PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 11 वस्त्र धोने के लिए सामान

Punjab State Board PSEB 9th Class Home Science Book Solutions Chapter 11 वस्त्र धोने के लिए सामान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Home Science Chapter 11 वस्त्र धोने के लिए सामान

PSEB 9th Class Home Science Guide वस्त्र धोने के लिए सामान Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
वस्त्र धोने में प्रयोग होने वाले सामान को कितने भागों में बांटा जा सकता है?
उत्तर-

  1. स्टोर करने के लिए सामान
  2. वस्त्र धोने के लिए सामान
  3. वस्त्र सुखाने के लिए सामान
  4. वस्त्र इस्तरी करने के लिए सामान।

प्रश्न 2.
वस्त्र संग्रह करने के लिए हमें क्या-क्या सामान चाहिए?
उत्तर-
इसके लिए हमें अलमारी, लांडरी बैग अथवा गंदे वस्त्र रखने के लिए टोकरी की ज़रूरत होती है। मर्तबान तथा प्लास्टिक के डिब्बे भी आवश्यक होते हैं।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 11 वस्त्र धोने के लिए सामान

प्रश्न 3.
वस्त्र धोने के लिए हम पानी कहां से प्राप्त करते हैं?
उत्तर-
वस्त्र धोने के लिए वर्षा का पानी, दरिया का पानी, चश्मे का पानी तथा कुएं आदि स्रोतों से पानी प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
हल्के और भारी पानी में क्या अन्तर है?
उत्तर

भारी पानी हल्का पानी
(1) इसमें अशुद्धियां होती हैं। (1) इसमें अशुद्धियां नहीं होती।
(2) इसमें साबुन की झाग नहीं बनती। (2) इसमें आसानी से साबुन की झाग बन जाती है।

प्रश्न 5.
भारी पानी को हल्का कैसे बनाया जा सकता है?
उत्तर-
भारी पानी को उबाल कर तथा चूने के पानी से मिलाकर हल्का बनाया जा सकता है अथवा फिर कास्टिक सोडा अथवा सोडियम बाइकार्बोनेट से प्रक्रिया करके इसको हल्का बनाया जाता है।

प्रश्न 6.
स्थाई और अस्थाई भारी पानी में क्या अन्तर हैं ?
उत्तर-

अस्थाई भारी पानी स्थाई भारी पानी
(1) इसमें कैल्शियम तथा मैग्नीशियम क्लोराइड तथा सल्फेट घुले होते हैं। (1) इसमें कैल्शियम तथा मैग्नीशियम के लवण होते हैं।
(2) इसको उबालकर तथा चूने के पानी से मिलाकर हल्का बनाया जाता है। (2) कास्टिक सोडा अथवा सोडियम बाइ-कार्बोनेट से प्रक्रिया करके छानकर इसको हल्का बनाया जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 7.
वस्त्रों की धुलाई में पानी का क्या महत्त्व है?
उत्तर-

  1. पानी को विश्वव्यापी घोलक कहा जाता है। इसलिए वस्त्रों पर लगे दाग तथा मिट्टी आदि पानी में घुल जाते हैं तथा वस्त्र साफ़ हो जाते हैं।
  2. पानी वस्त्र को गीला करके अन्दर तक चला जाता है तथा उसको साफ़ कर देता है।

प्रश्न 8.
पानी के स्त्रोत के आधार पर पानी का वर्गीकरण कैसे करोगे?
उत्तर-
पानी के स्रोत के आधार पर पानी का वर्गीकरण निम्नलिखित ढंग से किया जा सकता है

  1. वर्षा का पानी-यह पानी का सबसे शुद्ध रूप होता है। यह हल्का पानी होता है, परन्तु हवा की अशुद्धियां इसमें घुली होती हैं। इसको वस्त्र धोने के लिये प्रयोग किया जा सकता है।
  2. दरिया का पानी-पहाड़ों की बर्फ पिघल कर दरिया बनते हैं। जैसे-जैसे यह पानी मैदानी इलाकों में आता रहता है इसमें अशुद्धियों की मात्रा बढ़ती रहती है तथा पानी गंदा सा हो जाता है। यह पानी पीने के लिए ठीक नहीं होता, परन्तु इससे वस्त्र धोए जा सकते हैं।
  3. चश्मे का पानी-धरती के नीचे इकट्ठा हुआ पानी किसी कमज़ोर स्थान से बाहर निकल आता है, इसको चश्मा कहते हैं। इस पानी में कई खनिज लवण घुले होते हैं इसको कई बार दवाई के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। वस्त्र धोने के लिए यह पानी ठीक है।
  4. कुएँ का पानी-धरती को खोदकर जो पानी बाहर निकलता है वह पानी पीने के लिए ठीक होता है। इसको कुएँ का पानी कहते हैं। इससे वस्त्र धोए जा सकते हैं।
  5. समुद्र का पानी-इस पानी में काफ़ी अधिक अशुद्धियां होती हैं। यह पीने के लिए तथा वस्त्र धोने के लिए भी ठीक नहीं होता।

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प्रश्न 9.
वस्त्र धोने के लिए पानी के अतिरिक्त अन्य कौन-कौन सा सामान चाहिए?
उत्तर-
वस्त्र धोने के लिए पानी के अतिरिक्त साबुन, टब, बाल्टियां, चिल्मचियां, मग, रगड़ने वाला ब्रुश तथा फट्टा, पानी गर्म करने वाली देग, वस्त्र धोने वाली मशीन, सक्शन वाशर आदि सामान ज़रूरत होती है।

प्रश्न 10.
वस्त्र सुखाने के लिए क्या-क्या सामान चाहिए? महानगरों और फ्लैटों में रहने वाले लोग वस्त्र कैसे सखाते हैं?
उत्तर-
वस्त्रों को सुखाने के लिए प्राकृतिक धूप तथा हवा की ज़रूरत होती है। परन्तु अन्य सामान जिसकी ज़रूरत होती है, वह है

  1. रस्सी अथवा तार,
  2. क्लिप तथा हैंगर
  3. वस्त्र सुखाने वाला रैक,
  4. वस्त्र सुखाने के लिए बिजली की कैबिनेट।

बड़े शहरों में फ्लैटों में रहने वाले लोग कपड़ों को सुखाने के लिए रैकों का प्रयोग करते हैं। ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन की सहायता भी ली जा सकती है।

प्रश्न 11.
वस्त्र सुखाने के लिए क्या-क्या सामान चाहिए? हमारे देश में वस्त्र सुखाने के लिए कौन-सा ढंग अपनाया जाता है?
उत्तर-
वस्त्र धोने के लिए सामान-देखें प्रश्न 10 का उत्तर।
हमारे देश में साधारणतः घर खुले से होते हैं। छतों अथवा चौबारों पर जहां धूप आती हो रस्सियां अथवा तारों को ठीक ऊंचाई पर बांधकर इन पर वस्त्र सुखाने के लिए लटकाये जाते हैं।
बड़े शहरों में जहां घर खुले नहीं होते तथा लोग फ्लैटों में रहते हैं, वस्त्रों को रैकों पर सुखाया जाता है।
आजकल वाशिंग मशीनों का प्रयोग तो हर कहीं होने लगा है। इनके साथ भी वस्त्र सुखाये जा सकते हैं।

प्रश्न 12.
वस्त्रों को इस्तरी करना क्यों ज़रूरी है और कौन-कौन से सामान की आवश्यकता पड़ती है?
उत्तर-
वस्त्र धोकर जब सुखाये जाते हैं, इनमें कई सिलवटें पड़ जाती हैं तथा वस्त्र की दिखावट बुरी-सी हो जाती है। कपड़ों को प्रैस करके इनकी सिलवटें आदि तो निकल ही जाती हैं साथ ही वस्त्र में चमक भी आ जाती है तथा वस्त्र साफ़-सुथरा लगता है।
वस्त्र प्रैस करने के लिए निम्नलिखित सामान की ज़रूरत पड़ती है
बिजली अथवा कोयले से चलने वाली प्रैस, प्रेस करने के लिए फट्टा आदि।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 13.
धुलाई के लिए प्रयोग होने वाले सही सामान के चयन से समय और श्रम की बचत कैसे होती है?
उत्तर-
धुलाई के लिए प्रयोग होने वाला सामान इस तरह है

  1. स्टोर करने के लिए सामान
  2. वस्त्र धोने के लिए सामान
  3. वस्त्र सुखाने के लिए सामान
  4. वस्त्र प्रैस करने के लिए सामान।

जब धोने वाले वस्त्र पहले ही इकट्ठे करके एक अल्मारी अथवा टोकरी आदि में रखे जाएं जो कि धोने वाले स्थान के नज़दीक रखी हो तो वस्त्र धोते समय सारे घर से विभिन्न कमरों से पहले वस्त्र इकट्ठे करने का समय बच जाता है। यह आदत गृहिणी को सारे घर के सदस्यों को डालनी चाहिए कि जो भी धोने वाला कपड़ा हो उसे इस काम के लिए बनाई अलमारी अथवा टोकरी में रखें।

घर में साबुन, डिटर्जेंट, नील, ब्रुश आदि आवश्यक सामान पहले ही मौजूद होना चाहिए। इस तरह नहीं होना चाहिए कि उधर से वस्त्र धोने आरम्भ कर लिये जाएं तथा बाद में पता चले घर में तो साबुन अथवा कोई अन्य आवश्यक सामान नहीं है। इस तरह समय तथा मेहनत दोनों नष्ट होते हैं।

धोने के लिए पानी भी हल्का ही प्रयोग करना चाहिए क्योंकि भारी पानी में साबुन की झाग नहीं बनती तथा वस्त्र अच्छी तरह नहीं निखरते। इसलिए पानी को गर्म करके अथवा अन्य तरीके से पानी को हल्का बना लेना चाहिए। वस्त्र सुखाने का भी ठीक प्रबन्ध होना चाहिए। रस्सियों आदि को अच्छी तरह बांधना चाहिए तथा कपड़ों पर क्लिप आदि लगा लेने चाहिए ताकि हवा चले तो वस्त्र उड़ न जाएं। यदि रैक हैं तो इन्हें पहले ही खोल लेना चाहिए। इस तरह विभिन्न आवश्यक सामान पहले ही इकट्ठा किया हो तो समय तथा मेहनत की त्चत हो जाती है।

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प्रश्न 14.
वस्त्र धुलाई के समान को किन-किन भागों में बांटा जा सकता है?
उत्तर-
स्टोर करने के लिए सामान-

  1. अलमारी-धोने वाले कमरे के नज़दीक अलमारी होनी चाहिए जिसमें साबुन, नील, मावा, रीठे, दाग उतारने वाला सामान आदि होना चाहिए।
  2. लाऊण्डरी बैग अथवा वस्त्र रखने के लिए टोकरी-इसमें घर के गंदे वस्त्र रखे जाते हैं।
  3. मर्तबान तथा प्लास्टिक के डिब्बे-रीठे, दाग उतारने का सामान, नील, डिटर्जेंट आदि इनमें रखा जाता है।

वस्त्र धोने के लिए सामान-

  1. पानी-पानी एक विश्वव्यापी घोलक है। इसमें सभी तरह की मैल घुल जाती है तथा इस तरह इसका कपड़ों की धुलाई में महत्त्वपूर्ण स्थान है। पानी को विभिन्न स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है। वर्षा का पानी, दरिया का पानी, चश्मे का पानी, कुएँ के पानी का प्रयोग वस्त्र धोने के लिए किया जा सकता है।
  2. साबुन-वस्त्र धोने के लिए कई सफ़ाईकारी पदार्थ, साबुन तथा डिटर्जेंट मिलते हैं। वस्त्र साफ़ करने में इनका बड़ा महत्त्वपूर्ण स्थान है।
  3. टब तथा बाल्टियां- इनमें वस्त्र भिगोकर रखे, धोये तथा खंगाले जाते हैं। यह लोहे, प्लास्टिक अथवा पीतल के होते हैं। इनमें नील देने, रंग देने तथा मावा देने का भी कार्य किया जाता है।
    PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 11 वस्त्र धोने के लिए सामान (1)
  4. चिल्मचियां तथा मग-इनमें नील, मावा आदि देने का कार्य किया जाता है। यह प्लास्टिक, तामचीनी तथा पीतल आदि के होते हैं।
  5. लकड़ी का चम्मच तथा डण्डा-इससे नील अथवा मावा घोलने का कार्य किया जाता है। चद्दरें, खेस आदि को डण्डे अथवा थापी से पीट कर साफ़ किया जाता है।
  6. हौदी-धुलाई वाले कमरे में पानी की टूटी के नीचे सीमेंट की हौदी बनी हई होनी चाहिए। इससे काम आसान हो जाता है। हौदी के दोनों ओर सीमेंट अथवा लकड़ी के फट्टे लगे होने चाहिएं ताकि धोकर वस्त्र इन पर रखे जा सकें। इनकी ढलान हौदी की ओर होनी चाहिए।
  7. रगड़ने वाला ब्रुश तथा फट्टा-प्लास्टिक के ब्रुशों का प्रयोग वस्त्र के अधिक मैले हिस्से को रगड़कर मैल उतारने के लिए किया जाता है। फट्टा लकड़ी, स्टील अथवा जस्त का बना होता है। इस पर रखकर वस्त्र को रगड़कर मैल निकाली जाती है।
    PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 11 वस्त्र धोने के लिए सामान (2)
  8. गर्म पानी-वस्त्र धोने के लिए या तो बिजली के बायलर में पानी गर्म किया जाता है या फिर आग के सेक से बर्तन में डालकर पानी गर्म किया जाता है।
  9. वस्त्र धोने वाली मशीन-इससे समय तथा. शक्ति दोनों की बचत होती, अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार इसको खरीदा जा सकता है।
  10. सक्शन वाशर-भारी, ऊनी, कम्बल, साड़ियां तथा अन्य वस्त्र इसके प्रयोग से आसानी से धोए जा सकते हैं।
    PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 11 वस्त्र धोने के लिए सामान (3)

वस्त्र सुखाने के लिए सामान — वस्त्रों को धोने के पश्चात् साधारणतः प्राकृतिक धूप तथा हवा में सुखाया जाता है। अन्य आवश्यक सामान इस तरह हैं —

  1. रस्सी अथवा तार-रस्सी को अथवा तार को खींचकर खूटियों तथा खम्बों में बांधा जाता है। रस्सी नायलॉन, सन अथवा सूत की हो सकती है। जंग रहित लोहे की तार भी हो सकती है।
  2. क्लिप तथा हैंगर-वस्त्र तार पर लटका कर क्लिप लगा दी जाती है ताकि हवा चलने पर वस्त्र नीचे गिरकर खराब न हो जाएं। बढ़िया किस्म के वस्त्र हैंगर में डालकर सुखाए जा सकते हैं।
  3. वस्त्र सुखाने वाले रैक-बरसातों में अथवा बड़े शहरों में जहां लोग फ्लैटों में रहते हैं वहां रैकों पर वस्त्र सुखाये जाते हैं । यह एल्यूमीनियम अथवा लकड़ी के हो सकते हैं। इन्हें फोल्ड करके सम्भाला भी जा सकता है।
    PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 11 वस्त्र धोने के लिए सामान (4)
  4. वस्त्र सुखाने के लिए बिजली की कैबिनेट-विकसित देशों में प्रायः इसका प्रयोग होता है। खासकर जहां अधिक ठण्ड अथवा वर्षा होती है उन देशों में इनका प्रयोग साधारण है।
    इनके अतिरिक्त ऑटोमैटिक वाशिंग मशीनों से भी वस्त्र सुखाये जा सकते हैं।
    PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 11 वस्त्र धोने के लिए सामान (5)

वस्त्र प्रैस करने वाला सामान —

  1. प्रेस-वस्त्र प्रैस करने के लिए बिजली अथवा कोयले वाली प्रेस का प्रयोग किया जाता है। प्रैस लोहे, पीतल तथा स्टील की मिलती है।
  2. प्रैस करने वाला फट्टा — यह लकड़ी का होता है, फट्टे के स्थान पर बैंच अथवा मेज आदि का भी प्रयोग किया जा सकता है । इस पर एक कम्बल बिछा कर ऊपर पुरानी चादर बिछा लेनी चाहिए।
    PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 11 वस्त्र धोने के लिए सामान (6)

प्रश्न 15.
वस्त्र धोने के लिए पानी कहां से प्राप्त किया जा सकता है और क्यों? कैसा पानी वस्त्र धोने के लिए उपयुक्त नहीं और क्यों?
उत्तर-
देखो प्रश्न 8 का उत्तर।
समुद्र के पानी का प्रयोग वस्त्र धोने के लिए नहीं किया जा सकता क्योंकि इसमें बहुत सारी अशुद्धियां मिली होती हैं।

Home Science Guide for Class 9 PSEB वस्त्र धोने के लिए सामान Important Questions and Answers

वस्तुनिक प्रश्न

रिक्त स्थान भरें-

  1. पानी घोलक है।
  2. हल्के पानी में …………….. की झाग शीघ्र बनती है।
  3. …………….. पानी में बहुत-सी अशुद्धियां होती हैं।
  4. स्रोत के आधार पर पानी को …………………. किस्मों में बांटा गया है।
  5. ……………… भारी पानी में कैल्शियम क्लोराइड होता है।

उत्तर-

  1. यूनिवर्सल,
  2. साबुन,
  3. समुद्र के,
  4. पांच,
  5. स्थायी।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
भारे पानी में कौन-से लवण होते हैं?
उत्तर-
कैल्शियम तथा मैग्नीशियम के लत्रण।

प्रश्न 2.
स्वाद के अनुसार पानी कितने प्रकार का है?
उत्तर-
दो प्रकार का।

प्रश्न 3.
फ्लैटों में रहने वाले लोग कपड़े कहां सुखाते हैं?
उत्तर-
रैकों में।

प्रश्न 4.
साबुन को क्या कहा जाता है?
उत्तर-
सफाईकारी।

प्रश्न 5.
बिजली की कैबिनेट का प्रयोग कपड़े सुखाने के लिए किन देशों में हो रहा
उत्तर-
विकसित देशों में।

ठीक ग़लत बताएं

  1. लांडरी बैग में धोने वाले कपड़े एकत्र किए जाते हैं।
  2. पानी एक विश्वव्यापी घोलक है।
  3. पानी दो प्रकार का होता है हल्का तथा भारी।
  4. हल्के पानी में साबुन की झाग नहीं बनती।
  5. समुद्र का पानी पीने के लिए तथा कपड़े धोने के लिए ठीक नहीं होता।
  6. कपड़ों को धूप में सुखाना ठीक है।

उत्तर-

  1. ठोक,
  2. ठीक,
  3. ठीक,
  4. ग़लत,
  5. ठीक,
  6. ठीक।

बहविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धुलाई के लिए प्रयोग होने वाला सामान है
(A) स्टोर करने वाला
(B) कपड़े धोने वाला
(C) कपड़े सुखाने वाला
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

प्रश्न 2.
कपड़े धोने के लिए सामान है
(A) पानी
(B) साबुन
(C) टब, बाल्टियां
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
ठीक तथ्य हैं
(A) फ्लैटों में रहने वाले रैकों पर कपड़े सुखाते हैं
(B) धूप में कपड़े सुखाना अच्छा है
(C) समुद्र के पानी से कपड़े नहीं धो सकते
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धोबी को वस्त्र देने के क्या नुकसान हैं?
उत्तर-

  1. धोबी कई बार वस्त्र साफ़ करने के लिए ऐसी विधियों का प्रयोग करता है जिससे वस्त्र जल्दी फट जाते हैं अथवा फिर कमजोर हो जाते हैं।
  2. कई बार वस्त्रों के रंग खराब हो जाते हैं।
  3. छूत की बीमारियां होने का भी डर रहता है।
  4. धोबी से वस्त्र धुलाना महंगा पड़ता है।

प्रश्न 2.
जल चक्र क्या है?
उत्तर-
प्राकृतिक रूप में पानी कुओं, चश्मों, दरियाओं तथा समुद्रों में से मिलता है। धरती पर सूर्य की धूप से यह पानी भाप बनकर उड़ जाता है तथा वायुमण्डल में जलवाष्प के रूप में इकट्ठा होता रहता है तथा बादलों का रूप धारण कर लेता है। जब यह भारी हो जाते हैं तो वर्षा, ओलों तथा बर्फ के रूप में पानी दुबारा धरती पर आ जाता है। यह पानी शुरू से दरियाओं द्वारा होता हुआ समुद्र में मिल जाता है। तथा यह चक्र इसी तरह चलता रहता है।

प्रश्न 3.
स्वादानुसार पानी का वर्गीकरण कैसे किया गया है?
उत्तर-
स्वादानुसार पानी दो तरह का होता है-

  1. मीठा अथवा हल्का पानी-इस पानी का स्वाद मीठा होता है।
  2. खारा पानी-यह पानी स्वाद में नमकीन-सा होता है।

प्रश्न 4.
पानी का वर्गीकरण अशुद्धियों के अनुसार किस प्रकार किया गया है?
उत्तर-
अशुद्धियों के अनुसार पानी दो प्रकार का है

  1. हल्का पानी-इसमें अशुद्धियां नहीं होतीं तथा यह पीने में स्वादिष्ट होता है। इसमें साबुन की झाग भी शीघ्र बनती है।
  2. भारी पानी-इसमें कैल्शियम तथा मैग्नीशियम के लवण घुले होते हैं। यह साबुन से मिलकर झाग नहीं बनाता। यह भी दो तरह का होता है अस्थाई भारी पानी तथा स्थाई भारी पानी।

प्रश्न 5.
वस्त्र धोने के लिए थापी अथवा डण्डे का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए? वस्त्र धोने वाला फट्टा क्या होता है?
उत्तर-
थापी का अधिक प्रयोग किया जाये तो कई बार वस्त्र फट जाते हैं, वस्त्र धोने वाला फट्टा स्टील अथवा लकड़ी का बना होता है। इस पर रखकर वस्त्रों को साबुन लगाकर रगड़ा जाता है। इस तरह वस्त्र से मैल उतर जाती है।

प्रश्न 6.
आप वस्त्र सुखाने के लिए लोहे के तार का प्रयोग करोगे अथवा नाइलॉन की रस्सी का?
उत्तर-
वैसे तो दोनों का प्रयोग किया जा सकता है परन्तु लोहे की तार को जंग लग जाता है जिससे वस्त्र पर दाग पड़ जाते हैं। इसलिए नाइलॉन की रस्सी अधिक उपयुक्त रहेगी।

वस्त्र धोने के लिए सामान PSEB 9th Class Home Science Notes

  • घर में वस्त्र कपड़े धोने के लिए कई तरह का सामान चाहिए।
  • वस्त्र धोने का सामान अपनी आर्थिक हालत अनुसार तथा आवश्यकतानुसार ही लो।
  • लाऊण्डरी बैग में धोने वाले वस्त्र इकट्ठे किये जाते हैं।
  • पानी एक विश्वव्यापी घोलक है, इसमें साधारणतः प्रत्येक प्रकार की मैल घुल जाती है।
  • पानी प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्रोत हैं। वर्षा, दरिया, कुएं, चश्मे तथा समुद्र का पानी।
  • समुद्र का पानी वस्त्र धोने के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
  • पानी दो तरह का होता है-हल्का तथा भारी।
  • हल्के पानी में साबुन की झाग शीघ्र बनती है।
  • भारी पानी स्थाई तथा अस्थाई दो तरह का होता है। अस्थाई भारे पानी को उबाल कर हल्का किया जा सकता है।
  • साबुनों को सफ़ाईकारी कहा जाता है। यह चर्बी तथा खारों के मिश्रण से बनता
  • टब, बाल्टियां, चिल्मचियां आदि का प्रयोग नील देने, मावा देने, वस्त्र भिगोने, खंगालने आदि के लिए किया जाता है।
  • फ्लैटों में रहने वाले लोग वस्त्र सुखाने के लिए रैकों का प्रयोग करते हैं।
  • विकसित देशों में वस्त्र सुखाने के लिए बिजली की कैबिनेट का प्रयोग किया जाता है।
  • वस्त्र को साफ़-सुथरी, चमकदार, सिलवट रहित दिखावट प्रदान करने के लिए इस्तरी किया जाता है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 4 घरेलू सफ़ाई

Punjab State Board PSEB 9th Class Home Science Book Solutions Chapter 4 घरेलू सफ़ाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Home Science Chapter 4 घरेलू सफ़ाई

PSEB 9th Class Home Science Guide घरेलू सफ़ाई Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
घर की सफाई में किस प्रकार का सामान प्रयोग में आता है ?
उत्तर-
घर की सफाई के लिए पांच प्रकार के सामान का प्रयोग होता हैपोचा तथा पुराने कपड़े, झाड़ तथा ब्रुश, बर्तन, सफाई के लिए साबुन तथा अन्य प्रतिकारक, सफाई करने वाले यन्त्र।

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प्रश्न 2.
सफाई करने के कौन-कौन से ढंग हैं ?
उत्तर-
सफाई विभिन्न ढंगों से की जाती है जैसे-झाड़ तथा ब्रुश से, पानी से धोना, कपड़े से झाड़कर पोंछना, बिजली की मशीन (वैक्यूम क्लीनर) से।

प्रश्न 3.
दैनिक सफाई और मासिक सफाई में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
दैनिक सफाई-प्रतिदिन की जाने वाली सफाई को दैनिक सफाई कहते हैं। रोजाना सफाई में प्रत्येक कमरे में झाड़-पोचा लगाया जाता है।
मासिक सफाई- यह सफाई महीने बाद तथा महीने में एक बार की जाती है। जैसेरसोई तथा अल्मारियों की सफाई आदि।

प्रश्न 4.
वैक्यूम क्लीनर कैसा उपकरण है ?
उत्तर-
यह एक बिजली से चलने वाली मशीन है। जब इसको बिजली से जोड़कर सफाई करने वाले स्थान पर चलाया जाता है तो सारी मिट्टी आदि इसके अन्दर खींची जाती है तथा एक थैली में इकट्ठी हो जाती है। यह मशीन प्रयोग करने से धूल नहीं उड़ती तथा सफाई भी अच्छी तरह से हो जाती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
घर की सफाई क्यों ज़रूरी होती है ?
उत्तर-

  1. सफाई करने से घर साफ तथा सुन्दर लगता है जो कि गृहिणी की सुघड़ता का सूचक होता है।
  2. गन्दे घर की हवा दूषित होती है जिसमें सांस लेने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। सफाई करने से घर की हवा भी साफ हो जाती है।
  3. अधिक समय गन्दा रखने से घर का सामान जल्दी खराब हो जाता है। गन्दी जगह पर बैठने को किसी का मन नहीं करता।
  4. गन्दे घर में कई प्रकार के कीटाणु, मक्खी, मच्छर आदि पैदा होते हैं जो कई तरह की बीमारियां फैलाते हैं।

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प्रश्न 6.
घर की सफाई करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
घर की सफाई के समय ध्यान में रखने योग्य महत्त्वपूर्ण बातें

  1. घर के सभी सदस्यों को घर की सफाई के प्रति दिलचस्पी होनी चाहिए। क्योंकि सदस्यों को घर की सफाई के दौरान सभी सदस्यों का सहयोग अनिवार्य होता है।
  2. सफाई करने से पहले योजना बना लेनी चाहिए क्योंकि बिना योजना से की जाने वाली सफाई में अधिक समय खराब होता है।
  3. सफाई करते समय ज़रूरत का सारा सामान एक जगह पर इकट्ठा कर लेना चाहिए।
  4. सफाई के साधनों का प्रयोग करने के पश्चात् उन्हें फिर से साफ करके रख लेना चाहिए ताकि वह दोबारा प्रयोग में लाए जा सके जैसे पॉलिश करने के पश्चात् ब्रुश मिट्टी के तेल से साफ करके सम्भाल लेना चाहिए ताकि वह दोबारा प्रयोग किया जा सके।
  5. सफाई करते समय ठीक प्रकार की सामग्री का प्रयोग करना चाहिए। इससे सफाई भी ठीक ढंग से होती है तथा समय तथा शक्ति की भी बचत होती है।
  6. सफाई सही ढंग तथा ध्यान से करनी चाहिए। लापरवाही से की गई सफाई घर को साफ बनाने के स्थान पर और भी बदसूरत बना देती है।

प्रश्न 7.
घर की सफाई करने के लिए कौन-कौन सा सामान चाहिए ?
उत्तर-
घर की सफाई के लिए सामान का विवरण इस प्रकार है –

  1. पोचा तथा पुराने कपड़े-दरवाजे, खिड़कियां झाड़ने के लिए चारों तरफ से उलेडा हुआ मोटा कपड़ा चाहिए। फर्श की सफाई के लिए खद्दर, टाट, खेस के टुकड़े को पोचे के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है। पॉलिश करने तथा चीज़ों को चमकाने के लिए फ्लालेन आदि जैसे कपड़े की ज़रूरत है। शीशे की सफाई के लिए पुराने सिल्क के कपड़े का प्रयोग किया जा सकता है।
  2. झाड़ तथा ब्रश-विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग ब्रश मिल जाते हैं। कालीन तथा दरी साफ करने के लिए सख्त ब्रुश, बोतलें साफ करने के लिए लम्बा तथा नर्म ब्रुश, रसोई की हौदी साफ करने के लिए छोटा पर साफ ब्रुश, फर्श साफ करने के लिए तीलियों का ब्रुश आदि । इसी तरह सूखा कूड़ा इकट्ठा करने के लिए नर्म झाड़ तथा फर्शों की धुलाई के लिए बांसों वाला झाड़ आदि मिल जाते हैं।
  3. सफाई के लिए बर्तन-रसोई में सब्जियों आदि के छिलके डालने के लिए ढक्कन वाला डस्टबिन तथा अन्य कमरों में प्लास्टिक के डिब्बे अथवा टोकरियां रखनी चाहिएं। इन्हें रोज़ खाली करके दोबारा इनके स्थान पर रख देना चाहिए।
  4. सफाई के लिए साबुन आदि-सफाई करने के लिए साबुन, विम सोडा, नमक, सर्फ, पैराफिन आदि की ज़रूरत होती है। दाग-धब्बे दूर करने के लिए नींबू, सिरका, हाइड्रोक्लोरिक तेज़ाब आदि की ज़रूरत होती है। कीटाणु समाप्त करने के लिए फिनाइल तथा डी० डी० टी० आदि की ज़रूरत होती है।
  5. सफाई करने वाले उपकरण-वैक्यूम क्लीनर एक ऐसा उपकरण है जिससे फर्श, सोफे, गद्दियां आदि से धूल तथा मिट्टी साफ की जा सकती है। यह बिजली से चलता है।

प्रश्न 8.
सफाई करने के कौन-कौन से ढंग हैं ?
उत्तर-
सफाई विभिन्न ढंगों से की जा सकती है जैसे-झाड़ तथा ब्रुश -से, पानी से धोकर, कपड़े से झाड़ कर पोंछना, बिजली की मशीन से।
सीमेंट, चिप्स, पत्थर आदि वाले फर्श की सफाई झाड से की जाती है जबकि घास तथा कालीन के लिए तीलियों वाला झाड़ का प्रयोग किया जाता है।
बाथरूम तथा रसोई को रोज़ धोकर साफ किया जाता है।
घर के साजो-सामान पर पड़ी धूल-मिट्टी को कपड़े से झाड़-पोंछ कर साफ किया जाता
है।

प्रश्न 9.
सफाई करने के लिए क्या बिजली की कोई मशीन है ? यदि हां, तो कौन-सी और कैसे प्रयोग में लाई जाती है ?
उत्तर-
बिजली से चलने वाली सफाई मशीन वैक्यूम क्लीनर है। इससे फर्श, पर्दे, दीवारें, सोफा, दरियां, फर्नीचर, कालीन आदि साफ किये जा सकते हैं।
यह एक ऊंचे हैण्डल वाली मोटर है। इसमें एक थैली लगी होती है। जब इसको चलाया जाता है तो सारी मिट्टी इसमें चली जाती है। यह मिट्टी थैली में इकट्ठी हो जाती है। सफाई कर लेने के पश्चात् थैली को उतार कर झाड़ लिया जाता है। इस मशीन के प्रयोग से मिट्टी नहीं उड़ती तथा सफाई भी अच्छी होती है।

प्रश्न 10.
सफाई करने के लिए कौन-कौन से झाड़ और ब्रुश की ज़रूरत पड़ती
उत्तर-

1. ब्रुश-सफाई के लिए कई तरह के ब्रुशों का प्रयोग किया जाता है। ब्रुश खरीदने के लिए एक विशेष बात का ध्यान रखें कि उसे किस चीज़ की सफाई के लिए प्रयोग करना है। कालीन तथा दरी साफ करने के लिए सख्त ब्रुश, रसोई की हौदी साफ करने के लिए छोटा परन्तु सख्त ब्रुश, दीवारें साफ करने के लिए नर्म ब्रुश, फर्श को साफ करने के लिए तीलियों का ब्रुश, बोतलें साफ करने के लिए लम्बा तथा नर्म ब्रुश, छोटी वस्तुएं साफ करने के लिए दांतों वाले ब्रुश, फर्श से काई उतारने के लिए तारों वाले सख्त ब्रुश की ज़रूरत होती है। फर्नीचर की पॉलिश करने के लिए नर्म ब्रुश का प्रयोग किया जाता है। दीवारों पर सफेदी करने के लिए मूंजी की कूची तथा दरवाजे, खिड़कियां तथा अल्मारियों को पेंट अथवा पॉलिश करने के लिए 1½ इंच वाले तथा दीवारों पर पेंट अथवा डिस्टैंपर करने के लिए तीन-चार इंच वाले ब्रुशों की ज़रूरत पड़ती है। बाथरूम में फ्लशों को साफ करने के लिए विशेष प्रकार के गोल, नर्म ब्रुश प्रयोग किये जाते हैं। दीवारों से जाले उतारने के लिए भी लम्बी डण्डी वाले ब्रुश होते हैं।

2. झाड़-घर को तथा घर के और सामान को साफ करने के लिए विभिन्न प्रकार के झाड़ प्रयोग में लाये जाते हैं। सूखा कूड़ा इकट्ठा करने के लिए नर्म जैसे झाड़ तथा फर्शों की धुलाई के लिए अथवा घास पर फेरने के लिए तीलियों वाले मोटे बांस के झाड़ की ज़रूरत होती है। सफाई करने के लिए कई बार खजूर तथा नारियल के पत्तों के झाड़ भी प्रयोग किये जाते हैं। आजकल बाज़ार में लम्बे डंडे वाले झाड़ नुमा ब्रुश भी मिल जाते हैं जिनसे खड़ेखड़े फर्शों की सफाई की जाती है।

प्रश्न 11.
घर में सफाई की व्यवस्था कैसे की जा सकती है ?
उत्तर-
घर में सफाई की व्यवस्था को पांच भागों में बांटा जा सकता है :

  1. दैनिक सफाई
  2. साप्ताहिक सफाई
  3. मासिक सफाई
  4. वार्षिक सफाई
  5. विशेष अवसर पर सफाई।

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प्रश्न 12.
दैनिक सफाई से आप क्या समझते हो ? इसके क्या लाभ हैं? .
उत्तर-
दैनिक सफाई दैनिक सफाई में वे कार्य शामिल किये जाते हैं जो प्रतिदिन किये जाते हैं। इसके कई लाभ हैं। दैनिक सफाई करने से कोई भी सामान अधिक गन्दा नहीं होता। यदि बहुत गन्दे सामान को साफ करना हो तो समय, शक्ति तथा धन भी अधिक खर्च होता है। परन्तु प्रतिदिन करने से बिल्कुल अनुभव नहीं होता। दैनिक सफाई सुबह ही करनी चाहिए। क्योंकि रात को सारा गरदा, मिट्टी चीजों पर जम जाती है। इसलिए साफ करना कठिन होता है। दैनिक सफाई के लिए बहुत योजनाबन्दी की ज़रूरत नहीं पड़ती क्योंकि यह सभी कार्य करने की आदत ही बन चुकी होती है। यह सारे कार्य या तो गृहिणी स्वयं करती है अथवा फिर परिवार के सदस्यों की सहायता ली जाती है तथा कई बार नौकरों से करवाए जाते हैं।

दैनिक सफाई के लिए सबसे पहले परदे पीछे करके कांच की खिड़कियां खोल देनी चाहिएं जिससे ताजा हवा तथा रोशनी घर में आ सके। फिर कमरों की चादरें झाड कर बिछा दें। बिखरे हुए सामान को अपनी-अपनी जगह पर रखें। फिर कमरों में रखे कूडेदानों को खाली करके सभी कमरों, बरामदे तथा आंगन में झाड़ लगाओ। फिर कपड़ा लेकर मेज़, कुर्सियां, टेबल तथा अन्य कमरों में पड़े सामान की झाड़-पोंछ करनी चाहिए। झाड़-पोचा करते समय कपड़ा ज़ोर से पटक कर न मारें, इस तरह करने से धूल एक स्थान से उड़कर दूसरी जगह पड़ जाती है तथा चीजें टूटने का भी डर रहता है। इसके पश्चात् कोई मोटा कपड़ा जैसे पुराना तौलिया आदि लेकर, बाल्टी में पानी लेकर, कपड़ा गीला करके सभी कमरों में पोचा लगाना चाहिए। भिन्न-भिन्न सामान को ठीक करके टिकाने पर रखा जाता है। इस तरह पूरा घर साफ-सुथरा हो जाता है। यदि घर में कहीं कच्ची जगह है तो पहले वहां हल्का सा पानी का छिड़काव कर लेना चाहिए ताकि झाड़ लगाने पर अधिक मिट्टी न उड़े।

प्रश्न 13.
दैनिक तथा साप्ताहिक सफाई में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
दैनिक सफाई-दैनिक सफाई में वह कार्य शामिल हैं जो रोज़ किये जाते हैं।
साप्ताहिक सफाई-यह सफाई सप्ताह के बाद तथा सप्ताह में एक बार की जाती है।
साप्ताहिक सफाई के अन्तर्गत किये जाने वाले कार्य समय सीमित होने के कारण गृहिणी के लिए यह सम्भव नहीं कि वह घर की प्रत्येक चीज़ को रोज़ साफ करे। वैसे ही कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनकी रोज़ाना सफाई की ज़रूरत नहीं होती। इसलिए ऐसे सारे कार्य जैसे चादरों, गिलाफों अथवा सोफे के कपड़ों को रोजाना बदलने की ज़रूरत नहीं होती। इसलिए ऐसे कार्य जैसे कालीन की सफाई, गिलाफ, फ्रिज की सफाई, रसोई की शैल्फ तथा गैस स्टोव की सफाई, रसोई घर के डिब्बों की सफाई, बाथरूम की बाल्टियां, मग तथा साबुनदानी आदि की सफाई साप्ताहिक सफाई में ही आते हैं।

इसके अतिरिक्त यदि गृहिणी के पास समय हो तो कपड़ों वाली अल्मारियों को साफ किया जा सकता है जिससे ज़रूरत पड़ने पर सामान आसानी से ढूंढा जा सकता है। साप्ताहिक सफाई में घर के सभी कमरों, बरामदों आदि से जाले उतारने बहुत ज़रूरी हैं। गृहिणी को यह योजना बनाकर (जबानी अथवा लिखित) रखनी चाहिए कि इस सप्ताह के कार्य कौन-से हैं।

प्रश्न 14.
वार्षिक सफाई और विशेष अवसर पर सफाई कैसे की जाती है ?
उत्तर-

  1. वार्षिक सफाई वार्षिक सफाई, रोज़ाना, साप्ताहिक तथा मासिक सफाई से अधिक विस्तृत होती है। यह कम-से-कम छ:-सात दिन का कार्य होता है। इस कार्य में समय, शक्ति तथा धन भी अधिक खर्च होता है। इसलिए इस कार्य के लिए गृहिणी को पूरी योजनाबन्दी करनी चाहिए। परिवार के अलग-अलग नौकरों तथा सदस्यों को भी कार्य बांटे जाते हैं। घर का सारा सामान एक तरफ करके विस्तृत रूप में सफाई की जाती है ताकि घर से धूल-मिट्टी तथा कीड़े-मकौड़े समाप्त हो सकें। इस सफाई के दौरान घर के टूटे-फूटे सामान की मुरम्मत, पॉलिश तथा अनावश्यक सामान को भी निकाला जाता है। कीड़े-मकौड़े समाप्त करने के लिए घर में सफेदी भी कराई जानी चाहिए। पेटियों तथा अल्मारियों आदि के सामान को धूप लगवानी चाहिए
  2.  विशेष अवसरों तथा त्योहारों के लिए सफाई-हमारे देश में त्योहारों तथा विशेष अवसरों पर घर की सफाई की जाती है। जैसे दीवाली पर घर में सफेदी करवाई जाती है तथा साथ ही घर की सफाई भी की जाती है। यदि परिवार में किसी बच्चे का विवाह हो तो वार्षिक सफाई वाली सभी क्रियाएं की जाती हैं। पर कई अवसर ऐसे होते हैं जब घर का कुछ हिस्सा ही साफ करके सजाया जाता है। जैसे कि जन्म दिन को मनाने के समय अथवा किसी परिवार को खाने पर बुलाने के मौके पर केवल ड्राईंग रूम की ही खास सफाई की जाती है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 15.
घर की सफाई गृहिणी की सुघड़ता का सूचक है। कैसे ?
उत्तर-
एक साफ-सुथरा तथा सजा हुआ घर गृहिणी की सूझ-बूझ तथा कुशलता का प्रत्यक्ष रूप है। इसलिए सफाई निम्नलिखित बातों के कारण भी महत्त्वपूर्ण हैं –

  1. सफाई न करने से घर की हवा दूषित हो जाती है जिसमें सांस लेने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  2. गन्दे स्थान पर मक्खियां-मच्छर तथा अन्य कई रोग पैदा करने वाले कीटाणु भी अधिक बढ़ते हैं जो बीमारियों की,जड़ हैं।
  3. गन्दे घर में बैठकर काम करने को दिल नहीं करता। यहां तक कि आस-पड़ोस के लोग भी गन्दगी देखकर घर आना पसन्द नहीं करते।
  4. सफाई करने से घर सजा हुआ दिखाई देता है। यदि सफाई न की जाये तो घर की प्रत्येक वस्तु पर मिट्टी, धूल तथा कूड़ा-कर्कट इकट्ठा हो जाता है जिससे घर गन्दा होने के साथ-साथ घर का सामान भी खराब होना आरम्भ हो जाता है।
  5. साफ-सुथरे सजे हुए घर से गृहिणी की समझदारी का पता चलता है। घर के अन्य कार्यों में से घर की सफाई एक महत्त्वपूर्ण कार्य है।

प्रश्न 16.
घर की सफाई कैसे की जाती है और इसके लिए क्या सामान आवश्यक है ?
उत्तर-
सफाई विभिन्न ढंगों से की जा सकती है जैसे-झाड़ तथा ब्रुश से, पानी से धोकर, कपड़े से झाड़कर पोंछना, बिजली की मशीन से।
सीमेंट, चिप्स तथा पत्थर आदि वाली फर्श की सफाई फूल झाड़ से की जाती है जबकि घास तथा कालीन के लिए तीलियों वाला झाड़ प्रयोग किया जाता है।
गुसलखाना तथा रसोई आदि को रोज़ धोकर साफ किया जाता है। घर के साजो-सामान पर पड़ी धूल-मिट्टी को कपड़े से झाड़-पोंछ कर साफ किया जाता है।
घर की सफाई के लिए सामान का विवरण इस प्रकार है –

  1. पोचा तथा पुराने कपड़े-दरवाजे, खिड़कियां झाड़ने के लिए चारों तरफ से उलेड़ा हुआ मोटा कपड़ा चाहिए। फर्श की सफाई के लिए खद्दर, टाट, खेस के टुकड़े पोचे के तौर पर प्रयोग किए जाते हैं। पॉलिश करने तथा चीज़ों को चमकाने के लिए फलालेन आदि जैसे कपड़े की ज़रूरत है। कांच की सफाई के लिए पुराने सिल्क के कपड़े का प्रयोग किया जा सकता है।
  2. झाड़ तथा बुश-विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग ब्रुश मिल जाते हैं। कालीन तथा दरी साफ करने के लिए सख्त ब्रुश, बोतलें साफ करने के लिए लम्बा तथा नर्म ब्रुश, रसोई की हौदी साफ करने के लिए छोटा पर साफ ब्रुश, फर्श साफ करने के लिए तीलियों का ब्रुश आदि। इसी तरह सूखा कूड़ा इकट्ठा करने के लिए नर्म झाड़ तथा फर्शों की धुलाई के लिए बांसों वाला झाड़ आदि मिल जाते हैं।
  3. सफाई के लिए बर्तन-रसोई में सब्जियों आदि के छिलके डालने के लिए ढक्कन वाला डस्टबिन तथा अन्य कमरों में प्लास्टिक के डिब्बे अथवा टोकरियां रखनी चाहिएं। इन्हें रोज़ खाली करके दोबारा इनके स्थान पर रख देना चाहिए।
  4. सफाई के लिए साबुन आदि-सफाई करने के लिए साबुन, विम सोडा, नमक, सर्फ, पैराफिन आदि की ज़रूरत होती है। दाग-धब्बे दूर करने के लिए नींबू, सिरका, हाइड्रोक्लोरिक तेज़ाब आदि की ज़रूरत होती है। कीटाणु समाप्त करने के लिए फिनाइल तथा डी० डी० टी० आदि की ज़रूरत होती है।
  5. सफाई करने वाले उपकरण-वैक्यूम क्लीनर एक ऐसा उपकरण है जिससे फर्श, सोफे, गद्दियां आदि से धूल तथा मिट्टी झाड़ी जा सकती है। यह बिजली से चलता है।

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प्रश्न 17.
घर की सफाई की व्यवस्था कैसे और किस आधार पर की जाती है ?
उत्तर-
गृहिणी हर रोज़ सारे घर की सफाई नहीं कर सकती क्योंकि यह थका देने वाला कार्य है। इसलिए इस कार्य को करने के लिए सूझ-बूझ से योजना बनाई जाती है। गृहिणी अपनी सुविधा के अनुसार सफाई कर सकती है। घर की सफाई की व्यवस्था को पांच भागों में बांटा जा सकता है –

  1. रोज़ाना सफाई
  2. साप्ताहिक सफाई
  3. मासिक सफाई
  4. वार्षिक सफाई
  5. विशेष अवसरों पर सफाई।

1. रोज़ाना अथवा दैनिक सफाई-रोज़ाना सफाई से हमारा अभिप्राय उस सफाई से है जो घर में रोज़ की जाती है। इसलिए गृहिणी का यह मुख्य कर्त्तव्य है कि वह घर के उठने-‘ बैठने, पढ़ने-लिखने, सोने के कमरे, रसोई घर, आंगन, बाथरूम, बरामदा तथा लैटरिन की हर रोज़ सफाई करें। रोजाना सफाई में साधारणतः इधर-उधर बिखरी चीज़ों को ठीक तरह लगाना, फर्नीचर को झाड़ना-पोंछना, फर्श पर झाड़ लगाना, गीला पोचा लगाना आदि आते हैं।

2. साप्ताहिक सफाई-एक अच्छी गृहिणी को घर के रोज़ाना जीवन में अनेक कार्य करने पड़ते हैं। इसलिए यह सम्भव नहीं कि वह एक ही दिन में घर की पूरी सफाई कर सके। समय की कमी के कारण घर में जो चीजें हर रोज़ साफ नहीं की जातीं उन्हें सप्ताह में अथवा पन्द्रह दिनों में एक बार अवश्य साफ कर लेना चाहिए। अगर ऐसा न किया गया तो दरवाजों तथा दीवारों की छतों पर जाले इकट्ठे हो जायेंगे। दरवाज़ों तथा खिड़कियों के शीशों, फर्नीचर की सफाई, बिस्तर झाड़ना तथा धूप लगवाना, अल्मारियों की सफाई तथा दरी, कालीन को झाड़ना तथा धूप लगवाना आदि कार्य सप्ताह में एक बार अवश्य किये जाने चाहिएं।

3. मासिक सफाई-जिन कमरों अथवा वस्तुओं की सफाई सप्ताह में एक बार न हो सके, उन्हें महीने में एक बार जरूर साफ करना चाहिए। साधारणत: सारे महीने की खाद्यसामग्री एक बार ही खरीदी जाती है। इसलिए भण्डार गृह में रखने से पहले भण्डार घर को अच्छी तरह झाड़-पोंछ कर ही उसमें खाद्य सामग्री रखी जानी चाहिए। मासिक सफाई के अन्तर्गत अनाज, दालों, अचार, मुरब्बे तथा मसाले आदि को धूप लगवानी चाहिए। अल्मारी के जाले, बल्बों के शेड आदि भी साफ करने चाहिएं।

4. वार्षिक सफाई-वार्षिक सफाई का अभिप्राय वर्ष में एक बार सारे घर की पूरी तरह सफाई करना है। वार्षिक सफाई के अन्तर्गत घर में सफेदी करना, टूटे स्थानों की मरम्मत, दरवाजों, खिड़कियों तथा दहलीज़ों की मरम्मत तथा सफाई तथा रंग-रोगन करवाना, फर्नीचर तथा अन्य सामान की मरम्मत, वार्निश, पॉलिश आदि आती है। कमरों में से सारे सामान को हटाकर चूना, पेंट अथवा डिस्टैंपर करवाना सफाई के पश्चात् फर्श को रगड़ कर धोना तथा दागधब्बे हटाना, सफाई के पश्चात् सारे सामान को दोबारा व्यवस्थित करना वार्षिक कार्य है। इस प्रकार की सफाई से कमरों को नवीन रूप प्रदान होता है। रज़ाई, गद्दों को खोलकर रुई साफ करवाना, धुनाई आदि भी वर्ष में एक बार किया जाता है।

हमारे देश में जब वर्षा ऋतु समाप्त हो जाती है, दशहरे अथवा दीवाली के समय वार्षिक सफाई की जाती है, लीपने-पोचने तथा पॉलिश करवाने से सुन्दरता तो बढ़ती ही है, रोग फैलाने वाले कीटाणु भी नष्ट हो जाते हैं । इसलिए स्वास्थ्य के पक्ष में भी एक बार घर की पूरी सफाई आवश्यक है।

5. विशेष अवसरों तथा त्योहारों के लिए सफाई -हमारे देश में त्योहारों तथा विशेष अवसरों पर घर की सफाई की जाती है। जैसे दीवाली पर घर में सफेदी करवाई जाती है तथा साथ ही घर की सफाई भी की जाती है। यदि परिवार में किसी बच्चे को विवाह हो तो भी वार्षिक सफाई वाली सभी क्रियाएं की जाती हैं। पर कई अवसर ऐसे होते हैं जब घर का कुछ भाग ही साफ करके सजाया जाता है जैसे कि जन्म दिन को मनाने के समय अथवा किसी परिवार को खाने पर बुलाने के अवसर पर केवल ड्राईंग-रूम की ही खास सफाई की जाती है।

Home Science Guide for Class 9 PSEB घरेलू सफ़ाई Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

  1. रसोई तथा अल्मारियों की सफ़ाई ………… ….. सफ़ाई है।
  2. घर के सभी सदस्यों की …………………. के प्रति रुचि होनी चाहिए।
  3. सूखा कूड़ा एकत्र करने के लिए …………………. झाड़ का प्रयोग करें।
  4. पॉलिश करने के लिए तथा चीज़ों को चमकाने के लिए …………………. कपड़े का प्रयोग करें।

उत्तर-

  1. मासिक
  2. सफ़ाई
  3. नर्म
  4. फलालेन या लिनन।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
शीशे को चमकाने के लिए कैसे कपड़े का प्रयोग ठीक रहता है ?
उत्तर-
सिल्क।

प्रश्न 2.
चांदी की सफाई के लिए पॉलिश का नाम बताएं।
उत्तर-
सिल्वो।

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प्रश्न 3.
सबसे पहले किस कमरे की सफाई करनी चाहिए ?
उत्तर-
खाना बनाने वाले कमरे की।

प्रश्न 4.
फ्रिज़ को कब साफ़ करना चाहिए ?
उत्तर-
सप्ताह में एक बार।

ठीक/ग़लत बताएं

  1. घर की सफ़ाई के प्रति घर के सभी सदस्यों की रुचि होनी चाहिए।
  2. मासिक सफ़ाई महीने बाद की जाती है।
  3. स्नानागृह को महीने बाद धोना चाहिए न कि प्रतिदिन।
  4. बिजली से चलने वाली सफ़ाई वाली मशीन है माइक्रोवेव।
  5. धूल के कण, गंदगी का प्राकृतिक कारण है।
  6. पेंट वाली लकड़ी को प्रतिदिन झाड़न वाले कपड़े से पोंछे।

उत्तर-

  1. ठीक
  2. ठीक
  3. ग़लत
  4. ग़लत
  5. ठीक
  6. ठीक।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानव विकार है –
(A) कफ़
(B) थूक
(C) पसीना
(D) सभी।
उत्तर-(D) सभी।

प्रश्न 2.
ठीक तथ्य हैं –
(A) गंदे घर में बैठ कर कार्य करने का मन नहीं करता
(B) साफ़ सुन्दर सजे हुए घर से गृहिणी की सूझबूझ का पता चलता है
(C) सप्ताह वाली सफ़ाई सप्ताह में एक बार की जाती है
(D) सभी ठीक।
उत्तर-(D) सभी ठीक।

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प्रश्न 3.
सफ़ाई के लिए प्रयोग वाला सामान है –
(A) झाड़
(B) बिजली की मशीन
(C) ब्रश
(D) सभी ठीक।
उत्तर-(D) सभी ठीक।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दैनिक सफ़ाई में क्या-क्या कार्य करने आवश्यक होते हैं ?
उत्तर-
दैनिक सफ़ाई में निम्नलिखित कार्य आवश्यक रूप से करने होते हैं –

  1. घर के सारे कमरों के फ़र्श, खिड़कियां, दरवाजे, मेज़ तथा कुर्सी की झाड़-पोंछ करना।
  2. घर में रखे कडेदान आदि की सफाई करना।
  3. शौचालय तथा स्नानघर आदि की सफाई करना।
  4. रसोई में काम आने वाले बर्तनों की सफ़ाई तथा रख-रखाव।

प्रश्न 2.
घर में गन्दगी होने के मुख्य कारण क्या हैं ?
उत्तर-

  1. प्राकृतिक कारण-धूल के कण, वर्षा और बाढ़ के पानी के बहाव के कारण आने वाली गन्दगी, मकड़ी के जाले, पक्षियों और अन्य जीवों द्वारा फैलाई गन्दगी।
  2. मानव विकार-मल-मूत्र, कफ, थूक, खांसी, पसीना तथा बालों का झड़ना।
  3. घरेलू कार्य-खाद्य पदार्थों की सफ़ाई से निकलने वाली गन्दगी, साग-सब्जी, फ़ल आदि के छिलके, खाने वाली वस्तुएं, बर्तन आदि का धोना, कपड़ों की धुलाई, साबुन की झाग, मैल, नील, स्टार्च, रद्दी कागज़ के टुकड़े, सिलाई से निकलने वाले कपड़ों के टुकड़े, कताई की रूई तथा उसका झाड़न आदि।

प्रश्न 3.
दैनिक सफ़ाई क्यों आवश्यक है ? तथा घर की सफ़ाई कैसे करनी चाहिए ?
उत्तर-
दैनिक सफ़ाई से हमारा अभिप्राय उस सफ़ाई से है जो घर में रोजाना की जाती है। इसलिए गृहिणी का कर्तव्य है कि वह घर के उठने-बैठने, पढ़ने-लिखने, सोने के कमरे, रसोई, आंगन, बाथरूम, बरामदा तथा शौचालय की प्रतिदिन सफ़ाई करे। दैनिक सफ़ाई के अन्तर्गत साधारणतः इधर-उधर बिखरी हुई वस्तुओं को ठीक तरह टिकाना, फर्नीचर को झाड़ना-पोंछना, फ़र्श पर झाड़ करना, गीला पोछा करना आदि आते हैं।

प्रश्न 4.
शौचालय, बाथरूम में फिनाइल क्यों छिड़कायी जाती है.?
उत्तर-
शौचालय, बाथरूम को रोजाना फिनाइल से धोना चाहिए तथा इन्हें खुली हवा लगनी चाहिए। नहीं तो यह मक्खी, मच्छर के घर बन जाएंगे। जिससे कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।

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प्रश्न 5.
घर में फर्नीचर की पॉलिश कैसे तैयार की जाती है ?
उत्तर-
फर्नीचर की पॉलिश तैयार करने के लिए अलसी का तेल दो हिस्से, तारपीन का तेल-एक हिस्सा, सिरका एक हिस्सा, मैथिलेटिड स्पिरिट-एक हिस्सा लेकर मिला लो। इस तरह पॉलिश तैयार हो जाती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
फर्नीचर की देखभाल कैसे की जाती है ?
उत्तर-
लकड़ी के फर्नीचर को नर्म साफ़ कपड़े से साफ़ किया जाता है क्योंकि कठोर ब्रुश का प्रयोग करने से लकड़ी पर खरोंचें पड़ सकती हैं। लकड़ी को गीला नहीं करना चाहिए। फर्नीचर की लकड़ी को पेंट अथवा पॉलिश की जाती है। पेंट तथा पॉलिश को विभिन्न विधियों से अलग किया जाता है।

पॉलिश की लकड़ी की सम्भाल-इसको प्रतिदिन नर्म कपड़े से साफ़ करना चाहिए। अधिक गन्दी होने की सूरत में साबुन वाले पानी से धोकर फ्लालेन के कपड़े से पोंछ लेना चाहिए। कम गन्दी लकड़ी को साफ़ करने के लिए आधे लीटर गुनगुने पानी में दो बड़े चम्मच सिरके के मिलाकर घोल तैयार किया जाता है। इस घोल में गीला करके फ्लालेन के कपड़े से फर्नीचर को साफ़ करो। यदि फर्नीचर की लकड़ी की पॉलिश काफ़ी खराब हो गई हो अथवा चमक घट जाए तो मैन्शन पॉलिश अथवा क्रीम का प्रयोग करके सफ़ाई की जाती है। सनमाइका लगे फर्नीचर को साफ़ करना आसान होता है। इसको गीले कपड़े से पोंछा जा सकता है तथा दाग उतारने के लिए साबुन का प्रयोग किया जा सकता है।

पेंट की हई लकडी-पेंट वाली लकडी प्रतिदिन झाडने वाले कपड़े से पोंछो। यदि ज़रूरत हो तो कुछ दिनों के पश्चात् साबुन वाले गुनगुने पानी तथा फ्लालेन के कपड़े से इसे साफ़ करो। कोनों को अच्छी तरह साफ़ किया जाता है। अधिक गन्दे हिस्सों को साफ़ करने के लिए साफ़ ब्रुश प्रयोग करो। पेंट से चिकनाहट के दाग उतारने के लिए पानी में थोड़ी पैराफिन मिला ली जाती है परन्तु पैराफिन का अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाए तो पेंट खराब हो जाता है।

कपड़ा चढ़ा हुआ फर्नीचर-इसको रोज़ सूखे कपड़े से झाड़ना चाहिए। कभी-कभी गर्म कपड़े साफ़ करने वाले ब्रुश से साफ़ करो। रैक्सिन अथवा चमड़े वाले फर्नीचर को रोज़ गीले कपड़े से साफ़ करो। चिकनाहट के दाग उतारने के लिए कपड़े को साबुन वाले गुनगुने पानी से भिगो कर रगड़ो। कभी-कभी थोड़ा सा अलसी का तेल कपड़े पर लगाकर चमड़े के फर्नीचर पर रगड़ने से चमड़ा मुलायम रहता है तथा दरारें नहीं पड़तीं।

घरेलू सफ़ाई PSEB 9th Class Home Science Notes

  • गन्दे घर का घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है तथा कई प्रकार की बीमारियां फैल सकती हैं।
  • गन्दे घर में कई तरह के कीटाणु, मक्खी-मच्छर आदि पैदा होते हैं तथा बीमारियां फैलाते हैं।
  • सफाई सही ढंग से करनी चाहिए। लापरवाही तथा बिना ढंग से सफाई की जाये तो साफ होने के स्थान पर घर और भी बदसूरत हो जायेगा।
  • सफाई के लिए प्रयोग में आने वाला सामान पांच प्रकार का होता है –
    पोचा तथा पुराने कपड़े, झाड़ तथा ब्रुश, बर्तन, सफाई करने वाले यन्त्र, सफाई के लिए साबुन तथा अन्य प्रतिकारक।
  • सफाई करने के कई ढंग हैं –
    झाड़ तथा ब्रुश से, पानी से धोकर, कपड़े से झाड़कर पोंछना, बिजली की मशीन (वैक्यूम क्लीनर) से।
  • लकड़ी के फर्नीचर को नर्म, साफ कपड़े से साफ करना चाहिए।
  • घर की व्यवस्था को पांच भागों में बांटा जा सकता है –
    रोज़ाना सफाई, साप्ताहिक सफाई, मासिक सफाई, वार्षिक सफाई, विशेष अवसर पर सफाई।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 3 पारिवारिक साधनों की व्यवस्था

Punjab State Board PSEB 9th Class Home Science Book Solutions Chapter 3 पारिवारिक साधनों की व्यवस्था Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Home Science Chapter 3 पारिवारिक साधनों की व्यवस्था

PSEB 9th Class Home Science Guide पारिवारिक साधनों की व्यवस्था Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
पारिवारिक साधनों से आप क्या समझते हो?
उत्तर-
पारिवारिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए परिवार में उपलब्ध साधनों का प्रयोग किया जाता है। इन साधनों को दो भागों में बांटा गया है –
(i) मानवीय साधन (ii) भौतिक साधन।
दैनिक कार्यों में मौजूद साधनों का प्रयोग किया जाता है अथवा साधनों के प्रयोग से भी कार्य किया जाता है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 3 पारिवारिक साधनों की व्यवस्था

प्रश्न 2.
पारिवारिक साधनों का वर्गीकरण कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर-
साधनों का वर्गीकरण दो भागों में किया जा सकता है –(i) मानवीय साधन (ii) गैर-मानवीय अथवा भौतिक साधन।
(i) मानवीय साधन हैं-कुशलता, ज्ञान, शक्ति, दिलचस्पी, मनोवृत्ति तथा रुचियां आदि।
(ii) भौतिक साधन हैं-समय, धन, सामान, जायदाद, सुविधाएं आदि।

प्रश्न 3.
मानवीय साधन कौन-से हैं ?
उत्तर-
यह वे साधन हैं जो मानव के अन्दर होते हैं। ये हैं-योग्यताएं, कुशलता, रुचियां, ज्ञान, शक्ति, समय, दिलचस्पी, मनोवृत्ति आदि।

प्रश्न 4.
भौतिक साधन कौन-से हैं ?
उत्तर-
गैर-मानवीय अथवा भौतिक साधन हैं-धन, समय, जायदाद, सुविधाएं आदि।

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लघु उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 5.
समय और शक्ति की व्यवस्था से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
समय ऐसा साधन है जो कि सभी के लिए समान होता है। जब किसी कार्य को करने की शक्ति तथा समय का प्रयोग किया जाता है तो थकावट महसूस होती है। इसलिए समय तथा शक्ति दोनों साधनों को सही ढंग से प्रयोग करना चाहिए ताकि कार्य भी हो जाये तथा थकावट भी ज़रूरत से ज्यादा न हो तथा दोनों की बचत भी हो जाये।

प्रश्न 6.
पारिवारिक साधनों की क्या विशेषताएं होती हैं ?
उत्तर-

  1. यह साधन सीमित होते हैं।
  2. साधन उपयोगी होते हैं तथा इनका प्रयोग कई रूपों में किया जा सकता है।
  3. साधनों का प्रभावशाली प्रयोग किसी भी व्यक्ति के जीवन स्तर को प्रभावित करता
  4. सभी साधनों का उचित प्रयोग परस्पर सम्बन्धित होता है तथा इस तरह उद्देश्यों की पूर्ति होती है।
  5. इन साधनों के उचित प्रयोग से हमारी इच्छाओं की पूर्ति होती है।

प्रश्न 7.
पारिवारिक साधनों को प्रभावित करने वाले तत्त्व कौन-से हैं ?
उत्तर–
पारिवारिक साधनों को प्रभावित करने वाले तत्त्व हैं –
परिवार का आकार तथा रचना, जीवन-स्तर, घर की स्थिति, परिवार के सदस्यों की शिक्षा, गृह निर्माता की कुशलता तथा योग्यता, ऋतु, आर्थिक स्थिति आदि।

प्रश्न 8.
योजना बनाकर समय और शक्ति के व्यय को कैसे कम किया जा सकता है ?
उत्तर-
योजना बनाकर कार्य किया जाये तो समय तथा शक्ति के खर्च को कम किया जा सकता है। योजना बनाने से पहले सारे कार्यों की सूची बनाई जाती है। इस तरह यह पता लगाया जाता है कि कौन-सा कार्य किस समय तथा कौन-से सदस्य द्वारा किया जाना है। योजना में अपने व्यक्तिगत कार्यों तथा मनोरंजन के लिए भी समय रखा जाता है। योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने से रोज़ एक जैसी शक्ति का प्रयोग होता है। इस तरह अधिक थकावट भी नहीं होती। योजनाएं दैनिक कार्यों के अतिरिक्त साप्ताहिक तथा वार्षिक कार्यों के लिए भी तैयार की जाती हैं। इस तरह समय तथा शक्ति के खर्च को घटाया जा सकता है।

प्रश्न 9.
निर्णय लेने की प्रक्रिया से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
निर्णय अथवा फैसला लेने की प्रक्रिया को गृह-प्रबन्ध का अभिन्न अंग माना गया है। निर्णय लेने की क्रिया से अभिप्राय है किसी समस्या के हलें के लिए विभिन्न विकल्पों में से सही विकल्प का चुनाव करना। किसी भी तरह का निर्णय लेने के लिए निम्नलिखित चरणों में से गुजरना पड़ता है –

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 3 पारिवारिक साधनों की व्यवस्था 1

प्रश्न 10.
निर्णय लेने से पूर्व सोच-विचार करना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
जब परिवार में कोई समस्या आ जाये तो उसके हल के लिए सोच-विचार करके ही निर्णय लेना चाहिए। प्रत्येक समस्या के हल के लिए कई विकल्प होते हैं। विभिन्न विकल्पों की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए तथा प्रत्येक विकल्प कई तत्त्वों का समूह होता है। इनमें से कई तत्त्व समस्या के हल के लिए सहायक होते हैं तथा कई नहीं, कई कम सहायक होते हैं तथा कई अधिक सहायक होते हैं। इसलिए इन तत्त्वों की जानकारी प्राप्त करनी तथा कई स्थितियों में आपको किसी अन्य अनुभवी व्यक्ति की सलाह भी लेनी पड़ती है ताकि ठीक विकल्प का चुनाव हो सके। जैसे मनोरंजन की समस्या के लिए कई विकल्प हैं जैसे सिनेमा जाना, कोई खेल खरीदना अथवा टेलीविज़न खरीदना। इन सभी विकल्पों के बारे में जानकारी लेना तथा फिर एक उपयुक्त विकल्प जैसे कि टेलीविज़न का चुनाव किया जाता है। क्योंकि यह एक लम्बे समय तक चलने वाला मनोरंजन का साधन है। इसके साथ परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए मनोरंजन के कार्यक्रम मिल सकते हैं। इसलिए इन सभी तत्त्वों को ध्यान में रखकर सभी विकल्पों के बारे में सोच-समझकर ही निर्णय लेना चाहिए।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 3 पारिवारिक साधनों की व्यवस्था

प्रश्न 11.
सही निर्णय गृह व्यवस्था में कैसे उपयोगी होता है ?
उत्तर-
सही निर्णय लिए जाएं तो समय, शक्ति, धन आदि की बचत हो सकती है। यदि घर की व्यवस्था सोच-समझकर तथा सही निर्णय न लेकर की जाए तो घर अस्त-व्यस्त हो जाता है। घर के सदस्यों में मेल-मिलाप नहीं रहता। कोई भी कार्य समय पर नहीं होता तथा मानसिक तथा शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस तरह सही निर्णय घर की व्यवस्था में बड़ा लाभदायक होता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 12.
पारिवारिक साधन मानवीय उद्देश्यों को प्राप्त करने में कैसे सहायक होते हैं ? इन्हें प्रभावित करने वाले तत्त्व कौन-से हैं ?
उत्तर-
परिवार के लिए उपलब्ध साधन, पारिवारिक लक्ष्यों अथवा उद्देश्यों की पूर्ति करने में सहायक होते हैं। दैनिक कार्यों में मौजूद साधनों का प्रयोग किया जाता है अथवा साधनों के प्रयोग से भी कार्य किया जाता है। साधनों के सफल प्रयोग को कई तत्त्व प्रभावित करते हैं –

  1. परिवार का आकार तथा रचना-जिन परिवारों में छोटे बच्चे अथवा बुजुर्ग होते हैं वहां गृहिणी को अधिक कार्य करना पड़ता है। परन्तु बच्चे बड़े होकर गृहिणी की मदद करने लग जाते हैं, तथा कई बुजुर्ग भी घर के काम-काज में मदद कर देते हैं।
  2. जीवन-स्तर-सादा जीवन व्यतीत करने वालों के लक्ष्य आसानी से प्राप्त किये जा सकते हैं।
  3. घर की स्थिति-यदि घर, स्कूल अथवा कॉलेज, मार्कीट आदि के निकट हो तो आने-जाने का काफ़ी समय तथा शक्ति बच जाती है। यदि घर बड़ी सड़क के नज़दीक हो तो धूल-मिट्टी काफ़ी आती है तथा सफ़ाई पर काफ़ी समय नष्ट हो जाता है।
  4. आर्थिक स्थिति-यदि अधिक आय हो तो घर में नौकर रखे जा सकते हैं तथा कई कार्य बाहर से भी करवाये जा सकते हैं। यदि आय कम हो तो गृहिणी को सभी कार्य स्वयं ही करने पड़ते हैं।
  5. परिवार के सदस्यों की शिक्षा-पढ़े-लिखे लोग आधुनिक साधनों का प्रयोग करके अपनी शक्ति तथा समय की काफ़ी बचत कर लेते हैं। जैसे एक पढ़ी-लिखी गृहिणी वाशिंग मशीन तथा मिक्सी आदि का अधिक प्रयोग करेगी जबकि अनपढ़ लोग पुराने परम्परागत साधनों तथा रिवाजों पर ही निर्भर रहते हैं।
  6. ऋतु बदलना-गांवों में बिजाई-कटाई के समय कार्य अधिक करना पड़ता है और समय कम। शहरों में ऋतु बदलने पर गर्म-ठण्डे कपड़ों आदि को निकालना तथा रखना आदि कार्य बढ़ जाते हैं।
  7. गृह निर्माता की कुशलता तथा योग्यताएं-एक कुशल गृहिणी अपनी योग्यता से समय तथा शक्ति की बचत कर सकती है।

प्रश्न 13.
समय और शक्ति पारिवारिक साधन कैसे हैं ? योजना बनाकर इनके व्यय को कैसे कम किया जा सकता है ?
उत्तर-
समय सभी के लिए ही बराबर होता है। एक दिन में 24 घण्टे होते हैं। परन्तु शक्ति सभी के पास एक जैसी नहीं होती तथा आयु के साथ-साथ इसमें अन्तर पड़ता रहता है। जब कोई कार्य किया जाता है तो समय तथा शक्ति दोनों खर्च होते हैं। योजना बनाकर कार्य किया जाये तो इन दोनों की बचत की जा सकती है। एक समझदार गृहिणी को समय तथा शक्ति के खर्च को घटाने के लिए योजना बनाने में कोई मुश्किल नहीं आती। योजना को लिखकर बनाना चाहिए तथा योजना में लचीलापन होना चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसको बदला जा सके। सभी कार्यों की सूची बनाने के पश्चात् योजना बनानी चाहिए। यह भी तय कर लेना चाहिए कि इनमें से कौन-से कार्य किस सदस्य ने तथा कब करने हैं। दैनिक कार्यों के अतिरिक्त साप्ताहिक तथा वार्षिक कार्यों की भी योजना बना लेनी चाहिए। अधिक भारी कार्य के पश्चात् हल्के कार्य को स्थान देना चाहिए ताकि अधिक थकावट न हो। योजना में अपने व्यक्तिगत तथा मनोरंजन के कार्यों के लिए भी समय रखना चाहिए। योजना इस तरह बनाएं कि प्रतिदिन ज़रूरी कार्यों तथा मनोरंजन के कार्यों में लगभग एक जैसी शक्त्रि व्यय हो। इस तरह योजनाबद्ध तरीके से कार्य करके शक्ति तथा समय दोनों की बचत हो जाती है।

Home Science Guide for Class 9 PSEB पारिवारिक साधनों की व्यवस्था क्षेत्र Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

  1. पारिवारिक साधनों को …………………….. भागों में बांटा जाता है।
  2. मानवीय साधन, मानव के …………………….. होते हैं।
  3. पारिवारिक साधन …………………………. होते हैं।
  4. ………………………… में ही मनुष्य को मानसिक सन्तुष्टि मिलती है।
  5. साधन हमारी …………………………… की पूर्ति करते हैं।

उत्तर-

  1. दो,
  2. अन्दर,
  3. सीमित,
  4. घर,
  5. इच्छाओं।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
गृह निर्माता का कर्त्तव्य आमतौर पर कौन निभाता है ?
उत्तर-
गृहिणी।

प्रश्न 2.
सीमित साधनों के द्वारा कार्य बढ़िया कैसे हो सकता है ?
उत्तर-
अच्छी व्यवस्था द्वारा।

प्रश्न 3.
समय को कितने भागों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-
तीन।

ठीक/ग़लत बताएं

  1. साधन दो प्रकार के होते हैं-मानवीय, भौतिक।
  2. साधन असीमित होते हैं।
  3. साधनों का उचित प्रयोग करके हम अपनी इच्छायों की पूर्ति करते हैं।
  4. समय ऐसा साधन है जो कि सभी के पास बराबर होता है।
  5. परिवार का आकार तथा रचना पारिवारिक साधनों को प्रभावित नहीं करती।
  6. सही निर्णय घर की व्यवस्था के लिए लाभदायक है।

उत्तर-

  1. ठीक
  2. ग़लत
  3. ठीक
  4. ठीक
  5. ग़लत
  6. ठीक।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 3 पारिवारिक साधनों की व्यवस्था

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पारिवारिक साधनों को प्रभावित करने वाले कारक हैं –
(A) परिवार का आकार
(B) घर की स्थिति
(C) ऋतु
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक

प्रश्न 2.
निम्न में ठीक हैं –
(A) जब किसी कार्य को करने के लिए समय तथा शक्ति का प्रयोग होता है तो थकावट महसूस होती है
(B) साधन सीमित हैं
(C) सही निर्णय लेने से समय, शक्ति, धन आदि की बचत हो सकती है
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक

प्रश्न 3.
ठीक तथ्य है
(A) साधन असीमित होते हैं
(B) साधनों की उपयोगिता नहीं होती
(C) धन भौतिक साधन है
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(C) धन भौतिक साधन है

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 3 पारिवारिक साधनों की व्यवस्था

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
योजना बनाने के अतिरिक्त गृहिणी को कौन-सी अन्य बातों का ज्ञान होना चाहिए जिससे समय तथा शक्ति बच सकती हो ?
उत्तर-

  1. सभी चीज़ों को अपने स्थान पर रखो ताकि ज़रूरत पड़ने पर वस्तु को ढूंढने में समय नष्ट न हो।
  2. काम करने के लिए सामान अच्छा तथा ठीक हालत में होना चाहिए।
  3. काम करने वाली जगह पर रोशनी का ठीक प्रबन्ध होना चाहिए।
  4. काम करने के सुधरे तरीकों का प्रयोग करना चाहिए।
  5. घर के सभी सदस्यों की मदद लेनी चाहिए। यदि फिर भी कार्य तथा आय के साधन ठीक हों तो कार्य बाहर से भी करवाया जा सकता है।
  6. काम करने वाली जगह की ऊंचाई अथवा वस्तुओं के हैण्डल ऐसे हों कि कन्धों पर अधिक भार न पडे।

प्रश्न 2.
मूल्यांकन करने से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
कुछ देर किसी योजना के अनुसार कार्य करते रहने के पश्चात् देखा जाता है कि नियत लक्ष्य प्राप्त हो रहे हैं, अथवा नहीं। यदि लक्ष्य प्राप्त न हो रहे हों तो योजना में फेरबदल किया जाता है तथा इस तरह अपनी योजना का मूल्यांकन किया जाता है ताकि नियत लक्ष्यों की पूर्ति हो सके।

प्रश्न 3.
मानवीय साधन कौन-से हैं ?
उत्तर-
यह वे साधन हैं जो मानव के अन्दर होते हैं। ये हैं-योग्यताएं, कुशलता, रुचियां, ज्ञान, शक्ति, समय, दिलचस्पी, मनोवृत्ति आदि।
इन साधनों का उचित प्रयोग करके गृह प्रबन्ध बढ़िया ढंग से किया जा सकता है। किसी कार्य को करने की योग्यता तथा कुशलता हो तो कार्य में रुचि तथा दिलचस्पी स्वयं पैदा हो जाती है। नए उपकरणों तथा मशीन आदि के बारे में ज्ञान हो तो समय तता शक्ति की बचत हो जाती है। घर के सदस्यों की शक्ति भी एक मानवीय साधन है।

प्रश्न 4.
भौतिक साधन कौन-से हैं और गृह व्यवस्था के लिए कैसे लाभदायक है ?
उत्तर-
गैर-मानवीय अथवा भौतिक साधन हैं-धन, समय, जायदाद, सुविधाएं आदि। इन सभी के उचित प्रयोग से गृह-व्यवस्था ठीक ढंग से की जा सकती है तथा परिवार के उद्देश्यों तथा ज़रूरतों की पूर्ति की जा सकती है।

पारिवारिक साधनों की व्यवस्था PSEB 9th Class Home Science Notes

  • परिवार के उद्देश्यों तथा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपलब्ध साधनों की सहायता ली जाती है।
  • पारिवारिक साधनों को दो भागों में बांटा गया है –
    (i) मानवीय साधन (ii) भौतिक साधन।
  • कार्य करने की कुशलता, ज्ञान, शक्ति, समय, दिलचस्पी, मनोवृत्ति तथा रुचियां आदि मानवीय साधन हैं।
  • धन, सामान, जायदाद, सुविधाएं आदि ग़ैर-मानवीय अथवा भौतिक साधन हैं।
  • समय ऐसा साधन है जो सभी के लिए बराबर होता है।
  • समय को तीन भागों में बांटा जा सकता है-कार्य, विश्राम, नींद आदि।
  • विभिन्न व्यक्तियों में शक्ति भी अलग-अलग होती है तथा एक ही व्यक्ति में सारी उम्र एक जैसी शक्ति नहीं रहती।
  • जब किसी कार्य को करने के लिए समय तथा शक्ति का प्रयोग किया जाता है तो थकावट अनुभव होती है।
  • परिवार का आकार तथा रचना, जीवन स्तर, घर की स्थिति, आर्थिक स्थिति, परिवार के सदस्यों की शिक्षा, गृह निर्माता की कुशलता तौँ योग्यताएं, ऋतु बदलने से कार्य आदि पारिवारिक साधनों को प्रभावित करने वाले तत्त्व हैं।
  • योजनाबद्ध तरीके से कार्य करके समय तथा शक्ति के खर्च को कम किया जा सकता है।
  • रोज़ाना कार्यों के अतिरिक्त साप्ताहिक तथा वार्षिक कार्यों की भी योजना बनानी चाहिए।
  • यदि घर की आय के साधन ठीक हों तो घर के कार्य बाहर से करवाकर भी समय तथा शक्ति का बचाव किया जा सकता है।
  • जब किसी योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाता है तो कुछ देर पश्चात् पता लग जाता है कि नियत लक्ष्यों की पूर्ति हो रही है अथवा नहीं।
  • यदि उद्देश्यों की पूर्ति न हो रही हो तो अपनी योजना में परिवर्तन कर लेना चाहिए ताकि आगे के लिए उद्देश्यों की पूर्ति हो सके।
  • ठीक निर्णय लिए जाएं तो कार्य अच्छी तरह तथा आसानी से हो जाते हैं।
  • घर का प्रबन्धक अथवा गृहिणी सोच-समझकर निर्णय न करे तो घर अस्त-व्यस्त हो जाता है।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 7 वन्य समाज तथा बस्तीवाद

Punjab State Board PSEB 9th Class Social Science Book Solutions History Chapter 7 वन्य समाज तथा बस्तीवाद Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Social Science History Chapter 7 वन्य समाज तथा बस्तीवाद

SST Guide for Class 9 PSEB वन्य समाज तथा बस्तीवाद Textbook Questions and Answers

(क) बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
औद्योगिक क्रांति किस महाद्वीप में आरंभ हुई ?
(क) एशिया
(ख) यूरोप
(ग) आस्ट्रेलिया
(घ) उत्तरी अमेरिका।
उत्तर-
(ख) यूरोप

प्रश्न 2.
इंपीरियल वन अनुसंधान संस्थान कहां स्थित है ?
(क) दिल्ली
(ख) मुंबई
(ग) देहरादून
(घ) अबोहर।
उत्तर-
(ग) देहरादून

प्रश्न 3.
भारत की आधुनिक बागवानी का जनक किसे कहा जाता है ?
(क) लार्ड डलहौजी
(ख) डाइट्रिच ब्रैडिस
(ग) कैप्टन वाटसन
(घ) लार्ड हार्डिंग।
उत्तर-
(ख) डाइट्रिच ब्रैडिस

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 7 वन्य समाज तथा बस्तीवाद

प्रश्न 4.
भारत में समुद्री जहाज़ों के लिए किस वृक्ष की लकड़ी सबसे अच्छी मानी जाती है?
(क) बबूल
(ख) ओक
(ग) नीम
(घ) सागवान
उत्तर-
(घ) सागवान

प्रश्न 5.
मुंडा आंदोलन क्रिस क्षेत्र में हुआ ?
(क) राजस्थान
(ख) छोटा नागपुर
(ग) मद्रास
(घ) पंजाब।
उत्तर-
(ख) छोटा नागपुर

(ख) रिक्त स्थान भरें :

  1. …………… और ……………… मनुष्य के लिए अति आवश्यक संसाधन हैं।
  2. कलोनियलइज्म लातीनी भाषा के शब्द ……………… से बना है।
  3. यूरोप में ………… के वृक्ष की लकड़ी से समुद्री जहाज़ बनाए जाते थे।
  4. विरसा मुण्डा को 8 अगस्त 1895 ई० को ………………. नामक स्थान से गिरफ्तार किया गया।
  5. परंपरागत कृषि को …………… कृषि भी कहा जाता था।

उत्तर-

  1. वन, जल
  2. कॉलोनिया
  3. ओक
  4. चलकट
  5. झुमी (स्थानांतरित)।

(ग) सही मिलान करो :

1. विरसा मुंडा – (अ) 2006
2. समुद्री जहाज़ – (आ) बबूल
3. जंड – (इ) धरती बाबा
4. वन अधिकार अधिनियम – (ई) खेजड़ी
5. नीलगिरि की पहाड़ियाँ – (उ) सागवान।
उत्तर-

  1. धरती बाबा
  2. सागवान
  3. खेजड़ी
  4. 2006
  5. बबूल।।

(घ) अंतर बताएं:

प्रश्न 1.
1. आरक्षित वन और सुरक्षित वन
2. वैज्ञानिक बागवानी और प्राकृतिक वन।
उत्तर-
1. आरक्षित वन और सुरक्षित वन-
आरक्षित वन-आरक्षित वन लकड़ी के व्यापारिक उत्पादन के लिए होते थे। इन वनों में पशु चराना व कृषि करना सख्त मना था।
सुरक्षित वन-सुरक्षित वनों में भी पशु चराने व खेती करने पर रोक थी। परंतु इन वनों के प्रयोग करने पर सरकार को कर देना पड़ता था।

2. वैज्ञानिक बागवानी और प्राकृतिक वन-
वैज्ञानिक बागवानी-वन विभाग के नियंत्रण में वृक्ष काटने की वह प्रणाली जिसमें पुराने वृक्ष काटे जाते हैं और नए वृक्ष उगाए जाते हैं।
प्राकृतिक वन-कई पेड़ पौधे जलवायु और मिट्टी की उर्वकता के कारण अपने आप उग आते हैं। फूल फूल कर यह बड़े हो जाते हैं। इन्हें प्राकृतिक वन कहते हैं। इनकी उगने में मानव का कोई योगदान नहीं होता।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 7 वन्य समाज तथा बस्तीवाद

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
वन समाज से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
वन समाज से अभिप्राय लोगों के उस समूह से है जिसकी आजीविका वनों पर निर्भर है और वह वनों के आस-पास रहते हैं।

प्रश्न 2.
उपनिवेशवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
एक राष्ट्र अथवा राज्य द्वारा किसी कमज़ोर देश की प्राकृतिक और मानवीय सम्पदा पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण तथा उसे अपने हितों के लिए उपयोग करना उपनिवेशवाद कहलाता है।

प्रश्न 3.
वनों की कटाई के कोई दो कारण लिखें।
उत्तर-

  1. कृषि का विस्तार।
  2. व्यापारिक फसलों की कृषि।

प्रश्न 4.
भारतीय समुद्री जहाज़ किस वृक्ष की लकड़ी से बनाए जाते थे ?
उत्तर-
सागवान।

प्रश्न 5.
किस प्राचीन भारतीय सम्राट ने जीव-जंतुओं के वध पर प्रतिबंध लगा दिया था
उत्तर-
सम्राट अशोक।

प्रश्न 6.
नीलगिरी की पहाड़ियों पर कौन-कौन से वृक्ष लगाए गए ?
उत्तर-
बबूल (कीकर)।

प्रश्न 7.
चार व्यापारिक फसलों के नाम बताएं।
उत्तर-
कपास, पटसन, चाय, काफी, रबड़ आदि।

प्रश्न 8.
बिरसा मुंडा ने कौन-सा नारा दिया ?
उत्तर-
‘अबुआ देश में अबुआ राज’।

प्रश्न 9.
जोधपुर के राजा को किस समुदाय के लोगों ने बलिदान देकर वृक्षों की कटाई से रोका ?
उत्तर-
बिश्नोई संप्रदाय।

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
उपनिवेशवाद से क्या अभिप्राय है ? उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर-
एक राष्ट्र अथवा राज्य द्वारा किसी कमज़ोर देश की प्राकृतिक और मानवीय संपदा पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण और उसका अपने हितों के लिए उपयोग उपनिवेशवाद कहलाता है। स्वतंत्रता से पहले भारत पर ब्रिटिश सरकार का नियंत्रण इसका उदाहरण है।

प्रश्न 2.
वन व आजीविका में क्या संबंध है ?
उत्तर-
वन हमारे जीवन का आधार हैं । वनों से हमें फल, फूल, जड़ी-बूटियां, रबड़, इमारती लकड़ी तथा ईंधन के लिए लकड़ी आदि मिलती है। वन जंगली-जीवों आश्रय स्थल हैं। पशु-पालन पर निर्वाह करने वाले अधिकतर लोग वनों पर निर्भर हैं। इसके अतिरिक्त वन पर्यावरण को शुद्धता प्रदान करते हैं। वन वर्षा लाने में भी सहायक हैं। वर्षा की पुनरावृत्ति वनों में रहने वाले लोगों की कृषि, पशु-पालन आदि कार्यों में सहायक होती है।

प्रश्न 3.
रेलवे के विस्तार में वनों का प्रयोग कैसे किया गया ?
उत्तर-
औपनिवेशिक शासकों को रेलवे के विस्तार के लिए स्लीपरों की आवश्यकता थी जो कठोर लकड़ी से बनाए जाते थे। इसके अतिरिक्त भाप इंजनों को चलाने के लिए ईंधन भी चाहिए था। इसके लिए भी लकड़ी का प्रयोग किया जाता था। अत: बड़े पैमाने पर वनों को काटा जाने लगा। 1850 के दशक तक केवल मद्रास प्रेजीडेंसी में स्लीपरों के लिए प्रति वर्ष 35,000 वृक्ष काटे जाने लगे थे। इसके लिए लोगों को ठेके दिए जाते थे। ठेकेदार स्लीपरों की आपूर्ति के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करते थे। फलस्वरूप रेलमार्गों के चारों ओर के वन तेज़ी से समाप्त होने लगे। 1882 में जावा से भी 2 लाख 80 हजार स्लीपरों का आयात किया गया।

प्रश्न 4.
1878 ई० के वन अधिनियम के अनुसार वनों के वर्गीकरण का उल्लेख करें।
उत्तर-
1878 में 1865 के वन अधिनियम में संशोधन किया गया। नये प्रावधानों के अनुसार-

  1. वनों को तीन श्रेणियों में बांटा गया : आरक्षित, सुरक्षित व ग्रामीण।
  2. सबसे अच्छे जंगलों को ‘आरक्षित वन’ कहा गया। गांव वाले इन जंगलों से अपने उपयोग के लिए कुछ भी नहीं ले सकते थे।
  3. घर बनाने या ईंधन के लिए गांववासी केवल सुरक्षित या ग्रामीण वनों से ही लकड़ी ले सकते थे।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 7 वन्य समाज तथा बस्तीवाद

प्रश्न 5.
समकालीन भारत में वनों की क्या स्थिति है ?
उत्तर-
भारत राष्ट्र ऋषियों-मुनियों व भक्तों की धरती है। इन का वनों से गहरा संबंध रहा है। इसी कारण भारत में यहां वन तथा वन्य जीवों की सुरक्षा करने की परंपरा रही है। प्राचीन भारतीय सम्राट अशोक ने एक शिलालेख पर लिखवाया था उसके अनुसार जीव-जंतुओं को मारा नहीं जाएगा। तोता, मैना, अरुणा, कलहंस, नंदीमुख, सारस, बिना कांटे वाली मछलियां आदि जानवर जो उपयोगी व खाने के योग्य नहीं थे। इस के अतिरिक्त वनों को भी जलाया नहीं जाएगा।

प्रश्न 6.
झूम प्रथा (झूम कृषि) पर नोट लिखें।
उत्तर-
उपनिवेशवाद से पूर्व वनों में पारंपरिक कृषि की जाती थी, इसे झूम प्रथा अथवा झूमी कृषि (स्थानांतरित कृषि) कहा जाता था। कृषि की इस प्रथा के अनुसार जंगल के कुछ भाग के वृक्षों को काट कर आग लगा दी जाती थी। मानसून के बाद उस क्षेत्र में फसल बोई जाती थी, जिसको अक्तूबर-नवंबर में काट लिया जाता था। दो-तीन वर्ष लगातार इसी क्षेत्र में से फसल पैदा की जाती थी। जब उसकी उर्वरा शक्ति कम हो जाती थी, तो इस क्षेत्र में वृक्ष लगा दिए जाते थे, ताकि फिर से वन तैयार हो सके। ऐसे वन 17-18 वर्षों में पुनः तैयार हो जाते थे। वनवासी कृषि के लिए किसी अन्य स्थान को चुन लेते थे।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
वनों की कटाई के क्या कारण हैं ? वर्णन करें।
उत्तर-
औद्योगिक क्रांति से कच्चे माल और खाद्यपदार्थों की मांग बढ़ गई। इसके साथ ही विश्व में लकड़ी की मांग भी बढ़ गई, जंगलों की कटाई होने लगी और धीरे-धीरे लकड़ी कम मिलने लगी। इससे वन निवासियों का जीवन व पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित हुआ। यूरोपीय देशों की आंख भारत सहित उन देशों पर टिक गई, जो वन-संपदा व अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न थे। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए डचों, पुर्तगालियों, फ्रांसीसियों और अंग्रेज़ों आदि ने वनों को काटना आरंभ कर दिया। संक्षेप उपनिवेशवाद के अधीन वनों की कटाई के कारण निम्नलिखित थे।

  1. रेलवे-औपनिवेशिक शासकों को रेलवे के विस्तार के लिए स्लीपरों की आवश्यकता थी जो कठोर लकड़ी से बनाए जाते थे। इसके अतिरिक्त भाप इंजनों को चलाने के लिए ईंधन भी चाहिए था। इसके लिए भी लकड़ी का प्रयोग किया जाता था। अत: बड़े पैमाने पर वनों को काटा जाने लगा। 1850 के दशक तक केवल मद्रास प्रेजीडेंसी में स्लीपरों के लिए प्रति वर्ष 35,000 वृक्ष काटे जाने लगे थे। इसके लिए लोगों को ठेके दिए जाते थे। ठेकेदार स्लीपरों की आपूर्ति के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करते थे। फलस्वरूप रेलमार्गों के चारों ओर के वन तेज़ी से समाप्त होने लगे। 1882 में जावा से भी 2 लाख 80 हज़ार स्लीपरों का आयात किया गया।
  2. जहाज़ निर्माण-औपनिवेशिक शासकों को अपनी नौ-शक्ति बढ़ाने के लिए जहाज़ों की आवश्यकता थी। इसके लिए भारी मात्रा में लकड़ी चाहिए थी। अत: मज़बूत लकड़ी प्राप्त करने के लिए टीक और साल के पेड़ लगाए जाने लगे। अन्य सभी प्रकार के वृक्षों को साफ़ कर दिया गया। शीघ्र ही भारत से बड़े पैमाने पर लकड़ी इंग्लैंड भेजी जाने लगी।
  3. कृषि-विस्तार-1600 ई० में भारत का लगभग 1/6 भू-भाग कृषि के अधीन था। परंतु जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ खादानों की मांग बढ़ने लगी। अत: किसान कृषि क्षेत्र का विस्तार करने लगे। इसके लिए वनों को साफ करके नए खेत बनाए जाने लगे। इसके अतिरिक्त ब्रिटिश अधिकारी आरंभ में यह सोचते थे कि वन धरती की शोभा बिगाड़ते हैं। अतः इन्हें काटकर कृषि भूमि का विस्तार किया जाना चाहिए, ताकि यूरोप की शहरी जनसंख्या के लिए भोजन और कारखानों के लिए कच्चा माल प्राप्त किया जा सके। कृषि के विस्तार से सरकार की आय भी बढ़ सकती थी। फलस्वरूप 1880-1920 के बीच 67 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र का विस्तार हुआ। इसका सबसे बुरा प्रभाव वनों पर ही पड़ा।
  4. व्यावसायिक खेती-व्यावसायिक खेती से अभिप्राय नकदी फसलें उगाने से है। इन फसलों में जूट (पटसन), गन्ना, गेहूं तथा कपास आदि फ़सलें शामिल हैं। इन फसलों की मांग 19वीं शताब्दी में बढ़ी। ये फसलें उगाने के लिए भी वनों का विनाश करके नई भमियां प्राप्त की गईं।
  5. चाय-कॉफी के बागान-यूरोप में चाय तथा काफ़ी की मांग बढ़ती जा रही थी। अतः औपनिवेशिक शासकों ने वनों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया और वनों को काट कर विशाल भू-भाग बागान मालिकों को सस्ते दामों पर बेच दिया। इन भू-भागों पर चाय तथा काफ़ी के बागान लगाए गए।
  6. आदिवासी और किसान-आदिवासी तथा अन्य छोटे-छोटे किसान अपनी झोंपड़ियां बनाने तथा ईंधन के लिए पेड़ों को काटते थे। वे कुछ पेड़ों की जड़ों तथा कंदमूल आदि का प्रयोग भोजन के रूप में भी करते थे। इससे भी वनों का अत्यधिक विनाश हुआ।

प्रश्न 2.
उपनिवेशवाद के अंतर्गत बने वन-अधिनियमों का वन समाज पर क्या प्रभाव पड़ा ? वर्णन करें।
उत्तर-

1. झूम खेती करने वालों को-औपनिवेशिक शासकों ने झूम खेती पर रोक लगा दी और इस प्रकार की खेती करने वाले जन समुदायों को उनके घरों से ज़बरदस्ती विस्थापित कर दिया। परिणामस्वरूप कुछ किसानों को अपना व्यवसाय बदलना पड़ा और कुछ ने इसके विरोध में विद्रोह कर दिया।

2. घुमंतू और चरवाहा समुदायों को-वन प्रबंधन के नये कानून बनने से स्थानीय लोगों द्वारा वनों में पशु चराने तथा शिकार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। फलस्वरूप कई घुमंतू तथा चरवाहा समुदायों की रोज़ी छिन गई। ऐसा मुख्यत: मद्रास प्रेजीडेंसी के कोरावा, कराचा तथा येरुकुला समुदायों के साथ घटित हुआ। विवश होकर उन्हें कारखानों, खानों तथा बागानों में काम करना पड़ा। ऐसे कुछ समुदायों को ‘अपराधी कबीले’ भी कहा जाने लगा।

3. लकड़ी और वन उत्पादों का व्यापार करने वाली कंपनियों को-वनों पर वन-विभाग का नियंत्रण स्थापित हो जाने के पश्चात् वन उत्पादों (कठोर लकड़ी, रब आदि) के व्यापार को बल मिला। इस कार्य के लिए कई व्यापारिक कंपनियां स्थापित हो गईं। ये स्थानीय लोगों से महत्त्वपूर्ण वन उत्पाद खरीद कर उनका निर्यात करने लगीं और भारी
मुनाफा कमाने लगीं। भारत में ब्रिटिश सरकार ने कुछ विशेष क्षेत्रों में इस व्यापार के अधिकार बड़ी-बड़ी यूरोपीय कंपनियों को दे दिए। इस प्रकार वन उत्पादों के व्यापार पर अंग्रेजी सरकार का नियंत्रण स्थापित हो गया।

4. बागान मालिकों को-ब्रिटेन में चाय, कहवा, रबड़ आदि की बड़ी मांग थी। अतः भारत में इन उत्पादों के बड़ेबड़े बागान लगाए गए। इन बागानों के मालिक मुख्यतः अंग्रेज़ थे। वे मजदूरों का खूब शोषण करते थे और इन उत्पादों के निर्यात से खूब धन कमाते थे।
PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 7 वन्य समाज तथा बस्तीवाद (1)

5. शिकार खेलने वाले राजाओं और अंग्रेज़ अफसरों को-नये वन कानूनों द्वारा वनों में शिकार करने पर रोक लगा दी गई। जो कोई भी शिकार करते पकड़ा जाता था, उसे दंड दिया जाता था। अब हिंसक जानवरों का शिकार करना राजाओं तथा राजकुमारों के लिए एक खेल बन गया। मुगलकाल के कई चित्रों में सम्राटों तथा राजकुमारों को शिकार करते दिखाया गया है।
PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 7 वन्य समाज तथा बस्तीवाद (2)
ब्रिटिश काल में हिंसक जानवरों का शिकार बड़े पैमाने पर होने लगा। इसका कारण यह था कि अंग्रेज़ अफ़सर हिंसक जानवरों को मारना समाज के हित में समझते थे। उनका मानना था कि ये जानवर खेती करने वालों के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं। अत: वे अधिक-से-अधिक बाघों, चीतों तथा भेड़ियों को मारने के लिए पुरस्कार देते थे। फलस्वरूप 1875-1925 ई० के बीच पुरस्कार पाने के लिए 80 हज़ार बाघों, 1 लाख 50 हज़ार चीतों तथा 2 लाख भेड़ियों को मार डाला गया। महाराजा सरगुजा ने अकेले 1157 बाघों तथा 2000 चीतों को शिकार बनाया। जार्ज यूल नामक एक ब्रिटिश शासक ने 400 बाघों को मारा।

प्रश्न 3.
मुंडा आंदोलन पर नोट लिखो।
उत्तर-
भूमि, जल तथा वन की रक्षा के लिए किए गए आंदोलनों में मुंडा आंदोलन का प्रमुख स्थान है। यह आंदोलन आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के नेतृत्व में चलाया गया।
कारण-

  1. आदिवासी जंगलों को पिता और ज़मीन को माता की तरह पूजते थे। जंगलों से संबंधित बनाए गए कानूनों ने उनको इनसे दूर कर दिया।
  2. डॉ० नोटरेट नामक ईसाई पादरी ने मुंडा कबीले के लोगों तथा नेताओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया
    और उन्हें लालच दिया कि उनकी ज़मीनें उन्हें वापिस करवा दी जाएंगी। परंतु बाद में सरकार ने साफ इंकार कर दिया।
  3. बिरसा मुंडा ने अपने विचारों के माध्यम से आदिवासियों को संगठित किया। सबसे पहले उसने अपने आंदोलन में सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक पक्षों को मज़बूत बनाया। उसने लोगों को अंधविश्वासों से निकाल कर शिक्षा के साथ जोडने का प्रयत्न किया। जल-जंगल-ज़मीन की रक्षा और उन पर आदिवासियों के अधिकार की बात करके उसने आर्थिक पक्ष से लोगों को अपने साथ जोड़ लिया। इसके अतिरिक्त उसने धर्म और संस्कृति की रक्षा का नारा देकर अपनी संस्कृति बचाने की बात की।

आंदोलन का आरंभ तथा प्रगति-1895 ई० में वन संबंधी बकाए की माफी के लिए आंदोलन चला परंतु सरकार ने आंदोलनकारियों की मांगों को ठुकरा दिया। बिरसा मुंडा ने ‘अबुआ देश में अबुआ राज’ का नारा देकर अंग्रेज़ों के विरुद्ध संघर्ष का बिगुल बजा दिया। 8 अगस्त, 1895 ई० को ‘चलकट’ स्थान पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया और दो वर्ष के लिए जेल भेज दिया गया। 1897 ई० में उसकी रिहाई के बाद उस क्षेत्र में अकाल पड़ा। बिरसा मुंडा ने अपने साथियों को साथ लेकर लोगों की सेवा की और अपने विचारों से लोगों को जागृत किया। लोग उसे धरती बाबा के तौर पर पूजने लगे। परंतु सरकार उसके विरुद्ध होती गई। 1897 ई० में लगभग 400 मुंडा विद्रोहियों ने खंटी थाने पर हमला कर दिया। 1898 ई० में तांगा नदी के इलाके में विद्राहियों ने अंग्रेज़ी सेना को पीछे की ओर धकेल दिया, परंतु बाद में अंग्रेजी सेना ने सैकड़ों आदिवासियों को मौत के घाट उतार दिया।

बिरसा मुंडा की गिरफ्तारी, मृत्यु तथा आंदोलन का अंत-14 दिसंबर, 1899 ई० को बिरसा मुंडा ने अंग्रेज़ों के विरुद्ध युद्ध का ऐलान कर दिया, जोकि जनवरी 1900 ई० में सारे क्षेत्र में फैल गया। अंग्रेज़ों ने बिरसा मुंडा की गिरफ्तारी के लिए ईनाम का ऐलान कर दिया। कुछ स्थानीय लोगों ने लालच वश 3 फरवरी, 1900 ई० में बिरसा मुंडा को छल से पकड़वा दिया। उसे रांची जेल भेज दिया गया। वहां अंग्रेजों ने उसे धीरे-धीरे असर करने वाला विष दिया, जिसके कारण 9 जून, 1900 ई० को उसकी मृत्यु हो गई। परंतु उसकी मृत्यु का कारण हैज़ा बताया गया, ताकि मुंडा समुदाय के लोग भड़क न जाएं। उसकी पत्नी, बच्चों और साथियों पर मुकद्दमे चला कर भिन्न-भिन्न प्रकार की यातनाएं दी गईं।
सच तो यह है कि बिरसा मुंडा ने अपने कबीले के प्रति अपनी सेवाओं के कारण अल्प आयु में ही अपना नाम अमर कर लिया। लोगों को अपने अधिकारों के प्रति जागृत करने तथा अपने धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिए तैयार करने के कारण आज भी लोग बिरसा मुंडा को याद करते हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 7 वन्य समाज तथा बस्तीवाद

PSEB 9th Class Social Science Guide वन्य समाज तथा बस्तीवाद Important Questions and Answers

I. बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
तेंद्र के पत्तों का प्रयोग किस काम में किया जाता है ?
(क) बीड़ी बनाने में ।
(ख) चमड़ा रंगने में
(ग) चाकलेट बनाने में
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(क) बीड़ी बनाने में ।

प्रश्न 2.
चाकलेट में प्रयोग होने वाला तेल प्राप्त होता है
(क) टीक के बीजों से
(ख) शीशम के बीजों से
(ग) साल के बीजों से
(घ) कपास के बीजों से।
उत्तर-
(ग) साल के बीजों से

प्रश्न 3.
आज भारत की कुल भूमि का लगभग कितना भाग कृषि के अधीन है ?
(क) चौथा
(ख) आधा
(ग) एक तिहाई
(घ) दो तिहाई।
उत्तर-
(ख) आधा

प्रश्न 4.
इनमें से वाणिज्यिक अथवा नकदी फसल कौन-सी है ?
(क) जूट
(ख) कपास
(ग) गन्ना
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 5.
कृषि-भूमि के विस्तार का क्या बुरा परिणाम है ?
(क) वनों का विनाश
(ख) उद्योगों को बंद करना
(ग) कच्चे माल का विनाश
(घ) उत्पादन में कमी।
उत्तर-
(क) वनों का विनाश

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प्रश्न 6.
19वीं शताब्दी में इंग्लैंड की रॉयल नेवी के लिए जलयान निर्माण की समस्या उत्पन्न होने का कारण था
(क) शीशम के वनों में कमी
(ख) अनेक वनों की कमी
(ग) कीकर के वनों में कमी
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(ख) अनेक वनों की कमी

प्रश्न 7.
1850 के दशक में रेलवे के स्लीपर बनाए जाते थे
(क) सीमेंट से
(ख) लोहे से
(ग) लकड़ी से
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) लकड़ी से

प्रश्न 8.
चाय और कॉफी के बागान लगाए गए
(क) वनों को साफ़ करके
(ख) वन लगाकर
(ग) कारखाने हटाकर
(घ) खनन को बंद करके।
उत्तर-
(क) वनों को साफ़ करके

प्रश्न 9.
अंग्रेज़ों के लिए भारत में रेलवे का विस्तार करना ज़रूरी था
(क) अपने औपनिवेशिक व्यापार के लिए
(ख) भारतीयों की सुविधा के लिए
(ग) अंग्रेज़ उच्च अधिकारियों की सुविधा के लिए
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) अपने औपनिवेशिक व्यापार के लिए

प्रश्न 10.
भारत में वनों का पहला इंस्पेक्टर-जनरल था
(क) फ्रांस का केल्विन
(ख) जर्मनी का डीट्रिख चैंडिस
(ग) इंग्लैंड का क्रिसफोर्ड
(घ) रूस का निकोलस।
उत्तर-
(ख) जर्मनी का डीट्रिख चैंडिस

प्रश्न 11.
भारतीय वन सेवा (Indian Forest Service) की स्थापना कब हुई ?
(क) 1850 में
(ख) 1853 में
(ग) 1860 में
(घ) 1864 में।
उत्तर-
(घ) 1864 में।

प्रश्न 12.
निम्न में से किस वर्ष भारतीय वन अधिनियम बना
(क) 1860 में
(ख) 1864 में
(ग) 1865 में
(घ) 1868 में।
उत्तर-
(ग) 1865 में

प्रश्न 13.
1906 में इंपीरियल फारेस्ट रिसर्च इंस्टीच्यूट (Imperial Forest Research Institute) की स्थापना
(क) देहरादून में
(ख) कोलकाता में
(ग) दिल्ली में
(घ) मुंबई में।
उत्तर-
(क) देहरादून में

प्रश्न 14.
देहरादून के इंपीरियल फारेस्ट इंस्टीच्यूट (स्कूल) में जिस वन्य प्रणाली का अध्ययन कराया जाता था, वह थी
(क) मूलभूत वानिकी
(ख) वैज्ञानिक वानिकी
(ग) बागान वानिकी
(घ) आरक्षित वानिकी।
उत्तर-
(ग) बागान वानिकी

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प्रश्न 15.
1865 के वन अधिनियम में संशोधन हुआ ?
(क) 1878 ई०
(ख) 1927 ई०
(ग) 1878 तथा 1927 ई० दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) 1878 तथा 1927 ई० दोनों

प्रश्न 16.
1878 के वन अधिनियम के अनुसार ग्रामीण मकान बनाने तथा ईंधन के लिए जिस वर्ग के वनों से लकड़ी नहीं ले सकते थे
(क) आरक्षित वन
(ख) सुरक्षित वन
(ग) ग्रामीण वन
(घ) सुरक्षित तथा ग्रामीण वन।
उत्तर-
(क) आरक्षित वन

प्रश्न 17.
सबसे अच्छे वन क्या कहलाते थे ?
(क) ग्रामीण वन
(ख) आरक्षित वन
(ग) दुर्गम वन
(घ) सुरक्षित वन।
उत्तर-
(ख) आरक्षित वन

प्रश्न 18.
कांटेदार छाल वाला वृक्ष है.
(क) साल
(ख) टीक
(ग) सेमूर
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(ग) सेमूर

प्रश्न 19.
स्थानांतरी कृषि का एक अन्य नाम है
(क) झूम कृषि
(ख) रोपण कृषि
(ग) गहन कृषि
(घ) मिश्रित कृषि।
उत्तर-
(क) झूम कृषि

प्रश्न 20.
स्थानांतरी कृषि में किसी खेत पर अधिक-से-अधिक कितने समय के लिए कृषि होती है ?
(क) 5 वर्ष तक
(ख) 4 वर्ष तक
(ग) 6 वर्ष तक
(घ) 2 वर्ष तक।
उत्तर-
(घ) 2 वर्ष तक।

प्रश्न 21.
चाय के बागानों पर काम करने वाला समुदाय था
(क) मेरुकुला
(ख) कोरवा
(ग) संथाल
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(ग) संथाल

प्रश्न 22.
संथाल परगनों में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह करने बाले वन समुदाय का नेता था
(क) बिरसा मुंडा
(ख) सिद्धू
(ग) अलूरी सीता राम राजू
(घ) गुंडा ध्रुव।
उत्तर-
(ख) सिद्धू

प्रश्न 23.
बिरसा मुंडा ने जिस क्षेत्र में वन समुदाय के विद्रोह का नेतृत्व किया
(क) तत्कालीन आंध्र प्रदेश
(ख) केरल
(ग) संथाल परगना
(घ) छोटा नागपुर।
उत्तर-
(घ) छोटा नागपुर।

प्रश्न 24.
बस्तर में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह का नेता कौन था ?
(क) गुंडा ध्रुव
(ख) बिरसा मुंडा
(ग) कनु
(घ) सिद्ध।
उत्तर-
(क) गुंडा ध्रुव

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प्रश्न 25.
जावा का कौन-सा समुदाय वन काटने में कुशल था ?
(क) संथाल
(ख) डच
(ग) कलांग
(घ) सामिन।
उत्तर-
(ग) कलांग

II. रिक्त स्थान भरो:

  1. 1850 के दशक में रेलवे …………. के स्लीपर बनाए जाते थे।
  2. जर्मनी का ……………. भारत में पहला इंस्पेक्टर जनरल था।
  3. भारतीय वन अधिनियम ……………….. ई० में बना।
  4. 1906 ई० में ………………. में इंपीरियल फारेस्ट रिसर्च इंस्टीच्यूट की स्थापना हुई।
  5. …………………वन सबसे अच्छे वन कहलाते हैं।

उत्तर-

  1. लकड़ी
  2. डीट्रिख ब्रैडिस
  3. 1865
  4. देहरादून
  5. आरक्षित।

III. सही मिलान करो :

(क) – (ख)
1. तेंदू के पत्ते – (i) छोटा नागपुर
2. भारतीय वन अधिनियम – (ii) बीड़ी बनाने
3. इंपीरियल फारेस्ट रिसर्च इंस्टीचूट – (iii) साल के बीज
4. चाकलेट – (iv) 1865
5. बिरसा मुंडा – (v) 1906
उत्तर-

  1. बॉडी बनाने
  2. 1865
  3. 1906
  4. साल के बीज
  5. छोटा नागपुर।

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

उत्तर एक लाइन अथवा एक शब्द में :

प्रश्न 1.
वनोन्मूलन (Deforestation) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
वनों का कटाव एवं सफ़ाई।

प्रश्न 2.
कृषि के विस्तारण का मुख्य कारण क्या था ?
उत्तर-
बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए भोजन की बढ़ती हुई मांग को पूरा करना।

प्रश्न 3.
वनों के विनाश का कोई एक कारण बताओ।
उत्तर-
कृषि का विस्तारण।

प्रश्न 4.
दो नकदी फसलों के नाम बताओ।
उत्तर-
जूट तथा कपास।

प्रश्न 5.
19वीं शताब्दी के आरंभ में औपनिवेशिक शासक वनों की सफ़ाई क्यों चाहते थे ? कोई एक कारण बताइए।
उत्तर-
वे वनों को ऊसर तथा बीहड़ स्थल समझते थे।

प्रश्न 6.
कृषि में विस्तार किस बात का प्रतीक माना जाता है ?
उत्तर-
प्रगति का।

प्रश्न 7.
आरंभ में अंग्रेज़ शासक वनों को साफ़ करके कृषि का विस्तार क्यों करना चाहते थे ? कोई एक कारण लिखिए।
उत्तर-
राज्य की आय बढ़ाने के लिए।

प्रश्न 8.
इंग्लैंड की सरकार ने भारत में वन संसाधनों का पता लगाने के लिए खोजी दंल कब भेजे ?
उत्तर-
1820 के दशक में।

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प्रश्न 9.
औपनिवेशिक शासकों को किन दो उद्देश्य की पूर्ति के लिए बड़े पैमाने पर मज़बूत लकड़ी की ज़रूरत थी ?
उत्तर-
रेलवे के विस्तार तथा नौ-सेना के लिए जलयान बनाने के लिए।

प्रश्न 10.
रेलवे के विस्तार का वनों पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर-
बड़े पैमाने पर वनों का कटाव।

प्रश्न 11.
1864 में ‘भारतीय वन सेवा’ की स्थापना किसने की ?
उत्तर-
डीट्रिख चैंडिस (Dietrich Brandis) ने।

प्रश्न 12.
वैज्ञानिक वानिकी से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
वन विभाग के नियंत्रण में वृक्ष (वन) काटने की वह प्रणाली जिसमें पुराने वृक्ष काटे जाते हैं और नये वृक्ष लगाए जाते हैं।

प्रश्न 13.
बागान का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
सीधी पंक्तियों में एक ही प्रजाति के वृक्ष उगाना।

प्रश्न 14.
1878 के वन अधिनियम द्वारा वनों को कौन-कौन से तीन वर्गों में बांटा गया ?
उत्तर-

  1. आरक्षित वन
  2. सुरक्षित वन
  3. ग्रामीण वन।

प्रश्न 15.
किस वर्ग के वनों से ग्रामीण कोई भी वन्य उत्पाद नहीं ले सकते थे ?
उत्तर-
आरक्षित वन।

प्रश्न 16.
मज़बूत लकड़ी के दो वृक्षों के नाम बताओ।
उत्तर-
टीक तथा साल।

प्रश्न 17.
दो वन्य उत्पादों के नाम बताओ जो पोषक गुणों से युक्त होते हैं।
उत्तर-
फल तथा कंदमूल।

प्रश्न 18.
जड़ी-बूटियां किस काम आती हैं ?
उत्तर-
औषधियां बनाने के।

प्रश्न 19.
महुआ के फल से क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर-
खाना पकाने और जलाने के लिए तेल।

प्रश्न 20.
विश्व के किन भागों में स्थानांतरी (झूम) खेती की जाती है ?
उत्तर-
एशिया के कुछ भागों, अफ्रीका तथा दक्षिण अमेरिका में।

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लघु उत्तरों वाले प्रश्न।

प्रश्न 1.
औपनिवेशिक काल में कृषि के तीव्र विस्तारीकरण के मुख्य कारण क्या थे ?
उत्तर-
औपनिवेशिक काल में कृषि के तीव्र विस्तारीकरण के मुख्य कारण निम्नलिखित थे-

  1. 19वीं शताब्दी में यूरोप में जूट (पटसन), गन्ना, कपास, गेहूं आदि वाणिज्यिक फसलों की मांग बढ़ गई। अनाज शहरी जनसंख्या को भोजन जुटाने के लिए चाहिए था तथा अन्य फसलों का उद्योगों में कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाना था। अत: अंग्रेज़ी शासकों ने ये फसलें उगाने के लिए कृषि क्षेत्र का तेजी से विस्तार किया।
  2. 19वीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में अंग्रेज़ शासक वन्य भूमि को ऊसर तथा बीहड़ मानते थे। वे इसे उपजाऊ बनाने के लिए वन साफ़ करके भूमि को कृषि के अधीन लाना चाहते थे। .
  3. अंग्रेज़ शासक यह भी सोचते थे कि कृषि के विस्तार से कृषि-उत्पादन में वृद्धि होगी। फलस्वरूप राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त होगा और राज्य की आय में वृद्धि होगी।
    अतः 1880-1920 ई० के बीच कृषि क्षेत्र में 67 लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई।

प्रश्न 2.
1820 के बाद भारत में वनों को बड़े पैमाने पर काटा जाने लगा। इसके लिए कौन-कौन से कारक उत्तरदायी थे ?
उत्तर-
1820 के दशक में ब्रिटिश सरकार को मज़बूत लकड़ी की बहुत अधिक आवश्यकता पड़ी। इसे पूरा करने के लिए वनों को बड़े पैमाने पर काटा जाने लगा। लकड़ी की बढ़ती हुई आवश्यकता और वनों के कटाव के लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी थे-

  1. इंग्लैंड की रॉयल नेवी (शाही नौ-सेना) के लिए जलयान ओक के वृक्षों से बनाए जाते थे। परंतु इंग्लैंड के ओक वन समाप्त होते जा रहे थे और जलयान निर्माण में बाधा पड़ रही थी। अतः भारत के वन संसाधनों का पता लगाया गया और यहां के वृक्ष काट कर लकड़ी इंग्लैंड भेजी जाने लगी।
  2. 1850 के दशक में रेलवे का विस्तार आरंभ हुआ। इससे लकड़ी की आवश्यकता और अधिक बढ़ गई। इसका कारण यह था कि रेल पटरियों को सीधा रखने के लिए सीधे तथा मज़बूत स्लीपर चाहिए थे जो लकड़ी से बनाए जाते थे। फलस्वरूप वनों पर और अधिक बोझ बढ़ गया। 1850 के दशक तक केवल मद्रास प्रेजीडेंसी में स्लीपरों के लिए प्रतिवर्ष 35,000 वृक्ष काटे जाते थे।
  3. अंग्रेज़ी सरकार ने लकड़ी की आपूर्ति बनाये रखने के लिए निजी कंपनियों को वन काटने के ठेके दिये। इन कंपनियों ने वृक्षों को अंधाधुंध काट डाला।

प्रश्न 3.
वैज्ञानिक वानिकी के अंतर्गत वन-प्रबंधन के लिए क्या-क्या पग उठाए गए ?
उत्तर-
वैज्ञानिक वानिकी के अंतर्गत वन प्रबंधन के लिए कई महत्त्वपूर्ण पग उठाए गए-

  1. उन प्राकृतिक वनों को काट दिया गया जिनमें कई प्रकार की प्रजातियों के वृक्ष पाये जाते थे।
  2. काटे गए वनों के स्थान पर बागान व्यवस्था की गई। इसके अंतर्गत सीधी पंक्तियों में एक ही प्रजाति के वृक्ष लगाए गए।
  3. वन अधिकारियों ने वनों का सर्वेक्षण किया और विभिन्न प्रकार के वृक्षों के अधीन क्षेत्र का अनुमान लगाया। उन्होंने वनों के उचित प्रबंध के लिए कार्य योजनाएं भी तैयार की। .
  4. योजना के अनुसार यह निश्चित किया गया कि प्रतिवर्ष कितना वन आवरण काटा जाए। उसके स्थान पर नये वृक्ष लगाने की योजना भी बनाई गई ताकि कुछ वर्षों में नये पेड़ पनप जाएं।

प्रश्न 4.
वनों के बारे में औपनिवेशिक वन अधिकारियों तथा ग्रामीणों के हित परस्पर टकराते थे। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वनों के संबंध में वन अधिकारियों तथा ग्रामीणों के हित परस्पर टकराते थे। ग्रामीणों को जलाऊ लकड़ी, चारा तथा पत्तियों आदि की आवश्यकता थी। अत: वे ऐसे वन चाहते थे जिनमें विभिन्न प्रजातियों की मिश्रित वनस्पति हो।
इसके विपरीत वन अधिकारी ऐसे वनों के पक्ष में थे जो उनकी जलयान निर्माण तथा रेलवे के प्रसार की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। इसलिए वे कठोर लकड़ी के वृक्ष लगाना चाहते थे जो सीधे और ऊंचे हों। अतः मिश्रित वनों का सफाया करके टीक और साल के वृक्ष लगाए गए।

प्रश्न 5.
वन अधिनियम ने ग्रामीणों अथवा स्थानीय समुदायों के लिए किस प्रकार कठिनाइयां उत्पन्न की ?
उत्तर-
वन अधिनियम से ग्रामीणों की रोजी-रोटी का साधन वन अर्थात् वन्य-उत्पाद ही थे। परंतु वन अधिनियम के बाद उनके द्वारा वनों से लकड़ी काटने, फल तथा जड़ें इकट्ठी करने और वनों में पशु चराने, शिकार एवं मछली पकड़ने पर रोक लगा दी गई। अतः लोग वनों से लकड़ी चोरी करने पर विवश हो गए। यदि वे पकड़े जाते थे, तो मुक्त होने के लिए उन्हें वन-रक्षकों को रिश्वत देनी पड़ती थी। ग्रामीण महिलाओं की चिंता तो और अधिक बढ़ गई। प्रायः पुलिस वाले तथा वन-रक्षक उनसे मुफ़्त भोजन की मांग करते रहते थे और उन्हें डराते-धमकाते रहते थे।

प्रश्न 6.
स्थानांतरी कृषि पर रोक क्यों लगाई गई ? इसका स्थानीय समुदायों पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर-
स्थानांतरी कृषि पर मुख्य रूप से तीन कारणों से रोक लगाई गई–

  1. यूरोप के वन-अधिकारियों का विचार था कि इस प्रकार की कृषि वनों के लिए हानिकारक है। उनका विचार था कि जिस भूमि पर छोड़-छोड़ कर कृषि होती रहती है, वहां पर इमारती लकड़ी देने वाले वन नहीं उग सकते।
  2. जब भूमि को साफ़ करने के लिए किसी वन को जलाया जाता था, तो आस-पास अन्य मूल्यवान् वृक्षों को आग लग जाने का भय बना रहता था।
  3. स्थानांतरी कृषि से सरकार के लिए करों की गणना करना कठिन हो रहा था।
    प्रभाव-स्थानांतरी खेती पर रोक लगने से स्थानीय समुदायों को वनों से ज़बरदस्ती बाहर निकाल दिया गया। कुछ लोगों को अपना व्यवसाय बदलना पड़ा और कुछ ने विद्रोह कर दिया।

PSEB 9th Class SST Solutions History Chapter 7 वन्य समाज तथा बस्तीवाद

प्रश्न 7.
1980 के दशक से वानिकी में क्या नये परिवर्तन आए हैं ?
उत्तर-
1980 के दशक से वानिकी का रूप बदल गया है। अब स्थानीय लोगों ने वनों से लकड़ी इकट्ठी करने के स्थान पर वन संरक्षण को अपना लक्ष्य बना लिया है। सरकार भी जान गई है कि वन संरक्षण के लिए इन लोगों की भागीदारी आवश्यक है। भारत में मिज़ोरम से लेकर केरल तक के घने वन इसलिए सुरक्षित हैं कि स्थानीय लोग इनकी रक्षा करना अपना पवित्र कर्त्तव्य समझते हैं। कुछ गांव अपने वनों की निगरानी स्वयं करते हैं। इसके लिए प्रत्येक परिवार बारी-बारी से पहरा देता है। अतः इन वनों में वन-रक्षकों की कोई भूमिका नहीं रही। अब स्थानीय समुदाय तथा पर्यावरणविद् वन प्रबंधन को कोई भिन्न रूप देने के बारे में सोच रहे हैं।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में वनों का प्रथम इंस्पेक्टर-जनरल कौन था ? वन प्रबंधन के विषय में उसके क्या विचार थे ? इसके लिए उसने क्या किया ?
उत्तर-
भारत में वनों का प्रथम इंस्पेक्टर-जनरल डीट्रिख बेंडीज़ (Dietrich Brandis) था। वह एक जर्मन विशेषज्ञ था। वन प्रबंधन के संबंध में उसके निम्नलिखित विचार थे-

  1. वनों के प्रबंध के लिए एक उचित प्रणाली अपनानी होगी और लोगों को वन-संरक्षण विज्ञान में प्रशिक्षित करना होगा।
  2. इस प्रणाली के अंतर्गत कानूनी प्रतिबंध लगाने होंगे।
  3. वन संसाधनों के संबंध में नियम बनाने होंगे।
  4. वनों को इमारती लकड़ी के उत्पादन के लिए संरक्षित करना होगा। इस उद्देश्य से वनों में वृक्ष काटने तथा पशु चराने को सीमित करना होगा।
  5. जो व्यक्ति नई प्रणाली की परवाह न करते हुए वृक्ष काटता है, उसे दंडित करना होगा।
    अपने विचारों को कार्य रूप देने के लिए बेंडीज़ ने 1864 में ‘भारतीय वन सेवा’ की स्थापना की और 1865 के ‘भारतीय वन अधिनियम’ पारित होने में सहायता पहुंचाई। 1906 में ‘देहरादून में ‘द इंपीरियल फारेस्ट रिसर्च इंस्टीच्यूट’ की स्थापना की गई। यहां वैज्ञानिक वानिकी का अध्ययन कराया जाता था। परंतु बाद में पता चला कि इस अध्ययन में विज्ञान जैसी कोई बात नहीं थी।

प्रश्न 2.
वन्य प्रदेशों अथवा वनों में रहने वाले लोग वन उत्पादों का विभिन्न प्रकार से उपयोग कैसे करते हैं ?
उत्तर-
वन्य प्रदेशों में रहने वाले लोग कंद-मूल-फल, पत्ते आदि वन-उत्पादों का विभिन्ने ज़रूरतों के लिए उपयोग करते हैं।

  1. फल और कंद बहुत पोषक खाद्य हैं, विशेषकर मानसून के दौरान जब फ़सल कट कर घर न आयी हो।
  2. जड़ी-बूटियों का दवाओं के लिए प्रयोग होता है।
  3. लकड़ी का प्रयोग हल जैसे खेती के औज़ार बनाने में किया जाता है।
  4. बांस से बढ़िया बाड़ें बनायी जा सकती हैं। इसका उपयोग छतरियां तथा टोकरियां बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
  5. सूखे हुए कुम्हड़े के खोल का प्रयोग पानी की बोतल के रूप में किया जा सकता है।
  6. जंगलों में लगभग सब कुछ उपलब्ध है-
    • पत्तों को आपस में जोड़ कर ‘खाओ-फेंको’ किस्म के पत्तल और दोने बनाए जा सकते हैं।
    • सियादी (Bauhiria vahili) की लताओं से रस्सी बनायी जा सकती है।
    • सेमूर (सूती रेशम) की कांटेदार छाल पर सब्जियां छीली जा सकती है।
    • महुए के पेड़ से खाना पकाने और रोशनी के लिए तेल निकाला जा सकता है।

PSEB 9th Class SST Solutions Civics Chapter 1 वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार

Punjab State Board PSEB 9th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 1 वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 1 वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार

SST Guide for Class 9 PSEB वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार Textbook Questions and Answers

(क) रिक्त स्थान भरें :

  1. चोल शासकों के समय प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ………. थी।
  2. ………….. ने चिल्ली में सोशलिस्ट पार्टी का मार्गदर्शन किया।

उत्तर-

  1. उरर
  2. साल्वाडोर एलैंडे।

(ख) निम्नलिखित कथनों में सही के लिए तथा गलत के लिए चिन्ह लगाएं :

  1. भारत संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य है। ( )
  2. हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में लोकतंत्र निरंतर चल रहा है। ( )

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)

(ग) बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में किस देश ने दुनिया के देशों को संसदीय लोकतंत्र प्रणाली अपनाने की प्रेरणा दी :-
(अ) जर्मनी
(आ) फ्रांस
(इ) इंग्लैंड
(ई) चीन।
उत्तर-
(इ) इंग्लैंड

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित देशों में ‘वीटो शक्ति’ किस देश के पास नहीं है ?
(अ) भारत
(आ) अमेरिका
(इ) फ्रांस
(ई) चीन।
उत्तर-
(अ) भारत

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आजकल विश्व के अधिकांश राष्ट्रों में कौन-सी शासन प्रणाली अपनाई जा रही है ?
उत्तर-
आजकल विश्व के अधिकांश राष्ट्रों में लोकतंत्र को अपनाया जा रहा है।

प्रश्न 2.
प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् इटली व जर्मनी में प्रचलित विचारधाराओं के नाम लिखें जिनके कारण लोकतंत्र को भीषण झटका लगा।
उत्तर–
इटली में फासीवाद तथा जर्मनी में नाजीवाद।

प्रश्न 3.
एलैंडे चिल्ली का राष्ट्रपति कब चुना गया ?
उत्तर-
एलैंडे 1970 में चिल्ली का राष्ट्रपति चुना गया।

प्रश्न 4.
चिल्ली में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना कब हुई थी ?
उत्तर-
चिल्ली में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना 1988 में हुई थी।

प्रश्न 5.
पोलैंड में लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग के लिए हड़ताल की कार्यवाही किसने की ?
उत्तर-
लेक वालेशा (Lek Walesha) ने तथा सोलिडैरिटी (Solidarity) ने पोलैंड में हड़ताल की कार्यवाही की।

प्रश्न 6.
पोलैंड में राष्ट्रपति पद के लिए प्रथम बार चुनाव कब हुआ तथा राष्ट्रपति पद के लिए कौन निर्वाचित हुआ ?
उत्तर-
पोलैंड में राष्ट्रपति पद के लिए प्रथम बार चुनाव 1990 में हुए तथा लेक वालेशा राष्ट्रपति बने।

प्रश्न 7.
भारत में सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार कब दिया गया ?
उत्तर-
1950 में संविधान के लागू होने के साथ।

प्रश्न 8.
कौन-से दो बड़े महाद्वीप उपनिवेशवाद का शिकार रहे हैं ?
उत्तर-
एशिया तथा अफ्रीका उपनिवेशवाद का शिकार रहे हैं।

प्रश्न 9.
दक्षिणी अफ्रीका महाद्वीप के देश घाना को स्वतंत्रता कब प्राप्त हुई ?
उत्तर-
घाना को 1957 में स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

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प्रश्न 10.
हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में किस सैनिक कमांडर ने 1999 में निर्वाचित सरकार की सत्ता पर अधिकार कर लिया ?
उत्तर-

जनरल परवेज मुशर्रफ ने।

प्रश्न 11.
दो अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के नाम लिखें।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र संघ, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष।

प्रश्न 12.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष कार्य करती है ?
उत्तर-
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष अलग-अलग देशों को विकास के लिए धन कर्जे के रूप में देती है।

प्रश्न 13.
संयुक्त राष्ट्र संघ में कितने राष्ट्र सदस्य हैं ?
उत्तर-

संयुक्त राष्ट्र संघ में 193 राष्ट्र सदस्य हैं।

प्रश्न 14.
विश्व भर में प्रचलित शासन प्रणालियों के नाम लिखें।
उत्तर-
राजतंत्र, सत्तावादी, सर्वसत्तावादी, तानाशाही, सैनिक तानाशाही तथा लोकतंत्र।

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
देश के सभी नागरिकों को जाति, लिंग, जन्म, वर्ण, प्रजाति के भेदभाव के बिना एक निश्चित आयु प्राप्त करने के पश्चात् चुनाव में वोट देने का अधिकार दिया जाता है जिसे सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार कहते हैं। भारत में 18 वर्ष की आयु होने के पश्चात् सभी को बिना किसी भेदभाव के वोट या मत देने का अधिकार प्रदान किया गया है।

प्रश्न 2.
चौल वंश के शासकों के समय स्थानीय स्तर के लोकतंत्र पर नोट लिखें।
उत्तर-
चोल शासकों ने शासन को ठीक ढंग से चलाने के लिए राज्य को कई इकाइयों में विभाजित किया था तथा इन प्रशासनिक इकाइयों को स्वायत्तता का अधिकार प्रदान किया था। उन्होंने स्थानीय व्यवस्था को चलाने के लिए समिति प्रणाली शुरू की जिसे ‘वरियाम व्यवस्था’ कहते थे। अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग समितियां गठित की जाती थीं। प्रशासन की सबसे छोटी इकाई (उर्र) का प्रबंध चलाने के लिए 30 सदस्यों की समिति को उरी के वयस्कों द्वारा एक वर्ष के लिए चुना जाता था। प्रत्येक उरी को खंडों में विभाजित किया जाता था जिनके उम्मीदवारों का चुनाव जनता द्वारा किया जाता था।

प्रश्न 3.
वीटो शक्ति से क्या अभिप्राय है ? संयुक्त राष्ट्र संघ में वीटो शक्ति किन राष्ट्रों के पास है ?
उत्तर-
वीटो शक्ति का अर्थ है ‘न कहने की शक्ति’। इसका अर्थ यह है कि जिसे वीटो शक्ति प्रयोग करने का अधिकार हो तो उसकी मर्जी के बिना कोई प्रस्ताव पारित नहीं हो सकता। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् के पांच स्थायी सदस्यों को वीटो शक्ति का अधिकार प्राप्त है। अगर इन पांच सदस्यों में से कोई भी सदस्य वीटो के अधिकार का प्रयोग करता है तो वह प्रस्ताव परिषद् में पारित नहीं किया जा सकता। वह देश जिन्हें वीटो अधिकार प्राप्त है वह है-संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस तथा चीन।

प्रश्न 4.
हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में लोकतंत्र के इतिहास पर नोट लिखें।
उत्तर–
पाकिस्तान 1947 में भारत को विभाजित करके बनाया गया था तथा वहां पर लोकतंत्र का इतिहास काफी अच्छा नहीं है। पाकिस्तान में सेना काफी शक्तिशाली है तथा उसका राजनीति में काफी प्रभुत्व है। 1958 में प्रधानमंत्री फिरोज़ खान नून को हटा कर सेना प्रमुख जनरल अयूबखान को देश का प्रमुख बना दिया गया। इसके पश्चात् 1977 में जनता द्वारा चुने गए प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को सेना प्रमुख जनरल जिया उल हक ने हटा दिया तथा स्वयं को देश का राष्ट्रपति बना दिया। 1999 में इसी प्रकार प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को सेना प्रमुख जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने हटा दिया तथा 2002 में स्वयं को राष्ट्रपति घोषित कर दिया। इस प्रकार वहां पर समय समय पर सेना द्वारा लोकतंत्र का गला घोटा गया है।

प्रश्न 5.
चिल्ली के लोकतंत्र के इतिहास पर नोट लिखें।
उत्तर-
चिल्ली दक्षिण अमेरिकी देश है जहां पर साल्वाडोर एलैंडे की सोशलिस्ट पार्टी को 1970 में राष्ट्रपति चुनाव में विजय प्राप्त हुई। इसके पश्चात् एलैंडे ने निर्धन लोगों के कल्याण, शिक्षा में सुधार तथा कई अन्य कार्य किए जिसका विदेशी कंपनियों ने विरोध किया। 11 सितंबर 1973 को सैनिक जनरल पिनोशे ने षड्यंत्र रच कर तख्ता पलट किया जिसमें एलैंडे की मृत्यु हो गई। सत्ता पिनोशे के हाथों में आ गई। 17 वर्ष तक राज करने के पश्चात् पिनोशे ने जनमत संग्रह करवाया जो उसके विरोध में गया। 1990 में वहां पर चुनाव हुए तथा लोकतंत्र स्थापित हुआ।

प्रश्न 6.
अफ्रीका महाद्वीप के देश ‘घाना’ की स्वतंत्रता के लिए किस व्यक्ति ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई? घाना की स्वतंत्रता का अफ्रीका के अन्य देशों पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर-
घाना को 1957 में अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त हुई। उसकी स्वतंत्रता प्राप्ति में कवामे नकरूमाह (Kwame Nkrumah) नामक व्यक्ति ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसने स्वतंत्रता के संघर्ष का नेतृत्व किया तथा अपने देश को स्वतंत्र करवाया। वह घाना का प्रथम प्रधानमंत्री तथा बाद में राष्ट्रपति बन गया। घाना की स्वतंत्रता का अफ्रीका के अन्य देशों पर काफी प्रभाव पड़ा तथा वह भी स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए प्रेरित हुए तथा उन्हें समय के साथसाथ स्वतंत्रता प्राप्त हो गई।

प्रश्न 7.
चोल वंश के शासकों के समय स्थानीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के चुनाव के लिए अपनाई गई निर्वाचन पद्धति का वर्णन करें।
उत्तर-
चोल वंश के शासकों में शासन की सबसे छोटी इकाई उरी थी जो आजकल के गांवों के समान हुआ करते थे। उर का प्रबंध चलाने के लिए 30 सदस्यों की समिति बनाई जाती थी जिसे एक वर्ष के लिए उरी के वयस्कों द्वारा चुना जाता था। प्रत्येक उरी 30 खंडों में विभाजित होता है तथा प्रत्येक खंड में से एक से अधिक उम्मीदवार की सिफारिश जनता द्वारा की जाती थी। इन उम्मीदवारों के नाम ताड़ के पत्तों पर लिख कर एक डिब्बे में डाल दिए जाते थे जिनके नाम बालिगों द्वारा डिब्बे में से बाहर निकाले जाते थे। उन्हें सदस्य मान लिया जाता था। इस निर्वाचन के ढंग को कदूबलाय का नाम दिया जाता था।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष’ पर संक्षिप्त निबंध लिखें।
उत्तर-
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा वर्ल्ड बैंक को ब्रैटन वुड संस्थाएं कहा जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (Internatinal Monetary Fund) ने 1947 में अपने आर्थिक कार्य करने शुरू किए। इन संस्थाओं में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर पश्चिमी देशों का अधिकार होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के पास IMF तथा वर्ल्ड बैंक में वोट करने का मुख्य अधिकार है।
यह संस्था संसार भर के देशों को कर्जा देती है। इस संस्था के 188 देश सदस्य हैं तथा प्रत्येक देश के पास मत देने का अधिकार है। प्रत्येक देश के मत की शक्ति उस देश द्वारा संस्था को दी गई राशि के अनुसार निश्चित की जाती है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में 52% मत शक्ति केवल 10 देशों-अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन, इटली, साऊदी अरब, कैनेडा तथा रूस के पास है। इस प्रकार अन्य 178 देशों के पास संस्था में निर्णय लेने का अधिकार काफी कम होता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि इन देशों में निर्णय लेने की प्रक्रिया लोकतांत्रिक नहीं बल्कि अलोकतांत्रिक है।

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प्रश्न 2.
संयुक्त राष्ट्र संघ पर संक्षिप्त निबंध लिखें।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र संघ एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जिसे 24 अक्तूबर, 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् बनाया गया था। इसके प्राथमिक सदस्यों की संख्या 51 थी तथा भारत भी इन 51 देशों में से था। संयुक्त राष्ट्र उन प्रयासों का परिणाम था जिसमें विश्व शांति को सामने रख कर युद्धों को रोकने का प्रयास किया गया था। इस समय इसके 193 देश सदस्य हैं।
संयुक्त राष्ट्र की एक संसद् है जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा कहते हैं। यहां प्रत्येक देश को एक मत, एक समान मताधिकार प्राप्त है तथा महासभा में सभी देश विश्व की समस्याओं से संबंधित विचार विमर्श करते हैं। महासभा का एक प्रधान होता है जिसे चेयरमैन कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र का एक सचिवालय होता है जिसके प्रमुख को महासचिव कहते हैं। सभी निर्णय अलग-अलग देशों से परामर्श करके किए जाते हैं। इसके कुछेक अंग हैं-जैसे कि महासभा, सुरक्षा परिषद्, आर्थिक एवं सामाजिक परिषद, ट्रस्टीशिप कौंसिल, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय तथा सचिवालय।

प्रश्न 3.
यूनान व रोम में प्राचीनकाल में लोकतंत्र के विकास पर संक्षेप नोट लिखें।
उत्तर-
अगर हम संपूर्ण विश्व में लोकतंत्र के आरंभ को देखें तो यह यूनान तथा रोमन गणराज्यों में हुआ था। प्राचीन समय में यूनान में नगर राज्यों में सीधा तथा प्रत्यक्ष लोकतंत्र लागू था। इन राज्यों की जनसंख्या काफी कम थी। राज्य के प्रशासनिक निर्णय नागरिक प्रत्यक्ष रूप से लेते थे। राज्य के सभी नागरिक अपने राज्य की आर्थिक, राजनीतिक तथा सामाजिक समस्याओं को हल करने के लिए कानून बनाने, राज्य के वार्षिक बजट को पास करने तथा सार्वजनिक नीतियों के निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेते थे।
परंतु यह लोकतंत्र एक सीमित लोकतंत्र था क्योंकि इन नगर राज्यों की जनसंख्या का बहुत बड़ा हिस्सा गुलामों का होता था। गुलामों का प्रशासनिक कार्यों में भाग लेना वर्जित था। रोमन राज्यों में राजा को चाहे लोगों के द्वारा निर्वाचित किया जाता था। परंतु यहां पर राजा अपनी इच्छा से राज्य का प्रशासन चलाता था। सैद्धांतिक रूप से तो राजा संपूर्ण जनता का प्रतिनिधित्व करता था परंतु वास्तविक रूप में वह अपनी इच्छा से शासक प्रबंध चलाता था।

प्रश्न 4.
बहुराष्ट्रीय कंपनियां आधुनिक युग में लोकतंत्र को खतरा हैं-इसकी व्याख्या करें।
उत्तर-
आजकल का समय विश्वव्यापीकरण का समय है जब जहां अलग-अलग देशों की एक-दूसरे के ऊपर निर्भरता बढ़ गई है। बहुत सी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी सामने आई हैं जो बहुत से देशों में अपना व्यापार करती हैं। परंतु प्रश्न यह उठता है कि क्या ये कंपनियां लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। आजकल लगभग सभी विकासशील तथा पिछड़े देशों ने वैश्वीकरण तथा खुली प्रतिस्पर्धा की नीति को अपना लिया है। इस नीति के अनुसार ही बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपना व्यापार कर रही हैं। इन कंपनियों का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लाभ कमाना होता है जिस कारण यह अपनी वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ाते रहते हैं। ये कंपनियां किसी न किसी ढंग से जनता का शोषण करती हैं जो कि लोकतंत्र की आत्मा के विरुद्ध है।

हमारी सरकारें चाहे स्वयं को लोकतांत्रिक कह लें परंतु इन्हें देश के व्यापारिक परिवार ही चला रहे हैं। इन व्यापारिक परिवारों का उन कंपनियों पर एकाधिकार होता है तथा यह सरकार से अपने पक्ष में नीतियां बनवा लेते हैं। इस कारण यह और अमीर तथा गरीब और गरीब हो रहा है। यह सब सच्चे लोकतंत्र की आत्मा के विरुद्ध है। इस प्रकार बहुराष्ट्रीय कंपनियां लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।

PSEB 9th Class Social Science Guide वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
चिल्ली (Chile) में 11 सितंबर, 1973 को सेना ने सरकार का तख्ता बदला तब चिली का राष्ट्रपति कौन था ?
(क) गोर्वाचेव
(ख) अगस्टो पिनोशे
(ग) स्टालिन
(घ) सालवेडर एलैंडे।
उत्तर-
(घ) सालवेडर एलैंडे।

प्रश्न 2.
चिल्ली में सैनिक तानाशाही कब समाप्त हुई ?
(क) 1973
(ख) 1989
(ग) 1988
(घ) 1998.
उत्तर-
(ग) 1988

प्रश्न 3.
1980 में पौलेंड में निम्न में से किस पार्टी का शासन था ?
(क) साम्यवादी पार्टी
(ख) पोलिश संयुक्त श्रमिक पार्टी
(ग) पौलिश श्रम पार्टी
(घ) पोलिश प्रगतिशील पार्टी।
उत्तर-
(ख) पोलिश संयुक्त श्रमिक पार्टी

प्रश्न 4.
लेनिन शिपयार्ड (Shipyard) के श्रमिकों ने कब हड़ताल की ?
(क) 14 अगस्त, 1973
(ख) 14 अगस्त, 1980
(ग) 14 अगस्त, 1998
(घ) 14 अगस्त 1988.
उत्तर-
(ख) 14 अगस्त, 1980

प्रश्न 5.
पोलैंड में प्रथम राष्ट्रपति चुनाव कब हुआ जिसमें एक से अधिक दलों को हिस्सा लेने का अधिकार प्राप्त था ?
(क) अक्तूबर, 1990
(ख) अक्तूबर, 1992
(ग) जनवरी, 1998
(घ) अक्तूबर, 1988.
उत्तर-
(क) अक्तूबर, 1990

प्रश्न 6.
सोलिडेरिटी (Solidarity) ट्रेड यूनियन की स्थापना किस देश में की गई थी ?
(क) पोलैंड
(ख) फ्रांस
(ग) नेपाल
(घ) रूमानिया।
उत्तर-
(क) पोलैंड

प्रश्न 7.
पोलैंड में लेक वालेशा (Walesa) की सरकार की महत्त्वपूर्ण विशेषता थी
(क) राजनीतिक सत्ता सेना के पास थी
(ख) लोगों को कुछ मूल राजनीतिक स्वतंत्रताएं प्राप्त थीं
(ग) सरकार की आलोचना करना मना था
(घ) शासक जनता द्वारा नहीं चुने गए थे।
उत्तर-
(ख) लोगों को कुछ मूल राजनीतिक स्वतंत्रताएं प्राप्त थीं

रिक्त स्थान भरें:

  1. लोकतंत्र का आरंभ ……………. तथा …………………. गणराज्यों में हुआ।
  2. चोल शासकों के समय स्थानीय प्रबंध चलाने वाली प्रणाली को …………………. प्रणाली कहते थे।
  3. ………………… ने कहा था कि लोकतंत्रीय सरकार लोगों द्वारा, लोगों के लिए और लोगों द्वारा निर्वाचित होती है।
  4. भारत से एक नया राष्ट्र …………………. 1947 में बना था।
  5. ……………. में एलैंडे चिल्ली के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए।
  6. पोलैंड में …. ……. को 1976 में अधिक वेतन की मांग करने पर नौकरी से निकाल दिया गया था।
  7. ……………….. ने संविधान लागू होते ही जनता को सर्वव्यापक वयस्क मताधिकार प्रदान कर दिया था।

उत्तर-

  1. यूनानी, रोमन
  2. वरियाम
  3. अब्राहम लिंकन
  4. पाकिस्तान
  5. 1970
  6. लेक वालेशा
  7. भारत

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सही/गलत :

  1. इराक 1932 में अमेरिकी उपनिवेशवाद से स्वतंत्र हुआ।
  2. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की 52% मत शक्ति केवल 10 देशों के पास है।
  3. 1991 में सोवियत संघ के विघटन के कारण अमेरिका महाशक्ति बन गया।
  4. सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों के पास वीटो शक्ति है।
  5. संयुक्त राष्ट्र के 100 प्राथमिक सदस्य थे।
  6. संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 सदस्य हैं। .

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✓)
  4. (✗)
  5. (✗)
  6. (✓)

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
चिल्ली में राष्ट्रपति सालवेडर एलैंडे (Salvader Allende) का तख्ता कब पलटा गया और सैनिक क्रांति किसके नेतृत्व में हुई ?
उत्तर-
11 सितंबर, 1973 को सैनिक क्रांति हुई और सेना का नेतृत्व जनरल अगस्टो पिनोशे (Augusto Pinnochet) ने किया। राष्ट्रपति सालवेडर एलैंडे सैनिक आक्रमण में मारा गया।

प्रश्न 2.
क्या सेना को किसी नागरिक को कैद करने का अधिकार है ?
उत्तर-
सेना को नागरिकों को कैद करने का अधिकार नहीं है।

प्रश्न 3.
चिल्ली में जनरल अगस्टो पिनोशे ने अपने शासन के संबंध में कब जनमत संग्रह (Referendum) करवाया ?
उत्तर-
1988 में जनमत संग्रह करवाया गया और लोगों ने स्पष्ट रूप से जनरल पिनोशे के शासन के विरुद्ध मतदान किया।

प्रश्न 4.
चिल्ली में राजनीतिक स्वतंत्रता पुनः कब स्थापित की गई ?
उत्तर-
1988 में जनमत संग्रह के बाद जनरल पिनोशे की सत्ता समाप्त होने के बाद चिल्ली में राजनीतिक स्वतंत्रता पुनः स्थापित की गई।

प्रश्न 5.
1980 में पोलैंड में किस पार्टी का शासन था ?
उत्तर-
1980 में पोलैंड में पौलिश संयुक्त श्रमिक पार्टी (Polish United Workers Party) का शासन था।

प्रश्न 6.
पोलैंड में संयुक्त श्रमिक पार्टी के शासन में क्या और राजनीतिक दल थे ?
उत्तर-
पोलैंड में 1980 में संयुक्त श्रमिक पार्टी के अतिरिक्त और कोई राजनीतिक दल नहीं था। पोलैंड में किसी और राजनीतिक दल को कार्य करने नहीं दिया जाता था।

प्रश्न 7.
जनवरी 2006 में चिली का राष्ट्रपति कौन चुना गया ?
उत्तर-
मिशेल बेशलेट (Michelle Bachelet) चिली की प्रथम महिला राष्ट्रपति निर्वाचित हुई।

प्रश्न 8.
1988 में पोलैंड में किस ट्रेड यूनियन के नेतृत्व में हड़ताल हुई ?
उत्तर-
सोलिडेरिटी (Solidarity) के नेतृत्व में हड़ताल हुई।

प्रश्न 9.
अलोकतांत्रिक सरकार की एक विशेषता लिखें।
उत्तर-
अलोकतांत्रिक शासन प्रणाली में सरकार जनता द्वारा निर्वाचित नहीं की जाती।

प्रश्न 10.
19वीं शताब्दी में किस देश में लोकतंत्र को कई बार बदला गया और पुनः स्थापित किया गया ?
उत्तर-
19वीं शताब्दी में फ्रांस में उथल-पुथल होती रही।

प्रश्न 11.
किन्हीं दो देशों का नाम लिखें जहाँ पर अलोकतांत्रिक शासन प्रणाली पाई जाती है ?
उत्तर-

  1. उत्तरी कोरिया
  2. साम्यवादी चीन।

प्रश्न 12.
समकालीन विश्व में कौन-सी शासन प्रणाली संसार के अधिकांश देशों में पाई जाती है ?
उत्तर-
संसार के अधिकांश देशों में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली पाई जाती है।

प्रश्न 13.
अफ्रीका में कौन-सा देश सबसे पहले स्वतंत्र हुआ ?
उत्तर-
घाना 1957 में स्वतंत्र हुआ।

प्रश्न 14.
विश्व में किस महान् देश का विघटन हुआ और सभी प्रांत स्वतंत्र देश बन गए।
उत्तर-
1991 में सोवियत संघ का विघटन हुआ और 15 स्वतंत्र देशों का उदय हुआ।

प्रश्न 15.
एशिया के किस देश में 2005 में निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर दिया गया ?
उत्तर-
2005 में नेपाल में नए सम्राट ने निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर दिया और लोगों की राजनीतिक स्वतंत्रता छीन ली गई।

प्रश्न 16.
संयुक्त राष्ट्र संघ की कब स्थापना की गई ?
उत्तर-
24 अक्तूबर, 1945.

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प्रश्न 17.
संयुक्त राष्ट्र के अंगों के नाम लिखें।
उत्तर–
महासभा, सुरक्षा परिषद्, आर्थिक तथा सामाजिक परिषद्, ट्रस्टीशिप कौंसिल, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय तथा सचिवालय।

प्रश्न 18.
संयुक्त राष्ट्र का कोई एक मूलभूत सिद्धांत लिखिए।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना राष्ट्रों की समानता के आधार पर की गई है।

प्रश्न 19.
संयुक्त राष्ट्र के स्थायी सदस्यों के नाम लिखें।
उत्तर-
इंग्लैंड, अमेरिका, चीन, रूस और फ्रांस।

प्रश्न 20.
संयुक्त राष्ट्र के कितने सदस्य हैं ?
उत्तर-
193.

प्रश्न 21.
संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को कौन ऋण देता है जब उन्हें धन की आवश्यकता पड़ती है ?
उत्तर-

  1. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund)
  2. विश्व बैंक (World Bank)।

प्रश्न 22.
संयुक्त राष्ट्र की वास्तविक शक्ति किस अंग के पास है ?
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र की वास्तविक शक्ति सुरक्षा परिषद् के पांच स्थायी देशों के पास है।

प्रश्न 23.
जनमत संग्रह किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जनमत संग्रह द्वारा संसद् के बनाए कानूनों को जनता की राय जानने के लिए जनता के सामने रखे जाते हैं। वे कानून तभी समझे जाते हैं यदि मतदाताओं का बहुमत उसके पक्ष में हो, नहीं तो वह कानून रद्द हो जाते हैं।

प्रश्न 24.
मिली-जुली सरकार किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब अनेक राजनीतिक दल मिलकर एक समझौता करके सरकार बनाएं तो उसे मिली-जुली सरकार कहा जाता है।

प्रश्न 25.
कूप (Coup) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब किसी सरकार को अचानक एक दम गैर-कानूनी ढंग से हटा दिया जाए तो उसे कूप कहते हैं।

प्रश्न 26.
हड़ताल से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
जब श्रमिक अथवा कर्मचारी अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए काम बंद कर दें तो उसे हड़ताल कहा जाता है।

प्रश्न 27.
‘ट्रेड यूनियन’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
श्रमिकों के संघ को ट्रेड यूनियन कहा जाता है। ट्रेड यूनियन का उद्देश्य श्रमिकों के हितों की रक्षा करना है।

प्रश्न 28.
‘लेनिन जहाज़ कारखाना’ के मजदूरों ने किस कारणवश हड़ताल की ?
उत्तर-
मजदूरों ने एक क्रेन चालक महिला को गलत ढंग से नौकरी से निकाले जाने के खिलाफ हड़ताल शुरू की थी।

प्रश्न 29.
वर्तमान समय में नेपाल में किस प्रकार की सरकार स्थापित है ?
उत्तर-
वर्तमान समय में नेपाल में लोकतांत्रिक सरकार स्थापित है।

प्रश्न 30.
वर्तमान समय में पाकिस्तान में किस प्रकार की सरकार पाई जाती है ?
उत्तर-
वर्तमान समय में पाकिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार पाई जाती है।

लघ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
1980 में पोलैंड में पौलिश संयुक्त श्रमिक पार्टी के शासनकाल में आप कौन-सी राजनीतिक गतिविधियां पोलैंड में नहीं कर सकते पर अपने देश में कर सकते हैं ?
उत्तर-
1980 में पोलैंड में पौलिश संयुक्त श्रमिक पार्टी के शासनकाल में निम्नलिखित राजनीतिक गतिविधियां मना थीं

  1. पोलैंड में किसी राजनीतिक दल का संगठन नहीं किया जा सकता था। एक ही दल का शासन था।
  2. लोगों को अपनी इच्छा से साम्यवादी पार्टी का नेता चुनने का अधिकार नहीं था।
  3. लोगों को स्वतंत्रता से सरकार चुनने व सरकार की आलोचना करने का अधिकार प्राप्त नहीं था।
  4. लोगों को भाषण देने तथा विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता नहीं थी।

प्रश्न 2.
आपके विचार में किसी को आजीवन काल के लिए राष्ट्रपति चुनना अच्छा है अथवा कुछ वर्षों के पश्चात् नियमित चुनाव करना ?
उत्तर-
किसी भी व्यक्ति को आजीवन काल के लिए राष्ट्रपति चुनना ठीक नहीं है। ये लोकतांत्रिक नहीं है। आजीवन काल के लिए चुना हुआ राष्ट्रपति शीघ्र ही तानाशाह बन जाता है और भ्रष्ट हो जाता है। जैसा कि घाना में राष्ट्रपति नकरुमाह (Nkrumah) ने किया। राष्ट्रपति का चुनाव कुछ वर्षों (4 या पांच) के पश्चात् नियमित रूप से होना चाहिए। लोकतंत्र के लिए नियमित चुनाव होना अनिवार्य है ताकि लोग अपने शासकों का चुनाव कर सकें।

PSEB 9th Class SST Solutions Civics Chapter 1 वर्तमान लोकतंत्र का इतिहास, विकास एवं विस्तार

प्रश्न 3.
आपके विचार में अमेरिका का ईराक पर आक्रमण लोकतंत्र को बढ़ावा देता है ? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर-

  1. अमेरिका का ईराक पर आक्रमण लोकतंत्र को बढ़ावा नहीं देता।
  2. किसी देश को दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। आक्रमण करके लोकतंत्र की स्थापना नहीं होती।
  3. कोई बाहरी शक्ति किसी दूसरे राज्य में लोकतंत्र की स्थापना अधिक समय तक नहीं कर सकती। लोकतंत्र की स्थापना के लिए उस देश के लोगों को स्वयं संघर्ष करना होगा।

प्रश्न 4.
लोकतंत्र की महत्त्वपूर्ण दो विशेषताएं लिखें।
उत्तर-

  1. जनता द्वारा चुने गए नेताओं को ही देश का शासन चलाना चाहिए।
  2. लोगों को भाषण देने, विचार प्रकट करने, संगठन बनाने इत्यादि की स्वतंत्रता होनी चाहिए।

प्रश्न 5.
आंग सान सू की के जीवन पर संक्षिप्त निबंध लिखें।
उत्तर-
आंग सान सू की पिछले कई वर्षों से म्यांमार में लोकतंत्र के आंदोलन की अगुवा बनी हुई है। उनका जन्म 19 फरवरी, 1945 को रंगून शहर में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र का अध्ययन किया तथा बाद में आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी अपनी शिक्षा जारी रखी। आंग सान सू की म्यांमार के सैनिक शासन के विरुद्ध हैं। अतः उन्होंने म्यांमार में लोकतंत्र के आंदोलन के साथ अपने आपको पूरी तरह जोड़ा हुआ है। म्यांमार की सैनिक सरकार ने कई बार उन पर देश छोड़ने का दबाव बनाया, परंतु आंग सान सू ची अपने देश से बाहर नहीं गई। 13 दिसंबर, 2010 को आंग सान सू की को म्यांमार की सैनिक सरकार ने 15 साल बाद नजरबंदी से रिहा किया। म्यांमार की अधिकांश जनता इस नेता के साथ है, तथा आंदोलन में उनके साथ भागीदार है। आंग सान सू ची ने म्यांमार में लोगों को लोकतांत्रिक सरकार एवं अधिकार देने के लिए एक बड़ा लोकतांत्रिक आंदोलन चला रखा है।

प्रश्न 6.
“19वीं शताब्दी तथा 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में कुछ देश पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक नहीं थे।” इस कथन के पक्ष में कोई दो तर्क दें।
उत्तर-
निम्नलिखित तर्कों के आधार पर कहा जा सकता है कि 19वीं शताब्दी तथा 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में कुछ देश पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक नहीं थे-

  1. स्विट्ज़रलैंड, इंग्लैंड तथा फ्रांस जैसे देशों में महिलाओं को मताधिकार प्राप्त नहीं था।
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश में भी अश्वेतों को मताधिकार प्राप्त नहीं था।

प्रश्न 7.
चिल्ली में पुनः किस प्रकार लोकतंत्र स्थापित किया गया?
उत्तर-

  1. चिल्ली के सैनिक तानाशाह पिनोशे ने सन् 1988 में अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए जनमत संग्रह करने का फैसला किया।
  2. जनमत संग्रह में पिनोशे की हार हुई।
  3. पिनोशे की राजनीतिक सत्ता सदैव के लिए समाप्त हो गई।
  4. चिल्ली में इसके बाद कई बार चुनाव हो चुके हैं।

प्रश्न 8.
पोलैंड में लोकतंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया का वर्णन करो।
उत्तर-

  1. 1980 में मजदूरों की हड़ताल के कारण सरकार ने विवश होकर मजदूरों के हड़ताल करने के अधिकार को मान्यता प्रदान की।
  2. मज़दूरों ने सोलिडैरिटी नामक एक संगठन बनाया।
  3. मज़दूरों द्वारा सन् 1988 में की गई हड़ताल द्वारा सरकार पर काफ़ी दबाव पड़ा।
  4. अतः सरकार ने विवश होकर चुनाव कराने का निर्णय किया, जिसमें साम्यवादी सरकार का पतन हो गया।

प्रश्न 9.
सोलिडैरिटी के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-

  1. सोलिडैरिटी पोलैंड के मजदूरों द्वारा बनाया गया एक मजदूर संगठन है।
  2. इस संगठन का निर्माण उंडास्क संधि के बाद किया गया।
  3. अपने गठन के एक वर्ष के अंतराल में ही इसकी सदस्य संख्या एक करोड़ पहुंच गई।
  4. पोलैंड में सन् 1989 में हुए चुनावों में इस संगठन ने 100 सीटों में से 99 सीटें जीतीं।

प्रश्न 10.
शीत युद्ध के पश्चात् अधिकांश नव स्वतंत्रता प्राप्त देशों पर उपनिवेशवाद के अंत का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-

  1. नव स्वतंत्रता प्राप्त देशों को अपनी सरकार एवं राजनैतिक संस्थाएं स्थापित करने में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
  2. अधिकांश नव स्वतंत्रता प्राप्त देशों ने लोकतंत्र को अपनाया, परंतु इन देशों में लोकतंत्र सफल नहीं हो पाया।
  3. अधिकांश नव स्वतंत्रता प्राप्त देशों में गृह युद्ध शुरू हो गया।
  4. अधिकांश देशों में सैनिक शासन स्थापित हो गया।

प्रश्न 11.
सोवियत संघ के पतन के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-

  1. सोवियत संघ 1991 में 15 स्वतंत्र गणराज्यों में विभाजित हो गया।
  2. इन गणराज्यों ने साम्यवादी शासन को समाप्त करने के लिए लोकतांत्रिक शासन स्थापित किया।
  3. अधिकांश गणराज्यों में बहुदलीय शासन को मान्यता प्रदान की गई।
  4. पूर्वी यूरोप से सोवियत संघ का नियंत्रण समाप्त हो गया।

प्रश्न 12.
वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक शासन की स्थापना के संबंध में उपाय बताएं।
उत्तर-

  1. विश्व स्तर पर लोकतांत्रिक शासन की स्थापना के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को अधिक लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है।
  2. लोगों को राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक अधिकार प्रदान किये जाने चाहिए।
  3. समय-समय में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने चाहिए।
  4. लोगों को भाषण देने एवं विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान होनी चाहिए।

प्रश्न 13.
राष्ट्रपति एलैंडे बार-बार मजदूरों की बात क्यों करते हैं? अमीर लोग उनसे नाखुश क्यों थे? .
उत्तर-
राष्ट्रपति मज़दूरों के हितैषी थे। उन्होंने बहुत-से ऐसे कानून बनाए थे, जो मज़दूरों के हित में थे, जैसे शिक्षा पद्धति में संशोधन, किसानों में भूमि का पुनर्वितरण तथा बच्चों के लिए नि:शुल्क दूध की व्यवस्था करना इत्यादि। मज़दूरों के अधिक-से-अधिक कल्याण के लिए ही उन्होंने बार-बार मजदूरों की बात की । अमीर लोग राष्ट्रपति एलैंडे से इसलिए नाखुश थे, क्योंकि उन्हें राष्ट्रपति की नीतियां पसंद नहीं थीं।

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प्रश्न 14.
अधिकांश देशों में महिलाओं को पुरुष की तुलना में काफ़ी देर से मताधिकार क्यों मिला? भारत में ऐसा क्यों नहीं हुआ?
उत्तर-
अधिकांश देशों में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में काफ़ी देर से मताधिकार इसलिए मिला क्योंकि महिलाओं को पुरुषों के समान नहीं माना जाता था। भारत में आजादी के आंदोलन में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया था। इसी दौरान भारत में सकारात्मक लोकतांत्रिक मूल्यों ने जन्म लिया था। उन मूल्यों में महिलाएं समान समझी जाती थीं। अतः भारत में पुरुषों के साथ ही महिलाओं को भी मताधिकार प्राप्त हुआ था।

प्रश्न 15.
पोलैंड में एक स्वतंत्र मजदूर संघ क्यों इतना महत्त्वपूर्ण था? मज़दूर संघों की ज़रूरत क्यों थी?
उत्तर-
पोलैंड में एक स्वतंत्र मजदूर संघ इसलिए महत्त्वपूर्ण था, क्योंकि किसी साम्यवादी शासन वाले देश में पहली बार एक स्वतंत्र मजदूर संघ का निर्माण हुआ था। मज़दूर संघों की आवश्यकता इसलिए होती थी, ताकि मालिकों के असंवैधानिक एवं अनुचित व्यवहार को नियंत्रित किया जा सके।

प्रश्न 16.
आधुनिक युग में प्रत्यक्ष लोकतंत्र क्यों नहीं संभव है ?
उत्तर-
आधुनिक युग में प्रत्यक्ष लोकतंत्र संभव नहीं है। इसका कारण यह है कि आधुनिक राज्य आकार और जनसंख्या दोनों ही दृष्टियों में विशाल है। भारत, चीन, अमेरिका, रूस आदि देशों की जनसंख्या करोड़ों में है। इन देशों में प्रत्यक्ष लोकतंत्र को अपनाना संभव नहीं है। भारत में जनमत-संग्रह करवाना आसान कार्य नहीं है और न ही प्रस्तावाधिकार या उपक्रमण (Initiative) द्वारा जनता की इच्छानुसार कानून बनाए जा सकते हैं। भारत में आम चुनाव करवाने पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं और चुनाव व्यवस्था पर बहुत अधिक समय लगता है। अतः प्रत्यक्ष लोकतंत्र की संस्थाओं को लागू करना संभव नहीं है। आधुनिक युग में लोकतंत्र का अर्थ लोगों द्वारा अप्रत्यक्ष शासन ही है।

प्रश्न 17.
वयस्क मताधिकार से आपका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
सार्वभौम वयस्क मताधिकार का अभिप्राय यह है कि एक निश्चित आयु के वयस्क नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के मत देने का अधिकार देना है। वयस्क होने की आयु राज्य द्वारा निश्चित की जाती है। इंग्लैंड में पहले 21 वर्ष के नागरिक को मताधिकार प्राप्त था, परंतु अब यह 18 वर्ष है। रूस और अमेरिका में वयस्क मताधिकार की आयु 18 वर्ष है। भारत में मताधिकार की आयु पहले 21 वर्ष थी, परंतु 61वें संशोधन एक्ट द्वारा यह आयु 18 वर्ष कर दी गई है।

प्रश्न 18.
सार्वजनिक वयस्क (बालिग) मताधिकार के पक्ष में कोई तीन तर्क दीजिए।
उत्तर-
वयस्क मताधिकार के पक्ष में मुख्य निम्नलिखित तर्क दिए जाते हैं-

  1. प्रभुसत्ता जनता के पास है-लोकतंत्र में प्रभुसत्ता जनता के पास होती है और जनता की इच्छा तथा कल्याण के लिए शासन चलाया जाता है। इसलिए मत डालने का अधिकार सबको समानता के साथ मिलना चाहिए। यदि वयस्क मताधिकार का सिद्धांत लागू न किया जाए तो जनता की प्रभुसत्ता की बात सत्य सिद्ध नहीं होती।
  2. कानून का प्रभाव सब पर पड़ता है-राज्य में जो भी कानून बनते हैं उनका प्रभाव राज्य में रहने वाले सभी नागरिकों पर पड़ता है। इसीलिए उन कानूनों को बनाने का अधिकार भी सबको समान रूप से मिलना चाहिए।
  3. व्यक्ति के विकास के लिए मताधिकार आवश्यक-लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन का विकास करने के लिए कई प्रकार के अधिकार मिलते हैं। उन अधिकारों में मताधिकार भी आवश्यक है और इसके बिना कोई भी व्यक्ति अपना, विकास नहीं कर सकता। दूसरे अधिकारों की रक्षा के लिए मताधिकार आवश्यक है।

प्रश्न 19.
वयस्क मताधिकार के विपक्ष में तीन तर्क दीजिए।
उत्तर-
वयस्क मताधिकार के विरुद्ध मुख्य तर्क निम्नलिखित दिए जाते हैं-

  1. शिक्षित व्यक्तियों को ही मताधिकार मिलना चाहिए-बहुत से लोगों का कहना है कि शिक्षित व्यक्तियों को ही मताधिकार मिलना चाहिए। शिक्षित व्यक्ति अपने मत का ठीक प्रयोग कर सकता है। मिल का कहना है कि वयस्क मताधिकार से पहले शिक्षा को अनिवार्य बनाना आवश्यक है। जिसे लिखना-पढ़ना नहीं आता उसे वोट देने का अधिकार कभी नहीं मिलना चाहिए।
  2. मूरों का शासन-वयस्क मताधिकार द्वारा मूल् का शासन स्थापित हो जाता है, क्योंकि समाज में अनपढ़ और मूल् की संख्या अधिक होती है।
  3. मत का दुरुपयोग–यदि अशिक्षित और निर्धन व्यक्तियों को भी मताधिकार दे दिया जाए तो वे इसका ठीक प्रयोग नहीं करेंगे। अशिक्षित व्यक्ति बिना सोचे-समझे अपने मत का प्रयोग कर अयोग्य व्यक्तियों का शासन स्थापित करेंगे और निर्धन व्यक्ति कुछ पैसों के लालच में आकर अपना वोट बेचने को भी तैयार हो जाएंगे।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
’20वीं शताब्दी में लोकतंत्र का निरंतर विकास हुआ है।’ व्याख्या करें।
उत्तर-
वर्तमान युग लोकतंत्र का युग है। संसार के अधिकांश देशों में लोकतंत्र 20वीं शताब्दी में विकसित हुआ है। विश्व का कोई भाग ऐसा नहीं है जहां लोकतंत्र का प्रसार न हुआ हो। यूरोप, एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका इत्यादि सभी भागों में एक-एक करके लोकतंत्र की स्थापना हुई है।

  1. ग्रेट ब्रिटेन में कहने को तो लोकतंत्र 1688 की शानदार क्रांति के बाद स्थापित हो गया था। परंतु वास्तव में लोकतंत्र 20वीं शताब्दी में स्थापित हुआ। इंग्लैंड में वयस्क मताधिकार 1928 में लागू किया गया।
  2. फ्रांस में क्रांति 1789 में हुई परंतु लोकतंत्र की स्थापना धीरे-धीरे हुई। 18वीं तथा 19वीं शताब्दी में फ्रांस में धीरे-धीरे राजतंत्र और ज़मींदारों की शक्तियां कम हुईं। वोट डालने का अधिकार अधिक-से-अधिक लोगों को दिया गया। पर वयस्क मताधिकार 1944 में लागू होने पर वास्तविक लोकतांत्रिक शासन प्रणाली की स्थापना हुई।
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका-नार्थ अमेरिका ने 1776 में अपने आपको स्वाधीन घोषित किया। अन्य राज्यों के स्वतंत्र होने पर संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना हुई। संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान 1787 में लागू किया गया और लोकतंत्र की स्थापना की गई। संयुक्त राज्य अमेरिका में वयस्क मताधिकार 1965 में लागू किया गया।
  4. न्यूजीलैंड-न्यूजीलैंड में व्यस्क मताधिकार 1893 में लागू किया गया।
  5. उपनिवेशवाद का अंत-द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एशिया और अफ्रीका के अनेक देशों को ब्रिटिश साम्राज्यवाद से मुक्ति मिली। भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ और लोकतंत्र की स्थापना की गई। पाकिस्तान, श्रीलंका, घाना इत्यादि देशों में भी लोकतंत्र की स्थापना हुई।
  6. सोवियत संघ का विघटन–1991 में सोवियत संघ का विघटन हो गया। सोवियत संघ के 15 यूनियन रिपब्लिक स्वतंत्र राज्य बन गए और इनमें लोकतंत्र की स्थापना की गई।
    वर्तमान समय में लगभग 140 देशों में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली पाई जाती है। परंतु आज भी कई देशों में एक दलीय या सैनिक तानाशाही पाई जाती है। चीन में साम्यवादी दल का शासन है जबकि म्यांमार इत्यादि देशों में सैनिक तानाशाही पाई जाती है।

प्रश्न 2.
ऑगस्टो पिनोशे ने चिल्ली का राष्ट्रपति बनने के पश्चात् किस प्रकार के कार्य किये ?
उत्तर-
ऑगस्टो पिनोशे ने चिल्ली का राष्ट्रपति बनने के पश्चात् बहुत गैर-लोकतांत्रिक कार्य किए-

  1. पिनोशे ने चिल्ली में अपनी तानाशाही स्थापित कर ली।
  2. पिनोशे ने एलैंडे के बहुत से समर्थकों को मरवा डाला।
  3. पिनोशे ने जनरल बैशलेट की पत्नी एवं बेटी को जेल में डाल दिया।
  4. पिनोशे ने वायुसेना के जनरल बैशलेट तथा अन्य अधिकारियों की हत्या कर दी।
  5. पिनोशे ने लगभग 3000 बेकसूर लोगों की हत्या करवा दी।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

Punjab State Board PSEB 9th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

SST Guide for Class 9 PSEB पंजाब : आकार व स्थिति Textbook Questions and Answers

(क) नक्शा कार्य (Map Work):

प्रश्न 1.
पंजाब के रेखा मानचित्र में अंकित करें :
उत्तर-
(i) अंतर्राष्ट्रीय हद (सीमा) के साथ सटे 6 ज़िले
(ii) राज्य के 22 जिला मुख्यालय (Head quarters) व राजधानी।
नोट-विद्यार्थी यह प्रश्न अध्याय में दिए गए मानचित्र की सहायता से स्वयं करें।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो शब्दों से एक वाक्य तक दें:

प्रश्न 1.
पंजाब शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
पंजाब फ़ारसी भाषा के दो शब्दों पंज + आब से मिलकर बना है जिनका अर्थ है-पांच दरियाओं (नदियों) की धरती।

प्रश्न 2.
पैप्सू का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर-
पटियाला एंड ईस्ट पंजाब स्टेट्स यूनियन (Patiala and East Punjab States Union)।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

प्रश्न 3.
पंजाब का अक्षांशीय व देशांतरीय विस्तार क्या है ?
उत्तर-
पंजाब का अक्षांशीय विस्तार 29°30′ उ० से लेकर 32°33′ उ० तक तथा देशांतरीय विस्तार 73°55′ पू० से 76°50′ पू० तक है।

प्रश्न 4.
रावी, ब्यास व सतलुज के पुरातन नाम क्या हैं ?
उत्तर-
रावी, ब्यास व सतलुज के पुराने नाम क्रमशः पुरुषनी, विपासा तथा सुतुदरी थे।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सा जिला अंतर्राष्ट्रीय सरहद से सटा नहीं है ?
(i) पठानकोट
(ii) फ़रीदकोट
(iii) फ़ाज़िल्का
(iv) तरनतारन।
उत्तर-
(ii) फ़रीदकोट।

प्रश्न 6.
कौन-सा जोड़ा सही नहीं है ?
(i) बटाला : कृषि के सामान के कारखाने
(ii) जालंधर : खेलों के सामान के कारखाने
(ii). अबोहर : संगीत साज़ों के सामान के कारखाने
(iv) गोबिंदगढ़ : लोहे की ढलाई के कारखाने।
उत्तर-
(iii) अबोहर : संगीत साज़ों के सामान के कारखाने

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप उत्तर दें :

प्रश्न 1.
पंजाब के कोई 6 विश्वविद्यालयों (Universities) के नाम व स्थान लिखें जो प्राइवेट न हों।
उत्तर-

  1. गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी-अमृतसर।
  2. आई० के० गुजराल पंजाब टैकनीकल यूनिवर्सिटी-कपूरथला।
  3. पंजाब यूनिवर्सिटी-चंडीगढ़।
  4. पंजाबी यूनिवर्सिटी-पटियाला।
  5. एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (कृषि विश्वविद्यालय)-लुधियाना।
  6. सैंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ पंजाब-बठिंडा।

प्रश्न 2.
वर्तमान पंजाब की भौगोलिक स्थिति व पड़ोस के विषय में लिखें।
उत्तर-
वर्तमान पंजाब 29°30′ उ० अक्षांश से 32°33′ उ० अक्षांशों तथा 73°55′ पू० से 76°50′ पू० देशांतरों के बीच फैला हुआ है। पंजाब का कुल क्षेत्रफल 50,362 वर्ग किमी० है। यह क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का 1.6 प्रतिशत है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारतीय राज्यों (प्रांतों) में इसे 10वां स्थान प्राप्त है।
वर्तमान पंजाब भारत के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान तथा उत्तर पूर्व में हिमाचल प्रदेश स्थित है। इसके दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम में स्थित राज्यों में क्रमशः हरियाणा तथा राजस्थान शामिल हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

प्रश्न 3.
पंजाब में कितने मंडल, जिले, तहसीलें व ब्लॉक हैं ?
उत्तर-
पंजाब में कुल 5 मंडल, 22 जिले, 86 तहसीलें तथा 145 ब्लॉक हैं।
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब आकार व स्थिति (1)

प्रश्न 4.
पैप्सू के विषय में विस्तृत जानकारी दें।
उत्तर-
पैप्सू राज्य का पूरा नाम Patiala and East Punjab States Union (पटियाला एंड ईस्ट पंजाब स्टेट्स यूनियन) था। इसका गठन 15 जुलाई, 1948 को पंजाब की रियासतों पटियाला, नाभा, मालेरकोटला, जींद, कपूरथला, फरीदकोट, नालागढ़ तथा कलसिया को मिलाकर किया गया।
1956 में पूरे भारत के राज्यों का पुनर्गठन किया गया। इसमें पैप्सू प्रांत को समाप्त करके इसे पंजाब में मिला दिया गया।

प्रश्न 5.
अगर पठानकोट से फ़ाज़िल्का जाने के लिए बीच में कोई सरहद का ज़िला न छूना हो तो, कौनसा रास्ता लेना होगा ?
उत्तर-
इसके लिए निम्नलिखित जिलों में से होकर जाना होगा
पठानकोट-होशियारपुर-कपूरथला-मोगा-फ़रीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब-फ़ाज़िल्का।

(घ) निम्नलिखित प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दें :

प्रश्न 1.
पंजाब के भौगोलिक इतिहास से जान-पहचान करवायें।
उत्तर-
पंजाब फ़ारसी के दो शब्दों-‘पंज’ तथा ‘आब’ के मेल से बना है। इसका अर्थ है-पांच पानियों अर्थात् पांच दरियाओं की धरती। ये पांच दरिया हैं-सतलुज, ब्यास, रावी, चिनाब व जेहलम।
पंजाब के बदलते नाम-पंजाब के विभिन्न कालों में अलग-अलग नाम रहे

  1. वैदिक काल में पंजाब को पांच दरियाओं की धरती नहीं बल्कि सात दरियाओं की धरती अथवा सप्त सिंधु कहा जाता था। उस समय पांच दरियाओं के साथ-साथ सीमावर्ती पश्चिम में सिंध दरिया तथा पूर्व में दरिया सरस्वती (जोकि आजकल लुप्त हो चुका है) का वर्णन भी वैदिक साहित्य में मिलता है। इसलिए इन सात दरियाओं द्वारा घिरा सारा मैदान ‘सप्त सिंधु’ कहलाता था।
  2. पुराणों में पंजाब को ‘पंच-नद’ कहा गया था।
  3. यूनानी इतिहासकारों ने पंजाब को पैंटापोटेमिया (Pentapotamia) का नाम दिया जिसका अर्थ है-पांच दरियाओं की धरती।
  4. कुछ समय के लिए यहां रहने वाले एक वीर कबीले ‘टक्की’ के नाम पर पंजाब का नाम टक्क प्रदेश भी प्रचलित रहा है।
  5. सिंध व ब्यास के बीच की धरती तथा पहाड़ों की तलहटी से ‘पांच-नद’ तक के इलाके को चीनी यात्री यून सांग ने ‘सेकिया’ का नाम दिया।
  6. महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल में पंजाब की सीमाएं उत्तर-पश्चिम में अफ़गानिस्तान के काबुल से लेकर गंगा नदी तक फैली हुई थीं। उस समय यह सारा प्रदेश ‘लाहौर’ सूबे के नाम से जाना जाता था।

प्रश्न 2.
मालवा क्षेत्र के कोई 5 जिलों का संक्षेप वर्णन करें।
उत्तर-
मालवा क्षेत्र के मुख्य जिलों का वर्णन इस प्रकार है :

  1. बरनाला-यह शहर कभी पटियाला रियासत का एक भाग था। इसे 2006 में एक अलग ज़िला बनाया गया। 2011 की जनगणना के अनुसार यह पंजाब का सबसे कम जनसंख्या वाला जिला था।
  2.  बठिंडा-बठिंडा ‘मालवा क्षेत्र का दिल’ कहलाता है। इस शहर का उल्लेख प्रसिद्ध यात्री इब्नबतूता के लेखों में भी मिलता है। सबसे पहली मुस्लिम शासिका रजिया बेग़म भी कुछ समय के लिए बठिंडा में ठहरी थी। आज बठिंडा एक बहुत बड़ा रेलवे जंक्शन है।
  3. फ़रीदकोट-फ़रीदकोट 1972 में प्रसिद्ध सूफी संत बाबा फ़रीद के नाम पर जिला बना। 1995 में इसमें से दो अन्य ज़िले बनाए गए।
  4. फ़ज़िल्का-यह पंजाब का 21वां ज़िला है जो कपास पट्टी में स्थित है। अपनी भूमध्य सागरीय जलवायु के कारण यह जिला किन्नू तथा अन्य रसदार फ़ल पैदा करने के लिए संसार भर में प्रसिद्ध है।
  5. फिरोजपुर-फिरोजपुर एक ऐतिहासिक शहर है और बहुत पुराना जिला है। आजादी से पहले भी यह एक ज़िला था।
  6. लुधियाना-इस शहर को 1480 ई० में लोधी शासकों ने बसाया था। आज यह हौज़री का सामान बनाने तथा पंजाब के कृषि विश्वविद्यालय के लिए प्रसिद्ध है।
  7. मानसा-मानसा 1992 ई० में जिला बना। कपास की अत्यधिक पैदावार के कारण इस जिले को ‘सफ़ेद सोने की धरती’ कहा जाता है।
  8. मोगा-यह 1995 में पंजाब का 17वां जिला बना। अंग्रेजी शासन के समय लुधियाना के बाद मोगा इसाइयों का दूसरा बड़ा केंद्र था।
  9. श्री मुक्तसर साहिब-यह ज़िला एक ऐतिहासिक नगर है। इसका नाम दशम पातशाही के इतिहास से जुड़ा है। यह 1995 में अस्तित्व में आया।
  10. संगरूर-विभिन्नताओं से भरा यह शहर जींद रियासत की राजधानी रहा है। इसका दक्षिणी प्रदेश पुआध प्रदेश से मेल खाता है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

प्रश्न 3.
पंजाब के कौन-कौन से स्थान छोटे उद्योगों के नाम से जाने गये हैं, पहचान करवाएं।
उत्तर-
पंजाब उद्योगों की दृष्टि से एक विकासशील राज्य है। यहां उद्योगों का निरंतर विस्तार हो रहा है। यहां के कई शहरों/स्थानों का महत्त्व यहां स्थापित छोटे उद्योगों के कारण हुआ। इस स्थानों की संक्षिप्त जानकारी नीचे दी गई है

  1. बटाला-बटाला गुरदासपुर जिले का एक शहर है। इसका विकास यहां स्थापित खेती के औजार बनाने के उद्योग से हुआ।
  2. माहिलपुर-यह होशियारपुर जिले का एक शहर है। यह फुटबाल की नर्सरी के रूप में जाना जाता है।
  3. टांडा-यह भी होशियारपुर जिले का एक शहर है। यह फर्नीचर तथा संगीत यंत्र बनाने के लिए प्रसिद्ध है।
  4. संसारपुर-यह जालंधर जिले का एक गांव है। यह हाकी की नर्सरी के रूप में प्रसिद्ध है।
  5. साहिबजादा अजीत सिंह नगर-यह नगर मोहाली के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। यह छोटे-बड़े उद्योगों का बहुत बड़ा केंद्र है।
  6. लुधियाना-यह पंजाब का बहुत बड़ा ज़िला है। इसका विकास हौजरी तथा साइकिल निर्माण उद्योगों के कारण हुआ था।
  7. जालंधर-यह भी पंजाब का प्रमुख ज़िला है। इस शहर का विकास फर्नीचर तथा खेलों का सामान बनाने के उद्योग से हुआ। आज भी यह उद्योग जालंधर में फलफूल रहा है।

नोट : विद्यार्थी कोई पाँच करें।

PSEB 9th Class Social Science Guide पंजाब : आकार व स्थिति Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
महाराजा रणजीत सिंह के समय पंजाब किस नाम से जाना जाता था ?
(क) पैप्सू सूबा
(ख) टक प्रदेश
(ग) लाहौर सूबा
(घ) पंचनद।
उत्तर-
(ग) लाहौर सूबा

प्रश्न 2.
पंजाब के पश्चिम में कौन-सा देश स्थित है ?
(क) पाकिस्तान
(ख) चीन
(ग) म्यांमार
(घ) भूटान।
उत्तर-
(क) पाकिस्तान

प्रश्न 3.
पंजाब के दोआबा क्षेत्र में कौन-सा जिला शामिल नहीं है ?
(क) जालंधर
(ख) श्री अमृतसर साहिब
(ग) होशियारपुर
(घ) कपूरथला।
उत्तर-
(ख) श्री अमृतसर साहिब

प्रश्न 4.
पंजाब का कौन-सा ज़िला 1947 से पहले भी एक ज़िला था ?
(क) फ़रीदकोट
(ख) लुधियाना
(ग) पटियाला
(घ) फ़िरोज़पुर।
उत्तर-
(घ) फ़िरोज़पुर।

प्रश्न 5.
पंजाब का सबसे छोटा जिला कौन-सा है ?
(क) संगरूर
(ख) पटियाला
(ग) पठानकोट
(घ) फ़ाज़िल्का।
उत्तर-
(ग) पठानकोट

रिक्त स्थान भरो:

1. पंजाब में ………………… प्रशासनिक मंडल हैं।
2. पंजाब में ……………… जिले हैं ?
3. रूपनगर का पुराना नाम ………….. था।
4. साहिबजादा अजीत सिंह नगर …………… के नाम से अधिक जाना जाता है।
5. पंजाब का कुल क्षेत्रफल …………… वर्ग कि०मी० है।
उत्तर-

  1. 1.5
  2. 22
  3. रोपड़
  4. मोहाली
  5. 50,3621

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

मिलान करो:

1. कपूरथला – (i) सफेद सोने (कपास) की भूमि
2. मुक्तसर – (ii) रजिया बेग़म
3. फ़ाज़िल्का – (iii) रियासती शहर
4. मानसा – (iv) दशम पातशाह
5. बठिंडा – (v) रसदार फल।
उत्तर-

  1. रियासती शहर
  2. दशम पातशाह
  3. रसदार फल
  4. सफेद सोने (कपास) की भूमि
  5. रजिया बेगम।

अति छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब को किस प्राचीन सभ्यता का निवास स्थान कहा जाता है ?
उत्तर-
हड़प्पा अथवा सिंधु घाटी की सभ्यता।

प्रश्न 2.
आर्यों के ग्रंथ ऋग्वेद में पंजाब को किस नाम से पुकारा गया है ?
उत्तर-
सप्त सिंधु अर्थात् सात दरियाओं की धरती।

प्रश्न 3.
पंजाब को पैंटापोटामिया का नाम किसने दिया ?
उत्तर-
यूनानियों ने।

प्रश्न 4.
पैंटापोटामिया का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
पांच दरियाओं की धरती।

प्रश्न 5.
आज पंजाब कितने तथा कौन-कौन से दरियाओं की धरती है ?
उत्तर-
आज पंजाब तीन दरियाओं-सतलुज, ब्यास तथा रावी-की धरती है।

प्रश्न 6.
पैप्सू प्रांत का गठन कब हुआ ?
उत्तर-
15 जुलाई, 1948 को।

प्रश्न 7.
महाराजा रणजीत सिंह के समय पंजाब राज्य का विस्तार बताओ।
उत्तर-
महाराजा रणजीत सिंह के समय पंजाब उत्तर-पश्चिम में काबुल (अफ़गानिस्तान) से लेकर गंगा नदी तक फैला हुआ था।

प्रश्न 8.
कनिंघम के अनुसार पंजाब को ‘टक प्रदेश’ क्यों कहा जाता था ?
उत्तर-
पंजाब में टक कबीले का निवास होने के कारण।

प्रश्न 9.
आज के पंजाब का उदय कब हुआ ?
उत्तर-
1 नवंबर, 1966 को।

प्रश्न 10.
शाह कमीशन की सिफ़ारिशों के आधार पर पंजाब के विभाजन से किन दो नये राज्यों का निर्माण हुआ ?
उत्तर-
हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश।

प्रश्न 11.
पूरे भारत में राज्यों का पुनर्गठन कब हुआ ?
उत्तर-
1956 में।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

प्रश्न 12.
1956 में राज्यों के पुनर्गठन का पैप्सू प्रांत पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर-
1956 में पैप्सू प्रांत को पंजाब में मिला दिया गया।

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब की भौगोलिक स्थिति का भारतीय उपमहाद्वीप के लिए क्या महत्त्व है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पंजाब पांच दरियाओं की धरती का एक भाग है। इसकी भौगोलिक स्थिति का भारतीय उपमहाद्वीप के लिए विशेष महत्त्व है। पंजाब को भारतीय इतिहास तथा सभ्यता का निर्माता कहा जाता है। यह हड़प्पा अथवा सिंधु घाटी की सभ्यता का निवास स्थान रहा है जो संसार की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक थी। आर्यों, यूनानियों, कुषाणों, तुर्कों, मुग़लों तथा अफ़गानों ने पंजाब के मार्ग से ही भारत में प्रवेश किया। इन लोगों ने भारतीय इतिहास तथा सभ्यता एवं संस्कृति का रूप ही बदल डाला।

प्रश्न 2.
पंजाब के माझा क्षेत्र तथा दोआबा क्षेत्र में शामिल जिलों के नाम लिखो।
उत्तर-
माझा क्षेत्र के ज़िले-

  1. श्री अमृतसर साहिब
  2. गुरदासपुर
  3. पठानकोट तथा
  4. तरनतारन साहिब।

दोआबा क्षेत्र के जिले-

  1. होशियारपुर
  2. जालंधर
  3. कपूरथला तथा
  4. शहीद भगत सिंह नगर।

प्रश्न 3.
पुआध क्षेत्र में शामिल जिलों के नाम लिखो तथा साहिब अजीत सिंह नगर (मोहाली) की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-ज़िले-

  1. फतेहगढ़ साहिब
  2. पटियाला
  3. रूपनगर
  4. साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर (मोहाली)।

साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली)-यह नगर 2006 में जिला बना जो पंजाब का 18वां ज़िला था। पहले इसका नाम मोहाली था। आज भी यह नगर मोहाली के नाम से अधिक प्रसिद्ध है।।

प्रश्न 4.
पुआध क्षेत्र के किन्हीं दो जिलों के बारे में लिखो।
उत्तर-
फतेहगढ़ साहिब तथा पटियाला पुआध क्षेत्र के दो महत्त्वपूर्ण जिले हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है :
फतेहगढ़ साहिब-यह नगर 1992 में जिला बना। इसका नाम सबसे छोटे साहिबजादे बाबा फतेह सिंह के नाम पर रखा गया है।
पटियाला-यह एक रियासती शहर है। 1955 ई० तक यह पैप्सू प्रांत की राजधानी रहा है। यह शिक्षा केंद्रों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें से दो नये जिले भी बनाये गए।

प्रश्न 5.
रूपनगर का पुराना नाम क्या था ? इस जिले का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
रूपनगर का पुराना नाम रोपड़ था। यह एक प्राचीन शहर है। इसका अस्तित्व 11वीं सदी में भी था। सतलुज के किनारे बसा यह शहर महाराजा रणजीत सिंह के राज्य का एक सीमावर्ती शहर था।

प्रश्न 6.
माझा क्षेत्र के किन्हीं दो महत्त्वपूर्ण जिलों के बारे में लिखो।
अथवा
पंजाब के किन्हीं दो उत्तर-पश्चिमी सीमावर्ती जिलों का वर्णन करो।
उत्तर-
श्री अमृतसर साहिब तथा तरनतारन साहिब माझा क्षेत्र के दो महत्त्वपूर्ण जिले हैं। ये पंजाब की उत्तरपश्चिमी सीमा पर स्थित हैं।

  1. श्री अमृतसर साहिब-अमृतसर से भाव है-अमृत का सरोवर। इस शहर का पुराना नाम चक रामदास था। वर्षों तक यह शहर एक व्यापारिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध रहा।
  2. तरनतारन साहिब-तरनतारन साहिब 2006 ई० में जिला बना। इस शहर को पांचवीं पातशाही श्री अर्जन देव जी ने बसाया था।

प्रश्न 7.
गुरदासपुर तथा पठानकोट पंजाब के किस क्षेत्रीय खंड में स्थित हैं ? इनके बारे में संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
गुरदासपुर तथा पठानकोट जिले पंजाब के माझा क्षेत्र में स्थित हैं।
गुरदासपुर-इस शहर को 16वीं शताब्दी में बसाया गया। गुरदासपुर जिले के एक शहर कलानौर में मुग़ल बादशाह अकबर की ताजपोशी हुई थी। इस जिले का एक अन्य शहर बटाला भी काफ़ी प्रसिद्ध रहा है।
पठानकोट-ज़िला पठानकोट जुलाई, 2011 ई० में अस्तित्व आया। यह एक तराई प्रदेश है और पंजाब राज्य का सबसे छोटा ज़िला है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

प्रश्न 8.
पंजाब के होशियारपुर तथा जालंधर ज़िलों पर संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-

  1. होशियारपुर-दोआबा क्षेत्र में स्थित यह ज़िला अर्द्ध-पहाड़ी तथा मैदानी प्रदेश का मिश्रण है। इस जिले का शहर माहिलपुर फुटबाल की नर्सरी के रूप में जाना जाता है। एक अन्य शहर टांडा फर्नीचर तथा संगीत के सामान के लिए प्रसिद्ध है।
  2. जालंधर-जिला जालंधर पंजाब राज्य का एक ऐतिहासिक शहर है। यह एक मीडिया केंद्र है और खेलों का सामान बनाने के लिए प्रसिद्ध रहा है। जालंधर जिले का गांव संसारपुर हॉकी की नर्सरी के रूप में जाना जाता है।

प्रश्न 9.
दोआबा क्षेत्र के किन्हीं दो जिलों के बारे में लिखो।
उत्तर-
निम्नलिखित दो ज़िले पंजाब के दोआबा क्षेत्र में शामिल हैं
कपूरथला-कपूरथला एक रियासती शहर है। 1947 के बाद जे० सी० टी० मिल्ज़ तथा पुष्पा गुजराल साईंस सिटी कपूरथला की पहचान बन गई।
शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर)-1955 में नवांशहर को जिला बनाया गया। बाद में इस जिले को शहीद भगत सिंह नगर का नाम दिया गया।

प्रश्न 10.
पंजाब का बठिंडा जिला क्यों प्रसिद्ध है ?
उत्तर-
बठिंडा पंजाब के मालवा क्षेत्र का दिल कहलाता है। इस शहर का उल्लेख प्रसिद्ध यात्री इब्न बतूता के लेखों में भी मिलता है। सबसे पहली मुस्लिम शासिका रज़िया बेग़म भी कुछ समय के लिए बठिंडा में ठहरी थी। आज यह एक बहुत बड़ा रेलवे जंक्शन है।

प्रश्न 11.
पंजाब के सबसे कम जनसंख्या (2011 की जनगणना) वाले तथा रसदार फल पैदा करने वाले जिलों के बारे में लिखो।
उत्तर-
इन जिलों के नाम क्रमशः बरनाला तथा फ़ाज़िल्का हैं।
बरनाला-यह शहर कभी पटियाला रियासत का एक भाग था। इसे 2006 में एक अलग ज़िला बनाया गया। 2011 की जनगणना के अनुसार यह पंजाब का सबसे कम जनसंख्या वाला जिला था।
फ़ाज़िल्का-यह पंजाब का 21वां जिला है जो कपास पट्टी में स्थित है। अपनी भूमध्य सागरीय जलवायु के कारण यह जिला किन्नू तथा अन्य रसदार फल पैदा करने के लिए संसार भर में प्रसिद्ध है।

प्रश्न 12.
पंजाब के ऐसे दो जिलों की संक्षेप में जानकारी दीजिए जो कभी रियासतों से संबंध रखते थे।
उत्तर-
संगरूर-विभिन्नताओं से भरा यह शहर जींद रियासत की राजधानी रहा है। इसका दक्षिणी प्रदेश पुआध प्रदेश से मेल खाता है।
पटियाला-यह एक रियासती शहर है। 1955 ई० तक यह पैप्सू प्रांत की राजधानी रहा है। यह शिक्षा केंद्रों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें से दो नये ज़िले भी बनाये गए।

प्रश्न 13.
पंजाब के दो जिलों के नाम बताओ जिनका नाम दो साहिबजादों के नाम पर रखा गया है ? संत फ़रीद से जुड़े जिले के बारे में संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
पुआध क्षेत्र में स्थित फतेहगढ़ साहिब तथा साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर जिलों के नाम दो साहिबजादों के नाम पर रखा गया है।
फरीदकोट-1972 में प्रसिद्ध सूफी संत बाबा फ़रीद के नाम पर फरीदकोट ज़िला बना। 1995 में इसमें से दो अन्य ज़िले बनाए गए।

प्रश्न 14.
गुरदासपुर जिले की तहसीलों/सब डिवीज़नों तथा सब तहसीलों के नाम लिखो।
उत्तर-
तहसीलें-

  1. गुरदासपुर
  2. बटाला
  3. डेरा बाबा नानक।

सब-तहसीलें-

  1. काहनूवान
  2. कलानौर
  3. दीना नगर
  4. नौशहरा मझा सिंह
  5. धारीवाल
  6. श्री हरगोबिंदपुर
  7. कादियां
  8. फतेहगढ़ चूड़ियां।

प्रश्न 15.
जिला अमृतसर की सब-तहसीलों तथा विकास खंडों (Blocks) के नाम लिखिए।
उत्तर-
सब-तहसीलें-मजीठा, अटारी, तरसिक्का, लोपोके, रमदास। विकास खंड-तरसिक्का, रइया, अजनाला, चोगावां, मजीठा, वेरका, जंडियाला गुरु, हरषा छीना, अटारी।

प्रश्न 16.
पंजाब के जालंधर जिला की सब तहसीलों के नाम लिखो। इनमें से कौन-सी तहसीलें विकास खंड भी हैं ?
उत्तर-
सब-तहसीलें-

  1. आदमपुर
  2. भोगपुर
  3. करतारपुर
  4. महितपुर
  5. लोहियां
  6. नूरमहल
  7. गोराया।

इनमें से भोगपुर, महितपुर तथा नूरमहल विकास खंड भी हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब : आकार व स्थिति

प्रश्न 17.
पंजाब के लुधियाना जिले की सब-डिवीजनों (तहसीलों) के नाम लिखो। इस जिले के कोई चार विकास खंड भी लिखो।
उत्तर-
तहसीलें-

  1. लुधियाना पूर्वी
  2. लुधियाना पश्चिमी
  3. जगराओं
  4. पायल
  5. समराला
  6. रायकोट
  7. खन्ना

विकास खंड-

  1. पाछीवाड़ा
  2. दोराहा
  3. रायकोट
  4. खन्ना।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न।।

प्रश्न 1.
1947 से 1966 तक पंजाब के राजनीतिक इतिहास का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
स्वतंत्रता से पूर्व पंजाब एक विशाल प्रांत था। 1947 में भारत-विभाजन के साथ ही पंजाब का विभाजन भी दो भागों में हो गया। भारतीय पंजाब पूर्वी पंजाब कहलाया। विभाजन के कारण पंजाब का अधिकतर उपजाऊ भाग पाकिस्तान में चला गया। इसका केवल 34% भाग ही भारत में रहा। नहरों का भी अधिकतर भाग पाकिस्तान के हिस्से में आया।
पेप्स प्रांत की स्थापना तथा समाप्ति-15 जुलाई, 1948 को पंजाब की रियासतों पटियाला, नाभा, मलेरकोटला, जींद, कपूरथला, फरीदकोट, नालागढ़ तथा कलसिया को मिलाकर पैप्सू प्रांत (Patiala and East Punjab States Union) का गठन किया गया। 1956 में पूरे भारत के राज्यों का पुनर्गठन किया गया। इसमें पैप्सू प्रांत को समाप्त करके इसे पंजाब में मिला दिय गया।
पंजाब का पुनः विभाजन-1 नवंबर, 1966 को शाह कमीशन की सिफ़ारिशों के आधार पर पंजाब के फिर से टुकड़े कर दिये गए। इस विभाजन से हिमाचल प्रदेश तथा हयिाणा नामक दो नए राज्यों का निर्माण हुआ।

प्रश्न 2.
माझा क्षेत्र के जिलों तथा शहरों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर-
माझा क्षेत्र के मुख्य जिले श्री अमृतसर साहिब, गुरदासपुर, पठानकोट तथा तरनतारन साहिब हैं।

  1. श्री अमृतसर सा हेब-अमृतसर से भाव है-अमृत का सरोवर। इस शहर का पुराना नाम चक रामदास था। वर्षों तक यह शहर एक यापारिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध रहा है।
  2. गुरदासपुर-इस शहर को 16वीं शताब्दी में बसाया गया। गुरदासपुर जिले के एक शहर कलानौर में मुग़ल बादशाह अकबर की ता पोशी हुई थी। इस जिले का एक अन्य शहर बटाला भी काफी प्रसिद्ध रहा है। यहां खेती के यंत्र बनाए जाते हैं। .
  3. पठानकोट-ज़िला पठानकोट जुलाई 2011 ई० में अस्तित्व में आया। यह एक तराई प्रदेश है और पंजाब राज्य का सबसे छोटा जिला है।
  4. तरनतारन साहिब-तरनतारन साहिब 2006 ई० में जिला बना। इस शहर को पांचवीं पातशाही श्री अर्जन देव जी ने बसाया था।

प्रश्न 3.
पंजाब के दोआबा क्षेत्र में शामिल ज़िलों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर-
दोआबा क्षेत्र में होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला तथा शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) नामक जिले शामिल हैं। इनका वर्णन इस प्रकार है-

  1. होशियारपुर-यह ज़िला अर्द्ध-पहाड़ी तथा मैदानी प्रदेश का मिश्रण है। इस जिले का शहर माहिलपुर फुटबाल की नर्सरी के रूप में जाना जाता है। एक अन्य शहर टांडा फर्नीचर तथा संगीत के सामान के लिए प्रसिद्ध है।
  2. जालंधर-जिला जालंधर पंजाब राज्य का एक ऐतिहासिक शहर है। यह एक मीडिया केंद्र है और खेलों का सामान बनाने के लिए प्रसिद्ध रहा है। जालंधर जिले के गांव संसारपुर को हॉकी की नर्सरी के रूप में जाना जाता है।
  3. कपूरथला-कपूरथला एक रियासती शहर है। 1947 के बाद जे० सी० टी० मिल्ज़ तथा पुष्पा गुजराल साइंस सिटी कपूरथला की पहचान बन गई।
  4. शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर)-1955 में नवांशहर को जिला बनाया गया। बाद में इस जिले को शहीद भगत सिंह नगर का नाम दिया गया।

सारणी-प्रशासनिक ढांचा (2012)
नोट-विद्यार्थी नीचे दी गई सारणी के तथ्यों को याद करें। इनमें से किसी प्रकार का कोई भी प्रश्न पूछा जा सकता है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब आकार व स्थिति (2)
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब आकार व स्थिति (3)
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब आकार व स्थिति (4)
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब आकार व स्थिति (5)
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1b पंजाब आकार व स्थिति (6)

पंजाब ; प्रशासनिक मंडल 5 (जालंधर, पटियाला, फ़िरोज़पुर, फ़रीदकोट और रूपनगर)
जिले-22
तहसील/उप-मंडल-86
ब्लॉक-145
स्त्रोत: पंजाब आंकड़ा सार 2012

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

Punjab State Board PSEB 9th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

SST Guide for Class 9 PSEB भारत : आकार व स्थिति Textbook Questions and Answers

(क) नक्शा कार्य (Map Work) :

प्रश्न 1.
भारत के रेखा मानचित्र में अंकित करें:
उत्तर-
(i) भारतीय मानक देशांतर (821/2° पू०)
(ii) कर्क रेखा
(iii) पंजाबी भाषा बोलने वाले राज्य तथा क्षेत्र
(iv) दो पड़ोसी देश जिन्हें सागर नहीं छूता
(v) भारत का पड़ोसी द्वीपीय देश।
संकेत :
(iii) पंजाब, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली तथा चंडीगढ़
(iv) नेपाल, भूटान
(vi) श्रीलंका।
नोट : मानचित्र कार्य अध्याय में दिए गए मानचित्रों की सहायता से स्वयं करें।
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (1)

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

प्रश्न 2.
कक्षा क्रिया (Class Activity) :
(i) भारत के पड़ोसी सार्क (SAARC) देशों को अलग-अलग रंगों से अंकित करें और कक्षा में लगायें।
(ii) भारत के 28 राज्यों तथा 8 केंद्रीय शासित प्रदेशों को राजधानियों सहित दो रेखाचित्रों में भरें।
नोट : विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो शब्दों से एक वाक्य में दें:

प्रश्न 1.
क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का तृतीय स्थान का देश कौन-सा है ?
उत्तर-
चीन (China).

प्रश्न 2.
कौन-सा देश क्षेत्रफल और आबादी, दोनों पक्षों से ही विश्व में पांचवां स्थान रखता है ?
उत्तर-
ब्राज़ील।

प्रश्न 3.
सौराष्ट्र, निम्न में से कौन-से राज्य का हिस्सा है ?
(i) मनीपुर
(ii) गुजरात
(iii) महाराष्ट्र
(iv) नागालैंड।
उत्तर-
(i) गुजरात।

प्रश्न 4.
कौन-सा शहर किसी राज्य की राजधानी नहीं है ?
(i) रायपुर
(ii) अहमदाबाद
(iii) रांची
(iv) पणजी।
उत्तर-
(ii) अहमदाबाद।

प्रश्न 5.
भारत का कौन-सा अक्षांशीय प्रसार सही है ?
(i) 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर तक
(ii) 6°2′ उत्तर से 35°2′ उत्तर तक
(iii) 8°4′ दक्षिण से 37°6′ दक्षिण तक
(iv) 6°2′ दक्षिण से 35°2′ उत्तर तक।
उत्तर-
(i) 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर तक।।

प्रश्न 6.
भारत का संवैधानिक नाम क्या है ?
उत्तर-
भारत गणराज्य/गणतंत्र।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप उत्तर दें :

प्रश्न 1.
भारत के उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी व पश्चिमी किनारों के नाम लिखें।
उत्तर-
उत्तरी सिरा – दफ़दार (Dafdar)
दक्षिणी सिरा – कन्याकुमारी (कोप केमोरिन) पूर्वी सिरा – किबिथू (Kibithu)
पश्चिमी सिरा – गुहार मोती (कच्छ)।

प्रश्न 2.
भारत के मानक देशांतर पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
भारत का मानक देशांतर 82%° पू० है। यह देशांतर रेखा उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के निकट मिर्जापुर से गुजरती है। सारे भारत में समय की गणना इसी रेखा के आधार पर होती है। इस रेखा का समय ग्रीनविच के समय से 5.30 घंटे आगे है। इसके अनुसार जब ग्रीनविच में दोपहर के 12 बजते हैं उस समय भारत में शाम के 5.30 बजे होते हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

प्रश्न 3.
अरुणाचल प्रदेश और गुजरात के समय में 2 घंटे का अंतर क्यों है ?
उत्तर-
अरुणाचल प्रदेश भारत के पूर्व तथा गुजरात पश्चिम में स्थित है। सूर्य सबसे पहले पूर्व में उदय होता है। पूर्व से पश्चिम की ओर जाते हुए समय 4° (मिनट) प्रति देशांतर की दर से घटता जाता है। इसलिए अरुणाचल का समय गुजरात से आगे रहता है जो लगभग 2 घंटे है। जब अरुणाचल में सूर्य अस्त हो रहा होता है गुजरात में शाम की धूप खिली होती है। इस बात को हम यूं भी कह सकते हैं कि जब अरुणाचल प्रदेश में सूर्य निकल रहा होता है, उस समय गुजरात में अभी रात होती है।

प्रश्न 4.
जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना में कौन-कौन सी भाषाएं प्रयोग होती हैं ?
उत्तर-
जम्मू-कश्मीर-उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, गुजरी, दादरी तथा पंजाबी। तेलंगाना-तेलुगु तथा उर्दू।

प्रश्न 5.
सार्क (SAARC) के विषय में संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
सार्क (SAARC) दक्षिण एशिया के देशों का एक संगठन है जो आपसी सहयोग के लिए बनाया गया है। इसका पूरा नाम दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Co-operation) है। इसमें देश-भारत, पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालद्वीप, नेपाल तथा श्रीलंका शामिल हैं। इसमें भारत को सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।

(घ) निम्नलिखित प्रश्नों के विस्तृत उत्तर दें:

प्रश्न 1.
भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का विषय विस्तृत रूप में लिखें।
उत्तर-
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की दृष्टि से भारत की स्थिति बहुत ही अनुकूल है। निम्नलिखित तथ्य इस बात की पुष्टि करते हैं :
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (2)

चित्र-व्यापार और वाणिज्य के अंतर्राष्ट्रीय महामार्ग पर भारत की स्थिति
1. दक्षिण भारत तीनों ओर से समुद्र से घिरा है। इसलिए देश का 96 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुद्री मार्ग से होता है।
2. पूर्व एवं दक्षिण एशिया तथा ऑस्ट्रेलिया को जाने वाले समुदी – भी हिंद महासागर से होकर गुज़रते हैं।
3. भारत स्वेज़ मार्ग तथा आशा अंतरीप मार्ग द्वारा यूरोप, उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिणी अमेरिका से जुड़ा हुआ है।
4. भारत के लगभग सभी देशों से व्यापारिक संबंध हैं। हमारा देश संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूरोप महाद्वीप, दक्षिण अमेरिका तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया के लगभग सभी देशों से व्यापार करता है।
5. 1869 में स्वेज नहर के खुलने से यूरोप तथा अमेरिकी देशों के साथ भारत के व्यापारिक संबंध और भी गहरे हो गए।

प्रश्न 2.
भारत के कोई 10 राज्यों तथा 5 केंद्रीय शासित प्रदेशों व राजधानियों के नाम लिखें।
उत्तर-
भारत के 10 राज्यों तथा 5 केंद्रीय शासित प्रदेशों की सूची निम्नलिखित है :

राज्य राजधानियां
1. अरुणाचल प्रदेश ईटानगर
2. असम  दिसपुर
3. बिहार पटना
4. गुजरात गांधीनगर
5. हरियाणा चंडीगढ़
6. हिमाचल प्रदेश शिमला
7. महाराष्ट्र मुंबई
8. कर्नाटक बंगलुरु
9. पंजाब चंडीगढ़
10. राजस्थान जयपुर

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

केंद्र शासित प्रदे राजधानियां
1. अंडमान व निकोबार द्वीप समूह पोर्ट ब्लेयर
2. चंडीगढ़ चंडीगढ़
3. दादरा व नगर हवेली तथा दमन-दीव दमन
4. लक्षद्वीप कवारत्ति
5. दिल्ली (N.C.T.) दिल्ली

प्रश्न 3.
भारत को राजनीतिक पक्ष से बांटें और क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़े और छोटे राज्यों पर नोट लिखें।
उत्तर-
भारत राज्यों का संघ है। राजनीतिक अथवा प्रशासनिक दृष्टि से इसे दो मुख्य भागों में बांटा गया है :

  1.  राज्य
  2.  केन्द्र शासित क्षेत्र।

राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित क्षेत्रों की संख्या 8 है। इन राज्यों की राजधानियों तथा क्षेत्रफल की तालिका नीचे दी गई है
1. भारत के राज्य
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (3) PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (4) PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (5) PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (6)

2. केंद्रीय शासित क्षेत्र

क्षेत्र राजधानी
1. अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह पोर्ट ब्लेयर
2. चंडीगढ़ चंडीगढ़
3. चंडीगढ़ दादरा, नगर हवेली तथा दमन-दीव दमन
4. दिल्ली (नैशनल कैपीटल टैरीटरी) दिल्ली
5. लक्षद्वीप कवारत्ति
6. पांडिचेरी (पुड्डुचेरी) पांडिचेरी (पुड्डुचेरी)
7. जम्मू-कश्मीर श्रीनगर
8. लद्दाख लेह

सबसे बड़ा राज्य-क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है। देश के उत्तर-पश्चिम में स्थित इसका क्षेत्रफल लगभग 3 लाख 42 हज़ार वर्ग कि०मी० है। इसकी राजधानी जयपुर है। इसका अधिकतर भाग मरुस्थलीय/रेतीला है।
सबसे छोटा राज्य-क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे छोटा राज्य गोआ (गोवा) है। इसका क्षेत्रफल 3702 कि०मी० है। इस तटीय राज्य की राजधानी पणजी है।
लेह

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

PSEB 9th Class Social Science Guide भारत : आकार व स्थिति Important Questions and Answers

बहु-विकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
अक्षांशीय दृष्टि से भारत स्थित है
(क) दक्षिणी गोलार्द्ध में
(ख) पूर्वी गोलार्द्ध में
(ग) उत्तरी गोलार्द्ध में
(घ) पश्चिमी गोलार्द्ध में।
उत्तर-
(ग) उत्तरी गोलार्द्ध में

प्रश्न 2.
भारत का सबसे दक्षिणी सिरा क्या कहलाता है ?
(क) मलक्का
(ख) इंदिरा प्वाइंट
(ग) केरल तट
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) इंदिरा प्वाइंट

प्रश्न 3.
भारत का कुल क्षेत्रफल है-
(क) 42.87 लाख वर्ग कि० मी०
(ख) 22.87 लाख वर्ग कि० मी०
(ग) 30.87 लाख वर्ग कि० मी०
(घ) 32.87 लाख वर्ग कि० मी०।
उत्तर-
(घ) 32.87 लाख वर्ग कि० मी०

प्रश्न 4.
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में स्थान है-
(क) चौथा
(ख) पांचवां
(ग) छठा
(घ) सातवां।
उत्तर-
(घ) सातवां।

प्रश्न 5.
भारत भू-भाग एशिया महाद्वीप के जिस भाग में स्थित है
(क) पूर्वी
(ख) उत्तरी
(ग) दक्षिणी
(घ) पश्चिमी।
उत्तर-
(ग) दक्षिणी

प्रश्न 6.
उस राज्य का नाम बताओ जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा तथा समुद्र को स्पर्श नहीं करता-
(क) मध्य प्रदेश
(ख) राजस्थान
(ग) उत्तर प्रदेश
(घ) पश्चिम बंगाल।
उत्तर-
(क) मध्य प्रदेश

प्रश्न 7.
भारत के दक्षिण में स्थित द्वीपीय देश है-
(क) नेपाल
(ख) लक्षद्वीप समूह
(ग) मालदीव
(घ) बांग्लादेश।
उत्तर-
(ग) मालदीव

प्रश्न 8.
स्वेज नहर खुली थी-
(क) 1869 ई० में
(ख) 1852 ई० में
(ग) 1937 ई० में
(घ) 1879 ई० में।
उत्तर-
(क) 1869 ई० में

प्रश्न 9.
मिजोरम की राजधानी है-
(क) इंफाल
(ख) कोहिमा
(ग) अगरतला
(घ) आइजोल।
उत्तर-
(घ) आइजोल।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

प्रश्न 10.
क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे छोटा राज्य है-
(क) गोवा
(ख) त्रिपुरा
(ग) राजस्थान
(घ) हरियाणा।
उत्तर-
(क) गोवा

प्रश्न 11.
भारत का सबसे उत्तरी अक्षांश है-
(क) 37°6′ उ०
(ख) 97025′ उ०
(ग) 6807′ उ०
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) 37°6′ उ०

प्रश्न 12.
तेलंगाना राज्य की राजधानी है-
(क) चंडीगढ़
(ख) बेंगलुरु
(ग) हैदराबाद
(घ) इटानगर।
उत्तर-
(ग) हैदराबाद

रिक्त स्थानों की पूर्ति :

1.जनसंख्या के हिसाब से विश्व में ………………. को पहला स्थान प्राप्त है।
2.भारत को ……………. रेखा दो समान भागों में बांटती है। .
3. क्षेत्रफल की दृष्टि से …………. संसार का सबसे बड़ा देश है।
4. भारत ………………. महाद्वीप में स्थित है।
5. ……………….. उत्तराखंड की राजधानी है।
6. जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और …………. राज्यों की सीमा पाकिस्तान से लगती है।
7. ………….. तेलंगाना की राजधानी है।
8. …………….. पंजाब तथा हरियाणा की राजधानी है। |
उत्तर-

  1. चीन
  2. कर्क
  3. रूस
  4. एशिया
  5. देहरादून
  6. गुजरात
  7. हैदराबाद
  8. चंडीगढ़

अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न।

प्रश्न 1.
2011 की जनगणना के अनुसार विश्व की कितने प्रतिशत जनसंख्या भारत में निवास करती है ?
उत्तर-
17.5%

प्रश्न 2.
भारत के कौन-से उपजाऊ मैदान भारत को अनाज की सुरक्षा प्रदान करते हैं ?
उत्तर-
गंगा, ब्रह्मपुत्र के मैदान।

प्रश्न 3.
क्षेत्रफल की दृष्टि से संसार का सबसे बड़ा देश कौन-सा है ?
उत्तर-
रूस। प

प्रश्न 4.
भारत का कुल क्षेत्रफल कितना है ?
उत्तर-
लगभग 32.87 लाख वर्ग कि०मी०।

प्रश्न 5.
भारत का कौन-सा भू भाग खनिजों का भंडार है ?
उत्तर-
प्रायद्वीपीय पठार।

प्रश्न 6.
अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूहों के नाम बताइए।
उत्तर-
अरब सागर में लक्षद्वीप समूह तथा बंगाल की खाड़ी में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह।

प्रश्न 7.
उन देशों के नाम बताइए जो क्षेत्रफल में भारत से बड़े हैं।
उत्तर-
ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा तथा रूस।

प्रश्न 8.
भारत के तीनों ओर स्थित सागरों के नाम बताओ।
उत्तर-
भारत के पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर तथा दक्षिण में हिंद महासागर स्थित है।
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (7)

प्रश्न 9.
भारत को कौन-सा अक्षांश वृत्त अथवा कौन-सी अक्षांश रेखा लगभग दो समान भागों में बांटती है ? इसका अक्षांश कितना है ?
उत्तर-
भारत को कर्क वृत्त अथवा कर्क रेखा लगभग दो समान भागों में बांटती है। इसका अक्षांश 23°30′ उ० है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

प्रश्न 10.
दक्षिण भारत के दो पड़ोसी द्वीपीय राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर-
भारत के दो पड़ोसी द्वीपीय राज्य श्रीलंका तथा मालदीव हैं।

प्रश्न 11.
पूर्व में स्थित भारत के दो पड़ोसी देश कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
भारत के पूर्व में स्थित दो पड़ोसी देश बंगलादेश तथा म्यानमार हैं।

प्रश्न 12.
उत्तर में भारत की सीमा किन-किन देशों से लगती है ?
उत्तर-
उत्तर में भारत की सीमा चीन, नेपाल तथा भूटान से लगती है।

प्रश्न 13.
उपमहाद्वीप किसे कहते हैं ?
उत्तर-
एक बड़ी भौगोलिक इकाई जो शेष महाद्वीप से स्पष्ट रूप से अलग दिखाई पड़ती है, उसे उपमहाद्वीप कहते हैं। हिमालय पर्वत भारतीय उपमहाद्वीप को शेष एशिया से अलग करता है।

प्रश्न 14.
भारत में कितने राज्य तथा केंद्रशासित क्षेत्र हैं ?
उत्तर-
28 राज्य और 8 केंद्र शासित क्षेत्र।

प्रश्न 15.
भारत के किन्हीं चार प्रांतों के नाम बताओ जिनकी सीमा दूसरे देशों के साथ लगती है।
उत्तर-
पंजाब, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर तथा पश्चिमी बंगाल चार ऐसे प्रांत हैं जिनकी सीमा दूसरे देशों के साथ लगती है।

प्रश्न 16.
भारत के पूर्वी तट पर स्थित चार राज्यों के नाम बताएं।
उत्तर-
भारत के पूर्वी तट पर स्थित चार राज्य हैं-तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा तथा पश्चिमी बंगाल।

प्रश्न 17.
इंदिरा प्वाइंट किस द्वीप समूह में स्थित है ?
उत्तर-
इंदिरा प्वाइंट अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में स्थित है।

प्रश्न 18.
भारत की स्थलीय सीमा की लंबाई कितनी है ?
उत्तर-
भारत की स्थलीय सीमा की लंबाई लगभग 15,200 कि०मी है।

प्रश्न 19.
भारत की तटरेखा की कुल लंबाई कितनी है ?
उत्तर-
भारत की तटरेखा की कुल लंबाई 7516 कि०मी० है।

प्रश्न 20.
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का संसार में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर-
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का संसार में सातवां स्थान है।
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत आकार व स्थिति (8)

चित्र-विश्व के सात सबसे बड़े देश

प्रश्न 21.
भारत के पूर्व तथा पश्चिम में स्थित सागरों के नाम बताओ।
उत्तर-
क्रमशः बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर।

प्रश्न 22.
भारत की सबसे अधिक तथा सबसे कम स्थल सीमा क्रमशः किस-किस देश के साथ लगती है ?
उत्तर-
सबसे अधिक (4096 कि.मी.) बंगला देश के साथ तथा सबसे कम (80 कि.मी.) अफ़गानिस्तान के साथ।

प्रश्न 23.
भारत का मानक समय ग्रीनविच के समय से कितना आगे है ?
उत्तर-
साढ़े पांच घंटे।

प्रश्न 24.
अरब सागर से लगते चार भारतीय राज्यों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. गुजरात
  2. महाराष्ट्र
  3. कर्नाटक
  4. केरल।

प्रश्न 25.
बंगलादेश की सीमा से मिलते किन्हीं चार भारतीय राज्यों के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. पश्चिमी बंगाल
  2. असम
  3. मेघालय
  4. मिज़ोरम।

प्रश्न 26.
उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड की राजधानियों के नाम बताओ।
उत्तर-
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर तथा झारखंड की राजधानी रांची है।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 1a भारत : आकार व स्थिति

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
“भारत का अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार लगभग 30° है, फिर भी भारत का उत्तर-दक्षिण विस्तार पूर्व-पश्चिम के विस्तार से अधिक है।” कारण बताइए।
उत्तर-
इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत का उत्तर-दक्षिण अक्षांशीय विस्तार 30° है और इतना ही इसका पूर्वपश्चिम देशांतरीय विस्तार है। परंतु जब इस विस्तार को किलोमीटर में मापते हैं तो.वह दूरी बराबर नहीं आती। देश का पूर्व-पश्चिम विस्तार लगभग 2933 किलोमीटर और उत्तर-दक्षिण विस्तार लगभग 3214 किलोमीटर है। इसका कारण यह है कि देशांतर रेखाएं अक्षांश रेखाओं की भांति एक-दूसरे के समानांतर नहीं हैं। सभी देशांतर रेखाएं ध्रुवों पर आकर आपस में मिल जाती हैं और जैसे-जैसे विषुवत् रेखा से दूर होते जाते हैं देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी घटती जाती है। परिणामस्वरूप भारत का पूर्व-पश्चिम विस्तार (भूमध्य) (किलोमीटरों में) कम है।

प्रश्न 2.
भारत को उपमहाद्वीप का दर्जा क्यों दिया जाता है ? भारतीय उपमहाद्वीप किन देशों से मिलकर बनता है ?
उत्तर-
भारत एशिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित है। एशिया का भाग होते हुए भी यह एक विशिष्ट भौगोलिक इकाई है। इसे हिमालय पर्वत शेष एशिया से अलग करते हैं। भारत की इसी विशेषता के कारण भारत को उपमहाद्वीप का दर्जा दिया गया है।
भारतीय उप-महाद्वीप भारत के अतिरिक्त पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बंगलादेश, श्रीलंका, मालदीव आदि देशों से मिलकर बनता है।

प्रश्न 3.
कर्क वृत्त भारत को लगभग दो समान भागों में बाँटता है। इन भागों की संक्षिप्त भौतिक जानकारी दीजिए।
उत्तर-
कर्क वृत्त भारत को लगभग दो समान भागों में बाँटता है-उत्तरी भाग तथा दक्षिणी भाग।
उत्तरी भाग-कर्क वृत्त के उत्तर में फैला भू-भाग एक विशाल क्षेत्र है। यह पूर्व से पश्चिम की ओर फैला हुआ है। इसमें ऊंचे पर्वत तथा विशाल मैदान स्थित हैं।
दक्षिणी भाग-कर्क वृत्त के दक्षिण में फैला भू-भाग त्रिभुजाकार है। इस त्रिभुज का आधार उत्तर की ओर है। दक्षिण की ओर जाते हुए यह भू-भाग तंग होता जाता है। इसमें मुख्य रूप से प्रायद्वीप पठार तथा पूर्वी एवं पश्चिमी तटीय मैदान सम्मिलित हैं।

प्रश्न 4.
भारत के लिए हमें एक मानक मध्याह्न रेखा (देशांतर रेखा) की आवश्यकता क्यों है ? बताइए।
उत्तर-
मानक मध्याह्न रेखा अथवा मानक देशांतर किसी देश के मानक समय को निर्धारित करती है। पूरे देश में सभी कार्य इसी रेखा के समय के अनुसार होते हैं। यदि ऐसा न हो तो देश की परिवहन एवं संचार व्यवस्था, कार्यालयों में होने वाले कार्य तथा अन्य सभी गतिविधियों में गड़बड़ी उत्पन्न हो जाएगी। अतः भारत के लिए भी मानक देशांतर रेखा का होना अनिवार्य है। हमारे देश में 82°30 पू० की देशांतर रेखा को मानक देशांतर निर्धारित किया गया है।

प्रश्न 5.
बताइए कि अहमदाबाद तथा कोलकाता में मध्याहून (दोपहर) का सूर्य वर्ष में दो बार ठीक सिर के ऊपर क्यों होता है जबकि दिल्ली में ऐसा नहीं होता ?
उत्तर-
अहमदाबाद तथा कोलकाता कर्क वृत्त के निकट दक्षिण में स्थित हैं। इसके विपरीत दिल्ली कर्क वृत्त से दूर उत्तर में स्थित है। कर्क वृत्त पर वर्ष में दो बार मध्याह्न का सूर्य सीधा सिर के ऊपर होता है, परंतु इसके उत्तर में एक बार भी ऐसा नहीं होता। यही कारण है कि अहमदाबाद तथा कोलकाता में मध्याह्न का सूर्य वर्ष में दो बार ठीक सिर के ऊपर होता है जबकि दिल्ली में ऐसा नहीं होता है।

प्रश्न 6.
भारत का देशांतरीय विस्तार कितना है ? इसका क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
भारत का देशांतरीय विस्तार लगभग 30° है। इसका सबसे बड़ा महत्त्व यह है कि इस देश में सूर्य उदय के समय में काफ़ी अंतर पाया जाता है, अर्थात् देश के सभी भागों में सूर्य एक ही समय पर उदय नहीं होता। उदाहरण के लिए अरुणाचल प्रदेश और गुजरात क्रमशः भारत के पूर्व और पश्चिम में स्थित हैं। दोनों राज्यों में 30° देशांतर का अंतर है। प्रत्येक दो देशांतरों के बीच चार मिनट के समय का अंतर होता है। इस प्रकार अरुणाचल प्रदेश तथा गुजरात के समय में दो घंटे का अंतर आ जाता है।

प्रश्न 7.
कन्याकुमारी की अपेक्षा कश्मीर में दिन रात की अवधि में अधिक अंतर क्यों है ?
उत्तर-
देश का उत्तर-दक्षिणी विस्तार भारत के विभिन्न भागों में दिन-रात की लंबाई में अंतर डालता है। कन्याकुमारी (लगभग 8° उ० अक्षांश) भूमध्य रेखा के निकट है। यहाँ दिन-रात लगभग समान अवधि के होते हैं। परंतु कश्मीर (लगभग 37° उ० अक्षांश) भूमध्य रेखा से दूर है। यहाँ सारा वर्ष सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं, परिणामस्वरूप यहाँ दिन रात की अवधि में पाँच घंटे का अंतर होता है। पृथ्वी के अक्ष के झुकाव के कारण भी भूमध्य रेखा से दूर स्थित भागों में दिन और रात अवधि में अंतर आ जाता है।

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के आकार एवं विस्तार की मुख्य विशेषताएँ बताओ।
उत्तर-
भारत एक विशाल देश है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह विश्व में सातवें स्थान पर आता है। इसकी स्थिति एवं विस्तार की मुख्य विशेषताओं का वर्णन इस प्रकार है

  1. भारत की मुख्यभूमि 8°4′ उ० से 37°6′ उ० अक्षांशों के बीच फैली हुई है। इसका देशांतरीय विस्तार 68°7′ पू० से 97°25′ पू० देशांतरों के बीच है। ___ इस प्रकार देश का अक्षांशीय तथा देशांतरीय विस्तार लगभग समान (30°) है। फिर भी किलोमीटरों में देश का उत्तरदक्षिणी विस्तार इसके पूर्वी-पश्चिमी विस्तार से अधिक है।
  2. विषुवत् वृत्त के संदर्भ में भारत उत्तरी गोलार्द्ध में तथा प्रधान देशांतर (मध्याह्न) रेखा के संदर्भ में पूर्वी गोलार्द्ध में स्थित है।
  3. कर्क वृत्त (23°30′ उ०) भारत को लगभग दो समान भागों में बाँटता है। देश का उत्तरी भाग पर्वतीय तथा मैदानी है, जबकि दक्षिणी भाग पठारी है।
  4. भारत का क्षेत्रफल लगभग 32.7 लाख वर्ग किलोमीटर है। यह विश्व के कुल भू-भाग का 2.4 प्रतिशत है।

PSEB 9th Class Physical Education Solutions Chapter 6 भारतीय ओलंपिक संघ

Punjab State Board PSEB 9th Class Physical Education Book Solutions Chapter 6 भारतीय ओलंपिक संघ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Physical Education Chapter 6 भारतीय ओलंपिक संघ

PSEB 9th Class Physical Education Guide भारतीय ओलंपिक संघ Textbook Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना कब हुई ?
उत्तर-
सन् 1925 में।

प्रश्न 2.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के पहले प्रधान कौन बने ?
उत्तर-
श्री दोराव जी टाटा।

प्रश्न 3.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के प्रथम सहायक सचिव कौन थे ?
उत्तर-
श्री जी० डी० सोंधी।

प्रश्न 4.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के पदाधिकारी पाँच वर्ष के बाद चुने जाते हैं। सही अथवा ग़लत ?
उत्तर-
ग़लत।

प्रश्न 5.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन का कोई मुख्य कार्य लिखो।
उत्तर-
भारत में भिन्न-भिन्न खेलों के मुकाबले करवाना और इसके बारे अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी को जानकारी देना है।

प्रश्न 6.
I.O.A. का क्या भाव है ?
उत्तर-
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन।

प्रश्न 7.
I.O.C. का भाव लिखो।
उत्तर-
अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी।

प्रश्न 8.
अपनी मनपसन्द खेल एसोसिएशन का नाम लिखें।
उत्तर-
बास्केटबाल फैडरेशन ऑफ़ इण्डिया।

प्रश्न 9.
किसी दो भारतीय खेल फैडरेशनों के नाम लिखें जो भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन से सम्बन्धित हों।
उत्तर-

  • इण्डियन हॉकी फैडरेशन
  • सर्व भारतीय फुटबाल एसोसिएशन।

प्रश्न 10.
भारतीय ओलम्पिक कमेटी का कोई एक उद्देश्य लिखें।
उत्तर-
ओलम्पिक अन्दोलन व एमेच्योर (Amateur) खेलों की प्रगति करना।

प्रश्न 11.
पहली मॉडल ओलम्पिक खेलें कहां हुई ?
उत्तर-
यह खेलें 1891 में एथेन्स (Greek) में हुईं।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के विषय में विस्तारपूर्वक लिखो।
(Write in detail about Indian Olympic Association.)
उत्तर-
आधुनिक ओलम्पिक खेलों का आरम्भ 1896 ई० में एथन्ज़ (यूनान) में हुआ। इस काम में बैरन दि कुबर्रिटन ने विशेष भूमिका निभाई। भारत ने सबसे पहले इन खेलों में 1900 ई० में भाग लिया। भारत में ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना 1927 ई० में हुई। इसके संगठन का श्रेय वाई० एम० सी० ए० नामक संस्था को ही जाता है। डॉ० ए० सी० नोहरान तथा एच० सी० बक ने इसकी स्थापना में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। श्री दोराव जी० टाटा को भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन का प्रथम अध्यक्षं होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसका सचिव पद डॉ० ए० सी० नोहरान ने सम्भाला जबकि श्री जी० डी० सोंधी इसके प्रथम सहायक सचिव बने। 1927 में यह अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक एसोसिएशन की सदस्य बनी।

भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन, सर्विसिज़, कण्ड्रोल बोर्ड तथा रेलवे स्पोर्टस कण्ट्रोल बोर्ड का संघ है। प्रान्त स्तर पर प्रान्त की सभी खेल एसोसिएशने मिलकर इसे स्थापित करती हैं। इस प्रकार जिला स्तर की सभी एसोसिएशनें इसकी सदस्य हैं। भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन का चुनाव चार वर्षों में एक बार होता है। इस संस्था के निम्नलिखित पदाधिकारी होते हैं

1. अध्यक्ष (एक) 2. उपाध्यक्ष (सात) 3. सचिव (एक) 4. सहायक सचिव (दो) 5. कोषाध्यक्ष (एक) 6. प्रान्तीय ओलम्पिक एसोसिएशनों के 5 सदस्य 7. नौ सदस्य राष्ट्रीय खेल एसोसिएशन, रेलवे स्पोर्टस कण्ट्रोल बोर्ड तथा सर्विसिज़ कण्ट्रोल बोर्ड।
इन सभी सदस्यों का चुनाव 4 वर्ष के लिए किया जाता है। ये 8 वर्ष से अधिक सदस्य नहीं रह सकते।

प्रश्न 2.
भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के मुख्य उद्देश्य लिखें। (Deseribe the main objectives of Indian Olympic Association.)
उत्तर-
उद्देश्य (Objectives) यह संघ निम्नलिखित उद्देश्यों को सामने रख कर गठित किया गया –

  • ओलम्पिक आन्दोलन व एमेच्योर (Amateur) खेलों की प्राप्ति के लिए।
  • नवयुवकों की शारीरिक, नैतिक व सभ्याचार की शिक्षा को उत्साहित करने व बढ़ाने के लिए ताकि नवयुवक अच्छे व्यक्तित्व वाले स्वस्थ व अच्छे नागरिक बन सकें।
  • अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक संघ के सभी नियम लागू करने के लिए।
  • इस अधिकार को बचाने व लागू करने के लिए संघ ही ओलम्पिक झण्डे के निशान का प्रयोग कर सकता है। यह देखता है कि ये दोनों ओलम्पिक खेलों से ही सम्बन्धित हैं।
  • पूरी तरह एक सरकारी संगठन के तौर पर काम करना व देश के सारे ओलम्पिक खेलों सम्बन्धी विषयों का सारा काम-काज अपने हाथ में लेना।
  • सभी देशवासियों को खेलों के एमेच्योर (Amateur) की कीमत (Value) बारे – अवगत कराना।
  • राष्ट्रीय स्पोर्ट्स संघ व महासंघ में तालमेल के साथ उन सभी भारतीय टीमों व उनके संगठन को नियन्त्रित करना जो टीमें ओलम्पिक खेलों व अन्य खेलों जो कि अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी के तहत होती हैं, में भाग लेती हैं, को नियन्त्रित करना।
  • राष्ट्रीय खेल संघ व महासंघ के तालमेल के साथ नियमों को लागू करना।
  • कला प्रतियोगिता में ऊंचे आदर्शों को बनाए रखना और लोगों में ओलम्पिक खेलों और दूसरी खेलें जो कि अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी की सर्वसम्मति द्वारा की जाती हैं, के लिए रुचि बढ़ाना।
  • ओलम्पिक खेलों और दूसरी खेलें जो कि अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी ही सर्वसम्मति द्वारा की जाती हैं, में भारत के भाग लेने सम्बन्धी सारे विषयों पर पूरा नियन्त्रण रखना।
  • जो भारतीय टीमें अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी की सर्वसम्मति के अधीन ही ओलम्पिक खेलों और अन्य खेलों में भाग लेती हैं, उन टीमों का राष्ट्रीय स्पोर्टस फैडरेशन और एसोसिएशनों की सहायता से वित्त प्रबन्ध, आवागमन देख-रेख और कल्याण बारे प्रबन्ध करना।
  • अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबले के लिए यह भारतीय खिलाड़ियों को प्रमाणित करती है कि वे एमेच्योर (Amateur) स्तर के हों। अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबले में ये प्रमाण स्तर ज़रूरी होते हैं।
  • यह भारतीय लोगों में ओलम्पिक खेलों के लिए अधिक शौक बढ़ाती है और इस मन्तव्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक राज्य में राज्य ओलम्पिक एसोसिएशन और राष्ट्रीय एमेच्योर खेल फैडरेशन बनाती है।
  • यह राष्ट्रीय स्पोर्टस फैडरेशन और भारत सरकार में फैडरेशन की वित्तीय सहायता के लिए काम करती है।
  • यह राज्य की ओलम्पिक एसोसिएशन और राष्ट्रीय एमेच्योर स्पोर्टस फैडरेशन को दाखिल करती है। राज्य की ओलम्पिक एसोसिएशन और राष्ट्रीय एमेच्योर स्पोर्ट्स फैडरेशन अपनी सालाना रिपोर्टों के कार्य की जांच-पड़ताल की सूचना अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक एसोसिएशन को देगी।
  • यदि कोई फैडरेशन कोई गलत काम करके बदनामी लेता है तो उस के विरुद्ध अनुशासन सम्बन्धी कार्यवाही करती है।
  • एमेच्योर स्पोर्ट्स (Amateur Sports) और खेलों की उन्नति सम्बन्धी कोई भी काम करेगी।

प्रश्न 3.
ओलम्पिक चार्ट के बारे में आप क्या जानते हैं ? लिखें। (What do you know about Olympic Chart ?).
उत्तर-
ओलम्पिक चार्ट (Olympic Chart) सभी खेल मुकाबले राष्ट्रीय स्तर पर व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय खेल संघ व भारतीय ओलम्पिक संघ के नियन्त्रण अधीन करवाए जाते हैं। इस में किसी तरह का राजनीतिक, धार्मिक, जाति या रंगभेद का भेदभाव नहीं किया जाता है, लेकिन ओलम्पिक चार्ट में यह वर्णन नहीं किया गया कि अगर राष्ट्रीय खेल संघ व भारतीय ओलम्पिक संघ इस तरह काम करे जिस से खेलों को क्षति पहुंचे या देश के सम्मान को चोट लगे तो क्या सरकार हस्तक्षेप कर सकती है या नहीं। लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी के सदस्यों ने कई बार अपना यह विचार पेश किया है कि जहां सरकार इन संस्थाओं को ऋण देती है वहां सरकार को यह भी चाहिए कि वह इस बात की जानकारी रखे कि कोष ठीक तरह खर्च किया जा रहा है या नहीं। इन संस्थाओं के कार्यों के बारे में भी सरकार पूछताछ प्राप्त कर सकती है।

जब राष्ट्रीय खेल संघ (N.S.F.) व भारतीय ओलम्पिक संघ (I.0.A.) काम करने में असफल रहे या विरोधी संघ पैदा हो जाए तो अन्तर्राष्ट्रीय संघ देश की सरकार से राय पूछती है।

जब किसी देश में अन्तर्राष्ट्रीय खेल (International Games) हो रही हों जैसे कि एशियाई खेलें, तो उस देश की सरकार की भी बहुत ज़िम्मेदारी होती है।
सरकार संघों को भरपूर सुविधाएं दे ताकि खेलें सफलतापूर्वक करवाई जा सकें। इस तरह अगर राष्ट्रीय खेल संघ (N.S.F.) व भारतीय ओलम्पिक संघ (I.O.A.) अपनी जिम्मेवारी (जैसे कि कार्यों का चयन व उनका प्रशिक्षण इत्यादि) में असफल हो जाए तो सरकार मूक दर्शक (Silent Spectator) नहीं बन सकती। इस को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन संस्थाओं के लिए कुछ लाभदायक संकेत (Guidelines) भी बनाए हैं ताकि ये इनके अनुसार काम करें। लेकिन कितने दुःख की बात है कि इन मार्गदर्शन संकेतों (Guidelines) का पूरी तरह पालन नहीं किया जाता है।

प्रश्न 4.
भारत के मुख्य खेल मुकाबलों पर नोट लिखो। (Write a note on sports competitions in India.)
उत्तर–
प्रत्येक व्यक्ति में मुकाबले की भावना होती है। यही भावना उसे उन्नति के मार्ग पर आगे कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। यही भावना उसे सम्मान पाने में सहायता प्रदान करती है। पुरातन काल में खेल मुकाबले बहुत ही घातक होते थे। खेल में विरोधी खिलाड़ी की जान ले ली जाती थी। परन्तु समय की गति के साथ खेल मुकाबलों में मैत्री भाव ने स्थान ग्रहण कर लिया। आज के युग की मुकाबले की भावना से व्यक्ति के मनोभावों की तृप्ति होती है। इससे व्यक्ति को न केवल अपने कौशल (Skills) की प्राप्ति होती है बल्कि वह इसमें दक्षता भी प्राप्त करता है।

इस प्रकार वह सर्वोत्तम खेल का प्रदर्शन करने में सफल होता है। खेल मुकाबले न केवल मनोरंजन ही प्रदान करते हैं बल्कि ये व्यक्ति को स्वस्थ एवं नीरोग भी बनाते हैं। प्राचीन काल में घुड़सवारी, तीरअन्दाजी, नेज़ा फेंकना तथा मल्ल युद्ध आदि खेलें ही लोकप्रिय थीं और इन्हीं खेलों के मुकाबलों का आयोजन किया जाता था। परन्तु समय की करवटों के साथ भारतीयों के अंग्रेज़ों के सम्पर्क में आने से हॉकी, फुटबाल, क्रिकेट आदि खेलें इतनी लोकप्रिय हो गई हैं कि इन्हीं खेलों के मुकाबलों का राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन किया जाता है।

प्रश्न 5.
सन 1927 में चुनी गई भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के अध्यक्ष, सचिव और सहायक सचिव कौन थे ?
(Who were the President, Secretary and Assistant Secretary of the Indian Olympic Association selected in 1927 ?)
उत्तर-
भारत में ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना 1927 में ई० में हुई। इस के संगठन का सेहरा बाई० एम ०सी० ए० नामी संस्था के सिर है। डॉ. ए० सी० नोहरान
और एच० सी० बैंक ने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया। श्री दोराव जी टाटा ने भारतीय ओलम्पिक संघ का पहला अध्यक्ष होने का सौभाग्य प्राप्त किया। इस का सचिव पद डॉ० ए० सी० नोहरान ने संभाला जबकि श्री जी० डी० सोंधी इस के पहले सहायक सचिव बने।
(नोट-भारत में आयोजित किए जाने वाले विभिन्न खेल मुकाबलों के विवरण के लिए अगले प्रश्न देखें।)

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय खेल संघ व प्रदेश खेल संघ के कार्य लिखें।
(Describe the functions of National Sports Federation or State Sports Association.)
उत्तर-
राष्ट्रीय खेल संघ व प्रदेश खेल संघ (National Sports Federation and State Sports Association)-राष्ट्रीय खेल संघ व प्रदेश खेल संघ अपनीअपनी खेलों के साथ अन्तर्राष्ट्रीय महासंघ से जुड़ी (Affiliated) हैं। राष्ट्रीय संघ के अपनी-अपनी खेलों के राज्य स्तर पर भी अंग हैं, जैसे प्रदेश ओलम्पिक संघ इत्यादि। ये प्रदेश में टूर्नामैंट (Tournament) इत्यादि करवाना तय करते हैं।

कार्य (Functions) –

  • मुकाबले करवाना (To conduct competitions)—ज़िला, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर जूनियर व सीनियर स्तर के मुकाबले प्रत्येक वर्ष करवाना।
  • योजनाएं बनाना (Planning)-राष्ट्रीय टीम तैयार करने के लिए एक वर्ष या चार वर्ष की योजनाएं बनाना।
  • सामान का प्रबन्ध करना (To make arrangement for equipment)खेलों का स्तर ऊंचा उठाने के लिए खेलों के सामान व अन्य ज़रूरी समान का प्रबन्ध करना। अगर कोई सामान विदेशों से मंगवाना है तो केन्द्रीय शिक्षा मन्त्रालय (Union Education Ministry) की मदद से भारतीय ओलम्पिक संघ या नेता जी सुभाष चन्द्र खेल राष्ट्रीय संस्थान पटियाला की सहायता से प्राप्त करना।
  • चुनाव करने वालों की उपस्थिति (Attendance of selectors)—यह देखता है कि इनके चुनाव कार्यकर्ता राज्य स्तर व राष्ट्रीय स्तर पर जूनियर व सीनियर के मुकाबलों में हाज़िर रहें। Probabilities की सूची बनाई जाए और उसको प्रदर्शित किया जाए। सम्भावना की सूची बनाना व छपवाना, राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सम्भावनाओं का पता लगाना।
  • राष्ट्रीय प्रशिक्षक नियुक्त करना (To appoint national coach) प्रत्येक राष्ट्रीय खेल संघ/महासंघ एक राष्ट्रीय प्रशिक्षक (Natioanl Coach) नियुक्त करेगा।
  • राष्ट्रीय टीम के चयन में मदद (Help in selection of national team)अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबलों के लिए राष्ट्रीय टीम व मुकाबलों के चयन के लिए यह भारतीय ओलम्पिक संघ (I.O.A.) व अखिल भारतीय खेल समिति (A.I.S.C.) की मदद करेगी।
  • खेलों के नियम तय करना (To frame rules of Games)-नेता जी सुभाष चन्द्र राष्ट्रीय खेल संस्थान के सहयोग (Co-operation) से खेलों के नियम बनाती है।
  • अम्पायर व प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (Tranning of Impires and coaches)-यह नेता जी सुभाष खेल संस्थान व भारतीय ओलम्पिक संघ की अम्पायर व प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए मदद करती है।
  • चयनकर्ताओं की सूची तैयार करना (To prepare a list of sciectors)यह शुद्ध योग्यता (Purely merit) के आधार पर चयनकर्ताओं की सूची (Panel of selectors) तैयार करती है।
  • पदाधिकारियों का चुनाव (Selection of officers)-इसके पदाधिकारियों का चुनाव संघ के संविधान के अनुसार होना चाहिए। चुनाव के समय इसे भारतीय ओलम्पिक संघ (I.O.A.) व अखिल भारतीय खेल समिति (A.I.S.C.) के एक-एक निरीक्षक (Observer) भी बुलाने चाहिएं।
  • विवाद का निर्णय करना (To settle dispute) अगर किसी संघ में विवाद पैदा हो जाए तो आई० ए० ओ० या ए० ओ० या ए० आई० एस० एफ० को भेजा जाता है। इनका फैसला मानना ज़रूरी होता है। अगर भारतीय ओलम्पिक संघ (I.O.A.) व राष्ट्रीय खेल संघ (N.S.F.) में कोई विवाद (Dispute) पैदा हो जाए तो उसका निर्णय अखिल भारतीय खेल समिति (A.I.S.C.) करती है।
  • खातों की जांच (Audit of accounts)—यह संघ की ज़िम्मेवारी होती है कि अपने हिसाब-किताब की जांच रिपोर्ट समय पर पेश करे।

प्रश्न 2.
भारतीय ओलम्पिक संघ से जो भिन्न-भिन्न खेल संघ सम्बन्धित हैं, उनके नाम लिखें।
(Write the names of different Associations of India which are affiliated with Indian Olympic Association.)
उत्तर-
अलग-अलग खेलों के सम्बन्ध, संघ (Federations regarding different games or sports)–अलग-अलग खेलों की एसोसिएशनें व संघ इस तरह हैं

  1. भारतीय हॉकी संघ (The Indian Hockey Federation 1925)
  2. अखिल भारतीय फुटबाल संघ (The All Indian Football Federation 1937)
  3. भारतीय तैराकी संघ (The Swimming Federation of India 1940)
  4. एमेच्योर एथलैटिक्स फैडरेशन ऑफ़ इण्डिया (The Amateur Athlelic Federation of India 1944)
  5. भारतीय कुश्ती संघ (The Wrestling Federation of India 1948)
  6. भारतीय वालीबाल संघ (The Volley Ball Federation of India 1951)
  7. भारतीय बास्केट बाल संघ (Basket Ball Federation India 1950)
  8. राष्ट्रीय राइफल संघ (The National Rifle Association 1953)
  9. भारतीय जिम्नास्टिक संघ (The Gymnastic Federation of India 1951)
  10. इण्डियन एमेच्योर बॉक्सिग फैडरेशन (The Indian Amateur Boxing Federation 1951)
  11. राष्ट्रीय साइकिल फैडरेशन (The National Cycle Federation 1938)
  12. भारतीय क्रिकेट नियन्त्रण बोर्ड (Cricket Control Board of India 1926)
  13. भारतीय लॉन टेनिस संघ (The Indian Lawn Tennis Federation 1920)
  14. भारतीय टेबल टेनिस संघ (The Table Tennis Federation of India 1938)
  15. अखिल भारतीय बैडमिंटन संघ (The All India Badminton Association 1934)
  16. हैंडबाल संघ (The Indian Hand ball Association 1969-70)
  17. तीरंदाजी संघ (The Archery Association 1969)
  18. भारतीय कबड्डी संघ (The Kabaddi Federation of India 1951-52)
  19. भारतीय पोलो संघ (The Indian Polo Federation 1935)
  20. भारतीय भारत्तोलक संघ (Indian Weightlifting Federation 1935)
  21. भारतीय बिलियर्डस संघ (The Indian Billiards Association 1910)
  22. भारतीय स्कवैश रैकेट संघ (The Indian Squash Racket Association 1953)

ऊपरलिखित संघ व एसोसिएशनों के अतिरिक्त राष्ट्रीय स्तर पर कुछ अन्य भी खेल संस्थाएं (Game bodies) हैं, जिनका अपना अलग अस्तित्व है।

  1. सर्विस खेल नियन्त्रण बोर्ड (The Service Sports Control Board 1919) इस का 1945 में पुनर्गठन किया गया।
  2. भारतीय स्कूल खेल संघ (School Games Federation of India 1954)
  3. अन्तर्विश्वविद्यालय खेल नियन्त्रण बोर्ड (Inter-Unviersities Sports Control Board)
  4. रेलवे खेल नियन्त्रण बोर्ड (Railway Sports Control Board)
  5. अखिल भारतीय पुलिस खेल परिषद् बोर्ड (All India Police Sports Board 1950)

इसी तरह अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग खेलों के अपने संघ हैं जो कि राष्ट्रीय खेल संघ के साथ जुड़े हैं व प्रदेश ओलम्पिक संघ से भी सम्बन्धित हैं। इनका काम अपने प्रदेश में अन्तर-जिला मुकाबले करवाना, प्रशिक्षण शिविर लगाना व प्रदेशों की टीमों को राष्ट्रीय स्तर पर शामिल करवाना है।

  • भारत में अव्यावसायिक खेल मुकाबलों का आयोजन करना तथा अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी को इसकी पुष्टि करना।
  • भारत में अव्यावसायिक खिलाड़ियों के लिए विशेष खेल प्रबन्ध करना।
  • भारत की ओर से ओलम्पिक झण्डे तथा मोहर का प्रयोग करना, देश में ओलम्पिक मामलों को निपटाना तथा ओलम्पिक चार्टर का पालन करना।
  • भारत के विभिन्न प्रान्तों में प्रान्तीय ओलम्पिक एसोसिएशनों की स्थापना करना तथा इनके खर्चों की निगरानी करना।
  • विभिन्न भारतीय खेल एसोसिएशनों को अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबलों में भाग लेने की आज्ञा देना तथा इन मुकाबलों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना।
  • प्रति वर्ष अगस्त मास में ओलम्पिक सप्ताह मनाना तथा देशवासियों को इस बारे में जानकारी देना।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पर नोट लिखो –
(क) रंगास्वामी कप ( 1980 M)
(ख) आगाखान कप (1984 E)
(ग) मुम्बई स्वर्ण कप (1984 M)
(घ) अखिल भारतीय नेहरू सीनियर हॉकी प्रतियोगिता।
(ङ) अखिल भारतीय नेहरू जूनियर हॉकी प्रतियोगिता।
[Write notes on the following (a) Ranga Swami Cup (National Hockey Championship) (b) Agha Khan Cup (c) Mumbai Gold Cup (d) All India Nehru Senior Hockey Competition (e) All India Nehru Junior Hockey Competition.]
उत्तर-
(क) रंगास्वामी कप राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता (Rangaswami Cup National Hockey Championship) – भारतीय हॉकी एसोसिएशन ने प्रथम राष्ट्रीय मुकाबले 1927 ई० में करवाये। ये मुकाबले राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता के नाम से विख्यात हैं। 1935 ई० में मोरिस (Morris) नामक एक न्यूजीलैंड के निवासी ने प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए एक शील्ड भेंट की। 1928-1944 तक यह प्रतियोगिता 2 वर्ष में एक बार करवाई जाती थी। 1946 में पंजाब ने यह प्रतियोगिता जीती थी और असली शील्ड पंजाब हॉकी एसोसिएशन के सचिव बख्शीश अली के पास थी। इसलिए 1947 में देश का विभाजन होने से यह शील्ड पाकिस्तान में ही रह गई क्योंकि शेख साहिब पाकिस्तान में ही रहे।

भारत के विभाजन के पश्चात् चेन्नई के समाचार-पत्र ‘हिन्दू’ तथा ‘स्पोर्टस एण्ड पासटाईम’ के स्वामियों ने अपने सम्पादक श्री रंगास्वामी के नाम पर राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए एक नया कप दिया। इस कारण अब यह प्रतियोगिता ‘रंगास्वामी कप’ के नाम से प्रसिद्ध है। 1947 ई० के बाद यह प्रतियोगिता प्रतिवर्ष होने लगी। सबसे पहले इस प्रतियोगिता को उत्तर प्रदेश ने जीता और पंजाब ने इसे जीतने का पहली बार श्रेय 1949 में प्राप्त किया। पहले यह प्रतियोगिता नाक-आऊट स्तर पर करवाई जाती थी परन्तु आजकल यह प्रतियोगिता लीग-कम-नाक-आऊट स्तर पर होती है।

(ख) आगा खान कप (Agha Khan Cup) –
सर आगा खान ने 1896 ई० में पहली बार इस प्रतियोगिता के लिए कप दिया। उन्हीं के नाम से यह प्रतियोगिता आगा खां कप के नाम से प्रसिद्ध हुई। 1912 में चैशायर रेजीमैंट ने इसे पक्की तरह जीत लिया। इस पर सर आगा खान ने एक अन्य कप इस प्रतियोगिता के लिए दिया। आज तक विजेता टीम को यही कप दिया जाता है। इस कप को सर्वप्रथम जीतने का श्रेय मुम्बई ‘जिमखाना’ को प्राप्त हुआ। 1949 में इसे पंजाब पुलिस ने पहली बार जीता। इस प्रतियोगिता का आयोजन आगा खाँ टूर्नामैंट कमेटी करती है। इसमें भारत की प्रसिद्ध टीमें भाग लेती हैं। आजकल यह प्रतियोगिता नाक-आऊट स्तर पर करवाई जाती है।

(ग) मुम्बई स्वर्ण कप (Mumbai Gold Cup) –
मुम्बई प्रान्त ने अपने प्रान्तीय फण्ड में से 10,000 रु० का स्वर्ण कप तैयार करवा कर इस प्रतियोगिता के लिए दिया जो मुम्बई स्वर्ण कप प्रतियोगिता के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इस प्रतियोगिता का आयोजन प्रति वर्ष मुम्बई हॉकी एसोसिऐशन द्वारा किया जाता है। सर्वप्रथम इस प्रतियोगिता को मुम्बई की ‘लूसीटेनियन’ नामक क्लब ने जीता। 1958 में इस प्रतियोगिता को पंजाब टीम ‘पंजाब हॉक्स’ ने जीता। यह प्रतियोगिता नाक-कमलीग के आधार पर होती है।

(घ) अखिल भारतीय नेहरू सीनियर हॉकी प्रतियोगिता (All India Nehru Senior Hockey Competition)-
1964 में स्व० प्रधान मन्त्री जवाहर लाल नेहरू की पुण्य स्मृति में नई दिल्ली में यह टूर्नामेंट आरम्भ हुआ। उन्हीं के नाम पर इसका नाम नेहरू हॉकी प्रतियोगिता रखा गया। यह प्रतियोगिता नाक-आऊट-कम-लीग के आधार पर होती है। इस प्रतियोगिता में श्रेष्ठ टीमें भाग लेती हैं। सर्व-प्रथम उत्तर प्रदेश ने इसे जीतने का श्रेय प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता के पुरस्कारों का वितरण भारत के राष्ट्रपति करते हैं।

(ङ) अखिल भारतीय नेहरू जूनियर हॉकी प्रतियोगिता (All India Nehru Junior Hockey Competition) –
इस प्रतियोगिता का आयोजन प्रतिवर्ष नई दिल्ली में नेहरू हॉकी टूर्नामेंट कमेटी द्वारा किया जाता है। इस प्रतियोगिता में 16 वर्ष की आयु तक के खिलाड़ी भाग लेते हैं। देश के विभिन्न प्रान्तों से टीमें इसमें भाग लेने के लिए आती हैं। भारत सरकार का शिक्षा विभाग श्रेष्ठ खिलाड़ियों को वजीफ़े देता है। यह प्रतियोगिता लीग-कम-नाक-आऊट के आधार पर खेली जाती है। इसका फाइनल मुकाबला स्व० प्रधानमन्त्री नेहरू के जन्म दिन 14 नवम्बर को होता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित पर नोट लिखो
(क) डूरांड कप (ख) रोवर्ज़ कप (1984 E) (ग) सुबरोटो मुकर्जी कप (घ) सन्तोष ट्राफी (ङ) रणजी ट्राफी (च) सी० के० नायडू ट्राफी (1984 E)। [Write notes on the following(a) Durand Cup (b) Rovers cup (c) Subroto Mukerjee Cup (d) Santosh Trophy (e) Ranji Trophy () C.K. Naidu Trophy.]
उत्तर-
(क) डरांड कप (Durand Cup) –
यह कप ब्रिटिश इण्डिया के विदेश सचिव (Foreign Secretary) सर मोर्टीमोर डूरांड ने 1895 में ब्रिटिश सैनिकों के मुकाबलों के लिए दिया। पहले यह टूर्नामैंट शिमला में ‘शिमला टूर्नामैंट’ के नाम से खेला जाता है। 1950 से प्रतियोगिता का आयोजन नई दिल्ली में होने लगा। 1899 ई० में इस कप को ‘ब्लैक वाच रैजिमैंट’ ने स्थायी रूप से जीत लिया। इसके पश्चात् सर मोर्टीमोर ने एक और कप दिया। यह कप आज तक इस प्रतियोगिता की विजेता टीम को दिया जाता है। 1931 में इस प्रतियोगिता में सेना के अतिरिक्त असैनिक (Civil) टीमें भी भाग लेने लगीं। सबसे पहले इस प्रतियोगिता में भाग लेने का सौभाग्य ‘पटियाला टाईगर’ को प्राप्त हुआ। यह प्रतियोगिता प्रतिवर्ष नाकआऊट-कम-लीग स्तर पर करवाई जाती है। इसमें देश-विदेश की उच्चकोटि की टीमें भी लेती हैं।

(ख) रोवर्ज़ कप (Rovers Cup) –
यह फुटबाल मुकाबला रोवर्ज कप टूर्नामैंट कमेटी की ओर से प्रति वर्ष करवाया जाता है। इसमें भारत के विभिन्न भागों से टीमें भाग लेने के लिए आती हैं।

(ग) सुबरोटो मुकर्जी कप (Subroto Mukerjee Cup) –
इसे जूनियर डूरांड मुकाबला कहा जाता है। इस प्रतियोगिता का आयोजन एयर मार्शल सुबरोटो मुकर्जी की स्मृति में किया गया। इस को डूरांड कमेटी प्रति वर्ष नई दिल्ली में आयोजित करती है। इसमें 16 वर्ष की आयु तक के खिलाड़ी भाग लेते हैं। इस प्रतियोगिता,में सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भारत सरकार द्वारा वजीफ़े दिए जाते हैं।

(घ) सन्तोष ट्राफी (Santosh Trophy) –
महाराजा सन्तोष जो कूच बिहार के राजा थे, उनके नाम पर राष्ट्रीय फुटबाल प्रतियोगिता के लिए एक ट्राफी दी गई , जो सन्तोष ट्राफी के नाम से प्रसिद्ध हो गई है। यह प्रतियोगिता भारतीय फुटबाल एसोसिऐशन द्वारा प्रति वर्ष अपने किसी मैम्बर एसोसिएशन की तरफ से करवाई जाती है। इस प्रतियोगिता में भारत के भिन्न-भिन्न प्रान्तों की टीमें, रेलवे और सैनिकों की टीमें भाग लेती हैं।
ये मुकाबले नाक-आऊट कम लीग स्तर पर करवाए जाते हैं। बंगाल ने सबसे अधिक बार इस प्रतियोगिता को जीता है और पंजाब ने पहली बार 1970 में जालन्धर में यह ट्राफी जीती।

(ङ) रणजी ट्रा की (Ranji Trophy) –
1934 में सर सिकन्दर हयात खां की अध्यक्षता में क्रिकेट प्रेमियों की शिमला में एक सभा हुई। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट मुकाबले करवाने का प्रस्ताव रखा गया। फलस्वरूप पटियाला के महाराजा सर भूपेन्द्र सिंह ने क्रिकेट के महान् खिलाड़ी रणजीत सिंह के नाम पर राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता के लिए एक ट्राफी भेंट की। यह प्रतियोगिता प्रतिवर्ष क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती है। यह अन्तरप्रान्तीय स्तर पर करवाई जाती है। ये मुकाबले लीग-स्तर पर होते हैं। क्षेत्रीय मुकाबलों में विजेता प्रान्त आगे-नाक-आऊट स्तर पर खेलता है। मुम्बई की टीम ने इस प्रतियोगिता को सबसे अधिक बार अर्थात् 15 बार जीता। इस प्रतियोगिता में प्रान्तों की टीमों के अतिरिक्त रेलवे स्पोर्टस कण्ट्रोल बोर्ड तथा सर्विसिज़ कण्ट्रोल बोर्ड भी भाग लेते हैं।

(च) सी० के० नायडू ट्राफी (C.K. Naidu Trophy) –
इस प्रतियोगिता का आयोजन स्कूल गेम्ज़ फैडरेशन की ओर से प्रति वर्ष किया जाता है। इस ट्राफी का नाम भारत के सुप्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी सी० के० नायडू के नाम पर रखा गया है। यह प्रतियोगिता स्कूल के बच्चों के लिए है और नाक-आऊट स्तर पर होती है। जो टीम एक बार हार जाती है उसे टूर्नामेंट से बाहर जाना पड़ता है।

भारतीय ओलंपिक संघ PSEB 9th Class Physical Education Notes

  • भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन-भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना 1927 ई० में हुई, जिसके प्रथम प्रधान दोराव जी टाटा थे। इसका कार्य अव्यावसायिक खेल प्रतियोगिता का प्रबन्ध करना और भारतीय खेल एसोसिएशनों को आर्थिक सहायता देना है।
  • भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन के उद्देश्य-खेलों की प्रगति के लिए कार्य करना, अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक एसोसिएशन के नियमों को लागू करना और अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक कमेटी के अधीन होने वाली खेलों में भाग लेने वाली टीमों का वित्तीय प्रबन्ध और दूसरी देखभाल करना होता है।
  • भारत में मुख्य खेल प्रतियोगिता-खेल प्रतियोगिता केवल मनोरंजन का ही साधन नहीं, यह मनुष्य को स्वस्थ और निरोग बनाती है। प्राचीन समय में घुड़सवारी, तीर अंदाजी, नेजा फेंकना और मल्ल युद्ध ही प्रिय खेलें थीं। अब हॉकी, फुटबाल, क्रिकेट, वॉलीबाल, बॉस्कटवाल खेलें लोकप्रिय हैं।
  • रंगा स्वामी कप-यह प्रतियोगिता राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता के नाम से प्रसिद्ध है।
  • ड्ररांग कप-1950 से यह फुटबाल प्रतियोगिता नई दिल्ली में करवाई जाने लगी और प्रतिवर्ष नाक आऊट कम लीग स्तर पर करवाई जाती है। इस प्रतियोगिता में देश की उच्च स्तरीय टीमें भाग लेती हैं।
  • संतोष ट्राफी-यह प्रतियोगिता भारतीय फुटबाल एसोसिएशन द्वारा प्रतिवर्ष अपने किसी मैंबर एसोसिएशन की तरफ से करवाई जाती है। इस प्रतियोगिता में भारत की भिन्न प्रान्तों की टीमें, रेलवे और सैनिक टीमें भाग लेती हैं।
  • रणजीत ट्राफी-यह प्रतियोगिता प्रतिवर्ष क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती है। यह अन्तर प्रांतीय लीग स्तर पर करवाई जाती है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

Punjab State Board PSEB 9th Class Home Science Book Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Home Science Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

PSEB 9th Class Home Science Guide गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
घर से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
घर वह स्थान है जहां हम अपनी ज़िन्दगी का काफ़ी समय तनाव रहित होकर बिताते हैं।

प्रश्न 2.
गृह-व्यवस्था की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
पी० निक्कल तथा जे० एम० डोरसी के अनुसार, “गृह प्रबन्ध परिवार के उद्देश्यों को प्राप्त करने के इरादे से परिवार में मिलते साधनों को योजनाबद्ध तथा संगठित करके उसे व्यवहार में लाने का नाम है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 3.
गृह-व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार माना जाता है क्योंकि इसमें घर तथा घर की व्यवस्था के सभी पहलू आते हैं। जैसे अच्छा जीवन गुजारने के सिद्धान्त, परिवार के सदस्यों के लिए शिक्षा का उचित प्रबन्ध, परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भोजन तथा घर के सामान की खरीद, सम्भाल तथा प्रयोग के बारे में जानकारी दी जाती है। इसी तरह घर में प्रयोग किये जाने वाले हर प्रकार के सामान की सफ़ाई तथा सम्भाल तथा समाज में मनुष्य के जीवन को अनुशासनमय बनाने के लिए आत्मिक तथा धार्मिक पक्ष को भी गृहव्यवस्था के क्षेत्र में शामिल किया गया है।

प्रश्न 4.
गृह और व्यवस्था शब्दों से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
गृह से अभिप्राय वह स्थान है जहां परिवार के सभी सदस्य मिलकर रहते हैं। विद्वानों ने गृह की परिभाषा इस प्रकार दी है, “घर एक ऐसी इकाई है जहां कुछ व्यक्ति रहते हैं तथा उनमें कोई आपसी रिश्ता होता है।”

व्यवस्था शब्द से अभिप्राय है कि अपने अनिवार्य उद्देश्यों के लिए इस ढंग से कार्य करना कि हमारे भौतिक साधन अच्छी तरह संगठित तथा आयोजित हो सकें, अच्छी तरह सम्पर्क पैदा करके किसी विचारधारा को क्रियान्वित करके उसका उचित मूल्यांकन कर सकें।

प्रश्न 5.
गृह-व्यवस्था कैसी प्रक्रिया है और इसका मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था एक मानसिक प्रक्रिया है। यह मानसिक उपज है, दिल की नहीं। इसलिए बड़ी सूझ-बूझ तथा समझदारी की आवश्यकता है। गृह-व्यवस्था जीवन व्यतीत करने की कला है तथा इसका मुख्य उद्देश्य पारिवारिक उद्देश्यों की पूर्ति करना है।

आज के युग में साधन काफ़ी बढ़ गये हैं तथा मानवीय आवश्यकताओं के साथ उद्देश्य भी बढ़ गये हैं। इन उद्देश्यों तथा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मानवीय साधनों जैसे-ज्ञान, शक्ति आदि तथा भौतिक साधनों जैसे-समय, धन, वस्तु, जायदाद आदि का प्रयोग बड़ी सावधानी से किया जाता है।

प्रश्न 6.
गृह-व्यवस्था के क्षेत्र से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था का क्षेत्र काफ़ी विशाल है। इसमें घर बनाने से लेकर परिवार के सदस्यों की अन्तिम समय की सभी क्रियाएं शामिल हैं। इसके क्षेत्र में अच्छा जीवन व्यतीत करने के सिद्धान्त, जीवन स्तर ऊंचा उठाने, परिवार की ज़रूरतों की पूर्ति करने, परिवार के सदस्यों की शिक्षा का प्रबन्ध, घर में प्रयोग किये जाने वाले हर प्रकार के सामान की सफ़ाई तथा सम्भाल करना आदि सभी कुछ गृह-व्यवस्था के क्षेत्र में आते हैं।

प्रश्न 7.
समय के सदुपयोग से घर को खुशहाल कैसे बनाया जा सकता है ?
उत्तर-
जब घर का सारा कार्य समय का सही प्रयोग करके योजनाबद्ध तरीके से किया जाये तो घर में खुशी की वृद्धि होती है। घर का काम-काज निश्चित समय सारणी अनुसार करके तथा घर के सभी सदस्य अपनी क्षमता अनुसार सौंपा कार्य ठीक समय पर करें तो घर में खुशी का वातावरण पैदा होता है तथा घर समृद्ध बनता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 8.
गृह-व्यवस्था से आप क्या समझते हैं ? गृह-व्यवस्था ही गृह विज्ञान का आधार है, कैसे ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था पारिवारिक ज़िन्दगी के प्रत्येक पक्ष से सम्बन्धित है। समय के प्रयोग, पैसे के प्रयोग, खाने, शक्ति, श्रम तथा ज़िन्दगी की ज़रूरतों तथा उद्देश्यों से गृहव्यवस्था का सम्बन्ध है। , .
पी० निक्कल तथा जे० डोरसी के अनुसार, “गृह-व्यवस्था परिवार के साधनों का प्रयोग करके किया गया आयोजन, संगठन तथा मूल्यांकन है जिस द्वारा परिवार के उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है।”
ग्रास तथा करंडल के अनुसार, “गृह-व्यवस्था निर्णय करने सम्बन्धी क्रियाओं की वह शाखा है जिसमें परिवार के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए परिवार के साधनों को प्रयोग किया जाता है।”

गृह-व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार माना जाता है क्योंकि इसमें घर तथा घर की व्यवस्था के सभी पहलू आते हैं। जैसे-अच्छा जीवन गुजारने के सिद्धान्त, परिवार के सदस्यों के लिए शिक्षा का सही प्रबन्ध, परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भोजन तथा घर के सामान की खरीद, सम्भाल तथा प्रयोग के बारे में जानकारी दी जाती है। इसी तरह घर में प्रयोग किये जाने वाले हर प्रकार के सामान की सफ़ाई तथा सम्भाल तथा समाज में मनुष्य के जीवन को अनुशासनमय बनाने के लिए आत्मिक तथा धार्मिक पक्ष को भी गृह-व्यवस्था के क्षेत्र में शामिल किया जाता है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

प्रश्न 9.
आधुनिक जीवन में गृह-व्यवस्था का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
गृह-व्यवस्था घर में रहने वाले सदस्यों के जीवन को सुखी, समृद्ध तथा उन्नत बनाने में सहायक होती है।

  • परिवारकी जरूरतों की पूर्ति-सभी सदस्यों की कुछ ज़रूरतें होती हैं जिनकी पूर्ति का आधार घर की आय होती है। घर की आय को बढ़ाने के लिए कुछ लघु उद्योग आरम्भ किये जा सकते हैं।
  • पारिवारिक स्तर को ऊंचा उठाना-सुचारु ढंग से घर का प्रबन्ध करके अपने सीमित साधनों द्वारा कुशल गृहिणी पारिवारिक स्तर को ऊंचा उठा सकती है।
  • बच्चों की सम्भाल तथा शिक्षा-बच्चों की सम्भाल तथा शिक्षा में भी गृह प्रबन्ध का विशेष महत्त्व है। बच्चे को अच्छी विद्या, पौष्टिक भोजन तथा अच्छे-से-अच्छे ढंग से बच्चे का पालन-पोषण गृह-व्यवस्था से ही हो सकता है।
  • व्यक्तित्व का विकास-बढ़िया गृह प्रबन्ध से ही बच्चे के व्यक्तित्व का सही विकास हो सकता है। जितने भी महान् व्यक्ति हुए हैं उन सभी को अपने घर से ही यह नियामत प्राप्त हुई है।
  • घरेलू कार्य को वैज्ञानिक ढंग से करना-आज का युग मशीनी युग है तथा पारिवारिक आवश्यकताओं तथा उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शक्ति तथा समय दोनों की ज़रूरत है। घर के कार्य में मशीनों तथा अन्य नई खोजों का प्रयोग करके शक्ति तथा समय दोनों की बचत हो जाती है।
  • समय का ठीक उपयोग- यदि घर के कार्य एक नियत की हुई समय सारणी के अनुसार किये जाएं तो समय की काफ़ी बचत हो जाती है तथा कार्य भी जल्दी पूरे हो जाते है।
  • मानसिक सन्तुष्टि-अच्छी गह-व्यवस्था से घर के उद्देश्यों की पूर्ति आसानी से हो जाती है तथा घर के सदस्यों की शारीरिक तथा मानसिक सेहत ठीक रहती है। इस तरह एक मानसिक सन्तुष्टि प्राप्त होती है।
  • सेहत सम्भाल-घर का प्रबन्ध ठीक तथा सुचारु ढंग से चलाकर पौष्टिक भोजन तथा ठीक पालन-पोषण से घर के सदस्यों की सेहत ठीक रहती है।

Home Science Guide for Class 9 PSEB गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

  1. ज्ञान ……………… साधन है।
  2. गृह व्यवस्था एक …………………. प्रक्रिया है।
  3. सभी सदस्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति का आधार घर की ………………. होती है।
  4. …………………. परिवार में पति-पत्नी तथा बच्चे ही होते हैं।

उत्तर-

  1. मानवीय,
  2. मानसिक,
  3. आय,
  4. इकाई।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
ऐसा परिवार जिसमें माता-पिता तथा अन्य रिश्तेदार मिलकर रहते हैं, को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
संयुक्त परिवार।

प्रश्न 2.
पैसा कैसा साधन है ?
उत्तर-
भौतिक।

प्रश्न 3.
शक्ति, रुचियां कैसा साधन है ?
उत्तर-
मानवीय।

ठीक/ग़लत बताएं

  1. गृह व्यवस्था से भाव है घर के सभी कार्यों को अच्छी प्रकार से पूरा करके परिवार को खुशहाल बनाना।
  2. पैसा मानवीय साधन है।
  3. सुविधाएं, जायदाद भौतिक साधन हैं।
  4. इकाई परिवार में पति-पत्नी तथा बच्चे होते हैं।
  5. गृह निर्माता का कर्तव्य प्रायः गृहिणी को ही निभाना पड़ता है।

उत्तर-

  1. ठीक,
  2. ग़लत,
  3. ठीक,
  4. ठीक,
  5. ठीक।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानवीय साधन नहीं है –
(A) पैसा
(B) ज्ञान
(C) शक्ति
(D) रुचि।
उत्तर-
(A) पैसा

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प्रश्न 2.
भौतिक साधन हैं –
(A) पैसा
(B) जायदाद
(C) सामान
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
निम्न में ठीक है –
(A) गृह व्यवस्था को गृह विज्ञान का आधार माना जाता है
(B) मानवीय तथा भौतिक साधनों का प्रयोग करके पारिवारिक उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है
(C) कुशलता मानवीय साधन हैं।
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानवीय तथा भौतिक साधन कौन-से हैं ?
उत्तर-
मानवीय साधन हैं-ज्ञान, शक्ति, रुचियां, योग्यताएं आदि। भौतिक साधन हैं-समय, पैसा, सामान, जायदाद, सुविधाएं आदि।

प्रश्न 2.
संयुक्त तथा इकाई परिवार क्या होते हैं ?
उत्तर-
संयुक्त परिवार-इनमें मां-बाप तथा अन्य रिश्तेदार रहते हैं। घर की आय साझी होती है तथा खर्च भी साझा होता है तथा साझे खाते में से ही किया जाता है।
इकाई परिवार- इसमें केवल पति-पत्नी तथा बच्चे ही होते हैं। इस तरह सारे परिवार की ज़िम्मेवारी पति-पत्नी पर होती है।

प्रश्न 3.
गृह-व्यवस्था में गृहिणी का क्या योगदान होता है ?
उत्तर-
आज के युग में इकाई परिवारों का चलन बढ़ रहा है तथा गृहिणी के सिर पर घर सम्भालने की ज़िम्मेवारी होती है। वही गृह निर्माता है। बच्चों की सही देख-रेख, स्वास्थ्य का ध्यान, परिवार की आय तथा खर्च, समय की बचत, शक्ति की बचत आदि इन सभी बातों की ओर ध्यान देकर गृह-व्यवस्था करके एक समझदार गृहिणी घर को समृद्ध बना सकती है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 2 गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र

प्रश्न 4.
घर तथा मकान में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
मकान एक इमारत होती है जो ईंटों, गारे, सीमेंट आदि से बनी होती है। जब एक परिवार इस इमारत में बसेरा कर लेता है तो यह मकान घर बन जाता है। घर आशाओं, उमंगों, भावनाओं तथा प्यार से भरा होता है।

गृह-व्यवस्था-अर्थ, महत्त्व तथा क्षेत्र PSEB 9th Class Home Science Notes

  • मकान ईंटों, पत्थरों तथा सीमेंट से बनी इमारत है। जब इसमें परिवार के सभी सदस्य मिलकर रहते हैं तथा साझे उद्देश्यों के लिए एकजुट होकर कार्य करते हैं तो यह मकान घर बन जाता है।
  • व्यवस्था से अभिप्राय है घर के सब कार्यों को सही तथा उचित ढंग से पूरा करके परिवार को समृद्ध बनाना।
  • गृह – व्यवस्था एक मानसिक प्रक्रिया है । इसके लिये बड़ी सूझ-बूझ तथा समझदारी की आवश्यकता है।
  • गृह – व्यवस्था द्वारा परिवार के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आयोजन, नियन्त्रण तथा मूल्यांकन किया जाता है।
  • मानवीय साधन हैं – ज्ञान, शक्ति, योग्यताएं, रुचियां आदि।
  • भौतिक साधन हैं – पैसा, सामान, सुविधाएं, जायदाद, समय आदि।
  • मानवीय और भौतिक साधनों का प्रयोग करके पारिवारिक उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है।
  • अच्छे घर का गृह-निर्माता अपने कार्यशील व्यक्तित्व से पारिवारिक उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम होता है।
  • संयुक्त परिवार में माता-पिता, बच्चे तथा अन्य रिश्तेदार मिलकर रहते हैं।
  • आज के युग में संयुक्त परिवार का स्थान इकाई परिवारों ने ले लिया है जिसमें पति-पत्नी तथा बच्चे ही होते हैं।
  • गृह-निर्माता का कर्त्तव्य साधारणत: घर की गृहिणी को ही निभाना पड़ता है।
  • परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने का आधार घर की आय है। आय बढ़ाने के लिए कोई लघु उद्योग आरम्भ किया जा सकता है अथवा गृहिणी घर से बाहर जाकर नौकरी भी कर सकती है।
  • पारिवारिक स्तर ऊंचा उठाना, परिवार का जीवन रसदायक तथा आनन्दमय बनाना, व्यक्तित्व का विकास, बच्चों की देख-रेख तथा शिक्षा, घरेलू कार्य को अधिक वैज्ञानिक ढंग से करने की आदत, मानसिक संतोष, समय का सदुपयोग, घर को समृद्ध बनाना, सेहत सम्भाल आदि में गृह-व्यवस्था का विशेष महत्त्व है।

PSEB 9th Class Physical Education Solutions Chapter 5 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति

Punjab State Board PSEB 9th Class Physical Education Book Solutions Chapter 5 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Physical Education Chapter 5 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति

PSEB 9th Class Physical Education Guide 1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति Textbook Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या देश के विभाजन ने पंजाब में खेलों के विकास को प्रभावित किया था ?
उत्तर-
हां, किया था।

प्रश्न 2.
पंजाब में ओलिम्पिक एसोसिएशन की पुनः स्थापना कब हुई ?
उत्तर-
1948 में।

प्रश्न 3.
किन्हीं दो संस्थाओं के नाम लिखो जिन का खेलों की प्रगति में योगदान हो।
उत्तर-

  1. पंजाब पुलिस
  2. सीमा सुरक्षा बल।

प्रश्न 4.
क्या पंचायती राज खेल परिषद् लड़कियों के फुटबाल मुकाबले करवाती है अथवा नहीं ?
उत्तर-
नहीं करवाती।

प्रश्न 5.
रस्सा-कशी (Tug of War) के मुकाबले दोनों लड़के और लड़कियों के लिए करवाए जाते हैं। सही अथवा ग़लत ।
उत्तर-
सही।

प्रश्न 6.
क्या लीडर इंजीनियरिंग वर्क्स, जालन्धर खेलों की प्रगति में योगदान दे रहा है अथवा नहीं ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 7.
पंजाब शिक्षा विभाग स्कूलों में खेलों की प्रगति की कौन देखभाल करता है ?
उत्तर-
डी० पी० आई० स्कूल्ज़।

प्रश्न 8.
पंजाब शिक्षा विभाग कॉलिजों में खेलों की देखभाल कौन करता है ?
उत्तर-
डी० पी० आई० कॉलिजिज़।

प्रश्न 9.
क्या पंजाब स्पोर्ट्स विभाग का खेलों में योगदान है ?
उत्तर-
हां, पंजाब स्पोर्ट्स विभाग का योगदान है।

प्रश्न 10.
लड़कियों के लिए पंचायती राजखेल परिषद् कौन-कौन सी प्रतियोगिताएं करवाती है ?
उत्तर-

  • कबड्डी
  • हॉकी
  • खो-खो
  • रस्सा-कशी।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
देश के विभाजन ने पंजाब में किस प्रकार खेलों के विकास को प्रभावित किया ?
(Describe the effects of Partition of India on the sports development of Punjab.)
उत्तर-
15 अगस्त, 1947 को भारत अंग्रेजों से मुक्त हुआ। परन्तु इसके साथ ही देश का भारत तथा पाकिस्तान नामक दो देशों में विभाजन हो गया। इस विभाजन ने पंजाब की खेलों के विकास पर गहरी चोट मारी। खेलों के अच्छे-अच्छे मैदान तथा खेलों का सामान बनाने वाला नगर स्यालकोट पाकिस्तान में चला गया। खेल एसोसिएशनें टूट गईं। इस प्रकार पंजाब खेलों के क्षेत्र में शरणार्थी बन गया।

प्रश्न 2.
पंजाब में ओलम्पिक एसोसिएशन की पुनः स्थापना किस प्रकार हुई ? (How did the Punjab Olympic Association come into existence ?)
उत्तर-
भारत के विभाजन रूपी तूफान ने पंजाब के खेलों के विकास को अपनी लपेट में ले लिया। इस तूफान के गुजर जाने के पश्चात् पंजाब के खेल प्रेमियों ने अपना होश सम्भाला। उन्होंने 1948 ई० में शिमला में एक सभा बुलाई। इसके साथ ही पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना हुई। इस संस्था के प्रधान श्री जी० डी० सोंधी नियुक्त हुए।

प्रश्न 3.
कौन-सी संस्थाओं ने खेलों की प्रगति में योगदान दिया है ?
(Name the various organisations which promotes sports in our state.)
उत्तर-
निम्नलिखित संस्थाओं ने खेलों की प्रगति में योगदान दिया है—

  • पंजाब पुलिस।
  • सीमा सुरक्षा बल।
  • लीडर इंजीनियरिंग वर्क्स, जालन्धर।
  • जगतजीत कॉटन एवं टैक्सटाइल्ज़ मिल्ज़ फगवाड़ा।
  • पंजाब राज्य बिजली बोर्ड।
  • पैप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन।

प्रश्न 4.
पंचायती राज खेल परिषद कौन-से खेल मकाबले करवाती है ?
(Mention the various sports competitions which are organized by the Panchayati Raj Khel Parishad.)
उत्तर-
पंचायती राज खेल परिषद निम्नलिखित खेल मुकाबले करवाती हैलड़कों के लिए –

  1. फुटबाल
  2. हॉकी
  3. कबड्डी
  4. वालीबाल
  5. रस्साकशी
  6. एथलेटिक्स
  7. भार उठाना
  8. कुश्ती
  9. जिम्नास्टिक।

लड़कियों के लिए –

  • कबड्डी
  • खो-खो
  • हॉकी आदि।

प्रश्न 5.
पंजाब के खेल विकास में पंजाब स्पोर्ट्स विभाग का क्या स्थान है ? पंजाब स्पोर्ट्स विभाग के योगदान पर प्रकाश डालो।
(The Punjab Sports Department has a special place in the promotion of Games and Sports. Do you agree with the statement ?)
अथवा
पंजाब स्पोर्ट्स विभाग के योगदान का वर्णन करें। (Discuss the contribution of Punjab Sports Department.)
उत्तर-
पंजाब खेल विभाग (Punjab Sports Department) पंजाब सरकार ने . प्रान्त में खेलों की प्रगति के लिए 1961 में पंजाब खेल विभाग की स्थापना की। इस विभाग ने प्रान्त के प्रत्येक जिले में जिला स्पोर्ट्स विभाग खोला है। इसके प्रबन्ध का उत्तरदायित्व जिला स्पोर्ट्स अधिकारी को सौंपा गया है। प्रत्येक जिले को तहसील तथा तहसील को आगे उप-केन्द्रों (Sub-centres) में बांटा गया है। इन उप-केन्द्रों में विभिन्न खेलों के विकास के लिए तथा प्रशिक्षण के लिए कुशल कोचों की व्यवस्था की गई है।

खिलाड़ियों की सुविधा के लिए विभिन्न स्थानों पर स्पोर्ट्स होस्टल खोले गए हैं। इन होस्टलों में रहने वाले विद्याथियों के लिए सामान, फ़ीस तथा खान-पान का प्रबन्ध स्पोटर्स विभाग द्वारा किया जाता है। अच्छे खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए और उनको उत्तम खेल के लिए प्रेरित करने के लिए वार्षिक वज़ीफे दिए जाते हैं। इतना ही नहीं पंजाब स्पोटर्स विभाग प्रति वर्ष राज्य स्तर पर सभी खेलों के मुकाबले का आयोजन करता है। ये मुकाबले ‘मैन स्पोर्टस फैस्टीक्ल’ तथा ‘विमैन स्पोर्ट्स फैस्टीवल’ के नाम से जाने जाते हैं। विभाग अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को सम्मान-पत्र तथा वजीफे देता है। यह विभाग प्रति वर्ष अमृतसर में महाराजा रणजीत सिंह हॉकी टूर्नामैंट का आयोजन करता है। पंजाब स्पोर्ट्स विभाग पेशावर कॉलेजों (Professional Colleges) में विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित सीटों के लिए ग्रेडेशन करता है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति के विषय में विवरण दो। (Describe the development of sports in Punjab since 1947.)
उत्तर-
15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हुआ। अंग्रेज़ लगभग 200 साल तक शासन करने के पश्चात् भारत छोड़ कर तो चले गए परन्तु जाते-जाते इसका विभाजन कर पाकिस्तान का निर्माण भी कर गए। इस विभाजन ने पंजाब की खेलों को बुरी तरह आघात पहुंचाया। खेलों के अच्छे-अच्छे मैदान पाकिस्तान में चले गए। पंजाब सरकार तथा लोगों की तरह पंजाब खेलों के क्षेत्र में बहुत ही पिछड़ गया। पंजाब अच्छे क्रीड़ा-क्षेत्रों से वंचित हो गया। खेलों के सामान का उत्पादन करने वाला शहर स्यालकोट (Sialkot) भी पाकिस्तान में चला गया। खेल एसोसिएशनें टूट गईं। संक्षेप में विभाजन रूपी तूफान से सम्पूर्ण वातावरण ही इस प्रकार का बन गया कि पंजाब में खेलों की स्थिति, अत्यन्त शोचनीय हो गई।

विभाजन रूपी तूफान के गुज़र जाने के बाद पंजाब के क्रीडा-प्रेमियों ने होश सम्भाला और उन्होंने पंजाब में खेलों का जीवन दान देने का निश्चय किया। परिणामतः 1948 में उन्होंने शिमला (Shimla) में एक सभा का आयोजन किया और इसी वर्ष पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन (Punjab Olympic Association) की पुनर्स्थापना हुई। इस संस्था के प्रथम प्रधान श्री जी० डी० सोंधी (G. D. Sondhi) तथा सचिव श्री एफ० सी० अरोड़ा (E.C. Arora) चुने गए। जल्द ही इस संस्था ने अपना कार्य शुरू कर दिया। 1948 और 1951 में हॉकी तथा वालीबाल एसोशिएशनें अस्तित्व में आईं। तत्पश्चात् धीरे-धीरे बास्केटबाल, कबड्डी, बॉक्सिग, साइकलिंग एसोसिएशनें स्थापित हुईं। विभिन्न प्रान्तों की एसोसिएशनों की स्थापना के बाद खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए पहले जिला स्तर और फिर प्रान्तीय स्तर पर मुकाबलों का आयोजन किया गया।

1948 ई० के पश्चात् पंजाब हॉकी और वालीबाल एसोसिएशन ने पाकिस्तान और अन्य देशों से टीमों को मुकाबलों के लिए आमन्त्रित किया। इसके अतिरिक्त खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए अखिल भारतीय स्तर (All India Level) पर टूर्नामैंटों का आयोजन किया गया। इनमें से महाराजा रणजीत सिंह टूर्नामैंट, अमृतसर, मेजर भूपेन्दर सिंह टूर्नामेंट लुधियाना, शहीद करनैल सिंह मैमोरियल टूर्नामैंट, के नाम उल्लेखनीय हैं। 1957 में पंजाब में प्रथम बार राज्य स्तर पर ओलम्पिक एसोसिएशन ने खेल मुकाबलों का आयोजन किया।

पंजाब सरकार ने भी राज्यों में खेलों के स्तर को उन्नत करने के लिए विशेष रुचि ली है। यह राज्य की यूनिवर्सिटियों को खेल का मैदान, जिमनेज़ियम, स्विमिंग-पूल आदि के निर्माण के लिए आर्थिक सहायता देती है। पंजाब में खेलों के विकास के लिए पंजाब पुलिस, बी० एस० एफ०, लीडर इंजीनीयरिंग वर्क्स जालन्धर, जगतजीत कॉटन एण्ड टैक्सटाइल्ज़ मिल्ज़, फगवाड़ा आदि ने विशेष योगदान दिया है। इनकी टीमों ने भारतीय ड्यूरांड कप दिल्ली, मुम्बई स्वर्ण कप, मुम्बई नेहरू हॉकी प्रतियोगिता, दिल्ली जैसे महत्त्वपूर्ण टूर्नामैंटों में शानदार सफलता प्राप्त की।

पंजाब सरकार ने खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए तथा अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए गवर्नमैंट कॉलेज ऑफ़ फ़िजीकल एजूकेशन की स्थापना पटियाला में की है। इतनी ही नहीं पंजाब सरकार ने शारीरिक शिक्षा के विषय को अन्य विषयों की भान्ति अनिवार्य घोषित कर दिया है। इस प्रकार पंजाब सरकार की खेलों में विशेष रुचि लेने के कारण पंजाब खेलों के क्षेत्र में आश्चर्यजनक प्रगति कर रहा है। पंजाब ने देश को ऐसे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी एवं महान् प्रबन्धक प्रदान किये हैं जिन्होंने अपने सर्वोत्तम खेल से पंजाब के ही नहीं बल्कि भारत के नाम को चार चांद लगा दिए हैं।

प्रश्न 2.
पंजाब शिक्षा विभाग ने खेलों की प्रगति में क्या योगदान दिया है ?
(Describe the contribution of the Punjab Education Department in the promotion of sports.)
उत्तर-
पंजाब शिक्षा विभाग ने खेलों की प्रगति में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। इसका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –

  • पंजाब सरकार ने खेलों को उन्नत करने के लिए डी० पी० आई० (स्कूल्ज़) तथा डी० पी० आई० (कॉलेजों) की निगरानी में एक विशेष विभाग की स्थापना की है। यह विभाग स्कूलों तथा कॉलेजों में खेलों का स्तर उन्नत करने के लिए पूरा प्रयत्न कर रहा है।
  • खेलों के विकास के लिए पंजाब शिक्षा विभाग ने 1961 में जालन्धर में स्टेट स्कूल ऑफ़ स्पोर्ट्स तथा स्टेट कॉलेज ऑफ़ स्पोर्ट्स स्थापित किए हैं। इन संस्थाओं में प्रसिद्ध खिलाड़ी प्रवेश पा कर पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इन संस्थाओं में विद्या प्राप्त करने वाले लड़कों तथा लड़कियों के लिए भोजन, निवास तथा फ़ीस आदि का प्रबन्ध पंजाब शिक्षा विभाग करता है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग ने प्रत्येक जिले में खेलों की देखभाल का उत्तरदायित्व जिला शिक्षा अधिकारियों को सौंप रखा है। प्रत्येक जिले में जोन (Zone) तथा ज़िले (District) स्तर पर मुकाबलों का प्रबन्ध किया जाता है। शिक्षा विभाग कुछ मुकाबले ग्रीष्म ऋतु में और कुछ मुकाबले सर्दी की ऋतु में करवाता है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग ने खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए विभिन्न आयु के बच्चों के लिए खेल मुकाबलों का आयोजन किया है। अब प्राइमरी, मिनी तथा जूनियर स्तर पर मुकाबले करवाए जाते हैं।
  • शिक्षा विभाग ने पटियाला, जालन्धर तथा फिरोज़पुर में सर्विस ट्रेनिंग सैंटर खोले हैं। यहां शारीरिक शिक्षा तथा खेलों में आई नवीन प्रवृत्तियों की जानकारी प्रदान की जाती है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग ने अन्य विषयों की भान्ति शारीरिक शिक्षा को स्कूलों तथा कॉलेजों में लागू किया है।
  • शिक्षा विभाग प्रति वर्ष गर्मी की छुट्टियों में उभरते हुए नवयुवक खिलाड़ियों को उच्च स्तर के प्रशिक्षण के लिए प्रबन्ध करता है।
  • शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों तथा कालेजों को खेलों में उच्च-स्तर से प्रशिक्षण के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इससे खेल के मैदान बनाए जाते हैं और खेल का सामान खरीदा जाता है।
  • पंजाब शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शारीरिक योग्यता लहर के लिए मुकाबलों का आयोजन करता है।
  • इस विभाग ने राज्य के विभिन्न कॉलेजों, इंजीनियरिंग तथा मैडकिल कॉलेजों के श्रेष्ठ खिलाड़ियों के लिए स्थान सुरक्षित रखे हैं। इससे उच्च-स्तर के खिलाड़ियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
    इस प्रकार पंजाब शिक्षा विभाग खेलों की प्रगति के लिए विशेष भूमिका निभा रहा है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित का खेल प्रगति में योगदान पर नोट लिखो
(क) पंजाब राज्य के विश्वविद्यालय
(ख) पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल
(ग) पंचायती राज्य खेल परिषद्
(घ) पंजाब ओलिम्पक एसोसिएशन
(ङ) पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड।
[Write the contribution of the following in the field of sports (A) The Universities of Punjab State (B) The Punjab State Council of Sports (C) The Panchayati Raj Khel Parishad (D) The Punjab Olympic Association (E) The Punjab School Education Board.]
उत्तर-
(क)पंजाब राज्य के विश्वविद्यालय
(Punjab State Universities) जब भारत का विभाजन हुआ तब पंजाब में एक ही विश्वविद्यालय पंजाब विश्वविद्यालय लाहौर में था। 1947 के विभाजन के पश्चात् विश्वविद्यालय पहले सोलन (हिमाचल प्रदेश) और बाद में यह विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में स्थापित हो गया। इस समय पंजाब में चार विश्वविद्यालय हैं- पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़; पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला; पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना तथा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर। इनमें से पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के साथ केवल कृषि के ही कॉलेज हैं, जबकि पंजाब के अन्य कॉलेज बाकी के तीन विश्वविद्यालयों के साथ संलग्न हैं।

सभी विश्वविद्यालयों में खेलों के लिए एक डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। डायरेक्टर विश्वविद्यालय के साथ संलग्न कॉलेजों में खेल मुकाबलों का आयोजन करता है। इसके पश्चात् वह अन्तर-विश्वविद्यालय मुकाबलों के लिए अच्छी प्रकार से प्रशिक्षित लड़कों और लडकियों की टीमें भेजता है। प्रत्येक विश्वविद्यालय में खेलों के प्रबन्धकीय विभाग बनाए गए हैं। इनका काम विश्वविद्यालय में खेल के मैदान खेल के सामान तथा खेल के मुकाबलों की व्यवस्था करना है। कृषि विश्वविद्यालय को छोड़कर अन्य विश्वविद्यालयों में बाकी विषयों की भान्ति शारीरिक शिक्षा का विषय पढ़ाया जाता है और इस विषय में परीक्षाएं भी ली जाती हैं। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के हर विभाग में अच्छे खिलाड़ियों के लिए सीटें सुरिक्षत रखी जाती हैं। इससे खिलाड़ियों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करके इंजीनियर, डॉक्टर तथा वैज्ञानिक बनने का अवसर मिलता है।

सभी विश्वविद्यालयों में खेलों की प्रगति के लिए खेल के मैदानों, स्विमिंग पूलों, स्टेडियमों, जिमनेज़ियमों की व्यवस्था की गई है। पंजाब विश्वविद्यालय तथा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में विशेष विभाग खोले गए हैं जहां शारीरिक शिक्षा के अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि विश्वविद्यालय विभिन्न क्षेत्रो में श्रेष्ठ खिलाड़ी पैदा करने में प्रशंसनीय भूमिका निभा रहे हैं।

(ख) पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल (Punjab State Sports Council)-
पंजाब सरकार ने 1961 में खेलों की प्रगति के लिए संस्था की स्थापना की जिसे पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल का नाम दिया गया। इस कौंसिल का प्रमुख काम प्रान्त के युवकों और युवितयों में खेल भावना का संचार करना है। राज्य में बढ़िया खेल का सामान, जिमनेज़ियम, स्टेडियम, स्विमिंग पूल आदि बनाने का उत्तरदायित्व इस संस्था के ज़िम्मे है। इस काम के लिए पंजाब सरकार तथा भारत सरकार हर साल वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल ने प्रत्येक जिले में जिला स्पोर्ट्स कौंसिल (District Sports Council) स्थापित की है। यह कौंसिल ज़िले के डिप्टी कमिश्नर के अधीन काम करती है। इसके सचिव के रूप में जिला स्पोर्ट्स अधिकारी काम करता है। पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल का अध्यक्ष राज्य का मुख्यमन्त्री होता है तथा राज्य का डायरेक्टर स्पोर्ट्स इसका सचिव होता है। यह कौंसिल खेलों की प्रगति के लिए विशेष प्रयत्न करती है।

यह कौंसिल प्रसिद्ध खिलाड़ियों को, जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त की हो, ‘महाराजा रणजीत सिंह एवार्ड’ से सम्मानित करती है। यह पुराने और रिटायर्ड वृद्ध खिलाड़ियों को जिन्होंने राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भाग लिया है, पेन्शनें देती है। यह कौंसिल राष्ट्रीय मुकाबलों में भाग लेने वाली टीमों का सारा खर्च सहन करती है। इसके अतिरिक्त यह कौंसिल अन्तर्राष्ट्रीय मुकाबलों में भाग लेने वाले पंजाबी खिलाडियों को विदेशों में जाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की है।

(ग) पंचायती राज खेल परिषद् (Panchayati Raj Sports Council) –
पंजाब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों की प्रगति के लिए 1967 में पंचायती राज खेल परिषद् की स्थापना की। इस परिषद् ने ग्रामीण नवयुवकों में खेल भावना तथा खेल मुकाबलों में रुचि तथा भ्रातृत्व के गुणों का संचार करने के विशेष प्रयत्न किए। इस परिषद् ने सभी जिलों में पंचायत समितियों की स्थापना की है जो अपने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबलों का आयोजन करती है। प्रत्येक पंचायत समिति इन मुकाबलों के लिए 250 रु० ज़िला समितियों को देती है। पंचायती राज खेल परिषद् लड़कों के लिए फुटबाल, हॉकी, कबड्डी, वालीबाल, रस्साकशी, एथ्लैटिक्स, भार उठाने, जिमनास्टिक तथा लड़कियों के लिए कबड्डी, खो-खो, हॉकी आदि खेलों के मुकाबलों का आयोजन करती है।

(घ) पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन (Punjab Olympic Association) –
पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना देश के विभाजन से पूर्व 1942 में श्री जी० डी० सोंधी के प्रयत्नों के फलस्लरूप हुई थी। परन्तु 1947 में देश के विभाजन के साथ ही इस संस्था का अस्तित्व मिट गया। 1948 में श्री जी० डी० सोंधी के यत्नों से पंजाब के खेल प्रेमियों की शिमला में एक सभा हुई जिसके फलस्वरूप पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन का पुनर्गठन हुआ। पंजाब की सभी खेल एसोसिएशनें भी इस संस्था की सदस्य बनीं।

इस संस्था का मुख्य काम न केवल विभिन्न खेल एसोसिएशनों के कार्य की देखरेख करना है, बल्कि इसके वित्तीय व्यय पर भी नज़र रखना है। यह समय-समय पर प्रान्तीय एसोसिएशनों को खेल की प्रगति के लिए सुझाव देती है और उनके परस्पर विवादों का निपटारा करती है। यह वर्ष में एक बार ओलम्पिक दिवस मनाती है और ओलिम्पिक लहर के विषय में जानकारी प्रदान करती है।

ओलम्पिक नियमों का पालन करवाना तथा खेल मुकाबलों में पेशेवर खिलाडियों (Professional Players) को भाग लेने से रोकना इस संस्था की ज़िम्मेवारी है। इसके अतिरिक्त यह संस्था साल में एक बार प्रान्तीय स्तर पर खेल मुकाबलों का आयोजन करती है।

(ङ) पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड – (Punjab School Education Board) –
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की स्थापना पंजाब विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के अधिक बोझ को कम करने के लिए, परीक्षाओं को अच्छी तरह से आयोजित करने तथा शीघ्र परिणाम निकालने के लिए की गई। इस बोर्ड का काम स्कूलों की विभिन्न श्रेणियों के लिए पाठ्यक्रम तथा पुस्तकें तैयार करना है।

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एक प्रशंसनीय काम किया है। वह यह कि अन्य विषयों की भान्ति शारीरिक शिक्षा को भी विद्यार्थियों को पढ़ाने का विषय बनाया और इस विषय पर परीक्षाएं भी ली जाती हैं। पंजाब शिक्षा बोर्ड हॉकी की खेल को विशेष रूप से उन्नत करने के लिए मुकाबलों का आयोजन करता है। यह प्राइमरी स्तर पर खेलों की प्रगति के लिए ब्लॉक स्तर पर स्कूल के बच्चों के लिए खेल मुकाबले आयोजित करता है।

1947 के पश्चात् पंजाब में खेलों की प्रगति PSEB 9th Class Physical Education Notes

  • देश के विभाजन का खेलों पर प्रभाव-पंजाब का 1947 में विभाजन हुआ। जिसका खेलों पर बहुत प्रभाव पड़ा क्योंकि इससे खेलों के बहुत-से मैदान पाकिस्तान में चले गए।
  • पंजाब में ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना-इस एसोसिएशन की स्थापना 1948 में हुई जिसके प्रथम प्रधान जी० डी० सौन्धी और सैक्रेटरी प्रो० एफ० सी० अरोड़ा बने।
  • संस्थाओं का खेलों की प्रगति में योगदान-पंजाब पुलिस विभाग, सीमा सुरक्षा बल, पंजाब राज्य बिजली बोर्ड आदि संस्थानों ने खेलों की प्रगति में योगदान दिया।
  • पंजाब खेल विभाग-1961 में पंजाब ने खेल विभाग की स्थापना की जिस द्वारा प्रत्येक जिले में जिला स्पोर्ट्स विभाग की स्थापना की गई और खिलाड़ियों के लिए स्पोर्ट्स होस्टल बनाए गए।
  • पंजाब राज्य की यूनिवर्सिटियां-पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर हैं। जिनमें डायरेक्टर स्पोर्ट्स नियुक्त किए गए हैं, जो खेलों का संचालन करते हैं।
  • पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल-यह कौंसिल 1971 में खेलों की प्रगति के लिए आरम्भ हुई, जिसका मुख्य कार्य पंजाब के युवकों और युवतियों में खेल भावना का संचार करना है।
  • पंचायती राज्य खेल परिषद्-पंजाब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों की प्रगति के लिए 1967 में पंचायती राज खेल परिषद् की स्थापना की। जिसे अब पंजाब राज्य खेल विभाग में मिलाया गया है।
  • पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड-पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दूसरे विषयों की तरह शारीरिक शिक्षा को विषय के रूप में अपनाया और ये खेलों का संगठन सभी पंजाब के स्कूलों में करता है।