Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6 Textbook Exercise Questions and Answers
PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6
प्रश्न 1.
आकृति में, PS कोण ∠QPR का समद्विभाजक है। सिद्ध कीजिए कि \(\frac{\mathrm{QS}}{\mathrm{SR}}=\frac{\mathrm{PQ}}{\mathrm{PR}}\) है।
हल :
दिया है : ∆PQR, PS कोण ∠QPR का समद्भिाजक है अर्थात् ∠1 = ∠2 है।
सिद्ध करना है. \(\frac{\mathrm{QS}}{\mathrm{SR}}=\frac{\mathrm{PQ}}{\mathrm{PR}}\)
रचना : R में से एक रेखा PS के समांतर खींचिए जो QP को बढ़ाने पर T पर मिलती है।
उपपत्ति : ∆QRT में,
PS || TR
∠2 = ∠3 (एकांतर कोण)
∠1 = ∠4 (संगत कोण)
परंतु ∠1 = ∠2 (दिया है)
∴ ∠3 = ∠4
∆PRT में,
∠3 = ∠4 (प्रमाणित)
PT = PR
[समान भुजाओं के सम्मुख कोण समान होते हैं।
∆QRT में,
PS || TR
∴ \(\frac{\mathrm{QP}}{\mathrm{PT}}=\frac{\mathrm{QS}}{\mathrm{SR}}\)
[आधारभूत समानुपातिकता प्रमेय से]
\(\frac{\mathrm{QP}}{\mathrm{PR}}=\frac{\mathrm{QS}}{\mathrm{SR}}\) (PT = PR)
\(\frac{\mathrm{PQ}}{\mathrm{PR}}=\frac{\mathrm{QS}}{\mathrm{SR}}\)प्रश्न 2.
आकृति में D त्रिभुज ABC के कर्ण AC पर स्थित एक बिंदु है तथा DM ⊥ BC और DN ⊥ AB, सिद्ध कीजिए कि
(i) DM2 = DN.MC
(ii) DN2 = DM.AM.
दिया है : ∆ABC में, DM ⊥ BC, DN ⊥ AB है।
सिद्ध करना है : DM2 = DN.AC
DN = DM.AM.
हल : BD ⊥ AC (दिया है)
⇒ ∠BDC = 90°
⇒ ∠BDM + ∠MDC = 90° ………..(1)
∆DMC में,
∠DMC = 90°
[∵ DM ⊥ BC (दिया है)]
⇒ ∠C + ∠MDC = 90° ……………(2)
(1) और (2),
∠BDM + ∠MDC = 2C + ∠MDC
∠BDM = ∠C
[दोनों ओर से CMDC को काटने पर]
अब ∆BMD और ∆MDC में,
∠BDM = ∠C [प्रमाणित]
∠BMD = ∠MDC [प्रत्येक 90°]
∆BMD ~ ∆MDC [AA समरूपता कसौटी से]
⇒ \(\frac{\mathrm{DM}}{\mathrm{BM}}=\frac{\mathrm{MC}}{\mathrm{DM}}\)
[:: समरूप त्रिभुजों की संगत भुजाएं समानुपाती होती
⇒ DM2 = BM X MC
⇒ DM2 = DN X MC
[∵ BM = DN]
इसी प्रकार ∆NDA ~ ∆NBD
⇒ \(\frac{\mathrm{DN}}{\mathrm{BN}}=\frac{\mathrm{AN}}{\mathrm{DN}}\)
[∵ समरूप त्रिभुजों की संगत भुजाएं समानुपाती होती हैं।]
DN2 = BN × AN
DN2 = DM × AN
प्रश्न 3.
आकृति में ABC एक त्रिभुज है जिसमें ∠ABC > 90° है तथा AD ⊥ BC है। सिद्ध कीजिए कि AC2 = AB2 + BC2 + 2BC.BD है।
हल :
दिया है : ∆ABC में AD ⊥ BC जब BC को बढ़ाया जाता है। ∠ABC > 90° है।
सिद्ध करना है : AC2 = AB2 + BC2 + 2BC.BD.
हल : मान लीजिए, BC = a,
CA = b,
AB = c,
AD = h और
BD = x.
समकोण त्रिभुज ∆ADB में, पाइथागोरस प्रमेय से, AB2 = DB2 + AD2
अर्थात् b2 = x2 + h2 ………….(1)
समकोण त्रिभुज ∆ADC में,
AC2 = CB2 + AD2
अर्थात् , c2 = (a + x)2 + h2
= a2 + 2ax + x2 + h2
= a2 + 2ax + b2; [(1) का प्रयोग करने पर]
= a2 + b2 + 2ab
अतः AB2 = BC2 + AC2 + 2BC × CD.
प्रश्न 4.
आकृति में, ABC एक त्रिभुज है जिसमें ∠ABC < 90° है तथा AD ⊥ BC है। सिद्ध कीजिए कि AC2 = AB2 + BC2 – 2BC.BD.
हल :
दिया है : ∆ABC जिसमें ∠ABC < 90° तथा AD ⊥ BC है।
सिद्ध करना है : AC2 = AB2 + BC2 – 2BC.BD.
उपपत्ति: ADC एक समकोण है जिसमेंD पर समकोण है।
AC2 = CD2 + DA2 ……………..(1)
(पाइथागोरस प्रमेय से)
साथ ही, ∆ADB समकोण A है D पर समकोण है।
AB2 = AD2 + DB2 ………………..(2)
(1) से हमें प्राप्त होता है
AC2 = AD2 + (CB – BD)2
= AD2 + CB2 + BD2 – 2CB × BD
AC2 = (BD2 + AD2) + CB2 – 2CB × BD
AC2 = AB2 + BC2 – 2BC × BD. [(2) के प्रयोग से]
प्रश्न5.
आकृति में AD त्रिभुज ABC की एक माध्यिका है तथा AM ⊥ BC है सिद्ध कीजिए कि :
(i) AC2 = AD2 + BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^{2}\)
(ii) AB2 = AD2 – BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^{2}\)
(ii) AC2 + AB2 = 2AD2 + \(\frac{1}{2}\) BC2
हल :
दिया है : ∆ABC में, AM ⊥ BC, AD, ∆ABC की एक माध्यिका है।
सिद्ध करना है :
(i) AC2 = AD2 + BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^{2}\)
(ii) AB2 = AD2 – BC.DM + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^{2}\)
(ii) AC2 + AB2 = 2AD2 + \(\frac{1}{2}\) BC2
उपपत्ति : ∆AMC में,
AC2 = AM2 + MC2
= AM2 + (MD + DC)2
AC2 = AM2 + MD2 + DC2 + 2MD × DC
AC2 = (AM2 + MD2) + \(\left(\frac{B C}{2}\right)^{2}\) + 2.MD (\(\frac{BC}{2}\))
AC2 = AD2 + BC × MD + \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{4}\)
[समकोण त्रिभुज ∆AMD AD2 = AM2 + MD2 ]
∴ AC2 = AD2 + BC.MD + \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{4}\) ……………(1)
(ii) समकोण त्रिभुज AMB ,
AB2 = AM2 + BM2
= AM2 + (BD – MD)2
= AM2 + BD2 + MD2 – 2BD × MD
= (AM2 + MD2) + BD2 – 2 (\(\frac{1}{2}\) BC) MD
= AD2 + (\(\frac{1}{2}\) BC)2 – BC.MD
[∵ ∆AMD में, AD2 = MA2 + MD2]
AB2 = AD2 + (\(\frac{BC}{2}\))2 – BC.MD ………………(2)
(iii) (1) और (2) को जोड़ने पर,
AB2 + AC2 = AD2 + BC.MD + (\(\frac{BC}{2}\))2 + AD2 + (\(\frac{BC}{2}\))2 – BC. MD
= 2AD2 + \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{4}\) + \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{4}\)
= 2AD2 + 2 \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{4}\)
AB2 + AC2 = 2AD2 + \(\frac{\mathrm{BC}^{2}}{2}\)
प्रश्न 6.
सिद्ध कीजिए कि एक समांतर चतुर्भुज के विकर्णों के वर्गों का योग उसकी भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है।
हल:
दिया है : मान लीजिए ABCD एक समांतर चतुर्भुज है जिसमें विकर्ण AC और BD परस्पर बिंदु M पर प्रतिच्छेद करते हैं।
सिद्ध करना है : AB2 + BC2 + CD2 + DA2 = AB2 + BC2
उपपत्ति : समांतर चतुर्भुज के विकर्ण एक-दूसरे को परस्पर विभाजित करते हैं।
∴ समांतर चतुर्भुज ABCD में, विकर्ण BD और AC एक दूसरे को परस्पर काटते हैं। या MB और MD क्रमश : त्रिभुज ABC और ADC की माध्यिका है।
हम जानते हैं, कि AD, ∆ABC की माध्यिका है,
∴ AB2 + AC2 = 2AD2 + \(\frac{1}{2}\) BC2
इसका प्रयोग करते हुए,
AB2 + BC2 = 2BM2 + \(\frac{1}{2}\) BC2 ……………..(1) और
AD2 + CD2 = 2DM2 + \(\frac{1}{2}\) AC2 ……………..(2)
(1) और (2), को जोड़ने पर, हमें प्राप्त होता है,
AB2 + BC2 + AD2 + CD2 = 2 (BM2 + DM2) + \(\frac{1}{2}\) (AC2 + AC2)
AB2 + BC2 + AD2 + CD2 = 2(\(\frac{1}{4}\) BD2 + \(\frac{1}{4}\) BD2) + AC2
AB2 + BC2 + AD2 + CD2 = BD2 + AC2
अंतः एक समांतर चतुर्भुज के विकर्णों के वर्गों का योग उसकी भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है।
प्रश्न 7.
आकृति में, एक वृत्त की दो जीवाएँ AB और CD परस्पर बिंदु P पर प्रतिच्छेद करती हैं। सिद्ध कीजिए कि
(i) ∆APC ~ ∆DPB
(ii) AP.PB = CP.DP.
हल :
दिया है : एक वृत्त की दो जीवाएँ AB और CD परस्पर बिंदु P पर प्रतिच्छेद करती हैं।
सिद्ध करना है : (i) ∆APC ~ ∆DPB
(ii) AP.PB = CP.DP.
उपपत्ति : (i) ∆APC और ∆DPB में,
∠1 = ∠2 (शीर्षाभिमुख कोण)
∠3 = ∠4 (एक ही वृत्तखंड के कोण)
∴ ∆APC ~ ∆DPB [AA समरूपता कटौती]
(ii) ∆APC ~ ∆DPB (ऊपर प्रमाणित)
\(\frac{\mathrm{AP}}{\mathrm{DP}}=\frac{\mathrm{PC}}{\mathrm{PB}}\)
(यदि दो त्रिभुजें समरूप हों, तो उनकी संगत कोण समानुपाती होते हैं।)
AP.PB = PC.DP
प्रश्न 8.
आकृति में, एक वृत्त की दो जीवाएँ AB और CD बढ़ाने पर परस्पर बिंदु P पर प्रतिच्छेद करती हैं। सिद्ध कीजिए कि
(i) ∆PAC ~ ∆PDB
(ii) PA.PB = PC.PD.
हल :
दिया है : एक वृत्त की दो जीवाएं AB और CD बढ़ाने पर परस्पर बिंदु P पर प्रतिच्छेद करती हैं।
सिद्ध करना है :
(i)∆PAC ~ ∆PDB
(ii) PA.PB = PC.PD.
उपपत्ति :
(i) ∆PAC और APDB से,
∠P = ∠P (उभयनिष्ठ)
∠PAC = ∠PDB
(चक्रीय चतुर्भुज का बाह्य कोण अतः सम्मुख कोण के बराबर होता है।)
∴ ∆PAC ~ ∆PDB [AA समरूपता कसोटी से]
(ii) ∆PAB ~ ∆PDB
∴ \(\frac{\mathrm{PA}}{\mathrm{PD}}=\frac{\mathrm{PC}}{\mathrm{PB}}\)
[यदि तो त्रिभुजें समरूप हों, तो उनकी संगत भुजाएँ समानुपाती होती हैं।]
PA × PB = PC × PD.
प्रश्न 9.
आकृति में, त्रिभुज ABC की भुजा BC पर एक a BD _ AB | बिंदु D इस प्रकार स्थित है कि \(\frac{\mathbf{B D}}{\mathrm{DC}}=\frac{\mathbf{A B}}{\mathbf{A C}}\) सिद्ध कीजिए कि : AD कोण ∠BAC का समद्विभाजक है।
हल :
दिया है : ∆ABC, में भुजा BC पर एक बिंदु D इस प्रकार स्थित है कि \(\frac{\mathbf{B D}}{\mathrm{DC}}=\frac{\mathbf{A B}}{\mathbf{A C}}\)
सिद्ध करना है : AD कोण ∠BAC का समद्विभाजक है।
अर्थात्, ∠1 = ∠2
रचना : C में से CE || DA खींचिए जो BA को | बढ़ाने पर E पर मिले।
उपपत्ति : ∆BCE में, AD || CE …………(रचना)
आधारभूत समानुपातिकता प्रमेय से,
परंत \(\frac{\mathrm{BD}}{\mathrm{DC}}=\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{AE}}\)
⇒ \(\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{AE}}=\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{AC}}\)
\(\frac{\mathrm{BD}}{\mathrm{DC}}=\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{AC}}\)AB = AC
∆ACE में, AE = AC
⇒ ∠3 = ∠4 …………….. (बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण)
चूँकि CE || DA और AC उन्हें प्रतिच्छेद करती है, तब
∠2 = ∠4 ..(एकांतर कोण)
साथ ही, CE || DA और BAE उन्हें प्रतिच्छेद करती है,
∠1 = ∠3 ………..(संगत कोण)
इस प्रकार, हमें प्राप्त करता है :
∠3 = ∠4
⇒ ∠4 = ∠1
∠3 = ∠1
परंतु ∠4 = ∠2
⇒ ∠1 = ∠2.
AD, ∠BAC को समद्विभाजित करता है।
प्रश्न 10.
नाज़िमा एक नदी की धारा में मछलियाँ पकड़ रही है। उसकी मछली पकड़ने वाली छड़ का सिरा पानी की सतह से 1.8 m ऊपर है तथा डोरी के निचले सिरे से लगा कांटा पानी के सतह पर इस प्रकार स्थित है कि उसकी नाजिमा से दूरी 3.6 m है और छड़ के सिरे के ठीक नीचे पानी के सतह पर स्थित बिंदु से उसकी दूरी 2.4m है।
यह मानते हुए कि उसकी डोरी (उसकी छड़ के सिरे से काँटे तक ) तनी हुई है, उसने कितनी डोरी बाहर निकाली हुई है ( देखिए आकृति) ? यदि वह डोरी को 5 cm/s की दर से अंदर खींचे, तो 12 सेकंड के बाद नाजिमा की काँटे से क्षैतिज दूरी कितनी होगी ?
हल :
समकोण त्रिभुज ABC में,
AB = 1.8 cm,
BC = 2.4 cm,
∠B = 90°
पाइथागोरस प्रमेय से,
AC2 = AB2 + BC2
AC2 = (1.8)2 + (2.4)2
AC2 = 3.24 + 5.76 = 9
AC2 = (3)2
AC = 3 cm
अब नाज़िमा डोरी को 5 cm/s की दर से अंदर खींचे, तो डोरी की लंबाई कम होती है।
= 5 × 12 = 60 cm
= 0.6 m;
12 सेकण्ड में. मान लो, 12 सेकण्ड के बाद काँटरे की स्थिति D है।
AD = AC – (12 सेकण्ड में तय दूरी)
= (3 – 0.6) m = 2.4 m
अब, समकोण त्रिभुज ∆ABD में, पाइथागोरस प्रमेय से,
AD2 = AB2 + BD2
(2.4)2 = (1.8)2 + BD2
BD2 = 5.76 – 3.24
BD2 = 2.52 m
BD = 1.587 m.
∴ नाज़िमा द्वारा तय की गई क्षैतिज दूरी = BD + 1.2 m
= (1.587 + 1.2) m
= 2.787 m
= 2.79 m
अब, डोरी की लंबाई और नाज़िमा द्वारा तय की गई दूरी 3m और 2.79 m