PSEB 5th Class Hindi Vyakaran मुहावरे

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar muhavare मुहावरे Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 5th Class Hindi Grammar मुहावरे

1. अन्धे की लकड़ी – एकमात्र सहारा।
प्रयोग – रमेश ही बुढ़ापे में मुझ अन्धे की लकड़ी है।

2. अंगूठा दिखाना – साफ़ इन्कार करना।
प्रयोग – जब मैंने सुरेश से दस रुपये मांगे तो उसने मुझे अंगूठा दिखा दिया।

3. अपना उल्लू सीधा करना – अपना मतलब निकालना।
प्रयोग – आजकल हर कोई अपना उल्लू सीधा करना चाहता है।

PSEB 5th Class Hindi Grammar मुहावरे

4. अगर – मगर करना टाल मटोल करना।
प्रयोग – जब मैंने राजेश से पचास रुपए मांगे तो वह अगर मगर करने लगा।

5. अंग – अंग ढीला होना थक जाना।
प्रयोग – दिन भर मेहनत करने से मजदूरों का अंग अंग ढीला हो जाता है।

6. आँखों का तारा – बहुत प्यारा।
प्रयोग – सुनील तो अपने माता पिता की आँखों का तारा है।

7. ईंट से ईंट बजाना – नष्ट करना।
प्रयोग – बन्दा बहादुर ने सरहिन्द की ईंट से ईंट बजा दी।

8. ईद का चाँद होना – बहुत दिनों बाद दिखाई देना।
प्रयोग – अरे सुरेश ! तुम तो ईद का चाँद हो गए हो, कहाँ रहते हो?

9. कान पर जूं न रेंगना – कोई असर न होना।
प्रयोग – मेरे कहने पर तो उसके कान पर जूं तक नहीं रेंगी।

10. कमर कसना – तैयार होना।
प्रयोग – आज से मैंने पढ़ने के लिए कमर कस ली है।

11. काम तमाम करना – मार डालना।
प्रयोग – तलवार के एक ही वार में महाराणा प्रताप ने अपने शत्रु का काम तमाम कर दिया।

12. खाक छानना – मारे मारे फिरना।
प्रयोग – बचपन में बलदेव ने पढ़ाई नहीं की और अब खाक छानता फिरता है।

13. गाढ़े पसीने की कमाई को तीली लगानामेहनत से कमाई दौलत को बुरी तरह उजाड़ देना।
प्रयोग – मूर्ख बेटे ने बाप की गाढ़े पसीने की कमाई को तीली लगा दी।

14. खदेड़ देना – भगा देना।
प्रयोग – शीघ्र ही भारतीय सैनिकों ने शत्रु को खदेड़ दिया।

15. खून खौलना – बहुत जोश आना।
प्रयोग – सुरेश की जली कटी बातें सुनकर मेरा तो खून खौलने लगा।

16. घी के दीये जलाना – बहुत खुशी मनाना।
प्रयोग – जब अयोध्या में श्री रामचन्द्र जी वापस पहुँचे तो लोगों ने घी के दीये जलाये।

17. घोड़े बेच कर सोना-बे – फिक्र होकर सोना।
प्रयोग – परीक्षा के बाद सब विद्यार्थी घोड़े बेच कर सोते हैं।

18. चकमा देना – धोखा देना।
प्रयोग – डाकू पुलिस को चकमा देकर भाग गया।

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19. छक्के छुड़ाना – बुरी तरह हराना।
प्रयोग – युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना के छक्के छुड़ा दिये।

20. छीना झपटी करना – लेने के लिये भिड़ना।
प्रयोग – छीना झपटी मत करो, सबको प्रसाद मिलेगा।

21. दाँत खट्टे करना – बुरी तरह हराना।
प्रयोग – हमने हर बार दुश्मन के दाँत खट्टे किए हैं।

22. डींग मारना – शेखी बघारना।
प्रयोग – डींग मारने वालों पर विश्वास मत कीजिए।

23. नमक – मिर्च लगाना छोटी सी बात को बढ़ाचढ़ा कर कहना।
प्रयोग – हरीश के स्कूल से भागने पर सुरेश ने मुख्याध्यापक से खूब नमक-मिर्च लगाकर उसकी शिकायत की।

24. ताक में रहना – टोह में रहना।
प्रयोग – रमेश हमेशा इसी ताक में रहता था कि कब चोरी करने का मौका मिले।

25. लोहे के चने चबाना – भारी कठिनाई में डालना।
प्रयोग – भारतीय सैनिकों ने शत्रु को लोहे के चने चबवा दिये।

26. धमा-चौकड़ी – ऊधम मचाना।
प्रयोग – अध्यापक की अनुपस्थिति में छात्रों ने खूब धमा चौकड़ी मचाई।

27. मुँह की खाना – बुरी तरह हारना।
प्रयोग – हर बार पाकिस्तान ने मुँह की खाई है।

28. तलवार की भेंट होना – लड़ते-लड़ते मरना।
प्रयोग – युद्ध में पंजाब के बहुत-से जवान तलवार की भेंट चढ़ गए।

29. नाकों चने चबाना – खूब तंग करना।
प्रयोग – सुभाष चन्द्र बोस जैसे वीरों ने अंग्रेज़ी सेना से टक्कर लेकर उनको नाकों चने चबवा दिए थे।

30. नानी याद आना – संकट में पड़ना, घबराना।
प्रयोग – जब भीम की गदा की चोटें दुर्योधन को सहनी पड़ी तो उसे नानी याद आ गई।

31. नौ-दो ग्यारह होना – भाग जाना।
प्रयोग – सिपाही को देखते ही चोर नौ-दो ग्यारह हो गया।

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32. पानी-पानी होना – बहुत लज्जित होना।
प्रयोग – सच्चाई सामने आने पर बलदेव पानीपानी हो गया।

33. लाल-पीला होना – क्रुद्ध होना, गुस्से में आना।
प्रयोग – पहले बात तो सुन लो, व्यर्थ में क्यों लाल-पीले हो रहे हो ?

34. लोहा-लेना – युद्ध करना।
प्रयोग – अधिकतर मुग़ल सम्राट राजपूतों से लोहा नहीं लेना चाहते थे।

35. टूट पड़ना – एकदम हमला करना।
प्रयोग – शत्रु-सेना को देखते ही भारतीय सैनिक उन पर टूट पड़े।

36. हवा से बातें करना – बहुत तेज़ दौड़ना।
प्रयोग – महाराणा प्रताप का घोड़ा हवा से बातें करता था।

37. सुख-दुःख का साथी – हमेशा साथ देने वाला।।
प्रयोग – अच्छा मित्र सुख-दुःख का साथी होता

38. शोक के बादल छाना – गहरा दुःख आना।
प्रयोग – इकलौते पुत्र की मृत्यु पर सारे परिवार में शोक के बादल छा गए।

39. प्रसन्नता की लहर दौड़ना – सब ओर खुशी छाना।
प्रयोग – मैच में जीत पर सारे शहर में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई।

40. जान हथेली पर लेना – भारी मुसीबत सहना।
प्रयोग – सैनिक जान हथेली पर लेकर सीमा की रक्षा करते हैं।

41. चार चाँद लगाना – भारतीय सैनिकों ने कारगिल में शत्रु को खदेड़ कर वीरता को चार चाँद लगा दिए।
मन उचाट होना – विद्यार्थी को पढ़ाई से मन उचाट नहीं करना चाहिए।

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42. मुँह दिखाना – रमेश ने चोरी क्या की, अब उसे मित्रों को भी मुँह दिखाना कठिन हो गया।
वीरगति को प्राप्त होना – कारगिल युद्ध में सैंकड़ों जवान वीरगति को प्राप्त हो गए।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 11 क्राँतिजोत : सावित्रीबाई फुले

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 11 क्राँतिजोत : सावित्रीबाई फुले Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 11 क्राँतिजोत : सावित्रीबाई फुले

Hindi Guide for Class 5 PSEB क्राँतिजोत : सावित्रीबाई फुले Textbook Questions and Answers

I. बताओ

प्रश्न 1.
सावित्रीबाई फुले का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर:
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी, सन् 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नैगाँव, तहसील खण्डाला में हुआ।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 11 क्राँतिजोत : सावित्रीबाई फुले

प्रश्न 2.
सावित्रीबाई फुले के माता-पिता व पति का क्या नाम था?
उत्तर:
सावित्रीबाई फुले की माता का नाम लक्ष्मी और पिता का नाम खंदोजी नैवसे तथा पति का नाम ज्योतिबा राव फुले था।

प्रश्न 3.
सबसे पहले सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों के स्कूल की स्थापना कब की?
उत्तर:
सावित्रीबाई फुले ने सन् 1848 में सबसे पहले लड़कियों के स्कूल की स्थापना की।

प्रश्न 4.
ब्रिटिश सरकार ने उन्हें व उनके पति को कब सम्मानित किया?
उत्तर:
ब्रिटिश सरकार ने सावित्री और उनके पति को सन 1852 में सम्मानित किया।

प्रश्न 5.
सावित्रीबाई फुले की मृत्यु कब और |किस बीमारी की चपेट में आने से हुई?
उत्तर:
सावित्रीबाई फुले की मृत्यु 10 मार्च, सन् 1897 में प्लेग के कारण हुई।

प्रश्न 6.
सावित्रीबाई फुले को पढ़ने व पढ़ाई के कार्य में किन समस्याओं का सामना करना पड़ा?
उत्तर:
सावित्रीबाई को पढ़ने के लिए घर में ही काफ़ी विरोध का सामना करना पड़ा था, लेकिन वह अडिग अपने लक्ष्य-पथ पर चलती रही। पढ़ाई के कार्य में चलते हुए भी उन्हें लोगों का विरोध सहना पड़ता। लोग उन्हें कई कुछ भला-बुरा कहते और उसके कपड़ों पर कीचड़ आदि फेंकते। लेकिन सावित्री बाई इन बातों से घबराई नहीं और अपने रास्ते पर चलती रही।

प्रश्न 7.
भारत सरकार ने सावित्रीबाई फुले का डाक टिकट कब जारी किया?
उत्तर:
भारत सरकार ने 10 मार्च, सन् 1998 को उनके नाम का डाक टिकट जारी किया।

II. शुद्ध शब्द पर गोला लगाओ

1. तहसील/तहिसील/तहसिल
2. अध्यापीका/अध्यिापिका/अध्यापिका
3. सावित्री/सावितरी/सावीत्री
4. महतवपूर्ण/महत्त्वपूर्ण/महत्वपूरण
5. सथापना/स्थापना/स्थाप्ना
6. समानित/सम्मानित/सम्मानीत
7. प्रेरणादायक/प्रेरणादाइक/प्ररेनादायक
8. सरानीय/सराहनीय/सराहनिय
9. प्रकाशित/प्ररकाशित/प्रकासित
उत्तर:
1. तहसील
2. अध्यापिका
3. सावित्री
4. महत्त्वपूर्ण
5. स्थापना
6. सम्मानित
7. प्रेरणादायक
8. सराहनीय
9. प्रकाशित।

III. समान अर्थ वाले शब्द ढूँढ़कर लिखो

कल्याण, अंधेरा, लगातार, इरादा, पहली, हौसला, स्वयं, शिक्षिका, खेमा।
प्रथम – ……………
शिविर – ……………
धैर्य – ……………
अंधकार – ……………
अध्यापिका -. …………..
निश्चय – ……………
उद्धार – ……………
निरन्तर – ……………
खुद – ……………
उत्तर:
प्रथम – पहली
शिविर – खेमा
धैर्य – हौसला
अंधकार – अंधेरा
अध्यापिका – शिक्षिका
उद्धार – कल्याण
निश्चय – इरादा
निरन्तर – लगातार
खुद – स्वयं

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 11 क्राँतिजोत : सावित्रीबाई फुले

IV. बहुवचन रूप लिखो

स्त्री = स्त्रियाँ
बच्चा = बच्चे
लड़की = ……………
कपड़ा = ……………
बेटी = …………..
बेटा = ……………
उत्तर:
स्त्री = स्त्रियाँ
बच्चा = बच्चे
लड़की = लड़कियाँ
बेटी = बेटियाँ
बेटा = बेटे
कपड़ा = कपड़े

पढ़ो, समझो और लिखो-

शिक्षक = शिक्षिका
औरत = मर्द
कवि = कवयित्री
विधवा = सधवा।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प पर (✓) निशान लगाएं

प्रश्न 1.
सावित्रीबाई फुले का जन्म कब हुआ ?
(क) 3 जनवरी 1831 को
(ख) 3 जनवरी 1852 को
(ग) 3 जनवरी 1833 को
(घ) 3 जनवरी 1834 को।
उत्तर:
(क) 3 जनवरी 1831 को

प्रश्न 2.
सावित्रीबाई का जन्म कहां हुआ ?
(क) पंजाब में
(ख) महाराष्ट्र में
(ग) हरियाणा में
(घ) राजस्थान में।
उत्तर:
(ख) महाराष्ट्र में

प्रश्न 3.
सावित्रीबाई का विवाह किसके साथ हुआ ?
(क) ज्योतिबा राव
(ख) ज्योति प्रसाद
(ग) ज्योति सिंह
(घ) ज्योति भारती।
उत्तर:
(क) ज्योतिबा राव

प्रश्न 4.
ज्योतिबा राव किसके पक्षधर थे ?
(क) धर्म के
(ख) सम्प्रदाय के
(ग) स्त्री-शिक्षा के
(घ) स्त्री-प्रथा
उत्तर:
(ग) स्त्री-शिक्षा के

प्रश्न 5.
सावित्रीबाई ने पति के साथ मिलकर पुणे में लड़कियों के लिए स्कूल कब खोला ?
(क) 1845 ई० में
(ख) 1846 ई० में
(ग) 1847 ई० में
(घ) 1848 ई० में।
उत्तर:
(घ) 1848 ई० में।

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प्रश्न 6.
भारत सरकार ने सावित्रीबाई के नाम पर क्या जारी किया ?
(क) डाक टिकट
(ख) डाक पार्सल
(ग) डाक गाड़ी
(घ) डाकपाल।
उत्तर:
(क) डाक टिकट

क्राँतिजोत : सावित्रीबाई फुले Summary

क्राँतिजोत : सावित्रीबाई फुले पाठ का सार

सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी, सन् 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नैगाँव, तहसील खण्डाला में हुआ। इनके पिता जी का नाम खंदोजी नैवसे तथा माता का नाम लक्ष्मी था। 9 वर्ष की आयु में ही इनका विवाह ज्योतिबा राव फुले के साथ हुआ। ज्योतिबा राव स्त्री-शिक्षा के पक्षधर थे। उन्होंने औरतों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया क्योंकि वे समझते थे कि स्त्री शिक्षा से ही समाज में फैले अज्ञानअन्धकार को दूर किया जा सकता है। इसलिए सबसे पहले उन्होंने सावित्री फुले को पढ़ाने का निश्चय किया। ज्योतिबा ने खाली समय में सवित्रीबाई को पढ़ाना शुरू किया। हालांकि परिवार में इस बात का बहुत विरोध भी हुआ, लेकिन ज्योतिबा अपने रास्ते पर चलते रहे। पढ़ाई के कार्यों में भी सावित्री को बहुत-सी समस्याओं का सामना करना पड़ा। मार्ग में चलते हुए लोग न जाने उन्हें क्या-क्या कहते, कपड़ों पर कीचड़ आदि फेंकते, लेकिन सावित्री बाई इन सब की परवाह न करते हुए अपने लक्ष्य पर अडिग चलती रही और लड़कियों को पढ़ाती रही।

सन् 1848 में उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर पुणे में लड़कियों के लिए एक स्कूल खोला। इस स्कूल की पहली मुख्याध्यापिका सावित्रीबाई बनी। इसी प्रकार उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर और भी कई स्कूल खोले। इनके इन कार्यों से प्रसन्न होकर ब्रिटिश सरकार ने सन् 1852 में उन्हें और ज्योतिबा राव. को सम्मानित किया।

ज्योतिबा राव ने ग़रीबों, अनाथों और विधवाओं की भलाई के लिए जो भी कार्य किए, सावित्री जी ने उन्हें अपना पूरा सहयोग दिया। उन्होंने एक ग़रीब औरत को सहारा दिया, उसे अपनी बेटी के समान -घर पर रखा। सावित्रीबाई ने उसके बेटे का पालनपोषण किया और उसे पढ़ा-लिखाकर डॉक्टर बनाया। ज्योतिबा के निधन के पश्चात् इन्होंने उनके द्वारा स्थापित सत्यशोधक मंडल का दायित्व स्वयं सम्भाल लिया।

प्लेग फैलने पर सावित्रीबाई ने प्लेग-पीड़ितों की खूब सेवा की। उन्होंने उनके लिए शिविर लगवाए तथा उनके भोजन का प्रबन्ध किया। इसी प्रकार एक प्लेग पीड़ित बालिका की सेवा करते हुए वह स्वयं
भी इसका शिकार हो गई और इसी बीमारी के चलते 10 मार्च, सन् 1897 को उन्होंने प्राण त्याग दिए। निश्चय ही महिलाओं की मुक्ति के लिए सावित्री जी का योगदान सराहनीय है। भारत सरकार ने 10 मार्च, | सन् 1998 को उनके नाम पर डाक-टिकट जारी किया।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 11 क्राँतिजोत : सावित्रीबाई फुले

कठिन शब्दों के अर्थ:

अधिकार = हक। अन्याय = न्याय न होना। ताल्लुक = सम्बन्ध। उद्धार = कल्याण। अन्धकार = अन्धेरा। दृढ़ निश्चय = पक्का इरादा। विद्या = शिक्षा। बीड़ा उठाया = दायित्व लिया। निश्चय = इरादा। निरन्तर = लगातार। समस्याएँ = मुश्किलें। अडोल = बिना डगमगाए, स्थिर। अडिग = स्थिर। डगमगाई = लड़खड़ाई, डोली। धैर्य = हौंसला। कथनी = कहना। आश्रय = सहारा। लालन-पालन = पालना-पोसना, परवरिश। बखूबी = बड़ी अच्छी तरह। फर्ज = कर्त्तव्य। निधन = मृत्यु। दायित्व = ज़िम्मेदारी। खुद = स्वयं। सराहनीय = प्रशंसा के योग्य।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 12 श्रद्धा और अभ्यास

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 12 श्रद्धा और अभ्यास Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 12 श्रद्धा और अभ्यास

Hindi Guide for Class 5 PSEB श्रद्धा और अभ्यास Textbook Questions and Answers

I. बताओ

प्रश्न 1.
पाँच पाँडवों के नाम लिखो।
उत्तर:
पाँच पाँडवों के नाम हैं-युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव।

प्रश्न 2.
कौरव-पांडव के गुरु कौन थे?
उत्तर:
कौरव-पांडव के गुरु द्रोणाचार्य थे।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 12 श्रद्धा और अभ्यास

प्रश्न 3.
गुरु शिष्यों को कौन-सी विद्या सिखा रहे थे?
उत्तर;
गुरु द्रोणाचार्य अपने शिष्यों को धनुर्विद्या सिखा रहे थे।

प्रश्न 4.
अर्जुन किस विद्या में निपुण था?
उत्तर;
अर्जुन धनुर्विद्या में निपुण था।

प्रश्न 5.
बनवासी बालक क्या कर रहा था?
उत्तर:
बनवासी बालक धनुर्विद्या का अभ्यास कर रहा था।

प्रश्न 6.
आश्रम में कुत्ते को देखकर सभी क्यों चकित हो गए?
उत्तर:
कुत्ते का मुँह बाणों से भरा हुआ था। यह देखकर आश्रम में सभी चकित हो गए।

प्रश्न 7.
गुरु द्रोणाचार्य प्रतिमा देखकर क्यों हैरान हो गए?
उत्तर:
गुरु द्रोणाचार्य प्रतिमा देखकर हैरान इसलिए हो गए क्योंकि वह प्रतिमा उन्हीं की थी।

प्रश्न 8.
एकलव्य का गुरु कौन था?
उत्तर:
एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य को अपना गुरु माना था।

प्रश्न 9.
श्रद्धा और अभ्यास का एकलव्य पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
श्रद्धा और अभ्यास के बल पर एकलव्य धनुर्विद्या में कुशल हो गया।

प्रश्न 10.
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि श्रद्धा, विश्वास, लगन और परिश्रम से कोई भी कार्य कठिन नहीं रह सकता।

II. वाक्य पूरे करो

1. अर्जुन का निशाना अन्य ………………. से सर्वश्रेष्ठ था।
2. ………… उन्हें धनुष विद्या सिखा रहे थे।
3. अचानक एक …………… वहाँ आया।
4. कुत्ते का मुँह ……………. से भरा था।
5. वह बालक ………………. था।
6. मैंने मन से आपको ……………….. मान लिया था।
7. बालक सभी को ………………… के सम्मुख ले गया।
उत्तर:
(1) शिष्यों
(2) गुरु द्रोणाचार्य
(3) कुत्ता
(4) बाणों
(5) एकलव्य
(6) गुरु
(7) मूर्ति।

III. बनवासी शब्द वन + वासी शब्द जोड़ कर बना है नीचे कुछ शब्द जोड़ दिए गए हैं इनसे शब्द बनाओ और अर्थ लिखो

शब्दजोड़ – शब्द – अर्थ
(i) वन + चर …………… , …………….
(ii) वन + राज …………… , …………….
(iii)वन + मानुष …………… , …………….
(iv) वन + माली ………………… , वनमाला धारण करने वाला, कृष्ण
(v) वन + रोपण …………… , …………….
(vi) वन + पाल ………….., वन की रक्षा करने वाला सरकारी कर्मचारी
उत्तर:
(i) वन + चर = वनचर-वन में घूमनेफिरने वाला।
(ii) वन + राज = वनराज-वन (जंगल) में राज करने वाला।
(iii) वन + मानुष = वनमानुष-जंगली।
(iv) वन + माली = वनमाली-पौधों की देखभाल करने वाला/वनमाला धारण करने वाला, कृष्ण।
(v) वन + रोपण = वनरोपण-वन (पौधों) का लगाना।
(vi) वन + पाल = वनपाल-वन (पौधों) का पालन-पोषण, देख-रेख करने वाला/वन की रक्षा करने वाला सरकारी कर्मचारी।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 12 श्रद्धा और अभ्यास

IV. निम्न मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करो.

मुहावरा = अर्थ
1. गद्गद् होना = प्रसन्न होना
वाक्य – पुत्र का परीक्षा-परिणाम देखते ही माँ गद्गद् हो गई।

2. एकटक देखना = लगातार देखना
वाक्य – बच्चा चन्द्रमा की ओर एकटक देखता रहा।

3. मुँह से शब्द न निकलना = चुप्पी साध लेना
वाक्य – पुलिस के सामने रघु के मुँह से शब्द तक नहीं निकला।

4. चकित होना = हैरान होना
वाक्य – अरे, मैं तो तुम्हारा यह रूप देखकर चकित रह गया हूँ।

5. एक पंथ दो काज = एक कार्य करते समय दूसरा कार्य भी हो जाना
वाक्य – इधर आकर खरीदारी हो गई और तुम्हें भी मिल लिया। यह तो एक पंथ दो काज हो गए।

6. मन में बसना = प्रिय लगना, पसंद आना
वाक्य – प्रत्येक बच्चा अपने माँ-बाप के मन में बसता है।

7. आश्चर्य का ठिकाना न रहना = बहुत हैरान
होना वाक्य – तीन फुट ऊँचे पेड़ को आमों से लदा देख मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा।

8. नतमस्तक होना = नम्र बनना
वाक्य – अपने गुरु जी को देखते ही मैं नतमस्तक हो गया।

इनको भी जानो

(1) महान विद्वान् वरदराज जिसे गुरु ने मूढ़ समझ आश्रम से निकाल दिया था, परन्तु अभ्यास के बल पर एक दिन विद्वान् बन गया तभी तो कहा है-
करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात ते सिल पर परत निसान॥

(2) राजा ब्रूस की कहानी अपने अध्यापक से सुनें और उससे शिक्षा लेते हुए अपने जीवन के उद्देश्य की ओर बढ़ें।

VI. निम्नलिखित शब्दों के एक से अधिक शब्द बनाएँ.

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 12 श्रद्धा और अभ्यास 1

प्रयोगात्मक व्याकरण

I. (क) क्रिया
(1) गुरु द्रोणाचार्य अपने शिष्यों को धनुर्विद्या की शिक्षा दे रहे थे।
(2) मैं आपकी प्रतिमा के सम्मुख प्रतिदिन -अभ्यास करता हूँ।
(3) गुरु शिष्यों से तीर चलवाते थे।
(4) अचानक एक कुत्ता आश्रम में आया।
(5) गुरु के प्रति ऐसी श्रद्धा देख कर सभी चकित

उपर्युक्त वाक्यों में ‘दे रहे थे’, ‘करता हूँ’, से काम का करना, ‘चलवाते थे’, से काम करवाना तथा ‘आया’ और थे में काम का होना प्रकट हो रहा हैं।

परिभाषा-वाक्य में जिस पद से किसी काम का ‘करना’, ‘करवाना’ या ‘होना’ प्रकट हो, उसे क्रिया कहते हैं।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 12 श्रद्धा और अभ्यास

(ख) निम्नलिखित वाक्यों में से क्रिया शब्दों को छाँटिए

(1) बालक गुरु द्रोण को श्रद्धा से देख रहा था।
(2) उसकी आवाज़ तक नहीं निकल रही थी।
(3) उसने मिट्टी की एक मूर्ति बनायी।
(4) वह एकटक गुरु को निहारता रहा।
(5) मेरे गुरु आप हैं।
(6) मेरी एकाग्रता भंग हो रही थी।
उत्तर:
(1) देख रहा था।
(2) निकल रही थी।
(3) बनायी।
(4) निहारता रहा।
(5) हैं। (होना)
(6) भंग हो रही थी।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प पर (✓) निशान लगाएं

प्रश्न 1.
महाभारत किन-किन के बीच हुआ ?
(क) कौरव-पांडवों के
(ख) कौरव-यक्षों के
(ग) पांडव-सेना के
(घ) कौरव-दिल्ली।
उत्तर:
(क) कौरव-पांडवों के

प्रश्न 2.
कौरव-पांडवों को किसने शिक्षा दी ?
(क) गुरु द्रोणाचार्य
(ख) गुरु वशिष्ट
(ग) गुरु परशुराम
(घ) गुरु आचार्य।
उत्तर:
(क) गुरु द्रोणाचार्य

प्रश्न 3.
अर्जुन किस विद्या में निपुण थे ?
(क) गदा विद्या
(ख) धनुर्विद्या
(ग) तलवार विद्या
(घ) पास विद्या।
उत्तर:
(ख) धनुर्विद्या

प्रश्न 4.
कुत्ते का मुँह वाणों से किसने भर दिया ?
(क) एकलव्य ने
(ख) एकत्नय ने
(ग) एकरस ने
(घ) एक लता ने।
उत्तर:
(क) एकलव्य ने

प्रश्न 5.
एकलव्य के गुरु कौन थे ?
(क) गुरु वशिष्ट
(ख) गुरु अर्जुन देव
(ग) गुरु द्रोणाचार्य
(घ) गुरु वशिष्ट।
उत्तर:
(ग) गुरु द्रोणाचार्य

श्रद्धा और अभ्यास Summary

श्रद्धा और अभ्यास पाठ का सार

महाभारत के समय की बात है। पाँचों पाण्डव और कौरव पत्र दुर्योधन तथा दुशासन आदि गुरु द्रोणाचार्य के पास दूर जंगल में उनके आश्रम में शिक्षा ग्रहण करते थे। एक दिन जब वे सभी गुरु द्रोणाचार्य के साथ धनुर्विद्या प्राप्त कर रहे थे तो एक बनवासी बड़ी श्रद्धा से उन्हें देख रहा था। बनवासी बालक ने अर्जुन की धनुर्विद्या देखकर प्रण किया कि वह भी अर्जुन की तरह महान् धनुर्धर बनेगा। वह चुपचाप अपनी कुटिया में लौट आया। उसने मिट्टी की एक मूर्ति बनाई और वह रोज़ उस मूर्ति को प्रणाम करता और फिर धनुष चलाने का अभ्यास करता।

समय बीतता गया फिर एक दिन द्रोणाचार्य अपने आश्रम में शिष्यों को शिक्षा दे रहे थे कि अचानक एक कुत्ता आश्रम में आया जिसका मुँह बाणों से भरा हुआ था और उसकी आवाज़ भी नहीं निकल रही थी। सभी यह देखकर हैरान रह गए। सभी के मन में उस धनुर्धारी को देखने की इच्छा हुई। सभी उसे देखने के लिए जंगल में निकल पड़े। कुछ दूरी पर जाकर उन्होंने देखा कि एक बालक अपने अभ्यास में लीन था। वह इतना मग्न था कि उसे इनके आने का पता भी नहीं चला। द्रोणाचार्य ने उस बालक से पूछा कि तुम कौन हो? बालक गुरु द्रोणाचार्य को सामने देखकर मुंह से कुछ न बोल सका बस उन्हें . एकटक देखता रह गया। गुरु ने फिर पूछा कि बालक तुम कौन हो? तुम्हारा गुरु कौन है? उस कुत्ते को तुमने दंड क्यों दिया? बालक ने उन्हें प्रणाम किया और कहा कि गुरुवर मैं एक साधारण बनवासी हूँ। मेरे गुरु आप हैं। गुरु द्रोणाचार्य ने हैरान होते हुए कहा कि मैंने तो तुम्हें शिक्षा नहीं दी है? फिर मैं कैसे तुम्हारा गुरु हआ? बालक ने उत्तर दिया कि मैंने आपको मन में अपना गुरु मानकर आपकी एक प्रतिमा बनाई और उसी के सामने मैं अभ्यास करता हूँ। कुत्ते के बारे में पूछने पर उसने बताया कि यह कुत्ता भौंक-भौंक कर मेरे कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहा था इसलिए मैंने उसका मुँह ही बन्द कर दिया।

गुरु के प्रति ऐसी श्रद्धा और अपने काम के प्रति इतनी लगन देखकर सभी हैरान थे। यह बालक था एकलव्य जो अपने अभ्यास और श्रद्धा के बल पर महान् बना। सच है कि श्रद्धा, विश्वास और लगन तथा परिश्रम से कोई भी कार्य कठिन नहीं रह जाता।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 12 श्रद्धा और अभ्यास

कठिन शब्दों के अर्थ:

काल = समय। आश्रम = साधु, संन्यासियों के रहने का स्थान। धनुर्विद्या = धनुष चलाने की शिक्षा। सर्वोत्तम = सबसे अच्छा। गद्गद् = खुश। बनवासी = जंगल में वास (रहने) करने वाला। कुटिया = झोंपड़ी। एकांत = जहाँ कोई न हो, अकेले में। सानिध्य = पास। सम्मुख = सामने। प्रमाण = सबूत। प्रबल = तेज़। तल्लीन = मग्न। एकाग्रता = एकचित्त होना, एक केन्द्र पर मन लगना। धन्य = आनन्दित। एकटक = बिना पलक झपके, लगातार। निहारता = देखता। दण्ड = सजा। दण्डवत = लेट कर प्रणाम करना। जिज्ञासा = जानने की इच्छा। प्रतिमा = मूर्ति। समर्पण = त्याग। चकित = हैरान। परिश्रम = मेहनत।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 13 अनाथ

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 13 अनाथ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 13 अनाथ

Hindi Guide for Class 5 PSEB अनाथ Textbook Questions and Answers

I. बताओ

प्रश्न 1.
मनोहर कौन था? मंजरी ने उसे क्या काम दिया?
उत्तर:
मनोहर एक आठ वर्ष का बालक था जो मंजरी के घर में नौकर था। मंजरी ने उसे अपने बेटे वैभव के साथ स्कूल जाने का काम दिया।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 13 अनाथ

प्रश्न 2.
वैभव ने मंजरी से क्या जिद्द की?
उत्तर:
वैभव ने मंजरी से जिद्द की कि वह मनोहर से कहे कि वह भी मंजरी को मम्मी कहा करे।

प्रश्न 3.
मनोहर स्कूल में कैसे दाखिल हुआ?
उत्तर:
मनोहर स्कूल में लिए गए टैस्ट में अच्छे अंकों से पास हो गया। शपथ-पत्र आदि दाखिल करके मनोहर भी स्कूल में दाखिल हो गया।

प्रश्न 4.
घर आकर मनोहर क्या-क्या काम करता?
उत्तर:
घर आकर मनोहर घर के सारे काम करता, फिर अपनी पढ़ाई भी करता।

प्रश्न 5.
मोनू रात को वैभव को क्यों जगाता रहता?
उत्तर:
मोनू रात को वैभव को पढ़ाई करने के लिए जगाता रहता। वह चाहता था कि पढ़ाई करके कक्षा में अच्छे नम्बर प्राप्त करे।

प्रश्न 6.
वैभव की पढ़ाई के पीछे किसका हाथ था?
उत्तर:
वैभव की पढ़ाई के पीछे मनोहर का हाथ था।

प्रश्न 7.
प्रिंसिपल ने देवेन्द्र को स्कूल क्यों बुलाया?
उत्तर:
परीक्षा में मनोहर के प्रथम आने पर और वैभव के अच्छे अंक लेकर पास होने पर प्रिंसिपल ने देवेन्द्र को स्कूल बुलाया था।

प्रश्न 8.
देवेन्द्र स्कूल जाकर क्यों गद्गद् हो उठे?
उत्तर:
स्कूल के प्रिंसिपल के हाथों सम्मान पाकर देवेन्द्र गद्गद् हो उठे। प्रिंसिपल ने तालियों से उनका स्वागत करते हुए शाल व सरस्वती की काँस्य प्रतिमा देकर उनका सम्मान किया।

प्रश्न 9.
प्रिंसिपल ने मोनू को क्या इनाम दिया और क्यों?
उत्तर:
प्रिंसिपल ने मोनू को मण्डल में सर्वश्रेष्ठ छात्र होने का ईनाम दिया क्योंकि उसने अपनी प्रतिभा तथा कला कौशल और अपनी लगन से न केवल स्कूल में ही बल्कि मण्डलीय स्तर पर आयोजित प्रत्येक प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त कर स्कूल का और अपना नाम रोशन किया था।

प्रश्न 10.
मनोहरको देवेन्द्र-मंजरी ने क्या इनाम दिया?
उत्तर:
मनोहर की प्रतिभा से खुश होकर देवेन्द्र और मंजरी ने कहा कि मोनू हमारा बेटा बनकर रहेगा। वह जितना भी पढ़ेगा, पढ़ाया जाएगा। वह आज से हम दोनों को मम्मी और पापा कहा करेगा।

II. निम्नलिखित मुहावरों के वाक्य बनाओ

मुहावरा – अर्थ – वाक्य।
1. रोड़े अटकाना : रुकावटें पैदा करना – कभी किसी की राह में रोड़े नहीं अटकाने चाहिएं।
2. गद्गद् होना : खुश होना – पुरस्कार पाकर मैं तो गद्गद् हो गया।
3. मूंछे खड़ी करना : मान रखना – बेटे की तरक्की ने पिता की मूंछे खड़ी कर दी थीं।
4. गुपचुप बातें करना : चोरी छिपे बातें करना – गुपचुप बातें बन्द करो और जाकर सो जाओ।
5. दंग रह जाना : हैरान रह जाना – छोटे से बच्चे के करतब देख मैं दंग रह गया था।

III. नीचे लिखे अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें

1. साथ पढ़ने वाला : सहपाठी
2. आठ साल का : …………..
3. स्कूल का प्रधान अध्यापक : …………..
4. माता-पिता, रक्षा एवं देखभाल करने वाला : ……………
5. संस्कृति से सम्बन्धित : ……………
6. समाज से सम्बन्धित : …………….
7. सबसे श्रेष्ठ करना : ………….
उत्तर:
1. साथ पढ़ने वाला = सहपाठी।
2. आठ साल का = अष्टायु।
3. स्कूल का प्रधान अध्यापक = प्रिंसिपल (प्राचार्य)।
4. माता-पिता, रक्षा एवं देखभाल करने वाला = अभिभावक।
5. संस्कृति से सम्बन्धित = सांस्कृतिक।
6. समाज से सम्बन्धित = सामाजिक।
7. सबसे श्रेष्ठ = सर्वश्रेष्ठ।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 13 अनाथ

IV. पढ़ो, समझो और लिखो

(क) (i) वर्ष : …………….
(ii) सप्ताह : ………………
(iii) समाज : …………….
(iv) संस्कृति : ………………
(v) अर्थ : ………….
उत्तर:
(i) वर्ष – वार्षिक।
(ii) सप्ताह – साप्ताहिक।
(iii) समाज – सामाजिक।
(iv) संस्कृति – सांस्कृतिक।
(v) अर्थ – आर्थिक।
विशेष- भाग में ‘इक’ प्रत्यय का प्रयोग मूल शब्द में हुआ है।

(ख) (i) अभिनन्दन : अभिनंदित
(ii) सम्मान : ……………
(iii) आयोजन : ………….
(iv) स्थापना : ………….
उत्तर:
(i) अभिनन्दन – अभिनन्दित।
(ii) सम्मान – सम्मानित।
(iii) आयोजन – आयोजित।
(iv) स्थापना – स्थापित।
विशेष- भाग में ‘इत’ प्रत्यय का प्रयोग मूल शब्द के साथ हुआ है।

V. शुद्ध करके लिखो

वरषीय, सलाना, छुटी, स्कुल, दौडकर, प्रिंसीपल, समारो, परितियोगता, कीरतीमान, मूछे, शाबश, सतर।
उत्तर:
शुद्ध रूप-
वर्षीय।
सालाना।
छुट्टी।
स्कू ल।
दौड़कर।
प्रिंसिपल।
समारोह।
प्रतियोगिता।
कीर्तिमान।
मूंछे।
शाबाश।
सत्र।

VI. (क) नीचे अंग्रेजी और हिन्दी के शब्द घुलमिल गए हैं अतः अंग्रेजी के साथ सही हिन्दी

शब्द चुनकर लिखें-
अंग्रेजी शब्द – हिन्दी शब्द
बाउंड्री चारदीवारी
उत्तर:
अंग्रेजी शब्द – हिन्दी शब्द
(1) बाउंड्री – चारदीवारी।
(2) कलास – कक्षा
(3) स्कूल – विद्यालय।
(4) मम्मी – माँ/माता जी।
(5) मेम साहिब – मालकिन।
(6) बाथरूम – स्नानगृह।
(7) टैस्ट – परीक्षण।
(8) रिपोर्ट – प्रतिवेदन।
(9) सर – श्रीमान।
(10) प्रिंसिपल – प्रधानाचार्य।
(11) नम्बर – अंक।
(12) शाल – ओढ़नी।

(ख) नीचे फ़ारसी और हिन्दी के शब्द घुलमिल गए हैं अतः फ़ारसी के साथ सही हिन्दी शब्द चुनकर लिखें-

सालाना, प्रवेश, हर, जलसा, विशेष, ज़रूर, वार्षिक, दाखिला, अंदर, खास, व्याकुल, नहीं तो, सभा, रोज़ाना, परेशान, भीतर, नित्य, प्रत्येक, वरना, अवश्य।

फ़ारसी शब्द – हिन्दी शब्द
सालाना वार्षिक
उत्तर:
फ़ारसी शब्द – हिन्दी शब्द
(1) सालाना – वार्षिक।
(2) दाखिला – प्रवेश।
(3) हर – प्रत्येक
(4) जलसा – सभा।
(5) खास विशेष।
(6) ज़रूर – अवश्य।।
(7) वरना – नहीं तो।
(8) रोज़ाना – नित्य।
(9) परेशान – व्याकुल।
(10) अंदर – भीतर।

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बहुवैकल्पिक प्रश्न

पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प पर (✓) निशान लगाएं

प्रश्न 1.
मनोहर कितने वर्ष का बालक था ?
(क) आठ
(ख) नौ
(ग) दस
(घ) सात।
उत्तर:
(क) आठ

प्रश्न 2.
वैभव की पढ़ाई के पीछे किसका हाथ था ?
(क) मन का
(ख) मनोहर का
(ग) गुरु का
(घ) माँ का।
उत्तर:
(ख) मनोहर का

प्रश्न 3.
प्रिंसीपल के हाथों कौन सम्मानित हुए ?
(क) वैभव
(ख) देवेन्द्र
(ग) सुरेन्द्र
(घ) मनेन्द्र।
उत्तर:
(ख) देवेन्द्र

प्रश्न 4.
मोनू किस में सर्वश्रेष्ठ छात्र रहा ?
(क) मंडल में
(ख) स्कूल में
(ग) कॉलेज में
(घ) घर में।
उत्तर:
(क) मंडल में

अनाथ Summary

अनाथ पाठ का सार

एकांकी में तीन दृश्य हैं। पहले दृश्य में मंजरी अपने इकलौते पुत्र वैभव के आग्रह पर अपने नौकर मनोहर को समझाती है कि वह उसे मम्मी कहकर सम्बोधित किया करे। मनोहर गाँव में रहने वाला अनाथ बच्चा था जिसकी आयु लगभग वैभव के बराबर थी। मंजरी ने ममोहर को मोनू नाम देकर बताया कि उसे वैभव के साथ प्रतिदिन स्कूल जाना था और उसके साथ छुट्टी हो जाने के बाद वापिस आ जाना था। मंजरी मोनू को वैभव की तरह साफ़स्वच्छ रहने के लिए भी कहती है। दूसरे दृश्य में वैभव ने अपने मित्र राजन को बताया कि मोनू गाँव से आया है और अब वह भी उनके साथ मांटेसरी स्कूल में पढ़ा करेगा। मोनू स्कूल का टेस्ट पास कर चौथी कक्षा में दाखिला प्राप्त कर लेता है। मोनू दिन भर स्कूल में पढ़ाई के बाद मंजरी को घर के कामों में सहायता देता है और रात को देर तक पढ़ता है। वह वैभव को भी पढ़ने की प्रेरणा देता रहता है। तीसरे दृश्य में स्कूल के प्रिंसिपल पत्र लिखकर वैभव के पिता देवेन्द्र को वार्षिक समारोह में आमन्त्रित करते हैं। स्कूल के जलसे में वे वैभव और मोनू की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं और बताते हैं कि मोनू ने स्कूल में ही नहीं बल्कि मंडलीय स्तर पर भी अनेक प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त कर स्कूल के नाम को रोशन किया है। मोनू की प्रेरणा के कारण वैभव ने भी अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। ऐसे पुत्रों के पिता देवेन्द्र सिंह को प्रिंसिपल ने माला पहनाकर शाल और कांस्य प्रतिमा से सम्मानित किया था। घर लौटकर प्रसन्नता भरे देवेन्द्र ने मंजरी के सामने घोषणा की कि मोनू अब उन का नौकरः नहीं बल्कि पुत्र की तरह ही घर में रहेगा।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 13 अनाथ

कठिन शब्दों के अर्थ:

अधिकारी = अफ़सर। बांउड्री = चार-दीवारी। मोटर गैराज = गाड़ियों के रखने का स्थान। वार्तालाप = बातचीत। परेशान = दुःखी; चिन्तित। गुपचुप = धीरे-धीरे। बाथरूम = नहाने का कमरा। टैस्ट = परीक्षण। घरेलू = घर का। अध्ययन = पढ़ाई। जागरूक = सचेत। प्रगति = तरक्की, विकास। सर्वश्रेष्ठ = सबसे अच्छे। रोड़े मत अटकाना = रुकावट न डालना। हरदम = हर समय। बिल्कुल = ज़रा भी। सालाना = वार्षिक। जलसा = समारोह। अभिभावक = माता-पिता। अभिनन्दन = स्वागत। प्रतिभा = कौशल, विलक्षण बौद्धिक क्षमता। कीर्तिमान = यशस्वी कार्य, रिकार्ड। मण्डलीय = सामूहिक। वाग्देवी = सरस्वती देवी। काँस्य = कांसे की मूर्ति। अनाथ = जिसके माता-पिता न हों।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 14 मैं झरना

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 14 मैं झरना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 14 मैं झरना

Hindi Guide for Class 5 PSEB मैं झरना Textbook Questions and Answers

I. बताओ

प्रश्न 1.
झरना कहाँ से निकलता है?
उत्तर:
झरना पहाड़ों की चोटियों से निकलता है।

प्रश्न 2.
झरने के रास्ते में कौन-कौन सी बाधाएँ आती हैं ?
उत्तर:
झरने के रास्ते में छोटे-बड़े पहाड़, चट्टानें आदि बाधाएँ आती हैं।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 14 मैं झरना

प्रश्न 3.
झरना किन-किन की प्यास बुझाता है?
उत्तर:
झरना प्यासे पौधों, पंछियों, यात्रियों आदि सभी की प्यास बुझाता है।

प्रश्न 4.
झरना कहाँ पर बहता है?
उत्तर:
झरना पहाड़ों से होता हुआ धरती पर आकर बहता है।

प्रश्न 4.
बहता झरना आपको क्या प्रेरणा देता है?
उत्तर:
बहता झरना प्रेरणा देता है कि जीवन के रास्ते पर आने वाली बाधाओं, मुश्किलों से डरना नहीं चाहिए बल्कि हिम्मत से काम लेते हुए मुश्किलों पर विजय पाते हुए आगे बढ़ते जाना चाहिए।

II. सरलार्थ लिखो

नहीं जानता हूँ मैं रोना,
हँसता हर पल गाता हूँ।
प्यासे पौधे, पंछी, पंथी,
सबकी प्यास बुझाता हूँ।
उत्तर:
झरना कहता है-मैं कभी रोना नहीं जानता। मैं हर क्षण हँसता और गाता रहता हूँ। प्यासे पौधे, पक्षी और मुसाफिर की मैं सबकी प्यास बुझा देता हूँ।

III. (क) समानार्थक शब्द लिखो

(i) पहाड़ : ………………
(ii) राह : …………….
(iii) सूरज : …………..
(iv) धरती : ……………..
(v) चंदा : …………..
(vi) अम्बर : …………
उत्तर:
समानार्थक शब्द-
(i) पहाड़ = नग, अचल।
(ii) राह = रास्ता, मार्ग।
(iii) सूरज = सूर्य, रवि।
(iv) धरती = धरा, भू।
(v) चंदा = चाँद, राकेश।
(vi) अम्बर = आकाश, नभ।

(ख) बहुवचन रूप लिखो

(i) पहाड़ : …………….
(ii) शिखर : …………..
(iii) चट्टान : ……………
(iv) पौधा : ……………
(v) तारा : ……………
उत्तर:
(i) पहाड़ = पहाड़ों।
(ii) शिखर = शिखरों।
(iii) चट्टान = चट्टानों।
(iv) पौधा = पौधों।
(v) तारा = तारों।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 14 मैं झरना

जानिए
1. जब नदी का पानी चट्टानों के ऊपर से नीचे गिरता है तो झरना बनता है।
2. यदि झरना बहुत बड़ा हो तो उसे जल प्रपात कहा जाता है।
3. विश्व के तीन सबसे प्रसिद्ध जल प्रपात हैं अमेरिका का नियाग्रा फॉल्स अफ्रीका का विक्टारिया फॉल्स अर्जेंटीना, ब्राजील और पेराग्वे का इगूआसू फॉल्स।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प पर (✓) निशान लगाएं

प्रश्न 1.
झरना कहाँ से निकलता है ?
(क) पहाड़ों की चोटियों से
(ख) नदियों से
(ग) बादलों से
(घ) हिमालय से।
उत्तर:
(क) पहाड़ों की चोटियों से

प्रश्न 2.
झरने के रास्ते में क्या-क्या आता है ?
(क) पहाड़
(ख) चट्टानें
(ग) पहाड़ और चट्टानें
(घ) नदी।
उत्तर:
(ग) पहाड़ और चट्टानें

प्रश्न 3.
झरना किनकी प्यास बुझाता है ?
(क) पौधों
(ख) पक्षियों
(ग) यात्रियों
(घ) सभी की।
उत्तर:
(घ) सभी की।

मैं झरना Summary

मैं झरना पाठ का सार

झरना अपनी कहानी सुनाते हुए कहता है कि वह पहाड़ों की चोटियों से झर-झर की आवाज़ करता हुआ झरता है। वह छोटे-बड़े पहाड़ों के बीच से चट्टानों को चीरते हुए अपना रास्ता बनाता जाता है। बिना थके वह अपने रास्ते की सारी रुकावटों को हटाता जाता है। बिना रोये-चिल्लाए वह सदा हंसते हुए दूसरों की प्यास बुझाता हुआ धरती पर बहता रहता है। सूर्य चाँद-तारे उस की गोदी में खेलते से प्रतीत होते हैं तो वह आकाश को भी गले लगाता है।

पद्यांशों के सरलार्थ

1. उछल पहाड़ों के शिखरों से
झर झर झर झर झरता हूँ।
आओ सुनो कहानी मेरी
झरना मैं खुद को कहता हूँ।

कठिन शब्दों के अर्थ:
शिखरों = चोटियों। खुद = अपने आप।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित कवि सुरेश द्वारा लिखित कविता ‘मैं झरना’ में से लिया गया है।

सरलार्थ:
झरना कहता है-मैं पहाड़ों की चोटियों में ‘झर-झर’ करता हुआ गिर रहा हूँ। आओ, मेरी कहानी सुनो-मैं अपने आपको झरना कहता है।

भावार्थ:
झरना उत्साह से भरा हुआ अपनी कहानी स्वयं सुनाता है।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 14 मैं झरना

2. छोटे बड़े पहाड़ों में से,
अपनी राह बनाता हूँ,
चीर-चीर चट्टानों को मैं,
आगे बढ़ता जाता हूँ।

कठिन शब्दों के अर्थ:
राह = रास्ता। चट्टानों = बड़े-बड़े पत्थरों।

सरलार्थ:
झरना कहता है-मैं छोटे-बड़े पहाड़ों में से अपना रास्ता बना लेता हूँ। मैं बड़े-बड़े पहाड़ों को चीर-चीर कर आगे ही आगे बढ़ता जाता हूँ।

भावार्थ:
झरना अपनी वीरता और धैर्य से प्रेरणा देना चाहता है कि सब परिश्रम करें।

3. पथ की सारी बाधाओं से,
खेल-खेल कर भिड़ता हूँ,
थकता हूँ मैं नहीं कभी भी,
पीछे कभी न हटता हूँ।

कठिन शब्दों के अर्थ:
पथ = रास्ता। बाधाओं = रुकावटों।

सरलार्थ:
झरना कहता है-मैं अपने रास्ते की सभी रुकावटों से खेल-खेल में भिड़ जाता हूँ। मुझे कभी भी थकान नहीं होती और न कभी पीछे हटता हूँ।

भावार्थ:
झरने के उत्साह से पथ की रुकावटों को दूर करने की प्रेरणा प्राप्त होती है।

4. नहीं जानता हूँ मैं रोना,
हंसता हर पल गाता हूँ,
प्यासे पौधे, पंछी, पंथी,
सबकी प्यास बुझाता हूँ।

कठिन शब्दों के अर्थ:
हर पल = हर क्षण। पंछी = पक्षी। पंथी = मुसाफिर।।

सरलार्थ:
झरना कहता है-मैं कभी रोना नहीं जानता। मैं हर क्षण हँसता और गाता रहता हूँ। प्यासे पौधे, पक्षी और मुसाफिर की मैं सबकी प्यास बुझा देता हूँ।

भावार्थ:
झरने के परोपकारी स्वभाव को प्रकट किया गया है।

5. सूरज-चंदा ताराओं को,
गोदी में दुलारता हूँ,
बहता हूँ धरती पर,
पर अंबर को गले लगाता हूँ।

कठिन शब्दों के अर्थ:
ताराओं = तारों। दुलारता = प्यार करता। अंबर = आकाश।

सरलार्थ:
झरना कहता है-मैं सूर्य, चन्द्रमा और तारों को अपनी गोद में बैठा कर उनसे प्यार करता हूँ। मैं चाहे धरती पर बहता हूँ परन्तु आकाश को अपने गले लगाता हूँ।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 14 मैं झरना

भावार्थ:
झरने के पानी में सूर्य, चाँद, तारों और आकाश के प्रतिबिंब बनने की कल्पना सुन्दर है।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 15 एक दीवाली ऐसी भी

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 15 एक दीवाली ऐसी भी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 15 एक दीवाली ऐसी भी

Hindi Guide for Class 5 PSEB एक दीवाली ऐसी भी Textbook Questions and Answers

I. बताओ

प्रश्न 1.
स्कूल से आते ही दीपक ने माँ से क्या जिद्द की ?
उत्तर:
स्कूल से आते ही दीपक ने माँ से पटाखे लेने की जिद्द की।

प्रश्न 2.
स्कूल का काम समाप्त करने के बाद दीपक क्या करने लगा ?
उत्तर:
स्कूल का काम समाप्त करने के बाद दीपक अपने पिता जी के आने का इंतजार करने लगा।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 15 एक दीवाली ऐसी भी

प्रश्न 3.
अचानक दीपक की नज़र कहाँ पड़ी ?
उत्तर:
अचानक दीपक की नज़र कुर्ता पायजामा पहने, काला बैग उठाए हुए एक नौजवान पर पड़ी।

प्रश्न 4.
कुछ लोग देश में आतंक क्यों फैलाते हैं?
उत्तर:
पर्वो, त्योहारों आदि के अवसर पर कुछ असामाजिक तत्व अपने स्वार्थ की पर्ति के लिए भीड़ में बम आदि चला कर लोगों में आतंक फैलाने का प्रयास करते हैं। ऐसा करके वे देश की एकता और अखण्डता को हानि पहुँचाना चाहते हैं।

प्रश्न 5.
हमें किनसे सतर्क रहना चाहिए?
उत्तर:
हमें असामाजिक तत्वों से सदैव सतर्क रहना चाहिए।

प्रश्न 6.
दीपक ने लावारिस वस्तु मिलने पर क्या किया?
उत्तर:
लावारिस वस्तु देखकर दीपक ने चिल्लाना शुरू कर दिया। इससे लोग सतर्क हो गए और वह नौजवान भी पकड़ा गया और जान-माल का नुकसान भी होने से बच गया।

प्रश्न 7.
बम फट जाने से क्या नुकसान होता?
उत्तर:
बम फट जाने से जान-माल का भारी नुकसान होता।

प्रश्न 8.
दीवाली पर लोग आमतौर पर क्याक्या खरीदते हैं ?
उत्तर:
दीवाली पर लोग आमतौर पर पटाखे और मिठाइयाँ खरीदते हैं।

प्रश्न 9.
दीपक का फ़ोटो अखबार में क्यों छपा ?
उत्तर:
दीपक की सतर्कता ने भारी जान-माल का नुकसान होने से बचाया था। इसी सतर्कता और बुद्धिमत्ता के कारण उसका फ़ोटो अखबार में छपा था।

II. वाक्य पूरे करो

1. सब तरफ से………………की आवाजें आ रही थीं।
2. देखते ही देखते बाज़ार में…………..जलने लगीं।
3. दीपक चिल्लाया, …………….वाले को पकड़ो-पकड़ो।”
4…………..सुनकर दीपक की माँ…………..की ओर लपकी।
5. तभी वायरलैस फोन पर……………को बुलाया गया।
6. हमारी थोड़ी सी……….और…………….ही स्वार्थी लोगों को………..फैलाने का अवसर देती है।
7. वह……………लेना ही भूल गया।
उत्तर;
(1) हॉकरों
(2) बत्तियाँ.
(3) कुर्ते-पायजामे
(4) शोर, बरामदे
(5) बम एक्सपर्ट
(6) लापरवाही, चूक, आतंक
(7) पटाखे।

III. पढ़ो, समझो और लिखो

स्वतन्त्र स्वतन्त्रता
जागरूक ………….
अखण्ड …………..
विशेष ………….
सजग …………
तर्क …………..
उत्तर:
स्वतन्त्र – स्वतन्त्रता
अखण्ड – अखण्डता
सजग – संजगता
जागरूक – जागरूकता।
विशेष – विशेषता। .
सतर्क – सतर्कता

विशेष – उपरोक्त शब्दों में ता प्रत्यय लगाया गया है।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 15 एक दीवाली ऐसी भी

IV. विराम चिह्न लगाएँ

अपने बेटे को पुलिस के पास खड़ा देखकर उनके पाँव तले जमीन खिसक गई तभी इन्स्पेक्टर दीपक के सिर पर हाथ फेरते हुए कहने लगा आज आपके बेटे की सतर्कता, जागरूकता एवं बुद्धिमत्ता के कारण बहुत बड़ा हादसा होने से टल गया यह शब्द सुनते ही माता-पिता का मन गद्गद् हो उठा
उत्तर:
अपने बेटे को पुलिस के पास खड़ा देखकर उनके पाँव तले जमीन खिसक गई। तभी इन्स्पेक्टर दीपक के सिर पर हाथ फेरते हुए कहने लगा, “आज आपके बेटे की सतर्कता, जागरूकता एवं बुद्धिमत्ता के कारण बहुत बड़ा हादसा होने से टल गया।” यह शब्द सुनते ही माता-पिता का मन गद्गद् हो उठा।

V. वाक्य बनाओ अर्थ वाक्य

1. लालायित होना …………….
2. नज़र बचाना …………..
3. मोल भाव करना ……………
4. अफ़रा-तफ़री मचना …………….
5. राहत की साँस लेना …………….
6. बाँहों में भरना ……………
7. श्मशान में तबदील होना ……………
8. मन गद्गद् हो उठना …………….
9. आँखों का तारा …………
10. दुआएँ देना …………….
11. छा जाना …………
उत्तर:
1. लालायित होना-ललचाना।
बच्चा रंग-बिरंगे गुब्बारों को पाने के लिए
लालायित हो उछल रहा था।

2. नज़र बचाना-छिपना।
चोर नज़र बचा कर भाग निकला था।

3. मोल भाव करना-दाम घटाने-बढ़ाने की
चेष्टा करना। औरत रेहड़ी वाले से सब्जी का मोल-भाव कर रही है।

4. अफरा-तफरी मचना-भाग-दौड़ मचना।
भीड़ में सांड के घुसते ही अफरा-तफ़री मच गई थी।

5. राहत की साँस लेना-सुख-चैन अनुभव करना।
अपने खोये हुए पुत्र को पा कर माँ ने राहत की साँस ली।

6. बाँहों में भरना-दुलारना।
वर्षों से बिछुड़ी बेटी को माँ ने बाँहों में भर लिया था।

7. श्मशान में तबदील होना-नष्ट हो जाना।
आतंकवादियों के बम विस्फोट से चौराहा तो श्मशान में तबदील हो गया था।

8. मन गद्गद् हो उठना-प्रसन्न हो जाना।
लंबे समय के बाद मित्र से मिलकर मन गद्गद् हो उठा था। .

9. आँखों का तारा-बहुत प्यारा।
प्रत्येक बच्चा अपने माता-पिता की आँखों का तारा होता है।

10. दुआएँ देना-आसीस देना।
भीख पाते ही भिखारी ने मोहनीश को दुआएँ दीं।

11. छा जाना-प्रभावित करना, प्रसिद्धि पाना।
अपने काम से नेता जी तो आजकल छाये हुए हैं।

VI. करो

प्रश्न 1.
दीवाली पर बाज़ार के दृश्य पर दस पंक्तियाँ लिखो।
उत्तर:

  1. दीवाली पर्व पर सारा बाजार सजा हुआ होता है।
  2. कहीं पटाखे सजे हैं तो कहीं मिठाइयाँ और खिलौनों की दुकानें सजी होती हैं।
  3. लोग नए-नए कपड़े पहन कर खरीदारी करते हैं।
  4. बच्चे पटाखे की दुकानें देखकर खुश होते हैं।
  5. बाजारों में बड़ी चहल पहल होती है।
  6. दुकानदार अपनी वस्तुओं को बेचने के लिए ऊँचे-ऊँचे चिल्लाते हैं।
  7. मोमबत्तियाँ और अगरबत्ती बेचने वाले भी बाज़ारों में फड़ी लगाए बैठे रहते हैं।
  8. फल बेचने वाले अपने फलों की रेहड़ियाँ लगाए रहते हैं।
  9. हर व्यक्ति को सामान खरीदने की जल्दी मची रहती है।
  10. इन दिनों बाज़ारों में जेबकतरे और चोर भी खूब सक्रिय रहते हैं।

प्रश्न 2.
आप दीवाली कैसे मनाते हैं ? लिखो।
उत्तर:
दीवाली हमारा एक पवित्र त्योहार है। यह रोशनी का पर्व माना जाता है। हमारे घर में दीवाली मनाने की परम्परा आरम्भ से है। इस दिन हम सब मिल कर घर की सफ़ाई करते हैं। घर को सजाते हैं। शाम के समय हम बाज़ार से मिठाइयाँ, पटाखे, मोमबत्तियाँ, फल आदि लेकर आते हैं। संध्या समय लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। इस समय हम सब परिवार के सदस्य इकट्ठे बैठ कर पूजा करते हैं। माता जी लक्ष्मी पूजा करते हैं। पूजा के पश्चात् सारे घर पर रोशनी सजाई जाती है। मोमबत्तियाँ जलाते हैं। मिठाइयां खाते हैं और फिर मित्रों के साथ पटाखे चलाते हैं।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 15 एक दीवाली ऐसी भी

प्रश्न 3.
आप दीपक की जगह होते, तो क्या करते ?
उत्तर:
यदि दीपक की जगह मैं होता तो यह दृश्य देखकर चिल्लाता नहीं बल्कि चुपचाप नीचे आकर फिर शोर मचाते हुए उसे स्वयं ही पकड़ने की कोशिश करता ताकि चिल्लाने से कहीं भीड़ का फायदा उठाकर वह भाग न जाए। उसे पकड़कर लोगों की सहायता से उसकी जम कर पिटाई करता और पुलिस के हवाले करता।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प पर (✓) निशान लगाएं

प्रश्न 1.
हमें किन-से सतर्क रहना चाहिए ?
(क) चोरों से
(ख) असामाजिक तत्वों से
(ग) तत्वों से
(घ) गुंडों से।
उत्तर:
(ख) असामाजिक तत्वों से

प्रश्न 2.
लावारिस वस्तु मिलने पर दीपक ने क्या किया ?
(क) चिल्लाया
(ख) रोया
(ग) भागा
(घ) गिर पड़ा।
उत्तर:
(क) चिल्लाया

प्रश्न 3.
बम फट जाने से किसकी हानि होती है ?
(क) जान-माल की
(ख) धर्म की।
(ग) पैसे की
(घ) सबकी।
उत्तर:
(क) जान-माल की

प्रश्न 4.
स्कूल से आते ही दीपक ने माँ से क्या जिद्द की ?
(क) पटाखे लाने की
(ख) नई पोशाक लाने की
(ग) मिठाइयाँ लाने की
(घ) नई किताबे लाने की।
उत्तर:
(क) पटाखे लाने की

एक दीवाली ऐसी भी Summary

क दीवाली ऐसी भी पाठ का सार

दीवाली को केवल दो दिन बाकी थे। दीपक स्कूल से घर आकर पटाखे के लिए ज़िद्द करने लगा। उसकी माँ ने उसे समझाया कि तुम हाथ-मुँह धोकर खाना खाओ। तुम्हारे पिता जी शाम को दफ्तर से आकर तुम्हें पटाखे और नई पोशाक भी दिलवा देंगे। दीपक उत्साह से भर कर खाना खाकर, गृहकार्य करके पिता जी की राह देखने लगा। दीपक का घर बाज़ार में ही था। उसने ऊपर से देखा, बाज़ार में बड़ी रौनक थी। लोगों की भीड़ सामान वगैरह खरीद रही थी। दुकानदारों की आवाजें आ रही थीं। अचानक उसकी नज़र कुर्ता-पायजामा पहने कन्धे पर काले रंग का बैग लटकाए नौजवान पर पड़ी। उसने अपना मुँह ढका हुआ था। वह एक पटाखे के स्टाल के पास पहुँचा और अपना बैग नीचे रखकर पटाखों के मोल-भाव करने लगा, साथ ही पैर से अपना बैग भी अन्दर सरका रहा था। वह बिना कुछ खरीदे अपना बैग वहीं छोड़ कर जल्दी से निकल कर जाने लगा। दीपक को अपने अध्यापक की कही बातें याद आने लगीं कि पर्वो, त्योहारों, मेलों आदि के समय पर बहुत सतर्क रहना चाहिए। असामाजिक तत्व इन मौकों का फायदा उठाकर देश की एकता और अखण्डता को नुकसान पहुंचाते हैं।

दीपक को भी किसी अनहोनी की आशंका होने लगी। दीपक चिल्लाया, “कुर्ते-पायजामे वाले को पकड़ो।” यह सनते ही वह नौजवान लगभग दौड़ने लगा। लोग इधर-उधर देखने लगे। दीपक फिर चिल्लाया। वह सीढ़ियों से दौड़ता हुआ नीचे आया और बाहर आकर चिल्लाने लगा। लोगों ने मिलकर नौजवान को पकड़ लिया। पुलिस सहायता कक्ष पर तैनात पुलिस भी सहायता के लिए आ गई। उन्होंने वायरलैस द्वारा बम विशेषज्ञ को बुला लिया। पुलिस ने लोगों को घर जाने के लिए कहा। बम को निष्क्रिय कर दिया गया। लोगों ने राहत की साँस ली। दीपक की माँ ने दीपक को प्यार से अपनी बाहों में भर लिया। इतने में दीपक के पिता जी भी आ पहुँचे। दीपक को पुलिस वाले के साथ खड़ा देखकर उनके पिता जी तो घबरा गए। पुलिस वाले ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा कि आज तुम्हारे बेटे की सतर्कता और जागरूकता के कारण बड़ा हादसा होने से बच गया नहीं तो कई लोगों की जान चली जातीं। यह ख़बर सुनते ही अख़बारों के प्रेस रिपोर्टर भी वहाँ आ गए। वे दीपक और उसके माता-पिता का फोटो और इन्टरव्यू लेने लगे। आज दीपक सबकी आँखों का तारा बना हुआ था। अगले दिन समाचारपत्र के मुख्य पृष्ठ पर दीपक छाया हुआ था।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 15 एक दीवाली ऐसी भी

कठिन शब्दों के अर्थ:

शेष = बाकी। पोशाक = कपड़े। निपटाया = समाप्त किया। गृहकार्य = घर का कार्य। उत्साहित = उत्साह, खुशी से भरा हुआ। गिफ्ट = उपहार। चहल-पहल = रौनक, लोगों का आना-जाना। दृश्य = नज़ारा। हॉकर = दुकानदार, फड़ी वाले। लालायित = इच्छुक, चाहवान। बैग = थैला। सतर्क = सचेत। अवसर = मौका। वायरलैस = बेतार। एक्सपर्ट = विशेषज्ञ। परामर्श = सलाह। निष्क्रिय = नकारा। पाँव तले ज़मीन खिसकना = घबरा जाना। सिर पर हाथ फेरना = प्यार करना। तबदील = बदलना। चूक = ग़ल्ती। स्वार्थी = मतलबी। आतंक = दहशत, भय, डर। गद्गद् = प्रसन्न। इन्टरव्यू = साक्षात्कार। आँखों का तारा = प्यारा।

PSEB 5th Class Hindi Grammar Vyakaran

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Vyakaran Exercise Questions and Answers, Notes.

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प्रश्न 1.
व्याकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जिस शास्त्र के द्वारा हमें भाषा के शुद्ध या अशुद्ध होने का ज्ञान प्राप्त हो, उसे व्याकरण कहते हैं।

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प्रश्न 2.
हिन्दी व्याकरण के कितने भाग हैं ?
उत्तर:
हिन्दी व्याकरण के तीन भाग हैं-

  1. वर्ण विचार।
  2. शब्द विचार।
  3. वाक्य विचार।

प्रश्न 3.
भाषा किसे कहते हैं? इसके कितने प्रकार हैं ?
उत्तर:
वह साधन जिसके माध्यम से हम अपने मन के विचार दूसरों पर प्रकट करते हैं तथा दूसरों के विचार समझते हैं भाषा कहलाती है। जैसेहिन्दी, पंजाबी, मराठी, बंगला आदि। भाषा के दो प्रकार हैं-
(क) मौखिक
(ख) लिखित।

प्रश्न 4.
लिपि किसे कहते हैं ? हिन्दी की लिपि का नाम लिखो।
उत्तर:
जिन वर्ण चिह्नों के द्वारा भाषा लिखी जाती है, उसे लिपि कहते हैं। हिन्दी भाषा की लिपि का नाम देवनागरी है।

प्रश्न 5.
वर्ण या अक्षर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
उस छोटी-से-छोटी ध्वनि को जिसके टुकड़े न हो सकें, वर्ण या अक्षर कहा जाता है।
जैसे-अ, इ, उ, ऋ, क्, च्, ट्, त्, प् आदि।

प्रश्न 6.
हिन्दी वर्णमाला में कितने वर्ण (अक्षर) हैं ?
उत्तर:
हिन्दी वर्णमाला में कुल 44 वर्ण हैं।। इनमें से 11 स्वर और 33 व्यंजन हैं।

प्रश्न 7.
शब्द किसे कहते हैं ? इसके कितने प्रकार हैं ?
उत्तर:
दो या दो से अधिक वर्षों के मेल से बनी सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं। जैसे-र् + आ, म् + अ = राम।
शब्द दो प्रकार के होते हैं-सार्थक और निरर्थक।

प्रश्न 8.
संज्ञा की परिभाषा लिखो और उसके भेद बताओ।
उत्तर:
किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, स्थान, नगर आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे-रमेश, सोहन, मेज, कुर्सी, दिल्ली, जालन्धर आदि। संज्ञा के प्रायः तीन भेद माने जाते हैं-

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. जातिवाचक संज्ञा
  3. भाववाचक संज्ञा।

प्रश्न 9.
सर्वनाम की परिभाषा लिखो। उसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
वाक्य में संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले विकारी शब्दों को सर्वनाम कहते हैं। जैसे सोहन, मोहन के साथ उसके घर गया। इस वाक्य में ‘उसके’ सर्वनाम मोहन के स्थान पर प्रयुक्त हुआ है। सर्वनाम के छ: भेद हैं-पुरुषवाचक, निश्चय-वाचक, अनिश्चयवाचक, प्रश्नवाचक, सम्बन्धवाचक और निजवाचक।

प्रश्न 10.
विशेषण किसे कहते हैं और उसके भेद बताओ।
उत्तर:
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करते हैं, उन्हें विशेषण कहा जाता है। जैसेवीर पुरुष। इसमें ‘वीर’ शब्द पुरुष की विशेषता प्रकट करता है। इसलिए यह विशेषण है। विशेषण के भेद

  1. गुणवाचक विशेषण
  2. परिमाण वाचक विशेषण
  3. संख्यावाचक विशेषण
  4. सार्वनामिक विशेषण।

प्रश्न 11.
क्रिया किसे कहते हैं? क्रिया के कितने भेद हैं?
उत्तर:
जिन शब्दों के द्वारा किसी काम का करना, होना, सहना आदि पाया जाए, उसे क्रिया कहते हैं। जैसे-मोहन पढ़ता है। कमला लिखती है। क्रिया के भेद-क्रिया के दो भेद माने जाते हैं-

  1. अकर्मक क्रिया
  2. सकर्मक क्रिया।

प्रश्न 12.
वचन किसे कहते हैं और वचन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
शब्दों के जिस रूप में किसी वस्तु के एक अथवा अनेक होने का बोध हो, उसे वचन कहते हैं। हिन्दी में दो वचन हैं-

  1. एकवचन
  2. बहुवचन।

1. एकवचन-संज्ञा का जो रूप एक ही वस्तु का बोध कराए, उसे एकवचन कहते हैं। जैसेलड़की, बहन आदि।
2. बहुवचन-संज्ञा का जो रूप एक से अधिक वस्तुओं का बोध कराए, उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे-लड़कियाँ, घोड़े, बहनें आदि।

प्रश्न 13.
कारक किसे कहते हैं ?
उत्तर:
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप में उस वाक्य का दूसरे शब्दों से सम्बन्ध जाना जाए, उस रूप को कारक कहते हैं। जैसे–मोहन ने पुस्तक को मेज़ पर रख दिया।

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प्रश्न 14.
काल किसे कहते हैं और काल के भेद लिखो।
उत्तर:
क्रिया के जिस रूप से उसके होने या करने के समय का बोध हो, उसे काल कहते हैं। काल के मुख्य भेद हैं-

  1. भूतकाल-जिससे क्रिया के बीते हुए समय में होने का बोध हो, उसे भूतकाल कहते हैं।
  2. वर्तमान काल-जिससे क्रिया के चल रहे अथवा वर्तमान समय में होने का बोध हो, उसे वर्तमान काल कहते हैं।
  3. भविष्यत् काल-जिससे क्रिया के आने वाले समय में होने का बोध हो, उसे भविष्यत् काल कहते हैं।

विराम चिह्न

प्रश्न 1.
विराम चिह्न से क्या अभिप्राय है? हिन्दी में प्रचलित विराम चिह्नों को स्पष्ट करें।
उत्तर:
बातचीत करते समय हम अपने भावों को स्पष्ट करने के लिए कहीं-कहीं ठहरते हैं। लिखने में भी ठहराव प्रकट करते हैं। ठहराव को प्रकट करने के लिए जो चिह्न लगाए जाते हैं, वे विराम चिह्न कहलाते हैं।

निर्धारित विराम चिह्न

(क) पूर्ण विराम (।)- वाक्य की पूर्ति की सूचना देने वाले चिह्न को पूर्ण विराम कहते हैं। जैसे-अनुशासनहीनता देश के लिए घातक है।

(ख) अर्द्ध विराम (:)- वाक्य की पूर्ण समाप्ति न होने पर भी जहां बीच में समाप्ति सी लगे। अगले वाक्य से जोड़ने वाले अव्यय का अभाव हो, तब इसका प्रयोग होता है। जैसे-आजकल शिक्षा का उद्देश्य नौकरी है; इसलिए उसका वास्तविक महत्त्व जाता रहा है।

(ग) प्रश्न सूचक (?)- वाक्य को प्रश्नवाचक सूचित करने के लिए इसका प्रयोग होता है। जैसे-क्या मूर्ख को समझाना सरल है?

(घ) विस्मयादि बोधक (!)- मानसिक आवेगों के लिए इसका प्रयोग होता है। जैसे-हाय ! मैं मारा गया। उफ़ ! इतनी पीड़ा।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में विराम चिह्न लगाइए

  1. राम पढ़ कर आ गया है
  2. सुधा अब तुम उठ जाओ मोहन आने वाला
  3. क्या आज वर्षा होगी
  4. ओह अब मैं थक गया हूँ
  5. जीत ही मेरा लक्ष्य है इसलिए दिन-रात एक कर दिया है
  6. मारिया ने कहा अहा कैसा अद्भुत प्रकाश है अन्त में हमने इसे पा ही लिया

उत्तर:

  1. राम पढ़ कर आ गया है। (पूर्ण विराम)
  2. सुधा अब तुम उठ जाओ; मोहन आने वाला है। (अर्द्ध विराम, पूर्ण विराम)
  3. क्या आज वर्षा होगी ? (प्रश्नवाचक)
  4. ओह ! अब मैं थक गया हूँ। (विस्मयादि बोधक, पूर्ण विराम)
  5. जीत ही मेरा लक्ष्य है; इसलिए दिन-रात एक कर दिया है। (अर्द्ध विराम, पूर्ण विराम)
  6. मारिया ने कहा-“अहा ! कैसा अद्भुत प्रकाश है। अन्त में हमने इसे पा ही लिया।”.
    (विस्मयादि बोधक, पूर्ण विराम)

व्यावहारिक व्याकरण चार्ट

चार्ट नं० 1
अशुद्ध-शुद्ध

अशुद्ध – शुद्ध
अनीवार्य – अनिवार्य
सनान – स्नान
अधिआपक – अध्यापक
इश्वर – ईश्वर
आग्या – आज्ञा
दुख – दुःख
बुद्धीमान – बुद्धिमान्
परार्थना – प्रार्थना
दुश्ट – दुश्ट
शरत – शर्त
उदयोग – उद्योग
सबजी – सब्जी
सर्मपित – समर्पित
असमरथ – असमर्थ
चौकनना – चौकन्ना
चुनोती – चुनौती
चकव्यूह – चक्रव्यूह
कृश्ण – कृष्ण
युधिष्ठर – युधिष्ठिर

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महातमा – महात्मा
परिक्षा – परीक्षा
प्रतीख्शा – प्रतीक्षा
पंडित – पण्डित
मीठाई – मिठाई
मन्दर – मन्दिर
प्रन्तु – परन्तु
हिरदे – हृदय
शरन – शरण
मिठाईयां – मिठाइयाँ
सुरेन्दर – सुरेन्द्र
अनन्द – आनन्द
जित – जीत
कवि – कवी
पेंसिल – पैंसल
तैयारी – त्यारी
गनेष – गणेश
लक्षमी – लक्ष्मी
प्रतिग्या – प्रतिज्ञा
विग्यान – विज्ञान
रितु – ऋतु
|रिण – ऋण
रिषि – ऋषि
किरपा – कृपा
ऐक – एक
एसा – ऐसा.
म्रित्यु – मृत्यु
पृथ्वी – प्रिथ्वी
इस्री – स्त्री
स्वामि – स्वामी
हिन्दु – हिन्दू
आँसू – आंसु
भुमि – भूमि
बूढ़ा – बूड़ा
प्रशन – प्रश्न
पुन्य – पुण्य
किरन – किरण
पियार – प्यार
दुरदशा – दुर्दशा
धरम – धर्म
हिमांचल – हिमाचल
दृष्टी – दृष्टि
सेनापती – सेनापति
निरभय – निर्भय
अभीवादन – अभिवादन
रूचि – रुचि
लिपी – लिपि
उपस्थति – उपस्थित
गतवय – गंतव्य
आविश्कार – आविष्कार
मनुश्य – मनुष्य
समून्द्र – समुद्र
समीत – समर्पित
सवरगीय – स्वर्गीय
राजिसथान – राजस्थान
वयायाम – व्यायाम
मधया अवकाश – मध्यावकाश
तीतलीयाँ – तितलियाँ
पराचीनकाल – प्राचीनकाल
परतयेक – प्रत्येक
हसपताल – अस्पताल
समजदार – समझदार
मसतिषक – मस्तिष्क
सवासथिय – स्वास्थ्य
पौशटिक – पौष्टिक
परियाप्त – पर्याप्त
परिकर्मा – परिक्रमा
चर्कव्यूह – चक्रव्यूह
मरुसथल – मरुस्थल
उतेजित – उत्तेजित
मनुश्य – मनुष्य
दूरदरशन – दूरदर्शन
श्रीमति – श्रीमती
कलपना – कल्पना
ग्रहकार्य – गृहकार्य
दृष्टीहीन – दृष्टिहीन
परभावी – प्रभावी
विगयापन – विज्ञापन
विशेष – विषेश
उदयोग – उद्योग
गरव – गर्व
द्रिष्टि – दृष्टि
प्रसिद – प्रसिद्ध
रिषि – ऋषि
परबत – पर्वत
निरमल – निर्मल
दुरगम – दुर्गम
विषेश – विशेष
अभिलाशा – अभिलाषा
अर्पन – अर्पण
साइकल – साइकिल
परदूषण – प्रदूषण

चार्ट नं० 2
लिंग परिवर्तन

पुंल्लिग – स्त्रीलिंग
आदमी – औरत
भाई – बहन
पिता – माता
वर – वधू
सेवक – सेविका
ससुर – सास
बुद्धिमान् – बुद्धिमती
साधु – साध्वी
कवि – कवयित्री
चिड़ा – चिड़िया
बैल – गाय
शिष्य – शिष्या.
विधुर – विधवा
नायक – नायिका
बूढ़ा – बुढ़िया
बालक – बालिका
पाठक – पाठिका
अध्यापक – अध्यापिका
बन्दर – बन्दरिया
अभिनेता – अभिनेत्री
चूहा – चुहिया
बछड़ा – बछिया
कुत्ता – कुतिया
भैंसा – भैंस
युवा – युवती
मित्र – मित्रा, सहेली
महाराजा – महारानी
मामा – मामी
लोटा – लुटिया
दादा – दादी
चाचा – चाची
वीर – वीरांगना
सखा – सखी
स्त्री – पुरुष
हाथी – हथिनी
बकरा – बकरी
घोड़ा – घोड़ी
मोर – मोरनी
देव – देवी
नर – नारी
नाना – नानी
विद्वान् – विदुषी
लड़का – लड़की
पुत्र – पुत्री
पुजारी – पुजारिन
शेर – शेरनी
सुनार – सुनारिन
बेटा – बेटी
देवर – देवरानी
जेठ – जेठानी
नौकर – नौकरानी
राजपूत – राजपूतानी
छात्र – छात्रा
श्रीमान् – श्रीमती
दास – दासी
सयाना – सयानी
हिरन – हिरनी
लेखक – लेखिका
बिलाव – बिल्ली
माली – मालिन
राजा – रानी
गायक – गायिका
मछुआरा – मछुआरिन
पति – पत्नी
नौकर – नौकरानी
मुर्गी – मुर्गा
राजकुमार – राजकुमारी

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चार्ट नं० 3
वचन बदलो

एकवचन – बहुवचन
बच्चा – बच्चे
लड़का – लड़के
रात – रातें
घोड़ा – घोड़े
कुत्ता – कुत्ते
रस्सा – रस्से
खिलौना – खिलौने
तिनका – तिनके
आँख – आँखें
भैंस – भैंसें
अंगूठा – अंगूठे
कपड़ा – कपड़े
पुस्तक – पुस्तकें
दवात – दवातें
पेंसिल – पेंसिलें
कलम – कलमें
रानी – रानियाँ
मछली – मछलियां
चिड़िया – चिड़ियाँ
डिबिया – डिबियाँ
गुड़िया – गुड़ियाँ
बुढ़िया – बुढ़ियाँ
तिथि – तिथियाँ
नदी – नदियाँ
टोपी – टोपियाँ
लड़की – लड़कियाँ
सखी – सखियाँ
कापी – कांपियाँ
कन्या – कन्याएँ
रानी – रानियाँ
नदी – नदियाँ
बच्चा – बच्चे
कन्या – कन्याएँ
लड़का – लड़के
वह – वे
घर – घरों
स्त्री – स्त्रियाँ
दासी – दासियाँ
औरत – औरतें
सब्जी – सब्ज़ियाँ
माला – मालाएँ
चिड़िया – चिड़ियाँ
वह – वे
दासी – दासियाँ
रस्सी – रस्सियाँ
जिसने – जिन्होंने
कुआँ – कुएँ
दवाई – दवाइयाँ
रचना – रचनाएँ

चार्ट नं० 4
भाववाचक संज्ञाएँ

शब्द – भाववाचक संज्ञा
अच्छा – अच्छाई
अधिक – अधिकता
अनुकूल – अनुकूलता
अपना – अपनत्व
अज्ञान – अज्ञानता
आलसी – आलस्य
आवश्यक – आवश्यकता
ईश्वर – ऐश्वर्य
ऊँचा – ऊँचाई
उदार – उदारता
उचित – औचित्य, उचितता।
उड़ना – उड़ान
एक – एकता
कठिन – कठिनता
कंजूस – कंजूसी
कायर – कायरता
कुशल – कुशलता
क्रूर – क्रूरता
खट्टा – खटाई
खेलना – खेल
खोदना – खुदाई
गहरा – गहराई
गिरना – गिरावट
गरम – गरमी
गुलाम – गुलामी
घबराना – घबराहट
चतुर – चतुराई
चालाक – चालाकी
चौड़ा – चौड़ाई
चढ़ना – चढ़ाई
चलना – चाल
चुनना – चुनाव
झुकना – झुकाव
ठण्डा – ठण्डक
ठगना – ठगी
तेज़ – तेजी
खेलना – खेल
चालाक – चालाकी
पीसना – पिसाई
बूढ़ा – बुढ़ापा
बहना – बहाव
भूखा – भूख
मित्र – मित्रता
मनुष्य – मनुष्यता.
मीठा – मिठास
वीर – वीरता
लड़ना – लड़ाई
स्वतन्त्र – स्वतन्त्रता
सरल – सरलता
बच्चा – बचपन
शीघ्र – शीघ्रता
मोटा – मोटापा
प्यासा – प्यास
दुर्बल – दुर्बलता
लम्बा – लम्बाई
हँसना – हँसी
पशु – पशुता
बुद्धिमान् – बुद्धिमत्ता

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चार्ट नं० 5
विशेषण रचना

शब्द – भाववाचक संज्ञा
अर्थ – आर्थिक
अपमान – अपमानित
अभिमान – अभिमानी
अवश्य – आवश्यक
आदर – आदरणीय
आकर्षण – आकर्षक
इच्छा – इच्छुक
इतिहास – ऐतिहासिक
ईर्ष्या – ईर्ष्यालु
ईश्वर – ईश्वरीय
कपट – कपटी
कल्पना – काल्पनिक
केन्द्र – केन्द्रीय
कांटा – कंटीला
कुल – कुलीन
क्रोध – क्रोधी
कृपा – कृपालु
उद्योग – औद्योगिक
खोज – खोजी
खेलना – खिलाड़ी
ग्राम – ग्रामीण
गुण – गुणी, गुणवान्
गाना – गवैया
घर – घरेलू
घृणा – घृणित
चमक – चमकीला
जंगल – जंगली
जोश – जोशीला
झूठ – झूठी
झगड़ा – झगड़ालू
तेज – तेजस्वी
तप – तपस्वी
दया – दयालु
डर – डरावना
दान – दानी
दिन – दैनिक
दुध – दुधारू
देश – देशीय
धन – धनी
नमक – नमकीन
नशा – नशीला
बर्फ – बर्फीला
भार – भारी
रंग – रंगीन
मुख – मौखिक
विज्ञान – वैज्ञानिक
साहस – साहसिक
नगर – नागरिक
मास – मासिक
वर्ष – वार्षिक
मन – मनस्वी
तप – तपस्वी
विदेश – विदेशी
शरीर – शारीरिक
समय – सामयिक
स्वदेश – स्वदेशी
समाज – सामाजिक
हृदय – हार्दिक
पाप – पापी
नगर – नागरिक

चार्ट नं० 6
विपरीतार्थक या विलोम शब्द

शब्द – विपरीतार्थक
अर्थ – अनर्थ
अन्त – आरम्भ
अपना – पराया
अच्छा – बुरा
अधिक – कम
पूर्ण – अपूर्ण
अनुकूल – प्रतिकूल
अमृत – विष
असाध्य – साध्य
आदर – अनादर
आदि – अन्त
आय – व्यय
आदान – प्रदान
आकाश – पाताल
आना – जाना
आस्तिक – नास्तिक
आज्ञा – अवज्ञा
आलसी – उद्यमी
आशा – निराशा
इच्छा – अनिच्छा
ईश – अनीश
उदार – कृपण
उदय – अस्त
उधार – नकद
उन्नति – अवनति
उत्तर – प्रश्न
उठना – बैठना
उपकार – अपकार
उत्थान – पतन
उतार – चढ़ाव
उचित – अनुचित
उपस्थित – अनुपस्थित
उपयोगी – अनुपयोगी
एक – अनेक
कठिन – सरल
काला – सफेद
कायर – वीर
कोमल – कठोर
क्रोध – शान्ति
क्रय – विक्रय
कुरूप – सुरूप
खुशबू – बदबू
खूबसूरत – बदसूरत
गर्म – ठण्डा
गर्मी – सर्दी
गीला – सूखा
घर – बाहर
चालाक – सीधा
चतुर – मूर्ख
चढ़ना – उतरना
हार – जीत
जय – पराजय
जागरण – सुप्त
जागना – सोना
दृश्य – अदृश्य
दूषित – शुद्ध
दयालु – निर्दयी
दुश्मन – दोस्त
दुःख – सुख
दूर – पास
धर्म – अधर्म
पवित्र – अपवित्र
अंधेरा – उजाला
पतित – पवित्र
भयभीत – निर्भय
मित्र – शत्रु
मृत्यु – जीवन
मरण – जन्म
मूक – वाचाल
मूर्ख – बुद्धिमान
मूल्य – अमूल्य
मूल्यवान् – अमोल
मान – अपमान
मीठा – कड़वा
योग्य – अयोग्य
रात – दिन
राजा – रंक
राग – विराग
लाभ – हानि
लाभकारी – हानिकारक
लोभ – निर्लोभ
विजय – पराजय
विपरीत – समान
विशाल – लघु
व्यवस्था – अव्यवस्था
शीतल – गर्म
शान्त – अशान्त
समर्थ – असमर्थ
सजीव – निर्जीव
सरल – कठिन
सफल – असफल
समान – असमान
सुपूत – कपूत
सन्तुलित – असन्तुलित
साधारण – असाधारण
साक्षर – निरक्षर
सुर – असुर
सुविधा – असुविधा
सुस्त – चुस्त
सुगन्धि – दुर्गन्ध
श्याम – शुक्ल
श्याम – श्वेत
सुन्दर – कुरूप
हिंसक – अहिंसक

PSEB 5th Class Hindi Grammar Vyakaran

चार्ट नं० 7
पर्यायवाची या समानार्थक शब्द

अमृत – सोम, सुधा, पीयूष।
असुर – राक्षस, दैत्य, दानव, दनुज।
अग्नि – आग, अनल, पावक, दहन।
अन्धकार – अन्धेरा, तम, तिमिर।
आँख – नेत्र, चक्षु, नयन, लोचन।
आनन्द – हर्ष, खुशी, प्रसन्नता, मोद।
आकाश – नभ, अम्बर, आसमान, गगन।
इच्छा – अभिलाषा, कामना, लालसा।
ईश्वर – प्रभु, भगवान्, परमात्मा, जगदीश।
कपड़ा – वस्त्र, पट, वसन।
कमल – पंकज, सरोज, अरविन्द।
किनारा – तट, कूल, कगार, तीर।
गो – गाय, सुरभि, धेनु।
घर – गृह, सदन, भवन।
घोड़ा – अश्व, बाजी, घोटक, तुरंग।
चन्द्रमा – चाँद, इन्द, राकेश, शशि, चन्द्र।
जल – वारि, पानी, नीर, पय।
तलवार – खड्ग, कृपाण, असि।
तीर – बाण, शर, सायक।
दिन – दिवस, वार, अहन।
देवता – सुर, देव, अमर।
नदी – सरिता, तरंगिणी, नद, तटिनी।
नमस्कार – प्रणाम, नमस्ते, अभिवादन।
पृथ्वी – ज़मीन, धरती, भूमि।
पुत्र – बेटा, सुत, तनय।
पर्वत – गिरि, पहाड़, अचल, शैल।
पक्षी – खग, नभचर, विहग।
बादल – मेघ, घन, जलद, नीरद।
बिजली – विद्युत्, तड़ित, दामिनी।
फूल – सुमन, कुसुम, पुष्प।
माता – जननी, माँ, मैया।
राजा – नृप, नरेश, भूपति, भूप।
वायु – हवा, मारुत, पवन, अनिल।
रात – रात्रि, निशा, रजनी।
संसार – जग, जगत, दुनिया।
सूर्य – रवि, भानु, सूरज, दिनकर।
सरोवर – तालाब, तड़ाग, सर।
समुद्र – सिन्धु, सागर, उद्धि, जलधि।
शत्रु – वैरी, रिपु, अरि, दुश्मन।
डाली – शाखा, लता, टहनी।

चार्ट नं० 8
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

जो पढ़ा लिखा न हो – अशिक्षित, अनपढ़
जिसका आदि न हो – अनादि
जिसमें धैर्य न हो – अधीर
जो कुछ भी न जानता हो – अज्ञ
जो गिना न जा सके – अगणित, अगण्य
जहां कोई न जा सके – अगम्य, अगम
जहां अनाथ रहते हों – अनाथालय
जिसका कोई शत्रु पैदा न हुआ हो – अजातशत्रु
जो परीक्षा में पास न हो – अनुत्तीर्ण
जो थोड़ा जानता हो – अल्पज्ञ
जो बिना वेतन के काम करे – अवैतनिक
जिसका अन्त न हो – अनन्त
जो कभी बूढ़ा न हो – अजर
जो कभी न मरे – अमर
जिसे भेदा न जा सके – अभेध
जिसको कोई जीत न सके – अजेय
जिस पर विश्वास न किया जा सके। – अविश्वसनीय
जिसका कोई इलाज न हो सके – असाध्य
जिसका कोई मूल्य न हो – अमूल्य
जिसका कोई पार न हो – अपार
जो ईश्वर को मानता हो – आस्तिक
आलोचना करने वाला – आलोचक
अत्याचार करने वाला – अत्याचारी
जिसकी तुलना न हो – अतुलनीय
अन्याय करने वाला – अन्यायी
गाँव में रहने वाला – ग्रामीण
शहर में रहने वाला – शहरी
जिसका आकार न हो – निराकार
जिसका आकार हो – साकार
जिसमें बल न हो – निर्बल
दूसरों पर दया करने वाला – दयालु
दूसरों का उपकार करने वाला – परोपकारी
सदा सच बोलने वाला – सत्यवादी
साथ-साथ पढ़ने वाला – सहपाठी
साथ-साथ चलने वाला – सहचर
किए हुए उपकार को मानने वाला – कृतज्ञ
किए हुए उपकार को न मानने वाला – कृतघ्न
ईश्वर को न मानने वाला – नास्तिक
जो सब कुछ जानता हो – सर्वज्ञ
जो बहुत कम जानता हो – अल्पज्ञ
जो दिखाई न दे – अदृश्य

PSEB 5th Class Hindi Grammar Vyakaran

जो पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन करता हो – सम्पादक
जहाँ पोस्ट कार्ड लिफाफे आदि मिलते हैं – डाकघर
जो पाठशाला में पढ़ाए – अध्यापक
जो नई-नई बातों की खोज करे – शोधकर्ता
खेती सम्बन्धी पढ़ाई – कृषि शिक्षा
रेलगाड़ियों के रुकने का स्थान – रेलवे-स्टेशन
घोड़ों के बाँधने का स्थान – अस्तबल
जिस लिपि द्वारा अंधे पढ़ते-लिखते हैं – ब्रेल-लिपि
संगीत को जानने वाला – संगीतज्ञ
जहाँ बीमारों का इलाज होता है – अस्पताल
जिसका कोई पार न हो – अपार
जहाँ प्रयोग किए जाते हैं – प्रयोगशाला
जिसको दिखाई न देता हो – अन्धा
जहाँ पत्र-पत्रिकाएँ तथा पुस्तकें पढ़ने को मिलें – पुस्तकालय
जिसमें दया न हो – निर्दय
नीचे लिखा हुआ – निम्नलिखित
जहाँ विद्यार्थी पढ़ते हैं – विद्यालय
समाचार इकट्ठा करने वाला – संवाददाता
हाथी हाँकने वाला – महावत
टाइप पर प्राप्त समाचार – फैक्स
रिपोर्ट तैयार करने वाला – रिपोर्टर
हिंसा करने वाला – हिंसक
पहाड़ के आसपास का स्थान जहाँ नमी हो – तलहटी
सम्पादक की ओर से – सम्पादकीय
लम्बी आयु वाला – दीर्घायु
जिसकी आत्मा महान हो – महात्मा
दूर की बात सोचने वाला – दूरदर्शी
तेज़ गति से चलने वाला – तीव्रगामी
संदेश ले जाने वाला – संदेशवाहक
साथ पढ़ने वाला – सहपाठी

PSEB 5th Class Hindi रचना निबंध-लेखन

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Hindi Rachana Nibandh Lekhan निबंध-लेखन Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 5th Class Hindi Rachana निबंध-लेखन

1. मेरा मित्र

राम मेरा पक्का मित्र है। वह पाँचवीं कक्षा में पढ़ता है। उसकी आयु 12 वर्ष है। वह बड़ा स्वस्थ और सुन्दर है। उसका कद लम्बा और बाल काले घने हैं। यह सदा साफ़-सुथरे वस्त्र पहनता है। वह बड़ा परिश्रमी है। उसके पिता जी एक वकील हैं। उसकी माता जी एक स्कूल में पढ़ाती हैं। राम बहुत होनहार लड़का है। वह परीक्षा में सदा प्रथम रहता है। वह कमज़ोर लड़कों की सहायता करता है। वह सदा समय पर स्कूल जाता है। वह सदा सच बोलता है। सभी अध्यापक उससे प्यार करते हैं। भगवान् करे, उसकी आयु लम्बी हो।

2. मेरा प्रिय अध्यापक

मेरे स्कूल में दस अध्यापक हैं। मैं श्री राम लाल को सबसे अधिक पसन्द करता हूँ। उनकी आयु 30 वर्ष की है। वे सुन्दर और स्वस्थ हैं। वे हमें हिन्दी पढ़ाते हैं। उनके पढ़ाने का ढंग बहुत अच्छा है। वे बड़े दयालु हैं। वे कमज़ोर लड़कों की हमेशा सहायता करते हैं। वे सदा साफ़ कपड़े पहनते हैं। वे एक अच्छे कवि हैं। वे सदा समय पर स्कूल आते हैं। वे अपने से बड़ों का सम्मान करते हैं। स्कूल के सभी बच्चे उन्हें बहुत प्यार करते हैं। हमें उन पर बड़ा गर्व है।

PSEB 5th Class Hindi Vyakaran निबंध-लेखन

3. मेरी मुख्याध्यापिका

श्रीमती अजीत कौर मेरी मुख्याध्यापिका है। उनकी आयु 40 वर्ष की है। वे स्वस्थ और सुन्दर हैं। उनका कद लम्बा और बाल काले और लम्बे हैं। वे पाँचवीं श्रेणी को पढ़ाती हैं। वे बड़े सरल ढंग से पढाती हैं।। हमें उनकी हर एक बात समझ में आती है। वे | प्रातःकाल समय पर स्कूल में आती हैं और स्कूल | का चक्कर लगाती हैं। वे अध्यापिकाओं से बड़ा अच्छा व्यवहार करती हैं। वे बच्चों से बड़ा प्यार करती हैं। वे बच्चों के माता-पिता को भी समयसमय पर स्कूल बुलाती हैं। हमें उन पर बड़ा गर्व है।

4. मेरा स्कूल
अथवा
मेरा विद्यालय

मेरे स्कूल (विद्यालय) का नाम ‘सरकारी हाई स्कूल’ है। यह रेलवे स्टेशन के समीप ही स्थित है। इसमें दस कमरे हैं। हर कमरे में बिजली का पंखा लगा हुआ है। सभी कमरे बहुत अच्छे सजे हुए हैं। | मेरे स्कूल में छोटा-सा बाग है। इसमें सुन्दर फूल | खिले हुए हैं। स्कूल में एक खेल का मैदान भी है। हम आधी छुट्टी के समय यहाँ खेलते हैं। स्कूल में सभी अध्यापक अच्छे हैं। उनका पढ़ाने का ढंग बड़ा सरल है। इसलिए हमारे स्कूल के परिणाम सदा अच्छे रहते हैं। सच पूछो तो हमारा स्कूल हमारे नगर का सबसे अच्छा स्कूल है। मुझे अपने स्कूल पर गर्व है।

5. अच्छा विद्यार्थी

विद्या प्राप्त करने वाला विद्यार्थी कहलाता है। अच्छे विद्यार्थी को अपने गुरुओं का आदर करना चाहिए। उसको स्वस्थ होना चाहिए। उसे खूब ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। उसे सादा जीवन बिताना चाहिए। उसे सदा अपने माता-पिता की आज्ञा माननी चाहिए। उसे सदा सच बोलना चाहिए। उसे सदा समय पर स्कूल जाना चाहिए। उसे मन लगाकर पढ़ना चाहिए। उसे खेलों में भी भाग लेना चाहिए। उसे सदा अच्छी बातें सोचनी चाहिएं। उसे बुरे लोगों से दूर रहना चाहिए।

6. गाय

गाय एक पालतू पशु है। उसकी चार टांगें, दो आँखें, दो कान और एक लम्बी पूँछ होती है। इसके दो सींग भी होते हैं। गाय हरी घास और भूसा खाती है। यह हमें दूध देती है। इसका दूध मीठा और स्वास्थ्य को बढ़ाने वाला होता है। इसके दूध से दही, लस्सी, मक्खन और घी बनता है। इसका दूध बच्चों, बूढ़ों और बीमार लोगों के लिए बहुत लाभदायक है। इसके गोबर से खाद तथा उपले बनते हैं। भारत के लोग गाय को गौ माता कहते हैं। हिन्दू इसकी पूजा करते हैं।

7. दशहरा

दशहरा भारत का प्रसिद्ध त्योहार है। यह दीवाली से 20 दिन पहले मनाया जाता है। 9 दिन तक रामलीला होती है और दसवें दिन दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन श्री रामचन्द्र जी ने रावण पर विजय पाई थी। इसलिए दशहरे को ‘विजयदशमी’ भी कहते हैं। दशहरे के दिन दुकानदार अपनी दुकानें सजाते हैं। इस दिन बाजारों में बड़ी भीड़ होती है। शाम के समय नगर के बाहर भारी मेला लगता है। सूर्य डूबने से कुछ समय पहले रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतलों को जलाया जाता है। लोग मेले की दुकानों से मिठाइयां तथा खिलौने खरीदते हैं और खुशी-खुशी घरों को लौट आते हैं।

8. दिवाली

दिवाली भारत का प्रसिद्ध त्योहार है। यह त्योहार दशहरे के बीस दिन बाद आता है। यह त्योहार श्री रामचन्द्र जी के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इसी दिन सिखों के छठे गुरु श्री गुरु हरिगोबिंद जी जहांगीर की नज़रबन्दी से आज़ाद होकर आए थे। पंजाब में अमृतसर की दिवाली देखने योग्य होती है। दिवाली के कुछ दिन पहले दुकानों तथा घरों में सफ़ेदी की जाती है। दिवाली के दिन दुकानदार दुकानें सजाते हैं। बाजारों में बड़ी में जाते हैं। वे मिठाइयां, पटाखे और खिलौने खरीदते हैं। रात के समय लक्ष्मी की पूजा की जाती है। सभी लोग अपने-अपने घरों में दीये जलाते हैं। बच्चे रात को पटाखे चलाते हैं।

9. मेरा प्रिय त्योहार

लोहड़ी पंजाब का एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह जनवरी के महीने में आता है। त्योहार के दिन बच्चे प्रात:काल ही टोलियां बनाकर निकल पड़ते हैं। वे घर-घर जाकर लोहड़ी मांगते हैं और लोहडी के। गीत गाते हैं। लोग उन्हें रेवड़ियां, गुड़ तथा मक्की के भुने हुए दाने देते हैं। जिस घर में कोई विवाह हुआ हो या किसी बच्चे का जन्म हुआ हो, वहाँ से उन्हें और भी अधिक चीजें मिलती हैं। कुछ लोग उन्हें लकड़ियां और उपले भी देते हैं। रात के समय इनका एक ढेर लगाकर आग लगाई जाती है। लोग आग में चिड़वे और रेवड़ियों की. आहुति डालते हैं। काफ़ी 1 देर तक लोग आपस में बैठकर बातें करते हैं। इस प्रकार यह त्योहार खुशी के साथ-साथ भाईचारे का सन्देश भी देता है।

10. वैशाखी का त्योहार

वैशाखी पंजाब का एक प्रसिद्ध त्योहार है। पंजाब में यह त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह कई कारणों से मनाया जाता है। इस समय तक किसानों की फसल पक जाती है और वे खुशी से
झूम उठते हैं। इसी दिन सन् 1699 ई० में गुरु गोबिन्द सिंह जी ने खालसा पंथ की नींव भी रखी थी। वैशाखी के दिन कई स्थानों पर मेले लगते हैं। इनमें खेलों के मुकाबले होते हैं।

11. व्यायाम
साधारण शब्दों में व्यायाम कसरत करने का नाम है। व्यायाम हमारे शरीर के लिए बहुत ज़रूरी है। शरीर में फुर्ती आती है। व्यायाम करने से हम स्वस्थ रहते हैं। व्यायाम करने वालों को बुढ़ापा जल्दी नहीं आता। शरीर सुन्दर और मजबूत बनता है। व्यायाम से खून का संचार बढ़ता है। स्त्रियों और पुरुषों के लिए अलग-अलग प्रकार के व्यायाम हैं। व्यायाम करने से काम में रुचि बढ़ती है और मन प्रसन्न रहता है। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए क्योंकि अंग्रेजी की एक कहावत है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है।

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12. मेरा गाँव

भारत गाँवों का देश है। इसकी 80% जनता गाँवों में रहती है। मेरे गाँव का नाम ……… है। इसमें दो सौ के लगभग मकान हैं। अधिकतर मकान पक्के हैं, परन्तु कुछ मकान कच्चे भी हैं। गाँव की गलियां कच्ची हैं परन्तु गलियों में पक्की नालियां बनी हुई हैं। गाँव में एक छोटा-सा बाजार है। गाँव के बाहर एक डाकखाना है। इसमें एक डिस्पैंसरी भी है। यहाँ रोगियों को मुफ्त दवा दी जाती है। गाँव में एक पंचायत घर भी है। इसके चारों ओर हरे-भरे खेत हैं। मेरे गाँव के निवासी बहुत अच्छे हैं। वे कभी एक दूसरे से नहीं लड़ते। मुझे अपने गाँव पर गर्व है। मेरा गाँव एक आदर्श गाँव है।

13. मेरा देश

भारत मेरा प्यारा देश,
सब देशों से न्यारा देश।

मेरे देश का नाम भारत है। यह एक विशाल देश है। इसकी आबादी 125 करोड़ के लगभग है। यह 28 राज्यों पर आधारित है। यह तीनों ओर से समुद्र से घिरा हुआ है। इसके उत्तर में हिमालय पर्वत है। मेरे देश की धरती बड़ी उपजाऊ है। इस देश में गंगा-यमुना जैसी महान् नदियां बहती हैं। यहाँ की धरती में खनिज पदार्थों के भण्डार भी छिपे पड़े हैं। इस देश में लगभग सभी धर्मों के लोग रहते हैं। अब भारत प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है। यहाँ अनेक उद्योग-धन्धे पनप रहे हैं। मुझे अपने देश पर गर्व है क्योंकि “सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा।”

14. स्वतन्त्रता दिवस

हमारा देश 15 अगस्त, 1947 को स्वतन्त्र हुआ था। इसलिए हम हर साल 15 अगस्त को स्वतन्त्रता दिवस मनाते हैं। यह दिन भारत में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन लाल किले पर तिरंगा झण्डा फहराया जाता है। इसके बाद प्रधानमन्त्री भाषण देते हैं। इस दिन स्थान-स्थान पर खेल, नाटक, कवि दरबार, नाच-गाने आदि होते हैं। रात को दीपमाला होती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें | आज़ादी की हर तरह से रक्षा करनी चाहिए।

15. छब्बीस जनवरी

26 जनवरी हमारा गणतन्त्र दिवस है। हम हर वर्ष इसे बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। गणतन्त्र दिवस का मुख्य समारोह दिल्ली में होता है। इस वर्ष 26 जनवरी को हमारे स्कूल में गणतन्त्र दिवस मनाया गया। स्कूल को अच्छी तरह सजाया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के लिए एस० डी० एम० को बुलावा दिया गया। वे प्रातः नौ बजे स्कूल पहुंचे। द्वार पर अध्यापकगण ने उनका स्वागत किया। स्कूल के बैंड ने स्वागती धुन बजाई। वे मंच पर पहुँचे और उन्होंने राष्ट्रीय झण्डे को फहराया। सभी ने मिलकर राष्ट्रीय गान गाया। तब समारोह आरम्भ हुआ। कई प्रकार के खेल और नाटक प्रस्तुत किए गए। कुछ विद्यार्थियों ने देश प्यार के गीत और कविताएं गाईं। विजेताओं को इनाम दिए गए। बारह बजे समारोह समाप्त हो गया। हम सभी खुशी-खुशी घर लौट आए।

16. श्री गुरु नानक देव जी

श्री गुरु नानक देव जी सिक्खों के पहले गुरु थे। उनका जन्म तलवण्डी गाँव में हुआ। इस स्थान को आजकल ननकाना साहिब कहते हैं। अब यह पाकिस्तान में है। उनके पिता जी का नाम मेहता कालू राम जी और माता जी का नाम तृप्ता जी था। बचपन से उनका ध्यान ईश्वर की भक्ति करने की ओर था। उन्होंने अपना सारा जीवन लोगों की भलाई में लगा दिया। उन्होंने स्थान-स्थान पर घूम कर लोगों को अपना उपदेश दिया। उन्होंने लोगों को बताया कि ईश्वर एक है और हम सब भाई-भाई हैं। उन्होंने लोगों को नेक कमाई करने और सत्यनाम का जाप करने की शिक्षा दी।

17. अमृतसर की सैर

अमृतसर एक सुन्दर नगर है। यह हमारा पवित्र तीर्थ स्थान है। इसे गुरु की नगरी भी कहते हैं। गत रविवार मैं अपने पिता जी के साथ अमृतसर गया। सबसे पहले हम दरबार साहिब देखने गए। हमने बाबा अटल का ऊँचा बुर्ज तथा कई अन्य भवन देखे। इसके बाद हमने जलियांवाला बाग देखा। यहां सन् 1919 ई० में अनेक लोग शहीदी को प्राप्त हुए थे। वहां से हम दुर्गियाना मन्दिर देखने गए। यह मन्दिर दुर्गा देवी के नाम पर बना है। हमने कम्पनी बाग भी देखा। अमृतसर नगर शिक्षा तथा व्यापार का केन्द्र है। हमने अनेक बाज़ार तथा गलियां देखीं। शाम को हम माल रोड की सैर को निकले। सच तो यह है कि अमृतसर की सैर से मन मुग्ध हो गया।

18. श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी

श्री गरु गोबिन्द सिंह जी सिक्खों के दसवें गुरु थे। उनका जन्म पटना में सन् 1666 ई० में हुआ। उनको अच्छी शिक्षा दी गई। उन्हें घुड़सवारी, तीर तथा तलवार चलाना भी सिखाया गया। उनकी आयु अभी 9 वर्ष की थी कि उनके पिता जी को शहीद कर दिया गया। पिता जी की शहीदी के बाद वह सिक्खों के गुरु बने। उन्होंने सन् 1699 ई० में खालसा पंथ की स्थापना की और सिक्खों को नाम के आगे ‘सिंह’ शब्द लगाने का आदेश दिया। गुरु जी ने देश की जनता की रक्षा की। वह ग़रीबों का सहारा बने। उन्होंने ऊँच-नीच का भेदभाव मिटाया। उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने चारों पुत्रों का बलिदान दे दिया। वे जीवन भर लड़ते रहे। उन्होंने अन्याय के सामने कभी शीश नहीं झुकाया। इतिहास में उनका नाम सदा अमर रहेगा।

PSEB 5th Class Hindi Vyakaran निबंध-लेखन

19. समाचार-पत्र

समाचार-पत्र के द्वारा हम घर पर बैठे ही देशविदेश के समाचारों को जान लेते हैं। संसार के किसी कोने में घटने वाली घटना तार, टेलीफोन अथवा टेलीप्रिंटर के द्वारा समाचार-पत्रों के कार्यालयों में पहुँच जाती है।

समाचार-पत्रों से हमें अनेक लाभ हैं। नगर, प्रान्त, देश तथा विदेश आदि के समाचारों को हम समाचारपत्र द्वारा घर बैठे जान लेते हैं। इससे हमारे ज्ञान में भी वृद्धि होती है। समय-समय पर इनमें अनेक प्रकार के चित्र भी छपते रहते हैं। इन चित्रों के द्वारा जहाँ हमारा मनोरंजन होता है, वहाँ इनसे अनेक प्रकार के ऐतिहासिक, धार्मिक, प्राकृतिक स्थानों की भी जानकारी होती है।

समाचार-पत्रों में कहानियां, कविताएँ, जीवनियां तथा हास्य की सामग्री भी छपती रहती है। इन्हें पढ़कर हमारा मनोरंजन होता है। समाचार-पत्र सब के लिए उपयोगी हैं।

20. हॉकी का मैच

रविवार का दिन था। मैं अपने भाई के स्कूल में गया। वहाँ हॉकी का मैच हो रहा था। एक ओर जैन स्कूल की तथा दूसरी ओर हीरो स्कूल की टीम थी। जैन स्कूल के खिलाड़ी बड़ा अच्छा खेल रहे थे। उनका कप्तान बाल लेकर दौड़ा और उसने गोल कर दिया। शीघ्र ही मध्यान्तर (आधा समय) हो गया।

मध्यान्तर के बाद मैच फिर शुरू हुआ। हीरो स्कूल के लड़के जोश में आ गए। वे एक होकर खेलने लगे। शीघ्र ही उन्होंने गोल कर दिया। मुकाबला अन्त तक होता रहा। कोई भी टीम और गोल न कर सकी। अन्त में मैच बराबर रहा।

21. मेरा प्रिय नेता
अथवा
महात्मा गांधी

महात्मा गांधी भारत के महान् नेताओं में से थे। उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के प्रयोग से अंग्रेज़ों को भारत छोड़ने पर विवश कर दिया। दुनिया के इतिहास में उनका नाम हमेशा अमर रहेगा। गाँधी जी मेरे प्रिय नेता थे।

इस महापुरुष का जन्म 2 अक्तूबर सन् 1869 को गुजरात काठियावाड़ के पोरबन्दर स्थान पर हुआ। आप मोहनदास कर्मचन्द गाँधी के नाम से प्रख्यात हुए। आपके पिता राजकोट राज्य में दीवान थे। माता पुतलीबाई बहत धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी। गाँधी जी को उच्च आदर्शों और संस्कारों की शिक्षा इनकी माता जी से ही मिली।

महात्मा गांधी ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष शुरू कर दिया। उन्होंने अहिंसा के शस्त्र से भारत में अंग्रेज़ शासन का अन्त कर दिया। जिसके परिणामस्वरूप 15 अगस्त, सन् 1947 को भारत आज़ाद हुआ।

स्वतन्त्रता का पुजारी बापू गाँधी 30 जनवरी, सन् 1948 को एक मनचले नौजवान नाथूराम गोडसे की गोली का शिकार हुआ। अहिंसा का सबसे बड़ा उपासक हिंसा की भेंट चढ़ गया। देशवासी गांधी जी को सदा स्मरण रखेंगे।

22. प्रातःकाल की सैर

प्रात:काल का समय बड़ा सुहावना होता है। इस समय ताज़गी छाई हुई होती है। प्रात:काल का वातावरण मन को अतीव प्रसन्नता देने वाला तथा स्फूर्तिदायक होता है। प्रकृति इस समय अपना अनुपम सौन्दर्य प्रदर्शित करती है। सुबह सवेरे नर्म-नर्म बिस्तर को छोड़कर जो व्यक्ति भ्रमण का आनन्द लूटता है, प्रकृति उसे धनवान, बुद्धिमान् और स्वस्थ होने का वरदान देती है।

गर्मियों में साढ़े चार या पाँच तथा सर्दियों में साढ़े पाँच-छ: बजे का समय भ्रमण के लिए उपयुक्त समय है। बिस्तर छोड़ने में थोड़ा-सा कष्ट अवश्य अनुभव होता है लेकिन जब हम उठ बैठते हैं तो सारा आलस्य भी समाप्त हो जाता है। प्रात:काल की सैर स्वास्थ्य के लिए बहुत ही श्रेष्ठ है। इससे व्यक्ति नीरोग रहता है। चेहरा खिला रहता है। पढ़ने में दिल लगता है। प्रात: की सैर सबके लिए अच्छा व्यायाम है।

23. बसन्त ऋतु बसन्त ऋतु का आगमन चैत्र तथा वैशाख के महीनों में होता है। इन्हीं महीनों में न ठिठुराने वाला जाड़ा होता है, न भयंकर झुलसाने वाली लू चलती हैं, न वर्षा होती है। खुले दिन होते हैं। सभी बेलों तथा वृक्षों पर फूल-पत्ते आ जाते हैं। बागों में नई बहार आ जाती है। आम, अनार, अमरूद आदि वृक्षों पर बौर आ जाता है। कोयल पंचम स्वर में गाने लगती है।

खेतों में वसन्ती रंग के सरसों के फूल तथा नीले रंग के अलसी के फूल सबके मन को मोह लेते हैं। अत: लोग बसन्त की बहार को देखने के लिए घरों से निकल पड़ते हैं तथा इसका सुहावना आनन्द लेते हैं। शीत ऋतु का जमा हुआ रक्त पिघल कर शरीर के प्रत्येक अंग में पहुँचता है।

इस ऋतु का बड़ा महत्त्व यह भी है कि इस ऋत के आरम्भ में अपने धर्म पर बलिदान होने वाले हकीकत राय को धर्मान्ध काज़ियों ने मरवा दिया था। वीर हकीकत की याद में यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। वसन्त ऋतु मुझे बहुत प्रिय लगती है।

PSEB 5th Class Hindi Vyakaran निबंध-लेखन

24. रंगों का पर्व : होली

भारत त्योहारों का देश है। इस देश में प्रायः प्रत्येक महीने में कोई न कोई त्योहार अवश्य आता है। रंगों का त्योहार होली का आगमन मार्च के महीने में होता है। इस पर्व में चारों ओर रंगों की बहार आ जाती है। कहीं अबीर उड़े तो कहीं गुलाल चले, कहीं पिचकारी है तो कहीं रंगों में रंगे लोग मस्ती में गा रहे हैं। चारों ओर प्रसन्नता और उल्लासता छा जाती है।

होली का आरम्भ कब हुआ इसके सम्बन्ध में कथा प्रचलित है कि नास्तिक हिरण्यकश्यपु राजा ने अपने पुत्र प्रह्लाद को जला देने की सोची। हिरण्यकश्यपु की बहन होलिका जिसे यह वरदान मिला था कि आग में जल नहीं सकती, प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में जा बैठी। प्रह्लाद तो बच गया पर होलिका जल गई। तभी से यह उत्सव मनाया जाता है। इस दिन लोग सुबह से ही मित्रों की टोलियां बनाकर अपने मित्रों को रंगने के लिए घरों से निकल पड़ते हैं। चारों ओर होली है-होली है का शोर सुनाई देता है। ब्रज और मथुरा की होली का तो रूप ही और होता है। रंगों से रंगे हुए, गाते बजाते, नाचते हुए मस्ती से भरे लोग सब तरफ दिखाई पड़ते हैं। यह त्योहार परस्पर द्वेष, वैर भाव भुलाकर प्रेमपूर्वक मिलकर रहने का सन्देश देता है।

25. मेरा घर

मेरा घर शहर के एक साफ़-सुथरे इलाके में स्थित है। यह शहर के बीचों-बीच स्थित है। मेरे घर में मेरे साथ-साथ मेरी माता जी, पिता जी तथा मेरा छोटा भाई भी रहते हैं। मेरे घर में छ: कमरे हैं। सभी सदस्यों के लिए अलग-अलग कमरे हैं। मेरा भी अपना एक अलग कमरा है। मेरा घर दो मंजिला है। मेरा कमरा दूसरी मंजिल पर है। यहाँ पर मेरी सभी वस्तुएँ रखी हुई हैं। मेरा एक अलग से पढ़ने का कमरा भी है। यहाँ पर बैठ कर मैं अपनी पढ़ाईलिखाई करता हूँ। सभी कमरे खुले और हवादार हैं। सभी कमरों पर संगमरमर का फर्श है। कमरों की दीवारों पर रंग किया हुआ है। सभी कमरे सुन्दर ढंग से सजे हुए हैं। मेरे घर में एक सुन्दर बागीचा भी है। यहां पर रंग-बिरंगे तथा सुन्दर-सुन्दर फूल लगे हुए हैं। फूलों की सुगन्ध मन को मोह लेती है। शाम के समय हम बागीचे में बैठते तथा खेलते हैं। पक्की ईंटों और संगमरमर से बना मेरा घर सचमुच बहुत सुन्दर है। मुझे अपने घर पर गर्व है।

26. किसान

भारत देश एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ के अधिकतर लोग खेती-बाड़ी का कार्य करते हैं। किसान सारे लोगों के लिए भोजन देने का कार्य करते हैं, इसीलिए इन्हें ‘अन्नदाता’ कहा जाता है। किसान दिन-रात अपने खेतों में मेहनत करके अन्न उत्पन्न करता है। गर्मी, सर्दी, वर्षा, आँधी-तूफ़ान चाहे कैसी भी ऋतु हो वह तो अपने खेतों में डटा रहता है। उसके लिए कोई रविवार नहीं, कोई छुट्टी नहीं, उसका तो बस काम ही पूजा है। अपनी मेहनत से बोई हुई फसलों को पकते हुए देखकर वह फूला नहीं समाता। पकी हुई फसलों को देखकर वह खुशी से झूम उठता है।

देश में क्या हो रहा है, इन सब बातों से उसे जैसे कोई सरोकार नहीं उसे यदि ध्यान रहता है तो अपने खेतों का, चिन्ता यदि कोई है तो बस यही कि कहीं फसल खराब न हो जाए। किसान बहुत ही सरल हृदय तथा निष्कपट स्वभाव के होते हैं। उसके लिए तो बस काम व परिश्रम ही ईश्वर की सच्ची पूजा है। पहले किसान खेतों में हल चलाने के लिए बैलों का सहारा लेते थे पर आजकल ट्रेक्टरों आदि का सहारा लिया जाता है। गेहूँ, धान आदि फसलों को बोना, उगाना, संभालना और समय पर मण्डी पहुँचाना तथा फिर नई फसलों को बोना ही उसका जीवन-चक्र है।

27. हमारा देश

हमारे देश का नाम भारत है। यह हमारी मातृभूमि है। दुष्यन्त और शकुन्तला के पुत्र भरत के नाम पर इसका भारत नाम पड़ा। यह एक विशाल देश है। जनसंख्या की दृष्टि से यह संसार में दूसरे स्थान पर है। इसकी जनसंख्या 125 करोड़ से अधिक है। यहाँ पर अलग-अलग जातियों के लोग रहते हैं।

भारत के उत्तर में हिमालय है और शेष तीनों ओर समुद्र है। स्थान-स्थान पर हरे-भरे वन इसकी शोभा हैं। यह एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की 80% जनता गाँवों में रहती है। यहाँ गेहूँ, मक्का -बाजरा, ज्वार, चना, धान, गन्ना आदि फसलें होती हैं। यहाँ की धरती बहुत उपजाऊ है। यहाँ गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियाँ बहती हैं। इसकी भूमि से लोहा, कोयला, सोना आदि कई प्रकार के खनिज पदार्थ निकलते हैं।

यहाँ पर कई धर्मों के लोग निवास करते हैं। सभी प्रेम से रहते हैं। यहाँ पर अनेक तीर्थस्थल हैं। ताजमहल, लालकिला, सारनाथ, शिमला, मंसूरी, श्रीनगर आदि पर्यटन स्थल हैं जो देखने योग्य हैं। यहाँ पर कई महापुरुषों ने जन्म लिया। राम-कृष्ण, गुरुनानक, दयानन्द, रामतीर्थ तिलक, गांधी आदि इस देश की शोभा थे। यहाँ के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी हैं। यह देश दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति कर रहा है।

28. खेलों के लाभ

विद्यार्थी जीवन में खेलों का बड़ा महत्त्व है। पुस्तकों में उलझ कर थका-मांदा विद्यार्थी जब खेल 1 के मैदान में जाता है तो उसकी थकावट तुरन्त गायब हो जाती है। विद्यार्थी अपने आप में चुस्ती और
ताज़गी अनुभव करता है। मानव जीवन में सफलता के लिए मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शक्तियों के विकास से जीवन सम्पूर्ण बनता है।

स्वस्थ, प्रसन्न, चुस्त और फुर्तीला रहने के लिए शारीरिक शक्ति का विकास ज़रूरी है। शरीर का विकास खेल-कूद पर निर्भर करता है। यदि हम सारा दिन कार्य करते हैं तो शरीर में घबराहट, चिड़चिड़ापन या सुस्ती छा जाती है। ज़रा खेल के मैदान में जाइये, फिर देखिए घबराहट, चिड़चिड़ापन या सुस्ती केसे दूर भागती है। शरीर हल्का-फुल्का और साहसी बन जाता है। मन में और अधिक कार्य करने की लगन पैदा होती है।

खेलों में भाग लेने से विद्यार्थी खेल के मैदान में से अनेक शिक्षाएं ग्रहण करता है। खेलें संघर्ष द्वारा विजय प्राप्त करने की भावना पैदा करती हैं। खेलें हँसते-हँसते अनेक कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करना सिखा देती हैं। खेल के मैदान में विद्यार्थी के अन्दर अनुशासन में रहने की भावना पैदा होती है। सहयोग करने तथा भ्रातृभाव की आदत बनती है।

29. मेरा मनपसंद खेल

आज हमारे भारत देश में अनेक खेल खेले जाते हैं। उन सब खेलों में कबड्डी का खेल मेरा प्रिय खेल है। यह खेल सब खेलों में सस्ता खेल है। आज यह खेल भी राष्ट्रीय खेल में गिना जाता है। यह दो प्रकार का है-पंजाबी कबड्डी और नेशनल कबड्डी।

यह खेल भी दो पक्षों में खेला जाता है। इस खेल की प्रत्येक टीम में सात खिलाड़ी होते हैं। यह खेल केन्द्र में रेखा डालकर खेला जाता है। यह खेल किसी मैदान में खेला जाता है। इस खेल में से एक खिलाड़ी का सांस यदि टूट जाता है और विपक्ष के खिलाड़ी उसे छू लेते हैं या पकड़ लेते हैं तो रैफरी उसे मरा हुआ घोषित कर देता है। इस प्रकार विपक्ष एक अंक प्राप्त कर लेता है।

यदि वह खिलाड़ी दूसरे पक्ष के जितने खिलाड़ियों को छूकर अपने पक्ष में लौट आता है तो रैफरी विपक्ष के उतने ही खिलाड़ियों को मरा हुआ घोषित कर देता है। इस प्रकार यह बीस मिनट तक चलता है। बीस मिनट बाद रैफरी अर्धावकाश की सीटी मार देता है। अर्धावकाश पांच मिनट का होता है। इस समय में खिलाड़ी जलपान करते हैं। इसके अतिरिक्त दोनों टीमों के प्रशिक्षक अपने खिलाड़ियों की गलतियों को बताते हैं।

पाँच मिनट बाद रैफरी की सीटी के बाद फिर खेल उसी क्रम से शुरू होता है और बीस मिनट के बाद फिर समाप्त हो जाता है। पहले तथा दूसरे समय में जो टीम ज्यादा नम्बर लेती है वही विजयी होती है।

PSEB 5th Class Hindi Vyakaran निबंध-लेखन

30. ग्रीष्म ऋतु

बसन्त की समाप्ति पर ग्रीष्म का आगमन होता है। ग्रीष्म ऋतु ज्येष्ठ और आषाढ़ महीनों में पड़ती है। बसन्त में चलने वाली मन्द-मन्द हवा ग्रीष्म के आते ही गर्म हवा में बदल जाती है जिसे दूसरे शब्दों में ‘लू’ कहते हैं।

ग्रीष्म के प्रारम्भ होते ही दिन भी मानों गर्मी से फैलने लगते हैं। सूर्य का उदय शीघ्र ही हो जाता है और फिर अस्ताचल की ओर उसका गमन भी देर से होता है। दोपहर के समय तो मानो आकाश से अंगारे बरसते हैं। एक ओर जलाती हुई लू तो दूसरी ओर जलाती हुई भूमि। इस समय बाहर निकलना भी एक समस्या बन जाता है। पशु-पक्षी भी इस समय पेड़ों के नीचे विश्राम करते हैं।

PSEB 5th Class Hindi रचना पत्र-लेखन

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Hindi Rachana Patra Lekhan पत्र-लेखन Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 5th Class Hindi Rachana पत्र-लेखन

1. अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को बीमारी के कारण छुट्टी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।

सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
डी० ए० वी० प्राइमरी स्कूल,
अमृतसर।
श्रीमान् जी,

निवेदन यह है कि मुझे कल स्कूल से घर पहुँचते ही बुखार आ गया था। इसलिए मैं स्कूल में उपस्थित नहीं हो सकता। कृपा करके मुझे तीन दिन का अवकाश प्रदान करें। मैं आपका बहुत धन्यवादी होऊंगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
राजीव कुमार
कक्षा पाँचवीं,
रोल नं० 15

दिनांक : 10 फरवरी, 20…..

PSEB 5th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

2. अपनी मुख्याध्यापिका को घर में आवश्यक काम होने के कारण छुट्टी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।
अथवा
अपने स्कूल के मुख्याध्यापक जी को तीन दिन की छुट्टी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।

सेवा में
मुख्याध्यापिका महोदया,
महात्मा गांधी प्राथमिक विद्यालय,
लुधियाना।
श्रीमती जी,

निवेदन यह है कि मेरी माता जी कल से सख्त बीमार हैं। मेरे पिता जी बाहर गए हुए हैं। माता जी की देखभाल के लिए मेरा घर में रहना बहुत आवश्यक है। इसलिए मैं स्कूल नहीं आ सकती। कृपा करके मुझे तीन दिन की छुट्टी दे दीजिए।

आपकी आज्ञाकारी शिष्या,
मीना शर्मा
कक्षा पाँचवीं,
रोल नं0 18

दिनांक : 12 जुलाई, 20 ……

3. कल्पना कीजिए कि आपका नाम मोहित है तथा आप पाँचवीं कक्षा के विद्यार्थी हैं। आपकी बड़ी बहन का विवाह 8 मार्च को होना निश्चित हुआ है, आप अपने मुख्याध्यापक को 3 दिन की छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र लिखें।

सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
आर्य प्राथमिक स्कूल,
होशियारपुर।
श्रीमान् जी,

सविनय निवेदन यह है कि मेरी बड़ी बहन का विवाह 8 मार्च को होना निश्चित हुआ है। मेरा इस विवाह में शामिल होना बहुत ज़रूरी है। इसलिए मैं स्कूल में उपस्थित होने में असमर्थ हूँ। कृपा करके मुझे 7 मार्च से 9 मार्च तक तीन दिन का अवकाश प्रदान करें। मैं आपका अति आभारी होऊंगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
मोहित
कक्षा पाँचवीं,
रोल नं0 22

दिनांक : 6 मार्च, 20……

4. अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को फीस माफी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखो।

सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
ए० एस० प्राथमिक स्कूल,
जालन्धर।
श्रीमान जी,

निवेदन यह है कि मैं आपके स्कूल की कक्षा पाँचवीं ‘ए’ का विद्यार्थी हूँ। मेरे पिता जी बहुत ग़रीब हैं। वे एक मामूली-सी दुकान पर काम करते हैं। इससे घर का खर्च भी अच्छी प्रकार से नहीं चलता। इसलिए वे मेरी फीस नहीं दे सकते, परन्तु | मैं अपनी पढ़ाई छोड़ना नहीं चाहता। कृपा करके आप मेरी फीस माफ कर दें। मैं आपका बहुत धन्यवादी होऊंगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
भारत भूषण
पाँचवीं ‘ए’
रोल नं० 15

दिनांक : 24 अप्रैल, 20 ……

5. मान लीजिए कि आप हिमांशी हैं। आपको कक्षा अध्यापक ने कक्षा में देरी से आने पर 50 रुपये जुर्माना लगाया है। आप अपने स्कूल के मुख्याध्यापक को जुर्माना माफी के लिए पत्र लिखें। . (From

सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
नेहरू प्राथमिक विद्यालय,
गुरदासपुर।
श्रीमान् जी,

निवेदन यह है कि मैं कल प्रातः काल अपने गाँव से साइकिल से स्कूल आ रही थी। रास्ते में मेरी साइकिल में पंचर हो गया। मुझे स्कूल पहुँचने के लिए दो मील तक पैदल चलना पड़ा। इसलिए मैं एक घण्टा देर से पहुँची। अध्यापक महोदय ने मुझे 50 रुपये जुर्माना कर दिया है। मैं इससे पहले कभी देर से नहीं आयी। आगे भी देर से नहीं आऊंगी। कृपा करके आप मेरा जुर्माना माफ कर दें।

मैं आपकी बहुत धन्यवादी होऊंगी।।

आपकी आज्ञाकारी शिष्या,
कक्षा पाँचवीं,
रोल नं० 4

दिनांक : 16 नवम्बर, 20……

6. स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र (सर्टिफिकेट) लेने के लिए मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखो।

सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय,
नगरपालिका प्राथमिक पाठशाला,
नवांशहर।
श्रीमान् जी,

निवेदन यह है कि मेरे पिता जी का स्थानांतरण (तबादला) हो गया है। वे कल यहाँ से कानपुर जा रहे हैं और साथ में परिवार भी जा रहा है। इस अवस्था में मेरा यहाँ अकेला रहना कठिन है। कृपा करके मुझे स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र दीजिए ताकि मैं वहां जाकर स्कूल में प्रवेश पा सकूँ।

धन्यवाद सहित।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
सुनील कक्षा पाँचवीं,
रोल नं0 32

दिनांक : 11 जनवरी, 20 ……..

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7. मित्र को गर्मियों की छुट्टियां एक साथ बिताने के लिए निमन्त्रण-पत्र लिखो।

330, मॉडल टाऊन,
लुधियाना।
15 जून, 20…

प्रिय मित्र राकेश,

अगले सप्ताह से गर्मी की छुट्टियां आरम्भ हो रही हैं। स्कूल दो मास तक बन्द रहेगा। इस बार मैंने छुट्टियों के दिन अपने चाचा जी के यहां शिमला में बिताने का निश्चय किया है। मित्र, यदि तुम भी मेरे साथ चलो तो मज़ा आ जाएगा। वहाँ हम मिलकर पढ़ेंगे और शाम के समय वहां के प्राकृतिक दृश्यों का आनन्द लेंगे। शिमला में मेरे चाचा जी का एक बहुत बड़ा मकान है। अतः हमें वहाँ रहने में कोई
तुम छुट्टी आरम्भ होते ही मेरे पास पहुँच जाओगे। यहाँ से अगले ही दिन हम शिमला के लिए रवाना हो जाएंगे।

तुम्हारा मित्र,
सुमीत।

8. चाचा जी (मामा जी) को उपहार के लिए धन्यवाद-पत्र लिखो।

21, माल रोड,
बठिण्डा।
28 सितम्बर, 20 …..

पूज्य चाचा जी,
नमस्ते !

मेरे जन्म दिन पर. आपके द्वारा भेजा गया उपहार मुझे मिल गया है। यह एक सुन्दर घड़ी है। मुझे यह घड़ी बहुत पसन्द आई है। वैसे भी मुझे घड़ी की ज़रूरत थी। मुझे स्कूल पहुँचने में सदा देरी हो जाती थी, परन्तु अब मैं समय से पहले ही स्कूल पहँच जाया करूँगा। मेरे पेपर भी शुरू होने वाले हैं। इन दिनों में मैं इस घड़ी से पूरा-पूरा लाभ उठा सकूँगा। इस सुन्दर उपहार के लिए मैं आपका बहुतबहुत धन्यवाद करता हूँ। चाची जी को प्रणाम। बिटू को प्यार।

आपका भतीजा,
अश्विनी।

9. अपने छोटे भाई को लेख सुधारने के लिए , एक पत्र लिखो।

परीक्षा भवन,
…….. नगर।
25 अगस्त, 20…

प्रिय दिनेश,

आज तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हारा लेख देखकर बड़ा दुःख हुआ। मैं बड़ी कठिनाई से तुम्हारा पत्र पढ़ सका हूँ। सुलेख के बिना तुम परीक्षा में अच्छे अंक | न पा सकोगे। इसलिए अपना लेख सुधारने की कोशिश | करो। क्योंकि लेख का सुलेख होना आवश्यक है।

तुम्हारा बड़ा भाई,
मोहन लाल।

10. राखी प्राप्ति पर अपनी बड़ी बहन को एक पत्र लिखो।

परीक्षा भवन,
…….. नगर।
25 अगस्त, 20 …….

पूज्य बहन जी,

चरण वन्दना। आज आपकी भेजी हुई राखी मिली। बड़ी सुन्दर राखी है। इस पर लगा फूल मनमोहक है। यह राखी आपके स्नेह की निशानी है। मैं इस स्नेह के बन्धन को अच्छी तरह निभाऊंगा। जीजा जी को प्रणाम । पूनम को प्यार।

आपका प्रिय भाई,
पवन।

11. नगरपालिका के प्रधान को गली की सफ़ाई के लिए पत्र लिखो।’

परीक्षा भवन,
……… नगर।
12 अप्रैल, 20 ……..

सेवा में
श्रीमान् प्रधान जी,
नगरपालिका,
………. नगर।

आपसे निवेदन है कि हमारी गली की दशा बहुत खराब है। सारी गली में कूड़े और गन्दगी के ढेर लगे हुए हैं। गन्दगी के कारण बीमारी फैलने का बहुत डर है। इसलिए कृपा करके आप हमारी गली की सफ़ाई की ओर पूरा ध्यान दें।

आपके आज्ञाकारी
हम हैं निवासी,
…………
राम गली,
………. पुर।

12. अपने मित्र को अपने बड़े भाई के विवाह पर निमन्त्रण पत्र लिखो।

75/बी पीतमपुरा,
दिल्ली।
8 दिसम्बर, 20 ……..

प्रिय राजेश,
सप्रेम नमस्ते।

तुम्हारी कोई जानकारी कई दिनों से नहीं मिली। तुम्हें यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मेरे बड़े भाई का शुभ-विवाह 16 दिसम्बर को निश्चित हुआ है। बारात दिल्ली से मथुरा जा रही है। तुम्हें बारात में अवश्य चलना होगा। मैंने रमेश, अरुण तथा जगदीश को भी बुलाया है। तुम साथ रहोगे तो और भी मजा आएगा। इसलिए तुम 15 दिसम्बर तक यहाँ अवश्य पहुँच जाना। छोटे भाई राजेन्द्र को भी लाना मत भूलना।

प्रतीक्षा में.
तुम्हारा मित्र,
विश्वास वर्मा।

13. अपने मित्र को पत्र लिखो कि वह आपकी बहन की शादी में शामिल हो।

16/A जनकपुरी,
लुधियाना।
4 दिसम्बर, 20…….

प्रिय सुरेन्द्र,
सप्रेम नमस्ते,

तुम्हें यह जानकर बड़ी प्रसन्नता होगी कि मेरी बहन का विवाह 18-12-20…. को निश्चित हुआ है। इस खुशी के अवसर पर तुम्हारा यहाँ उपस्थित रहना बहुत ही ज़रूरी है। तुम पत्र मिलते ही यहाँ आने की तैयारी कर लो। मुझे तुम्हारा इन्तज़ार रहेगा। साथ में अंकल और आंटी को लाना मत भूलना। बाकी बातें मिलने पर होंगी।

प्रतीक्षा में,
तुम्हारा अभिन्न मित्र,
राजेन्द्र।

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14. पत्रों के सही वितरण न होने पर स्थानीय पोस्ट मास्टर को शिकायत भरा पत्र लिखो।

सेवा में
पोस्टमास्टर महोदय,
मुख्य डाकघर,
लुधियाना।
श्रीमान् जी,

निवेदन है कि हमारे मुहल्ले का डाकिया बहुत आलसी और लापरवाह है। वह ठीक समय पर पत्र नहीं पहुँचाता। कभी-कभी तो वह बच्चों के हाथ पत्र देकर चला जाता है। वे पत्र इधर-उधर फेंक देते हैं। कल ही शर्मा जी का पत्र नाली में गिरा हुआ पाया गया। हमने उसे कई बार समझाया है, पर वह हमारी बात मानता ही नहीं।

इसलिए आपसे प्रार्थना है कि या तो आप उसे समझा दें ताकि वह आगे से ऐसा न करे या फिर आप उसे बदल दीजिए। आशा है कि आप हमारी प्रार्थना पर अवश्य ध्यान देंगे।

प्रार्थी
रवि, मोहन, दीपक और अन्य।

15. रुपए मंगवाने के लिए पिता जी को पत्र लिखो।

………….. स्कूल,
……… शहर।
22 अगस्त, 20…

पूज्य पिता जी,
सादर प्रणाम।

आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मैं चौथी कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करके प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुआ हूँ। अब मुझे पाँचवीं श्रेणी में दाखिला लेना है तथा नई पुस्तकें और कापियाँ खरीदनी हैं। इसलिए कृपा करके मुझे 500 रुपए मनीआर्डर द्वारा तुरन्त भेज दें ताकि ठीक समय पर मैं दाखिला ले सकू।

माता जी को प्रणाम और टिंकू को प्यार।
आपका आज्ञाकारी पुत्र,
संजय।

16. अपने जन्म दिन पर अपने चाचा जी को निमन्त्रण (बुलावा) पत्र लिखो।

205, मॉडल टाऊन।
अमृतसर।
20 अप्रैल, 20 ……..

पूज्य पिता जी,
सादर, प्रणाम।

आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि 23 अप्रैल को मेरा जन्म दिन है। इसलिए मैं अपने मित्रों को शाम की चाय पार्टी दे रहा हूँ, आप भी चाची जी, रिंकू और नीता को लेकर इस छोटी-सी चाय पार्टी पर आएं।

चाची जी को प्रणाम। रिंकू और नीतू को प्यार।

आपका भतीजा,
नरेश कुमार।

17. मित्र की सफलता पर बधाई पत्र लिखो।

208, प्रेम नगर,
पटियाला।
11 अप्रैल, 20 …….

प्रिय मित्र सुरेश,

कल ही तुम्हारा पत्र मिला। यह पढ़कर बहुत ही खुशी हुई कि तुम पाँचवीं कक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण (पास) हो गए हो। मेरी ओर से अपनी इस शानदार सफलता पर हार्दिक बधाई स्वीकार करो। मैं कामना (इच्छा) करता हूँ कि तुम अगली परीक्षा में भी इसी प्रकार सफलता प्राप्त करोगे। मैं एक बार फिर तुम्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना।

तुम्हारा मित्र,
राजबीर।

PSEB 5th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

18. अपनी माता जी को अपनी कुशलता के बारे में पत्र लिखो।

सरकारी स्कूल छात्रावास,
जालन्धर।
1 अगस्त, 20 …….

पूज्य माता जी,
सादर प्रणाम।

मैं पिछले रविवार को यहाँ पहुँच गया था। सोमवार से हमारी पढ़ाई ठीक प्रकार से शुरू हो गई है। मैं पूर्णतया कुशल से हूँ। बुखार के कारण जो कमज़ोरी आ गई थी, वह अब नहीं रही। छात्रावास में भोजन का अच्छा प्रबन्ध है। किसी प्रकार की चिन्ता न करें। अब मैं समय सारिणी के अनुसार चल रहा हूँ। प्रात 5 बजे उठ जाता हूँ। शौचादि से निवृत्त होकर कुछ व्यायाम करता हूँ, फिर नहा-धोकर अल्पाहार लेकर पढ़ने बैठ जाता हूँ। 9 बजे स्कूल का समय है। वहां से लौटकर सायं 5 बजे सब छात्र क्रीड़ा-क्षेत्र में चले जाते हैं। मैं कबड्डी टीम में हूँ। रोज़ की कसरत से मेरे अन्दर नई ताज़गी का आभास होने लगता है। रात को समय पर सो जाता हूँ।

आपका पुत्र,
अमित कुमार,
पाँचवीं ‘ए’।

19. मुख्याध्यापक को विद्यालय से मुफ्त पुस्तकें एवं वर्दी प्राप्त करने के लिए प्रार्थना पत्र।

सेवा में
मुख्याध्यापक जी,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय,
सोनीपत।
महोदय,

निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की पाँचवीं कक्षा का छात्र हूँ। मेरे पिताजी सरकारी कार्यालय में लिपिक हैं। हम तीन भाई-बहन हैं। पिताजी का वेतन इतना कम है कि वे हमारी पढ़ाई का भार सम्भालने में कठिनाई का अनुभव कर रहे हैं। मैंने पाँचवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में 96% अंक प्राप्त किये हैं। खेलों में भी मेरी रुचि है।

आपसे सानुरोध प्रार्थना है कि हमारी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए मुझे विद्यालय की ओर से छठी श्रेणी की पुस्तकें तथा वर्दी देने की कृपा करें। मैं आपका हृदय से आभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
रमेश,
पाँचवीं ‘ग’

दिनांक …………..

20. सैक्शन बदलने के लिए प्रार्थना-पत्र।

सेवा में
श्रीमान् प्रधानाध्यापक जी,
हिन्दू प्राथमिक स्कूल,
जगरांव।
आदरणीय महोदय,

विनम्र निवेदन है कि मैं आपके स्कूल की पाँचवीं कक्षा सैक्शन ‘बी’ में पढ़ता हूँ। मैं इस विद्यालय का पुराना विद्यार्थी हूँ। एक मास तक इस सैक्शन में पढ़ने के बाद मुझे यह अनुभव हुआ कि इस सैक्शन में विद्यार्थी पढ़ने वाले कम और शरारती अधिक हैं। साथ ही इस सैक्शन के अंग्रेज़ी के अध्यापक हमें व्याकरण नहीं पढ़ाते। हिन्दी के अध्यापक भी कक्षा में गप्पें मारते रहते हैं और वे विशेष उत्साह नहीं दिखाते। विद्यार्थी घर से जो काम करके लाते हैं उसे कोई देखता नहीं। साथ ही पिछले वर्ष इस सैक्शन का परिणाम भी उतना अच्छा नहीं रहा।

कृपा करके आप मुझे सैक्शन ‘ए’ मैं बैठने की आज्ञा दें। आपका अति आभारी रहूँगा।

आपका आज्ञाकारी शिष्य,
राजीव,
पाँचवीं-बी।

तिथि ………

PSEB 5th Class Hindi Vyakaran पत्र-लेखन

21. अपने छोटे भाई को पत्र लिखो जिसमें प्रातः भ्रमण (सुबह की सैर) के लाभ बताए गए हों।

208 कृष्ण नगर,
बहादुरगढ़।
11 जुलाई, 20….

प्रिय भाई नरेश,
चिरंजीव रहो।

कल माता जी का पत्र मिला। पढ़ कर पता चला कि तुम बीमार रहने के कारण बहुत कमज़ोर हो गए हो। तुम सुबह देर तक सोए रहते हो। प्यारे भाई! प्रातः उठ कर सैर करनी चाहिए। सुबह की सैर से स्वास्थ्य उत्तम होता है। प्रातः भ्रमण से शरीर चुस्त रहता है। कोई बीमारी पास नहीं फटकती। मांसपेशियों में नए रक्त का संचार होता है। फेफड़ों को साफ़ वायु मिलती है। ओस पड़ी घास पर नंगे पांव चलने से बल, बुद्धि और आँखों की रोशनी बढ़ती है। दिमाग को शक्ति मिलती है। इसलिए प्रातः घूमने अवश्य जाया करो।

आशा है तुम मेरे आदेश का पालन करोगे। पूज्य माताजी को प्रणाम और अनु को प्यार।

तुम्हारा बड़ा भाई,
प्रदीप कुमार।

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 6 हाथी कैसे तोला गया

Punjab State Board PSEB 5th Class Hindi Book Solutions Chapter 6 हाथी कैसे तोला गया Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 5 Hindi Chapter 6 हाथी कैसे तोला गया

Hindi Guide for Class 5 PSEB हाथी कैसे तोला गया Textbook Questions and Answers

I. बताओ

प्रश्न 1.
राजा को अपना हाथी क्यों प्रिय था ?
उत्तर:
राजा का हाथी अनेक युद्धों में अपनी बहादुरी तथा साहस दिखा चुका था। इसीलिए राजा को अपना हाथी प्रिय था।

प्रश्न 2.
राजा ने कितना सोना निर्धन लोगों में बाँटने का निश्चय किया ?
उत्तर:
राजा ने हाथी के भार के बराबर का सोना निर्धन लोगों में बाँटने का निश्चय किया।

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प्रश्न 3.
किस व्यक्ति ने हाथी तोलने का दावा किया?
उत्तर:
एक निर्धन मछुए ने हाथी तोलने का दावा किया।

प्रश्न 4.
मछुए ने राजा से नाव बनाने के लिए कितने दिन का समय माँगा ?
उत्तर:
मछुए ने राजा से नाव बनाने के लिए सौ दिन का समय माँगा।

प्रश्न 5.
मछुए की शर्त क्या थी ?
उत्तर:
मछुए की शर्त थी कि पहले राजा के कर्मचारी एक बड़ी नाव बनाने में मछुए की मदद करें।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखो

प्रश्न 1.
मछुए ने हाथी को कैसे तोला? अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर:
मछुए ने हाथी को तोलने से पूर्व एक नाव बनवाई। कई लोगों की सहायता से नाव को समुद्र में उतारा गया। हाथी को उस नाव पर चढ़ाया गया। नाव जितनी पानी में डूब गई वहाँ पर निशान लगा दिया गया। फिर हाथी को नाव से उतार लिया गया। अब नाव में सोना डाला जाने लगा। डालतेडालते जब सोना उसी निशान तक पहुँच गया जहाँ तक हाथी के भार का निशान था। इस प्रकार सोना तोला गया।

प्रश्न 2.
आजकल हाथी. को कैसे तोला जा सकता है ?
उत्तर:
आजकल हाथी को तोलने के लिए बड़ीबड़ी मशीनें हैं। मशीनों पर हाथी को खड़ा करके उसे तोला जा सकता है।

प्रश्न 3.
इस कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर:
इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि बुद्धि के बल पर प्रत्येक कार्य किया जा सकता है। बुद्धि का प्रयोग करके असम्भव कार्य को भी सफलतापूर्वक सम्भव बनाया जा सकता है। अतः बुद्धि बल, श्रेष्ठ बल है।

III. वाक्य पढ़ो और बताओ कि यह कहानी के अनुसार सही हैं या ग़लत

(i) हाथी राजा को बहुत प्रिय था।
(ii) सभी राजदरबार के लोग हाथी तोलने का उपाय खोज कर लाए।
(iii) मछुआ समुद्र के किनारे रहता था।
(iv) राजा के आदमी दिन-रात नाव बनाने में लगे रहे।
(v) मछुए ने नाव को अकेले समुद्र में धकेला।
(vi) धीरे-धीरे कदम रखते हुए हाथी नाव पर चढ़ गया।
(vii) हाथी के बराबर सोना तुल गया-मछुए ने कहा।
उत्तर:
(i) ✓
(ii) ✗
(iii) ✓
(iv) ✓
(v) ✗
(vi) ✓
(vii) ✓

IV. विपरीत शब्दों का मिलान करो

दिन – डरपोक
बूढ़ा – सम्पन्न
साहसी – रात
निर्धन – जवान
इनाम – रंक
एक – दण्ड
राजा – अनेक
उत्तर:
दिन – रात।
बूढ़ा – जवान।
साहसी – डरपोक।
निर्धन – सम्पन्न।
इनाम – दण्ड।
एक – अनेक।
राजा – रंक।

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V. पढ़ो, समझो और लिखो

राज-दरबार = राजा का दरबार
प्रजा-जन = प्रजा के जन
अनाज-भण्डार = ………….
धन-दौलत = धन और दौलत
दिन-रात = …………..
प्रश्न-उत्तर = …………
उत्तर;
राज-दरबार = राजा का दरबार।
प्रजा-जन = प्रजा के जन (लोग)।
अनाज-भण्डार = अनाज के भण्डार।
धन-दौलत = धन और दौलत।
दिन-रात = दिन और रात।
प्रश्न-उत्तर = प्रश्न और उत्तर

VI. हाथी के चित्र में से उपयुक्त समानार्थक शब्द चुनकर लिखो

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 6 हाथी कैसे तोला गया 1

(i) राजा = नृप, ………….
(ii) हाथी = ………….. , …………..
(iii) पानी = ………….. , …………..
(iv) समुद्र = ………….. , …………..
(v) नाव = ………….. , …………..
(vi) सोना = ………….. , …………..
उत्तर:
पर्यायवाची/समानार्थक शब्द
(i) राजा = नृप, नरेश।
(ii) हाथी = गज, नाग।
(ii) पानी = अम्बू, नीर।
(iv) समुद्र = जलधि, वारिधि।
(v) नाव = नैया, नौका।
(vi) सोना = कनक, स्वर्ण।

VII. विराम चिह्न लगाओ

(i) कई दिन बीत गए पर राज्य में किसी भी व्यक्ति ने कोई उपाय नहीं सुझाया
(ii) परन्तु नाव हाथी कैसे तोलेगी महाराज ने प्रश्न किया
उत्तर:
(i) कई दिन बीत गए, पर राज्य में किसी भी व्यक्ति ने कोई उपाय नहीं सुझाया।
(ii) परन्तु नाव हाथी कैसे तोलेगी ?’ महाराज ने प्रश्न किया।

VIII. उपयुक्त अक्षर लगाकर पाठ में आए शब्द को पूरा करो.

1. मूल्य ___ न
2. उ. ___ य
3. सा ___ स
4. म ___ आ
5. क ___ चारी
6. श ___ ती
7. ___ हाज
8. ___ त।
उत्तर:
1. मूल्यवान
2. उदय।
3. साहस
4. मछुआ।
5. कर्मचारी
6. शहतीर।
7. महाराज।
8. शर्त।

IX. शब्द में से कम-से-कम दो शब्द ढूँढकर लिखो

PSEB 5th Class Hindi Solutions Chapter 6 हाथी कैसे तोला गया 2
उत्तर:
(1) निकालेगा-(i) निकाल, (ii) काले, (iii) कागा (iv) लेगा।
(2) तराजू-(i) तर (ii) राजू।
(3) सहायता-(i) हाय (ii) सह (iii) सहाय।
(4) दरबार-(i) दर (i) बार (iii) दरबा।
(5) मालामाल-(i) माल (ii) माला।
(6) महावत-(i) महा (i) हाव।

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प्रयोगात्मक व्याकरण

राजा ने अपने मंत्रियों से कहा कि तुम में से जो भी हाथी को तोलने का उपाय बताएगा उसे मैं इनाम दूंगा। एक कर्मचारी ने राजा से कहा कि समुद्र के किनारे एक मछुआ रहता है। वह हाथी को तोलने का दावा करता है।

उपर्युक्त पंक्तियों में राजा, मन्त्री और मछुआ शब्द संज्ञा हैं। यहाँ राजा ने अपने लिए ‘मैं’, मन्त्रियों के लिए ‘तुम’ और ‘उसे’ तथा मछुए के लिए ‘वह’ शब्द का प्रयोग किया है। ये शब्द संज्ञा के स्थान पर आने के कारण सर्वनाम हैं।

अत: संज्ञा शब्दों के स्थान पर प्रयोग में आने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे मैं, हम, आप, तुम, तू, वह, वे आदि। अन्य सर्वनाम शब्द :-उन्हें, उस, उसका, मेरा, हमारा, तेरा, तुम्हारा, अपना, स्वयं
आदि।

X. रेखांकित शब्दों के स्थान पर उचित सर्वनाम का प्रयोग करके वाक्य दोबारा लिखें।

प्रश्न 1.
हाथी को कैसे तोला जाए कि हाथी तोल के बराबर सोना तुल जाए।
उत्तर:
हाथी को कैसे तोला जाए कि उसके तोल के बराबर सोना तुल जाए।

प्रश्न 2.
राजा के पास एक हाथी था। राजा हाथी को बहुत प्यार करता था।
उत्तर:
राजा के पास एक हाथी था। वह उसको बहुत प्यार करता था।

प्रश्न 3.
एक राजा था। प्रजा राजा को बहुत चाहती थी।
उत्तर:
एक राजा था। प्रजा उसे बहुत चाहती थी।

प्रश्न 4.
मछुए ने कहा कि मछुआ हाथी को तोलूँगा।
उत्तर:
मछुए ने कहा कि मैं हाथी को तोलूँगा।

प्रश्न 5.
मछुए ने कहा कि राजा के सेवकों को सोना लाने की आज्ञा दें।
उत्तर:
मछुए ने कहा कि राजा अपने सेवकों को सोना लाने की आज्ञा दें।

बहुवैकल्पिक प्रश्न

पूछे गए प्रश्नों के सही विकल्प पर (✓) निशान लगाएं-

प्रश्न 1.
राजा के पास क्या था ?
(क) हाथी
(ख) सेना
(ग) वजीर
(घ) मंत्री।
उत्तर:
(क) हाथी

प्रश्न 2.
राजा को सबसे प्रिय क्या था ?
(क) सेना
(ख) धन-दौलत
(ग) मंत्री
(घ) हाथी।
उत्तर:
(घ) हाथी।

प्रश्न 3.
हाथी तोलने का दावा किसने किया ?
(क) मंत्री ने
(ख) सेनानायक ने
(ग) मछुए ने
(घ) रानी ने।
उत्तर:
(ग) मछुए ने

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प्रश्न 4.
दुनिया में किसके बल पर प्रत्येक कार्य किया जा सकता है ?
(क) बुद्धि के
(ख) मन के
(ग) धन के
(घ) बल के।
उत्तर:
(क) बुद्धि के

हाथी कैसे तोला गया Summary

हाथी कैसे तोला गया पाठ का सार

बहुत समय पहले की बात है कि हमारे देश में एक राजा राज्य करता था। प्रजा उसे बहुत चाहती थी। उसके पास एक हाथी था, जिसे वह बहुत प्यार करता था। एक बार उसके राज्य में सूखा पड़ा। बहुत समय तक वर्षा न होने के कारण अनाज पैदा न हुआ और लोग दुःखी रहने लगे। राजा ने लोगों के लिए अनाज के भण्डार खोल दिए। उसने ग़रीबों की सहायता के लिए अपने प्रिय हाथी के भार के बराबर सोना तोल कर ग़रीबों में बाँटने का निश्चय किया। पर एक उलझन यह थी कि इतने बड़े हाथी का भार कैसे तोला जाए ? उन दिनों भार तोलने की इतनी बड़ी मशीनें नहीं थीं। तब राजा ने प्रजा में यह घोषणा करवाई कि जो मनुष्य हाथी को तोलने का तरीका बतलाएगा, उसे वह सोने से भरी दस थैलियाँ इनाम में देगा।

बहुत-से लोगों ने सोचा लेकिन हाथी को तोलने का कोई उपाय न सूझा। अन्त में एक सेवक ने आकर बताया कि एक मछुआ हाथी को तोलने के लिए तैयार है। राजा अपने सेवकों के साथ हाथी को लेकर मछुआरे के पास गया। मछुआरे ने कहा कि पहले एक बड़ी नाव बनाई जाए। मछुआरे तथा राजा के सेवकों ने मिलकर सौ दिन मेहनत करके एक नाव तैयार की। उस नाव को समुद्र में उतारा गया। हाथी को नाव पर चढ़ाया गया। नाव का बहुत-सा भाग पानी में डूब गया। जहाँ तक नाव पानी में डूबी मछुआरे ने वहाँ निशान लगा लिया। फिर हाथी को नाव से उतार कर सोना भर दिया गया। जब निशान वाले स्थान तक नाव पानी में डूब गई तब मछुए ने कहा यही हाथी के भार के बराबर सोना है। मछुए की सूझ-बूझ देखकर सब हैरान हुए। सभी ने उसकी प्रशंसा की। राजा ने उसे पुरस्कार दिया।

कठिन शब्दों के अर्थ:

अत्यधिक = बहुत ज़्यादा। मूल्यवान् = कीमती। अचम्भित = हैरान। अंकश = लोहे की छोटी नुकीली छड, हाथी को काब में रखने का शस्त्र। कर्मचारी = काम करने वाला। विधि = तरीका। लश्कर = सेना। महावत = हाथी को हाँकने वाला। सहस्त्र = हज़ार। दृश्य = नज़ारा। चिह्न = निशान। असमर्थ = लाचार।