Punjab State Board PSEB 12th Class Economics Book Solutions Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 12 Economics Chapter 4 राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं
PSEB 12th Class Economics राष्ट्रीय आय की अवधारणाएं Textbook Questions and Answers
I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
प्रश्न 1.
साधन आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
साधन आय से अभिप्राय उत्पादन के साधनों को काम करने के बदले में आय, लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ के रूप में प्राप्त होती है।
प्रश्न 2.
हस्तान्तरण आय (Transfare Payments) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
हस्तान्तरण भुगतान वह भुगतान है जो बिना किसी सेवा प्रदान किए ही दिए जाते हैं। जैसे कि बुढ़ापा पैन्शन, बेरोज़गारी भत्ता, इत्यादि।
प्रश्न 3.
घरेलू साधन आय को परिभाषित करो।
उत्तर-
घरेलू साधन आय एक देश के घरेलू क्षेत्र में उत्पादन के साधनों को काम करने के बदले में जो आय प्राप्त होती है, उसको घरेलू साधन आय कहा जाता है।
प्रश्न 4.
बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पादन (GNPAP) को परिभाषित करो।
उत्तर-
एक वर्ष में एक देश में उत्पादित वस्तुओं तथा सेवाओं के बाजार कीमत के मूल्य को बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है। इसमें विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को भी शामिल किया जाता है।
प्रश्न 5.
बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPL) को परिभाषित करो।
उत्तर-
एक वर्ष में एक देश में उत्पादन वस्तुओं तथा सेवाओं के बाज़ार कीमत पर मूल्य के योग को बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है, यदि इसमें से मशीनों की मूल्य घिसावट घटा दी जाए तो इसको बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) कहते हैं।
प्रश्न 6.
साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP at Factor Cost) को परिभाषित करो।
उत्तर-
साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद का अर्थ उत्पादन के साधनों को सेवाएं प्रदान करने के बदले में लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ के रूप में प्राप्त होने वाली आय का योग होता है। इसमें मशीनों की घिसावट का मूल्य भी शामिल होता है।
प्रश्न 7.
साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन (NNP at Factor Cost) को परिभाषित करो।
अथवा
राष्ट्रीय आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
उत्पादन के साधनों द्वारा एक वर्ष में जो लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ के रूप में आय प्राप्त की जाती है, उसके योग में से यदि मशीनों की घिसावट (Depreciation) को घटा दिया जाए तो इसको साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है।
प्रश्न 8.
घरेलू साधन आय में क्या शामिल किया जाए जिससे राष्ट्रीय आय प्राप्त हो जाती है ?
उत्तर-
घरेलू साधन उत्पादन देश के निवासियों द्वारा देश की घरेलू सीमा के अन्दर प्राप्त की गई आय होती है। यदि हम इस आय में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को शामिल कर लेते हैं तो राष्ट्रीय आय प्राप्त हो जाती है।
प्रश्न 9.
घरेलू साधन आय, राष्ट्रीय आय से अधिक कब होती है ?
उत्तर-
घरेलू साधन आय में उत्पादन के साधनों द्वारा लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ को शामिल किया जाता है। यदि हम घरेलू साधन आय में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय जोड़ लेते हैं तो इसको राष्ट्रीय आय कहा जाता है। घरेलु साधन आय, राष्ट्रीय आय से अधिक होगी, यदि विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय ऋणात्मक होती है।
प्रश्न 10.
सकल घरेलू उत्पाद, सकल राष्ट्रीय उत्पाद के समान कब होता है ?
उत्तर-
देश की घरेलू सीमा में निवासियों द्वारा एक वर्ष में उत्पादित वस्तुओं तथा सेवाओं के योग को सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं। इसमें विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को शामिल किया जाए तो सकल राष्ट्रीय उत्पाद प्राप्त होता है। सकल घरेलू उत्पाद, सकल राष्ट्रीय उत्पाद के समान होता है, जब विदेशों से प्राप्त साधन आय शून्य होती है।
प्रश्न 11.
घरेलू साधन आय, राष्ट्रीय आय से अधिक कब होती है ?
उत्तर-
जब विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय ऋणात्मक होती है तो घरेलू साधन आय, राष्ट्रीय आय से अधिक होती है।
प्रश्न 12.
हरे सकल घरेलू उत्पाद (Green GNP) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
जब सकल राष्ट्रीय उत्पाद में वृद्धि से निर्धनता तथा प्रदूषण नहीं फैलता तथा जब सकल राष्ट्रीय उत्पादन में वृद्धि प्राकृतिक वातावरण के दुरुपयोग तथा विकास के लाभों का समान वितरण करता है तो इसको अर्थशास्त्री हरे सकल घरेलू उत्पादन (Green GNP) का नाम देते हैं।
प्रश्न 13.
कौन सी मदें हैं जो सकल राष्ट्रीय उत्पाद (G.N.P.) में से बाहर निकाली जाती हैं ?
उत्तर-
निम्नलिखित मदें सकल राष्ट्रीय उत्पाद में शामिल नहीं की जाती :
- घर की गृहिणी द्वारा घर का काम करना
- पिता का अपने पुत्र को पढ़ाना
- गैर-कानूनी क्रियाएं (समगलिंग, जुआ इत्यादि)।
प्रश्न 14.
गैर-बाज़ार क्रियाओं का अर्थ स्पष्ट करो।
उत्तर-
गैर-बाज़ार क्रियाओं में उन सेवाओं को शामिल किया जाता है, जो बाज़ार में बिकने के लिए नहीं आती।
प्रश्न 15.
आराम (Leisure) को सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) में शामिल नहीं किया जाता है। कारण बताओ।
उत्तर-
आराम को सकल राष्ट्रीय उत्पाद में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि(i) आराम (Leisure) द्वारा आय की सृजना नहीं होती। (ii) ऐसी क्रिया के मूल्य का माप नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 16.
क्या निम्नलिखित क्रियाओं को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है ? कारण बताओ।
(i) लॉटरी द्वारा ईनाम प्राप्त करना।
(ii) नई कार की खरीद।
उत्तर-
(i) लाटरी द्वारा ईनाम प्राप्त करना-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि इससे मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होती।
(ii) नई कार की खरीद-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है।
प्रश्न 17.
क्या निम्नलिखित क्रियाओं को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है ? कारण बताओ।
(i) स्वयं-उपभोग के लिए रखा उत्पादन।
(ii) बुढ़ापा पैन्शन।
उत्तर-
(i) स्वयं उपभोग के लिए रखा उत्पादन- इसको राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है।
(ii) बुढ़ापा पैन्शन-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि इससे मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होती।
प्रश्न 18.
क्या निम्नलिखित आय को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है ?
(i) विदेशी बैंक द्वारा भारत में से प्राप्त आय।
(ii) शेयरों की बिक्री से आय।
उत्तर
(i) विदेशी बैंक द्वारा भारत में से प्राप्त आय-इस बैंक द्वारा प्राप्त आय को भारत की राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है, क्योंकि यह ब्रांच भारत में स्थित है।
(ii) शेयरों की बिक्री से आय-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि शेयरों की बिक्री से वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन नहीं होता।
प्रश्न 19.
राष्ट्रीय आय तथा घरेलू आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
घरेलू आय देश के साधारण निवासियों द्वारा देश की घरेलू सीमा के अन्दर प्राप्त की साधन आय लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ का योग है। यदि हम इस आय में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन जोड़ लेते हैं तो राष्ट्रीय आय प्राप्त होती है। राष्ट्रीय आय = घरेलू आय + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय|
प्रश्न 20.
चालू कीमतों पर राष्ट्रीय आय तथा स्थिर कीमतों पर राष्ट्रीय आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
जब राष्ट्रीय आय का माप प्रचलित कीमतों पर किया जाता है तो इसको चालू कीमतों पर राष्ट्रीय आय कहा जाता है। जब राष्ट्रीय आय का माप स्थिर कीमतों पर किया जाता है तो इसको वास्तविक आय कहा जाता है।
प्रश्न 21.
सकल राष्ट्रीय उत्पादन के बढ़े मूल्य को घटाने से क्या उद्देश्य है ?
उत्तर-
चालू कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पादन को वास्तविक कीमतों (आधार वर्ष की कीमतों) के मापने को सकल राष्ट्रीय उत्पादन के बढ़े मूल्य को घटाना (GNP deflator) कहा जाता है।
GNP deflator = \(\frac{\text { Nominal GNP }}{\text { Real GNP }} \times 100\)
प्रश्न 22.
परिभाषित करो
(a) मौद्रिक सकल राष्ट्रीय उत्पाद
(b) वास्तविक सकल राष्ट्रीय उत्पाद।
उत्तर-
(a) मौद्रिक सकल राष्ट्रीय उत्पाद (Nominal G.N.P.)-यदि सकल राष्ट्रीय उत्पाद का माप चालू बाज़ार की कीमत पर किया जाता है तो इसको मौद्रिक सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है।
(b) वास्तविक सकल राष्ट्रीय उत्पाद (Real GNP)-सकल राष्ट्रीय उत्पाद को स्थिर कीमतों पर मापा जाता है तो इसको वास्तविक सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है।
प्रश्न 23.
घिसावट (Depreciation) से क्या अभिप्राय है ?
अथवा
स्थिर पूंजी के उपभोग से क्या अभिप्राय है ? इसके मुख्य अंश बताओ।
उत्तर-
घिसावट को स्थिर पूंजी का उपभोग भी कहा जाता है, जब स्थिर भण्डारों का प्रयोग किया जाता है तो इनके मूल्य की कमी को घिसावट कहा जाता है। घिसावट में-
- साधारण टूट-फूट पर घिसाई
- नई तकनीकों के आविष्कार से पुरानी मशीनों का प्रयोग न होना
- मशीनों का खराब होना शामिल होता है।
प्रश्न 24.
अंतिम वस्तुओं तथा मध्यवर्ती वस्तुओं में क्या अन्तर होता है ? उदाहरण सहित स्पष्ट करो।
उत्तर-
मध्यवर्ती उपभोग (Intermediate Goods)- यह वह वस्तुएं होती हैं, जिनका प्रयोग अन्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए अथवा पुनः बिक्री के लिए किया जाता है।
अन्तिम वस्तुएं (Final Goods)-वह वस्तुएं होती हैं जो अन्तिम उपभोग अथवा निवेश के लिए प्रयोग की जाती हैं, जैसे कि होटल वाले के लिए आटा मध्यवर्ती वस्तु है तथा परिवारों के लिए आटा अन्तिम वस्तु है।
प्रश्न 25.
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
एक देश के साधारण निवासियों द्वारा एक वर्ष में एक देश में जो साधन आय का योग होता है, उसको राष्ट्रीय आय कहा जाता है। राष्ट्रीय आय में यदि हम शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण शामिल कर लेते हैं तो इसको शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय कहा जाता है।
प्रश्न 26.
बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद तथा राष्ट्रीय व्यय योग्य आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
राष्ट्रीय व्यय योग्य आय एक देश के साधारण निवासियों को एक वर्ष में सभी साधनों द्वारा प्राप्त आय होती है, जिसको वह उपभोग अथवा बचत कर सकते हैं। बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन में शेष विश्व से अन्य चालू हस्तान्तरण योगकर राष्ट्रीय व्यय योग्य आय प्राप्त होती है।
National Disposable Income = NNP Mp + Other Current Transfers from the rest of the World
अथवा
Gross National Disposable Income = GNP Mp + Other Current Transfers from the rest of the World.
प्रश्न 27.
निजी आय (Private Income) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
निजी क्षेत्र को सभी साधनों द्वारा जो कुल आय प्राप्त होती है, जिसमें चालू हस्तान्तरण आय को भी शामिल किया जाए तो इसके योग को निजी आय कहा जाता है।
प्राइवेट आय =
(i) शुद्ध घरेलू उत्पाद से प्राप्त निजी क्षेत्र की आय + (ii) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय + (iii) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज + (iv) सरकार से प्राप्त चालू हस्तान्तरण +(v) शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण।
प्रश्न 28.
चालू हस्तान्तरण तथा पूंजी हस्तान्तरण से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
- चालू हस्तान्तरण (Current Transfers)-चालू हस्तान्तरण वह हस्तान्तरण होती है, जो अदा करने वाले द्वारा चालू आय में से उपभोग व्यय के लिए लोगों को दी जाती है।
- पूंजी हस्तान्तरण (Capital Transfers)-पूंजी हस्तान्तरण वह हस्तान्तरण है जो अदा करने वाले द्वारा धन अथवा बचत में से प्राप्त करने वाले के धन अथवा बचत के लिए दी जाती है।
प्रश्न 29.
व्यक्तिगत आय (Personal Income) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
व्यक्तिगत आय वह आय है, जोकि व्यक्तियों द्वारा साधन आय के रूप में अथवा चालू हस्तान्तरण के रूप में सभी साधनों से प्राप्त की जाती है।
प्रश्न 30.
निजी आय तथा व्यक्तिगत आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
व्यक्तिगत आय = निजी आय (-) निगम कर-निगम बचत अथवा निगमों के अनवितरण लाभ। इससे ज्ञात होता है कि निजी आय विशाल धारणा है, जबकि व्यक्तिगत आय इसका भाग है। निजी आय में से निगम कर तथा निगम बचत घटाकर व्यक्तिगत आय प्राप्त की जाती है।
प्रश्न 31.
वह नागरिक जो एक देश में रहते हैं और उनके हित उस देश से जुड़े होते हैं, को ……… कहते हैं।
(क) विदेशी नागरिक
(ख) प्रवासी नागरिक
(ग) साधारण नागरिक
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) साधारण नागरिक।
प्रश्न 32.
अप्रत्यक्ष कर और आर्थिक सहायता के अन्तर को …….. कहते हैं।
(क) सकल अप्रत्यक्ष कर
(ख) प्रत्यक्ष कर
(ग) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर।
प्रश्न 33.
उपभोग के लिए अन्तिम वस्तुओं के उपभोग को ………. कहते हैं।
(क) निवेश व्यय
(ख) उपभोग व्यय
(ग) राष्ट्रीय आय
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ख) उपभोग व्यय।
प्रश्न 34.
अप्रत्यक्ष कर तथा आर्थिक सहायता के अन्तर को …………. कहते हैं।
उत्तर-
शुद्ध अप्रत्यक्ष कर।
प्रश्न 35.
व्यक्तियों को सभी स्रोतों से असल में प्राप्त आय और हस्तातरण भुगतान के योग को ……….. कहते हैं।
उत्तर-
निजी आय।
प्रश्न 36.
वह भुगतान जो किसी बगैर किसी सेवा के प्रदान किए जाते हैं, को ….. कहते हैं।
उत्तर-
हस्तांतरण भुगतान।
प्रश्न 37.
बाज़ार कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) में है। …….. किया जाए तो बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद प्राप्त होता है।
(क) घिसावट
(ख) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
(ग) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय।
प्रश्न 38.
बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) ………… = बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP).
उत्तर-
घिसावट।
प्रश्न 39.
बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMD)………….. साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPFC)
उत्तर-
शुद्ध अप्रत्यक्ष कर।
प्रश्न 40.
बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPM) (-) ………….. साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) अथवा राष्ट्रीय आय (Material Income)
उत्तर-
शुद्ध अप्रत्यक्ष कर।
प्रश्न 41.
साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPR) (-) ……….. = राष्ट्रीय आय (National Income)
उत्तर-
घिसावट।
प्रश्न 42.
निजी आय (-) निगमकर (-) निगमों को आबंटित लाभ ……….
उत्तर-
व्यक्तिगत आय।
प्रश्न 43.
वह वस्तुएँ जिनका प्रयोग और वस्तुओं के उत्पादन अथवा पुनः बिक्री के लिए किया जाता है को ……………….. कहते हैं।
उत्तर-
मध्यवर्ती वस्तुएँ।
प्रश्न 44.
वह वस्तुएँ जिनका प्रयोग अन्तिम उपभोग अथवा निवेश के लिए किया जाता है, को …….. कहते हैं।
उत्तर-
अन्तिम वस्तुएँ।
II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
साधन आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
साधन आय से अभिप्राय उत्पादन के साधनों को काम करने के बदले में आय, लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ के रूप में प्राप्त होती है। उत्पादन प्रक्रिया में सेवाएं प्रदान करने के बदले में प्राप्त होने वाली आय को साधन आय कहा जाता है।
प्रश्न 2.
हस्तान्तरण आय (Transfer Payments) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
हस्तान्तरण भुगतान वह भुगतान है जो बिना किसी सेवा प्रदान किए ही दिए जाते हैं। यह एक-तरफा भुगतान होते हैं, जैसे कि बुढ़ापा पैन्शन, बेरोज़गारी भत्ता, इत्यादि।
प्रश्न 3.
घरेलू साधन आय को परिभाषित करो।
उत्तर-
घरेलू साधन आय एक देश के घरेलू क्षेत्र में उत्पादन के साधनों को काम करने के बदले में जो आय प्राप्त होती है, उसको घरेलू साधन आय कहा जाता है।
प्रश्न 4.
बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पादन (GNPL) को परिभाषित करो।
उत्तर-
एक वर्ष में एक देश में उत्पादित वस्तुओं तथा सेवाओं के बाजार कीमत के मूल्य को बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है। इसमें विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को भी शामिल किया जाता है।
प्रश्न 5.
बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPM) को परिभाषित करो।
उत्तर-
एक वर्ष में एक देश में उत्पादन वस्तुओं तथा सेवाओं के बाजार मूल्य के योग को बाजार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है, यदि इसमें से मशीनों की मूल्य घिसावट घटा दी जाए तो इसको बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) कहते हैं।
NNPMP = GNPMP – Depreciation
प्रश्न 6.
साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP at Factor Cost) को परिभाषित करो।
उत्तर-
साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद का अर्थ उत्पादन के साधनों को सेवाएं प्रदान करने के बदले में लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ के रूप में प्राप्त होने वाली आय का योग होता है। इसमें मशीनों की घिसावट का मूल्य भी शामिल होता है।
प्रश्न 7.
साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन (NNP at Factor Cost) को परिभाषित करो।
अथवा
राष्ट्रीय आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
उत्पादन के साधनों द्वारा एक वर्ष में जो लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ के रूप में आय प्राप्त की जाती है, उसके योग में से यदि मशीनों की घिसावट (Depreciation) को घटा दिया जाए तो इसको साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद कहा जाता है।
प्रश्न 8.
घरेलू साधन आय में क्या शामिल किया जाए जिससे राष्ट्रीय आय प्राप्त हो जाए ?
उत्तर-
घरेलू साधन उत्पादन देश के निवासियों द्वारा देश की घरेलू सीमा के अन्दर प्राप्त की गई आय होती है। यदि हम इस आय में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को शामिल कर लेते हैं तो राष्ट्रीय आय प्राप्त हो जाती है।
प्रश्न 9.
घरेलू साधन आय, राष्ट्रीय आय से अधिक कब होती है ?
उत्तर-
घरेलू साधन आय में उत्पादन के साधनों द्वारा लगान, मज़दूरी, ब्याज तथा लाभ को शामिल किया जाता है। यदि हम घरेलू साधन आय में विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय जोड़ लेते हैं तो इसको राष्ट्रीय आय कहा जाता है। घरेलू साधन आय, राष्ट्रीय आय से अधिक होगी, यदि विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय ऋणात्मक होती है।
प्रश्न 10.
क्या निम्नलिखित क्रियाओं को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है ? कारण बताओ।
(i) लॉटरी द्वारा ईनाम प्राप्त करना।
(ii) नई कार की खरीद।
उत्तर-
(i) लाटरी द्वारा ईनाम प्राप्त करना-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि इससे मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होती।।
(ii) नई कार की खरीद-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है।
प्रश्न 11.
क्या निम्नलिखित क्रियाओं को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है ? कारण बताओ।
(i) स्वयं-उपभोग के लिए रखा उत्पादन
(ii) बुढ़ापा पैन्शन।
उत्तर-
(i) स्वयं उपभोग के लिए रखा उत्पादन
(ii) बुढ़ापा पैन्शन-इसको राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि इससे मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होती।
प्रश्न 12.
घिसावट (Depreciation) से क्या अभिप्राय है ?
अथवा
स्थिर पूंजी के उपभोग से क्या अभिप्राय है ? इसके मुख्य अंश बताओ।
उत्तर-
घिसावट को स्थिर पूंजी का उपभोग भी कहा जाता है, जब स्थिर भण्डारों का प्रयोग किया जाता है तो इनके मूल्य की कमी को घिसावट कहा जाता है। घिसावट में-
- साधारण टूट-फूट पर घिसाई
- नई तकनीकों के आविष्कार से पुरानी मशीनों का प्रयोग न होना
- मशीनों का खराब होना शामिल होता है।
प्रश्न 13.
अंतिम वस्तुओं तथा मध्यवर्ती वस्तुओं में क्या अन्तर होता है ? उदाहरण सहित स्पष्ट करो।
उत्तर-
मध्यवर्ती उपभोग (Intermediate Goods)-यह वह वस्तुएं होती हैं, जिनका प्रयोग अन्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए अथवा पुनः बिक्री के लिए किया जाता है। अन्तिम वस्तुएं (Final Goods)-वह वस्तुएं होती हैं जो अन्तिम उपभोग अथवा निवेश के लिए प्रयोग की जाती हैं, जैसे कि होटल वाले के लिए आटा मध्यवर्ती वस्तु है तथा परिवारों के लिए आटा अन्तिम वस्तु है।
प्रश्न 14.
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
एक देश के साधारण निवासियों द्वारा एक वर्ष में एक देश में जो साधन आय का योग होता है, उसको राष्ट्रीय आय कहा जाता है। राष्ट्रीय आय में यदि हम शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण शामिल कर लेते हैं तो इसको शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय कहा जाता है।
प्रश्न 15.
निजी आय (Private Income) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
निजी क्षेत्र को सभी साधनों द्वारा जो कुल आय प्राप्त होती है, जिसमें चालू हस्तान्तरण आय को भी शामिल किया जाए तो इसके योग को निजी आय कहा जाता है।
प्राइवेट आय = (i) शुद्ध घरेलू उत्पाद से प्राप्त निजी क्षेत्र की आय + (ii) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय + (iii) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज + (iv) सरकार से प्राप्त चालू हस्तान्तरण + (v) शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण।
प्रश्न 16.
चालू हस्तान्तरण तथा पूंजी हस्तान्तरण से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
- चालू हस्तान्तरण (Current Transfers)-चालू हस्तान्तरण वह हस्तान्तरण होती है, जो अदा करने वाले द्वारा चालू आय में से उपभोग व्यय के लिए लोगों को दी जाती है।
- पूंजी हस्तान्तरण (Capital Transfers)-पूंजी हस्तान्तरण वह हस्तान्तरण है जो अदा करने वाले द्वारा धन अथवा बचत में से प्राप्त करने वाले के धन अथवा बचत के लिए दी जाती है।
प्रश्न 17.
व्यक्तिगत आय (Personal Income) से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
व्यक्तिगत आय वह आय है, जोकि व्यक्तियों द्वारा साधन आय के रूप में अथवा चालू हस्तान्तरण के रूप में सभी साधनों से प्राप्त की जाती है।
प्रश्न 18.
निजी आय तथा व्यक्तिगत आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
व्यक्तिगत आय = निजी आय (-) निगम कर-निगम बचत अथवा निगमों के अनवितरण लाभ। इससे ज्ञात होता है कि निजी आय विशाल धारणा है, जबकि व्यक्तिगत आय इसका भाग है। निजी आय में से निगम कर तथा निगम बचत घटाकर व्यक्तिगत आय प्राप्त की जाती है।
प्रश्न 19.
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय से क्या अभिप्राय है ?
अथवा
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय तथा व्यक्तिगत आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय वह आय है जोकि एक देश के व्यक्ति तथा परिवार उपभोग पर व्यय कर सकते हैं अथवा बचत कर सकते हैं। निजी व्यय योग्य आय तथा निजी आय में अन्तर इस प्रकार है व्यक्तिगत व्यय योग्य आय = व्यक्तिगत आय-व्यक्तिगत प्रत्यक्ष कर-सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की फीस तथा जुर्माने।
प्रश्न 20.
बाज़ार कीमतों पर कुल घरेलू उत्पाद से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
एक वर्ष में एक देश में देश के साधारण निवासियों द्वारा जो अन्तिम वस्तुएं तथा सेवाएं प्रदान की जाती हैं उसके बाज़ार मूल्य को बाज़ार कीमतों पर कुल घरेलू उत्पाद (GDP at market Price) कहा जाता है।
III. लयु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
साधन आय के अंश बताओ।
उत्तर-
साधन आय के अंश इस प्रकार हैं-
- कर्मचारियों का मेहनताना-उद्यमियों द्वारा कर्मचारियों को नकद मज़दूरी तथा वेतन अथवा बोनस में मेहनताना दिया जाता है तथा इन कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा योजना में पाए गए योगदान को कर्मचारियों का मेहनताना कहते हैं। इसको साधन आय में शामिल किया जाता है।
- प्रचालन बेशी-इसमें जायदाद से आय तथा उद्यमवृत्ति से आय को शामिल किया जाता है। इसमें लगान,ब्याज तथा लाभ को शामिल किया जाता है। (लाभ = लाभांश + निगम कर + अवितरित लाभ)
- मिश्रित आय–निजी इकाइयों द्वारा प्राप्त लाभ तथा स्वयं नियोजता की आय को मिश्रित आय कहते हैं। इनके जोड़ से साधन आय प्राप्त की जाती है।
प्रश्न 2.
घरेलू साधन आय के अंश बताओ। राष्ट्रीय आय प्राप्त करने के लिए इसमें क्या शामिल किया जाता है तथा क्यों ?
उत्तर-
एक वर्ष में एक देश की घरेलू सीमा में साधनों की आय के योग को घरेलू साधन आय कहा जाता है। घरेलू साधन आय =
(1) कर्मचारियों का मेहनताना + (2) प्रचालन बेशी + (3) मिश्रित आय।
राष्ट्रीय आय प्राप्त करने के लिए घरेलू साधन आय प्राप्त करने के लिए विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय को घरेलू साधन आय में जोड़ा जाता है| राष्ट्रीय आय = घरेलू साधन आय + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय = विदेशी शहरों द्वारा एक देश में से प्राप्त की साधन आय–इस देश के साधारण शहरियों द्वारा विदेशों से प्राप्त की गई साधन आय।
प्रश्न 3.
बाज़ार कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद तथा साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद में अन्तर बताओ।
उत्तर-
साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) = बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP)
(-) घिसावट
(-) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
(+) विदेशों से शुद्ध साधन आय।
अन्तर का आधार | बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP Market Price) | साधन लागत परशुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP Factor Cost) |
1. घिसावट | इसमें स्थित पूंजी की घिसावट शामिल होती है। | इसमें घिसावट शामिल नहीं होती। |
2. शुद्ध अप्रत्यक्ष कर | इसमें शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (अप्रत्यक्ष कर-सबसिडी) शामिल होती है। | इसमें शुद्ध अप्रत्यक्ष कर शामिल नहीं होते। |
3. विदेशों से शुद्ध साधन आय | इसमें विदेशों से शुद्ध साधन आय शामिल नहीं होती। इसमें देश के साधारण निवासियों तथा विदेशियों द्वारा घरेलू क्षेत्र की पैदावार को जोड़ते हैं। | इसमें देश के साधारण निवासियों द्वारा घरेलू क्षेत्र अथवा विदेशी क्षेत्र में उत्पादकता को जोड़ते हैं। |
प्रश्न 4.
साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद तथा बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद में अन्तर बताओ।
उत्तर-
साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPFC) = बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP)
(-) घिसावट (+) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
(+) विदेशों से शुद्ध साधन आय
अन्तर का आधार | बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) | साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPFC) |
1. घिसावट | इसमें घिसावट शामिल नहीं होती। | इसमें घिसावट शामिल होती है। |
2. शुद्ध अप्रत्यक्ष कर | इसमें शुद्ध अप्रत्यक्ष कर शामिल होते | | इसमें शुद्ध अप्रत्यक्ष कर शामिल नहीं होते। |
3. विदेशों से शुद्ध साधन आय | इसमें विदेशों से शुद्ध साधन आय शामिल होती है। | इसमें विदेशों से शुद्ध साधन आय शामिल नहीं होती। |
प्रश्न 5.
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य तथा बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NDI) = बाज़ार कीमत पर शुद्ध साधन आय (NNPMP) + शेष विश्व से चालू हस्तान्तरण
कुल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय = बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GNPL) + शेष विश्व से शुद्ध चालू हस्तान्तरण (Gross National Disposable Income)
प्रश्न 6.
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय तथा राष्ट्रीय व्यय योग्य आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
निजी व्यय योग्य आय तथा राष्ट्रीय व्यय योग्य आय में अन्तर-
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय | राष्टीय व्यय योग्य आय |
1. यह देश के व्यक्तियों तथा परिवारों की व्यय योग्य आय होती है। | 1. यह देश की व्यय योग्य आय होती है। |
2. व्यक्तिगत व्यय योग्य आय = व्यक्तिगत उपभोग + व्यक्तिगत बचतें। | 2. राष्ट्रीय व्यय योग्य आय = बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद + शेष विश्व से शुद्ध चालू हस्तान्तरण (उपहार, उपभोगी सामान, फ़ौजी सामान तथा नकद मुद्रा) |
प्रश्न 7.
राष्ट्रीय आय तथा निजी आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
राष्ट्रीय आय तथा निजी आय में अन्तर इस प्रकार है-
अन्तर का आधार | राष्ट्रीय आय | निजी आय |
(1) क्षेत्र | इसमें सार्वजनिक क्षेत्र तथा निजी क्षेत्र से प्राप्त आय को शामिल किया जाता है। | इसमें केवल निजी क्षेत्र से प्राप्त आय को शामिल किया जाता है। |
(2) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज | राष्ट्रीय आय में राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज को शामिल नहीं किया जाता। | निजी आय में राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज को शामिल किया जाता है। |
(3) हस्तान्तरण आय | राष्ट्रीय आय में किसी किस्म की हस्तान्तरण आय को शामिल नहीं किया जाता। इसमें केवल साधन आय को जोड़ते हैं। | निजी आय में सरकार से प्राप्त चालू हस्तान्तरण तथा शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण को जोड़ते हैं। इसमें साधन आय भी जोड़ी जाती है। |
प्रश्न 8.
राष्ट्रीय आय तथा व्यक्तिगत आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
अन्तर का आधार | राष्ट्रीय आय (National Income) | व्यक्तिगत आय (Personal Income) |
(1) हस्तान्तरण आय | राष्ट्रीय आय में केवल साधन आय को शामिल किया जाता है, हस्तान्तरण आय को शामिल नहीं किया जाता। | व्यक्तिगत आय में साधन आय तथा हस्तान्तरण आय दोनों को ही शामिल किया जाता है। |
(2) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज | इसको राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं किया जाता। | इसको व्यक्तिगत आय में शामिल किया जाता है। |
(3) निगम कर तथा बचतें | निगम कर तथा बचतों को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है। | निगम कर तथा बचतों को व्यक्तिगत आय में शामिल नहीं किया जाता। |
(4) सरकारी क्षेत्र की आय | सरकारी क्षेत्र में काम करके उद्योगों से प्राप्त आय को राष्ट्रीय आय में शामिल किया जाता है। | सरकारी क्षेत्र की आय को व्यक्तिगत आय में शामिल नहीं किया जाता। |
प्रश्न 9.
व्यक्तिगत आय तथा व्यय योग्य आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
व्यक्तिगत आय-व्यक्तियों तथा परिवारों को साधन आय तथा हस्तान्तरण आय के योग को व्यक्तिगत आय कहा जाता है। यह व्यय योग्य आय से विशाल धारणा है। व्यय योग्य आय-जो आय व्यक्तियों तथा परिवारों के पास प्रत्यक्ष निजी कर जैसे कि आय कर तथा हाऊस कर देने के पश्चात् तथा सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की फीस तथा जुर्माने देने के उपरान्त लोगों के पास रह जाती है, उसको व्यय योग्य आय कहा जाता है। व्यय योग्य आय का उपभोग किया जा सकता है अथवा बचत की जा सकती है। व्यय योग्य आय = व्यक्तिगत आय-प्रत्यक्ष कर (-) सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की फीस तथा जुर्माने।
प्रश्न 10.
वह तीन धारणाएं बताओ जो सकल तथा शुद्ध बाज़ार कीमत तथा साधन लागत, घरेलू तथा राष्ट्रीय धारणाओं में अन्तर स्पष्ट करती है ।
उत्तर-
- घिसावट (Depreciation)सकल तथा शुद्ध आय में अन्तर को घिसावट द्वारा स्पष्ट किया जाता है। सकल आय अथवा उत्पाद = शुद्ध आय अथवा उत्पाद + घिसावट
- शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Taxes) बाज़ार कीमत तथा साधन लागत पर राष्ट्रीय आय की धारणाओं को शुद्ध अप्रत्यक्ष करों द्वारा सम्बन्धित किया जाता है। शुद्ध अप्रत्यक्ष कर = अप्रत्यक्ष कर-सबसिडी साधन लागत पर आय = बाज़ार कीमत पर आय-शुद्ध अप्रत्यक्ष कर
- विदेशों से शुद्ध साधन आय (Net Factor Income from Abroad)-जब हम घरेलू तथा राष्ट्रीय आय की धारणाओं में अन्तर करते हैं तो विदेशों से शुद्ध साधन आय द्वारा इनमें सम्बन्ध स्थापित होता है। घरेलू आय = राष्ट्रीय आय–विदेशों से शुद्ध साधन आय।
प्रश्न 11.
राष्ट्रीय प्रयोज्य आय से क्या अभिप्राय है ?
अथवा
राष्ट्रीय प्रयोज्य आय तथा राष्ट्रीय आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
राष्ट्रीय प्रयोज्य आय (National Disposable Income) से अभिप्राय उस शुद्ध आय से है जोकि उस देश को खर्च करने के लिए उपलब्ध होती है। राष्ट्रीय प्रयोज्य आय को निम्नलिखित अनुसार स्पष्ट किया जा सकता है| राष्ट्रीय प्रयोज्य आय = राष्ट्रीय आय + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर + शेष विश्व से शुद्ध चालू हस्तान्तरण राष्ट्रीय आय से अभिप्राय साधन लागत पर शुद्ध घरेलू आय और विदेशों से शुद्ध साधन आय का योग होता है। इस प्रकार राष्ट्रीय प्रयोज्य आय तथा राष्ट्रीय आय में अन्तर इस प्रकार होता है राष्ट्रीय आय = राष्ट्रीय प्रयोज्य आय-शुद्ध अप्रत्यक्ष कर-शेष विश्व से शुद्ध चालू हस्तान्तरण
प्रश्न 12.
सकल प्रयोज्य आय तथा शुद्ध प्रयोज्य आय में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
सकल प्रयोज्य आय वह आय है जोकि देश के निवासियों को सभी स्रोतों से उपभोग तथा बचत के लिए प्राप्त होती है। सकल प्रयोज्य आय में अर्थव्यवस्था की घिसावट लागत शामिल होती है। अर्थव्यवस्था की घिसावट लागत को हम पुनः स्थानापन्न लागत भी कहते हैं। इस प्रकार किसी देश में सकल प्रयोज्य आय उस देश की राष्ट्रीय आय, शुद्ध अप्रत्यक्ष कर तथा बाकी विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण का जोड़ होता है। यदि इसमें से पुनःस्थापन लागत या घिसावट लागत कम कर दी जाए तो इसको शुद्ध राष्ट्रीय प्रयोज्य आय कहा जाता है। शुद्ध प्रयोज्य आय = सकल राष्ट्रीय आय-चालू पुनः स्थापन लागत अथवा घिसावट लागत
IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
राष्ट्रीय आय अथवा उत्पादन की विभिन्न धारणाएं कौन-कौन सी हैं ? इनके सम्बन्ध को स्पष्ट करो। (What are the different concepts of National Product or Income ? Show their relationship.)
उत्तर-
राष्ट्रीय आय अथवा उत्पादन की मुख्य धारणाएं निम्नलिखित हैं-
- बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP)
- बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP)
- बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP)
- बाज़ार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP)
- साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद अथवा घरेलू साधन आय (NDPFC)
- साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद अथवा सकल घरेलू आय (GDPFC)
- साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद अथवा सकल राष्ट्रीय आय (GNPFC)
- साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन अथवा राष्ट्रीय आय (NNPFC or National Income)
- सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (Gross Disposable National Income)
- शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (Net Disposable National Income) इन धारणाओं के बिना राष्ट्रीय आय से सम्बन्धित कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण धारणाएं इस प्रकार हैं
- निजी क्षेत्र को घरेलू उत्पादन से प्राप्त साधन आय
- निजी आय (Private Income)
- व्यक्तिगत आय (Personal Income)
- व्यक्तिगत व्यय योग्य आय (Personal Disposable Income) इन धारणाओं के परस्पर सम्बन्ध को एक तालिका द्वारा निम्नलिखित रेखाचित्र 1 अनुसार स्पष्ट किया जा सकता है।
राष्ट्रीय उत्पाद अथवा राष्ट्रीय आय की धारणाओं का सम्बन्ध इस प्रकार है-
- बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) – तथा सेवाओं का बाज़ार कीमत पर मूल्य।
- बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) = बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)
- बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) घिसावट (Depreciation)
- बाज़ार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP) = बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP)- विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)
- साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद अथवा शुद्ध घरेलू आय (NDPFC) = बाज़ार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP)-शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (N.I.T.)
- साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद अथवा सकल घरेलू उत्पाद (GDPFC) = साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद अथवा शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPFC) + घिसावट (Depreciation)
- साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद अथवा सकल राष्ट्रीय आय (GNPFC) = साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद अथवा सकल घरेलू आय (GDPFC) + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)
- साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद अथवा शुद्ध राष्ट्रीय आय (NNPFC or National Income) = साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPFC) – घिसावट (Depreciation)
- सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (GDNI) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) + शेष विश्व से चालू हस्तान्तरण।
- शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NDNI) = सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (GDNI) (-) घिसावट (Depreciation)
अथवा व्यक्तियों तथा परिवारों की व्यय योग्य आय का योग इन धारणाओं के बिना कुछ अन्य धारणाएं इस प्रकार हैं, जिनका सम्बन्ध 5वीं धारणा साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPRO) से आरम्भ करते हैं।
- निजी क्षेत्र को घरेलू उत्पादन से प्राप्त साधन आय = साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद-सरकारी क्षेत्र को घरेलू उत्पादन से प्राप्त साधन आय। 1. गैर-विभागीय उद्यमों की बचतें 2. विभागीय उद्यमों को सम्पत्ति तथा उद्यम श्रमिक से आय)
- निजी आय (Private Income) = निजी क्षेत्र को घरेलू उत्पादन से प्राप्त साधन आय (+) विदेशों से शुद्ध साधन आय (+) सरकारी क्षेत्र से हस्तान्तरण आय (+) शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण (+) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज।
- व्यक्तिगत आय (Personal Income) = निजी क्षेत्र-निगम कर-निगम बचतें निगमों के अवितरित लाभ
- व्यक्तिगत व्यय योग्य आय (Personal Disposable Income) = व्यक्तिगत आय-व्यक्तिगत प्रत्यक्ष कर सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की प्राप्तियां (फीस तथा जुर्माने)
प्रश्न 2.
निम्नलिखित धारणाओं में अन्तर बताओ
(i) GDPMP and GNPMP
(ii) GDPMP and NNPMP
(iii) GDP at FC and NNP at MP
(iv) GNP at FC and NNP at FC
(v) GDP and NNP
(vi) GNP at FC and GNP at MP
(vii) GNP at MP and NDP at FC
(viii) GDP at MP and NNP at FC.
उत्तर-
राष्ट्रीय आय की धारणाओं का सम्बन्ध-रेखाचित्र 2 अनुसार-
बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP)-एक वर्ष में एक देश में देश के साधारण निवासियों द्वारा जो अन्तिम वस्तुएं तथा सेवाएं उत्पादन की जाती हैं, उसके बाज़ार मूल्य को बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं। यदि अकेला GDP दिया हो तो इससे अभिप्राय कीमत पर होता है।
बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद में यदि विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (Net Factor Income from abroad (NFYA) को सम्मिलित किया जाए तो बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद प्राप्त हो जाता है। यदि अकेला GNP दिया हो तो यह बाज़ार कीमत पर होता है।
(i) बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पादन (GNPMP) = बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) (+) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)
(ii) बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) = बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA) (-) घिसावट (Depreciation)
(iii) साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पादन (GDPFC) = बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) + घिसावट (Depreciation) (-) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA) (-) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Taxes)
(iv) साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPFC) = साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP at FC) + घिसावट (Depreciation) (-) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)
(v) साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) = साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPFC) (-) घिसावट (Depreciation)
(vi) सकल घरेलू उत्पाद (GDP) = शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP) (+) घिसावट (Depreciation) (-) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)
(vii) साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPFC) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) (-) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Taxes)
(viii) साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NFPFC) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) (-) घिसावट (Depreciation) (-) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA) (-) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Taxes)
(ix) साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) = बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) (-) घिसावट (Depreciation) (-) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Taxes) + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA)
प्रश्न 3.
भारत की अर्थव्यवस्था के 1982-83 के आंकड़े चालू कीमतों अनुसार दिए गए हैं। इनसे
(i) NNPFC
(ii) NNPMP
(iii) GNPMP
(iv) GDPMP
(v) GNPFC
(vi) NDPMP
(vii) GDPFC ज्ञात करो।
उत्तर-
बेकरमैन के चित्र रेखाचित्र 2 के अनुसार
(i) साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) = साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPFC) + विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA) = 1,33,151 + (-) 681 = ₹ 1,32,470 करोड़
(ii) बाजार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) = साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (NIT) = 1,32,470 + 19,183 = ₹ 1,51,653 करोड़
(iii) बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) = बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPMP) + faturala (Depreciation) = 1,51,653 + 11,242 = ₹ 1,62,895 करोड
(iv) बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) – विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA) = 1,62,895 – (-681) = ₹ 1,63,576 करोड़
(v) साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPFC) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (N.I.T.) = 1,62,895 – 19,183 = ₹ 1,43,712 करोड़
(vi) बाज़ार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP) = बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) घिसावट (Depreciation) = 1,63,576 – 11,242 = ₹ 1,52,334 करोड़
(vii) साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPR) = बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (N.I.T.) = 1,63,576 – 19,183 = ₹ 1,44,393 करोड़ उत्तर।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित आंकड़ों द्वारा ज्ञात करो।
(a) बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP)
(b) साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC)
उत्तर-
बैकरमैन का चित्र बनाओ –
(a) बाज़ार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPMP) = बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP) +घिसावट (Depreciation) = 74905 + 4486 = ₹ 79391 करोड़ उत्तर
(b) साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) = बाज़ार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDPMP) (-) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (NIT) (+) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (NFYA) = 74905 – 8344 + (-232) = ₹ 66329 करोड़ उत्तर।
V. सरख्यात्मक प्रश्न (Numericals)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित आंकड़ों से शुद्ध घरेलू उत्पाद (NDP) ज्ञात करो
₹ करोड़
(1) बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद = 97503
(2) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय = (-) 201
(3) शुद्ध अप्रत्यक्ष कर = 10,576
(4) स्थिर पूंजी का उपभोग = 5,699
उत्तर-
बेकरमैन का चित्र –
नोट : इस चित्र में D = Depreciation (घिसावट अथवा मूल्य घसाई)
NIT = Net Indirect Taxes (शुद्ध अप्रत्यक्ष कर)
NFYA = Net Factor Income from abroad (विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय)
बाजार कीमत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) (-) विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय (-) स्थिर पूंजी का उपभोग अथवा घिसावट
= 97503 (-) (-) 201 (-) 5699
= 97503 + 201 – 5699 = ₹ 92005 करोड़ उत्तर।
प्रश्न 2.
एक काल्पनिक अर्थव्यवस्था का बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद ₹ 1,20,000 करोड़ है। यदि देश का पूंजी भण्डार ₹ 3,00,000 करोड़ है तथा इसकी वार्षिक घिसावट 20% है। अप्रत्यक्ष कर ₹ 30,000 करोड़ तथा सबसिडी ₹ 15,000 करोड़ है। राष्ट्रीय आय कितनी होगी?
उत्तर-
राष्ट्रीय आय (NNPFC) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNPMP) – मशीनों की घिसावट – शुद्ध अप्रत्यक्ष कर ₹ करोड़ बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद = 1,20,000
प्रश्न 3.
निम्नलिखित आंकड़ों से निजी आय ज्ञात करो।
उत्तर-
निजी आय (Private Income) = साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (-) गैर विभागीय सरकारी उद्यमों की बचतें (-) सरकारी प्रबन्धकीय उद्यमों को जायदाद तथा उद्यमवृत्ति से आय ” (+) सरकारी प्रबन्धकीय विभागों से चालू हस्तान्तरण (+) शेष विश्व से शुद्ध चालू हस्तान्तरण (+) राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज निजी आय = 473 – 1 – 9 + 18 + 4 + 28 = ₹ 513 करोड़
नोट-विदेशों से शुद्ध साधन आय, साधन लागत तथा शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन में शामिल होती है।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित आंकड़ों से निजी आय ज्ञात करो
उत्तर-
निजी आय = निजी क्षेत्र को घरेलू उत्पाद से प्राप्त आय (+) सरकारी प्रबन्धकीय विभागों से शुद्ध चालू हस्तान्तरण (+) विदेशों से शुद्ध साधन आय + राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण निजी आय (Private Income) = 500 + 40 + (-20) + 60 + 50 = ₹ 630 करोड़ उत्तर
प्रश्न 5.
निम्नलिखित आंकड़ों से ज्ञात करो
उत्तर-
निजी आय (Private Income)-राष्ट्रीय आय (-) विभागीय उद्यमों की सम्पत्ति तथा उद्यमवृत्ति से आय (-) गैर-विभागीय उद्यमों की बचतें + सरकारी क्षेत्र से हस्तान्तरण आय + शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण + राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज
(i) निजी आय = 5000 – 70 – 60 + 55 + 25 + 20 = ₹ 4970 करोड़ उत्तर
(ii) व्यक्तिगत आय = निजी आय-निगम कर-निगम बचतें = 4970 – 100 – 200 = ₹ 4670 करोड़ उत्तर
(iii) व्यक्तिगत व्यय योग्य आय = व्यक्तिगत आय (-) व्यक्तिगत प्रत्यक्ष कर (-) सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की प्राप्तियां व्यक्तिगत व्यय योग्य आय = 4670 – 20 – 10 = ₹ 4640 करोड उत्तर
प्रश्न 6.
निम्नलिखित आंकड़ों से व्यक्तिगत आय ज्ञात करो
उत्तर-
व्यक्तिगत आय (Personal Income)-निजी क्षेत्र को घरेलू उत्पादन से प्राप्त साधन आय + राष्ट्रीय ऋण पर ब्याज + सरकारी क्षेत्र से प्राप्त हस्तान्तरण + शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण – निगम कर – निगमों के अवितरित लाभ व्यक्तिगत आय = 270 + 5 + 10 + 8 – 10 – 2
= ₹ 281 करोड़ उत्तर ।
प्रश्न 7.
व्यक्तिगत आय (Personal Income) ज्ञात करो यदि
उत्तर-
व्यक्तिगत आय (Personal Income) =निजी आय (-) निगम कर – निगमों के अवितरित लाभ व्यक्तिगत आय = 300 – 20 – 50 = ₹ 230 करोड़ उत्तर
प्रश्न 8.
निम्नलिखित आंकड़ों से व्यक्तिगत व्यय योग्य आय ज्ञात करो
उत्तर-
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय (Personal Disposable Income) = निजी आय (-) निगम कर (-) निगमों की बचतें (-) प्रत्यक्ष कर (-) सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की प्राप्तियां व्यक्तिगत व्यय योग्य आय = 200 – 20 – 30 – 10 – 5 = ₹ 135 करोड़ उत्तर
प्रश्न 9.
निम्नलिखित आंकड़ों से व्यक्तिगत व्यय योग्य आय ज्ञात करो
उत्तर-
व्यक्तिगत व्यय योग्य आय (Personal Disposable Income) = निजी आय (-) निगम कर (-) निगमों के अवितरित लाभ (-) प्रत्यक्ष कर (-) सरकारी प्रबन्धकीय विभागों की प्राप्तियां व्यक्तिगत व्यय योग्य आय = 500 – 20 – 15 -5 – 2 = ₹ 458 करोड़ उत्तर
प्रश्न 10.
निम्नलिखित आंकड़ों से ज्ञात करो :
(a) व्यक्तिगत आय (Personal Income)
(b) व्यक्तिगत व्यय योग्य आय (Personal Disposable Income)
उत्तर:
(a) व्यक्तिगत आय (Personal Income) = निजी आय (-) निगम कर (-) निगम बचतें व्यक्तिगत आय = 45000 – 1000 – 2000 = ₹ 42000 करोड़
(b) व्यक्तिगत व्यय योग्य आय (Personal Disposable Income) = व्यक्तिगत आय-प्रत्यक्ष कर = 42000 – 300 = ₹ 41700 करोड़ उत्तर।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित आंकड़ों से सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय तथा शुद्ध राष्ट्रीय प्रयोज्य आय ज्ञात करें-
उत्तर-
- सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय = राष्ट्रीय आय + शेष विश्व से निवल (शुद्ध) चालू हस्तान्तरण + स्थायी (अचल) पूंजी का उपभोग + निवल शुद्ध अप्रत्यक्ष कर = 2000 + 200 + 100 + 250 = ₹ 2550 करोड़ उत्तर
- शुद्ध राष्ट्रीय प्रयोज्य आय = सकल राष्ट्रीय प्रयोज्य आय – स्थायी (अचल) पूंजी का उपभोग = 2550 – 100 = ₹ 2450 करोड़ उत्तर
प्रश्न 12.
निम्नलिखित आंकड़ों से शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NNDI) ज्ञात करो
उत्तर-
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NNDI) = बाज़ार कीमत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण-घिसावट
= 100 (+) 50 (-) 20 = ₹ 130 करोड़ उत्तर
प्रश्न 13.
निम्नलिखित आंकड़ों द्वारा शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NNDI) ज्ञात करो
उत्तर-
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NIINDI) = साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर के शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण – स्थिर पूंजी का उपभोग (अथवा घिसावट) NNDI = 800 + 70 + 50 – 60 = ₹ 860 करोड़ उत्तर
प्रश्न 14.
निम्नलिखित आंकड़ों से सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (GNDI) ज्ञात करो
उत्तर-
सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (GNDI) = राष्ट्रीय आय (NNPFC) + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर + स्थिर पूंजी का उपभोग + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (GNDI) = 2000 + 250 + 100 + 200 = ₹ 2550 करोड़ उत्तर
प्रश्न 15.
राष्ट्रीय आय तथा शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय में अन्तर बताओ।
उत्तर-
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (NNDI) = राष्ट्रीय आय + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण उदाहरण
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय = राष्ट्रीय आय + शुद्ध अप्रत्यक्ष कर + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण
= 1864292 + 202036 + 57821 = ₹ 21,241,49 करोड़ उत्तर
अथवा
शुद्ध राष्ट्रीय व्यय योग्य आय = बाज़ार कीमत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद + शेष विश्व से प्राप्त शुद्ध चालू हस्तान्तरण = 2066328 + 57821
= ₹ 21,24,149 करोड़ उत्तर
प्रश्न 16.
राष्ट्रीय आय तथा राष्ट्रीय उत्पाद की धारणाओं के सम्बन्ध को स्पष्ट करो।
उत्तर-
राष्ट्रीय आय तथा राष्ट्रीय उत्पाद के सम्बन्ध को बेकरमैन के अग्रलिखित चार्ट की सहायता से स्पष्ट किया जा सकता है:-
इसमें
- D = घिसावट (Depreciation)
- NIT = शुद्ध अप्रत्यक्ष कर (Net Indirect Taxes = Indirect Taxes – Subsidies)
- NFYA = विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय
↓ जब ऐरो नीचे को जाता है तो घटाओ
↑ जब ऐरो ऊपर को जाता है तो जोड़ो - शेष विश्व से प्राप्त चालू हस्तान्तरण (Other Current Transfer from the rest of the World) = (उपहार, उपभोगी वस्तुएं, जंगी सामान, नकदी)
नोट-इस चार्ट की सहायता से राष्ट्रीय आय तथा राष्ट्रीय उत्पादन की धारणाओं का आसानी से माप किया जा सकता है।
प्रश्न 17.
निजी आय तथा व्यक्तिगत आय की धारणाओं के सम्बन्ध को स्पष्ट करो।
उत्तर-
निजी आय (Private Income) तथा व्यक्तिगत आय (Personal Income) की धारणाओं के सम्बन्ध को अग्रलिखित चार्ट द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-
नोट-इस चार्ट की सहायता से निजी आय तथा व्यक्तिगत आय का माप आसानी से किया जा सकता है।