PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 24 संविधान तथा कानून

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 24 संविधान तथा कानून Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 24 संविधान तथा कानून

SST Guide for Class 8 PSEB संविधान तथा कानून Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित खाली स्थान भरो :

1. भारत का संविधान ……………… को लागू किया गया।
2. …………….. भारत के पहले राष्ट्रपति थे।
3. दहेज विरुद्ध कानून ………………. में बना था।
4. भारतीय संविधान ………….. साल ……………….. महीने …………….. दिनों में तैयार किया गया।
5. भ्रूण हत्या का मूल कारण ……………… रीति है।
उत्तर-

  1. 26 जनवरी, 1950
  2. डॉ० राजेंद्र प्रसाद
  3. 1961 ई०
  4. 2, 11, 18
  5. दहेज।

II. प्रत्येक वाक्य के सामने सही (✓) या ग़लत (✗) के चिन्ह लगाएं :

1. डांडी नामक स्थान पर गांधी जी ने नमक कानून तोड़ा। – (✓)
2. न्यायपालिका संविधान की रक्षा नहीं करती है। – (✗)
3. भारत में कानून का शासन चलता है। – (✓)
4. बुरे कानूनों की उल्लंघना करनी लोकतन्त्रीय सरकार की विशेषता है। – (✓)
5. कानून अनिश्चित नियम होते हैं। – (✗)

III. विकल्प वाले प्रश्न :

प्रश्न 1.
भारतीय संविधान कब लागू किया गया था ?
(क) 26 नवंबर, 1949
(ख) 26 जनवरी, 1950
(ग) 26 जनवरी, 1930
(घ) 26 जनवरी, 1940.
उत्तर-
26 जनवरी

प्रश्न 2.
संविधान सभा की मसौदा कमेटी के प्रधान कौन थे ?
(क) डॉ० राजेंद्र प्रसाद
(ख) डॉ० बी० आर० यावेदकर
(ग) महात्मा गांधी
(घ) पंडित जवाहर लाल नेहरू।
उत्तर-
डॉ० बी० आर० अम्बेदकर

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से भारत में कौन सर्वोच्च है ?
(क) प्रधानमंत्री
(ख) राष्ट्रपति
(ग) न्यायपालिका
(घ) संविधान।
उत्तर-
संविधान

प्रश्न 4.
मसौदा कमेटी के सदस्यों की संख्या बताओ।
(क) 11
(ख) 18
(ग) 07
(घ) 02.
उत्तर-
07.

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 24 संविधान तथा कानून

IV. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 1-15 शब्दों में दें :

प्रश्न 1.
संविधान से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
संविधान वह कानूनी दस्तावेज़ है जिसके द्वारा देश का प्रशासन चलाया जाता है। संविधान देश के सभी कानूनों से श्रेष्ठ होता है।

प्रश्न 2.
संविधान 26 जनवरी, 1950 से क्यों लागू किया गया ?
उत्तर-
हमारा संविधाम 26 जनवरी के ऐतिहासिक महत्त्व को देखते हुए इस तिथि को लागू किया गया। 26 जनवरी, 1930 को देश में पूर्ण स्वतन्त्रता दिवस मनाया गया था।

प्रश्न 3.
कानून के शाब्दिक अर्थ लिखें।
उत्तर-
कानून अंग्रेज़ी भाषा के शब्द लॉ (Law) का अनुवाद है। लॉ शब्द टिऊटोनिक शब्द ‘लैग’ से निकला है जिसका अर्थ है निश्चित। इस प्रकार कानून का अर्थ है- निश्चित नियम।

प्रश्न 4.
कानून की क्या महत्ता है ?
उत्तर-
कानून किसी भी संस्था अथवा देश में व्यवस्था बनाये रखने में सहायक है। इसके बिना कोई भी संस्था सुचारु रूप से नहीं चल सकती। स्कूल के भी अपने कानून (नियम) होते हैं जिनके कारण स्कूल में अनुशासन बना रहता है।

प्रश्न 5.
निष्पक्ष न्यायपालिका से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
न्यायपालिका की निष्पक्षता से भाव यह है कि वह कार्यपालिका अथवा विधानपालिका के दबाव के बिना स्वतन्त्र रूप से न्याय करे। भारत में भी न्यायपालिका को निष्पक्ष बनाया गया है। यदि कोई संस्था संविधान के अनुसार कार्य नहीं करती तो न्यायपालिका उसे असंवैधानिक घोषित कर सकती है।

प्रश्न 6.
महात्मा गाँधी जी द्वारा कब-कब आन्दोलन चलाए गए ?
उत्तर-
महात्मा गाँधी ने 1921 में असहयोग आन्दोलन, 1930 में सिविल अवमानना (अवज्ञा) आन्दोलन तथा 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन चलाया।

V. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में दें:

प्रश्न 1.
संविधान की सर्वोच्चता से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
संविधान एक कानूनी दस्तावेज़ है। यह देश का सर्वोच्च कानून है। सरकार के सभी महत्त्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति से पहले पद ग्रहण करने वाले व्यक्ति को संविधान को सर्वोच्च मानने तथा इसकी पालना करने की शपथ दिलाई जाती है। यदि कोई संस्था संविधान के अनुसार कार्य नहीं करती, तो उसे न्यायपालिका द्वारा गैर-संवैधानिक घोषित कर दिया जाता है। इसी प्रकार संविधान-विरोधी कानूनों को भी रद्द कर दिया जाता है।

प्रश्न 2.
भारतीय संविधान का निर्माण कैसे हुआ ?
उत्तर-
स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् एक संवैधानिक कमेटी बनाई गयी। डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को इस कमेटी (संविधान सभा) का स्थायी प्रधान चुना गया। यह संविधान सभा पूर्ण प्रभुसत्ता सम्पन्न थी।

मसौदा कमेटी का गठन तथा संविधान का निर्माण-संविधान को नियमित रूप देने के लिए 29 अगस्त, 1947 को सात सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया। इसके प्रधान डॉ० बी० आर० अम्बेदकर थे। इस मसौदा कमेटी ने भिन्न-भिन्न देशों के संविधानों का अध्ययन करके अन्य देशों के संविधानों से बहुत-से सिद्धान्तों को इकट्ठा किया। संविधान सभा की कुल 11 बैठकें हुईं। 26 नवम्बर, 1949 को भारतीय संविधान बनकर तैयार हो गया। यह संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया।

प्रश्न 3.
भारत में न्यायपालिका को निष्पक्ष कैसे बनाया गया है ?
उत्तर-
न्यायपालिका को संविधान की रक्षा के लिए सर्वोच्च तथा निष्पक्ष बनाया गया है। न्यायपालिका संविधान की. पालना को सुनिश्चित बनाती है। यदि कोई संस्था संविधान के अनुसार कार्य नहीं करती तो उसे असंवैधानिक घोषित कर दिया जाता है। न्यायपालिका को न्यायिक पुन:निरीक्षण का अधिकार प्राप्त है। इसका अर्थ यह है कि यदि किसी विधानमण्डल द्वारा बनाया गया कानून संविधान की भावना का उल्लंघन करता है तो न्यायपालिका उसे रद्द कर सकती है। इसी प्रकार यह कार्यपालिका द्वारा लागू किसी भी संविधान विरोधी आदेश को असंवैधानिक घोषित कर सकती है।

प्रश्न 4.
गांधी जी ने अंग्रेजों के विरुद्ध कौन-कौन से आंदोलन चलाये ?
उत्तर-
अंग्रेजी सरकार की बहुत सी मीतियां जनहित विरोधी थीं। अपना हित साधने के लिए उन्होंने समय समय पर अनेक काले कानून पास किए। गांधी जी ने उनकी इन नीतियों तथा काले कानूनों का विरोध करने के लिए निम्नलिखित आंदोलन चलाए –

  1. 1920 में असहयोग आंदोलन।
  2. 1930 में सिविल अवमानना (अवज्ञा) आंदोलन।
  3. 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन।

प्रश्न 5.
शराबबन्दी से क्या अभिप्राय है और इसे लागू क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
शराबबन्दी का अर्थ है-शराब बनाने, शराब की बिक्री तथा शराब पीने पर कानूनी प्रतिबन्ध।।
मद्यपान एक बहुत बड़ी बुराई है। एक सर्वेक्षण के अनुसार हमारे देश में हर चौथा व्यक्ति मद्यपान करता है। शराब ‘पर प्रतिदिन करोड़ों रुपये व्यय होते हैं। इतना ही नहीं शराब पीने से धन के साथ-साथ समय तथा स्वास्थ्य की भी हानि. होती है। शराब मनुष्य को नैतिक पतन की ओर भी ले जाती है। इसलिए मद्य निषेध को लागू करना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य है।

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PSEB 8th Class Social Science Guide संविधान तथा कानून Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

सही जोड़े बनाइए :

1. संविधान – न्यायपालिका
2. संविधान की रक्षा – 31 दिसंबर, 1929
3. संविधान तैयार हुआ – कानूनी दस्तावेज
4. कांग्रेस द्वारा सम्पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा – 26 नवम्बर 1949.
उत्तर-

  1. कानूनी दस्तावेज़
  2. न्यायपालिका
  3. 26 नवम्बर, 1949
  4. 31 दिसंबर 1929.

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत कब स्वतन्त्र हुआ ?
उत्तर-
भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतन्त्र हुआ।

प्रश्न 2.
भारत का संविधान किसने बनाया ? इसके प्रधान (अध्यक्ष) कौन थे ?
उत्तर-
भारत का संविधान एक संविधान सभा (संवैधानिक कमेटी) ने बनाया। इसके अध्यक्ष डॉ० राजेन्द्र प्रसाद थे।

प्रश्न 3.
संविधान सभा की मसौदा कमेटी का गठन कब हुआ ? इसके अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तर-
संविधान सभा की मसौदा कमेटी का गठन 29 अगस्त, 1947 को हुआ। इसके अध्यक्ष डॉ० बी० आर० अम्बेदकर थे।

प्रश्न 4.
भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन थे ? उन्हें संविधान सभा की किस बैठक में राष्ट्रपति चुना गया ?
उत्तर-
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ० राजेन्द्र प्रसाद थे। उन्हें संविधान सभा की अन्तिम बैठक में 25 जनवरी, 1950 को राष्ट्रपति चुना गया।

प्रश्न 5.
न्यायपालिका को निष्पक्ष तथा स्वतन्त्र बनाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं ?
उत्तर-
इस उद्देश्य से न्यायाधीशों की नियुक्ति, वेतन तथा भत्ते और कार्यकाल अन्य कर्मचारियों से अलग किए गए

प्रश्न 6.
सिविल अवमानना तथा असहयोग आन्दोलन के कार्यक्रम में शामिल दो बातें बताओ।
उत्तर-

  1. अंग्रेज़ी सरकार द्वारा बनाए गए सामान का प्रयोग न करना।
  2. उनके द्वारा बनाये गए वस्त्र धारण न करना।

प्रश्न 7.
नमक कानून कहाँ और किस प्रकार तोड़ा गया ? .
उत्तर-
नमक कानून महात्मा गाँधी के नेतृत्व में डांडी नामक स्थान पर तोड़ा गया। वहाँ अंग्रेजी सरकार द्वारा बनाये गए नमक को नष्ट किया गया और समुद्र के पानी से स्वयं नमक बना कर खाने के आदेश दिए गए।

प्रश्न 8.
किन-किन राज्यों की सरकारों ने मद्य निषेध विधेयक पारित किए ? क्या ये सार्थक सिद्ध हुए ?
उत्तर-
मद्य निषेध विधेयक गुजरात, हरियाणा, केरल तथा आन्ध्र प्रदेश की सरकारों ने पारित किए। परन्तु ये अधिक सार्थक सिद्ध नहीं हुए।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 24 संविधान तथा कानून

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के संविधान के निर्माण तथा लागू होने पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् एक संवैधानिक कमेटी बनाई गयी। डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को इस कमेटी (संविधान सभा) का स्थायी प्रधान चुना गया। यह संविधान सभा पूर्ण प्रभुसत्ता सम्पन्न थी।

मसौदा कमेटी का गठन तथा संविधान का निर्माण-संविधान को नियमित रूप देने के लिए 29 अगस्त, 1947 को सात सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया। इसके प्रधान डॉ० बी० आर० अम्बेदकर थे। इस मसौदा कमेटी ने भिन्न-भिन्न देशों के संविधानों का अध्ययन करके अन्य देशों के संविधानों से बहुत-से सिद्धान्तों को इकट्ठा किया। संविधान सभा की कुल 11 बैठकें हुईं। 26 नवम्बर, 1949 को भारतीय संविधान बनकर तैयार हो गया। इसे तैयार होने में 2 वर्ष, 11 महीने तथा 18 दिन लगे। यह संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। 25 जनवरी, 1950 को संविधान सभा की अन्तिम बैठक हुई। इसमें डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।

प्रश्न 2.
दहेज प्रथा पर क्यों और कैसे रोक लगाई गई ?
उत्तर-
दहेज की कुप्रथा हमारे समाज के लिए बहुत बड़ा अभिशाप थी। निर्धन वर्ग के लिए तो यह शताब्दियों से एक समस्या बनी हुई थी। निर्धन लोग प्रायः ऋण लेकर अपनी लड़कियों को दहेज देते थे। इससे समाज में स्त्री जाति का मान-सम्मान कम हो गया। अत: लोग कन्या भ्रूण हत्या करने लगे। इससे लड़कों की तुलना में लड़कियों का अनुपात कम होता गया। अतः दहेज प्रथा पर रोक लगाने के लिए सरकार को कानून बनाना पड़ा। इसके अनुसार दहेज लेना या देना अवैध घोषित कर दिया गया, परन्तु आज भी इस कानून को दृढ़ता से लागू करने की आवश्यकता है।

प्रश्न 3.
भारतीय संविधान की भूमिका लिखें।
उत्तर-
भारतीय संविधान को सर्वोच्च दस्तावेज़ माना गया है।

  1. सरकार में विशिष्ट पदों पर नियुक्ति से पूर्व व्यक्ति को संविधान की पालना की शपथ दिलाई जाती है।
  2. सभी राजकीय तथा अराजकीय संस्थाएँ संविधान के अनुसार ही कार्य करती हैं।
  3. न्यायपालिका को स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष बनाया गया है। उसे संविधान की रक्षा के लिए बहुत से अधिकार दिए गए हैं। इनमें से एक महत्त्वपूर्ण अधिकार संविधान की रक्षा तथा व्याख्या का है।
  4. संविधान के अनुसार देश में पूर्ण लोकतन्त्रीय ढांचा स्थापित किया गया है। इसमें नागरिकों को बहुत से अधिकार दिए गए हैं। इनमें से सरकार की आलोचना करने का अधिकार बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न 4.
संविधान तथा कानून से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
संविधान संविधान एक मौलिक दस्तावेज़ है। यह सर्वोच्च है। ये उन नियमों का समूह है जिनके अनुसार देश का शासन चलाया जाता है। इसी के अनुसार राज्य तथा नागरिकों के आपसी सम्बन्ध निश्चित किए गए हैं। सभी राजकीय तथा अराजकीय संस्थाओं को संविधान के अनुसार ही कार्य करना पड़ता है।
कानून-कानून वे नियम हैं जो देश में शान्ति और व्यवस्था बनाये रखते हैं। इनका निर्माण केन्द्रीय तथा राज्य विधानपालिकाएं करती हैं। सभी नागरिकों के लिए देश के कानूनों का पालन करना अनिवार्य है। कानूनों को भंग करने पर दण्ड दिया जा सकता है।

प्रश्न 5.
कानून का अर्थ तथा इसकी भूमिका क्या है ?
उत्तर-
अर्थ-कानून अंग्रेजी भाषा के शब्द लॉ (Law) का अनुवाद है। Law (लॉ) शब्द टिऊटोनिक शब्द ‘लैग’ से निकला है। इसका अर्थ है-निश्चित। इस प्रकार ‘कानून’ शब्द का अर्थ है-निश्चित नियम।

कानून की भूमिका-सामाजिक जीवन में कानूनों का बहुत अधिक महत्त्व है। ये हमारे सामाजिक जीवन को नियन्त्रित करते हैं। इनके बिना हमारा सामाजिक जीवन सुचारु रूप से नहीं चल सकता। उदाहरण के लिए यदि स्कूल के नियमों (कानूनों) का पालन न किया जाए तो अनुशासनहीनता का वातावरण बन जाएगा। इसी प्रकार यदि कानून अपराधों को नियन्त्रित न करें, तो चारों ओर अराजकता फैल जाएगी और जन-जीवन सुरक्षित नहीं रह पायेगा।

प्रश्न 6.
नागरिक के अधिकार कौन-से हैं ? आलोचना के अधिकार की व्याख्या करें।
उत्तर-
संविधान द्वारा नागरिकों को जो अधिकार दिए गए हैं, उन्हें मूल अथवा मौलिक अधिकार कहते हैं। इन __ अधिकारों में निम्नलिखित अधिकार शामिल हैं-

  1. समानता का अधिकार
  2. स्वतन्त्रता का अधिकार
  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
  4. धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार
  5. संस्कृति और शिक्षा का अधिकार
  6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार।

आलोचना का अधिकार-आलोचना का अधिकार स्वतन्त्रता के अधिकार में शामिल है। इसका अर्थ है कि नागरिकों को अपने विचार व्यक्त करने की स्वतन्त्रता है। इसके अनुसार जब कोई सरकार लोगों के हितों के विरुद्ध कोई कानून बनाती है, तो लोग इसका विरोध कर सकते हैं।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 7 योग

Punjab State Board PSEB 8th Class Physical Education Book Solutions Chapter 7 योग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Physical Education Chapter 7 योग

PSEB 8th Class Physical Education Guide योग Textbook Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
योग दर्शन क्या है ?
उत्तर-
योग दर्शन में मनुष्य की आत्मा परमात्मा का अंश है। मनुष्य अपने जीवन की भाग-दौड़ में भगवान को भूल गया है, जिस कारण प्राणी परमात्मा द्वारा प्रदान की गई वास्तविक शक्ति को खो बैठा है। इस कारण मनुष्य अपने कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ हो जाता है, जिस कारण उसे निराशा मिलती है और उसका मन भटकता रहता है। वह किसी भी समस्या का हल ढूँढने में असमर्थ हो जाता है। मनुष्य स्वयं को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक तौर पर कमज़ोर कर लेता है। मनुष्य अपने जीवन को अशांत और दुःखों में घिरा हुआ महसूस करता है।
‘योग दर्शन’ भटके हुए मनुष्यों को सन्मार्ग पर ले जाने का साधन है। योग मनुष्य को सदा अहिंसा की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। अतः योगदर्शन ‘अहिंसा’ को परम धर्म मानता है।

प्रश्न 2.
योग के लक्ष्य से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
योग का मुख्य लक्ष्य शरीर का मानसिक, आध्यात्मिक तथा भावनात्मक विकास करना है और आत्मा को परमात्मा से मिलाना है। हम कह सकते हैं कि योग के द्वारा संसार की कठिनाइयों से पार पाया जा सकता है। योग मनुष्य को जीवन की सभी जटिल समस्याओं का दृढ़ता के साथ सामना करने के लिए तैयार करता है ताकि वह कभी भी अपने मार्ग से न भटक सके।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 7 योग

प्रश्न 3.
योग के कौन-कौन से उद्देश्य हैं ?
उत्तर-

  • उच्च स्तर की चेतना की प्राप्ति-मन की एकाग्रता, साधना व अन्य आध्यात्मिक अभ्यासों से अंतरात्मा को दैवी शक्ति से जोड़ा जा सकता है। इस तरह उच्च अवस्था तक पहुँची हुई अंतरात्मा के कारण सहज ज्ञान अर्थात् उच्च स्तरीय चेतनता की प्राप्ति हो जाती है।
  • आध्यात्मिक जीवन-योग आसन व्यक्ति को उसके मन को एकाग्र करने में सहायक होते हैं, जिसके फलस्वरूप वह आत्मिक शांति अनुभव करता है। इस कारण उसमें धार्मिक विश्वास, मानवीय मूल जीवन के सिद्धांत तथा नैतिकता उत्पन्न होती है।
  • स्वस्थ बनाना–योग आसन शारीरिक व्यायाम है। यदि सही ढंग से नियमित रूप से योग का अभ्यास किया जाये तो व्यक्ति का शरीर सदैव बलशाली, स्वस्थ तथा चुस्त रहता है। योग के भिन्न-भिन्न आसन हमारे शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों की प्रणालियों को स्वस्थ रखते हैं तथा रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाते हैं। अत: प्रत्येक व्यक्ति के लिए योगासन बहुत लाभदायक हैं।
  • भावनाओं पर नियंत्रण करना–योग आसन मनुष्य को अपनी भावनाओं पर काबू पाने के योग्य बनाते हैं। इस तरह उसके मन का संतुलन बना रहता है। इसलिए चिंता तथा परेशानियों से घिरे लोगों के लिए योग एक वरदान सिद्ध हुआ है।
  • मानसिक तौर पर सुदृढ़ बनाना-योग न केवल मनुष्य को शारीरिक दृष्टि से बलशाली बनाता है अपितु उसके मन को एकाग्र करके स्थिर भी रखता है, जिससे वह मानसिक तौर पर मज़बूत हो जाता है तथा उसमें आत्मविश्वास जागृत हो जाता है।

प्रश्न 4.
अष्टांग योग के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
अष्टांग योग (Ashtang Yoga) अष्टांग योग के आठ अंग हैं, इसलिए इसका नाम अष्टांग योग है। योगाभ्यास की पतंजलि ऋषि द्वारः आठ अवस्थाएं मानी गई हैं : इन्हें पतंजलि ऋषि का अष्टांग योग भी कहते हैं

  • यम (Yama, Forbearance)
  • नियम (Niyama, Observance)
  • 372447 (Asana, Posture)
  • प्राणायाम (Pranayama, Regulation of Breathing)
  • प्रत्याहार (Pratyahara, Abstraction)
  • धारना (Dharna, Concentration)
  • ध्यान (Dhyana, Meditation)
  • समाधि (Samadhi, Trance)।

योग की ऊपरी बताई गई आठ अवस्थाओं में से पहली पांच अवस्थाओं का सम्बन्ध आन्तरिक यौगिक क्रियाओं से है। इन सभी अवस्थाओं को आगे फिर इस प्रकार वर्गीकृत किया गया है –

1. यम (Yama, Forbearance) -यम के निम्नलिखित पांच अंग हैं –

  • 316H (Ahimsa, Non-violence)
  • सत्य (Satya, Truth)
  • असतेय (Astey, Conquest of the sense of mind)
  • अपरिग्रह (Aprigraha, Non-receiving)
  • ब्रह्मचर्य (Brahmacharya, Celibacy)।

2. नियम (Niyama, Observance)—नियम के निम्नलिखित पांच अंग हैं –

  1. शौच (Shauch, Obeying the call of nature)
  2. सन्तोष (Santosh, Contentment)
  3. तप (Tapas, Penance)
  4. स्वाध्याय (Savadhyay, Self-study)
  5. ईश्वर परिधान (Ishwar Pridhan, God Consciousness)

3. आसन (Asana or Posture) आसनों की संख्या उतनी है जितनी कि इस संसार में पशु-पक्षियों की। आसन-शारीरिक क्षमता, शक्ति के अनुसार, प्रतिदिन सांस द्वारा हवा को बाहर निकालने, सांस रोकने और फिर सांस लेने से करने चाहिएं।

4. प्राणायाम (Pranayama, Regulation of Breathing)-प्राणायाम उपासना की मांग है। इसको तीन भागों में बांटा जा सकता है- (From Board M.Q.P.) –

  • पूरक (Purak, Inhalation)
  • रेचक (Rechak, Exhalation) और
  • कुम्भक (Kumbhak, Holding of Breath)।
  • कई प्रकार से सांस लेने तथा इसे रोककर बाहर निकालने को प्राणायाम कहते हैं।
  • प्रत्याहार (Pratyahara, Abstraction)-प्रत्याहार से अभिप्राय है वापिस लाना तथा सांसारिक प्रसन्नताओं से मन को मोड़ना।
  • धारना (Dharna, Concentration)-अपनी इन्द्रियों पर नियन्त्रण रखने को धारना कहते हैं, जो बहुत कठिन है।
  • ध्यान (Dhyana, Meditation)-जब मन पर नियन्त्रण हो जाता है तो ध्यान लगना आरम्भ हो जाता है। इस अवस्था में मन और शरीर नदी के प्रवाह की भान्ति हो जाते हैं जिसमें पानी की धाराओं का कोई प्रभाव नहीं होता।
  • समाधि (Samadhi, Trance)-मन की वह अवस्था जो धारना से आरम्भ होती है, समाधि में समाप्त हो जाती है। इन सभी अवस्थाओं का आपस में गहरा सम्बन्ध है।

योग विज्ञान संसार के लिए भारत की अमूल्य देन है। आजकल भारत में नहीं बल्कि विदेशों में भी सब सर्वप्रिय होता जा रहा है। इसकी उपयोगिता की धाक् को सभी डॉक्टरों और शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों ने स्वीकार किया है। योग-आसन व्यायाम विधिपूर्वक, पूर्णतया वैज्ञानिक एवं शारीरिक संगठन के अनुकूल हैं।

Physical Education Guide for Class 8 PSEB योग Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
योग क्या है ?
(क) जोड़
(ख) आत्मा को परमात्मा से जोड़ना
(ग) अहिंसा का पालन करना
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

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प्रश्न 2.
योग के उद्देश्य हैं
(क) भावनाओं पर काबू रखना
(ख) स्वस्थ रहना
(ग) शारीरिक तौर पर मजबूत होना
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 3.
अष्टांग योग के कितने अंग हैं ?
(क) चार
(ख) छः
(ग) सात
(घ) आठ।
उत्तर-
(घ) आठ।

बहुत छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आसन करने के पश्चात् कब नहाना चाहिए?
उत्तर-
आसन करने के आधे घण्टे के पश्चात् नहाना चाहिए।

प्रश्न 2.
आसन करने की जगह कैसी होनी चाहिए?
उत्तर-
जगह समतल होनी चाहिए।

प्रश्न 3.
आसन करते समय कैसे कपड़े पहनने चाहिए ?
उत्तर-
हमें ढीले-ढीले और कम-से-कम कपड़े पहनने चाहिए।

प्रश्न 4.
कब्ज-दूर करने के लिए कौन-सा आसन करना चाहिए ?
उत्तर-
कब्ज-दूर करने के लिए ताड़ आसन और सर्वांग आसन करना चाहिए।

प्रश्न 5.
मोटापा दूर करने के लिए कौन-सा आसन करना चाहिए ?
उत्तर-
मोटापा दूर करने के लिए हल आसन और धनुर आसन करना चाहिए।

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प्रश्न 6.
पेट की बीमारियों को और मोटापा दूर करने के लिए कौन-सा आसन करना चाहिए ?
उत्तर-
पश्चिमोत्तान और भुजंग आसन।

प्रश्न 7.
भारतीय व्यायाम की प्राचीन विधि कौन-सी है ?
उत्तर-
योगासन।

प्रश्न 8.
शीर्षासन प्रतिदिन कम-से-कम कितने समय के लिए करना चाहिए ?
उत्तर-
2 मिनट के लिए।

प्रश्न 9.
शीर्षासन के कोई दो लाभ बताओ।
उत्तर-

  1. शीर्षासन से स्मरण शक्ति तेज़ होती है।
  2. मोटापा दूर होता है।

प्रश्न 10.
वज्रासन के कोई दो लाभ बताओ।
उत्तर-

  1. इससे स्वप्नदोष दूर हो जाता है।
  2. इससे शूगर का रोग दूर हो जाता है।

प्रश्न 11.
हर्निया तथा नल रोगों को ठीक करने में कौन-सा आसन सहायक हो सकता है ?
उत्तर-
चक्र आसन।

प्रश्न 12.
आत्मा को परमात्मा से मिलाने का महत्त्वपूर्ण ढंग कौन-सा है ?
उत्तर-
योग।

प्रश्न 13.
मानसिक एकाग्रता के लिए कौन-सा योगासन सर्वोत्तम है ?
उत्तर-
पद्मासन।

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छोटे उत्तर चाले प्रश्न

प्रश्न 1.
योग किसे कहते हैं ?
उत्तर-
योग भारतीय व्यायाम की प्राचीन विधि है। यह विधि शरीर की रचना के अनुसार है एवं पूर्णतया वैज्ञानिक है। योग साधना हमें योग्यतापूर्ण, स्वस्थ, सुन्दर, शक्तिशाली तथा गुणवान् बनाती है। यह हमें चिन्ताओं, घबराहट, परेशानी से छुटकारा दिलाती है।

प्रश्न 2.
योग आत्मा और परमात्मा से मिलाप करने का महत्त्वपूर्ण साधन है। कैसे ?
उत्तर-
प्राचीन काल के साधु-महात्माओं की बातें तथा विचार हम आज तक सुनते आ रहे हैं। उनके विचारों के अनुसार यदि किसी व्यक्ति ने आत्मा का परमात्मा से मिलाप कराना है तो उसका साधन हमारा शरीर है। वही मनुष्य आत्मा को परमात्मा से मिला सकता है या दर्शन करा सकता है जो शारीरिक रूप से स्वस्थ हो। अभिप्राय यह है कि उसका मन पूर्णतः स्वच्छ और स्वस्थ हो।।
हम योग साधनों के द्वारा शरीर को ठीक रख सकते हैं। इससे बहुत-सी बीमारियां अपने आप दूर हो जाती हैं। इससे सिद्ध होता है कि योग आत्मा तथा परमात्मा में मिलाप कराने का महत्त्वपूर्ण साधन है।

प्रश्न 3.
योगासन आज देश-विदेश में लोकप्रिय हो रहे हैं, क्यों ?
उत्तर-
योगासन भारत के व्यायाम की प्राचीन विधि है। आजकल यह व्यायाम-विधि देश-विदेश में लोकप्रिय हो रही है। इसका कारण इसकी उपयोगिता है। सभी डॉक्टरों तथा शारीरिक शिक्षा के अध्यापकों ने इसकी प्रशंसा की है। इसके अतिरिक्त योगासन व्यायाम-विधि पूर्ण रूप से वैज्ञानिक और शारीरिक बनावट के अनुकूल है।

प्रश्न 4.
योग आसन के लिए पाँच आवश्यक बातें लिखो।
उत्तर-

  1. आसन सदैव खाली पेट करो।
  2. आसन खुले और एकांत स्थान पर करो।
  3. आसन आवश्यकता के अनुसार करो।
  4. आसन प्रतिदिन कम-से-कम 15 मिनट करो।
  5. आसन नहाने से पूर्व करो।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 7 योग

प्रश्न 5.
योग के लाभ क्या हैं ?
उत्तर-
योग के लाभ (Advantages of Yoga Asana)—योग के हमें निम्नलिखित लाभ हैं –

  1. योगासनों से मनुष्य का शरीर स्वस्थ रहता है।
  2. इससे बहुत-सी बीमारियां दूर हो जाती हैं।
  3. मानसिक कमज़ोरी दूर हो जाती है।
  4. शरीर शक्तिशाली बन जाता है।
  5. मनुष्य पर शीघ्र घबराहट का प्रभाव नहीं पड़ता।
  6. चिन्ता तथा परेशानियां दूर हो जाती हैं।
  7. मनुष्य का शरीर आकर्षक तथा सुगठित बन जाता है।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 8 आपदा प्रबन्ध

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 8 आपदा प्रबन्ध Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 8 आपदा प्रबन्ध

SST Guide for Class 8 PSEB आपदा प्रबन्ध Textbook Questions and Answers

I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 20-25 शब्दों में दो :

प्रश्न 1.
आपदा किसे कहा जाता है ?
उत्तर-
मनुष्य को अपने जीवन में प्रकृति तथा अपने आप द्वारा पैदा किए गए कई खतरों का सामना करना पड़ा है। जब यह खतरे मनुष्य के लिए घातक बन जाते हैं, तो इन्हें आपदा कहते हैं।

प्रश्न 2.
‘प्राकृतिक आपदा’ मुख्य रूप से कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
मुख्य प्राकृतिक आपदा हैं- भूकम्प (भूचाल), ज्वालामुखी, सुनामी, बाढ़, चक्रवात, सूखा, भूस्खलन (१ का सरकना) तथा हिमस्खलन (बर्फ के तोदों का सरकना)।

प्रश्न 3.
‘आपदा प्रबन्धन’ विषय में क्या-क्या शामिल हैं ?
उत्तर-
‘आपदा प्रबन्धन’ का सम्बन्ध प्रकोपों से होने वाली हानि को कम करने से है। इस विषय में अग्रलि बातें शामिल हैं

  • आपदा आने से पहले की तैयारी
  • आपदा के समय बचाव तथा
  • आपदा के बाद समाज को फिर से जीवन देना।

प्रश्न 4.
भूचाल ( भूकम्प) से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
भूमि के हिलने की क्रिया को भूचाल या भूकम्प कहते हैं। यह हल्का भी हो सकता है और बहुत तीव्र भी।

प्रश्न 5.
ज्वालामुखी किसे कहते हैं ? इसकी किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर-
धरती के भीतर बहुत अधिक गर्मी के कारण चट्टानें पिघली हुई अवस्था में हैं। ये धरती के किसी कमज़ोर भाग से लावे के रूप में बाहर आ जाती हैं। इस क्रिया को ज्वालामुखी कहा जाता है।
ज्वालामुखी की किस्में-ज्वालामुखी मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-(1) क्रियाशील ज्वालामुखी (2) सुप्त ज्वालामुखी तथा (3) बुझे हुए ज्वालामुखी।

प्रश्न 6.
सुनामी कैसे पैदा होती है ?
उत्तर-
सुनामी ऊँची-ऊँची समुद्री लहरें होती हैं। ये भूकम्प, ज्वालामुखी विस्फोट तथा धरती के खिसकने से पैदा होती हैं। ये बहुत-ही विनाश करती हैं।

प्रश्न 7.
बाढ़ आने के मुख्य क्या कारण हैं ?
उत्तर-
बाढ़ आने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं
(1) अधिक वर्षा (2) तेज़ चक्रवात (3) बादलों का फटना (4) पानी के निकास का ठीक प्रबन्ध न होना (5) बांधों का टूटना (6) नदियों तथा दरियाओं के तल पर मिट्टी का जमाव (7) नदियों तथा दरियाओं के प्रभाव में आने वाले प्रदेशों में आवासों का निर्माण करना।

प्रश्न 8.
चक्रवात क्या होते हैं ? इन्हें किस-किस नाम से पुकारा जाता है ?
उत्तर-
वात तूफ़ान या तेज़ हवाएं होती हैं जिनकी गति 63 किमी० प्रति घंटा या इससे अधिक होती है। ये हवा के कम दबाव से पैदा होते हैं।
अन्य नाम- चक्रवातों को उत्तरी अमेरिका में ‘हरीकेन’, दक्षिण-पूर्वी एशिया में ‘टाईफून’ तथा भारत में आंधी या तूफ़ान कहा जाता है।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 8 आपदा प्रबन्ध

प्रश्न 9.
‘भूमि खिसकने’ के कौन-कौन से कारण हो सकते हैं ?
उत्तर-
भूमि खिसकने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं(1) धरती की अन्दरूनी (आन्तरिक) हलचल (2) तेज़ वर्षा का होना (3) ज्वालामुखी क्रिया (4) खानें खोदना।

प्रश्न 10.
मानवीय प्रकोप किसे कहते हैं ?
उत्तर-
मानवीय प्रकोप वे प्रकोप होता है जो मनुष्य प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से स्वयं पैदा करता है। यह काम नुष्य जान-बूझ कर अथवा अनजाने में करता है। बम धमाके तथा आतंकवादी हमले इसके उदाहरण हैं।

प्रश्न 11.
महामारी से आपका क्या भाव है ?
उत्तर-
जब कोई बीमारी बहुत अधिक फैल जाती है तथा लोगों को प्रभावित करती है, तो उसे महामारी कहते हैं। I, डेंगू, बुखार, पीला बुखार या दस्त जैसी बीमारियां कभी-कभी महामारी का रूप ले लेती हैं।

नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 70-75 शब्दों में लिखो :

प्रश्न 1.
आपदाएं मानव को किस प्रकार प्रभावित करती हैं ?
उत्तर-
आपदाएं मानव जीवन को बहुत अधिक प्रभावित करती हैं –

  • इनके कारण जान-माल की भारी हानि होती है।
  • नागरिक सुविधाएं ठप्प पड़ जाती हैं जिससे जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
  • कई लोग अपनों से बिछुड़ जाते हैं।
  • खड़ी फ़सलें तथा पशु बह जाते हैं।
  • लाशों के गलने-सड़ने से महामारियां फैलती हैं। (6) वर्षों की उन्नति मिनटों में समाप्त हो जाती है।

प्रश्न 2.
भूचाल आने के कारण और संसार के प्रसिद्ध भूचाल क्षेत्र बताओ।
उत्तर-
कारण-भूचाल धरती की आन्तरिक हलचलों के कारण आते हैं। इन हलचलों से धरती की टैक टोनिक प्लेटें खिसक जाती हैं और भूकम्प तरंगें पैदा होती हैं। परिणामस्वरूप धरती हिलने लगती है जिसे भूचाल अथवा भूकम्प कहते हैं।
भूचाल क्षेत्र-

  • संसार के 2/3 भूचाल प्रशान्त महासागर के ‘ज्वाला चक्र’ (Ring of Fire) में आते हैं।
  • संसार के मुख्य पर्वतीय क्षेत्र, जैसे कि हिमालय तथा आल्पस भी भूकम्पग्रस्त क्षेत्र माने जाते हैं।
  • भारत के भूचालग्रस्त प्रदेशों में कश्मीर तथा पश्चिमी हिमालय, मध्य हिमाचल, उत्तर-पूर्वी भारत, सिन्धु-गंगा के मैदान, राजस्थान एवं गुजरात के प्रदेश तथा पूर्वी तथा पश्चिमी द्वीप-समूह शामिल हैं।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 8 आपदा प्रबन्ध (1)

प्रश्न 3.
भूचाल आपदा प्रबन्धन में हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
भूचाल आपदा प्रबन्धन में हमें नीचे दी गई बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  • भूचाल ग्रस्त प्रदेशों में भवनों के नक्शे तथा बनावट इस प्रकार की होनी चाहिए कि भूचाल आने पर उन्हें कोई हानि न पहुँचे। घरों तथा अन्य इमारतों का बीमा भी अवश्य होना चाहिए।
  • भूचाल आने पर भय या घबराहट का वातावरण पैदा नहीं होने देना चाहिए; बल्कि शान्ति रखकर दिमाग़ से क लेना चाहिए।
  • भूचाल आने पर यदि आप घर के अन्दर हों, तो बाहर नहीं भागना चाहिए, बल्कि बेड्, मेज, दरवाज़े जैसी कि कठोर वस्तु के बीच चले जाना चाहिए।
  • यदि भूचाल के समय बाहर हो तो किसी खुले स्थान पर चले जाना चाहिए। इमारतों, वृक्षों, बिजली के ता. तथा खम्बों से दूर रहना चाहिए।
  • हमें आपस में मिलकर भूचाल प्रभावित लोगों की सहायता करनी चाहिए। उन्हें मेडीकल तथा रहने की सुवि देने का प्रयास करना चाहिए।
  • मलबे में दबे लोगों को तेज़ी से निकालना चाहिए और घायलों को जल्दी से जल्दी अस्पताल पहुंच चाहिए।
  • भूकम्प से प्रभावित यातायात तथा संचार के साधनों को जितनी जल्दी हो सके फिर से चालू कर लेना चा
  • सरकार को चाहिए कि वह बेघर हुए लोगों को फिर से बसाने के लिए आवश्यक सुविधाएं दे।

प्रश्न 4.
ज्वालामुखी और सुनामी से बचाव के लिए क्या-क्या प्रबन्ध करना चाहिए ?
उत्तर-
ज्वालामुखी से बचाव-

  • ज्वालामुखी विस्फोट वाले स्थान के निकट घर या कोई और इमारत नहीं बनानी चाहिए।
  • ज्वालामुखी विस्फोट के लक्षण दिखाई देने पर वहां से बहुत दूर चले जाना चाहिए। इसके लिए यातायात के तीव्र साधनों को प्रयोग करना चाहिए।

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  • हानि पहुँचने की स्थिति में सरकार को हर प्रकार की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए।

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सुनामी से बचाव-

  • सुनामी की सूचना मिलने पर समुद्र की ओर नहीं जाना चाहिए।
  • समुद्र में चल रहे जहाज़ों तथा नावों को वापिस बन्दरगाह पर आ जाना चाहिए।
  • मछुआरों को लहरें शान्त होने के बाद ही समुद्र में जाना चाहिए।
  • यदि लहरें बहुत तेज़ी से समुद्र तट की ओर आ रही हों, तो वहाँ बसे लोगों को वह स्थान छोड़कर दूर चले जाना चाहिए।
  • सभी को मिलकर मुसीबत में फंसे लोगों की सहायता करनी चाहिए।
  • सरकार को सुनामी की आपदा से निपटने के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए।

प्रश्न 5.
सूखे से बचने के लिए कौन-कौन-से कदम उठाने चाहिएँ।
उत्तर-
सूखे से बचाव के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं-

  • पानी का प्रयोग सूझबूझ से करें। इसे व्यर्थ न बहने दें।
  • सूखाग्रस्त क्षेत्रों में अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाएं। वृक्ष वर्षा लाने में सहायता करते हैं।
  • सूखाग्रस्त प्रदेश में ऐसी फ़सलें उगायें जिन्हें कम पानी की ज़रूरत होती हैं। मक्का, बाजरा, दालें आदि फसलें इसी प्रकार की फ़सलें हैं।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 8 आपदा प्रबन्ध (3)

  • सरकार को चाहिए कि वह सूखाग्रस्त प्रदेशों में आसपास के अधिक पानी वाले क्षेत्रों से पानी पहुँचाये।
  • सूखाग्रस्त क्षेत्रों में वर्षा के पानी को तालाबों अथवा बांधों में इकट्ठा कर लेना चाहिए। इस पानी का प्रयोग ज़रूरत के समय किया जा सकता है।
  • सूखाग्रस्त क्षेत्रों में कृषि के स्थान पर दूसरे आर्थिक धन्धों को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि अधिक पानी की समस्या न रहे।

प्रश्न 6.
कौन-कौन से उपाय हमें महामारी जैसी आपदा से बचा सकते हैं ?
उत्तर-

  • महामारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि बीमारियों से ही बचा जाए। शुद्ध, साफ पानी तथा साफ़-सुथरा वातावरण हमें बीमारियों से बचा सकता है।
  • बीमारी फैलने पर डॉक्टरी सुविधाओं का उचित प्रबन्ध होना चाहिए। इसके लिए अस्पतालों में चिकित्सा की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए।
  • शहरों के आसपास गन्दी बस्तियों को विकसित न होने दिया जाये।
  • शहरों, गांवों तथा स्कूलों में नियमित रूप से बीमारी की जांच होनी चाहिए ताकि महामारी के खतरे से बचा जाए।

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PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 8 आपदा प्रबन्ध

III. नीचे लिखे प्रश्नों का उत्तर लगभग 250 शब्दों में लिखो :

प्रश्न 1.
बाढ़ और चक्रवात जैसी आपदाओं से बचने के लिए हमें क्या-क्या उपाय करने चाहिएँ ? विस्तार सहित लिखिए।
उत्तर-
बाढ़ तथा चक्रवात जैसी आपदाओं से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जाने चाहिएँ- ‘.
बाढ़-

  • बाढ़ग्रस्त प्रदेशों में लोगों को समय-समय पर मौसम विभाग से जानकारी लेते रहना चाहिए। यदि खतर अधिक हो तो लोगों को अपना स्थान अस्थायी रूप से छोड़ देना चाहिए तथा किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए
  • बाढ़ आने से पहले लोगों को अपना सामान किसी ऊँचे स्थान पर अथवा छत पर ढक कर रख देना चाहिए
  • बाढ़ के समय पानी को उबाल कर ही पीना चाहिए।
  • बाढ़ में फंसे लोगों को सेना की सहायता से हेलीकाप्टरों द्वारा बाहर निकालने का प्रयास करना चाहिए।
  • सरकार को चाहिए कि वह बाढ़ प्रभावित लोगों तक खाने-पीने का सामान तथा आवश्यक दवाइयाँ पहुँचाये
  • बाढ़ से बेघर हुए लोगों को रहने का स्थान दिया जाये।
  • बाढ़ के बाद फैलने वाली बीमारियों तथा महामारियों से बचाव के लिए चिकित्सा सुविधाओं का उचित प्रब होना चाहिए।
  • सभी लोगों का यह कर्त्तव्य है कि वे बाढ़ प्रभावित लोगों की हर सम्भव सहायता करें।
  • बाढ़ों के वेग को कम करने के लिए अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाने चाहिएँ।

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चक्रवात-मनुष्य के लिए चक्रवातों को रोक पाना सम्भव नहीं है। फिर भी निम्नलिखित उपायों द्वारा चक्रवातों से होने वाली हानि को कम किया जा सकता है

  • समुद्र तट के निकट कच्चे घर अथवा झोंपड़ियां नहीं बनानी चाहिएँ।
  • चक्रवातों से प्रभावित लोगों को बड़े-बड़े भवनों, स्कूलों तथा अन्य सार्वजनिक इमारतों में शरण देनी चाहिए।
  • चक्रवातों का खतरा होने पर जहाजों, नावों तथा मछुआरों को समुद्र में नहीं जाना चाहिए।
  • चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में ऐसे मकान बनाये जाने चाहिएँ जो चक्रवातों की तेज़ गति का सामना कर सकें।
  • चक्रवातों के कारण आने वाली बाढ़ों से बचाव के लिए बाढ़-विरोधी पग उठाने चाहिएं।
  • समुद्र तट के साथ चक्रवातों की उलटी दिशा में वृक्षों की पंक्तियां लगा देनी चाहिए। इस प्रकार चक्रवात के वेग को कम किया जा सकता है।
  • चक्रवातों के आने की सूचना लगातार प्राप्त करते रहना चाहिए तथा उनसे बचाव के लिए दिए गए सुझावों का पालन करते रहना चाहिए।
  • सरकार की ओर से चक्रवातों की आपदा से निपटने तथा लोगों की सहायता के लिए उचित प्रबन्ध होना चाहिए।

प्रश्न 2.
मानवीय आपदा क्या हैं ? किन्हीं दो मानवीय आपदाओं के ‘आपदा प्रबन्धन’ का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर-
कुछ आपदा मनुष्य प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से स्वयं उत्पन्न करता है। यह काम मनुष्य जानबूझ कर या अनजाने में करता है। इन आपदाओं को मानवीय आपदा कहते हैं। बम धमाके तथा आतंकी हमले और बांधों का टूटना मानवीय आपदाओं के उदाहरण हैं। दो मानवीय आपदाओं के ‘आपदा प्रबन्धन’ का वर्णन इस प्रकार हैं-

1. बम धमाके आतंकी हमले-बम देश की बाहरी शत्रु से रक्षा के लिए बनाये गये थे। परन्तु कुछ लोग इनका प्रयोग देश में तबाही मचाने के लिए करते हैं। कई आतंकवादी गुट देश में अशान्ति फैलाने का काम करते हैं। फलस्वरूप कई निर्दोष लोग मारे जाते हैं। अन्य प्रभावित लोगों को भी बम धमाकों तथा आतंकी हमलों के कारण तरह-तरह के कष्ट झेलने पड़ते हैं। ये हमले देश के विकास में भी बाधा डालते हैं। 11 सितम्बर, 2001 को अमेरिका के शहरों पर हुए आतंकी हमलों में हज़ारों लोग मारे गए थे और भारी आर्थिक क्षति हुई थी।

बचाव-

  • सरकारों को राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बातचीत द्वारा इन हमलों से निपटने की योजना बनानी चहिए।
  • लावारिस पड़ी किसी भी वस्तु को हाथ नहीं लगाना चाहिए। हो सकता है कि इनमें बम हो। इनकी सूचना तुरन्त पुलिस को देनी चाहिए।
  • बम धमाकों या आतंकी हमले के समय अफरा-तफ़री तथा भय का वातावरण नहीं बनने देना चाहिए, बल्कि र्य से काम लेना चाहिए।
  • पुलिस तथा गुप्तचर विभाग को आतंकी गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए। भीड़ भरे स्थानों पर पर्याप्त कसी की ज़रूरत होती है।
  • पकड़े गए अपराधियों को कानून के अनुसार कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
  • आतंकी हमलों में घायल लोगों को जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुँचाना चाहिए।
  • कानून तथा सुरक्षा की व्यवस्था बनाये रखनी चाहिए।

2. बांधों का टूटना-बांधों में बहुत अधिक पानी इकट्ठा रहता है। इसलिए किसी बांध के टूट जाने पर बाढ़ से भी खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है। यदि बांध बहुत बड़ा हो तो संकट और अधिक बढ़ जाता है। मानव जीवन अस्तव्यस्त हो जाता है। पशु तथा खड़ी फ़सलें बह जाती हैं। इस आपदा से बचाव के लिए बाढ़ों से बचाव वाले उपाय करने चाहिएँ। सरकार को लोगों के जान-माल की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबन्ध करने चाहिएं।

PSEB 8th Class Social Science Guide आपदा प्रबन्ध Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

(क) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

1. भूकम्प (भूचाल). ज्वालामुखी, सुनामी, बाढ़ आदि …….. आपदाएं हैं।
2. बम धमाके, आतंकवाद, प्रदूषण आदि ………. आपदाएं हैं।
3. भूमि के हिलने की क्रिया को ………… कहते हैं।
4. हैजा, डेंग, पीला बुखार या दस्त जैसी बीमारियां जब अधिक लोगों को प्रभावित करती हैं तो वे ………..कहलाती हैं।
5. भूकम्प की तरंगे पृथ्वी के भीतर जिस विशेष स्थान पर उत्पन्न होती है, उस स्थान को भूकम्प का ……………. कहते हैं।
6. लावा के पृथ्वी पर आने की क्रिया को ………. कहा जाता है।
उत्तर-

  1. प्राकृतिक
  2. मानवीय
  3. भूचाल या भूकम्प
  4. महामारी
  5. उद्गम-केंद्र
  6. ज्वालामुखी उद्गार।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 8 आपदा प्रबन्ध

(ख) सही कथनों पर (✓) तथा गलत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं :

1. जब खतरे मनुष्य के लिए घातक बन जाते हैं तो इन्हें आपदा कहते हैं।
2. भूमि के हिलने की क्रिया को ज्वालामुखी कहते हैं।
3. रिक्टर स्केल पर 8 से अधिक तीव्रता वाले भूचाल खतरनाक माने जाते हैं।
4. मानवीय प्रकोप वह प्रकोप होता हैं जो मनुष्य प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वयं पैदा करता है।
5. यदि वर्षा प्राप्ति की आशा रखने वाले किसी स्थान पर लम्बी अवधि तक अंधिक वर्षा का मौसम बना रहे तो उसे सूखा कहते हैं।
6. सुनामी ऊँची-ऊँची समुद्री लहरें होती हैं।
उत्तर-

(ग) सही विकल्प चुनिए:

प्रश्न 1.
उत्तरी अमरीका में चक्रवात को किस नाम से पुकारा जाता है ?
(i) आंधी
(ii) तूफ़ान
(iii) हरीकेन
(iv) टाईफून।
उत्तर-
हरीकेन

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सी मानवीय आपदा है ?
(i) भूचाल
(ii) बम धमाके
(iii) ज्वालामुखी
(iv) सुनामी।
उत्तर-
बम धमाके

प्रश्न 3.
जल संसाधन की कमी से जुड़ी आपदा है
(i) ज्वालामुखी
(ii) सूखा
(iii) भूमि का खिसकना
(iv) महामारी।
उत्तर-
सूखा।

(घ) सही जोड़े बनाइए :

1. भूचाल – अधिक वर्षा
2. ज्वालामुखी – तूफ़ान
3. चक्रवात – रिक्टर पैमाना
4. बाढ़ – लावा।
उत्तर-

  1. रिक्टर पैमाना
  2. लावा,
  3. तूफ़ान,
  4. अधिक वर्षा ।

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
किस तीव्रता वाले भूचाल खतरनाक माने जाते हैं ?
उत्तर-
रिक्टर स्केल पर 8 से अधिक तीव्रता वाले भूचाल खतरनाक माने जाते हैं।

प्रश्न 2.
यू० एस० ए० में सबसे बड़ा आतंकवादी हमला कब तथा किन दो स्थानों पर हुआ ?
उत्तर-
11 सितम्बर, 2001 को न्यूयॉर्क शहर तथा पेंटागन पर।।

प्रश्न 3.
भूचाल के उदगम-केन्द्र तथा अभिकेन्द्र की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
उदगम केन्द्र-भूकम्प की तरंगें पृथ्वी के भीतर किसी विशेष स्थान पर उत्पन्न होती हैं। इस स्थान को उद्गम-केन्द्र कहते हैं।
2. अधिकेन्द्र-भूकम्प की तरंगें भूमि के भीतर उत्पन्न होती हैं। इस भूकम्पीय उद्गम केन्द्र के ठीक ऊपर भू-पृष्ठ पर स्थित बिन्दु को अभिकेन्द्र कहते हैं।

प्रश्न 4.
‘भूचाल’ से क्या हानि होती है ?
उत्तर-

  • भूचाल से पृथ्वी में दरारें पड़ जाती हैं। मकान, सड़कें, पुल, रेलमार्ग आदि टूट जाते हैं। कई लोग मारे जाते हैं।
  • पानी, बिजली तथा गैस की आपूर्ति ठप्प पड़ जाती है।

प्रश्न 5.
26 दिसंबर, 2004 की सुनामी ने कितने देशों को प्रभावित किया और इससे लगभग कितने लोग मारे गये ?
उत्तर-
26 दिसंबर, 2004 की सुनामी ने दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी एशिया तथा अफ्रीका के 11 देशों को प्रभावित केया। इससे 105 लाख से भी अधिक लोग मारे गए।

प्रश्न 6.
‘बाढ़’ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब नदियों तथा नहरों का जल इनके किनारे तोड़कर आस-पास के क्षेत्र में फैल जाता है, तो उसे बाढ कहते हैं।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 8 आपदा प्रबन्ध

प्रश्न 7.
चक्रवात अथवा उष्ण चक्रवात क्या होते हैं और ये कैसे बनते हैं ?
उत्तर-
चक्रवात या तूफान, एक प्रकार की तेज़ हवाएं होती हैं जिनकी गति 63 किलोमीटर प्रति घण्टा या इससे अधिक होती है। चक्रवात वायु के कम दबाव के कारण बनते हैं। अधिकतर चक्रवात भूमध्य रेखा से 5° से 20° उत्तर था दक्षिण में पैदा होते हैं।

प्रश्न 8.
सूखा किसे कहते हैं ?
उत्सर-
यदि वर्षा प्राप्ति की आशा रखने वाले किसी स्थान पर लम्बी अवधि तक शुष्क मौसम की स्थिति बनी रहे, उसे सूखा कहते हैं। सूखा कभी-कभी वर्षों तक जारी रहता है। सूखे से जल स्रोत तथा वनस्पति सूख जाती है और टी में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ जाती हैं।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्टर स्केल तथा मरकाली स्केल में क्या अन्तर हैं ?
उत्तर-
रिक्टर स्केल-यह भूचाल की तीव्रता को मापने का खुला पैमाना है। इससे पता चलता है कि भूचाल का एक झटका कितना तीव्र है। रिक्टर पैमाने में 8 की तीव्रता वाला भूचाल 4 की तीव्रता वाले पैमाने से बहुत अधिक तीव्र होता है।
इसके विपरीत मरकाली स्केल भूचाल से हुई हानि को बताता है। इसे ‘कोई हानि नहीं’ से लेकर ‘सब कुछ नष्ट हो गया’ तक 12 वर्गों में बाँटा गया है।

प्रश्न 2.
ज्वालामुखी की किस्मों की संक्षिप्त जानकारी दो।
उत्तर-ज्वालामुखी की तीन किस्में हैं-क्रियाशील ज्वालामुखी, सुप्त ज्वालामुखी तथा बुझा हुआ ज्वालामुखी।

  • क्रियाशील ज्वालामुखी-ऐसे ज्वालामुखी में से कभी-कभी लावा निकलता रहता है।
  • सुप्त ज्वालामुखी-ऐसा ज्वालामुखी काफी समय से शान्त होता है। इसमें से पिछले इतिहास में इनमें से कभी लावा निकला होता है।
  • बुझा हुआ ज्वालामुखी-बुझा हुआ ज्वालामुखी वह होता है जिसके चिन्ह तो दिखाई देते हैं, परन्तु पिछले इतिहास में उनके फटने का कोई रिकार्ड नहीं मिलता।

प्रश्न 3.
चक्रवात किस प्रकार आपदा का रूप धारण कर लेते हैं ? इनसे होने वाली हानियों का वर्णन करो
उत्तर-
जब चक्रवातों की गति 100 किलोमीटर प्रति घण्टा से बढ़ जाती है तो ये आपदा का रूप धारण कर लेते हैं तथा आस-पास के क्षेत्रों में भारी विनाश करते हैं

  • बिजली तथा टेलीफोन की तारों के खम्बे भी गिर जाते हैं।
  • वृक्ष जड़ों से उखड़कर सड़कों पर गिर जाते हैं और यातायात ठप्प हो जाता है।
  • घास-फूस के कच्चे घरों तथा कमज़ोर मकानों को काफी क्षति पहुंचती है।
  • नावों और समुद्री जहाजों को भी काफी हानि होती है।
  • बहुत-से मनुष्य तथा पशु चक्रवातों की लपेट में आकर मारे जाते हैं।
  • खेतों में खड़ी फसलें ढह जाती है। जिससे कृषकों को हानि होती है।

प्रश्न 4.
पानी के बांधों या डैमों का टूट जाने की आपदा तथा बचाव पर नोट लिखो।।
उत्तर-
बांधों अथवा डैमों में पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है। इनके टूटने से पानी तेजी से बहने लगता है और बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है। यदि डैम बहुत बड़े हों तो आपदा और भी विनाशकारी हो जाती है जिससे मानव जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। इसलिए बाढ़ों से निपटने के लिए सभी प्रबन्ध करने चाहिये। लोगों की जान और मा की सुरक्षा करना सरकार का मुख्य कार्य बनता है।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 8 आपदा प्रबन्ध (6)

प्रश्न 5.
औद्योगिक दुर्घटनाओं सम्बन्धी आपदा क्या होती है ?
उत्तर-
उद्योगों में बड़ी-बड़ी मशीनें, रासायनिक पदार्थ, कई प्रकार के ज्वलनशील पदार्थ तथा ज़हरीली गैसों का प्रयोग होता है। इनका प्रयोग करते समय कभी-कभी दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। कई बार तो ये दुर्घटनाएं इतनी विशाल तथा भयंकर होती हैं कि इन्हें भुला पाना भी कठिन हो जाता है। भोपाल गैस लीक की विनाशकारी घटना अभी भी हमारे मन में ताज़ा है। इस दुर्घटना में हज़ारों लोगों की मृत्यु हो गई थी और बहुत-से बच्चे अभी भी अपंग पैदा हो रहे हैं। कई बार उद्योगों में गैस सिलैण्डर फटने से आग भी लग जाती है या कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो जाती है।

प्रश्न 6.
औद्योगिक दुर्घटनाओं से बच-बचाव कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर-
औद्योगिक दुर्घटनाओं से बच-बचाव के लिए उद्योगों में आवश्यक प्रबन्ध होने चाहिएँ-

  1. आग बुझाने वाले यन्त्र हर समय तैयार रहने चाहिये।
  2. दुर्घटना के समय उद्योगों में श्रमिकों तथा अन्य कर्मचारियों को बाहर निकालने के तीव्र तथा उचित प्रबन्ध होने चाहियें।
  3. आतंक का वातावरण नहीं बनने देना चाहिये, बल्कि शान्त रहकर बचाव कार्य को पूरा करना चाहिए।
  4. प्रभावित लोगों को शीघ्र ही डॉक्टरी सहायता देनी चाहिये।
  5. उद्योगों में काम करने वाले कर्मियों को बीमा की सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिये।
  6. सरकार को चाहिए कि वह प्रभावित लोगों को हर सम्भव सहयोग तथा सहायता दे।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न-
भूमि तथा बर्फ के तोदों के सरकने की आपदाओं का वर्णन करते हुए, उनसे बच-बचाव के उपाय लिखें।
उत्तर-
अन्य प्राकृतिक आपदाओं की तरह भूमि सरकने (खिसकने) तथा बर्फ के तोदों के सरकने की आपदाएं भी कभी-कभी काफ़ी विनाशकारी होती हैं। इनका वर्णन इस प्रकार है

1. भूमि का खिसकना-भूमि के खिसकने का अर्थ है पृथ्वी को गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण चट्टानों तथा मिट्टी का ढलान से नीचे की ओर खिसकना। इसमें भूमि एकदम और तेज़ी से नीचे की ओर सरकती है। यदि पहाड़ की ढलान तेज़ हो तो भूमि का नीचे की ओर सरकना (खिसकना) और भी तेज़ हो जाता है।
PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 8 आपदा प्रबन्ध (7)
कारण-भूमि सरकने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे-

  1. पृथ्वी की भीतरी हलचल
  2. तेज़ वर्षा
  3. ज्वालामुखी क्रिया
  4. भूचाल का आना
  5. खानों का खोदना
  6. वनों को काटने से भूमि का अपरदन होने तथा भूमि के नंगा हो जाने से भी खिसकने की क्रिया बढ़ जाती है।

हानियां-

  1. भूमि के सरकने से बहुत-सा क्षेत्र मिट्टी के नीचे दब जाता है।
  2. सड़कों और वनस्पति को बहुत हानि होती है।
  3. सरकती हुई भूमि की लपेट में आने वाली मोटर गाड़ियों, पशुओं तथा मनुष्यों को भारी क्षति का सामना करना पड़ता है।

भूमि सरकने (खिसकने) से बचाव-,

  1. जिन क्षेत्रों में भूमि खिसकने की क्रिया अधिक होती है, उनकी पहचान करके वहां घर और इमारतें न बनाई जायें।
  2. वनस्पति हीन पर्वतों की ढलानों अर्थात् नंगी चट्टानों पर भूमि का सरकना अधिक होता है। इसलिए वनों की कटाई पर पाबंदी लगाई जाये और वहां घास तथा पेड़-पौधे आदि लगवाये जायें।
  3. ढलानों से बहने वाला पानी भूमि सरकने में सहायक होता है। इसलिए इस जल के निकास की उचित व्यवस्था की जाये।
  4. ऐसे क्षेत्रों में बिजली तथा टेलीफोन की तारों और जल पाइपों को या तो पृथ्वी के भीतर डाला जाए या ऊपर लटकाया जाये, ताकि भूमि सरकने से ये टूट न जायें।
  5. पहाड़ी ढलानों पर वृक्षों को लाइनों में लगाया जाये, ताकि भूमि सरकने की गति को कम किया जा सके।
  6. पर्वतों के साथ-साथ सड़कों के दोनों ओर ऊंची-ऊंची दीवारें (Retaining Walls) बना देनी चाहिए ताकि सरकती हुई मिट्टी सड़क पर आने से पहले ही ढक जाए।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 8 आपदा प्रबन्ध

2. बर्फ के तोदों का खिसकना-पर्वतों की ढलानों से बर्फ का खिसकना मानव के लिए काफी कष्टदायक सिद्ध होता है। इससे सड़कें, इमारतें तथा मोटर गाड़ियों को बहुत क्षति पहुंचती है। यदि समस्या बढ़ जाये तो जान माल की भारी हानि होती है।
यह आपदा ऊंचे पहाड़ों पर बर्फ पड़ने से पैदा होती है। जब पहाड़ों पर बर्फ का जमाव बढ़ जाए, तो बर्फ के ऊपरी ढेर फिसल कर पर्वत की ढलान पर सरकने लगते हैं।
बर्फ के तोदों से बचाव-

  • लोगों को बर्फ से खिसकने के सम्बन्ध में पूरा ज्ञान होना चाहिये। यदि ऐसा होगा तो ही वे अपने आप को बचा सकेंगे।
  • ऐसे स्थानों में अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाने चाहियें। वृक्ष बर्फ के खिसकने में रुकावट का काम करते हैं।
  • बर्फ के खिसकने वाली पर्वतीय ढलानों पर बर्फ के तोदों के मार्ग में बाधा डालने के लिए इस प्रकार का निर्माण किया जाये जिससे तोदों की तीव्रता तथा दिशा बदल जाये। इस प्रकार इससे होने वाली हानि को कम किया जा सकता है।
  • यदि बर्फ सड़कों पर गिर जाये तो यह आवागमन को रोक देती है। इस बर्फ को बर्फ काटने वाली मशीन या ‘हल्के धमाकों से सड़क से हटाया जा सकता है इन्हें बुलडोजर की सहायता से भी हटाया जा सकता है।
  • बर्फ के खिसकने के प्रकोप से प्रभावित हुए लोगों के लिए आवश्यक सहायता तथा अन्य सुविधाएं प्रदान करवाना सरकार की जिम्मेवारी बन जाती है।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 7 मानवीय संसाधन

Punjab State Board PSEB 8th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 7 मानवीय संसाधन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Social Science Geography Chapter 7 मानवीय संसाधन

SST Guide for Class 8 PSEB मानवीय संसाधन Textbook Questions and Answers

I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 20-25 शब्दों में दो :

प्रश्न 1.
मानवीय संसाधनों से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
मानवीय संसाधनों से अभिप्राय किसी देश की जनसंख्या से है। मानवीय संसाधनों को गिनती तथा गुणवत्ता दोनों पक्षों से देखा जाता है। किसी देश की उन्नति का आधार गुणवत्ता वाली जनसंख्या होती है।

प्रश्न 2.
जनगणना किसे कहते हैं और यह कितने वर्षों के बाद की जाती है?
उत्तर-
किसी देश की जनसंख्या की गिनती को जनगणना कहते हैं। जनगणना में लोगों की गिनती के साथ-साथ उनके कुछ सामाजिक तथा आर्थिक पक्षों की जानकारी भी प्राप्त की जाती है। जनगणना प्रत्येक 10 वर्ष के बाद होती है।

प्रश्न 3.
लिंग अनुपात क्या होता है ? इसका फार्मूला भी लिखो।
उत्तर-
लिंग आधारित जनसंख्या के अनुपात को लिंग अनुपात कहते हैं। इसमें प्रति 1000 पुरुषों के पीछे स्त्रियों की गिनती की जाती है। लिंग अनुपात का फार्मूला यह है –
PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 7 मानवीय संसाधन (1)

प्रश्न 4.
‘कन्या भ्रूण हत्या’ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
कुछ लोगों द्वारा लड़की को जन्म लेने से पहले ही मां के पेट में मार दिया जाता है। इसे ‘कन्या भ्रूण हत्या’ कहते हैं।

प्रश्न 5.
जनसंख्या को मुख्य रूप से कौन-कौन से आयु गुटों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-
जनसंख्या को मुख्य रूप से तीन आयु गुटों में बांटा जा सकता है(1) 0-14 वर्ष (2) 15-64 वर्ष (3) 65 वर्ष या अधिक।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 7 मानवीय संसाधन

प्रश्न 6.
साक्षरता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जनसंख्या में शिक्षित लोगों की दर को साक्षरता कहते हैं। उदाहरण के लिए भारत में साक्षरता की दर 73% है अर्थात् प्रति 100 लोगों में 73 लोग ही पढ़े-लिखे हैं।

प्रश्न 7.
विकासशील देशों में लोगों को पढ़ने का अवसर क्यों नहीं मिलता ?
उत्तर-
विकासशील देशों में संसाधनों की कमी है जिसके कारण लोगों की पहली आवश्यकता रोटी कमाना है। इसलिए विकासशील देशों में लोगों को पढ़ने का अवसर नहीं मिलता।।

प्रश्न 8.
भारत में प्राइमरी तथा अपर-प्राइमरी स्कूलों की संख्या कितनी है ?
उत्तर-
भारत में लगभग 8.5 लाख प्राइमरी स्कूल तथा अपर-प्राइमरी स्कूल हैं।

प्रश्न 9.
प्राकृतिक वृद्धि दर क्या होती है ? उदाहरण बताकर वर्णन कीजिए।
उत्तर-
जन्म दर तथा मृत्यु दर के अन्तर को प्राकृतिक वृद्धि दर कहते हैं। यदि जन्म दर मृत्यु दर से अधिक हो तो प्राकृतिक वृद्धि दर सकारात्मक (+) होती है। विपरीत स्थिति में प्राकृतिक वृद्धि दर नकारात्मक (-) होती है। .

प्रश्न 10.
सर्वशिक्षा अभियान (कार्यक्रम) का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
उत्तर-
सर्वशिक्षा अभियान का मुख्य उद्देश्य 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को आरम्भिक स्तर की शिक्षा दिलवाना है।

प्रश्न 11.
जनसंख्या घनत्व किसे कहते हैं ?
उत्तर-
किसी प्रदेश या देश के एक वर्ग किलोमीटर अथवा एक वर्गमील क्षेत्र में औसत रूप से रहने वाले लोगों की संख्या को जनसंख्या का घनत्व कहते हैं। इसे ज्ञात करने का फार्मूला इस प्रकार है-
PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 7 मानवीय संसाधन (2)

II. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर 70-75 शब्दों में दीजिए :

प्रश्न 1.
मानवीय साधनों के महत्त्व पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
मानवीय साधन बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं। अन्य साधनों को मनुष्य ही अपनी कुशलता द्वारा उपयोगी बनाता है। अब उसकी शक्ति उसकी गुणवत्ता से मापी जाती है। जिस देश में जितने अधिक लोग उच्च शिक्षा प्राप्त, कुशल तथा प्रशिक्षित होते हैं, वह देश उतनी अधिक उन्नति करता है।
उदाहरण के लिए जापान, ताईवान तथा स्विट्ज़रलैंड जैसे छोटे-छोटे देशों में प्राकृतिक साधनों की कमी है। फिर भी उन्होंने अपने मानवीय साधनों के बल पर बहुत अधिक उन्नति की है।

प्रश्न 2.
लिंग अनुपात क्या है और इसके कम होने के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
जनसंख्या में प्रति हजार पुरुषों के पीछे स्त्रियों की संख्या को लिंग अनुपात कहते हैं। भारत में लिंग अनुपात कम है अर्थात् हमारे देश में पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या कम है। इसके निम्नलिखित कारण हैं

  • महिलाओं में मृत्यु दर अधिक है।
  • कन्याओं की भ्रूण हत्या की जाती है।
  • समाज में महिलाओं को निम्न स्थान प्राप्त है।
  • परिवार में बालिकाओं की उपेक्षा की जाती है। उन्हें उचित आहार नहीं दिया जाता इसलिए वे कुपोषण का शिकार हो जाती हैं।
  • बालिकाओं को शिक्षा तथा अन्य सविधाओं से वंचित रखा जाता है।
  • समाज में पुत्र को प्राथमिकता दी जाती है। उदाहरण के लिए यदि किसी छोटे परिवार में पहला लड़का पैदा हो जाता है तो दूसरे बच्चे को जन्म ही नहीं दिया जाता।
  • कई लड़कियां विवाह के पश्चात् दहेज की बलि चढ़ा दी जाती हैं।

प्रश्न 3.
भारत में 0-14 वर्ष के आयु गुट प्रतिशत (%) में कितने हैं ? सरकार को भिन्न-भिन्न आयु गुटों के लिए क्या यत्न करने चाहिएं ?
उत्तर-
भारत में 0-14 वर्ष का आयु गुट 30% है। सरकार को विभिन्न आयु गुटों के लिए निम्नलिखित यत्न करने चाहिएं।

  1. 0–14 वर्ष का आयु गुट बच्चों का गुट है। उनके लिए शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्हें स्वच्छ मनोरंजन तथा खेलकूद के साधन जुटाने चाहिएं।
  2. 14-64 वर्ष का आयु गुट काम करने वाला गुट है। सरकार को उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने चाहिएं।
  3. 65 वर्ष या इसके अधिक आयु गुट के लोगों को खाने-पीने तथा स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं देनी चाहिएं। उनके लिए पेंशन का भी प्रबंध करना चाहिए।

प्रश्न 4.
जनसंख्या परिवर्तन कैसे होता है ? विस्तार से समझाइए। .
उत्तर-
किसी स्थान की जनसंख्या स्थिर नहीं रहती। इसमें परिवर्तन आता रहता है। यह परिवर्तन मुख्यतः दो तरीकों से होता है। (1) जन्म दर तथा मृत्यु दर में परिवर्तन (2) आवास एवं प्रवास।

  1. जन्म दर तथा मृत्यु दर में परिवर्तन-जन्म दर बढ़ने पर जनसंख्या बढ़ जाती है। इसके विपरीत मृत्यु दर बढ़ने पर जनसंख्या में कमी आ जाती है। इन दोनों दरों के अंतर को प्राकृतिक वृद्धि दर कहते हैं ! यह दर जनसंख्या में हुए परिवर्तन को दर्शाती है।
  2. आवास तथा प्रवास-काम आदि की तलाश में कुछ लोग विदेश में जाकर रहने लगते हैं या एक स्थान छोड़ कर किसी दूसरे स्थान पर बस जाते हैं। इस प्रकार जहां से लोग जाते हैं, वहां की जनसंख्या कम हो जाती है। दूसरी ओर जहां जाकर लोग बसते हैं, वहां की जनसंख्या बढ़ जाती है।

प्रश्न 5.
भारत में जनसंख्या वितरण पर नोट लिखें।
उत्तर-
भारत में जनसंख्या का वितरण एक समान नहीं है। भारत का क्षेत्रफल 3.28 मिलियन वर्ग किलोमीटर है। 2011 की जनगणना के अनुसार देश की कुल जनसंख्या लगभग 1.21 अरब है। देश की कुल जनसंख्या का लगभग 50% भाग देश के केवल छ: राज्यों में रहता है। ये राज्य हैं-उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिमी बंगाल तथा आन्ध्र प्रदेश तथा तेलंगाना। शेष 50% जनसंख्या बाकी के 23 राज्यों तथा 7 केन्द्र शासित प्रदेशों में रहती है। दिल्ली शहर देश की राजधानी तथा एक बड़ा शहर होने के साथ-साथ देश की 1.39% जनसंख्या को पाल रहा है। देश के अन्य बड़े शहर जैसे कोलकाता, मुम्बई, चेन्नई, बंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद आदि भी जनसंख्या के बड़े केन्द्र हैं। देश के पूर्वी भागों में जनसंख्या कम है।

प्रश्न 6.
संसार की औसत जनसंख्या कितनी है ? अधिक तथा कम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
संसार की औसत जनसंख्या घनत्व 52 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। परन्तु संसार के सभी भागों में जनसंख्या का घनत्व एक समान नहीं है। एशिया तथा यूरोप महाद्वीप सघन जनसंख्या वाले महाद्वीप हैं। संसार के बड़ेबड़े शहरों में भी जनसंख्या का घनत्व अधिक है। इन शहरों में शंघाई, टोकियो, न्यूयार्क, लंदन, पेरिस, सिडनी, दिल्ली आदि शामिल हैं। दूसरी ओर उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका तथा आस्ट्रेलिया में जनसंख्या का घनत्व कम है।

प्रश्न 7.
सघन जनसंख्या घनत्व की क्या-क्या हानियां हैं ?
उत्तर-
सघन जनसंख्या घनत्व की निम्नलिखित हानियां हैं –

  • सघन जनसंख्या के कारण लोगों के रहने के लिए घरों या आवास की समस्या पैदा हो जाती है। लोगों को मजबूर होकर झुग्गी झोंपड़ियों में रहना पड़ता है। इससे गंदी बस्तियों का विकास होता है।
  • जनसंख्या अधिक होने पर महंगाई बढ़ जाती है। इसलिए दैनिक प्रयोग की वस्तुओं तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी हो जाती है। इससे जमाखोरी तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।
  • अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बीमारियां या महामारियां फैलने का डर बना रहता है।
  • युद्ध के समय सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों को सबसे अधिक हानि उठानी पड़ती है।

प्रश्न 8.
कन्या भ्रूण हत्या के क्या नुकसान हैं और इसे रोकने के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयत्न किए जा रहे हैं ?
उत्तर-
आज विज्ञान ने जन्म से पूर्व बच्चे का लिंग निर्धारण आसान बना दिया है। अत: कुछ लोग लड़कियों को जन्म लेने से पहले ही मां के पेट में मार डालते हैं। इसे भ्रूण हत्या कहा जाता है। यह एक बहुत बड़ा पाप है।
नुकसान-

  • इससे लिंग अनुपात कम होता जा रहा है। परिणामस्वरूप कई लड़कों की आजीवन शादी नहीं हो पाती।
  • ऐसे लड़के तथा उनके मां-बाप दिमागी रूप से परेशान रहते हैं। समाज में उन्हें अच्छी नज़र से नहीं देखा जाता।
    सरकारी प्रयत्न-सरकार ने भ्रूण हत्या के विरुद्ध कठोर कानून बनाए हैं। लिंग-निर्धारण तथा भ्रूण-हत्या दोनों ही दंडनीय अपराध हैं।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 7 मानवीय संसाधन

III. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लगभग 250 शब्दों में लिखो :

प्रश्न 1.
जनसंख्या वितरण और जनसंख्या घनत्व में क्या अंतर हैं ? इन्हें प्रभावित करने वाले तत्त्वों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर-
जनसंख्या का वितरण-जनसंख्या वितरण से अभिप्राय संसार के किसी देश या प्रदेश में बसने वाले लोगों की संख्या से है। किसी स्थान पर जनसंख्या बहुत अधिक हो सकती है तो किसी स्थान पर बहुत कम। प्रायः मैदानी प्रदेशों में जनसंख्या अधिक होती है, जबकि पहाड़ी तथा रेतीले प्रदेशों में कम लोग निवास करते हैं।
जनसंख्या घनत्व-जनसंख्या घनत्व से अभिप्राय किसी प्रदेश या देश के एक वर्ग किलोमीटर या एक वर्गमील क्षेत्र में औसत रूप से रहने वाले लोगों से है। यह पूरे देश या प्रदेश के लिए एक समान होता है।
जनसंख्या वितरण तथा जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले तत्त्व-जनसंख्या का वितरण तथा जनसंख्या घनत्व को बहुत-से तत्त्व प्रभावित करते हैं। इनमें कुछ महत्त्वपूर्ण तत्त्वों का वर्णन इस प्रकार है-

  • धरातल-धरातल मनुष्य के रहने के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। मानव पर्वतीय क्षेत्रों के स्थान पर समतल क्षेत्र में रहना अधिक पसन्द करता है क्योंकि वहां कृषि करना आसान होता है।
  • जलवायु-लोग अधिक शीत, अधिक उष्ण या अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों की बजाय ऐसे क्षेत्रों में रहना पसंद करते हैं जहां की जलवायु स्वास्थ्य के अनुकूल हो। इसलिए अनुकूल जलवायु क्षेत्र ही सघन जनसंख्या वाले क्षेत्र होते हैं। उदाहरण के लिए साईबेरिया जैसे ठंडे या भूमध्य रेखा के समीप अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में जनसंख्या कम है।
  • मिट्टियां-उपजाऊ मिट्टियों वाले क्षेत्र मानव के रहने के लिए अनुकूल माने जाते हैं। इसलिए ऐसे भागों में सघन जनसंख्या पाई जाती है।
  • जल-जल मानव की अनेक आवश्यकताएं पूरी करता है। इसलिए जिन क्षेत्रों का जल साफ-सुथरा और पीने योग्य हो, वहां सघन जनसंख्या पाई जाती है। मरुस्थलों में पानी की कमी होने के कारण जनसंख्या कम होती है।
  • खनिज पदार्थ-जिस क्षेत्र में खनिज पदार्थ अधिक पाये जाते हैं वहां सघन जनसंख्या पाई जाती है। उदाहरण के लिए झारखंड के छोटा नागपुर पठार तथा उड़ीसा में अधिक खनिज पदार्थ मिलते हैं । इसलिए वहां का जनसंख्या घनत्व अधिक है।
  • उद्योग-औद्योगिक केन्द्र मनुष्य को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, क्योंकि वहां रोजगार के अवसर अधिक होते हैं। संसार में टोकियो, शंघाई, डीट्रोयट, मुम्बई, कोलकाता, नोएडा, गुड़गांव, लुधियाना आदि औद्योगिक शहर बहुत ही सघन जनसंख्या वाले हैं।
  • यातायात के साधन-यातायात के साधनों का विकास भी जनसंख्या वितरण या जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करता है। जहां यातायात के साधन अधिक विकसित होते हैं वहीं जनसंख्या भी अधिक पाई जाती है। भारत के उत्तरी मैदानों में यातायात के विकास के कारण ही सघन जनसंख्या पाई जाती है।
  • शहरीकरण-आज रोज़गार तथा अन्य सुविधाओं को देखते हुए मनुष्य गांवों को छोड़कर शहरों की ओर भाग रहा है। शहरों में उसे सभी आवश्यक सुविधाएं, सेवाएं तथा मनोरंजन के साधन प्राप्त हो जाते हैं। इसी कारण संसार के सभी बड़े शहरों में जनसंख्या तथा जनसंख्या घनत्व अधिक है।

प्रश्न 2.
सघन और कम सघन जनसंख्या के लाभ व हानियां लिखिए।
उत्तर-
सघन या कम सघन जनसंख्या के जहां लाभ हैं, वहां उनकी हानियां भी हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
1. सघन जनसंख्या के लाभ –

  • सरकार सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों के विकास की ओर विशेष ध्यान देती है।
  • सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों में औद्योगिक विकास की गति बहुत तेज़ होती है।
  • सघन जनसंख्या होने के कारण उद्योगों के लिए सस्ते श्रमिक आसानी से मिल जाते हैं।
  • अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र उद्योगों में तैयार माल की खपत के लिए अच्छी मण्डी का काम करते हैं।
  • अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में यातायात के साधनों का विकास तेज़ी से होता है।
  • जनसंख्या अधिक होने के कारण स्कूल, कॉलेज आदि शिक्षा केन्द्र बड़ी संख्या में खोले जाते हैं।
  • अधिक सघन क्षेत्र साईंस और तकनीकी की दृष्टि से विकसित होते हैं।
  • ऐसे क्षेत्र आर्थिक दृष्टि से भी काफ़ी उन्नत होते हैं।

सघन जनसंख्या घनत्व की हानियां-

  • सघन जनसंख्या के कारण लोगों के रहने के लिए घरों या आवास की समस्या पैदा हो जाती है। लोगों को मजबूर होकर झुग्गी झोंपड़ियों में रहना पड़ता है। इससे गंदी बस्तियों का विकास होता है।
  • जनसंख्या अधिक होने पर महंगाई बढ़ जाती है। इसलिए दैनिक प्रयोग की वस्तुओं तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी हो जाती है। इससे जमाखोरी तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।
  • अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बीमारियां या महामारियां फैलने का डर बना रहता है। (4) युद्ध के समय सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों को सबसे अधिक हानि उठानी पड़ती है।

कम सघन जनसंख्या घनत्व के लाभ-

  • कम सघन क्षेत्रों में जनसंख्या कम होने के कारण लोगों की आवश्यकताएं आसानी से पूरी हो जाती है।
  • लोगों को रहने के लिए सस्ते घर प्राप्त करने में कठिनाई नहीं आती।
  • ऐसे क्षेत्रों में लोग प्राकृतिक साधनों का पूरा आनन्द उठा सकते हैं।
  • स्वास्थ्य की दृष्टि से कम जनसंख्या वाले क्षेत्र अच्छे होते हैं।

कम सघन जनसंख्या की हानियां –

  • कम सघन क्षेत्रों में यातायात के साधनों का विकास पूरी तरह से नहीं हो पाता।
  • उद्योगों के विकास के लिए श्रमिकों की कमी होती है या फिर श्रम बहुत महंगा होता है।
  • जनसंख्या कम होने के कारण तैयार माल की खपत के लिए मण्डियों की कमी होती है।
  • लोगों को आधुनिक सुविधाएं पूरी तरह से प्राप्त नहीं हो पाती क्योंकि ये क्षेत्र पिछड़े रह जाते हैं।

PSEB 8th Class Social Science Guide मानवीय संसाधन Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions)

(क) रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

1. जनगणना प्रत्येक …….. वर्ष के बाद होती है।
2. किसी क्षेत्र के एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में औसत रूप से रहने वाले लोगों की संख्या को ……….. कहते हैं।
3. ……… अभियान का मुख्य उद्देश्य 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को आरम्भिक स्तर की शिक्षा __दिलवाना है।
4. जो व्यक्ति किसी भी भाषा में पढ़ सकता है, लिख सकता तथा समझ सकता है उसे ……….. कहा जाता है। ”
5. ……… संसाधन सबसे महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है।
उत्तर-

  1. 10
  2. जनसंख्या घनत्व
  3. सर्वशिक्षा
  4. साक्षर
  5. मानवीय।

(ख) सही कथनों पर (✓) तथा गलत कथनों पर (x) का निशान लगाएं :

1. प्रति हजार व्यक्तियों के पीछे जन्म लेने वाले जीवित बच्चों की संख्या को वृद्धि दर कहा जाता है।
2. सभी संसाधनों का विकास मानव संसाधन के विकास पर निर्भर है।
3. जनसंख्या को मुख्य रूप से दो आयु गुटों (वर्गों) में बांटा गया है।
4. राष्ट्रीय जनगणना नीति, 2000 का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2014 तक जनसंख्या का संतुलन स्थिर करना है।
5. अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बीमारियाँ या महामारियाँ फैलने का डर बना रहता है।
6. लड़की को जन्म लेने से पहले माँ के पेट में मारने को ‘कन्या भ्रूण हत्या’ कहा जाता है।
उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)
  4. (✓)
  5. (✓)
  6. (✓).

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 7 मानवीय संसाधन

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
यू० एस० ए०, आस्ट्रेलिया तथा कनाडा जैसे देश मानवीय साधनों में निरन्तर धनी क्यों होते जा रहे हैं?
उत्तर-
ये देश मानवीय साधनों में इसलिए धनी होते जा रहे हैं क्योंकि अन्य देशों से शिक्षित तथा अनुभवी लोग इन देशों में जा रहे हैं।

प्रश्न 2.
जनसंख्या बनावट के अध्ययन का क्या लाभ है ?
उत्तर-
जनसंख्या बनावट के अध्ययन से जनसंख्या के विभिन्न सामाजिक, आर्थिक तथा संख्यात्मक पक्षों की जानकारी होती है। इस जानकारी का प्रयोग मानवीय विकास की योजनाएं बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 3.
पूरे संसार का लिंग अनुपात कितना है ? संसार के दो महाद्वीपों के नाम बताओ जहां लिंग अनुपात अधिक है ? यह कितना-कितना है ?
उत्तर-
पूरे संसार का लिंग अनुपात 985 है। यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका महाद्वीपों में लिंग अनुपात अधिक है। यह क्रमश: 1072 तथा 1031 है।

प्रश्न 4.
भारत के किस राज्य में लिंग अनुपात सबसे अधिक है ? यह कितना है ?
उत्तर-
भारत के केरल राज्य में लिंग अनुपात सबसे अधिक है। यह 1084 है।

प्रश्न 5.
पंजाब तथा हरियाणा में लिंग अनुपात कितना-कितना है ?
उत्तर-
क्रमश: 895 तथा 879.

प्रश्न 6.
साक्षर किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जो व्यक्ति किसी भी भाषा में पढ़ सकता है, लिख सकता तथा समझ सकता है, उसे साक्षर कहा जाता है।

प्रश्न 7.
भारत के किस राज्य के लोग सबसे अधिक शिक्षित हैं और किस राज्य के लोग सबसे कम ?
उत्तर-
भारत के केरल राज्य के लोग सबसे अधिक शिक्षित हैं, जबकि बिहार राज्य में सबसे कम लोग शिक्षित हैं।

प्रश्न 8.
पंजाब राज्य की कुल तथा स्त्रियों की शिक्षा (साक्षरता) दर कितनी-कितनी है ?
उत्तर-
क्रमश: 75.8% तथा 70.7%

प्रश्न 9.
पिछली जनगणना कब हुई थी ? अगली जनगणना कब होगी ?
उत्तर-
पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। अगली जनगणना 2021 में होगी।

प्रश्न 10.
जनसंख्या की दृष्टि से भारत का संसार में कौन-सा स्थान है ? संसार की कुल जनसंख्या का कितने प्रतिशत भाग भारत में रहता है ?
उत्तर-
जनसंख्या की दृष्टि से भारत का संसार में दूसरा स्थान है। संसार की कुल जनसंख्या का 17.% भाग भारत में रहता है।

प्रश्न 11.
संसार में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश कौन-सा है ?
उत्तर-
चीन।

प्रश्न 12.
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000 का क्या उद्देश्य था ?
उत्तर-
वर्ष 2045 तक जनसंख्या का संतुलन स्थिर करना।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में शिक्षा के प्रसार के लिए क्या प्रयत्न किये जा रहे हैं ?
उत्तर-
भारत में शिक्षा के प्रसार के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार भी शिक्षा की उन्नति के लिए बहुत प्रयत्न कर रही है। –

  • देश में 8.5 लाख प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल हैं। इन स्कूलों में 44 लाख से अधिक अध्यापक पढ़ा रहे हैं।
  • देश में एलीमैंटरी शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के लिए नवम्बर 2000 से ‘सर्व शिक्षा अभियान’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 6-14 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों को आठ वर्ष तक शिक्षा दिलवाना है।
  • राष्ट्रीय साक्षरता मिशन (National Literacy Mission) प्रौढ़ शिक्षा (Adult Education) देने के लिए भरपूर प्रयास कर रहा है।
  • सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि शिक्षा के मार्ग में जो भी कठिनाइयां आ रही हैं, उन्हें दूर करके 100% शिक्षा का उद्देश्य प्राप्त किया जा सके।

प्रश्न 2.
जन्म दर, मृत्यु दर तथा प्राकृतिक वृद्धि दर से क्या अभिप्राय है ? प्राकृतिक वृद्धि दर का उदाहरण भी दें।
उत्तर-
जन्म दर-एक वर्ष में 1000 लोगों के पीछे जितने जीवित बच्चे (Live Birth) जन्म लेते हैं। उसे जन्म दर (Birth Rate) कहा जाता है।
मृत्यु दर-एक वर्ष में 1000 लोगों के पीछे मरने वाले लोगों की संख्या को मृत्यु दर (Death Rate) कहा जाता है।
प्राकृतिक वृद्धि दर-जन्म दर और मृत्यु दर में जो अन्तर होता है उसे “प्राकृतिक वृद्धि दर” (Natural Growth Rate) कहा जाता है। उदाहरण के लिए यदि जन्म दर 30 है और मृत्यु दर 10 हो तो प्राकृतिक वृद्धि दर (30-10) 20 होगी। इसका अर्थ यह है कि एक वर्ष में 1000 व्यक्तियों के पीछे 20 व्यक्तियों की वृद्धि हुई है।

प्रश्न 3.
भारत में जनसंख्या घनत्व पर एक नोट लिखो।
उत्तर-
भारत सघन जनसंख्या घनत्व वाला देश है। इसका जनसंख्या घनत्व प्रत्येक जनगणना के साथ बढ़ता जा रहा है। वर्ष 1901 में भारत का औसत जनसंख्या घनत्व 77 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था। परन्तु 2011 में यह 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर तक पहुंच गया।

  • देश के पर्वतीय क्षेत्रों तथा पूर्वी राज्यों में जनसंख्या घनत्व कम है।
  • गुजरात, कर्नाटक, सीमांध्र, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, झारखण्ड, असम और गोवा आदि राज्यों में मध्यम जनसंख्या घनत्व पाया जाता है।
  • उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिमी बंगाल और केन्द्र शासित प्रदेशों में जनसंख्या घनत्व अधिक सघन है। दिल्ली और चण्डीगढ़ शहरों में जनसंख्या घनत्व क्रमश 11320 और 9258 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। परन्तु लेह (जम्मू और कश्मीर) और लाहौल स्पीति (हिमाचल प्रदेश) जैसे जिलों में जनसंख्या घनत्व केवल 3-4 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर ही है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न-
जनसंख्या की मौलिक विशेषताओं को जानने में सहायक किन्हीं तीन महत्त्वपूर्ण घटकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
जनसंख्या की मौलिक विशेषताओं को आयु, लिंग, साक्षरता, व्यवसाय, भाषा आदि अनेक घटकों द्वारा आंका जा सकता है। इनमें से तीन महत्त्वपूर्ण घटकों का वर्णन इस प्रकार है-

1. आयु वर्ग-जनसंख्या को साधारणतः तीन आयु वर्गों में विभाजित करते हैं-युवा वर्ग (0-14 वर्ष), कार्यशील वर्ग (15-64 वर्ष) और वृद्ध (65 वर्ष तथा अधिक)। इसे जनसंख्या का आयु वर्ग कहते हैं। इन तीनों आयु वर्गों में कार्यशील जनसंख्या का अनुपात सबसे कम बदलता है, परन्तु बच्चों तथा वृद्धों की संख्या में मुख्य रूप से अन्तर पाया जाता है। अन्य विकासशील देशों की तरह भारत में भी कुल जनसंख्या का बहुत बड़ा प्रतिशत (लगभग 30%) 0-14 ई के बच्चों का है।
स्वीडन जैसे विकसित देश में युवाओं का प्रतिशत बहुत कम है। जापान जैसे देश में वृद्ध लोगों का प्रतिशत बहुत धिक है।

2. लिंग अनुपात-हमारे देश में लिंग अनुपात (प्रति हज़ार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या) कम है। यह अनुपात धीरे– रे कम हुआ है। केवल केरल राज्य एक अपवाद है। वहां प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या अधिक है।

3. साक्षरता-साक्षरता अर्थात् साक्षर लोगों का प्रतिशत जनसंख्या की गुणवत्ता बताने वाले संकेतकों में से एक है। पारे देश में साक्षरता दर धीरे-धीरे बढ़ी है। यह लगभग 73% प्रतिशत (2011) है। पुरुषों में साक्षरता दर स्त्रियों की ‘ना में अधिक है। सबसे अधिक साक्षर राज्य केरल है।

PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 7 मानवीय संसाधन

मानवीय संसाधन PSEB 8th Class Social Science Notes

  • मानवीय संसाधन तथा उनका महत्त्व- मानवीय संसाधन बहुत ही महत्त्वपूर्ण संसाधन हैं। सभी संसाधनों का विकास मानव संसाधन के विकास पर ही निर्भर करता है।
  • मानवीय संसाधनों का विकास – राष्ट्र को ऊँचा उठाने के लिए हमें अपने मानवीय संसाधनों को विकसित, शिक्षित
    एवं प्रशिक्षित करना अनिवार्य है।
  • 2011 की जनगणना – 2011 की जनगणना के अनुसार हमारे देश की कुल जनसंख्या लगभग 1.21 अरब है।
    देश की अधिकतर जनसंख्या मैदानी भागों में निवास करती है।
  • लिंग अनुपात किसी प्रदेश में स्त्री-पुरुष के संख्यात्मक अनुपात को वहां का लिंग अनुपात कहते हैं।
    इसे प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है।
    PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 7 मानवीय संसाधन (3)
  • आयु संरचना – जनसंख्या को सामान्यतः तीन आयु गुटों में विभाजित किया जाता है-(1) 0 से 14 वर्ष (2) 15 से 64 वर्ष तथा (3) 65 वर्ष या इस से अधिक।
  • शिक्षित व्यक्ति (साक्षर) – जो व्यक्ति किसी भी भाषा को पढ़-लिख और समझ सकता है उसे शिक्षित व्यक्ति कहा जाता है।
  • जन्म दर – प्रति हज़ार व्यक्तियों के पीछे जन्म लेने वाले जीवित बच्चों की संख्या को जन्म-दर कहा जाता है।
  • मृत्यु-दर – प्रति हज़ार व्यक्तियों के पीछे जितने व्यक्तियों की मृत्यु होती है उसे मृत्यु दर कहते हैं।
  • जनसंख्या घनत्व –
    PSEB 8th Class Social Science Solutions Chapter 7 मानवीय संसाधन (4)

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 6 खेलें और अनुशासन

Punjab State Board PSEB 8th Class Physical Education Book Solutions Chapter 6 खेलें और अनुशासन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Physical Education Chapter 6 खेलें और अनुशासन

PSEB 8th Class Physical Education Guide खेलें और अनुशासन Textbook Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
अनुशासन का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
अनुशासन से अभिप्राय (Meaning of discipline) अनुशासन से अभिप्राय है नियमों का पालन करना या नियन्त्रण में रहना या नियमों के अनुसार जीवन व्यतीत करना। अनुशासन एक प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) है जिससे ठीक ढंग से जीवन बिताने, आदेश मानने और आत्म-नियन्त्रण की शिक्षा मिलती है। हमारे नियमबद्ध होकर काम करने को ही अनुशासन कहा जाता है।

प्रश्न 2.
अनुशासन कितने प्रकार का होता है?
उत्तर-
अनुशासन के प्रकार (Types of discipline)-अनुशासन दो प्रकार का होता है

  1. आत्म-अनुशासन (Self-discipline)
  2. आरोपित अनुशासन (Forced or Commanded Discipline)

1. आत्म-अनुशासन (Self-discipline)-इसमें नियमों का पालन करने की भावना मन में अपने आप उत्पन्न होती है और मनुष्य बिना किसी के सहारे अकेले ही नियमबद्ध होकर काम करता है। यह अनुशासन स्थायी होता है।
2. आरोपित अनुशासन (Forced Discipline)-इसमें नियमों का पालन किसी के आदेशानुसार किया जाता है। इस प्रकार का अनुशासन अस्थायी होता है। यह तब तक ही रहता है जब तक डर या भय पैदा करने वाला व्यक्ति या अवस्था बनी रहती है। इन दोनों में आत्म-अनुशासन ही अच्छा होता है। बच्चों में आत्म-अनुशासन की भावना होनी चाहिए ताकि वे अच्छे विद्यार्थी या योग्य नागरिक बन सकें।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 6 खेलें और अनुशासन

प्रश्न 3.
अनुशासन की आवश्यकता और महत्त्व के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
अनुशासन की आवश्यकता- इसके लिए अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नों में छोटे उत्तर वाला प्रश्न नं0 2 देखो।
मनुष्य जीवन के लिए अनुशासन का महत्त्व (Importance of Discipline in human life)-अनुशासन समाज की आधारशिला है। इसके बिना मनुष्य जीवन का चलना असम्भव है। प्रत्येक मनुष्य के अनुशासन में रहने से समस्त समाज और राष्ट्र अनुशासनबद्ध हो जाता है। यह प्रत्येक जाति, समाज और देश का आधार है। मानव जीवन में प्रत्येक क्षेत्र में इसकी अत्यधिक आवश्यकता है। इसका महत्त्व निम्नलिखित बातों से ज्ञात होता है –

  1. अनुशासन अच्छे विद्यार्थी और योग्य नागरिक पैदा करता है।
  2. अनुशासन में रह कर बच्चे अपने अध्यापकों, माता-पिता और वृद्ध जनों का आदरसम्मान करना सीख जाते हैं।
  3. अनुशासन से बच्चे आज्ञाकारी बनना सीखते हैं।
  4. अनुशासित बच्चे दूसरों से अच्छा व्यवहार करते हैं।
  5. अनुशासन से मनुष्य में समय पर काम करने की आदत पड़ जाती है।
  6. अनुशासन व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास करता है।
  7. अनुशासन से मनुष्य में अच्छी आदतें और अच्छे गुण उत्पन्न होते हैं।
  8. अनुशासन सामाजिक जीवन के सुधार में सहायता करता है।
  9. अनुशासन समाज और राष्ट्र को उन्नत और शक्तिशाली बनाता है।
  10. अनुशासन आदर्श राष्ट्र का निर्माण करता है और इसकी शक्ति को स्थिर रखता है।
  11. अनुशासित देश ही उन्नत और सम्पन्न होते हैं।
  12. अनुशासन मनुष्य जीवन को सफल बनाता है।
  13. अनुशासन देश की सुरक्षा करने में सहायता करता है।
  14. अनुशासन के द्वारा स्कूल तथा घर में रहन-सहन की उचित स्थिति बनी रहती है।
  15. अनुशासन से मनुष्य का सर्वोन्मुखी विकास होता है।
  16. अनुशासित मज़दूर भी अपने उद्योग का उत्पादन बढ़ाने में सफल रहते हैं।
  17. अनुशासन में रह कर ही मनुष्य का मानसिक विकास होता है, क्योंकि वह प्रत्येक कार्य सोच-विचार कर नियमानुसार करता है।

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रत्येक मनुष्य को अनुशासन में रहना चाहिए। घर, स्कूल और खेलों के मैदान में बच्चों को अनुशासन सीखने का अवसर मिलता है।

प्रश्न 4.
खेलों और अनुशासन का आपस में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर-
खेल और अनुशासन का बहुत गहरा सम्बन्ध है क्योंकि खेल में अनुशासन के बिना जीत नहीं प्राप्त हो सकती। खेलों से खिलाड़ियों के आचरण का विकास होता है। किसी भी खिलाड़ी के चरित्र में अनुशासन का बहुत बड़ा रोल होता है और अनुशासन के बिना चरित्र का निर्माण नहीं हो सकता। अनुशासन के बिना खिलाड़ियों के जीवन में अनेक प्रकार की कठिनाइयां आ जाती हैं और खिलाड़ी पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है। कुदरत की सारी सृष्टि अनुशासन में ही चल रही है। जैसे कि सूरज हर रोज़ सुबह अनुशासन के साथ चढ़ता है और शाम के समय छिप जाता है। पृथ्वी अपनी गति और नियम के अनुसार घूमती है। इस तरह मनुष्य के जीवन में अनुशासन का होना आवश्यक है। उसके जीवन में अनुशासन का महत्त्व समझाने के लिए सब से अच्छा समय उसका बचपन होता है। बचपन में अनुशासन का निर्माण बहुत अच्छे तरीके के साथ कर सकते हैं। खेलें खिलाड़ी में आज्ञा का पालन, आपसी तालमेल, ईमानदारी और मानसिक संतुलन और कर्तव्य की पालना करना सिखाती हैं। हम कह सकते हैं कि अनुशासन सफलता की कुंजी है। यह कुंजी हमें खेल द्वारा मिलती है।

प्रश्न 5.
खेलें विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन कैसे उत्पन्न करती हैं ?
अथवा
बच्चे स्कूलों में अनुशासन कैसे सीखते हैं ?
उत्तर–स्कूल का वातावरण विद्यार्थियों को अनुशासित बनाता है। स्कूल में बच्चे अपने अध्यापकों का सम्मान करते हैं और उनकी आज्ञा का पालन करते हैं। दोस्तों, मित्रों और अन्य विद्यार्थियों से प्रेम से मिलते हैं। इकट्ठे मिल कर बैठना, पढ़ना-लिखना और खेलना उनका स्वभाव बन जाता है। वह समय पर स्कूल जाते हैं। स्कूल का काम प्रतिदिन पूरा करते हैं, चोरी और झूठ बोलने से डरते हैं और एक-दूसरे की सहायता करते हैं। यह गुण उनके चरित्र का अभिन्न अंग बन जाता है। स्कूल में मुख्याध्यापक महोदय का आदेश शेष सभी अध्यापक मानते हैं। अध्यापकों के आदेश स्कूल के अन्य कर्मचारी मानते हैं। स्कूल में प्रत्येक काम अनुशासित ढंग से किया जाता है। ऐसे वातावरण में रह कर बच्चे, अनुशासनबद्ध जीवन व्यतीत करना सीख जाते हैं। इस प्रकार स्कूल का वातावरण विद्यार्थियों को अनुशासन सिखाने में बहुत सहायक होता है।

Physical Education Guide for Class 8 PSEB खेलें और अनुशासन Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अनुशासन कितने प्रकार का है ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर-
(क) दो

प्रश्न 2.
अनुशासन का महत्त्व है
(क) अनुशासन से बच्चे आज्ञाकारी बनते हैं
(ख) अनुशासन वाले दूसरों से अच्छा व्यवहार करते हैं
(ग) अनुशासन से आदमी समय अनुसार कार्य करता है
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 3.
खेलें और अनुशासन का संबंध है
(क) खेलों में अनुशासन द्वारा जीत मिलती है
(ख) खेल से विद्यार्थियों के आचरण का विकास होता है
(ग) अनुशासन से चरित्र निर्माण होता है
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 6 खेलें और अनुशासन

प्रश्न 4.
अनुशासन के कौन-से गुण हैं ?
(क) समय की पाबंदी
(ख) आज्ञा पालन
(ग) सहनशीलता
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 5.
अनुशासन हीनता देश के लिए क्यों हानिकारक है ?
(क) देश खुशहाल नहीं हो सकता
(ख) देश उन्नति नहीं कर सकता
(ग) देश दूसरों पर निर्भर करने लगता है
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

बहुत छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
नियमों का पालन करने या नियन्त्रण में रहने का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
अनुशासन।

प्रश्न 2.
प्राचीन शिक्षा संस्थाओं में किस बात पर विशेष बल दिया जाता था ?
उत्तर-
विद्यार्थी को अनुशासित बनाने पर।

प्रश्न 3.
आजकल शिक्षा संस्थाओं में विद्यार्थी कैसे हैं ?
उत्तर-
अनुशासनहीन।

प्रश्न 4.
राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र की शक्ति कैसे स्थिर होती है ?
उत्तर-
अनुशासन द्वारा।

प्रश्न 5.
अनुशासन बच्चों को क्या बनना सिखाता है ?
उत्तर-
आज्ञाकारी।

प्रश्न 6.
अनुशासन व्यक्ति का कैसा विकास करता है ?
उत्तर-
मानसिक।

प्रश्न 7.
अनुशासन का गुण किन चीज़ों द्वारा विकसित होता है ?
उत्तर-
खेलों द्वारा।

प्रश्न 8.
अनुशासन कितनी प्रकार का होता है ?
उत्तर-
दो ; आत्म-अनुशासन, बलात् अनुशासन।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 6 खेलें और अनुशासन

प्रश्न 9.
विद्यार्थियों में अनुशासन लाने के लिए सबसे पहला स्थान किसका है ?
उत्तर-
विद्यार्थियों में अनुशासन लाने का सबसे पहला स्थान अध्यापकों का है ।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
बच्चे घरों में अनुशासन सीखते हैं। कैसे ?
उत्तर-
घर बच्चों को अनुशासन सिखाने की प्राथमिक पाठशाला है। घर में माता-पिता, बहन-भाई, चाचा-चाची, दादा-दादी आदि इकट्ठे रहते हैं। परिवार में सबसे बड़ा व्यक्ति परिवार का मुखिया होता है। शेष सभी उसकी इच्छानुसार काम करते हैं। सभी सदस्य एक-दूसरे से प्यार करते हैं और बच्चों का सम्मान करते हैं। एक-दूसरे का सुख-दुःख बांटते हैं। घर में प्रेम तथा सहानुभूतिपूर्ण वातावरण बना रहता है। परिवार के सभी सदस्य अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। ऐसे वातावरण में बच्चे अनुशासन में रहना सीख जाते हैं। घर में बच्चा बचपन में ही अनुशासन सीख जाता है। छोटे बच्चे बहन-भाइयों को माता-पिता और वृद्धजनों का सम्मान करते देख कर बड़ों का सम्मान करना सीख जाते हैं।

प्रश्न 2.
क्या समाज और देश को अनुशासन की आवश्यकता है ? अपने विचार प्रकट करो।
उत्तर-
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह अकेला अलग नहीं रह सकता। जीवन के कार्यों के लिए उसे दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। वह अपनी सभी आवश्यकताओं को स्वयं पूरा नहीं कर सकता। हमें प्रतिदिन कई व्यक्तियों से सहायता लेनी पड़ती है। इसलिए हम समाज के नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकते। सामाजिक नियमों का पालन करने के लिए हमारा अनुशासन में रहना बहुत आवश्यक है। हमारे अनुशासन में रहने से ही समाज बना रह सकता है। अनुशासनहीनता जीवन के लिए हानिकारक है।

लोगों को सरकार द्वारा बनाये गए कानूनों का पालन करना पड़ता है। यह तभी सम्भव हो सकता है जब सभी मनुष्य अनुशासन में रहें। समाज और देश को बाह्य आक्रमणों का सामना करने और आन्तरिक गड़बड़ी को रोकने के योग्य बनाने के लिए नागरिकों का अनुशासित होना बहुत ज़रूरी है। कोई भी देश तभी उन्नति कर सकता है यदि उसके नागरिक अनुशासित हों। देश की उन्नति के लिए समस्त समाज का अनुशासित होना आवश्यक है। अनुशासनहीनता समाज व देश के हित में ठीक नहीं है। हमें देश के हितों के विरुद्ध कभी भी कोई काम नहीं करना चाहिए। इसलिए हम कह सकते हैं कि समाज और देश को अनुशासन की अत्यधिक आवश्यकता है।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 6 खेलें और अनुशासन

प्रश्न 3.
अनुशासनहीनता देश के लिए क्यों हानिकारक है ?
उत्तर-
अनुशासनहीनता से देश को हानियां (Disadvantages of Indiscipline to the Country)-समाज के नियमों का पालन करने के लिए हमारा अनुशासन में रहना बहुत आवश्यक है।

  • अनुशासनहीनता समाज के लिए भी हानिकारक है।
  • देश की खुशहाली और उन्नति के लिए अनुशासन बहुत ही आवश्यक है। देश की उन्नति में अनुशासन का बहुत महत्त्व है।
  • परन्तु अनुशासनहीनता देश के लिए बहुत अधिक हानिकारक है।
  • कई विद्यार्थी, मज़दूर और कई अन्य सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के कर्मचारी हड़तालें और तोड़-फोड़ कर देश की सम्पत्ति को क्षति पहुंचाते हैं। ऐसी अनुशासनहीनता देश के हित में नहीं होती।

हम में से और हमारे नियुक्त व्यक्तियों से ही सरकार बनती है। सरकार कानून बनाती है और लोगों को इन कानूनों का पालन करना पड़ता है। यदि देशवासियों में अनुशासनहीनता होगी तो आन्तरिक गड़बड़ी अथवा बाहरी हमले से देश की रक्षा नहीं की जा सकेगी। अनुशासनहीनता के कारण देश उन्नति नहीं कर सकता।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 5 सुनहरी लड़का : श्री अभिनव बिन्द्रा

Punjab State Board PSEB 8th Class Physical Education Book Solutions Chapter 5 सुनहरी लड़का : श्री अभिनव बिन्द्रा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Physical Education Chapter 5 सुनहरी लड़का : श्री अभिनव बिन्द्रा

PSEB 8th Class Physical Education Guide सुनहरी लड़का : श्री अभिनव बिन्द्रा Textbook Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
अभिनव बिन्द्रा का जन्म कब और कहाँ हआ ?
उत्तर-
अभिनव बिन्द्रा का जन्म पंजाब के बीच बसे जिला एस०ए० एस० नगर (मोहाली) के कस्बा जीरकपुर में एक सिक्ख परिवार में 28 सितम्बर, 1982 ई० को पिता डॉ० अपजीत सिंह बिन्द्रा और श्रीमती बबली बिन्द्रा के घर हुआ।

प्रश्न 2.
अभिनव बिन्द्रा ने ओलम्पिक खेलों में प्रथम बार कब भाग लिया ?
उत्तर-
अभिनव बिन्द्रा की सख्त मेहनत रंग लाने लगी। उसका पन्द्रह साल की आयु में 1998 की कामनवैल्थ खेलों में सब से छोटी आयु के खिलाड़ी के रूप में भारतीय टीम में चयन हुआ। इस तरह उसने 2000 की ओलम्पिक खेलों में सिडनी में अठारह साल की आयु में भाग लिया। चाहे अभिनव को जहाँ कोई स्थान प्राप्त नहीं हुआ फिर भी इतनी छोटी आयु में ओलम्पिक खेलों में भाग लेना भी एक उपलब्धि थी। 2004 मे ऐथन्ज में ओलम्पिक खेलों में भी उसने भाग लिया फिर भी इसको कामयाबी नहीं मिली ।

प्रश्न 3.
अभिनव बिन्द्रा विश्व विजेता कब बना ?
उत्तर-
अभिनव बिन्द्रा 2006 में विश्व चैम्पियनशिप (जगरेब) में विश्व विजेता बना।

प्रश्न 4.
अभिनव बिन्द्रा ने ओलम्पिक में सोने का तमगा कब जीता?
उत्तर-
अभिनव बिन्द्र ने 2004 में ऐथन्ज़ में ओलम्पिक खेलों में भाग लिया। फिर भी उसको कामयाबी नहीं मिली और 2008 की ओलम्पिक खेलों में बीजिंग में उसने दुनिया भर के निशानेबाज़ों के चारों खाने चित करके ओलम्पिक खेलों में सोने का तमगा भारत की गोद में डाला।

प्रश्न 5.
भारत सरकार की ओर से अभिनव बिन्द्रा को कौन-कौन से अवार्ड प्रदान किये गये?
उत्तर-
भारत सरकार ने उसको अर्जुन अवार्ड, राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड पद्म भूषण अवार्ड आदि विशेष सम्मान दिए। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीत दर्ज करने के कारण उस को ‘गोल्डन ब्वॉय’ भी कहा जाता है।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 5 सुनहरी लड़का : श्री अभिनव बिन्द्रा

Physical Education Guide for Class 8 PSEB सुनहरी लड़का : श्री अभिनव बिन्द्रा Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अभिनव बिन्द्रा का जन्म कहाँ हुआ ?
(क) जीरकपुर
(ख) बठिंडा
(ग) गुरदासपुर
(घ) चण्डीगढ़।
उत्तर-
(क) जीरकपुर

प्रश्न 2.
अभिनव बिन्द्रा का जन्म कब हुआ ?
(क) 1982
(ख) 1985
(ग) 1980
(घ) 1986.
उत्तर-
(क) 1982

प्रश्न 3.
अभिनव बिन्द्रा ने ओलम्पिक में कब भाग लिया ?
(क) 2000 में
(ख) 1896 में
(ग) 2004 में
(घ) 2008 में।
उत्तर-
(ग) 2004 में

प्रश्न 4.
अभिनव बिन्द्रा विश्व विजयी कब बने ?
(क) 2004 में
(ख) 2000 में
(ग) 2008 में
(घ) 2002 में।
उत्तर-
(क) 2004 में

प्रश्न 5.
अभिनव बिन्द्रा ने सोने का तगमा कब जीता ?
(क) 2004
(ख) 2008
(ग) 2000
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) 2008

प्रश्न 6.
भारत सस्कार ने अभिनव बिन्द्रा को कौन-कौन से अवार्ड दिए ?
(क) अर्जुन अवार्ड
(ख) खेल रतन अवार्ड
(ग) पदम् भूषण अवार्ड
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 5 सुनहरी लड़का : श्री अभिनव बिन्द्रा

बहत छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
अभिनव बिन्द्रा का जन्म कब हुआ ?
उत्तर-
अभिनव बिन्द्रा का जन्म एक सिक्ख परिवार में 28 सितम्बर, 1982 ई० को हुआ।

प्रश्न 2.
अभिनव बिन्द्रा ने सबसे पहले निशानेबाज़ी किस से सीखी ?
उत्तर-
अभिनव बिन्द्रा ने सबसे पहले निशानेबाज़ी लेफ्टीनेंट कर्नल जागीर सिंह ढिल्लों से सीखी।

प्रश्न 3.
अभिनव बिन्द्रा काम्नवैल्थ खेलों के लिए कब चुना गया?
उत्तर-
अभिनव बिन्द्रा 15 साल की आयु में 1998 में काम्नवैल्थ खेलों में चुना गया।

प्रश्न 4:
अभिनव बिन्द्रा को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल प्राप्ति में कौन-सा सम्मान मिला?
उत्तर-
एक विदेशी गन बनाने वाली कंपनी ने सोने की राइफल देकर सम्मानित किया।

प्रश्न 5.
अभिनव बिन्द्रा को किस ओलम्पिक में सोने का तमगा मिला ?
उत्तर-
अभिनव बिन्द्रा को 2008 की बीजिंग ओलम्पिक खेलों में सोने का तमगा मिला।

प्रश्न 6.
भारत सरकार ने उसको (अभिनव बिन्द्रा) क्या-क्या अवार्ड दिए ?
उत्तर-

  1. अर्जुन अवार्ड
  2. राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड
  3. पद्म भूषण अवार्ड।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
अभिनव बिन्द्रा ने निशानेबाज़ी में ऐतिहासिक सोने का तमगा कब जीता ?
उत्तर-
ओलम्पिक खेलों में समूचा भारत और उसके माता-पिता सांसें रोक कर आगे उसकी जीत के लिए प्रार्थना कर रहे थे। बेशक अभिनव बिन्द्रा पहले राउंड में थोड़ा पीछे रह गया था परन्तु वह आपनी एकाग्रता को बरकरार रखता हुआ सही निशाना लगाने की कोशिश करता रहा । आखिर उसने अपनी ज़िन्दगी का बेहतरीन निशाना साधा जिस के साथ वह ओलम्पिक खेलों में व्यक्तिगत सोने का तमगा जीतने वाला पहला भारतीय खिलाड़ी बन गया।

प्रश्न 2.
अभिनव बिन्द्रा को निशानेबाज़ी के लिए किस ने प्रेरित किया ?
उत्तर-
राणा गुरमीत सिंह सोढी जो पंजाब के खेल मंत्री रहे थे, अभिनव बिन्द्रा के पिता जी को मिले। उनके पिता ने बिन्द्रा को शूटिंग की सिखलाई देने के लिए कहा। उन्होंने अभिनव बिन्द्रा के पिता जी को सलाह देते कहा कि वह अभिनव बिन्द्रा को निशानेबाज़ी खेल के लिए उत्साहित करें। बिन्द्रा के पिता जी ने उसकी सलाह मान ली और निशानेबाज़ी के लिए किसी अच्छे कोच के बारे में बताने के लिए कहा।

प्रश्न 3.
अभिनव बिन्द्रा की निशानेबाज़ी की लगन के बारे में लिखें।
उत्तर-
अभिनव बिन्द्रा को अभ्यास के लिए अपने घर ही शूटिंग रेंज तैयार करवा दिया ताकि वह निर्विघ्न अभ्यास करे। वह सारा-सारा दिन अभ्यास में लगा रहता। उसको दोस्तों के साथ घूमना बिल्कुल पसन्द नहीं था। उसने सिर्फ अपने आप को निशानेबाज़ी के अभ्यास पर केन्द्रित कर लिया। क्योंकि उसका उद्देश्य ओलम्पिक खेलों में भारत के लिए सोने का तमगा जीतना था।

PSEB 8th Class Physical Education Solutions Chapter 5 सुनहरी लड़का : श्री अभिनव बिन्द्रा

प्रश्न 4.
अभिनव बिन्द्रा के प्रारम्भिक जीवन के बारे में लिखो।
उत्तर-
अभिनव बिन्द्रा का जन्म पंजाब के बीच बसे जिला एस०ए० एस० नगर (मोहाली) के कस्बा जीरकपुर में एक सिक्ख परिवार में 28 सितम्बर, 1982 ई० को पिता डॉ० अपजीत सिंह बिन्द्रा और श्रीमती बबली बिन्द्रा के घर हुआ। वह दो बहन भाई थे। उसे परिवार में सबसे छोटा होने के कारण माता-पिता की तरफ से बहुत लाड-प्यार मिला। उसने प्रारंभिक शिक्षा दून स्कूल (देहरादून) और सेंट स्टीफन्ज़ स्कूल (चण्डीगढ़) से हासिल की। उसने बी०बी०ए० की पढ़ाई विदेश जाकर प्राप्त की ।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3a भारत : जलप्रवाह

Punjab State Board PSEB 9th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 3a भारत : जलप्रवाह Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 3a भारत : जलप्रवाह

SST Guide for Class 9 PSEB भारत : जलप्रवाह Textbook Questions and Answers

(क) नक्शा कार्य (Map Work) :

प्रश्न 1.
भारत के रेखाचित्र में अंकित करें-
(i) गंगा
(ii) ब्रह्मपुत्र
(iii) सांबर व वुलर झीलें
(iv) गोबिंद सागर झील
उत्तर-
यह प्रश्न विद्यार्थी MBD Map Master की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 2.
भारत के रेखाचित्र में दिखायें-
(i) गंगा के दाएं व बाएं किनारों से मिलने वाली तीन-तीन सहायक नदियां ।
(ii) पश्चिम की ओर बहने वाली दो प्रायद्वीपीय नदियां।
(iii) पूर्व की ओर बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली तीन प्रायद्वीपीय नदियां।
उत्तर-
यह प्रश्न विद्यार्थी MBD Map Master की सहायता से स्वयं करें।

(ख) निम्न वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर दें:

प्रश्न 1.
इनमें से कौन-सी नदी गंगा की सहायक नदी नहीं है ?
(i) यमुना
(ii) ब्यास
(iii) गंडक
(iv) सोन।
उत्तर-
(ii) ब्यास।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3a भारत : जलप्रवाह

प्रश्न 2.
कौन-सी झील प्राकृतिक नहीं है ?
(i) रेणुका
(ii) चिल्का
(iii) डल
(iv) रणजीत सागर।
उत्तर-
(iv) रणजीत सागर।

प्रश्न 3.
भारत का सबसे बड़ा नदी तंत्र कौन-सा है ?
(i) गंगा जलतंत्र
(it) गोदावरी जलतंत्र
(iii) ब्रह्मपुत्र जलतंत्र
(iv) सिन्धु जलतंत्र
उत्तर-
(i) गंगा जलतंत्र।

प्रश्न 4.
विश्व का सबसे बड़ा डैल्टा कौन-सा है ?
उत्तर-
सुन्दरवन डैल्टा।

प्रश्न 5.
दोआबा क्या होता है ?
उत्तर-
दो दरियाओं के बीच के क्षेत्र को दोआबा कहते हैं।

प्रश्न 6.
सिंध की लंबाई कितनी है और भारत में इसका कितना हिस्सा पड़ता है ?
उत्तर-
सिंधु दरिया की कुल लंबाई 2880 किलोमीटर है तथा भारत में इसका 709 किलोमीटर भाग पड़ता है।

प्रश्न 7.
प्रायद्वीपीय भारत की कोई तीन नदियों के नाम लिखें जो बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं ?
उत्तर-
गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी।

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प्रश्न 8.
भारतीय नदी तंत्र को कितने भागों में बांटा जाता है ?
उत्तर-
भारतीय नदी तंत्र को हम चार भागों में बांट सकते हैं तथा वह हैं-हिमालय की नदियां, प्रायद्वीपीय तन्त्र, तट की नदियां, आन्तरिक नदी तथा झीलें।

प्रश्न 9.
सिन्ध नदी कौन-से ग्लेशियर में से जन्म लेती है ?
उत्तर-
सिन्धु नदी बोखर-छू ग्लेशियर से निकलता है जो तिब्बत में स्थित है।

प्रश्न 10.
किसी दो मौसमी नदियों के नाम लिखें।
उत्तर-
वेलुमा, कालीनदी, सुबरनरेखा इत्यादि।

प्रश्न 11.
महानदी का उद्गम स्थान क्या है ? इसकी दो सहायक नदियां बतायें।
उत्तर-
महानदी का उदम्म स्थान छत्तीसगढ़ में दण्डाकारनिया है। शिवनाथ, मण्ड, ऊँग इत्यादि महानदी की सहायक नदियाँ हैं।

प्रश्न 12.
भारत की कोई पाँच प्राकृतिक झीलों के नाम लिखें।
उत्तर-
डल झील, चिल्का, सूर्यताल, वूलर, खजियार, पुष्कर इत्यादि।

(ग) इन प्रश्नों के संक्षेप उत्तर लिखें:

प्रश्न 1.
गंगा में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इसकी रोकथाम के लिए क्या किया गया है ?
उत्तर-
इसमें कोई शंका नहीं है कि गंगा का प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। इसका प्रमुख कारण उद्योगों की गंदगी, कीटनाशक इत्यादि हैं। इस प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने कई प्रयास किए हैं जैसे कि

  1. अप्रैल 1980 में केन्द्र सरकार ने गंगा एक्शन प्लान बनाया तथा गंगा की सफाई का कार्य शुरू किया।
  2. गंगा एक्शन प्लान को जारी रखते हुए 2009 में सरकार ने नेशनल गंगा बेसिन अथॉरिटी का गठन किया जिसका मुख्य कार्य गंगा का प्रदूषण रोकना था।
  3. 2014 में केन्द्र सरकार ने गंगा की सफाई के लिए एक विशेष मंत्रालय का गठन किया तथा इसके लिए एक मन्त्री की नियुक्ति भी की।
  4. अब तक सरकार गंगा की सफाई के लिए सैंकड़ों करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है।

प्रश्न 2.
भारत के अन्दरूनी जलतंत्र पर नोट लिखें।
उत्तर-
भारत में बहुत-सी नदियां बहती हैं तथा इनमें से कई नदियां किसी न किसी समुद्र में जाकर मिल जाती हैं परन्तु कुछ नदियां ऐसी होती हैं जो समुद्र में नहीं पहुंच पाती तथा रास्ते में ही विलीन हो जाती हैं या खत्म हो जाती हैं। इसे ही अन्दरूनी जलतंत्र कहा जाता है। इसकी सबसे महत्त्वपूर्ण उदाहरण घग्गर नदी है जो 465 किलोमीटर चलने के पश्चात् राजस्थान में अलोप हो जाती है। इस प्रकार लद्दाख में बहने वाली नदियां तथा राजस्थान में बहने वाली लुनी नदी भी इसकी उदाहरण है।

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प्रश्न 3.
वृद्ध गंगा क्या है ? इसकी सहायक नदियों के नाम लिखें।
उत्तर-
गोदावरी नदी दक्षिण भारत की सबसे बड़ी नदी है जबकि गंगा उत्तरी भारत की सबसे बड़ी नदी है। गंगा की भांति गोदावरी भी मार्ग में अनेक सहायक नदियों से जल प्राप्त करती है। पूर्वी घाट को पार करती हुई वह एक गहरी घाटी में से होकर गुजरती है। इसके द्वारा लगभग 190 हज़ार वर्ग किलोमीटर भूमि को जल प्राप्त होता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह गंगा नदी से भी प्राचीन है। इस कारण इसे दक्षिण की वृद्ध गंगा कहते हैं।

प्रश्न 4.
धुंआधार झरना कौन-सी नदी पर है ? उसकी सहायक नदियों के नाम भी लिखें।
उत्तर-

  1. धुंआधार झरना नर्मदा नदी पर स्थित है जो कि मध्य प्रदेश में जबलपुर नाम के स्थान पर बनता है।
  2. नर्मदा नदी की प्रमुख सहायक नदियां हैं- शकर, भुरनेर, रीजल, दुधी, बरना, हीरा इत्यादि।

(घ) निम्न प्रश्नों के विस्तृत उत्तर लिखें :

प्रश्न 1.
हिमालय व प्रायद्वीपीय नदियां कौन-कौन सी हैं ? इनकी विशेषताओं में क्या अंतर है।
उत्तर-

  1. हिमालय की नदियां-यह वह नदियां हैं जो हिमालय पर्वत से निकलती हैं तथा इनमें सम्पूर्ण वर्ष पानी रहता है। उदाहरण के लिए सिन्धु, गंगा, ब्रह्मपुत्र इत्यादि। .
  2. प्रायद्वीपीय नदियां- वह नदियां जो प्रायद्वीपीय पठार अथवा दक्षिण भारत में होती हैं उन्हें प्रायद्वीपीय नदियां कहा जाता है। उदाहरण के लिए नर्मदा, तापी, महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी इत्यादि।

अन्तर (Differences)

हिमालय की नदियाँ द्वीपीय पठार की नदियाँ
(1) इन नदियों की लंबाई बहुत अधिक है। (1) इनकी लंबाई अपेक्षाकृत कम है।
(2) ये नदियाँ बारहमासी हैं। वर्षा ऋतु में इनमें वर्षा  का जल बहता है। ग्रीष्म ऋतु में हिमालय की  हिम पिघलने से इन नदियों को जल मिलता रहता है। (2) ये नदियाँ मौसमी हैं। इनमें केवल वर्षा ऋतु में ही जल रहता है। ग्रीष्मकाल में ये नदियाँ शुष्क हो जाती हैं।
(3) ये नदियाँ काँप के जमाव से एक विस्तृत मैदान  का जल बहता है। (3) ये नदियाँ अधिक विस्तृत मैदान नहीं बनाती हैं। का निर्माण करती हैं। केवल इन नदियों के मुहाने पर ही संकरे मैदान बनते हैं।
(4) इन नदियों से जल-विद्युत् उत्पन्न की जाती है  और सिंचाई के लिए सारा वर्ष जल प्राप्त किया जाता है। (4) इन नदियों से सम्पूर्ण वर्ष सिंचाई नहीं की जा सकती।
(5) ये नदियाँ यातायात की दृष्टि से उपयोगी नहीं हैं। (5) ये नदियाँ यातायात की सुविधा प्रदान करती  हैं।
(6) ये नदियाँ अपने मार्ग में महाखड्ड (गार्ज) बनाती  हैं। इस प्रकार ये गहरी घाटियों में से होकर बहती हैं। (6) ये नदियाँ महत्त्वपूर्ण जल-प्रपात बनाती हैं। ये उथली घाटियों में से होकर बहती हैं।
(7) इनकी अपरदन क्षमता बहुत ही अधिक है। इसलिए इनमें अवसाद की मात्रा बहुत अधिक होती है। (7) इनकी अपरदन क्षमता अपेक्षाकृत कम है। इसलिए  इनमें अवसाद की मात्रा कम होती है।
(8) अवसाद के जमाव से ये नदियाँ मैदानों में बड़ी संख्या में विसरों का निर्माण करती हैं। (8) चट्टानी धरातल होने तथा अवसाद की कमी होने के कारण ये नदियाँ विसरों का निर्माण नहीं कर पातीं।

 

प्रश्न 2.
भारत के कोई तीन नदी तंत्रों से बोध करवाएं तथा किसी एक की व्याख्या भी करें।
उत्तर-
भारत की नदियों को तीन भागों में बाँटा जा सकता है-हिमालय से निकलने वाली नदियां, प्रायद्वीपीय पठार की नदियां तथा तटीय नदियां। इनका वर्णन इस प्रकार है
I. हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियां-

  1. सिंधु नदी-यह नदी मानसरोवर झील के उत्तर में बोखर-छू ग्लेशियर से निकलती है। यह कश्मीर राज्य में दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर बहती है। यह नदी मार्ग में गहरी घाटियाँ बनाती है। यह पाकिस्तान से होती हुई अरब सागर में जा गिरती है। सतलुज, रावी, ब्यास, चिनाब तथा जेहलम इसकी सहायक नदियाँ हैं।
  2. गंगा नदी-यह नदी गंगोत्री हिमनदी के गौ-मुख के स्थान पर निकलती है। आगे चलकर इसमें अलकनंदा तथा मंदाकिनी नदियाँ भी मिल जाती हैं। यह शिवालिक की पहाड़ियों से होती हुई हरिद्वार पहुँचती है। अंत में यह खाड़ी बंगाल में जा गिरती है। इसकी सहायक नदियों में यमुना, रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, चंबल, बेतवा, सोन तथा कोसी नदियाँ प्रमुख हैं।
  3. ब्रह्मपुत्र नदी-यह नदी मानसरोवर झील के पूर्व में ‘चेमायुंगडुंग’ नामक हिमनदी से निकलती है। यह तिब्बत, भारत तथा बंगला देश से होती हुई गंगा नदी में जा मिलती है। यहाँ से ब्रह्मपुत्र तथा गंगा का इकट्ठा पानी पद्मा नदी के नाम से आगे बढ़ता है। अंत में यह बंगाल की खाड़ी में जा गिरती है। यह नदी अपने मुहाने पर सुंदरवन नामक डेल्टा का निर्माण करती है।

II. प्रायद्वीपीय पठार की नदियाँ-

  1. महानदी-यह नदी छत्तीसगढ़ में बस्तर की पहाड़ियों से दंदाकारनिया से निकलती है। छत्तीसगढ़ तथा ओडिशा से होती हुई यह खाड़ी बंगाल में जा गिरती है।
  2. गोदावरी नदी-यह नदी पश्चिमी घाट के उत्तरी भाग (सहयाद्री) से निकलती है। यह महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से होती हुई बंगाल की खाड़ी में जा गिरती है।।
  3. कृष्णा नदी-यह नदी महाबलेश्वर के निकट पश्चिमी घाट से निकलती है। यह कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से होती हुई बंगाल की खाड़ी में जा गिरती है। इसकी सहायक नदियों में भीमा, तुंगभद्रा तथा घाट प्रभा प्रमुख हैं।
  4. कावेरी नदी-यह नदी पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग से तालकांवेरी से आरंभ होकर खाड़ी बंगाल में जा गिरती है। मार्ग में यह कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से गुजरती है। यह शिव-समुद्रम नामक स्थान पर एक सुंदर जल-प्रपात बनाती है।
  5. नर्मदा नदी-यह नदी अमरकंटक के निकट मैकाल की पहाड़ियों से निकलती है तथा खंबात की खाड़ी में जा गिरती है।
  6. ताप्ती नदी-यह नदी सतपुड़ा पर्वत श्रेणियों से अल्ताई के पवित्र कुंड से निकलती है। यह नदी भी अंत में खंबात की खाड़ी में जा गिरती है।

III. तटीय नदियां-भारत के दक्षिणी भाग को तीन समुद्र अरब सागर, बंगाल की खाड़ी तथा हिंद महासागर लगते हैं तथा इनके तटों के साथ बहती हुई नदियों को तटीय नदियां कहा जाता है। इनकी लंबाई काफी कम होती है तथा यह कम समय के लिए बहती हैं। वर्षा की ऋतु में इन नदियों में काफी पानी आ जाता है। वेलुमा, पालाइ, मांडोवी, डापोरा, कालीनदी, शेरावती, नेत्रावती, पेरियार, पोनानी, सुबरनरेखा, खारकायी, पलार, वेराई इत्यादि प्रमुख तटीय नदियां हैं।

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प्रश्न 3.
उत्तर तथा दक्षिण भारत की नदियों के आर्थिक उपयोगों की चर्चा करें।
उत्तर-
किसी देश की अर्थव्यवस्था में नदियाँ महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। भारत की नदियाँ कोई अपवाद नहीं हैं। ये उत्तरी मैदानों को उपजाऊ बनाती हैं। ये सिंचाई के लिए जल जुटाती हैं तथा पेयजल की आपूर्ति करती हैं। यही नहीं ये परिवहन तथा जल विद्युत निर्माण की दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी हैं। भारत की अर्थव्यवस्था में इनके महत्त्व का वर्णन इस प्रकार है-

  1. जलोढ़ मिट्टी-नदियाँ उपजाऊ जलौढ़ मिट्टी का निर्माण करती हैं। इस प्रकार की मिट्टी नदियों द्वारा लाई गई रेत तथा मृत्तिका के जमा होने से बनती है। नदियाँ प्रतिवर्ष मिट्टी की नई परतें बिछाती रहती हैं। इसलिये इस प्रकार की मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है। भारत में जलौढ़ मिट्टी बहुत विस्तृत भाग में पाई जाती है। सतलुज-गंगा का मैदान, ब्रह्मपुत्र नदी की घाटी, महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी नदियों के डेल्टों और पूर्वी तथा पश्चिमी तटीय मैदानों में इस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। यह मिट्टी कृषि के लिए बहुत उपयोगी है।
  2. मानव सभ्यता का विकास-नदियाँ प्राचीनकाल से ही मानव सभ्यता के विकास तथा प्रगति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं। भारत की प्रथम महान् सभ्यता सिंधु नदी घाटी में ही फली-फूली थी। वास्तव में नदियों ने आरंभ से ही लोगों को जीवन के विकास तथा प्रगति के लिए आदर्श दशाएँ प्रदान की। नदियों को आरंभ में परिवहन के लिए प्रयोग में लाया गया। इस प्रकार विभिन्न मानव-बस्तियों के बीच संपर्क स्थापित हुआ। नदियों के निकट लोग गेहूँ तथा चावल जैसे खाद्यान्न उगाने लगे। यहाँ उन्हें रेत में मिश्रित सोना, ताँबा, लोहा आदि खनिज भी प्राप्त हुए।
  3. बहु-उद्देशीय परियोजनाएँ तथा सिंचाई-नहरें-नदियों पर भाखड़ा बाँध, दामोदर घाटी परियोजना आदि बहुउद्देशीय परियोजनाएँ बनाई गई हैं। पं० जवाहर लाल नेहरू ने इन परियोजनाओं को ‘आधुनिक भारत के मंदिर’ कह कर पुकारा। ये परियोजनाएँ भारत के लोगों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। इन आवश्यकताओं में सिंचाई, विद्युत् उत्पादन, नौका वाहन, बाढ़ नियंत्रण, मत्स्य पालन, मिट्टी का संरक्षण, पर्यटन इत्यादि शामिल हैं।
  4. पीने का जल-नदियाँ पीने के जल का मुख्य स्रोत हैं। बड़े-बड़े नगरों में पीने के जल की आपूर्ति नदियों के जल से ही की जाती है। इस जल का शुद्धिकरण करके इसे पीने योग्य बनाया जाता है।
  5. अवसादी निक्षेप-नदियाँ अवसादी निक्षेपों का निर्माण करती हैं। इन निक्षेपों में वनस्पति तथा प्राणी-अवशेष पाए जाते हैं। ये अवशेष गल-सड़ कर कोयले तथा पेट्रोलियम में बदल जाते हैं।
  6. झीलों का उदय-कुछ नदियाँ झीलों को जन्म देती हैं। उदाहरण के लिए श्रीनगर की वूलर झील नदीनिर्मित ही है। झीलों से मनुष्य को भोजन के रूप में मछली प्राप्त होती है। ये जलवायु को सम बनाने में भी सहायता करती है।

PSEB 9th Class Social Science Guide भारत : जलप्रवाह Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न :

प्रश्न 1.
हिमालय की अधिकतर नदियां ……….. हैं।
(क) मौसमी
(ख) छ:मासी
(ग) बारहमासी
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) बारहमासी

प्रश्न 2.
हिमालय की दो मुख्य नदियां हैं-
(क) कृष्णा व कावेरी
(ख) नर्मदा व तापी
(ग) कृष्णा व तुगभद्रा
(घ) सिन्धु व ब्रह्मपुत्र
उत्तर-
(घ) सिन्धु व ब्रह्मपुत्र

प्रश्न 3.
भारत की सबसे बड़ी नदी है-
(क) गंगा
(ख) कावेरी
(ग) ब्रह्मपुत्र
(घ) सतलुज
उत्तर-
(क) गंगा

प्रश्न 4.
गंगा नदी कहां से निकलती है ?
(क) हरिद्वार
(ख) देव प्रयाग
(ग) गंगोत्री
(घ) सांभर
उत्तर-
(ग) गंगोत्री

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प्रश्न 5.
दो दरियाओं के बीच के क्षेत्र को ……..कहते हैं।
(क) दोआब
(ख) जल विभाजन
(ग) अप्रवाह क्षेत्र
(घ) जल निकास स्वरूप
उत्तर-
(क) दोआब

प्रश्न 6.
इनमें से कौन-सी हिमालय की प्रमुख नदी है ?
(क) गंगा
(ख) सिन्धु
(ग) ब्रह्मपुत्र
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 7.
सिन्धु नदी की कुल लंबाई कितनी है ?
(क) 2500 कि०मी०
(ख) 2880 कि०मी०
(ग) 2720 कि०मी०
(घ) 3020 कि०मी०
उत्तर-
(ख) 2880 कि०मी०

प्रश्न 8.
गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियां ………… डैल्टा बनाती हैं।
(क) सुन्दरवन
(ख) अमरकंटक
(ग) नामचा बरवा
(घ) कुमाऊँ।
उत्तर-
(क) सुन्दरवन

रिक्त स्थानों की पूर्ति :

  1. गंगा की कुल लंबाई ………. कि०मी० है।
  2. घाघरा गंडक, कोसी, सोन नदियां ……….. नदी की सहायक नदियां हैं।
  3. ब्रह्मपुत्र ………….. नामक स्थान से भारत में प्रवेश करती है।
  4. ब्रह्मपुत्र की कुल लंबाई ……….. कि०मी० है।
  5. ………. द्वीप दुनिया का सबसे बड़ा नदी में बीच का द्वीप है।
  6. लुनी नदी राजस्थान में ………… से निकलती है।

उत्तर-

  1. 2525,
  2. गंगा,
  3. नामचा बरवा,
  4. 2900,
  5. मंजुली,
  6. पुष्कर।

सही/गलत :

1. साबरमती नदी देबार झील से निकलती है।
2. लुनी नदी की लंबाई 495 किलोमीटर है।
3. कृष्णा को वृद्ध गंगा भी कहते हैं।
4. तटीय नदियों की लंबाई काफी अधिक होती है।
5. भाखड़ा डैम के पीछे गोबिन्द सागर झील बनाई गई है।
6. 1980 में गंगा एक्शन प्लान बनाया गया था।
उत्तर-

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अति लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
जलप्रवाह क्या होता है ?
उत्तर-
किसी क्षेत्र में बहने वाली नदियों तथा नहरों के जाल को जलप्रवाह कहते हैं।

प्रश्न 2.
दोआब क्या होता है ?
उत्तर-
दो दरियाओं के बीच मौजूद क्षेत्र को दोआब कहते हैं।

प्रश्न 3.
जल विभाजक का अर्थ बताएं।
उत्तर-
जब कोई ऊंचा क्षेत्र, जैसे कि पर्वत, जब दो नदियों या जल प्रवाहों को विभाजित करता हो तो उस क्षेत्र को जल विभाजक कहते हैं।

प्रश्न 4.
अप्रवाह क्षेत्र क्या होता है ?
उत्तर-
किसी नदी या उसकी सहायक नदियों के नज़दीक का क्षेत्र जहां से वह पानी प्राप्त करते हैं उसे अप्रवाह क्षेत्र कहते हैं।

प्रश्न 5.
जल निकास स्वरूप किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जब पृथ्वी पर बहता हुआ पानी अलग-अलग स्वरूप बनाता है तो इसे जल निकास स्वरूप कहते हैं।

प्रश्न 6.
जल निकास स्वरूप के प्रकार बताएं।
उत्तर-
द्रुमाकृतिक अप्रवाह, जालीनुमा प्रवाह, आयताकार अप्रवाह तथा अरीय अप्रवाह।

प्रश्न 7.
भारत के नदी तंत्र को हम किन चार भागों में विभाजित कर सकते हैं ?
उत्तर-
हिमालय की नदियां, प्रायद्वीपीय नदी तंत्र, तट की नदियां तथा आंतरिक नदी तंत्र तथा झीलें।

प्रश्न 8.
देश के मुख्य जल विभाजक कौन से हैं ?
उत्तर-
हिमालय पर्वत श्रेणी तथा दक्षिण का प्रायद्वीपीय पठार।

प्रश्न 9.
सिन्धु नदी की सहायक नदियों के नाम बताएं।
उत्तर-
सतलुज, रावी, ब्यास तथा जेहलम।।

प्रश्न 10.
गंगा की सहायक नदियों के नाम बताएं।
उत्तर-
यमुना, सोन, घाघरा, गंडक, बेतवा, कोसी इत्यादि।

प्रश्न 11.
कौन सी नदियां Antecedent Drainage की उदाहरण हैं।
उत्तर-
सिन्धु, सतलुज, अलकनंदा, गंडक, कोसी तथा ब्रह्मपुत्र ।

प्रश्न 12.
तिब्बत में सिन्धु नदी को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
तिब्बत में सिन्धु नदी को सिंघी खम्बत या शेर का मुख कहते हैं।

प्रश्न 13.
सिन्धु नदी की कुल लंबाई कितनी है ?
उत्तर-
2880 किलोमीटर।

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प्रश्न 14.
भारत की पवित्र नदी किसे माना जाता है ?
उत्तर-
गंगा नदी को भारत की पवित्र नदी माना जाता है।

प्रश्न 15.
गंगा की मुख्य धारा को क्या कहते हैं?
उत्तर-
गंगा की मुख्य धारा को भगीरथी कहते हैं।

प्रश्न 16.
गंगा तथा ब्रह्मपुत्र कौन से डैल्टा को बनाती है ?
उत्तर-
सुन्दरवन डैल्टा को।

प्रश्न 17.
गंगा की कुल लंबाई कितनी है ?
उत्तर-
2525 किलोमीटर।

प्रश्न 18.
ब्रह्मपुत्र नदी कहां से शुरू होती है ?
उत्तर-
ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत में कैलाश पर्वत में आंगसी ग्लेशियर से शुरू होती है।

प्रश्न 19.
तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी को क्या कहा जाता है ?
उत्तर-
तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी को सांगपो (Tsengpo) कहा जाता है।

प्रश्न 20.
भारत में ब्रह्मपुत्र किस स्थान पर आती है ?
उत्तर-
नमचा बरवा।।

प्रश्न 21.
ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों के नाम बताएं।
उत्तर-
सुबरनगिरी, कमिंग, धनगिरी, दिहांग, लोहित इत्यादि।

प्रश्न 22.
दक्षिण की कौन-सी नदियां पश्चिम दिशा की तरफ बहती हैं ?
उत्तर-
नर्मदा तथा ताप्ती नदियां।

प्रश्न 23.
दक्षिण की कौन सी नदियां पूर्व दिशा की तरफ बहती हैं ?
उत्तर-
महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी।

प्रश्न 24.
आंतरिक जल निकास प्रणाली क्या होती है ?
उत्तर-
देश की कई नदियां समुद्र तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाती हैं तथा इन सब को ही आन्तरिक जल निकास प्रणाली कहा जाता है।

प्रश्न 25.
देश की आंतरिक जल निकास प्रणाली की तीन नदियों के नाम लिखें।
उत्तर-
घग्गर नदी, लूनी नदी, सरस्वती नदी।

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प्रश्न 26.
प्रायद्वीपीय पठार में प्राकृतिक झीलें कहां मिलती हैं ?
उत्तर-
लोनार (महाराष्ट्र), चिल्का (ओडिशा), पुलीक (तमिलनाडु), पैरीयार (केरल), कोलेरू (सीमांध्र) इत्यादि।

प्रश्न 27.
चिल्का झील की लंबाई कितनी है तथा यह कहां पर स्थित है ?
उत्तर-
चिल्का झील 70 कि०मी० लंबी है तथा यह ओडिशा में स्थित है।

प्रश्न 28.
गंगा एक्शन प्लान कब तथा कहां पर शुरू किया गया था ?
उत्तर-
गंगा एक्शन प्लान 1986 में गंगा के प्रदूषण को रोकने के लिए शुरू किया गया था।

प्रश्न 29.
महानदी की लंबाई कितनी है ?
उत्तर-
858 किलोमीटर।

प्रश्न 30.
गोदावरी, कृष्णा, कावेरी तथा नर्मदा की लंबाई कितनी है ?
उत्तर-
गोदावरी-1465 किलोमीटर, कृष्णा- 140 किलोमीटर, कावेरी-800 किलोमीटर, नर्मदा-1312 किलोमीटर।

प्रश्न 31.
गोदावरी की सहायक नदियों के नाम लिखें।
उत्तर-
धेनगंगा, वेनगंगा, वार्धा, इन्द्रावती, मंजरा, साबरी।

प्रश्न 32.
कावेरी की सहायक नदियों के नाम बताएं।
उत्तर-
हेरावती, हीरानेगी, अमरावती, काबानी।

प्रश्न 33.
ताप्ती नदी की सहायक नदियों के नाम बताएं।
उत्तर-
गिरना, मिंडोला, पूर्णा, पंजारा, शिप्रा, अरुणावती इत्यादि।

प्रश्न 34.
लुनी नदी के बारे में बताएं।
उत्तर-
लुनी नदी पुष्कर, राजस्थान में से निकलती है। इसकी लंबाई 465 किलोमीटर है तथा यह कच्छ के रेगिस्तान में खत्म हो जाती है।

प्रश्न 35.
जम्मू-कश्मीर में प्रमुख झीलों के नाम बताएं।
उत्तर-
डल झील तथा वूलर झील।

प्रश्न 36.
राजस्थान में खारे पानी की झील कौन-सी है ?
उत्तर-
सांबर झील।

प्रश्न 37.
उद्योगों में से कौन-से जहरीले पदार्थ निकाल कर नदियों में फैंके जाते हैं ?
उत्तर-कोडमीयम, आर्सेनिक, सिक्का, तांबा, मैग्नीशियम, पारा, जिंक, निक्कल इत्यादि।

लघु उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हिमालय की नदियाँ सदानीरा (बारहमासी) क्यों हैं?
उत्तर-
सदानीरा का अर्थ है सारा साल अथवा बारहमास बहने वाली। हिमालय की नदियों को शुष्क ऋतु तथा वर्षा ऋतु दोनों ही ऋतुओं में जल प्राप्त होता है। वर्षा ऋतु में ये वर्षा से जल प्राप्त करती हैं। शुष्क ऋतु में हिमालय की बर्फ पिघल कर इन्हें जल प्रदान करती है। यही कारण है कि हिमालय की नदियाँ सदानीरा अथवा बारहमासी हैं। गंगा तथा ब्रह्मपुत्र हिमालय की बारहमासी नदियों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 2.
हिमालय के तीन मुख्य नदी-तंत्रों के नाम बताओ। प्रत्येक की दो सहायक नदियों के नाम बताएं।
उत्तर-
हिमालय के तीन मुख्य नदी तंत्र तथा उनकी सहायक नदियाँ निम्नलिखित हैं-

  1. सिंधु नदी तंत्र-इसकी मुख्य सहायक नदियाँ सतलुज, रावी, ब्यास, चिनाब, झेलम इत्यादि हैं।
  2. गंगा नदी तंत्र-इस नदी तंत्र की मुख्य सहायक नदियाँ यमुना, घाघरा, गोमती, गंडक, सोन, बेतवा इत्यादि हैं। 3. ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र-इसकी मुख्य सहायक नदियाँ दिबांग, लोहित, केनुला इत्यादि हैं।

प्रश्न 3.
ब्रह्मपुत्र की घाटी का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर-
ब्रह्मपुत्र का उद्गम स्थान तिब्बत में सिंधु और सतलुज के उद्गम के निकट ही है। ब्रह्मपुत्र की लंबाई सिंधु नदी के बराबर है। परंतु इसका अधिकांश विस्तार तिब्बत में है। तिब्बत में इसका नाम सांगपो है। नामचा बरवा नामक पर्वत के पास यह तीखा मोड़ लेकर भारत में प्रवेश करती है। अरुणाचल प्रदेश में इसे दिहांग के नाम से पुकारते हैं। लोहित, दिहांग तथा दिबांग के संगम के पश्चात् इसका नाम ब्रह्मपुत्र पड़ता है। बंग्लादेश के उत्तरी भाग में इसका नाम जमुना है तथा मध्य भाग में इसे पद्मा कहते हैं । दक्षिण में पहुँच कर ब्रह्मपुत्र और गंगा आपस में मिल जाती हैं, तब इस संयुक्त धारा को मेघना कहते हैं।

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प्रश्न 4.
गंगा नदी प्रणाली का विवरण दें।
उत्तर-
गंगा नदी प्रणाली के मुख्य पहलुओं का वर्णन इस प्रकार हैजन्म-स्थान-गंगा नदी गंगोत्री हिमानी से निकलती है।
सहायक नदियाँ-गंगा की मुख्य सहायक नदियाँ यमुना, रामगंगा, घाघरा, बाघमती, महानंदा, गोमती, गंडक, छोटी गंडक, जलांगी, भैरव, कोसी, दामोदर, सोनत टोंस, केन, बेतवा तथा चंबल इत्यादि हैं।
लंबाई-गंगा नदी की कुल लंबाई 2525 कि० मी० है, जिसमें से यह 2415 कि० मी० की यात्रा भारत में तय करती है।
डेल्टा व अन्य विशेषताएँ-गंगा ब्रह्मपुत्र नदी के साथ मिलकर संसार का सबसे बड़ा डेल्टा बनाती है। अंततः यह पश्चिमी बंगाल के 24 परगना जिले में सुंदरवन डेल्टे के मार्ग से बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।

प्रश्न 5.
भारतीय पठार की पूर्व-प्रवाहिनी नदियों की जानकारी दें।
उत्तर-
भारतीय पठार पर महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी इत्यादि महत्त्वपूर्ण नदियाँ बहती हैं। ये सभी नदियाँ पूर्व की ओर बहती हई बंगाल की खाड़ी में मिलती हैं।

  1. महानदी मध्य प्रदेश में छत्तीसगढ़ पठार की पहाड़ी श्रेणियों से निकलती है।
  2. गोदावरी भारतीय पठार की सबसे बड़ी नदी है। यह सहयाद्रि पर्वत में त्र्यंबकेश्वर के निकट से निकलती है। इस नदी में वर्ष भर पानी रहता है। गंगा नदी की तरह इस नदी ने भी अपने मुहाने पर विस्तृत डेल्टा क्षेत्र का निर्माण किया है।
  3. कृष्णा नदी सहयाद्रि के महाबलेश्वर स्थान से उदय होती है। इसमें भीमा, कोयना, पंचगंगा, तुंगभद्रा इत्यादि नदियाँ मिलती हैं।

प्रश्न 6.
प्रायद्वीपीय पठार के पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों का विवरण दें।।
उत्तर-
प्रायद्वीपीय पठार के पश्चिम में बहने वाली नदियों के नाम हैं-माही, साबरमती, नर्मदा तथा ताप्ती।

  1. माही-माही नदी विंध्याचल पर्वत से निकलती है। इसकी कुल लंबाई 533 कि० मी० है। यह खंबात नगर के समीप खंबात की खाड़ी की दाईं ओर जाकर गिरती है।
  2. साबरमती-साबरमती उदयपुर के पास मेश्वा से निकलती है। यह मौसमी नदी 416 कि० मी० लंबी है। अंत में यह गांधीनगर और अहमदाबाद से होती हुई खंबात की खाड़ी में गिरती है।
  3. नर्मदा-यह नदी अमरकंटक पठार से निकलती है और 1312 कि० मी० की यात्रा तय करती हुई जबलपुर, होशंगाबाद होती हुई भडोच के समीप खंबात की खाड़ी में गिरती है।
  4. ताप्ती-दक्षिण की अन्य नदियों की भांति ताप्ती नदी भी मौसमी नदी है, जो मध्य प्रदेश के बेतूल जिले में मुलताई के पास आरंभ होती है और अंत में सूरत के समीप अरब सागर में जा गिरती है। इसकी लंबाई 724 किलोमीटर है।

प्रश्न 7.
हिमालय से निकलने वाली नदियों की प्रमुख विशेषताएँ बताओ।
उत्तर-

  1. हिमालय से निकलने वाली अधिकतर नदियाँ उत्तर भारत में बहती हैं।
  2. ये नदियाँ काफ़ी लंबी हैं तथा बारह मास बहती हैं। वर्षा के समय इन नदियों में बहुत बड़ी मात्रा में पानी बहता है। ग्रीष्म काल में हिमालय की बर्फ पिघलने से इनमें पर्याप्त जल रहता है।
  3. मैदानी भागों में ये नदियाँ कांप का संचयन करती हैं जिससे नदियों के कछार उपजाऊ बनते हैं।
  4. ये नदियाँ सिंचाई और जल विद्युत निर्माण की दृष्टि से भी उपयोगी हैं।
  5. इनका मंद गति से बहने वाला जल यातायात की सुविधा प्रदान करता है।
  6. हिमालय की अधिकतर नदियाँ बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। इसकी एकमात्र मुख्य नदी सिंधु ही अरब सागर में गिरती है।

प्रश्न 8.
सिंधु तथा उसकी सहायक नदी सतलुज पर एक संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-
सिंधु-सिंधु नदी हिमालय में मानसरोवर के उत्तर में उदय होती है। यह कश्मीर से होती हुई पाकिस्तान में प्रवेश करती है और अरब सागर में जा गिरती है। इसकी लंबाई लगभग 2900 कि० मी० है। परंतु इसका केवल 700 कि० मी० लंबाई का प्रवाह भारत में है।
PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3a भारत जलप्रवाह 1

सतलुज-सतलुज नदी का उदय मानसरोवर के समीप ही रक्षताल से होता है । यह हिमाचल प्रदेश और पंजाब राज्य से होती हुई पाकिस्तान में जाकर सिंधु में मिल जाती है। सतलुज की सहायक नदियाँ-जेहलम, चिनाब, रावी, ब्यास आदि भी हिमालय से निकलती हैं। इन नदियों के जल का उपयोग मुख्यतः पंजाब में सिंचाई के लिए किया जाता है।

प्रश्न 9.
भारत की झीलों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखो।
उत्तर-
भारत में झीलों की संख्या अधिक नहीं है। डल, वूलर, सांभर, चिल्का, कोलेरू, पुलीकट, वेबनाद, लोणार आदि भारत की प्रमुख झीलें हैं।

  1. इनमें से सात झीलें कुमाऊँ हिमालय क्षेत्र के नैनीताल जिले में हैं।
  2. डल तथा वूलर झीलें उत्तरी कश्मीर में हैं। ये पर्यटकों के लिए आकर्षण स्थल हैं।
  3. राजस्थान में जयपुर के समीप सांभर और महाराष्ट्र में बुलढाणा जिले में लोणार में खारे पानी की झीलें हैं।
  4. ओडिशा की चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।
  5. चेन्नई (मद्रास) के समीप पुलीकट अनूप झील है।
  6. गोदावरी और कृष्णा नदी के डेल्टा प्रदेश के बीच कोलेरू नामक मीठे पानी की झील है।
  7. केरल के किनारों के साथ-साथ लंबी-लंबी अनूप झीलें हैं। इन्हें कयाल कहते हैं। इनमें से बनाद खारे पानी का सबसे बड़ा कयाल है।

प्रश्न 10.
“पश्चिमी तटवर्ती नदियां डैल्टा नहीं बनातीं।” व्याख्या करो।
उत्तर-
पश्चिमी तट की मुख्य नदियां नर्मदा तथा ताप्ती हैं। यह नदियां काफी कम दूरी तय करती हैं तथा काफी तेज़ गति से अरब सागर में मिलती हैं। परंतु डैल्टा बनाने के लिए नदियों की गति का कम होना आवश्यक है। इस लिए नर्मदा तथा ताप्ती नदियां डैल्टा नहीं बना पातीं। इनकी लहरें तथा ज्वार अधिक प्रभावशाली होते हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3a भारत : जलप्रवाह

दीर्घ उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के अंदरूनी अर्थात् आंतरिक जल निकास प्रणाली का वर्णन करें।
उत्तर-
देश की बहुत-सी नदियाँ समुद्र तक पहुँचने से पहले ही मार्ग में शुष्क भूमि या झील में समाप्त हो जाती हैं। इस प्रकार आंतरिक स्थलवर्ती क्षेत्रों में ही विसर्जित होने वाले पानी के निकास को आंतरिक जल-निकास प्रणाली कहा जाता है। इस प्रकार की जल-निकास प्रणाली का अध्ययन नदियों के उद्गम व विलीन स्थान के आधार पर किया जाता है।
I. उद्गम स्थान के आधार पर भारत में ऐसी निकास प्रणाली हिमालय तथा अरावली पर्वतों की ढलानों में जन्म लेती है।
1. हिमालय क्षेत्र-हिमालय क्षेत्र में शिवालिक और लद्दाख की अंतर्मुखी जल-निकास प्रणाली आती है।

  1. शिवालिक पर्वत श्रेणियों में घग्घर नदी लगभग 1500 मीटर की ऊँचाई वाली मोरनी की पहाड़ियों से आरंभ होकर पंचकुला के समीप मैदान में प्रवेश करती है। यह पंजाब-हरियाणा की सीमा से राजस्थान के हनुमानगढ़ नगर तक पहुँच जाती है। परंतु मार्ग में यह सिंचाई तथा अधिक वाष्पीकरण के कारण समाप्त हो जाती है। इसकी सहायक नदियों में सुखना, टांगरी, मारकंडा व सरस्वती मुख्य हैं।
  2. घग्घर के अतिरिक्त चंडीगढ़ के आस-पास बहने वाली जैयंती राव तथा पटियाली राव छोटे नाले भी इस प्रकार की जल-निकास प्रणाली में आते हैं।
  3. तराई के क्षेत्र में भी इस तरह की नदियाँ मिलती हैं जो दक्षिण हिमालय की ढलानों से उतर कर भाबर क्षेत्रों में विलीन हो जाती हैं।
  4. लद्दाख की अंतर-पर्वतीय पठारी भाग की अकसाई चिन नदी भी इस प्रकार की प्रणाली का निर्माण करती है।

2. अरावली क्षेत्र-

  1. अरावली क्षेत्र में वर्षा की ऋतु में कई नदियाँ-नाले जन्म लेते हैं। इनकी पश्चिमी ढलानों पर विकसित होने वाली नदियाँ सांभर झील, जयपुर झील या फिर बालू के टिब्बों में समा जाती हैं।
  2. लूनी नदी सांभर झील के पास से शुरू होकर कच्छ के रण में विलीन हो जाती है।

II. विलीन स्थान के आधार पर-इस आंतरिक जल-निकास प्रणाली में बहुत-सी छोटी-छोटी नदियाँ-नाले या बरसाती जलधाराएँ (पंजाबी में चौ कहते हैं) पानी का निकास धरातल पर गहरे खड्डों यानी झीलों (Lakes) में करती हैं। ये झीलें हिमालय, थार मरुस्थल व प्रायद्वीपीय पठार जैसे तीनों ही मुख्य प्राकृतिक भूखंडों में मिलती हैं।
1. हिमालय की झीलें-हिमालय की झीलों का वर्गीकरण इस प्रकार है-

  1. कश्मीर क्षेत्र की डल, वूलर, अनंतनाग, शेषनाग, वैरीनाग जैसी झीलें विश्व-प्रसिद्ध हैं।
  2. कुमाऊँ हिमालय में भीमताल, चंद्रपालताल, नैनीताल, पुनाताल इत्यादि झीलें प्रमुख हैं।

2. थार मरुस्थल-इसमें सांभर, साल्टलेक, जीवई, छोपारबाढ़ाबंध, साईपद व जैसोमंद झीलें आती हैं।
3. प्रायद्वीपीय पठार-इसमें महाराष्ट्र की लोनार, ओडिशा की चिल्का, तमिलनाडु की पुलीकट, केरल की पेरियार आदि प्राकृतिक झीलें हैं।

प्रश्न 2.
बंगाल की खाड़ी में पहुंचने वाली जल-निकास प्रणाली का विवरण दें।
उत्तर-
भारत की अधिकांश नदियाँ बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। खाड़ी बंगाल में गिरने वाले नदी तंत्रों का वर्णन इस प्रकार है गंगा नदी तंत्र-गंगा उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में गंगोत्री से निकलती है। हरिद्वार के पास यह उत्तरी मैदान में प्रवेश करती है। इसके पश्चिम में यमुना नदी है, जो इलाहाबाद में इससे मिल जाती है। यमुना में दक्षिण की ओर से चंबल, सिंध, बेतवा और केन नामक नदियाँ आकर मिलती हैं। ये सभी नदियाँ मैदान में प्रवेश करने से पूर्व मालवा के पठार पर बहती हैं। दक्षिण पठार से आकर सीधे गंगा में मिलने वाली एकमात्र बड़ी नदी सोन है। आगे बढ़कर पूर्व में दामोदर नदी गंगा में आकर मिलती है। इलाहाबाद के बाद गंगा में मिलने वाली हिमालय की कुछ नदियाँ पश्चिम से पूर्व की ओर इस प्रकार हैं-गोमती, घाघरा, गंडक और कोसी। भारत में गंगा की लंबाई 2415 किलोमीटर है।

ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र-ब्रह्मपुत्र का उद्गम स्थल भी तिब्बत में सिंधु और सतलुज के उद्गम के निकट ही है। यह नदी बड़ी भारी मात्रा में जल बहाकर ले जाती है। ब्रह्मपुत्र की लंबाई सिंधु के बराबर है, लेकिन इसका अधिकतर मार्ग तिब्बत में है। तिब्बत में यह हिमालय के समानांतर बहती है, जहाँ इसका नाम सांगपो है। नामचाबरवा नामक पर्वत के पास इसने तीखा मोड़ लिया है। यहीं इसने 5500 मीटर गहरा महाखड्ड बनाया है। भारत में इसकी लंबाई 885 किलोमीटर है। लोहित, दिहांग तथा दिबांग के संगम के बाद इसका नाम ब्रह्मपुत्र पड़ता है। इस नदी में विशाल जलराशि का प्रवाह होता है। बंगलादेश के उत्तरी भाग में इसका नाम सूरमा है तथा मध्य भाग में इसे पद्मा कहते हैं। दक्षिण में बढ़कर ब्रह्मपुत्र और गंगा आपस में मिल जाती हैं। तब इन दोनों की संयुक्त धारा को मेघना कहते हैं।

प्रायद्वीपीय भू-भाग की नदियाँ–प्रायद्वीप की प्रमुख नदियाँ महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी हैं जो खाड़ी बंगाल में जा गिरती हैं।

प्रश्न 3.
अरब सागर की जल निकास प्रणाली की व्याख्या करें।
उत्तर-
भारत की कुछ नदियां अरब सागर में जाकर मिलती हैं जिनका वर्णन इस प्रकार है
सिन्धु-सिन्धु नदी की लंबाई 2880 किलोमीटर है परंतु इसका अधिकतर भाग पाकिस्तान में बहता है। यह तिब्बत में शुरू होकर कश्मीर से होते हुए पाकिस्तान में प्रवेश कर जाती है। सतलुज, रावी, ब्यास तथा जेहलम इसकी प्रमुख सहायक नदियां हैं। एक-एक करके यह नदियां अंत में सिन्धु नदी में मिल जाती हैं तथा फिर सिन्धु नदी अथवा सम्पूर्ण जल अरब सागर की गोद में मिला देती है।

प्रायद्वीपीय नदियां-प्रायद्वीपीय भारत की नर्मदा तथा ताप्ती नदियां पश्चिमी दिशा की तरफ बहते हुए अरब सागर में जा मिलती हैं । यह दोनों नदियां तंग तथा लंबी घाटियों से होते हुए बहती हैं । नर्मदा नदी के उत्तर में विंध्याचल पर्वत श्रेणी तथा दक्षिण में सतपुड़ा पर्वत श्रेणी है। सतपुड़ा के दक्षिण में ताप्ती नदी है। कहा जाता है कि यह नदी घाटियां काफी पुरातन हैं। यह नदियां तंग नदी मुखों के द्वारा समुद्र में मिल जाती हैं।

प्रश्न 4.
जल निकास स्वरूप तथा इसके प्रकारों का वर्णन करें।
उत्तर-
जल विकास स्वरूप- जब पृथ्वी के किसी भाग पर पानी बहता है तो यह अलग-अलग प्रकार के स्वरूप बनाता है जिसे हम जल विकास स्वरूप अथवा अप्रवाह प्रतिरूप (Drainage Pattern) कहते हैं। जब भी कोई नदी अथवा दरिया अलग-अलग क्षेत्रों में से बहता है तो बहता हुआ पानी कुछ निश्चित प्रतिरूपों का निर्माण करता है। यह प्रतिरूप चार प्रकार के होते हैं-

  1. द्रमाकृतिक अथवा वृक्ष के समान अप्रवाह (Dendritic Pattern)
  2. आयताकार अथवा समांतर अप्रवाह (Parellel Pattern)
  3. जालीनुमा अप्रवाह (Trallis Pattern)
  4. अरीय अथवा चक्रीय अप्रवाह (Radial Pattern)

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3a भारत जलप्रवाह 2

जल निकास स्वरूप में पानी की धाराएँ एक निश्चित स्वरूप बनाती हैं जोकि उस क्षेत्र की भूमि की ढलान, जलवायु संबंधी अवस्थाओं तथा वहां पर मौजूद चट्टानों की प्रकृति पर निर्भर करता है।

  1. द्रमाकृतिक अथवा वृक्ष के समान अप्रवाह-द्रमाकृतिक अपवाह उस समय बनता है जब धाराएं उस स्थान की भूमि की ढलान के अनुसार बहती हैं। इस अप्रवाह में मुख्य धारा तथा उसकी सहायक नदियां एक पेड़ की शाखाओं की तरह लगती हैं।
  2. आयताकार अथवा समांतर अप्रवाह-आयताकार अप्रवाह प्रतिरूप प्रबल संधित शैलीय भूभाग पर विकसित होता है।
  3. जालीनुमा अप्रवाह-जब सहायक नदियां मुख्य नदी से समकोण पर मिलती हैं तो जालीनुमा अप्रवाह का निर्माण होता है।
  4. अरीय अथवा चक्रीय अप्रवाह-अरीय अप्रवाह उस समय विकसित होता है जब केन्द्रीय शिखर या गुम्बद जैसी संरचना धाराएं विभिन्न दिशाओं में एकत्रित होती हैं। एक ही अप्रवाह श्रेणी में अलग-अलग प्रकार के अप्रवाह भी मिल जाते हैं।

PSEB 9th Class SST Solutions Geography Chapter 3a भारत : जलप्रवाह

प्रश्न 5.
नदी-जल-प्रदूषण के मुख्य कारण क्या हैं ? इसे कैसे रोका जा सकता है ?
उत्तर-
नदी-जल-प्रदूषण से अभिप्राय है-नदियों के जल में अपशिष्ट पदार्थों तथा विषैले रसायनों का मिलना। आज हमारे देश में नदी-जल-प्रदूषण की गंभीर समस्या बनी हुई है। गंगा तथा यमुना का जल तो बहुत अधिक प्रदूषित हो चुका है। ऐसे जल के उपयोग से पीलिया, पेचिस तथा टाइफाइड जैसी बीमारियाँ फैलती हैं। इससे जल जीवों के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है।
नदी-जल-प्रदूषण के कारण-नदी-जल-प्रदूषण के लिए स्वयं मनुष्य उत्तरदायी है। वह निम्नलिखित तरीकों से नदियों के जल को प्रदूषित कर रहा है-

  1. कारखानों के अपशिष्ट पदार्थ तथा विषैले रसायन मिला जल नदियों में बहा दिया जाता है। उदाहरण के लिए चमड़ा साफ़ करने वाले कारखानों से निकला गंदा जल आस-पास की नदियों के जल को प्रदूषित कर रहा है।
  2. लोग अपने घरों का कूड़ा-कर्कट तथा गंदा जल नदियों में बहा देते हैं। यह जल बड़े नालों में से होता हुआ नदियों में जा मिलता है।
  3. किसान खेतों में उर्वरकों तथा कीटनाशकों का उपयोग करते हैं। ये पदार्थ वर्षा के जल के साथ बहकर नदियों में जा मिलते हैं।
  4. भारत की लगभग सभी मुख्य नदियों पर बाँध बनाए गए हैं। इससे नदियों का जल-स्तर बढ़ गया है तथा जल के प्रवाह की गति कम हो गई है। परिणामस्वरूप कई प्रकार का खतरनाक अवसाद जल में घुला रहता है और वहीं इकट्ठा होता रहता है।
  5. कुछ नदियों पर धोबी-घाट बने हुए हैं जहाँ मैले कपड़े धोए जाते हैं। इस प्रकार नदियों का जल गंदा तथा विषैला होता रहता है।

नदी-जल-प्रदूषण को रोकने के उपाय-नदी-जल के प्रदूषण को रोकने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जाने चाहिएं

  1. प्रदूषित जल का पुनः चक्रण-नगरों के प्रदूषित जल को नगरों के निकट ही वैज्ञानिक ढंग से संशोधित करना चाहिए। इस प्रकार यह पुनः पीने योग्य बन जाएगा और नदी-जल-प्रदूषण पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा।
  2. वनारोपण-अधिक-से-अधिक वन लगाए जाने चाहिए। वनस्पति धरातलीय प्रवाह को नियंत्रित करती है तथा कई अपशिष्ट पदार्थों को नदियों में बह जाने से रोकती है।
  3. खेतों की मेड़बंदी-खेतों में हल चलाते समय खेत के चारों ओर ऊँची मेड़ बना देनी चाहिए। यह मेड़ हल्की वर्षा या बाढ़ के समय मिट्टी तथा कीटनाशकों को खेतों से बाहर नहीं जाने देती।
  4. वैधानिक उपाय तथा जागरुकता-लोगों को जागरूक बना कर तथा वैधानिक उपायों द्वारा जल के प्रदूषण को रोकना भी अनिवार्य है। औद्योगिक इकाइयों द्वारा नदियों में गंदे जल की निकासी पर कड़ा प्रतिबंध लगा देना चाहिए। नदियों पर बने धोबी घाट हटा देने चाहिए।
  5. दंडनीय अपराध बनाना-वास्तव में जल को प्रदूषित करना एक दंडनीय अपराध बना देना चाहिए।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई

Punjab State Board PSEB 9th Class Home Science Book Solutions Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Home Science Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई

PSEB 9th Class Home Science Guide वस्त्रों की धुलाई Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
वस्त्र धोने से पूर्व आप क्या-क्या तैयारी करेंगे?
उत्तर-

  1. वस्त्रों की उधड़ी सिलाइयां लगा लेनी चाहिएं। यदि रफू, बटन, हुकों आदि की ज़रूरत हो तो लगा लो।
  2. वस्त्रों की जेबों आदि को देख लो, बैल्टें, बक्कल आदि उतार दो।
  3. वस्त्रों को रंग अनुसार, रेशे अनुसार, आकार अनुसार, गन्दगी अनुसार छांट कर अलग कर लो।
  4. यदि वस्त्रों पर कोई दाग धब्बे हैं तो पहले इन्हें दूर करो।

प्रश्न 2.
वस्त्रों को छांटने से आप क्या समझते हो?
उत्तर-
वस्त्रों को छांटने का अर्थ है कि वस्त्रों को उनके रंग, रेशे, आकार तथा गन्दगी के आधार पर अलग-अलग कर लेना क्योंकि सारे रेशे एक विधि से नहीं धोए जा सकते इसलिए सूती, ऊनी, रेशमी, नायलॉन, पालिएस्टर के अनुसार वस्त्र अलग कर लिये जाते हैं।
सफ़ेद वस्त्र रंगदार वस्त्रों से पहले धोने चाहिएं क्योंकि रंगदार वस्त्रों से कई बार रंग निकलने लगता है।
छोटे वस्त्र पहले धो लो तथा बड़े जैसे चादरें, खेस आदि को बाद में। कम गन्दे वस्त्र हमेशा पहले धोएं तथा अधिक गन्दे बाद में।

प्रश्न 3.
धोने से पूर्व वस्त्रों की मुरम्मत करनी क्यों जरूरी है?
उत्तर-
कई बार वस्त्र सिलाइयों से अथवा उलेड़ियों से उधड़ जाते हैं अथवा किसी चीज़ में फँसकर फट जाते हैं। ऐसी हालत में वस्त्रों को धोने से पहले मरम्मत कर लेनी चाहिए नहीं तो और फटने अथवा उधड़ने का डर रहता है।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई

प्रश्न 4.
कौन-कौन सी बातों के आधार पर आप वस्त्रों को धोने से पहले छांटोगे?
उत्तर-
वस्त्रों की छंटाई उनके रंग, रेशों, आकार तथा गन्दगी के आधार पर की जाती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 5.
सूती वस्त्रों की धुलाई कैसी की जाती है?
उत्तर-

  1. पहले वस्त्र को कुछ समय के लिए भिगोकर रखा जाता है ताकि मैल उगल जाये। इस तरह साबुन, मेहनत तथा समय कम लगता है।
  2. कीटाणु रहित करने के लिए वस्त्रों को पानी में 10-15 मिनट के लिए उबाला जाता
  3. पहले से भीगे वस्त्रों को पानी से निकालकर निचोड़ा जाता है तथा साबुन अथवा अन्य किसी डिटर्जेंट आदि से वस्त्रों को रगड़कर, मलकर अथवा थापी से धोया जाता है। अधिक गन्दे हिस्से जैसे कालर, कफ आदि को ब्रुश आदि से रगड़कर साफ़ किया जाता है।
  4. उबालने अथवा साबुन वाले पानी से धोने के पश्चात् कपड़ों को साफ़ पानी से 24 बार खंगाल कर सारा पानी निकाल देना चाहिए। फिर उन्हें अच्छी तरह निचोड़ लो ।।
  5. आवश्यकतानुसार नील अथवा मावा आदि देकर वस्त्र निचोड़कर झाड़कर सूखने के लिए डाल दो।

प्रश्न 6.
ऊनी वस्त्र धोते समय बहुत सावधानी प्रयोग करने की ज़रूरत क्यों पड़ती है?
उत्तर-
ऊनी रेशे पानी में डालने से कमजोर हो जाते हैं तथा लटक जाते हैं। गर्म पानी में डालने पर तथा रगड़कर धोने से यह रेशे जुड़ जाते हैं । सोडे वाले साबुन से धोने पर भी यह रेशे जुड़ जाते हैं। इसलिए ऊनी वस्त्र धोते समय काफ़ी सावधानी की जरूरत होती है।
इनको धोते समय ध्यान रखो कि जितना भी पानी प्रयोग किया जाये सारे का तापमान एक-सा होना चाहिए। कभी भी गर्म पानी तथा सोडे वाले साबुन का प्रयोग न को धोने के वस्त्रों की धुलाई लिए वस्त्र को हाथ से धीरे-धीरे दबाते रहना चाहिए तथा ऊनी वस्त्र को लटकाकर सुखाना नहीं चाहिए। वस्त्र को समतल स्थान पर सीधा रखकर सुखाना चाहिए।

प्रश्न 7.
अपने ऊनी स्वैटर की धुलाई आप कैसे करोगे?
उत्तर-

  1. पहले स्वैटर से नर्म ब्रुश से ऊपरी मिट्टी झाड़ी जाती है।
  2. यदि स्वैटर ऐसा हो कि धोने के पश्चात् उसके बेढंगे हो जाने का डर हो तो धोने से पहले इसका खाका अखबार अथवा खाकी कागज़ पर उतार लेना चाहिए। ताकि धोने के पश्चात् इसको फिर से पहले आकार में लाया जा सके।
  3. पहले ऊनी वस्त्र को पानी में से डुबो कर निकाल लो तथा हाथों से दबाकर पानी निकाल दो। शिकाकाई, रीठे, जैनटिल अथवा लीसापोल को गुनगुने पानी में घोल कर झाग बना लो । फिर इस निचोड़े पानी को इस साबुन वाले पानी में हाथों से धीरे-धीरे दबाकर रगड़े बगैर साफ़ करो।
  4. वस्त्र को साफ़ पानी में धीरे-धीरे खंगालकर इस में से साबुन अच्छी तरह निकाल दो तथा अतिरिक्त पानी तौलिए में दबाकर निकाल लो।
  5. वस्त्र को बनाये हुए खाके पर रखकर इसके आकार में ले आयो तथा समतल स्थान जैसे-चारपाई पर वस्त्र बिछाकर इसके ऊपर सीधा डालकर छांव में सुखाओ।

प्रश्न 8.
भिगोने से सूती, ऊनी और रेशमी वस्त्रों में से कौन-कौन से कमज़ोर हो जाते हैं और इनका धोने से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
भिगोने से ऊनी तथा रेशमी वस्त्र कमजोर हो जाते हैं जबकि सूती वस्त्र मज़बूत होते हैं। इनका धोने के साथ यह सम्बन्ध है कि ऊपर बताये कारण से सूती वस्त्रों को तो धोने से पहले कुछ समय के लिए भिगो कर रखा जाता है। परन्तु ऊनी तथा रेशमी वस्त्रों को भिगो कर नहीं रखा जाता।

प्रश्न 9.
ऐसी किस्म के वस्त्रों के बारे में बताओ जिन्हें उबाल कर धोया जा सकता है? ऐसे वस्त्र को धोते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिएं?
उत्तर-
सूती वस्त्रों को उबालकर धोया जा सकता है। इन वस्त्रों को धोते समय . निम्नलिखित सावधानियों की ज़रूरत है

  1. सिलाइयों से उधड़े अथवा किसी अन्य कारण से फटे वस्त्र को धोने से पहले मरम्मत कर लो।
  2. सूती, लिनन, ऊनी, नायलॉन, पॉलिएस्टर, रेशमी वस्त्रों को अलग-अलग कर लो।
  3. सफ़ेद वस्त्रों को पहले धोएं तथा रंगदार को बाद में।
  4. अधिक मैले वस्त्रों को बाद में धोएं।
  5. रोगी के वस्त्रों को 10-15 मिनट के लिए पानी में उबालो तथा बाद में धोएं।
  6. छोटे तथा बड़े वस्त्रों को अलग-अलग करके धोएं।

प्रश्न 10.
रेशमी वस्त्रों की धुलाई कैसे की जाती है?
उत्तर-

  1. रीठे, शिकाकाई अथवा जैनटिल को गुनगुने पानी में घोलकर झाग बनायो तथा इसमें वस्त्र को हाथों से धीरे-धीरे दबाकर धोएं तथा बाद पार पानी से 3-4 या खंगाल कर निकाल लो। वस्त्र को खंगालते समय एक चम्मच सिरका डाल लो । इससे वस्त्र में चमक आ जायेगी।
  2. धोने के पश्चात् रेशमी वस्त्र को गेहूँ का मावा दो ताकि इसकी प्राकृतिक ऐंठन कायम रखी जा सके।
  3. इन वस्त्रों को हमेशा छांव में सुखाएं। आधे सूखे वस्त्रों को इस्तरी करने के लिए उतार लो।

प्रश्न 11.
सूती, ऊनी और रेशमी वस्त्रों को इस्त्री करने में क्या अन्तर है?
उत्तर-
सूती वस्त्रों की प्रैस-सूखे वस्त्रों पर पानी छिड़ककर इन्हें नम कर लिया जाता है तथा कुछ समय के लिए लपेट कर रख दिया जाता है ताकि वस्त्र एक जैसे नम हो जाएं। जब प्रैस अच्छी तरह गर्म हो जाये तो वस्त्र के उल्टे तरफ पहले सिलाइयां, प्लीट, उलेड़ियों वाले फट्टे आदि प्रैस करो। वस्त्र की सीधी तरफ वस्त्र की लम्बाई की ओर प्रैस करो । कालर, कफ, बाजू आदि को पहले इस्तरी करो । प्रेस करने के पश्चात् वस्त्रों को तह लगा कर रख दें अथवा हैंगर पर टांग दें।
ऊनी वस्त्र की प्रेस-ऊनी वस्त्र पर प्रैस सीधी सम्पर्क में नहीं लाई जाती, इससे ऊनी रेशे जल जाते हैं। मलमल के एक सफ़ेद वस्त्र को गीला करके ऊनी वस्त्र पर बिछायो तथा हल्की गर्म प्रैस से उसको प्रैस करो। एक स्थान पर प्रैस 3-4 सैकिण्ड से अधिक न रखो। प्रैस करने के पश्चात् वस्त्र की तह लगा दो।
रेशमी वस्त्रों की इस्त्री-वस्त्रों को नम तौलिए में लपेटकर नम कर लो। पानी का छींटा देने से दाग पड़ सकते हैं। हल्की गर्म इस्त्री से इस्त्री करो । इस्तरी करने के पश्चात् यदि वस्त्र नम हों तो इन्हें सुखा लो तथा सूखने के बाद ही सम्भालो।

PSEB 9th Class Home Science Solutions Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 12.
वस्त्र धोने से पूर्व क्या-क्या तैयारी करनी चाहिए? सूती वस्त्रों की धुलाई कैसे की जाती है?
उत्तर-
सूती वस्त्रों की प्रैस-सूखे वस्त्रों पर पानी छिड़ककर इन्हें नम कर लिया जाता है तथा कुछ समय के लिए लपेट कर रख दिया जाता है ताकि वस्त्र एक जैसे नम हो जाएं। जब प्रैस अच्छी तरह गर्म हो जाये तो वस्त्र के उल्टे तरफ पहले सिलाइयां, प्लीट, उलेड़ियों वाले फट्टे आदि प्रैस करो। वस्त्र की सीधी तरफ वस्त्र की लम्बाई की ओर प्रैस करो । कालर, कफ, बाजू आदि को पहले इस्तरी करो । प्रेस करने के पश्चात् वस्त्रों को तह लगा कर रख दें अथवा हैंगर पर टांग दें।
ऊनी वस्त्र की प्रेस-ऊनी वस्त्र पर प्रैस सीधी सम्पर्क में नहीं लाई जाती, इससे ऊनी रेशे जल जाते हैं। मलमल के एक सफ़ेद वस्त्र को गीला करके ऊनी वस्त्र पर बिछायो तथा हल्की गर्म प्रैस से उसको प्रैस करो। एक स्थान पर प्रैस 3-4 सैकिण्ड से अधिक न रखो। प्रैस करने के पश्चात् वस्त्र की तह लगा दो।
रेशमी वस्त्रों की इस्त्री-वस्त्रों को नम तौलिए में लपेटकर नम कर लो। पानी का छींटा देने से दाग पड़ सकते हैं। हल्की गर्म इस्त्री से इस्त्री करो । इस्तरी करने के पश्चात् यदि वस्त्र नम हों तो इन्हें सुखा लो तथा सूखने के बाद ही सम्भालो।

प्रश्न 13.
सूती और ऊनी वस्त्रों की धुलाई कैसे की जाती है? इन्हें धोते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
उत्तर-
सूती वस्त्रों की प्रैस-सूखे वस्त्रों पर पानी छिड़ककर इन्हें नम कर लिया जाता है तथा कुछ समय के लिए लपेट कर रख दिया जाता है ताकि वस्त्र एक जैसे नम हो जाएं। जब प्रैस अच्छी तरह गर्म हो जाये तो वस्त्र के उल्टे तरफ पहले सिलाइयां, प्लीट, उलेड़ियों वाले फट्टे आदि प्रैस करो। वस्त्र की सीधी तरफ वस्त्र की लम्बाई की ओर प्रैस करो । कालर, कफ, बाजू आदि को पहले इस्तरी करो । प्रेस करने के पश्चात् वस्त्रों को तह लगा कर रख दें अथवा हैंगर पर टांग दें।
ऊनी वस्त्र की प्रेस-ऊनी वस्त्र पर प्रैस सीधी सम्पर्क में नहीं लाई जाती, इससे ऊनी रेशे जल जाते हैं। मलमल के एक सफ़ेद वस्त्र को गीला करके ऊनी वस्त्र पर बिछायो तथा हल्की गर्म प्रैस से उसको प्रैस करो। एक स्थान पर प्रैस 3-4 सैकिण्ड से अधिक न रखो। प्रैस करने के पश्चात् वस्त्र की तह लगा दो।
रेशमी वस्त्रों की इस्त्री-वस्त्रों को नम तौलिए में लपेटकर नम कर लो। पानी का छींटा देने से दाग पड़ सकते हैं। हल्की गर्म इस्त्री से इस्त्री करो । इस्तरी करने के पश्चात् यदि वस्त्र नम हों तो इन्हें सुखा लो तथा सूखने के बाद ही सम्भालो।

Home Science Guide for Class 9 PSEB वस्त्रों की धुलाई Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

रिक्त स्थान भरें

  1. ……………….. वस्त्रों को सीधा प्रैस के सम्पर्क में न लाएं।
  2. ………………. रेशे गर्म पानी में डालने से जुड़ जाते हैं।
  3. जुकाम वाले रूमाल को ……………….. मिले पानी में भिगोना चाहिए।
  4. सिल्क के वस्त्रों को …………………. में सुखाना चाहिए।

उत्तर-

  1. ऊनी,
  2. ऊनी,
  3. नमक,
  4. छाया।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
वस्त्रों को कलफ देने से क्या होता है?
उत्तर-
अकड़ाव आ जाता है।

प्रश्न 2.
ऊनी वस्त्र को कैसे नहीं सुखाना चाहिए?
उत्तर-
लटका कर।।

प्रश्न 3.
पहले कौन-से वस्त्र धोने चाहिए?
उत्तर-
सफेद।

ठीक/ग़लत बताएं

  1. सफ़ेद कपड़े पहले धोने चाहिए।
  2. ऊनी कपड़ों को लटका कर नहीं सूखाना चाहिए।
  3. सूती कपड़ों को पानी का छींटा देकर प्रेस करें।
  4. भिगोने से ऊनी कपड़े मज़बूत हो जाते हैं।
  5. रेशमी कपड़ों को धूप में ही सुखाना चाहिए।

उत्तर-

  1. ठीक,
  2. ठीक,
  3. ठीक,
  4. ग़लत,
  5. ग़लत।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ठीक तथ्य हैं-
(A) कपड़े घर में तथा लांडरी में धुलाए जा सकते हैं
(B) ऊनी कपड़ों को सीधा प्रैस के सम्पर्क में न लाएं
(C) अधिक मैले कपड़ों को सदा अन्त में धोएं।
(D) सभी ठीक।
उत्तर-
(D) सभी ठीक।

प्रश्न 2.
ठीक तथ्य नहीं हैं
(A) धोने से पहले कपड़ों की मुरम्मत कर लेनी चाहिए
(B) ऊनी स्वैटर को तार पर लटका कर सुखाएं
(C) रेशमी कपड़ों को छांव में सुखाएं
(D) ऊनी कपड़ों को रीठा, शिकाकाई, जैनटिल आदि से धोना चाहिए।
उत्तर-
(B) ऊनी स्वैटर को तार पर लटका कर सुखाएं

वस्त्रों की धुलाई PSEB 9th Class Home Science Notes

  • वस्त्रों की अच्छी धुलाई से वस्त्र नये जैसे तथा स्वच्छ हो जाते हैं।
  • वस्त्र घर में अथवा लाऊण्डरी में धुलाए जा सकते हैं।
  • वस्त्र धोने से पहले इनकी मरम्मत, छंटाई तथा दाग़ उतारने का काम कर लेना चाहिए।
  • वस्त्रों की छंटाई रेशों, रंग, आकार तथा गन्दगी के अनुसार करनी चाहिए।
  • सूती वस्त्र पानी में भिगोने पर मज़बूत हो जाते हैं जबकि ऊनी तथा रेशमी वस्त्र पानी में भिगो कर रखने पर कमजोर हो जाते हैं।
  • सूती वस्त्रों को कीटाणु रहित करने के लिए उबलते पानी में 10-15 मिनट के लिए रखना चाहिए।
  • सफ़ेद वस्त्र पहले धोने चाहिएं।
  • सूती वस्त्रों को पानी का छींटा देकर प्रैस करो ।
  • ऊनी, रेशमी वस्त्रों को रीठा, शिकाकाई, जैंटील आदि से धोना चाहिए।
  • ऊनी वस्त्रों को लटका कर नहीं सुखाना चाहिए।
  • ऊनी वस्त्रों को सीधा प्रैस के सम्पर्क में न लायें।
  • रेशमी/ सिल्क के वस्त्र को पानी छिड़क कर नम न करो बल्कि किसी नम तौलिए में लपेटकर नम करो तथा प्रैस करो ।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 6 मधु-मक्खी पालन

Punjab State Board PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Chapter 6 मधु-मक्खी पालन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Agriculture Chapter 6 मधु-मक्खी पालन

PSEB 8th Class Agriculture Guide मधु-मक्खी पालन Textbook Questions and Answers

(अ) एक-दो शब्दों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
मधु-मक्खी की दो पालतू किस्मों के नाम बताएँ।
उत्तर-
हिन्दुस्तानी मक्खी, यूरोपियन मक्खी।

प्रश्न 2.
मधु-मक्खी की कितनी टांगें होती हैं ?
उत्तर–
तीन जोड़ी टांगें।

प्रश्न 3.
मधु-मक्खी की दो जंगली प्रकारों के नाम बताएँ।
उत्तर-
डूमना तथा छोटी मक्खी।

प्रश्न 4.
पंजाब में मधु-मक्खी पालने का उचित समय कौन-सा है?
उत्तर-
फरवरी-मार्च तथा नवम्बर।।

प्रश्न 5.
नर मक्खियों का और कौन-सा नाम प्रचलित है?
उत्तर-
ड्रोन मक्खी

प्रश्न 6.
क्या पंजाब में मधु-मक्खी पालने के लिए कोई शुल्क देना पड़ता है ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 7.
अतिरिक्त लाभ के लिए कितने छत्ते मधुमक्खियों के प्रति कुटुम्ब के साथ व्यवसाय आरम्भ किया जाना चाहिए?
उत्तर-
आठ फ्रेम मक्खी के साथ।

प्रश्न 8.
मधु मक्खियां पक्के हुए मधु (शहद) को किस पदार्थ से बन्द (सील) करती हैं ?
उत्तर-
मोम के साथ।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 6 मधु-मक्खी पालन

प्रश्न 9.
कुटुम्ब की रानी मक्खी को कितने समय बाद नई रानी से बदल देना चाहिए?
उत्तर-
प्रत्येक वर्ष के बाद।

प्रश्न 10.
कर्मी मक्खियां नर होती हैं या मादा ?
उत्तर-
मादा मक्खियां।

(आ) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
डूमना मक्खियां अपने छत्ते कहां लगाती हैं ?
उत्तर-
डूमना मक्खी अपने छत्ते पानी वाली टंकियों, चट्टानों, वृक्षों की शाखाओं, ऊँची इमारतों के बनेरों या सीढ़ियों के नीचे बनाती हैं।

प्रश्न 2.
नई व पुरानी रानी मक्खी की क्या पहचान है?
उत्तर-
नई रानी मक्खी गठीले शरीर वाली, सुनहरी भूरे रंग की, चमकीली तथा लम्बे पेट वाली होती है।
पुरानी रानी मक्खी का रंग गहरा भूरा तथा फिर काला भूरा हो जाता है।

प्रश्न 3.
मधु-मक्खी पालन का आधारभूत प्रशिक्षण कहां से लिया जा सकता है?
उत्तर-
मधु-मक्खी पालन का प्रशिक्षण पी० ए० यू० लुधियाना, कृषि विज्ञान केन्द्र या कृषि विभाग से प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
ग्रीष्म-ऋतु के आरम्भ में बक्सों को धूप से छाया में किस प्रकार ले जाया जाता है?
उत्तर-
गर्मी से बचाने के लिए कुटुम्बों को प्रतिदिन 2-3 फुट खिसका कर घनी छाया के नीचे कर देना चाहिए तथा वक्सों को हवादार होना चाहिए। पानी का भी उचित प्रबन्ध होना चाहिए।

प्रश्न 5.
मधु-मक्खी फार्म पर कुटुम्ब से कुटुम्ब तथा पंक्ति से पंक्ति कितना अन्तर होना चाहिए?
उत्तर-
कुटुम्ब से कुटुम्ब तक की दूरी 6-8 फुट तथा पंक्ति से पंक्ति की दूरी 10 फुट होनी चाहिए।

प्रश्न 6.
मधु-मक्खी कुटुम्बों में मधु के अतिरिक्त और कौन-कौन से पदार्थ प्राप्त किए जा सकते हैं?
उत्तर-
मधु-मक्खी कुटुम्बों से शहद के अलावा मोम, प्रोपोलिस, पोलन, मधु मक्खी से ज़हर तथा रायल जैली भी प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 7.
कच्चा मधु क्यों नहीं निकालना चाहिए?
उत्तर-
कच्चा मधु जल्दी ही खट्टा हो जाता है। इसलिए कच्चा मधु नहीं निकालना चाहिए।

प्रश्न 8.
मधु (शहद) को किस प्रकार छान सकते हैं?
उत्तर-
मधु (शहद) निकालने के बाद इस के ऊपर इकट्ठी हुई अशुद्धियां ; जैसे-मोम, मधु-मक्खियां तथा उनके पंख आदि को छान कर निकाल दें। मधु (शहद) को मलमल के दोहरे कपड़े या स्टील के फिल्टर द्वारा छान लिया जाता है।

प्रश्न 9.
मधु मक्खियां पालन व्यवसाय में कौन-सा सामान अत्यंत आवश्यक है?
उत्तर-
मधु-मक्खी पालन के लिए मधु मक्खियों के अलावा बक्सा फ्रेम को हिलाने के लिए पत्ती, धुआं देने के लिए स्मोकर, मोम की बुनियादी शीटों आदि की आवश्यकता होती है।
PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 6 मधु-मक्खी पालन 1

प्रश्न 10.
मधु के मण्डीकरण पर नोट लिखें।
उत्तर-
मधु की खरीद कई व्यापारी तथा निर्यातक करते हैं। मधु मक्खी पालकों के सैल्फ हैल्प ग्रुप (SHG) भी मधु के मण्डीकरण में योगदान डाल रहे हैं। मधु को भिन्न-भिन्न आकार की आकर्षक बोतलों में भर कर बेचने से भी लाभ लिया जा सकता है।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 6 मधु-मक्खी पालन

(इ) पाँच-छः वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
मधु-मक्खियों को खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-

  1. मधु की मक्खियां खरीदते समय उचित समय का ध्यान रखना चाहिए। यह काम शुरू करने के लिए पंजाब में उचित समय फरवरी से मार्च तथा नवम्बर है।
  2. नया कुटुम्ब, आठ फ्रेम मक्खी से शुरू करना चाहिए। इस से लाभ अधिक मिल जाता है।
  3. नए खरीदे कुटुम्ब में नई गर्भित रानी मक्खी, बंद तथा खुला ब्रुड, मधु तथा पराग तो होने ही चाहिएं, परन्तु ड्रोन मक्खियां तथा ड्रोन ब्रूड कम-से-कम होने चाहिएं।
  4. खरीदे गए कुटुम्बों के गेट बंद कर के इन को हमेशा देर रात या सुबह-सुबह उठा कर चुनी हुई जगह पर ले जाना चाहिए।

प्रश्न 2.
मधु-मक्खी कुटुम्बों में मधु निकालने की विधि का वर्णन करो।
उत्तर-
पंजाब में मधु निकालने के दो मुख्य समय अप्रैल-जून तथा नवम्बर होते हैं।
मधु-मक्खी पालन अप्रैल से जून के महीनों से ज़्यादा तथा बरसीम से तथा नवम्बर में कपास, अरहर तथा तोरिये के स्रोतों से निकाला जाता है। मधु निकालने का समय आ गया है इसका पता तब लगता है जब फ्रेमों के खानों में मधु को मक्खी सील बन्द कर देती हैं। यदि फ्रेम के लगभग 75 फीसदी खाने सील बन्द हों तो ऐसे फ्रेम में शहद निकाला जा सकता है। यदि मधु कच्चा निकाला जाए तो यह कुछ समय बाद खट्टा हो जाता है। फ्रेम निकालते समय फ्रेम को धीरे से झटका देकर ब्रुश के साथ मक्खियां झाड़ देनी चाहिएं। यह कार्य मक्खियां हटाने वाले रासायनिक पदार्थ या प्रैशर से हवा मारकर भी किया जा सकता है। मधु वाले फ्रेम मधु निकालने वाले कमरे में रखने चाहिएं जिसको जालीदार दरवाज़ा लगा हो। मधु निकालने के लिए हाथ तथा मशीनों का प्रयोग किया जा सकता है। फ्रेम में मधु निकालने से पहले सैलों की टोपियां तोड़नी ज़रूरी हैं। यह कार्य एक विशेष किस्म के चाकू से किया जाता है। मधु निकालने से पहले की लापरवाही मक्खियों के लिए काफ़ी नुक्सानदायक हो सकती है। मधु निकालने के बाद यह ज़रूरी है कि खाली हुए फ्रेम वापस कुटुम्ब को दिए जाएं। जिस कुटुम्ब में से जितने फ्रेम निकालने हों उतने ही उसमें ज़रूर वापस कर दें।

प्रश्न 3.
शुद्ध मधु-मोम प्राप्त करने का क्या ढंग है?
उत्तर-
मधु निकालते समय छत्ते से मोम उतार ली जाती है। इस मोम, टूटे हुए छत्ते, पुराने बेकार छत्ते या जंगली मक्खी के छत्ते आदि को गर्म पानी में डाल कर कपड़े द्वारा छान लिया जाता है। छानते समय फालतू पदार्थ इस कपड़े के ऊपर रह जाएंगे जब कि पिघली हुई मोम तथा पानी कपड़े के नीचे रखे खुले मुंह वाले बर्तन में आ जाएगी। ठण्डी हो कर मोम पानी के ऊपर टिक्की के रूप में इकट्टी हो जाएगी।

प्रश्न 4.
मधु-मक्खी पालन में अनुदान सुविधाएं कौन-सी हैं ?
उत्तर-
मधु-मक्खी के कार्य को प्रफुल्लित करने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अन्तर्गत अनुदान दिया जाता है। इस के अलावा मधु निकालने वाली मशीन, सैल टोपियां उतारने वाला चाकू, ड्रिप ट्रे अनुदान तथा मधु डालने के लिए फ्रूड ग्रेड प्लास्टिक की बाल्टियों पर भी अनुदान दिया जाता है।

प्रश्न 5.
मधु-मक्खी पालन के महत्त्व के विषय में प्रकाश डालें।
उत्तर-
मधु-मक्खी पालना एक लाभदायक तथा महत्त्वपूर्ण कृषि सहायक व्यवसाय है। इस व्यवसाय द्वारा अच्छी आय हो सकती है। इसे कोई भी स्त्री, पुरुष, विद्यार्थी मुख्य व्यवसाय या सहायक व्यवसाय के रूप में अपना सकते हैं।
इटालियन मधु मक्खियों के पालने के लिए 20 किलो तथा प्रवासी मक्खी पालन में 60 किलो मधु प्रति कुटुम्ब मिल जाता है। मधु मक्खियों से मधु के अलावा मोम, प्रोपलिस, पोलन, मधु मक्खी ज़हर तथा रायल जैली भी प्राप्त होती है। इनसे आय भी हो जाती है और रानी मक्खियां तैयार करके तथा मधु मक्खियों के कुटुम्ब बेच कर और भी आय बढ़ाई जा सकती है।
मधु मक्खियां कृषि में फसलों, फलदार पौधों तथा सब्जियों आदि का पर-परागण करके कृषि उपज तथा गुणवत्ता बढ़ाने में बहुत योगदान डालती हैं।

Agriculture Guide for Class 8 PSEB मधु-मक्खी पालन Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पुराने समय में भारत में कौन-सी मक्खी पाली जाती थी?
उत्तर-
केवल हिन्दुस्तानी मक्खी।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 6 मधु-मक्खी पालन

प्रश्न 2.
पुराने समय में मधुमक्खी पालन भारत के कौन-से राज्यों तक सीमित था?
उत्तर–
पहाड़ी तथा दक्षिणी।

प्रश्न 3.
इटालियन मधु मक्खियों के स्थाई मक्खी पालन से प्रति कुटुम्ब कितना मधु मिल जाता है?
उत्तर-
20 किलो।

प्रश्न 4.
इटालियन मधुमक्खियां हिज़रती मक्खी पालन से प्रति कुटुम्ब कितना मधु मिल जाता है?
उत्तर-
60 किलो।

प्रश्न 5.
मधु मक्खी के शरीर के कितने भाग हैं ?
उत्तर-
सिर, छाती, पेट।।

प्रश्न 6.
नर मक्खियों को क्या कहते हैं ? क्या इनमें डंक होता है ?
उत्तर-
ड्रोन मक्खी, इनमें डंक नहीं होता।

प्रश्न 7.
क्या रानी मक्खी में डंक होता है ?
उत्तर-
होता है।

प्रश्न 8.
रानी मक्खी डंक कब प्रयोग करती है ?
उत्तर-
विरोधी रानी मक्खी से लड़ाई के समय।

प्रश्न 9.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में इटालियन मक्खी को पालने का कार्य किस ने किया था ?
उत्तर-
डॉ० अटवाल जो पी० ए० यू० में प्रोफैसर थे।

प्रश्न 10.
मधु मक्खियों की एक कलोनी में कर्मी मक्खियों की संख्या कितनी हो सकती है ?
उत्तर-
8000 से 80,000 तक तथा कई बार अधिक भी हो सकती है।

प्रश्न 11.
मधु मक्खियों की सबसे बड़ी तथा गुस्से वाली किस्म कौन-सी है ?
उत्तर-
डूमना मक्खी

प्रश्न 12.
हिन्दुस्तानी मक्खी का आकार कितना होता है ?
उत्तर-
मध्यम आकार का।

प्रश्न 13.
अनगर्भित अण्डों से कौन-सी मधु मक्खियां पैदा होती हैं ?
उत्तर-
नर मक्खियां।

प्रश्न 14.
कर्मी मक्खियों की अधिक-से-अधिक आयु कितनी हो सकती है ?
उत्तर-
एक से डेढ़ माह।

प्रश्न 15.
मधु मक्खी पालन के लिए सबसे बढ़िया मौसम कौन-सा माना जाता
उत्तर-
बसंत (फरवरी-अप्रैल) का।

प्रश्न 16.
मधु की मक्खियों की मुख्य किस्मों के नाम बताओ।
उत्तर-
छोटी मक्खी, डूमना मक्खी, हिन्दुस्तानी मक्खी, इटालियन मक्खी।

प्रश्न 17.
एपीस फ्लोरिया कौन-सी मक्खी है ?
उत्तर-
छोटी मक्खी।

प्रश्न 18.
एपीस मैलीफेरा कौन-सी मक्खी है ?
उत्तर-
इटालियन मक्खी।

प्रश्न 19.
पंजाब में यूरोपियन मक्खी की कौन-सी किस्म पाली जाती है ?
उत्तर-
इटालियन मधु मक्खी।

प्रश्न 20.
रानी मक्खी की आयु कितनी होती है ?
उत्तर-
2 से 5 वर्ष।

प्रश्न 21.
नर मक्खी का क्या काम है ?
उत्तर-
रानी मक्खी से भोग करना।

प्रश्न 22.
गर्भित अण्डों से कौन-सी मक्खियां पैदा होती हैं ?
उत्तर-
कर्मी मक्खियां।

प्रश्न 23.
बक्सों का मुँह किस तरफ रखना चाहिए ?
उत्तर-
सूर्य की तरफ

प्रश्न 24.
मधु पैदा करने वाले राज्यों में पंजाब का क्या दर्जा है ?
उत्तर-
यह प्रथम पंक्तियों में है।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 6 मधु-मक्खी पालन

प्रश्न 25.
मधु मक्खियां हमारी सहायता कैसे करती हैं ?
उत्तर-
फलदार पौधों, सब्जियों तथा वृक्षों का पर-परागन करके कृषि उपज बढ़ाने में सहायता करती हैं।

प्रश्न 26.
मधु मक्खी की जंगली किस्मों के नाम बताओ।
उत्तर-
डूमना तथा छोटी मक्खी।

प्रश्न 27.
ड्रमना मक्खी अपने छत्ते कहां बनाती है ?
उत्तर-
पुरानी इमारतों के नीचे, पानी की ऊंची टंकियों के नीचे तथा वृक्षों की बड़ी शाखाओं पर।

प्रश्न 28.
छोटी मक्खी अपने छत्ते कहां बनाती है ?
उत्तर-
इमारतों के आलों (झरोखों) में, छटियों के ढेरों में, झाड़ियों में।

प्रश्न 29.
पालतू मक्खियां कौन-सी हैं ?
उत्तर-
हिन्दुस्तानी तथा इटालियन मक्खी।

प्रश्न 30.
मधु मक्खियों के एक कुटुम्ब में कितनी जातियां होती हैं ?
उत्तर-
तीन-रानी, कर्मी तथा नर मक्खियां।

प्रश्न 31.
रानी मक्खी कैसी होती है ?
उत्तर-
यह सबसे लम्बी, हल्के, भूरे रंग की तथा चमकदार होती है।

प्रश्न 32.
कर्मी तथा नर मक्खी के पेट की बनावट में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
कर्मी मक्खी का पेट पिछली तरफ से तिकोना परन्तु नर मक्खी का गोलाई वाला होता है।

प्रश्न 33.
कौन-सी फसलें मधु मक्खियों के लिए लाभदायक हैं ?
उत्तर-
शीशम, खैर, लीची, बेर, आड़, कद्दू जाति की फसलें आदि।

प्रश्न 34.
मक्खियां पालने का दूसरा अच्छा मौसम कौन-सा है ?
उत्तर-
अक्तूबर-नवम्बर (पतझड़ ऋतु)।।

प्रश्न 35.
कौन-से मौसम में मधु मक्खियों के काम करने की रफ्तार में कमी आ जाती है ?
उत्तर-
सर्दी ऋतु (दिसम्बर से जनवरी) में।

प्रश्न 36.
मधु मक्खियों के नजदीक साफ पानी का प्रबंध क्यों होना चाहिए ?
उत्तर-
मक्खियां पानी का प्रयोग छत्ते को ठण्डा करने के लिए करती हैं।

प्रश्न 37.
बक्से से बक्से में कितनी दूरी होनी चाहिए ?
उत्तर-
10 फुट।

प्रश्न 38.
प्रोपलिस क्या होता है ?
उत्तर-
मधु गोंद।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
रानी मक्खी के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
रानी मक्खी अण्डे देने का कार्य करती है तथा कुटुम्ब के प्रबन्ध की जिम्मेदारी भी इसके सिर पर होती है। रानी मक्खी एक दिन में 1500 से 2000 तक अण्डे दे सकती है। रानी मक्खी कई वर्षों तक जीवित रह सकती है, परन्तु अण्डे देने की इसकी समर्था पहले वर्ष के बाद कम होना शुरू हो जाती है। यह कुटुम्ब में सबसे लम्बी, हल्के रंग की तथा चमकीली होती है। इसके पंख पेट के पिछले भाग को पूरा ढकते हैं। छत्ते में रानी मक्खी बहुत भटकीली चाल से चलती-फिरती आसानी से देखी जा सकती है।

प्रश्न 2.
इटालियन मक्खी, मधु मक्खियों की अन्य किस्मों से श्रेष्ठ कैसे है ?
उत्तर-
इसका मधु अधिक होता है तथा इसका स्वभाव शांत होता है।

प्रश्न 3.
मक्खी फार्म पर धूप-छाया के उचित प्रबंध के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
सर्दी में धूप तथा गर्मी में छाया का प्रबंध करने के लिए पतझड़ वाले पौधे लगाने चाहिएं।

प्रश्न 4.
मधु की मक्खी के जीवन चक्र की चार अवस्थाएं कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर-
अण्डा, लारवा (सुंडी), प्यूपा तथा पूरी मक्खी।

प्रश्न 5.
रानी की आयु तथा इसको बदल देने पर टिप्पणी करें।
उत्तर-
रानी मक्खी की आयु 2 से 5 वर्ष तक की होती है परन्तु अधिक मधु प्राप्त करने के लिए प्रत्येक वर्ष रानी मक्खी बदल लेनी चाहिए।

प्रश्न 6.
कर्मी मक्खी की आयु के बारे में टिप्पणी करें।
उत्तर-
कर्मी मक्खी की आयु साधारणतः एक से डेढ माह होती है, परन्तु सर्दियों में छ: माह भी हो सकती है।

प्रश्न 7.
नर मक्खी की शारीरिक बनावट का विवरण दो ?
उत्तर-
ये कर्मी मक्खियों से मोटे और काले होते हैं। इनकी आँखें दोनों तरफ से सिर के ऊपर बीच में आकर जुड़ी होती हैं। इसका पेट गोलाई में होता है और इसके ऊपर लूई भी होती है।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 6 मधु-मक्खी पालन

प्रश्न 8.
मधु की मक्खियां पालने के लिए किस सामान की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
मधु की मक्खियां और बक्से, घूमने वाली जाली, दस्ताने, मक्खी ब्रुश, धुआँ यन्त्र, रानी के लिए जाली पर्दा, रानी पिंजरा, रानी कोष का कवच, चाश्नी बर्तन, मक्खियां निकालने का यन्त्र, मधु निकालने वाली मशीन, टोपी उतारने वाला चाकू आदि।

प्रश्न 9.
मधु का मानव के लिए क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
मधु एक अच्छा भोजन है। हमें प्रतिदिन 50 ग्राम मधु खाना चाहिए। मधु में मीठा, खनिज पदार्थ और विटामिन आदि होते हैं। इसमें कई एंटीबायोटिक दवाइयां भी होती हैं। इसके प्रयोग से खांसी और बलगम से राहत मिलती है। यह आँखों और मस्तिष्क के लिए भी अच्छी खुराक है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मधु की मक्खियां कितने किस्म की होती हैं ? इनके आकार और स्वभाव की तुलना करो ?
उत्तर-
मधु की मक्खियां चार किस्म की होती हैं। छोटी मक्खी, डूमना मक्खी, हिन्दुस्तानी मक्खी, यूरोपियन मक्खी।
डूमना मक्खी सबसे बड़ी और बहुत गुस्से वाली होती है। छोटी मक्खी सबसे छोटी होती है। डूमना और छोटी मक्खी दोनों जंगली किस्में हैं।
हिन्दुस्तानी और यूरोपियन मक्खियां पालतू और मध्यम आकार की होती हैं। यूरोपियन मक्खी सबसे अधिक अच्छी होती है।

प्रश्न 2.
मधु की मक्खी के जीवन चक्र और कुटुम्ब की योजना के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
मधु की मक्खी के जीवन चक्र की परिस्थितियां हैं-अण्डा, लारवा (सुंडी), प्यूपा और पूरी मक्खी। अण्डे से पूरी मक्खी बनने के लिए रानी मक्खी को 16, कर्मी और नर मक्खी को 24 दिन का समय लगता है।
Class 8 Agriculture Solutions Chapter 6 मधु-मक्खी पालन 2
मधु की मक्खियां अलग-अलग परिवारों में रहती हैं। मक्खियों के परिवारों में तीन जातियां होती हैं। रानी, कर्मी और नर (ड्रोन) मक्खियां। रानी एक होती है। कर्मी मक्खियां हज़ारों की गिनती में और नर सैंकड़ों की गिनती में होते हैं। मक्खियां मिल कर छत्ता बनाती हैं, बच्चों की बड़ी लगन और मेहनत से देखभाल करती हैं, और छत्ते की भलाई के लिए बांट कर काम करती हैं और आपस में तालमेल और बांट कर काम करने की क्षमता रखती

प्रश्न 3.
एक कुटुम्ब में कितनी कर्मी मक्खियां होती हैं ? इनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों का वर्णन करो ?
उत्तर-
एक कुटुम्ब में किस्म और क्षमता के अनुसार 8,000 से लेकर 80,000 तक या अधिक कर्मी मक्खियां हो सकती हैं। ये अण्डे नहीं देतीं लेकिन अन्य सभी काम जैसे कि बक्से को साफ़ सुथरा रखना आयु के अनुसार ब्रूड पालना, छत्ते बनाना, काम करके आई मक्खियों से पोलन और नैक्टर लेकर कोष्ठों में भरना, कुटुम्ब की रखवाली करना, अधिक पानी को उड़ा कर मधु में बदलना, रानी मक्खी को खुराक देना आदि। जब कर्मी मक्खियां तीन सप्ताह के बाद अधिक आयु की हो जाती हैं तब वह छत्ते से बाहर के काम जैसे नैक्टर, पोलन, पानी आदि लाने और नई जगह बनाने के लिए उचित स्थान चुनने का काम करती हैं।

प्रश्न 4.
मधु की मक्खियां पालने का व्यवसाय आरम्भ करने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
मधु की मक्खियां पालने का धन्धा आरम्भ करने से पहले नीचे लिखी बातों को ध्यान में रखो

  1. इस धन्धे में प्रारम्भिक लिखित और हाथों के द्वारा काम करने की जानकारी पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना से प्राप्त करें।
  2. मधु मक्खियों को पालने के लिए बसन्त (फरवरी-अप्रैल) का समय अच्छा होता है इसलिए धन्धा इन दिनों में शुरू करें।
  3. मक्खियां पालने के लिए ऐसे स्थान का चुनाव करें जहां सारा वर्ष कोई-न-कोई फूल मिल जाते हों।
  4. धूप-छाया का सही प्रबन्ध करने के लिए पतझड़ वाले पेड़ लगाएं।
  5. रानी मक्खी नई और गर्भवती होनी चाहिए।
  6. बक्सों के निकट साफ़ पानी का प्रबन्ध करें।
  7. बक्सों को 8-8 फुट की दूरी पर सूर्य की तरफ मुंह करके रखो।

ठीक/गलत

  1. श्रमिक मक्खी का जीवन चक्र 21 दिन का है।
  2. डूमना मक्खी तथा छोटी मक्खी जंगली किस्म है।
  3. डूमना मक्खी का स्वभाव शांत होता है।

उत्तर-

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
मक्खी की पालतु किस्म है—
(क) हिन्दुस्तानी
(ख) डूमना
(ग) छोटी
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) हिन्दुस्तानी

प्रश्न 2.
ड्रोन मक्खी कितने दिनों में जीवन चक्र पूरा करती है ?
(क) 24
(ख) 15
(ग) 10
(घ) 50
उत्तर-
(क) 24

प्रश्न 3.
मधु मक्खी की किस्में हैं—
(क) रानी मक्खी
(ख) श्रमिक मक्खी
(ग) ड्रोन मक्खी
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 6 मधु-मक्खी पालन

रिक्त स्थान भरें

  1. कच्चा शहद जल्दी ही ………….. हो जाता है।
  2. शहद की मक्खी के शरीर के …………. भाग हैं।
  3. नर मक्खियों को …………… मक्खी भी कहा जाता है।

उत्तर-

  1. खट्टा
  2. तीन
  3. ड्रोन

मधु-मक्खी पालन PSEB 8th Class Agriculture Notes

  • भारत में पुराने समय से ही मधु-मक्खियों को पालने का कार्य किया जा रहा है।
  • पुराने समय में भारत में हिन्दुस्तानी मक्खी पाली जाती थी जो केवल पहाड़ी तथा दक्षिणी राज्यों तक ही सीमित था।
  • वर्ष 1965 में डॉ० अवतार सिंह अटवाल की अगुवाई में पी० ए० यू० लुधियाना द्वारा इटालियन मधु मक्खी पालन का कार्य सफलतापूर्वक शुरू किया गया।
  • इटालियन मधु मक्खियों के स्थायी मक्खी पालन में 20 किलो तथा प्रवासी मक्खी पालन में 60 किलो मधु प्रति कुटुम्ब प्राप्त हो जाता है।
  • मधुमक्खियों से मोम, प्रोपोलिस, पोलन, मक्खी दूध (रायल जैली) और मक्खी ज़हर (वी वैनम) भी मिलते हैं।
  • मधु मक्खी के शरीर के तीन भाग होते हैं-सिर, छाती तथा पेट।
  • मधु मक्खियां चार किस्मों की होती हैं । डूमना (एपिसडोरसेटा), छोटी मक्खी (एपिस फ्लोरिया), हिन्दुस्तानी मक्खी (एपिस सिराना इण्डिका) और यूरोपियन मक्खी (एपिस मैलीफेरा)।
  • डूमना और छोटी मक्खी दोनों किस्में जंगली हैं।
  • हिन्दुस्तानी तथा यूरोपियन मक्खी पालतू किस्म की है।
  • डूमना मक्खी गुस्से वाली होती है।
  • हिन्दुस्तानी मक्खी तथा यूरोपियन मक्खी को बक्से में पाला जाता है।
  • मधु मक्खी की तीन जातियाँ हैं-रानी मक्खी, कर्मी मक्खी, ड्रोन मक्खी।
  • मधु मक्खी के जीवन चक्र की चार अवस्थाएं हैं-अण्डा, लारवा, प्यूपा, मक्खी।
  • रानी मक्खी का जीवन चक्र 16, कर्मी का 21 और नर मक्खी (ड्रोन) का 24 दिनों में पूरा हो जाता है।
  • एक कुटुम्ब में 8000 से 80,000 तक कर्मी मक्खियां होती हैं।
  • ज़्यादा शहद इकट्ठा करने के मुख्य स्रोत हैं—बारसीम, तोरिया, सरसों, अरहर, सफैदा, टाहली, नाशपाती, कपास आदि।
  • मधु मक्खियां पालन शुरू करने के लिए उपयुक्त समय फरवरी-मार्च तथा नवम्बर है।
  • मधु मक्खियां पके हुए शहद को मोम की तह से सील कर देती हैं।
  • कच्चा शहद नहीं निकालना चाहिए, सील किया हुआ शहद ही निकालना चाहिए।
  • मधु मक्खी के व्यवसाय को प्रफुल्लित करने के लिए सरकार की तरफ से राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अन्तर्गत अनुदान दिया जा रहा है।
  • मधु मक्खी पालन के लिए मधु मक्खियों के अलावा, मधु मक्खियों का बक्सा, फ्रेम को हिलाने के लिए पत्ती, धुआं देने के लिए स्मोकर, मोम की शीटों की आवश्यकता होती है।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 10 फलों एवम् सब्जियों का प्रबन्धन

Punjab State Board PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Chapter 10 फलों एवम् सब्जियों का प्रबन्धन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Agriculture Chapter 10 फलों एवम् सब्जियों का प्रबन्धन

PSEB 8th Class Agriculture Guide फलों एवम् सब्जियों का प्रबन्धन Textbook Questions and Answers

(अ) एक-दो शब्दों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
फल एवम् सब्जियों की सघनता किस यंत्र से मापी जाती है ?
उत्तर-
सघनता नापने के लिए यंत्र पैनटरोमीटर है।

प्रश्न 2.
रिफरैक्ट्रोमीटर यंत्र किस मापदंड को मापने के लिए प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
मिठास की मात्रा का पता लगाने के लिए।

प्रश्न 3.
कितने प्रतिशत फलों की पैदावार मण्डियों में पहुंचने से पहले ही खराब (नष्ट) हो जाती है ?
उत्तर-
25-30%.

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 10 भूमि एवम् भूमि सुधार PSEB 8th Class Agriculture Notes

प्रश्न 4.
मोम की पर्त किस फल पर चढ़ाना लाभदायक है ?
उत्तर-
नींबू जाति के फल (किन्नू), सेब और नाशपत्ती।

प्रश्न 5.
शीत भंडारण करने के लिए आलू, किन्नू को कितने तापमान की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
आलू के लिए 1 से 2 डिग्री सेंटीग्रेड और किन्नू के लिए 4 से 6 डिग्री सैंटीग्रेड।

प्रश्न 6.
प्याज़ को शीत भंडारण के लिए कितनी नमी की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
65-70%.

प्रश्न 7.
किन फलों में मिठास/खट्टास अनुपात के आधार पर पकने की अवस्था को पहचाना जाता है ?
उत्तर-
अंगूर और नींबू जाति के फल, जैसे-संगतरा, किन्न आदि।

प्रश्न 8.
उपज की ढोआ-ढुलाई समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
ट्रक की ज़मीन पर पराली की मोटी पर्त बिछानी चाहिए। उपज के ऊपर किसी तरह का भार नहीं डालना चाहिए।

प्रश्न 9.
फलों को पकाने के लिए प्रयुक्त होने वाले हानिकारक रसायनों के क्या नाम है ?
उत्तर-
कैल्शियम कार्बायड।

प्रश्न 10.
फलों को पकाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रमाणीकृत पद्धति का नाम लिखें।
उत्तर-
इथीलीन गैस के साथ पकाना।

(आ) एक-दो वाक्य में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
फल एवम् सब्जियों की श्रेणीकरण किस आधार पर की जाती है ?
उत्तर-
श्रेणीकरण प्रचलित मण्डियों की आवश्यकता अनुसार की जाती है। फलों तथा सब्जियों की श्रेणीकरण आकार, भार, रंग आदि के अनुसार की जाती है। इस तरह लाभ अधिक लिया जाता है।

प्रश्न 2.
उपज को तोड़ने के उपरांत एकदम ठण्डा क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
उपज को तोड़ने के उपरांत अच्छी तरह ठण्डा करने से इसकी आयु में वृद्धि होती है। उपज को ठण्डे पानी, ठण्डी हवा से ठण्डा किया जाता है।

प्रश्न 3.
फल एवम् सब्जियों के भण्डारण के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
जब फसल की आमद अधिक होती है तो आय कम होती है। इसलिए फसल को स्टोर करने के बाद में बेचने पर बहुत लाभ लिया जा सकता है।

प्रश्न 4.
पेनट्रोमीटर एवम् रिफरैक्ट्रोमीटर किस काम आते हैं?
उत्तर-
फल की सघनता मापने वाला यन्त्र पेनट्रोमीटर होता है तथा रिफरैक्ट्रोमीटर नाम का यन्त्र फल की मिठास की मात्रा को मालूम करने के लिए होता है।

प्रश्न 5.
व्यापारिक स्तर पर फल व सब्जियों को श्रेणीबद्ध किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर-
व्यापारिक स्तर पर फलों और सब्जियों का आकार और भार नापने के लिए मशीनरी का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 6.
उपज को तुड़वाई के पश्चात् ठण्डा करना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
उपज को तुड़वाई के बाद इसको अच्छी तरह ठण्डा करना चाहिए। इससे उपज की आयु में वृद्धि होती है। उपज के अनुसार इसको ठण्डे पानी या ठण्डी हवा से ठण्डा किया जाता है।

प्रश्न 7.
फलों एवम् सब्जियों का श्रेणीकरण किस आधार पर किया जा सकता
उत्तर-
श्रेणीकरण प्रचलित मण्डियों की आवश्यकता अनुसार की जाती है। फलों तथा सब्जियों की श्रेणीकरण आकार, भार, रंग आदि के अनुसार की जाती है। इस तरह लाभ अधिक लिया जाता है।

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प्रश्न 8.
किन फलों को इथीलीन गैस से पकाया जा सकता है ?
उत्तर-
इथलीन गैस से फलों को पकाना व्यापारिक स्तर पर पकाने की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त तकनीक है। इससे कई फलों को पकाया जाता है। जैसे-केला, नाशपाती, टमाटर आदि।

प्रश्न 9.
टमाटर को तोड़ने के लिए कौन-से मापदण्ड प्रयोग किए जाते हैं ?
उत्तर-
इस काम के लिए रंग चार्ट का प्रयोग किया जाता है। नज़दीक की मण्डी के लिए टमाटर लाल पके हुए, मध्यम दूरी वाली मण्डी के लिए गुलाबी रंग के, दूर वाली मण्डी के लिए पूरे आकार के परन्तु हरे रंग से पीले रंग में बदलना शुरू होने पर ही तोड़ने चाहिए।

प्रश्न 10.
अधिक महंगी उपजों के लिए किन डिब्बों का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
अधिक महंगी उपज जैसे-सेब, आम, अंगूर, किन्नू, आड़, लीची, अलूचा, आदि को गत्ते के डिब्बे में पैक किया जाता है।

(इ) पाँच-छः वाक्यों में उत्तर दें—

प्रश्न 1.
मोम चढ़ाने से क्या अभिप्राय है ? इसका क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
तुड़वाई के बाद संभालने तथा मण्डीकरण दौरान उपज में से पानी उड़ता है। इसका प्रभाव यह होता है कि फसलों की प्राकृतिक चमक तथा गुणवत्ता कम होती है। इसको कम करने के लिए उपज पर मोम चढ़ाई जाती है। फल जैसे कि नींबू जाति के फल, किन्नू, आड़, सेब, नाशपाती आदि तथा सब्जियां-जैसे कि बैंगन, शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा आदि पर तुड़वाई के बाद मोम चढ़ाना एक आम प्रक्रिया है। इन फसलों की दर्जाबंदी, धुलाई या अन्य कोई संभाल करते समय प्राकृतिक मोम उतर जाती है। इसके स्थान पर भोजन दर्जा मोम चढ़ाई जाती है। इसके साथ तुडाई के बाद संभाल तथा मण्डीकरण के समय उपज में से पानी कम उड़ता है।
मोम चढ़ाने के बाद इसको अच्छी तरह सुखा लें। भोजन दर्जा मोम जो कि भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हैं वो हैं-शैलाक मोम, कारनौब मोम, मधुमक्खी के छत्तों से निकाला मोम।

प्रश्न 2.
इथीलीन गैस से फल पकाने के विषय में संक्षेप नोट लिखें।
उत्तर-
फलों को व्यापारिक स्तर पर पकाने के लिए इथलीन गैस से पकाना एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त तकनीक है। इस तकनीक में फलों को 100-150 पी०पी०एम० इथलीन की मात्रा वाले कमरे में 24 घण्टे के लिए रखा जाता है। इस तरह पकाई क्रिया शुरू हो जाती है। इस तकनीक की सफलता के लिए तापमान 15 से 25° सैल्सियस तथा नमी की मात्रा 90-95% होनी चाहिए। इथलीन गैस को पैदा करने के लिए इथलीन जनरेटर का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 3.
सरिक एवम् कलिंग फिल्म के प्रयोग पर नोट लिखें।
उत्तर-
फल तथा सब्जियों को एक विशेष तरह की ट्रे में डालकर ट्रे को सरिक तथा
Class 8 Agriculture Solutions Chapter 10 फलों एवम् सब्जियों का प्रबन्धन 1im 1
चित्र-सरिक फिल्म पैक करने वाली मशीन
कलिंग चढ़ा कर पैक कर दिया जाता है। इस तरह फल तथा सब्जियां पूरी तरह नज़र आती रहती हैं तथा इनकी गुणवता भी बनी रहती है। महंगे फल तथा सब्जियों जैसे कि किन्नू, टमाटर, बीज रहित खीरा आदि को इसी तरह पैक करके मण्डीकरण किया जाता है। इस तरह अधिक कमाई की जा सकती है।

प्रश्न 4.
गत्तों के डिब्बों में फल और सब्जियों को पैक करने का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
फलों तथा सब्जियों की ढुलाई में सुरक्षित रखने के लिए डिब्बाबंदी बहुत लाभदायक रहती है। इस काम के लिए लकड़ी, बांस तथा गत्ते आदि में डिब्बाबंदी की जाती है।
Class 8 Agriculture Solutions Chapter 10 फलों एवम् सब्जियों का प्रबन्धन 2im 2
चित्र-पैकिंग के लिए गत्ते के डिब्बों का प्रयोग महंगे उत्पादों, जैसे-सेब, आम, अंगूर, किन्नू, लीची, अलूचा, आड़ आदि को गत्ते के डिब्बों में बंद करके दूर की मण्डियों में सुरक्षित ढंग से भेजा जाता है तथा अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 5.
फल एवम् सब्जियों की तुड़वाई समय किन बातों की ओर ध्यान देना चाहिए ?
उत्तर-

  1. फलों तथा सब्जियों की तुड़ाई इस तरह करो कि हानि कम से कम हो।
  2. नम्रता से तोड़ने, खोदने तथा हाथ से निकालने से फसल को कम हानि होती है।
  3. तुड़वाई के समय दोनों तरफ से खुले मुंह वाले कपड़े की झोलियों का प्रयोग करना चाहिए।
  4. फलों को तोड़ने के लिए कलिप, चाकू और कैंची आदि का प्रयोग किया जाता है। ध्यान रखें कि क्लीपर तथा चाकू सदा साफ तथा तीखी धार वाले हों।
  5. किन्नू जैसे फल की डंडी को जितना हो सके फल के पास से ही काटना चाहिए। यदि डंडी लम्बी होगी तो ढुलाई दौरान यह साथ वाले फलों में चुभ कर जख्मी कर देती
  6. तीन पैरों वाली सीढ़ी से किन्नू, नाख, आड़, अलूचा, बेर, आम आदि की तुड़ाई करने से तुड़ाई करते समय यदि शाख टूट भी जाए तो हानि नहीं होती तथा ऊंचाई पर लगे फल तोड़ने आसान हो जाते हैं।
  7. तुड़वाई के समय फल को खींच कर नहीं तोड़ना चाहिए, इस तरह फल ऊपर डंडी वाली जगह पर ज़ख्म हो जाता है और फसल को कई तरह की बीमारियाँ लग सकती हैं।
  8. मज़दूरों को फलों और सब्जियों को तोड़ने के मापदण्डों के बारे जानकारी ज़रूर देनी चाहिए।

Agriculture Guide for Class 8 PSEB फलों एवम् सब्जियों का प्रबन्धन Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय मैडीकल खोज संस्था के अनुसार प्रति व्यक्ति को हर रोज़ कितने फल और सब्जियां खानी चाहिए ?
उत्तर-
300 ग्राम सब्जियां और 80 ग्राम फल।

PSEB 8th Class Agriculture Solutions Chapter 10 भूमि एवम् भूमि सुधार PSEB 8th Class Agriculture Notes

प्रश्न 2.
भारत में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन कितने फल और सब्जियां हिस्से आते हैं ?
उत्तर-
30 ग्राम फल और 80 ग्राम सब्जियां।

प्रश्न 3.
टमाटर, आम, आड़ आदि तुड़वाई योग्य अवस्था में पहुंच गया है। किसकी सहायता के साथ पता लगाया जा सकता है ?
उत्तर-
रंग चार्ट की।

प्रश्न 4.
आड़ के पकने के मापदण्ड के बारे में बताओ।
उत्तर-
हरे रंग से पीला होना।

प्रश्न 5.
अमरूद के पकने का मापदण्ड बताओ।
उत्तर-
रंग गहरे हरे से हल्के हरे में बदल जाना।

प्रश्न 6.
आलू के पकने का मापदण्ड बताओ।
उत्तर-
जब बेलें सुखने लग जाएं।

प्रश्न 7.
अलूचे के पकने का मापदण्ड बताओ।
उत्तर-
छील का रंग हिरमची जामुनी रंग में बदल जाना।

प्रश्न 8.
शिमला मिर्च के पकने का मापदण्ड बताएं।
उत्तर-
फल पूरा विकसित तथा हरा चमकदार होना।

प्रश्न 9.
मटर के पकने का मापदण्ड बताएं।
उत्तर-
फलियां पूरी भरी हुईं परन्तु रंग फीका होने से पहले।

प्रश्न 10.
फलों पर किस तरह का मोम चढ़ाया जाता है ?
उत्तर-
भोजन दर्जा मोम जैसे मधु मक्खियों के छत्ते का मोम।

प्रश्न 11.
आलू, प्याज़ की पैकिंग किस तरह की जाती है ?
उत्तर-
बोरियों में डाल कर।

प्रश्न 12.
शीत भंडारण में किन्नू को कितने समय के लिए भंडार किया जा सकता है ?
उत्तर-
डेढ से दो माह।

प्रश्न 13.
शीत भंडारण के समय आलू तथा किन्नू में कितनी नमी होनी चाहिए ?
उत्तर-
90-95%.

प्रश्न 14.
कैल्शियम कार्बाइड मसाले से पकाए फलों को खाने से क्या हो सकता है ?
उत्तर-
मुँह में फफोले, अलसर, पेट में जलन पैदा हो सकती है।

प्रश्न 15.
फलों को पकाने के लिए इथलीन वाली गैस के कमरे में कितने घण्टे के लिए रखा जाता है ?
उत्तर-
24 घण्टे के लिए।

प्रश्न 16.
दो फलों के नाम बताओ जिन पर मोम चढ़ाई जाती है ?
उत्तर-
किन्नू, आड़।

प्रश्न 17.
फल तथा सब्जियों के पकने का मापदण्ड क्या है ?
उत्तर-
फल तथा सब्जियों का आकार इनके पकने का मापदण्ड है।

प्रश्न 18.
फलों की कठोरता (सघनता) मापने के लिए कौन-से यन्त्र का प्रयोग होता है ?
उत्तर-
पैनेट्रोमीटर।

प्रश्न 19.
फल के पकने से इसकी कठोरता का क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर-
फल के पकने से उसकी कठोरता घटती है।

प्रश्न 20.
फलों को घरों में जीवाणु रहित करने के लिए किस घोल में डुबो लेना चाहिए ?
उत्तर-
ब्लीच के घोल में।

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प्रश्न 21.
फलों के संरक्षण के लिए कैसे बर्तनों का प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
ऐसे बर्तन जो अन्दर से समतल हों।

प्रश्न 22.
उपज को ज़ख्मों से बचाने के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
उपज को कागज़ अथवा गत्ते की परतों में रखना चाहिए।

प्रश्न 23.
डिब्बाबन्दी का मूल उद्देश्य क्या है ?
उत्तर-
डिब्बाबन्दी का मूल उद्देश्य फसल को लम्बे समय तक सम्भाल कर रखना है।

प्रश्न 24.
अंगूर तथा आलूचे को कैसे साफ़ करना चाहिए ?
उत्तर-
इन्हें 100-150 पी० पी० एम० क्लोरीन की मात्रा वाले पानी से साफ़ करना चाहिए। इस तरह उपज को बीमारी रहित किया जा सकता है।

प्रश्न 25.
गोल आकार की उपज की दर्जाबन्दी कैसे की जाती है ?
उत्तर-
इनकी दर्जाबन्दी विभिन्न आकार के कड़ों से की जा सकती है।

प्रश्न 26.
तुड़वाई के पश्चात् उपज को सुधारने के लिए कौन-कौन से रासायनिक पदार्थ सुरक्षित समझे जाते हैं ?
उत्तर-
कैल्शियम क्लोराइड, सोडियम बाइसल्फाइट, पोटाशियम सल्फेट आदि रासायनिक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 27.
जल सहनशील फसलों के नाम बताओ।
उत्तर-
गाजर, टमाटर तथा शलगम।

प्रश्न 28.
पैकिंग से पहले कौन-सी सब्जियों को धोना नहीं चाहिए ?
उत्तर-
बन्द गोभी, भिण्डी, मटर।

प्रश्न 29.
पकने के आधार पर कौन-से फलों की दर्जाबंदी की जाती है ?
उत्तर-
टमाटर, केला, आम आदि।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
फलों के पकने के बारे में कैसे पता चलता है ? विस्तार सहित लिखें।
उत्तर-
फल तथा सब्जियां पकने का मापदण्ड इनका आकार होता है। आम की तुड़ाई योग्य निशानी इसकी चोंच बनना तथा फल कन्धे से ऊपर उभरना है। टमाटर, आड, आलूचा आदि फसलों की तुड़वाई के लिए तैयार होने की निशानी का पता लगाने के लिए रंगदार चार्टों का प्रयोग किया जाता है। टमाटर नज़दीकी मण्डी में ले जाने के लिए लाल पके हुए, मध्यम दूरी वाली मण्डी में गुलाबी रंग के तथा दूर स्थित मण्डी में ले जाने के लिए जब यह पूर्ण आकार ग्रहण कर लें, परन्तु अभी हरे ही हों अथवा हरे से पीले रंग में बदलना आरम्भ हों तब तोड़ने चाहिएं।

प्रश्न 2.
फलों का कठोरता अंक कैसे मापा जाता है ?
उत्तर-
कठोरता अंक ढूंढ़ने के लिए निम्नलिखित तरीका है—
एक तेज़ चाकू से फल के ऊपर से पतले आकार का एक टुकड़ा काटो, इस टुकड़े में गूदा तथा छील दोनों इकट्ठे ही हों। फिर फल मुताबिक सही आकार के प्लंजर का प्रयोग करके फल की कठोरता मापो। इसके लिए फल को किसी कठोर तल से लगाकर एकसार रफ्तार से प्लंजर पर लगे निशान वाली तरफ को अन्दर घुसाना आरम्भ करो तथा फिर कठोरता का माप अंक नोट कर लेना चाहिए।

प्रश्न 3.
रिफरैक्ट्रोमीटर क्या है ? इसका प्रयोग किन फलों के लिए किया जाता है ?
उत्तर-
रिफरैक्ट्रोमीटर फलों के जूस से मिठास की मात्रा का पता लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसे अंगूर तथा खरबूजे आदि जैसी कई फसलों की मिठास की मात्रा का पता लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

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प्रश्न 4.
फलों में तेज़ाबीपन कैसे मापा जाता है ?
उत्तर-
नींबू जाति तथा कुछ अन्य फलों के पकने पर इनमें खटाई की मात्रा कम हो जाती है। तेज़ाबीपन का पता लगाने के लिए जूस की निश्चित मात्रा में फिनोलपथलीन मिश्रण की एक-दो बूंदें डालकर ().IN सोडियम हाइड्रोक्साइड का घोल तब तक डाला जाता है जब तक रंग गुलाबी न हो जाए। प्रयोग किए गए सोडियम हाइड्रोक्साइड मिश्रण की मात्रा से जूस का तेज़ाबीपन मापा जा सकता है।

प्रश्न 5.
प्रतिशत मिठास तथा खटाई का अनुपात कैसे लिया जाता है ?
उत्तर-
अंगूर तथा नींबू जाति के फलों में मिठास तथा खटाई के अनुपात से उपज की गुणवत्ता का अन्दाज़ा लगाया जाता है। प्रतिशत मिठास तथा खटाई का माप करने के पश्चात् मिठास को खटाई से भाग करके अनुपात प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 6.
फलों की सम्भाल के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर–
प्रत्येक फल का अपना एक खास मौसम होता है तब यह बाज़ार में बहुतायत में मिलते हैं तथा सस्ते होते हैं। इन दिनों में फलों को खरीदकर सम्भाल लेना चाहिए तथा इन्हें दूर की मण्डी अथवा बे-मौसम बेचकर अधिक लाभ कमाया जा सकता है। फलों को अचार, मुरब्बा, जैम, चट्टनी, जैली आदि के रूप में लम्बे समय तक संभाल कर रखा जा सकता है।

प्रश्न 7.
सब्ज़ियों की सम्भाल क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
यदि सब्जियों को सम्भालकर नहीं रखा जायेगा तो अच्छा मुनाफा नहीं लिया जा सकता। इसलिए सब्जियां जब भरे मौसम में सस्ती होती हैं तो इन्हें सम्भाल कर बे-मौसम बेचकर अतिरिक्त लाभ कमाया जा सकता है।

प्रश्न 8.
डिब्बाबन्दी के दो लाभ बताओ।।
उत्तर-
डिब्बाबन्दी अथवा पैकिंग करने से तुड़वाई के पश्चात् होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। इस तरह अधिक मुनाफा भी लिया जा सकता है।

प्रश्न 9.
किन्नू तोड़ते समय डंडी को छोटा रखना क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
किन्नू की डण्डी लम्बी होगी तो लाते-ले जाते समय इससे दूसरे फलों में ज़ख्म हो जाएंगे। इसलिए डण्डी छोटी काटनी चाहिए।

प्रश्न 10.
फसलों की गुणवत्ता का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
गुणवत्ता का ख्याल रखा जाये तो लाने-ले जाने का काम, भण्डारण तथा मण्डीकरण लम्बे समय तक किया जा सकता है तथा बिक्री मुनाफे में वृद्धि होती है। इससे निर्यातकार, व्यापारी तथा खपतकार की सन्तुष्टि होती है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
प्लास्टिक की ट्रेओं का फलों और सब्जियों की सम्भाल में क्या महत्त्व है ?
उत्तर–
प्लास्टिक की ट्रेएं कुछ महंगी होती हैं, पर इन्हें साफ करना आसान है तथा इन्हें लम्बे समय तक बार-बार प्रयोग किया जा सकता है। इनमें गलियां होने के कारण हवा आर-पार होती रहती है तथा इन्हें एक-दूसरे पर रखा जा सकता है।
इनका तुड़वाई के समय प्रयोग काफ़ी लाभकारी सिद्ध होता है। यह तुड़वाई, भण्डारण, लाने-ले जाने तथा प्रचून मण्डी में उपज को बेचने के लिए तथा सम्भालकर रखने के लिए काम आती हैं। इनका प्रयोग किन्नू, अंगूर, टमाटर आदि की तुड़ाई, भण्डारण तथा ढुलाई में सामान्यतः होता है।

प्रश्न 2.
उत्तम गुणवत्ता वाली फसल से क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
उत्तम गुणवत्ता वाली फसल के निम्नलिखित लाभ है—

  1. ऐसी उपज का यातायात, मण्डीकरण तथा भण्डारण लम्बे समय तक किया जा सकता है।
  2. ऐसी उपज से सारे निर्यातकार, व्यापारी तथा खपतकार सन्तुष्ट होते हैं।
  3. तुड़ाई के पश्चात् इसकी आयु लम्बी होती है।
  4. इससे मण्डीकरण का दायरा बड़ा हो जाता है।
  5. इसकी बिक्री से अच्छा मुनाफा लिया जा सकता है।

प्रश्न 3.
तुड़वाई के पश्चात् उपज को ठण्डा करना तथा छंटाई तथा साफ करने के बारे में आप क्या जानते हैं ? ।
उत्तर-
1. ठण्डा करना-उपज की आयु बढ़ाने के लिए तुड़ाई से तुरन्त पश्चात् इसको ठण्डा किया जाता है। ठण्डा करने का तरीका फसल की किस्म पर निर्भर करता है। ठण्डा करने के लिए कई ढंग हैं। जैसे-तेज़ ठण्डी हवा से ठण्डा करना, कमरे में ठण्डा करना, शीतल जल से ठण्डा करना आदि। इनमें से किसी एक ढंग का प्रयोग किया जा सकता है।

2. उपज की छंटाई तथा साफ़-सफ़ाई-ठण्डा करने से पहले उपज की छंटाई की जाती है। छंटाई करके साधारणतः ज़ख्मी, बीमारी वाले बेढंगे आकार की अथवा खराब उपज को अलग कर दिया जाता है। छंटाई करने के पश्चात् उपज को साफ किया जाता है। साफ करने का ढंग उपज की किस्म के अनुसार होता है। सेब आदि को सूखे ब्रुशों से ही साफ करना चाहिए, जबकि नींबू जाति के फल, गाजरों आदि को पानी से धोकर साफ किया जाता है। फसल की सफ़ाई सूखे ब्रुशों से करनी है अथवा धोकर, उपज की किस्म तथा गन्दगी पर निर्भर करता है। उदाहरणतया अंगूर तथा अलूचे आदि को कभी धोकर साफ नहीं करना चाहिए। इन फलों के लिए 1000-150 पी० पी० एम० (P.P.M.-Part Per Mission) क्लोरीन की पात्रा वाले पानी का प्रयोग करके उपज को बीमारी रहित किया जाता है तथा बीमारियों को फैलने से भी रोका जा सकता है। कुछ फसलें जैसे कि फूल तथा बन्द गोभी की डिब्बाबन्दी करने से पहले बाहरी पत्ते अथवा न खाने योग्य हिस्से उतार देने चाहिएं।

प्रश्न 4.
फलों, सब्जियों की दर्जाबन्दी तथा मण्डीकरण के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
दर्जाबन्दी करने के लिए फलों अथवा सब्जियों का आकार, भार, रंग आदि को आधार बनाया जाता है। दर्जाबन्दी करके उत्पादक फसल बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकता है। गोल आकार की उपज जैसे टमाटर, टिण्डे, सेब आदि की दर्जाबन्दी विभिन्न आकार के कड़ों से की जाती है। कुछ फसलें जैसे टमाटर, केला, आम आदि की दर्जाबन्दी उनके पकने के आधार पर करके अधिक मुनाफा लिया जा सकता है। छोटे स्तर पर कई प्रकार की मशीनें भी दर्जाबन्दी करने के लिए प्रयोग की जाती हैं।
पूर्ण आकार के तथा हरे फल जैसे कि टमाटर, आम आदि को थोड़े समय के लिए भण्डार किया जा सकता है तथा बाद में मण्डी में महंगे होने पर पका कर बेचा जा सकता है। हरे प्याज़, पुदीना, धनिया आदि उपजों को छोटे-छोटे 100 ग्राम से 500 ग्राम तक के बण्डलों अथवा गुच्छों में बांध लिया जाता है। इस तरह इनका रख-रखाव तथा इन्हें हाथ से पकड़ना आसान हो जाता है।

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प्रश्न 5.
तुड़वाई करके उपज को सुधारने के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
तुड़वाई के पश्चात् उपज को सुधारने से इसको कई तरह की फफूंदी तथा फंगस से होने वाली बीमारियों तथा अन्य रोगों से बचाया जा सकता है। इस कार्य के लिए कई रासायनिक पदार्थ जैसे कि सोडियम बाइसल्फाइट, कैल्शियम क्लोराइड, पोटाशियम सल्फेट को फल तथा सब्जियों पर प्रयोग के लिए सुरक्षित समझा गया है। कई बार गर्म पानी में डुबो कर अथवा गर्म हवा भर कर भी उपज को सुधारा जाता है। ऐसा करने से जीवाणु या तो मर जाते हैं या कमज़ोर हो जाते हैं, इस तरह उपज बीमारी कारण गलने से बच सकती है। यह ध्यान रखें कि उपज को पानी अथवा हवा से सुधारने के तुरन्त पश्चात् जितनी जल्दी हो सके ठण्डे पानी के फव्वारों अथवा ठण्डी हवा से साधारण तापमान पर लाना चाहिए।

प्रश्न 6.
फलों तथा सब्जियों की डिब्बाबन्दी के लिए कौन-सी सावधानियां बरतनी चाहिएं ?
उत्तर-
डिब्बाबन्दी के लिए प्रयोग की जाने वाली सावधानियां निम्नानुसार हैं—

  1. उपज पर ज़ख्म न होने दें।
  2. कच्ची अथवा अधिक पक्की उपज को छंटाई करके अलग कर दें।
  3. हरी सब्जियां, बन्द गोभी, भिण्डी, मटर आदि को पैकिंग (डिब्बाबन्दी) से पहले कभी भी धोना नहीं चाहिए।
  4. पानी में क्लोरीन की मात्रा 100-150 पी० पी० एम० होनी चाहिए।
  5. पानी सघनशील फसलें जैसे कि टमाटर, गाजर तथा शलगम आदि को पानी से भरे जलाशय में इकट्ठा करो।
  6. जिस मेज़ पर छंटाई, दर्जाबन्दी, धुलाई तथा डिब्बाबन्दी करनी होती हैं उसकी तीखी जगहों तथा ऊबड़-खाबड़ धरातल पर स्पंज आदि लगाकर रखना चाहिए।
  7. वह रसायन जिनकी उपज के लिए सिफ़ारिश न की हो, को बिल्कुल प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  8. तुड़ाई के पश्चात् सही ढंग से मोम चढ़ाना, गर्म पानी तथा हवा, सल्फर डाइऑक्साइड आदि से सुधार कर लेना चाहिए।
  9. तुड़ाई के पश्चात् सम्भाल के समय नुकसान को घटाने के लिए जहां तक हो सके खेत में ही डिब्बाबन्दी (पैकिंग) कर लेनी चाहिए।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

ठीक, गलत

  1. प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जियों की आवश्यकता है।
  2. कैल्शियम कार्बाइड से पकाये फल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं।
  3. उत्पाद को तुड़ाई के बाद ठण्डा करना आवश्यक नहीं है।

उत्तर-

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
अमरूद के पकने का मापदण्ड है
(क) रंग हल्का हरा हो जाता है
(ख) रंग गहरा हरा होना
(ग) रंग नीला होना
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) रंग हल्का हरा हो जाता है

प्रश्न 2.
फलों को घरों में जीवाणु रहित करने का घोल है
(क) ब्लीच का घोल
(ख) चीनी का घोल
(ग) तेज़ाब का घोल
(घ) क्षार का घोल।
उत्तर-
(क) ब्लीच का घोल

प्रश्न 3.
मोम की पर्त किस फल पर चढ़ाई जाती है ?
(क) किन्नू
(ख) सेब
(ग) नाशपाती
(घ) सभी ठीक
उत्तर-
(घ) सभी ठीक

रिक्त स्थान भरें

  1. फल की निगरता को मापने के लिए …………… का प्रयोग होता है।
  2. व्यापारिक स्तर पर फलों को ………… गैस से पकाया जाता है।
  3. …………….. यन्त्र फलों में मिठास की मात्रा का पता लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

उत्तर-

  1. पैनट्रोमीटर,
  2. इथीलीन,
  3. रिफरैक्ट्रोमीटर

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फलों एवम् सब्जियों का प्रबन्धन PSEB 8th Class Agriculture Notes

  • भारतीय चिकित्सा अनुसन्धान समिति के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जियों तथा 80 ग्राम फलों की आवश्यकता है।
  • भारत में प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन केवल 30 ग्राम फल तथा 80 ग्राम सब्जियां ही उपलब्ध होती हैं।
  • फलों तथा सब्जियों की सही तरीके से संभाल के निम्नलिखित बिन्दु हैं–फलों तथा सब्जियों की तुड़वाई, डिब्बाबंदी, फल तथा सब्जियों को स्टोर करना, ढोकर लाना ले जाना।
  • फल तथा सब्जियों की तुड़वाई के लिए मापदण्ड हैं–रंग, सघनता (निगरता या कठोरता), आकार तथा भार, मिठास/खट्टास का अनुपात आदि।
  • उपज को तोड़ने के बाद अच्छी तरह एकदम ठंडा कर लेना चाहिए।
  • उपज में से पानी को उड़ने से रोकने के लिए फलों और सब्जियों पर भोजन दर्जा मोम चढ़ाई जाती है।
  • फल और सब्जियों पर चढ़ाई जाने वाली तीन तरह के मोम हैं जोकि भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।
  • यह मोम है शैलाक मोम, कारनौबा मोम और मधु मक्खियों के छत्ते से निकाला मोम।
  • मण्डीकरण के लिए उपज की दर्जाबंदी (श्रेणीकरण) करना बहुत ज़रूरी है।
  • डिब्बाबंदी के लिए लकड़ी की पेटियाँ, बांस की टोकरियां, बोरियां, पलास्टिक के क्रेट, गत्ते के डिब्बे आदि का प्रयोग किया जाता है।
  • ढो कर लाने ले जाने के समय ट्रक के फर्श पर घास-फूस या पराली की मोटी पर्त बिछा लेनी चाहिए।
  • केला, पपीता आदि फलों को कैल्शियम कार्बाइड के साथ पकाया जाता है। ऐसे फल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
  • इथीलीन गैस के साथ फलों को व्यापारिक स्तर पर पकाना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त तकनीक है।