PSEB 10th Class Science Notes Chapter 6 जैव प्रक्रम

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PSEB 10th Class Science Notes Chapter 6 जैव प्रक्रम

याद रखने योग्य बातें (Points to Remember)

→ वे सभी प्रक्रम जो सम्मिलित रूप से अनुरक्षण का कार्य करते हैं, जैव प्रक्रम कहलाते हैं।

→ ऊर्जा के स्रोत को हम भोजन तथा शरीर के अंदर लेने के प्रक्रम को पोषण कहते हैं।

→ शरीर के बाहर से ऑक्सीजन को ग्रहण करना तथा कोशिकीय आवश्यकता के अनुसार खाद्य स्रोत के विघटन में उसका उपयोग श्वसन कहलाता है।

→ एक कोशी जीवों को भोजन ग्रहण करने, गैसों के आदान-प्रदान और वर्ण्य पदार्थ के निष्कासन के लिए किसी विशेष अंग की आवश्यकता नहीं होती।

→ बहुकोशिकीय जीवों में विभिन्न कार्यों को करने के लिए भिन्न-भिन्न अंग विशिष्टीकृत हो जाते हैं।

→ अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना उत्सर्जन कहलाता है।

→ ऊर्जा का स्रोत भोजन है और जो पदार्थ हम खाते हैं वह भोजन है। सभी जीवों में ऊर्जा तथा पदार्थ की सामान्य आवश्यकता समान है।

→ विषमपोषी ऊतक जीविता के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से स्वपोषी पर आश्रित होते हैं। जंतु और कवक विषमपोषी जीव हैं।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 6 जैव प्रक्रम

→ प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रम है जिसमें स्वपोषी बाहर से लिए पदार्थों को ऊर्जा संचित रूप में परिवर्तित कर देता है। ये पदार्थ CO2, तथा जल के रूप में लिए जाते हैं जो सूर्य के प्रकाश तथा क्लोरोफिल की उपस्थिति में कार्बोहाइड्रेट में बदल जाते हैं।

→ रंध्र पत्ती की सतह पर सूक्ष्म छिद्र होते हैं। प्रकाश संश्लेषण के लिए गैसों का आदान-प्रदान इन्हीं से होता है।

→ रंध्रों से पर्याप्त मात्रा में जल की भी हानि होती है।

→ प्रकाश संश्लेषण के लिए सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है।

→ पौधे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, लोहा और मैग्नीशियम मिट्टी से लेते हैं।

→ एक कोशिक जीवों में भोजन पूरी सतह से लिया जा सकता है।

→ अमीबा कोशिकीय सतह से अंगुली जैसे अस्थायी प्राकार्य से भोजन लेता है।

→ मनुष्य की आहार नली मुँह से गुदा तक फैली एक लंबी नली है।

→ क्षुद्रांत्र आहार नली का सबसे लंबा भाग है।

→ माँस का पाचन सरल है इसलिए बाघ जैसे मांसाहारी की क्षुद्रांत्र छोटी होती है। क्षुद्रांत्र कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा का पाचन करती है।

→ वायु की उपस्थिति में होने वाला प्रक्रम वायवीय श्वसन कहलाता है।

→ वायवीय श्वसन में ऊर्जा का उपयोग अवायवीय श्वसन की अपेक्षा बहुत अधिक होता है।

→ अचानक होने वाली क्रिया से हमारी पेशियों में लैक्टिक अम्ल का निर्माण होना जप का कारण हो सकता अनार है।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 6 जैव प्रक्रम

→ जलीय जंतु जल में विलेय ऑक्सीजन का ही उपयोग करते हैं।

→ जल में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है इसलिए जलीय जीवों की श्वास दर स्थलीय जीवों की अपेक्षा द्रुत होती है।

→ मानव में, श्वसन वर्णक हीमोग्लोबिन है जो ऑक्सीजन के लिए उच्च बंधुता रखता है।

→ यदि कूपिकाओं की सतह को फैला दिया जाए तो यह लगभग 80 वर्गमीटर क्षेत्र ढांप सकता है।

→ रुधिर एक तरल संयोजी ऊतक है।

→ हृदय एक पेशीय अंग है जो हमारी मुट्ठी के आकार का होता है।

→ हृदय में अलिंद और निलय हिस्से होते हैं। अलिंद की अपेक्षा निलय की पेशीय भित्ति मोटी होती है क्योंकि निलय को पूरे शरीर में रुधिर भेजना होता है।

→ सरीसृपों का हृदय तीन कोष्ठीय और मछलियों में दो कोष्ठीय होता है।

→ सामान्य प्रकुंचन दाब लगभग 120 मि०मी० (पारा) तथा अनुशिथिलन दाब लगभग 80 मि०मी० (पारा) होता है।

→ स्फाईग्मोमैनोमीटर नामक यंत्र से रक्त दाब नापा जाता है।

→ धमनियाँ वे रुधिर वाहिकाएँ हैं जो रुधिर को हृदय से शरीर के विभिन्न अंग तक ले जाती हैं। शिराएँ विभिन्न अंगों से रुधिर एकत्र करके वापस हृदय तक लाती हैं।

→ रक्त स्राव को रोकने के लिए रुधिर में प्लेटलैट्स कोशिकाएँ होती हैं जो पूरे शरीर में भ्रमण करती हैं। वे रक्त स्त्राव के स्थान पर रुधिर का थक्का बनाकर मार्ग अवरुद्ध कर देती हैं।

→ पादप की वायवीय भागों द्वारा वाष्प के रूप में जल की हानि वाष्पोत्सर्जन कहलाती है।

→ प्रकाश संश्लेषण को विलेय उत्पादों का वहन स्थानांतरण कहलाता है जो संवहन ऊतक के फ्लोएम भाग से होता है।

→ मानवीय उत्सर्जन तंत्र में एक जोड़ा वृक्क, एक मूत्र वाहिनी, एक मूत्राशय और एक मूत्रमार्ग होता है।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 6 जैव प्रक्रम

→ वृक्क में नाइट्रोजनी वर्ण्य पदार्थ जैसे यूरिया या यूरिक अम्ल रुधिर से अलग कर लिए जाते हैं।

→ वृक्क में अनेक निस्यंदक एकक होते हैं जिन्हें वृक्काणु (नेफ्रॉन) कहते हैं।

→ वृक्क के अपक्रिय हो जाने की अवस्था में कृत्रिम वृक्क का उपयोग किया जाता है।

→ अपोहन (Dialysis) नाइट्रोजनी अपशिष्ट उत्पादों को रुधिर से निकालने की एक युक्ति है।

→ पौधों से गिरने वाली पत्तियों में भी अपशिष्ट उत्पाद संचित रहते हैं। रेजिन, गोंद आदि भी अपशिष्ट हैं जो पुराने जाइलम में संचित रहते हैं।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

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PSEB 10th Class Science Notes Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

याद रखने योग्य बातें (Points to Remember)

→ तत्वों को ऐसे ढंग से व्यवस्थित करना कि समान गुणों वाले तत्व एक साथ हो जाएं और भिन्न गुणों वाले तत्व अलग समूह में इकट्ठे हो जायें, तत्वों को वर्गीकृत करना कहलाता है।

→ डॉबेराइनर के त्रिक नियमानुसार जब विशेष तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया जाता है तो समान गुणों वाले तीन तत्वों का समूह प्राप्त हो जाता है जिनके मध्य वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान शेष दोनों तत्वों के परमाणु द्रव्यमानों के मध्यमान के बराबर होता है।

→डॉबेराइनर ने रासायनिक तौर पर एक समान तत्वों के त्रिक (Triads) के बारे में बताया परंतु इस आधार पर सभी तत्व वर्गीकृत नहीं हो पाए थे।

→ 1866 ई० में न्यूलैंड (Newland) ने अष्टक नियम के आधार पर 40 परमाणु द्रव्यमान वाले कैल्शियम तक के तत्वों का वर्गीकरण किया।

→ रूस के वैज्ञानिक मेंडलीफ (Mandeleev) के आवर्त नियम (Periodic law) को प्रतिपादित किया जो मेंडलीफ के नियम (Mandeleev law) के नाम से जाना जाता है।

→ मेंडलीफ की आवर्त सारणी (Periodic Table) को पीरियड (Periods) तथा ग्रुप (Groups) में बांटा गया है।

→ ऊर्ध्वाधर पंक्तियों को ग्रुप (Groups) तथा क्षितिज पंक्तियों को पीरियड (Periods) कहते हैं।

→ मेंडलीफ ने आवर्त सारणी में कुछ स्थान उन तत्वों के लिए खाली छोड़ रखे थे, जिनकी खोज उस समय नहीं हुई थी।

→ आधुनिक आवर्त नियमानुसार तत्वों के गुण उनके परमाणु अंकों के आवर्तफलन हैं।

→ दीर्घ आवर्त सारणी में धातुएं आवर्त सारणी की बाईं ओर, अधातुएं दाई ओर तथा उपधातु सारणी में सीमा पर स्थित हैं।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

→ तत्वों को उनके परमाणु अंकों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करने पर उनके गुणों का निश्चित अतंराल या पीरियड के बाद दोहराए जाने को तत्वों के गुणों की आवर्तता कहते हैं।

→ आवर्त सारणी के किसी ग्रुप में ऊपर से नीचे की ओर जाते समय तत्वों के परमाणु अर्ध-व्यास बढ़ते जाते हैं।

→ आवर्त सारणी के पीरियड में बायें से दायें की ओर जाते समय तत्वों के परमाणुओं के अर्ध-व्यास कम हो जाते हैं।

→ किसी तत्व के अकेले गैसीय परमाणु अथवा आयन के बाह्यतम शैल (कोष) में उपस्थित इलैक्ट्रॉन को विस्थापित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा को आयनन ऊर्जा कहते हैं।

→ आवर्त सारणी के ग्रुप में ऊपर से नीचे की ओर जाते हुए तत्वों की आयतन ऊर्जा कम हो जाती है।

→ आवर्त सारणी के आवर्त (पीरियड) में बायें से दायें की ओर जाते हुए तत्वों की आयनन ऊर्जा बढ़ती है।

→ वे तत्व जो आघातवर्धनीय तन्य तथा विद्युत् तथा ताप के सुचालक और जिनके परमाणु सुगमता से इलैक्ट्रॉन की हानि से विद्युतीय धन आवेशित आयन (कैटायन) बना सकें, उनको धातु कहते हैं।

→ वे तत्व जो भंगुर, चमकविहीन, विद्युत् तथा ताप के कुचालक और जिनके परमाणु सुगमता से इलैक्ट्रॉन ग्रहण कर विद्युतीय ऋण आवेशित आयन (ऐनायन) बनाते हैं, उन्हें अधातु कहते हैं।

→ स्केडियम, गैलियम, जर्मेनियम आदि तत्वों की खोज मेंडलीफ की आवर्त सारणी प्रतिपादित होने के बाद हुई थी।

→ सन् 1913 में हेनरी मोज़ले ने बताया था कि तत्व के परमाणु द्रव्यमान की तुलना में उसकी परमाणु संख्या अधिक आधारभूत गुणधर्म है।

→ अर्धधातु (उपधातु) के द्वारा अधातु और धातु दोनों के गुण प्रदर्शित किए जाते हैं। अर्धधातु (उपधातु) हैं-बोरोन, सिलिकन, जर्मेनियम, अर्सेनिक, ऐंटिमनी, टेल्यूरियम और पोलोनियम।

→ धातुओं के ऑक्साइड क्षारीय तथा अधातुओं के ऑक्साइड सामान्यत: अम्लीय होते हैं।

→ किसी तत्व के उदासीन गैसीय परमाणु के बाहरी कक्ष से एक इलैक्ट्रॉन के निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा की न्यूनतम मात्रा को आयनन ऊर्जा कहते हैं।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण

→ किसी तत्व के उदासीन परमाणु में एक अतिरिक्त इलैक्ट्रॉन के जुड़ने पर निकलने वाली ऊर्जा इलैक्ट्रॉन बंधुता कहलाती है।

→ किसी समूह में धात्विक गुण ऊपर से नीचे आने पर बढ़ता है।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक

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PSEB 10th Class Science Notes Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक

याद रखने योग्य बातें (Points to Remember)

→ हमारे दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाली अधिकांश वस्तुएँ कार्बन के यौगिक हैं।

→ सभी सजीव संरचनाएँ कार्बन पर आधारित होती हैं।

→ प्रकृति में बहुत कम मात्रा में उपस्थित कार्बन हमारे लिए उपयोगी है।

→ अधिकांश कार्बन यौगिक विद्युत् संवाहक नहीं होते।

→ कार्बन यौगिकों के संयोजन से किसी आयनं की उत्पत्ति नहीं होती।

→ कार्बन की परमाण्विक संख्या 6 है। इसके सबसे बाहरी कक्ष में चार इलेक्ट्रॉन होते हैं।

→ हाइड्रोजन को एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है। इलेक्ट्रॉन के सहभाजी युगल हाइड्रोजन के दो परमाणुओं के बीच एकल बंध बनाते हैं।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक

→ क्लोरीन विपरमाणुक अणु Cl2, बनाता है।

→ ऑक्सीजन के दो परमाणुओं के बीच दोहरे बंध की संरचना होती है।

→ अष्टक प्राप्त करने के लिए नाइट्रोजन के एक अणु में नाइट्रोजन का प्रत्येक परमाणु तीन इलेक्ट्रॉन देता है। इससे इलेक्ट्रॉन के तीन सहभागी युगल प्राप्त होते हैं।

→ मीथेन कार्बन का यौगिक है। यह बायोगैस एवं कंप्रैस्ड नेचुरल गैस (CNG) का प्रमुख घटक है।

→ हीरा और ग्रेफाइट कार्बन के अपरूप हैं। इनके रासायनिक गुणधर्म एक समान होते हैं।

→ फुलेरेंस कार्बन अपरूप की एक श्रेणी है जिसे C-60 के नाम से पहले पहचाना गया था।

→ सहसंयोजी बंध बनाने की प्रकृति के कारण कार्बन यौगिक बहुत बड़ी संख्या में हैं।

→ कार्बन परमाणु शृंखलन करते हैं। कार्बन परमाणुओं के बीच केवल एकल बंध से जुड़े यौगिक संतृप्त यौगिक कहलाते हैं।

→ कार्बन-कार्बन बंध अत्यधिक तीव्र और स्थायी होता है।

→ कार्बन ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फर, क्लोरीन तथा अनेक अन्य तत्वों के साथ यौगिक बनाता है।

→ एक समान फॉर्मूला लेकिन विभिन्न संरचनाओं वाले यौगिक संरचनात्मक यौगिक कहलाते हैं।

→ सीधी और शाखाओं वाली कार्बन शृंखलाओं के अतिरिक्त कुछ यौगिकों में कार्बन के परमाणु वलय के आकार में व्यवस्थित होते हैं जैसे साइक्लो-हैक्सेन।

→ संतृप्त हाइड्रोकार्बन ‘एल्केन’ कहलाते हैं। असंतृप्त हाइड्रोकार्बन जिनमें एक या अधिक दोहरे बंध होते हैं उन्हें एल्कीन कहते हैं। एक या अधिक तिहरे बंध वाले ‘एल्काइन’ कहलाते हैं।

→ सभी हाइड्रोकार्बन, ऑक्सीजन की उपस्थिति में दहन करके ताप एवं प्रकाश के साथ CO2, बनाते हैं।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 4 कार्बन एवं उसके यौगिक

→ संतृप्त हाइड्रोकार्बन से प्रायः स्वच्छ ज्वाला बनती है जबकि असंतृप्त कार्बन यौगिकों से अत्याधिक काले धुएं वाली पीली ज्वाला निकलती है।

→ अपूर्ण दहन होने पर कजली ज्वाला उत्पन्न होती है।

→ कोयला और पेट्रोलियम जीवाश्मी ईंधन हैं।

→ पूर्ण ऑक्सीकरण से अल्कोहल को कार्बोक्सलिक अम्ल में बदला जा सकता है।

→ जिन पदार्थों में अन्य पदार्थों को ऑक्सीजन देने की क्षमता होती है उन्हें ऑक्सीकारक कहते हैं।

→ उत्प्रेरक स्वयं को प्रभावित किए बिना अभिक्रिया दर को आगे बढ़ाते हैं।

→ मिथेनॉल के थोड़े-से प्रयोग से भी मृत्यु हो जाती है। यह व्यक्ति को अंधा भी बना सकता है।

→ मिथेनॉल को एथनॉल में मिला दिया जाता है ताकि उसका दुरुपयोग रोका जा सके।

→ गन्ने के रस का किण्वन करके एथनॉल तैयार किया जाता है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 1.
सर्कस का एक कलाकार एक 20 m लंबी डोर पर चढ़ रहा है जो अच्छी तरह से तनी हुई है और भूमि पर सीधे लगे खंभे के शिखर से बंधा हुआ है। यदि भूमि स्तर के साथ डोर द्वारा बनाया गया कोण 30° का हो तो खंभे की ऊंचाई ज्ञात कीजिए (देखिए आकृति)।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 1

हल :
मान लीजिए AB खंभे की ऊंचाई है।
AC = 20 m डोर की लंबाई है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 2

इस स्थिति में, उन्नयन कोण 30° है।
आकृति में विभिन्न आयोजन दिखाए गए हैं।
समकोण ∆ABC में,
\(\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{AC}}\) = sin 30°

या \(\frac{\mathrm{AB}}{20}=\frac{1}{2}\)

AB = \(\frac{1}{2}\) × 20 = 10
अतः खंभे की ऊँचाई 10 m. है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 2.
आँधी आने से एक पेड़ टूट जाता है और टूटा हुआ भाग इस तरह मुड़ जाता है कि पेड़ का शिखर ज़मीन को छने लगता है और इसके साथ 30° का कोण बनाता है। पेड़ के पाद-बिंदु की दूरी, जहाँ पेड़ का शिखर ज़मीन को छूता है, 8 m है। पेड़ की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए आँधी से पहले पेड़ की लंबाई BD है।
आँधी के पश्चात् AD = AC = टूटे गए पेड़ को भाग की लंबाई।
आकृति में विभिन्न आयोजन दिखाए गए हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 3

समकोण ∆ABC में,
\(\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{BC}}\) = tan 30° BC

या \(\frac{h_{1}}{8}=\frac{1}{\sqrt{3}}\)

h = \(\frac{8}{\sqrt{3}} \times \frac{\sqrt{3}}{\sqrt{3}}=\frac{8}{3} \sqrt{3} \mathrm{~m}\) ……………(1)

साथ ही,
\(\frac{\mathrm{BC}}{\mathrm{AC}}\) = cos 30°

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 4

अतः, वृक्ष की ऊँचाई 8√3 m है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 3.
एक ठेकेदार बच्चों को खेलने के लिए एक पार्क में दो फिसलनपट्टी लगाना चाहती है। 5 वर्ष के कम उम्र के बच्चों के लिए वह एक ऐसी फिसलनपट्टी लगाना चाहती है जिसका शिखर 1.5m की ऊँचाई पर हो और भूमि के साथ 30° के कोण पर झुका हुआ हो, जबकि इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए वह 3m की ऊँचाई पर एक अधिक ढाल की फिसलनपट्टी लगाना चाहती है, जो भूमि के साथ 60° का कोण बनाती हो। प्रत्येक स्थिति में फिसलनपट्टी की लंबाई क्या होनी चाहिए ?
हल :
स्थिति I. 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए
मान लीजिए AC = lm फिसलनपट्टी की लंबाई को निरूपित करता है और BC = 1.5 m फिसलनपट्टी की ऊँचाई है।
इस स्थिति में उन्नयन कोण 30° है।
आकृति में विभिन्न आयोजन दिखाए गए हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 5

समकोण ∆ABC में,
\(\frac{\mathrm{BC}}{\mathrm{AC}}\) = sin 30°

या \(\frac{1 \cdot 5}{l_{1}}=\frac{1}{2}\)

या l1 = 1.5 × 2 = 3m

स्थिति II. अधिक उम्र के बच्चों
मान लीजिए AC = l2 m फिसलन पट्टी की लंबाई को निरूपित करता है और BC = 3 m फिसलनपट्टी की ऊँचाई है।
इस स्थिति में उन्नयन कोण 60° का है।
आकृति में विभिन्न आयोजन दिखाए गए हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 6

समकोण ∆ABC में,
\(\frac{\mathrm{BC}}{\mathrm{AC}}\) = sin 60°

\(\frac{3}{l_{2}}=\frac{\sqrt{3}}{2}\)

l2 = \(\frac{3 \times 2}{\sqrt{3}}=\frac{6}{\sqrt{3}}\)

= \(\frac{6}{\sqrt{3}} \times \frac{\sqrt{3}}{\sqrt{3}}=\frac{6 \sqrt{3}}{3}\) = 2√3 m
अत: 5 वर्ष से कम उम्र तथा इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए फिसलनपट्टी की लंबाई है : 3 m और 2√3 m है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 4.
भूमि के एक बिंदु से, जो मीनार के पाद-बिंदु से 30 m की दूरी पर है, मीनार के शिखर का उन्नयन कोण 30° है। मीनार की ऊँचाई ज्ञात कीजिए। .
हल :
मान लीजिए BC = h m मीनार की ऊँचाई है और AB = 30 m भूमि स्तर पर दूरी है।
विभिन्न आयोजन आकृति में दिखाए गए हैं

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 7

समकोण ∆ABC में,
\(\frac{\mathrm{BC}}{\mathrm{AB}}\) = tan 30°

या \(\frac{h}{30}=\frac{1}{\sqrt{3}}\)

या h = \(\frac{30}{\sqrt{3}} \times \frac{\sqrt{3}}{\sqrt{3}}=\frac{30 \sqrt{3}}{3}\)

= 10√3 = 10 × 1.732
h = 17.32 m (लगभग)
अतः, मीनार की ऊँचाई 17.32 m. है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 5.
भूमि से 60 m की ऊँचाई पर एक पतंग उड़ रही है। पतंग में लगी डोरी को अस्थायी रूप से भूमि के एक बिंदु से बांध दिया गया है। भूमि के साथ डोरी का झुकाव 60° है। यह मानकर कि डोरी में कोई ढील नहीं है, डोरी की लंबाई ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए बिंदु C पर पतंग की स्थिति है।
AC = 1 m पतंग के साथ लगी डोरी की लंबाई है। इस स्थिति में उन्नयन कोण 60° है।
विभिन्न आयोजन आकृति में दिखाए गए हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 8

समकोण ∆ABC में,
\(\frac{\mathrm{CB}}{\mathrm{CA}}\) = sin 60°

या \(\frac{60}{l}=\frac{\sqrt{3}}{2}\)

या l = \(\frac{60 \times 2}{\sqrt{3}}=\frac{120}{\sqrt{3}} \times \frac{\sqrt{3}}{\sqrt{3}}\)

= \(\frac{120 \sqrt{3}}{3}\) = 40√3 m
अतः, डोरी की लंबाई 40√3 m है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 6.
1.5 m लंबा एक लड़का 30 m ऊँचे एक भवन से कुछ दूरी पर खड़ा है। जब वह ऊंचे भवन की ओर जाता है तब उसकी आँख से भवन के शिखर का उन्नयन | कोण 30° से 60° हो जाता है। बताइए कि वह भवन की | ओर कितनी दूरी तक चलकर गया है।
हल :
मान लीजिए ED = 30 m भवन की ऊँचाई है और EC = 1.5 m लड़के की ऊँचाई है।
विभिन्न स्थितियों में उन्नयन कोण क्रमश: 30° और 60° है।
आकृति में विभिन्न आयोजन दिखाए गए अनुसार हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 9

समकोण ∆ACD में,
DC = tan 30°
या \(\frac{28 \cdot 5}{x+y}=\frac{1}{\sqrt{3}}\)

x + y = 28.5 × √3 m …………….(1)

अब, समकोण ABCD में,
\(\frac{\mathrm{DC}}{\mathrm{BC}}\) = tan 60°
या \(\frac{28 \cdot 5}{y}\) = 15
या y = \(\frac{28 \cdot 5}{\sqrt{3}}\)
या y = \(\frac{28 \cdot 5}{\sqrt{3}} \times \frac{\sqrt{3}}{\sqrt{3}}=\frac{28 \cdot 5 \times \sqrt{3}}{3}\) …………..(2)
भवन की ओर तय की गई दूरी = x
= (x + y) – y
= (28.5 × √3) (\(\frac{28 \cdot 5}{3}\) × √3) m
[(1) और (2) का प्रयोग करने से]
= 28.5 (1 – \(\frac{1}{3}\)) √3 m
= 28.5 (\(\frac{3-1}{3}\)) √3 m
= [28.5 × \(\frac{2}{3}\)] √3 m
= 19√3 m
अतः, लड़के द्वारा भवन की ओर तय की गई दूरी 19√3 m है ।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 7.
भूमि के एक बिंदु से एक 20 m ऊँचे भवन के शिखर पर लगी एक संचार मीनार के तल और शिखर के उन्नयन कोण क्रमशः 45° और 60° हैं। मीनार की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए BC = 20 m भवन की ऊँचाई है और DC = h m संचार भवन की ऊँचाई है।
भवन के शिखर पर लगी एक संचार मीनार के तल और शिखर के उन्नयन कोण क्रमश: 45° और 60° हैं।
विभन्न आयोजन आकृति में दिखाए अनुसार है

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 10

समकोण ∆ABC में,
\(\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{BC}}\) = cot 45°
या \(\frac{\mathrm{AB}}{20}\) = 1
या AB = 20 m …………….(1)
साथ ही, समकोण ∆ABD में,
\(\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{BD}}\) = cot 60°
या \(\frac{\mathrm{AB}}{20+h}=\frac{1}{\sqrt{3}}\)

AB = \(\frac{20+h}{\sqrt{3}}\)

या AB = \(\frac{20+h}{\sqrt{3}}\) …………….(2)
(1) और (2) से हमें प्राप्त होता है,
20 = \(\frac{20+h}{\sqrt{3}}\)
20√3 = 20 + h
या h = 20√3 – 20
या h = 20(√3 – 1) m
= 20 (1.732 – 1) m
= 20 × 0.732 = 14.64 m
अतः, मीनार की ऊँचाई 14.64 m. है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 8.
एक पेडस्टल के शिखर पर एक 1.6 m ऊँची मूर्ति लगी है। भूमि के एक बिंदु से मूर्ति के शिखिर का उन्नयन कोण60° है और उसी बिंदु से पेडस्टल के शिखर का उन्नयन कोण 45° है। पेडस्टल की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए BC = h m पेडस्टल की ऊँचाई है और CD = 1.6 m मूर्ति की ऊँचाई है।
भूमि के बिंदु से मूर्ति के शिखर और पेडस्टल के शिखर के उन्नयन कोण क्रमश: 60° और 45° हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 11

समकोण ∆ABC में,
\(\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{BC}}\) = cot 45°

या \(\frac{\mathrm{AB}}{h}\) = 1
या AB = h m ……………..(1)
समकोण ∆ABD में,
\(\frac{A B}{B D}\) = cot 60°

या \(\frac{\mathrm{AB}}{h+1.6}=\frac{1}{\sqrt{3}}\)

AB = \(\frac{h+1.6}{\sqrt{3}}\) ……………(2)

(1) और (2), से हमें प्राप्त होता है,

h = \(\frac{h+1.6}{\sqrt{3}}\)
या √3h = h + 1.6
या (√3 – 1) h = 1.6
या (1.732 – 1) h = 1.6
या (0.732) h = 1.6
या h = \(\frac{1.6}{0.732}\)
= 2.1857923
= 2.20 m (लगभग)
अत:, पेडस्टल की ऊँचाई 2.20 m है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 9.
एक मीनार के पाद-बिंदु से एक भवन के शिखर का उन्नयन कोण 30° है और भवन के पाद बिंदु से मीनार के शिखर का उन्नयन कोण 60° है। यदि मीनार 50 m ऊंची हो, तो भवन की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए BC = 50 m
मीनार की ऊँचाई है – और AD = h m भवन की ऊंचाई है।
मीनार के पाद-बिंदु से
भवन के शिखर का और भवन के पाद-बिंदु से मीनार के शिखर का उन्नयन कोण क्रमश: 30° और 60° हैं।
विभिन्न आयोजन आकृति में दिखाए अनुसार हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 12

समकोण ∆ABC में,
\(\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{BC}}\) = cot 60°

\(\frac{\mathrm{AB}}{50}=\frac{1}{\sqrt{3}}\)

AB = \(\frac{50}{\sqrt{3}}\) …………..(1)
साथ ही, समकोण ∆DAB में,
\(\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{DA}}\) = cot 30°

या \(\frac{\mathrm{AB}}{h}\) = √3

AB = h√3 ………….(2)
(1) और (2), से हमें प्राप्त होता है
\(\frac{50}{\sqrt{3}}\) = h√3

या \(\frac{50}{\sqrt{3}} \times \frac{1}{\sqrt{3}}\) = 16.6666

या h = 16.70 m (लगभग)
अतः, भवन की ऊँचाई 16.70 m है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 10.
एक 80 m चौड़ी सड़क के दोनों ओर आमनेसामने समान लंबाई वाले दो खंभे लगे हुए हैं। इन दोनों खंभों के बीच सड़क के एक बिंदु से खंभों के शिखर के उन्नयन कोण क्रमश: 60° और 30° हैं। खंभों की ऊँचाई और खंभों से बिंदु की दूरी ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए BC = DE = h m दो बराबर खंभों की ऊँचाई है और बिंदु A अभीष्ट बिंदु है जहाँ से दोनों खंभों के उन्नयन कोण क्रमश: 30° और 60° हैं।
विभिन्न आयोजन आकृति में दिखाए अनुसार हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 13

समकोण ∆ADE में,
\(\frac{\mathrm{ED}}{\mathrm{DA}}\) = tan 30°

या \(\frac{h}{x}=\frac{1}{\sqrt{3}}\)

या h = \(\frac{x}{\sqrt{3}}\) …………….(1)
समकोण ∆ABC में,
\(\frac{\mathrm{BC}}{\mathrm{AB}}\) = tan 60°

या \(\frac{h}{80-x}\) = √3

या h = (80 – x) √3 ……………(2)
(1) और (2) से, हमें प्राप्त होता है

\(\frac{x}{\sqrt{3}}\) = (80 – x) √3

x = (80 – x) √3 × √3
x = (80 – x)3
x = 240 – 3x
4x = 240
x = \(\frac{240}{4}\) = 30
x का मूल्य (1) में प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है।
h = \(\frac{60}{\sqrt{3}}=\frac{60}{\sqrt{3}} \times \frac{\sqrt{3}}{\sqrt{3}}\)
= \(\frac{60 \sqrt{3}}{3}\) = 20√3
= (20 × 1.732) m = 34.64 m
∴ DA = x = 60m और
AB = 80 – x= (80 – 60) m = 20 m.
अतः, खंभे की ऊँचाई 34.64 m है और बिंदु की खंभों से दूरी क्रमशः 20 m और 60 m है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 11.
एक नहर के एक तट पर एक टीवी टॉवर ऊर्ध्वाधरतः खड़ा है। टॉवर के ठीक सामने दूसरे तट के एक अन्य बिंदु से टॉवर के शिखर का उन्नयन कोण 60° है। इसी तट पर इस बिंदु से 20 m दूर और इस बिंदु को मीनार के पाद से मिलाने वाली रेखा पर स्थित एक अन्य बिंदु से टॉवर के शिखर का उन्नयन कोण 30° है। ( देखिए आकृति)।टॉवर की ऊँचाई और नहर की चौड़ाई ज्ञात कीजिए।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 14

हल :
मान लीजिए BC = x m नहर की चौड़ाई है और CD = hm टीवी टॉवर की ऊँचाई है।
भिन्न-भिन्न स्थितियों में टॉवर के शिखर के उन्नयन कोण क्रमश: 30° और 60° हैं।
विभिन्न आयोजन आकृति में दिखाए अनुसार हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 15

समकोण ∆BCD में,
\(\frac{C D}{B C}\) = tan 60°

या \(\frac{h}{x}\) = √3

या h = √3x …………(1)

साथ ही, समकोण ∆ACD में,
\(\frac{\mathrm{CD}}{\mathrm{AC}}\) = tan 30°

या \(\frac{h}{20+x}=\frac{1}{\sqrt{3}}\)

या h = \(\frac{20+x}{\sqrt{3}}\) …………(2)

(1) और (2) से, हमें प्राप्त होता है
√3x = \(\frac{20+x}{\sqrt{3}}\)
या √3 (√3x) = 20 + x
3x = 20 + x
या 2x = 20
x = \(\frac{20}{2}\) = 10
x का मूल्य (1) में, प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है :
h = 10 (√3)
= 10 × 1.732
h = 17.32 m
अतः टीवी टॉवर 17.32 m है और नहर की चौड़ाई 10 m. है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 12.
7m ऊंचे भवन के शिखर से एक केबल टॉवर के शिखर का उन्नयन कोण 60° है और इसके पाद का अवनमन कोण 45° है। टॉवार की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए BD = h m केबल टॉवर की ऊँचाई है और AE = 7 m भवन की ऊंचाई है।
केबल टॉवर के शिखर का उन्नयन कोण और पाद का अवनमन कोण क्रमशः 60° और 45° है।
विभिन्न आयोजन आकृति के अनुसार हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 16

समकोण ∆BAE में,
\(\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{AE}}\) = cot 45°

या \(\frac{\mathrm{AB}}{7}\) = 1

या AB = 7 m ……………(1)
साथ ही, समकोण ∆DCE में,
\(\frac{\mathrm{EC}}{\mathrm{DC}}\) = cot 60°

या \(\frac{\mathrm{EC}}{h-7}=\frac{1}{\sqrt{3}}\)

या EC = \(\frac{h-7}{\sqrt{3}}\) …………(2)

परंतु AB = EC …(दिया है)
7 = \(\frac{h-7}{\sqrt{3}}\)
[(1) और (2) के प्रयोग से]
या 7√3 = h – 7
h = 7√3 + 7
= 7 (√3 + 1) h
= 7(1.732 + 1)
= 7(2.732)
h = 19.124
h = 19.20 m (लगभग)
अतः, केबल टॉवर की ऊंचाई 19.20 m है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 13.
समुद्र-तल से 75 m ऊँची लाइट हाउस के शिखर से देखने पर दो समुद्री जहाजों के अवनमन कोण 30° और 45° हैं। यदि लाइट हाउस के एक ही ओर एक जहाज दूसरे जहाज के ठीक पीछे हो तो दो जहाजों के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।
हल:

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 17

मान लीजिए CD = 75 m लाटि हाऊस की ऊँचाई है।
और लाइट हाऊस के शिखर के बिंदु D से दो जहाजों के अवनमन कोण क्रमश: 30° और 45° हैं। विभिन्न आयोजन आकृति में दिखाए अनुसार हैं।
समकोण ∆BCD में,
\(\frac{\mathrm{BC}}{\mathrm{CD}}\) = Cot 45°

\(\frac{y}{75}\) = 1

y = 75 m …………..(1)

साथ ही, समकोण ∆ACD में,
\(\frac{\mathrm{AC}}{\mathrm{CD}}\) = cot 30°

\(\frac{x+y}{75}\) = 75√3

या x + 75 = 75√3
[(1) का प्रयोग करने पर]
x = 75√3 – 75
= 75 (√3 – 1)
= 75 (1.732 – 1)
= 75 ( .732)
x = 54.90
अतः दो जहाजों के बीच की दूरी 54.90 m है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 14.
1.2 m लंबी एक लड़की भूमि से 88.2 m की ऊँचाई पर एक क्षैतिज रेखा में हवा में उड़ रहे गुब्बारे को देखती है। किसी भी क्षण लड़की की आँख से गुब्बारे का उन्नयन कोण 60° है। कुछ समय बाद उन्नयन कोण घटकर 30° हो जाता है (देखिए आकृति)। इस अंतराल के दौरान गुब्बारे द्वारा तय की गई दूरी ज्ञात कीजिए।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 18

हल :
मान लीजिए 1.2 m लंबी लड़की की स्थिति ‘A’ है।
इस बिंदु से विभिन्न दूरियों पर गुब्बारे के उन्नयन कोण क्रमशः 30° और 60° हैं।
साथ ही, BE = CD = 88.2 m गुब्बारे की ऊंचाई है।
विभिन्न आयोजन आकृति में दिखाए अनुसार हैं :

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 19

समकोण ∆ABE में,
\(\frac{\mathrm{AB}}{\mathrm{BE}}\) = cot 60°

या \(\frac{x}{88.2}=\frac{1}{\sqrt{3}}\)

x = \(\frac{88.2}{\sqrt{3}}\) m …………..(1)
साथ ही, समकोण ∆ACD में,

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 20

या y = 58.8√3m
y = 58.8 (1.732) = 101.8416 m
y = 101.90 m
अतः, इस अंतराल के दौरान गुब्बारे द्वारा तय की गई दूरी 101.90 m. है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1

प्रश्न 15.
एक सीधा राजमार्ग एक मीनार के पाद तक जाता है। मीनार के शिखर पर खड़ा एक आदमी एक कार को 30° के अवनमन कोण पर देखता है जो कि मीनार के पाद की ओर एक समान चाल से जाता है। छः सेकंड बाद कार का अवनमन कोण 60° हो गया। इस बिंदु से मीनार के पाद तक पहुँचने में कार द्वारा लिया गया समय ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए CD = hm मीनार ऊँचाई है।
मान लीजिए ‘A’ कार की प्रारंभिक स्थिति है और छ: सेंकड के बाद कार B पर पहुँच जाती है।
A और B पर कार के अवनमन कोण क्रमश: 30° और 60° हैं।
विभिन्न आयोजन आकृति में दिखाए अनुसार हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 21

मान लीजिए कार की चाल मीटर प्रति सेंकड है। सूत्र, दूरी = चाल x समय का प्रयोग करने पर
AB = कार द्वारा 6 सेंकड में तय की गई दरी
AB = 60 मीटर
साथ ही, कार द्वारा मीनार तक पहुँचने में लिया गया समय ‘n’ सेंकड है।
∴ BC = nv HTC
समकोण ∆ACD में,
\(\frac{\mathrm{CD}}{\mathrm{AC}}\) = tan 30°

\(\frac{h}{6 v+n v}=\frac{1}{\sqrt{3}}\)

या h = \(\frac{6 v+n v}{\sqrt{3}}\) ………..(1)
साथ ही, समकोण ABCD में,
\(\frac{C D}{B C}\) = tan 60

या \(\frac{h}{n v}\) = 15
या h = nv (√3)
(1) और (2) से, हमें प्राप्त होता है
\(\frac{6 v+n v}{\sqrt{3}}\) = nv (√3)
या 60 + nv = nv (√3 × √3)
या 60 + nv = 3my
या 60 = 2ny
या n = \(\frac{6 v}{2 v}\) = 3
अत: मीनार के पाद तक पहुँचने में कार द्वारा लिया गया साथ 3 सेंकड है।

प्रश्न 16.
मीनार के आधार से और एक सरल रेखा में 4m और 9 m की दूरी पर स्थित दो बिंदुओं से मीनार के शिखर के उन्नयन कोण पूरक कोण हैं। सिद्ध कीजिए कि मीनार की ऊँचाई 6 m है।
हल :
मान लीजिए CD = h m मीनार की ऊँचाई है और B ; A अभीष्ट बिंदु हैं जो मीनार से क्रमशः 4 m और 9 m की दूरी पर हैं।
विभिन्न आयोजन आकृति में दिखाए अनुसार हैं।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 9 त्रिकोणमिति के कुछ अनुप्रयोग Ex 9.1 22

समकोण ∆BCD में,
\(\frac{\mathrm{CD}}{\mathrm{BC}}\) = tan θ

या \(\frac{h}{4}\) = tan θ …………..(1)

साथ ही, समकोण ∆ACD में ,
\(\frac{\mathrm{CD}}{\mathrm{AC}}\) = tan (90 – θ)

या \(\frac{h}{9}\) = cot θ …………..(2)
(1) और (2) को गुणा करने पर, हमें प्राप्त होता है।
\(\frac{h}{4} \times \frac{h}{9}\) = tan θ × cot θ

या \(\frac{h^{2}}{36}=\tan \theta \times \frac{1}{\tan \theta}\)

या h2 = 36 = (6)2
h = 6
अतः, मीनार की ऊँचाई 6 m है।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु

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PSEB 10th Class Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु

याद रखने योग्य बातें (Points to Remember)

→ तत्वों को धातु, अधातु तथा उपधातु (मैटालॉयड्स) में वर्गीकृत किया जाता है।

→ धातुओं की सतह पर एक विशेष प्रकार की चमक होती है। धातुएँ प्रायः कठोर होती हैं।

→ धातुएँ तन्य तथा अघातवर्ध्य होती हैं।

→ धातुएँ प्रायः ऊष्मा तथा विद्युत् की सुचालक होती हैं।

→ धातुओं को चोट मारने पर एक विशेष ध्वनि उत्पन्न होती है।

→ आधातुओं की अपनी कोई विशेष चमक नहीं होती है।

→ अधातुओं में अघावर्ध्यता तथा तन्यता के गुण विद्यमान नहीं हैं।

→ अधातुएँ ऊष्मा तथा विद्युत् की कुचालक होती हैं।

→ पारा (मरकरी) के अतिरिक्त सभी धातुएँ सामान्य ताप पर ठोस होती हैं।

→ प्रायः धातुओं का उच्च द्रवणांक होता है।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु

→ आयोडीन एक ऐसी अधातु है जिसमें चमक होती है। अन्य सभी अधातुओं में चमक नहीं होती है।

→ कार्बन एक अधातु है जिसके अपरूप हैं- ग्रेफाइट तथा हीरा।

→ क्षारीय धातुएँ जैसे सोडियम तथा पोटाशियम आदि नरम धातुएँ हैं जिन्हें सुगमता से चाकू की सहायता से काटा जा सकता है। इन धातुओं के द्रवणांक तथा क्वथनांक निम्न होते हैं।

→ लगभग सभी धातुएँ, ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके अपने ऑक्साइड बनाती हैं।

→ धातुओं के ऐसे ऑक्साइड जिनमें अम्लीय तथा क्षारीय गुण उपस्थित हों उभयधर्मी ऑक्साइड कहलाते हैं।

→ अधिकतर धातुओं के ऑक्साइड जल में अविलेय हैं परंतु जल के साथ क्रिया करके हाइड्रोक्साइड बनाते हैं।

→ सोडियम तथा पोटाशियम धातुओं को वायु में खुला छोड़ने पर एकदम आग लग जाती है।

→ सोडियम धातु को सामान्य ताप पर आग लगने से सुरक्षित करने के लिए कैरोसीन में रखा जाता है।

→ ऐनोडीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विद्युत् धारा के प्रवाह से एल्यूमीनियम की मोटी पर्त जमा की जाती है।

→ धातुएँ, जल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन उत्पन्न करती हैं परंतु सभी धातुएँ यह अभिक्रिया प्रदर्शित नहीं करती हैं।

→ सोडियम तथा पोटाशियम ठंडे जल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन उत्पन्न करती हैं तथा अभिक्रिया उष्माक्षेपी है।

→ मैग्नीशियम धातु गर्म जल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन बनाती है।

→ लाल तप्त लोहा, एल्यूमीनियम तथा जिंक (जिस्त) भाप से अभिक्रिया करती हैं जिसके फलस्वरूप हाइड्रोजन मुक्त होती है।

→ सक्रियता शृंखला में धातुओं को इनकी सक्रियता के घटते क्रम में व्यवस्थित किया गया है।

→ सीसा (लैड) कॉपर तथा चांदी जैसी धातुएँ जल के साथ अभिक्रिया नहीं करती हैं।

→ धातुएँ अम्लों के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन उत्पन्न करती हैं।

→ नाइट्रिक अम्ल एक शक्तिशाली उपचायक है।

→ ऐक्वारीजिया (अम्लराज) 3 : 1 के अनुपात में सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा सांद्र नाइट्रिक अम्ल का मिश्रण है जो उत्कृष्ट धातुएँ जैसे सोना, प्लाटिनम को अपने में घोल लेता है।

→ धातुओं से अधातुओं में इलैक्ट्रॉनों का स्थानांतरण द्वारा निर्मित यौगिकों को आयनिक अथवा विद्युत् संयोजी यौगिक कहते हैं।

→ आयनिक यौगिकों के द्रवणांक तथा क्वथनांक ऊँचे होते हैं।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु

→ आयनिक यौगिक ठोस व्यवस्था में विद्युत् के सुचालक नहीं होते हैं क्योंकि उस अवस्था में आयन गति नहीं कर सकते।

→ वे तत्व या यौगिक को पृथ्वी की परत में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं, खनिज कहलाते हैं।

→ जिन खनिजों में धातु प्रचुर मात्रा में उपस्थित होती है तथा धातु को सुगमता से निष्कर्षित किया जा सकता है, अयस्क कहते हैं।

→ वे धातुएँ जो सक्रियता शृंखला के निम्न स्तर पर स्थित होती हैं प्रकृति में मुक्त अवस्था में मिलती हैं।

→ धरती में से निकाले गए अयस्कों में मिट्टी, रेत आदि अशुद्धियाँ उपस्थित होती हैं, को गैंग कहते हैं।

→ सल्फाइड युक्त अयस्क वायु की उपस्थिति में उच्च ताप पर गर्म करने से ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाती हैं। इस प्रक्रिया को भर्जन कहते हैं।

→ कार्बोनेट युक्त अयस्क को सीमित वायु की उपस्थिति में उच्च ताप पर गर्म करने से धातु का ऑक्साइड बनता है। इस प्रक्रिया को निस्तापन कहते हैं।

→ सक्रियता श्रृंखला के शीर्ष पर स्थित धातुओं को अयस्कों में से विद्युत् अपघटनी विधि द्वारा निष्कर्षित किया जाता है।

→ लोहे को जंग लगने से बचाने के लिए पेंट किया जाता है, तेल या ग्रीज़ का लेप किया जाता है, गैल्वीनीकरण किया जाता है, क्रोमियम प्लेटिंग की जाती है अथवा मिश्रित धातु बनाई जाती है।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 3 धातु एवं अधातु

→ दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्रित धातु कहते हैं।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

This PSEB 10th Class Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण will help you in revision during exams.

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

याद रखने योग्य बातें (Points to Remember)
→ भोजन में खट्टा स्वाद अम्ल और कड़वा स्वाद क्षारक की उपस्थिति के कारण होता है। अम्ल नीले लिटमस को लाल और क्षारक लाल लिटमस को नीला करते हैं।

→ अम्ल एवं क्षारक एक-दूसरे के प्रभाव को समाप्त करते हैं।

→ अम्ल और क्षारक की जाँच लिटमस, हल्दी, मेथिल ऑरेंज और फीनॉलफ्थेलिन नामक सूचकों से की जा सकती है।

→ कार्बन डाइऑक्साइड गैस को चूने के पानी से प्रवाहित करने पर वह दूधिया हो जाता है।

→ चूने के पानी से अधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड गैस गुज़ारने से जल में विलयशील कैल्सियम बाइकार्बोनेट बनता है जिस कारण दूधिया रंग समाप्त हो जाता है।

→ क्षारक फीनॉलफ्थेलिन अम्ल की उपस्थिति में क्रिया कर गुलाबी रंग बनाते हैं।

→ अम्ल और क्षारक परस्पर मिल कर लवण और जल बनाते हैं।

→ विलयनों में विद्युत् धारा का प्रवाह आयनों के द्वारा होता है।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

→ अम्ल में H+ धनायन है। अम्ल विलयन में हाइड्रोजन आयन H+ (aq) उत्पन्न करता है जिस कारण उनका गुणधर्म अम्लीय होता है।

→ क्षारक जल में हाइड्रॉक्साइड (OH) आयन उत्पन्न करते हैं।

→ जल में घुलनशील क्षारक को क्षार कहते हैं।

→ क्षारों का स्पर्श साबुन की तरह, स्वाद कड़वा होता है तथा प्रकृति संक्षारक होता है।

→ सभी अम्ल H+ (aq) तथा सभी क्षारक OH (aq) उत्पन्न करते हैं।

→ जल में अम्ल या क्षारक के घुलने से प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है इसलिए तनु करते समय धीरे-धीरे इन्हें जल में मिलाना चाहिए। सांद्र अम्ल में जल नहीं मिलाना चाहिए।

→ सार्वभौम सूचक किसी विलयन में हाइड्रोजन आयन की विभिन्न सांद्रता को विभिन्न रंगों से प्रदर्शित करते हैं।

→ किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन की सांद्रता ज्ञात करने के लिए एक स्केल विकसित की गई है जिसे pH स्केल कहते हैं।

→ pH में ‘p’ सूचक है-पुसान्स (Pursance) का। यह एक जर्मन शब्द है जिस का अर्थ ‘शक्ति’ है।

→ pH स्केल से शून्य (अधिक अम्लता) से चौदह (अधिक क्षारीय) तक pH को ज्ञात कर सकते हैं।

→ हाइड्रोनियम आयून की सांद्रता जितनी अधिक होगी उसका pH उतना ही कम होगा। किसी उदासीन विलयन का pH मान 7 होता है। pH स्केल में विलयन का मान 7 से कम होने पर वह अम्लीय होता है और pH 7 से 14 तक बढ़ने पर विलयन की क्षारीय शक्ति का पता चलता है।

→ अधिक संख्या में H+ आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते हैं और कम H+ आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल दुर्बल अम्ल कहलाते हैं।

→ अति अम्लीयता के दर्द से मुक्त होने के लिए ऐंटैसिड मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड जैसे दुर्बल क्षारकों का उपयोग किया जाता है।

→ मुँह में pH का मान 5.5 से कम होने पर दांतों का क्षय आरंभ हो जाता है।

→ नेट्टल नामक शाकीय पौधा मेथैनॉइक अम्ल के कारण डंक जैसा दर्द उत्पन्न करता है जो इसके बालों में उपस्थिति मेथेनॉइक अम्ल के कारण होता है। इस दर्द का इलाज डॉक पौधे की पत्तियों से किया जाता है।

→ सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट एक दुर्बल असंक्षारक क्षारक है। इसे बेकिंग पाउडर तथा केक बनाने में प्रयुक्त किया जाता है। यह अग्निशामक में प्रयुक्त किया जाता है।

→ धोने का सोडा (Na2CO3.10H2O) से सोडियम क्लोराइड से तैयार किया जाता है। यह कांच, साबुन, कागज़ आदि उद्योगों में प्रयुक्त किया जाता है। इससे जल की स्थाई कठोरता दूर की जाती है।

→ जलीय कॉपर सल्फेट का सूत्र CuSO4.5H2O है तथा जिप्सम का सूत्र CaSO4.2H2O है।

→ प्लास्टर ऑफ़ पेरिस को कैल्सियम सल्फेट अर्द्धहाइड्रेट (CaSO4 \(\frac{1}{2}\)H2O) को 373°K तक गर्म कर के बनाया जाता है।

→ प्लास्टर ऑफ़ पेरिस से खिलौने और सजावटी सामान तैयार किया जाता है।

→ सूचक रंग अथवा रंगों के मिश्रण होते हैं जो अम्ल या क्षार की उपस्थिति ज्ञात करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

→ वस्तुओं की अम्लीय प्रकृति जलीय विलयन में से H+ आयनों की उपस्थिति कारण होता है।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण

→ जलीय विलयन में OH आयनों की उपस्थिति के कारण वस्तु की प्रकृति क्षारीय होती है।

→ वस्तुएं जिनकी गंध अम्लीय अथवा क्षारीय माध्यम में बदल जाती है आलफैक्टरी सूचक कहलाते हैं।

→ जब कोई अम्ल किसी धातु के साथ क्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस निकलती है तथा संबंधित लवण की उत्पत्ति होती है।

→ जब अम्ल धात्विक कार्बोनेट अथवा धात्विक हाइड्रोजन कार्बोनेट से क्रिया करता है तो संबंधित लवण, कार्बनडाइऑक्साइड तथा जल बनता है।

→ अम्लीय तथा क्षारीय विलयन उनमें उपस्थित H+ अथवा OH के कारण विद्युत चालक होते हैं।

→ अम्ल अथवा एल्कली तथा क्षार की जाँच pH स्केल के उपयोग द्वारा की जाती है। यह परीक्षण उनमें H+ की सघनता का माप होता है।

→ उदासीन विलयन का pH मान 7 होता है जबकि अम्लीय विलयन का pH मान 7 से कम तथा क्षारीय विलयन का pH मान 7 से अधिक होता है।

→ अम्ल तथा क्षार परस्पर क्रिया करके एक-दूसरे को उदासीन बनाते हैं जिसके परिणामस्वरूप संबंधित लवण तथा जल बनता है।

→ लवण के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या को क्रिस्टलन जल कहते हैं।

→ शुष्क बुझे हुए चूने पर क्लोरीन की क्रिया द्वारा रंगकाट चूर्ण (ब्लीचिंग चूर्ण) का उत्पादन होता है।

→ डॉक्टर टूटी हड्डियों को स्थिर करने के लिए प्लास्टर ऑफ पैरिस का उपयोग करते हैं।

→ हम अपने दैनिक जीवन तथा उद्योगों में विभिन्न कार्यों के लिए अनेक प्रकार के लवणों का उपयोग करते हैं।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

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PSEB 10th Class Science Notes Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

याद रखने योग्य बातें (Points to Remember)
→ रासायनिक समीकरण किसी रासायनिक अभिक्रिया को दर्शाता है।

→ शब्दों की अपेक्षा रासायनिक सूत्र का उपयोग करके रासायनिक समीकरणों को अधिक संक्षिप्त तथा उपयोगी बनाया जा सकता है।

→ किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है न ही विनाश।

→ किसी रासायनिक अभिक्रिया में तीर के निशान के दोनों ओर के प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान हो तो वह एक संतुलित रासायनिक समीकरण है।

→ अभिकारकों तथा उत्पादों के ठोस, गैस, द्रव तथा जलीय अवस्थाओं को क्रमशः (s), (g), (1) तथा (aq) से दर्शाया जाता है।

→ अभिकारक तथा उत्पादों में जब जल घोल के रूप में उपस्थित रहता है तब उसे (aq) लिखते हैं।

→ ऐसी अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं उसे संयुक्त अभिक्रिया कहते हैं।

→ पाचन क्रिया के दौरान खाद्य पदार्थ छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है।

→ साग-सब्जियों का विघटित होकर कंपोस्ट बनना भी ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया का ही उदाहरण है।

→ जिस अभिक्रिया में एकल अभिकर्मक टूट कर छोटे-छोटे उत्पाद प्रदान करता है, उसे वियोजन अभिक्रिया कहते हैं।

→ सूर्य के प्रकाश में श्वेत रंग का सिल्वर क्लोराइड धूसर रंग का हो जाता है।

→ जिन अभिक्रियाओं में ऊर्जा अवशोषित होती है उन्हें ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहते हैं।

→ वे अभिक्रियाएं जिनमें अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है उन्हें द्विविस्थापन अभिक्रिया कहते हैं। जिस अभिक्रिया में अवक्षेप का निर्माण होता है उसे अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैं।

PSEB 10th Class Science Notes Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण

→ यदि किसी अभिक्रिया में एक अभिकारक उपचरित तथा दूसरा अभिकारक अपचरित होता है तो इन अभिक्रियाओं को उपचयन-अपचयन अथवा रेडॉक्स अभिक्रिया कहते हैं।

→ किसी अभिक्रिया में पदार्थ का उपचयन तब होता है जब उनमें O2, की वृद्धि या H2, का ह्रास होता है।

→ पदार्थ का अपचयन तब होता है जब उसमें O2, का ह्रास या H2, की वृद्धि होती है।

→ जब कोई धातु अपने आस-पास अम्ल, नमी आदि के संपर्क में आती है तब वह संक्षारित होती है और उस क्रिया को संक्षारण कहते हैं।

→ चांदी के ऊपर काली पर्त और ताँबे के ऊपर हरी पर्त चढ़ना, संक्षारण के उदाहरण हैं।

→ उपचयित होने पर तेल एवं वसा विकृत गंधी हो जाते हैं तथा उनके स्वाद अथवा गंध बदल जाते हैं।

→ हमारे इर्द-गिर्द विभिन्न प्रकार की रासायनिक क्रियाएं हो रही हैं।

→ रासायनिक समीकरण किसी रासायनिक अभिक्रिया को प्रदर्शित करती है।

→ रासायनिक क्रिया में न तो द्रव्यमान का निर्माण किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है।

→ एक पूर्ण रासायनिक समीकरण अभिकारकों, उत्पादों तथा उनकी भौतिक अवस्था को संकेतिक तौर पर प्रदर्शित करती है।

→ रासायनिक समीकरण सदैव संतुलित होनी चाहिए।

→ रासायनिक समीकरण में भाग ले रहे प्रत्येक परमाणु की संख्या समीकरण के अभिकारकों की ओर तथा उत्पादों की ओर एक समान होनी चाहिए।

→ रासायनिक संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक पदार्थ संयोग करके एक नया पदार्थ बनाते हैं।

→ अपघटन अभिक्रिया में एक अभिकारक विघटित होकर दो अथवा दो से अधिक उत्पाद बनाते हैं। यदि अपघटन क्रिया गर्म करने पर सम्पन्न होती है तो उसे ताप-अपघटन अभिक्रिया कहते हैं।

→ यदि रासायनिक अभिक्रिया में ऊर्जा अवशोषित होती (ऊष्मा, प्रकाश अथवा विद्युत की आवश्यकता पड़ती है) है तो यह ऊष्मा-शोषी अभिक्रिया कहलाती है।

→ दोहरी द्विविस्थापन अभिक्रिया में विभिन्न परमाणुओं अथवा आयनों का परस्पर आदान-प्रदान होता है।

→ रेडॉक्स अभिक्रिया में पदार्थों द्वारा ऑक्सीजन अथवा हाइड्रोजन का लाभ अथवा हानि होती है।

→ रासायनिक अभिक्रिया के समय ऑक्सीजन का लाभ अथवा हाइड्रोजन की हानि होने पर क्रिया को ऑक्सीकरण कहते हैं।

→ ऑक्सीजन की हानि अथवा ऑक्सीजन का लाभ होने पर अभिक्रिया लघुकरण (अपचयन) कहलाती है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
वन्य संपदा की सुरक्षा के लिए कौन-कौन से उपाय हैं ?
उत्तर-
वन्य संपदा की सुरक्षा के उपाय-

  • वृक्षों को काटना बंद होना चाहिए।
  • केवल वे ही वृक्ष काटे जाएं तो सूख जाएं या जिन्हें कोई गंभीर बीमारी लग जाए और उनके स्थान पर नये वृक्ष लगाये जाने चाहिए।
  • वृक्षों की प्रति वर्ष गिनती की जानी चाहिए और वृक्षारोपण के लक्ष्य को पूर्ण करना चाहिए।
  • वन-महोत्सव मनाया जाना चाहिए। यह हमारे देश की वृक्षारोपण की परंपरा है जिसके अनुसार वनमहोत्सव सप्ताह में हज़ारों नये वृक्ष लगाये जाते हैं।
  • नये लगाए गए वृक्षों की देखभाल करनी चाहिए।
  • वनारोपण की नयी योजना लागू होनी चाहिए।
  • वन संपदा को जंगल की आग से बचाने के लिए उचित प्रबंध होना चाहिए।
  • वृक्षों को बीमारियों से बचाने के लिए रासायनिक दवाइयों का इस्तेमाल करना चाहिए।

प्रश्न 2.
पर्यावरण प्रदूषण के घटकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
मानव तथा पर्यावरण का आपस में गहरा तथा अटूट संबंध है। मानव ही पर्यावरण को स्वच्छ या प्रदूषित करता है तथा उसका प्रभाव मानव को ही उसी रूप में प्रभावित करता है। मानव समाज के लिए स्वच्छ तथा स्वास्थ्यवर्धक पर्यावरण अति आवश्यक है। परंतु पर्यावरण को स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक बनाना मनुष्यों पर ही निर्भर करता है।

मानव की क्रियाओं का अनियोजन होना पर्यावरण को उतनी ही अधिक हानि पहुंचाता है। महानगरों में ट्रकों तथा बसों से निकलता काला धुंआ, नदियों में नालों का गंदा पानी तथा सड़कों पर बिखरा कूड़ा-कर्कट आदि महानगरों के पर्यावरण को दूषित करते हैं। ये सभी क्रियाकलाप मिलजुल कर हमारे पर्यावरण के सभी घटकों जैसे-जल, वायु तथा मृदा के साथ-साथ हमें जीवित रखने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

जनसंख्या में लगातार वृद्धि पर्यावरण को प्रदूषित करने में मानव की प्रमुख भूमिका है। जनसंख्या के बढ़ने से आवास, वस्त्र तथा खाद्य पदार्थों की आवश्यकता भी बढ़ जाती है। आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संपदाओं की हानि होती है। जैसे जंगलों को अत्यधिक काटा जाना; भूमिगत जल का अनियंत्रित उपयोग, जीवाश्म ईंधन का अत्यधिक उपयोग, औद्योगिकीकरण आदि। वे सभी किसी-न-किसी रूप में पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं।

जब प्राकृतिक साधन पर्यावरण को पुनः स्वच्छता प्रदान नहीं कर सकते तो प्रदूषण होता है। औद्योगिक दुर्घटनाओं तथा बिना नियोजित लगाए गए कारखानों आदि से भी पर्यावरण प्रदूषित होता है। अत्यधिक रसायनों का उपयोग भी इसी का एक घटक है। प्राकृतिक संपदाओं का अतिशोषण भी पर्यावरण के प्रदूषण को बढ़ावा देता है। औद्योगिक क्रांति से वायु तथा जल प्रदूषण होता है। अम्लीय वर्षा, अंतः दहन इंजनों द्वारा प्रचलित वाहनों द्वारा अधिक मात्रा में सल्फर युक्त यौगिकों को वायु में मुक्त करने का परिणाम है। ऐरोसाल के उपयोग से ओजोन सतह की हानि हो रही है।

मानव के विभिन्न क्रियाकलापों के परिणाम से उत्पन्न अपशिष्ट पदार्थ पर्यावरण को प्रदूषित करने में सबसे आगे हैं। ये अपशिष्ट पदार्थ अत्यंत घातक होते हैं तथा इनका प्रभाव दूर-दूर तक फैल जाता है। इनका निपटान आजकल विश्व की समस्या है। इनका पुन: चक्रण ही पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकता है। पर्यावरण को प्रदूषित करने में मुख्य भूमिका मनुष्य की है, इसके साथ-साथ इस प्रदूषित पर्यावरण का शिकार भी प्रमुख रूप से मानव ही है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 3.
कोयला एवं पेट्रोलियम का प्रयोग सावधानीपूर्वक क्यों करना चाहिए ?
उत्तर-
कोयला और पेट्रोलियम पेड़-पौधों तथा जीव जंतुओं से बनते हैं जिनमें कार्बन के अतिरिक्त हाइड्रोजन, नाइट्रोजन एवं सल्फर भी होते हैं। जब इन्हें जलाया जाता है तो कार्बन डाइऑक्साइड, जल, नाइट्रोजन के ऑक्साइड तथा सल्फर के ऑक्साइड उत्पन्न होती हैं। अपर्याप्त वायु में जलाने पर कार्बन डाइऑक्साइड के स्थान पर मोनो ऑक्साइड उत्पन्न होती है। इन उत्पादों में से नाइट्रोजन और सल्फर के ऑक्साइड तथा कार्बन मोनोआक्साइड विषैली गैसें हैं। कार्बन डाइऑक्साइड एक ग्रीन हाउस गैस है।

कोयला और पेट्रोलियम कार्बन के विशाल भंडार हैं। यदि इनकी संपूर्ण मात्रा का कार्बन न जलाने पर कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित हो गया तो पृथ्वी पर ऑक्सीजन की उपलब्धता तो अत्यंत हो जाएगी पर साथ ही साथ कार्बन डाइऑक्साइड से अधिकता वैश्विक ऊष्मण होने का कारण बन जाएगी। इसलिए इन संसाधनों का उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए।

प्रश्न 4.
गंगा का प्रदूषण किस प्रकार हो रहा है ? इसकी सफाई योजना पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-
गंगा हिमालय पर्वत में स्थित गंगोत्री से लेकर बंगाल की खाड़ी तक लगभग 2500 किलोमीटर तक यात्रा करती है। वह विभिन्न राज्यों के सौ से अधिक नगरों और कस्बों से गुजरती है जिस कारण उसमें तरह-तरह की गंदगियों का मिलना स्वाभाविक है।

गंगा का प्रदूषण मुख्य रूप से अग्रलिखित प्रकार का है-

  • औद्योगिक कचरा।
  • अनौपचारित मल और अपशिष्ट।
  • मृत शरीरों को तटों पर जलाना, जल में बहाना और मृत शरीरों की राख और हड्डियों को गंगा के जल में डालना।
  • अंधविश्वास के कारण गंगा में नहाना। गंगा की सफाई योजना गंगा के जल में धार्मिक कारणों से अस्थि प्रवाह किया जाता है।

इसलिए इसके जल में, मानव आंत में पाया जाने वाला कोलिफार्म जीवाणु उपस्थित है और उसकी MPN (Most Probable Number) जल के अधोप्रवाह में बढ़ता जाता है। सन् 1985 में, गंगा के प्रदूषण को दूर करने के लिए गंगा सफाई योजना शुरू की गयी थी। जिसका बजट प्रथम चरण में 462 करोड़ रुपये और द्वितीय चरण में 416 करोड़ रुपये था। इस अभियान के अनुसार 873 मिलियन लीटर जल प्रतिदिन उपचारित करना था। वर्तमान में गंगा की सफाई योजना में तेजी लाए जाने की परम आवश्यकता है तभी इसमें निरंतर बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
प्राकृतिक संसाधन को उदाहरण सहित परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources)-प्रकृति में पाए जाने वाले मनुष्य के लिए उपयोगी पदार्थों को प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। उदाहरण-वायु, जल, मिट्टी, खनिज, कोयला, पेट्रोलियम आदि प्राकृतिक संसाधन हैं।

प्रश्न 2.
3R के सिद्धांत से आप क्या समझते हो ? वर्णन करो।
उत्तर-
पहले ‘R’ का अर्थ है Reduce अर्थात् कम करना। इसका यह अर्थ है कि हमें कम-से-कम वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। उदाहरण के लिए हम बिजली के पंखे तथा बल्ब के स्विच बंद करके विद्युत् के अपव्यय को रोक सकते हैं। इसी प्रकार कम-से-कम जल का उपयोग करके तथा लीक होने वाले नल तथा पाइप की मरम्मत करवा के भी हम जल के अपव्यय को रोक सकते हैं।

दूसरे ‘R’ का अर्थ है Recycle अर्थात् पुनः चक्रण। इसका अर्थ है कि हमें प्लास्टिक, कागज़, काँच, धातु की वस्तुएँ आदि पदार्थों का पुनः चक्रण करके इनसे उपयोगी वस्तुएँ बनानी चाहिएं। हमें ऐसी चीज़ों को कचरे के डिब्बे में नहीं डालना चाहिए बल्कि इन्हें अपने कचरे से अलग करना होगा ताकि यह दुबारा उपयोगी बनाई जा सकें।

तीसरा ‘R’ है Reuse अर्थात् पुन: उपयोग। यह पुन:चक्रण से भी अच्छा तरीका है क्योंकि पुनःचक्रण से भी कुछ न कुछ ऊर्जा व्यर्थ जाती है। पुन: उपयोग के तरीके में हम एक ही वस्तु का बार-बार उपयोग कर सकते हैं। उदाहरणविभिन्न खाद्य पदाथों के साथ आए डिब्बे तथा केन हम अन्य सामान रखने में प्रयोग कर सकते हैं।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

प्रश्न 3.
गंगा के जल प्रदूषण को किस प्रकार रोका जा सकता है ?
उत्तर-
गंगा के जल प्रदूषण को निम्नलिखित विधियों से रोका जा सकता है

  • औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले हानिकारक कचरे को गंगा में गिरने से रोक कर।
  • नदी में मृत पशुओं को बहाने से रोक कर।
  • घरों-व्यापारिक संस्थानों से निकले कूड़े को नदी में न बहा कर।
  • नदी में कपड़े न धो कर।
  • जल स्रोतों के निकट मल-मूत्र को न त्याग कर।
  • नदी में राख और शवों को न बहा कर।

प्रश्न 4.
पुनः चक्रण क्या है ? इसके लिए हम क्या कर सकते हैं ?
उत्तर-
पुनः चक्रण-पुरानी अखबारों, कॉपी-किताबों, धातु से बनी पुरानी-बेकार वस्तुओं, प्लास्टिक आदि को कुछ प्रक्रियाओं के द्वारा नए रूप में परिवर्तित किया जा सकता है, जिसे पुनः चक्रण कहते हैं। पुनः चक्रण के लिए हम अग्रलिखित कार्य कर सकते हैं-

  • ऐसी वस्तुएं खरीदें जिनका पुनः चक्रण संभव हो।
  • ऐसी वस्तुएं प्रयोग करें जो पुनः चक्रण से निर्मित हों।
  • पुन: चक्रण के लिए उपयुक्त वस्तुओं को खराब होने से पहले बेच दें।

प्रश्न 5.
‘चिपको आंदोलन’ ने सरकार तथा लोगों को क्या सिखाया है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
चिपको आंदोलन-‘चिपको आंदोलन’ बहुत तेजी से विभिन्न समुदायों में फैल गया है। जन संचार माध्यमों ने भी इसमें महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। इसने सरकार को यह सोचने पर विवश कर दिया कि वन संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए प्राथमिकता तय करने के लिए पुनर्विचार की आवश्यकता है। लोगों को अनुभव ने सिखा दिया है कि वनों के विनाश से केवल वन की उपलब्धता ही प्रभावित नहीं होती बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता और जल स्रोत भी प्रभावित होते हैं। स्थानीय लोगों की भागीदारी निश्चित रूप से वनों के प्रबंधन में होनी चाहिए।

प्रश्न 6.
भौम जल के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
भौम जल के लाभ-

  • यह जल वाष्पित होकर वायुमंडल में मिलता नहीं है।
  • इसमें जीव जंतु तथा पादपों का जनन नहीं हो पाता।
  • यह भौम स्तर में सुधार लाता है।
  • यह पौधों को नमी प्रदान करता है।
  • यह जीव-जंतुओं के कारण प्रदूषित और संदूषित नहीं हो पाता।

प्रश्न 7.
जीवाश्म ईंधन क्या हैं तथा किस प्रकार बनते हैं ? इसके दो उदाहरण बताओ।
उत्तर-
जीवाश्म ईंधन-जंतु तथा वनस्पति के अवशेष पृथ्वी की सतह में दबते रहे हैं जो धीरे-धीरे तलछट के नीचे दब कर एकत्रित होते जाते हैं। इस प्रकार उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं होती। तलछट के आवरण के नीचे न तो इनका ऑक्सीकरण होता है और न ही विघटन, परंतु इसी तलछट के भार के कारण इन अवशेषों से पानी तथा अन्य वाष्पीजन्य पदार्थ निचुड़ कर बाहर निकल जाते हैं। इन्हीं पदार्थों को जीवाश्म ईंधन कहते हैं। जीवाश्म ईंधन ऊर्जा युक्त कार्बन यौगिकों के वे अणु हैं जिनका निर्माण मूलत: सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए वनस्पतियों ने किया था। जीवाश्म ईंधन के उदाहरण कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस हैं।

प्रश्न 8.
“जल जीवन के लिए आवश्यक है।” इस कथन को सिद्ध कीजिए।
उत्तर-
जल निम्नलिखित कारणों से जीवन के लिए आवश्यक है

  • जल हमारे शरीर की सभी रासायनिक प्रक्रियाओं में भाग लेता है।
  • जल शरीर में तापमान को स्थिर रखता है।
  • जल पोषक पदार्थों को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँचाता है।
  • जल भल-मूत्र के विसर्जन में सहायता करता है।
  • जल पदार्थों के परिवहन में सहायता करता है।
  • कृषि, कारखानों तथा विद्युत् के लिए भी जल आवश्यक है।

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प्रश्न 9.
जल संरक्षण के कुछ प्रमुख उपाय लिखिए।
उत्तर-
जल के संरक्षण हेतु उपाय

  • जल को सिंचाई के लिए उपयोग करना।
  • बाढ़ नियंत्रण तथा हाइड्रोलोजिकल सर्वे और बाँध निर्माण करना।
  • भूमिगत जल की रिचार्जिंग तथा व्यय को रोकना।
  • अधिक जल तथा कम जल वाले स्थानों को स्थानांतरण करना।
  • मृदा अपरदन को रोकने के लिए बाह्य मृदा को बनाए रखना।

प्रश्न 10.
कुछ वायु प्रदूषकों के नाम लिखिए।
उत्तर-
वायु के मुख्य प्रदूषक निम्नलिखित हैं-

  • कार्बन मोनोक्साइड
  • कार्बन डाइऑक्साइड
  • सल्फर तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड
  • फ्लोराइडज के यौगिक
  • धातुएं तथा हाइड्रोकार्बन।

प्रश्न 11.
प्रदूषण नियंत्रण के पाँच उपाय बताओ।
उत्तर-
प्रदूषण को रोकने के लिए हमें निम्नलिखित उपाय करने चाहिएँ –

  • गोबर गैस का निर्माण करना चाहिए।
  • अजैव विघटनशील पदार्थों को गड्ढों में डालना चाहिए।
  • अपशिष्ट पदार्थों का चक्रीकरण करना चाहिए।
  • वाहित मल तथा उत्सर्जी पदार्थ आदि का सही ढंग से विसर्जन करना चाहिए।
  • आटोमोबाइल्स में सी० एन० जी० का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 12.
वनों के कटने से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
यदि वृक्षों के कटने की दर उनकी वृद्धि से अधिक हो तो वृक्षों की संख्या धीरे-धीरे कम होती जाएगी। वृक्ष वाष्पण की क्रिया से बड़ी मात्रा में जल मुक्त करते हैं। इससे वर्षा वाले बादल आसानी से बनते हैं। जब वन कम हो जाते हैं तब उस क्षेत्र में वर्षा कम होती है। इससे वृक्ष कम संख्या में उग पाते हैं। इस प्रकार एक दुष्चक्र आरंभ हो जाता है और वह क्षेत्र रेगिस्तान भी बन सकता है। वृक्षों के बहुत अधिक मात्रा में कटने से जैव पदार्थों से समृद्ध मिट्टी की सबसे ऊपरी परत वर्षा के पानी के साथ बहकर लुप्त होने लगती है।

प्रश्न 13.
कोयला और पेट्रोलियम को किस प्रकार लंबे समय तक बचाया जा सकता है ?
उत्तर-
कोयला पेट्रोलियम का उपयोग मशीनों की दक्षता पर भी निर्भर करता है। यातायात के साधनों में आंतरिक दहन-इंजन का प्रयोग होता है। लंबे समय से इसके उपयोग के लिए शोध किया जा रहा है कि इनमें ईंधन का पूर्ण दहन किस प्रकार सुनिश्चित किया जा सकता है। यह भी प्रयत्न किया जा रहा है कि इनकी दक्षता भी बढ़े तथा वायु प्रदूषण को भी कम किया जा सके और इन्हें लंबे समय तक बचाया जा सके।

प्रश्न 14.
राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभयारण्य में अंतर लिखिए।
उत्तर-

राष्ट्रीय उद्यान जीव अभयारण्य
(1) चीता, गैंडा, शेर आदि विशेष वन्य जीवों को आवास प्रदान किया जाता है। (1) जीव-जंतुओं की सामान्य प्रजातियों को प्राकृतिक वातावरण में सुरक्षा दी जाती है।
(2) क्षेत्र 100 वर्ग किलोमीटर से 500 वर्ग किलोमोटर तक होता है। (2) क्षेत्र 500 वर्ग किलोमीटर से 1000 वर्ग किलोमीटर तक होता है।
(3) चारों ओर पक्की दीवारें बनाई जाती हैं। (3) चारों ओर ऊँची जालीदार अस्थायी दीवारें बनाई जाती हैं।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
प्रदूषण क्या है?
उत्तर-
प्रदूषण-प्राकृतिक रूप में पाए जाने वाले अथवा शुद्ध रूप में पाए जाने वाले पदार्थों में धूल कण तथा अन्य नुकसानदेह पदार्थों का मिश्रण प्रदूषण कहलाता है।

प्रश्न 2.
किन्हीं पाँच प्राकृतिक संसाधनों के नाम बताएँ।
उत्तर-

  1. वन
  2. वन्य जीवन
  3. जल
  4. कोयला
  5. पेट्रोलियम।

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प्रश्न 3.
पर्यावरण को बचाने के लिए तीन R. के नाम बताएँ।
उत्तर-

  1. Reduce (कम करो)
  2. Recycle (पुनः चक्रण)
  3. Reuse (पुनः प्रयोग)।

प्रश्न 4.
किन वस्तुओं को पुनः चक्रण द्वारा दुबारा इस्तेमाल कर सकते हैं?
उत्तर-
प्लास्टिक, काँच, कागज़ एवं धातु की वस्तुएँ।

प्रश्न 5.
CFC का पूरा नाम बताएँ।
उत्तर-
क्लोरो फलोरो कार्बन।

प्रश्न 6.
ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोतों के उदाहरण दें।
उत्तर-
कोयला एवं पेट्रोलियम।

प्रश्न 7.
ऊर्जा के दो परंपरागत स्त्रोतों के नाम बताएँ।
उत्तर-
खनिज ईंधन और बहता हुआ पानी।

प्रश्न 8.
संसाधन यदि वर्तमान दर से प्रयोग में आते रहे तो यह कितने समय तक उपलब्ध रहेंगे ?
उत्तर-
पेट्रोलियम के संसाधन लगभग अगले 40 वर्षों तथा कोयले के संसाधन अगले 200 वर्षों तक उपलब्ध रह सकते हैं।

प्रश्न 9.
अपशिष्ट पदार्थों को किन दो वर्गों में रखा जा सकता है ? इनमें से कौन-सा अधिक घातक होता है ?
उत्तर-

  1. जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ।
  2. जैव अनिम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ। इन दोनों में से जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ अधिक घातक हैं।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
इंदिरा गाँधी नहर से किस राज्य के बड़े क्षेत्र को हरा-भरा बनाने में सहायता मिली ?
(a) उत्तर प्रदेश
(b) उत्तराखंड
(c) छत्तीसगढ़
(d) राजस्थान।
उत्तर-
(d) राजस्थान।

प्रश्न 2.
अमृता देवी बिश्नोई राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाता है
(a) जीव संरक्षण हेतु
(b) वनोन्मूलन हेतु
(c) वनों के विनाश को रोकने हेतु
(d) जल संरक्षण हेतु।
उत्तर-
(a) जीव संरक्षण हेतु।

प्रश्न 3.
जल संग्रह की “कुल्ह” तकनीक प्रचलन में है
(a) राजस्थान में
(b) हिमाचल प्रदेश में
(c) उत्तराखंड में
(d) मध्यप्रदेश में।
उत्तर-
(b) हिमाचल प्रदेश में।

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प्रश्न 4.
1970 के प्रथम दशक में चिपको आंदोलन कहां आरंभ हुआ ?
(a) कुमायुं में
(b) गढ़वाल में
(c) हिमाचल प्रदेश में
(d) असम में।
उत्तर-
(b) गढ़वाल में।

प्रश्न 5.
गंगा सफाई योजना कब आरंभ हुई ?
(a) 1945 में
(b) 1965 में
(c) 1985 में
(d) 2005 में।
उत्तर-
(c) 1985 में।

प्रश्न 6.
राष्ट्रीय वन पॉलिसी बनाई गई थी ?
(a) 1988
(b) 1989
(c) 1990
(d) 1991.
उत्तर-
(a) 1988.

प्रश्न 7.
पुनः चक्रण किया जा सकता है
(a) प्लास्टिक
(b) पॉलिथीन
(c) धातु
(d) इन सभी का।
उत्तर-
(d) इन सभी का।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) प्रकृति में मिलने वाले मनुष्य के लिए उपयोगी पदार्थों को ………………………. कहते हैं।
उत्तर-
प्राकृतिक संसाधन

(ii) ……………………… समाप्त होने वाला प्राकृतिक संसाधन है।
उत्तर-
मिट्टी

(iii) ……………………………… न समाप्त होने वाला प्राकृतिक संसाधन है।
उत्तर-
सौर ऊर्जा

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(iv) किसी बड़े क्षेत्र में अधिक वृक्ष लगाकर जंगलों को विकसित करना ………………………… कहलाता है।
उत्तर-
वनीकरण

(v) CFC का पूरा नाम …………………………. है।
उत्तर-
क्लोरो-फ्लोरो कार्बन।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण Important Questions and Answers.

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए
(i) पारिस्थितिक तंत्र तथा जीवोम या बायोम।
(ii) आहार श्रृंखला तथा खाद्य जाल।
(iii) मांसाहारी और सर्वभक्षी।
उत्तर-
(i) पारिस्थितिक तंत्र तथा जीवोम या बायोम –

पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) जीवोम या बायोम (Biome)
(1) यह जैव जगत् की स्वयंधारी (Self-Sustaining) इकाई है। (1) यह बहुत से पारिस्थितिक तंत्रों का समूह है।
(2) यह जैव जीवों और अजैव पर्यावरण से मिल क्षेत्र के अनेक पारिस्थितिक तंत्र होते हैं। (2) इसमें समान जलवायु वाले एक निश्चित भौगोलिक कर बना है।
(3) यह जैव जगत् की अपेक्षाकृत छोटी इकाई है। (3) यह जैव जगत् की एक बहुत बड़ी इकाई है।

(ii) आहार श्रृंखला तथा खाद्य जाल –

आहार श्रृंखला (Food Chain) खाद्य जाल (Food Web)
(1) यह किसी पारितंत्र में भोजन तथा ऊर्जा प्रवाह को प्रदर्शित करती है। (1) इसमें पोषण स्तर की खाद्य शृंखलाओं से जुड़े होते हैं।
(2) यह भोजन प्राप्त करने की क्रमबद्ध आहार श्रृंखला है। (2) इसमें एक खाद्य श्रृंखला के जीव किसी-न-किसी पोषण स्तर पर अन्य खाद्य श्रृंखलाओं से जुड़ कर खाद्य श्रृंखलाओं का जाल-सा बनाते हैं।
(3) इसमें पोषण स्तर सीमित है। (3) इसमें पोषण स्तर पारितंत्र में प्राकृतिक संतुलन को प्रकट करते हैं।
(4) यह सीमित और छोटी होती है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 1
(4) यह कई खाद्य श्रृंखलाओं का जाल है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 2

(iii) मांसाहारी और सर्वभक्षी

मांसाहारी (Carnivore) सर्वभक्षी (Omnivore)
(1) ये अन्य जीव-जंतुओं का मांस ही खाते हैं जैसे शेर, चीता आदि। (1) ये जीव-जंतुओं का मांस तथा पेड़-पौधों दोनों से अपना भोजन प्राप्त कर लेते हैं, जैसे मनुष्य, चील आदि।
(2) ये खाद्य श्रृंखला के तीसरे या उससे आगे के स्तर पर आते हैं। (2) ये प्रायः दूसरे पोषण स्तर पर होते हैं।
(3) ये प्राय: जंगलों में रहते हैं। (3) यह किसी भी स्थान पर रह सकते हैं।
(4) इनके कंतक दांत कम विकसित और कील दांत तथा नाखून अधिक विकसित होते हैं। (4) इनमें दोनों प्रकार के दांत और नाखून विकसित

प्रश्न 2.
आहार श्रृंखला छोटी कैसे हो जाती है ?
उत्तर-
ऊर्जा का प्रवाह एक ही दिशा में होता है तथा उसका विभिन्न चरणों में स्थानांतरण होता रहता है। ऊर्जा के प्रत्येक स्थानांतरण पर ऊर्जा का 10% भाग रह जाता है। यदि आहार श्रृंखला में अधिक चरण हों तो ऊर्जा की अत्यधिक मात्रा व्यर्थ हो जाएगी। ऊर्जा को बचाने के लिए प्रकृति में आहार श्रृंखलाएं छोटी हो जाती हैं। आहार श्रृंखला में ऊर्जा स्थानांतरण के दौरान उत्पादक स्तर पर अधिक ऊर्जा उपलब्ध होती है। आहार श्रृंखला में दाहिने हाथ की ओर जाने पर ऊर्जा की उपलब्धता कम होती जाती है। उदाहरण : घास → टिड्डा → मेंढक → सांप → मोर

यदि इस श्रृंखला में मेंढक को समाप्त कर दिया जाये तो श्रृंखला प्रभावित हो जाएगी। इस अवस्था में निम्नलिखित परिवर्तन दिखायी देंगे

  • टिड्डों की संख्या बढ़ जाएगी।
  • मेंढक न मिलने के कारण सांपों की संख्या कम हो जाएगी।
  • सांपों की संख्या का मोरों की संख्या पर प्रभाव पड़ेगा।

मनुष्य के अवांछनीय अनेक कार्यों के कारण खाद्य शृंखला छोटी हो जाती है और उससे प्रकृति में असंतुलन पैदा हो जाता है।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

प्रश्न 3.
क्या आहार श्रृंखला में छः से अधिक स्तर हो सकते हैं? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर-
आहार श्रृंखला के प्रत्येक चरण में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है तथा ऊर्जा में लगातार कमी होती जाती है। तीन या चार चरणों के उपरांत ऊर्जा केवल नाम मात्र की ही रह जाती है। प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा हरे पौधे सौर ऊर्जा का केवल 1% भाग ही अंतर्ग्रहण करते हैं तथा शेष वातावरण में ही व्यर्थ हो जाता है। दूसरे चरण में पौधों को शाकाहारी खाते हैं तो कैवल 10% ही ऊर्जा शाकाहारियों को प्राप्त होती है।

यदि हम सौर ऊर्जा से प्राप्त ऊर्जा को केवल 1000 J मान लें तो पौधे केवल 10 J ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं तथा शाकाहारी केवल 1 J ऊर्जा प्राप्त करते हैं। इसी प्रकार जब शाकाहारी को मांसाहारी भक्षण करते हैं तो उसे केवल 0.01 J ऊर्जा ही प्राप्त होगी। अतः ज्यों-ज्यों आहार श्रृंखला के चरण बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे ही उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा भी कम होती जाती है। इसी आधार पर यह परिणाम निकलता है कि किसी भी आहार श्रृंखला में छः या अधिक चरण संभव नहीं होते हैं। उत्पादक स्तर पर ऊर्जा अधिक उपलब्ध होती है तथा बाद में लगातार कम होती जाती है तथा अंतिम स्तर पर ऊर्जा अत्यधिक कम प्राप्त होती है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पर्यावरण को परिभाषित करो। इसके प्रमुख घटकों के नाम लिखिए।
अथवा
पर्यावरण पदधति क्या होती है ? इसके कितने भाग होते हैं?
उत्तर-
पर्यावरण वह भौतिक एवं जैव संसार है जिसमें हम सभी रहते हैं। इसके प्रमुख घटक जैव और अजैव हैं। जैव घटक-समस्त जीव-जंतु, पौधे तथा मानव जैव घटक के वर्ग में आते हैं। अजैव घटक- भौतिक या अजैव घटकों में वायु, जल तथा स्थल हैं। वायु से श्वसन क्रिया होती है, जल को हम पीते हैं तथा स्थल पर हमारा निवास होता है। इनके अतिरिक्त मौसम संबंधी घटक हैं-सौर ऊर्जा, ताप, प्रकाश, वर्षा आर्द्रता, पवन-वेग इत्यादि।

प्रश्न 2.
जैव निम्नीकरण अपशिष्ट तथा अजैव निम्नीकरण अपशिष्ट पदार्थों में अंतर बताओ। प्रत्येक के उचित उदाहरण भी दो।
उत्तर –

जैव निम्नीकरणीय पदार्थ अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ
(1) ये वे अपशिष्ट पदार्थ हैं जिन्हें हानि रहित पदार्थों में तोड़ा जा सकता है जैसे-गोबर घास आदि। (1) ये वे अपशिष्ट पदार्थ हैं जिन्हें हानिरहित पदार्थों में नहीं तोड़ा जा सकता है। जैसे-डी० डी० टी०, प्लास्टिक आदि।
(2) ये पदार्थ जीवाणुओं, बैक्टीरिया द्वारा अपघटित हो जाते हैं और इस प्रकार पारिस्थितिक तंत्र में संतुलन बनाये रखते हैं। (2) ये पदार्थ बैक्टीरिया जैसे जीवाणुओं द्वारा अपघटित नहीं होते हैं।

प्रश्न 3.
जीवमंडल की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
जीवमंडल-जीवमंडल का अर्थ है ‘जीव का क्षेत्र’। पृथ्वी पर स्थल, जल तथा वायु विद्यमान हैं जो पौधों तथा जंतुओं का जीवन बनाए रखने में सहायता करते हैं। पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने वाले ये क्षेत्र आपस में मिल कर जीवमंडल का निर्माण करते हैं। पृथ्वी के स्थलमंडल,जलमंडल और वायुमंडल तथा उनमें रहने सभी पौधों तथा जंतुओं को इकट्ठे रूप से जीवमंडल (Biosphere) कहते हैं।

प्रश्न 4.
पारिस्थितिक तंत्र किसे कहते हैं ? इसका जीवमंडल से क्या संबंध है ?
उत्तर –
पारिस्थितिक तन्त्र-जीवमंडल में ऊर्जा और पदार्थ का आदान-प्रदान जैव एवं अजैव घटकों के बीच लगातार होता रहता है, इस तंत्र को ही पारिस्थितिक तंत्र कहते हैं। तालाब, झील, जंगल, खेत और मानव-निर्मित जीवशाला में जैव और अजैव घटक आपस में क्रियाएं करते रहते हैं जो एक पारिस्थितिक तंत्र को प्रकट करते हैं। जैव संख्या, जैव तथा अजैव पारिस्थितिक तंत्र के घटक हैं, जो इस तंत्र को संरचना तथा गतिशीलता प्रदान करते हैं। कोई तालाब, वन या घास का मैदान पारिस्थितिक तंत्र के उदाहरण हैं।

जीवमंडल का प्रत्येक घटक अपना विशिष्ट कार्य करता है। इनके कुल कार्यों का सारा योग जीवमंडल को स्थिरता प्रदान करता है। किसी भौगोलिक क्षेत्र में सारे पारिस्थितिक तंत्र एक साथ मिलकर बायोम बनाते हैं तथा समस्त बायोम मिलकर जीवमंडल बनाते हैं। अतः जीवमंडल का एक प्रमुख घटक पारिस्थितिक तंत्र है जो जीवमंडल को गतिशीलता प्रदान करता है।

प्रश्न 5.
उत्पादक और उपभोक्ता में अंतर बताओ।
उत्तर-

उत्पादक (Producer) उपभोक्ता (Consumer)
(1) ऐसे जीव जो प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया से अपना भोजन बनाते हैं उन्हें उत्पादक कहते हैं। (1) ऐसे जीव जो अपने भोजन के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर करते हैं, उपभोक्ता कहते हैं।
(2) हरे पौधे उत्पादक जीव कहलाते हैं। (2) सारे जंतु उपभोक्ता कहलाते हैं।

PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

प्रश्न 6.
अपघटक क्या हैं ? जीवमंडल में अपघटकों का क्या महत्त्व है ?
अथवा
पदार्थों के पुन: चक्रण में अपघटकों की भूमिका का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
अपघटक-अपघटक वे सूक्ष्म जीव हैं जो मृत पौधों एवं जंतुओं के शरीर में उपस्थित कार्बनिक यौगिकों का अपघटन करते हैं तथा उन्हें सरल यौगिकों और तत्वों में बदल देते हैं। ये सरल यौगिक तथा तत्व पृथ्वी के पोषण भंडार में वापस चले जाते हैं। जीवमंडल में अपघटकों का महत्त्व-अपघटक जीव मृत पौधों और जंतुओं के मृत शरीरों के अपघटन में सहायता करते हैं तथा इस प्रकार वातावरण को स्वच्छ रखने का कार्य करते हैं। अपघटक जीव मृत पौधों एवं जंतुओं के मृत शरीरों में उपस्थित विभिन्न तत्वों को फिर से पृथ्वी के पोषण भंडार में वापस पहुँचाने का कार्य भी करते हैं। पोषक तत्व पुनः प्राप्त हो जाने से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनी रहती है और यह मिट्टी बार-बार फ़सलों का पोषण करती रहती है।

प्रश्न 7.
ऊर्जा की दृष्टि से कौन-सा व्यक्ति-शाकाहारी या मांसाहारी-अधिक लाभ प्राप्त करता है ? क्यों ?
उत्तर-
ऊर्जा की दृष्टि से शाकाहारी व्यक्ति अधिक लाभ प्राप्त करता है। कारण-पौधे प्रथम पोषी स्तर हैं। एक पोषी स्तर से अगले पोषी स्तर को सामान्य रूप में लगभग 10% कम ऊर्जा का स्थानांतरण होता है। इससे स्पष्ट है कि मांसाहारी व्यक्ति को शाकाहारी व्यक्ति की तुलना में कम ऊर्जा प्राप्त होती है।

प्रश्न 8.
पारिस्थितिक संतुलन किस प्रकार बना रहता है ?
उत्तर-
प्रकृति में खाद्य श्रृंखलाएँ जुड़ी होती हैं। कई बार उनमें से एक की कोई कड़ी किसी कारण समाप्त हो जाती है। तब उस आहार श्रृंखला का किसी अन्य श्रृंखला से संबंध जुड़ जाता है और खाद्य पदार्थों और ऊर्जा के प्रवाह का संतुलन बना रहता है। यदि ऐसे किसी जंगल में सारे हिरण समाप्त हो जायें तो इसकी पूर्ति करने के लिए जंगल का शेर किसी जंगली जानवर को मार कर कड़ी को पूरा कर लेता है। इस प्रकार पारिस्थितिक संतुलन बना रहता है।

प्रश्न 9.
कौन-से रसायन ओज़ोन छिद्र के लिए प्रमुख कारण बने हुए हैं ?
उत्तर-
ओज़ोन छिद्र के मुख्य कारण-

  1. एयरोसोल दहन
  2. आधुनिक अग्निशामक
  3. नाभिकीय विस्फोट
  4. हैलोजन
  5. सल्फेट एयरोसोल
  6. CFCs (क्लोरोफ्लोरो कार्बन), CBC (क्लोरो ब्रोमो कार्बन आदि जिनका प्रशीतकों में उपयोग किया जाता है।)

प्रश्न 10.
पारिस्थितिक पिरामिड जीवमंडल में पोषण रीति की संरचना को किस प्रकार प्रदर्शित करते हैं ?
उत्तर-
पारिस्थितिक पिरामिड आहार श्रृंखलाओं तथा उनके पोषी स्तरों का ग्राफीय निरूपण (graphical representation) करते हैं। पारिस्थितिक पिरामिड विभिन्न पोषी स्तरों को इस प्रकार प्रदर्शित करते हैं; पारिस्थितिक पिरामिड का ‘आधार’ उत्पादक जीवों जैसे कि पौधों से प्रदर्शित करता है।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 3
पिरामिड के आधार (base) से जैसे-जैसे ऊपर जाते हैं, पिरामिड का आकार पतला होता जाता है तथा उच्चतर पोषी स्तरों को प्रकट करता है। पारिस्थितिक पिरामिड की चोटी सर्वोच्च मांसाहारी जीवों को प्रदर्शित करती है।

प्रश्न 11.
वायुमंडल में ओज़ोन किस प्रकार बनती है ? इसके रिक्तिकरण को स्पष्ट करें।
उत्तर-
ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से ओज़ोन 0, के अणु बनते हैं। सामान्य ऑक्सीजन के अणु में दो परमाणु होते हैं। ऑक्सीजन सभी प्रकार के वायविक प्राणियों के जीवन के लिए आवश्यक है। पर ओज़ोन एक घातक विष है। वायुमंडल के ऊपरी स्तर में ओज़ोन अति आवश्यक कार्य पूरा करती है। यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी के लिए एक सुरक्षा कवच तैयार करती है। पराबैंगनी विकिरण पृथ्वी पर रहने वाले जीवों के लिए अत्यंत हानिकारक है। ये विकिरण त्वचा का कैंसर उत्पन्न करती है।

वायुमंडल के उच्चतर स्तर पर पराबैंगनी (UV) विकिरण के प्रभाव से ऑक्सीजन (O2) अणुओं से ओजोन बनती है। उच्च ऊर्जा वाले पराबैंगनी (UV) विकिरण ऑक्सीजन अणुओं (O2) को विघटित कर स्वतंत्र ऑक्सीजन (O) परमाणु बनाती हैं। ऑक्सीजन के यह स्वतंत्र परमाणु संयुक्त होकर ओज़ोन बनाते हैं।
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 4

प्रश्न 12.
भोजन श्रृंखला क्या होती है ? उदाहरण भी दो।
उत्तर-
भोजन श्रृंखला-उत्पादक, उपभोक्ता तथा अपघटक से मिलकर बनने वाली शृंखला भोजन श्रृंखला कहलाती है। भोजन श्रृंखला के उदाहरण-घास → टिड्डा → मेंढक → साँप → मोर।

प्रश्न 13.
विघटक क्या होते हैं ? पारितंत्र में विघटकों की क्या भूमिका है ?
उत्तर-
विघटक-जीवाणु तथा कवक जैसे सूक्ष्मजीव मृत जीवों के अवेशषों का विघटन करते हैं, जिन्हें विघटक कहते हैं। पारितंत्र में विघटक की भूमिका-विघटक जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पदार्थों में परिवर्तित कर देते हैं जो मिट्टी में मिल जाते हैं तथा पौधों द्वारा पुन: उपयोग में लाए जाते हैं।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
‘जैव निम्नीकरणीय’ पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वे पदार्थ जो जैविक प्रक्रमों द्वारा अपघटित हो जाते हैं उन्हें ‘जैव निम्नीकरणीय’ कहते हैं।

प्रश्न 2.
किन्हीं चार जैव निम्नीकरणीय पदार्थों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
सब्जी-फलों के छिलके, कागज, भूसा, चारा।

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प्रश्न 3.
अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वे पदार्थ जो जैविक प्रक्रमों द्वारा अपघटित नहीं हो पाते उन्हें अजैव निम्नीकरणीय कहते हैं।

प्रश्न 4.
अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
प्लास्टिक, काँच।

प्रश्न 5.
पारितंत्र के अजैव कारकों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
ताप, वर्षा, वायु, मिट्टी, खनिज आदि।

प्रश्न 6.
प्राकृतिक पारितंत्र के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
वन, तालाब, झील।

प्रश्न 7.
उत्पादक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जो प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया से सूर्य के प्रकाश और क्लोरोफिल की उपस्थिति में अकार्बनिक पदार्थों से कार्बनिक पदार्थ का निर्माण पर सकते हैं, उन्हें उत्पादक कहते हैं।

प्रश्न 8.
उपभोक्ता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जो जीव भोजन के लिए सीधे या परोक्ष रूप से उत्पादकों पर आश्रित रहते हैं, उन्हें उपभोक्ता कहते हैं।

प्रश्न 9.
उपभोक्ता के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
मानव, शेर, बंदर, चिड़िया।

प्रश्न 10.
सूक्ष्मजीव अपमार्जक क्यों कहलाते हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्मजीव जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पदार्थों में बदल देते हैं जो मिट्टी में चले जाते हैं और पुनः पौधों के द्वारा उनका उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 11.
जीवमंडल किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी प्राकृतिक क्षेत्र तथा उसमें पाए जाने वाले सभी जीव-जंतु परस्पर मिलकर जीवमंडल कहलाते हैं।

प्रश्न 12.
जीवमंडल के प्रमुख घटक लिखिए।
उत्तर-
जैव घटक तथा अजैव घटक जीवमंडल के प्रमुख घटक हैं।

प्रश्न 13.
सर्वभक्षी या सर्वाहारी किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वे जीव जो भोजन के लिए पौधे एवं जंतुओं दोनों का उपयोग करते हैं उन्हें सर्वभक्षी या सर्वाहारी कहते हैं, जैसे-मानव।

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प्रश्न 14.
किसी जलीय आहार श्रृंखला का उदाहरण लिखिए।
उत्तर-
काई या शैवाल → छोटे जंतु → छोटी मछली → बड़ी मछली।

प्रश्न 15.
जैव यौगिकीकरण क्या है ?
उत्तर-
जीवाणुओं तथा शैवाल द्वारा किए गए नाइट्रोजन स्थिरीकरण को जैव यौगिकीकरण कहते हैं।

प्रश्न 16.
जैव-निम्नीकरण कचरा क्या होता है ?
उत्तर-
जैव-निम्नीकरण कचरा-ऐसा कचरा जो जैविक प्रक्रमों से अपघटित हो जाता है। ऐसा कचरा जीवाणुओं तथा अन्य प्राणियों के द्वारा उत्पन्न हुए एन्जाइमों की सहायता से समय के साथ अपने आप अपघटित हो जाता है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-से समूहों में केवल जैव निम्नकरणीय पदार्थ हैं ?
(a) घास, पुष्प तथा चमड़ा
(b) घास, लकड़ी तथा प्लास्टिक
(c) फलों के छिलके, केक एवं नींबू का रस
(d) केक, लकड़ी एवं घास।
उत्तर-
(a) (c) तथा (d)।

प्रश्न 2.
निम्न से कौन आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं ?
(a) घास, गेहूँ तथा आम
(b) घास, बकरी तथा मानव
(c) बकरी, गाय तथा हाथी
(d) घास, मछली तथा बकरी।
उत्तर-
(b) घास, बकरी तथा मानव।

प्रश्न 3.
घास स्थल परितंत्र में उत्पादक है –
(a) घास
(b) टिड्डा
(c) मेंढक
(d) साँप।
उत्तर-
(a) घास।

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प्रश्न 4.
जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ है-
(a) कागज़
(b) मृतपादप
(c) पॉलिथीन
(d) कच्चे फल।
उत्तर-
(c) पॉलिथीन।

प्रश्न 5.
जीवमंडल में ऊर्जा का मुख्य स्रोत है
(a) वायु
(b) सूर्य
(c) पौधे .
(d) परमाणु ऊर्जा।
उत्तर-
(b) सूर्य।

प्रश्न 6.
जीवमंडल में सम्मिलित है –
(a) वायुमंडल
(b) स्थलमंडल
(c) जलमंडल
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 7.
वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण नहीं करता है:
(a) राइज़ोबियम
(b) ई० कोलाई
(c) नाइट्रोसोमोनास
(d) नीले हरे शैवाल।
उत्तर-
(b) ई० कोलाई।

प्रश्न 8.
क्लोरो-फ्लुओरो-कार्बन्स (CFCs) का प्रयोग होता है
(a) रेफ्रिजरेटर में
(b) एयरकंडीशनर में
(c) गद्देदार फोम में
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपर्युक्त सभी।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) ……………………….. जैविक तथा अजैविक अवयवों के पूर्ण समन्वय से बनी व्यवस्था है।
उत्तर-
जैवमंडल

(ii) एक खाद्य श्रृंखला में …………………………. को छोड़कर सभी जीव उपभोक्ता हैं।
उत्तर-
उत्पादक

(iii) किसी भी खाद्य श्रृंखला में प्रायः प्रथम पोषक स्तर ……………………….. होते हैं।
उत्तर-
हरे पादप

(iv) अधिकतर खाद्य शृंखलाएँ …………………. से शुरू होती हैं।
उत्तर-
पौधों

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(v) ……………………….. अपशिष्ट पदार्थों तथा मृत जीवों के शरीर के भागों को सरल पदार्थों में तोड़कर अपना भोजन प्राप्त करते हैं।
उत्तर-
अपघटक।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4

Punjab State Board PSEB 10th Class Maths Book Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4 Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 10 Maths Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4

प्रश्न 1.
त्रिकोणमितीय अनुपातों sin A, sec A और tan A को cot A के पदों में व्यक्त कीजिए।
हल :
सर्वसमिका का प्रयोग करने पर, cosec2 A – cot2 A = 1
⇒ cosec2 A = 1 + cot2 A
⇒ (cosec A)2 = cot2 A + 1
⇒ (\(\left(\frac{1}{\sin A}\right)^{2}\)) = cot2 A + 1
⇒ (sin A)2 = \(\frac{1}{\cot ^{2} A+1}\)
sin A = ± \(\frac{1}{\sqrt{\cot ^{2} A+1}}\)
हम न्यून कोण A के लिए sin A के ऋणात्मक मानों को छोड़ देते हैं।
अतः, sin A = \(\frac{1}{\sqrt{\cot ^{2} A+1}}\)
सर्वसमिका का प्रयोग करने पर,
sec2 A – tan2 A = 1
⇒ sec2 A = 1 + tan2 A
= 1 + \(\frac{1}{\cot ^{2} \mathrm{~A}}\)

= \(\frac{\cot ^{2} \mathrm{~A}+1}{\cot ^{2} \mathrm{~A}}\)

sec A = \(\frac{\sqrt{\cot ^{2} A+1}}{\cot A}\)

tan A = \(\frac{1}{\cot \mathbf{A}}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4

प्रश्न 2.
∠A के सभी त्रिकोणमितिय अनुपतों को sec A के पदों में लिखिए।
हल :
sin2 A + cos2 A = 1
sin2 A = 1 – cos2 A

= 1 – \(\frac{1}{\sec ^{2} A}\)

= \(\frac{\sec ^{2} \mathrm{~A}-1}{\sec ^{2} \mathrm{~A}}\)

(sin A)2 = \(\frac{\sec ^{2} \mathrm{~A}-1}{\sec ^{2} \mathrm{~A}}\)

sin A = ± \(\sqrt{\frac{\sec ^{2} \mathbf{A}-1}{\sec ^{2} \mathbf{A}}}\)

[न्यून कोण A के लिए – ve चिन्ह को छोड़ दीजिए।]

sin A = \(\sqrt{\frac{\sec ^{2} \mathbf{A}-1}{\sec ^{2} \mathbf{A}}}\)
cos A = \(\frac{1}{\sec A}\)

1 + tan2 A = sec2 A
tan2 A = sec2 A – 1
(tan A)2 = sec2 A – 1
tan A = ± \(\sqrt{\sec ^{2} A-1}\)
[न्यून कोण A के लिए – ve चिन्ह को छोड़ दीजिए।]
अर्थात
tan A = \(\sqrt{\sec ^{2} A-1}\)
cosec A = \(\frac{1}{\sin \mathrm{A}}=\frac{1}{\frac{\sqrt{\sec ^{2} \mathrm{~A}-1}}{\sec \mathrm{A}}}\)

= \(\frac{\sec \mathrm{A}}{\sqrt{\sec ^{2} \mathrm{~A}-1}}\)

cos A = \(\frac{1}{\tan A}=\frac{1}{\sqrt{\sec ^{2} A-1}}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4

प्रश्न 3.
मान ज्ञात लिका लिए:
(i) \(\frac{\sin ^{2} 63^{\circ}+\sin ^{2} 27^{\circ}}{\cos ^{2} 17^{\circ}+\cos ^{2} 73^{\circ}}\)
(ii) sin 25° cos 65° + cos 25° sin 65°.
हल :
(i) PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4 1

(ii) sin 25° cos 65° + cos 25° sin 65°
= sin 25° × cos (90° – 25°) + cos 25° × sin (90° – 25°)
∵ [cos (90° – θ) = sin θ
sin (90° – θ) = cos θ]
= sin 25° × sin 25° + cos 25° × cos 25°
= sin2 25° + cos2 25°
= 1.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4

प्रश्न 4.
सही विकल्प चुनिए और अपने विकल्प की पुष्टि कीजिरा:
(i) 9 sec2 A – 9 tan2 बराबर:
(A) 1
(B) 9
(C) 8
(D) 0.

(ii) (1 + tan θ + sec θ) (1 + cot θ – cosec θ) =
(A) 0
(B) 1
(C) 2
(D) – 1.

(iii) (sec A + tan A) (1 – sin A) बराबर:
(A) sec A
(B) sin A
(C) cosec A
(D) cos A.

(iv) \(\frac{1+\tan ^{2} A}{1+\cot ^{2} A}\) कीजिरा:
(A) sec2 A
(B) – 1
(C) cot2 A.
(D) tan2 A.
हल :
(i) 9 sec2 A – 9 tan2 A
= 9 (sec2 A – tan2 A)
= 9 × 1 = 9.
∴ सही विकल्प (B) है।

(ii) (1 + tan θ + sec θ) (1 + cot θ – cosec θ)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4 2

∴ सही विकल्प (B) है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4

(iii) (sec A + tan A) (1 – sin A)
= \(\left(\frac{1}{\cos A}+\frac{\sin A}{\cos A}\right)\) × (1 – sin A)

= \(\frac{(1+\sin A)}{\cos A}\)× (1 – sin A)

= \(\frac{(1+\sin A)(1-\sin A)}{\cos A}\)

= \(\frac{(1)^{2}-(\sin \mathrm{A})^{2}}{\cos \mathrm{A}}=\frac{1-\sin ^{2} \mathrm{~A}}{\cos \mathrm{A}}=\frac{\cos ^{2} \mathrm{~A}}{\cos \mathrm{A}}\)

[∵ cos2 A = 1 – sin2 A]

∴ सही विकल्प (D) है।

(iv) \(\frac{1+\tan ^{2} \mathrm{~A}}{1+\cot ^{2} \mathrm{~A}}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4 3

∴ सही विकल्प (D) है।

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4

प्रश्न 5.
निम्नलिखित सर्वसमिकाएँ सिद्ध कीजिए जहाँ वे कोण, जिनके लिए व्यंजक परिभाषित है, न्यून कोण है।
(i) (cosec θ – cot θ)2 = \(\frac{1-\cos \theta}{1+\cos \theta}\)

(ii) \(\frac{\cos \mathbf{A}}{1+\sin \mathbf{A}}+\frac{1+\sin \mathbf{A}}{\cos \mathbf{A}}\) = 2 sec A

(iii) \(\frac{\tan \theta}{1-\cot \theta}+\frac{\cot \theta}{1-\tan \theta}\) = 1 + sec θ cosec θ
[संकेत : व्यंजकों को sin θ और cos θ के पदों में लिखिए।

(iv) \(\frac{1+\sec A}{\sec A}=\frac{\sin ^{2} A}{1-\cos A}\)
[संकेत : L.H.S. और R.H.S. को अलग-अलग सरल कीजिए।]

(v) \(\frac{\cos A-\sin A+1}{\cos A+\sin A-1}\) = cosec A + cot A, सर्वसमिका cosec2 A = 1 + cot2 A को लागू करके

(vi) \(\sqrt{\frac{1+\sin A}{1-\sin A}}\) = sec A + tan A

(vii) \(\frac{\sin \theta-2 \sin ^{3} \theta}{2 \cos ^{3} \theta-\cos \theta}\) = tan θ

(viii) (sin A + cosec A)2 + (cos A + sec A) = 7 + tan2 A + cot2 A

(ix) (cosec A – sin A) (sec A – cos A) = \(\frac{1}{\tan A+\cot A}\)
[संकेत : L.H.S. और R.H.S. को अलग-अलग सरल कीजिए।]

(x) \(\left(\frac{1+\tan ^{2} A}{1+\cot ^{2} A}\right)=\left(\frac{1-\tan A}{1-\cot A}\right)^{2}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4
हल :
(i) L.H.S. = (cosec θ – cot θ)2

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4 4

(ii) L.H.S. = \(\frac{\cos A}{1+\sin A}+\frac{1+\sin A}{\cos A}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4 5

∴ L.H.S = R.H.S

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4

(iii) L.H.S. = \(\frac{\tan \theta}{1-\cot \theta}+\frac{\cot \theta}{1-\tan \theta}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4 6

∴ L.H.S = R.H.S

(iv) L.H.S. = \(\frac{1+\sec \mathrm{A}}{\sec \mathrm{A}}=\frac{1+\frac{1}{\cos \mathrm{A}}}{\frac{1}{\cos \mathrm{A}}}\)
= 1 + cos A
R.H.S = \(\frac{\sin ^{2} A}{1-\cos A}\)

= \(\frac{1-\cos ^{2} \mathrm{~A}}{1-\cos \mathrm{A}}\)

= \(\frac{(1+\cos A)(1-\cos A)}{(1-\cos A)}\)

= 1 + cos A

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4

(v) \(\frac{\cos A-\sin A+1}{\cos A+\sin A-1}\)
(अंश और हर को sin A से विभाजित करने पर

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4 7

= cosec A + cos A
= R.H.S

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4

(vi) LH.S = \(\sqrt{\frac{1+\sin \mathrm{A}}{1-\sin \mathrm{A}}}\)

= \(\sqrt{\frac{(1+\sin A)(1+\sin A)}{(1-\sin A)(1+\sin A)}}\)

= \(\sqrt{\frac{(1+\sin A)^{2}}{(1)^{2}-(\sin A)^{2}}}\)

= \(\sqrt{\frac{(1+\sin A)^{2}}{1-\sin ^{2} A}}=\sqrt{\frac{(1+\sin A)^{2}}{\cos ^{2} A}}\)

= \(\frac{1+\sin \mathrm{A}}{\cos \mathrm{A}}=\frac{1}{\cos \mathrm{A}}+\frac{\sin \mathrm{A}}{\cos \mathrm{A}}\)

= sec A + tan A

(vii) L.H.S = \(\frac{\sin \theta-2 \sin ^{3} \theta}{2 \cos ^{3} \theta-\cos \theta}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4 8

∴ L.H.S = R.H.S

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4

(viii) L.H.S = (sin A + cosec A)2 + (cos A + sec A)2
= {sin2 A + cosec2 A + 2 sin A × cosec A} + {cos2 A + sec2 A + 2 cos A × sec A}
[∵ cosec A = \(\frac{1}{\sin A}\)]
= [sin2 A + cosec2 A + 2 sin A ×\(\frac{1}{\sin A}\)] + [cos2 A + sec2 A + 2 cos A × \(\frac{1}{\cos A}\)]
= {sin2 A + cosec2 A + 2} + {cos2 A + sec2 A + 2}
[∵ sec A = \(\frac{1}{\cos A}\)]
= 2 + 2 + (sin2 A + cos2 A) + sec2 A + cosec2 A
= 2 + 2 + 1 + 1 + tan2 A + 1 + cot2 A
[∵ sec2 A = tan2 A + 1, cosec2 A = cot2 A + 1]
= 7 tan2 A + cot2 A
∴ L.H.S. = R.H.S.

(ix) L.H.S. = (cosec A – sin A) (sec A – cos A)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4 9

= \(\frac{\sin A \cos A}{\sin ^{2} A+\cos ^{2} A}=\frac{\sin A \cos A}{1}\)
∴ L.H.S. = R.H.S.

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4

(x) L.H.S = \(\left(\frac{1+\tan ^{2} A}{1+\cot ^{2} A}\right)=\frac{\sec ^{2} A}{\ {cosec}^{2} A}\)

PSEB 10th Class Maths Solutions Chapter 8 त्रिकोणमिति का परिचय Ex 8.4 10

∴ L.H.S. = R.H.S.