PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 3 पारिवारिक साधनों की व्यवस्था

Punjab State Board PSEB 9th Class Home Science Book Solutions Chapter 3 पारिवारिक साधनों की व्यवस्था Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Home Science Chapter 3 पारिवारिक साधनों की व्यवस्था

PSEB 9th Class Home Science Guide पारिवारिक साधनों की व्यवस्था Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
पारिवारिक साधनों से आप क्या समझते हो?
उत्तर-
पारिवारिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए परिवार में उपलब्ध साधनों का प्रयोग किया जाता है। इन साधनों को दो भागों में बांटा गया है –
(i) मानवीय साधन (ii) भौतिक साधन।
दैनिक कार्यों में मौजूद साधनों का प्रयोग किया जाता है अथवा साधनों के प्रयोग से भी कार्य किया जाता है।

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प्रश्न 2.
पारिवारिक साधनों का वर्गीकरण कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर-
साधनों का वर्गीकरण दो भागों में किया जा सकता है –(i) मानवीय साधन (ii) गैर-मानवीय अथवा भौतिक साधन।
(i) मानवीय साधन हैं-कुशलता, ज्ञान, शक्ति, दिलचस्पी, मनोवृत्ति तथा रुचियां आदि।
(ii) भौतिक साधन हैं-समय, धन, सामान, जायदाद, सुविधाएं आदि।

प्रश्न 3.
मानवीय साधन कौन-से हैं ?
उत्तर-
यह वे साधन हैं जो मानव के अन्दर होते हैं। ये हैं-योग्यताएं, कुशलता, रुचियां, ज्ञान, शक्ति, समय, दिलचस्पी, मनोवृत्ति आदि।

प्रश्न 4.
भौतिक साधन कौन-से हैं ?
उत्तर-
गैर-मानवीय अथवा भौतिक साधन हैं-धन, समय, जायदाद, सुविधाएं आदि।

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लघु उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 5.
समय और शक्ति की व्यवस्था से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
समय ऐसा साधन है जो कि सभी के लिए समान होता है। जब किसी कार्य को करने की शक्ति तथा समय का प्रयोग किया जाता है तो थकावट महसूस होती है। इसलिए समय तथा शक्ति दोनों साधनों को सही ढंग से प्रयोग करना चाहिए ताकि कार्य भी हो जाये तथा थकावट भी ज़रूरत से ज्यादा न हो तथा दोनों की बचत भी हो जाये।

प्रश्न 6.
पारिवारिक साधनों की क्या विशेषताएं होती हैं ?
उत्तर-

  1. यह साधन सीमित होते हैं।
  2. साधन उपयोगी होते हैं तथा इनका प्रयोग कई रूपों में किया जा सकता है।
  3. साधनों का प्रभावशाली प्रयोग किसी भी व्यक्ति के जीवन स्तर को प्रभावित करता
  4. सभी साधनों का उचित प्रयोग परस्पर सम्बन्धित होता है तथा इस तरह उद्देश्यों की पूर्ति होती है।
  5. इन साधनों के उचित प्रयोग से हमारी इच्छाओं की पूर्ति होती है।

प्रश्न 7.
पारिवारिक साधनों को प्रभावित करने वाले तत्त्व कौन-से हैं ?
उत्तर–
पारिवारिक साधनों को प्रभावित करने वाले तत्त्व हैं –
परिवार का आकार तथा रचना, जीवन-स्तर, घर की स्थिति, परिवार के सदस्यों की शिक्षा, गृह निर्माता की कुशलता तथा योग्यता, ऋतु, आर्थिक स्थिति आदि।

प्रश्न 8.
योजना बनाकर समय और शक्ति के व्यय को कैसे कम किया जा सकता है ?
उत्तर-
योजना बनाकर कार्य किया जाये तो समय तथा शक्ति के खर्च को कम किया जा सकता है। योजना बनाने से पहले सारे कार्यों की सूची बनाई जाती है। इस तरह यह पता लगाया जाता है कि कौन-सा कार्य किस समय तथा कौन-से सदस्य द्वारा किया जाना है। योजना में अपने व्यक्तिगत कार्यों तथा मनोरंजन के लिए भी समय रखा जाता है। योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने से रोज़ एक जैसी शक्ति का प्रयोग होता है। इस तरह अधिक थकावट भी नहीं होती। योजनाएं दैनिक कार्यों के अतिरिक्त साप्ताहिक तथा वार्षिक कार्यों के लिए भी तैयार की जाती हैं। इस तरह समय तथा शक्ति के खर्च को घटाया जा सकता है।

प्रश्न 9.
निर्णय लेने की प्रक्रिया से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
निर्णय अथवा फैसला लेने की प्रक्रिया को गृह-प्रबन्ध का अभिन्न अंग माना गया है। निर्णय लेने की क्रिया से अभिप्राय है किसी समस्या के हलें के लिए विभिन्न विकल्पों में से सही विकल्प का चुनाव करना। किसी भी तरह का निर्णय लेने के लिए निम्नलिखित चरणों में से गुजरना पड़ता है –

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प्रश्न 10.
निर्णय लेने से पूर्व सोच-विचार करना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
जब परिवार में कोई समस्या आ जाये तो उसके हल के लिए सोच-विचार करके ही निर्णय लेना चाहिए। प्रत्येक समस्या के हल के लिए कई विकल्प होते हैं। विभिन्न विकल्पों की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए तथा प्रत्येक विकल्प कई तत्त्वों का समूह होता है। इनमें से कई तत्त्व समस्या के हल के लिए सहायक होते हैं तथा कई नहीं, कई कम सहायक होते हैं तथा कई अधिक सहायक होते हैं। इसलिए इन तत्त्वों की जानकारी प्राप्त करनी तथा कई स्थितियों में आपको किसी अन्य अनुभवी व्यक्ति की सलाह भी लेनी पड़ती है ताकि ठीक विकल्प का चुनाव हो सके। जैसे मनोरंजन की समस्या के लिए कई विकल्प हैं जैसे सिनेमा जाना, कोई खेल खरीदना अथवा टेलीविज़न खरीदना। इन सभी विकल्पों के बारे में जानकारी लेना तथा फिर एक उपयुक्त विकल्प जैसे कि टेलीविज़न का चुनाव किया जाता है। क्योंकि यह एक लम्बे समय तक चलने वाला मनोरंजन का साधन है। इसके साथ परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए मनोरंजन के कार्यक्रम मिल सकते हैं। इसलिए इन सभी तत्त्वों को ध्यान में रखकर सभी विकल्पों के बारे में सोच-समझकर ही निर्णय लेना चाहिए।

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प्रश्न 11.
सही निर्णय गृह व्यवस्था में कैसे उपयोगी होता है ?
उत्तर-
सही निर्णय लिए जाएं तो समय, शक्ति, धन आदि की बचत हो सकती है। यदि घर की व्यवस्था सोच-समझकर तथा सही निर्णय न लेकर की जाए तो घर अस्त-व्यस्त हो जाता है। घर के सदस्यों में मेल-मिलाप नहीं रहता। कोई भी कार्य समय पर नहीं होता तथा मानसिक तथा शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस तरह सही निर्णय घर की व्यवस्था में बड़ा लाभदायक होता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 12.
पारिवारिक साधन मानवीय उद्देश्यों को प्राप्त करने में कैसे सहायक होते हैं ? इन्हें प्रभावित करने वाले तत्त्व कौन-से हैं ?
उत्तर-
परिवार के लिए उपलब्ध साधन, पारिवारिक लक्ष्यों अथवा उद्देश्यों की पूर्ति करने में सहायक होते हैं। दैनिक कार्यों में मौजूद साधनों का प्रयोग किया जाता है अथवा साधनों के प्रयोग से भी कार्य किया जाता है। साधनों के सफल प्रयोग को कई तत्त्व प्रभावित करते हैं –

  1. परिवार का आकार तथा रचना-जिन परिवारों में छोटे बच्चे अथवा बुजुर्ग होते हैं वहां गृहिणी को अधिक कार्य करना पड़ता है। परन्तु बच्चे बड़े होकर गृहिणी की मदद करने लग जाते हैं, तथा कई बुजुर्ग भी घर के काम-काज में मदद कर देते हैं।
  2. जीवन-स्तर-सादा जीवन व्यतीत करने वालों के लक्ष्य आसानी से प्राप्त किये जा सकते हैं।
  3. घर की स्थिति-यदि घर, स्कूल अथवा कॉलेज, मार्कीट आदि के निकट हो तो आने-जाने का काफ़ी समय तथा शक्ति बच जाती है। यदि घर बड़ी सड़क के नज़दीक हो तो धूल-मिट्टी काफ़ी आती है तथा सफ़ाई पर काफ़ी समय नष्ट हो जाता है।
  4. आर्थिक स्थिति-यदि अधिक आय हो तो घर में नौकर रखे जा सकते हैं तथा कई कार्य बाहर से भी करवाये जा सकते हैं। यदि आय कम हो तो गृहिणी को सभी कार्य स्वयं ही करने पड़ते हैं।
  5. परिवार के सदस्यों की शिक्षा-पढ़े-लिखे लोग आधुनिक साधनों का प्रयोग करके अपनी शक्ति तथा समय की काफ़ी बचत कर लेते हैं। जैसे एक पढ़ी-लिखी गृहिणी वाशिंग मशीन तथा मिक्सी आदि का अधिक प्रयोग करेगी जबकि अनपढ़ लोग पुराने परम्परागत साधनों तथा रिवाजों पर ही निर्भर रहते हैं।
  6. ऋतु बदलना-गांवों में बिजाई-कटाई के समय कार्य अधिक करना पड़ता है और समय कम। शहरों में ऋतु बदलने पर गर्म-ठण्डे कपड़ों आदि को निकालना तथा रखना आदि कार्य बढ़ जाते हैं।
  7. गृह निर्माता की कुशलता तथा योग्यताएं-एक कुशल गृहिणी अपनी योग्यता से समय तथा शक्ति की बचत कर सकती है।

प्रश्न 13.
समय और शक्ति पारिवारिक साधन कैसे हैं ? योजना बनाकर इनके व्यय को कैसे कम किया जा सकता है ?
उत्तर-
समय सभी के लिए ही बराबर होता है। एक दिन में 24 घण्टे होते हैं। परन्तु शक्ति सभी के पास एक जैसी नहीं होती तथा आयु के साथ-साथ इसमें अन्तर पड़ता रहता है। जब कोई कार्य किया जाता है तो समय तथा शक्ति दोनों खर्च होते हैं। योजना बनाकर कार्य किया जाये तो इन दोनों की बचत की जा सकती है। एक समझदार गृहिणी को समय तथा शक्ति के खर्च को घटाने के लिए योजना बनाने में कोई मुश्किल नहीं आती। योजना को लिखकर बनाना चाहिए तथा योजना में लचीलापन होना चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसको बदला जा सके। सभी कार्यों की सूची बनाने के पश्चात् योजना बनानी चाहिए। यह भी तय कर लेना चाहिए कि इनमें से कौन-से कार्य किस सदस्य ने तथा कब करने हैं। दैनिक कार्यों के अतिरिक्त साप्ताहिक तथा वार्षिक कार्यों की भी योजना बना लेनी चाहिए। अधिक भारी कार्य के पश्चात् हल्के कार्य को स्थान देना चाहिए ताकि अधिक थकावट न हो। योजना में अपने व्यक्तिगत तथा मनोरंजन के कार्यों के लिए भी समय रखना चाहिए। योजना इस तरह बनाएं कि प्रतिदिन ज़रूरी कार्यों तथा मनोरंजन के कार्यों में लगभग एक जैसी शक्त्रि व्यय हो। इस तरह योजनाबद्ध तरीके से कार्य करके शक्ति तथा समय दोनों की बचत हो जाती है।

Home Science Guide for Class 9 PSEB पारिवारिक साधनों की व्यवस्था क्षेत्र Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

  1. पारिवारिक साधनों को …………………….. भागों में बांटा जाता है।
  2. मानवीय साधन, मानव के …………………….. होते हैं।
  3. पारिवारिक साधन …………………………. होते हैं।
  4. ………………………… में ही मनुष्य को मानसिक सन्तुष्टि मिलती है।
  5. साधन हमारी …………………………… की पूर्ति करते हैं।

उत्तर-

  1. दो,
  2. अन्दर,
  3. सीमित,
  4. घर,
  5. इच्छाओं।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
गृह निर्माता का कर्त्तव्य आमतौर पर कौन निभाता है ?
उत्तर-
गृहिणी।

प्रश्न 2.
सीमित साधनों के द्वारा कार्य बढ़िया कैसे हो सकता है ?
उत्तर-
अच्छी व्यवस्था द्वारा।

प्रश्न 3.
समय को कितने भागों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-
तीन।

ठीक/ग़लत बताएं

  1. साधन दो प्रकार के होते हैं-मानवीय, भौतिक।
  2. साधन असीमित होते हैं।
  3. साधनों का उचित प्रयोग करके हम अपनी इच्छायों की पूर्ति करते हैं।
  4. समय ऐसा साधन है जो कि सभी के पास बराबर होता है।
  5. परिवार का आकार तथा रचना पारिवारिक साधनों को प्रभावित नहीं करती।
  6. सही निर्णय घर की व्यवस्था के लिए लाभदायक है।

उत्तर-

  1. ठीक
  2. ग़लत
  3. ठीक
  4. ठीक
  5. ग़लत
  6. ठीक।

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बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पारिवारिक साधनों को प्रभावित करने वाले कारक हैं –
(A) परिवार का आकार
(B) घर की स्थिति
(C) ऋतु
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक

प्रश्न 2.
निम्न में ठीक हैं –
(A) जब किसी कार्य को करने के लिए समय तथा शक्ति का प्रयोग होता है तो थकावट महसूस होती है
(B) साधन सीमित हैं
(C) सही निर्णय लेने से समय, शक्ति, धन आदि की बचत हो सकती है
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक

प्रश्न 3.
ठीक तथ्य है
(A) साधन असीमित होते हैं
(B) साधनों की उपयोगिता नहीं होती
(C) धन भौतिक साधन है
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(C) धन भौतिक साधन है

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
योजना बनाने के अतिरिक्त गृहिणी को कौन-सी अन्य बातों का ज्ञान होना चाहिए जिससे समय तथा शक्ति बच सकती हो ?
उत्तर-

  1. सभी चीज़ों को अपने स्थान पर रखो ताकि ज़रूरत पड़ने पर वस्तु को ढूंढने में समय नष्ट न हो।
  2. काम करने के लिए सामान अच्छा तथा ठीक हालत में होना चाहिए।
  3. काम करने वाली जगह पर रोशनी का ठीक प्रबन्ध होना चाहिए।
  4. काम करने के सुधरे तरीकों का प्रयोग करना चाहिए।
  5. घर के सभी सदस्यों की मदद लेनी चाहिए। यदि फिर भी कार्य तथा आय के साधन ठीक हों तो कार्य बाहर से भी करवाया जा सकता है।
  6. काम करने वाली जगह की ऊंचाई अथवा वस्तुओं के हैण्डल ऐसे हों कि कन्धों पर अधिक भार न पडे।

प्रश्न 2.
मूल्यांकन करने से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
कुछ देर किसी योजना के अनुसार कार्य करते रहने के पश्चात् देखा जाता है कि नियत लक्ष्य प्राप्त हो रहे हैं, अथवा नहीं। यदि लक्ष्य प्राप्त न हो रहे हों तो योजना में फेरबदल किया जाता है तथा इस तरह अपनी योजना का मूल्यांकन किया जाता है ताकि नियत लक्ष्यों की पूर्ति हो सके।

प्रश्न 3.
मानवीय साधन कौन-से हैं ?
उत्तर-
यह वे साधन हैं जो मानव के अन्दर होते हैं। ये हैं-योग्यताएं, कुशलता, रुचियां, ज्ञान, शक्ति, समय, दिलचस्पी, मनोवृत्ति आदि।
इन साधनों का उचित प्रयोग करके गृह प्रबन्ध बढ़िया ढंग से किया जा सकता है। किसी कार्य को करने की योग्यता तथा कुशलता हो तो कार्य में रुचि तथा दिलचस्पी स्वयं पैदा हो जाती है। नए उपकरणों तथा मशीन आदि के बारे में ज्ञान हो तो समय तता शक्ति की बचत हो जाती है। घर के सदस्यों की शक्ति भी एक मानवीय साधन है।

प्रश्न 4.
भौतिक साधन कौन-से हैं और गृह व्यवस्था के लिए कैसे लाभदायक है ?
उत्तर-
गैर-मानवीय अथवा भौतिक साधन हैं-धन, समय, जायदाद, सुविधाएं आदि। इन सभी के उचित प्रयोग से गृह-व्यवस्था ठीक ढंग से की जा सकती है तथा परिवार के उद्देश्यों तथा ज़रूरतों की पूर्ति की जा सकती है।

पारिवारिक साधनों की व्यवस्था PSEB 9th Class Home Science Notes

  • परिवार के उद्देश्यों तथा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपलब्ध साधनों की सहायता ली जाती है।
  • पारिवारिक साधनों को दो भागों में बांटा गया है –
    (i) मानवीय साधन (ii) भौतिक साधन।
  • कार्य करने की कुशलता, ज्ञान, शक्ति, समय, दिलचस्पी, मनोवृत्ति तथा रुचियां आदि मानवीय साधन हैं।
  • धन, सामान, जायदाद, सुविधाएं आदि ग़ैर-मानवीय अथवा भौतिक साधन हैं।
  • समय ऐसा साधन है जो सभी के लिए बराबर होता है।
  • समय को तीन भागों में बांटा जा सकता है-कार्य, विश्राम, नींद आदि।
  • विभिन्न व्यक्तियों में शक्ति भी अलग-अलग होती है तथा एक ही व्यक्ति में सारी उम्र एक जैसी शक्ति नहीं रहती।
  • जब किसी कार्य को करने के लिए समय तथा शक्ति का प्रयोग किया जाता है तो थकावट अनुभव होती है।
  • परिवार का आकार तथा रचना, जीवन स्तर, घर की स्थिति, आर्थिक स्थिति, परिवार के सदस्यों की शिक्षा, गृह निर्माता की कुशलता तौँ योग्यताएं, ऋतु बदलने से कार्य आदि पारिवारिक साधनों को प्रभावित करने वाले तत्त्व हैं।
  • योजनाबद्ध तरीके से कार्य करके समय तथा शक्ति के खर्च को कम किया जा सकता है।
  • रोज़ाना कार्यों के अतिरिक्त साप्ताहिक तथा वार्षिक कार्यों की भी योजना बनानी चाहिए।
  • यदि घर की आय के साधन ठीक हों तो घर के कार्य बाहर से करवाकर भी समय तथा शक्ति का बचाव किया जा सकता है।
  • जब किसी योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाता है तो कुछ देर पश्चात् पता लग जाता है कि नियत लक्ष्यों की पूर्ति हो रही है अथवा नहीं।
  • यदि उद्देश्यों की पूर्ति न हो रही हो तो अपनी योजना में परिवर्तन कर लेना चाहिए ताकि आगे के लिए उद्देश्यों की पूर्ति हो सके।
  • ठीक निर्णय लिए जाएं तो कार्य अच्छी तरह तथा आसानी से हो जाते हैं।
  • घर का प्रबन्धक अथवा गृहिणी सोच-समझकर निर्णय न करे तो घर अस्त-व्यस्त हो जाता है।

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