शरीर में डाले जाते हैं। शुक्राणु पूंछ द्वारा अंडाणु तक पहुंचने के लिए अंडवाहिनी में तैरते हैं। जब ये अंडाणु के निकट आते हैं तो एक शुक्राणु अंडाणु से संलयन करता है। इसे निषेचन कहते हैं। निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज (Zygote) का निर्माण होता है। युग्मनज नए जीव का निर्माण करता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन 1
निषेचन प्रक्रम में नर से शुक्राणु और मादा से अंडाणु का युग्म होता है। इसलिए नयी संतति में कुछ लक्षण माता के और कुछ लक्षण पिता के होते हैं।

प्रश्न 3.
सर्वोचित उत्तर चुनिए-
(क) आंतरिक निषेचन होता है-
(i) मादा के शरीर में
(ii) मादा के शरीर से बाहर
(iii) नर के शरीर में
(iv) नर के शरीर से बाहर।
उत्तर-
(i) मादा के शरीर में

(ख) एक टैडपोल जिस प्रक्रम द्वारा वयस्क में विकसित होता है, वे हैं-
(i) निषेचन
(ii) कायांतरण
(iii) रोपण
(iv) मुकुलन।
उत्तर-
(ii) कायांतरण

(ग) एक युग्मनज में पाए जाने वाले केंद्रकों की संख्या होती है-
(i) कोई नहीं
(ii) एक
(iii) दो
(iv) चार।
उत्तर-
(iii) एक।

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प्रश्न 4.
निम्न कथन सत्य (T) है अथवा असत्य (F) संकेतित कीजिए-

(क) अंडप्रजनक जंतु विकसित शिशु को जन्म देता है।
उत्तर-
असत्य (F)

(ख) प्रत्येक शुक्राणु एक एकल कोशिका है।
उत्तर-
सत्य (T)

(ग) मेंढक में बाह्य निषेचन होता है।
उत्तर-
सत्य (T)

(घ) वह कोशिका, जो मनुष्य में नए जीवन का प्रारंभ है, युग्मक कहलाती है।
उत्तर-
असत्य (F)

(ङ) निषेचन के पश्चात् दिया गया अंडा एक एकल कोशिका है।
उत्तर-
सत्य (T)

(च) अमीबा मुकुलन द्वारा जनन करता है।
उत्तर-
असत्य (F)

(छ) अलैंगिक जनन में भी निषेचन आवश्यक है।
उत्तर-
असत्य (F)

(ज) द्विखंडन अलैंगिक जनन की एक विधि है।
उत्तर-
सत्य (T)

(झ) निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज बनता है।
उत्तर-
सत्य (T)

(ज) भ्रूण एक एकल कोशिका का बना होता है।
उत्तर-
असत्य (F)।

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प्रश्न 5.
युग्मनज और गर्भ में दो भिन्नताएँ दीजिए।
उत्तर-
युग्मनज और गर्भ में दो भिन्नताएँ-

युग्मनज (Zygote) गर्भ (Foetus)
(1) शुक्राणु और अंडाणु का संलयन युग्मनज कहलाता है। (1) भ्रूण की वह अवस्था जिसमें विभिन्न अंग पहचानने योग्य होते हैं।
(2) यह एक एकल कोशिका है। (2) यह बहु-कोशिका है।

प्रश्न 6.
अलैंगिक जनन की परिभाषा लिखिए। जंतुओं में अलैंगिक जनन की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
अलैंगिक जनन – जनन की वह किस्म जिसमें केवल एक ही जीव भाग लेता है, अलैंगिक जनन कहलाता है। जंतुओं में अलैंगिक जनन की विधियाँ निम्नलिखित हैं-
1. विखंडन (Binary Fission) – द्विखंडन में जीव का शरीर लंबवत् अनुप्रस्थ खांच से दो बराबर भागों में विभाजित हो जाता है। प्रत्येक भाग जनक के समान हो जाता है। जनन की यह विधि प्रोटोज़ोआ (अमीबा, पैरामिशियम आदि) में होती है, जिन में यही विधि आवश्यक रूप से कोशिका विभाजन की विधि है जिसके परिणामस्वरूप संतति कोशिकाओं का पृथक्करण होता है। बहु- कोशिकीय जंतुओं में भी इस विधि को देखा गया है। जैसे-सी-ऐनीमोन में लंबवत् खंडन तथा प्लेनेरिया में अनुप्रस्थ खंडन।
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2. मुकुलन (Budding) – मुकुलन एक प्रकार की अलैंगिक जनन क्रिया है जिसमें नया जीव जो अपेक्षाकृत छोटे पुंज की कोशिकाओं से निकलता है, आरंभ में जनक जीव में मुकुल बनाता है। मुकुल अलग होने से पहले जनक का रूप धारण कर लेता है जैसे-बाह्य मुकुलन में या जनक से अलग होने के पश्चात् आंतरिक मुकुलन में। बाह्य मुकुलन स्पंज, सीलेंट्रेटा (जैसे हाइड्रा), चपटे कृमि और ट्यूनीकेट में मिलता है, लेकिन कुछ सीलेंट्रेट जैसे ओबलिया पोलिप की अपेक्षा मैड्रयूसी पैदा करते हैं।
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प्रश्न 7.
मादा के किस जनन अंग में भ्रूण का रोपण होता है ?
उत्तर-
गर्भाशय (Uterus)।

प्रश्न 8.
कायांतरण किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कायांतरण (Metamorphosis) लारवा के कुछ उग्र-परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलने की प्रक्रिया को कायांतरण कहते हैं।
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उपरोक्त चित्र में मेंढक के विकास के विभिन्न चरण हैं। तीन स्पष्ट चरण हैं-

  1. अंडा
  2. टैडपोल लारवा
  3. वयस्क।

मेंढक व टैडपोल वयस्क एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न होते हैं। मेंढक में एक विशेष परिवर्तन है-
गलफड़ों का फेफड़ों में परिवर्तित होना। जिन जंतुओं में कायांतरण होते हैं वे हैं मेंढक, रेशमकीट।

प्रश्न 9.
आंतरिक निषेचन एवं बाह्य निषेचन में भेद कीजिए।
उत्तर-
आंतरिक निषेचन एवं बाह्य निषेचन में भेद-

आंतरिक निषेचन (Internal Fertilization) बाह्य निषेचन (External Fertilization)
(1) नर युग्मक और मादा युग्मक का संलयन शरीर के अंदर होता है। (1) नर युग्मक (शुक्राणु) और मादा युग्मक (अंडे) का संलयन शरीर के बाहर होता है।
(2) नर मादा के शरीर में शुक्राणुओं का उत्सर्जन करता है। (2) दोनों व्यष्टि युग्मकों को शरीर के बाहर फेंकते हैं।
(3) विकास शरीर के अंदर हो सकता है। (3) विकास शरीर के बाहर ही होता है।
(4) उदाहरण-मनुष्य, पशु, शार्क, पक्षी। (4) उदाहरण- मेंढ़क।

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प्रश्न 10.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से क्रॉस शब्द पहेली को पूरा कीजिए।
बाईं से दाईं ओर
(1) यहाँ अंडाणु उत्पादित होते हैं।
(2) वृषण में उत्पादित होते हैं।
(3) हाइड्रा का अलैंगिक जनन है।

ऊपर से नीचे की ओर
(1) यह मादा युग्मक है।
(2) नर और मादा युग्मक का मिलना।
(3) एक अंडप्रजनक जंतु।
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उत्तर-
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PSEB Solutions for Class 8 Science जंतुओं में जनन Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरिए-

(i) ……………………… प्रक्रम जाति की निरंतरता बनाए रखता है।
उत्तर-
जनन

(ii) फूल में नर और मादा युग्मक, ……………………….. और …………………….. कहलाते हैं।
उत्तर-
परागकण, अंडा

(iii) ……………….. जनन में, एक जीव अपने शरीर के भागों से नए जीव उत्पन्न करता है
उत्तर-
कायिक

(iv) ……………………… सारा जीवन काल वृद्धि करते हैं, परंतु …………………………… कुछ ही आयु तक वृद्धि करते हैं।
उत्तर-
पौधे, जीव

(v) एक बहुकोशिक जंतु अपना जीवन प्रक्रम एक …………………….. से करता है, जो लैंगिक जनन द्वारा बनता है।
उत्तर-
युग्मनज।

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प्रश्न 2.
कौन-सा शरीर का भाग-
(क) शुक्राणु उत्पादित करता है?
(ख) अंडाणु उत्पादित करता है?
(ग) आदमी से शुक्राणु मादा में भेजता है?
उत्तर-
(क) वृषण
(ख) अंडाशय
(ग) शिश्न।

प्रश्न 3.
स्तंभ ‘क’ और स्तंभ ‘ख’ के शब्दों का मिलान करें-

स्तंभ ‘क’ स्तंभ ‘ख’
शुक्राणु मादा जननांग
अंडाशय वृद्धि
कोशिका नर युग्मक

उत्तर-

स्तंभ ‘क’ स्तंभ ‘ख’
शुक्राणु नर युग्मक
अंडाशय मादा जननांग
कोशिका वृद्धि।

प्रश्न 4.
पौधों और जंतुओं में जनन के कितने तरीके हैं ?
उत्तर-
दो-(क) लैंगिक (ख) अलैंगिक।

प्रश्न 5.
अलैंगिक जनन में कितने जीवों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
एक।

प्रश्न 6.
लैंगिक जनन में कितने सजीवों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
दो।

प्रश्न 7.
जननांगों में विशेष कोशिकाएं कौन-सी होती हैं ?
उत्तर-
युग्मक (Gametes) ।

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प्रश्न 8.
द्विखंडन विधि से जनन करने वाले दो जंतुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. अमीबा
  2. पैरामीशियम।

प्रश्न 9.
कौन-से जीवों में मुकुल जनक के शरीर पर लगी रहती है?
उत्तर-
स्पंज, कोरल (Corals)।

प्रश्न 10.
युग्मनज (Zygote) क्या है ?
उत्तर-
युग्मनज – युग्मनज, नर और मादा युग्मकों के संलयन से बनने वाली पहली संरचना है।

प्रश्न 11.
निषेचन (Fertilization) क्या है?
उत्तर-
निषेचन – नर और मादा युग्मकों का संलयन।

प्रश्न 12.
दो उभयलिंगी जंतुओं (Hermaphrodite) के उदाहरण दो।
उत्तर-

  1. केंचुआ
  2. जोंक (leech)।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन

प्रश्न 13.
कौन-सा बड़ा है-अंडाणु अथवा शुक्राणु।
उत्तर-
अंडाणु।

प्रश्न 14.
दो उदाहरण दो जिन जीवों में बाहय निषेचन होता है।
उत्तर-

  1. मेंढक
  2. मछली।

प्रश्न 15.
कायांतरण की परिभाषा दो।
उत्तर-
कायांतरण – लारवा के कुछ उग्र परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलने की प्रक्रिया कायांतरण .कहलाती है।

प्रश्न 16.
रिक्त स्थान भरो-
(i) जनन प्रक्रम में भाग लेने वाली कोशिकाएँ ……………………. कहलाती हैं।
(ii) युग्मकों के संलयन से एक कोशिक संरचना ………………………. उत्पन्न होती है।
(iii) पौधों और जंतुओं में युग्मकों का संलयन …………………………. कहलाता है।
(iv) जीव जिनमें दोनों नर और मादा जनन अंग पाए जाते हैं, ………………………… कहलाते हैं।
उत्तर-
(i) युग्मक
(ii) युग्मनज
(ii) निषेचन
(iv) उभयलिंगी।

प्रश्न 17.
जननांग (Gonads) क्या है ? मानव में नर और मादा जननांग के नाम लिखो।
उत्तर-
जननांग – जो विशेष कोशिकाएँ युग्मक उत्पन्न करते हैं, जननांग कहलाते हैं।
मानव नर जननांग – वृषण मानव मादा जननांग-अंडाशय।

प्रश्न 18.
नर और मादा युग्मकों के नाम लिखिए।
उत्तर-
नर युग्मक-शुक्राण, मादा युग्मक-अंडाणु।

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प्रश्न 19.
बाह्य निषेचन और आंतरिक निषेचन का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बाह्य निषेचन-मेंढक।
आंतरिक निषेचन-मानव।

प्रश्न 20.
शुक्राणु नली (Vas deferens) का क्या कार्य है ?
उत्तर-
शुक्राणु नली वृषण से शुक्राणु गर्भाशय में स्थानांतरण करती है।

प्रश्न 21.
हाईमन (Hymen) किसे कहते हैं?
उत्तर-
हाईमन – योनि (Vagina) के बाहर पतली झिल्ली का डायफ्राम हाइमन कहलाता है। यह रजोनवृत्ति के लिए सरंध्र होता है।

प्रश्न 22.
निम्न कथन सही अथवा गलत अंकित करें-
(i) मानव अंडे का निषेचन गर्भाशय में होता है।
(ii) औरतों में नसबंदी शिशु नियंत्रण की विधि है।
(iii) अंडाणु का निषेचन योनि में होता है।
(iv) शुक्राणु एक एकलकोशिक है।
(v) वृषण पेट गुहा में पाए जाते हैं।
(vi) शुक्राणु मानव ताप (37°C) पर उत्पन्न होते हैं।
उत्तर-
(i) गलत
(ii) गलत
(iii) गलत
(iv) सही
(v) गलत
(vi) सही।

प्रश्न 23.
हाइड्रा में किस प्रकार का अलैंगिक जनन होता है ?
उत्तर-
मुकुलन (Budding)।

प्रश्न 24.
क्लोनिंग की परिभाषा दें।
उत्तर-
क्लोनिंग – किसी समरूप कोशिका, किसी अन्य जीवित भाग अथवा संपूर्ण जीव को कृत्रिम रूप से उत्पन्न करना।

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प्रश्न 25.
किस जंतु की सफलतापूर्वक क्लोनिंग सर्वप्रथम इयान विलमट ने एडिनबर्ग, स्काटलैंड के रोजलिन इंस्टीच्यूट में की।
उत्तर-
डोली भेड की।

प्रश्न 26.
पहले स्तनधारी का नाम लिखें, जिसे क्लोन किया गया?
उत्तर-
5 जुलाई, 1996 में पैदा हुई डॉली भेड़।

प्रश्न 27.
जनन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जनन – जीवों द्वारा अपने जैसे जीव उत्पन्न करने की क्रिया को जनन कहते हैं।

प्रश्न 28.
मानव के शुक्राणु में पूंछ का कार्य क्या है ?
उत्तर-
गति प्रदान करना।

प्रश्न 29.
अंडोत्सर्ग किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अंडोत्सर्ग – अंडाशय द्वारा अंडाणु निकालने की क्रिया को अंडोत्सर्ग कहते हैं।

प्रश्न 30.
परखनली शिशु क्या होता है ?
उत्तर-
वह शिशु जो शरीर से बाहर कृत्रिम निषेचन द्वारा उत्पन्न होता है परखनली शिशु कहलाता है।

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प्रश्न 31.
IVF का पूरा नाम लिखें।
उत्तर-
इनविट्रो निषेचन।

प्रश्न 32.
परखनली शिशु का विकास कहाँ होता है ?
उत्तर-
गर्भाशय में।

प्रश्न 33.
अंडप्रजक जंतु क्या होते हैं ?
उत्तर-
वे जंतु जो अंडे देते हैं अण्डप्रजक जन्तु कहलाते है।

प्रश्न 34.
जरायुज जंतु क्या होते हैं ?
उत्तर-
वे जंतु जो बच्चों को जन्म देते हैं जरायुज जंतु कहलाते है।

प्रश्न 35.
डॉली क्लोन की मौत कब हुई ?
उत्तर-
14 फरवरी, 2003 में।

प्रश्न 36.
किस जनन में नर तथा मादा की आवश्यकता नहीं होती ?
उत्तर-
अलैंगिक जनन में।

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प्रश्न 37.
पहला परखनली शिशु कौन था ?
उत्तर-
लुईस जाय ब्राऊन।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लैंगिक और अलैंगिक जनन में क्या अंतर है?
उत्तर-
लैंगिक और अलैंगिक में अंतर-

लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)
(1) नए जीव की उत्पत्ति के लिए दोनों नर और मादा जीवों की आवश्यकता होती हैं। (1) नए जीव केवल एक ही जीव से उत्पन्न होते हैं।
(2) जनन अंगों की आवश्यकता होती है। (2) जनन अंग विकसित नहीं होते।
(3) अर्धसूत्री विभाजन किसी एक चरण में आवश्यक है। (3) इसमें अर्धसूत्री विभाजन नहीं होता।
(4) युग्मकों का संलयन होता है। (4) कोशिकाओं का संलयन नहीं होता।
(5) नया जीव युग्मकों के संयोजन से विकसित होता है। (5) नया जीव एक कोशिका से विकसित होता है।
(6) नया जीव प्रायः भिन्न होता है। (6) नया जीव जनक जैसा होता है।
(7) इससे विविधता आती है। (7) इससे विविधता नहीं आती।

प्रश्न 2.
लैंगिक जनन क्या है ? जंतुओं में लैंगिक जनन की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
लैंगिक जनन – नर और मादा के संयोजन से निषेचन होने की क्रिया को लैंगिक जनन कहते हैं।
जंतुओं में लैंगिक जनन – लैंगिक जनन में दो जीव होते हैं। जीवों में जनन अंग होते हैं, जो जनन कोशिकाएँ पैदा करते हैं । मादा अंडाणु और नर शुक्राणु उत्पन्न करते हैं। शुक्राणु जननांग वृषण में और अंडाणु जननांग अंडाशय में उत्पन्न होते हैं। शुक्राणु अंडाणु से संलयन करता है, इसे निषेचन कहते हैं। निषेचित अंडा निरंतर विभाजित होता है और भ्रूण में विकसित होता है। भ्रूण से वयस्क बनता है।

प्रश्न 3.
मानव में कौन-से अंग युग्मक उत्पन्न करते हैं ?
उत्तर-
नर में जनन अंग, एक जोड़ी वृषण है और मादा में जनन अंग, एक जोड़ी अंडाशय है।

प्रश्न 4.
उन दो जीवों के उदाहरण दें जो दो प्रकार की अलैंगिक जनन विधियों से उत्पन्न होते हैं ? विधियों के नाम भी लिखिए। .
उत्तर-
जीव का नाम – अलैंगिक जनन
(1) हाइड्रा – (क) मुकुलन (ख) पुनर्जनन
(2) खमीर – (क) मुकुलन (ख) बीजाणु बनना।

प्रश्न 5.
युग्मक (Gamete) क्या है ? एक लिंगी और उभयलिंगी में क्या अंतर है?
उत्तर-
युग्मक (Gamete) – जनन कोशिकाएँ जिनको जनन अंग उत्पन्न करते हैं, युग्मक कहलाते हैं । युग्मक दो तरह के होते हैं-नर और मादा। युग्मकों के संलयन से निषेचन होता है।

एक-लिंगी जीव – वे जीव जिनमें एक ही प्रकार के जननांग हों; नर अथवा मादा।
उभयलिंगी जीव – वे जीव जिनमें दोनों जननांग हों।

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प्रश्न 6.
‘उभयलिंगी जीव’ क्या है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वे जीव जो दोनों नर और मादा युग्मक उत्पन्न कर सकते हैं, उभयलिंगी अथवा द्वि-लिंगी कहलाते हैं।
उदाहरण-

  1. केंचुआ
  2. हाइड्रा।

प्रश्न 7.
एक ऊतक आकार में किन विधियों से वृद्धि करता है ?
उत्तर-
वृद्धि का अर्थ है आकार में बढ़ना।
एक ऊतक के बढ़ने में-

  1. कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है।
  2. कोशिकाओं का आकार बढ़ता है।

प्रश्न 8.
अलैंगिक जनन की मूल विशेषताएँ क्या हैं ?
उत्तर-
अलैंगिक जनन की मूल विशेषताएँ-

  1. केवल एक जीव की उपस्थिति
  2. सभी कोशिकाओं में सूत्री विभाजन
  3. जनक के समरूपी नए जीव
  4. जनक इकाई जीव का विशेष भाग।

प्रश्न 9.
विखंडन प्रक्रम मुकुलन से कैसे भिन्न है ?
उत्तर-
द्विखंडन और मुकुलन में भिन्नता-

द्विखंडन (Binary Fission) मुकुलन (Budding)
(1) केवल दो नए जीव उत्पन्न होते हैं। (1) बड़ी संख्या में मुकुल उत्पन्न हो सकते हैं और प्रत्येक मुकुल नया जीव पैदा करता है।
(2) उदाहरण-अमीबा, यूगलीना। (2) उदाहरण-स्पंज, हाइड्रा।

प्रश्न 10.
अंडोत्सर्ग (Ovulation) को परिभाषित करें।
उत्तर-
अंडोत्सर्ग (Ovulation) – अंडाशय द्वारा अंडा छोड़ने की प्रक्रिया अंडोत्सर्ग कहलाती है। अंडा 28 दिन वाले आतर्व चक्र के 14वें दिन छोड़ा जाता है।

प्रश्न 11.
जनन क्या है ? इसकी किस्में कौन-सी हैं ?
उत्तर-
जनन – सभी सजीव जो धरती पर उत्पन्न होते हैं, एक विशेष जीवन चक्र दर्शाते हैं जिसमें जन्म, वृद्धि, परिपक्वता, जनन और मौत अवस्थाएँ हैं। जनन एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रम है जिससे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक निरंतरता बनी रहती है। वयस्क और वृद्ध जीव का स्थान नए और छोटे जीव प्रजनन द्वारा ग्रहण करते हैं। दो प्रकार की जनन विधियाँ हैं-

  1. अलैंगिक जनन
  2. लैंगिक जनन।

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प्रश्न 12.
मानव नर के जनन तंत्र के विभिन्न अंगों के नाम लिखो।
उत्तर-
मानव नर जनन तंत्र के अंग-

  1. एक जोड़ी वृषण (Testes)
  2. एक जोड़ी शुक्रवाहिनी (Vas deferentia)
  3. मूत्र वाहिनी (Urethra)
  4. शिश्न (Penis)
  5. नर जनन ग्रंथियां (Cowpers and Prostate glands)।

प्रश्न 13.
मानव मादा जनन तंत्र विभिन्न अंगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
मानव मादा जनन तंत्र के अंग-

  1. एक जोड़ी अंडाशय (Ovaries)
  2. एक जोड़ी फैलोपियन नलिका (Fallopian Tubes)
  3. गर्भाशय (Uterus)
  4. योनि (Vagina)
  5. भग (Vulva)।

प्रश्न 14.
अंतर स्पष्ट करें-
(i) शुक्राणु एवं अंडाशय
(ii) शुक्रवाहिनी एवं फैलोपियन नलिका
(iii) नर मूत्रवाहिनी एवं मादा मूत्र वाहिनी।
(iv) भ्रूण एवं गर्भ।
उत्तर-
(i) शुक्राणु एवं अंडाणु में अंतर-

शुक्राणु (Sperm) अंडाणु (Ovum)
(1) यह चुस्त होता है। (1) यह अक्रियाशील होता है।
(2) यह चलने में समर्थ है। (2) यह गतिहीन अथवा स्थिर है।
(3) इसकी पूंछ है, जो चलने का अंग है। (3) इसका कोई चलन अंग नहीं है।
(4) यह आकार में छोटी है। (4) यह आकार में बड़ा है क्योंकि इसमें योक (Yok) होता है।

(ii) शुक्रवाहिनी और फैलोपियन नलिका में अंतर-

शुक्रवाहिनी (Vas Deferens) फैलोपियन नलिका (Fallopian Tube)
(1) यह नर जनन अंग का एक भाग है। (1) यह मादा जनन अंग का एक भाग है।
(2) यह वृषण से शुक्राणु मूत्रवाहिनी में लाती है। (2) यह अंडाशय से अंडाणु गर्भाशय तक लाती है।

(iii) नर मूत्रवाहिनी और मादा मूत्रवाहिनी में अंतर-

नर मूत्रवाहिनी (Male Urethra) मादा मूत्रवाहिनी (Female Urethra)
नर मूत्रवाहिनी मूत्र और वीर्य दोनों को बाहर निकालती है। मादा मूत्रवाहिनी केवल मूत्र लेकर आती है क्योंकि गर्भाशय और योनि मार्ग भिन्न होते हैं।

(iv) भ्रूण एवं गर्भ में अंतर-

भ्रूण (Embryo) गर्भ (Foetus)
(1) निषेचित अंडे के विकास से भ्रण बनता है। (1) स्तनधारी गर्भ वह अवस्था है जिसमें विकसित अंग पहचानने योग्य हो जाते हैं।
(2) यह पहला चरण है जिसमें विकास प्रारंभ होता है। (2) मनुष्य में दो महीने के विकास के बाद भ्रण गर्भ कहलाता है।

प्रश्न 15.
‘परखनली शिशु’ पर एक नोट लिखिए।
उत्तर-
परखनली शिशु – यह एक मिथ्या नाम है क्योंकि शिशु का विकास परखनली में नहीं होता। कुछ मादाओं की अंडवाहनियाँ अवरुद्ध होती हैं। यह मादा शिशु उत्पन्न नहीं कर सकती क्योंकि शुक्राणु, अंडाणु तक नहीं पहुँच पाते। ऐसी स्थिति में डॉक्टर ताज़ा अंडाणु और शुक्राणु एकत्र करके कुछ घंटों के लिए एक साथ रखते हैं ताकि इनविट्रो निषेचन (IVF) [शरीर के बाहर कृत्रिम निषेचन] हो सके। निषेचन के एक सप्ताह बाद युग्मनज को माता के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है। माता के गर्भाशय में पूर्ण विकास के बाद सामान्य शिशु की तरह शिशु जन्म लेता है।

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प्रश्न 16.
मेंढक में निषेचन कैसे होता है ?
उत्तर-
मेंढक में निषेचन – मेंढक में निषेचन मादा शरीर के बाहर होता है इसलिए इसे बाह्य निषेचन कहते हैं। बसंत अथवा वर्षा ऋतु में मेंढक और टोड तालाबों की ओर जाते हैं। जब अंडे छोड़े जाते हैं तो नर उन पर शुक्राणु छोड़ देता है। प्रत्येक शुक्राणु अपनी लंबी पूंछ की सहायता से जल में तेज़ गति से तैरता है। शुक्राणु अंडों के संपर्क में आते हैं। फलस्वरूप निषेचन होता है।

प्रश्न 17.
वे जीव जिनमें बाहय निषेचन होता है जैसे मछली और मेंढक एक साथ सैंकड़ों अंडे देते हैं जबकि मुर्गी केवल एक समय में एक ही अंडा देती है। क्यों ?
उत्तर-
मछली और मेंढक सैंकड़ों अंडे और करोड़ों शुक्राण छोड़ते हैं पर प्रत्येक अंडा निषेचित नहीं होता क्योंकि अंडे और शुक्राणु जल की गति, वायु और वर्षा से प्रभावित होते हैं। कुछ जलीय जंतु अंडे खा लेते हैं। इसलिए सुनिश्चित निषेचन के लिए बड़ी संख्या में अंडों का होना आवश्यक है।

प्रश्न 18.
अंडप्रजनक और जरायुज जंतु किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
अंडप्रजनक जंतु (Oviparous Organisms) – वे जीव जो अंडे देते हैं। जैसे मेंढक, तितली, मुर्गी, कौआ आदि।
जरायुज जंतु (Viviparous Organisms) – वे जीव जो शिशु को जन्म देते हैं। जैसे मानव, कुत्ता, गाय, बिल्ली आदि।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जननांग क्या हैं ? मनुष्य में नर के प्रजनन अंगों का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
जननांग (Gonads) – प्राथमिक जनन अंग जो युग्मक पैदा करते हैं, जननांग कहलाते हैं। नर में इनको वृषण (Testis) तथा मादा में इनको अंडाशय (Ovary) कहते हैं। यह जननांग यौवनारंभ अवस्था के बाद ही क्रियाशील होते हैं।

मानव के नर प्रजनन अंग-
1. वृषण (Testis) – नर मनुष्य (पुरुष) में जंघनास्थि क्षेत्र में एक मांसल संरचना शिश्न होता है जिसके बीच में मूत्रवाहिनी होती है। शिश्न के नीचे उसकी जड़ में एक मांसल थैली वृषण कोष होता है जिसमें अंडाकार संरचनाएँ वृषण होते हैं। वृषण नर युग्मक शुक्राणु का निर्माण करते हैं । वृषण में एक विशिष्ट संरचना शुक्राणु पाया जाता है जिसमें शुक्राणु के पोषण के लिए चिपचिपा पदार्थ स्रावित होता है।

2. शुक्र वाहिनी (Vas Deferens) – प्रत्येक वृषण में से एक वाहिनी निकलती है जिसे शुक्र वाहिनी कहते हैं। ये वाहिनियां वृषण में से वीर्य को लाती हैं जिनमें शुक्राणु होते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन 7

3. मूत्रवाहिनी (Urethra) – शुक्र वाहिनी मूत्र मार्ग या मूत्र वाहिनी में खुलती है। चिपचिपा पदार्थ (वीर्य) के साथ शुक्राणु एक संकरी नली द्वारा मूत्र वाहिनी में पहुँचते हैं, जहां से शिश्न की सहायता से मादा की योनि में छोड़ दिए जाते हैं। शिश्न मूत्र एवं शुक्राणु युक्त वीर्य दोनों को बाहर निकालता है।

4. उपग्रंथियां (Accessory Glands) – ये ग्रंथियां शुक्राणुओं के आहार के लिए विभिन्न घटकों का रिसाव करती हैं। ये ग्रंथियां हैं-प्रोस्ट्रेट, काऊपर्स ग्रंथियाँ तथा वीर्य थैली।

प्रश्न 2.
मनुष्य में मादा प्रजनन अंगों का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
मानव मादा प्रजनन अंग (Female Reproductive Organs) – मनुष्य के मादा प्रजनन अंग निम्नलिखित हैं-

1. अंडाशय (Ovary) – श्रोणिय गुहिका में दो अंडाशय होते हैं जो बहुत छोटे आकार के होते हैं। अंडाशय में अंडे बनते हैं। अंडाशय की अंदर की सतह पर एपीथीलियम कोशिकाओं की पतली परत होती है जिसे जनन एपीथीलियम कहते हैं। इसकी कोशिकायें विभाजित होकर फोलिकल तथा अंडा बनाती हैं। अंडाशय की गुहा में संयोजी ऊतक होते हैं जिन्हें स्ट्रोमा कहते हैं। प्रत्येक फोलिकल में एक जनन कोशिका होती है जिसके चारों ओर स्ट्रोमा की कोशिकाएँ रहती हैं। अर्ध सूत्री विभाजन के फलस्वरूप जनन कोशिकाएँ अंडे का निर्माण करती हैं।
ओस्ट्रोजिन तथा प्रोजिस्ट्रॉन नामक दो हार्मोन अंडाशय द्वारा स्रावित होते हैं जो मादा में जनन संबंधी विभिन्न क्रियाओं का नियंत्रण करते हैं।

2. फैलोपियन नलिका (Fallopian Tube) – यह रचना में नलिका समान होती है। इसका एक सिरा गर्भाशय से जुड़ा रहता है और दूसरा सिरा अंडाशय के पास खुला रहता है। इसके सिरे पर झालदार रचना होती है जिसे फिंब्री कहते हैं। अंडाशय से जब अंडा निकलता है तो फिंब्री की संकुचन क्रिया के कारण फैलोपियन नलिका में आ जाता है। यहाँ से गर्भाशय की ओर बढ़ता है। अंड निषेचन फैलोपियन नलिका में ही होता है। यदि अंडे का निषेचन नहीं होता तो यह गर्भाशय से होकर योनि में और ऋतु स्राव के समय योनि से बाहर निकल जाता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन 8

3. गर्भाशय (Uterus) – यह मूत्राशय तथा मलाशय के बीच स्थित एक मांसल रचना है। फैलोपियन नलिकाएँ इसके दोनों ओर ऊपर के भागों में खुलती हैं। गर्भाशय का निचला सिरा कम चौड़ा होता है और योनि में खुलता है। गर्भाशय के अंदर की दीवार एंड्रोमीट्रियम की बनी होती है। गर्भाशय का मुख्य कार्य निषेचित अंडे को परिवर्धन काल में जब तक कि गर्भ विकसित होकर शिशु के रूप में जन्म न ले ले, आश्रय तथा भोजन प्रदान करना है।

4. योनि (Vagina) – यह मांसल नलिका समान रचना है। इसका पिछला भाग गर्भाशय की ग्रीवा में खुलता है। मादा में मूत्र निष्कासन के लिए अलग छिद्र होता है जो योनि में खुलता है।

5. भग (Vulva) – योनि बाहर की ओर एक सुराख से खुलती है जिसे भग कहते हैं।

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प्रश्न 3.
क्लोनिंग पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
क्लोनिंग – यह समरूप कोशिका अथवा संपूर्ण जीव उत्पन्न करने की विधि है। डॉली, एक भेड़ को सफलतापूर्वक क्लोन किया गया। यह पहला स्तनधारी 1996 में क्लोन किया गया।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन 9

फिन डारसेट नामक मादा भेड़ की स्तन ग्रंथि से एक कोशिका एकत्र की गई। उसी समय स्काटिश ब्लैक फेस ईव से एक अंडकोशिका एकत्र की गई। अंडकोशिका का केंद्रक हटा दिया गया। तत्पश्चात् फिनडारसेट से एकत्र कोशिका का केंद्रक, दूसरी केंद्रक विनि कोशिका में स्थापित किया गया। इस प्रकार उत्पन्न अंड कोशिका को स्काटिश ब्लैक फेस ईव में रोपित किया गया। अंड कोशिका का विकास एवं परिवर्धन सामान्य रूप से हुआ और अंततः डॉली का जन्म हुआ। यद्यपि स्काटिश ब्लैकफेस ईव ने डॉली को जन्म दिया परंतु डॉली फिन डारसेट भेड़ के समरूप थी, जिससे केंद्रक लिया गया था। डॉली में स्काटिश ईव के कोई लक्षण परिलक्षित नहीं हुए क्योंकि इसका केंद्रक हटा दिया गया | था। दुर्भाग्य से फेफड़ों के रोग के कारण डॉली की 14 फरवरी, 2003 में मृत्यु हो गई।
क्लोन वाले जंतुओं में अक्सर जन्म के समय अनेक विकृतियाँ होती हैं।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2)

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2)

जान-पहचान
पावर प्वाइंट एक प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर है जिसमें प्रभावशाली दिख वाली प्रेजेंटेशन बनाई जा सकती है। इसमें बैकग्राऊंड, टैक्सट स्टाइल और रंग दाखिल किये जा सकते हैं।

प्रेजेंटेशन बनाना प्रेजेंटेशन बनाने के निम्नलिखित तरीके हैं-

  1. ब्लैंक प्रेजेंटेशन
  2. रीसेंट टेंप्लेट
  3. सिंपल टेंप्लेट
  4. थीम्स
  5. माय टेंप्लेट
  6. न्यू फ्रॉम एग्जिस्टिंग

1. ब्लैंक प्रेजेंटेशन-ब्लैंक प्रेजेंटेशन के निम्नलिखित भाग होते हैं-

  • फाइल मैन्यू पर क्लिक करो।
  • न्यू पर क्लिक करो
  • उपलब्ध टेंप्लेटस तथा थीमस में से प्रेजेंटेशन पर क्लिक करो।

या
Ctrl + N शॉर्टकट की दबाएं।

2. प्रेजेंटेशन को रीसेंट टेंप्लेट के द्वारा बनाना रीसेंट टेंप्लेट द्वारा प्रेजेंटेशन बनाने के अग्रलिखित स्टैप होते हैं।

  • फाइल मैन्यू पर क्लिक करो तथा न्यू का चयन करो।
  • उपलब्ध टेंप्लेट तथा थीमस में से रीसेंट टेंप्लेट का चुनाव करो।
  • अपनी पसंद का टेंप्लेट चुनें तथा एंटर की दबाएं।

3. प्रेजेंटेशन को सैंपल टेंप्लेट द्वारा बनाना प्रेजेंटेशन को सैंपल टेंप्लेट द्वारा बनाने के नियम होते हैं।

  • फाइल मैन्यू पर क्लिक करो तथा न्यू का चयन करो।
  • उपलब्ध टेंप्लेट तथा थीमस में से सैंपल टेंप्लेट का चुनाव करो।
  • अपनी पसंद का टेंप्लेट चुनें तथा एंटर कीअ दबाएं।

4. थीमस
थीमस पहले से बने हुए रंग, फोंट तथा इफेक्ट होते हैं। थीमस के प्रयोग से निम्नानुसार प्रेजेंटेशन बनाई जा सकती है।

  • File मैन्यू पर क्लिक करो तथा New का चुनाव करो।
  • उपलब्ध टेंप्लेट तथा थीमस में से थीम का चयन करो।
  • एंटर कीअ दबाएं।

5. माई टेंप्लेट
माई टेंप्लेट में यूज़र अपनी पसंद के टेंप्लेट स्टोर करके रखता है। इसके द्वारा प्रेजेंटेशन बनाने के निम्नलिखित पग होते हैं।

  • File मैन्यू पर क्लिक करो तथा New का चुनाव करो।
  • उपलब्ध टेंप्लेट तथा थीमस में से माई टैंप्लेटस का चयन करो।
  • अपनी पसंद का कोई भी टेंप्लेट चुनें तथा एंटर कीअ दबाएं।

6. न्यू फ्रॉम एग्जिस्टिंग द्वारा प्रेजेंटेशन तैयार करना
न्यू फ्रॉम एग्जिस्टिंग का अर्थ है पहले से बनी हुई प्रैजेंस्टेशन से नई प्रेजेंटेशन बनाना। इसके लिए निम्नलिखित पग प्रयोग किए जाते हैं।

  • File मैन्यू पर क्लिक करो तथा New का चुनाव करो।
  • उपलब्ध टेंप्लेट तथा थीमस में से न्यू फ्रॉम एग्जिस्टिंग का चयन करो।
  • अपनी पसंद का टेंप्लेट चुनें तथा एंटर कीअ दबाएं।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2)

स्लाइड में टैक्सट दाखिल करना
खाली प्रेजेंटेशन में सफेद बैंकग्राउंड वाली एक स्लाइड में दो प्लेसहोल्डर्स होते हैं। इनमें से एक प्लेसहोल्हर टाइटल दाखिल करने के लिए तथा दूसरा प्लेसहोल्डर सबटाइटल दाखिल करने के लिए होता है। अगर हमें इस प्लेसहोल्डर में कोई टैक्सट दाखिल करना है तो पहले हमें उसमें क्लिक करना पड़ेगा। क्लिक करने के बाद हमें एक टिमटिमाता करसर दिखाई देगा। प्लेसहोल्डर में अपनी आवश्यकतानुसार टैक्सट टाइप हो जाने के बाद प्लेसहोल्डर के बाहर कहीं भी क्लिक करो। इसमें टिमटिमाता करसर अपने आप गायब हो जाएगा।

अगर हम टैक्सट को साधारण प्लेसहोल्डर से बाहर स्लाइड पर कहीं भी दिखाना चाहते हैं तो उसके लिए हमें पहले टैक्सट बॉक्स दाखिल करना पड़ेगा। स्लाइड में टैक्सट बॉक्स दाखिल करने के निम्नलिखित पग होते हैं।

  1. इंसर्ट टैब पर क्लिक करो।
  2. टैक्सट ग्रुप में से टैक्सट बॉक्स विकल्प पर क्लिक करो।
  3. अब अपने स्लाइडर पर बायां माउस बटन क्लिक करके टैक्सट बॉक्स को ड्रा करो। इसकी लंबाई तथा चौड़ाई अपनी आवश्यकतानुसार रखी जा सकती है।
  4. टैक्सट बॉक्स में टाइपिंग के लिए एक टिमटिमाता करसर नज़र आएगा अब आप अपना टैक्सट बॉक्स में टाइप कर सकते हैं।

यूज़र इन टैक्सट बॉक्स को अपनी आवश्यकतानुसार मूव, रिसाइज़ तथा रोटेट भी कर सकते हैं। टैक्सट बॉक्स को स्लाइड के ऊपर किसी भी जगह मूव करने के लिए बार्डर के ऊपर क्लिक करो तथा ड्रैग करके उस स्लाइड को नए स्थान पर ले जाओ। टैक्सट का आकार बदलने के लिए उसे कोनों में दिखाई दे रहे सफेद हैंडल पर क्लिक करो तथा खींचकर उसका आकार छोटा या बड़ा करो। टैक्सट बॉक्स को घुमाने के लिए उसके ऊपर बने एक घुमावदार हैंडल के ऊपर क्लिक करो तथा इसको दाएं या बाएं किसी भी दिशा में आप घुमा सकते हैं।

स्लाइड पर टैक्सट को फॉर्मेट करना
यूज़र स्लाइड पर पड़े प्लेसहोल्डर या टैक्सट बॉक्स में दिखाई दे रहे टैक्सट को अपनी आवश्यकता अनुसार फॉर्मेट कर सकते हैं। इसके लिए Home टैब में से Font तथा Paragraph ग्रुप का प्रयोग करके फॉर्मेटिंग की जा सकती है।

  1. फॉर्मेटिंग लगाने के लिए सबसे पहले प्लेसहोल्डर से टैक्सट का चुनाव करना ज़रूरी होता है। अतःउस टैक्सट का चुनाव करो जिस पर फॉर्मेटिंग लागू करनी है।
  2. फिर उचित विकल्प जैसे कि Home टैब में Font तथा Paragraph ग्रुप में में से Font, Bold, Italic, Underline, Text Shadow, Strike through, Font Color, Font Size, Change Case तथा Alignment आदि विकल्पों का प्रयोग किया जा सकता है।

नई स्लाइड दारिवल करना
प्रेजेंटेशन में नई स्लाइड दाखिल करने के निम्नलिखित पग हो सकते हैं-

  1. Home टैब के ऊपर Slide ग्रुप में New Slide पर क्लिक करो।
  2. Layout गैलरी में Slide Thumbnail का चुनाव करो।

या

नई स्लाइड दाखिल करने के लिए कीबोर्ड में से Ctrl + M शॉर्टकट कीअ दबाएं

नई स्लाइड लेआउट बदलना
स्लाइड लेआउट स्लाइड के ऊपर विभिन्न तरह के डिजाइन तथा प्लेसमेंट को परिभाषित करता है। प्रेजेंटेशन में एक नई स्लाइड दाखिल करते समय स्लाइड लेआउट का चयन किया जा सकता है। प्रदर्शन में स्लाइड दाखिल करने के बाद भी हम उस स्लाइड को बदल सकते हैं। स्लाइड का लेआउट बदलने के लिए निम्नलिखित पगों का प्रयोग किया जाता है।

  1. उस स्लाइड को सिलेक्ट करो जिसका लेआउट बदलना है।
  2. Home टैब में से Slide ग्रुप में मौजूद Layout ड्रॉप डाउन मैन्यू के ऊपर क्लिक करो।
  3. अपनी आवश्यकतानुसार लेआउट का चुनाव करो।

स्लाइड की दिरव बदलना
इस स्लाइड की बैकग्राऊंड, रंग, स्कीम, पैटर्न टैक्सचर आदि बदल सकते हैं। इसके साथ ही टैक्सट की फौंट, साइज़ और स्टाइल भी बदला जा सकता है।

  1. डिज़ाइन टैंपलेट-डिज़ाइन टैंपलेट एक स्लाइड होती है जिसमें पहले से परिभाषित किया बैकग्राऊंड डिज़ाइन, टैक्सट स्टाइल, कलर आदि होता है।
  2. कलर स्कीम-किसी स्लाइड या आबजैक्ट पर रंगों का जो इस्तेमाल किया जाता है उसको कलर स्कीम कहते हैं।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 1

डिज़ाइन थीम बदलना

  1. उस स्लाइड पर क्लिक करो जिस पर नया डिज़ाइन लगाना है।
  2. Design टैब पर क्लिक करो।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 2

3. Themes ग्रुप में थीमज़ नज़र आयेंगे। अपनी पसंद का थीम चुनो।
4. थीम लग जाएगा।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2)

बैकग्राऊंड स्टाइल बदलना
बैकग्राऊंड स्टाइल बदलने के निम्न स्टैप हैं –
1. Design टैब के Background स्टाइल बटन पर क्लिक करो।
2. अपनी पसंद के बैकग्राऊंड स्टाइल का चुनाव करो। अपनी ज़रूरत के अनुसार विकल्प का चुनाव करो।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 3

  • आप बैकग्राऊंड पैटर्न या टैक्सचर चुन सकते हो।
  • ग्रेडीएंट का चुनाव कर सकते हो।

3. ज़रूरत के अनुसार विकल्प चुनकर OK बटन पर क्लिक करो।

फॉर्मेट बैकग्राउंड
बैकग्राउंड एक ठोस रंग की ग्रेडियंट पिक्चर तथा टैक्सट फिल या एक पैटर्न के रूप में हो सकती हैं। इसमें वह सारा एरिया शामिल होता है जो स्लाइड के बैकग्राउंड में दिखाई देता है। इस कार्य को करने के लिए फॉर्मेट बैंकग्राउंड डायलॉग बॉक्स का प्रयोग किया जाता है। Format Background डायलॉग बॉक्स को खोलने के लिए निम्नलिखित पग प्रयोग किए जाते हैं।
1. Design टैब के ऊपर Background ग्रुप में से Background Style में से Format Background विकल्प पर क्लिक करो।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 4
डायलॉग बॉक्स में दो पैन मौजूद होते हैं बायां पेन चार विकल्प दिखाता है : Fill, Picture, Corrections, Picture Color तथा Artistic Effects पहले विकल्प-Fill का प्रयोग स्लाइड के बैकग्राउंड को फॉर्मेट करने के लिए किया जाता है तथा बाकी विकल्प Picture Corrections, Picture Color तथा Artistic Effects का प्रयोग बैकग्राउंड के रूप में तस्वीर को फॉर्मेट करने के लिए किया जाता है।

Format Background में उपलब्ध विभिन्न विकल्प निम्न अनुसार हैं –
1.Solid Fill-इस विकल्प का प्रयोग स्लाइड की बैकग्राउंड को एक ठोस रंग की बैकग्राउंड बनाने में किया जाता है। इसमें थीमस कलर, स्टैंडर्ड कलर या अपनी पसंद के किसी अन्य कलर को बैकग्राउंड के रूप में सेट किया जा सकता है। एक ठोस रंग को बैकग्राउंड में भरने के लिए कलर बटन पर क्लिक करो तथा कलर ड्रॉपडाउन गैलरी खोलो। गैलरी में निम्नलिखित विकल्प मौजूद होते हैं।

  • Automatic-इस विकल्प का प्रयोग प्रेजेंटेशन के ऊपर लागू थीम का डिफॉल्ट बैकग्राउंड रंग सेट करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • Theme Color-इस विकल्प का प्रयोग प्रेजेंटेशन में एक्टिव थीम में मौजूद किसी भी रंग का प्रयोग करने के लिए किया जाता है।
  • Standard Color-इसका प्रयोग 10 स्टैंडर्ड रंगों में से किसी भी रंग को सिलेक्ट करने के लिए किया जाता है। यह 10 स्टैंडर्ड रंग वह रंग होते हैं जो पावर प्वाइंट में व्यापक तौर पर प्रयोग किए जाते हैं।
  • Recent Colors-इस विकल्प का प्रयोग अभी-अभी प्रयोग किए गए रंगों में से किसी रंग का चुनाव करने के लिए किया जाता है।
  • More Color-इस विकल्प का प्रयोग एक कलर डायलॉग बॉक्स खोलने के लिए किया जाता है जो पूरे यूज़र द्वारा बनाए गए रंग को बैकग्राउंड के रूप में सेट करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

2. ग्रेडीएंट बदलना

  • Design टैब में Background स्टाइल पर क्लिक करो।
  • Format Background पर क्लिक करो।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 5
(Format Background डॉयलाग बॉक्स दिखाई देगा)
Fill ऑप्शन में Gradient Fill बटन पर क्लिक करो।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 6

  • अपनी पसंद की Direction, Angle और Gradient stop का चुनाव करो।
  • Apply to All Slides पर क्लिक करो। (ग्रेडीएंट लागू हो जाएगा)।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2)

3. बैकग्राउंड पिक्चर या टेक्सचर फिल करना-हम अपनी बैकग्राउंड में तस्वीर भी लगा सकते हैं। अपनी प्रेजेंटेशन की स्लाइड में बैकग्राउंड में तस्वीर लगाने के स्टेप निम्नानुसार हैं-

  • Design रिबन पर क्लिक करो
  • Background Style विकल्प पर क्लिक करो। (Format Background) डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।
  • Fill विकल्प में से Picture or texture Fill विकल्प का चयन करो।
  • Insert from File में से क्लिप आर्ट या क्लिपबोर्ड का चयन करो।
  • अपनी पसंद की पिक्चर सिलेक्ट करो।
  • Apply to All Slides पर क्लिक करो। (स्लाइड में पिक्चर इंसर्ट हो जाएगी)

4. बैकग्राउंड में पैटरन फिल करना-स्लाइड की बैकग्राउंड में पैटरन फिल करने के निम्नलिखित पग-

  • Design टैब पर Background बटन पर क्लिक करो।
  • Format Background पर क्लिक करो।
  • Format Background डायलॉग बाक्स दिखाई देगा।
  • Pattern Fill विकल्प का चयन करो।
  • पैटरन पिक्चर सिलेक्ट करो।
  • Apply to All Slides पर क्लिक करो।
  • Close बटन पर क्लिक करो।
  • पैटरन सारी स्लाइडज पर लागू हो जाएगा।

स्लाइड में कंटैट दारिवल करना
ऑबजैक्ट-कोई भी वस्तु जो पावर-प्वाइंट में दाखिल की जा सकती है उसको ऑबजैक्ट कहते ।
पावर प्वाइंट में आबजैक्ट निम्न स्टैप द्वारा दाखिल किया जा सकता है –

  • जिस स्लाइड पर आबजैक्ट दाखिल करना है उस पर क्लिक करो।
  • Insert टैब के Texture ग्रुप में Object ऑप्शन पर क्लिक करो। (Insert Object डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा)।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 7

जो आबजैक्ट चाहिए उसका चुनाव करें।
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OK पर क्लिक करें।

पावरपवाइंट वियू
स्लाइडों के दिखाने के लिए पावर-प्वाइंट अलग-अलग उपाय प्रदान करवाता है। इसको वियू कहा जाता है। यह पाँच तरह के होते हैं –

  • नारमल वियू
  • स्लाइड सारटर वियू पावर प्वाइंट ऑब्जेक्ट
  • नोट्स पेज वियू
  • रीडिंग वियू टेबल चार्ट क्लिपआर्ट मीडिया क्लिप
  • मास्टर वियू।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 9

(i) नारमल वियू (Normal View)-इस दृश्य में स्लाइड का टैक्सट, चित्र, चार्ट और कई चीजें स्क्रीन पर (अलग-अलग) नज़र आती हैं। इसमें टैक्सट को बदला जा सकता है, नई स्लाइड बनाई जा सकती है और ड्राइंग बनाई जा सकती है।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 10
(ii) स्लाइड सारटर वियू (Slide Sorter View)-यह प्रेजेंटेशन की स्लाइडों को थंबनेल रूप में स्क्रीन पर दिखाता है। इस दृश्य में सभी स्लाइडें एक ही स्क्रीन पर नज़र आती हैं। इसमें स्लाइडों को सही लाइन में लगाया जा सकता है। स्लाइड सारटर वियू स्लाइड के बीच वाली सामग्री की कांट-छांट की स्वीकृति नहीं देता।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 11
(iii) नोट्स पेजिज़ वियू (Notes Pages View)-इस वियू में चुनी हुई स्लाइड ऊपर शिखर पर नज़र आती है और नीचे आप स्लाइड से सम्बन्धित जानकारी लिख सकते हो। इस जानकारी को नोटस कहा जाता है।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 12
(iv) रीडिंग वियू (Reading View)-यह वियू स्लाइड को विंडो में दिखाता है। इसका प्रयोग प्रूफ रीडिंग के लिए किया जाता है। यह वियू दर्शकों को न दिखा कर किसी एक को दिखाने के लिए किया जाता है।
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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2)

(v) मास्टर वियू (Master View)-इस वियू में स्लाइड हैंड आऊट नोट वियू होते हैं। ये मुख्य स्लाइड होती हैं जिनमें सारी जानकारी सेव होती है। इस वियू में हम प्रत्येक स्लाइड की नोट पेज़, हैंड आऊट आदि सैटिंग बदल सकते हैं।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 14

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य

PSEB 8th Class Science Guide कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्न कथन सत्य (T) है या असत्य (F)।
(क) एककोशिक जीव में एक ही कोशिका होती है। (T/F)
(ख) पेशी कोशिका शाखान्वित होती है। (T/F)
(ग) किसी जीव की मूल संरचना अंग है। (T/F)
(घ) अमीबा की आकृति अनियमित होती है। (T/F)
उत्तर-
(क) सत्य (T)
(ख) असत्य (F)
(ग) असत्य (F)
(घ) सत्य (T)।

प्रश्न 2.
मानव तंत्रिका कोशिका का रेखाचित्र बनाइए। तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा क्या कार्य किया जाता है ?
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 1
तंत्रिका कोशिका का कार्य – तंत्रिका कोशिका संदेश प्राप्त करके उनका स्थानांतरण करती है जिसके द्वारा यह शरीर में नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य करती है।

प्रश्न 3.
निम्न पर संक्षिप्त नोट लिखिए-
(क) कोशिका द्रव्य
(ख) कोशिका का केंद्रक।
उत्तर-
(क) कोशिका द्रव्य – यह जैली जैसा गाढ़ा द्रव्य कोशिका झिल्ली के भीतर पाया जाता है। कई अंगक अथवा कोशिकांगरस में पाए जाते हैं। इसमें जल, चीनी, खनिज, लिपिड प्रोटीन आदि होते हैं।

(ख) कोशिका का केंद्रक-सभी यूकेरियोटिक कोशिकाओं में केंद्रक स्पष्ट रूप में पाया जाता है। इसके चार संघटक हैं-
(क) केंद्रक झिल्ली – यह दो परों वाला आवरण केंद्रक द्रव्य जो परिबद्ध करता है। यह सरंध्र और परागम्य होती है। बाह्य परत पर राइबोसोम जुड़े होते हैं और जो RSR में निरंतर हो सकते हैं। यह कोशिका द्रव्य एवं केंद्रक द्रव्य के बीच पदार्थों के आवागमन को नियंत्रित करती है।

(ख) केंद्रक द्रव्य – यह अर्ध ठोस कोलाइडल पदार्थ है जिसमें केंद्रिका और क्रोमैटिन धागे होते हैं। यह केंद्रक पिंजर की भांति कार्य करता है और कोशिका विभाजन में Spindle बनाता है।

(ग) केंद्रिका अथवा न्यूक्लिओलस – यह सघन, गोल, नग्न और गहरे रंग की संरचना है। यह RNA के संश्लेषण और भंडारण का कार्य करती है।

(घ) क्रोमेटिन धागे – यह लंबे, महीन और गहरे रंग वाले धागे हैं जो मिलकर, केंद्रक रेटीकुलम बनाते हैं। विभाजन के प्रोफेज़ (Prosphase) में यह संघनन होकर विशेष संख्या में छड़ रूपी संरचना बनाते हैं जिसे क्रोमोसोम कहते हैं। इन पर जीन लगी होती हैं, जो आनुवंशिक गुणों अथवा लक्षणों को अगली पीढ़ी में स्थानांतरित करते हैं। यह संरचनात्मक और एंजाइम प्रोटीन का संश्लेषण भी करते हैं।
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 4.
कोशिका के किस भाग में कोशिकांग पाए जाते हैं ?
उत्तर-
कोशिका द्रव्य में कोशिकांग पाए जाते हैं।

प्रश्न 5.
पादप कोशिका एवं जंतु कोशिका के रेखाचित्र बनाकर उनमें तीन अंतर लिखिए।
उत्तर-
पादप कोशिका एवं जंतु कोशिका में अंतर-
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प्रश्न 6.
यूकैरियोट्स तथा प्रोकैरियोट्स में अंतर लिखिए।
उत्तर-
यूकैरियोट्स (Eukaryotes) – इन जीवों की कोशिकाओं में केंद्रक स्पष्ट होते हैं और केंद्रक झिल्ली उपस्थित होती है। उदाहरण प्याज के छिलके एवं गाल की कोशिका।
प्रोकैरियोट्स (Prokaryotes) – इन जीवों की कोशिकाओं में केंद्रक नहीं होता अर्थात् केंद्रक झिल्ली उपस्थित नहीं होती। उदाहरण जीवाणु, नीले, हरित शैवाल।

प्रश्न 7.
कोशिका में क्रोमोसोम अथवा गुणसूत्र कहाँ पाए जाते हैं ? उनका कार्य बताइए।
उत्तर-
कोशिका में क्रोमोसोम अथवा गुणसूत्र केंद्रक द्रव्य में पाए जाते हैं। यह धागे जैसी संरचनाएँ होती हैं।
क्रोमोसोम के कार्य-

  1. जीव के धारक।
  2. आनुवंशिक गुणों अथवा लक्षणों को जनक से अगली पीढ़ी में स्थानांतरित करना।
  3. विभाजन में सहायक।

प्रश्न 8.
‘सजीवों में कोशिका मूलभूत संरचनात्मक इकाई है।’ समझाइए।
उत्तर-
भवन अथवा इमारत बनाने की मूल इकाई ईंट है। इसी तरह सजीवों के शरीर में कोशिका मूलभूत इकाई है। जिस प्रकार भवन निर्माण में एक समान ईंटों का प्रकार होता है, परंतु भवनों की आकृति, डिज़ाइन एवं साइज़ अलगअलग होते हैं। इसी तरह सजीव एक-दूसरे से भिन्न होते हैं, परंतु केवल कोशिकाओं से ही बने होते हैं। सजीव कोशिकाओं की संरचना बहुत जटिल होती है।

प्रश्न 9.
बताइए कि क्लोरोप्लास्ट अथवा हरितलवक केवल पादप कोशिकाओं में ही क्यों पाए जाते हैं ?
उत्तर-
क्लोरोप्लास्ट हरे रंग के वर्णक होते हैं। ये पौधों को हरा रंग प्रदान करते हैं। केवल पौधे ही इस हरे वर्णक को भोजन बनाने में प्रयोग में ला सकते हैं।

प्रश्न 10.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से क्रॉस शब्द पहेली को पूरा कीजिए।
बाईं से दाईं ओर
4. यह कोशिका द्रव्य से एक झिल्ली द्वारा अलग होता है।
3. कोशिका द्रव्य के बीच रिक्त स्थान।
1. सजीवों की मूलभूत संरचनात्मक इकाई।

ऊपर से नीचे की ओर
2. यह प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है।
1. कोशिका झिल्ली और केंद्रिका झिल्ली के बीच का पदार्थ।
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उत्तर-
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PSEB Solutions for Class 8 Science कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरो

(i) कोशिका सजीवों में ………………….. और कार्यात्मक इकाई है।
उत्तर-
संरचनात्मक

(ii) कोशिका भित्ति ………………………. कोशिका में पाई जाती है।
उत्तर-
पादप

(iii) कोशिका का शक्ति घर ……………………….. है।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया

(iv) अमीबा और पैरामीशियम में एक ………………………. होती है।
उत्तर-
कोशिका

(v) लवक (प्लैस्टिड) केवल ……………………….. कोशिका में पाए जाते हैं।
उत्तर-
पादप।

प्रश्न 2.
सही उत्तर चुनिए :
(i) कोशिका के आत्मघाती थैले हैं-
(क) लाइसोसोम
(ख) क्लोरोप्लास्ट
(ग) माइटोकांड्रिया
(घ) राइबोसोम।

(ii) पौधों की कोशिका में नहीं होती-
(क) कोशिका भित्ति
(ख) सैंट्रोसोम
(ग) प्लैस्टिड
(घ) माइटोकांड्रिया।
उत्तर-
(i) (क) (ii) (ख)।

प्रश्न 3.
जीवन की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई क्या है ?
उत्तर-
कोशिका (Cell)।

प्रश्न 4.
कोशिका जैव अध्ययन में राबर्ट ब्राऊन ने क्या योगदान दिया ?
उत्तर-
आरकिड की कोशिका में केंद्रक की खोज।

प्रश्न 5.
कोशिका सिद्धांत किसने सुझाया?
उत्तर-
एम० जे० शैल्डिीन और थियोडार शुवान।

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प्रश्न 6.
सबसे छोटी और सबसे बड़ी कोशिका के नाम लिखो। उत्तर-

  1. सबसे छोटी कोशिका-माइकोप्लाज्म ।
  2. सबसे बड़ी कोशिका-शुतुरमुर्ग का अंडा।

प्रश्न 7.
मानव शरीर में सबसे छोटी और सबसे बड़ी कोशिका कौन-सी है ?
उत्तर-

  1. सबसे छोटी कोशिका-नेफ्रॉन (Nephron)।
  2. सबसे बड़ी कोशिका-न्यूरॉन (Neuron)।

प्रश्न 8.
सजीवों में कोशिका द्रव्य को भौतिक आधार किसने कहा ?
उत्तर-
हक्सले (Huxley) |

एन 9.
रुडोल्फ वरकोअ (Rudolf Virchow) ने जैव विज्ञान के क्षेत्र में क्या योगदान दिया ?
उत्तर-
उसने कहा कि पुरानी कोशिकाओं की वृद्धि और विभाजन से ही नई कोशिकाएँ उत्पन्न होती हैं अर्थात् “Omnis Cellula c Cellula”

प्रश्न 10.
केंद्रक की प्रकृति के आधार पर कोशिका के कितने प्रकार हैं ?
उत्तर-
प्रोकेरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका।

प्रश्न 11.
न्यूक्लॉइड (Nucloid) क्या है ?
उत्तर-
न्यूक्लॉइड – यह प्रोकैरियोटिक जैसे जीवाणु और नीले-हरे शैवाल की अस्पष्ट केंद्रक है और इसमें केंद्रक झिल्ली अनुपस्थित होती है।

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प्रश्न 12.
कोशिका जीव विज्ञान में रॉबर्ट हुक का क्या योगदान है ?
उत्तर-
रॉबर्ट हुक ने कोशिका की खोज की।

प्रश्न 13.
कोशिका के तीन कार्यात्मक क्षेत्र कौन-से हैं ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली, कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक।

प्रश्न 14.
कोशिका झिल्ली का मूल कार्य क्या है ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली विभिन्न पदार्थों के कोशिका में आवागमन का नियमन करती है।

प्रश्न 15.
सबसे छोटे आकार के कोशिकांग का नाम लिखिए।
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosome)।

प्रश्न 16.
कौन-सा कोशिकांग आत्मघाती थैला कहलाता है ?
उत्तर-
लाइसोसोम (Lysosome)।

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प्रश्न 17.
सबसे बड़े कोशिकांग का नाम लिखिए।
उत्तर-
प्लैस्टिड (Plastid) ।

प्रश्न 18.
कोशिका केंद्र किस कोशिकांग को कहते हैं ?
उत्तर-
सैंट्रोसोम (Centrosome)।

प्रश्न 19.
अंग क्या है ?
उत्तर-
अंग – जानवरों और पौधों के शरीर के विभिन्न भागों को अंग कहते हैं।

प्रश्न 20.
कोशिका ‘Cell’ शब्द किसने कहा ?
उत्तर-
रॉबर्ट हुक (Robert Hooke)।

प्रश्न 21.
रॉबर्ट हुक ने ‘कोशिका’ नाम क्यों दिया ?
उत्तर-
रॉबर्ट ने कार्क की स्लाइस में कोष्ठयुक्त बक्से देखे जो मधुमक्खी के छत्ते के समान थे। उसने इस काष्ठ को ‘कोशिका’ का नाम दिया।

प्रश्न 22.
पौधे के कुछ भागों के नाम लिखिए।
उत्तर-
जड़ें, तना, पत्ते, फूल, फल ।

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प्रश्न 23.
एक कौशिक जीवों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
अमीबा, पैरामीशियम, जीवाणु आदि।

प्रश्न 24.
सबसे छोटी कोशिका का आकार क्या है ?
उत्तर-
0.1 माइक्रोन (μm) अर्थात् मिली मीटर का एक हज़ारवाँ भाग।

प्रश्न 25.
मुर्गी के अंडे का पीला भाग क्या है ?
उत्तर-
यह एक कोशिका है।

प्रश्न 26.
सबसे बड़ी कोशिका का आकार कितना है, जिसे नंगी आँख से देखा जा सके ?
उत्तर-
170 mm.

प्रश्न 27.
कोशिकांग क्या हैं ?
उत्तर-
कोशिकांग – कोशिका के घटक कोशिकांग हैं।

प्रश्न 28.
कोशिका झिल्ली, कोशिका में क्या काम करती है ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली एक द्रव्य का परिबद्ध करती है, जिसे कोशिका द्रव्य कहते हैं।

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प्रश्न 29.
कोशिका द्रव्य के मुख्य चार तत्त्वों के नाम लिखिए।
उत्तर-
कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन।

प्रश्न 30.
केंद्रक द्रव्य क्या है ?
उत्तर-
केंद्रक में पाया जाने वाला द्रव्य।

प्रश्न 31.
कोशिका के कार्यों को कौन नियंत्रित करता है ?
उत्तर-
केंद्रक।

प्रश्न 32.
क्रोमोसोम क्या करते हैं ?
उत्तर-
क्रोमोसोम – क्रोमोसोम आनुवंशिक गुणों और लक्षणों को जनक से अगली पीढ़ी में स्थानांतरित करते हैं।

प्रश्न 33.
हरित लवक (Chloroplast) क्या है ?
उत्तर-
पौधे में हरे प्लैस्टिड हरित लवक कहलाते हैं।

प्रश्न 34.
माइटोकांड्रिया का आकार क्या है ?
उत्तर-
छड़ीनुमा अथवा गोलाकार ।

प्रश्न 35.
कोशिका का शक्ति घर कौन-सा है ?
उत्तर-
माइटोकांड्रिया।

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प्रश्न 36.
उस एक कोशिका का नाम बताओ जिसके सिलिया (Cilia) होते हैं ?
उत्तर-
पैरामीशियम।

प्रश्न 37.
कोशिका के नष्ट होने पर क्या होता है ?
उत्तर-
इससे अंग तंत्र और समष्टि के कार्य प्रभावित हो सकते हैं।

प्रश्न 38.
कोशिका की संख्या और आकार के वृद्धि से क्या होता है ?
उत्तर-
सजीव की वृद्धि होती है।

प्रश्न 39.
हुक को कार्क के पतले स्लाइस क्यों लेने पड़े ?
उत्तर-
क्योंकि ठोस कार्क जानकारी नहीं मिलती थी।

प्रश्न 40.
हुक ने कार्क का प्रेक्षण कहाँ दर्शाया ?
उत्तर-
लंडन की रायल सोसायटी में।

प्रश्न 41.
एक कोशिकीय सजीवों को एक कोशिक जीव भी कहते हैं ?
उत्तर-
सत्य।

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प्रश्न 42.
उस कोशिका का नाम लिखो जिसकी संरचना शाखित है।
उत्तर-
तंत्रिका कोशिका।

प्रश्न 43.
कौन-सी कोशिका नंगी आँख से देखी जा सकती है ?
उत्तर-
शुतुरमुर्ग का अंडा।

प्रश्न 44.
जंतु कोशिका की सबसे बाह्य परत का नाम क्या है ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली।

प्रश्न 45.
माइटोकांड्रिया कोशिका में क्या कार्य करता है ?
उत्तर-
यह कोशिका को सभी क्रियाओं के लिए ऊर्जा देते हैं।

प्रश्न 46.
पौधों में सबसे बाह्य परत कौन-सी है ?
उत्तर-
कोशिका भित्ति।

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प्रश्न 47.
सजीव कोशिकाओं की आकार सीमा क्या है ?
उत्तर-
प्लूयरोन्यूमोनिया का आकार (0.1dμm है और शुतुरमुर्ग में इसका आकार 170 × 135 mm है।

प्रश्न 48.
कोशिका का आकार किस बात पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
कोशिका का आकार उनके कार्य पर निर्भर करता है। उदाहरण कुछ तांत्रिका कोशिकाएं 1 मीटर से भी लंबी होती हैं।

प्रश्न 49.
यूकेरियोटिक में जीवद्रव्य (प्रोटोप्लाज्म) किन भागों से बनता है?
उत्तर-
केंद्रक और कोशिका द्रव्य से जीवद्रव्य बनता है।

प्रश्न 50.
कोशिका विभाजन के समय केंद्रक में क्रोमैटिन पदार्थ का क्या होता है ?
उत्तर-
कोशिका विभाजन के समय क्रोमैटिन पदार्थ संघनिन होकर कुंडलित धागे बनाता है, जिन्हें क्रोमोसोम कहते हैं।

प्रश्न 51.
किन्हीं दो एक कोशिक सजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. अमीबा,
  2. पैरामीशियम।

प्रश्न 52.
अमीबा का आकार क्या है ?
उत्तर-
अमीबा का निश्चित आकार नहीं है अर्थात् अनिश्चित आकार।

प्रश्न 53.
उस मानव कोशिका का नाम बताओ जो आकार बदलता है ।
उत्तर-
श्वेत रक्त कोशिका (WBC)।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 54.
मानव RBC का आकार क्या है ?
उत्तर-
7 μm.

प्रश्न 55.
सजीवों के दो मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-

  1. श्वसन
  2. पोषण।

प्रश्न 56.
मानव शरीर में कितनी कोशिकाएँ पाई जाती हैं ?
उत्तर-
1014 (1000 खरब)।

प्रश्न 57.
कोशिकाओं की मुख्य आकृतियाँ कौन-सी हैं ?
उत्तर-
गोलाकार, घनाकार तथा स्तंभाकार।

प्रश्न 58.
कोशिका झिल्ली किस पदार्थ की बनी होती है ?
उत्तर-
वसा तथा प्रोटीन की।

प्रश्न 59.
कोशिकाओं के कार्यों को कौन-सा भाग नियंत्रित करता है ?
उत्तर-
केंद्रक।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 60.
आनुवंशिक गुणों का वाहक कौन-सा है ?
उत्तर-
गुणसूत्र।

प्रश्न 61.
गुणसूत्र किस पदार्थ के बने होते हैं ?
उत्तर-
न्यूक्लियोप्रोटीन से।

प्रश्न 62.
जीन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सजीवों में आनुवंशिक इकाई को जीन कहते हैं।

प्रश्न 63.
उत्तक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
कोशिकाओं का समूह जो किसी विशेष कार्य को करता है, उत्तक कहलाता है।

प्रश्न 64.
अमीबा के पादाभ का क्या कार्य है ?
उत्तर-
गति तथा भोजन ग्रहण करना।

प्रश्न 65.
गुणसूत्र कब दिखाई देते हैं ?
उत्तर-
कोशिका विभाजन के समय।

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TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कोशिका क्या है ?
उत्तर-
कोशिका (Cell) – जैसे ईंटें सभी प्रकार के घरों की इकाई हैं इसी तरह कोशिका सजीवों की इकाई है। जानवर और पौधे जैसे चींटी, मक्खी, कुत्ता, हाथी, सूर्यमुखी नीम आदि कोशिकाओं से बने हैं।

प्रश्न 2.
कोशिकांगों के नाम लिखो।
उत्तर-
कोशिकांग, कोशिका द्रव्य में सजीव संरचनाएँ हैं। इनके नाम हैं -एंडोप्लाजिमक रेटीकुलम, गाल्जीकॉय, माइटोकांड्रिया, राइबोसोम, लाइसोसोम, परऑक्सीसोम, प्लैस्टिड, सेंट्रोसोम, आदि।

प्रश्न 3.
कोशिका झिल्ली और कोशिका भित्ति में क्या अंतर है ? प्रत्येक के कार्य लिखो।
उत्तर-

गुण कोशिका झिल्ली (Cell membrane) कोशिका भित्ति (Cell wall)
(1) उपस्थिति सभी कोशिकाओं के कोशिका द्रव्य के बाहर या इर्द-गिर्द। पौधों की कोशिका, जीवाणु, नीला, हरा शैवाल, कवक आदि की कोशिका झिल्ली के बाहर।
(2) प्रकृति पतली और आंशिक परागम्य। मोटी और पूर्ण परागम्य।
(3) रसायन लिपोप्रोटीन और तीन तहों वाला। सैलूलोज, पैक्टीन और पानी आदि।
(4) कार्य पदार्थों के कोशिका में आवागमन का नियमन करना। सुरक्षा और आकार प्रदान करना। वाष्पोत्सर्जन का रोकना।

प्रश्न 4.
कौन-सी कोशिका को ‘आत्मघाती थैला’ कहते हैं और क्यों ?
उत्तर-
लाइसोसोम को आत्मघाती थैला कहते हैं क्योंकि यह पाचन में सहायक होते हैं, भोजन भंडारण में मदद करते हैं और कोशिका के अंत पर उसके पाचन में सहायक होते हैं। यह वस्तुओं को पचाने में स्वयं का बलिदान देते हैं, इसीलिए इन्हें आत्मघाती थैला कहते हैं।

प्रश्न 5.
कौन-सा कोशिकांग कोशिका का ‘शक्ति घर’ है, इसके कार्य के बारे में संक्षेप में बताएँ।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया को ‘शक्ति घर’ कहते हैं। वायुवयी कोशिका श्वसन में यहाँ ग्लूकोज़ अणु का ऑक्सीकरण होता है और ऊर्जा युक्त ATP अणुओं का उत्पादन होता है। ग्लूकोज़ का एक मोल, वायुवयी श्वसन में 36 ATP अणु उत्पन्न करता है।

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प्रश्न 6.
निम्न शब्दों की परिभाषा लिखिए।
(क) जीव द्रव्य (Protoplasm)
(ख) कोशिका द्रव्य (Cytoplasm)
(ग) केंद्रिका द्रव्य (Nucle)plasm)।
उत्तर-
(क) जीव द्रव्य (Protoplasm) – यह जीवन का आधार है और कोशिका झिल्ली से परिबद्ध होता है। इसमें कोशिका द्रव्य और केंद्रिका द्रव्य दोनों आते हैं।

(ख) कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह केंद्रक और कोशिका झिल्ली के बीच पाया जाता है, जिसमें कई छोटे कोशिकांग अथवा अंगक पाए जाते हैं। यहां प्रोटीन का संश्लेषण और ग्लोकोलसिस जैसे प्रक्रम होते हैं।

(ग) केंद्रिका द्रव्य (Nucleoplasm) – यह केंद्रक में पाया जाता है। इसमें क्रोमैटिन पदार्थ और केंद्रिका होते हैं। यह कोशिका विभाजन में तर्कु (spindle) बनाता है।

प्रश्न 7.
पादप और जंतु कोशिकाओं का चित्र बनाइए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 6

प्रश्न 8.
कोशिका के आकार और रूप की विविधता का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कोशिकाएं आमतौर पर गोलाकार होती हैं परंतु इनमें बहुत विविधता भी भ्याई जाती है। यह घनाकार और स्तनीय हो सकती है। कुछ जंतु कोशिकाएं लंबी और शाखित होती हैं जैसे तंत्रिका कोशिका।

प्रश्न 9.
एक कोशिक और बहु कोशिक जीव क्या हैं ?
उत्तर-
एक कोशिक जीव (Unicellular Organisms) – वे जीव जिनमें केवल एक ही कोशिका होती है, एक कोशिक जीव कहलाते हैं। जैसे अमीबा, पैरामीशियम, कलैमाइडोमोनास, खमीर, यूग्लीना आदि।

बहु कोशिक जीव (Multicellular Organisms) – वे जीव जिनमें कोशिकाओं की संख्या बहुत अधिक होती है बहुकोशिक जीव कहलाते हैं। जैसे मानव, हाइड्रा, कुत्ता, हाथी आदि।

प्रश्न 10.
अंग और अंग-तंत्र से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
अंग (Organ) – ऊतकों का समूह जो शरीर में एक विशेष कार्य करता है, अंग कहलाता है।
अंग तंत्र (Organ System) – अंगों का समूह जो मिलकर सभी कार्य करते हैं, अंग-तंत्र कहलाता है।

प्रश्न 11.
विभिन्न कोशिकाओं के चित्र बनाइए।
उत्तर-
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प्रश्न 12.
पहली कोशिका की खोज कैसे हुई थी ?
उत्तर-
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रॉबर्ट हुक ने 1665 में कार्क के एक स्लाइस का आवर्धन यंत्र द्वारा अध्ययन किया। कार्क पेड़ की छाल का भाग है। उसने कार्क की पतली स्लाइस ली और सूक्ष्मदर्शी द्वारा उसका अध्ययन किया। उसने उसमें कोष्ठयुक्त अथवा विभाजित बक्से देखे। यह बक्से मधुमक्खी के छत्ते की भांति थे। उसने यह भी देखा एक बक्सा दूसरे बक्से से एक विभाजन पट्टी द्वारा अलग है। उसने इस बॉक्स को ‘कोशिका’ का नाम दिया। अंग्रेज़ी में इसे Cell कहते हैं। जिसका लेटिन में अर्थ है ‘खाली जगह’।

प्रश्न 13.
कोशिकाओं के विभिन्न आकारों का वर्णन करें।
कार्क कोशिकाएँ
उत्तर-
आमतौर पर कोशिकाएँ गोल, चपटी गोल और लंबी होती हैं। कुछ कोशिकाएँ लंबी होती हैं जिनके दोनों सिरे नुकीले होते हैं। इनका आकार तर्कुरूप होता है। कभी-कभी कोशिकाएँ बहुत लंबी और शाखान्वित होती है. जैसे तंत्रिका कोशिका।
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प्रश्न 14.
एक-कोशी तथा बहुकोशी जीवों में अंतर बताओ।
उत्तर-
एक-कोशिकीय तथा बहुकोशिकीय जीवों में अंतर

एक-कोशिकीय जीव (Unicellular Organisms) बहु-कोशिकीय जीव (Multicellular Organisms)
(1) इन जीवों में केवल एक ही कोशिका होती है। (1) इन जीवों में अनेक कोशिकाएं होती हैं।
(2) इनमें एक ही कोशिका जीव के सभी प्रकार्यों को पूरा करती है। (2) इनमें प्रत्येक प्रकार्य कोशिकाओं के एक विशेष समूह द्वारा होता है।
(3) इनमें कशाभ पाए जाते हैं।
उदाहरण-अमीबा, पैरामीशियम
(3) इनमें कशाभ नहीं पाए जाते।
उदाहरण-लगभग सभी जंतु।

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TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक कोशिका की बनावट/संरचना का वर्णन करो।
उत्तर-
कोशिका संरचना (Structure of a Cell) – कोशिका जीवन की मूल इकाई है। यह जीवनयापन के प्रत्येक कार्य करने में समर्थ है। सभी कामों को पूरा करने के लिए इसके कई घटक हैं। मुख्यतः कोशिका के तीन भाग हैं-
(1) कोशिका झिल्ली (Cell membrane)
(2) केंद्रक (Nucleus)
(3) कोशिका द्रव्य (Cytoplasm)।

कोशिका द्रव्य कोशिका झिल्ली से ढका होता है और केंद्रिका द्रव्य के साथ जीव द्रव्य की संरचना करता है। एक सामान्य पौधा कोशिका और जंतु कोशिका के चित्र नीचे दिए गए हैं-
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1. कोशिका झिल्ली (Cell or Plasma Membrane) – यह लचकीली और पतली झिल्ली है। इसे प्लाज्मा झिल्ली भी कहते हैं। जंतु कोशिका में यह सबसे बाह्य परत बनाती है, परंतु पादप कोशिका में इसके ऊपर एक और परत उपस्थित होती है। इस बाह्य परत को पादप कोशिका में कोशिका भित्ति कहते हैं।

कोशिका झिल्ली के कार्य

  • यह कोशिका को आकार देती है।
  • यह पदार्थों का कोशिका में आवागमन नियमित करती है।
  • यह भीतरी भागों की सुरक्षा करती है।

2. केंद्रक – कोशिका के केंद्र में पाई जाने वाली गोलाकार या वृत्ताकार संरचना जो कोशिका का नियंत्रण केंद्र है, केंद्रक कहलाती है। केंद्रक के निम्न भाग हैं-
(क) केंद्रिका झिल्ली – यह सरंध्र झिल्ली है, जो कोशिका द्रव्य को केंद्रक के घटक से अलग करती है।

(ख) केंद्रिका द्रव्य-केंद्रक में पाए जाने वाले द्रव्य को केंद्रिका द्रव्य कहते हैं।

(ग) केंद्रिका (Nucleolus ) – न्यूक्लीय प्रोटीन, RNA की बनी गोलाकार संरचना, जो केंद्रक में पाई जाती है, केंद्रिका कहलाती है।

(घ) क्रोमैटिन पदार्थ – कोशिका द्रव्य में धागे जैसी संरचनाओं का जाल सा होता है। यह क्रोमोसोम का एक रूप है और इसमें जींस (Genes) उपस्थित होते हैं।

केंद्रक के कार्य – क्रोमैटिन पदार्थ, गुण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाता है।
इसमें सभी मूल क्रियाओं की जानकारी होती है।

3, कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह जैली जैसा द्रव्य कोशिका झिल्ली के भीतर पाया जाता है। छोटी-छोटी संरचनाएँ, जो विभिन्न कार्य करने में सहायक हैं, इसमें पाई जाती हैं। इन संरचनाओं को कोशिकाँग कहते हैं।
इसमें जल, चीनी, खनिज, लिपिड, प्रोटीन आदि भी पाए जाते हैं। कोशिका द्रव्य में पाए जाने वाले कोशिकाँग निम्नलिखित हैं-

(i) माइटोकॉड़िया – यह कोशिका के ‘शक्ति घर’ हैं क्योंकि यह भोजन से ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। यह ऊर्जा का भंडारण भी करते हैं। माइट्रोकांड्रिया गोल अथवा वृत्ताकार संरचनाएँ हैं जिनमें दो परतें होती हैं।

(ii) एंडोप्लाज्मिक रेटीकुलम – झिल्ली का जटिल जाल, जो केंद्रक से जुड़ी अथवा अलग हो सकती है, एंड्रोप्लामिक रेटीकुलम कहलाता है। यह जाल केंद्रक से कोशिका झिल्ली तक फैला होता है। यह प्रोटीन संश्लेषण करता है और पदार्थों के स्थानांतरण में सहायक है।

(iii) प्लैस्टिड – ये कोशिकाँग पौधे में पाए जाते हैं। इनके तीन प्रकार हैं-
(क) हरे लवक अथवा क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) – हरे रंग के लवक क्लोरोप्लास्ट कहलाते हैं। हरा रंग क्लोरोफिल नामक वर्णक के कारण होता है। ये कोशिका के ‘रसोईघर’ हैं क्योंकि यहाँ प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम होता है अर्थात् भोजन का निर्माण होता है।

(ख) ल्यूकोप्लास्ट ( Leucoplast) – रंग रहित प्लैस्टिड लिकोप्लास्ट कहलाते हैं। यह जड़ों और रूपांतरित भूमिगत तनों में पाए जाते हैं।

(ग) क्रोमोप्लास्ट (Chromoplast) – यह रंगयुक्त प्लैस्टिड है जो फूलों, फलों आदि में पाए जाते हैं।

(iv) गाल्जीकॉय (Golgi bodies) – यह झिल्ली में बंधी व फैली हुई थैलियों का ढेर है। पादप कोशिका में इनको डिक्टीयोसोम कहते हैं। यह स्रावित अंग है।

(v) रिक्तिका (Vacuole) – द्रव्य से भरी संरचनाएँ, रिक्तिका कहलाती हैं। पौधा कोशिका में इनकी संख्या कम और आकार बड़ा होता है, जबकि जंतु कोशिका में इनकी संख्या अधिक और आकार छोटा होता है। यह कोशिका को मज़बूती प्रदान करते हैं। रिक्तिका कूड़ा दान का भी कार्य करता है।

(vi) लाइसोसोम (Lysosomes) – छोटी गोलाकार संरचनाएँ जिनमें केवल एक परत होती है, लाइसोसोम कहलाती हैं। यह विभिन्न वस्तुओं को पाचन अथवा नष्ट करने हेतु स्वयं का बलिदान देते हैं। इसलिए इन्हें आत्मघाती थैले ही कहते हैं। पादप कोशिका में लाइसोसोम नहीं होते।

(vii) राइबोसोम (Ribosomes) – ये छोटी गोल संरचनाएँ होती हैं। ये रेटीकुलम से जुड़ी अथवा स्वतंत्र रहती हैं। इनका मुख्य कार्य प्रोटीन संश्लेषण है।

(viii) सेंट्रोसोम (Centrosome) – यह छड़नुमा संरचना है जो केंद्रक के निकट स्थित होती है तथा कोशिका विभाजन में सहायक होती है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1)

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1)

जान-पहचान
आम ज़िन्दगी या अपने कारोबार में हमें कई बार अपनी बात दूसरों तक प्रभावशाली ढंग से पहुंचानी होती है। तथा अगर हमारे दर्शक गिनती में ज्यादा हो तो कार्य और कठिन हो जाता है। इस स्थिति में अपने विचारों को दृश्य माध्यम से बढ़िया ढंग से पेश किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में पावर प्वाइंट काफी सहायक होता है।

पावर प्वाइंट
पावर-प्वाइंट का उपयोग प्रेजेंटेशन तैयार करने के लिए किया जाता है। इसमें अलग-अलग स्लाइडें उपलब्ध होती हैं जिनमें हम अपने डाक्यूमैंट को प्रभावशाली बनाने के लिए अलग-अलग रंगों, तस्वीरों, वीडियो या आडियो का इस्तेमाल कर सकते हैं।

स्लाइड तथा प्रेजेंटेशन

  1. स्लाइड-प्रेजेंटेशन के पेज को स्लाइड कहते हैं। इसी पर हम विभिन्न वस्तुएँ रखते हैं। प्रेजेंटेशन के वक्त एक समय पर एक स्लाइड दिखाई देती है।
  2. प्रेजेंटेशन-पावर प्वाइंट की फाइल प्रेजेंटेशन कहलाती है। इसमें कई स्लाइडज़ होती हैं।

पावर प्वाइंट शुरू करना-
पावर प्वाइंट तीन तरीकों से शुरू हो सकता है-
स्टार्ट बटन द्वारा-इसके लिए Start→All Programs→Microsoft OfficePower Point पर क्लिक करें।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 1
सर्च बॉक्स द्वारा-इसके लिए सर्च बॉक्स पर क्लिक करें। उसमें Power या Power Point टाइप करो तथा एंटर कीअ दबाएं।
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डेस्कटॉप शार्टकट द्वारा-अगर डेस्कटॉप पर पावर प्वाइंट का शार्टकट पड़ा है तो उसे डबल क्लिक करें।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 3

पावर प्वाइंट विंडो के भाग पावर प्वाइंट विंडो के निम्न भाग होते हैं –
फाइल मीनू-यह मीनू होम टैव के बाईं तरफ होता है। इसमें बहुत सारी कमांडें होती हैं।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 4

  • क्विक एक्सैस टूल बार-यह फाइल मीनू के ऊपर होता है। इसमें पहले तीन बटन होते हैं। इनको ज़रूरत अनुसार कम या ज्यादा किया जा सकता है।
  • मीन बार टैब-मीन बार टैब पर कई टैबज होती हैं जो रिबन दिखाती हैं।
  • रिबन-जब टैब पर क्लिक करते हैं तो उस टैब से संबंधित रिबन दिखाई देता है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1)

पावर प्वाइंट में Home, Insert, Design, Transition, Animation, Slide Show, Review तथा View टैब रिबन होते हैं।
इन रिबन का वर्णन इस प्रकार है।

  1. Home : इसमें क्लिप बोर्ड के सारे फंक्शन, फोंट, पैराग्राफ, ड्राइंग तथा एडिट आपश्न होते हैं।
  2. Insert : इसमें इंसर्ट टेबल, टैक्सट बॉक्स, क्लिप आर्ट, समार्ट आर्ट, सिंबल, इंसर्ट विडियो, फोटो एलबम आदि होते हैं।
  3. Design : इसमें पेज लेआऊट बदलना, स्लाइड थीमज, कलर बैक ग्राऊंड स्टाइल तथा ग्राफिक्स आदि होते हैं।
  4. Transition : इसमें स्लाइड ट्रांजिशन की सारी विशेषताएं, साऊंड इफैक्टस, टाइमिंग आदि होते हैं।
  5. Animation : इसमें एनीमेशन, एडवांस एनीमेशन तथा टाइमिंग आदि होते हैं।
  6. Slide Show : इसमें सारी प्रेजेंटेशन के लिए स्लाइड शो, रिहरसल टाइमिंग, स्लाइड शो आदि सैटिंग होती है।
  7. Review : इसमें प्रूफिंग की तकनीक, लैंगवेज, तथा कम्पेयरर आदि होते हैं।
  8. View : इसमें प्रेजेंटेशन के सारे वियू; मॉस्टर वियू, रूलर, ग्रिड लाइन, गाइडज़, जूम, कलर विंडो तथा मैक्रो के बारे में कमांडज़ होती हैं।
  • स्लाइड पैन-यह वह एरिया होता है जहां स्लाइडों को बनाया जाता है।
  • नोटस पैन-यह स्टेटस बार के ऊपर होता है। यहां पर स्पीकर नोटस लिखे जाते हैं।
  • स्टेटस बार-इसमें वियू आप्शन तथा जूम इन-आऊट दिखाई देते हैं।
  • स्लाइट टैब/पैन-इसमें स्लाइड का छोटा वियू दिखाई देता है। इसमें स्लाइडे क्रम वार दिखाई देती

फोटो एल्बम प्रेजेंटेशन कैसे तैयार करें-
पावर प्वाइंट हमें फोटो की प्रेजेंटेशन बनाने के लिए तस्वीरों को सेट करके इंपोर्ट करने की सहूलियत प्रदान करता है। फोटो एल्बम विकल्प की सहायता से हम अपनी तस्वीरों का कलेक्शन कर सकते हैं। उनको क्रमवार कर सकते हैं तथा अपनी तस्वीरों में टैक्सट भी दाखिल कर सकते हैं। मूल रूप में प्रत्येक स्लाइड पर एक तस्वीर दिखाई देती हैं पर अगर कई तस्वीरें एक ही स्लाइड पर दिखाना चाहते हैं तो स्लाइड लेआउट को बदल कर यह भी किया जा सकता है।

पावर प्वाइंट में फोटो एल्बम तैयार करने के निम्नलिखित पग होते हैं।
1. Insert टैब पर क्लिक करो।

2. Images ग्रुप में से Photo Album विकल्प पर क्लिक करो तथा फिर New Photo Album विकल्प पर क्लिक करो।

3. Photo Album डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।

4. File/Disk पर क्लिक करो Insert New Pictures डायलॉग बॉक्स नज़र आएगा ज़रूरत के अनुसार अपनी इमेज फाइलों को सिलेक्ट करो। तस्वीरें सिलेक्ट करने के बाद Insert बटन पर क्लिक करो तथा वापस Photo Album डायलॉग बॉक्स पर आ जाओ।

5. Photo Album डायलॉग बॉक्स तस्वीरों को रोटेशन संबंधी ब्राइटनेस तथा कंट्रास्ट संबंधी तस्वीरों की लेआउट बदलने संबंधी उनको क्रमवार करने संबंधी या उनको हटाने संबंधी कई विकार प्रदान करता है। इन सेटिंग्स में अपनी आवश्यकतानुसार बदलाव करो तथा फिर Create बटन पर क्लिक करो।

6. अब फोटो एल्बम के लिए एक नई प्रेजेंटेशन तैयार हो जाएगी। इस प्रेजेंटेशन में एक टाइटल पेज होगा तथा प्रत्येक तस्वीर के लिए एक अलग स्लाइड अपने आप बन जाएगी।

दर्शकों के लिए प्रेजेंटेशन चलाना
पावर प्वाइंट बहुत सारे टूल्स प्रदान करता है जो हमारी प्रेजेंटेशन को बिना रुके बढ़िया ढंग से चलाने में सहायता करते हैं। पावर प्वाइंट दर्शकों के लिए प्रेजेंटेशन को बढ़िया ढंग से प्ले करने के कई तरीके प्रदान करता है। हम अपने प्रेजेंटेशन को चाहे तो शुरू से चला सकते हैं या फिर मौजूदा स्लाइड से भी चला सकते हैं। हमारे कंप्यूटर के साथ जुड़े हुए मॉनिटर या प्रोजेक्टर पर यह प्रेजेंटेशन चल पड़ेगी। इसको चलाने के विकल्प नीचे बताए गए हैं।

पहली स्लाइड से प्रेजेंटेशन को चलाना-
पहली स्लाइड से प्रेजेंटेशन को चलाने के निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं।
1. F5 शॉर्टकट कीअ का प्रयोग करके
या
2. Slide Show टैब के ऊपर क्लिक करो → Start Slide ग्रुप में से From Beginning बटन पर क्लिक करो।

मौजूदा स्लाइड से प्रेजेंटेशन को चलाना-
मौजूदा स्लाइड से प्रेजेंटेशन को चलाने के लिए निम्न में से कोई एक तरीका प्रयोग किया जा सकता है।
1. Shift + F5 शॉर्टकट कीअ का प्रयोग करके
या
2. Slide Show टैब के ऊपर क्लिक करो – Start Slide ग्रुप में से From Current Slide बटन पर क्लिक करो।

प्रेजेंटेशन सेव करना
प्रेजेंटेशन को निम्न ढंगों से सेव किया जा सकता है –

  • फाइल मीनू द्वारा-इस ढंग से फाइल सेव करने के लिए File->Save पर क्लिक करो।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 5

  • क्विक टूल वार द्वारा-क्विक टूल वार पर Save बटन पर क्लिक करो।
  • की बोर्ड द्वारा-की बोर्ड पर Ctrl + S को दबाएँ। (तीनों ढंगों से एक डायलाग बाक्स दिखाई देगा। उसमें फाइल का नाम भरो तथा Save बटन पर क्लिक करो।)

पहले से बनी प्रेजेंटेशन खोलना-
पहले से बनी प्रेजेंटेशन को खोलने के लिए File मीनू पर क्लिक करो या Ctrl + O बटन दबाओ। उसमें बाद Open ऑप्शन पर क्लिक करो। (एक डायलॉग बाक्स दिखाई देगा) जिस प्रेजेंटेशन को खोलना है उसका चुनाव करो तथा Open पर क्लिक करो।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 6

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1)

पावर प्वाइंट बंद करना
पावर प्वाइंट बंद करने के लिए निम्न कोई एक तरीका अपनाएं-
File मीनू पर close ऑप्शन पर क्लिक करें।
या
टाइटल बार पर close बटन पर क्लिक करें।
या
Alt+F4 को दबाएँ।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 7
यदि आपकी कोई प्रेजेंटेशन खुली हो तो पावर प्वाइंट उसे सेव करने के लिए पूछेगा। अपनी ज़रूरत अनुसार विकल्प चुनें। उसके बाद पावर प्वाइंट बंद हो जाएगा।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

PSEB 8th Class Science Guide पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की उचित शब्दों द्वारा पूर्ति कीजिए-
(क) वह क्षेत्र जिसमें जंतु अपने प्राकृतिक आवास में संरक्षित होते हैं, …………… कहलाता है।
(ख) किसी क्षेत्र विशेष में पाई जाने वाली स्पीशीज़ ………………………. कहलाती है।
(ग) प्रवासी पक्षी सुदूर क्षेत्रों से ……………………….. परिवर्तन के कारण पलायन करते हैं।
उत्तर-
(क) चिड़ियाघर
(ख) विशेष क्षेत्री स्पीशीज
(ग) जलवायु

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
(क) वन्य प्राणी उद्यान एवं जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र
(ख) चिड़ियाघर एवं अभ्यारण्य
(ग) संकटापन्न एवं विलुप्त स्पीशीज़
(घ) वनस्पतिजात एवं प्राणिजात।
उत्तर-
(क) वन्यप्राणी उद्यान और जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र में अंतर-
वन्य प्राणी उद्यान – एक ऐसा स्थान जहाँ जंगली जानवरों की सुरक्षा और संरक्षण किया जाता है।

जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र – वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र।

(ख) चिड़ियाघर एवं अभ्यारण्य में अंतर-
चिड़ियाघर – ऐसा स्थान जहाँ जानवर अपने प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रहते हैं।
अभ्यारण्य – वह क्षेत्र जहाँ जंतु और उनके आवास को संरक्षित रखा जाता है।

(ग) संकटापन्न एवं विलुप्त स्पीशीज़ में अंतर-
संकटापन्न स्पीशीज़ – वे जंतु जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है और वे विलुप्त हो सकते हैं।
विलुप्त स्पीशीज़ – वे जंतु जो पृथ्वी से विलुप्त हो चुके हैं।

(घ) वनस्पतिजात और प्राणिजात में अंतर-
वनस्पतिजात – किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधों का समूह ।
प्राणिजात – किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं का समूह ।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 3.
वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए-
(क) वन्य प्राणी
(ख) पर्यावरण
(ग) गाँव ( ग्रामीण क्षेत्र)
(घ) शहर (शहरी क्षेत्र)
(ङ) पृथ्वी (च) अगली पीढ़ी।
उत्तर-
(क) वन्य प्राणियों पर वनोन्मूलन का प्रभाव-पेड़ – पौधे जंगली जानवरों को आवास और भोजन प्रदान करते हैं। वनोन्मूलन से प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाते हैं और जानवर संकटापन्न स्पीशीज़ बन जाते हैं।

(ख) पर्यावरण पर वनोन्मूलन का प्रभाव – वनोन्मूलन से वातावरण में ऑक्सीजन की कमी आ जाती है। वर्षा और भूमि की उर्वरता में भी कमी आती है। इस कारण प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़ और सूखा) की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

(ग ) गाँव ( ग्रामीण क्षेत्र) पर वनोन्मूलन का प्रभाव – अधिकतर कृषि गाँवों में होती है। जब वनोन्मूलन होता है तो भूमि की गुणवत्ता में परिवर्तन आता है।

(घ) शहर (शहरी क्षेत्र ) पर वनोन्मूलन का प्रभाव – शहरों में उद्योग और वाहन बहुत मात्रा में चलते हैं। यदि वनोन्मूलन होगा तो पर्यावरण दूषित हो जाएगा और शहरों में जिंदगी स्वस्थ नहीं रहेगी।

(ङ) पृथ्वी पर वनोन्मूलन का प्रभाव – वनोन्मूलन से प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ती है। वनोन्मूलन से विश्व ऊष्मण में वृद्धि होती है। कम पेड़ों का अर्थ है, मृदा अपरदन।

(च) अगली पीढ़ी पर वनोन्मूलन का प्रभाव – वनोन्मूलन से पर्यावरण में परिवर्तन आते हैं जिससे अगली पीढ़ी पर बहुत प्रभाव पड़ता है। पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है। इसलिए अगली पीढ़ी के लिए वन्य संपदा नहीं बचेगी।

प्रश्न 4.
क्या होगा यदि-
(क) हम वृक्षों की कटाई करते रहे ?
(ख) किसी जंतु का आवास बाधित हो ?
(ग) मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित हो जाए ?
उत्तर-
(क) यदि वृक्षों की कटाई ऐसे ही होती रही तो वर्षा और भूमि की उर्वरकता में कमी आ जाएगी और प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़ और सूखा) की संभावनाएँ बढ़ जाएँगी।

(ख) किसी जंतु के आवास के नष्ट होने से बढ़ती हुई जनसंख्या को जल और भोजन की उचित प्राप्ति नहीं होगी और वह स्पीशीज़, संकटापन्न जाति में आ सकती है।

(ग) मृदा की ऊपरी परत हटाने से मृदा में ह्यूमस की कमी होती है और उर्वरकता में कमी आ जाती है। धीरेधीरे उर्वर-भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है। इसे मरुस्थलीकरण कहते हैं।

प्रश्न 5.
संक्षेप में उत्तर दीजिए-
(क) हमें जैव विविधता का संरक्षण क्यों करना चाहिए ?
(ख) संरक्षित वन भी वन्य जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं है, क्यों ?
(ग) कुछ आदिवासी वन (जंगल) पर निर्भर करते हैं। कैसे ?
(घ) वनोन्मूलन के कारक और उनके प्रभाव क्या हैं ?
(ङ) रेड डाटा पुस्तक क्या है ?
(च) प्रवास से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
(क) जैव विविधता का अर्थ है किसी क्षेत्र विशेष में पाए जाने वाले सभी पौधों, जंतुओं और सूक्ष्मजीवों को विभिन्न प्रजातियाँ। जंतु जो पौधों पर आश्रित हैं वे भी अपनी आदतों पर निर्भर करते हैं जैसे कि वाल पांडा बैंबू डंडी खाना पसंद करता है और ऑस्ट्रेलिया का कुळाला भालू सफेदे के पत्ते ही खाना पसंद करता है। पक्षी और बारहसिंघा की भी विशेष खाने की आदतें होती हैं। वन में विभिन्न पौधे प्रत्येक की आवश्यकता पूरी करने में समर्थ होते हैं। इससे शाकाहारी को भोजन मिलता है, भोजन श्रृंखला मज़बूत होती है। इसलिए जंतुओं के संरक्षण के लिए विविध पेड़-पौधों का संरक्षण भी अति आवश्यक है।

(ख) संरक्षित वन भी जीवों के लिए संरक्षित नहीं रहे क्योंकि इनके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग वनों का अतिक्रमण करके उन्हें नष्ट कर देते हैं।

(ग) कुछ आदिवासी जातियाँ वनों पर निर्भर होती हैं। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान की चट्टानों में आवास के प्रागैतिहासिक प्रमाण मिले हैं जिनसे आदिमानव के जीवनयापन के बारे में पता चलता है।

चट्टानों पर कुछ कलाकृतियाँ जैसे लड़ते हुए मनुष्य और जानवर का शिकार, नृत्य एवं वाद्ययंत्रों को बजाते हुए दर्शाया गया है। बाघ और लोगों के समूहों की कलाकृतियाँ भी इन चट्टानों पर पाई गई हैं। कई आदिवासी आज भी जंगलों में रहते हैं।

(घ) वनोन्मूलन के कारण – लोगों के बदलते जीवन स्तर और तकनीकी वृद्धि से वनों के उपयोग में अत्यधिक वृद्धि हुई है। अपने आराम और सुविधाओं के लिए वृक्षों की कटाई के निम्न उद्देश्य हैं-

  1. जनसंख्या वृद्धि के कारण घर बनाने की लकड़ी के लिए।
  2. कृषि भूमि के लिए।
  3. सड़कें और बाँधों के निर्माण के लिए।
  4. पशुओं के अतिचरण के लिए।
  5. खानों में वृद्धि के लिए।

वनोन्मूलन के प्रभाव – वनोन्मूलन के मुख्य दुष्प्रभाव हैं-

  1. ऑक्सीजन/कार्बन डाइऑक्साइड के अनुपात का असंतुलन
  2. अधिक बाढ़ें
  3. भू-स्ख लन
  4. जलवायु परिवर्तन
  5. वन में रहने वाले पशु-पक्षियों का नष्ट होना या प्रवास करना
  6. स्थलीय जल में कमी
  7. दवाइयों वाले पौधे नष्ट हो जाते हैं
  8. भूमि की उर्वरकता में कमी
  9. लकड़ी और रबड़ उद्योगों में गिरावट।

(ङ) रेड डाटा पुस्तक – यह पुस्तक संकटापन्न स्पीशीज़ के रिकार्ड का स्रोत है। पौधे, जंतुओं और अन्य स्पीशीज़ के लिए अलग-अलग रेड डाटा पुस्तकें हैं।

(च) प्रवास (Migration) – कुछ स्पीशीज़ों द्वारा अपने आवास से किसी निश्चित समय में बहुत दूर जाना प्रवास कहलाता है। प्रवास अधिकतर पक्षियों में पाया जाता है। पक्षी जलवायु परिवर्तन के कारण प्रवास करते हैं जैसे चपटे सिर वाली बतख, सुरखराब आदि प्रवासी पक्षी हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 6.
फैक्टरियों एवं आवास की माँग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है। क्या इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत है ? इस पर चर्चा कीजिए तथा एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर-
इन परियोजनाओं के लिए वृक्ष काटना न्यायपूर्वक नहीं है। बाकी विद्यार्थी स्वयं कक्षा में चर्चा करें।

प्रश्न 7.
अपने स्थानीय क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने में आप किस प्रकार योगदान दे सकते हैं ? अपने द्वारा की जाने वाली क्रियाओं की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर-
हरी संपदा का रख-रखाव-

  1. सड़कों के दोनों ओर वृक्ष लगाने चाहिएं।
  2. वनों के काटने पर रोकथाम लगानी चाहिएं।
  3. सरकार को अधिक वृक्ष काटने पर रोक लगाने के कानून बनाने चाहिएं।
  4. विशेष क्षेत्रों में पार्क (उदयान) बनाने चाहिएं।

प्रश्न 8.
वनोन्मूलन से वर्षा दर किस प्रकार कम हुई है ? समझाइए।
उत्तर-
वन वर्षा लाने में सहायक होते हैं। इसलिए वनोन्मूलन से वर्षा में कमी आती है और भूमि की उर्वरकता में कमी आती है। जिस कारण प्राकृतिक आपदाएँ आने की संभावनाएँ बढ़ गई हैं।

प्रश्न 9.
अपने राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों के विषय में सूचना एकत्र कीजिए। भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाइए।
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 10.
हमें कागज़ की बचत क्यों करनी चाहिए ? उन कार्यों की सूची बनाइए जिनके द्वारा आप कागज़ की बचत कर सकते हैं ?
उत्तर-
एक टन कागज़ की उत्पत्ति के लिए 17 हरे-भरे पेड़ चाहिएं। इसलिए हमें कागज़ की बचत करनी चाहिए। कागज़ का 5-7 बार पुनःचक्रण हो सकता है। हमें कागज़ को बचाना चाहिए, उपयोग में आए कागज़ को पुन:उपयोग में लाना चाहिए और पुनः चक्र करना चाहिए। इससे वनों के साथ-साथ पानी और ऊर्जा की बचत होती है। हानिकारक रसायनों के उपयोग में भी कमी आती है।

प्रश्न 11.
दी गई शब्द पहेली को पूरा कीजिएऊपर से नीचे की ओर
(1) विलुप्त स्पीशीज़ की सूचना वाली पुस्तकं
(2) पौधों, जंतुओं एवं सूक्ष्मजीवों की किस्में एवं विभिन्नताएँ।

बाईं से दाईं ओर-
(2) पृथ्वी का वह भाग, जिसमें सजीव पाए जाते हैं
(3) विलुप्त हुए स्पीशीज़
(4) एक विशिष्ट आवास में पाई जाने वाली।
स्पीशीज़
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उत्तर-
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

PSEB Solutions for Class 8 Science पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरो-

(i) पृथ्वी की ऊपरी मिट्टी की परत का हटना …………………. कहलाता है।
उत्तर-
मृदा अपरदन

(ii) वन में पाए जाने वाले जंगली पौधे और जंतु ……………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
वन्य जंतु

(iii) पौधों को …………………. गैस प्रकाश संश्लेषण के लिए चाहिए।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड

(iv) उर्वर भूमि का रेगिस्तान में परिवर्तन होना …………………… कहलाता है।
उत्तर-
मरुस्थलीकरण

(v) ………………….. वह क्षेत्र है, जहाँ सजीवों का आवास है और जीवन को सहारा देता है।
उत्तर-
जैव-मंडल

(vi) ……………………. से तात्पर्य है पृथ्वी पर पाई जाने वाली विभिन्न प्रजातियाँ।
उत्तर-
जैव-विविधता

(vii) किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पशु-पक्षी और जीव-जंतु और ………………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
वनस्पति जात, प्राणिजात

(viii) पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र में एक राष्ट्रीय उद्यान ………………….. , दो वन्य जंतु अभ्यारण्य और ……………………… आते हैं।
उत्तर-
सतपुड़ा, बोरी, पंचमढ़ी

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(ix) एक विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले स्पीशीज़ को ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
विशेष क्षेत्री स्पीशीज़

(x) …………………… सजीवों की समष्टि का समूह है, जो एक-दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम होते हैं।
उत्तर-
स्पीशीज़।

प्रश्न 2.
वनोन्मूलन की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
वनों का काटना और उस भूमि का उपयोग दूसरे उद्देश्यों के लिए करना वनोन्मूलन कहलाता है।

प्रश्न 3.
वनोन्मूलन के प्राकृतिक कारक बताइए।
उत्तर-
दावानल और भीषण सूखा वनोन्मूलन के प्राकृतिक कारक हैं।

प्रश्न 4.
वर्षा और भूमि की उर्वरकता में कमी के क्या प्रभाव हैं ?
उत्तर-
इनसे प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़ और सूखा) की संभावना बढ़ती है।

प्रश्न 5.
प्रकाश संश्लेषण के लिए पौधों को कौन-सी गैस की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
पौधों को कार्बन डाइऑक्साइड की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 6.
पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की वृद्धि से क्या होगा ?
उत्तर-
इससे विश्व ऊष्मण होगा।

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प्रश्न 7.
सूखा का क्या कारण है ?
उत्तर-
भूमि पर ताप में वृद्धि से सूखा पड़ता है।

प्रश्न 8.
मरुस्थलीकरण की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
मरुस्थलीकरण – उर्वर भूमि का रेगिस्तान में परिवर्तन, मरुस्थलीकरण कहलाता है।

प्रश्न 9.
उस स्थान का नाम लिखें जहाँ पौधे एवं जंतु ऊपरी हिमालय की श्रृंखलाओं एवं निचले पश्चिमी घाट के समान हैं।
उत्तर-
पंचमढ़ी जैवमंडलीय संरक्षित क्षेत्र।

प्रश्न 10.
सरकार वनों एवं वन्य जंतुओं के संरक्षण के लिए क्या करती है ?
उत्तर-
सरकार संरक्षण और सुरक्षा हेतु नियम, विधियाँ और नीतियाँ बनाती है।

प्रश्न 11.
जैवमंडल क्या है ?
उत्तर-
जैवमंडल – पृथ्वी का वह भाग जिसमें सजीव पाए जाते हैं अथवा जो जीवनयापन योग्य हैं।

प्रश्न 12.
जैव-विविधता की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
जैव-विविधता से तात्पर्य पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न जीवों की प्रजातियों के पारस्परिक संबंध और पर्यावरण से संबंध है।

प्रश्न 13.
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र क्या है ?
उत्तर-
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र वे क्षेत्र हैं जहाँ जैव-विविधता की संरक्षणता होती है।

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प्रश्न 14.
पंचमढ़ी में पाए जाने वाले एक राष्ट्रीय उद्यान और दो वन्यजंतु अभ्यारण्यों के नाम लिखिए।
उत्तर-
राष्ट्रीय उद्यान-सतपुड़ा।
वन्यजंतु अभ्यारण्य-बोरी एवं पंचमढ़ी।

प्रश्न 15.
वनस्पतिजात की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे वनस्पतिजात कहलाते हैं।

प्रश्न 16.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के वनस्पतिजात के कुछ उदाहरण दो।
उत्तर-
साल, टीक, आम, जामुन, चाँदी, फर्ना, अर्जुन आदि।

प्रश्न 17.
प्राणिजात की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतु प्राणिजात कहलाते हैं।

प्रश्न 18.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के कुछ प्राणिजात के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
चिनकारा, नीला-बैल, भौंकने वाले हिरण, चीता, जंगली कुत्ता, भेड़िया आदि।

प्रश्न 19.
स्पीशीज़ की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
स्पीशीज़ – स्पीशीज़ सजीवों की समष्टि का वह समूह जो एक-दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम है।

प्रश्न 20.
विशेष क्षेत्री स्पीशीज़ क्या है ?
उत्तर-
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतु, पेड़-पौधे विशेष क्षेत्री स्पीशीज़ (Endemic) कहलाते हैं। यह भौगोलिक क्षेत्र, प्रांत, देश, राज्य कुछ भी हो सकता है।

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प्रश्न 21.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के दो विशेष क्षेत्री प्राणिजात के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. भारतीय विशाल गिलहरी,
  2. उड़ने वाली गिलहरी।

प्रश्न 22.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के दो विशेष श्रेणी वनस्पतिजात के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. साल
  2. जंगली आम।

प्रश्न 23.
विशेष श्रेणी स्पीशीज़ के आवास को कौन-से कारक प्रभावित करते हैं और उनकी उपस्थिति को संकट में डालते हैं ?
उत्तर-

  1. आवास का नष्ट होना
  2. जनसंख्या वृद्धि
  3. नई स्पीशीज़ को शामिल करना।

प्रश्न 24.
वन्यप्राणी अभ्यारण्य (Wild Life Sanctuaries) क्या है ?
उत्तर-
वे क्षेत्र जहाँ वन्यप्राणी सुरक्षित एवं संरक्षित रखे जाते हैं, वन्यप्राणी अभ्यारण्य कहलाते हैं।

प्रश्न 25.
कुछ संकटापन्न मुख्य जंतुओं के नाम लिखो।
उत्तर-
काली बत्तख, सफेद आँख वाली बत्तख, हाथी, सुनहरी बिल्ली, गुलाबी सिर वाली बतख, घड़ियाल, मार्च मगरमच्छ, अजगर, राइनोसीरस आदि।

प्रश्न 26.
प्राणी उद्यान क्या है ?
उत्तर-
प्राणी उद्यान वे क्षेत्र हैं जहाँ जानवर सुरक्षित रखे जाते हैं।

प्रश्न 27.
राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) क्या है ?
उत्तर-
राष्ट्रीय उद्यान, वे आरक्षित क्षेत्र हैं, जहाँ सभी प्रकार के पारितंत्रों की सुरक्षा की जाती है।

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प्रश्न 28.
भारत के पहले आरक्षित क्षेत्र का नाम क्या है ?
उत्तर-
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान ।

प्रश्न 29.
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में कौन-सा वनस्पतिजात पाया जाता है ?
उत्तर-
सबसे बढ़िया टीक।

प्रश्न 30.
चट्टान शरण (Rock Shelter) कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर-
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में चट्टान शरण पाए जाते हैं।

प्रश्न 31.
चट्टान शरण किस बात की जानकारी देते हैं ?
उत्तर-
आदिमानव के जीवनकाल की।

प्रश्न 32.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र में कितने चट्टान शरण पाए गए हैं ?
उत्तर-
55.

प्रश्न 33.
हमारी सरकार द्वारा ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ कानून कब लागू हुआ ?
उत्तर-
प्रोजेक्ट टाइगर 1 अप्रैल, 1973 में सरकार द्वारा भारतीय टाइगरों की सुरक्षा हेतु लागू हुआ।

प्रश्न 34.
संकटापन्न स्पीशीज़ कौन-सी है ?
उत्तर-
वे स्पीशीज़ अथवा जंतु जिनकी संख्या में कमी हो रही है और विलुप्त होने की संभावना है, संकटापन्न स्पीशीज़ कहलाते हैं।

प्रश्न 35.
किसी एक विलुप्त जानवर का नाम लिखिए।
उत्तर-
डाइनोसॉर।

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प्रश्न 36.
पारितंत्र (Ecosystem) की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
किसी क्षेत्र के सभी पेड़-पौधे, जीव-जंतु, सूक्ष्मजीव और अजैव घटक जैसे जलवायु, मिट्टी, नदियों के डेल्टा आदि से मिलकर बना तंत्र, पारितंत्र कहलाता है।

प्रश्न 37.
रेड डाटा पुस्तक की Website क्या है ?
उत्तर-
W.W.W./gov.in/envis/primates/page 102/htm/new/nwdc/plats. htm.

प्रश्न 38.
उस पक्षी का नाम बताओ जिसने मलेशिया से भारत तक प्रवास किया।
उत्तर-
सुरखाब।

प्रश्न 39.
कुछ प्रवासी पक्षियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
सुरखाब, चपटे सिर वाली बत्तख़, ग्रेट कोमोनैट।

प्रश्न 40.
प्रवासी पक्षी क्या है ?
उत्तर-
प्रवाम पक्षी. वे पक्षी हैं, जो जलवायु परिवर्तन के कारण एक जगह से दूसरी जगह तक लंबा रास्ता तय पहनते हैं।

प्रश्न 41.
एक टन कागज़ की उत्पत्ति के लिए कितने पेड़ों की ज़रूरत होती है ?
उत्तर-
लगभग 17 पूरी तरह फैले हुए हरे-भरे पेड़।

प्रश्न 42.
पुनर्वनरोपण (Reforestation) क्या है ?
उत्तर-
पुनर्वनरोपण नष्ट किए गए पेड़ों की जगह नए पेड़ उगाना है।

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प्रश्न 43.
वनोन्मूलन की दो हानियाँ लिखो। उत्तर-प्रदूषण का बढ़ना, वायुमंडल का तापमान बढ़ना, वायु में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ना।

प्रश्न 44.
विश्व ऊष्णन क्या है ?
उत्तर-
वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से ताप में होने वाली वृद्धि को विश्व ऊष्णन कहते हैं।

प्रश्न 45.
वनों के काटने से वर्षा व जल-चक्र पर क्या प्रभाव होता है ?
उत्तर-
वनोन्मूलन से जल-चक्र का संतुलन बिगड़ता है, वर्षा में कमी आती है व सूखा पड़ता है।

प्रश्न 46.
मृदा अपरदन के दुष्प्रभाव लिखो।
उत्तर-
मिट्टी में ह्यूमस की कमी, उर्वरता में कमी व भूमि मरुस्थल बन जाती है।

प्रश्न 47.
मरुस्थलीकरण का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर-
भू-क्षरण।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मृदा अपरदन के कारक लिखिए।
उत्तर-
मृदा अपरदन के कारण-

  1. वायु द्वारा शुष्क ऋतु में हल चलाई हुई ऊपरी परत का उड़ाना।
  2. आंधियाँ।
  3. वनों का कटना और दावानल से मृदा अपरदन आरंभ होता है। मिट्टी नदियों और नालों द्वारा बहकर समुद्रों में एकत्रित हो जाती है।
  4. असुरक्षित खेत हवा और पानी से अपरदित हो जाते हैं।
  5. शहरीकरण से वनस्पति की हानि हुई है।
  6. बिल बनाने वाले जंतु भी मृदा अपरदन में सहायक हैं। यह मिट्टी को ढीला करते हैं जो पानी द्वारा बह सकती है।
  7. मानव क्रिया-कलाप जैसे पेड़ों को काटना, अतिचारण, फसलों का अधिक उगाना और गलत तरीके से खेतीबाड़ी करके मृदा अपरदन बढ़ता है।

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प्रश्न 2.
मिट्टी का संरक्षण कैसे कर सकते हैं ?
उत्तर-
मिट्टी का संरक्षण-

  1. वनोन्मूलन को रोकना, अतिचारण को रोकना और नदियों तथा नालों द्वारा मिट्टी को बहने से रोकना।
  2. अधिक फसल उगाने से मृदा अपरदन रुक सकती है, क्योंकि फसल मृदा को बांधे रखती है।
  3. खेतों के इर्द-गिर्द बंध (Bunds) वर्षा के पानी को रोकते हैं और खनिजों के बहने पर भी रोक लगाते हैं।
  4. सिंचाई की नालियों में पानी की गति कम होनी चाहिए।
  5. वर्षा के पानी के लिए उत्सर्जित नहरें खेतों को मृदा अपरदन से बचाती हैं।
  6. सीढ़ीनुमा खेती भी मिट्टी का संरक्षण करती है।
  7. वायु से मिट्टी का संरक्षण पेड़ लगाकर और घास उगाकर किया जा सकता है। खेत के किनारे पेड़ों की कतार वायुरोधक का काम करती है।

प्रश्न 3.
वन्य जीवन की महत्ता लिखिए।
उत्तर-
वन्य जीवन की महत्ता-

  1. पौधे, जंतु और सूक्ष्मजीव कई वस्तुएँ देते हैं।
  2. भोजन श्रृंखला और प्राकृतिक चक्रों द्वारा पर्यावरण संतुलन बना रहता है।
  3. प्रजनन के लिए ‘जीन बैंक’ का रख-रखाव।
  4. वन्य जंतु मनोरंजन के साधन हैं।
  5. यह कवियों और कला प्रेमियों को उत्साहित करते हैं।
  6. नैतिक मूल्य के लिए।

प्रश्न 4.
संकटापन्न (Endangered) और सुमेय (Vulnerable) स्पीशीज़ में अंतर लिखिए।
उत्तर-
संकटापन्न और सुमेय स्पीशीज़ में अंतर-

संकटापन्न स्पीशीज़ सुमेद्य स्पीशीज़ ( असुरक्षित)
(1) इनके खत्म होने और विलुप्त होने का डर अत्यधिक है। (1) इनका खत्म होने का डर है।
(2) ये विलुप्त हो चुके हैं। (2) यह संकटापन्न स्पीशीज़ में आ सकती है।

प्रश्न 5.
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र का वर्णन करें।
उत्तर-
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र – यह विशेष क्षेत्र है जिसका उपयोग बहु-उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसके लिए इस क्षेत्र के विभिन्न भाग पृथक् करते हैं और प्रत्येक भाग एक विशेष कार्य के लिए निश्चित किया जाता है।

UNESCO के मानव और जैवमंडल प्रोग्राम (MBA) ने जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र का संकल्प (Concept) दिया।

प्रश्न 6.
संकटापन्न स्पीशीज़ (Endangered Species) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
संकटापन्न स्पीशीज़-वह स्पीशीज़ जो विलुप्त होने की कगार पर हैं और इनका जीवन मुश्किल है। अब इन स्पीशीज़ की कुछ ही संख्या जीवित है। यह जल्दी ही विलुप्त हो सकते हैं जैसे कि विशाल भारतीय वसटर्ड पक्षी जो कि राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में रहता है, संकटापन्न पक्षी है।

प्रश्न 7.
विश्व ऊष्मण के कारण क्या हैं ?
उत्तर-
विश्व ऊष्मण के कारण-पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और कुछ अन्य गैसों की वृद्धि के फलस्वरूप पर्यावरण के ताप में वृद्धि होने से धरती का वातावरण गर्म हो गया है अर्थात् विश्व ऊष्मण हुआ है।

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प्रश्न 8.
वन महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक स्त्रोत क्यों माने जाते हैं ?
उत्तर-
पृथ्वी पर वन महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक स्रोत माने जाते हैं क्योंकि ये-

  1. वायु में ऑक्सीजन और CO2 का संतुलन रखते हैं और जीवन का आधार हैं।
  2. वर्षा लाने में सहायक हैं।
  3. जलवायु नियंत्रित करते हैं।
  4. भूमिगत जल की आपूर्ति करते हैं।
  5. बाढ़ें रोकते हैं।
  6. मृदा अपरदन रोकते हैं।
  7. कई दवाइयों के स्रोत हैं।
  8. वर्षा जल से मृदा को बहने से रोकते हैं।
  9. कई पादप उत्पाद जैसे रबड़, गोंद, रेसिन, शहद, लाख, कत्था आदि के स्रोत हैं।
  10. वन्य प्राणियों का आश्रय है, जो आदिवासियों के भोजन का मुख्य साधन हैं।

प्रश्न 9.
वनों के संरक्षण के लिए कौन-से उपाय करने चाहिए ?
उत्तर-
वनों के संरक्षण के उपाय – आधुनिक समय में मानव अपनी ज़रूरतों के आधार पर प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग कर रहा है। यदि वनों को अपने आराम के लिए पूरी तरह काट दिया तो पृथ्वी से मानव जाति हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। वनों के संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिएं-

  1. अधिक पौधे लगाएँ।
  2. पादप उत्पादों का विवेकतापूर्ण उपयोग करें।
  3. पशुओं द्वारा अतिचारण रोकें।
  4. वनों में और वनों के इर्द-गिर्द खाने खोदने और उद्योग लगाने के नियम लागू करने चाहिए।
  5. वन पौधशालाएँ बना कर।

प्रश्न 10.
पौधे मृदा अपरदन कैसे रोकते हैं ?
उत्तर-
पौधों की जड़ें मिट्टी के कणों को बाँधकर रखती हैं। इसलिए यह कण पानी अथवा हवा के साथ नहीं बहते। इस तरह पौधे मृदा अपरदन को रोकते हैं।

प्रश्न 11.
वनों में विविध पौधों का होना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
वनों में विविध पौधों की उपस्थिति के कारण हैं-

  1. जानवरों की विशेष भोजन आदतें।
  2. मानव और जानवरों दोनों की जरूरतों की आपूर्ति।
  3. कई जीवों का आवास।
  4. वनों में जानवरों के जीवन के लिए स्थित विविध भोजन शृंखला/भोजन जाल प्रदान करके।

प्रश्न 12.
पाँच राष्ट्रीय पार्कों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. कार्बेट राष्ट्रीय पार्क – उत्तराखंड।
  2. कान्हा राष्ट्रीय पार्क – मध्यप्रदेश।
  3. संजय राष्ट्रीय पार्क – महाराष्ट्र।
  4. परियार राष्ट्रीय पार्क – केरल।
  5. बमुघाटा राष्ट्रीय पार्क – कर्नाटक।

प्रश्न 13.
वर्णन कीजिए कि वनोन्मूलन भूमिगत जल स्रोत की कमी में कैसे सहायक है ?
उत्तर-
वनस्पति में पानी को रोकने का सामर्थ्य होता है, जिससे भूमिगत जल की आपूर्ति होती है। आधुनिक समय में बड़े-बड़े वनों के क्षेत्रों को कई उद्देश्यों के लिए काटकर साफ कर दिया गया है। अतिचारण से भी वनस्पति नष्ट हुई है। इससे अनउपजाऊ भूमि बनी है जिसमें जल को पकड़कर रखने की क्षमता नहीं है। इस कारण भूमिगत जल स्रोतों में कमी आई है।

प्रश्न 14.
वनों के संरक्षण से अभिप्राय है वायु, जल और मिट्टी का संरक्षण। वर्णन करें।
उत्तर-
वन एक जटिल जैवमंडलीय तंत्र हैं। चाहे यह स्वयं (Sufficient) है फिर भी यह दूसरे निम्नीकरण पदार्थों पर अपने रख-रखाव के लिए निर्भर करता है। इसलिए वनों की सुरक्षा के लिए वायु, मिट्टी और जल का संरक्षण अति आवश्यक है। वन जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं। समय-समय पर भौगोलिक परिवर्तन जैसे बाँध बनाना और खाने खोदना। इससे उस क्षेत्र के वनों पर पर्यावरण नष्ट होने से बुरा प्रभाव पड़ता है। उद्योगों द्वारा फैले वायु प्रदूषण का दुष्प्रभाव वनों पर बहुत है, जवकि उद्योग मीलों दूर होते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 15.
आवास में व्यवधान वन्य जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं ?
उत्तर-
जानवरों और पौधों का अपने आवास के साथ गहरा रिश्ता होता है। कई खास सजीव एक खास पर्यावरण में ही जीवित रह सकते हैं। सुनहरी शेर, ब्राज़ील के वर्षावनों के छोटे क्षेत्र पाए जाते थे। यह उनका प्राकृतिक आवास था। जब यह क्षेत्र नष्ट हो गया तो सुनहरा शेर बेघर हो गया। ब्राज़ील के कई और वर्षावन हैं, परंतु कुछ सुनहरी शेर प्राणी उद्यानों (Zoos) में जीवित हैं, लेकिन वे कभी भी अपने जंगली आवास में लौट नहीं पाएँगे। जब एक वन खत्म होता है तो बड़ी संख्या में जंतु संकटापन्न होते हैं अथवा विलुप्त हो जाते हैं।

प्रश्न 16.
कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान के सात वन्य जंतुओं के नाम लिखो जो विलुप्त होने की कगार पर हैं।
उत्तर-
बर्फीला तेंदुआ, बदली तेंदुआ, मार्बल बिल्ली, हिमालय काला भालू, लाल पांडा, नीली भेड़, मस्क हिरण, सिरोड़ा हरा कबूतर आदि।

प्रश्न 17.
पारितंत्र (Ecosystem) क्या है ?
उत्तर-
पारितंत्र – जैविक घटक और भौतिक पर्यावरण (अजैविक घटकों) के पारस्परिक संयोग से बने तंत्र को पारितंत्र कहते हैं। यह प्राकृतिक और कृत्रिम हो सकता है। यह अस्थायी जैसे फसली खेत अथवा स्थायी जैसे जंगल हो सकता है। पारितंत्र बहुत विशाल जैसे समुद्र और वन अथवा इतना छोटा जैसे लकड़ी भी हो सकता है। अतः पारितंत्र पर्यावरण की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई है, जिसकी एक पहचान है।
पारितंत्र जैविक और अजैविक घटकों का समूह है जहाँ दोनों एक-दूसरे से प्रभावित हैं।

प्रश्न 18.
सिल्वी कलचर (Silviculture) की क्या महत्ता है ?
उत्तर-
सिल्वी कलचर – यह एक मुख्य प्रोजेक्ट है जिसका आरंभ पुनर्वनरोपण से है। इसकी दो विशेषताएँ हैं-

  1. कच्ची सामग्री के उत्पादन में वृद्धि ।
  2. वन क्षेत्रों में वृद्धि।

प्रश्न 19.
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों के कार्य क्या हैं ?
उत्तर-
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों के कार्य-

  1. यह उस जगह की जैव विविधता का संतुलन रखते हैं।
  2. क्षेत्र की संस्कृति कायम रखते हैं।
  3. यह कई अन्य क्षेत्रों को भी आरक्षित करते हैं।

प्रश्न 20.
कुछ जानवरों के नाम लिखो, जिन्हें वन्यजीव अभ्यारण्य में संरक्षित किया जाता है ? भारतीय अभ्यारण्य क्या दर्शाते हैं ?
उत्तर-
कई संकटापन्न जंतु जैसे काली बत्तख, सफेद आँख वाली बत्तख, हाथी, सुनहरी बिल्ली, घड़ियाल, गुलाबी सिर वाली बत्तख, मार्श मगरमच्छ, अजगर, राइनोसीरस आदि वन्य जीवन अभ्यारण्य में सुरक्षित एवं संरक्षित रखे जाते हैं।
भारतीय अभ्यारण्य भूमि मज़ारे, चौड़े वन, पर्वतीय वन, झाड़ियाँ, नदियों के डैल्टा आदि का प्रदर्शन करते हैं।

प्रश्न 21.
प्रवासी पक्षियों पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
प्रवासी पक्षी – वे पक्षी जो जलवायु परिवर्तन के कारण लंबे रास्ते तय करते हैं, प्रवासी पक्षी कहलाते हैं। चपटे सिर वाली बत्तख, विशाल कोओरैंट प्रवासी पक्षी हैं।

यह पक्षी सुदूर निश्चित स्थानों पर प्रत्येक वर्ष उड़कर पहुँचते हैं। यह पक्षी अपने प्राकृतिक आवास से दूर अंडे देने के लिए यहाँ आते हैं क्योंकि वहाँ जलवायु ठंडी और प्रतिकूल होती है।

प्रश्न 22.
पुनर्वनरोपण (Reforestation) पर नोट लिखें।
उत्तर-
पुनर्वनरोपण – यह नष्ट हो चुके वनों के स्थान पर नए बहुत अधिक पेड़ लगाने का प्रक्रम है। जितने पेड़ काटे जाएं, उतने तो अवश्य ही उगाने चाहिएं। यह प्रक्रम प्राकृतिक भी हो सकता है। यदि वन कटाई के बाद क्षेत्र को वैसे ही छोड़ दिया जाए तो यह अपने आप फिर उग जाता है। यदि हम हरित संपदा को अगली पीढ़ी के लिए बचाना चाहते हैं तो हमें अधिक पेड़ उगाने चाहिएं।

भारतीय सरकार ने 1952 में राष्ट्रीय वन कानून लागू किया। इसका लक्ष्य पूरी भूमि का 1/3 भाग वनों से ढ़ापना था, परंतु असफल होने पर 1980 में इसे फिर दोहराया गया। इसको वन संरक्षित कानून का नाम दिया गया। इसका उद्देश्य वनों की सुरक्षा और संरक्षण के साथ-साथ मानव की ज़रूरतों की आपूर्ति भी थी।

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TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वन्य जीवन के संरक्षण के उपाय लिखिए।
उत्तर-
वन्य जीवन के संरक्षण के उपाय-

  1. संकटापन्न स्पीशीज़ का संरक्षण।
  2. प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु भूमि और जल की योजना और रख-रखाव।
  3. जीन बैंक के लिए विविध किस्मों के खाद्य उपजें, पौधे, लकड़ी के पेड़, पानी के जीव और उनके रिश्तेदारों को संरक्षित करना।
  4. प्रत्येक देश को उपयोगी जीवों की पहचान कर उनकी सुरक्षा और संरक्षण के उपाय करना।
  5. वन्य क्षेत्रों को आरक्षित करना, प्रवासी पक्षियों और वन्य जंतुओं के लिए।
  6. लाभकारी जंतुओं के अति उपयोग को रोकना।
  7. वन्य पौधों और वन्य जंतुओं का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि करना।
  8. शिकारियों आदि से जंतुओं की रक्षा करनी। शिकार एक गैर-कानूनी कार्य है, इसको 1972 में वन्य जीवन सुरक्षा नियम बना कर लागू किया गया।
  9. उद्यानों और अभ्यारण्यों का निर्माण करना।
  10. ‘वन्य जीवन सप्ताह’ मनाना ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके।
  11. संकटापन्न जंतुओं के लिए प्रजनन कार्यशालाओं का निर्माण करना।

प्रश्न 2.
वनों के कुछ लाभ लिखिए।
उत्तर-
वनों के लाभ-

  1. वन भूमि की उर्वरकता कायम रखते हैं।
  2. वन वर्षा लाने में सहायक हैं और जल चक्र का संतुलन रखते हैं।
  3. वनों से लकड़ी मिलती है। जैसे शीशम, टीक, साल, देवदार ।
  4. वनों से कागज़ मिलता है-कोणिय और बैंबू कागज़ निर्माण के उपयोग में आते हैं।
  5. दवाइयाँ-कई दवाइयों के पौधे वनों में पाए जाते हैं।
  6. वनों से कई उत्पाद जैसे रेज़िन, गोंद, लाख, रबड़, भोजन और कीटनाशक मिलते हैं।
  7. कार्क भी वनों से मिलता है जैसे ओक (क्वरकस)।
  8. कई अन्य उपयोगी वस्तुएँ जैसे प्राकृतिक रंग, मोम, शहद भी वनों से ही मिलती हैं।
  9. रेयान और कृत्रिम रेशम भी पेड़ों से मिलता है।
  10. नाइट्रेट सैलूलोज़ से प्लास्टिक तैयार किया जाता है।
  11. प्राकृतिक रबड़ भी वनों की देन है।
  12. लकड़ी ईंधन भी वनों से मिलता है।
  13. रेशा घास, रवस और संदल लकड़ी से कई उपयोगी तेल मिलते हैं जिनका उपयोग साबुन, शृंगार, दवाइयाँ, खाद्य पदार्थ, तंबाकू के निर्माण में किया जाता है।
  14. रीठा और शिकाकाई साबुन आदि औद्योगिक उत्पाद हैं।
  15. वनों का नैतिक मूल्य है।

प्रश्न 3.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के प्राणिजात एवं वनस्पतिजात के चित्र बनाएँ।
उत्तर-
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