PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मेंडल के द्वारा मटर के पौधों पर किए गए प्रयोगों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर-
मेंडल ने मटर के पौधे के विभिन्न विकल्पी लक्षणों का अध्ययन किया था। उन्होंने उनके बाहरी लक्षणों की ओर विशेष ध्यान दिया था। गोल/झुरींदार बीज, लंबे/बौने पौधे, सफेद/बैंगनी फूल आदि विभिन्न विकल्पी लक्षणों वाले पौधों का चयन कर उनसे पौधे उगाए थे। उन्होंने लंबे पौधे तथा बौने पौधे का संकरण करा कर प्राप्त संतति पीढ़ी में लंबे एवं बौने पौधों की गणना की।
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प्रथम संतति अथवा F1 में कोई पौधा बीच की ऊँचाई का नहीं था। सभी पौधे लंबे थे। इसका अर्थ था कि पहली पीढ़ी में दो लक्षणों में से केवल एक गंबा पीया लंबा पौधा लंबा पौधा लंबा पौधा लंबा पौधा बौना पौधा पैतृक लक्षण ही दिखाई देता है। उन दोनों का मिश्रित प्रभाव दिखाई नहीं देता। मेंडल ने अपने प्रयोगों में दोनों प्रकार के पैतृक पौधों एवं F1 पीढ़ी के पौधों को स्वपरागण द्वारा उगाया। पैतृक पीढ़ी के लंबे पौधों से प्राप्त सभी संतति भी लंबे पौधों की थी। पर F1 पीढ़ी के लंबे पौधों की दूसरी पीढ़ी अर्थात् F2 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे नहीं थे। उनमें से एक चौथाई संतति बौने पौधे थे। इससे संकेत मिला कि F, पौधों द्वारा लंबाई एवं बौनेपन दोनों के विकल्पी लक्षणों की वंशानुगति हुई। केवल लंबाई वाला विकल्प अपने आपको व्यक्त कर पाया। इसलिए किसी भी लक्षण के दो विकल्प लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न होने वाले जीवों में किसी भी लक्षण के दो विकल्प की वंशानुगति होती है।

‘TT’ एवं ‘Tt’ दोनों ही लंबे पौधे हैं, लेकिन ‘tt’ बौने पौधे हैं। ‘T’ एक अकेला विकल्प ही पौधे को लंबा बनाने के लिए पर्याप्त है, जबकि संकरण बौनेपन के लिए ‘t’ के दोनों विकल्प ‘t’ ही होने चाहिएं। ‘T’ जैसे विकल्प ‘प्रभावी’ लक्षण कहलाते हैं जबकि जो लक्षण (Trait) ‘t’ की तरह स्वनिषेचन व्यवहार करते हैं, ‘अप्रभावी’ कहलाते हैं।

यदि गोल बीज वाले लंबे पौधों का झरींदार बीजों वाले बौने पौधों से संकरण कराया जाए तो F2 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे एवं गोल बीज वाले होंगे। इसलिए लंबाई तथा गोल बीज ‘प्रभावी’ लक्षण हैं। परंतु जब F, P RR yy संतति के स्वपरागण से F2 पीढ़ी की संतति प्राप्त होती है। पहले प्रयोग के आधार पर F2 संतति के कुछ पौधे गोल बीज वाले लंबे पौधे होंगे तथा कुछ F1 झुर्रादार बीज वाले बौने पौधे। परंतु F2 की संतति के कुछ पौधे नए संयोजन प्रदर्शित करेंगे। उनमें से कुछ पौधे लंबे पर झुरींदार तथा कुछ पौधे बौने पर | गोल बीज वाले होंगे। इसलिए लंबे/बौने लक्षण तथा गोल/झुरींदार लक्षण अनुपात स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं।
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प्रश्न 2.
डार्विन के विकास के सिद्धांत की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
चार्ल्स राबर्ट डार्विन (1809-1882) ने निरंतर अनेक वर्ष तक विभिन्न जगहों पर एच० एम० एस० बीगल नामक समुद्री जहाज़ से घूम-घूम कर जीव-जंतुओं का अध्ययन करने के पश्चात् अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘The Origin of Species’ में जैव-विकास के सिद्धांतों की प्रतिपादता की थी जिन्हें डार्विनवाद के नाम से जाना जाता है।

डार्विन ने अपने मतों को निम्नलिखित आधारों पर स्थापित किया था-
(I) संतान उत्पन्न करने की अपार क्षमता (Enormous Fertility)-संसार में सभी प्राणियों के पास बहुत अधिक संतान उत्पन्न करने की क्षमता होती है। उनमें परिवार वृद्धि की भावना भी विद्यमान होती है।

(II) जीवन-संघर्ष (Struggle for Existence) सभी प्राणी उत्पन्न होते ही जीवन के लिए संघर्ष करते हैं। वे जीवित रहने के लिए पानी, हवा, भोजन, प्रकाश, सुरक्षित स्थान, तापमान आदि को प्राप्त करना चाहते हैं। अधिक संख्या में उत्पन्न प्राणियों में हर प्राणी अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए संघर्ष करते हैं। यह संघर्ष तीन प्रकार का होता है-अंतर्जातीय, अंतर-जातीय और वातावरणीय कारकों के बीच। अंतर्जातीय संघर्ष केवल एक ही जाति के प्राणियों के बीच होता है लेकिन अंतर-जातीय संघर्ष विभिन्न जातियों और प्राणियों के बीच होता है। जीवित रहने के लिए संघर्ष हवा, पानी, दबाव, तापमान आदि के बीच भी चलता है। जो प्राणी इनका विपरीत स्थितियों में सामना नहीं कर पाते, वे मर जाते हैं। जीवन-संघर्ष के लिए अनुकूलन की बहुत आवश्यकता होती है। जो अनुकूलन करने में सफल नहीं हो पाते वे कमज़ोर और असमर्थ होने के कारण नष्ट हो जाते हैं।

(III) नई जातियों की उत्पत्ति (Origin of New Species) – संसार में सभी प्राणियों में भिन्नता होती है। कोई भी प्राणी पूर्ण रूप से एक जैसा नहीं है। उनको गुणों-अवगुणों के भेद के कारण ही पहचाना जाता है। उपयोगी और श्रेष्ठ गुणों के कारण प्राणी सहजता से रह सकते हैं। प्राणियों के श्रेष्ठ गुण उनमें स्थायी बन जाते हैं। वे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में चलते हैं। इसी कारण नई जातियों की उत्पत्ति होती है।

(IV) योग्यतम की उत्तर जीविता (Survival of the fittest)-प्राणियों का जीवन संघर्ष निरंतर सारा जीवन चलता रहता है। जो प्राणी वातावरण में रहने के लिए अपने आपको श्रेष्ठ सिद्ध कर लेते हैं, वही रह पाते हैं। जो इस संसार में अपनी रहने योग्य श्रेष्ठता सिद्ध नहीं कर पाते, वे कुछ समय बाद नष्ट हो जाते हैं। वातावरण में वहीं जीवित रह पाता है जो योग्यतम है, इसी को योग्यता की उत्तर जीविता कहते हैं। वातावरण में संघर्ष करते समय प्राणियों के जीवन में कुछ परिवर्तन भी आते हैं।

ये परिवर्तन विभिन्नताएँ कहलाती हैं और वे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के पास पहुंचती हैं। अगली पीढ़ी के प्राणी पिछली पीढ़ी के प्राणियों की अपेक्षा अपने आप को वातावरण के प्रति अधिक अच्छी तरह ढालने की योग्यता रखते हैं। प्रकृति के प्रति अनुकूलन न करना और इन्हें न झेल कर नष्ट हो जाना प्राकृतिक वरण कहलाता है। प्राकृतिक वरण (Natural Selection) जीवन भर चलता रहता है। विभिन्नताओं की प्राप्ति करने से नई जातियाँ विकास करती हैं।

(V) वातावरण के प्रति अनुकूलन (Adaptation to the Environment)-सभी प्राणियों को भिन्न प्रकार के भौतिक वातावरण को झेलना पड़ता है। वे जीवन भर सर्दी-गर्मी, सूखा-बाढ़, भूकंप, तूफान आदि के द्वारा उत्पन्न संकटों का सामना करते हैं। जो प्राणी अपने आप को इनका सामना करने के योग्य बना पाते हैं, वही अपने जीवन संघर्ष में सफल हो पाते हैं। जो प्राणी स्वयं को वातावरण के प्रति अनुकूल नहीं बना पाते वे स्वयं के साथ नष्ट हो जाते हैं।

(VI) विभिन्नताएँ और आनुवंशिकता (Variations and Heredity)-एक जाति और एक ही माता-पिता की संतानों में समानताओं के बावजूद कई तरह के अंतर पाए जाते हैं। कोई भी दो प्राणी पूर्ण रूप से एक जैसे नहीं है। लाभकारी अंतर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित हो जाते हैं।

प्रश्न 3.
आनुवंशिकी की परिभाषा दीजिएं। जीव विज्ञान की इस शाखा में मेंडल के क्या योगदान हैं ?
उत्तर-
आनुवंशिकी जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत आनुवंशिकता और विभिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है। मेंडल ने जीव विज्ञान की इस शाखा आनुवंशिकी को अति महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था इसीलिए उन्हें आनुवंशिकी का जनक माना जाता है। उन्होंने मटर के दानों पर संकरण के तरह-तरह के प्रयोग किए थे और तीन नियमों को प्रतिपादित किया था।
(I) प्रभाविता का नियम (Law of Dominance)-संकरण में भाग लेने वाले पौधों का प्रभावी गुण प्रकट होता है और अप्रभावी गुण छिप जाता है।

(II) पृथक्करण का नियम (Law of Segregation)-युग्मकों की रचना के समय कारकों (genes) के जोड़े के कारक अलग-अलग हो जाते हैं। इन दोनों में से केवल एक युग्मक के पास पहुँचता है। दोनों कारक कभी भी एक साथ युग्मक में नहीं जाते।

(III) अपव्यूहन का नियम (Law of Independent Assortment)-जीवों के गुण के कारक एक-दूसरे को प्रभावित किए बिना अपने आप उन्मुक्त रूप से युग्मकों में जाते हैं और अपने आप को प्रकट करते हैं। उदाहरण के लिए, विसंकर क्रॉस की दूसरी पीढ़ी की संतानों में सभी कारकों के गुण अलग-अलग दिखाई देते हैं पर पहली पीढ़ी में अपने प्रभावी गुण ही प्रकट करते हैं।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
सभी स्पीशीज़ में विभिन्नताओं में अस्तित्व की समान संभावना क्यों नहीं होती ?
उत्तर-
सभी स्पीशीज़ में विभिन्नताओं में अस्तित्व की समान संभावना नहीं होती। प्रकृति के विभिन्न आधारों के कारण जीवों को अलग-अलग लाभ हो सकते हैं। गर्मी को झेलने की क्षमता वाले जीवाणुओं के अधिक गर्मी में बचे ‘ रहने की संभावना अधिक होती है। पर्यावरण उत्तम परिवर्तन (Variants) का जैव विकास प्रक्रम पर प्रभाव डालता

प्रश्न 2.
मानवों में लक्षणों की वंशागति किस बात पर आधारित होती है ?
उत्तर-
मानवों में लक्षणों की वंशागति इस बात पर आधारित होती है कि माता-पिता दोनों अपनी संतान में समान मात्रा में आनुवंशिक पदार्थ को स्थानांतरित करते हैं। संतान का प्रत्येक लक्षण पिता या माता के DNA से प्रभावित होता है।

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प्रश्न 3.
F1 संतति और F2 संतति क्या है ?
उत्तर-
प्रथम संतति F1 कहलाती है जिसमें माता-पिता के दो लक्षणों में से एक केवल पैतृक लक्षण दिखाई देता है जिसका अर्थ है कि उन दोनों में से केवल एक पैतृक लक्षण ही दिखाई देता है। स्वपरागण की अवस्था में F2 संतति दोनों के विकल्पी लक्षणों को प्रकट करती है।
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प्रश्न 4.
जीन लक्षणों को कैसे नियंत्रित करते हैं ?
उत्तर-
कोशिका में प्रोटीन संश्लेषण के लिए एक सूचना तंत्र होता है, DNA के जिस भाग में प्रोटीन संश्लेषण के लिए सूचना होती है वह प्रोटीन का जीन कहलाता है। जीवों के लक्षण इसी हॉर्मोन पर निर्भर करते हैं। हॉर्मोन की मात्रा उस प्रक्रम की दक्षता पर निर्भर करती है जिसके द्वारा ये उत्पादित होते हैं। यदि विशिष्ट प्रोटीन दक्षता से कार्य करेगी तो हॉर्मोन पर्याप्त मात्रा में उत्पन्न होगा और यदि प्रोटीन की दक्षता पर कुछ भिन्न प्रभाव पड़ता है तो कम दक्षता के कारण हॉर्मोन कम होगा। जीन ही लक्षणों को प्रभावित और नियंत्रित करते हैं।

प्रश्न 5.
जैव विविधता क्या है ?
उत्तर-
जैव विविधता-जैव विविधता या जीव भिन्नता पृथ्वी पर पाई जाने वाली विविध प्रकार की उन जैवीय प्रजातियों को कहते हैं जो अपने-अपने प्राकृतिक आवास क्षेत्रों में पाई जाती हैं। इसमें पेड़-पौधे, सूक्ष्म जीव, पशुपक्षी आदि सभी प्राणी सम्मिलित हैं।

प्रश्न 6.
जैव विविधता के विभिन्न स्तर कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-

  • आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity)
  • प्रजाति विविधता (Species Diversity) ।
  • परिस्थितिगत विविधता (Ecosystem Diversity) |

प्रश्न 7.
आनुवंशिक विविधता क्या है ?
उत्तर-
आनुवंशिक विविधता–अलग-अलग जीन की उपस्थिति के कारण उत्पन्न विविधता को आनुवंशिक विविधता कहते हैं। मनुष्यों में यह विविधता मंगोल, नीग्रो आदि में देखी जा सकती है।

प्रश्न 8.
पक्षियों का विकास डायनोसॉर से क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
डायनोसॉर सरीसृप थे। उनके विभिन्न जीवाश्मों में अस्थियों के साथ पंखों की छाप भी स्पष्ट रूप से मिलती है। तब शायद वे सब इन पंखों की सहायता से उड़ नहीं पाते होंगे पर बाद में पक्षियों ने पंखों से उड़ना सीख लिया होगा। इसीलिए पक्षियों को डायनोसॉर से संबंधित मान लिया जाता है।

प्रश्न 9.
आनुवंशिकता क्या है ?
उत्तर-
आनुवंशिकता-सभी जीवधारियों में कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जो उन्हें अपने से पहले पीढ़ियों से प्राप्त होते हैं। ये गुण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाते हैं। एक जीव से दूसरे जीव में पीढ़ी-दर-पीढ़ी लक्षणों का आगे जाना आनुवंशिकता कहलाती है।

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प्रश्न 10.
लिंग गुण सूत्र क्या है ?
उत्तर-
लिंग गुण सूत्र-मानवों में कुल 23 जोड़े गुण सूत्र होते हैं जिनमें से अंतिम तेइसवाँ जोड़ा लिंग गुण सूत्र (Sex Chromosome) कहलाता है। इसी के कारण कोई मानव नर या मादा के रूप में जन्म लेता है। नर में XY लिंग गुण सूत्र होते हैं पर मादा में XX लिंग गुण सूत्र होते हैं।

प्रश्न 11.
समजात अंग (Homologous Organs) को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
समजात अंग-जीव-जंतुओं के वे अंग, जिनकी उत्पत्ति और मूल संरचना में समानता होती है पर समय, परिस्थिति और कार्य के कारण उनकी बाहरी रचना में अंतर आ जाता है, उन्हें समजात अंग कहते हैं। उदाहरण-पक्षी के पंख, मेंढक की टाँगें, सील के फ्लीपर, चमगादड़ के पंख, घोड़े की अगली टाँगें और मनुष्य की बाजू की उत्पत्ति और संरचना समान है पर इनके कार्यों में अंतर है। ये इस बात को प्रमाणित करते हैं कि कभी सभी के पूर्वज एक जैसे ही थे। परिस्थितियों और समय ने उनमें परिवर्तन किए हैं।
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प्रश्न 12.
समरूप अंग क्या होते हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
समरूप अंगों-समरूप अंगों में कार्य की समानता होती है लेकिन उनकी उत्पत्ति और मूल संरचना में अंतर होता है। कीड़े, पक्षी चमगादड़ और चमगादड़ सभी पँखों का प्रयोग उड़ने के लिए करते हैं पर उनकी उत्पत्ति अलग-अलग ढंग से हुई थी।
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प्रश्न 13.
समजात अंग और समरूप अंग में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-

समजात अंग समरूप अंग
(i) इन अंगों की मूल रचना और उत्पत्ति समान नहीं होती। (i) इन अंगों की मूल रचना और उत्पत्ति एक एक समान होती है।
(ii) इनके कार्य समान नहीं होते हैं। उदाहरण-I. पक्षियों के पंख और मेंढक
II. मनुष्य की बाजू और घोड़े की अगली टांगें।
(ii) इनके कार्य समान होते हैं। उदाहरण-I. पक्षी और चमगादड़ के पंख। के अग्रपाद।
II. पक्षियों और कीटों के पंख।

प्रश्न 14.
मेंडल के आनुवंशिकता के प्रबलता के नियम की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
प्रबलता का नियम-जब पौधों के विपरीत लक्षणों के बीच संकरण कराया जाता है जो उनकी संतति में उन लक्षणों में से एक लक्षण ही प्रभावी रहता जबकि दूसरा विपरीत लक्षण अप्रभावी रहता है। प्रभावी लक्षण संतान में दिखाई देता है जबकि अप्रभावी लक्षण विद्यमान होते हुए भी दिखाई नहीं देता।
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मेंडल के द्वारा किए गए मटरों के प्रयोग में पहली पीढ़ी में सभी पौधे शुद्ध लंबे थे परंतु दूसरी पीढ़ी में एक शुद्ध लंबा पौधा, दो संकरे लंबे तथा एक शुद्ध बौना पौधा था।

प्रश्न 15.
मेंडल के मटर के पौधों पर प्रयोग से क्या परिणाम निकले ?
उत्तर–
मेंडल के मटर के पौधों पर किए प्रयोग से निम्नलिखित परिणाम निकले

  • पौधों में लक्षण कुछ इकाइयों द्वारा नियंत्रित होते हैं। उन्हें कारक कहा जाता है। प्रत्येक लक्षण के लिए युग्मक में एक कारक होता है, जैसे लंबाई, फूल का रंग।
  • एक लक्षण को दो कारकों द्वारा ही व्यक्त किया जाता है, जैसे TT या tt |

प्रश्न 16.
युग्मकों की शुद्धता का नियम क्या है ?
उत्तर-
गुणसूत्रों पर जीन हमेशा जोड़े में विद्यमान होती हैं जैसे TT या tt । युग्मक में ये जीन अलग-अलग हो जाते हैं और अलग हुआ एक जीन एक गुण के लिए बिल्कुल शुद्ध होता है। युग्मक संयोग के बाद युग्मनज में एक जीन पिता से और एक जीन माता से (एक ही गुण वाले) समान जीन एकत्रित हो जाते हैं और ये दोनों जीन एक लक्षण के लिए उत्तरदायी होते हैं। इस नियम को युग्मकों की शुद्धता का नियम कहते हैं।

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प्रश्न 17.
जीन कहाँ स्थित होते हैं ? इनकी रासायनिक प्रकृति क्या है ?
उत्तर-
जीन-जीन आनुवंशिकता की अंतिम इकाई है जिसके द्वारा पैतृक गुण संतानों में स्थानांतरित होते हैं। यह DNA के खंड होते हैं। जीन गुणसूत्रों पर स्थित होते हैं। न्यूक्लियोटाइडस का विशिष्ट क्रम इसकी क्रियात्मक विशिष्टता को निर्धारित करता है। जीन को किसी विशेष एंजाइम से काटा जा सकता है और उसे किसी अन्य जीव के जीन के साथ जोड़ा जा सकता है।

प्रश्न 18.
लिंग गुणसूत्रों और अलिंग गुणसूत्रों में अंतर लिखिए।
उत्तर-

लिंग गुणसूत्र अलिंग गुणसूत्र
(1) ये लिंग निर्धारण से संबंधित होते हैं। (1) ये लिंग निर्धारण से संबंधित नहीं होते।
(2) मनुष्य में केवल दो लिंग गुणसूत्र X और Y होते हैं। (2) मनुष्य में 44 अलिंग गुणसूत्र होते हैं।
(3) मानव नर में XY तथा मानव मादा में XX लिंग गुणसूत्र होते हैं। (3) इन गुण सूत्रों को 1 से 22 तक संख्या प्रदान की गई है।

प्रश्न 19.
विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज़ की उत्तरजीविता किस प्रकार बढ़ जाती है?
उत्तर-
लाभकारी विभिन्नताएं जीन को वातावरण की अवश्यकताओं के अनुकूल बनाती हैं। जो उसे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाती है। ऐसा होने पर जीन की उस स्पीशीज़ की उत्तरजीविता में वृद्धि होती है।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मानव नर और मादा में कितने जोड़े गुण सूत्र होते हैं ?
उत्तर-
23 जोड़े।

प्रश्न 2.
स्त्रियों में कौन-सा लिंग गुणसूत्र होता है ?
उत्तर-
‘XX’ गुणसूत्र।

प्रश्न 3.
पुरुषों में कौन-सा लिंग गुणसूत्र होता है ?
उत्तर-
‘XY’ गुणसूत्र।

प्रश्न 4.
बच्चे के लिंग का निर्धारण किसके गुणसूत्र पर निर्भर करता है।
उत्तर-
पिता के ‘Y’ गुणसूत्र पर।

प्रश्न 5.
डार्विन ने किस सिद्धांत की परिकल्पना की थी ?
उत्तर-
प्राकृतिक वरण द्वारा जैव विकास।

प्रश्न 6.
जीवाश्म क्या होते हैं ?
उत्तर-
जीवाश्म-जीवों के चट्टानों में परिरक्षित अवशेष जीवाश्म कहलाते हैं।

प्रश्न 7.
आनुवंशिकता किसे कहते हैं ?
उत्तर–
प्राणियों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलने वाले पूर्वजों के लक्षणों और गुणों को आनुवंशिकता कहते हैं।

प्रश्न 8.
विभिन्नता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
समान माता-पिता और समान जाति होने पर भी संतानों में रंग-रूप, बुद्धिमता, कद आदि में अंतर पाया जाता है। इसी को विभिन्नता कहते हैं।

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प्रश्न 9.
मानव शरीर में लगभग कितनी जीन होती हैं ?
उत्तर-
30000 से 40000 तक।

प्रश्न 10.
जीन कहाँ विद्यमान होती हैं ?
उत्तर-
जीन गुणसूत्रों पर निश्चित स्थान पर विद्यमान होती हैं।

प्रश्न 11.
AIDS का वायरस HIV कैसा होता है ?
उत्तर-
रेट्रो वायरस।

प्रश्न 12.
जीन का क्या कार्य होता है ?
उत्तर-
आनुवंशिक लक्षणों का निर्धारण, नियंत्रण और वहन।

प्रश्न 13.
DNA तथा RNA का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-
DNA = डी ऑक्सीरिबो न्यूक्लिक अम्ल।
RNA = रिबो न्यूक्लिक अम्ल।

प्रश्न 14.
ऑटोसोम्स किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मनुष्य में 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं। लिंग गुणसूत्रों का जोड़ा 23वां होता है। शेष 22 जोड़े ऑटोसोम्स कहलाते हैं।

प्रश्न 15.
समजात अंग क्या होते हैं ?
उत्तर–
समजात अंग –वे अंग जिनकी उत्पत्ति और मूल रचना समान हो पर उनके कार्य भिन्न हों।

प्रश्न 16.
समवृत्ति अंग किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वे अंग जिनके कार्यों में समानता है पर उनकी उत्पत्ति और मूल रचना भिन्न हो।

प्रश्न 17.
मानव शरीर में कौन-कौन से अवशेषी अंग हैं ?
उत्तर–
कर्ण पल्लव की पेशियाँ, कृमि रूप परिशेषिका, पुच्छ कशेरुक, निमेषक पटल।

प्रश्न 18.
बायोजेनेटिक नियम लिखिए।
उत्तर-
जीव जंतु भ्रूण-विकास के समय अपने पूर्वजों के जातीय विकास की उत्तरोतर अवस्थाओं को प्रकट करता है। इस नियम को ‘व्यक्ति वृत्त में जातिवृत्त की पुनरावृत्ति’ (Ontogeny Repeats Phylogeny) भी कहते हैं।

प्रश्न 19.
आनुवंशिक इंजीनियरी में कौन-सी क्रिया की जाती है ? ।
उत्तर-
DNA या जीन के एक टुकड़े को काटकर किसी दूसरे जीवधारी की DNA के साथ विशिष्ट एंजाइम की सहायता से जोड़ने की क्रिया आनुवंशिक इंजीनियरी में की जाती है।

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प्रश्न 20. ‘
फॉसिल डेटिंग’ किसे कहते हैं ?
उत्तर-जिसमें जीवाश्म में पाए जाने वाले किसी एक तत्त्व के विभिन्न समस्थानिकों के अनुपात के आधार पर जीवाश्म का समय निर्धारित किया जाता है उसे फॉसिल डेटिंग कहते हैं।

प्रश्न 21.
प्रभावी लक्षण क्या होते हैं ?
उत्तर-
प्रभावी लक्षण-वे विषय जो समयुग्म तथा विषम युग्मजी दोनों अवस्थाओं में प्रकट कर सकते हैं, प्रभावी लक्षण कहलाते हैं।

प्रश्न 22.
चित्र में दर्शाए गए अंग किस प्रकार के अंगों को दर्शाते हैं ?
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उत्तर-
समजात अंग।

प्रश्न 23.
नीचे दिए गये चित्र में जीव-विकास के दृष्टिकोण से चित्र में दिखाए अंग किस प्रकार के अंग हैं ?
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उत्तर-
दोनों के कार्य करने में समानता है परन्तु इनकी उत्पत्ति तथा मूल रचना में अंतर होता है, इसलिए इन्हें समरूप अंग (Analogous organ) कहते हैं।

प्रश्न 24.
नीचे दर्शाए गए चित्र में (क) और (ख) का लिंग लिखें।
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उत्तर-
(क) मादा (ख) नर।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न | (Objective Type Questions)
बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मेंडल के एक प्रयोग में लंबे मटर के पौधे जिनके बैंगनी पुष्प थे, का संकरण बौने पौधों जिनके सफ़ेद पुष्प थे, से कराया गया। इनकी संतति के सभी पौधों में पुष्प बैंगनी रंग के थे। परंतु उनमें से लगभग आधे बौने थे। इससे कहा जा सकता है, लंबे जनक पौधों की आनुवंशिक रचना निम्न थी –
(a) TTww
(b) TTww
(c) Tt ww
(d) Tt Ww.
उत्तर-
(c) TtWW.

प्रश्न 2.
समजात अंगों के उदाहरण हैं
(a) हमारा हाथ तथा कुत्ते के अग्रपाद
(b) हमारे दाँत तथा हाथी के दाँत
(c) आलू एवं घास के उपरिभूस्तारी
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 3.
विकासीय दृष्टिकोण से हमारी किससे अधिक समानता है
(a) चीन के विद्यार्थी
(b) चिंपैंजी
(c) मकड़ी
(d) जीवाणु।
उत्तर-
(a) चीन के विद्यार्थी।

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प्रश्न 4.
‘AB’ रक्त वर्ग तथा ‘0’ रक्त वर्ग वाले माता-पिता की सन्तति हो सकती है
(a) ‘A’ रक्त वर्ग की
(b) ‘0’ रक्त वर्ग की
(c) ‘AB’ रक्त वर्ग की।
(d) ‘A’ या ‘B’ रक्त वर्ग की।
उत्तर-
(d) ‘A’ या ‘B’ रक्त वर्ग की।

प्रश्न 5.
अवशेषी अंग का उदाहरण नहीं है
(a) कीवी के पंख
(b) मनुष्य के रदनक दांत
(c) व्हेल का पाद
(d) सर्प की श्रेणी मेखला।
उत्तर-
(c) व्हेल का पाद।

प्रश्न 6.
समजात अंग का उदाहरण नहीं है
(a) मनुष्य के नाखून तथा बिल्ली के पंजे
(b) मनुष्य के हाथ और कुत्ते के अग्रपाद
(c) चिड़िया तथा चमगादड़ के पंख
(d) मनुष्य और हाथी के दाँत।
उत्तर-
(c) चिड़िया तथा चमगादड़ के पंख।।

प्रश्न 7.
कौन-सा एक टैस्ट क्रॉस को दर्शाता है ?
(a) TT x TT
(b) Tt x tt
(c) ttx tt
(d) Tt x Tt.
उत्तर-
(b) Tt x tt.

प्रश्न 8.
कोई लड़की अपने पिता से किस गुण-सूत्र को प्राप्त करती है ?
(a) X
(b) Y
(c) XY
(d) 0.
उत्तर-
(a) X.

प्रश्न 9.
कोई लड़का अपने पिता से किस गुण-सूत्र को प्राप्त करता है ?
(a) X
(b) Y
(c) XY
(d) O.
उत्तर-
(b) Y.

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(i) दो जीवों की अंग रचना एक समान परंतु कार्य अलग-अलग ……………………… हों तो उन्हें कहते हैं।
उत्तर-
समजात

(ii) प्राणियों में लक्षणों को ……………………… नियंत्रित करते हैं।
उत्तर-
जीन

(iii) हावी गुण को ………………………. तथा दब्बू गुण को ……………………… कहते हैं।
उत्तर-
प्रभावी, अप्रभावी

(iv) बच्चों के लिंग का निर्धारण ………………………. के गुणसूत्र पर निर्भर करता है।
उत्तर-
पिता

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(v) मेंडल ने अपने मठ के बगीचे में मटर के पौधों पर, लगभग ……………………………. प्रयोग किए।
उत्तर-
10,000।

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