PSEB 7th Class Home Science Practical कृत्रिम कपड़ों की धुलाई

Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Practical कृत्रिम कपड़ों की धुलाई Notes.

PSEB 7th Class Home Science Practical कृत्रिम कपड़ों की धुलाई

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
नाइलॉन की साड़ी कैसे धोते हैं ?
उत्तर-
नाइलॉन की साड़ी को साबुन वाले गुनगुने पानी में हल्के दबाव से धोते हैं। फाल वाला हिस्सा ज़मीन के साथ लगा रहता है, इसलिए ज्यादा गन्दा हो जाता है, उसको साबुन की झाग लगाकर हाथों में रगड़कर साफ़ करते हैं।

प्रश्न 2.
नाइलॉन की साड़ी पर प्रैस कैसे करना चाहिए?
उत्तर-

  1. साड़ी को खोलकर उल्टी तरफ से फाल को हल्की गर्म प्रैस से प्रैस करना चाहिए।
  2. साड़ी के पहले लम्बाई की तरफ से दोहरी और फिर चार तह लगाकर प्रैस करना चाहिए।
  3. साड़ी को दो बार और तह लगाना चाहिए ताकि सोलह तह हो जाए। इसके बाद हैंगर में लटका देना चाहिए या चौड़ाई की तरफ से दोहरी करके रख देना चाहिए।

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बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
रेयॉन (करेप) के ब्लाऊज़ किस प्रकार धोए जाते हैं ? विस्तारपूर्वक लिखिए।
उत्तर-
धोने से पहले तैयारी-ब्लाऊज़ को खोलकर देखना चाहिए। अगर कहीं फटा हुआ हो तो मुरम्मत कर लेनी चाहिए। अगर कोई दाग लगा हो तो उसको साफ़ कर लेना चाहिए। अगर कोई बटन लगे हों तो धुलने पर खराब हो सकते हों तो उन्हें उतार लेना चाहिए।

धोने का तरीका–एक चिलमची में गुनगुना पानी डालकर साबुन का घोल तैयार करना चाहिए। उसमें ब्लाऊज़ को डाल देना चाहिए। गले पर अगर मैल लगा हो तो उस हिस्से को बाएं हाथ की हथेली पर रखकर दाएँ हाथ से थोड़ी झाग डालकर धीरे-धीरे मलना चाहिए। जब साफ़ हो जाए तो गुनगुने पानी में दो-तीन बार खंगालना चाहिए। इसमें न नील लगाने की ज़रूरत पड़ती है न माया लगाने की।

निचोड़ना-एक तौलिए में ब्लाऊज़ को रखकर लपेट लेना चाहिए और थोड़ा-सा हाथों से दबाना चाहिए। इस तरह तौलिया पानी सोख लेता है।
सुखाना-खाट पर तौलिया बिछाकर ब्लाऊज़ को हाथ से सीधा करके छाया में फैला देते हैं। 15 मिनट बाद उसका दूसरा हिस्सा सामने कर देते हैं ताकि दोनों तरफ से अच्छी तरह सूख जाए।
प्रैस करना-

  1. एक मेज़ पर कंबल या खेस की तह लगाकर बिछा देते हैं। उसके बाद उस पर एक सफ़ेद चादर भी बिछा देते हैं।
  2. प्रैस को हल्की गर्म करते हैं।
  3. ब्लाऊज़ को उल्टा करके सिलाई वाले हिस्से और दोहरे हिस्से पर प्रैस करते हैं। हुकों पर प्रैस नहीं करते हैं।
  4. बाजू को स्लीव बोर्ड में डालकर प्रैस करते हैं। अगर स्लीव बोर्ड न हो तो अख़बार या तौलिए को रोल करके बाजू में डालकर प्रैस करते हैं।
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    चित्र 2.1 ब्लाऊज़ प्रैस करना
  5. ब्लाऊज़ के बारीक हिस्से को सीधी तरफ से प्रैस करते हैं।
  6. बाजुओं को धीरे से अगली तरफ मोड़ देते हैं।
  7. ब्लाऊज़ को तह करने के बाद प्रैस नहीं करते हैं।

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प्रश्न 2.
टेरीलीन की कमीज़ किस प्रकार धोई जाती है ? विस्तारपूर्वक लिखिए।
उत्तर-
धोने से पहले की तैयारी-कमीज़ों की जेबें अच्छी तरह देख लेनी चाहिएं। अगर कुछ पैसे, पेन या कागज़ हो तो निकाल लेना चाहिए। अगर कोई दाग लगा हो तो साफ़ कर लेना चाहिए। कहीं कमीज़ फटी हुई हो तो मुरम्मत कर लेनी चाहिए।

धोने का तरीका-साबुन वाले गुनगुने पानी में हाथों से मलकर धोना चाहिए। अगर कालर और कफ साफ़ न हो तो प्लास्टिक के ब्रुश से थोड़ा-सा रगड़ना चाहिए।

खंगालना-कमीज़ को गुनगुने पानी में दो-तीन बार खंगालना चाहिए। निचोड़ना और सुखाना-हाथों से थोड़ा-सा दबाकर पानी निचोड़ लेना चाहिए और हैंगर में लटकाकर तार पर टाँग देना चाहिए। हाथ से कालर और कफ ठीक कर लेना चाहिए।
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चित्र 2.2 कमीज़ को निचोड़ना और सुखाना
प्रैस करना-

  1. सबसे पहले हल्की गर्म प्रैस से कालर और योक को प्रैस करनी चाहिए।
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    चित्र 2.3 कमीज़ पर प्रैस करना
  2. बाजुओं को प्रैस करना चाहिए।
  3. अगला और पिछला भाग प्रैस करके कमीज़ की तह लगा देना चाहिए।

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कृत्रिम कपड़ों की धुलाई PSEB 7th Class Home Science Notes

  • सफ़ेद रेयॉन फटने तक सफ़ेद रहती है। इसलिए नील लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ती और न ही इसको माया लगानी पड़ती है।
  • रेयॉन के ब्लाऊज़ को तह करने के बाद प्रैस नहीं करना चाहिए।
  • नाइलॉन, जारजट या वूली की साड़ी को साबुन वाले गुनगुने पानी में हल्के दबाव से धोना चाहिए।
  • नाइलॉन, जारजट या वूली की साड़ी को खोलकर उल्टी तरफ से फाल को हल्की प्रैस से प्रेस करना चाहिए।
  • नाइलॉन, जारजट या वूली की साड़ी को पहले लम्बाई की तरफ से दोहरी और फिर चार तह लगाकर प्रैस करना चाहिए।
  • टेरीलीन की कमीज़ को साबुन वाले गुनगुने पानी में हाथों से मलकर धोना चाहिए।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions History Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

SST Guide for Class 7 PSEB भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
इतिहास में भारतीय उपमहाद्वीप के कौन-कौन से नाम रखे गए ?
उत्तर-
भारतीय महाद्वीप के दो नाम रखे गए–हिन्दुस्तान तथा भारतवर्ष।

प्रश्न 2.
इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को कितने युगों में बाँटा है ?
उत्तर-
प्राचीन युग, मध्यकालीन युग तथा आधुनिक युग।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 7 भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे)

प्रश्न 3.
भारतीय इतिहास के स्त्रोत कितनी प्रकार के हैं ?
उत्तर-
मध्यकालीन भारतीय इतिहास की जानकारी के लिए दो प्रकार के ऐतिहासिक स्रोत मिलते हैं –
I. पुरातत्त्व स्रोत
II. साहित्यिक स्रोत
I. पुरातत्त्व स्रोत- पुरातत्त्व स्रोतों में प्राचीन स्मारक, मन्दिर, शिलालेख, सिक्के, बर्तन, हथियार, आभूषण तथा चित्र शामिल हैं।

1. प्राचीन स्मारक अथवा इमारतें-इन इमारतों में मन्दिर, मस्जिद तथा किले शामिल हैं। मन्दिरों में खजुराहो, भुवनेश्वर, कोणार्क आदि का नाम लिया जा सकता है। मस्जिदों में जामा मस्जिद तथा मोती मस्जिद और किलों में जैसलमेर, जयपुर आदि मुख्य है।
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2. शिलालेख-शिलालेख हमें आरम्भिक (पूर्व) मध्यकाल के भिन्न-भिन्न पहलुओं की जानकारी देते हैं। इनसे हमें मध्ययुग की महत्त्वपूर्ण घटनाओं, शासकों तथा उनके शासनकाल एवं गुणों, कला के नमूनों, प्रशासनिक गतिविधियों आदि का पता चलता है।
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3. सिक्के-हमें मध्ययुग के बहुत अधिक सिक्के प्राप्त हुए हैं। ये इस युग की महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं तथा प्रसिद्ध व्यक्तियों की जानकारी देते हैं। कुछ सिक्के उस समय की आर्थिक दशा पर भी प्रकाश डालते हैं।

4. चित्रकारी-चित्रकारी से हमें मध्ययुग की साधारण जानकारी के साथ-साथ उस समय की कला के विकास का भी पता चलता है।

II. साहित्यिक स्रोत-साहित्यिक स्रोतों में आत्मकथाएं, जीवन कथाएं, राजा तथा राजवंशों के वृत्तांत, दस्तावेज़ आदि शामिल हैं। बाबर, जहांगीर की आत्मकथाएं हमें विभिन्न शासकों की महत्त्वपूर्ण जानकारी देती हैं। दस्तावेज़ भिन्न-भिन्न शासकों के बीच हुई सन्धियों पर प्रकाश डालते हैं।

प्रश्न 4.
विदेशी यात्रियों के लेख किस प्रकार ऐतिहासिक स्रोत हैं ?
उत्तर-
विदेशी यात्रियों के लेख मध्यकालीन इतिहास के महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्रोत हैं। मध्ययुग में कई मुस्लिम तथा यूरोपीय यात्रियों ने भारत की यात्रा की। उन्होंने भारत के बारे में अपने-अपने लेख लिखे। ये लेख मध्ययुग से सम्बन्धित कई बातों की जानकारी देते हैं।

  1. इन-बतूता के किताब ‘उल-रिहला’ लेख से मुहम्मद-बिन-तुगलक के शासन की जानकारी मिलती है।
  2. अलबेरूनी का भारत सम्बन्धी लेख भी काफ़ी महत्त्वपूर्ण है।
  3. अब्दुल राजाक ने विजय नगर राज्य की यात्रा की। उसने उस समय के विजय नगर राज्य की स्थिति के बारे में लिखा।
  4. यूरोपीयन यात्रियों ने अपनी भारत यात्रा के बारे में कई लेख लिखे जो उस समय की भारतीय दशा पर प्रकाश डालते हैं।

(ख) निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

  1. भारतीय उपमहाद्वीप को पूर्व काल में ……………… कहा जाता था।
  2. भारत में ………………. को परिवर्तन की शताब्दी माना जाता है।
  3. चीन निवासियों ने भारत को ……………… का नाम दिया।
  4. स्मारक, शिलालेख तथा सिक्के आदि भारतीय इतिहास के …………… स्रोत हैं, जबकि आत्मकथा तथा जीवनगाथा ………………… स्रोत हैं।
  5. इब्नबतूता एक ………………… यात्री था।

उत्तर-

  1. हिन्दुस्तान,
  2. आठवीं शताब्दी,
  3. ताइन चूँ,
  4. पुरातत्व, पुरातत्व साहित्य,
  5. विदेशी।

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(ग) निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य के सामने ठीक (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाएं

  1. मध्यकालीन युग प्रारम्भिक मध्यकालीन युग एवं उत्तर-मध्यकालीन युगों में बँटा हुआ था।
  2. मध्यकालीन युग दौरान बहुत-से सामाजिक रीति-रिवाज और धार्मिक विश्वास अस्तित्व में नहीं आए थे।
  3. मध्यकालीन युग में व्यापार एवं वाणिज्य के विकास के लिए विशेष सुधार किए गए।
  4. मध्यकालीन युग दौरान हिन्दुओं तथा मुसलमानों में आपसी सम्बन्ध स्थापित नहीं थे।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✗)

PSEB 7th Class Social Science Guide भारत तथा विश्व (कब, कहाँ तथा कैसे) Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
मध्यकालीन युग से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
इतिहास के प्राचीन युग तथा आधुनिक युग के बीच के समय को मध्यकालीन युग कहते हैं।

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प्रश्न 2.
भारत में किस काल को मध्यकालीन युग कहा जाता है ?
उत्तर-
भारत में 8वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी के बीच के समय को मध्यकालीन युग कहा जाता है।

प्रश्न 3.
भारत में 8वीं शताब्दी को परिवर्तन की शताब्दी क्यों माना जाता है ?
उत्तर-
भारत में 8वीं शताब्दी में समाज, राजनीति, अर्थव्यवस्था, सभ्याचार तथा धर्म में बहुत-से परिवर्तन आए। इसी कारण भारत में 8वीं शताब्दी को परिवर्तन की शताब्दी माना जाता है।

प्रश्न 4.
भारत को किस काल में ‘आर्यवर्त’ का नाम दिया गया है ? इसका शाब्दिक अर्थ क्या है ?
उत्तर-
भारत को वैदिक काल में आर्यवर्त का नाम दिया गया है। इसका शाब्दिक अर्थ है-आर्यों का देश।

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प्रश्न 5.
भारत में मध्यकालीन युग को कौन-कौन से दो भागों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-
भारत में मध्यकालीन युग को निम्नलिखित दो भागों में बांटा जाता है –

  1. 8वीं शताब्दी से लेकर 13वीं शताब्दी के आरम्भ तक के समय को आरम्भिक अथवा पूर्व मध्यकालीन युग कहा जाता है।
  2. 13वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक का समय उत्तर मध्यकालीन युग कहलाता है।

प्रश्न 6.
अकबर के प्रसिद्ध संगीतकार का नाम बताओ।
उत्तर-
अकबर के दरबार का प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन था।

प्रश्न 7.
इतिहास ने भिन्न-भिन्न युगों में भारत को भिन्न-भिन्न नाम दिए। व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
निम्नलिखित तथ्यों से पता चलता है कि इतिहास ने भिन्न युगों में भारत को भिन्न नाम दिए –

  1. वैदिक काल में भारत को आर्यवर्त कहा जाता था।
  2. महाभारत तथा पुराणों के समय में राजा भरत के नाम पर हमारे देश को भारतवर्ष कहा जाने लगा।
  3. ईरानियों ने इसे ‘हिन्दू’ तथा यूनानियों ने इसे इण्डस का नाम दिया।
  4. बाइबल में भारत को होडू कहा गया है।
  5. जब चीन में बौद्ध धर्म का प्रसार हुआ तो चीनियों ने भारत को ताइन-चूं का नाम दिया।
  6. ह्यूनसांग की भारत यात्रा के बाद भारत को इंटू कहा जाने लगा।

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प्रश्न 8.
भारत में मध्यकालीन युग का अंत कब माना जाता है ?
उत्तर-
भारत में मध्यकालीन युग का अन्त मुग़ल साम्राज्य के पतन तथा अंग्रेजों द्वारा शक्ति पकड़ने के साथ माना जाता है। ऐसा 18वीं शताब्दी के मध्य में हुआ।

प्रश्न 9.
संगीत ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। वर्णन कीजिए।
उत्तर-
इसमें कोई संदेह नहीं कि संगीत भी ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। उदाहरण के लिए हम मुग़ल काल को लेते हैं। मुग़ल शासक संगीत प्रेमी थे। इसलिए उनके शासन काल में संगीत का बहुत अधिक विकास हुआ। अकबर ने तो अपने दरबार में अनेक संगीतकारों को संरक्षण दिया हुआ था। तानसेन उसके समय का प्रसिद्ध संगीतकार था। मुग़लकाल में संगीत के माध्यम से ही हिन्दू तथा मुस्लिम संस्कृति का मेल हुआ।

प्रश्न 10.
मध्यकालीन युग में भारतीय उपमहाद्वीप में कौन-कौन से देश शामिल थे?
उत्तर-
मध्यकालीन युग में भारतीय उपमहाद्वीप में आज के छ: देश शामिल थे। ये देश थे-पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश तथा भारत।

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प्रश्न 11.
मध्यकालीन युग के दौरान प्रमुख ऐतिहासिक प्रवृत्तियों का वर्णन करो।
उत्तर-
मध्यकालीन युग की ऐतिहासिक प्रवृत्तियां इस युग को प्राचीन युग से अलग करती हैं। इनमें से प्रमुख प्रवृत्तियाँ निम्नलिखित हैं –

  1. मध्यकाल में भारत में मुसलमान आए और उनका हिन्दुओं से मेलजोल बढ़ा। परिणामस्वरूप मिश्रित सभ्यता
    जन्म हुआ।
  2. मध्यकाल में बहुत-सी भाषाओं का विकास हुआ जो हम आज भी बोलते हैं। इनमें से हिन्दी तथा उर्दू प्रमुख थीं।
  3. इस युग में हमारे बहुत से सामाजिक रीति-रिवाजों, रस्मों तथा धार्मिक विश्वासों की उत्पत्ति हुई।
  4. इस काल में भारत के बाहरी संसार के साथ गहरे आपसी सम्बन्ध स्थापित हुए। व्यापार के कारण संसार के भिन्न-भिन्न भागों में रहने वाले लोग एक-दूसरे के निकट आए। उन्होंने एक-दूसरे के रीति-रिवाज अपनाए। भारत ने भी अन्य देशों से अनेक रीति-रिवाज ग्रहण किये।
  5. भारत में भक्ति मत तथा सूफी मत का प्रचार हुआ। इससे हिन्दुओं तथा मुसलमानों को एक-दूसरे के धर्मों के सिद्धान्तों को समझने में सहायता मिली।
  6. मध्ययुग में व्यापार तथा वाणिज्य के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण सुधार किये गये।

(क) सही कथनों पर (✓) तथा ग़लत कथनों पर (✗) का चिन्ह लगाएं :

  1. शिलालेख साहित्यिक स्त्रोत हैं।
  2. मुग़ल शासक संगीत प्रेमी थे।
  3. इब्न-बतूता के लेख से हमें अकबर के शासनकाल की जानकारी मिलती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)

(ख) सही जोड़े बनाएं:

  1. अब्दुल रज्जाक – अकबर
  2. तानसेन – विजयनगर राज्य
  3. इण्डस – यूनसांग
  4. इंटू – ग्रीक

उत्तर-

  1. अब्दुल रज्जाक – विजयनगर राज्य
  2. तानसेन – अकबर
  3. इण्डस – ग्रीक
  4. इंटू – यूनसांग

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(ग) सही उत्तर चुनिए :

प्रश्न 1.
‘किताब-उल-रिहला’ भारत में आने वाले एक विदेशी का लेख है। बताइए वह कौन था?
(i) अल्बेरुनी
(ii) इब्न-बतूता
(iii) अब्दुल रज्जाक।
उत्तर-
(ii) इब्न-बतूता।

प्रश्न 2.
चित्र में दिखाया गया व्यक्ति अकबर के समय का प्रसिद्ध संगीतकार था।
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(i) तानसेन
(ii) अब्दुल रज्जाक
(iii) अलबेरुनी।
उत्तर-
(i) तानसेन।

प्रश्न 3.
चित्र में दिखाया गया स्रोत साहित्यिक स्रोतों में शामिल है? यह क्या है?
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(i) आत्मकथा
(ii) अकबर का सिक्का
(iii) चित्रकारी।
उत्तर-
(ii) अकबर का सिक्का ।

PSEB 7th Class Agriculture Objective Questions and Answers

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वस्तुनिष्ठ प्रश्न

हरित क्रांति

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्ष 1967-68 में रासायनिक खादों का कितना प्रयोग होता था ?
(क) 10 लाख टन
(ख) 5 लाख टन
(ग) 25 लाख टन
(घ) 19 लाख टन।
उत्तर-
(क) 10 लाख टन

प्रश्न 2.
हरित क्रांति किस कारण आई ?
(क) परिश्रमी किसान
(ख) रासायनिक खादों के उत्पादन में वृद्धि
(ग) खोज तथा परीक्षण सुविधाओं में वृद्धि
(घ) सारें ठीक
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 3.
वर्ष 1960 में हुए कृषि उत्पादन की वृद्धि को कौन-सा नाम दिया गया?
(क) हरित क्रांति
(ख) सफेद क्रांति
(ग) काली क्रांति
(घ) सुनहरी क्रांति।
उत्तर-
(क) हरित क्रांति।

रिक्त स्थान भरो

  1. चावल पंजाब की …………. फसल नहीं है
  2. आज देश में कृषि लागत में ………… हो गई है।
  3. वर्ष 1971-72 में पंजाब का अनाज उत्पादन …………. था।

उत्तर-

  1. पारम्परिक
  2. वृद्धि
  3. 119 लाख टन।

ठीक/गलत

  1. हरित क्रान्ति के कारण दूध की पैदावार में वृद्धि हुई।
  2. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय कपूरथला में है।
  3. हरित क्रांति के कारण कृषि विभिन्नता घटी है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✓)

कृषि हेतु मिट्टी एवं जल परीक्षण

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मिट्टी के परीक्षण से पता लगने वाले लघु तत्त्व हैं :
(क) जिंक
(ख) लोहा
(ग) मैंगनीज़
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
मिट्टी का नमूना लेने के लिये सही समय कौन सा है?
(क) फसल काटने के बाद
(ख) वर्षा होने के बाद
(ग) खेत को पानी देने के बाद
(घ) सारे गलत
उत्तर-
(क) फसल काटने के बाद।

प्रश्न 3.
पानी तथा मिट्टी का परीक्षण कितने समय बाद करना चाहिए ?
(क) दस साल बाद
(ख) हर तीन साल बाद
(ग) कभी नहीं करना चाहिए
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(ख) हर तीन साल बाद।

रिक्त स्थान भरो

  1. बाग लगाने के लिए मिट्टी का परीक्षण करवाने के लिए खेत में ………… गहरा गड्डा बनाना चाहिए।
  2. टयूबवैल से पानी का नमूना लेने के लिए कम से कम ……….. तक चलते रखना चाहिए।
  3. खारे पानी से लगातार सिंचाई करते रहने से मिट्टी की .. …….. शक्ति घटती है।

उत्तर-

  1. 6 फुट
  2. आधे घंटा
  3. उपजाऊ।

ठीक / गलत

  1. सिंचाई के लिये नमक वाले पानी का प्रयोग करना चाहिए।
  2. सेम वाली भूमि में बाग लगाया जा सकता है।
  3. पी०ए०यू० के क्षेत्रीय केन्द्र गुरदासपुर में मिट्टी का परीक्षण किया जा सकता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✓)

फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्त्व

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नाइट्रोजन तत्त्व वाली खाद है :
(क) यूरिया
(ख) अमोनियम क्लोराइड
(ग) कैन
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
पोटाशियम की पूर्ति के लिए कौन सी खाद है?
(क) म्यूरेट आफ पोटाश
(ख) कैन
(ग) यूरिया
(घ) सोडियम क्लोराइड
उत्तर-
(क) म्यूरेट आफ पोटाश।

प्रश्न 3.
रेतली भूमि में बोए गेहूँ में कौन से तत्त्व की कमी हो जाती है?
(क) मैंगनीज़
(ख) लोहा
(ग) फास्फोरस
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) मैंगनीज़

रिक्त स्थान भरो

  1. जिप्सम, सुपर फास्फेट में फास्फोरस के साथ ………. तत्त्व भी मिल जाते हैं।
  2. जिंक ……….. का आवश्यक भाग है।
  3. मैगनीज़ पौधे में ………… बनाने का काम करते हैं।

उत्तर-

  1. गंधक
  2. एन्जाइमों
  3. क्लोरोफिल

ठीक / गलत

  1. डाया खाद में लोहा तत्त्व मिलता है।
  2. जिंक की कमी से धान के पत्तों में पीलापन आ जाता है।
  3. लोहे की कमी की पूर्ति म्युरेट आफ पोटाश के साथ की जाती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)

कृषि में पानी का कुशल प्रयोग

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वर्ष 2023 तक पानी का स्तर कितने फुट नीचे होने की सम्भावना है?
(क) 160
(ख) 500
(ग) 223
(घ) 634.
उत्तर-
(क) 160

प्रश्न 2.
कम पानी की आवश्यकता वाली फसल है :
(क) दालें
(ख) तेल बीज
(ग) नरमा
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 3.
आधुनिक सिंचाई प्रणाली के तरीके हैं :
(क) बूंद-बूंद प्रणाली
(ख) फव्वारा प्रणाली
(ग) दोनों ठीक (घ) दोनों गलत।
उत्तर-
(ग) दोनों ठीक

रिक्त स्थान भरो

  1. फसलों में पराली की परत बिछाने को ………… कहा जाता है।
  2. …………लेवलर से 25-30 प्रतिशत पानी की बचत हो जाती है।
  3. …………. की फसल में टैंशियोमीटर का प्रयोग करके भी पानी की बचत हो जाती

उत्तर-

  1. मल्चिग
  2. लेज़र
  3. धान।

ठीक / गलत

  1. नहरों तथा नालों को पक्का करने से पानी की बरबादी होती है।
  2. बूंद-बूंद सिंचाई भी सिंचाई की एक प्रणाली है।
  3. कियारा विधि में पानी की खपत कम होती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)

फसलों में खरपतवार एवं उनकी रोकथाम

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गेहूँ में चौड़े पत्ते वाले खरपतवार हैं :
(क) मैना
(ख) मैनी
(ग) तकला
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
गुडाई में काम आने वाले कृषि औजार हैं :
(क) खुरपा
(ख) ‘कसौला
(ग) त्रिफाली
(घ) सारे ठीक
उत्तर-
(घ) सारे ठीक

प्रश्न 3.
खरपतवार फसलों के साथ उनके कौन से ऊर्जा स्त्रोतों से मुकाबला करते
(क) सूर्य प्रकाश
(ख) पोषक तत्त्व
(ग) खादें
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

रिक्त स्थान भरो

  1. गुल्ली डंडा …………फसलों के चक्र वाले खेतों में होते हैं।
  2. खड़ी फसल में खरपतवार को खत्म करने के लिए ………… खरपतवारनाशके का प्रयोग किया जाता है।
  3. खरपतवारनाशकों का प्रयोग ………… मौसम वाले दिन ही करना चाहिए।

उत्तर-

  1. गेहूँ धान
  2. टौपिक
  3. शांत।

ठीक / गलत

  1. तकड़ी घास सावनी की फसलों में होते हैं।
  2. खरपतवारों को गुडाई करके भी खत्म किया जा सकता है।
  3. राऊंड अप को सुरक्षित हुड लगा कर प्रयोग किया जाता है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)

फसलों के कीट और बीमारियाँ

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
फसल को कौन-से रस चूसने वाले कीड़े हानि पहुंचाते हैं ?
(क) तेला
(ख) चेपा
(ग) सफेद मक्खी
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
पत्ते खाने वाले कीडे हैं :
(क) टिड्डे
(ख) सैनिक सूंडी
(ग) लाल भंग
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 3.
उल्ली के साथ होने वाले रोग हैं :
(क) झुलस रोग
(ख) कंगियारी
(ग) बीज गलने का रोग
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक

रिक्त स्थान भरो

  1. दीमक …………. को नुकसान पहुंचाने वाला कीड़ा है।
  2. चितकबरा रोग …………. के कारण होता है।
  3. ………… में 1943 में धान के भूरी चित्ती के रोग के कारण अकाल पड़ गया था।

उत्तर-

  1. जड़ों
  2. विषाणुओं
  3. बंगाल

ठीक/ गलत

  1. यदि किसी को जहर चढ़ जाये तो नमक वाला पानी पिला कर उल्टी करवाई जाती है।
  2. कृषि ज़हरों का छिड़काव भूखे पेट नहीं करना चाहिए।
  3. कीटों के हमले के कारण फसलों का झाड़ बढ़ जाता हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)

पौष्टिक घरेलू बगीचा

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विटामिन ए की कमी से कौन-सा रोग होता है ?
(क) अन्धराता
(ख) सकर्वी
(ग) रिकेट्स
(घ) अनीमिया।
उत्तर-
(क) अन्धराता।

प्रश्न 2.
घरेलू बगीचों में उगाए जा सकने वाले पौधे हैं :
(क) अमरूद
(ख) पपीता
(ग) नाशपाती
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 3.
घरेलू बगीचे में फलों के पौधे कौन-सी दिशा में लगाये जाने चाहिए?
(क) उत्तर
(ख) पूर्व
(ग) पश्चिम
(घ) दक्षिण।
उत्तर-
(क) उत्तर।

रिक्त स्थान भरो

  1. तीन ………… में 1500 वर्ग मीटर होते हैं।
  2. तोरी ……….. जाति की सब्जी है।
  3. करेला ………. महीने में बोया जाता है।

उत्तर-

  1. कनाल
  2. कद्
  3. फरवरी।

ठीक/ गलत

  1. लोहे की कमी के कारण अनीमिया रोग हो जाता है।
  2. सब्जियों में से मिलने वाले रेशे मनुष्य के पाचन को खराब करते हैं।
  3. स्वस्थ व्यक्ति को रोज 50 ग्राम फल अवश्य खाने चाहिएं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)

सजावटी पौधे

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सड़कों के आस-पास लगाने वाले वृक्ष हैं :
(क) पिलकन
(ख) सिल्वर ओक
(ग) डेक
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
खुशबूदार फूलों वाली झाड़ी है :
(क) रात की रानी
(ख) पिलकन
(ग) बोतल बुरश
(घ) सारे गलत।
उत्तर-
(क) रात की रानी।

प्रश्न 3.
हल्की बेल है:
(क) लोनीसोरा
(ख) माधवी लता
(ग) झुमका बेल
(घ) बिगनोनिया।
उत्तर-
(क) लोनीसोरा।

रिक्त स्थान भरो

  1. अर्जुन ………… गुणों वाला वृक्ष है।
  2. घरों के अन्दर …………. के लिए प्रयोग होने वाली बेल है मनी प्लांट।
  3. गोल्डन शावर …………. वाली बेल है।

उत्तर-

  1. औषधी
  2. सजावट
  3. पर्दे।

ठीक / गलत

  1. कैलेंडुला सर्दी ऋतु के फूल हैं।
  2. कचनार सजावटी वृक्ष है।
  3. जीनीया गर्मी के मौसमी फूल हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✓)

अनाज की सम्भाल

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अनाज को लगने वाले कीड़े हैं :
(क) खपरा
(ख) सुसरी
(ग) दाने का छोटा बोरर
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

प्रश्न 2.
एक टोपी गोदाम में कितनी बोरियां आ सकती है?
(क) 200
(ख) 96
(ग) 150
(घ) 500
उत्तर-
(ख) 96.

प्रश्न 3.
दानों की कीटों से बचाने के लिए प्रयोग करते हैं :
(क) सुमीसाइडीन
(ख) सिम्बुश
(ग) साइथियॉन
(घ) सारे ठीक।
उत्तर-
(घ) सारे ठीक।

रिक्त स्थान भरो

  1. मैलाथियान ………… को शोधने के लिये प्रयोग की जाने वाली दवाई है।
  2. स्टोर किये दानों में लगभग ………… किस्म के कीड़े लग सकते हैं।
  3. मूंगफली में अधिकतम ………… नमी होनी चाहिए।

उत्तर-

  1. गोदामों
  2. 20
  3. 10 प्रतिशत।

ठीक / गलत

  1. स्टोर भण्डार तीन किस्म के होते हैं।
  2. दीवारों से बोरियों को 5-6 मीटर दूर रखना चाहिए।
  3. 65°F पर कीड़े अण्डे देना बन्द कर देते हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)

प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत है :
(क) कोयला
(ख) हवा
(ग) सूर्य का प्रकाश
(घ) पानी
उत्तर-
(क) कोयला

प्रश्न 2.
पैट्रोल में हानिकारक तत्त्व है :
(क) सल्फर
(ख) लोहा
(ग) ताँबा
(घ) सोना।
उत्तर-
(क) सल्फर।

प्रश्न 3.
धरती पर उपलब्ध कुल पानी में से कितना पानी प्रयोग होने योग्य है ?
(क) 1 प्रतिशत
(ख) 3 प्रतिशत
(ग) 5 प्रतिशत
(घ) 8 प्रतिशत
उत्तर-
(क) 1 प्रतिशत।

रिक्त स्थान भरो

  1. ढलानों पर ………….. कृषि करनी चाहिए।
  2. धरती पर ……………… पानी है।
  3. हवा के प्रदूषण के कारण …………… परत का क्षय हो रहा है।

उत्तर-

  1. सीढ़ीदार
  2. 70 %
  3. ओजोन।

ठीक/ गलत

  1. पानी के प्रदूषण के कारण बीमारियां पैदा होती हैं।
  2. धरती पर 2% पानी है।
  3. कोयले के स्थान पर बायोगैस का प्रयोग करना चाहिए।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)

बायोगैस

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बायोगैस में मीथेन गैस कितने प्रतिशत हैं ?
(क) 10-20%
(ख) 30-40%
(ग) 50-60%
(घ) 15-20%
उत्तर-
(ग) 50-60%.

प्रश्न 2.
देश में सालाना कितना गोबर पैदा होता है?
(क) 5500 लाख टन
(ख) 9800 लाख टन
(ग) 2500 लाख टन
(घ) 1000000 लाख टन
उत्तर-
(ख) 9800 लाख टन

प्रश्न 3.
1 घन मीटर बायोगैस कितनी बिजली ऊर्जा के बराबर है?
(क) 0.47 किलो वाट बिजली
(ख) 1.90 किलो वाट बिजली
(ग) 2.56 किलो वाट बिजली
(घ) 5.23 किलो वाट बिजली
उत्तर-
(क) 0.47 किलो वाट बिजली।

रिक्त स्थान भरो

  1. बायोगैस में मुख्य तौर पर ………… गैस होती है।
  2. कोयला ……………. ऊर्जा का स्त्रोत है।
  3. दीनबंधु बायोगैस प्लांट…………. में अस्तित्व में आया।

उत्तर-

  1. मीथेन
  2. पारंपरिक
  3. 1984

ठीक/ गलत

  1. बायोगैस में से बहुत धुआं निकलता है।
  2. बायोगैस में 30-40% कार्बनडाईआक्साइड होती है।
  3. बायोगैस बहुत महंगी होती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✗)

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 11 बायोगैस

Punjab State Board PSEB 7th Class Agriculture Book Solutions Chapter 11 बायोगैस Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Agriculture Chapter 11 बायोगैस

PSEB 7th Class Agriculture Guide बायोगैस Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दें :

प्रश्न 1.
बायोगैस में निहित कोई दो गैसों के नाम लिखो।
उत्तर-
मीथेन, कार्बन-डाइऑक्साइड।

प्रश्न 2.
बायोगैस में मीथेन गैस कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
50-60%.

प्रश्न 3.
बायोगैस में कार्बन-डाइऑक्साइड गैस कितने प्रतिशत होती है ?
उत्तर-
30-40%.

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प्रश्न 4.
बायोगैस संयंत्र गैस क्षमता के अनुसार कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
यह तीन प्रकार के हैं।

प्रश्न 5.
बायोगैस उत्पन्न करने का सबसे बड़ा स्त्रोत क्या है ?
उत्तर-
पशुओं का. गोबर।

प्रश्न 6.
एक घन मीटर बायोगैस जलने से कितने किलोग्राम उपलों के बराबर ऊर्जा प्राप्त होती है ?
उत्तर-
12.30 किलोग्राम उपलों के बराबर।

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प्रश्न 7.
बायोगैस का प्रयोग किस काम के लिए किया जा सकता है ?
उत्तर-
खाना बनाने, प्रकाश पैदा करने तथा डीजल इंजन चलाने के लिए।

प्रश्न 8.
बायोगैस संयंत्र से निकलने वाली स्लरी किस काम के लिए उपयोग में आती है ?
उत्तर-
स्लरी खाद के लिए उपयोग होती है।

प्रश्न 9.
बायोगैस संयंत्र मकान की नींव से कम-से-कम कितनी दूरी पर बनाना चाहिए ?
उत्तर-
6 फुट की दूरी पर।

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प्रश्न 10.
बायोगैस संयंत्र का सस्ता आधुनिक डिज़ाइन किस कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया है ?
उत्तर-
पजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
प्राकृतिक ऊर्जा संसाधन कितनी प्रकार के होते हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट करें।
उत्तर-
प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत दो प्रकार के होते हैं।
(1) रिवायती परम्परागत
(2) गैर-रिवायती गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत।

  1. रिवायती स्रोत–पेट्रोलियम पदार्थ, कोयला आदि।
  2. गैर-रिवायती स्रोत-गोबर गैस, सौर ऊर्जा आदि।

प्रश्न 2.
बायोगैस की रचना के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
बायोगैस में 50-60% मीथेन, 30-40% कार्बन-डाइऑक्साइड तथा कुछ मात्रा में नाइट्रोजन, हाइड्रोजन सल्फाइड तथा जलवाष्प होते हैं।

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प्रश्न 3.
बायोगैस के कोई तीन लाभ लिखो।
उत्तर-

  1. यह धुंआ रहित गैस है। इसे जलाने से धुआँ पैदा नहीं होता।
  2. इस गैस में एल०पी०जी० गैस की तरह धमाके से कोई हादसा होने का डर नहीं रहता।
  3. यह गैस सस्ती पड़ती है।
  4. इसकी स्लरी को खाद के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
बायोगैस के पश्चात् निकलने वाली स्लरी के क्या गुण होते हैं ?
उत्तर-
गैस बनने के पश्चात् बचे पदार्थ जिसको स्लरी कहते हैं, में से बदबू नहीं आती तथा मक्खियां भी भिनभिनाती नहीं।
साथ ही स्लरी एक खाद का कार्य करती है। इसमें नाइट्रोजन तथा फॉस्फोरस वाले खाद्य तत्त्व होते हैं।

प्रश्न 5.
बायोगैस संयंत्र का आकार किन बातों पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
गोबर की उपलब्ध मात्रा तथा गैस की आवश्यकता के अनुसार बायोगैस प्लांट (संयंत्र) का आकार होता है, जैसे-50 किलोग्राम गोबर की प्राप्ति 3-4 पशुओं से होती है तथा 2 घन मीटर आकार का प्लांट तैयार किया जा सकता है।

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प्रश्न 6.
दीनबंधु मॉडल बायोगैस संयंत्र पर संक्षेप नोट लिखें।
उत्तर-
यह प्लांट वर्ष 1984 में अस्तित्व में आया तथा पंजाब में 1991 से लगने शुरू हुए। यह प्लांट बहुत सस्ते थे। यह प्लांट दो गोलाकार टुकड़ों (भिन्न-भिन्न व्यास वाले) को आपस में आधार से जोड़कर अण्डाकार आकार का बनाया जाता है। इसको अण्डे के आकार का डायजैस्टर (गोबर गलाने वाला कुंआ) कहते हैं। यह चैंबर (गैस होल्डर) गैस एकत्र करने के काम आता है। इसके दोनों तरफ इनलैट पाइप पर आऊटलैट चैंबर बने होते हैं। गुंबद के ऊपर पाइप लगी होने के कारण गैस को प्रयोग के स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है।
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चित्र-दीनबन्धु बायोगैस प्लांट

प्रश्न 7.
बायोगैस संयंत्र लगाने के लिए स्थान का चुनाव करते समय कौन-सी सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-

  1. संयंत्र के आस-पास वाला स्थान थोड़ा ऊंचा होना चाहिए ताकि इस जगह पानी एकत्र न हो सके।
  2. प्लांट, रसोई तथा पशु बांधने वाली जगह के पास होना चाहिए।
  3. प्लांट वाली जगह पर अधिक-से-अधिक धूप पड़नी चाहिए तथा पास वृक्ष नहीं होने चाहिएं।

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प्रश्न 8.
बायोगैस संयंत्र के काम-काज के समय ध्यान रखने योग्य सावधानियां लिखें।
उत्तर-

  1. जिस पाइप द्वारा गैस रसोई की तरफ जाती है उसकी ढलान गैस प्लांट की तरफ होनी चाहिए।
  2. यदि पाइप में से किसी स्थान पर गैस लीक हो रही हो उसके पास जलती हुई कोई वस्तु नहीं ले जानी चाहिए।
  3. गैस पाइप में मोड़ तथा जोड़ कम-से-कम होने चाहिएं।

प्रश्न 9.
रसोई में उपलों का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए ?
उत्तर-
उपले जलाने से धुआँ पैदा होता है जो आंखों को नुकसान पहुंचाता है। इनसे ऊर्जा भी कम प्राप्त होती है। गोबर में मौजूद खाद्य तत्त्व सड़ जाते हैं जोकि खेतों में खाद के तौर पर प्रयोग किए जा सकते हैं।

प्रश्न 10.
जनता बायोगैस संयंत्र के सम्बन्ध में संक्षिप्त जानकारी दें।
उत्तर-
इस संयंत्र में कच्चा गड्ढा (डायजैस्टर) खोदा जाता है जो गोबर गलाने के लिए होता है तथा इसको पक्का नहीं किया जाता है मतलब इसकी चिनाई नहीं की जाती। इस गड्डे के ऊपर गैस एकत्र करने के लिए गुंबद तथा स्लरी इकट्ठी करने के लिए आऊटलैट चैंबर की ही चिनाई की जाती है। यह दूसरे प्लाटों से 25-40% सस्ता होता है।

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(ग) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दें :

प्रश्न 1.
बायोगैस संयंत्र लगाने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
1. गोबर गैस बनाने के लिए सूखे पत्ते, मूंगफली के छिलके, बचा-खुचा चारा आदि भी मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है जिससे हमारा आस-पास साफ़ रहता

2. गैस बनने के पश्चात् जो स्लरी (तरल) बाहर निकलती है, उसमें से दुर्गन्ध नहीं आती तथा इस पर मक्खियां भी नहीं भिनभिनाती। इस तरह गन्दगी फैलने की भी कोई समस्या नहीं रहती तथा वातावरण सुखद बना रहता है।

3. बचे हुए घोल, स्लरी से प्राप्त हुई खाद से पौधों को सभी खाद्य तत्त्व प्राप्त हो जाते हैं|

4. स्लरी वाली खाद में नदीनों के बीजों के बढ़ने की शक्ति समाप्त हो जाती है। इसलिए खाद के प्रयोग से गुडाई तथा नदीननाशक दवाइयों पर खर्च नहीं होता।

5. प्लांट से निकली खाद ट्यूबवैल के पानी से ही खेतों तक पहुंचाकर तथा इस खाद को उठाकर खेतों में ले जाने की मेहनत से भी बचा जा सकता है।

6. ईंधन की पूर्ति तो प्लांट से ही हो जाती है इसलिए ईंधन के लिए जन्तर तथा अरहर आदि फसलें बोने की ज़रूरत नहीं रहती तथा दूसरी फसलें बोकर अतिरिक्त लाभ लिया जा सकता।

7. बायोगैस प्लांट के लिए देसी खाद के लिए आवश्यक स्थान से कम स्थान चाहिए तथा इसमें खाद गड्डे भी बनाए जा सकते हैं।

8. प्लांट पर वर्षा का कोई प्रभाव नहीं होता। इसलिए वर्षा में भी बढ़िया ईंधन मिलता रहता है तथा गीली लकड़ियों, उपलों आदि जैसी समस्या नहीं आती।

9. बायोगैस प्लांट में से प्राप्त स्लरी में ह्यूमस काफ़ी मात्रा में होता है। यह भूमि के भौतिक गुणों को बनाए रखने में सहायक होता है तथा भूमि की पानी को अधिक देर तक सम्भालने की शक्ति को बढ़ाता है।

10. प्लांट के साथ लैटरीन भी जोड़ी जा सकती है। इस तरह अलग सैप्टिक टैंक बनाने का खर्च बच जाता है।

प्रश्न 2.
बायोगैस संयंत्र कितने प्रकार के होते हैं ? दीनबंधु बायोगैस संयंत्र का वर्णन करें।
उत्तर-
बायोगैस प्लांट दो तरह के होते हैंपी०ए०यू० कच्चा पक्का जनता माडल गैस प्लांट तथा दीनबंधु बायोगैस प्लांट।
यह प्लांट वर्ष 1984 में अस्तित्व में आया तथा पंजाब में 1991 से लगने शुरू हुए। यह प्लांट बहुत सस्ते थे। यह प्लांट दो गोलाकार टुकड़ों (भिन्न-भिन्न व्यास वाले) को आपस में आधार से जोड़कर अण्डाकार आकार का बनाया जाता है। इसको अण्डे के आकार का डायजैस्टर (गोबर गलाने वाला कुंआ) कहते हैं। यह चैंबर (गैस होल्डर) गैस एकत्र करने के काम आता है। इसके दोनों तरफ इनलैट पाइप पर आऊटलैट चैंबर बने होते हैं। गुंबद ऊपर पाइप लगी होने के कारण गैस को प्रयोग के स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता

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प्रश्न 3.
बायोगैस बनने की विधि लिखें।
उत्तर-
पशुओं के मल-त्याग, गोबर आदि को ऑक्सीजन रहित कुएँ में इकट्ठा करके उसमें उतना ही पानी मिला दिया जाता है। गोबर तथा पानी 1:1 अनुपात में मिलाना आवश्यक है। इस घोल को ऑक्सीजन रहित स्थान पर गलने के लिए डाल दिया जाता है। इस कुएं को बायोगैस प्लांट कहा जाता है। गोबर को 15-20 दिनों के लिए कुएं में गलने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस तरह इसमें कीटाणु पैदा हो जाते हैं जो बायोगैस बनाते हैं। गैस इकट्ठा करने वाले होल्डर से कुएं को ढक दिया जाता है, ताकि तापमान 25°C से 30°C पर खमीर उठाकर गैस के प्रैशर को पाइपों द्वारा दूर-दूर तक प्रयोग में लाने के लिए भेजा जा सके।

प्रश्न 4.
जनता बायोगैस संयंत्र का विस्तार सहित वर्णन करें।
उत्तर-
बायोगैस प्लांटों के परम्परागत माडलों जैसे लोहे के ड्रमों वाले प्लांट काफ़ी महंगे होते हैं। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना ने एक सस्ता बायोगैस प्लांट डिजाइन किया है जो सस्ता पड़ता है। इस को पी०ए०यू० कच्चा पक्का जनता मॉडल बायोगैस प्लांट कहा जाता है। इस प्लांट में कच्चा गड्ढा (डायजैस्टर) गोबर गलाने के लिए खोदा जाता है तथा इसको पक्का अर्थात् इसकी चिनाई नहीं की जाती। इस गड्डे के ऊपर गैस इकट्ठी करने के लिए गुबंद तथा स्लरी इकट्ठी करने के लिए आऊटलैट चैंबर की ही चिनाई की जाती है। यह दूसरे संयंत्रों से 25-40% सस्ता होता है।
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प्रश्न 5.
बायोगैस संयंत्र को पहली बार चालू करने का सही तरीका लिखो।
उत्तर-

  1. गैस प्लांट की पहली भराई के लिए अधिक मात्रा में गोबर की आवश्यकता होती है। इसलिए काफ़ी दिन पहले ही आवश्यकता अनुसार गोबर इकट्ठा कर लेना चाहिए।
  2. गोबर इकट्ठा कर लेने के बाद ध्यान रखें कि यह सूख कर सख्त न हो जाए।
  3. ताजा गोबर डेयरी से भी लाया जा सकता है तथा गैस प्लांट की भराई 2-4 दिनों में कर लेनी चाहिए।
  4. गोबर तथा पानी का अनुपात 1:1 होना आवश्यक होता है। इस घोल को मिट्टी, लकड़ी के बूरे, साबुन के पानी तथा फिनाइल की मिलावट से बचाएं।
  5. पहली बार शुरू किए गोबर गैस प्लांट में पुराने चलते गोबर गैस प्लांट से निकली कुछ स्लरी की बाल्टियां इसमें डाल देनी चाहिए। इस तरह गैस जल्दी बनती है।
  6. शुरू में पैदा हुई गैस में कार्बन-डाइऑक्साइड गैस की मात्रा अधिक होती है तथा मीथेन गैस की मात्रा कम होती है परन्तु कुछ दिनों में यह ठीक हो जाती है।
  7. इस प्लांट में प्रतिदिन आवश्यकता अनुसार गोबर डालते रहना चाहिए।

Agriculture Guide for Class 7 PSEB बायोगैस Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग लगभग कितना गोबर ईंधन के रूप में प्रयोग करते हैं ?
उत्तर-
50%.

प्रश्न 2.
देश में वार्षिक कितना गोबर पैदा होता है ?
उत्तर-
9800 लाख टन।

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प्रश्न 3.
देश में पैदा वार्षिक गोबर पर कितने बायोगैस प्लांट लगाए जा सकते
उत्तर-
4,11,600.

प्रश्न 4.
1 घन मीटर बायोगैस कितनी बिजली ऊर्जा के बराबर है ?
उत्तर-
0.47 किलोवाट बिजली।

प्रश्न 5.
बायोगैस बनाने के लिए गोबर तथा पानी का अनुपात कितना लेना चाहिए ?
उत्तर-
बराबर अनुपात (1:1).

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प्रश्न 6.
दीनबंधु गैस प्लांट कब अस्तित्व में आया ?
उत्तर-
1984 में।

प्रश्न 7.
कच्चा पक्का जनता गैस प्लांट कितना सस्ता पडता है ?
उत्तर-
अन्य प्लांटों से 25%-40% सस्ता पड़ता है।

प्रश्न 8.
गैस प्लांट से जो पाइप रसोई घर में जाती है उसकी ढलान किस ओर होनी चाहिए ?
उत्तर-
गैस प्लांट की तरफ ताकि पानी रसोई की तरफ न जाए।

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प्रश्न 9.
1 घन मीटर बायोगैस के जलने से पैदा ऊर्जा कितनी लकड़ी से प्राप्त होती है ?
उत्तर-
3.5 किलोग्राम लकड़ी से।

प्रश्न 10.
2 घन मीटर बायोगैस संयंत्र से कितने व्यक्तियों का खाना बन सकता है ?
उत्तर-
4-5 व्यक्ति प्रतिदिन।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे देश में वार्षिक कितना गोबर पैदा होता है तथा कितने बायोगैस प्लांट तैयार हो सकते हैं ?
उत्तर-
हमारे देश में 9800 लाख टन गोबर प्रतिवर्ष पैदा होता है तथा इसके तीसरे भाग से 100 लाख बायोगैस प्लांट तैयार हो सकते हैं।

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प्रश्न 2.
बायोगैस प्लांटों का आकार क्या होता है ?
उत्तर-
बायोगैस प्लांटों का आकार साधारणत: 2 घन मीटर होता है। इनके लिए पशुओं की संख्या 3-4 तक हो सकती है। इस प्लांट के लिए 50 किलो गोबर की ज़रूरत होती है।

प्रश्न 3.
एक घन मीटर गोबर गैस के जलने से पैदा हुई ऊर्जा की तुलना विभिन्न ईंधनों से प्राप्त ऊर्जा से करो।
उत्तर-
0.52 लीटर डीज़ल, 0.62 लीटर मिट्टी का तेल, 0.4 किलो पेट्रोलियम गैस, 1.6 किलो कोयला तथा 4.7 किलोवाट बिजली, 12.30 किलो उपले आदि से प्राप्त ऊर्जा एक घन मीटर गोबर गैस के जलने से प्राप्त ऊर्जा के बराबर होती है।

प्रश्न 4.
गोबर गैस कैसे बनती है ?
उत्तर-
पशुओं के गोबर, मानवीय मल-मूत्र, पत्ते, सब्जियों के छिलके, बचे-खुचे चारे, सूअरों की लीद, मुर्गियों की बीठे आदि के ऑक्सीजन रहित वातावरण में गलने-सड़ने से गोबर गैस पैदा होती है।

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प्रश्न 5.
बायोगैस प्लांट को गैस पैदा करने की समर्था अनुसार कौन-सी श्रेणियों में बांटा जा सकता है ?
उत्तर-

  1. पारिवारिक बायोगैस प्लांट
  2. संस्थापक बायोगैस प्लांट
  3. सामुदायिक बायोगैस प्लांट।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
अलग-अलग आकार के बायोगैस संयंत्रों के लिए कम से कम ज़रूरी पशुओं की संख्या बताएं।
उत्तर-

संयंत्र का आकार पशुओं की संख्या
2 घन मीटर 3-4
3 घन मीटर 5-6
4 घन मीटर 7-8
6 घन मीटर 10-12

 

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बायोगैस PSEB 7th Class Agriculture Notes

  • गांव में रहने वाले लोग लगभग 50% पशुओं के गोबर का प्रयोग ईंधन के रूप में करते हैं।
  • बायोगैस से ईंधन के योग्य धुंआ रहित गैस तथा खेतों में डालने के लिए (स्लरी) खाद भी मिल जाती है।
  • गोबर गैस पशुओं के गोबर, मानवीय मल-मूत्र, बचे-खुचे चारे, पत्ते, सब्जियों के छिलके, मुर्गियों का मलमूत्र, सूअरों की लीद आदि के ऑक्सीजन रहित वातावरण में गलने-सड़ने से पैदा होती है।
  • गोबर गैस में 50-60% मीथेन, 30-40% कार्बन-डाइऑक्साइड, कुछ मात्रा में नाइट्रोजन, हाइड्रोजन सल्फाइड तथा जल वाष्प होते हैं।
  • हमारे देश में लगभग 9800 लाख टन गोबर उपलब्ध है।
  • इस गोबर के तीसरे भाग से 100 लाख बायोगैस प्लांट लगाए जा सकते हैं।
  • यह गोबर वार्षिक 4,10,000 लाख टन से अधिक बायोगैस पैदा कर सकता है।
  • इससे 196 मैगावाट बिजली की बचत की जा सकती है तथा 2,95,000 लाख लीटर पेट्रोल की बचत हो सकती है।
  • पारिवारिक स्तर पर पंजाब में 4,11,600 बायोगैस प्लांट लगाए जा सकते हैं।
  • एक घन मीटर गोबर गैस के जलने से प्राप्त हुई ऊर्जा 0.52 लीटर डीज़ल या 1.6 किलो कोयला या 0.43 किलो पेट्रोलियम गैस से प्राप्त ऊर्जा या 0.62 मिट्टी का तेल या 3.5 किलो ग्राम लकड़ी या 0.47 किलोवाट बिजली के बराबर होती है।
  • गोबर गैस बनाने के लिए गोबर तथा पानी का अनुपात 1:1 होता है।
  • इस घोल को ऑक्सीजन रहित स्थान पर गलने के लिए रख दिया जाता है। 15 – 20 दिन में गोबर गल जाता है।
  • दो तरह के गैस प्लांटों का प्रयोग किया जाता है-
    • दीनबंधु बायोगैस संयंत्र
    • पी०ए०यू० कच्चा पक्का जनता मॉडल बायोगैस संयंत्र।
  • 2 घन मीटर आकार वाले प्लाटों के लिए पशुओं की संख्या 3-4 हो सकती है।
  • इन साइज़ों के लिए 50 किलो गोबर की आवश्यकता है।
  • इससे 4-5 व्यक्तियों का खाना बनाया जा सकता है।
  • इस प्रकार 6 घन मीटर वाले प्लांट के लिए पशुओं की संख्या 10 से 12 होती है तथा इसके लिए 150 किलोग्राम गोबर की आवश्यकता होती है।
  • गोबर गैस प्लांट के आकार से भाव है कि 24 घण्टों में कितने घन मीटर या घन फुट गैस प्राप्त की जा सकती है।
  • एक पशु से प्रतिदिन लगभग 15 किलोग्राम ताजा गोबर प्राप्त हो जाता है तथा 25 किलोग्राम गोबर से 1 घन मीटर गैस पैदा होती है।
  • बायोगैस प्लांट को गैस पैदा करने की समर्था अनुसार तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है-पारिवारिक, संस्थापक, सामुदायिक बायोगैस प्लांट आदि।
  • गोबर गैस खाना पकाने, प्रकाश पैदा करने तथा डीज़ल इंजन चलाने के लिए प्रयोग होती है।

PSEB 7th Class Social Science Solutions Chapter 6 मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार

Punjab State Board PSEB 7th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 6 मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार

SST Guide for Class 7 PSEB मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 1-15 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
कृषि मानवीय बस्तियों को कैसे प्रभावित करती है ?
उत्तर-
कृषि के लिए मनुष्य को एक स्थान पर टिककर रहना पड़ता है, ताकि खेतों की उचित देखभाल की जा सके। इससे खेतों के आस-पास मानव बस्तियां विकसित हो जाती हैं।

प्रश्न 2.
पहले पहल मनुष्य ने कहां रहना आरम्भ किया ?
उत्तर-
पहले पहल मनुष्य वहां रहना पसन्द करता था, जहां पानी आसानी से प्राप्त होता था। पानी मनुष्य की कई घरेलू तथा खेती की ज़रूरतों को पूरा करता था। इसलिए मनुष्य नदी घाटियों में रहने लगा।

प्रश्न 3.
किसी स्थान का धरातल मानव बस्तियों के विकास को कैसे प्रभावित करता है ?
उत्तर-
समतल धरातल पर मानव बस्तियां बनाना आसान होता है। यहां खेती तथा रेलें-सड़कों की सुविधा होती है। इसी कारण अधिकतर नगर भारत के उत्तरी मैदान में बसे हैं। परन्तु पर्वतों पर ऊबड़-खाबड़ धरातल के कारण मानव बस्तियां कम मिलती हैं।

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प्रश्न 4.
सड़क मार्गों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
सड़कें तुलनात्मक पक्ष से बनानी आसान तथा सस्ती हैं। ये एक घर से दूसरे घर तक (Door to Door) सामान पहुंचाती हैं। सड़कें ऊबड़-खाबड़ प्रदेशों में भी बनाई जा सकती हैं।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
संसार के रेलमार्गों के बारे जानकारी देते हुए इनका महत्त्व बताओ।
उत्तर-
रेल मार्ग आवागमन का महत्त्वपूर्ण साधन है। इनके द्वारा बड़ी संख्या में मुसाफिरों तथा बहुत ज्यादा मात्रा में सामान पहुंचाया जाता है। सबसे पहले कोयले से चलने वाले रेल इंजन होते थे। अब बिजली तथा डीज़ल से चलने वाले इंजन अस्तित्व में आ गए हैं।

मैट्रो रेलें-अत्यधिक जनसंख्या के कारण स्थल पर वाहनों की भीड़ लगी रहती है। इससे छुटकारा पाने के लिए भूमिगत रेलमार्ग बिछाए गए हैं। इनको मैट्रो रेल सेवाएं कहते हैं। जैसे कि दिल्ली में ये काफी प्रचलित हो गई हैं।

संसार के प्रमुख रेलमार्ग-संसार में यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका में रेलमार्गों का जाल बिछा हुआ है। अब सभी महाद्वीपों के तटों के साथ रेलमार्ग बनाए गए हैं। रूस (C.I.S.) के रेल मार्ग सेंट पीटर्सबर्ग को ब्लाडी वास्टक से जोड़ते हैं। इस रेलवे लाइन को ट्रांस साइबेरियन रेलवे कहते हैं। यह संसार का सबसे बड़ा रेलमार्ग है। जापान में रेलों का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। जापानी रेलों में रोज़ाना बड़ी संख्या में सफर करते हैं। चीन, जापान तथा फ्रांस में बहुत तेज़ गति से चलने वाली रेलगाड़ियां बनाई गई हैं।
जापान में बुलट रेलगाड़ी 350 कि०मी० प्रति घण्टा से भी अधिक की रफ्तार से चलती है।

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प्रश्न 2.
संसार के प्रमुख जलमार्गों के नाम बताओ।
उत्तर-
जल मार्ग आवागमन का सबसे सस्ता साधन है। इन मार्गों पर समुद्री जहाज, स्टीमर, नाव चलाई जाती हैं। संसार के प्रमुख समुद्रीय मार्ग निम्नलिखित हैं –

  1. उत्तरी अन्ध महासागरीय मार्ग
  2. शान्त महासागरीय मार्ग
  3. केप मार्ग
  4. स्वेज नहर मार्ग
  5. पनामा नहर मार्ग।

प्रश्न 3.
संसार के आन्तरिक जलमार्गों के नाम बताओ।
उत्तर-
नदी (दरिया) तथा झील आन्तरिक जल-मार्ग हैं –

  1. भारत में गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियां तथा केरल में स्थित झीलें जलमार्ग का काम करती हैं।
  2. यूरोप का डैनुब दरिया मध्य तथा दक्षिण यूरोप को काला सागर से मिलाता है।
  3. चीन की यंगसटी क्यिांग नदी, दक्षिणी अमेरिका की अमेज़न नदी।
  4. उत्तरी अमेरिका की पांच ऐसी झीलें हैं जो जल परिवहन द्वारा कैनेडा को यू०एस०ए० से जोड़ती हैं।

प्रश्न 4.
वायुमार्ग द्वारा संसार एक विश्वीय गांव (Global Village) बन गया। इस तथ्य को उदाहरण देकर समझाओ।
उत्तर-
वायुमार्ग सबसे तेज़ गति वाला आवागमन का साधन है। परंतु यह महंगा भी बहुत है। आज लगभग सारे देश वायु-मार्गों के द्वारा एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनके कारण संसार एक ग्लोबल गांव बन गया है। वास्तव में हवाई जहाज़ द्वारा यात्रा करने से समय की बहुत बचत होती है। इसलिए हवाई यात्रा बहुत लोकप्रिय हो गयी है। संसार के कई देशों में बड़े-बड़े हवाई अड्डे हैं। इन हवाई अड्डों में दिल्ली, लन्दन, पेरिस, मास्को, टोकियो, दुबई आदि के नाम लिये जा सकते हैं। इन अड्डों द्वारा लगभग पूरा संसार आपस में जुड़ा हुआ है।

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प्रश्न 5.
संसार तथा भारत की मुख्य बन्दरगाहों के नाम बताओ।
उत्तर-
संसार की प्रमुख बंदरगाहें, शंघाई (चीन), लॉस एंजल्स (यू०एस०ए०), ऑकलैंड (न्यूजीलैंड) आदि हैं। भारत की प्रमुख बन्दरगाहें कोलकाता, चेन्नई (मद्रास), कोचीन, गोआ, कांडला, मुंबई तथा विशाखापट्टनम हैं। यह भारत को बाकी संसार से जोड़ती हैं।

प्रश्न 6.
संचार के साधन कौन-कौन से हैं ? इनकी उन्नति से हमें क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
संदेशों का आदान-प्रदान करने वाले साधन संचार के साधन कहलाते हैं। इनमें इंटरनेट, मोबाइल, टेलीफोन, रेडियो, टी.वी., समाचार-पत्र, पत्रिकाएं तथा पत्र आदि शामिल हैं।
लाभ-संचार के संसाधनों का बहुत अधिक महत्त्व है –

  1. यह शिक्षा के प्रसार तथा मनोरंजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  2. इनके कारण राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
  3. इनसे सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सहायता मिलती है।
    सच तो यह है कि संचार के साधन विश्व के विभिन्न देशों को आपस में जोड़ते हैं। परिणामस्वरूप विश्व एक इकाई बन गया है।

प्रश्न 7.
स्वेज नहर के विषय में विस्तृत जानकारी दें।
उत्तर-
स्वेज नहर एक महत्त्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय जलमार्ग है। यह नहर भूमध्य सागर (रोमसागर) तथा लाल सागर को मिलाती है। यह मार्ग यूरोप के देशों को दक्षिणी एशिया, ऑस्ट्रेलिया तथा पूर्वी अफ्रीका के देशों से मिलाता है।

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(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 125-130 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
बस्तियों के विकास में कौन-से कारक प्रभाव डालते हैं ? .
उत्तर-
एक ही स्थान पर बने घरों के समूह को बस्ती कहते हैं। निम्नलिखित कुछ कारण हैं जो लोगों को बस्तियां बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

  1. जनसंख्या का बढ़ना ।
  2. व्यवसाय का विकास
  3. नदी घाटियों में कृषि
  4. औद्योगिक विकास।

बस्तियों के विकास पर प्रभाव डालने वाले कारक

1. पानी की उपलब्धता-लोग अधिकतर उन स्थानों पर रहना पसन्द करते हैं जहां पानी आसानी से प्राप्त हो जाता है। इसी कारण ही बहुत-सी सभ्यताओं को नदी घाटियों ने जन्म दिया। उदाहरण के लिए सिन्धु घाटी सभ्यता का विकास सिन्धु नदी की घाटी में हुआ।

2. धरातल-बस्तियां बनाना/लोगों के बसने के लिए धरातल का विशेष महत्त्व है। ऊबड़-खाबड़ धरातल में मानवीय बस्तियां कम होती हैं –
(i) क्योंकि आवागमन में रुकावट आती है।
(ii) कृषि करनी भी कठिन होती है।
(iii) घर बनाने भी बड़े मुश्किल होते हैं।
इसके मुकाबले समतल धरातल वाले क्षेत्रों में सुविधाएं हैं –
(i) यातायात के लिए सड़कें तथा रेल लाइनें बनाना आसान है।
(ii) कृषि करना आसान होता है।
(iii) कृषि की उपजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना भी आसान है।
इसी कारण बड़े-बड़े नगर तथा महानगर समतल धरातल पर ही विकसित हुए हैं। उदाहरण-उत्तरी भारत के मैदान में बहुत उन्नत नगर विकसित हुए हैं।

3. प्राकृतिक सुन्दरता-कई नगर प्राकृतिक सुन्दरता के कारण विकसित हुए हैं। इनका विकास सैर-सपाटे के लिए हुआ है। क्योंकि सैर-सपाटा (पर्यटन) वर्तमान समय में एक प्रमुख उद्योग बन गया है इसलिए इस उद्योग ने भी बहुत सारे लोगों को रोजगार दिया है। सारे संसार से लोग इन स्थानों की प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द लेने के लिए आते हैं। उदाहरण-कश्मीर और गोआ अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के कारण ही विकसित हुए हैं।

4. आवागमन तथा संचार के साधन आवागमन तथा संचार के साधन भी किसी स्थान को विकसित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। आवागमन की अच्छी सुविधाओं के कारण लोगों तथा वस्तुओं को लाने तथा ले जाने में आसानी हो जाती है, जिससे आर्थिक तथा सामाजिक दृष्टि से उन्नति होती है।

प्रश्न 2.
जलमार्गों के बारे में विस्तृत जानकारी दें।
उत्तर-
1. उत्तरी अन्ध महासागर मार्ग-यह मार्ग सबसे अधिक प्रयोग में आता है। यह पश्चिमी यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कैनेडा को मिलाता है। इस मार्ग के द्वारा संसार का सबसे अधिक व्यापार होता है।

2. शान्त महासागर मार्ग-यह मार्ग उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका को एशिया तथा आस्ट्रेलिया से मिलाता है।

3. केप मार्ग-इस मार्ग की खोज वास्कोडिगामा ने सन् 1498 ई०. में की.। यह मार्ग पश्चिमी यूरोपीय देशों तथा अमेरिका को दक्षिणी एशिया, आस्ट्रेलिया तथा न्यूज़ीलैंड से मिलाता है। स्वेज नहर बनने से इस मार्ग का महत्त्व कम हो गया है।

4. स्वेज नहर मार्ग-स्वेज नहर भू-मध्य सागर (रूम सागर) तथा लाल सागर को मिलाती है। यह मार्ग यूरोप के देशों को दक्षिणी एशिया, आस्ट्रेलिया तथा पूर्वी अफ्रीका के देशों से जोड़ता है।

5. पनामा नहर-यह नहर पनामा गणराज्य में से बनाई गई है। यह नहर अन्ध महासागर तथा शान्त मासागर को मिलाती है। यह नहर पश्चिमी यूरोप तथा पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका (यू० एस० ए०) को पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका तथा पश्चिमी एशिया से मिलाती है।

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प्रश्न 3.
मानवीय बस्तियों के विकास में यातायात के साधनों ने क्या योगदान डाला है ?
उत्तर-
आवागमन में भी बहुत आधुनिकीकरण आया है। पहले लोग आवागमन तथा सामान लाने तथा ले जाने में पालतू जानवरों का प्रयोग करते थे। तकनीकी विकास के कारण आवाजाही तथा सामान लाने तथा ले जाने की तकनीक में भी बहुत ज्यादा विकास हुआ है। कई बार देखा गया है कि किसी जगह की उसके बिल्कुल पड़ोसी की अपेक्षा दूर जगह पर ज्यादा महत्ता होती है। यदि वहां आवागमन के साधन अच्छे होंगे तो उस जगह पर उत्पन्न की या बनाई वस्तु दूर स्थान पर जहां इसकी ज्यादा आवश्यकता है, पहुंचाने से ज्यादा आर्थिक लाभ हो सकता है। इस प्रकार ऐसे स्थान जल्दी ही सांस्कृतिक तथा व्यापारिक संस्थाओं का रूप धारण कर लेते हैं। इसके अतिरिक्त जो शहर मुख्य सड़कों, रेल लाइनों तथा बन्दरगाहों के किनारे पर स्थित होते हैं, वे सांस्कृतिक तथा व्यापारिक संस्थाओं के रूप में प्रसिद्ध हो जाते हैं।

PSEB 7th Class Social Science Guide मानवीय पर्यावरण-बस्तियाँ, यातायात तथा संचार Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
पर्यावरण से क्या भाव है ?
उत्तर-
मनुष्य के आस-पास को पर्यावरण कहते हैं।

प्रश्न 2.
प्रारम्भिक मनुष्य के जीवन में कैसे क्रान्ति आई ?
उत्तर-
मनुष्य ने आग जलाना सीखा, कपड़े पहनना सीखा तथा रहने के लिए बस्ती बनाई।

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प्रश्न 3.
नदी घाटियों में कृषि का विकास क्यों हुआ ?
उत्तर-
उपजाऊ दरियाई मिट्टी के कारण।

प्रश्न 4.
Sky Scrapers से क्या भाव है ?
उत्तर-
बहु-मंजिली गगनचुम्बी इमारतें।

प्रश्न 5.
विश्व गांव से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
विश्व विशाल होते हुए भी तेज़ आवागमन के साधनों के कारण सिकुड़कर एक गांव रह गया है।

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प्रश्न 6.
एक नगर बताएं जहां मैट्रो रेल है।
उत्तर-
दिल्ली।

प्रश्न 7.
रूस के एक अन्तमर्हाद्वीपीय रेल मार्ग का नाम बताएं।
उत्तर-
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग।

प्रश्न 8.
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग कौन-से नगरों को जोड़ता है ?
उत्तर-
पश्चिम में सेंट पीटर्सबर्ग को पूर्व में व्लाडीवास्तक के साथ।

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प्रश्न 9.
संचार के दो नवीन साधन बताएं।
उत्तर-
इंटरनेट तथा मोबाइल।

प्रश्न 10.
जलमार्ग कहां-कहां मिलते हैं ?
उत्तर-
महासागर, सागर, नदियों, नहरों तथा झीलों में।

प्रश्न 11.
संसार का सबसे बड़ा रेलमार्ग बताएं।
उत्तर-
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग।

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प्रश्न 12.
यूरोप का एक आन्तरिक जलमार्ग बताएं।
उत्तर-
डैन्यूब दरिया।

प्रश्न 13.
उत्तरी अमेरिका का आन्तरिक जलमार्ग बताएं।
उत्तर-
पांच महान् झीलें।

प्रश्न 14.
भारत के दो आन्तरिक जलमार्ग बताएं।
उत्तर-
गंगा तथा ब्रह्मपुत्र।

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प्रश्न 15.
पाइप लाइनों द्वारा किन दो पदार्थों का परिवहन होता है ?
उत्तर-
गैस तथा तेल।

प्रश्न 16.
बिजली दूर-दूर तक कैसे पहुंचाई जाती है ?
उत्तर-
इलैक्ट्रिक ग्रिड के द्वारा।

प्रश्न 17.
हवाई जहाज़ की खोज किसने की ?
उत्तर-
अमेरिका के राइट ब्रदर्ज ने।

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प्रश्न 18.
भारत के पूर्वी तट पर दो बन्दरगाहें बताएं।
उत्तर-
कोलकाता तथा चेन्नई।

प्रश्न 19.
स्वेज़ नहर कौन-से दो सागरों को जोड़ती है ?
उत्तर-
लाल सागर तथा भूमध्य सागर।

प्रश्न 20.
प्राचीन सभ्यताओं का विकास नदी घाटियों में क्यों हुआ ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
नदी घाटियों पर आसानी से पानी की प्राप्ति होती थी। वहाँ उपजाऊ मिट्टी में खेती का विकास सम्भव था। रहने के लिए समतल भूमि प्राप्त थी। इसलिए आरम्भ में सिन्धु घाटी सभ्यता तथा नील घाटी सभ्यता का विकास हुआ।

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प्रश्न 21.
मानवीय बस्तियों में किस प्रकार के बदलाव आए हैं ?
उत्तर-
घरों के समूह को बस्ती कहते हैं। बस्ती मनुष्य का निवास स्थान है। आरम्भ में मनुष्य खानाबदोश जीवन व्यतीत करता था। फिर उसने कच्ची मिट्टी की झोंपड़ियां, पक्की झोंपड़ियां तथा घर बनाए। अब मनुष्य कई बहु-मंज़िली इमारतें तथा गगनचुम्बी भवन (Sky Scrapers) बना रहा है।

प्रश्न 22.
आवागमन के साधनों वाले महत्त्वपूर्ण नगर क्यों व्यापारिक केन्द्र बन जाते हैं ?
उत्तर-

  1. वस्तुओं के आवागमन में आसानी।
  2. वस्तुओं के आवागमन से आर्थिक लाभ।
  3. सांस्कृतिक तथा व्यापारिक संस्थाओं का बन जाना।
  4. रेलों, सड़कों तथा बन्दरगाहों का विकास होना।

प्रश्न 23.
मैट्रो रेलों की क्यों आवश्यकता है ?
उत्तर-

  1. धरती की ऊपरी सतह पर भूमि की कमी के कारण भूमि के नीचे मैट्रो रेलें बनाई गई हैं।
  2. बढ़ती जनसंख्या के कारण यात्रियों की अधिक संख्या को सवारी देने के लिए।
  3. आवागमन की भीड़ से बचाने के लिए।

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प्रश्न 24.
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग की महत्ता बताएं।
उत्तर-
ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग संसार का सबसे बड़ा रेलमार्ग है। यह एक अन्तर्महाद्वीपीय मार्ग है। यह सेंट पीटर्सबर्ग तथा व्लाडीवास्तक (रूस) के नगरों को जोड़ता है। यह इस लम्बे मार्ग पर कोयले, लोहे, लकड़ी, अनाज के आवागमन के लिए महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न 25.
जल मार्गों के लाभ बताएं। यह सबसे सस्ता साधन क्यों है ?
उत्तर-

  1. यह समुद्री यात्राओं के लिए अच्छा साधन है।
  2. इससे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार होता है।
  3. यह सबसे सस्ता आवागमन का साधन है।
  4. जलमार्ग बनाने पर कोई खर्च नहीं आता।
  5. इससे बड़े पैमाने पर भारी सामानं कम लागत पर भेजा जाता है।

(क) रिक्त स्थान भरी:

  1. मनुष्य ने सबसे पहले ………….. में रहना शुरू किया।
  2. सबसे पहले रेलवे इंजन …………….. से चलते थे।
  3. ………………… रेलवे संसार का सबसे बड़ा रेलमार्ग है।
  4. केप मार्ग (जलमार्ग) की खोज …………. ई० में वास्कोडिगामा ने की।

उत्तर-

  1. नदी घाटियों,
  2. कोयले,
  3. ट्रांस-साइबेरियन,
  4. 1498

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(ख) सही कथनों पर (✓) तथा ग़लत कथनों पर (✗) का चिन्ह लगाएं :

  1. बड़े-बड़े शहर समतल धरातल पर बसे हुए हैं।
  2. स्वेज नहर भूमध्य सागर (रूमसागर) तथा लाल सागर को मिलाती है।
  3. पनामा नहर अंध महासागर तथा हिन्द महासागर को आपस में मिलाती है।
  4. पंजाब में स्थित झीलें जलमार्ग का काम करती हैं।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✓)
  3. (✗)
  4. (✗)

(ग) सही उत्तर चुनिए

प्रश्न 1.
बस्तियां बसाने में सहायक कारण नहीं है –
(i) समतल धरातल
(ii) पानी की सुविधा
(iii) सघन वनस्पति की समीपता।
उत्तर-
(iii) सघन वनस्पति की समीपता।

प्रश्न 2.
अन्धमहासागर तथा शान्त महासागर को एक नहर आपस में मिलाती है। उसका नाम बताइए।
(i) पानामा
(ii) स्वेज़
(iii) एस०बाई०एल०।
उत्तर-
(i) पानामा।

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प्रश्न 3.
आज हम आकाश में हवाई जहाज़ उड़ते देखते हैं। क्या आप बता सकते हैं कि सबसे पहले उड़न मशीन किसने बनाई थी?
(i) राँग ब्रदर्ज़
(ii) रॉइट ब्रदर्ज
(iii) रॉइटर ब्रदर्ज।
उत्तर-
(ii) रॉइट ब्रदर्ज।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 10 प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

Punjab State Board PSEB 7th Class Agriculture Book Solutions Chapter 10 प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Agriculture Chapter 10 प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

PSEB 7th Class Agriculture Guide प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दो :

प्रश्न 1.
अपने आस-पास मिलने वाले कोई दो नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधनों के नाम लिखो।
उत्तर-
पन ऊर्जा, सौर ऊर्जा।

प्रश्न 2.
अलग-अलग स्रोतों से हवा में फैल रही कोई दो जहरीली गैसों को नाम लिखो।
उत्तर-
कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर-डाइऑक्साइड।

प्रश्न 3.
फसलों को ज़रूरत के अनुसार कम-से-कम पानी लगाने के लिए विकसित की गई नवीनतम सिंचाई विधियों के नाम लिखो।
उत्तर-
फव्वारा तथा ड्रिप सिंचाई प्रणाली।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 10 प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

प्रश्न 4.
रेतीली जमीनों में प्रति एकड़ कितनी.क्यारियां बनानी चाहिए ?
उत्तर-
रेतीली ज़मीनों में 16 क्यारे प्रति एकड़ बनाएं।

प्रश्न 5.
भूमि की सेहत के लिए फसली चक्र में कौन-सी फसलें आवश्यक हैं ?
उत्तर-
फसली चक्रों में फलीदार फसलें होनी चाहिएं।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
फलीदार फसलें क्यों उगानी चाहिए ?
उत्तर-
फलीदार फसलें हवा में से नाइट्रोजन लेकर भूमि में इकट्ठा करती हैं।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 10 प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

प्रश्न 2.
नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधनों के नाम लिखो।
उत्तर-
नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन हैं-जीव-जन्तु, हवा से ऊर्जा, अवशेष से ऊर्जा, समुद्री लहरों से ऊर्जा, पन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, जंगलात आदि।

प्रश्न 3.
फसलों और घरेलू अवशेष से किस प्रकार की खाद तैयार की जा सकती है ?
उत्तर-
फसलों के अवशेष से बनी कम्पोस्ट खाद, हरी खाद आदि तैयार की जा सकती है।

प्रश्न 4.
घरेलू स्तर पर पानी की बचत के लिए किए जा सकने वाले कोई पाँच उपाय बताएं।
उत्तर-
फर्श को धोने के स्थान पर पोंचे से साफ करना, फलों, सब्जियों को बर्तन में पानी डाल कर धोना, घर की खराब टूटियों को जल्दी-जल्दी मुरम्मत करवाना, कार को पाइप से नहीं धोना चाहिए। घरों में छोटे मुँह वाली टुटियां लगानी चाहिए। रसोई का पानी घर के बगीचे में, लॉन या गमलों को देना चाहिए।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 10 प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

प्रश्न 5.
प्राकृतिक संसाधन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं-

  1. नवीकरणीय
  2. अनवीकरणीय।

नवीकरणीय स्त्रोत हैं-पन बिजली, हवा से ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि।
अनवीकरणीय स्रोत हैं-कोयला, पेट्रोलियम पदार्थ आदि।

(ग) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
प्राकृतिक संसाधनों के अधिक प्रयोग के कारण किस प्रकार की समस्याएं पैदा हो रही हैं ?
उत्तर-
प्राकृतिक संसाधनों का अधिक प्रयोग करने से अग्रलिखित समस्याएं पैदा हो रही हैं@

  1. पानी के अधिक प्रयोग से भूमिगत पानी का स्तर और नीचे जा रहा है।
  2. खेतों में अनावश्यक खादों तथा रसायनों का प्रयोग करने से मिट्टी, पानी तथा वातावरण प्रदूषित हो रहा है।
  3. शहरीकरण तथा. औद्योगीकरण के कारण जंगल काटे जा रहे हैं तथा खेती योग्य भूमि कम हो रही है। .
  4. अधिक प्रयोग के कारण अनवीकरणीय स्रोत जल्दी समाप्त हो जाएंगे।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 10 प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

प्रश्न 2.
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं ?
उत्तर-
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं@

  1. अधिक वृक्ष लगाने चाहिए जिससे कार्बन डाइऑक्साइड कम होती है तथा ऑक्सीजन बढ़ती है।
  2. सल्फर तथा सीसा रहित पेट्रोल का प्रयोग करना चाहिए।
  3. ज़हरीली गैसों वाले धुएं को पानी के स्प्रे में से गुज़ार कर साफ करना चाहिए।
  4. ईंधन वाले कोयले के स्थान पर सौर ऊर्जा, बायोगैस, गैस तथा बिजली का प्रयोग करना चाहिए।
  5. कारखानों में धुएं को साफ करने के लिए उपकरण लगाएं तथा चिमनियां ऊंची होनी चाहिए।
  6. हवा साफ करने के लिए फिल्टर प्लांट लगाने चाहिए।

प्रश्न 3.
खेती में पानी का उचित प्रयोग कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर–
पानी एक प्राकृतिक स्रोत है जिसे बचाने की बहुत आवश्यकता है। खेतों में भी पानी का उचित प्रयोग बहुत ज़रूरी है। इसलिए निम्नलिखित अनुसार करना चाहिए-

  1. सिंचाई करने के लिए फव्वारा तथा ड्रिप सिंचाई प्रणाली का प्रयोग करना चाहिए।
  2. खेतों को लेज़र कराहे से समतल करने से भी पानी की बचत होती है।
  3. ऐसी फसलों की बोआई करनी चाहिए जिनको विकसित होने के लिए कम पानी की आवश्यकता हो।
  4. धान में पहले 15 दिन के बाद पानी लगातार खड़ा नहीं रखना चाहिए। धान में पानी की बचत के लिए टैंशियोमीटर का प्रयोग करना चाहिए।
  5. फसल की बोआई मेड़ों पर करनी चाहिए इससे पानी की बचत की जा सकती है।
  6. खेतों में पराली या पॉलीथीन बिछा कर मल्चिंग करने से पानी की बचत होती है।

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प्रश्न 4.
भूमि की सम्भाल के बारे में अपने विचार दें।
उत्तर-
भूमि सम्भाल के लिए निम्नलिखित अनुसार करना चाहिए@

  1. पहाड़ियों पर ढलान की उल्ट दिशा में कतारों में फसलें बोने से भूमि क्षरण कम होता है।
  2. ढलान वाले स्थानों पर सीढ़ीदार खेती करनी चाहिए।
  3. रसायनों तथा खादों का अनावश्यक प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  4. वायु द्वारा भूमि क्षरण को रोकने के लिए वायु रोधी बाड़ तथा वृक्षों की कतारें लगानी चाहिए।
  5. जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए।
  6. फसलों के अवशेष से बनी कम्पोस्ट खाद, रूड़ी खाद, हरी खाद आदि का प्रयोग करना चाहिए।
  7. फसली चक्रों में फलीदार फसलें ज़रूर लगानी चाहिएं जो हवा में से नाइट्रोजन को ज़मीन में जमा करती हैं।

प्रश्न 5.
प्राकृतिक संसाधनों के दुरुपयोग एवं प्रदूषण पर एक नोट लिखो।
उत्तर-

  1. अधिक विकसित देशों ने तकनीकी तरक्की करके प्राकृतिक स्रोतों का बहुत नुकसान (दोहन) किया है तथा अधिक जनसंख्या वाले देशों; जैसे चीन तथा भारत में प्राकृतिक स्रोतों की कमी हो गई है।
  2. जगलों की अधाधुन्ध कटाई से वातावरण में मौसमी बदलाव आ रहे हैं तथा हानिकारक गैसों की वृद्धि हवा में हो रही है।
  3. पानी के अधिक प्रयोग के कारण भूमिगत जल का स्तर और नीचे जा रहा है।
  4. खेतों में अनावश्यक खादों तथा रसायनों के प्रयोग के कारण मिट्टी, पानी तथा वातावरण प्रदूषित हो रहा है।
  5. शहरीकरण तथा औद्योगीकरण के कारण जंगल काटे जा रहे हैं तथा खेती योग्य भूमि कम हो रही है।
  6. अधिक प्रयोग के कारण अनवीकरणीय स्रोत जल्दी समाप्त हो जाएंगे।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 10 प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण

Agriculture Guide for Class 7 PSEB प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मुख्य प्राकृतिक स्रोत कौन-से हैं ?
उत्तर-
हवा, पानी, भूमि।

प्रश्न 2.
तापमान में वृद्धि क्यों हो रही है ?
उत्तर-
जंगलों के कटने के कारण।

प्रश्न 3.
पानी के प्रदूषण के कारण क्या फैल रहा है ?
उत्तर-
रोग।

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प्रश्न 4.
ओजोन परत नष्ट होने के कारण कौन-सी किरणें धरती पर पहुंच रही हैं ?
उत्तर-
पराबैंगनी किरणें।

प्रश्न 5.
पराबैंगनी किरणों से कौन-सी बीमारी का खतरा बढ़ता है ?
उत्तर-
कैंसर का।

प्रश्न 6.
वृक्ष लगाने से कौन-सी गैस वातावरण में कम होती है ?
उत्तर-
कार्बन-डाइऑक्साइड।

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प्रश्न 7.
धरती के कुल पानी में से कितना पानी खारा है ?
उत्तर-
97%.

प्रश्न 8.
धरती पर कितना पानी बर्फ है ?
उत्तर-
2%.

प्रश्न 9.
प्रयोग होने वाले पानी में से कितना पानी कृषि में प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
90%.

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प्रश्न 10.
उद्योग तथा घरेलू प्रयोग में कितना पानी प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
उद्योग में 7% तथा घर में 3%.

प्रश्न 11.
फर्श को धोने के स्थान पर क्या करना चाहिए?
उत्तर-
पोंचे से साफ करना।

प्रश्न 12.
कार साफ करने के लिए कितना पानी चाहिए ?
उत्तर-
3 से 4 लीटर।

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प्रश्न 13.
धान में पानी की बचत के लिए क्या प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
टैंशियोमीटर।

प्रश्न 14.
भारी भूमियों में कितने क्यारे बनाने चाहिए ?
उत्तर-
8 क्यारे प्रति एकड़।

प्रश्न 15.
वन्य कृषि कैसे लाभदायक है ?
उत्तर-
भूमि क्षरण को रोकती है।

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छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
ट्यबवैल के अधिक प्रयोग से क्या हुआ है ?
उत्तर-
इससे धरती के नीचे वाले पानी का स्तर और नीचे चला गया है तथा इस तरह होता रहा तो यह पानी बहुत नीचे चला जाएगा।

प्रश्न 2.
प्राकृतिक स्रोतों से क्या भाव है ?
उत्तर-
प्रकृति से मिलने वाली प्राकृतिक वस्तुएं-जैसे-हवा, पानी, सूरज ऊर्जा, पशु, सूक्ष्मजीव, पौधे, वृक्ष, मिट्टी, खनिज आदि प्राकृतिक स्रोत हैं।

प्रश्न 3.
पहाड़ों से जंगल काटने से क्या वृद्धि हुई है ?
उत्तर-
डैमों में मल्ल जमना, भू-क्षरण, बाढ़ तथा भू-स्खलन में वृद्धि हुई है।

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प्रश्न 4.
नवीकरणीय स्रोत क्या होते हैं ?
उत्तर-
ऐंसे स्रोत जो प्रयोग के साथ-साथ नए-नए बनते रहते हैं, को नवीकरणीय स्रोत कहते हैं। उदाहरण–पन ऊर्जा, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा।

प्रश्न 5.
ईंधन में कोयले के स्थान पर क्या प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
कोयले के स्थान पर बायोगैस, सौर ऊर्जा, गैस तथा बिजली का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 6.
वस्त्र धोने के लिए पानी की सम्भाल के बारे में लिखें। …
उत्तर-
कपड़े धोने से पहले आधा घण्टा तक भिगो कर रखने से पानी बचता है तथा कपड़े धोकर बचे पानी से फर्श तथा पशुओं की शैड धो सकते हैं।

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प्रश्न 7.
फव्वारा प्रणाली का प्रयोग कौन-सी ज़मीन पर करना चाहिए ?
उत्तर-
फव्वारा प्रणाली का प्रयोग रेतीली तथा टिबों वाली ज़मीन पर किया जाता है। यहां ज़मीन समतल करने पर अधिक खर्चा आता है।

प्रश्न 8.
धान को 15 जून के बाद क्यों बोना चाहिए ?
उत्तर-
मई और जून में बहुत गर्मी होती है। यह महीने गर्म तथा शुष्क होते हैं तथा फसल को अधिक पानी देने की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए धान को 15 जून के बाद बोना चाहिए।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
पानी की घरेलू स्तर पर सम्भाल के बारे में बताओ।
उत्तर-

  1. फलों, सब्जियों को बहते पानी के नीचे न धोकर बर्तन में धोना चाहिए।
  2. बर्तन धोने के लिए बड़े टब में पानी भर कर धोना चाहिए। खुले पानी में नहीं।
  3. यदि बहते पानी में बर्तन धुलने हों तो टूटी को धीमा चलाएं।
  4. फर्श धोने के स्थान पर पोचा लगाएं।
  5. कपड़े धोने से पहले आधे घण्टे के लिए भिगो कर रखने चाहिएं।
  6. कपड़े धोकर बचे पानी से फर्श साफ की जा सकती है।
  7. घर में फल्श की टंकी छोटी तथा वाल्व वाली होनी चाहिए।
  8. कार को धोने के लिए 3-4 लीटर पानी की आवश्यकता है जबकि पाइप लगाकर धोने से अधिक पानी खर्च होता है।
  9. खराब टूटियों, टंकियों को तुरंत ठीक करवाएं।
  10. छतों पर वर्षा के पानी को ज़मीन में डालने के लिए बोर करने चाहिए या टैंक में स्टोर करके प्रयोग करना चाहिए।
  11. कार को लॉन में धोने से लॉन को भी पानी दिया जाता है।
  12. दांत साफ करते, शेव करते, हाथों पर साबुन मलते समय टूटी बंद रखनी चाहिए।
  13. रसोई के पानी को बगीचे, गमलों आदि में देना चाहिए।
  14. घरों में छोटे मुंह वाली टूटियां लगानी चाहिएं।

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प्राकृतिक संसाधनों का अनुरक्षण PSEB 7th Class Agriculture Notes

  • हवा, पानी, मिट्टी, सूर्य ऊर्जा, पौधे, पेड़, खनिज, पशु तथा सूक्ष्मजीव आदि – प्राकृतिक साधन व संसाधन हैं।
  • ट्यूबवैल के अधिक प्रयोग से धरती के नीचे भूमिगत जल का स्तर नीचे जा रहा है।
  • प्राकृतिक साधनों की मनुष्य द्वारा किए कार्यों के कारण हानि हो रही है; जैसे_कृषि में उर्वरकों का अनावश्यक उपयोग, औद्योगीकरण, जंगलों की कटाई आदि।
  • पानी के प्रदूषण के कारण बहुत-सी बीमारियां फैल रही हैं।
  • कुछ प्राकृतिक स्रोत नवीकरणीय होते हैं; जैसे-हवा से ऊर्जा, अवशेष से उत्पन्न ऊर्जा, पनबिजली, सौर ऊर्जा, समुद्री लहरों से ऊर्जा आदि। यह स्रोत प्रयोग के साथ नए बनते रहते हैं।
  • कुछ प्राकृतिक स्रोत प्रयोग के बाद नए नहीं बनते या सदा के लिए समाप्त हो जाते हैं; जैसे-कोयला, पेट्रोलियम पदार्थ, खनिज आदि।
  • हवा के प्रदूषण के कारण ओजोन परत नष्ट होती जा रही है तथा सूर्य की परा बैंगनी किरणें धरती पर पहुंच रही हैं जिससे कैंसर जैसे रोग होने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
  • धरती पर 70% पानी है तथा कुल पानी में से 97% समुद्री खारा पानी है।
  • धरती पर कुल पानी में से 3% साफ पानी है जिसमें से 2% पानी बर्फ के रूप में है।
  • धरती पर उपलब्ध कुल पानी का सिर्फ 1% पानी ही प्रयोग लायक है।
  • पानी को खेतों में, घरों में तथा उद्योगों में संभाल कर प्रयोग करना चाहिए।
  • भूमि भी एक प्राकृतिक स्रोत है इसकी भी सम्भाल करनी आवश्यक है।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 9 अनाज की संभाल

Punjab State Board PSEB 7th Class Agriculture Book Solutions Chapter 9 अनाज की संभाल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Agriculture Chapter 9 अनाज की संभाल

PSEB 7th Class Agriculture Guide अनाज की संभाल Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
अनाज को लगने वाले दो कीड़ों के नाम बताएं।
उत्तर-
खपरा, सुसरी, दाने का छोटा बोरर।।

प्रश्न 2.
मूंग और चने को लगने वाले कीड़े का नाम बताएं।
उत्तर-
ढोरा।

प्रश्न 3.
गोदामों को शोधने के लिए प्रयोग में आने वाली एक दवाई का नाम बताएं।
उत्तर-
मैलाथियान, एल्यूमीनियम फॉस्फाइड।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 9 अनाज की संभाल

प्रश्न 4.
गोदाम बनाने के लिए ऋण-सुविधा देने वाले किसी एक संस्था का नाम लिखें।
उत्तर-
पंजाब वित्त कार्पोरेशन।

प्रश्न 5.
कौन-सी संस्था को गोदाम किराये पर दिया जा सकता है ?
उत्तर-
भारतीय फूड कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया, मार्कफैड आदि।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
सुसरी चावल को किस प्रकार नुकसान पहुंचाती है ?
उत्तर-
यह दाने के अन्दर अण्डे देती है तथा दाने को अन्दर से खा जाती है।

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प्रश्न 2.
स्टोर में जीर्ण-शीर्ण दाने स्टोर क्यों नहीं करने चाहिए ?
उत्तर-
स्टोरों में टूट-फूट वाले दाने स्टोर नहीं करने चाहिएं क्योंकि ऐसे दाने स्टोर करने से कीड़ों की आमद उस समय अधिक हो जाती है।

प्रश्न 3.
स्टोर करने वाले कमरे में बोरियां दीवारों से क्यों दूर रखनी चाहिए ?
उत्तर-
ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि दीवारों से नमी बोरियों को खराब न करे।

प्रश्न 4.
सैलोज़ से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
इनमें दाने स्टोर किये जाते हैं। यह लोहे तथा कंक्रीट के बने होते हैं।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 9 अनाज की संभाल

प्रश्न 5.
गोदामों या ढोलों को कीड़ों से कैसे मुक्त किया जा सकता है ?
उत्तर-
इसके लिये 100 मि.ली. साइथियन (मैलाथियान प्रीमियम ग्रेड) 50 शक्ति को 10 लिटर पानी में घोलकर छत तथा फर्श पर छिड़काव करना चाहिए।

प्रश्न 6.
स्टोर किए जाने वाले दानों को कैसे बचाया जा सकता है ?
उत्तर-
अनाज स्टोर करने के लिये केवल नई बोरियों का प्रयोग करो तथा पुरानी बोरियों को सुमीसाइडीन अथवा सिंबुश से सुधार लें। स्टोर अथवा ढोल को एल्यूमीनियम फॉस्फाइड की धूनी दें।

प्रश्न 7.
पुरानी बोरियों में अनाज़ स्टोर करने से पहले कैसे शोधा जाता है ?
उत्तर-
पुरानी बोरियों को 6 मि०ली. सुमीसाइडीन 20 ई०सी० को 5 मि०ली० सिंबुश 25 ई०सी० को 10 लिटर पानी में घोलकर बोरियों को इस घोल में 10 मिनट के लिये भिगोकर रखो। बोरियों को छांव में सुखाकर उनमें दाने भर दो।

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प्रश्न 8.
टोपी गोदाम के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
यह खुले मैदान में दाने स्टोर करने की विधि है। इसका आकार 9.5 × 6.1 मीटर होता है। इस गोदाम में 96 बोरियां 6-6 लाइनों में लकड़ी के डण्डों पर रखी जाती हैं। इस गोदाम पर 7 गुणा खर्च कम होता है।

(ग) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
अनाज भण्डारण में हानिकारक कीड़ों की रोकथाम क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
अनाज भण्डार किसी देश की खुशहाली का प्रतीक होते हैं। अनाज का सही मण्डीकरण तथा रख-रखाव किसी भी देश की प्रगति का प्रतीक है। अनाज को कई तरह के कीड़े तथा जानवर नुकसान पहुंचाते हैं। भण्डार किए दानों को लगभग 20 किम के कीड़े लग सकते हैं। जैसे सुसरी, दाने का छोटा बोरर तथा चावलों की सुण्डी, पतंगा, ढोरा, खपरा आदि। कीड़ों के आक्रमण से दानों की वृद्धि की शक्ति समाप्त हो जाती है। दानों का भार भी घट जाता है तथा अनाज के खाद्य तत्त्व भी कम हो जाते हैं। इसके स्वाद में भी फर्क पड़ जाता है।

कीड़े साधारणतः स्टोर के फर्शों, दीवारों तथा छतों आदि की दरारों से आते हैं। इस तरह अनाज का बहुत नुकसान होता है तथा इसे कई ढंगों का प्रयोग करने और सम्भालने की जरूरत पड़ती है।

प्रश्न 2.
अनाज भण्डारण के लिए कोठी बनाने के समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-

  1. कोठरी कमरे से अलग तथा पक्की होनी चाहिए।
  2. ऐसी कोठरी भूमि की सतह से 30-40 से० मी० ऊंची रखो ताकि कोठरी में नमी न जा सके।
  3. कोठरी को नमी रहित करने के लिए पॉलीथीन की शीट लगा दो।
  4. कोठरी में दाने डालने के लिये एक छिद्र ऊपर तथा दाने निकालने के लिये एक छिद्र नीचे होना चाहिए। जब प्रयोग न किया जाये तो हवा छिद्र बन्द होने आवश्यक हैं।
  5. कोठरी में सूखे तथा साफ़ दाने ही स्टोर करने चाहिएं।
  6. दाने स्टोर करने वाली कोठरी की दीवार कमरे की दीवार से 45-60 सें० मी० दूर होनी चाहिए।

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प्रश्न 3.
कौन-कौन से कीड़े अनाज को लगते हैं ? सूची बनाओ।
उत्तर-
पतंगा, वीवल, मक्खियां, ढोरा, सुसरी, खपरा, दाने का छोटा बोरर, चावलों की भुण्डी, दानों का गडूयां। पतंगा साधारणतः मक्की, ज्वार, गेहूँ, जवी, जौ आदि को नुकसान पहुंचाता है। सुसरी, खपरा, दाने का छोटा बोरर तथा चावलों की भुण्डी साधारणतः धान, गेहूँ, मक्की, जौ आदि को लगते हैं। ढोरा मोटे तौर पर मूंगी, चना तथा अन्य दालों को हानि पहुंचाता है।

प्रश्न 4.
कीड़े लगने से अनाज को कैसे बचाया जा सकता है ? विस्तार से लिखो।
उत्तर-

  1. नये दाने साफ़-सुथरे गोदामों अथवा ढोलों में रखने चाहिएं।
  2. गोदामों की सभी दरारें, दरजें, छिद्र आदि अच्छी तरह बन्द करके रखने चाहिएं।
  3. नाज को स्टोर करने के लिये सिर्फ नई बोरियों का ही प्रयोग करना चाहिए। अगर पुरानी बोरियों का प्रयोग करना हो तो उन्हें पहले सुधार लेना चाहिए। इसके लिए सुमीसाइडीन अथवा सिंबुश का प्रयोग करो। बोरियों को छांव में सुखाओ तथा फिर दाने भरो।
  4. गोदामों अथवा ढोलों को कीड़ों से मुक्त करने के लिये निम्नलिखित किसी एक ढंग का प्रयोग करो
    • 100 मि० ली० मैलाथियान 50 ग्राम ताकत को 10 लिटर पानी में घोल कर छत तथा फर्श पर छिड़काव कर देना चाहिए।
    • गोदामों में एल्यूमीनियम फॉस्फाइड की 25 गोलियां प्रति घन मीटर के हिसाब से रखें तथा 7 दिन तक हवा बंद रखें।

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प्रश्न 5.
व्यापारिक स्तर पर अन्न भण्डार करने के लिए बनाए जाने वाले भिन्नभिन्न गोदामों का विवरण दें।
उत्तर-
1. रिवायती चौड़े गोदाम-इन गोदामों में दानों से भरी बोरियां रखी जाती हैं। इनमें 1-2 वर्ष तक अनाज स्टोर किया जा सकता है। स्टोर किये दानों में नमी की मात्रा 14-15% से अधिक नहीं होनी चाहिए। इन गोदामों की पलिंथ ऊंची, फर्श नमी रहित होनी चाहिए। इनके अन्दर चूहे तथा पक्षी न जा सकते हों। यह रोशनीदार होने चाहिएं तथा सड़क तथा रेल की पहुंच में होने चाहिएं। बोरियों की धाकें लकड़ी के फ्रेम पर लगाई जाती हैं तथा प्लास्टिक से ढक दी जाती हैं।

2. सैलोज़ गोदाम-इनमें दालों तथा मिलर चावलों के अतिरिक्त सभी तरह के दाने 5 वर्ष तक स्टोर किये जा सकते हैं। इन स्टोर किये दानों में नमी की मात्रा 20% तक हो सकती है। यह कम स्थान घेरते हैं तथा इनमें रखे दानों का नुकसान भी बहुत कम होता है। यह सैलोज़ सिलिण्डर की शक्ल के होते हैं तथा नीचे से हापर टाइप के होते हैं। यह लोहे तथा कंकरीट के बने होते हैं। दाने रखने तथा निकालने के लिए लम्बी बैल्टे अथवा अन्य कैनवेयर लगे होते हैं। भारत में मिलने वाले सैलोज़ सिलिण्डर की ऊँचाई 30 से 50 मीटर तथा घेरा 6 से 10 मीटर तक होता है। इन्हें हवादार बनाने के लिये सैंट्रीफ्यूगल पम्पों का प्रयोग किया जाता है।

3. टोपी गोदाम-खुले मैदानों में दाने रखने के लिये इस तरीके का प्रयोग किया जाता है। इसका क्षेत्र 9.5 × 6.1 मीटर होता है। इसमें 96 बोरियां 6-6 लाइनों में लकड़ी के डण्डों पर रखी जा सकती हैं। प्रत्येक बोरी मोटी प्लास्टिक की चादर से ढंकी होती है। जब बाहरी तापमान तथा नमी कम हो तो प्लास्टिक की चादर उतारकर इन बोरियों को हवा दी जाती है।

Agriculture Guide for Class 7 PSEB अनाज की संभाल Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
स्टोर की जाने वाली मूंगफली में अधिक-से-अधिक कितने प्रतिशत नमी होनी चाहिए ?
उत्तर-
10%.

प्रश्न 2.
चौड़े गोदामों में कितने समय के लिए अनाज स्टोर किया जा सकता है ?
उत्तर-
1-2 वर्ष तक।

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प्रश्न 3.
कीड़े लगे दानों का इलाज करने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली किसी एक दवाई का नाम बताओ।
उत्तर-
फोस्टोक्सीन अथवा सैलफास।

प्रश्न 4.
दस क्विटल अनाज की सुरक्षा के लिए एल्यूमीनियम फॉस्फाइट की कितनी गोलियों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
एल्यूमीनियम फॉस्फाइड की 2 गोलियां 10 क्विटल दानों में काफ़ी हैं।

प्रश्न 5.
टोपी गोदाम का आकार क्या है ?
उत्तर-
9.5 × 6.1 मीटर।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 9 अनाज की संभाल

प्रश्न 6.
स्टोर में कीड़े कहां से आ जाते हैं ?
उत्तर-
स्टोर की दीवारों, फर्श तथा छतों आदि की दरारों से।

प्रश्न 7.
भण्डार किए दानों पर कितनी किस्म के कीड़े हमला करते हैं ?
उत्तर-
20 किस्म के।

प्रश्न 8.
दानों का पतंगा कौन-से अनाज को नुकसान पहुंचाता है ?
उत्तर-
गेहूँ, मक्की, ज्वार, जवी, जौ आदि।,

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प्रश्न 9.
खपरा, सुसरी, दाने का छोटा बोरर तथा चावलों की मक्खी कौन-से । अनाज को नुकसान करते हैं ?
उत्तर-
गेहूँ, चावल, जौ, मक्की आदि को।

प्रश्न 10.
हानिकारक कीड़ों के नाम बताओ।
उत्तर-
वीवल, मक्खियां, ढोरा, पतंगा।

प्रश्न 11.
कौन-सा पतंगा खेतों में बल्लियों पर अण्डे देता है ?
उत्तर-
एगुमस दाने का पतंगा।

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प्रश्न 12.
पतंगे के नुकसान की पहचान कैसे की जाती है ?
उत्तर-
दानों में पड़े जाले से इसके नुकसान की पहचान हो जाती है। जाले में 5-6 दाने इकट्ठे फंसे होते हैं।

प्रश्न 13.
दाने के अन्दर अण्डे कौन-सा कीड़ा देता है ?
उत्तर-
वीवल।

प्रश्न 14.
दाने की मक्खी तथा जवान कीड़ा दाने का कौन-सा हिस्सा खाती
उत्तर-
दाने का भ्रूण।

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प्रश्न 15.
दानों में कौन-सी मक्खियां गर्मी पैदा करती हैं ?
उत्तर-
तीखे दांतों वाली दाने की मक्खी, आटे की चपटी मक्खी, आटे की लाल मक्खी आदि।

प्रश्न 16.
स्टोर की गेहूँ को कौन-सी मक्खी नुकसान पहुंचाती है ?
उत्तर-
दांतों की मक्खी।

प्रश्न 17.
स्टोर किये आटे में कौन-सी भण्डी पड़ जाती है ?
उत्तर-
आटे की लाल भुण्डी।

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प्रश्न 18.
स्टोरों में नुकसान करने वाली सबसे महत्त्वपूर्ण भुण्डी कौन-सी है ?
उत्तर-
खपरा भुण्डी।

प्रश्न 19.
भुण्डियां स्टोर में कहां रहती हैं ?
उत्तर-
यह स्टोर की चीथों में रहती हैं।

प्रश्न 20.
दालों को हानि पहुंचाने वाले कीड़े का नाम बताओ।
उत्तर-
ढोरा।

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प्रश्न 21.
ढोरे के आक्रमण की पहचान कैसे होती है ?
उत्तर-
स्टोर की गई दालों पर सफ़ेद धब्बे पड़ जाते हैं जो इसके अण्डे होते हैं।

प्रश्न 22.
कौन-से तापमान पर कीड़े अण्डे देना बन्द कर देते हैं तथा मर जाते
उत्तर-
दानों का तापमान 65°F से घट जाने पर कीड़े अण्डे देना बन्द कर देते हैं तथा 30°F तक तापमान घट जाने पर कीड़े मर जाते हैं।

प्रश्न 23.
दाने स्टोर करने वाली कोठरी की दीवार कमरे की दीवार से कितनी दूर होनी चाहिए ?
उत्तर-
45-60 सें० मी०।

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प्रश्न 24.
दाने स्टोर करने वाले कमरे का फर्श ज़मीन से कितना ऊँचा होना चाहिए ?
उत्तर-
75 सें. मी०।

प्रश्न 25.
बोरियां दीवारों से कितनी दूर रखनी चाहिएं ?
उत्तर-
1.5 से 2 फुट।

प्रश्न 26.
बांस के बर्तनों का प्रयोग किन इलाकों में होता है ?
उत्तर-
कण्डी तथा नीम पहाडी इलाकों में।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 9 अनाज की संभाल

प्रश्न 27.
पंजाब में स्टोरों की दाने स्टोर करने की क्षमता कितनी है ?
उत्तर-
149 लाख मीट्रिक टन।

प्रश्न 28.
स्टोर भण्डार कितनी प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
3 प्रकार के।

प्रश्न 29.
विभिन्न गोदामों के नाम बताओ।
उत्तर-
रिवायती चौड़े गोदाम, सैलोज़ गोदाम, टोपी गोदाम।

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प्रश्न 30.
सैलोज़ गोदाम में दाने कितने समय के लिये स्टोर किये जा सकते हैं ?
उत्तर-
5 वर्ष तक।

प्रश्न 31.
भारत में मिलने वाले सैलोज़ सिलिण्डर की ऊँचाई तथा घेरा कितना होता है ?
उत्तर-
ऊँचाई 30-50 मीटर तथा घेरा 6-10 मीटर होता है।

प्रश्न 32.
टोपी गोदाम में कितनी बोरियां रखी जा सकती हैं ?
उत्तर-
96 बोरियां।

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छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कीड़ों के आक्रमण से दानों को क्या हानि होती है ?
उत्तर-
कीड़ों के आक्रमण से दानों की बढ़ने की शक्ति घट जाती है। दानों का भार घट जाता है। अनाज के खाद्य तत्त्व घट जाते हैं, यह हमारे खाने लायक नहीं रहता तथा इनके स्वाद में भी फर्क पड़ जाता है।

प्रश्न 2.
वीवल के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
वीवल एक सुण्डी है। यह दानों के अन्दर अण्डे देती है तथा दानों को अन्दर से खा जाती है। बाद में यह टूटी में बदल जाती है, जोकि दाने के बीच में ही होती है। बाद में टूटियों से वीवलें बाहर आ जाती हैं।

पतंगों से अलग यह कीड़ा सुंडी तथा जवान कीड़े की अवस्था में फसल को काफ़ी नुकसान पहुंचाता है। यह सुण्डी खेतों में गेहूँ पर हमला नहीं करती, पर कभी-कभी मक्की की फसल पर ज़रूर हमला करती है। इसी तरह ग्रेलरी वीवल तथा लैसर चावल वीवल से भी दानों को काफी नुकसान होता है।

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प्रश्न 3.
चावलों, मूंगफली, सूरजमुखी तथा तोरिये में कितनी नमी होनी चाहिए ?
उत्तर-
चावलों में 12-13%, मूंगफली में 10%, सूरजमुखी तथा तोरिये में 9-10% से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए।

प्रश्न 4.
गोदाम बना कर कौन-कौन सी संस्थाओं को किराये पर दिया जा सकता
उत्तर-
गोदाम बनाकर लम्बे समय के लिये मार्कफैड, पंजाब तथा सैंट्रल वेयर हाऊसिंग कार्पोरेशन फूड कार्पोरेशन आदि संस्थाओं को किराये पर दिये जा सकते हैं।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कुछ हानिकारक कीड़ों के बारे में जानकारी दो।
उत्तर-
कीड़ों में साधारणत: पतंगे, वीवल, कीट तथा ढोरा आदि कीड़े फसलों का काफ़ी नुकसान करते हैं।—
1. पतंगे-एगुमस दाने का पतंगा खेतों में ही बल्लियों पर अण्डे देता है। जब दाने निकाल कर स्टोर किये जाते हैं तो स्टोर में इनकी वृद्धि होने लगती है। पतंगे की सुण्डियां दाने को अन्दर से खाकर खोखला कर देती हैं । खाये हुए दाने में साधारणतः छिद्र नज़र आने लगता है। स्टोरों में इन्हें साधारणतः उड़ते देखा जा सकता है।

2. भारतीय भोजन पतंगा-यह भी खेतों से ही आता है। यह सुण्डियां दाने के भ्रूण को अन्दर से खा जाती हैं। इस कीड़े के अण्डे, सुण्डी, टूटी तथा पतंगा सभी दानों से हमेशा बाहर मिलते हैं। इसके नुकसान की पहचान दानों में पड़े जाले से होती है। जाले में 56 दाने इकट्ठे फंसे हुये देखे जा सकते हैं।

3. भुण्डियां-दाने की भुण्डियां तथा सूड़े की भुण्डियां स्टोर किये दानों का नुकसान करती हैं। दाने की मक्खी की सुण्डी तथा जवान कीड़ा साधारणत: दाने का भ्रूण खा जाते हैं। तीखे दांतों वाली दाने की मक्खी, आटे की चपटी मक्खी, आटे की लाल मक्खी आदि दानों में गर्मी पैदा करती हैं तथा अपने मल त्याग से दानों को खराब कर देती हैं। स्टोर की गेहूँ पर दांतों की मक्खी, जबकि स्टोर किये आटे में आटे की लाल मक्खी पड़ जाती है। इसके अतिरिक्त खपरा स्टोरों में काफ़ी नुकसान करती हैं। सुण्डियों पर पीले बाल काफ़ी होते हैं तथा वह साधारणत: स्टोरों की चीथों में रहती हैं।

4. ढोरा-यह स्टोर की हुई दालों को हानि पहुंचाने वाला कीड़ा है। इसके आक्रमण की पहचान स्टोर की दालों पर सफ़ेद धब्बे से होती है, जोकि वास्तव में इनके अण्डे होते हैं। मुंगी तथा चने का ढोरा महत्त्वपूर्ण है।

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प्रश्न 2.
घरेलू अनाज भण्डार की तीन विधियां बताएं।
उत्तर-
1. ढोल-घरों में अनाज भण्डारण के लिए इनका प्रयोग किया जाता है। यह विभिन्न क्षमता वाले तथा विभिन्न धातुओं के बने हो सकते हैं। यह ढोल हवा रहित होते हैं तथा इस प्रकार बनाये जाते हैं कि इनमें अनाज को हानि पहुंचाने वाले कीड़े, चूहे आदि नहीं जा सकते। जो कीट अनाज के अन्दर रह जाते हैं उन्हें फलने-फूलने के लिये उचित वातावरण नहीं मिलता।
लाभ-

  • इनकी कीमत कम होती है।।
  • इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना आसान है।
  • इनकी बनावट सादी होती है।
    ध्यान रखने योग्य बातें-ढोलों में दाने सम्भालने से पहले इन्हें अन्दर से अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए ताकि इनमें पहले स्टोर किये अनाज के अवशेष न रहें। ढक्कन अच्छी तरह कस कर बन्द करना चाहिए। दाने अच्छी तरह साफ़ किये होने चाहिएं तथा
    टूटे-फूटे दाने अलग कर देने चाहिएं। नए दानों को पुराने दानों में नहीं मिलाना चाहिए। हो सकता है कि उन्हें कीड़े लगे हों। लगे हुए अथवा नम दाने स्टोर नहीं करने चाहिएं। दाने अच्छी तरह धूप में सुखाकर तथा ठण्डे करके ढोलों में डालने चाहिए।

2. दाने स्टोर करने वाला कमरा-किसान दाने स्टोर करने के लिये कमरे बना लेते हैं। स्टोर किये यह दाने मण्डी में कीमत बढ़ने पर बेचे जाते हैं। दाने स्टोर करने वाले कमरे का फर्श ज़मीन से 75 सें० मी० ऊंचा होना चाहिए। कमरे के चारों ओर बरामदा होना चाहिए। कमरे में एक दरवाजा और कम-से-कम दो रोशनदान होने चाहिएं। दीवारें आदि साफ तथा सफ़ेदी की हुई होनी चाहिए। कमरा बनाने के पश्चात् जब यह अच्छी तरह सूख जायें तो ही इनमें बोरियां रखो। बोरियों के दीवारों से दूरी 1.5-2.0 फुट होनी चाहिए।

3. बांस के बने स्टोर-कण्डी तथा नमी पहाड़ी इलाकों में किसान बांस के बने बड़े बर्तनों में दाने स्टोर करते हैं।

प्रश्न 3.
यदि अनाज को कीड़ा लग जाये तो उसकी सुरक्षा के लिए क्या काना चाहिए ?
उत्तर-
1. कीड़ों से बचाने के लिये-अगर दानों को खपरा लग जाए तो उन्हें गोदामों में एल्यूमीनियम फॉस्फाइड की दो गोलियां प्रति 10 क्विटल के हिसाब से धूनी देनी चाहिए। दाने सुखा कर रखने चाहिएं। टिन के बर्तन साफ़ होने चाहिएं तथा इन्हें 2-3 दिन धूप लगवा लेनी चाहिए। नए दानों को पुराने दानों में नहीं मिलाना चाहिए।

2. कीड़े लगे दानों का इलाज-निम्नलिखित दवाइयों में से किसी एक से हवाबन्द कमरे में धूनी दें

i) डैल्शिया अथवा फोस्टोक्सिन अथवा सैल्फास (एल्यूमीनियम फॉस्फाइड) की 3 ग्राम की एक गोली को एक टिन दानों के लिए अथवा 25 गोलियों को 100 घन मीटर स्थान के लिए प्रयोग किया जा सकता है। कमरे में धूनी देने के पश्चात् कमरे को 7 दिन तक हवाबन्द रखो।

ii) ई० डी० सी० टी० मिश्रण (क्लिोपटोरा) एक लिटर को 20 क्विटल दानों अथवा 35 लिटर को 100 घन मीटर स्थान के लिए प्रयोग करना चाहिए। इसके प्रयोग के पश्चात् गोदाम को 4 दिन हवा बन्द रखना चाहिए।

iii) ई० डी० बी० (एथलीन डाइब्रोमाइंड) 3 मि० ली० प्रति क्विटल दानों के हिसाब से प्रयोग करनी चाहिए तथा दानों को 4 दिन हवाबन्द रखना चाहिए।

सिफ़ारिश की गई दवाई का प्रयोग न किया जाये तो टिन के बर्तनों में भी दानों को कीड़े लग सकते हैं। इन कीड़ों से बचाव धूनी देने वाली दवाइयों से किया जा सकता है। धूनी देने वाले पदार्थों का प्रयोग केवल हवाबन्द गोदामों में ही करना चाहिए।

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अनाज की संभाल PSEB 7th Class Agriculture Notes

  • एक अनुमान के अनुसार फसल की कटाई से लेकर दानों की खपत तक लगभग 10% नुकसान हो जाता है। इसका कारण कीट, चूहे तथा पक्षी होते हैं।
  • अनाज खराब होने से इसके पौष्टिक तत्त्व कम हो जाते हैं तथा स्वाद में अन्तर आ जाता है।
  • कीड़ों के आक्रमण से दानों की उगने की शक्ति कम हो जाती है।
  • कीड़े साधारणतः स्टोर की दीवारों, फर्श तथा छतों आदि की दरारों में से आ जाते
  • कीड़े लगे पुराने अनाज के पास नया अनाज रखने से उसे भी कीड़े लग जाते हैं।
  • भण्डार किये अनाज पर 20 किस्म के कीड़े हमला करते हैं जैसे-सुसरी, खपरा, दाने का छोटा बोरर, चावलों की भण्डी, दानों का पतंगा, ढोरा आदि।
  • एगुमस दाने का पतंगा खेतों में ही बल्लियों पर अण्डे देता है।
  • वीवल सुण्डी दाने को अन्दर से खा जाती है।
  • मक्खियां दाने का भ्रूण खाती हैं तथा दानों में गर्मी पैदा करती हैं।
  • खपरा भुण्डी सबसे अधिक नुक्सान करता है।
  • ढोरा स्टोर की दालों को नुक्सान पहुंचाता है।
  • दालों पर सफ़ेद धब्बे ढोरे के अण्डे होते हैं।
  • दाने स्टोर करने से पहले अच्छी तरह सुखा लेने चाहिएं।
  • दानों के तापमान 65°F पर कीड़े अण्डे देना बन्द कर देते हैं तथा 35°F पर कीड़े मर जाते हैं।
  • चावल में 12-13%, मूंगफली में 10%, सूर्यमुखी तथा तोरिया में 9-10% से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए।
  • किसान दाने स्टोर करने के लिये पक्की कोठरी भी बनाते हैं।
  • व्यापारिक अन्न भण्डार के लिये रिवायती चौड़े गोदाम, ब्लॉक गोदाम, टोपी गोदाम आदि बनाये जाते हैं।
  • दानों को कीड़ों से बचाने के लिये सुमीसाइडीन, सिम्बुश, साइथियॉन, एल्यूमीनियम फॉस्फाइड आदि दवाइयों का प्रयोग किया जाता है।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 8 बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल

Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Chapter 8 बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Home Science Chapter 8 बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल

PSEB 7th Class Home Science Guide बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रेयॉन किस प्रकार का रेशा है?
उत्तर-
सेल्यूलोज से उत्पादित कृत्रिम रेशा।

प्रश्न 2.
रेयॉन के वस्त्रों पर तेज़ाब का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
शक्तिशाली तेज़ाब तथा क्षार दोनों से ही रेयॉन के वस्त्रों को हानि होती है।

प्रश्न 3.
नायलॉन किस प्रकार का तन्तु है?
उत्तर-
तन्तुविहीन रसायनों से प्राप्त किए जाने वाला।

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लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
गर्मी का नाइलॉन और करेप पर क्या असर होता है?
उत्तर-
गर्मी का नाइलॉन और करेप पर बड़ी जल्दी असर होता है। ये नरम हो जाते हैं। इसके इसी गुण के कारण नाइलॉन की जुराबों की शक्ल दी जा सकती है। लेकिन ज्यादा गर्मी से यह ख़राब हो जाती है। यह पानी नहीं सोखती। इसलिए गर्मियों में अगर इनको पहना जाए तो बेचैनी होती है।

प्रश्न 2.
नाइलॉन के कपड़ों को किस तरह धोना चाहिए?
उत्तर-
अगर नाइलॉन के कपड़े अधिक मैले हों तो 10-15 मिनट के लिए गुनगुने पानी में भिगो देना चाहिए। गुनगुने पानी में साबुन की झाग बनाकर कपड़ों की धोना चाहिए। ज़्यादा मैले हिस्सों को हाथ से मलकर धोना चहिए।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
थर्मोप्लास्टिक और नान थर्मोप्लास्टिक रेशों में क्या अन्तर है?
उत्तर-
थर्मोप्लास्टिक और नान थर्मोप्लास्टिक में अन्तर —

थर्मोप्लास्टिक नान थर्मोप्लास्टिक
(i) ये ज़्यादा गर्मी से सड़ जाते हैं। (i) ये ज़्यादा गर्मी से सड़ते तो नहीं पर खराब हो जाते हैं।
(ii) ये पानी नहीं चूसते, इसलिए सिकुड़ते नहीं और जल्दी सूख जाते (ii) ये देखने में सिल्क की तरह लगते हैं।
(iii) ये आसानी से धोए जा सकते हैं और प्रैस करने की भी अधिक ज़रूरत नहीं पड़ती। (iii) ये पानी में कमजोर हो जाते हैं। इसलिए धोने के समय मलने पर फटने का डर रहता है।

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प्रश्न 2.
रेयॉन के कपड़े धोने के लिए कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिएं?
उत्तर-
रेयॉन के कपड़े धोने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिएं —

  1. रेयॉन के वस्त्रों को भिगोना, उबालना या ब्लीच नहीं करना चाहिए।
  2. साबुन मुदु प्रकृति का प्रयोग करना चाहिए।
  3. गुनगुना पानी ही प्रयोग में लाना चाहिए, अधिक गर्म नहीं।
  4. साबुन का अधिक-से-अधिक झाग बनाना चाहिए जिससे साबुन पूरी तरह घुल जाए।
  5. गीली अवस्था में रेयॉन के कपड़े अपनी शक्ति 50% तक खो देते हैं, अतः वस्त्रों में से साबुन की झाग निकालने के लिए उन्हें सावधानीपूर्वक निचोड़ना चाहिए।
  6. साबुन की झाग निचोड़ने के बाद वस्त्र को दो बार गुनगुने पानी में से खंगालना , चाहिए।
  7. वस्त्रों में से पानी को भी कोमलता से निचोड़कर निकालना चाहिए। वस्त्र को मरोड़कर नहीं निचोड़ना चाहिए।
  8. वस्त्र को किसी भारी तौलिए में रखकर, लपेटकर हल्के-हल्के दबाकर नमी को सुखाना चाहिए।
  9. वस्त्र को धूप में नहीं सुखाना चाहिए।
  10. वस्त्र को लटकाकर नहीं सुखाना चाहिए।
  11. वस्त्र को हल्की नमी की अवस्था में वस्त्र की उल्टी तरफ इस्तिरी करना चाहिए।
  12. वस्त्रों को अलमारी में रखने अर्थात् तह करके रखने से पूर्व यह देख लेना चाहिए कि उनमें से नमी पूरी तरह से दूर हो चुकी है या नहीं।

प्रश्न 3.
तेज़ाब, क्षार, रंगकाट और अल्कोहल का रेयॉन और नाइलॉन पर क्या असर होता है ?
उत्तर-
साबुन, क्षार, अल्कोहल का इस पर कोई असर नहीं होता लेकिन तेज़ाब से यह खराब हो जाता है, रंगकाट का भी इस पर कोई असर नहीं होता। इसलिए रंग खराब हुए नाइलॉन के कपड़ों को सफ़ेद करने के लिए रंगकाट का प्रयोग नहीं किया जाता है। इस पर आसानी से पक्के रंग किए जा सकते हैं।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 8 बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल

Home Science Guide for Class 7 PSEB बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
रेयॉन के वस्त्रों की धुलाई कठिन क्यों होती है?
उत्तर-
क्योंकि रेयॉन के वस्त्र पानी के सम्पर्क से निर्बल पड़ जाते हैं।

प्रश्न 2.
रेयॉन के वस्त्रों के लिए किस प्रकार की धुलाई अच्छी रहती है?
उत्तर-
शुष्क धुलाई (ड्राइक्लीनिंग)।

प्रश्न 3.
रेयॉन के वस्त्रों को धोते समय क्या बातें वर्जित हैं?
उत्तर-
वस्त्र को पानी में फुलाना, ताप, शक्तिशाली रसायनों तथा अल्कोहल का प्रयोग।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 8 बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल

प्रश्न 4.
रेयॉन के वस्त्रों की धुलाई के लिए कौन-स विधि उपयुक्त होती है?
उत्तर-
गूंधने और निपीडन की विधि।

प्रश्न 5.
रेयॉन के वस्त्रों को कहाँ सुखाना चाहिए?
उत्तर-
छायादार स्थान पर तथा बिना लटकाये हुए चौरस स्थान पर।

प्रश्न 6.
रेयॉन के वस्त्रों पर इस्तिरी किस प्रकार करनी चाहिए?
उत्तर-
कम गर्म इस्तिरी वस्त्र के उल्टी तरफ से करनी चाहिए। इस्तिरी करते समय वस्त्र में हल्की सी नमी होनी चाहिए।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 8 बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल

प्रश्न 7.
मानव-निर्मित अथवा मानवकृत तन्तुओं के कुछ उदाहरण दो।
उत्तर-
नायलॉन, पॉलिएस्टर, टेरीलीन, डेक्रॉन, ऑरलॉन, एक्रीलिक आदि।

प्रश्न 8.
रेयॉन किस प्रकार का तन्तु है-प्राकृतिक या मानव-निर्मित?
उत्तर-
रेयॉन प्राकृतिक तथा मानव-निर्मित दोनों ही प्रकार का तन्तु है।

प्रश्न 9.
सबसे पुराना मानवकृत तन्तु कौन-सा है?
उत्तर-
रेयॉन।

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प्रश्न 10.
सेल्युलोज से कौन-सा तन्तु मानव-निर्मित है?
उत्तर-
रेयॉन।

प्रश्न 11.
जानवरों के बालों से प्राप्त होने वाला प्रमुख वस्त्रीय तन्तु कौन-सा है?
उत्तर-
ऊन।

प्रश्न 12.
प्राकृतिक तन्तु वाले पदार्थों से रासायनिक विधियों से नए प्रकार का कौन-सा मुख्य तन्तु प्राप्त किया जाता है?
उत्तर-
रेयॉन।

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प्रश्न 13.
तन्तु स्रोत को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर-
दो भागों में—

  1. प्राकृतिक तथा
    मानव-निर्मित।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
रेयॉन की विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
भौतिक विशेषताएं-रेयॉन का तन्तु भारी, कड़ा तथा कम लचकदार होता है। जब रेयॉन के धागे को जलाया जाता है तो सरलता से जल जाता है। सूक्ष्मदर्शी यन्त्र से देखने पर इसके तन्तु लम्बाकार, चिकने एवं गोलाकार दिखाई देते हैं। रेयॉन में प्राकृतिक तन्यता नहीं होती है। यह वस्त्र रगड़ने से कमजोर हो जाता है तथा इसकी चमक नष्ट हो जाती है। यदि धोते समय वस्त्र को रगड़ा जाये तो छेद होने का भय रहता है। पानी से रेयॉन की शक्ति नष्ट हो जाती है। जब रेयॉन सूख जाता है तो पुनः अपनी शक्ति को प्राप्त कर लेता है। रेयॉन ताप का अच्छा संचालक है। यह उष्णता को शीघ्र निकलने देता है, अतः यह ठण्डा रहता है।
PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 8 बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल 1
ताप के प्रभाव से रेयॉन के तन्तु पिघल जाते हैं तथा उनकी चमक नष्ट हो जाती है। धूप रेयॉन की शक्ति को नष्ट करती है।
रासायनिक विशेषताएं-रेयॉन की रासायनिक विशेषताएं कुछ-कुछ रूई के समान ही हैं। क्षार के प्रयोग से रेयॉन की चमक नष्ट हो जाती है। द्रव अम्ल व अम्लीय क्षार का रेयॉन पर प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि यह रेयॉन को कोई हानि नहीं पहुँचाता है।

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प्रश्न 2.
टेरीलीन की भौतिक तथा रासायनिक विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
भौतिक विशेषताएं-टेरीलीन के तन्तु भारी एवं मज़बूत होते हैं।
सक्ष्मदर्शी यन्त्र द्वारा देखा जाये तो ये रेयॉन एवं नायलॉन के तन्तुओं की भाँति दिखाई देते हैं। ये तन्तु सीधे, चिकने एवं चमकदार होते हैं।
टेरीलीन में नमी को शोषित करने की शक्ति नहीं होती है, इसलिए पानी से इसके रूप में कोई परिवर्तन नहीं आता है।
टेरीलीन तन्तु जलाने पर धीरे-धीरे जलते हैं व धीरे-धीरे पिघलते भी हैं। यह प्रकाश अवरोधक होते हैं।
टेरीलीन के वस्त्र को धोने पर उसमें सिकुड़ने नहीं आती हैं। रासायनिक विशेषताएं
टेरीलीन पर अम्ल का प्रभाव हानिकारक नहीं होता परन्तु, अधिक तीव्र आम्लिक क्रिया वस्त्र को नष्ट कर देती है। क्षार का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। किसी भी प्रकार के रंग में इन्हें रंगा जा सकता है।
टेरीलीन के वस्त्र अधिक मज़बूत एवं टिकाऊ होते हैं ।

प्रश्न 3.
ऑरलॉन तन्तुओं की विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
सूक्ष्मदर्शी यन्त्र से देखने पर ये हड्डी के समान दिखाई देते हैं। ऑरलॉन में ऊन तथा रूई से कम अपघर्षण प्रतिरोधन-शक्ति होती है।
ऑरलॉन में उच्च श्रेणी की स्थाई विद्युत शक्ति होती है। जलाने पर यह जलता है व साथ-साथ पिघलता भी है।
ऑरलॉन का तन्तु आसानी से नहीं रंगा जा सकता है। रंग का पक्कापन रंगाई की विधि पर तथा वस्तु की बनावट पर निर्भर करता है। इस तन्तु को रंगने के लिए ताँबा-लोहा विधि बहुत सफल हुई है। वस्त्र का सिकुड़ना उसकी बनावट पर निर्भर करता है।
ऑरलॉन के वस्त्रों को धोने के पश्चाः इस्तिरी करने की आवश्यकता नहीं रहती है। यह शीघ्रता से सूख जाते हैं। इन वस्त्रों में टिकाऊपन अधिक होता है।

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एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
बनावटी ढंग से बनाए धागों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर-
दो भागों में।

प्रश्न 2.
रेयॉन के कपड़ों में ……. नहीं होती।
उत्तर-
अधिक लचक।

प्रश्न 3.
…… को टिड्डियां बड़ी जल्दी खा जाती हैं।
उत्तर-
रेयॉन।

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प्रश्न 4.
टेरीलीन के कपड़ों को ……. में लटका कर सुखाना चाहिए।
उत्तर-
हैंगर।

प्रश्न 5.
……………… के कपड़े को धोने के बाद प्रेस करने की आवश्यकता नहीं रहती।
उत्तर-
ऑरलॉन।

प्रश्न 6.
……………….. से रेऑन की शक्ति घटती है।
उत्तर-
धूप।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 8 बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल

बनावटी ढंग से बनाए गए कपड़ों की देखभाल PSEB 7th Class Home Science Notes

  • बनावटी ढंग से बनाये गए धागों को दो भागों में बाँटा जा सकता है (i) नान थर्मोप्लास्टिक रेशे, (ii) थर्मोप्लास्टिक रेशे। रेयॉन
  • पानी में बहुत कमजोर हो जाती है। इसीलिए नमी युक्त कपड़े को ज़्यादा रगड़ना नहीं चाहिए।
  • रेयॉन लचकदार नहीं होती है।
  • बढ़िया किस्म की रेयॉन जिसका रंग निकलता हो या बहुत भारी कपड़े जैसे गरारा, सूट आदि को ड्राइक्लीन ही करवाना चाहिए।
  • रेयॉन के कपड़े को मरोड़कर नहीं निचोड़ना चाहिए। – रेयॉन को धूप में या लटकाकर नहीं सुखाना चाहिए।
  • रेयॉन कपड़े को बटनों पर प्रैस नहीं करना चाहिए। इससे कपड़ों के फटने का डर रहता है।
  • अगर कपड़े अधिक मैले हों तो उनको 10-15 मिनट के लिए गुनगुने पानी में भिगो देना चाहिए।
  • सफ़ेद कपड़ों को रंगदार कपड़ों से अलग ही धोना चाहिए। नाइलॉन और टेरीलीन के कपड़ों को बहुत हल्की गर्म प्रेस से हल्का-हल्का प्रैस करना चाहिए।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 7 शीशा और धातुओं की सफ़ाई

Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Chapter 7 शीशा और धातुओं की सफ़ाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Home Science Chapter 7 शीशा और धातुओं की सफ़ाई

PSEB 7th Class Home Science Guide शीशा और धातुओं की सफ़ाई Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
चाँदी के गहनों या बर्तनों को साफ करने के लिए किस पदार्थ का प्रयोग करोगे ?
उत्तर-
चूने तथा गर्म पानी के प्रयोग से।

प्रश्न 2.
लोहे के जंग को किस पदार्थ से उतारोगे?
उत्तर-
चूने का प्रयोग करके।

प्रश्न 3.
पीतल के बर्तनों को साधारण विधि से चमकाने के लिए क्या प्रयोग करोगे ?
उत्तर-
नींबू व नमक से रगड़ेंगे।

PSEB 7th Class Home Science Solutions Chapter 7 शीशा और धातुओं की सफ़ाई

प्रश्न 4.
ताँबे के बर्तनों को किस चीज़ से चमकाया जाता है ?
उत्तर-
ताँबे के बर्तनों को कपड़े साफ़ करने वाले सोडे द्वारा चमकाया जा सकता है।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
ताँबे को साफ़ करने के लिए सोडा क्यों नहीं इस्तेमाल में लाना चाहिए?
उत्तर-
सोडा या क्षारीय पदार्थों से ताँबे के बर्तन काले पड़ जाते हैं। अतः इसकी सफ़ाई के लिए सोडे का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

प्रश्न 2.
स्टील के बर्तन और चाकू को कैसे साफ़ करोगे?
उत्तर-
स्टील के बर्तन साफ़ करने के लिए गर्म पानी में अमोनिया का घोल बनाकर प्रयोग में लाना चाहिए। स्टेनलेस स्टील की वस्तुएँ रगड़कर नहीं धोनी चाहिएं। गर्म पानी में साबुन के घोल द्वारा इनको साफ़ करके, सूखे कपड़े से पोंछकर रख देना चाहिए। इनको चमकाने के लिए सिरके का प्रयोग भी किया जाता है। बर्तनों को सिरके से मलने के पश्चात् पानी से धो लेना चाहिए। तत्पश्चात् कपड़े से पोंछने पर ये चमक उठते हैं। चाकू पर जल्दी दाग़ पड़ जाते हैं। अगर साफ़ न किया जाए तो खराब हो जाता है। चाकू को कभी भी पानी में नहीं डालना चाहिए। इसे हमेशा नमी युक्त कपड़े से साफ़ करना चाहिए।

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प्रश्न 3.
बर्तन साफ़ करने क्यों जरूरी है?
उत्तर-
खाना पकाने से बर्तन गन्दे हो जाते हैं। इसलिए बर्तन साफ़ करने ज़रूरी हैं। इसे सिरका, नमक और नींबू से रगड़कर साफ़ करना चाहिए।

प्रश्न 4.
एल्यूमीनियम को कैसे साफ़ करोगे?
उत्तर–
सोडा या क्षारीय पदार्थों से एल्यूमीनियम धातु के बर्तन काले पड़ जाते हैं, अत: इनकी सफ़ाई करने में क्षारीय पदार्थों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। इन बर्तनों को गर्म पानी में साबुन का घोल बनाकर साफ़ करना चाहिए। यदि बर्तन बहुत गन्दा हो गया है तो इसे उबलते हुए पानी में सिरके की कुछ बूंदें अथवा नींबू डालकर उसमें भिगो दिया जाना चाहिए। गीले बर्तनों को सूखे कपड़े से अवश्य पोंछकर रखना चाहिए।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सख्त और नरम धातएँ किसको कहते हैं?
उत्तर-
सख़्त धातुएँ—ये वे धातुएँ हैं जो जल्दी नहीं घिसती, जैसे-लोहा, पीतल आदि।
नरम धातुएँ-ये धातुएँ नरम होने के कारण जल्दी घिस जाती हैं, जैसे-सोना, ताँबा और टिन।

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प्रश्न 2.
अगर पीतल गन्दा हो तो कैसे साफ़ करोगे?
उत्तर-
पीतल की वस्तुओं पर अति शीघ्र दाग़ पड़ जाते हैं। इनको नींबू व नमक से रगड़कर साफ़ किया जाता है। तत्पश्चात् गर्म पानी से धोकर पोंछ लेना चाहिए। इमली या आम की खटाई से भी पीतल के बर्तन चमकाये जाते हैं। सजावट की वस्तुओं को चमकाने के लिए बने बनाये ब्रासो जैसे पॉलिश बहुत प्रभावशाली होते हैं।
खट्टी वस्तुओं के रखने से पीतल के बर्तनों पर हरे-हरे दाग़ बन जाते हैं। ऐसे हरे दागों को अमोनिया से छुड़ाया जाता है।

प्रश्न 3.
रोशनदान, खिड़कियाँ और अलमारियों के शीशे कैसे साफ़ करोगे ?
उत्तर-
शीशे को थोड़ा नमी युक्त कर लेना चाहिए। इसके बाद दोनों हाथों में अख़बार के कागज़ लेकर शीशे को रगड़ना चाहिए। अगर शीशा अधिक गन्दा हो तो चाक के चूरे में थोड़ा पानी मिलाकर शीशे के दोनों तरफ़ लगाकर थोड़ा सूख जाने के बाद अख़बार की कागज़ से रगड़ना चाहिए। शीशे को चमकाने के लिए साफ़ करने के बाद थोड़ा मैथिलेटिड स्पिरिट रूई के टुकड़े में डालकर शीशे पर लगा देना चाहिए। कई बार खिड़कियों या रोशनदान के शीशों पर मक्खियाँ बैठ जाती हैं और उन्हें गन्दा कर देती हैं। इसके लिए पैराफिन या मिट्टी का तेल इस्तेमाल करना चाहिए।

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प्रश्न 4.
धातुएँ साफ़ करने के लिए क्या-क्या सामान चाहिएँ ?
उत्तर-
धातुएँ साफ़ करने के लिए निम्नलिखित सामान चाहिएँ

  1. साबुन,
  2. चूना,
  3. मिट्टी या राख,
  4. नींबू,
  5. इमली,
  6. गर्म पानी का घोल,
  7. सिरका तथा नमक,
  8. ब्रासो आदि।

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अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
स्टील के बर्तनों को किस से साफ़ किया जाता है ?
उत्तर-
साबुन के घोल के साथ पानी की सहायता से।

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प्रश्न 2.
लोहे के सामान को कैसे साफ़ करते हैं ?
उत्तर-
मिट्टी या राख से रगड़कर।

प्रश्न 3.
एल्यूमीनियम के सामान को साफ़ करने के लिए किन पदार्थों का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
नींबू के रस तथा पानी का।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पीतल की वस्तुओं को किन-किन चीज़ों से साफ़ किया जा सकता
उत्तर-

  1. राख व मिट्टी (रोज़ उपयोग किए जाने वाले बर्तनों के लिए)
  2. इमली, नींबू (अधिक गन्दे बर्तनों के लिए)
  3. गर्म पानी का घोल (सजावटी वस्तुओं के लिए)
  4. सिरका तथा नमक (दाग़ धब्बे पड़े हों तो)
  5. ब्रासो (चमकाने के लिए)।

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प्रश्न 2.
धातु से बनी वस्तुओं को साफ़ करने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-

  1. धातु की वस्तु से चिकनाई दूर करने के लिए सर्वप्रथम इसे गर्म साबुन वाले घोल से धोना चाहिए।
  2. सफ़ाई करते समय नीचे अख़बार का कागज़ बिछा लेना चाहिए जिससे फ़र्श या मेज़ गन्दा न हो।
  3. इसके पश्चात् इसे स्वच्छ गर्म पानी से अच्छी प्रकार धो लेना चाहिए।
  4. वस्तु पर पॉलिश करने से पहले इसे भली प्रकार सुखा लेना चाहिए।
  5. अन्त में इसे नर्म, सूखे कपड़े से पॉलिश लगाकर रगड़कर चमका लेना चाहिए।
  6. खाने के प्रयोग में लाये जाने वाले सभी बर्तनों को साफ़ करने के पश्चात् साफ़ पानी से अच्छी तरह धोकर सुखा लेना चाहिए।
  7. ध्यान रहे कि इन पर किसी भी प्रकार की पॉलिश नहीं लगाई जानी चाहिए, विशेषकर इनकी भीतरी सतहों पर जोकि खाने के सीधे सम्पर्क में आती हैं।
  8. ऐसा कोई पदार्थ जिससे धातुओं को हानि पहुँचती हो, प्रयोग में नहीं लाना चाहिए।

प्रश्न 3.
तामचीनी को कैसे साफ करोगे ?
उत्तर-
तामचीनी साफ़ करने के लिए छोटा-सा बोरी का टुकड़ा लेना चाहिए। इसमें राख और साबुन मिलाकर टुकड़े की मदद से बर्तन को रगड़ना चाहिए। अगर बर्तन में भोजन सड़ गया हो तो अण्डे का छिलका रगड़ना चाहिए, इससे खूब चमक आती है और बर्तन के दाग़ साफ़ हो जाते हैं।

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बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
घर में प्रयोग किए जाने वाले धातु के सामान की सफ़ाई का वर्णन करो।
उत्तर-
हमारे दैनिक जीवन में विभिन्न धातुओं के प्रति बर्तन तथा वस्तु प्रयोग में लाई जाती हैं, अतएव इनकी सफ़ाई की जानकारी का ज्ञान होना भी आवश्यक है।
कुछ धातुओं पर शीघ्र ही खरोंच पड़ जाती है, उन्हें कोमल धातु कह सकते हैं, कुछ धातु कठोर होते हैं, उन पर शीघ्र खरोंच नहीं पड़ती।

  1. सफ़ाई से पूर्व वस्तु पर पड़ी चिकनाई व धूल को गर्म पानी व साबुन के घोल से धो लेना चाहिए।
  2. पॉलिश लगाने से पूर्व वस्तु को भली-भाँति सुखा लेना चाहिए।
  3. पॉलिश लगाने के बाद वस्तु को थोड़ी देर सूखने देना चाहिए, फिर मुलायम कपड़े से रगड़कर चमकाना चाहिए।

चाँदी-हवा के सम्पर्क से चाँदी का सामान काला हो जाता है इसीलिए इसे समय समय पर साफ़ किया जाना चाहिए। इसके लिए एक किलो पानी में एक छोटा चम्मच नमक व एक चम्मच सोडा मिलाकर एक साफ़ बर्तन में पांच मिनट तक उबालकर वस्तु को उसमें डाल दें। वस्तु निखर जायेगी, फिर वस्तु को निकालकर उसे स्वच्छ पानी व साबुन से धोकर मुलायम व सूखे कपड़े से पोंछ लेना चाहिए।

चाँदी के सामान को सूखे चूने में दो तीन घंटे रखकर फिर कूची से झाड़-पोंछकर भी चमकाया जाता है। चाँदी की वस्तु को आधे घंटे तक खट्टे दूध में भिगोकर उसके बाद उसे साबुन से धोकर पोंछ लेना चाहिए। चाँदी के बर्तन उब या बथुए के पानी से भी साफ़ किए जाते हैं।

ताँबा-तांबे की वस्तुएँ चूने की सफ़ेदी से साफ़ की जाती हैं। सफेद छने हुए चूने के पाउडर को भिगोकर एक कपड़े में लगाकर गन्दे ताँबे के बर्तन में फेरना चाहिए फिर उसे कपड़े से रगड़कर धो लेना चाहिए। चूना, सोडा व सिरका मिलाकर तो बहुत गन्दे ताँबे के बर्तन भी साफ़ किए जा सकते हैं।

लोहा-नमी के कारण लोहे पर बहुत जल्दी जंग लग जाती है। चूने से जंग को साफ़ करना चाहिए। कड़ाही, बाल्टी आदि पर लगी जंग को मिट्टी, बालू, राख या ईंट के टुकड़े से रगड़कर साफ़ किया जाता है। जंग छुड़ाने के बाद बर्तन को भली-भाँति धो-पोंछकर सरसों या मिट्टी का तेल लगाकर रख देना चाहिए। लोहे के बर्तन में पानी का अंश नहीं रहने देना चाहिए। बर्तन को खड़ा करके रखने से सतह पर पानी का अंश नहीं रहता।

एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
धातुएँ कितने प्रकार की हैं?
उत्तर-
दो।

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प्रश्न 2.
किसी कठोर धातु का नाम लिखें।
उत्तर-
लोहा।

प्रश्न 3.
सोना ……………. धातु है।
उत्तर-
नर्म।

प्रश्न 4.
सोडा या क्षारीय पदार्थों से एल्यूमीनियम धातु को क्या होता है?
उत्तर-
काली पड़ जाती है।

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प्रश्न 5.
पीतल की वस्तुओं को साफ़ करने के लिए बाज़ार से क्या मिलता है?
उत्तर-
ब्रासो।

प्रश्न 6.
नमी होने से लोहे को क्या हानि होती है?
उत्तर-
जंग लग जाता है।

प्रश्न 7.
चाँदी के बर्तन उबले आलू या …………… के पानी से भी साफ़ किए जाते हैं।
उत्तर-
बथुए।

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शीशा और धातुओं की सफ़ाई PSEB 7th Class Home Science Notes

  • धातुएँ दो प्रकार की होती हैं-(1) सख़्ज़ या कठोर धातुएँ, (2) नरम या मुलायम धातुएँ।
  • कठोर धातुएँ-ये वे धातुएँ हैं जो जल्दी नहीं घिसती, जैसे-लोहा, पीतल, स्टील आदि।
  • नरम धातुएँ ये धातुएँ नरम होने के कारण जल्दी घिस जाती हैं, जैसे- सोना, चाँदी, ताँबा और टिन।
  • स्टील और शीशे के बर्तन विम या किसी अन्य साफ़ करने वाले पाउडर से साफ़ करने चाहिएं और बाद में गर्म पानी से धोकर पोंछ लेने चाहिएं।
  • शीशे को चमकाने के लिए साफ़ करने के बाद थोड़ा मैथिलेटिड स्पिरिट रूई के टुकड़े में डालकर शीशे पर लगाना चाहिए।
  • स्टोव और पीतल की सजावट वाली चीज़ों को ब्रॉसो से साफ करना चाहिए, लेकिन खाने वाले बर्तनों को ब्रासो से साफ़ नहीं करना चाहिए।
  • ताँबे वाले बर्तन को खूब गर्म पानी से धोना चाहिए। तामचीनी या अनैमल में लगे चिकनाई और चाय के दाग़ छुड़ाने के लिए नमक का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • धातुओं को साफ़ करने के लिए साबुन, राख, विम, गर्म पानी, चाक, झाँवा, अण्डे के छिलकों की जरूरत होती है।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 8 सजावटी पौधे

Punjab State Board PSEB 7th Class Agriculture Book Solutions Chapter 8 सजावटी पौधे Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Agriculture Chapter 8 सजावटी पौधे

PSEB 7th Class Agriculture Guide सजावटी पौधे Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
बहूपयोगी वृक्ष का कोई एक उदाहरण दें।
उत्तर-
पैगोड़ा, अमलतास आदि।

प्रश्न 2.
खुशबूदार फूलों वाले किसी एक वृक्ष का नाम बताएं।
उत्तर-
पैगोड़ा, सोनचंपा, बड़ा चम्पा आदि।

प्रश्न 3.
बाड़ बनाने के लिए किसी एक उपयुक्त झाड़ी का नाम बताएं।
उत्तर-
कामिनी, केशिया, पीली कनेर।

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प्रश्न 4.
दो फूलदार झाड़ियों के नाम बताएं।
उत्तर-
रात की रानी, चांदनी, पीली कनेर।

प्रश्न 5.
खुशबूदार फूलों वाली झाड़ी का नाम लिखें।
उत्तर-
रात की रानी।

प्रश्न 6.
सजावटी पौधे लगाने के लिए उपयुक्त समय कौन-सा होता है ?
उत्तर-
बहार के मौसम में तथा वर्षा के दिनों में।

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प्रश्न 7.
परदा करने के लिए किस बेल का उपयोग करना चाहिए ?
उत्तर-
परदाबेल (वरनोनिया लता), गोल्डन शावर।

प्रश्न 8.
घरों के अंदर सजावट के लिए उपयोग में लाई जाने वाली किसी एक बेल का नाम बताएं।
उत्तर-
मनी प्लांट।

प्रश्न 9.
मर्मी की ऋतु वाले किसी एक मौसमी फूल का नाम लिखो।
उत्तर-
सूरजमुखी, दोपहर खिली, जीनीया।

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प्रश्न 10.
सर्द ऋतु वाले मौसमी फूलों का बीज कौन-से महीने बीजा जाता है ?
उत्तर-
सितम्बर के मध्य।

(ख) एक-दो वाक्य में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
छायादार वृक्ष के क्या गुण होने चाहिएं ?
उत्तर-
इन वृक्षों का फैलाव गोल, छतनुमा तथा पत्ते घने होने चाहिएं।

प्रश्न 2.
चार फूलदान झाड़ियों के नाम लिखें।
उत्तर-
चाइना रोज़, रात की रानी, पीली कनेर, बोगनविलिया, चांदनी आदि।

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प्रश्न 3.
बेलों को कहाँ लगाया जाता है ?
उत्तर-
बेलों को सहारे की आवश्यकता होती है, इनको दीवारों, वृक्षों आदि के पास लगाया जाता है ताकि इनकों सहारे से ऊपर चढ़ाया जा सके।

प्रश्न 4.
खुशबूदार फूलों वाली दो बेलों के नाम लिखें।
उत्तर-
चमेली, माधवी लता खुशबूदार फूल वाली बेलें हैं।

प्रश्न 5.
सजावटी झाड़ियों के क्या गुण होते हैं ?
उत्तर-
जिन स्थानों पर वृक्ष लगाने का स्थान न हो वहां झाड़ियां सरलता से लग जाती

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प्रश्न 6.
मौसमी फूल कौन-से होते हैं ?
उत्तर-
मौसमी फूल एक साल या एक मौसम में अपना जीवन चक्र पूरा करते हैं।

प्रश्न 7.
सड़कों के पास वृक्ष किस उद्देश्य के लिए लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
यह आसपास की सुंदरता में वृद्धि करते हैं तथा मिट्टी क्षरण से बचाते हैं।

प्रश्न 8.
ऊंची बाड़ तैयार करने के लिए कैसे वृक्षों का चुनाव करना चाहिए ?
उत्तर-
ऊंची बाड़ तैयार करने के लिए सीधे तथा लम्बे जाने वाले वृक्ष पास-पास लगाए जाते हैं।

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प्रश्न 9.
श्रृंगार वृक्ष किस उद्देश्य के लिए लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
ये वृक्ष खूबसूरत फूलों के लिए लगाए जाते हैं।

प्रश्न 10.
झाड़ियों का प्रयोग आसानी से कहां किया जा सकता है ?
उत्तर-
जहां वृक्ष लगाने के लिए आवश्यकतानुसार स्थान न हो, वहां झाड़ियों का प्रयोग सरलता से हो जाता है।

(ग) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दें :

प्रश्न 1.
सजावटी वृक्षों को लगाने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-

  1. सजावटी वृक्ष आसपास की सुंदरता में वृद्धि करते हैं।
  2. सजावटी वृक्ष मिट्टी क्षरण को रोकते हैं।
  3. वृक्ष वातावरण को भी शुद्ध रखने में भूमिका निभाते हैं।
  4. वृक्ष वातावरण को ठण्डा रखने में सहायक हैं।
  5. कई वृक्षों के फूल सुंगध वाले होते हैं जिससे वातावरण महक उठता है।
  6. कई वृक्ष यात्रियों को छाया देते हैं।

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प्रश्न 2.
सजावटी झाड़ियों का चुनाव कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
सजावटी झाड़ियों के चुनाव के लिए किस्में इस प्रकार हैं—

  1. फूलदार झाड़ियां-रात की रानी, चाइना रोज़, बोगनविलिया,चांदनी, पीली कनेर आदि।
  2. सुंदर पत्तों वाली झाड़ियां-अलीयर, कामनी, क्लैरोडेंडरौन, पीली कनेर, केशिया आदि। .
  3. भू-ढपनी झाड़ियां-लैंटाना। .
  4. दीवारों के निकट लगने वाली झाड़ियां-टीकोमा, अकलिफा आदि।

प्रश्न 3.
सजावटी बेलों का चुनाव अलग-अलग स्थानों के लिए कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
बेलों का चुनाव नीचे लिखे अनुसार किया जाता है’

  1. धूप वाले स्थान के लिए-बोगनविलिया, झुमका बेल, लसन बेल, गोल्डन शावर आदि।
  2. घर के अन्दर रखने के लिए-मनी प्लांट।
  3. बाड़ बनाने के लिए-बोगनविलिया, क्लैरोडेंडरौन, एस्प्रेगस आदि।
  4. हल्की बेलें-लोनीसोरा, मिठी मटरी आदि।
  5. खुशबूदार फूलों वाली बेलें-चमेली, माधवी लता।
  6. गमलों में लगाई जाने वाली-बोगनविलिया।
  7. भारी बेल-बिग़नोनिया, बोगनविलिया, माधवी लता, झुमका बेल, गोल्डन शावर।

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प्रश्न 4.
मौसमी फूलों का मौसम के आधार पर वर्गीकरण करें।
उत्तर-
मौसम के आधार पर फूलों का वर्गीकरण—

  1. गर्मी ऋतु के फूल-इन की बोवाई फरवरी-मार्च में की जाती है तथा खेत में लगाने के लिए पनीरी चार सप्ताह में तैयार हो जाती है। इस मौसम के मुख्य फूल हैंकोचिया, जीनीया, गेलारडिया, दोपहर खिली, गौंफरीना आदि।
  2. वर्षा ऋतु के फूल-इनकी जून के पहले सप्ताह बोवाई की जाती है तथा खेत में लगाने के लिए पनीरी जुलाई के पहले सप्ताह में तैयार हो जाती है। बाल्सम, कुक्कड़ कल्गी इस मौसम के फूल हैं।
  3. सर्दी ऋतु के फूल-इनको सितम्बर के मध्य में बोया जाता है तथा पनीरी अक्तूबर के मध्य में तैयार हो जाती है। इस ऋतु के फूल हैं-कैलैंडूला, डेहलिया, पटूनिया, गेंदा आदि।

प्रश्न 5.
सजावटी वृक्षों का चुनाव किन-किन उद्देश्यों के लिए किया जाता है? उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर-
सजावटी वृक्षों का चुनाव अग्रलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाता है—

  1. छाया के लिए-इन वृक्षों का फैलाव गोल तथा पत्ते घने तथा छाया देने वाले होते हैं। इनका उदाहरण है-नीम, सत्तपत्तिया, पीपल, पिलकन आदि।
  2. श्रृंगार के लिए-ये वृक्ष सुंदर फूलों के लिए लगाए जाते हैं; जैसे-कचनार, नीली गुलमोहर, लाल गुलमोहर आदि।
  3. सड़कों के आसपास लगाने वाले वृक्ष-ये वृक्ष छाया तथा शृंगार दोनों उद्देश्यों के लिए लगाए जाते हैं; उदाहरण, अमलतास, डेक, पिलकन, सिल्वर ओक आदि।
  4. बाड़ के तौर पर लगाए जाने वाले वृक्ष-इन का उद्देश्य ऊंची बाड़ तैयार करना है। यह मुख्य फसल को तेज़ हवा से बचाते हैं। इनको पास-पास लगाया जाता है तथा यह पर्दे का रूप धारण कर लेते हैं। उदाहरण सिल्वर ओक, सफैदा, पाप्लर, अशोका आदि।
  5. वायु प्रदूषण रोकने के लिए-कारखानों में से निकलता धुआं तथा रासायनिक गैसें वातावरण को दूषित करती हैं। इसलिए इस उद्देश्य के लिए पतझड़ वृक्ष जिनके पत्ते मोटे तथा चमकदार हों, लगाए जाते हैं; जैसे-शहतूत, पाप्लर, पैगोड़ा आदि।
  6. औषधी गुणों वाले वृक्ष-ये दवाई वाले वृक्ष हैं। इनका उदाहरण है-नीम, जामुन, अर्जुन, महुया, अशोका आदि।

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Agriculture Guide for Class 7 PSEB सजावटी पौधे Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कांटों की सहायता से ऊपर चढ़ने वाली दो लताओं के नाम बताओ।
उत्तर-
गुलाब और बोगनविलिया।

प्रश्न 2.
खुशबू के लिए लगाई जाने वाली दो लताओं के नाम बताओ।
उत्तर-
जैसमीन, माधवी लता।

प्रश्न 3.
हल्के जामुनी रंग के घंटियों जैसे फूल किस लता पर लगते हैं ?
उत्तर-
एडीन्कोलाइमा।

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प्रश्न 4.
बुरे स्थानों को छिपाने के लिए कौन-सी लता लगाई जाती है ?
उत्तर-
अरिस्टोलोचिया।

प्रश्न 5.
माधवी लता पर किस रंग के फूल होते हैं ?
उत्तर-
सफेद रंग के।

प्रश्न 6.
गोल्डन शावर पर लगने वाले फूल किस रंग के होते हैं ?
उत्तर-
संतरी रंग के।

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प्रश्न 7.
पर्दै जैसा प्रभाव डालने वाली लता कौन-सी है ?
उत्तर-
वरनोनिया (पर्दा लता)।

प्रश्न 8.
छायादार स्थान पर कौन सी लता लगानी ठीक है ?
उत्तर-
फाइक्स रैप्नस।

प्रश्न 9.
पत्ते झड़ने वाली लताएं किस महीने में लगाई जाती हैं ?
उत्तर-
जनवरी-फरवरी में।

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प्रश्न 10.
धूप वाले स्थान पर लगाई जाने वाली दो लताओं के नाम बताओ ।
उत्तर-
गोल्डन शावर, झुमका बेल।

प्रश्न 11.
झुमका लता को और क्या कहते हैं ?
उत्तर-
रंगून क्रीपर।

प्रश्न 12.
बाजा लता कौन-सी है ?
उत्तर-
कैंपसिस ग्रैंडीफ्लोरा।

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प्रश्न 13.
बिना सहारे के उगाई जाने वाली किसी लता का नाम बताओ।
उत्तर-
बाजा लता।

प्रश्न 14.
ईंडरॉन लता किस काम आती है ?
उत्तर-
छायादार स्थान पर बाड़ लगाने के काम आती है।

प्रश्न 15.
गोल्डन शावर लता किस काम आती है ?
उत्तर-
धूप वाले स्थान के लिए, पर्दा लता और र ‘समी लताओं के रूप में काम आती है।

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प्रश्न 16.
भारी लताओं के नाम बताएं ।
उत्तर-
पीली चमेली, रेगमार और गुलाब।

प्रश्न 17.
पर्दा लताएं कौन-सी हैं ?
उत्तर-
गोल्डन शावर व बरनोनिया।

प्रश्न 18.
आन्तरिक सजावट के लिए प्रयोग की जाने वाली लताओं के नाम बताओ।
उत्तर-
एसपैरेगश, सिंगोनियम, मनीप्लांट।

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प्रश्न 19.
सारा वर्ष हरी रहने वाली लताएं कब लगाई जाती हैं ?
उत्तर-
फरवरी-मार्च और जुलाई-सितम्बर में।

प्रश्न 20.
पतझड़ वाली लताएं कब लगाई जाती हैं ?
उत्तर-
जनवरी-फरवरी में।

प्रश्न 21.
सारा वर्ष हरी-भरी रहने वाली लता का नाम बताओ
उत्तर-
वरनोनिया, फाइक्स रैप्नस।

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प्रश्न 22.
इसको बाजा लता क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
इसके फूल बाजों की तरह होते हैं।

प्रश्न 23.
वरनोनिया को पर्दा लता क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
क्योंकि उसको जब बरामदे में लगाया जाता है तो पर्दे की तरह प्रभाव पड़ता है।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
लता किसे कहते हैं ?
उत्तर-
लता ऐसे पौधे हैं जिनका तना कमज़ोर होता है।

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प्रश्न 2.
दीवारों, वृक्षों आदि पर चढ़ने के लिए लताओं द्वारा अपनाई जाने वाली विधियां बताओ।
उत्तर-
इस कार्य के लिए लताएं अपने कांटों, टेंड्रिल और जड़ों की सहायता लेती हैं।

प्रश्न 3.
लताएं किस प्रकार की मिट्टी में लगाई जाती हैं ?
उत्तर-
उपजाऊ और पानी को देर तक समा कर रखने वाली किसी भी ज़मीन में लताओं को लगाया जा सकता है।

प्रश्न 4.
लताएं लगाने के लिए किस आकार के गड्ढे खोदने चाहिएं ?
उत्तर-
लताएं लगाने के लिए 60 सें० मी० चौड़े , लम्बे और गहरे गड्डे खोदने चाहिएं।

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प्रश्न 5.
लताओं की सूखी और बीमार टहनियों को क्यों काटते रहना चाहिए ?
उत्तर-
लताएं अच्छी तरह फल-फूल सकें इसलिए इनकी सूखी और बीमार टहनियों को काट देना चाहिए।

प्रश्न 6.
ब्यूमोनसिया लता के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
इसे मार्च मास में बड़े और सफ़ेद रंग के फूल लगते हैं। इस लता को वृक्षों पर चढ़ाया जाता है। इसे बीज या कलम द्वारा उगाया जा सकता है।

प्रश्न 7.
एडीन्कोलाइमा और एंटीगोनोन लताओं को लगने वाले फूलों की तुलना करो।
उत्तर-
एडीन्कोलाइमा के फूल नवम्बर में हल्के जामुनी रंग के घंटियों जैसे होते हैं। एंटीगोनोन के फूल सितम्बर से मार्च तक सफ़ेद, गुलाबी रंग के होते हैं।

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प्रश्न 8.
अरिस्टोलोचिया लता के फूल किस प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
इसके फूल सितम्बर में बत्तख जैसे बड़े और सफ़ेद रंग के होते हैं और इसके बीच जामुनी रंग के धब्बे भी होते हैं।

प्रश्न 9.
ऊंची इमारतों की सजावट के लिए प्रायः कौन-सी लता लगाई जाती है?
उत्तर-
बिगलोनिया लता ऊंची इमारतों की सजावट के लिए प्रयोग में लाई जाती है। यह हमेशा हरी ही रहती है।

प्रश्न 10.
बोगनविलिया लता की विभिन्न किस्मों के नाम बताओ।
उत्तर-
बोगनविलिया लता की किस्में हैं-विजय, पार्था, ग्लैबरा और सुभरा।

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प्रश्न 11.
एंटीगोनोन लता के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
इसको नवम्बर में जामुनी रंग के घंटियों जैसे फूल लगते हैं। इसके पत्तों को रगड़ने पर लहसुन की सुगन्ध आती है। पत्ते साफ़ और चमकदार होते हैं। इन्हें कलमों के द्वारा बढ़ाया जा सकता है।

प्रश्न 12.
बाजा लता के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
इसे कैंपसिस ग्रैंडीफ्लोरा भी कहा जाता है। इसको संतरी रंग के बच्चों के बाजों की तरह फूल मई से अगस्त तक लगते हैं जो कि अक्तूबर से नवम्बर तक रहते हैं। इसके पत्ते सर्दियों में झड़ जाते हैं।
इस लता को कलमों के द्वारा लगाया जाता है। इसकी शाखा सख्त होती है और बिना सहारे चल सकती है।

प्रश्न 13.
अरिस्टोलोचिया के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
इस लता को खराब स्थानों को ढकने के लिए लगाया जाता है। इसको बत्तख की तरह बड़े और सफेद रंग के फूल लगते हैं। इनके बीच में जामुनी रंग के धब्बे जैसे भी होते हैं। इसके बीज लगाए जाते हैं।

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प्रश्न 14.
बिगलोनिया के बारे में जानकारी दो।
उत्तर-
इसको ऊँची इमारतों को सजाने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह हमेशा हरी रहती है। इसे पीले फूल जनवरी-फरवरी में लगते हैं। इसकी कलमें और बीज दोनों ही लगाए जा सकते हैं।

प्रश्न 15.
पीली चमेली के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
इसे दीवारों पर चढ़ाने के लिए लगाया जाता है। इसको 15-20 दिन के लिए मार्च में पीले फूल लगते हैं। इसकी वृद्धि कलमों के द्वारा की जाती है।

प्रश्न 16.
माधवी लता के बारे में जानकारी दो ।
उत्तर-
इस लता के पत्ते चमकदार होते हैं और फूल फरवरी-मार्च में लगते हैं। फूल सफ़ेद रंग के खुशबूदार होते हैं। इसको बीजों या कलमों द्वारा दोनों विधियों से लगाया जा सकता है।

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प्रश्न 17.
फाइक्स रैजस लता के बारे में जानकारी दो।
उत्तर-
इस लता को शानदार स्थानों के लिए चुना जाता है। यह हमेशा हरी रहती है। यह जड़ों के द्वारा दीवारों पर चिपक जाती है। इसको पत्तों के लिए लगाया जाता है और काट कर कोई भी आकार दिया जा सकता है।

प्रश्न 18.
ब्यूमोनसिया लता के बारे में जानकारी दो ?
उत्तर-
यह लता वृक्षों पर चढ़ाने के लिए लगाई जाती है। इसे मार्च में बड़े सफ़ेद रंग के फूल लगते हैं। यह लता कलमों और बीजों के द्वारा भी लगाई जा सकती है।

प्रश्न 19.
एंटीगोनॉन लता के बारे में आप क्या जानते हो?
उत्तर-
इसको स्थान ढकने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसको सितम्बर से मार्च तक सफेद गुलाबी रंग के फूल लगते हैं। इसको बीज तथा कलमों के द्वारा लगाया जा सकता है।

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प्रश्न 20.
गोल्डन शावर के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
यह सबसे सुन्दर बेल है। इसको सर्दियों में संतरी रंग के फूल लगते हैं। इसको इमारतों, घरों और बरामदों की सजावट के लिए लगाया जाता है।

प्रश्न 21.
झुमका लता के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
झुमका लता का दूसरा नाम रंगून क्रीपर भी है। इसको दीवारों, परगलों या वृक्षों पर चढ़ाने के लिए लगाया जाता है। इसको सारा साल ही सफ़ेद, लाल या गुलाबी फूल लगे रहते हैं। इसको कलमों और जड़ों के हिस्सों के साथ उगाया जा सकता है।

प्रश्न 22.
पर्दा लता के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
इसको बरामदे में लगाया जाता है और पर्दा लगा होने का भ्रम देती है। यह सारा साल ही हरी भरी रहती है। इस लता को दीवारों, बालकोनी पर चढ़ाने के लिए लगाया जाता है।

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बडे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
लताओं का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
लताओं से घरों, स्कूलों, कोठियों, कार्यालयों और सड़कों की सुन्दरता बढ़ती है। फूलों वाली लताएं बच्चों का मन मोह लेती हैं और उनके कोमल मन पर अच्छा प्रभाव डालती हैं। इससे बच्चों का मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास भी बढ़िया ढंग से होता है।

प्रश्न 2.
भिन्न-भिन्न स्थानों पर लगाई जाने वाली लताओं का विवरण दो।
उत्तर-
विभिन्न स्थानों पर लगाई जाने वाली लताएं हैं—

  1. धूप वाले स्थान के लिए-गोल्डन शावर, बोगनविलिया, झुमका लता इत्यादि।
  2. छायादार स्थान के लिए-मनीप्लांट, क्लैरोडेंडरॉन, सिंगोनीयम इत्यादि।
  3. बाड़ लगाने के लिए-क्लैरोडेंडरॉन, बोगनविलिया।
  4. मौसमी लताएं-गोल्डन शावर, बोगनविलिया।
  5. सुगन्ध के लिए-माधवी लता, जैसमीन (मोतिया-चमेली) इत्यादि।
  6. पर्दा लताएं-गोल्डन शावर, बरनोनिया।
  7. गमलों के लिए–सिंगोनीयम, बोगनविलिया, मनीप्लांट इत्यादि।
  8. अंदरूनी सजावट के लिए-ऐस्प्रेगस, मनीप्लांट, सिंगोनियम।
  9. भारी लताएं-रेगमार, गुलाब, पीली चमेली इत्यादि।

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प्रश्न 3.
लताएं लगाने की विधि क्या है ? इनकी देखभाल कैसे की जाती है ?
उत्तर-
भूमि-कोई भी उपजाऊ और देर तक पानी समा कर रखने वाली भूमि इन लताओं के लिए ठीक रहती है।
लताएं लगाने का समय-सारा वर्ष हरी रहने वाली लताओं के लिए उचित समय जुलाई-सितम्बर का मास होता है। पत्ते झड़ने वाली लताओं को जनवरी-फरवरी में लगाते हैं।

गड्ढे तैयार करना-लताओं के लिए 60 सें० मी० चौड़े लम्बे और गहरे गड्ढे खोदे जाते हैं और एक गड्ढे में 10 ग्राम बी० एच० सी० का पाऊडर और 8-10 कि० ग्रा० गली रूड़ी गोबर खाद मिला दें।

सिंचाई-लताएं लगाने के बाद ही लगातार पानी लगाएं और इन्हें आवश्यकता अनुसार ही सहारा दें।
देखभाल-बीमार और सूखी शाखाओं को काट दें। अच्छी तरह बढ़ फूल सकें इसके लिए इनकी कांट-छांट भी करते रहें। कीड़े-मकौड़े और रोगों से बचाव के लिए दवाइयों का छिड़काव करें।

प्रश्न 4.
बोगनविलिया लता के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
किस्में-बोगनविलिया की विभिन्न किस्में हैं-ग्लैबरा, पार्था, सुभरा और विजय। लगाने की विधि-सभी किस्मों को कलम के द्वारा लगाया जाता है। लगाने का समय-कलमों को जुलाई-अगस्त या जनवरी से फरवरी तक लगाया जाता है। रंगदार फूलों के लगने का समय-सफेद, जामुनी, लाल, पीले, संतरी रंगों के फूल मार्च-अप्रैल और नवम्बर-दिसम्बर में लगते हैं।

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प्रश्न 5.
रंगून क्रीपर किस लता को कहते हैं ? इसके फूल किस तरह के होते हैं और इसे कौन-से स्थान पर और किस विधि से लगाया जाता है ?
उत्तर-
झुमका लता को रंगून क्रीपर कहा जाता है। इसके फूल सफ़ेद गुलाबी या लाल रंग के होते हैं। फूल खुशबूदार होते हैं और सारा वर्ष लगे रहते हैं। इन लताओं को दीवारों, वृक्षों या परगलों पर चढ़ाने के लिए लगाया जाता है। इसे कलमों या जड़ों के भाग से उगाया जाता है।

प्रश्न 6.
अलग-अलग लताओं के नाम और फूलों के रंग बताओ और फूल कब लगते हैं ?
उत्तर-

  1. एंडीन्कोलाइमा-हल्के जामुनी रंग के घण्टियों के आकार के, नवम्बर में।
  2. व्यूमोनसिया लता-सफ़ेद रंग के, मार्च में।
  3. माधवी लता-सफ़ेद खुशबूदार, फरवरी-मार्च में।
  4. बिगलोनिया-पीले रंग के, जनवरी-फरवरी में।
  5. एंटीगोनान-सफ़ेद, गुलाबी, सितम्बर से मार्च। .
  6. अरिस्टोलोचिया-बत्तख की तरह बड़े और सफ़ेद, इनके बीच में जामुनी रंग के धब्बे होते हैं, सितम्बर में।
  7. झुमका लता-सफ़ेद, गुलाबी या लाल, सारा वर्ष।
  8. गोल्डन शावर-सर्दियों में, संतरी रंग के।
  9. पीली चमेली-मार्च में, पीले रंग के।
  10. बोगनविलिया-सफेद, जामुनी, लाल, नाभी, संतरी, पीले। मार्च-अप्रैल और नवम्बर-दिसम्बर में।
  11. कैम्पसिस ग्रैंडीफ्लोरा-मई से अगस्त में संतरी रंग के।

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प्रश्न 7.
धूप वाली जगह के लिए भारी बेलों, अंदरूनी सजावट वाली बेलों के बारे में बताओ।
उत्तर-

  1. धूप वाली जगह के लिए-गोल्डन शावर, झुमका बेल।
  2. भारी बेल-रेगमार, पीली चमेली।
  3. अंदरूनी सजावट-ऐस्प्रेगस, मनी प्लांट।

सजावटी पौधे PSEB 7th Class Agriculture Notes

  • वृक्ष, झाड़ियां, बेलें और मौसमी फूल आसपास की सुंदरता बढ़ाने में सहायक हैं तथा मिट्टी को क्षरण से भी बचाते हैं।
  • बहुपयोगी वृक्ष हैं-पैगोड़ा, अमलतास, लाल गुलमोहर, ऐरोकेरिया आदि।
  • छायादार वृक्ष हैं-नीम, सातपत्तिया, मोलसरी, सुखचैन, जामुन, पिलकन, पीपल आदि।
  • शृंगार वृक्ष हैं-नीली गुलमोहर, सिल्वर ओक, अमलतास, पिलकन, डेक आदि।
  • बाड़ के तौर पर लगाए जाने वाले वृक्ष हैं-सफैदा, पाप्लर, अशोका आदि।
  • सड़कों के आसपास लगाए जाने वाले वृक्ष हैं-डेक, पिलकन, सिल्वर ओक, नीली गुलमोहर आदि।
  • वायु प्रदूषण रोकने के लिए वृक्ष हैं-शहतूत, पाप्लर, पैगोड़ा आदि।
  • औषधि गुण वाले वृक्ष हैं-नीम, जामुन, अशोका, महुआ, अर्जुन आदि।
  • खुशबूदार फूलों वाले वृक्ष हैं-पैगोड़ा, सोनचंपा, बड़ा चम्पा।
  • फूलदार झाड़ियां हैं-रात की रानी, चांदनी, पीली कनेर, चाइमा रोज़, बोगनविलिया आदि।
  • सुंदर पत्तों वाली झाड़ियां हैं-अलीयर, कामिनी, केशिया आदि।
  • भू-ढपनी झाड़ियां हैं-लैंटाना।
  • दीवारों के निकट लगाने वाली झाड़ियां हैं-टीकोमा, अकलिफा आदि।
  • धूप वाले स्थान के लिए सजावटी बेलें हैं-गोल्डन शावर, झुमका बेल, बोगनविलिया।
  • भारी बेलें हैं-बिगनोनिया, माधवी लता, झुमका बेल, गोल्डन शावर आदि।
  • हल्की बेलें हैं-लोनीसोरा, मीठी मटरी आदि।
  • खुशबूदार फूलों वाली बेलें-चमेली, माधवी लता आदि।
  • बोगनविलिया को गमले में भी लगाया जा सकता है।
  • बाड़ लगाने वाली बेलें हैं-बोगनविलिया, क्लैरोडैडरोन, ऐस्प्रेगस आदि।
  • घर के अन्दर रखने वाली बेलें हैं-मनी प्लांट आदि।
  • पर्दा करने के लिए-परदा बेल, गोल्डन शावर आदि।
  • गर्मी ऋतु के फूल-कोचिया, जीनीया, सूरजमुखी, गेलारडिया, गौंफरीना, दोपहर खिली आदि।
  • वर्षा ऋतु के फूल हैं-बाल्सम, कुक्कड़ कल्गी आदि।
  • सर्दी ऋतु के फूल हैं-कैलेंडुला, डेहलीया, पहूनिया, गेंदा आदि।