PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 9 जंतुओं में जनन

PSEB 8th Class Science Guide जंतुओं में जनन Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
सजीवों के लिए जनन क्यों महत्त्वपूर्ण है ? समझाइए।
उत्तर-
सजीवों में जनन की महत्ता – यह जीवों में योग्यता है जिस द्वारा वे अपने जैसे जीव पैदा करते हैं । जनन से प्रजाति की वृद्धि होती है। यह जैविक प्रक्रम उत्तरजीविता और निरंतरता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इससे आनुवंशिकता और गुणों का अगली पीढ़ी में स्थानांतरण भी होता है।

प्रश्न 2.
मनुष्य में निषेचन प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर-
निषेचन-वृषण, नर युग्मक, शुक्राणु पैदा करते हैं। वृषण द्वारा लाखों शुक्राणु उत्पन्न होते हैं। शुक्राणु चाहे बहुत सूक्ष्म होते हैं, परंतु प्रत्येक में एक सिर, मध्यभाग और एक पूंछ होती है।

जनन प्रक्रम का पहला चरण शुक्राणु और अंडाणु का संलयन है। नर से लाखों शुक्राणु मादा शरीर में डाले जाते हैं। शुक्राणु पूंछ द्वारा अंडाणु तक पहुंचने के लिए अंडवाहिनी में तैरते हैं। जब ये अंडाणु के निकट आते हैं तो एक शुक्राणु अंडाणु से संलयन करता है। इसे निषेचन कहते हैं। निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज (Zygote) का निर्माण होता है। युग्मनज नए जीव का निर्माण करता है।
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निषेचन प्रक्रम में नर से शुक्राणु और मादा से अंडाणु का युग्म होता है। इसलिए नयी संतति में कुछ लक्षण माता के और कुछ लक्षण पिता के होते हैं।

प्रश्न 3.
सर्वोचित उत्तर चुनिए-
(क) आंतरिक निषेचन होता है-
(i) मादा के शरीर में
(ii) मादा के शरीर से बाहर
(iii) नर के शरीर में
(iv) नर के शरीर से बाहर।
उत्तर-
(i) मादा के शरीर में

(ख) एक टैडपोल जिस प्रक्रम द्वारा वयस्क में विकसित होता है, वे हैं-
(i) निषेचन
(ii) कायांतरण
(iii) रोपण
(iv) मुकुलन।
उत्तर-
(ii) कायांतरण

(ग) एक युग्मनज में पाए जाने वाले केंद्रकों की संख्या होती है-
(i) कोई नहीं
(ii) एक
(iii) दो
(iv) चार।
उत्तर-
(iii) एक।

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प्रश्न 4.
निम्न कथन सत्य (T) है अथवा असत्य (F) संकेतित कीजिए-

(क) अंडप्रजनक जंतु विकसित शिशु को जन्म देता है।
उत्तर-
असत्य (F)

(ख) प्रत्येक शुक्राणु एक एकल कोशिका है।
उत्तर-
सत्य (T)

(ग) मेंढक में बाह्य निषेचन होता है।
उत्तर-
सत्य (T)

(घ) वह कोशिका, जो मनुष्य में नए जीवन का प्रारंभ है, युग्मक कहलाती है।
उत्तर-
असत्य (F)

(ङ) निषेचन के पश्चात् दिया गया अंडा एक एकल कोशिका है।
उत्तर-
सत्य (T)

(च) अमीबा मुकुलन द्वारा जनन करता है।
उत्तर-
असत्य (F)

(छ) अलैंगिक जनन में भी निषेचन आवश्यक है।
उत्तर-
असत्य (F)

(ज) द्विखंडन अलैंगिक जनन की एक विधि है।
उत्तर-
सत्य (T)

(झ) निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज बनता है।
उत्तर-
सत्य (T)

(ज) भ्रूण एक एकल कोशिका का बना होता है।
उत्तर-
असत्य (F)।

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प्रश्न 5.
युग्मनज और गर्भ में दो भिन्नताएँ दीजिए।
उत्तर-
युग्मनज और गर्भ में दो भिन्नताएँ-

युग्मनज (Zygote) गर्भ (Foetus)
(1) शुक्राणु और अंडाणु का संलयन युग्मनज कहलाता है। (1) भ्रूण की वह अवस्था जिसमें विभिन्न अंग पहचानने योग्य होते हैं।
(2) यह एक एकल कोशिका है। (2) यह बहु-कोशिका है।

प्रश्न 6.
अलैंगिक जनन की परिभाषा लिखिए। जंतुओं में अलैंगिक जनन की दो विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
अलैंगिक जनन – जनन की वह किस्म जिसमें केवल एक ही जीव भाग लेता है, अलैंगिक जनन कहलाता है। जंतुओं में अलैंगिक जनन की विधियाँ निम्नलिखित हैं-
1. विखंडन (Binary Fission) – द्विखंडन में जीव का शरीर लंबवत् अनुप्रस्थ खांच से दो बराबर भागों में विभाजित हो जाता है। प्रत्येक भाग जनक के समान हो जाता है। जनन की यह विधि प्रोटोज़ोआ (अमीबा, पैरामिशियम आदि) में होती है, जिन में यही विधि आवश्यक रूप से कोशिका विभाजन की विधि है जिसके परिणामस्वरूप संतति कोशिकाओं का पृथक्करण होता है। बहु- कोशिकीय जंतुओं में भी इस विधि को देखा गया है। जैसे-सी-ऐनीमोन में लंबवत् खंडन तथा प्लेनेरिया में अनुप्रस्थ खंडन।
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2. मुकुलन (Budding) – मुकुलन एक प्रकार की अलैंगिक जनन क्रिया है जिसमें नया जीव जो अपेक्षाकृत छोटे पुंज की कोशिकाओं से निकलता है, आरंभ में जनक जीव में मुकुल बनाता है। मुकुल अलग होने से पहले जनक का रूप धारण कर लेता है जैसे-बाह्य मुकुलन में या जनक से अलग होने के पश्चात् आंतरिक मुकुलन में। बाह्य मुकुलन स्पंज, सीलेंट्रेटा (जैसे हाइड्रा), चपटे कृमि और ट्यूनीकेट में मिलता है, लेकिन कुछ सीलेंट्रेट जैसे ओबलिया पोलिप की अपेक्षा मैड्रयूसी पैदा करते हैं।
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प्रश्न 7.
मादा के किस जनन अंग में भ्रूण का रोपण होता है ?
उत्तर-
गर्भाशय (Uterus)।

प्रश्न 8.
कायांतरण किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कायांतरण (Metamorphosis) लारवा के कुछ उग्र-परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलने की प्रक्रिया को कायांतरण कहते हैं।
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उपरोक्त चित्र में मेंढक के विकास के विभिन्न चरण हैं। तीन स्पष्ट चरण हैं-

  1. अंडा
  2. टैडपोल लारवा
  3. वयस्क।

मेंढक व टैडपोल वयस्क एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न होते हैं। मेंढक में एक विशेष परिवर्तन है-
गलफड़ों का फेफड़ों में परिवर्तित होना। जिन जंतुओं में कायांतरण होते हैं वे हैं मेंढक, रेशमकीट।

प्रश्न 9.
आंतरिक निषेचन एवं बाह्य निषेचन में भेद कीजिए।
उत्तर-
आंतरिक निषेचन एवं बाह्य निषेचन में भेद-

आंतरिक निषेचन (Internal Fertilization) बाह्य निषेचन (External Fertilization)
(1) नर युग्मक और मादा युग्मक का संलयन शरीर के अंदर होता है। (1) नर युग्मक (शुक्राणु) और मादा युग्मक (अंडे) का संलयन शरीर के बाहर होता है।
(2) नर मादा के शरीर में शुक्राणुओं का उत्सर्जन करता है। (2) दोनों व्यष्टि युग्मकों को शरीर के बाहर फेंकते हैं।
(3) विकास शरीर के अंदर हो सकता है। (3) विकास शरीर के बाहर ही होता है।
(4) उदाहरण-मनुष्य, पशु, शार्क, पक्षी। (4) उदाहरण- मेंढ़क।

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प्रश्न 10.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से क्रॉस शब्द पहेली को पूरा कीजिए।
बाईं से दाईं ओर
(1) यहाँ अंडाणु उत्पादित होते हैं।
(2) वृषण में उत्पादित होते हैं।
(3) हाइड्रा का अलैंगिक जनन है।

ऊपर से नीचे की ओर
(1) यह मादा युग्मक है।
(2) नर और मादा युग्मक का मिलना।
(3) एक अंडप्रजनक जंतु।
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उत्तर-
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PSEB Solutions for Class 8 Science जंतुओं में जनन Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरिए-

(i) ……………………… प्रक्रम जाति की निरंतरता बनाए रखता है।
उत्तर-
जनन

(ii) फूल में नर और मादा युग्मक, ……………………….. और …………………….. कहलाते हैं।
उत्तर-
परागकण, अंडा

(iii) ……………….. जनन में, एक जीव अपने शरीर के भागों से नए जीव उत्पन्न करता है
उत्तर-
कायिक

(iv) ……………………… सारा जीवन काल वृद्धि करते हैं, परंतु …………………………… कुछ ही आयु तक वृद्धि करते हैं।
उत्तर-
पौधे, जीव

(v) एक बहुकोशिक जंतु अपना जीवन प्रक्रम एक …………………….. से करता है, जो लैंगिक जनन द्वारा बनता है।
उत्तर-
युग्मनज।

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प्रश्न 2.
कौन-सा शरीर का भाग-
(क) शुक्राणु उत्पादित करता है?
(ख) अंडाणु उत्पादित करता है?
(ग) आदमी से शुक्राणु मादा में भेजता है?
उत्तर-
(क) वृषण
(ख) अंडाशय
(ग) शिश्न।

प्रश्न 3.
स्तंभ ‘क’ और स्तंभ ‘ख’ के शब्दों का मिलान करें-

स्तंभ ‘क’ स्तंभ ‘ख’
शुक्राणु मादा जननांग
अंडाशय वृद्धि
कोशिका नर युग्मक

उत्तर-

स्तंभ ‘क’ स्तंभ ‘ख’
शुक्राणु नर युग्मक
अंडाशय मादा जननांग
कोशिका वृद्धि।

प्रश्न 4.
पौधों और जंतुओं में जनन के कितने तरीके हैं ?
उत्तर-
दो-(क) लैंगिक (ख) अलैंगिक।

प्रश्न 5.
अलैंगिक जनन में कितने जीवों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
एक।

प्रश्न 6.
लैंगिक जनन में कितने सजीवों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
दो।

प्रश्न 7.
जननांगों में विशेष कोशिकाएं कौन-सी होती हैं ?
उत्तर-
युग्मक (Gametes) ।

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प्रश्न 8.
द्विखंडन विधि से जनन करने वाले दो जंतुओं के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. अमीबा
  2. पैरामीशियम।

प्रश्न 9.
कौन-से जीवों में मुकुल जनक के शरीर पर लगी रहती है?
उत्तर-
स्पंज, कोरल (Corals)।

प्रश्न 10.
युग्मनज (Zygote) क्या है ?
उत्तर-
युग्मनज – युग्मनज, नर और मादा युग्मकों के संलयन से बनने वाली पहली संरचना है।

प्रश्न 11.
निषेचन (Fertilization) क्या है?
उत्तर-
निषेचन – नर और मादा युग्मकों का संलयन।

प्रश्न 12.
दो उभयलिंगी जंतुओं (Hermaphrodite) के उदाहरण दो।
उत्तर-

  1. केंचुआ
  2. जोंक (leech)।

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प्रश्न 13.
कौन-सा बड़ा है-अंडाणु अथवा शुक्राणु।
उत्तर-
अंडाणु।

प्रश्न 14.
दो उदाहरण दो जिन जीवों में बाहय निषेचन होता है।
उत्तर-

  1. मेंढक
  2. मछली।

प्रश्न 15.
कायांतरण की परिभाषा दो।
उत्तर-
कायांतरण – लारवा के कुछ उग्र परिवर्तनों द्वारा वयस्क जंतु में बदलने की प्रक्रिया कायांतरण .कहलाती है।

प्रश्न 16.
रिक्त स्थान भरो-
(i) जनन प्रक्रम में भाग लेने वाली कोशिकाएँ ……………………. कहलाती हैं।
(ii) युग्मकों के संलयन से एक कोशिक संरचना ………………………. उत्पन्न होती है।
(iii) पौधों और जंतुओं में युग्मकों का संलयन …………………………. कहलाता है।
(iv) जीव जिनमें दोनों नर और मादा जनन अंग पाए जाते हैं, ………………………… कहलाते हैं।
उत्तर-
(i) युग्मक
(ii) युग्मनज
(ii) निषेचन
(iv) उभयलिंगी।

प्रश्न 17.
जननांग (Gonads) क्या है ? मानव में नर और मादा जननांग के नाम लिखो।
उत्तर-
जननांग – जो विशेष कोशिकाएँ युग्मक उत्पन्न करते हैं, जननांग कहलाते हैं।
मानव नर जननांग – वृषण मानव मादा जननांग-अंडाशय।

प्रश्न 18.
नर और मादा युग्मकों के नाम लिखिए।
उत्तर-
नर युग्मक-शुक्राण, मादा युग्मक-अंडाणु।

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प्रश्न 19.
बाह्य निषेचन और आंतरिक निषेचन का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बाह्य निषेचन-मेंढक।
आंतरिक निषेचन-मानव।

प्रश्न 20.
शुक्राणु नली (Vas deferens) का क्या कार्य है ?
उत्तर-
शुक्राणु नली वृषण से शुक्राणु गर्भाशय में स्थानांतरण करती है।

प्रश्न 21.
हाईमन (Hymen) किसे कहते हैं?
उत्तर-
हाईमन – योनि (Vagina) के बाहर पतली झिल्ली का डायफ्राम हाइमन कहलाता है। यह रजोनवृत्ति के लिए सरंध्र होता है।

प्रश्न 22.
निम्न कथन सही अथवा गलत अंकित करें-
(i) मानव अंडे का निषेचन गर्भाशय में होता है।
(ii) औरतों में नसबंदी शिशु नियंत्रण की विधि है।
(iii) अंडाणु का निषेचन योनि में होता है।
(iv) शुक्राणु एक एकलकोशिक है।
(v) वृषण पेट गुहा में पाए जाते हैं।
(vi) शुक्राणु मानव ताप (37°C) पर उत्पन्न होते हैं।
उत्तर-
(i) गलत
(ii) गलत
(iii) गलत
(iv) सही
(v) गलत
(vi) सही।

प्रश्न 23.
हाइड्रा में किस प्रकार का अलैंगिक जनन होता है ?
उत्तर-
मुकुलन (Budding)।

प्रश्न 24.
क्लोनिंग की परिभाषा दें।
उत्तर-
क्लोनिंग – किसी समरूप कोशिका, किसी अन्य जीवित भाग अथवा संपूर्ण जीव को कृत्रिम रूप से उत्पन्न करना।

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प्रश्न 25.
किस जंतु की सफलतापूर्वक क्लोनिंग सर्वप्रथम इयान विलमट ने एडिनबर्ग, स्काटलैंड के रोजलिन इंस्टीच्यूट में की।
उत्तर-
डोली भेड की।

प्रश्न 26.
पहले स्तनधारी का नाम लिखें, जिसे क्लोन किया गया?
उत्तर-
5 जुलाई, 1996 में पैदा हुई डॉली भेड़।

प्रश्न 27.
जनन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जनन – जीवों द्वारा अपने जैसे जीव उत्पन्न करने की क्रिया को जनन कहते हैं।

प्रश्न 28.
मानव के शुक्राणु में पूंछ का कार्य क्या है ?
उत्तर-
गति प्रदान करना।

प्रश्न 29.
अंडोत्सर्ग किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अंडोत्सर्ग – अंडाशय द्वारा अंडाणु निकालने की क्रिया को अंडोत्सर्ग कहते हैं।

प्रश्न 30.
परखनली शिशु क्या होता है ?
उत्तर-
वह शिशु जो शरीर से बाहर कृत्रिम निषेचन द्वारा उत्पन्न होता है परखनली शिशु कहलाता है।

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प्रश्न 31.
IVF का पूरा नाम लिखें।
उत्तर-
इनविट्रो निषेचन।

प्रश्न 32.
परखनली शिशु का विकास कहाँ होता है ?
उत्तर-
गर्भाशय में।

प्रश्न 33.
अंडप्रजक जंतु क्या होते हैं ?
उत्तर-
वे जंतु जो अंडे देते हैं अण्डप्रजक जन्तु कहलाते है।

प्रश्न 34.
जरायुज जंतु क्या होते हैं ?
उत्तर-
वे जंतु जो बच्चों को जन्म देते हैं जरायुज जंतु कहलाते है।

प्रश्न 35.
डॉली क्लोन की मौत कब हुई ?
उत्तर-
14 फरवरी, 2003 में।

प्रश्न 36.
किस जनन में नर तथा मादा की आवश्यकता नहीं होती ?
उत्तर-
अलैंगिक जनन में।

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प्रश्न 37.
पहला परखनली शिशु कौन था ?
उत्तर-
लुईस जाय ब्राऊन।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लैंगिक और अलैंगिक जनन में क्या अंतर है?
उत्तर-
लैंगिक और अलैंगिक में अंतर-

लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction)
(1) नए जीव की उत्पत्ति के लिए दोनों नर और मादा जीवों की आवश्यकता होती हैं। (1) नए जीव केवल एक ही जीव से उत्पन्न होते हैं।
(2) जनन अंगों की आवश्यकता होती है। (2) जनन अंग विकसित नहीं होते।
(3) अर्धसूत्री विभाजन किसी एक चरण में आवश्यक है। (3) इसमें अर्धसूत्री विभाजन नहीं होता।
(4) युग्मकों का संलयन होता है। (4) कोशिकाओं का संलयन नहीं होता।
(5) नया जीव युग्मकों के संयोजन से विकसित होता है। (5) नया जीव एक कोशिका से विकसित होता है।
(6) नया जीव प्रायः भिन्न होता है। (6) नया जीव जनक जैसा होता है।
(7) इससे विविधता आती है। (7) इससे विविधता नहीं आती।

प्रश्न 2.
लैंगिक जनन क्या है ? जंतुओं में लैंगिक जनन की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
लैंगिक जनन – नर और मादा के संयोजन से निषेचन होने की क्रिया को लैंगिक जनन कहते हैं।
जंतुओं में लैंगिक जनन – लैंगिक जनन में दो जीव होते हैं। जीवों में जनन अंग होते हैं, जो जनन कोशिकाएँ पैदा करते हैं । मादा अंडाणु और नर शुक्राणु उत्पन्न करते हैं। शुक्राणु जननांग वृषण में और अंडाणु जननांग अंडाशय में उत्पन्न होते हैं। शुक्राणु अंडाणु से संलयन करता है, इसे निषेचन कहते हैं। निषेचित अंडा निरंतर विभाजित होता है और भ्रूण में विकसित होता है। भ्रूण से वयस्क बनता है।

प्रश्न 3.
मानव में कौन-से अंग युग्मक उत्पन्न करते हैं ?
उत्तर-
नर में जनन अंग, एक जोड़ी वृषण है और मादा में जनन अंग, एक जोड़ी अंडाशय है।

प्रश्न 4.
उन दो जीवों के उदाहरण दें जो दो प्रकार की अलैंगिक जनन विधियों से उत्पन्न होते हैं ? विधियों के नाम भी लिखिए। .
उत्तर-
जीव का नाम – अलैंगिक जनन
(1) हाइड्रा – (क) मुकुलन (ख) पुनर्जनन
(2) खमीर – (क) मुकुलन (ख) बीजाणु बनना।

प्रश्न 5.
युग्मक (Gamete) क्या है ? एक लिंगी और उभयलिंगी में क्या अंतर है?
उत्तर-
युग्मक (Gamete) – जनन कोशिकाएँ जिनको जनन अंग उत्पन्न करते हैं, युग्मक कहलाते हैं । युग्मक दो तरह के होते हैं-नर और मादा। युग्मकों के संलयन से निषेचन होता है।

एक-लिंगी जीव – वे जीव जिनमें एक ही प्रकार के जननांग हों; नर अथवा मादा।
उभयलिंगी जीव – वे जीव जिनमें दोनों जननांग हों।

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प्रश्न 6.
‘उभयलिंगी जीव’ क्या है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वे जीव जो दोनों नर और मादा युग्मक उत्पन्न कर सकते हैं, उभयलिंगी अथवा द्वि-लिंगी कहलाते हैं।
उदाहरण-

  1. केंचुआ
  2. हाइड्रा।

प्रश्न 7.
एक ऊतक आकार में किन विधियों से वृद्धि करता है ?
उत्तर-
वृद्धि का अर्थ है आकार में बढ़ना।
एक ऊतक के बढ़ने में-

  1. कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है।
  2. कोशिकाओं का आकार बढ़ता है।

प्रश्न 8.
अलैंगिक जनन की मूल विशेषताएँ क्या हैं ?
उत्तर-
अलैंगिक जनन की मूल विशेषताएँ-

  1. केवल एक जीव की उपस्थिति
  2. सभी कोशिकाओं में सूत्री विभाजन
  3. जनक के समरूपी नए जीव
  4. जनक इकाई जीव का विशेष भाग।

प्रश्न 9.
विखंडन प्रक्रम मुकुलन से कैसे भिन्न है ?
उत्तर-
द्विखंडन और मुकुलन में भिन्नता-

द्विखंडन (Binary Fission) मुकुलन (Budding)
(1) केवल दो नए जीव उत्पन्न होते हैं। (1) बड़ी संख्या में मुकुल उत्पन्न हो सकते हैं और प्रत्येक मुकुल नया जीव पैदा करता है।
(2) उदाहरण-अमीबा, यूगलीना। (2) उदाहरण-स्पंज, हाइड्रा।

प्रश्न 10.
अंडोत्सर्ग (Ovulation) को परिभाषित करें।
उत्तर-
अंडोत्सर्ग (Ovulation) – अंडाशय द्वारा अंडा छोड़ने की प्रक्रिया अंडोत्सर्ग कहलाती है। अंडा 28 दिन वाले आतर्व चक्र के 14वें दिन छोड़ा जाता है।

प्रश्न 11.
जनन क्या है ? इसकी किस्में कौन-सी हैं ?
उत्तर-
जनन – सभी सजीव जो धरती पर उत्पन्न होते हैं, एक विशेष जीवन चक्र दर्शाते हैं जिसमें जन्म, वृद्धि, परिपक्वता, जनन और मौत अवस्थाएँ हैं। जनन एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रम है जिससे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक निरंतरता बनी रहती है। वयस्क और वृद्ध जीव का स्थान नए और छोटे जीव प्रजनन द्वारा ग्रहण करते हैं। दो प्रकार की जनन विधियाँ हैं-

  1. अलैंगिक जनन
  2. लैंगिक जनन।

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प्रश्न 12.
मानव नर के जनन तंत्र के विभिन्न अंगों के नाम लिखो।
उत्तर-
मानव नर जनन तंत्र के अंग-

  1. एक जोड़ी वृषण (Testes)
  2. एक जोड़ी शुक्रवाहिनी (Vas deferentia)
  3. मूत्र वाहिनी (Urethra)
  4. शिश्न (Penis)
  5. नर जनन ग्रंथियां (Cowpers and Prostate glands)।

प्रश्न 13.
मानव मादा जनन तंत्र विभिन्न अंगों के नाम लिखिए।
उत्तर-
मानव मादा जनन तंत्र के अंग-

  1. एक जोड़ी अंडाशय (Ovaries)
  2. एक जोड़ी फैलोपियन नलिका (Fallopian Tubes)
  3. गर्भाशय (Uterus)
  4. योनि (Vagina)
  5. भग (Vulva)।

प्रश्न 14.
अंतर स्पष्ट करें-
(i) शुक्राणु एवं अंडाशय
(ii) शुक्रवाहिनी एवं फैलोपियन नलिका
(iii) नर मूत्रवाहिनी एवं मादा मूत्र वाहिनी।
(iv) भ्रूण एवं गर्भ।
उत्तर-
(i) शुक्राणु एवं अंडाणु में अंतर-

शुक्राणु (Sperm) अंडाणु (Ovum)
(1) यह चुस्त होता है। (1) यह अक्रियाशील होता है।
(2) यह चलने में समर्थ है। (2) यह गतिहीन अथवा स्थिर है।
(3) इसकी पूंछ है, जो चलने का अंग है। (3) इसका कोई चलन अंग नहीं है।
(4) यह आकार में छोटी है। (4) यह आकार में बड़ा है क्योंकि इसमें योक (Yok) होता है।

(ii) शुक्रवाहिनी और फैलोपियन नलिका में अंतर-

शुक्रवाहिनी (Vas Deferens) फैलोपियन नलिका (Fallopian Tube)
(1) यह नर जनन अंग का एक भाग है। (1) यह मादा जनन अंग का एक भाग है।
(2) यह वृषण से शुक्राणु मूत्रवाहिनी में लाती है। (2) यह अंडाशय से अंडाणु गर्भाशय तक लाती है।

(iii) नर मूत्रवाहिनी और मादा मूत्रवाहिनी में अंतर-

नर मूत्रवाहिनी (Male Urethra) मादा मूत्रवाहिनी (Female Urethra)
नर मूत्रवाहिनी मूत्र और वीर्य दोनों को बाहर निकालती है। मादा मूत्रवाहिनी केवल मूत्र लेकर आती है क्योंकि गर्भाशय और योनि मार्ग भिन्न होते हैं।

(iv) भ्रूण एवं गर्भ में अंतर-

भ्रूण (Embryo) गर्भ (Foetus)
(1) निषेचित अंडे के विकास से भ्रण बनता है। (1) स्तनधारी गर्भ वह अवस्था है जिसमें विकसित अंग पहचानने योग्य हो जाते हैं।
(2) यह पहला चरण है जिसमें विकास प्रारंभ होता है। (2) मनुष्य में दो महीने के विकास के बाद भ्रण गर्भ कहलाता है।

प्रश्न 15.
‘परखनली शिशु’ पर एक नोट लिखिए।
उत्तर-
परखनली शिशु – यह एक मिथ्या नाम है क्योंकि शिशु का विकास परखनली में नहीं होता। कुछ मादाओं की अंडवाहनियाँ अवरुद्ध होती हैं। यह मादा शिशु उत्पन्न नहीं कर सकती क्योंकि शुक्राणु, अंडाणु तक नहीं पहुँच पाते। ऐसी स्थिति में डॉक्टर ताज़ा अंडाणु और शुक्राणु एकत्र करके कुछ घंटों के लिए एक साथ रखते हैं ताकि इनविट्रो निषेचन (IVF) [शरीर के बाहर कृत्रिम निषेचन] हो सके। निषेचन के एक सप्ताह बाद युग्मनज को माता के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है। माता के गर्भाशय में पूर्ण विकास के बाद सामान्य शिशु की तरह शिशु जन्म लेता है।

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प्रश्न 16.
मेंढक में निषेचन कैसे होता है ?
उत्तर-
मेंढक में निषेचन – मेंढक में निषेचन मादा शरीर के बाहर होता है इसलिए इसे बाह्य निषेचन कहते हैं। बसंत अथवा वर्षा ऋतु में मेंढक और टोड तालाबों की ओर जाते हैं। जब अंडे छोड़े जाते हैं तो नर उन पर शुक्राणु छोड़ देता है। प्रत्येक शुक्राणु अपनी लंबी पूंछ की सहायता से जल में तेज़ गति से तैरता है। शुक्राणु अंडों के संपर्क में आते हैं। फलस्वरूप निषेचन होता है।

प्रश्न 17.
वे जीव जिनमें बाहय निषेचन होता है जैसे मछली और मेंढक एक साथ सैंकड़ों अंडे देते हैं जबकि मुर्गी केवल एक समय में एक ही अंडा देती है। क्यों ?
उत्तर-
मछली और मेंढक सैंकड़ों अंडे और करोड़ों शुक्राण छोड़ते हैं पर प्रत्येक अंडा निषेचित नहीं होता क्योंकि अंडे और शुक्राणु जल की गति, वायु और वर्षा से प्रभावित होते हैं। कुछ जलीय जंतु अंडे खा लेते हैं। इसलिए सुनिश्चित निषेचन के लिए बड़ी संख्या में अंडों का होना आवश्यक है।

प्रश्न 18.
अंडप्रजनक और जरायुज जंतु किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
अंडप्रजनक जंतु (Oviparous Organisms) – वे जीव जो अंडे देते हैं। जैसे मेंढक, तितली, मुर्गी, कौआ आदि।
जरायुज जंतु (Viviparous Organisms) – वे जीव जो शिशु को जन्म देते हैं। जैसे मानव, कुत्ता, गाय, बिल्ली आदि।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जननांग क्या हैं ? मनुष्य में नर के प्रजनन अंगों का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
जननांग (Gonads) – प्राथमिक जनन अंग जो युग्मक पैदा करते हैं, जननांग कहलाते हैं। नर में इनको वृषण (Testis) तथा मादा में इनको अंडाशय (Ovary) कहते हैं। यह जननांग यौवनारंभ अवस्था के बाद ही क्रियाशील होते हैं।

मानव के नर प्रजनन अंग-
1. वृषण (Testis) – नर मनुष्य (पुरुष) में जंघनास्थि क्षेत्र में एक मांसल संरचना शिश्न होता है जिसके बीच में मूत्रवाहिनी होती है। शिश्न के नीचे उसकी जड़ में एक मांसल थैली वृषण कोष होता है जिसमें अंडाकार संरचनाएँ वृषण होते हैं। वृषण नर युग्मक शुक्राणु का निर्माण करते हैं । वृषण में एक विशिष्ट संरचना शुक्राणु पाया जाता है जिसमें शुक्राणु के पोषण के लिए चिपचिपा पदार्थ स्रावित होता है।

2. शुक्र वाहिनी (Vas Deferens) – प्रत्येक वृषण में से एक वाहिनी निकलती है जिसे शुक्र वाहिनी कहते हैं। ये वाहिनियां वृषण में से वीर्य को लाती हैं जिनमें शुक्राणु होते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन 7

3. मूत्रवाहिनी (Urethra) – शुक्र वाहिनी मूत्र मार्ग या मूत्र वाहिनी में खुलती है। चिपचिपा पदार्थ (वीर्य) के साथ शुक्राणु एक संकरी नली द्वारा मूत्र वाहिनी में पहुँचते हैं, जहां से शिश्न की सहायता से मादा की योनि में छोड़ दिए जाते हैं। शिश्न मूत्र एवं शुक्राणु युक्त वीर्य दोनों को बाहर निकालता है।

4. उपग्रंथियां (Accessory Glands) – ये ग्रंथियां शुक्राणुओं के आहार के लिए विभिन्न घटकों का रिसाव करती हैं। ये ग्रंथियां हैं-प्रोस्ट्रेट, काऊपर्स ग्रंथियाँ तथा वीर्य थैली।

प्रश्न 2.
मनुष्य में मादा प्रजनन अंगों का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
मानव मादा प्रजनन अंग (Female Reproductive Organs) – मनुष्य के मादा प्रजनन अंग निम्नलिखित हैं-

1. अंडाशय (Ovary) – श्रोणिय गुहिका में दो अंडाशय होते हैं जो बहुत छोटे आकार के होते हैं। अंडाशय में अंडे बनते हैं। अंडाशय की अंदर की सतह पर एपीथीलियम कोशिकाओं की पतली परत होती है जिसे जनन एपीथीलियम कहते हैं। इसकी कोशिकायें विभाजित होकर फोलिकल तथा अंडा बनाती हैं। अंडाशय की गुहा में संयोजी ऊतक होते हैं जिन्हें स्ट्रोमा कहते हैं। प्रत्येक फोलिकल में एक जनन कोशिका होती है जिसके चारों ओर स्ट्रोमा की कोशिकाएँ रहती हैं। अर्ध सूत्री विभाजन के फलस्वरूप जनन कोशिकाएँ अंडे का निर्माण करती हैं।
ओस्ट्रोजिन तथा प्रोजिस्ट्रॉन नामक दो हार्मोन अंडाशय द्वारा स्रावित होते हैं जो मादा में जनन संबंधी विभिन्न क्रियाओं का नियंत्रण करते हैं।

2. फैलोपियन नलिका (Fallopian Tube) – यह रचना में नलिका समान होती है। इसका एक सिरा गर्भाशय से जुड़ा रहता है और दूसरा सिरा अंडाशय के पास खुला रहता है। इसके सिरे पर झालदार रचना होती है जिसे फिंब्री कहते हैं। अंडाशय से जब अंडा निकलता है तो फिंब्री की संकुचन क्रिया के कारण फैलोपियन नलिका में आ जाता है। यहाँ से गर्भाशय की ओर बढ़ता है। अंड निषेचन फैलोपियन नलिका में ही होता है। यदि अंडे का निषेचन नहीं होता तो यह गर्भाशय से होकर योनि में और ऋतु स्राव के समय योनि से बाहर निकल जाता है।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन 8

3. गर्भाशय (Uterus) – यह मूत्राशय तथा मलाशय के बीच स्थित एक मांसल रचना है। फैलोपियन नलिकाएँ इसके दोनों ओर ऊपर के भागों में खुलती हैं। गर्भाशय का निचला सिरा कम चौड़ा होता है और योनि में खुलता है। गर्भाशय के अंदर की दीवार एंड्रोमीट्रियम की बनी होती है। गर्भाशय का मुख्य कार्य निषेचित अंडे को परिवर्धन काल में जब तक कि गर्भ विकसित होकर शिशु के रूप में जन्म न ले ले, आश्रय तथा भोजन प्रदान करना है।

4. योनि (Vagina) – यह मांसल नलिका समान रचना है। इसका पिछला भाग गर्भाशय की ग्रीवा में खुलता है। मादा में मूत्र निष्कासन के लिए अलग छिद्र होता है जो योनि में खुलता है।

5. भग (Vulva) – योनि बाहर की ओर एक सुराख से खुलती है जिसे भग कहते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन

प्रश्न 3.
क्लोनिंग पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
क्लोनिंग – यह समरूप कोशिका अथवा संपूर्ण जीव उत्पन्न करने की विधि है। डॉली, एक भेड़ को सफलतापूर्वक क्लोन किया गया। यह पहला स्तनधारी 1996 में क्लोन किया गया।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 9 जंतुओं में जनन 9

फिन डारसेट नामक मादा भेड़ की स्तन ग्रंथि से एक कोशिका एकत्र की गई। उसी समय स्काटिश ब्लैक फेस ईव से एक अंडकोशिका एकत्र की गई। अंडकोशिका का केंद्रक हटा दिया गया। तत्पश्चात् फिनडारसेट से एकत्र कोशिका का केंद्रक, दूसरी केंद्रक विनि कोशिका में स्थापित किया गया। इस प्रकार उत्पन्न अंड कोशिका को स्काटिश ब्लैक फेस ईव में रोपित किया गया। अंड कोशिका का विकास एवं परिवर्धन सामान्य रूप से हुआ और अंततः डॉली का जन्म हुआ। यद्यपि स्काटिश ब्लैकफेस ईव ने डॉली को जन्म दिया परंतु डॉली फिन डारसेट भेड़ के समरूप थी, जिससे केंद्रक लिया गया था। डॉली में स्काटिश ईव के कोई लक्षण परिलक्षित नहीं हुए क्योंकि इसका केंद्रक हटा दिया गया | था। दुर्भाग्य से फेफड़ों के रोग के कारण डॉली की 14 फरवरी, 2003 में मृत्यु हो गई।
क्लोन वाले जंतुओं में अक्सर जन्म के समय अनेक विकृतियाँ होती हैं।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2)

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2)

जान-पहचान
पावर प्वाइंट एक प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर है जिसमें प्रभावशाली दिख वाली प्रेजेंटेशन बनाई जा सकती है। इसमें बैकग्राऊंड, टैक्सट स्टाइल और रंग दाखिल किये जा सकते हैं।

प्रेजेंटेशन बनाना प्रेजेंटेशन बनाने के निम्नलिखित तरीके हैं-

  1. ब्लैंक प्रेजेंटेशन
  2. रीसेंट टेंप्लेट
  3. सिंपल टेंप्लेट
  4. थीम्स
  5. माय टेंप्लेट
  6. न्यू फ्रॉम एग्जिस्टिंग

1. ब्लैंक प्रेजेंटेशन-ब्लैंक प्रेजेंटेशन के निम्नलिखित भाग होते हैं-

  • फाइल मैन्यू पर क्लिक करो।
  • न्यू पर क्लिक करो
  • उपलब्ध टेंप्लेटस तथा थीमस में से प्रेजेंटेशन पर क्लिक करो।

या
Ctrl + N शॉर्टकट की दबाएं।

2. प्रेजेंटेशन को रीसेंट टेंप्लेट के द्वारा बनाना रीसेंट टेंप्लेट द्वारा प्रेजेंटेशन बनाने के अग्रलिखित स्टैप होते हैं।

  • फाइल मैन्यू पर क्लिक करो तथा न्यू का चयन करो।
  • उपलब्ध टेंप्लेट तथा थीमस में से रीसेंट टेंप्लेट का चुनाव करो।
  • अपनी पसंद का टेंप्लेट चुनें तथा एंटर की दबाएं।

3. प्रेजेंटेशन को सैंपल टेंप्लेट द्वारा बनाना प्रेजेंटेशन को सैंपल टेंप्लेट द्वारा बनाने के नियम होते हैं।

  • फाइल मैन्यू पर क्लिक करो तथा न्यू का चयन करो।
  • उपलब्ध टेंप्लेट तथा थीमस में से सैंपल टेंप्लेट का चुनाव करो।
  • अपनी पसंद का टेंप्लेट चुनें तथा एंटर कीअ दबाएं।

4. थीमस
थीमस पहले से बने हुए रंग, फोंट तथा इफेक्ट होते हैं। थीमस के प्रयोग से निम्नानुसार प्रेजेंटेशन बनाई जा सकती है।

  • File मैन्यू पर क्लिक करो तथा New का चुनाव करो।
  • उपलब्ध टेंप्लेट तथा थीमस में से थीम का चयन करो।
  • एंटर कीअ दबाएं।

5. माई टेंप्लेट
माई टेंप्लेट में यूज़र अपनी पसंद के टेंप्लेट स्टोर करके रखता है। इसके द्वारा प्रेजेंटेशन बनाने के निम्नलिखित पग होते हैं।

  • File मैन्यू पर क्लिक करो तथा New का चुनाव करो।
  • उपलब्ध टेंप्लेट तथा थीमस में से माई टैंप्लेटस का चयन करो।
  • अपनी पसंद का कोई भी टेंप्लेट चुनें तथा एंटर कीअ दबाएं।

6. न्यू फ्रॉम एग्जिस्टिंग द्वारा प्रेजेंटेशन तैयार करना
न्यू फ्रॉम एग्जिस्टिंग का अर्थ है पहले से बनी हुई प्रैजेंस्टेशन से नई प्रेजेंटेशन बनाना। इसके लिए निम्नलिखित पग प्रयोग किए जाते हैं।

  • File मैन्यू पर क्लिक करो तथा New का चुनाव करो।
  • उपलब्ध टेंप्लेट तथा थीमस में से न्यू फ्रॉम एग्जिस्टिंग का चयन करो।
  • अपनी पसंद का टेंप्लेट चुनें तथा एंटर कीअ दबाएं।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2)

स्लाइड में टैक्सट दाखिल करना
खाली प्रेजेंटेशन में सफेद बैंकग्राउंड वाली एक स्लाइड में दो प्लेसहोल्डर्स होते हैं। इनमें से एक प्लेसहोल्हर टाइटल दाखिल करने के लिए तथा दूसरा प्लेसहोल्डर सबटाइटल दाखिल करने के लिए होता है। अगर हमें इस प्लेसहोल्डर में कोई टैक्सट दाखिल करना है तो पहले हमें उसमें क्लिक करना पड़ेगा। क्लिक करने के बाद हमें एक टिमटिमाता करसर दिखाई देगा। प्लेसहोल्डर में अपनी आवश्यकतानुसार टैक्सट टाइप हो जाने के बाद प्लेसहोल्डर के बाहर कहीं भी क्लिक करो। इसमें टिमटिमाता करसर अपने आप गायब हो जाएगा।

अगर हम टैक्सट को साधारण प्लेसहोल्डर से बाहर स्लाइड पर कहीं भी दिखाना चाहते हैं तो उसके लिए हमें पहले टैक्सट बॉक्स दाखिल करना पड़ेगा। स्लाइड में टैक्सट बॉक्स दाखिल करने के निम्नलिखित पग होते हैं।

  1. इंसर्ट टैब पर क्लिक करो।
  2. टैक्सट ग्रुप में से टैक्सट बॉक्स विकल्प पर क्लिक करो।
  3. अब अपने स्लाइडर पर बायां माउस बटन क्लिक करके टैक्सट बॉक्स को ड्रा करो। इसकी लंबाई तथा चौड़ाई अपनी आवश्यकतानुसार रखी जा सकती है।
  4. टैक्सट बॉक्स में टाइपिंग के लिए एक टिमटिमाता करसर नज़र आएगा अब आप अपना टैक्सट बॉक्स में टाइप कर सकते हैं।

यूज़र इन टैक्सट बॉक्स को अपनी आवश्यकतानुसार मूव, रिसाइज़ तथा रोटेट भी कर सकते हैं। टैक्सट बॉक्स को स्लाइड के ऊपर किसी भी जगह मूव करने के लिए बार्डर के ऊपर क्लिक करो तथा ड्रैग करके उस स्लाइड को नए स्थान पर ले जाओ। टैक्सट का आकार बदलने के लिए उसे कोनों में दिखाई दे रहे सफेद हैंडल पर क्लिक करो तथा खींचकर उसका आकार छोटा या बड़ा करो। टैक्सट बॉक्स को घुमाने के लिए उसके ऊपर बने एक घुमावदार हैंडल के ऊपर क्लिक करो तथा इसको दाएं या बाएं किसी भी दिशा में आप घुमा सकते हैं।

स्लाइड पर टैक्सट को फॉर्मेट करना
यूज़र स्लाइड पर पड़े प्लेसहोल्डर या टैक्सट बॉक्स में दिखाई दे रहे टैक्सट को अपनी आवश्यकता अनुसार फॉर्मेट कर सकते हैं। इसके लिए Home टैब में से Font तथा Paragraph ग्रुप का प्रयोग करके फॉर्मेटिंग की जा सकती है।

  1. फॉर्मेटिंग लगाने के लिए सबसे पहले प्लेसहोल्डर से टैक्सट का चुनाव करना ज़रूरी होता है। अतःउस टैक्सट का चुनाव करो जिस पर फॉर्मेटिंग लागू करनी है।
  2. फिर उचित विकल्प जैसे कि Home टैब में Font तथा Paragraph ग्रुप में में से Font, Bold, Italic, Underline, Text Shadow, Strike through, Font Color, Font Size, Change Case तथा Alignment आदि विकल्पों का प्रयोग किया जा सकता है।

नई स्लाइड दारिवल करना
प्रेजेंटेशन में नई स्लाइड दाखिल करने के निम्नलिखित पग हो सकते हैं-

  1. Home टैब के ऊपर Slide ग्रुप में New Slide पर क्लिक करो।
  2. Layout गैलरी में Slide Thumbnail का चुनाव करो।

या

नई स्लाइड दाखिल करने के लिए कीबोर्ड में से Ctrl + M शॉर्टकट कीअ दबाएं

नई स्लाइड लेआउट बदलना
स्लाइड लेआउट स्लाइड के ऊपर विभिन्न तरह के डिजाइन तथा प्लेसमेंट को परिभाषित करता है। प्रेजेंटेशन में एक नई स्लाइड दाखिल करते समय स्लाइड लेआउट का चयन किया जा सकता है। प्रदर्शन में स्लाइड दाखिल करने के बाद भी हम उस स्लाइड को बदल सकते हैं। स्लाइड का लेआउट बदलने के लिए निम्नलिखित पगों का प्रयोग किया जाता है।

  1. उस स्लाइड को सिलेक्ट करो जिसका लेआउट बदलना है।
  2. Home टैब में से Slide ग्रुप में मौजूद Layout ड्रॉप डाउन मैन्यू के ऊपर क्लिक करो।
  3. अपनी आवश्यकतानुसार लेआउट का चुनाव करो।

स्लाइड की दिरव बदलना
इस स्लाइड की बैकग्राऊंड, रंग, स्कीम, पैटर्न टैक्सचर आदि बदल सकते हैं। इसके साथ ही टैक्सट की फौंट, साइज़ और स्टाइल भी बदला जा सकता है।

  1. डिज़ाइन टैंपलेट-डिज़ाइन टैंपलेट एक स्लाइड होती है जिसमें पहले से परिभाषित किया बैकग्राऊंड डिज़ाइन, टैक्सट स्टाइल, कलर आदि होता है।
  2. कलर स्कीम-किसी स्लाइड या आबजैक्ट पर रंगों का जो इस्तेमाल किया जाता है उसको कलर स्कीम कहते हैं।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 1

डिज़ाइन थीम बदलना

  1. उस स्लाइड पर क्लिक करो जिस पर नया डिज़ाइन लगाना है।
  2. Design टैब पर क्लिक करो।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 2

3. Themes ग्रुप में थीमज़ नज़र आयेंगे। अपनी पसंद का थीम चुनो।
4. थीम लग जाएगा।

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बैकग्राऊंड स्टाइल बदलना
बैकग्राऊंड स्टाइल बदलने के निम्न स्टैप हैं –
1. Design टैब के Background स्टाइल बटन पर क्लिक करो।
2. अपनी पसंद के बैकग्राऊंड स्टाइल का चुनाव करो। अपनी ज़रूरत के अनुसार विकल्प का चुनाव करो।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 3

  • आप बैकग्राऊंड पैटर्न या टैक्सचर चुन सकते हो।
  • ग्रेडीएंट का चुनाव कर सकते हो।

3. ज़रूरत के अनुसार विकल्प चुनकर OK बटन पर क्लिक करो।

फॉर्मेट बैकग्राउंड
बैकग्राउंड एक ठोस रंग की ग्रेडियंट पिक्चर तथा टैक्सट फिल या एक पैटर्न के रूप में हो सकती हैं। इसमें वह सारा एरिया शामिल होता है जो स्लाइड के बैकग्राउंड में दिखाई देता है। इस कार्य को करने के लिए फॉर्मेट बैंकग्राउंड डायलॉग बॉक्स का प्रयोग किया जाता है। Format Background डायलॉग बॉक्स को खोलने के लिए निम्नलिखित पग प्रयोग किए जाते हैं।
1. Design टैब के ऊपर Background ग्रुप में से Background Style में से Format Background विकल्प पर क्लिक करो।
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डायलॉग बॉक्स में दो पैन मौजूद होते हैं बायां पेन चार विकल्प दिखाता है : Fill, Picture, Corrections, Picture Color तथा Artistic Effects पहले विकल्प-Fill का प्रयोग स्लाइड के बैकग्राउंड को फॉर्मेट करने के लिए किया जाता है तथा बाकी विकल्प Picture Corrections, Picture Color तथा Artistic Effects का प्रयोग बैकग्राउंड के रूप में तस्वीर को फॉर्मेट करने के लिए किया जाता है।

Format Background में उपलब्ध विभिन्न विकल्प निम्न अनुसार हैं –
1.Solid Fill-इस विकल्प का प्रयोग स्लाइड की बैकग्राउंड को एक ठोस रंग की बैकग्राउंड बनाने में किया जाता है। इसमें थीमस कलर, स्टैंडर्ड कलर या अपनी पसंद के किसी अन्य कलर को बैकग्राउंड के रूप में सेट किया जा सकता है। एक ठोस रंग को बैकग्राउंड में भरने के लिए कलर बटन पर क्लिक करो तथा कलर ड्रॉपडाउन गैलरी खोलो। गैलरी में निम्नलिखित विकल्प मौजूद होते हैं।

  • Automatic-इस विकल्प का प्रयोग प्रेजेंटेशन के ऊपर लागू थीम का डिफॉल्ट बैकग्राउंड रंग सेट करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • Theme Color-इस विकल्प का प्रयोग प्रेजेंटेशन में एक्टिव थीम में मौजूद किसी भी रंग का प्रयोग करने के लिए किया जाता है।
  • Standard Color-इसका प्रयोग 10 स्टैंडर्ड रंगों में से किसी भी रंग को सिलेक्ट करने के लिए किया जाता है। यह 10 स्टैंडर्ड रंग वह रंग होते हैं जो पावर प्वाइंट में व्यापक तौर पर प्रयोग किए जाते हैं।
  • Recent Colors-इस विकल्प का प्रयोग अभी-अभी प्रयोग किए गए रंगों में से किसी रंग का चुनाव करने के लिए किया जाता है।
  • More Color-इस विकल्प का प्रयोग एक कलर डायलॉग बॉक्स खोलने के लिए किया जाता है जो पूरे यूज़र द्वारा बनाए गए रंग को बैकग्राउंड के रूप में सेट करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

2. ग्रेडीएंट बदलना

  • Design टैब में Background स्टाइल पर क्लिक करो।
  • Format Background पर क्लिक करो।

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(Format Background डॉयलाग बॉक्स दिखाई देगा)
Fill ऑप्शन में Gradient Fill बटन पर क्लिक करो।

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  • अपनी पसंद की Direction, Angle और Gradient stop का चुनाव करो।
  • Apply to All Slides पर क्लिक करो। (ग्रेडीएंट लागू हो जाएगा)।

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3. बैकग्राउंड पिक्चर या टेक्सचर फिल करना-हम अपनी बैकग्राउंड में तस्वीर भी लगा सकते हैं। अपनी प्रेजेंटेशन की स्लाइड में बैकग्राउंड में तस्वीर लगाने के स्टेप निम्नानुसार हैं-

  • Design रिबन पर क्लिक करो
  • Background Style विकल्प पर क्लिक करो। (Format Background) डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।
  • Fill विकल्प में से Picture or texture Fill विकल्प का चयन करो।
  • Insert from File में से क्लिप आर्ट या क्लिपबोर्ड का चयन करो।
  • अपनी पसंद की पिक्चर सिलेक्ट करो।
  • Apply to All Slides पर क्लिक करो। (स्लाइड में पिक्चर इंसर्ट हो जाएगी)

4. बैकग्राउंड में पैटरन फिल करना-स्लाइड की बैकग्राउंड में पैटरन फिल करने के निम्नलिखित पग-

  • Design टैब पर Background बटन पर क्लिक करो।
  • Format Background पर क्लिक करो।
  • Format Background डायलॉग बाक्स दिखाई देगा।
  • Pattern Fill विकल्प का चयन करो।
  • पैटरन पिक्चर सिलेक्ट करो।
  • Apply to All Slides पर क्लिक करो।
  • Close बटन पर क्लिक करो।
  • पैटरन सारी स्लाइडज पर लागू हो जाएगा।

स्लाइड में कंटैट दारिवल करना
ऑबजैक्ट-कोई भी वस्तु जो पावर-प्वाइंट में दाखिल की जा सकती है उसको ऑबजैक्ट कहते ।
पावर प्वाइंट में आबजैक्ट निम्न स्टैप द्वारा दाखिल किया जा सकता है –

  • जिस स्लाइड पर आबजैक्ट दाखिल करना है उस पर क्लिक करो।
  • Insert टैब के Texture ग्रुप में Object ऑप्शन पर क्लिक करो। (Insert Object डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा)।

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जो आबजैक्ट चाहिए उसका चुनाव करें।
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OK पर क्लिक करें।

पावरपवाइंट वियू
स्लाइडों के दिखाने के लिए पावर-प्वाइंट अलग-अलग उपाय प्रदान करवाता है। इसको वियू कहा जाता है। यह पाँच तरह के होते हैं –

  • नारमल वियू
  • स्लाइड सारटर वियू पावर प्वाइंट ऑब्जेक्ट
  • नोट्स पेज वियू
  • रीडिंग वियू टेबल चार्ट क्लिपआर्ट मीडिया क्लिप
  • मास्टर वियू।

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(i) नारमल वियू (Normal View)-इस दृश्य में स्लाइड का टैक्सट, चित्र, चार्ट और कई चीजें स्क्रीन पर (अलग-अलग) नज़र आती हैं। इसमें टैक्सट को बदला जा सकता है, नई स्लाइड बनाई जा सकती है और ड्राइंग बनाई जा सकती है।
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(ii) स्लाइड सारटर वियू (Slide Sorter View)-यह प्रेजेंटेशन की स्लाइडों को थंबनेल रूप में स्क्रीन पर दिखाता है। इस दृश्य में सभी स्लाइडें एक ही स्क्रीन पर नज़र आती हैं। इसमें स्लाइडों को सही लाइन में लगाया जा सकता है। स्लाइड सारटर वियू स्लाइड के बीच वाली सामग्री की कांट-छांट की स्वीकृति नहीं देता।
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(iii) नोट्स पेजिज़ वियू (Notes Pages View)-इस वियू में चुनी हुई स्लाइड ऊपर शिखर पर नज़र आती है और नीचे आप स्लाइड से सम्बन्धित जानकारी लिख सकते हो। इस जानकारी को नोटस कहा जाता है।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2) 12
(iv) रीडिंग वियू (Reading View)-यह वियू स्लाइड को विंडो में दिखाता है। इसका प्रयोग प्रूफ रीडिंग के लिए किया जाता है। यह वियू दर्शकों को न दिखा कर किसी एक को दिखाने के लिए किया जाता है।
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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 5 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-2)

(v) मास्टर वियू (Master View)-इस वियू में स्लाइड हैंड आऊट नोट वियू होते हैं। ये मुख्य स्लाइड होती हैं जिनमें सारी जानकारी सेव होती है। इस वियू में हम प्रत्येक स्लाइड की नोट पेज़, हैंड आऊट आदि सैटिंग बदल सकते हैं।
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 8 कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य

PSEB 8th Class Science Guide कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्न कथन सत्य (T) है या असत्य (F)।
(क) एककोशिक जीव में एक ही कोशिका होती है। (T/F)
(ख) पेशी कोशिका शाखान्वित होती है। (T/F)
(ग) किसी जीव की मूल संरचना अंग है। (T/F)
(घ) अमीबा की आकृति अनियमित होती है। (T/F)
उत्तर-
(क) सत्य (T)
(ख) असत्य (F)
(ग) असत्य (F)
(घ) सत्य (T)।

प्रश्न 2.
मानव तंत्रिका कोशिका का रेखाचित्र बनाइए। तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा क्या कार्य किया जाता है ?
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 1
तंत्रिका कोशिका का कार्य – तंत्रिका कोशिका संदेश प्राप्त करके उनका स्थानांतरण करती है जिसके द्वारा यह शरीर में नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य करती है।

प्रश्न 3.
निम्न पर संक्षिप्त नोट लिखिए-
(क) कोशिका द्रव्य
(ख) कोशिका का केंद्रक।
उत्तर-
(क) कोशिका द्रव्य – यह जैली जैसा गाढ़ा द्रव्य कोशिका झिल्ली के भीतर पाया जाता है। कई अंगक अथवा कोशिकांगरस में पाए जाते हैं। इसमें जल, चीनी, खनिज, लिपिड प्रोटीन आदि होते हैं।

(ख) कोशिका का केंद्रक-सभी यूकेरियोटिक कोशिकाओं में केंद्रक स्पष्ट रूप में पाया जाता है। इसके चार संघटक हैं-
(क) केंद्रक झिल्ली – यह दो परों वाला आवरण केंद्रक द्रव्य जो परिबद्ध करता है। यह सरंध्र और परागम्य होती है। बाह्य परत पर राइबोसोम जुड़े होते हैं और जो RSR में निरंतर हो सकते हैं। यह कोशिका द्रव्य एवं केंद्रक द्रव्य के बीच पदार्थों के आवागमन को नियंत्रित करती है।

(ख) केंद्रक द्रव्य – यह अर्ध ठोस कोलाइडल पदार्थ है जिसमें केंद्रिका और क्रोमैटिन धागे होते हैं। यह केंद्रक पिंजर की भांति कार्य करता है और कोशिका विभाजन में Spindle बनाता है।

(ग) केंद्रिका अथवा न्यूक्लिओलस – यह सघन, गोल, नग्न और गहरे रंग की संरचना है। यह RNA के संश्लेषण और भंडारण का कार्य करती है।

(घ) क्रोमेटिन धागे – यह लंबे, महीन और गहरे रंग वाले धागे हैं जो मिलकर, केंद्रक रेटीकुलम बनाते हैं। विभाजन के प्रोफेज़ (Prosphase) में यह संघनन होकर विशेष संख्या में छड़ रूपी संरचना बनाते हैं जिसे क्रोमोसोम कहते हैं। इन पर जीन लगी होती हैं, जो आनुवंशिक गुणों अथवा लक्षणों को अगली पीढ़ी में स्थानांतरित करते हैं। यह संरचनात्मक और एंजाइम प्रोटीन का संश्लेषण भी करते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 2

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 4.
कोशिका के किस भाग में कोशिकांग पाए जाते हैं ?
उत्तर-
कोशिका द्रव्य में कोशिकांग पाए जाते हैं।

प्रश्न 5.
पादप कोशिका एवं जंतु कोशिका के रेखाचित्र बनाकर उनमें तीन अंतर लिखिए।
उत्तर-
पादप कोशिका एवं जंतु कोशिका में अंतर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 3

प्रश्न 6.
यूकैरियोट्स तथा प्रोकैरियोट्स में अंतर लिखिए।
उत्तर-
यूकैरियोट्स (Eukaryotes) – इन जीवों की कोशिकाओं में केंद्रक स्पष्ट होते हैं और केंद्रक झिल्ली उपस्थित होती है। उदाहरण प्याज के छिलके एवं गाल की कोशिका।
प्रोकैरियोट्स (Prokaryotes) – इन जीवों की कोशिकाओं में केंद्रक नहीं होता अर्थात् केंद्रक झिल्ली उपस्थित नहीं होती। उदाहरण जीवाणु, नीले, हरित शैवाल।

प्रश्न 7.
कोशिका में क्रोमोसोम अथवा गुणसूत्र कहाँ पाए जाते हैं ? उनका कार्य बताइए।
उत्तर-
कोशिका में क्रोमोसोम अथवा गुणसूत्र केंद्रक द्रव्य में पाए जाते हैं। यह धागे जैसी संरचनाएँ होती हैं।
क्रोमोसोम के कार्य-

  1. जीव के धारक।
  2. आनुवंशिक गुणों अथवा लक्षणों को जनक से अगली पीढ़ी में स्थानांतरित करना।
  3. विभाजन में सहायक।

प्रश्न 8.
‘सजीवों में कोशिका मूलभूत संरचनात्मक इकाई है।’ समझाइए।
उत्तर-
भवन अथवा इमारत बनाने की मूल इकाई ईंट है। इसी तरह सजीवों के शरीर में कोशिका मूलभूत इकाई है। जिस प्रकार भवन निर्माण में एक समान ईंटों का प्रकार होता है, परंतु भवनों की आकृति, डिज़ाइन एवं साइज़ अलगअलग होते हैं। इसी तरह सजीव एक-दूसरे से भिन्न होते हैं, परंतु केवल कोशिकाओं से ही बने होते हैं। सजीव कोशिकाओं की संरचना बहुत जटिल होती है।

प्रश्न 9.
बताइए कि क्लोरोप्लास्ट अथवा हरितलवक केवल पादप कोशिकाओं में ही क्यों पाए जाते हैं ?
उत्तर-
क्लोरोप्लास्ट हरे रंग के वर्णक होते हैं। ये पौधों को हरा रंग प्रदान करते हैं। केवल पौधे ही इस हरे वर्णक को भोजन बनाने में प्रयोग में ला सकते हैं।

प्रश्न 10.
नीचे दिए गए संकेतों की सहायता से क्रॉस शब्द पहेली को पूरा कीजिए।
बाईं से दाईं ओर
4. यह कोशिका द्रव्य से एक झिल्ली द्वारा अलग होता है।
3. कोशिका द्रव्य के बीच रिक्त स्थान।
1. सजीवों की मूलभूत संरचनात्मक इकाई।

ऊपर से नीचे की ओर
2. यह प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है।
1. कोशिका झिल्ली और केंद्रिका झिल्ली के बीच का पदार्थ।
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उत्तर-
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PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

PSEB Solutions for Class 8 Science कोशिका – संरचना एवं प्रकार्य Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरो

(i) कोशिका सजीवों में ………………….. और कार्यात्मक इकाई है।
उत्तर-
संरचनात्मक

(ii) कोशिका भित्ति ………………………. कोशिका में पाई जाती है।
उत्तर-
पादप

(iii) कोशिका का शक्ति घर ……………………….. है।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया

(iv) अमीबा और पैरामीशियम में एक ………………………. होती है।
उत्तर-
कोशिका

(v) लवक (प्लैस्टिड) केवल ……………………….. कोशिका में पाए जाते हैं।
उत्तर-
पादप।

प्रश्न 2.
सही उत्तर चुनिए :
(i) कोशिका के आत्मघाती थैले हैं-
(क) लाइसोसोम
(ख) क्लोरोप्लास्ट
(ग) माइटोकांड्रिया
(घ) राइबोसोम।

(ii) पौधों की कोशिका में नहीं होती-
(क) कोशिका भित्ति
(ख) सैंट्रोसोम
(ग) प्लैस्टिड
(घ) माइटोकांड्रिया।
उत्तर-
(i) (क) (ii) (ख)।

प्रश्न 3.
जीवन की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई क्या है ?
उत्तर-
कोशिका (Cell)।

प्रश्न 4.
कोशिका जैव अध्ययन में राबर्ट ब्राऊन ने क्या योगदान दिया ?
उत्तर-
आरकिड की कोशिका में केंद्रक की खोज।

प्रश्न 5.
कोशिका सिद्धांत किसने सुझाया?
उत्तर-
एम० जे० शैल्डिीन और थियोडार शुवान।

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प्रश्न 6.
सबसे छोटी और सबसे बड़ी कोशिका के नाम लिखो। उत्तर-

  1. सबसे छोटी कोशिका-माइकोप्लाज्म ।
  2. सबसे बड़ी कोशिका-शुतुरमुर्ग का अंडा।

प्रश्न 7.
मानव शरीर में सबसे छोटी और सबसे बड़ी कोशिका कौन-सी है ?
उत्तर-

  1. सबसे छोटी कोशिका-नेफ्रॉन (Nephron)।
  2. सबसे बड़ी कोशिका-न्यूरॉन (Neuron)।

प्रश्न 8.
सजीवों में कोशिका द्रव्य को भौतिक आधार किसने कहा ?
उत्तर-
हक्सले (Huxley) |

एन 9.
रुडोल्फ वरकोअ (Rudolf Virchow) ने जैव विज्ञान के क्षेत्र में क्या योगदान दिया ?
उत्तर-
उसने कहा कि पुरानी कोशिकाओं की वृद्धि और विभाजन से ही नई कोशिकाएँ उत्पन्न होती हैं अर्थात् “Omnis Cellula c Cellula”

प्रश्न 10.
केंद्रक की प्रकृति के आधार पर कोशिका के कितने प्रकार हैं ?
उत्तर-
प्रोकेरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका।

प्रश्न 11.
न्यूक्लॉइड (Nucloid) क्या है ?
उत्तर-
न्यूक्लॉइड – यह प्रोकैरियोटिक जैसे जीवाणु और नीले-हरे शैवाल की अस्पष्ट केंद्रक है और इसमें केंद्रक झिल्ली अनुपस्थित होती है।

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प्रश्न 12.
कोशिका जीव विज्ञान में रॉबर्ट हुक का क्या योगदान है ?
उत्तर-
रॉबर्ट हुक ने कोशिका की खोज की।

प्रश्न 13.
कोशिका के तीन कार्यात्मक क्षेत्र कौन-से हैं ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली, कोशिका द्रव्य तथा केंद्रक।

प्रश्न 14.
कोशिका झिल्ली का मूल कार्य क्या है ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली विभिन्न पदार्थों के कोशिका में आवागमन का नियमन करती है।

प्रश्न 15.
सबसे छोटे आकार के कोशिकांग का नाम लिखिए।
उत्तर-
राइबोसोम (Ribosome)।

प्रश्न 16.
कौन-सा कोशिकांग आत्मघाती थैला कहलाता है ?
उत्तर-
लाइसोसोम (Lysosome)।

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प्रश्न 17.
सबसे बड़े कोशिकांग का नाम लिखिए।
उत्तर-
प्लैस्टिड (Plastid) ।

प्रश्न 18.
कोशिका केंद्र किस कोशिकांग को कहते हैं ?
उत्तर-
सैंट्रोसोम (Centrosome)।

प्रश्न 19.
अंग क्या है ?
उत्तर-
अंग – जानवरों और पौधों के शरीर के विभिन्न भागों को अंग कहते हैं।

प्रश्न 20.
कोशिका ‘Cell’ शब्द किसने कहा ?
उत्तर-
रॉबर्ट हुक (Robert Hooke)।

प्रश्न 21.
रॉबर्ट हुक ने ‘कोशिका’ नाम क्यों दिया ?
उत्तर-
रॉबर्ट ने कार्क की स्लाइस में कोष्ठयुक्त बक्से देखे जो मधुमक्खी के छत्ते के समान थे। उसने इस काष्ठ को ‘कोशिका’ का नाम दिया।

प्रश्न 22.
पौधे के कुछ भागों के नाम लिखिए।
उत्तर-
जड़ें, तना, पत्ते, फूल, फल ।

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प्रश्न 23.
एक कौशिक जीवों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
अमीबा, पैरामीशियम, जीवाणु आदि।

प्रश्न 24.
सबसे छोटी कोशिका का आकार क्या है ?
उत्तर-
0.1 माइक्रोन (μm) अर्थात् मिली मीटर का एक हज़ारवाँ भाग।

प्रश्न 25.
मुर्गी के अंडे का पीला भाग क्या है ?
उत्तर-
यह एक कोशिका है।

प्रश्न 26.
सबसे बड़ी कोशिका का आकार कितना है, जिसे नंगी आँख से देखा जा सके ?
उत्तर-
170 mm.

प्रश्न 27.
कोशिकांग क्या हैं ?
उत्तर-
कोशिकांग – कोशिका के घटक कोशिकांग हैं।

प्रश्न 28.
कोशिका झिल्ली, कोशिका में क्या काम करती है ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली एक द्रव्य का परिबद्ध करती है, जिसे कोशिका द्रव्य कहते हैं।

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प्रश्न 29.
कोशिका द्रव्य के मुख्य चार तत्त्वों के नाम लिखिए।
उत्तर-
कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन।

प्रश्न 30.
केंद्रक द्रव्य क्या है ?
उत्तर-
केंद्रक में पाया जाने वाला द्रव्य।

प्रश्न 31.
कोशिका के कार्यों को कौन नियंत्रित करता है ?
उत्तर-
केंद्रक।

प्रश्न 32.
क्रोमोसोम क्या करते हैं ?
उत्तर-
क्रोमोसोम – क्रोमोसोम आनुवंशिक गुणों और लक्षणों को जनक से अगली पीढ़ी में स्थानांतरित करते हैं।

प्रश्न 33.
हरित लवक (Chloroplast) क्या है ?
उत्तर-
पौधे में हरे प्लैस्टिड हरित लवक कहलाते हैं।

प्रश्न 34.
माइटोकांड्रिया का आकार क्या है ?
उत्तर-
छड़ीनुमा अथवा गोलाकार ।

प्रश्न 35.
कोशिका का शक्ति घर कौन-सा है ?
उत्तर-
माइटोकांड्रिया।

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प्रश्न 36.
उस एक कोशिका का नाम बताओ जिसके सिलिया (Cilia) होते हैं ?
उत्तर-
पैरामीशियम।

प्रश्न 37.
कोशिका के नष्ट होने पर क्या होता है ?
उत्तर-
इससे अंग तंत्र और समष्टि के कार्य प्रभावित हो सकते हैं।

प्रश्न 38.
कोशिका की संख्या और आकार के वृद्धि से क्या होता है ?
उत्तर-
सजीव की वृद्धि होती है।

प्रश्न 39.
हुक को कार्क के पतले स्लाइस क्यों लेने पड़े ?
उत्तर-
क्योंकि ठोस कार्क जानकारी नहीं मिलती थी।

प्रश्न 40.
हुक ने कार्क का प्रेक्षण कहाँ दर्शाया ?
उत्तर-
लंडन की रायल सोसायटी में।

प्रश्न 41.
एक कोशिकीय सजीवों को एक कोशिक जीव भी कहते हैं ?
उत्तर-
सत्य।

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प्रश्न 42.
उस कोशिका का नाम लिखो जिसकी संरचना शाखित है।
उत्तर-
तंत्रिका कोशिका।

प्रश्न 43.
कौन-सी कोशिका नंगी आँख से देखी जा सकती है ?
उत्तर-
शुतुरमुर्ग का अंडा।

प्रश्न 44.
जंतु कोशिका की सबसे बाह्य परत का नाम क्या है ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली।

प्रश्न 45.
माइटोकांड्रिया कोशिका में क्या कार्य करता है ?
उत्तर-
यह कोशिका को सभी क्रियाओं के लिए ऊर्जा देते हैं।

प्रश्न 46.
पौधों में सबसे बाह्य परत कौन-सी है ?
उत्तर-
कोशिका भित्ति।

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प्रश्न 47.
सजीव कोशिकाओं की आकार सीमा क्या है ?
उत्तर-
प्लूयरोन्यूमोनिया का आकार (0.1dμm है और शुतुरमुर्ग में इसका आकार 170 × 135 mm है।

प्रश्न 48.
कोशिका का आकार किस बात पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
कोशिका का आकार उनके कार्य पर निर्भर करता है। उदाहरण कुछ तांत्रिका कोशिकाएं 1 मीटर से भी लंबी होती हैं।

प्रश्न 49.
यूकेरियोटिक में जीवद्रव्य (प्रोटोप्लाज्म) किन भागों से बनता है?
उत्तर-
केंद्रक और कोशिका द्रव्य से जीवद्रव्य बनता है।

प्रश्न 50.
कोशिका विभाजन के समय केंद्रक में क्रोमैटिन पदार्थ का क्या होता है ?
उत्तर-
कोशिका विभाजन के समय क्रोमैटिन पदार्थ संघनिन होकर कुंडलित धागे बनाता है, जिन्हें क्रोमोसोम कहते हैं।

प्रश्न 51.
किन्हीं दो एक कोशिक सजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. अमीबा,
  2. पैरामीशियम।

प्रश्न 52.
अमीबा का आकार क्या है ?
उत्तर-
अमीबा का निश्चित आकार नहीं है अर्थात् अनिश्चित आकार।

प्रश्न 53.
उस मानव कोशिका का नाम बताओ जो आकार बदलता है ।
उत्तर-
श्वेत रक्त कोशिका (WBC)।

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प्रश्न 54.
मानव RBC का आकार क्या है ?
उत्तर-
7 μm.

प्रश्न 55.
सजीवों के दो मुख्य लक्षण बताओ।
उत्तर-

  1. श्वसन
  2. पोषण।

प्रश्न 56.
मानव शरीर में कितनी कोशिकाएँ पाई जाती हैं ?
उत्तर-
1014 (1000 खरब)।

प्रश्न 57.
कोशिकाओं की मुख्य आकृतियाँ कौन-सी हैं ?
उत्तर-
गोलाकार, घनाकार तथा स्तंभाकार।

प्रश्न 58.
कोशिका झिल्ली किस पदार्थ की बनी होती है ?
उत्तर-
वसा तथा प्रोटीन की।

प्रश्न 59.
कोशिकाओं के कार्यों को कौन-सा भाग नियंत्रित करता है ?
उत्तर-
केंद्रक।

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प्रश्न 60.
आनुवंशिक गुणों का वाहक कौन-सा है ?
उत्तर-
गुणसूत्र।

प्रश्न 61.
गुणसूत्र किस पदार्थ के बने होते हैं ?
उत्तर-
न्यूक्लियोप्रोटीन से।

प्रश्न 62.
जीन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सजीवों में आनुवंशिक इकाई को जीन कहते हैं।

प्रश्न 63.
उत्तक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
कोशिकाओं का समूह जो किसी विशेष कार्य को करता है, उत्तक कहलाता है।

प्रश्न 64.
अमीबा के पादाभ का क्या कार्य है ?
उत्तर-
गति तथा भोजन ग्रहण करना।

प्रश्न 65.
गुणसूत्र कब दिखाई देते हैं ?
उत्तर-
कोशिका विभाजन के समय।

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TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कोशिका क्या है ?
उत्तर-
कोशिका (Cell) – जैसे ईंटें सभी प्रकार के घरों की इकाई हैं इसी तरह कोशिका सजीवों की इकाई है। जानवर और पौधे जैसे चींटी, मक्खी, कुत्ता, हाथी, सूर्यमुखी नीम आदि कोशिकाओं से बने हैं।

प्रश्न 2.
कोशिकांगों के नाम लिखो।
उत्तर-
कोशिकांग, कोशिका द्रव्य में सजीव संरचनाएँ हैं। इनके नाम हैं -एंडोप्लाजिमक रेटीकुलम, गाल्जीकॉय, माइटोकांड्रिया, राइबोसोम, लाइसोसोम, परऑक्सीसोम, प्लैस्टिड, सेंट्रोसोम, आदि।

प्रश्न 3.
कोशिका झिल्ली और कोशिका भित्ति में क्या अंतर है ? प्रत्येक के कार्य लिखो।
उत्तर-

गुण कोशिका झिल्ली (Cell membrane) कोशिका भित्ति (Cell wall)
(1) उपस्थिति सभी कोशिकाओं के कोशिका द्रव्य के बाहर या इर्द-गिर्द। पौधों की कोशिका, जीवाणु, नीला, हरा शैवाल, कवक आदि की कोशिका झिल्ली के बाहर।
(2) प्रकृति पतली और आंशिक परागम्य। मोटी और पूर्ण परागम्य।
(3) रसायन लिपोप्रोटीन और तीन तहों वाला। सैलूलोज, पैक्टीन और पानी आदि।
(4) कार्य पदार्थों के कोशिका में आवागमन का नियमन करना। सुरक्षा और आकार प्रदान करना। वाष्पोत्सर्जन का रोकना।

प्रश्न 4.
कौन-सी कोशिका को ‘आत्मघाती थैला’ कहते हैं और क्यों ?
उत्तर-
लाइसोसोम को आत्मघाती थैला कहते हैं क्योंकि यह पाचन में सहायक होते हैं, भोजन भंडारण में मदद करते हैं और कोशिका के अंत पर उसके पाचन में सहायक होते हैं। यह वस्तुओं को पचाने में स्वयं का बलिदान देते हैं, इसीलिए इन्हें आत्मघाती थैला कहते हैं।

प्रश्न 5.
कौन-सा कोशिकांग कोशिका का ‘शक्ति घर’ है, इसके कार्य के बारे में संक्षेप में बताएँ।
उत्तर-
माइटोकांड्रिया को ‘शक्ति घर’ कहते हैं। वायुवयी कोशिका श्वसन में यहाँ ग्लूकोज़ अणु का ऑक्सीकरण होता है और ऊर्जा युक्त ATP अणुओं का उत्पादन होता है। ग्लूकोज़ का एक मोल, वायुवयी श्वसन में 36 ATP अणु उत्पन्न करता है।

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प्रश्न 6.
निम्न शब्दों की परिभाषा लिखिए।
(क) जीव द्रव्य (Protoplasm)
(ख) कोशिका द्रव्य (Cytoplasm)
(ग) केंद्रिका द्रव्य (Nucle)plasm)।
उत्तर-
(क) जीव द्रव्य (Protoplasm) – यह जीवन का आधार है और कोशिका झिल्ली से परिबद्ध होता है। इसमें कोशिका द्रव्य और केंद्रिका द्रव्य दोनों आते हैं।

(ख) कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह केंद्रक और कोशिका झिल्ली के बीच पाया जाता है, जिसमें कई छोटे कोशिकांग अथवा अंगक पाए जाते हैं। यहां प्रोटीन का संश्लेषण और ग्लोकोलसिस जैसे प्रक्रम होते हैं।

(ग) केंद्रिका द्रव्य (Nucleoplasm) – यह केंद्रक में पाया जाता है। इसमें क्रोमैटिन पदार्थ और केंद्रिका होते हैं। यह कोशिका विभाजन में तर्कु (spindle) बनाता है।

प्रश्न 7.
पादप और जंतु कोशिकाओं का चित्र बनाइए।
उत्तर-
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प्रश्न 8.
कोशिका के आकार और रूप की विविधता का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कोशिकाएं आमतौर पर गोलाकार होती हैं परंतु इनमें बहुत विविधता भी भ्याई जाती है। यह घनाकार और स्तनीय हो सकती है। कुछ जंतु कोशिकाएं लंबी और शाखित होती हैं जैसे तंत्रिका कोशिका।

प्रश्न 9.
एक कोशिक और बहु कोशिक जीव क्या हैं ?
उत्तर-
एक कोशिक जीव (Unicellular Organisms) – वे जीव जिनमें केवल एक ही कोशिका होती है, एक कोशिक जीव कहलाते हैं। जैसे अमीबा, पैरामीशियम, कलैमाइडोमोनास, खमीर, यूग्लीना आदि।

बहु कोशिक जीव (Multicellular Organisms) – वे जीव जिनमें कोशिकाओं की संख्या बहुत अधिक होती है बहुकोशिक जीव कहलाते हैं। जैसे मानव, हाइड्रा, कुत्ता, हाथी आदि।

प्रश्न 10.
अंग और अंग-तंत्र से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
अंग (Organ) – ऊतकों का समूह जो शरीर में एक विशेष कार्य करता है, अंग कहलाता है।
अंग तंत्र (Organ System) – अंगों का समूह जो मिलकर सभी कार्य करते हैं, अंग-तंत्र कहलाता है।

प्रश्न 11.
विभिन्न कोशिकाओं के चित्र बनाइए।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 7

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य

प्रश्न 12.
पहली कोशिका की खोज कैसे हुई थी ?
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 8
रॉबर्ट हुक ने 1665 में कार्क के एक स्लाइस का आवर्धन यंत्र द्वारा अध्ययन किया। कार्क पेड़ की छाल का भाग है। उसने कार्क की पतली स्लाइस ली और सूक्ष्मदर्शी द्वारा उसका अध्ययन किया। उसने उसमें कोष्ठयुक्त अथवा विभाजित बक्से देखे। यह बक्से मधुमक्खी के छत्ते की भांति थे। उसने यह भी देखा एक बक्सा दूसरे बक्से से एक विभाजन पट्टी द्वारा अलग है। उसने इस बॉक्स को ‘कोशिका’ का नाम दिया। अंग्रेज़ी में इसे Cell कहते हैं। जिसका लेटिन में अर्थ है ‘खाली जगह’।

प्रश्न 13.
कोशिकाओं के विभिन्न आकारों का वर्णन करें।
कार्क कोशिकाएँ
उत्तर-
आमतौर पर कोशिकाएँ गोल, चपटी गोल और लंबी होती हैं। कुछ कोशिकाएँ लंबी होती हैं जिनके दोनों सिरे नुकीले होते हैं। इनका आकार तर्कुरूप होता है। कभी-कभी कोशिकाएँ बहुत लंबी और शाखान्वित होती है. जैसे तंत्रिका कोशिका।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 8 कोशिका - संरचना एवं प्रकार्य 9

प्रश्न 14.
एक-कोशी तथा बहुकोशी जीवों में अंतर बताओ।
उत्तर-
एक-कोशिकीय तथा बहुकोशिकीय जीवों में अंतर

एक-कोशिकीय जीव (Unicellular Organisms) बहु-कोशिकीय जीव (Multicellular Organisms)
(1) इन जीवों में केवल एक ही कोशिका होती है। (1) इन जीवों में अनेक कोशिकाएं होती हैं।
(2) इनमें एक ही कोशिका जीव के सभी प्रकार्यों को पूरा करती है। (2) इनमें प्रत्येक प्रकार्य कोशिकाओं के एक विशेष समूह द्वारा होता है।
(3) इनमें कशाभ पाए जाते हैं।
उदाहरण-अमीबा, पैरामीशियम
(3) इनमें कशाभ नहीं पाए जाते।
उदाहरण-लगभग सभी जंतु।

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TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक कोशिका की बनावट/संरचना का वर्णन करो।
उत्तर-
कोशिका संरचना (Structure of a Cell) – कोशिका जीवन की मूल इकाई है। यह जीवनयापन के प्रत्येक कार्य करने में समर्थ है। सभी कामों को पूरा करने के लिए इसके कई घटक हैं। मुख्यतः कोशिका के तीन भाग हैं-
(1) कोशिका झिल्ली (Cell membrane)
(2) केंद्रक (Nucleus)
(3) कोशिका द्रव्य (Cytoplasm)।

कोशिका द्रव्य कोशिका झिल्ली से ढका होता है और केंद्रिका द्रव्य के साथ जीव द्रव्य की संरचना करता है। एक सामान्य पौधा कोशिका और जंतु कोशिका के चित्र नीचे दिए गए हैं-
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1. कोशिका झिल्ली (Cell or Plasma Membrane) – यह लचकीली और पतली झिल्ली है। इसे प्लाज्मा झिल्ली भी कहते हैं। जंतु कोशिका में यह सबसे बाह्य परत बनाती है, परंतु पादप कोशिका में इसके ऊपर एक और परत उपस्थित होती है। इस बाह्य परत को पादप कोशिका में कोशिका भित्ति कहते हैं।

कोशिका झिल्ली के कार्य

  • यह कोशिका को आकार देती है।
  • यह पदार्थों का कोशिका में आवागमन नियमित करती है।
  • यह भीतरी भागों की सुरक्षा करती है।

2. केंद्रक – कोशिका के केंद्र में पाई जाने वाली गोलाकार या वृत्ताकार संरचना जो कोशिका का नियंत्रण केंद्र है, केंद्रक कहलाती है। केंद्रक के निम्न भाग हैं-
(क) केंद्रिका झिल्ली – यह सरंध्र झिल्ली है, जो कोशिका द्रव्य को केंद्रक के घटक से अलग करती है।

(ख) केंद्रिका द्रव्य-केंद्रक में पाए जाने वाले द्रव्य को केंद्रिका द्रव्य कहते हैं।

(ग) केंद्रिका (Nucleolus ) – न्यूक्लीय प्रोटीन, RNA की बनी गोलाकार संरचना, जो केंद्रक में पाई जाती है, केंद्रिका कहलाती है।

(घ) क्रोमैटिन पदार्थ – कोशिका द्रव्य में धागे जैसी संरचनाओं का जाल सा होता है। यह क्रोमोसोम का एक रूप है और इसमें जींस (Genes) उपस्थित होते हैं।

केंद्रक के कार्य – क्रोमैटिन पदार्थ, गुण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाता है।
इसमें सभी मूल क्रियाओं की जानकारी होती है।

3, कोशिका द्रव्य (Cytoplasm) – यह जैली जैसा द्रव्य कोशिका झिल्ली के भीतर पाया जाता है। छोटी-छोटी संरचनाएँ, जो विभिन्न कार्य करने में सहायक हैं, इसमें पाई जाती हैं। इन संरचनाओं को कोशिकाँग कहते हैं।
इसमें जल, चीनी, खनिज, लिपिड, प्रोटीन आदि भी पाए जाते हैं। कोशिका द्रव्य में पाए जाने वाले कोशिकाँग निम्नलिखित हैं-

(i) माइटोकॉड़िया – यह कोशिका के ‘शक्ति घर’ हैं क्योंकि यह भोजन से ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। यह ऊर्जा का भंडारण भी करते हैं। माइट्रोकांड्रिया गोल अथवा वृत्ताकार संरचनाएँ हैं जिनमें दो परतें होती हैं।

(ii) एंडोप्लाज्मिक रेटीकुलम – झिल्ली का जटिल जाल, जो केंद्रक से जुड़ी अथवा अलग हो सकती है, एंड्रोप्लामिक रेटीकुलम कहलाता है। यह जाल केंद्रक से कोशिका झिल्ली तक फैला होता है। यह प्रोटीन संश्लेषण करता है और पदार्थों के स्थानांतरण में सहायक है।

(iii) प्लैस्टिड – ये कोशिकाँग पौधे में पाए जाते हैं। इनके तीन प्रकार हैं-
(क) हरे लवक अथवा क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) – हरे रंग के लवक क्लोरोप्लास्ट कहलाते हैं। हरा रंग क्लोरोफिल नामक वर्णक के कारण होता है। ये कोशिका के ‘रसोईघर’ हैं क्योंकि यहाँ प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम होता है अर्थात् भोजन का निर्माण होता है।

(ख) ल्यूकोप्लास्ट ( Leucoplast) – रंग रहित प्लैस्टिड लिकोप्लास्ट कहलाते हैं। यह जड़ों और रूपांतरित भूमिगत तनों में पाए जाते हैं।

(ग) क्रोमोप्लास्ट (Chromoplast) – यह रंगयुक्त प्लैस्टिड है जो फूलों, फलों आदि में पाए जाते हैं।

(iv) गाल्जीकॉय (Golgi bodies) – यह झिल्ली में बंधी व फैली हुई थैलियों का ढेर है। पादप कोशिका में इनको डिक्टीयोसोम कहते हैं। यह स्रावित अंग है।

(v) रिक्तिका (Vacuole) – द्रव्य से भरी संरचनाएँ, रिक्तिका कहलाती हैं। पौधा कोशिका में इनकी संख्या कम और आकार बड़ा होता है, जबकि जंतु कोशिका में इनकी संख्या अधिक और आकार छोटा होता है। यह कोशिका को मज़बूती प्रदान करते हैं। रिक्तिका कूड़ा दान का भी कार्य करता है।

(vi) लाइसोसोम (Lysosomes) – छोटी गोलाकार संरचनाएँ जिनमें केवल एक परत होती है, लाइसोसोम कहलाती हैं। यह विभिन्न वस्तुओं को पाचन अथवा नष्ट करने हेतु स्वयं का बलिदान देते हैं। इसलिए इन्हें आत्मघाती थैले ही कहते हैं। पादप कोशिका में लाइसोसोम नहीं होते।

(vii) राइबोसोम (Ribosomes) – ये छोटी गोल संरचनाएँ होती हैं। ये रेटीकुलम से जुड़ी अथवा स्वतंत्र रहती हैं। इनका मुख्य कार्य प्रोटीन संश्लेषण है।

(viii) सेंट्रोसोम (Centrosome) – यह छड़नुमा संरचना है जो केंद्रक के निकट स्थित होती है तथा कोशिका विभाजन में सहायक होती है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1)

This PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) will help you in revision during exams.

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1)

जान-पहचान
आम ज़िन्दगी या अपने कारोबार में हमें कई बार अपनी बात दूसरों तक प्रभावशाली ढंग से पहुंचानी होती है। तथा अगर हमारे दर्शक गिनती में ज्यादा हो तो कार्य और कठिन हो जाता है। इस स्थिति में अपने विचारों को दृश्य माध्यम से बढ़िया ढंग से पेश किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में पावर प्वाइंट काफी सहायक होता है।

पावर प्वाइंट
पावर-प्वाइंट का उपयोग प्रेजेंटेशन तैयार करने के लिए किया जाता है। इसमें अलग-अलग स्लाइडें उपलब्ध होती हैं जिनमें हम अपने डाक्यूमैंट को प्रभावशाली बनाने के लिए अलग-अलग रंगों, तस्वीरों, वीडियो या आडियो का इस्तेमाल कर सकते हैं।

स्लाइड तथा प्रेजेंटेशन

  1. स्लाइड-प्रेजेंटेशन के पेज को स्लाइड कहते हैं। इसी पर हम विभिन्न वस्तुएँ रखते हैं। प्रेजेंटेशन के वक्त एक समय पर एक स्लाइड दिखाई देती है।
  2. प्रेजेंटेशन-पावर प्वाइंट की फाइल प्रेजेंटेशन कहलाती है। इसमें कई स्लाइडज़ होती हैं।

पावर प्वाइंट शुरू करना-
पावर प्वाइंट तीन तरीकों से शुरू हो सकता है-
स्टार्ट बटन द्वारा-इसके लिए Start→All Programs→Microsoft OfficePower Point पर क्लिक करें।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 1
सर्च बॉक्स द्वारा-इसके लिए सर्च बॉक्स पर क्लिक करें। उसमें Power या Power Point टाइप करो तथा एंटर कीअ दबाएं।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 2
डेस्कटॉप शार्टकट द्वारा-अगर डेस्कटॉप पर पावर प्वाइंट का शार्टकट पड़ा है तो उसे डबल क्लिक करें।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 3

पावर प्वाइंट विंडो के भाग पावर प्वाइंट विंडो के निम्न भाग होते हैं –
फाइल मीनू-यह मीनू होम टैव के बाईं तरफ होता है। इसमें बहुत सारी कमांडें होती हैं।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 4

  • क्विक एक्सैस टूल बार-यह फाइल मीनू के ऊपर होता है। इसमें पहले तीन बटन होते हैं। इनको ज़रूरत अनुसार कम या ज्यादा किया जा सकता है।
  • मीन बार टैब-मीन बार टैब पर कई टैबज होती हैं जो रिबन दिखाती हैं।
  • रिबन-जब टैब पर क्लिक करते हैं तो उस टैब से संबंधित रिबन दिखाई देता है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1)

पावर प्वाइंट में Home, Insert, Design, Transition, Animation, Slide Show, Review तथा View टैब रिबन होते हैं।
इन रिबन का वर्णन इस प्रकार है।

  1. Home : इसमें क्लिप बोर्ड के सारे फंक्शन, फोंट, पैराग्राफ, ड्राइंग तथा एडिट आपश्न होते हैं।
  2. Insert : इसमें इंसर्ट टेबल, टैक्सट बॉक्स, क्लिप आर्ट, समार्ट आर्ट, सिंबल, इंसर्ट विडियो, फोटो एलबम आदि होते हैं।
  3. Design : इसमें पेज लेआऊट बदलना, स्लाइड थीमज, कलर बैक ग्राऊंड स्टाइल तथा ग्राफिक्स आदि होते हैं।
  4. Transition : इसमें स्लाइड ट्रांजिशन की सारी विशेषताएं, साऊंड इफैक्टस, टाइमिंग आदि होते हैं।
  5. Animation : इसमें एनीमेशन, एडवांस एनीमेशन तथा टाइमिंग आदि होते हैं।
  6. Slide Show : इसमें सारी प्रेजेंटेशन के लिए स्लाइड शो, रिहरसल टाइमिंग, स्लाइड शो आदि सैटिंग होती है।
  7. Review : इसमें प्रूफिंग की तकनीक, लैंगवेज, तथा कम्पेयरर आदि होते हैं।
  8. View : इसमें प्रेजेंटेशन के सारे वियू; मॉस्टर वियू, रूलर, ग्रिड लाइन, गाइडज़, जूम, कलर विंडो तथा मैक्रो के बारे में कमांडज़ होती हैं।
  • स्लाइड पैन-यह वह एरिया होता है जहां स्लाइडों को बनाया जाता है।
  • नोटस पैन-यह स्टेटस बार के ऊपर होता है। यहां पर स्पीकर नोटस लिखे जाते हैं।
  • स्टेटस बार-इसमें वियू आप्शन तथा जूम इन-आऊट दिखाई देते हैं।
  • स्लाइट टैब/पैन-इसमें स्लाइड का छोटा वियू दिखाई देता है। इसमें स्लाइडे क्रम वार दिखाई देती

फोटो एल्बम प्रेजेंटेशन कैसे तैयार करें-
पावर प्वाइंट हमें फोटो की प्रेजेंटेशन बनाने के लिए तस्वीरों को सेट करके इंपोर्ट करने की सहूलियत प्रदान करता है। फोटो एल्बम विकल्प की सहायता से हम अपनी तस्वीरों का कलेक्शन कर सकते हैं। उनको क्रमवार कर सकते हैं तथा अपनी तस्वीरों में टैक्सट भी दाखिल कर सकते हैं। मूल रूप में प्रत्येक स्लाइड पर एक तस्वीर दिखाई देती हैं पर अगर कई तस्वीरें एक ही स्लाइड पर दिखाना चाहते हैं तो स्लाइड लेआउट को बदल कर यह भी किया जा सकता है।

पावर प्वाइंट में फोटो एल्बम तैयार करने के निम्नलिखित पग होते हैं।
1. Insert टैब पर क्लिक करो।

2. Images ग्रुप में से Photo Album विकल्प पर क्लिक करो तथा फिर New Photo Album विकल्प पर क्लिक करो।

3. Photo Album डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।

4. File/Disk पर क्लिक करो Insert New Pictures डायलॉग बॉक्स नज़र आएगा ज़रूरत के अनुसार अपनी इमेज फाइलों को सिलेक्ट करो। तस्वीरें सिलेक्ट करने के बाद Insert बटन पर क्लिक करो तथा वापस Photo Album डायलॉग बॉक्स पर आ जाओ।

5. Photo Album डायलॉग बॉक्स तस्वीरों को रोटेशन संबंधी ब्राइटनेस तथा कंट्रास्ट संबंधी तस्वीरों की लेआउट बदलने संबंधी उनको क्रमवार करने संबंधी या उनको हटाने संबंधी कई विकार प्रदान करता है। इन सेटिंग्स में अपनी आवश्यकतानुसार बदलाव करो तथा फिर Create बटन पर क्लिक करो।

6. अब फोटो एल्बम के लिए एक नई प्रेजेंटेशन तैयार हो जाएगी। इस प्रेजेंटेशन में एक टाइटल पेज होगा तथा प्रत्येक तस्वीर के लिए एक अलग स्लाइड अपने आप बन जाएगी।

दर्शकों के लिए प्रेजेंटेशन चलाना
पावर प्वाइंट बहुत सारे टूल्स प्रदान करता है जो हमारी प्रेजेंटेशन को बिना रुके बढ़िया ढंग से चलाने में सहायता करते हैं। पावर प्वाइंट दर्शकों के लिए प्रेजेंटेशन को बढ़िया ढंग से प्ले करने के कई तरीके प्रदान करता है। हम अपने प्रेजेंटेशन को चाहे तो शुरू से चला सकते हैं या फिर मौजूदा स्लाइड से भी चला सकते हैं। हमारे कंप्यूटर के साथ जुड़े हुए मॉनिटर या प्रोजेक्टर पर यह प्रेजेंटेशन चल पड़ेगी। इसको चलाने के विकल्प नीचे बताए गए हैं।

पहली स्लाइड से प्रेजेंटेशन को चलाना-
पहली स्लाइड से प्रेजेंटेशन को चलाने के निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं।
1. F5 शॉर्टकट कीअ का प्रयोग करके
या
2. Slide Show टैब के ऊपर क्लिक करो → Start Slide ग्रुप में से From Beginning बटन पर क्लिक करो।

मौजूदा स्लाइड से प्रेजेंटेशन को चलाना-
मौजूदा स्लाइड से प्रेजेंटेशन को चलाने के लिए निम्न में से कोई एक तरीका प्रयोग किया जा सकता है।
1. Shift + F5 शॉर्टकट कीअ का प्रयोग करके
या
2. Slide Show टैब के ऊपर क्लिक करो – Start Slide ग्रुप में से From Current Slide बटन पर क्लिक करो।

प्रेजेंटेशन सेव करना
प्रेजेंटेशन को निम्न ढंगों से सेव किया जा सकता है –

  • फाइल मीनू द्वारा-इस ढंग से फाइल सेव करने के लिए File->Save पर क्लिक करो।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 5

  • क्विक टूल वार द्वारा-क्विक टूल वार पर Save बटन पर क्लिक करो।
  • की बोर्ड द्वारा-की बोर्ड पर Ctrl + S को दबाएँ। (तीनों ढंगों से एक डायलाग बाक्स दिखाई देगा। उसमें फाइल का नाम भरो तथा Save बटन पर क्लिक करो।)

पहले से बनी प्रेजेंटेशन खोलना-
पहले से बनी प्रेजेंटेशन को खोलने के लिए File मीनू पर क्लिक करो या Ctrl + O बटन दबाओ। उसमें बाद Open ऑप्शन पर क्लिक करो। (एक डायलॉग बाक्स दिखाई देगा) जिस प्रेजेंटेशन को खोलना है उसका चुनाव करो तथा Open पर क्लिक करो।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 6

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1)

पावर प्वाइंट बंद करना
पावर प्वाइंट बंद करने के लिए निम्न कोई एक तरीका अपनाएं-
File मीनू पर close ऑप्शन पर क्लिक करें।
या
टाइटल बार पर close बटन पर क्लिक करें।
या
Alt+F4 को दबाएँ।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 4 माइक्रोसॉफ्ट पावर पवाइंट (भाग-1) 7
यदि आपकी कोई प्रेजेंटेशन खुली हो तो पावर प्वाइंट उसे सेव करने के लिए पूछेगा। अपनी ज़रूरत अनुसार विकल्प चुनें। उसके बाद पावर प्वाइंट बंद हो जाएगा।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

PSEB 8th Class Science Guide पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की उचित शब्दों द्वारा पूर्ति कीजिए-
(क) वह क्षेत्र जिसमें जंतु अपने प्राकृतिक आवास में संरक्षित होते हैं, …………… कहलाता है।
(ख) किसी क्षेत्र विशेष में पाई जाने वाली स्पीशीज़ ………………………. कहलाती है।
(ग) प्रवासी पक्षी सुदूर क्षेत्रों से ……………………….. परिवर्तन के कारण पलायन करते हैं।
उत्तर-
(क) चिड़ियाघर
(ख) विशेष क्षेत्री स्पीशीज
(ग) जलवायु

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
(क) वन्य प्राणी उद्यान एवं जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र
(ख) चिड़ियाघर एवं अभ्यारण्य
(ग) संकटापन्न एवं विलुप्त स्पीशीज़
(घ) वनस्पतिजात एवं प्राणिजात।
उत्तर-
(क) वन्यप्राणी उद्यान और जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र में अंतर-
वन्य प्राणी उद्यान – एक ऐसा स्थान जहाँ जंगली जानवरों की सुरक्षा और संरक्षण किया जाता है।

जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र – वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवनयापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र।

(ख) चिड़ियाघर एवं अभ्यारण्य में अंतर-
चिड़ियाघर – ऐसा स्थान जहाँ जानवर अपने प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रहते हैं।
अभ्यारण्य – वह क्षेत्र जहाँ जंतु और उनके आवास को संरक्षित रखा जाता है।

(ग) संकटापन्न एवं विलुप्त स्पीशीज़ में अंतर-
संकटापन्न स्पीशीज़ – वे जंतु जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है और वे विलुप्त हो सकते हैं।
विलुप्त स्पीशीज़ – वे जंतु जो पृथ्वी से विलुप्त हो चुके हैं।

(घ) वनस्पतिजात और प्राणिजात में अंतर-
वनस्पतिजात – किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधों का समूह ।
प्राणिजात – किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतुओं का समूह ।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 3.
वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए-
(क) वन्य प्राणी
(ख) पर्यावरण
(ग) गाँव ( ग्रामीण क्षेत्र)
(घ) शहर (शहरी क्षेत्र)
(ङ) पृथ्वी (च) अगली पीढ़ी।
उत्तर-
(क) वन्य प्राणियों पर वनोन्मूलन का प्रभाव-पेड़ – पौधे जंगली जानवरों को आवास और भोजन प्रदान करते हैं। वनोन्मूलन से प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाते हैं और जानवर संकटापन्न स्पीशीज़ बन जाते हैं।

(ख) पर्यावरण पर वनोन्मूलन का प्रभाव – वनोन्मूलन से वातावरण में ऑक्सीजन की कमी आ जाती है। वर्षा और भूमि की उर्वरता में भी कमी आती है। इस कारण प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़ और सूखा) की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

(ग ) गाँव ( ग्रामीण क्षेत्र) पर वनोन्मूलन का प्रभाव – अधिकतर कृषि गाँवों में होती है। जब वनोन्मूलन होता है तो भूमि की गुणवत्ता में परिवर्तन आता है।

(घ) शहर (शहरी क्षेत्र ) पर वनोन्मूलन का प्रभाव – शहरों में उद्योग और वाहन बहुत मात्रा में चलते हैं। यदि वनोन्मूलन होगा तो पर्यावरण दूषित हो जाएगा और शहरों में जिंदगी स्वस्थ नहीं रहेगी।

(ङ) पृथ्वी पर वनोन्मूलन का प्रभाव – वनोन्मूलन से प्राकृतिक आपदाओं की संभावना बढ़ती है। वनोन्मूलन से विश्व ऊष्मण में वृद्धि होती है। कम पेड़ों का अर्थ है, मृदा अपरदन।

(च) अगली पीढ़ी पर वनोन्मूलन का प्रभाव – वनोन्मूलन से पर्यावरण में परिवर्तन आते हैं जिससे अगली पीढ़ी पर बहुत प्रभाव पड़ता है। पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है। इसलिए अगली पीढ़ी के लिए वन्य संपदा नहीं बचेगी।

प्रश्न 4.
क्या होगा यदि-
(क) हम वृक्षों की कटाई करते रहे ?
(ख) किसी जंतु का आवास बाधित हो ?
(ग) मिट्टी की ऊपरी परत अनावरित हो जाए ?
उत्तर-
(क) यदि वृक्षों की कटाई ऐसे ही होती रही तो वर्षा और भूमि की उर्वरकता में कमी आ जाएगी और प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़ और सूखा) की संभावनाएँ बढ़ जाएँगी।

(ख) किसी जंतु के आवास के नष्ट होने से बढ़ती हुई जनसंख्या को जल और भोजन की उचित प्राप्ति नहीं होगी और वह स्पीशीज़, संकटापन्न जाति में आ सकती है।

(ग) मृदा की ऊपरी परत हटाने से मृदा में ह्यूमस की कमी होती है और उर्वरकता में कमी आ जाती है। धीरेधीरे उर्वर-भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है। इसे मरुस्थलीकरण कहते हैं।

प्रश्न 5.
संक्षेप में उत्तर दीजिए-
(क) हमें जैव विविधता का संरक्षण क्यों करना चाहिए ?
(ख) संरक्षित वन भी वन्य जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं है, क्यों ?
(ग) कुछ आदिवासी वन (जंगल) पर निर्भर करते हैं। कैसे ?
(घ) वनोन्मूलन के कारक और उनके प्रभाव क्या हैं ?
(ङ) रेड डाटा पुस्तक क्या है ?
(च) प्रवास से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
(क) जैव विविधता का अर्थ है किसी क्षेत्र विशेष में पाए जाने वाले सभी पौधों, जंतुओं और सूक्ष्मजीवों को विभिन्न प्रजातियाँ। जंतु जो पौधों पर आश्रित हैं वे भी अपनी आदतों पर निर्भर करते हैं जैसे कि वाल पांडा बैंबू डंडी खाना पसंद करता है और ऑस्ट्रेलिया का कुळाला भालू सफेदे के पत्ते ही खाना पसंद करता है। पक्षी और बारहसिंघा की भी विशेष खाने की आदतें होती हैं। वन में विभिन्न पौधे प्रत्येक की आवश्यकता पूरी करने में समर्थ होते हैं। इससे शाकाहारी को भोजन मिलता है, भोजन श्रृंखला मज़बूत होती है। इसलिए जंतुओं के संरक्षण के लिए विविध पेड़-पौधों का संरक्षण भी अति आवश्यक है।

(ख) संरक्षित वन भी जीवों के लिए संरक्षित नहीं रहे क्योंकि इनके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग वनों का अतिक्रमण करके उन्हें नष्ट कर देते हैं।

(ग) कुछ आदिवासी जातियाँ वनों पर निर्भर होती हैं। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान की चट्टानों में आवास के प्रागैतिहासिक प्रमाण मिले हैं जिनसे आदिमानव के जीवनयापन के बारे में पता चलता है।

चट्टानों पर कुछ कलाकृतियाँ जैसे लड़ते हुए मनुष्य और जानवर का शिकार, नृत्य एवं वाद्ययंत्रों को बजाते हुए दर्शाया गया है। बाघ और लोगों के समूहों की कलाकृतियाँ भी इन चट्टानों पर पाई गई हैं। कई आदिवासी आज भी जंगलों में रहते हैं।

(घ) वनोन्मूलन के कारण – लोगों के बदलते जीवन स्तर और तकनीकी वृद्धि से वनों के उपयोग में अत्यधिक वृद्धि हुई है। अपने आराम और सुविधाओं के लिए वृक्षों की कटाई के निम्न उद्देश्य हैं-

  1. जनसंख्या वृद्धि के कारण घर बनाने की लकड़ी के लिए।
  2. कृषि भूमि के लिए।
  3. सड़कें और बाँधों के निर्माण के लिए।
  4. पशुओं के अतिचरण के लिए।
  5. खानों में वृद्धि के लिए।

वनोन्मूलन के प्रभाव – वनोन्मूलन के मुख्य दुष्प्रभाव हैं-

  1. ऑक्सीजन/कार्बन डाइऑक्साइड के अनुपात का असंतुलन
  2. अधिक बाढ़ें
  3. भू-स्ख लन
  4. जलवायु परिवर्तन
  5. वन में रहने वाले पशु-पक्षियों का नष्ट होना या प्रवास करना
  6. स्थलीय जल में कमी
  7. दवाइयों वाले पौधे नष्ट हो जाते हैं
  8. भूमि की उर्वरकता में कमी
  9. लकड़ी और रबड़ उद्योगों में गिरावट।

(ङ) रेड डाटा पुस्तक – यह पुस्तक संकटापन्न स्पीशीज़ के रिकार्ड का स्रोत है। पौधे, जंतुओं और अन्य स्पीशीज़ के लिए अलग-अलग रेड डाटा पुस्तकें हैं।

(च) प्रवास (Migration) – कुछ स्पीशीज़ों द्वारा अपने आवास से किसी निश्चित समय में बहुत दूर जाना प्रवास कहलाता है। प्रवास अधिकतर पक्षियों में पाया जाता है। पक्षी जलवायु परिवर्तन के कारण प्रवास करते हैं जैसे चपटे सिर वाली बतख, सुरखराब आदि प्रवासी पक्षी हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 6.
फैक्टरियों एवं आवास की माँग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है। क्या इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत है ? इस पर चर्चा कीजिए तथा एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर-
इन परियोजनाओं के लिए वृक्ष काटना न्यायपूर्वक नहीं है। बाकी विद्यार्थी स्वयं कक्षा में चर्चा करें।

प्रश्न 7.
अपने स्थानीय क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने में आप किस प्रकार योगदान दे सकते हैं ? अपने द्वारा की जाने वाली क्रियाओं की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर-
हरी संपदा का रख-रखाव-

  1. सड़कों के दोनों ओर वृक्ष लगाने चाहिएं।
  2. वनों के काटने पर रोकथाम लगानी चाहिएं।
  3. सरकार को अधिक वृक्ष काटने पर रोक लगाने के कानून बनाने चाहिएं।
  4. विशेष क्षेत्रों में पार्क (उदयान) बनाने चाहिएं।

प्रश्न 8.
वनोन्मूलन से वर्षा दर किस प्रकार कम हुई है ? समझाइए।
उत्तर-
वन वर्षा लाने में सहायक होते हैं। इसलिए वनोन्मूलन से वर्षा में कमी आती है और भूमि की उर्वरकता में कमी आती है। जिस कारण प्राकृतिक आपदाएँ आने की संभावनाएँ बढ़ गई हैं।

प्रश्न 9.
अपने राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों के विषय में सूचना एकत्र कीजिए। भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाइए।
उत्तर-
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 10.
हमें कागज़ की बचत क्यों करनी चाहिए ? उन कार्यों की सूची बनाइए जिनके द्वारा आप कागज़ की बचत कर सकते हैं ?
उत्तर-
एक टन कागज़ की उत्पत्ति के लिए 17 हरे-भरे पेड़ चाहिएं। इसलिए हमें कागज़ की बचत करनी चाहिए। कागज़ का 5-7 बार पुनःचक्रण हो सकता है। हमें कागज़ को बचाना चाहिए, उपयोग में आए कागज़ को पुन:उपयोग में लाना चाहिए और पुनः चक्र करना चाहिए। इससे वनों के साथ-साथ पानी और ऊर्जा की बचत होती है। हानिकारक रसायनों के उपयोग में भी कमी आती है।

प्रश्न 11.
दी गई शब्द पहेली को पूरा कीजिएऊपर से नीचे की ओर
(1) विलुप्त स्पीशीज़ की सूचना वाली पुस्तकं
(2) पौधों, जंतुओं एवं सूक्ष्मजीवों की किस्में एवं विभिन्नताएँ।

बाईं से दाईं ओर-
(2) पृथ्वी का वह भाग, जिसमें सजीव पाए जाते हैं
(3) विलुप्त हुए स्पीशीज़
(4) एक विशिष्ट आवास में पाई जाने वाली।
स्पीशीज़
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण 1
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण 2

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

PSEB Solutions for Class 8 Science पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरो-

(i) पृथ्वी की ऊपरी मिट्टी की परत का हटना …………………. कहलाता है।
उत्तर-
मृदा अपरदन

(ii) वन में पाए जाने वाले जंगली पौधे और जंतु ……………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
वन्य जंतु

(iii) पौधों को …………………. गैस प्रकाश संश्लेषण के लिए चाहिए।
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड

(iv) उर्वर भूमि का रेगिस्तान में परिवर्तन होना …………………… कहलाता है।
उत्तर-
मरुस्थलीकरण

(v) ………………….. वह क्षेत्र है, जहाँ सजीवों का आवास है और जीवन को सहारा देता है।
उत्तर-
जैव-मंडल

(vi) ……………………. से तात्पर्य है पृथ्वी पर पाई जाने वाली विभिन्न प्रजातियाँ।
उत्तर-
जैव-विविधता

(vii) किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पशु-पक्षी और जीव-जंतु और ………………………. कहलाते हैं।
उत्तर-
वनस्पति जात, प्राणिजात

(viii) पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र में एक राष्ट्रीय उद्यान ………………….. , दो वन्य जंतु अभ्यारण्य और ……………………… आते हैं।
उत्तर-
सतपुड़ा, बोरी, पंचमढ़ी

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

(ix) एक विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले स्पीशीज़ को ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
विशेष क्षेत्री स्पीशीज़

(x) …………………… सजीवों की समष्टि का समूह है, जो एक-दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम होते हैं।
उत्तर-
स्पीशीज़।

प्रश्न 2.
वनोन्मूलन की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
वनों का काटना और उस भूमि का उपयोग दूसरे उद्देश्यों के लिए करना वनोन्मूलन कहलाता है।

प्रश्न 3.
वनोन्मूलन के प्राकृतिक कारक बताइए।
उत्तर-
दावानल और भीषण सूखा वनोन्मूलन के प्राकृतिक कारक हैं।

प्रश्न 4.
वर्षा और भूमि की उर्वरकता में कमी के क्या प्रभाव हैं ?
उत्तर-
इनसे प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़ और सूखा) की संभावना बढ़ती है।

प्रश्न 5.
प्रकाश संश्लेषण के लिए पौधों को कौन-सी गैस की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
पौधों को कार्बन डाइऑक्साइड की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 6.
पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की वृद्धि से क्या होगा ?
उत्तर-
इससे विश्व ऊष्मण होगा।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण

प्रश्न 7.
सूखा का क्या कारण है ?
उत्तर-
भूमि पर ताप में वृद्धि से सूखा पड़ता है।

प्रश्न 8.
मरुस्थलीकरण की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
मरुस्थलीकरण – उर्वर भूमि का रेगिस्तान में परिवर्तन, मरुस्थलीकरण कहलाता है।

प्रश्न 9.
उस स्थान का नाम लिखें जहाँ पौधे एवं जंतु ऊपरी हिमालय की श्रृंखलाओं एवं निचले पश्चिमी घाट के समान हैं।
उत्तर-
पंचमढ़ी जैवमंडलीय संरक्षित क्षेत्र।

प्रश्न 10.
सरकार वनों एवं वन्य जंतुओं के संरक्षण के लिए क्या करती है ?
उत्तर-
सरकार संरक्षण और सुरक्षा हेतु नियम, विधियाँ और नीतियाँ बनाती है।

प्रश्न 11.
जैवमंडल क्या है ?
उत्तर-
जैवमंडल – पृथ्वी का वह भाग जिसमें सजीव पाए जाते हैं अथवा जो जीवनयापन योग्य हैं।

प्रश्न 12.
जैव-विविधता की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
जैव-विविधता से तात्पर्य पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न जीवों की प्रजातियों के पारस्परिक संबंध और पर्यावरण से संबंध है।

प्रश्न 13.
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र क्या है ?
उत्तर-
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र वे क्षेत्र हैं जहाँ जैव-विविधता की संरक्षणता होती है।

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प्रश्न 14.
पंचमढ़ी में पाए जाने वाले एक राष्ट्रीय उद्यान और दो वन्यजंतु अभ्यारण्यों के नाम लिखिए।
उत्तर-
राष्ट्रीय उद्यान-सतपुड़ा।
वन्यजंतु अभ्यारण्य-बोरी एवं पंचमढ़ी।

प्रश्न 15.
वनस्पतिजात की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे वनस्पतिजात कहलाते हैं।

प्रश्न 16.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के वनस्पतिजात के कुछ उदाहरण दो।
उत्तर-
साल, टीक, आम, जामुन, चाँदी, फर्ना, अर्जुन आदि।

प्रश्न 17.
प्राणिजात की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतु प्राणिजात कहलाते हैं।

प्रश्न 18.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के कुछ प्राणिजात के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
चिनकारा, नीला-बैल, भौंकने वाले हिरण, चीता, जंगली कुत्ता, भेड़िया आदि।

प्रश्न 19.
स्पीशीज़ की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
स्पीशीज़ – स्पीशीज़ सजीवों की समष्टि का वह समूह जो एक-दूसरे से अंतर्जनन करने में सक्षम है।

प्रश्न 20.
विशेष क्षेत्री स्पीशीज़ क्या है ?
उत्तर-
किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव-जंतु, पेड़-पौधे विशेष क्षेत्री स्पीशीज़ (Endemic) कहलाते हैं। यह भौगोलिक क्षेत्र, प्रांत, देश, राज्य कुछ भी हो सकता है।

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प्रश्न 21.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के दो विशेष क्षेत्री प्राणिजात के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. भारतीय विशाल गिलहरी,
  2. उड़ने वाली गिलहरी।

प्रश्न 22.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के दो विशेष श्रेणी वनस्पतिजात के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. साल
  2. जंगली आम।

प्रश्न 23.
विशेष श्रेणी स्पीशीज़ के आवास को कौन-से कारक प्रभावित करते हैं और उनकी उपस्थिति को संकट में डालते हैं ?
उत्तर-

  1. आवास का नष्ट होना
  2. जनसंख्या वृद्धि
  3. नई स्पीशीज़ को शामिल करना।

प्रश्न 24.
वन्यप्राणी अभ्यारण्य (Wild Life Sanctuaries) क्या है ?
उत्तर-
वे क्षेत्र जहाँ वन्यप्राणी सुरक्षित एवं संरक्षित रखे जाते हैं, वन्यप्राणी अभ्यारण्य कहलाते हैं।

प्रश्न 25.
कुछ संकटापन्न मुख्य जंतुओं के नाम लिखो।
उत्तर-
काली बत्तख, सफेद आँख वाली बत्तख, हाथी, सुनहरी बिल्ली, गुलाबी सिर वाली बतख, घड़ियाल, मार्च मगरमच्छ, अजगर, राइनोसीरस आदि।

प्रश्न 26.
प्राणी उद्यान क्या है ?
उत्तर-
प्राणी उद्यान वे क्षेत्र हैं जहाँ जानवर सुरक्षित रखे जाते हैं।

प्रश्न 27.
राष्ट्रीय उद्यान (National Parks) क्या है ?
उत्तर-
राष्ट्रीय उद्यान, वे आरक्षित क्षेत्र हैं, जहाँ सभी प्रकार के पारितंत्रों की सुरक्षा की जाती है।

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प्रश्न 28.
भारत के पहले आरक्षित क्षेत्र का नाम क्या है ?
उत्तर-
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान ।

प्रश्न 29.
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में कौन-सा वनस्पतिजात पाया जाता है ?
उत्तर-
सबसे बढ़िया टीक।

प्रश्न 30.
चट्टान शरण (Rock Shelter) कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर-
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में चट्टान शरण पाए जाते हैं।

प्रश्न 31.
चट्टान शरण किस बात की जानकारी देते हैं ?
उत्तर-
आदिमानव के जीवनकाल की।

प्रश्न 32.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र में कितने चट्टान शरण पाए गए हैं ?
उत्तर-
55.

प्रश्न 33.
हमारी सरकार द्वारा ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ कानून कब लागू हुआ ?
उत्तर-
प्रोजेक्ट टाइगर 1 अप्रैल, 1973 में सरकार द्वारा भारतीय टाइगरों की सुरक्षा हेतु लागू हुआ।

प्रश्न 34.
संकटापन्न स्पीशीज़ कौन-सी है ?
उत्तर-
वे स्पीशीज़ अथवा जंतु जिनकी संख्या में कमी हो रही है और विलुप्त होने की संभावना है, संकटापन्न स्पीशीज़ कहलाते हैं।

प्रश्न 35.
किसी एक विलुप्त जानवर का नाम लिखिए।
उत्तर-
डाइनोसॉर।

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प्रश्न 36.
पारितंत्र (Ecosystem) की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
किसी क्षेत्र के सभी पेड़-पौधे, जीव-जंतु, सूक्ष्मजीव और अजैव घटक जैसे जलवायु, मिट्टी, नदियों के डेल्टा आदि से मिलकर बना तंत्र, पारितंत्र कहलाता है।

प्रश्न 37.
रेड डाटा पुस्तक की Website क्या है ?
उत्तर-
W.W.W./gov.in/envis/primates/page 102/htm/new/nwdc/plats. htm.

प्रश्न 38.
उस पक्षी का नाम बताओ जिसने मलेशिया से भारत तक प्रवास किया।
उत्तर-
सुरखाब।

प्रश्न 39.
कुछ प्रवासी पक्षियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
सुरखाब, चपटे सिर वाली बत्तख़, ग्रेट कोमोनैट।

प्रश्न 40.
प्रवासी पक्षी क्या है ?
उत्तर-
प्रवाम पक्षी. वे पक्षी हैं, जो जलवायु परिवर्तन के कारण एक जगह से दूसरी जगह तक लंबा रास्ता तय पहनते हैं।

प्रश्न 41.
एक टन कागज़ की उत्पत्ति के लिए कितने पेड़ों की ज़रूरत होती है ?
उत्तर-
लगभग 17 पूरी तरह फैले हुए हरे-भरे पेड़।

प्रश्न 42.
पुनर्वनरोपण (Reforestation) क्या है ?
उत्तर-
पुनर्वनरोपण नष्ट किए गए पेड़ों की जगह नए पेड़ उगाना है।

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प्रश्न 43.
वनोन्मूलन की दो हानियाँ लिखो। उत्तर-प्रदूषण का बढ़ना, वायुमंडल का तापमान बढ़ना, वायु में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ना।

प्रश्न 44.
विश्व ऊष्णन क्या है ?
उत्तर-
वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से ताप में होने वाली वृद्धि को विश्व ऊष्णन कहते हैं।

प्रश्न 45.
वनों के काटने से वर्षा व जल-चक्र पर क्या प्रभाव होता है ?
उत्तर-
वनोन्मूलन से जल-चक्र का संतुलन बिगड़ता है, वर्षा में कमी आती है व सूखा पड़ता है।

प्रश्न 46.
मृदा अपरदन के दुष्प्रभाव लिखो।
उत्तर-
मिट्टी में ह्यूमस की कमी, उर्वरता में कमी व भूमि मरुस्थल बन जाती है।

प्रश्न 47.
मरुस्थलीकरण का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर-
भू-क्षरण।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मृदा अपरदन के कारक लिखिए।
उत्तर-
मृदा अपरदन के कारण-

  1. वायु द्वारा शुष्क ऋतु में हल चलाई हुई ऊपरी परत का उड़ाना।
  2. आंधियाँ।
  3. वनों का कटना और दावानल से मृदा अपरदन आरंभ होता है। मिट्टी नदियों और नालों द्वारा बहकर समुद्रों में एकत्रित हो जाती है।
  4. असुरक्षित खेत हवा और पानी से अपरदित हो जाते हैं।
  5. शहरीकरण से वनस्पति की हानि हुई है।
  6. बिल बनाने वाले जंतु भी मृदा अपरदन में सहायक हैं। यह मिट्टी को ढीला करते हैं जो पानी द्वारा बह सकती है।
  7. मानव क्रिया-कलाप जैसे पेड़ों को काटना, अतिचारण, फसलों का अधिक उगाना और गलत तरीके से खेतीबाड़ी करके मृदा अपरदन बढ़ता है।

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प्रश्न 2.
मिट्टी का संरक्षण कैसे कर सकते हैं ?
उत्तर-
मिट्टी का संरक्षण-

  1. वनोन्मूलन को रोकना, अतिचारण को रोकना और नदियों तथा नालों द्वारा मिट्टी को बहने से रोकना।
  2. अधिक फसल उगाने से मृदा अपरदन रुक सकती है, क्योंकि फसल मृदा को बांधे रखती है।
  3. खेतों के इर्द-गिर्द बंध (Bunds) वर्षा के पानी को रोकते हैं और खनिजों के बहने पर भी रोक लगाते हैं।
  4. सिंचाई की नालियों में पानी की गति कम होनी चाहिए।
  5. वर्षा के पानी के लिए उत्सर्जित नहरें खेतों को मृदा अपरदन से बचाती हैं।
  6. सीढ़ीनुमा खेती भी मिट्टी का संरक्षण करती है।
  7. वायु से मिट्टी का संरक्षण पेड़ लगाकर और घास उगाकर किया जा सकता है। खेत के किनारे पेड़ों की कतार वायुरोधक का काम करती है।

प्रश्न 3.
वन्य जीवन की महत्ता लिखिए।
उत्तर-
वन्य जीवन की महत्ता-

  1. पौधे, जंतु और सूक्ष्मजीव कई वस्तुएँ देते हैं।
  2. भोजन श्रृंखला और प्राकृतिक चक्रों द्वारा पर्यावरण संतुलन बना रहता है।
  3. प्रजनन के लिए ‘जीन बैंक’ का रख-रखाव।
  4. वन्य जंतु मनोरंजन के साधन हैं।
  5. यह कवियों और कला प्रेमियों को उत्साहित करते हैं।
  6. नैतिक मूल्य के लिए।

प्रश्न 4.
संकटापन्न (Endangered) और सुमेय (Vulnerable) स्पीशीज़ में अंतर लिखिए।
उत्तर-
संकटापन्न और सुमेय स्पीशीज़ में अंतर-

संकटापन्न स्पीशीज़ सुमेद्य स्पीशीज़ ( असुरक्षित)
(1) इनके खत्म होने और विलुप्त होने का डर अत्यधिक है। (1) इनका खत्म होने का डर है।
(2) ये विलुप्त हो चुके हैं। (2) यह संकटापन्न स्पीशीज़ में आ सकती है।

प्रश्न 5.
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र का वर्णन करें।
उत्तर-
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र – यह विशेष क्षेत्र है जिसका उपयोग बहु-उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसके लिए इस क्षेत्र के विभिन्न भाग पृथक् करते हैं और प्रत्येक भाग एक विशेष कार्य के लिए निश्चित किया जाता है।

UNESCO के मानव और जैवमंडल प्रोग्राम (MBA) ने जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र का संकल्प (Concept) दिया।

प्रश्न 6.
संकटापन्न स्पीशीज़ (Endangered Species) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
संकटापन्न स्पीशीज़-वह स्पीशीज़ जो विलुप्त होने की कगार पर हैं और इनका जीवन मुश्किल है। अब इन स्पीशीज़ की कुछ ही संख्या जीवित है। यह जल्दी ही विलुप्त हो सकते हैं जैसे कि विशाल भारतीय वसटर्ड पक्षी जो कि राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में रहता है, संकटापन्न पक्षी है।

प्रश्न 7.
विश्व ऊष्मण के कारण क्या हैं ?
उत्तर-
विश्व ऊष्मण के कारण-पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड और कुछ अन्य गैसों की वृद्धि के फलस्वरूप पर्यावरण के ताप में वृद्धि होने से धरती का वातावरण गर्म हो गया है अर्थात् विश्व ऊष्मण हुआ है।

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प्रश्न 8.
वन महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक स्त्रोत क्यों माने जाते हैं ?
उत्तर-
पृथ्वी पर वन महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक स्रोत माने जाते हैं क्योंकि ये-

  1. वायु में ऑक्सीजन और CO2 का संतुलन रखते हैं और जीवन का आधार हैं।
  2. वर्षा लाने में सहायक हैं।
  3. जलवायु नियंत्रित करते हैं।
  4. भूमिगत जल की आपूर्ति करते हैं।
  5. बाढ़ें रोकते हैं।
  6. मृदा अपरदन रोकते हैं।
  7. कई दवाइयों के स्रोत हैं।
  8. वर्षा जल से मृदा को बहने से रोकते हैं।
  9. कई पादप उत्पाद जैसे रबड़, गोंद, रेसिन, शहद, लाख, कत्था आदि के स्रोत हैं।
  10. वन्य प्राणियों का आश्रय है, जो आदिवासियों के भोजन का मुख्य साधन हैं।

प्रश्न 9.
वनों के संरक्षण के लिए कौन-से उपाय करने चाहिए ?
उत्तर-
वनों के संरक्षण के उपाय – आधुनिक समय में मानव अपनी ज़रूरतों के आधार पर प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग कर रहा है। यदि वनों को अपने आराम के लिए पूरी तरह काट दिया तो पृथ्वी से मानव जाति हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। वनों के संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिएं-

  1. अधिक पौधे लगाएँ।
  2. पादप उत्पादों का विवेकतापूर्ण उपयोग करें।
  3. पशुओं द्वारा अतिचारण रोकें।
  4. वनों में और वनों के इर्द-गिर्द खाने खोदने और उद्योग लगाने के नियम लागू करने चाहिए।
  5. वन पौधशालाएँ बना कर।

प्रश्न 10.
पौधे मृदा अपरदन कैसे रोकते हैं ?
उत्तर-
पौधों की जड़ें मिट्टी के कणों को बाँधकर रखती हैं। इसलिए यह कण पानी अथवा हवा के साथ नहीं बहते। इस तरह पौधे मृदा अपरदन को रोकते हैं।

प्रश्न 11.
वनों में विविध पौधों का होना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
वनों में विविध पौधों की उपस्थिति के कारण हैं-

  1. जानवरों की विशेष भोजन आदतें।
  2. मानव और जानवरों दोनों की जरूरतों की आपूर्ति।
  3. कई जीवों का आवास।
  4. वनों में जानवरों के जीवन के लिए स्थित विविध भोजन शृंखला/भोजन जाल प्रदान करके।

प्रश्न 12.
पाँच राष्ट्रीय पार्कों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. कार्बेट राष्ट्रीय पार्क – उत्तराखंड।
  2. कान्हा राष्ट्रीय पार्क – मध्यप्रदेश।
  3. संजय राष्ट्रीय पार्क – महाराष्ट्र।
  4. परियार राष्ट्रीय पार्क – केरल।
  5. बमुघाटा राष्ट्रीय पार्क – कर्नाटक।

प्रश्न 13.
वर्णन कीजिए कि वनोन्मूलन भूमिगत जल स्रोत की कमी में कैसे सहायक है ?
उत्तर-
वनस्पति में पानी को रोकने का सामर्थ्य होता है, जिससे भूमिगत जल की आपूर्ति होती है। आधुनिक समय में बड़े-बड़े वनों के क्षेत्रों को कई उद्देश्यों के लिए काटकर साफ कर दिया गया है। अतिचारण से भी वनस्पति नष्ट हुई है। इससे अनउपजाऊ भूमि बनी है जिसमें जल को पकड़कर रखने की क्षमता नहीं है। इस कारण भूमिगत जल स्रोतों में कमी आई है।

प्रश्न 14.
वनों के संरक्षण से अभिप्राय है वायु, जल और मिट्टी का संरक्षण। वर्णन करें।
उत्तर-
वन एक जटिल जैवमंडलीय तंत्र हैं। चाहे यह स्वयं (Sufficient) है फिर भी यह दूसरे निम्नीकरण पदार्थों पर अपने रख-रखाव के लिए निर्भर करता है। इसलिए वनों की सुरक्षा के लिए वायु, मिट्टी और जल का संरक्षण अति आवश्यक है। वन जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं। समय-समय पर भौगोलिक परिवर्तन जैसे बाँध बनाना और खाने खोदना। इससे उस क्षेत्र के वनों पर पर्यावरण नष्ट होने से बुरा प्रभाव पड़ता है। उद्योगों द्वारा फैले वायु प्रदूषण का दुष्प्रभाव वनों पर बहुत है, जवकि उद्योग मीलों दूर होते हैं।

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प्रश्न 15.
आवास में व्यवधान वन्य जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं ?
उत्तर-
जानवरों और पौधों का अपने आवास के साथ गहरा रिश्ता होता है। कई खास सजीव एक खास पर्यावरण में ही जीवित रह सकते हैं। सुनहरी शेर, ब्राज़ील के वर्षावनों के छोटे क्षेत्र पाए जाते थे। यह उनका प्राकृतिक आवास था। जब यह क्षेत्र नष्ट हो गया तो सुनहरा शेर बेघर हो गया। ब्राज़ील के कई और वर्षावन हैं, परंतु कुछ सुनहरी शेर प्राणी उद्यानों (Zoos) में जीवित हैं, लेकिन वे कभी भी अपने जंगली आवास में लौट नहीं पाएँगे। जब एक वन खत्म होता है तो बड़ी संख्या में जंतु संकटापन्न होते हैं अथवा विलुप्त हो जाते हैं।

प्रश्न 16.
कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान के सात वन्य जंतुओं के नाम लिखो जो विलुप्त होने की कगार पर हैं।
उत्तर-
बर्फीला तेंदुआ, बदली तेंदुआ, मार्बल बिल्ली, हिमालय काला भालू, लाल पांडा, नीली भेड़, मस्क हिरण, सिरोड़ा हरा कबूतर आदि।

प्रश्न 17.
पारितंत्र (Ecosystem) क्या है ?
उत्तर-
पारितंत्र – जैविक घटक और भौतिक पर्यावरण (अजैविक घटकों) के पारस्परिक संयोग से बने तंत्र को पारितंत्र कहते हैं। यह प्राकृतिक और कृत्रिम हो सकता है। यह अस्थायी जैसे फसली खेत अथवा स्थायी जैसे जंगल हो सकता है। पारितंत्र बहुत विशाल जैसे समुद्र और वन अथवा इतना छोटा जैसे लकड़ी भी हो सकता है। अतः पारितंत्र पर्यावरण की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई है, जिसकी एक पहचान है।
पारितंत्र जैविक और अजैविक घटकों का समूह है जहाँ दोनों एक-दूसरे से प्रभावित हैं।

प्रश्न 18.
सिल्वी कलचर (Silviculture) की क्या महत्ता है ?
उत्तर-
सिल्वी कलचर – यह एक मुख्य प्रोजेक्ट है जिसका आरंभ पुनर्वनरोपण से है। इसकी दो विशेषताएँ हैं-

  1. कच्ची सामग्री के उत्पादन में वृद्धि ।
  2. वन क्षेत्रों में वृद्धि।

प्रश्न 19.
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों के कार्य क्या हैं ?
उत्तर-
जैवमंडल आरक्षित क्षेत्रों के कार्य-

  1. यह उस जगह की जैव विविधता का संतुलन रखते हैं।
  2. क्षेत्र की संस्कृति कायम रखते हैं।
  3. यह कई अन्य क्षेत्रों को भी आरक्षित करते हैं।

प्रश्न 20.
कुछ जानवरों के नाम लिखो, जिन्हें वन्यजीव अभ्यारण्य में संरक्षित किया जाता है ? भारतीय अभ्यारण्य क्या दर्शाते हैं ?
उत्तर-
कई संकटापन्न जंतु जैसे काली बत्तख, सफेद आँख वाली बत्तख, हाथी, सुनहरी बिल्ली, घड़ियाल, गुलाबी सिर वाली बत्तख, मार्श मगरमच्छ, अजगर, राइनोसीरस आदि वन्य जीवन अभ्यारण्य में सुरक्षित एवं संरक्षित रखे जाते हैं।
भारतीय अभ्यारण्य भूमि मज़ारे, चौड़े वन, पर्वतीय वन, झाड़ियाँ, नदियों के डैल्टा आदि का प्रदर्शन करते हैं।

प्रश्न 21.
प्रवासी पक्षियों पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
प्रवासी पक्षी – वे पक्षी जो जलवायु परिवर्तन के कारण लंबे रास्ते तय करते हैं, प्रवासी पक्षी कहलाते हैं। चपटे सिर वाली बत्तख, विशाल कोओरैंट प्रवासी पक्षी हैं।

यह पक्षी सुदूर निश्चित स्थानों पर प्रत्येक वर्ष उड़कर पहुँचते हैं। यह पक्षी अपने प्राकृतिक आवास से दूर अंडे देने के लिए यहाँ आते हैं क्योंकि वहाँ जलवायु ठंडी और प्रतिकूल होती है।

प्रश्न 22.
पुनर्वनरोपण (Reforestation) पर नोट लिखें।
उत्तर-
पुनर्वनरोपण – यह नष्ट हो चुके वनों के स्थान पर नए बहुत अधिक पेड़ लगाने का प्रक्रम है। जितने पेड़ काटे जाएं, उतने तो अवश्य ही उगाने चाहिएं। यह प्रक्रम प्राकृतिक भी हो सकता है। यदि वन कटाई के बाद क्षेत्र को वैसे ही छोड़ दिया जाए तो यह अपने आप फिर उग जाता है। यदि हम हरित संपदा को अगली पीढ़ी के लिए बचाना चाहते हैं तो हमें अधिक पेड़ उगाने चाहिएं।

भारतीय सरकार ने 1952 में राष्ट्रीय वन कानून लागू किया। इसका लक्ष्य पूरी भूमि का 1/3 भाग वनों से ढ़ापना था, परंतु असफल होने पर 1980 में इसे फिर दोहराया गया। इसको वन संरक्षित कानून का नाम दिया गया। इसका उद्देश्य वनों की सुरक्षा और संरक्षण के साथ-साथ मानव की ज़रूरतों की आपूर्ति भी थी।

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TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वन्य जीवन के संरक्षण के उपाय लिखिए।
उत्तर-
वन्य जीवन के संरक्षण के उपाय-

  1. संकटापन्न स्पीशीज़ का संरक्षण।
  2. प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु भूमि और जल की योजना और रख-रखाव।
  3. जीन बैंक के लिए विविध किस्मों के खाद्य उपजें, पौधे, लकड़ी के पेड़, पानी के जीव और उनके रिश्तेदारों को संरक्षित करना।
  4. प्रत्येक देश को उपयोगी जीवों की पहचान कर उनकी सुरक्षा और संरक्षण के उपाय करना।
  5. वन्य क्षेत्रों को आरक्षित करना, प्रवासी पक्षियों और वन्य जंतुओं के लिए।
  6. लाभकारी जंतुओं के अति उपयोग को रोकना।
  7. वन्य पौधों और वन्य जंतुओं का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि करना।
  8. शिकारियों आदि से जंतुओं की रक्षा करनी। शिकार एक गैर-कानूनी कार्य है, इसको 1972 में वन्य जीवन सुरक्षा नियम बना कर लागू किया गया।
  9. उद्यानों और अभ्यारण्यों का निर्माण करना।
  10. ‘वन्य जीवन सप्ताह’ मनाना ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके।
  11. संकटापन्न जंतुओं के लिए प्रजनन कार्यशालाओं का निर्माण करना।

प्रश्न 2.
वनों के कुछ लाभ लिखिए।
उत्तर-
वनों के लाभ-

  1. वन भूमि की उर्वरकता कायम रखते हैं।
  2. वन वर्षा लाने में सहायक हैं और जल चक्र का संतुलन रखते हैं।
  3. वनों से लकड़ी मिलती है। जैसे शीशम, टीक, साल, देवदार ।
  4. वनों से कागज़ मिलता है-कोणिय और बैंबू कागज़ निर्माण के उपयोग में आते हैं।
  5. दवाइयाँ-कई दवाइयों के पौधे वनों में पाए जाते हैं।
  6. वनों से कई उत्पाद जैसे रेज़िन, गोंद, लाख, रबड़, भोजन और कीटनाशक मिलते हैं।
  7. कार्क भी वनों से मिलता है जैसे ओक (क्वरकस)।
  8. कई अन्य उपयोगी वस्तुएँ जैसे प्राकृतिक रंग, मोम, शहद भी वनों से ही मिलती हैं।
  9. रेयान और कृत्रिम रेशम भी पेड़ों से मिलता है।
  10. नाइट्रेट सैलूलोज़ से प्लास्टिक तैयार किया जाता है।
  11. प्राकृतिक रबड़ भी वनों की देन है।
  12. लकड़ी ईंधन भी वनों से मिलता है।
  13. रेशा घास, रवस और संदल लकड़ी से कई उपयोगी तेल मिलते हैं जिनका उपयोग साबुन, शृंगार, दवाइयाँ, खाद्य पदार्थ, तंबाकू के निर्माण में किया जाता है।
  14. रीठा और शिकाकाई साबुन आदि औद्योगिक उत्पाद हैं।
  15. वनों का नैतिक मूल्य है।

प्रश्न 3.
पंचमढ़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के प्राणिजात एवं वनस्पतिजात के चित्र बनाएँ।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण 3

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 3 सूचना टैकनॉलोजी से जान पहचान

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 3 सूचना टैकनॉलोजी से जान पहचान

जान-पहचान
सूचना टैकनॉलोजी की मदद से हम एक कम्प्यूटर से अलग-अलग प्रकार का डाटा दूसरे कम्प्यूटर पर भेज सकते हैं। डाटा किसी भी प्रकार का हो सकता है, जैसे-लिखती, ध्वनि वाला, वीडियो, ग्रॉफिकल आदि।

इन्फॉरमेशन टैकनॉलोजी इसमें टैलीफोन और कम्प्यूटर टैकनॉलोजी दोनों ही शामिल हैं। सूचना टैकनॉलोजी की मदद से हम एक कम्प्यूटर से अलग-अलग प्रकार का डाटा दूसरे कम्प्यूटर पर भेज सकते हैं। डाटा किसी भी प्रकार का हो सकता है; जैसे-लिखती, ध्वनि वाला, वीडियो, ग्राफिकल आदि।

सूचना टैकनॉलोजी की जरूरत-

  1. आज के समय में हर एक अदारे में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है और डाटा ट्रांसमिट हो रहा है। अलग-अलग अदारे इसका अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे कि व्यापारिक अदारा अपनी मशहूरी के लिए इंटरनैट का प्रयोग कर रहा है। बहुत से महत्त्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं।
  2. शिक्षा का अदारा इंटरनैट का प्रयोग करके अपनी समस्याओं का खुद ही समाधान कर रहा है।
  3. साधारण जनता एक-दूसरे से बातचीत चैटिंग या ई-मेल की सुविधा का प्रयोग कर बहुत सस्ती और तेज पूर्ण कर रही है।
  4. विज्ञान अदारे में भी सूचना टैकनॉलोजी बहुत महत्त्वपूर्ण रोल अदा कर रही है।

हम अपनी ज़िन्दगी में देखें तो सभी बिल, सरकारी और बड़ी संस्थाओं के भुगतान कम्प्यूटर पर ही प्रिंट होते हैं। बैंकों के ए० टी० एम० भी बहुत सारी सेवाएं प्रदान करवाते हैं, पर यह सब तभी सम्भव है अगर कम्प्यूटर का सही इस्तेमाल हो।

सूचना टैकनॉलोजी से जान-पहचान-
1. इन्फारमेशन टैकनॉलोजी के प्रयोगइन्फारमेशन टैकनॉलोजी का प्रयोग बहुत से कामों में किया जाता है जिनमें से कुछ नीचे दिए अनुसार हैं-

  • व्यापार और उद्योगों के लिए-व्यापार और उद्योगों में इन्फारमेशन टैकनॉलोजी मुख्य रूप से आगे दिए गए कामों के लिए प्रयोग की जाती है
  • ऑफिस आटोमेशन-आजकल इन्फारमेशन टैकनॉलोजी का प्रयोग रोज़ाना के काम करवाने और बढ़िया उत्पादन करवाने के लिए किया जाता है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 3 सूचना टैकनॉलोजी से जान पहचान 1

  • मैनेजमैंट इन्फारमेशन सिस्टम-इन्फारमेशन टैकनॉलोजी प्रबन्धकों के लिए फैसला लेने में सहायता करती है।
  • घरों में-घरों में इन्फारमेशन टैकनॉलोजी का प्रयोग नीचे दिए गए कामों के लिए किया जाता है-

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 3 सूचना टैकनॉलोजी से जान पहचान

संचार-पहले खत लिखे जाते थे, अब ई-मेल और चैटिंग की जाती है।
शिक्षा-आजकल विद्यार्थी इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। ज्ञान-विज्ञान की जानकारी के लिए हमें बहुत से प्रकार के सॉफ्टवेयर मिल जाते हैं।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 3 सूचना टैकनॉलोजी से जान पहचान 2
मनोरंजन-अब घरों में पुराने मनोरंजन साधनों की जगह कम्प्यूटर और इंटरनैट ने ले ली है। रिवायती चीज़ों की जगह अब आडियो-वीडियो सीडीज़ ने ले ली है। सिखलाई के लिए स्कूलों में इन्फारमेशन टैकनालोजी का प्रयोग बढ़िया और आसान ढंग से ज्ञान हासिल करने के लिए किया जाता है। ज्ञान प्राप्ति के लिए परस्पर प्रभावशाली मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशन सामग्री काफ़ी सहायता कर रही है।
इनफारमेशन टैकनालोजी विज्ञान और दवाइयों में भी मददगार साबित हो रही है।

वैबसाइट
वैबसाइट एक से ज्यादा पेजों का समूह होता है। इसको एक नाम के साथ सेव किया जाता है। जिसे वैब एडरैस कहते हैं। हरेक वैबसाइट का अपना एडरैस होता है। वैबसाइट के पहले पेज को होम पेज कहते हैं। होम पेज एक-दूसरे पेजों तक पहुँच सकते हैं।

सचिंग
सचिंग का अर्थ है ढूँढ़ना। जब हमें इंटरनेट का पता नहीं होता है कि हमें कहा जाना है तो हम उसको ढूँढ़ सकते हैं। इसके लिए सर्च इंजन का प्रयोग किया जाता है। कुछ मशहूर सर्च इंजन हैं :
www.google.com
www.yahoo.com
www.bing.com

वैब सर्किंग-
वैब सर्किंग का अर्थ है इंटरनैट पर अपनी पसंद के विषय को ढूँढ़ते एक वैबसाइट से दूसरी पर जाना। इसका दूसरा अर्थ है इंटरनैट पर समय बिताना जानकारी प्राप्त करने का यह एक बढ़िया ढंग है। सर्किंग तथा सचिंग में अन्तर बताओ। सर्किंग तथा सचिंग में निम्न अन्तर हैं-

सर्किंग सचिंग
(1) इसका अर्थ है एक वैबसाइट से दूसरी पर जाना। (1) इसका अर्थ है इंटरनैट पर कुछ ढूंढ़ना।
(2) इसके लिए सर्च इंजन ही चाहिए। (2) इसके लिए सर्च इंजन चाहिए।
(3) इसका प्रयोग जानकारी ढूंढ़ने के लिए किया जाता है। (3) इसका प्रयोग वैबसाइट ढूंढ़ने के लिए किया जाता है।

ऑफलाइन तथा ऑनलाइन
ऑफलाइन का अर्थ है इंटरनैट में जुड़े न होना तथा ऑनलाइन का अर्थ है इंटरनैट से जुड़े होना। इसमें निम्न अंतर है :
ऑनलाइन तथा ऑफलाइन में निम्न अन्तर है-

ऑनलाइन ऑफलाइन
(1) इसका अर्थ है इंटरनैट से जुड़े होना। (1) इसका अर्थ है इंटरनैट से जुड़े न होना।
(2) इसमें हम किसी दूसरे कम्प्यूटर पर सेव फाइलों काम करते हैं। (2) इसमें हम अपने कम्प्यूटर पर फाइलों पर पर काम करते हैं।

डाऊनलोडिंग
डाऊनलोडिंग का अर्थ है इंटरनैट से कोई वस्तु अपने कम्प्यूटर पर कॉपी करना। इस द्वारा अपनी वस्तु को ऑफलाइन भी देख सकते हैं। इंटरनैट से हम निम्न वस्तुएं डाऊनलोड कर सकते हैं।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 3 सूचना टैकनॉलोजी से जान पहचान 3

नैट-बैंकिंग नैट-बैंकिंग का अर्थ है इंटरनैट का प्रयोग करके बैंकिंग कार्य करना। इसमें हम निम्न कार्य कर सकते हैं।

  1. अकाऊंट स्टेटमैंट देखना
  2. पैसा ट्रांसफर करना
  3. बिल अदा करना

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ऑनलाइन शापिंग
इंटरनेट की मदद से वस्तुएं खरदीने को ऑनलाइन शापिंग कहते हैं। इससे हमें दुकान पर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। वस्तु हमारे घर तक पहुँचा दी जाती है। हम अपने Debit या क्रेडिट कार्ड द्वारा उसका मूल्य चुका देते हैं। इससे हमारे समय की बहुत बचत होती है।

ऑनलाइन रिजल्ट देवना –
ऑनलाइन रिजल्ट निम्न ढंग से देखा जाता है –

  1. अपने कम्प्यूटर पर वैब ब्राओजर जैसे कि इंटरनैट एक्सप्लोरर या मोजिला फायरफॉक्स आदि खोलो।
  2. एडरैस बार में, जिस बोर्ड या यूनिवर्सिटी का रिजल्ट देखना है, उसका पता टाइप करो,

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3. Result ऑप्शन पर क्लिक करो।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 3 सूचना टैकनॉलोजी से जान पहचान 5
4. क्लास का चुनाव करो।
PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 3 सूचना टैकनॉलोजी से जान पहचान 6
5. अपना रोल नम्बर भरो।
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6. Find result पर क्लिक करो। (सारा रिजल्ट आ जाएगा)

मोबाइल टैकनॉलोजी –
मोबाइल टैकनॉलोजी का अर्थ है मोबाइल द्वारा तकनीक का प्रयोग कर जानकारी जुटाना। इससे हम इंटरनेट पर कार्य कर सकते हैं। इसके मुख्य प्रयोग क्षेत्र अनलिखित है-

  1. शिक्षा
  2. निरीक्षण तथा पोलिंग
  3. बैंकिंग
  4. डाटा अनैलसिस

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 2 इंटरनैट फंडामैंटल्स

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 2 इंटरनैट फंडामैंटल्स

जान-पहचान
अलग-अलग नैटवर्कस को जोड़कर इंटरनैट बनता है। यह पूरी दुनिया में फैला हुआ है। आज के समय में इसकी ज़रूरत बहुत ज्यादा बढ़ गई है। दफ्तरों में, शिक्षक क्षेत्रों में, निजी संस्थाओं में लाखों ही लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

इंटरनेट क्या है?
अलग-अलग नैटवर्कस के आपसी सम्बन्ध से इंटरनैट बनता है। इससे पूरी दुनिया में फैले नैटवर्क जुड़े होते हैं। इससे सूचना का आदान-प्रदान करवाया जा सकता है। इंटरनैट पूरी तरह किसी के अधीन नहीं जिसके कारण हर कोई इसका इस्तेमाल कर सकता है। इंटरनेट का इस्तेमाल लोग कई कामों के लिए करते हैं। इससे लोग अपना मनोरंजन कर सकते हैं और उत्सुकता के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इंटरनेट सारे संसार में फैला हुआ है। यह दुनिया के लाखों कम्प्यूटरों की एक विशाल संस्था है। इसके द्वारा सूचना का आदान-प्रदान करवाया जाता है। अलग-अलग देशों के लाखों लोग इंटरनैट के द्वारा पत्र-व्यवहार करते हैं, नई बातें सीखते हैं और खोजें करते हैं।

इंटरनेट का इतिहास-
आज के समय में इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है। साल 1986 में नैशनल साईंस फाऊंडेशन ने अपना NSF नैट नाम का नैटवर्क तैयार किया था। इस नैटवर्क के द्वारा विज्ञानी एक सुपर कम्प्यूटर का प्रयोग सांझे तौर पर करते थे। सुपर कम्प्यूटर एक बड़ा और शक्तिशाली कम्प्यूटर होता है जिसका इस्तेमाल वैज्ञानिक कामों के लिए किया जाता है। साल 1990 में बुनियादी डिफेंस विभाग बन्द हो. गया और इसको NSF नैट ने अपना लिया। फिर इसको अन्य बहुत सारे नैटवर्कस से जोड़ा गया। इसी से आज का इंटरनैट अस्तित्व में आया।

इंटरनेट की ज़रूरतें
इंटरनैट की मूल ज़रूरतें नीचे लिखी हैं –
1. हार्डवेयर ज़रूरतें

  1. अधिक रफ़्तार वाला पर्सनल कम्प्यूटर (PC)
  2. अधिक मैमरी वाली रैम
  3. टैलीफोन लाइन
  4. मोडम (Modem)

2. साफ्टवेयर ज़रूरतें

  • आपरेटिंग सिस्टम
  • वैब ब्राओज़र।

इंटरनेट द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाएं-
इंटरनेट द्वारा हम ख़बरें तथा जानकारी, कला तथा मनोरंजन, ऑनलाइन, खरीदारी, पत्र भेजना, सेहत तथा तंदुरुस्ती, सैर-सपाटा, चैटिंग, बैंकिंग तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आदि कर सकते हैं। इंटरनेट की सहायता से निम्नलिखित कार्य किए जा सकते हैं –
1. ख़बर तथा जानकारी प्राप्त करना-इंटरनेट से हम ऑनलाइन अख़बार से ख़बरें पढ़ सकते हैं। इससे हम देश विदेश की किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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2. कला तथा मनोरंजन-इंटरनेट पर हम गेम खेल सकते हैं, गाने सुन सकते हैं, फिल्में देख सकते हैं तथा चुटकुले कहानियां आदि पढ़ सकते हैं। इंटरनेट की सहायता से इन सभी के द्वारा हम अपना मनोरंजन कर सकते हैं।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 2 इंटरनैट फंडामैंटल्स

3. खरीदारी-इंटरनेट की सहायता से हम दुनिया में कहीं से भी कपड़े, किताबे, गिफ्ट या अन्य . ज़रूरी सामान आदि खरीद सकते हैं। इस प्रक्रिया को ऑनलाइन शॉपिंग कहा जाता है।

4. पत्र भेजना-इंटरनेट पर पत्र भेजने की सर्विस को ईमेल कहते हैं। इंटरनेट की सहायता से हम दुनिया में किसी भी व्यक्ति को ईमेल भेज सकते हैं तथा किसी से भी ई-मेल प्राप्त कर सकते हैं। ईमेल के जरिए हम तस्वीरें, फिल्में, आवाज़ आदि दूसरों को भेज सकते हैं।

5. सेहत तथा तंदुरुस्ती-इंटरनेट के द्वारा हम अपने स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके द्वारा हम किसी भी डॉक्टर से ज़रूरी सलाह भी कर सकते

6. सैर-सपाटा-इंटरनेट पर दुनिया भर के टैक्स पार्टी से संबंधित जानकारी, रेल टिकट, हवाई टिकट तथा विभिन्न होटलों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

7. चैटिंग-इंटरनेट के द्वारा हम दुनिया में किसी भी व्यक्ति के साथ टैक्सट, ऑडियो या वीडियो चैट कर सकते हैं।

8. बैंकिंग-इंटरनेट की सहायता से हम अपने बैंक के कार्य भी कर सकते हैं। ऑनलाइन बैंकिंग के द्वारा बैंक से संबंधित लगभग सभी कार्य किए जा सकते हैं।

9. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दो या दो से ज़्यादा व्यक्ति एक-दूसरे को देख कर बात करते हैं। इसके लिए वेब कैमरे का प्रयोग किया जाता है।

इंटरनैट कुनैक्शन
इंटरनैट कुनैक्शन-यह निम्न प्रकार के होते हैं-
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  • ब्राड बैंड-यह कुनैक्शन तेज़ रफ़्तार वाले होते हैं। बड़े व्यापारिक अदारे इसका इस्तेमाल करते हैं।
  • डॉयल अप-यह कुनैक्शन कभी-कभी इंटरनैट का उपयोग करने वाले इस्तेमाल करते हैं। यह ब्राड बैंड से धीमे और सस्ते होते हैं।

मोडम
डिजीटल से एनालॉग सिग्नल और एनालोग से डिजीटल सिग्नल में बदलने वाले उपकरण को मोडम कहा जाता है। मोडम की किस्में-मोडम दो प्रकार के होते हैं –

  1. अन्दरूनी मोडम
  2. बाहरी मोडम

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बाहरी मोडम एक डिब्बे के रूप में कम्प्यूटर से बाहरी तरफ से केबल से जोड़े जाते हैं। अन्दरूनी मोडम कम्प्यूटर के बीच ही लगे होते हैं।

मोडम की रफ्तार –
मोडम की रफ़्तार भी अलग-अलग होती है। धीमे मोडम सन्देश को भेजते समय अधिक समय लगाते हैं। केबल या टेलीफोन की तार दीवार से लगे फ्लग के द्वारा मोडम में जाती है। आजकल तो बेतार मोडम भी आ गए हैं जो मोबाइल फोन की तरह हवा में ही काम करते हैं। मोडम की रफ़्तार अलग-अलग होती है। धीमे मोडम सन्देश भेजते या प्राप्त करते समय अधिक समय लगाते हैं। यह इंटरनेट से फाइलों की नकल करने पर भी अधिक समय लगाते हैं। अगर संचार वाले दोनों कम्प्यूटरों में अलगअलग रफ़्तार वाले मोडम हों तो संचार कम रफ़्तार वाले मोडम की रफ़्तार के साथ होता है। तेज़ संचार करवाने के लिए अधिक रफ़्तार वाले मोडम ही प्रयोग करने चाहिए। आमतौर पर 28.8 Kbps रफ़्तार वाला मोडम प्रयोग किया जाता है। सर्किंग के लिए कम-से-कम 56 Kbps वाले मोडम की सिफ़ारिश की जाती है।

इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्ज
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्ज़ यूज़र को इंटरनेट की सुविधा प्रदान करवाता है। वह यूजर से फीस प्राप्त करता है। यह फीस इंटरनेट का उपयोग करने के हिसाब से होती है।

इंटरनेट के लाभ/सेवाएं
इंटरनैट के लाभ नीचे दिए अनुसार हैं –
वर्ड वाइड वैब-
वर्ड वाइड वैब इंटरनैट पर वैब पेज का एक जाल है। ये पेज आपस में लिंकड होते हैं। इस को किसी खास एडरैस द्वारा पाया जाता है। इसको कम्प्यूटर, लैपटाप, मोबाइल, आदि पर असैस किया जा सकता है। वर्ल्ड वाइड वैब WWW इंटरनैट की बहुत बड़ी सेवा है। इसके द्वारा पूरी दुनिया की सूचना प्राप्त की जा सकती है। इसमें व्यापार, शिक्षा स्रोत, सेहत और सरकारी अदारों आदि से सम्बन्धित सूचना शामिल होती है। यह हर एक स्थान पर यूज़र की सोच, विचारों और पसंद के मुताबिक सेवाएं देती हैं।

ई-मेल
ई-मेल एक इलैक्ट्रॉनिक मेल है जिसके द्वारा कम्प्यूटर से पत्र भेजे जाते हैं। इसके द्वारा दुनिया भर में कहीं भी एक ही समय सन्देश पहुँचाया जा सकता है। इंटरनैट इस्तेमाल करने के समय आपके पास विलक्षण ई-मेल
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पता होना चाहिए। ई-मेल के पते को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है, यूज़र नेम और होस्ट नेम। ई-मेल में @ संकेत होता है जिसको ‘ऐट दा रेट ऑफ’ कहा जाता है। [email protected] ई-मेल के पते की एक उदाहरण है।

ई-मेल के लाभ-ई-मेल के बहुत सारे लाभ हैं जो कि नीचे लिखे अनुसार हैं-
1. खर्च (Cost)-इंटरनैट के प्रयोग के लिए दी जाने वाली रकम के बिना अन्य कुछ नहीं लगता। यूज़र को डाक टिकटों के पैसे नहीं पड़ते। यह फैक्स से भी सस्ती पड़ती है। फैक्स पर कागज़ और टैलीफोन के खर्चे पड़ते हैं। ई-मेल करते समय ऐसा कोई खर्चा नहीं पड़ता। लम्बे सन्देश का खर्च छोटे सन्देश जितना होता है। उदाहरण के लिए स्विट्जरलैंड और अपने शहर में सन्देश का खर्च बराबर होता है।

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2. रफ़्तार (Speed)-ई-मेल की रफ्तार हमारे दूसरे चिट्ठी-पत्र से अधिक होती है। ई-मेल सन्देश अपनी मंजिल पर कुछ मिनटों-सैकिण्डों में पहुंच जाते हैं। एक दिन में कई बार पत्र-व्यवहार किया जा सकता है।

3. आराम (Convenience)-कम्प्यूटर का इस्तेमाल करने वाले सन्देश को अपने कम्प्यूटर पर टाइप करते हैं और फिर ई-मेल कर देते हैं। इसके साथ न कागज़ का प्रयोग होता है, न कोई डाक खर्चा आता है और न ही कोई अन्य समस्या आती है।

ई-कामर्स
ई-कामर्स इंटरनैट पर व्यापार को करते हैं। इससे हम अपनी ज़रूरत की वस्तुएं 24 घंटे खरीद, बेच सकते हैं।

सोशल नेटवर्किंग साइट-
यह इंटरनैट पर सोशल ग्रुप की साइट होती है। इसमें यूज़र अपना प्रोफाइल बना कर दूसरों से वार्तालाप तथा अपने अनुसार शेयर कर सकता है।
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विडीयो कानफ्रैंसिंग-
यह कैमरे का उपयोग करती है। इसमें हम तस्वीरों तथा आवाज़ द्वारा अपने विचार दूसरों से साझा कर सकते हैं। हम दूसरों को देख भी सकते हैं। इसमें समय की बहुत बचत होती है।

चैटिंग-
यह फोन पर की जाने वाली बातचीत की तरह ही होती है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें बातचीत के लिए शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप इंटरनैट से जुड़े हो तो आप टैलीफोन में बोलने के स्थान पर कम्प्यूटर में टाइप करोगे। आजकल व्यास चैट (जुबान के द्वारा चर्चा) करनी भी सम्भव हो गई है। व्याँस चैट में आप बोल और सुन सकते हो।
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वैबसाइट को सर्च करना
वैबसाइट पर पन्नों की गिनती निश्चित नहीं होती। यह अनगिनत होते हैं। यह बढ़ते ही रहते हैं। बड़ी कम्पनियां अपने वैब पन्नों को डाटाबेस में सम्भाल के रखती हैं।
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जानकारी ढूँढ़ने के लिए सर्च इंजन का प्रयोग किया जाता है। यह बहुत ही शक्तिशाली प्रोग्राम होता है। ढूँढ़ी जाने वाली जानकारी को टाइप करके सर्च (खोज) की जाती है। यह उस शब्द से सम्बन्धित अनेकों वैबसाइटों की सूची जारी करता है।

सर्च करने के तरीके
सर्च अर्थात् खोज करने के बुनियादी सिद्धान्त नीचे लिखे अनुसार हैं-
सबसे पहले आप सर्च इंजन के टैक्सट बॉक्स में कुछ शब्द टाइप करें। एडवांस सर्च में आपको शब्द मैच, पूरा वाक्यांश मैच या दाखिल किए की-वर्ड का मैच सैट करना पड़ता है। सही तरीके से सर्च करने के लिए नीचे लिए कुछ चिन्हों का ध्यान रखना चाहिएजमा का निशान (+) शब्द दर्शाने के लिए करें जो खोज नतीजे में नज़र आना ज़रूरी है। घटाने का निशान (-) शब्द दर्शाने के लिए करें जो खोज नतीजे में नज़र आना ज़रूरी न हो। वाक्यांश दर्शाने के लिए कोट-मारक (“) का इस्तेमाल करें।

साफ्टवेयर टूलज़
इंटरनैट का प्रयोग करने के लिए कुछ साफ्टवेयर चाहिए। ये साफ्टवेयर विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं। ये टूलज़ हैं।

  1. ई-मेल प्रोग्राम
  2. ब्राओज़र
  3. न्यूज रीडर
  4. एफ०टी०पी० साफ्टवेयर

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इंटरनैट स्किलज़ –
इंटरनेट प्रयोग करने के लिए हमें स्किलफुल होना चाहिए तभी हम इसका भरपूर फायदा उठा सकते हैं।
हमें :

  1. प्रोग्राम चलाने तथा बंद करने
  2. फाइल कापी करना
  3. मीनू के साथ कार्य करना
  4. प्रिंट, टाइप करना आदि आना चाहिए।

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ब्राओज़र/ब्राओजिंग-
यह एक तरह का साफ़्टवेयर है, जिस पर इंटरनैट की फाइलें खोली जाती हैं। यह कई प्रकार के होते हैं। इंटरनैट एकसप्लोरर का इस्तेमाल ज़्यादा किया जाता है। इंटरनेट का इस्तेमाल करके वैब साइटस देखने की प्रक्रिया को वैब ब्राओजिंग कहा जाता है।

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग ट्यूटर

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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग टयूटर

जान-पहचान
टाइपिंग ट्यूटर एक ऐसा प्रोग्राम है जिसके द्वारा हम कम्प्यूटर कीअ-बोर्ड पर सही ढंग से टाइप करना सीख सकते हैं। इसकी सहायता से हमारी टाइपिंग में सुधार आता है। टच टाइपिंग यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें हम कीअ-बोर्ड को देखे बिना टाइप करना सीख सकते हैं। इससे हमारा कार्य ज्यादा तेजी से होता है।

अनमोल लिपि द्वारा पंजाबी में टाइपिंग-
अनमोल लिपि फोंट द्वारा हम आसानी से पंजाबी टाइपिंग कर सकते हैं। हम अंग्रेजी भाषा की वर्णमाला के लिए प्रयोग होने वाली उंगलियों की स्थिति का प्रयोग करके पंजाबी टाइप कर सकते हैं। पहले हमें अनमोल लिपि फोंट का चुनाव करना पड़ेगा। अनमोल लिपि कीअ-पैड निम्न अनुसार होता है।
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कीअ-बोर्ड पर उंगलियों की स्थिति-
कीअ-बोर्ड दो हिस्सों में बांटा जाता है-दायाँ और बायाँ और दोनों हाथों की उंगलियां कीअ-बोर्ड पर उसके अनुसार ही रखी जाती हैं। कीअ-बोर्ड की मुख्य चार लाइनें होती हैं। दोनों हाथों की उंगलियों को A से शुरू होने वाली लाइन पर रखा जाता है। ऊपरी या निचली लाइन के किसी बटन को दबाने के बाद उंगलियां फिर इसी लाइन पर वापिस आ जाती हैं। इसलिए इस लाइन को होम लाइन कहा जाता है। कीअ-बोर्ड के दोनों तरफ शिफ्ट की होती है। यह शब्दों को बड़े अक्षरों में लिखने के लिए प्रयोग की जाती है और यदि पूरी पंक्ति को बड़े अक्षरों में लिखना हो तो Caps Lock की कीअ दबानी चाहिए।
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होम रोअ : होम रोअ में बायें तरफ से A पर सबसे छोटी उंगली से शुरुआत की जाती है। S पर अगली उंगली रखी जाती है। इसी प्रकार दायें तरफ ; से शुरुआत करके उंगलियां रखी जाती हैं।
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PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग ट्यूटर 4

PSEB 8th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग ट्यूटर

दूसरी रोअ : दूसरी रोअ होम रोअ के ऊपर होती है। इसमें भी बायें तरफ Q से शुरुआत करके उंगलियां रखी जाती हैं तथा दायीं तरफ P से शुरू करके उंगलियां रखी जाती हैं।
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तीसरी रोअ : तीसरी रोअ में Z से बायीं तरफ की उंगलियां रखी जाती हैं तथा ( • ) पर दायीं तरफ की उंगलियां से शुरुआत की जाती है।
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चौथी रोअ : चौथी रोअ अंकों से संबंधित है। यह 0-9 तक होते हैं। इनका प्रयोग होम रोअ के अनुमार उंगलियाँ रख कर किया जाता है।
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न्यूमैरिक पैड-
न्यूमैरिक पैड कीअ-बोर्ड के दाईं तरफ लगी होती है। इसकी सहायता से अंकों को टाइप किया जाता है। ये पैड कैल्कुलेटर की तरह दिखाई देता है तथा उसी प्रकार कार्य करता है। न्यूमैरिक कीअ पैड पर कीअज दबाने के लिए दायें हाथ की उंगलियों का प्रयोग किया जाता है। न्यूमैरिक कीअ पैड पर उंगलियों की स्थिति निम्न अनुसार होती है।

दायें हाथ का अंगूठा 0 पर
दायें हाथ की पहली 4 पर
दायें हाथ की दूसरी उंगली 5 पर
दायें हाथ की चौथी उंगली 6 पर
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कीअ बोर्ड की रवास कीअज़
कीअ बोर्ड की निम्न खास कीअज़ होती हैं –

  1. स्पेस बार – खाली स्पेस छोड़ने के लिए
  2. एटर कीअ – नई लाइन में जाने के लिए
  3. बैंक स्पेस बायीं तरफ का अक्षर मिटाने के लिए
  4. शिफ्ट कीअ – कैप्स लॉक बदले बगैर अक्षर बड़ा या छोटा करने के लिए
  5. कैप लॉक – अक्षरों को बड़ा या छोटा टाइप करने के लिए

टाइपिंग स्पीड बढ़ाने के निर्देश-
टाइपिंग स्पीड को निम्न हिदायतों का प्रयोग कर बढ़ाया जा सकता है-

  1. हमारे हाथ की उंगलियां होम रोअ पर होनी चाहिए।
  2. हमें हमेशा यहीं से शुरू कर वापिस आना चाहिए।
  3. होम रोअ की पोजीशन से बाकी कीज़ तक पहुंचो।
  4. अपना ध्यान सही कीअ दबाने पर रखो।
  5. कीअ-बोर्ड को मत देखो।
  6. लगातार, आराम से तथा सही टाइप करने की तरफ ध्यान रखें।
  7. जिस भी कीअ को दबाओ उसको मन में दोहराओ।

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टाइपिंग के लिए बैठने का तरीका टाइपिंग करते समय निम्न बातों पर ध्यान दें –
बिल्कुल सीधे तथा कीअ-बोर्ड की सीध में बैठे।

  1. पैर ज़मीन पर सीधे रखें।
  2. कम्प्यूटर के मॉनीटर को आँखों के बराबर रखें।
  3. अपनी नज़र मॉनीटर या कॉपी पर रखें।
  4. अपनी उंगलियों को होम कीअ पर रखो।
  5. प्रत्येक कीअ को दबा कर वापिस होम रोअ पर आओ।

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लगातार टाइपिंग के कारण होने वाले तनाव से बचने के तरीके

  1. कम्प्यूटर के सामने सही ढंग से बैठे।
  2. कम्प्यूटर से सही दूरी बनाए रखें।
  3. अपने घुटने 90° के कोण पर मोड़ कर रखें।
  4. कीअबोर्ड को सीधा हल्का-सा उठाकर रखें।
  5. अपने हाथ टेबल पर टिका कर न रखें।
  6. जब ज़रूरत न हो अपने हाथों को आराम दें।
  7. थोड़े-थोड़े समय बाद आराम करें।
  8. टाइपिंग करते समय बीच-बीच में बाहों की कसरत करें।
  9. रोज कसरत करें।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 6 दहन और ज्वाला

PSEB 8th Class Science Guide दहन और ज्वाला Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
दहन की परिस्थितियों की सूची बनाइए।
उत्तर-
दहन के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ – दहन उत्पन्न करने के लिए तीन आवश्यकताएँ हैं-
(i) ऑक्सीजन की उपस्थिति।
(ii) दाहन पदार्थ की उपस्थिति।
(iii) पदार्थ का निम्न ज्वलन ताप।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) लकड़ी और कोयला जलने से वायु का …………………… होता है।
(ख) घरों में काम आने वाला एक द्रव ईंधन ……………………. है।
(ग) जलना प्रारंभ होने से पहले ईंधन को उसके ……………………. तक गर्म करना आवश्यक है।
(घ) तेल द्वारा उत्पन्न आग को ………………………. द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता।
उत्तर-
(क) प्रदूषण
(ख) मिट्टी का तेल
(ग) ज्वलन-ताप
(घ) पानी।

प्रश्न 3.
समझाइए कि मोटर वाहनों में सी० एन० जी० के उपयोग से हमारे शहरों का प्रदूषण किस प्रकार कम हुआ है ?
उत्तर-
सी० एन० जी० एक साफ गैसीय ईंधन है। इसका वायु में पूर्ण दहन होता है जिससे यह कोई हानिकारक गैसें उत्पन्न नहीं करता। इसलिए सी०एन०जी० के उपयोग से शहरों में प्रदूषण कम हुआ है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 4.
ईंधन के रूप में एल० पी० जी० और लकड़ी की तुलना कीजिए।
उत्तर-
एल० पी० जी० एक द्रवित पेट्रोलियम गैस है। इसका ऊष्मीय मान 50 kJ/g है। यह साफ और स्वच्छ ईंधन है। यह धुआं रहित ज्वाला से जलता है और कोई हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं करता जबकि लकड़ी का ऊष्मीय मान 17k//g है। यह जलने पर धुआँ और हानिकारक गैसें उत्पन्न करती है। इसलिए एल० पी० जी० एक बेहतर ईंधन है।

प्रश्न 5.
कारण बताइए-
(क) विद्युत् उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।
(ख) एल० पी० जी० लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।
(ग) कागज़ स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि एल्यूमीनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
उत्तर-
(क) विद्युत् उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु उस पदार्थ का उपयोग नहीं कर सकते, जो विद्युत् का सुचालक हो। इससे जान जाने का खतरा हो सकता है। जल विद्युत् का सुचालक है, इसलिए यह आग बुझाने हेतु उपयोग में नहीं लाया जा सकता। इस उद्देश्य के लिए कार्बन टेट्राक्लोराइड उपयोग में लाया जाता है।

(ख) एल० पी० जी० एक द्रवित पेट्रोलियम गैस है। इसका ऊष्मीय मान 50 kJ/g है। यह साफ और स्वच्छ ईंधन है। यह धुआं रहित ज्वाला से जलता है और कोई हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं करता जबकि लकड़ी का ऊष्मीय मान 17k//g है। यह जलने पर धुआँ और हानिकारक गैसें उत्पन्न करती है। इसलिए एल० पी० जी० एक बेहतर ईंधन है।

(ग) ऐलुमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता, क्योंकि ऊष्मा ऐलुमिनियम में स्थानांतरण हो जाती है और कागज़ का ज्वलन ताप नहीं पहुँच पाता है।

प्रश्न 6.
मोमबत्ती की ज्वाला का चिह्नित चित्र बनाइए।
उत्तर-
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प्रश्न 7.
ईंधन से ऊष्मीय मान को किस मात्रक दवारा प्रदर्शित किया जाता है ?
उत्तर-
किलोजूल प्रति किलोग्राम (kJ/kg) ।

प्रश्न 8.
समझाइए कि CO2 किस प्रकार आग को नियंत्रित करती है ?
उत्तर-
CO2 गैस वायु से भारी होती है इसलिए यह जलती हुई आग के इर्द-गिर्द एक आवरण बना लेती है। इस आवरण के बनने से ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती, कट जाती है और आग जलना बंद कर देती है और नियंत्रित हो जाती है।

प्रश्न 9.
हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है, परंतु सूखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है, समझाइए।
उत्तर-
हरी पत्तियों में नमी की मात्रा बहुत अधिक होती है और हरी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। परंतु सूखी पत्तियों में नमी की मात्रा कम होती है और सूखी पत्तियों के ढेर में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है। इसलिए सूखी पत्तियों के ढेर को आग आसानी से लग जाती है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 10.
सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के किस क्षेत्र का उपयोग करते हैं और क्यों?
उत्तर-
स्वर्णकार ज्वाला के सबसे ऊपरी, अदीप्त, नीले क्षेत्र का उपयोग सोने और चांदी को पिघलाने के लिए करते हैं क्योंकि यह ज्वाला का सबसे अधिक गर्म क्षेत्र होता है।

प्रश्न 11.
एक प्रयोग में 4.5 kg ईंधन का पूर्णतया दहन किया गया। उत्पन्न ऊष्मा का माप 1,80,000 kJ था। ईंधन का ऊष्मीय मान परिकलित कीजिए।
हल-
ईंधन का द्रव्यमान = 4.5 kg
उत्पन्न ऊष्मा का माप = 1,80,000 kJ
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला 2
= \(\frac{1.80 .000}{4.5}\) kJ/kg
= \(\frac{1.80,000}{4.5}\)
= 40,000
= 4 × 104 kJ/kg उत्तर

प्रश्न 12.
क्या जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा सकता है ? विवेचना कीजिए।
उत्तर-
जंग लगने का प्रक्रम – जब लोहे को नमी युक्त वायु में रखा जाता है, तो यह जलीय आयरन ऑक्साइड की परत से ढक जाता है। यह प्रक्रम जंग लगना कहलाता है और परत को जंग कहते हैं। रासायनिक जंग, आयरन ऑक्साइड का जलीय रूप है अर्थात् Fe2O3, xH2O. यह भूरे लाल रंग का होता है।

पूर्ण समीकरण :
4Fe + 3O2 + 3H2O → Fe2O3 + 2Fe (OH)3
Fe2O3 + xH2O → Fe2O3.xH2O
जंग लगना एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया है, परन्तु धीमी गति से होने वाली अभिक्रिया है।

प्रश्न 13.
आबिदा और रमेश ने एक प्रयोग किया जिसमें बीकर में रखे जल को गर्म किया गया। आबिदा ने बीकर को मोमबत्ती ज्वाला के पीले भाग के पास रखा। रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी भाग के पास रखा। किसका पानी कम समय में गर्म हो जाएगा ?
उत्तर-
रमेश का पानी कम समय में गर्म हो जाएगा, क्योंकि ज्वाला का सबसे बाहरी भाग सबसे अधिक गर्म होता है।

PSEB Solutions for Class 8 Science दहन और ज्वाला Important Questions and Answers

TYPE -I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कौन-से ईंधन उपयोग में लाए जाते हैं ?
उत्तर-
लकड़ी, कृषि अवशेष और उपले।

प्रश्न 2.
निम्न ठोस ईंधनों में से किस का ऊष्मण-ताप अधिक होता है-उपले, कोयला, लकड़ी।
उत्तर-
कोयला।

प्रश्न 3.
भारतीय घरों में उपयोग आने वाले तरल ईंधन का नाम लिखिए।
उत्तर-
मिट्टी का तेल।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 4.
तीन तरल ईंधनों के नाम लिखें। उत्तर-मिट्टी का तेल (केरोसीन तेल), पेट्रोल, डीज़ल।

प्रश्न 5.
जब ईंधन जलते हैं, तो क्या उत्पन्न होता है ?
उत्तर-
प्रकाश और ऊष्मा।

प्रश्न 6.
ज्वलन ताप क्या है ?
उत्तर-
ज्वलन ताप – वह न्यूनतम तापमान जिस पर कोई पदार्थ ऑक्सीजन की उपस्थिति में आग पकड़ लेता है, ज्वलन ताप कहलाता है।

प्रश्न 7.
दो द्रव पदार्थों के नाम लिखो, जिनका ज्वलन ताप बहुत कम होता है ?
उत्तर-

  1. एल्कोहल और
  2. ईथर।

प्रश्न 8.
विद्युत् द्वारा लगी आग बुझाने के लिए किस प्रकार के अग्निशामक का उपयोग होता है ?
उत्तर-
कार्बन ट्रेटाक्लोराइड अग्निशामक।

प्रश्न 9.
दहन क्या है ?
उत्तर-
दहन – यह एक ऐसा प्रक्रम जिसमें पदार्थ को ऑक्सीजन में जलाने से ऊष्मा और प्रकाश पैदा होता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 10.
ईंधन के ऊष्मीयमान की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
ऊष्मीय मान – 1 किलोग्राम पदार्थ के पूर्ण दहन से प्राप्त ऊर्जा की मात्रा, ऊष्मीय-मान कहलाता है।

प्रश्न 11.
तेलीय आग बुझाने के लिए कौन-सा अग्निशामक उपयोग में आता है ?
उत्तर-
झाग वाला (Foam type) अग्निशामक।

प्रश्न 12.
काष्ठ कोयला लकड़ी की अपेक्षा एक ईंधन क्यों है ?
उत्तर-
काष्ठ कोयले का ऊष्मीयमान लकड़ी के ऊष्मीयमान से अधिक है। इसलिए काष्ठ कोयला एक बढ़िया ईंधन है।

प्रश्न 13.
मोमबत्ती की ज्वाला के क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर-
ठंडा आंतरिक क्षेत्र, मध्य क्षेत्र, बाह्य अदीप्त क्षेत्र।

प्रश्न 14.
दो पदार्थों के नाम लिखिए जो अग्नि बुझाने के काम आते हैं।
उत्तर-

  1. पानी,
  2. झाग (Foam) ।

प्रश्न 15.
किन्हीं तीन ज्वलनशील पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. कागज़
  2. लकड़ी और
  3. रसोई गैस।

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TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ईंधन क्या है ? कौन-सी विभिन्न अवस्थाओं में ईंधन पाए जाते हैं ?
उत्तर-
ईंधन – वे पदार्थ, जो जलने पर ताप और प्रकाश उत्पन्न करते हैं, ईंधन कहलाते हैं। ईंधनों की तीन अवस्थाएँ हैं-

  1. ठोस (लकड़ी, कोयला, काष्ठ-कोयला आदि)
  2. तरल (पेट्रोल, मिट्टी का तेल, डीज़ल)
  3. गैस (प्राकृतिक गैस), कोयला-गैस, बायोगैस आदि।

प्रश्न 2.
कैसे सिद्ध करोगे कि दहन के लिए वायु आवश्यक है ?
उत्तर-
दहन के लिए वायु की आवश्यकता – एक जलता हुआ कोयला अथवा लकड़ी का टुकड़ा कुछ देर बाद जलना बंद कर देता है, जब इसे एक काँच के ज़ार से ढक देते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ढकने से ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। अब यदि इस पर फूंक मारी जाए, तो यह फिर ज्वाला के साथ जलना शुरू कर देता है। अत: यह निष्कर्ष निकलता है कि दहन के लिए ऑक्सीजन आवश्यक है।

प्रश्न 3.
दुर्घटना में लगी आग को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है ?
उत्तर-
दुर्घटना में लगी आग को नियंत्रित करना दुर्घटनाओं में लगी आग निम्नलिखित शर्तों में से किसी एक आवश्यक शर्त को हटा देने से नियंत्रित हो जाती है-
(क) ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोकने से दाह्य पदार्थ जलना बंद कर देता है।
(ख) दाह्य पदार्थ को ठंडा करके अथवा उसका ज्वलन ताप कम करके।
(ग) आग को फैलने से रोकने के लिए ज्वलनशील पदार्थ को ही हटा देने से।

प्रश्न 4.
सुनार फूंकनी का उपयोग क्यों करते हैं ?
उत्तर-
सुनार, फॅकनी से ज्वाला के सबसे ऊपरी भाग को फूंक कर सोने पर मारते हैं। इससे आग की प्रबलता बढ़ जाती है जिससे सोना अथवा चाँदी पिघल जाते हैं। फूंक मारने से अनजले कार्बन के कण ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में जल उठते हैं और ज्वाला और अधिक गर्म हो जाती है।

प्रश्न 5.
दहनशील पदार्थ अपने आप आग क्यों नहीं पकड़ते ?
उत्तर-
दहनशील पदार्थों का ज्वलन ताप कक्ष ताप से अधिक होता है। इसलिए यह स्वतः आग नहीं पकड़ते। जब ताप ज्वलन-ताप से कम होता है, तभी आग लगती है।

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प्रश्न 6.
ज्वलन ताप, ज्वलनशील पदार्थ, दहन के सहायक की दहन में ज़रूरी आवश्यकताओं के संदर्भ में व्याख्या करें।
उत्तर-
ज्वलन ताप – यह वह निम्न ताप है, जिस पर ईंधन आग पकड़ लेता है। प्रत्येक पदार्थ का ज्वलन ताप निश्चित होता है, जिसमें कम पर वह जल नहीं सकता।

ज्वलनशील पदार्थ – वह पदार्थ जो आसानी से आग पकड़ लेता है। कागज़, एल० पी० जी०, कपड़े आदि ज्वलनशील पदार्थ हैं।

दहन के सहायक – वे पदार्थ जो ईंधन अथवा ज्वलनशील पदार्थ की जलने में सहायता करते हैं। पेट्रोल, एल० पी० जी० जैसे ज्वलनशील पदार्थ तब तक नहीं जलते जब तक दहन के सहायक अर्थात् ऑक्सीजन की अधिक मात्रा मौजूद न हो।

प्रश्न 7.
दिए गया समीकरण : ..
C + O2 → CO2 + 385 kJ
इसमें कार्बन का ऊष्मीयमान ज्ञात करें (C का द्रव्यमान = 12g)
हल – समीकरण के अनुसार, 1 मोल C अथवा 12g कार्बन के जलने पर 385 kJ ऊष्मा पैदा करता है।
अतः 12g कार्बन ऊष्मा उत्पन्न करता है = 385 kJ
1 g कार्बन ऊष्मा उत्पन्न करता है = \(\frac{385}{12}\)
∴ कार्बन का ऊष्मीयमान
= 32.1 kJ/g

प्रश्न 8.
माचिस की तीली, माचिस की डिबिया के बगल में रगड़ने पर क्यों जल जाती है ?
उत्तर-
जब माचिस की तीली को खुरदरी सतह से रगड़ा जाता है तो घर्षण की ऊष्मा के कारण माचिस की तीली के सिरे के रसायन का ज्वलन ताप बढ़ा देता है और रसायन प्रज्वलित हो उठता है और माचिस की तीली जलना आरंभ कर देती है।

प्रश्न 9.
कोक कोयला से बेहतर ईंधन क्यों है ? कोई चार कारण बताओ।
उत्तर-
कोक कोयले से निम्न कारणों से बेहतर ईंधन है-

  1. कोक का ऊष्मीयमान कोयले के ऊष्मीयमान से अधिक है।
  2. कोक का ज्वलन ताप कोयले के ज्वलनताप से कम है।
  3. कोक कोयले से कम धुआँ उत्पन्न करता है।
  4. कोयले जलने से गैसीय प्रदूषक CO2, SO2 और CO उत्पन्न होते हैं, जबकि कोक ऐसा कोई प्रदूषक पैदा नहीं करता।

प्रश्न 10.
आग से लड़ना अथवा आग बुझाना (fire fighting) क्या होती है ?
उत्तर-
आग से लड़ना अथवा आग बुझाना – आग से लड़ने से अभिप्राय, आग को बुझाना अथवा उस पर नियंत्रण करना है। आग दुर्घटना के कारण लघु सरकट अथवा मानव लापरवाही से लग सकती है। किसी पदार्थ के दहन के लिए ज्वलनशील पदार्थ, ऑक्सीजन (वायु) और ऊष्मा की आवश्यकता होती है। अतः आग बुझाने के लिए वायु अथवा ऑक्सीजन का प्रवाह काट देना चाहिए।

प्रश्न 11.
आप आग बझाने हेतु क्या करते हैं ?
उत्तर-
आग दुर्घटनावश, मानव लापरवाही आदि से लग सकती है। दहन के लिए ज्वलनशील पदार्थ, ऑक्सीजन और उष्मा की आवश्यकता होती है। आग को रोकने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड, पानी, रेत आदि उपयोग में लाए जा सकते हैं ताकि वायु की आपूर्ति को रोका जा सके।

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प्रश्न 12.
(i) मिट्टी के तेल अथवा पेट्रोल
(ii) लघु पथन से लगी आग जल से क्यों नहीं नियंत्रित की जानी चाहिए ?
उत्तर-
(i) मिट्टी का तेल अथवा पेट्रोल के वाष्प जल से हल्के होने के कारण ऊपर तैरने लगते हैं और आग को फैलाने में सहायक होते हैं।
(ii) जल विद्युत् का सुचालक है, इसलिए इसके प्रयोग से लघु पथन द्वारा लगी आग को नियंत्रण करने में घातक हो सकता है।

प्रश्न 13.
जिस व्यक्ति के कपड़ों को आग ने पकड़ लिया हो उसे कंबल से क्यों लपेटा जाता है ?
उत्तर-
जब कोई व्यक्ति आग की चपेट में आ जाता है तो उसे कंबल में लपेटा जाता है ताकि आग को दहन के लिए वायु की पर्याप्त सप्लाई न मिल सके और फलस्वरूप आग बुझ जाए।

प्रश्न 14.
हमें सुलगती हुई कोयले की अँगीठी रखे हुए बंद कमरे में सोने की सलाह क्यों नहीं दी जाती ?
उत्तर-
बंद कमरे में वायु की सीमित सप्लाई होती है जिससे कोयला के अपूर्ण दहन से कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) उत्पन्न होती है। यह एक विषैली गैस है जोकि घातक सिद्ध हो सकती है। इसलिए अँगीठी युक्त बंद कमरे में सोने के लिए सलाह नहीं दी जाती है।

प्रश्न 15.
विश्व उष्णन (ग्लोबल वार्मिंग) समझाइए।
उत्तर-
विश्व उष्णन – अधिकांश ईंधनों के दहन से पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड मिलती है। वायु में कार्बनडाइऑक्साइड की अधिक मात्रा विश्व उष्णन का कारण बनता है। विश्व उष्णन के परिणामस्वरूप हिमनदी पिघलने लगते हैं जिससे समुद्र में जलस्तर बढ़ जाता है और तटीय क्षेत्र बाढ़ ग्रस्त हो जाते हैं। निचले स्तर वाले तटीय क्षेत्र स्थायी रूप से जलमग्न हो जाते हैं।

प्रश्न 16.
अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अम्लीय वर्षा – कोयले तथा डीज़ल के दहन से सल्फर डाइऑक्साइड गैस निलकती है जोकि अत्यंत

दमघोंटू और संक्षारक गैस है। इसके अतिरिक्त पैट्रोल इंजन नाइट्रोजन के गैसीय ऑक्साइड छोड़ते हैं। सल्फर तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा के जल में घुलकर अम्ल बनाते हैं इस अम्ल युक्त वर्षा को अम्लीय वर्षा कहते हैं।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मोमबत्ती की ज्वाला के विभिन्न क्षेत्रों का चित्र सहित वर्णन करें।
उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला 3
मोमबत्ती ज्वाला के क्षेत्र – ज्वाला के तीन मुख्य क्षेत्र होते हैं-
(i) गहरा आंतरिक क्षेत्र
(ii) दीप्त क्षेत्र
(iii) अदीप्त क्षेत्र।

(i) गहरा आंतरिक क्षेत्र – यह ज्वाला का सबसे भीतरी ठंडा क्षेत्र है। इसमें मोम के गर्म वाष्प होते हैं।
एक शीशे की नली का एक सिरा इस क्षेत्र में रखो, दूसरे सिरे से सफेद वाष्प निकलते नज़र आएँगे, जिन्हें माचिस की तीली से जलाने पर ज्वाला निकलती है।

(ii) दीप्त क्षेत्र – मध्य भाग चमकीला दीप्त क्षेत्र है। इस क्षेत्र में कार्बन के आधे जले कण होते हैं। इन कणों के चमकने से यह क्षेत्र चमकीला है। यह कण ज्वाला से धुएँ और काजल के रूप में उत्पन्न होते हैं।

(iii) अदीप्त क्षेत्र – यह ज्वाला का सबसे बाहरी भाग है, जिसका रंग फीका नीला होता है। इस भाग में ऑक्सीजन, ईंधन से मिलकर पूर्ण दहन करती है। यह सबसे बाहरी अदीप्त भाग है, जिसका तापमान 1800° C के लगभग है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 2.
वर्णन करें-
(i) तीव्र दहन
(ii) स्वतः दहन
(iii) धीमा दहन,
(iv) विस्फोट ।
उत्तर-
(i) तीव्र दहन (Rapid combustion) – वह ऑक्सीकरण अभिक्रिया, जिसमें प्रकाश और ऊष्मा बहुत थोड़े ही समय में उत्पन्न हो जाते हैं, तीव्र दहन कहलाती है।
उदाहरणार्थ जब जलती हुई तीली को गैस बर्नर के पास लाया जाता है, तो गैस तीव्र गति से जलना आरंभ कर देती है। इसी तरह मोमबत्ती की बत्ती जल उठती है जब माचिस की जलती हुई तीली, इसके संपर्क में लाई जाती है यह ज्वाला प्रकाश और ऊष्मा उत्पन्न करती है।

(ii) स्वतः दहन (Spontaneous Combustion) – वह दहन, जो बाहरी ऊष्मा की सहायता बिना होना संभव हो, स्वतः दहन कहलाता है।
सफेद फास्फोरस स्वतः दहन का बढ़िया उदाहरण है।

(iii) धीमा दहन (Slow Combustion) – यह एक धीमी ऑक्सीकरण अभिक्रिया है जिसमें प्रकाश पैदा नहीं होता। इस अभिक्रिया से निकलने वाली ऊष्मा की मात्रा इतनी कम होती है कि उसका अनुभव नहीं होता।
लोहे का जंग लगना और श्वसन क्रिया धीमे दहन के उदाहरण हैं।

(iv) विस्फोट – जिस दहन अभिक्रिया में जलने पर कई गैसों के मिश्रण के साथ बड़ी मात्रा में प्रकाश और ऊष्मा पैदा होती है, विस्फोट कहलाती है। दीवाली के दिनों में कई पटाखे केवल दबाव डालने से चलते हैं। इस अभिक्रिया में रसायनों का ऑक्सीकरण बड़ी तीव्र गति से होता है। जिसके फलस्वरूप कई गैसों के मिश्रण के साथ प्रकाश और ऊष्मा की बहुत बड़ी मात्रा उत्पन्न होती है।
बंदूक से दागी गई गोली भी एक विस्फोट है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

Punjab State Board PSEB 8th Class Science Book Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Science Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

PSEB 8th Class Science Guide कोयला और पेट्रोलियम Textbook Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
सी० एन० जी० और एल० पी० जी० का ईंधन के रूप में उपयोग करने का क्या लाभ है ?
उत्तर-
एल० पी० जी० का लाभ- एल० पी० जी० एक अच्छा ईंधन मानी जाती है क्योंकि-

  1. इसका कैलोरीमान अधिक है। यह 50 kJ/g है अर्थात् 1g LPG जल कर 50 किलो जूल ऊष्मा ऊर्जा उत्पन्न करती है।
  2. इसकी ज्वाला धुआँ रहित होने के कारण प्रदूषण नहीं फैलाती।
  3. LPG जलने पर कोई विषैली गैसें पैदा नहीं करती।
  4. LPG की संभाल और रख-रखाव आसान है।
  5. इसका पूर्ण दहन होता है।
  6. LPG साफ़ घरेलू ईंधन है। सी० एन० जी० के लाभ-यह वायु प्रदूषण नहीं फैलाता।

प्रश्न 2.
पेट्रोलियम को कौन-सा उत्पाद सड़क निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर-
बिटुमेन।

प्रश्न 3.
वर्णन कीजिए, मृत वनस्पति से कोयला किस प्रकार बनता है ? यह प्रक्रम क्या कहलाता है ?
उत्तर-
मृत वनस्पति से कोयले की उत्पत्ति – कोयला उन वृक्षों के विघटन से बना है जो आज से करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी के अंदर दब गए थे। ऐसा विचार है कि करोड़ों वर्ष पहले भूकंप तथा ज्वालामुखी इत्यादि के कारण वृक्ष पृथ्वी की सतह के नीचे दब गए और मिट्टी तथा रेत से ढक गए। पृथ्वी के अंदर उच्च दाब तथा उच्च ताप के कारण तथा वायु की अनुपस्थिति में ये दबे हुए वृक्ष धीरे-धीरे कोयले में बदल गए। वृक्षों की लकड़ी से कोयला बनने में करोड़ों वर्ष का समय लगा। कोयले के बनने के प्रक्रम को कार्बनीकरण कहते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) …………………. तथा …………………. जीवाश्म ईंधन हैं।
(ख) पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक् करने का प्रक्रम …………………. कहलाता है।
(ग) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन …………………. है।
उत्तर-
(क) कोयला, पेट्रोलियम
(ख) परिष्करण
(ग) सी० एन० जी० ।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित कथनों के सामने सत्य/असत्य लिखिए-

(क) जीवाश्म ईंधन प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
असत्य

(ख) पेट्रोल की अपेक्षा सी० एन० जी० अधिक प्रदूषक ईंधन है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
असत्य

(ग) कोक, कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
सत्य

(घ) कोलतार विभिन्न पदार्थों का मिश्रण है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
सत्य

(ङ) मिट्टी का तेल एक जीवाश्म ईंधन नहीं है। (सत्य/असत्य)
उत्तर-
असत्य।

प्रश्न 6.
समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों हैं ? ।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन, सजीवों के मृत अवशेषों से बनते हैं और इन्हें बनने में करोड़ों वर्ष लग जाते हैं। प्रकृति में जीवाश्म ईंधन के संसाधन सीमित हैं, इसलिए यह समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 7.
कोक के अभिलक्षणों और उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कोक के अभिलक्षण-

  1. यह कठोर है।
  2. यह सरंध्र युक्त है।
  3. इसका रंग काला है।
  4. यह विद्युत् और ऊष्मा का कुचालक है।

कोक के उपयोग-

  1. कृत्रिम ग्रेफाइट बनाने के काम आता है।
  2. एस्टिलीन गैस बनाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उत्पादन में सहायक है।
  3. जल-गैस और उत्पादन-गैस के उत्पादन में सहायक है।
    (क) जल-गैस कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन का समानुपाती मिश्रण है।
    (ख) उत्पादन-गैस कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन का 1 : 2 अनुपाती मिश्रण है। इसे वायु को लाल गर्म कोक से गुज़ारने पर प्राप्त करते हैं।
  4. ये कॉपर, लोहा, जिंक, लैड, टिन आदि धातुएँ के निष्कर्षण में काम आता है।
  5. यह एक अच्छा घरेलू ईंधन है क्योंकि यह जलने पर धुआँ नहीं छोड़ता।

प्रश्न 8.
पेट्रोलियम निर्माण के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर-
पेट्रोलियम का निर्माण – पेट्रोलियम समुद्र में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं की सहायता से बनता है। मृत्यु के पश्चात् ये जीव सागर की तली तक पहुँच जाते हैं और धीरे-धीरे रेत तथा मिट्टी से ढक जाते हैं। करोड़ों वर्षों बाद दाब उत्प्रेरक क्रिया तथा गर्मी के कारण हाइड्रोकार्बन में बदल जाते हैं। ये हाइड्रोकार्बन हल्के होने के कारण छिद्र-युक्त चट्टानों से रिस कर पृथ्वी की सतह की ओर तब तक आते हैं जब तक अपारगम्य चट्टानें उन्हें रोक नहीं लेतीं। इस प्रकार इन अपारगम्य चट्टानों के बीच तेल कूप बन जाते हैं। प्राकृतिक गैस तेल के ऊपर पाई जाती है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित सारणी में 1991 से 1997 तक भारत में विद्युत् की कुल कमी को दिखाया गया है। इन आँकड़ों को ग्राफ द्वारा आलेखित करिए। वर्ष में कमी-प्रतिशतता को Y-अक्ष पर तथा वर्ष को x अक्ष पर आरेखित कीजिए।

क्र०सं० वर्ष कमी (%)
1. 1991 7.9
2. 1992 7.8
3. 1993 8.3
4. 1994 7.4
5. 1995 7.1
6. 1996 9.2
7. 1997 11.5

उत्तर-
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम 1

PSEB Solutions for Class 8 Science कोयला और पेट्रोलियम Important Questions and Answers

TYPE-I
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कुछ प्राकृतिक पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
वायु, जल, मृदा, वन, खनिज आदि।

प्रश्न 2.
कुछ मानव निर्मित पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
काँच, सीमेंट, कपड़े, मकान आदि।

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प्रश्न 3.
जीवाश्म ईंधन की परिभाषा लिखें। किन्हीं तीन जीवाश्म ईंधनों के नाम लिखो।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन – वे ईंधन जो सजीवों के मृत अवशेषों से मृदा के नीचे दबने के कारण कई करोड़ वर्षों बाद प्रकृति में उत्पन्न हुए।
उदाहरण – कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि।

प्रश्न 4.
कोक कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर-
कोक, कोयले के प्रक्रमण द्वारा बनाया जाता है। जलाने पर कोयले में से गैस और दूसरे पदार्थ निकल जाते हैं और काला पदार्थ जो शेष बच जाता है, कोक कहलाता है।

प्रश्न 5.
कोयले के प्रक्रमण के उत्पाद क्या हैं ?
उत्तर-
कोयला-गैस और कोलतार।

प्रश्न 6.
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन के उत्पादों के नाम लिखिए।
उत्तर-
एसफाल्ट, पेट्रोल, डीज़ल तेल, पैराफिन मोम, स्नेहक तेल, कैरोसीन (मिट्टी का तेल)।

प्रश्न 7.
पेट्रोलियम के तीन उत्पादकों के नाम लिखो।
उत्तर-
उर्वरक, कीटनाशक, कृत्रिम रबड़।

प्रश्न 8.
क्या होगा यदि जीवाश्म ईंधनों का तीव्र गति से उपयोग हो ? कारण बताओ।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन समाप्त हो जाएंगे क्योंकि इनके निर्माण में कई हज़ार वर्ष लगते हैं।

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प्रश्न 9.
कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस किस प्रकार के ईंधन के उदाहरण हैं ?
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन के।

प्रश्न 10.
पेट्रोलियम क्या है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम गहरे रंग का गाढ़ा तेलीय द्रव है, जिसकी अप्रिय गंध है। .

प्रश्न 11.
कौन-सी चट्टानें पेट्रोलियम को संचित करती हैं ?
उत्तर-
अपारगम्य (अरंध्र) चट्टानें [Impervious (non-porous) rocks].

प्रश्न 12.
पेट्रोलियम परिष्करण के लिए कौन-सा प्रक्रम उपयोग में लाते हैं ?
उत्तर-
प्रभाजी आसवन।

प्रश्न 13.
पेट्रोलियम गैस कैसे बनती है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन दौरान यह गैस असंघनित रूप में उत्पन्न होती है।

प्रश्न 14.
बिटुमेन का क्या उपयोग है ?
उत्तर-
सड़क निर्माण में।

प्रश्न 15.
स्टोव, लैंप और जेट वायुयानों में कौन-सा तरल ईंधन उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर-
मिट्टी का तेल।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 16.
शुष्क-धुलाई (Dry-cleaning) के विलायक के रूप में पेट्रोलियम का कौन-सा संघटक उपयोग में लाया जाता है ?
उत्तर-
पेट्रोल।

प्रश्न 17.
कुछ समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधनों के नाम लिखिए।
उत्तर-
वन, वन्यजीव, खनिज, कोयला आदि।

प्रश्न 18.
अक्षय प्राकृतिक संसाधनों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वायु, जल, सूर्य प्रकाश आदि।

प्रश्न 19.
लोहार के पास कौन-सा प्राकृतिक पदार्थ पाया जाता है ?
उत्तर-
कोयला।

प्रश्न 20.
कोयले का मुख्य संघटक क्या है ?
उत्तर-
कार्बन।

प्रश्न 21.
कौन-सा प्रक्रम मृत पादपों को कोयले में परिवर्तित करता है ?
उत्तर-
कार्बनीकरण।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 22.
क्या होता है, जब कोयले को वायु में जलाया जाता है ?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड गैस की उत्पत्ति।

प्रश्न 23.
प्रक्रमण के लिए कौन-सी परिस्थिति आवश्यक है ?
उत्तर-
वायु/ऑक्सीजन की अनुपस्थिति।

प्रश्न 24.
कोयला गैस का आधुनिक उपयोग क्या है ?
उत्तर-
ऊष्मा ऊर्जा के स्रोत के रूप में।

प्रश्न 25.
भंजक आसवन ( प्रक्रमण ) क्या है ?
उत्तर-
भंजक आसवन – कोयला का वायु की अनुपस्थिति या सीमित सप्लाई में गर्म करने को भंजक आसवन कहते हैं।

प्रश्न 26.
हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
हाइड्रोकार्बन – कार्बन तथा हाइड्रोजन से निर्मित यौगिकों को हाइड्रोकार्बन कहते हैं।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 27.
पैट्रो-रसायन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पैट्रो-रसायन – पंट्रो-रसायन वे पदार्थ हैं जो पेट्रोल तथा प्राकृतिक गैस से प्राप्त होता है, ये प्रायः अपमार्जक, संश्लेषित सूत्र तथा प्लास्टिक आदि बनाने के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं।

TYPE-II
लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
समाप्त होने वाले और अक्षय प्राकृतिक संसाधनों में दो अंतर लिखिए।
उत्तर-
समाप्त होने वाले और अक्षय प्राकृतिक संसाधनों में अंतर-

समाप्त होने वाले संसाधन असीमित (अक्षय) संसाधन
(1) सीमित असीमित
(2) उपयोग करने से खत्म हो सकते हैं और दोबारा शीघ्र प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं। कभी भी खत्म नहीं हो सकते अर्थात् दोबारा प्राप्त किए जा सकते हैं।
(3) उदाहरण-वन, वन्य जीव। उदाहरण-वायु, सूर्य, ऊर्जा ।

प्रश्न 2.
भारत में पेट्रोलियम कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर-
भारत में पेट्रोलियम गुजरात और असम प्रदेशों में पाया जाता है। यह मुंबई में समुद्र तल में भी पाया गया है। इस स्थान को बांबे हाई कहते हैं। तेल गोदावरी और कावेरी (कृष्णा) नदियों के बेसिन से भी प्राप्त हुआ है।

प्रश्न 3.
पेट्रोलियम परिष्करण के मुख्य उत्पाद क्या हैं ?
उत्तर-
पेट्रोलियम के परिष्करण द्वारा प्राप्त होने वाले उत्पाद हैं-प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, नैफ्था, मिट्टी का तेल, गैसीय तेल (डीज़ल), स्नेहक तेल/मोम, ईंधन तेल और बिटुमेन।

प्रश्न 4.
कोयले के उत्पाद कौन-से हैं ?
उत्तर-
कोयले के उत्पाद – कोयला वायु की अनुपस्थिति में जलाने पर कोयला गैस, कोलतार और कोक उत्पन्न करता है। कोयला गैस एक अच्छा ईंधन है। कोलतार से महत्त्वपूर्ण रसायन जैसे बैनजीन, टोलुयीन, नैफ्थालीन, एंथरासीन आदि मिलते हैं।

प्रश्न 5.
कोयला गैस क्या है ? यह कैसे बनती है ? इसके उपयोग लिखिए।
उत्तर-
कोयला गैस, मीथेन, हाइड्रोजन और कार्बन मोनोऑक्साइड का मिश्रण है। जब कोयले को वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है तो कोयला गैस उत्पन्न होती है।

उपयोग-

  1. इसे ईंधन के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
  2. यह धातुओं के निष्कर्षण में उपयोग होती है।

प्रश्न 6.
कोयले के कुछ उपयोग दीजिए।
उत्तर-
कोयले के उपयोग-

  1. खाना बनाने के लिए ईंधन के रूप में।
  2. इंजन चलाने के लिए भाप उत्पन्न करने के लिए।
  3. उष्मण शक्ति घर में विद्युत् पैदा करने के लिए।
  4. उद्योगों में ईंधन के रूप में।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 7.
कोलतार क्या है ? इसके उपयोग लिखें।
उत्तर-
कोलतार – यह गाढ़ा काला तरल है जिसकी अप्रिय गंध है। यह लगभग 200 पदार्थों का मिश्रण है। यह पदार्थ दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली वस्तुएँ जैसे-पेंट, रंग, प्लास्टिक, चित्र, सुगंध, विस्फोटक, दवाइयाँ आदि के निर्माण का प्रारंभिक पदार्थ है।
कोलतार सड़क निर्माण में भी उपयोगी है।

प्रश्न 8.
पेट्रोलियम के कम-से-कम तीन संघटकों के नाम और उपयोग लिखिए।
उत्तर-
पेट्रोलियम के संघटक-

  1. पेट्रोल
  2. पैराफिन मोम
  3. डीज़ल।

उपयोग-

  1. पेट्रोल वाहन ईंधन और वायुयान ईंधन के रूप में उपयोग होता है। इसका शुष्क सफ़ाई में भी इस्तेमाल किया जाता है।
  2. पैराफिन मोम से दवाइयाँ, मोमबत्तियाँ, वेसलीन आदि बनाई जाती हैं।
  3. डीज़ल भारी वाहनों और विद्युत् जनरेटरों में ईंधन के रूप में उपयोग होता है।

प्रश्न 9.
प्राकृतिक स्त्रोत को परिभाषित करें।
उत्तर-
प्राकृतिक स्त्रोत – वे स्त्रोत जो प्रकृति में उपस्थित होते हैं प्राकृतिक स्त्रोत कहलाते हैं।

प्रश्न 10
आदर्श ईंधन की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर-
आदर्श ईंधन की क्या विशेषताएँ

  1. यह प्याप्त मात्रा में उपलब्ध होना चाहिए।
  2. इसकी कीमत कम होनी चाहिए।
  3. यह साफ ईंधन होना चाहिए और इससे कोई विषैली गैसों का उत्सर्जन नहीं होना चाहिए और दहन के पश्चात् कोई राख नहीं बननी चाहिए।
  4. इससे अधिक ऊर्जा प्राप्त होनी चाहिए।
  5. इसका परिवहन तथा भंडारण सुगम होना चाहिए।

प्रश्न 11.
कोयले तथा कोक में क्या अंतर है ?
उत्तर-
कोयले तथा कोक में अंतर-

कोयला कोक
1. यह कार्बन का अक्रिस्टलीय रूप है। 1. यह कार्बन का भंगुर रूप है।
2. यह पौधों के सड़ने तथा जंतुओं के मरने के बाद भूमि के नीचे दब जाने से बनता है। 2. यह सॉफ्ट कोयले को वायु की अनुपस्थिति या सीमित सप्लाई में गर्म करने से प्राप्त होता है।

TYPE-III
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जीवाश्म ईंधन क्या है ? ये कैसे बनते हैं ? यह नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत क्यों हैं ?
उत्तर-
पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, कोयला आदि जीवाश्म ईंधन की मुख्य किस्में हैं।

जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) और उनका निर्माण – जीव-जंतु तथा पौधे के अवशेष पृथ्वी के नीचे दब जाते हैं जो धीरे-धीरे तलछटी परतों के बीच इकट्ठे होते रहते हैं। इस तरह उन्हें ऑक्सीजन नहीं पहुँचती। तलछटों के नीचे इनका न तो ऑक्सीकरण होता है तथा न ही विघटन, परंतु तलछट के भार के कारण इनके बीच का जल तथा वाष्पशील पदार्थ निचुड़ कर बाहर आ जाता है। इन पदार्थों को जीवाश्म ईंधन कहते हैं।

नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत के रूप में – जीवाश्मी ईंधन आज से लाखों-करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी की सतह पर होने वाले परिवर्तनों के परिणामस्वरूप बने थे। भौगोलिक और वातावरणीय परिवर्तनों के कारण जीव-जंतु और पेड़पौधे मिट्टी की सतह की नीचे दब गए थे। पृथ्वी तल के दबाव और भीतरी गर्मी के कारण वे जीवाश्मी ईंधनों में परिवर्तित हो गए थे। मनुष्य इसे अपने उपयोग के लिए भूमि के नीचे से प्राप्त करते हैं। प्रयोग के बाद इन्हें पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसलिए इन्हें अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत माना जाता है।

PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम

प्रश्न 2.
कोयले और पेट्रोलियम के निर्माण का वर्णन करें।
उत्तर-
(क) कोयले का निर्माण-
मृत वनस्पति से कोयले की उत्पत्ति – कोयला उन वृक्षों के विघटन से बना है जो आज से करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी के अंदर दब गए थे। ऐसा विचार है कि करोड़ों वर्ष पहले भूकंप तथा ज्वालामुखी इत्यादि के कारण वृक्ष पृथ्वी की सतह के नीचे दब गए और मिट्टी तथा रेत से ढक गए। पृथ्वी के अंदर उच्च दाब तथा उच्च ताप के कारण तथा वायु की अनुपस्थिति में ये दबे हुए वृक्ष धीरे-धीरे कोयले में बदल गए। वृक्षों की लकड़ी से कोयला बनने में करोड़ों वर्ष का समय लगा। कोयले के बनने के प्रक्रम को कार्बनीकरण कहते हैं।

(ख) पेट्रोलियम का निर्माण – पेट्रोलियम समुद्र में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं की सहायता से बनता है। मृत्यु के पश्चात् ये जीव सागर की तली तक पहुँच जाते हैं और धीरे-धीरे रेत तथा मिट्टी से ढक जाते हैं। करोड़ों वर्षों के पश्चात दाब, उत्प्रेरक क्रिया तथा गर्मी के कारण हाइड्रोकार्बन में बदल जाते हैं। ये हाइड्रोकार्बन हल्के होने के कारण छिद्र-युक्त चट्टानों से रिस कर पृथ्वी की सतह की ओर तब तक आते हैं जब तक अपारगम्य चट्टानें उन्हें रोक नहीं लेतीं। इस प्रकार इन अपारगम्य चट्टानों के बीच तेल कूप बन जाते हैं।
PSEB 8th Class Science Solutions Chapter 5 कोयला और पेट्रोलियम 2

प्रश्न 3.
पेट्रोलियम क्या है ? यह कैसे मिलता है ? इसे बाहर (mining) कैसे निकाला जाता है ?
उत्तर-
पेट्रोलियम – यह गाढ़ा, काले रंग का अप्रिय गंध वाला तेलीय द्रव है। यह कई ठोस, तरल और गैस पदार्थों का मिश्रण है। इसमें पानी, लवण और मृदा के कण मिले होते हैं।

पेट्रोलियम की प्राप्ति – पेट्रोलियम धरती के अंदर दो अपारगामी चट्टानों के बीच पाया जाता है। प्राकृतिक गैस इसके ऊपर पाई जाती है।

चट्टानों को बेधित करके पेट्रोलियम प्राप्त किया जाता है। जब बेधन किया जाता है तो पेट्रोलियम के ऊपर की प्राकृतिक गैस दबाव के साथ बाहर आ जाती है। दबाव के कारण तेल स्वयं बाहर आता है। प्राकृतिक गैस समाप्त होने के बाद इसे पंप की सहायता से निकाला जाता है।