PSEB 9th Class Computer Notes Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

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PSEB 9th Class Computer Notes Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

जान-पहचान
इंटरनैट पूरे संसार में जुड़े हुए कम्प्यूटर नेटवर्क का वह समूह है जो कि कॉमन साफ्टवेयर का प्रयोग एक-दूसरे के साथ डाटे की अदला-बदली कर सकता है।

ई-मेल
ई-मेल का पूरा नाम इलैक्ट्रॉनिक मेल है। यह एक ऐसा ढंग है जिससे संदेश को लिखना, भेजना और प्राप्त करना संभव है। यह सब से ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला इंटरनेट साधन है।
ई-मेल का पूरा नाम इलैक्ट्रानिक मेल है। अगर आप किसी नैटवर्क से जुड़े हुए हो तो ई-मेल के द्वारा कोई लिखित या अन्य फाइलों को दूसरे यूज़र (User) तक पहुंचा सकते हो। ई-मेल इलैक्ट्रानिक तरीके से भेजी जाती है जिस को कोई भी यूज़र प्राप्त कर सकता है। ई-मेल का इस्तेमाल बड़ी संस्थाओं द्वारा बहुत ज्यादा किया जाता है।

अगर आप अपने कम्प्यूटर के द्वारा किसी को ई-मेल भेजना चाहते हैं तो आपको एक ई-मेल प्रोग्राम की ज़रूरत पड़ेगी। आज बहुत सारी वैबसाईटें उपलब्ध हैं जो आपको ई-मेल की सुविधा प्रदान करवाती है। हर एक ई-मेल प्रोग्राम के अलग-अलग नियम और योग्यतायें होती हैं। फिर भी नीचे कुछ ई-मेल प्रोग्राम के सारे गुणों की चर्चा की गई है-

  1. नैटवर्क पर हर एक यूज़र को विलक्षण पता (Address) दिया जाता है। ई-मेल पते में यूज़र का नाम और होस्ट का नाम शामिल होता है। उदाहरण के लिए abc@rediffmail.com एक ई मेल पता है जिसमें abc निजी नाम और इस से आगे होस्ट का नाम है।
  2. ई-मेल भेजते समय प्राप्त करता (receiver) का पता लिखना/बताना पड़ता है। ई-मेल प्रोग्राम
    मेल भेजने वाले का ई-मेल पता, तारीख और समय आदि अपने आप भर लेते हैं।
  3. ई-मेल द्वारा प्राप्त किया संदेश आप कागज़ पर प्रिंट कर सकते हो। उसकी संपादना (Edit) कर सकते हो और भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए सेव कर के रख सकते हो।
  4. ई-मेल प्रोग्रामों मे आने वाली डाक (मेल) स्क्रीन पर अपने-आप प्रदर्शित हो जाती है, नहीं तो समय-समय पर खुद को ई-मेल चैक करनी पड़ती है।
  5. आप अपनी मेल में कोई कुछ पन्नों का संदेश और साथ ही कोई फाइल आदि जोड़ कर भेज सकते हो। ई-मेल में आप गैर-लिखत (non-text) फाईलें जैसे कि तस्वीरें, गाने और प्रोग्राम फाइलें आदि जोड़ सकते हो।

ई-मेल पता
ई-मेल भेजने या प्राप्त करने के लिए आप के पास ई-मेल पता होना बहुत आवश्यक है। ई-मेल पते के दो भाग हो सकते हैं-
इस्तेमाल करने वाले का नाम @ होस्ट (Username@Host) यहां host या मेज़बान से भाव है ई-मेल की सुविधा प्रदान करवाने वाला जैसे कि phurmaan@yahoo.co.in में इस्तेमाल करने वाले का और yahoo ई-मेल की सुविधा वाली एक वैबसाइट है।

GMail Gmail, Google की मुक्त ई-मेल सेवा है। यह कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान करती है। Gmail पर अकांऊट बनाना Gmail पर ई-मेल अकाऊंट बनाने के निम्न पग हैं

  1. अपना इंटरनेट ब्राऊजर खोलें।
  2. www.gmail.com एडरैस टाइप करें।
  3. Google का Sign in सैक्शन आ जाएगा।
  4. Create Account पर क्लिक करें।
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एक नया पेज आएगा जिसमें हमसे कुछ बेसिक जानकारी पूछी जाती है।
जैसे कि First name तथा Last name.
Username जो आपका ई-मेल पता होगा।
Password
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Confirm Password
Date of Birth
Gender
Mobile Number.

5. सारी जानकारी भरने के बाद Next पर क्लिक करें तो ई-मेल अकाऊंट तैयार हो जाएगा।

CAPTCHA का पूरा नाम Code Completely Automated Public Thring Test to Tell Computer and Human Apart. यह एक प्रकार का टैस्ट होता है जो हमें बताता है कि यूजर मनुष्य है या नहीं। इसमें यूजर को कोई टैक्सट भरने के लिए दिया जाता है तथा उसे फिर चैक किया जाता है।
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गूगल एप्स एप्स से अभिप्राय एप्लीकेशन। यह एक एप छोटा साफ्टवेयर होता है। यह इंटरनैट कम्प्यूटर या फोन या किसे इलैक्ट्रॉनिक डिवाइस को चलाता है। यह एक प्रकार का प्रोग्राम होता है।

गूगल कैलंडर यह एक गूगल द्वारा बनाया गया टाइम मैनेजमैंट वैब एप्लीकेशन तथा मोबाइल एप्प है। उसके द्वारा हम अपने कार्य को रिकार्ड कर सकते हैं तथा यह हमें समय आने पर अलर्ट भी कर देता है। इसके लिए यूजर के पास Google अकाऊंट होना चाहिए।

गूगल मैप गूगल मैप एक डैस्कटाप बैव मैपिंग सेवा है। इससे हमें सैटेलाइट इमेज, स्ट्रीट मैप, 360 डिग्री स्ट्रीट व्यू, मौजूदा ट्रैफिक कंडीशन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट द्वारा यात्रा करना आदि जैसे विकल्प या सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
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गूगल ट्रांसलेट गूगल ट्रांसलेट-यह गूगल की एक फ्री सेवा है, जिसमें किसी एक भाषा से दूसरी भाषा में मशीनी ट्रांसलेशन की जा सकती है।
Google +
Google + एक सोशल नेटवर्किंग साइट है। यह हमें वही फीचर प्रदान करती है जो कि Facebook देती है; जैसे

  1. Post.
  2. Circle
  3. Sports
  4. Hangout & Huddles.

→ Google Docs यह एक आनलाइन वर्ड प्रोसैसर है जिस द्वारा हम वर्ड दस्तावेज बना सकते हैं।

→ Google Sheets यह एक आनलाइन स्प्रेडशीट है जिसमें हम Excel वाले सारे कार्य कर सकते हैं।

→ Google Slides यह आनलाइन प्रेजेंटेशन साफ्टवेयर है। इसमें हम Powerpoint की तरह प्रेजेंटेशन बना सकते हैं।

→ Play Store यह एक आनलाइन स्टोर है जिसमें हम Android डिवाइस के लिए कई प्रकार की ऐप डाऊनलोड कर सकते हैं।

→ Google Drive यह हमें आनलाइन स्टोरेज सहूलियत प्रदान करती है। इसकी शुरुआत 24 अप्रैल, 2012 को की गई यह हमें 5GB मुफत डाटा देती है।

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Google Drive के लाभ Google Drive के निम्न लाभ हैं-

  1. Google Drive के साथ हम अपने दोस्तों, रिश्तेदारों आदि को जो गूगल ड्राइव प्रयोग करते हैं को अपनी फाइलें भेज सकते हैं।
  2. इसके द्वारा फाइल वैब पर उपलब्ध हो जाती है, जिससे हम इसे कहीं भी देख सकते हैं।
  3. गूगल ड्राइव एक मोबाइल एप्प भी है। इससे हम अपनी फाइलस को कहीं भी Smart Phone पर भी देख सकते हैं।
  4. गूगल ड्राइव में एक बना बनाया सर्च इंजन भी होता है। इसके द्वारा हम अपनी फाइलों के कंटेंट को सर्च भी कर सकते हैं।
  5. गूगल ड्राइव में ऑप्टीकल करैक्टर रैकोगनीशन सिस्टम भी है। इसे हम स्कैन किये दस्तावेज भी कुछ सर्च कर सकते हैं।
  6. गूगल ड्राइव एक फ्री सेवा है, जब तक इसका ज्यादा बड़ा इस्तेमाल न किया जाए।

Google Drive द्वारा फाइल शेयर करना

  1. Drive में फाइल या फोल्डर खोलो
  2. Sharing Box खोलो। फाइल के दायीं ओर या फोल्डर के ऊपर Share बटन पर क्लिक करो।
  3. जिसको शेयर करनी है उसका email पता टाइप करो।
  4. ज़रूरत अनुसार Edit, Comment, View विकल्प चुनो।
  5. Done पर क्लिक करो।

डाऊनलोड करने का तरीका

  1. लिंक पर क्लिक करें।
  2. Save या Open करें।
  3. डाऊनलोड को Confirm करें।
  4. Open या Run पर क्लिक करें।

इंटरनैट मीडिया
यह एक ऐसा तरीका है जो इंटरनैट के ऑनलाइन अखबार, खबरें आदि का प्रबंध करता है। अब हम इंटरनैट तथा टी०वी० दोनों को आपस में जोड़ सकते हैं तथा कई प्रकार के आनलाइन रेडियो भी सुन सकते

ऑनलाइन अखबार यह अखबार का आनलाइन रूप होता है तथा वैसे ही प्रकाशित होता है। इसको हम इंटरनैट द्वारा अखबार की वैबसाइट पर जा कर पढ़ डाऊनलोड तथा प्रिंट कर सकते हैं।

ऑनलाइन टी० वी०, रेडियो, लाइन प्रोग्राम ऑनलाइन टी०वी० एक स्ट्रीमिंग मीडिया है अर्थात् जब हम इसे देख रहे होते हैं उसी समय यह डाऊनलोड होता है। इसी प्रकार हम ऑनलाइन रेडियो भी सुन सकते हैं। इन सब को हम अपने कम्प्यूटर, लैपटॉप या स्मार्टफोन आदि पर देख सुन सकते हैं।

क्लाऊड नैटवर्किंग क्लाऊड क्लाऊड का प्रयोग नैटवर्क के लिए होता है। यह वह वस्तु है जो सब जगह होती है, जैसे इंटरनैट। क्लाऊड नैटवर्किंग कलाऊड शब्द इंटरनैट के लिए प्रयोग किया जाता है। दूसरे शब्दों में कलाऊड किसी दूर वाले स्थान को दर्शाता है। यह पब्लिक तथा प्राइवेट दो प्रकार की सेवाएं प्रदान करता है।

ई-मेल, वैब कानफरैंसिंग, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमैंट सिस्टम आदि कलाऊड पर चलते हैं। यह हमें आनलाइन स्टोरेज सुविधा तथा अन्य कई प्रकार की एप्लीकेशनज़ प्रदान करता है। यह नैटवर्किंग की स्वतन्त्रता प्रदान करता है। इसमें लोकल पी०सी० पर साफ्टवेयर पर इंस्टाल नहीं करने पड़ते। इसमें अन्य फैसिलिटीज जोड़ना काफी आसान होता है। यूजर बढ़ने के साथ कलाऊड को भी ज़रूरत अनुसार बढ़ाया जा सकता है।
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यूनीक आई० पी० एडरैस
इंटरनैट से जुड़े प्रत्येक कम्प्यूटर को एक विशेष नंबर दिया जाता है जिसके द्वारा वह पहचाना जाता है। इस एडरैस या नाम को IP एडरैस कहते हैं। एक आई०पी० एडरैस में चार नंबर होते हैं जिनको (.) डाट द्वारा अलग किया जाता है। प्रत्येक नंबर 0 से 255 के बीच हो सकता है। ये चारों नंबर किसी खास नेटवर्क को दर्शाते हैं। 192.168.1.1 एक IP एडरैस की उदाहरण है। इस प्रकार इन सारे नंबरों का प्रयोग करके 4, 294, 967, 296 आई०पी० एडरैस बनाए जा सकते हैं। इंटरनैट पर कोई भी कम्प्यूटर एक आई०पी० एडरैस के नहीं हो सकते।

क्लाऊड प्रिंटिंग
कलाउड प्रिंटिंग वह प्रक्रिया है जिसमें किसी भी दस्तावेज को कलाउड नैटवर्क के साथ जुड़े किसी कम्प्यूटर पर से प्रिंट कर सकते हैं।
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इंटरनैट सुरक्षा इंटरनैट पर कई प्रकार के खतरे हैं। यह खतरे वायरस, स्पाईवेयर, टरोजन, फिशिंग आदि प्रकार के हो सकते हैं।
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वायरस
यह अपने आप को दोहराने वाला प्रोग्राम होता है। यह हमारे डाटा तथा हार्डवेयर को नुकसान पहुंचाता है।

वायरस की निशानियां
जब आपके पी० सी० में वॉयरस दाखिल होता है तो यह कुछ निशानियां या चिन्न दिखाता है। कुछ महत्त्वपूर्ण निशानियां इस प्रकार हैं –

  1. अगर आपके पी०सी० की स्क्रीन पर संदेश जैसे कि-Happy Birthday to you आना शुरू हो जाये।
  2. अगर कुछ प्रोग्रामों को चालू करने या बन्द करने का समय अचानक बढ़ जाये।
  3. अगर अचानक प्रोग्रामों या सिस्टम फाइलों का आकार बदल जाये।
  4. अगर पूरी कम्प्यूटर प्रणाली की रफ्तार धीमी पड़ जाये।
  5. अगर कम्प्यूटर की फाइलों के नाम बदले हुए नज़र आयें या कुछ प्रोग्राम या डायरैक्टरियां डिस्क पर नज़र न आ रही हों।
  6. अगर कम्प्यूटर बूट ना हो रहा हो।
  7. अगर प्रोग्राम या डाटा फाइलें डिलीट या क्रप्ट (corrupt) हो जायें।
  8. अगर हार्ड डिस्क ड्राइव या फलोपी ड्राइव की छोटी लाइट जग-बुझ रही हो पर कोई काम न हो रहा हो।
  9. अगर कुछ नई फाइलें और फोल्डर्स अपने आप बन जायें। वायरस से बचने का तरीका एंटीवायरस प्रोग्राम होता है।

यह हमारे कम्प्यूटर से वायरस को खत्म करता है। ये कई प्रकार के तथा कई कम्पनियों के हो सकते हैं जैसे;
1. Norton
2. AVG
3. Cscan
4. Avast

स्पाईवेयर
स्पाईवेयर वह प्रोग्राम होता है जो हमारे कम्प्यूटर की जानकारी दूसरे को भेजता है। यह हमारा डाटा, पासवर्ड आदि दूसरे व्यक्ति को भेज सकता है। इस द्वारा भेजी जाने वाली जानकारी का हमें पता नहीं चलता।

टरोजन
टरोजन को टरोजन हार्स भी कहते हैं। यह शब्द ग्रीक कहानी से लिया गया है। यह प्रोग्राम हमारे कम्प्यूटर में बिना आज्ञा दाखिल होकर हमारे कम्प्यूटर तथा डाटा को नुक्सान पहुंचाता है।

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फिशिंग स्कैम
यह इमेल से धोखा करने का तरीका है। इसमें व्यक्ति ईमेल द्वारा हमारी जानकारी इकट्ठा करता है तथा दूसरों को भेजता है।

डिजीटल सिगनेचर
यह एक ऐसा कोड होता है जो इलैक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसफर होने वाली फाइल के साथ जुड़ा होता है। इसके साथ भेजने वाले की पहचान होती है।

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