Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 17 चालुक्य तथा पल्लव Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 17 चालुक्य तथा पल्लव
SST Guide for Class 6 PSEB चालुक्य तथा पल्लव Textbook Questions and Answers
I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें
प्रश्न 1.
दक्षिण भारत के चालुक्यों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
सातवाहन शासकों के पतन के पश्चात् दक्षिण भारत में छोटे-छोटे राज्य अस्तित्व . में आ गए। वाकाटकों ने एक मज़बूत राज्य बनाने का प्रयत्न किया लेकिन वह अधिक समय टिक न सका। उसी समय छठी शताब्दी ई० में दक्षिण भारत में शक्ति चालुक्य वंश के हाथों में आ गई। इन्होंने बीजापुर जिले में वातापी को अपनी राजधानी बनाया। पुलकेशिन प्रथम, कीर्तिवर्मन तथा पुलकेशिन द्वितीय आदि इस वंश के प्रमुख शासक थे। परन्तु पुलकेशिन द्वितीय इस वंश का सबसे शक्तिशाली शासक था। उसने नर्मदा नदी के तट पर हर्षवर्धन को बुरी तरह . से हराया था। उसने दक्षिण भारत के बहुत-से प्रदेशों को जीता था तथा तमिलनाडु के पल्लवों को हराया था। लेकिन वह पल्लव शासक नरसिंहवर्मन से हार गया तथा 642 ई० में उसकी मृत्यु हो गई। पुलकेशिन द्वितीय के उत्तराधिकारी अयोग्य थे। इसलिए 8वीं शताब्दी के मध्य में राष्ट्रकूटों ने चालुक्यों को हराकर चालुक्य वंश का अन्त कर दिया।
प्रश्न 2.
चालुक्य मन्दिरों के बारे में एक नोट लिखें।
उत्तर-
चालुक्य शासकों को मन्दिर निर्माण से विशेष प्रेम था। इसलिए उन्होंने एहोल, वातापी तथा पट्टदकल में अनेक प्रसिद्ध मन्दिरों का निर्माण करवाया। वीरूपाक्ष तथा पम्पनाथ के मन्दिर बहुत प्रसिद्ध हैं। चालुक्यों ने प्रमुख रूप से ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव की पूजा के लिए मन्दिर बनवाए। इन मन्दिरों की दीवारों पर रामायण के दृश्यों को बहुत सुन्दर ढंग से दिखाया गया है। चालुक्यों ने वातापी में गफ़ा-मन्दिरों का भी निर्माण करवाया, जो अपनी कलात्मक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न 3.
पल्लवों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
पल्लव शासक तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश के कई भागों पर शासन करते थे। पहले वे सातवाहनों के अधीन थे। परंतु सातवाहनों के पतन के बाद उन्होंने अपनी स्वतंत्र सत्ता स्थापित कर ली। पल्लव राजवंश आंरभ में पल्लव राजा विष्णु, गोपवर्मन गुप्त शासक समुद्र गुप्त से हार गया था।
छठी शताब्दी के अन्त में सिंहवर्मन ने एक नवीन पल्लव वंश की स्थापना की। महेन्द्रवर्मन प्रथम, नरसिंहवर्मन प्रथम तथा नरसिंहवर्मन द्वितीय इस वंश के प्रसिद्ध शासक थे। महेन्द्रवर्मन चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय के साथ लम्बे समय तक लड़ता रहा। वह चित्रकला तथा नाच-गाने का बहुत शौकीन था। नरसिंहवर्मन प्रथम ने पुलकेशिन द्वितीय को युद्ध में हराया था। उसने श्रीलंका पर भी दो बार सफल हमले किए थे। नौवीं शताब्दी में पल्लव चोल राजाओं से हार गए तथा उनका राज्य समाप्त हो गया।
प्रश्न 4.
पल्लवों की मूर्ति कला एवं भवन-निर्माण के बारे में लिखें।
उत्तर-
पल्लव शासक कला तथा भवन निर्माण कला के महान् प्रेमी एवं संरक्षक थे। इन्होंने अनेक मन्दिरों का निर्माण करवाया। इन्होंने महाबलिपुरम में समुद्र के तट पर कई गुफ़ा-मन्दिर बनवाए। इनमें से कुछ मन्दिरों को रथ-मन्दिर कहते हैं तथा इनके नाम महाभारत के पाण्डवों के नाम परं रखे गए हैं। पल्लवों ने अपनी राजधानी कांचीपुरम में कैलाशनाथ नामक एक प्रसिद्ध मन्दिर बनवाया था। इनके मन्दिरों में देवी-देवताओं की मूर्तियों के अतिरिक्त पल्लव राजा-रानियों की मूर्तियां भी स्थापित थीं।
II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करो
- चालुक्य वंश के …………. एवं ……………. प्रसिद्ध राजा थे।
- चालुक्य शासक …………… के महान् संरक्षक थे।
- ……………… ने पल्लव वंश की नींव रखी।
- पल्लवों की राजधानी तामिलनाडु में चेन्नई के समीप ………. में थी।
- पल्लव ………….. एवं ……………. कला के प्रेमी तथा संरक्षक थे।
उत्तर-
- पुलकेशिन प्रथम, कीर्तिवर्मन
- कला
- सिंह वर्मन
- कांचीपुरम
- मूर्तिकला, भवन निर्माण।
III. सही जोड़े बनायें:
- ईरानी राजदूत – (क) चालुक्य मन्दिर
- वीरूपाक्ष – (ख) पुलकेशिन द्वितीय
- महाबलिपुरम – (ग) पल्लव राजा
- महेन्द्रवर्मन – (घ) रथ मन्दिर
उत्तर-सही जोड़े
- ईरानी राजदूत – पुलकेशिन द्वितीय
- वीरूपाक्ष – चालुक्य मन्दिर
- महाबलिपुरम – रथ मन्दिर
- महेन्द्रवर्मन – पल्लव राजा
IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) बताएं
- पुलकेशिन द्वितीय का हर्षवर्धन से युद्ध हुआ।
- एहोल तथा पट्टदकल को समुद्र तट के लिए जाना जाता है।
- कांचीपुरम चालुक्यों की राजधानी थी।
- कैलाशनाथ मन्दिर पल्लवों ने बनवाया था।
उत्तर-
- (✓)
- (✗)
- (✗)
- (✓)
PSEB 6th Class Social Science Guide चालुक्य तथा पल्लव Important Questions and Answers
कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न
प्रश्न 1.
चालुक्य दक्षिणी दक्कन के प्रसिद्ध राजा (छठी शताब्दी ई०) थे। उनकी राजधानी का नाम बताएं।
उत्तर-
वातापी (बादामी)।
प्रश्न 2.
चालुक्यों द्वारा बनवाए गए दो सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के नाम बताएं।
उत्तर-
वीरूपाक्ष तथा पम्पनाथ मंदिर।
प्रश्न 3.
कांची का प्रसिद्ध ‘कैलाशनाथ मंदिर’ किस राजवंश के शासकों ने बनवाया था?
उत्तर-
पल्लव।
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
चालुक्यों ने किस धर्म को संरक्षण दिया?
(क) हिन्दू धर्म
(ख) जैन धर्म
(ग) इस्लाम धर्म।
उत्तर-
(ख) जैन धर्म
प्रश्न 2.
नीचे दर्शाए गए मंदिर का निर्माण किस वंश के शासकों ने करवाया?
(क) पल्लव
(ख) चालुक्य
(ग) गुप्त।
उत्तर-
(क) पल्लव
प्रश्न 3.
भारत में कई विदेशी यात्री भारत आये। इनमें कुछ चीनी यात्री भी शामिल थे। इनमें से कौन-सा यात्री 641 ई० में पुलकेशिन द्वितीय के राज्य में आया था?
(क) फाह्यान
(ख) ह्यूनसांग
(ग) इत्सिंग।
उत्तर-
(ख) ह्यूनसांग
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पुलकेशिन द्वितीय के राज्य में कौन-सा यात्री भारत आया था?
उत्तर-
पुलकेशिन द्वितीय के राज्य में चीनी यात्री ह्यनसांग भारत आया था।
प्रश्न 2.
चालुक्य राजाओं ने किन-किन नगरों में कई प्रसिद्ध मन्दिर बनवाए?
उत्तर-
चालुक्य राजाओं ने एहोल, वातापी तथा पट्टदकल में कई प्रसिद्ध मन्दिर बनवाए।
प्रश्न 3.
पल्लव वंश का राज्य-विस्तार बताएं।
उत्तर-
पल्लव वंश का राज्य-विस्तार तमिलनाडु तथा आन्ध्र प्रदेश के कई भागों में था।
प्रश्न 4.
गुप्त सम्राट् समुद्रगुप्त ने कौन-से पल्लव शासक को हराया था?
उत्तर-
गुप्त सम्राट् समुद्रगुप्त ने पल्लव शासक गोपवर्मन को हराया था।
प्रश्न 5.
महाबलिपुरम के रथ मन्दिरों के नाम किन के नाम पर रखे गए हैं?
उत्तर-
महाबलिपुरम के रथ मन्दिरों के नाम महाभारत के पाण्डवों के नाम पर रखे गए हैं।
प्रश्न 6.
कांचीपुरम में स्थित एक प्रसिद्ध मन्दिर का नाम लिखो। यह किसने बनवाया था?
उत्तर-
कांचीपुरम में स्थित एक प्रसिद्ध मन्दिर ‘कैलाशनाथ’ है। यह मन्दिर पल्लव शासकों ने बनवाया था।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
चालुक्य राज्य की स्थापना पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
उत्तरी महाराष्ट्र तथा बरार (विदर्भ) में सातवाहनों के पतन के पश्चात् वाकाटकों ने एक शक्तिशाली राज्य की नींव रखने का यत्न किया लेकिन वे अपने प्रयत्नों में सफल न हो सके। फिर चालुक्य वंश ने छठी शताब्दी के आरम्भ में दक्षिण भारत के पश्चिम में अपना राज्य स्थापित कर लिया। इस वंश की राजधानी वातापी थी। इस वंश की स्थापना का श्रेय पुलकेशिन प्रथम को प्राप्त था।
प्रश्न 2.
कीर्तिवर्मन के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
कीर्तिवर्मन पुलकेशिन प्रथम का पुत्र था जो उसकी मृत्यु के पश्चात् चालुक्य वंश का राजा बना। कीर्तिवर्मन काफ़ी शक्तिशाली राजा था। उसने उत्तरी कोंकण तथा कन्नड़ प्रदेश को जीतकर अपने साम्राज्य में मिला लिया। उसे भवन-निर्माण का बहुत शौक था। उसने वातापी में अनेक सुंदर तथा शानदार इमारतों का निर्माण करवाया।
प्रश्न 3.
पल्लव राजा नरसिंहवर्मन के बारे में लिखें।
उत्तर-
नरसिंहवर्मन एक शक्तिशाली पल्लव राजा था। पल्लवों का चालुक्य वंश के साथ संघर्ष चलता रहता था। चालुक्य राजा पुलकेशिन द्वितीय ने महेन्द्रवर्मन को हराया था। लेकिन नरसिंहवर्मन ने पुलकेशिन द्वितीय को हरा दिया तथा उसको मार डाला। इसने कई अन्य विजयें भी प्राप्त की तथा अपने राज्य का विस्तार किया। इसने पाण्ड्य, चेर तथा चोल राजाओं के साथ युद्ध किए।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पुलकेशिन द्वितीय के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
पुलकेशिन द्वितीय चालुक्य वंश का सबसे शक्तिशाली राजी था। उसने अपने 33 वर्षों के शासनकाल में अनेक युद्ध करके अपनी सैनिक योग्यता को सिद्ध किया। उसने सबसे पहले अपने चाचा को हरा कर उससे अपना राज्य वापिस लिया। उसने राष्ट्रकूटों के आक्रमणों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया तथा कादम्बों पर आक्रमण करके उनकी राजधानी बनवासी को लूटा। उसकी शक्ति से प्रभावित होकर गंगवादी के गंगों तथा मालाबार के अलूपों ने उसकी अधीनता स्वीकार की। उसने उत्तरी कोंकण के मौर्य राजा को भी हराया। दक्षिण गुजरात के लाटों, मालवों तथा गुज्जरों ने भी उसकी शक्ति को स्वीकार कर लिया था। उसकी सैनिक सफलताओं से डर कर चोल, चेर तथा पांड्य के राजाओं ने भी उसकी अधीनता मान ली थी। यहां तक कि उसने हर्षवर्धन को भी युद्ध में हरा कर पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था।
पुलकेशिन द्वितीय एक महान विजेता ही नहीं बल्कि उच्चकोटि का राजनीतिज्ञ भी था। उसने विदेशी राजाओं के साथ कूटनीतिक सम्बन्ध स्थापित किए। उसने फारस के राजा खुसरू द्वितीय के पास अपना राजदूत भी भेजा।
परन्तु पुलकेशिन द्वितीय के अन्तिम दिन बड़े कष्टमय थे। पल्लवों ने अपने शासक नरसिंहवर्मन के नेतृत्व में चालुक्य राज्य पर कई बार सफल हमले किए तथा उसकी राजधानी वातापी को नष्ट कर दिया। 642 ई० में पुलकेशिन द्वितीय की मृत्यु हो गई।
प्रश्न 2.
महाबलिपुरम के मन्दिरों की विशेषताएं लिखें।
उत्तर-
महाबलिपुरम के मन्दिर चेन्नई से 69 किलोमीटर दूर महाबलिपुरम में स्थित हैं। ये मन्दिर पल्लव शासकों विशेष तौर पर महेन्द्रवर्मन तथा उसके पुत्र नरसिंहवर्मन द्वारा सातवीं शताब्दी में बनाए गए थे। इनमें से कुछ मन्दिरों को रथ मन्दिर कहा जाता है क्योंकि थोड़ी दूर से देखने पर इनका आकार रथ जैसा ही दिखाई देता है। इन रथ मन्दिरों के नाम पांडवों के नाम पर द्रौपदी रथ, धर्मराज रथ, भीम रथ, अर्जुन रथ आदि रखे गए हैं। ये मन्दिर एक ही चट्टान को काट कर बनाए गए हैं तथा इनमें कहीं भी जोड़ नहीं है। इन मन्दिरों में जो मूर्तियां रखी गई हैं, वे भी एक चट्टान को काटकर बनाई गई हैं। ये मूर्तियां बहुत सुन्दर तथा विशाल हैं। ये सभी मन्दिर शैव मन्दिर हैं। इन मन्दिरों के मुख्य दरवाज़ों को अच्छी प्रकार से सजाया गया है तथा मन्दिरों की दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियों के अलावा पल्लव राजाओं-रानियों की मूर्तियां भी हैं।
महाबलिपुरम में ही पल्लव शासक नरसिंहवर्मन द्वारा समुद्र तट पर बनवाए कई गुफ़ामन्दिर हैं जिन्हें कई प्रकार की मूर्तियों से सजाया गया है।