PSEB 9th Class SST Notes History Chapter 1 Punjab: Physical Features and its Impact

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Punjab: Physical Features and its Impact PSEB 9th Class SST Notes

→ Punjab (Meaning): The word Punjab is derived from two Persian words, Panj and Aab. The meaning of Panj is five and the meaning of Aab is water, which is a symbol of the river. Thus Punjab is the region of five glasses of water.

→ Changing Names of Punjab: Punjab was known by different names during different periods of history. The ancient names of Punjab were Sapt Sindhu, Panchnand, Pentapotamia, Tseh-Kia, Lahore Suba, Punjab, etc.

→ The Geographical Divisions: From the geographical point of view, Punjab can be divided into three divisions:

  • The Himalayas and its North-Western mountain ranges
  • The foothills or Terai region (the sub-Mountainous Region)
  • The Plains

PSEB 9th Class SST Notes History Chapter 1 Punjab: Physical Features and its Impact

→ The Malwa Region: The Malwa region is surrounded by the rivers Sutlej and Ghagghar. During ancient times, the ‘Malava’ tribe lived here. The region is named Malwa after the name of the Malava tribe.

→ The effects of the Himalayas on the history of Punjab: Punjab was the ‘Gateway of India’ due to the existence of a number of passes in the North-West ranges of the Himalayas. During the medieval period, all the invaders came through these passes to invade India.

→ The plains of Punjab: The plains of Punjab are very fertile. The prosperity of Punjab encouraged foreign invaders to attack India.

→ The influence of the rivers of Punjab on its history: The rivers of Punjab were a hurdle in the path of the invaders.

→ They also played a role in providing natural boundaries. The Mughal rulers adopted river boundaries as the administrative divisions like Parganas, Sarkars, and Subas.

→ Terai Region: The Terai region is covered with dense forests. The Sikhs took shelter in these forests during their hard times.

→ They organized themselves, increased their military strength, and effectively faced the oppressive rulers.

→ The different Castes and Tribes of Punjab: The people of different castes and tribes lived in Punjab.

→ The prominent were the Jats, Sikhs, Rajputs, Khatris, Aroras, Gujjars, Ariansetc.

→ Punjab was annexed into the British Empire in – 1849 A.D.

→ The areas of Punjab and Hissar were included in Punjab in – 1857

→ North-Western Frontier Province was made out of Punjab in – 1901

PSEB 9th Class SST Notes History Chapter 1 Punjab: Physical Features and its Impact

→ Delhi was separated from Punjab in – 1911

→ At the time of Indian Independence, Punjab was divided into Western Punjab and Eastern Punjab in -1947

→ Punjab was divided into two states – Punjab and Haryana on a Linguistic basis on – 1st Nov. 1966.

पंजाब : भौगोलिक विशेषताएं तथा प्रभाव PSEB 9th Class SST Notes

→ जन्म – गुरु नानक देव जी सिक्ख धर्म के प्रवर्तक थे। भाई मेहरबान तथा भाई मनी सिंह की पुरातन साखी के अनुसार उनका जन्म 15 अप्रैल, 1469 ई० को तलवंडी नामक स्थान पर हुआ। आजकल इस स्थान को श्री ननकाना साहिब कहते हैं।

→ माता-पिता – गुरु नानक देव जी की माता का नाम तृप्ता जी तथा पिता का नाम मेहता कालू जी था। मेहता कालू जी एक पटवारी थे।

→ जनेऊ की रसम – गुरु नानक देव जी व्यर्थ के कर्मकांडों तथा आडंबरों के विरोधी थे। इसलिए उन्होंने सूत के धागे से बना जनेऊ पहनने से इंकार कर दिया।

→ सच्चा सौदा – गुरु नानक देव जी को उनके पिता जी ने व्यापार करने के लिए 20 रुपए दिए थे। गुरु नानक देव जी ने इन रुपयों से संतों को भोजन कराकर ‘सच्चा सौदा’ किया।

→ ज्ञान-प्राप्ति ( 1499 ई.) – सुलतानपुर में गुरु नानक देव जी प्रतिदिन प्रातःकाल ‘काली वेईं’ नदी पर स्नान करने जाया करते थे। वहां वह कुछ समय प्रभु चिंतन भी करते थे।

→ 1499 ई० में एक प्रातः जब वह स्नान करने गए तो निरंतर तीन दिन तक अदृश्य रहे। इसी चिंतन की मस्ती में उन्हें सच्चे ज्ञान की प्राप्ति हुई। आजकल इस स्थान पर गुरुद्वारा तप-स्थान बना हुआ है।

→ उदासियां (1499-1521 ई०) – गुरु नानक देव जी की उदासियों से अभिप्राय उन यात्राओं से है जो उन्होंने एक उदासी के वेश में कीं। इन उदासियों का उद्देश्य अंध-विश्वासों को दूर करना तथा लोगों को धर्म का उचित मार्ग दिखाना था। उन्होंने विभिन्न दिशाओं में चार महत्त्वपूर्ण उदासियां कीं।

→ करतारपुर में निवास – 1522 ई० में गुरु नानक साहिब परिवार सहित करतारपुर में बस गए। यहां रह कर उन्होंने ‘वार मल्हार’, ‘मार माझ’, ‘वार आसा’, ‘जपुजी साहिब’, ‘पट्टी’, ‘बारह माहा’ आदि वाणियों की रचना की। उन्होंने संगत तथा पंगत (लंगर) की प्रथाओं का विकास भी किया

→ गुरु साहिब का ज्योति-जोत समाना – गुरु जी के अंतिम वर्ष करतारपुर (पाकिस्तान)में धर्म प्रचार करते हुए व्यतीत हुए। 22 सितंबर, 1539 ई० को वह ज्योति-जोत समा गए। इससे पूर्व उन्होंने भाई लहना जी को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया।

→ ईश्वर संबंधी विचार – गुरु नानक देव जी के अनुसार ईश्वर एक है और वह निराकार, स्वयंभू, सर्वव्यापी, सर्वशक्तिमान्, दयालू तथा महान् है। उसे आत्म-त्याग तथा सच्चे गुरु की सहायता से प्राप्त किया जा सकता है।

→ संगत तथा पंगत – ‘संगत’ से अभिप्राय गुरु के शिष्यों के उस समूह से है जो एक साथ बैठ कर गुरु जी के उपदेशों पर विचार करते थे। ‘पंगत’ के अनुसार शिष्य इकट्ठे मिलकर एक पंगत में बैठकर भोजन खाते थे।

→ लोधी शासक – पंजाब लोधी वंश के अधीन तथा। इस राजवंश के महत्त्वपूर्ण शासक बहलोल लोधी, सिकंदर लोधी तथा इब्राहिम लोधी थे।

→ लोधी शासकों के अधीन पंजाब – लोधी वंश के समय में पंजाब षड्यंत्रों का अखाड़ा बना हुआ था। समाज में जाति प्रथा तथा अन्य कई कुरीतियां फैली हुई थीं। लोग अंधविश्वास, अज्ञानता तथा भ्रमों में फंसे हुए थे।

→ दौलत खां लोधी तथा बाबर – बाबर द्वारा भारत पर पांचवें आक्रमण के समय पंजाब के सूबेदार दौलत खां लोधी ने उसका सामना किया। इस लड़ाई में दौलत खां लोधी पराजित हुआ।

→ राजनीतिक अवस्था – गुरु नानक देव जी के जीवन-काल से पहले पंजाब की राजनीतिक अवस्था बहुत अच्छी नहीं थी। यहां के शासक कमज़ोर तथा परस्पर फूट के शिकार थे। पंजाब पर विदेशी आक्रमण हो रहे थे।

→ सामाजिक अवस्था – इस काल में पंजाब की सामाजिक अवस्था प्रशंसा योग्य नहीं थी। हिंदू समाज कई जातियों व उप-जातियों में बंटा हुआ था।

→ महिलाओं की दशा बहुत दयनीय थी। लोग सदाचार को भूल चुके थे तथा व्यर्थ के भ्रमों में फंसे हुए थे।

→ बाबर की पंजाब विजय – 1526 ई० में पानीपत की पहली लड़ाई हुई। इस लड़ाई में इब्राहिम लोधी पराजित हुआ और पंजाब पर बाबर का अधिकार हो गया।

→ मुस्लिम समाज – मुस्लिम समाज तीन वर्गों-उच्च वर्ग, मध्य वर्ग तथा निम्न वर्ग में बंटा हुआ था। उच्च वर्ग में बड़े-बड़े सरदार, इक्तादार, उलेमा तथा सैय्यद; मध्य वर्ग में व्यापारी, कृषक, सैनिक तथा छोटे सरकारी कर्मचारी सम्मिलित थे। निम्न वर्ग में शिल्पकार, निजी सेवक तथा दास-दासियां शामिल थीं।

→ हिंदू समाज – 16वीं शताब्दी के आरंभ में पंजाब का हिंदू समाज चार मुख्य जातियों में बंटा हुआ था-ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र सुनार, बुनकर, लुहार, कुम्हार, दर्जी, बढ़ई आदि उस समय की कुछ अन्य जातियां तथा उप-जातियां थीं।

→ 15 अप्रैल, 1469 ई० – श्री गुरु नानक देव जी का जन्म।

→ 1499 ई० – सुलतानपुर में ज्ञान की प्राप्ति।

→ 1499 ई०-1510 ई० – पहली उदासी

→ 1510 ई०-1515 ई० – दूसरी उदासी

1515 ई०-1517 ई० – तीसरी उदासी

→ 1517 ई०-1521 ई० – चौथी उदासी

→ 1522 ई० – श्री गुरु नानक देव जी ने रावी नदी के किनारे करतारपुर बसाया।

→ 1526 ई० – पानीपत की पहली लड़ाई।

→ 22 सितंबर, 1539 ई० – श्री गुरु नानक देव जी करतारपुर (पाकिस्तान) में ज्योति-जोत समाए।

→ 1451-1489 ई० – बहलोल लोधी का शासन

→ 1489-1517 ई० – सिकंदर लोधी का शासन

→ 1517-1526 ई० – इब्राहिम लोधी का शासन

→ 1500-1525 ई० – दौलत खां लोधी का लाहौर पर शासन।

ਪੰਜਾਬ: ਭੂਗੋਲਿਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ਅਤੇ ਪ੍ਰਭਾਵ PSEB 9th Class SST Notes

→ 1849 ਈ: – ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਬ੍ਰਿਟਿਸ਼ ਸਾਮਰਾਜ ਵਿਚ ਮਿਲਾਇਆ ਗਿਆ ।

→ 1857 ਈ: – ਦਿੱਲੀ ਅਤੇ ਹਿਸਾਰ ਦੇ ਖੇਤਰ ਪੰਜਾਬ ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਹੋਏ ।

→ 1901 ਈ: – ਪੰਜਾਬ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਵਿੱਚੋਂ ਉੱਤਰ-ਪੱਛਮੀ ਸੀਮਾ ਦੇਸ਼ ਬਣਾਇਆ ਗਿਆ ।

→ 1911 ਈ: – ਦਿੱਲੀ ਨੂੰ ਪੰਜਾਬ ਤੋਂ ਅਲੱਗ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ।

→ 1947 ਈ: – ਭਾਰਤ ਦੀ ਵੰਡ ਦੇ ਸਮੇਂ ਪੰਜਾਬ ਦੋ ਭਾਗਾਂ ਪੱਛਮੀ ਪੰਜਾਬ ਅਤੇ ਪੂਰਬੀ ਪੰਜਾਬ ਵਿਚ ਵੰਡਿਆ ਗਿਆ !

→ 1 ਨਵੰਬਰ, 1966 ਈ: – ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਭਾਸ਼ਾ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਪੰਜਾਬ ਅਤੇ ਹਰਿਆਣਾ ਦੇ ਪ੍ਰਾਂਤਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ । ਗਿਆ ਅਤੇ ਕੁੱਝ ਇਲਾਕਾ ਹਿਮਾਚਲ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਿਲ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ।

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