PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 11.ii अहसास

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Chapter 11.ii अहसास Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Hindi Chapter 11.ii अहसास

Hindi Guide for Class 10 PSEB अहसास Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिएप्रश्न

प्रश्न 1.
स्कूल बस पर छात्र-छात्राएँ कहाँ जा रहे थे?
उत्तर:
स्कूल बस पर छात्र-छात्राएँ शैक्षिक भ्रमण के लिए रोज़ गार्डन जा रहे थे।

प्रश्न 2.
छात्राएँ बस में क्या कर रही थीं?
उत्तर:
छात्राएँ बस में अंताक्षरी खेल रही थीं।

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प्रश्न 3.
दिवाकर बस में बैठा क्या देख रहा था?
उत्तर:
दिवाकर बस में बैठकर खिड़की के बाहर वृक्षों को तथा दूर तक फैले आसमान को देख रहा था।

प्रश्न 4.
दिवाकर को अपने मन में अधूरेपन का अहसास क्यों होता था ?
उत्तर:
दिवाकर अपाहिज था और दूसरे बच्चों की भाँति उछल-कूद नहीं पाता था। इसलिए उसे अपने मन में अधूरेपन का अहसास होता था।

प्रश्न 5.
कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राएँ क्या देखकर डर गए?
उत्तर:
कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राएँ साँप को देखकर डर गए।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
दिवाकर की नए स्कूल में किसने मदद की?
उत्तर:
दिवाकर पिता की ट्रांसफर होने के कारण गाँव के स्कूल से शहर आया था। यहाँ शहर के स्कूल में वह स्वयं को अधूरा समझ रहा था। उसकी शारीरिक अपंगता उसे दूसरों से अलग करती थी। वह न ही उनके साथ खेल-कूद कर पाता था और न ही भाग-दौड़ पाता था। ऐसे समय में उसकी अध्यापिका नीरू ने अपने स्नेहपूर्ण व्यवहार से उसका हौसला बढ़ाया तथा समय-समय पर उसकी मदद भी की।

प्रश्न 2.
दिवाकर बैंच पर बैठकर क्या सोच रहा था?
उत्तर:
जिस समय सभी बच्चे रोज़ गार्डन में खेल-कूद रहे थे। झूला-झूल रहे थे। उस समय वहीं पास में एक बैंच पर बैठा दिवाकर अपनी पुरानी यादों में खोया हुआ था। वह दो साल पहले की घटना को याद कर, उसी में खोया था। उसे याद आता है कि दो साल पहले जब वह अपनी बड़ी मौसी के घर दिल्ली गया था तब उसने वहाँ फन सिटी में कितना मज़ा किया। उस समय फ़न सिटी में कितना खेला-कूदा था। वहाँ उसने खूब मस्ती की थी। यही सब विचार/ यादें उसके दिमाग में घूम रही थीं।

प्रश्न 3.
साँप को देखकर दिवाकर क्यों नहीं डरा?
उत्तर:
शहर में आने से पहले दिवाकर गाँव के स्कूल में पढ़ता था। वहाँ उसने खेतों में कई बार साँप और अन्य जानवरों को देखा था। उसके लिए साँप को देखना कोई नई और डर की बात नहीं थी। इसके साथ-साथ वह एक साहसी, निडर और कर्मशील बालक था। उसने अपनी सूझ-बूझ का परिचय देते हुए अपने विवेक और वैसाखी का सहारा लेकर सॉप को दूर फेंक दिया था।

प्रश्न 4.
दिवाकर ने अचानक साँप को सामने देखकर क्या किया?
उत्तर:
दिवाकर.अचानक साँप को देखकर तनिक भी घबराया नहीं जबकि अन्य छात्र-छात्राएँ डर के मारे काँप रहे थे। किसी को कुछ सूझ नहीं रहा था। ऐसे में दिवाकर ने बड़े ही धीरज से काम लिया। उसने बिना डरे और घबराए अपनी वैसाखी से साँप को उठाकर दूर फेंक दिया।

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प्रश्न 5.
दिवाकर को क्यों पुरस्कृत किया गया?
उत्तर:
दिवाकर को जब उसकी साँप को वैसाखी से दूर फेंकने संबंधी वीरता, साहस एवं सूझ-बूझ के लिए प्रात:कालीन सभा में प्राचार्य महोदय द्वारा सम्मानित किया गया तो उस समय वह स्वयं को अधूरा अथवा अपाहिज न समझकर स्वयं को पूर्ण समझ रहा था। अब उसे दूसरों को देखकर स्वयं में कोई कमी का अहसास नहीं हो रहा था।

प्रश्न 6.
लघुकथा ‘अहसास’ का उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
‘अहसास’ एक सामाजिक लघुकथा है। इसमें लेखिका ने एक बालक को शारीरिक चुनौतियों का सामना करते हुए दिखाया है। लेखिका प्रायः यथार्थ की पृष्ठभूमि पर अपनी कहानियों की रचना करती हैं। मानवतावाद का समर्थन करना ही उनका प्रमुख उद्देश्य रहा है। उनकी लघु कथा ‘अहसास’ शारीरिक चुनौतियों का सामना करने वाले बच्चों में आत्म-विश्वास जगाने वाली एक प्रेरणादायक लघुकथा है। लेखिका का विचार है कि समाज में शारीरिक अक्षमता को किसी की कमी न समझकर उसका हौसला बढ़ाना चाहिए। अपनी लघुकथा में लेखिका उद्देश्य को स्पष्ट करने में पूर्णतया सफल रही है।

प्रश्न 7.
‘अहसास’ नामकरण की सार्थकता स्पष्ट करो।
उत्तर:
कहानी का शीर्षक प्राय: कहानी के मूलभाव तथा उसकी प्रभावोत्पादक शक्ति का परिचायक होता है। शीर्षक सम्पूर्ण कहानी का निचोड़ होता है। यह कहानी की मूलभावना का प्रतीक होता है। प्रस्तुत कहानी का शीर्षक ‘अहसास’ है। यह शीर्षक अत्यंत आकर्षक, भावपूर्ण तथा जिज्ञासामय है। कहानी में दिवाकर जब प्रात:कालीन सभा में प्राचार्य द्वारा सम्मानित होता है तो उसे स्वयं में पूर्णता का अहसास होता है। उसके नीरस जीवन में सरसता का संचार हो जाता है। उसके मन का बदला यह भाव और अहसास ही कथा का शीर्षक बना है। इस प्रकार लघुकथा का शीर्षक उपयुक्त तथा अनुकूल है। सारी लघुकथा शीर्षक ‘अहसास’ से ही जुड़ी है तथा केंद्रित भी है।

(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित शब्दों के विशेषण शब्द बनाएँ

खामोश = ……………
व्यवहार = ………….
सम्मान = …………..
बहादुरी = …………..
रंग = ……………….
हिम्मत = ………………….
उत्तर:
खामोश = खामोशी
व्यवहार = व्यावहारिक
सम्मान = सम्मानित
बहादुरी = बहादुर
रंग = रंगीन
हिम्मत = हिम्मती

II. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए

मुहावरा = अर्थ = वाक्य
i. चेहरे का रंग उड़ जाना = डर जाना = …………..
ii. पीठ थपथपाना = शाबास देना = ……………
iii. जान में जान आ जाना = राहत महसूस करना = ………………
उत्तर:
i. अपने कमरे में साँप को देखते ही रुचि के चेहरे का रंग उड़ गया था।
ii. पापा ने अनुज के परीक्षा में अंकों को देख पीठ थपथपाई थी।
iii. उस अंधेरी रात में घर पहुँच कर हम सबकी जान में जान आ गई थी।

(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

‘प्रश्न 1.
आपने अपने सहपाठी की किसी प्रकार की मदद की हो तो अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
यह घटना पिछले वर्ष की है। हमारे विद्यालय में पारितोषिक वितरणोत्सव मनाया गया था। हमारी कक्षा में कई विद्यार्थी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए चयनित हुए थे। उत्सव के दो दिन पहले मैं और मोहन हम दोनों विद्यालय से घर वापस जा रहे थे। तभी अचानक सड़क पार करते समय मोहन एक कार की चपेट में आ गया। उसके हाथ और पैर से खून निकल रहा था। मैंने तुरंत उसे उठाया और एक आटो रिक्शा में बैठा कर अस्पताल लेकर गया। वहाँ उसका इलाज करवाया। इसके बाद उसके माता-पिता को सारी घटना बताई। डॉक्टर ने कहा कि मैं सही समय पर मोहन को अस्पताल ले आया। यदि कुछ देर हो जाती तो उसकी जान पर खतरा बन सकता था। लेकिन मेरी सर्तकता और सूझ-बूझ के कारण उसकी जान बच गई।

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प्रश्न 2.
अपने स्कूल के किसी शैक्षणिक भ्रमण का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा विद्यार्थियों के लिए बड़ी लाभप्रद है। ऐतिहासिक स्थलों पर पहुँच कर हम स्वयं, मानो इतिहास का अंग बन जाते हैं। इतिहास जीवित होकर मानों हमारे सामने साकार हो उठता है। ऐसी यात्राओं के द्वारा हम अपने इतिहास को सही दृष्टि से देखते हैं। ऐतिहासिक स्थलों तथा इतिहास के प्रति हमारे ज्ञान में वृद्धि के लिए हमारे विद्यालय से शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन हुआ। हमारी यह यात्रा भारत की राजधानी की थी। हमारी उस ऐतिहासिक यात्रा का वर्णन निम्न प्रकार से है-
लाल किला-फरवरी मास में हमें अपने विद्यालय की ओर से दिल्ली की यात्रा के लिए ले जाया गया। हम पचास छात्र थे, हमारे साथ थे हमारे इतिहास के अध्यापक। हमने अपना सामान ‘क्लॉक रूम’ में रखा और नाश्ता करके हम लाल किला देखने चल पड़े। लाल पत्थर का यह किला शाहजहां ने बनवाया था ऐसा माना जाता है। दिल्ली से पहले मुग़लों की राजधानी आगरा थी। यह लाल किला मुग़ल वंश के इतिहास के साथ तो जुड़ा ही है, स्वतंत्र भारत के लिए भी इसका महत्त्व कम नहीं है।

नेता जी सुभाष की याद-लाल किले को देखकर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की याद ताज़ा हो उठी। उन्होंने इसी किले पर अपने राष्ट्र’ का ध्वज फहराने का संकल्प किया था और अब हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस को प्रधानमंत्री तिरंगा झंडा फहरा कर यहीं से राष्ट्र के नाम अपने संदेश प्रसारित करते हैं। आज़ाद हिंद सेना के वीरों पर मुकद्दमा भी इसी किले में चलाया गया था। अब यहाँ राष्ट्रीय अजायब घर है, जिसमें ऐतिहासिक महत्त्व की अनेक वस्तुएँ प्रदर्शित की गई हैं।

चाँदनी चौक और कुतुबमीनार-लाल किले के सामने चाँदनी चौक है। यह भी मुग़लों के समय का महत्त्वपूर्ण बाज़ार है। इसका महत्त्व अब भी कम नहीं हुआ है। यहाँ से हम बस में बैठ कर कुतुबमीनार पहुँचे। बहुत से इतिहासकारों का मत है कि कुतुबमीनार कुतुबद्दीन ऐबक द्वारा निर्मित करवायी गई थी, किन्तु कुछ अन्य इतिहासकार इसे एक भारतीय सम्राट् द्वारा निर्मित ध्रुवस्तंभ मानते हैं। उनके मतानुसार इसका निर्माण ज्योतिष शास्त्र के नियमों के अनुसार नक्षत्रों और ग्रहों का अध्ययन करने के लिए करवाया गया था। वे इसका संबंध कुछ दूरी पर बनी ‘जंतर मंतर’ नामक खुली वेधशाला से जोड़ते हैं जहाँ नक्षत्रों आदि की गति जानने के लिए काफ़ी विशद् प्रबंध किये गए हैं। ‘जंतर-मंतर’ को देखकर हम अपने पूर्वजों की वैज्ञानिक दृष्टि पर आश्चर्यचकित रह गए।

बिरला मंदिर-अब हम लोग बिरला मंदिर गए। इसी मंदिर में प्रार्थना सभा में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की हत्या की गई थी। इस मंदिर को सभी संप्रदायों के देवताओं और महापुरुषों से संबंधित करके राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनाने की कोशिश की गई है। यहीं हमने भोजन भी किया।

राष्ट्रपति भवन-अब हम लोग संसद् भवन, सचिवालय तथा राष्ट्रपति भवन देखने गए। सौभाग्य से राष्ट्रपति भवन के मुग़ल-बाग दर्शकों के लिए खुले थे। इन्हें केवल फरवरी मास में ही खोला जाता है। असंख्य फूलों से भरे इस उपवन ने हमारे मन मोह लिए। सुंदर मोर और हिरण यहाँ-वहाँ घूम रहे थे। लगभग एक घंटा वहाँ रुकने के बाद हम होटल लौट आए।

राजघाट तथा शांति वन-कुछ देर आराम करने के पश्चात् हम राजघाट तथा शांति वन गए। यहाँ क्रमश: महात्मा गाँधी तथा जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वर्गीय लालबहादुर शास्त्री की समाधि देखने विजयघाट भी गए। लौटते समय हम जामा मस्जिद भी गए। यहाँ से सभी लोग स्कूटरों पर बैठ कर कनाट प्लेस चले। दिल्ली का सारा सौन्दर्य शाम को वहाँ उमड़ आता है। यहाँ हमने टी हाउस में चाय पी थी। भीड़ को देखकर तो हम एकदम ही दंग रह गए। हम वहाँ अधिक देर नहीं ठहर सके, क्योंकि रात की गाड़ी से हमें लौटना भी तो था।

दिल्ली भारत का ही नहीं विश्व का एक प्रमुख शहर है। यहाँ अनेक दर्शनीय स्थान हैं। मैं समझता हूँ दिल्ली के भ्रमण के लिए कम-से-कम एक सप्ताह का कार्यक्रम बनाया जाना चाहिए।

(घ) पाठ्येतर सक्रियता

(I) 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर बहादुर बच्चों का वृत्तांत इंटरनेट पर देखें-उनकी बहादुरी के किस्सों को पढ़ें और अपने मित्रों को सुनाएं।
(II) शारीरिक चुनौतियों का सामना करने वाले उन महान चरित्रों की सूची बनाएँ-जिन्होंने अपने आत्म-विश्वास के बल पर चुनौतियों का सामना करते हुए अपने जीवन के मकसद को हासिल किया-उनमें हैलन-कैलर का नाम गर्व से लिया जाता है जो देखने, बोलने और सुनने में असमर्थ होने के बावजूद भी शिक्षा के उच्चतम शिखर पर पहुँची। इसी तरह ‘सुधा चंद्रन’ प्रसिद्ध नर्तकी-जिसकी एक दुर्घटना में टांग चली गई थी, ने अपनी मेहनत और विश्वास के बलबूते पर नृत्य के क्षेत्र में अपना मुकाम हासिल किया इसी तरह के अन्य चरित्रों के बारे में इंटरनेट से जानकारी प्राप्त करें।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

(ङ) ज्ञान-विस्तार

‘अहसास’ लघुकथा जीवन में निरंतर संघर्ष करते रहने की प्रेरणा देती है। हमारे जीवन में अनेक कठिनाइयां आती रहती हैं, यदि हम उनसे घबरा कर हाथ पर हाथ रखे बैठ जाएंगे तो कभी भी उन्नति नहीं कर सकते। इसलिए मुसीबतों तथा कठिनाइयों का डट कर सामना करना चाहिए। अष्टावक्र आठ स्थानों से टेढ़े होते हुए भी अपनी विद्वता से सब को अपना लोहा मना सके। सूरदास, मिल्टन आदि अंधे होकर भी महान कवि बने। लुई ब्रेल ने अंधों के लिए ब्रेललिपि का आविष्कार कर उन्हें पढ़ने-लिखने का अवसर दिया। ऐसे ही अनेक उदाहरण दिए जा सकते हैं जो आत्मविश्वास, दृढ़ निश्चय, सही सोच तथा संघर्षरत रहकर हमें अपना लक्ष्य प्राप्त करने की प्रेरणा देते हैं। इसलिए ‘ईश्वर भी उनकी सहायता करता है, जो अपनी सहायता स्वयं करते हैं’ कथन के अनुसार पहल स्वयं ही करनी होगी। जब हम कर्म करने के लिए तत्पर हो जाते हैं तो हमारे साथ केवल हमारे दो हाथ ही नहीं परमात्मा के हज़ारों हाथ भी साथ होते हैं।

PSEB 10th Class Hindi Guide अहसास Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
‘अहसास’ शीर्षक कहानी किस तरह की कहानी है?
उत्तर:
‘अहसास’ शीर्षक कहानी शारीरिक चुनौतियों का सामना करने वाले बच्चों में आत्म विश्वास जगाने वाली एक प्रेरणादायक लघुकथा है।

प्रश्न 2.
परीक्षा के तुरंत बाद किस कार्यक्रम का आयोजन हुआ?
उत्तर:
परीक्षा के तुरंत बाद शैक्षिक भ्रमण के आयोजन का कार्यक्रम निश्चित किया गया।

प्रश्न 3.
दिवाकर की टाँग कैसे टूट गई थी?
उत्तर:
पिछले वर्ष हुई एक दुर्घटना में दिवाकर की टाँग टूट गई थी।

प्रश्न 4.
दो वर्ष पहले दिवाकर कहाँ गया था? वहाँ उसने क्या किया था?
उत्तर:
दो वर्ष पहले दिवाकर अपनी बड़ी मौसी के घर दिल्ली गया था। वहां उसने फन सिटी में खूब मस्ती की थी।

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प्रश्न 5.
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान लड़के और लड़कियाँ कहाँ बैठे थे?
उत्तर:
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान लड़के और लड़कियाँ वृक्षों के नीचे घर पर समूह बनाकर बैठे थे।

प्रश्न 6.
दिवाकर को अपनी पूर्णता का अहसास कैसे हुआ?
उत्तर:
प्रात:कालीन सभा में सम्मानित होने के बाद तालियों की गड़गड़ाहट में दिवाकर को अपनी पूर्णता का अहसास हुआ।

प्रश्न 7.
दिवाकर के लिए स्कूल नई जगह क्यों था?
उत्तर:
दिवाकर पहले गाँव के स्कूल में पढ़ता था। वह शहर के स्कूल में अभी कुछ दिन पहले ही आया था। इसलिए स्कूल उसके लिए नई जगह थी।

प्रश्न 8.
‘अहसास’ किस प्रकार की रचना है ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
‘अहसास’ एक लघुकथा है। इसका कथानक अत्यंत छोटा है। छोटा कथानक होने के बावजूद इसका संदेश अत्यंत व्यापक एवं सटीक है। यह लघुकथा शारीरिक चुनौतियों का सामना करने वाले बच्चों में आत्म-विश्वास जगाने वाली प्रेरणादायक लघुकथा है।

प्रश्न 9.
लघुकथा ‘अहसास’ के आधार पर बताइए देश के सच्चे निर्माता कौन हैं?
उत्तर:
देश के सच्चे निर्माता देश के वे सभी लोग हैं जो अपने-अपने गांव-नगर में जन-सामान्य के प्रति मानवतापूर्ण व्यवहार करते हैं। वे प्रचार और प्रदर्शन की अपेक्षा चुपचाप दीन-हीन असहाय लोगों की सहायता करते हैं तथा उनका जीवन-स्तर ऊँचा उठाने में उनकी भरसक सहायता करते हैं। लघुकथा ‘अहसास’ में नीरू मैडम भी दिवाकर को समय समय पर हौसला तथा प्रेरणा देकर उसके जीवन को आगे बढ़ाने में उसकी सहायता करती हैं।

प्रश्न 10.
‘अहसास’ लघुकथा की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए
उत्तर:
प्रस्तुत लघुकथा की भाषा सरल तथा पात्रानुकूल है। आवश्यकतानुसार लेखिका ने अंग्रेजी के प्रचलित शब्दों-ट्रांसफर, स्कूल, रोज़-गार्डन, रिफ्रेशमैंट, सिटी आदि का प्रयोग किया है। भाषा विज्ञान की दृष्टि से इनका तत्सम शब्दों के प्रति विशेष लगाव है। इन्होंने यत्र-तत्र, विदेशी, तद्भव, देशज शब्दों का भी सहज रूप से प्रयोग किया है। इनकी भाषा में मुहावरों के प्रयोग से शक्ति वक्रता उत्पन्न हुई है।

एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बेटे ने बसंती को पत्र में क्या लिखा था?
उत्तर:
उसकी तरक्की हो गई है और उसे कम्पनी की ओर से बहुत बड़ी कोठी मिली है, इसलिए वह उसके पास रहने के लिए आ जाए।।

प्रश्न 2.
बेटा माँ को नौकर के हवाले क्यों कर गया?
उत्तर:
बेटे की पत्नी काम पर तथा बच्चे स्कूल जा चुके थे।

प्रश्न 3.
स्कूल बस कहाँ के लिए रवाना हो चुकी थी?
उत्तर:
स्कूल बस एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण के लिए रवाना हो चुकी थी।

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प्रश्न 4.
दिवाकर को किसने हिम्मत दी?
उत्तर:
दिवाकर को कक्षा अध्यापिका नीरू मैडम के स्नेहपूर्ण व्यवहार ने हिम्मत दी।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
तालियों की गड़गड़ाहट में दिवाकर को अपनी किस बात का अहसास हो रहा था?
(क) अपूर्णता
(ख) पूर्णता
(ग) विजय
(घ) पराजय।
उत्तर:
(ख) पूर्णता

प्रश्न 2.
शहर में नौकरों वाला कमरा किसे दिया गया था?
(क) रोशमा को
(ख) बसंती को
(ग) बचनी को
(घ) भागो को।
उत्तर:
(ग) बचनी को

प्रश्न 3.
दिवाकर ने बैसाखी से किसे उठाकर दूर फेंक दिया?
(क) साँप को
(ख) कुत्ते को
(ग) चूहे को
(घ) बिल्ली को।
उत्तर:
(क) साँप को

एक शब्द/हाँ-नहीं/सही-गलत/रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न

प्रश्न 1.
बसंती को जिस कमरे में ठहराया गया, वह उसे कैसा लगा? (एक शब्द में उत्तर दें)
उत्तर:
स्वर्ग

प्रश्न 2.
वह डरती-डरती बैड पर बैठ गई। (हाँ या नहीं में उत्तर दें)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 3.
दिवाकर वैशाखियों के सहारे चलता था। (हाँ या नहीं में उत्तर दें)
उत्तर:
हाँ

प्रश्न 4.
छात्राएँ लुकन-छिपाई खेल रही थीं। (सही या गलत में उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 5.
बेटे की ज़िद के आगे बसंती की एक न चली। (सही या गलत में उत्तर दें)
उत्तर:
सही

प्रश्न 6.
बहुत ……….. गदे थे।
उत्तर:
नर्म

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प्रश्न 7.
नई ………… नए लोग।
उत्तर:
जगह

प्रश्न 8.
तुमने तो ………… कर दिया।
उत्तर:
कमाल।

अहसास कठिन शब्दों के अर्थ

अहसास = महसूस करना। भ्रमण = घूमना। फौरन = तुरंत। आसमा = आसमान। दिक्कत = परेशानी। अचानक = सहसा। पीठ थपथपाना = शाबाशी देना। निगाहें = नज़रें, दृष्टि। कमाल = एक दम अलग, अनोखा। प्रातः कालीन = सुबह का समय। प्राचार्य = प्रिंसीपल। चेहरे का रंग उड़ना = डर जाना। सम्मानित करना = आदर-सम्मान देना। पुरस्कृत करना = पुरस्कार देना। रिफ्रैंशमेंट = खाने के लिए कुछ देना। विकट = कठिन। सौहार्दपूर्ण व्यवहार = अच्छा एवं मधुर व्यवहार। रवाना होना = चले जाना। अन्ताक्षरी = एक प्रकार का संगीत से जुड़ा हुआ मनोरंजक खेल। शैक्षिक भ्रमण = शिक्षा संबंधी भ्रमण के लिए विद्यार्थियों का जाना।

अहसास Summary

अहसास लेखिका परिचय

जीवन परिचय-ऊषा० आर० शर्मा का जन्म 24 मार्च, सन् 1953 में मुंबई में हुआ था। इन्होंने भारत के विभिन्न राज्यों में अपने विद्यालय स्तर की शिक्षा प्राप्त की। पंजाब विश्वविद्यालय से दर्शन शास्त्र और लोक प्रशासन से एम० ए. की परीक्षा पास की। शिक्षा के प्रति इनका अत्यधिक लगाव था। इन्होंने शिक्षा विषय में स्नातक स्तर पर विशेष रूप से शिक्षा ग्रहण की। कई वर्षों तक इन्होंने भारतीय-प्रशासनिक सेवा (I.A.S.) की सदस्या के रूप में कार्य किया। इसके बाद वे शिक्षा और लेखन के क्षेत्र में निरंतर मार्गदर्शन का कार्य कर रही हैं। इनकी साहित्य और कला में गहरी रुचि थी। संगीत, नाटक तथा रंगमंच के कार्यक्रमों में भाग लेना इनकी इसी कला और प्रतिभा का साक्षात् उदाहरण है। पंजाब भाषा विभाग की ओर से इन्हें ज्ञानी संत सिंह पुरस्कार और सुदर्शन पुरस्कार दिए गए। इन्हें पंजाब साहित्य अकादमी के द्वारा ‘वीरेंद्र सारस्वत सम्मान’ प्रदान किया गया।

रचनाएँ-ऊषा आर० शर्मा बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। इन्होंने विभिन्न विधाओं पर सफलतापूर्वक लेखनी चलायी है। इनकी प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं-
एक वर्ग आकाश, पिघलती साँकलें, भोज पत्रों के बीच, दोस्ती हवाओं से, परिंदे धूप के, बूंद-बूंद अहसास, सूरज मेरा तुम्हारा और बीहड़ के फूल (सभी काव्य संग्रह) हाशिए पर बिंदु, क्यों न कहूँ आदि।
इनके कहानी-संग्रह, काव्य-संग्रह तथा कथा-संग्रह पर शोध कार्य का काम भी हो चुका है।

साहित्यिक विशेषताएँ-ऊषा आर० शर्मा जी ने गद्य एवं पद्य दोनों प्रकार की रचनाएँ लिखीं। ये लेखिका और कवयित्री के रूप में प्रतिष्ठित हुईं हैं। इनकी भाषा में तत्सम, तद्भव तथा विदेशी सभी प्रकार के शब्द मिल जाते हैं। उनकी शैली कवित्वपूर्ण, प्रेरणादायी एवं रोचक है। वे कम-से-कम शब्दों में छोटे-छोटे वाक्यों के माध्यम से अपनी बात कहने में सिद्धहस्त हैं।

अहसास कहानी का सार

‘अहसास’ ऊषा० आर० शर्मा द्वारा रचित एक लघुकथा है। इस कहानी में लेखिका ने शारीरिक चुनौतियों का सामना करने वाले एक अपाहिज बच्चे की कहानी द्वारा लोगों में एक अहसास जगाने का प्रयास किया है। विद्यालय में परीक्षाएँ समाप्त हो चुकी थीं। इसके तुरन्त बाद एक शैक्षिक भ्रमण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। भ्रमण को लेकर बच्चों में गहरी रुचि थी। स्कूल बस में सभी के मन और तन हर्षित लग रहे थे। कोई अंताक्षरी खेल रहा था तो कोई मस्ती में झूम रहा था। लेकिन इन सबके बीच दिवाकर चुप-चाप, गुम-सुम सा बैठा हुआ था। वह बस की खिड़की से अंदर-बाहर देख रहा था। उसके पिता का ट्रांसफर हाल ही में हुआ था। पहले वह गाँव के स्कूल में पढ़ता था।

वह शारीरिक रूप से अपाहिज था। उसे वैशाखियों का सहारा लेकर चलना पड़ता था। उसकी अध्यापिका नीरू का व्यवहार तथा प्यार उसकी हिम्मत को बढ़ाता था। जल्दी ही रोज़ गार्डन आ गया। सभी छात्र-छात्राएँ खुशी से झूमते हुए पार्क में पहुँचे। पार्क में तरह-तरह के झूले थे। रंग-बिरंगे फूल खिले हुए थे। अध्यापिका नीरू बच्चों को रिफ्रेशमेंट बाँट रही थी। वहीं पास में दिवाकर एक बैंच पर बैठा हुआ था। वह अन्य छात्र-छात्राओं को झूला-झूलते हुए देख रहा था। उन्हें झूलते हुए देखकर उसे दो वर्ष पूर्व की घटना याद आ गई जब वह अपनी मौसी के घर दिल्ली गया था। उसने वहाँ फन सिटी में खूब मस्ती की थी। किंतु पिछले साल एक दुर्घटना में उसे अपनी टाँग खोनी पड़ी थी। अब वह स्वयं को अधूरा समझने लगा था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 11.ii अहसास

तभी मैडम नीरू सभी बच्चों को साथ लेकर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम करने लगी। दिवाकर वहीं पास के बैंच पर बैठा वह सब देख रहा था। सहसा एक साँप झाड़ियों में से निकल कर बच्चों के सामने आ गया। अपने सामने साँप को देखकर सभी छात्र-छात्राएँ और अध्यापिका डर गईं। किंतु ऐसी कठिन परिस्थिति में दिवाकर ने बड़ी ही सूझ-बूझ से काम लेते हुए अपनी वैशाखी से उस साँप को उठाकर दूर फेंक दिया। सभी की जान में जान आ गई। मैडम नीरू ने दिवाकर को शाबाशी देते हुए कहा-“दिवाकर। तुमने आज हम सबकी जान बचाई है। तुमने तो कमाल कर दिया। तुम वाकई बहादुर हो-असली हीरो।”

अगली सुबह विद्यालय की प्रार्थना सभा में प्राचार्य महोदय के द्वारा दिवाकर को उसकी सूझ-बूझ और वीरता के लिए सम्मानित किया गया। उस दिन दिवाकर को स्वयं में पूर्णता का अहसास हो रहा था।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor

This PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor will help you in revision during exams.

Introduction:
Typing tutor is the software with the help of which we learn to type fast and type correctly. It is a technique by which we learn the correct ways of typing.

Touch Typing:
This is a technique by which we learn how to type correctly without looking at the keyboard. The keyboard is divided into two parts, left side and right side. Typing is done by placing the fingers on right position accordingly.
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor 1

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor

Fingers Position on Keyboard:
To type on a QWERTY keyboard, the left side keys are pressed with the left hand and the right side keys with the right hand. The keyboard has four lines. The fingers of both hands are placed on the line A.

This line is called the home row.
1. Home Row: The “home row” is the center row of keys on a keyboard. It starts from the alphabet A. The fingers are always rest on this line. The position of the fingers on this row is as follows:
First of all, the fourth finger (little finger) of our left hand is on the ‘A’ key, then third finger on the ‘S’ key, then second finger on the ‘D’ key and then first finger on the ‘F’ key and alternately on the ‘7’ key. The fourth, third, second and first fingers of the right hand should be on ‘L’, ‘K’, ‘J’ and ‘H’ respectively. Thumb of right hands should be on space bar.
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor 2

Left Hand
Little/ Pinky Finger A
Ring Finger S
Middle Finger D
Index Finger F & G
Right Hand
Little/ Pinky Finger ;
Ring Finger L
Middle Finger K
Index Finger J & H

Fingers Position on first Row

2. Second Row: The keys on the above line of the home row are called the keys on the second line. It starts with the letter ‘Q’. Turn the fourth finger (little finger) of your left hand on the ‘Q’ key, the third finger on the ‘W’ key, the second finger on the ‘E’ key and the first finger on the ‘R’ key or the ‘T’ key. Similarly, place the fourth finger of the right hand on the ‘P’ key, the third finger on the ‘O’ key, the second finger on the ‘I’ key and the first finger on the ‘U ‘or’ Y ‘key alternately.
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor 3

Left Hand
Little/ Pinky Finger Q
Ring Finger W
Middle Finger E
Index Finger R & T
Right Hand
Little/ Pinky Finger P
Ring Finger O
Middle Finger I
Index Finger U & Y

Fingers Position on Second Row

3. Third Row: The row below the home row is called the third row. It starts with the ‘Z’ key. The fourth finger of the left hand (Little Finger) will go to the ‘Z’ key and then return to the home row.

Similarly, place the third finger on the ‘X’ key, the second finger on the ‘C’ key and the first finger on the ‘V’ key or the ‘B’ key alternately.

Similarly, place the fourth finger of the right hand on the ‘/’back slash key, the third finger on the ‘.’dot Key, the second finger on the V comma key and the first finger on the ‘M’ key or the ‘N’ key alternately.
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor 4

Left Hand
Little/ Pinky Finger Z
Ring Finger X
Middle Finger C
Index Finger V & B
Right Hand
Little/ Pinky Finger /
Ring Finger .
Middle Finger ?
Index Finger M & N

Fingers Position on Third Row

4. Fourth Row: The fourth row corresponds to the numeric keys. Be careful while typing the numbers. Our fingers should be on the home row. To type the numbers 100% correctly, it is recommended to press the numeric key with the corresponding finger and then bring it back to the home row. If all work is related to numbers, keep your fingers on the fourth line.
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor 5
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor 6

Left Hand
Little/ Pinky Finger 1
Ring Finger 2
Middle Finger 3
Index Finger 4 & 5
Right Hand
Little/ Pinky Finger 0
Ring Finger 9
Middle Finger 8
Index Finger 7 & 6

Fingers Position on Fourth Row

Numeric Keyboard:
The numeric keypad is located on the right hand side of the keyboard and has a total of 17 keys. They act as a calculator. While using the numeric keypad Num lock key must be turned on. Use the right hand when typing numbers on the numeric keypad.
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor 7

The position of the fingers on the numeric keypad is as follows:

  • The thumb of the right hand is on the ‘0’
  • On the first finger of the right hand ‘4’
  • The second finger of the right hand on the ‘5’
  • The third finger of the right hand on the ‘6’

Special Keys on Keyboard:
The special keys of the keyboard are as follows:

  • Enter Key: This key is used to move to a new line. We use the smallest finger of our right hand to press the Enter key.
  • Space Bar: The space-bar key is used to leave a space in two words. We use our thumbs to press the space key.
  • Shift Key: This key is located on both side of the keyboard. It is used to write capital letters. If you want to type a capital letter with your left hand, press the shift key with the fourth finger of your right hand Similarly, to write a capital letter with the right hand, press the shift key with the fourth finger of the left hand.
  • Backspace: This key is used to delete a character to the left of the cursor. We use the little finger of our right hand for this.
  • Caps Lock Key: If the whole word, line or paragraph is to be written in capital letters, keep the Caps Lock Key in ON position. We use the little finger of our left hand for this.

Punjabi Typing with Anmol Lipi:
We can easily type in Punjabi with Anmol Lipi font. We can also practice typing in Punjabi depending on the position of the fingers used in English language typing. Before typing, we have to choose the Anmol Lipi font. The Anmol Lipi font key-map is as follows:
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor 8

Instructions to Increase Typing Speed:
Typing speed can be increased by keeping the following in mind:

  • Concentrate in consistently, comfortably and correctly typing.
  • The position of our hands/fingers should always be on the home-row. We should always start from this position and come back to the same position. We should move from the home-row position to other keys.
  • As we press each key, we should repeat that letter in our mind,
  • We should focus on pressing the right key rather than speed. Speed will increase automatically with time and practice.
  • Do not look at the keyboard.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor

Sitting Position for Typing:
While typing, we should follow the following instructions for proper seating:

  • The computer monitor should be in front of our eyes.
  • Our focus should be on the monitor.
  • Our fingers should be on the home-row keys.
  • We should sit straight and in front of the keyboard.
  • We should quickly press each key and return to the home row position.
  • Our feet should be straight on the ground.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 Typing Tutor 9

How to Avoid the Stress of Typing:
Stress and mistakes while typing on computer can be avoided as follows.

  • Set your keyboard so that it is straight and slightly raised at the back. Do not keep your keyboard tilted downwards.
  • Sit properly in front of your computer. Our screen should be two feet away from us and our copy should be in front of our eyes.
  • Stretch your arms before starting work and also during intervals and strengthen your arms with exercise.
  • We should rest our wrists when we are not typing.
  • When typing, keep your wrists straight and bend your elbows at a 90 degree angle. Our wrists should not rest on the table while typing.
  • If sitting on a chair, our knees are bent 90 degrees and our feet are straight on the ground, then the height of our chair is perfect.
  • Exercise daily. This helps our body avoid stress after typing.
  • Rest for a short time instead of a large interval while typing

Note:

  • Typing tutor is the software with the help of which we learn to type fast and type correctly.
  • Touch Typing is a technique by which we learn how to type correctly without looking at the keyboard,
  • The keyboard is divided into two parts, left side and right side.
  • Typing is done by placing the fingers on right position.
  • The “home row” is the center row of keys on a keyboard.
  • Home Row start from the alphabet A,
  • The keys on the above line of the home row are called the keys on the second line.
  • The row below the home row is called the third row.
  • The fourth row corresponds to the numeric keys.
  • The numeric keypad has a total of 17 keys.
  • Enter key is used to move to a new line.
  • The space-bar key is used to leave a space in two words.
  • Shift key is used to write capital letters.
  • Backspace key is used to delete a character to the left of the cursor. Caps lock is used to type the word, line or whole paragraph in capital letters.
  • We can easily type in Punjabi with Anmol Lipi font.

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 19 देश के दुश्मन

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Chapter 19 देश के दुश्मन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Hindi Chapter 19 देश के दुश्मन

Hindi Guide for Class 10 PSEB देश के दुश्मन Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
सुमित्रा के पुत्र का नाम बताइए।
उत्तर:
सुमित्रा के पुत्र का नाम जयदेव है।

प्रश्न 2.
वाघा बॉर्डर पर सरकारी अफसरों के मारे जाने की ख़बर सुमित्रा कहाँ सुनती है?
उत्तर:
वाघा बॉर्डर पर सरकारी अफसरों के मारे जाने की खबर सुमित्रा माधोराम के घर रेडियो पर सुनती है।

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प्रश्न 3.
जयदेव वाघा बॉर्डर पर किस पद पर नियुक्त था?
उत्तर:
जयदेव वाघा बॉर्डर पर डी०एस०पी० के पद पर नियुक्त था।

प्रश्न 4.
जयदेव की पत्नी कौन थी?
उत्तर:
जयदेव की पत्नी नीलम थी।

प्रश्न 5.
वाघा बॉर्डर पर मारे जाने वाले दो सरकारी अफसर कौन थे?
उत्तर:
एक हैड कांस्टेबल तथा दूसरा सब इंस्पेक्टर था।

प्रश्न 6.
जयदेव ने तस्करों को मार कर उनसे कितने लाख का सोना छीना?
उत्तर:
जयदेव ने तस्करों को मारकर उनसे पाँच लाख रुपए का सोना छीना।

प्रश्न 7.
जयदेव को स्वागत-सभा में कितने रुपए इनाम में देने के लिए सोचा गया?
उत्तर:
जयदेव को स्वागत-सभा में दस हज़ार रुपए देने के लिए सोचा गया।

प्रश्न 8.
मीना कौन थी?
उत्तर:
मीना जयदेव की बहन थी।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
सुमित्रा क्यों कहती है कि अब उसका हृदय इतना दुर्बल हो चुका है कि ज़रा-सी आशंका से काँप उठता है?
उत्तर:
सुमित्रा ऐसा इसलिए कहती है क्योंकि उसने पति के बलिदान पर हृदय पर पत्थर रखकर सहन कर लिया था। अब उसकी हिम्मत टूट चुकी है। देह जर्जर हो चुकी है और जयदेव ही उसका इकलौता सहारा है।

प्रश्न 2.
नीलम जयदेव से मान-भरी मुद्रा में क्या कहती है?
उत्तर:
नीलम जयदेव से मान भरी मुद्रा से कहती है कि उसने इतने दिन कहाँ लगाए। उसकी तो राह देखते-देखते आंखें पथरा गई हैं पर जनाब को उसकी परवाह तक नहीं कि किसी के दिल पर क्या बीत रही है?

प्रश्न 3.
जयदेव को गुप्तचरों से क्या समाचार मिला ?
अथवा
‘देश के दुश्मन’ एकांकी में जयदेव को गुप्तचरों से क्या समाचार मिला?
उत्तर:
जयदेव को गुप्तचरों से यह समाचार मिला कि रात की अंधेरी में पुलिस पीकेट से एक डेढ़ मील दक्षिण की तरफ से कुछ लोग बार्डर पार करने वाले हैं। ऐसा शक है कि वे सोना स्मगल करके ला रहे हैं।

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प्रश्न 4.
जयदेव ने अपनी छुट्टी कैन्सल क्यों करा दी थी?
उत्तर:
जयदेव ने अपनी छुट्टी कैन्सल इसलिए करा दी थी क्योंकि उसे उधर आने से दो तीन घंटे पहले गुप्तचरों ने समाचार दिया कि रात की अंधेरी में पुलिस पीकेट से एक डेढ़ मील दक्षिण की तरफ से कुछ लोग सोना स्मगल कर बार्डर पार करने वाले हैं। यह एक मौका था जिसे वह हाथ से जाने नहीं देना चाहता था।

प्रश्न 5.
नीलम क्यों चाहती थी कि डी०सी० दोपहर के बाद जयदेव को मिलने आएँ?
उत्तर:
नीलम इसलिए चाहती थी कि डी०सी० दोपहर के बाद जयदेव को मिलने आए क्योंकि जयदेव अभी थका हारा आया था। वह बहुत थका हुआ था।

प्रश्न 6.
एकांकी में डी०सी० के किस संवाद से पता चलता है कि डी०सी० और जयदेव में घनिष्ठता थी ?
उत्तर:
डी०सी० के इस संवाद से पता चलता है कि इनमें और जयदेव में घनिष्ठता थी-“सर बैठा होगा आफिस की कुर्सी में। खबरदार जो यहाँ सर वर कहा। मैं वही तुम्हारा बचपन का दोस्त और क्लास मेट हूँ, जिससे बिना हाथापाई किये रोटी हज़म नहीं होती थी।”

प्रश्न 7.
डी०सी० आकर सुमित्रा को क्या खुशखबरी देते हैं?
उत्तर:
डी०सी० आकर सुमित्रा को यह खुशखबरी देता है कि जयदेव की वीरता और साहस के सम्मान में उसे सम्मानित किया जाएगा। गवर्नर साहब की तरफ से दस हज़ार की इनाम राशि भी दी जाएगी।

प्रश्न 8.
जयदेव इनाम से मिलने वाली राशि के विषय में क्या घोषणा करवाना चाहता है?
उत्तर:
जयदेव इनाम से मिलने वाली राशि के विषय में यह घोषणा करवाना चाहता है। वह चाहता था कि उसकी इनाम राशि शहीद हुए अफसरों की विधवाओं को आधी-आधी बांट दी जाए।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छ:-सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
चाचा अपने बेटे बलुआ के विषय में क्या बताते हैं?
उत्तर:
चाचा अपने बेटे बलुआ के विषय में बताते हैं कि वह भी बहुत लापरवाह है। वह भी दो-दो महीनों में चारपाँच चिट्ठी जाने के बाद ही एक आध पत्र लिखता है और उल्टे हमें ही शिक्षा देता है। वह बहुत व्यस्त रहता है। उसे समय नहीं मिलता। उसकी ड्यूटी बहुत कड़ी है। उसे बिल्कुल भी फुरसत नहीं मिलती।

प्रश्न 2.
चाचा सुमित्रा को अखबार में आई कौन-सी खबर सुनाते हैं?
उत्तर:
चाचा सुमित्रा को अखबार में आई यह खबर सुनाते हैं कि अखबार में जयदेव की वीरता और सूझ-बूझ की खूब प्रशंसा हुई है। उसने तस्करों से बड़ी बहादुरी से मोर्चा लिया। उसने उनको मार भगाया था। उसने किस तरह चार लोगों को अपनी गोलियों का निशाना बनाया। उसने उनसे पांच लाख रुपए का सोना उनसे छीन लिया था।

प्रश्न 3.
जयदेव ने तस्करों को कैसे पकड़ा?
उत्तर:
जयदेव ने तस्करों को पकड़ने का पक्का इरादा किया। जब वे आधी रात को चौकी से दो मील दूर एक खतरनाक घने ढाक के ऊबड़-खाबड़ रास्ते से बार्डर पार कर रहे थे तभी उसने उनको चैलेंज किया। उन्होंने बदले में गोलियां चलाईं। उनको चुनौती दी गई। तस्कर जीप लेकर भागने लगे किन्तु दो-तीन जीपों ने उनका पीछा किया। जयदेव ने अपने अचूक निशाने से उनकी जीप का पहिया उड़ा दिया। जीप लुढ़क कर एक खड्डे में जा गिरी। तब उन्हें घेरकर पकड़ लिया।

प्रश्न 4.
नीलम अपने पति से उलाहना भरे स्वर में क्या कहती है?
उत्तर:
नीलम अपने पति से उलाहना भरे स्वर में कहती है कि मर्दो का दिल तो पत्थर होता है और विशेषकर रातदिन चोर-डाकुओं तथा मौत से खेलने वालों तथा गोलियों की बौछार करने वालों का। नारी का हृदय तो सदैव प्रेम से भरा रहता है। उसके मन में अपने पति की प्रतिमा स्थापित रहती है।

प्रश्न 5.
डी०सी० को अपने मित्र जयदेव और उसके परिवार पर गर्व क्यों होता है?
उत्तर:
डी० सी० को अपने मित्र जयदेव और उसके परिवार पर गर्व इसलिए होता है क्योंकि जयदेव ने बड़ी वीरता और साहस से तस्करों का मुकाबला कर उनसे पाँच लाख का सोना पकड़ा जिससे उसे गवर्नर की तरफ से दस हज़ार का इनाम दिया गया। इस राशि को जयदेव ने शहीद पुलिस अफसरों की विधवाओं को बराबर देने की बात की। जयदेव की यह त्याग भावना अन्य अफसरों के लिए अनुकरणीय थी।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 19 देश के दुश्मन

प्रश्न 6.
पुलिस और सेना के अफ़सरों या सैनिकों के घरवालों को किन-किन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है?
उत्तर:
पुलिस और सेना के अफ़सरों या सैनिकों के घरवालों को निम्नलिखित मुसीबतों का सामना करना पड़ता है-

  1. उन्हें दिन-प्रतिदिन अपने बच्चों की जान की चिंता लगी रहती है।
  2. उन्हें प्रतिक्षण अपने बच्चों की कुशलता की खबर का इंतज़ार लगा रहता है।
  3. माताएं अपने बच्चों के लिए प्रतिक्षण चिंतित रहती हैं कि वे लौटकर कब आएंगे।
  4. परिवार वालों को अपने बच्चों की चिट्ठी का इंतज़ार लगा रहता है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए
(क) बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता, माँ जी! ऐसे दिव्य बलिदान पर तो देवता भी अर्घ्य चढ़ाते हैं। वे भी स्वर्ग में जयजयकार करते हए देश पर निछावर होने वाले का स्वागत करते हैं।
(ख) बेटा, यह ठीक है कि दस हज़ार की रकम कम नहीं होती। लेकिन उन विधवाओं और मृत अफ़सरों के परिवारों के बारे में भी तो सोचो, उनकी क्या हालत होगी?
(ग) पुलिस और सेना में भी थकना ! यह एक डिस्क्वालिफिकेशन है।
उत्तर:
(क) नीलम अपने पति के साहस शौर्य एवं वीरता का ओजस्वी स्वर में वर्णन करते हुए अपनी सासु माँ से कहती है कि जीवन का बलिदान कभी भी बेकार नहीं जाता। विशेषकर देश के लिए दिया गया बलिदान तो श्रेष्ठ होता है। ऐसे अनूठे बलिदान पर तो देवता भी पूजा सामग्री चढ़ाते हैं वे भी स्वर्ग में जय-जयकार करते हुए देश पर मर मिटने वाले वीरों का स्वागत करते हैं?

(ख) इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने जयदेव तथा उनके परिवार की त्याग-भावना, नि:स्वार्थ भावना एवं राष्ट्रभावना का उल्लेख किया है। सुमित्रा माँ डी०सी० को कहती है कि यह ठीक है कि दस हज़ार की राशि कम नहीं होती लेकिन उन विधवाओं और मृत अफ़सरों के परिवारों की सहायता अवश्य हो जाएगी क्योंकि इस राशि की हमसे ज़्यादा उन्हें ज़रूरत है।

(ग) इसमें सैनिक की वीरता, साहस, सफलता, हौंसले और राष्ट्रभक्ति की ओर संकेत है। पत्नी द्वारा थकान की बात सुनकर जयदेव कहने लगा कि पुलिस और सेना में थकान की कोई गुंजाइश नहीं होती। एक सैनिक के लिए थकान एक असफलता होती है। इसलिए सेना में स्फूर्ति, साहस और शौर्य का महत्व है।

(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची लिखिए

निराशा सभ्य सूर्य गौरव हित
उत्तर:
निराशा = हताशा, आशाहीनता
सभ्य = सुसंस्कृत, शालीन
सूर्य = दिनकर, दिनेश
गौरव = अभिमान, सम्मान
हित = भलाई, परोपकार।

II. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए

स्वार्थ रात दण्ड टूटना
अनर्थ
हित
आशीर्वाद
आसान
निश्चय
जल्दी
सभ्य
दुर्बल
उत्तर:
स्वार्थ = निःस्वार्थ
रात = दिन
दण्ड = सम्मान
टूटना = जुड़ना
अनर्थ = अर्थ
हित = अहित
आशीर्वाद = तिरस्कार
आसान = मुश्किल
निश्चय = अनिश्चय
जल्दी = देरी
सभ्य = असभ्य
दुर्बल = सबल

III. निम्नलिखित अनेकार्थक शब्दों के दो-दो अर्थ बताइए

सोना …………
मुद्रा ………..
माँग …………..
उत्तर:
सोना = एक धातु, निद्रा (नींद)
मुद्रा = धन, हाव-भाव
माँग = वस्तु की माँग, नारी की माँग।

IV. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए

मुहावरा = अर्थ = वाक्य
(i) वज्रपात होना = अचानक बहुत बड़ा दुःख आ पड़ना = ……………..
(ii) छाती फटना = असहनीय दुःख होना = ……………..
(iii) बाल बाँका न होना = ज़रा-सा भी नुकसान न होना = ……………..
(iv) दिल धक-धक करना = भयभीत होना = ………………
(v) हृदय पर पत्थर रखना = चुपचाप सहन करना = ……………
(vi) हिम्मत टूटना = हताश या निराश होना = ………………
(vii) आँखें पथरा जाना = बहुत इंतज़ार कर थक जाना = ……………….
उत्तर:
(i) वज्रपात होना = अचानक बहुत बड़ा दुःख आ पड़ना
वाक्य-सैनिक के शहीद होने पर उसके परिवार पर वज्रपात हो गया।
(ii) छाती फटना = असहनीय दुःख होना
वाक्य-बेटे की शहादत सुनकर माँ की छाती फट गई।
(iii) बाल बाँका न होना = ज़रा-सा भी नुकसान न होना
वाक्य-वीरता और साहस से जयदेव का बाल बाँका नहीं हुआ।
(iv) दिल धक-धक करना = भयभीत होना
वाक्य-बेटे की खबर सुनकर माँ का दिल धक-धक करने लगा।
(v) हृदय पर पत्थर रखना = चुपचाप सहन करना
वाक्य-नारी आजीवन मुसीबतों को हृदय पर पत्थर रखकर झेलती है।
(vi) हिम्मत टूटना = हताश या निराश होना
वाक्य-सैनिक को सामने देखकर तस्करों की हिम्मत टूट गई।
(vii) आँखें पथरा जाना = बहुत इंतज़ार कर थक जाना
वाक्य-अपने बेटे की प्रतीक्षा करते-करते माँ की आँखें पथरा गईं।

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(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
जयदेव की जगह यदि आप होते तो इनाम में मिलने वाली राशि का आप क्या करते ?
उत्तर:
जयदेव की जगह यदि मैं होता तो इनाम में मिलने वाली राशि का ठीक वही करता जो जयदेव ने किया। जयदेव ने जो त्याग-भावना, राष्ट्रप्रेम और परोपकार की भावना से कार्य किया वह सराहनीय है। हम सब राष्ट्र के नागरिक हैं। इसलिए मानवता और राष्ट्रभक्ति सर्वोपरि है। अतः राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को सदैव राष्ट्रहित में कार्य करने चाहिए। मैं भी सदा जयदेव के समान कार्य करूंगा।

प्रश्न 2.
मातृप्रेम और देशप्रेम में से कौन सा प्रेम आपको अपनी तरफ आकर्षित करता है और क्यों?
उत्तर:
मातृप्रेम और देशप्रेम में से देशप्रेम हमें अपनी तरफ आकर्षित करता है क्योंकि देशप्रेम सर्वोपरि है। हालांकि मातृप्रेम भी श्रेष्ठ है किन्तु मातृप्रेम की भावना तो देशप्रेम की भावना में ही छिपी होती है। जिस मनुष्य के हृदय में देशप्रेम होता है वह मातृप्रेम से कदापि मुख नहीं मोड़ सकता। अतः हमें देशप्रेम को अपने-अपने अंतर्मन में बसाकर देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता के लिए कार्य करने चाहिए। सदा राष्ट्र उन्नति की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।

प्रश्न 3.
एकांकी पढ़ने के बाद क्या आपके मन में भी जयदेव जैसा सरकारी अफसर बनकर देश की सेवा करने का विचार आया? यदि हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर:
हाँ मेरे मन में भी जयदेव जैसा सरकारी अफसर बनकर देश की सेवा करने का विचार आया क्योंकि राष्ट्र की सेवा ही सर्वोपरि है। राष्ट्र है तो हम हैं, राष्ट्र नहीं तो कुछ भी नहीं। मतलब राष्ट्र से हमारी पहचान है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है। यह प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है कि प्रतिक्षण राष्ट्र सेवा के लिए तैयार रहे। देश के गद्दारों को मार भगाने में सदा सहयोग करें।

प्रश्न 4.
यदि आपको वाघा बॉर्डर पर जाने का मौका मिला हो तो अपने रोमांचक अनुभव से अपने सहपाठियों को परिचित कराइए।
उत्तर:
मुझे एक बार वाघा बॉर्डर पर जाने का मौका मिला। वाघा बॉर्डर भारत-पाकिस्तान की सीमा का बॉर्डर है। इसके एक तरफ भारत तो दूसरी तरफ पाकिस्तान है। यहां प्रतिदिन सेनाओं की परेड होती है, जिसका विहंगम दृश्य अनूठा होता है। सेना के अफसर अपनी पूरी वर्दी में सजे होते हैं। वे पंक्तिबध होकर परेड करते हैं। तिरंगे को सलामी देते हैं।

(घ) पाठ्येत्तर सक्रियता

प्रश्न 1.
देश के लिए शहीद होने वाले कुछ शहीदों के विषय में पुस्तकालय या इंटरनेट से जानकारी एकत्र करें।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने शिक्षक की सहायता से शहीदों के विषय में पुस्तकालय या इंटरनेट से जानकारी एकत्र करें। कुछ शहीदों के नाम इस प्रकार हैं-

  1. नेता जी सुभाषचंद्र बोस
  2. शहीद भगत सिंह
  3. चंद्रशेखर आज़ाद
  4. रामप्रसाद बिस्मिल
  5. लाला लाजपत राय
  6. विपिन चंद्र पाल
  7. बाल गंगाधर तिलक।

प्रश्न 2.
इन शहीदों के चित्र एकत्र करें और उन्हें एक चार्ट पर चिपका कर अपनी कक्षा में लगाएं।
उत्तर:
छात्र शिक्षक की सहायता से करें।

प्रश्न 3.
अपने स्कूल के वार्षिक उत्सव में इस एकांकी का मंचन करें।
उत्तर:
छात्र शिक्षक की सहायता से एकांकी का मंचन करें।

(ङ) ज्ञान-विस्तार

1. अमृतसर-यह पंजाब राज्य का अति महत्त्वपूर्ण नगर है। सिक्ख धर्म का सबसे बड़ा गुरुद्वारा ‘हरमंदिर साहिब’ इसी नगर में है। विश्व भर के लोग इस पवित्र स्थल पर अपने भक्ति भावों और श्रद्धा को प्रकट करने आते हैं।

2. स्वर्ण मंदिर-स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब भी कहते हैं जो एक सरोवर के बीचों-बीच बना हुआ है। इसके गुम्बद पर सोना मढ़ा हुआ है और इसी लिए इसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं। प्रतिदिन सभी धर्मों के लोग और हज़ारों पर्यटक यहां आते हैं और अपनी श्रद्धा को प्रकट करते हैं। यह सभी धर्मों को मानने वालों के लिए भी श्रद्धा और विश्वास का परम पवित्र स्थान है।

3. वाघा बॉर्डर-वाघा बॉर्डर भारत और पाकिस्तान की सीमाओं पर बनी एक सैनिक चौकी है। यह भारत के अमृतसर और पाकिस्तान के लाहौर के बीच जी०टी० रोड पर निर्मित है। यह लाहौर से 22 किलोमीटर दूर है और भारत के अमृतसर से सड़क के रास्ते 32 किलोमीटर की दूरी पर है। शाम के समय दोनों देशों की सेना की तरफ से गेट बंद करने के समय भव्य परेड यहां की जाती है। इसे देखने वाले दोनों तरफ से बहुत बड़ी संख्या और जोश में यहाँ एकत्रित होते हैं।

4. जलियाँवाला बाग-जलियांवाला बाग अमृतसर में स्थित है जहाँ देश भर से लोग अपनी श्रद्धा को देशभक्तों के प्रति प्रकट करने के लिए आते हैं। जब हमारा देश अंग्रेज़ों का गुलाम था तब बैशाखी के दिन 13 अप्रैल, सन् 1919 में बैशाखी का पर्व मनाने के लिए आए तीर्थयात्रियों तथा अंग्रेजों के द्वारा कुछ निरपराधों की गिरफ्तारियों का शांतिपूर्ण विरोध करने वालों पर अंधाधुंध गोलियों की बरसात कर दी गई थी। जनरल डायर ने अपने क्रूरता भरे व्यवहार से सैंकड़ों निरीह लोगों की हत्या कर दी थी और हज़ारों लोग घायल हो गए थे। तब से जलियाँवाला बाग को अंग्रेज़ सरकार की क्रूरता और अमानवीयता की साक्षी माना जाता है। यह बाग अब ऐतिहासिकता और देश भक्तों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक बन चुका है।

PSEB 10th Class Hindi Guide देश के दुश्मन Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
देश के दुश्मन कैसी एकांकी है?
उत्तर:
देश के दुश्मन राष्ट्र भावना से ओत-प्रोत एकांकी है।

प्रश्न 2.
इस एकांकी में जयदेव की किस भावना का चित्रण हुआ है।
उत्तर:
इस एकांकी में जयदेव की कर्तव्यपरायणता, वीरता, नि:स्वार्थ भावना, त्याग-भावना एवं राष्ट्र-भावना का चित्रण हुआ है।

प्रश्न 3.
मीना के विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के भाषण का विषय क्या था?
उत्तर:
तस्करी, चोर बाज़ारी और आर्थिक व्यवस्था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 19 देश के दुश्मन

प्रश्न 4.
बलिदान का बदला कौन देता है और किस रूप में?
उत्तर:
बलिदान का बदला भगवान् देता है। वह वरदान के रूप में देता है।

प्रश्न 5.
एकांकी के अनुसार किनका दिल पत्थर होता है?
उत्तर:
एकांकी के अनुसार मर्दो का दिल पत्थर होता है।

प्रश्न 6.
नारी के हृदय में सदा क्या भरा रहता है?
उत्तर:
नारी के हृदय में सदा प्रेम भरा रहता है।

प्रश्न 7.
देश के दुश्मन एकांकी का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
देश के दुश्मन जयनाथ नलिन द्वारा लिखित एक राष्ट्र भावना से ओत-प्रोत एकांकी है। इसमें लेखक ने भारतीय रक्षा सेनाओं की कर्त्तव्यपरायणता, वीरता, त्याग भावना, नि:स्वार्थभावना, बलिदान आदि का चित्रण किया है। इन वीरों के साथ-साथ इनके परिवारजन भी इन्हीं उदात्त भावनाओं से भरे होते हैं। इन्हीं महान लोगों के कारण भारतवर्ष अपने दुश्मनों को धराशायी कर आज गर्व से झूम रहा है। लेखक ने ऐसे ही तेजस्वी, साहसी और निडर देशभक्तों और वीरों का अभिनंदन किया है।

प्रश्न 8.
सुमित्रा का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
सुमित्रा मीना और जयदेव की माँ है। उनकी आयु लगभग 50 वर्ष है। उनके बाल काले तथा सफेद हैं। उनका रंग गेहुआं सांवला है। उनके मुख पर दुःख और निराशा की झलक स्पष्ट झलकती है। उनका शरीर पतला और लंबा है। उनमें त्याग-भावना, राष्ट्र-भावना एवं निःस्वार्थ-भावना के दर्शन होते हैं।

प्रश्न 9.
इस एकांकी में आपको कौन-सा पात्र सबसे अच्छा लगा और क्यों?
अथवा
जयदेव के चरित्र की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर:
इस एकांकी में हमें जयदेव पात्र सबसे अच्छा लगा क्योंकि यह पात्र सभी पात्रों में श्रेष्ठ एवं प्रधान है। संपूर्ण एकांकी इस पात्र पर आधारित है। यह एकांकी का केंद्र बिंदु है। यह बागाह बॉर्डर पर डी०एस०पी० के पद पर नियुक्त है। यह बहुत निडर, साहसी एवं वीर है। यह एक कर्तव्यपरायण सैनिक है। इसमें त्याग भावना, राष्ट्र भक्ति एवं नि:स्वार्थ भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। इसमें परोपकार की भावना का संचार है।

प्रश्न 10.
मीना का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
मीना जयदेव की बहन एवं सुमित्रा की बेटी है। यह अर्थशास्त्र की एम०ए० (भाग-2) की छात्रा है। इसका रंग गोरा और आंखों में प्रतिभा की ज्योति विराजमान है। यह सदा मुस्कराती रहती है। इसके बाल लंबे एवं काले हैं। इसमें वीरता, साहस, निडरता एवं त्याग भावना है। इसमें बलिदान एवं राष्ट्र भावना का संचार है। शायद इसीलिए वह अपने भाई के बलिदान की बात सुनकर गौरवपूर्ण भाव से कहती हैं.

“यह तो हमारे कुल के लिए गौरव की बात है कि हमारे पिता मातृभूमि की रक्षा करते हुए स्वर्गवास हुए। इस बलिदान का बदला भगवान हमें दंड के रूप में नहीं, वरदान के रूप में देगा।”

प्रश्न 11.
नीलम के चरित्र की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर:
नीलम जयदेव की पत्नी तथा मीना की भाभी है। इनकी आयु 23-24 वर्ष है। यह बहुत सुंदर हंसमुख और मधुरभाषी है। इनके मुख पर गुलाबी आभा विराजमान रहती है। इनके नेत्र विशाल हैं। इनमें त्याग एवं निःस्वार्थभावना कूट-कूट कर भरी है। यह साहस एवं निडरता की प्रतिमूर्ति है। राष्ट्रभक्ति इनकी आत्मा में विराजमान है। अपने पति के शहीद होने की बात सुनकर यह तनिक भी घबरायी नहीं बल्कि निडरता एवं साहस के साथ अपनी माँ का धैर्य बंधाने लगी। “बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता, माँ जी ! ऐसे दिव्य बलिदान पर तो देवता भी अर्घ्य चढ़ाते हैं। वे भी स्वर्ग में जय-जयकार करते हुए देश पर निछावर होने वालों का स्वागत करते हैं।”

प्रश्न 12.
‘देश के दुश्मन’ एकांकी से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
‘देश के दुश्मन’ एकांकी एक प्रेरणाप्रद एवं शिक्षाप्रद एकांकी है। इस एकांकी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि प्रत्येक मनुष्य को अपने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए। जरूरत पड़ने पर हमें अपना बलिदान राष्ट्र सेवा के लिए खुशी-खुशी दे देना चाहिए। जान देकर अपने वतन की आन-बान-शान को बचाना चाहिए। हमें सदा त्याग, निःस्वार्थ भावना, कर्त्तव्यपरायणता से अपना कर्म करना चाहिए। राष्ट्र भक्ति एवं राष्ट्र प्रेम को अपने अन्तर्मन में वसाकर रखना चाहिए।

एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मीना की यूनिवर्सिटी में किस विषय पर भाषण होना था?
उत्तर:
मीना की यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर का ‘तस्करी, चोर बाज़ारी और आर्थिक व्यवस्था’ पर भाषण होना था।

प्रश्न 2.
मीना के पिता जी ने कहां बलिदान दिया था?
उत्तर:
मीना के पिता जी ने चीनियों से भारत की सीमा की रक्षा करते हुए बलिदान दिया था।

प्रश्न 3.
जयदेव ने कितने दिनों की छुट्टी पर आना था?
उत्तर:
जयदेव ने पन्द्रह दिनों की छुट्टी पर आना था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 19 देश के दुश्मन

प्रश्न 4.
जयदेव का बचपन का दोस्त और क्लासमेट कौन है?
उत्तर:
डी० सी० जयदेव का बचपन का दोस्त तथा क्लासमेट है।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
जयदेव को कितने हज़ार रुपए का पुरस्कार घोषित किया गया?
(क) पाँच
(ख) दस
(ग) पंद्रह
(घ) बीस।
उत्तर:
(ख) दस

प्रश्न 2.
मुठभेड़ में कितने तस्कर मारे गए थे?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
(ग) तीन

प्रश्न 3.
जयदेव बाघा बार्डर पर किस पद पर नियुक्त था?
(क) एस०पी०
(ख) डी०एस०पी०
(ग) एस०एस०पी०
(घ) एस०ओ०।
उत्तर:
(ख) डी०एस०पी०

एक शब्द/हाँ-नहीं/सही-गलत/रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न

प्रश्न 1.
जयदेव ने किनसे मोर्चा लिया था? (एक शब्द में उत्तर दें)
उत्तर:
तस्करों से

प्रश्न 2.
नीलम सुमित्रा की बेटी है। (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 3.
बाघा बार्डर पर दो सरकारी अफसर मारे गए। (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
हाँ

प्रश्न 4.
वाह री मेरी वीरांगना बहन ! (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 5.
कैसे भयंकर निडर राक्षस हैं। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
सही

प्रश्न 6.
पीरियड न लेना तो ……… के ……….. की शान है।
उत्तर:
यूनिवर्सिटी, प्रोफेसरो

प्रश्न 7.
ऐसी क्या …….. आ गई कि ………. तक नहीं।
उत्तर:
आफ़त, नाश्ता

प्रश्न 8.
उसने …………. से किस ……….. और चतुराई से मोर्चा लिया।
उत्तर:
तस्करों, बहादुरी।

देश के दुश्मन कठिन शब्दों के अर्थ

सम्भ्रांत = रईस, धनी, उच्च। प्रोफेसर = आचार्य। शिथिलता = कमज़ोरी। रुआसे = रोने के। चंपई = चंपा के फूल जैसे रंग का, पीला। अनर्थ = बुरा। मुद्रा = हावभाव। वज्रपात = मुसीबत। आतुरता = व्याकुलता। अशुभ = जो शुभ न हो, बहुत बुरा। दिव्य = अलौकिक, अनूठा। व्यर्थ = बेकार। आनन = चेहरा। अर्घ्य = पूजा सामग्री। दुर्बल = कमज़ोर। स्मगलर = तस्कर। सौगंध = कसम। अंधियारी = अंधेरा। आलिंगन = बाहों में भरना, गले मिलना। लबालब = भरा हुआ। पुलिस पिकिट = पुलिस का घेरा। चैलेंज = चेतावनी। कोशिश = प्रयास। डिस्क्वालिफिकेशन = अयोग्यता। आनन = मुख। कुंकुम = सिंदूर। नेत्र = आखें। मस्तक = माथा। पतलून = पैंट। गौरव = सम्मान। हित = भलाई। सतर्क = चौकन्ना। वीरांगना = वीर स्त्री। कुशल क्षेम = राजी खुशी। आलिंगन = गले लगाना।

देश के दुश्मन Summary

देश के दुश्मन लेखक-परिचय

जयनाथ नलिन पंजाब के यशस्वी रचनाकारों में से एक हैं। इनकी साहित्य-साधना से पंजाब का नाम अखिल भारतीय स्तर पर अंकित हुआ है। ये एक बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार हैं। इन्होंने कविता, कहानी, निबंध, एकांकी, समीक्षा आदि अनेक विधाओं पर सफल लेखनी चलाई है। एकांकीकार के रूप में तो ये प्रतिभावान लेखक माने जाते हैं। इनके दर्जनों एकांकी आकाशवाणी से प्रसारित हो चुके हैं। दिल्ली रेडियो स्टेशन से प्रसारित नवाबी सनक एकांकी को तो वर्ष का सर्वोत्कृष्ट ब्रॉडकास्ट माना गया था। इनके प्रमुख एकांकी संग्रह हैं- अवसान, धराशायी, नवाबी सनक, शिखर, हाथी के दाँत। इनके द्वारा रचित चर्चित एकांकी हैं-सोने की हथकड़ी, फटा तिमिर उगी किरण, साईं बाबा का कमाल आदि।

देश के दुश्मन पाठ का सार

‘देश के दुश्मन’ जयनाथ नलिन द्वारा लिखित एक राष्ट्रभक्ति की भावना से ओत-प्रोत एकांकी है। इसमें लेखक ने भारतीय रक्षा-सेनाओं की कर्त्तव्यपरायणता, वीरता, त्याग-भावना, निःस्वार्थभावना बलिदान आदि का चित्रांकन किया है। इन वीरों के साथ-साथ इनके परिवार जन भी इन्हीं उदात्त भावनाओं से भरे होते हैं। इन्हीं महान् लोगों के कारण भारतवर्ष अपने दुश्मनों को धराशायी कर आज गर्व से झूम रहा है? इसके माध्यम से लेखक ने ऐसे ही तेजस्वी वीरों, देशभक्तों एवं नौजवानों का अभिनंदन किया है। यह एकांकी बसंत ऋतु के अंत में सुबह साढ़े आठ बजे प्रारंभ होती है जहां मीना कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रही थी। एकांकी में सुमित्रा, मीना, नीलम, चाचा, जयदेव और उपायुक्त पात्र हैं। जयदेव वाघा बार्डर पर सेना में जवान होने के कारण देश की रक्षा के लिए तैनात है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 19 देश के दुश्मन

एक दिन अचानक माँ सुमित्रा माधोराम के घर रेडियो से यह खबर सुनकर चिंतित हो उठी कि वाघा बार्डर पर तस्करों से मुकाबला करते हुए दो सरकारी अफसर मारे गए। इस खबर से माँ का कलेजा भर आया किंतु एक सैनिक एवं राष्ट्रभक्त परिवार होने के नाते मीना इसे गौरव की बात कही और इसे मातृभूमि के प्रति बलिदान बताकर सांत्वना प्रदान की। जयदेव की पत्नी नीलम ने भी कहा कि बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता। ऐसे दिव्य बलिदान पर तो देवता भी अर्घ्य चढ़ाते हैं कहकर माता जी को धैर्य दिया। माता सुमित्रा भी इसे गर्व एवं गौरव की बात तो मानी किन्तु उसके पति के बलिदान के बाद वह टूट चुकी थी। बस इसी से डर रही थी। इसी कारण अपने बेटे के लिए चिंतित थी। नीलम और मीना अपनी माता जी का ढांढस बंधाने लगी। तभी घर में उनके चाचा जी का प्रवेश हुआ और उन्होंने जयदेव के छुट्टियों पर आने के बारे में पूछा। सुमित्रा अपने बेटे की चिट्ठी के प्रति चिंतित होकर निराश हो रही थी किंतु चाचा जी ने कहा कि वह अभी-अभी खबर सुनकर आया है कि जयदेव का बाल भी बांका नहीं हुआ। दो सरकारी अफसर मारे गए। इतना ही नहीं अखबार में भी जयदेव की बहादुरी की प्रशंसा छपी है। उसने तस्करों से डटकर मुकाला किया।

चार लोगों को मार गिराया तथा उनसे पाँच लाख रुपये का सोना छीन लिया। यह सुनकर सुमित्रा माँ प्रसन्न हो उठी। तभी मीना अपने भैया के साहस एवं शौर्य की कहानी सुनाने लगी कुछ समय उपरांत जयदेव भी घर पहुंच गया। जयदेव को देखकर मीना, नीलम तथा सुमित्रा प्रसन्नचित हो उठीं। सब अपने-अपने तरीके से उसका अभिवादन करने लगे। जयदेव की बहादुरी एवं शौर्य की खबरें चारों तरफ फैल चुकी थीं। उपायुक्त महोदय भी जयदेव के घर उससे मिलने आए। उन्होंने उसे बताया कि उसके सम्मान में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें गवर्नर साहब जयदेव का दस हज़ार का इनाम घोषित करेंगे। इसे सुनकर जयदेव ने उपायुक्त महोदय को कहा कि वे इस राशि को मृत पुलिस अफसरों की विधवाओं को आधा-आधा बांट दिया जाए। जयदेव के इस त्याग और राष्ट्रप्रेम पर उपायुक्त साहब भी गर्व कर चले गए।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 18 सूखी डाली

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Chapter 18 सूखी डाली Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Hindi Chapter 18 सूखी डाली

Hindi Guide for Class 10 PSEB सूखी डाली Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
दादा मूलराज के बड़े पुत्र की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर:
दादा मूलराज के बड़े पुत्र की मृत्यु सन् 1914 के महायुद्ध में सरकार की तरफ से लड़ते हुए हुई।

प्रश्न 2.
‘सूखी डाली’ एकांकी में घर में काम करने वाली नौकरानी का क्या नाम था?
उत्तर:
घर में काम करने वाली नौकरानी का नाम पारो था।

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प्रश्न 3.
बेला का मायका किस शहर में था?
उत्तर:
लाहौर शहर में।

प्रश्न 4.
दादा जी की पोती इंदु ने कहां तक शिक्षा प्राप्त की थी?
उत्तर:
प्राईमरी तक।

प्रश्न 5.
‘सूखी डाली’ एकांकी में दादा जी ने अपने कुटुंब की तुलना किससे की है?
उत्तर:
दादा जी अपने कुटुंब की तुलना बरगद के वृक्ष से की है।

प्रश्न 6.
बेला ने अपने कमरे का फर्नीचर बाहर क्यों निकाल दिया?
उत्तर:
बेला के कमरे का सारा फर्नीचर टूटा-फूटा और पुराना था इसलिए उसने उसे बाहर निकाल दिया था।

प्रश्न 7.
दादा जी पुराने नौकरों के हक में क्यों थे?
उत्तर:
दादा जी पुराने नौकरों को दयानतदार, कर्त्तव्यनिष्ठ, ईमानदार और विश्वसनीय मानते थे इसलिए वे उनके हक में थे।

प्रश्न 8.
बेला ने मिश्रानी को काम से क्यों हटा दिया?
उत्तर:
बेला ने मिश्रानी को काम से इसलिए हटा दिया क्योंकि उसे काम करना नहीं आता था।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार पंक्तियों में दीजिए-

प्रश्न 1.
एकांकी के पहले दृश्य में इंदु बिफरी हुई क्यों दिखाई देती है?
उत्तर:
एकांकी के पहले दृश्य में इंदु बिफरी हुई इसलिए दिखाई देती है क्योंकि वह अकेली. ही घर में सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी है। दूसरा उसके दादा जी उससे बहुत प्यार करते हैं। वह सबकी लाडली बनी हुई है।

प्रश्न 2.
दादा जी कर्मचंद की किस बात से चिंतित हो उठते हैं?
उत्तर:
दादा जी ने कर्मचंद से छोटी बहु के अभिमान और घृणा के कारण परिवार में ईर्ष्या, द्वेष और परस्पर कलह होने की बात सुनी और यह जाना कि छोटी बहु को लेकर छोटी-छोटी बात पर झगड़ा होने लगा था। घर की सुखशांति मिटने लगी थी। छोटी बहु अपनी अलग गृहस्थी बसाना चाहती थी जिससे संयुक्त परिवार टूटने के कगार पर पहुँच चुका था। दादा जी इस बात से चिंतित हो उठते हैं।

प्रश्न 3.
कर्मचंद ने दादा जी को छोटी बहु बेला के विषय में क्या बताया?
उत्तर:
कर्मचंद ने दादा जी को छोटी बहु बेला के विषय में बताया कि उसके मन में बहुत अभिमान है। वह मायके के घराने को ससुराल से ज्यादा ऊँचा समझती है और इस घर को घृणा की दृष्टि से देखती है। शायद इसलिए उसने मलमल के थान और रजाई के अबरे नहीं रखें।

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प्रश्न 4.
परेश ने दादा जी के पास जाकर अपनी पत्नी बेला के संबंध में क्या बताया?
अथवा
‘सुखी डाली’ एकांकी में परेश ने दादा जी के पास जाकर अपनी पत्नी बेला के सम्बन्ध में क्या बताया?
उत्तर:
परेश ने दादा जी के पास जाकर बताया कि उसकी पत्नी बेला का मन इस घर में नहीं लगता था। उसे कोई भी पसंद नहीं करता था। सब उसकी निंदा करते थे और सब उसकी शिकायत करते थे, ताने देते थे। वह ऐसा समझती थी जैसे वह परायों में आ गई थी। वह आज़ादी चाहती है और दूसरों का हस्तक्षेप पसंद नहीं करती। वह अपनी अलग गृहस्थी बसाना चाहती थी जहाँ उस पर कोई रोक-टोक नहीं।

प्रश्न 5.
जब परेश ने दादा जी से कहा कि बेला अपनी गृहस्थी अलग बसाना चाहती है तो दादा जी ने परेश को क्या समझाया?
उत्तर:
दादा जी ने परेश को समझाया कि वे अपने जीते जी पूरे परिवार को एक वट वृक्ष की तरह देखना चाहते थे। वह अपने परिवार को टूटते हुए नहीं देखना चाहते थे। वे परिवार के सभी सदस्यों को समझा देंगे। किसी को बेला का तिरस्कार करने का साहस नहीं रहेगा। वे अवश्य ही ऐसा कोई उपाय ढूँढ़ लेंगे कि वह स्वयं को परायों में घिरा हुआ महसूस नहीं करेगी।

प्रश्न 6.
एकांकी के अंत में बेला रूंधे कंठ से क्या कहती है?
उत्तर:
एकांकी के अंत में बेला रूंधे कंठ से कहती है कि अब दादा जी पेड़ से किसी डाली का टूटकर अलग होना पसन्द नहीं करते तो वे ये भी नहीं चाहेंगे कि वह डाल पेड़ से लगी-लगी सूख कर मुरझा जाए अर्थात् परिवार का एक सदस्य परिवार से अलग होकर कभी खुश नहीं रह सकता।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह या सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
इंदु को बेला की कौन सी बात सबसे अधिक परेशान करती है? क्यों?
उत्तर;
बेला अपने घमंड के कारण मायके को ही सबसे ऊपर देखती है। उसके लिए मायके से ऊपर कुछ भी नहीं है। यही उसके लिए सर्वोपरि है। अपने मायके के सामने वह किसी को कुछ भी नहीं समझती। उसके लिए मूर्ख, गंवार और असभ्य हैं। बेला की यह बात इंदु को सबसे अधिक परेशान करती है क्योंकि यह बात उसके मन में घर कर गई है।

प्रश्न 2.
दादा जी छोटी बहु के अलावा घर के सभी सदस्यों को बुलाकर क्या समझाते हैं?
उत्तर:
दादा जी छोटी बहु के अलावा घर के सभी सदस्यों को बुलाकर समझाते हैं कि मुझे बड़ा दुःख है कि छोटी बहु का मन यहां नहीं लगा। इसमें दोष हमारा है। वह एक बड़े घर की बेटी है और अत्यधिक पढ़ी-लिखी है। वह अपने घर की लाडली है किन्तु यहां वह केवल एक छोटी बहु है उसे सबका आदर करना पड़ता है। हर एक से दबना पड़ता है। यहां उसका व्यक्तित्व दबकर रह गया। कोई भी इंसान योग्यता और बुद्धि से बड़ा होता है उम्र से नहीं। छोटी बहु निश्चय से ही अक्ल में सबसे बड़ी है इसलिए हम सबको उसकी योग्यता का लाभ उठाना चाहिए। उसे सबको आदर देना चाहिए। सब उसका कहना मानें। उससे परामर्श लें। हमें उसे आगे पढ़ने-लिखने का अवसर देना चाहिए। यह कुटुंब एक महान् वृक्ष है। हम सब उसकी डालियां हैं। डालियों से ही पेड़ है और डालियां छोटी हो चाहे बड़ी सब उसकी छाया को बढ़ाती हैं। मैं नहीं चाहता कि कोई डाली इससे टूटकर पृथक् हो जाए।

प्रश्न 3.
एकांकी के अंतिम भाग में घर के सदस्यों के बदले हुए व्यवहार से बेला परेशान क्यों हो जाती है?
उत्तर:
घर के सदस्यों के बदले हुए व्यवहार से भी बेला इसलिए परेशान हो जाती है क्योंकि उसे उनका बदला हुआ व्यवहार कुछ ज़्यादा ही औपचारिक प्रतीत होता है। उसे लगता है कि शायद वे उसके प्रति जान-बूझकर ऐसा करते हैं। जब वह जाती है तो सब खड़ी हो जाती हैं। बड़ी भाभी, मँझली भाभी और माँ जी कोई भी उसके सामने नहीं हँसता और न ही कोई अधिक समय तक बात करता है। उसके जाते ही सब डर से जाते हैं। उसे इतना आदर, सत्कार और आराम अच्छा नहीं लगता।

प्रश्न 4.
मँझली बहू के चरित्र की कौन सी विशेषता इस एकांकी में सबसे अधिक दृष्टिगोचर होती है?
उत्तर:
मँझली बहु के चरित्र की विनोदी स्वभाव की विशेषता इस एकांकी द्वारा सबसे अधिक दृष्टिगोचर होती है। मँझली बहू का स्वभाव विनोदी एवं हास्यभाव से परिपूर्ण है। वह छोटी-छोटी बात पर हंसती-मुस्कराती रहती है। किसी के विचित्र व्यवहार पर हँसना और ठहाके लगाना उसके लिए सामान्य सी बात है। परेश और बेला में किसी बहस पर वह इतना हँसती है कि बेकाबू हो जाती है। उसकी हँसी बेला को और भी खिझा देती है।

प्रश्न 5.
‘सूखी डाली’ एकांकी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
सूखी डाली’ एकांकी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें परिवार के सभी सदस्यों का समान भाव से आदर-सम्मान करते हुए प्रेम एवं श्रद्धापूर्वक मिलजुल कर रहना चाहिए। हमें अपने बुजुर्गों, माता-पिता का आदर करना चाहिए। उनके प्रति श्रद्धाभाव रखना चाहिए तथा उनके द्वारा बताए गए सुझावों को सहर्ष स्वीकार करना चाहिए। अपने को सुशिक्षित एवं सुसंस्कृत मानकर घमंड में चूर नहीं रहना चाहिए अन्यथा घमंड में रहकर आदमी परिवार के साथ रहकर भी पेड़ पर लगी सूखी डाली के समान जड़ बनकर रह जाता है। छोटा-बड़ा कोई उम्र से नहीं बल्कि ज्ञान और बुद्धि से होता है। महानता मनवाने से नहीं बल्कि व्यवहार से होती है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए
(क) यह कुटुंब एक महान वृक्ष है। हम सब इसकी डालियाँ हैं। डालियों से ही पेड़-पेड़ है और डालियाँ छोटी हों चाहे बड़ी, सब उसकी छाया को बढ़ाती हैं। मैं नहीं चाहता, कोई डाली इससे टूटकर पृथक् हो जाए।
(ख) दादा जी, आप पेड़ से किसी डाली का टूटकर अलग होना पसंद नहीं करते, पर क्या आप यह चाहेंगे कि पेड़ से लगी-लगी वह डाल सूख कर मुरझा जाए……।
उत्तर:
(क) दादा जी इंदु को समझाते हुए कहते हैं कि संयुक्त परिवार एक महान् वृक्ष के समान है। हम सब परिवार के सदस्य इसकी शाखाएं हैं और इन शाखाओं से ही वृक्ष की शोभा होती है। वृक्ष की प्रत्येक शाखा का अपना महत्त्व होता है। शाखा छोटी हो या बड़ी सबका परस्पर संयोग उसकी छाया को बढ़ाता है। उसको सौंदर्य प्रदान करता है।

भाव यह है कि परिवार में सब मनुष्य समान होते हैं। प्रत्येक मनुष्य परिवार के लिए महत्त्वपूर्ण होता है। हर सदस्य परिवार की शोभा होता है। सबको मिलजुल कर रहने से ही परिवार की सुख-समृद्धि संभव है। छोटा हो या बड़ा सबकी अपनी-अपनी भागीदारी होती है। इसलिए दादा जी इंदु को समझाते हैं वह नहीं चाहता कि परिवार का कोई सदस्य परिवार से अलग रहे।

(ख) इस गद्यांश का भाव है कि परिवार जनों के व्यवहार ने छोटी बहू का अंतर्मन झकझोर दिया। उसे दादा जी तथा परिवार के महत्त्व का बोध हो गया इसलिए वह सबके प्रति सहयोगी बनकर रहना चाहती है। वह दुःखी होकर दादा जी से आग्रह करती है कि आप परिवार से किसी का अलग होकर रहना पसंद नहीं करते किन्तु क्या आप चाहेंगे कि परिवार के साथ रहकर ही कोई सदस्य जड़ बन जाए।

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(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए

प्रतिष्ठा – ————-
आकाश – —————-
वृक्ष – —————-
प्रसन्न – —————
परामर्श – —————
अवसर – —————
आदेश – ————–
आलोचना – —————-
उत्तर:
प्रतिष्ठा = शान, आन, सम्मान
आकाश = नभ, असीम, शून्य
वृक्ष = विटप, पेड़, तरु
प्रसन्न = खुश, सुखी, संतुष्ट
परामर्श = राय, विचार, सलाह
अवसर = समय, मौका, सुयोग
आदेश = आज्ञा, हुक्म, हिदायत
आलोचना = निंदा, देखना, परखना।

II. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए

आकाश = ————
आज़ादी = ————–
पसन्द = ————–
शान्ति = ————–
आदर = ————-
प्रसन्न = ————-
झूठ = ————-
निश्चय = ————-
मूर्ख = ————-
इच्छा = ————-
घृणा = ————
विश्वसनीय
उत्तर:
आकाश = पाताल
आज़ादी = गुलामी
पसंद = नापसंद
शांति = अशांति
आदर = अनादर
प्रसन्न = अप्रसन्न
झूठ = सच
निश्चय = अनिश्चय
मूर्ख = समझदार
इच्छा = अनिच्छा
घृणा = प्रेम
विश्वसनीय = अविश्वसनीय।

III. निम्नलिखित समरूपी भिन्नार्थक शब्दों के अर्थ बताते हुए वाक्य बनाइए

सूखी, सुखी सास, साँस कुल, कूल और, ओर
उत्तर:
सूखी = सूखी हुई, मुरझायी हुई-वर्षा न होने के कारण फ़सल सूखी पड़ी है।
सुखी = प्रसन्न, खुश-हर व्यक्ति अपने घर सुखी रहे।
सास = पति या पत्नी की माँ-महेश की सास तेज़ स्वभाव की प्रतीत होती है।
साँस = साँसें-दौड़ते-दौड़ते मेरी साँस ही फूल गई थी।
कुल = जोड़-इन सभी संख्याओं का कुल योग क्या है?
कूल = किनारा-हम सब यमुना के कूल पर देर तक बैठे रहे।
और = तथा-मोहन और राकेश आये थे।
ओर = की तरफ-गेंद मेरी ओर फैंक दो।

IV. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए

मुहावरा – अर्थ
1. काम आना = मारा जाना
2. नाक-भौं चढ़ाना = घृणा या असंतोष प्रकट करना
3. पारा चढ़ना = क्रोधित होना
4. भीगी-बिल्ली बनना = सहम जाना
5. मरहम लगाना = सांत्वना देना
6. ठहाका मारना = ज़ोर से हँसना
7. खलल पड़ना = किसी काम में बाधा आना
8. कमर कसना = किसी काम के लिए निश्चयपूर्वक तैयार होना
उत्तर:
1. काम आना (मारा जाना) वाक्य-हमारे देश के अनेक सैनिक सन् 1962 के चीन के आक्रमण में काम आए थे।
2. नाक-भौं चढ़ाना (घृणा या असंतोष प्रकट करना) वाक्य-सुरेश तो रमेश की बातें सुनकर नाक-भौं चढ़ाने लगा था।
3. पारा चढ़ना (क्रोधित होना) वाक्य-रावण को देखकर हनुमान जी का पारा चढ़ने लगा था।
4. भीगी-बिल्ली बनना (सहम जाना) वाक्य-चोर पुलिस को देखकर भीगी-बिल्ली बन गया।
5. मरहम लगाना (सांत्वना देना) वाक्य-शहीद के घर जाकर सभी लोगों ने परिवार को मरहम लगाया।
6. ठहाका मारना (ज़ोर से हँसना) वाक्य-जोकर को देखकर बच्चे ठहाके मारने लगे थे।
7. खलल पड़ना (किसी काम में बाधा आना) वाक्य-लक्ष्य के आते ही वैदेही के काम में खलल पड़ गया।
8. कमर कसना (किसी काम के लिए निश्चयपूर्वक तैयार होना) वाक्य-मार्च आते ही विद्यार्थियों ने परीक्षा के लिए कमर कस ली।

(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
कल्पना कीजिए कि आप बेला हैं और दादा जी आपसे आपकी परेशानी का कारण जानना चाहते हैं। आप क्या उत्तर देंगी?
उत्तर:
मैं दादा जी को उत्तर देती कि परिवार के सदस्यों के साथ वह सामंजस्य बिठाने में न जाने क्यों असफल रही। वह सबके साथ मिल-जुलकर रहना चाहती है किन्तु फिर भी परिस्थितियाँ उसके अनुकूल नहीं बन पाती। ऐसी अवस्था में वह क्या करे? किस प्रकार सभी लोगों से तालमेल बिठाए? सबको कैसे खुश रखे?

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 18 सूखी डाली

प्रश्न 2.
आज भारत में संयुक्त परिवार विघटित हो रहे हैं ? बताइए कि इसके क्या कारण हैं?
उत्तर:
इसमें निम्नलिखित कारण हैं-

  1. आज भारत में भौतिकतावादी संस्कृति का बोलबाला है।
  2. स्वार्थभावना सर्वोपरि समझी जा रही है।
  3. परस्पर ईर्ष्या, द्वेष की भावना बढ़ रही है।
  4. परिवार के लोगों में लालच और घृणा बढ़ता जा रहा है।
  5. प्रेमभाव, सद्भाव, सहयोग, आदर-सम्मान एवं श्रद्धाभाव कम हो रहे हैं।
  6. पश्चिमीकरण का दुष्प्रभाव बढ़ता जा रहा है।

प्रश्न 3.
नौकरी की तलाश में आज घर के सदस्यों को देश के दूर-दराज के इलाकों में ही नहीं, विदेशों में भी जाना पड़ता है, ऐसे में दादा जी की वटवृक्ष वाली कल्पना कहाँ तक प्रासंगिक है?
उत्तर:
वर्तमान युग वैश्वीकरण, औद्योगीकरण का युग है। वैश्वीकरण एवं भूमंडलीकरण के इस युग में कोई भी मनुष्य विश्व के किसी भी कोने में जाकर मेहनत से कमा सकता है। ऐसे में उस सदस्य को अपने परिवार से अलग रहना पड़ता है। ऐसे में दादा जी को वटवृक्ष वाली कल्पना अप्रासंगिक सी जान पड़ती है क्योंकि मनुष्य को अपनी आजीविका कमाने हेतु अपने बच्चों के साथ देश के किसी भी कोने तथा देश से बाहर जाकर रहना पड़ सकता है किन्तु इससे यह बात महत्त्वपूर्ण है कि भले ही वह मनुष्य शारीरिक रूप से परिवार के साथ वटवृक्ष की शाखाओं से जुड़कर न रह सके किंतु वह अंतर्मन से तो अपने परिवार के साथ जुड़ा रहता है। वह दूर रहकर भी परिवार के प्रति अपने उत्तरदायित्वों का पूर्ण निर्वाह कर सकता है।

प्रश्न 4.
‘घर में नई बहू के आने पर घर के माहौल में घुल-मिल जाना जहाँ उसकी ज़िम्मेदारी है, वहीं परिवार के शेष सदस्यों की भी ज़िम्मेदारी है कि वे भी उसकी आशाओं-अपेक्षाओं के अनुसार खुद को बदलें’….. क्या आप इस कथन से सहमत हैं? क्यों?
उत्तर:
हाँ; मैं इस कथन से पूर्ण रूप से सहमत हूँ क्योंकि जब घर में नई बहू का आगमन होता है तो वहाँ का वातावरण और वहाँ के सदस्य उसके लिए बिल्कुल अनजान होते हैं। वह परिवार के किसी भी सदस्य को आचारव्यवहार से बिल्कुल अनजान होती है। नए घर में आने पर उसकी बहुत सी आशाएं और अपेक्षाएं होती हैं जिन्हें वह नए परिवार जनों के साथ सौहार्दपूर्ण एवं प्रेमपूर्वक पूर्ण करना चाहती है। घर के अन्य सदस्यों के अलावा वही अकेली नई होती है इसलिए घर के सभी सदस्यों को उसकी भावनाओं, आशाओं का ध्यान रखना चाहिए। यह परिवार के शेष सदस्यों की अहम ज़िम्मेदारी है। किंतु इसके साथ नई बहू को भी नए वातावरण के अनुसार खुद को बदलना चाहिए। पिछली बातों को भूलकर नए माहौल में घुल-मिल जाना चाहिए।

प्रश्न 5.
यदि आपके घर में कोई सदस्य या कोई आपका मित्र/रिश्तेदार धूम्रपान जैसी लत का शिकार है तो आप उसकी यह लत छुड़वाने में कैसे मदद करेंगे?
उत्तर:
मैं उसे धूम्रपान से होने वाली हानियाँ के बारे में बताऊँगा। उसे किसी अस्पताल में फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित रोगी से मिलवाऊँगा ताकि उसे देखकर धूम्रपान के द्वारा होने वाली क्षति को समझ सके।

प्रश्न 6.
जब दादा जी ने घर के सदस्यों को बुलाया तो घर के बालक तथा युवक तख्त और चारपाइयों पर बैठते हैं जबकि स्त्रियाँ बरामदे के फर्श पर मोढ़े और चटाइयों पर बैठती हैं-क्या आपको इस तरह की व्यवस्था उचित लगी और क्या आज भी आप स्त्रियों के साथ आप इस तरह का भेदभाव देखते हैं? इसकी कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से आप इस विषय पर चर्चा कीजिए।

प्रश्न 7.
दादा जी में अनेक चारित्रिक गुण हैं किंतु हुक्का गुड़गुड़ाते रहना तथा छोटी बहू से अपनी पोती के लिए दहेज की अपेक्षा करना उनके चरित्र की कमियाँ हैं-इस संबंध में अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:
निश्चित रूप से ये दोनों बातें दादा जी के चरित्र को कलुषित करती हैं। हुक्का गुड़गुड़ाते रहना केवल दादा जी के स्वास्थ्य के लिए ही हानिकारक नहीं है बल्कि पूरे परिवार के लिए हानिकारक है। इससे उत्पन्न धुआं सारे घर के लोगों को कैंसर का शिकार बनाता है। कैंसर ऐसा भयानक रोग है जो किसी भी परिवार को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक दृष्टि से तोड़ कर रख देता है। छोटी बहू से अपनी पोती के दहेज की अपेक्षा करना अत्यंत बुरी बात है। दहेज प्रथा समाज के लिए कलंक है। इसे समाप्त करना ही चाहिए और किसी भी तरह प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए।

(घ) पाठ्येत्तर सक्रियता

प्रश्न 1.
‘सूखी डाली’ एकांकी को अपने स्कूल के मंच पर खेलिए।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने शिक्षक के सहयोग से इस एकांकी का मंच पर मंचन करें।

प्रश्न 2.
अपने पुस्तकालय से उपेंद्रनाथ अश्क के अन्य एकांकियों को लेकर पढ़िए।
उत्तर:
विद्यार्थी पुस्तकालय से उपेंद्रनाथ अश्क की अन्य एकांकियों जैसे-“देवताओं की छाया में पर्दा उठाओ, पर्दा गिराओ, पक्का गाना, चरवाहे” आदि को लेकर पढ़ें।

प्रश्न 3.
वट वृक्ष के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र कीजिए।
उत्तर:
वट वृक्ष जिसे बरगद का वृक्ष नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐतिहासिक वृक्ष है। भारतीय संस्कृति में वट वृक्ष का नाम बड़े आदर एवं सम्मान से लिया जाता है। हमारी संस्कृति में इसको पूजनीय एवं श्रद्धेय माना जाता है। इसकी पूजा की जाती है। प्राचीन संस्कृति में वट वृक्ष को परिवार के मुखिया की तरह पूजा जाता था। यह एक औषधीय वृक्ष है।

प्रश्न 4.
वट वृक्ष की भिन्न-भिन्न विशेषताओं को बताने वाले चित्र एकत्र कीजिए और उन्हें एक चार्ट पर चिपका कर अपनी कक्षा में लगाएं।
उत्तर:
विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 5.
लाहौर शहर के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र कीजिए।
उत्तर:
आप अपने अध्यापक/अध्यापिका या इंटरनेट की सहायता से लाहौर की जानकारी प्राप्त कीजिए।

प्रश्न 6.
बच्चे, बूढ़े और जवान बात सुनो खोलकर कान धूम्रपान है मौत का सामान है तुम्हें क्या इसका ज्ञान-इस विषय पर स्कूल की प्रार्थना सभा में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से कीजिए।

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प्रश्न 7.
दहेज एक सामाजिक कलंक है। यह प्रथा अनैतिक, अवांछनीय एवं अविवेकपूर्ण है-इस विषय पर स्कूल में निबंध/कविता अथवा चित्रकला आदि गतिविधियों का आयोजन करके उसमें सक्रिय रूप से भाग लें।
उत्तर:
इस स्वयं करें।

(ङ) ज्ञान-विस्तार

1. वटवृक्ष- भारत के राष्ट्रीय वृक्ष को ‘बरगद’ का पेड़ भी कहा जाता है। अंग्रेज़ी में यह ‘बनियन ट्री’ और वैज्ञानिक भाषा में ‘फाइकस वेनगैलेसिस’ नाम से प्रसिद्ध है। यह हिंदुओं का परम-पवित्र एवं पूजनीय वृक्ष है।

2. 1914 महायुद्ध-विश्व के अनेक देशों का प्रथम महायुद्ध सन् 1914 से लेकर 1919 तक चलता रहा था। यह एशिया, अफ्रीका और यूरोप में जल, थल और आकाश में पाँच वर्ष तक लड़ा जाता रहा था। अनेक देशों के द्वारा एक साथ लड़े जाने के कारण वे इसे महायुद्ध या विश्व युद्ध का नाम दिया गया है। इसमें विश्व भर की अपार क्षति हुई थी।

3. लाहौर-पाकिस्तान के इस नगर को उस देश का ‘दिल’ भी कहते हैं। यह पाकिस्तान के इतिहास, संस्कृति और शिक्षा को बहुत बड़ी देन है। यह वहां के पंजाब की राजधानी भी है।

4. ग्रेजुएट-जो व्यक्ति स्नातक डिग्री को प्राप्त कर चुका हो इसे ‘ग्रेजुएट’ कहते हैं। यह विश्वविद्यालय की पहली उपाधि होती है जो कला, विज्ञान, कॉमर्स आदि विषयों में होती है। पुराने ज़माने में विद्यार्थियों की शिक्षा गुरुकुलों में पूरी होती थी और तब पूरी शिक्षा प्राप्त कर लेने वाले विद्यार्थियों को पवित्र जल से स्नान करवा कर सम्मानित किया जाता था इसीलिए उन्हें ‘स्नातक’ कहते थे।

हुक्का गुड़गुडाना : हुक्का तंबाकू के प्रयोग का ही एक तरीका है, जिसका अपार प्रयोग अति हानिकारक होता है। यह शरीर के अधिकतर हिस्सों को अपार हानि पहुंचाता है। जिन लोगों की उपस्थिति में कोई व्यक्ति तंबाकू का उपयोग करता है वे सब भी हवा के माध्यम से इसके विष से प्रभावित होते हैं। भारत सरकार ने सार्वजनिक रूप से इसके प्रयोग को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके सेवन से कैंसर हो जाता है। फेफड़े, मुँह, गले आदि के कैंसर का यह मुख्य कारण है। यह हृदय को तरह-तरह की बीमारियां प्रदान करता है। इसका उपयोग कदापि नहीं करना चाहिए। यह लत डालने वाला होता है।

PSEB 10th Class Hindi Guide सूखी डाली Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
‘सूखी डाली’ एकांकी में कैसे परिवार की कहानी का वर्णन है?
उत्तर:
‘सूखी डाली’ एकांकी में एक संयुक्त परिवार की कहानी का वर्णन है।

प्रश्न 2.
संयुक्त परिवार में कैसी बहू का आगमन हुआ?
उत्तर:
संयुक्त परिवार में एक सुशिक्षित, सुसंस्कृत, नवीन विचारों वाली बहू का आगमन हुआ।

प्रश्न 3.
इस एकांकी में संयुक्त परिवार को टूटने से कौन बचाता है?
उत्तर:
इस एकांकी में संयुक्त परिवार को टूटने से दादा जी बचाते हैं।

प्रश्न 4.
दादा जी ने परिवार की क्या संज्ञा दी है?
उत्तर:
दादा जी ने परिवार को एक वट वृक्ष की संज्ञा दी है। परिवार एक वट वृक्ष के समान है और परिवार के सभी सदस्य उसकी शाखाओं के समान हैं।

प्रश्न 5.
दादा जी परिवार के लोगों को क्या संदेश देते हैं?
उत्तर:
दादा जी परिवार के लोगों को परस्पर प्रेमभाव, सद्भाव एवं श्रद्धापूर्वक मिल-जुलकर रहने का संदेश देते हैं।

प्रश्न 6.
किसको सभ्य समाज में अत्यंत निंदनीय माना जाता है?
उत्तर:
तानाशाही को सभ्य समाज में अत्यंत निंदनीय माना जाता है।

प्रश्न 7.
‘सूखी डाली’ एकांकी का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘सूखी डाली’ उपेंद्रनाथ अश्क द्वारा रचित एक पारिवारिक एकांकी है। इसमें लेखक ने संयुक्त परिवार के आंतरिक सत्य की एक प्रामाणिक झांकी प्रस्तुत की है। दादा जी अपने परिवार रूपी वट वृक्ष की जड़ के समान है जो आखिरी तक अपने परिवार को टूटने एवं बिखरने से बचाते हैं। वे नई बहू के आने से सभी लोगों को सद्भाव से जोड़कर संयुक्त परिवार रूपी वट वृक्ष को सहारा देते हैं।

प्रश्न 8.
‘सूखी डाली’ एकांकी के आधार पर बेला का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
‘सूखी डाली’ एकांकी में बेला का महत्त्वपूर्ण स्थान है। वह एक शिक्षित युवती थी। उसने बी० ए० तक शिक्षा प्राप्त की थी। वह एक प्रतिष्ठित कुल की कन्या थी। बेला दादा के संयुक्त परिवार में सबसे छोटी बहू थी। उस पर आधुनिकता का प्रभाव था। वह गर्व की भावना से युक्त थी। यही कारण था कि वह नये संयुक्त परिवार में अपने को अजनबी समझती थी। वह घर में सब कुछ नया चाहती थी। उसे घर की नौकरानी का काम पसंद नहीं थे। उसने उसे काम से हटा दिया था।

इंदु और मंझली बहू का व्यवहार उसे अधिक खिझा देता था। इससे बेला अंत: संघर्ष से पीड़ित हो गई थी। जब दादा को पता लगा कि बेला घर में अपने-आप को एक विचित्र स्थिति में महसूस कर रही थी तो उन्होंने उसे ठीक रास्ते पर लाने की युक्ति निकाल ली थी। अंत में दादा की युक्ति बेला के चरित्र में परिवर्तन ला दिया था। बेला भी अनुभव करती थी कि संयुक्त परिवार में रहने का अपना ही आनंद था। उसे जब घर में आदर के साथ स्नेह का भी भाव मिल गया तो वह घर के लोगों के साथ घुल-मिल गई थी।

प्रश्न 9.
‘सूखी डाली’ के आधार पर मंझली बहू का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर:
मंझली बहू स्वभाव से विनोदी थी। किसी के विचित्र व्यवहार पर हँस पड़ना उसके लिए सामान्य-सी बात थी। परेश और बेला में किसी बहस पर वह इतना हँसती थी कि बेकाबू हो जाती थी। उसकी हँसी बेला को और भी खिझा देती थी। उसकी इस दुर्बलता को दादा जी भी समझते थे। तभी तो वे उसे लक्ष्य कर कहा था-“मंझली बहू तुम अपनी हँसी उन लोगों तक ही सीमित रखो बेटा, जो उसे सहन कर सकते हैं। बाहर के लोगों पर घर में बैठ कर हँसा जा सकता है किन्तु घर के लोगों को तब तक हँसी का निशाना बनाना ठीक नहीं, जब तक कि वे पूर्णतया घर का अंग न बन जाएं।”

दादा की प्रेरणा से मंझली बहू में परिवर्तन आ गया था। बेला के प्रति उसके व्यवहार में परिवर्तन आ गया था। इतना ही नहीं, उसमें मनोवैज्ञानिक सूझ-बूझ आ गई थी। यथा, “क्यों, बेटी अब रंजवा कुछ काम सीख गई या नहीं? …..बुढ़िया है तो सयानी।” वह आगे बेला को लक्ष्य कर कहती है-“मैंने एक अनुभवी नौकरानी खोज लाने के लिए कह दिया है जो नये फैशन के बड़े घरों में काम कर चुकी हो, वास्तव में बहू, दादा जी पुराने नौकरों के हक में हैंदयानतदार होते हैं और विश्वसनीय। हमारे पास पीढ़ी-दर-पीढ़ी काम करते आ रहे हैं।”

इस प्रकार मंझली बहू का चरित्र एकांकी में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। लेखक ने उसके माध्यम से स्त्री-सुलभ गुण-दोषों पर प्रकाश डाला है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 18 सूखी डाली

प्रश्न 10.
‘सूखी डाली’ उद्देश्य प्रधान एकांकी है। इस कथन पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
‘सूखी डाली’ शीर्षक एकांकी अश्क जी की एक सोद्देश्य रचना है। इस एकांकी का मूल उद्देश्य संयुक्त परिवार प्रणाली का समर्थन करना है। आज का शिक्षित युवक अपने अहं की तुष्टि के लिए अपनी खिचड़ी अलग पकाना चाहता है। वह नहीं जानता कि मिल-जुल कर रहने का अपना आनंद है। इससे परिवार का गौरव और उसकी शक्ति बढ़ती है। एकता में बल है। लेखक ने वट वृक्ष के प्रतीक के माध्यम से बताया है कि दादा मूलराज जो परिवार के वरिष्ठ सदस्य हैं, उनकी स्थिति वट वृक्ष के समान है तथा अन्य सदस्य बेटे, बहुएं, पोते, पोतियां आदि उस वृक्ष की शाखाएं और पत्ते हैं। जिस प्रकार वृक्ष की शोभा उसकी शाखाओं और उसके पत्तों से है, उसी प्रकार परिवार की शोभा आपस में मिल-जुल कर रहने में है। जिस प्रकार वट वृक्ष अपने सशक्त तने और शाखाओं के बल पर आंधी-तूफ़ान का सामना करने में सक्षम बना रहता है, उसी प्रकार संयुक्त परिवार भी हर प्रकार के पारिवारिक संकट का सामना करने में समर्थ होता है।

प्रश्न 11.
‘सूखी डाली’ एक प्रतीकात्मक एकांकी है। इस दृष्टि से इसकी कथावस्तु की समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
सूखी डाली’ एकांकी के रचयिता श्री उपेंद्रनाथ अश्क हैं। यह उनका एक प्रतीकात्मक एकांकी है जिसमें संयुक्त परिवार प्रणाली का समर्थन किया गया है। मूलराज अपने सारे परिवार को एक इकाई बनाये हुए हैं। वे एक महान् वट के समान हैं । वे उस वट की तरह हैं जिसकी लंबी-लंबी शाखाएं सारे आंगन को छाया प्रदान करती हैं। दादा मूलराज 72 वर्ष के हैं। उनकी सफेद दाढ़ी वट की लंबी-लंबी शाखाओं की भांति उनकी नाभि को छूती हुई मानो धरती को छूने का प्रण किए हुए हैं। उनका बड़ा लड़का सन् 1914 के महायुद्ध में सरकार की ओर से लड़ते-लड़ते काम आया था। उसके बलिदान के बदले में सरकार ने दादा को एक मुरब्बा ज़मीन प्रदान की थी। दादा ने अपनी मेहनत और अपने साहस के बल पर एक के दस मुरब्बे बनाये।

उनके दो बेटे तथा पोते सारे काम-काज की देखभाल करते हैं। सबसे छोटा पोता नायब तहसीलदार हो गया है। उसका विवाह लाहौर की एक सुशिक्षित युवती से हुआ है। घर में शिक्षित युवती के आगमन में एक संक-सा पैदा हो गया है। दादा की तीनों बहुएं घर में बड़ी भाभी, मंझली भाभी तथा छोटी भाभी के नाम से पुकारी जाती हैं। वे तीनों सीधी-सादी महिलाएं हैं। इन सब में उनकी (दादा की) पोती इंदु प्राइमरी तक पढ़ी है। वह स्वभाव से नटखट है। दादा भी उससे बड़ा प्यार करते हैं। पढ़ी-लिखी बहु बेला के आने से इस परिवार की शांति भंग होने लगती है।

अंत में ऐसी स्थिति आती है कि परेश तथा उसकी पत्नी बेला घर से अलग होने का निर्णय कर लेते हैं। दादा यह सहन नहीं कर सकते। वे नहीं चाहते कि घर के संयुक्त परिवार का कोई सदस्य-अलग हो। वे बड़ी युक्ति से इस टूटते हुए परिवार को बचा लेते हैं। उनका कथन है-“बेटा यह कुटुंब एक महान् वृक्ष है। हम सब इसकी डालियां हैं। डालियों ही से पेड़, पेड़ है…..और डालियां छोटी हों चाहे बड़ी सब उसकी छाया को बढ़ाती हैं। मैं नहीं चाहता कोई डाली इससे टूटकर पृथक् हो जाए।”

प्रश्न 12.
‘अश्क’ ने अपने नाटकों में किन समस्याओं को लिया है?
उत्तर:
अश्क’ ने अपने नाटकों में मुख्य रूप से सामाजिक तथा पारिवारिक समस्याओं का चित्रण किया है। इनमें से प्रमुख पारिवारिक विघटन, संयुक्त परिवार, भ्रष्टाचार, खानपान, रहन-सहन, पश्चिम का अंधानुकरण, भौतिकतावाद, दिखावा, कथनी और करनी में अंतर की समस्याएं हैं। इनके चित्रण द्वारा लेखक ने मानव को अपनी कमजोरियों को जानकर उन्हें त्यागने का संकेत दिया है।

प्रश्न 13.
आशय स्पष्ट करें-
(क) मीठी वे कब कहती हैं जो आज कड़वी कहेंगी।
(ख) कचहरी में होंगे तहसीलदार, घर में तो अभियुक्तों से भी गए बीते हो जाते हैं।
(ग) हल्की-सी खरोंच भी, यदि उस पर तत्काल दवाई न लगा दी जाए, बढ़कर एक बड़ा घाव बन जाती
उत्तर:
(क) प्रस्तुत कथन इंदु का है। छोटी भाभी इंदु से रजवा के रोने का कारण पूछती है और कहती है कि क्या छोटी बहू ने इसे कोई कड़वी बात कह दी है। इंदु छोटी भाभी के घर के सदस्यों के प्रति व्यवहार से असंतुष्ट है। झट से अपनी प्रतिक्रिया प्रकट करती हुई कहती है कि छोटी भाभी (बेला) मीठी कब बोलती है जो आज कड़वा बोलेगी अर्थात् वे कभी मीठा तो बोलती ही नहीं। जब भी बोलती है, कड़वा ही बोलती है।

(ख) बेला पढ़ी-लिखी बहू है। इसलिए उसे घर के पुराने रीति-रिवाज पसंद नहीं। परिणामस्वरूप वह प्रायः खीझी रहती है। उसके इस व्यवहार को लेकर छोटी भाभी इंदु से कहती है कि क्या परेश (बेला का पति) उसे समझाता नहीं। यह सुनकर इंदु कहती है कि वहां परेश की कौन-सी सुनवाई होती है तभी मंझली भाभी हस्तक्षेप करती हुई कहती है कि परेश कचहरी में तहसीलदार होगा। घर में तो वह अपराधियों से भी गया-बीता है। यहां मंझली बहू के कथन में व्यंग्य का भाव है।

(ग) दादा मूलराज को जब पता चलता है कि घर में बेला (नयी बहू) को लेकर सदस्यों में मनमुटाव चल रहा है तो वे अपने बेटे कर्मचंद से कहते हैं कि यह बात पहले उन्हें क्यों नहीं बताई गई। यदि उन्हें पता होता तो वे इस समस्या का समाधान करते। उनका कथन है कि हल्की-सी खरोंच का भी तत्काल इलाज न किया जाए तो वह बढ़ कर घाव बन जाती है। घाव का उपचार करना कठिन होता है। भाव है कि घर में कोई ऐसी बात तूल न पकड़े, जो संयुक्त परिवारप्रणाली में बाधक बन जाए।

प्रश्न 14.
इस एकांकी का कौन-सा पात्र आपको सबसे अच्छा लगता है? उस चरित्र की तीन विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:
दादा मूलराज ‘सूखी डाली’ के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पात्र हैं। वे एकांकी की कथावस्तु के केंद्र बिंदु हैं। उन्हीं के माध्यम से एकांकी का उद्देश्य उभर कर सामने आया है। उनका चरित्रांकन निम्नलिखित शीर्षकों के अंतर्गत किया जा सकता है

अनुभवी व्यक्ति-दादा बहत्तर वर्ष के एक वृद्ध व्यक्ति हैं। इस आयु में अधिकांश वृद्ध चिड़चिड़े स्वभाव के तथा क्रोधी बन जाते हैं पर दादा इस तथ्य का अपवाद हैं। वे स्वभाव से सौम्य हैं। उन्हें संसार का गहरा अनुभव प्राप्त है। घर में उनकी स्थिति एक वट वृक्ष के समान है जो घर के सभी सदस्यों को छाया प्रदान करती है।

भावुक, सहृदय एवं संयुक्त परिवार-प्रणाली के समर्थक-दादा जी एक भावुक तथा सहृदय व्यक्ति हैं। वे घर के सभी सदस्यों से प्रेम करते हैं। बच्चों के प्रति उनका विशेष स्नेह है। वे यह सहन नहीं कर सकते कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य अलग हो। जब उनका बेटा कर्मचंद उन्हें बताता है कि परेश शायद अलग होना चाहता है तो वे चिंता में डूब जाते हैं। वे कहते हैं- “मुझे किसी ने बताया तक नहीं। यदि कोई शिकायत थी तो उसे वहीं मिटा देना चाहिए था। हल्की-सी खरोंच भी यदि उस पर तत्काल दवाई न लगाई जाए, बढ़ कर एक बड़ा घाव बन जाती है और वही घाव फिर नासूर हो जाता है, फिर लाख मरहम लगाओ, ठीक ही नहीं होता।”

दूरदर्शी-दादा जी यह मान कर चलते हैं कि घृणा से घृणा तथा स्नेह से स्नेह उत्पन्न होता है। वे ऐसी युक्ति से काम लेते हैं कि एक टूटता हुआ परिवार टूटने से बच ही नहीं जाता बल्कि उसमें और अधिक स्थिरता आ जाती है। वे इन्दु तथा मंझली बहू को उनकी त्रुटियों से सूचित कर उन्हें बेला के प्रति स्नेह पूर्ण तथा आदरपूर्वक व्यवहार करने की प्रेरणा देते हैं। वे इन्दु और मंझली बहू को समझाते हुए कहते हैं-“मुझे शिकायत का अवसर न मिले (गला भर आता है)। यही मेरी आकांक्षा है कि सब डालियां साथ-साथ बढ़े, फले-फूलें, जीवन की सुखद, शीतल वायु के स्पर्श से झूमें और सरसायें। विटप से अलग होने वाली डाली की कल्पना ही मुझे सिहरा देती है।”

प्रश्न 15.
दादा मूलराज के घर में नई बहू बेला के आने से घर का वातावरण क्यों अशांत हो जाता है?
उत्तर:
नई बहू के घर में आ जाने से घर का वातावरण इसलिए अशांत हो जाता है क्योंकि बेला एक पढ़ी-लिखी युवती है। वह संपन्न परिवार से संबंध रखती है। उस पर आधुनिक जीवन-पद्धति की गहरी छाप है। परंपरावादी तथा संयुक्त परिवार-प्रणाली का समर्थन नहीं करती। वह व्यक्तिगत स्वतंत्रता के पक्ष में है। उसे न अपने ससुराल का पुराने ढंग का फर्नीचर पसंद है और न ही पुराने ढंग का आचार-व्यवहार। यहां तक कि उसे घर के पुराने नौकर-चाकर तक पसंद नहीं। घर के अन्य सदस्यों से भी उसकी नहीं बनती। किसी न किसी बात पर बेला को आपत्ति है। यही कारण है कि नई बहू के घर में आने से घर का वातावरण अशांत हो जाता है।

प्रश्न 16.
“यही मेरी आकांक्षा है कि सब डालियां साथ-साथ बढ़ें, फले-फूलें, जीवन की सुखद, शीतल वायु के स्पर्श से झूमें और सरसाएं।” यह वार्तालाप किस का है तथा किस बात को व्यंजित करता है?
उत्तर:
यह वार्तालाप दादा मूलराज का है। वे संयुक्त परिवार प्रणाली के समर्थक हैं। वे अपने परिवार को वट वृक्ष के समान मानते हैं। जिस प्रकार वट वृक्ष अपनी हरी-भरी शाखाओं तथा पत्रों के साथ शीतल छाया देता है, उसी प्रकार संयुक्त परिवार में भी सब प्रकार की सुख-सुविधाएं रहती हैं। जिस प्रकार वट वृक्ष से अलग होने पर शाखा अपना अस्तित्व खो बैठती है, उसका विकास रुक जाता है। इसी प्रकार किसी सदस्य का परिवार से अलग हो जाना उसके अकेलेपन का सूचक है। दादा मूलराज भी अपने वट वृक्ष रूपी परिवार के सदस्यों रूपी शाखाओं को बिखरता नहीं देख सकते।

एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
दादा किसके समान महान् दिखाई देते हैं?
उत्तर:
दादा वट के समान महान् दिखाई देते हैं।

प्रश्न 2.
परेश किस पद पर कार्य करता है?
उत्तर:
परेश नायब तहसीलदार के पद पर कार्य करता है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 18 सूखी डाली

प्रश्न 3.
क्या चीज़ जल देने से नहीं पनपती?
उत्तर:
पेड़ से टूटी डाली जल देने से नहीं पनपती।

प्रश्न 4.
दादा जी क्या नहीं सह सकते?
उत्तर:
दादी जी परिवार से किसी का अलग होना नहीं सह सकते।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
बेला किसकी पत्नी है?
(क) जगदीश
(ख) भाषी
(ग) परेश
(घ) कर्मचंद।
उत्तर:
(ग) परेश

प्रश्न 2.
शायद छोटा अलग हो जाए-यह कथन किसका है?
(क) कर्मचंद का
(ख) जगदीश का
(ग) परेश का
(घ) भाषी का।
उत्तर:
(क) कर्मचंद

प्रश्न 3.
दादा की आयु कितनी है?
(क) 70
(ख) 72
(ग) 74
(घ) 76.
उत्तर:
(ख) 72

एक शब्द/हाँ-नहीं/सही-गलत/रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न

प्रश्न 1.
‘मेरे मायके में यह होता है, मेरे मायके में यह नहीं होता’-इन्दु यह कथन किसके विषय में कह रही (एक शब्द में उत्तर दें)
उत्तर:
छोटी बहू बेला

प्रश्न 2.
बस करो भाषी ! क्या खट-खट लगा रखी है? (हा या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 3.
यह परिवार बरगद के इस महान् पेड़ ही की भाँति है। (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
हाँ

प्रश्न 4.
दादा जी के चार कपड़े धोने को कहा था, वे तो पड़े गुसलखाने में गल रहे हैं। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
सही

प्रश्न 5.
परेश की तो छोटी बहू बहुत सुनती है। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 6.
यदि कोई ………… थी तो उसे वहीं ……… देना चाहिए था।
उत्तर:
शिकायत, मिटा

प्रश्न 7.
मैं ऐसा ……… करती हूँ, जैसे मैं …….. में आ गयी हूँ।
उत्तर:
महसूस, परायों

प्रश्न 8.
मुझे केवल …………….. कहा कर, मेरी ………… इन्दु ।
उत्तर:
भाभी, प्यारी।

एकांकी भाग कठिन शब्दों के अर्थ

अराजकता = अव्यवस्था, जहाँ कानून न हो। हद = सीमा। सभ्य = संस्कृत। निंदनीय = निंदा योग्य। कुटुंब = परिवार। अटल = स्थिर। आच्छादित = ढके हुए, भाँति = समान। अगणित = असंख्य। वट = वट वृक्ष। प्रण = प्रतिज्ञा। कृपा = दया। सुशिक्षित = पढ़ी-लिखी। सुशिक्षित = अच्छा पढ़ा-लिखा। प्राइमरी = प्राथमिक। सम्मिलन = मिलन । कोलाहल = शोर। भृकुटी = भौंहें। विस्मित = हैरान। सिर्फ़ = केवल। निस्तब्धता = चुप्पी। मंझली = बीच वाली। नीरवता = शांति। स्वेच्छापूर्वक = अपनी इच्छा के अनुसार। तबदीली = ट्रांसफर। उद्धिग्नता = उदासीनता। तिलमिलाहट = गुस्सा। शाखा = टहनी। कृपा = दया। पूर्णतया = पूरी तरह से। बुद्धिमती = बुद्धि वाली। सुशिक्षित = अच्छी पढ़ी हुई। सुसंस्कृत = अच्छे संस्कार वाली। पूर्ववत् = पहले की तरह। आकुलता = व्याकुलता। बुहारना = लगाना। विश्वसनीय = विश्वास योग्य। सहसा = अचानक। सत्कार = सम्मान। निढाल = थकान।

एकांकी भाग Summary

एकांकी भाग लेखक-परिचय

अश्क जी की साहित्य के क्षेत्र में बहुमुखी प्रतिभा है। उनका जन्म सन् 14 दिसंबर, सन् 1910 ई० में हुआ था। उन्होंने हिंदी-साहित्य को अब तक अनेक अच्छे उपन्यास, कहानियां, बड़े नाटक, एकांकी तथा काव्य भेंट किए हैं। यद्यपि आपने आरंभ में उर्दू में साहित्य-रचना की थी पर अब आप हिंदी के श्रेष्ठ लेखकों में माने जाते हैं और आजकल लेखनी के द्वारा स्वतंत्र रूप से जीविकोपार्जन कर रहे हैं।

श्री उपेंद्रनाथ अश्क जी नाटक लिखते समय सदा रंगमंच का ध्यान रखते हैं अतः इनके नाटक रंगमंच पर बहुत सफल होते हैं। श्री अश्क के अंदर मानव-जीवन को बारीकी से देखने की अद्भुत शक्ति है। यथार्थ के चित्रण में उन्हें बहुत अधिक सफलता मिली है। उनके नाटकों में कहीं भी अस्वाभाविकता प्रतीत नहीं होती। श्री अश्क के पात्र सजीव होते हैं और जिन्दा-दिली से बात करते हैं। संवादों की भाषा बोल-चाल की और चुस्त होती है। कथानक में प्रवाह विद्यमान . रहता है। अश्क के नाटकों में कहीं भी नीरसता देखने को नहीं मिलती।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 18 सूखी डाली

अश्क के एकांकियों का मुख्य क्षेत्र सामाजिक तथा पारिवारिक है तथा उनमें लेखक का उद्देश्य कोई उपदेश देना न होकर मानव-स्वभाव की कमजोरियों को सामने रखना होता है। श्री अश्क स्वयं एक कठोर जीवन-संघर्ष में से गुजरे थे और उन्होंने चारों ओर के जीवन के सभी पहलुओं को निकटता से देखा था, इसलिए उनको यथार्थ का चित्रण करने में इतनी सफलता मिली है। श्री अश्क के सामाजिक व्यंग्य और हास्य विशेष रूप से सफल बन पड़े हैं।

श्री अश्क के प्रमुख एकांकी संग्रह हैं- “देवताओं की छाया में”, “पर्दा उठाओ पर्दा गिराओ” (प्रहसन), “पक्का गाना”, “चरवाहे”, “अंधी गली”, “साहब को जुकाम है”, पच्चीस श्रेष्ठ एकांकी आदि। इनके द्वारा रचित नाटक हैं-‘छठा बेटा’, ‘अंधी गली’, ‘कैद’, ‘पैंतरे’, ‘उड़ान’, ‘जय-पराजय’, ‘अंजो दीदी’, ‘अलग-अलग रास्ते’। इनके उपन्यास हैं-‘सितारों के खेल’, ‘गिरती दीवारें’, ‘गर्म राख’, ‘बड़ी-बड़ी आँखें’, ‘पत्थर अल पत्थर’, ‘शहर में घूमता आइना’, ‘एक नन्हीं कन्दील’।

लेखक के कहानी संग्रह हैं-‘पिंजरा’, ‘जुदाई की शाम का गीत’, ‘दो धारा’, ‘छीटें’, ‘काले साहब’, पलंग, सत्तर श्रेष्ठ कहानियां, कहानी लेखिका और जेहलम के सात पुल।

एकांकी भाग एकांकी का सार

प्रस्तुत एकांकी ‘सूखी डाली’ अश्क जी के ‘चरवाहे’ नामक एकांकी-संकलन से ली गई है। यह संयुक्त परिवारों से जुड़ी एक प्रामाणिक कहानी है जिसमें नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी की सोच में अंतर को प्रस्तुत किया गया है। इस एकांकी में अश्क जी ने बहत्तर वर्षीय दादा मूलराज के एक विस्तृत किंतु संगठित परिवार को अपनी लेखनी का केन्द्रबिन्दु बनाया है। दादा जी अपने परिवार के संगठन के लिए सदैव परेशान रहते हैं। दादा का व्यक्तित्व विशाल वट वृक्ष की तरह है जिसकी छत्रछाया में प्रत्येक प्राणी सुरक्षित है। उनके परिवार में स्त्री पात्रों में बेला की सास, छोटी भाभी, मंझली भाभी, बड़ी भाभी, बेला बहू, मंझली बहू, बड़ी बहू, बेला की ननद, इंदु तथा सेविका पारो एवं पुरुष पात्रों में कर्म चन्द, पौत्रों में नायब तहसीलदार परेश, अन्य छोटे भाई तथा मल्लू आदि हैं। दादा का परिवार संपन्न है। उनके पास . कृषि फार्म, डेयरी और चीनी का कारखाना है। समाज में उनकी अच्छी मर्यादा है। उनका पौत्र नायब तहसीलदार और उसकी पत्नी बेला सुशिक्षित बहू है।

बेला में पार्थक्य की प्रबल भावना है। वह अपने मायके को ससुराल से ऊंचा और इज्ज़तदार कहती रहती है। ‘पारो’ जैसी पुरानी सेविका को भी वह असभ्य कहकर अपनी सेवा से हटा देती है। ननद इंदु सहित परिवार के सभी सदस्य बेला के व्यवहार से दुःखी रहते हैं। उसका पति परेश भी उसके व्यवहार के प्रति चिंतित रहता है। दादा हेमराज को यह समाचार ज्ञात हो जाता है कि छोटी बहू बेला से सभी कटे-कटे रहते हैं। उन्हें अपनी पारिवारिक एकता भंग-सी होती जान पड़ती है। उनका वट वृक्ष कुछ शाखाहीन-सा होता जान पड़ता है। इस स्थिति से उनकी आत्मा तड़प उठती है। एक दिन सभी बहुओं को बुलाकर दादा समझाते हैं कि छोटी बहू नवागता और सुशिक्षित है। सभी लोग उनकी इज्जत करें और उसे कार्य न करने दें। उसका फर्नीचर भी बदल दें। यदि ऐसा नहीं होता तो इस घर से मेरा नाता सदा के लिए टूट जाएगा। देखते ही देखते सभी लोग बेला का आदर करने लगे और हिलमिल कर बातें भी करने लगे। इंदु अब गंदे कपड़े स्वयं धो लेती और बेला को छूने तक नहीं देती।

इस पारिवारिक परिवर्तन से बेला चकित हो उठती है। परिवार में अब उसका सम्मान बढ़ गया था। परिवार के नवीन व्यवहार से वह द्रवित हो उठती है। एक दिन इंदु के साथ ज़बरदस्ती वह भी कपड़े धोने चली जाती है। उसे ऐसा देखकर दादा कहते हैं कि कपड़ा धोना उसका कार्य नहीं है। उसे केवल पढ़ने-लिखने में लगे रहना चाहिए। उत्तर में बेला का गला भर आता है और कहती है-“दादा जी! आप पेड़ से किसी डाल का टूट कर अलग होना पसंद नहीं करते पर क्या यह चाहेंगे कि पेड़ से लगी वह डाल सूख कर मुरझा जाए।” बेला के इस कथन से दादा का उद्देश्य पूरा हो जाता है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 17 श्री गुरु नानक देव जी

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Chapter 17 श्री गुरु नानक देव जी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Hindi Chapter 17 श्री गुरु नानक देव जी

Hindi Guide for Class 10 PSEB श्री गुरु नानक देव जी Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
गुरु नानक देव जी का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा, सन् 1469 ई० को शेखूपुरा के तलवंडी गाँव में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है।

प्रश्न 2.
गुरु नानक देव जी के माता और पिता का क्या नाम था?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी की माता का नाम तृप्ता देवी जी और पिता का नाम मेहता कालू जी था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 17 श्री गुरु नानक देव जी

प्रश्न 3.
गुरु नानक देव जी ने छोटी आयु में ही कौन-कौन-सी भाषाओं का ज्ञान अर्जित कर लिया था ?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी ने छोटी-सी आयु में ही पंजाबी, फारसी, हिंदी और संस्कृत भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर लिया था।

प्रश्न 4.
गुरु नानक देव जी को किस व्यक्ति ने दुनियावी तौर पर जीविकोपार्जन संबंधी कार्यों में लगाने का प्रयास किया था?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी को इनके पिता श्री मेहता कालू जी ने दुनियावी तौर पर जीविकोपार्जन कार्यों में लगाने का प्रयास किया था।

प्रश्न 5.
गुरु नानक देव जी को दुनियादारी में बांधने के लिए इनके पिता जी ने क्या किया?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी के पिता जी ने आप की शादी देवी सुलक्खनी से कर दी।

प्रश्न 6.
गुरु नानक देव जी के कितनी संतानें थीं और उनके नाम क्या थे?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी के दो संतानें थीं। एक का नाम लखमीदास और दूसरे का नाम श्रीचंद था।

प्रश्न 7.
इस्लामी देशों की यात्रा के दौरान आप ने किस धर्म की शिक्षा दी?
उत्तर:
मुस्लिम देशों की यात्रा के दौरान आप ने ‘सांझे धर्म’ की शिक्षा दी।

प्रश्न 8.
‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब’ में गुरु नानक देव जी के कुल कितने पद और श्लोक हैं?
उत्तर:
श्री गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु नानक देव जी के 974 पद और श्लोक हैं।

प्रश्न 9.
श्री गुरु ग्रंथ साहिब में मुख्य कितने राग हैं?
उत्तर:
श्री गुरु ग्रंथ साहिब में मुख्य 31 राग हैं।

प्रश्न 10.
गुरु नानक देव जी के जीवन के अंतिम वर्ष कहाँ बीते?
उत्तर:
श्री गुरु नानक देव जी के जीवन के अंतिम वर्ष करतारपुर में बीते थे जो अब पाकिस्तान में है।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
गुरु नानक देव जी के जन्म के संबंध में भाई गुरदास जी ने कौन-सी तुक लिखी?
उत्तर:
भाई गुरदास जी ने लिखा था
‘सुनी पुकार दातार प्रभु,
गुरु नानक जगि माहिं पठाया।’

प्रश्न 2.
गुरु नानक देव जी पढ़ने के लिए किन-किन के पास गए थे?
उत्तर:
सात वर्ष की आयु में गुरु नानक देव जी को पांडे के पास पढ़ने के लिए पाठशाला भेजा गया था। मौलवी सैय्यद हुसैन ने भी इन्हें पढ़ाया था। इन्होंने पंडित ब्रजनाथ से भी शिक्षा प्राप्त की थी। छोटी-सी आयु में ही इन्होंने पंजाबी, फारसी, हिंदी, संस्कृत आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर लिया था।

प्रश्न 3.
साधुओं की संगति में रहकर गुरु नानक देव जी ने कौन-कौन से ज्ञान प्राप्त किए?
उत्तर:
साधुओं की संगति में रह कर गुरु नानक देव जी ने भारतीय धर्म का ज्ञान प्राप्त किया। आपने साधुओं की संगति से भी विभिन्न संप्रदायों का ज्ञान प्राप्त किया। भारतीय धर्म ग्रंथों और शास्त्रों का ज्ञान भी आपको साधुओं की संगति से ही हुआ। राग विद्या भी आपने इन्हीं दिनों प्राप्त की थी।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 17 श्री गुरु नानक देव जी

प्रश्न 4.
गुरु नानक देव जी ने यात्राओं के दौरान कौन-कौन से महत्त्वपूर्ण शहरों की यात्रा की?
उत्तर:
अपनी यात्राओं में गुरु नानक देव जी ने आसाम, लंका, ताशकंद, मक्का-मदीना आदि शहरों की यात्रा की थी। आपने हिमालय पर स्थित योगियों के केंद्रों की यात्रा भी की। आपने उन्हें सही धर्म सिखाया। आपने हिंदू, मुसलमान सब को सही मार्ग दिखाया।

प्रश्न 5.
गुरु नानक देव जी ने तत्कालीन भारतीय जनता को किन बुराइयों से स्वतंत्र कराने का प्रयास किया?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी के समय में भारतीय हिंदू-मुस्लिम जनता धार्मिक आडंबरों से ग्रस्त थी। आपने उन्हें इन रूढ़ियों और आडंबरों से मुक्त कराने के लिए उन्हें सद्-उपदेश दिया। उन्हें सही रास्ता दिखाया। आपके उपदेश सहज और सरल थे।

प्रश्न 6.
गुरु नानक देव जी की रचनाओं के नाम लिखें।
उत्तर:
गुरु नानक देव जी की रचनाएँ जपुजी, आसा दी वार, सिद्ध गोसटि, पट्टी, दक्खनी ऊँकार, पहरे-तिथि, बारह माह, सुचज्जी-कुचज्जी, आरती आदि हैं। गुरु जी की इन रचनाओं के अतिरिक्त वाणी, श्लोक, पद, अष्टपदियां, सोहले, छन्द आदि के रूप में विद्यमान हैं।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह या सात वाक्यों में दीजिए

प्रश्न 1.
जिस समय गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ उस समय भारतीय समाज की क्या स्थिति थी?
उत्तर:
जिस समय गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था उस समय भारतीय समाज अनेक बुराइयों से ग्रस्त था। वह अनेक जातियों, संप्रदायों और धर्मों में बंटा हुआ था। लोग रूढ़ियों में फंसे हुए थे। उनके विचार बहुत ही संकीर्ण थे। वे घृणा करने योग्य कार्यों में लगे रहते थे। धर्म के नाम पर दिखावे का बोल-बाला था। शासक वर्ग अत्याचारी था। आम जनता का अत्यधिक शोषण होता था। दलितों पर बहुत अत्याचार होते थे।

प्रश्न 2.
गुरु नानक देव जी ने अपनी यात्राओं के दौरान कहाँ-कहाँ और किन-किन लोगों को क्या-क्या उपदेश दिए?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी ने सन् 1499 से 1522 ई० के बीच पूर्व, पश्चिम, उत्तर तथा दक्षिण चारों दिशाओं में यात्राएं कीं। इन यात्राओं में आपने आसाम, लंका, ताशकंद, मक्का-मदीना आदि स्थानों की यात्रा की थी। आप ने कश्मीर के पंडितों से विचार-विमर्श किया। हिमालय के योगियों को सही धर्म सिखाया। हिंदू नेताओं को देश सेवा का उपदेश दिया। मौलवी और मुसलमानों को साझे धर्म की शिक्षा देकर उन्हें सही रास्ता दिखाया। आपने अनेक फ़कीरों, सूफ़ियों, सन्तों आदि से भी धार्मिक विचार-विमर्श किए।

प्रश्न 3.
गुरु नानक देव जी की वाणी की विशेषता अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
गुरु नानक देव जी की वाणी के 974 पद और श्लोक आदि ग्रंथ में संकलित हैं। आपकी वाणी में अनेक विषयों की चर्चा प्राप्त होती है। आपने सृष्टि, जीव और ब्रह्म के संबंध में चर्चा की थी। आपने अकाल पुरुष के स्वरूप और स्थान का भी वर्णन किया है। आपने माया से दूर रहने तथा माया के बंधन काटने और शुद्ध मन से प्रभु का नाम जपने की प्रेरणा दी है। आपकी वाणी, जो ‘जपुजी साहिब’ के नाम से जानी जाती है, में सिक्ख सिद्धांतों का सार है। आपकी वाणी की शैली बहुत अद्भुत और अनूठी है।

(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित का संधि-विच्छेद कीजिए

परमात्मा, पतनोन्मुखी, जीविकोपार्जन, संगीताचार्य, देवोपासना, परमेश्वर।
उत्तर:
परमात्मा = परम + आत्मा
पतनोन्मुखी = पतन + उन्मुखी
जीविकोपार्जन = जीविका + उपार्जन
संगीताचार्य = संगीत + आचार्य
देवोपासना = देव + उपासना
परमेश्वर = परम + ईश्वर।

II. निम्नलिखित शब्दों के विशेषण शब्द बनाइए:

समाज, धर्म, अर्थ, परस्पर, राजनीति, पंडित, सम्प्रदाय, भारत, अध्यात्म, पंजाब।
उत्तर:
शब्द – विशेषण
समाज – सामाजिक
धर्म – धार्मिक
अर्थ – आर्थिक
परस्पर – पारस्परिक
राजनीति – राजनैतिक
पंडित – पांडित्य
सम्प्रदाय – साम्प्रदायिक
भारत – भारतीय
अध्यात्म – आध्यात्मिक
पंजाब – पंजाबी

III. निम्नलिखित शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाइए:

महान्, सरल, सहज, हरा, समान, शांत।
उत्तर:
शब्द – भाववाचक संज्ञा
महान् – महानता
सरल – सरलता
सहज – सहजता
हरा – हरियाली
समान – समानता
शांत – शांति।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 17 श्री गुरु नानक देव जी

(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
गुरु नानक देव जी आपके लिए किस तरह प्रेरणा स्रोत हैं। अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

(घ) पाठ्येतर सक्रियता

1. सिक्ख धर्म के सभी गुरुओं के जीवन चरित की जानकारी जुटाइए।

2. हिंदू, सिक्ख, मुस्लिम, ईसाई, जैन और बौद्ध आदि धर्मों के चिह्न बनाइए।

3.विभिन्न धार्मिक स्थानों जैसे-स्वर्ण मंदिर, आनंदपुर साहिब, हरिद्वार, मथुरा, मक्का मदीना आदि की जानकारी एकत्रित कीजिए।

प्रश्न 4.
श्री गुरु नानक देव जी की यात्राओं से संबंधित स्थानों को विश्व मानचित्र पर दर्शाइए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 5.
सिक्ख धर्म के पाँच चिह्नों पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

(ङ) ज्ञान-विस्तार

1. ननकाना साहिब-पाकिस्तान में स्थित पंजाब प्रांत का यह शहर गुरु नानक देव जी के नाम पर है। प्राचीन काल में इसका नाम ‘राय-भोई-दी-तलवंडी’ था। इतिहास से जुड़ा हुआ यह नगर सिख धर्म के लिए अति पवित्र तीर्थ है।

2. सुल्तानपुर लोधी-यह कपूरथला जिले का अत्यंत पुराना शहर है जहाँ गुरु नानक देव जी पहले रहते थे। इसी शहर में उनकी बहन बीबी नानकी और उनके पति भाई जयराम जी भी निवास करते थे।

3. मक्का -इस्लाम धर्म का यह सबसे अधिक पवित्र नगर है। प्रति वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ आते हैं। इस्लामी पैगम्बर मोहम्मद के द्वारा इसी नगर में सातवीं शताब्दी में इस्लाम की घोषणा की गई। बाद में यह नगर साऊदी अरब के शासन के अधीन आ गया था। अब यह मक्काह प्रांत की राजधानी है।

4. ताशकन्द-यह उजबेकिस्तान और ताशकेंत की राजधानी है।

5. श्री लंका-यह दक्षिण एशिया का देश है जो हिन्द महासागर के उत्तर में विद्यमान है। भारत से इसकी दूरी केवल 31 कि०मी० है। सन् 1972 तक इसका नाम ‘सीलोन’ था लेकिन अब यह श्री लंका के नाम से जाना जाता है। इसका नगर कोलंबो समुद्री परिवहन के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है।

6. मदीना/अल-मदीना-इसे अति सम्मान के कारण ‘अल-मदीना-अल मुनवरा भी कहते हैं जिसका अर्थ हैचमकदार मदीना। यह इस्लाम धर्म का पवित्रतम दूसरा नगर है। इसी नगर में इस्लामी पैगम्बर मोहम्मद साहब की दफनगाह है। इस नगर का अपना ही विशेष ऐतिहासिक महत्त्व है।

7. श्री गुरु ग्रंथ साहिब-सिक्ख धर्म का परम पवित्र और प्रमुख ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी हैं जिसमें सिख गुरुओं तथा हिंदु-मुस्लिम संतों/भक्तों की वाणी भी संकलित की गई है। इसका संपादन सिक्ख धर्म के पाँचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी ने किया था। इसका पहला प्रकाश 16 अगस्त, सन् 1604 ई० को हरिमंदिर साहिब अमृतसर में हुआ था। सन् 1705 ई० में गुरु गोबिंद सिंह जी ने इसमें गुरु तेग बहादुर जी के 116 शब्द जोड़ कर इसे पूर्ण किया था। इस पवित्र ग्रंथ में कुल पृष्ठ संख्या 1430 है। इसमें सिख गुरुओं के अतिरिक्त 30 अन्य हिंदू और मुस्लिम-भक्तों की पवित्र वाणी को भी स्थान प्रदान किया गया है।

8. जपुजी साहिब-श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की मूलवाणी ‘जपुजी साहिब’ गुरु नानक देव जी के द्वारा उच्चरित की गई अति पवित्र वाणी है। इसमें ब्रह्मज्ञान का अलौकिक ज्ञान समाया हुआ है।

PSEB 10th Class Hindi Guide श्री गुरु नानक देव जी Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
गुरु नानक देव जी का बचपन किस शहर में बीता?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी का बचपन तलवंडी में बीता था।

प्रश्न 2.
गुरु नानक देव जी ने सच्चा सौदा कितने रुपयों में कैसे किया?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी ने सच्चा सौदा बीस रुपयों में भूखे साधुओं को खाना खिला कर किया।

प्रश्न 3.
गुरु नानक देव जी तीन दिन तक किस नदी में आलोप रहे?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी तीन दिन तक उई नदी में आलोप रहे।

प्रश्न 4.
गुरु नानक देव जी की कितनी उदासियाँ हैं?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी की चार उदासियाँ हैं।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 17 श्री गुरु नानक देव जी

प्रश्न 5.
प्रातःकालीन प्रार्थना के लिए गुरु जी की कौन-सी वाणी है?
उत्तर:
प्रात:कालीन प्रार्थना के लिए ‘जपुजी साहिब’ आपकी वाणी है।

प्रश्न 6.
भाई गुरदास जी ने आपकी उदासियों के सम्बन्ध में क्या कहा है?
उत्तर:
भाई गुरदास जी आपकी उदासियों के बारे में लिखते हैं-‘चढ़िआ सोधन धरत लुकाई।’ आपने सन् 1499 ई० से 1522 ई० तक पूर्व, पश्चिम, उत्तर तथा दक्षिण की चार उदासियाँ कीं। इसी समय आपने करतारपुर नगर बसाया था। इन यात्राओं में आपने भटके हुए लोगों को उचित उपदेश देकर सद्मार्ग दिखाया था।

प्रश्न 7.
सुल्तानपुर में रहते हुए आप ने क्या कुछ देखा था?
उत्तर;
सूबे की राजधानी होने के कारण सुल्तानपुर धार्मिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र था। यहाँ रहते हुए आपने हुकूमत की ज्यादतियाँ, मुल्ला, काज़ियों और हिंदुओं के धार्मिक आडंबर, कर्मकांड, अंधविश्वास आदि देखे थे। आपने आध्यात्मिक अवस्थाओं से गिरे हुए बनावटी जीवन को भी देखा था।

प्रश्न 8.
अन्य संतों की अपेक्षा गुरु नानक देव जी के उपदेश देने की शैली की क्या विशेषता थी?
उत्तर:
अन्य सन्त जब उपदेश देते थे तो उनके कटुतापूर्ण शब्द लोगों को बुरे लगते थे। वे अपने शुष्क व्यवहार से लोगों को नाराज़ कर देते थे। वे तर्क की छुरी चला कर सामाजिक बुराइयों की चीर-फाड़ कर लोगों के मन को आहत कर देते थे। परन्तु गुरु जी सामाजिक बुराइयों का खंडन कोमल भाषा में करते थे। जैसे शरद ऋतु की पूर्णिमा का चंद्रमा चारों ओर अपनी शीतलता बिखेरता है वैसे ही गुरु जी भी अपनी वाणी की शीतलता से सब को उपदेश देते थे। अन्य सन्तों के उपदेशों से आहत मन पर वे मरहम का लेप करते थे।

एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जब गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ तब भारत की क्या दशा थी?
उत्तर:
जब गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ तब भारत अनेक प्रकार के कुसंस्कारों से ग्रस्त था।

प्रश्न 2.
गुरु नानक देव जी को किन्होंने शिक्षा दी थी?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी को मौलवी सैय्यद हुसैन और पंडित बृजनाथ ने शिक्षा दी थी।

प्रश्न 3.
गुरु नानक देव जी सन् 1499 ई० में किस नदी में स्नान करने गए थे?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी बेईं नदी में स्नान करने गए थे।

प्रश्न 4.
गुरु नानक देव जी ने प्रातःकालीन प्रार्थना के लिए किस ग्रंथ की रचना की थी?
उत्तर:
गुरु नानक देव जी ने प्रात:कालीन प्रार्थना के लिए ‘जपुजी’ साहिब की रचना की थी।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
श्री गुरु नानक देव जी ने कितने रुपयों से भूखे साधुओं को खाना खिला कर सच्चा सौदा किया?
(क) पाँच
(ख) दस
(ग) बीस
(घ) पच्चीस।
उत्तर:
(ग) बीस

प्रश्न 2.
‘चढ़िया सोधन धरत लुकाई’-किसका कथन है?
(क) भाई रामदास
(ख) भाई गुरदास
(ग) भाई प्रेमदास
(घ) भाई सुखदास।
उत्तर:
(ख) भाई गुरदास

प्रश्न 3.
श्री गुरु ग्रंथ साहिब में श्री गुरु नानक देव जी द्वारा रचित कितने पद और श्लोक हैं?
(क) 970
(ख) 972
(ग) 974
(घ) 976.
उत्तर:
(ग) 974

एक शब्द/हाँ-नहीं/सही-गलत/रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न

प्रश्न 1.
श्री गुरु ग्रंथ साहिब में मुख्य कितने राग हैं? (एक शब्द में उत्तर दें)
उत्तर:
31

प्रश्न 2.
श्री गुरु नानक देव जी सन् 1539 में ज्योति-जोत समा गए। (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
हाँ

प्रश्न 3.
भाई मरदाना श्री गुरु नानक देव जी के साथ कभी नहीं रहा। (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
नहीं

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 17 श्री गुरु नानक देव जी

प्रश्न 4.
‘न कोई हिन्दू न मुसलमान’-ये शब्द श्री गुरु नानक देव जी के हैं। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
सही

प्रश्न 5.
गंगा नदी में प्रवेश कर श्री गुरु नानक देव जी तीन दिन अलोप रहे। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 6.
उस समय के ……………. शोषक का रूप …………. कर चुके थे।
उत्तर:
राजा, धारण

प्रश्न 7.
लगभग …………. वर्ष की आयु तक आप अनेक मतों के ……….. की संगति में रहे।
उत्तर:
अठारह, साधुओं

प्रश्न 8.
लगभग ……………. वर्ष आप घूम फिर कर …………. का प्रचार करते रहे।
उत्तर:
बाईस, धर्म।

श्री गुरु नानक देव जी कठिन शब्दों के अर्थ

कुसंस्कारों = बुरी आदतों। ग्रस्त = पकड़े हुए। विभाजित = बंटा हुआ। रूढ़ियाँ = गलत परंपरायें, गलत रीति-रिवाज। घृणित = घृणा करने योग्य, नफ़रत करने योग्य। आचार = व्यवहार, चालढाल, चालचलन। संकीर्णता = नीचता, संकरापन। तीव्र = तेज़। प्रहार = चोट । कटुता = कड़वाहट। शुष्कता = नीरसता, सूखापन। उक्त = उन। खण्डन = तोड़ने-फोड़ने का काम, किसी मत के खिलाफ़ बोलना। मृदु = कोमल। भाषी = बोलने वाला। शरत काल = शरद ऋतु । पूर्णचंद्र = पूरा चाँद, पूर्णिमा का चाँद । स्निग्धता = चिकनापन, चिकनाहट। निर्मलता = सफ़ाई, स्वच्छता, शुद्धता, पवित्रता। शीतलता = ठंडक। आलोकित = प्रकाशित, रोशनी से भर देना। उद्वेलित = छलछलाना। शल्यचिकित्सा = चीरफाड़ करना। विभूति = शक्ति, व्यक्ति। प्रवर्तक = शुरू करने वाला। पतनोन्मुखी = पतन की ओर जाने वाला। पथ-प्रदर्शक = रास्ता दिखाने वाला। प्रकृति = स्वभाव, आदत। भ्रमणशील = घूमते रहने वाले, घुमक्कड़। कर्म = कार्य। चतुर्दिक = चारों ओर, सब दिशाओं में। उदात्त = अच्छी, ऊँची। सागर = समुद्र।

आध्यात्मिक = आत्मा से संबंधित। पथ = रास्ता, मार्ग। अविचलित = अटल, स्थिर, जो विचलित न हो। पथिक = मुसाफिर। अल्प = कम, थोड़ी। पियासा = प्यास । प्रवृत्त = किसी काम में लगा हुआ, किसी काम में लगना। काल = समय। विरक्ति = वैराग्य। सरगर्मियाँ = गतिविधियाँ । हुकूमत = शासन। आडंबर = दिखावा। कर्मकांड = धर्म से संबंधित कार्य, यज्ञ, आदि करना। विचलित = अस्थिर, व्याकुल, डांवाडोल। उद्धार = कल्याण। सांझा धर्म = मानव धर्म। पांडित्य = विद्वता, ज्ञानी। संकीर्ण = छोटी सोच। शैली = तरीका। अलोप = गायब हो जाना, छिप जाना। सुरुचिपूर्ण = अच्छाइयों से भरा। दर्शाया = दिखाया। विचार-विमर्श = सलाह-मशवरा। तर्क-वितर्क = बहस करना। कुतर्कों = बुरी बहस। तत्कालीन = उस समय के। आडंबर = दिखावा। अनुग्रह = कृपा। करामात = चमत्कार। अहंकार = घमंड। प्रत्यक्ष = आँखों देखा। कुमार्ग = गलत रास्ता। सुमार्ग = सही रास्ता। शोचनीय = बहुत हीन, बहुत चिंताजनक। शोषण = शोषण करने वाला। जुल्म = अत्याचार। संगीताचार्य = संगीत के आचार्य, संगीत में निपुण। निर्विकार = विकारों से रहित, बुराइयों से रहित। अद्भुत = विचित्र। पारस्परिक = आपसी। दृष्टिकोण = देखने का नज़रिया।

श्री गुरु नानक देव जी Summary

श्री गुरु नानक देव जी लेखिका परिचय

डॉ० सुखविंदर कौर बाठ का जन्म सन् 1962 ई० में पंजाब के गुरदासपुर जिले के छिछरेवाला गाँव में हुआ था। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव में ही प्राप्त की थी। इन्होंने अमृतसर से एम० ए०, एम० फिल०, पी-एच० डी० तथा डी० लिट की उपाधियाँ प्राप्त की। इनके पिता देश की सीमाओं के रक्षक थे इसलिए वे प्रायः बाहर ही रहते थे। इनकी शिक्षा और साहित्यिक रुचियों को जगाने वाली इनकी माता जी ही थीं। ‘गुरु तेग़ बहादुर जी की वाणी : संदर्भ और विश्लेषण’ इन का शोध-विषय था। इन्हें पंजाबी लोक-जीवन से विशेष लगाव रहा है। इसी कारण इन्होंने पंजाबी भाषा, संस्कृति, लोक-जीवन, लोक-गीतों आदि पर बहुत कार्य किया है। आप पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के पत्राचार विभाग में प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं।

डॉ० सुखविन्दर कौर बाठ की प्रमुख रचनाएं ‘पंजाब के संस्कार गत लोक-गीतों का विश्लेषणात्मक अध्ययन’, ‘पंजाबी लोक रंग’, ‘गुरु तेग़ बहादुर की वाणी : संदर्भ और विश्लेषण’ आदि हैं। हिसार से प्रकाशित ‘पंजाबी संस्कृति’ की आप अतिथि संपादिका हैं। आपने शिव कुमार बटालवी की रचना ‘लूणा’ का देवनागरी में लिप्यंत्रण भी किया है। आपके निबंधों की भाषा सहज, सरल तथा बोधगम्य है।

श्री गुरु नानक देव जी पाठ का सार

डॉ० सुखविंदर कौर बाठ द्वारा रचित लेख ‘श्री गुरु नानक देव जी’ में लेखिका ने अवतारी महापुरुष श्री गुरु नानक देव जी के जीवन के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने उनके उपदेशों को समस्त मानवता के लिए शुभ एवं हितकारी माना है।

श्री गुरु नानक देव जी के जन्म के समय देश की दशा बहुत खराब थी। लोग अनेक बुराइयों में फंस कर भिन्नभिन्न जातियों, धर्मों, सम्प्रदायों आदि में बंट गए थे। समाज रूढ़ियों तथा आडंबरों से ग्रस्त था। अनेक संतों ने अपने शुष्क तथा कट उपदेशों से लोगों को इन बुराइयों के लिए लताड़ कर अपने से नाराज़ कर दिया परंतु गुरु नानक देव जी ने अपनी कोमल वाणी से सब को अपने वश में करके समार्ग पर चलने की राह दिखायी।

पंजाब में भक्ति-आंदोलन को प्रारंभ करने वाले श्री गुरु नानक देव जी का जन्म शेखूपुरा जिले के तलवंडी गांव (पाकिस्तान) में सन् 1469 ई० को हुआ था। आपके पिता का नाम श्री मेहता कालू जी तथा माता का नाम तृप्ता देवी जी था। आप की एक बहन थी जिसका नामक नानकी था। सात वर्ष की आयु में आपको पाठशाला में पांडे जी से पढ़ने के लिए जाना पड़ा। इनके बाद आपने मौलवी सैय्यद हुसैन और पंडित ब्रजनाथ से भी शिक्षा प्राप्त की। छोटी-सी आयु में ही आपने पंजाबी, अरबी, फारसी, संस्कृत आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर लिया। आपके पिता ने आप को सांसारिक व्यापारों में लगाना चाहा लेकिन आप का मन उसमें नहीं लगा। आप अठारह वर्षों तक अनेक मतों को मानने वाले साधुओं की संगति में रहे। उनसे भारतीय धर्म शास्त्रों की शिक्षा प्राप्त की। इसी समय आपने बीस रुपए से भूखे साधुओं को खाना खिला कर सच्चा सौदा किया। आपको गृहस्थ में बांधने के लिए आपके पिता ने आपका विवाह माता सुलक्खनी जी से कर दिया। आप की दो सन्तानें लखमीदास और श्री चन्द थीं।।

सुल्तानपुर में रहते हुए आप को शासन के अत्याचारों, धार्मिक आडंबरों, कर्मकांडों, अंधविश्वासों आदि का पता चला तो बहुत व्याकुल हो गए। आप वेई नदी में प्रवेश कर के तीन दिन तक आलोप रहे। जब आप प्रकट हुए तो आप की वाणी ने उच्चारण किया ‘न कोई हिन्दू न मुसलमान।’

श्री गुरु नानक देव जी ने सन् 1499 ई० से 1522 ई० तक चार उदासियाँ अर्थात् चार यात्रायें चारों दिशाओं में आसाम, लंका, ताशकंद, मक्का-मदीना आदि तक की थीं। इन यात्राओं में आपने सद्मार्ग से भटके हुए सभी वर्ग के लोगों को सद्मार्ग पर चलने का उपदेश दिया था। योगियों, सिद्धों, नेताओं, हिंदुओं और मुसलमानों सब को आपने सहज, सरल और मीठी निरंकारी भाषा से सहज धर्म पालन करने का उपदेश दिया।
उस युग के लोग आडंबरों, करामातों, तंत्र-मंत्र, चमत्कारों आदि में बहुत विश्वास रखते थे। आपने भोली-भाली जनता को उपदेश देकर सही मार्ग दिखाया।

श्री गुरु नानक देव जी के समय में शासन की दशा बहुत दयनीय थी। शासक जनता का शोषण करते थे। उनके वज़ीर भी कुत्तों के समान जनता का शोषण कर रहे थे। इस कारण आप ने अपनी वाणी में कहा है-

‘राजे सीहं मुकदम कुत्ते जाए जगाइन बैठे सुत्ते।’
आपने ऐसे जुल्मी शासन में दलित लोगों की सहायता की। इसलिए भाई गुरदास ने इसी कारण लिखा है-‘सुनी पुकार दातार प्रभु, गुरु नानक जगि माहिं पठाइया।’
श्री गुरु नानक देव जी एक श्रेष्ठ कवि तथा संगीताचार्य भी थे। ‘आदिग्रंथ’ में आपके 974 पद तथा 2 श्लोक संकलित हैं। आप ने इसमें उन्नीस रागों का प्रयोग किया है। इन पदों में सृष्टि, जीव और ब्रह्म, अकाल पुरुष, नाम सिमरण आदि विषयों पर चर्चा की गई है। इन पदों के अतिरिक्त आपने ‘जपुजी’ की रचना की है जिसमें सिक्ख सिद्धांतों का सार मिलता है। आपकी अन्य रचनाएँ ‘आसा दी वार’, सिद्ध गोसटि, दक्खनी ऊँकार, बारहमाह, पहरे-तिथि, सुचज्जि कुचन्जि, आरती आदि हैं। इनकी वाणी श्लोक, पद, अष्टपदियाँ, सोहले, छंद आदि के रूप में हैं। इनकी वाणी शैली पक्ष से अनूठी है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 17 श्री गुरु नानक देव जी

श्री गुरु नानक देव जी ने सांसारिक ईर्ष्या, द्वेष, वैर आदि को मिटाने तथा प्रेम, समानता, सरलता आदि अपनाने का संदेश दिया है। इस कारण आप युग निर्माता तथा समाज सुधारक भी माने जाते हैं। वास्तव में आप ने अपने उपदेशों के द्वारा एक ऐसे धर्म का बीज बो दिया जो आगे चलकर सिक्ख धर्म के रूप में विशाल वृक्ष बन कर प्रसिद्ध हुआ। जीवन के अंतिम वर्ष आपने करतारपुर में सद्-उपदेश देते हुए व्यतीत किए थे। सन् 1539 ई० में आप ज्योति-ज्योत समा गए थे। आप ने कर्मकांडों, बहुदेव पूजन आदि को नकारते हुए एक परमेश्वर की पूजा करने का उपदेश दिया था।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 16 ठेले पर हिमालय

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Chapter 16 ठेले पर हिमालय Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Hindi Chapter 16 ठेले पर हिमालय

Hindi Guide for Class 10 PSEB ठेले पर हिमालय Textbook Questions and Answers

(क) विषय-बोध

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
लेखक कौसानी क्यों गये थे?
उत्तर:
लेखक हिमालय पर जमी हुई बर्फ की शोभा को बहुत निकट से देखने के लिए गये थे।

प्रश्न 2.
बस पर सवार लेखक ने साथ-साथ बहने वाली किस नदी का ज़िक्र किया है?
उत्तर:
बस पर सवार लेखक ने साथ-साथ बहने वाली कोसी नदी का ज़िक्र किया है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 16 ठेले पर हिमालय

प्रश्न 3.
कौसानी कहाँ बसा हुआ है?
उत्तर:
नैनीताल से रानीखेत और रानीखेत से डरावने मोड़ों को पार करने के बाद कौसानी बसा हुआ है।

प्रश्न 4.
लेखक और उनके मित्रों की निराशा और थकावट किसके दर्शन से छूमंतर हो गई?
उत्तर:
लेखक और उनके मित्रों की निराशा और थकावट हिम दर्शन से छूमंतर हो गई।

प्रश्न 5.
लेखक और उनके मित्र कहां ठहरे थे?
उत्तर:
लेखक और उनके मित्र डाक बंगले में ठहरे थे।

प्रश्न 6.
दूसरे दिन घाटी से उतर कर लेखक और उनके मित्र कहां पहुंचे?
उत्तर:
दूसरे दिन घाटी से उतर कर लेखक और उनके मित्र बैजनाथ पहुंचे।

प्रश्न 7.
बैजनाथ में कौन-सी नदी बहती है?
उत्तर:
बैजनाथ में गोमती नदी बहती है।

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
लेखक को ऐसा क्यों लगा जैसे वे ठगे गये हैं?
उत्तर:
लेखक को ऐसा इसलिए लगा कि जैसे वे सुंदरता से भरे हुए लोक से किसी दूसरे ही लोक में चले आए थे। लेखक कौसानी की कत्यूर की घाटी के अपार सौंदर्य को देखकर स्तब्ध रह गया था। यहां हरे मखमली कालीनों जैसे खेत, सुंदर गेरु की शिलाएं, काटकर बने हुए लाल रास्ते, किनारे सफेद पत्थर की पंक्ति, बेलों की लड़ियों-सी नदियां असीम सौंदर्य से परिपूर्ण थीं। यहां का सौंदर्य अति सुंदर, मोहक, सुकुमार और निष्कलंक था।

प्रश्न 2.
सबसे पहले बर्फ दिखाई देने का वर्णन लेखक ने कैसे किया है?
उत्तर:
लेखक को बर्फ बादलों के टुकड़े जैसी लगी थी जिसमें सफ़ेद, रूपहला और हलका नीला रंग शोभा दे रहा था। उसे ऐसा लगा जैसे घाटी के पार हिमालय पर्वत को बर्फ ने ढाँप रखा हो। उसे ऐसे लग रहा था जैसे कोई बाल स्वभाव वाला शिखर बादलों की खिड़की से झांक रहा हो।

प्रश्न 3.
खानसामे ने सब मित्रों को खुशकिस्मत क्यों कहा?
उत्तर:
खानसामे ने उन सब मित्रों को खुशकिस्मत कहा क्योंकि उन्हें वहाँ आते ही पहले ही दिन बर्फ दिखाई दे गई थी। उनसे पहले 14 टूरिस्ट वहाँ आकर पूरा हफ्ता भर रहे पर उन्हें बादलों के कारण बर्फ दिखाई नहीं दी थी।

प्रश्न 4.
सूरज के डूबने पर सब गुमसुम क्यों हो गए थे?
उत्तर:
सूरज के डूबने पर सब गुमसुम इसलिए हो गए थे क्योंकि सूरज डूबने के साथ ही उनके हिम दर्शन की सारी इच्छाएं और आशाएं धूमिल हो गई थीं। जिस हिमदर्शन की आशा में लेखक अपने मित्रों के साथ बहुत समय से टकटकी लगा कर देख रहे थे। वे उससे वंचित रह गए थे।

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प्रश्न 5.
लेखक ने बैजनाथ पहुँच कर हिमालय से किस रूप में भेंट की?
उत्तर:
लेखक ने बैजनाथ पहुँच कर देखा कि गोमती निरन्तर प्रवाहित हो रही थी। गोमती की उज्ज्वल जलराशि में हिमालय की बर्फीली चोटियों की छाया तैर रही थी। लेखक ने नदी के इस जल में तैरते हुए हिमालय से भेंट की।

III. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छः या सात पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
कोसी से कौसानी तक में लेखक को किन-किन दृश्यों ने आकर्षित किया?
उत्तर:
कोसी से कौसानी तक लेखक को अद्भुत प्राकृतिक दृश्य दिखाई दिए थे। उन्होंने लेखक को मंत्र मुग्ध कर दिया था। सुडौल पत्थरों पर कल-कल करती कोसी अद्भुत थी। सोमेश्वर की हरी-भरी घाटी के उत्तर में ऊंची पर्वतमाला के शिखर पर कौसानी बसा हुआ था। नीचे पचासों मील चौड़ी घाटी में हरे-भरे कालीनों जैसी सुंदर वनस्पतियां फैली हुई थीं। घाटी के पार हरे खेत, नदियां और वन क्षितिज के नीले कोहरे में छिप रहे थे। बादल के एक टुकड़े के हटते ही पर्वतराज हिमालय दिखायी दिया जो सुंदरता में अद्भुत था। ग्लेशियरों में डूबता सूर्य पिघले हुए केसर जैसा रंग बिखराने लगा था। बर्फ लाल कमल के फूलों जैसी प्रतीत होने लगी थी।

प्रश्न 2.
लेखक को ऐसा क्यों लगा कि वे किसी दूसरे ही लोक में चले आए हैं?
उत्तर:
लेखक अपने मित्रों के साथ जैसे ही सोमेश्वर की घाटी से चला वैसे ही उसे उत्तर दिशा में पर्वत-शिखर पर कौसानी दिखाई दिया। सारी घाटी में अपार सुंदरता बिखरी हुई थी। सारी घाटी रंग-बिरंगी दिखाई दे रही थी। हरेभरे मखमली कालीनों जैसे खेत थे। गेरु के लाल-लाल रास्ते थे और बेलों की लड़ियों जैसी सुंदर नदियां थीं। ऐसे अद्भुत दृश्यों को देखकर ऐसा लगा जैसे वे किसी दूसरे ही लोक में चले आए थे।

प्रश्न 3.
लेखक को ‘ठेले पर हिमालय’ शीर्षक कैसे सूझा?
उत्तर:
लेखक अपने मित्रों के साथ हिम दर्शन के लिए अल्मोड़ा यात्रा पर गए। लेखक अपने अल्मोड़ावासी मित्र के साथ एक पान की दुकान पर खड़ा था कि तभी ठेले पर बर्फ की सिले लादे हुए बर्फ वाला आया। उस ठंडी, चिकनी और चमकती बर्फ से भाप उड़ रही थी। लेखक क्षण भर उसे देखता रहा और उठती भाप में खोया-सा रहा। उसे ऐसा अनुभव हो रहा था कि यही बर्फ़ तो हिमालय की शोभा है। इसी शोभा को देखने लेखक मित्रों के साथ कौसानी गया था। इसके बाद वे सोमेश्वर घाटी पहुँचे जो अत्यंत सुंदर एवं मखमली थी। इस घाटी को पार कर लेखक ने बादलों के बीच में पर्वतराज हिमालय के दर्शन किए। इसे बादलों ने ढक रखा था। बादलों की खिड़की से एक मित्र ने पर्वत पर बर्फ को देखा। इस क्षण भर के दर्शन से सबकी खिन्नता, निराशा, थकावट नष्ट हो गई। तत्पश्चात् सभी बादलों के छंटने के बाद हिम दर्शन की प्रतीक्षा में लीन हो गए। किन्तु सूर्य डूबने से धीरे-धीरे ग्लेशियरों में पिघला केसर बहने लगा। बर्फ पिघलने लगी। इस प्रकार ठेले पर हिमालय शीर्षक सार्थक है।

(ख) भाषा-बोध

I. निम्नलिखित में संधि कीजिए

हिम + आलय ………..
सोम + ईश्वर ….
हर्ष + अतिरेक ………..
वि + आकुल ……
उत्तर:
हिम + आलय = हिमालय
हर्ष + अतिरेक = हर्षातिरेक
सोम + ईश्वर = सोमेश्वर
वि + आकुल = व्याकुल।

II. निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए

अच्छी किस्मत वाला ……………..
चार रास्तों का समूह ……………..
अपने में लीन …………..
जहां कोई न रहता हो ……………
जिसका कोई पार न हो …………….
जिसमें कोई कलंक न हो …………….
उत्तर:
चार रास्तों का समूह = चौराहा
अपने में लीन = आत्मलीन
जहां कोई न रहता हो = निर्जन
जिसका कोई पार न हो = अपार
जिसकी कोई सीमा न हो = असीम
जिसमें कोई कलंक न हो = निष्कलंक
अच्छी किस्मत वाला = भाग्यशाली।

III. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिएपहाड़

सूरज ……………
धरती …………..
कमल ……………
मुंह ……………
नदी …………….
बादल ………….
हाथ …………
उत्तर:
पहाड़ = पर्वत, नग
धरती = धरा, धरणि
मुँह = मुख, आनन
बादल = मेघ, बदरा
सूरज = सूर्य, तरणि
कमल = पंकज, जलज
नदी = तटिनी, निर्झरिणी
हाथ = हस्त, कर।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 16 ठेले पर हिमालय

(ग) रचनात्मक अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
यदि हिमालय न होता तो क्या होता? इस विषय पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
हिमालय को पर्वतों का राजा कहा जाता है। पर्वतराज हिमालय भारत वर्ष की आन-बान एवं शान है। यह भारतवर्ष की प्रहरी के समान रक्षा एवं सुरक्षा करता है। यदि हिमालय न होता तो हमारे देश की उत्तर दिशा की शोभा कम हो जाती। उत्तर दिशा से आने वाले ठंडी हवाएँ रुक नहीं पातीं। देश की गंगा, यमुना, आदि महत्त्वपूर्ण नदियां शुष्क हो जातीं। अनेक अमूल्य उपहार, औषधियां, लकड़ियां, धातुएं एवं खनिज प्राप्त नहीं होती। वातावरण असंतुलित हो जाता।

प्रश्न 2.
पहाड़, बर्फ, नदी, बादल, सीढ़ीनुमा खेत, घुमावदार रास्ते तथा हरियाली आदि शब्दों का प्रयोग करते हुए अपनी कल्पना से प्रकृति पर पाँच-छः पंक्तियां लिखें।
उत्तर:

  1. प्रकृति हमारी माँ है।
  2. प्रकृति ने ही हमें सुंदर, आकर्षक पहाड़ दिए हैं।
  3. प्रकृति ने ही कल-कल करती नदियां प्रदान की हैं जो अपने निर्मल स्वच्छ जल से भारतवर्ष की भूमि को सींचती हैं।
  4. बादल प्रकृति की अनुपम भेंट है जो वर्षा करते हैं और धरा को हरी-भरी और उपजाऊ बनाते हैं।
  5. सीढ़ीनुमा खेतों में फ़सलें उगाई जाती हैं।
  6.  पहाड़ों के घुमावदार रास्ते अत्यन्त दर्शनीय होते हैं।
  7. प्रकृति के आंचल में चारों तरफ अपार हरियाली की शोभा विद्यमान है।

प्रश्न 3.
हम हर पल यात्रा करते हैं, कभी पैरों से तो कभी मन के पंखों पर-इस पर अपने विचार दीजिए।
उत्तर:
मनुष्य एक बुद्धिमान और सामाजिक प्राणी है। वह समाज में अपने कर्तव्यों को पूरा करने हेतु इधर-उधर आता-जाता रहता है। वह अपने लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु अनेक स्थानों पर प्रतिक्षण यात्रा करता है। वह एक कल्पनाशील प्राणी है। वह नई-नई कल्पनाएं करता है। वह किसी एक स्थान पर रहते हुए अपने मन के पँखों पर सवार होकर अनेक स्थानों की यात्राएं करता है। वह घर बैठे-बैठे विदेशों तक की यात्राएं कर लेता है। इतना ही मनुष्य कल्पना के बलबूते विश्व के कोने-कोने में यात्राएं करता रहता है। वह कभी धरा पर तो कभी आकाश में यात्राएं करता है।

(घ) पाठ्येतर सक्रियता

प्रश्न 1.
हिन्दी यात्रा साहित्य के पितामह राहुल सांकृत्यायन जीवन पर्यत दुनिया की सैर करते रहे। उनके यात्रा वृत्तांत लाइब्रेरी से लेकर पढ़िए।
उत्तर:
छात्र अपने शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 2.
छुट्टियों में आप घूमने जाते हो तो उस यात्रा के अनुभव को एक डायरी में लिखिए और कक्षा में बताइए।
उत्तर:
छात्र अपने अनुभवों को डायरी में लिखें।

प्रश्न 3.
यात्रा के दौरान एक कैमरा साथ रखिए तथा प्रकृति के दुर्लभ और अद्भुत चित्रों को अपने कैमरे में कैद कीजिए।
उत्तर:
छात्र भ्रमण स्थल के अद्भुत चित्र एकत्र करें।

प्रश्न 4.
यात्रा के दौरान कैमरे से खींचे गए चित्रों को अपने कम्प्यूटर में अपलोड करना सीखिए।
उत्तर:
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

(ङ) ज्ञान-विस्तार

1. अल्मोड़ा-यह उत्तराखंड के कुमाऊँ का एक ज़िला है और नैनीताल से 70 कि०मी० दूर है। यह अति सुंदर है। यह हस्तकला, वन्यजीवन और खानपान के लिए पर्यटकों में अत्यंत प्रसिद्ध है।

2. कोसी- कोसी’ एक नदी का नाम है। यह अल्मोड़ा और फिर कौसानी जाते समय साथ-साथ बहती हुई दिखाई देती है। यह नदी उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के पट्टी बोरारू पल्ला के प्राकृतिक झरनों से निकल कर घुमावदार रास्तों से आगे बढ़ती है। इसके प्राकृतिक दृश्य वास्तव में ही अद्भुत हैं। यह बहती हुई सोमेश्वर की तरफ आगे बढ़ती है और वहाँ से अल्मोड़ा की तरफ दक्षिण-पूर्व की राह से पहुँचती है। रामनगर के निकट पहुँच कर यह नदी अपना अस्तित्व खो देती है।

3. कौसानी-यह पर्वतीय नगर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले से लगभग 53 कि०मी० उत्तर में बसा हुआ अद्भुत रूप से सुंदर नगर है। यह बागेश्वर जिले में है जहाँ से हिमालय की सुंदरता भव्य रूप से दिखाई देते है। यहां से बर्फ से ढके नंदा देवी पर्वत की चोटी अतीव सुंदर दिखाई देती है। कौसानी सुंदरता के कारण भारत का स्विटज़रलैंड नाम से प्रसिद्ध है। इस का अस्तित्व कोसी और गोमती के बीच में ही है।

4. गोमती-उत्तर भारत की इस नदी का आरंभ पीलीभीत जिले में माधाटांडा के निकट से होता है। उत्तर प्रदेश में यह लगभग 900 कि०मी० लंबी दूरी तक बहती है। इसका अस्तित्व वाराणसी के निकट सैदपुर के पास गंगा नदी में समाप्त हो जाता है।

5. हिमनद/ग्लेशियर (हिमानी)-हमारी धरती पर लगातार गतिशील रहने वाले बर्फ के बड़े-बड़े पिंडों को हिमनद, हिमानी या ग्लेशियर कहते हैं। प्रायः पर्वत के ऊपर एक हिमखंड होता है और उसके पिघलने से जल नीचे बहता है। हिमालय पर्वत पर लगभग 3350 वर्ग किलोमीटर में हज़ारों हिमनद हैं।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 16 ठेले पर हिमालय

6. रानीखेत-उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में रानीखेत आता है जो भारतवर्ष का प्रमुख पहाड़ी पर्यटन स्थल है। यहां देवदार और बलूत के अत्यधिक पेड़ हैं जो प्रकृति की शोभा को बढ़ाते हैं। यह काठ-गोदाम रेलवे स्टेशन से 85 कि०मी० की दूरी पर स्थित पक्की सड़क से जुड़ा हुआ है, जिस कारण पर्यटकों को आने-जाने में कोई कठिनाई नहीं आती।

7. नैनीताल-यह उत्तराखंड का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहाँ नैनी झील की सुंदरता अति अनूठी है। कुमाऊं क्षेत्र की यह झील अपनी सुंदरता से सभी को मोह लेती है। बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच बसा हुआ यह स्थान झीलों से घिरा हुआ है जिनमें से प्रमुख नैनी झील है, इसी कारण इन नगर का नाम ‘नैनीताल’ है।

8. बैजनाथ-यह नगर अल्मोड़ा जिले के उत्तराखंड में स्थित गोमती नदी के तट पर बसा हुआ है। इसमें गोमती और गंगा नदियों की धारा बहती है और इनके संगम के किनारे मंदिर समूह है। इस मंदिर समूह के सभी मंदिरों में शिव मंदिर सर्व प्रमुख है। दोनों नदियों का संगम अब एक झील में परिवर्तित हो चुका है।

PSEB 10th Class Hindi Guide ठेले पर हिमालय Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
हिमालय को किस संज्ञा से विभूषित किया जाता है?
उत्तर:
हिमालय को ‘पर्वतराज’ की संज्ञा से विभूषित किया जाता है।

प्रश्न 2.
लेखक के साथ उनके कौन-कौन मित्र थे?
उत्तर:
लेखक के साथ शुक्ल जी, सेन आदि कुछ मित्र थे।

प्रश्न 3.
लेखक की आँखों से अचानक क्या लुप्त हो गया?
उत्तर:
लेखक की आँखों से अचानक बर्फ़ लुप्त हो गया।

प्रश्न 4.
डाक बंगले के खानसामे ने लेखक और उनके साथियों को क्या बताया?
उत्तर:
डाक बंगले के खानसामे ने बताया कि वे बहुत खुशकिस्मत हैं क्योंकि उन्हें पहले दिन ही बर्फ के दर्शन हो गए अन्यथा पिछले यात्री हफ्ते भर पड़े रहे पर उन्हें दर्शन नहीं हुए।

प्रश्न 5.
गोमती की जलराशि में क्या तैर रही थी?
उत्तर:
गोमती की जलराशि में हिमालय की बर्फीली चोटियों की छाया तैर रही थी।

प्रश्न 6.
‘नैनीताल’ नाम की सार्थकता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
नैनीताल दो शब्दों के मेल से बना है। नैनी + ताल। नैनी का अर्थ है-आँखें और ताल का अर्थ है-झील अर्थात् झील की आँख । तात्पर्य यह है कि नैनीताल को झीलों का शहर कहा जाता है। इसमें नौ बड़ी झीलें हैं। इसलिए इसमें नौ झील होने के कारण भी इसका नाम नैनीताल पड़ा होगा।

प्रश्न 7.
‘हिमदर्शन से सारी खिन्नता, निराशा और थकावट छू मंतर हो गई’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
इस पंक्ति का आशय है कि हिमालय प्रकृति की अनुपम एवं अनूठी धरोहर है। यह प्रकृति की अनुपम घटा को बिखेरता प्रतीत होता है। इसका सौंदर्य एवं आकर्षण असीम एवं अद्वितीय है। यह अपने में विराट प्राकृतिक सौंदर्य को संजोए हुए है। इसलिए इसे पर्वतराज की संज्ञा दी जाती है। इस अद्भुत सौंदर्य को देखकर मानव मन की सारी खिन्नता, निराशा और थकावट छू मंतर होना स्वाभाविक है। कोई भी थका हारा मनुष्य ऐसे अद्भुत सौंदर्य को देखते ही खुश हो जाता है। उसकी निराशा आशा में बदल जाती है।

एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पान की दुकान पर खड़े हुए लेखक को क्या दिखाई दिया?
उत्तर:
एक ठेले पर बरफ लादे हुए बरफ वाले को लेखक ने देखा।

प्रश्न 2.
अलमोड़ा वासी मित्र ने ठेले पर लदी बरफ को देखकर लेखक से क्या कहा?
उत्तर:
उसने कहा कि यही बरफ तो हिमालय की शोभा है।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 16 ठेले पर हिमालय

प्रश्न 3.
कोसी से बस चलने पर कौन-सी सुंदर घाटी उन्हें दिखाई दी?
उत्तर:
उन्हें सोमेश्वर की सुंदर घाटी दिखाई दी।

प्रश्न 4.
कौसानी अड्डे पर उतर कर लेखक को क्यों लगा कि वे तो ठगे गए?
उत्तर:
क्योंकि वहाँ बरफ का कहीं भी कोई नामो-निशान तक नहीं था।

बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तरनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
लेखक मित्रों के साथ कौसानी क्या देखने के लिए गया था?
(क) मंदिर
(ख) प्राकृतिक सौंदर्य
(ग) बरफ
(घ) जन-जीवन।
उत्तर:
(ग) बरफ

प्रश्न 2.
लेखक ने किसे रंग-बिरंगी घाटी कहा है?
(क) कुत्यूर
(ख) सोमेश्वर
(ग) किन्नौर
(घ) कोसी।
उत्तर:
(क) कुत्यूर

प्रश्न 3.
डाक बंगले में किसने उन्हें खुशकिस्मत बताया?
(क) मैनेजर
(ख) मैडम
(ग) खानसामे
(घ) चौकीदार।
उत्तर:
(ग) खानसामे

एक शब्द/हाँ-नहीं/सही-गलत/रिक्त स्थानों की पूर्ति के

प्रश्न 1.
क्या देखकर लेखक हर्षातिरेक से चीख उठा था? (एक शब्द में उत्तर दें)
उत्तर:
बरफ

प्रश्न 2.
घाटियाँ गहरी पीली हो गईं। (हाँ या नहीं में उत्तर दें)
उत्तर:
हाँ

प्रश्न 3.
बरफ कमल के सफेद फूलों में बदलने लगी। (हाँ या नहीं में उत्तर लिखें)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 4.
हिमालय की शीतलता माथे को छू नहीं रही है। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 5.
छोटा-सा बिल्कुल उजड़ा-सा गाँव। (सही या गलत लिखकर उत्तर दें)
उत्तर:
सही

प्रश्न 6.
कहीं-कहीं ……. निर्जन………. के जंगलों से गुज़रती थी।
उत्तर:
सड़क, चीड़

प्रश्न 7.
बाल स्वभाव वाला ……… बादलों की ……… से झाँक रहा है।
उत्तर:
शिखर, खिड़की

प्रश्न 8.
आज भी ………………. याद आती है तो मन ………….. उठता है।
उत्तर:
उसकी, पिरा।

PSEB 10th Class Hindi Solutions Chapter 16 ठेले पर हिमालय

ठेले पर हिमालय कठिन शब्दों के अर्थ

यकीन = विश्वास। तत्काल = उसी समय। कष्टप्रद = कष्टदायी, दुख देने वाला। कुरुप = बुरा, असुंदर। विस्मय = हैरानी। सुडौल = मज़बूत। शिखर = चोटी। अंचल = आँचल। अकस्मात् = अचानक। सुकुमार = कोमल। निष्कलंक = बिना कलंक, बेदाग। कतार = पंक्ति। निगाह = दृष्टि। विस्मय = हैरान। अटल = स्थिर। बेसाख्ता = हार्दिकता से। नगाधिराज = पर्वतों का राजा। ढाँपना = ढंकना। ढाल = उतार। हर्षातिरेक = बहुत ज्यादा खुशी। खिन्नता = उदासी, परेशानी। छूमंतर = खत्म हो गई। अनाव्रत = खुली। हिम = बर्फ। शीतलता = ठंडक। आत्मलीन = स्वयं में लीन। जलराशि = जलकण। स्मृतियाँ = यादें। तत्काल = तुरंत। आसार = चिह्न। संवेदन = अनुभूति। पिराना = पीड़ा होना।

ठेले पर हिमालय Summary

ठेले पर हिमालय लेखक परिचय

डॉ० धर्मवीर भारती आधुनिक हिन्दी-साहित्य के प्रमुख साहित्यकार थे। उनका जन्म 25 दिसम्बर, सन् 1926 ई० में इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम० ए० तथा पीएच० डी० की उपाधियां प्राप्त की थीं। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हिंदी-प्राध्यापक भी रहे। वे साप्ताहिक पत्रिका ‘धर्मयुग’ के प्रधान सम्पादक भी रहे। उनकी साहित्यिक सेवाओं के उपलक्ष्य में भारत सरकार ने सन् 1972 में उन्हें पदम श्री से सुशोभित किया।

रचनाएँ-डॉ० धर्मवीर भारती बहुमुखी प्रतिभा के कलाकार थे। उन्होंने गद्य एवं पद्य दोनों क्षेत्रों में अपनी लेखनी चलाई। उनकी रचनाओं का उल्लेख इस प्रकार है-
कहानी संग्रह-स्वर्ग और पृथ्वी, चाँद और टूटे हुए लोग, मुर्दो का गाँव, बंद गली का आखिरी मकान, सांस की कलम से।
काव्य रचनाएं-सात गीत वर्ष, कनु प्रिया, ठंडा लोहा, सपना अभी भी। उपन्यास-सूरज का सातवां घोड़ा, ग्यारह सपनों का देश, गुनाहों का देवता, प्रारंभ व समापन। निबंध-संग्रह-कहानी-अनकहनी, ठेले पर हिमालय, पश्यंती। काव्य-नाटक-अंधायुग। आलोचना-प्रगतिवाद : एक समीक्षा, मानव मूल्य और साहित्य। विशेषताएँ-धर्मवीर भारती जी के काव्य में दार्शनिक तत्व की प्रधानता है। निबंधों एवं कथा-साहित्य में उन्होंने सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक समस्याओं का चित्रण किया है।
भाषा-धर्मवीर भारती जी की भाषा प्राय: सरल एवं सहज है। उनके साहित्यिक निबंधों की भाषा का स्तर स्वयं ही ऊँचा उठ गया है। अपने वर्णनात्मक निबंधों में उन्होंने तत्सम शब्दों तथा छोटे-छोटे वाक्यों को प्रमुखता दी है।

ठेले पर हिमालय पाठ का सार

‘ठेले पर हिमालय’ डॉ० धर्मवीर भारती का प्रमुख यात्रा वृत्तांत है। इस में लेखक ने पर्वतराज, हिम सम्राट हिमालय का सजीव एवं अनूठा चित्रण किया है। लेखक अपने शब्दों के माध्यम से पाठकों को उस हिमालय पर्वत के समीप ले जाता है जहां बादल ऊपर से नीचे उतर रहे थे और एक-एक कर नए शिखरों की हिम रेखाएं अनावृत हो रही थीं। इसमें लेखक ने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का चित्रण करते हुए पर्वतीय स्थानों के प्रति आकर्षण जगाने का प्रयास किया है। लेखक अपने मित्रों शुक्ल, सेन आदि के साथ अलमोड़ा की यात्रा पर गए। वे वहाँ से केवल बर्फ़ को निकट से देखने के लिए ही कौसानी गए थे। वे नैनीताल से रानीखेत और रानीखेत से मझकाली के भयानक मोड़ों को पार करते हुए कोसी पहुँचे। यह रास्ता सूखा और कुरूप था किंतु कोसी से आगे का दृश्य बिल्कुल अलग था।

सुडौल पत्थरों पर कलकल करती हुई कोसी, किनारे पर छोटे-छोटे सुंदर गाँव और हरे मखमली खेत यहाँ सोमेश्वर की घाटी बहुत सुंदर थी। इस घाटी के उत्तर की पर्वतमाला ऊँची है। इसके शिखर पर कौसानी बसा हुआ है। कौसानी के बस अड्डे पर जब लेखक बस से उतरा तो अपार सौन्दर्य को देखकर पत्थर की मूर्ति-सा स्तब्ध खड़ा रह गया। पर्वतमाला ने अपने आंचल में कत्यूर की रंग-बिरंगी घाटी छिपा रखी थी। चारों तरफ अद्भुत सौंदर्य महक रहा था। इसी घाटी के पार पर्वतराज हिमालय दिखाई पड़ा, जिसे बादलों ने ढक रखा था। शुक्ल, सेन आदि सभी ने इस दृश्य को देखा पर अचानक वह लुप्त हो गया। इस हिम दर्शन ने लेखक तथा उसके मित्रों पर एक जादू-सा कर दिया। इसे देख सारी खिन्नता, निराशा और थकावट छू मंतर हो गई। तत्पश्चात् सभी हिम-दर्शन कर इंतजार करने लगे किन्तु डाक बंगले के खानसामे ने बताया कि वे खुशकिस्मत है जो उन्हें अचानक ही हिमालय के दर्शन हो गए थे।

इससे पहले चौदह पर्यटक हफ्ते भर इंतज़ार करते रहे थे लेकिन उन्हें हिमालय के दर्शन नहीं हुए थे। लेखक अपने मित्रों के साथ बरामदे में बैठकर अपलक हिमालय के दर्शनों का इंतज़ार करता रहा। सूर्य डूबने लगा और धीरे-धीरे ग्लेशिमरों में पिघला केसर बहने लगा। बर्फ कमल के लाल फूलों में बदल गई तथा घाटियां गहरी पीली हो गईं। अंधेरा होने लगा तो लेखक अपने मित्रों के साथ उठ गया। वे सभी मायूस होकर आत्मलीन हो गए। दूसरे दिन वे घाटी में उतरकर मीलों दूर बैजनाथ पहुँच गए। वहाँ गोमती की उज्ज्वल जलराशि में हिमालय की बर्फीली चोटियों की छाया तैरती हुई दिखाई दे रही थी।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 8 Storage Devices

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PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 8 Storage Devices

Introduction:
Memory is like the human brain. A computer system needs memory to store the data and instructions for processing. Whenever we talk about the ‘memory’ of a computer system, we usually talk about the primary memory and secondary memory. Now in this chapter we will learn about these two types of memory.

What is Memory?
Computer memory is a physical device capable of storing data and information. It is a storage space where data and instructions are stored either for processing or for further uses. The memory is divided into large number of small parts called cells. Each cell has a unique address. It can store data and instructions either temporarily (RAM) or permanently (ROM) which can be reused at any time.

Memory can be either volatile or non-volatile.

  • Volatile Memory: Memory that loses work when a computer is switched off. For example, RAM is volatile. When you are working on a document, it is kept in RAM, and if the computer loses power, your work is lost.
  • Non-volatile Memory: This memory, also called NVRAM, is the memory that retains its contents even when power is lost. EPROM is an example of unstable memory.

Types of Computer Memory:
There are many types of memory in a computer; the most basic is primary memory, also called system memory, and the secondary memory, commonly called storage. Details about these memories are given ahead:

Primary Memory:
Primary memory is the main memory of a computer system. It stores the data temporarily. It holds only those data on which computer is currently working. Primary memory is directly accessed by the CPU. It has limited storage capacity and data is lost when power is switched off.

Primary memory is a semiconductor memory because it is manufactured using semiconductor devices. The capacity of primary memory is very limited and is always less than that of secondary memory. It is more expensive than secondary memory.

Characteristics of Main Memory

  • These are semiconductor memories.
  • It is known as the main memory.
  • Usually volatile memory.
  • Data is lost in case power is switched off.
  • It is the working memory of the computer.
  • Faster than secondary memories.
  • A computer cannot run without the primary memory.

Types of Primary Memory:
There are two types of primary memory:

  • RAM (Random Access Memory)
  • ROM (Read Only Memory)

1. RAM: RAM stands for Random Access Memory. This is a volatile memory. This means it stores data or instructions temporarily. It is located on the motherboard. When you start the computer, Data and instructions from the hard disk are stored in RAM. The CPU uses this data to perform the required functions. RAM loses all data as soon as you shut down the computer.

The most important thing to understand about RAM is that RAM memory is very fast, it is a read/write memory. It is much more expensive than secondary memory. Due to the high cost of RAM, most computer systems use both primary and secondary memory, RAM is further divided into two types:
(a) SRAM (Static Random Access Memory): This stores a bit of data using the state of a six transistor memory cell.
(b) DRAM (Dynamic Random Access Memory): This stores a bit data using a pair of transistor and capacitor which constitute a DRAM memory cell.

SRAM DRAM
1. Transistors are used to store information in SRAM. 1. Capacitors are used to store data in DRAM.
2. SRAM is faster as compared to DRAM. 2. DRAM provides slow access speeds.
3. These are expensive. 3. These are cheaper.
4. SRAMs are low density devices. 4. DRAMs are high density devices.
5. These are used in cache memories. 5. These are used in main memories.

2. ROM: This means read only memory. It is a non-volatile memory. It stores the data permanently. These are the IC (integrated circuits) inside the PC that makes up the ROM. ROM stores a startup program called ‘Bootstrap Loader’. When the computer’s power is turned on “Bootstrap Loader” checks and starts the device connected to the PC. ROM can only be read by CPU but cannot be changed.

Types of Read Only Memory (ROM):
(a) PROM (Programmable Read Only Memory): PROM is read¬only memory that can be modified only one time by a user. Once programmed, the data and instructions contained in it cannot be changed.
(b) EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory): It can
be reprogrammed. To delete data from it, place it in front of an ultra violet light. To re-program it, delete all previous data
(c) EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory): Data stored in EEPROM can be deleted and modified as many times as user wants. Implementing electric field can erase data, no need for ultra-violet light. We can only delete parts of the chip.

Secondary Memory
Secondary memory is permanent memory. It is not directly accessible by CPU. It communicates with the CPU through the main memory. Secondary memory stores data and holds it even when power is off. It is used to store large amount of data or programs. It is less expensive than the primary memory.
Secondary memory refers to the various storage media on which a computer can store data and programs. Floppy disks, Hard Disks, magnetic disks, magnetic tapes are the examples of secondary memory.

The Secondary storage media are of two types:

  1. Fixed: Fixed Storage media is an internal storage medium like hard disk that is fixed inside the computer.
  2. Removable: Storage medium that are portable and can be taken outside the computer are termed as removable storage media like CD, DVD, Pen drive etc.

Characteristics of Secondary Memory

  • These are magnetic and optical memories.
  • It is known as the backup memory.
  • It is a non-volatile memory.
  • Data is permanently stored even if power is switched off.
  • It is used for storage of data in a computer.
  • Computer may run without the secondary memory.
  • Slower than primary memories.

1. Magnetic Tapes: Magnetic discs are made of hard metal or synthetic plastic material. Magnetic material is coated on both sides of the disc platter and both sides can be used for storage. The magnetic disk provides direct access to both small and large computer systems. Magnetic audio tapes are used to record sound and music. Magnetic video tapes are used to record analog voice and video signals. These are low cost tapes. Hard disks and floppy disks are examples of magnetic tapes.

2. Floppy Disk: Also known as floppy diskette, it is a removable, portable secondary storage device. This was created in 1964 by IBM. It is a small plastic disc about 3.5 inches in size. These disks have very low storage capacity and can store approximately 1.4 MB of data. It can be read or written by a floppy disk drive.

3. Hard Disk: Hard disks are the secondary storage devices used to store data permanently. It is directly connected to the disk controller on the motherboard. Hard disks are flat, circular plates made of aluminum or glass and coated with a magnetic material. Hard disk platters typically spin very fast at 5400 to 7200 cycles/minute.

It has unlimited storage space and its storage capacity ranges from 20 GB to 500 GB. It used to install a new program or application on the device. Software programs, images, videos, etc. all can be saved to the hard drive.

There are two types of hard disks.

  • Internal Hard Disk: Internal hard drives are located inside your computer. Most computers come with a single internal hard drive, which includes the operating system and pre-installed applications.
  • External Hard Drive: An external hard drive, also called a portable hard drive. It is a device connected to the outside of a computer via a USB connection. It is often used to back up a computer or portable storage.

4. Optical Drives: Optical drives are a storage medium from which data is read and written by a laser. Optical disks can store up to 6GB of data. Optical storage devices are the most widely used and reliable storage devices.

The most commonly used types of optical storage devices are:

  • CD-ROM
  • DVD-ROM
  • CD-RECORDABLE
  • CD-REWRITABLE
  • PHOTO – CD

1. CD: A compact disc is a flat, round, optical storage medium invented by James Russell. It is a portable storage medium that was used to digitally store and play the audio, video and other data. Compact discs have greater storage capacity than floppy disks. These disks can store 650-700 MB of data. This is a very reliable storage media.

There are two types of CDs:
(а) CD-R: CD-R stands for Compact Disc-Recordabie, also known as ROM is a digital optical disk storage format. A CD-R disc is a compact disc that can be written once and arbitrarily read multiple times.
(B) CD-RW: CD-RW (compact disc-rewritable) is a digital optical disk storage format introduced in 1997. A CD-RW compact disc (CD-RW) can be read, written, erased, and rewritten.

2. DVD: Stands for Digital Video Disc or Digital Versatile Disc. It is a digital optical disc data storage format that was invented and developed in 1995 and released in late 1996. DVD is a type of optical media used to store digital data. It is the same size of a CD, but it has a large storage capacity. Some DVDs are specifically formatted for video playback, while others contain different types of data, such as software programs and computer files.

While using CDs and DVDs, we should keep the following in mind:
(a) CD / DVD should always be covered.
(b) The back shiny part of the CD / DVD should not be touched.
(c) Don’t write on the back of the CD / DVD.
(d) CD / DVD should not be folded.
(e) To clean CDs / DVDs, a soft cloth should be used. You can also use water to remove dust from it.

3. Pen Drive: A pen drive is a portable universal serial bus (USB) flash memory device. It is used to store and transfer audio, video and data files from a computer. The major advantage of USB pen drives over other portable storage devices such as floppy disks or DVDs / CDs is their compact shape and size; they work faster and can store more data. Memory Card: A memory card is a flash memory. It is used in electronic devices such as digital cameras, Mobile phones or video game consoles.

The memory card can stores data, images, music, games or other computer files. Memory cards have no moving parts so they are not easily damaged. They are more compact and portable than CDs or DVDs, and they can store more data than CDs. The data stored in the memory card can be read with the help of card reader.

Differences between Primary Memory and Secondary Memory
In this lesson, we have talked about both primary and secondary memory. Both are quite useful in their own way, now we will look at the difference between the both.

  • Primary memory is also called internal memory. Secondary memory is also called backup memory or auxiliary memory.
  • Primary memory can be accessed by data bus while secondary memory is accessed through I/O channels.
  • Primary memory data is accessed directly by the processing unit. Secondary memory data cannot be accessed directly by the processor.
  • Primary memory is more expensive than secondary memory. Secondary memory is cheaper than primary memory.
  • Primary memory is both unstable and static. Secondary memory is always unchanging memory.

Note:

  • Memory is an electronic holding space for instructions and data.
  • Memory is used to store data and instructions.
  • Memory can be either volatile or non-volatile.
  • Primary memory is the main memory of a computer system. It is used to store the data temporarily.
  • Primary memory consists of ROM and RAM.
  • Secondary memory is permanent memory that communicates indirectly with the CPU through the main memory.
  • Hard disks and floppy disks are examples of magnetic tapes.
  • Internal hard drive is a hard drive that resides inside the computer.
  • An external hard drive is connected to the outside of a computer via a USB connection.
  • A pen drive is used to store and transfer audio, video and data files from a computer.
  • Data stored in the memory card can be read with the help of card reader.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 Introduction to Multimedia

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PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 Introduction to Multimedia

Introduction:
Multimedia is an interactive media and provides many powerful ways to present information to the user. It provides communication between users and digital information. It is a medium of communication. Some of the areas where multimedia is widely used are education, training, reference materials, business presentations, advertising and documentation.

Multimedia:
Multimedia is a form of communication that combines different types of data such as text, audio, images, animations or video into a single presentation. Multimedia is a computer based technology where all kinds of information can be digitally presented, displayed, processed and transmitted.

As the name suggests, multimedia is a combination of multi and media. Multi means many and media means the way by which data can be transmitted or sent. Email, newspaper, messaging, radio, TV context, etc. are all examples of media.

Components of Multimedia
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 Introduction to Multimedia 1
1. Text: Text is the primary part of multimedia and the most common way of conveying information to another person. It is a combination of characters and certain symbols. Text is commonly used to send messages. In multimedia we can present text in a very attractive way using fonts, colors and styles. The most commonly used software for viewing text files are Microsoft Word, Notepad, WordPad etc.

We can use two types of text in multimedia.
(а) Static Text: Static text is a simple text that we use to type messages or other documents or given along with images to describe the image.
(b) Hypertext: Hypertext is text that contains links to other texts. These texts are displayed on the screen with blue underline. By clicking on this text we can easily and quickly go to the linked page.

2. Images: Every multimedia presentation is based on images. In multimedia we make the concept more effective and presentable with the help of images. Sometimes we do not like to read the large amount of text therefore images are used to explain the concept in very easy manner.

There are two types of images:
(a) Raster or Bitmap Images: Bitmap images are real images that are captured from digital cameras or scanners.. A bitmap is a simple matrix of small dots called a pixel that creates a raster or bitmap image. Each pixel contains two or more colors. Generally bitmap images are not editable. Bitmap images require a large amount of memory.
(b) Vector Images: Vector images are drawn using lines, circles and other mathematical equations. These images remain smooth even when zoomed in. Vector imagery requires less memory to store and thus we can use less data to represent the image. These images are editable.

3. Audio: In multimedia audio means recording or playing sound, speeches, music etc. Audio is an important part of multimedia because the concept that we cannot understand in the form of text, we explain in audio format.

Some sound formats are:
(a) MIDI: The full name of MIDI is Musical Instrument Digital Identifier. It is a communication tool developed for computers and electronic devices. It’s a flexible and easy way to create music projects in multimedia.
(b) Digital Audio: Digital audio is a better alternative to MIDI files. Digital sound files are created from predefined music to record live music. We can digitize any type’of sound. These files are larger in size than MIDI. The sound quality of these files is better than MIDI files. A special format is used for digital audio. This is called a WAV. Commonly used software for playing audio files is: Quick Time. Real Player, window media player.

4. Video: Video means moving pictures with sound. This is the best way to communicate with each other. It is used in multimedia to present more information and saves a lot of time. The most commonly used software for watching videos are: Quick Time, Real Player, window media player.

The video is divided into two parts:
(a) Analog Videos: Analog video is created in a video camera. Analog video, represents moving visual images (video) in the form of analog signals. The red, green and blue intensities are used to record these videos.
(b) Digital Videos: Digital video is an electronic representation of moving visual images (video) in the form of encoded digital data. Digital video is audio/visual data in a binary format. Information is represented as a sequence of zeroes and ones.

5. Animation: Animation is the process of displaying multiple images one after the other. In traditional animation, to show on film, images are drawn or painted by hand on transparent celluloid sheets. Today, most animations are made with computer-generated imagery (CGI). Animation is a method in which images are shown as a video at high speed. For example Cartoon movies, games etc.

There are two types of animation:
(а) Path Animation: In this animation, path geometry is used as an input.
(b) Frame Animation: In this animation, pictures are shown moving in a frame.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 Introduction to Multimedia

Features of Multimedia:

  • Photo Gallery: Show your photos arranged in a nice-looking grid format.
  • Slideshows: Combine your pictures with music and animate them in a slideshow.
  • Audio Player: Add music, podcasts or other audio files to your website.
  • Video Player: Upload videos and display them in a professional player or embed videos directly from video sharing websites such as http:// www.youtube.com
  • Embedded Documents: Embed already existing documents from script.com or other document sharing websites directly into your website for easy viewing.

Requirements of Multimedia
In multimedia, projects are created by combining text, graphics, sounds, videos, etc. These projects require verity of hardware and software. These hardware and software are based on the need of the project, budget and its presentation. The hardware and software commonly used in multimedia are as given ahead:

Hardware Requirements
The following hardware is required to create multimedia apps. This hardware include inputs, outputs and storage devices.
1. Input Devices: Those devices which are used to enter data and instructions into a computer are called input devices. They add text, graphics, sounds, videos, etc. to projects. The following are the input devices used in multimedia.
(a) Keyboard
(b) Mouse
(c) Scanner
(d) Touch Screen
(e) Microphone
(f) Voice Recognition System
(g) Digital Camera
(h) Joystick
(i) Light Pen

2. Output Devices: Those devices which are used to receive data from a computer. For example printing a document, displaying images on a screen and playing audio or video. Below are the names of some of the output devices.
(а) Monitor
(b) Audio Devices
(c) Video Devices
(d) Projectors
(e) Speakers
(f) Printers etc.

3. Storage Devices: The process of permanently saving data and instructions is called storage, and the devices in which multimedia projects are stored are called storage devices. The following are some of the storage devices used to store multimedia projects:
(a) Hard Disk Drive
(b) Magnetic Tape
(c) RAM
(d) CD-R, CD-RW, DVD
(e) Pen Drive
(f) External Disk Drive

Software Requirements
Multimedia software is a tool used to edit and manage the key elements of multimedia such as text, graphics, sound, animation and video.

The following are some of the specific software used for multimedia projects.

  • Adobe Director
  • Create Together
  • Media Blander
  • Media Works
  • Play mo
  • Multimedia Builder
  • 4 File Format for Multimedia

File formats are designed to store specific types of information. Such as JPEG for storing raster data, AI for storing vector data, WAV and MPEG for storing audio data and video data. Before reading about the file format in multimedia, we need to know how many types of files are in multimedia.

Multimedia consists of 3 types of files which are mentioned ahead:

  • Uncompressed: These are the files which are not compressed and are capable of storing a large file size.
  • Lossless: Files that can be compressed and when they are compressed there is no loss in image quality such as (Vector images) which do not lose quality even when zoomed in and the image will remain clear.
  • Lossy: Files that lose their quality when compressed. Such as bitmap Images. The easiest way to find any file type is to look at the file extension. The file extension determines which file it is.

Audio File Format
Audio file format is the file format used to store digital audio data on a computer system. Below are some audio file formats:

  • MP3: The full form of MP3 is MPEG audio Layer-3. It is a standard technology and format that reduces the size of the file by one-tenth of the actual size and does not allow any loss in sound quality. The extension of these files is MP3.
  • WAV: The most popular audio file format in Windows for storing compressed sound files. In order to the reduced the size of the files, these files can be converted to MP3 file format. The extension of these files is WAV.
  • WMA (Window Media Audio): These file formats are used to encode digital audio files similar to MP3. It can compress files at a higher rate than MP3. WMA files can be compressed to any size to match many different connection speeds or bandwidths. Their file extension is .wma.
  • AAC (Advanced Audio Coding): The default audio format of Apple iTune. They work very well on Apple computing but do not work on web browsers. Their file extension is .aac.
  • Real Audio: This format has been developed by Real Media to allow steaming of audio with low bandwidth. Its file extensions are ,rm, .ram.

Video File Format
Video files are a collection of images, audio and other data. The following are many different formats for encoding and saving video data.

  • AVI (Audio Video Interleave); One of the oldest video formats developed by Microsoft. Due to its simple architecture, these files are able to run on different systems such as Windows, Macintosh, Linux. The file extension of these files is .avi.
  • MPEG (Moving Pictures Expert Group): The first popular video format on the web is MPEG, These are compressed video files that can store both audio and video files. The file extension of these files is .mpeg.
  • MP4: MP4 is one of the earliest digital video file formats introduced in 2001. Most digital platforms and devices support MP4. An MP4 format can store audio files, video files, still images and text. In addition, MP4 delivers high quality video with relatively small files. The file extension of these files is .mp4.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 Introduction to Multimedia

Image File Format
There are many different image formats and image file extensions that can be used to create and save images to a computer. The most common image formats are listed below:
1. TIFF: Stands for Tagged Image File Format. TIFF file format is widely used bitmapped file format. TIFF files originally use lossless compression. Today TIFF files also use lossy compression according to the requirement. It allowing for very high-quality images but also larger file sizes.TIFF can store many different types of image such as 1 bit image, grayscale image, 8 bit color image, 24 bit RGB image etc. It is supported by many image editing applications, software used by scanners and photo-retouching programs. The file extension of these files is .tiff.

2. BMP: The bitmap file format (BMP) is a very basic format supported by most Windows applications. BMP files are uncompressed. It allowing for very high-quality images but also larger file sizes. Therefore, these are not suitable for the internet. BMP can store many different type of image: 1 bit image, grayscale image, 8 bit color image, 24 bit RGB image etc. The file extension of these files is .bmp.

3. GIF (Graphics Interchange Formats): The GIF format is one of the most popular on the Internet due to its compact size. They are widely used for web graphics, as they are limited to 256 colors and can be animated. The file extension of these files is .gif.

4. JPEG (Joint Photographic Experts Groups): Jpeg is a “loosy” format meaning it compresses the image to make it a smaller file. Compression of the image causes loss of image quality but this loss is usually not noticeable. JPEG files are very common on the Internet and JPEG is a popular format for digital cameras. The file extension of these files is -jpeg.

5. PNG (Portable Network Graphics): PNG files are a lossless image format designed to actually improve and convert GIF format. Unlike the 256 colors supported by GIF, PNG files can handle up to 16 million colors. The file extension of these files is .png.

6. RAW: Raw images are images that are not processed by a camera or scanner. Most digital SLR cameras can shoot in RAW format. The file extension of these files is raw.

Creating text files and using a word processor is the most common task on a computer. The following are the most common file formats used to store text files and documents.

  • RTF (Rich Text Format): Rich Text Format is a primary file format. Files of this format can be read in any word processor. The file extension of these files is .rtf
  • Plain Text: Plain text files can be opened, read and edited with most text editors. The most commonly used text editors are Notepad (Windows), Gadget or Nano (Unix, Linux), Text Edit (Mac OS) and more. Other computer programs are also capable of reading and importing plain text. Plain text is a real and popular way to deliver an email.

Multimedia Presentation
The multimedia presentations are electronic documents that can include text, diagrams, graphics, photographs, sounds, animations, video clips etc.

Multimedia presentations are used to convey a message to others using a variety of communication methods. These presentations usually include text, animation, video, audio or interactive features such as forms, popup and more. First presentations were offering by Microsoft PowerPoint. You could say that most PowerPoint presentations are multimedia presentations. Today there are many multimedia presentation creators available who use various tools to make the presentation attractive which attracts the attention of the audience.

The following should be kept in mind when creating a multimedia presentation.

  • Text should be kept to a minimum in multimedia presentations.
  • The level of audio and music quality should be good.
  • The keyboard and mouse should be accessible for the convenience of the user.
  • Multimedia presentation should be effective and small in size.

Types of Multimedia Presentation
There can be many types of multimedia presentations, some of which are as follows:
1. Virtual Presentation: Where hosts and viewers attend the presentation remotely, are becoming common place. It is a technology that allows us to gather information on any topic and create a virtual presentation using high technology hardware software tools.

2. Slide Presentation: A slide is a presentation page. A group of slides is known as a slide deck. A slide show is a display of a series of slides or images in an electronic device or on a projection screen. A slide can be a 35 mm slide seen with a slide projector. Presentation slides can be created in many pieces of software such as Microsoft PowerPoint, Apple Keynote, LibreOffice Effects, Preeze,

3. Web Presentations: When we add audio, video, animation etc. to web pages instead of static photos and text, web Pages turn into web presentations.

Applications of Multimedia
Multimedia is the most fast growing area in the field of information technology. A Multimedia is an application which uses media sources like text, images, sound/ audio, animation and video on a single platform. Following are the common areas of applications of multimedia.
1. Education: Multimedia is used to teach students in school and colleges. Nowadays multimedia CDs are used instead of text books.

2. Business: Multimedia applications are used in business for marketing, advertising, network communications, online shopping and more. It is also used in commercial marketing to motivate customers to buy products. ‘

3. Advertisement: Advertising industry uses multimedia to promote businesses, products and services. Multimedia advertising is done using animations and graphic design. Television, radio and print advertising are the most common mediums used in advertising.

4. Entertainment: Multimedia is widely used in the entertainment *> industry. It is used especially in movies and video games to create special effects. Music and video apps are a great example of multimedia in entertainment.

5. Public Places: Multimedia is available in many public places like trade ’ shows, libraries, railway stations, museums, malls, airports, banks, hotels and exhibitions in the form of kiosks. It provides information to the customers and helps them.

6. Software: Software engineers can use multimedia in computer entertainment to design everything from entertainment to digital games; it can be used as a learning process.

7. Medical Services: Multimedia also use in Hospitals. For surgery methods, Tiny digital cameras are inserted in human body and it displays the inner scene of the body. In this way the medical practitioners were , able to see the inner part without examine it.

Note:

  • Multimedia is a combination of the two words multimedia and media.
  • Multi means many, media means mean of communication such as newspaper, email, radio, television.
  • The five main elements of multimedia are text, voice, pictures, animation and video.
  • Hardware and software are essential elements for multimedia.
  • There are two types of images in multimedia: raster images and vector images.
  • Multimedia has two types of videos: analog video and digital video.
  • Animation is a method in which pictures are sorted and played as a video. For example: Cartoon movies.
  • Multimedia applications are use in education, banking, entertainment, advertising, hospital field.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV

This PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV will help you in revision during exams.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV

Introduction:
A table is a grid of cells arranged in rows and columns. Tables are useful for various tasks such as presenting text information and numerical data. In Word, you can create a blank table, convert text to a table, and apply a variety of styles and formats to existing tables.

Table:
A table is a collection of rows and columns where data is grouped together. Rows are placed horizontally and columns are placed vertically in the table and the intersection of a row and column is known as CelL Cells are small boxes in the worksheet where we enter data. For example sample table is shown below :

Name Class Roll No. Subject
Shine 4th 6 Math
Grace 5th 7 Hindi
Mishit 6th 8 English

In this lesson, we will learn how to create a table, how to join rows and columns, how to format a table, etc.

Creating a Table
In MS Word, we can create tables in three ways :

  • With the help of table buttons.
  • With the help of Insert Table option.
  • With the help of draw table options.

Creating a Table using the Insert Table Option
Below are the steps to create a table using the Insert Table option :
(а) In the Insert tab, click on the “Table” command from the Table group.
(b) A dropdown menu will open as shown in the picture above, click on the “Insert Table” option from this menu.
(c) The Insert Table dialog box will appear.
(d) In this box, specify the number of rows and columns and click on the ok button.
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 1

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV

Creating a Table with the Help of a Draw Table Option
The steps to create a table with the help of a draw table option are as follows:
(а) In the Insert tab, click on the “Table command from the Table group.
(b) A dropdown menu will open as shown in the picture above, click on the Draw Table option from this menu.
(c) The mouse pointer will turn into a pencil.
(d) Draw a rectangle on the page with the help of a pencil.
(e) Draw vertical and horizontal lines to form columns and rows as needed.
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 2

Enter Text into Table
Below are the steps for inserting text into a table :

  • Click on the cell in which you want to insert the text.
  • Now type
    Or
  • You can also add text using copy paste

To Convert Text to a Table
Steps to convert text into table are as follows :

  • Select the text which you want to convert into table.
  • Click on the “Table” command in the “Table” group of the Insert tab.
  • Select the command “Convert Text To Table”.
  • The “Convert Text to Table” dialog box opens.
  • Select the desired option in the Separate text at section.
  • Click OK button.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 3

Convert Table into Text
Steps to convert table into text are as follows :

  • Select the rows of tables you want to convert to text.
  • On the Layout tab, in the Data section, click “Convert To Text”.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 4
In the Convert Table box, under Separate Text With, click on the different character you want to use instead of the column boundaries. Rows will be separated by paragraph symbols.
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 5
Click Ok.

Modifying a Table
Once you have included the table in your document, if you need to add or remove more data, you can easily add and delete rows and columns into the table. You can also change the look of your table.
When you select a table in Word, the Design and Layout tabs appear below the Table Tools on the Ribbon. Using the commands on the Layout tab, you can make various modifications into the table.

Adding ROMS to Tables
In any table, you can add a row above or below the selected cell. In MS Word we have 2 ways to add row into the table. Which are as follows :

Method 1.
Below are the steps to add rows to the table.

  • Place the cursor in the table where you want to add the new row.
  • Now right click on the mouse, a drop-down menu will appear on the screen.
  • Click on the Insert option from this menu.
  • If you want to add a new row above the insertion point, click on the “Insert Row Above” option.
  • If you want to add a new row below the insertion point, click on the “Insert Row Below” option.
  • A new row will appear above the insertion point.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 6

Method 2.
The step of adding rows to the table is given below :

  • Place the cursor in the table where you want to add the new row.
  • From the “Rows & Columns” group of the “Layout tab”, click on the “Insert Above/Insert Below” option.
  • A new row will appear below/above the insertion point.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 7

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV

Adding Columns to Tables
In MS Word, you can add a new column to the right or left of the insertion point in a table. There are two ways to add columns in Word which are as follows :

Method 1.

  • Place the insertion point where you want to add new column.
  • Right-click on the mouse. A menu will appear.
  • Click on the Insert option from this menu.
  • If you want to add a new column to the left of the insertion point, click on the “Insert Cloumn to the left” option.
  • If you want to add a new column to the ‘right of the insertion point, click on the “Insert Column to the right” option.
  • A new column will now appear to the right or left of the cursor.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 8

Method 2.
Below is the step to add a column to the table:

  • Place the cursor in the table where you want to add the new column
  • From the “Rows & Columns” group of the Layout tab, click on the “Insert Left/Insert right” option.
  • A new column will now appear to the right or left of the cursor.

Adding Cells to Tables
In MS Word, you can add a new cell around the selected cell, such as right, left, up or down.

The steps to add a new cell are as follows :

  • Click in the cell.
  • Press the right mouse button inside the cell.
  • From this menu click “Insert” and then click “insert cell” option.
  • Choose which side of the selected cell you want new cell.
  • Click the OK button.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 9

Deleting a Row or Column
Here are the steps to delete a row or column from the table :

  • Select a row or column.
  • Right click your mouse. A menu will appear.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 10

  • Click on the Delete Cells option,
  • A Delete Cell dialog box will now open.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 11

  • Click “Delete entire row” option to delete the row or click “Delete entire column” option to delete the column.
  • The appropriate row/column will be deleted.

Delete Rows or Columns using the Layout Tab

  • Select the row or column you want to delete.
  • Click the “Delete” button from the Rows & Columns group of the Layout tab.
  • A dropdown menu will open.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 12
From this menu, click the “Delete Row’” option to delete the row or click the “Delete Column” option to delete the column and if you want to delete the entire table, click the” Delete Table” option.

Deleting Cells using the Layout Tab

  • Select the row or column you want to delete.
  • Click the “Delete” button from the Row’s & Columns group of the Layout tab.
  • Now a dropdown menu will open, click on “Delete Cells” option,
  • A Delete Cell dialog box will now open.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 13

  • From this box click on “Shift Cells Left” / “Shift Cells Right” option.
  • The selected cell wall be deleted.
    Or
  • Press the right mouse button inside the cell you want to delete.
  • A menu will appear, click on the “Delete Cell” option from this menu.
  • A “Delete Cell” dialog box will open.
  • In this box, click on Shift Cells Left / Shift Cells Right option.
  • The selected cell will be deleted.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV

Properties of Tables
With the Table Properties dialog box we can adjust the alignment of the table and the size of the row, column or cell.
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 14
In MS Word we can also split or merged the Cells into a table.

Changing Alignment of Table
The method of aligning the table is as follows :

  • Click the cursor anywhere in the table.
  • Click on Layout tab.
  • Click on “Properties” button in the “Table” group. A dialog box will appear.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 15
In the dialog box, select the “Table” tab.
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 16
Choose the alignment you like and Click on the OK button.

Changing Size of Row, Column or Cell
Steps to resize the rows, columns and cells are as follows :

  • Click in the cell, row, column that needs to be resized.
  • Click on Layout tab.
  • Click on “Properties” in the Table group. A dialog box appears as shown in figure 6.16.
  • Select Row, Columns or Cells tab as required.
  • Enter the required value in height for row, Width for column.
  • Click on OK button.

Splitting the Cell:
Microsoft Word allows cells to be divided into multiple cells. Steps to divide a cell into several smaller sub-cells are as follows :

  • Place mouse pointer inside the cell that you want to split into several cells.
  • Now click on the “Layout” tab and then click on the “Split cells” button from the “Merge” group.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 17
A “Split Cells” dialog box will open and ask about the Number of columns/ Number of Rows.
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 18

  • Select the required number of rows and columns
  • Click the OK button.

Splitting the Table
Microsoft Word allows a table to be split into multiple tables but a single operation always splits the table into two tables.

The following are simple steps to split a table into two tables in a World Document.

  • Place the cursor in the row that you want to be the first row of the second table.
  • Click the Split Table button ‘ from the Merge group on the Layout tab.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 19

Merging Cells
Microsoft Word allows two or more cells to merge to form one large cell. You will often need to combine the columns in the top row to create a table title. You can combine cells row-by-column or column-by-column, you can’t mix cells diagonally :

The steps for merging cells are as follows :

  • Select the cells we want to merge.
  • Click the Merge Cells button from the Merge group on the Layout tab.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV 20
When clicked, this option will convert all selected cells into one cell.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 Microsoft Word Part-IV

Note:

  • A table is a grid of cells arranged in rows and columns.
  • Tables are often used to present data in a systematic way.
  • The horizontal lines of a table are called rows and the vertical lines are called columns.
  • The intersection of rows and columns is called cell.
  • Using the Draw Table option we can draw a complex table, for example:
  • If we want to keep the number of cells in each row of the table and their height different, we can use the Draw Table option.
  • Press “Tab” or “Right Arrow” key to move forward in different cells.
  • Press “Shift + Tab” key or “Left Arrow” key to move back and forth between different cells.
  • After creating a table in Word, we can insert a new column to the right or left of any column and a new row above or below any row.
  • Dividing a cell into more than one cell is called splitting.
  • Combining two or more cells into one cell is called merging.
  • “Table Properties button allows you to resize table rows, columns and cells.

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran संधि

Punjab State Board PSEB 10th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sandhi संधि Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 10th Class Hindi Grammar संधि

1. निम्नलिखित में संधि-विच्छेद/संधि कीजिए।
PSEB 10th Class Hindi Grammar संधि 1
उत्तर:
(क) संधि-विच्छेद करना:
चरणामृत = चरण + अमृत
पुस्तकालय = पुस्तक + आलय
मुनीश = मुनि + ईश
लघूत्तर = लघु + उत्तर
दशमेश = दशम + ईश
यथेष्ट = यथा + इष्ट
लोकोक्ति = लोक + उक्ति
पर्यावरण = परि + आवरण
उपर्युक्त = उपरि + उक्त
इत्यादि = इति + आदि।
संधि करना:
प्रति + एक = प्रत्येक
गज + आनन = गजान
सु + अच्छ = स्वच्छ
वन + ओषधि = वनौषधि
यदि + अपि = यद्यपि
शिष्ट + आचार = शिष्टाचार
गुरू + आगमन = गुर्वागमन
सूर्य + उदय = सूर्योदय
अति + अंत = अत्यंत
मत + एक्य = मतैक्य।

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran संधि

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

[एक पंक्ति में उत्तरात्मक प्रश्नों के लिए ऐम० बी० डी० हिन्दी गाइड दसवीं भी देखें]
निम्नलिखित बहुविकल्पी प्रश्नों में से एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-

प्रश्न 1.
प्रत्येक का संधि-विच्छेद होगा
(क) प्रति + एक
(ख) पर्त + एक
(ग) पृत्य + ऐक
(घ) प्रति + ऐक।
उत्तर:
(क) प्रति + एक

प्रश्न 2.
सूर्योदय का संधि-विच्छेद होगा
(क) सूर्य + ओदय
(ख) सूर्य + औदय
(ग) सूर्य + उदय
(घ) सूर्य + ऊदय।
उत्तर:
(ग) सूर्य + उदय

प्रश्न 3.
विद्यार्थी का संधि-विच्छेद होगा’
(क) विद् + आर्थी
(ख) विद्या +. अर्थी
(ग) विद्य + आर्थी
(घ) विद् + अर्थी।
उत्तर:
(ख) विद्या + अर्थी

प्रश्न 4.
उपरि + उक्त की संधि होगी
(क) उपरोक्त
(ख) उपरीउक्त
(ग) उपर्युक्त
(घ) उपरिउक्त।
उत्तर:
(ग) उपर्युक्त

प्रश्न 5.
परि + आवरण की संधि होगी-
(क) परीवरिण
(ख) पर्यावरण
(ग) पयार्वरण
(घ) पर्यावरण।
उत्तर:
(ख) पर्यावरण

प्रश्न 6.
सत्य + अर्थ की संधि होगी
(क) सत्यार्थ
(ख) सतिर्थ
(ग) सतीयर्थ
(घ) सत्यर्थ।
उत्तर:
(क) सत्यार्थ

प्रश्न 7.
महर्षि का संधि-विच्छेद महा + ऋषि (सही है या गलत)
उत्तर:
सही

प्रश्न 8.
राजा + ईश्वर की संधि राजीश्वर (सही है या गलत)
उत्तर:
गलत

प्रश्न 9.
परम + ईश्वर की संधि है परमीश्वर (हाँ या नहीं में उत्तर दीजिए)
उत्तर:
नहीं

प्रश्न 10.
महात्मा का संधि-विच्छेद महा + आत्मा है (हाँ या नहीं में उत्तर दीजिए)
उत्तर:
हाँ।

बोर्ड परीक्षा में पूछे गए प्रश्न निर्देशानुसार उत्तर दीजिए:

(क) निम्नलिखित शब्दों की संधि कीजिए
रजनी + ईश
अथवा
निम्नलिखित शब्द का संधिविच्छेद कीजिए
प्रत्येक
उत्तर:
(क) रजनी + ईश = रजनीश
अथवा
प्रत्येक = प्रति + एक

(ख) निम्नलिखित शब्दों की संधि कीजिए
सत्य + अर्थ
अथवा
निम्नलिखित शब्द का संधिविच्छेद कीजिए- .
परोपकार
उत्तर:
(ख) सत्य + अर्थ = सत्यार्थ
अथवा
परोपकार = पर + उपकार

(ग) निम्नलिखित शब्दों की संधि कीजिए
परम + अणु
अथवा
निम्नलिखित शब्द का संधिविच्छेद कीजिए
वसन्तर्तु
उत्तर:
(ग) परम + अणु = परमाणु
अथवा
वसन्ततु = वसंत + ऋतु

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran संधि

वर्ष
संधिविच्छेद कीजिए-
फलाहार, राजेन्द्र
उत्तर:
फलाहार = फल + आहार
राजेन्द्र = राजा + इन्द्र।

संधि कीजिए-
प्रति + एक,
गज + आनन
उत्तर:
प्रति + एक = प्रत्येक
गज + आनन = गजानन।

संधिविच्छेद कीजिए-
परमात्मा
संगीताचार्य
उत्तर:
परमात्मा = परम + आत्मा
संगीताचार्य = संगीत + आचार्य।

वर्ष
संधि कीजिए-
हत + उत्साहित
उत्तर:
हतोत्साहित

संधिविच्छेद कीजिए-
पित्रर्पण
उत्तर:
पितृ + अर्पण।

प्रश्न 1.
संधि किसे कहते हैं ?
उत्तर:
संधि का सामान्य अर्थ है-मेल। मुख्य रूप से जब वर्गों का संयोजन होता है तो शब्दों की रचना होती है। दो वर्गों के विकार या परिवर्तन सहित मेल को संधि कहते हैं; जैसे-
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, = आ + अ = आ = ा
मत+ ऐक्य = मतैक्य = अ + ऐ = ऐं = ै
उत् + हरण = उद्धरण, = त् को न हो जाता है
निः + झर = निर्झर = निः के विसर्ग को ”’ हो जाता है।
वनः + पति = वनस्पति = न: के विसर्ग को स् हो जाता है
संधि से नए शब्दों की रचना होती है जिससे भाषा नए शब्दों को प्राप्त कर समृद्ध होती है।

प्रश्न 2.
संधि की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
परिभाषा: दो वर्गों के पास-पास आने से उनमें जो विकार सहित मेल होता है, उसे संधि कहते हैं।

प्रश्न 3.
संधि-विच्छेद किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब संधि हुए वर्गों को अलग-अलग कर उनकी पूर्व स्थिति में पहुँचा दिया जाता है, तो उसे संधि-विच्छेद कहते हैं। जैसे-
संधि = संधि-विच्छेद
परीक्षा = परि + ईक्षा
उच्चारण = उत् + चारण
नमस्कार = नमः + कार
मूसलाधार = मूसल + धार

प्रश्न 4.
संधि के कितने भेद हैं?
उत्तर:
संधि के तीन भेद हैं-
(i) स्वर संधि
(ii) व्यंजन संधि
(iii) विसर्ग संधि।
(i) स्वर संधि-स्वर से परे स्वर होने पर उनमें जो विकार होता है उसे स्वर संधि कहते हैं; जैसेधर्म + अर्थ = धर्मार्थ, यहां अ और अ मिलकर आ हुआ है। दीर्घ स्वर संधि हुई है।

(ii) व्यंजन संधि-व्यंजन के पास व्यंजन या स्वर होने से व्यंजन में जो विकार होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं; जैसे-जगत् + ईश = जगदीश, जगत् + नाथ = जगन्नाथ, दिक् + गज = दिग्गज, वाक् + ईश = वागीश, वि + सम = विषम, वाक् + मय = वाङ्मय।

(iii) विसर्ग संधि-विसर्ग (:) के पास स्वर या व्यंजन होने से विसर्ग में जो विकार होता है उसे विसर्ग संधि कहते हैं; जैसे-निः + आशा = निराशा, तपः + वन = तपोवन, नमः + ते = नमस्ते, हरिः + चन्द्र = हरिश्चन्द्र, निः + धन = निर्धन।
पाठ्यक्रम में केवल स्वर संधि है, इसलिए इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

स्वर संधि

प्रश्न 1.
स्वर संधि किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं?
उत्तर:
स्वरों के परस्पर निकट होने से उनमें जो विकार या परिवर्तन सहित मेल होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं। स्वरों में परिवर्तन के आधार पर इसके पाँच भेद हैं-
1. दीर्घ संधि
2. गुण संधि
3. वृद्धि संधि
4. यण संधि
5. अयादि संधि।

1. दीर्घ संधि
परिभाषा-जब दो सवर्ण स्वर परस्पर निकट-निकट आ जाते हैं तो दोनों मिलकर उसी वर्ण का दीर्घ स्वर बनाते हैं। इसे दीर्घ संधि कहते हैं।
नियम-जब दो सवर्ण स्वर (अ, आ, इ, ई, उ, ऊ) पास-पास आ जाते हैं तब दोनों के परस्पर मेल से एक ही दीर्घ स्वर (आ, ई, ऊ) बन जाता है।
‘उदाहरण
(क) अ+ अ = आ
चर + अचर = चराचर
स्व + अर्थ = स्वार्थ
अन्य + अर्थ = अन्यार्थ
परम + अर्थ = परमार्थ
सूर्य + अस्त = सूर्यास्त
स्व + आधीन = स्वाधीन
भाव + अर्थ = भावार्थ
सत्य + अर्थ = सत्यार्थ
परम + अणु = परमाणु
शस्त्र + अस्त्र = शस्त्रास्त्र
धर्म + अर्थ = धमार्थ
कर्म + अर्थ = कर्मार्थ
वेद + अंत = वेदांत
राम + अवतार = रामावतार
धर्म + अधर्म = धर्माधर्म
अन्य + अर्थ = अन्यार्थ
शश + अंक = शशांक
एक + एक = एकाएक
देश + अटन = देशाटन
सूर्य + उदय = सूर्योदय
अल्प + अवधि = अल्पावधि
जन्म + अंतर = जन्मांतर
पर + अस्त = परास्त
नव + अंकुर = नवांकुर
अनेक + अनेक = अनेकानेक
स्व + अनुभव = स्वानुभव
सत्य + असत्य = सत्यासत्य
मत + अनुसार = मतानुसार
देह + अंत = देहांत
हिम + आद्रि = हिमाद्रि
सह + अनुभूति = सहानुभूति
स्व + अधीन = स्वाधीन
देव + अर्चन = देवार्चन
सत्य + अन्वेषी = सत्यान्वेषी
सुख + अनुभूति = सुखानुभूति
स्व + अर्थी = स्वार्थी
शरण + अर्थी = शरणार्थी
शब्द + अर्थ = शब्दार्थ
कृष्ण + अवतार = कृष्णावतार
राम + अवतार = रामावतार
वस्त्र + अभाव = वस्त्राभाव
अन्न + अभाव = अन्नाभाव
अधिक + अंश = अधिकांश
मलय + अनिल = मलयानिल
दिन + अंक = दिनांक
कीट + अणु = कीटाणु
पीत + अंबर = पीतांबर
उत्तर + अंचल = उत्तरांचल
मुख्य + अध्यापक = मुख्याध्यापक
ब्रह्मा + अस्त्र = ब्रह्मास्त्र
मत + अधिकार = मताधिकार
शत + अधिक = शताधिक
योग + अभ्यास = योगाभ्यास
धन + अभाव = धनाभाव
परम + अर्थी = परमार्थी
हिम + अंशु = हिमांशु
रस + अयन = रसायन
जीव + अणु = जीवाणु
नील + अंबर = नीलांबर
देव + असुर = देवासुर
पुष्प + अंजलि = पुष्पांजलि
चरण + अमृत = चरणामृत
राग + अनल = रागानल
धर्म + अर्पित = धर्मार्पित

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran संधि

(ख) अ + आ = आ

देव + आलय = देवालय
विश्राम + आलय = विश्रामालय
सचिव + आलय = सचिवालय
जन + आदेश = जनादेश
परम + आनंद = परमानंद
शिव + आनंद = शिवानंद
परम + आत्मा = परमात्मा
ध्वज + आरोहण = ध्वजारोहण
शुभ + आकांक्षी = शुभाकांक्षी
विरह + आतुर = विरहातुर
धर्म + आत्मा = धर्मात्मा
नव + आशय = नवाशय
धन + आकांक्षी = धनाकांक्षी
कुश + आसन = कुशासन
युग + आदि = युगादि
वर्तुल + आकार = वर्तुलाकार
पुस्तक + आलय = पुस्तकालय
अभ्य + आगत = अभ्यागत
विवेक + आनंद = विवेकानंद
महत्त्व + आकांक्षी = महत्त्वाकांक्षी
देव + आसन = देवासन
पद्म + आसन = पद्मासन
मंगल + आचार = मंगलाचार
प्राण + आधार = प्राणाधार
शिव + आलय = शिवालय
धन + आदेश = धनादेश
हिम + आलय = हिमालय
भोजन + आलय = भोजनालय
वृक्ष + आरोपण = वृक्षारोपण
गज + आनन = गजानन
राम + आनंद = रामानंद
नव + आगत = नवागत
रत्न + आकर = रत्नाकर
अश्व + आरोहण = अश्वारोहण
फल + आदेश = फलादेश
काम + आतुर = कामातुर
मरण + आसन्न = मरणासन्न
दिव्य + आकार = दिव्याकार
छात्र + आवास = छात्रावास
मंडल + आकार = मंडलाकार
पंच + आनन = पंचानन
वाचन + आलय = वाचनालय
शरण + आगत = शरणागत
पूर्व + आग्रह = पूर्वाग्रह
शुभ + आरंभ = शुभारंभ
शव + आसन = शवासन
मयूर + आसन = मयूरासन
गत + आचार = गताचार
विस्मय + आदि = विस्मयादि
राम + आलय = रामालय
देव + आगम = देवागम
सत्य + आग्रह = सत्याग्रह

(ग) आ + अ = आ

दीक्षा + अंत = दीक्षांत
कदा + अपि = कदापि
रेखा + अंश = रेखांश
यथा + अवसर = यथावसर
परीक्षा + अर्थी = परीक्षार्थी
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
महा + अर्णव = महार्णव
विद्या + अर्जन = विद्यार्जन
यथा + अर्थ = यथार्थ
विद्या + अर्पण = विद्यार्पण
परीक्षा + अभ्यास = परीक्षाभ्यास
सेवा + अर्थ = सेवार्थ
सीमा + अंत = सीमांत
परा + अस्त = परास्त
सीता + अर्थ = सीतार्थ
यथा + अर्थ = यथार्थ
शिक्षा + अर्थी = शिक्षार्थी
सीमा + अंकन = सीमांकन
मिथ्या + अर्थ = मिथ्यार्थ
तथा + अपि = तथापि
विद्या + अभ्यास = विद्याभ्यास
दया + अर्थ = दयार्थ

(घ) आ + आ = आ

दया + आनंद = दयानंद
वार्ता + आलाप = वार्तालाप
सदा + आचार = सदाचार
श्रद्धा + आनंद = श्रद्धानंद
सभा + आगार = सभागार
चिकित्सा + आलय = चिकित्सालय
महा + आशय = महाशय
कृपा + आलु = कृपालु
दिवा + आकर = दिवाकर
मिथ्या + आडंबर = मिथ्याडंबर
महा + आत्मा = महात्मा
विद्या + आलय = विद्यालय
महा + आनंद = महानंद
कारा + आवास = कारावास
कृपा + आकांक्षी = कृपाकांक्षी
प्रतीक्षा + आलय = प्रतीक्षालय
विद्या + आनंद = विद्यानंद
श्रद्धा + आलु = श्रद्धालु
छात्रा + आवास = छात्रावास
करुणा + आगार = करुणागार

(ङ) इ + इ = ई

कपि + इंद्र = कपींद्र
रवि + इंद्र = रवींद्र
गिरि + इंद्र = गिरींद्र
अभि + इष्ट = अभीष्ट
कवि + इच्छा = कवीच्छा
अति + इव = अतीव
प्रति + इति = प्रतीति
शशि + इंद्र = शशींद्र
मुनि + इंद्र = मुनींद्र
कवि + इंद्र = कवींद्र

(च) इ + ई = ई

मुनि + ईश्वर = मुनीश्वर
प्रति + ईक्षा = प्रतीक्षा
मुनि + ईश = मुनीश
अधि + ईश्वर = अधीश्वर
कवि + ईश्वर = कवीश्वर
फणि + ईश्वर = फणीश्वर
कपि + ईश = कपीश
हरि + ईश = हरीश
रवि + ईश = रवीश
गिरि + ईश = गिरीश
कपि + ईश्वर = कपीश्वर
परि + ईक्षा = परीक्षा

(छ) ई + इ = ई

अवनी + इंद्र = अवनींद्र
नारी + इच्छा = नारीच्छा
यती + इंद्र = यतींद्र
नारी + इंद्र = नारींद्र
नदी + इंद्र = नदींद्र
पत्ली + इच्छा = पत्नीच्छा
मही + इंद्र = महींद्र
रजनी + इंदु = रजनींदु
देवी + इच्छा = देवीच्छा
नारी + इष्ट = नारीष्ट
महती + इच्छा = महतीच्छा
नारी + इंदु = नारीदु

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran संधि

(ज) ई + ई = ई

रजनी + ईश = रजनीश
मही + ईश्वर = महीश्वर
सती + ईश = सतीश
नदी + ईश = नदीश
नारी + ईश = नारीश
नारी + ईश्वर = नारीश्वर
फणी + ईश = फणीश
जानकी + ईश = जानकीश
योगी + ईश्वर = योगीश्वर
श्री + ईश = श्रीश
मही + ईश = महीश
जानकी + ईश्वर = जानकीश्वर

(झ) उ + उ = ऊ

भानु + उदय = भानूदय
गुरु + उपदेश = गुरूपदेश
सु + उक्ति = सूक्ति
लघु + उत्सव = लघूत्सव
साधु + उत्सव = साधूत्सव
बहु + उद्देशीय = बहूद्देशीय
अनु + उदित = अनूदित
लघु + उत्तर = लघूत्तर
विधु + उदय = विधूदय
लघु + उपदेश = लघूपदेश

(ञ) उ + ऊ = ऊ

सिंधु + ऊर्मि = सिंधूर्मि
लघु + ऊर्मि = लघूर्मि
अंबु + ऊर्जा = अंबूर्जा
अंबु + ऊर्मि = अंबूर्मि

(ट) ऊ + उ = ऊ

भू + उन्नति = भून्नति
वधू + उत्सव = वधूत्सव
भू + उत्सर्ग = भूत्सर्ग
भू + उद्धार = भूद्धार
भू + उत्कर्ष = भूत्कर्ष
भू + उत्क्षेप = भूत्क्षेप

(ठ) ऊ + ऊ = ऊ

वधू + ऊर्मि = वधूमि
भू + ऊर्जा = भूर्जा
भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व
सरयू + ऊर्मि = सूरयर्मि

2. गुण संधि
नियम-
(क) जब अ या आ के आगे इ या ई हो तो दोनों को मिलाने से ‘ए’ बनता है।
(ख) जब अ या आ के आगे उ या ऊ हो तो दोनों को मिलाने से ‘ओ’ बनता है।
(ग) जब अ या आ के आगे ऋहो तो ‘अर’ बनता है।
इसे गुण संधि कहते हैं।

क. (i) अ + इ = ए
उदाहरण-
ज्ञान + इंद्र = ज्ञानेंद्र
नर + इंद्र = नरेंद्र
रूप + इंद्र = रूपेंद्र
सत्य + इंद्र = सत्येंद्र
सुर + इंद्र = सुरेंद्र
वीर + इंद्र = वीरेंद्र
जैन + इंद्र = जैनेंद्र
स्व + इच्छा = स्वेच्छा
गज + इंद्र = गजेंद्र
धर्म + इंद्र = धर्मेंद्र
ज्ञान + इंद्र = ज्ञानेंद्र
जोग + इंद्र = जोगेंद्र
पूर्ण + इंद्र = पूर्णेद्र
शुभ + इच्छा = शुभेच्छा
कर्म + इंद्रिय = कर्मेंद्रिय
शुभ + इंदु = शुभेंदु
भारत + इंदु = भारतेंदु
सोम + इंद्र = सोमेंद्र
लोक + इंद्र = लोकेंद्र
पूर्ण + इंदु = पूर्णेदु

(ii) अ + ई = ए

रूप + ईश = रूपेश
गण + ईश = गणेश
भुवन + ईश्वर = भुवनेश्वर
सोम + ईश = सोमेश
देव + ईश्वर = देवेश्वर
राम + ईश्वर = रामेश्वर
विमल + ईश = विमलेश
अखिल + ईश = अखिलेश
योग + ईश = योगेश
नाग + ईश = नागेश
दिन + ईश = दिनेश
नर + ईश = नरेश
कमल + ईश्वर = कमलेश्वर
सुर + ईश = सुरेश
परम + ईश्वर = परमेश्वर
ज्ञान + ईश्वर = ज्ञानेश्वर
ब्रज + ईश = ब्रजेश
कमल + ईश = कमलेश
पर्वत + ईश्वर = पर्वतेश्वर
महा + ईश = महेश

(iii) आ + इ = ए

राजा + इंद्र = राजेंद्र
यथा + इष्ट = यथेष्ट
महा + इंद्र = महेंद्र
रमा + इंद्र = रमेंद्र

(iv) आ + ई = ए

राजा + ईश = राजेश
महा + ईश्वर = महेश्वर
रमा + ईश = रमेश
लंका + ईश = लंकेश
गंगा + ईश्वर = गंगेश्वर

ख. (i) अ + उ = ओ

सह + उदर = सहोदर
सर्व + उच्च = सर्वोच्च
सूर्य + उदय = सूर्योदय
धीर + उचित = धीरोचित
भाग्य + उदय = भाग्योदय
देव + उपम = देवोपम
नव + उदित = नवोदित
पूर्व + उदय = पूर्वोदय
प्रश्न + उत्तर = प्रश्नोत्तर
देव + उत्सव = देवोत्सव
हित + उपदेश = हितोपदेश
पुरुष + उत्तम = पुरुषोत्तम
गृह + उपयोगी = गृहोपयोगी
जीर्ण + उद्धार = जीर्णोद्धार
ब्रह्म + ईश्वर = ब्रह्मेश्वर
उमा + ईश = उमेश
राजा + ईश्वर = राजेश्वर
लंका + ईश्वर = लंकेश्वर
नर्मदा + ईश्वर = नर्मदेश्वर
पर + उपकार = परोपकार
रोग + उपचार = रोगोपचार
सर्व + उदय = सर्वोदय
लोक + उक्ति = लोकोक्ति
नव + उदय = नवोदय
सह + उदय = सहोदय
ग्राम + उन्मुख = ग्रामोन्मुख
नर + उचित = नरोचित
मद + उन्मत = मदोन्मत
चंद्र + उदय = चंद्रोदय
अछूत + उद्धार = अछूतोद्धार
वीर + उचित = वीरोचित
उत्तर + उत्तर = उत्तरोत्तर
शुभ + उदय = शुभोदय
वार्षिक + उत्तर = वार्षिकोत्सव
नव + उदित = नवोदित
दक्षिण + उत्तर = दक्षिणोत्तर
नर + उत्तम = नरोत्तम
पश्चिम + उत्तर = पश्चिमोत्तर
पूर्व + उत्तर = पूर्वोत्तर

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran संधि

(ii) अ + ऊ = ओ

सागर + ऊर्मि = सागरोर्मि
नव + ऊढ़ा = नवोढ़ा
सूर्य + ऊष्मा = सूर्योष्मा
समुद्र + ऊर्मि = समुद्रोर्मि
भाव + ऊर्मि = भावोर्मि
दया + ऊर्मि = दयोर्मि
जल + ऊर्मि = जलोर्मि
पय + ऊर्मि = पयोर्मि

(iii) आ + उ = ओ

महा + उत्सव = महोत्सव
महा + उदय = महोदय
गंगा + उदक = गंगोदक
महा + उदधि = महोदधि
महा + उष्ण = महोष्ण
विद्या + उत्तमा = विद्योत्तमा

(iv) आ + ऊ = ओ

गंगा + ऊर्मि = गंगोर्मि
यमुना + ऊर्मि = यमुनोर्मि
रंभा + ऊरू = रंभोरू
महा + ऊर्जा = महोर्जा ग.

ग. (i) अ+ ऋ = अर्
देव + ऋषि = देवर्षि
सप्त + ऋषि = सप्तर्षि
ब्रह्म + ऋषि = ब्रह्मर्षि
कनाद + ऋषि = कनादर्षि
राज + ऋषि = राजर्षि
वसंत + ऋतु = वसंतर्तु

(ii) आ + ऋ = अर्

महा + ऋषि = महर्षि
राजा + ऋषि = राजर्षि

3. वृद्धि संधि
नियम- जब ‘अ’, ‘आ’ के आगे ‘ए’ अथवा ‘ऐ’ हों तो उन्हें मिलाकर ‘ऐ’ विकार हो जाता है। इसी प्रकार ‘अ’, ‘आ’ के सामने ‘ओ’ अथवा ‘औ’ के होने की स्थिति में दोनों को मिलाने से ‘औ’ हो जाता है। इसे वृद्धि संधि कहते हैं।
उदाहरण-
(क) अ + ए = ऐ

हित + एषी = हितैषी
लोक + एषणा = लोकैषणा
धन + एषणा = धनैषणा
एक + एक = एकैक

(ख) अ + ऐ = ऐ

नव + ऐश्वर्य = नवैश्वर्य
देव + ऐश्वर्य = दैवश्वर्य
परम + ऐश्वर्य = परमैश्वर्य
मत + ऐक्य = मतैक्य
लोक + ऐक्य = लौकेक्य
राज + ऐश्वर्य = राजैश्वर्य

(ग) आ + ए = ऐ

यथा + एव = यथैव
तथा + एव = तथैव
सदा + एव = सदैव
कदा + एव = कदैव

(घ) आ + ऐ = ऐ

रमा + ऐश्वर्य = रमैश्वर्य
राजा + ऐश्वर्य = राजैश्वर्य
महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य
इला + ऐश्वर्य = इलैश्वर्य

(ङ) अ+ ओ = औ

जल + ओध = जलौध
परम + ओजस्वी = परमौजस्वी
अधर + ओष्ठ = अधरौष्ठ
वन + ओषधि = वनौषधि
महा + ओज = महौज
दंत + ओष्ठ = दंतौष्ठ

(च) अ + औ = औ

देव + औदार्य = देवौदार्य
परम + औदार्य = परमौदार्य
जल + औध = जलौध
अत्यंत + औदार्य = अत्यंतौदार्य
वीर + औदार्य = वीरौदार्य
वन + औषध = वनौषध
परम + औषध = परमौषध
उत्तम + औषध = उत्तमौषध

(छ) आ + औ = औ

महा + औदार्य = महौदार्य
महा + औध = महौध
महा + औषध = महौषध
महा + औत्सुक्य = महौत्सुक्य

4. यण संधि
नियम-(क) जब ‘इ’ या ‘ई’ के बाद ‘इ’ वर्ण के अतिरिक्त कोई अन्य स्वर आ जाए तो ‘इ’ या ‘ई’ का परिवर्तन ‘य’ में हो जाता है।
(ख) जब ‘उ’ या ‘ऊ’ के बाद ‘उ’ वर्ण के अतिरिक्त कोई अन्य स्वर आ जाए तो ‘उ’ या ‘ऊ’ का परिवर्तन ‘व’ में हो जाता है।
(ग) जब ‘ऋ’ के बाद ‘ऋ’ वर्ण के अतिरिक्त कोई अन्य स्वर आ जाए तो ‘ऋ’ का परिवर्तन ‘र’ में हो जाता है। इसे यण संधि कहते हैं।
उदाहरण-
क. (i) इ+ अ = य
प्रति + अक्षर = प्रत्यक्षर
अति + अधिक = अत्यधिक
अति + अंत = अत्यंत
अभि + अर्थी = अभ्यर्थी
यदि + अपि = यद्यपि
गति + अवरोध = गत्यावरोध

(ii) इ + आ = या

अभि + आगत = अभ्यागत
वि + आप्त = व्याप्त
अति + आचार = अत्याचार
परि + आवरण = पर्यावरण
इति + आदि = इत्यादि
अति + आवश्यक = अत्यावश्यक
अति + आनंद = अत्यानंद
प्रति + आगमन = प्रत्यागमन
वि + आयाम = व्यायाम

(iii) ई + अ = य

देवी + अर्पण = देव्यर्पण
नदी + अर्पण = नद्यर्पण

(iv) ई + आ = या

देवी + आगम = देव्यागम
सखी + आगमन = सख्यागमन
देवी + आलय = देव्यालय
रथी + आगम = रथ्यागम

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran संधि

(v) इ + उ = यु

प्रति + उत्तर = प्रत्युत्तर
प्रति + उपकार = प्रत्युपकार
उपरि + उक्त = उपर्युक्त
अभि + उदय = अभ्युदय
अति + उत्तम = अत्युत्तम
मति + उदय = मत्युदय

(vi) इ + ऊ = यू

वि + ऊह = व्यूह
नि + ऊन = न्यून
प्रति + ऊष = प्रत्यूष
अति + ऊष्म = अत्यूष्म

(vii) ई + ऊ = यू

नदी + ऊर्मि = नयूर्मि

(viii) इ + ए = ये

प्रति + एक = प्रत्येक
अधि + एषणा = अध्येषणा
अधि + एता = अध्येता
गति + एषणा = गत्येषणा

(ix) ई + ऐ = यै

नदी + ऐश्वर्य = नयैश्वर्य
सखी + ऐश्वर्य = सख्यैश्वर्य

(x) इ + अं = यं

प्रति + अंचा = प्रत्यंचा
प्रति + अंग = प्रत्यंग

ख. (i) उ + अ = व

अनु + अय = अन्वय
सु + अच्छ = स्वच्छ
मधु + अरि = मध्वरि
सु + अस्ति = स्वस्ति
सु + अल्प = स्वल्प
मनु + अंतर = मन्वंतर

(ii) उ + आ = वा

सु + आगत = स्वागत
पशु + आदि = पश्वादि
मधु + आलय = मध्वालय
गुरु + आज्ञा = गुर्वाज्ञा

(iii) ऊ + अ = व

वधू + अनुसार = वध्वनुसार
सु + अल्प = स्वल्प

(iv) ऊ + आ = वा

वधू + आगमन = वध्वागमन
गुरू + आदेश = गुर्वादेश

(v) उ + इ = वि

अनु + इति = अन्विति
अनु + इत = अन्वित

(vi) उ + ई = वी

अनु + ईक्षक = अन्वीक्षक
अनु + ईक्षण = अन्वीक्षण

(vii) उ + ए = वे

अनु + ऐषक = अन्वेषक
अनु + एषण = अन्वेषण
प्रभु + एषणा = प्रभ्वेषणा

ग. (i) ऋ+ अ = र

मातृ + अनुमति = मात्रानुमति
पितृ + अर्पण = पित्रर्पण

(ii) ऋ+ आ = रा|

पितृ + आनंद = पित्रानंद
पितृ + आदेश = पित्रादेश
भ्रातृ + आज्ञा = भ्रात्राज्ञा
पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा
पितृ + आलय = पित्रालय
मातृ + आनंद = मात्रानंद

(iii) ऋ+ उ = रु

मातृ + उपदेश = मात्रुपदेश
पितृ + उपदेश = पित्रुपदेश

(iv) ऋ + इ = रि

पितृ + इच्छा = पित्रिच्छा
मातृ + इच्छा = मात्रिच्छा

(v) ऋ + ई = री
मातृ + ईश = मात्रीश

5. अयादि संधि

नियम-(क) जब ‘ए’ या ‘ऐ के बाद ‘ए’ वर्ण के अतिरिक्त कोई अन्य स्वर आता है तो ‘ए’ का ‘अय्’ और ‘ऐ’ का ‘आय’ हो जाता है।
(ख) जब ‘आ’ या औ’ के बाद ‘ओ’ वर्ण के अतिरिक्त कोई अन्य स्वर आता है तो ‘ओ’ का ‘अव’ तथा ‘औ’ का ‘आव’ हो जाता है। इसी को अयादि संधि कहते हैं।
उदाहरणक.
(i) ए + अ = अय्

चे + अन = चयन
ने + अन = नयन
शे + अन = शयन

(ii) ऐ + अ = आय्

नै + अक = नायक
गै + अन = गायन
गै + अक = गायक
सै + अक = सायक

PSEB 10th Class Hindi Vyakaran संधि

(iii) ऐ + इ = आयि

गै + इका = गायिका
नै + इका = नायिका

(iv) ओ + अ = अव्

भो + अन = भवन
हो + अन = हवन
पो + अन = पवन

(v) ओ + इ = अवि

पो + इत्र = पवित्र
भो + इष्य = भविष्य

(vi) औ + अ = आव्

पौ + अन = पावन
पौ + अक = पावक

(vii) औ + इ = आवि

नौ + इक = नाविक

(vii) औ + उ = आवु

भौ + उक = भावुक

उक्त पाँचों स्वर संधियाँ हिंदी में संस्कृत से आई हैं। इनके अतिरिक्त हिंदी की अपनी कुछ स्वर संधियाँ और भी हैं।

(क) पररूप संधि-हिंदी शब्दों में कहीं-कहीं अ, आ के बाद ए या ओ आ जाने पर अ या आ बाद वाले ए या ओ में मिलाकर एक हो जाते हैं तो उसे पररूप संधि कहते हैं। जैसे-
अ + ए = ए = साँप + एरा = सपेरा
आ + ए = ए = मामा + एरा = ममेरा
चाचा + एरा = चचेरा
अ + ओ = ओ = बिंब + ओष्ठ = बिंबोष्ठ
अधर + ओष्ठ = अधरोष्ठ
लूट + एरा = लुटेरा
शुद्ध + ओदन = शुद्धोदन।

(ख) वर्ण आगम संधि-कुछ शब्दों में समास होते समय प्रथम पद के अंतिम वर्ण में स्थित ‘अ’ का ‘आ’ हो जाता है। इसे वर्ण आगम संधि कहते हैं। जैसे-

फट + फट = फटाफट
दीन + नाथ = दीनानाथ
विश्व + मित्र = विश्वामित्र
मूसल + धार = मूसलाधार
काय + कल्प = कायाकल्प
धड़ + धड़ = धड़ाधड़।

(ग) लघुभाव संधि-प्रत्यय जोड़ने या समस्त पद बनाते समय आ को अ’, ‘ई को उ’, ‘ए को इ’ तथा ‘ओ को उ’ में बदला जाता है। उसे लघुभाव संधि कहते हैं। जैसे-

आ को अ = काठ + पुतली = कठपुतली
काला + मुँह = कलमुँहा
कान + कटा = कनकटा
मीठा + आई = मिठाई
ई को इ = भीख + आरी = भिखारी
ढीठ + आई = ढिठाई
ऊ को उ = दूध + मुँहा = दुधमुँहा
मूंछ + कटा = मुँछकटा
ए को इ = खेल + आड़ी = खिलाड़ी
लूट + एरा = लुटेरा
एक + तीस = इकतीस
एक + तारा = इकतारा
ओ को उ = दो + गुना = दुगुना
देख + आई = दिखाई
घोड़ा + दौड़ = घुड़दौड़
लोहा + आर = लुहार
आधा + खिला = अधखिला।
मोटा + आपा = मुटापा।