PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 6 रसोई का प्रबन्ध

Punjab State Board PSEB 9th Class Home Science Book Solutions Chapter 6 रसोई का प्रबन्ध Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Home Science Chapter 6 रसोई का प्रबन्ध

PSEB 9th Class Home Science Guide रसोई का प्रबन्ध Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रसोई घर का महत्त्वपूर्ण भाग क्यों होती है ?
उत्तर-
रसोई में घर के सदस्यों के लिए खाना तैयार किया जाता है तथा गृहिणी का मुख्य काम रसोई में ही होता है तथा उसका अधिक समय रसोई में ही व्यतीत होता है। इस तरह रसोई, घर का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।

प्रश्न 2.
पुरानी किस्म और नई किस्म की रसोई में मुख्य क्या अन्तर है ?
उत्तर-
पुरानी किस्म की रसोई में सारा काम ज़मीन पर बैठकर किया जाता था जैसे खाना पकाने तथा खाना खाने के लिए पटड़े अथवा पीड़ी पर ही बैठा जाता था।
नई किस्म की रसोई में सारा काम खड़े होकर किया जाता है तथा बार-बार उठने-बैठने के लिए समय तथा शक्ति खराब नहीं होती। फ्रिज आदि भी रसोई में ही होता है।

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प्रश्न 3.
कार्य व्यवस्था से क्या भाव है ?
उत्तर-
रसोई घर में कार्य किस तरह किया जाए अर्थात् विभिन्न कार्यों के प्रबन्ध को कार्य व्यवस्था कहा जाता है।
रसोई के कार्य को तीन कार्य क्षेत्रों में बांटा गया है-(i) भोजन की तैयारी (ii) पकाना तथा परोसना (iii) हौदी।

प्रश्न 4.
रसोई कितने प्रकार की हो सकती हैं ?
उत्तर-
नई रसोई में खड़े होकर काम करने के लिए शैल्फें होती हैं। शैल्फ के अनुसार पांच किस्म की रसोइयां हो सकती हैं –
(i) एक दीवार वाली
(ii) दो दीवारों वाली
(iii) एल (L) आकार वाली
(iv) यू (U) आकार वाली तथा
(v) टूटे यू (U) आकार वाली।

प्रश्न 5.
रसोई में बिजली के स्विच कैसे होने चाहिएं ?
उत्तर-
रसोई में बिजली के उपकरणों के प्रयोग के हिसाब से स्विच होने चाहिएं। अनावश्यक स्विच नहीं लगाने चाहिएं।

प्रश्न 6.
रसोई में कैसे रंगों का प्रयोग करना चाहिए और क्यों ?
उत्तर-
रसोई में हल्के रंगों का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि हल्के रंग खुलेपन का अनुभव करवाते हैं।

प्रश्न 7.
रसोई के साथ स्टोर की ज़रूरत कब और क्यों होती है ?
उत्तर-
जिन घरों में रसोई का सामान इकट्ठा खरीदा जाता है उन घरों में रसोई के साथ स्टोर भी होना चाहिए तथा जाली के दरवाज़े हमेशा बन्द रखने चाहिएं। रसोई साफ-सुथरी होनी चाहिए।

प्रश्न 8.
मक्खी-मच्छर से बचाव के लिए आप रसोई में क्या प्रबन्ध करोगे ?
उत्तर-
मच्छर-मक्खी से बचाव के लिए रसोई के दरवाज़ों तथा खिड़कियों पर जाली लगी होनी चाहिए तथा रसोई के जाली के दरवाज़े हमेशा बन्द रखने चाहिएं। रसोई साफ सुथरी होनी चाहिए।

प्रश्न 9.
रसोई की सफ़ाई क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
रसोई की साफ़-सफ़ाई बहुत ज़रूरी है क्योंकि यदि रसोई गन्दी होगी तो कई जीव-जन्तुओं को अपना घर बनाने का अवसर मिल जायेगा क्योंकि रसोई में खाद्य पदार्थ उन्हें आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं। रसोई में जहरीली दवाइयों का प्रयोग भी नहीं किया जा सकता इसलिए यह अति आवश्यक हो जाता है कि रसोई की सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 10.
घर में रसोई का चयन कैसे करना चाहिए ?
उत्तर-

  1. रसोई का चुनाव घर तथा घर वालों की संख्या के अनुसार किया जाना चाहिए।
  2. रसोई ऐसे स्थान पर होनी चाहिए जहां हवा तथा सीधी रोशनी पहुंच सके।
  3. दरवाज़े तथा खिड़कियां हवा की दिशा में होनी चाहिएं।
  4. रसोई में आग की गर्मी होती है इसलिए रसोई में धूप नहीं आनी चाहिए नहीं तो गर्मियों में रसोई अधिक गर्म हो जाएगी।
  5. रसोई न तो अधिक बड़ी हो तथा न ही अधिक छोटी। छोटी रसोई में काम करना कठिन हो जाता है। अधिक बड़ी रसोई में अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
  6. रसोई को शौचालय अथवा नालियों से दूर र नायें ताकि इनकी दुर्गंध रसोई तक न पहुंच सके।

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प्रश्न 11.
रसोई, घर का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग है। इस तथ्य को स्पष्ट करो।
उत्तर-
मनुष्य काम-काज करने के लिए ऊर्जा भोजन से प्राप्त करता है तथा भोजन रसोई घर में पकाया जाता है। इस तरह रसोई का मनुष्य के जीवन में काफ़ी महत्त्वपूर्ण स्थान है। गृहिणी रसोई की मालकिन होती है, उसका काफ़ी समय रसोई में बीतता है। इस तरह हम कह सकते हैं कि रसोई, घर का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।

प्रश्न 12.
रसोई में काम करने के मुख्य केन्द्र कौन-से हैं ? और वहां क्या-क्या कार्य किए जाते हैं ?
उत्तर-
रसोई में काम करने के तीन मुख्य केन्द्र हैं –

  1. भोजन की तैयारी
  2. भोजन पकाना तथा परोसना
  3. हौदी।

1. भोजन की तैयारी-भोजन पकाने से पहले सब्जियों को छीलने, काटने, चुनने आदि की तैयारी की जाती है। खाना पकाने के लिए अन्य सम्बन्धित कार्य भी यहीं होते हैं। इसलिए रसोई खुली होनी चाहिए। समय तथा शक्ति बचाने के लिए हौदी तथा खाना पकाने वाली जगह साथ-साथ होनी चाहिए तथा रैफ्रिजरेटर का दरवाज़ा काऊंटर (शैल्फ) की तरफ नहीं खुलना चाहिए नहीं तो फ्रिज में से सामान निकाल कर शैल्फ पर रखने में परेशानी होगी।

2. भोजन पकाने तथा परोसने वाली जगह-रसोई में एक हिस्से में खाना पका कर गर्म-गर्म परोसा जाता है। यहां बिजली का चूल्हा, गैस, स्टोव अथवा अंगीठी आदि रवी होती है जिसके आस-पास जगह खुली होनी चाहिए ताकि खाना पकाते समय आसानी रहे । खाना पकाने वाले बर्तन इस जगन के नजदीक शेफ डालकर का नाम । कड़छिया गश चम्मच
मिटियां लगाती।

3. हौदी-हौदी का प्रयोग साधारणत: बर्तन साफ़ करने के लिए किया जाता है। रेफ्रिजरेटर में भोजन पदार्थ रखने से पहले उन्हें अच्छी तरह धोने के लिए भी हौदी का प्रयोग होता है। खाना पकाने तथा इसकी तैयारी के समय भी पानी यहां लगी टूटी से लिया जाता है। इसलिए रसोई में हौदी आसान पहुंच के अन्दर होनी चाहिए, कोने में नहीं। हौदी के नज़दीक बर्तन तथा आवश्यक सामान रखने का स्थान भी होना चाहिए। आस-पास का पानी निचुड़ कर हौदी में ही गिरना चाहिए।

प्रश्न 13.
नई और पुरानी किस्म की रसोई में क्या अन्तर होता है ?
उत्तर-
रसोई के दरवाज़े तथा खिड़कियों पर जाली लगी होनी चाहिए तथा इन दरवाज़ों को हमेशा बन्द रखना चाहिए। इस तरह मक्खी-मच्छर रसोई में नहीं आ सकेंगे। रसोई में रोशनदानों का होना भी अनिवार्य है। रसोई का धुआं निकालने के लिए चिमनी अथवा एग्ज़ास्ट पंखा लगा लेना चाहिए। साधारण परिवार के लिए रसोई का आकार 9x 10 फुट का होता है। परन्तु यह घर के आकार के अनुसार भी हो सकता है।

नई तथा पुरानी किस्म की रसोई में अन्तर-पुराने किस्म की रसोई में ज़मीन पर बैठकर ही सारा काम किया जाता है। परन्तु नई किस्म की रसोइयों में खड़े होकर सारा काम किया जाता है। इसलिए शैल्फें बनायी जाती हैं। इन शैल्फों की ऊँचाई साधारणतः फर्श से 2½ फुट होती है पर गृहिणी की लम्बाई के अनुसार यह ऊँचाई अधिक या कम भी हो सकती है।

प्रश्न 14.
नई किस्म की किन्हीं तीन रसोइयों के बारे में बताओ।
उत्तर-
रसोई में पाई जाने वाली शैल्फ के अनुसार रसोइयां पांच तरह की हैं। इनमें से तीन का विवरण निम्नलिखित है –
1. एल (L) आकार की रसोई-साधारण घरों में (L) आकार की रसोई ही प्रचलित है। इसकी एक बाजू लम्बी होती है तथा दूसरी छोटी होती है। ऐसी रसोई में साधारणतः लम्बी तरफ काम करने के दो केन्द्र हो सकते हैं जैसे हौदी तथा तैयारी का केन्द्र तथा छोटी बाजू की ओर खाना पकाने का केन्द्र होता है।PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 6 रसोई का प्रबन्ध (1)

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2. यू (U) आकार की रसोई-रसोइयों में से यू (U) किस्म की रसोई सब किस्मों से अच्छी मानी जाती है तथा यह काफ़ी प्रचलित भी है। ऐसी रसोई में खाना पकाने का केन्द्र एक बाजू के बीच होता है तथा दूसरी बाजू तैयारी के केन्द्र के रूप में प्रयोग की जाती है। हौदी यू के तल पर हो सकती है। ऐसी रसोई में काम करने के लिए तथा सामान रखने के लिए अल्मारियां बनाने के लिए काफ़ी स्थान होता है। ऐसी रसोई में अधिक चलना-फिरना भी नहीं पड़ता तथा रसोई रास्ता भी नहीं बनती।

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3. टूटे यू (U) आकार की रसोई-ऐसी रसोई में यू (U) के तल वाली तरफ शैल्फ पूरे नहीं होते पर यू आकार की रसोई की तरह इसमें काम करने तथा सामान रखने के लिए काफ़ी जगह होती है।

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प्रश्न 15.
रसोई का सामान रखने के लिए क्या-क्या प्रबन्ध किये जा सकते है ?
उत्तर-
रसोई में सामान रखने के लिए दीवारों में अल्मारियां अथवा रैक बनाये होते हैं। अल्मारियां अपनी आवश्यकतानुसार कम अथवा अधिक बनायी जा सकती हैं। शैल्फें, रैक अथवा अल्मारियां काम करने के अन्य केन्द्र जैसे भोजन की तैयारी, पकाने का केन्द्र तथा

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हौदी अनुसार ही बनाई जाती हैं। रसोई में बर्तन रखने के लिए एल्यूमीनियम अथवा स्टील के स्टैंड भी लगाये जा सकते हैं। यह दीवार में ही फिट हो जाते हैं। इनमें प्लेटें, कटोरियां, गिलास आदि रखने के लिए अलग-अलग जगह बनी होती है।
वस्तुओं को रैफ्रिजरेटर अथवा जालीदार अल्मारी में रखना चाहिए। कोई भी वस्तु नंगी नहीं रखनी चाहिए।

प्रश्न 16.
रसोई की योजना बनाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
रसोई की योजना बनाते समय विचार करने वाली बातें इस तरह हैं –

  1. पानी के लिए हौदी में टूटी का प्रबन्ध होना चाहिए अथवा किसी बाल्टी आदि को टूटी लगा कर पानी से भरकर रख लेना चाहिए।
  2. रसोई में सामान रखने के लिए अल्मारियां, रैक आदि पर कड़छियां, चम्मच, चाकू आदि टांगने के लिए खूटियां आदि होनी चाहिएं।
  3. रसोई का फर्श पक्का संगमरमर, दार टाइलों, लिनोलियम आदि का तथा जल्दी साफ हो सकने वाला तथा अधिक ढलान वाला होना चाहिए ताकि इसे आसानी से धोया जा सके। परन्तु रसोई का फर्श फिसलन वाला नहीं होना चाहिए।
  4. फर्श की तरह रसोई की दीवारें भी साफ़ हो सकने वाली होनी चाहिएं। इन पर पेंट अथवा धोए जा सकने वाले पेपर का प्रयोग भी किया जा सकता है।
  5. रसोई में एक ही दरवाज़ा रखना चाहिए क्योंकि अधिक दरवाज़े काम करने की जगह तो घटाते ही हैं तथा चलने-फिरने तथा सामान रखने में भी रुकावट पैदा करते हैं।
  6. धुआँ बाहर निकालने के लिए चूल्हे के ऊपर चिमनी (अथवा एग्ज़ास्ट फैन) अवश्य होनी चाहिए नहीं तो धुआं दूसरे कमरों में फैल जायेगा।
  7. रसोई में बिजली के उपकरणों के प्रयोग के अनुसार ही बिजली के स्विच लगाने चाहिएं।
  8. रसोई में हमेशा हल्के रंगों का प्रयोग करना चाहिए। हल्के रंग खुलेपन का अनुभव करवाते हैं।

प्रश्न 17.
रसोई की सफ़ाई से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
रसोई के प्रत्येक स्थान को धो-पोंछ कर साफ़ करना चाहिए। भोजन समाप्त हो जाने के पश्चात् बचा हुआ भोजन दूसरे साफ़ बर्तनों में रखकर जालीदार अलमारी अथवा रेफ्रिजरेटर में रख देना चाहिए। जूठे बर्तनों को साफ़ करने के स्थान पर ही साफ़ किया जाना चाहिए। भोजन पकाने तथा परोसने के स्थान को पहले गीले तथा फिर सूखे कपड़े से पोंछ कर साफ़ करना चाहिए। बर्तनों को साफ़ करके उचित स्थान पर टिका कर रखना चाहिए। नल, फर्श, सिंक (हौदी) आदि को साफ़ करके सूखा रखने की कोशिश करनी चाहिए। रसोई घर में चौकी, तख्त, मेज़ कुर्सी की सफ़ाई भी हर रोज़ की जानी चाहिए तथा फर्श को भी पानी से रोज़ साफ़ करना चाहिए। सिंक (हौदी) को झाड़ अथवा कूची से रगड़ कर धोना चाहिए।

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निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 18.
रसोई हमारे घर का ज़रूरी अंग है, क्यों ?
उत्तर-
मनुष्य की सारी भाग-दौड़ का मुख्य कारण वास्तव में पेट की भूख को मिटानाहै तथा भाग-दौड़ तभी की जा सकती है यदि पेट भरा हो। ‘भूखे पेट भजन न होय’.वाली कहावत से सभी परिचित ही हैं। भोजन जहां मनुष्य को काम-काज करने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है, वहीं उसे जीवित रखने में भी सहायक है।
परन्तु भोजन बनाया कहां जाता है, रसोई में। इस तरह रसोई मनुष्य के जीवन में एक विशेष महत्त्व रखती है। पुराने समयों से ही यह बांट कर ली गयी थी कि बाहरी काम आदमी करेगा तथा घर के काम जैसे भोजन पकाना आदि गृहिणी करेगी। इस तरह यदि आदमी सारा दिन घर से बाहर काम करता है तो गृहिणी भी लगभग सारा दिन स्वादिष्ट तथा पौष्टिक भोजन की तैयारी में रसोई में ही बिताती है। इस तरह रसोई हमारे घर तथा जिंदगी का आवश्यक अंग है।

प्रश्न 19.
रसोई बनाते समय आप कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखोगे ?

प्रश्न 20.
नई और पुरानी किस्म की रसोई के बारे में बताओ। इनमें क्या अन्तर है ?
उत्तर-
रसोई की किस्में –
1. पुरानी किस्म-पुरानी किस्म की रसोई में साधारणतः सारा काम ज़मीन पर बैठ कर ही किया जाता है। भारत में अधिकांश घरों विशेष कर गांवों में इस तरह की रसोइयां हैं। ऐसी रसोई में अंगीठी अथवा चूल्हा ज़मीन पर ही बनाया जाता है। बैठने के लिए पटड़े अथवा पीड़ी का प्रयोग किया जाता है। रसोई में ही पीड़ी अथवा पटड़े पर बैठकर खाना खा लिया जाता है।

बैठकर खाना पकाते समय कोई भी चीज़ लेने अथवा रखते समय बार-बार उठना पड़ता है जैसे बर्तन, भोजन, पानी अथवा कोई अन्य वस्तु । इस तरह उठने-बैठने पर काफ़ी समय तथा शक्ति लग जाती है क्योंकि सारा सामान बैठने वाली के नज़दीक नहीं रखा जा सकता। समय के साथ-साथ शक्ति अधिक लगने के कारण शरीर को अधिक तकलीफ देनी पड़ती है। सफ़ाई के पक्ष से भी इस तरीके को सही नहीं कहा जा सकता क्योंकि काम करते हुए सारा सामान ज़मीन पर रखना पड़ता है।

2. नई किस्म की रसोइयां-विज्ञान की उन्नति से नए-नए उपकरणों की खोज हुई तथा इनके प्रयोग से काम आसान तरीके सें तथा कम समय में होने लगा है। समय तथा शक्ति की बचत हो सके इसलिए नई किस्म की रसोइयां बनने लगी हैं। इनमें खड़े-खड़े ही सभी काम कर लिए जाते हैं, बार-बार उठने-बैठने के लिए समय तथा शक्ति व्यर्थ नहीं जाते। फ्रिज़ के लिए भी साधारणतः रसोई में ही जगह बना ली जाती है। काम करने के लिए जो शैल्फ होती है उसके अनुसार पांच प्रकार की रसोइयां होती हैं –
(i) एक दीवार वाली
(ii) दो दीवारों वाली
(iii) एल (L) आकार वाली
(iv) यू (U) आकार वाली
(v) टूटे यू (U) आकार वाली।
नई किस्म तथा पुरानी किस्म की रसोई में अन्तर निम्नलिखित अनुसार हैं –

नई किस्म पुरानी किस्म
1. इसमें सभी काम खड़े होकर ही किये जाते हैं।

2. गैस चूल्हे अथवा अन्य नये उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।

3. समय तथा शक्ति की बचत हो जाती है।

4. भोजन पकाते समय सफ़ाई का ध्यान रखा जा सकता है।

1. इसमें सभी काम बैठ कर किए जाते हैं।

2. वही पुराने चूल्हों, स्टोव तथा अंगीठियों का प्रयोग किया जाता है।

3. समय तथा शक्ति दोनों व्यर्थ होते हैं।

4. क्योंकि सारा सामान ज़मीन पर रखना पड़ता है इसलिए सफ़ाई के पक्ष से भी यह रसोई बढ़िया नहीं है।

प्रश्न 21.
रसोई की सफ़ाई क्यों ज़रूरी है ? इसके अन्तर्गत क्या-क्या आता है ?
उत्तर-
रसोई की सफ़ाई बहुत ही ज़रूरी है क्योंकि रसोई में खाद्य पदार्थ रखे होते हैं इसलिए यदि सफ़ाई न रखी जाये तो कई तरह के जीव-जन्तु पैदा हो जाते हैं। खाद्य पदार्थों वाली अल्मारियों में जहरीले रसायन पदार्थ अथवा कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग नहीं किया जा सकता। जीव-जन्तु पैदा न हों इसलिए रसोई की सफ़ाई करते रहना आवश्यक हो जाता है।

रसोई की सफ़ाई आसानी से की जा सके इसके लिए फर्श पक्के होने चाहिएं। खाना पकाने के पश्चात् रसोई को अच्छी तरह धोएं तथा सप्ताह में एक बार साबुन, डिटर्जेंट अथवा सोडे वाले गर्म पानी से रसोई को ज़रूर साफ़ करो। चूल्हे की सफ़ाई भी हर रोज़ करनी चाहिए। रसोई धोने के पश्चात् पोचा फेरकर सुखा लेनी चाहिए।

रसोई की अल्मारियों, डिब्बे रखने वाले स्थानों, दीवारों तथा छतों को भी सप्ताह अथवा पन्द्रह दिनों में एक बार जरूर साफ़ कर लें। रसोई में अनावश्यक सामान इकट्ठा न करें। बर्तन अथवा फालतू डिब्बों को इकट्ठा करके स्टोर में रख दो। कभी-कभी इन बर्तनों तथा स्टोर की भी सफ़ाई करनी चाहिए।

रसोई की दीवारों पर नमी नहीं होनी चाहिए। यदि फफूंदी आदि लग जाये तो दवाई आदि से इसे दूर करो।

रसोई में ढक्कन वाले कूड़ेदान का प्रयोग करो। कूड़ा इसी में डालें परन्तु इकट्ठा न होने दें नहीं तो मक्खी-मच्छर पैदा हो जाते हैं।

रसोई के अन्दर अलग जूतों का प्रयोग करो क्योंकि बाहर पहनने वाले जूतों पर गन्दगी लगी हो सकती है। रसोई के आगे पायेदान रखना चाहिए ताकि हर कोई पैर पौंछ कर ही अन्दर आये।

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Home Science Guide for Class 9 PSEB रसोई का प्रबन्ध Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

  1. पुरानी किस्म की रसोई में सारे काम …………………… कर किए जाते थे।
  2. रसोई के काम करने के …………………. केन्द्र होते हैं।
  3. साधारण परिवार के लिए रसोई का आकार .. ………………. होता है।
  4. नई किस्म की रसोइयां …………………….. प्रकार की होती हैं।
  5. रसोई में फफूंदी से बचाव के लिए नीले थोथे तथा …………………. के घोल का प्रयोग करें।

उत्तर-

  1. बैठ
  2. तीन
  3. 9 x 10 फुट
  4. पांच
  5. बोरिक पाऊडर।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
रसोई में शेल्फों की साधारण ऊंचाई कितनी होती है ?
उत्तर-
अढाई 2- फुट।

प्रश्न 2.
रसोई का फर्श कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
पक्का ।

प्रश्न 3.
रसोई में कितने दरवाज़े होने चाहिए ?
उत्तर-
एक ही।

प्रश्न 4.
रसोई में कैसे रंगों का प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
हल्के रंगों का।

प्रश्न 5.
रसोई में कैसे कूड़ेदान होने चाहिए ?
उत्तर-
ढक्कन वाले।

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ठीक/ग़लत बताएं

  1. रसोई के कार्य को तीन भागों में बांटा गया है।
  2. रसोई में हल्के रंगों का प्रयोग करना चाहिए।
  3. रसोई के द्वार खुले रखने चाहिए।
  4. आम घरों में L आकार की रसोई प्रचलित है।
  5. रसोई की शैल्फों की ऊंचाई अढाई (2½) फुट होती है।
  6. रसोई का फर्श पक्का होना चाहिए।

उत्तर-

  1. ठीक
  2. ठीक
  3. ग़लत
  4. ठीक
  5. ठीक
  6. ठीक।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न में ठीक तथ्य हैं
(A) पुरानी किस्म की रसोई में सारा कार्य धरती पर बैठ कर किया जाता है
(B) नई किस्म की रसोई में समय तथा शक्ति की बचत हो जाती है
(C) रसोई की दीवारों पर सीलन नहीं होनी चाहिए
(D) सभी ठीक।
उत्तर-(D) सभी ठीक।

प्रश्न 2.
ग़लत तथ्य हैं
(A) रसोई ऐसे स्थान पर होनी चाहिए जहां हवा तथा प्रकाश पहुंच सके।
(B) रसोई के दरवाज़ों तथा खिड़कियों पर जाली लगी होनी चाहिए तथा दरवाज़े सदा खुले रखने चाहिए।
(C) गृहिणी रसोई की मालकिन होती है, उसका अधिकतम समय रसोई में व्यतीत होता है।
(D) सभी ग़लत।
उत्तर-(B) रसोई के दरवाज़ों तथा खिड़कियों पर जाली लगी होनी चाहिए तथा दरवाज़े सदा खुले रखने चाहिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पहले चूल्हे एक तरफ आंगन में क्यों बनाये जाते थे ?
उत्तर-
क्योंकि पहले धुएं वाला ईंधन प्रयोग किया जाता था इसलिए कमरों के अन्दर रसोई का चूल्हा नहीं बनाया जा सकता था। इसलिए चूल्हा एक तरफ आंगन में ही बनाया जाता था।

प्रश्न 2.
आजकल रसोई में कौन-से ईंधनों का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
मिट्टी का तेल, गोबर गैस, खाना पकाने वाली गैस तथा बिजली आदि का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 3.
विशेष पकवान बनाते समय योजना क्यों बनानी चाहिए ?
उत्तर-
विशेष पकवान के लिए खास वस्तुएं, खाद्य पदार्थों की ज़रूरत होती है। इसलिए पहले आवश्यक वस्तुओं की सूची तथा पकाने की योजना बना लेनी चाहिए। मान लो बिना योजना के केसर कुल्फी बनाने लग जायें तो बाद में घर में केसर न हो तो मायूसी का सामना करना पडेगा।

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प्रश्न 4.
रसोई में शेल्फों की ऊँचाई कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर-
रसोई में साधारणतः शेल्फों की ऊँचाई 2½ फुट होती है पर गृहिणी की लम्बाई के अनुसार अधिक अथवा कम भी हो सकती है।

प्रश्न 5.
पुरानी किस्म की रसोई में समय तथा शक्ति कैसे नष्ट होते हैं ?
उत्तर-
ऐसी रसोई में बार-बार उठने-बैठने से समय तथा शक्ति नष्ट होते हैं क्योंकि सारा सामान ज़मीन पर नहीं रखा जा सकता।

प्रश्न 6.
रसोई में काम करने के केन्द्रों की योजना किस तरह की होनी चाहिए ?
उत्तर-
इसके लिए योजना इस तरह बनाएं कि काम करने वाले को अधिक-से-अधिक जगह उपलब्ध हो तथा कम-से-कम चलना पड़े। काम करने के तीन केन्द्रों में तालमेल होना चाहिए।

प्रश्न 7.
रसोई में अधिक दरवाज़े क्यों नहीं होने चाहिएं ?
उत्तर-
अधिक दरवाज़े एक तो जगह अधिक घेरेंगे तथा दूसरे काम में रुकावट डालते हैं।

प्रश्न 8.
रसोई में फफूंदी का कंट्रोल कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर-
रसोई में फफूंदी का कंट्रोल करने के लिए नीला थोथा दो हिस्से अथवा बोरिक पाऊडर एक हिस्से को 20 हिस्से पानी में घोलकर फफूंदी वाला स्थान धो लेना चाहिए।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक दीवार वाली तथा दो दीवारों वाली रसोई बारे बतायें।
उत्तर-
1. एक दीवार वाली रसोई-ऐसी रसोई में भोजन की तैयारी, खाना पकाने तथा परोसने का केन्द्र तथा हौदी सब कुछ एक ही दीवार के साथ होती है इसलिए इसमें अधिक चलना फिरना पड़ता है। इस तरह समय तथा शक्ति अधिक लगते हैं।

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2. दो दीवारों वाली रसोई-ऐसी रसोई में आमने-सामने दोनों दीवारों पर शेल्फें बनी होती हैं। काम करने के दो केन्द्र एक दीवार से तथा तीसरा केन्द्र सामने वाली दीवार के साथ होता है। ऐसी रसोई में काफ़ी जगह होती है तथा जगह की मुश्किल नहीं होती परन्तु यदि दोनों तरफ दरवाज़े हों तो रसोई रास्ता ही बन जाती है।PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 6 रसोई का प्रबन्ध (6)

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रसोई का प्रबन्ध PSEB 9th Class Home Science Notes

  • रसोई, घर का एक महत्त्वपूर्ण भाग है।
  • रसोई का चुनाव कई बातों जैसे ईंधन कौन-सा प्रयोग किया जाता है, घर के सदस्य कितने हैं आदि पर निर्भर करता है।
  • रसोई में काम के मुख्य तीन केन्द्र हैं जैसे भोजन की तैयारी, पकाना तथा परोसना, हौदी।
  • मक्खी-मच्छर से बचाव के लिए जाली वाले दरवाजे लगाने चाहिएं।
  • रसोई साधारण परिवार के लिए 9 x 10 वर्ग फुट की ठीक रहती है।
  • रसोई में खड़े होकर काम करने के लिए शैल्फों की फर्श से ऊंचाई 2½ फुट अथवा गृहिणी की लम्बाई के अनुसार अधिक कम हो सकती है।
  • पुरानी किस्म की रसोई में सारे काम बैठ कर किये जाते थे तथा नई किस्म की रसोई में सारे काम खड़े होकर किये जाते हैं।
  • नई किस्म की रसोइयां पांच तरह की हो सकती हैं-एक दीवार वाली, दो दीवारों वाली, एल आकार वाली, यू आकार वाली तथा टूटे यू आकार वाली।
  • रसोई में पानी का प्रबन्ध होना चाहिए।
  • सामान रखने के लिए रसोई में अल्मारियां अथवा रैक आदि होने चाहिएं।
  • रसोई का फर्श पक्का तथा जल्दी साफ़ हो सकने वाला होना चाहिए।
  • रसोई में यदि फफूंदी की शिकायत हो तो नीले थोथे तथा बोरिक पाऊडर के घोल से इसकी रोकथाम की जा सकती है।
  • रसोई में हल्के रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • जिन घरों में रसोई का सामान इकट्ठा खरीदा जाता है वहां रसोई के साथ स्टोर भी होना ज़रूरी है।
  • रसोई की साफ़-सफ़ाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए नहीं तो कई तरह के जीव-जन्तु रसोई में पैदा हो जाते हैं।

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