PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 3 सूचना टैकनॉलोजी से जान पहचान

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 3 सूचना टैकनॉलोजी से जान पहचान

जान-पहचान
सूचना टैकनॉलोजी की मदद से हम एक कम्प्यूटर से अलग-अलग प्रकार का डाटा दूसरे कम्प्यूटर पर भेज सकते हैं। डाटा किसी भी प्रकार का हो सकता है, जैसे-लिखती, ध्वनि वाला, वीडियो, ग्रॉफिकल आदि।

इन्फॉरमेशन टैकनॉलोजी इसमें टैलीफोन और कम्प्यूटर टैकनॉलोजी दोनों ही शामिल हैं। सूचना टैकनॉलोजी की मदद से हम एक कम्प्यूटर से अलग-अलग प्रकार का डाटा दूसरे कम्प्यूटर पर भेज सकते हैं। डाटा किसी भी प्रकार का हो सकता है; जैसे-लिखती, ध्वनि वाला, वीडियो, ग्राफिकल आदि।

सूचना टैकनॉलोजी की जरूरत-

  1. आज के समय में हर एक अदारे में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है और डाटा ट्रांसमिट हो रहा है। अलग-अलग अदारे इसका अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे कि व्यापारिक अदारा अपनी मशहूरी के लिए इंटरनैट का प्रयोग कर रहा है। बहुत से महत्त्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं।
  2. शिक्षा का अदारा इंटरनैट का प्रयोग करके अपनी समस्याओं का खुद ही समाधान कर रहा है।
  3. साधारण जनता एक-दूसरे से बातचीत चैटिंग या ई-मेल की सुविधा का प्रयोग कर बहुत सस्ती और तेज पूर्ण कर रही है।
  4. विज्ञान अदारे में भी सूचना टैकनॉलोजी बहुत महत्त्वपूर्ण रोल अदा कर रही है।

हम अपनी ज़िन्दगी में देखें तो सभी बिल, सरकारी और बड़ी संस्थाओं के भुगतान कम्प्यूटर पर ही प्रिंट होते हैं। बैंकों के ए० टी० एम० भी बहुत सारी सेवाएं प्रदान करवाते हैं, पर यह सब तभी सम्भव है अगर कम्प्यूटर का सही इस्तेमाल हो।

सूचना टैकनॉलोजी से जान-पहचान-
1. इन्फारमेशन टैकनॉलोजी के प्रयोगइन्फारमेशन टैकनॉलोजी का प्रयोग बहुत से कामों में किया जाता है जिनमें से कुछ नीचे दिए अनुसार हैं-

  • व्यापार और उद्योगों के लिए-व्यापार और उद्योगों में इन्फारमेशन टैकनॉलोजी मुख्य रूप से आगे दिए गए कामों के लिए प्रयोग की जाती है
  • ऑफिस आटोमेशन-आजकल इन्फारमेशन टैकनॉलोजी का प्रयोग रोज़ाना के काम करवाने और बढ़िया उत्पादन करवाने के लिए किया जाता है।

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  • मैनेजमैंट इन्फारमेशन सिस्टम-इन्फारमेशन टैकनॉलोजी प्रबन्धकों के लिए फैसला लेने में सहायता करती है।
  • घरों में-घरों में इन्फारमेशन टैकनॉलोजी का प्रयोग नीचे दिए गए कामों के लिए किया जाता है-

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संचार-पहले खत लिखे जाते थे, अब ई-मेल और चैटिंग की जाती है।
शिक्षा-आजकल विद्यार्थी इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। ज्ञान-विज्ञान की जानकारी के लिए हमें बहुत से प्रकार के सॉफ्टवेयर मिल जाते हैं।
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मनोरंजन-अब घरों में पुराने मनोरंजन साधनों की जगह कम्प्यूटर और इंटरनैट ने ले ली है। रिवायती चीज़ों की जगह अब आडियो-वीडियो सीडीज़ ने ले ली है। सिखलाई के लिए स्कूलों में इन्फारमेशन टैकनालोजी का प्रयोग बढ़िया और आसान ढंग से ज्ञान हासिल करने के लिए किया जाता है। ज्ञान प्राप्ति के लिए परस्पर प्रभावशाली मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशन सामग्री काफ़ी सहायता कर रही है।
इनफारमेशन टैकनालोजी विज्ञान और दवाइयों में भी मददगार साबित हो रही है।

वैबसाइट
वैबसाइट एक से ज्यादा पेजों का समूह होता है। इसको एक नाम के साथ सेव किया जाता है। जिसे वैब एडरैस कहते हैं। हरेक वैबसाइट का अपना एडरैस होता है। वैबसाइट के पहले पेज को होम पेज कहते हैं। होम पेज एक-दूसरे पेजों तक पहुँच सकते हैं।

सचिंग
सचिंग का अर्थ है ढूँढ़ना। जब हमें इंटरनेट का पता नहीं होता है कि हमें कहा जाना है तो हम उसको ढूँढ़ सकते हैं। इसके लिए सर्च इंजन का प्रयोग किया जाता है। कुछ मशहूर सर्च इंजन हैं :
www.google.com
www.yahoo.com
www.bing.com

वैब सर्किंग-
वैब सर्किंग का अर्थ है इंटरनैट पर अपनी पसंद के विषय को ढूँढ़ते एक वैबसाइट से दूसरी पर जाना। इसका दूसरा अर्थ है इंटरनैट पर समय बिताना जानकारी प्राप्त करने का यह एक बढ़िया ढंग है। सर्किंग तथा सचिंग में अन्तर बताओ। सर्किंग तथा सचिंग में निम्न अन्तर हैं-

सर्किंग सचिंग
(1) इसका अर्थ है एक वैबसाइट से दूसरी पर जाना। (1) इसका अर्थ है इंटरनैट पर कुछ ढूंढ़ना।
(2) इसके लिए सर्च इंजन ही चाहिए। (2) इसके लिए सर्च इंजन चाहिए।
(3) इसका प्रयोग जानकारी ढूंढ़ने के लिए किया जाता है। (3) इसका प्रयोग वैबसाइट ढूंढ़ने के लिए किया जाता है।

ऑफलाइन तथा ऑनलाइन
ऑफलाइन का अर्थ है इंटरनैट में जुड़े न होना तथा ऑनलाइन का अर्थ है इंटरनैट से जुड़े होना। इसमें निम्न अंतर है :
ऑनलाइन तथा ऑफलाइन में निम्न अन्तर है-

ऑनलाइन ऑफलाइन
(1) इसका अर्थ है इंटरनैट से जुड़े होना। (1) इसका अर्थ है इंटरनैट से जुड़े न होना।
(2) इसमें हम किसी दूसरे कम्प्यूटर पर सेव फाइलों काम करते हैं। (2) इसमें हम अपने कम्प्यूटर पर फाइलों पर पर काम करते हैं।

डाऊनलोडिंग
डाऊनलोडिंग का अर्थ है इंटरनैट से कोई वस्तु अपने कम्प्यूटर पर कॉपी करना। इस द्वारा अपनी वस्तु को ऑफलाइन भी देख सकते हैं। इंटरनैट से हम निम्न वस्तुएं डाऊनलोड कर सकते हैं।
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नैट-बैंकिंग नैट-बैंकिंग का अर्थ है इंटरनैट का प्रयोग करके बैंकिंग कार्य करना। इसमें हम निम्न कार्य कर सकते हैं।

  1. अकाऊंट स्टेटमैंट देखना
  2. पैसा ट्रांसफर करना
  3. बिल अदा करना

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ऑनलाइन शापिंग
इंटरनेट की मदद से वस्तुएं खरदीने को ऑनलाइन शापिंग कहते हैं। इससे हमें दुकान पर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। वस्तु हमारे घर तक पहुँचा दी जाती है। हम अपने Debit या क्रेडिट कार्ड द्वारा उसका मूल्य चुका देते हैं। इससे हमारे समय की बहुत बचत होती है।

ऑनलाइन रिजल्ट देवना –
ऑनलाइन रिजल्ट निम्न ढंग से देखा जाता है –

  1. अपने कम्प्यूटर पर वैब ब्राओजर जैसे कि इंटरनैट एक्सप्लोरर या मोजिला फायरफॉक्स आदि खोलो।
  2. एडरैस बार में, जिस बोर्ड या यूनिवर्सिटी का रिजल्ट देखना है, उसका पता टाइप करो,

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3. Result ऑप्शन पर क्लिक करो।
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4. क्लास का चुनाव करो।
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5. अपना रोल नम्बर भरो।
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6. Find result पर क्लिक करो। (सारा रिजल्ट आ जाएगा)

मोबाइल टैकनॉलोजी –
मोबाइल टैकनॉलोजी का अर्थ है मोबाइल द्वारा तकनीक का प्रयोग कर जानकारी जुटाना। इससे हम इंटरनेट पर कार्य कर सकते हैं। इसके मुख्य प्रयोग क्षेत्र अनलिखित है-

  1. शिक्षा
  2. निरीक्षण तथा पोलिंग
  3. बैंकिंग
  4. डाटा अनैलसिस

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 2 इंटरनैट फंडामैंटल्स

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 2 इंटरनैट फंडामैंटल्स

जान-पहचान
अलग-अलग नैटवर्कस को जोड़कर इंटरनैट बनता है। यह पूरी दुनिया में फैला हुआ है। आज के समय में इसकी ज़रूरत बहुत ज्यादा बढ़ गई है। दफ्तरों में, शिक्षक क्षेत्रों में, निजी संस्थाओं में लाखों ही लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

इंटरनेट क्या है?
अलग-अलग नैटवर्कस के आपसी सम्बन्ध से इंटरनैट बनता है। इससे पूरी दुनिया में फैले नैटवर्क जुड़े होते हैं। इससे सूचना का आदान-प्रदान करवाया जा सकता है। इंटरनैट पूरी तरह किसी के अधीन नहीं जिसके कारण हर कोई इसका इस्तेमाल कर सकता है। इंटरनेट का इस्तेमाल लोग कई कामों के लिए करते हैं। इससे लोग अपना मनोरंजन कर सकते हैं और उत्सुकता के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इंटरनेट सारे संसार में फैला हुआ है। यह दुनिया के लाखों कम्प्यूटरों की एक विशाल संस्था है। इसके द्वारा सूचना का आदान-प्रदान करवाया जाता है। अलग-अलग देशों के लाखों लोग इंटरनैट के द्वारा पत्र-व्यवहार करते हैं, नई बातें सीखते हैं और खोजें करते हैं।

इंटरनेट का इतिहास-
आज के समय में इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है। साल 1986 में नैशनल साईंस फाऊंडेशन ने अपना NSF नैट नाम का नैटवर्क तैयार किया था। इस नैटवर्क के द्वारा विज्ञानी एक सुपर कम्प्यूटर का प्रयोग सांझे तौर पर करते थे। सुपर कम्प्यूटर एक बड़ा और शक्तिशाली कम्प्यूटर होता है जिसका इस्तेमाल वैज्ञानिक कामों के लिए किया जाता है। साल 1990 में बुनियादी डिफेंस विभाग बन्द हो. गया और इसको NSF नैट ने अपना लिया। फिर इसको अन्य बहुत सारे नैटवर्कस से जोड़ा गया। इसी से आज का इंटरनैट अस्तित्व में आया।

इंटरनेट की ज़रूरतें
इंटरनैट की मूल ज़रूरतें नीचे लिखी हैं –
1. हार्डवेयर ज़रूरतें

  1. अधिक रफ़्तार वाला पर्सनल कम्प्यूटर (PC)
  2. अधिक मैमरी वाली रैम
  3. टैलीफोन लाइन
  4. मोडम (Modem)

2. साफ्टवेयर ज़रूरतें

  • आपरेटिंग सिस्टम
  • वैब ब्राओज़र।

इंटरनेट द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाएं-
इंटरनेट द्वारा हम ख़बरें तथा जानकारी, कला तथा मनोरंजन, ऑनलाइन, खरीदारी, पत्र भेजना, सेहत तथा तंदुरुस्ती, सैर-सपाटा, चैटिंग, बैंकिंग तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आदि कर सकते हैं। इंटरनेट की सहायता से निम्नलिखित कार्य किए जा सकते हैं –
1. ख़बर तथा जानकारी प्राप्त करना-इंटरनेट से हम ऑनलाइन अख़बार से ख़बरें पढ़ सकते हैं। इससे हम देश विदेश की किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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2. कला तथा मनोरंजन-इंटरनेट पर हम गेम खेल सकते हैं, गाने सुन सकते हैं, फिल्में देख सकते हैं तथा चुटकुले कहानियां आदि पढ़ सकते हैं। इंटरनेट की सहायता से इन सभी के द्वारा हम अपना मनोरंजन कर सकते हैं।

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3. खरीदारी-इंटरनेट की सहायता से हम दुनिया में कहीं से भी कपड़े, किताबे, गिफ्ट या अन्य . ज़रूरी सामान आदि खरीद सकते हैं। इस प्रक्रिया को ऑनलाइन शॉपिंग कहा जाता है।

4. पत्र भेजना-इंटरनेट पर पत्र भेजने की सर्विस को ईमेल कहते हैं। इंटरनेट की सहायता से हम दुनिया में किसी भी व्यक्ति को ईमेल भेज सकते हैं तथा किसी से भी ई-मेल प्राप्त कर सकते हैं। ईमेल के जरिए हम तस्वीरें, फिल्में, आवाज़ आदि दूसरों को भेज सकते हैं।

5. सेहत तथा तंदुरुस्ती-इंटरनेट के द्वारा हम अपने स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके द्वारा हम किसी भी डॉक्टर से ज़रूरी सलाह भी कर सकते

6. सैर-सपाटा-इंटरनेट पर दुनिया भर के टैक्स पार्टी से संबंधित जानकारी, रेल टिकट, हवाई टिकट तथा विभिन्न होटलों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

7. चैटिंग-इंटरनेट के द्वारा हम दुनिया में किसी भी व्यक्ति के साथ टैक्सट, ऑडियो या वीडियो चैट कर सकते हैं।

8. बैंकिंग-इंटरनेट की सहायता से हम अपने बैंक के कार्य भी कर सकते हैं। ऑनलाइन बैंकिंग के द्वारा बैंक से संबंधित लगभग सभी कार्य किए जा सकते हैं।

9. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दो या दो से ज़्यादा व्यक्ति एक-दूसरे को देख कर बात करते हैं। इसके लिए वेब कैमरे का प्रयोग किया जाता है।

इंटरनैट कुनैक्शन
इंटरनैट कुनैक्शन-यह निम्न प्रकार के होते हैं-
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  • ब्राड बैंड-यह कुनैक्शन तेज़ रफ़्तार वाले होते हैं। बड़े व्यापारिक अदारे इसका इस्तेमाल करते हैं।
  • डॉयल अप-यह कुनैक्शन कभी-कभी इंटरनैट का उपयोग करने वाले इस्तेमाल करते हैं। यह ब्राड बैंड से धीमे और सस्ते होते हैं।

मोडम
डिजीटल से एनालॉग सिग्नल और एनालोग से डिजीटल सिग्नल में बदलने वाले उपकरण को मोडम कहा जाता है। मोडम की किस्में-मोडम दो प्रकार के होते हैं –

  1. अन्दरूनी मोडम
  2. बाहरी मोडम

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बाहरी मोडम एक डिब्बे के रूप में कम्प्यूटर से बाहरी तरफ से केबल से जोड़े जाते हैं। अन्दरूनी मोडम कम्प्यूटर के बीच ही लगे होते हैं।

मोडम की रफ्तार –
मोडम की रफ़्तार भी अलग-अलग होती है। धीमे मोडम सन्देश को भेजते समय अधिक समय लगाते हैं। केबल या टेलीफोन की तार दीवार से लगे फ्लग के द्वारा मोडम में जाती है। आजकल तो बेतार मोडम भी आ गए हैं जो मोबाइल फोन की तरह हवा में ही काम करते हैं। मोडम की रफ़्तार अलग-अलग होती है। धीमे मोडम सन्देश भेजते या प्राप्त करते समय अधिक समय लगाते हैं। यह इंटरनेट से फाइलों की नकल करने पर भी अधिक समय लगाते हैं। अगर संचार वाले दोनों कम्प्यूटरों में अलगअलग रफ़्तार वाले मोडम हों तो संचार कम रफ़्तार वाले मोडम की रफ़्तार के साथ होता है। तेज़ संचार करवाने के लिए अधिक रफ़्तार वाले मोडम ही प्रयोग करने चाहिए। आमतौर पर 28.8 Kbps रफ़्तार वाला मोडम प्रयोग किया जाता है। सर्किंग के लिए कम-से-कम 56 Kbps वाले मोडम की सिफ़ारिश की जाती है।

इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्ज
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्ज़ यूज़र को इंटरनेट की सुविधा प्रदान करवाता है। वह यूजर से फीस प्राप्त करता है। यह फीस इंटरनेट का उपयोग करने के हिसाब से होती है।

इंटरनेट के लाभ/सेवाएं
इंटरनैट के लाभ नीचे दिए अनुसार हैं –
वर्ड वाइड वैब-
वर्ड वाइड वैब इंटरनैट पर वैब पेज का एक जाल है। ये पेज आपस में लिंकड होते हैं। इस को किसी खास एडरैस द्वारा पाया जाता है। इसको कम्प्यूटर, लैपटाप, मोबाइल, आदि पर असैस किया जा सकता है। वर्ल्ड वाइड वैब WWW इंटरनैट की बहुत बड़ी सेवा है। इसके द्वारा पूरी दुनिया की सूचना प्राप्त की जा सकती है। इसमें व्यापार, शिक्षा स्रोत, सेहत और सरकारी अदारों आदि से सम्बन्धित सूचना शामिल होती है। यह हर एक स्थान पर यूज़र की सोच, विचारों और पसंद के मुताबिक सेवाएं देती हैं।

ई-मेल
ई-मेल एक इलैक्ट्रॉनिक मेल है जिसके द्वारा कम्प्यूटर से पत्र भेजे जाते हैं। इसके द्वारा दुनिया भर में कहीं भी एक ही समय सन्देश पहुँचाया जा सकता है। इंटरनैट इस्तेमाल करने के समय आपके पास विलक्षण ई-मेल
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पता होना चाहिए। ई-मेल के पते को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है, यूज़र नेम और होस्ट नेम। ई-मेल में @ संकेत होता है जिसको ‘ऐट दा रेट ऑफ’ कहा जाता है। Kaler@yahoo.com ई-मेल के पते की एक उदाहरण है।

ई-मेल के लाभ-ई-मेल के बहुत सारे लाभ हैं जो कि नीचे लिखे अनुसार हैं-
1. खर्च (Cost)-इंटरनैट के प्रयोग के लिए दी जाने वाली रकम के बिना अन्य कुछ नहीं लगता। यूज़र को डाक टिकटों के पैसे नहीं पड़ते। यह फैक्स से भी सस्ती पड़ती है। फैक्स पर कागज़ और टैलीफोन के खर्चे पड़ते हैं। ई-मेल करते समय ऐसा कोई खर्चा नहीं पड़ता। लम्बे सन्देश का खर्च छोटे सन्देश जितना होता है। उदाहरण के लिए स्विट्जरलैंड और अपने शहर में सन्देश का खर्च बराबर होता है।

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2. रफ़्तार (Speed)-ई-मेल की रफ्तार हमारे दूसरे चिट्ठी-पत्र से अधिक होती है। ई-मेल सन्देश अपनी मंजिल पर कुछ मिनटों-सैकिण्डों में पहुंच जाते हैं। एक दिन में कई बार पत्र-व्यवहार किया जा सकता है।

3. आराम (Convenience)-कम्प्यूटर का इस्तेमाल करने वाले सन्देश को अपने कम्प्यूटर पर टाइप करते हैं और फिर ई-मेल कर देते हैं। इसके साथ न कागज़ का प्रयोग होता है, न कोई डाक खर्चा आता है और न ही कोई अन्य समस्या आती है।

ई-कामर्स
ई-कामर्स इंटरनैट पर व्यापार को करते हैं। इससे हम अपनी ज़रूरत की वस्तुएं 24 घंटे खरीद, बेच सकते हैं।

सोशल नेटवर्किंग साइट-
यह इंटरनैट पर सोशल ग्रुप की साइट होती है। इसमें यूज़र अपना प्रोफाइल बना कर दूसरों से वार्तालाप तथा अपने अनुसार शेयर कर सकता है।
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विडीयो कानफ्रैंसिंग-
यह कैमरे का उपयोग करती है। इसमें हम तस्वीरों तथा आवाज़ द्वारा अपने विचार दूसरों से साझा कर सकते हैं। हम दूसरों को देख भी सकते हैं। इसमें समय की बहुत बचत होती है।

चैटिंग-
यह फोन पर की जाने वाली बातचीत की तरह ही होती है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें बातचीत के लिए शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप इंटरनैट से जुड़े हो तो आप टैलीफोन में बोलने के स्थान पर कम्प्यूटर में टाइप करोगे। आजकल व्यास चैट (जुबान के द्वारा चर्चा) करनी भी सम्भव हो गई है। व्याँस चैट में आप बोल और सुन सकते हो।
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वैबसाइट को सर्च करना
वैबसाइट पर पन्नों की गिनती निश्चित नहीं होती। यह अनगिनत होते हैं। यह बढ़ते ही रहते हैं। बड़ी कम्पनियां अपने वैब पन्नों को डाटाबेस में सम्भाल के रखती हैं।
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जानकारी ढूँढ़ने के लिए सर्च इंजन का प्रयोग किया जाता है। यह बहुत ही शक्तिशाली प्रोग्राम होता है। ढूँढ़ी जाने वाली जानकारी को टाइप करके सर्च (खोज) की जाती है। यह उस शब्द से सम्बन्धित अनेकों वैबसाइटों की सूची जारी करता है।

सर्च करने के तरीके
सर्च अर्थात् खोज करने के बुनियादी सिद्धान्त नीचे लिखे अनुसार हैं-
सबसे पहले आप सर्च इंजन के टैक्सट बॉक्स में कुछ शब्द टाइप करें। एडवांस सर्च में आपको शब्द मैच, पूरा वाक्यांश मैच या दाखिल किए की-वर्ड का मैच सैट करना पड़ता है। सही तरीके से सर्च करने के लिए नीचे लिए कुछ चिन्हों का ध्यान रखना चाहिएजमा का निशान (+) शब्द दर्शाने के लिए करें जो खोज नतीजे में नज़र आना ज़रूरी है। घटाने का निशान (-) शब्द दर्शाने के लिए करें जो खोज नतीजे में नज़र आना ज़रूरी न हो। वाक्यांश दर्शाने के लिए कोट-मारक (“) का इस्तेमाल करें।

साफ्टवेयर टूलज़
इंटरनैट का प्रयोग करने के लिए कुछ साफ्टवेयर चाहिए। ये साफ्टवेयर विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं। ये टूलज़ हैं।

  1. ई-मेल प्रोग्राम
  2. ब्राओज़र
  3. न्यूज रीडर
  4. एफ०टी०पी० साफ्टवेयर

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इंटरनैट स्किलज़ –
इंटरनेट प्रयोग करने के लिए हमें स्किलफुल होना चाहिए तभी हम इसका भरपूर फायदा उठा सकते हैं।
हमें :

  1. प्रोग्राम चलाने तथा बंद करने
  2. फाइल कापी करना
  3. मीनू के साथ कार्य करना
  4. प्रिंट, टाइप करना आदि आना चाहिए।

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ब्राओज़र/ब्राओजिंग-
यह एक तरह का साफ़्टवेयर है, जिस पर इंटरनैट की फाइलें खोली जाती हैं। यह कई प्रकार के होते हैं। इंटरनैट एकसप्लोरर का इस्तेमाल ज़्यादा किया जाता है। इंटरनेट का इस्तेमाल करके वैब साइटस देखने की प्रक्रिया को वैब ब्राओजिंग कहा जाता है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग ट्यूटर

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग टयूटर

जान-पहचान
टाइपिंग ट्यूटर एक ऐसा प्रोग्राम है जिसके द्वारा हम कम्प्यूटर कीअ-बोर्ड पर सही ढंग से टाइप करना सीख सकते हैं। इसकी सहायता से हमारी टाइपिंग में सुधार आता है। टच टाइपिंग यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें हम कीअ-बोर्ड को देखे बिना टाइप करना सीख सकते हैं। इससे हमारा कार्य ज्यादा तेजी से होता है।

अनमोल लिपि द्वारा पंजाबी में टाइपिंग-
अनमोल लिपि फोंट द्वारा हम आसानी से पंजाबी टाइपिंग कर सकते हैं। हम अंग्रेजी भाषा की वर्णमाला के लिए प्रयोग होने वाली उंगलियों की स्थिति का प्रयोग करके पंजाबी टाइप कर सकते हैं। पहले हमें अनमोल लिपि फोंट का चुनाव करना पड़ेगा। अनमोल लिपि कीअ-पैड निम्न अनुसार होता है।
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कीअ-बोर्ड पर उंगलियों की स्थिति-
कीअ-बोर्ड दो हिस्सों में बांटा जाता है-दायाँ और बायाँ और दोनों हाथों की उंगलियां कीअ-बोर्ड पर उसके अनुसार ही रखी जाती हैं। कीअ-बोर्ड की मुख्य चार लाइनें होती हैं। दोनों हाथों की उंगलियों को A से शुरू होने वाली लाइन पर रखा जाता है। ऊपरी या निचली लाइन के किसी बटन को दबाने के बाद उंगलियां फिर इसी लाइन पर वापिस आ जाती हैं। इसलिए इस लाइन को होम लाइन कहा जाता है। कीअ-बोर्ड के दोनों तरफ शिफ्ट की होती है। यह शब्दों को बड़े अक्षरों में लिखने के लिए प्रयोग की जाती है और यदि पूरी पंक्ति को बड़े अक्षरों में लिखना हो तो Caps Lock की कीअ दबानी चाहिए।
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होम रोअ : होम रोअ में बायें तरफ से A पर सबसे छोटी उंगली से शुरुआत की जाती है। S पर अगली उंगली रखी जाती है। इसी प्रकार दायें तरफ ; से शुरुआत करके उंगलियां रखी जाती हैं।
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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग ट्यूटर

दूसरी रोअ : दूसरी रोअ होम रोअ के ऊपर होती है। इसमें भी बायें तरफ Q से शुरुआत करके उंगलियां रखी जाती हैं तथा दायीं तरफ P से शुरू करके उंगलियां रखी जाती हैं।
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तीसरी रोअ : तीसरी रोअ में Z से बायीं तरफ की उंगलियां रखी जाती हैं तथा ( • ) पर दायीं तरफ की उंगलियां से शुरुआत की जाती है।
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चौथी रोअ : चौथी रोअ अंकों से संबंधित है। यह 0-9 तक होते हैं। इनका प्रयोग होम रोअ के अनुमार उंगलियाँ रख कर किया जाता है।
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न्यूमैरिक पैड-
न्यूमैरिक पैड कीअ-बोर्ड के दाईं तरफ लगी होती है। इसकी सहायता से अंकों को टाइप किया जाता है। ये पैड कैल्कुलेटर की तरह दिखाई देता है तथा उसी प्रकार कार्य करता है। न्यूमैरिक कीअ पैड पर कीअज दबाने के लिए दायें हाथ की उंगलियों का प्रयोग किया जाता है। न्यूमैरिक कीअ पैड पर उंगलियों की स्थिति निम्न अनुसार होती है।

दायें हाथ का अंगूठा 0 पर
दायें हाथ की पहली 4 पर
दायें हाथ की दूसरी उंगली 5 पर
दायें हाथ की चौथी उंगली 6 पर
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कीअ बोर्ड की रवास कीअज़
कीअ बोर्ड की निम्न खास कीअज़ होती हैं –

  1. स्पेस बार – खाली स्पेस छोड़ने के लिए
  2. एटर कीअ – नई लाइन में जाने के लिए
  3. बैंक स्पेस बायीं तरफ का अक्षर मिटाने के लिए
  4. शिफ्ट कीअ – कैप्स लॉक बदले बगैर अक्षर बड़ा या छोटा करने के लिए
  5. कैप लॉक – अक्षरों को बड़ा या छोटा टाइप करने के लिए

टाइपिंग स्पीड बढ़ाने के निर्देश-
टाइपिंग स्पीड को निम्न हिदायतों का प्रयोग कर बढ़ाया जा सकता है-

  1. हमारे हाथ की उंगलियां होम रोअ पर होनी चाहिए।
  2. हमें हमेशा यहीं से शुरू कर वापिस आना चाहिए।
  3. होम रोअ की पोजीशन से बाकी कीज़ तक पहुंचो।
  4. अपना ध्यान सही कीअ दबाने पर रखो।
  5. कीअ-बोर्ड को मत देखो।
  6. लगातार, आराम से तथा सही टाइप करने की तरफ ध्यान रखें।
  7. जिस भी कीअ को दबाओ उसको मन में दोहराओ।

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टाइपिंग के लिए बैठने का तरीका टाइपिंग करते समय निम्न बातों पर ध्यान दें –
बिल्कुल सीधे तथा कीअ-बोर्ड की सीध में बैठे।

  1. पैर ज़मीन पर सीधे रखें।
  2. कम्प्यूटर के मॉनीटर को आँखों के बराबर रखें।
  3. अपनी नज़र मॉनीटर या कॉपी पर रखें।
  4. अपनी उंगलियों को होम कीअ पर रखो।
  5. प्रत्येक कीअ को दबा कर वापिस होम रोअ पर आओ।

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लगातार टाइपिंग के कारण होने वाले तनाव से बचने के तरीके

  1. कम्प्यूटर के सामने सही ढंग से बैठे।
  2. कम्प्यूटर से सही दूरी बनाए रखें।
  3. अपने घुटने 90° के कोण पर मोड़ कर रखें।
  4. कीअबोर्ड को सीधा हल्का-सा उठाकर रखें।
  5. अपने हाथ टेबल पर टिका कर न रखें।
  6. जब ज़रूरत न हो अपने हाथों को आराम दें।
  7. थोड़े-थोड़े समय बाद आराम करें।
  8. टाइपिंग करते समय बीच-बीच में बाहों की कसरत करें।
  9. रोज कसरत करें।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 6 दहन और ज्वाला

PSEB 8th Class Science Guide दहन और ज्वाला Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
दहन की परिस्थितियों की सूची बनाइए।
उत्तर-
दहन के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ – दहन उत्पन्न करने के लिए तीन आवश्यकताएँ हैं-
(i) ऑक्सीजन की उपस्थिति।
(ii) दाहन पदार्थ की उपस्थिति।
(iii) पदार्थ का निम्न ज्वलन ताप।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) लकड़ी और कोयला जलने से वायु का …………………… होता है।
(ख) घरों में काम आने वाला एक द्रव ईंधन ……………………. है।
(ग) जलना प्रारंभ होने से पहले ईंधन को उसके ……………………. तक गर्म करना आवश्यक है।
(घ) तेल द्वारा उत्पन्न आग को ………………………. द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता।
उत्तर-
(क) प्रदूषण
(ख) मिट्टी का तेल
(ग) ज्वलन-ताप
(घ) पानी।

प्रश्न 3.
समझाइए कि मोटर वाहनों में सी० एन० जी० के उपयोग से हमारे शहरों का प्रदूषण किस प्रकार कम हुआ है ?
उत्तर-
सी० एन० जी० एक साफ गैसीय ईंधन है। इसका वायु में पूर्ण दहन होता है जिससे यह कोई हानिकारक गैसें उत्पन्न नहीं करता। इसलिए सी०एन०जी० के उपयोग से शहरों में प्रदूषण कम हुआ है।

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प्रश्न 4.
ईंधन के रूप में एल० पी० जी० और लकड़ी की तुलना कीजिए।
उत्तर-
एल० पी० जी० एक द्रवित पेट्रोलियम गैस है। इसका ऊष्मीय मान 50 kJ/g है। यह साफ और स्वच्छ ईंधन है। यह धुआं रहित ज्वाला से जलता है और कोई हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं करता जबकि लकड़ी का ऊष्मीय मान 17k//g है। यह जलने पर धुआँ और हानिकारक गैसें उत्पन्न करती है। इसलिए एल० पी० जी० एक बेहतर ईंधन है।

प्रश्न 5.
कारण बताइए-
(क) विद्युत् उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।
(ख) एल० पी० जी० लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।
(ग) कागज़ स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि एल्यूमीनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
उत्तर-
(क) विद्युत् उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु उस पदार्थ का उपयोग नहीं कर सकते, जो विद्युत् का सुचालक हो। इससे जान जाने का खतरा हो सकता है। जल विद्युत् का सुचालक है, इसलिए यह आग बुझाने हेतु उपयोग में नहीं लाया जा सकता। इस उद्देश्य के लिए कार्बन टेट्राक्लोराइड उपयोग में लाया जाता है।

(ख) एल० पी० जी० एक द्रवित पेट्रोलियम गैस है। इसका ऊष्मीय मान 50 kJ/g है। यह साफ और स्वच्छ ईंधन है। यह धुआं रहित ज्वाला से जलता है और कोई हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं करता जबकि लकड़ी का ऊष्मीय मान 17k//g है। यह जलने पर धुआँ और हानिकारक गैसें उत्पन्न करती है। इसलिए एल० पी० जी० एक बेहतर ईंधन है।

(ग) ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता, क्योंकि ऊष्मा ऐलुमिनियम में स्थानांतरण हो जाती है और कागज़ का ज्वलन ताप नहीं पहुँच पाता है।

प्रश्न 6.
मोमबत्ती की ज्वाला का चिह्नित चित्र बनाइए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला 1

प्रश्न 7.
ईंधन से ऊष्मीय मान को किस मात्रक दवारा प्रदर्शित किया जाता है ?
उत्तर-
किलोजूल प्रति किलोग्राम (kJ/kg) ।

प्रश्न 8.
समझाइए कि CO2 किस प्रकार आग को नियंत्रित करती है ?
उत्तर-
CO2 गैस वायु से भारी होती है इसलिए यह जलती हुई आग के इर्द-गिर्द एक आवरण बना लेती है। इस आवरण के बनने से ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती, कट जाती है और आग जलना बंद कर देती है और नियंत्रित हो जाती है।

प्रश्न 9.
हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है, परंतु सूखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है, समझाइए।
उत्तर-
हरी पत्तियों में नमी की मात्रा बहुत अधिक होती है और हरी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। परंतु सूखी पत्तियों में नमी की मात्रा कम होती है और सूखी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है। इसलिए सूखी पत्तियों के ढेर को आग आसानी से लग जाती है।

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प्रश्न 10.
सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के किस क्षेत्र का उपयोग करते हैं और क्यों?
उत्तर-
स्वर्णकार ज्वाला के सबसे ऊपरी, अदीप्त, नीले क्षेत्र का उपयोग सोने और चांदी को पिघलाने के लिए करते हैं क्योंकि यह ज्वाला का सबसे अधिक गर्म क्षेत्र होता है।

प्रश्न 11.
एक प्रयोग में 4.5 kg ईंधन का पूर्णतया दहन किया गया। उत्पन्न ऊष्मा का माप 1,80,000 kJ था। ईंधन का ऊष्मीय मान परिकलित कीजिए।
हल-
ईंधन का द्रव्यमान = 4.5 kg
उत्पन्न ऊष्मा का माप = 1,80,000 kJ
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला 2
= \(\frac{1.80 .000}{4.5}\) kJ/kg
= \(\frac{1.80,000}{4.5}\)
= 40,000
= 4 × 104 kJ/kg उत्तर

प्रश्न 12.
क्या जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा सकता है ? विवेचना कीजिए।
उत्तर-
जंग लगने का प्रक्रम – जब लोहे को नमी युक्त वायु में रखा जाता है, तो यह जलीय आयरन ऑक्साइड की परत से ढक जाता है। यह प्रक्रम जंग लगना कहलाता है और परत को जंग कहते हैं। रासायनिक जंग, आयरन ऑक्साइड का जलीय रूप है अर्थात् Fe2O3, xH2O. यह भूरे लाल रंग का होता है।

पूर्ण समीकरण :
4Fe + 3O2 + 3H2O → Fe2O3 + 2Fe (OH)3
Fe2O3 + xH2O → Fe2O3.xH2O
जंग लगना एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया है, परन्तु धीमी गति से होने वाली अभिक्रिया है।

प्रश्न 13.
आबिदा और रमेश ने एक प्रयोग किया जिसमें बीकर में रखे जल को गर्म किया गया। आबिदा ने बीकर को मोमबत्ती ज्वाला के पीले भाग के पास रखा। रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी भाग के पास रखा। किसका पानी कम समय में गर्म हो जाएगा ?
उत्तर-
रमेश का पानी कम समय में गर्म हो जाएगा, क्योंकि ज्वाला का सबसे बाहरी भाग सबसे अधिक गर्म होता है।

PSEB Solutions for Class 8 Science दहन और ज्वाला Important Questions and Answers

TYPE -I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कौन-से ईंधन उपयोग में लाए जाते हैं ?
उत्तर-
लकड़ी, कृषि अवशेष और उपले।

प्रश्न 2.
निम्न ठोस ईंधनों में से किस का ऊष्मण-ताप अधिक होता है-उपले, कोयला, लकड़ी।
उत्तर-
कोयला।

प्रश्न 3.
भारतीय घरों में उपयोग आने वाले तरल ईंधन का नाम लिखिए।
उत्तर-
मिट्टी का तेल।

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प्रश्न 4.
तीन तरल ईंधनों के नाम लिखें। उत्तर-मिट्टी का तेल (केरोसीन तेल), पेट्रोल, डीज़ल।

प्रश्न 5.
जब ईंधन जलते हैं, तो क्या उत्पन्न होता है ?
उत्तर-
प्रकाश और ऊष्मा।

प्रश्न 6.
ज्वलन ताप क्या है ?
उत्तर-
ज्वलन ताप – वह न्यूनतम तापमान जिस पर कोई पदार्थ ऑक्सीजन की उपस्थिति में आग पकड़ लेता है, ज्वलन ताप कहलाता है।

प्रश्न 7.
दो द्रव पदार्थों के नाम लिखो, जिनका ज्वलन ताप बहुत कम होता है ?
उत्तर-

  1. एल्कोहल और
  2. ईथर।

प्रश्न 8.
विद्युत् द्वारा लगी आग बुझाने के लिए किस प्रकार के अग्निशामक का उपयोग होता है ?
उत्तर-
कार्बन ट्रेटाक्लोराइड अग्निशामक।

प्रश्न 9.
दहन क्या है ?
उत्तर-
दहन – यह एक ऐसा प्रक्रम जिसमें पदार्थ को ऑक्सीजन में जलाने से ऊष्मा और प्रकाश पैदा होता है।

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प्रश्न 10.
ईंधन के ऊष्मीयमान की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
ऊष्मीय मान – 1 किलोग्राम पदार्थ के पूर्ण दहन से प्राप्त ऊर्जा की मात्रा, ऊष्मीय-मान कहलाता है।

प्रश्न 11.
तेलीय आग बुझाने के लिए कौन-सा अग्निशामक उपयोग में आता है ?
उत्तर-
झाग वाला (Foam type) अग्निशामक।

प्रश्न 12.
काष्ठ कोयला लकड़ी की अपेक्षा एक ईंधन क्यों है ?
उत्तर-
काष्ठ कोयले का ऊष्मीयमान लकड़ी के ऊष्मीयमान से अधिक है। इसलिए काष्ठ कोयला एक बढ़िया ईंधन है।

प्रश्न 13.
मोमबत्ती की ज्वाला के क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-
ठंडा आंतरिक क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, बाह्य अदीप्त क्षेत्र।

प्रश्न 14.
दो पदार्थों के नाम लिखिए जो अग्नि बुझाने के काम आते हैं।
उत्तर-

  1. पानी,
  2. झाग (Foam) ।

प्रश्न 15.
किन्हीं तीन ज्वलनशील पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. कागज़
  2. लकड़ी और
  3. रसोई गैस।

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TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ईंधन क्या है ? कौन-सी विभिन्न अवस्थाओं में ईंधन पाए जाते हैं ?
उत्तर-
ईंधन – वे पदार्थ, जो जलने पर ताप और प्रकाश उत्पन्न करते हैं, ईंधन कहलाते हैं। ईंधनों की तीन अवस्थाएँ हैं-

  1. ठोस (लकड़ी, कोयला, काष्ठ-कोयला आदि)
  2. तरल (पेट्रोल, मिट्टी का तेल, डीज़ल)
  3. गैस (प्राकृतिक गैस), कोयला-गैस, बायोगैस आदि।

प्रश्न 2.
कैसे सिद्ध करोगे कि दहन के लिए वायु आवश्यक है ?
उत्तर-
दहन के लिए वायु की आवश्यकता – एक जलता हुआ कोयला अथवा लकड़ी का टुकड़ा कुछ देर बाद जलना बंद कर देता है, जब इसे एक काँच के ज़ार से ढक देते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ढकने से ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। अब यदि इस पर फूंक मारी जाए, तो यह फिर ज्वाला के साथ जलना शुरू कर देता है। अत: यह निष्कर्ष निकलता है कि दहन के लिए ऑक्सीजन आवश्यक है।

प्रश्न 3.
दुर्घटना में लगी आग को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है ?
उत्तर-
दुर्घटना में लगी आग को नियंत्रित करना दुर्घटनाओं में लगी आग निम्नलिखित शर्तों में से किसी एक आवश्यक शर्त को हटा देने से नियंत्रित हो जाती है-
(क) ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोकने से दाह्य पदार्थ जलना बंद कर देता है।
(ख) दाह्य पदार्थ को ठंडा करके अथवा उसका ज्वलन ताप कम करके।
(ग) आग को फैलने से रोकने के लिए ज्वलनशील पदार्थ को ही हटा देने से।

प्रश्न 4.
सुनार फूंकनी का उपयोग क्यों करते हैं ?
उत्तर-
सुनार, फॅकनी से ज्वाला के सबसे ऊपरी भाग को फूंक कर सोने पर मारते हैं। इससे आग की प्रबलता बढ़ जाती है जिससे सोना अथवा चाँदी पिघल जाते हैं। फूंक मारने से अनजले कार्बन के कण ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में जल उठते हैं और ज्वाला और अधिक गर्म हो जाती है।

प्रश्न 5.
दहनशील पदार्थ अपने आप आग क्यों नहीं पकड़ते ?
उत्तर-
दहनशील पदार्थों का ज्वलन ताप कक्ष ताप से अधिक होता है। इसलिए यह स्वतः आग नहीं पकड़ते। जब ताप ज्वलन-ताप से कम होता है, तभी आग लगती है।

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प्रश्न 6.
ज्वलन ताप, ज्वलनशील पदार्थ, दहन के सहायक की दहन में ज़रूरी आवश्यकताओं के संदर्भ में व्याख्या करें।
उत्तर-
ज्वलन ताप – यह वह निम्न ताप है, जिस पर ईंधन आग पकड़ लेता है। प्रत्येक पदार्थ का ज्वलन ताप निश्चित होता है, जिसमें कम पर वह जल नहीं सकता।

ज्वलनशील पदार्थ – वह पदार्थ जो आसानी से आग पकड़ लेता है। कागज़, एल० पी० जी०, कपड़े आदि ज्वलनशील पदार्थ हैं।

दहन के सहायक – वे पदार्थ जो ईंधन अथवा ज्वलनशील पदार्थ की जलने में सहायता करते हैं। पेट्रोल, एल० पी० जी० जैसे ज्वलनशील पदार्थ तब तक नहीं जलते जब तक दहन के सहायक अर्थात् ऑक्सीजन की अधिक मात्रा मौजूद न हो।

प्रश्न 7.
दिए गया समीकरण : ..
C + O2 → CO2 + 385 kJ
इसमें कार्बन का ऊष्मीयमान ज्ञात करें (C का द्रव्यमान = 12g)
हल – समीकरण के अनुसार, 1 मोल C अथवा 12g कार्बन के जलने पर 385 kJ ऊष्मा पैदा करता है।
अतः 12g कार्बन ऊष्मा उत्पन्न करता है = 385 kJ
1 g कार्बन ऊष्मा उत्पन्न करता है = \(\frac{385}{12}\)
∴ कार्बन का ऊष्मीयमान
= 32.1 kJ/g

प्रश्न 8.
माचिस की तीली, माचिस की डिबिया के बगल में रगड़ने पर क्यों जल जाती है ?
उत्तर-
जब माचिस की तीली को खुरदरी सतह से रगड़ा जाता है तो घर्षण की ऊष्मा के कारण माचिस की तीली के सिरे के रसायन का ज्वलन ताप बढ़ा देता है और रसायन प्रज्वलित हो उठता है और माचिस की तीली जलना आरंभ कर देती है।

प्रश्न 9.
कोक कोयला से बेहतर ईंधन क्यों है ? कोई चार कारण बताओ।
उत्तर-
कोक कोयले से निम्न कारणों से बेहतर ईंधन है-

  1. कोक का ऊष्मीयमान कोयले के ऊष्मीयमान से अधिक है।
  2. कोक का ज्वलन ताप कोयले के ज्वलनताप से कम है।
  3. कोक कोयले से कम धुआँ उत्पन्न करता है।
  4. कोयले जलने से गैसीय प्रदूषक CO2, SO2 और CO उत्पन्न होते हैं, जबकि कोक ऐसा कोई प्रदूषक पैदा नहीं करता।

प्रश्न 10.
आग से लड़ना अथवा आग बुझाना (fire fighting) क्या होती है ?
उत्तर-
आग से लड़ना अथवा आग बुझाना – आग से लड़ने से अभिप्राय, आग को बुझाना अथवा उस पर नियंत्रण करना है। आग दुर्घटना के कारण लघु सरकट अथवा मानव लापरवाही से लग सकती है। किसी पदार्थ के दहन के लिए ज्वलनशील पदार्थ, ऑक्सीजन (वायु) और ऊष्मा की आवश्यकता होती है। अतः आग बुझाने के लिए वायु अथवा ऑक्सीजन का प्रवाह काट देना चाहिए।

प्रश्न 11.
आप आग बझाने हेतु क्या करते हैं ?
उत्तर-
आग दुर्घटनावश, मानव लापरवाही आदि से लग सकती है। दहन के लिए ज्वलनशील पदार्थ, ऑक्सीजन और उष्मा की आवश्यकता होती है। आग को रोकने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड, पानी, रेत आदि उपयोग में लाए जा सकते हैं ताकि वायु की आपूर्ति को रोका जा सके।

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प्रश्न 12.
(i) मिट्टी के तेल अथवा पेट्रोल
(ii) लघु पथन से लगी आग जल से क्यों नहीं नियंत्रित की जानी चाहिए ?
उत्तर-
(i) मिट्टी का तेल अथवा पेट्रोल के वाष्प जल से हल्के होने के कारण ऊपर तैरने लगते हैं और आग को फैलाने में सहायक होते हैं।
(ii) जल विद्युत् का सुचालक है, इसलिए इसके प्रयोग से लघु पथन द्वारा लगी आग को नियंत्रण करने में घातक हो सकता है।

प्रश्न 13.
जिस व्यक्ति के कपड़ों को आग ने पकड़ लिया हो उसे कंबल से क्यों लपेटा जाता है ?
उत्तर-
जब कोई व्यक्ति आग की चपेट में आ जाता है तो उसे कंबल में लपेटा जाता है ताकि आग को दहन के लिए वायु की पर्याप्त सप्लाई न मिल सके और फलस्वरूप आग बुझ जाए।

प्रश्न 14.
हमें सुलगती हुई कोयले की अँगीठी रखे हुए बंद कमरे में सोने की सलाह क्यों नहीं दी जाती ?
उत्तर-
बंद कमरे में वायु की सीमित सप्लाई होती है जिससे कोयला के अपूर्ण दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) उत्पन्न होती है। यह एक विषैली गैस है जोकि घातक सिद्ध हो सकती है। इसलिए अँगीठी युक्त बंद कमरे में सोने के लिए सलाह नहीं दी जाती है।

प्रश्न 15.
विश्व उष्णन (ग्लोबल वार्मिंग) समझाइए।
उत्तर-
विश्व उष्णन – अधिकांश ईंधनों के दहन से पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड मिलती है। वायु में कार्बनडाइऑक्साइड की अधिक मात्रा विश्व उष्णन का कारण बनता है। विश्व उष्णन के परिणामस्वरूप हिमनदी पिघलने लगते हैं जिससे समुद्र में जलस्तर बढ़ जाता है और तटीय क्षेत्र बाढ़ ग्रस्त हो जाते हैं। निचले स्तर वाले तटीय क्षेत्र स्थायी रूप से जलमग्न हो जाते हैं।

प्रश्न 16.
अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अम्लीय वर्षा – कोयले तथा डीज़ल के दहन से सल्फर डाइऑक्साइड गैस निलकती है जोकि अत्यंत

दमघोंटू और संक्षारक गैस है। इसके अतिरिक्त पैट्रोल इंजन नाइट्रोजन के गैसीय ऑक्साइड छोड़ते हैं। सल्फर तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा के जल में घुलकर अम्ल बनाते हैं इस अम्ल युक्त वर्षा को अम्लीय वर्षा कहते हैं।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मोमबत्ती की ज्वाला के विभिन्न क्षेत्रों का चित्र सहित वर्णन करें।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला 3
मोमबत्ती ज्वाला के क्षेत्र – ज्वाला के तीन मुख्य क्षेत्र होते हैं-
(i) गहरा आंतरिक क्षेत्र
(ii) दीप्त क्षेत्र
(iii) अदीप्त क्षेत्र।

(i) गहरा आंतरिक क्षेत्र – यह ज्वाला का सबसे भीतरी ठंडा क्षेत्र है। इसमें मोम के गर्म वाष्प होते हैं।
एक शीशे की नली का एक सिरा इस क्षेत्र में रखो, दूसरे सिरे से सफेद वाष्प निकलते नज़र आएँगे, जिन्हें माचिस की तीली से जलाने पर ज्वाला निकलती है।

(ii) दीप्त क्षेत्र – मध्य भाग चमकीला दीप्त क्षेत्र है। इस क्षेत्र में कार्बन के आधे जले कण होते हैं। इन कणों के चमकने से यह क्षेत्र चमकीला है। यह कण ज्वाला से धुएँ और काजल के रूप में उत्पन्न होते हैं।

(iii) अदीप्त क्षेत्र – यह ज्वाला का सबसे बाहरी भाग है, जिसका रंग फीका नीला होता है। इस भाग में ऑक्सीजन, ईंधन से मिलकर पूर्ण दहन करती है। यह सबसे बाहरी अदीप्त भाग है, जिसका तापमान 1800° C के लगभग है।

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प्रश्न 2.
वर्णन करें-
(i) तीव्र दहन
(ii) स्वतः दहन
(iii) धीमा दहन,
(iv) विस्फोट ।
उत्तर-
(i) तीव्र दहन (Rapid combustion) – वह ऑक्सीकरण अभिक्रिया, जिसमें प्रकाश और ऊष्मा बहुत थोड़े ही समय में उत्पन्न हो जाते हैं, तीव्र दहन कहलाती है।
उदाहरणार्थ जब जलती हुई तीली को गैस बर्नर के पास लाया जाता है, तो गैस तीव्र गति से जलना आरंभ कर देती है। इसी तरह मोमबत्ती की बत्ती जल उठती है जब माचिस की जलती हुई तीली, इसके संपर्क में लाई जाती है यह ज्वाला प्रकाश और ऊष्मा उत्पन्न करती है।

(ii) स्वतः दहन (Spontaneous Combustion) – वह दहन, जो बाहरी ऊष्मा की सहायता बिना होना संभव हो, स्वतः दहन कहलाता है।
सफेद फास्फोरस स्वतः दहन का बढ़िया उदाहरण है।

(iii) धीमा दहन (Slow Combustion) – यह एक धीमी ऑक्सीकरण अभिक्रिया है जिसमें प्रकाश पैदा नहीं होता। इस अभिक्रिया से निकलने वाली ऊष्मा की मात्रा इतनी कम होती है कि उसका अनुभव नहीं होता।
लोहे का जंग लगना और श्वसन क्रिया धीमे दहन के उदाहरण हैं।

(iv) विस्फोट – जिस दहन अभिक्रिया में जलने पर कई गैसों के मिश्रण के साथ बड़ी मात्रा में प्रकाश और ऊष्मा पैदा होती है, विस्फोट कहलाती है। दीवाली के दिनों में कई पटाखे केवल दबाव डालने से चलते हैं। इस अभिक्रिया में रसायनों का ऑक्सीकरण बड़ी तीव्र गति से होता है। जिसके फलस्वरूप कई गैसों के मिश्रण के साथ प्रकाश और ऊष्मा की बहुत बड़ी मात्रा उत्पन्न होती है।
बंदूक से दागी गई गोली भी एक विस्फोट है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

PSEB 8th Class Science Guide कोयला और पेट्रोलियम Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
सी० एन० जी० और एल० पी० जी० का ईंधन के रूप में उपयोग करने का क्या लाभ है ?
उत्तर-
एल० पी० जी० का लाभ- एल० पी० जी० एक अच्छा ईंधन मानी जाती है क्योंकि-

  1. इसका कैलोरीमान अधिक है। यह 50 kJ/g है अर्थात् 1g LPG जल कर 50 किलो जूल ऊष्मा ऊर्जा उत्पन्न करती है।
  2. इसकी ज्वाला धुआँ रहित होने के कारण प्रदूषण नहीं फैलाती।
  3. LPG जलने पर कोई विषैली गैसें पैदा नहीं करती।
  4. LPG की संभाल और रख-रखाव आसान है।
  5. इसका पूर्ण दहन होता है।
  6. LPG साफ़ घरेलू ईंधन है। सी० एन० जी० के लाभ-यह वायु प्रदूषण नहीं फैलाता।

प्रश्न 2.
पेट्रोलियम को कौन-सा उत्पाद सड़क निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर-
बिटुमेन।

प्रश्न 3.
वर्णन कीजिए, मृत वनस्पति से कोयला किस प्रकार बनता है ? यह प्रक्रम क्या कहलाता है ?
उत्तर-
मृत वनस्पति से कोयले की उत्पत्ति – कोयला उन वृक्षों के विघटन से बना है जो आज से करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी के अंदर दब गए थे। ऐसा विचार है कि करोड़ों वर्ष पहले भूकंप तथा ज्वालामुखी इत्यादि के कारण वृक्ष पृथ्वी की सतह के नीचे दब गए और मिट्टी तथा रेत से ढक गए। पृथ्वी के अंदर उच्च दाब तथा उच्च ताप के कारण तथा वायु की अनुपस्थिति में ये दबे हुए वृक्ष धीरे-धीरे कोयले में बदल गए। वृक्षों की लकड़ी से कोयला बनने में करोड़ों वर्ष का समय लगा। कोयले के बनने के प्रक्रम को कार्बनीकरण कहते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) …………………. तथा …………………. जीवाश्म ईंधन हैं।
(ख) पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक् करने का प्रक्रम …………………. कहलाता है।
(ग) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन …………………. है।
उत्तर-
(क) कोयला, पेट्रोलियम
(ख) परिष्करण
(ग) सी० एन० जी० ।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित कथनों के सामने सत्य/असत्य लिखिए-

(क) जीवाश्म ईंधन प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
असत्य

(ख) पेट्रोल की अपेक्षा सी० एन० जी० अधिक प्रदूषक ईंधन है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
असत्य

(ग) कोक, कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
सत्य

(घ) कोलतार विभिन्न पदार्थों का मिश्रण है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
सत्य

(ङ) मिट्टी का तेल एक जीवाश्म ईंधन नहीं है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
असत्य।

प्रश्न 6.
समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों हैं ? ।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन, सजीवों के मृत अवशेषों से बनते हैं और इन्हें बनने में करोड़ों वर्ष लग जाते हैं। प्रकृति में जीवाश्म ईंधन के संसाधन सीमित हैं, इसलिए यह समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 7.
कोक के अभिलक्षणों और उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कोक के अभिलक्षण-

  1. यह कठोर है।
  2. यह सरंध्र युक्त है।
  3. इसका रंग काला है।
  4. यह विद्युत् और ऊष्मा का कुचालक है।

कोक के उपयोग-

  1. कृत्रिम ग्रेफाइट बनाने के काम आता है।
  2. एस्टिलीन गैस बनाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उत्पादन में सहायक है।
  3. जल-गैस और उत्पादन-गैस के उत्पादन में सहायक है।
    (क) जल-गैस कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन का समानुपाती मिश्रण है।
    (ख) उत्पादन-गैस कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन का 1 : 2 अनुपाती मिश्रण है। इसे वायु को लाल गर्म कोक से गुज़ारने पर प्राप्त करते हैं।
  4. ये कॉपर, लोहा, जिंक, लैड, टिन आदि धातुएँ के निष्कर्षण में काम आता है।
  5. यह एक अच्छा घरेलू ईंधन है क्योंकि यह जलने पर धुआँ नहीं छोड़ता।

प्रश्न 8.
पेट्रोलियम निर्माण के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर-
पेट्रोलियम का निर्माण – पेट्रोलियम समुद्र में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं की सहायता से बनता है। मृत्यु के पश्चात् ये जीव सागर की तली तक पहुँच जाते हैं और धीरे-धीरे रेत तथा मिट्टी से ढक जाते हैं। करोड़ों वर्षों बाद दाब उत्प्रेरक क्रिया तथा गर्मी के कारण हाइड्रोकार्बन में बदल जाते हैं। ये हाइड्रोकार्बन हल्के होने के कारण छिद्र-युक्त चट्टानों से रिस कर पृथ्वी की सतह की ओर तब तक आते हैं जब तक अपारगम्य चट्टानें उन्हें रोक नहीं लेतीं। इस प्रकार इन अपारगम्य चट्टानों के बीच तेल कूप बन जाते हैं। प्राकृतिक गैस तेल के ऊपर पाई जाती है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित सारणी में 1991 से 1997 तक भारत में विद्युत् की कुल कमी को दिखाया गया है। इन आँकड़ों को ग्राफ द्वारा आलेखित करिए। वर्ष में कमी-प्रतिशतता को Y-अक्ष पर तथा वर्ष को x अक्ष पर आरेखित कीजिए।

क्र०सं० वर्ष कमी (%)
1. 1991 7.9
2. 1992 7.8
3. 1993 8.3
4. 1994 7.4
5. 1995 7.1
6. 1996 9.2
7. 1997 11.5

उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम 1

PSEB Solutions for Class 8 Science कोयला और पेट्रोलियम Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कुछ प्राकृतिक पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
वायु, जल, मृदा, वन, खनिज आदि।

प्रश्न 2.
कुछ मानव निर्मित पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
काँच, सीमेंट, कपड़े, मकान आदि।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 3.
जीवाश्म ईंधन की परिभाषा लिखें। किन्हीं तीन जीवाश्म ईंधनों के नाम लिखो।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन – वे ईंधन जो सजीवों के मृत अवशेषों से मृदा के नीचे दबने के कारण कई करोड़ वर्षों बाद प्रकृति में उत्पन्न हुए।
उदाहरण – कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि।

प्रश्न 4.
कोक कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर-
कोक, कोयले के प्रक्रमण द्वारा बनाया जाता है। जलाने पर कोयले में से गैस और दूसरे पदार्थ निकल जाते हैं और काला पदार्थ जो शेष बच जाता है, कोक कहलाता है।

प्रश्न 5.
कोयले के प्रक्रमण के उत्पाद क्या हैं ?
उत्तर-
कोयला-गैस और कोलतार।

प्रश्न 6.
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन के उत्पादों के नाम लिखिए।
उत्तर-
एसफाल्ट, पेट्रोल, डीज़ल तेल, पैराफिन मोम, स्नेहक तेल, कैरोसीन (मिट्टी का तेल)।

प्रश्न 7.
पेट्रोलियम के तीन उत्पादकों के नाम लिखो।
उत्तर-
उर्वरक, कीटनाशक, कृत्रिम रबड़।

प्रश्न 8.
क्या होगा यदि जीवाश्म ईंधनों का तीव्र गति से उपयोग हो ? कारण बताओ।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन समाप्त हो जाएंगे क्योंकि इनके निर्माण में कई हज़ार वर्ष लगते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 9.
कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस किस प्रकार के ईंधन के उदाहरण हैं ?
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन के।

प्रश्न 10.
पेट्रोलियम क्या है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम गहरे रंग का गाढ़ा तेलीय द्रव है, जिसकी अप्रिय गंध है। .

प्रश्न 11.
कौन-सी चट्टानें पेट्रोलियम को संचित करती हैं ?
उत्तर-
अपारगम्य (अरंध्र) चट्टानें [Impervious (non-porous) rocks].

प्रश्न 12.
पेट्रोलियम परिष्करण के लिए कौन-सा प्रक्रम उपयोग में लाते हैं ?
उत्तर-
प्रभाजी आसवन।

प्रश्न 13.
पेट्रोलियम गैस कैसे बनती है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन दौरान यह गैस असंघनित रूप में उत्पन्न होती है।

प्रश्न 14.
बिटुमेन का क्या उपयोग है ?
उत्तर-
सड़क निर्माण में।

प्रश्न 15.
स्टोव, लैंप और जेट वायुयानों में कौन-सा तरल ईंधन उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर-
मिट्टी का तेल।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 16.
शुष्क-धुलाई (Dry-cleaning) के विलायक के रूप में पेट्रोलियम का कौन-सा संघटक उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर-
पेट्रोल।

प्रश्न 17.
कुछ समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधनों के नाम लिखिए।
उत्तर-
वन, वन्यजीव, खनिज, कोयला आदि।

प्रश्न 18.
अक्षय प्राकृतिक संसाधनों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वायु, जल, सूर्य प्रकाश आदि।

प्रश्न 19.
लोहार के पास कौन-सा प्राकृतिक पदार्थ पाया जाता है ?
उत्तर-
कोयला।

प्रश्न 20.
कोयले का मुख्य संघटक क्या है ?
उत्तर-
कार्बन।

प्रश्न 21.
कौन-सा प्रक्रम मृत पादपों को कोयले में परिवर्तित करता है ?
उत्तर-
कार्बनीकरण।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 22.
क्या होता है, जब कोयले को वायु में जलाया जाता है ?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड गैस की उत्पत्ति।

प्रश्न 23.
प्रक्रमण के लिए कौन-सी परिस्थिति आवश्यक है ?
उत्तर-
वायु/ऑक्सीजन की अनुपस्थिति।

प्रश्न 24.
कोयला गैस का आधुनिक उपयोग क्या है ?
उत्तर-
ऊष्मा ऊर्जा के स्रोत के रूप में।

प्रश्न 25.
भंजक आसवन ( प्रक्रमण ) क्या है ?
उत्तर-
भंजक आसवन – कोयला का वायु की अनुपस्थिति या सीमित सप्लाई में गर्म करने को भंजक आसवन कहते हैं।

प्रश्न 26.
हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
हाइड्रोकार्बन – कार्बन तथा हाइड्रोजन से निर्मित यौगिकों को हाइड्रोकार्बन कहते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 27.
पैट्रो-रसायन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पैट्रो-रसायन – पंट्रो-रसायन वे पदार्थ हैं जो पेट्रोल तथा प्राकृतिक गैस से प्राप्त होता है, ये प्रायः अपमार्जक, संश्लेषित सूत्र तथा प्लास्टिक आदि बनाने के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
समाप्त होने वाले और अक्षय प्राकृतिक संसाधनों में दो अंतर लिखिए।
उत्तर-
समाप्त होने वाले और अक्षय प्राकृतिक संसाधनों में अंतर-

समाप्त होने वाले संसाधन असीमित (अक्षय) संसाधन
(1) सीमित असीमित
(2) उपयोग करने से खत्म हो सकते हैं और दोबारा शीघ्र प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं। कभी भी खत्म नहीं हो सकते अर्थात् दोबारा प्राप्त किए जा सकते हैं।
(3) उदाहरण-वन, वन्य जीव। उदाहरण-वायु, सूर्य, ऊर्जा ।

प्रश्न 2.
भारत में पेट्रोलियम कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर-
भारत में पेट्रोलियम गुजरात और असम प्रदेशों में पाया जाता है। यह मुंबई में समुद्र तल में भी पाया गया है। इस स्थान को बांबे हाई कहते हैं। तेल गोदावरी और कावेरी (कृष्णा) नदियों के बेसिन से भी प्राप्त हुआ है।

प्रश्न 3.
पेट्रोलियम परिष्करण के मुख्य उत्पाद क्या हैं ?
उत्तर-
पेट्रोलियम के परिष्करण द्वारा प्राप्त होने वाले उत्पाद हैं-प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, नैफ्था, मिट्टी का तेल, गैसीय तेल (डीज़ल), स्नेहक तेल/मोम, ईंधन तेल और बिटुमेन।

प्रश्न 4.
कोयले के उत्पाद कौन-से हैं ?
उत्तर-
कोयले के उत्पाद – कोयला वायु की अनुपस्थिति में जलाने पर कोयला गैस, कोलतार और कोक उत्पन्न करता है। कोयला गैस एक अच्छा ईंधन है। कोलतार से महत्त्वपूर्ण रसायन जैसे बैनजीन, टोलुयीन, नैफ्थालीन, एंथरासीन आदि मिलते हैं।

प्रश्न 5.
कोयला गैस क्या है ? यह कैसे बनती है ? इसके उपयोग लिखिए।
उत्तर-
कोयला गैस, मीथेन, हाइड्रोजन और कार्बन मोनोऑक्साइड का मिश्रण है। जब कोयले को वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है तो कोयला गैस उत्पन्न होती है।

उपयोग-

  1. इसे ईंधन के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
  2. यह धातुओं के निष्कर्षण में उपयोग होती है।

प्रश्न 6.
कोयले के कुछ उपयोग दीजिए।
उत्तर-
कोयले के उपयोग-

  1. खाना बनाने के लिए ईंधन के रूप में।
  2. इंजन चलाने के लिए भाप उत्पन्न करने के लिए।
  3. उष्मण शक्ति घर में विद्युत् पैदा करने के लिए।
  4. उद्योगों में ईंधन के रूप में।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 7.
कोलतार क्या है ? इसके उपयोग लिखें।
उत्तर-
कोलतार – यह गाढ़ा काला तरल है जिसकी अप्रिय गंध है। यह लगभग 200 पदार्थों का मिश्रण है। यह पदार्थ दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली वस्तुएँ जैसे-पेंट, रंग, प्लास्टिक, चित्र, सुगंध, विस्फोटक, दवाइयाँ आदि के निर्माण का प्रारंभिक पदार्थ है।
कोलतार सड़क निर्माण में भी उपयोगी है।

प्रश्न 8.
पेट्रोलियम के कम-से-कम तीन संघटकों के नाम और उपयोग लिखिए।
उत्तर-
पेट्रोलियम के संघटक-

  1. पेट्रोल
  2. पैराफिन मोम
  3. डीज़ल।

उपयोग-

  1. पेट्रोल वाहन ईंधन और वायुयान ईंधन के रूप में उपयोग होता है। इसका शुष्क सफ़ाई में भी इस्तेमाल किया जाता है।
  2. पैराफिन मोम से दवाइयाँ, मोमबत्तियाँ, वेसलीन आदि बनाई जाती हैं।
  3. डीज़ल भारी वाहनों और विद्युत् जनरेटरों में ईंधन के रूप में उपयोग होता है।

प्रश्न 9.
प्राकृतिक स्त्रोत को परिभाषित करें।
उत्तर-
प्राकृतिक स्त्रोत – वे स्त्रोत जो प्रकृति में उपस्थित होते हैं प्राकृतिक स्त्रोत कहलाते हैं।

प्रश्न 10
आदर्श ईंधन की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर-
आदर्श ईंधन की क्या विशेषताएँ

  1. यह प्याप्त मात्रा में उपलब्ध होना चाहिए।
  2. इसकी कीमत कम होनी चाहिए।
  3. यह साफ ईंधन होना चाहिए और इससे कोई विषैली गैसों का उत्सर्जन नहीं होना चाहिए और दहन के पश्चात् कोई राख नहीं बननी चाहिए।
  4. इससे अधिक ऊर्जा प्राप्त होनी चाहिए।
  5. इसका परिवहन तथा भंडारण सुगम होना चाहिए।

प्रश्न 11.
कोयले तथा कोक में क्या अंतर है ?
उत्तर-
कोयले तथा कोक में अंतर-

कोयला कोक
1. यह कार्बन का अक्रिस्टलीय रूप है। 1. यह कार्बन का भंगुर रूप है।
2. यह पौधों के सड़ने तथा जंतुओं के मरने के बाद भूमि के नीचे दब जाने से बनता है। 2. यह सॉफ्ट कोयले को वायु की अनुपस्थिति या सीमित सप्लाई में गर्म करने से प्राप्त होता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जीवाश्म ईंधन क्या है ? ये कैसे बनते हैं ? यह नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत क्यों हैं ?
उत्तर-
पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, कोयला आदि जीवाश्म ईंधन की मुख्य किस्में हैं।

जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) और उनका निर्माण – जीव-जंतु तथा पौधे के अवशेष पृथ्वी के नीचे दब जाते हैं जो धीरे-धीरे तलछटी परतों के बीच इकट्ठे होते रहते हैं। इस तरह उन्हें ऑक्सीजन नहीं पहुँचती। तलछटों के नीचे इनका न तो ऑक्सीकरण होता है तथा न ही विघटन, परंतु तलछट के भार के कारण इनके बीच का जल तथा वाष्पशील पदार्थ निचुड़ कर बाहर आ जाता है। इन पदार्थों को जीवाश्म ईंधन कहते हैं।

नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत के रूप में – जीवाश्मी ईंधन आज से लाखों-करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी की सतह पर होने वाले परिवर्तनों के परिणामस्वरूप बने थे। भौगोलिक और वातावरणीय परिवर्तनों के कारण जीव-जंतु और पेड़पौधे मिट्टी की सतह की नीचे दब गए थे। पृथ्वी तल के दबाव और भीतरी गर्मी के कारण वे जीवाश्मी ईंधनों में परिवर्तित हो गए थे। मनुष्य इसे अपने उपयोग के लिए भूमि के नीचे से प्राप्त करते हैं। प्रयोग के बाद इन्हें पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसलिए इन्हें अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत माना जाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 2.
कोयले और पेट्रोलियम के निर्माण का वर्णन करें।
उत्तर-
(क) कोयले का निर्माण-
मृत वनस्पति से कोयले की उत्पत्ति – कोयला उन वृक्षों के विघटन से बना है जो आज से करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी के अंदर दब गए थे। ऐसा विचार है कि करोड़ों वर्ष पहले भूकंप तथा ज्वालामुखी इत्यादि के कारण वृक्ष पृथ्वी की सतह के नीचे दब गए और मिट्टी तथा रेत से ढक गए। पृथ्वी के अंदर उच्च दाब तथा उच्च ताप के कारण तथा वायु की अनुपस्थिति में ये दबे हुए वृक्ष धीरे-धीरे कोयले में बदल गए। वृक्षों की लकड़ी से कोयला बनने में करोड़ों वर्ष का समय लगा। कोयले के बनने के प्रक्रम को कार्बनीकरण कहते हैं।

(ख) पेट्रोलियम का निर्माण – पेट्रोलियम समुद्र में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं की सहायता से बनता है। मृत्यु के पश्चात् ये जीव सागर की तली तक पहुँच जाते हैं और धीरे-धीरे रेत तथा मिट्टी से ढक जाते हैं। करोड़ों वर्षों के पश्चात दाब, उत्प्रेरक क्रिया तथा गर्मी के कारण हाइड्रोकार्बन में बदल जाते हैं। ये हाइड्रोकार्बन हल्के होने के कारण छिद्र-युक्त चट्टानों से रिस कर पृथ्वी की सतह की ओर तब तक आते हैं जब तक अपारगम्य चट्टानें उन्हें रोक नहीं लेतीं। इस प्रकार इन अपारगम्य चट्टानों के बीच तेल कूप बन जाते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम 2

प्रश्न 3.
पेट्रोलियम क्या है ? यह कैसे मिलता है ? इसे बाहर (mining) कैसे निकाला जाता है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम – यह गाढ़ा, काले रंग का अप्रिय गंध वाला तेलीय द्रव है। यह कई ठोस, तरल और गैस पदार्थों का मिश्रण है। इसमें पानी, लवण और मृदा के कण मिले होते हैं।

पेट्रोलियम की प्राप्ति – पेट्रोलियम धरती के अंदर दो अपारगामी चट्टानों के बीच पाया जाता है। प्राकृतिक गैस इसके ऊपर पाई जाती है।

चट्टानों को बेधित करके पेट्रोलियम प्राप्त किया जाता है। जब बेधन किया जाता है तो पेट्रोलियम के ऊपर की प्राकृतिक गैस दबाव के साथ बाहर आ जाती है। दबाव के कारण तेल स्वयं बाहर आता है। प्राकृतिक गैस समाप्त होने के बाद इसे पंप की सहायता से निकाला जाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

PSEB 8th Class Science Guide पदार्थ : धातु और अधातु Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसको पीटकर पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है ?
(क) जिंक
(ख) फॉस्फोरस
(ग) सल्फर
(घ) ऑक्सीजन।
उत्तर-
(क) जिंक।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है ?
(क) सभी धातुएँ तन्य होती हैं।
(ख) सभी अधातुएँ तन्य होती हैं।
(ग) सामान्यतः धातुएँ तन्य होती हैं।
(घ) कुछ अधातुएँ तन्य होती हैं।
उत्तर-
(क) सभी धातुएँ तन्य होती हैं।

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) फास्फोरस बहुत …………………………. अधातु हैं।
(ख) धातुएँ उष्मा और ………………………… की ……………………. होती है।
(ग) आयरन, कॉपर की अपेक्षा ………………………. अभिक्रियाशील है।
(घ) धातुएँ अम्लों से अभिक्रिया कर ………………………… गैस बनाती हैं।
उत्तर-
(क) क्रियाशील
(ख) विद्युत्, सुचालक
(ग) अधिक
(घ) हाइड्रोजन ।

प्रश्न 4.
यदि कथन सही है तो “T” और यदि गलत है तो कोष्ठक में “F” लिखिए-
(क) सामान्यतः अधातु अम्लों से अभिक्रिया करते हैं।
(ख) सोडियम बहुत अभिक्रियाशील धातु है।
(ग) कॉपर, जिंक सल्फेट के विलयन से जिंक विस्थापित करता है।
(घ) कोयले को खींचकर तारें प्राप्त की जा सकती हैं।
उत्तर-
(क) (True)
(ख) (True)
(ग) (False)
(घ) (False)।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 5.
नीचे दी गई सारणी में गुणों की सूची दी गई है। इन गुणों के आधार पर धातुओं और अधातुओं में अंतर कीजिए-

गुण धातु अधातु
1. दिखावट
2. कठोरता
3. आघातवर्धनीयता
4. तन्यता
5. ऊष्मा चालन
6. विद्युत् चालन।

उत्तर-
धातुओं और अधातुओं में अंतर-

गुण धातु अधातु
1. दिखावट चमकीली विभिन्न रंगों
2. कठोरता कक्ष ताप पर ठोस और कठोर कक्ष ताप पर ठोस, तरल, गैस और भुरभुरी।
3. आघातवर्धनीयता पीटकर शीटें बनाई जा सकती हैं संभव नहीं
4. तन्यता खींच कर तार बनाई जा सकती है। अतन्य होती हैं
5. ऊष्मा चालन उपस्थित अनुपस्थित
6. विद्युत् चालन। संभव है। असंभव है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित के लिए कारण दीजिए-
(क) ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री के लपेटने में किया जाता है।
(ख) निमज्जन छड़ें (इमरशन रॉड) धात्विक पदार्थों से निर्मित होती है।
(ग) कॉपर, जिंक को उसके लवण के विलयन से विस्थापित नहीं कर सकता।
(घ) सोडियम और पोटैशियम को मिट्टी के तेल में रखा जाता है।
उत्तर-
(क) ऐलुमिनियम आघातवर्धक है और वायु, पानी के साथ सक्रिय नहीं है। इसलिए ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री को लपेटने के लिए किया जाता है।

(ख) धातुएँ ऊष्मा और विद्युत् की सुचालक होती हैं, इसलिए निमज्जन छड़ें धातुओं की बनाई जाती हैं।

(ग) कॉपर, जिंक से कम सक्रिय होने के कारण, उसे विस्थापित नहीं कर पाता।

(घ) सोडियम और पोटैशियम वायु और जल से शीघ्र क्रिया करते हैं, इसलिए मिट्टी के तेल में रखे जाते हैं।

प्रश्न 7.
क्या आप नींबू के अचार को ऐलुमिनियम के पात्रों में रख सकते हैं ? स्पष्ट करिए।
उत्तर-
नहीं। नींबू का अचार अम्लीय प्रकृति का होता है। अम्लीय पदार्थ ऐलुमिनियम पात्रों में संचित नहीं किए जाते, क्योंकि अम्ल और ऐलुमिनियम अभिक्रिया करके विषैले पदार्थ बनाते हैं, जो खाद्य विषक्तता वाले और स्वास्थ्य विरोधी होते हैं।

प्रश्न 8.
नीचे दी गई सारणी के कॉलम I में कुछ पदार्थ दिये गये हैं। कॉलम II में उनके कुछ उपयोग दिये गये हैं। कॉलम I के पदार्थ का कॉलम II से सही मिलान करिए-

कॉलम I कॉलम I
1. गोल्ड 1. थर्मामीटर
2. आयरन 2. बिजली के तार
3. ऐलुमिनियम 3. खाद्य सामग्री लपेटना
4. कार्बन 4. आभूषण
5. कॉपर 5. मशीनें
6. मर्करी 6. ईंधन

उत्तर-

कॉलम I कॉलम I
1. गोल्ड 4. आभूषण
2. आयरन 5. मशीनें
3. ऐलुमिनियम 3. खाद्य सामग्री लपेटना
4. कार्बन 6. ईंधन
5. कॉपर 2. बिजली के तार
6. मर्करी 1. थर्मामीटर

प्रश्न 9.
क्या होता है जब-
(क) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल कॉपर प्लेट पर डाला जाता है।
(ख) लोहे की कील, कॉपर सल्फेट के विलयन में रखी जाती है।
संबंधित अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।
उत्तर-
(क) जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल, कॉपर प्लेट पर डाला जाता है, तो हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 1

(ख) जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में रखा जाता है, तो लोहा कॉपर को विस्थापित करके आयरन सल्फेट बनाता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 2

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 10.
सलोनी ने लकड़ी के कोयले का एक जलता हुआ टुकड़ा लिया और उससे उत्सर्जित होने वाली गैस को एक परखनली में इकट्ठा किया।
(क) वह गैस की प्रकृति कैसे ज्ञात करेगी?
(ख) इस प्रक्रम में होने वाली सभी अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।
उत्तर-
(क) गैस की प्रकृति का प्रेक्षण-

  1. नीले और लाल लिटमस पट्टी से गैस की प्रकृति ज्ञात की जा सकती है। यदि यह नीले लिटमस को लाल कर दे और लाल लिटमस पर कोई प्रभाव न डालें, तो गैस अम्लीय प्रकृति की है।
  2. जब गैस को पानी में घोला जाता है, तो विलयन नीले लिटमस को लाल कर देता है। यह गैस की अम्लीय प्रकृति का प्रमाण है।

(ख) जब चारकोल को जलाया जाता है, तो यह ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके अम्लीय ऑक्साइड, CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) बनाता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 3

प्रश्न 11.
एक दिन रीता अपनी मां के साथ आभूषण विक्रेता की दुकान पर गई। उसकी मां ने सुनार को पॉलिश करने हेतु सोने के पुराने आभूषण दिए। अगले दिन जब वे आभूषण वापस लाई तो उन्होंने पाया कि उनका भार कुछ कम हो गया है। क्या आप भार में कमी का कारण बता सकते हैं?
उत्तर-
सुनार आभूषण साफ करने के लिए एक्वारीजिया (Aqua regia) विलयन का उपयोग करते हैं। क्योंकि सोना इस विलयन में घुल जाता है, इसलिए रीता की मां के आभूषण की भार में कमी हो गई।

PSEB Solutions for Class 8 Science पदार्थ : धातु और अधातु Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
धातुओं के उस गुण का नाम लिखो जिससे उन्हें पीट कर चादरें बनाई जा सकती हैं।
उत्तर-
आघातवर्धनीयता।

प्रश्न 2.
तन्यता (Ductility) क्या है ?
उत्तर-
धातु का गुण जिससे इसे खींचकर तार बनाई जा सकती है।

प्रश्न 3.
सबसे अधिक तन्य धातु का नाम लिखिए।
उत्तर-
चांदी (Silver)।

प्रश्न 4.
उस धातु का नाम लिखिए जो द्रव अवस्था में पाई जाती है।
उत्तर-
पारा (Mercury)।

प्रश्न 5.
उस धातु का नाम लिखो जो विद्युत् की कुचालक है।
उत्तर-
सीसा (Lead)।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 6.
थर्मामीटर में कौन-सी वस्तु का उपयोग होता है?
उत्तर-
पारा (Mercury)।

प्रश्न 7.
कौन-सी धातु और अधातु सामान्य ताप पर द्रव होते हैं ?
उत्तर-
धातु – पारा (Mercury) अधातु-ब्रोमीन (Bromine)।

प्रश्न 8.
धातुओं के दो गुण लिखिए।
उत्तर-

  1. आघातवर्धनीयता और
  2. तन्यता।

प्रश्न 9.
दो धातुओं के नाम लिखो जो विद्युत् और ऊष्मा दोनों की सुचालक है।
उत्तर-
ताँबा और ऐलुमिनियम ऊष्मा और विद्युत् दोनों के सुचालक है।

प्रश्न 10.
तीन धातुओं के नाम लिखो जो स्वतंत्र रूप में पाई जाती है।
उत्तर-

  1. चांदी
  2. सोना
  3. प्लेटिनम स्वतंत्र रूप में पाई जाती हैं।

प्रश्न 11.
दो धातुओं के नाम लिखो जो आसानी से काटी जा सकती हैं ?
उत्तर-

  1. सोडियम और
  2. पोटाशियम।।

प्रश्न 12.
कौन-से गुण के कारण, धातुओं की तारें खींची जा सकती हैं ?
उत्तर-
तन्यता।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 13.
किन धातुओं से विद्युत् तारें बनाई जाती हैं ?
उत्तर-
कॉपर (ताँबा) और ऐलुमिनियम।

प्रश्न 14.
हिमोग्लोबिन (Haemoglobin) में कौन-सी धातु घटक है?
उत्तर-
लोहा।

प्रश्न 15.
लोहा (आयरन) और ऑक्सीजन की रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण लिखो।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 4

प्रश्न 16.
जिंक की ऑक्सीजन के साथ रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 5

प्रश्न 17.
चांदी, कॉपर, सीसा, आयरन, जिंक, मैग्नीशियम और सोडियम।
(क) ऊपरलिखित में कौन-सी धातु मिट्टी के तेल (Kerosene) में रखी जाती है?
(ख) कौन-सी धातु ठंडे पानी में अभिक्रिया करती है?
(ग) जब धातुएँ ठंडे पानी से अभिक्रिया करती हैं, तो कौन-सी गैसें उत्पन्न होती हैं?
(घ) कौन-सी धातु गर्म करने पर ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करती है ?
(ङ) कौन-सी धातु हाइड्रोजन सल्फाइड (H,S) की उपस्थिति में काली पड़ जाती है?
(च) कौन-सी धातु ऑक्सीजन में चमकती ज्वाला द्वारा जलती है?
उत्तर-
(क) सोडियम
(ख) सोडियम और मैग्नीशियम
(ग) हाइड्रोजन
(घ) मैग्नीशियम
(ङ) चांदी (Silver)
(च) मैग्नीशियम।

प्रश्न 18.
किन्हीं पांच धातुओं के नाम लिखिए, जिनका उपयोग दैनिक जीवन में होता है।
उत्तर-
दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली धातएँ-

  1. ऐलुमिनियम
  2. आयरन
  3. कॉपर
  4. जिंक
  5. टिन (कलई)।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 19.
किन्हीं पांच धातुओं के नाम लिखिए, जिनका उपयोग उद्योग में किया जाता है ?
उत्तर-
उद्योग में उपयोग होने वाली धातुएँ-

  1. ऐलुमिनियम
  2. आयरन
  3. कॉपर
  4. निकल
  5. जिंक।

प्रश्न 20.
सोडियम, जिंक, मैग्नीशियम और ऐलुमिनियम स्वतंत्र रूप में क्यों नहीं पाए जाते ?
उत्तर-
क्योंकि यह वायु, पानी और अम्लों के साथ सक्रिय है।

प्रश्न 21.
किन्हीं दो धातुओं का नाम लिखो जो वायु, पानी और अम्लों से सक्रिय नहीं हैं ?
उत्तर-

  1. सोना और
  2. प्लेटिनम।

प्रश्न 22.
किस गुण कारण धातुएँ आभूषणों में उपयोगी होती हैं?
उत्तर-
धात्विक चमक।

प्रश्न 23.
कॉपर धातु का रंग क्या है ?
उत्तर-
भूरा-लाल।

प्रश्न 24.
आयरन, कॉपर और मैग्नीशियम में से कौन-सी धातु आसानी से काटी जा सकती है?
उत्तर-
मैग्नीशियम।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
धातु और अधातु में क्या अंतर है ? प्रकृति में कितने तत्त्व पाए जाते हैं ?
उत्तर-
धातुओं में धात्विक चमक, आघातवर्धनीयता, तन्यता, ऊष्मा और विद्युत् की चालकता, कठोरता और ऑक्सीजन के साथ क्षारीय ऑक्साइड बनाने के गुण होते हैं।

अधातुएँ निष्प्रभ होती हैं, ये न तो आघातवर्धनीय और न ही तन्य होती हैं। ये ऊष्मा और विद्युत् की कुचालक होती हैं। ये कम कठोर और भुरभुरी होती हैं। ऑक्सीजन के साथ अम्लीय ऑक्साइड बनाने की क्षमता रखती हैं।
प्रकृति में 92 तत्त्व पाए जाते हैं।

प्रश्न 2.
पोटाशियम तत्त्व को पानी में क्यों नहीं रखा जाता?
उत्तर-
पोटाशियम एक सक्रिय तत्त्व है। यह कक्ष के तापमान पर ही वायु से अभिक्रिया कर सकता है और पानी के साथ अभिक्रिया करके आग पकड़ लेता है।
अतः इसे मिट्टी के तेल में रखा जाता है, पानी में नहीं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 6

प्रश्न 3.
उन दो गुणों के बारे में लिखो जो धातुओं को अधातुओं से भिन्न करते हैं।
उत्तर-

  1. धातुएँ ऊष्मा और विद्युत् की सुचालक हैं जबकि अधातुएँ ऊष्मा और विद्युत् की कुचालक हैं।
  2. धातुओं में धात्विक चमक होती है अर्थात् इनकी सतह चमकीली होती है जब कि अधातुएँ निष्प्रभ होती हैं। यह प्रकाश का परावर्तित नहीं करती।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 4.
एक रासायनिक गुण लिखिए जिससे धातु और अधातु में अंतर किया जा सकता है?
उत्तर-
धातुएँ जब जलती हैं, तो ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके क्षारीय ऑक्साइड बनाती हैं जबकि अधातुएँ अम्लीय ऑक्साइड बनाती हैं। इस गुण के आधार पर धातुओं और अधातुओं को पृथक् किया जा सकता है।

प्रश्न 5.
सोडियम को मिट्टी के तेल में क्यों रखा जाता है?
उत्तर-
(घ) सोडियम और पोटैशियम वायु और जल से शीघ्र क्रिया करते हैं, इसलिए मिट्टी के तेल में रखे जाते हैं।

प्रश्न 6.
निम्न का वर्णन करें-
(क) अम्लीय ऑक्साइड
(ख) क्षारीय ऑक्साइड।
उत्तर-
(क) अम्लीय ऑक्साइड – यह अधातु का ऑक्साइड है और पानी में घुलकर अम्ल बनाता है।
उदाहरण – CO2 SO2 आदि।

(ख) क्षारीय ऑक्साइड – यह धातु का ऑक्साइड और पानी में घुलकर क्षारीय विलयन देता है।
उदाहरण – सोडियम ऑक्साइड, कैल्शियम ऑक्साइड आदि।

प्रश्न 7.
धातुओं की प्रकृति में उपलब्धता का वर्णन करें।
उत्तर-
प्रकृति में धातुओं की उपलब्धता – धातु प्रकृति में स्वतंत्र और यौगिक रूप में पाए जाते हैं।

(क) स्वतंत्र रूप – धातुएँ जो वायु और नमी से प्रभावित नहीं होतीं, प्रकृति में स्वतंत्र रूप में पाई जाती हैं, जैसेसोना, प्लेटिनम।

(ख) यौगिक रूप – धातुएँ प्रायः ऑक्साइड तथा सल्फाइड के यौगिकों के रूप में पाई जाती हैं। ये धातुएँ यौगिक रूप में होती हैं, जैसे-ऐलुमिनियम ऑक्साइड।

प्रश्न 8.
धातु की आघातवर्धनीयता और तन्यता से क्या अभिप्राय है ? दो धातुओं के उदाहरण दीजिए जो तन्य और आघातवर्धक दोनों हैं।
उत्तर-
तन्यता – यह धातुओं का गुण है, जिससे उन्हें खींचकर पतली लंबी तारें बनाई जा सकती हैं। जो धातुएँ यह गुण दर्शाती हैं, तन्य कहलाती हैं।
उदाहरण – कॉपर, ऐलुमिनियम, चांदी, सोना।

आघातवर्धनीयता – धातुओं का वह गुण जिसमें धातुओं को पीटकर चादरों में बदला जा सकता है, बिना टूटे मोड़ा (rwist) जा सकता है, आघातवर्धनीयता कहलाती है।
उदाहरण – सोना, चांदी, ऐलुमिनियम। धातुएँ जो दोनों आघातवर्धनीय और तन्य हैं-ऐलुमिनियम और सोना।

प्रश्न 9.
चांदी ऑक्सीजन के साथ आसानी से अभिक्रिया नहीं करती, परंतु चांदी के आभूषण कुछ समय बाद काले हो जाते हैं। कैसे?
उत्तर-
चांदी, ऑक्सीजन के साथ आसानी से अभिक्रिया नहीं करती, परंतु यह वायु में उपस्थित सल्फर यौगिकों से अभिक्रिया करके सिल्वर सल्फाइड की काली पर्त बनाती है। इसलिए चांदी के आभूषण कुछ समय के पश्चात् काले पड़ जाते हैं।

प्रश्न 10.
सोने के आभूषण वर्षों के उपयोग के बाद भी नए क्यों नज़र आते हैं ?
उत्तर-
सोना अभिक्रियाशील नहीं है। इसलिए सोने को जंग नहीं लगता है और न ही यह काला पड़ता है। इसलिए वर्षों के उपयोग के बाद भी सोने के आभूषण नए नज़र आते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 11.
मैग्नीशियम और कॉपर सीधे ज्वाला पर गर्म किए जाते हैं। इनमें कौन-सा वायु में जलेगा? कौनसा अधिक अभिक्रियाशील है ?
उत्तर-
जब मैग्नीशियम और कॉपर सीधे ज्वाला पर गर्म करेंगे तो मैग्नीशियम जल उठेगा। मैग्नीशियम अधिक अभिक्रियाशील है।

प्रश्न 12.
CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu
FeSO4 + Zn → ZnSO4 + Fe
उपरोक्त अभिक्रियाओं के आधार पर बताइए कि जिंक, कॉपर और लोहे में से कौन-सी धातु अधिक अभिक्रियाशील है और कौन-सी कम ?
उत्तर-
पहली अभिक्रिया में लोहे ने कॉपर को विस्थापित किया और इसलिए आयरन (लोहा), कापर की अपेक्षा अधिक अभिक्रियाशील है। दूसरी अभिक्रिया में ज़िंक ने आयरन का विस्थापित किया, इसलिए जिंक, आयरन की अपेक्षा से अधिक अभिक्रियाशील है। इन दोनों रासायनिक समीकरणों को देखने से यह पता चलता है कि जिंक सबसे अधिक अभिक्रियाशील और कॉपर सबसे कम अभिक्रियाशील धातु है।

प्रश्न 13.
जब जिंक की एक छड़ कॉपर सल्फेट के विलयन में डाली जाए, तो क्या होगा?
उत्तर-
ज़िंक, कॉपर की अपेक्षा अधिक अभिक्रियाशील होने के कारण कॉपर को उसके लवणीय विलयन में से विस्थापित करता है।
Zn + CuSO4 → ZnSO4 + Cu

प्रश्न 14.
अचार, चटनी और खट्टे (Citrus) फल लोहे और ऐलुमिनियम के बर्तनों में क्यों नहीं रखे जाते?
उत्तर-
कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कि खट्टे फल (Citrus fruit), आचार, चटनी, दही, जिनमें अम्ल होता है जो लोहे और ऐलुमिनियम से बने पात्रों से अभिक्रिया करके विषैले पदार्थ बनाता है। इसलिए लोहे और ऐलुमिनियम के पात्र अचार, चटनी आदि के लिए उपयोग में नहीं लाए जाते हैं।

प्रश्न 15.
क्या कापर आयरन सल्फेट विलयन से आयरन विस्थापित कर सकता है ? कारण बताओ।
उत्तर-
नहीं, क्योंकि कॉपर आयरन से कम अभिक्रियाशील है। इसलिए यह आयरन को इसके विलयन (आयरन सल्फेट) से विस्थापित नहीं कर सकता। केवल अधिक अभिक्रियाशील धातुएँ कम अभिक्रियाशील धातुओं का विस्थापन कर सकती हैं। इसका उल्ट संभव नहीं है अर्थात् कम अभिक्रियाशील धातुएँ अधिक अभिक्रियाशील धातुओं का विस्थापन नहीं कर सकतीं।

प्रश्न 16.
ऐलुमिनियम के बर्तन कुछ समय पश्चात् अपनी चमक क्यों खो देते है ?
उत्तर-
ऐलुमिनियम एक क्रियाशील धातु है। समय के साथ ऊपरी सतह वायु तथा जल के संपर्क में आकर ऐलुमिनियम आक्साइड की परत बनाती है। इस तरह यह अपनी चमक खो बैठती है।

प्रश्न 17.
खाना बनाने वाले बर्तन तैयार करने के लिए कॉपर की जगह ऐलुमिनियम को क्यों प्राथमिकता दी
जाती है ? कारण दीजिए।
उत्तर-
निम्नलिखित दो कारणों से खाना बनाने वाले बर्तन तैयार करने के लिए कॉपर के स्थान पर ऐलुमिनियम को प्राथमिकता दी जाती है :

  1. यह बहुत हल्की तथा उष्मा की सुचालक धातु है।
  2. खाद्य पदार्थ में उपस्थित अम्ल इसके साथ शीघ्र क्रिया नहीं करते हैं।

प्रश्न 18.
क्षरण किसे कहते हैं ? धातुओं के क्षरण को कम करने के लिए क्या उपाय हैं ?
उत्तर-
क्षरण – धातुओं को जब आर्द्र वायु में खुला छोड़ा जाता है तो इन पर एक बिना चमक वाली परत जम जाती है। यह परत शीघ्र हट जाती है और नीचे अगली परत क्रिया के लिए प्राप्त हो जाती है। इस प्रकार धातु का क्षरण होता रहता है।

क्षरण को कम करने के उपाय-

  1. धातु की सतह पर पेंट पोत कर ।
  2. धातु की सतह पर ग्रीज़ अथवा तेल चिपका कर।
  3. धातु पर किसी अन्य क्रियाशील धातु की परत जमा करके
  4. मिश्रधातु बनाकर।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 19.
सोडियम संयुक्त अवस्था में मिलती है जबकि सोना मुक्त अवस्था में मिलता है। क्यों ?
उत्तर-
सोडियम सबसे अधिक क्रियाशील धातु है। यह शीघ्र ही वायु तथा जल से क्रिया करके अपना यौगिक बना लेती है। इसलिए यह यौगिक के रूप में मिलती है। दूसरी भोर सोना, वायु, जल से क्रिया नहीं करता है जिससे वह मुक्त अवस्था में पाया जाता है।

प्रश्न 20.
क्या कॉपर को जंग लगता है ? क्या होगा यदि कॉपर को आर्द्र वायु के संपर्क में रखा जाए?
उत्तर-
कॉपर (ताँबे) को जंग नहीं लगता है। जब कॉपर को आर्द्र वायु में लंबे समय के लिए रखा जाता है तो इस पर बिना चमक वाली एक परत जम जाती है। इस प्रकार बना पदार्थ कॉपर हाइड्रोक्साइड Cu(OH)2 तथा कॉपर कार्बोनेट [CuCO3] का मिश्रण है। निम्नलिखित अभिक्रिया होती है :
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प्रश्न 21.
निम्नलिखित के कारण बताओ-
(i) ऐलुमिनियम धातु वायुयानों के भाग बनाने में प्रयोग किए जाते हैं।
(ii) कॉपर धातु विद्युत् वाहक तारें बनाने में प्रयुक्त की जाती है।
(iii) दर्पण बनाने के लिए चांदी प्रयोग की जाती है।
(iv) ग्रेफाइट, सूखे सेल में इलेक्ट्रोड के रूप में प्रयोग किया जाता है।
(v) पुल तथा डैम बनाने में लोहा प्रयोग किया जाता है।
उत्तर-
(i) क्योंकि ऐलुमिनियम हल्की तथा मज़बूत धातु है, इसलिए वायुयानों के भाग बनाने में प्रयोग की जाती है।

(ii) कॉपर, विद्युत् की सुचालक होने के कारण विद्युत् तारें बनाने के लिए प्रयोग में लायी जाती है।

(iii) चाँदी एक चमकदार सफेद धातु है और इसकी परावर्तन शक्ति भी उच्च है। इसलिए इसे दर्पण बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

(iv) ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक होने के कारण सेल में इलेक्ट्रोड के रूप में प्रयोग किया जाता है।

(v) क्योंकि लोहा एक मजबूत धातु है, इसलिए इसे पुल तथा डैम के निर्माण में प्रयोग किया जाता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
धातुओं की सामान्य भौतिक विशेषताएँ लिखो।
उत्तर-
धातुओं की सामान्य भौतिक विशेषताएँ-

  1. इनकी चमकीली सतह होती है अर्थात् इनमें धात्विक चमक होती है।
  2. ये प्रायः कठोर होती हैं। विभिन्न धातुओं की कठोरता भिन्न-भिन्न होती है।
  3. प्रायः धातुएँ आघातवर्धक होती हैं अर्थात् इनको पीटकर चादरें बनाई जा सकती हैं।
  4. प्रायः धातुएँ तन्य होती हैं अर्थात् इनको खींचकर लंबी तारें बनाई जा सकती हैं।
  5. धातुएँ ऊष्मा और विद्युत् की सुचालक होती हैं। सोना, चांदी, कापर और ऐलुमिनियम में से विद्युत् प्रवाह आसानी से हो सकता है।
  6. धातुओं में प्रायः धात्विक ध्वनि होती है अर्थात् टकराने पर आवाज़ पैदा करती हैं।
  7. पारे के अतिरिक्त अन्य सभी धातुएँ ठोस अवस्था में पाई जाती हैं।
  8. धातुओं के उच्च गलनांक होते हैं।

प्रश्न 2.
अधातुओं की सामान्य भौतिक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
अधातुओं की सामान्य भौतिक विशेषताएँ-

  1. चमक – अधातुओं की चमक नहीं होती अर्थात् यह प्रकाश का परावर्तन नहीं करती। ग्रेफाइट और हीरे अपवाद हैं।
  2. चालकता – ग्रेफाइट के अतिरिक्त अन्य सभी अधातुएँ ऊष्मा और विद्युत् की कुचालक होती हैं।
  3. अवस्था – अधातुएँ ठोस, द्रव और गैस रूप में पाई जाती हैं। उदाहरण के लिए सल्फर, कार्बन और आयोडीन ठोस हैं। ब्रोमीन द्रव है। क्लोरीन और नाइट्रोजन गैस है।
  4. आघातवर्धयता तथा तन्यता – अधातुएँ आघातवर्धक नहीं होती हैं। ये भुरभुरी होती हैं। अधातुएँ पीटने पर छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखर जाती हैं।
  5. कठोरता – हीरे को छोड़कर अन्य सभी अधातुएं सामान्यतः अधिक कठोर नहीं होती हैं। हीरा सबसे अधिक कठोर पदार्थ है।
  6. तन्यता – अधातुओं की तारें नहीं खींची जा सकतीं इसलिए ये तन्य नहीं हैं।
  7. गलनाक तथा क्वथनांक – अधातुओं के गलनांक और क्वथनांक कम होते हैं। अधिकतर अधातुएँ गैसें हैं। केवल ग्रेफाइट का गलनांक अधिक होता है।

प्रश्न 3.
धातुएँ अम्लों के साथ कैसे क्रिया करती हैं ?
उत्तर-
धातुओं की अम्लों के साथ क्रिया-
(क) जिंक, मैग्नीशियम, लोहे आदि जैसी सक्रिय धातुएँ जो अभिक्रियाशील शृंखला में हाइड्रोजन से ऊपर स्थित हैं, तनु हाइड्रोक्लोरिक और सल्फ्यूरिक अम्ल जैसे खनिज अम्लों से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन का विस्थापन करती हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 8

(ख) वे धातुएँ क्रियाशीलता शृंखला में जो हाइड्रोजन से नीचे स्थित हैं, तनु खनिज अम्लों के साथ हाइड्रोजन का विस्थापन नहीं करतीं।
उदाहरण के लिए – कॉपर धातु, तनु HCl से कोई अभिक्रिया नहीं करती।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 4.
धातुएँ पानी से कैसे अभिक्रिया करती हैं ?
उत्तर-
धातुओं की पानी से क्रिया – विभिन्न धातुओं की पानी के साथ भिन्न-भिन्न अभिक्रियाशीलता है। सभी धातुएँ विभिन्न परिस्थितियों में पानी के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करती हैं।

(क) Na, K, जैसी सक्रिय धातुएँ कक्ष ताप पर पानी से अभिक्रिया करती हैं।
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यह क्रिया अत्यधिक तीव्र और ऊष्मा पैदा करने वाली है इसलिए हाइड्रोजन आग पकड़ लेती है।

(ख) कम सक्रिय धातुएँ जैसे-Mg, Zn, Al उबलते पानी से अभिक्रिया करती हैं।
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(ग) गर्म धातु जैसे Fe भाप से धीरे-धीरे अभिक्रिया करती है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ धातु और अधातु 11

प्रश्न 5.
निम्न में से कौन-सी विस्थापन अभिक्रिया संभव नहीं है ?
(क) CuSO4(aq) + Fe → Fe SO4(aq) + Cu
(ख) FeSO4(aq) + Zn → Zn SO4(aq) + Fe
(ग) ZnSO4(aq) + Pb → Pb SO4(aq) + Zn
(घ) 2AgNO3(aq) + Cu → Cu NO3(aq) + 2Ag
(ङ) MgSOA4(aq) + Cu → Cu SO4(aq) + Mg
उत्तर-
केवल एक सक्रिय धातु (अभिक्रिया श्रृंखला में ऊपर स्थित धातु) ही कम अभिक्रियाशील धातु का विस्थापन कर सकती है।
उपरोक्त अभिक्रियाओं में से
(ग) और
(ङ) संभव नहीं
क्योंकि जिंक लैड से और मैग्नीशियम कॉपर से अधिक सक्रिय है।

प्रश्न 6.
दैनिक जीवन में प्रयोग की जाने वाली तीन धातुओं के नाम तथा उनके उपयोग लिखो।
उत्तर-
हम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निम्नलिखित तीन धातुएँ दैनिक जीवन में प्रयोग करते हैं-
(1) लोहा
(2) कॉपर
(3) ऐलुमिनियम।

(1) लोहे के उपयोग-

  • लोहे को अन्य धातुएं से मिश्रित करके अधिकतर रेलगाड़ियाँ, वाहन तथा अन्य मशीनों के पुर्जे बनाये जाते हैं।
  • लोहे को सीमेंट से मिलाकर बड़ी इमारतें तथा डैम बनाये जाते हैं।
  • लोहे को उद्योग के लिए बॉयलर तथा पुल बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

(2) कॉपर (ताँबे) के उपयोग-

  • यह खाना पकाने वाले बर्तन बनाने में प्रयोग की जाती है।
  • यह फोटो-फ्रेम, सिक्के तथा, बुत बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।
  • यह विद्युत वाहक तारें बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।

(3) ऐलुमिनियम के उपयोग-

  • यह हवाई जहाज़ बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।
  • यह विद्युत् सचित्रों तथा विद्युत् की तारें बनाने में इस्तेमाल की जाती है।
  • ऐलूमिनियम के पत्र (वर्क) वस्तुओं को पैक करने के लिए प्रयोग की जाती है।

प्रश्न 7.
रासायनिक गुणों के आधार पर धातुओं तथा अधातुओं में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर-
रासायनिक गुणों के आधार पर धातुओं तथा अधातुओं में अंतर-

धातु अधातु
(1) आयनों की प्रकृति – धातु विद्युतीय धनात्मक तत्त्व हैं और इलैक्ट्रॉन खोकर धन आयन बनाते हैं। (1) अधातुएँ विद्युतीय ऋणात्मक तत्त्व हैं तथा इलैक्ट्रॉन प्राप्त करके ऋण आयन बनाती हैं।
(2) ऑक्साइडों की प्रकृति – ये क्षारीय ऑक्साइड बनाती हैं। (2) अधातुएं अम्लीय आक्साइड बनाते हैं।
(3) जल से क्रिया – अधिकांश धातुएँ हाइड्रोजन विस्थापित करती हैं। (3) अधातुएँ, जल से अभिक्रिया नहीं करती हैं।
(4) अम्लों के साथ क्रिया – क्रियाशील शृंखला में हाइड्रोजन से ऊपर स्थित धातुएँ अम्लों से हाइड्रोजन विस्थापित करती हैं। (4) अधातुएँ तनु अम्लों से क्रिया नहीं करती हैं।
(5) हाइड्राइडों की प्रकृति – धातुएँ, हाइड्रोजन के साथ क्रिया करके आयनिक हाइड्राइड बनाती हैं। (5) ये सह-संयोजी हाइड्राइड बनाती हैं।
(6) कलोराइड की प्रकृति – धातुएँ कलोरीन के साथ क्रिया करके ठोस आयनिक कलोराइड बनाती हैं जिनमें से विद्युत् का संचरण होता है। (6) अधातुएँ कलोरीन के संयोजन से सह-संयोजी कलोराइड बनाती हैं जो विद्युत् हैं जो विद्युत् का संचार नहीं करती।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु

प्रश्न 8.
अधातुएँ के सामान्य रासायनिक गुण लिखिए।
उत्तर-
(i) वायु या आक्सीजन से अभिक्रिया – अधातुएँ, वायु या ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके अपने ऑक्साइड बनाती हैं जोकि प्रकृति में अम्लीय हैं। ये ऑक्साइड नीले लिटमस को लाल करते हैं।
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(ii) हाइड्रोजन के साथ क्रिया – अधातुएँ जैसे कार्बन, नाइट्रोजन तथा फास्फोरस आदि हाइड्रोजन के साथ क्रिया करके विभिन्न यौगिक बनाती हैं।
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(iii) अन्य अधातुओं से अभिक्रिया – अधातुएँ दूसरी अधातुओं के साथ क्रिया करके विभिन्न यौगिक बनाती हैं।
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(iv) अम्लों के साथ अभिक्रिया – अधातुएँ, अम्लों के साथ क्रिया करके ऑक्सी-अम्ल बनाती हैं।
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

PSEB 8th Class Science Guide संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
कुछ रेशे संश्लेषित क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर-
कुछ रेशे संश्लेषित कहलाते हैं क्योंकि ये प्राकृतिक स्रोतों द्वारा प्राप्त नहीं होते। उन्हें मानव द्वारा बनाया जाता है। संश्लेषित रेशों की कच्ची सामग्री पेट्रो-रसायनों से मिलती है, जो जीवाश्म ईंधन, पेट्रोलियम आदि से बनते हैं।

प्रश्न 2.
सही उत्तर को चिहनित (√) कीजिए-
रेयान एक संश्लेषित रेशा नहीं है, क्योंकि :

(क) इसका रूप रेशम समान होता है।
(ख) इसे काष्ठ लुगदी से प्राप्त किया जाता है।
(ग) इसके रेशों को प्राकृतिक रेशों के समान बुना जा सकता है।
उत्तर-
(ख) इसे काष्ठ लुगदी से प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 3.
उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए(क) संश्लेषित रेशे …………………….. अथवा ………………….. भी कहलाते हैं।
(ख) संश्लेषित रेशे कच्चे माल से संश्लेषित किये जाते हैं, जो ……………………. कहलाता है।
(ग) संश्लेषित रेशे की भांति प्लास्टिक भी एक ………………….. है।
उत्तर-
(क) मानव निर्मित, कृत्रिम रेशे
(ख) पेट्रोरसायन
(ग) संश्लेषित रेशा।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

प्रश्न 4.
नाइलॉन रेशों से निर्मित दो वस्तुओं के नाम बताइए जो नाइलॉन रेशे की प्रबलता दर्शाती हों।
उत्तर-
पेराशूट, तंबू, रस्से।

प्रश्न 5.
खाद्य पदार्थों का संचयन करने हेतु प्लास्टिक पात्रों के उपयोग के तीन प्रमुख लाभ बताइए।
उत्तर-
खाद्य पदार्थ संचायन हेतु प्लास्टिक पात्रों के लाभ-

  1. यह भोजन, पानी और वायु से क्रिया नहीं करते।
  2. यह मज़बूत और हल्के होते हैं।
  3. यह विभिन्न आकार, रूप और रंग में उपलब्ध हैं।

प्रश्न 6.
थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग प्लास्टिक के मध्य अंतर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेटिंग प्लास्टिक में अंतर-

थर्मोप्लास्टिक थर्मोसेटिंग प्लास्टिक
(i) यह आसानी से मुड़ सकता है। (i) यह आसानी से मुड़ नहीं सकता।
(ii) गर्म करने पर इसका आकार बदल जाता है। (ii) उष्मा का इस पर कोई प्रभाव नहीं होता।
(iii) इसका पुन: उपयोग किया जा सकता है। (iii) इसका पुन: उपयोग नहीं होता।
(iv) गर्म करने पर इसे किसी भी साँचे में ढाला जा सकता है।
उदाहरण-पी वी सी (PVC), पॉलिथीन।
(iv) इसको गर्म करने पर केवल एक बार ही साँचे में ढाला जा सकता है।
उदाहरण-बेकलॉइट, मैलामाइन।

प्रश्न 7.
समझाइए, थर्मोसेटिंग प्लास्टिक से निम्नलिखित क्यों बनाए जाते हैं-
(क) डेगची के हत्थे
(ख) विद्युत् प्लग/ स्विच/ प्लग बोर्ड।
उत्तर-
(क) डेगची के हत्थे – थर्मोसेटिंग प्लास्टिक से बनाए जाते हैं, क्योंकि प्लास्टिक विद्युत् का कुचालक, अग्नि और उष्मा को सह लेते हैं।

(ख) विद्युत् प्लग/ स्विच/ प्लग बोर्ड थर्मोसेटिंग प्लास्टिक से बनाए जाते हैं, क्योंकि यह प्लास्टिक विद्युत् कुचालक और चिरस्थायी होता है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित पदार्थों को “पुनः चक्रित किये जा सकते हैं” और “पुनः चक्रित नहीं किये जा सकते हैं” में वर्गीकृत कीजिए-
टेलीफोन यंत्र, प्लास्टिक खिलौने, कुकर के हत्थे, सामग्री लाने वाले थैले, बाल प्वाइंट पेन, प्लास्टिक के कटोरे, विद्युत् तारों के प्लास्टिक आवरण, प्लास्टिक की कुर्सियाँ, विद्युत् स्विच।
उत्तर-
पुन: चक्रित किए जा सकते हैं – खिलौने, सामग्री लाने वाले थैले, बाल प्वाइंट पेन, प्लास्टिक के कटोरे, प्लास्टिक की कुर्सियाँ, विद्युत् तारों के प्लास्टिक आवरण।

पुनः चक्रित नहीं किए जा सकते हैं – टेलीफोन यंत्र, कुकर के हत्थे, विद्युत् स्विच ।

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प्रश्न 9.
राणा गर्मियों के लिए कमीज़े खरीदना चाहता है। उसे सूती कमीज़े खरीदनी चाहिए या संश्लेषित? कारण सहित राणा को सलाह दीजिए।
उत्तर-
राणा को सूती कमीजें खरीदनी चाहिए। क्योंकि

  1. सूती कमीजें छिद्र युक्त होती हैं।
  2. सूती कमीजें पसीना सोखकर शरीर को सूखा रखती हैं जबकि संश्लेषित कमीजें न तो पसीना सोखती हैं और न ही छिद्रयुक्त होती हैं।

प्रश्न 10.
उदाहरण देकर प्रदर्शित कीजिए कि प्लास्टिक की प्रकृति असंक्षारक होती है।
उत्तर-
प्लास्टिक असंक्षारक है – यह हवा, पानी आदि से क्रिया नहीं करता अर्थात् संक्षारक नहीं है। उदाहरण के लिए-

  1. विभिन्न रसायन प्लास्टिक बोतलों में संचयित किए जाते हैं।
  2. पानी, प्लास्टिक की बोतलों में रखा जाता है।
  3. आचार और खाद्य पदार्थ प्लास्टिक पात्रों में भंडारित किए जाते हैं।

प्रश्न 11.
क्या दाँत साफ करने के ब्रुश का हैंडल और शूक (ब्रिस्टल) एक ही पदार्थ के बनाने चाहिए ? अपना उत्तर स्पष्ट करिए।
उत्तर-
शूक दाँतों की सफ़ाई के लिए है पर हैंडल सहारे के लिए है। शूक नरम लचकीले, मज़बूत होने चाहिए, जबकि हैंडल सख्त और मज़बूत होना चाहिए। इसलिए, ब्रुश का हैंडल और शूक विभिन्न पदार्थों के बनाने चाहिए।

प्रश्न 12.
“जहाँ तक संभव हो प्लास्टिक के उपयोग से बचिए” इस कथन पर सलाह दीजिए।
उत्तर-
प्लास्टिक, एक बहुत ही उपयोगी पदार्थ है, परंतु यह पर्यावरण हितैषी नहीं है क्योंकि न तो यह जल्दी जलता है और न ही प्राकृतिक जीवाणुओं द्वारा आसानी से अपघटित होता है। पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए इसका उपयोग जहां तक संभव हो कम करना चाहिए।

प्रश्न 13.
कॉलम A के पदों का कॉलम B में दिए गए वाक्य खंडों से सही मिलान करिए-

कॉलम A – कॉलम B
पॉलिस्टर – काष्ठ लुगदी का उपयोग कर तैयार किया जाता है।
टेफ्लॉन – पैराशूट और मोजा बनाने में उपयोग किया जाता है।
रेयॉन – न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों के निर्माण में उपयोग में लाया जाता है।
नाइलॉन – कपड़े में आसानी से बल नहीं पड़ते।
उत्तर-
कॉलम A – कॉलम B
पॉलिएस्टर – कपड़े में आसानी से बल नहीं पड़ते।
टेफ्लान – न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों के निर्माण में उपयोग में लाया जाता है।
रेयॉन – काष्ठ लुगदी का उपयोग कर तैयार किया जाता है।
नाइलॉन – पैराशूट और मोजा बनाने में उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 14.
“संश्लेषित रेशों का औद्योगिक निर्माण वास्तव में वनों के संरक्षण में सहायक हो रहा है।” टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-
प्राकतिक रेशे प्राकृतिक स्रोतों से मिलते हैं परंतु संश्लेषित रेशे दसरे पदार्थों से तैयार किए जाते हैं। इसलिए संश्लेषित रेशे प्राकृतिक उपज पर निर्भर नहीं हैं। अतः संश्लेषित रेशों का औद्योगिक निर्माण वास्तव में वनों के संरक्षण में सहायक है।

प्रश्न 15.
यह प्रदर्शित करने हेतु एक क्रियाकलाप का वर्णन करिए कि थर्मोप्लास्टिक विद्युत् का कुचालक है।
उत्तर-
क्रियाकलाप – कुछ थर्मोप्लास्टिक की वस्तुएँ लीजिए जैसे पॉलिथीन, पीवीसी, नाइलॉन, पॉलिसटाइरीन आदि। चित्र में दर्शाए परिपथ को पूर्ण कीजिए और दोनों टर्मिनलों के बीच नाइलॉन का टुकड़ा रखिए। यदि बल्ब प्रकाशित हो जाये तो समझ लें कि विद्युत् का सुचालक है, नहीं तो
तार कुचालक। अब यह क्रिया अन्य पदार्थों के साथ दोहराएं। प्रत्येक पदार्थ से बल्ब प्रकाशित नहीं होता है। इससे यह सिद्ध होता है कि थर्मोप्लास्टिक विद्युत् का कुचालक है।
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक

PSEB Solutions for Class 8 Science संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कुछ प्राकृतिक रेशों के नाम लिखिए।
उत्तर-
कपास, ऊन, रेशम।

प्रश्न 2.
एक प्राकृतिक बहुलक का नाम लिखो।
उत्तर-
सेलूलोज़।

प्रश्न 3.
उस रेशे का नाम बताएँ जो कि रेशम जैसा है परंतु मानव निर्मित है।
उत्तर-
रेयॉन।

प्रश्न 4.
काष्ठ लुगदी से कौन-सा रेशा प्राप्त होता है ?
उत्तर-
रेयॉन।

प्रश्न 5.
नाइलॉन कौन-से वर्ष में बनाया गया ?
उत्तर-
1931 में।

प्रश्न 6.
कोयला, वायु और जल से कौन-सा रेशा निर्मित किया जाता है ?
उत्तर-
नाइलॉन।

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प्रश्न 7.
किस रेशे से पैराशूट और तंबू बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
नाइलॉन।

प्रश्न 8.
PET क्या है ?
उत्तर-
यह पॉलिएस्टर की एक किस्म है जिसका उपयोग बोतलें, बर्तन, फिल्म तार के निर्माण में किया जाता

प्रश्न 9.
पैराशूट और चट्टानों पर चढ़ने वाले रस्से नाइलॉन से क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
अपनी प्रबलता के कारण।

प्रश्न 10.
प्लास्टिक की कुछ विशेषताएँ बताइए।
उत्तर-
प्लास्टिक में पुनर्चक्रण, पुन: उपयोग, रंगने, पिघलाने, शीटें और तारे बनाने वाले गुण होते हैं।

प्रश्न 11.
पॉलिथीन और PVC क्या है ?
उत्तर-
यह एक थर्मोप्लास्टिक है।

प्रश्न 12.
बेकलाइट किस प्लास्टिक का उदाहरण है ?
उत्तर-
थर्मोसेटिंग प्लास्टिक का।

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प्रश्न 13.
टेफ्लॉन कहाँ उपयोग होता है ?
उत्तर-
टेफ्लॉन का उपयोग न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों में होता है।

प्रश्न 14.
थर्मोप्लास्टिक की दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. पॉलिथीन
  2. पी० वी० सी० ।

प्रश्न 15.
गर्म पानी से प्लास्टिक की बोतलों का आकार क्यों बिगड़ जाता है ?
उत्तर-
प्लास्टिक की बोतलें थर्मोप्लास्टिक की बनी होती हैं, जो गर्म करने से पिघल जाती हैं।

प्रश्न 16.
कौन-सा थर्मोसेटिंग प्लास्टिक वाष्पनशील, उष्मारोधक और अग्नि प्रूफ है ?
उत्तर-
मेलामॉइन।

प्रश्न 17.
कारों, वायुयानों आदि में धातुओं की जगह प्लास्टिक क्यों उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
क्योंकि यह धातुओं की अपेक्षा हल्का होता है।

प्रश्न 18.
प्लास्टिक पात्र उपयोग करने में आसान क्यों है ?
उत्तर-
प्लास्टिक पात्र हल्के, सस्ते, मज़बूत और आसानी से संभाले जा सकते हैं।

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प्रश्न 19.
किन्हीं दो अनिम्नकरणीय पदार्थों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. प्लास्टिक
  2. धातु के बर्तन।

प्रश्न 20.
प्राकृतिक रेशों की जगह कृत्रिम रेशों का उपयोग करने के दो कारण लिखिए।
उत्तर-

  1. चिरस्थायित्व और
  2. उपलब्धता।

प्रश्न 21.
कृत्रिम रेशों का एक मुख्य हानिकारक गुण क्या है ?
उत्तर-
यह गर्म करने पर पिघल जाता है।

प्रश्न 22.
निम्नीकरण पदार्थ क्या है ?
उत्तर-
निम्नीकरण पदार्थ – वे पदार्थ जिनका जीवाणुओं द्वारा अपघटन नहीं होता, उन्हें अविघटनशील पदार्थ कहते हैं।

प्रश्न 23.
शाकाहारी की मौत और नालियों का अवरुद्ध करने के लिए कौन-सा पदार्थ उत्तरदायी है ?
उत्तर-
प्लास्टिक के थैले।

प्रश्न 24.
4R सिद्धांत क्या है ?
उत्तर-
4R सिद्धांत – उत्पादन कम करना (Reduce), पुनः उपयोग (Reuse), पुनःचक्रण (Recycle) और पुनः प्राप्ति (Recover)।

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प्रश्न 25.
प्लास्टिक अविघटनकारी है। क्या यह पर्यावरण हितैषी है अथवा पर्यावरण शत्रु है ?
उत्तर-
पर्यावरण शत्रु।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बहुलक क्या है ? एक प्राकृतिक बहुलक का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बहुलक – बहुलक एक लंबी श्रृंखला (बड़ी एकल) है जिसमें लाखों अणु होते हैं। यह रासायनिक पदार्थों की छोटी इकाइयों के मेल से बनता है। सेल्यूलोज़ कपास का प्राकृतिक बहुलक है।

बहुलक प्रकृति में पाये जाते हैं। उदाहरणार्थ, कपास एक प्राकृतिक तंतु है जोकि वास्तव में सेल्यूलोज़ है। सैल्यूलोज़ बड़ी संख्या में ग्लूकोज़ की इकाइयों द्वारा निर्मित होता है।
इसी प्रकार, काष्ठ लुगदी सैल्यूलोज़ है जिससे रेयॉन बनाया जाता है। इसलिए रेयॉन भी एक बहलक (पॉलीमर) है।

प्रश्न 2.
संश्लेषित रेशे क्या हैं ?
उत्तर-
संश्लेषित रेशे – प्राकृतिक रेशों से अलग रेशे जो मानव द्वारा निर्मित किए जाते हैं, संश्लेषित रेशे कहलाते हैं। एक संश्लेषित रेशा छोटी इकाइयों को जोड़कर बनाई गई श्रृंखला है।

प्रश्न 3.
संश्लेषित रेशों के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
रेयॉन, नाइलॉन, पॉलिएस्टर, प्लास्टिक, ऐक्रिलिक, टेरीलीन आदि संश्लेषित रेशे हैं।

प्रश्न 4.
रेयॉन और नाइलॉन के उपयोग बताइए।
उत्तर-
रेयॉन से वस्त्र, बिस्तरे की चादरें और गलीचे बनाए जाते हैं। नाइलॉन से वस्त्र, जुराबें, रस्से, तंबू, फर्श की टाइलें, दाँतों के ब्रुश, बेल्ट, परदे, पैराशूट आदि बनाए जाते हैं।

प्रश्न 5.
संश्लेषित रेशों के गुण लिखो जिसके कारण वह वेशभूषा सामग्री के लिए प्रसिद्ध है।
उत्तर-
संश्लेषित रेशों के गुण – संश्लेषित रेशों के निम्नलिखित गुण है:

  1. वे बहुत समय तक चलते हैं।
  2. इनकी कीमत बहुत कम है।
  3. वे शीघ्र ही सूख जाते हैं।
  4. वे सुगमता से प्राप्त हो जाते हैं।
  5. उनकी संभाल बहुत आसान है।
  6. उन्हें धोना आसान है और उनमें सिलवटें नहीं पड़ती।
    इन गुणों के कारण संश्लेषित रेशे वेशभूषा सामग्री के रूप में प्रसिद्ध हैं।

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प्रश्न 6.
क्या होता है जब कृत्रिम रेशे जैसे नाइलॉन, पॉलिएस्टर और ऐक्रिलिक रेशे वायु में जलाए जाते
हैं?
उत्तर-
विभिन्न रेशे जलाने से निम्नलिखित परिणाम सामने आते हैं-

1. नाइलॉन मुश्किल से जलता है, ज्वाला से रेशा सिकुड़ता है, गाँठ बनाता है, बाल जलने जैसी गंध देता है।
2. पॉलिएस्टर नाइलॉन की तरह ही समान गुण हैं, जलने पर काला धुआँ देता है।
3. एक्रिलिक ज्वाला से सिकुड़ कर काली गाँठ बनाता है और काली धुएँ जैसी ज्वाला देता है।

प्रश्न 7.
प्लास्टिक पदार्थ जैसे पॉलिथीन की प्राकृतिक पदार्थ से भिन्न कुछ विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर-

  1. यह सस्ता और व्यापारिक पैमाने पर तैयार किया जा सकता है।
  2. यह भार में हल्का होता है और आसानी से इसका स्थानांतरण किया जा सकता है।
  3. यह अटूट, असंक्षारण, मज़बूत और लचकीला होता है। 4. यह आसानी से साँचे में ढाला जा सकता है।

प्रश्न 8.
पॉलिथीन के उपयोग बताइए।
उत्तर-
पॉलिथीन के उपयोग – पॉलिथीन की चादरें पैकिंग के लिए, थैले दूध की पैकिंग के लिए, पॉलिथीन पात्र और पाइपें भंडारण और पानी, तेल अथवा दूसरे पदार्थों के स्थानांतरण के लिए उपयोग में आती है। पॉलिथीन को वाटर प्रूफ (water proof) के रूप में भी उपयोग में लाया जाता है।

प्रश्न 9.
पीवीसी (PVC) के कुछ उपयोग लिखो।
उत्तर-
PVC के उपयोग – यह बोतलें, फर्श की टाइलें, रेनकोट, जूतों के तलवे, सैंडल और चमड़े जैसा पदार्थ बनाने के काम आता है।

प्रश्न 10.
मिश्रित रेशा (Blended fabric) क्या है ? यह संश्लेषित रेशों से बने कपड़ों से अधिक आरामदायक क्यों है ?
उत्तर-
मिश्रित कपड़े (Blended fabric) – यह संश्लेषित (मानव निर्मित) और प्राकृतिक रेशों का मिश्रण है। जैसे कि टेरीकोट (पॉलिएस्टर और सूती रेशा), टेरीवूल आदि शुद्ध संश्लेषित रेशे पसीने को अच्छी तरह अवशोषित नहीं कर पाते, इसलिए गर्मियों में शरीर से चिपक जाते हैं। कुछ संश्लेषित रेशे जल्दी आग पकड़ लेते हैं। इन त्रुटियों को दूर करने के लिए संश्लेषित रेशे प्राकृतिक रेशों से मिश्रित करके मिश्रित रेशे बनाए जाते हैं।

प्रश्न 11.
निम्नीकरणीय पदार्थ (Biodegradable) क्या है ?
उत्तर-
निम्नीकरणीय पदार्थ (Biodegradable substances) – वे पदार्थ जो सूक्ष्मजीवों (जीवाणुओं) दवारा आसानी से विघटित हो जाते हैं, निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं। मृत जीवों के शरीर, मानव मलमूत्र और अन्य कई पदार्थ जीवाणुओं द्वारा साधारण यौगिकों में अपघटित किए जाते हैं। ऐसे पदार्थ निम्नीकरणीय कहलाते हैं।

प्रश्न 12.
प्राकृतिक और संश्लेषित बहुलक क्या हैं ?
उत्तर-

  • प्राकृतिक बहुलक (Natural Polymer) – वे बहुलक जो प्रकृति में पौधों और जंतुओं से प्राप्त होते हैं, प्राकृतिक बहुलक कहलाते हैं। जैसे रबड़, स्टार्च, सेलुलोज, प्रोटीन आदि।
  • संश्लेषित बहुलक (Synthetic Polymer) – वे बहुलक जो प्रकृति में उपलब्ध नहीं हैं और जिन्हें प्रयोगशाला में तैयार किया जाता है, संश्लेषित बहुलक कहलाते हैं। इन्हें मानव निर्मित बहुलक भी कहते हैं। जैसे कि पॉलिथीन, पॉलिविनाइल क्लोराइड, टेफ्लॉन, बेकलाइट आदि।

प्रश्न 13.
प्लास्टिक सामग्री का कम प्रयोग करने के लिए कुछ तरीके सुझाइए।
उत्तर-
प्लास्टिक अजैव अपघटक हैं इसलिए वातावरण का मित्र नहीं है। इसका उपयोग कम करने का सबसे बढ़िया तरीका है। 4R सिद्धांत का अनुसरण करना जो निम्न प्रकार है-

  1. Reduce – कम प्रयोग
  2. Reuse – पुनः प्रयोग
  3. Recycle – पुनः चक्रण
  4. Recover – पुनः प्राप्त करना।

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प्रश्न 14.
अंधा-धुंध असावधानी से फैंके गए प्लास्टिक/पॉलिथीन बैग किस प्रकार जंतुओं के लिए हानिकारक हैं ?
उत्तर-
प्रयोग करने के पश्चात असावधानी से फैंके गए प्लास्टिक/पालीथीन के लिफाफे तथा बैग अवारा जंतुओं
द्वारा निगल लिए जाते हैं। यह प्लास्टिक बैग अजैव विघटनकारी पदार्थ से बने होते हैं जिससे उनकी श्वसन नली या तो बंद हो जाती है और या फिर पेट के भीतर एक पर्त बना लेते हैं जिससे उनकी मृत्यु हो सकती है।

प्रश्न 15.
प्लास्टिक पदार्थ का अधिक उपयोग किस प्रकार वातावरण तथा समाज के लिए हानिकारक
उत्तर-
प्लास्टिक मनुष्य तथा वातावरण दोनों के लिए निम्न तरीकों से हानिकारक है-

  1. क्योंकि प्लास्टिक पैट्रोरसायनों से संश्लेषित किया गया है इसलिए इसका अधिक प्रयोग अनवीकरणीय पैट्रोरसायनों के सीमित भंडार को समाप्त कर देगा।
  2. प्लास्टिक अजैव विघटनकारी है जो नालियों तथा सीवरेज प्रणाली को बंद कर देता है यदि प्रयोग के पश्चात् इसे ध्यानपूर्वक न फैंका जाए।
  3. प्लास्टिक का अपूर्ण दहन होता है तथा अधिक मात्रा में विषैला धुआँ उत्सर्जित कर वातावरण की वायु को प्रदूषित करता है।
  4. कई बार ध्यान से न फैंके गए प्लास्टिक/पॉलीथीन जंतुओं द्वारा निगल लिया जाता है जिससे इनकी मृत्यु हो जाती है।

प्रश्न 16.
रसोई में काम करते समय पालिएस्टर के कपड़े पहनने का सुझाव क्यों नहीं दिया जाता ?
उत्तर-
पॉलिएस्टर एक संश्लेषित रेशा है। यह शीघ्र आग पकड़ लेता है और पिघल कर शरीर से चिपक कर दर्द भरी जलन पैदा करता है। इसीलिए रसोई में काम करते समय पॉलिएस्टर के कपड़े न पहनने का सुझाव दिया जाता है।

प्रश्न 17.
एक समझदार और ज़िम्मेदार शहरी होने के नाते आप जन को प्लास्टिक मुक्त रखने के लिए क्या कदम उठाएंगे।
उत्तर-

  1. मैं प्लास्टिक के लिफाफे के प्रयोग के बाद जल स्त्रोत तथा सड़क पर फेंकूँगा।
  2. बाज़ार से समान खरीदने के लिए घर से कपड़े या पटसन का थैला अपने साथ लेकर जाऊँगा। यहाँ तक कि दुकानदार को समान काग़ज़ के लिफाफे में डालने के लिए बाध्य करूंगा।
  3. प्लास्टिक लंचबाक्स के स्थान पर स्टील के डिब्बे का प्रयोग करूँगा।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न के उपयोग लिखिए-
(क) पॉलिएस्टर रेशा
(ख) टेफ्लॉन
(ग) पॉलिथीन
(घ ) पालिपरोपाइलीन।
उत्तर-
(क) पॉलिएस्टर के रेशों के उपयोग-

  1. पॉलिएस्टर रेशे कपड़ा उद्योग में विभिन्न वस्त्र बनाने के काम आते हैं। जैसे साड़ी, ड्रेस, पर्दे आदि।
  2. पॉलिएस्टर रेशे, प्राकृतिक रेशों से मिलाकर रेशे बनाने के काम आते हैं। जैसे टेरीकॉट (सूती के साथ), टेरीवूल (ऊन के साथ)।
  3. इससे नावों की पतवार बनाई है।
  4. इससे पानी की ट्यूबें (hoses) बनती हैं, जिनका उपयोग आग बुझाने की प्रक्रिया में किया जाता है।

(ख) टेफ्लॉन के उपयोग-

  1. इसे न चिपकने वाले भोजन बनाने के पात्रों में उपयोग किया जाता है।
  2. इससे सील और गेस्केट बनाई जाती है।

(ग) पॉलिथीन के उपयोग-

  1. इसे थैले, खिलौने और पाइप बनाने के लिए उपयोग में लाते हैं।
  2. इससे तारों का आवरण बनाते हैं क्योंकि यह विद्युत् रोधक है।

(घ) पॉलिपरोपाइलीन के उपयोग-

  1. इससे सीट के पट्टे बनते हैं।
  2. इससे रस्सियाँ और जाल बनाए जाते हैं।

प्रश्न 2.
नाइलॉन रेशों के चार महत्त्वपूर्ण गुण और उपयोग लिखिए।
उत्तर-
नाइलॉन रेशों के गुण-

  1. नाइलॉन रेशे मज़बूत हैं।
  2. यह बहुत कम पानी अवशोषित करते हैं। इसलिए बहुत जल्दी सूख जाते हैं।
  3. नाइलॉन के कपड़ों में सिलवटें नहीं पड़ती।
  4. यह ज्यादा टिकाऊ हैं।

नाइलॉन के उपयोग-

  1. नाइलॉन रेशे कई उद्देश्यों के लिए काम आते हैं, जहाँ मज़बूत रेशों की आवश्यकता होती है।
  2. इससे पैराशूट, मछली जाल, टायर के पट्टे, रस्से, मोज़े (जुराबें) और अन्य वस्त्र बनाए जाते हैं।
  3. नाइलॉन को ऊन के साथ मिलाकर देर तक रहने वाले रेशे का निर्माण किया जाता है।.

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प्रश्न 3.
पॉलिएस्टर रेशों के गुण लिखो।
उत्तर-
पॉलिएस्टर रेशों के गुण-

  1. ये सूती, ऊनी और रेशमी रेशों से अधिक मज़बूत हैं।
  2. ये सिकुड़ते नहीं।
  3. यह पानी कम अवशोषित करते हैं, इसलिए जल्दी सूख जाते हैं।
  4. इनमें सिलवटें नहीं पड़तीं।
  5. साधारण रसायनों से यह प्रभावित नहीं होते।
  6. यह हल्के और सुंदर हैं।
  7. यह साधारण विलायकों में अघुलनशील हैं।

प्रश्न 4.
प्लास्टिक किसे कहते हैं ? इसकी विभिन्न किस्में कौन-कौन सी हैं ? इसके कौन-से गुण हैं जो इसे अधिक पसंद वाला पदार्थ बना देते हैं ? इसके उपयोग भी लिखें।
उत्तर-
प्लास्टिक – यह संश्लिष्ट रेशे की भांति बहुलक है।
उदाहरण-पॉलिथीन
प्लास्टिक की किस्में – सभी किस्म के प्लास्टिक में इकाइयों की संरचना एक जैसी नहीं होती। प्लास्टिक दो प्रकार के होते हैं। एक जिनमें इकाइयों की संरचना सरल रेखीय तथा दूसरी किस्म में क्रॉस जोड़

प्लास्टिक के गुण-

  1. प्लास्टिक पर वायु तथा जल की कोई क्रिया नहीं होती अर्थात् वे अक्रियाशील तथा अंसक्षारक प्रकृति के होते हैं।
  2. प्लास्टिक हल्का, मज़बूत तथा टिकाऊ होता है।
  3. कुछ प्लास्टिक की आकृति गर्म करने पर शीघ्र बदली जा सकती हैं जबकि कुछ प्लास्टिक गर्म करने पर नर्म नहीं होते हैं।
  4. प्लास्टिक ताप तथा विद्युत् के कुचालक हैं।

प्लास्टिक के उपयोग-

  1. स्वास्थ्य संबंधी उद्योग में – प्लास्टिक अधिकतर स्वास्थ्य संबंधी उद्योग में दवाईयों की पैकिंग तथा घाव पर टाँके लगाने के लिए धागा, सिरिंज, डॉक्टर के दस्ताने तथा और कई सयंत्र बनाने में उपयोग किया जाता है।
  2. रसोई के बर्तन बनाने में – माइक्रोओवन में खाना पकाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले विशेष बर्तन प्लास्टिक के बनाए जाते हैं जो उच्च तापमान सहन कर सकते हैं।
  3. टैफ्लॉन जो एक प्रकार का प्लास्टिक है से न चिपकने वाले खाना बनाने के बर्तन तैयार किए जाते हैं। इन पर तेल तथा पानी नहीं चिपकता है।
  4. फायरमैन की पोशाक के भीतर मेलामाइन प्लास्टिक की तह बनाई जाती है। यह पोशाक को ताप प्रतिरोधक बना देता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

PSEB 8th Class Science Guide सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) सूक्ष्मजीवों को ……………………. की सहायता से देखा जा सकता है।
उत्तर-
सूक्ष्मदर्शी

(ख) नीले-हरे शैवाल वायु से …………………….. का स्थिरीकरण करते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होती है।
उत्तर-
नाइट्रोजन

(ग) एल्कोहल का उत्पादन ……………………… नामक सूक्ष्मजीव की सहायता से किया जाता है।
उत्तर-
खमीर

(घ) हैज़ा ……………………. के द्वारा होता है।
उत्तर-
जीवाणु।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

प्रश्न 2.
सही शब्द के आगे (√) का निशान लगाइए-

(क) यीस्ट का उपयोग निम्न के उत्पादन में होता है :

(i) चीनी
(ii) एल्कोहल
(iii) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(iv) ऑक्सीजन।
उत्तर-
(ii) एल्कोहल (√)

(ख) निम्न में से कौन-सा प्रतिजैविक है ?
(i) सोडियम बाइकार्बोनेट
(ii) स्ट्रेप्टोमाइसिन
(iii) एल्कोहल
(iv) यीस्ट।
उत्तर-
(ii) स्ट्रेप्टोमाइसिन (√)

(ग) मलेरिया परजीवी का वाहक है :
(i) मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर
(ii) कॉकरोच
(iii) घरेलू मक्खी
(iv) तितली।
उत्तर-
(i) मादा एनॉफ्लीज़ मच्छर (√)

(घ) संचरणीय रोगों का सबसे मुख्य कारक है :
(i) चींटी
(ii) घरेलू मक्खी
(iii) ड्रेगन मक्खी
(iv) मकड़ी।
उत्तर-
(ii) घरेलू मक्खी (√)

(ङ) ब्रेड अथवा इडली फूल जाती है इसका कारण है : .
(i) उष्णता
(ii) पसीना
(iii) यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि
(iv) माढ़ने के कारण।
उत्तर-
(iii) यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि (√)

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

(च) चीनी को एल्कोहल में परिवर्तित करने के प्रक्रम का नाम है :
(i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ii) मोल्डिंग
(iii) किण्वन
(iv) संक्रमण।
उत्तर-
(iii) किण्वन। (√)

प्रश्न 3.
कॉलम-I के जीवों का मिलान कॉलम-II में दिए गए उनके कार्य से कीजिए-

कॉलम-I कॉलम-II
(क) जीवाणु (i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ख) राइजोबियम (ii) दही का जमना
(ग) लैक्टोबेसिलस (iii) ब्रेड की बेकिंग
(घ) यीस्ट (iv) मलेरिया का कारक
(ङ) एक प्रोटोजोआ (v) AIDS का कारक
(च) एक विषाणु (vi) प्रतिजैविक उत्पादित करना।

उत्तर-

कॉलम-I कॉलम-II
(क) जीवाणु (v) AIDS का कारक
(ख) राइजोबियम (i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
(ग) लैक्टोबेसिलस (ii) दही का जमना
(घ) यीस्ट (iii) ब्रेड की बेकिंग
(ङ) एक प्रोटोजोआ (iv) मलेरिया का कारक
(च) एक विषाणु (vi) प्रतिजैविक उत्पादित करना।

प्रश्न 4.
क्या सूक्ष्मजीव बिना यंत्र की सहायता से देखे जा सकते हैं ? यदि नहीं, तो वे कैसे देखे जा सकते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव बहुत ही छोटे जीव हैं जिन्हें बिना यंत्र देखना संभव नहीं। कुछ सूक्ष्मजीव आवर्धन लेंस द्वारा देखे जा सकते हैं, परंतु आमतौर पर सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही इन्हें देखना संभव है।

प्रश्न 5.
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग हैं-

  1. जीवाणु,
  2. कवक,
  3. प्रोटोजोआ,
  4. शैवाल,
  5. विषाणु।

प्रश्न 6.
वायुमंडलीय नाइट्रोजन का मिट्टी में स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. राइजोबियम जीवाणु
  2. नीले-हरे शैवाल।

प्रश्न 7.
हमारे जीवन में उपयोगी सूक्ष्मजीवों के बारे में 10 पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर-
सूक्ष्मजीव जीवाणु, कवक, शैवाल, प्रोटोजोआ आदि के रूप में हैं। इनके उपयोग निम्नलिखित हैं-

जीवाणु के उपयोग-
(i) दही और पनीर बनाने के लिए
(ii) शराब और सिरका बनाने के लिए
(iii) चमड़े की सफाई के लिए।

कवक के उपयोग-
(iv) डबल रोटी और केक बनाने के लिए
(v) मशरूम कवक खाने के लिए
(vi) दवाइयों के लिए।

शैवाल के उपयोग-
(vii) डायटम की कोशिका भित्ति सिलिका का प्राकृतिक रूप है।
(viii) कई शैवाल, समुद्री भोजन के रूप में उपयोग किए जाते हैं।

प्रोटोज़ोआ के उपयोग-
(ix) खाद्य श्रृंखला में
(x) उत्तक प्रवर्धन के लिए।

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प्रश्न 8.
सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाली हानियों का विवरण दीजिए।
उत्तर-
सूक्षमजीवों द्वारा होने वाली हानियाँ-

  1. पौधों और जानवरों में बीमारियों का कारण।
  2. खाद्य पदार्थ के संदूषण का कारण।
  3. कपड़े, चमड़े आदि के भ्रष्ट होने का कारण।
  4. सूक्ष्म जीव खाद्य पदार्थ को निम्न तरीकों से संदूषित करते हैं-
    (क) अणुओं को अपघटित कर दुर्गंध वाले यौगिक पैदा करते हैं।
    (ख) विषैले पदार्थ उत्पन्न करते हैं।
    (ग) खाद्य विषाक्तता का कारण बनते हैं।

प्रश्न 9.
प्रतिजैविक क्या हैं ? प्रतिजैविक लेते समय कौन-सी सावधानियाँ रखनी चाहिएं ?
उत्तर-
प्रतिजैविक (Antibiotics) – प्रतिजैविक एक ऐसी औषधि है जो रक्त के अंदर शरीर की कोशिकाओं को बिना हानि पहुँचाए जीवाणुओं को मारती है। प्रतिजैविक औषधियाँ जीवाणुओं, कवकों तथा सूक्ष्मजीवों से प्राप्त होती हैं।

उदाहरण – पेनसिलीन, टैट्रासाइकलिन, स्ट्रोप्टोमाइसिन आदि। अल्गर्जेंडर फ्लेमिंग, एक अंग्रेज़ वैज्ञानिक ने 1929 में पेनसिलीन की खोज की। सावधानियाँ – प्रतिजैविक लेते समय निम्न सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए-

  1. प्रतिजैविक डॉक्टर की सलाह पर लेने चाहिए।
  2. डॉक्टर द्वारा लिखी दवाइयों का कोर्स पूरा करना चाहिए।
  3. प्रतिजैविक खाँसी और सर्दी पर प्रभाव नहीं डालते क्योंकि यह विषाणु द्वारा संचारित होती है।

PSEB Solutions for Class 8 Science फसल उत्पादन एवं प्रबंध Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरो-

(क) सूक्ष्मजीवों को ……………………….. की सहायता से देखा जा सकता है।
उत्तर-
सूक्ष्मदर्शी

(ख) जीवाणु प्रायः ……………………….. विधि द्वारा गुणन करते हैं।
उत्तर-
द्विविखंडन

(ग) रोग पैदा करने वाले सूक्ष्मजीव …………………… कहलाते हैं।
उत्तर-
रोगाणु अथवा रोगवाहक

(घ) रोगाणुओं द्वारा उत्पन्न किए गए विषैले पदार्थ ……………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
टॉक्सिन

(ङ) शैवाल अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं क्योंकि यह …………………….. क्रिया कर सकते हैं।
उत्तर-
प्रकाशसंश्लेषण

(च) शैवाल उत्पाद जो जीवाणु प्रवर्धन में सहायक है, …………………. कहलाता है।
उत्तर-
अगार

(छ) शैवाल पौधों जैसे होते हैं, परंतु ……………………………. जानवर जैसे होते हैं।
उत्तर-
प्रोटोज़ोआ

(ज) वे सूक्ष्मजीव जो सजीव और निर्जीव की सीमा पर हैं, ……………………… कहलाते हैं।
उत्तर-
विषाणु

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

(झ) मशरूम एक ……………………. है।
उत्तर-
शैवाल

(ब) मछलियों के भोजन का मुख्य स्रोत ……………………….. है
उत्तर-
कवक।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरो

(1) एंटअमीबा ……………………. रोग फैलाता है।
उत्तर-
अमीबी पेचिश

(2) ………………………… द्वारा त्वचा रोग रिंग-वारम फैलता है।
उत्तर-
कवक

(3) ग्रंथिकाओं युक्त पौधों की जड़ों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु पाए जाते हैं, उन्हें ………………….. कहते हैं।
उत्तर-
राइजोबियम

(4) गेहूँ के पौधों में कवक द्वारा फैला रोग ……………………….. है।
उत्तर-
रस्ट (Rust)

(5) सभी मशरूम …………………………. नहीं होते।
उत्तर-
खाने योग्य

(6) दही जमाने वाले जीवाणु ………………………… है।
उत्तर-
लैक्टोबेसिलस

(7) सामान्य जुकाम …………………………. संक्रमण द्वारा फैलता है।
उत्तर-
विषाणु

(8) पेनसिलीन की खोज ………………………….. ने की।
उत्तर-
अलेक्झेंडर फ्लेमिंग

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(9) सजीवों का वर्गीकरण ………………………. विशेषताओं पर निर्भर करता है।
उत्तर-
समान

(10) कीट जो वाहन का काम करते हैं, …………………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
वाहक।

प्रश्न 3.
सूक्ष्मदर्शी को परिभाषित करें।
उत्तर-
सूक्ष्मदर्शी – यह एक प्रकाशीय यंत्र है जिसके द्वारा बहुत ही छोटे जीव, सूक्ष्मजीव देखे जा सकते हैं।

प्रश्न 4.
कौन-से सूक्ष्मजीव सजीव और निर्जीव की सीमा पर उपस्थित हैं ?
उत्तर-
विषाणु।

प्रश्न 5.
किन्हीं चार प्रतिजैविकों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. पेनसिलीन,
  2. स्ट्रैप्टोमाइसिन,
  3. ट्रैट्रासाइकलिन,
  4. ग्रैमेसींडिन।

प्रश्न 6.
सूक्ष्मजीव क्या हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव – ये छोटे जीव हैं जिन्हें नंगी आँखों से नहीं देखा जा सकता।

प्रश्न 7.
क्या सभी सूक्ष्मजीवों का आकार समान है ?
उत्तर-
नहीं, सभी सूक्ष्मजीवों का आकार समान नहीं होता।

प्रश्न 8.
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्गों के नाम लिखो।
उत्तर-
सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग हैं-

  1. जीवाणु,
  2. कवक,
  3. प्रोटोजोआ,
  4. शैवाल,
  5. विषाणु।

प्रश्न 9.
धीमी गति से वृद्धि करने वाले सूक्ष्मजीवों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. माइकोबैक्टीरियम ट्यूबकुली (Mycobacterium tuberculi)
  2. माइकोबैक्टीरियम लेपरेई (Mycobacterium laprae)।

प्रश्न 10.
तेज़ गति से वृद्धि करने वाले सूक्ष्मजीवों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-

  1. सियडोमोनास (Pseudomonas)
  2. एंटअमीबा कोली (Entamoeba Coli)।

प्रश्न 11.
कवकों के दो वर्ग कौन-से हैं ?
उत्तर-
कवकों के मुख्य दो वर्ग हैं-
(क) खमीर (ख) उल्ली (mould)।

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प्रश्न 12.
अमीबा सूक्ष्मजीवों के किस वर्ग में आता है ?
उत्तर-
अमीबा सूक्ष्मजीवों के प्रोटोजोआ वर्ग में आता है।

प्रश्न 13.
जीवाणु द्वारा फैलने वाले रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
जीवाणु द्वारा फैलने वाले रोग-

  1. पोलियो माइलिटिस,
  2. पेचिश,
  3. सर्दी और बुखार,
  4. फ्लू (इनफ्लूएंजा),
  5. खसरा।

प्रश्न 14.
रोगजनक सूक्ष्मजीव क्या हैं ?
उत्तर-
रोगजनक सूक्ष्मजीव – मनुष्य, पौधों और जानवरों में रोग फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों को रोगाणु अथवा रोग जनक सूक्ष्मजीव कहते हैं।

प्रश्न 15.
जानवरों के शरीर में सूक्ष्मजीव कहाँ रहते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव जानवरों के नाक, गले, मुँह और पाचन तंत्र में रहते हैं।

प्रश्न 16.
सबसे पहले जीवाणु किसने और कब देखा ?
उत्तर-
एनटान वैन लियुवन हॉक ने 1675 ई० में।

प्रश्न 17.
एक जीवाणु का सामान्य आकार क्या है ?
उत्तर-
1.25μm (1μm = 1000 mm) व्यास।

प्रश्न 18.
सबसे छोटा जीवाणु कौन-सा है ?
उत्तर-
सबसे छोटा जीवाणु छड़ नुमा जीवाणु है जिसका आकार 0.15 mm है।

प्रश्न 19.
सबसे बड़े जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर-
स्पाइरल जीवाणु जिनका आकार 15 mm लंबा और 1.5 μm व्यास होता है।

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प्रश्न 20.
जीवाणुओं के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
लैक्टोबेसिलस, सियोडोमोनास।

प्रश्न 21.
नीले-हरे शैवाल का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
नॉस्टक, एनाबीना, आसीलैटोरिया।

प्रश्न 22.
नीले-हरे शैवाल उर्वरकों के रूप में क्यों उपयोग किए जाते हैं ?
उत्तर-
वे वायुमंडलीय नाइट्रोजन को लाभदायक यौगिक में बदलते हैं।

प्रश्न 23.
एक वर्ष में नीले-हरे शैवाल धान के खेत में कितनी नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं ?
उत्तर-
लगभग 625 kg नाइट्रोजन/प्रतिवर्ग किलोमीटर।

प्रश्न 24.
तीन डायटमों के नाम लिखिए।
उत्तर-
पीनूलेरिया, साइकलोटैला और नैवीकुला।

प्रश्न 25.
सड़क के किनारों पर उगी कवकों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
मशरूम, पफ बाल्स (Puff balls), टोड बाल्स (Toad balls)।

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प्रश्न 26.
उस सूक्ष्मजीव का नाम लिखिए जो प्रतिजैविकता रोधक है।
उत्तर-
माइकोप्लाज़म।

प्रश्न 27.
किण्वन क्रिया में खमीर क्या उत्पन्न करते हैं ?
उत्तर-
इथाइल एल्कोहल और कार्बन डाइऑक्साइड की अधिक मात्रा।

प्रश्न 28.
विषाणुओं पर प्रतिजैविकों का प्रभाव क्यों नहीं पड़ता ?
उत्तर-
क्योंकि उनका अपना उपापचय (metabolism) नहीं होता।

प्रश्न 29.
वीषाणुओं द्वारा फैलने वाले कुछ रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
रेबीज, पोलियो, चेचक, सामान्य जुकाम, इन्फ्लूएंजा, एडज़, तंबाकू और आलू का मोसेक।

प्रश्न 30.
कौन-सा शैवाल खाने के काम आता है ?
उत्तर-
लाल शैवाल पोरिफाइरा (Poriphyra) ।

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प्रश्न 31.
जीवाणु विज्ञान (Bacteriology) के जनक कौन हैं ?
उत्तर-
लुईस पास्चर।

प्रश्न 32.
सूक्ष्मदर्शी द्वारा जीवाणु को देखने का काम सबसे पहले किसने किया?
उत्तर-
एनटान वैन लियुवन हॉक।

प्रश्न 33.
जीवाणु द्वारा फैलने वाले तीन रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
टायफाइड, हैजा, तपेदिक (TB)।

प्रश्न 34.
प्रोटोज़ोआ दवारा फैलने वाले तीन रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
मलेरिया, पेचिश, काला अज़ार।

प्रश्न 35.
दूध को दही में परिवर्तित करने वाले सूक्ष्मजीव का नाम और वर्ग बताइए।
उत्तर-
लैक्टोबेसिलस-जीवाणु।

प्रश्न 36.
अगार के स्रोत क्या हैं ?
उत्तर-
लाल-शैवाल।

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प्रश्न 37.
मलेरिया फैलाने वाले प्रोटोज़ोआ का नाम लिखिए।
उत्तर-
प्लाज़मोडियम वावैक्स (Plasmodium Vivax)।

प्रश्न 38.
प्रोटोज़ोआ के तीन उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
अमीबा, पैरामीशियम, यूगलिना।

प्रश्न 39.
शैवाल और कवक में एक अंतर लिखिए।
उत्तर-
शैवाल स्वपोषी है जबकि कवक परपोषी।

प्रश्न 40.
ब्रेड और एल्कोहल बनाने के लिए कौन-से सूक्ष्मजीव उपयोग में आते हैं ?
उत्तर-
खमीर (Yeast)।

प्रश्न 41.
दो नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले शैवालों के नाम लिखिए।
उत्तर-
नास्टॉक और एनाबीना।

प्रश्न 42.
कवक के दो मुख्य वर्ग कौन-से हैं ?
उत्तर-
खमीर और उल्ली (moulds)।

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प्रश्न 43.
अमीबा किस सूक्ष्मजीव वर्ग से आता है ?
उत्तर-
प्रोटोज़ोआ।

प्रश्न 44.
दो प्रतिजैविकों के नाम लिखो।
उत्तर-
बी० सी० जी० (BCG), ट्रिपल वैक्सीन।

प्रश्न 45.
टीकाकरण की खोज किसने की ?
उत्तर-
लुईस पास्चर।

प्रश्न 46.
विषाणुओं की सबसे पहले खोज किसने की ?
उत्तर-
रूसी वैज्ञानिक इबानवोअसकी।

प्रश्न 47.
क्या सभी विषाणु एक ही आकार के होते हैं ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 48.
रिंग वर्म (Ring Worm) रोग का कारक कौन है ?
उत्तर-
कवक।

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प्रश्न 49.
किस मच्छर के काटने से मलेरिया फैलता है ?
उत्तर-
मादा मच्छर एनाफ्लीज़ (Female Anopheles Mosquito) ।

प्रश्न 50.
अमीबी पेचिश कौन फैलाता है ?
उत्तर-
एंटअमीबा (Entamoeba)।

प्रश्न 51.
सूक्ष्मजीव किसे कहते है ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव (Micro-Organism) – जो जीव अति सरल रचना वाले और आकार में काफ़ी सूक्ष्म हों और जिन्हें केवल सूक्ष्मदर्शी यंत्र द्वारा देखा जा सकता है सूक्ष्मजीव कहलाते हैं।

प्रश्न 52.
सूक्ष्मजीव कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
पाँच प्रकार के जीवाणु, कवक, प्रोटोज़ोआ, शैवाल और विषाणु।

प्रश्न 53.
सूक्ष्मजीव कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव हर स्थान पर पाए जाते हैं।

प्रश्न 54.
दो ऐसी बीमारियों के नाम लिखो जिनकी रोकथाम टीके द्वारा की जा सकती है ?
उत्तर-
हैज़ा, क्षय, पोलियो, हैपेटाइटिस।

प्रश्न 55.
नील-हरित शैवाल का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर-
साइनोबैक्टीरिया।

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प्रश्न 56.
नील-हरित शैवाल के दो उदाहरण दो।
उत्तर-
नॉस्टॉक, ऐनाबीना, ऑसिलैटोरिया।

प्रश्न 57.
हमारे वायुमंडल में कितने प्रतिशत नाइट्रोजन है ?
उत्तर-
हमारे वायुमंडल में 78% नाइट्रोजन है।

प्रश्न 58.
पौधों में पाए जाने वाले किन-किन पदार्थों में नाइट्रोजन पाई जाती है ?
उत्तर-
प्रोटीन, पर्णहरित, न्यूक्लिक एसिड व विटामिन में।

प्रश्न 59.
कौन-से जीवाणु वायुमंडल की नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में सहायक होते हैं ?
उत्तर-
लैग्यूम पौधों (Leguminous plants) की जड़ों की गाँठों में पाए जाने वाले राइजोबियम नामक जीवाणु।

प्रश्न 60.
एककोशीय सूक्ष्मजीवों के नाम दें।
उत्तर-
जीवाणु, नीली हरी शैवाल, प्रोटोजोआ।

प्रश्न 61.
बहुकोशीय सूक्ष्मजीवों के नाम दें।
उत्तर-
शैवाल तथा कवक।

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प्रश्न 62.
अकेले रह सकने वाला सूक्ष्मजीव कौन-सा है ?
उत्तर-
अमीबा अकेले रह सकने वाला सूक्ष्मजीव है।

प्रश्न 63.
समूह में पाया जाने वाला सूक्ष्मजीव कौन-सा है ?
उत्तर-
कवक व जीवाणु।

प्रश्न 64.
प्रतिजैविक किस काम आते हैं ?
उत्तर-
ये रोगों के उपचार में काम आते हैं।

प्रश्न 65.
प्रतिजैविक किन सूक्ष्मजीवों से बनते हैं ?
उत्तर-
जीवाणु एवं कवक से।

प्रश्न 66.
प्रथम ऐंटीबायोटिक कब व किसने बनाई ?
उत्तर-
1929 में, अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने।

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TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या सभी सूक्ष्मजीव एक ही आकार के होते हैं ?
उत्तर-
नहीं, सभी सूक्ष्मजीव एक ही आकार के नहीं होते। जीवाणुओं का आकार 0.2 से 100μ है। खमीर का आकार 5 से 10μ तक होता है। शैवाल का आकार 1μ से कई मीटर तक होता है। प्रोटोजोआ का आकार 2 से 200μ होता है। विषाणुओं का आकार 0.015 से 0.2μ ही होता है।

प्रश्न 2.
तीव्र और धीमी गति से वृद्धि करने वाले जीवाणुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
तीव्र गति से वृद्धि करने वाले जीवाणुओं के उदाहरण-

  1. सियोडोमोनास (Pseudomonas)
  2. ई० कोली (E. Coli)।

धीमी गति से वृद्धि करने वाले जीवाणुओं के उदाहरण

  1. माइकोबैक्टीरियम टुबरकुली (Mycobacterium tuberculi)
  2. माइकोबैक्टीरियम लेपरेई (Mycobacterium laprae) ।

प्रश्न 3.
कवक के वर्गों के बारे लिखिए।
उत्तर-
कवक के दो मुख्य वर्ग हैं-
(i) खमीर
(ii) उल्ली (moulds)

(i) खमीर (Yeast)—यह एक कोशिका होते हैं।
(ii) उल्ली (Moulds)—यह बहुकोशिका होते हैं और इनका आकार तंतु जैसा होता है।

प्रश्न 4.
सूक्ष्मजीव प्रतिकूल परिस्थितियों में कैसे जीवित रहते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव बहुत सख्त होते हैं। यह ऊष्मा की अधिकता और सूखे में अपने इर्द-गिर्द सख्त आवरण या कवच (cyst) बनाकर जिंदा रहते हैं। आवरण के भीतर यह अक्रियाशील होते हैं और अनुकूल परिस्थितियों का इंतजार करते हैं। समय आने पर यह बहुविखंडन से गुणन करते हैं और जीवनकाल पूरा करते हैं।

प्रश्न 5.
विषाणु सूक्ष्मजीवों से कैसे भिन्न हैं ? किन्हीं दो पादप विषाणुओं और दो जंतु विषाणुओं के नाम लिखें।
उत्तर-
विषाणु सूक्ष्मजीवों से निम्न कारणों से भिन्न हैं-

  1. यह सबसे छोटे सूक्ष्मजीव हैं।
  2. यह संपूर्ण तौर पर सजीव नहीं हैं क्योंकि इनकी वृद्धि अपने आप नहीं होती।
  3. यह अति हानिकारक हैं और कई रोगों के कारक हैं।

पादप विषाणु-

  1. तंबाकू मोसेक विषाणु (TMV)
  2. जीवाणुभोजी (Bacteriophage)।

जंतु विषाणु-

  1. मुख और पाँव रोग विषाणु (FMDV)
  2. खसरा विषाणु।

प्रश्न 6.
विषाणुओं को सजीव और निर्जीव वस्तुओं की सीमा रेखा पर क्यों रखा गया है ?
उत्तर-
विषाणुओं की सजीवों से समानता-

  1. इनमें न्यूक्लीय अम्ल पाए जाते हैं।
  2. इनमें सजीवों की भांति वृद्धि और प्रजनन होता है।

विषाणुओं की निर्जीवों से समानता-

  1. इनमें जीव द्रव्य और केंद्रक नहीं होते।
  2. नमक और चीनी के दानों की तरह इन्हें भी दानों में बदला जा सकता है।

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प्रश्न 7.
खमीर और उल्ली (mould) में अंतर करें।
उत्तर-
खमीर और उल्ली (mould) में अंतर-

खमीर (Yeast) उल्ली (Mould)
(1) यह एक कोशिक है। (1) यह बहुकोशिक है।
(2) इनका आकार 5-10μ है। (2) इनका आकार 2-10μ है।
(3) ये वायुवयी और अवायुवयी होते हैं। (3) ये वायुवयी होते हैं।

प्रश्न 8.
कवक से प्राप्त उत्पादों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कवक से प्राप्त उत्पाद-

  1. कुछ कवकों का इस्तेमाल सीधे-ही खाने वाली वस्तुओं में होता है।
  2. कुछ कवकों से प्रतिजैविक तैयार किए जाते हैं।
  3. ब्रेड और एल्कोहल बनाने में कवक काम आती है।
  4. शराब, बियर के उत्पादन में कवक काम आती है।

प्रश्न 9.
जीवाणुभोजी क्या होते हैं ?
उत्तर-
जीवाणुभोजी (Bacteriophages) – विषाणु परपोषी होते हैं। जो विषाणु जीवाणुओं पर निर्भर करते हैं, उन्हें जीवाणुभोजी या जीवाणुरूपी विषाणु कहते है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु 1

जीवाणुभोजी छड़ आकार के होते हैं। इनमें से कुछ में स्पष्ट सिर, धड तथा पूँछ होती हैं और यह कण्डलित सममिति दर्शाते हैं। जीवाणुभोजी हमारे लिए लाभदायक हैं क्योंकि ये ऐसे जीवाणुओं को नष्ट करते हैं जो कार्बनिक पदार्थों को खत्म करते हैं।

यह गंगा के पानी में पाए जाते हैं इसलिए यह पानी कई वर्षों तक बिना खराब हुए रखा जा सकता है।

प्रश्न 10.
कवक की क्रिया से उत्पन्न होने वाले उत्पादों के नाम लिखो।
उत्तर-
कवक की क्रिया से उत्पन्न होने वाले विभिन्न उत्पाद निम्न हैं-

  1. बेकरी उत्पाद : गेहूँ के आटे से डबलरोटी और केक बनाना।
  2. खाद्य पदार्थ : जौ और फलों के रस से शराब और वियर बनाना. पिसे हुए चावल और दाल से इडली और डोसा बनाना।
  3. पाश्चरीकरण पनीर।
  4. कुछ कवक जैसे मशरूम सीधे ही भोजन के रूप में उपयोग होते हैं।
  5. कुछ महत्वपूर्ण दवाइयाँ जैसे पेनसिलीन भी कवकों द्वारा तैयार की जाती है।
  6. उल्ली के बीजाणु भोजन नष्ट करते हैं, आलू और कपास, मक्का और गेहूँ की फसलों को नष्ट करता है। ये कपड़े, जूते और लकड़ी के पदार्थों को भी नष्ट करते हैं।
  7. एथलीट फुट (Athlete’s foot) और रिंग वर्म (Ring Worm) जैसे रोग कवकों द्वारा फैलते हैं।

प्रश्न 11.
डबलरोटी कैसे बनती है ?
उत्तर-
आटे में जब खमीर के साथ थोड़ी चीनी और गर्म पानी डालकर मिश्रण तैयार किया जाता है, तो यह मिश्रण कुछ देर बाद फूलना आरंभ कर देता है। चीनी और गर्म पानी की उपस्थिति खमीर कोशिकाओं की तेजी से वृद्धि में सहायता करती है। प्रजनन दौरान, खमीर CO2 पैदा करती है। CO2 के बुलबुले दे आटे को फैलाने का काम करते हैं। जब इसे पकाया जाता है तो डबलरोटी नर्म और हल्की बनती है।

प्रश्न 12.
पिसे हुए चावल और दाल का मिश्रण खट्टा कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर-
पिसे हुए चावल और दाल के मिश्रण को कुछ देर पड़ा रहने देने से, वह खट्टा हो जाता है। यह खमीर कोशिकाओं की वृद्धि करता है जो मिश्रण को फूलने और खट्टा करने में सहायक है।

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प्रश्न 13.
उल्ली (moulds) की वृद्धि को रोकने के कुछ तरीके सुझाइए।
उत्तर-
उल्ली की वृद्धि रोकने के उपाय-

  1. वस्तुओं को निम्न ताप पर रखें।
  2. वस्तुओं को साफ बंद पात्रों में रखें।
  3. शुष्क भंडारण में सूखी वस्तुओं को रखें।
  4. खाद्य पदार्थ को आचार के रूप में प्रतिरक्षित करें।
  5. वस्तुओं को वायु में उपस्थित सूक्ष्मजीवों से बचा कर रखें।

प्रश्न 14.
दवाइयों में कवक की महत्ता के बारे में लिखें।
उत्तर-
कवकों से प्रतिजैविक उपलब्ध होती है। पेनसिलीन एक कवक से प्राप्त की जाती है।

प्रश्न 15.
कवक और शैवाल में मुख्य अंतर क्या है ?
उत्तर-
कवक और शैवाल में अंतर-

कवक (Fungi) शैवाल (Algae)
(1) रंगरहित और या हरी नहीं (1) हरा रंग
(2) बाह्य कोशिका भित्ति कवक सेलूलोज से बनी हुई (2) बाहय कोशिका भित्ति सेलुलोज से बनी हई
(3) परपोषी (3) स्वपोषी
(4) मृतजीवी या परजीवी (4) जलीय आवास
(5) आर्द्र जैविक सतह पर वृद्धि। (5) आर्द्र सतह पर वृद्धि।

प्रश्न 16.
टीका (Vaccine) क्या है ?
उत्तर-
टीका-एक टीका में किसी विशेष रोग के मृत या कमज़ोर प्रति (antigen) होते हैं। इन्हें जब शरीर में प्रवेश कराते हैं तो श्वेत रक्त कोशिकाएँ प्रतिरक्षी (antibody) पैदा करना आरंभ कर देती हैं।

प्रश्न 17.
नीले हरे शैवाल की भूमि की उर्वरता से क्या महत्ता है ?
उत्तर-
भूमि की उर्वरता में नीले हरे शैवाल की महत्ता निम्न कारणों से है-

  1. ये मिट्टी में नाइट्रोजन की आपूर्ति करते हैं।
  2. ये मिट्टी में ह्यूमस की वृद्धि करते हैं।
  3. ये उपज वृद्धि में सहायक हैं।
  4. ये मिट्टी की पानी रोकने की क्षमता बढ़ाते हैं।

प्रश्न 18.
सूक्ष्मजीवों के अध्ययन में कुछ महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों का वर्णन करें।
उत्तर-
सूक्ष्मजीवों के अध्ययन में कुछ महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ

वैज्ञानिक वर्ष उपलब्धि
राबर्ट हुक 1665 सूक्ष्मदर्शी द्वारा कार्क कोशिका, स्परमेटो जोआ और जीवाणु को देखा और उन्हें सूक्ष्म जीवाणु नाम दिया।
लुई पास्चर 1857, 1859 किण्वण एक जैव रासायनिक क्रिया है। सूक्ष्मजीव पहले से उपस्थित सूक्ष्मजीवों के विभाजन द्वारा पैदा होते हैं।
राबर्ट कोच 1872, 1889 तपेदिक का कारक टयूबकुली बैसीलस है।
अलेक्जेंडर फ्लेमिंग 1929 टैटनस रोग टेटनस बेसीलस के कारण है।
प्रतिजैविक पेनसिलीन कवक पेनसिलीन नोटैटम से प्राप्त की।

प्रश्न 19.
खाद्य विषाक्तन किसे कहते हैं?
उत्तर-
खाद्य विषाक्तन – कई बार सूक्ष्मजीव भोजन में विषैले पदार्थ उत्पन्न करते हैं और भोजन को नष्ट कर देते हैं। यह भोजन को विषाक्त बना देते हैं। इसे खाद्य विषाक्तन कहते हैं। इसके सेवन से व्यक्ति गंभीर रूप से रोगी हो सकता है और कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

प्रश्न 20.
निम्न शब्दों का संक्षेप में वर्णन करो।
(क) प्रतिरोध क्षमता (Immunity)
(ख) प्रतिरक्षी (Antibody)
(ग) टीकाकरण (Vaccination)
उत्तर-
(क) प्रतिरोध क्षमता (Immunity) – शरीर के रोगों से बचाव प्रबंध को प्रतिरोध क्षमता कहते हैं। प्रतिरोध क्षमता हमारे शरीर में प्रवेश होने वाले बाह्य पदार्थों जैसे जीवाणु, विषाणु, विष आदि से मुकाबला करने की समर्था है तथा यह रोग पैदा करने वाले रोगाणुओं से सुरक्षा प्रदान करती है। यदि रोगाणु का शरीर में प्रवेश हो जाए तो शरीर उनका मुकाबला करता है। हमारे शरीर का सुरक्षा प्रबंध दो भागों में विभाजित होता है- स्थानीय सुरक्षा प्रबंध तथा प्रतिरक्षा प्रबंध।

(ख) प्रतिरक्षी (Antibody) – कुछ सूक्ष्मजीवों या उनके द्वारा पैदा किए विष (Toxin) उनकी विशेष क्रियाओं द्वारा गहरे चले जाते हैं। ऐसी अवस्था में शरीर के भीतरी द्रव तथा रक्त रोगाणुओं या विष (Toxin) या अन्य बाहरी पदार्थों का मुकाबला करना शुरू कर देते हैं। इन द्रवों में विशेष प्रकार की प्रोटीनज़ (Proteins) होती है जिसे प्रतिरक्षी (Antibody) कहते हैं। ये प्रतिरक्षी रोगाणुओं या विष (Toxin) के साथ प्रतिक्रिया करते हैं।

(ग) टीकाकरण (Vaccination) – यह कृत्रिम ढंग से शरीर में रोगाणु या रोगाणु पदार्थ प्रवेश कराने की वह विधि है, जो एक विशेष रोग के प्रति प्रतिरोध पैदा करती है।

प्रश्न 21.
शरीर में सूक्ष्मजीवों के संचारण की तीन विधियाँ लिखिए।
उत्तर-
शरीर में सूक्ष्मजीवों के संचारण के कारण-

  1. अंदर लेने वाली साँस द्वारा
  2. पीने वाले पानी और भोजन द्वारा
  3. त्वचा द्वारा।

प्रश्न 22.
टीका (Vaccine) क्या है ? टीकाकरण (Vaccination) की क्या महत्ता है ?
उत्तर-
टीका (Vaccine) – देखो प्रश्न 15 (लघु उत्तरात्मक प्रश्न)।
टीका शरीर में टीकाकरण या कभी-कभी मुँह द्वारा (जैसे पोलियो बूंदें) प्रवेश कराया जाता है जो सफ़ेद रक्ताणुओं को किसी विशेष रोग के रोगाणुओं के विरुद्ध प्रतिपिंड पैदा करने के लिए प्रेरित करता है। टीका या टीकाकरण का प्रयोग सर्वप्रथम चेचक के टीकाकरण के लिए किया गया था। परंतु अब यह अनेक रोगों के लिए प्रयोग किया जाता है। ऐडवर्ड जेनर नामक डॉक्टर ने 1798 ई० में टीकाकरण विधि विकसित की थी।

प्रश्न 23.
चित्र की सहायता से एक सामान्य साइनोजीवाणु कोशिका की संरचना समझाओ।
उत्तर-
सामान्य साइनोजीवाणु कोशिका – एक सामान्य साइनोजीवाणु कोशिका की कोशिका भित्ति (Cell Wall) चार परतों की बनी होती है जिसके अन्दर प्लाज्मा झिल्ली (Plasma Membrane) होती है। प्लाज्मा झिल्ली के अन्दर साइटोप्लाज्म (Cytoplasm) होता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु 2

साइनोजीवाणु कोशिका साइटोप्लाज्म में रसधानियाँ, राइबोसोमज़, प्रकाश-संश्लेषण वर्णक जैसे क्लोरोफिल, कैरोटिनॉयडज़ तथा गोल दोहरे बन्धन तथा बिना ढका हुआ डी० एन० ए० होता है। सुरक्षित भोजन साइनोफाइसियन स्टॉर्च, स्टार्चलिपिड की गोली और साइनोफाइसियन प्रोटीन कणों के रूप में होता है।

प्रश्न 24.
डॉयटम क्या हैं ? इनकी विभिन्न किस्मों के चित्र बनाओ।
उत्तर-
डॉयटम (Diatoms) – ये सूक्ष्मजीवी एककोशीय शैवाल हैं। ये ताजे पानी के चश्मों तथा समुद्र के खारे पानी में मिलते हैं। ये आमतौर पर अकेले-अकेले कोशिकाओं के रूप में मिलते हैं, परन्तु कुछ एक-दूसरे के साथ जुड़े रहते हैं और समूहों या छड़ाकार रूप में मिलते हैं। इनमें जनन क्रिया अलैंगिक या लैंगिक दोनों होती हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु 3

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कुछ सूक्ष्मजीवों के चित्र बनाइए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु 4
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु 5

प्रश्न 2.
कुछ सामान्य रोग, उनके फैलने के तरीके और बचने के उपाय का चार्ट बनाइए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु 6

प्रश्न 3.
सूक्ष्मजीव द्वारा पैदा होने वाले तीन सामान्य पादप रोगों के नाम लिखो।
उत्तर-
सूक्ष्मजीवों द्वारा पैदा होने वाले सामान्य पादप रोग-

पादप रोग सूक्ष्मजीव संचारण का तरीका
नींबू कैंकर जीवाणु (Bacteria) वायु
गेहूँ की रस्ट कवक (Fungi) वायु एवं बीज
भिंडी की पीत विषाणु (Virus) कीट

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 2 सूक्ष्मजीव : मित्र एवं शत्रु

प्रश्न 4.
खाद्य परिरक्षण से क्या अभिप्राय है ? खाद्य परिरक्षण की विविध विधियों का वर्णन करें।
उत्तर-
खाद्य परिरक्षण (Food Preservation) – वह विधि जिस द्वारा खाद्य पदार्थ को संदूषित होने से बचाया जा सके और लंबे समय तक उसके पोषक तत्त्व ठीक रखे जा सकें, खाद्य परिरक्षण कहलाती है।

खाद्य परिरक्षण की विधियाँ-
(1) निर्जलीकरण और धूप में सुखाना (Dehydration & Drying in Sun light) – फलों और सब्जियों में पानी की मात्रा को कम करना, निर्जलीकरण कहलाता है। इससे भोजन में नमी कम हो जाती है और वह जल्दी संदूषित नहीं होता। फलों तथा सब्जियों को धूप में सुखाना सबसे पुरानी विधि है।

(2) नमक और चीनी द्वारा परिरक्षण (Preservation by Salt and Sugar) – नमक और चीनी अच्छे परिरक्षक (Preservative) हैं।
यह खाद्य पदार्थ में सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकते हैं। अचार, जैम, जैली, केटचअप, स्कवैश आदि का परिरक्षण नमक और चीनी डाल कर किया जाता है।

(3) अति ठंडा करना (Deep freezing) – यह सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकने का सीधा तरीका है। इस विधि में खाद्य पदार्थ को 0°C से निम्न ताप तक ठंडा किया जाता है। फल, सब्जियाँ, माँस, मछली आदि इस विधि से परिरक्षित किए जाते हैं।

(4) रासायनिक परिरक्षण (Chemical Preservation) – कुछ रसायन खाद्य परिरक्षण में उपयोग होते हैं जो पदार्थ खाद्य पदार्थ को संदूषित होने से बचाते हैं, खाद्य परिरक्षण कहलाते हैं।

बेनजोइक अम्ल, पोटाशियम-मेटा बाइसल्फाइट आदि उपयोग में लाए जा सकते हैं। डिब्बा बंद और बोतलों में सील करके भी परिरक्षण किया जाता है।

PSEB 8th Class Computer Solutions Chapter 8 मैमरी यूनिट्स

Punjab State Board PSEB 8th Class Computer Book Solutions Chapter 8 मैमरी यूनिट्स Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Computer Chapter 8 मैमरी यूनिट्स/h2>

Computer Guide for Class 8 PSEB मैमरी यूनिट्स Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरो

1. ………………….. विटस के समूह को बाइट कहा जाता है।
(क) 8
(ख) 16
(ग) 32
(घ) 64.
उत्तर-
(क) 8,

2. एक विट या बाइनरी डिजिट को लाजीकल …………. तथा ………. द्वारा पेश किया जाता है।
(क) 0, 1
(ख) 0,0 .
(ग) 1,2
(घ) 1, 1.
उत्तर-
(क) 0, 1

3. रैम (RAM) का अर्थ है
(क) रीड एक्सैस मैमरी
(ख) रैंडम एक्सैस मैमरी
(ग) दोनों ही
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) रैंडम एक्सैस मैमरी

4. रोम (ROM) का अर्थ है
(क) रीड ओनली मैमरी
(ख) रैंडम ओनली मैमरी
(ग) रीड ओपन मैमरी
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) रैंडम ओनली मैमरी

PSEB 8th Class Computer Solutions Chapter 8 मैमरी यूनिट्स

5. एक डिस्क का हर एक ट्रैक छोटे भागों में बंटा होता है जिसको …………… कहते हैं।
(क) सैक्टर
(ख) एरिया
(ग) डिस्क
(घ) टेप।
उत्तर-
(क) सैक्टर|

2. पूरे नाम लिखो

1. MB
2. GB
3. SRAM
4. PROM
5. IR
उत्तर-
1. MB-Megabyte
2. GB-Gigabyte
3. SRAM-Static RAM
4. PROM-Programmable Read Only Memory
5. IR-Instruction Register

3. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मैमरी क्या है ?
उत्तर-
कम्प्यूटर मैमरी वह होता है, जहां पर कम्प्यूटर अपना डाटा तथा ज़रूरी निर्देश स्टोर करता है। यह कम्प्यूटर के दिमाग की तरह ही होता है। इसमें कार्य करने वाला डाटा तथा निर्देश स्टोर किए जाते हैं। मैमरी छोटेछोटे हिस्सों में भी होती है। जिनको सेल कहा जाता है, प्रत्येक सेल का अपना एड्रेस होता है।

प्रश्न 2.
विभिन्न प्रकार की मैमरी के नाम लिखो।
उत्तर-
मैमरी निम्नलिखित प्रकार की होती है

  1. इंटरनल मैमरी-कैश मैमरी, प्राइमरी।
  2. एक्सटर्नल मैमरी-सीक्वेंशियल एक्सेस मैमरी, डायरेक्ट एक्सेस मेमोरी।

प्रश्न 3.
प्राइमरी मैमरी क्या होती है ?
उत्तर-
प्राइमरी मैमरी वह मैमरी होती है जहां तक सीपीयू सीधे पहुंच सकता है। इस मैमरी के बगैर कम्प्यूटर शुरू नहीं हो सकता। यह मैमरी मदरबोर्ड पर सीपीयू के नजदीक होती है।

प्रश्न 4.
रोम की विभिन्न किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
रोम की निम्नलिखित किस्में होती हैं-

  1. मास्क रोम
  2. प्रोग्रामेबल रोम
  3. इरेजेबल प्रोग्रामबेल रोम
  4. इलेक्ट्रिकली इरेजेबल प्रोग्रामेबल रोम।

4. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
रैम तथा रोम का वर्णन करो।
उत्तर-
1. RAM RAM का पूरा नाम Random Access Memory है। यह कम्प्यूटर के मदर बोर्ड . में लगी होती है। इसमें डाटा रीड तथा राइट किया जा सकता है। यह मैमरी बिजली की सहायता से चलती है। यह मैमरी में डाटा पक्के तौर पर स्टोर नहीं करती। कम्प्यूटर के बन्द होने के बाद इस मैमरी में रखा डाटा भी नष्ट हो जाता है।

2. ROM ROM का पूरा नाम Read Only Memory है। इस मैमरी को सिर्फ पढ़ा जा सकता है। इसमें डाटा राइट नहीं किया जा सकता। इस पर सूचना पक्के तौर पर ही स्टोर होती है। कम्प्यूटर बन्द होने के बाद इसमें रखा डाटा नष्ट नहीं होता।

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प्रश्न 2.
बाहरी मैमरी की व्याख्या करो।
उत्तर-
वह मैमरी जो कम्प्यूटर के साथ सीधे तौर पर नहीं जुड़ी होती उसे सैकेण्डरी मैमरी कहते हैं। इसका प्रयोग पक्के तौर पर डाटा स्टोर करने के लिए किया जाता है। इसमें रखा डाटा कम्प्यूटर बन्द होने के बाद भी नष्ट नहीं होता। यह गति में प्राइमरी मैमरी से धीमी होती है पर आकार में प्राइमरी मैमरी से बड़ी होती है। इस मैमरी में कम्प्यूटर के सारे प्रोग्राम तथा डाटा पड़ा रहता है। कम्प्यूटर चलने के बाद इसी से ही डाटा तथा प्रोग्राम प्राप्त करता है।

सैकेण्डरी मैमरी की किस्में –
I. सिक्वेनशल एक्सैस डिवाइस –
1. मैगनैटिक टेप
II. डायरैक्ट एक्सैस डिवाइस

1. मैगनैटिक डिस्क

  • फ्लापी डिस्क
  • हार्ड डिस्क

2. ऑप्टीकल डिस्क

  • सी०डी०
  • डी०वी०डी०

3. मैमरी स्टोरेज डिवाइसज

  • फ्लैश ड्राइव
  • मैमरी कार्ड

प्रश्न 3.
सेकेंडरी मैमरी की विशेषताओं का वर्णन करो।
उत्तर-
सेकेंडरी मैमरी की अग्रलिखित विशेषताएं होती हैं।

  1. यह मैगनैटिक तथा ऑप्टीकल होती है।
  2. इस पर डाटा पक्के तौर पर रहता है।
  3. बिजली बंद होने पर डाटा स्टोर रहता है।
  4. यह मैमरी भरोसेमंद होती है।
  5. ये प्रयोग में आसान होती है।
  6. इन की भण्डारण क्षमता बहुत अधिक होती है।
  7. इनकी कीमत प्राइमरी मैमरी से काफ़ी कम होती है।
  8. कम्प्यूटर इस मैमरी के बगैर चल सकता है।
  9. इनकी रफ्तार प्राइमरी मैमरी से कम होती है।

प्रश्न 4.
ट्रैक तथा सैक्टर क्या होते हैं ?
उत्तर-
1. टरैक-किसी भी डिस्क का तल पारदर्शी साझे केंद्र बिन्दु वाले चक्रों में बांटा गया होता है। इनको ट्रैक्स कहा जाता है। इनको अंदर वाले से शुरू कर 0 से नंबर दिये जाते हैं। इनकी गिनती डिस्क की भंडारण क्षमता अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है। इनको आगे सैक्टर में बांटा जाता है।

2. सैक्टर-किसी डिस्क के प्रत्येक सैक्टर को छोटे हिस्सों में बांटा जाता है। इनको सैक्टर कहते हैं। प्रत्येक ट्रैक में 8 या ज्यादा सैक्टर होते हैं। एक सैक्टर में 512 बाइट्स स्टोर करने की क्षमता होती है। किसी डिस्क की स्टोरेज क्षमता को निम्न फार्मूले के साथ पता किया जा सकता है।
भंडारण क्षमता = तलों की गिनती × ट्रैक्स प्रतिशत × सैक्टर प्रति ट्रैक × कुल बाईट प्रति सैक्टर

प्रश्न 5.
कैश मैमरी क्या होती है इसके लाभ तथा हानियां बताओ।
उत्तर-
यह बहुत तेज़ सैमी कंडक्टर मैमरी होती है, जो CPU को रफ्तार देती है। यह CPU तथा मुख्य मैमरी के बीच वफर का काम करती है। यह प्रोग्राम तथा डाटा के उन भागों को रखती है, जो ज्यादा प्रयोग में आते|
कैश मैमरी के लाभ-कैश मैमरी के निम्न लाभ हैं-

  1. यह मुख्य मैमरी से तेज़ होती है।
  2. इसका एक्सैस टाइम कम होता है।
  3. यह उस प्रोग्राम को स्टोर करती है जो कम समय में लागू होना होता है।
  4. यह डाटा को अस्थायी तौर पर सेव करती है।

कैश मैमरी की हानियाँ-कैश मैमरी की निम्न हानियां होती हैं-

  • इसकी भंडारण क्षमता बहुत कम होती है।
  • इसकी कीमत काफ़ी ज्यादा होती है।

एक्टिविटी
नीचे दिए गए मैमरी के भागों के चित्र में खाली स्थान भरो-
PSEB 8th Class Computer Solutions Chapter 8 मैमरी यूनिट्स 1

PSEB 8th Class Computer Guide मैमरी यूनिट्स Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरो

1. मैमरी मनुष्य के ………. की तरह होती है।
(क) दिमाग
(ख) कान
(ग) आँख
(घ) नाक।
उत्तर-
(क) दिमाग

2. चार बिट के समूह से ……….. बनती है।
(क) बिट
(ख) निबल
(ग) गीगाबाइट
(घ) मेगाबाइट।
उत्तर-
(ख) निबल

PSEB 8th Class Computer Solutions Chapter 8 मैमरी यूनिट्स

पूरे नाम लिखो

1. KB
2. TB
3. PB
4. RAM
5. ROM
6. UPS
7. DRAM
8. MROM
9. EPOM
10. EEPROM
उत्तर –
1. KB-Kilobyte
2. TB-Terabyte
3. PB-Petabyte.
4. RAM-Random Access Memory
5. ROM-Read Only Memory
6. UPS-Uninterrupted Power Supply
7. DRAM-Dynamic Read Only Memory
8. MROM-Masked Read Only Memory
9. EPOM-Erasable and Programmable Read Only Memory
10. EEPROM-Electrically Erasable and Programmable Read Only Memory

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
बिट क्या होती है ?
उत्तर-
जीरो या एक को बिट या बाइनरी डिजिट कहा जाता है।

प्रश्न 2.
निब्बल किसे कहते हैं ?
उत्तर-
4 बिट के समूह को निब्बल कहते हैं।

प्रश्न 3.
वर्ड क्या होता है ?
उत्तर-
कंप्यूटर में एक शब्द या वर्ड कुछ निर्धारित बिट्स का समूह होता है।

प्रश्न 4.
मैमरी की किस्मों के नाम बताओ।
उत्तर-
इंटरनल मैमरी, कैश मैमरी, प्राइमरी मैमरी, सेकंडरी मैमरी।

प्रश्न 5.
रोम की किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
EROM, PROM, EPROM, EEPROM

PSEB 8th Class Computer Solutions Chapter 8 मैमरी यूनिट्स

प्रश्न 6.
सीक्वेंशियल एक्सेस डिवाइस क्या होते हैं ?
उत्तर-
वह डिवाइस जिनको डाटा एक्सेस करने के लिए एक के बाद दूसरे क्रम में प्रयोग किया जाता है। उन्हें सीक्वेंशियल एक्सेस डिवाइस कहा जाता है।

प्रश्न 7.
सीक्वेंशियल एक्सेस डिवाइस की उदाहरण बताओ।
उत्तर-
मैग्नेटिक टेप।

प्रश्न 8.
डायरेक्ट एक्सेस मैमरी की उदाहरण दो।
उत्तर-
सीडी, डीवीडी, हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क।

प्रश्न 9.
पहली जनरेशन के कंप्यूटर का नाम बताओ।
उत्तर-
ENIAC, EVAC, EDSAC, UNIVAC-I, IBM 701.

प्रश्न 10.
मैमरी यूनिट क्या होती है ?
उत्तर-
कंप्यूटर की मैमरी को मापने के ढंग को मैमरी यूनिट कहा जाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

PSEB 8th Class Science Guide फसल उत्पादन एवं प्रबंध Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
उचित शब्द छांटकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
तैरने, जल, फसल, पोषक, तैयारी।

(क) एक स्थान पर एक ही प्रकार के बड़ी मात्रा में उगाए गए पौधों को …………………… कहते हैं।
उत्तर-
फसल

(ख) फसल उगाने से पहले प्रथम चरण मिट्टी की …………………….. होती है।
उत्तर-
तैयारी

(ग) क्षतिग्रस्त बीज जल की सतह पर ……………………… लगेंगे।
उत्तर-
तैरने

(घ) फसल उगाने के लिए पर्याप्त सूर्य का प्रकाश एवं मिट्टी से ……………………… तथा …………………….. आवश्यक हैं।
उत्तर-
जल, पोषक।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 2.
‘कॉलम A’ में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम B से कीजिए।

कॉलम A कॉलम B
(i) खरीफ़ फसल (a) मवेशियों का चारा
(ii) रबी फसल (b) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(iii) रासायनिक उर्वरक (c) पशु अपशिष्ट, गोबर, मूत्र एवं पादप अवशेष
(iv) कार्बनिक खाद (d) गेहूं, चना, मटर
(e) धान एवं मक्का ।

उत्तर-

कॉलम A कॉलम B
(i) खरीफ़ फसल (e) धान एवं मक्का
(ii) रबी फसल (d) गेहूँ, चना, मटर
(iii) रासायनिक उर्वरक (b) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(iv) कार्बनिक खाद (c) मवेशियों का चारा।

प्रश्न 3.
निम्न के दो-दो उदाहरण दीजिए-
(क) खरीफ़ फसल
(ख) रबी फसल।
उत्तर-
(क) खरीफ़ फसल-

  1. धान
  2. मक्का

(ख) रबी फसल-

  1. गेहूँ
  2. चना।

प्रश्न 4.
निम्न पर अपने शब्दों में एक-एक पैराग्राफ लिखिए-
(क) मिट्टी तैयार करना
(ख) बुआई
(ग) निराई
(घ) थ्रेशिंग।
उत्तर-
(क) मिट्टी तैयार करना – मिट्टी को पलटना और पोला बनाना ताकि इसमें पौधे वृद्धि कर सकें और साँस ले सकें। इससे सूक्ष्मजीवों की वृद्धि भी उचित होती है। इस प्रक्रिया को जुताई कहते हैं।

जुते हुए खेत में सूखी मिट्टी के बड़े-बड़े ढेलों को पाटल की सहायता से तोड़ते हैं। मिट्टी का पानी और वायु द्वारा अपरदन रोकने के लिए मिट्टी को समतल करना भी ज़रूरी है।

(ख) बुआई – खेत में बीज बोने की विधि को बुआई कहते हैं। यह फसल उत्पादन का महत्त्वपूर्ण चरण है। बोने से पहले अच्छी गुणवत्ता वाले स्वस्थ बीजों का चयन किया जाता है। बीजों को हाथों द्वारा या सीड-ड्रिल द्वारा खेतों में बोया जाता है।

(ग) निराई – यह खेतों में से अवांछित पौधे (खरपतवार) हटाने की विधि है। यह विधि बहुत आवश्यक है क्योंकि खरपतवार जल, पोषक, स्थान और प्रकाश के लिए फसल से स्पर्धा रखती है।

खरपतवार पौधों को हाथ से जड़ सहित उखाड़ कर अथवा भूमि के निकट से काट कर हटाया जाता है। खरपतवार हटाने का सर्वोत्तम समय उनमें पुष्प एवं बीज बनने से पहले का होता है। यह कार्य खुरपी या हैरो से करते हैं। कुछ रसायनों का उपयोग खरपतवार नियंत्रण के लिए किया जाता है, जिन्हें खरपतवारनाशी कहते हैं। इनका उपयोग जल में घोल कर फसल पर छिड़काव द्वारा किया जाता है।

उदाहरण-2-4 D
(घ) श्रेशिंग – कटी हुई फसल में से अनाज को भूसे से अलग करने की विधि को थ्रेशिंग कहते हैं। श्रेशिंग के लिए पशुओं का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। बड़े-बड़े खेतों में थ्रेशर या कंबाइन मशीन उपयोग में लाई जाती है। कंबाइन कटाई और थ्रेशिंग दोनों कार्य करती है।

प्रश्न 5.
स्पष्ट कीजिए कि उर्वरक खाद से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर-
उर्वरक और खाद में भिन्नता

उर्वरक (Fertilizers) GIG (Manures)
(1) एक अकार्बनिक लवण है। (1) एक कार्बनिक पदार्थ है।
(2) इसका उत्पादन फैक्ट्रियों में होता है। (2) इसे खेतों में गोबर, अपशिष्ट के अपघटन से बनाया जाता है।
(3) इससे मिट्टी में हयूमस की वृद्धि नहीं होती। (3) इसमें ह्यूमस प्रचुर मात्रा में होती है।
(4) इसमें पादप पोषक प्रचुर मात्रा में होते हैं। (4) इसमें पादप पोषक की मात्रा अल्प होती है।

प्रश्न 6.
सिंचाई किसे कहते हैं ? जल संरक्षित करने वाली सिंचाई की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
सिंचाई – विभिन्न अंतराल पर खेत में नियमित जल देना सिंचाई कहलाता है। सिंचाई का समय एवं बारंबारता फसलों, मिट्टी एवं ऋतु में भिन्न होता है।
सिंचाई की आधुनिक विधियों द्वारा जल का उपयोग मितव्ययता से होता है । जल संरक्षित करने वाली मुख्य विधियां हैं-

(i) छिड़काव तंत्र (Sprinkler System) – इस विधि का उपयोग असमतल भूमि जहां जल की मात्रा कम होती है, पर किया जाता है। सारे खेत में उर्ध्व पाइपों का जाल बिछा होता है, जिनके ऊपरी सिरों पर घूमने वाले नोजल लगे रहते हैं। यह पाइप निश्चित दूरी पर मुख्य पाइप से जुड़े होते हैं। पंप की सहायता से भेजा गया जल मुख्य पाइप से होता हुआ नोज़ल से वर्षा के रूप में पौधों पर गिरता है। यह छिड़काव रेतली (Sands) मिट्टी के लिए उपयोगी है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 1

(ii) ड्रिप-तंत्र (Drip System) – इस विधि में पौधों की जड़ों पर जल बूंद-बूंद करके गिरता है, इसलिए इसे ड्रिप-तंत्र कहते हैं। फलदार पौधों, बगीचों और वृक्षों को जल देने की यह सर्वोत्तम विधि है।

ड्रिप तंत्र में एक मुख्य नली होती है जिसकी सहायक नलियां होती हैं । इन सहायक नलियों के सिरे पर विशेष नोजल लगी होती है। इनसे जड़ों को बूंद-बूंद पानी मिलता है और पानी व्यर्थ नहीं जाता। यह विधि जल की कमी वाले क्षेत्रों के लिए वरदान है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 2

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 7.
यदि गेहूँ को खरीफ ऋतु में उगाया जाए तो क्या होगा? चर्चा कीजिए।
उत्तर-
गेहूँ एक रबी फसल है अर्थात् यह सर्दी की ऋतु में होती है और इसे कम तापमान और कम पानी की आवश्यकता होती है। यदि गेहूँ को खरीफ या वर्षा ऋतु में बोया जाएगा तो इसे अधिक पानी मिलने से गेहूँ की फसल मर जाएगी या अस्वस्थ पौधे उगेंगे।

प्रश्न 8.
खेत में लगातार फसल उगाने से मिट्टी पर क्या प्रभाव पड़ता है ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
फसल के अच्छे उत्पादन के लिए खेतों में खाद व उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। खाद और उर्वरकों में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाशियम आदि पोषक तत्त्व भरपूर होते हैं, परंतु यह मिट्टी की प्रकृति बदल देते हैं। मिट्टी क्षारीय अथवा अम्लीय बन सकती है।

प्रश्न 9.
खरपतवार क्या हैं? हम उनका नियंत्रण कैसे कर सकते हैं ?
उत्तर-
खरपतवार – उपज के साथ उगे हुए अवांछित पौधे खरपतवार कहलाते हैं। खरपतवार हटाने को निराई कहते हैं। खरपतवार को हटाने और उनकी वृद्धि को नियंत्रण करने की विधियां निम्नलिखित हैं-

  1. जताई – मिट्टी को पलटना और पोला करना जुताई कहलाता है। जुताई हल से की जाती है। इससे खरपतवार उखड़ जाती और मिट्टी में मिल जाती है।
  2. उखाड़ना – इस विधि में खरपतवार को भौतिक रूप से हाथों द्वारा उखाड़कर अथवा मिट्टी के समीप से काटकर अलग किया जाता है। इसके लिए खुरपा या हैरो उपयोग में लाए जाते हैं।
  3. रासायनिक विधि – इस विधि में कुछ रासायनिक पदार्थ, जिन्हें खरपतवार-नाशक कहते हैं, उपज पर छिड़के जाते हैं। उदाहरण-2-4 D.

प्रश्न 10.
निम्न बॉक्स को सही क्रम से इस प्रकार लगाइए कि गन्ने की फसल उगाने का रेखाचित्र तैयार हो जाए।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 3
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 4

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध

प्रश्न 11.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से पहेली को पूरा कीजिए-
ऊपर से नीचे की ओर
1. सिंचाई का एक पारंपरिक तरीका।
2. बड़े पैमाने पर पालतू पशुओं की उचित देखभाल करना।
3. फसल जिन्हें वर्षा ऋतु में बोया जाता है।
6. फसल पक जाने के बाद काटना।

बाईं से दाईं ओर
1. शीत ऋतु में उगाई जाने वाली फसलें।
4. एक ही किस्म के पौधे जो बड़े पैमाने पर उंगाए जाते हैं।
5. रासायनिक पदार्थ जो पौधों को पोषक प्रदान करते हैं।
7. खरपतवार हटाने की प्रक्रिया।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध 5
उत्तर-
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PSEB Solutions for Class 8 Science फसल उत्पादन एवं प्रबंध Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरो-

(1) पौधे को खेत के टुकड़े में ……………………… किया जाता है।
उत्तर-
रोपित

(2) बीज बोने के लिए ……………………. का उपयोग किया जाता है।
उत्तर-
सीड-ड्रिल

(3) सिंचाई के लिए ……………………… उपयोग में आता है।
उत्तर-
रहट

(4) …………………………. कटाई के काम आती है।
उत्तर-
दरांती

(5) ………………………. रसायन खरपतवार को नष्ट करते हैं।
उत्तर-
खरपतवार-नाशक

(6) खेतों को पानी देने की विधि को ……………………….. कहते हैं।
उत्तर-
सिंचाई

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(7) जब पौधे मुरझाने लगते हैं, तो ………………………. की आवश्यकता होती है।
उत्तर-
सिंचाई

(8) पौधों का मुरझाना ……………………. के अभाव से होता है।
उत्तर-
पानी

(9) वह भूमि जहां फसल उगाई जाती है, ……………………. कहलाती है।
उत्तर-
कृषि भूमि/खेत

(10) पानी मिट्टी के छिद्रों में से नीचे की ओर ……………………….. है।
उत्तर-
रिसता।

प्रश्न 2.
कृषि को परिभाषित करें।
उत्तर-
कृषि (Agriculture) – खेतों में फसलों के उगाने की प्रक्रिया को कृषि कहते हैं।

प्रश्न 3.
मुख्य खाद्य (Staple Food) क्या है ?
उत्तर-
मुख्य खाद्य (Staple Food) – वे खाद्य पदार्थ जो हमारे आहार का मुख्य अंश हैं, मुख्य खाद्य (Staple food) कहलाते हैं।
जैसे – गेहूँ और चावल। यह बड़े-बड़े खेतों में अत्यधिक मात्रा में उगाए जाते हैं क्योंकि इनका अत्यधिक उपयोग होता है।

प्रश्न 4.
पौधे की उचित वृद्धि के लिए कौन-से कारक आवश्यक हैं ?
उत्तर-
पौधे की उचित वृद्धि के लिए कारक-

  1. वायु
  2. सूर्य का प्रकाश
  3. जल एवं पोषक तत्त्व।

प्रश्न 5.
एक उपज पकने में प्रायः कितना समय लेती है ?
उत्तर-
एक उपज को पकने में प्राय: 3-4 मास लगते हैं।

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प्रश्न 6.
कटाई ऋतु से संबंधित त्योहारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
कटाई ऋतु से संबंधित त्योहार-

  1. पोंगल
  2. बैसाखी
  3. होली
  4. दीवाली
  5. नबान्या
  6. बीहूं।

प्रश्न 7.
खरपतवार-नाशक (Weedicides) क्या हैं ?
उत्तर-
खरपतवार-नाशक – वे रासायनिक पदार्थ जो खरपतवार को हटाने और उनकी वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए खेत पर छिड़के जाते हैं, खरपतवार-नाशक कहलाते हैं।

प्रश्न 8.
पशुपालन (Animal Husbandry) क्या है ?
उत्तर-
पशुपालन – पालतू पशुओं के लिए भोजन, आवास और उचित देखभाल के अध्ययन को पशुपालन कहते हैं।

प्रश्न 9.
फसल (Crop) क्या है ?
उत्तर-
फसल (Crop) – एक ही किस्म के पौधे एक स्थान पर उगाने को फसल कहते हैं।

प्रश्न 10.
देश की दो मुख्य फसलों के नाम लिखो।
उत्तर-
गेहूँ, चावल।

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प्रश्न 11.
उत्पाद (Produce) क्या है ?
उत्तर-
उत्पाद – खेतों अथवा जल में फसल को उगाने के पश्चात् जो पदार्थ मिलते हैं, उन्हें उत्पाद कहते हैं।

प्रश्न 12.
ऋतुओं के आधार पर उपज कैसे वर्गीकृत की जाती है ?
उत्तर-
उपज का वर्गीकरण है- रबी और खरीफ उपज।

प्रश्न 13.
खरीफ फसल किस मानसून पर निर्भर करती है ?
उत्तर-
दक्षिण-पश्चिम मानसून।

प्रश्न 14.
खरीफ फसल (Kharif Crop) क्या है ?
उत्तर-
खरीफ फसल – जून-अक्तूबर में उगाई जाने वाली फसल, खरीफ फसल है। जैसे- धान, मक्का।

प्रश्न 15.
रबी फसल (Rabi Crop) क्या है ?
उत्तर-
रबी फसल – नवंबर-अप्रैल में उगाई जाने वाली फसल, रबी फसल है। यह मानसून पर निर्भर नहीं करती।
उदाहरण – गेहूँ, फलीदार पौधे जैसे-चना (Gram)।

प्रश्न 16.
कृषि पद्धतियां (Agricultural Practices) क्या हैं ?
उत्तर-
कृषि पद्धतियां – फसल उगाने के लिए सामयिक अवधि में किसान द्वारा किए गए क्रिया-कलाप, कृषि पद्धतियां कहलाते हैं।

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प्रश्न 17.
कृषि औज़ार (Impliments) क्या हैं?
उत्तर-
कृषि औज़ार- कृषि पद्धतियों में उपयोग आने वाले औज़ार, कृषि औज़ार कहलाते हैं।

प्रश्न 18.
पौधे मिट्टी में से क्या ग्रहण करते हैं ?
उत्तर-
जल और खनिज।

प्रश्न 19.
फसल उगाने से पहले जुताई क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
जुताई से मिट्टी पोली होती है। इसमें वायु का फैलाव हो जाता है और नमी रखने की क्षमता बढ़ती है।

प्रश्न 20.
भूमि को समतल करने के लिए कौन-सा औज़ार उपयोग में आता है ?
उत्तर-
पाटल।

प्रश्न 21.
बीजों द्वारा उगने वाली तीन फसलों के नाम लिखो।
उत्तर-
गेहूँ, मक्का, जौ।

प्रश्न 22.
पौधे के कायिक भागों से उगने वाली दो फसलों के नाम लिखो।
उत्तर-
आलू, गन्ना।

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प्रश्न 23.
मिट्टी में अधिक गहराई पर बीजे गए बीज क्यों नहीं पनपते ?
उत्तर-
क्योंकि गहराई में नमी और वायु उपलब्ध नहीं होती।

प्रश्न 24.
बुआई क्या है?
उत्तर-
बुआई – हाथों द्वारा बीजों को खेत में छिड़कना बुआई कहलाता है।

प्रश्न 25.
बुआई के लिए सीड-ड्रिल कैसे मददगार है ?
उत्तर-
सीड-ड्रिल से बीज उचित गहराई में बोए जाते हैं।

प्रश्न 26.
पौधशाला (Nursery) क्या है ?
उत्तर-
पौधशाला – एक छोटे क्षेत्र में बीजों से उगाए छोटे पौधों को उखाड़कर खेतों में रोपित करते हैं। इस क्षेत्र को पौधशाला कहते हैं।

प्रश्न 27.
बुआई के समय किस फसल के लिए खड़ा पानी आवश्यक है ?
उत्तर-
धान।

प्रश्न 28.
सिंचाई (Irrigation) की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
सिंचाई – उचित समय अंतराल पर पौधों का पानी देने की प्रक्रिया सिंचाई कहलाती है।

प्रश्न 29.
फसल को अधिक पानी देने से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
अधिक पानी से मिट्टी में वायु की मात्रा कम हो जाती है, जिससे जड़ें नष्ट हो जाती हैं।

प्रश्न 30.
जल मग्नता (Water logging) का क्या कारण है?
उत्तर-
अधिक सिंचाई।

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प्रश्न 31.
पतन क्या है?
उत्तर-
पतन – वर्षा के साथ तेज़ हवाओं से उपज का गिरना पतन कहलाता है।

प्रश्न 32.
खेत खाली छोड़ना (Field Fallowing) क्या है ?
उत्तर-
खेत पर उपज न बोना खेत खाली छोड़ना कहलाता है।

प्रश्न 33.
जैविक खाद (Organic Manure) क्या है ?
उत्तर-
जैविक खाद – पौधों और पशु अपशिष्ट से प्राप्त जैविक पदार्थ, जैविक खाद कहलाता है।

प्रश्न 34.
फसल-चक्रण (Crop Rotation) कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
फसल चक्रण – मिट्टी के पोषक तत्त्वों की पूर्ति के लिए एक फसल के बाद दूसरी अन्य फसल को उगाया जाता है।

प्रश्न 35.
किस फसल को नाइट्रोजन उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती और क्यों?
उत्तर-
फलीदार पौधों को नाइट्रोजन उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि उनकी जड़ों में उपस्थित बैक्टीरिया वायु की नाइट्रोजन को स्थिर कर सकते हैं।

प्रश्न 36.
दो फलीदार पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-
बरसीम और चना।

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प्रश्न 37.
खरपतवार (Weeds) क्या है ?
उत्तर-
खरपतवार – उपज के अतिरिक्त सभी पौधे जो अवांछित हैं खरपतवार कहलाते हैं।

प्रश्न 38.
निराई (Weeding) क्या है ?
उत्तर-
खरपतवार हटाने की प्रक्रिया निराई है।

प्रश्न 39.
निराई क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
खरपतवार मिट्टी से पोषक तत्त्व ग्रहण करती है। यह पौधे जल और प्रकाश की स्पर्धा से फसल की वृद्धि रोकते हैं।

प्रश्न 40.
खरपतवारी नाशकों के स्थान पर कौन-से रसायन उपयोग में आ रहे हैं ?
उत्तर-
शाकनाशी (Herbicides)।

प्रश्न 41.
कीट (Pests) क्या हैं ?
उत्तर-
कीट – फसलों को नष्ट करने वाले जीव, कीट कहलाते हैं।

प्रश्न 42.
कीटनाशक (Pesticides) क्या हैं ?
उत्तर-
कीटनाशक – कीटों को नष्ट करने वाले रसायन कीटनाशक हैं।

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प्रश्न 43.
किन्हीं दो कीटों के नाम लिखो।
उत्तर-
टिड्डी (Locust), घास का टिड्डा (Grass hopper)।

प्रश्न 44.
कटाई (Harvesting) क्या है ?
उत्तर-
कटाई – पकी हुई फसल को काटना, कटाई कहलाता है।

प्रश्न 45.
उपज उत्पादन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
उपज उत्पादन – कटी हुई फसल के दानों की मात्रा उपज उत्पादन है।

प्रश्न 46.
कंबाइन (Combine) क्या है ?
उत्तर-
कंबाइन – मशीनी कटाई यंत्र कंबाइन कहलाते हैं। इनसे कटाई और श्रेशिंग साथ-साथ और आसानी से हो जाती हैं।

प्रश्न 47.
भंडारण में नमी क्यों नियंत्रित की जाती है ?
उत्तर-
कवक की वृद्धि रोकने के लिए।

प्रश्न 48.
उपज-उत्पाद (Crop Yield) क्या है ?
उत्तर-
उपज-
उत्पाद – अनाज के बीजों की कुल मात्रा को उपज उत्पाद कहते हैं।

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प्रश्न 49.
जुताई के लिए उपयुक्त होने वाले औज़ारों के नाम लिखिए।
उत्तर-
हल, कुदाली, कल्टीवेटर।

प्रश्न 50.
कल्टीवेटर (Cultivator) से क्या लाभ है ?
उत्तर-
इससे समय और बल कम लगता है।

प्रश्न 51.
उर्वरक की अधिक मात्रा से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
भूमि की उपजाऊ शक्ति कम होती है। ये जल प्रदूषण का भी कारण बनते हैं।

प्रश्न 52.
सिंचाई के विभिन्न साधन क्या हैं ?
उत्तर-
कुएँ, ट्यूबवैल, तालाब, झीलें, नदियाँ, बाँध और नहरें।

प्रश्न 53.
सिंचाई के परंपरागत साधन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-

  1. मोट (घिरनी),
  2. चेन पंप,
  3. ढेकली,
  4. रहट।

प्रश्न 54.
घर में भंडारण समय किस पौधे की पत्तियाँ उपयोग में लाई जाती हैं ?
उत्तर-
नीम की पत्तियाँ ।

प्रश्न 55.
अनाज का उचित भंडारण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
कीटों और सूक्ष्मजीवों के हमले से बचाने के लिए अनाज का उचित भंडारण आवश्यक है।

प्रश्न 56.
फ़सल कटाई के लिए हम कौन-सा कृषि औज़ार प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
दरांती, हार्वेस्टर ।

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प्रश्न 57.
हमें भोजन की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर-
हमें ऊर्जा के लिए, वृद्धि के लिए, जीवन प्रक्रियाओं के लिए भोजन की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 58.
खराब बीज की जाँच कैसे की जाती है ?
उत्तर-
खराब बीज हल्के होते हैं तथा पानी पर तैरते रहते हैं।

प्रश्न 59.
नर्सरी द्वारा उगाई जाने वाली फसलों के नाम दें।
उत्तर-
धानी, टमाटर आदि।

प्रश्न 60.
कुछ उर्वरकों के नाम लिखें।
उत्तर-
यूरिया, सुपर फास्फेट आदि।

प्रश्न 61.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
नाइट्रोजन स्थिरीकरण-दाल वाले पौधों की जड़ों में सूक्ष्मजीव (जीवाणु) द्वारा वायुमंडल की नाइट्रोजन को नाइट्रेट में बदलने की प्रक्रिया को नाइट्रोजन स्थिरीकरण कहते हैं।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बीज बोने से पहले मिट्टी को पलटा और पोला क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
बीज बोने से पहले मिट्टी को पलटा और पोला करने के कारण हैं-

  1. इससे जड़ें आसानी से गहराई तक फैल सकती हैं।
  2. जड़ें आसानी से श्वास ले सकती हैं।
  3. पौधा मज़बूती से मिट्टी में खड़ा रह सकता है।
  4. कृमियों और सूक्ष्मजीवों की वृद्धि में सहायक है।

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प्रश्न 2.
बुआई (Broadcasting) और रोपण (Transplanting) क्या है ?
उत्तर-
बुआई (Broadcasting) – मिट्टी की तैयारी के बाद बीज बोया जाता है। वीज बोने की क्रिया को बुआई कहते हैं। बीज बोने के दो तरीके हैं
हाथों दवारा अथवा सीड-ड्रिल दवारा।
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रोपण (Transplanting) – इस क्रिया द्वारा पौधशाला से पौध लेकर उसे पानी और खनिज युक्त उचित स्थान पर रोपित किया जाता है।

प्रश्न 3.
कीटनाशक (Insecticides) क्या है ? संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
कीटनाशक – कुछ विशेष रसायन जो कीट और हानिकारक सूक्ष्मजीव और उनके लारवा को नष्ट करते हैं, परंतु पौधे पर कोई प्रभाव नहीं डालते, कीटनाशक कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
कटी हुई फसल अथवा अनाज को नमी से क्यों बचाना चाहिए ?
उत्तर-
नमी से कवक और पीड़कों की वृद्धि में बढ़ौतरी होती है। कुछ सूक्ष्मजीव ज़हरीले भी होते हैं। इसलिए अनाज को सुखाकर उसका भंडारण करना चाहिए।

प्रश्न 5.
किसान फसल चक्रण कैसे करता है ?
उत्तर-
फसल चक्रण-फसल चक्रण से अभिप्राय है प्रति वर्ष फसल का बदलना अर्थात् एक फसल के बाद दूसरी फसल को उगाना ताकि कीट पीड़क न पनप सकें।

एक ही फसल बार-बार उगाने से मिट्टी के विशेष पोषक तत्त्व खत्म हो जाते हैं। इस समस्या से बचने के लिए दो विभिन्न किस्मों को एक-के बाद उगाना चाहिए। उदाहरण के लिए मक्का और गेहूँ, मूंगफली के साथ बदल-बदल कर उगाई जाती है। मूंगफली के पौधे की जड़ें नाइट्रोजन को स्थिर कर मिट्टी के पोषक तत्त्वों की पूर्ति करती हैं। यह पोषक तत्त्व गेहूँ के लिए लाभकारी होते हैं। फसल चक्रण से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है।

प्रश्न 6.
खेत में पीड़कों की रोकथाम कैसे की जाती है ? ।
उत्तर-
पीड़कों की रोकथाम – पीड़क सजीव हैं, जो फसल के रोग फैलाते हैं अथवा फसल नष्ट करते हैं। इनकी रोकथाम के लिए Mira पीड़कनाशक जैसे मैलाथिओन, डाइसिस्टोन, बी० एच० सी० आदि का उपयोग किया जाता है। इनका फसल पर छिड़काव करते हैं जिससे पीड़क मर जाते हैं और पौधों और मनुष्य पर इनका कुप्रभाव नहीं पड़ता।
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प्रश्न 7.
खेत में अधिक पानी से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
खेत में अधिक पानी से हानि-

  1. फसल नष्ट हो सकती है।
  2. लगातार जल मग्नता से मिट्टी में लवणों की मात्रा में वृद्धि हो सकती है। जिससे मिट्टी की प्रकृति सदा के लिए नष्ट हो सकती है।
    अधिक पानी को उचित नालियों द्वारा निकाल देना चाहिए।

प्रश्न 8.
फल, सब्ज़ियों अथवा अनाज को उपयोग में लाने से पहले क्यों धोना चाहिए ?
उत्तर-
खेत से प्राप्त फल, सब्जियाँ, अनाज उपयोग में लाने से पहले इसलिए धोए जाते हैं क्योंकि इन पर पीड़कनाशकों की तह हो सकती है जो हानिकारक हो सकती है।

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प्रश्न 9.
खेत को खाली छोड़ने से (Field Fallow) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
कुछ खेतों को कम-से-कम एक ऋतु के लिए बिना फसल छोड़ा जाता है ताकि पोषक तत्त्वों की प्राकृतिक रूप से आपूर्ति हो सके। इस क्रिया को खेत खाली छोड़ना कहते हैं।

इससे ह्यूमस की वृद्धि बढ़ती है जिससे सूक्ष्मजीवों की भी वृद्धि होती है। इसके साथ पोषक तत्त्वों की भी आपूर्ति होती है।

प्रश्न 10.
भंडारित अनाज कैसे नष्ट होता है ?
उत्तर-
चूहे, कीट आदि भंडारित अनाज को नष्ट करते हैं। अनुमानित 25% अनाज चूहों द्वारा नष्ट हो जाता है। कीट और कवक भी अनाज को नष्ट करते हैं। इन ग्रसित अनाजों के सेवन से कई रोग उत्पन्न हो सकते हैं।

प्रश्न 11.
खरपतवार (Weeds) क्या हैं ? इन्हें कैसे दूर किया जाता है ?
उत्तर-
खरपतवार (Weeds) – खेत में उपज के साथ उगने वाले अवांछित पौधे ही खरपतवार कहलाते हैं। खरपतवार को हटाने के लिए खुरपे एवं हैरो (Harrow) का उपयोग किया जाता है।
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प्रश्न 12.
हैरो (Harrow) की बनावट बताएँ। इसका मुख्य उपयोग क्या है ?
उत्तर-
हैरो की बनावट – इसमें नोक वाली लोहे की छड़ या लकड़ी का तख्ता होता है। यह खेत में से हल की तरह खरपतवार को उखाड़ फेंकता है। .
चित्र-बैल द्वारा चलित हैरो उपयोग-यह खरपतवार को उखाड़ने के काम आता है।
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प्रश्न 13.
बीज बोने या उपज उगाने से पहले मिट्टी पर हल क्यों चलाया जाता है ?
उत्तर-
बीज बोने से पहले मिट्टी पर हल चलाने के निम्नलिखित कारण हैं-

  1. हल चलाने से मिट्टी गहराई तक हिल जाती है। इससे आंशिक या पूर्ण मिट्टी पलटी जा सकती है।
  2. हल चलाने से पहली उपज के अवशेष बाहर निकल जाते हैं और मिट्टी पोली हो जाती है।
  3. बार-बार हल चलाने से खरपतवार हट जाती है।
  4. हानिकारक सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं।
  5. हल चलाने से मिट्टी छिद्र युक्त हो जाती है।
  6. हल चलाने से मिट्टी नर्म, साफ और उपज उगाने हेतु योग्य बन जाती है।

प्रश्न 14.
खेतों में खाद क्यों डाली जाती है ?
उत्तर-
पौधे पोषक मिट्टी में से ग्रहण करते हैं। यदि फसल लगातार उगाई जाएगी तो मिट्टी के पोषक तत्त्वों में कमी आ जाएगी। इस कमी की पूर्ति के लिए खादें खेत में डाली जाती हैं।

प्रश्न 15.
कटाई (Harvesting) और थ्रेशिंग (Threshing) क्या है ?
उत्तर-
कटाई (Harvesting) – उपज के पकने पर उसे काटा जाता है, इस क्रिया को कटाई कहते हैं। अधिकतर फसलें दराँती या बड़ी कंबाइनों (Combines) से काटी जाती हैं।
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थ्रेशिंग (Threshing) – भूसे से अनाज के दानों को पृथक् करने की विधि, थ्रेशिंग कहलाती है। बड़े पैमाने पर जंतुओं को थ्रेशिंग के लिए उपयोग में लाया जाता है।

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प्रश्न 16.
ऋतुओं के आधार पर पौधों का वर्गीकरण क्या है ? प्रत्येक किस्म के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
ऋतुओं के आधार पर पौधे दो भागों में वर्गीकृत होते हैं-
(i) खरीफ फसल
(ii) रबी फसल।

(i) खरीफ फसल – मानसून ऋतु में उगने वाली फसल, खरीफ फसल कहलाती है। उदाहरण-मक्का, बाजरा और कपास आदि।

(ii) रबी फसल – शरद ऋतु में उगाई जाने वाली फसल, रबी फसल कहलाती है।
उदाहरण – गेहूँ, चना और सरसों आदि।

प्रश्न 17.
मिश्रित उपज (Mixed Cropping) क्या है ?
उत्तर-
मिश्रित उपज – समय और ऊर्जा की बचत हेतु दो फसलों को एक साथ उगाने की प्रक्रिया मिश्रित उपज कहलाती है।
उदाहरण – कपास के साथ मूंगफली की फसल उगाना।

प्रश्न 18.
मिट्टी में बीज उचित गहराई पर क्यों डालने चाहिएं ?
उत्तर-
मिट्टी में बीज उचित गहराई पर डालने चाहिएं क्योंकि यदि वह अधिक गहराई पर होंगे तो वे पनप नहीं सकेंगे अथवा यदि वे कम गहराई पर होंगे तो पक्षियों एवं जीवों द्वारा खा लिए जाएंगे।

प्रश्न 19.
फसल को कैसे भंडारित किया जाता है ?
उत्तर-
फसल का भंडारण बड़े गोदामों में भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) और राज्य गोदाम निगम (State Warehousing Corporation) जैसी संस्थाओं द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 20.
उर्वरक की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
उर्वरक – मानव निर्मित रसायन जिनमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम अर्थात् जैविक पोषक तत्त्व से भरपूर होता है, उर्वरक कहलाते हैं।

प्रश्न 21.
जैविक खाद का उपयोग क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
जैविक खाद के उपयोग से मिट्टी को कोई हानि नहीं पहुँचती परंतु पोषक तत्त्वों की पूर्ति हो जाती है। यह खाद उर्वरकों से बेहतर है। सब्जियां और फल जो जैविक खाद से वृद्धि करते हैं, खाने के लिए सुरक्षित होते हैं। जबकि सब्जियां और फल उर्वरकों द्वारा वृद्धि करने में सहायक हो सकते हैं।

प्रश्न 22.
आपको कुछ बीज बोने के लिए दिए गए हैं। आप किन कारकों को ध्यान में रखोगे ?
उत्तर-
हमें बीज बोते समय निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए-

  1. उचित गहराई पर बोना।
  2. नियमित सिंचाई।
  3. उचित समय पर खाद देना।
  4. खरपतवार को न उगने देना।
  5. पीड़कनाशी का छिड़काव ।
  6. उचित प्रकाश का प्रबंध।

प्रश्न 23.
रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
रासायनिक उर्वरक. हानिकारक हो सकते हैं क्योंकि-

  1. मिट्टी की प्राकृतिक उपजाऊ शक्ति नष्ट करते हैं।
  2. मिट्टी की रसायन प्रकृति बदल देते हैं।
  3. रसायन मिट्टी में रिस कर उपज में शोषित हो जाते हैं और भोजन श्रृंखला में पहुँच कर पौधों और जानवरों को नष्ट करते हैं।

प्रश्न 24.
हम अनाज कैसे भंडारित करते हैं ? शीत भंडारण (Cold Storage) क्या है ?
उत्तर-
अनाज भंडारण की विधियां-

  1. किसान धातु अथवा मिट्टी के छोटे डिब्बों में अनाज का भंडारण करता है। इन्हें अनाज घर (Granaries) कहते हैं।
  2. सूखे अनाज को उचित हवादार सीमेंट के कमरों में स्थानांतरित किया जाता है। इन्हें गोदाम कहते हैं।
  3. कुछ फलों और सब्जियों को निम्न ताप पर भंडारित किया जाता है। इसे शीत भंडारण कहते हैं।

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प्रश्न 25.
एक क्षेत्र में उपज उगाने की मूल आवश्यकताएँ क्या हैं ?
उत्तर-
एक क्षेत्र में उपज उगाने की मूल आवश्यकताएँ-

  1. उचित किस्म की मिट्टी
  2. खाद का उपयोग
  3. सिंचाई
  4. बीजों की उत्तम किस्में
  5. कृषि औजार
  6. उपज के रोगों की रोकथाम के लिए रसायन।

प्रश्न 26.
सभी फसलें एक ही ऋतु में क्यों नहीं उगती हैं ?
उत्तर-
सभी फसलें एक ही ऋतु में नहीं उगती क्योंकि प्रत्येक फसल की वृद्धि के लिए विशेष प्रकार की मिट्टी _ और पर्यावरणीय परिस्थितियाँ जैसे प्रकाश, ताप और वाय चाहिए।

प्रश्न 27.
क्या सभी फसलों को समान खाद और उर्वरक की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
नहीं, प्रत्येक फसल की वृद्धि के लिए विशेष प्रकार की खाद तथा उर्वरक की ज़रूरत होती है। धान की फसल के लिए जैविक खाद (Farmyard Manure) उत्तम है। मूंगफली की फसल को कोई खाद व उर्वरक नहीं चाहिए क्योंकि इसकी जड़ों में ग्रंथिकाएँ (Nodules) होती हैं, जिनमें नाइट्रोजन स्थिर करने वाले बैक्टीरिया होते हैं। यह वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर करके नाइट्राइट और नाइट्रेट में परिवर्तित कर देते हैं। गेहूँ की फसल के लिए हरी खाद (Green Malure) और जैविक खाद (Farmyard Manure) का मिश्रण उपयोग में लाया जाता है।

प्रश्न 28.
कीटनाशकों तथा खरपतवार नाशकों में दो अन्तर बताओ।
उत्तर-
कीटनाशकों और खरपतवार नाशकों में अन्तर-

 

कीटनाशक (Insecticides) खरपतवार नाशक (Weedicides)
(i) यह रसायन उपज को नुकसान पहँचा रहे कीटों का नाश करती है। (i) यह रसायन उपज के साथ उगे अवांछित पौधों (खरपतवारों) का नाश करती है।
(ii) यह रसायन मानवीय शरीर पर प्रभाव डालते हैं। उदाहरण D.D.T. (ii) यह रसायन मानवीय शरीर पर प्रभाव डालते हैं और भोजन श्रृंखला में भी सम्मिलित हो जाते हैं। उदाहरण 2-+ D, बूटाकलौर

प्रश्न 29.
पनीरी लगाने से क्या भाव है ?
उत्तर-
पनीरी लगाना-धान, मिर्च, टमाटर तथा गोभी आदि ऐसी फसलें हैं जिनको सीधे ही खेत में नहीं लगाया जाता। इनके बीजों को एक छोटे-से भू-खण्ड में बीज कर जो पनीरी तैयार की जाती है, उसे पनीरी (Seedling) कहते हैं।

जब पनीरी अच्छी तरह तैयार हो जाती है तो भू-खण्ड में से उखाड़कर खेतों में एक विशेष दूरी पर लगा दिया जाता है। इस विधि को पनीरी लगाना कहते हैं।

प्रश्न 30.
सिंचाई के पारंपरिक तरीकों का चित्रों द्वारा वर्णन करो।
उत्तर-
सिंचाई के पारंपरिक तरीके
(a) मोट
(b) चेन पंप
(c) ढेकली
(d) रहट।
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पानी खींचने के लिए प्रायः पंपों का उपयोग किया जाता है। डीज़ल, बायोगैस, विद्युत् और सौर ऊर्जा से पंप चलाए जाते हैं। पंपों की विभिन्न शक्ति होती है। उनका चयन क्षेत्र की आवश्यकता के आधार पर किया जाता है।

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TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मुख्य कृषि पद्धतियों का वर्णन करें।
उत्तर-
मुख्य कृषि पद्धतियाँ-

  • हल चलाना – इससे मिट्टी पोली और पतली हो जाती है। यह लकड़ी या लोहे के बने होते हैं। हल चलाने के बाद मिट्टी समतल की जाती है ताकि हवा और पानी से मिट्टी उड़ न सके।
  • बुआई – मिट्टी की तैयारी के बाद खेतों में बीज हाथों अथवा सीड-ड्रिल द्वारा डाला जाता है। इसे बुआई __ कहते हैं।
  • सिंचाई – फसली पौधे मिट्टी में से जड़ों द्वारा जल ग्रहण करते हैं। पौधे की वृद्धि के लिए पानी आवश्यक है। सिंचाई के विभिन्न ढंगों जैसे-पानी चक्की, छिड़काव, ट्यूवबैल, दोलित टोकरियों आदि का उपयोग किया जाता है।
  • खाद डालना – प्रत्येक फसल मिट्टी में से काफ़ी मात्रा में पोषक अवशोषित करती है। इन पोषकों की पूर्ति के लिए खाद डालना आवश्यक है।
  • निराई – खेतों में फसल के साथ कई अन्य पौधे भी उग जाते हैं। यह फसल के साथ जल, प्रकाश और पोषकों की स्पर्धा रखते हैं। अतः इनका खेतों में से हटाना अति आवश्यक है। इस क्रिया को निराई कहते हैं।
  • फसल की सुरक्षा – कीट, कवक, बैक्टीरिया, चूहे आदि फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। कीटनाशी और खरपतवारनाशी का उपयोग करके इन्हें नष्ट किया जाता है।
  • कटाई और भंडारण – जब फसल तैयार हो जाती है तो उचित समय पर इसे काटा जाता है। फसलों की कटाई हाथों से, दराँती से अथवा हारवेस्टर से की जाती है। अनाज को भूसे से अलग किया जाता है और अनाज का भंडारण बड़े-बड़े भंडार ग्रहों में किया जाता है। अनाज में नमी की मात्रा 14% से अधिक नहीं होनी चाहिए।

प्रश्न 2.
फसल की उपज बढ़ाने के लिए कौन-सी पद्धतियाँ इस्तेमाल में लाई जाती हैं ?
उत्तर-
फसल की उपज बढ़ाने की पद्धतियाँ हैं-
(i) मिट्टी में उर्वरकों का मिलाना
(ii) चयनित बीजों का उपयोग
(iii) खरपतवार नियंत्रण
(iv) पौधों के रोगों का नियंत्रण।

(i) उर्वरक (Fertilizers) – यह रासायनिक पदार्थ, खेतों में मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए डाले जाते हैं। यह पोषक तत्त्वों की आपूर्ति करके फसल की उपज बढ़ाने में सहायक होते हैं।

(ii) चयनित बीजों का उपयोग (Selective Breeding) – रोग निरोधक बीजों का निर्माण किया जाता है। उच्च किस्म के बीजों के नियमित उपयोग से फसल में वृद्धि होती है।

(iii) खरपतवार नियंत्रण (Weed Control) – खरपतवार-नाशकों के उपयोग से खरपतवार को नष्ट किया जाता है।

(iv) पौधों के रोगों का नियंत्रण (Control of Plant Diseases) – फसल को कीटों, कवक, जंतुओं और रोगों से बचाना चाहिए। फसल की उपज के लिए यह अति आवश्यक प्रक्रम है। कीटों को नष्ट करने के लिए कीटनाशी का उपयोग करना चाहिए।

प्रश्न 3.
उर्वरक क्या है ? मिश्रित उर्वरक क्या है ? किसान खेतों में उर्वरक क्यों डालते हैं ? हमें उर्वरक कैसे भंडारित करने चाहिएं ?
उत्तर-
उर्वरक – खेत अथवा मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कायम रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले रसायन, उर्वरक कहलाते हैं।

मिश्रित उर्वरक-उर्वरक जो एक साथ कई पोषक तत्त्वों की आपूर्ति करें, मिश्रित उर्वरक कहलाते हैं ; जैसे-
(i) NPK में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम है।
(ii) CAN – कैल्शियम, अमोनियम नाइट्रेट का मिश्रित उर्वरक है।

उर्वरकों की महत्ता – खेतों में खनिज तत्त्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाशियम की आपूर्ति के लिए रासायनिक उर्वरक और मिश्रित उर्वरक डाले जाते हैं। मिट्टी में तत्त्वों की कमी लगातार उपज उगाने से होती है। इसलिए किसान खेतों में उर्वरक डालते हैं।

उर्वरकों का भंडारण – कई उर्वरक नमी प्रिय होते हैं अर्थात् यह जल शोषित करते हैं। यदि उर्वरकों को नमी युक्त स्थानों पर भंडारित किया जाए तो यह खेतों में डालने योग्य नहीं रहते। कुछ उर्वरक थैलों को नष्ट कर देते हैं जिनमें वे रखे जाते हैं। इनका भंडारण शुष्क स्थानों पर होना चाहिए।

प्रश्न 4.
जुताई (Ploughing) के लिए कौन-कौन से औज़ार उपयुक्त होते हैं, वर्णन करो।
उत्तर-
जुताई (Ploughing) के लिए उपयोग में आने वाले औज़ार-हल, कुदाली (Hoe), कल्टीवेटर (Cultivator)।

(i) हल – इसका उपयोग मिट्टी के पलटने, उर्वरक डालने, खरपतवार हटाने, मिट्टी को छांटने आदि के लिए किया जाता है। यह लकड़ी से बना होता है और बैलों के एक जोड़े से खींचा जाता है।
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इसमें लोहे की मज़बूत तिकोनी पत्ती होती है, जिसे फाल कहते हैं। हल का मुख्य भाग लंबी लकड़ी का बना होता है जिसे हल शैफ्ट कहते हैं। इसके एक सिरे पर हैंडल होता है तथा दूसरा सिरा जोत के डंडे से जुड़ा होता है जिसे बैलों की गरदन के ऊपर रखा जाता है। एक जोड़ी बैल एवं एक आदमी इसे सरलता से चला सकता है।

(ii) कुदाली (Hoe) – यह एक सरल औज़ार है जिसका उपयोग खरपतवार निकालने और मिट्टी को पोला करने के लिए किया जाता है। इसमें लकड़ी अथवा लोहे की छड़ होती है जिसके सिरे पर लोहे की चौड़ी और मुड़ी प्लेट लगी होती है जो ब्लेड का कार्य करती है। इसका दूसरा सिरा पशुओं द्वारा खींचा जाता है।
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(iii) कल्टीवेटर (Cultivator) – आजकल जुताई ट्रैक्टरों द्वारा संचालित कल्टीवेटर से की जाती है। इनके उपयोग से श्रम और समय दोनों की बचत होती है।
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