PSEB 7th Class Science Notes Chapter 1 पादपों में पोषण

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PSEB 7th Class Science Notes Chapter 1 पादपों में पोषण

→ सभी सजीवों (पौधों और जंतुओं) के लिए भोजन ज़रूरी होता है।

→ भोजन के मुख्य अंश-कार्बोहाइड्रेट्स, वसा, प्रोटीन तथा लवण हैं, जो शरीर के निर्माण तथा वृद्धि के लिए। आवश्यक होते हैं।

→ जीव द्वारा भोजन प्राप्त करना तथा उसका उचित प्रयोग पोषण कहलाता है।

→ भिन्न-भिन्न जीवों के लिए भिन्न पोषण होता है।

→ भोजन संबंधी आदतों के आधार पर पोषण को दो श्रेणियों में बांटा जाता है-

  1. स्वपोषी पोषण
  2. परपोषी पोषण।

→ जो सजीव सरल पदार्थों से अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं, उन्हें स्वपोषी कहा जाता है तथा इस प्रकार के पोषण को स्वपोषण कहते हैं।

→ सभी हरे पौधे तथा बैक्टीरिया (जीवाणु) स्वपोषी होते हैं।

→ युगलीना एक ऐसा जीव है जो दोनों स्वपोषण तथा परपोषण कर सकता है।

→ पत्तों को पौधों का भोजन तैयार करने का कारखाना कहा जाता है।

→ पौधे प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन बनाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान पत्तों में मौजूद (उपस्थित) हरे रंग का तत्त्व (क्लोरोफिल) सूरज के प्रकाश की उपस्थिति में वायु की कार्बन-डाइऑक्साइड तथा पानी के साथ कार्बोहाइड्रेट्स के रूप में भोजन का निर्माण करता है।

→ पौधों के पत्तों की सतह पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जिनके द्वारा हवा की कार्बन-डाइऑक्साइड तथा निर्मित ऑक्सीजन की अदला-बदली होती है। इन्हें ‘रंध्र’ (Stomata) कहा जाता है।

PSEB 7th Class Science Notes Chapter 1 पादपों में पोषण

→ रंध्र (Stomata) गार्ड सेल (कोशिका) से घिरा होता है।

→ मिट्टी में उपस्थित पानी और लवण पौधों की जड़ों द्वारा अवशोषित किए जाते हैं तथा जाइलम उत्तक (टिशू) द्वारा पौधे के अन्य भागों में भेजे जाते हैं।

→ सभी सजीवों के लिए सूर्य ही ऊर्जा का मुख्य स्रोत है।

→ प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया में सौर प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।

→ कुछ पौधे ऐसे होते हैं जिनके पत्तों का रंग हरा नहीं होता परंतु किसी अन्य रंग के वर्णक होते हैं जैसे कौलीयम में लाल रंग का वर्णक तथा लाल बंद गोभी में बैंगनी रंग का वर्णक होता है। ऐसे पत्तियों में भी प्रकाश-संश्लेषण होता है, क्योंकि इन रंगों की पत्तियों में हरे रंग का वर्णक क्लोरोफिल भी होता है।

→ प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया के मूल उत्पाद ऑक्सीजन गैस तथा ग्लूकोज़ हैं।

→ परपोषितों को चार श्रेणियों में बांटा जाता है-

  1. मृतजीवी
  2. परजीवी
  3. कीट-आहारी तथा
  4. सहजीवी।

→ जो जीव दूसरे सजीवों के शरीर से पोषण प्राप्त करते हैं, उन्हें परजीवी कहते हैं।

→ जो जीव पोषण के लिए मृत शरीरों तथा गले-सड़े पदार्थों पर निर्भर करते हैं, उन्हें मृतजीवी अथवा मृत आहारी कहते हैं।

→ सहजीवी सम्बन्ध में दो प्रकार के जीव भोजन के लिए एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं, जिसमें दोनों को लाभ होता है।

→ मृत जंतुओं, गले-सड़े पौधों और पत्तियों को विघटन करने वाले घटकों के कारण मिट्टी के आवश्यक पोषक तत्त्वों की पूर्ति होती रहती है।

→ पोषक तत्त्व: भोजन के मुख्य अंश जैसे-कार्बोहाइड्रेट्स, वसा, प्रोटीन, विटामिन तथा लवण जो शरीर के निर्माण में सहायक होते हैं, को पोषक तत्त्व कहते हैं।

→ स्वपोषण : जो सजीव सरल पदार्थों से अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं, उन्हें स्वपोषी कहा जाता है। इस प्रकार के पोषण को स्वपोषण कहते हैं।

→ परपोषण : जो सजीव अपना भोजन स्वयं तैयार नहीं करते परंतु अपने भोजन के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर करते हैं, उन्हें परपोषी कहा जाता है। इस प्रकार के पोषण को परपोषण कहते हैं।

→ मृतजीवी : ऐसा पोषण जिसमें मृत जीवों अथवा गले-सड़े पदार्थों से जीवों को भोजन प्राप्त होता है।

→ परजीवी : वह जीव जो भोजन के लिए दूसरे पौधे तथा जीवों के ऊपर निर्भर करते हैं, उन्हें परजीवी कहा जाता है।

PSEB 7th Class Science Notes Chapter 1 पादपों में पोषण

→ प्रकाश-संश्लेषण : यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पौधों की पत्तियों में हरे रंग का वर्णक (क्लोरोफिल) होता है, हवा में उपस्थित कार्बन-डाइऑक्साइड तथा जल द्वारा सौर-प्रकाश ऊर्जा की उपस्थिति में कार्बोहाइड्रेट्स (भोजन) के रूप में तैयार करते हैं। इसमें सौर ऊर्जा रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित होती है।

→ क्लोरोफिल : यह एक हरे रंग का वर्णक है जो पौधों (पादपों) में उपस्थित होता है। यह उनके भोजन तैयार करने के लिए आवश्यक होता है।

→ कार्बोहाइड्रेट्स : यह एक प्रकार का सूक्ष्म पोषक है जो कई खाद्य पदार्थों, चीनी, स्टार्च तथा रंगों में मौजद होता है। स्वस्थ रहने के लिए हमारे शरीर को इस सूक्ष्म पोषक तत्त्व की आवश्यकता होती है।

→ स्टोमैटा (रंध्र) : पौधों के पत्तों की सतह पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। पत्तों पर इसकी संख्या अधिक होती है। स्टोमैटा के द्वारा गैसों की अदला-बदली होती है।

→ मेज़बान (Host) : जिस पौधे अथवा जीव के ऊपर परजीवी अपने भोजन के लिए निर्भर करता है, उसे मेज़बान (Host) कहा जाता है।

→ रासायनिक खाद : यह फैक्टरी में तैयार किए गए रासायनों का मिश्रण होता है। इसमें अधिक मात्रा में पादपों के लिए पोषक तत्त्व मौजूद होते हैं। यह मिट्टी में मौजूद पोषक तत्त्वों की कमी को दोबारा पूरा करती है। जिससे मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनी रहे।

→ राइजोबियम : यह एक बैक्टीरिया (जीवाणु) है जो फलीदार पौधों की जड़ों में होते हैं। यह हवा में
स्थित नाइट्रोजन को प्रयोग करने योग्य बना देते हैं, जिसका प्रयोग पौधे करते हैं तथा इसके बदले में पौधे इस जीवाणु को आश्रय तथा भोजन प्रदान करते हैं।

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