PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical बटन लगाना और काज बनाना Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बटन हमेशा किस कपड़े पर लगाना चाहिए ?
उत्तर-
बटन हमेशा दोहरे कपड़े पर लगाना चाहिए।

प्रश्न 2.
कमीज़ वाले बटनों में कितने छिद्र होते हैं ?
उत्तर-
कमीज़ वाले बटनों में दो या चार छिद्र होते हैं।

प्रश्न 3.
काज किस प्रकार के कपड़ों पर बनाना चाहिए ?
उत्तर-
काज हमेशा दोहरे कपड़ों पर बनाना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

प्रश्न 4.
धागा कहाँ लपेटना चाहिए ?
उत्तर-
धागा डंडी के आस-पास लपेटना चाहिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बटन लगाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
बटन लगाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. सभी बटनों की डंडी बनानी ज़रूरी है। डंडी के साथ बटन कपड़े के नीचे से ऊँचा रहता है। इससे बटन बंद करना आसान होता है और बटन के नीचे का कपड़ा नहीं घिसता।
  2. डंडी के आस-पास भी धागा लपेटना चाहिए ताकि काज के साथ रगड़ खाकर जल्दी टूट न जाए।
  3. जहाँ तक संभव हो टाँके बटन के छिद्र की सीध में ही होना चाहिए।
  4. बटन सफ़ाई और मज़बूती से लगाए जाने चाहिए।
  5. बटन हमेशा दोहरे कपड़े पर लगाना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

प्रश्न 2.
कमीज़ में दो छिद्रों वाले बटन कैसे लगाते हैं ?
उत्तर-
कमीज़ में दो छिद्रों वाले बटन लगाने के लिए बटन को अपनी जगह पर ही रखते हैं और छिद्र में से सूई कपड़े के नीचे से निकालते हैं और दूसरे छिद्र में डालकर कपड़े के नीचे ले जाते हैं। इस तरह तीन, चार, पाँच टाँके लगाने के बाद डंडी बनाते हैं।

प्रश्न 3.
कमीज़ में चार छिद्रों वाले बटन कैसे लगाते हैं ?
उत्तर-
कमीज़ में चार छिद्रों वाले बटनों को क्रॉस (×) बनाकर सीधी लाइनों में या चौरस शक्ल के टाँके लगाकर बनाते हैं। धागे को छेदों से इतनी बार निकालते हैं कि छिद्र भर जाए। बाद में डंडी बनाकर धागे को नीचे ले जाते हैं और एक बखिए का टाँका लगाकर कपड़े की दो तहों में से सूई निकालकर धागा तोड़ देते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
काज बनाने की विधि का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर-
1. काज हमेशा दोहरे कपड़े पर बनाना चाहिए। जिस जगह पर काज बनाना हो वहाँ बटन के आकार के अनुसार पेंसिल का निशान लगाना चाहिए, फिर ब्लेड से या छोटी कैंची से वहाँ काट देना चाहिए। उतना ही काटना चाहिए जिसमें बटन जरा मुश्किल से निकल सके। अधिक खुले काज में से बटन अपने आप निकल जाते हैं।
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 1
चित्र 5.1 काज बनाना

2. पतली लम्बी सूई में धागा डालते हैं। धागे को गाँठ नहीं लगाते हैं।

3. सूई को काज के बाएँ किनारे से ले जाते हैं और कपड़े की ऊपर वाली तह के बीच से दो-तीन धागे को लेकर सूई निकालते हैं। धागे का 14″ किनारा छोड़कर धागा खींच लेते हैं। इसे ” धागे के पहले कुछ टाँकों में दबा देते हैं।

4. काटे हुए किनारे का काज टाँका बनाते हैं।
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 2
चित्र 5.2 काज बनाना
चित्र 5.3 काज बनाना

5. काज का गोल किनारा बनाने के लिए किनारे के साथ-साथ 9 या 7 सीधे टाँके लगाते हैं। बीच वाला टाँका कटाव के बिल्कुल मध्य में होना चाहिए। टाँकों की लम्बाई बराबर होनी चाहिए और किनारा गोल बनाना चाहिए।
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 3
चित्र 5.4 काज बनाना

6. काटे गए दूसरे किनारे पर काज टाँका बनाते हैं।

7. किनारे पर पहुँच कर सूई पहले टाँके की गाँठ में डालते हैं और आखिरी टाँके के सिरे से निकालते हैं। पहले और आखिरी टाँके एक सिरे से दूसरे सिरे तक 9 या 7 टाँके काज टाँके की सीध में बनाते हैं। इन टाँकों की गिनती गोलाई वाले टाँकों के बराबर होनी चाहिए।
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 4
चित्र 5.5 काज बनाना
चित्र 5.6 काज बनना
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 5
चित्र 5.7 काज बनाना
चित्र 5.8 काज बनना

8. सूई को उल्टी तरफ़ ले जाते हैं और पिछली तरफ़ के टाँकों में से धागा निकालते हैं और तोड़ देते हैं। पिछली तरफ़ से टाँके भी सामने के भाग की तरफ़ एक समान और एक सीध में रखते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

बटन लगाना और काज बनाना PSEB 8th Class Home Science Notes

  • बटन हमेशा दोहरा कपड़ों पर लगाना चाहिए।
  • कमीज़ वाले बटनों में दो या चार छिद्र होते हैं।
  • काज हमेशा दोहरे कपड़े पर बनाना चाहिए।
  • कपड़े में कटाव उतना ही होना चाहिए जिसमें से बटन ज़रा मुश्किल से निकल सके।
  • काज का गोल किनारा बनाने के लिए किनारे के साथ-साथ 9 से 7 सीधे टाँके लगाते हैं।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 1 प्राथमिक सहायता

Punjab State Board PSEB 8th Class Physical Education Book Solutions Chapter 1 प्राथमिक सहायता Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Physical Education Chapter 1 प्राथमिक सहायता

PSEB 8th Class Physical Education Guide प्राथमिक सहायता Textbook Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
प्राथमिक सहायता किसे कहते हैं ?
उत्तर–
प्राथमिक सहायता से भाव उस सहायता से है जो किसी रोगी या ज़ख्मी व्यक्ति को अचानक चोट लगने या दुर्घटना के तुरन्त बाद डॉक्टर के आने से पहले या अस्पताल पहुंचाने से पहले दी जाती है। इसे ही प्राथमिक सहायता कहा जाता है।

प्रश्न 2.
प्राथमिक सहायता के कौन-से उद्देश्य हैं ?
उत्तर-

  • रोगी को समीप के अस्पताल पहुँचाना या डॉक्टर के पास ले जाना।
  • रोगी की हालत को सुधारना।
  • रोगी की हालत को बिगड़ने से बचाना।
  • रोगी की जिंदगी को बचाना।

प्रश्न 3.
प्राथमिक सहायता बॉक्स (First Aid Box) में कौन-कौन सा सामान होना चाहिए?
उत्तर–
प्राथमिक सहायता प्रदान करने के लिए प्राथमिक सहायता बॉक्स में निम्नलिखित सामान होना चाहिए

  • तिकोनियां, गोल पट्टियां तथा गर्म पट्टियां ।
  • भिन्न-भिन्न प्रकार की पट्टियां।
  • थर्मामीटर, चिमटी, कैंची, टॉर्च तथा सेफ्टी पिन्ज आदि।
  • ओ०आर० एस० (ORS) के पैकेट।
  • लीकोपोर या एडहैसिव टेप (Anticeptic Tap/Adhesive Tap)
  • एक साफ़ रूई का पैकेट।
  • साँस ठीक करने के लिए इन्हेलर।
  • भिन्न-भिन्न प्रकार के कीटाणु रहित फाहे या रूई के फाहे।
  • दवाई को मापने हेतु गिलास या बेकेलाइट गिलास।
  • एन्टीसेप्टिक तथा कीटाणु नाशक : स्पिरिट, बीटाडिन, बोरिक एसिड, साबुन, बरनोल, टिचर, आयोडीन तथा डिसेल आदि दवाइयां (स्पिरिट या क्रीम)।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 1 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 4.
प्राथमिक सहायता के नियम लिखिए।
उत्तर-
प्राथमिक सहायता से भाव उस सहायता से है जो किसी रोगी या ज़ख्मी व्यक्ति को अचानक चोट लगने या दुर्घटना के तुरन्त बाद डॉक्टर के आने से पहले या अस्पताल पहुंचाने से पहले दी जाती है। इसे ही प्राथमिक सहायता कहा जाता है।
प्राथमिक सहायता के नियम -वर्तमान काल में किसी भी व्यक्ति का जीवन सुरक्षित नहीं है,क्योंकि हर रोज़ कोई-न-कोई घटनाएं होती रहती हैं। इनसे बचने के लिए हमें प्राथमिक सहायता का ज्ञान अथवा नियमों के बारे में जानकारी होनी जरूरी है। इसके मुख्य नियम इस प्रकार हैं-

  1. सबसे पहले घायल व्यक्ति के शरीर पर लगे घावों में से खतरनाक चोट का इलाज करना चाहिए।
  2. बहते खून को बन्द करना चाहिए।
  3. यदि रोगी बेहोश हो या उसका सांस तक रुक गया हो तो उसे बनावटी सांस देनी चाहिए।
  4. यदि कोई दुर्घटना हुई हो तो शीघ्र आवश्यकतानुसार तुरन्त चिकित्सा शुरू कर देनी चाहिए।
  5. रोगी की दशा खराब नहीं होने देनी चाहिए।
  6. रोगी को अन्तिम क्षणों तक बचाने की कोशिश जारी रखनी चाहिए।
  7. रोगी के चारों ओर भीड़ इकट्ठी नहीं होने देनी चाहिए।
  8. रोगी को आरामदेह स्थिति में रखो।
  9. रोगी का साहस बढ़ाते रहना चाहिए।
  10. रोगी को आघात से बचाना चाहिए।
  11. रोगी को पूर्णत: गर्म रखो, चाय या दूध आदि पीने के लिए दो।
  12. प्राथमिक सहायता देते समय कोई हिचक या संकोच नहीं करना चाहिए।
  13. आवश्यकतानुसार रोगी के शरीर के कपड़े उतार देने चाहिए।
  14. रोगी को प्राथमिक सहायता देते समय बहुत ही धैर्य, सहानुभूति और मृदु भाषा से काम लेना चाहिए।
  15. प्राथमिक सहायता देने के बाद रोगी को किसी योग्य डॉक्टर के पास अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए।

प्रश्न 5.
प्राथमिक सहायक किसे कहा जाता है?
उत्तर-
जिस व्यक्ति ने किसी अधिकारिक संस्था से प्राथमिक सहायता की शिक्षा प्राप्त करके टैस्ट पास किया हो, उसे प्राथमिक सहायक कहा जाता है।

प्रश्न 6.
प्राथमिक सहायक के गुण लिखिए।
उत्तर-
प्राथमिक सहायक का गुण (Qualities of First Aider)—प्राथमिक सहायक में निम्नलिखित गुण होने चाहिए

  • प्राथमिक सहायक बहुत ही समझदार और होशियार होना चाहिए, जिसको दूसरों की सेवा करने उपरान्त शान्ति मिले और अपना काम फर्ज़ समझकर करें।
  • प्राथमिक सहायक बड़ा चुस्त होना चाहिए जो कि रोगी को लगी चोट आदि को समझने की योग्यता रखता हो।
  • प्राथमिक सहायता योजनाबद्ध होनी चाहिए।
  • वह बहुत फुर्तीला होना चाहिए।
  • उसका व्यवहार हमदर्दी वाला होना चाहिए। वह सहनशील, लगनशील और त्याग की भावना रखता हो।
  • वह स्पष्ट व्यक्ति होना चाहिए ताकि आस-पास के लोगों को समझा सके।
  • उसे तुरन्त निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए ताकि यह जान सके कि अनेक चोटों से सबसे पहले किसकी देखभाल ज़रूरी है।
  • प्राथमिक सहायक दृढ़ संकल्प वाला होना चाहिए।
  • वह स्वाभिमानी होना चाहिए।
  • उसमें इतना धैर्य व सामर्थ्य होनी चाहिए कि वह रोगी या दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को अन्तिम क्षणों तक सहायता दे सकता हो।
  • प्राथमिक सहायक उत्साही और साहसी होना चाहिए।
  • उसका व्यवहार अच्छा होना चाहिए।
  • प्राथमिक सहायक स्वस्थ तथा दृढ़ निश्चय वाला होना चाहिए।
  • प्राथमिक सहायक को प्राथमिक सहायता की पूरी तथा अच्छी जानकारी होनी चाहिए।
  • उसे बिना किसी भय या लालच के सहायता करनी चाहिए।

प्रश्न 7.
सी०पी०आर० (C.P.R.) के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
C-Cardio (सी-कार्डिओ) P_Pulmonary (पी-पलमोनरी) R-Resuscitation (आर-रिसेसीटेशन)
जब रोगी की नब्ज तथा श्वास क्रिया महसूस न हो, उसकी आंखों की हिलजुल बंद हो जाए तथा रोगी बेहोश हो जाए, तो उसके दिल तथा फेफड़ों को पुनः चलाने के लिए सी०पी०आर० किया जाए। सी०पी०आर० करते समय रोगी के दिल पर अपनी हथेलियां रखें उससे लगभग तीस बार दबाएं। फिर दो बार मुंह पर मुंह रखकर अपना सांस उसके मुंह में डालें। जब तक रोगी की नब्ज महसूस न हो मुँह से सांस देते रहें। यदि ठीक समय पर सी०पी०आर० किया जाए तो रोगी की जान बच सकती है।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 1 प्राथमिक सहायता (1)

सी०पी०आर० कब करनी चाहिए?

  1. जब रोगी बेहोश हो।
  2. जब रोगी की आंखों में हल-चल बंद हो।
  3. जब रोगी की नब्ज न हिलती हो।
  4. जब रोगी की धड़कन न सुनाई दे।

सी०पी०आर० कब नहीं करनी चाहिए?

  1. जब रोगी की सांस कठिनाई से आ रही हो।
  2. जब रोगी को दिल का दौरा पड़ा हो।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 1 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 8.
मुँह से मुँह द्वारा बनावटी साँस देने के ढंग के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर–
बनावटी सांस कैसे दिया जाता है-जब रोगी के रुके हुए सांस को चलाने के लिए बनावटी सांस देना हो, तो उसे बनावटी सांस कहा जाता है।

मुँह से मुँह द्वारा बनावटी साँस देने के ढंग-रोगी के मुँह में कोई रुकावट हो, सबसे पहले प्राथमिक सहायता देने वाले को उस रुकावट से दूर कर देना चाहिए। फिर पीड़ित का नाक बंद करके अपने मुँह से हवा भरें और रोगी के मुँह पर अपना मुँह रख कर ज़ोर से अपना साँस उसके मुँह में भर दें।
PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 1 प्राथमिक सहायता (2)

जब सहायता देने वाले का साँस रोगी के अंदर जाएगा तो रोगी की छाती में वायु भर जाएगी और फूल जाएगी।
प्राथमिक सहायता देने वाला यह क्रिया 12 से 16 बार करे अथवा जब तक पीड़ित का श्वास आना शुरू न हो जाए।

प्रश्न 9.
शैफ़र विधि द्वारा बनावटी श्वास कैसे दिया जाता है ? वर्णन करो।
उत्तर-
शैफ़र विधि-

1. रोगी की स्थिति-रोगी को भूमि पर मुंह के बल इस प्रकार लिटाना चाहिए कि उसकी बाहें सिर से ऊपर और हथेलियां भूमि की ओर हों।
PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 1 प्राथमिक सहायता (3)
उसका सिर एक ओर मोड़ कर फुर्ती के साथ उसके कपड़े ढीले कर दो। यदि रोगी पीठ के भार लेटा हो तो उसे उल्टा करके मुंह के बल लिटा दो। ऐसा करने के लिए उसकी बाहों को उसके शरीर से हटा दो। उसकी दूर वाली टांग नज़दीक वाली टांग के ऊपर ले आओ। उसके चेहरे को बचाते हुए उसे इस प्रकार लिटाओ कि वह मुंह के बल हो जाए।

2. प्राथमिक सहायक की स्थिति-प्राथमिक सहायक को रोगी की कमर के एक ओर थोड़ा नीचे घुटनों के बल अपनी एड़ियां थोड़ा पीछे हटा कर बैठना चाहिए।बैठे हुए उसका मुंह रोगी के सिर की ओर होना चाहिए। इसके बाद उसे अपने हाथों को रोगी की कमर पर इस प्रकार रखना चाहिए कि एक हाथ रीढ़ की हड्डी पर और दूसरा हाथ दूसरी ओर हो। अंगूठे और टखने मिले हुए हों और अंगुलियां भूमि की ओर हों। दोनों बाहें सीधी हों।
PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 1 प्राथमिक सहायता (4)

3. बनावटी सांस देने की क्रिया-प्राथमिक सहायक धीरे-धी रे आगे की ओर सरकते हुए अपने शरीर के भार को रोगी की कमर पर डालें। ऐसा करने से रोगी के पेट के अंग भूमि से उसका मध्य पेट या डायाफ्राम की ओर दब जायेगा। इस प्रकार से फेफड़ों से हवा निकल जायेगी। इस क्रिया में दो सैकिंड का समय लगना चाहिए। दो मिनट भार डालने के बाद रोगी की कमर से अपना भार हटा दो। अब धीरे-धीरे प्राथमिक सहायक अपनी एड़ियों पर आ जाए। इस प्रकार पेट के अंग पीछे हट जायेंगे और डायाफ्राम गिर जायेगा तथा फेफड़ों में हवा भी जाएगी। इस क्रिया में तीन सैकिंड लगने चाहिए। दोनों क्रियाओं में कुल पांच सैकिंड का समय लगना चाहिए और यह एक मिनट में 12 बार क्रिया होनी चाहिए।
PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 1 प्राथमिक सहायता (5)

यह बनावटी सांस देने की क्रिया उस समय तक जारी रखनी चाहिए जब तक रोगी की श्वास-प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती।

Physical Education Guide for Class 8 PSEB प्राथमिक सहायता Important Questions and Answers

बहु विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राथमिक सहायता के उद्देश्य लिखें
(क) मरीज को नज़दीक अस्पताल लेकर जाना
(ख) रोगी की हालत सुधारना
(ग) हालत बिगड़ने न देना
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 1 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 2.
प्राथमिक सहायता के बॉक्स में सामान आवश्यक है –
(क) थर्मामीटर
(ख) कैंची
(ग) चिमटी
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 3.
प्राथमिक सहायता के नियम हैं
(क) रक्त को बहने से रोकना
(ख) बेहोश रोगी को बनावटी श्वास देना
(ग) रोगी की हालत में सुधार लाना
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 4.
प्राथमिक सहायता के गुण हैं
(क) प्राथमिक सहायता करने वाला सूझवान और होशियार होना चाहिए
(ख) उसे योजनाबद्ध तरीके से काम करना चाहिए
(ग) वह अपने कार्य में निपुण होना चाहिए
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 5.
C.P.R. है –
(क) कार्डिओ
(ख) पलमोनरी
(ग) रिसेसीटेशन
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 6.
C.P.R. कब देनी चाहिए ?
(क) जब रोगी की नब्ज न चलती हो
(ख) रोगी की दिल की धड़कन बंद हो
(ग) रोगी की आँखों में हलचल न हो
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

बहुत छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो आप क्या करोगे ?
उत्तर-
रोगी का बुखार कम करने के लिए उपाय किया जाएगा और डॉक्टर को दिखाया जाएगा।

प्रश्न 2.
ज़हरीले जानवर के काटने से शरीर में क्या फैलने का डर रहता है ?
उत्तर-
ज़हर फैलने का।

प्रश्न 3.
प्राथमिक सहायक का व्यवहार कैसा होना चाहिए ?
उत्तर–
प्राथमिक सहायक का व्यवहार मीठा, नम्रता भरा और हमदर्दी भरा होना चाहिए।

प्रश्न 4.
जली हुई जगह का रंग कैसा हो जाता है ?
उत्तर-
जली हुई जगह का रंग बदसूरत लाल हो जाता है।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 1 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 5.
डॉक्टर के पहुंचने से पहले रोगी या घायल व्यक्ति को दी जाने वाली सहायता को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
प्राथमिक सहायता।

प्रश्न 6.
प्राथमिक सहायता का क्या उद्देश्य है ?
उत्तर-
रोगी या घायल की जान बचाना।

प्रश्न 7.
प्राथमिक सहायक (First Aider) को डॉक्टरी सहायता मिलने तक क्या करते रहना चाहिए ?
उत्तर-
रोगी की देखभाल।

प्रश्न 8.
साँप द्वारा डसे स्थान को किससे धोना चाहिए ?
उत्तर-
पानी और पोटाशियम के मिश्रण से।

प्रश्न 9.
सांप द्वारा डसे हुए स्थान पर चाकू या ब्लेड से कैसा कटाव करना चाहिए ?
उत्तर-
1″ लम्बा और = ” गहरा।

प्रश्न 10.
कटाव करने के लिए चाकू या ब्लेड कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
रोगाणु मुक्त।

प्रश्न 11.
किसी पागल कुत्ते के काटने से व्यक्ति की क्या दशा हो सकती है ?
उत्तर-
व्यक्ति की मृत्यु।

प्रश्न 12.
प्रारम्भिक सहायक में पहला गुण क्या होना चाहिए ?
उत्तर-
चुस्ती एवं फुर्ती।

प्रश्न 13.
रोगी के बेहोश होने पर श्वास बन्द होने पर क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
बनावटी साँस देना चाहिए।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राथमिक सहायता से क्या भाव है ?
उत्तर–
प्राथमिक सहायता से भाव उस सहायता से है, जो किसी रोगी द्वारा बीमार, बेहोश व्यक्ति या दुर्घटना के समय डॉक्टर के आने से पहले व्यक्ति को दी जाए।

प्रश्न 2.
पागल कुत्ते के काटने से जहर शरीर में किस तरह फैलता है?
उत्तर-
पागल कुत्ते के काटने से कुत्ते का जहर काटी हुई जगह पर नाड़ियों द्वारा नाड़ी तंत्र में पहुंच जाता है। वहां जहर दिमाग में दाखिल हो जाता है। यह जहर कुत्ते की लार में होता है। जख्म या खरोंच के साथ जहर व्यक्ति के सारे शरीर में फैल जाता है।

प्रश्न 3.
पागल कुत्ते के काटने से जो डॉक्टरी सहायता तुरंत न दी जा सके तो क्या करना चाहिए?
उत्तर-
कई बार पागल कुत्ते के काटने से मरीज को तुरंत डॉक्टरी सहायता नहीं पहुंचाई जा सकती। इस हालत में रोगी के जख्म को जला देना चाहिए। ऐसे करने के लिए बंधन खोल देना चाहिए और किसी तरल कास्टिक कार्बनिक या शोरे का तेजाब जख्म ऊपर लगाएं। ऐसे करने से जहर खत्म हो जाएगा।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 1 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 4.
डंक लगने के चिह्न बताओ।
उत्तर-
किसी कीड़े आदि के डंक मारने पर डंक वाली जगह सूज जाती है। वहां दर्द महसूस होने लगता है और कई भयानक चिह्न पैदा हो जाते हैं।

प्रश्न 5.
जलने पर लक्षण बताओ।
उत्तर-
जलने के लक्षण-

  1. जली हुई जगह पर बहुत दर्द होती है।
  2. चमड़ी लाल हो जाती है और छाले पड़ जाते हैं।
  3. जले हुए अंग भद्दे लगते हैं।
  4. जलने के कारण कई बार सदमा भी लग जाता है।

प्रश्न 6.
लू लगने के पांच लक्षण लिखो।
उत्तर-
लू लगने के पांच लक्षण –

  1. रोगी बेहोश हो जाता है।
  2. रोगी की चमड़ी गर्म हो जाती है।
  3. रोगी के चेहरे का रंग नीला हो जाता है।
  4. रोगी को सांस लेने में कठिनाई आती है।
  5. रोगी की नब्ज़ तेज़ हो जाती है।

PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हाथ से सिलाई करने के लिए कपड़े के टुकड़े को कैसे पकड़ना चाहिए ?
उत्तर-
हाथ से सिलाई करने के लिए कपड़े के टुकड़े को बराबर करके पकड़ना चाहिए।

प्रश्न 2.
पक्की सिलाई कैसे की जाती है ?
उत्तर-
पक्की सिलाई के लिए तीन सादा टाँकों के पश्चात् एक बखिया टाँका लिया जाता है।

प्रश्न 3.
कपड़े की पूरी और बढ़िया सिलाई के लिए कौन-सा टाँका व्यवहार में लेना चाहिए ?
उत्तर-
कपड़े की पूरी और बढ़िया सिलाई के लिए बखिया टाँका व्यवहार में लेना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सादी सिलाई आप कैसे करोगे ?
उत्तर-
यह सिलाई सबसे आसान है। इसका प्रयोग कपड़े के टुकड़ों को स्थाई रूप से जोड़ने के लिए किया जाता है। इसमें टाँके की लम्बाई कपड़े की मोटाई पर निर्भर करती है। पतले कपड़े पर छोटा टाँका लगाया जाता है। यह दाईं ओर से शुरू की जाती है। इसमें पहला और अन्तिम टाँका बखिया का लिया जाता है। सूई को थोड़ा-थोड़ा स्थान छोड़कर कपड़े के ऊपर-नीचे निकाला जाता है। पक्की सिलाई के लिए तीन सादा टाँकों के पश्चात् एक बखिया टाँका लिया जाता है।
PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई 1
चित्र 4.1 सादी सिलाई

PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई

प्रश्न 2.
फ्रैंच सिलाई आप कैसे करोगे ?
उत्तर-
इस सिलाई को दोहरी या चोर सिलाई भी कहते हैं। कपड़ों के सिरों से धागे निकालने से रोकने के लिए सबसे पहले कपड़े के दोनों भागों को उल्टी तरफ एक-दूसरे । के ऊपर दोनों सिरे मिलाकर रखते हैं। सिरों से लगभग 1/8″ की दूरी से सादा टाँका लगाते हैं। अब उन्हीं सिरों को उल्टा कर इस तरह मोड़ देते हैं कि सिलाई किए गए सिरों की पट्टी अन्दर की तरफ़ कपड़ों के बीच में आ जाए और उधड़ रहे धागों के अन्दर छिपा दिया जाता है। धागों को छिपाने के बाद ली गई पट्टी पर उल्टी तरफ़ से हाथ की सादी या बखिया टाँका प्रयोग करके सिलाई की जाती
PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई 2
चित्र 4.2 फ्रैंच सिलाई
है। यह सिलाई मर्दाना कमीजों पर की जाती है। यह सिलाई बढ़िया, बारीक, महँगे, रेशमी और बनावटी रेशों वाले कपड़ों पर की जाती है।

PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई

हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई PSEB 8th Class Home Science Notes

  • हाथ से सिलाई करने के लिए कपड़े के टुकड़े को बराबर करके पकड़ना चाहिए।
  • पक्की सिलाई के लिए तीन सादा टाँकों के पश्चात् एक बखिया टाँका लिया जाता है।
  • प्रायः कपड़े की पूरी और बढ़िया सिलाई के लिए बखिया टाँका व्यवहार में लेना चाहिए।
  • फ्रैंच सिलाई को दोहरी या चोर सिलाई भी कहते हैं।
  • फ्रैंच सिलाई पुरुषों की कमीज़ों पर की जाती है। यह सिलाई बढ़िया, बारीक, महँगे रेशमी और बनावटी रेशों वाले कपड़ों पर की जाती है।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ऊनी वस्त्रों की धुलाई के लिए किस प्रकार के जल का प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर-
मृदु जल का।

प्रश्न 2.
ऊनी वस्त्रों की धुलाई में कौन-से घोल अधिक प्रचलित हैं?
उत्तर-
पोटैशियम परमैंगनेट, सोडियम परऑक्साइड तथा हाइड्रोजन ऑक्साइड के हल्के घोल।

प्रश्न 3.
ऊनी कपड़ों को फुलाने की आवश्यकता क्यों नहीं होती?
उत्तर-
क्योंकि पानी में डुबाने से रेशे निर्बल हो जाते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

प्रश्न 4.
ऊनी वस्त्रों को धोते समय रगड़ना-कूटना क्यों नहीं चाहिए?
उत्तर-
रगड़ने से रेशे नष्ट हो जाते हैं तथा आपस में फँसते हुए जम जाते हैं।

प्रश्न 5.
वस्त्रों को पानी में आखिरी बार खंगालने से पहले पानी में थोड़ी-सी नील क्यों डाल देनी चाहिए?
उत्तर-
वस्त्रों को पानी में आखिरी बार खंगालने से पहले पानी में थोड़ी-सी नील इसलिए डाल देनी चाहिए जिससे कपड़ों में चमक आ जाए।

प्रश्न 6.
ऊनी वस्त्रों को धूप में क्यों नहीं सुखाना चाहिए?
उत्तर-
क्योंकि तेज़ धूप के प्रकाश के ताप से ऊन की रचना बिगड़ जाती है।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

प्रश्न 7.
ऊनी कपड़ों की धुलाई के लिए तापमान की दृष्टि से किस प्रकार के पानी का प्रयोग किया जाना चाहिए?
उत्तर-
ऊनी कपड़ों की धुलाई के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग करना चाहिए। धोते समय पानी का तापमान एक-सा होना चाहिए।

प्रश्न 8.
धोने के बाद ऊनी कपड़ों को किस प्रकार सुखाना चाहिए?
उत्तर-
धोने से पूर्व बनाए गए खाके पर कपड़ों को रखकर उसका आकार ठीक करके छाया में उल्टा करके, समतल स्थान पर सुखाना चाहिए जहाँ चारों ओर से कपड़े पर हवा लग सके।

प्रश्न 9.
ऊनी कपड़े को धोने के बाद हैंगर में लटकाकर क्यों नहीं सुखाया जाता?
उत्तर-
ऊनी कपड़े बहुत पानी चूसते हैं और भारी हो जाते हैं इसलिए अगर कपड़े को हैंगर में सुखाया जाये तो वह नीचे लटक जाता है और उसका आकार खराब हो जाता है।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

प्रश्न 10.
ऊनी कपड़े पर कीड़ों का असर न हो, इसलिए कपड़ों के साथ बक्स या अलमारी में क्या रखा जा सकता है?
उत्तर-
नैप्थलीन की गोलियाँ, पैराडाइक्लोरोबेंजीन का चूरा, तम्बाकू की पत्ती, कपूर, पिसी हुई लौंग, चन्दन का बुरादा, फिटकरी का चूरा या नीम की पत्तियाँ आदि।

प्रश्न 11.
कपड़ों पर दाग-धब्बे क्या होते हैं?
उत्तर-
दाग एक प्रकार के धब्बेदार चिह्न होते हैं जो कपड़ों पर किसी बाहरी पदार्थ के सम्पर्क या संस्पर्श में आ जाने से लग जाते हैं।

प्रश्न 12.
दाग-धब्बों की जानकारी के बारे में कौन-सी बातें महत्त्वपूर्ण हैं ?
उत्तर-

  1. वस्त्र के रेशों के वर्ग, रचना, वयन, रंग तथा परिसजा की जानकारी।
  2. धब्बे का वर्ग, प्रकृति और अवस्था की जानकारी।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

प्रश्न 13.
धब्बे की पहचान का पहला सुराग क्या है?
उत्तर-
रंग प्रायः धब्बे की पहचान का पहला सुराग है।

प्रश्न 14.
दाग-धब्बे छुड़ाने के क्रम में सबसे महत्त्वपूर्ण बात क्या है?
उत्तर-
धब्बे की पहचान करना।

प्रश्न 15.
पसीने के धब्बे को प्राणिज धब्बे के अन्तर्गत क्यों नहीं रखा जाता?
उत्तर-
क्योंकि इनके संगठन में प्रोटीन नहीं होता।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

प्रश्न 16.
कपड़ों पर लगने वाले धब्बे कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
छः प्रकार के-

  1. वानस्पतिक,
  2. प्राणिज,
  3. खनिज,
  4. चिकनाई के,
  5. रंग के,
  6. पसीने, मैल आदि के अन्य धब्बे।

प्रश्न 17.
वानस्पतिक धब्बों में कौन-से धब्बे आते हैं ?
उत्तर-
दूध, अण्डे, मांस, रक्त आदि के धब्बे।

प्रश्न 18.
चिकनाई धब्बों में कौन-से धब्बे आते हैं?
उत्तर-
घी, मक्खन तथा रसेदार सब्जी के धब्बे।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

प्रश्न 19.
खनिज धब्बों के उदाहरण बताओ।
उत्तर-
स्याही, दवाइयों तथा कोलतार के धब्बे।

प्रश्न 20.
वानस्पतिक धब्बे किस प्रकार दूर किए जा सकते हैं ?
उत्तर-
क्षारीय पदार्थों के उपयोग से।

प्रश्न 21.
प्राणिज धब्बों के लिए किस प्रकार के जल का उपयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
ठण्डे जल का, क्योंकि गर्म जल से दाग और भी पक्के हो जाते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

प्रश्न 22.
चिकनाई के धब्बे किस विधि से दूर किए जा सकते हैं ?
उत्तर-
घोलक तथा चूषक विधि द्वारा।

प्रश्न 23.
धब्बों को शीघ्र ही क्यों छुड़ा देना चाहिए ?
उत्तर-
देर करने से वे पक्के हो जाते हैं और दाग कपड़ों को कमज़ोर भी करते हैं।

प्रश्न 24.
नाखून पालिश का धब्बा कैसे छुड़ाया जा सकता है ?
उत्तर-
नाखून पालिश का धब्बा छुड़ाने के लिए एमाइल एसिटेट से धब्बे को स्पंज करें। धब्बा छूटने पर सोडियम हाइड्रोसल्फाइट के विरंजक का प्रयोग करें।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ऊनी बुने हुए स्वेटर की धुलाई आप किस प्रकार करेंगी ?
उत्तर-
ऊनी स्वेटर पर प्रायः बटन लगे रहते हैं। यदि कुछ ऐसे फैन्सी बटन हों जिनको धोने से खराब होने की सम्भावना हो तो उता लेते हैं। यदि स्वेटर कहीं से फटा हो तो सी लेते हैं । अब स्वेटर का खाका तैयार करते हैं। इसके उपरान्त गुनगुने पानी में आवश्यकतानुसार लक्स का चूरा अथवा रीठे का घोल मिलाकर हल्की दबाव विधि से धो लेते हैं। तत्पश्चात् गुनगुने साफ़ पानी में तब तक धोते हैं, जब तक सारा साबुन न निकल जाए। ऊनी वस्त्रों के लिए पानी का तापमान एक-सा रखते हैं तथा ऊनी वस्त्रों को पानी में बहुत देर तक नहीं भिगोना चाहिए वरन् इसके सिकुड़ने का भय हो सकता है। इसके बाद एक रोंएदार (टर्किश) तौलिये में रखकर उसको हल्के हाथों से दबाकर पानी निकाल लेते हैं। फिर खाके पर रखकर किसी समतल स्थान पर छाया में सुखा लेते हैं।
PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना 1
चित्र 3.1 ऊनी वस्त्र का खाका बनाना

प्रश्न 2.
ऊनी स्वेटर को आप कैसे सुखाओगे ?
उत्तर-
ऊनी स्वेटर को सुखाने के लिए खाके वाले कागज़ को खाट पर बिछाते हैं और उस पर स्वेटर रखते हैं। हाथों से थोड़ा-थोड़ा खींचकर उसका आकार ठीक करते हैं। स्वेटर को गर्म जगह पर लेकिन छाया में जहां हवा चलती हो रखकर सुखाते हैं। जब आधा सूख जाए तो उसको उलट देते हैं ताकि दोनों तरफ से अच्छी तरह सूख जाए।

प्रश्न 3.
ऊनी बुनी हुई जुराबों की धुलाई आप कैसे करेंगे ?
उत्तर-
ऊनी बुनी हुई जुराबों की धुलाई हम निम्नलिखित प्रकार से करेंगे-

  1. जुराबों को अच्छी तरह झाड़ना चाहिए। अगर उन पर कीचड़ लगा हो तो पहले सुखा लेना चाहिए और फिर ब्रुश से झाड़ना चाहिए।
  2. साबुन वाले गुनगुने पानी में धोना चाहिए। एड़ी और पंजे की तरफ खास ध्यान देना चाहिए। अगर ज़रूरत हो तो प्लास्टिक का ब्रुश इस्तेमाल करना चाहिए।
  3. ऊनी जुराब धोने के बाद 2-3 बार साफ गुनगुने पानी में खंगालना चाहिए।
  4. गहरी, नीली और काली जुराबों को अगर नील लगाया जाए तो इनके रंगों में चमक आ जाती है।
  5. जुराबों को तौलिए में रखकर निचोड़ना चाहिए।
  6. खाट या मूढ़े के ऊपर सीधा डालकर सुखाना चाहिए।
  7. इस पर प्रैस की ज़रूरत नहीं पड़ती है।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

प्रश्न 4.
वस्त्रों पर लगे घी, तेल, मक्खन या ग्रीज के धब्बे किस प्रकार छुड़ाएंगी?
उत्तर-

  1. घी, तेल, मक्खन तथा ग्रीज आदि चिकनाई के धब्बे, धोने वाले वस्त्रों पर से गर्म पानी और साबुन के घोल में डालकर छुड़ाये जा सकते हैं। जिन वस्त्रों को धोना नहीं है उन पर फ्रेंच चॉक (अवशोषक पदार्थ) रखकर, कुछ देर छोड़कर ब्रुश से झाड़ दें। इसे तब तक दोहराएँ जब तक कि चिकनाई का धब्बा पूरी तरह से दूर न हो जाए।
  2. चिकनाई के धब्बे के दोनों ओर ब्लॉटिंग पेपर रखकर खूब गर्म इस्तरी से कसकर दबाने से भी यह धब्बा दूर किया जा सकता है।
  3. चिकनाई के धब्बे छुड़ाने के लिए घोलक पदार्थ, जैसे पेट्रोल आदि का भी प्रयोग किया जा सकता है। इससे वस्त्र पानी के.सम्पर्क से बच जाता है।

प्रश्न 5.
स्याही के धब्बे किस प्रकार छुड़ाये जा सकते हैं ?
उत्तर-

  1. स्याही लगे वस्त्र के भाग को प्लेट में रख लें। इस पर नमक की एक परत बिछा दें। इस पर नींबू का रस निचोड़ कर धूप में रख दें। इसे बराबर नींबू के रस से तर रखना चाहिए। कभी-कभी नमक भी बदल देना चाहिए। दाग के हट जाने पर भी पानी से धो दें।
  2. स्याही के धब्बे हटाने के लिए वस्त्र को दही में भी भिगोया जाता है।
  3. सफेद सूती वस्त्र पर से धब्बे हटाने के लिए ब्लीचिंग पाऊडर के घोल का भी प्रयोग किया जा सकता है।
  4. इंक रिमूवर से भी इन्हें छुड़ाया जा सकता है।
  5. कच्चे दूध से भी स्याही का दाग छूट जाता है।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

प्रश्न 6.
वस्त्रों पर लगे रक्त के धब्बे कैसे छुड़ाए जा सकते हैं ?
उत्तर-

  1. रक्त के धब्बे ठण्डे पानी तथा साबुन से धोने पर छूट जाते हैं। जिन वस्त्रों को धोना नहीं है, उन पर स्टार्च के पेस्ट को फैलाकर, सुखाकर तथा ब्रुश से झाड़कर रक्त के धब्बे को छुड़ाया जा सकता है।
  2. अमोनिया से भी रक्त के धब्बे छूट जाते हैं। गुनगुने पानी में कुछ बूंदें अमोनिया की डालकर उसमें दाग को डुबो देना चाहिए, फिर साबुन के पानी से धो डालना चाहिए।

प्रश्न 7.
आप किसी वस्त्र पर लगा घास का धब्बा कैसे छुड़ाएँगी ?
उत्तर-
धोने वाले वस्त्रों पर से ,घास के धब्बे केवल साबुन के पानी से ही छूट जाते हैं। किरोसिन तेल में अथवा एल्कोहल में भी फुला देने से धब्बा दूर हो जाता है। मेथिलेटिड स्पिरिट का प्रयोग न धोये जा सकने वाले वस्त्रों पर से घास के धब्बे छुड़ाने के लिए किया जाता है।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धब्बे छुड़ाने की सामग्री के रख-रखाव में सतर्कता सम्बन्धी सुझाव बताइए।
उत्तर-
धब्बे छुड़ाने की सामग्री के रख-रखाव में सतर्कता सम्बन्धी कुछ सुझाव निम्नलिखित प्रकार हैं

  1. धब्बे छुड़ाने वाले उत्पादों को बच्चों की पहुँच से ऊपर रखना चाहिए। यह स्थान खाद्य पदार्थों के स्थान से अलग होना चाहिए।
  2. बोतलों में कसकर ढक्कन लगा होना चाहिए तथा डिब्बों को बंद रखना चाहिए।
  3. इनके डिब्बों पर लिखे निर्देशों का पालन करना चाहिए। सभी चेतावनियों पर ध्यान देना चाहिए।
  4. धब्बे छुड़ाने वाली सामग्री के प्रयोग के लिए प्लास्टिक और धातु की अपेक्षा पोर्सलीन के आधार पात्र अधिक अच्छे लगते हैं। घोलकों के लिए तो प्लास्टिक के बर्तनों का कभी भी प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  5. धब्बे छुड़ाने के प्रक्रम में अपने हाथों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। रबर के दस्ताने पहनने चाहिएँ। इस बीच आँख और त्वचा को नहीं छूना चाहिए।
  6. घोलकों की वाष्प विषाक्त होती है अतः इनका प्रयोग अच्छी तरह से हवादार स्थान में करना चाहिए।
  7. अग्नि के समीप कभी भी रसायनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  8. रसायनों का प्रयोग करते समय धूमपान नहीं करना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

प्रश्न 2.
दाग-धब्बे छुड़ाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
दाग-धब्बे किस प्रकार छुड़ाये जाते हैं, यह जानते हुए भी दाग-धब्बे छुड़ाते समय कुछ महत्त्वपूर्ण बातें जान लेनी चाहिए जो निम्नलिखित हैं-

  1. धब्बा तुरन्त छुड़ाया जाना चाहिए। इसके लिए धोबी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि तब तक ये दाग-धब्बे और अधिक पक्के हो जाते हैं।
  2. दाग-धब्बे छुड़ाने में रासायनिक पदार्थों का कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिए।
  3. घोल को वस्त्र पर उतनी देर तक ही रखना चाहिए जितनी देर तक धब्बा फीका न पड़ जाये, अधिक देर तक रखने से वस्त्र कमज़ोर पड़ जाते हैं।
  4. चिकनाई को दूर करने से पूर्व उस स्थान के नीचे किसी सोखने वाले पदार्थ की मोटी तह रखनी चाहिए। धब्बे को दूर करते समय रगड़ने के लिए साफ़ और नरम पुराने रूमाल का प्रयोग किया जा सकता है।
  5. धब्बे उतारने का काम खुली हवा में करना चाहिए ताकि धब्बा उतारने के लिए प्रयोग किए जाने वाले रसायनों की वाष्प के दुष्प्रभाव से बचा जा सके।
  6. दाग किस प्रकार का है, जब तक इसका ज्ञान न हो तब तक गर्म जल का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि गर्म जल में धब्बे और अधिक पक्के हो जाते हैं।
  7. किसी अनजाने धब्बे पर प्रेस नहीं करना चाहिए। इससे स्याही या रंग के धब्बे और भी पक्के हो जाते हैं।
  8. जंग या फलों के धब्बे साबुन या क्षार के प्रयोग से और अधिक दिखाई देने लगते हैं।
  9. रंगीन वस्त्रों पर से धब्बे छुड़ाते समय कपड़े के कोने को जल में डुबोकर देखना चाहिए कि रंग कच्चा है अथवा पक्का।
  10. लिपस्टिक के धब्बे साबुन व क्षार के प्रयोग से और भी पक्के हो जाते हैं।
  11. धब्बा छुड़ाने की विधियों का ज्ञान अवश्य होना चाहिए क्योंकि विभिन्न वस्तुओं
    का प्रयोग अलग-अलग धब्बों को छुड़ाने हेतु किया जाता है।
  12. ऊनी वस्त्रों पर से धब्बे छुड़ाते समय न तो गर्म जल का प्रयोग करना चाहिए. और न ही क्लोरीन-युक्त रासायनिक पदार्थ का। इससे धब्बे और भी पक्के हो जाते हैं।
  13. एल्कोहल, स्प्रिट, बैन्जीन, पेट्रोल आदि से दाग छुड़ाते समय आग से बचाव रखना चाहिए।
  14. धातु के धब्बे पर ब्लीच का प्रयोग करने से तन्तु कमज़ोर पड़ जाते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना

ऊनी कपड़ों को धोना और दाग उतारना PSEB 8th Class Home Science Notes

  • स्वेटर को गर्म जगह पर लेकिन छाया में जहाँ हवा चलती हो रखकर सुखाना चाहिए।
  • गहरी, नीली और काली जुराबों को अगर नील लगाया जाए तो इनके रंगों में चमक आ जाती है।
  • सभी प्रकार के ताजे दाग आसानी से उतारे जाते हैं।
  • अगर दाग की किस्म का पता न हो तो दाग लगने वाले हिस्से को दाग के विशेष प्रतिकारक से साफ़ करना चाहिए।
  • रंगकाट का इस्तेमाल रंगदार कपड़ों पर तब तक नहीं करना चाहिए जब तक सारे कपड़े से रंग न उतारना हो।
  • गर दाग तेजाब से उतारे जाएं तो बाद में हल्के क्षार में और अगर क्षार से उतारे जाएं तो हल्के तेजाब में खंगालना चाहिए।
  • सूती और लिनन के कपड़ों पर से दाग उतारने के लिए कटे हुए नींबू को दाग वाले हिस्से पर रगड़ना चाहिए और फिर उस पर नमक रगड़ना चाहिए।
  • पुराने.दाग उतारने के लिए पहले पैट्रोल या बेन्जीन के साथ साफ़ करना चाहिए और फिर साबुन वाले पानी के साथ धोना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical सलाद और सूप

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical सलाद और सूप Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical सलाद और सूप

हरी सब्जियों का सलाद

सामग्री-

  1. बन्दगोभी – 1 छोटा फूल
  2. शिमला मिर्च — 1
  3. पालक के पत्ते — थोड़े-से
  4. टमाटर — 2
  5. राई का पाउडर — \(\frac{1}{4}\) चम्मच
  6. काली मिर्च — स्वादानुसार
  7. नमक — स्वादानुसार
  8. सिरका — 2 बड़े चम्मच
  9. लहसुन — 2 तुरिया

विधि—जिस शीशे के डोंगे में सलाद परोसना हो उसको धोकर, पोंछकर साफ़ कर लें। सब्जियों को धोकर, पोंछकर सलाद बनाने तक फ्रिज में रखें। डोंगे में लहसुन की पिसी हुई तुरियों को रखकर फिर बन्दगोभी को हाथों से तोड़कर डालें। उस पर नमक, काली मिर्च, राई का पाऊडर और सिरका डाल दें और सबसे ऊपर कटी हुई शिमला मिर्च और टमाटर रख दें। परोसने से पहले ठंडा करें और काँटे से हिला लें।

PSEB 8th Class Home Science Practical सलाद और सूप

कुछ अन्य प्रकार के सलाद

उबली हुई सब्जियों का सलाद

सामग्री

  1. बन्दगोभी — 250 ग्राम
  2. गाजर — 250 ग्राम
  3. मटर — 100 ग्राम
  4. फ्रांसबीन — कुछ फलियाँ
  5. चुकन्दर — 1
  6. अण्डे — 2
  7. आलू — 2
  8. सिरका — 2 चम्मच
  9. नमक, काली मिर्च — इच्छानुसार

विधि—सभी सब्जियों को धोकर हल्का-सा उबाल लें। आलू को उबालकर छील लें। चुकन्दर रंग छोड़ता है; इसलिए उसे अलग से उबालें। अब इन सब्जियों के छोटे-छोटे टुकड़े करके उसमें नमक, काली मिर्च व सिरका मिला दें। अण्डों को अच्छी तरह उबालकर उनके छिलके उतार लें। सब्जियों को प्लेट में सजाकर ऊपर से अण्डे के गोल-गोल टुकड़े सजाएँ।

दाल और सब्जियों का मिश्रित सलाद

सामग्री—

  1. राजमाह — 50 ग्राम
  2. काबुली चने — 50 ग्राम
  3. आलू — 100 ग्राम
  4. खीरा — 100 ग्राम
  5. हरा धनिया — थोड़ा-सा
  6. हरी मिर्च — 1-2
  7. प्याज — 1 छोटा
  8. नमक, काली मिर्च — स्वाद के अनुसार
  9. नींबू — 1 बड़ा

विधि—राजमाह और चने साफ़ करके भिगो दें। भीगे हुए चने और राजमाह उबाल लें। आलू भी उबाल लें। आलू को छीलकर काट लें। खीरे को छीलकर छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। सबको मिलाकर, बारीक कटे हुए प्याज, हरा धनिया और हरी मिर्च भी डाल दें। अब इसमें नमक, काली मिर्च और नींबू मिलाकर परोसें।

PSEB 8th Class Home Science Practical सलाद और सूप

फलों के सलाद

सामग्री—

  1. केले — 1
  2. सन्तरा — 1
  3. सेब — 1
  4. नाशपाती — 1
  5. अमरूद — 2
  6. अन्नानास — दो गोल टुकड़े
  7. नींबू — 1
  8. चेरी — सजाने के लिए
  9. नमक, काली मिर्च — इच्छानुसार

विधि—सभी फलों को छीलकर, मनपसन्द गोल या लम्बे टुकड़ों में काट लें। चेरी को नहीं काटना चाहिए। प्लेट में अच्छी तरह से सजाकर नमक, काली मिर्च नींबू का रस डाल दें

सेब का खट्टा-मीठा सलाद

सामग्री—

  1. मीठे सेब — 1
  2. ककड़ी — 1
  3. बन्दगोभी — छोटी
  4. नींबू — 1
  5. टमाटर — 1
  6. चीनी — इच्छानुसार
  7. सन्तरा — 1
  8. नमक — इच्छानुसार
  9. हरी मिर्च — 2
  10. सलाद का पत्ता — 1
  11. प्याज — 1

विधि—सबसे पहले सब्जियों व फलों को अच्छी तरह से धो लें। सन्तरे को छीलकर तेज़ चाकू से बारीक-बारीक काट लें। सेब को छीलकर उसके भी छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। बन्दगोभी व हरी मिर्च को बिल्कुल बारीक काट लें। फिर इन सब पर चीनी, नमक व नींबू का रस मिला लें। एक बड़ी प्लेट में सलाद व पत्ता बिछाकर इस मिश्रण को उस पर रखें। अब प्याज, ककड़ी व टमाटर को गोल-गोल काटकर उसके चारों ओर सजाएँ।

PSEB 8th Class Home Science Practical सलाद और सूप

टमाटर का सूप

सामग्री—

  1. टमाटर — 500 ग्राम
  2. प्याज — 1
  3. दालचीनी — 1 छोटा टुकड़ा
  4. नमक, काली मिर्च — आवश्यकतानुसार
  5. पानी — आवश्यकतानुसार
  6. कॉर्नफ्लोर — 2 चम्मच
  7. मक्खन — 1 छोटा चम्मच
  8. क्रीम — इच्छानुसार

विधि—टमाटर को धोकर टुकड़े कर लें। प्याज को बारीक काट लें। टमाटर, प्याज व दालचीनी को आवश्यकतानुसार पानी में धीमी आँच पर पकने के लिए रख दें। अच्छी तरह गल जाने पर छलनी से छान लें। कॉर्नफ्लोर को मक्खन में भून लें। अब कार्नफ्लोर के ऊपर टमाटर का सूप धीरे-धीरे डालते जायें और हिलाते जायें। इच्छानुसार नमक व काली मिर्च डालें। अब क्रीम डालकर गरम-गरम परोसें।
नोट-सूप को प्यालियों में डालकर ऊपर डबलरोटी के तले हुए टुकड़े डालकर परोसने से सूप की सुन्दरता और बढ़ जाती है।

पालक का सूप

सामग्री—

  1. पालक — 500 ग्राम
  2. प्याज — 1
  3. नमक, काली मिर्च — इच्छानुसार
  4. दालचीनी, लौंग — आवश्यकतानुसार
  5. कॉर्नफ्लोर — 2 चम्मच
  6. डबलरोटी — इच्छानुसार
  7. घी — तलने के लिए क्रीम
  8. क्रीम — इच्छानुसार

विधि—पालक को अच्छी तरह धोकर काट लें। प्याज भी बारीक काट लें। इसमें दालचीनी, लौंग व पानी डालकर पकाएँ। गल जाने पर छानकर रख लें। एक बर्तन में घी गर्म करें। उसमें कॉर्नफ्लोर और डबलरोटी के टुकड़े चौकोर करके तल लें। कॉर्नफ्लोर के ऊपर पालक का सूप डालें व हिलाते जायें। गर्म-गर्म सूप में इच्छानुसार नमक व काली मिर्च मिलाकर उसे डबलरोटी के टुकड़ों व क्रीम से सजाकर परोसें।

PSEB 8th Class Home Science Practical सलाद और सूप

गाजर का सूप

सामग्री—

  1. गाजर — \(\frac{1}{2}\) किलो
  2. दूध — 1 गिलास
  3. पानी — 2 गिलास
  4. काली मिर्च — \(\frac{1}{2}\) चम्मच
  5. जैफल पाउडर — \(\frac{1}{4}\) चम्मच
  6. सजावट के लिए धनिए या पुदीने के पत्ते नमक — स्वादानुसार

विधि—गाजरों को धोकर काट लें या कद्दूकस कर लें। इसमें पानी मिलाकर प्रेशरकुकर में 10 मिनट के लिए पकाएँ। ठंडा करके छान लें और दूध डालकर हल्की आँच पर 10 मिनट के लिए पकाएँ। अब इसे उबलने न दें। नमक, काली मिर्च और जैफल पाउडर मिलाकर प्याली में डालें और पुदीने या धनिए के पत्तों से सजाकर परोसें।

हरे मटर का सूप

सामग्री—

  1. हरे ताज़े छीले हुए मटर — 300 ग्राम
  2. मैदा — 2 चम्मच
  3. दूध — 2 प्याले
  4. मक्खन — 3 चम्मच
  5. पानी — 2 प्याले
  6. नमक और काली मिर्च — स्वादानुसार

विधि—इसको भी टमाटरों के सूप की तरह ही बनाया जा सकता है। सभी चीजों को अच्छी तरह मिक्सी में मिलाएँ। उबालने तथा गर्म करें और प्यालों में परोस दें।

PSEB 8th Class Home Science Practical सलाद और सूप

दाल का सूप बनाना

सामग्री—

  1. मूंग की धुली हुई दाल — 4 चम्मच
  2. गोभी — \(\frac{1}{2}\)फल
  3. आलू — 1
  4. शलगम — 1
  5. टमाटर — 1
  6. दूध — 1 प्याला
  7. पानी — 1 प्याला
  8. मक्खन — 1 चम्मच
  9. मैदा — 1 चम्मच

विधि—दाल को साफ़ करके कुछ देर के लिए भिगो दें। सब्जियों को काट लें। मक्खन को गर्म करके सब्जियों में डाल दें और साथ ही दाल, पानी, नमक और काली मिर्च डाल दें। जब गल जाए तो छलनी में छान लें। दूध में मैदा मिलाकर सूप में मिलाएं और उबालने तक पकाएँ और गर्म-गर्म पीने के लिए दें।

PSEB 8th Class Home Science Practical चपाती बनाना

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical चपाती बनाना Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical चपाती बनाना

गेहूँ की रोटी

सामग्री—

  1. गेहूँ का आटा — 200 ग्राम
  2. पानी — आवश्यकतानुसार (आटा गूंथने के लिए)
  3. मक्खन या घी — थोड़ा-सा

विधि—आटे में पानी मिलाकर गूंथ ले। आधे घण्टे के लिए ढककर रख दें। अब इसकी छोटी-छोटी लोइयाँ बनाकर लगभग 5 व्यास की चपाती बेल लें। इन्हें गर्म तवे पर डाल दें
और उसको एक तरफ़ तब पलट दें जब उसका रंग बदलने लगे। अब दूसरी तरफ़ पकाएँ। जब भूरे रंग के निशान बनने लगें तो पहली तरफ़ को आग पर सेंकें। चपाती अच्छी प्रकार से फूलनी चाहिए। फिर घी लगाकर परोसें।

पराठा बनाना

सामग्री—

  1. आटा — 200 ग्राम
  2. पानी — आवश्यकतानुसार
  3. घी — तलने के लिए

विधि—चपाती की भाँति ही आटा गूंथ लें। आटे की लोई बनाकर उसे थोड़ा बेल लें। अब थोड़ा-सा घी लगाकर इसे मोड़ दें और दुबारा बेल लें। बेला हुआ पराँठा गर्म तवे पर डाल दें और थोड़ा सिकने पर उसे पलट दें। अब थोड़ा-थोड़ा घी लगाकर दोनों तरफ़ से तल लें। गरम-गरम पराँठे सब्जियों के साथ परोसें।

PSEB 8th Class Home Science Practical चपाती बनाना

मेथी का पराँठा

सामग्री—

  1. एक भाग मक्की का आटा — 100 ग्राम
  2. तीन भाग गेहूँ का आटा — 300 ग्राम
  3. हरी मेथी — 20 ग्राम (भूनी हुई)
  4. प्याज — 20 ग्राम
  5. नमक और मिर्च — स्वादानुसार

विधि—मेथी को धोकर बहुत बारीक काट लें। प्याज को छीलकर धोकर लम्बाई की तरफ़ पतला-पतला काटें। आटा गूंथने के समय आधे प्याज बीच में गूंथ लें। एक पैड़ की रोटी बनाएँ। घी लगाकर बीच में मेथी, प्याज, नमक और मिर्च मिला दें। पराँठे की तरह घी ऊपर ही लगाएँ। दही और मक्खन के साथ परोसें।

PSEB 8th Class Home Science Practical पनीर, कस्टर्ड, दही और रायता

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical पनीर, कस्टर्ड, दही और रायता Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical पनीर, कस्टर्ड, दही और रायता

पनीर बनाना

सामग्री—

  1. दूध — 1 लीटर
  2. दही — 100 ग्राम
  3. नींबू का रस — 2 बड़े चम्मच

विधि—दूध को आग पर रखकर उबालें। जब दूध उबल जाए तो उसमें फेंटा हुआ दही या नींबू का रस थोड़ा-थोड़ा करके डालें। जब दूध और पानी अलग-अलग हो जाए तो पतीला आग से उतार लें। 10-15 मिनट के बाद इसको साफ़ मलमल के कपड़े में डालकर कुछ देर के लिए लटका दें। पानी को निकलने दें। अगर पनीर की टुकड़ियाँ काटनी हों तो पनीर वाले कपड़े को चकले पर रखकर ऊपर कोई भारी वस्तु रख दें ताकि पनीर का सारा पानी निकल जाए और दब जाएं। इसके बाद पनीर के टुकड़े कर लें।

शाकाहारी लोगों के भोजन में पानी की बहुत महत्ता है क्योंकि इसमें अच्छे किस्म का प्रोटीन और कैल्शियम काफ़ी मात्रा में होता है। पनीर को खाने के लिए तो इस्तेमाल किया ही जाता है, इसके अतिरिक्त भारतीय लोग पनीर से कई प्रकार की मिठाइयाँ बनाते हैं।

खट्टा-मीठा पनीर

सामग्री—

  1. पनीर — 200 ग्राम
  2. टमाटर — 400 ग्राम
  3. टमाटर की सॉस — \(\frac{1}{2}\) कप
  4. गाजर — 1
  5. शिमला मिर्च — 1
  6. फ्रॉसबीन — 50 ग्राम
  7. नमक और काली मिर्च — स्वादानुसार
  8. प्याज —1 चम्मच
  9. चीनी — 1 चम्मच
  10. घी — थोड़ा-सा

विधि—टमाटरों को धोकर बारीक काट लें और थोड़े-से पानी में अच्छी तरह पकाएँ। छाननी से छानें और फोक फेंक दें। गाजर, शिमला मिर्च, फ्रॉसबीन और प्याज को लम्बा और पतला काटें। घी में सब्जियों को थोड़ा तलकर टमाटरों का गूद्दा डालकर कुछ देर पकाएँ ताकि सब्जियाँ गल जाएँ। पनीर के टुकड़े डालें, नमक, मिर्च और चीनी डाल दें और उतारने से पहले टमाटरों की सॉस डाल दें।

PSEB 8th Class Home Science Practical पनीर, कस्टर्ड, दही और रायता

पनीर के पकौड़े

सामग्री—

  1. पनीर — 100 ग्राम
  2. बेसन — 50 ग्राम
  3. सूखा धनिया — 1 चम्मच
  4. दही — 1
  5. नमक और लाल मिर्च — स्वादानुसार
  6. घी — तलने के लिए

विधि—पनीर के टुकड़े काट लें। बेसन में नमक, मिर्च, सूखा धनिया और दही मिलाकर पानी के साथ घोलें। कड़ाही में घी डालकर गर्म करने के लिए रखें। जब घी में से धुआँ निकलने लगे तो आँच थोड़ी हल्की करके, पनीर के टुकड़ों को बेसन लगाकर तलें। पकौडों को तलकर किसी साफ़ कागज़ पर रखें ताकि फालतू घी निकल जाए। टमाटरों की सॉस के साथ परोसें।

बेसन का पूड़ा

सामग्री—

  1. बेसन — 100 ग्राम
  2. प्याज — 2 छोटे
  3. हरी मिर्च — 1-2
  4. नमक, मिर्च — स्वाद के अनुसार
  5. घी — तलने के लिए

विधि—प्याज और हरी मिर्च को बारीक काट लें। बेसन में नमक, मिर्च और कटा हुआ प्याज आदि मिलाकर पानी से थोड़ा पतला घोल बना लें। तवा गर्म करके पहले थोड़ासा घी लगा लें। इस पर घोल को कड़छी से फैला लें। अब इसके चारों तरफ़ थोड़ा घी डाल लें। सिक जाने पर दूसरी तरफ़ पलट कर फिर घी डालकर सेंक लें।

PSEB 8th Class Home Science Practical पनीर, कस्टर्ड, दही और रायता

पनीर वाले टोस्ट

सामग्री—

  1. डबलरोटी के टुकड़े — 4
  2. कद्दूकस किया पनीर — \(\frac{3}{4}\) प्याला
  3. दही — 1 चम्मच
  4. बेसन — 2 बड़े चम्मच
  5. पिसी हुई राई — \(\frac{1}{4}\) चम्मच

विधि—पनीर, राई, काली मिर्च, दही, मैदा, बेसन और नमक को मिला लें ताकि गाढ़ासा घोल बन जाए। अगर ज़रूरत हो तो थोड़ा-सा पानी या दूध डालें। अच्छी तरह फेंटे। डबल रोटी के टुकड़ों को इस घोल में दोनों तरफ इबो दें। फ्राइंग पैन में घी डालकर गर्म करें और टोस्ट को दोनों कैफ से तलकर परोसें।
नोट—जो लोग अण्डा खा हैं उनके लिए बेसन की जगह अण्डे का इस्तेमाल कर सकते हैं।

दही का जमाना

सामग्री—

  1. दूध — \(\frac{1}{2}\) लीटर
  2. दही — \(\frac{1}{2}\) से 1 चम्मच

विधि—दूध को उबालकर बैंडा करें। गर्मियों में दूध जमाने के समय बिल्कुल कोसा ही होना चाहिए। इसे मिट्टी या स्टील के बर्तन में डालकर \(\frac{1}{2}\) चम्मच दही मिलाकर ढक दें। 3-4 घण्टे बाद दही जम जाएगा।
सर्दियों में दूध थोड़ा तथा अधिक गर्म होना चाहिए। इसमें 1 चम्मच दही घोलकर बर्तन को ढककर रख दें। ज़्यादा सर्दी के मौसम में दही वाले बर्तन को गर्म जगह पर रखें या फिर इसको किसी कंबल या पुरानी शाल में लपेटकर रखें। इसको आटे वाले टीन में भी रखा जा सकता है। सर्दियों में दही जमने में 5-6 घण्टे लग जाते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical पनीर, कस्टर्ड, दही और रायता

आलू का रायता

सामग्री—

  1. आलू — 150 ग्राम
  2. नमक — इच्छानुसार
  3. जीरा (भुना हुआ) — \(1 \frac{1}{2}\) चम्मच
  4. दही — 750 ग्राम
  5. मिर्च — \(1 \frac{1}{2}\) चम्मच
  6. सुखाया हुआ पुदीना — 1- चम्मच

विधि—आलू उबालकर छील लें और बारीक काट लें। दही मथकर उसमें कटे हुए आलू डाल दें, ऊपर से सब मसाले डालकर मिला दें। फिर इसे ठण्डा करें। ठण्डा होने पर परोसें। कुल मात्रा—4 व्यक्तियों के लिए।

खीरे का रायता

साम्रगी—

  1. दही — 250 ग्राम
  2. नमक — इच्छानुसार
  3. जीरा — चम्मच
  4. खीरा — 150 ग्राम
  5. मिर्च — 1/2 चम्मच
  6. सुखाया हुआ पुदीना — 1/2 चम्मच

विधि—खीरे को छीलकर कद्कस कर लें। अब दही को मथ लें। इसमें मसाले डालकर मिलाएँ। इसमें कद्दूकस किया हुआ खीरा डालकर मिला लें। फ्रिज में रखकर ठण्डा करें। ठण्डा होने पर खाने के साथ परोसें।
कुल मात्रा—4 व्यक्तियों के लिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical पनीर, कस्टर्ड, दही और रायता

प्याज का रायता

सामग्री—

  1. प्याज — 250 ग्राम
  2. नमक — इच्छानुसार
  3. भुना हुआ जीरा — 1 चम्मच
  4. सुखाया हुआ पुदीना — 1 चम्मच
  5. दही — 500 ग्राम
  6. मिर्च — 1/2 चम्मच
  7. काली मिर्च — 1/2 चम्मच

विधि—प्याज को छीलकर कद्दूकस कर लें। दही को मथकर उसमें कद्दूकस की हुई प्याज डाल दें। अब इसमें नमक, मिर्च, जीरा, पुदीना और काली मिर्च डालकर मिला लें। ठण्डा करके खाने के साथ परोसें।
कुल मात्रा—4-5 व्यक्तियों के लिए।

पालक-गाजर का रायता

सामग्री—

  1. दही — 250 ग्राम
  2. गाजर — 50 ग्राम
  3. पालक — 100 ग्राम
  4. नमक, मिर्च — स्वाद के अनुसार

विधि—पालक को धोकर, बारीक काटकर, हल्की आँच पर पकाएँ ताकि यह गल जाए। गाजर को धोकर, छीलकर कद्दूकस कर लें। दही को भली प्रकार फेंटकर पालक तथा गाजर मिला दें। नमक तथा मिर्च डालकर परोसें।
कुल मात्रा—2-3 व्यक्तियों के लिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical पनीर, कस्टर्ड, दही और रायता

लौकी का रायता

सामग्री—

  1. दही — 250 ग्राम
  2. लौकी — 100 ग्राम
  3. पिसा हुआ जीरा — स्वाद के अनुसार
  4. नमक — स्वाद के अनुसार
  5. मिर्च — स्वाद के अनुसार

विधि—लौकी को धोकर छीलकर, कदूकस कर लें। अब इसे भाप में पका लें। दही को फेंटकर नमक मिला दें। लौकी का पानी निचोड़कर दही में मिला दें। ऊपर से लाल मिर्च और पिसा हुआ जीरा छिड़क दें।
कुल मात्रा—2-3 व्यक्तियों के लिए।

केले का रायता

सामग्री—

  1. दही — 500 ग्राम
  2. केले — 3
  3. चीनी — 2 बड़े चम्मच
  4. किशमिश — थोड़ी-सी

विधि—किशमिश को कोसे पानी से धोकर साफ़ कर लें। दही में चीनी मिलाकर मथानी से अच्छी तरह फेंटें ताकि चीनी अच्छी तरह घुल जाए। केले को छीलकर काट लें और केले और किशमिश को दही में मिला दें।

PSEB 8th Class Home Science Practical पनीर, कस्टर्ड, दही और रायता

कस्टर्ड

सामग्र—

  1. दूध — 500 ग्राम
  2. चीनी — \(1 \frac{1}{2}\) बड़ा चम्मच
  3. कस्टर्ड पाउडर — 2 चाय के चम्मच

विधि—आधा कप दूध बचाकर, बाकी के दूध को उबालने के लिए रखें। गर्म दूध में चीनी मिलाकर और कप वाले दूध में कस्टर्ड पाउडर डालकर अच्छी तरह घोलें। जब दूध उबलने लगे तो इसमें कस्टर्ड वाला दूध धीरे-धीरे करके डालें और हाथ से चम्मच के साथ दूध को अच्छी तरह हिलाएँ ताकि गिलटियाँ न बन जाएँ। उबाल आने पर उतार लें। इसको गर्म या ठंडा करके परोसें।
कस्टर्ड में ऋतु के अनुसार फल, जैसे-आम, केला, सेब, अँगूर आदि भी डालें। अगर फल डालने हों तो कस्टर्ड को पहले अच्छी तरह ठंडा कर लें। फ्रिज में या बर्फ में रखकर ठंडा करके परोसें। ठंडे कस्टर्ड को जैली के साथ परोसे।

बेक किया हुआ कस्टर्ड

सामग्री—

  1. अण्डा — 1 छोटा
  2. दूध — 1 कप
  3. चीनी — 2 छोटे चम्मच

विधि—अण्डा और चीनी अच्छी तरह फेंट लें। फिर इसको दूध में मिलाएँ। अब इस मिश्रण को हल्की आँच पर पकाएं ठंडी हो जाने पर परोसें।

PSEB 8th Class Home Science Practical अण्डा पकाना

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical अण्डा पकाना Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical अण्डा पकाना

ऑमलेट

सामग्री-

  1. अण्डे — 4
  2. प्याज — 2 छोटे
  3. टमाटर — \(\frac{1}{2}\)छोटा
  4. हरी मिर्च — 1 – 2
  5. नमक और काली मिर्च — स्वाद के अनुसार
  6. घी — तलने के लिए

विधि—अण्डे का पीला और सफ़ेद भाग अलग-अलग कर लें। सफेद भाग को अच्छी तरह फेंट लें। अब इसमें पीला भाग अच्छी तरह मिला लें और नमक व काली मिर्च भी डाल लें। फ्राइंग पैन (Frying pan) गरम करके थोड़ा-सा घी डालकर अण्डे के आधे घोल को फैला दें। इसके ऊपर बारीक कटा हुआ प्याज, टमाटर और हरी मिर्च फैलाकर सिक जाने पर ऑमलेट को मोड़ दें। इसी प्रकार आधे बचे घोल का भी ऑमलेट बना लें।
कुल मात्रा—दो ऑमलेट

PSEB 8th Class Home Science Practical अण्डा पकाना

फ्राइड अण्डा

सामग्री—

  1. अण्डे — 2
  2. घी — तलने के लिए
  3. नमक तथा काली मिर्च — स्वाद के अनुसार

विधि-फ्राइंग पैन (Frying Pan) गरम करके उसमें थोड़ा-सा घी डाल दें। अण्डे को फ्राइंग पैन में ऐसे तोड़ें ताकि पीला और सफ़ेद भाग मिले नहीं। अब फ्राइंग पैन को ढककर मन्द आँच पर रखें। दो मिनट में अण्डा अपनी ही भाप में पक जाता है। परोसते समय सिकी हुई डबलरोटी पर मक्खन लगाकर ऊपर से फ्राइड अण्डा रख दें और नमक, काली मिर्च छिड़क दें।
कुल मात्रा-दो।

पोचड् अण्डा

सामग्री-

  1. अण्डे — 2
  2. पानी — 2 गिलास के लगभग
  3. नमक, काली मिर्च — स्वाद के अनुसार
  4. सिरका — 2 छोटी चम्मच

विधि—फ्राइंग पैन (Frying Pan) में पानी गरम कर लें। इसमें सिरका और थोड़ासा नमक डालकर उबाल आने दें। अब इसमें अण्डा ऐसे तोड़ें कि सफ़ेद और पीला भाग मिले नहीं। दो-तीन मिनट में पक जाने पर निकालकर काली मिर्च छिड़क कर टोस्ट या तले हुए आलू के टुकड़ों के साथ परोसें।
कुल मात्रा—दो।

PSEB 8th Class Home Science Practical अण्डा पकाना

सक्रैम्बल्ड अण्डा

सामग्री-

  1. अण्डे — 4
  2. दूध — 2 बड़े चम्मच
  3. मक्खन — 2 छोटे चम्मच
  4. नमक, काली मिर्च — स्वाद के अनुसार।

विधि—अण्डों को तोड़कर फेंट लें। इसमें बाकी सब चीजें मिला लें। पतीले में यह घोल डालकर धीमी आँच पर बराबर हिलाते हुए पकाएँ। एक-दो मिनट में पक जाने पर निकाल लें। ध्यान रखें कि वह बहुत ज्यादा सख्त न हो।
कुल मात्रा—दो कटोरी।

ऐग ऑन बडूज नेस्ट

सामग्री—

  1. अण्डे — 2 स्लाइस
  2. डबलरोटी — 5
  3. प्रोसेस्ड पनीर — 25 ग्राम
  4. मक्खन — 10 ग्राम
  5. काली मिर्च (पिसी) — थोड़ी-सी
  6. नमक — स्वादानुसार

विधि—डबल रोटी के स्लाइसों पर मक्खन लगा लें। पनीर को कद्दूकस कर लें तथा उसका आधा भाग डबलरोटी के टुकड़ों पर डाल दें। एक ट्रे में थोड़ा घी लगाकर डबलरोटी को उसमें रख दें। अब अण्डों को तोड़कर उनकी ज़र्दी व सफ़ेदी को अलग-अलग कर लें। (ध्यान रहे कि जर्दी टूटे नहीं) अण्डे की सफेदी को ‘ऐग बीटर’ (Egg Beater) की सहायता से अच्छी तरह फेंट लें ताकि सख्त-सी हो जाए। अब इस सफेदी को डबलरोटी के स्लाइसों पर चारों तरफ़ डाल दें तथा दोनों के बीच में अण्डे की जर्दी को तोड़ दें। ऊपर से कद्दूकस किया हुआ पनीर ओवन में भूरे रंग का होने तक सेंकें। अब इन पर नमक व काली मिर्च बुरक कर परोसें।
कुल मात्रा—दो व्यक्तियों के लिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical अण्डा पकाना

पौष्टिक पराँठे

सामग्री—

  1. आटा — \(\frac{1}{2}\)कटोरी
  2. पालक — 100 ग्राम
  3. मूंगफली — 50 ग्राम
  4. हरा धनिया — थोड़ा-सा
  5. बेसन — \(\frac{1}{2}\)कटोरी
  6. हरी मिर्च — 2-3
  7. अदरक — 1 छोटा टुकड़ा
  8. नमक — स्वादानुसार
  9. घी — तलने के लिए

विधि—मूली कद्दूकस कर लें। मूली के नरम पत्तों और पालक के पत्तों को धोकर बारीक काट लें। हरी मिर्च, हरा धनिया और अदरक को भी काट लें। मूंगफली के दानों को मोटा-मोटा सा कूट लें। आटा और बेसन को छननी में छान लें और शेष सारी चीजें मिलाकर आटा गूंथ लें। इसके पराँठे बनाकर दही के साथ परोसें।

PSEB 8th Class Home Science Practical अण्डा पकाना

भरवां पराँठा

सामग्री-

  1. गेहूँ का आटा —150 ग्राम
  2. जल — आवश्यकतानुसार
  3. नमक — थोड़ा-सा
  4. आलू — 50 ग्राम
  5. चने की दाल — 30 ग्राम
  6. हरी मिर्च — 1-2 2
  7. घी — 2 छोटी चम्मच
  8. गर्म मसाला — \(\frac{1}{4}\) चाय का चम्मच
  9. पिसी हुई लाल मिर्च — आवश्यकतानुसार
  10. घी या तेल — सेंकने के लिए

विधि—आटे में नमक डालकर गूंथ लें और \(\frac{1}{2}\) घण्टे के लिए रख दें। आलू तथा चने की दाल उबालें और आलू को छीलकर मथ लें। दाल को भी इसी में मिला लें। हरी मिर्च धोकर बारीक काटें और इसे दाल व आलू में मिला दें। एक चम्मच घी गर्म करके दाल व आलू का मिक्सचर तथा मसाले डालकर पाँच मिनट के लिए भून लें। इस प्रकार स्टफिंग तैयार हो जाएगी। आटे को भली प्रकार गूंथ कर उसमें चार गोलियाँ बना लें। हर एक गोली को थोड़ा-सा बेल लें फिर इसमें एक बड़ा चम्मच स्टफिंग भरकर फिर से गोली बना लें। अब इस पराँठे को पूरा बेल लें। पराँठे को तवे पर घी लगाकर सेंक लें।

नोट—स्टफिंग, मौसम के अनुसार सब्जियाँ; जैसे-मूली और फूलगोभी की भी बनाई जा सकती है।
मूंगफली की स्टफिंग भी बनाई जा सकती है।
कुल मात्रा—4 पराँठे।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Home Science Chapter 8 प्राथमिक सहायता

PSEB 8th Class Home Science Guide प्राथमिक सहायता Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
प्राथमिक सहायता क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
घायल की तत्काल थोड़ी सहायता, रोग को अधिक गम्भीर होने से बचाना, रक्त स्राव रोकना, अचानक बेहोश होने या बेहोशी दूर करना।

प्रश्न 2.
जलन कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर-
जलन दो प्रकार की होती है-

  1. सूखी (शुष्क) जलन,
  2. तरल जलन।

प्रश्न 3.
अगर कपड़ों को आग लग जाए तो क्या करना चाहिए ?
उत्तर–
व्यक्ति को मोटे कंबल आदि में लपेटें तथा धरती पर लिटा कर लुढ़काना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 4.
डॉक्टर के आने से पहले जले हुए घाव पर क्या लगाओगे ?
उत्तर-
बरनौल।

प्रश्न 5.
अपने आप को लू से कैसे बचाओगे ?
उत्तर-
पानी अधिक पीना चाहिए, कच्चे आम को भून कर रस पीना चाहिए। प्याज का प्रयोग करना चाहिए, सीधे धूप में नहीं जाना चाहिए।

प्रश्न 6.
ल वाले रोगी को किस तरह से सम्भालोगे ?
उत्तर-
रोगी को छाया वाली ठण्डी जगह पर रखें। धड़ को ठंडे पानी में डुबोना चाहिए। सिर पर बर्फ की थैली रखनी चाहिए। कच्चे आम का रस देना चाहिए आदि।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 7.
लू क्यों लगती है ?
उत्तर-
तेज़ गर्मी के मौसम में अचानक सूर्य की किरणें किसी कमज़ोर व्यक्ति, बच्चे या बूढ़े पर पड़ जाएं तो उसे लू लग सकती है।

प्रश्न 8.
ज़ख्म पर क्या लगाना चाहिए ?
उत्तर-
डिटोल, स्पिरीट आदि।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
कान में से खून बहने का क्या कारण है ?
उत्तर-
खोपड़ी के धरातल की हड्डी टूटने से कान से खून बहने लगता है।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 2.
प्राथमिक सहायता से आप क्या समझते हो ?
अथवा
प्राथमिक सहायता से क्या भाव है ?
उत्तर-
प्राथमिक सहायता वह सहायता है जो डॉक्टर के आने से पहले या रोगी को डॉक्टर के पास ले जाने से पहले रोग की पड़ताल करके, उसे शीघ्र ही चिकित्सा के रूप में पहुँचाई जाए।

प्रश्न 3.
प्राथमिक सहायता करने वाला व्यक्ति कैसा होना चाहिए?
उत्तर-
प्राथमिक सहायता करने वाला व्यक्ति धैर्यवान्, सहनशील, शान्त, दयावान्, होशियार, पक्के इरादे वाला, स्पष्टवादी, शारीरिक और मानसिक स्तर पर चुस्त होना चाहिए।

प्रश्न 4.
क्या प्राथमिक सहायता के उपरान्त डॉक्टर को बुलाना आवश्यक है ?
उत्तर-
प्राथमिक सहायता के उपरान्त शेष कार्य डॉक्टर के लिए छोड़ देना चाहिए। जितनी जल्दी हो उसे डॉक्टर की सहायता लेनी चाहिए और डॉक्टर के पहुंचने पर उसे बीमार की पूरी स्थिति बता देनी चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 5.
सूखी जलन से आप क्या समझते हो?
उत्तर-
आग या धातु का गर्म टुकड़ा शरीर के किसी भाग के साथ छू जाए या रगड़ा जाए अथवा गाढ़े तेज़ाब या क्षार द्वारा पैदा हुआ जख्म या घाव सूखी जलन कहलाता है।

प्रश्न 6.
तरल जलन कैसे हो जाती है?
उत्तर-
भाप, गर्म तेल, लुक या उबलती चाय या दूध या अयोग्य ढंग से लगाई हुई पुलटिस के साथ पैदा हुए घाव को तरल जलन कहा जाता है।

प्रश्न 7.
डूबते हुए व्यक्ति को बचाने के लिए एक-एक पल कीमती क्यों होता है ?
उत्तर-
डूबते हुए व्यक्ति को बचाने के लिए एक-एक पल कीमती है, क्योंकि कई बार डूबने से आदमी मरता तो नहीं, लेकिन बेहोश हो जाता है। झिल्ली काम करना बन्द कर देती है और सांस रुक जाता है। इस समय अगर बनावटी सांस दिया जाए तो जान बच सकती है।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जख्म कितनी तरह के होते हैं ?
उत्तर-
जख्म या घाव कई तरह के होते हैं। मुख्य प्रकार से जख्मों या घावों को निम्न श्रेणियों में बाँटा जा सकता है-
1. कटा हुआ घाव या कर्टित घाव-कभी-कभी तेज़ चाक, ब्लेड या काँच आदि के किनारे से लगकर रक्त बहने लगता है। यदि घाव गहरा हो जाता है तो धमनियाँ तथा नाड़ियाँ भी कट जाती हैं।

2. फटा हुआ घाव या दीर्घ घाव-इस प्रकार के घाव सामान्यतः मशीन के कल-पुर्जो, जानवरों के सींगों तथा पंजों द्वारा हो जाया करते हैं। घाव के किनारे फटे तथा टेढ़े-मेढ़े हो जाते प्राथमिक सहायता हैं। ये घाव ज्यादा खतरनाक होते हैं। इनके विषैले होने का खतरा रहता है। घाव के भर जाने पर भी शरीर पर स्थाई तथा भद्दे निशान पड़ जाते हैं।

3. संवेधित घाव-इस प्रकार के घाव गोली लगने, लकड़ी की फास चुभने, नुकीला हथियार लगने, काँटा चुभने आदि से हो जाते हैं। इन घावों का मुंह ऊपर से छोटा होता है। इनके बारे में सही अनुमान लगाना सम्भव नहीं होता। गोली लगने पर गोली निकालने का काम डॉक्टर पर छोड़ देना चाहिए।

4. कुचला हुआ घाव या कुचलित घाव-किसी भारी वस्तु के शरीर पर गिरने से, हथौड़े की चोट उँगली पर पड़ जाने से, दरवाज़े के बीच उंगली आ जाने से जो घाव बनता है; वह कुचला हुआ या कुचलित घाव कहलाता है।

प्रश्न 2.
अगर नाक में खून आए तो क्या करोगे?
उत्तर-
प्रायः गर्मियों में अधिक गर्मी होने के कारण नाक से खून बहता है। इसे नक्सीर आना या फूटना कहते हैं। नक्सीर फूटने पर निम्नलिखित प्रकार से उपचार करना चाहिए-
PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता 1
चित्र 8.1 नाक से खून बहना

  1. रोगी को खुले स्थान पर खिड़की के सामने ले जाकर कुर्सी पर बिठाना चाहिए जिससे शुद्ध वायु मिल सके।
  2. उसके सिर को पीछे और हाथों को ऊँचा करना चाहिए।
  3. यदि रोगी बैठ न सकता हो तो उसके कन्धे के नीचे दो तकिये लगा देने चाहिएँ।
  4. गर्दन व छाती के आस-पास के वस्त्रों को ढीला कर देना चाहिए।
  5. नाक द्वारा सांस न लेकर मुँह द्वारा साँस लेने को कहना चाहिए।
  6. नाक, हँसली और रीढ़ की हड्डी पर ठण्डे पानी की पट्टी रखनी चाहिए ताकि खून का बहना कम हो जाए।
  7. पाँव गर्म रखने चाहिएँ। ऐसा करने के लिए एक चिलमची में गुनगुना पानी लेकर रोगी के पैरों को उसमें रखकर तौलिए से ढक देना चाहिए। इससे खून का बहाव पैरों की ओर अधिक होगा।
  8. खून बहना बन्द हो जाने पर भी रोगी की नाक जल्दी साफ़ नहीं करनी चाहिए और न ही उसे बहुत हिलने-डुलने देना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 3.
आप रोगी की सहायता कैसे करोगे?
उत्तर-
रोगी की सहायता-कान की कनपटी पर थोड़ी रूई रखकर ढीली पट्टी बाँध देनी चाहिए और रोगी का सिर चोट वाली तरफ झुका देना चाहिए।

Home Science Guide for Class 8 PSEB प्राथमिक सहायता Important Questions and Answers

I. बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
दहन कितने प्रकार की होती है ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) पांच
(घ) दस।
उत्तर-
(ख) दो

प्रश्न 2.
कांटा चुभने के कारण हुआ घाव कैसा है ?
(क) कर्टित घाव
(ख) दीर्घ घाव
(ग) संवेधित घाव
(घ) कुचलित घाव।
उत्तर-
(ग) संवेधित घाव

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 3.
कुचलित घाव है
(क) तेज़ चाकू वाला
(ख) मशीन के पुर्जे के कारण
(ग) बांस चुभना
(घ) दरवाज़े में ऊंगली आ जाना।
उत्तर-
(घ) दरवाज़े में ऊंगली आ जाना।

प्रश्न 4.
ठीक तथ्य है
(क) जले हुए स्थान पर बरनौल लगानी चाहिए।
(ख) घाव को एंटीसेप्टिक घोल से साफ़ करना चाहिए।
(ग) क्षार से जले हुए अंग को पानी से धो दें।
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

II. ठीक/गलत बताएं

  1. शरीर में 6 दबाव बिन्दु होते हैं।
  2. धमनी की तुलना में शिरा का रक्त स्राव सरलता से रोका जा सकता है।
  3. लू वाले रोगी के सिर पर बर्फ की थैली रखनी चाहिए।
  4. लू लगने से रोगी की नब्ज तेज़ चलती है।
  5. गर्म धातु से जलना तरल जलन है।

उत्तर-

III. रिक्त स्थान भरें

  1. लू वाले रोगी को ……………….. स्थान पर ले जाएं।
  2. दरवाज़े में उंगली आने से ……………….. घाव बनता है।
  3. शरीर में ……………….. दबाव बिंदु है।
  4. लू लगने पर शरीर का तापमान 102° F से ……………….. तक हो सकता है।

उत्तर-

  1. ठण्डे,
  2. कुचला,
  3. छ:,
  4. 108°

IV. एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
कान से खून आने का कारण बताएं।
उत्तर-
खोपड़ी के धरातल की हड्डी टूटना।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 2.
लू से बचने के लिए नमक की मात्रा कम लेनी चाहिए या अधिक ?
उत्तर-
साधारण से 1/2 गुणा अधिक।

प्रश्न 3.
जले हुए घाव पर किस घोल से ड्रेसिंग करनी चाहिए ?
उत्तर-सोडे के घोल से।

प्रश्न 4.
सूखी जलन का उदाहरण दें।
उत्तर-
गर्म धातु से जलन।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रमुख घरेलू दुर्घटनाएं कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर-
भीगे या चिकने फर्श पर फिसल कर गिर जाना, सीढ़ियों से लुढ़क जाना, खेल-कूद में चोट लगना, रसोई में आग लगना, गर्म जल या दीपक या किसी तेज़ गर्म वस्तु से जल जाना, गर्म पानी या चाय आदि के गिरने से जल जाना, आग से झुलस जाना, भाप से जल जाना, दम घुटना, कटना या खरोंच पड़ना, धोखे से जहरीली दवाएँ पी लेना आदि-आदि।

प्रश्न 2.
प्राथमिक सहायता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अचानक घटने वाली दुर्घटनाओं की जो चिकित्सा डॉक्टर के पास या अस्पताल ले जाने से पूर्व की जाती है, उसे प्रार्थामक सहायता कहते हैं।

प्रश्न 3.
प्राथमिक सहायता से क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
घायल की तत्काल थोड़ी सहायता, रोग को अधिक गम्भीर होने से बचाना, रक्त स्राव रोकना, अचानक बेहोश होने पर बेहोशी दूर करना।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 4.
रक्तस्त्राव किसे कहते हैं ? ।
उत्तर-
चोट से, खरोंच से, सुई चुभने से या किसी तेज़ धार वाली वस्तु द्वारा धमनी या शिरा के कट जाने से रक्त के बहने को रक्तस्राव कहते हैं।

प्रश्न 5.
रक्तस्त्राव कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-

  1. कोशिकाओं के कट जाने से रक्तस्राव,
  2. धमनी से रक्तस्राव,
  3. शिरा से रक्तस्राव,
  4. आन्तरिक रक्तस्राव,
  5. नाक से रक्तस्राव

प्रश्न 6.
कान से खून बहने का क्या कारण है?
उत्तर-
खोपड़ी के धरातल की हड्डी टूटने से कान से खून बहने लगता है।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 7.
कान से खून बहने पर आप क्या उपचार करेंगी?
उत्तर-
कान की कनपटी पर थोड़ी रूई रखकर ढीली पट्टी बाँध देना चाहिए और रोगी का सिर चोट वाली तरफ झुका देना चाहिए।

प्रश्न 8.
दबाव बिन्दु क्या होते हैं ?
उत्तर-
शरीर में ऐसे स्थान जहाँ पर दबाव डालकर खून का बहना रोका जा सकता है।

प्रश्न 9.
शरीर में कितने दबाव बिन्दु प्रमुख हैं ? नाम दीजिए।
उत्तर-
शरीर में छः दबाव बिन्दु प्रमुख हैं

  1. गले स्राव नलिका की बगल में,
  2. कान के ठीक सामने की ओर,
  3. जबड़े से कोण बनाता हुआ 2.5 सेमी. की दूरी पर,
  4. कॉलर की हड्डी के अन्दर के भाग के पीछे की ओर,
  5. भुजाओं के अन्दर की ओर,
  6. जाँघ में मूत्राशय के निकट।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 10.
दबाव बिन्दु का प्रमुख कार्य क्या है?
उत्तर-
दबाव बिन्दुओं पर उचित दबाव डालकर रक्त के बहने को रोक कर रोगी को एक बहुत बड़े सदमे से बचाया जा सकता है।

प्रश्न 11.
नक्सीर फूटना किसे कहते हैं ?
उत्तर-
तेज़ गर्मी से छींकने अथवा सीधी चोट के कारण नाक से खून बहने लगता है, तो उसे नक्सीर फूटना कहते हैं।

प्रश्न 12.
प्राथमिक चिकित्सक के गुण क्या हैं ?
उत्तर-

  1. स्पष्ट बोलने वाला।
  2. धैर्यवान्, सहनशील तथा साहसी।
  3. मृदु भाषी तथा प्रसन्नचित
  4. दूरदर्शी, सतर्क तथा निपुण।
  5. हृष्ट-पुष्ट।
  6. दयालु व सेवाभाव रखने वाला।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 13.
भाप, गर्म तेल या उबलती चाय के साथ पैदा हुए घाव को कौन सी जलन कहां जाता है ?
उत्तर-
तरल जलन।

प्रश्न 14.
शुष्क जलन से क्या भाव है ?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राथमिक सहायता से क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
रोगी की प्राथमिक सहायता करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं-

  1. घायल की तत्काल थोड़ी-सी सहायता करने से उसका जीवन बच सकता है।
  2. प्राथमिक सहायता से रोग को और अधिक गम्भीर होने से बचाया जा सकता है।
  3. किसी भी कारण खून के बहने को रोका जा सकता है।
  4. किसी के अचानक चोट लगने पर या बेहोश हो जाने पर बेहोशी दूर करने के उपाय किए जा सकते हैं।
  5. थोड़ी देर के लिए अचानक पीड़ा को कम किया जा सकता है।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 2.
सूखी गर्मी से जलने के क्या लक्षण होते हैं? इसका उपचार किस प्रकार किया जाना चाहिए?
उत्तर-
आग, गर्म धातु, तेज़ाब, क्षार, बिजली, तेज़ घूमने वाले पहिये या तार की रगड से जलने को सूखी गर्मी से जलना कहते हैं। इसके प्रमुख लक्षण निम्न होते हैं

  1. पीड़ा अधिक होती है।
  2. सदमा पहुँचता है।
  3. त्वचा पर लाली आ जाती है।

उपचार-

  1. सदमें को दूर करने के लिए घायल को गर्म रखना चाहिए।
  2. जलन को कम करने के लिए कोई भी ठण्डक पहुँचाने वाला घोल, जैसे खाने के सोडे का गाढ़ा घोल जले हुए स्थान पर लगाना चाहिए।
  3. जले हुए स्थान पर बरनॉल नामक औषधि भी लगाई जा सकती है।

प्रश्न 3.
लू लगने के क्या लक्षण होते हैं ?
उत्तर-
लू लगने के लक्षण-

  1. रोगी की नब्ज तेज़ चलती है।
  2. शरीर का तापमान बढ़ जाता है।
  3. बुखार 102°F से 110°F तक हो सकता है।
  4. बुखार बढ़ने से नाक-कान से खून बहने लगता है।
  5. मूर्छा आ जाती है।
  6. पुतली सिकुड़ जाती है।
  7. सिर घूमने लगता है।
  8. प्यास लगने लगती है।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 4.
रक्तस्त्राव को रोकने के उपाय बताइए।
उत्तर-
रक्तस्राव को रोकने के निम्नलिखित उपाय हैं-

  1. खरोंच, सूई चुभने या सामान्य कोशिका के कट जाने पर रक्तस्त्राव को रोकने के लिए कटे स्थान को हाथ या अँगूठे से दबा दिया जाता है।
  2. यदि अँगूठे या हाथ से रक्त का बहाव बन्द न हो तो रूई व कपड़े का पैड या बौरसिक लिन्ट के टुकड़े को घाव पर रखकर पट्टी बाँधनी चाहिए। तब तक पट्टी न खोली जाये जब तक रक्त का बहाव बन्द न हो जाए।
  3. धमनी से रक्त बहने की स्थिति में पहले घायल व्यक्ति को लिटा देना चाहिए। जिस अंग से रक्त बह रहा हो उसे यथासम्भव हृदय के लैवल से ऊपर उठाकर रखना चाहिए।
  4. बर्फ की थैली रखने से भी रक्त बहना बन्द हो जाता है।
  5. शिरा से रक्त बहने पर चोट लगे हिस्से को नीचे की ओर झुकाना चाहिए।
  6. यदि हड्डी नहीं टूटी हो तो घाव को अँगूठे व हथेली से दबाकर भी रक्त बहना बन्द किया जा सकता है।

प्रश्न 5.
तेज़ाब से जलने पर प्राथमिक उपचार बताइए।
उत्तर-

  1. क्षतिग्रस्त भाग को दो चाय के चम्मच बेकिंग सोडा, सोडियम बाइकार्बोनेट या सोडा कार्बन एक पाइन्ट गर्म पानी में घोलकर भली-भान्ति धो डालें।
  2. दूषित वस्त्रों को सावधानीपूर्वक उतार दें और जले हुए घाव के सामान्य नियमों का पालन करें।
  3. जले हुए भाग को कभी भी सादे पाने से न धोयें।
  4. यदि आँख पर तेज़ाब पड़ने की शंका हो तो उसे पानी से अच्छी प्रकार धोकर पट्टी बाँध दें।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 6.
क्षार से जलने पर क्या प्राथमिक उपचार किया जाना चाहिए ?
उत्तर-

  1. जले अंग पर पड़ा क्षार (चूना) नर्म ब्रुश से हटा दें।
  2. जले हुए अंग को पानी से धो डालें।
  3. सिरका या नींबू के रस को समान मात्रा में पानी मिलाकर क्षतिग्रस्त भाग को धोएँ इससे क्षार का प्रभाव कम हो जाता है।
  4. दृषित वस्त्रों को शीघ्र हटा दें और जलने के सामान्य नियमों का पालन करें।
  5. यदि आँख पर क्षार पड़ने की शंका हो तो पानी में भली-भान्ति धो डालें। आँखों को नर्म रूई की गद्दी लगाकर पट्टी बाँध दें तथा डॉक्टर को तुरन्त दिखाने का प्रयास करें।

प्रश्न 7.
शिरा के रक्तस्त्राव को कैसे रोका जा सकता है ?
उत्तर-
धमनी की अपेक्षा शिरा का रक्तस्राव सरलता से रोका जा सकता है। शिराओं से बहने वाला रक्त अशुद्ध तथा नीलापन लिए हुए गहरे रंग का होता है। शिरा से रक्त लगातार तेज़ी से एक बंधी धार के साथ निकलता है।

उपचार-जिस अंग में चोट लगी हो उसे नीचे की ओर झुका देना चाहिए। यदि घाव गन्दा हो तो एण्टीसेप्टिक घोल से धो देना चाहिए। यदि हड्डी न टूटी हो तो उँगली से घाव को ज़ोर से दबाना चाहिए और रूई का एक मोटे पैड पर रखकर बाँध देना चाहिए। घाव के नीचे कसकर पट्टी बाँध देने से रक्तस्राव पूर्ण रूप से बन्द हो जाता है।।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 8.
डूबते व्यक्ति को बचाने के लिए उस की प्राथमिक सहायता कैसे करोगे ?
उत्तर-
डूबते व्यक्ति को पानी में से बाहर निकाल कर बचाने के लिए उस को उल्टा कर पेट पर दबाव डाल कर फालतू पानी निकाल दें तथा बनावटी सांस देनी चाहिए। जल्दी ही डॉक्टर की सहायता लेनी चाहिए।

प्रश्न 9.
प्राथमिक सहायता किसे कहते हैं तथा प्राथमिक सहायता करने वाला व्यक्ति कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 1.
विभिन्न प्रकार के घाव के उपचार बताइए।
उत्तर-
1. कटे हुए घाव का उपचार-यदि घाव कम गहरा हो तो थोड़ा-सा रक्त बहा देना चाहिए। इससे कीटाणु बाहर निकल जायेंगे। इस प्रकार के घाव को एण्टीसेप्टिक घोल, टिंचर आयोडीन, स्प्रिट आदि से साफ़ करना चाहिए तथा घाव के ऊपर रूई रखकर पट्टी बाँध
देनी चाहिए। साफ़ करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आस-पास की गन्दगी तथा पानी घाव में न जाये। यदि रक्तस्राव अधिक हो तो कसकर पट्टी बाँध देनी चाहिए। यदि घाव बड़ा हो तो डॉक्टर की सलाह से टाँके लगवा देने चाहिएँ।

2. फटे हुए घाव का उपचार-

  • रक्तस्राव बन्द करके घाव को एण्टीसेप्टिक घोल से साफ़ करना चाहिए।
  • घाव साफ़ करने के बाद उस पर सल्फोनामाइड पाउडर अच्छी तरह बुरक कर तथा रूई रखकर बाँध देना चाहिए। डॉक्टरी इलाज करना चाहिए।

3. संवेधित घाव का उपचार-रक्तस्राव रोकने के उपरान्त घाव को एण्टीसेप्टिक घोल से धोकर साफ़ करना चाहिए और फिर रूई को मरक्यूरीक्रोम या एक्रोफ्लेविन में भिगोकर घाव पर रखने के बाद पट्टी बाँध देनी चाहिए। यदि गोली अन्दर रह गई हो तो घायल को तुरन्त चिकित्सालय ले जाना चाहिए। रोगी को मूर्छित नहीं होने देना चाहिए।

4. कुचले हुए या कुचलित घाव का उपचार- इस प्रकार के घाव को एण्टीसेप्टिक घोल से धोकर कपड़े को बर्फ के पानी में गीला कर बाँध देना चाहिए। यदि घायल को बेचैनी हो तो ठण्डे पानी के साथ ग्लुकोस देना चाहिए।

प्रश्न 2.
फर्स्ट एड बॉक्स क्या होता है ? प्राथमिक सहायता हेतु आवश्यक वस्तुओं की सूची दीजिए।
उत्तर-
प्राथमिक सहायता के लिए आवश्यक सामग्री को एक डिब्बे में रखा जाता है जिससे उसका उपयोग आपातकाल के समय तुरन्त किया जा सके और सामान के लिए इधरउधर न भटकना पड़े। इस डिब्बे को फर्स्ट एड बॉक्स (First Aid Box) कहते हैं।
फर्स्ट एड बॉक्स में प्राथमिक सहायता सम्बन्धी निम्नलिखित सामान होना चाहिए-
PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता 2
चित्र 8.2 फर्स्ट एड बॉक्स

  1. टिंक्चर आयोडीन
  2. टिंक्चर बेन्जोइन
  3. मरक्यूरोक्रोम या ऐक्रीफ्लेविन
  4. स्प्रिट तथा अमोनिया
  5. पोटाशियम परमैंगनेट (लाल दवाई)
  6. डिटोल (कृमिनाशक घोल)
  7. सोडा बाइकार्बोनेट (खाने का मीठा सोडा)
  8. सूंघने का नमक (स्मैलिंग साल्ट)
  9. बरनॉल
  10. आयोडेक्स
  11. दवाईयुक्त प्लास्टर (हेसिव टेप)
  12. ए० पी० सी०, डिस्प्रीन, एनासिन या नोवलजिन
  13. पट्टियाँ (गोल व तिकोनी)
  14. गॉज (जाली वाला कपड़ा)
  15. रूई (कॉटन) मेडीकेटिड
  16. खपच्चियाँ
  17. आँख धोने का गिलास
  18. आधा दर्जन सेफ्टी पिन
  19. 2-3 ड्रापर
  20. कुछ लम्बी सीकें जो फुरहरी बनाने के काम आयें
  21. टूनिकेट
  22. छोटी कैंची, चाकू तथा चिमटी।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 3.
सूखे तथा तरल दहन से क्या भाव है ? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
अथवा
शुष्क और तरल जलन से क्या अभिप्राय है ? उदाहरण देकर स्वष्ट कीजिए।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 4.
लू क्यों लगती है तथा लू वाले रोगी की प्राथमिक सहायता कैसे करोगे ?
उत्तर-
उपरोक्त प्रश्नों में देखें।

प्रश्न 5.
प्राथमिक सहायता क्यों ज़रूरी है?
उत्तर-
दैनिक जीवन में कई प्रकार की दुर्घटनाएं घटती रहती हैं। घर में, स्कूल में, सड़क पर यात्रा करते हुए, कारखाने आदि में कहीं भी दुर्घटना हो सकती है। जल जाना, लू लगना, किसी कीड़े-मकौड़े का काटना, गलती से कोई विषैली वस्तु खा लेना, किसी अंग का कट जाना, मूर्च्छित हो जाना, चोट लगने से रक्त बहना आदि भी रोज़ की घटनाएँ हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर को बुलाना और इलाज करना आवश्यक हो जाता है। परन्तु हर जगह और हर समय शीघ्र डॉक्टर का मिलना सम्भव नहीं होता। डॉक्टर के न मिलने पर तत्काल उपचार न होने से मरीज की हालत बिगड़ जाती है और मृत्यु तक हो सकती है। इसलिए दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की स्थिति को डॉक्टर के आने से पूर्व बिगड़ने से रोकने के लिए और उसकी जान बचाने के लिए प्राथमिक सहायता (प्राथमिक उपचार) की आवश्यकता होती है।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 6.
अगर कपड़ों को आग लग जाए तो क्या करना चाहिए?
उत्तर-
कपड़ों को आग लगने पर उपाय-
1. यदि खाना बनाते समय या किसी और कारण से कपड़ों में आग लग गई हो तो रोगी को तुरन्त ज़मीन पर लेट कर लुढ़कना चाहिए। रोगी के ऊपर एक कम्बल या ओवरकोट डालना चाहिए, लेकिन रोगी का मुँह खुला रखना चाहिए।
2. आग बुझाने के लिए जलते हुए व्यक्ति पर कभी भी पानी नहीं डालना चाहिए, नहीं तो घाव और गम्भीर हो जाते हैं।
3. रोगी के कपड़े व जूते उतार देने चाहिएं। यदि नहीं उतर सकें तो उन्हें काट देना चाहिए।
4. रोगी को उठाकर किसी एकान्त स्थान पर ले जाकर लिटा देना चाहिए। उसे पीने के लिए गर्म दूध या चाय देनी चाहिए।
5. यदि फफोले पड़ गए हों तो उन्हें फोड़ना नहीं चाहिए।
6. जले हुए स्थान पर खाने के सोडे के घोल से ड्रेसिंग करनी चाहिए।
7. एक भाग अलस के तेल में एक भाग चूने का पानी मिलाकर स्वच्छ कपड़े के फाये द्वारा जले हुए भाग पर लगाना लाभदायक होता है।बरनोल उपलब्ध हो तो जले हुए स्थान पर धीरे-धीरे लगाना चाहिए।
8. जले हुए स्थान पर नारियल का तेल मलने से भी आराम मिलता है।
9. यदि अधिक जल गया हो तो जले हुए स्थान के कपड़े सावधानीपूर्वक हटा देने चाहिएँ यदि कपड़े चिपक गए हों तो उस स्थान पर नारियल या जैतून का तेल लगा देना चाहिए।
10. रोगी को शीघ्रातिशीघ्र डॉक्टर के पास या अस्पताल ले जाना चाहिए।

प्रश्न 7.
डॉक्टर के आने से पहले जले हुए घाव पर क्या लगाओगे?
उत्तर-
डॉक्टर के आने से पूर्व जले हुए व्यक्ति के फफोले या छाले नहीं फोड़ने चाहिएं क्योंकि ये बाहर के रोगाणुओं से घाव को बचाते हैं। डॉक्टर के आने से पहले जले हुए घाव पर निम्नलिखित पदार्थ लगाए जा सकते हैं-
1. यदि कपड़ों के जलने से शरीर जला है तो जले हुए स्थान पर खाने के सोडे का घोल, एक भाग चूने का पानी मिलाकर, जैतून या नारियल का तेल या बरनोल लगाया जा सकता है।

2. यदि शरीर रासायनिक पदार्थों से जला है तो जले हुए स्थान के भाग को पानी से अच्छी तरह धो लेना चाहिए। यदि शरीर का भाग तेज़ाब (अम्ल) से जला है तो उस पर अमोनिया या खाने के सोडे का घोल लगाना चाहिए।

3. तीव्र क्षार से जलने पर सिरके या नींबू के रस में पानी मिलाकर लगाने से आराम मिलता है और क्षार का प्रभाव कम हो जाता है। कार्बोलिक अम्ल से जले हुए भाग पर एल्कोहल मलने से आराम मिलता है।

4. वाष्प या शुष्क ताप से जलने पर या बिजली से जलने पर भी वही उपचार देना चाहिए जो कपड़ों में आग लगने पर गम्भीर रूप से जलने पर दिया जाता है।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 8.
अपने आपको लू से कैसे बचाओगे?
उत्तर-
अपने आप को लू से बचाने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए-

  1. गर्मी में काम करते समय हल्के रंग के सूती कपड़े पहनने चाहिएँ।
  2. गर्मी के स्थान से वातानुकूलित ठण्डे स्थान में या वातानुकूलित ठण्डे स्थान से गर्मी के स्थान पर एकाएक नहीं आना-जाना चाहिए।
  3. घर से खाली पेट बाहर नहीं जाना चाहिए। खाना खाए हुए व्यक्ति की अपेक्षा खाली पेट वाले व्यक्ति को लू अधिक तेजी से लगती है।
  4. अधिकाधिक पानी पीना चाहिए। घर से जाते समय भी पानी पी कर जाना चाहिए।
  5. लू के दिनों में कच्चे आम के पीने (आम को भून कर बनाए गए रस) तथा प्याज का सेवन करना चाहिए।
  6. नमक की मात्रा अधिक लेनी चाहिए।
  7. पौष्टिक खुराक लेने वाले को लू कम लगती है। शराब पीने वालों को, त्वचा के रोगियों को व पौष्टिक खुराक न खाने वालों को जल्दी लू लगती है।

प्रश्न 9.
लू वाले रोगी को किस तरह सम्भालोगे?
उत्तर-
लू से पीड़ित व्यक्ति को तत्काल डॉक्टरी सहायता पहुँचानी चाहिए। अन्यथा तेज़ बुखार से उसकी मृत्यु का भय रहता है। लू लगने पर निम्नलिखित प्राथमिक उपचार किए जाने चाहिएँ.

  1. रोगी को सबसे छायादार या ठण्डे स्थान पर ले जाना चाहिए।
  2. जितना शीघ्र हो सके उसके मस्तिष्क को ठण्डक पहुँचानी चाहिए। इसके लिए उसके धड़ को ठण्डे पानी में डुबोना चाहिए। पूरे शरीर को ठण्डे पानी से मल-मल कर नहलाना चाहिए।
  3. रोगी के सिर पर बर्फ की थैली रखनी चाहिए।
  4. बुखार उतरते ही रोगी को बिस्तर पर लिटा देना चाहिए। यदि बुखार दुबारा तेज़ होता है तो यही उपचार करना चाहिए।
  5. रोगी को कच्चा आम भूनकर या उबालकर उसका रस बनाकर देना चाहिए। प्याज़ का रस देना भी लाभदायक रहता है।
  6. रोगी के हाथ-पाँव पर विशेष रूप से हथेलियों एवं तलवों पर मेंहदी या प्याज़ पीस कर मलना चाहिए।
  7. रोगी को लस्सी या नींबू के साथ नमक खिलाना चाहिए क्योंकि पसीने द्वारा अधिक मात्रा में नमक शरीर से बाहर निकल जाता है।
  8. रोगी को कोई उत्तेजक पदार्थ नहीं पिलाना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्रश्न 10.
ल क्यों लगती है?
उत्तर-
लू गर्म देशों में घटित होने वाली घटना है। तेज़ गर्मी के मौसम में एकापक सूर्य की तेज़ किरणें दुर्बल व्यक्ति, बच्चे या बूढ़े पर पड़ती हैं तो उसे लू लग सकती है। मनुष्य काफ़ी लम्बे समय के लिए खुली गर्मी में काम करे तो उसे लू लग सकती है। घर के अन्दर भी तेज़ गर्मी लू लगने के समान परिणाम ला सकती है। लू लगने की दशा में शरीर तापं के निष्कासन की सामान्य शक्ति नष्ट हो जाती है।

प्रश्न 11.
जख्म पर क्या लगाना चाहिए?
उत्तर-
जख्म से यदि खून बहता हो तो पहले खून बन्द करने का उपचार करना चाहिए। जिस अंग से खून बहता हो उसे हल्के से पकड़कर हृदय के लैवल से थीड़ा ऊपर रखना चाहिए ताकि खून बहना बन्द हो जाए। यदि हड्डी टूटी हो तो जख्म पर सख्त कपड़ा रखकर ज़ोर से पट्टी बाँधने से खून बहना बन्द हो जाता है। यदि जख्म में कोई चीज़ या हड्डी का टुकड़ा फँसा हो तो जख्म के किनारों पर दबाव डालना चाहिए।

खुले जख्म के सबसे पहले किसी कीटाणुनाशक या एण्टीसेप्टिक घोल, जैसे डिटोल, पोटेशियम परमैंगनेट या स्प्रिट से साफ़ करना चाहिए। इससे घाव विषैला होने से बच जाता है। घाव पर मरक्यूरी क्रीम या टिंचर बेंजोइन लगाना चाहिए। घाव पर यदि खुरण्ड बन आया हो तो उसे नहीं हटाना चाहिए क्योंकि यह खून बहना रोकने का प्राकृतिक साधन है।

प्रश्न 12.
काटे जाने पर रक्त बहने की स्थिति में प्राथमिक सहायतों के बारे में लिखें। जख़्म कितनी प्रकार के होते हैं ? विस्तार से लिखें।।
उत्तर-
ऐसी स्थिति में प्राथमिक सहायता देने का भाव है कि रक्त बहने से रोकना तथा रोगाणुओं को रक्त में मिलने से रोकना। साधारण जख़्म पर टिंकचर आयोडीन लगा देनी चाहिए। गहरे जख़्म को पानी से धो कर फलालैन के कपड़े से पोंछ दें। यदि दवाई न हो तो शहद का प्रयोग कर सकते हैं।
जख़्मों के प्रकार-स्वयं करें।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 8 प्राथमिक सहायता

प्राथमिक सहायता PSEB 8th Class Home Science Notes

  • प्राथमिक सहायता वह सहायता है, जो डॉक्टर के आने से पहले या रोगी को डॉक्टर के पास ले जाने से पहले रोगी के रोग की पड़ताल करके, उसे शीघ्र ही चिकित्सा के रूप में पहुँचाई जाए।
  • प्राथमिक सहायता करने वाला व्यक्ति धैर्यवान्, सहनशील, शान्त, दयावान्, होशियार, पक्के इरादे वाला, स्पष्टवादी, शारीरिक और मानसिक रूप से चुस्त होना चाहिए।
  • आग या धातु का गर्म टुकड़ा शरीर के किसी भाग के साथ छू जाए या रगड़ा जाए अथवा गाढ़े तेज़ाब या क्षार द्वारा पैदा हुआ ज़ख्म या घाव सूखी जलन कहलाता है।
  • भाप, गर्म तेल, लुक या उबलती चाय का दूध या अभोज्य ढंग से लगाई हुई पुलटिस के साथ पैदा हुए घाव को तरल जलन कहा जाता है।
  • जले हुए स्थान पर तेल लगाने से खून में जहर फैलने का डर रहता है।
  • जले हुए व्यक्ति को गर्म मीठी चाय में हल्दी डालकर रोगी को देना चाहिए ताकि रोगी को गर्म रखा जा सके।
  • लू लगने से रोगी की नब्ज़ तेज़ चलती है।
  • गर्मी में काम करने वाले को हल्के रंग के सूती कपड़े पहनने चाहिएँ।
  • गर्मी के दिनों में धूप में काले चश्मों और छतरी का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • लू अधिक शराब पीने वालों को, एग्ज़ीमा के रोगियों को, पौष्टिक खुराक न खाने वालों को जल्दी लगती है।
  • साधारण कटे हुए ज़ख्म पर टॅनर आयोडीन लगानी ठीक रहती है।
  • किसी भी तेज़ ब्लेड, उस्तरा आदि लगने से हुए घाव को कटित घाव कहते हैं।
  • मशीन में शरीर के किसी अंग का आ.। या किसी पशु के मुँह में आ जाने से होने वाले घाव को दीर्घ घाव कहते हैं।
  • किसी चाकू, तेज़ धार वाले या नुकीले हथियार से हुए गहरे घाव, जिसका मुँह ऊपर से छोटा होता है, लेकिन अन्दर घाव गहरा होता है, इसको ही संवेधित घाव कहते हैं।
  • किसी भारी वस्तु के शरीर पर गिरने से या किसी कुंद हथियार के ज़ोर से लगने से होने वाला घाव कुचलित घाव कहलाता है।
  • नाक से खून बहे तो नाक पर ठंडे पानी की पट्टी रखें। और नाक साफ़ नहीं करना चाहिए।
  • लू के दिनों में पानी और नमक का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए।
  • लू लगे हुए रोगी को ठंडी और खुली हवा में लिटाना चाहिए।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती)

Punjab State Board PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Agriculture Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती)

PSEB 8th Class Agriculture Guide खुम्बों की काश्त (खेती) Textbook Questions and Answers

(अ) एक-दो शब्दों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
खुम्बों की दो उन्नत किस्मों के नाम बताएं।
उत्तर-
बटन खुम्ब, पराली खुम्ब, शिटाकी खुम्ब।

प्रश्न 2.
खुम्बें किन रोगों से पीड़ित लोगों के लिए लाभदायक हैं?
उत्तर-
शूगर तथा ब्लड प्रैशर

प्रश्न 3.
सर्द ऋतु की खम्बों की वर्ष में कितनी फसलें प्राप्त की जा सकती हैं?
उत्तर-
बटन खुम्ब की दो, ढींगरी की तीन तथा शिटाकी की एक फसल ली जा सकती है।

प्रश्न 4.
खुम्बों के पालन के लिए बनाई जाने वाली खाद की ढेरियों की ऊंचाई अधिक-से-अधिक कितने फुट रखनी चाहिएं?
उत्तर–
पाँच फुट।

प्रश्न 5.
तैयार खाद को पेटियों में खुम्बें भरते समर गली-सड़ी रूड़ी व रेतीली मिट्टी में क्या अनुपात होता है?
उत्तर-
गले-सडे गोबर की खाद तथा रेतली मिट्टी में 4 : 1 का अनुपात होना चाहिए।

प्रश्न 6.
खुम्बों को मक्खियों से बचाने के लिए किस औषधि का प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर-
नूवान (डाइक्लोरोवेस)।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती)

प्रश्न 7.
मक्खियों से बचाने के लिये दवाई छिड़कने के कितने घण्टे उपरांत तक खुम्बें नहीं तोड़नी चाहिए?
उत्तर-
48 घण्टे।

प्रश्न 8.
खुम्बें उगाने के लिए प्रति क्यारी कितने बीज की आवश्यकता पड़ती है ?
उत्तर-
300 ग्राम।

प्रश्न 9.
पंजाब में वर्तमान समय में कितनी खुम्बें पैदा हो रही हैं ?
उत्तर-
वार्षिक लगभग 45000-48000 टन

प्रश्न 10.
खाद तैयार करते समय कितनी पल्टियां दी जाती हैं?
उत्तर-
सात।

प्रश्न 11.
बढ़िया खाद तैयार करने की pH कितनी होती है ?
उत्तर-
7.0 से 8.0

(आ) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
खुम्बों से कौन-कौन से भोजन तत्त्व प्राप्त होते हैं ?
उत्तर-
कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा, पोटाश, खनिज पदार्थ तथा विटामिन सी आदि काफ़ी मात्रा में प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 2.
खुम्बें पालने के लिए किन वस्तुओं की आवश्यकता होती है?
उत्तर-
भूसा, गेहूँ की छान (चोकर), किसान खाद, युरिया, सुपरफास्फेट, मिऊरेट आफ पोटाश, जिप्सम, गामा बी० सी०-20 ई, फ्यूराडान, सीरा आदि तथा खुम्बों का बीज (स्पान)।

प्रश्न 3.
खुम्बें पालने के लिए खाद की ढेरी को बार-बार मिलाना क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
ऐसा करने से ढेर का बाहर का हिस्सा अंदर और बीच का हिस्सा बाहर आ जाता है। कम्पोस्ट बनाने वाले जीवाणुओं को ताज़ी हवा मिल जाती है तथा अच्छी खाद बन जाती है।

प्रश्न 4.
खुम्बों के लिए तैयार खाद में संशोधन कैसे किया जा सकता है?
उत्तर-
खुम्बों का बीज बोने से पहले तैयार की खाद में बाविस्टन 50% घुलनशील 20 मिलीग्राम प्रतिलीटर के हिसाब से मिला देनी चाहिए। इसके लिए एक क्विंटल खाद में 20 ग्राम बाविस्टन काफ़ी है जो चार पेटियों के लिए पर्याप्त है।

प्रश्न 5.
केसिंग करने का क्या लाभ है ? केसिंग मिट्टी कैसे तैयार की जाती है?
उत्तर-
केसिंग खुम्बों को वातावरण प्रदान करती है। खेत की गली-सड़ी रूड़ी तथा रेतीली मिट्टी को 4:1 के अनुपात में मिलाने से या चावलों की सड़ी हुई भूसी तथा गोबर की सलरी को 1:1 के अनुपात में मिलाने से केसिंग मिश्रण बनाया जाता है।

प्रश्न 6.
पंजाब में कौन-कौन सी खुम्बों की सिफ़ारिश की है? उनके तकनीकी नाम भी लिखें।
उत्तर-
पंजाब के वातावरण में खुम्बों की पाँच किस्मों की कृषि की जाती है।
यह किस्में हैं-बटन खुम्ब (Button Mushroom), ढींगरी खुम्ब (Oyster Mushroom), शिटाकी (Shitake), पराली खुम्ब (Chinese Mushroom) तथा मिल्की खुम्ब (Milky Mashroom)

प्रश्न 7.
खाद तैयार करने के लिए पल्टियों का विवरण देते हुए बतलाएं कि इसके लिए क्या कुछ चाहिए?
उत्तर-
खाद तैयार करने के लिए निम्नलिखित अनुसार पल्टियां दी जाती हैं—

पलटना ढेर लगाने से तत्त्व मिलाना कितने दिन बाद तत्व मिलाना
पहली बार 4 सीरा
दूसरी बार 8
तीसरी बार 12 जिप्सम
चौथी बार 15
पांचवीं बार 18 फूराडान
छठी बार 21
सातवीं बार 24 गामा बी० एच० सी०

इस प्रकार सात बार पलटियां दी जाती हैं। पहले 4-4 दिन के बाद तीन बार तथा फिर 3-3 दिनों के बाद। इसके लिए सीरा, जिप्सम, फुराडान, गामा वी० एच०. सी० की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 8.
केसिंग मिश्रण को विषाणु रहित करने का ढंग लिखें।
उत्तर-
रेत तथा गली-सड़ी रूड़ी की खाद को गीला करके इसके ऊपर 4-5% फार्मलीन का छिड़काव किया जाता है। प्रति क्विंटल मिट्टी के हिसाब से इसमें 20 ग्राम फुराडान डाल दिया जाता है तथा 48 घण्टों के लिए इसको तिरपाल या बोरी से ढक दिया जाता है। प्रयोग से पहले हिला कर फार्मालीन को उड़ा दिया जाता है। इस तरह केसिंग मिश्रण जर्म रहित हो जाता है।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती)

प्रश्न 9.
खुम्बों की कृषि के लिए बढ़िया खाद की पहचान कैसे की जाती है?
उत्तर-
खाद की पहचान उसके रंग, गंध तथा नमी से की जाती है। इसका रंग काला भूरा हो जाता है तथा अमोनिया की गंध आनी बंद हो जाती है तथा इसमें 65-72% नमी होती है तथा इसकी पी० एच० का मूल्य 7.0 से 8.0 होता है। इस तरह खाद तैयार होती है।

प्रश्न 10.
एक वर्ग मीटर में खुम्बों की कितनी उपज प्राप्त की जाती है?
उत्तर-
एक वर्ग मीटर में से 8-12 किलो खुम्ब का उत्पादन मिल जाता है।

(इ) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
खुम्बों का हमारे भोजन में क्या महत्त्व है?
उत्तर-
खुम्बें सारी दुनिया में भोजन के रूप में प्रयोग की जाती हैं। इसमें भोज्य तत्त्व ज्यादा मात्रा में होने के कारण यह शरीर को हृष्ट-पुष्ट रखने में सहायक होती है। खुम्बों में प्रोटीन बहुत ज़्यादा मात्रा में होती है, जो आसानी से हज्म हो जाती है। इसके अतिरिक्त इसमें पोटाश, कैल्शियम, लोहा, फॉस्फोरस, खनिज पदार्थ तथा विटामिन सी० भी भरपूर मात्रा में होते हैं। इनमें कार्बोहाइड्रेट तथा चिकनाहट की मात्रा कम होती है। इसलिए शूगर तथा ब्लडप्रैशर के मरीजों के लिए खुम्बें काफ़ी लाभदायक हैं।

प्रश्न 2.
सर्द ऋतु की खुम्बों को उगाने के लिए खाद की ढेरी बनाने की विधि बताएं।
उत्तर-
भूसे को पक्के फर्श पर बिछाकर इस पर पानी छिड़क दें तथा 48 घण्टे तक भूसे को खुले ढेर की तरह पड़ी रहने दें। साफ़ की गई खादों का बुरादा मिलाकर थोड़ा गीला कर दें। 24 घण्टे बाद इसे गीली भूसे पर मिश्रित छान बिखेर दें। इस मिश्रण को इकट्ठा करके लकड़ी के तख्तों की सहायता से 5 × 5 × 5 फुट, ऊंचे, लंबे व चौड़े ढेर बनाएं। इन ढेरों की ऊंचाई और चौड़ाई 5 फुट से अधिक नहीं होनी चाहिए।

प्रश्न 3.
खुम्बों (मशरूम) के मंडीकरण (विपणन) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
खुम्बों को काटकर या खींचकर न तोड़ें। परन्तु खुम्ब को अंगुलियों के बीच लेकर धीरे से मरोड़ें तथा दिन में एक बार खुलने से पहले ज़रूर तोड़ लें। ऐसा करते समय छोटी-छोटी बटन खुम्बों को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। खुम्ब को तोड़ने के दौरान उसकी डंडी के मिट्टी वाले हिस्से को काटकर साफ़ कर दें।
इन तोड़ी खुम्बों को बारीक छिद्र वाले प्लास्टिक के लिफाफों में पैक करें। हर लिफाफे में 250 ग्राम ताज़ी खुम्ब भरें। इन खुम्बों को मंडी में बेचने के लिए भेजा जाता है। खुम्बों को धूप तथा छाया में प्राकृतिक ढंग से सुखाकर बे-मौसमी बिक्री के लिए स्टोर करके रख लें।

प्रश्न 4.
खुम्बों का बीज (Spawn) क्या होता है और बोआई पेटियों में कैसे की जाती है?
उत्तर-
पेटियों को ढंग से लगाना-पेटियों को एक-दूसरी पर टिकाकर खेती का क्षेत्र बढ़ाया जा सकता है। पंक्तियों में रखी पेटियों का अन्तर 2-2 फुट तथा पेटियों में ऊपर-नीचे रखी ट्रेओं में फासला 1 फुट होना चाहिए। ऐसा करते समय छोटी-छोटी बटन खुम्बों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। निकालने के बाद खुम्बों की डंडी का मिट्टी वाला भाग काट देना चाहिए तथा साफ़ कर लेना चाहिए।
PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती) 1
चित्र-वटन मशरूम

प्रश्न 5.
‘बटन मशरूम’ की कृषि के लिए कौन-कौन से पड़ाव हैं उनके विषय में लिखें।
उत्तर-
बटन खुम्ब की खेती के पड़ाव—

1. खाद की तैयारी के लिए वस्तुएं-भूसा 300 किलो, गेहूँ का चोकर 15 किलोग्राम, किसान खाद 9 किलोग्राम, यूरिया, सुपरफास्फेट, म्यूरेट आफ पोटाश तीनों खाद 3-3 किलोग्राम प्रत्येक, जिपस्म 30 किलोग्राम, गामा वी० सी० 20 ई 60 मिलीलीटर, सीरा 5 किलोग्राम, फूराडान 3 जी 150 ग्राम।।

2. ढेरी बनाना-भूसे को पक्के फर्श पर बिछाकर इस पर पानी छिड़क दें तथा 48 घण्टे तक भूसे को खुले ढेर की तरह पड़ी रहने दें। साफ़ की गई खादों का बुरादा मिलाकर थोड़ा गीला कर दें। 24 घण्टे बाद इसे गीली भूसे पर मिश्रित छान बिखेर दें। इस मिश्रण को इकट्ठा करके लकड़ी के तख्तों की सहायता से 5 × 5 × 5 फुट, ऊंचे, लंबे व चौड़े ढेर बनाएं। इन ढेरों की ऊंचाई और चौड़ाई 5 फुट से अधिक नहीं होनी चाहिए।

3. खाद के ढेरों को हिलाना-ढेर को मिलाने के लिए हर बार ऊपरी सिरे से चारों तरफ कुछ पानी छिड़का कर अच्छी तरह मिलाएं तथा कुछ और पानी डाल दें। इससे ढेर का बाहर का हिस्सा अंदर तथा बीच का हिस्सा बाहर आ जाएगा। कम्पोस्ट बनाने वाले जीवाणुओं को भी ताजा हवा मिल जाती है। हर बार ढेर को दोबारा बनाने के लिए इस ढंग का प्रयोग करें। ढेर को तीन बार हर चौथे दिन हिलाकर इसमें सीरा, जिप्सम, फ्यूराडान तथा गामा वी० एच० सी० को क्रमवार पहली, तीसरी, पाँचवीं तथा सातवीं बार हिलाने पर मिला दें। 24 दिन बाद 300 किलोग्राम भूसे से पूरी तरह तैयार की गई यह खाद 100 × 150 × 18 सें० मी० आकार की 20-25 पेटियां भरने के लिए काफ़ी है। जब खाद का रंग काला-भूरा हो जाए तथा अमोनिया की बदबू आनी बंद हो जाए तब इसमें 65-72% नमी होती है और खाद तैयार हो जाती है। पी० एच० 7.0 से 8.0 होती है।

4. खाद की सुधाई-खुम्बों का बीज बोने से पहले तैयार की गई खाद में बाविस्टन 50% घुलनशील 20 मिग्रा० प्रति लिटर के हिसाब से मिला देनी चाहिए। इसलिए एक क्विटल खाद में 20 ग्राम बाविस्टन का बुरादा काफ़ी है जो चार पेटियों के लिए काफ़ी है।

5. पेटियां भरना तथा खम्बें बोना-खाद के ढेर को बिखेर कर कुछ देर के लिए ठंडा होने दें, खुम्बों के बीज (स्पान) को बोतलों से निकालें तथा दो परतों में खुम्बें बोने वाले ढंग का प्रयोग करते हुए खाद पर बीज बिखेर कर पेटियों में बीज दें। फिर इस पर खाद की मोटी परत डालें तथा बाकी हिस्सा इस पर बिखेर कर खाद में मिला देना चाहिए। पेटियों पर गीला अखबार और कागज़ रख देना चाहिए। 2-3 सप्ताह के अन्दर खुम्बों के बीज से कपास की पेटियों जैसे सफेद रेशों से 80-100% पेटियां भर जाती हैं।

6. पेटियां मिट्टी से ढकना-बाद में 80-100% (माइसीलियम) से भरी ट्रे को 4 : 1 के अनुपात वाले खाद तथा रेतली मिट्टी या 1 : 1 अनुपात वाले चावलों की सड़ी हुई भुसी
और गोबर गैस की सलरी के मिश्रण से एकसार ढक देना चाहिए। इस मिश्रण को केसिंग मिश्रण कहते हैं । ढकने से पहले इसे 4-5% फार्मलीन के घोल से रोग रहित करें।

7. केसिंग मिश्रण को कीटाणु रहित करना-रेत मिली गली-सड़ी गोबर की खाद को गीला कर दें। इस पर 4-5% फार्मलीन का छिड़काव करें। प्रति क्विंटल केसिंग मिट्टी के हिसाब में 20 ग्राम फ्यूराडान डालें। बाद में इसे तिरपाल या बोरियों में 48 घण्टों के लिए ढक दें ताकि फार्मलीन अच्छी तरह उड़ जाए।

8. ट्रे को ढांपने का ढंग-खुम्बों के बीज बोने के 2-3 सप्ताह के बाद पेटियों से अख़बार के कागज़ उतार देने चाहिएं तथा माइसीलियम से भरी खाद को एक से डेढ़ इंच मोटी रोग रहित की गई मिट्टी की तह से ढक देना चाहिए।

9. पेटियों को ढंग से लगाना-पेटियों को एक-दूसरी पर टिकाकर खेती का क्षेत्र बढ़ाया जा सकता है। पंक्तियों में रखी पेटियों का अन्तर 2-2 फुट तथा पेटियों में ऊपर-नीचे रखी ट्रेओं में फासला 1 फुट होना चाहिए। ऐसा करते समय छोटी-छोटी बटन खुम्बों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। निकालने के बाद खुम्बों की डंडी का मिट्टी वाला भाग काट देना चाहिए तथा साफ़ कर लेना चाहिए।
PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती) 1
चित्र-वटन मशरूम

  1. खुम्ब का उगना-पेटियों को मिट्टी से ढकने से 2-3 सप्ताह बाद खुम्ब निकलने लगती हैं तथा 2-3 दिन में तोड़ने के लिए तैयार हो जाती है।
  2. उत्पादन-एक वर्गमीटर स्थान से एक मौसम में लगभग 8-12 किलोग्राम ताज़ी खुम्बें प्राप्त हो जाती हैं।

Agriculture Guide for Class 8 PSEB खुम्बों की काश्त (खेती) Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
दो-तीन सप्ताह में खुम्बों के बीज तैयार माइसीलियम से कितने फीसदी ढेर भर जाते हैं?
उत्तर-
80-100 प्रतिशत

प्रश्न 2.
लिफाफों में कितनी खुम्बें डालकर बेचने के लिए भरी जा सकती हैं ?
उत्तर-
250 ग्राम।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती)

प्रश्न 3.
खुम्बों के बीजों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
खुम्बों के बीजों को स्पान कहते हैं।

प्रश्न 4.
खुम्बों में कौन-से खुराकी तत्त्व कम मात्रा में होते हैं?
उत्तर-
खुम्बों में कार्बोहाइड्रेट्स तथा चिकनाहट कम मात्रा में होती है।

प्रश्न 5.
गर्मी के मौसम में बोयी जाने वाली खुम्बों की कौन-सी किस्म तथा उनकी कितनी फसलें ली जा सकती हैं?
उत्तर-
गर्मी के मौसम में बोयी जाने वाली किस्म पराली वाली खुम्ब है। इससे चार फसलें ली जाती हैं।

प्रश्न 6.
तीन सौ किलो भूसे से तैयार खाद कितनी पेटियों के लिए काफ़ी है?
उत्तर-
100 × 150 × 18 सेमी० आकार की 20-25 पेटियों के लिए यह खाद काफ़ी है।

प्रश्न 7.
तैयार हो चुकी खाद की पहचान क्या है?
उत्तर-
जब खाद का रंग काला-भूरा हो जाए तथा अमोनियम की बदबू खत्म हो जाए तब खाद तैयार होती है।

प्रश्न 8.
किसी एक रोग का नाम बताएं जिसके लिए खुम्बें लाभदायक हैं।
उत्तर-
ब्लॅड प्रैशर।

प्रश्न 9.
सर्दियों में खुम्बों की कितनी फसलें ले सकते हैं ?
उत्तर-
सर्दियों में सफ़ेद बटन खुम्बों की दो फसलें ले सकते हैं।

प्रश्न 10.
सर्दियों में खुम्बों की फसलें कब बोयी जाती हैं ?
उत्तर-
सर्दियों में खुम्बें अक्तूबर से अप्रैल तक बोयी जाती हैं।

प्रश्न 11.
खुम्बों के लिए खाद मिलाकर तैयार करने के लिए कौन-से पदार्थ चाहिए?
उत्तर-
सीरा, जिप्सम, फ्यूराडान, गामा तथा बी० एच० सी० आदि पदार्थों की ज़रूरत है |

प्रश्न 12.
एक वर्गमीटर के लिए कितने बीजों की आवश्यकता है?
उत्तर-
एक वर्गमीटर के लिए 300 ग्राम बीजों की आवश्यकता है।

प्रश्न 13.
एक वर्गमीटर में खुम्बों का कितना उत्पादन हो सकता है ?
उत्तर-
एक वर्गमीटर स्थान में एक मौसम में 8-12 किलोग्राम ताजी खुम्बों का उत्पादन प्राप्त हो जाता है।

प्रश्न 14.
गर्मी में मिल्की खुम्बों की कितनी फसलें हो सकती हैं?
उत्तर-
गर्मियों में मिल्की खुम्बों की तीन फसलें हो सकती हैं।

प्रश्न 15.
पंजाब में खुम्बों की खेती कितने स्थानों पर की जाती है?
उत्तर-
400 स्थानों पर।

प्रश्न 16.
बटन खुम्ब की फसलें लेने का समय बताओ।
उत्तर-
सितम्बर से मार्च तक दो फसलें।

प्रश्न 17.
ढींगरी की फसल लेने का समय बताओ।
उत्तर-
अक्तूबर से मार्च तक तीन फसलें।

प्रश्न 18.
शिटाकी खुम्ब लेने का समय बताओ।
उत्तर-
शिटाकी की एक फसल सितम्बर से मार्च तक।

प्रश्न 19.
पंजाब में कौन-सी खुम्ब की खेती सब से अधिक की जाती है?
उत्तर-
बटन खुम्ब की।

प्रश्न 20.
तीन क्विटल रूड़ी खाद के लिए खुम्ब का कितना बीज चाहिए?
उत्तर-
3 किलो स्पान।

प्रश्न 21.
खुम्ब के बीज कहां से प्राप्त किए जा सकते हैं ?
उत्तर-
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनीवर्सिटी के माइक्रो बायलोजी विभाग से।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खुम्बों की खेती के समय बीज को पेटियों में कैसे भरा जाता है?
उत्तर-
खाद के ढेर को हिलाकर कुछ समय के लिए ठंडा होने दें। खुम्बों (स्पान) को बोतलों से निकालें तथा तहों में खुम्बें बोने वाले ढंग का प्रयोग करने पर बीज बिखेर कर पेटियों में बो दें। फिर इस पर खाद की मोटी परत डालें तथा शेष भाग इसमें बिखेर कर खाद में मिला देना चाहिए। पेटियों पर गीला अख़बार, कागज़ रख देना चाहिए।

प्रश्न 2.
ढींगरी की खेती के लिए लिफाफे भरने की क्या विधि है?
उत्तर-
लिफाफों को 3 इंच तक भूसे से भर लें तथा इस पर चुटकी जितना खुम्ब बीज बिखेर दें। फिर इस पर 2-2 इंच भुसा और डाल दें तथा खुम्बों का बीज बिखेर दें तथा लिफाफे पूरी तरह से भर लें। लिफाफे के मुँह को किसी पतली रस्सी से बांध देना चाहिए तथा निचले कोनों में कट लगा दें ताकि वायु और पानी बाहर निकल जाए। इन लिफाफों को अच्छी रोशनी वाले कमरे में रखें। 3-4 सप्ताह बाद जब छोटी खुम्बों में अंकुरण दिखाई दे तो प्लास्टिक के लिफाफे काट दें तथा पानी डाल दें ताकि भुसा गीला रहे।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती)

प्रश्न 3.
खुम्बें तोड़ते हुए किस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
खुम्बों को काटकर या खींचकर न तोड़ें। परन्तु खुम्ब को अंगुलियों के बीच लेकर धीरे-धीरे मरोड़ें तथा दिन में एक बार खुलने से पहले ज़रूर तोड़ लें।

प्रश्न 4.
खुम्बों को कौन-सा कीट हानि पहुंचाता है ? इससे बचाव की विधि बताएं।
उत्तर-
खुम्बों की मवखी इसे नुकसान पहुंचाती है। जब खुम्बों की मक्खियां खुम्ब घर की खिड़कियों के शीशे, दीवार या छतों पर नज़र आने लग जाएं तो 30 मिलीलिटर नूवान (डाइक्लोरोवेस) 100 ई०सी० (डब्ल्यू० पी०) 100 घन मीटर स्थान पर छिड़काव करें। इसके बाद दरवाजे व खिड़कियां दो घण्टों के लिए बंद कर दें तथा छिड़काव के 48 घण्टे बाद तक खुम्बें नहीं तोड़नी चाहिएं। क्यारियों में सीधा छिड़काव न करें।

प्रश्न 5.
फसल के क्षेत्र में वृद्धि करने के लिए क्या किया जाता है ?
उत्तर-
पेटियों को एक-दूसरे के ऊपर टिकाकर खेती का क्षेत्र बढ़ाया जा सकता है। पंक्तियों में रखी पेटियों का अन्तर 2-2 फुट होना चाहिए तथा पेटियों में ऊपर-नीचे रखी ट्रे का अन्तर एक फुट होना चाहिए।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
पराली वाली खुम्बें कैसे उगाई जाती हैं ?
उत्तर-

  1. ज़रूरी वस्तुएं-ताज़ी पराली (एक साल से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए), बांस की छड़ियां तथा खुम्बों का बीज स्पान।
  2. ढंग-सूखी पराली की 1-1.5 किलोग्राम भार की पूलियां बना लेनी चाहिएं। इनके दोनों सिरों को बांध दें तथा बढ़े हुए भाग को काटकर बराबर कर दें। पराली की पूलियों को 16 से 20 घण्टों तक साफ़ पानी में भिगो कर रखें। पूलियों को ढलान वाले स्थान पर रखें ताकि हवा, पानी निकल जाए। खुम्ब घर में एक फुट दूरी पर रखी बांस की छड़ियों पर पांच पूलियों की पहली तह पर खुम्बों का बीज चुटकियों से बिखेर दें। इस तरह 22 पूलियों से एक वर्ग मीटर की एक क्यारी बन जाती है। फसलों के लिए स्थान बढ़ाने के लिए एक दूसरी पर भी क्यारियों बनाई जा सकती हैं। एक क्यारी के लिए 300 ग्राम बीज काफ़ी है।
  3. बीज बिखेरना-एक क्यारी के लिए 300 ग्राम बीज की ज़रूरत होती है। हर तह में एक सार बीज डालने चाहिएं।
  4. सिंचाई-बिजाई से 2-3 दिन बाद पानी डालना शुरू कर देना चाहिए। कमरों में हवा का आना ज़रूरी नहीं है, परन्तु बाद में खुली हवा की ज़रूरत होती है।
  5. खुम्बों का उगाना-बीज डालने के 7-9 दिन बाद खुम्बों के छोटे-छोटे दाने दिखाई देने लग जाते हैं। दसवें दिन यह तोड़ने योग्य हो जाते हैं। यह चार चक्करों में 15-20 दिन तक अंकुरित होती रहती हैं। इस मौसम की खुम्बों की एक महीने में एक बार फसल ली जा सकती है। इस तरह आखिरी अप्रैल से अगस्त तक चार फसलें प्राप्त हो जाती हैं।
  6. लिफाफों में डालना-मंडी भेजने से पहले छोटे-छोटे छिद्र वाले हर लिफाफे में 200 ग्राम खुम्बें डालकर लिफाफे बंद कर लें। इस मौसम की खुम्बों को धूप या छाया में रखकर प्रकृति रूप से भी सुखाया जा सकता है।
  7. उत्पादन-22 किलोग्राम सूखी पराली की एक क्यारी में बताए गए समय दौरान 2.5-3 किलोग्राम ताज़ी खुम्बें मिल जाती हैं।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

ठीक/गलत

  1. खम्बें उगाने के लिए प्रति क्यारी 300 ग्राम बीज की आवश्यकता है।
  2. अच्छी खाद तैयार करने के लिए pH का मान 7.0 से 8.0 होना चाहिए ।
  3. सर्दी ऋतु की बटन खुम्बों की सिंतबर से मार्च तक दो फसलें प्राप्त हो जाती

उत्तर-

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
खुम्बों की किस्म है
(क) बटन खुम्ब
(ख) पराली खुम्ब
(ग) शिटाकी खुम्ब
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक

प्रश्न 2.
खाद तैयार करने के लिए कौन-से तत्त्व मिलाये जाते हैं ?
(क) सीरा
(ख) जिप्सम
(ग) फूराडान
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खुम्बों की काश्त (खेती)

प्रश्न 3.
प्लास्टिक के लिफाफों में कितनी खुम्बें भरी जाती हैं. ?
(क) 50 ग्राम
(ख) 250 ग्राम
(ग) 500 ग्राम
(घ) 100 ग्राम।
उत्तर-
(ख) 250 ग्राम

रिक्त स्थान भरें

  1. खुम्बों को मक्खियों से बचाव के लिए …………… का छिड़काव किया जाता
  2. खुम्बों के बीज को ………… कहते हैं।

उत्तर-

  1. नूवान,
  2. स्पान

खुम्बों की काश्त (खेती) PSEB 8th Class Agriculture Notes

  • पंजाब में खुम्बों की खेती लगभग 400 स्थानों पर की जाती है।
  • पंजाब में वार्षिक कुल 45000-48000 टन ताज़ी खुम्बें पैदा की जाती हैं।
  • खुम्बों में कई खुराकी तत्त्व होते हैं; जैसे-प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा, पोटाश, खनिज पदार्थ तथा विटामिन-सी।
  • इसमें कार्बोहाइड्रेट्स तथा चिकनाई की मात्रा कम होती है। इसलिए ब्लड प्रैशर तथा शूगर के मरीजों के लिए खुम्बें लाभदायक हैं।
  • पंजाब के वातावरण अनुसार खुम्बों की पांच किस्में हैं-बटन खुम्ब, ढींगरी खुम्ब, शिटाकी खुम्ब, पराली खुम्ब मिल्की खुम्ब।
  • शीत ऋतु की बटन खुम्बों से सितम्बर से मार्च तक दो फसलें प्राप्त की जा सकती हैं।
  • ढींगरी की तीन फसलें अक्तूबर से मार्च तक तथा शिटाकी की एक फसल सितम्बर से मार्च तक ली जा सकती है।
  • खाद के ढेर को हर चौथे दिन हिलाएं तथा इसमें सीरा, जिप्सम, लिंडेन व फूराडान की धूल क्रमवार पहली, तीसरी, पांचवीं, छठी तथा सातवीं बार हिलाने पर मिलाएं।
  • एक वर्गमोटर स्थान के लिए 300 ग्राम बीज का प्रयोग करना चाहिए।
  • गर्म ऋतु की पराली खुम्ब की अप्रैल से अगस्त तक चार फसलें तथा मिल्की खुाब की अप्रैल से अक्तूबर तक तीन फसलें ली जा सकती हैं।
  • खेत की गली-सड़ी रूड़ी तथा रेतीली मिट्टी को 4:1 के अनुपात में मिलाने से या चावलों की सड़ी हुई भूसी तथा गोबर की सलरी को 1:? के अनुगत में मिलाने से केसिंग मिश्रण बनाया जाता है।
  • केसिंग मिश्रण को कीटाणु रहित करने के लिए 4-5% फार्मली छिडकाव करें।
  • खुम्बों का मक्खियों से बचाव के लिए नूवान (डाइक्लोरोले) का छिड़काव करें तथा छिड़काव के 48 घंटे बाद तक खुम्बें न तोड़ें।
  • खुम्बों के बीज को स्पान कहते हैं।
  • दो-तीन सप्ताह में खुम्बों के बीज से तैयार कपास के कोपलों जैसे सफ़ेद रेशे (माइसीलियम) से 80-100 प्रतिशत तक पेरी भर जाती है।
  • एक वर्ग मीटर से 8-12 किलो खुम्भ मिल जाती है।
  • बारीक छेद वाले प्लास्टिक के लिफाफों में 250 ग्राम ताज़ी खुम्बें भरनी चाहिएं।
  • प्रति किलोग्राम के लिए बटन खुम्ब उगाने का खर्चा 38.44 रुपए तथी ढींगरी खुम्ब उगाने के लिए 31.84 रुपए खर्चा आता है।