PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

Punjab State Board PSEB 10th Class Home Science Book Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Home Science Chapter 7 सन्तुलित भोजन

PSEB 10th Class Home Science Guide सन्तुलित भोजन Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
सन्तुलित भोजन से आप क्या समझते हो?
उत्तर-
सन्तुलित भोजन से भाव ऐसी मिली-जुली खुराक से है जिसमें भोजन के सभी आवश्यक तत्त्व जैसे, प्रोटीन, कार्बोज़, विटामिन, खनिज लवण आदि पूरी मात्रा में हों। भोजन न केवल माप-तोल में पूरा हो बल्कि गुणकारी भी हो ताकि मनुष्य की मानसिक
वृद्धि भी हो सके तथा बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी बनी रहे। सन्तुलित भोजन सभी व्यक्तियों के लिए एक-सा नहीं हो सकता। शारीरिक मेहनत करने वाले व्यक्तियों के लिए जो भोजन सन्तुलित होगा वह एक दफ्तर में काम करने वाले से भिन्न होगा।

प्रश्न 2.
भोजन को किन-किन भोजन समूहों में बांटा जा सकता है और क्यों?
उत्तर–
प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक तन्दुरुस्ती के लिए सन्तुलित भोजन का प्राप्त होना आवश्यक है जिसमें प्रोटीन, कार्बोज़, विटामिन, खनिज लवण पूरी मात्रा में हों। परन्तु ये सभी वस्तुएँ एक तरह के भोजन से प्राप्त नहीं हो सकतीं। इसलिए भोजन को उनके खुराकी तत्त्वों के आधार पर निम्नलिखित समूहों में विभाजित किया जाता है

  1. अनाज
  2. दालें
  3. सूखे मेवे
  4. सब्जियां
  5. फल
  6. दूध और दूध से बने पदार्थ
  7. मक्खन घी तेल
  8. मीट, मछली, अण्डे
  9. शक्कर, गुड़
  10. मसाले, चटनी आदि।

प्रश्न 3.
भोजन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
वे सभी पदार्थ जो हम खाते हैं (दवाइयां और शराब को छोड़कर) जिनसे हमारा शरीर बनता और बढ़ता है, को भोजन कहा जाता है। भोजन से हमारे शरीर में गर्मी और ऊर्जा पैदा होती है। इससे शरीर अपनी क्रियाएं करने के योग्य हो जाता है और अपने टूटे हुए सैलों की मुरम्मत भी कर सकता है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 4.
दालों में कौन-से पौष्टिक तत्त्व होते हैं और अधिक मात्रा किसकी होती है?
उत्तर-
दालें जैसे मूंग, मोठ, मांह, राजमांह, चने आदि में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। इनमें 20-25 प्रतिशत प्रोटीन होती है। इसके अतिरिक्त विटामिन ‘बी’ खनिज पदार्थ विशेष रूप में कैल्शियम की अच्छी मात्रा में होते हैं। सूखी दालों में विटामिन ‘सी’ नहीं होता परन्तु अंकुरित हुई दालें विटामिन ‘सी’ का अच्छा स्रोत हैं।

प्रश्न 5.
प्रोटीन कौन-कौन से भोजन समूह में पाई जाती है?
उत्तर-
प्रोटीन मनुष्य के भोजन का आधार है। यह कई भोजन समूहों से प्राप्त की जा सकती है।

  1. जीव प्रोटीन-सब तरह का मीट मुर्गा, मछली, अण्डे, दूध ।
  2. पशु प्रोटीन-दूध, दही, दूध का पाऊडर और घी को छोड़कर सभी दूध से बनने वाली वस्तुएं।
  3. वनस्पति प्रोटीन- यह वनस्पति पदार्थों से प्राप्त होती है जैसे अनाज, दालें, मूंगफली, सोयाबीन आदि। जीव प्रोटीन को वनस्पति प्रोटीन से बढ़िया माना जाता है।

प्रश्न 6.
कार्बोहाइड्रेट्स कौन-कौन से भोजन समूह में पाए जाते हैं?
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेट्स कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन का मिश्रण है। ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन 2 : 1 के अनुपात में प्राप्त होती हैं। शरीर में 75 से 80 प्रतिशत ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट्स से ही पूरी होती है। यह ऊर्जा का एक सस्ता तथा मुख्य स्रोत है।
PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन 1
कार्बोहाइड्रेट्स के स्रोत-कार्बोहाइड्रेट्स के स्रोत निम्नलिखित हैं

  1. अनाज
  2. दालें
  3. जड़ों वाली तथा भूमि के अन्दर पैदा होने वाली सब्जियां जैसे आलू, कचालू, अरबी, जिमीकन्द तथा शकरकन्दी आदि।
  4. शहद, चीनी तथा गुड़
  5. जैम तथा जैली
  6. सूखे मेवे जैसे बादाम, अखरोट, खजूर, किशमिश तथा मूंगफली आदि।

प्रश्न 7.
सब्जियों में कौन-कौन से पौष्टिक तत्त्व होते हैं?
उत्तर-
भोजन में सब्जियों का होना अति आवश्यक है क्योंकि इनसे विटामिन और खनिज पदार्थ मिलते हैं। भिन्न-भिन्न सब्जियों में भिन्न-भिन्न तत्त्व मिलते हैं। जड़ों वाली सब्जियां विटामिन ‘ए’ का अच्छा स्रोत हैं, हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ और लोहा काफ़ी मात्रा में होता है। फलीदार सब्जियां प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 8.
भोजन में मिर्च मसालों का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर-
भोजन का स्वाद और महक बढ़ाने के लिए इनमें कई तरह के मसाले जैसे जीरा, काली मिर्च, धनिया, लौंग, इलायची आदि प्रयोग किए जाते हैं । यह मसाले भोजन का स्वाद बढ़ाने के अतिरिक्त भोजन शीघ्र पचाने में भी सहायता करते हैं क्योंकि ये पाचक रसों को उत्तेजित करते हैं जिससे भोजन शीघ्र हज़्म हो जाता है।

प्रश्न 9.
आहार नियोजन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
परिवार के विभिन्न सदस्यों के लिए तथा भिन्न-भिन्न समय पर कैसा भोजन तैयार करना है, इसे सोच-समझ कर बनाया जाता है। इस सोच समझ, नियोजन, योजना बनाने की प्रक्रिया को आहार नियोजन करना कहा जाता है। बुजुर्गों तथा बहुत छोटे बच्चों के लिए भिन्न प्रकार का नर्म भोजन चाहिए। युवाओं के लिए अधिक पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है। गर्भवती दूध पिलाने वाली मां के लिए भिन्न प्रकार का भोजन चाहिए। नौकरी पर जाने वाले, स्कूल जाने वाले बच्चे के लिए भिन्न प्रकार से आहार नियोजन करना पड़ता है।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 10.
सन्तुलित भोजन की योजना बनाते समय कौन-कौन सी बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
उत्तर-
परिवार के सदस्य का स्वास्थ्य उनके खाने वाले भोजन पर निर्भर करता है। एक समझदार गृहिणी को अपने परिवार के सदस्यों को सन्तुलित भोजन प्रदान करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. परिवार के प्रत्येक सदस्य को रोज़ाना खुराकी तत्त्वों का ज्ञान होना चाहिए,
  2. आवश्यक पौष्टिक तत्त्व देने वाले भोजन की जानकारी और चुनाव,
  3. भोजन की योजनाबन्दी,
  4. भोजन पकाने का सही ढंग, और
  5. भोजन परोसने के ढंग का ज्ञान होना चाहिए।

प्रश्न 11.
किन-किन कारणों से अनेक लोगों को सन्तुलित भोजन उपलब्ध नहीं होता?
अथवा
सन्तुलित भोजन की मात्रा को प्रभावित करने वाले तत्त्वों के बारे में बताएं।
उत्तर-
दुनिया भर में 90% बीमारियों का कारण सन्तुलित भोजन का सेवन न करना है। विशेष रूप में तीसरी दुनिया के देशों में जनसंख्या के एक बड़े भाग को संतुलित भोजन नहीं मिलता। इसके कई कारण हैं जैसे —

  1. ग़रीबी-ग़रीब लोग अपनी आय कम होने के कारण उपयुक्त मात्रा में आवश्यक पौष्टिक तत्त्वों वाले भोजन नहीं खरीद सकते। सब्जियां, फल, दूध, आदि इन ग़रीब लोगों की खुराक का भाग नहीं बनते।
  2. शिक्षा की कमी-यह आवश्यक नहीं कि केवल ग़रीब लोग ही सन्तुलित भोजन से वंचित रहते हैं। कई बार शिक्षा की कमी के कारण अच्छी आय वाले भी आवश्यक पौष्टिक भोजन नहीं लेते। आजकल कई अमीर लोग भी जंक फूड या फास्ट फूट का प्रयोग अधिक करते हैं जो किसी तरह भी सन्तुलित भोजन नहीं होता।
  3. बढ़िया भोजन न मिलना-कई बार लोगों को खाने-पीने की वस्तुएं बढ़िया नहीं मिलतीं। आजकल सब्जियों में जहर की मात्रा काफ़ी अधिक होती है। शहर के लोगों को दूध भी बढ़िया किस्म का नहीं मिलता। इस तरह भी लोग सन्तुलित भोजन से वंचित रह जाते हैं।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 12.
सन्तुलित भोजन से क्या भाव है? कौन-कौन से बिन्दु ध्यान में रख कर भोजन को सन्तुलित बनाया जा सकता है?
उत्तर-
देखें प्रश्न 1 का उत्तर। भोजन सन्तुलित बनाने के लिए बिन्दु

  1. सन्तुलित भोजन बनाने के लिए सभी भोजन समूहों में से एक या दो भोजन पदार्थ अवश्य ही लेने चाहिएं।
  2. सन्तुलित भोजन में कैलोरियों की उचित मात्रा हो।
  3. सभी पौष्टिक तत्त्व उचित मात्रा में हों। 17% कैलोरियां कार्बोहाइड्रेट्स से प्राप्त होनी चाहिए।
  4. भिन्न-भिन्न भोजन समूहों में, मिश्रित भोजन बना लेना चाहिए ताकि भोजन खाने को मन करे। एक जैसा भोजन प्रतिदिन नहीं खाया जा सकता।

प्रश्न 13.
किसी तीन भोजन समूहों के पौष्टिक तत्त्वों के बारे में बताएं।
उत्तर-

  1. सूखे मेवे-नारियल को छोड़ कर शेष सभी सूखे मेवे जैसे बादाम, मूंगफली, अखरोट, आदि में बहुत प्रोटीन होता है। इनमें 18-28% प्रोटीन होता है। इनमें खनिज, चर्बी तथा विटामिन भी अच्छी मात्रा में होते हैं।
  2. शक्कर तथा गुड़-यह कार्बोहाइड्रेट्स के अच्छे स्रोत हैं। यह शक्ति प्रदान करने वाले भोजन हैं। गुड़ में लोहा भी होता है।
  3. मक्खन, घी तथा तेल-यह समूह शक्ति के अच्छे स्रोत हैं। इनमें चर्बी तथा चर्बी में घुलनशील विटामिन होते हैं।

प्रश्न 14.
प्रोटीन कौन-कौन से भोजन समूहों में होते हैं? भोजन पदार्थों के नाम भी बताएं।
उत्तर-
प्रोटीन वाले भोजन समूह हैंअनाज, दालें, सूखे मेवे, दूध तथा दूध से बने पदार्थ, मीट, मछली, अण्डे।

  1. अनाज जैसे मक्की, गेहूं, बाजरा आदि।
  2. दालें जैसे मांह, मोठ, मूंगी आदि।
  3. सुखे मेवे जैसे बादाम, अखरोट, मूंगफली आदि।
  4. दूध तथा दूध से बने पदार्थ जैसे दूध, पनीर, दही, खोया आदि।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 15.
भोजन के पौष्टिक तत्त्व नष्ट होने से बचाने के लिए खाना तैयार करते (बनाते) समय किन-किन बातों को ध्यान में रखोगे?
उत्तर-
भोजन को पकाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. भोजन को अधिक समय तक भिगोकर नहीं रखना चाहिए क्योंकि बहुत सारे घुलनशील तत्त्व नष्ट हो जाते हैं।
  2. सब्जियों तथा फलों के ज्यादा छिलके नहीं उतारने चाहिएं क्योंकि छिलकों के नीचे विटामिन तथा खनिज लवण ज्यादा मात्रा में होते हैं।
  3. सब्जियों को बनाने से थोड़ी देर पहले ही काटना चाहिए नहीं तो हवा के सम्पर्क के साथ भी विटामिन नष्ट हो जाते हैं।
  4. सब्जियां तथा फल हमेशा बड़े-बड़े टुकड़ों में काटने चाहिएं क्योंकि इस तरह से फल तथा सब्जियों की कम सतह पानी तथा हवा के सम्पर्क में आती है।
  5. सब्जियों को उबालते समय पानी में डालकर कम-से-कम समय के लिए पकाया जाए ताकि उनकी शक्ल, स्वाद तथा पौष्टिक तत्त्व बने रहें।
  6. भोजन को पकाने के लिए मीठे सोडे का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे विटामिन ‘बी’ तथा ‘सी’ नष्ट हो जाते हैं।
  7. मांस, अण्डे तथा अन्य प्रोटीन युक्त पदार्थों को धीमी आग पर पकाना चाहिए नहीं तो प्रोटीन नष्ट हो जाएंगे।
  8. भोजन हिलाते तथा छानते समय अधिक समय नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे भोजन के अन्दर हवा इकट्ठी होने के कारण विटामिन ‘सी’ नष्ट हो जाता है।
  9. खाना बनाने वाले बर्तन तथा रसोई साफ़-सुथरी होनी चाहिए।
  10. भोजन में अधिक मसाले का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  11. एक ही प्रकार के भोजन पदार्थों का प्रयोग बार-बार नहीं करना चाहिए।
  12. जो लोग शाकाहारी हों उनके भोजन में दूध, पनीर, दालें तथा सोयाबीन का प्रयोग अधिक होना चाहिए।
  13. जहां तक हो सके भोजन को प्रैशर कुक्कर में पकाना चाहिए क्योंकि इससे समय तथा शक्ति के साथ-साथ पौष्टिक तत्त्व भी बचाए जा सकते हैं।

प्रश्न 16.
भोजन पदार्थों के भिन्न-भिन्न पौष्टिक तत्त्वों की जानकारी, सन्तुलित भोजन की योजना बनाने में कैसे सहायक हैं?
उत्तर-
सन्तुलित भोजन ऐसा भोजन है जिसमें शरीर के लिए पौष्टिक तत्त्व, कैलोरियां आदि आवश्यकता अनुसार हों। यह तभी हो सकता है यदि गृहिणी को भोजन पदार्थों के भिन्न-भिन्न समूहों में पौष्टिक तत्त्वों की जानकारी हो। यह आवश्यक नहीं कि अधिक कीमत वाले भोजन पदार्थों में ही अधिक पौष्टिक तत्त्व होते हैं जैसे प्रोटीन का बहुत सस्ता स्रोत सोयाबीन है। मूंगफली को ग़रीबों के बादाम कहा जाता है। बेर बहुत बढ़िया तथा सस्ता स्रोत है विटामिन तथा खनिज के। जब सब्जियों फलों का मौसम होता है तो यह सस्ते होते हैं। अच्छी गृहिणी अपने सीमित स्रोतों से अच्छा सन्तुलित भोजन तो ही बना सकती है यदि उसे सभी भोजन समूहों से प्राप्त होने वाले पौष्टिक तत्त्वों का ज्ञान हो तथा कौन-से स्रोत सस्ते हैं यह भी पता हो।

प्रश्न 17.
सब्ज़ियों तथा फलों में कौन-कौन से पौष्टिक तत्त्व होते हैं?
उत्तर-
सब्जियां तथा फलों में विटामिन तथा खनिज पदार्थ होते हैं। जड़ वाली सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं तथा विटामिन ‘सी’ भी होता है जैसे आलू, कचालू, शलगम, अरबी आदि। गाजर तथा शक्करकंदी विटामिन ए का अच्छा स्रोत है।
हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ए, बी, सी, कैल्शियम, लोहा आदि हैं। मटर तथा फ्रेन्च बीनस आदि में प्रोटीन भी होता है। फलों में विटामिन सी, ए आदि होते हैं।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 18.
भोजन को समूहों में क्यों बांटा गया है? सन्तुलित भोजन बनाने के समय इसके क्या लाभ हैं?
अथवा
भोजन समूहों के बारे में विस्तारपूर्वक बताएँ।
उत्तर-
अलग-अलग भोजनों में अलग-अलग पौष्टिक तत्त्व मौजूद होते हैं। इसलिए भोजन को उनके पौष्टिक तत्त्वों के अनुसार अलग-अलग भोजन समूहों में बांटा गया है। अण्डे और दूध को पूर्ण खुराक माना गया है। लेकिन प्रतिदिन एक भोजन नहीं खाया जा सकता। इससे मन ऊब जाता है। इसलिए भोजन समूहों में से ज़रूरत अनुसार कुछन-कुछ लेकर सन्तुलित भोजन प्राप्त किया जाता है।

अलग-अलग भोजनों की पौष्टिक तत्त्वों के अनुसार बारम्बारता इस तरह है सन्तुलित भोजन बनाते समय सारे भोजन समूहों में से आवश्यक पौष्टिक तत्त्वों वाले भोजन लिए जाएंगे ताकि भोजन स्वादिष्ट और खुशबूदार बनाया जा सके।
PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन 2
PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन 3

प्रश्न 19.
सन्तुलित भोजन की योजना बनाते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखोगे?
उत्तर-
परिवार के लिए सन्तुलित भोजन बनाना (Planning Balanced Diet for the family)-सन्तुलित भोजन बनाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. मनुष्य की प्रतिदिन की पौष्टिक तत्त्वों की ज़रूरत का ज्ञान (Knowledge of daily nutritional requirements)
  2. ज़रूरी पौष्टिक तत्त्व देने वाले भोजनों की जानकारी तथा चुनाव (Knowledge of food stuffs that can provide essential nutrients)
  3. भोजन की योजनाबन्दी (Planning of meals)
  4. भोजन पकाने का ढंग (Method of cooking)
  5. भोजन परोसने का ढंग (Method of serving food)

1. मनुष्य की प्रतिदिन की पौष्टिक तत्त्वों की ज़रूरत का ज्ञान (Knowledge of daily nutritional requirements)-मनुष्य की भोजन की आवश्यकता उसकी आयु, लिंग, व्यवसाय तथा जलवायु के साथ-साथ शारीरिक हालत पर निर्भर करती है। जैसे भारा तथा शारीरिक कार्य करने वाले व्यक्ति को हल्का तथा दिमागी कार्य करने वाले मनुष्य की अपेक्षा ज्यादा कैलोरी तथा ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार लड़कियों को लड़कों की अपेक्षा लोहे की ज्यादा ज़रूरत है। इसलिए सन्तुलित भोजन बनाने से पहले पारिवारिक व्यक्तियों की पौष्टिक तत्त्वों की ज़रूरत का ज्ञान होना ज़रूरी है।
2. ज़रूरी पौष्टिक तत्त्व देने वाले भोजन की जानकारी (Knowledge of food stuffs that can provide essential nutrients)-प्राकृतिक रूप में मिलने वाले भोजन को उनके पौष्टिक तत्त्वों के आधार पर पाँच भोजन समूहों में बांटा गया है, जो कि पीछे टेबल नं० 1 में दिए गए हैं। प्रत्येक समूह में से भोजन पदार्थ शामिल करने से सन्तुलित भोजन तैयार किया जा सकता है। भिन्न-भिन्न प्रकार की आयु, लिंग तथा शारीरिक अवस्था के अनुसार पौष्टिक तत्त्वों की ज़रूरत भी भिन्न-भिन्न होती है।
3. भोजन की योजनाबन्दी (Planning of meals)-भोजन की ज़रूरत तथा चुनाव के बाद उसकी योजना बना ली जाए। कितने समय के अन्तराल के बाद भोजन खाया जाए जिससे पौष्टिक तत्त्वों की मात्रा पूरी हो सके। भोजन की योजनाबन्दी को निम्नलिखित बातें प्रभावित करती हैं

  1. परिवार के सदस्यों की संख्या।
  2. परिवार के सदस्यों की आयु, व्यवसाय तथा शारीरिक अवस्था।
  3. परिवार के सदस्यों की भोजन के प्रति रुचि तथा ज़रूरत।
  4. परिवार के रीति-रिवाज।
  5. भोजन पर किया जाने वाला व्यय तथा भोजन पदार्थों की खुराक।

पीछे दी गई बातों को ध्यान में रखते हुए पौष्टिक तत्त्वों की पूर्ति तथा भोजन की ज़रूरत के अनुसार सारे दिन में खाए जाने वाले भोजन को चार मुख्य भागों में बांटा गया है
(i) सुबह का नाश्ता (Breakfast) (ii) दोपहर का भोजन (Lunch) (iii) शाम का चाय-पानी (Evening Tea) (iv) रात का भोजन (Dinner)

1. सुबह का नाश्ता (Breakfast)-पूरे दिन की ज़रूरत का चौथा भाग सुबह के नाश्ते द्वारा प्राप्त होना चाहिए। अच्छा नाश्ता शारीरिक तथा मानसिक योग्यता को प्रभावित करता है। नाश्ते की योजना बनाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है
(क) शारीरिक कार्य करने वाले व्यक्तियों के लिए नाश्ता ठोस तथा कार्बोज़ युक्त होना चाहिए जबकि मानसिक कार्य करने वाले व्यक्तियों के लिए हल्का तथा प्रोटीन युक्त नाश्ता अच्छा रहता है।
(ख) यदि नाश्ते तथा दोपहर के खाने में ज्यादा लम्बा समय हो तो नाश्ता भारी लेना चाहिए तथा यदि अन्तर कम या समय कम हो तो नाश्ता हल्का तथा जल्दी पचने वाला होना चाहिए।
(ग) नाश्ते में सभी भोजन तत्त्व शामिल होने चाहिएं जैसे भारी नाश्ते के लिए भरा हुआ पराठा, दूध, दही या लस्सी तथा कोई फल लिया जा सकता है। हल्के नाश्ते के लिए अंकुरित दाल, टोस्ट, दूध तथा फल आदि लिए जा सकते हैं।

2. दोपहर का भोजन (Lunch)-पूरे दिन की ज़रूरत का तीसरा भाग दोपहर के भोजन द्वारा प्राप्त होना चाहिए। इसमें अनाज, दालें, दही, पनीर या मांस, मौसमी फल तथा हरी पत्तेदार सब्जियां होनी चाहिएं। भोजन में कुछ कच्ची तथा कुछ पक्की चीजें होनी चाहिएं। अधिकतर कार्य करने वाले लोग दोपहर का खाना साथ लेकर जाते हैं। इसलिए वह भोजन भी पौष्टिक होना चाहिए। उदाहरण के लिए दोपहर के भोजन में रोटी, राजमाह, कोई सब्जी, रायता तथा सलाद लिया जा सकता है तथा साथ ले जाने वाले भोजन में पुदीने की चटनी आदि तथा सैंडविच, गचक तथा कुछ फल सम्मिलित किया जा सकता है।

3. शाम की चाय (Evening Tea)-इस समय चाय के साथ कोई नमकीन या मीठी चीज़ जैसे बिस्कुट, केक, बर्फी, पकौड़े, समौसे आदि लिए जा सकते हैं।

4. रात का भोजन (Dinner)-इस भोजन में से भी पूरे दिन की ज़रूरत का तीसरा भाग प्राप्त होना चाहिए। रात तथा दोपहर के भोजन में कोई फर्क नहीं होता, परन्तु फिर भी इसको बनाते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे___ (क) दोपहर के भोजन की अपेक्षा रात का भोजन हल्का होना चाहिए ताकि जल्दी पच सके।
(ख) सारा दिन काम-काज करते हुए शरीर के तन्तुओं की टूट-फूट होती रहती है। इसलिए इनकी मरम्मत के लिए प्रोटीन वाले भोजन पदार्थ होने चाहिएं।
(ग) रात का भोजन विशेष ध्यान देकर बनाना चाहिए क्योंकि इस समय परिवार के सारे सदस्य इकट्ठे होकर भोजन करते हैं।

4. भोजन पकाने का ढंग (Method of Cooking) – भोजन की योजनाबन्दी का तभी फ़ायदा है जब भोजन को ऐसे ढंग के साथ पकाया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा खुराकी तत्त्वों की सम्भाल हो सके। भोजन खरीदते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए —

  1. सूखे भोजन पदार्थ जैसे अनाज, दालें अधिक मात्रा में खरीदनी चाहिएं परन्तु यह भी उतनी ही मात्रा में जिसकी आसानी से सम्भाल हो सके।
  2. फल तथा सब्जियां ताज़ी खरीदनी चाहिएं क्योंकि बासी फल तथा सब्जियों में विटामिनों तथा खनिज लवण नष्ट हो जाते हैं।
  3. हमेशा साफ़-सुथरी दुकानों से ही भोजन खरीदना चाहिए।

भोजन को पकाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए —

  1. भोजन को अधिक समय तक भिगोकर नहीं रखना चाहिए क्योंकि बहुत सारे घुलनशील तत्त्व नष्ट हो जाते हैं।
  2. सब्जियों तथा फलों के ज्यादा छिलके नहीं उतारने चाहिएं क्योंकि छिलकों के नीचे विटामिन तथा खनिज लवण ज्यादा मात्रा में होते हैं।
  3. सब्जियों को बनाने से थोड़ी देर पहले ही काटना चाहिए नहीं तो हवा के सम्पर्क के साथ भी विटामिन नष्ट हो जाते हैं।
  4. सब्जियां तथा फल हमेशा बड़े-बड़े टुकड़ों में काटने चाहिएं क्योंकि इस तरह से फल तथा सब्जियों की कम सतह पानी तथा हवा के सम्पर्क में आती है।
  5. सब्जियों को उबालते समय पानी में डालकर कम-से-कम समय के लिए पकाया जाए ताकि उनकी शक्ल, स्वाद तथा पौष्टिक तत्त्व बने रहें।
  6. भोजन को पकाने के लिए मीठे सोडे का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे विटामिन ‘बी’ तथा ‘सी’ नष्ट हो जाते हैं।
  7. मांस, अण्डे तथा अन्य प्रोटीन युक्त पदार्थों को धीमी आग पर पकाना चाहिए नहीं तो प्रोटीन नष्ट हो जाएंगे।
  8. भोजन हिलाते तथा छानते समय अधिक समय नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे भोजन के अन्दर हवा इकट्ठी होने के कारण विटामिन ‘सी’ नष्ट हो जाता है।
  9. खाना बनाने वाले बर्तन तथा रसोई साफ़-सुथरी होनी चाहिए।
  10. भोजन में अधिक मसाले का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  11. एक ही प्रकार के भोजन पदार्थों का प्रयोग बार-बार नहीं करना चाहिए।
  12. जो लोग शाकाहारी हों उनके भोजन में दूध, पनीर, दालें तथा सोयाबीन का प्रयोग अधिक होना चाहिए।
  13. जहां तक हो सके भोजन को प्रैशर कुक्कर में पकाना चाहिए क्योंकि इससे समय तथा शक्ति के साथ-साथ पौष्टिक तत्त्व भी बचाए जा सकते हैं।

भोजन परोसने का ढंग (Method of Serving food)

  1. खाना खाने वाला स्थान, साफ़-सुथरा तथा हवादार होना चाहिए।
  2. खाना हमेशा ठीक तरह के बर्तनों में ही परोसना चाहिए जैसे तरी वाली सब्जियों के लिए गहरी प्लेट तथा सूखी सब्जियों के लिए चपटी प्लेट प्रयोग में लाई जा सकती है। .
  3. एक बार ही बहुत ज्यादा भोजन नहीं परोसना चाहिए बल्कि पहले थोड़ा तथा आवश्यकता पड़ने पर और लिया जा सकता है।
  4. सलाद तथा फल भी भोजन के साथ अवश्य परोसने चाहिएं।
  5. भोजन में रंग तथा भिन्नता होनी चाहिए। इसलिए धनिये के हरे पत्ते, नींबू तथा टमाटर आदि का प्रयोग किया जा सकता है।

यदि ऊपरलिखित बातों को ध्यान में रखकर भोजन तैयार किया जाए तो व्यक्ति अपनी आवश्यकतानुसार प्रसन्न मन के साथ भोजन खाकर सन्तुलित भोजन का उद्देश्य पूरा कर सकता है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 19(A).
भोजन समूहों के बारे में विस्तार से बताएं।
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्न ।

Home Science Guide for Class 10 PSEB सन्तुलित भोजन Important Questions and Answers

लघ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या उचित कैलोरी वाली खुराक सन्तुलित भोजन होती है?
उत्तर-
आवश्यक नहीं कि उचित कैलोरी वाली खुराक सन्तुलित ही हो।

प्रश्न 2.
अंकुरित दाल में कौन-सा विटामिन बढ़ जाता है?
उत्तर-
विटामिन सी।

प्रश्न 3.
दालों में कितने प्रतिशत प्रोटीन होता है?
उत्तर-
20-25%.

प्रश्न 4.
दुनिया भर में 90% रोगों का कारण ……….. का सेवन नहीं है।
उत्तर-
सन्तुलित भोजन।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 5.
गेहूं-मक्का आदि अनाजों में कितने प्रतिशत प्रोटीन होती है?
उत्तर-
6-12%.

प्रश्न 6.
सूखे मेवों में कितने प्रतिशत प्रोटीन होती है?
उत्तर-
18-28%.

प्रश्न 7.
सब्जियों तथा फलों के छिलकों को क्यों नहीं उतारना चाहिए?
उत्तर-
इनके नीचे टिटामिन तथा खनिज लवण होते हैं।

प्रश्न 8.
मीठे सोडे का प्रयोग भोजन पकाने के लिए क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर-
इससे विटामिन बी तथा सी नष्ट हो जाते हैं।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 9.
शाकाहारी लोगों को प्रोटीन कहां से मिलता है?
उत्तर-
दूध, पनीर, दालें, सोयाबीन।

प्रश्न 10.
फलीदार सब्जियों में कौन-सा पौष्टिक तत्त्व अधिक होता है?
उत्तर-
प्रोटीन।

लघ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
(i) आहार नियोजन क्या है तथा इसके क्या लाभ हैं?
(ii) भोजन का वर्गीकरण कैसे किया जाता है?
उत्तर-देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 2.
भोजन खरीदते समय कौन-सी बातों को ध्यान में रखोगे?
उत्तर-
भोजन खरीदते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. सूखे भोजन पदार्थ जैसे अनाज, दालें अधिक मात्रा में खरीदनी चाहिएं परन्तु यह भी उतनी ही मात्रा में जिसकी आसानी के साथ सम्भाल हो सके।
  2. फल तथा सब्जियां ताज़ी खरीदनी चाहिए क्योंकि बासी फल तथा सब्जियों में विटामिन तथा खनिज लवण नष्ट हो जाते हैं।
  3. हमेशा साफ़-सुथरी दुकानों से ही भोजन खरीदना चाहिए।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 3.
भोजन देखने में भी सुन्दर होना चाहिए। क्या आप इस तथ्य से सहमत हैं? यदि हाँ तो क्यों?
उत्तर-
जी हाँ ; यह तथ्य बिल्कुल सही है कि भोजन देखने में अच्छा लगना चाहिए क्योंकि जो भोजन देखने में अच्छा न लगे उसको खाने को मन नहीं करता। यदि भोजन आँखों को न भाए तो मनुष्य उसका स्वाद भी नहीं देखना चाहता। भोजन को सुन्दर बनाने के लिए भोजन पकाने की विधि और उसको सजाने की जानकारी भी होनी चाहिए।

प्रश्न 4.
(i) बढ़ते बच्चों के लिए कैसा भोजन चाहिए?
(ii) बढ़ने वाले बच्चों के भोजन में प्रोटीन का होना क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
(i) बढ़ रहे बच्चों के शरीर में बने सैलों और तन्तुओं का निर्माण होता है और इसके लिए कार्बोज़ आदि अधिक मात्रा में चाहिएं ताकि तन्तुओं का निर्माण और तोड़-फोड़ की पूर्ति हो सके। इसके अतिरिक्त बच्चों की दौड़ने, भागने और खेलने में कैलोरियां अधिक खर्च होती हैं। इसलिए इनकी पूर्ति करने के लिए बच्चों के भोजन में आवश्यक मात्रा में मक्खन, घी, तेल, चीनी, शक्कर, दूध, अण्डा, मीट, पनीर और सब्जियों का शामिल होना आवश्यक है।
(ii) देखें भाग (i)।

प्रश्न 5.
गर्भवती औरत के लिए अधिक कैलोरियों की आवश्यकता होती है या दूध पिलाने वाली माँ के लिए, और क्यों?
उत्तर-
गर्भवती औरत या दूध पिलाने वाली माँ, दोनों का भोजन सन्तुलित होना चाहिए। परन्तु दूध पिलाने वाली माँ की खुराकी आवश्यकताएँ गर्भवती औरत से अधिक होती हैं। दूध पिलाने वाली माँ को गर्भवती और अन्य औरतों की अपेक्षा कैलोरियां और अन्य पौष्टिक तत्त्व अधिक मात्रा में चाहिएं। बच्चे की पूर्ण खुराक के लिए माँ का दूध काफ़ी मात्रा में आवश्यक है। यह दूध तभी प्राप्त होगा यदि माँ की खुराक में दूध, मीट, सब्ज़ियाँ, अण्डा, दालें, पनीर काफ़ी मात्रा में होंगे। पहले छ: महीने माँ का दूध बच्चे के लिए मुख्य खुराक होता है। इसलिए दूध पिलाती माँ को अधिक कैलोरियों वाला पौष्टिक भोजन चाहिए।

प्रश्न 6.
भोजन में शर्करा और वसा की क्या महत्ता है?
उत्तर-
भोजन में वसा तथा शर्करा, शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। एक ग्राम शर्करा से 4 कैलोरी तथा एक ग्राम वसा से 9 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 7.
निम्नलिखित के लिए कैल्शियम की अनुशंसित मात्रा लिखिए
(i) स्तनपान कराने वाली मां
(ii) वृद्धि करता हुआ बच्चा।
उत्तर-
(i) स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए कैल्शियम की मात्रा है-1000 मि०ग्रा०।
(ii) वृद्धि करते हुए बच्चों को आयु के अनुसार जैसे 4 से 9 वर्ष तक के लिए 400 मि० ग्रा० तथा 10 से 15 वर्ष तक के लिए 600 मि० ग्रा० की आवश्यकता है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित के लिए लोहे की आवश्यकता लिखिए:
(i) वयस्क पुरुष
(ii) गर्भवती महिला
(iii) किशोर।
उत्तर-
(i) वयस्क पुरुष के लिए 28 मि० ग्राम लोहे की आवश्यकता है।
(ii) गर्भवती महिला के लिए 38 मि० ग्राम लोहे की आवश्यकता है।
(iii) किशोरों के लिए आयु के अनुसार 20 से 50 मि० ग्राम तक की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 9.
अर्जुन को कम दिखाई देता है, उसकी इस अवस्था का क्या कारण है? उसे कौन-सा महत्त्वपूर्ण खाद्य पदार्थ लेना चाहिए?
अथवा
गीता को अंधेरे में कम दिखाई देता है और वह रंगों की ठीक से पहचान नहीं कर सकती। उसे कौन-सा रोग हो सकता है? वह किन-किन भोजन पदार्थों का प्रयोग करके इस रोग को दूर कर सकती है?
उत्तर-
विटामिन A की कमी से अंधराता (रतौंधी) रोग हो जाता है तथा अधिक कमी से नज़र कमजोर हो जाती है। विटामिन A की कमी न हो इसलिए मक्खन, गाजर, दूध, अण्डे की जर्दी, जिगर, मछली आदि का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 10.
नन्ही रिधि का रंग पीला है तथा थकान महसूस होती है उसे कौनसा रोग है और उसे कैसे ठीक किया जा सकता है?
अथवा
सुनीता की चमड़ी का रंग पीला पड़ गया है और बहुत थकावट महसूस करती है। उसे कौन-सा रोग हो सकता है और वह कौन-कौन से भोजन पदार्थों का प्रयोग करके इसे दूर कर सकती है?
उत्तर-
रंग पीला होना तथा थकान महसूस होना, रक्त की कमी (अनीमिया) रोग के चिन्ह हैं। इसको ठीक करने के लिए लोहे के खनिज वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। जैसे दालें, मछली, लोबिया, पुदीना, पालक, मुर्गी के अण्डे आदि।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 11.
सोनी के मसूड़े सूज जाते हैं और खून बहने लग जाता है। उसको कौनसा रोग हो सकता है ? वह कौन-कौन से भोजन पदार्थों का प्रयोग करके इस रोग को दूर कर सकता है?
उत्तर-
उसे स्कर्वी नामक रोग हुआ है। यह रोग विटामिन सी की कमी के कारण होता है। इस रोग को दूर करने के लिए खट्टे फल; जैसे-नींबू, संतरा, अंकुरित दालें, टमाटर, अमरूद आदि लेने चाहिए।

प्रश्न 12.
क्या कैलोरियों की उचित मात्रा होने से भोजन सन्तुलित होता है?
उत्तर-
खुराक व्यक्ति की आयु लिंग, काम करने और शारीरिक स्थिति पर निर्भर करती है। कठिन काम करने वाले व्यक्ति को साधारण काम करने वाले व्यक्ति से अधिक कैलोरियों की आवश्यकता होती है। परन्तु खुराक में केवल कैलोरियों की उचित मात्रा से ही भोजन सन्तुलित नहीं बन जाता बल्कि इसके साथ-साथ पौष्टिक तत्त्वों की भी उचित मात्रा लेनी चाहिए। किसी एक पौष्टिक तत्त्व की कमी भी शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए उचित कैलोरियों की मात्रा वाली खुराक को सन्तुलित नहीं कहा जा सकता।

प्रश्न 13.
मनीष को गलगंड का रोग हो गया है। यह रोग कौन से पौष्टिक तत्त्व की कमी से होता है और कौन-कौन से खाद्य पदार्थों को खुराक में शामिल करके इस रोग से बचा जा सकता है।
उत्तर-
यह रोग आयोडीन तत्त्व की कमी से होता है। आयोडीन युक्त नमक, सब्जियां, दालें, अनाज के प्रयोग से इसकी कमी को दूर किया जा सकता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन में भिन्नता कैसे ला सकते हैं तथा क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
एक तरह का भोजन खाने से मन भर जाता है इसलिए खाने में रुचि बनाए रखने के लिए भिन्नता होनी आवश्यक है। यह भोजन में अनेक प्रकार से पैदा की जा सकती है

  1. नाश्ते में प्रायः परांठे बनते हैं परन्तु रोज़ाना अलग किस्म का परांठा बनाकर भोजन में भिन्नता लाई जा सकती है जैसे मूली का परांठा, मेथी वाला, गोभी वाला, मिस्सा परांठा आदि।
  2. सभी भोजन पदार्थ एक रंग के नहीं होने चाहिएं प्रत्येक सब्जी, दाल या सलाद का रंग अलग-अलग होना चाहिए। इससे भोजन देखने को अच्छा लगता है और अधिक पौष्टिक भी होता है।
  3. भोजन पकाने की विधि से भी खाने में भिन्नता आ सकती है जैसे तवे की रोटी, तन्दूर की रोटी, पूरी आदि बनाकर भोजन में भिन्नता लाई जा सकती है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 2.
बुखार में भोजन के तत्त्वों की आवश्यकता पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
बुखार में खुराकी तत्त्वों की आवश्यकता शरीर में कई परिवर्तन आने के कारण बढ़ जाती है।

  1. ऊर्जा या शक्ति-बुखार में मैटाबोलिक दर बढ़ने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिसके कारण 5% अधिक ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है इसलिए अधिक कैलोरियों वाली खुराक देनी चाहिए।
  2. प्रोटीन-शरीर में तापमान बढ़ने से तन्तुओं की तोड़-फोड़ तेज़ी से होती है इसलिए प्रोटीन अधिक मात्रा में लेनी चाहिए।
  3. कार्बोहाइड्रेट्स-बुखार से शरीर के कार्बोहाइड्रेट्स के भण्डार कम हो जाते हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स देने चाहिएं।
  4. विटामिन-बीमारी की हालत में शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है। इस स्थिति में बीमार मनुष्य को अधिक विटामिनों की आवश्यकता होती है।
  5. खनिज पदार्थ-सोडियम और पोटाशियम पसीने द्वारा अधिक निकल जाते हैं। इनकी पूर्ति के लिए दूध और जूस का अधिक प्रयोग करना चाहिए।
  6. पानी-बीमार आदमी को पानी उचित मात्रा में पीना चाहिए क्योंकि रोगी के शरीर में से पानी पसीने और पेशाब के द्वारा निकलता रहता है।

प्रश्न 3.
आर्थिक स्तर और शारीरिक सेहत सन्तुलित भोजन की मात्रा को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर-
शारीरिक सेहत-सन्तुलित भोजन की आवश्यकता का सम्बन्ध शारीरिक सेहत से है। रोगी होने की अवस्था में शरीर के तन्तुओं की टूट-फूट अधिक होती है। इसलिए कैलोरियों तथा पौष्टिक तत्त्वों की आवश्यकता अधिक होती है। 1°F तक तापमान बढ़ जाने पर (रोग की अवस्था में) 7% तक B.M.R. में वृद्धि होती है। कुछ रोगों में जैसे शक्कर रोग, ब्लड प्रैशर की स्थिति में कम ऊर्जा वाले भोजन की आवश्यकता है। आर्थिक स्तर-आर्थिक स्तर का प्रभाव सन्तुलित भोजन की प्राप्ति पर पड़ता है। कमजोर आर्थिक स्तर के लोग सस्ती खाद्य वस्तुओं से अपना सन्तुलित भोजन प्राप्त करते हैं। वे स्प्रेटा दूध, गुड़, सस्ते अनाज, सस्ती दालों आदि का प्रयोग करते हैं। कभी-कभी अधिक ग़रीब लोग सन्तुलित भोजन प्राप्त करने के समर्थ नहीं हो पाते। ग़रीब लोग घी के स्थान पर तेल, मीट, मछली के स्थान पर दालों का प्रयोग करके सन्तुलित भोजन की प्राप्ति करते हैं। अमीर लोग अपना सन्तुलित भोजन महंगी वस्तुओं, जैसे-दूध, घी, मक्खन, मीट, मछली, अण्डे, महंगी सब्जियों का प्रयोग करके करते हैं।

प्रश्न 4.
जलवायु और आयु सन्तुलित भोजन की मात्रा को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर-
आयु का प्रभाव-सन्तुलित भोजन की आवश्यकता आयु के अनुसार होती है। बचपन में शरीर की वृद्धि तेजी से होती है। शरीर की लम्बाई, भार आदि में वृद्धि होती है तथा पौष्टिक तत्त्वों की अधिक आवश्यकता होती है। किशोर होने पर शरीर में भौतिक तथा रासायनिक परिवर्तन होने लगते हैं तथा किशोर दौड़-भाग, खेल-कूद में भी अधिक समय लगाते हैं। इसलिए उनको ऊर्जा तथा पौष्टिक तत्त्वों की अधिक आवश्यकता होती है। बुढ़ापे में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, शारीरिक वृद्धि भी रुक जाती है इसलिए पौष्टिक तत्त्वों की आवश्यकता कम हो जाती है। – जलवायु का प्रभाव-सन्तुलित भोजन की आवश्यकता का सीधा सम्बन्ध जलवायु से है। गर्मियों में कम तथा सर्दियों में अधिक भोजन, जैसे–परोंठा, साग, मक्खन, घी, बादाम आदि की आवश्यकता होती है। सर्द देशों में जैविक प्रोटीनों की अधिक आवश्यकता होती है इससे उपपाचन की गति तेज़ हो जाती है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 5.
सन्तुलित भोजन की योजना बनाते समय कौन-सी बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 6.
खाना तैयार करते समय कौन-सी बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 7.
भारतीय मेडिकल खोज संस्था की ओर से भारतीयों के लिए की गई खुराकी तत्त्वों की सिफ़ारिश के बारे में लिखें।
उत्तर-
PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन 4

प्रश्न 8.
बालिग औरतों के सन्तुलित भोजन का एक चार्ट बनाएं।
उत्तर-
PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन 5

प्रश्न 9.
बालिग आदमियों के सन्तुलित भोजन का चार्ट बनाएं।
उत्तर-
PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन 6

प्रश्न 10.
आहार नियोजन से आपका क्या भाव है?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 11.
आहार नियोजन का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 12.
संतुलित आहार की प्राप्ति के लिए निर्धारित खाद्य वर्ग कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्न में।

प्रश्न 13.
भोजन के पौष्टिक तत्त्व कौन-कौन से हैं? प्रोटीन के कार्य, कमी के नतीजे और प्राप्ति के साधनों के बारे में बताइए।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 14.
विटामिन सी (C) के कार्य, कमी के नतीजे और प्राप्ति के साधनों के बारे में बताएं।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 15.
भोजन समूह के बारे में विस्तार से बताओ।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 16.
विटामिन ए के कार्य, कमी के नतीजे और प्राप्ति के साधनों के बारे में लिखिए।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 17.
संतुलिज भोजन से क्या अभिप्राय है ? इस पर कौन-कौन से तत्त्व प्रभाव डालते हैं?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 18.
विटामिन डी (D) के कार्य, कमी के नतीजे और प्राप्ति के साधनों के बारे में लिखिए।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. रिक्त स्थान भरें

  1. सूखे मेवे में ……. प्रतिशत प्रोटीन होता है।
  2. कार्बोज़ में ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन का अनुपात ……. होता है।
  3. भोजन पकाते समय ……. के प्रयोग से विटामिन बी तथा सी नष्ट हो जाते हैं।
  4. दालें …….. का स्रोत है।
  5. गर्भवती स्त्री को ……. भोजन खाना चाहिए।

उत्तर-

  1. 18-28,
  2. 1 : 2,
  3. मीठा सोडा,
  4. प्रोटीन,
  5. सन्तुलित।

II. ठीक/गलत बताएं

  1. अनाज, दालों में कार्बोज नहीं होता।
  2. दुनिया भर में 90% रोगों का कारण सन्तुलित भोजन का सेवन न करना है।
  3. फलीदार सब्जियों में प्रोटीन होता है।
  4. अंकुरित दालों में विटामिन ‘सी’ होता है।
  5. वयस्क आदमी के लिए 28 मि० ग्रा० लोहे की आवश्यकता है।
  6. मीठे सोडे के प्रयोग से विटामिन ‘बी’ तथा ‘सी’ नष्ट हो जाते हैं।

उत्तर-

  1. ग़लत,
  2. ठीक,
  3. ठीक,
  4. ठीक,
  5. ठीक,
  6. ठीक।

III. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गेहूँ-मक्की में ……….. % प्रोटीन होती है।
(क) 6-12
(ख) 20-25
(ग) 40-50
(घ) 50-60
उत्तर-
(क) 6-12

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

प्रश्न 2.
अंकुरित दाल में कौन-सा विटामिन होता है?
(क) सी
(ख) ए
(ग) बी
(घ) के।
उत्तर-
(क) सी

प्रश्न 3.
हरी पत्तेदार सब्जियों में निम्नलिखित तत्त्व होते हैं
(क) कैल्शियम
(ख) लोहा
(ग) विटामिन बी
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।

प्रश्न 4.
भोजन की योजनाबंदी निम्न बातों पर निर्भर है
(क) परिवार के सदस्य
(ख) सदस्यों की आयु
(ग) भोजन के प्रति रुचि
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 7 सन्तुलित भोजन

सन्तुलित भोजन PSEB 10th Class Home Science Notes

  • सन्तुलित भोजन से ही शरीर तन्दुरुस्त रह सकता है।
  • सन्तुलित भोजन में आवश्यक मात्रा में प्रोटीन, कार्बोज, विटामिन, चिकनाई, लवण और पानी होते हैं।
  • भोजन में केवल कैलोरियाँ होने से ही भोजन सन्तुलित नहीं बनता।
  • दालों, मीट, दूध तथा अण्डे आदि में प्रोटीन होती है।
  • अनाज दालें, गुड़, सूखे मेवे, मूंगफली, आलू, फल आदि कार्बोहाइड्रेट्स के स्रोत हैं।
  • सब्जियों में विटामिन और खनिज पदार्थ होते हैं।
  • खाना बनाने के लिए योजना बनाना एक अच्छी गहिणी की निशानी है।
  • परिवार की आय और आकार खाने की नियोजन को प्रभावित करते हैं।
  • गर्भवती औरत को पौष्टिक भोजन ही खाना चाहिए।
  • बुखार की हालत में पौष्टिक और हल्का भोजन खाना चाहिए।

मनुष्य के जीवन का आधार भोजन है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए भोजन का पौष्टिक होना आवश्यक है। जब मनुष्य अच्छा भोजन नहीं लेता तो वे बीमारियों का शिकार हो जाता है। मनुष्य अपने भोजन की आवश्यकता अनाज, सब्जियां, फल, दूध, दही, मीट, मछली आदि से पूरी करता है।

Leave a Comment