Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 8 प्रेरणा Textbook Exercise Questions and Answers.
PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 प्रेरणा (2nd Language)
Hindi Guide for Class 8 PSEB प्रेरणा Textbook Questions and Answers
प्रेरणा अभ्यास
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखने का अभ्यास करें।
2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखने का अभ्यास करें।
3. शब्दार्थ :
- संकेत = इशारा
- पारखी = परखने वाला, वह जिसमें परखने की शक्ति हो
- अनसुनी = ध्यान न देना
- चेष्टा = कोशिश
- अंतर्गत = भीतर समाया हुआ
- अपनापन = आत्मीय
- दयनीय अवस्था = दीन-हीन हालत
उत्तर :
छात्र पढ़ें एवं याद करें। प्रश्न 4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें।
4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :
(क) लड़के और उसकी बहन का क्या नाम था?
उत्तर :
लड़के का नाम मनीष तथा उसकी बहन का नाम सीमा था।
(ख) मनीष क्या बेचकर अपना जीवन बसर कर रहा था?
उत्तर :
मनीष गुब्बारे बेचकर अपना जीवन बसर कर रहा था।
(ग) गुब्बारे बेचने के पीछे मनीष ने अपनी क्या विवशता बतायी?
उत्तर :
मनीष ने बताया कि उसके पिता मर चुके हैं, इसलिए उनके परिवार का गुजारा गुब्बारे बेचने से होता है।
(घ) ‘पढ़ोगे’ पूछने पर उसने क्या उत्तर दिया?
उत्तर :
उसने ‘न’ में सिर हिला दिया।
(ङ) बच्चों को किस संस्था के अंतर्गत पढ़ाने के लिए ले जाया गया?
उत्तर :
बच्चों को प्रेरणा संस्था के अन्तर्गत पढ़ाने के लिए ले जाया गया।
(च) मनीष और सीमा क्या बनना चाहते थे?
उत्तर :
मनीष पुलिस इंस्पैक्टर तथा सीमा मैडम बनना चाहती थी है।
5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :
(क) लेखिका ने बच्चों को पढ़ाई का क्या महत्व समझाया?
उत्तर :
लेखिका ने बच्चों को समझाया कि अगर वे पढ़ेंगे नहीं तो उनका बचपन, जवानी और बुढ़ापा इसी तरह से व्यर्थ हो जाएगा। पढ़ाई से ही उन्हें नौकरी, एक घर, अच्छे कपड़े मिल सकते हैं।
(ख) मनीष का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर :
मनीष की आयु सात-आठ वर्ष की थी। वह लाल बत्ती चौक पर गुब्बारे बेचता है। वह बहुत समझदार है। वह अपनी बहन से बहुत प्यार करता है। वह पढ़-लिख कर पुलिस इंस्पैक्टर बनना चाहता है।
(ग) ‘भीख माँगना अपराध है।’
- ‘सपने देखो और उन्हें सच करके दिखाओ।’
- ‘शिक्षा ही वह सीढ़ी है जिस पर चढ़कर मंज़िल पाई जा सकती है।’
- इन तीनों सूत्र वाक्यों पर अपने विचार लिखें।
उत्तर :
- भीख माँगना एक सामाजिक अपराध है इसलिए मनुष्य को कभी भीख नहीं माँगनी चाहिए। हमें सदा अपने हाथों से मेहनत कर अपने जीवन का गुजारा करना चाहिए।
- सपना देखना जीवन में आगे बढ़ने तथा उन्नति प्राप्त करने का प्रतीक है। सपनों से ही आगे बढ़कर उन्हें पूरा करने का रास्ता दिखाई देता है। इसलिए हमें सदा सपने देखकर उन्हें पूरा करने का प्रयास करना चाहिए, पूरी मेहनत करनी चाहिए।
- शिक्षा मनुष्य जीवन की आधारशिला है। इसके आधार पर ही मनुष्य जीवन का पूर्ण निर्माण होता है। सत्य-असत्य का ज्ञान होता है। जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता मिलता है। इसी के सहारे जीवन का सपना पूरा हो सकता है।
6. इन मुहावरों को वाक्यों में प्रयोग करें :
- पारखी आँखों वाला ………………………………….
- जीवन-बसर करना ………………………………….
- सपने दिखाना ………………………………….
- हरी झंडी मिलना ………………………………….
उत्तर :
- पारखी आँखों वाला = पहचानने वाला-रोहित सब कुछ जानता है क्योंकि उसकी पारखी आँखें हैं।
- जीवन की पहली ज़रूरत = भोजन-मनीष को देखकर यही लगता था कि यही उसके जीवन की पहली ज़रूरत है।
- जीवन-बसर करना = जीवन चलाना-वह दुकान चला कर जीवन-बसर कर रहा था।
- सपने दिखाना = प्रेरणा देना-मैडम ने मनीष को सपने दिखाए। हरी झंडी मिलना = आज्ञा मिलना-रवि को पढ़ने की हरी झंडी मिल गई।
7. इन शब्दों के विपरीत शब्द लिखें :
- नाराजगी = ………………………………….
- अपनापन = ………………………………….
- विश्वास = ………………………………….
- इंकार = ………………………………….
- सम्भव = ………………………………….
- साकार = ………………………………….
- बदकिस्मत = ………………………………….
- सहमति = ………………………………….
- सफल = ………………………………….
उत्तर :
- नाराजगी = खुशी
- अपनापन = परायापन
- विश्वास = अविश्वास
- इन्कार = स्वीकार
- सम्भव = असम्भव
- साकार = निराकार
- बदकिस्मत = किस्मत
- सहमति = असहमति
- सफल = असफल
8. निम्नलिखित वाक्यों में क्रिया विशेषण शब्द छाँटकर सामने लिखें :
(क) मैं जल्दी-जल्दी काम निपटा कर उसी चौराहे पर पहुँची। जल्दी-जल्दी
(ख) वह मेरी तरफ एकटक देखने लगा। = ………………………………….
(ग) वह गाड़ी के पास आकर झट से बोला। = ………………………………….
(घ) मैं कल आऊँगी। = ………………………………….
(ङ) वह उधर बैठी है। = ………………………………….
उत्तर :
(क) जल्दी-जल्दी
(ख) एकटक
(ग) झट से
(घ) कल
(ड) उधर
9. कोष्ठक में से उचित विस्मयादि बोधक शब्द लेकर रिक्त स्थान भरें :
(क) अरे ! तुम पढ़ोगे नहीं? (वाह,अरे)
(ख) …………….! तुमने ठीक पहचाना? (उफ, हाँ)
(ग) …………….! बड़े दुःख की बात है? (अहा, उफ)
(घ) …………….! हम तुम्हारा इंतज़ार करेंगे? (हाय, अच्छा)
(ङ) …………….! बहुत अच्छा किया? (वाह ! आह)
उत्तर :
(ख) हाँ ! तुमने ठीक पहचाना?
(ग) उफ ! बड़े दुःख की बात है?
(घ) अच्छा ! हम तुम्हारा इन्तज़ार करेंगे?
(ङ) वाह ! बहुत अच्छा किया?
10. नये शब्द बनायें :
- आत्म + विश्वास = आत्मविश्वास
- आत्म + रक्षा = …………….
- बे + चैन = …………….
- बे + कसूर = …………….
- अनु + सरण = …………….
- अनु + कूल = …………….
- अन + सुनी = …………….
- अन + वरत = …………….
- उत्सुक + ता = …………….
- दीन + ता = …………….
उत्तर :
- आत्म + विश्वास = आत्मविश्वास
- आत्म + रक्षा = आत्मरक्षा
- बे + चैन = बेचैन
- बे + कसूर = बेकसूर
- अनु + सरण = अनुसरण
- अनु + कूल = अनुकूल
- अन + सुनी = अनसुनी
- अन + वरत = अनवरत
- उत्सुक + ता = उत्सुकता
- दीन + ता = दीनता
11. उपयुक्त वाच्य की पहचान कीजिए :
(क) आपने मुझे कल बिस्कुट दिए थे। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
(ख) मैंने दोपहर से कुछ नहीं खाया। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
(ग) उससे रहा नहीं गया। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
(घ) बच्चे डबल रोटी खा रहे थे। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
(इ) लड़के के द्वारा पैसे गिने जा रहे थे। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
12. रचनात्मक अभिव्यक्ति
(क) मौखिक अभिव्यक्ति – आप बड़े होकर क्या बनना चाहते हो और क्यों ? कक्षा में मंच पर खड़े होकर बतायें।
(ख) लिखित अभिव्यक्ति – अपने मित्र/सहेली को पत्र लिखें जिसमें पढ़ाई का महत्व बताया गया हो।
(ग) रचनात्मक कार्य – इस कहानी से संबंधित अपनी कल्पना से कोई चित्र बनायें।
उत्तर :
छात्र अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर
प्रश्न 1.
लड़का क्या बेच रहा था?
उत्तर :
लड़का गुब्बारे बेच रहा था।
प्रश्न 2.
लड़का गुब्बारे कहाँ बेच रहा था?
उत्तर :
लड़का लाल बत्ती चौक पर गुब्बारे बेच रहा था।
प्रश्न 3.
लेखिका लड़के का गिड़गिड़ाना कैसे समझ रही थी?
उत्तर :
लेखिका लड़के के हाथों के संकेतों से उसका गिड़गिड़ाना समझ रही थी।
प्रश्न 4.
लड़का किस बात में लेखिका से भी ज्यादा ज्ञानी लग रहा था?
उत्तर :
लड़का जीवन की पहली ज़रूरत को लेखिका से ज्यादा जानता था शायद इसी से वह ज्यादा ज्ञानी लग रहा था।
प्रश्न 5.
लड़के की माँ ज़िन्दगी से जद्दोजहद कैसे कर रही थी?
उत्तर :
लड़के की माँ दयनीय अवस्था में गोद में बच्चों के लिए गुब्बारे बना रही थी। वह इसी तरह ज़िन्दगी से जद्दोजहद कर रही थी।
बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :
प्रश्न 1.
लाल बत्ती चौक पर बच्चा क्या बेच रहा था?
(क) खिलौने
(ख) गुब्बारे
(ग) अखबार
(घ) नमकीन।
उत्तर :
(ख) गुब्बारे
प्रश्न 2.
गुब्बारे बेचने वाले बच्चे की आयु कितने वर्ष थी?
(क) 6 – 7
(ख) 7 – 8
(ग) 8 – 9
(घ) 5 – 6
उत्तर :
7 – 8
प्रश्न 3.
लेखिका ने गुब्बारे बेचने वाले लड़के को खाने के लिए क्या दिया?
(क) चाकलेट
(ख) बिस्कुट
(ग) केक
(घ) ब्रैड।
उत्तर :
(ख) बिस्कुट
प्रश्न 4.
लड़के ने किसके लिए बिस्कुट माँगे?
(क) बहन
(ख) भाई
(ग) माँ
(घ) पिता।
उत्तर :
(क) बहन
प्रश्न 5.
लेखिका ने लड़के और उसकी बहन को क्या करने के लिए कहा?
(क) पढ़ने के लिए
(ख) नौकरी करने के लिए
(ग) ठेला लगाने के लिए
(घ) अपने साथ चलने के लिए।
उत्तर :
(क) पढ़ने के लिए
प्रश्न 6.
गुब्बारे बेचने वाले लड़के का क्या नाम है?
(क) हरीश
(ख) मनीष
(ग) रवीश
(घ) सतीश।
उत्तर :
(ख) मनीष
प्रश्न 7.
गुब्बारे बेचने वाले लड़के की बहन का क्या नाम है?
(क) नीता
(ख) रीता
(ग) गीता
(घ) सीमा।
उत्तर :
(घ) सीमा।
प्रश्न 8.
मनीष क्या बनना चाहता है?
(क) पुलिस इंस्पैक्टर
(ख) पायलट
(ग) अध्यापक
(घ) नेता।
उत्तर :
(क) पुलिस इंस्पैक्टर
प्रश्न 9.
सीमा की क्या बनने की इच्छा है?
(क) डॉक्टर
(ख) नर्स
(ग) टीचर
(घ) पुलिस अधिकारी।
उत्तर :
(ग) टीचर
प्रश्न 10.
किस सोसायटी के स्कूल में मनीष-सीमा पढ़ने गए?
(क) प्रेरणा
(ख) भारती
(ग) बचपन
(घ) घरोंदा।
उत्तर :
(क) प्रेरणा
Summary in Hindi
प्रेरणा कविता का सार
‘प्रेरणा’ नामक पाठ लेखिका मीना शर्मा द्वारा लिखित है जिसमें उन्होंने जीवन की प्रेरणा देने का प्रयास किया है। एक बार गाड़ी में जाते हुए लाल बत्ती चौक पर गाड़ी रुकी तो मेरी नज़र सामने वाली सड़क पर सात-आठ साल के गुब्बारा बेचने वाले बच्चे पर पड़ी। वह गाड़ियों के पास जा-जाकर गुब्बारे बेच रहा था। गुब्बारे बेचने के पश्चात् पैसे लेते समय जो खुशी उसके चेहरे पर थी वह उसके भावों से महसूस हो सकती थी।
हरी बत्ती पर लेखिका की गाड़ी पहुँचने पर लड़के ने फिर उनसे गुब्बारे लेने का आग्रह किया। लेखिका ने गुब्बारे लिए बिना ही उसे खाने के बिस्कुट दिए और उसे पढ़ने के लिए कहा। लड़का उनकी बात अनसुनी कर अपनी बहन के लिए भी बिस्कुट लेने को कहने लगा। लेखिका के बार-बार पढ़ने की बात कहने पर लड़का शायद अपने जीवन की पहली ज़रूरत को अच्छी तरह समझा। वह उत्सुकता से बिस्कुट खा रहा था।
पूछने पर लड़के ने बताया कि उसके पिता नहीं थे तो फिर उसे कौन पढ़ाता क्योंकि वह और उसकी बहन दोनों परिवार चलाने के लिए कमाते थे। अगले दिन रविवार को स्कूल से छुट्टी के दिन लेखिका उस लड़के को मिलने गई। लड़का उन्हें देखकर हैरान हो गया। लड़के का नाम मनीष तथा उसकी बहन का नाम सीमा था। लेखिका ने मनीष और सीमा को अपने जीवन को बदलने के लिए पढ़ने की प्रेरणा दी क्योंकि पढ़ने से ही जीवन बदल सकता है।
उन्होंने प्रेरणा नामक सोसायटी के अंतर्गत चलने वाले स्कूल में पढ़ने के लिए कहा। तीन-चार दिन के पश्चात् लेखिका उनके पास आई तो मनीष ने उनसे नाराज़ होकर न आने का कारण पूछा। सीमा ने ही मैडम को बताया कि हमने कापी भी ले ली है।
दोनों बच्चों के भावों से उनके पढ़ने की बात झलक रही थी। लेखिका को उनकी माँ की तरफ से भी आज्ञा मिल गई। लेखिका ने मनीष एवं सीमा के सपने के बारे में पूछने पर मनीष ने पुलिस इंस्पैक्टर तथा सीमा ने स्कूल मैडम बनने की इच्छा प्रकट की।
प्रेरणा शब्दार्थ :
- नज़र = दृष्टि।
- कोशिश = प्रयास, प्रयत्न।
- पारखी = परखने वाला।
- बेझिझक = बिना झिझके।
- इशारा = संकेत।
- अनुसरण = पीछा।
- जद्दोजहद = संघर्ष।
- भाँपना = पहचानना।
- चेष्टा = प्रयत्न, कोशिश।
- वक्त = समय।
- बसर करना = रहना, गुजारना।
प्रेरणा सप्रसंग व्याख्या
1. चौक में लाल बत्ती के होने पर हमारी गाड़ी रुकी और मेरी नज़र सामने वाली सड़क पर एक सात-आठ साल के लड़के पर पड़ी जो हाथ में आठ-दस गुब्बारे बेचता कभी किसी गाड़ी के पास जाता तो कभी किसी के पास। गुब्बारे बेचने की कोशिश में उसका गिड़गिड़ाना, मैं उसके हाथों के संकेतों से समझ सकती थी। हरी बत्ती होने पर सामने की गाड़ियाँ चल पड़ी। मैंने देखा, वह लड़का, एक गाड़ी के पीछे भागता, दूसरी तरफ आ गया और मैं इस डर से बेचैन हो रही थी कि कहीं वह किसी गाड़ी के नीचे न आ जाए। उसने गुब्बारे दिए और पैसे ले लिए। पैसे गिनते हुए उसकी खुशी मैं उसके चेहरे के भावों से महसूस कर सकती थी।
प्रसंग-यह गद्यांश हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘प्रेरणा’ शीर्षक से लिया गया है। यह मीना शर्मा द्वारा लिखित है। इसमें लेखिका ने लाल बत्ती चौक पर गुब्बारा बेचने वाले लड़के की क्रिया का वर्णन किया है।
व्याख्या-लेखिका कहती है कि लाल बत्ती चौक पर लाल बत्ती का संकेत होने पर वहाँ हमारी गाड़ी रुकी और मेरी दृष्टि सामने वाली सड़क पर एक सात-आठ साल के लड़के की ओर गई। वह अपने हाथ में आठ-दस गुब्बारे बेच रहा था। वह गाड़ियों के पास जाकर गुब्बारे बेच रहा था। वह गुब्बारे बेचने के प्रयास में गिड़गिड़ा रहा था। उसका इस तरह गिड़गिड़ाना उसके हाथों से समझ सकती थी। जब हरी बत्ती हुई तो सामने की गाड़ियाँ चल पड़ीं। तब मैंने देखा कि वह लड़का एक गाड़ी के पीछे भागता-भागता दूसरी तरफ़ आ गया। मैं इस डर से बेचैन हो रही थी कि वहाँ वह किसी गाड़ी के नीचे न आ जाए। उसने मुझे गुब्बारे देकर पैसे ले लिए। वह पैसे गिनने लगा। पैसे गिनते समय उसकी खुशी उसके चेहरे के भावों से महसूस कर सकती थी।
भावार्थ-गुब्बारे बेचने वाले बच्चे के हाव-भावों को दर्शाया गया है।
2. मुझे उसका जवाब सुनकर हैरानी हुई और मैंने कहा, “अरे ! तुम पढ़ोगे नहीं ? यूँ ही सारी ज़िन्दगी …… ऐसे ही …….. उसने कोई जवाब न दिया। शायद वह जीवन की पहली ज़रूरत को मुझसे ज्यादा अच्छी तरह समझता था। बिस्कुट खाने की उत्सुकता उसके हाथों से साफ झलक रही थी। जब तक उसने एक बिस्कुट खाया तब तक मुझे भी अपनी गलती का अहसास हो गया था।
प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश लेखिका मीना शर्मा द्वारा लिखित ‘प्रेरणा’ नामक पाठ से लिया गया है। लेखिका ने गुब्बारे बेचने वाले लड़के से पढ़ने के बारे में पूछा तो उसने अपना सिर हिला दिया जिससे लेखिका को हैरानी हुई। यहाँ इसी का वर्णन किया है।
व्याख्या-लेखिका कहती है कि मुझे उस लड़के का जवाब (उत्तर) सुनकर बहुत हैरानी हुई। उसको समझाते हुए मैंने कहा कि अरे ! क्या तुम पढ़ोगे नहीं। क्या इसी तरह पुस्तकीय भाग सारी ज़िन्दगी रहेगी ? यह सुनकर उसने कोई जवाब नहीं दिया। शायद वह जीवन की पहली ज़रूरत को मुझसे ज्यादा अच्छी तरह समझता था। बिस्कुट खाने की उत्सुकता उसके हाथों से साफ-साफ दिखाई दे रही थी। जब तक उसने एक बिस्कुट खाया तब तक मुझे भी अपनी गलती का अहसास हो गया था।
भावार्थ-जीवन की पहली ज़रूरत रोटी की ओर संकेत किया है।
3. “बच्चो ! मैं जानती हूँ कि इस वक्त आप मुश्किल से जीवन बसर कर रहे हो। इन हालातों से निकलने का केवल एक ही साधन है-विद्या ! अगर नहीं पढ़ोगे, तो बचपन, फिर जवानी, फिर बुढ़ापा इसी तरह वक्त निकल जाएगा। नौकरी, एक घर, अच्छे कपड़े, यह बस केवल पढ़-लिख कर ही सम्भव हो सकता है, “मैडम जी, क्या सपने दिखाती हो, इन बदकिस्मतों को ?” माँ ने कहा “अरे ! किस्मत बनाना तो अपने हाथ में होता है और सपने देखोगे नहीं, तो साकार कैसे होंगे ?”
प्रसंग-यह गद्यांश मीना शर्मा द्वारा रचित ‘प्रेरणा’ नामक पाठ से लिया गया है। लेखिका बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हुए कहती है।
व्याख्या-लेखिका कहती है कि हे बच्चो ! मैं जानती हूँ कि इस समय आप मुश्किल से अपना जीवन-यापन कर रहे हो। तुम्हें इस हालातों से निकलने का विद्या ही एकमात्र साधन है। तुम पढ़ाई करके ही अपना जीवन बदल सकते हो। यदि तुम नहीं पढ़ोगे तो बचपन, फिर जवानी, बुढ़ापा इसी प्रकार से समय गुजर जाएगा। नौकरी, एक अच्छा घर, अच्छे कपड़े, यह बस केवल पढ़-लिख कर ही संभव हो सकता है। लड़कों की माँ बोली कि मैडम जी, आप इन बदकिस्मतों को क्या सपना दिखा रही हो तो इसका जवाब देते हुए लेखिका उन्हें कहने लगी कि किस्मत बनाना मनुष्य के अपने हाथों में होता है। यदि तुम सपने नहीं देखोगे तो वे पूरे कैसे होंगे।
भावार्थ-जीवन में विद्या का महत्त्व बताया है और आगे पढ़ने की प्रेरणा दी है।
4. “श्रम की बस्ती से उठकर, पाठशाला में जाना है।
अपने हालातों से लड़कर जीवन सफल बनाना है।”
प्रसंग-ये पंक्तियाँ मीना शर्मा लेखिका द्वारा लिखित ‘प्रेरणा’ में से ली गयी हैं। इसमें लेखिका ने जीवन में संघर्ष करने की प्रेरणा दी है।
व्याख्या-लेखिका कहती है कि परिश्रम की बस्ती से ऊपर उठकर पाठशाला जाना है। हमें आगे हालातों, परिस्थितियों से संघर्ष करके अपने जीवन को सफल बनाना है अर्थात् परिस्थितियों से लड़कर ही जीवन को सफल बनाया जा सकता है।
भावार्थ-विद्या ग्रहण करने एवं जीवन से संघर्ष करने की प्रेरणा दी है।