PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 9 आदि-मानव – पाषाण युग

SST Guide for Class 6 PSEB आदि-मानव – पाषाण युग Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित के संक्षिप्त उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
पुरा-पाषाण युग के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
पुरा-पाषाण युग उस युग को कहा जाता है जब मनुष्य एक शिकारी तथा संग्राहक था। इस युग में मनुष्य का जीवन प्राकृतिक वस्तुओं पर निर्भर था। उसे आग का कोई ज्ञान नहीं था, इसलिए वह जंगली कन्द-मूल तथा जानवरों का कच्चा मांस खाता था। जंगली जानवरों से अपनी रक्षा के लिए वह समूह बनाकर रहता था। वह रात को वृक्षों पर अथवा गुफ़ाओं में रहता था। वह आम तौर पर वस्त्रहीन रहता था, परन्तु कभी-कभी अपने शरीर को बहुत अधिक सर्दी तथा गर्मी से बचाने के लिए जानवरों की खालों, वृक्षों के पत्तों तथा छिलकों से ढक लेता था। जानवरों के शिकार के लिए वह पत्थर से बने हथियारों अथवा वृक्षों की शाखाओं का प्रयोग करता था।

प्रश्न 2.
नव-पाषाण युग के पाँच महत्त्वपूर्ण लक्षण बतायें।
उत्तर-
पाषाण युग के तीसरे तथा अन्तिम युग को ‘नव-पाषाण युग’ कहा जाता है। इस युग के पाँच महत्त्वपूर्ण लक्षण निम्नलिखित थे –

  1. मानव एक स्थान पर टिक कर रहने लगा था। उसने अनाज उगाना तथा भोजन पकाना आरम्भ कर दिया था।
  2. मानव के औज़ार पहले से अधिक तेज़ तथा हल्के थे जिसके कारण उसकी काम करने की क्षमता बढ़ गई थी।
  3. मानव ने भोजन पकाने तथा रखने के लिए पकी मिट्टी के बर्तन बनाने सीख लिए थे।
  4. मानव ने गुफ़ाओं की दीवारों पर चित्र बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
  5. मानव कीमती पत्थरों, पकी मिट्टी तथा हाथी दांत आदि के मनके बनाकर उन्हें आभूषणों के रूप में प्रयोग करने लगा था।

प्रश्न 3.
मध्य-पाषाण युग के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
मध्य-पाषाण युग का आरम्भ पुरा-पाषाण युग के पश्चात् हुआ। इस युग में मानव के जीवन स्तर में कुछ सुधार हुआ। उसने कई नई चीजें सीखीं। उसने टूटे हुए पत्थर के टुकड़ों के स्थान पर नुकीले तथा तराशे हुए पत्थर के हथियार जैसे कि कुल्हाड़ी, भाले, गंडासे आदि बनाने आरम्भ कर दिए। वह इन औज़ारों तथा हथियारों को लकड़ी की एक लम्बी छड़ से बांध कर प्रयोग में लाने लगा। उसे इस बात का भी पता चल गया कि अनाज को काफ़ी समय तक इकट्ठा करके रखा जा सकता है। इसलिए उसने अनाज को इकट्ठा करना शुरू कर दिया। वह गुफ़ाओं के अतिरिक्त लकड़ी, बांस तथा पत्तों की झोंपड़ियां भी बनाने लगा था। फलस्वरूप मनुष्य गांव बनाकर स्थायी रूप से रहने लगा।

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प्रश्न 4.
पहिये के आविष्कार ने मानव की क्या सहायता की?
उत्तर-
मानव के विकास में पहिये के आविष्कार का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस आविष्कार के कारण मानव ने बड़ी तेजी से उन्नति की। इस आविष्कार ने मानव जीवन को कई प्रकार से आसान बना दिया।

  1. पहिये का प्रयोग जानवरों द्वारा खींची जाने वाली गाड़ियों में होने लगा। परिणामस्वरूप मानव के लिए यात्रा करना तथा सामान ढोना आसान हो गया।
  2. पहिये ने पानी खींचने में मानव की सहायता की।
  3. मानव ने पहिये की सहायता से मिट्टी के बर्तन बनाने आरम्भ कर दिए।

प्रश्न 5.
गुहा-चित्रों के बारे में एक नोट लिखें।
उत्तर-
गुहा-चित्रों से अभिप्राय गुफा-चित्रों से है। आदि-मानव गुफ़ाओं तथा पत्थर के विश्राम-गृहों में रहते समय इनकी दीवारों पर नुकीले पत्थरों तथा रंगों की सहायता से मानवों, जानवरों तथा शिकार के चित्र बनाता था। ये चित्र आमतौर पर रेखा-चित्र होते थे परन्तु कई बार वह इनमें रंग भी भरता था। ऐसे चित्र भारत के अनेक भागों तथा संसार में कई स्थानों पर प्राप्त हुए हैं। भारत में मध्य प्रदेश में भोपाल के निकट भीमबैठका के गुहा-चित्र देखने योग्य हैं, जिनमें मानवों को नाचते हुए दिखाया गया है। इससे पता चलता है कि पाषाण युग में नृत्य मनोरंजन का एक साधन था तथा लोग समूहों में नाचते-गाते थे।

II. सही जोड़े बनायें

  1. पेलियोलिथिक एज – (क) गुहा मानव
  2. मेसोलिथिक एज – (ख) गुहा-चित्र
  3. भीमबैठका – (ग) प्राचीन पाषाण युग
  4. शिकारी-खाद्य संग्रहक – (घ) मध्य पाषाण युग।

उत्तर-सही जोड़े

  1. पेलियोलिथिक एज – गुहा मानव
  2. मेसोलिथिक एज – मध्य पाषाण युग
  3. भीमबैठका – गुहा-चित्र
  4. शिकारी-खाद्य संग्रहक – प्राचीन पाषाण युग।

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III. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) का निशान लगायें

  1. पुरा-पाषाण युग में मानव कृषि के लिए हल चलाता था।
  2. अग्नि का आविष्कार एक वैज्ञानिक ने किया।
  3. पाषाण युग के गुहा-चित्र अनेक स्थानों से मिले हैं।
  4. नव पाषाण युग का अर्थ आधुनिक समय है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✗)

PSEB 6th Class Social Science Guide आदि-मानव – पाषाण युग Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
एक ऐसा युग था जब मानव जानवरों का शिकार करता था और कच्चा मांस खाता था। क्या आप उस युग का नाम बता सकते हैं?
उत्तर-
पुरा पाषाण युग।

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प्रश्न 2.
मानव ने मनके बनाने के लिए सर्वप्रथम किस चीज़ का प्रयोग किया?
उत्तर-
कीमती पत्थर।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दर्शाए गए चित्र में आदि मनुष्य मिट्टी के बर्तन बना रहा है। इस के लिए वह किस चीज़ का प्रयोग करता था?
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 8 आदि-मानव – पाषाण युग 1
(क) चाक अथवा पहिया
(ख) नुकीले पत्थर
(ग) तांबे का सांचा
उत्तर-
(क) चाक अथवा पहिया

प्रश्न 2.
आदि-मानव ने अग्नि का प्रयोग किस काम में नहीं किया?
(क) धातु पिघलाना
(ख) भोजन पकाना
(ग) मिट्टी के बर्तन पकाना।
उत्तर-(क) धातु पिघलाना

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पुरा-पाषाण युग को अंग्रेज़ी में क्या कहते हैं? यूनानी भाषा में इसका क्या अर्थ है?
उत्तर-
पुरा-पाषाण युग को अंग्रेज़ी में ‘पेलियोलिथिक पीरियड’ कहते हैं। यूनानी भाषा में इसका अर्थ ‘पुराना पत्थर’ है।

प्रश्न 2.
पुरा-पाषाण युग में आदि-मानव के कौन-कौन से औज़ार तथा हथियार थे? मानव इनका प्रयोग किस लिए करता था?
उत्तर-
पुरा-पाषाण युग में पत्थर की बनी कुल्हाड़ियां, भाले तथा गंडासे आदि-मानव के औज़ार तथा हथियार थे। मानव इनका प्रयोग शिकार करने के लिए करता है।

प्रश्न 3.
पाषाण युग का यह नाम क्यों पड़ा?
उत्तर-
इस युग में पत्थर के औज़ारों और हथियारों का प्रयोग होता था। पत्थर के कारण ही इस युग का नाम पाषाण (पत्थर) युग पड़ा।

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प्रश्न 4.
पुरा-पाषाण युग का आरम्भ कब हुआ?
उत्तर-
पुरा-पाषाण युग का आरम्भ लगभग 5 लाख वर्ष से अढ़ाई लाख वर्ष के मध्य में हुआ।

प्रश्न 5.
आग का आविष्कार कब हुआ?
उत्तर-
आग का आविष्कार पुरा-पाषाण युग के अन्तिम चरण में हुआ।

प्रश्न 6.
बुद्धिधारी मानव का जन्म कब हुआ?
उत्तर-
बुद्धिधारी मानव का जन्म पुरा-पाषाण युग के अन्तिम चरण में हुआ।

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प्रश्न 7.
भोजन इकट्ठा करने की अवस्था से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
भोजन इकट्ठा करने की अवस्था वह समय था जब मानव को कृषि का कोई ज्ञान नहीं था। वह कन्द-मूल, फल आदि इकट्ठे करके उन्हें भोजन के रूप में प्रयोग करता था। वह भोजन की तलाश में स्थान-स्थान पर घूमता रहता था।

प्रश्न 8.
नव-पाषाण युग का आरम्भ कब हुआ?
उत्तर-
नव-पाषाण युग का आरम्भ लगभग 10,000 वर्ष से 12,000 वर्ष पूर्व हुआ।

प्रश्न 9.
नव-पाषाण काल का मुख्य आविष्कार क्या था?
उत्तर-
नव-पाषाण काल का मुख्य आविष्कार पहिया था। इस आविष्कार से मानव के जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन आया।

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प्रश्न 10.
पहिए के आविष्कार के दो लाभ बताएं।
उत्तर-
पहिए के आविष्कार से मिट्टी के बर्तन बनाने तथा यातायात के साधनों में तेजी से परिवर्तन आया।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आग के आविष्कार ने मनुष्य की किस प्रकार सहायता की?
उत्तर-
आग के आविष्कार ने मनुष्य की बहुत सहायता की। अब मनुष्य ने आग जलाकर भोजन पकाना आरम्भ कर दिया। मनुष्य अपने आपको सर्दियों में गर्म रखने, अपनी गुफाओं तथा विश्राम-गृहों में रात को रोशनी करने तथा जंगली जानवरों से अपनी रक्षा करने के लिए आग का प्रयोग करने लगा था।

प्रश्न 2.
पूर्व ऐतिहासिक काल की जानकारी हमें किससे मिलती है?
उत्तर-
पूर्व ऐतिहासिक काल की जानकारी हमें उन स्थानों की खुदाइयों से प्राप्त । पुरातत्व वस्तुओं से मिलती है जहां उस समय के मानव रहते थे। इन वस्तुओं में मानवों तथा जानवरों की हड्डियां, पुराने औजार तथा हथियार और दैनिक उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं।

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प्रश्न 3.
कृषि का आरम्भ किस प्रकार हुआ?
उत्तर-
आदि-मानव अनाज के जो दाने भूमि पर फेंक देता था, उनमें से नए पौधे उत्पन्न होते थे तथा बहुत-सा अनाज प्राप्त होता था। इस प्रकार आदि-मानव ने यह सीखने का प्रयत्न किया कि शीघ्र तथा बढ़िया पैदावार के लिए मिट्टी में बीजों को कब बोना चाहिए तथा कृषि के लिए भूमि को किस प्रकार तैयार करना चाहिए। इससे कृषि का आरंभ हुआ।

प्रश्न 4.
कृषि के आविष्कार का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-
कृषि के आविष्कार ने मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। अब मनुष्य को भोजन की खोज के लिए इधर-उधर घूमने की ज़रूरत नहीं थी। उसका खानाबदोश जीवन समाप्त हो गया तथा वह एक स्थान पर टिक कर रहने लगा।

प्रश्न 5.
आदि-मानव के वस्त्रों तथा आभूषणों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
आदि-मानव अपने आपको सर्दी तथा वर्षा आदि से बचाने के लिए जानवरों की खालों तथा वृक्षों की छाल तथा पत्तों से अपने शरीर को ढकता था। पुरुष तथा स्त्रियां दोनों ही आभूषणों का प्रयोग करते थे। ये आभूषण कीमती पत्थरों, पकी मिट्टी तथा हाथी दांत आदि के बने मनके होते थे। लोग ऐसे आभूषण स्वयं बनाते थे।

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निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आदि-मानव के जीवन के बारे में लिखो।
उत्तर-
आदि-मानव का जीवन बहुत कठोर था। उसके जीवन की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थीं –
1. खानाबदोश जीवन-वह खानाबदोश था और नग्न रहता था। अपने भोजन की तलाश में वह एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमता रहता था।

2. भोजन-अपनी भूख मिटाने के लिए मानव जंगलों से प्राप्त कन्द-मूल, फल अथवा जानवरों का मांस खाता था। जब एक स्थान पर फल तथा जानवर समाप्त हो जाते थे तो वह उस स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर चला जाता था। उसे कृषि का कोई ज्ञान नहीं था। वह आग जलाना भी नहीं जानता था। इसलिए वह जानवरों के मांस को कच्चा ही खाता था। अपनी प्यास बुझाने के लिए वह नदियों के किनारे रहना पसन्द करता था।

प्रश्न 2.
नव-पाषाण युग के मानव की भोजन पैदा करने की अवस्था की जानकारी दें।
उत्तर-
नव-पाषाण युग के आरम्भ में मानव भोजन इकट्ठा करने की अवस्था से भोजन पैदा करने की अवस्था में आ गया। अन्य शब्दों में, मानव कृषि करना सीख गया। कृषि के आरम्भ से मानव का जीवन सरल और सभ्य हो गया। उसने अनाज, सब्जियां तथा फल पैदा करने आरम्भ कर दिए। कृषि करने के लिए उसने अपने औज़ारों तथा हथियारों में भी परिवर्तन किए। सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उसने नदियों के किनारे कृषि करना आरम्भ किया। वह मुख्य रूप से गेहूं, चावल तथा जौ उगाता था।
कृषि के कार्य में मानव का परिवार भी उसकी सहायता करता था। इस कार्य में स्त्रियों का बहुत योगदान था।

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प्रश्न 3.
नव-पाषाण युग के मानव के रहन-सहन की जानकारी दें।
उत्तर-
नव-पाषाण युग के आरम्भ होने तक मानव के जीवन तथा रहन-सहन के ढंग में बहुत-से परिवर्तन आ गए। आग की खोज, नए औज़ारों के प्रयोग, पशुपालन तथा कृषि के आरम्भ ने मानव के जीवन को सभ्य बना दिया।

1. स्थिर जीवन-कृषि ने मानव के जीवन में स्थिरता पैदा कर दी। भोजन पैदा करने
अवस्था में पहुंचकर मानव सांस्कृतिक विकास के मार्ग पर अग्रसर हुआ। कृषि ने उसकी भोजन की आवश्यकता को पूरा किया। इसलिए अब उसे भोजन की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमना नहीं पड़ता था। पशुपालन के व्यवसाय के विकास से मानव प्रगति के मार्ग पर चल पड़ा।

2. समाज का निर्माण तथा सहयोग-नव-पाषाण युग में जो लोग कृषि नहीं करते थे, वे कृषकों पर निर्भर थे। इसी प्रकार कृषक अपनी अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बढ़ई तथा कुम्हारों पर निर्भर रहते थे। इस प्रकार समाज का निर्माण हुआ तथा सहयोग की भावना का जन्म हुआ।

3. श्रम-विभाजन-विभिन्न व्यवसाय अपनाने से श्रम का विभाजन हुआ तथा धीरेधीरे कार्यों में निपुणता भी आ गई। परिणामस्वरूप व्यवस्थित जीवन का आरम्भ हुआ।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 8 प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions History Chapter 8 प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 8 प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत

SST Guide for Class 6 PSEB प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो

प्रश्न 1.
पूर्व-इतिहास तथा इतिहास में क्या अन्तर है?
उत्तर-

  1. पूर्व इतिहास-मानव जीवन के जिस काल का कोई लिखित विवरण प्राप्त नहीं है, उसे पूर्व-इतिहास कहते हैं।
  2. इतिहास- इतिहास से भाव मानव जीवन के उस काल से है जिसका लिखित विवरण मिलता है।

प्रश्न 2.
वैदिक साहित्य के कौन-कौन से ग्रन्थ मिलते हैं?
उत्तर-
वैदिक साहित्य के निम्नलिखित ग्रन्थ मिलते हैं –

  1. वेद,
  2. ब्राह्मण ग्रन्थ,
  3. आरण्यक,
  4. उपनिषद्,
  5. सूत्र,
  6. महाकाव्य, (रामायण तथा महाभारत),
  7. पुराण।

प्रश्न 3.
अभिलेख (शिलालेख) हमें इतिहास जानने में किस प्रकार सहायता करते हैं?
उत्तर-
अभिलेख उन लेखों को कहते हैं जो पत्थर के स्तम्भों, चट्टानों, तांबे की प्लेटों, मिट्टी की तख्तियों तथा मन्दिर की दीवारों पर प्रचलित संकेतों अथवा अक्षरों में खुदे हुए होते हैं। ये इतिहास जानने में हमारी बहुत सहायता करते हैं। इनमें उस समय की महत्त्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन किया गया है, जिस समय में ये लिखे गए थे। सम्राट अशोक के अभिलेख उसके धर्म तथा राज्य के विस्तार के बारे में बताते हैं। समुद्रगुप्त तथा स्कन्दगुप्त के.अभिलेखों से उनकी उपलब्धियों के बारे में पता चलता है। ताम्र-पत्रों से प्राचीन काल में भूमि को ख़रीदने-बेचने तथा भूमि दान करने की व्यवस्था का पता चलता है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 7 प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत

प्रश्न 4.
इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
पुरातन इमारतों, बर्तनों, दैनिक उपयोग की वस्तुओं, सिक्कों तथा प्राचीन अभिलेखों को इतिहास के पुरातात्विक स्रोत कहा जाता है।

प्रश्न 5.
महाकाव्य स्रोत के रूप में हमारी सहायता कैसे करते हैं?
उत्तर-
रामायण तथा महाभारत नामक दो महाकाव्य वैदिक काल में लिखे गए थे। इन महाकाव्यों से हमें प्राचीन भारतीय इतिहास विशेष तौर पर आर्यों के आगमन के पश्चात् प्राचीन भारत की सामाजिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक स्थिति के बारे में पता चलता है।

प्रश्न 6.
इतिहास के साहित्यिक स्रोतों पर एक संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर-
इतिहास के साहित्यिक स्रोतों में वेद, ब्राह्मण ग्रन्थ, आरण्यक, उपनिषद्, सूत्र, महाकाव्य, पुराण, बौद्ध तथा जैन ग्रन्थ आदि शामिल हैं। ये ग्रन्थ हमें धर्म के अलावा उस समय की घटनाओं तथा समाज के बारे में जानकारी देते हैं जिस समय ये लिखे गए थे। प्राचीन काल के नियमों तथा कानूनों से सम्बन्धित पुस्तकों, जिन्हें ‘धार्मिक शास्त्र’ कहा जाता है, की भी रचना हुई। मनुस्मृति ऐसी पुस्तकों में से मुख्य है। कौटिल्य ने शासन प्रबन्ध के बारे में ‘अर्थशास्त्र’ नामक ग्रन्थ लिखा। भास तथा कालिदास आदि विद्वानों द्वारा बहुतसे नाटक लिखे गए। बहुत-सी कहानियां भी लिखी गईं। इनके अतिरिक्त आर्यभट्ट तथा वराहमिहिर आदि वैज्ञानिकों ने अपनी खोजों के बारे में पुस्तकें लिखीं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 8 प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत

प्रश्न 7.
स्मारकों के अध्ययन से हमें क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर-
सैंकड़ों वर्ष पहले बने स्तम्भों, किलों तथा महलों आदि को स्मारक कहते हैं। स्मारकों के अध्ययन से हमें महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी मिलती है। इनसे हमें पता चलता है कि प्राचीन भारत में लोगों का सांस्कृतिक जीवन कैसा था।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. इतिहास ………… का अध्ययन है।
  2. इतिहास ……….. के लिए अतीत का अध्ययन है।
  3. कौटिल्य द्वारा ………….. नाम की पुस्तक लिखी गई।
  4. पुस्तकें, साहित्यिक स्रोत, प्राचीन खण्डहर तथा वस्तुएं ……. स्रोत कहलाती हैं।

उत्तर-

  1. अतीत
  2. भविष्य
  3. अर्थशास्त्र
  4. इतिहास के।

III. निम्नलिखित के सही जोड़े बनायें

(1) आर्यभट्ट – (क) महाकाव्य
(2) रामायण – (ख) वेद
(3) सामवेद – (ग) कौटिल्य
(4) अर्थशास्त्र – (घ) वैज्ञानिक।
उत्तर-
सही जोड़े
(1) आर्यभट्ट – (घ) वैज्ञानिक
(2) रामायण – (क) महाकाव्य
(3) सामवेद – (ख) वेद
(4) अर्थशास्त्र – (ग) कौटिल्य।

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IV. सही (✓) अथवा ग़लत (✗) का निशान लगायें

  1. मनुस्मृति धर्मशास्त्र ग्रन्थ है।
  2. आरण्यक वैदिक साहित्य का भाग नहीं हैं।
  3. सिक्के इतिहास का स्रोत नहीं हैं।
  4. अशोक ने अपना सन्देश पाषाण-स्तम्भों (पत्थरों के स्तम्भों) पर खुदवाया।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✗)
  4. (✓)

PSEB 6th Class Social Science Guide प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
किन्हीं दो प्राचीन भारतीय स्मारकों के नाम बताइए जिनके अवशेष ऐतिहासिक जानकारी जुटाते हैं।
उत्तर-
अशोक के स्तम्भ, नालंदा विश्वविद्यालय।

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प्रश्न 2.
‘इपिग्राफी’ क्या होती है?
उत्तर-
अभिलेखों के अध्ययन को ‘इपिग्राफी’ कहते हैं।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों में निम्न में से क्या शामिल नहीं है?
(क) सिक्के
(ख) धार्मिक पुस्तकें
(ग) प्राचीन इमारतें।
उत्तर-
(ख) धार्मिक पुस्तकें

प्रश्न 2.
नीचे दर्शाया चित्र ‘सांची का स्तूप’ किस प्रकार का ऐतिहासिक स्त्रोत है?
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 7 प्राचीन इतिहास का अध्ययन – स्त्रोत 1
(क) साहित्यिक
(ख) सामाजिक
(ग) पुरातात्विक
उत्तर-
(ग) पुरातात्विक

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प्रश्न 3.
निम्न में कौन से वैज्ञानिकों ने अपने आविष्कारों के बारे में पुस्तकें लिखी जो इतिहास लेखन में सहायता करती हैं?
(क) आर्यभट्ट तथा वराहमिहिर
(ख) कौटिल्य तथा कालिदास
(ग) समुद्रगुप्त तथा स्कंदगुप्त।
उत्तर-
(क) आर्यभट्ट तथा वराहमिहिर

प्रश्न 4.
निम्न में से किस प्राचीन राजा का उसके कार्यों के बारे में अभिलेख मिलता है?
(क) समुद्रगुप्त
(ख) अशोक
(ग) उपरोक्त दोनों।
उत्तर-
(ग) उपरोक्त दोनों।

अति लघ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
इतिहास के चार साहित्यिक स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर-
(1) वेद,
(2) ब्राह्मण ग्रंथ,
(3) उपनिषद्,
(4) महाकाव्य।

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प्रश्न 2.
किसी एक प्राचीन धर्मशास्त्र ग्रंथ का नाम लिखें।
उत्तर-
मनुस्मृति।

प्रश्न 3.
धर्मशास्त्र क्या है?
उत्तर-
प्राचीन काल के नियमों तथा कानूनों से सम्बन्धित पुस्तकों को धर्मशास्त्र कहा जाता है।

प्रश्न 4.
कहानी लेखन का आरम्भ कहां हुआ?
उत्तर-
भारत में।

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प्रश्न 5.
आर्यभट्ट तथा वराहमिहिर आदि वैज्ञानिकों की पुस्तकों से क्या पता चलता है?
उत्तर-
आर्यभट्ट तथा वराहमिहिर आदि वैज्ञानिकों की पुस्तकों से पता चलता है कि प्राचीन काल में विज्ञान तथा गणित के क्षेत्र में भारत अन्य देशों की तुलना में बहुत आगे था।

प्रश्न 6.
रामायण तथा महाभारत के लेखकों के नाम लिखें।
उत्तर-
रामायण के लेखक महाऋषि वाल्मीकि तथा महाभारत के लेखक महाऋषि वेद व्यास हैं।

प्रश्न 7.
चार पुरातत्त्व स्रोत कौन-से हैं?
उत्तर-

  1. प्राचीन भवन,
  2. प्राचीन अभिलेख,
  3. प्राचीन सिक्के,
  4. प्राचीन वस्तुएं।

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प्रश्न 8.
प्राचीन काल में ताम्रपत्रों का प्रयोग किस लिए किया जाता था? .
उत्तर-
प्राचीन काल में ताम्रपत्रों का प्रयोग भूमि को ख़रीदने व बेचने तथा भूमि-दान के दस्तावेज बनाने के लिए किया जाता था।

प्रश्न 9.
सम्राट अशोक कौन था?
उत्तर-
सम्राट अशोक मौर्य वंश का सबसे महान् शासक था।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
इतिहास के अध्ययन से हमें क्या पता चलता है?
उत्तर-
इतिहास के अध्ययन से हमें पता चलता है कि आरम्भ में मनुष्य कैसे रहता था तथा किस प्रकार समय के साथ-साथ सभ्यताओं का विकास हुआ।

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प्रश्न 2.
इतिहास के अध्ययन का हमारे भविष्य से क्या संबंध है?
उत्तर-
इतिहास को अच्छे भविष्य के लिए अतीत का अध्ययन कहा जाता है। यदि हम भविष्य में एक मज़बूत तथा आदर्श समाज की स्थापना करना चाहते हैं तो हमारे लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि हम वर्तमान स्थिति तक किस प्रकार पहुंचे हैं। इस सब का ज्ञान इतिहास के अध्ययन से ही प्राप्त हो सकता है।

प्रश्न 3.
रामायण तथा महाभारत के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर-
रामायण तथा महाभारत दो महत्त्वपूर्ण महाकाव्य हैं जो प्रारम्भिक वैदिक काल में लिखे गए थे। रामायण के लेखक महाऋषि वाल्मीकि हैं तथा इसमें 24000 श्लोक हैं। महाभारत कई शताब्दियों में भिन्न-भिन्न लेखकों द्वारा विस्तार में लिखी गई रचनाओं का समूह है। परन्तु आम विचार है कि इसके लेखक महाऋषि वेद व्यास हैं।

प्रश्न 4.
इतिहास के अध्ययन में प्राचीन सिक्कों का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
प्राचीन काल के सिक्के कली, तांबे, कांसे, चांदी तथा सोने आदि के बने हुए हैं। इन पर राजाओं के चित्र, जानवरों के चित्र, धार्मिक चिन्ह, सिक्के जारी करने वालों के नाम तथा तिथियां आदि लिखी हुई हैं। इनसे हमें प्राचीन राजाओं, उनके वंशों, प्राचीन काल के धार्मिक विश्वासों तथा लोगों के आर्थिक जीवन आदि के बारे में जानकारी महत्त्वपूर्ण होती है।

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प्रश्न 5.
सम्राट अशोक ने अपना सन्देश साधारण लोगों तक पहुंचाने के लिए क्या । किया?
उत्तर-
सम्राट अशोक ने अपना सन्देश साधारण लोगों तक पहुंचाने के लिए उसे चट्टानों तथा पत्थर के विशाल स्तम्भों पर खुदवाया ताकि लोग उसे पढ़ सकें। अनपढ़ लोगों को इसे समय-समय पढ़ कर सुनाया भी जाता था।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न-
इतिहास के अध्ययन के स्रोत के रूप में अभिलेखों का महत्त्व बताएं।
उत्तर-
इतिहास के अध्ययन के स्रोत के रूप में अभिलेखों का बहुत महत्त्व है। प्राचीन काल में पत्थरों के स्तम्भों, मिट्टी की तख़्तियों, तांबे की प्लेटों तथा मन्दिरों की दीवारों पर अभिलेख लिखे जाते थे। इन अभिलेखों से उस काल की महत्त्वपूर्ण घटनाओं का पता चलता है, जिस काल में ये लिखे गए थे।

1. अशोक ने मानवता के कल्याण के लिए अपना सन्देश चट्टानों तथा पत्थर के बड़ेबड़े स्तम्भों पर खुदवाकर सम्पूर्ण देश में फैला दिया ताकि लोग उसके विचारों को पढ़कर उन पर चल सकें। इन अभिलेखों से अशोक के धर्म तथा राज्य-विस्तार का पता चलता है।

2. अन्य कई राजाओं ने भी अपनी उपलब्धियों तथा विजयों को पत्थर के स्तम्भों पर खुदवाया। समुद्रगुप्त की उपलब्धियों का वर्णन उसके राज्य कवि हरिषेन ने इलाहाबाद में स्थित स्तम्भ-लेख में किया है।

3. दिल्ली में कुतुबमीनार के समीप स्थित लौह-स्तम्भ पर लिखित अभिलेख में चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य की उपलब्धियों का वर्णन है।

4. प्राचीन काल में भूमि को ख़रीदने-बेचने तथा भूमि को दान करने के लिए तांबे की प्लेटों का प्रयोग किया जाता था, जिन्हें ताम्र-पत्र कहते हैं। ताम्र-पत्र महत्त्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज़ हैं।

5. मिट्टी की तख़्तियों तथा मन्दिरों की दीवारों पर लिखित अभिलेखों से महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त होती है।

PSEB 6th Class Agriculture Objective Questions and Answers

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Agriculture Objective Questions and Answers.

PSEB 6th Class Agriculture Objective Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

पंजाब में कृषि-एक झलक

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब में कितने क्षेत्रफल में कृषि होती है ?
(i) 40 लाख हैक्टेयर
(ii) 14.34 लाख हैक्टेयर
(iii) 100 लाख हैक्टेयर
(iv)64.43 लाख हैक्टेयर।
उत्तर-
(i) 40 लाख हैक्टेयर।

प्रश्न 2.
सफेद क्रांति का संबंध किससे है ?
(i) मछली पालन
(ii) फसलों से
(iii) दूध पैदावार
(iv)धान से।
उत्तर-
(iii) दूध पैदावार।

रिक्त स्थान भरें-

  1. पंजाब में …………. प्रतिशत क्षेत्र सिंचाई के अधीन है।
  2. पंजाब दूध की पैदावार में …… स्थान पर है।
  3. …………… सहकारी संस्था गांव में से दूध ले लेती है।

उत्तर-

  1. 98
  2. चौथे
  3. मिल्कफेड।

गलत/ठीक –

  1. 1980 में कृषि वृद्धि दर 4.6% थी।
  2. पराली को आग लगाने से मिट्टी के उपजाऊ तत्त्व भी जल जाते हैं।
  3. पंजाब में 50% से अधिक क्षेत्रफल में पानी का स्तर 20 मीटर से गहरा हो गया है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)।

भूमि

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
डाकर भूमि को ……… भूमि भी कहा जाता है।
(i) भारी
(ii) हल्की
(iii) काली
(iv) रेतली।
उत्तर-
(i) भारी।

प्रश्न 2.
रेतली भूमि कौन-से इलाके में मिलती है।
(i) राजस्थान
(ii) ओडिशा
(iii) आसाम
(iv) बिहार।
उत्तर-
(i) राजस्थान।

प्रश्न 3.
दक्षिण पश्चिमी पंजाब में कैसी मिट्टी मिलती है ?
(i) रेतली
(ii) चिकनी
(iii) मैरा से चिकनी
(iv) मैरा।
उत्तर-
(i) रेतली।

रिक्त स्थान भरें –

  1. भूमि बनने में कई कारक सहायता करते हैं जैसे ……….।
  2. लाल मिट्टी में ………. की मात्रा अधिक होती है।
  3. उत्तर पूर्वी इलाके में ………… से भूमिक्षरण की समस्या बहुत अधिक है।
  4. दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा ……….. की कमी ___ होती है।

उत्तर-

  1. चट्टानें तथा जलवायु
  2. आयरन ऑक्साइड
  3. पानी
  4. पोटाशियम।

गलत/ठीक –

  1. रेतली भूमि में पानी रोकने की क्षमता सब से कम होती है।
  2. कपास के लिए काली मिट्टी अच्छी रहती है।
  3. मैरा भूमि में जैविक मादा अधिक होता है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)।

फ़सलों का विभाजन

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गर्म जलवायु की फसल है।
(i) कमाद
(ii) कपास
(iii) धान
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

प्रश्न 2.
तेल बीज फसलें हैं।
(i) अलसी
(ii) गेहूँ
(ii) अदरक
(iv) चने।
उत्तर-
(i) अलसी।

प्रश्न 3.
सावनी की फसलें हैं।
(i) कपास
(i) बाजरा
(iii) मूंगी
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

प्रश्न 4.
करुसीफरी फैमिली की फसलें हैं।
(i) सरसों
(ii) तोरिया
(ii) मूली
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

रिक्त स्थान भरें –

  1. भिंडी ……….. फैमिली की फसल है।
  2. मक्की ………….. फैमिली की फसल है।
  3. गन्ना …………. वर्षीय फसल है।
  4. गन्ना तथा ……… चीनी वाली फसलें हैं।
  5. राजस्थान में होने वाली फसलें ……… होती हैं।

उत्तर-

  1. मालवेसी
  2. घास
  3. बहु
  4. चुकंदर
  5. बरानी।

गलत/ठीक –

  1. हल्दी मसाले वाली फसल है।
  2. सट्ठी मूंगी संकटकाल की फसल है।
  3. गेहूँ गर्म जलवायु की फसल है।
  4. बरसीम चारे वाली फसल है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)
  4. (✓)।

बहुविकल्पीय प्रश्न –

प्रश्न 1.
पौधों में लगभग कितने प्रतिशत पानी होता है –
(i) 60%
(ii) 90%
(iii) 50%
(iv) 80%।
उत्तर-
(ii) 90%।

प्रश्न 2.
घरेलू आवश्यकताओं के लिए कितने प्रतिशत पानी प्रयोग होता है –
(i) 50%
(ii) 20%
(iii) 8%
(iv) 15%।
उत्तर-
(iii) 8%।

प्रश्न 3.
पानी निकालने के लिए प्रयोग में आते हैं –
(i) पशु
(ii) मछली मोटर
(iii) पंखे वाले पम्प
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

रिक्त स्थान भरें –

  1. सबमर्सीबल पम्प को ……… पम्प भी कहते हैं।
  2. हल्की मिट्टी में ………. सिंचाई की आवश्यकता है।
  3. ………….. के समय मिट्टी में उचित नमी होनी चाहिए।
  4. खड़े पानी में खेत की जुताई करने को …………. कहते हैं।

उत्तर-

  1. मछली
  2. अधिक
  3. बुआई
  4. कद्दू करना।

गलत/ठीक –

  1. खड़े पानी में खेत की जुताई को कद्दू करना कहते हैं।
  2. पानी फसल को लू से बचाता है।
  3. 1980 में ट्यूबवेलों की संख्या 6 लाख से अधिक थी।
  4. बनावटी ढंग से फसलों को पानी देने को सिंचाई कहते हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)
  4. (✓)।

खादें

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पौधों को कितने पोषक तत्त्वों की आवश्यकता है –
(i) 10
(ii) 17
(iii) 20
(iv) 25
उत्तर-
(ii) 17

प्रश्न 2.
हरी खाद के लिए प्रयोग होने वाली फसल है –
(i) चा
(ii) गेहूँ
(iii) धान
(iv) कोई नहीं।
उत्तर-
(i) लैंचा।

प्रश्न 3.
फॉस्फोरस तत्त्व वाली खाद है –
(i) यूरिया
(ii) म्यूरेट ऑफ पोटाश
(iii) जिंक कार्बोनेट
(iv) कोई नहीं।
उत्तर-
(iv) कोई नहीं।

प्रश्न 4.
यूरिया में कितने प्रतिशत नाइट्रोजन होती है –
(i) 50%
(ii) 46%
(iii) 70%
(iv) 16%
उत्तर-
(ii) 46%

रिक्त स्थान भरें-

  1. म्यूरेट ऑफ पोटाश में पोटाश तत्त्व ………. प्रतिशत होता है।
  2. नाइट्रोजन खाद की अधिक मात्रा में प्रयोग से भूमि में …………. पन बढ़ जाता है
  3. फॉस्फोरस खादें ………………….. नाम के खनिज पदार्थों से बने हैं।
  4. डी.ए.पी. में ………….. तत्त्व होता है।

उत्तर-

  1. 60%
  2. खारा
  3. एक फास्फेट
  4. फॉस्फोरस।

गलत/ठीक

  1. खादें 10 प्रकार की होती हैं।
  2. हवा में 78% नाइट्रोजन गैस के रूप में है।
  3. म्यूरेट ऑफ पोटाश में 60% पोटाश तत्त्व होता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✓)

कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

बहुविकल्पीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
ट्रैक्टर की हार्स पावर ……. होती है।
(i) 2
(ii) 5-90
(iii) 1000
(iv) कोई नहीं।
उत्तर-
(i) 5-901

प्रश्न 2.
पंजाब में कितने ट्रैक्टर हैं –
(i) 2 लाख
(ii) 10 लाख
(iii) 4.76 लाख
(iv) 7.46 लाख।
उत्तर-
(iii) 4.76 लाख।

प्रश्न 3.
पंजाब में ……. ट्यूबवेल बिजली से चलते हैं
(i) 11.5 लाख
(ii) 15 लाख
(iii) 17.9 लाख
(iv) 13.17 लाख।
उत्तर-
(i) 11.5 लाख।

प्रश्न 4.
जंदरा …………… काम आता है –
(i) जुताई में
(ii) मेढ़ बनाने में
(iii) समतल करने में
(iv) बुआई में।
उत्तर-
(ii) मेढ़ बनाने में।

रिक्त स्थान भरें –

  1. सुहागा भूमि को ………… तथा ………….. करने के काम आता है।
  2. कल्टीवेटर का प्रयोग तवियों के बाद ……… जुताई के लिए किया जाता है।
  3. ट्रांसप्लांटर द्वारा ………. की बुआई होती है।
  4. खुरपी से ………… की जाती है।
  5. रीपर का प्रयोग ………. के लिए होता है।

उत्तर-

  1. समतल/भुरभुरा
  2. दूसरी
  3. धान
  4. गुड़ाई
  5. कटाई।

गलत/ठीक –

  1. ट्रांसप्लांटर का प्रयोग धान की बुआई के लिए होता है।
  2. जंदरे का प्रयोग खेत में मेढ़ें बनाने के लिए होता है।
  3. डीज़ल ईंजन ट्रैक्टर से बड़ी मशीन होती है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)।

पंजाब के मुख्य फल

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अमरूद की किस्म नहीं है –
(i) सरदार
(ii) कलकत्तिया
(iii) इलाहाबाद सफैदा
(iv) पंजाब पिंक।
उत्तर-
(ii) कलकत्तिया।

प्रश्न 2.
फलों का राजा है
(i) अमरूद
(ii) आँवला
(iii) आम
(iv) बेर।
उत्तर-
(iii) आम।

प्रश्न 3.
टमाटर की तुलना में अमरूद में विटामिन-सी कितना अधिक है –
(i) 5 गुणा
(ii) 20 गुणा
(iii) 10 गुणा
(iv) 2 गुणा।
उत्तर-
(iii) 10 गुणा।

प्रश्न 4.
लीची की किस्म है
(i) प्रभात
(ii) सनौर-2
(iii) देहरादून
(iv) बग्गुगोशा।
उत्तर-
(ii) देहरादून।

प्रश्न 5.
बेर की किस्में हैं’
(i) उमरान
(ii) विलायती
(iii) सनौर-2
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

रिक्त स्थान भरें –

  1. गरेपफ्रूट …………. जाति का फल है।
  2. पंजाब का, आम की पैदावार में ………. स्थान है।
  3. ………. औरतों के स्तन कैंसर के लिए लाभदायक है।
  4.  ……….. रक्त साफ करता है।
  5. ………… ठण्डे इलाके का फल है।
  6.  पंजाब पिंक …………. की किस्म है।

उत्तर-

  1. नींबू
  2. तीसरा
  3. लीची
  4. बेर
  5. आड़
  6. अमरूद।

गलत/ठीक –

  1. उमरान आम की किस्म है।
  2. आम की कृषि में पंजाब तीसरे स्थान पर है।
  3. केले में पोटाशियम अधिक होता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✓)।

पंजाब की मुख्य सब्जियाँ

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भिण्डी की किस्म है
(i) पंजाब-7
(ii) पंजाब-छुहारा
(iii) पूसा स्नोवाल-1
(iv) पंजाब-88।
उत्तर-
(i) पंजाब-7

प्रश्न 2.
प्याज की किस्म है
(i) पंजाब व्हाइट
(ii) पंजाब नरोया
(iii) पी.आर.ओ-6
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
बैंगन की वर्ष में कितनी फसलें ली जा सकती हैं –
(i) 2
(ii) 3
(iii) 10
(iv) 4.
उत्तर-
(iv) 4.

प्रश्न 4.
पत्तेदार सब्जी नहीं हैं –
(i) शलगम
(ii) धनिया
(iii) मेथी
(iv) पालक।
उत्तर-
(i) शलगम।

प्रश्न 5.
कदू जाति की सब्जी नहीं है –
(i) करेला
(i) टमाटर
(iii) खरबूजा
(iv) खीरा
उत्तर-
(ii) टमाटर।

रिक्त स्थान भरें –

  1. कुफरी पुखराज ……… की किस्म है।
  2. पालक ………. ऋतु की सब्जी है।
  3. पंजाब नगीना ………….. की किस्म है।
  4. मटर के बीज को ……………… का टीका लगाया जाता है।
  5. गोभी की फसल ………. दिनों में तैयार हो जाती है।

उत्तर-

  1. आलू
  2. सर्द
  3. बैंगन
  4. राइज़ोबीयम
  5. 90-100।

गलत/ठीक –

  1. पी.सी. 34 गाजर की किस्म है।
  2. मिर्च के लिए 200 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  3. पंजाब छुहारा टमाटर की किस्म है।
  4. पंजाब सदाबहार आलू की किस्म है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)
  4. (✗)।

मुख्य फूल और

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पौधे हवा में से …… गैस खींचते हैं।
(i) ऑक्सीजन
(ii) नाइट्रोजन
(iii) कार्बन डाइआक्साइड
(iv) कोई नहीं।
उत्तर-
(iii) कार्बन डाइआक्साइड।

प्रश्न 2.
सर्द ऋतु का फूल है –
(i) फ्लाक्स
(ii) वरबीना
(iii) गेंदा
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
कुक्कड़ कलगा को ………. माह में लगाया जाता है –
(i) मार्च
(ii) जुलाई
(iii) दिसम्बर
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(ii) जुलाई।

प्रश्न 4.
छिपकली लता ………… की सहायता से दीवार पर चढ़ती है –
(i) काँटे
(ii) रिस रहे पदार्थ
(iii) टैंडरिल
(iv) कोई नहीं।
उत्तर-
(ii) रिस रहे पदार्थ।

प्रश्न 5.
सजावट के लिए गमलों में लगाए जाने वाले पौधे हैं –
(i) मनी प्लांट
(ii) रबड़ प्लांट
(iii) पालक
(iv) सभी।
उत्तर-
(iv) सभी।

रिक्त स्थान भरें –

  1. गमफरीना …………. ऋतु का फूल है।
  2. …………. को पतझड़ की रानी कहा जाता है।
  3. हिवसकस के फूल का रंग …….. है।
  4. गोल्डन शावर को दीवार पर चढ़ने में ………. सहायक हैं।
  5. ……….. झुकी शाखाओं वाला वृक्ष है।

उत्तर-

  1. गर्मी
  2. गुलदौदी
  3. लाल
  4. टैंडरिल
  5. बोतल ब्रश।

गलत/ठीक –

  1. फलाक्स की पनीरी अक्तूबर-नवम्बर में तैयार की जाती है।
  2. रजनीगंधा फूलों का तेल निकाला जाता है।
  3. बोतल ब्रश के फूल लाल रंग के होते हैं।
  4. गुलाब से गुलकंद बनता है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)
  4. (✓)।

कृषि सहायक व्यवसाय

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गर्मी ऋतु की खुम्ब है –
(i) बटन
(ii) मिल्की खुम्ब
(iii) औइस्टर
(iv) शिटाकी।
उत्तर-
(i) मिल्की खुम्ब।

प्रश्न 2.
मधु-मक्खी पालन से शहद के इलावा मिलता है –
(i) बी-वैनम
(ii) रॉयल-जैली
(iii) वी-वैक्स
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीक।

प्रश्न 3.
दोगली किस्म की गाय है
(i) होलसटीन फ्रीजीयन
(ii) जर्सी
(iii) दोनों ठीक
(iv) दोनों गलत।
उत्तर-
(iii) दोनों ठीक।

प्रश्न 4.
फलों तथा सब्जियों से क्या बनाया जाता है –
(i) अचार
(ii) मुरब्बे
(iii) सक्वै श
(iv) सभी ठीक।
उत्तर-
(iv) सभी ठीका

रिक्त स्थान भरें-

  1. पंजाब में ……… बटन खुम्बों की कृषि की जाती है।
  2. ………. मक्खी की किस्म पंजाब में अधिक प्रचलित है।
  3. जरसी तथा …………. दोगली गाय है।

उत्तर-

  1. 90%
  2. इटैलिटयन
  3. होलसटीन फ्रीजीयन।

गलत/ठीक –

  1. बटन गर्मी ऋतु की खुम्बें हैं।
  2. पंजाब में इटैलियन मक्खी प्रचलित है।
  3. जर्सी दोगली किस्म की गाय है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 10 कृषि सहायक व्यवसाय

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 10 कृषि सहायक व्यवसाय Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 10 कृषि सहायक व्यवसाय

PSEB 6th Class Agriculture Guide कृषि सहायक व्यवसाय Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दो-

प्रश्न 1.
पंजाब में कितने किसान छोटे तथा सीमांत हैं ?
उत्तर-
एक तिहाई।

प्रश्न 2.
खुम्बों की कितनी किस्में हैं ?
उत्तर-
सर्दी की खुम्बें हैं-बटन, औइस्टर, शिटाकी। गर्मी की खुम्बें हैं-मिल्की खुम्ब, धान की पराली वाली।

प्रश्न 3.
मधुमक्खी की कौन-सी किस्म पंजाब में अधिक प्रचलित है ?
उत्तर-
इटैलियन।

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प्रश्न 4.
किस व्यवसाय के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन की तरफ से सब्सिडी दी जाती है ?
उत्तर-
मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए।

प्रश्न 5.
गाँवों से दूध कौन इकट्ठा करता है ?
उत्तर-
दूध सहकारी संस्थाएं।

प्रश्न 6.
पंजाब में सबसे अधिक कौन-सी खुम्ब की कृषि होती है ?
उत्तर-
बटन खुम्ब की।

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प्रश्न 7.
सब्जियों को आगे-पीछे करने के लिए किस तरह की कृषि करनी चाहिए ?
उत्तर-
सुरक्षित काश्त।

प्रश्न 8.
किसानों को मशीनें किराए पर देने वाले केंद्र को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
कृषि सेवा केन्द्र।

प्रश्न 9.
कौन-से पशु पालकों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती
उत्तर-
10 दोगली गाएं रखने वाले पशु-पालकों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है।

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प्रश्न 10.
ऐग्रो प्रोसैसिंग कंपलैक्स (Agro processing complex) का मॉडल किस संस्था की ओर से दिया गया है ?
उत्तर-
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दो

प्रश्न 1.
खुम्बों की कौन-कौन सी किस्में हैं ?
उत्तर-
सर्दी की खुम्बे हैं-बटन, औइस्टर, शिटाकी। गर्मी की खुम्बे हैं-मिल्की खुम्ब, धान की पराली वाली।

प्रश्न 2.
मधुमक्खी पालन में किन-किन पदार्थों का उत्पादन होता है ?
उत्तर-
शहद, बी-वैक्स, रॉयल जैली, बी-वैनम, बी-ब्रूड आदि पदार्थों का उत्पादन होता है।

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प्रश्न 3.
फलों और सब्जियों की छोटे स्तर पर प्रोसैसिंग किस रूप में की जा सकती है ?
उत्तर-
फलों तथा सब्जियों के अचार, मुरब्बे, सक्वैश आदि बना कर छोटे स्तर पर प्रोसैसिंग की जा सकती है।

प्रश्न 4.
खुम्बों की कृषि किस मौसम में की जाती है ?
उत्तर-
सर्दी ऋतु की खुम्बों की कृषि सितंबर से मार्च तथा गर्मी की अप्रैल से अगस्त में की जाती है।

प्रश्न 5.
गाय की किन किस्मों से अधिक आय होती है ?
उत्तर-
होलसटीन फ्रीजीयन तथा जर्सी गाय से।

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प्रश्न 6.
कृषि पदार्थों से अधिक आय कैसे प्राप्त की जा सकती है ?
उत्तर-
अनाज, दालें, तेल बीज आदि कृषि पदार्थों से आटा, बड़ियाँ, तेल आदि बना कर अधिक आय प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 7.
कृषि परामर्श केंद्र में कौन-सी सेवाएं प्रदान की जाती हैं ?
उत्तर-
यहां कृषि से संबंधित सामान, जैसे- बीज, रसायन, खादें आदि बेचे जा सकते हैं तथा किसानों को समय-समय पर आवश्यक सलाह भी दी जा सकती है।

प्रश्न 8.
सहायक व्यवसायों को लघु स्तर से क्यों आरंभ करना चाहिए ?
उत्तर-
किसी भी काम को नया शुरू करने के लिए पूरी जानकारी तथा अनुभव नहीं होता है। इसलिए ऐसे काम में हानि भी हो सकती है। यदि कार्य छोटे स्तर पर किया हो तो हानि भी कम होने की संभावना रहती है। समय के साथ अनुभव हो जाता है तथा काम बड़े स्तर पर किया जा सकता है।

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प्रश्न 9.
घर में सब्ज़ियां लगाना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
घर में सब्जियां लगाने से पैसे की बचत हो जाती है एवं ताजा तथा विष रहित सब्जियां मिल जाती हैं।

प्रश्न 10.
सहायक व्यवसाय संबंधी प्रशिक्षण कहाँ से लिया जा सकता है ?
उत्तर-
यह प्रशिक्षण पंजाब कृषि विश्वविद्यालय तथा जिला स्तर पर कृषि विज्ञान केन्द्रों से लिया जा सकता है।

(ग) पाँच-छः वाक्यों में उत्तर दो

प्रश्न 1.
पंजाब की कृषि में ठहराव आने के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
गेहूं, धान के फसल चक्र में पड़कर पंजाब इन फसलों में आत्मनिर्भर बन गया परन्तु इस चक्र में फंस कर प्राकृतिक स्रोतों, पानी तथा मिट्टी का आवश्यकता से अधिक उपयोग किया गया तथा कीटनाशक, नदीननाशकों आदि का भी आवश्यकता से अधिक उपयोग किया गया। इस से भूमिगत जल का स्तर और नीचे चला गया तथा मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम हो गई। पंजाब की कृषि दर कम हो गई तथा कृषि में एक ठहराव सा आ गया। पंजाब के एक तिहाई किसान छोटे तथा सीमांत हैं। इनका गुज़ारा भी केवल कृषि से नहीं हो रहा।

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प्रश्न 2.
किसानों को कृषि आधारित सहायक व्यवसाय अपनाने की सिफारिश की गई है ?
उत्तर-
पंजाब में लगभग एक तिहाई किसान छोटे तथा सीमांत हैं। इनके पास एक हैक्टेयर या इससे भी कम भूमि है। इनका गुजारा केवल कृषि की कमाई से होना मुश्किल है। इसलिए ऐसे किसानों से कृषि सहायक व्यवसाय अपनाने की सिफ़ारिश की जाती है।

प्रश्न 3.
कृषि परामर्श केंद्रों के बारे में संक्षिप्त विवरण दो।
उत्तर-
ऐसे केन्द्रों को खोल कर पढ़े-लिखे नवयुवक अपनी आय का स्रोत बना सकते हैं। इन केन्द्रों पर कृषि में आवश्यक सामान जैसे-बीज, रसायन, खादें आदि रखे जा सकते हैं तथा कमाई की जा सकती है। किसानों को समय-समय पर आवश्यक सलाह दी जाती है। इस तरह यह केन्द्र जहां एक तरफ नवयुवकों की कमाई का साधन बन सकते हैं वहीं किसानों के सहायक भी बन सकते हैं।

प्रश्न 4.
पशु-पालन से अधिक आय कैसे प्राप्त की जा सकती है ?
उत्तर-
पशु-पालन शुरू से ही किसानों का तथा गांव में प्रत्येक घर का अहम भाग रहा है। पशुओं से प्राप्त दूध जहां घर में प्रयोग किया जाता है वहीं फालतू दूध बेच कर कमाई भी की जा सकती है। वर्तमान समय में पंजाब के प्रत्येक गांव में सहकारी सभाएं हैं जहां दूध को एकत्र करके दूध की प्रोसैसिंग की जाती है तथा पशु पालक घर बैठे ही कमाई कर सकते हैं। इस व्यवसाय में दोगली गाएं जैसे जर्सी तथा होलसटीन फरीजीयन से अधिक कमाई की जा सकती है। 10 दोगली गाय रखने वाले पशु पालक को सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता दी जाती है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 10 कृषि सहायक व्यवसाय

प्रश्न 5.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की ओर से ऐग्रो प्रोसैसिंग में किन मशीनों की सिफ़ारिश की गई है ?
उत्तर-
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की ओर से एक ऐग्रो प्रोसैसिंग कम्पलैक्स का मॉडल दिया गया है जिसमें एक छोटी आटा चक्की, छोटी चावल निकालने की मशीन, तेल निकालने वाला कोल्हू, दालें तथा मसाले पीसने वाली मशीन, पेंजा, पशु खुराक तैयार करने वाली मशीनें आदि लगाई जाती हैं। नवयुवक किसान इस कम्पलैक्स को लगाकर आमदन का अच्छा साधन बना सकते हैं।

Agriculture Guide for Class 6 PSEB कृषि सहायक व्यवसाय Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
छोटे तथा सीमांत किसानों के पास कितनी भूमि रह गई है ?
उत्तर-
एक हैक्टेयर या इससे भी कम।

प्रश्न 2.
खुम्बों की काश्त कहाँ की जा सकती है ?
उत्तर-
घर के किसी भी कमरे में।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 10 कृषि सहायक व्यवसाय

प्रश्न 3.
पंजाब में बटन खुम्बों की काश्त कितने प्रतिशत की जाती है ?
उत्तर-
90 प्रतिशत।

प्रश्न 4.
कितनी दोगली गाय रखने पर सरकार द्वारा आर्थिक सहायता मिलती है ?
उत्तर-
10 दोगली गाय रखने पर।

प्रश्न 5.
आजकल अन्य कौन-से कृषि सहायक व्यवसाय अपनाए जा रहे हैं ?
उत्तर-
मुर्गी पालन, सुअर पालन, भेड़ तथा बकरी पालन, खरगोश पालन आदि।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मधुमक्खी पालन से शहद के अलावा और क्या मिलता है ?
उत्तर-
मधुमक्खी पालन से शहद के अलावा बी-वैक्स, रॉयल जैली, बी-वैनम, बी-ब्रड आदि पदार्थ प्राप्त होते हैं।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 10 कृषि सहायक व्यवसाय

प्रश्न 2.
मधुमक्खी पालन के लिए सब्सिडी किस विभाग से मिलती है ?
उत्तर-
पंजाब बागवानी विभाग द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय बागवानी मिशन द्वारा इस व्यवसाय के लिए सब्सिडी दी जाती है।

प्रश्न 3.
पशु पालन में कौन-सी गायों से अधिक आय मिल सकती है ?
उत्तर–
दोगली नस्लें जैसे जर्सी तथा होलस्टीन फ्रीजीयन से अधिक आय मिल सकती है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खुम्बों की काश्त के बारे में बताएं।
उत्तर-
खुम्बों की काश्त घर के किसी भी कमरे में की जा सकती है। इसके लिए भूमि की आवश्यकता नहीं होती। गर्मी में मिल्की खुम्ब तथा धान की पराली वाली खुम्बें उगाई जाती हैं तथा सर्दी में बटन, औइस्टर तथा शिटाकी खुम्बों की काश्त होती है। गर्मी वाली खुम्बों को अप्रैल से अगस्त तथा सर्दी वाली खुम्बों को सितम्बर से मार्च तक उगाया जाता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 10 कृषि सहायक व्यवसाय

प्रश्न 2.
मधुमक्खी पालन का विवरण दें।
उत्तर-
मधुमक्खी पालन का व्यवसाय अपना कर कमाई की जा सकती है। इससे कृषि के कामों में कोई भी रुकावट नहीं पड़ती। पंजाब में इटैलियन मक्खी बहुत प्रचलित है।

मधुमक्खी पालन से शहद के अलावा बी-वैक्स, रॉयल जैली, बी-वैनम, बी-ब्रूड आदि पदार्थ प्राप्त होते हैं। पंजाब बागवानी विभाग द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय बागवानी मिशन द्वारा इस व्यवसाय के लिए सब्सिडी भी दी जाती है।

कृषि सहायक व्यवसाय PSEB 6th Class Agriculture Notes

  1. हरित क्रांति से पंजाब गेहूं-धान जैसी फसलों में आत्मनिर्भर हो गया।
  2. पंजाब में एक तिहाई किसान छोटे तथा सीमांत हैं जिनके पास एक हैक्टेयर या इस से भी कम भूमि है।
  3. खुम्बों की काश्त घर के किसी भी कमरे में की जा सकती है।
  4. खुम्बों की सर्द ऋतु की किस्में हैं-बटन, औइस्टर तथा शिटाकी।
  5. गर्मी ऋतु के लिए मिल्की खुम्ब, धान की पराली वाली खुम्ब।
  6. पंजाब में 90 प्रतिशत बटन खुम्ब की काश्त की जाती है।
  7. पंजाब में इटैलियन मक्खी की किस्म बहुत प्रचलित है।
  8. मधुमक्खियों से बी वैक्स, रॉयल जैलीबी वैनम, वी ब्रूड जैसे पदार्थ प्राप्त होते हैं।
  9. मधुमक्खी पालन के व्यवसाय को शुरू करने के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन की तरफ से सब्सिडी दी जाती है।
  10. पशु पालन व्यवसाय में दोगली गाएं; जैसे-जर्सी, होल्सटीन फ्रीजियन पाली जाती
  11. सब्जियों की काश्त से अच्छी कमाई की जा सकती है।
  12. खेती पदार्थों की प्रोसैसिंग करके भी अच्छी कमाई की जा सकती है।
  13. कृषि मशीनरी खरीद कर किसानों को किराए पर दी जा सकती हैं तथा कमाई की जा सकती है।
  14. पढ़े-लिखे नवयुवक कृषि से संबंधित सामान तथा कृषि से संबंधित परामर्श देने का केन्द्र खोल सकते हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

PSEB 6th Class Home Science Guide पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
रंग कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
रंग दो प्रकार के होते हैं।

प्रश्न 2.
नीला और जामुनी रंग किस श्रेणी के रंग हैं ?
उत्तर-
ठण्डे रंग।

प्रश्न 3.
गर्मियों के लिए कैसे रंगों का चुनाव करना चाहिए ?
उत्तर-
ठण्डे रंगों का जैसे सफेद, बादामी रंग।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

प्रश्न 4.
सर्दियों के लिए कैसे वस्त्रों का चुनाव करना चाहिए ?
उत्तर-
सर्दियों के लिए ऊनी, सिल्की या नॉयलॉन आदि के वस्त्र खरीदने चाहिएं तथा गर्म रंगों वाले वस्त्र।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
भिन्न-भिन्न प्रकार की रेखाओं का पोशाक पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
विभिन्न प्रकार की रेखाओं का पोशाक पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है –
(क) सीधी रेखाएँ-इससे पहनने वाले का आकार लम्बा तथा पतला लगता है। (ख) दाएँ-बाएँ लेटी रेखाएँ-इससे आदमी मोटा लगता है।
(ग) तिरछी रेखाएँ-यदि ये ज़्यादा लम्बाई की ओर हों तो आदमी लम्बा तथा यदि चौड़ाई की ओर हों तो छोटा तथा मोटा लगता है।
(घ) गोलाई की रेखाएँ-इससे कंधे चौड़े लगते हैं।
(ङ) टूटी हुई रेखाएँ-ये लम्बाई को छोटा दिखाती हैं।
(च)वी’ शक्ल की रेखाएँ-इस तरह की रेखाएँ शरीर को चौड़ा या लम्बा दिखा सकती हैं। जितनी गहरी ‘वी’ होगी, उतना ही आदमी पतला लगेगा।

प्रश्न 2.
मोटे और छोटे व्यक्ति को कैसी लाइनों का प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
मोटे और छोटे व्यक्ति को तिरछी लाइनों का प्रयोग करना चाहिए।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

प्रश्न 3.
गर्म और ठण्डे रंग कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
गर्म रंग-लाल, संतरी तथा पीला।
ठण्डे रंग-हरा, नीला तथा जामुनी।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कपड़ों का चुनाव करते समय रेखाओं तथा रंगों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
कपड़ों का चुनाव करते समय रेखाओं का निम्नलिखित महत्त्व है –
(क) सीधी रेखाएँ-इन्हें देखने के लिए आँख को ऊपर से नीचे की ओर देखना पड़ता है। इससे पहनने वाले का आकार लम्बा तथा पतला लगता है।

(ख) दाएँ-बाएँ लेटी रेखाएँ-इन रेखाओं को देखने के लिए एक सिरे से दूसरे सिरे तक देखना पड़ता है। इसलिए ये पहनने वाले को चौड़ा तथा छोटा दिखाती हैं। इससे आदमी मोटा लगता है।

(ग) तिरछी रेखाएँ-ये अधिक लम्बाई की ओर हों तो आदमी लम्बा तथा यदि चौडाई की ओर हों तो आदमी छोटा तथा मोटा लगता है।

(घ) गोलाई की रेखाएँ-इस तरह की रेखाएँ फ्रॉक की चोली, कालर तथा गले पर बनाई जाती हैं। इससे कंधे चौड़े लगते हैं।
(ङ) टूटी हुई रेखाएँ-ये लम्बाई को छोटा दिखाती हैं।

(च) ‘वी’शक्ल की रेखाएँ-इस प्रकार की रेखाएँ शरीर को चौड़ा या लम्बा दिखा सकती हैं। जितनी गहरी ‘वी’ होगी, उतना ही आदमी पतला लगेगा।
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव 1
कपड़ों का चुनाव करते समय रंगों का महत्त्व-लाल, संतरी तथा पीला रंग गर्म रंग माने गए हैं। इनको पहनने से गर्मी अनुभव होती है। परन्तु भड़कीले होने के कारण इन रंगों का अधिक प्रयोग ज्यादा समय तक नहीं किया जा सकता है। हरे, नीले तथा जामुनी रंगों को ठंडे रंग कहा जाता है। ये काफ़ी सुखदायक होते हैं। परन्तु इनके ज़्यादा इस्तेमाल से व्यक्ति उदास लगता है। रंगों का चुनाव करते समय पहनने वाले का रूप, आकार, मौसम, दिन-रात तथा अवसर का ध्यान रखना ज़रूरी है। पक्के रंग वाली स्त्रियों को ज़्यादा गाढ़े तथा गर्म रंग नहीं पहनने चाहिएं। एक लम्बी स्त्री को हल्के रंग तथा छोटे छापे का कपड़ा नहीं पहनना चाहिए। एक छोटी स्त्री को गाढ़े रंग का तथा बड़े छापे वाले वस्त्र नहीं पहनने चाहिएं। एक मध्यम शरीर वाली स्त्री जो न बहुत लम्बी तथा न बहुत छोटी हो, किसी भी रंग या डिज़ाइन का कपड़ा पहन सकती है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

प्रश्न 2.
अपने लिए वस्त्र खरीदते समय आप कौन-कौन सी बातों का ख्याल रखेंगे?
उत्तर-
वस्त्र खरीदते समय ध्यान रखने वाली बातें –

  1. रेखाओं के प्रयोग
    (क) सीधी रेखाएँ
    (ख) दाएँ-बाएँ लेटी रेखाएँ
    (ग) तिरछी रेखाएँ
    (घ) गोलाई की रेखाएँ
    (ङ) टूटी हुई रेखाएँ
    (च) ‘वी’ शक्ल की रेखाएँ।
  2. गले की रेखा का आकार
  3. लेस, झालर या बटन लगाना
  4. पोशाक की लम्बाई तथा चौड़ाई
  5. वस्त्र चुनाव के समय रंगों का चुनाव
  6. अवसर के अनुसार वस्त्रों का चुनाव
  7. ऋतु के अनुसार वस्त्रों का चुनाव।

प्रश्न 3.
अवसर तथा ऋतु के अनुसार आप कपड़ों का कैसे चुनाव करोगे ?
उत्तर-
अवसर के अनुसार कपड़ों का चुनाव-रोज़ घर में पहनने वाले वस्त्र अधिक समय तक चलने वाले, सुगमता से धोए जा सकने वाले तथा अधिक महँगे नहीं होने चाहिएं। स्कूल के बच्चों की एक जैसी वर्दी होनी चाहिए ताकि किसी को धनी या निर्धन होने का आभास न हो। बच्चों के रोज़ पहनने वाले वस्त्र ऐसे होने चाहिएं जो जल्दी गन्दे न हों। घर के बाहर काम करने वाली स्त्रियों के वस्त्र अधिक कीमती या भड़कीले नहीं होने चाहिएं। कभी-कभी ब्याह-शादी या अन्य किसी अवसर के लिए सिल्क या अन्य कीमती वस्त्र, जिनके रंग भड़कीले या गाढ़े भी हो सकते हैं, खरीदे जा सकते हैं।

ऋतु के अनुसार कपड़ों का चुनाव-हम ऋतु के अनुसार कपड़े खरीदते हैं। सर्दियों के लिए गाढ़े रंग के तथा गर्म रंगों के कपड़े तथा गर्मियों के लिए हल्के तथा ठंडे रंगों के वस्त्र खरीदने चाहिएं। ब्राउन तथा काला रंग सर्दियों में प्रयोग करना चाहिए और सफेद या बादामी रंग गर्मियों में प्रयोग करना चाहिए। सर्दियों के लिए ऊनी, सिल्की या नॉयलॉन आदि के वस्त्र खरीदने चाहिएं। गर्मियों के लिए सूती कपड़ों या टेरीकॉट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

प्रश्न 4.
आप अपने कपड़ों की कैसे देख-भाल करोगे ?
उत्तर-
कपड़ों की देख-भाल –

  1. कपड़ों को सदा साफ़-सुथरा तथा अच्छी दशा में रखना चाहिए।
  2. कालर या कफ़ से कमीज़ फट जाए तो तुरंत ठीक करवा लेना चाहिए।
  3. कपड़ा कहीं से फट जाए या छिद्र हो जाए तो उसे रफू या पैबन्द लगाकर ठीक कर लेना चाहिए।
  4. बटन व हुक आदि टूट जाए तो शीघ्र ही उसे बदल देना चाहिए।
  5. कपड़ों को कभी भी किसी कील में नहीं टाँगना चाहिए।
  6. कपड़ों को अच्छी तरह तह करके अलमारी में रखकर हैंगर में लटकाना चाहिए।

Home Science Guide for Class 6 PSEB पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
गर्म रंग कौन-से माने गए हैं ?
उत्तर-
लाल, संतरी तथा पीला रंग गर्म रंग माने गए हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

प्रश्न 2.
ठंडे रंग कौन-से माने गए हैं ?
उत्तर-
हरा, नीला तथा जामुनी रंग ठंडे रंग माने गए हैं।

प्रश्न 3.
स्कूल के बच्चों की यूनीफार्म कैसी होनी चाहिए ?
उत्तर-
स्कूल के सभी बच्चों की यूनीफार्म एक जैसी होनी चाहिए।

प्रश्न 4.
गर्मियों में कैसे कपड़ों का इस्तेमाल किया जाता है ?
उत्तर-
गर्मियों में सूती या टेरीकॉट कपड़ों का इस्तेमाल किया जाता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कपड़ों का चुनाव करते समय गले की रेखाओं का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
कपड़ों का चुनाव करते समय गले की रेखाएँ कन्धे को चौड़ा या लम्बा या छोटा दिखा सकती हैं, जैसे कि ‘वी’ या ‘यू’ आकार के गले से गर्दन तथा चेहरे का आकार लम्बा तथा गोल और चौरस गले से चेहरा तथा कन्धे चौड़े तथा गर्दन छोटी लगती है। लम्बी गर्दन वाले को दोहरी पट्टी वाली या कालर वाली कमीज़ पहननी चाहिए।
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव 2

प्रश्न 2.
ऋतु के अनुसार कपड़ों के चुनाव के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
हम ऋतु के अनुसार कपड़े खरीदते हैं। सर्दियों के लिए गाढ़े रंग के तथा गर्म रंगों के कपड़े तथा गर्मियों के लिए हल्के तथा ठंडे रंगों के वस्त्र खरीदने चाहिएं। ब्राउन तथा काला रंग सर्दियों में प्रयोग करना चाहिए और सफेद या बादामी रंग गर्मियों में प्रयोग करना चाहिए। सर्दियों के लिए ऊनी, सिल्की या नॉयलॉन आदि के वस्त्र खरीदने चाहिएं। गर्मियों के लिए सूती कपड़ों या टेरीकॉट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

प्रश्न 3.
कपड़ों की देखभाल के लिए कोई दो बातें बताएं।
उत्तर-

  1. कपड़ों को कील पर न टांगें।
  2. कपड़ों को सदा साफ तथा अच्छी अवस्था में रखें।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
किसी गर्म रंग का नाम बताएँ।
उत्तर-
लाल।

प्रश्न 2.
लम्बी तथा पतली स्त्रियों को किस प्रकार की रेखाओं वाले वस्त्र पहनने चाहिए ?
उत्तर-
लेटी हुई रेखाओं के।

प्रश्न 3.
ठण्डे रंग का नाम बताएँ।
उत्तर-
जामनी।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

प्रश्न 4.
संतरी रंग गर्म है या ठण्डा ।
उत्तर-
गर्म।

प्रश्न 5.
टूटी रेखाएं क्या दर्शाती हैं ?
उत्तर-
लम्बाई को छोटा करती हैं।

प्रश्न 6.
मोटे तथा छोटे व्यक्ति को कैसी लाइनों वाले कपड़े पहनने चाहिए ?
उत्तर-
टेढ़ी लाइनों वाले।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 6 पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव

पहनने वाले वस्त्रों का चुनाव PSEB 6th Class Home Science Notes

  • प्रत्येक व्यक्ति को अपने रंग-रूप, लम्बाई-मोटाई, व्यक्तित्व, ऋतु तथा अपने काम के अनुसार ही वस्त्र खरीदने चाहिए।
  • रंगों तथा लाइनों के प्रयोग से तथा डिज़ाइन बदलने से शारीरिक दोषों को कुछ सीमा तक छुपाया जा सकता है।
  • लाइनदार कपड़ा खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें –
    (क) सीधी रेखाएँ, (ख) दाएँ-बाएँ लेटी रेखाएँ, (ग) तिरछी रेखाएँ, (घ) गोलाई की रेखाएँ, (ङ) टूटी हुई रेखाएँ, (च) ‘वी’ शक्ल की रेखाएँ।
  • लम्बी गर्दन वाले को दोहरी पट्टी वाली या कालर वाली कमीज़ पहननी चाहिए।
  • छोटी गर्दन वालों को बंद गले या ऊँचे गले वाले वस्त्रों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • लम्बी तथा पतली स्त्रियों को लेटवीं रेखाओं में तथा मोटी और छोटे कद वाली स्त्रियों को खडी रेखाओं के वस्त्र आदि लेने चाहिएं।
  • छोटे आकार वाली स्त्री को गाढ़े रंग तथा बड़े छापे वाले वस्त्र नहीं पहनने चाहिएं।
  • वस्त्र व्यक्ति को शोभा तभी बढ़ाते हैं जब उनकी ठीक देख-भाल की जाए।
  • कपड़ों को धोकर प्रेस कर लिया जाए तो वे और भी सुन्दर लगते हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

PSEB 6th Class Home Science Guide शुद्ध वायु का आवागमन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
शुद्ध हवा में ऑक्सीजन कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
शुद्ध हवा में ऑक्सीजन 20 प्रतिशत होती है।

प्रश्न 2.
शुद्ध हवा में कार्बन डाइऑक्साइड कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
शुद्ध हवा में कार्बन डाइऑक्साइड 0.04 प्रतिशत होती है।

प्रश्न 3.
प्रत्येक मनुष्य को एक घण्टे में कितने घन फुट ताज़ा हवा की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
3000 घन फुट ताज़ी वायु की।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

प्रश्न 4.
घर में हवा के आगमन के लिए क्या उचित है ?
उत्तर-
दरवाज़ों और खिड़कियों की संख्या अधिक हो और वे आमने-सामने हों।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
दूषित हवा में साँस लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक क्यों है ?
उत्तर-
गन्दी वायु में श्वास लेने से जी ख़राब होने लगता है, खून की कमी हो जाती है तथा पाचन क्रिया बिगड़ जाती है। शरीर का रंग पीला पड़कर चमड़ी पर छूत की बीमारियाँ लगने की भी सम्भावना रहती हैं।

प्रश्न 2.
अन्दर तथा बाहर की वायु के तापमान में अन्तर होने का क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
अन्दर तथा बाहर की वायु के तापमान में जितना अन्तर होगा उतना ही वायु का दौरा तीव्र होगा।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

प्रश्न 3.
रसोई में वायु का प्रबन्ध कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
रसोई में वायु का प्रबन्ध शुद्ध होना चाहिए।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
शुद्ध वायु के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
शुद्ध वायु के निम्नलिखित लाभ हैं –

  1. शुद्ध वायु शरीर के आन्तरिक अंगों की सफाई के लिए आवश्यक है, क्योंकि शुद्ध वायु द्वारा ऑक्सीजन की ठीक मात्रा शरीर के अन्दर जाती है।
  2. इससे फेफड़े और पाचन-क्रिया ठीक ढंग से काम करते हैं।
  3. शरीर का तापमान भी ठीक रहता है।

प्रश्न 2.
वायु शुद्ध करने के बनावटी ढंग बताओ।
उत्तर-
वायु शुद्ध करने के बनावटी ढंग निम्नलिखित हैं –

1.पंखे-यह गन्दी हवा बाहर निकालने का एक उत्तम तथा वैज्ञानिक तरीका है। जब पंखा चलता है तो गंदी हवा बाहर निकल जाती है तथा उसके स्थान पर साफ़ और शुद्ध हवा अन्दर आ जाती है।

2. वायु निकासी मशीन-वायु निकासी मशीन का कार्य मशीन से गैस बाहर निकालना है। बड़े-बड़े हाल कमरे जहाँ ड्रामे होते हैं, लैक्चर हॉलों तथा सिनेमाघरों में हवा को बाहर निकाला जाता है।
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन 1

3. पाइप या नालियों द्वारा- यह विधि वहाँ पर प्रयोग की जाती है जहाँ कमरों की गन्दी हवा बाहर निकालने के लिए रोशनदान तो हों परन्तु खिड़कियाँ न हों और यदि हों भी तो खोली न जा सकती हों। जिन कमरों में दरवाजे बंद हों और केवल रोशनदान ही खुलें हों, उन कमरों में गन्दी हवा रोशनदान द्वारा बाहर निकाल दी जाती है। साफ़ हवा पाइपों द्वारा कमरों में आती है।

4. पाइप तथा हवा निकासी मशीन से-बड़े-बड़े कान्फ्रेंस हालों में यदि खिड़कियाँ और रोशनदान न भी हों या रोशनदान और खिड़कियाँ बन्द हों और उन्हें किसी कारणवश खोला न जा सकता हो तो ऐसे स्थानों से मशीन द्वारा गन्दी वायु को बाहर निकाल दिया जाता है। स्वच्छ वायु पाइपों द्वारा कमरों में भेजी जाती है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

प्रश्न 3.
वायु का आवागमन ठीक रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
वायु का आवागमन-मकान में शुद्ध वायु के आवागमन का प्रबन्ध अत्यन्त आवश्यक है, क्योंकि शुद्ध वायु और प्रकाश का स्वास्थ्य से बहुत ही घनिष्ठ सम्बन्ध है। घर में संवातन की समुचित व्यवस्था हेतु उचित एवं आवश्यकतानुसार खिड़कियाँ एवं दरवाज़े होने चाहिएं जिससे कमरे की अशुद्ध वायु बाहर निकल सके एवं शुद्ध वायु कमरों में प्रविष्ट हो सके। प्रत्येक व्यक्ति सांस-क्रिया द्वारा शुद्ध वायु ग्रहण करता है और दूषित वायु बाहर निकालता है जिसमें कार्बन-डाइऑक्साइड की प्रधानता रहती है। ऐसी वायु में रोग के जीवाणु मिलकर कमरे की वायु को दूषित बना देते हैं। इस प्रकार की दूषित वायु का निरन्तर सेवन करते रहने से हमारा शरीर अनेक रोगों को जन्म देता है। दूषित वायु गर्म होकर हल्की हो जाती है और हल्की होने के कारण यह ऊपर की ओर उठती है, अतएव वह वायु रोशनदानों के सहारे कमरे से बाहर निकलती है।

कमरों में खिड़कियों, दरवाज़ों तथा रोशनदानों का होना ही पर्याप्त नहीं है, अपितु इन्हें खुला रखना भी ज़रूरी है जिससे दूषित वायु बाहर जाये एवं शुद्ध वायु कमरे के भीतर आ सके।

कमरों में वायु के आवागमन हेतु प्रवेश-द्वार एवं निकास द्वारों का होना भी आवश्यक है। प्रवेश-द्वार फ़र्श के पास होना चाहिए जिससे शुद्ध वायु कमरे में पर्याप्त मात्रा में प्रवेश कर सके। प्रवेश-द्वार की भूमिका खिड़कियाँ एवं दरवाज़े निभाते हैं। अशुद्ध वायु को बाहर निकलने के लिए निकास द्वार होना चाहिए। निवास द्वार छत के पास होना चाहिए। निकास द्वार कमरे के अनुपात में हो तथा उसे उचित रूप से खोलने एवं बन्द करने का प्रबन्ध होना चाहिए। निकास द्वार का काम रोशनदान करते हैं। हमारे देश में ग्रीष्मकाल में अधिक लू (गर्म हवाएँ) चलती हैं। इसलिए बड़ी-बड़ी खिड़कियों की अपेक्षा छोटे-छोटे छिद्र हों तो अधिक उचित है।

इस प्रकार शुद्ध वायु के आवागमन एवं सुरक्षा की दृष्टि से मकान में खिड़कियों, दरवाज़ों एवं रोशनदानों का उचित स्थान पर एवं उचित संख्या में होना आवश्यक है।

प्रश्न 4.
वायु शुद्ध रखने के प्राकृतिक ढंग कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
वायु शुद्ध रखने के प्राकृतिक ढंग निम्नलिखित हैं –

1. पौधों द्वारा-पौधे वायु में से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर प्रकाश तथा पत्तों की सहायता से भोजन तैयार करते हैं। इस तरह ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड तथा कार्बन अलग-अलग हो जाते हैं। मनुष्य तथा पशु श्वास द्वारा जो कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं पौधे उसे प्रयोग कर लेते हैं तथा पौधे जो ऑक्सीजन छोड़ते हैं उसे मनुष्य तथा पशु श्वास लेने के लिए प्रयोग करते हैं। पौधे कार्बन डाइऑक्साइड इस्तेमाल करके वायु को शुद्ध करते हैं।

2. धूप द्वारा-धूप दुर्गन्ध को दूर करती है तथा रोगाणुओं को नष्ट करके वायु को शुद्ध करती है।

3. तीव्र हवा-जब गर्मी ज़्यादा बढ़ जाए तो तापमान बढ़ जाता है। गर्म हवा हल्की होकर ऊपर उठती है। यह हवा कृमियों, दुर्गन्ध, रेत तथा मिट्टी को उड़ाकर ले जाती है और उसकी जगह साफ़ और ठंडी हवा आ जाती है।

4. वर्षा-वर्षा द्वारा वायु में घुली अशुद्धियाँ वातावरण में से निकलकर तथा पानी में घुलकर धरती पर आ गिरती हैं तथा वायु शुद्ध हो जाती है।

5. गैसों के बहाव तथा आपसी मेल से-गैसें स्वयं एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती रहती हैं। इसलिए वायु के आने-जाने में कोई रुकावट न डाली जाए तो स्वच्छ और गन्दी हवाएँ आपस में मिल जाती हैं तथा वायु स्वच्छ होती रहती है। इस प्रकार हम गन्दी हवा से बच सकते हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

Home Science Guide for Class 6 PSEB शुद्ध वायु का आवागमन Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
शुद्ध हवा में नाइट्रोजन कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
शुद्ध हवा में नाइट्रोजन 79 प्रतिशत होती है।

प्रश्न 2.
खिड़कियाँ मकान के धरातल से कितने फट ऊँची होनी चाहिए ?
उत्तर-
खिड़कियाँ मकान के धरातल से 27 फुट ऊँची होनी चाहिए।

प्रश्न 3.
मकान में वायु प्रवेश व निकास का उचित प्रबन्ध क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
दूषित वायु की हानियों से बचने और शुद्ध वायु प्राप्त करने के लिए मकान में वायु के प्रवेश व निकास का उचित प्रबन्ध आवश्यक है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

प्रश्न 4.
दिन के समय सूर्य के प्रकाश का कमरों में आना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-
सूर्य का प्रकाश स्वास्थ्य को ठीक रखता है। यह हानिकारक कीटाणुओं का नाश करके वायु को शुद्ध करता है।

प्रश्न 5.
कम या धुंधली रोशनी में काम करने या पढ़ने से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
आँखों की ज्योति कमजोर हो जाती है।

प्रश्न 6.
प्रकाश के कृत्रिम साधन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
प्रकाश के कृत्रिम साधन मोमबत्ती, दीपक, लालटेन, गैस की लालटेन आदि हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
हवा में …………….. % कार्बन डाइऑक्साइड होती है।
उत्तर-
0.04%.

प्रश्न 2.
रसोई में आग जलाने से कौन-सी गैस पैदा होती है ?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड।

प्रश्न 3.
शुद्ध हवा से …………… तथा पाचन क्रिया ठीक काम करते हैं।
उत्तर-
फेफड़े।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

प्रश्न 4.
प्रकाश के बनावटी स्त्रोत की एक उदाहरण दें।
उत्तर-
लालटेन।

प्रश्न 5.
निकास द्वार का काम ……………….. करते हैं।
उत्तर-
रोशनदान।

प्रश्न 6.
………………… हवा में से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर हवा को शुद्ध करते हैं।
उत्तर-
पौधे।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 5 शुद्ध वायु का आवागमन

शुद्ध वायु का आवागमन PSEB 6th Class Home Science Notes

  • घर एक निजी स्वर्ग का नाम है।
  • प्रत्येक जीवित प्राणी के लिए वायु सबसे अधिक ज़रूरी है।
  • शुद्ध वायु कुछ गैसों का मिश्रण है। इसमें निम्नलिखित गैसें होती हैं –
    ऑक्सीजन-20%, नाइट्रोजन-79%, कार्बन-डाइऑक्साइड-0.04%.
  • वायु के सारे तत्त्वों में से ऑक्सीजन का एक विशेष स्थान है। यह श्वास लेने के लिए ज़रूरी है।
  • वायु को शुद्ध करने की विधियाँ-1. प्राकृतिक, 2. बनावटी।
  • पौधे वायु में से कार्बन-डाइऑक्साइड लेकर प्रकाश तथा हरी पत्तियों की सहायता से भोजन तैयार करते हैं।
  • पौधे कार्बन-डाइऑक्साइड का प्रयोग करके वायु को शुद्ध करते हैं।
  • जब गर्मी बहुत बढ़ जाए तो तापमान बढ़ जाता है। गैसें स्वयं एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती रहती हैं।
  • पंखे गन्दी हवा बाहर निकालने का एक अति उत्तम तथा वैज्ञानिक तरीका है।
  • वायु निकास का अर्थ है मशीन से गैस बाहर निकालना।
  • स्वच्छ वायु शरीर के आन्तरिक अंगों की सफाई के लिए आवश्यक है।
  • स्वच्छ वायु से फेफड़े और पाचन क्रिया ठीक काम करते हैं।
  • स्वच्छ वायु से शरीर का तापमान भी ठीक रहता है।
  • रसोई में शुद्ध वायु का आवागमन बहुत ज़रूरी है।
  • रसोई में आग जलाने से कार्बन-डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है।
  • हैदराबादी धुएँ रहित चूल्हा धुएँ तथा गंदी हवा से छुटकारा दिला सकता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 4 घर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 4 घर

PSEB 6th Class Home Science Guide घर Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
बड़े शहरों में घर की सफ़ाई के लिए बिजली से चलने वाले किस उपकरण का प्रयोग किया जा सकता है ?
उत्तर-
वैक्यूम क्लीनर, कार्पेट स्वीपर।

प्रश्न 2.
दरी साफ़ करने के लिए किस उपकरण का प्रयोग किया जा सकता
उत्तर-
ब्रुश का।

प्रश्न 3.
प्रतिदिन प्रयोग में आने वाली कौन-कौन सी सुविधाएं घर के पास होनी चाहिए ?
उत्तर-
कार्य का स्थान, स्कूल, अस्पताल, बैंक, बाजार आदि।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 4.
घर कैसी जगहों के पास नहीं होना चाहिए ?
उत्तर-
स्टेशन, श्मशान घाट आदि के पास नहीं होना चाहिए।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
घर का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
मनुष्य जहाँ अपने परिवार के साथ रहने की व्यवस्था करता है वही उसका घर कहलाता है।

प्रश्न 2.
घर के आस-पास कैसे लोग होने चाहिएँ ?
उत्तर-
घर के आस-पास के लोग गम्भीर, मिलनसार तथा सुख-दुःख के साथी होने चाहिएँ।

प्रश्न 3.
यदि फैक्टरी, स्टेशन घर के समीप हों तो क्या हानि है ?
उत्तर-
यदि फैक्टरी, स्टेशन घर के समीप हों तो हमें निम्न हानियाँ हैं-फैक्टरी का धुआँ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तथा रेलें शांति को समाप्त करती हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 4.
मकान बनाते समय कौन-सी सुविधाओं को ध्यान में रखना चाहिए ?
उत्तर-
मकान बनाते समय निम्नलिखित सुविधाओं को ध्यान में रखना चाहिए –

  1. मकान बनाते समय यह ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि दैनिक प्रयोग में आने वाली वस्तुएँ शीघ्र तथा सुगमता से प्राप्त हो सकती हों।
  2. नौकरी वाले लोगों के लिए नौकरी का स्थान तथा दुकानदार के लिए दुकान समीप होना चाहिए।
  3. अस्पताल तथा बाज़ार भी घर से बहुत दूर नहीं होने चाहिए।
  4. डाकघर तथा बैंक भी समीप होना चाहिए।
  5. रिक्शा, टाँगा और लोकल बस सुगमता से प्राप्त होनी चाहिए।

प्रश्न 5.
घर को साफ़ रखना क्यों जरूरी है ?
उत्तर-
गंदा घर कीड़े-मकौड़े पैदा करके बीमारियाँ पैदा करता है। इसलिए घर को साफ़ रखना ज़रूरी है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
घर को साफ़ करने के ढंगों के नाम लिखो।
उत्तर-
घर साफ़ करने के लिए निम्नलिखित ढंग इस प्रकार हैं –

  1. झाड़ लगाना,
  2. झाड़ना,
  3. पोचा लगाना।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 2.
चीज़ों को झाड़ लगाने के बाद क्यों झाड़ना चाहिए ?
उत्तर-
वस्तुएँ झाड़ने का काम झाडू लगाने के बाद तथा पोचा लगाने से पहले करना चाहिए ताकि झाड़ लगाने से जो मिट्टी वस्तुओं पर उड़कर पड़ती है, वह झाड़न से साफ़ हो जाए।

प्रश्न 3.
पोचा लगाने तथा ब्रश फेरने में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
पोचा लगाने तथा ब्रुश फेरने में अन्तर –

पोचा ब्रुश
1. पक्के फर्श पर प्रतिदिन झाड़ लगाने के बाद मोटे कपड़े को गीला करके पोचा लगाना चाहिए। 1. सप्ताह में एक बार दीवारों तथा छत को झाड़ लगाने से पहले ब्रुश से साफ़ कर लेना चाहिए।
2. पोचा लगाने वाला कपड़ा मोटा और ऐसा होना चाहिए कि पानी तथा मिट्टी को सोख सके। 2. ब्रुश ऐसा होना चाहिए जिससे मकड़ी तथा कीड़े-मकौड़े से छुटकारा मिल  जाए।
3. पोचा मोटा सूती कपड़ा फलालेन या बाज़ार से मिलने वाला पोचा प्रयोग करना चाहिए। 3. ब्रश एक बलिश्त लम्बा तथा छोटी सी हत्थी वाला प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 4.
ब्रुश या झाड़ की किस्मों के बारे में तुम जो जानते हो, विस्तार से लिखो।
उत्तर-
ब्रुश की किस्में –
1. दरी या कालीन साफ़ करने वाला ब्रुश-यह सख्त बुर का एक बलिश्त लम्बा छोटी-सी हत्थी वाला ब्रुश होता है। इससे दरी तथा कालीन साफ़ किए जाते हैं।

2. पालिश करने वाला बुश-खिड़कियों, अलमारियों, जालीदार डोली तथा कमरों के दरवाज़े पालिश करने के लिए छोटी-सी डंडी वाला ब्रुश होता है।

3. फर्श धोने के लिए ब्रुश-ईंटों का फर्श धोने के लिए लोहे की तार का सुदृढ़ ब्रुश होता है। इससे ईंटों से मिट्टी तथा चिकनाई सुगमता से दूर की जाती है।।

4. सफेदी (कली) करने वाला ब्रुश-घर की दीवारों पर सफेदी करने के लिए बाज़ार से घास-फूस का बना ब्रुश मिलता है। उसे कूची कहा जाता है।
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर 1

5. दीवारें तथा छतें साफ़ करने के लिए ब्रुश-यह गोलाकार होता है। दीवारों तथा छत तक पहुँचाने के लिए इसके साथ लम्बी छड़ी लगी होती है। इससे जाले तथा मिट्टी बड़ी सुगमता से साफ़ हो जाते हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

Home Science Guide for Class 6 PSEB घर Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
आदिकाल में मनुष्य कहाँ रहते थे ?
उत्तर-
गुफाओं में ।

प्रश्न 2.
घर किन चीज़ों से बनता है ?
उत्तर-
मकान तथा परिवार से।

प्रश्न 3.
प्राणी में जन्मजात चेतना क्या होती है ?
उत्तर-
प्राणी अपने विकास के लिए ऐसे ठौर का निर्माण करना चाहता है जहाँ उसे सुख-शाँति प्राप्त हो सके। यही जन्मजात चेतना होती है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 4.
समय, श्रम व धन की बचत के लिए मकान कहाँ होना चाहिए ?
उत्तर-
समय, श्रम व धन की बचत के लिए मकान, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, दफ्तर, बाज़ार आदि के निकट होना चाहिए।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
घर में व्यक्ति को कौन-कौन सी सुविधाएँ मिलती हैं ?
उत्तर-
घर में व्यक्ति को निम्न सुविधाएँ मिलती हैं –

  1. सुरक्षात्मक सुविधाएँ
  2. कार्य करने की सुविधा
  3. शारीरिक सुख
  4. मानसिक शान्ति
  5. विकास एवं वृद्धि की सुविधा।

प्रश्न 2.
हमारा घर कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
हमारा घर ऐसा होना चाहिए जहां –

  1. परिवार के सभी सदस्यों के पूर्ण विकास व वृद्धि का ध्यान रखा जाए।
  2. सदा प्रत्येक सदस्य की कार्य क्षमता को प्रोत्साहन दिया जाए।
  3. एक-दूसरे के प्रति सद्भावना व प्रेम से व्यवहार किया जाए।
  4. परिवार की आर्थिक स्थिति में पूर्ण योगदान दिया जाए।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 3.
घर की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर-

  1. वर्षा, धूप, ठण्ड, आँधी, तूफ़ान आदि से बचने के लिए।
  2. जीव-जन्तुओं, चोरों तथा आकस्मिक घटनाओं से अपने-आप को सुरक्षित रखने के लिए।
  3. शान्तिपूर्वक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्यप्रद जीवन व्यतीत करने के लिए।
  4. अपना तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए।

प्रश्न 4.
घर का हमारे स्वास्थ्य से क्या सम्बन्ध है ? समझाकर लिखें।
उत्तर-
हमारे स्वास्थ्य का घर से बहुत गहरा सम्बन्ध है। बहुत हद तक हमारा स्वास्थ्य घरों के स्वास्थ्यकर होने पर ही निर्भर करता है हम कितना ही पुष्टिकर भोजन क्यों न करें, हमारी आदतें कितनी भी अच्छी क्यों न हों, लेकिन यदि हमारा निवास स्वास्थ्यकर नहीं होगा तो हम कभी भी स्वस्थ जीवन व्यतीत नहीं कर सकते। अस्वस्थ वातावरण, अपर्याप्त शुद्ध वायु और सूर्य-प्रकाश के अभाव में लोग दुर्बल हो जाते हैं। उनकी कार्य-क्षमता घट जाती है। तंग और गन्दे घरों में रहने से लोगों का सिर-दर्द, कमजोरी, रक्तहीनता, अनिद्रा, जुकाम, क्षय तथा अन्यान्य सांस और छूत के रोग हो जाते हैं। अतः स्पष्ट है कि हमारा स्वास्थ्य घर के स्वास्थ्यकर होने पर ही निर्भर करता है।

प्रश्न 5.
सफ़ाई में काम आने वाले पदार्थों के नाम लिखो।
उत्तर-
सफ़ाई में काम आने वाले विभिन्न पदार्थ जैसे नींबू, सिरका, स्प्रिट, तारपीन का तेल, बैंजीन, क्लोरीन, हाइड्रोक्लोरिक एसिड आदि का प्रयोग, दाग-धब्बे दूर करने हेतु किया जाता है। डी० टी० टी०, फिनाइल, मिट्टी का तेल आदि का प्रयोग जीव-जन्तुओं का नाश करने हेतु किया जाता है। ब्रासो क्रीम, फर्नीचर क्रीम आदि को धातु, शीशे तथा फर्नीचर की सफ़ाई में प्रयोग किया जाता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 6.
सामान्य रूप से सफ़ाई की क्या विधियाँ हैं ?
उत्तर-
सामान्य रूप से सफ़ाई की निम्नलिखित विधियाँ हैं –

  1. झाड़ लगाना
  2. गीले-पोचे से फर्श आदि की धूल-मिट्टी साफ़ करना
  3. वस्तुओं को कपड़े से पोंछना
  4. पानी से धुलाई करना (फ़र्श की धुलाई)
  5. वैक्यूम क्लीनर का प्रयोग
  6. फ़र्श स्वीपर (कार्पेट-स्वीपर) का प्रयोग।

बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
घर की सफाई के लिए आवश्यक सामग्री को चित्रों द्वारा समझाइये।
उत्तर-
घर की सफ़ाई के लिए केवल झाड़ ही पर्याप्त नहीं होती। अच्छी सफ़ाई के लिए सफ़ाई के अनुरूप सामग्री की आवश्यकता होती है। सफ़ाई के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है –
PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर 2

  1. झाड़, ब्रुश, झाड़न या कपड़े व चिथड़े, स्पंज।
  2. डस्ट पैन, डोल, बाल्टी, जग या मग।
  3.  सफ़ाई करने के यंत्र-वैक्यूम क्लीनर, कार्पेट स्वीपर आदि।
  4. सफ़ाई में प्रयुक्त होने वाले पदार्थ-डी० टी० टी०, फिनायल, मिट्टी का तेल, स्प्रिट, तारपीन का तेल, बैंजीन, क्लोरीन, नींबू, सिरका, हाइड्रोक्लोरिक एसिड आदि । ब्रासो क्रीम, फर्नीचर क्रीम, विम, राख, साबुन का पानी या सर्फ आदि।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

एक शब्द में उत्तर दें …………………………………………………………..

प्रश्न 1.
मनुष्य जिस स्थान पर अपने परिवार के साथ रहता है उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर-
घर।

प्रश्न 2.
स्वस्थ रहने के लिए ………………. आवश्यक है।
उत्तर-
सफ़ाई।

प्रश्न 3.
घर के पास …………………. तथा गन्दगी के ढेर नहीं होने चाहिए।
उत्तर-
डेयरी फ़ार्म।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

प्रश्न 4.
बैंक घर के …………………… होना चाहिए।
उत्तर-
पास।

प्रश्न 5.
दीवारों तथा छतों की सफ़ाई वाला ब्रुश कैसा होता है ?
उत्तर-
गोलाकार।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 4 घर

घर PSEB 6th Class Home Science Notes

  • घर एक निजी स्वर्ग का नाम है।
  • मनुष्य अपने जीवन का बहुत-सा समय घर में ही बिताता है।
  • मनुष्य एक बुद्धि प्रधान जीव है।
  • घर के चारों ओर का वातावरण शांत होगा तो आपका जीवन सुगम तथा शांतमय होगा।
  • घर के समीप डेयरी फार्म तथा गन्दगी का ढेर भी नहीं होना चाहिए।
  • ऊँचे वृक्ष घर से दूर होने चाहिएँ।
  • मकान बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि दैनिक प्रयोग में आने वाली वस्तुएँ शीघ्र तथा सुगमता से प्राप्त हो सकती हों।
  • अस्पताल तथा बाज़ार भी घर से बहुत दूर नहीं होने चाहिए।
  • स्वस्थ रहने के लिए सफ़ाई रखना आवश्यक है।
  • कच्चे फर्श पर थोड़ा-सा पानी छिड़ककर ही उसे साफ करना चाहिए ताकि मिट्टी अधिक न उड़े।
  • वस्तुएँ झाड़ने का काम झाड़ लगाने के बाद तथा पोचा लगाने से पहले करना चाहिए ताकि झाडू लगाने से जो मिट्टी वस्तुओं पर उड़कर पड़ती है, वह झाड़न से साफ हो जाए।
  • पोचा लगाते समय पानी में कोई कृमिनाशक औषधि डाल लेनी चाहिए ताकि मक्खी एवं मच्छर से छुटकारा मिल सके।
  • सप्ताह में एक बार दीवारों तथा छत को झाड़ लगाने से पहले ब्रुश से साफ कर लेना चाहिए।
  • झाड़ की किस्में-1. नारियल का झाड़, 2. खजूरे का झाड़, 3. फूल झाड़।।
  • ब्रुश की किस्में-1. दरी या कालीन साफ़ करने के लिए, 2. पालिश करने वाले ब्रुश, 3. फ़र्श धोने के लिए, 4. सफेदी करने वाला ब्रुश, 5. दीवारों तथा छतें साफ़ करने के लिए ब्रुश।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

PSEB 6th Class Agriculture Guide मुख्य फूल और पौधे Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो शब्दों में दो-

प्रश्न 1.
वर्षा ऋतु के फूल किस महीने में लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
जुलाई में।

प्रश्न 2.
पतझड़ में लगाए जाने वाले पौधे का नाम लिखो।
उत्तर-
गुलदौदी।

प्रश्न 3.
कोई दो लाल रंग वाले फूलों के नाम लिखो।
उत्तर-
गुलमोहर, बोतल ब्रश।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

प्रश्न 4.
गुलाब के पौधे किस मौसम में लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
नवंबर से मार्च तक।

प्रश्न 5.
किस फूल को पतझड़ की रानी कहा जाता है ?
उत्तर-
गुलदौदी को।

प्रश्न 6.
गुलदौदी के फूल किस महीने में निकलते हैं ?
उत्तर-
नवंबर-दिसंबर में।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

प्रश्न 7.
देसी गुलाब के फूलों की पत्तियों से क्या तैयार किया जाता है ?
उत्तर-
गुलकंद।

प्रश्न 8.
पेड़ किस विधि (तकनीक)द्वारा हवा में नमी की मात्रा बढ़ाकर वातावरण को ठंडा करते हैं ?
उत्तर-
वाष्पीकरण द्वारा।

प्रश्न 9.
वर्षा ऋतु के फलों के नाम लिखो।
उत्तर-
कुक्कड़ कलगा तथा बालसम।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

प्रश्न 10.
पौधे हवा में कौन-सी गैस छोड़ते हैं ?
उत्तर-
ऑक्सीजन।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में दो-

प्रश्न 1.
लताओं के कौन-से भाग उनको दीवारों पर चढ़ने में मदद करते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
लताओं पर लगे कांटे, रसदार पदार्थ, टैंडरिल आदि इन की दीवारों पर चढ़ने में सहायता करते हैं, जैसे-वोगनविलिया में कांटे, छिपकली लता में रसदार पदार्थ, गोल्डन शावर में टैंडरिल।

प्रश्न 2.
सर्दी में लगाए जाने वाले फूलों के नाम लिखो तथा इन्हें किस महीने में लगाया जाता है ?
उत्तर-
कुत्ता फूल, फ्लाक्स, वरबीना, गेंदा, गेंदी, स्वीट पीज आदि सर्दी के फूल हैं। इन को अक्तूबर-नवंबर में पनीरी तैयार करके लगाया जाता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

प्रश्न 3.
पतझड़ वाले पौधे किस महीने में लगाए जाते हैं तथा किन्हीं दो पतझड़ में लगाए जाने वाले पौधों के नाम लिखो।
उत्तर-
पतझड़ वाले पौधे हैं-क्वीन फ्लावर, सावनी, शहतूत। इनको अर्घ दिसम्बरजनवरी में लगाया जाता है।

प्रश्न 4.
सुंदर पत्तों वाली झाड़ियों के नाम लिखो तथा इनका चयन किस आधार पर किया जाता है ?
उत्तर-
गोल्डन शावर, लस्सन लता, पर्दा लता आदि सुंदर पत्तों वाली झाड़ियां हैं। इनको इनके कद के अनुसार लगाया जाता है।

प्रश्न 5.
फैलाव के आधार पर पेड़ों को कितनी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है ?
उत्तर-
पेड़ों को गोल छाता (मोलसरी), फैलाव आकार (गुलमोहर), सीधे जाने वाली (सिल्वर ओक), झुकी शाखा वाले (बोतल ब्रश) आदि।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छः वाक्यों में दो-

प्रश्न 1.
“फूल हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं।” तथ्य की पुष्टि करो।
उत्तर-
फूलों का प्रयोग मनुष्य अपने जीवन में प्रत्येक सोपान पर करता है। जन्मदिन, विवाह, पाठ-पूजा, मन्दिर, मृत्यु आदि सारे अवसरों पर फूलों का प्रयोग किया जाता है। फूलों से हमें प्यार तथा संतोष का संदेश भी प्राप्त होता है। फूलों के रंग तथा सुगंध से हमारे मन को शांति मिलती है। फूलों के गुलदस्ते प्रदान करके शुभकामनाएं दी जाती हैं तथा स्वागत किया जाता है। फूलों को घरों की सजावट में प्रयोग किया जाता है। फूलों का तेल निकाल कर सुगंध वाली वस्तुएं भी तैयार की जाती हैं। गुलाब के फूल की पत्तियों से गुलकंद बनाया जाता है। इस प्रकार कई अन्य फूलों का प्रयोग हर्बल दवाइयों में भी होता है। इस तरह फूल हमारी ज़िन्दगी का अहम भाग हैं।

प्रश्न 2.
वातावरण को स्वच्छ रखने में पौधों का क्या योगदान है ?
उत्तर-
पौधे आस-पास को सुंदर बनाने का काम करते हैं तथा साथ ही वे वातावरण में से कार्बन डाइआक्साइड को सोखते हैं तथा ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इस तरह वातावरण शुद्ध होता है। ये हवा में से मिट्टी के कणों, हानिकारक गैसों तथा पदार्थों को अपने में समा लेते हैं। पौधे हवा में से नमी की मात्रा भी बढ़ाते हैं तथा वातावरण को ठण्डा रखते हैं। पौधे ध्वनि प्रदूषण को भी रोकते हैं। इस तरह पौधे वातावरण को साफ रखने में योगदान देते हैं।

प्रश्न 3.
आकार के आधार पर पेड़ों को कितनी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
पेड़ों को कद तथा छतरी के आधार पर बड़े, मध्यम तथा छोटे वृक्षों में बाँटा जा सकता है। कम फैलाव वाला पेड़ है अशोका। पेड़ों को आकार के आधार पर भी बांटा जा सकता है। जैसे मोलसरी की गोल छतरी, गुलमोहर का फैलाव आकार है, सिल्वर ओक सीधे जाने वाला पेड़ है, बोतल ब्रश की शाखाएं झुकी होती हैं।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

प्रश्न 4.
पेड़ों तथा झाड़ियों को लगाने का ढंग विस्तृत रूप में लिखिए।
उत्तर-
पेड़ तथा झाड़ियां लगाने के लिए एक से तीन फुट गहरा गड्ढा खोदा जाता है। इसमें दो भाग मिट्टी तथा एक भाग गली-सड़ी रूड़ी खाद मिला दी जाती है। इनमें समय के अनुसार पेड़, झाड़ियां आदि को लगाना चाहिए। पेड़ तथा झाड़ियों की हमारे जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ये वातावरण को शुद्ध करने का कार्य भी करते हैं। इन्हें काफ़ी संख्या में लगाना चाहिए तथा लगे हुए पेड़ों की अच्छी संभाल करनी चाहिए।

प्रश्न 5.
गुलदौदी के फूलों के बारे में आप क्या जानते हैं ? विस्तृत रूप में लिखिए।
उत्तर-
गुलदौदी को पतझड़ की रानी भी कहा जाता है। इस की जड़ों वाले टुसे जुलाई-अगस्त में लगाए जाते हैं। इस को फूल नवंबर-दिसंबर में लगते हैं तथा जनवरी तक खिलते रहते हैं। ये फूल देखने में बहुत सुंदर तथा मनमोहक होते हैं। इनको क्यारियों में लगाया जाता है।

प्रश्न 6.
कौन-से फूलों का तेल निकाल कर उसे खुशबू की वस्तुओं में प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
गुलाब, जैसमीन, रजनीगंधा, मोतिया आदि का तेल निकाल कर उसे खुशबू वाली वस्तुओं में प्रयोग किया जाता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

प्रश्न 7.
व्यापारिक पक्ष से सजावटी फूल कैसे लाभदायक हो सकते हैं ?
उत्तर-
फूलों का व्यापार करके अच्छी कमाई की जा सकती है। पंजाब में गेंदा, गेंदी तथा ग्लैडिऑल्स आदि की कृषि व्यापारिक स्तर पर की जाती है। जरवरा तथा गुलाब की उच्च स्तर पर पैदावार की जाती है। इनको प्लास्टिक के ग्रीन हाऊस बना कर उगाया जाता है। इस तरह मौसमी फूलों के बीज तैयार करके अमेरिका, कनाडा, जर्मनी आदि भेजे जाते हैं।

प्रश्न 8.
पेड़ झाड़ियाँ, लताएं आदि लगाने का उचित समय कौन-सा होता
उत्तर-
पेड़, झाड़ियां, लताएं आदि लगाने का उचित समय बरसात का मौसम जुलाई-अगस्त तथा वसंत ऋतु के फरवरी-मार्च के महीने हैं।

Agriculture Guide for Class 6 PSEB पमुख्य फूल और पौधे Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
फूल हमें क्या संदेश देते हैं ?
उत्तर-
प्यार तथा संतोष का।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

प्रश्न 2.
कौन से फूलों का तेल निकाल कर सुगंधित वस्तुएं बनाई जाती हैं ?
उत्तर-
गुलाब, जैसमीन, रजनीगंधा, मोतिया।

प्रश्न 3.
पौधे हवा में से कौन-सी गैस खींचते हैं ?
उत्तर-
कार्बन डाइऑक्साइड।

प्रश्न 4.
फ्लाक्स, वरबीना, गेंदा आदि को कब लगाया जाता है ?
उत्तर-
अक्तूबर-नवंबर में पनीरी तैयार करके।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

प्रश्न 5.
बालसम तथा कुक्कड़ कलगा कौन से मौसम के फूल हैं ?
उत्तर-
बरसात के मौसम के।

प्रश्न 6.
पंजाब में कौन-से फूलों की काश्त व्यापारिक स्तर पर होती है ?
उत्तर-
गेंदा, गेंदी, ग्लैडिऑल्स।

प्रश्न 7.
फूलों की पनीरी कब लगाई जाती है ?
उत्तर-
साधारणतः शाम को।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

प्रश्न 8.
अशोका को घरों में क्यों लगाया जाता है ?
उत्तर-
इसका फैलाव कम होने के कारण।

प्रश्न 9.
पतझड़ी पौधों के उदाहरण दें।
उत्तर-
क्वीन फ्लावर, सावनी, शहतूत।

प्रश्न 10.
पीले फूलों वाले पौधे बताएं।
उत्तर-
अमलतास।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

प्रश्न 11.
जामुनी फूलों वाले पौधे बताएं।
उत्तर-
नीली मोहर, क्वीन फ्लावर।

प्रश्न 12.
गुलाबी फूल वाले पौधे बताएं।
उत्तर-
गुलाबी मोहर।

प्रश्न 13.
गमले में सजावट के लिए लगाए जाने वाले पौधों के नाम बताएं।
उत्तर-
पालम, मनी प्लांट, रबड़ प्लांट आदि।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
फूलों की पनीरी लगाने के बारे में तथा गुडाई के बारे में बताएं।
उत्तर-
फूलों की पनीरी शाम के समय लगाई जाती है तथा पानी लगा दिया जाता है। इस तरह ये पौधे मुरझाते नहीं। क्यारियों में समय-समय पर गुडाई करते रहना चाहिए इससे रोग तथा कीड़ों की रोकथाम हो जाती है।

प्रश्न 2.
व्यापारिक स्तर पर फूलों की काश्त के बारे में बताएं।
उत्तर-
फूलों का व्यापार करके अच्छा लाभ लिया जा सकता है। पंजाब में गेंदा, गेंदी तथा ग्लैडिऑल्स आदि की काश्त व्यापारिक स्तर पर होती है। जरवरा तथा गुलाब की उच्च स्तर पर पैदावार होती है। इनको प्लास्टिक के ग्रीन हाऊस बना कर उगाया जाता है। इसी तरह मौसमी फूलों के बीज तैयार करके अमेरिका, कनाडा, जर्मनी आदि में भेजे जाते हैं।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
पेड़ों तथा झाड़ियों को लगाने का ढंग लिखें तथा फूलों के नाम लिखें, जिन का तेल निकाल कर खुशबू की वस्तुओं में प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
स्वयं करें।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 9 मुख्य फूल और पौधे

मुख्य फूल और पौधे PSEB 6th Class Agriculture Notes

  1. फूल हमारी ज़िन्दगी का ज़रूरी भाग हैं। ये प्यार तथा संतोष का संदेश देते हैं।
  2. फूल कई रंगों के तथा सुगंध वाले होते हैं।
  3. मौसमी फूलों को क्यारियों में लगाया जाता है; जैसे-गुलाब, गेंदा, ग्लैडीऑल्स आदि।
  4. कुछ फूलों का तेल सुगंध की वस्तुओं में प्रयोग किया जाता है; जैसे-जैसमीन, रजनीगंधा आदि।
  5. पेड़, झाड़ियां, लताएं आदि वातावरण को शुद्ध रखने का काम करती हैं।
  6. गुलाब के फूल दिसंबर से अप्रैल तक लगते हैं।
  7. गुलदौदी को पतझड़ की रानी कहा जाता है।
  8. सर्दियों के फूल हैं-कुत्ता फूल, फ्लाक्स, वरबीना, गेंदा, स्वीट पीज़ आदि।
  9. गर्मी के फूल हैं-जीनीया, सूर्यमुखी (सजावटी), गमफरीना आदि।
  10. बरसात के फूल हैं-कुक्कड़ कलगा, वालसम।
  11. पंजाब में गेंदा, गेंदी, ग्लैडीऑल्स आदि की काश्त व्यापारिक स्तर पर की जाती है।
  12. पतझड़ी पौधे हैं-क्वीन फ्लावर, शहतूत, सावनी।
  13. पेड़ों को आकार के आधार पर बाँट सकते हैं-गोल छतरी (मोलसरी), फैलाव आकार (गुलमोहर), सीधे जाने वाले (सिल्वर ओक), झुकी हुई शाखाएँ (बोतल ब्रश) आदि।
  14. फूलों के रंग के आधार पर पीला (अमलतास), जामुनी (नीली मोहर, क्वीन फ्लावर), गुलाबी (गुलाबी मोहर), लाल (गुलमोहर, बोतल ब्रश) आदि।
  15. कुछ झाड़ियां हैं-चाँदनी, मोतिया, पीली कनेर, जटरोफा, सावनी आदि।
  16. कुछ लताएं हैं-गोल्डन शावर, लस्सन लता, पर्दा लता आदि।।
  17. कुछ लताएं; जैसे वोगनविलिया, छिपकली लता आदि पर लगे कांटे इन को दीवारों पर चढ़ने में सहायता करते हैं।
  18. वृक्ष, झाड़ियां तथा लताएं लगाने के लिए एक से तीन फुट गहरा गड्ढा खोदा जाता है।

 

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 3 भोजन पकाने के कारण

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 3 भोजन पकाने के कारण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 3 भोजन पकाने के कारण

PSEB 6th Class Home Science Guide भोजन पकाने के कारण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
भोजन पकाने की सबसे सरल विधि कौन-सी है ?
उत्तर-
उबालना।

प्रश्न 2.
कौन-सा विटामिन पकाने से नष्ट हो जाता है ?
उत्तर-
विटामिन सी।

प्रश्न 3.
कौन-सा विटामिन भोजन पकाने पर नष्ट नहीं होता ?
उत्तर-
विटामिन ‘ए’, क्योंकि यह जल में घुलनशील नहीं होता।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 3 भोजन पकाने के कारण

प्रश्न 4.
भोजन पकाने का प्रमुख कारण क्या है ?
उत्तर-
भोजन को सरलता से पचने योग्य बनाना।

प्रश्न 5.
शुष्क सेंक से भोजन पकाने की दो विधियों के नाम लिखो।
उत्तर-
भूनना, बेक करना।

प्रश्न 6.
घी से पकाने की किसी एक विधि का नाम लिखो।
उत्तर-
तलना।

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प्रश्न 7.
शक्करकन्दी आमतौर पर किस विधि से पका कर खाई जाती है ?
उत्तर-
भून कर।

प्रश्न 8.
पकाने से भोजन हानिरहित कैसे हो जाता है ?
उत्तर-
इसमें मौजूद बैक्टीरिया, सूक्ष्मजीव समाप्त हो जाते हैं।

प्रश्न 9.
गीले सेंक से पकाने के किसी एक तरीके का नाम लिखो।
उत्तर-
भाप से पकाना।

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प्रश्न 10.
बेकिंग से पकने वाले दो खाद्य पदार्थों के नाम लिखो।
उत्तर-
केक, रस, बिस्कुट।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
खाना क्यों पकाया जाता है ?
उत्तर-
खाना स्वादिष्ट और सुपाच्य बनाने के लिए पकाया जाता है।

प्रश्न 2.
पके हुए तथा कच्चे भोजन में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
पके हुए तथा कच्चे भोजन में निम्नलिखित अन्तर हैं –

पका भोजन कच्चा भोजन
1. पका हुआ भोजन नर्म हो जाता है तथा चबाने और पचाने में सुगम होता है। 1. कच्चा भोजन सख्त होता है। अतः इसे चबाना एवं पचाना कठिन होता है।
2. पके हुए भोजन का रंग, रूप, स्वाद तथा सुगन्ध अच्छे हो जाते हैं। 2. बिना पकाए भोजन देखने अथवा खाने और सुगन्ध में अच्छे नहीं होते हैं।
3. पकाने से अधिक तापमान के कारण कई हानिकारक कीटाणु मर जाते हैं। 3. कच्चे भोजन में कई हानिकारक कीटाणु होते हैं जो कि स्वास्थ्य को हानि पहुँचाते हैं।
4. पकाने से एक ही वस्तु को अलग-अलग तरीकों से बनाया जा सकता है। 4. यदि भोजन को पकाया न जाए और उसे एक रूप में खाया जाए तो उससे जल्दी ही मन भर जाता है।
5. पकाने से भोजन को ज़्यादा देर तक सुरक्षित रखा जा सकता है। 5. कच्चा भोजन जल्दी खराब हो जाता  है। उसमें जीवाणु उत्पन्न हो जाते हैं।

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प्रश्न 3.
उबालने तथा तलने के दोष लिखो।
उत्तर-
उबालने तथा तलने के निम्नलिखित दोष हैं –
उबालने के दोष –
1. ज़्यादा तेज़ी से पानी उबालने से पानी शीघ्र सूख जाता है तथा अधिक ईंधन का खर्च . होता है।
2. इस विधि से वस्तु शीघ्र नहीं पकती है।
तलने के दोष –
1. अधिक तलने-भूनने से कुछ पौष्टिक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं।
2. भोजन गरिष्ठ हो जाता है।
3. भोजन सुपाच्य न होने से कभी-कभी पाचन बिगड़ जाता है।

प्रश्न 4.
बेक करने तथा भूनने में क्या अन्तर हैं ?
उत्तर-
बेक करने तथा भूनने में निम्नलिखित अन्तर हैं –

बेक भूनना
1. इसमें पदार्थ को बन्द गर्म भट्ठी में रखकर ऊष्मा से पकाया जाता है। 1. इसमें पदार्थ को थोड़ी-सी चिकनाई लगाकर सेंका जाता है।
2. भोजन वाले बर्तन को पहले ज़्यादा तथा फिर कम आँच पर रखा जाता पर पकाया जाता है। 2. इसमें भोज्य पदार्थ को सीधे आँच पर पकाया जाता है।
3. इसमें भट्ठी का तापक्रम बराबर रहना चाहिए। 3. इसमें भट्ठी का तापक्रम सदैव धीमे चाहिए।
4. इसमें पानी के बिना भोजन के सारे तत्त्व सुरक्षित रहते हैं। 4. इसमें भोजन के तत्त्व भी आग में गिर जाते हैं।
5. इसमें कच्चे केले तथा अन्य फलों को भी मसाला लगाकर पकाया जाता है। 5. इसमें दाने भट्ठी पर कड़ाही में रखकर रेत में भूने जाते हैं।

प्रश्न 5.
कौन-कौन से भोज्य-पदार्थों को भूना जा सकता है ?
उत्तर-
निम्नलिखित भोज्य-पदार्थों को भूना जा सकता है –

1. आलू,
2. बैंगन,
3. मांस के टुकड़े,
4. मुर्गा,
5. मक्का के भुट्टे,
6. चपाती,
7. मछली,
8. दाने।

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निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन पकाते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए ?
उत्तर-
भोजन पकाते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए –

  1. भोजन पकाते समय पानी का तापक्रम एक जैसा रहना चाहिए।
  2. भोजन वाले बर्तन से पानी वाला बर्तन न बहुत बड़ा और न ही पूरा फिट होना चाहिए।
  3. भोजन वाला बर्तन यदि बन्द करके रखना हो तो उसके मुँह पर चिकना कागज़ लगाकर बन्द करना चाहिए।
  4. पानी के बर्तन को कसकर बंद करना चाहिए, ताकि भाप व्यर्थ न जाए।

प्रश्न 2.
जिस पानी में भोजन पकाया जाए उसे फेंकना क्यों नहीं चाहिए? भाप द्वारा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष पकाने में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर-
जिस पानी में भोजन पकाया जाए उसे इसलिए नहीं फेंकना चाहिए कि उसमें खनिज लवण घुल जाते हैं और पानी फेंकने पर ये पौष्टिक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं।

भाप द्वारा भोजन पकाना-इस विधि में भोजन को उबलते हुए जल से निकली भाप से पकाया जाता है। खाद्य पदार्थ का पकना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार से होता है –

1. प्रत्यक्ष विधि-
(i) जलरहित पकाना-जिन सब्जियों में स्वाभाविक जलांश रहता है उनमें यही जलांश उन्हें पकाने का काम करता है। इस विधि में भोजन धीमी आँच पर पकाया जाता है।

(ii) बफाना-इस विधि में डेगची या भगौने में पानी उबाला जाता है और उसके मुँह पर कपड़ा बाँध कर भोज्य वस्तु को उस पर रखकर और उसे ढक कर बफाते हैं।

(iii) इसमें एक विशेष प्रकार का पात्र उपयोग में लाते हैं जिसमें ढक्कनदार बर्तन होता है तथा ढक्कन में जालीदार थाली-सी लगी रहती है। इस पर रखकर सब्जी, गोश्त, इडली भाप द्वारा पकाते हैं।

2. अप्रत्यक्ष विधि-इस विधि में बन्द बर्तन में थोड़े पानी में खाद्य सामग्री को पकाया जाता है। ढक्कन इतना कसकर लगाया जाता है कि अन्दर की भाप बाहर नहीं निकले। खाद्य पदार्थ उसी भाप के दबाव से पक जाता है। इस विधि से पकाने के लिए प्रेशर कुकर का भी इस्तेमाल किया जाता है। प्रेशर कुकर में भोजन पकाने से ईंधन और समय की बचत तो होती ही है, साथ में भोज्य तत्त्व भी नष्ट नहीं होते हैं।

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प्रश्न 3.
किन भोजन पदार्थों को बिना पकाये खाया नहीं जा सकता ? सूची बनाइये।
उत्तर-
कई ऐसे भोजन पदार्थ हैं जिनको कच्चा खाया ही नहीं जा सकता। इसके कई कारण हो सकते हैं। भोज्य पदार्थ कठोर हो सकता है, इनमें से अच्छी सुगन्ध नहीं आती, ये देखने में अच्छे नहीं लगते आदि। इनको कच्चा खाने का मन नहीं करता। इसलिए इन्हें बिना पकाए नहीं खा सकते। निम्नलिखित भोजन पदार्थों को बिना पकाये नहीं खाया जा सकता, जैसे-अनाज, दालें, मांस, मछली, कई प्रकार की सब्जियां आदि।

प्रश्न 4.
तलने से क्या भाव है ?
उत्तर-
तलना-इस विधि द्वारा खूब गर्म घी अथवा तेल में भोज्य पदार्थ को तलकर पकाया जाता है। तलने के लिए आग तेज़ होनी चाहिए। भोज्य पदार्थ दो प्रकार से तला जाता है

1. अधिक चिकनाई में तलना या गहरा तलना-जिस बर्तन में खाद्य पदार्थ तलना है वह गहरा होना चाहिए, साथ ही पर्याप्त मात्रा में घी या तेल होना चाहिए। इस विधि में तेज़ आग पर खाद्य पदार्थ घी या तेल की गर्मी से पकता है। जब घी या तेल में से धुआँ उठने लगता है तब खाद्य सामग्री उसमें पकाने के लिये डाली जाती है।

2. उथला तलना-इस विधि में भोजन किसी भी चपटे बर्तन में बनाते हैं। तेल या घी कम मात्रा में इस्तेमाल करते हैं ताकि वस्तु बर्तन की सतह से चिपके नहीं। इसके लिए आग मध्यम रखते हैं। इस विधि से आलू की टिकिया, पूड़े, आमलेट, परांठे आदि बनाये जाते हैं।

तलने से भोजन स्वादिष्ट होता है, देखने में भी सुन्दर व आकर्षक लगता है। तली हुई चीजें शीघ्रता से नहीं पचती हैं। अधिक ताप पर खाद्य पदार्थ के विटामिन नष्ट हो जाते हैं।

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Home Science Guide for Class 6 PSEB भोजन पकाने के कारण Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन पकाने की सर्वोत्तम विधि कौन-सी है ?
उत्तर-
भाप द्वारा पकाना।

प्रश्न 2.
भाप द्वारा भोजन पकाने की विधि सर्वोत्तम विधि क्यों मानी जाती है ?
उत्तर-
क्योंकि इस विधि में भोजन के पोषक तत्त्व नष्ट नहीं होते। भोजन हल्का व शीघ्रता से पचने वाला होता है।

प्रश्न 3.
विटामिन ‘सी’ भोजन पकाने पर नष्ट क्यों हो जाता है ?
उत्तर-
क्योंकि यह जल में घुलनशील होता है तथा ताप के प्रभाव से भी नष्ट हो जाता है।

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प्रश्न 4.
मक्खन को गर्म क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
मक्खन को गर्म करने से उसका विटामिन ‘ए’ नष्ट हो जाता है।

प्रश्न 5.
भारतीय शैली में भोजन के अन्त में क्या परोसा जाता है ?
उत्तर-
मीठी चीजें (स्वीट डिश)।

प्रश्न 6.
भोजन परोसने की तीन विधियाँ कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर-

  1. भारतीय शैली,
  2. विदेशी शैली,
  3. बुफे भोज।

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प्रश्न 7.
यथासम्भव एक ही धातु के पात्रों में भोजन क्यों परोसना चाहिए ?
उत्तर-
एकरूपता होने के कारण आकर्षण बढ़ता है।

प्रश्न 8.
बुफे विधि प्रायः कहाँ प्रयोग में लाई जाती है ?
उत्तर-
शादी, पार्टियों, सामूहिक भोज आदि अवसरों पर।

प्रश्न 9.
सेकने की विधि द्वारा भोजन पकाने के लाभ तथा हानि क्या हैं ?
उत्तर-
लाभ- भोज्य पदार्थ स्वादिष्ट तथा पोषक तत्त्वयुक्त रहता है। हानि-यह महँगी विधि है और इसमें अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है।

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प्रश्न 10.
चावल पकाते समय चावलों में कितना पानी डालना चाहिए ?
उत्तर-
जितना पानी चावल सोख लें।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
उबालना और धीमे ताप पर पकाने में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
उबालने और धीमे ताप पर पकाने में अन्तर –

उबालना धीमे ताप पर पकाना
1. भोजन जल्दी पकता है। 1. भोजन देर से पकता है।
2. ईंधन कम खर्च होता है। 2. ईंधन अधिक खर्च होता है।
3. इसमें भोजन अधिक ताप पर (100°C या 212°F) पर पकाया जाता है। 3. इसमें भोजन कम ताप (90°C या 100°F) पर पकाया जाता है।
4. इसमें पानी की मात्रा अधिक रखी जाती है। 4. इस विधि में पानी की मात्रा कम  रखी जाती है। पानी छोड़ने वाले पदार्थ में पानी बिल्कुल नहीं डाला जाता।
5. भोज्य पदार्थ में उपस्थित पोषक तत्त्व, रंग, गंध आदि जल में घुल-मिल जाता है। 5. इसमें पोषक तत्त्व, स्वाद व सुगन्ध सुरक्षित रहते हैं।

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प्रश्न 2.
गहरा तलना से क्या भाव है ?
उत्तर-
जिस बर्तन में खाद्य पदार्थ तलना है वह गहरा होना चाहिए, साथ ही पर्याप्त मात्रा में घी या तेल होना चाहिए। इस विधि में तेज़ आग पर खाद्य पदार्थ घी या तेल की गर्मी से पकता है। जब घी या तेल में से धुआँ उठने लगता है तब खाद्य सामग्री उसमें पकाने के लिये डाली जाती है।

प्रश्न 3.
अप्रत्यक्ष भूनना के बारे में लिखें।
उत्तर-
अप्रत्यक्ष भूनना- इस विधि में किसी माध्यम को गर्म करके उसकी ऊष्मा द्वारा भोज्य पदार्थ को भूनते हैं। चना, मटर, मूंगफली, मक्का, गेहूँ को गर्म बालू में भूना जाता है। टोस्टर में डबल रोटी के टुकड़े भी इसी विधि द्वारा भूने जाते हैं।

प्रश्न 4.
बफाना से क्या भाव है ?
उत्तर-
बफाना-इस विधि में डेगची या भगौने में पानी उबाला जाता है और उसके मुँह पर कपड़ा बाँध कर भोज्य वस्तु को उस पर रखकर और उसे ढक कर बफाते हैं।

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प्रश्न 5.
तलने से क्या भाव है ?
उत्तर-
तलना-इस विधि द्वारा खूब गर्म घी अथवा तेल में भोज्य पदार्थ को तलकर पकाया जाता है। तलने के लिए आग तेज़ हानी चाहिए।

प्रश्न 6.
उबालने के लाभ लिखें।
उत्तर-
उबालने के लाभ –

  1. उबाला हुआ भोजन आसानी से पचने योग्य होता है।
  2. इस विधि में भोजन के पौष्टिक तत्त्व कम नष्ट होते हैं।
  3. यह विधि सरल तथा कम खर्चीली है।
  4. प्रेशर कुकर में खाद्य पदार्थ उबालने से समय और ईंधन की भी बचत होती है।

प्रश्न 7.
तलने के लाभ लिखें।
उत्तर-
तलने के लाभ –

  1. तला हुआ भोजन अधिक स्वादिष्ट हो जाता है।
  2. भोज्य पदार्थ का वसा से संयोग होने के कारण कैलोरी भार अधिक बढ़ जाता है।
  3. तले पदार्थ शीघ्र खराब नहीं होते।

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बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भोजन पकाने की प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं –
1. उबालना
2. तलना
3. भूनना
4. भाप से पकाना
5. सेकना
6. धीमी आँच पर भोजन पकाना (स्ट्यू करना)।
1. उबालना-उबाल कर भोजन पकाने की विधि सबसे प्राचीन, सरल व साधारण है। इसमें पानी की गर्मी से ही खाद्य पदार्थ पकता है। पानी के उबलने (100°C या 212°F) के बाद आँच धीमी कर देनी चाहिए ताकि तापक्रम पूरे समय तक एक-सा नियन्त्रित रहे। दाल, चावल, मांस, तरकारी आदि इसी विधि से उबाले जाते हैं। उबालने की क्रिया में भोज्य पदार्थ में उपस्थित पोषक तत्त्व, रंग, गंध आदि जल में घुल-मिल जाते हैं तथा उसको स्वादिष्ट बना देते हैं। दाल व चावल को उबालने के लिए उतना ही पानी डालना चाहिए कि पक जाने पर उसे फेंकना न पड़े।

2. तलना-इस विधि द्वारा खूब गर्म घी अथवा तेल में भोज्य पदार्थ को तलकर जाता है –
(1) अधिक चिकनाई में तलना या गहरा तलना-जिस बर्तन में खाद्य पदार्थ तलना है वह गहरा होना चाहिए, साथ ही पर्याप्त मात्रा में घी या तेल होना चाहिए। इस विधि में तेज़ आग पर खाद्य पदार्थ घी या तेल की गर्मी से पकता है। जब घी या तेल में से धुआँ उठने लगता है तब खाद्य सामग्री उसमें पकाने के लिये डाली जाती है।

(2) उथला तलना-इस विधि में भोजन किसी भी चपटे बर्तन में बनाते हैं। तेल या घी कम मात्रा में इस्तेमाल करते हैं ताकि वस्तु बर्तन की सतह से चिपके नहीं। इसके लिए आग मध्यम रखते हैं। इस विधि से आलू की टिकिया, पूड़े, आमलेट, परांठे आदि बनाये जाते हैं।
तलने से भोजन स्वादिष्ट होता है, देखने में भी सुन्दर व आकर्षक लगता है। तली हुई चीजें शीघ्रता से नहीं पचती हैं। अधिक ताप पर खाद्य पदार्थ के विटामिन नष्ट हो जाते हैं।

3. भूनना-पकाने की इस विधि में खाद्य पदार्थ को अग्नि के सीधे सम्पर्क में लाया जाता है। भूनना निम्नलिखित प्रकार का होता है –
(1) प्रत्यक्ष भूनना-इस विधि में भोज्य वस्तु सीधे आग के सम्पर्क में आती है। पदार्थ को चारों ओर घुमाकर भूनते हैं, जैसे आलू, बैंगन, मांस के टुकड़े, मुर्गा, मक्का के भुट्टे, चपाती आदि।

(2) अप्रत्यक्ष भूनना-इस विधि में किसी माध्यम को गर्म करके उसकी ऊष्मा द्वारा भोज्य पदार्थ को भूनते हैं। चना, मटर, मूंगफली, मक्का, गेहूँ को गर्म बालू में भूना जाता है। टोस्टर में डबल रोटी के टुकड़े भी इसी विधि द्वारा भूने जाते हैं।
(3) पात्र में भूनना-इस विधि में भोज्य पदार्थ को किसी बर्तन में डालकर बर्तन आग पर रखकर भूना जाता है लेकिन भूनने में चिकनाई का प्रयोग किया जाता है।

4. भाप द्वारा भोजन पकाना-इस विधि में भोजन को उबलते हुए जल से निकली भाप से पकाया जाता है। खाद्य पदार्थ का पकना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार से होता –
(1) प्रत्यक्ष विधि-
(i) जलरहित पकाना-जिन सब्जियों में स्वाभाविक जलांश रहता है उनमें यही जलांश उन्हें पकाने का काम करता है। इस विधि में भोजन धीमी आँच पर पकाया जाता है।

(ii) बफाना-इस विधि में डेगची या भगौने में पानी उबाला जाता है और उसके मुँह पर कपड़ा बाँध कर भोज्य वस्तु को उस पर रखकर और उसे ढक कर बफाते हैं।

(iii) इसमें एक विशेष प्रकार का पात्र उपयोग में लाते हैं जिसमें ढक्कनदार बर्तन होता है तथा ढक्कन में जालीदार थाली-सी लगी रहती है। इस पर रखकर सब्जी, गोश्त, इडली भाप द्वारा पकाते हैं।

(2) अप्रत्यक्ष विधि-इस विधि में बन्द बर्तन में थोड़े पानी में खाद्य सामग्री को पकाया जाता है। ढक्कन इतना कसकर लगाया जाता है कि अन्दर की भाप बाहर नहीं निकले। खाद्य पदार्थ उसी भाप के दबाव से पक जाता है। इस विधि से पकाने के लिए प्रेशर कुकर का भी इस्तेमाल किया जाता है। प्रेशर कुकर में भोजन पकाने से ईंधन और समय की बचत तो होती ही है, साथ में भोज्य तत्त्व भी नष्ट नहीं होते हैं।

5. सेकना-इस विधि में भोज्य पदार्थों को किसी भी तरह से पूरी तपी हुई भट्टी या तन्दूर (Oven) में पकाया जाता है। शुष्क उष्णता ही पकाने का माध्यम रहती है। सेकने की दो विधियाँ हैं
(1) सीधे ताप पर रखकर सेकना-इस प्रकार सेके जाने वाले आहारीय पदार्थों में रोटी तथा पापड़ आते हैं। इन्हें सदैव धीमे ताप पर सेकना चाहिए।

(2) बेकिंग-इस विधि में गर्म हवा का एक स्थान से दूसरे स्थान पर संवाहन होता रहता है। विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को बेक करने के लिए भिन्न-भिन्न तापक्रम रखना पड़ता है। इस विधि से अधिकतर तन्दूरी रोटी, पावरोटी, पेस्ट्री, केक, बिस्कुट आदि बनाए जाते हैं। सेकने के लिए बर्तनों का विभिन्न आकार होता है। इस विधि में भट्टी का तापक्रम एक-सा होना चाहिए जिससे पेस्ट्री या केक के चारों ओर से ऊष्मा मिल सके। भट्टी गर्म होने के बाद ही भोज्य पदार्थ उसमें रखना चाहिए। तन्दूर (oven) का तापक्रम आवश्यकता से अधिक नहीं होना चाहिए। सेकने के बर्तन में वसा अवश्य लगा लेनी चाहिए जिससे भोज्य पदार्थ पक जाने के बाद आसानी से निकल सके।

6. धीमी आँच पर भोजन पकाना (स्ट्य करना)-इस विधि में भोज्य पदार्थों को बन्द बर्तन में रखकर, धीमी आँच पर धीरे-धीरे पकाया जाता है। इसमें पानी की मात्रा कम रखी जाती है। पानी छोड़ने वाले पदार्थ में पानी बिल्कुल ही नहीं डाला जाता है। इस विधि में पानी का तापक्रम 180°F या 90°C तक रहता है। पकाते समय ढक्कन विधिवत् बन्द कर देना चाहिए, ताकि वाष्प बाहर न निकलने पाये। इस विधि में भोजन पकाने पर उसका स्वाद, सुगन्ध, पोषक तत्त्व सुरक्षित रहते हैं। मांस, साग, सब्जी तथा फल का स्ट्यू इसी विधि से तैयार किया जाता है। मन्द ताप से कठोर हुए बिना प्रोटीन का स्कन्दन हो जाता है।

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एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
पकाया हुआ भोजन ……… पच जाता है।
उत्तर-
आसानी से।

प्रश्न 2.
भोजन को कितने ढंगों द्वारा पकाया जाता है ?
उत्तर-
तीन।

प्रश्न 3.
भोजन पकाने का सस्ता तथा सरल ढंग बताएं।
उत्तर-
स्ट्यू करना।

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प्रश्न 4.
बेक करके क्या पकाया जाता है, एक का नाम बताएं।
उत्तर-
केक।

प्रश्न 5.
उथला तलना विधि द्वारा पकाए जाने वाले एक पदार्थ का नाम लिखें।
उत्तर-
आलू की टिक्की।

प्रश्न 6.
भोजन तलने का एक दोष बताएं।
उत्तर-
भोजन पचने में मुश्किल होती है।

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प्रश्न 7.
भोजन को अधिक घी में पकाने के तरीके को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
तलना।

प्रश्न 8.
टोस्टर में डबलरोटी को भूनना, भूनने की कैसी विधि है ?
उत्तर-
अप्रत्यक्ष भूनना।

प्रश्न 9.
स्ट्यू करते समय पानी का तापमान कितना होता है ?
उत्तर-
90° C.

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 3 भोजन पकाने के कारण

भोजन पकाने के कारण PSEB 6th Class Home Science Notes

  • पका हुआ भोजन सुगमता से पच जाता है।
  • पकाने से खाने वाली चीज़ का रंग, रूप, स्वाद तथा सुगंध को अच्छा बनाया जा सकता है।
  • पकाने से कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया तथा अन्य सूक्ष्म जीवाणु मर जाते हैं तथा भोजन हानिरहित हो जाता है।
  • पकाने से भोजन को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • भोजन को तीन ढंगों से पकाया जा सकता है –
    1. सूखे सेंक से पकाना, 2. गीले सेंक से पकाना, 3. घी में पकाना।
  • जब किसी चीज़ को अधिक पानी में पकाया जाए तो उसे उबालना कहते हैं।
  • पदार्थ को थोड़ी-सी चिकनाई लगाकर सेंकने को भूनना कहते हैं।
  • पका भोजन शीघ्र पचने वाला तथा मीठी सुगन्ध वाला होता है।
  • भोजन को घी में पकाने को तलना कहते हैं।
  • दाने भट्ठी पर कड़ाही में रखकर रेत से भूने जाते हैं।
  • तला हुआ भोजन निःसंदेह स्वादिष्ट होता है, परन्तु सख्त तथा भारी होता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत

PSEB 6th Class Home Science Guide भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
शरीर का निर्माण और विकास करने वाले मुख्य तत्त्व का नाम लिखें।
उत्तर-
प्रोटीन।

प्रश्न 2.
शरीर की सुरक्षा करने वाले तत्व का नाम लिखो।
उत्तर-
विटामिन।

प्रश्न 3.
कार्बोहाइड्रेट के दो प्रमुख प्राप्ति स्रोत बताइए।
उत्तर-
अनाज तथा गन्ना।

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प्रश्न 4.
शरीर में वसा का प्रमुख कार्य क्या है ?
उत्तर-
शरीर को ऊर्जा तथा शक्ति प्रदान करना।

प्रश्न 5.
कैल्शियम (चूना) का शरीर के लिए मुख्य कार्य क्या है ?
उत्तर-
शरीर में हड्डियों और दाँतों का निर्माण करना व उन्हें स्वस्थ रखना।

प्रश्न 6.
लोहा प्राप्ति के मुख्य साधन क्या हैं ?
उत्तर-
लिवर, मांस, मछली, अण्डे, पत्तेदार सब्जियाँ, शलगम, बैंगन, अनाज, पूर्ण गेहूँ, दालें, सूखे मेवे, सेला चावल, गुड़ आदि।

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प्रश्न 7.
विटामिन ‘बी’ का प्रमुख कार्य क्या है ?
उत्तर-
यह हृदय तथा मस्तिष्क को शक्ति देता है।

प्रश्न 8.
शरीर के लिए विटामिन ‘सी’ क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर–
दाँतों व मसूढ़ों को स्वस्थ व मज़बूत रखने के लिए, घाव को जल्दी भरने के लिए तथा शरीर को संक्रामक रोगों से बचाने के लिए।

प्रश्न 9.
विटामिन ‘ए’ का एक आवश्यक कार्य बताइये।
उत्तर-
आँखों को रोगग्रस्त होने से बचाना तथा त्वचा को स्वस्थ व चिकना रखना।

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प्रश्न 10.
पानी का मुख्य कार्य लिखें।
उत्तर–
पानी हमारे भोजन को तरलता प्रदान करता है ताकि यह एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुगमता से जा सके।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन खाना क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
हमें अपने शरीर की वृद्धि के लिए, रोगों से बचने के लिए, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तथा शरीर के सभी अंगों को सुचारु रूप से कार्य करते रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। शरीर की क्रियाओं को करने के लिए शक्ति की आवश्यकता पड़ती है जो भोजन से मिलती है।

प्रश्न 2.
भोजन के कौन-कौन से पौष्टिक तत्त्व हैं ?
उत्तर-
भोजन के निम्नलिखित तत्त्व हैं –

  1. प्रोटीन,
  2. कार्बोहाइड्रेट,
  3. वसा (चिकनाई),
  4. खनिज लवण,
  5. विटामिन,
  6. जल।

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प्रश्न 3.
बढ़ रहे बच्चों के भोजन में प्रोटीन का होना क्यों ज़रूरी है ? प्रोटीन हमें कौन-से भोजनों से मिलती है ?
उत्तर–
बढ़ रहे बच्चों के भोजन में प्रोटीन का होना निम्नलिखित कारणों से ज़रूरी है –
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  1. यह शरीर की वृद्धि के लिए आवश्यक है।
  2. यह शरीर के तन्तुओं की टूट-फूट की मरम्मत करता है।
  3. यह शरीर में नए कोशों तथा तन्तुओं को बनाता है।
  4. इससे शरीर में पाचक तत्त्वों का निर्माण होता है।
  5. यह मानसिक शक्ति बढ़ाने में सहायक है।
  6. यह शरीर में रक्त कणों की वृद्धि करता है। रक्त में उपस्थित फाइब्रिन प्रोटीन रक्त को बहने से रोकने के लिए रक्त को जमाने का कार्य करता है।
  7. इससे शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति में वृद्धि होती है।
  8. प्रोटीन शरीर के विभिन्न कार्यों के नियन्त्रण में सहायता करते हैं।

प्रोटीन प्राप्ति के साधन-प्रोटीन पौधों तथा जन्तु दोनों से प्राप्त होते हैं।
(अ) वनस्पति प्रोटीन-
1. अनाज-गेहूँ, ज्वार, बाजरा, चावल, मकई, रागी, जई।
2. दालें-अरहर, उड़द, मूंग, मसूर, सोयाबीन व चने की दाल, चपटी सेम के सूखे बीज, सूखी मटर आदि।
3. मेवा-काजू, बादाम, अखरोट, पिस्ता, मूंगफली आदि।
(ब) जन्तु प्रोटीन-
1. अण्डा, मांस, मछली, कलेजी (लिवर) आदि।
2. दूध व दूध से बने पदार्थ-गाय, भैंस, बकरी व माता का दूध, सूखा दूध, दही, पनीर आदि।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
महत्त्वपूर्ण खनिज लवण कौन-से हैं तथा हमारे शरीर में उसका क्या काम है ?
उत्तर-
हमारे शरीर के लिए महत्त्वपूर्ण खनिज लवण निम्नलिखित हैं –
(i) कैल्शियम,
(ii) फॉस्फोरस,
(iii) लोहा,
(iv) आयोडीन,
(v) मैग्नीशियम।
महत्त्वपूर्ण खनिज लवण के कार्य –
(i) कैल्शियम के कार्य –

  1. हड्डियों और दाँतों का निर्माण करता है।
  2. हड्डियों और दाँतों को स्वस्थ बनाए रखता है।
  3. मांसपेशियों की क्रियाशीलता तथा हृदय की गति नियन्त्रित करता है।
  4. यह स्नायुओं को स्वस्थ रखता है।
  5. यह रक्त के जमने में सहायता करता है।

(ii) फॉस्फोरस के कार्य –

  1. कैल्शियम के समान ही यह हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
  2. यह स्नायु संस्थान को पूर्णरूप से स्वस्थ बनाता है।
  3. हमारे शरीर में स्थित द्रव पदार्थों की मात्रा को स्थिर रखने में मदद देता है।
  4. यह शरीर के उचित विकास में सहायक होता है।
  5. यह कैल्शियम के अवशोषण में सहायता करता है।

(iii) लोहा के कार्य –

  1. यह प्रोटीन के साथ संयोग करके लाल रक्त कणों में हीमोग्लोबिन को बनाता है।
  2. हीमोग्लोबिन की सहायता से यह प्राण वायु (ऑक्सीजन) की पूर्ति करता है।
  3. हीमोग्लोबिन शरीर में बनने वाली दूषित वायु (कार्बन डाइऑक्साइड) को शुद्ध करने के लिए फेफड़ों में ले जाता है।

(iv) आयोडीन के कार्य –

  1. यह थायरॉइड ग्रन्थि की क्रियाशीलता के लिए आवश्यक है।
  2. यह प्रौढ़ावस्था में मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए आवश्यक है।
  3. यह शरीर में कैल्शियम और वसा का उचित प्रयोग करने में सहायता प्रदान करता
  4. आयोडीन की कमी से बालों की वृद्धि नहीं हो पाती।

(v) मैग्नीशियम के कार्य –

  1. यह हड्डी, दाँत, कोशिका तथा रक्त में पाया जाता है।
  2. यह कैल्शियम तथा फॉस्फोरस के उपापचयन में सहायक है।
  3. इसके अभाव में स्नायु सम्बन्धी रोग तथा ऐंठन होने लगती है।
  4. इसकी कमी से सिर दर्द तथा जोड़ों में दर्द का भय रहता है।

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प्रश्न 2.
पानी में घुलनशील विटामिन कौन-से हैं ? इनकी कमी से शरीर में कौनसी बीमारियाँ हो जाती हैं ?
उत्तर–
पानी में घुलनशील विटामिन निम्नलिखित हैं –
(i) विटामिन ‘बी’,
(ii) विटामिन ‘सी’।
(i) विटामिन ‘बी’ की कमी से शरीर में होने वाली बीमारियाँ –

  1. बेरी-बेरी नामक रोग हो जाता है।
  2. भूख कम लगती है तथा कब्ज हो जाती है।
  3. जी मितलाता है।
  4. स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
  5. साँस जल्दी फूलने लगती है।
  6. मांसपेशियाँ सख्त हो जाती हैं।

(ii) विटामिन ‘सी’ की कमी से शरीर में होने वाली बीमारियाँ –

  1. स्कर्वी नामक रोग हो जाता है।
  2. मसूड़े, दाँत तथा हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं।
  3. मसूड़ों से खून आने लगता है।
  4. टाँगों में दर्द रहता है।
  5. खून की कमी हो जाती है।
  6. थकावट होने लगती है।

प्रश्न 3.
विटामिन ‘ए’ के स्रोत कौन-से हैं ? इनकी कमी से क्या हानि होती है ?
उत्तर-
विटामिन ‘ए’ के स्त्रोत-दूध, दही, अण्डे का पीला भाग, मछली के यकृत के तेल, मछली, घी और मक्खन (पशु जगत् से प्राप्त) में विटामिन ‘ए’ अधिक पाया जाता है। वनस्पतियों में हरी पत्तेदार सब्जियाँ, टमाटर, गाजर, पका पपीता, आम, कद्दू, सन्तरा, रसभरी आदि विटामिन ‘ए’ के प्राप्ति स्रोत हैं।
विटामिन ‘ए’ की कमी से हानि –
शरीर में विटामिन ‘ए’ की कमी से निम्नलिखित हानियाँ होती हैं –

  1. नेत्रों में रात्रि अन्धापन या रतौंधी रोग हो जाता है।
  2. शरीर की वृद्धि रुक जाती है।
  3. शरीर के पूर्ण विकास में बाधा पहुँचती है।
  4. त्वचा शुष्क पड़ जाती है।
  5. दाँतों का रंग पीला पड़ जाता है।
  6. साँस लेने में कठिनाई होती है, फलस्वरूप श्वास सम्बन्धी संक्रामक रोग जैसे क्षय, निमोनिया, इन्फ्लुएन्जा आदि होने की सम्भावना हो जाती है।
  7. पेशाब की नलियों में पथरी हो जाती है।

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प्रश्न 4.
पानी से हमें क्या लाभ हैं ?
उत्तर–
पानी से हमें निम्नलिखित लाभ हैं –

  1. पानी हमारे भोजन को तरल बनाता है जिससे यह एक से दूसरे स्थान पर सुगमता से जा सकता है और भोजन आसानी से पच भी जाता है।
  2. पानी हमारे शरीर में विभिन्न क्रियाओं के फलस्वरूप बने विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सहायता देता है।
  3. पानी शरीर का तापमान ठीक रखने तथा खून के दौरे को ठीक रखने के लिए भी ज़रूरी है।

प्रश्न 5.
खून का रंग लाल क्यों होता है ? भोजन में लोहे की कमी के कारण कौन-सा रोग हो जाता है ?
उत्तर-
खून का रंग लोहा तत्त्व के कारण लाल होता है। भोजन में यदि लोहे की कमी हो तो अनीमिया रोग हो जाता है।
लोहे की कमी से –

  1. रक्तहीनता या एनीमिया रोग हो जाता है।
  2. खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाने से नाखून, त्वचा, जीभ व आँखें पीली नज़र आती हैं।
  3. भूख कम लगती है।
  4. बच्चों के विकास में रुकावट आती है।
  5. जल्दी थकावट आती है।
  6. रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

प्रश्न 6.
शरीर के विकास के लिए भोजन के किस पौष्टिक तत्व की ज़रूरत होती है ? इस पौष्टिक तत्व के स्रोत कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
शरीर के विकास के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है।
प्रोटीन-यह कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन के मेल से बनी होती है। केवल प्रोटीन ही भोजन का एक ऐसा भाग है, जिसमें नाइट्रोजन होता है। प्रोटीन हमारे शरीर में टूटी-फूटी कोशिकाओं की मुरम्मत तथा नई कोशिकाओं का निर्माण करती है। यह हमारे शरीर के विकास के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए विकसित हो रहे बच्चों के भोजन में प्रोटीन होना चाहिए। इसकी कमी से बच्चों का कद छोटा हो जाता है।

स्त्रोत-वनस्पति प्रोटीन-सोयाबीन, मूंगफली, राजमाह, छिलके वाली दालें, मटर, फ्रांसबीन, गेहूँ।
जैविक प्रोटीन-अण्डा, मछली, मुर्गा, दूध, दही तथा पनीर।

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प्रश्न 7.
दालों को अंकुरित करके खाने का क्या लाभ है ?
उत्तर-
प्रायः दालों में विटामिन ‘सी’ नहीं होता है तथा इनका पौष्टिक मान बढ़ाने के लिए उन्हें अंकुरित किया जाता है। अंकुरित करने से दालों में विटामिन ‘सी’ तथा अन्य विटामिनों की मात्रा बढ़ जाती है।

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अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन के तत्त्व शरीर के लिए क्यों आवश्यक होते हैं ?
उत्तर-
शरीर को क्रियाशील रखने तथा शारीरिक विकास हेतु।

प्रश्न 2.
ऊर्जा प्रदान करने वाले तत्त्व कौन-से होते हैं ?
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेट्स तथा वसा।

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प्रश्न 3.
कार्बोहाइड्रेट किस-किस तत्त्व से मिलकर बनते हैं ?
उत्तर-
कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन।

प्रश्न 4.
कार्बोहाइड्रेट का प्रमुख कार्य क्या है ?
उत्तर-
शरीर की क्रियाशीलता हेतु ऊर्जा प्रदान करना।

प्रश्न 5.
प्रोटीन किस-किस तत्त्व से मिलकर बने होते हैं ?
उत्तर-
कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं गन्धक।

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प्रश्न 6.
प्रोटीन के दो प्रमुख प्राप्त स्रोत बताइए।
उत्तर-
अण्डा व दालें।

प्रश्न 7.
पूर्ण प्रोटीन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
जो प्रोटीन पशुओं से प्राप्त होते हैं उसे पूर्ण प्रोटीन कहते हैं।

प्रश्न 8.
किन-किन वनस्पतियों में प्रोटीन अधिक पाया जाता है ?
उत्तर–
दालें, अनाज, सोयाबीन, अखरोट, मूंगफली, बादाम, सेम के बीज, मटर आदि में।

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प्रश्न 9.
जन्तुओं से प्राप्त किन-किन पदार्थों में प्रोटीन अधिक मात्रा में होती है ?
उत्तर-
दूध, दही, मक्खन, पनीर, अण्डे, माँस, मछली।

प्रश्न 10.
कार्बोहाइड्रेट्स कितने रूपों में पाए जाते हैं ?
उत्तर-
तीन रूपों में स्टार्च, शक्कर तथा चीनी व रेशे।

प्रश्न 11.
कौन-कौन से स्टार्चयुक्त पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट अधिक पाया जाता है?
उत्तर-
चावल, गेहूँ, शकरकन्द, मक्का, साबूदाना, जौ, अखरोट, आलू आदि।

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प्रश्न 12.
कौन-कौन से शर्करायुक्त पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट अधिक पाया जाता है?
उत्तर-
शहद, चीनी, गुड़, शीरा, चुकन्दर, अंगूर तथा अन्य मीठे फल।

प्रश्न 13.
वसा के दो प्रमुख स्रोत बताइए।
उत्तर-
तेलीय बीज तथा दूध।

प्रश्न 14.
वसा के कितने प्रकार होते हैं ?
उत्तर-
दो प्रकार-

  1. प्राणीजन्य वसा तथा
  2. वनस्पति वसा।

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प्रश्न 15.
जन्तुओं से प्राप्त होने वाले वसा पदार्थ कौन-से हैं ?
उत्तर-
घी, दूध, मक्खन, क्रीम, दही, पनीर, जानवरों की चर्बी, मछली, अण्डे की सफेदी।

प्रश्न 16.
वनस्पति से प्राप्त होने वाले वसा पदार्थ कौन-से हैं ?
उत्तर-
मूंगफली, सरसों, तिल, नारियल, बादाम, अखरोट, चिलगोजा आदि।

प्रश्न 17.
शरीर के लिए आवश्यक पाँच खनिच तत्त्व बताइए।
उत्तर-
कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा, आयोडीन तथा सोडियम।

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प्रश्न 18.
कैल्शियम प्राप्ति के मुख्य साधन क्या हैं ?
उत्तर-
दूध व दूध से बने पदार्थ, ताज़ा व हरी पत्तेदार सब्जियाँ तथा अण्डा।

प्रश्न 19.
लोहा शरीर के लिए क्यों आवश्यक हैं ?
उत्तर-
प्रोटीन के साथ संयोग करके हीमोग्लोबिन के निर्माण में जिसके कारण खून (रक्त) का रंग लाल होता है।

प्रश्न 20.
शरीर के लिए आवश्यक विटामिन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘बी’, विटामिन ‘सी’, विटामिन ‘डी’ तथा विटामिन ‘के’।

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प्रश्न 21.
विटामिन ‘ए’ के प्रमुख स्रोत क्या हैं ?
उत्तर-
हरी पत्तेदार सब्जियाँ, आम, पपीता, गाजर, अण्डा, दूध, मक्खन, मांस आदि।

प्रश्न 22.
विटामिन ‘बी’ के स्रोत क्या हैं ?
उत्तर-
अनाज, मूंगफली, दालें, अंकुरित दालें व खमीर किए गए पदार्थ। कुछ मात्रा में मटर, सेम, गोभी तथा दूध से भी मिलता है।

प्रश्न 23.
जल का शरीर के लिए प्रमुख कार्य क्या है ?
उत्तर-
यह पोषक तत्त्वों तथा शारीरिक क्रियाओं के नियमन का कार्य करता है।

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छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
सन्तुलित भोजन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वह भोजन जो हमारे शरीर को सभी पौष्टिक तत्त्व हमारी शारीरिक आवश्यकतानुसार उचित मात्रा में प्रदान करता है, सन्तुलित भोजन कहलाता है।

प्रश्न 2.
सन्तुलित भोजन के मुख्य तत्त्व कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
सन्तुलित भोजन में पाए जाने वाले मुख्य तत्त्व निम्नलिखित हैं –

  1. प्रोटीन।
  2. वसा।
  3. कार्बोहाइड्रेट्स या कार्बोज-श्वेतसार तथा शक्कर देने वाले पदार्थ।
  4. विटामिन-विटामिन ए, बी, सी तथा डी।
  5. खनिज लवण, कैल्शियम, लोहा, नमक आदि।
  6. जल।

प्रश्न 3.
वसा प्राप्ति के साधनों का वर्णन करो।
उत्तर-

  1. तेल और घी-मूंगफली, सरसों का तेल, नारियल का तेल, देसी घी, वनस्पति घी।
  2. मक्खन।
  3. मेवा व बीज-बादाम, काजू, नारियल, मूंगफली, पिस्ता, अखरोट, सोयाबीन आदि।
  4. दूध व दूध से बने पदार्थ-गाय-भैंस का दूध, खोआ, सूखा दूध आदि।
  5. मांसाहारी भोजन-अण्डा, मांस, मछली, लिवर आदि।

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प्रश्न 4.
पूर्ण प्रोटीन क्या होता है ?
उत्तर-
पशु स्रोतों से प्राप्त होने वाला प्रोटीन पूर्ण प्रोटीन कहलाता है। पशु स्रोतों से प्राप्त प्रोटीन अच्छे गुण वाला होता है। ये दूध, पनीर, अण्डा, मांस, मछली इत्यादि से प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 5.
भोजन के कौन-से पौष्टिक तत्त्व में नाइट्रोजन होती है तथा शरीर में इनके क्या कार्य हैं ?
उत्तर-
भोजन के प्रोटीन पौष्टिक तत्त्व में नाइट्रोजन होती है। प्रोटीन हमारे शरीर में टूटी-फूटी कोशिकाओं की मुरम्मत तथा नई कोशिकाओं का निर्माण करता है।

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बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोज्य तत्त्वों की कमी से शरीर को कौन-कौन सी हानियाँ होती हैं ?
उत्तर-
विभिन्न भोज्य तत्त्वों की कमी से शरीर को निम्नलिखित हानियाँ होती हैं –
1. कार्बोहाइड्रेट्स की कमी से

  1. व्यक्ति का वज़न कम हो जाता है। शरीर दुबला हो जाता है।
  2. बेचैनी रहती है तथा थकावट होती है।
  3. प्रोटीन से शक्ति व गर्मी लेने के कारण प्रोटीन द्वारा तन्तुओं के निर्माण का कार्य कठिन हो जाता है।
  4. त्वचा में झुर्रियाँ पड़ जाती हैं तथा त्वचा लटक जाती है।

2. प्रोटीन की कमी से

  1. शारीरिक वृद्धि में कमी आ जाती है क्योंकि नए तन्तुओं का निर्माण रुक जाता है।
  2. स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो जाता है।
  3. व्यक्ति का मन काम करने को नहीं होता।
  4. भूख कम लगती है।
  5. शरीर के भार में कमी हो जाती है।
  6. काम करने की शक्ति कम हो जाती है।
  7. त्वचा पर सूखापन, झुर्रियाँ और स्थान-स्थान पर चकते पड़ जाते हैं।

3. वसा की कमी से

  1. वज़न कम हो जाता है।
  2. थकावट व बेचैनी जल्दी हो जाती है।
  3. वसा की कमी की पूर्ति प्रोटीन द्वारा होती है, जिससे नए तन्तुओं का निर्माण कार्य कठिन हो जाता है।
  4. त्वचा शुष्क हो जाती है।

4. कैल्शियम की कमी से

  1. बच्चों की हड्डियों तथा दाँतों का विकास ठीक से नहीं हो पाता।
  2. हड्डियाँ कमज़ोर व टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं। हड्डियों के टूटने का भय रहता है।
  3. दाँत खराब हो जाते हैं।
  4. खून के जमने की शक्ति नहीं रहती। चोट लगने पर खून बहता रहता है।
  5. पाचन-शक्ति कम हो जाती है।
  6. मांसपेशियों की क्रियाशीलता में कमी आ जाती है।

5. लोहे की कमी से

  1. रक्तहीनता या एनीमिया रोग हो जाता है।
  2. खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाने से नाखून, त्वचा, जीभ व आँखें पीली नज़र आती हैं।
  3. भूख कम लगती है।
  4. बच्चों के विकास में रुकावट आती है।
  5. जल्दी थकावट आती है।
  6. रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

6. विटामिन ‘ए’ की कमी से

  1. इसकी कमी का अधिक प्रभाव आँखों पर पड़ता है। इसकी कमी से रतौंधी या अंधराता नामक रोग हो जाता है। रोगी धुंधले प्रकाश में साफ-साफ नहीं देख सकता।
  2. त्वचा सूखी और खुरदरी हो जाती है।
  3. शरीर को निमोनिया तथा तपेदिक जैसी बीमारियों का भय रहता है।
  4. शारीरिक विकास में रुकावट आती है।

7. विटामिन ‘बी’ की कमी से

  1. बेरी-बेरी नामक रोग हो जाता है।
  2. भूख कम लगती है तथा कब्ज़ हो जाती है।
  3. जी मितलाता है।
  4. स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
  5. सांस जल्दी फूलने लगता है।
  6. मांसपेशियाँ सख्त हो जाती हैं।

प्रश्न 2.
शरीर की वृद्धि तथा विकास के लिए भोजन के कौन-कौन से पौष्टिक तत्त्वों की आवश्यकता होती है ? इसके स्रोत भी बताओ।
उत्तर-
शरीर की वृद्धि तथा विकास के लिए भोजन के निम्नलिखित पौष्टिक तत्त्वों की आवश्यकता होती है –
1. प्रोटीन-यह कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन के मेल से बनी होती है। केवल प्रोटीन ही भोजन का एक ऐसा भाग है, जिसमें नाइट्रोजन होता है। प्रोटीन हमारे शरीर में टूटी-फूटी कोशिकाओं की मुरम्मत तथा नई कोशिकाओं का निर्माण करती है। यह हमारे शरीर के विकास के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए विकसित हो रहे बच्चों के भोजन में प्रोटीन होना चाहिए। इसकी कमी से बच्चों का कद छोटा हो जाता है।

स्रोत-वनस्पति प्रोटीन-सोयाबीन, मूंगफली, राजमाह, छिलके वाली दालें, मटर, फ्रांसबीन, गेहूँ।
जैविक प्रोटीन-अण्डा, मछली, मुर्गा, दूध, दही तथा पनीर।

2. कार्बोहाइड्रेट-ये कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के मेल से बनते हैं। ये हमारे शरीर में जलकर गर्मी पैदा करते हैं, जिसमें हमें कार्य करने की शक्ति मिलती है। दूसरे भोजनों की तुलना में सस्ते होने के कारण गरीब लोग भी अधिक कार्बोहाइड्रेट का इस्तेमाल करते हैं। इसकी कमी से शरीर पतला और अधिक मोटा हो जाता है।
स्रोत-गुड़, चीनी, गन्ने के रस, शहद, खजूर, अंगूर, किशमिश, गेहूँ, चावल, आलू, शक्करकन्दी आदि।

3. वसा-कार्बोहाइड्रेट की तरह वसा भी कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के मेल से बनती है। यह भी हमारे शरीर को गर्मी तथा शक्ति देती है। वसा शरीर के अंगों की रक्षा करती है परन्तु यदि आवश्यकता से अधिक मात्रा में खाई जाए तो शरीर पर चर्बी की मोटी परत जम जाती है, जिससे शरीर मोटा हो जाता है।

स्रोत-जैविक वसा-मक्खन, देसी घी, दूध, मछली के तेल, जानवरों की चर्बी तथा अण्डे की जर्दी।
वनस्पति वसा-तेल तथा तेलों के बीज, वनस्पति घी तथा शुष्क मेवा।

4. खनिज लवण-प्रोटीन, कार्बोज, वसा, विटामिन तथा जल के अतिरिक्त शरीर के लिए खनिज लवण भी आवश्यक हैं। ये शरीर की रक्षात्मक भोज्य पदार्थों के अन्तर्गत आते हैं। इनके अभाव से शरीर में कई प्रकार की न्यूनताएँ आ जाती हैं।
स्रोत-हरी पत्तेदार सब्जियों, ताजे फलों, दूध, अण्डे, खमीर, मूंगफली, छिलकों वाली अनाजों और दालें।

5. विटामिन-यदि हमारे भोजन में शेष सब तत्त्व सम्मिलित हों यदि उसमें विटामिन की कमी हो तो शरीर ठीक तरह विकास नहीं करता है।
स्रोत-दूध, दही, गाजर, पपीता, अनाज, दालें, आँवला, कलेजी आदि।

6. जल-जल एक रासायनिक संयोग है। इसमें दो मात्रा हाइड्रोजन तथा एक मात्रा ऑक्सीजन की होती है। हमारे शरीर में 70-75 प्रतिशत जल का ही होता है।
स्रोत-दूध, चाय, लस्सी, नींबू, संतरा, माल्टा, तरबूज, नारियल, हरी सब्जियाँ।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
अंकुरित दालों में कौन-सा विटामिन बढ़ जाता है ?
उत्तर-
विटामिन ‘सी’।

प्रश्न 2.
आयोडीन का सम्बन्ध किस ग्रन्थि से है ?
उत्तर-
थाईराईड।

प्रश्न 3.
चिकनाई दो प्रकार की प्राणीज़ तथा …………… चिकनाई होती है ।
उत्तर-
वनस्पतिक।

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प्रश्न 4.
विटामिन ‘सी’ की कमी से …………. रोग हो जाता है।
उत्तर-
स्कर्वी।

प्रश्न 5.
दाँतों तथा हड्डियों में कौन-सा खनिज प्रयोग होता है ?
उत्तर-
कैल्शियम।

प्रश्न 6.
चिकनाई की कमी से क्या होता है ? (कोई एक)
उत्तर-
थकावट तथा बेचैनी।

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प्रश्न 7.
पूर्ण प्रोटीन के उदाहरण दो। (कोई एक)
उत्तर-
अण्डा, मास।

प्रश्न 8.
बेरी-बेरी रोग किस विटामिन की कमी से होता है ?
उत्तर-
विटामिन बी।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 2 भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत

भोजन के कार्य, तत्त्व तथा उनके स्रोत PSEB 6th Class Home Science Notes

  • भोजन प्रत्येक जीव का प्राण है।
  • उचित भोजन के बिना शरीर का विकास ठीक तरह नहीं हो सकता।
  • शरीर के विकास के लिए, नई कोशिकाओं के निर्माण तथा पुरानी कोशिकाओं की मुरम्मत के लिए जिन तत्त्वों की आवश्यकता होती है, वे सभी तत्त्व हमें भोजन से ही मिलते हैं।
  • टूटी हुई कोशिकाओं की मुरम्मत तथा नई कोशिकाओं के निर्माण के लिए प्रोटीन युक्त भोजन की आवश्यकता है।
  • हमारे शरीर को रोगों से बचाने की शक्ति भी भोजन से ही प्राप्त होती है।
  • हमारे शरीर कई रासायनिक तत्त्वों से मिलकर बना हुआ है। इनमें से कार्बन, हाइड्रोजन ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, चूना, फॉस्फोरस, लोहा, सोडियम आदि महत्त्वपूर्ण हैं।
  • प्रोटीन-यह कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन के मेल से बनी होती है। प्रोटीन ही भोजन का एक ऐसा भाग है, जिसमें नाइट्रोजन होती है।
    स्रोत-वनस्पति-प्रोटीन, सोयाबीन, मूंगफली, राजमाह, छिलके वाली दालें, . मटर, फ्रांसबीन तथा दूसरी फलियों से और कुछ प्रोटीन अनाजों से भी मिलती हैं।
  • जैविक प्रोटीन वनस्पति प्रोटीन से अच्छी समझी जाती है। इसलिए शाकाहारी लोगों को दूध, दही तथा पनीर का अधिक प्रयोग करना चाहिए।
  • कार्बोहाइड्रेट-ये कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के मेल से बनते हैं।। इसकी कमी से शरीर पतला और अधिकता से मोटा हो जाता है।
    स्रोत-शक्कर के रूप में कार्बोहाइड्रेट गुड़, चीनी, गन्ने के रस, शक्कर, शहद, खजूर, अंगूर तथा किशमिश आदि में।
  • जैविक चिकनाई मक्खन, देसी घी, दूध, मछली के तेल, जानवरों की चर्बी तथा अंडे की जर्दी से मिलती है।
  • चूना अधिकतर दूध, लस्सी, पनीर और हरी पत्ते वाली सब्जियों से मिलता है।
  • लोहा खून को लाल रंग देता है। रक्त लाल कण फेफड़ों में से ऑक्सीजन खींचकर सारे अंगों को देते हैं तथा कार्बन-डाइऑक्साइड को फेफड़ों द्वारा बाहर निकालते हैं।
  • लोहा की कमी से अनीमिया (खून की कमी का रोग) हो जाता है।
  • स्रोत- यह मांस, विशेषत: गुर्दा, कलेजी तथा अंडे की जर्दी से मिलता है। इसके अतिरिक्त हरे पत्ते वाली सब्जियों, सोयाबीन, काले चने और गुड़ आदि।
  • विटामिन दो प्रकार के होते हैं –
    1. पानी में घुलनशील जैसे-विटामिन ‘बी’ तथा विटामिन ‘सी’।
    2. चिकनाई में घुलनशील जैसे-विटामिन ‘ए’, ‘डी’, ‘ई’ और ‘के’।
  • विटामिन ‘ए’ हमारी आँखों की दृष्टि के लिए बहुत आवश्यक है।
    स्त्रोत-विटामिन ‘ए’ दूध, मक्खन, देसी घी तथा अण्डे की जर्दी।
  • विटामिन ‘सी’ की कमी से मसूढ़ों से खून निकलने लग जाता है तथा घाव शीघ्र ठीक नहीं होते।
    स्रोत-खट्टे फल जैसे-आँवला, अमरूद, सन्तरा, मालटा, नींबू, चकोतरा तथा हरी पत्ते वाली सब्जियाँ।
  • पानी शरीर का तापमान ठीक रखने तथा खून के दौरे को ठीक रखने के लिए भी ज़रूरी है।