PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

PSEB 6th Class Agriculture Guide कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के एक या दो शब्दों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
फसलों की गहाई के लिए कौन-सी मशीन का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
थ्रेशर का।

प्रश्न 2.
चारा काटने वाली मशीन को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
टोका।

प्रश्न 3.
भूमि को समतल और भुरभुरा किससे करते हैं ?
उत्तर-
सुहागे से।

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प्रश्न 4.
खेतों में मेढ़ें बनाने के लिए कौन-से औज़ार का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
जंदरा।

प्रश्न 5.
गुडाई के लिए उपयोग किए जाने वाले किन्हीं दो यंत्रों के नाम बताओ।
उत्तर-
खुरपी, कसौला, पहिएदार यन्त्र।

प्रश्न 6.
फसलों पर कीड़ेमार दवाइयों का छिड़काव करने वाले यंत्रों का नाम बताओ।
उत्तर-
बाल्टी स्प्रेयर, रोकर स्प्रेयर, नैपसैक स्प्रेयर।

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प्रश्न 7.
बीज बोने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली मशीन का नाम बताओ।
उत्तर-
बीज तथा खाद ड्रिल।

प्रश्न 8.
कृषि कार्यों में प्रयुक्त की जाने वाली किन्हीं दो मशीनों के नाम बताओ।
उत्तर-
थ्रेशर, रीपर, ट्रैक्टर।

प्रश्न 9.
ट्रैक्टर कितनी शक्ति के होते हैं ?
उत्तर-
5 हार्स पावर से लेकर 90 हार्स पावर तक।

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प्रश्न 10.
लेज़र लैवलर का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
भूमि को समतल करना।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का एक या दो वाक्यों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
डीज़ल इंजन का कृषि कार्यों में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
डीज़ल इंजन ट्रैक्टर से छोटी मशीन है तथा जब कम शक्ति की आवश्यकता हो तब इसका प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग करके ट्यूबवेल, चारा काटने वाली मशीन (टोका), दाने निकालने वाली मशीन आदि को चलाया जा सकता है। इसमें तेल तथा मुरम्मत का खर्चा ट्रैक्टर की तुलना में कम है।
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प्रश्न 2.
उल्टावाँ हल क्या होता है ? इसके क्या-क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
यह हल लोहे का बना होता है। इस हल से भूमि की नीचे वाली तह ऊपर आ जाती है तथा ऊपर वाली तह नीचे चली जाती है।

जब दो फसलों के काटने तथा बोने के बीच में अधिक समय लगता हो तो इस हल का प्रयोग बहुत लाभदायक होता है। इससे भूमि के ऊपर पड़ा घास-फूस ज़मीन के नीचे दब जाता है तथा गल-सड़ कर खाद का कार्य करता है। भूमि के नीचे की घास-फूस तथा जड़ें आदि ऊपर आ जाती हैं तथा भूमि के हानिकारक जीवाणु धूप से समाप्त हो जाते हैं।

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प्रश्न 3.
नदीनों की रोकथाम कैसे की जा सकती है ?
उत्तर-
नदीनों की रोकथाम के लिए गुडाई की जाती है। इसके लिए खुरपी, कसौला तथा त्रिफाली या ट्रैक्टर के पीछे टिल्लर का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
टोका किसे कहते हैं ? यह क्या काम आता है ?
उत्तर-
टोका एक चारा काटने वाली मशीन है। पशुओं का चारा काटने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। यह मशीन हाथों से, बिजली की मोटर से तथा डीज़ल इंजन से भी चलाई जा सकती है।

प्रश्न 5.
जुताई करने वाले यंत्रों का वर्णन करो।
उत्तर-
जुताई करने के लिए हल या टिल्लर का प्रयोग किया जाता है। बैलों से खींचने वाला हल लकड़ी का बना होता है। इसके आगे लोहे का फाला लगा होता है। इससे सियाड़ खुलता है तथा साथसाथ सियाड़ खुलने से सारी भूमि की जुताई हो जाती है।
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प्रश्न 6.
गुडाई करने वाले यंत्रों का वर्णन करो।
उत्तर-
गुडाई करने वाले यन्त्र हैं-खुरपी, कसौला, पहिएदार हो आदि।
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पहिएदार हो का प्रयोग खड़ी फसल में गुडाई करने के लिए किया जाता है। इसको एक आदमी हाथों से पीछे से धक्का लगा कर चलाता है। पहिए के पीछे 3-6 फाले लगे होते

प्रश्न 7.
टिल्लर किस काम आता है ?
उत्तर-
इसका प्रयोग खेत की जुताई के लिए किया जाता है। इससे भूमि में सियाड खुलता है तथा साथ-साथ सियाड़ निकाले जाते हैं। इससे सारे खेत की जताई हो जाती है।

प्रश्न 8.
डिस्क हैरो किस काम आता है ?
उत्तर-
डिस्क हैरो का प्रयोग कठोर भूमि में ढेलों को तोड़ने के लिए किया जाता है तथा मिट्टी को भुर–भुरा करने के लिए किया जाता है। ऐसी भूमि जिसमें PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र 4

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प्रश्न 9.
हैप्पीसीडर कैसे कार्य करता है ?
उत्तर-
इसका प्रयोग गेहूँ की बुवाई के लिए किया जाता है। जब धान की कटाई के बाद पराली खेत में ही होती है तथा इसको निकाले बिना ही गेहूँ की सीधी बवाई खेत में करने के लिए हैप्पीसीडर का प्रयोग होता है। इस मशीन में फलेल किस्म के ब्लेड लगे होते हैं जोकि ड्रिल के बुवाई करने वाले फाले के सामने आने वाली पराली को काटते हैं तथा पीछे की तरफ धकेलते हैं। मशीन के फालों में पराली नहीं फंसती तथा साफ की गई जगह पर बीज सही ढंग से बो दिए जाते है।
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प्रश्न 10.
थैशर कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
थ्रेशर कई तरह के होते हैं तथा गहाई के काम आते हैं। कंबाइन हारवैस्टर, यह स्व-चालित कंबाइन हारवैस्टर तथा ट्रैक्टर से चलने वाले कंबाइन हारवैटस्टर होते हैं।
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(ग) निम्नलिखित प्रश्नों का चार-पाँच वाक्यों में उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
कृषि मशीनों का आधुनिक युग में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
कृषि की पहली तथा प्राथमिक मांग ऊर्जा तथा शक्ति की है। प्राचीन समय में खेत से संबंधित कार्य जैसे–कटाई, गहाई, सफाई, भण्डारण, ढुलाई आदि में पशुओं जैसे—बैल, ऊंट तथा खच्चर आदि का प्रयोग किया जाता है परन्तु इस ढंग से कृषि के कार्य पूरे करने के लिए कितने ही दिन लग जाते थे। बढ़ती हुई जनसंख्या से कृषि उत्पादों की मांग भी बढ़ गई है तथा इसके लिए खेती से संबंधित कार्यों के लिए मशीनों का प्रयोग होने लगा है। आज के युग में खेती मशीनों का महत्त्व बहुत बढ़ गया है। इनके प्रयोग से उपज में वृद्धि हुई है। उपज की कटाई, गहाई, गुडाई आदि सारे कार्य शीघ्रता से हो जाते हैं।

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प्रश्न 2.
उल्टावाँ हल क्या है ? यह दूसरे हलों से कैसे भिन्न है ?
उत्तर-
यह हल मिट्टी को उलटने का कार्य करता है। मिट्टी की नीचे वाली तह ऊपर तथा ऊपरी तह नीचे चली जाती है। यह हल लोहे का बना होता है। यदि पिछली फसल काटने तथा दूसरी फसल बोने के बीच में कुछ समय बचता हो तो उल्टावें हल का प्रयोग बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। इसके प्रयोग से भूमि के ऊपर वाला घास
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फूस नीचे चला जाता है तथा गल-सड़ कर खाद का काम करता है। भूमि के नीचे वाली जड़ें एवं घास-फूस ऊपर आ जाता है तथा भूमि के अंदर हानिकारक जीवाणु धूप से समाप्त हो जाते हैं।

उल्टावाँ हल

  1. यह हल लोहे का बना होता है।
  2. इससे ऊपरी मिट्टी नीचे तथा नीचे वाली मिट्टी ऊपर आ जाती है।

हल या टिल्लर

  1. यह हल लकड़ी का बना होता है जिसके आगे लोहे का फाला लगा होता है
  2. इससे सियाड़ खुलता है।

प्रश्न 3.
पराली संभालने वाली मशीनों का वर्णन करो।
उत्तर-
बेलर पराली संभालने वाली मशीन है। इसकी सहायता से पराली इकट्ठी करके चौरस या गोल पूले बांध दिए जाते हैं। यह मशीन खेत में बिखरी पराली को इकट्ठा करके एक समान गांठें बना देती है। यह मशीन केवल काटी हुई पराली को ही इकट्ठा करती है।

हैप्पीसीडर-यह मशीन धान की कटाई के बाद पराली को खेत में से निकाले बगैर गेहूँ की सीधी बुवाई के लिए उपयोग की जाती है। ___ पराली चौपर-पराली को खेतों में ही जोतने के लिए इस मशीन का प्रयोग होता है। इसके प्रयोग से धान की पराली का कुतरा हो जाता है तथा खेतों में बिखेर दी जाती है। कुतरा किए खेत में पानी लगा कर रोटरी पडलर (रोटावेटर) की सहायता से पराली को खेत में मिला दिया जाता है।
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प्रश्न 4.
जुताई के लिए मुख्य कौन-सी मशीनें उपयोग की जाती हैं ?
उत्तर-
जुताई के लिए प्रयोग होने वाली मशीनें हैं। हल या टिल्लर, कल्टीवेटर, डिस्क हैरो, उल्टालाँ हल, तवेदार हल, रोटावेटर आदि।
1. हल या टिल्लर-जुताई करने के लिए हल या टिल्लर का प्रयोग किया जाता है। बैलों से खींचने वाला हल लकड़ी का बना होता है। इसके आगे लोहे का फाला लगा होता है। इससे सियाड़ खुलता है तथा साथ-साथ सियाड़ खुलने से सारी भूमि की जुताई हो जाती

2. डिस्क हैरो-डिस्क हैरो का प्रयोग कठोर भूमि में ढेलों को तोड़ने के लिए किया जाता है तथा मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए किया जाता है। ऐसी भूमि जिसमें अधिक घास-फूस हो या पिछली फसल के अवशेष या जड़ें अधिक हों उस खेत की पहली जुताई के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

3. रोटावेटर-इसका प्रयोग पहली तथा दूसरी जुताई दोनों के लिए होता है। यह मिट्टी को भुर-भुरा बनाकर बुवाई के लिए तैयार करने के काम आता है।

4. तवेदार हल-यह मिट्टी को काटने तथा भुर-भुरा बनाने के काम आता है। कठोर तथा पथरीली ज़मीन में तथा पिछली फसल को काटने के बाद इसका प्रयोग लाभदायक होता है।

प्रश्न 5.
कम्बाइन हारवैस्टर मशीन के मुख्य कार्यों का वर्णन करो।
उत्तर-

  1. इसका प्रयोग फसल की कटाई के लिए होता है।
  2. फसल की गहाई के लिए होता है।
  3. फसल की सफ़ाई के लिए होता है।
  4. फसल को इकट्ठा करना संभव है।
  5. इससे समय की बचत होती है।
  6. दाने जल्दी से निकल जाते हैं तथा आग, वर्षा, तूफान से हानि का डर नहीं रहता।

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Agriculture Guide for Class 6 PSEB कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कृषि की पहली माँग क्या है ?
उत्तर-
ऊर्जा तथा शक्ति।

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प्रश्न 2.
ट्रैक्टर की कितनी शक्ति होती है ?
उत्तर-
5 हार्स पावर से 90 हार्स पावर तक।

प्रश्न 3.
पंजाब में कितने ट्रैक्टर हैं ?
उत्तर-
4.76 लाख

प्रश्न 4.
भूमि की जुताई के लिए कोई यन्त्र बताओ।
उत्तर-
हल या टिल्लर।

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प्रश्न 5.
कठोर भूमि में ढेलों को तोड़ने के लिए किसका प्रयोग होता है ?
उत्तर-
डिस्क हैरो (तवियां)।

प्रश्न 6.
उल्टावाँ हल किससे बना होता है ?
उत्तर-
लोहे का।

प्रश्न 7.
बैलों से कितने उल्टावें हल खींचे जा सकते हैं ?
उत्तर-
एक हल।

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प्रश्न 8.
ट्रैक्टर से कितने उल्टावें हल चलाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
4 से 6 हल।

प्रश्न 9.
सुहागा कितना चौड़ा और मोटा होता है ?
उत्तर-
8 इंच चौड़ा तथा 3 इंच मोटा।

प्रश्न 10.
ट्रैक्टर से चलने वाले सुहागे की लम्बाई कितने फुट होती है ?
उत्तर-
10 फुट।

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प्रश्न 11.
बैलों से चलने वाले सुहागे की लम्बाई कितनी होती है ?
उत्तर-
6 फुट।

प्रश्न 12.
खेत में मेढ़ें बनाने के लिए कौन-सा यन्त्र है ?
उत्तर-
जंदरा ।

प्रश्न 13.
तवेदार हल में तवियों की संख्या कितनी होती है ?
उत्तर-
1 से 6.

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प्रश्न 14.
दूसरी जुताई के लिए किस यन्त्र का प्रयोग होता है ?
उत्तर-
कल्टीवेटर का।

प्रश्न 15.
रोटावेटर मिट्टी को किस तरह का बनाता है ?
उत्तर-
भुर-भुरा।

प्रश्न 16.
लेज़र लैवलर किस काम आता है ?
उत्तर-
भूमि को समतल करने के।

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प्रश्न 17.
धान की बुवाई किस मशीन से होती है ?
उत्तर-
ट्रांसप्लांटर से।

प्रश्न 18.
गन्ने की बुवाई के लिए मशीन का नाम बताओ।
उत्तर-
शुगरकेन प्लांटर।

प्रश्न 19.
ज़ीरो टिल ड्रिल मशीन से एक घण्टे में कितनी बुवाई की जा सकती
उत्तर-
एक एकड़।

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प्रश्न 20.
क्या रोटो टिल ड्रिल के प्रयोग से पहली जुताई की आवश्यकता है ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 21.
गुडाई करने के लिए प्रयोग होने वाले यन्त्र कौन-से हैं ?
उत्तर-
खुरपी, कसौला।

प्रश्न 22.
कतारों (पंक्तियों) में बोई फसलों की गुडाई किस यन्त्र से की जाती है?
उत्तर-
त्रिफाली।

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प्रश्न 23.
खड़ी फसल में गुडाई करने वाला यन्त्र कौन-सा है ?
उत्तर-
पहिएदार हो।

प्रश्न 24.
पहिएदार हो के पीछे कितने फाले लगे होते हैं ?
उत्तर-
3-6 फाले।

प्रश्न 25.
इंजन से चलने वाला स्प्रेयर कौन-सा है ?
उत्तर-
हैरो ब्लास्ट स्प्रेयर।

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प्रश्न 26.
रीपर का प्रयोग किस काम के लिए होता है ?
उत्तर-
कटाई के लिए।

प्रश्न 27.
थैशर का मुख्य काम क्या है ?
उत्तर-
फसलों से दाने निकालना।

प्रश्न 28.
पराली को खेत में इकट्ठा करने के लिए कौन-सी मशीन का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
बेलर का।

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प्रश्न 29.
हैप्पीसीडर कितने हार्स पावर वाले ट्रैक्टर से चलता है ?
उत्तर-
45-50 हार्स पावर वाले ट्रैक्टर से।

प्रश्न 30.
पराली को खेतों में जोतने के लिए कौन-सी मशीन का प्रयोग होता
उत्तर-
पराली चौपर।

प्रश्न 31.
भूमि की गुडाई क्यों की जाती है ?
उत्तर-
गुडाई करने से पालतू जड़ी-बूटियां नष्ट हो जाती हैं।

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प्रश्न 32.
मिट्टी पलट हल से समय, धन तथा मेहनत की बचत कैसे हो जाती है ?
उत्तर-
यह हल भूमि को केवल काटता ही नहीं है बल्कि मिट्टी को पलट भी देता है। इस तरह समय, धन तथा मेहनत की बचत हो जाती है।

प्रश्न 33.
हैरो का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
यह नदीनों को उखाड़ कर इकट्ठा कर देता है तथा मिट्टी के ढेलों को तोड़कर भुर-भुरा बना देता है।

प्रश्न 34.
देसी हल किस तरह के सियाड़ बनाता है ?
उत्तर-
यह अंग्रेजी के अक्षर ‘V’ आकार के सियाड़ बनाता है।

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प्रश्न 35.
पिछली दातरी किस काम आती है ?
उत्तर-
यह गन्ने की छिलाई के काम आती है।

प्रश्न 36.
सुहागा तथा कराहा में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
सुहागा, हल चलाने के बाद भूमि को समतल करने के लिए प्रयोग होता है। जबकि कराहा ऊंची-नीची भूमि को समतल करने के काम आता है।

प्रश्न 37.
भारत में कितनी प्रकार के हल प्रचलित हैं ?
उत्तर-
40 प्रकार के।

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प्रश्न 38.
पंजाब में कौन-से हल प्रयोग में आते हैं ?
उत्तर-
दो प्रकार के मुन्ना हल तथा मिट्टी पलट हल।

प्रश्न 39.
डीज़ल इंजन से कौन-सी मशीनें चलाई जाती हैं ?
उत्तर-
इससे ट्यूबवेल, चारा काटने के लिए मशीन तथा दाने निकालने वाली मशीनें चलाई जाती हैं।

प्रश्न 40.
ट्रैक्टर से चलने वाले सुहागे की लम्बाई कितनी है ?
उत्तर-
इसकी लम्बाई 10 फुट है।

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प्रश्न 41.
बैलों से चलने वाले सुहागे की लम्बाई कितनी होती है ?
उत्तर-
6 फुट।

प्रश्न 42.
डीज़ल इंजन के प्रयोग को प्राथमिकता कब देनी चाहिए ?
उत्तर-
जब कम शक्ति की आवश्यकता हो तब ट्रैक्टर के स्थान पर डीज़ल इंजन के प्रयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए।

प्रश्न 43.
डिस्क हैरो को देहाती भाषा में क्या कहते हैं ?
उत्तर-
तवियां।

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प्रश्न 44.
पराली को संभालने के लिए कौन सी तकनीक का प्रयोग किया जाता
उत्तर-
बेलर मशीन से गोल पूले बांध दिए जाते हैं।
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छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
डीज़ल इंजन के बारे में संक्षेप जानकारी दें।
उत्तर-
यह ट्रैक्टर से छोटी मशीन है। इसको चलाने के लिए तेल तथा इसकी मुरम्मत के लिए खर्चा ट्रैक्टर से कम है। यदि कम शक्ति की आवश्यकता हो तो इस मशीन का प्रयोग किया जाता है। इससे टयूबवेल, चारा काटने वाला टोका, गहाई वाली मशीन चलाई जा सकती हैं।

प्रश्न 2.
सुहागा के बारे में बताएं।
उत्तर-
यह भूमि को समतल करने वाला यन्त्र है तथा मिट्टी को भुर-भरा बनाता है। यह 3 इंच मोटे तथा 8 इंच चौड़े 2-3 फट्टों को जोड़ कर बनता है। ट्रैक्टर से चलने वाले सुहागे की लम्बाई 10 फुट होती है तथा बैलों से चलने वाले सुहागे की लम्बाई 6 फुट होती

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प्रश्न 3.
तवेदार हल के बारे में संक्षेप जानकारी दें।
उत्तर-
इस हल का मुख्य उद्देश्य मिट्टी को काटना तथा भुर-भुरा बना कर पलट देना है। इस हल में मोल्ड बोर्ड नहीं बल्कि तवे लगे होते हैं। इसको पशुओं तथा ट्रैक्टर की सहायता से चलाया जाता है। इस में 6 तक तने लगे होते हैं।
कठोर, पथरीली भूमि तथा पिछली फसल के काटने के बाद इस हल का प्रयोग अधिक लाभदायक है।

प्रश्न 4.
लेज़र लेवलर के प्रयोग के बारे में बताओ।
उत्तर-
यह भूमि को समतल करने का आधुनिक ढंग है। इसमें लेज़र किरणों का प्रयोग होता है जिससे मिट्टी खुरचने वाले ब्लेडों को ऊपर नीचे करना आसान है। लेज़र लेवलर में एक तीन टांगों वाला स्टैंड तथा लेज़र ट्रांसमीटर लगा होता है। इससे भूमि के ऊंचा-नीचा होने की सूचना मिलती है तथा ट्रैक्टर ऊंची जगह से मिट्टी खोद कर नीची जगह पर डाल देता है इस तरह भूमि समतल हो जाती है।
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प्रश्न 5.
ज़ीरो टिल ड्रिल के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
धान की कटाई करने के बाद भूमि में नमी बच जाती है। ऐसी हालत में खेत की जुताई किए बगैर गेहूँ की बुवाई की जाती है। इससे एक घण्टे में एक एकड़ की बुवाई हो जाती है। धान की पराली को जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
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प्रश्न 6.
फसल सुरक्षा संबंधी छिड़काव यन्त्रों के बारे में बताएं।
उत्तर-
हाथों से चलने वाले स्प्रेयर, पैरों से चलने वाले स्प्रेयर, बाल्टी स्प्रेयर, रोकर स्प्रेयर, नैपसैक स्प्रेयर, इंजन से चलने वाला हैरो ब्लास्ट स्प्रेयर।
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प्रश्न 7.
हम फसलों पर दवाइयों का छिड़काव क्यों करते हैं ?
उत्तर-
खड़ी फसल में कीड़े-मकौड़े या नदीनों की रोकथाम करने के लिए फसलों पर दवाइयों का छिड़काव किया जाता है।

प्रश्न 8.
नदीनों की रोकथाम कैसे की जाती है ?
उत्तर-
नदीनों की रोकथाम के लिए गुडाई करनी चाहिए तथा नदीन उखाड़ कर जला देने चाहिएं तथा नदीनाशक दवाइयों का प्रयोग भी किया जा सकता है।

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प्रश्न 9.
हाथ की बजाय ड्रिल से बीज बोना क्यों लाभदायक हैं ?
उत्तर-
इससे बीज तथा खाद खेत में एक समान पड़ते हैं तथा आवश्यकता अनुसार बीज तथा खाद की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। इसकी तुलना में हाथों से बोने पर बीज कम या ज्यादा हो जाता है तथा बीज को एक समान बोने के बहुत ज्यादा महारत की आवश्यकता है।

प्रश्न 10.
टोका किस को कहते हैं ? यह किस काम आता है ? यह कैसे चलता
उत्तर-
गांवों में हर घर में पशु होते हैं तथा इनको चारा काट कर डालने के लिए टोका मशीन का प्रयोग किया जाता है। यह मशीन हाथों से, बिजली की मोटर से तथा डीज़ल इंजन द्वारा चलाई जा सकती है।
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बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खेती मशीनों का आधुनिक युग में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-

  1. फसल की बुवाई जल्दी तथा सस्ती हो जाती है।
  2. पौधों तथा पौधों में कतारों का फासला बिल्कुल ठीक तरह रहता है।
  3. कतारों में बोने के कारण फसल की गुडाई आसानी से हो जाती है।
  4. बीज तथा खाद निश्चित गहराई तथा योग्य फासले पर लगते हैं।
  5. ड्रिल से बोई हुई फसल से 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक अधिक उत्पाद प्राप्त हो जाता है।

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प्रश्न 2.
कृषि कार्यों के लिए प्रयोग होने वाली मशीनों के नाम बताएं तथा ट्रैक्टर के बारे में विवरण दें।
उत्तर-
कृषि कार्यों में प्रयोग होने वाली मशीनें हैं-ट्रैक्टर, डीज़ल इंजन, बिजली से चलने वाली मोटर, चारा काटने वाली मशीन, बीज तथा खाद ड्रिल आदि।

ट्रैक्टर-सबसे अधिक कृषि कार्यों में काम आने वाली मशीन ट्रैक्टर है। इसकी शक्ति 5 हार्स पावर से लेकर 90 हार्स पावर तक हो सकती है। इससे बहुत सारे कार्य लिए जा सकते हैं।
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इस से भूमि की जुताई करना, कृषि में प्रयोग संबंधी ढुलाई, भूमि से पानी निकालने के लिए ट्यूबवेल को चलाना आदि शामिल हैं। बेशक ट्यूबवेल को चलाने के लिए डीजल इंजन या बिजली की मोटर बहुत सस्ती पड़ती है, फिर भी जहां कहीं यह साधन उपलब्ध नहीं है, वहां किसान पानी निकालने के लिए ट्रैक्टर द्वारा ही ट्यूबवेल चला लेते हैं। फसलों की गहाई तथा कंबाइनों को चलाने के लिए भी ट्रैक्टर का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 3.
सुहागा तथा जंदरा के बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
1. सुहागा-हल चलाने के बाद भूमि को समतल करने के लिए तथा केरे द्वारा की गई बुवाई के बाद बीज ढकने के लिए जिस मशीन का प्रयोग होता है उसे सुहागा कहते हैं। यह लकड़ी का बना फट्टा होता है। इस की लम्बाई 275 सें.मी. (लगभग 10 फुट), चौड़ाई 30 सें.मी. (1 फुट) तथा मोटाई 15 सैं.मी. (आधा फुट)
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होती है। इसकी लम्बाई, चौड़ाई, मोटाई कम या अधिक हो सकती है। सुहागे के माथे की लम्बाई वाली तरफ 7-8 सैं.मी. चौड़ी लोहे की पत्ती लगी होती है, जो लकड़ी को घिसने से बचाती है तथा इस फट्टे के दोनों तरफ लकड़ी की मोटी कीलें लगी होती हैं। इन कीलों को कान कहते हैं। सुहागे को पंजाली से बांधने वाला रस्सा इन कीलों के साथ ही बांधा जाता है। इसको बैलों की जोड़ियों द्वारा खींचा जाता है। सुहागा भूमि को समतल करता है वहीं भूमि के ढेलों को भी तोड़ता है। 10 फुट लम्बा सुहागा ट्रैक्टर से तथा 6 फुट लम्बा सुहागा बैलों से चलाया जाता है।

2. जंदरा-यह खेतों में मेढ़ें डालने के काम आता है। आधुनिक कृषि के लिए जंदरा किसान के लिए एक सहायक यन्त्र है। इसके दस्ते की लम्बाई 175 सें.मी. होती है। दस्ते के नीचे एक लकड़ी की फट्टी लगी होती है। लकड़ी की फट्टी के नीचे 5-6 सें.मी. चौड़ी लोहे की पत्ती होती है। लकड़ी की फट्टी के दोनों सिरों पर एक-एक कुण्डा लगा होता है।

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इन कुण्डियों में से रस्सा गुज़र कर एक कील से बांध लिया जाता है। एक व्यक्ति कील पकड़ कर जंदरा खींचता है तथा दूसरा व्यक्ति दस्ते को पकड़ कर रखता है।

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प्रश्न 4.
खेत में हल क्यों चलाया जाता है ? विस्तार से लिखें।
उत्तर-
अच्छी फसल की प्राप्ति करने के लिए पहले अच्छी तैयारी करनी पड़ती है। अच्छी तथा अधिक फसल की प्राप्ति के लिए किसान बुवाई से पहले खेत को बुवाई के योग्य बनाता है। वह खेतों में नमी की मात्रा (वतर)देख कर हल चलाता है। शुरू में मिट्टी पलट हल या उल्टावां हल चलाया जाता है। खेतों में पिछली फसलों की जड़ें मिट्टी पलटने के कारण भूमि के ऊपर आ जाती हैं। जड़ों के साथ ही उनमें छिपे हुए हानिकारक कीड़े भी बाहर आ जाते हैं। ये कीड़े धूप के कारण मर जाते हैं। भूमि में हल चलाने के कारण भृमि में पनप रहे फालतू पौधे भी नष्ट हो जाते हैं। हल जोतने से मिट्टी के कण खुल जाते हैं तथा इस तरह भूमि में से हवा की आवागमन आसानी से हो जाती है तथा पानी सोखने की शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए यह लोकोक्ति ‘जिनीआं सिआं लवेंगा, उना बोहल उठाएंगा” प्रसिद्ध है।

प्रश्न 5.
मिट्टी पलट हल को कौन-कौन से विशेष कार्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है ?
उत्तर-
मिट्टी पलट हल को नीचे लिखे विशेष कार्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है-

  1. खेत को पहली बार जोतने के समय इसके प्रयोग से मिट्टी उलटाई जाती है।
  2. हरी खाद बनाने के लिए खेत में खड़ी फसल को इसके द्वारा जोत कर भूमि में दबाया जाता है।
  3. इससे खेत में मेहें बनाने का काम भी लिया जाता है।
  4. इससे खेतों में खालियां बनाई जाती हैं।
  5. इससे खाद तथा रूड़ी मिलाने का काम भी लिया जाता है।

प्रश्न 6.
बीज तथा खाद ड्रिल के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
यह एक ऐसी मशीन है जिससे खाद तथा बीज खेत में डाले जाते हैं। हाथों से पोरा करने पर कई स्थानों पर बीज अधिक तथा कई स्थानों पर कम हो जाते हैं परन्तु __ इस मशीन के प्रयोग से बीज तथा खाद की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। यह मशीन ट्रैक्टर तथा बैलों द्वारा चलने वाली दोनों तरह की हो सकती है।
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प्रश्न 7.
मशीनों द्वारा बुवाई तथा आधुनिक मशीनों के बारे में विस्तार में जानकारी दें।
उत्तर-
खेती की मुख्य मांग समय, शक्ति तथा ऊर्जा है। जब सारे कार्य हाथों से करने पड़ते थे तब कई-कई दिनों तक काम समाप्त नहीं होता था अब आधुनिक युग में मनुष्य ने कई प्रकार की मशीनों की खोज कर ली है तथा काम बहुत जल्दी समाप्त हो जाते हैं। बहुत ही बड़े-बड़े क्षेत्रफल को मशीनों की सहायता से दिनों में ही तैयार कर लिया जाता है तथा बुवाई भी कर ली जाती है।

बीज खाद ड्रिल की सहायता से गेहूं, सरसों, बाजरा, मूंगी, ज्वार, गवार, चने आदि की बुवाई की जाती है।
ट्रांसप्लांटर की सहायता से धान की बुवाई की जाती है। जीरो टिल ड्रिल तथा बैड प्लांटर की सहायता से गेहूं की बुवाई की जाती है।

वैजीटेबल प्लांटर की सहायता से सब्जियों की बुवाई की जाती है। काटन प्लांटर की सहायता से कपास नरमे की बुवाई की जाती है।
शुगरकेन प्लांटर से गन्ने की बुवाई होती है। रोटो टिल ड्रिल बुवाई से पहले साथ-साथ जुताई भी करता है।

कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र PSEB 6th Class Agriculture Notes

  • कृषि की पहली आवश्यकता ऊर्जा तथा शक्ति की है।
  • संसार में सबसे अधिक पशुओं की संख्या भारत में है।
  • कृषि कार्यों के लिए बैल, ऊंट तथा खच्चरों का प्रयोग किया जाता है।
  • ट्रैक्टर 5 हार्स पावर से लेकर 90 हार्स पावर तक शक्ति प्रदान कर सकते हैं।
  • पंजाब में लगभग 4.76 लाख ट्रैक्टर हैं।
  • डीज़ल इंजन ट्रैक्टर से छोटी मशीन है।
  • पंजाब में 1.5 लाख ट्यूबवेल बिजली से चलते हैं। 8. हल से भूमि की जुताई की जाती है।
  • हैरों का प्रयोग पिछली फसल के अवशेष निकालने तथा प्रथम जुताई के लिए की जाती है।
  • उल्टावां हल से भूमि की नीचे वाली सतह ऊपर आ जाती है।
  • सुहागा ज़मीन को समतल तथा भुर-भुरा बनाने के काम आता है।
  • खेत में मेंढ़ बनाने के लिए जंदरा नामक यंत्र प्रयोग किया जाता है।
  • तवेदार हल का काम मिट्टी को काटना तथा भुर-भुरा बनाना तथा पलटना है।
  • रोटावेटर भी मिट्टी को भुर-भुरा बना कर बुवाई के लिए तैयार करता है।
  • लेजर लैवलर, भूमि को समतल करने की बहुत नई तकनीक है। इसमें लेज़र किरणों का प्रयोग होता है।
  • कुछ फसलों की बुवाई छट्टा या बीज तथा खाद ड्रिल के प्रयोग से की जाती है।
  • जीरो टिल ड्रिल तथा बैड प्लांटर का प्रयोग करके गेहूँ की बुवाई की जाती है।
  • खड़ी फसल में खरपतवार की रोकथाम के लिए गुडाई की जाती है।
  • कतारों में बोई जाने वाली फसलों की गुडाई तरीफली या पहिएदार हो या ट्रैक्टर के द्वारा चलने वाला गुडाई यन्त्र से की जाती है।
  • छिड़काव यन्त्र हैं-हाथों से चलने वाला स्प्रेयर, पैरों से चलने वाला स्प्रेयर, रोकर स्प्रेयर, बाल्टी स्प्रेयर तथा नैपसैक स्प्रेयर।
  • रीपर का प्रयोग फसलों की कटाई के लिए किया जाता है।
  • फसलों के दाने निकालने के लिए (गहाई) थ्रेशरों का उपयोग किया जाता है।
  • फसल की कटाई के लिए सारे कार्य इकट्ठे करने के लिए कंबाइन हारवैस्टर का प्रयोग किया जाता है ; जैसे-कटाई, गहाई, सफाई तथा उसको इकट्ठा करना।
  • धान की कटाई के बाद प्रायः किसान खड़ी पराली को आग लगा देते हैं जिससे कृषि के लिए अच्छे पोषक तत्त्व भी जल जाते हैं तथा वातावरण का प्रदूषण भी होता है।
  • धान की कटाई के बाद पराली को खेत में से निकाले बगैर गेहँ की सीधी बवाई करने के लिए हैप्पी सीडर का प्रयोग किया जा सकता है।
  • पराली को खेतों में ही जोतने के लिए पराली चोपर का प्रयोग किया जाता है।

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