Punjab State Board PSEB 12th Class Geography Book Solutions Chapter 3 मानवीय संसाधन-मानवीय विकास तथा बस्तियाँ Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 12 Geography Chapter 3 मानवीय संसाधन-मानवीय विकास तथा बस्तियाँ
PSEB 12th Class Geography Guide मानवीय संसाधन-मानवीय विकास तथा बस्तियाँ Textbook Questions and Answers
प्रश्न I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दें :
प्रश्न 1.
मानवीय विकास का कोई एक महत्त्वपूर्ण पहलू क्या है ?
उत्तर-
लोगों के पास अवसर का होना मानवीय विकास का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है।
प्रश्न 2.
मानवीय विकास के स्तम्भ माने जाते किसी एक तत्त्व का नाम लिखो।
उत्तर-
हक या इन्साफ, निरंतरता इत्यादि मानवीय विकास के स्तम्भ हैं।
प्रश्न 3.
रहन-सहन का कैसा स्तर अच्छे मानवीय विकास का सूचक है ?
उत्तर-
लिंग-समानता, स्त्रियों की अपेक्षाकृत अधिक प्राप्तियां, मानवीय ग़रीबी सूचक इत्यादि रहन-सहन के स्तर अच्छे मानवीय विकास के सूचक हैं।
प्रश्न 4.
आर्थिक निरीक्षण (2011) के अनुसार मानवीय विकास सूचक स्तर भारत के किस राज्य में सबसे अधिक है और कितना ?
उत्तर-
आर्थिक निरीक्षण (2011) के अनुसार मानवीय विकास सूचक स्तर भारत के केरल राज्य (0.7117) में सबसे अधिक है।
प्रश्न 5.
मानवीय बस्तियों को कौन-से दो भागों में विभाजित किया जाता है ?
उत्तर-
मानवीय बस्तियों को ग्रामीण बस्तियाँ और शहरी बस्तियाँ दो भागों में विभाजित किया जाता है।
प्रश्न 6.
पंजाब का कौन-सा शहर ‘स्मार्ट सिटी’ प्रोजैक्ट के प्रथम दौर में शामिल हआ है ?
उत्तर-
पंजाब का लुधियाना शहर ‘स्मार्ट सिटी’ प्रोजैक्ट के प्रथम दौर में शामिल हुआ है।
प्रश्न 7.
फ्रांसिस पैरोकस (1955) ने विकास के कौन-से फोकल प्वाइंट की धारणा विकसित की ?
उत्तर-
फ्रांसिस पैरोकस ने 1955 में विकास के धुरे की धारणा विकसित की।
प्रश्न 8.
वर्तमान में विकास का इंजन’ किस किस्म के शहर को कहा गया है ?
उत्तर-
वह शहर जहाँ सूचना तकनीक, एक प्रमुख ढांचा अपने निवासियों को सेवाएं प्रदान करने के लिए एक आधार का काम करता है, स्मार्ट शहर के विकास का इंजन’ कहलाता है।
प्रश्न 9.
किसी तालाब के किनारे बसी जनसंख्या कैसी बस्ती का नमूना होगी ?
उत्तर-
किसी तालाब के किनारे बसी जनसंख्या गोलाकार नमूना होगी।
प्रश्न 10.
संसार में किस देश का मानवीय सूचक अंक सबसे ज्यादा है और कितना ?
उत्तर-
संसार में नार्वे (0.949) देश का मानवीय सूचक अंक सबसे अधिक है।
प्रश्न II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार पंक्तियों में दें :
प्रश्न 1.
मानवीय विकास सूचक का नवीन सिद्धांत कौन-से अर्थशास्त्री ने दिया ?
उत्तर-
1990 तक देश का विकास उस देश में हो रहे आर्थिक विकास से मापा जाता है। विकास के कुछ महत्त्वपूर्ण पहलू थे लोगों की जीवन गुणवत्ता, लोगों के पास रोज़गार के अवसर, लोगों के द्वारा आज़ादी मानना इत्यादि। पाकिस्तान के अर्थशास्त्री डॉक्टर महबूब-उल-हक और भारतीय मूल के नोबल, विजेता डॉक्टर अमर्त्य सेन के अनुसार, मानवीय चुनाव दायरे में वृद्धि करना है, ताकि वे लम्बी और स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकें। इस सिद्धांत को मानवीय विकास, सूचक का नवीन सिद्धांत कहा जाता है।
प्रश्न 2.
भारत ने कौन-से तीन तरीके मानवीय विकास के तौर पर चुने हैं ?
उत्तर-
- लिंग समानता।
- स्त्रियों की अपेक्षाकृत अधिक प्राप्तियाँ।
- मानवीय ग़रीबी सूचक।
प्रश्न 3.
मानवीय विकास के स्तंभ के तौर पर जाने जाते चार तरीके कौन-से हैं ?
उत्तर-
मानवीय विकास के स्तंभ के तौर पर जाने जाते चार तरीके—
- हक या इन्साफ़
- निरंतरता-आर्थिक अवसरों की उपलब्धि।
- उत्पादकता-आर्थिक जिंदगी के हर क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि।
- शक्तिकरण-अपनी मर्जी का अवसर चुनने की शक्ति का होना।
प्रश्न 4.
मानवीय विकास सूचक अंक के अनुसार भारत के चार पहले राज्य कौन से हैं ?
उत्तर-
मानवीय विकास सूचक अंक के अनुसार भारत में केरल (0.7117) अंक से देश में पहले स्थान पर है और हिमाचल प्रदेश (0.6701) दूसरे स्थान पर, गोवा (0.6701) तीसरे स्थान पर, महाराष्ट्र (0.6659) चौथे स्थान पर है।
प्रश्न 5.
मानवीय विकास सूचक अंक के अनुसार भारत की विश्व में स्थिति के विषय में लिखो।
उत्तर-
मानवीय विकास सूचक अंक के अनुसार 0.624 अंक कीमत से 188 देशों में से क्रमवार भारत 131वें स्थान पर है। भारत देश का स्थान शुरुआत में 119 (साल 2010 में) से बदल कर 131 (2016 में) तक पहुँच गया।
प्रश्न 6.
ग्रामीण बस्तियाँ आमतौर पर कौन से इलाकों में मिलती हैं ?
उत्तर-
भारत गाँवों का देश है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत के 6,40,930 गाँव में 68.84% आबादी रहती हैं। गाँव बस्तियाँ आमतौर पर बाढ़ के मैदानों, नदी के किनारों, पहाड़ों की ढलानों, घाटी मैदानों, तटवर्ती इलाकों इत्यादि में मिलती हैं।
प्रश्न 7.
स्थानीय सरकारी विभाग की परिभाषा के अनुसार शहरी क्षेत्रों की प्रबंधक संस्थाएं कौन-सी हो सकती हैं ?
उत्तर-
स्थानीय सरकारी विभाग की परिभाषा के अनुसार शहरी क्षेत्रों की प्रबंधक संस्थाएं हैं। नगरपालिकाएँ, नगरपरिषद्, नगर निगम, नोटीफाइड एरिया कमेटियाँ, कैनटोनमैंट बोर्ड इत्यादि।
प्रश्न III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 10-12 पंक्तियों में दें:
प्रश्न 1.
किसी देश के विकास की कहानी में मानवीय विकास का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
विकास का अर्थ होता है, स्वतन्त्रता तथा आज़ादी। इसका सम्बन्ध अवसरों में स्वतन्त्रता, आराम, सुख, खुशहाली से होता है। हमारे आज के समाज में औद्योगीकरण, कम्प्यूटर तथा यातायात तथा संचार साधनों की उपलब्धि के कारण, अच्छी शिक्षा तथा सेहत सेवाओं के कारण लोगों का जीवन स्तर काफी हद तक सुधर गया है तथा ये सभी विकास के चिन्ह हैं। विकास का स्तर इन भिन्न-भिन्न मानवीय विकास के सूत्रों द्वारा मापा जाता है। मानवीय विकास का मुख्य उद्देश्य मानव के लिए अवसर या चुनाव करने के घेरे को बढ़ाना तथा मानव के हालातों को सुधारना होता है। इससे मानवीय गुणों में विकास होता है। मानवीय विकास प्रदूषण को कम करना तथा मानवीय ज़िन्दगी को आरामदायक बनाता है। देश का आर्थिक, राजनैतिक अथवा सामाजिक विकास करता है। सुधरा हुआ मानवीय जीवन ग़रीबी तथा अन्य कई सामाजिक बुराइयों का अंत कर देता है। इस तरह जिस देश का मानवीय विकास सूचक अंक ज्यादा होता है, उस देश का आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक विकास अंक भी अधिक होता है।
प्रश्न 2.
असम, छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश में केरल तथा हिमाचल के मुकाबले खुशहाली कम है। कैसे ?
उत्तर-
मानवीय विकास सूचक अंक के अनुसार केरल का सूचक अंक 0.7117 है अथवा हिमाचल प्रदेश का 0.6701 है और मानवीय विकास सूचक अंक के अनुसार भारत में पहला और दूसरा स्थान रखते हैं। परन्तु इसके विपरीत असम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश का मानवीय विकास सूचक अंक बहुत पीछे है। किसी प्रदेश का आर्थिक, सामाजिक विकास मानवीय विकास सूचक अंक निर्धारित करता है। इन प्रदेशों का आर्थिक विकास का स्तर केरल और हिमाचल प्रदेश से कम है, जिसके कारण मानवीय विकास सूचक अंक भी केरल और हिमाचल प्रदेश के मुकाबले काफ़ी कम है। किसी देश का विकास उसके आर्थिक विकास, राजनैतिक, सांस्कृतिक विकास पर निर्भर करता है और यह विकास उस देश में ही होगा जहाँ के लोगों का जीवन खुशहाल होगा और उन्हें रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे। उनकी जीवन गुणवत्ता का विकास होगा। उनका जीवन लंबा और स्वस्थ होगा और हर काम को चुनने की पूरी आजादी होगी।
प्रश्न 3.
महानगर किसी विशाल शहर क्षेत्र से अलग है। कैसे ?
उत्तर-
महानगर एक बड़ा शहर होता है। महानगर की जनसंख्या 10 लाख व्यक्ति या इससे अधिक होती है। परन्तु विशाल शहरी क्षेत्र बड़े शहरी क्षेत्र होते हैं, जिसमें ऐसे महानगर शामिल होते हैं। जब महानगर की वृद्धि होती है, उसके साथ ही कई शहरी बस्तियाँ बस जाती हैं, तो ये महानगर विशाल शहरी क्षेत्रों में तबदील होने शुरू हो जाते हैं। 1981 में हुई जनगणना के अनुसार भारत में 12 महानगर ही थे, परन्तु 2001 ई० में इनकी संख्या बढ़ कर 35 हो गई, जब कि 2011 में इनकी संख्या 53 तक बढ़ गई। मुख्य महानगरों में दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद इत्यादि बड़े शहर शामिल होते हैं। विशाल शहरी क्षेत्र की धारणा सबसे पहले जीन गोटमैन द्वारा अमेरिका के उत्तर-पूर्वी समुद्री क्षेत्र के साथ बसने वाले शहरी क्षेत्र के लिए प्रयोग में लाई गई। हमारे देश में ऐसा विशाल शहरी क्षेत्र नहीं है।
प्रश्न 4.
कोई ग्रामीण क्षेत्र, कोई शहरी क्षेत्र घोषित किया गया है। परिभाषा के अनुसार उसमें क्या-क्या परिवर्तन हो सकते हैं ?
उत्तर-
शहरी शब्द ग्राम क्षेत्र के विपरीत स्थान के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें शहर, गांव, कस्बे, नगर, महानगर इत्यादि शामिल होते हैं। शहरी क्षेत्र में सिर्फ कृषि की बेहतर सुविधायें ही नहीं, बल्कि उद्योग, स्वास्थ्य सेवाएँ, शिक्षा की सुविधाएँ और अन्य उपयोगी सुविधाएँ आसानी से मिल जाती हैं।
कोई ग्राम क्षेत्र तभी शहरी घोषित किया जाता है, जब वह पूरी तरह विकसित शहरी बस्ती बन जाता है, जहाँ हर प्रकार के शहरी धंधे विकसित हो जाते हैं। जब इसकी जनसंख्या निर्धारित सीमा से ऊपर हो जाती है तो उस क्षेत्र को शहरी क्षेत्र घोषित किया जाता है और उसमें आए औद्योगिक विकास, स्वास्थ्य संबंधी, यातायात और संचार साधनों के विकास इत्यादि के कारण कुछ परिवर्तन आ जाने के कारण उसको एक शहरी श्रेणी में शामिल किया जाता है।
प्रश्न 5.
मानवीय विकास के कोई दो स्तंभों का वर्णन करो।
उत्तर-
मानवीय विकास का अध्ययन मुख्य रूप में चार स्तम्भों पर आधारित है। ये हैं-हक या इन्साफ, निरंतरता, उत्पादकता, शक्तिकरण। इनका वर्णन निम्नलिखित है—
1. हक या इन्साफ-हक या इन्साफ का अर्थ है, समानता का अधिकार। हर व्यक्ति के लिए, हर एक अवसर के लिए बिना किसी जाति-पाति, नस्ल, रंग-भेद के भेदभाव से उस अवसर को हासिल करने का पूरा-पूरा हक है। इसका अर्थ है कि हर इन्सान के लिए हर अवसर की प्राप्ति के लिए पूरी पहुँच करवानी। हर जरूरत को बिना किसी भेदभाव के समान समझ कर विभाजित किया जाना चाहिए।
2. निरंतरता-निरंतरता का अर्थ है, अवसर की तलाश और उपलब्धता में पूरी आज़ादी होनी चाहिए। मानव विकास के लिए हर पीढ़ी के लिए स्रोतों का पूरा विभाजन होना चाहिए। वर्तमान में स्रोतों को इस तरह प्रयोग किया जाए कि आने वाली पीढ़ियां भी उन स्रोतों की उपयोगिता का प्रयोग कर सकें। किसी भी अवसर का गलत प्रयोग आने वाली पीढ़ी के लिए खतरा बन सकता है।
प्रश्न IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 20 पंक्तियों में दें:
प्रश्न 1.
ग्रामीण बस्तियों के अलग नमूनों की संक्षेप व्याख्या करें।
उत्तर-
ग्रामीण इलाके में बनी बस्तियों को ग्राम बस्तियाँ कहा जाता है। शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में । जनसंख्या का घनत्व कम होता है। भारत गाँवों का देश है। इसकी 68.84% आबादी गाँवों में रहती है। धरातल और जमीन की उपलब्धि के कारण हमारे देश में ग्रामीण बस्तियाँ घनी या बिखरी हुई हो सकती हैं।
भारत में ग्रामीण बस्तियों के कुछ नमूने निम्नलिखित हैं—
1. रैखिक नमूना (Linear Settlement Pattern)—
यह देखने में एक रस्सी की तरह दिखता है। इस प्रकार की बस्तियां मुख्य रूप में सड़क, रेलवे लाइन या नहर के समानांतर होती हैं। यह एक रेखा की तरह दिखाई देता है।
Linear Settlement Pattern
2. चैक बोर्ड नमूना (Check Board Pattern)—जिस स्थान पर कोई रास्ता या यातायात का साधन एक-दूसरे को समकोण पर मिलते हों, उस तरह की बस्ती को चैक बोर्ड नमूना कहा जाता है।
Check Board Pattern
3. आयताकार नमूना (Rectangular Pattern)-इस तरह की बस्तियाँ मुख्य रूप में आयताकार या वर्ग आकार की तरह होती हैं।
Rectangular Pattern
4. अर्ध-व्यास नमूना (Radial Settlement Pattern)—यह एक वह केन्द्रीय धुरा होता है, जिस जगह पर कई रास्ते, गलियाँ या पैदल रास्ते और चक्र के अर्ध-व्यास की तरह, अलग-अलग दिशाओं से आकर एक केन्द्रीय स्थान पर मिलते हैं अर्ध-व्यास नमूना कहलाता है।
Radial Settlement Pattern
5. तारों सा नमूना (Star Like Pattern)-जिस तरह एक अर्ध-व्यास में सभी स्थान एक धुरे से मिलते हैं, यह उसका ही एक रूप है। इसमें भी किसी मकान के निर्माण का काम एक केंद्रीय धुरे से शुरू किया जाता है और सभी दिशाओं में फैल जाता है। इस प्रकार आमतौर पर पंजाब और हरियाणा में मिलता है।
Star Like Pattern
6. त्रिकोणी नमूना (Triangular Pattern)—इस तरह का नमूना त्रिकोण आकार का होता है, जिसमें तीन तरफ से किसी रुकावट के कारण, इस तरह का नमूना बनना शुरू हो जाता है।
Triangular Pattern
7. गोलाकार बस्तियों का नमूना (Circular Pattern)—इस प्रकार की बस्ती किसी मंदिर, मस्जिद, तालाब, झील इत्यादि के पास बननी शुरू हो जाती है।
Circular Pattern
8. अर्ध-गोलाकार नमना (Semi Circular Pattern)—इस प्रकार की बस्तियाँ आमतौर पर नदी के नजदीक खुर-आकार की झीलों या पहाड़ों के पैरों में बनी झीलों के पास बनती हैं। वह अर्ध-गोलाकार शक्ल धारण कर लेते हैं।
Semi Circular Pattern
9. तीर जैसा नमूना (Arrow Shaped Pattern)-जो गाँव किसी कैप के सिर या बल खाती झील या नदी के तीखे मोड़ पर निवास करते हैं उन्हें तीर जैसा नमूना कहा जाता है। इस तरह की बस्तियाँ आमतौर पर कन्याकुमारी, चिलका झील, सोनार नदी इत्यादि के किनारों पर मिलती हैं।
Arrow Shaped Pattern
10. बादल जैसा नमूना (Cloud Shaped Pattern)-इस तरह के नमूनों की बनावट एक बादल जैसी होती है। इस तरह की बस्तियों की सड़कें मुख्य तौर पर गोलाकार ही होती हैं। भारत में पंजाब के 12581 गाँवों में आबादी, 1,73,44,192 व्यक्ति हैं। एक गाँव की औसतन आबादी 1425 व्यक्ति है। उपरोक्त दिए नमूनों के आधार पर गाँव को अलग-अलग नमूनों में विभाजित किया गया है।
Cloud Shaped Pattern
प्रश्न 2.
‘स्मार्ट शहर’ क्या है ? इस प्रोजैक्ट सम्बन्धी नोट लिखो।
उत्तर-
स्मार्ट शहर-स्मार्ट शहर का दर्जा उस स्थान को दिया जाता है जहाँ सूचना तकनीक, एक प्रमुख ढांचा, अपने निवासियों को ज़रूरी सेवाएँ देना, जैसे स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाएँ, शिक्षा सम्बन्धी सेवाएँ प्रदान करने के लिए एक आकार का काम करे। स्मार्ट शहर वह शहर क्षेत्र कहलाता है, जिस शहर में सभी प्रमुख ढांचे जैसे कि अच्छी ज़मीन, जायदाद, संचार और यातायात के साधन और मण्डी की स्थिरता इत्यादि क्षेत्र में अधिक विकसित हों। शहर के लोगों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलें क्योंकि वहाँ व्यापार पूरी तरह से विकसित होते हैं। नागरिकों को निवास के लिए साफसुथरा और अच्छा पर्यावरण मिलता हो, जिस कारण लोगों की जीवन गुणवत्ता बढ़ जाती है, स्मार्ट शहर कहलाते हैं।
भारत में कई शहर ऐसे हैं, जिनको स्मार्ट शहर का दर्जा दिया जा सकता है। सरकार ने मौजूदा शहरों में से कुछ शहरों को यह दर्जा देने की घोषणा की थी। सरकार की इस घोषणा के पीछे मुख्य उद्देश्य शहरों को बेहतर बनाना और नागरिकों को बहुत आवश्यक (बुनियादी) सुविधाएं प्रदान करवाना था। सरकार का मकसद था कि शहरों को विकसित किया जा सके और शहरी नागरिकों को साफ-सुथरा और अच्छा वातावरण प्रदान करवाना था ताकि उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार आए।
स्मार्ट शहरों को विकास का इंजन भी कहा जाता है, क्योंकि जिस स्थान पर अपेक्षित सुविधाएं, सेवाएँ, साधनों इत्यादि की बहुलता होगी, लोगों का जीवन स्तर अच्छा होगा और जिन स्थानों पर यह सारी सुविधाएं होती हैं उसको स्मार्ट शहर का दर्जा दिया गया है इस तरह हम कह सकते हैं कि स्मार्ट शहरों को विकास का इंजन कहा जाता है।
शुरुआत में भारत ने इस प्रोजैक्ट के अधीन 100 शहरों को स्मार्ट शहर के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। परन्तु अगस्त 2015 में 98 शहरों को ही स्मार्ट शहर रूप में विकसित करने के लिए चुना गया। इनमें से जो 98 शहर चुने गये थे, उनमें से 24 शहर तो बड़ी राजधानियाँ ही थीं और बाकी 24 बड़े व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्र थे, 18 सांस्कृतिक क्षेत्र और पर्यटन केंद्र थे और बाकी 5 बंदरगाह शहर और 1 शैक्षिक और स्वास्थ्य संभाल केन्द्र थे।
भारत सरकार ने इन 98 चुने गए शहरों में से कार्य आरंभ करने वाले 90 स्मार्ट शहर की सूची जारी की है। यह 90 शहर केंद्रीय फंड प्राप्त करने वाले सब से अगली कतार/पंक्ति वाले केंद्र होंगे और स्मार्ट शहर विकसित करने की प्रक्रिया की शुरुआत करेंगे।
स्मार्ट शहर प्रोजैक्ट का उद्देश्य शहरों का विकास करना है। स्मार्ट शहर के बुनियादी तत्त्वों के अधीन कुछ मापदंड शामिल किये गए हैं—
- यहाँ जल की उचित सप्लाई होगी।
- निश्चित बिजली का प्रबंध हो।
- ठोस कूड़ा-कर्कट प्रबंध के साथ ही साफ पर्यावरण नागरिकों के लिए होगा।
- कुशल शहरी गतिशीलता और यातायात।
- सस्ते घर खास तौर पर ग़रीब जनता के लिए।
- सूचना तकनोलॉजी का विशेष प्रबंध और नागरिकों के लिए अच्छा प्रशासन। नागरिकों के लिए सुरक्षा।
- उचित स्वास्थ्य और शैक्षिक सेवाएं।
प्रश्न 3.
मानवीय विकास की धारणा और इसके आधारों का वर्णन करें।
उत्तर-
वृद्धि और विकास दोनों के द्वारा ही समय के साथ कुछ परिवर्तन आता है। इसलिए ये दोनों स्तर एक-दूसरे से अलग हैं। वृद्धि परिमाणात्मक होती है, जिसके धनात्मक और ऋणात्मक दोनों ही चिन्ह हैं। इस तरह वृद्धि को किसी वस्तु के बढ़ने और घटने दोनों चिन्हों द्वारा पेश किया जा सकता है। जबकि विकास गुणात्मक होता है, जिसमें हमेशा धनात्मक परिवर्तन होता है। इसका अर्थ है जब तक किसी स्थान पर वृद्धि नहीं होती, अर्थ मौजूदा हालातों में कुछ सुधार नहीं होता, उतना समय विकास संभव नहीं होता। जनसंख्या की वृद्धि से विकास नहीं होता विकास तब होता है, जब विशेषता में वृद्धि होती है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी क्षेत्र की जनसंख्या 10 लाख से 20 लाख हो गई, तो इससे सिर्फ जनसंख्या में वृद्धि होगी, परंतु अगर मूल जरूरतों, जैसे कि-घर, पानी की सप्लाई, ऊर्जा यातायात इत्यादि साधनों में विकास होता है, तो उसको विकास कहा जाता है।
1990 तक इस देश की वृद्धि दर को वहाँ के आर्थिक विकास के हिसाब से मापा जाता था। इसका अर्थ यह है कि जिस देश में विकसित आर्थिक सुविधाएं थीं वे देश विकसित देश हैं और जिन देशों में इस तरह की सुविधाओं की कमी थी वे विकसित देश नहीं माने जाते थे। इस तरह इन अंदाज़ों के आधार पर सही स्थिति के बारे में पता लगाना एक मुश्किल काम था क्योंकि कई बार कुछ मामलों में आर्थिक वृद्धि का लाभ लोगों तक नहीं पहुँचता था। इस प्रकार विकास के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण पहलू भी निर्धारित किए गए, जैसे—
- लोगों की जीवन गुणवत्ता
- लोगों के पास अवसर का होना
- लोगों द्वारा स्वतन्त्रता को मानना।
उपर्युक्त विचार स्पष्ट रूप में सबसे पहले 1980 के अंत और 1990 की शुरुआत के दौर में बनाए गए और यह विचार एशिया के महान् अर्थशास्त्रियों ने दिए। इनमें से एक थे महबूब-उल-हक जो कि पाकिस्तान के थे और दूसरे भारतीय नोबल विजेता डॉक्टर अमर्त्य सेन थे। महबूब-उल-हक ने 1990 में मानवीय विकास का सूचक बनाया। उनके अनुसार विकास का अर्थ है कि लोगों के चुनाव के दायरे को बढ़ाना, ताकि वे शान से लंबी और स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकें।
डॉक्टर अमर्त्य सेन ने अपने विचार में कहा कि स्वतंत्रता बहुत ज़रूरी है और यह विकास का मूल उद्देश्य है। स्वतन्त्रता में आज़ादी के साथ विकास का आना स्वाभाविक हो जाता है। उसने अधिकतर इस बात पर बल दिया है कि सामाजिक और आर्थिक संस्थाओं को मनुष्य को पूरी स्वतन्त्रता देनी चाहिए। इस तरह विकास के महत्त्वपूर्ण पहलू हैं—
- लंबा और स्वस्थ जीवन
- अच्छी ज़िन्दगी का विकास
- ज्ञान की प्राप्ति के लिए योग्यता हासिल करना।
डॉक्टर हक के अनुसार लोग ही विकास का धुरा हैं। लोगों के विकल्प निर्धारित नहीं हैं ये बदलते रहते हैं। विकास का मुख्य उद्देश्य लोगों के लिए इस तरह के हालात पैदा करना है, जिससे एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक ज़िन्दगी व्यतीत कर सकें।
सार्थक ज़िन्दगी का अर्थ सिर्फ यह नहीं कि वे लम्बा जीवनयापन करें। यह एक ऐसी ज़िन्दगी होगी जो कुछ संकल्पों के लिए होगी। इसका अर्थ है कि लोग स्वस्थ होने चाहिए, ताकि वे अपनी योग्यता को सुधार सकें, समाज की गतिविधियों में हिस्सा ले सकें और अपने उद्देश्यों को हासिल करने में स्वतन्त्र बन सकें।
उपर्युक्त पहलुओं के अनुसार यह आवश्यक है कि स्रोतों तक पहुँच होनी चाहिए, अच्छी सेहत और शिक्षा की सहूलियत होनी चाहिए, पर अधिकतर लोग अपनी योग्यताएं हासिल करने और अपने विकल्पों के चुनाव में स्वतंत्रता न होने के कारण फेल हो जाते हैं। इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं जैसे शिक्षा की कमी, गरीबी, सामाजिक भेदभाव इत्यादि। ये हालात मनुष्य को एक स्वस्थ जीवन जीने से रोकते हैं। इस तरह लोगों के विकल्प के दायरे को बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि उनकी स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामर्थ्य को बढ़ाया जाए और साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी वृद्धि की जाए। सामर्थ्य की कमी के कारण कई बार विकल्प के चुनाव की कमी पैदा हो जाती है।
आम शब्दों में कहा जा सकता है कि विकास का अर्थ है स्वतन्त्रता। विकास और स्वतन्त्रता का सम्बन्ध आधुनिकता, आराम, सुख और खुशहाली से होता है। हमारे आज के समय में औद्योगीकरण, कम्प्यूटरीकरण, अच्छा यातायात और संचार के साधन, अच्छी शिक्षा के कारण, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण, लोगों की सुरक्षा और बचाव इत्यादि विकास सुविधाओं के मापदण्डों को माना जाता है।
मानवीय विकास का मुख्य उद्देश्य मानवीय विकल्प या चुनाव के दायरे को बड़ा करना और मानवीय हालातों को सुधारना होता है। इसका निशाना मानवीय गुणों में सुधार लाना है और यह तब ही संभव है, अगर समाज के सभी महत्त्वपूर्ण पक्षों में जरूरी निवेश किया जाएं।
प्रश्न 4.
बस्तियों के पक्ष से विकास धुरा और विकास केंद्र क्या होते हैं ? व्याख्या करें।
उत्तर-
विकास धुरे की धारणा सबसे पहली बार फ्रांसिस पैरोकस ने 1955 में दी थी, जिसका कुछ समय के बाद मिस्टर बोडविले ने विस्तार किया। उनका कहना था कि विकास हर स्थान पर एक जैसा नहीं होता। यह अलग-अलग वेग से ‘बिंदु’ केंद्र और धुरों में होता है। सभी भाग या हिस्से विकास का एक प्राकृतिक रुझान नहीं रखते। कुछ केंद्रों की विकास केंद्र या विकास धुरे के तौर पर पहचान करते हैं और फिर उनको पूरी तरह विकसित करने पर जोर देते हैं। ये हिस्से आगे बढ़ने वाले होते हैं और आर्थिक विकास पर गुणात्मक प्रभाव डालते हैं।
आर०पी० मिश्रा ने विकास केंद्र में चार सत्र शामिल किए हैं—
- स्थानीय सेवा केंद्र
- विकास बिंदु
- विकास केंद्र
- विकास धुरा।
जहाँ तक विकास का सम्बन्ध है, सेवा केंद्र और विकास बिन्दु स्थानीय स्तर की जरूरतें पूरी करने वाले केंद्र माने जाते हैं।
विकास केंद्र और विकास धुरा दोनों ही उत्पादन का केंद्र हैं, जिनका मुख्य काम निर्माण कार्य का होता है।
विकास धुरे का अर्थ है आर्थिक विकास, वृद्धि और इसके अनुसार कहा जाता है कि विकास हर स्थान पर एक जैसा नहीं होता। यहाँ तक कि एक क्षेत्र में विकास एक जैसा नहीं होता पर यह विकास कुछ समूहों में होता है। यह विकास खास तौर पर केन्द्रीय उद्योगों के साथ विकसित होता है, जिसके साथ जुड़े हुए उद्योग बनने शुरू हो जाते हैं। यह अधिकतर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में पड़े प्रभाव के कारण होता है। केंद्रीय उद्योग में कई तरह के क्षेत्र, जैसे कि मोटरगाड़ियाँ, इलैक्ट्रॉनिक, इस्पात-उद्योग इत्यादि शामिल हैं। केंद्र उद्योगों पर पड़ रहे इन क्षेत्रों के प्रभाव के कारण केंद्रीय उद्योग कुछ सेवाएँ और वस्तुएँ खरीदते हैं और ये सेवाएं और वस्तुएँ ग्राहकों को उपलब्ध करवाते हैं।
केन्द्रीय भाग के विकास के साथ उत्पादन, रोजगार, पूंजी निवेश इत्यादि में भी वृद्धि होती है और इसके साथ ही तकनीकी विकास और नए औद्योगिक सैक्टर का जन्म भी होता है और विकास धुरा केंद्रीय विकास में सब से ऊँचा स्थान रखता है। ऐसे केन्द्र आमतौर पर 5 से 25 लाख की जनसंख्या की जरूरतें पूरी करते हैं। विकास धुरा क्षेत्रीय आर्थिक विकास का केन्द्र बिंदु होता है। जहाँ वित्तीय, शैक्षिक तकनीकी और औद्योगिक विभागों का बोल-बाला होता है।
विकास केन्द्र या विकास फोकल प्वाइंट की श्रृंखला में विकास तीसरे स्तर पर आता है। आमतौर पर विकास केन्द्र उत्पादन के केन्द्र हैं, जिनका मुख्य काम निर्माण करना होता है। यह दूसरे और तीसरे दर्जे के कार्य का केन्द्र माना जाता है। विकास केन्द्र 1 से 2 लाख तक की जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करता है। इन केन्द्रों का काम-काजी चरित्र होने से ये औद्योगिक केन्द्र के तौर पर भी काम करते हैं। ये केन्द्र शैक्षिक सेवाओं के साथ-साथ अनाज एकत्रित करने में, भंडारण करने में, कृषि के उपकरणों के केन्द्र, खादों तथा कीड़ेमार दवाइयों इत्यादि की सुविधा भी लोगों को उपलब्ध करवाते हैं।
Geography Guide for Class 12 PSEB मानवीय संसाधन-मानवीय विकास तथा बस्तियाँ Important Questions and Answers
I. वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर (Objective Type Question Answers)
A. बहु-विकल्पी प्रश्न :
प्रश्न 1.
विकास क्या है ?
(A) विशिष्टता आश्रित परिवर्तन
(B) धनात्मक परिवर्तन
(C) ऋणात्मक परिवर्तन
(D) सादा (साधारण) परिवर्तन।
उत्तर-
(A)
प्रश्न 2.
समय में कौन-सी सीमाएँ विकास के मापदंड माने जाते हैं ?
(A) औद्योगीकरण
(B) आधुनिकता
(C) आर्थिक विकास
(D) जनसंख्या का बढ़ाव।
उत्तर-
(C)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा भाग मनुष्य के विकास का सूचक नहीं है ?
(A) आज़ादी
(B) अवसर
(C) स्वास्थ्य
(D) लोगों की संख्या।
उत्तर-
(D)
प्रश्न 4.
साल 2017 में भारत का कुल राष्ट्रीय प्रसन्नता दर्जाबंदी में कौन-सा स्थान है ?
(A) 122वां
(B) 123वां
(C) 125 वां
(D) 121वां।
उत्तर-
(A)
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से कौन-सा मापदंड मानव विकास का मापदंड नहीं है ?
(A) औद्योगीकरण
(B) अच्छी यातायात
(C) चिकित्सा सुविधा
(D) ऋणात्मक विकास।
उत्तर-
(D)
प्रश्न 6.
भारत में निम्नलिखित राज्यों में कौन-से राज्य का मानवीय विकास सूचक सबसे अधिक है ?
(A) केरल
(B) तमिलनाडु
(C) पंजाब
(D) बिहार।
उत्तर-
(A)
प्रश्न 7.
मानवीय विकास अंक के साथ संसार में भारत का दर्जा कितना है ?
(A) 134
(B) 107
(C) 122
(D) 137
उत्तर-
(A)
प्रश्न 8.
नीचे लिखे में से कौन-से देश का मानवीय विकास सूचक अंक सबसे अधिक है ?
(A) ऑस्ट्रेलिया
(B) नार्वे
(C) पंजाब
(D) अफ्रीका।
उत्तर-
(B)
प्रश्न 9.
नीचे लिखे में से कौन-से विद्वान् ने मानव विकास का नवीन सिद्धान्त दिया है ?
(A) डॉ० महबूब-उल-मुलक
(B) ऐलन० सी० सैंपल
(C) ट्रीबार्था
(D) रैटजल।
उत्तर-
(A)
प्रश्न 10.
आर०पी० मिश्रा के विकास केन्द्र में कौन-सा स्तर इनमें से शामिल नहीं किया गया ?
(A) सेवा केन्द्र
(B) विकास बिंदु
(C) विकास केन्द्र
(D) टिकाऊ पर्यावरण
उत्तर-
(D)
प्रश्न 11.
शहरी बस्ती की सबसे छोटी इकाई कौन-सी है ?
(A) कस्बा
(B) शहरी गाँव
(C) महानगर
(D) गाँव।
उत्तर-
(A)
B. खाली स्थान भरें :
- ……………… गाँव आधे शहरी होते हैं।
- कोनअरथेशन की खोज ………………….. ने की।
- विकास केन्द्र ………………….. की जरूरतें पूरी करते हैं।
- भारत …………. प्रतिशत आबादी देश के कुल …………… गाँवों में रहती है।
- कुल राष्ट्रीय प्रसन्नता सूचकांक …………….. में भूटान के नरेश ………………. ने दिया।
उत्तर-
- शहरी,
- पैटरिक गैडिस,
- 1 से 2 लाख जनसंख्या,
- 68.84%, 6.40930,
- 1979, जिगमे सिंह बांगचू।
C. निम्नलिखित कथन सही (✓) हैं या गलत (✗):
- लम्बा और स्वस्थ जीवन मानवीय विकास का महत्त्वपूर्ण पहलू है।
- ऑस्ट्रेलिया मानवीय विकास सूचक अंक अनुसार संसार में दूसरे स्थान पर आता है।
- रोटी, कपड़ा और मकान मनुष्य की तीन बुनियादी ज़रूरतें हैं।
- जो बस्ती तीन ओर से किसी रुकावट के परिणाम के कारण खोज में आती है उसे अर्ध गोलाकार कहते हैं।
- शहर एक विकसित शहरी बस्ती होती है।
उत्तर-
- सही,
- सही,
- सही,
- गलत,
- सही।
II. एक शब्द/एक पंक्ति वाले प्रश्नोत्तर (One Word/Line Question Answers) :
प्रश्न 1.
विकास से आपका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
जब किसी वस्तु, मनुष्य या तकनीक की गुणवत्ता में वृद्धि होती है, उसे विकास कहते हैं।
प्रश्न 2.
पाकिस्तान और भारत के उन विद्वानों के नाम बताओ, जिन्होंने पहली बार मानवीय विकास सूचक का सिद्धान्त दिया।
उत्तर-
डॉ० महबूब-उल-हक और डॉ० अमर्त्य सेन।।
प्रश्न 3.
सकारात्मक विकास से आपका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
जब गुणवत्ता में सकारात्मक बदलाव आता है, उसे सकारात्मक विकास कहते हैं।
प्रश्न 4.
मानवीय विकास के महत्त्वपूर्ण पहलू कौन-से हैं ?
उत्तर-
लम्बा और स्वस्थ जीवन, ज्ञान की प्राप्ति, साधन इत्यादि मानवीय विकास के महत्त्वपूर्ण पहलू हैं।
प्रश्न 5.
मानवीय विकास के स्तंभ कौन-से हैं ?
उत्तर-
हक, निरंतरता, उत्पादकता, शक्तिकरण मानवीय विकास के स्तंभ हैं।
प्रश्न 6.
भारत में बच्चों का कौन-सा समूह स्कूल जाना छोड़ देता है ?
उत्तर-
आर्थिक तौर पर पिछड़े हुए बच्चों का समूह।
प्रश्न 7.
एक अच्छा जीवनयापन करने के लिए मनुष्य की बुनियादी जरूरतें कौन-सी हैं ?
उत्तर-
रोटी, कपड़ा और मकान।
प्रश्न 8.
I.L.0 क्या है ?
उत्तर-
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन।
प्रश्न 9.
UNDP क्या है ?
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम।
प्रश्न 10.
कितने देशों में मानवीय विकास का अंक ज्यादा है ?
उत्तर-
57 देशों में।
प्रश्न 11.
भारत का मानवीय विकास का अंक सभी देशों में कितना स्थान है ?
उत्तर-
134 वां।
प्रश्न 12.
मानवीय बस्तियों को कितनी श्रेणियों में बाँटा जाता है ?
उत्तर-
मानवीय बस्तियों को दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है—
- ग्रामीण बस्तियाँ,
- शहरी बस्तियाँ।
प्रश्न 13.
2011 की जनगणना के अनुसार, भारत के एक गाँव में औसतन आबादी कितनी है और गाँव का औसत क्षेत्रफल कितना है ?
उत्तर-
2011 की जनगणना के अनुसार, भारत के एक गाँव में औसत जनसंख्या 1395 व्यक्ति और क्षेत्रफल 5.5 वर्ग किलोमीटर है।
प्रश्न 14.
ग्रामीण बस्तियों का चेक बोर्ड नमूना किस तरह का होता है ?
उत्तर-
ये बस्तियाँ अधिकतर वहाँ विकसित होती हैं, जहाँ दो रास्ते या यातायात के साधन एक-दूसरे को समकोण पर मिलते हों।
प्रश्न 15.
कस्बा किसे कहा जाता है ?
उत्तर-
कस्बा शहरी बस्ती की सबसे छोटी इकाई होती है। यहाँ शहरी काम करने के तरीके इत्यादि देखने को मिलते
प्रश्न 16.
ग्रामीण बस्तियाँ अधिकतर कहां पर मिलती हैं ? ।
उत्तर-
ग्रामीण बस्तियाँ, घाटी के मैदानों, तटवर्ती इलाकों, पहाड़ों की ढलानों, नदी के किनारों इत्यादि के नज़दीक मिलती हैं।
प्रश्न 17.
मानवीय विकास का सूचक सिद्धान्त किसने और कब बनाया ?
उत्तर–
पाकिस्तान के अर्थशास्त्री महबूब उल-हक ने 1990 में यह सिद्धान्त बनाया।
प्रश्न 18.
भारत में मानवीय विकास को मापने के लिए कौन-से तीन सैट चुने गए हैं ?
उत्तर-
लिंग समानता, स्त्रियों की अपेक्षाकृत अधिक प्राप्ति और मानवीय गरीबी सूचक।
प्रश्न 19.
मानवीय विकास सूचक की कीमत क्या होती है ?
उत्तर-
मानवीय विकास सूचक की कीमत 0 से 1 के बीच होती है।
प्रश्न 20.
उच्च मानवीय विकास सूचक का अंक क्या है ?
उत्तर-
0.8 या इससे अधिक।
प्रश्न 21.
विकास कब होता है ?
उत्तर-
विकास तब होता है जब सकारात्मक परिवर्तन किसी स्थान पर होता है।
प्रश्न 22.
किसमें धनात्मक तबदीली होती है ? विकास में या बढ़ोत्तरी में।
उत्तर-
विकास में।
प्रश्न 23.
विकास का मुख्य लक्ष्य क्या होता है ?
उत्तर-
इस तरह के हालात या सुविधा पैदा करनी, जिसके साथ मनुष्य समृद्ध जीवन बिता सके।
प्रश्न 24.
उत्तरी अमेरिका के कौन-से देश का मानवीय विकास सूचक सबसे अधिक है ?
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका।
प्रश्न 25.
किस देश का संसार में मानवीय विकास अंक ज्यादा है और कितना है ?
उत्तर-
नार्वे का (0.963)
अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
मानवीय विकास से आपका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
विकास का अर्थ है गुणात्मक परिवर्तन। यह किसी प्रदेश के संसाधनों के विकास के लिए अधिकतम शोषण की प्रक्रिया है। इसका मुख्य उद्देश्य किसी प्रदेश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। इसका मुख्य लक्ष्य मनुष्य के लिए अवसरों की पहुंच को बढ़ाना है।
प्रश्न 2.
मानवीय विकास के चिन्ह या सूचक कौन से हैं ?
उत्तर-
विश्व बैंक प्रति वर्ष विश्व विकास रिपोर्ट तैयार करके प्रस्तुत करता है। इसमें उत्पादन, स्वास्थ्य, शिक्षा, मांग, ऊर्जा, व्यापार, जनसंख्या वृद्धि, इत्यादि के आँकड़े एकत्रित किए जाते हैं। यह रिपोर्ट कुछ सूचकों पर आधारित होती है। ये सूचक हैं—
- जीवन अवधि
- साक्षरता
- रहन-सहन का स्तर।
प्रश्न 3.
मानवीय विकास के सिद्धान्त के अनुसार उत्पादकता से क्या अर्थ है ?
उत्तर-
इसका अर्थ है जिन्दगी के प्रत्येक क्षेत्र में उत्पादन का बढ़ना। देश की जनसंख्या या देश के लोग देश की असल पूँजी हैं। इसलिए उन लोगों की सामर्थ्य बढ़ाने के लिए उनको बढ़िया चिकित्सा सुविधाएं और शिक्षा की सुविधाएँ प्रदान करनी चाहिए।
प्रश्न 4.
विकास से क्या अभिप्राय है ? इसके कोई तीन मूल बिंदु बताओ।
उत्तर-
विकास का अर्थ है गुणात्मक परिवर्तन। इसके तीन मूल बिंदु हैं—
- लोगों के जीवन की गुणवत्ता
- अवसर
- लोगों की स्वतंत्रता।
प्रश्न 5.
एक उचित जीवन जीने के लिए जरूरी पहलू कौन से हैं ?
उत्तर-
एक उचित जीवन जीने के लिए ज़रूरी पहलू निम्नलिखित अनुसार हैं—
- लंबा और स्वस्थ जीवन
- ज्ञान में वृद्धि
- एक सार्थक जीवन के पर्याप्त साधन।
प्रश्न 6.
कुछ लोग मूल ज़रूरतों को भी पूरा नहीं कर सकते। इसके क्या कारण हैं ?
उत्तर-
अधिकतर लोगों के पास योग्यता की कमी होने के कारण और आजादी की कमी के कारण वे अपनी मूल जरूरतों को नहीं पूरा कर सकते, क्योंकि—
—ज्ञान प्राप्त करने की सामर्थ्य का न होना
—लोगों की गरीबी
—सामाजिक विभिन्नता।
उदाहरण—एक अशिक्षित बच्चा कभी डॉक्टर नहीं बन सकता। एक गरीब साधनों की कमी के कारण चिकित्सा उपचार नहीं करवा सकता।
प्रश्न 7.
प्रो० अमर्त्य सेन के अनुसार विकास का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर-
अमर्त्य सेन के अनुसार विकास का मुख्य उद्देश्य लोगों की स्वतंत्रता में वृद्धि करना है। यह विकास का एक सबसे प्रभावशाली और योग्य साधन है। सामाजिक और राजनैतिक संस्थाएं आजादी को बढ़ाती हैं।
प्रश्न 8.
एक सार्थक जीवन की प्रमुख विशेषताएँ बताओ।
उत्तर-
एक सार्थक जीवन की प्रमुख विशेषताएँ हैं—
- लोगों का जीवन स्वस्थ होना चाहिए।
- लोगों में अपनी प्रतिभा के विकास करने की योग्यता होनी चाहिए।
- प्रत्येक सामाजिक गतिविधियों में शामिल हो।
- संसाधनों तक पहुँच, स्वस्थ जीवन।
प्रश्न 9.
हक या इन्साफ से आपका क्या अर्थ है ? इसमें कौन सी मुश्किलें आती हैं ?
उत्तर-
इन्साफ का अर्थ है कि हर मनुष्य को हर अवसर में एक बराबर पहुंच है या हर अवसर को हर मनुष्य प्राप्त कर सकता है। हर मनुष्य को जो भी अवसर मिले वह बराबर मिले। पर इसमें कुछ मुश्किलें भी आती हैं जैसे कि—
—लिंग असमानता
—पीढ़ी भिन्नता
—जाति।
प्रश्न 10.
निरंतरता क्या है ? कोई तीन स्रोतों के नाम लिखें जो निरंतरता में प्रयोग किये जाते हैं।
उत्तर-
निरंतरता का अर्थ है अवसरों की उपलब्धि में निरंतरता। हर पीढ़ी की अपनी जरूरतें होती हैं, इसलिए स्रोतों का गलत प्रयोग नहीं होना चाहिए परन्तु फिर भी कुछ स्रोतों का गलत प्रयोग होता है। जैसे कि—
- पर्यावरण,
- मनुष्य,
- आमदनी।
प्रश्न 11.
भारत में ग्रामीण बस्तियों के कौन-कौन से नमूने मिलते हैं ?
उत्तर-
भारत में ग्रामीण बस्तियों के निम्नलिखित नमूने मिलते हैं—
- रेखीय नमूना
- चैक बोर्ड
- आयताकार नमूना
- अर्धव्यास नमूना
- तारों के समान
- त्रिकोण नमूना
- गोलाकार
- अर्धगोलाकार
- तीर जैसा
- बादल जैसा।
प्रश्न 12.
शहरी बस्तियों को कौन-सी मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जाता है ?
उत्तर-
शहरी बस्तियों को नीचे लिखी श्रेणियों में विभाजित किया जाता है—
- शहरी गाँव
- कस्बा
- शहरा
- महानगर
- विशाल शहरी क्षेत्र
- शहरों के समूह।
प्रश्न 13.
मानवीय विकास सूचक के अनुसार देशों को कैसे विभाजित किया जाता है ?
उत्तर-
मानवीय विकास सूचक के अनुसार देशों को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया जाता है।
मानवीय विकास सूचक अंक | देश | |
1. उच्च मानवीय विकास सूचक स्तर | 0.8 से ज्यादा | 57 |
2. मध्यम विकास सूचक स्तर | 0.5 से 0.799 | 88 |
3. सबसे कम विकास सूचक स्तर | 0.5 से कम | 32 |
प्रश्न 14.
स्मार्ट शहर से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
स्मार्ट शहर उन शहरी क्षेत्रों को कहते हैं जो पूरी तरह विकसित शहर हैं। यहाँ तकनीक एक संपूर्ण बुनियादी ढाँचा, टिकाऊ जमीन जायदाद, अपने नागरिकों के लिए अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ, संचार साधन, मंडीकरण और आवश्यक सेवाएँ आसानी से प्राप्त हों, स्मार्ट शहर कहलाते हैं।
प्रश्न 15.
आर० पी० मिश्रा ने विकास केन्द्र में कौन से स्तर शामिल किये हैं ?
उत्तर-
- स्थानिक सेवा केन्द्र
- विकास बिंदु
- विकास केन्द्र
- विकास धुरा इत्यादि चार स्तरों को आर० पी० मिश्रा ने विकास फोकल प्वाइंट में शामिल किया है।
प्रश्न 16.
भारत में मानवीय विकास को मापने के लिए कौन-से तीन कारकों को चुना गया है ?
उत्तर-
- लिंग समानता
- स्त्रियों की अपेक्षाकृत अधिक प्राप्तियाँ
- मानवीय गरीबी सूचक।
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
उत्पादकता से क्या अभिप्राय है ? इसमें किस प्रकार वृद्धि की जा सकती है ?
उत्तर-
उत्पादकता का अर्थ है मानव कार्य के संदर्भ में उत्पादकता। देश के लोग ही देश की असल दौलत हैं। अगर लोगों को अच्छी सुविधाएँ मिलेंगी तो भविष्य में उत्पादन बढ़ाने में योगदान डालेंगे। इसमें वृद्धि करने के उपाय हैं—
- लोगों की क्षमताओं का निर्माण करना।
- लोगों के ज्ञान में वृद्धि करना।
- बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करके।
- कार्यक्षमता बेहतर करके।
प्रश्न 2.
सशक्तिकरण से क्या अभिप्राय है ? लोगों को कैसे सशक्त किया जा सकता है ? .
उत्तर-
सशक्तिकरण का अर्थ है-अपने विकल्प चुनने के लिए शक्ति प्राप्त करना। ऐसी शक्ति से स्वतंत्रता और क्षमता बढ़ती है। लोगों को सशक्त करने के उपाय हैं—
- लोगों की स्वतंत्रता का स्तर बढ़ा कर
- योग्यता का स्तर बढ़ा कर
- सुशासन
- लोकोन्मुखी नीतियाँ।
प्रश्न 3.
मानव विकास के मापन के लिए कौन-से प्रमुख क्षेत्रों को चुना गया है ? भारत में मानवीय विकास सूचक की कीमत क्या है ?
उत्तर-
मानवीय विकास को मापने के लिए कुछ प्रमुख क्षेत्र हैं-जन्म दर, मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर, पोषक तत्व और जन्म के समय जीवन संभावना, साक्षरता, स्त्रियों की साक्षरता, स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या, छात्रों का अनुपात, आर्थिक मापदंड, आमदनी, रोजगार, उत्पादन, गरीबी की घटनायें, रोजगार के क्षेत्रों को शामिल किया जाता है। ये सारे मुख्य क्षेत्र आपस में मिल कर मानवीय विकास सूचक अंक का निर्माण करते हैं जो 0 से 1 के बीच हैं। इसकी कीमत एक के जितने पास होगी उतना ही मानवीय विकास सूचक अंक उच्च होगा।
प्रश्न 4.
कुल राष्ट्रीय प्रसन्नता क्या है ? इसके कुछ महत्त्वपूर्ण पहलू कौन-से हैं ?
उत्तर-
भूटान के राजा जिगमें सिंह वांगचू ने यह सूचकांक 1979 में सुझाया था। इसके द्वारा मानवीय विकास को मापा जाता है। इसका अर्थ है कि मानसिक शांति, खुशी, प्रसन्नता, संतोष इत्यादि जिन्दगी के महत्त्वपूर्ण पहलू हैं और यह सिर्फ पैसे की बदौलत या पैसे की बहुलता से ही पूरा नहीं होता। कुल राष्ट्रीय प्रसन्नता का सिद्धान्त हमें पवित्र धार्मिक गुणात्मक पहलू के विकास की ओर बल देने का सुझाव देता है। वर्ष 2017 में भारत का कुल राष्ट्रीय प्रसन्नता दर्जाबंदी में 122वां स्थान था जो पड़ोसी देशों से भी कम है।
प्रश्न 5.
मानवीय विकास का महत्त्व क्या है ?
उत्तर-
मानवीय विकास का मुख्य उद्देश्य मानवीय चुनाव के क्षेत्र को बढ़ाना है जिसके साथ मानवीय दिशाओं का सुधार होता है। यह उत्पादन का स्तर बढ़ाता है। मानवीय विकास का महत्त्व निम्नलिखित है—
- यह मानवीय जनसंख्या की वृद्धि को कम करने में सहायक होता है।
- हर तरह का प्रदूषण कम करने और मानवीय जिन्दगी को आरामदायक पर्यावरण प्रदान करने में सहायता करता
- इस तरह गरीबी दूर होती है और सामाजिक बुराइयों का खात्मा होता है तथा राजनीतिक संतुलन और मजबूत बनता है।
प्रश्न 6.
मानवीय बस्तियों का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
रोटी, कपड़ा और मकान मनुष्य की तीन जरूरतें हैं। इस तरह मनुष्य अपनी हैसियत और इच्छानुसार मकान बनाकर उसमें रहता है। जिस स्थान को मनुष्य, अपना मकान या रहने के लिए चुनता है उसे बस्ती कहा जाता है। जब मनुष्य इन बस्तियों में रहना शुरू कर लेता है, वे मानवीय बस्तियाँ कहलाती हैं। आबादी के घनत्व, सुख-सुविधाएँ सेवाएँ और अवसरों इत्यादि के आधार पर मानवीय बस्तियों को मुख्य तौर पर दो भागों में विभाजित किया जाता है—
- ग्रामीण बस्तियाँ,
- शहरी बस्तियाँ।
प्रश्न 7.
शहरों के समूह से आपका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
Conurbation (शहरों का समूह) शब्द की खोज और प्रयोग सबसे पहले पैट्रिक गैडिस ने किया। शहरों का समूह इस तरह का शहरी क्षेत्र होता है जिसमें कई महानगर और कई छोटे-बड़े कस्बे विलीन हो जाते हैं और एक बहुत बड़े शहरी क्षेत्र को आकार मिल जाता है। उदाहरण के तौर पर भारत में कोलकाता ही एक ऐसा बड़ा महानगर है, जिसमें 85 के करीब छोटे-बड़े कस्बे और शहरी क्षेत्र शामिल होते हैं। यह क्षेत्र हुगली नदी के दोनों ओर फैला हुआ है। हावड़ा, डम-डम, कालीघाट, बिशनूपुर, डॉयमंड हार्बर और कोलकाता अन्य स्थान इसमें शामिल होते हैं। इनको शहरों का समूह कहा जाता है। परन्तु इस क्षेत्र में लोगों को विकास के साथ-साथ अनेकों मुसीबतों का भी सामना करना पड़ता है, जैसे कि इन क्षेत्रों में आबादी की वृद्धि के कारण हर क्षेत्र में गैर योजनाबंदी होती जा रही है।
प्रश्न 8.
स्मार्ट शहर प्रोजैक्ट का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर-
स्मार्ट शहर प्रोजैक्ट का मुख्य उद्देश्य शहरों का हर तरफ से विकास करने से है। इसके लिए महत्त्वपूर्ण तत्वों के मापदण्ड निम्नलिखित हैं—
- उचित जलापूर्ति और बिजली का उचित प्रबन्ध
- सफाई का अच्छा प्रबन्ध और टिकाऊ पर्यावरण।
- कुशल यातायात और संचार के साधन।
- गरीब जनसंख्या के लिए घर।
- सूचना तकनीक का उचित प्रबंध।
- सरकार द्वारा उचित प्रशासन।
- नागरिकों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध।
- उचित शिक्षित, साहित्यिक और स्वास्थ्य सेवाएँ इत्यादि।
प्रश्न 9.
मानवीय विकास के चिन्ह और सूचक कौन से हैं ?
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र विकास प्रोग्राम द्वारा हर साल मानवीय विकास इन्डैक्स या रिपोर्ट बनाई जाती है। इसमें उत्पादक, खपत और मांग, व्यापार ऊर्जा, जनसंख्या की वृद्धि, स्वास्थ्य, शिक्षा इत्यादि से सम्बन्धित जानकारी प्रदान की जाती है। यह रिपोर्ट कुछ चिन्हों पर आधारित होती है। मानवीय विकास के तीन मुख्य घटक हैं—
- दीर्घायु,
- ज्ञान स्तर,
- रहन-सहन का स्तर।
भारत का मानवीय विकास सूचकांक देशों में 134वां है और नार्वे का पहला स्थान है। मानवीय विकास के मुख्य चिन्ह हैं—
- जन्म पर जीवन अवधि
- साक्षरता
- G.D.P. और G.N.P.
- आयु संरचना इत्यादि।
प्रश्न 10.
देश के कुछ भागों में मानवीय विकास सूचकांक साधारण है। इसके क्या कारण हैं ?
उत्तर-
साधारण मानवीय विकास सूचकांक वाले देशों की संख्या सबसे ज्यादा है। इस भाग में 88 देशों को शामिल किया गया है।
कारण—
- अधिकतर ये वे देश हैं जो विकास कर रहे देशों के साथ मिल चुके हैं।
- “बहुत सारे देश इसमें भूतपूर्व कालोनियों के हैं।
- कुछ देश सोवियत यूनियन के टूटने के बाद 1990 में उभर कर सामने आए।
- कुछ देशों ने मानवीय विकास का सूचकांक सामाजिक भेदभाव और मानवीय विकास पर आधारित योजनाओं को बनाकर किया है।
- इनमें से बहुत सारे देशों में बहुत ज्यादा भेदभाव देखने को मिलता है। अन्य देशों के मुकाबले यहाँ मानवीय सूचकांक ज्यादा है।
- काफी देशों में राजनीतिक अस्थिरता भी साधारण मानवीय विकास का कारण है।
प्रश्न 11.
विकास धुरे की अवधारणा से आपका क्या अर्थ है ?
उत्तर-
1955 में फ्रांसिस पैरोकस ने सबसे पहले विकास धुरे की अवधारणा पेश की जिसे बाद में मिस्टर बोडविले ने विस्तार से पेश किया था। उनके अनुसार हर स्थान पर विकास एक समय या एक जैसा नहीं होता। विकास का स्तर और विकास का समय, हर स्थान पर अलग होता है। यह विकास अलग-अलग वेग के साथ ‘बिंदु’ केन्द्र में होता है। इस प्रकार अलग-अलग स्थानों के विकास का ज्ञान इकट्ठा करने के लिए और विकास धुरे की पहचान करने के लिए विकास धुरे को विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। यह हिस्सा विकास और स्थिति को गुणात्मक बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान डालते हैं।
आर०पी० शर्मा ने इसमें चार स्तरों या दों को शामिल किया है—
- स्थानीय सेवा केन्द्र
- विकास बिंदु
- विकास केन्द्र
- विकास धुरा।
प्रश्न 12.
विकासशील देशों पर नोट लिखो।
उत्तर-
विकासशील देशों में मुख्य उद्योग, जैसे कि कृषि, वन, खनन, मछली पकड़ना, राष्ट्रीय आर्थिकता पर मुख्य अधिकार रखते हैं। अधिकतर जनसंख्या कृषि के काम में लगी हुई है और कृषि मुख्य रूप में अपने गुजर-बसर के लिए की जाती है। कृषि के लिए भूमि का आकार छोटा होता है। मशीनीकरण बहुत ही कम होता है और फसल का मुनाफा भी कम ही होता है जिसके कारण ज्यादातर क्षेत्र ग्रामीण आबादी के अधीन आता है। जन्म दर और मृत्यु दर दोनों ही अधिक होती हैं। बच्चों की संख्या अधिक होती है। खाने में पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण प्रोटीन की कमी, भुखमरी और कुपोषण की समस्या आम मिलती है। विकासशील देशों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी आती है, जिसके कारण बहुत सारी बीमारियां क्षेत्र में फैल जाती हैं। ये क्षेत्र जनसंख्या की वृद्धि के कारण भीड़ वाले बन जाते हैं, जहां घरों की हालात बहुत खराब होती है। शिक्षा सेवा भी पूरी विकसित नहीं होती। समाज में स्त्रियों की दशा भी ठीक नहीं होती।
निबंधात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)
प्रश्न 1.
मानवीय विकास से आपका क्या अभिप्राय है ? इस मनोभाव का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
उत्तर-
मानवीय विकास एक प्रगतिशील सिद्धान्त है। मानवीय विकास का अर्थ है विकास का प्रक्रम और यह किसी प्रदेश के संसाधनों के विकास के लिए अधिकतम शोषण की प्रक्रिया है। इसका मुख्य उद्देश्य किसी प्रदेश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। मानवीय विकास का मुख्य उद्देश्य मानव के लिए इस प्रकार का पर्यावरण पैदा करना होता है, जिसमें कोई बच्चा बिना शिक्षा से न रहे। जहाँ किसी भी मनुष्य को स्वास्थ्य सुविधा के लिए कोई मनाही न हो, जहाँ पर हर प्राणी अपनी योग्यता को बढ़ा सके।
भूगोलवेत्ता और समाज वैज्ञानिकों ने मानवीय विकास के क्षेत्र में विशिष्ट ध्यान दिया है। उन्होंने गरीबी का नाश करने और मानवीय जीवन को आनंदमय बनाने का उपदेश दिया है।
विकास का अर्थ स्वतंत्रता से है। आज के समाज में औद्योगीकरण, कम्प्यूटरीकरण, अच्छे यातायात और संचार के साधनों, अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण मनुष्य विकास कर रहा है।
मानवीय विकास का महत्त्व-मानवीय विकास के कारण आबादी की दर में कमी आ रही है। प्रदूषण जैसी समस्याओं को काबू करने के लिए भिन्न तरीके अपनाये जा रहे हैं। जिन्दगी को सुहावना और टिकाऊ बनाने के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं के साथ-साथ पर्यावरण की सफाई पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस कारण कई सामाजिक बुराइयों का अंत हो रहा है।
मानवीय विकास के चिन्ह या सूचक-संयुक्त राष्ट्र विकास प्रोग्राम द्वारा हर साल मानवीय विकास इन्डैक्स विकसित किया जाता है। इसमें उत्पादन, खपत, मांग, ऊर्जा, वित्त, व्यापार, जनसंख्या वृद्धि, स्वास्थ्य, शिक्षा इत्यादि के आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं। यह रिपोर्ट कुछ सूचकों पर आधारित होती है। इसके तीन मूल घटक हैं-जीवन अवधि, ज्ञान, रहन-सहन का स्तर। मानवीय विकास के सूचक अंक के अनुसार, भारत का 134वां और नार्वे का पहला स्थान है। निम्नलिखित कुछ तत्व मानवीय विकास इन्डैक्स में शामिल किये गये हैं—
- जन्म पर जीवन अवधि (Life Expectancy)
- साक्षरता (ज्ञान का स्तर) (Level of Knowledge)
- जनसंख्यात्मक विशेषताएं (Demographic Characteristics)
- मानवीय गरीबी सूचक (Human Poverty Indicators)
1. जन्म पर जीवन अवधि-विश्व की औसत रूप से आयु 65 वर्ष है। उत्तरी अमेरिका में जीवन अवधि 77 वर्ष है जो कि विश्व में सबसे अधिक है। इसके उलट अफ्रीका में सबसे कम जीवन अवधि 54 वर्ष है जो कि सबसे कम है। विकसित देशों में पौष्टिक तत्व, चिकित्सा सेवाएं इत्यादि के कारण लोगों की आयु लम्बी होती है।
Life Expectancy Rate (2012)
Country | Life Expectancy | % of population above 65 years |
Japan | 83 | 24 |
Canada | 81 | 14 |
Switzerland | 82 | 17 |
Australia | 82 | 14 |
France | 82 | 17 |
India | 65 | 5 |
2. ज्ञान का स्तर-ज्ञान किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक विकास के लिए सबसे अधिक विश्वसनीय स्रोत माना जाता है। गरीबी को दूर करने के लिए शिक्षा का होना अनिवार्य है। साक्षरता जनसांख्यिकीय विशेषताओं को प्रभावित करती है। विकसित देशों में साक्षरता का स्तर विकासशील देशों के मुकाबले ज्यादा होगी। ज्यादा साक्षरता खासकर आस्ट्रेलिया, यू०एस०ए, कैनेडा, जर्मनी, इत्यादि देशों में देखने को मिलती है। भारत में स्त्रियों की साक्षरता दर 65.5% और पुरुषों की साक्षरता दर 80% हैं।
3. मानवीय गरीबी सूचक-GDP और GNP देश की प्रति व्यक्ति (Per capita) आय दिखाती है, जो मानवीय विकास का एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। जिस देश की प्रति व्यक्ति आय अधिक होगी वे देश भी अधिक विकसित होंगे। विकसित देशों में लोग विकासशील देशों से अधिक कमाते हैं। यू० एस० ए०, स्विट्ज़रलैंड, कैनेडा, जापान, आस्ट्रेलिया की GDP की आय अधिक है।
4. जनसंख्यात्मक विशेषताएँ-देश की आर्थिक स्थिति किसी देश की जनसंख्या के विभाजन, वृद्धि और घनत्व को प्रभावित करती है। विकसित और विकासशील देशों की जनसंख्या में विशेष अंतर पाए जाते हैं।
- प्राकृतिक जनसंख्या में वृद्धि-कच्ची आयु और मृत्यु दर के बीच के फर्क को प्राकृतिक जनसंख्या की वृद्धि कहते हैं। यह व्यापार, आर्थिकता पर विशेष प्रभाव डालते हैं।
- आयु वर्ग-यह भी विकसित और विकासशील देशों में अलग होती है। विकासशील देशों में ज्यादातर आश्रित जनसंख्या रहती है जैसे कि (0-14 साल) और 60 साल से ऊपर के लोग, परन्तु यह आश्रित जनसंख्या की संख्या विकसित देशों में कम होती है।
इस प्रकार उपरोक्त कारकों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि विश्व में मानवीय विकास असमान है।
इसी प्रकार मानवीय विकास का जो यह अनमोल सिद्धान्त है, इसको मुख्य रूप में चार स्तंभों के अधीन विभाजित किया गया है।
- समता-इसका मतलब हर इन्सान को अपनी मर्जी का रोजगार चुनने का पूरा-पूरा अधिकार है।
- निरंतरता- इसका अर्थ है कि लोगों को अलग-अलग प्रकार के अवसर लगातार मिलते रहने चाहिए।
- उत्पादकता- इसका अर्थ हर एक क्षेत्र में उत्पादन में वृद्धि से है।
- शक्तिकरण- इसका अर्थ है अपने विकल्प चुनने के लिए शक्ति प्रदान करना।
इस प्रकार उपरोक्त कारकों के आधार पर हम इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि विश्व में मानवीय विकास का सूचक अंक असमान है। हर समाज, आर्थिकता इत्यादि में अलग है। यहां विकासशील और विकसित देशों के सूचक अंक में भिन्नता है।
प्रश्न 2.
मानवीय बस्तियों पर नोट लिखो।
उत्तर-
रोटी, कपड़ा और मकान मानव की तीन मूल जरूरतें हैं। मनुष्य अपनी हैसियत और इच्छा के अनुसार अपना घर बनाता है। जिस स्थान पर कोई मनुष्य रहता है, वह उसका बसेरा या बस्ती होती है। जनसंख्या और विकास के आधार पर बस्तियों को दो भागों में विभाजित किया जाता है—
- ग्रामीण बस्तियाँ
- शहरी बस्तियाँ।
I. ग्रामीण बस्तियाँ-गाँवों में बने निवास स्थानों को ग्रामीण बस्तियाँ कहते हैं। ग्रामीण बस्तियाँ आमतौर पर बाढ़ के मैदानों, नदी के किनारों पर, पहाड़ी क्षेत्रों में, घाटी के मैदानों, तटवर्ती इलाकों इत्यादि में मिलती हैं। धरातल और भूमि इत्यादि के आधार पर हमारे देश में कई स्थानों पर घनी और कई स्थानों पर बिखरी हुई ग्रामीण बस्तियां मिलती हैं। भारत में ग्रामीण बस्तियों के कुछ नमूने इस प्रकार हैं—
(A) रैखिक नमूना-इस प्रकार की बस्तियाँ अधिकतर हमें सड़कों के किनारों, रेल लाइनों के नजदीक या किसी नहर इत्यादि के पास मिलती हैं।
Linear Pattern
2. चेक बोर्ड नमूना-ऐसी बस्तियाँ उन स्थानों पर मिलती हैं यहाँ यातायात के साधन और सड़कें एक-दूसरे को एक समकोण पर काटते हैं।
Check Board Pattern
3. आयताकार प्रतिरूप-यह नमूना देखने में चेक बोर्ड के नमूने के जैसा ही होता है। यहां भी सड़कें एक दूसरे को समकोण पर काटती हैं और खासकर ये एक वर्ग आकार की होती हैं।
Rectangular Pattern
4. अर्धव्यास नमूना-इस प्रकार की बस्तियाँ एक केन्द्रीय धुरे से शुरू होती हैं, जहाँ कई सड़कें, रास्ते इत्यादि अलग-अलग दिशाओं से एक केन्द्रीय स्थान पर इकट्ठे होते हैं।
5. तारे जैसा नमूना-ये बस्तियाँ अर्धव्यास के नमूने में हुए कुछ सुधारों का नतीजा है।
6. त्रिकोण नमूना- इस प्रकार की बस्तियाँ त्रिकोण आकार की होती हैं जो कि तीनों ओर से घिरी होती हैं।
7. गोलाकार नमूना-इस प्रकार की बस्तियाँ आमतौर पर किसी नदी, तालाब, मस्जिद, मंदिर इत्यादि के आस-पास मिलती हैं।
8. अर्धगोलाकार नमूना-इस प्रकार का नमूना किसी नदी के किनारे पर मिलता है। पर नदी का दूसरा हिस्सा किसी पहाड़ी इलाके के साथ मिला होना चाहिए। यह देखने में अर्ध गोल आकार की बन जाती है।
9. तीर नमूना-इस प्रकार की बस्तियाँ किसी नदी के किनारों या नदी की उप-नदियों के किनारों के साथ-साथ मिलती हैं।
10. बादल जैसा नमूना-यह देखने में एक बादल जैसी होती है।
II. शहरी बस्तियाँ-शहरी बस्तियों का सम्बन्ध कस्बों या नगरों से होता है। इन क्षेत्रों में लोग ग्रामीण लोगों के जैसे कृषि के काम की अपेक्षा औद्योगिक विकास के कारण उद्योगों इत्यादि में काम करते हैं। यहाँ ग्रामीण मुकाबले विकास ज्यादा के होने कारण जनसंख्या का घनत्व भी ज्यादा होता है। शहरी बस्तियों को भी आगे कुछ श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। जैसे—
1. शहरी गाँव-इस प्रकार के गाँव के ढंग, तरीके शहरी होते हैं। इसको शहरी, ग्रामीण, कस्बा या शहरी बस्ती कहते हैं। यह किसी गाँव में हुए परिवर्तन को दिखाता है।
2. कस्बा-यह किसी शहरी बस्ती की सबसे छोटी इकाई होती है।
3. शहर-यह पूरी तरह से विकसित बस्ती होती है। यहां शहरी काम और जटिल अंदरूनी बनावट का बोलबाला होता है। जिस बस्ती की जनसंख्या एक लाख या इससे ज्यादा व्यक्तियों की होती हैं, वह शहर कहलाते हैं। यहां आबादी की वृद्धि शहर में मिलने वाली सेवाओं, सुविधाओं और रोजगार के अवसरों के कारण होती है।
4. महानगर-यह एक विशाल शहर होता है जिसकी जनसंख्या दस लाख या इससे ज्यादा व्यक्तियों की होती है। जैसे-जैसे विकास और समय बदलता जा रहा है, इस प्रकार के शहरों की जनसंख्या बढ़ती जा रही है। इस प्रकार एक रिकार्ड अनुसार 1981 ई० में देश में सिर्फ 12 महानगर थे, जो कि 2011 में 53 तक बढ़ गए।
5. विशाल शहरी क्षेत्र-यह एक बहुत बड़ा विशाल शहरी क्षेत्र होता है जिसमें कई महानगर शामिल होते हैं। महानगर के विकास के कारण कई शहरी बस्तियाँ इसमें शामिल हो जाती हैं। जिस कारण यह क्षेत्र एक विशाल शहरी क्षेत्र में बदल जाता है। इस सिद्धान्त को सबसे पहली बार जीन गोटमैन ने दिया। इस धारणा का मुख्य रूप में उत्तर पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए उपयोग किया गया।
6. शहरों का समूह-यह एक ऐसा क्षेत्र होता है जिसमें कई महानगर और छोटे-बड़े शहरी क्षेत्र आपस में समा जाते हैं और यह एक शहर के समूह को जन्म देते हैं। हमारे भारत में इसका सबसे बड़ा उदाहरण कोलकाता शहर का है जिसमें 85 के करीब छोटे-बड़े शहरी क्षेत्र शामिल हैं।
प्रश्न 3.
विकसित तथा विकासशील देशों में विकास की तुलना करो।
उत्तर-
विकसित और विकासशील देशों में मानवीय विकास का सूचक अंक अलग-अलग होता है। विकसित देशों में सेजगार के अच्छे अवसर और स्वास्थ्य सेवायें आसानी से मिल जाती हैं, जिस कारण मानवीय विकास अधिक होता है और विकासशील देशों में मानवीय विकास कम होता है। इनकी तुलना निम्नलिखित—
विकसित देश | विकासशील देश |
1. इन देशों में राष्ट्रीय आर्थिक पूंजी का मुख्य स्रोतऔद्योगिक काम होते हैं। | 1. इन देशों में लोगों का मूल रोजगार जैसे कि कृषि, मछली पालन, खनन इत्यादि होते हैं।। |
2. इन देशों में बहुत कम लोग कृषि का काम करते | 2. अधिकतर देश की आबादी कृषि के कामों में लगी होती है। |
3. मुख्य रूप में कृषि व्यापार के लिए की जाती है और अच्छी मशीनों की सहायता से खेती की जाती है। भूमि का आकार बड़ा होता है। | 3. कृषि सिर्फ अपने ही निर्वाह के लिए की जाती है, क्योंकि खेत छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित किया होता है और मशीनीकरण की कमी होती है। |
4. मुख्य तौर पर जनसंख्या शहरी होती है और अधिकतर 80% लोग शहरों और कस्बों में रहते हैं। | 4. मुख्य तौर पर जनसंख्या गाँवों में रहती है और 80% के लगभग जनसंख्या ग्रामीण होती है। |
5. जन्म दर और मृत्यु दर कम होती है और आयु हमेशा अधिक होती है। बच्चे और बूढ़े, भाव निर्भर जनसंख्या कम होती है और काम करने वालों की जनसंख्या ज्यादा होती है। | 5. जन्म दर और मृत्यु दर दोनों ही अधिक होती हैं और आयु हमेशा छोटी होती है। बच्चे और बुजुर्ग अर्थात् निर्भर अधिक जनसंख्या होती है और काम करने वालों की संख्या कम होती है। |
6. इन देशों में पौष्टिक आहार के कारण बीमारियों का खतरा कम होता है और लोग विकास के कामों में लगे रहते हैं। | 6. इन देशों में पौष्टिक आहार की कमी होती है जिस कारण बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। |
7. इन देशों में अच्छी चिकित्सा सुविधाएँ लोगों के लिए होती हैं। | 7. इन क्षेत्रों में अच्छी चिकित्सा सुविधाएं नहीं होतीं। |
8. सामाजिक हालात इन क्षेत्रों में अधिकतर अच्छे होते हैं और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ अच्छा घर और पर्यावरण होता है। | 8. इन क्षेत्रों में भीड, घटिया मकान और सफाई का प्रबंध कम होता है जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषित होता है। |
9. इन क्षेत्रों में अच्छी शिक्षित सेवा प्रदान की जाती है, जिस कारण साक्षरता दर ऊँची होती है और साक्षरता दर उच्च होने के कारण इन क्षेत्रों में मानवीय विकास का स्तर उच्च होता है। | 9. इन क्षेत्रों में शिक्षित सेवा उच्च स्तर की नहीं होती, जिस कारण साक्षरता दर कम होती है और मानवीय विकास दर कम होती है। |
10. स्त्रियों की दशा में काफी सुधार होता है। स्त्रियों को पुरुषों के समान अधिकार और अवसर प्रदान किये जाते हैं। | 10. अशिक्षा के कारण लोगों की सोच अच्छी नहीं होती जिस कारण स्त्रियों को पुरुषों के समान नहीं समझा जाता। |
11. विकसित होने के कारण लोगों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलते हैं। | 11. ये देश आज भी विकास कर रहे हैं जिस कारण इतने अच्छे रोजगार के अवसर नहीं मिलते। |
प्रश्न 4.
मानव विकास की धारणा क्या है ? इसका महत्त्व और इसके स्तंभों के बारे में विस्तार से चर्चा करो।
उत्तर-
वृद्धि और विकास दोनों द्वारा ही समय के साथ कुछ परिवर्तन आता जाता है, इसलिए ये दोनों स्तर एक-दूसरे से अलग हैं। विकास गुणवत्ता पर आधारित परिवर्तन होता है और वृद्धि का सम्बन्ध संख्या से होने कारण यह धनात्मक और ऋणात्मक भी हो सकता है। इस प्रकार विकास किसी वस्तु की वृद्धि और कमी दोनों ही चिन्हों द्वारा दर्शाया जा सकता है। इस तरह विकास गुणात्मक होता है जिसमें हमेशा धनात्मक परिवर्तन होता है। इसका अर्थ है कि जंब तक किसी स्थान पर वृद्धि नहीं होती अर्थात् मौजूदा हालातों में कुछ सुधार नहीं होता उतना समय विकास संभव नहीं होता। जनसंख्या की वृद्धि से विकास नहीं होता। विकास तब होता है, जब योग्यता में वृद्धि होती है। उदाहरण के लिए अगर किसी क्षेत्र की आबादी 10 लाख से 20 लाख हो गई तो इससे सिर्फ जनसंख्या में वृद्धि होगी, पर अगर मूल जरूरतों जैसे-घरों की सप्लाई, जल, ऊर्जा, यातायात इत्यादि साधनों में विकास होता है, तो उसे विकास कहते हैं।
1990 से पहले देश में वृद्धि दर को और विकास दर को वहाँ की आर्थिक समृद्धि के हिसाब से मापा जाता था। इसका अर्थ है कि देश में विकसित आर्थिक अवसरों के साथ उस देश के विकसित होने पर अंदाजा लगाया जाता था, पर इन अंदाजों के आधार पर सही स्थिति के बारे में जान पाना काफी मुश्किल होता था, क्योंकि कई बार कुछ मसलों में आर्थिक वृद्धि के लाभ मनुष्य तक नहीं पहुंचते थे। इस प्रकार विकास के कुछ महत्त्वपूर्ण पहलू इस प्रकार हैं—
- लोगों की जीवन क्षमता
- लोगों के पास अवसरों का होना
- लोगों द्वारा स्वतंत्रता या खुलेपन को मानना।
उपरोक्त विचार स्पष्ट रूप में सबसे पहली बार 1980 के अंत के समय और 1990 के पहले दौर में दिये गये। यह विचार मशहूर अर्थशास्त्री महबूब उल हक और डॉ० अमर्त्य सेन द्वारा दिये गये। महबूब उल हक ने 1990 में मानवीय विकास का अर्थ बताया कि लोगों के चुनाव के घेरे को बढ़ाना चाहिए, ताकि वे शान से लम्बा और स्वस्थ जीवन जी सकें। डॉ० हक के अनुसार, “लोग ही विकास का धुरा हैं। लोगों के विकल्प, निर्धारित नहीं। ये बदलते रहते हैं। विकास का मुख्य उद्देश्य लोगों के लिए ऐसे अवसर पैदा करना है जिनके साथ वे एक सार्थक जिन्दगी बिता सकें। डॉक्टर अमर्त्य सेन ने अपने विचारों में कहा है, “मनुष्य की स्वतंत्रता में वृद्धि होना जरूरी है, क्योंकि यह ही विकास का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। विकास के लिए मनुष्य की स्वतंत्रता बहुत ज़रूरी है। उसने ज्यादातर राजनीतिक और सामाजिक आधारों द्वारा मनुष्य को स्वतंत्रता देने पर जोर दिया है।
मानवीय विकास के महत्त्वपूर्ण पहलू हैं।
—लम्बा और स्वस्थ जीवन
—ज्ञान की प्राप्ति के लिए योग्यता हासिल करना
—खूबसूरत जिन्दगी बिताने के लिए योग्य साधनों का होना।
आम शब्दों में विकास का अर्थ खुलापन या स्वतंत्रता से है। विकास और स्वतंत्रता का आपस में अच्छा संबंध है। विकास के स्तर को आधुनिक सुविधायों की मौजूदगी और उन तक पहुँच से मापा जा सकता है।
मानवीय विकास का महत्त्व-मानवीय विकास एक संयुक्त इंडेकस है-जैसे कि आयु संरचना, शिक्षा और प्रति व्यक्ति आय इत्यादि सारे सूचक अंक इसका हिस्सा है। ये किसी देश को एक क्रम प्रदान करते हैं और इनके अनुसार ही देश के विकास का अंदाजा लगाया जाता है। एक देश में मानवीय विकास सूचक अंक प्राप्त कर लेता है जब वहाँ के नागरिकों का जीवन स्तर ऊँचा होगा, शिक्षा सेवाएँ अच्छी होंगी और लोग (GDP) और (GNP) के विकास में अपना योगदान दे पायेंगे। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि मानवीय विकास का मुख्य उद्देश्य मानवीय विकल्पों के क्षेत्र को बढ़ाना है और मानवीय परिस्थितियों को और आगे बढ़ाना है। यह उत्पादन के स्तर को ऊंचा उठाने में सहायक है। इस तरह ये मानवीय गुणों में सुधार लाने में सहायक हैं। यह तभी सम्भव है जब समाज के सभी तत्वों में ज़रूरत अनुसार निवेश किया जाए। मानवीय विकास देश की आबादी में वृद्धि की दर को कम करता है क्योंकि साक्षरता के कारण उनकी सोचने की क्षमता में विकास होता है। प्रदूषण पर काबू पाया जा सकता है और मानव जीवन को शुद्ध और साफ-सुथरा पर्यावरण प्रदान किया जा सकता है। सुधरा हुआ मानवीय जीवन राजनैतिक और सामाजिक संतुलन को मजबूत करता
मानवीय विकास के स्तंभ
जिस तरह एक मकान बनाने के लिए कुछ स्तंभों की जरूरत होती है, उसी प्रकार मानवीय विकास के लिए कुछ स्तभों की जरूरत होती है। जैसे कि—
1. हक या इंसाफ-हक या इंसाफ का अर्थ है अवसरों और रोजगार को हासिल करने में हर इंसान को समानता। जो भी अवसर उपलब्ध हैं वह हर एक के लिए समान हों बिना किसी लिंग, नस्ल, धर्म, जाति इत्यादि के भेदभाव से। ज्यादातर गरीब लोगों को अच्छे अवसर नहीं मिलते और वे अपने हक को प्राप्त करने से असमर्थ हो जाते हैं।
2. निरंतरता-इसका अर्थ है अवसरों की लगातार उपलब्धि। इसका अर्थ है हमारी हर पीढ़ी को एक समान अवसर मिलने चाहिए। इसलिए हमें अपने पर्यावरण, पूंजी, मानवीय स्रोतों का फालतू प्रयोग नहीं करना चाहिए। हमें ये स्रोत अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए संभाल कर रखने चाहिए ताकि वे भी इनका फायदा उठा सकें। हमें इनका प्रयोग सही रूप में करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इनका लाभ उठा सकें।
3. उत्पादकता- इसका अर्थ मजदूर वर्ग की उत्पादकता या मानवीय काम में उत्पादकता से है। यह मानवीय योग्यताओं को सम्पन्न बनाता है और कहा जाता है कि देश के लोग ही इसकी असली पूंजी हैं। अगर उनके ज्ञान के विकास के लिए कोशिश की जाए और अच्छी सुविधाएँ प्रदान की जाएं, अच्छा स्वास्थ्य व शिक्षा सेवाएं दी जाएं तो वे अपने कार्य में कुशलता हासिल कर सकेंगे।
4. शक्तिकरण-इसका अर्थ है कि लोगों के पास अपनी मर्जी के अवसरों को चुनने की शक्ति का होना। इसका अर्थ है लोगों में अपने अवसर बनाने की शक्ति होनी चाहिए। इस तरह की शक्ति स्वतंत्रता और योग्यताओं द्वारा मानव में आती है। अच्छी सरकारी नीतियां और लोगों की भलाई के लिए सरकार द्वारा किए गए काम भी इस श्रेणी में शामिल हैं। लोगों को शक्तिकरण प्रदान करने के लिए लोकहित में बनी नीतियां या अच्छे प्रशासन की जरूरत है।
मानवीय विकास सूचक को ज्ञात करने के लिए सारे तत्वों के औसत मूल्य को जोड़कर तत्वों की संख्या के साथ भाग करके इसका मूल्य पता किया जाता है।
मानवीय संसाधन-मानवीय विकास तथा बस्तियाँ PSEB 12th Class Geography Notes
- वृद्धि से भाव किसी वस्तु या चीज़ की संख्या से है और विकास का भाव किसी गुणवत्ता की वृद्धि से होता है। विकास के कुछ महत्त्वपूर्ण पहलू हैं—लोगों की गुणवत्ता में वृद्धि, लोगों के पास अवसर का होना । अथवा लोगों द्वारा आज़ादी को मानना।
- लंबा और स्वस्थ जीवन, ज्ञान की प्राप्ति के लिए योग्यता का होना, बेहतरीन जिंदगी बनाने के लिए साधनों का होना इत्यादि कुछ पहलू मानवीय विकास के लिए आवश्यक हैं।
- मानवीय विकास का मुख्य उद्देश्य, मानवीय चुनाव के क्षेत्र को और अधिक विशाल करना और मानवीय हालातों को सुधारना है। हक या इन्साफ़, उत्पादकता, अवसर की उपलब्धता, मनमर्जी के अवसर, मानवीय विकास के स्तंभ माने जाते हैं।
- संयुक्त राष्ट्र विकास प्रोग्राम द्वारा मानवीय विकास इन्डैक्स विकसित किया गया, जिसमें लंबी उम्र, ज्ञान का स्तर, रहन-सहन का स्तर इत्यादि तत्त्व शामिल किए गए हैं।
- मानवीय विकास सूचक की कीमत 0 से 1 के बीच होती है। जिसकी कीमत 1 के नज़दीक या आस- पास होगी, मानवीय विकास का स्तर उतना ही उच्च होगा।
- रोटी, कपड़ा और मकान मनुष्य की तीन मुख्य ज़रूरतें हैं। मानवीय बस्तियों को ग्रामीण और शहरी दो भागों में बाँटा जाता है। !
- नार्वे जिसका मानवीय सूचक अंक 0.949 है, दुनिया में पहले स्थान पर आता है।
- मानवीय विकास सूचक अंक अनुसार भारत में केरल पहले और फिर हिमाचल प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु इत्यादि प्रदेश आते हैं।
- भारत सरकार ने मौजूद शहरों में कुछ शहरों को स्मार्ट शहर बनाने का ऐलान किया है। स्मार्ट शहर प्रोजैक्ट का मुख्य उद्देश्य शहरों का हर पक्ष से विकास करना है। इसलिए एक स्मार्ट शहर के लिए कुछ मापदंड निर्धारित किए गए हैं–जैसे-जलापूर्ति, निश्चित बिजली का प्रबंध, अच्छी साफ़-सफ़ाई, गरीबों के लिए सस्ते घर इत्यादि।
- फ्रांसिस पैरोकस ने 1955 में विकास धुरे की धारणा दी, जिसका बाद में मिस्टर बोडविले ने विस्तार किया। | उनका विचार था कि विकास हर जगह पर एक ही समय में नहीं होता। इसमें अलग-अलग वेग से बिन्दु, । केंद्र और अक्ष में विकास होता है।
- मानव विकास-मानव विकास का अर्थ है लोगों की जीवन गुणवत्ता में वृद्धि होना।
- मानवीय विकास के चिन्ह—
- दीर्घायु,
- ज्ञान का स्तर,
- रहन-सहन का स्तर।
- मानवीय विकास सूचकांक का सिद्धांत डॉक्टर महबूब-उल-हक ने 1990 ई० में दिया।
- मानवीय विकास के स्तम्भ-हक, निरन्तरता, उत्पादकता, शक्तिकरण मानवीय विकास के स्तम्भ के तौर पर जाने जाते हैं।
- मानवीय विकास की 2005 की रिपोर्ट के अनुसार नार्वे जिसका मानवीय सूचक अंक 0.949 है, दुनिया भर में – पहले स्थान पर आता है।
- मानवीय बस्तियों को सुविधाओं और आबादी के अनुसार दो मुख्य-श्रेणियों में विभाजित किया जाता है
- ग्रामीण बस्तियाँ,
- शहरी बस्तियाँ।
- कस्बा-यह शहर की सबसे छोटी इकाई होती है। यहाँ शहरी रहने के तरीके, काम-काज साफ़ देखने को मिलता है।
- महानगर-जिस शहर की आबादी 10 लाख व्यक्ति या इससे ज्यादा हो, उसे महानगर कहा जाता है।
- स्मार्ट शहर-जिस शहर में तकनीक, प्रमुख ढांचे, अपने नागरिकों के मुताबिक सेवाएं हों उन्हें स्मार्ट शहर कहते हैं।
- विकास केंद्र में चार स्तर या दर्जे—
- स्थानिक सेवा केंद्र
- विकास बिंदु
- विकास केंद्र
- विकास धुरा।