Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 16 श्रवण कुमार Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 16 श्रवण कुमार (2nd Language)
श्रवण कुमार अभ्यास
नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ो और हिन्दी शब्दों को लिखने का अभ्यास करो :
- ਆਗਿਆਕਾਰੀ = आज्ञाकारी
- ਤੀਰਥ-ਯਾਤਰਾ = तीर्थ-यात्रा
- ਚਿੰਤਾ = चिंता
- ਸੇਵਾ = सेवा
- ਦਸ਼ਰਥ = दशरथ
- ਜੰਗਲੀ = जंगली
नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ो और हिन्दी शब्दों को लिखो :
- ਸ਼ਰਵਨ = श्रवण
- ਅੰਨ੍ਹਾਂ = अन्धा
- ਭਾਂਡਾ = पात्र, बरतन
- ਤੀਰ = बाण
- ਛਾਤੀ = सीना
पढ़ो, समझो और लिखो
(क) ज् + अ = ज्ञ = आज्ञा
प् + य = ष्य = मनुष्य
श् + र = श्र = श्रवण
श् + य = श्य= अवश्य
त् + र = त्र = पात्र, एकमात्र
न् + ध = न्ध = अन्धा
च् + छ = च्छ = इच्छा
ध् + य = ध्य = अयोध्या
क् + त = क्त = वक्त
प् + य = प्य = प्यास
त् + य = त्य त्य = त्याग
न् + य = न्य = धन्य
(ख) न् + न = न्न = भिन्न
श्रवण कुमार शब्दार्थ Meanings
- आज्ञाकारी = आदेश का पालन करने वाला
- एकमात्र = अकेला
- बहँगी = बाँस के फट्टे के दोनों छोरों पर छीका लटकाकर बनाया हुआ बोझ ढोने का साधन, काँवर।
- तरकीब = उपाय, ढंग
- पात्र = बरतन
- बाण = तीर
- प्रतीक्षा = इन्तज़ार
- प्राण त्यागना = मर जाना
बताओ
प्रश्न 1.
श्रवण कुमार कैसा बालक था?
उत्तर :
श्रवण कुमार एक आज्ञाकारी बालक था।
प्रश्न 2.
श्रवण कुमार अपने माता-पिता को तीर्थ यात्रा पर कैसे लेकर गया?
उत्तर :
उसने एक बहँगी बनाई और अपने मातापिता को उसमें बिठा कर तीर्थ-यात्रा के लिए लेकर गया।
प्रश्न 3.
सरयू नदी के निकट श्रवण क्या करने गया था?
उत्तर :
श्रवण अपने प्यासे माता-पिता के लिए पानी लाने के लिए सरयू नदी के तट पर गया था।
प्रश्न 4.
श्रवण कुमार को बाण किसने मारा?
उत्तर :
श्रवण कुमार को बाण अयोध्या के राजा दशरथ ने मारा।
प्रश्न 5.
श्रवण ने राजा दशरथ से क्या कहा?
उत्तर :
श्रवण ने राजा दशरथ से कहा कि उधर कुछ दूरी पर पेड़ के नीचे मेरे माता-पिता पानी की प्रतीक्षा में बैठे हैं। वे प्यासे हैं। आप कृपया उन्हें पानी पिला दीजिए।
वाक्य पूरे करो
- श्रवण एक ……………………………….. बालक था।
- उसके माता-पिता ……………………………….. थे।
- तीर्थ यात्रा पर जाने के लिए उसने एक ……………………………….. बनाई।
- श्रवण राजा ……………………………….. के बाण से घायल हुआ।
- उसे मरते वक्त भी अपने ……………………………….. की चिन्ता थी।
उत्तर :
- आज्ञाकारी,
- अन्धे,
- बहँगी,
- दशरथ,
- माता-पिता।
जानो
भूख – प्यास
धनुष – बाण
सोच – विचार
माता – पिता
जिया – मरा
तीर्थ – यात्रा
उत्तर :
उपरोक्त शब्दों में दो शब्दों को जोड़ने का काम (-) योजक चिहन द्वारा किया गया है।
इतने नये शब्द बनाओ
- ज्ञ
- क्ष
- त्र
- श्र
उत्तर :
- ज्ञ = ज्ञान, ज्ञानी, विज्ञान।
- क्ष = क्षत्रिय, शिक्षा।
- त्र = पत्र, मित्र, चित्र।
- ष्य = मनुष्य, विशेष्य।
रचनात्मक कौशल
बच्चो, आपने सावन के महीने में काँवरियों को देखा होगा जो गंगा नदी से जल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। अपने अध्यापक की सहायता से काँवर के चित्र में रंग भरें।
श्रवण कुमार बहुवैकल्पिक प्रश्न
प्रश्न 1.
श्रवण कुमार कैसा बालक था?
(i) आज्ञापूर्ण
(ii) आज्ञाकारी
(iii) अवज्ञाकारी
(iv) अच्छा।
उत्तर :
(ii) आज्ञाकारी
प्रश्न 2.
श्रवण कुमार पानी लेने किस नदी के तट पर गया?
(i) सरयू
(i) गंगा
(iii) यमुना
(iv) गोदावारी।
उत्तर :
(i) सरयू
प्रश्न 3.
श्रवण कुमार को तीर किसने मारा?
(i) भरत ने
(ii) शत्रुघ्न ने
(iii) दशरथ ने
(iv) राक्षस ने।
उत्तर :
(iii) दशरथ ने
प्रश्न 4.
पंजाबी शब्द ‘भागिभावाठी’ का हिन्दी अर्थ
(i) आज्ञाकारी
(ii) अवज्ञाकारी
(ii) सेवाकारी
(iv) सेवादार।
उत्तर :
(i) आज्ञाकारी
श्रवण कुमार Summary in Hindi
श्रवण कुमार बहुत आज्ञाकारी बालक था। वह अपने अन्धे माता-पिता का एकमात्र सहारा था और वह उनकी हर इच्छा को पूरी करता था।
एक बार श्रवण के माता-पिता ने तीर्थ-यात्रा पर जाने की इच्छा प्रकट की। श्रवण कुमार ने उन्हें ले जाने के लिए बहँगी तैयार की और उसमें अपने माता-पिता को बैठाकर तीर्थ-यात्रा के लिए निकल पड़ा।
तीर्थ यात्रा करते हुए वे एक दिन सरयू नदी के किनारे पहुँचे। श्रवण कुमार के माता-पिता को प्यास लगी तो वह उनके लिए पानी लाने नदी की ओर चला गया। उधर अयोध्या नगरी का राजा दशरथ जंगली जानवरों का शिकार करने आया हुआ था।
जब श्रवण ने पानी भरने के लिए लोटा पानी में डुबोया तो उसकी आवाज़ से राजा ने समझा कि कोई जंगली जानवर नदी किनारे पानी पीने आया हुआ है और उसने आवाज़ आने की दिशा में जो तीर छोड़ा वह श्रवण कुमार के सीने में जा लगा। तीर लगने पर श्रवण कुमार ज़ोर से चीखा।
उसकी चीख सुनकर राजा तुरन्त वहाँ पहुँचा और उसे घायल देखकर वह बहुत दुःखी हुआ।
घायल श्रवण कुमार ने राजा से कहा कि आपने तो मझे अनजाने में घायल कर दिया। मैं तो अपने माता| पिता के लिए पानी लाने आया था। मेरे माता-पिता कुछ ही दूरी पर पेड़ के नीचे बैठे मेरी प्रतीक्षा कर रहे हैं आप उन्हें यह पानी अवश्य पिला दीजिए क्योंकि वे प्यासे हैं। इतना कहकर उसने प्राण त्याग दिए।
धन्य है श्रवण कुमार जो जीया तो अपने मातापिता के लिए और माता-पिता के लिए ही अपने प्राण भी दे डाले।