PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 19 शार्टकट सब ओर

Punjab State Board PSEB 12th Class Hindi Book Solutions Chapter 19 शार्टकट सब ओर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 12 Hindi Chapter 19 शार्टकट सब ओर

Hindi Guide for Class 12 PSEB शार्टकट सब ओर Textbook Questions and Answers

(क) लगभग 60 शब्दों में उत्तर दो:

प्रश्न 1.
शार्टकट को जीवन दर्शन के रूप में अपनाने का श्रीगणेश कब हुआ ?
उत्तर:
एक प्राचीन कथा के आधार पर शार्टकट की इस नवीन प्रणाली को जन्म देने का श्रेय पार्वती जी को है, जिन्होंने अपने प्रिय पुत्र गणेश जी को, युवराज पद के संघर्ष में भगवान् शंकर के प्रिय पुत्र कार्तिकेय जी की अपेक्षा, यह सलाह दी कि तीनों लोकों की परिक्रमा करने की बजाए, अपने वाहन चूहे पर सवार होकर भगवान् शंकर की परिक्रमा कर लें। क्योंकि भगवान् शंकर भी तो त्रिलोकीनाथ हैं। त्रिलोक की परिक्रमा उनके सामने क्या महत्त्व रखती है। इसी शार्टकट को अपना कर गणेश जी ने विजय प्राप्त की।

प्रश्न 2.
शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ रहे शार्टकट का वर्णन अपने शब्दों में करें।
उत्तर:
शिक्षा के क्षेत्र में शार्टकट के कारण पाठ्य-पुस्तकों की जगह कुंजियों, नोट्स की धूम मची है। मॉडल पेपर और टैस्ट पेपर छपते हैं जो एक सप्ताह, एक दिन, एक घंटा परीक्षा से पहले पढ़ लेने पर पास होने के पासपोर्ट समझे जाते हैं। आजकल तो परीक्षा से पाँच मिनट पूर्व शीर्षक की पुस्तकें भी छपनी शुरू हो गई हैं। इसी तरह ग्रेजुएट बनने के लिए भी वाया बठिण्डा नामक शार्टकट का चलन हो गया है। प्रभाकर, ज्ञानी या शास्त्री की परीक्षा पास कर केवल अंग्रेजी में एक पर्चा देकर ग्रेजुएट बना जा सकता है। साहित्य के क्षेत्र में भी बड़ी-बड़ी पुस्तकों की बजाए उनके लघु संस्करण छपने लगे हैं। प्रबन्ध काव्य की जगह मुक्तक काव्य ने ले ली है। एक नाटक की जगह एकांकी और कहानी की जगह छोटी कहानी की जगह शार्टकट के कारण ही ले रही है। यही नहीं साहित्य की प्रत्येक विधा को शार्टकट ने अपने शिकंजे में कस रखा है।

PSEB 12th Class Hindi Solutions Chapter 19 डॉ० संसार चन्द्र

प्रश्न 3.
‘शार्टकट सब ओर’ में लेखक ने व्यंग्य के द्वारा शार्टकट के कुप्रभावों की ओर कैसे संकेत किया है ?
उत्तर:
लेखक ने शार्टकट की संस्कृति के प्रभाव स्वरूप आगे बढ़ने की होड़ में बेतहाशा भागना शुरू कर दिया है। स्त्रियों ने टाइट ड्रैस पहननी शुरू कर दी है और बाल कटवाने शुरू कर दिये हैं। पाठ्य-पुस्तकों की बजाए कुंजियों, नोट्स और मॉडल टैस्ट पेपरों ने ले ली है। विवाह के झंझट से बचने के लिए प्रेम विवाह होने लगे हैं। ये सब शार्टकट के कुप्रभाव ही तो हैं।

(ख) लगभग 150 शब्दों में उत्तर दो:

प्रश्न 4.
‘शार्टकट सब ओर’ निबन्ध आज के युग का यथार्थ चित्रण है। इसमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में शार्टकट अपना कर आगे बढ़ने की प्रवृत्ति का वर्णन किया गया है।
उत्तर:
प्रस्तुत निबन्ध में हास्य के पुट के साथ आधुनिक युग के गम्भीर यथार्थ को सामने रखा है। आज मनुष्य कामकाज के बोझ से इतना दब गया है कि शार्टकट के बिना उसकी गाड़ी चल ही नहीं सकती। उसके हर काम में हर क्षेत्र में शार्टकट का ही बोल बाला है। टाइट ड्रैस और हेयर कट इसी शार्टकट का ही परिणाम हैं। साहित्य के क्षेत्र में भी शार्टकट का सहारा लिया जाने लगा है। आज बड़ी-बड़ी पुस्तकें कोई नहीं पढ़ता। लघु संस्करणों ने उनकी जगह ले ली है। पाठ्य-पुस्तकों के स्थान पर कुंजियाँ, नोट्स, मॉडल पेपर, टैस्ट पेपर लोग पढ़ते हैं और अब तो ऐसी पुस्तकें भी बाज़ार में आ गई हैं जो परीक्षा से एक सप्ताह पहले, एक घण्टा पहले और पाँच मिनट पहले शीर्षक वाली हैं। ये सब शार्टकट का ही तो परिणाम है। उपन्यास की जगह कहानी, छोटी कहानी, नाटक की जगह एकांकी और महाकाव्य की जगह मुक्तक काव्य ने ले ली है। सच्चाई यह है कि आज शार्टकट ने साहित्य की प्रत्येक विधा को अपने शिकंजे में ले लिया है।

शादी के सिलसिले में प्रेम विवाह भी इसी शार्टकट की देन है। शिक्षा के क्षेत्र में वाया बठिण्डा ग्रेजुएट होने के लिए शार्टकट का सहारा लिया जाता है। लेखक ने शार्टकट के कारण गागर में सागर भरने की बात को स्पष्ट करते हुए कहा है कि आजकल लोगों के पास बात । तक करने की भी फुर्सत नहीं है इसलिए वे शार्टकट का सहारा लेकर इशारों ही इशारों में बात करते हैं। – इस तरह लेखक ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शार्टकट का सहारा लेने की बात कही है। प्रश्न 5. ‘शार्टकट सब ओर’ निबन्ध का सार अपने शब्दों में लिखो। उत्तर-देखिए पाठ के आरम्भ में दिया गया सार। (ग) सप्रसंग व्याख्या करें

प्रश्न 6.
एक गम्भीर दौड़ छिड़ गई है। हर कोई एक-दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में है। यह दौड़ कछुए और खरगोश की नहीं बल्कि सिर्फ खरगोशों की दौड़ है।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ डॉ० संसार चन्द्र द्वारा लिखित निबन्ध ‘शार्टकट सब ओर’ में से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक शार्टकट के माध्यम से लोगों के एक-दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ की चर्चा कर रहे हैं।

व्याख्या:
लेखक कहते हैं कि शार्टकट आधुनिक संस्कृति का दूसरा नाम बन जाने के कारण लोगों में एक गम्भीर दौड़ छिड़ गई है। हर कोई एक-दूसरे से आगे निकल जाना चाहता है। यह दौड़ कोई कछुए और खरगोश की दौड़ नहीं जिसमें कछुआ तो धीरे-धीरे चलता है और खरगोश कुलाचे भरता हुआ सरपट दौड़ता है परन्तु यह दौड़ तो केवल खरगोशों की दौड़ है जिसमें हर कोई तेज़ी से भाग रहा है और एक-दूसरे से आगे निकल जाना चाहता है।

विशेष:

  1. आधुनिक युग में हर कोई शार्टकट कर रहा है।
  2. भाषा सरल, सहज तथा प्रवाहमयी है।

प्रश्न 7.
मुक्तक रचना ने प्रबन्ध की कमर तोड़ दी है। एकांकी नाटक के प्राण हर रहा है। छोटी कहानी बड़ी का गला दबोच रही है। सच्चाई यह है कि साहित्य की प्रत्येक विधा को शिकंजे में कस कर शार्टकट किया जा रहा है।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ डॉ० संसार चन्द्र द्वारा लिखित निबन्ध ‘शार्टकट सब ओर’ में से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक साहित्य पर शार्ट के प्रभाव का वर्णन कर रहे हैं।

व्याख्या:
लेखक शार्टकट के साहित्य पर पड़ने वाले प्रभाव का उल्लेख करते हुए कहते हैं शार्टकट के कारण मुक्तक काव्य की रचना होने लगी जिसने प्रबन्ध काव्य की कमर तोड़ दी अर्थात् उसकी रचना बन्द हो गई। इसी तरह एकांकी ने नाटक के प्राण हर लिए अर्थात् शार्टकट के कारण नाटक के स्थान पर एकांकी का प्रचलन शुरू हो गया। इसी तरह छोटी कहानी ने कहानी का गला दबोच लिया अर्थात् कहानी के स्थान पर छोटी कहानी लिखी जाने लगी। सच तो यह है कि साहित्य की प्रत्येक विधा को निबन्ध, संस्मरण, रेखाचित्र-आदि को शार्टकट ने अपने शिकंजे में कस लिया है अर्थात् साहित्य की सभी विधाएँ इसके प्रभाव में आ गई हैं।

विशेष:

  1. साहित्य के क्षेत्र में मुक्तकों, कहानी, एकांकी को शार्टकट माना गया है।
  2. भाषा सहज तथा मुहावरों से युक्त है।

प्रश्न 8.
ये महानुभाव अपने समग्र कार्य व्यापार आँखों के इशारों से चलाते हैं। इसके पास बात करने की फुर्सत कहाँ। किसी उर्दू शायर ने सम्भवतः इनकी इस अदा पर कुर्बान होकर ही यह शेयर पढ़ा हैजमाने को फुरसत नहीं गुफ़तगू की
अरुसे सुखन ये इशारों के दिन हैं। प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ डॉ० संसार चन्द्र द्वारा लिखित निबन्ध ‘शार्टकट सब ओर’ में से ली गई हैं।

प्रस्तुत:
पंक्तियाँ में लेखक ने बातचीत पर भी शार्टकट के प्रभाव का वर्णन किया है।

व्याख्या:
लेखक मौन व्रत को शार्टकट सम्प्रदाय का बहुत बड़ा अनुष्ठान मानते हुए कहते हैं कि ये लोग, जो मौन व्रत के समर्थक हैं, अपना सारा कार्य व्यापार आँखों के इशारों से चलाते हैं। उनके पास बात तक करने की फुर्सत नहीं है। किसी उर्दू कवि ने शायद इनकी इसी अदा पर न्योछावर होते हुए यह शेयर पढ़ा था जिसका अर्थ है कि ज़माने को बातचीत करने की भी फुर्सत नहीं है क्योंकि दुल्हन से बातचीत इशारों से करने के दिन हैं।

विशेष:

  1. लेखक ने मौन को भी वार्तालाप का शार्टकट माना है।
  2. भाषा बोलचाल की उर्दू शब्दों से युक्त है।

PSEB 12th Class Hindi Guide शार्टकट सब ओर Additional Questions and Answers

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
डॉ० संसार चंद का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर:
डॉ० संसार चंद का जन्म जम्मू के मीरपुर गाँव में सन् 1917 में हुआ था।

प्रश्न 2.
डॉ० संसार चंद के अधिकतर निबंध किस तरह के हैं ?
उत्तर:
व्यग्यात्मक।

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प्रश्न 3.
डॉ० संसार चंद के द्वारा रचित कुछ निबंध संग्रहों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सोने के दाँत, बातें या झूठी, तिनकों के घाट, महामूर्ख मंडल।

प्रश्न 4.
लेखक ने आज की संस्कृति को दूसरा नाम क्या दिया है?
उत्तर:
शार्टकट।

प्रश्न 5.
शार्टकट का इतिहास कैसा है?
उत्तर:
बहुत पुराना।

प्रश्न 6.
गणेश जी ने शार्टकट कैसे मारकर विजय प्राप्त कर ली थी?
उत्तर:
उन्होंने भगवान् शंकर की परिक्रमा करके विजय प्राप्त कर ली थी।

प्रश्न 7.
साहित्य के क्षेत्र में आजकल कौन-से शार्टकट के उदाहरण हैं ?
उत्तर:
मॉडल पेपर, टैस्ट पेपर, कुंजियां, नोट्स, लघु संस्करण।

प्रश्न 8.
लेखक के अनुसार कहानी किसका शार्टकट है?
उत्तर:
उपन्यास का।

प्रश्न 9.
मुक्तक किसके शार्टकट माने जाते हैं ?
उत्तर:
प्रबंध काव्य के।

प्रश्न 10.
‘वाया बठिंडा’ क्या है?
उत्तर:
शिक्षा से संबंधित डिग्री प्राप्त करने के लिए टुकड़ों में प्राप्त की गई शिक्षा।

प्रश्न 11.
लेखक की दृष्टि में आजकल सब तरफ किसका बोलबाला है?
उत्तर:
शार्टकट का।

प्रश्न 12.
लेखक की दृष्टि में कौन-सा मुहावरा शार्टकट की तरफ संकेत करता है?
उत्तर:
गागर में सागर भरना।

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वाक्य पूरे कीजिए

प्रश्न 13.
हर कोई एक-दूसरे से..
उत्तर:
आगे बढ़ने की दौड़ में है।

प्रश्न 14.
…………….नाटक के प्राण हर रहा है।
उत्तर:
एकांकी।

प्रश्न 15.
छोटी कहानी बड़ी कहानी……………..।
उत्तर:
का गला दबोच रही है।

प्रश्न 16.
ये महानुभाव अपने समग्र कार्य.. ………….. …….से चलाते हैं।
उत्तर:
आँखों के इशारों।

हाँ-नहीं में उत्तर दीजिए

प्रश्न 17.
शिक्षा के क्षेत्र में शार्टकट बढ़ रहे हैं।
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 18.
मुक्तक रचना ने प्रबंध की कमर तोड़ दी है।
उत्तर:
हाँ।

बोर्ड परीक्षा में पूछे गए प्रश्न

प्रश्न 1.
‘शार्टकट सब ओर’ निबंध के लेखक का नाम लिखें।
उत्तर:
डॉ० संसार चंद।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

1. ‘शार्टकट सब ओर’ किस विद्या की रचना है ?
(क) निबंध
(ख). कहानी
(ग) संस्मरण
(घ) रेखाचित्र।
उत्तर:
(क) निबंध

2. ‘शार्टकट सब ओर’ कैसा निबंध है ?
(क) विचारात्मक
(ख) व्यंग्यात्मक
(ग) विवेचनात्मक
(घ) आत्म कथात्मक।
उत्तर:
(ख) व्यंग्यात्मक

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3. लेखक के अनुसार शार्टकट को जन्म देने का श्रेय किसकों है ?
(क) पार्वती को
(ख) शिव को
(ग) गणेश को
(घ) महादेवी को
उत्तर:
(क) पार्वती को

4. शार्टकट के कारण मुक्तक ने किसकी जगह ली ?
(क) कहानी
(ख) उपन्यास
(ग) प्रबंध काव्य
(घ) काव्य
उत्तर:
(ग) प्रबंध काव्य

5. शार्टकट का इतिहास कितना पुराना है ?
(क) बहुत पुराना
(ख) सौ साल पुराना
(ग) दो सौ साल पुराना
(घ) पचास साल पुराना
उत्तर:
(क) बहुत पुराना

कठिन शब्दों के अर्थ

शार्टकट = छोटा रास्ता। अबाध गति = बिना रुकावट के चाल। कुलाचें भरना = छलांगें मारना। सरपट भागना = तेज़ भागना । गर्जे कि = यहाँ तक कि। सिक्का मानना = प्रभाव मानना। श्रीगणेश करना = आरम्भ करना। परिक्रमा करना = चारों ओर चक्कर लगाना। द्रुतगामी = तेज़ चलने वाला। वाहन = सवारी। बिसात = हैसियत, सामर्थ्य । शिल्पविधि = रचना का तरीका। जनाज़ा = अर्थी । शार्ट = छोटा। किस्सा = कहानी। काबिले गौर = ध्यान देने योग्य। धूर्तराज = धोखेबाज़ों का राजा। मज़मून = विषय। बिलबिलाना = तड़पना । लबरेज़ होना = पूरा भरना। सब्र = सन्तोष। दामन = आँचल। फ़िलासफी = दर्शन। जेहाद = संघर्ष। बुलन्द करना = ऊँचा उठाना। अबूर करना = पार करना। ईजाद = आविष्कार। दुश्वार = कठिन। हनूज दिल्ली दूर अस्त = अभी दिल्ली दूर है। बेतकल्लुफ़ = निस्संकोच, बेधड़क, अनौपचारिक। तफ़रीह = दिल्लगी, हँसी। कारगर = उपयोगी। खारिज = अलग किया हुआ। जौक = एक प्रसिद्ध उर्दू कवि। हकीकत = वास्तविकता। बयान करना = वर्णन करना। चन्द एक = कुछ एक।वृहद् = बड़ा। भौन = भवन, घर। गुफ़तगू = बातचीत।

शार्टकट सब ओर Summary

शार्टकट सब ओर जीवन परिचय

डॉ० संसार चन्द्र जी का जीवन परिचय लिखिए।

डॉ० संसार चन्द्र का जन्म सन् 1917 में जम्मू के मीरपुर नामक गाँव में हुआ। हिन्दी संस्कृत में एम० ए० करने के बाद आपने पंजाब विश्वविद्यालय से पीएच०डी० एवं डी०लिट् की उपाधि प्राप्त की। आपने जम्मू में अध्यापन कार्य प्रारम्भ किया। फिर सनातन धर्म कॉलेज (लाहौर) अम्बाला छावनी में हिन्दी संस्कृत विभाग के अध्यक्ष रहे। बाद में पंजाब विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में रीडर पद पर काम किया। सन् 1970 में जम्मू विश्वविद्यालय में हिन्दी विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। यहीं से 1977 में आप सेवानिवृत्त होकर चण्डीगढ़ में बस गए। आपने अधिकतर व्यंग्यात्मक निबन्ध लिखे हैं। आपके प्रसिद्ध निबन्ध संग्रहों में सोने के दाँत, अपनी डाली के काँटे, बातें ये झूठी हैं, गंगा जब उल्टी बहे, महामूर्ख मण्डल, तिनकों के घाट, लाख रुपए की बात उल्लेखनीय हैं।

शार्टकट सब ओर निबन्ध का सार

‘शार्टकट सब ओर’ निबन्ध का सार 150 शब्दों में लिखिए।

प्रस्तुत व्यंग्यपरक निबन्ध में डॉ० संसार चन्द्र ने आधुनिक युग के एक गम्भीर यथार्थ को प्रस्तुत किया है। लेखक का मानना है कि आज की संस्कृति का दूसरा नाम शार्टकट है। इसके पीछे हम बेतहाशा दौड़ रहे हैं। हर कोई जीवन के हर क्षेत्र में शार्टकट को अपना रहा है। शार्टकट का इतिहास बहुत पुराना है। इसे जन्म देने का श्रेय पार्वती जी को है जिन्होंने गणेश जी को तीनों लोकों की परिक्रमा का शार्टकट यह बताया कि वे भगवान् शंकर की परिक्रमा कर लें। शार्टकट अपना कर गणेश जी विजयी हुए।

साहित्य के क्षेत्र में भी आज लघु संस्करणों, कुंजियों, नोटों, मॉडल पेपर और टैस्ट पेपर का युग है। परीक्षा से एक सप्ताह पहले, एक घण्टा पहले शार्टकट का ही परिणाम है। इस दिशा में परीक्षा से पाँच मिनट पहले के शार्टकट निकल चुके हैं। इसी तरह नाटक की जगह एकांकी और उपन्यास की जगह कहानी, प्रबन्ध काव्य की जगह मुक्तक का प्रचलन शार्टकट का ही परिणाम है।

शादी के क्षेत्र में भी प्रेम विवाह शार्टकट के कारण प्रचलन हुआ है। आज माली सींचे सौ घड़ा ऋतु आने पर ही फल लगने की कौन प्रतीक्षा करता है। शिक्षा के क्षेत्र में वाया बठिण्डा परीक्षा पास करना शार्टकट के कारण ही सम्भव हो सका है। स्पष्ट है कि आज के युग में शार्टकट का ही बोलबाला है। गागर में सागर भरने मुहावरे का भी यही अर्थ है कि व्यक्ति थोड़े में बहुत कुछ कह जाता है अर्थात् शार्टकट से काम लेता है।

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