PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय

Punjab State Board PSEB 12th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar pad parichay पद-परिचय Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 12th Class Hindi Grammar पद-परिचय

शब्द भाषा की स्वतन्त्र इकाई हैं। शब्दों से ही वाक्य की रचना होती है। शब्दों को वाक्य में ज्यों का त्यों रख देने से वह वाक्य नहीं कहलाएगा। जैसे–’पुलिस चोर लाठी पीटा।’ इन शब्दों को एक साथ बोलने पर यह सार्थक वाक्य नहीं कहलाएगा। सार्थक वाक्य बनाने के लिए इन शब्दों में विभिन्न परसर्ग लगाकर इनके रूप बदलने होंगे अर्थात् ‘पुलिस’ शब्द को पुलिस ने’, ‘चोर’ शब्द को ‘चोर को’ तथा ‘लाठी’ शब्द को ‘लाठी से’ बनाना होगा। अतः सार्थक वाक्य होगा-
पुलिस ने चोर को लाठी से पीटा।

इस प्रकार उपर्युक्त सार्थक वाक्य में प्रयुक्त ‘पुलिस ने’ ‘चोर को’, ‘लाठी से’ कोई नए शब्द नहीं हैं बल्कि पुलिस, चोर तथा लाठी से बने वाक्य में प्रयुक्त होने वाले शब्द रूप या पद हैं। अत: जब शब्दों को वाक्य में प्रयुक्त करते हैं तो वे पद कहलाते हैं।

PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय

वाक्य का अर्थ भली-भांति समझने के लिए व्याकरण शास्त्र की सहायता अपेक्षित है, और उसकी आवश्यकता पड़ती है। वाक्यगत शब्दों के रूप तां उनका पारस्परिक सम्बन्ध बताने में यह प्रक्रिया ही पद-परिचय कहलाती है अथवा वाक्यगत पदों के भेद आदि बतलाने की विधि को पद-परिचय कहते हैं। पद-परिचय को शब्द-बोध भी कहते हैं।

परिभाषा-वाक्यगत प्रत्येक शब्द का व्याकरण की दृष्टि से पूर्ण परिचय देना ही पद परिचय कहलाता है। पद-परिचय में पद के भेद, उपभेद, लिंग, वचन, कारक आदि की जानकारी दी जाती है। पद-परिचय में निम्नलिखित बातों का उल्लेख किया जाना चाहिए-

  1. संज्ञा-भेद (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक) लिंग, वचन, कारक तथा क्रिया के साथ उसका सम्बन्ध (यदि हो तो)।
  2. सर्वनाम-भेद (पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, सम्बन्धवाचक, निजवाचक) पुरुष, लिंग, वचन, कारक, क्रिया से उसके सम्बन्ध।
  3. विशेषण-भेद (गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, सर्वनामिक) लिंग; वचन और विशेष्य। .
  4. क्रिया-भेद (अकर्मक, सकर्मक, प्रेरणार्थक, संयुक्त) लिंग, वचन, पुरुष, धातु, काल, वाच्य, प्रयोग, कर्ता और कर्म का संकेत।
  5. क्रिया विशेषण-भेद (कालवाचक, स्थानवाचक, परिमाणवाचक, रीतिवाचक) सम्बन्धित क्रिया का निर्देश अर्थात् जिस क्रिया की विशेषता बताई गई हो।
  6. समुच्चयबोधक-भेद (समानाधिकरण, व्यधिकरण) जिन शब्दों या वाक्यों को मिला रहा है, उनका उल्लेख।
  7. सम्बन्धबोधक-भेद (जिस संज्ञा या सर्वनाम के साथ सम्बन्ध हो, उनका उल्लेख)
  8. विस्मयादिबोधक-भेद अर्थात् कौन सा भाव प्रकट हो रहा है।

पद-परिचय में ध्यान देने योग्य बातें

हिन्दी में अनेक शब्द ऐसे होते हैं जो अनेक पद भेदों का काम करते हैं। प्रयोग में वे कभी संज्ञा, कभी सर्वनाम, कभी विशेषण तो कभी क्रिया-विशेषण आदि बन कर आते हैं। ऐसे कुछ अधिक प्रयोग में आने वाले शब्दों की सूची यहाँ दी जा रही है।
1. आप सर्वनाम (मध्यम पुरुष) आप जाइए।
सर्वनाम (निजवाचक) मैं यह प्रश्न आप ही हल कर सकता हूँ।
सर्वनाम (अन्य पुरुष) मोहन राकेश प्रसिद्ध नाटककार थे। आप उत्कृष्ट कहानीकार भी थे।

शब्दों का भिन्न-भिन्न रूपों में प्रयोग

बहुत से शब्द ऐसे होते हैं जो अनेक पद-भेदों का काम करते हैं। प्रयोग में वे कभी संज्ञा, कभी सर्वनाम, कभी विशेषण तो कभी क्रिया-विशेषण आदि बन कर आते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि कभी-कभी व्याकरणिक दृष्टि से मूलतः शब्द कुछ और होता है, परन्तु कार्य किसी अन्य रूप में करता है। ऐसे कुछ शब्दों की सूची यहाँ दी जा रही है। इन शब्दों से बनने वाले वाक्यों में इनकी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय 1 PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय 2 PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय 3 PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय 4 PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय 5 PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय 6

प्रयोग के अनुसार शब्दों के भेद का पद-परिचय

प्रयोग के अनुसार शब्दों के आठ भेद बताए गए हैं। पद-परिचय में यह बताया जाता है कि वाक्य में अमुक शब्द का प्रयोग के अनुसार क्या स्थान है ? यदि वह विकारी है तो उसके लिंग, पुरुष, वचन, कारक आदि क्या हैं और उसके साथ वाक्य में आए अन्य शब्दों का क्या सम्बन्ध है ? यदि वह शब्द अविकारी है तो किस अर्थ में उसका प्रयोग हुआ है और वह अव्यय के किस भेद के अन्तर्गत आता है और वाक्य के अन्य शब्दों से उसका क्या सम्बन्ध है ?.

पद-परिचय में ध्यान देने योग्य आवश्यक बातें

1. संज्ञा का पद-परिचय

संज्ञा के पद-परिचय में निम्नलिखित बातें बतानी चाहिए-

  1. संज्ञा के भेद
  2. लिंग
  3. कारक
  4. वचन
  5. संज्ञा का वाक्यगत क्रिया या अन्य शब्द के साथ सम्बन्ध।

उदाहरण-श्याम कहता है कि मैं राम की किताब पढ़ सकता हूँ। इस उदाहरण में श्याम, राम और किताब तीन संज्ञा पद हैं जिनका पद-परिचय इस प्रकार होगा
श्याम-संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, कर्ताकारक, कहता है, क्रिया का कर्ता।
राम-संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, सम्बन्धकारक, इसका सम्बन्ध ‘किताब’ से है।
किताब-संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, कर्म कारक, पढ़ सकता हूँ, क्रिया का कर्म।

PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय

2. सर्वनाम का पद-परिचय

सर्वनाम के पद-परिचय में निम्नलिखित बातें बतानी चाहिए

  1. सर्वनाम के भेद
  2. वाक्यगत सर्वनाम शब्द
  3. पुरुष
  4. लिंग
  5. वचन
  6. कारक
  7. क्रिया तथा वाक्य के अन्य शब्दों से सम्बन्ध।

उदाहरण-वह कौन है जो अपने जीवन में कभी सुखी नहीं हुआ? इस उदाहरण में वह, कौन, जो, अपने सर्वनाम पद हैं जिनका पद-परिचय इस प्रकार होगा-
वह-सर्वनाम, पुरुषवाचक, अन्य पुरुष, पुल्लिग, एकवचन, किसी मनुष्य के लिए आया है, कर्ता कारक, ‘है’ क्रिया का कर्ता।

कौन-सर्वनाम, प्रश्नवाचक, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक ‘है’ क्रिया का कर्ता।
जो-सर्वनाम, सम्बन्धवाचक, अन्य पुरुष, पुल्लिग, कर्ताकारक, ‘हुआ’ क्रिया का कर्ता।
अपने-सर्वनाम, निजवाचक, पुल्लिग, एकवचन, सम्बन्धकारक, जीवन में सम्बन्धी शब्द।
ध्यान रखें-सर्वनाम के लिंग वचन यद्यपि वाक्य की क्रिया से जाने जा सकते हैं, किन्तु कभी-कभी क्रिया से भी उसका ज्ञान नहीं हो पाता। अतः यहाँ विद्यार्थियों को अपनी बुद्धि से ही निर्णय करना चाहिए, क्योंकि सर्वनाम में लिंगभेद नहीं होता।

3. विशेषण का पद परिचय

विशेषण के पद-परिचय में निम्नलिखित बातें बतानी चाहिए-

  1. विशेषण के भेद
  2. लिंग
  3. वचन
  4. कारक
  5. विशेष्य शब्द

उदाहरण-मैं तुम्हें गांधी जी के अमूल्य गुणों की थोड़ी-बहुत जानकारी कराऊँगा। इस उदाहरण में ‘अमूल्य’ और ‘थोड़ी-बहुत’ विशेषण है, जिनका पद-परिचय निम्नलिखित है-
अमूल्य-विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिग, बहुवचन, अन्य पुरुष, सम्बन्ध सूचक, गुणों इसका विशेष्य है।
थोड़ी बहुत-विशेषण, अनिश्चित परिमाणवाचक, स्त्रीलिंग, अन्य पुरुष, कर्मवाचक, जानकारी इसका विशेष्य है।
दूसरा उदाहरण-ऊँची-ऊँची कोठियाँ देखकर एक गरीब आदमी भी हवाई किले बनाने लगता है।

पद-परिचय-
ऊँची-ऊँची-विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्ता कारक, कोठियाँ विशेष्य।
एक-विशेषण, संख्यावाचक, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘आदमी’ विशेष्य शब्द।
गरीब-विशेषण गुणवाचक, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक, आदमी विशेष्य शब्द।
हवाई-विशेषण गुणवचाक, बहुवचन, कर्मकारक, किले विशेष्य शब्द।
ध्यान रखें-विशेषण के लिंग, वचन सदैव उसके विशेष्य के ही अनुसार होते हैं।

4. क्रिया का पद परिचय

क्रिया के पद-परिचय में निम्नलिखित बातें बतानी चाहिए-

  1. भेद
  2. वाच्य
  3. लिंग
  4. वचन
  5. काल
  6. प्रकार
  7. प्रयोग
  8. कारकों के आधार पर अन्य शब्दों से सम्बन्ध

उदाहरण-मैंने सोचा था कि मैं आपसे मिलने आऊँ, परन्तु बीमार होने के कारण न आया गया।

पद परिचय-
सोचा था-सकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, पुल्लिग, एकवचन, कर्मणिप्रयोग, विध्यार्थक प्रकार, ‘मैं ने’ कर्ता, ‘मिलने आऊँ’ कर्म।
आऊँ-अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, पुल्लिग, एकवचन, कर्मणि प्रयोग, विध्यार्थक प्रकार, ‘मैं’ कर्ता।
आया गया-अकर्मक क्रिया, भाववाच्य, पुल्लिग, एकवचन, सामान्य भूत, भाव प्रयोग, निश्चयार्थ प्रकार, ‘मुझ से’ कर्ता, (जोकि दिखाया नहीं गया) परन्तु जिसे स्वयं समझ लेना चाहिए।

5. क्रिया-विशेषण का पद-परिचय

क्रिया विशेषण के पद-परिचय में निम्नलिखित बातें बतानी चाहिए-

  1. भेद
  2. किस क्रिया का विशेषण
  3. क्रिया प्रविशेषण की स्थिति में किस क्रिया विशेषण की विशेषता बतलाता है, उसका निर्देश करें।

उदाहरण-मैं अवश्य सवेरे वहां पहुँचूँगा, तुम जल्दी आ जाना।

पद-परिचय-
अवश्य-रीतिवाचक, निश्चय बोधक क्रिया विशेषण, पहुँचूँगा क्रिया, ‘पहुँचूँगा’ विशेषण शब्द है।
वहां-स्थानवाचक क्रिया विशेषण, ‘पहुँचूँगा’ क्रिया की विशेषता बताता है।
सवेरे-कालवाचक क्रिया विशेषण, पहुँचूँगा क्रिया की विशेषता बताता है।
जल्दी-रीतिवाचक प्रकार बोधक, क्रिया विशेषण, ‘आ जाना’ क्रिया की विशेषता बताता है।

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6. सम्बन्धबोधक का पद-परिचय

सम्बन्धबोधक के पद परिचय में निम्नलिखित बातें बतानी चाहिए-

  1. सम्बन्धबोधक और उसके सम्बन्धी शब्द
  2. भेद-सविभक्ति, निर्विभक्ति
  3. विकार हो तो

उदाहरण-छत के ऊपर कौआ बैठा है।
पद-परिचयऊपर-सम्बन्ध बोधक, ‘छत के’ और ‘कौआ’ ये इसके सम्बन्धी शब्द हैं।

7. समुच्चय बोधक (योजक) का पद-परिचय

समुच्चयबोधक के पद-परिचय में अग्रलिखित बातें बतानी चाहिए-

  1. भेद (समानाधिकरण तथा व्यधिकरण और इनके भेद)
  2. वे शब्द या वाक्य, जिन्हें यह मिलाता (जोड़ता) है।

उदाहरण-तुम और मैं बाग में गए, परन्तु वहां कोई फूल खिल्ला हुआ न था।
पद-परिचय-
और-संयोजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक। तुम और मैं को मिलाता है।
परन्तु-भेददर्शक अधिकरण समुच्चयबोधक, ‘तुम और मैं बाग में गए’ तथा वहाँ कोई फूल…..न था इन दो वाक्यों को मिलाता है।

8. विस्मयादिबोधक पद-परिचय

विस्मयादिबोधक पद-परिचय में निम्नलिखित बातें बतानी चाहिए-
1. जिस मनोभाव की अभिव्यक्ति करता है, उसके आधार पर विस्मयादिबोधक का प्रकार

उदाहरण-अरे ! तुमने बड़ों का अपमान किया। धिक्कार है तुम पर।
पद-परिचय-
अरे-विस्मयादिबोधक, खेद को प्रकट करता है। धिक्कार है-घृणासूचक विस्मयादिबोधक।

पद-परिचय के उदाहरण

(1) वाह ! बाग़ में सुन्दर फूल खिले हैं।
पद-परिचय-
वाह-अव्यय, विस्मयादिबोधक, हर्ष बोधक।
बाग़ में-संज्ञा (जातिवाचक), पुल्लिग, एकवचन, कारक (अधिकरण) खिले हैं क्रिया का स्थान।
सुन्दर-विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिग बहुवचन, विशेष फूल से सम्बन्ध।
फूल-संज्ञा (जातिवाचक), पुल्लिग, बहुवचन, ‘खिले हैं’ क्रिया का कर्ता।

(2) परिश्रम के बिना धन प्राप्त नहीं होता।
पद-परिचय-
परिश्रम-संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, ‘बिना’ संबंधबोधक का संबंधी शब्द।
बिना-सम्बन्धबोधक, ‘होता’ क्रिया से संबंध।
धन-संज्ञा, पुल्लिग, एक वचन, कर्ताकारक, कर्म वाच्य, वाक्य का कर्ता।
प्राप्त-‘होता’ क्रिया का पूरक।
नहीं-रीतिवाचक क्रिया विशेषण, निषेधार्थक।
होता-क्रिया, अपूर्ण सकर्मक, सामान्य वर्तमानकाल, ‘हो धातु’, कर्तृवाच्य।

(3) तुम्हें क्या कहे कोई।
पद-परिचय-
क्या-प्रश्नवाचक सर्वनाम, पुल्लिग एक वचन, कर्मकारक, ‘कहे’ द्विकर्मक क्रिया की कर्मपूर्ति।
कहे-द्विकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, सम्भावनार्थ, अन्य पुरुष उभयलिंग, एकवचन, कर्ता ‘कोई’ से अन्वित मुख्यकर्म ‘क्या’।

(4) उसे रोते देख सब कोई डर गए।
पद-परिचय-
रोते-अकर्मक अपूर्ण अवस्थाबोधक विशेषण, विशेष्य ‘उसे’।
सब कोई-अनिश्चयवाचक सर्वनाम ‘लोग’ लुप्त संज्ञा की ओर इंगित करता है, अन्य पुरुष पुल्लिग, बहुवचन; ‘डर गये’ क्रिया का कर्ता।
डर गए-संयुक्त अकर्मक क्रिया, आकस्मिताबोधक, कर्तृवाच्य, निश्चयार्थ प्रकार, ‘सब कोई’ इस क्रिया का कर्ता है।

(5) बारह बजकर दस मिनट हुए हैं।
पद-परिचय-
बारह-संख्यावाचक विशेषण, यहाँ जातिवाचक संज्ञा की भान्ति आया है। कर्ताकारक, ‘बजकर’ पूर्वकालिक कृदन्त का कर्ता है।
बजकर-अकर्मक, पूर्वकालिक, कृदन्त अव्यय, इसका कर्ता ‘बारह’ है।

(6) तुझे वहाँ जाना था।
पद-परिचय-
तुझे-पुरुषवाचक सर्वनाम, मध्यमपुरुष, उभयलिंग, एकवचन, कर्ता कारक, (‘ए’ संशलिष्ट विभक्ति के साथ, ‘जाना था’ क्रिया से संबंध।
वहाँ–स्थानवाचक अव्यय (क्रिया विशेषण), ‘जाना’ क्रिया के स्थान को बताता है।
जाना था-अकर्मक क्रिया (मूल रूप में), कर्तृवाच्य, भाव में प्रयोग, भूतकाल, कर्ता तुझे।

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(7) राकेश ने काले कुत्ते की पीठ पर ऐसा डण्डा जमाया कि वह दुम दबा कर भाग गया।
पद-परिचय-
राकेश ने-संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिग, एक वचन, कर्ताकारक, ‘जमाया’ क्रिया का कर्ता।
काले-विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिग, एकवचन, संबंध कारक, संबंधी शब्द ‘कुत्ते की’।
कुत्ते की-संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, संबंधकारक, संबंधी शब्द ‘पीठ पर’।
पीठ पर-संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
ऐसा-विशेषण, निर्देशक, पुल्लिग, एकवचन, विशेषण ‘डंडा’।।
डण्डा-संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, क्रिया ‘जमाया’, ऐसा विशेषण का विशेष्य।
जमाया-क्रिया सकमर्क, सामान्य भूतकाल, पुल्लिग, एकवचन, अन्य पुरुष, कर्ता ‘राकेश ने’ कर्म ‘डंडा’।
कि-योजक, पहले और दूसरे वाक्य को मिलाता है।
वह-सर्वनाम, पुरुषवाचक, अन्यपुरुष, पुल्लिग, कर्ताकारक, ‘कुत्ता’ संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त, भाग गया क्रिया का कर्ता।
दुम-संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन ‘दबाकर’ पूर्वकालिक क्रिया का कर्म।
दबाकर-पूर्वकालिक क्रिया, सकर्मक, ‘भाग गया’ से पहले हुई है।
भाग गया-संयुक्त क्रिया, पूर्णतावाचक, अकर्मक, सामान्य भूतकाल, पुल्लिग, एकवचन, अन्य पुरुष, कर्ता ‘वह’।

(8) जो अपने वचन का पालन नहीं करता, वह विश्वास के योग्य नहीं है।
पद-परिचय-
जो-सम्बन्धवाचक सर्वनाम, ‘व्यक्ति’ संज्ञा की ओर संकेत करता है, अन्य पुरुष, पुल्लिग, एकवचन, कर्ताकारक ‘करता’ क्रिया का कर्ता।
अपने-सार्वनामिक विशेषण, पल्लिग, ‘वचन’ संज्ञा की विशेषता बता रहा है।
वचन को-भाववाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, सम्बन्ध कारक, ‘पालन करता’ सकमर्क क्रिया का कर्म।
नहीं-निषेधवाचक क्रिया विशेषण, ‘करता’ क्रिया से सम्बद्ध है।
पालन करता-सकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, कर्ता में प्रयोग निश्चयार्थ प्रकार, ‘जो’ इसका कर्ता है और वचन कर्म।
वह-निश्चयवाचक सर्वनाम, जो सर्वनाम की ओर इशारा करता है अन्य पुरुष, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक। ‘है’ क्रिया का कर्ता।
विश्वास के-भाववाचक संज्ञा, पुल्लिग एकवचन, सम्बन्ध कारक की विभक्ति, सम्बन्धी शब्द योग्य।
योग्य-गुणवाचक विशेषण, विशेष्य ‘वह’, विधेय विशेषण।
नहीं-निषेध वाचक, क्रिया, कर्तृवाच्य, कर्ता में प्रयोग, वर्तमानकाल, ‘वह’ कर्ता से अन्वित है।
है-अपूर्ण सकर्मक, अस्तित्वबोधक क्रिया, कर्ता में प्रयोग, वर्तमानकाल, ‘वह’ कर्ता से अन्वित है।

(9) छिः! तुम बड़े कायर हो।
पद-परिचय-
छि:-द्योतक, घृणाबोधक।
तुम-सर्वनाम, पुरुषवाचक, मध्यमपुरुष, पुल्लिग, कर्ताकारक, ‘हो’ क्रिया का कर्ता।
बड़े-विशेषण, अनिश्चित परिमाणवाचक, पुल्लिग, बहुवचन, विशेष्य ‘कायर’।
कायर-विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिग, अपूर्ण अकर्मक, ‘हो’ क्रिया की पूर्ति करने से कर्तृपूरक।
हो-क्रिया, अपूर्ण अकर्मक, सामान्य वर्तमानकाल, पुल्लिग, मध्यमपुरुष, कर्तृवाच्य, कर्ता ‘तुम’।

(10) अच्छा लड़का कक्षा में शान्तिपूर्वक बैठता है।
पद-परिचय-
अच्छा-गुणवाचक विशेषण, पुल्लिग, एकवचन, इसका विशेष ‘लड़का’ है।
लड़का-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, अन्यपुरुष, कर्ताकारक, ‘बैठता है’ क्रिया का कर्ता।
कक्षा में-जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
शान्तिपूर्वक-रीतिवाचक क्रिया विशेषण, ‘बैठता है’ क्रिया का विशेषण।
बैठता है-अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, सामान्य वर्तमानकाल, पुल्लिग, एकवचन, अन्यपुरुष, इसका कर्ता लड़का’ है।

(11) कंचन ने मेहनत की और वह बारहवीं कक्षा में प्रथम आई।
पद-परिचय-
कंचन ने-संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक की क्रिया का कर्म।
मेहनत-संज्ञा, भाववाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक, ‘की’ क्रिया का कर्म।
की-क्रिया, सकर्मक, अन्यपुरुष, स्त्रीलिंग, निश्चयवाचक, कर्तृवाच्य, भूतकाल, कर्तरि प्रयोग।
और-समानाधिकरण योजक, संयोजक, उपवाक्यों को जोड़ रहा है।
वह-सर्वनाम, पुरुषवाचक स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ताकारक, ‘आई’ क्रिया का कर्ता।
बारहवीं-विशेषण, क्रमवाचक, निश्चित, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य का विशेषण।
कक्षा में-संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक, ‘आई’ क्रिया का अधिकरण।
प्रथम-विशेषण, क्रमवाचक, निश्चित संख्यावाचक, पुल्लिग, एकवचन, बताए हुए ‘स्थान’ विशेष्य का विशेषण।
आई-क्रिया, सकर्मक, अन्यपुरुष, स्त्रीलिंग, एकवचन, भूतकाल, निश्चयवाचक, कर्तृवाच्य, कर्तरिप्रयोग।

PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय

(12) हम पिछले महीने तुम्हें जालन्धर में मिले थे।
पद-परिचय-
हम-सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, बहुवचन, कर्ताकारक, ‘मिले थे’ क्रिया का कर्ता।
पिछले-विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिग, एकवचन, मूलावस्था, विशेष्य महीने की विशेषता।
महीने-संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, अधिकरण कारक, ‘मिले थे’ क्रिया का समयवाचक।
तुम्हें-सर्वनाम, पुरुषवाचक, मध्यमपुरुष, पुल्लिग, एकवचन, कर्मकारक, ‘मिले थे’ क्रिया का कर्म।
जालन्धर में संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिग (शहर हो तो) स्त्रीलिंग (नगरी हो तो) एकवचन, अधिकरण कारक, ‘मिले थे’ क्रिया का स्थानवाचक।
मिले थे-क्रिया, सकर्मक, भूतकाल, पूर्ण भूतकाल, पुल्लिग, एकवचन, कर्तृवाच्य, कर्ता (क्रिया का) हम।

(13) दूध के बिना बच्चा रोने लगा। पद-परिचय :दूध के-संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, सम्बन्ध कारक। बिना-सम्बन्धबोधक, मूल, ‘दूध के’ और ‘बच्चा’ का सम्बन्ध बताता है। बच्चा-संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘रोने लगा’ क्रिया का कर्ता।
रोने लगा-संयुक्त क्रिया, आरम्भबोधक, अकर्मक, सामान्य भूतकाल, पुल्लिग, एकवचन, अन्य पुरुष, कर्तृवाच्य, कर्तरिप्रयोग, सामान्य प्रकार कर्ता ‘बच्चा’।

(14) हाय ! उसके सारे रुपए डाकुओं ने लूट लिए। पद-परिचय :हाय-भयसूचक, विस्मयादिबोधक। उसके-सर्वनाम, पुरुषवाचक, अन्यपुरुष, पुल्लिग, बहुवचन, सम्बन्धकारक, सम्बन्धी शब्द ‘रुपए’। सारे-विशेषण, अनिश्चित संख्यावाचक, पुल्लिग, बहुवचन, विशेषण ‘रुपए’। डाकुओं ने-संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, बहुवचन, कर्ताकारक, ‘लूट लिए’ क्रिया का कर्ता।
लूट लिए-क्रिया, सकर्मक, सामान्य भूतकाल, पुल्लिग, बहुवचन, अन्यपुरुष, कर्तृवाच्य, कर्मणि प्रयोग, सामान्य प्रकार, कर्ता ‘डाकुओं ने’, कर्म ‘रुपए’।

(15) तुमने घर जाकर चिट्ठी भी न लिखी। पद-परिचय :तुमने-सर्वनाम, पुरुषवाचक, मध्यमपुरुष, पुल्लिग, बहुवचन, कर्ताकारक, ‘लिखी’ क्रिया का कर्ता। घर-संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, कर्ताकारक जाकर क्रिया से सम्बन्ध। जाकर-क्रिया, पूर्वकालिक क्रिया, पुल्लिग, कर्ताकारक, एकवचन, ‘घर’ संज्ञा से सम्बन्ध। चिट्ठी-संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, निर्विभक्तिक कर्मकारक, क्रिया ‘लिखी’। भी-योजक, संयोजक, ‘चिट्ठी’ और सम्भावित ‘तार’ आदि को मिलाता है। न-क्रिया विशेषण, ‘लिखी’ क्रिया की विशेषता प्रकट करता है। लिखी-क्रिया, सकर्मक क्रिया, सामान्य भूतकाल, स्त्रीलिंग, अन्य पुरुष, कर्तृवाच्य, कर्मणिप्रयोग, सामान्य प्रकार, प्रेरक कर्ता ‘तुमने’, कर्म ‘चिट्ठी’।

(16) गाँधी जी बकरी के दूध को पसन्द करते थे। पद-परिचय :गाँधी जी-संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, अन्यपुरुष, कर्ताकारक, ‘पसन्द करते थे’ क्रिया का कर्ता। बकरी के-संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, सम्बन्ध कारक। दूध को-संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, कर्मकारक, ‘पसन्द करते थे’ क्रिया का कर्म।
पसन्द करते थे-सकर्मक, संयुक्त क्रिया, सामान्य भूतकाल, पुल्लिग, एकवचन, अन्य पुरुष, निश्चयार्थ प्रकार, कर्तृवाच्य, ‘गाँधी जी’ कर्ता की क्रिया।

( 17 ) परिश्रम के बिना सफलता प्राप्त नहीं होती। पद-परिचय :परिश्रम के-भाववाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, सफलता प्राप्ति का साधन होने से करणकारक। बिना-सम्बन्धबोधक, अव्यय, ‘परिश्रम के’ से सम्बन्ध बताता है। सफलता-भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘परिश्रम के बिना’ से सम्बन्ध बताता है। प्राप्त-‘होती’ क्रिया का पूरक।

नहीं-रीतिवाचक क्रिया विशेषण, निषेधार्थक। होती-क्रिया, अपूर्णसकर्मक, सामान्य वर्तमान काल, ‘हो’ धातु, कर्तृवाच्य, कर्मणि प्रयोग, ‘प्राप्त’ इसका पूरक।

(18) ममता की मारी माँ ने रोते हुए बच्चे को तुरन्त उठा लिया।
पद-परिचय-
ममता की-भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, करणकारक (यहाँ ‘की’ से कारक के अर्थ में है।) इसका सम्बन्ध ‘मारी’ भूतकालिक कृदन्त विशेषण से है।
मारी-भूतकालिक कृदन्त, विशेषण की भान्ति प्रयुक्त।
माँ ने-जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ताकारक, ‘उठा लिया’ क्रिया का कर्ता।
रोते हुए-क्रिया, पुल्लिग, एकवचन, सामान्य वर्तमानकाल, ‘बच्चे को’ से सम्बन्ध बताता है।
बच्चे को-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्मकारक, ‘रोते हुए’ से सम्बन्ध बताता है।
तुरन्त-कालवाचक क्रिया विशेषण, ‘उठा लिया’ क्रिया की विशेषता प्रकट करता है।
उठा लिया-सकर्मक क्रिया, संयुक्त क्रिया, सामान्य भूतकाल, कृर्तवाच्य, एकवचन, स्त्रीलिंग।

(19) वाह ! कितना मनोरंजक उपन्यास है, यह।
पद-परिचय-
वाह !-विस्मयादिबोधक, हर्षसूचक अव्यय।
कितना-परिमाणवाचक क्रिया विशेषण, ‘मनोरंजक’ विशेषण का विशेषण अतः प्रविशेषण।
मनोरंजक-गुणवाचक विशेषण, पुल्लिग, एकवचन, ‘उपन्यास’ विशेष्य का विशेषण।
उपन्यास-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन (पूरक शब्द) कर्ता कारक, ‘है’ क्रिया का कर्ता।
है-‘होना’ क्रिया का वर्तमानकालिक रूप, अकर्मक क्रिया, पुल्लिग, एकवचन, अन्यपुरुष, कर्तृवाच्य, निश्चयार्थ प्रकार ‘उपन्यास’ कर्ता की क्रिया।

(20) महात्मा गाँधी देश में स्वच्छ प्रशासन चाहते थे।
पद-परिचय-
महात्मा गाँधी-व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ताकारक, ‘चाहते थे’ क्रिया का कर्ता।
देश में-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, अधिकरण कारक।
स्वच्छ-गुणवाचक विशेषण, पुल्लिग, एकवचन, ‘प्रशासन’ विशेष्य का विशेषण।
प्रशासन-भाववाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्मवाचक (पूरक भी)।
चाहते थे-सकर्मक क्रिया, भूतकाल, कर्तृवाच्य, निश्चयार्थ प्रकार, पुल्लिग, आदरार्थ बहुवचन ‘महात्मा गाँधी’ कर्ता की क्रिया।

(21) नैनीताल अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए प्रसिद्ध है।
पद-परिचय-
नैनीताल-व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ताकारक।
अपने-निजवाचक सर्वनाम।।
प्राकृतिक-गुणवाचक विशेषण, पुल्लिग, एकवचन, ‘सौन्दर्य’ विशेष्य का विशेषण।
सौन्दर्य के लिए-भाववाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, सम्प्रदान कारक।
प्रसिद्ध है-अकर्मक (संयुक्त क्रिया ‘हो’ धातु का वर्तमानकालिक रूप) पुल्लिग, एकवचन, कर्तृवाच्य।

PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय

(22) वह विश्वास के योग्य नहीं है।।
पद-परिचय:
वह-पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, एकवचन, अन्य पुरुष, कर्ताकारक।
विश्वास के-भाववाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, पूरक (विश्वास के योग्य)।
योग्य-सम्बन्धबोधक अव्यय, ‘विश्वास’ और ‘है’ का सम्बन्ध प्रकट करता है।
नहीं-निषेध सूचक रीतिवाचक क्रिया विशेषण, ‘है’ क्रिया का विशेषण।
है-‘होना’ क्रिया का वर्तमानकालिक रूप, अकर्मक क्रिया, पुल्लिग, एकवचन, अन्य पुरुष, कर्तृवाच्य। ‘वह’ कर्ता की क्रिया।

(23) दौड़कर जाओ और बाज़ार से कुछ लाओ।
पद-परिचय-
दौड़कर-पूर्वकालिक क्रिया। रीतिवाचक क्रियाविशेषण भी।
जाओ-सम्बन्धबोधक अव्यय।
और-समुच्चयबोधक अव्यय, जाओ और लाओ को परस्पर जोड़ता है।
बाज़ार से-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, अपादान कारक।
कुछ-अनिश्चितवाचक, विशेषण (विशेष्य के स्थान पर प्रयुक्त), पुल्लिग, एकवचन।

(24) दिनकर जी ने रश्मिरथी में कर्ण की वीरता की कहानी कही है।
पद-परिचय-
दिनकर जी ने-व्यक्तिवाचक संज्ञा, कर्ताकारक, पुल्लिग, एकवचन।
रश्मिरथी में-व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
कर्ण की-व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, संबंधकारक।
वीरता की-भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, संबंधकारक।
कहानी-स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक।
कही है-सकर्मक क्रिया, वर्तमानकाल, कर्मवाच्य, स्त्रीलिंग, एकवचन।

(25) काला घोड़ा तेज़ भागता है।
पद-परिचय-
काला-विशेषण, गुणवाचक, रंगबोधक, पुल्लिग, एकवचन, ‘घोड़ा’ विशेष्य का विशेषण।
घोड़ा-संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, ‘काला’ का विशेष्य।
तेज़-रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘भागता है’ क्रिया का विशेषण।
भागता है-अकर्मक क्रिया, सामान्य वर्तमानकाल, कर्तृवाच्य, पुल्लिग, एकवचन, अन्यपुरुष (घोडा) कर्ता की क्रिया।

(26) ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ पठान की गेंद का सामना न कर सके।
पद-परिचय-
ऑस्ट्रेलियाई-संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिग, बहुवचन।
बल्लेबाज़-संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, बहुवचन ‘ऑस्ट्रेलियाई’ का विशेषण।
पठान की-व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, संबंध कारक।
गेंद का-जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, सम्बन्ध कारक।
न कर सके-निषेधसूचक रीतिवाचक, क्रिया विशेषण, करना ‘क्रिया’, भूतकाल, ‘सामना’ से सम्बन्ध बताता है।

(27) हम धीरे-धीरे उस तंग रास्ते से मन्दिर की ओर बढ़ रहे थे।
पद-परिचय-
हम-सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तमपुरुष, बहुवचन।
धीरे-धीरे-रीतिवाचक क्रियाविशेषण (बढ़ रहे थे क्रिया का विशेषण)
तंग-गुणवाचक विशेषण, पुल्लिग, एकवचन, ‘रास्ता’ विशेष्य का विशेषण।
मन्दिर की ओर-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एक वचन, सम्बन्ध कारक।
बढ़ रहे थे-अकर्मक क्रिया पूर्ण भूतकाल, पुल्लिग, बहुवचन, कर्तृवाच्य।

(28) मेरा भाई दसवीं कक्षा में पढ़ता है।
पद-परिचय-
मेरा-सर्वनाम, उत्तमपुरुष, एकवचन, पुल्लिग।
भाई-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक।
दसवीं-क्रमसूचक संख्यावाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य का विशेषण।
कक्षा में-जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एक वचन, अधिकरण कारक।
पढ़ता है-सकर्मक क्रिया (कर्मलुप्त), अन्य पुरुष, पुल्लिग, एकवचन, वर्तमान काल, निश्चयार्थ, कर्तृवाच्य, इसका कर्ता है भाई।

(29) मैं रोज़ सवेरे तेज़-तेज़ चलता हूँ
पद-परिचय-
मैं-पुरुषवाचक सर्वनाम (उत्तम पुरुष) पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक, चलता हूँ क्रिया का कर्ता।
रोज सवेरे-क्रिया विशेषण (कालवाचक) चलता हूँ क्रिया के काल का सूचक।
तेज़-तेज़-अव्यय, रीतिवाचक क्रिया विशेषण, चलता हूँ क्रिया की रीति का सूचक।
चलता हूँ-अकर्मक क्रिया, सामान्य वर्तमान काल, पुल्लिग, एकवचन, मैं कर्ता की क्रिया।

(30) संसार में सदा सत्य की जीत होती है।
पद-परिचय-
संसार में-जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिग, अधिकरण कारक (में कारक चिह्न)
सदा-काल वाचक क्रिया विशेषण होती है। क्रिया के काल (समय) का बोधक।
सत्य की-भाववाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, सम्बन्ध कारक (की कारक चिह्न) जीत का सम्बन्धी शब्द।
जीत-भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक।
होती है-अकर्मक क्रिया, वर्तमान काल, निश्चयार्थ, कर्तवाच्य (जीत कर्ता)।

(31) रूचि ने मेहनत की और वह दसवीं कक्षा में प्रथम आयी।
पद-परिचय-
रूचि ने – संश, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘की’ और ‘आयी’ क्रियाओं की कर्ता।
मेहनत – संज्ञा, भाववाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक, ‘की’ क्रिया का कर्म।
की – क्रिया, सकर्मक, अन्य पुरुष, स्त्रीलिंग, निश्चयवाचक, कर्तृवाच्य, भूतकाल, कर्तरि प्रयोग।
और – समानाधिकरण योजक, संयोजक, उपवाक्यों को जोड़ रहा है।
वह – सर्वनाम, पुरुषवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ती कारक, ‘आयी’ क्रिया का कर्ता।
दसवीं – विशेषण, क्रमवाचक, निश्चित संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य का विशेषण।
कक्षा में – संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक, ‘आयी’ क्रिया का अधिकरण।
प्रथन – विशेषण, क्रमवाचक, निश्चित संख्यावाचक, पुल्लिग, एकवचन, बताए हुए ‘स्थान’ विशेष्य का विशेषण।
आयी – क्रिया, सकर्मक, अन्य पुरुष, स्त्रीलिंग, एकवचन, भूतकाल, निश्चयवाचक, कर्तृवाच्य, कर्तरि प्रयोग।

PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय

अभ्यास के लिए कुछ वाक्य

निम्नलिखित वाक्यों के सभी पदों का व्याकरणिक परिचय (पद-परिचय) दीजिए।
1. स्वामी विवेकानंद अमरीका में जहाँ-जहाँ गए लोग उनका भाषण सुनने के लिए उमड़ आये।
2. अच्छे लड़के किसी से झगड़ा नहीं करते।
3. यह हार मेरी माताजी का है, इसलिए मैं इसे किसी को नहीं दे सकती।
4. दौड़कर जाओ और बाज़ार से जलेबी ले आओ।
5. इस घोर विपत्ति में ईश्वर ही हमारा रक्षक है।
6. सावधानी से व्यवहार कीजिए, अन्यथा कष्ट होगा।
7. जब मैं उठा तो दस बज चुके थे।
8. माताजी से मेरा प्रणाम कहिएगा।
9. कई दिन हुए मैंने आपको एक पत्र लिखा था।
10. हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है।
11. मैं परीक्षा में उत्तीर्ण हो गया।
12. मेरा गाँव पर्वत की तलहटी में स्थित है।
13. हँसने से सुख बढ़ता है और रोने से दुःख।
14. मेरे देश की ओर कोई आँख उठाकर देखे, तो मैं उसकी आँखें निकाल लूँ।
15. ओह ! कितनी लू चल रही है आजकल।
16. वह प्रातःकाल भ्रमण के लिए जाता है।
17. अभी-अभी आपका पत्र मिला।
18. सफलता परिश्रमी के कदम चूमती है।
19. वैशाली पेंसिल से चित्र बनाती है।
20. यह घड़ी मेरे बड़े भाई ने भेजी है।
21. मातृभूमि की रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है।
22. जो जागता है वही आगे बढ़ पाता है।
23. मैं तो गिनते-गिनते थक गया।
24. आज संजीव और उसके मित्र आ रहे हैं।
25. कल हमने चिन्तापूर्णी मन्दिर देखा।

निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पदपरिचय दीजिए:

1. (क) अमिताभ बारहवीं कक्षा में पढ़ता है।
(ख) वे बाग में गये।

2. (क) सुदेश पुस्तक पढ़ता है।
(ख) वाह: कितनी सुन्दर कला है।

3. (क) सुनीता पत्र लिखती है।
(ख) लोकेश आठवीं कक्षा में प्रथम आया।

4. (क) मैं प्रतिदिन सुबह धीरे-धीरे चलता हूँ।
(ख) हम पिछले साल तुम्हें चंडीगढ़ में मिले थे।

5. (क) राजकुमारी चंडीगढ़ रहती है।
(ख) अमिताभ द्वारा नाटक खेला गया।

6. (क) मैं परसों लालकिला देखने जाऊँगा।
(ख) महेश शाम को फुटबाल खेलता है।

7. (क) अमिताभ पुस्तक पढ़ता है।
(ख) ऊँचे-ऊँचे पेड़ देखकर मैं दंग रह गया।

8. (क) मैं हर रोज़ सुबह धीरे-धीरे चलता हूँ।
(ख) वाह : बगीचे में सुन्दर-सुन्दर फूल खिले हैं।

9. (क) वह दसवीं कक्षा में प्रथम आयी।
(ख) मैं तुम्हें कल चंडीगढ़ में मिलूँगा।

निम्नलिखित में से किसी एक वाक्य का पद परिचय लिखिए:

Set A (i) कल हमने लाल किला देखा।
(ii) उन्होंने महान् विद्वानों का आदर किया।

Set B (i) यह छात्र बहुत चतुर है।
(i) अरे वाह! तुम लिख सकते हो।

Set C (i) उसे रोता देख सब कोई डर गए।
(i) दूध के बिना बच्चा रोने लगा।

रेखांकित पदों का पद परिचय दीजिए।

(1) मेधावी पत्र लिखती है।।
(2) बालक धीरे-धीरे चलता है।
(3) वह कल बीमार था इसलिए स्कूल नहीं गया।

(4) (क) वह भागकर गया और बाजार से लड्डू ले आया।
(ख) अमिताभ बहुत बढ़िया नाचता है।

(5) (क) वे मेला देखने गये।
(ख) अंजु कलम से लिखती है।

(6) (क) गुरु जी ने बालकको फल दिया।
(ख) हम पिछले साल तुम्हें इलाहाबाद में मिले थे।

PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय

रेखांकित पदों का पद परिचय दीजिए।

(1) (क) रवि प्रतिदिन सुबह सैर करने जाता है।
(ख) मैंने कल चिड़ियाघर में खरगोश देखा।

(2) (क) नीना कलम से पत्र लिखती है।
(ख) वाह ! उपवन में कितने सुंदर पुष्प खिले हैं।

(3) (क) महेश ने रमेश को अपनी किताब दी।
(ख) अशोक ने खूब मेहनत की और कक्षा में प्रथम आया।

(4) (क) कश्मीर अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है।
(ख) हम हर रोज़ सुबह सैर करने जाते हैं।

(5) (क) माँ ने बच्चे को पानी पिलाया।
(ख) गुरु जी ने बालक को फल दिया।

(6) (क) कल हमने लालकिला देखा।
(ख) वीर सिपाही अंत तक शत्रु से लड़ता रहा।

रेखांकित पदों का पद परिचय दीजिए।

(क) मैं कल विद्यालय नहीं जाऊंगा।
(ख) उसने कभी रेलगाड़ी में सफर नहीं किया।
(ग) खरगोश बहुत तेज़ दौड़ता है।
(घ) मेरे भाई ने दसवीं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
(ङ) हम स्टेशन पर पहुंचे, पर गाड़ी जा चुकी थी।
(च) परिश्रम के बिना धन नहीं मिलता।

रेखांकित पदों का पद परिचय दीजिए।

(क) सुमित्रा पत्र पढ़ती है।
(ख) परिश्रम बिना धन नहीं मिलता।
(ग) माँ ने अपने बच्चे को धार्मिक कहानी सुनायी थी।
(घ) राजा गरीबों को धन देता है।
(ङ) मीना ने बारहवीं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
(च) दूध के बिना बच्चा रोने लगा।

निम्नलिखित कथन में सही अथवा ग़लत लिखें।

(क) मैं कल दिल्ली जाऊँगा-वाक्य में ‘दिल्ली’ पद का परिचय इस प्रकार होगा-दिल्ली-जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, विशेषण।
उत्तर:
ग़लत।

(ख) मेहनत के बिना धन प्राप्त नहीं होता-वाक्य में होता’ पद का परिचय इस प्रकार होगा’होता’-अकर्मक क्रिया, भूतकाल, कर्मवाक्य।
उत्तर:
सही।

(ग) सोमेश दसवीं कक्षा में पढ़ता है-वाक्य में ‘कहानी’ पद का पद परिचय इस प्रकार होगा’कक्षा में जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
उत्तर:
सही।

(घ) मेरा घर मंदिर के सामने है। वाक्य में ‘मंदिर’ पद का पद परिचय इस प्रकार होगा – ‘मंदिर’ जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, समुच्चयबोधक।
उत्तर:
गलत।

(ङ) हम दिल्ली गए थे-वाक्य में ‘दिल्ली’ का पद-परिचय होगा-भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन।
उत्तर:
गलत।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘पद-परिचय’ का दूसरा नाम क्या है?
(क) शब्द-बोध
(ख) शब्द-भेद
(ग) शब्द-भंडार
(घ) पद-भंडार।
उत्तर:
(क) शब्द-बोध

प्रश्न 2.
‘बारहवीं कक्षा में सभी छात्र पास हो गए’- वाक्य में कक्षा कौन-सी संज्ञा है?
(क) जातिवाचक
(ख) भाववाचक
(ग) रीतिवाचक
(घ) पुरुषवाचक।
उत्तर:
(क) जातिवाचक

प्रश्न 3.
‘गंगा भारतवर्ष की पवित्र नदी है’-वाक्य में ‘गंगा’ में निहित संज्ञा है
(क) पुरुषवाचक
(ख) जातिवाचक
(ग) भाववाचक
(घ) रीतिवाचक।
उत्तर:
(क) पुरुषवाचक

PSEB 12th Class Hindi Vyakaran पद-परिचय

प्रश्न 4.
‘मीरा धीरे-धीरे गाती है’- इसमें धीरे-धीरे’ पद है
(क) क्रिया
(ख) विशेषण
(ग) क्रिया विशेषण
(घ) भाववाचक।
उत्तर:
(ग) क्रिया विशेषण।

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