PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा (2nd Language)

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Sangya संज्ञा Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar संज्ञा (2nd Language)

प्रश्न 1.
संज्ञा की परिभाषा लिखो और इसके भेद बताओ।
उत्तर :
किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे – सुमन, गन्ना, दिल्ली, मिठास।
संज्ञा के तीन भेद हैं –

  1. व्यक्तिवाचक
  2. जातिवाचक
  3. भाववाचक।

1. व्यक्तिवाचक – जो शब्द किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु आदि का बोध कराए। जैसे – कृष्ण, दिल्ली, गंगा।
2. जातिवाचक – जो शब्द किसी जाति का बोध कराए। जैसे – स्त्री, पुरुष, पशु, नगर आदि।
3. भाववाचक – जो शब्द किसी धर्म, अवस्था, भाव, गुण, दोष आदि को प्रकट करें। जैसे – मिठास, मानवता, सत्यता।

भाववाचक संज्ञाएँ बनाने के नियम :

भाववाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया – विशेषण और निरर्थक शब्दों से बनती है।

  • जातिवाचक संज्ञा से – सज्जन से सज्जनता, मूर्ख से मूर्खता, मित्र से मित्रता, युवा से यौवन।
  • सर्वनाम से – आप से आपा, मम से ममता, अपना से अपनापन।
  • विशेषण से – लघु से लघुता, कठिन से कठिनाई, अच्छा से अच्छाई, सफल से सफलता।
  • क्रिया से – दौड़ना से दौड़, हँसना से हँसी, लड़ना से लड़ाई, पुकारना से पुकार, सजाना से सजावट।
  • क्रिया – विशेषण से – दूर से दूरी, समीप से समीपता, शीघ्र से शीघ्रता।
  • निरर्थक शब्दों से – चरचराहट, सरसराहट, भिनभिनाहट।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran संज्ञा (2nd Language)

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे लिखे वाक्यों में से संज्ञा शब्दों की पहचान करके उनको रेखांकित करो।
(क) राम मेरा पड़ोसी है।
(ख) पंजाब की राजधानी कहाँ है ?
(ग) सूर्य पूर्व में उदय होता है।
(घ) सच्चाई की सदा जीत होती है।
(ङ) नेकी कर, कुएँ में डाल।
उत्तर :
(क) राम,
(ख) पंजाब,
(ग) सूर्य, पूर्व,
(घ) सच्चाई,
(ङ) नेकी, कुएँ।

प्रश्न 2.
नीचे लिखे संज्ञा शब्दों में से भाव – वाचक संज्ञा शब्द चुनकर लिखो चंडीगढ़, भलाई, शेर।
उत्तर :
भलाई।

प्रश्न 3. नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्द जाति – वाचक संज्ञा है या व्यक्तिवाचक संज्ञा।
(क) हाथी पानी पी रहा है।
(ख) शेर पानी पी रहा है।
(ग) शेर के दाँत कौन गिन सकता है ?
उत्तर :
(क) हाथी – जातिवाचक
(ख) शेर – जातिवाचक
(ग) दाँत – जातिवाचक।

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प्रश्न 4.
नीचे कुछ संज्ञा – शब्द दिए गए हैं। इनमें से व्यक्तिवाचक, जातिवाचक और भाववाचक शब्द छाँट कर नीचे दी गई सारणी में लिखो :
घर, भलाई, अमृतसर, भारत, हिमालय, चतुराई, शहर, बचपन, दीवाली, भाई, मुसलमान, गंगा, हाथी, स्कूल, मित्रता, मित्र।।
उत्तर :
व्यक्तिवाचक संज्ञा – अमृतसर, भारत, हिमालय, गंगा, दीवाली।
जातिवाचक संज्ञा – घर, शहर, भाई, मुसलमान, हाथी, स्कूल, मित्र।
भाववाचक संज्ञा – भलाई, चतुराई, बचपन, मित्रता।

अन्य प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्द किस प्रकार की संज्ञा हैं

  1. सभी मनुष्य उस डाकू से डरते थे।
  2. अमृतसर पंजाब का प्रसिद्ध नगर है।
  3. राम स्कूल जाता है।
  4. भलाई करने से आनन्द मिलता है।
  5. दिल्ली एक विशाल नगर है।
  6. ताजमहल सफेद पत्थर का बना है।
  7. गाँधी जी को राष्ट्रपिता भी कहते हैं।
  8. मोहन अच्छा लड़का है।
  9. इस दीवार की ऊँचाई कितनी है ?
  10. घोड़ा एक उपयोगी पशु है।
  11. शेर के दाँत कौन गिन सकता है ?
  12. प्रसेनजित उनका शिष्य था।
  13. देखो हाथी की चाल देखो।
  14. उन्होंने साहस नहीं छोड़ा।
  15. तुम्हारी इतनी अवस्था हो गई मगर ओछापन नहीं गया।

उत्तर :

  1. जातिवाचक संज्ञा
  2. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  3. जातिवाचक संज्ञा
  4. भाववाचक संज्ञा
  5. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  6. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  7. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  8. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  9. भाववाचक संज्ञा
  10. जातिवाचक संज्ञा
  11. जातिवाचक संज्ञा
  12. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  13. जातिवाचक संज्ञा
  14. भाववाचक संज्ञा
  15. भाववाचक संज्ञा।

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प्रश्न 2.
नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित (मोटे काले)शब्द किस प्रकार की संज्ञा हैं

  1. भलाई कर कुएँ में डाल।
  2. बचपन भुलाये नहीं भूलता।
  3. सच्चाई की सदा जीत होती है।
  4. कुछ आमों में मिठास नहीं होती।
  5. चोरी करना पाप है।
  6. पढ़ने से अज्ञानता दूर होती है।
  7. सब से मित्रता का व्यवहार करो।
  8. नीचता की भी कोई हद होती है।
  9. आलस्य मनुष्य का दुश्मन है।
  10. खटाई से गला खराब होता है।
  11. भूमि की लम्बाई माप कर बताओ।
  12. होनी बड़ी बलवान् होती है।
  13. घबराहट से काम बिगड़ता है।
  14. मिलावट करना अपराध है।
  15. बहुत प्यास लगी है, पानी लाओ।
  16. सरलता विद्यार्थी का अच्छा गुण है।
  17. पर हरियाली तो बाग जैसी थी।
  18. भलाई करने से आनन्द मिलता है।
  19. शरीर की पूर्णता अंगों के सहयोग से मिलती है।
  20. अब तो महँगाई का ज़माना है।
  21. अपनी वीरता से अपने अधिकार को स्थिर रखा।

उत्तर :
ऊपर के सभी रेखांकित (काले) शब्द भाववाचक संज्ञा शब्द हैं।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में से उचित शब्द छाँटकर तालिका पूरी करो मिठास, कुरान, छात्र, गीता, पक्षी, चौड़ाई, नारी, कोमलता, बहन, राम, अध्यापिका, नयापन, वन।
उत्तर :
व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ – जातिवाचक संज्ञाएँ – भाववाचक संज्ञाएँ।
कुरान, गीता, राम – छात्र, पक्षी, नारी, बहन, अध्यापिका, वन – मिठास, चौड़ाई, कोमलता, नयापन

प्रश्न 4.
जातिवाचक संज्ञा और व्यक्तिवाचक संज्ञा में मुख्य अन्तर बताओ तथा इनके दो – दो उदाहरण लिखो।
उत्तर :
जो शब्द किसी जाति का बोध कराएँ, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे – पुरुष, नदी। व्यक्तिवाचक संज्ञा किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु अथवा स्थान का बोध कराती है। जैसे – लाल किला, महात्मा गाँधी।

प्रश्न 5.
भाववाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा में मुख्य अन्तर बताओ और इनके दो – दो उदाहरण भी लिखो।
उत्तर :
भाववाचक संज्ञा से किसी वस्तु अथवा जाति के भाव या गुण का बोध होता है। जैसे – सुन्दरता, मिठास। जो शब्द किसी पूरी जाति का बोध कराएँ, उन्हें जातिवाचक संज्ञाएँ कहते हैं। जैसे – गाय, पर्वत।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान निर्देशानुसार भरो –

  1. (व्यक्तिवाचक संज्ञा) …………………… हमारे देश के प्रथम प्रधानमन्त्री थे।
  2. (जातिवाचक संज्ञा) …………………… सब प्राणियों में बुद्धिमान है।
  3. (भाववाचक संज्ञा) …………………… हमें …………………… सिखाती है। …………………… मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है।

उत्तर :

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा – पं० जवाहर लाल नेहरू हमारे देश के प्रथम प्रधानमन्त्री थे।
  2. जातिवाचक संज्ञा – मनुष्य सब प्राणियों में बुद्धिमान है।
  3. भाववाचक संज्ञा – शिक्षा हमें सभ्यता सिखाती है।- नम्रता मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है।

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प्रश्न 7.
नीचे दिए गए गद्यांश में से संज्ञा शब्द चुनो –
महाराजा रणजीत सिंह का जन्म शुकरचकिया मिसल के मुखिया सरदार महा सिंह के घर गुजरांवाला में हुआ। आपकी माता राज कौर जींद की फुलकियां मिसल के सरदार की बेटी थी। आपका बचपन का नाम बुध सिंह था।
उत्तर :
संज्ञा शब्द – महाराजा रणजीत सिंह, शुकरचकिया, मिसल, सरदार, महा सिंह, घर, गुजरांवाला, माता राज कौर, जींद, फुलकियां, बुध सिंह।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें –

प्रश्न 1.
संज्ञा के कितने भेद हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर :
तीन।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से संज्ञा शब्द को चुनकर लिखें –
(क) बुरा
(ख) शेर
(ग) अनेक
(घ) जब।
उत्तर :
(ख) शेर।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से संज्ञा शब्द को चुनकर लिखें –
(क) चढ़ना
(ख) असफल
(ग) मन्दिर
(घ) विशाल।
उत्तर :
(ग) मन्दिर।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों से संज्ञा शब्द छाँट कर लिखें

(i) (क) विजय,
(ख) मेरा,
(ग) पड़ोसी,
(घ) है।
उत्तर :
(क) विजय।

(ii) (क) नेकी,
(ख) कर,
(ग) कुएँ में,
(घ) डाल।
उत्तर :
(क) नेकी।

(iii) (क) देखो,
(ख) कुत्ता,
(ग) भौंक,
(घ) रहा है।
उत्तर :
(ख) कुत्ता।

(iv) (क) जालंधर,
(ख) प्रसिद्ध,
(ग) नगर,
(घ) है।
उत्तर :
(क) जालंधर।

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प्रश्न 5.
भाववाचक संज्ञा बनाइए-सुन्दर, मीठा।
उत्तर :
सुन्दरता, मिठास।

प्रश्न 6.
छात्र जा रहे हैं : रेखांकित कौन – सी संज्ञा है ?
उत्तर :
जातिवाचक संज्ञा।

प्रश्न 7.
नम्रता मानव का श्रेष्ठ गुण है, रेखांकित कौन – सी संज्ञा है ?
उत्तर :
भाववाचक संज्ञा।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਸਲਾਦ ਅਤੇ ਸੂਪ (ਭਾਗ-II)

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical ਸਲਾਦ ਅਤੇ ਸੂਪ (ਭਾਗ-II) Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical ਸਲਾਦ ਅਤੇ ਸੂਪ (ਭਾਗ-II)

ਪਨੀਰ ਬਣਾਉਣਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਦਹੀਂ – 1 ਲਿਟਰ
ਦੁੱਧ – 100 ਗਰਾਮ
ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸ – 2 ਵੱਡੇ ਚਮਚ

ਵਿਧੀ – ਦੁੱਧ ਨੂੰ ਅੱਗ ਤੇ ਰੱਖ ਕੇ ਉਬਾਲੋ । ਜਦੋਂ ਦੁੱਧ ਉਬਲ ਜਾਏ ਤਾਂ ਉਸ ਵਿਚ ਫੈਂਟਿਆ ਹੋਇਆ ਦਹੀਂ ਜਾਂ ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸ ਥੋੜ੍ਹਾ-ਥੋੜ੍ਹਾ ਕਰਕੇ ਪਾਓ । ਜਦੋਂ ਦੁੱਧ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋ ਜਾਣ ਤਾਂ ਪਤੀਲਾ ਅੱਗ ਤੋਂ ਉਤਾਰ ਦਿਓ । 10-15 ਮਿੰਟ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਇਸ ਨੂੰ ਇਕ ਸਾਫ਼ ਮਲਮਲ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਵਿਚ ਪਾ ਕੇ ਕੁੱਝ ਦੇਰ ਲਈ ਲਟਕਾ ਕੇ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਨਿਕਲਣ ਦਿਓ । ਜੇਕਰ ਪਨੀਰ ਦੀਆਂ ਟੁਕੜੀਆਂ ਕੱਟਣੀਆਂ ਹੋਣ ਤਾਂ ਪਨੀਰ ਵਾਲੇ ਕੱਪੜੇ ਨੂੰ ਚਕਲੇ ਤੇ ਰੱਖੋ ਅਤੇ ਉੱਪਰ ਕੋਈ ਭਾਰੀ ਚੀਜ਼ ਰੱਖੋ ਤਾਂ ਕਿ ਪਨੀਰ ਦਾ ਸਾਰਾ ਪਾਣੀ ਨਿਕਲ ਜਾਏ ਅਤੇ ਇਹ ਪ੍ਰੈੱਸ ਹੋ ਜਾਏ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪਨੀਰ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਕੱਟ ਲਓ ।

ਸ਼ਾਕਾਹਾਰੀ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਭੋਜਨ ਵਿਚ ਪਨੀਰ ਦੀ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਤਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਵਿਚ ਚੰਗੀ ਕਿਸਮ ਦੀ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਅਤੇ ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਨੀਰ ਨੂੰ ਖਾਣੇ ਨਾਲ ਤਾਂ ਵਰਤਿਆ ਹੀ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਪਰ ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਭਾਰਤੀ ਲੋਕ ਪਨੀਰ ਤੋਂ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਮਿਠਾਈਆਂ ਵੀ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਰਸਗੁੱਲੇ ।

ਖੱਟਾ ਮਿੱਠਾ ਪਨੀਰ

ਸਾਮਾਨ-
ਪਨੀਰ – 200 ਗਰਾਮ
ਟਮਾਟਰ – 400 ਗਰਾਮ
ਟਮਾਟਰਾਂ ਦੀ ਸਾਸ – 1/2 ਕੱਪ
ਗਾਜਰ – 1
ਸ਼ਿਮਲਾ ਮਿਰਚ – 1
ਫਰਾਂਸ ਬੀਨ – 50 ਗਰਾਮ
ਨਮਕ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – ਸਵਾਦ ਅਨੁਸਾਰ
ਪਿਆਜ – 1
ਖੰਡ – 1 ਚਮਚ
ਘਿਓ – ਵੱਡਾ 1 ਚਮਚ

ਵਿਧੀ – ਟਮਾਟਰਾਂ ਨੂੰ ਧੋ ਕੇ ਬਰੀਕ ਕੱਟ ਲਓ ਅਤੇ ਥੋੜ੍ਹੇ ਜਿਹੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਕਾਓ । ਛਾਣਨੀ ਵਿਚੋਂ ਛਾਣੋ ਅਤੇ ਫੋਕ ਸੁੱਟ ਦਿਓ | ਗਾਜਰ, ਸ਼ਿਮਲਾ ਮਿਰਚ, ਫਰਾਂਸ ਬੀਨ ਅਤੇ ਪਿਆਜ਼ ਨੂੰ ਲੰਬੇ ਅਤੇ ਪਤਲੇ ਕੱਟੋ । ਘਿਓ ਵਿਚ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਨੂੰ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਤਲੋ ਅਤੇ ਟਮਾਟਰਾਂ ਦਾ ਗੁੱਦਾ ਪਾ ਕੇ ਕੁੱਝ ਦੇਰ ਪਕਾਓ ਤਾਂ ਕਿ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਗਲ ਜਾਣ | ਪਨੀਰ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਕੱਟ ਕੇ ਪਾਉ । ਨਮਕ, ਮਿਰਚ ਅਤੇ ਖੰਡ ਪਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਉਤਾਰਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਟਮਾਟਰਾਂ ਦੀ ਸਾਸ ਪਾ ਦਿਓ ।

ਪਨੀਰ ਦੇ ਪਕੌੜੇ

ਸਾਮਾਨ-
ਪਨੀਰ – 100 ਗਰਾਮ
ਵੇਸਣ – 50 ਗਰਾਮ
ਸੁੱਕਾ ਧਨੀਆਂ – 1/2 ਚਮਚ
ਦਹੀਂ – 1 ਚਮਚ
ਨਮਕ ਅਤੇ ਲਾਲ ਚਮਚ – 1
ਘਿਓ – ਤਲਣ ਲਈ

ਵਿਧੀ – ਪਨੀਰ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਕੱਟ ਲਓ । ਵੇਸਣ ਵਿਚ ਨਮਕ, ਮਿਰਚ, ਸੁੱਕਾ ਧਨੀਆ ਤੇ ਮਿੱਠਾ ਸੋਡਾ ਮਿਲਾ ਕੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਘੋਲੋ । ਕੜਾਹੀ ਵਿਚ ਘਿਓ ਪਾ ਕੇ ਗਰਮ ਕਰਨਾ ਰੱਖੋ । ਜਦੋਂ ਘਿਓ ਵਿਚੋਂ ਧੂੰਆਂ ਨਿਕਲਣ ਲੱਗੇ ਤਾਂ ਸੇਕ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਹਲਕਾ ਕਰਕੇ, ਪਨੀਰ ਦੇ ਟੁਕੜਿਆਂ ਨੂੰ ਵੇਸਣ ਲਗਾ ਕੇ ਤਲੋ । ਪਕੌੜਿਆਂ ਨੂੰ ਤਲ ਕੇ ਕਿਸੇ ਸਾਫ਼ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਤੇ ਰੱਖੋ ਤਾਂ ਕਿ ਫ਼ਾਲਤੂ ਘਿਓ ਨੁਚੜ ਜਾਏ ਟਮਾਟਰਾਂ ਦੀ ਸਾਸ ਨਾਲ ਪਰੋਸੋ ।

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ਵੇਸਣ ਦਾ ਪੂੜਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਵੇਸਣ – 100 ਗ੍ਰਾਮ
ਪਿਆਜ਼ – 2 ਛੋਟੇ
ਹਰੀ ਮਿਰਚ – 1-2
ਘਿਓ – ਤਲਣ ਲਈ
ਨਮਕ, ਮਿਰਚ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਪਿਆਜ਼ ਅਤੇ ਹਰੀ ਮਿਰਚ ਨੂੰ ਬਰੀਕ-ਬਰੀਕ ਕੱਟ ਲਓ । ਵੇਸਣ ਨੂੰ ਛਾਣ ਲਓ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਡੂੰਘੀ ਪਲੇਟ ਵਿਚ ਵੇਸਣ ਪਾ ਕੇ ਪਿਆਜ਼, ਹਰੀ ਮਿਰਚ ਅਤੇ ਨਮਕ ਮਿਲਾ ਲਓ ਅਤੇ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਪਾਣੀ ਮਿਲਾ ਕੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਂਟੋ 1 ਤਵੇ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਉੱਪਰ ਓ ਪਾਓ ਅਤੇ ਆਮਲੇਟ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੂੜੇ ਨੂੰ ਦੋਨੋਂ ਪਾਸਿਓਂ ਪੱਕ ਜਾਣ ਦਿਓ । ਆਮਲੇਟ ਨਾਲੋਂ ਪੂੜੇ ਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਦੇਰ ਲੱਗਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਦੋਨੋਂ ਪਾਸੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੱਕ ਜਾਣ ਤਾਂ ਪਰੋਸੋ ।

ਪਨੀਰ ਵਾਲੇ ਟੋਸਟ

ਸਾਮਾਨ-
ਡਬਲਰੋਟੀ ਦੇ ਟੁਕੜੇ – 4
ਕੱਦੂਕਸ ਕੀਤਾ ਪਨੀਰ – 3/4 ਪਿਆਲਾ
ਦਹੀਂ – 1 ਚਮਚ
ਵੇਸਣ – 2 ਵੱਡੇ ਚਮਚ
ਪੀਸੀ ਹੋਈ ਰਾਈ – 1/4 ਚਮਚ
ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – 1/2 ਚਮਚ
ਮੈਦਾ – 2 ਚਮਚ
ਘਿਓ – ਤਲਣ ਲਈ
ਨਮਕ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਪਨੀਰ, ਰਾਈ, ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ, ਦਹੀਂ, ਮੈਦਾ, ਵੇਸਣ ਅਤੇ ਨਮਕ ਨੂੰ ਥੋੜ੍ਹਾ ਪਾਣੀ ਪਾ ਕੇ ਮਿਲਾ ਲਓ ਤਾਂ ਕਿ ਗਾੜਾ ਜਿਹਾ ਘੋਲ ਬਣ ਜਾਏ । ਜੇਕਰ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਥੋੜਾ ਜਿਹਾ ਪਾਣੀ ਜਾਂ ਦੁੱਧ ਪਾ ਲਓ । ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਂਟੋ ਡਬਲਰੋਟੀ ਦੇ ਟੁਕੜਿਆਂ ਨੂੰ ਇਸ ਘੋਲ ਵਿਚ ਦੋਨਾਂ ਪਾਸਿਆਂ ਤੋਂ ਲਬੇੜੋ ਫਰਾਇੰਗ ਪੈਨ ਵਿਚ ਘਿਓ ਪਾ ਕੇ ਗਰਮ ਕਰੋ ਅਤੇ ਟੋਸਟਾਂ ਨੂੰ ਦੋਨਾਂ ਪਾਸੇ ਤਲ ਕੇ ਪਰੋਸੋ ।
ਨੋਟ – ਜੋ ਲੋਕ ਅੰਡਾ ਖਾਂਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਲਈ ਵੇਸਣ ਦੀ ਥਾਂ ਅੰਡਾ ਵੀ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਦਹੀਂ ਜਮਾਉਣਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਦੁੱਧ – 1/2 ਲਿਟਰ
ਦਹੀਂ – 1/2 ਤੋਂ 1 ਚਮਚ

ਵਿਧੀ – ਦੁੱਧ ਨੂੰ ਉਬਾਲ ਕੇ ਠੰਢਾ ਕਰੋ । ਗਰਮੀਆਂ ਵਿਚ ਦੁੱਧ ਜਮਾਉਣ ਸਮੇਂ ਬਿਲਕੁਲ ਕੋਸਾ ਹੀ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਮਿੱਟੀ ਜਾਂ ਸਟੀਲ ਦੇ ਬਰਤਨ ਵਿਚ ਪਾ ਕੇ 1/2 ਚਮਚ ਦਹੀਂ ਮਿਲਾ ਕੇ ਢੱਕ ਕੇ ਰੱਖ ਦਿਓ । 3-4 ਘੰਟੇ ਬਾਅਦ ਦਹੀਂ ਜੰਮ ਜਾਏਗਾ ।

ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਦੁੱਧ ਥੋੜਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਗਰਮ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਚ 1 ਚਮਚ ਦਹੀਂ ਘੋਲ ਕੇ, ਬਰਤਨ ਨੂੰ ਢੱਕ ਕੇ ਰੱਖ ਲਓ । ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਰਦੀ ਦੇ ਮੌਸਮ ਵਿਚ ਦਹੀਂ ਵਾਲੇ ਬਰਤਨ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਗਰਮ ਥਾਂ ਤੇ ਰੱਖੋ ਜਾਂ ਫਿਰ ਇਸ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕੰਬਲ ਜਾਂ ਪੁਰਾਣੀ ਸ਼ਾਲ ਵਿਚ ਲਪੇਟ ਕੇ ਰੱਖੋ ।ਇਸ ਨੂੰ ਆਟੇ ਵਾਲੇ ਟੀਨ ਵਿਚ ਵੀ ਰੱਖਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਦਹੀਂ ਜੰਮਣ ਵਿਚ 5-6 ਘੰਟੇ ਲੱਗਦੇ ਹਨ ।

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ਆਲੂ ਦਾ ਰਾਇਤਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਆਲੂ – 150 ਗਰਾਮ
ਨਮਕ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ

ਜੀਰਾ (ਭੁੰਨਿਆ ਹੋਇਆ) – 11/2 ਚਮਚ
ਦਹੀਂ – 750 ਗਰਾਮ
ਮਿਰਚ – 11/2 ਚਮਚ
ਪੁਦੀਨਾ – 11/2 ਚਮਚ

ਵਿਧੀ – ਆਲੂ ਉਬਾਲ ਕੇ ਛਿੱਲ ਲਉ ਅਤੇ ਬਰੀਕ ਕੱਟ ਲਉ ਦਹੀਂ ਨੂੰ ਫੈਂਟ ਕੇ ਉਸ ਵਿਚ ਕੱਟੇ ਹੋਏ ਆਲੂ ਪਾਓ, ਉੱਪਰੋਂ ਸਭ ਮਸਾਲੇ ਮਿਲਾ ਦਿਉ । ਫਿਰ ਇਸ ਨੂੰ ਠੰਢਾ ਕਰੋ ।
ਠੰਢਾ ਹੋਣ ਤੇ ਪਰੋਸੋ। ਕੁੱਲ ਮਾਤਰਾ- 4 ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਲਈ ।

ਖੀਰੇ ਦਾ ਰਾਇਤਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਦਹੀਂ – 250 ਗਰਾਮ
ਨਮਕ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ
ਜੀਰਾ – 1/2 ਚਮਚ
ਖੀਰਾ – 150 ਗਰਾਮ
ਮਿਰਚ – 1/2 ਚਮਚ
ਪੁਦੀਨਾ – 1/2 ਚਮਚ

ਵਿਧੀ – ਖੀਰੇ ਨੂੰ ਛਿੱਲ ਕੇ ਕੱਦੂਕਸ ਕਰ ਲਉ ਹੁਣ ਦਹੀਂ ਨੂੰ ਫੈਂਟ ਲਉ ।ਇਸ ਵਿਚ ਮਸਾਲੇ ਪਾ ਕੇ ਮਿਲਾਓ | ਇਸ ਵਿਚ ਕੱਦੂਕਸ ਕੀਤਾ ਹੋਇਆ ਖੀਰਾ ਪਾ ਕੇ ਮਿਲਾ ਲਓ ਛਰਿਜ ਵਿਚ ਰੱਖ ਕੇ ਠੰਢਾ ਕਰੋ । ਠੰਢਾ ਹੋਣ ਤੇ ਖਾਣੇ ਦੇ ਨਾਲ ਪਰੋਸੋ ।
ਕੁੱਲ ਮਾਤਰਾ- 4 ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਲਈ ।

ਪਿਆਜ਼ ਦਾ ਰਾਇਤਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਪਿਆਜ਼ – 250 ਗਰਾਮ
ਨਮਕ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ
ਭੁੰਨਿਆ ਹੋਇਆ ਜੀਰਾ – 1 ਚਮਚ
ਸੁਕਾਇਆ ਹੋਇਆ ਪੁਦੀਨਾ – 1 ਚਮਚ
ਦਹੀਂ – 500 ਗਰਾਮ
ਮਿਰਚ – 1/2 ਚਮਚ
ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – 1/2 ਚਮਚ

ਵਿਧੀ – ਪਿਆਜ਼ ਨੂੰ ਛਿੱਲ ਕੇ ਕੱਦੂ ਕਸ ਕਰ ਲਓ । ਦਹੀਂ ਨੂੰ ਮਥ ਕੇ ਉਸ ਵਿਚ ਕੱਦੂਕਸ ਕੀਤਾ ਹੋਇਆ ਪਿਆਜ਼ ਪਾ ਦਿਓ । ਹੁਣ ਇਸ ਵਿਚ ਨਮਕ, ਮਿਰਚ, ਜੀਰਾ, ਪੁਦੀਨਾ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਪਾ ਕੇ ਮਿਲਾ ਲਓ ।
ਠੰਢਾ ਕਰਕੇ ਖਾਣੇ ਦੇ ਨਾਲ ਪਰੋਸੋ।

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ਪਾਲਕ ਗਾਜਰ ਦਾ ਰਾਇਤਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਦਹੀਂ – 250 ਗਰਾਮ
ਗਾਜਰ – 50 ਗਰਾਮ
ਪਾਲਕ – 100 ਗਰਾਮ
ਨਮਕ-ਮਿਰਚ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਪਾਲਕ ਨੂੰ ਧੋ ਕੇ, ਬਾਰੀਕ ਕੱਟ ਕੇ, ਹਲਕੀ ਅੱਗ ਤੇ ਪਕਾਓ ਤਾਂ ਜੋ ਇਹ ਗਲ ਜਾਵੇ । ਗਾਜਰ ਨੂੰ ਧੋ ਕੇ, ਛਿੱਲ ਕੇ ਕੱਦੂਕਸ ਕਰ ਲਓ । ਦਹੀਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਂਟ ਕੇ ਪਾਲਕ ਅਤੇ ਗਾਜਰ ਮਿਲਾ ਦਿਓ । ਨਮਕ ਅਤੇ ਮਿਰਚ ਪਾ ਕੇ ਪਰੋਸੋ।
ਕੁੱਲ ਮਾਤਰਾ- 2-3 ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਲਈ ।

ਘੀਏ ਦਾ ਰਾਇਤਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਦਹੀਂ – 500 ਗਰਾਮ
ਘੀਆ – 100 ਗਰਾਮ
ਨਮਕ, ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਘੀਏ ਨੂੰ ਕੱਦੂਕਸ ਕਰਕੇ ਉਬਾਲ ਲਓ । ਠੰਢਾ ਕਰਕੇ ਨਿਚੋੜ ਲਓ । ਦਹੀਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਂਟੋ ਅਤੇ ਘੀਆ, ਨਮਕ ਅਤੇ ਮਿਰਚ ਪਾ ਦਿਓ । ਉੱਪਰੋਂ ਲਾਲ ਮਿਰਚ ਅਤੇ ਪੀਸਿਆ ਹੋਇਆ ਜੀਰਾ ਛਿੜਕ ਦਿਓ । ਠੰਢਾ ਕਰਕੇ ਖਾਣੇ ਨਾਲ ਪਰੋਸੋ।

ਪੁਦੀਨੇ ਦਾ ਰਾਇਤਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਦਹੀਂ – 1/2 ਕਿਲੋ
ਪਿਆਜ਼ – 1
ਪੁਦੀਨਾ – ਕੁੱਝ ਪੱਤੇ
ਨਮਕ, ਹਰੀ ਮਿਰਚ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਦਹੀਂ ਨੂੰ ਮਧਾਣੀ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਂਟ ਕੇ ਨਮਕ ਮਿਲਾ ਲਓ। ਪਿਆਜ਼ ਨੂੰ ਛਿੱਲ ਕੇ ਬਰੀਕ ਕੱਟ ਲਓ । ਪੁਦੀਨੇ ਦੇ ਪੱਤੇ ਕੱਟ ਕੇ ਧੋ ਲਓ ਅਤੇ ਬਰੀਕ ਪੀਸ ਲਓ । ਹਰੀ ਮਿਰਚ ਕੱਟ ਲਓ । ਸਾਰੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦਹੀਂ ਵਿਚ ਮਿਲਾ ਕੇ ਪਰੋਸੋ।

ਕੇਲੇ ਦਾ ਰਾਇਤਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਦਹੀਂ – 1/2 ਕਿਲੋ
ਕੇਲੇ – 3-4
ਚੀਨੀ – 2 ਵੱਡੇ ਚਮਚ
ਕਿਸ਼ਮਿਸ਼ – ਥੋੜ੍ਹੀ ਜਿਹੀ

ਵਿਧੀ – ਕਿਸ਼ਮਿਸ਼ ਨੂੰ ਕੋਸੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਧੋ ਕੇ ਸਾਫ਼ ਕਰ ਲਓ । ਦਹੀਂ ਵਿਚ ਚੀਨੀ ਮਿਲਾ ਕੇ ਮਧਾਣੀ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਂਟੋ ਤਾਂ ਕਿ ਚੀਨੀ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਘੁਲ ਜਾਵੇ । ਕੇਲੇ ਛਿੱਲ ਕੇ ਕੱਟ ਲਓ ਅਤੇ ਕੇਲੇ ਤੇ ਕਿਸ਼ਮਿਸ਼ ਦਹੀਂ ਵਿਚ ਮਿਲਾ ਦਿਓ ।

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ਕਸਟਰਡ

ਸਾਮਾਨ-
ਦੁੱਧ – 1/2 ਲਿਟਰ
ਚੀਨੀ – 1\(\frac {1}{2}\) ਵੱਡਾ ਚਮਚ
ਕਸਟਰਡ ਪਾਊਡਰ – 2 ਚਾਹ ਦੇ ਚਮਚ

ਵਿਧੀ – ਅੱਧਾ ਕੱਪ ਦੁੱਧ ਬਚਾ ਕੇ ਬਾਕੀ ਦੇ ਦੁੱਧ ਨੂੰ ਉਬਾਲਣਾ ਰੱਖੋ | ਗਰਮ ਦੁੱਧ ਵਿਚ ਚੀਨੀ ਮਿਲਾ ਲਓ ਅਤੇ ਕੱਪ ਵਾਲੇ ਦੁੱਧ ਵਿਚ ਕਸਟਰਡ ਪਾਊਡਰ ਪਾ ਕੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਘੋਲੋ । ਜਦੋਂ ਦੁੱਧ ਉਬਲਣ ਲੱਗੇ ਤਾਂ ਇਸ ਵਿਚ ਕਸਟਰਡ ਵਾਲਾ ਦੁੱਧ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਕਰਕੇ ਪਾਓ ਅਤੇ ਦੂਜੇ ਹੱਥ ਨਾਲ ਚਮਚ ਨਾਲ ਦੁੱਧ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹਿਲਾਓ ਤਾਂ ਕਿ ਗਿਲਟੀਆਂ ਨਾ ਬਣ ਜਾਣ । ਉਬਾਲਾ ਆਉਣ ਤੇ ਉਤਾਰ ਲਓ । ਇਸ ਨੂੰ ਗਰਮ ਜਾਂ ਠੰਢਾ ਕਰਕੇ ਪਰੋਸਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਕਸਟਰਡ ਵਿਚ ਰੁੱਤ ਅਨੁਸਾਰ ਫਲ ਜਿਵੇਂ-ਅੰਬ, ਕੇਲਾ, ਸੇਬ, ਅੰਗੂਰ ਆਦਿ ਪਾਏ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਫਲ ਪਾਉਣੇ ਹੋਣ ਤਾਂ ਕਸਟਰਡ ਨੂੰ ਪਹਿਲਾਂ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਠੰਢਾ ਹੋਣ ਦਿਓ । ਫਰਿਜ਼ ਵਿਚ ਜਾਂ ਬਰਫ਼ ਵਿਚ ਰੱਖ ਕੇ ਠੰਢਾ ਕਰਕੇ ਪਰੋਸੋ । ਠੰਢੇ ਕਸਟਰਡ ਨੂੰ ਜੈਲੀ ਨਾਲ ਵੀ ਪਰੋਸਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਬੇਕ ਕੀਤਾ ਹੋਇਆ ਕਸਟਰਡ

ਸਾਮਾਨ

ਆਂਡਾ – 1 ਛੋਟਾ
ਦੁੱਧ – 1 ਕੱਪ
ਚੀਨੀ – 2 ਛੋਟੇ ਚਮਚ

ਵਿਧੀ – ਆਂਡਾ ਤੇ ਚੀਨੀ ਖੂਬ ਫੈਂਟ ਲਓ । ਫਿਰ ਇਸ ਨੂੰ ਦੁੱਧ ਵਿਚ ਮਿਲਾਓ । ਹੁਣ ਇਸ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨੂੰ ਦਰਮਿਆਨੀ ਭਖਦੀ ਭੱਠੀ (oven) ਵਿਚ ਪਕਾਓ । ਦਰਮਿਆਨੀ ਤੋਂ ਭਾਵ ਹੈ ਕਿ ਭੱਠੀ ਨਾ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਗਰਮ ਤੇ ਨਾ ਹੀ ਠੰਢੀ ਹੋਵੇ । ਕਸਟਰਡ ਠੰਢਾ ਹੋ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਪਰੋਸ ਦਿਓ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਬਟਨ ਲਗਾਉਣਾ ਅਤੇ ਕਾਜ ਬਣਾਉਣਾ

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical ਬਟਨ ਲਗਾਉਣਾ ਅਤੇ ਕਾਜ ਬਣਾਉਣਾ Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical ਬਟਨ ਲਗਾਉਣਾ ਅਤੇ ਕਾਜ ਬਣਾਉਣਾ

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਬਟਨ ਹਮੇਸ਼ਾ ਕਿਸ ਕੱਪੜੇ ‘ਤੇ ਲਗਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਟਨ ਹਮੇਸ਼ਾ ਦੋਹਰੇ ਕੱਪੜੇ ‘ਤੇ ਲਗਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕਮੀਜ਼ ਵਾਲੇ ਬਟਨਾਂ ਵਿਚ ਕਿੰਨੇ ਛੇਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਮੀਜ਼ ਵਾਲੇ ਬਟਨਾਂ ਵਿਚ ਦੋ ਜਾਂ ਚਾਰ ਛੇਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕਾਜ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ‘ਤੇ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਜ ਹਮੇਸ਼ਾ ਦੋਹਰੇ ਕੱਪੜੇ ‘ਤੇ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਬਟਨ ਲਗਾਉਣਾ ਅਤੇ ਕਾਜ ਬਣਾਉਣਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਧਾਗਾ ਕਿੱਥੇ ਲਪੇਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਾਗਾ ਝੰਡੀ ਦੇ ਕੋਲ-ਕੋਲ ਲਪੇਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਬਟਨ ਲਾਉਂਦੇ ਸਮੇਂ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਟਨ ਲਗਾਉਣ ਸਮੇਂ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ

  • ਸਾਰੇ ਬਟਨਾਂ ਦੀ ਡੰਡੀ ਬਣਾਉਣੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਡੰਡੀ ਨਾਲ ਬਟਨ ਕੱਪੜੇ ਤੋਂ ਉੱਚਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਬਟਨ ਬੰਦ ਕਰਨਾ ਅਸਾਨ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਬਟਨ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਦਾ ਕੱਪੜਾ ਨਹੀਂ ਘਸਦਾ ।
  • ਡੰਡੀ ਦੇ ਆਸ ਪਾਸ ਵੀ ਧਾਗਾ ਲਪੇਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਿ ਕਾਜ ਨਾਲ ਰਗੜ ਖਾ ਕੇ ਜਲਦੀ ਟੁੱਟ ਨਾ ਜਾਵੇ ।
  • ਜਿੱਥੋਂ ਤਕ ਹੋ ਸਕੇ ਟਾਂਕੇ ਬਟਨ ਦੇ ਛੇਕ ਦੀ ਸੇਧ ਵਿਚ ਹੀ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  • ਬਟਨ ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਨਾਲ ਲਗਾਏ ਜਾਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  • ਬਟਨ ਹਮੇਸ਼ਾ ਦੋਹਰੇ ਕੱਪੜੇ ‘ਤੇ ਲਗਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ |ਜੇਕਰ ਇਕਹਿਰੇ ਕੱਪੜੇ ‘ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਜਾਏ ਤਾਂ ਬਟਨ ਦੇ ਹੇਠਲੇ ਪਾਸੇ ਛੋਟਾ ਜਿਹਾ ਚੌਰਸ ਕੱਪੜਾ ਲਗਾ ਲਉ !

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕਮੀਜ਼ ਵਿਚ ਛੇਕਾਂ ਵਾਲੇ ਬਟਨ ਕਿਵੇਂ ਲਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਟਨ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ਬਟਨ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਜਗ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਰੱਖੋ ।ਇਕ ਮੋਰੀ ਵਿਚੋਂ ਸੂਈ ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਦੀ ਕੱਢੋ ਅਤੇ ਦੁਸਰੀ ਵਿਚ ਪਾ ਕੇ ਹੇਠਾਂ ਲੈ ਜਾਉ । ਤਿੰਨ ਚਾਰ ਜਾਂ ਪੰਜ ਟਾਂਕੇ ਬਣਾਉਣ ਮਗਰੋਂ ਡੰਡੀ ਬਣਾਓ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕਮੀਜ਼ ਵਿਚ ਚਾਰ ਛੇਕਾਂ ਵਾਲੇ ਬਟਨ ਕਿਵੇਂ ਲਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਮੀਜ਼ ਵਿਚ ਚਾਰ ਮੋਰੀਆਂ ਦੇ ਬਟਨਾਂ ਨੂੰ ਕਾਸ (x) ਬਣਾ ਕੇ ਜਾਂ ਸਿੱਧੀਆਂ ਲਾਈਨਾਂ ਵਿਚ ਜਾਂ ਚੌਰਸ ਸ਼ਕਲ ਦੇ ਟਾਂਕੇ ਲਗਾ ਕੇ ਬਣਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।ਧਾਗੇ ਨੂੰ ਮੋਰੀਆਂ ਵਿਚੋਂ ਇੰਨੀ ਵਾਰੀ ਕੱਢੋ ਕਿ ਮੋਰੀਆਂ ਭਰ ਜਾਣ ਤੋਂ ਮਗਰੋਂ ਡੰਡੀ ਬਣਾ ਕੇ ਧਾਗਾ ਹੇਠਾਂ ਨੂੰ ਲੈ ਜਾਉ ਅਤੇ ਇਕ ਬਖੀਏ ਦਾ ਟਾਂਕਾ ਲੈ ਕੇ ਕੱਪੜੇ ਦੀਆਂ ਦੋ ਤਹਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਸੁਈ ਲੰਘਾ ਕੇ ਧਾਗਾ ਪੱਕਾ ਕਰਕੇ ਤੋੜ ਦਿਓ ।

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਾਜ ਬਣਾਉਣ ਦੀ ਵਿਧੀ ਦਾ ਚਿਤਰ ਸਹਿਤ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
1. ਕਾਜ ਹਮੇਸ਼ਾ ਦੋਹਰੇ ਕੱਪੜੇ ‘ਤੇ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਕਾਜ ਬਣਾਉਣਾ ਹੋਵੇ ਉੱਥੇ ਬਟਨ ਦੇ ਆਕਾਰ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਪੈਨਸਿਲ ਨਾਲ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲਗਾ ਲਓ ਅਤੇ ਫਿਰ ਬਲੇਡ ਨਾਲ ਜਾਂ ਛੋਟੀ ਕੈਂਚੀ ਨਾਲ ਉੱਤੋਂ ਚੀਰੋ | ਚੀਰ ਓਨਾ ਹੀ ਦਿਓ ਜਿਸ ਵਿਚ ਬਟਨ ਜ਼ਰਾ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਨਾਲ ਨਿਕਲ ਸਕੇ । ਵਧੇਰੇ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਕਾਜ ਵਿਚੋਂ ਆਪਣੇ ਆਪ ਬਟਨ ਨਿਕਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
2. ਪਤਲੀ ਲੰਬੀ ਸੂਈ ਵਿਚ ਧਾਗਾ ਪਾਓ । ਧਾਗੇ ਨੂੰ ਗੰਢ ਨਾ ਲਗਾਓ।
PSEB 8th Class Home Science Practical ਬਟਨ ਲਗਾਉਣਾ ਅਤੇ ਕਾਜ ਬਣਾਉਣਾ 1
3. ਸੂਈ ਨੂੰ ਕਾਜ ਦੇ ਖੱਬੇ ਕਿਨਾਰੇ ਤੋਂ ਲਿਜਾ ਕੇ ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਉੱਪਰਲੀ ਤਹਿ ਦੇ ਵਿਚੋਂ ਦੋ ਤਿੰਨ ਤੰਦਾਂ ਅੱਗੇ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਸੂਈ ਲੰਘਾਉ ਧਾਗੇ ਦਾ \(\frac{1}{4}\) ” ਕਿਨਾਰਾ ਛੱਡ ਕੇ ਧਾਗਾ ਖਿੱਚ ਲਓ, ਇਸ \(\frac{1}{4}\)” ਧਾਗੇ ਨੂੰ ਪਹਿਲੇ ਕੁੱਝ ਟਾਂਕਿਆਂ ਵਿਚ ਹੀ ਦਬਾ ਦਿਓ ।
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4. ਚੀਰ ਦੇ ਇਸ ਕਿਨਾਰੇ ਦੇ ਕਾਜ ਟਾਂਕਾ ਬਣਾਓ ।
5. ਕਾਜ ਦਾ ਗੋਲ ਕਿਨਾਰਾ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕਿਨਾਰੇ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ 9 ਜਾਂ 7 ਸਿੱਧੇ ਟਾਂਕੇ
PSEB 8th Class Home Science Practical ਬਟਨ ਲਗਾਉਣਾ ਅਤੇ ਕਾਜ ਬਣਾਉਣਾ 3
(Straight Stiches) ਲਾਓ । ਵਿਚਕਾਰਲਾ ਟਾਂਕਾ ਚੀਰ ਦੇ ਬਿਲਕੁਲ ਦਰਮਿਆਨ ਵਿਚ ਆਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਟਾਂਕਿਆਂ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਬਰਾਬਰ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਨਾਰਾ ਗੋਲ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।
6. ਚੀਰ ਦੇ ਦੂਸਰੇ ਕਿਨਾਰੇ ਦੇ ਕਾਜ ਕਾਂਟੇ ਬਣਾਉ ।
7. ਕਿਨਾਰੇ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਸੂਈ ਨੂੰ ਪਹਿਲੇ ਟਾਂਕੇ ਦੀ ਗੰਢ ਵਿਚ ਪਾਉ ਅਤੇ ਆਖਰੀ ਟਾਂਕੇ ਦੇ ਸਿਰੇ ਤੋਂ ਕੱਢ ਲਓ । ਪਹਿਲੇ ਅਤੇ ਆਖਰੀ ਟਾਂਕੇ ਦੇ ਇਕ ਸਿਰੇ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਿਰੇ ਤਕ 9 ਜਾਂ 7 ਟਾਂਕੇ ਕਾਜ ਟਾਂਕੇ ਦੇ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਵਿਚ ਬਣਾਉ । ਇਹਨਾਂ ਟਾਂਕਿਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਗਲਾਈ ਵਾਲੇ ਟਾਂਕਿਆਂ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
PSEB 8th Class Home Science Practical ਬਟਨ ਲਗਾਉਣਾ ਅਤੇ ਕਾਜ ਬਣਾਉਣਾ 4
8. ਸੁਈ ਨੂੰ ਪੁੱਠੇ ਪਾਸੇ ਲੈ ਜਾਓ ਅਤੇ ਪਿਛਲੇ ਪਾਸੇ ਦੇ ਟਾਂਕਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਧਾਗਾ ਲੰਘਾਉ ਅਤੇ ਤੋੜ ਦਿਉ । ਪਿਛਲੇ ਪਾਸੇ ਦੇ ਟਾਂਕੇ ਵੀ ਸਾਹਮਣੇ ਪਾਸੇ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਕਸਾਰ ਅਤੇ ਇਕ ਲਾਈਨ ਵਿਚ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਬਟਨ ਲਗਾਉਣਾ ਅਤੇ ਕਾਜ ਬਣਾਉਣਾ

ਬਟਨ ਲਗਾਉਣਾ ਅਤੇ ਕਾਜ ਬਣਾਉਣਾ PSEB 8th Class Home Science Notes

ਸੰਖੇਪ ਜਾਣਕਾਰੀ

  • ਬਟਨ ਹਮੇਸ਼ਾ ਦੋਹਰੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ‘ਤੇ ਲਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਕਮੀਜ਼ ਵਾਲੇ ਬਟਨਾਂ ਵਿਚ ਦੋ ਜਾਂ ਚਾਰ ਛੇਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  • ਕਾਜ ਹਮੇਸ਼ਾ ਦੋਹਰੇ ਕੱਪੜੇ ਤੇ ਬਣਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਕੱਪੜੇ ਵਿਚ ਕਟਾਅ ਉਨਾ ਹੀ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿਚੋਂ ਬਟਨ ਜ਼ਰਾ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਨਾਲ ਨਿਕਲ ਸਕੇ ।
  • ਕਾਜ ਦਾ ਗੋਲ ਕਿਨਾਰਾ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕਿਨਾਰੇ ਦੇ ਨਾਲ ਨਾਲ 9 ਜਾਂ 7 ਸਿੱਧੇ ਟਾਂਕੇ ਲਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਦੀ ਲੋੜ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕਦੀ ਕੱਪੜਾ ਅਚਾਨਕ ਕਿਸੇ ਤੇਜ਼ ਵਸਤੂ ਨਾਲ ਅੜ ਕੇ ਕੱਟ ਜਾਂ ਫਟ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਕਰਨ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ |

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਫਟੇ ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਦੇ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਢੰਗ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਧਾਰਨ ਜਿਉਂਣ, ਟਾਕੀ ਲਾਉਣਾ, ਰਫ਼ ਕਰਨਾ |

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸਾਧਾਰਨ ਸਿਉਂਣ ਕਦੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਲੰਬਾਈ ਵਾਲੇ ਪਾਸੇ ਤੋਂ ਫਟ ਜਾਣ ਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਟਾਕੀ ਕਦੋਂ ਲਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕੱਪੜੇ ਵਿਚ ਛੇਕ ਜਾਂ ਵੱਡਾ ਸੁਰਾਖ਼ ਹੋ ਜਾਵੇ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਰਫੂ ਕਦੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕੱਪੜਾ ਕਿਸੇ ਥਾਂ ਤੋਂ ਘਸ ਜਾਵੇ ਜਾਂ ਬਲੈਡ, ਚਾਕੂ ਜਾਂ ਝਾੜੀ ਵਿਚ ਅੜ ਕੇ ਫਟ ਜਾਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਹੱਥ ਨਾਲ ਬਣੇ ਊਨੀ ਕੱਪੜੇ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਕਿੱਥੋਂ ਪਾਟਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਗਲੇ, ਕੂਹਨੀ ਜਾਂ ਗੋਡਿਆਂ ਦੇ ਕੋਲੋਂ, ਕਿਉਂਕਿ ਇਹਨਾਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਹੋਰ ਭਾਗਾਂ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਦਬਾਅ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਟਾਕੀ ਲਾਉਣਾ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕਦੀ ਕੱਪੜਾ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਾਟਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਉਸ ਵਿਚ ਛੇਕ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਵਿਚ ਰਫ਼ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਫ਼ਾਈ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦੀ ਤਾਂ ਅਜਿਹੇ ਛੇਕ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ਤੇ ਉਸੇ ਕੱਪੜੇ ਦਾ ਵੱਖਰਾ ਟੁਕੜਾ ਲਾ ਕੇ ਬੰਦ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਟਾਕੀ ਲਾਉਣਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਟਾਕੀ ਕਿਸ ਪਾਟੇ ਕੱਪੜੇ ‘ਤੇ ਲਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੋ ਚੰਗੀ ਹਾਲਤ ਵਿਚ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਇਕ ਜਾਂ ਦੋ ਧੁਆਈ ਦੇ ਬਾਅਦ ਹੀ ਪਾਟਣ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿਚ ਨਾ ਹੋਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਟਾਕੀ ਲਾਉਣ ਦੇ ਲਈ ਕੱਪੜੇ ਦਾ ਰੰਗ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟਾਕੀ ਲਾਉਣ ਲਈ ਕੱਪੜੇ ਦਾ ਰੰਗ ਉਸ ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਰੰਗ ਦਾ ਹੀ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਵਿਚ ਟਾਕੀ ਲਾਈ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਛਪੇ ਹੋਏ ਕੱਪੜੇ `ਤੇ ਟਾਕੀ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਸ ਨਾਲ ਛਪਾਈ ਜਾਂ ਫੁੱਲ ਪੱਤੀਆਂ ਦਾ ਰੂਪ ਨਾ ਵਿਗੜੇ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕੱਪੜੇ ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਫਟ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕੱਪੜੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਫਟਦੇ ਹਨ –

  • ਕਿੱਲ ਜਾਂ ਕੰਡਿਆਂ ਵਿਚ ਅੜ ਕੇ ।
  • ਧੁਆਈ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਪਟਕਣ ਨਾਲ ॥
  • ਕੱਪੜੇ ਤੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਜਾਂ ਖਾਰ ਡਿਗਣ ਨਾਲ ।
  • ਚੁਹੇ ਜਾਂ ਹੋਰ ਕਿਸੇ ਜਾਨਵਰ ਦੁਆਰਾ ਕੁਤਰਨ ਨਾਲ !
  • ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੇ ਕਈ ਭਾਗ ਜਿਵੇਂ ਕੁਹਨੀ ਆਦਿ ਜ਼ਿਆਦਾ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ਕਮਜ਼ੋਰ ਪੈ ਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਾਦੇ ਜਾਂ ਛਪੇ ਹੋਏ ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਕਰਨ ਦੇ ਕਿਹੜੇ ਢੰਗ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਦਾ ਜਾਂ ਛਪੇ ਹੋਏ ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਕਰਨ ਦੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਰੀਕੇ ਹਨ –

  1. ਸਾਧਾਰਨ ਜਿਉਂਣ ਮਾਰਨਾ ।
  2. ਟਾਕੀ ਲਾਉਣਾ ।
  3. ਰਫੂ ਕਰਨਾ ।
    • ਸਾਦਾ ਰਫ਼,
    • ਕਟੇ ਹੋਏ ਸਥਾਨ ਨੂੰ ਰਫ਼ ਕਰਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਵਿਚ ਸਲਾਈ ਦੀ ਕੀ ਉਪਯੋਗਤਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਲੰਬਾਈ ਵਾਲੇ ਪਾਸੇ ਫਟ ਜਾਣ ਤੇ ਸਿਉਂਣ ਮਾਰੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸਾਧਾਰਨ ਸਿਉਂਣ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਇਸ ਗੱਲ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਦਾ ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਨਾਪ ‘ਤੇ ਕੋਈ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨਹੀਂ ਪੈਂਦਾ । ਕੱਪੜੇ ਦਾ ਰੂਪ ਵਿਗੜੇ ਬਿਨਾਂ ਸਿਉਂਣ ਮਾਰੀ ਜਾ ਸਕੇ ਤਾਂ ਸਾਧਾਰਨ ਜਿਉਂਣ ਹੀ ਠੀਕ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਟਾਕੀ ਲਾ ਕੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਕਦੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਟਾਕੀ ਦਾ ਆਕਾਰ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕੱਪੜੇ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫਟਦੇ ਹਨ ਕਿ ਉਸ ਵਿਚ ਸੁਰਾਖ਼ ਜਾਂ ਮੋਰੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਟਾਕੀ ਲਾ ਕੇ ਹੀ ਠੀਕ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਟਾਕੀ ਉਸੇ ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਲਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜੋ ਮੂਲ ਕੱਪੜੇ ਬਨਾਉਣ ਵਿਚ ਵਰਤਿਆ ਗਿਆ ਹੋਵੇ । ਕੱਟੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਟਾਕੀ ਗੋਲ, ਤਿਕੋਣ ਜਾਂ ਵਰਗਾਕਾਰ ਕਿਸੇ ਵੀ ਰੂਪ ਵਿਚ ਲਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਪਰ ਚੈਕ ਜਾਂ ਲਾਈਨਦਾਰ ਕੱਪੜੇ ਵਿਚ ਚੌਰਸ ਜਾਂ ਵਰਗਾਕਾਰ ਹੀ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਪ੍ਰਿੰਟਿਡ ਕੱਪੜੇ ਵਿਚ ਕਿਉਂਕਿ ਪ੍ਰਿੰਟ ਦੇ ਨਾਲ ਪ੍ਰਿੰਟ ਮਿਲਾਉਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਦਾ ਰੂਪ ਨਿਰਧਾਰਿਤ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਰਫੂ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਹ ਕਿੰਨੀ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕੱਪੜੇ ਵਿਚ ਇਕ ਥਾਂ ਬਾਕੀ ਕੱਪੜੇ ਨਾਲੋਂ ਪਹਿਲਾ ਘਸ ਕੇ ਪਤਲੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਾਂ ਚਾਕੂ, ਬਲੇਡ, ਝਾੜੀ ਆਦਿ ਨਾਲ ਕੱਪੜੇ ਤਿਰਛੀ ਲਾਈਨ ਵਿਚ ਪਾਟ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਦੋਂ ਅਜਿਹੀ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਨਵੇਂ ਧਾਗੇ ਨਾਲ ਉਸ ਤੇ ਉਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਬਣਾਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਰਛੂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਰਛੁ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ –
1.ਘਸੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ਦਾ ਰਛੂ ਜਾਂ ਸਾਦਾ ਰਫ਼ ।
2. ਕਟੀ ਹੋਈ ਥਾਂ `ਤੇ ਰਫ਼ ॥

  • ਚਾਕੂ ਛੁਰੀ ਬਲੇਡ ਜਾਂ ਕੰਡਿਆਂ ਨਾਲ ਅੜ ਕੇ ਪਾਟਣ ਨਾਲ ।
  • ਕਿੱਲ, ਝਾੜੀ ਜਾਂ ਕੰਡਿਆਂ ਨਾਲ ਫਸ ਕੇ ਪਾਟਣ ‘ਤੇ ।

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਟਾਕੀ ਲਾਉਣ ਦੀ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਾਦੀ ਟਾਕੀ-ਕੱਪੜਾ ਮੁਰੰਮਤ ਕਰਨ ਦਾ ਇਕ ਤਰੀਕਾ ਫਟੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ ਹੈ । ਕਈ ਵਾਰੀ ਕੱਪੜੇ ਤੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਡਿੱਗਣ ਨਾਲ ਜਾਂ ਅੱਗ ਦੇ ਅੰਗਾਰੇ ਨਾਲ ਜਾਂ ਗਰਮ ਐੱਸ ਜਾਂ ਖੰਘੀ ਲੱਗਣ ਨਾਲ ਮੋਰੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ !ਵਧੇਰੇ ਵੱਡੀ ਮੋਰੀ ਤੇ ਰਛੁ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਫ਼ਾਈ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦੀ । ਇਸ ਲਈ ਮੋਰੀ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਕੱਪੜੇ ਰੰਗ ਦਾ ਅਤੇ ਉਸ ਕਿਸਮ ਦਾ ਜੇਕਰ ਹੋ ਸਕੇ ਤਾਂ ਉਸ ਦੇ ਨਾਲ ਦਾ ਹੀ ਕੱਪੜਾ) ਅਤੇ ਓਨਾ ਹੀ ਪੁਰਾਣਾ ਕੱਪੜਾ ਲਗਾ ਕੇ ਮੁਰੰਮਤ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪੁਰਾਣੇ ਕੱਪੜੇ ਉੱਤੇ ਨਵੇਂ ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਟਾਕੀ ਨਹੀਂ ਲਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ । ਟਾਕੀ ਦੇ ਤਾਣੇ ਦੇ ਧਾਗੇ, ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਤਾਣੇ ਦੇ ਧਾਗਿਆਂ ਦੇ ਸਮਾਨਅੰਤਰ ਅਤੇ ਟਾਕੀ ਦੇ ਪੇਟੇ ਦੇ ਧਾਗੇ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਪੇਟੇ ਦੇ ਧਾਗਿਆਂ ਦੇ ਸਮਾਨ-ਅੰਤਰ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।ਟਾਕੀ ਨੂੰ ਬਿਲਕੁਲ
PSEB 8th Class Home Science Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ 1
ਸਿੱਧਾ ਕੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਟਾਕੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਕੱਪੜਾ ਮੋੜਨ ਤੋਂ ਮਗਰੋਂ ਵੀ ਕਿਨਾਰਾ ਸਿੱਧਾ ਹੀ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਊਨੀ ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੇ ਕਿਨਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਮੋੜਿਆ ਨਹੀਂ ਜਾਂਦਾ । ਊਨੀ ਕੱਪੜੇ ਲਈ ਉਨੀ ਜਾਂ ਸਿਲਕੀ ਧਾਗਾ, ਸੂਤੀ ਜਾਂ ਲਿਨਨ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਲਈ ਸੂਤੀ ਧਾਗਾ ਅਤੇ ਸਿਲਕ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਲਈ ਸਿਲਕੀ ਧਾਗਾ ਵਰਤਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਚੌਰਸ ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣ ਦਾ ਤਰੀਕਾ-ਮੋਰੀ ਤੋਂ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਇਕ ਇੰਚ ਫ਼ਾਲੂਤ ਕੱਪੜਾ ਰੱਖ ਕੇ ਟਾਕੀ ਕੱਟੋ ।ਕੀ ਨੂੰ ਪਹਿਲਾਂ ਦੋਵੇਂ ਤਾਣੇ ਦੇ ਪਾਸਿਆਂ ਤੋਂ 3 ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ ਟਾਕੀ ਦੇ ਸਿੱਧੇ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਮੋੜੋ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੇਟੇ ਦੇ ਧਾਗਿਆਂ ਵਾਲੇ ਪਾਸੇ ਵੀ ਮੋੜੋ । ਤਾਣੇ ਵਾਲੇ ਕਿਨਾਰੇ ਅੰਗਠੇ ਨਾਲ ਦਬਾ ਕੇ ਸਿੱਧਾ ਕਰੋ । ਕੋਨੇ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਨੁੱਕਰਦਾਰ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।ਟਾਕੀ ਨੂੰ ਰੁਮਾਲ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚਾਰ ਤਹਿਆਂ ਕਰ ਕੇ ਹੱਥ ਨਾਲ ਦਬਾਓ ਤਾਂ ਕਿ ਭਾਨ ਬਣ ਜਾਏ । ਟਾਕੀ ਦਾ ਸਿੱਧਾ ਪਾਸਾ ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਮੋਰੀ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਪੁੱਠੇ ਪਾਸੇ ਰੱਖੋ ।ਇਹ ਖਿਆਲ ਰਹੇ ਕਿ ਟਾਕੀ ਦੇ ਤਾਣੇ ਦੇ ਧਾਗੇ ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਤਾਣੇ ਧਾਗਿਆਂ ਨਾਲ ਸਮਾਨ ਅੰਤਰ ਹੋਣ ।ਟਾਕੀ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਦਾ ਨੁਕਤਾ ਮੋਰੀ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਆਏ । ਦੋਵੇਂ ਤਾਣੇ ਵਾਲੇ ਕਿਨਾਰਿਆਂ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਇੱਕ ਪਿੰਨ ਲਗਾਓ ਅਤੇ ਫਿਰ ਪੇਟੇ
PSEB 8th Class Home Science Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ 2
ਵਾਲੇ ਪਾਸਿਆਂ ‘ਤੇ ਪਿੰਨ ਲਗਾਓ । ਤਾਣੇ ਦੇ ਇੱਕ ਕਿਨਾਰੇ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਕੇ ਕਿਨਾਰੇ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਕੱਚਾ ਕਰੋ । ਤਾਣੇ ਵਾਲੇ ਕਿਨਾਰੇ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਕੇ ਚਾਰੋਂ ਤਰਫ਼ ਉਲੇੜੀ ਕਰ ਲਓ ।
PSEB 8th Class Home Science Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ 3
ਕੱਪੜੇ ਨੂੰ ਸਿੱਧਾ ਕਰ ਲਓ ਤਾਂ ਕਿ ਮੋਰੀ ਵਾਲਾ ਹਿੱਸਾ ਤੁਹਾਡੇ ਸਾਹਮਣੇ ਹੋਵੇ ।ਟਾਕੀ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਤਿਰਛੀਆਂ ਭਾਨਾਂ ਬਣਾਓ । ਭਾਨਾਂ ਦੇ ਕੋਨਿਆਂ ਤੇ 6 ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲਗਾਓ ! ਕੈਂਚੀ ਦਾ ਥਲਵਾਂ ਬਲੋਡ ਕੱਪੜੇ ਅਤੇ ਟਾਕੀ ਦੀ ਤਹਿ ਦੇ ਦਰਮਿਆਨ ਪਾਓ ਅਤੇ ਤਿਰਛੀਆਂ ਲਾਈਨਾਂ ‘ਤੇ ਲੱਗੇ .6 ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ ‘ਤੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਤਕ ਚਾਰੋਂ ਕੋਨਿਆਂ ਤੋਂ ਕੱਟੋ । ਇਹਨਾਂ ਪੱਲਿਆਂ ਨੂੰ ਮੋੜ ਕੇ ਭਾਨ ਬਣਾਓ ਅਤੇ ਚਾਰੋਂ ਟੁਕੜੇ ਕੱਟੋ ਤਾਂ ਕਿ ਮੋਰੀ ਚੌਰਸ ਬਣ ਜਾਏ ।
PSEB 8th Class Home Science Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ 4
ਮੋਰੀ ਦੀਆਂ ਤਿਰਛੀਆਂ ਲਾਈਨਾਂ ਦੇ ਕੋਨਿਆਂ ਤੋਂ 3 ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ ਦੇ ਟਕ ਲਗਾ ਲਓ ਅਤੇ ਇਹ .3 ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ ਚਾਰੋਂ ਪਾਸੇ ਤੋਂ ਅੰਦਰ ਮੋੜ ਦਿਓ ।ਸੂਈ ਨਾਲ ਕੋਨਿਆਂ ਤੋਂ ਕੱਪੜਾ ਅੰਦਰ । ਨੂੰ ਕਰ ਕੇ ਕੋਨੇ ਸਿੱਧੇ ਕਰ ਲਓ | ਮੋਰੀ ਦੇ ਮੋੜੇ ਹੋਏ ਕਿਨਾਰਿਆਂ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਕੱਚਾ ਕਰੋ । ਮੋਰੀ ਦੇ ਕਿਨਾਰੇ ਜਿੱਥੇ ਟਾਕੀ ਨਾਲ ਜੁੜਦੇ ਹੋਣ, ਦੋਨਾਂ ਨੂੰ ਮਿਲਾਓ ਅਤੇ ਉੱਪਰਲੇ ਸਿਰੇ ਤੋਂ ਖੜੀ ਉਲੇੜੀ ਜਾਂ ਕਾਜ ਟਾਂਕੇ ਨਾਲ ਲਾਈਨ ਪੂਰੀ ਕਰੋ । ਕੋਨੇ ਤੇ ਤਿਰਛਾ ਟਾਂਕਾ ਬਣਾਓ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਾਕੀ ਦੇ ਤਿੰਨ ਪਾਸੇ ਪੂਰੇ ਕਰੋ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ

ਕਢਾਈ ਦੇ ਨਮੂਨੇ
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PSEB 8th Class Home Science Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ 6

PSEB 8th Class Home Science Practical ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ

ਟਾਕੀ ਲਗਾਉਣਾ PSEB 8th Class Home Science Notes

ਸੰਖੇਪ ਜਾਣਕਾਰੀ

  • ਕੱਪੜਿਆਂ ਵਿਚ ਮੁਰੰਮਤ ਕਰਨ ਦਾ ਇਕ ਤਰੀਕਾ ਫਟੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਟਾਕੀ ਲਾਉਣਾ ਹੈ ।
  • ਪੁਰਾਣੇ ਕੱਪੜੇ ਤੇ ਨਵੇਂ ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਟਾਕੀ ਨਹੀਂ ਲਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ।
  • ਟਾਕੀ ਨੂੰ ਬਿਲਕੁਲ ਸਿੱਧਾ ਕੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਟਾਕੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਕੱਪੜਾ ਮੋੜਨ
  • ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵੀ ਕਿਨਾਰਾ ਸਿੱਧਾ ਹੀ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਕੇ ਛੇਕ ਨੂੰ ਨਾਪ ਕੇ ਕੀ ਲਗਾਉਣ ਵਾਲੇ ਕੱਪੜੇ ਨੂੰ 1” ਚਾਰੇ ਪਾਸਿਉਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਰੱਖ ਕੇ
  • ਕੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਸਲਾਦ ਅਤੇ ਸੂਪ (ਭਾਗ-I)

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical ਸਲਾਦ ਅਤੇ ਸੂਪ (ਭਾਗ-I) Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical ਸਲਾਦ ਅਤੇ ਸੂਪ (ਭਾਗ-I)

ਹਰੀਆਂ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਦਾ ਸਲਾਦ

ਸਾਮਾਨ-
ਬੰਦ ਗੋਭੀ – 1 ਛੋਟਾ ਫੁੱਲ
ਸ਼ਿਮਲਾ ਮਿਰਚ – 1
ਪਾਲਕ ਦੇ ਪੱਤੇ – ਥੋੜ੍ਹੇ ਜਿਹੇ
ਟਮਾਟਰ – 2
ਰਾਈ ਪਾਊਡਰ – 1/4 ਚਮਚ
ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ
ਨਮਕ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ
ਸਿਰਕਾ – 2 ਵੱਡੇ ਚਮਚ
ਲਸਣ – 2 ਤੁਰੀਆਂ

ਵਿਧੀ – ਜਿਸ ਸ਼ੀਸ਼ੇ ਦੇ ਡੱਗੇ ਵਿਚ ਸਲਾਦ ਪਰੋਸਣਾ ਹੋਵੇ ਉਸ ਨੂੰ ਧੋ ਕੇ, ਪੂੰਝ ਕੇ, ਠੰਢਾ ਕਰ ਲਓ । ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਨੂੰ ਧੋ ਕੇ, ਪੂੰਝ ਕੇ ਸਲਾਦ ਬਣਾਉਣ ਤਕ ਫਰਿਜ਼ ਵਿਚ ਰੱਖੋ । ਡੱਗੇ ਵਿਚ ਲਸਣ ਦੀਆਂ ਤੁਰੀਆਂ ਨੂੰ ਫੇਹ ਕੇ ਪਾਓ ਅਤੇ ਫਿਰ ਬੰਦ ਗੋਭੀ ਨੂੰ ਹੱਥਾਂ ਨਾਲ ਤੋੜ ਕੇ ਪਾਓ ।ਇਸ ਉੱਤੇ ਨਮਕ, ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ, ਰਾਈ ਦਾ ਪਾਊਡਰ ਅਤੇ ਸਿਰਕਾ ਪਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਤੇ ਕੱਟੀ ਹੋਈ ਸ਼ਿਮਲਾ ਮਿਰਚ ਅਤੇ ਟਮਾਟਰ ਰੱਖੋ | ਪਰੋਸਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਠੰਢਾ ਕਰੋ ਅਤੇ ਕਾਂਟੇ ਨਾਲ ਹਿਲਾ ਲਓ ।

ਕੁੱਝ ਹੋਰ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਲਾਦ

ਉਬਲੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਦਾ ਸਲਾਦ

ਸਾਮਾਨ-
ਬੰਦ ਗੋਭੀ – 250 ਗਰਾਮ
ਗਾਜਰ – 250 ਗਰਾਮ
ਮਟਰ – 100 ਗਰਾਮ
ਫਰਾਂਸਬੀਨ – ਕੁੱਝ ਫਲੀਆਂ
ਚੁਕੰਦਰ – 1
ਆਂਡੇ – 2
ਆਲੂ – 2
ਸਿਰਕਾ – 2 ਚਮਚ
ਨਮਕ, ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਸਾਰੀਆਂ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਨੂੰ ਧੋ ਕੇ ਹਲਕਾ ਜਿਹਾ ਉਬਾਲੋ | ਆਲੂ ਨੂੰ ਉਬਾਲ ਕੇ ਛਿੱਲ ਲਓ । ਚੁਕੰਦਰ ਰੰਗ ਛੱਡਦਾ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਨੂੰ ਵੱਖਰਾ ਉਬਾਲੋ । ਹੁਣ ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਦੇ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਟੁਕੜੇ ਕਰਕੇ ਉਸ ਵਿਚ ਨਮਕ, ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਤੇ ਸਿਰਕਾ ਮਿਲਾ ਲਓ | ਆਂਡਿਆਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਬਾਲ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਛਿਲਕੇ ਉਤਾਰ ਲਓ | ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਨੂੰ ਪਲੇਟ ਵਿਚ ਸਜਾ ਕੇ ਉੱਪਰ ਆਂਡੇ ਦੇ ਗੋਲ-ਗੋਲ ਟੁਕੜੇ ਸਜਾਓ।

ਦਾਲ ਅਤੇ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਦਾ ਮਿਸ਼ਰਿਤ ਸਲਾਦ

ਸਾਮਾਨ-
ਰਾਜਮਾਂਹ – 50 ਗਰਾਮ
ਕਾਬਲੀ ਛੋਲੇ – 50 ਗਰਾਮ
ਆਲੂ – 100 ਗਰਾਮ
ਖੀਰਾ – 100 ਗਰਾਮ
ਹਰਾ ਧਨੀਆ – ਥੋੜਾ ਜਿਹਾ
ਹਰੀ ਮਿਰਚ – 1-2
ਨਮਕ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ
ਨਿੰਬੂ – 1 ਵੱਡਾ

ਵਿਧੀ – ਰਾਜਮਾਂਹ ਅਤੇ ਛੋਲੇ ਸਾਫ਼ ਕਰਕੇ ਭਿਉਂ ਲਓ । ਭਿੱਜੇ ਹੋਏ ਛੋਲੇ ਅਤੇ ਰਾਜਮਾਂਹ ਉਬਾਲ ਲਓ | ਆਲੂ ਵੀ ਉਬਾਲ ਲਓ | ਆਲੂਆਂ ਨੂੰ ਛਿੱਲ ਕੇ ਕੱਟ ਲਓ । ਖੀਰੇ ਨੂੰ ਛਿੱਲ ਕੇ ਟੁਕੜੇ ਕਰ ਲਓ । ਸਭ ਨੂੰ ਮਿਲਾ ਕੇ ਬਰੀਕ ਕੱਟੇ ਹੋਏ ਪਿਆਜ਼, ਹਰਾ ਧਨੀਆ ਅਤੇ ਹਰੀ ਮਿਰਚ ਵੀ ਪਾਓ । ਹੁਣ ਇਸ ਵਿਚ ਨਮਕ, ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਅਤੇ ਨਿੰਬੂ ਮਿਲਾ ਕੇ ਪਰੋਸੋ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਸਲਾਦ ਅਤੇ ਸੂਪ (ਭਾਗ-I)

ਫਲਾਂ ਦੇ ਸਲਾਦ

ਸਾਮਾਨ-
वेले – 2
ਸੰਤਰਾ – 1
ਸੇਬ – 1
ਨਾਸ਼ਪਾਤੀ – 1
ਅਮਰੂਦ – 2
ਅਨਾਨਾਸ – ਦੋ ਗੋਲ ਟੁਕੜੇ
ਨਿੰਬੂ – 1
ਚੈਰੀ – ਸਜਾਉਣ ਲਈ
ਨਮਕ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਸਾਰੇ ਫਲਾਂ ਨੂੰ ਛਿੱਲ ਕੇ ਮਨਪਸੰਦ ਗੋਲ ਜਾਂ ਲੰਬੇ ਟੁਕੜਿਆਂ ਵਿਚ ਕੱਟ ਲਓ। ਚੈਰੀ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਕੱਟਣਾ ਚਾਹੀਦਾ | ਪਲੇਟ ਵਿਚ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਜਾ ਕੇ ਨਮਕ, ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਤੇ ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸਾ ਪਾ ਦਿਓ ।

ਸੇਬ ਦਾ ਖੱਟਾ-ਮਿੱਠਾ ਸਲਾਦ

ਸਾਮਾਨ-
ਮਿੱਠੇ ਸੇਬ – 2
ਤਰ (ਕਕੜੀ) – 1
ਬੰਦ ਗੋਭੀ – ਛੋਟੀ
ਨਿੰਬੂ – 1
ਟਮਾਟਰ – 1
ਚੀਨੀ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ
ਸੰਤਰਾ – 1
ਨਮਕ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ
ਹਰੀ ਮਿਰਚ – 2
ਸਲਾਦ ਦਾ ਪੱਤਾ – 1
ਪਿਆਜ – 1

ਵਿਧੀ – ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਤੇ ਫਲਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੋ ਲਓ । ਸੰਤਰੇ ਨੂੰ ਛਿੱਲ ਕੇ ਤੇਜ਼ ਚਾਕੂ ਨਾਲ ਬਰੀਕ-ਬਰੀਕ ਕੱਟ ਲਓ । ਸੇਬ ਨੂੰ ਛਿੱਲ ਕੇ ਉਸ ਦੇ ਵੀ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਟੁਕੜੇ ਕਰ ਲਓ । ਬੰਦ ਗੋਭੀ ਤੇ ਹਰੀ ਮਿਰਚ ਬਿਲਕੁਲ ਬਰੀਕ ਕੱਟ ਲਓ। ਫਿਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਭ ਤੇ ਚੀਨੀ, ਨਮਕ ਤੇ ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸ ਮਿਲਾ ਲਓ । ਇਕ ਵੱਡੀ ਪਲੇਟ ਵਿਚ ਸਲਾਦ ਦਾ ਪੱਤਾ ਵਿਛਾ ਕੇ ਇਸ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨੂੰ ਉਸ ਉੱਪਰ ਰੱਖੋ | ਹੁਣ ਪਿਆਜ਼, ਕਕੜੀ (ਤਰ) ਤੇ ਟਮਾਟਰ ਨੂੰ ਗੋਲ-ਗੋਲ ਕੱਟ ਕੇ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਸਜਾਓ।

ਟਮਾਟਰ ਦਾ ਸੂਪ

ਸਾਮਾਨ-
ਪੱਕੇ ਹੋਏ ਲਾਲ ਟਮਾਟਰ – 1/2 ਕਿਲੋ
ਗਾਜਰ – 1
ਪਿਆਜ – 1
ਦਾਲ ਚੀਨੀ – 1 ਛੋਟਾ ਟੁਕੜਾ
ਪਾਣੀ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ
ਕਾਰਨ ਫਲੋਰ – 2 ਚਮਚ
ਮੱਖਣ – 1 ਚਮਚੇ
ਕੀਮ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ
ਨਮਕ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਪਿਆਜ਼ ਨੂੰ ਛਿੱਲ ਕੇ ਕੱਟ ਲਓ ਟਮਾਟਰ, ਗਾਜਰ ਅਤੇ ਦਾਲਚੀਨੀ ਨੂੰ ਧੋ ਕੇ ਬਰੀਕ ਕੱਟ ਲਓ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਮਿਲਾ ਕੇ ਪ੍ਰੈਸ਼ਰ ਕੁੱਕਰ ਵਿਚ 10 ਮਿੰਟ ਲਈ ਪਕਾਓ ਅਤੇ ਫਿਰ ਉਤਾਰ ਕੇ ਛਾਣਨੀ ਵਿਚੋਂ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਛਾਣ ਲਓ ।ਇਕ ਫਰਾਇੰਗ ਪੈਨ ਵਿਚ ਮੱਖਣ ਪਿਘਲਾ ਕੇ, ਕਾਰਨ ਫਲੋਰ ਨੂੰ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਭੁੰਨੋ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿਚ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਟਮਾਟਰ ਦਾ ਸੁਪ ਮਿਲਾਉਂਦੇ ਜਾਓ ਤੇ ਚਮਚ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹਿਲਾਓ |ਅੱਗ ਤੋਂ ਉਤਾਰ ਕੇ ਗਰਮ-ਗਰਮ ਹੀ ਪਿਆਲਿਆਂ ਵਿਚ ਪਾ ਕੇ ਪਰੋਸੋ । ਪਿਆਲੇ ਦੇ ਉੱਤੇ ਥੋੜੀ ਜਿਹੀ ਫੌਂਟੀ ਹੋਈ ਕ੍ਰੀਮ ਪਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਸਲਾਦ ਅਤੇ ਸੂਪ (ਭਾਗ-I)

ਪਾਲਕ ਦਾ ਸੂਪ

ਸਾਮਾਨ-
ਪਾਲਕੇ – 500 ਗਰਾਮ
ਪਿਆਜ਼ – 1
ਨਮਕ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – ਇੱਛਾ ਅਨੁਸਾਰ
ਦਾਲ ਚੀਨੀ, ਲੌਂਗ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ
ਕਾਰਨ ਫਲੋਰ – 2 ਚਮਚ
ਡਬਲ ਰੋਟੀ – ਇੱਛਾ ਅਨੁਸਾਰ
ਘਿਓ – ਤਲਣ ਲਈ
ਕੀਮ – ਇੱਛਾ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਪਾਲਕ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੋ ਕੇ ਕੱਟ ਲਓ। ਪਿਆਜ਼ ਬਰੀਕ ਕੱਟ ਲਓ । ਇਸ ਵਿਚ ਦਾਲ ਚੀਨੀ, ਲੌਂਗ ਤੇ ਪਾਣੀ ਪਾ ਕੇ ਪਕਾਓ | ਗਲ ਜਾਣ ਤੇ ਛਾਣ ਕੇ ਰੱਖ ਲਓ । ਇਕ ਭਾਂਡੇ ਵਿਚ ਘਿਓ ਗਰਮ ਕਰੋ । ਉਸ ਵਿਚ ਕਾਰਨ ਫਲੋਰ ਅਤੇ ਡਬਲ ਰੋਟੀ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਚੌਕੋਰ ਕਰ ਕੇ ਤਲ ਲਓ |ਕਾਰਨ ਫਲੋਰ ਦੇ ਉੱਪਰ ਪਾਲਕ ਦਾ ਸੁਪ ਪਾ ਕੇ ਹਿਲਾਉਂਦੇ ਜਾਓ ਗਰਮ ਗਰਮ ਸੁਪ ਵਿਚ ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ ਨਮਕ ਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਮਿਲਾ ਕੇ ਉਸ ਨੂੰ ਡਬਲ ਰੋਟੀ ਦੇ ਟੁਕੜਿਆਂ ਤੇ ਸ਼੍ਰੀਮ ਨਾਲ ਸਜਾ ਕੇ ਪਰੋਸੋ।

ਗਾਜਰਾਂ ਦਾ ਸੂਪ

ਸਾਮਾਨ-
ਗਾਜਰਾਂ – 1/2 ਕਿਲੋ
ਦੁੱਧ – 1 ਗਲਾਸ
ਪਾਣੀ – 2 ਗਲਾਸ
ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – 1/2 ਚਮਚ
ਜੈ ਫਲ ਪਾਊਡਰ – 1/4 ਚਮਚ
ਸਜਾਵਟ ਲਈ ਧਨੀਏ ਜਾਂ
ਪੁਦੀਨੇ ਦੇ ਪੱਤੇ
ਨਮਕ – ਸਵਾਦ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਗਾਜਰਾਂ ਨੂੰ ਧੋ ਕੇ ਕੱਟ ਲਓ ਜਾਂ ਕੱਦੂਕਸ ਕਰ ਲਓ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਮਿਲਾ ਕੇ ਪ੍ਰੈਸ਼ਰ ਕੁੱਕਰ ਵਿਚ 10 ਮਿੰਟ ਲਈ ਪਕਾਓ । ਠੰਢਾ ਕਰਕੇ ਛਾਣ ਲਓ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਪਾ ਕੇ ਹਲਕੇ ਸੇਕ ਤੇ 10 ਮਿੰਟ ਲਈ ਪਕਾਓ |ਹੁਣ ਇਸ ਨੂੰ ਉਬਲਣ ਨਾ ਦਿਓ ਨਮਕ, ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਅਤੇ ਜੈ ਫਲ ਪਾਊਡਰ ਮਿਲਾ ਕੇ ਪਿਆਲਿਆਂ ਵਿਚ ਪਾਓ ਅਤੇ ਪੁਦੀਨੇ ਜਾਂ ਧਨੀਏ ਦੇ ਪੱਤਿਆਂ ਨਾਲ ਸਜਾ ਕੇ ਪਰੋਸੋ।

ਦੂਸਰੀ ਵਿਧੀ – ਸਾਰੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਮਿਕਸੀ ਵਿਚ ਮਿਲਾ ਕੇ, ਹਲਕੇ ਸੇਕ ਤੇ ਉਬਾਲਾ ਆਉਣ ਤਕ ਪਕਾਓ (ਉਬਾਲਣਾ ਨਹੀਂ) । ਧਨੀਏ ਜਾਂ ਪੁਦੀਨੇ ਨਾਲ ਸਜਾ ਕੇ ਪਰੋਸੋ ।

ਹਰੇ ਮਟਰਾਂ ਦਾ ਸੁਪ

ਸਾਮਾਨ-
ਹਰੇ ਤਾਜ਼ੇ, ਛਿੱਲੇ ਹੋਏ ਮਟਰ – 300 ਗਰਾਮ
ਕੱਟਿਆ ਹੋਇਆ ਪਿਆਜ਼ – 1
ਮੈਦਾ – 2 ਚਮਚ
ਦੁੱਧ – 2 ਪਿਆਲੇ
ਮੱਖਣ – 3 ਚਮਚ
ਪਾਣੀ – 2 ਪਿਆਲੇ
ਨਮਕ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਇਸ ਨੂੰ ਵੀ ਟਮਾਟਰਾਂ ਦੇ ਸੁਪ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੀ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮਿਕਸੀ ਵਿਚ ਮਿਲਾ ਕੇ ਉਬਲਣ ਤਕ ਗਰਮ ਕਰੋ ਅਤੇ ਪਿਆਲਿਆਂ ਵਿਚ ਪਰੋਸੋ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਸਲਾਦ ਅਤੇ ਸੂਪ (ਭਾਗ-I)

ਦਾਲ ਦਾ ਸੂਪ

ਸਾਮਾਨ-
ਮੂੰਗੀ ਦੀ ਧੋਤੀ ਦਾਲ – 4 ਚਮਚ
ਗੋਭੀ – 1/2 ਫੁੱਲ
ਆਲੂ – 1
ਸ਼ਲਗਮ – 1
ਦੁੱਧ – 1 ਪਿਆਲਾ
ਪਾਣੀ – 1 ਪਿਆਲਾ
ਮੱਖਣ – 1 ਚਮਚ
ਮੈਦਾ – 2 ਚਮਚ

ਵਿਧੀ – ਦਾਲ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਕਰਕੇ ਕੁੱਝ ਦੇਰ ਲਈ ਭਿਉਂ ਦਿਓ । ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਨੂੰ ਕੱਟ ਲਓ । ਮੱਖਣ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਪਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਨਾਲ ਹੀ ਦਾਲ, ਪਾਣੀ, ਨਮਕ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਪਾ ਦਿਓ । ਜਦੋਂ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗਲ ਜਾਏ ਤਾਂ ਛਾਣਨੀ ਵਿਚ ਛਾਣ ਲਓ । ਦੁੱਧ ਵਿਚ ਮੈਦਾ ਮਿਲਾ ਕੇ ਸੂਪ ਵਿਚ ਮਿਲਾਓ ਅਤੇ ਉਬਲਣ ਤਕ ਪਕਾਓ (ਉਬਾਲਣਾ ਨਹੀਂ ਗਰਮ-ਗਰਮ ਪੀਣ ਲਈ ਦਿਓ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਆਂਡਾ ਪਕਾਉਣਾ

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical ਆਂਡਾ ਪਕਾਉਣਾ Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical ਆਂਡਾ ਪਕਾਉਣਾ

ਆਮਲੇਟ

ਸਾਮਾਨ –
ਆਂਡੇ – 4
ਪਿਆਜ਼ – 2 ਛੋਟੇ
ਟਮਾਟਰ – 1/2 ਛੋਟਾ
ਹਰੀ ਮਿਰਚ – 1-2
ਨਮਕ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ
ਘਿਓ – ਤਲਣ ਲਈ

ਵਿਧੀ – ਆਂਡੇ ਦਾ ਪੀਲਾ ਅਤੇ ਸਫ਼ੈਦ ਭਾਗ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਰ ਲਓ । ਸਫ਼ੈਦ ਭਾਗ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਂਟ ਲਓ । ਹੁਣ ਇਸ ਵਿਚ ਪੀਲਾ ਭਾਗ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮਿਲਾ ਲਓ ਅਤੇ ਨਮਕ ਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਵੀ ਪਾ ਦਿਓ । ਫਰਾਇੰਗ ਪੈਨ (Frying Pan) ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਘਿਓ ਪਾ ਕੇ ਅੱਧੇ ਆਂਡੇ ਦਾ ਘੋਲ ਫੈਲਾ ਦਿਓ । ਇਸ ਦੇ ਉੱਪਰ ਬਰੀਕ ਕੱਟਿਆ ਪਿਆਜ਼, ਟਮਾਟਰ ਅਤੇ ਹਰੀ ਮਿਰਚ ਫੈਲਾ ਕੇ ਸੇਕ ਜਾਣ ਤੇ ਆਮਲੇਟ ਨੂੰ ਮੋੜ ਦਿਓ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਅੱਧੇ ਬਚੇ ਹੋਏ ਘੋਲ ਦਾ ਆਮਲੇਟ ਬਣਾ ਲਓ ।
ਕੁੱਲ ਮਾਤਰਾ – ਦੋ ਆਮਲੇਟ ।

ਫਰਾਈਡ ਆਂਡਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਆਂਡੇ – 2
ਘਿਓ – ਤਲਣ ਲਈ
ਨਮਕ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ |

ਵਿਧੀ – ਫਰਾਇੰਗ ਪੈਨ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਉਸ ਵਿਚ ਥੋੜਾ ਜਿਹਾ ਘਿਓ ਪਾ ਦਿਓ | ਆਂਡੇ ਨੂੰ ਫਰਾਇੰਗ ਪੈਨ ਵਿਚ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਤੋੜੋ ਤਾਂ ਜੋ ਪੀਲਾ ਅਤੇ ਸਫ਼ੈਦ ਭਾਗ ਮਿਲਣ ਨਾ । ਹੁਣ ਫਰਾਇੰਗ ਪੈਨ ਨੂੰ ਢੱਕ ਕੇ ਮੱਧਮ ਅੱਗ ‘ਤੇ ਰੱਖੋ । ਦੋ ਮਿੰਟ ਵਿਚ ਆਂਡਾ ਆਪਣੀ ਹੀ ਭਾਫ ਨਾਲ ਪੱਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਰੋਸਦੇ ਸਮੇਂ ਸੇਕੀ ਹੋਈ ਡਬਲ ਰੋਟੀ ਤੇ ਮੱਖਣ ਲਾ ਕੇ ਉੱਪਰ ਫਰਾਈਡ ਆਂਡਾ ਰੱਖ ਦਿਓ ਅਤੇ ਨਮਕ, ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਛਿੜਕ ਦਿਓ ।
ਕੁੱਲ ਮਾਤਰਾ – ਦੋ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਆਂਡਾ ਪਕਾਉਣਾ

ਆਂਡੇ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਪਕਾਉਣਾ ਜਾਂ ਪੋਚਿੰਗ

ਸਾਮਾਨ-
ਆਂਡੇ – 2
ਪਾਣੀ – 2 ਗਿਲਾਸ ਦੇ ਲਗਪਗ
ਸਿਰਕਾ ਜਾਂ ਨਿਬੂ – 2 ਛੋਟੇ ਚਮਚ
ਨਮਕ ਅਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਫਰਾਇੰਗ ਪੈਨ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਪਾ ਕੇ ਅੱਗ ‘ਤੇ ਰੱਖੋ ਅਤੇ ਇਸ ਵਿਚ ਸਿਰਕਾ ਜਾਂ ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸ ਅਤੇ ਨਮਕ ਪਾ ਦਿਓ। ਹੁਣ ਇਸ ਵਿਚ ਆਂਡਾ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਤੋੜੋ ਕਿ ਸਫ਼ੈਦ ਅਤੇ ਪੀਲਾ ਭਾਗ ਮਿਲਣ ਨਾ । ਦੋ ਤਿੰਨ ਮਿੰਟ ਵਿਚ ਪੱਕ ਜਾਣ ਤੇ ਕੱਢ ਕੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਪਾ ਕੇ ਟੋਸਟ ਜਾਂ ਤਲੇ ਹੋਏ ਆਲੂ ਦੇ ਟੁਕੜਿਆਂ ਨਾਲ ਪਰੋਸੋ । ਕੁੱਲ ਮਾਤਰਾ-ਦੋ ।

ਆਂਡੇ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਨੂੰ ਪਕਾਉਣਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਆਂਡੇ – 4
ਦੁੱਧ – 2 ਵੱਡੇ ਚਮਚ
ਮੱਖਣ – 2 ਚਮਚ
ਨਮਕ, ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਆਂਡੇ, ਦੁੱਧ, ਨਮਕ ਅਤੇ ਮਿਰਚ ਨੂੰ ਮਿਲਾ ਕੇ ਹਲਕਾ ਜਿਹਾ ਨੈੱਟੋ | ਆਂਡੇ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਦੇ ਮਿਸ਼ਰਨ ਨੂੰ ਫਰਾਇੰਗ ਪੈਨ ਵਿਚ ਪਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਹਿਲਾਉਂਦੇ ਰਹੋ ਜਦੋਂ ਤਕ ਕਿ ਪੱਕ ਕੇ ਗਾੜਾ ਨਾ ਹੋ ਜਾਏ । ਵਧੇਰੇ ਨਾ ਪਕਾਓ । ਜੇਕਰ ਵਧੇਰੇ ਪਕਾਇਆ ਜਾਏ ਤਾਂ ਇਹ ਸਖ਼ਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਨਿਕਲ ਆਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਟੋਸਟ ਨਾਲ ਪਰੋਸੋ ।
ਕੁੱਲ ਮਾਤਰਾ-ਦੋ ਕਟੋਰੀ ।

ਐੱਗ ਆਨ ਬਰੈਡਜ਼ ਟੋਸਟ

ਸਾਮਾਨ-
ਆਂਡੇ – 2
ਡਬਲ ਰੋਟੀ – 2 ਸਲਾਈਸ
ਪ੍ਰੋਸੇਸਡ ਪਨੀਰ – 25 ਗਰਾਮ
ਮੱਖਣ – 10 ਗਰਾਮ
ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ (ਪੀਸੀ)- ਥੋੜੀ ਜਿਹੀ
ਨਮਕ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ

ਵਿਧੀ – ਡਬਲ ਰੋਟੀ ਦੇ ਸਲਾਈਸਾਂ ’ਤੇ ਮੱਖਣ ਲਾ ਲਓ | ਪਨੀਰ ਕੱਦੁ ਕਸ ਕਰ ਲਓ ਅਤੇ ਉਸ ਦਾ ਅੱਧਾ ਭਾਗ ਡਬਲ ਰੋਟੀ ਦੇ ਟੁਕੜਿਆਂ ‘ਤੇ ਪਾ ਦਿਓ । ਇਕ ਟਰੇਅ ਵਿਚ ਥੋੜਾ ਘਿਓ ਲਾ ਕੇ ਡਬਲ ਰੋਟੀ ਨੂੰ ਉਸ ਵਿਚ ਰੱਖ ਲਓ । ਹੁਣ ਆਂਡਿਆਂ ਨੂੰ ਤੋੜ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਜ਼ਰਦੀ ਤੇ ਸਫ਼ੈਦੀ ਨੂੰ ਵੱਖ ਕਰ ਲਓ।

ਧਿਆਨ ਰਹੇ ਕਿ ਜ਼ਰਦੀ ਟੱਟੇ ਨਾ | ਆਂਡੇ ਦੀ ਸਫ਼ੈਦੀ ਨੂੰ ਐੱਗ ਬੀਟਰ (Egg Beater) ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਫੈਂਟ ਲਓ ਤਾਂ ਕਿ ਸਖ਼ਤ ਜਿਹੀ ਹੋ ਜਾਏ । ਹੁਣ ਇਸ ਸਫ਼ੈਦੀ ਨੂੰ ਡਬਲ ਰੋਟੀ ਦੇ ਸਲਾਈਸਾਂ ਦੇ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਪਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਦੋਹਾਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਆਂਡੇ ਦੀ ਜ਼ਰਦੀ ਤੋੜ ਦਿਓ । ਉੱਪਰੋਂ ਕੱਦੂਕਸ ਕੀਤਾ ਹੋਇਆ ਪਨੀਰ ਉਸ ਨੂੰ ‘ਓਵਨ’ ਵਿਚ ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦਾ ਹੋਣ ਤਕ ਸੇਕੋ । ਹੁਣ ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੇ ਨਮਕ ਤੇ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਪਾ ਕੇ ਪਰੋਸੋ ।
ਕੁੱਲ ਮਾਤਰਾ – ਦੋ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਲਈ ।

ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਪਰੌਠੇ

ਸਾਮਾਨ-
ਆਟਾ – 1/2 ਕਟੋਰੀ
ਪਾਲਕ – 100 ਗਰਾਮ
ਮੂੰਗਫ਼ਲੀ – 500 ਗਰਾਮ
ਹਰਾ ਧਨੀਆ – ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ
ਵਸਣ – 1/2 ਕਟੋਰੀ
ਮੂਲੀ – 1
ਹਰੀ ਮਿਰਚ – 2-3
ਅਦਰਕ – 1 ਛੋਟਾ ਟੁਕੜਾ
ਨਮਕ – ਸੁਆਦ ਅਨੁਸਾਰ
ਘਿਓ – ਤਲਣ ਲਈ

ਵਿਧੀ – ਮੂਲੀ ਕੱਦੂਕਸ ਕਰ ਲਓ। ਮੂਲੀ ਦੇ ਨਰਮ ਪੱਤੇ ਅਤੇ ਪਾਲਕ ਦੇ ਪੱਤਿਆਂ ਨੂੰ ਧੋ ਕੇ ਬਰੀਕ ਕੱਟ ਲਓ । ਹਰੀ ਮਿਰਚ, ਹਰਾ ਧਨੀਆ ਅਤੇ ਅਦਰਕ ਨੂੰ ਵੀ ਕੱਟ ਲਓ । ਮੁੰਗਫ਼ਲੀ ਦੇ ਦਾਣਿਆਂ ਨੂੰ ਮੋਟਾ-ਮੋਟਾ ਕੁੱਟ ਲਓ | ਆਟਾ ਅਤੇ ਵੇਸਣ ਛਾਣੋ ਅਤੇ ਬਾਕੀ ਸਾਰੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਮਿਲਾ ਕੇ ਆਟਾ ਗੁੰਨ੍ਹ ਲਓ । ਇਸ ਦੇ ਪਰੌਂਠੇ ਬਣਾ ਕੇ ਦਹੀਂ ਨਾਲ ਪਰੋਸੋ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਆਂਡਾ ਪਕਾਉਣਾ

ਭਰਵਾਂ ਪਰੌਂਠਾ

ਸਾਮਾਨ-
ਕਣਕ ਦਾ ਆਟਾ – 150 ਗਰਾਮ
ਪਾਣੀ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ
ਨਮਕ – ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ
ਛੋਲਿਆਂ ਦੀ ਦਾਲ – 30 ਗਰਾਮ
ਆਲੂ – 50 ਗਰਾਮ
ਹਰੀ ਮਿਰਚ – 1-2
ਘਿਓ – 2 ਛੋਟੇ ਚਮਚ
ਗਰਮ ਮਸਾਲਾ – \(\frac {1}{4}\) ਚਾਹ ਦਾ ਚਮਚ
ਪੀਸੀ ਹੋਈ ਲਾਲ ਮਿਰਚ – ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ
ਘਿਓ ਜਾਂ ਤੇਲ – ਸੇਕਣ ਲਈ

ਵਿਧੀ – ਆਟੇ ਵਿਚ ਨਮਕ ਪਾ ਕੇ ਗੁੰਨ੍ਹ ਲਓ \(\frac {1}{2}\) ਅਤੇ ਘੰਟੇ ਦੇ ਲਈ ਰੱਖ ਦਿਓ। ਆਲੂ ਅਤੇ ਛੋਲਿਆਂ ਦੀ ਦਾਲ ਉਬਾਲੋ ਅਤੇ ਆਲੂ ਛਿੱਲ ਕੇ ਪੀਸ ਲਓ । ਦਾਲ ਨੂੰ ਵੀ ਇਸ ਵਿਚ ਮਿਲਾ ਲਓ । ਹਰੀ ਮਿਰਚ ਧੋ ਕੇ ਬਰੀਕ ਕੱਟੋ ਅਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਦਾਲ ਜਾਂ ਆਲੂ ਵਿਚ ਮਿਲਾ ਲਓ । ਇਕ ਚਮਚ ਘਿਓ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਦਾਲ ਤੇ ਆਲੂ ਦਾ ਮਿਕਸਚਰ ਅਤੇ ਮਸਾਲੇ ਪਾ ਕੇ ਪੰਜ ਮਿੰਟ ਲਈ ਭੰਨ ਲਓ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਸਟਡਿੰਗ ਤਿਆਰ ਹੋ ਜਾਏਗੀ । ਆਟੇ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗੁੰਨ ਕੇ ਉਸ ਵਿਚੋਂ ਚਾਰ ਗੋਲੀਆਂ ਬਣਾ ਲਓ । ਹਰ ਇਕ ਗੋਲੀ ਨੂੰ ਪਹਿਲਾਂ ਥੋੜਾ ਜਿਹਾ ਵੇਲ ਲਓ ਫਿਰ ਇਸ ਵਿਚ ਇਕ ਵੱਡਾ ਚਮਚ ਸਟਰਿੰਗ ਭਰ ਕੇ ਫਿਰ ਤੋਂ ਗੋਲੀ ਬਣਾ ਲਓ । ਹੁਣ ਇਸ ਪਰੌਂਠੇ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਵੇਲ ਲਓ | ਪਰੌਠੇ ਨੂੰ ਤਵੇ ਤੇ ਘਿਓ ਪਾ ਕੇ ਸੇਕ ਲਓ ।

ਨੋਟ – ਸਟਰਿੰਗ, ਮੌਸਮ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਜਿਵੇਂ-ਮੂਲੀ ਅਤੇ ਫੁੱਲ ਗੋਭੀ ਦੀ ਵੀ ਬਣਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਮੁੰਗਫ਼ਲੀ ਦੀ ਸਟਰਿੰਗ ਵੀ ਬਣਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
ਕੁੱਲ ਮਾਤਰਾ – ਚਾਰ ਪਰੌਠੇ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਆਪਣੇ ਲਈ ਬਿਨਾਂ ਬਾਜੂ ਦਾ ਸਵੈਟਰ ਬਣਾਉਣਾ

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical ਆਪਣੇ ਲਈ ਬਿਨਾਂ ਬਾਜੂ ਦਾ ਸਵੈਟਰ ਬਣਾਉਣਾ Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical ਆਪਣੇ ਲਈ ਬਿਨਾਂ ਬਾਜੂ ਦਾ ਸਵੈਟਰ ਬਣਾਉਣਾ

ਬਿਨਾਂ ਬਾਜ਼ੂ ਦਾ ਸਵੈਟਰ

  • ਨਾਪ : ਛਾਤੀ 32″-34″ .
  • ਲੰਬਾਈ 23 .
  • ਸਾਮਾਨ : ਲਾਲ ਇਮਲੀ ਦੀ ਮੋਟੀ ਉੱਨ-250 ਗ੍ਰਾਮ
  • ਸਲਾਈਆਂ : 1 ਜੋੜਾ 7 ਨੰਬਰ
  • 1 ਜੋੜਾ 9 ਨੰਬਰ
  • ਬਟਨ : 6
  • ਪਿਛਲਾ ਪਾਸਾ : 7 ਨੰਬਰ ਦੀਆਂ ਸਲਾਈਆਂ ਤੇ 95 ਕੁੰਡੇ ਪਾਓ ਅਤੇ 12 ਸਲਾਈਆਂ ਸਿੱਧੀਆਂ ਬੁਣੋ ।
  • ਪਹਿਲੀ ਸਲਾਈ : 11 ਪੁੱਠੇ, 1 ਸਿੱਧਾ-ਇਕ ਪੂਰੀ ਸਲਾਈ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬੁਣੇ, ਅਖੀਰ ਤੇ 11 ਕੁੰਡੇ ਪੁੱਠੇ ਬਣਦੇ ਹਨ ।
  • ਦੂਸਰੀ ਸਲਾਈ : 1 ਪੁੱਠਾ, *9 ਸਿੱਧੇ, 3 ਪੁੱਠੇ ਤੋਂ ਦੁਹਰਾਉ, ਆਖਰੀ ਕੁੰਡਾ ਸਿੱਧਾ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਤੀਸਰੀ ਸਲਾਈ : 2 ਸਿੱਧੇ, *7 ਪੁੱਠੇ 5 ਸਿੱਧੇ *ਤੋਂ ਦੁਹਰਾਉ, ਆਖਰੀ 2 ਕੁੰਡੇ ਸਿੱਧੇ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਚੌਥੀ ਸਲਾਈ : 3 ਪੁੱਠੇ *5 ਸਿੱਧੇ 7 ਪੁੱਠੇ * ਤੋਂ ਦੁਹਰਾਉ, ਆਖਰੀ 3 ਕੁੰਡੇ ਪੁੱਠੇ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਪੰਜਵੀਂ ਸਲਾਈ : 4 ਸਿੱਧੇ *3 ਪੁੱਠੇ 9 ਸਿੱਧੇ * ਤੋਂ ਦੁਹਰਾਉ, ਆਖਰੀ 4 ਕੁੰਡੇ ਸਿੱਧੇ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਛੇਵੀਂ ਸਲਾਈ : 5 ਪੁੱਠੇ *1 ਸਿੱਧਾ 11 ਪੁੱਠੇ * ਤੋਂ ਦੁਹਰਾਉ, ਆਖਰੀ 5 ਪੁੱਠੇ ਪਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਛੇ ਸਲਾਈਆਂ ਦੁਹਰਾਉ ਤਾਂ ਕਿ ਪਿਛਲਾ ਪਾਸਾ 15\(\frac{1}{2}\)” – ਬਣ ਜਾਏ ।

ਮੋਢੇ ਲਈ ਘਟਾਣਾ-ਅਗਲੀਆਂ ਦੋ ਸਲਾਈਆਂ ਦੇ ਸ਼ੁਰੂ ਦੇ ਪੰਜ-ਪੰਜ ਕੁੰਡੇ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਓ । ਹਰ ਸਿੱਧੀ ਸਲਾਈ ਤੇ 7 ਵਾਰੀ ਸ਼ੁਰੂ ਵਿਚ ਅਤੇ ਅਖਰੀ ਵਿਚ ਜੋੜਾ ਬੁਣੋ । ਨਮੂਨਾ ਠੀਕ ਰੱਖਦੇ ਹੋਏ ਮੋਢੇ ਦੇ ਉੱਪਰ 15 \(\frac{1}{2}\)” – ਬਣਾਓ । ਆਖਰੀ ਸਲਾਈ ਨਮੂਨੇ ਦੀ ਵੀ ਆਖਰੀ ਸਲਾਈ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਗਲੇ ਲਈ ਵਿਚਕਾਲੇ 27 ਕੁੰਡੇ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਓ ।

PSEB 8th Class Home Science Practical ਆਪਣੇ ਲਈ ਬਿਨਾਂ ਬਾਜੂ ਦਾ ਸਵੈਟਰ ਬਣਾਉਣਾ

ਸਾਹਮਣੇ ਵਾਲੇ ਪੱਲੇ- (ਦੋਨੋਂ ਇਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ) 7 ਨੰਬਰ ਦੀ ਸਲਾਈ ਤੇ 40 ਕੁੰਡੇ ਪਾਓ ਅਤੇ 12 ਸਲਾਈ ਸਿੱਧੀਆਂ ਬੁਣੋ । ਪਿਛਲੇ ਪੱਲੇ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੀ ਨਮੂਨਾ ਬਣਾ ਕੇ 10″ ਤਕ ਬਣੋ । ਗਲ ਵਾਲੇ ਕਿਨਾਰੇ ਦੇ ਸ਼ਰ ਵਿਚ ਜੋੜਾ ਬੁਣ ਕੇ ਸਾਰੀ ਸਲਾਈ ਬੁਣੋ ।ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਹਰ ਅੱਠਵੀਂ ਸਲਾਈ ਤੇ ਗਲੇ ਵਾਲੇ ਪਾਸੇ ਇਕ ਜੋੜ ਬੁਣੋ ।

ਮੋਢੇ ਦੀ ਕਾਟ-ਜਦ ਦੋਨੋਂ ਪਾਸੇ 15 \(\frac{1}{2}\)” ਹੋ ਜਾਣ ਤਾਂ ਪਿਛਲੇ ਪਾਸੇ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੀ ਮੋਢੇ ਦੀ ਕਾਟ ਪਾਓ । ਇਸ ਦੇ ਨਾਲ ਹਰ 8ਵੀਂ ਸਲਾਈ ਤੇ ਗਲੇ ਵਾਲੇ ਪਾਸੇ ਜੋੜਾ ਬੁਣੋ । ਪਿਛਲੇ ਪਾਸੇ ਜਿੰਨਾ ਹੀ ਬੁਣ ਲਓ । ਮੋਢੇ ਲਈ 22 ਕੁੰਡੇ ਰਹਿਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।ਪਿਛਲੇ ਅਤੇ ਅਗਲੇ ਪਾਸਿਆਂ ਦੇ ਕੁੰਡਿਆਂ ਨੂੰ ਮਿਲਾ ਕੇ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਓ।

ਮੋਢੇ ਦੀ ਪੱਟੀ-ਸਵੈਟਰ ਦਾ ਸਿੱਧਾ ਪਾਸਾ ਆਪਣੇ ਸਾਹਮਣੇ ਰੱਖੋ ਅਤੇ 9 ਨੰਬਰ ਦੀ ਸਲਾਈ ਨਾਲ ਕਿਨਾਰੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ 120 ਕੁੰਡੇ ਚੁੱਕੋ । 8 ਸਿੱਧੀਆਂ ਸਲਾਈਆਂ ਬੁਣੋ ਅਤੇ ਫਿਰ ਕੁੰਡੇ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਓ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੁਸਰੇ ਮੋਢੇ ਦੀ ਪੱਟੀ ਬਣੋ |

ਸਾਹਮਣੇ ਦੀ ਪੱਟੀ-9 ਨੰਬਰ ਸਲਾਈ ਤੇ 10 ਕੁੰਡੇ ਪਾਓ । 4 ਸਿੱਧੀਆਂ ਸਲਾਈਆਂ ਬੁਣਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕਾਜ ਬਣਾਉ । ਚਾਰ ਕੁੰਡੇ ਬੁਣੋ 2 ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਉ, 4 ਕੁੰਡੇ ਬੁਣੋ !ਦੁਸਰੀ ਸਲਾਈ ਤੇ ਜਿੱਥੇ 2 ਕੁੰਡੇ ਬੰਦ ਕੀਤੇ ਸੀ 2 ਕੁੰਡੇ ਚੜਾ ਲਓ ਤਾਂ ਕਿ ਫਿਰ 10 ਹੋ ਜਾਣ ।

ਦੋ-ਦੋ ਇੰਚ ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ 6 ਕਾਜ ਬਣਾਉ । ਪੱਟੀ ਇੰਨੀ ਲੰਬੀ ਬਣਾਓ ਕਿ ਸਵੈਟਰ ਦੇ ਇਕ ਸਿਰੇ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਿਰੇ ਤਕ ਪੂਰੀ ਆ ਜਾਏ । ਪੱਟੀ ਨੂੰ ਸਵੈਟਰ ਨਾਲ ਜੋੜਦੇ ਹਨ ।

ਪੂਰਾ ਕਰਨਾ – ਦੋਨੋਂ ਸਿੱਧੇ ਪਾਸਿਆਂ ਨੂੰ ਪੁੱਠੇ ਪਾਸੇ ਨਾਲ ਸੀਂ ਦਿਓ । ਪੁੱਠੇ ਪਾਸੇ ਉੱਤੇ ਗਿੱਲਾ ਕੱਪੜਾ ਰੱਖ ਕੇ ਪ੍ਰੈੱਸ ਕਰੋ । ਕਾਜ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਵਾਲੀ ਪੱਟੀ ਤੇ ਕਾਜਾਂ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਬਟਨ ਲਗਾਓ ।
ਨੋਟ-

  1. ਜੇਕਰ ਜ਼ਰੂਰਤ ਸਮਝੋ ਤਾਂ 20 ਕੰਡਿਆਂ ‘ਤੇ ਨਮੂਨਾ ਪਾ ਕੇ ਤਾ ਬਣੋ ਅਤੇ ਫਿਰ 6 ਸਿਲਾਈਆਂ ਸਿੱਧੀਆਂ ਬੁਣ ਕੇ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਓ। ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਦੋ ਜੇਬਾਂ ਬਣਾ ਕੇ ਸਵੈਟਰ ਨਾਲ ਸੀਂ ਦਿਓ ।
  2. ਜੇਕਰ ਬੰਦ ਸਵੈਟਰ ਬਣਾਉਣਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਪਿਛਲੇ ਪਾਸੇ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੀ ਮੋਢੇ ਤਕ ਬੁਣੋ, ਮੋਢਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਨ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਵੀ (V) ਗਲੇ ਲਈ ਹਰ ਚੌਥੀ ਸਲਾਈ ਤੇ ਦੋਨੋਂ ਪਾਸੇ ਇਕ-ਇਕ ਕੁੰਡਾ ਘਟਾਓ ! ਗੋਲ ਗਲਾ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਮੋਢੇ ਦੀ ਕਾਟ ਤੋਂ 4 \(\frac{1}{2}\)” ਉੱਪਰ ਬੁਣ ਕੇ ਵਿਚਕਾਰ 15 ਕੁੰਡੇ ਘਟਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਫਿਰ ਦੋਨੋਂ ਪਾਸੇ 3, ਫਿਰ 2 ਅਤੇ ਫਿਰ 1 ਕੁੰਡਾ ਘਟਾਓ, ਮਗਰੋਂ ਉੱਪਰ ਤਕ ਸਿੱਧਾ ਹੀ ਬੁਣਦੇ ਜਾਓ ।
  3. ਬਾਡਰ ਲਈ ਸਿੱਧੀਆਂ ਸਲਾਈਆਂ ਦੀ ਬਜਾਏ ਇਕ ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਇਕ ਪੁੱਠੇ ਕੁੰਡੇ ਦਾ ਵੀ ਬਾਡਰ ਬਣਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सरफ़रोशी की तमन्ना

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 20 सरफ़रोशी की तमन्ना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 20 सरफ़रोशी की तमन्ना (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB सरफ़रोशी की तमन्ना Textbook Questions and Answers

सरफ़रोशी की तमन्ना अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सरफ़रोशी की तमन्ना 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सरफ़रोशी की तमन्ना 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सरफ़रोशी की तमन्ना

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सरफ़रोशी की तमन्ना 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सरफ़रोशी की तमन्ना 4
उत्तर :
विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से करें।

3. शब्दार्थ :

  • परखचे = टुकड़े-टुकड़े, धज्जियाँ
  • स्वराज्य = अपना राज्य, स्वतंत्र राज्य
  • परचम = झंडा
  • वहशियाना = क्रूर और जंगलियों की तरह का
  • भाल = मस्तक
  • मुराद = इच्छा
  • सौगंध = कसम
  • बवंडर = तूफान
  • विस्फोट = धमाका
  • आतुर = व्याकुल
  • फरमान = आदेश

उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं इन्हें याद करें।

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4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) भगत सिंह स्कूल से कहाँ चले गये थे?
उत्तर :
भगत सिंह स्कूल से जलियाँवाले बाग़ की पवित्र धरती को प्रणाम करने गये थे।

(ख) जलियाँवाले बाग़ की मिट्टी हाथ में लेकर उन्होंने क्या सौगंध खायी?
उत्तर :
जलियाँवाले बाग़ की मिट्टी हाथ में लेकर उन्होंने यह सौगंध खायी थी कि मैं अंग्रेज़ों को यहाँ से भगाकर भारत माँ को आजाद करवाऊँगा।

(ग) भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के प्रिय नारे कौन-कौन से थे?
उत्तर :
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को प्रिय नारे थे

  • भारत माता की जय
  • इन्कलाब जिन्दाबाद
  • साम्राज्यवाद का नाश हो।

(घ) इस प्रदर्शन में किस महान नेता की मृत्यु हो गई?
उत्तर :
इस प्रदर्शन में महान् नेता लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई।

(ङ) विधान सभा में बम फेंकने की जिम्मेवारी किसे सौंपी गई?
उत्तर :
भगत सिंह एवं बटुकेश्वर दत्त को।।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) इन क्रांतिकारियों ने साइमन कमीशन का विरोध किस प्रकार किया?
उत्तर :
भारत के देशभक्तों ने लाला लाजपत राय के नेतृत्व में साइमन कमीशन का विरोध किया। शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद क्रान्तिकारियों में उनके नेतृत्व को स्वीकार कर लिया। क्रान्तिकारियों ने साइमन कमीशन को वापिस जाने के नारे लगाए इसका उन्होंने शांतिपूर्ण विरोध किया।

(ख) लाला जी की मृत्यु का बदला इन क्रांतिकारियों ने कैसे लिया?
उत्तर :
लाला जी का मृत्यु का बदला लेने के लिए आजाद ने एक योजना बनाई। वे एक गुप्त स्थान पर लाहौर माल रोड़ पर इकट्ठे हुए। उन्होंने जय गोपाल के इशारे पर सांडर्स को गोलियों से भून दिया।

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(ग) विधान सभा में बम विस्फोट का क्या परिणाम निकला?
उत्तर :
विधानसभा में बम विस्फोट के बाद भगत सिंह तथा बटुकेश्वर दत्त पकड़े गए। अंग्रेजों ने क्रान्तिकारियों को पकड़ने का दमन चक्र तेज़ कर दिया। राजगुरु, सुखदेव, असंख्य युवक जेलों में बंद कर दिए गए। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी की सज़ा सुनाई गई तथा बटुकेश्वर दत्त को काला पानी की सज़ा दी गई।

6. इन पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें :

(क) ‘ऐ फिरंगी, सामान बाँध ले, वरना सम्भलने का मौका भी न मिलेगा।’
उत्तर :
प्रसंग – यह पंक्ति शिवशंकर द्वारा लिखित ‘सरफ़रोशी की तमन्ना’ शीर्षक से ली गई है। जलियाँवाला बाग़ में शहीदों की कुर्बानी अंग्रेज़ों को चेतावनी दे रही है।

व्याख्या – जलियाँवाले बाग़ में हुए शहीद विदेशी सरकार को चेतावनी देते हुए कहते हैं कि ऐ अंग्रेज़ो! तुम अपना सामान बांध लो अन्यथा तुम्हें थोड़ा भी सम्भलने का अवसर भी नहीं मिलेगा। अर्थात् अब तुम भारत को छोड़ कर जाने के लिए तैयार हो जाओ।

विशेष –

  • अंग्रेजों को भारत छोड़ने की चेतावनी दी गई है।
  • भाषा सरल एवं सहज है।

(ख) ‘हम दीवानों की टोली आज़ादी की दुल्हन को ब्याह लायेगी।’
उत्तर :
प्रसंग – यह पंक्ति लेखक शिवशंकर द्वारा लिखित है। इसमें देश भक्तों की देश भक्ति को दर्शाया है।

व्याख्या – भगत सिंह कहने लगे कि हम जहाँ देशभक्त वीरों की टोली आज़ादी की दुल्हन को ब्याह लायेगी अर्थात् हम देश भक्त एक दिन अवश्य ही भारत को आजाद कर देने हम अवश्य ही आज़ादी प्राप्त कर लेंगे।

विशेष –

  • देशभक्तों की आजादी के प्रति जज्बे को दर्शाया है।
  • भाषा सरल एवं सहज है।
  • उर्दू, फारसी शब्दावली है।

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(ग) ‘हमने तो बचपन से ही बसंती चोले की पूजा की है।’
उत्तर :
प्रसंग – यह पंक्ति शिवशंकर द्वारा लिखित ‘सरफ़रोशी की तमन्ना’ नामक पाठ से ली गई है। इसमें देशभक्त वीरों भगत सिंह और आजाद वे अपने आप को देश पर कुर्बान हो जाने की बात कही है।

व्याख्या – दुर्गा के द्वारा विधान – सभा में जाकर बम विस्फोट की बात को मुश्किल काम बताने पर भगत सिंह ने कहा कि हम देश भक्तों ने तो अपने बचपन से ही वसंती चोले की पूजा की है अर्थात् उन्होंने तो वतन पर मर मिटने की कसम खाई है।

विशेष –

  • भगत सिंह को देशभक्ति एवं देश पर कुर्बानी के बारे में बताया।
  • भाषा सरल एवं सहज है।
  • देशभक्त के साहस एवं कुर्बानी का चित्रण है।

7. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. तमन्ना = …………………………….
  2. योद्धा = …………………………….
  3. आजादी = …………………………….
  4. अंग्रेज = …………………………….
  5. शहीदी = …………………………….

उत्तर :

  1. तमन्ना = इच्छा, आकांक्षा
  2. योद्धा = सैनिक, सिपाही
  3. आजादी = स्वतन्त्रता, मुक्ति
  4. अंग्रेज़ = गोरे, फिरंगी
  5. शहीदी = शहादत, बलिदान।

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8. इन शब्दों के अन्तर वाक्य प्रयोग द्वारा स्पष्ट करें :

  1. आजाद – चन्द्रशेखर आजाद (एक नाम) ने क्रांतिकारियों में जोश भर दिया।
  2. आजाद = स्वतंत्र = भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ।
  3. माँ = जन्म देने वाली = _______________
  4. माँ = भारत माँ = _______________
  5. बांध = बांधना, समेटना = _______________
  6. बाँध = जलाशय का जल रोकने हेतु पत्थर आदि का बनाया गया टीला = _______________
  7. बदला – बदलना = _______________
  8. बदला = बदला लेना = _______________
  9. सबक = पाठ = _______________
  10. सबक = सबक सिखाना = _______________

उत्तर :

  1. आज़ाद = चन्द्रशेखर आजाद (एक नाम) ने क्रान्तिकारियों में जोश भर दिया।
  2. आज़ाद = स्वतन्त्र = भारत 15 अगस्त, सन् 1947 को आजाद हुआ।
  3. जन्म देने वाली = मेरी माँ मुझे हर रोज़ सुबह – सवेरे उठाती है।
  4. माँ = भारत माँ = मुझे अपनी भारत माँ पर गर्व है जिस का दिया हुआ अन्न – जल पा कर ही हम जीवित हैं।
  5. बांध = बांधना, समेटना = इस सामान को बांध लो।
  6. बाँध जलाशय का जल रोकने हेतु सीमेंट, रेत, पत्थर आदि का बनाया गया अवरोध = भाखड़ा बाँध विश्वभर में बहुत प्रसिद्ध है।
  7. बदला = बदलना = हमने अपने देश को बदल डाला।
  8. बदला = बदला लेना = चंद्रशेखर आजाद ने लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लिया।
  9. सबक = पाठ = हमें कठोर परिश्रम का सबक पढ़ना चाहिए।
  10. सबक = सबक सिखाना = भारतीय वीरों ने आक्रमणकारियों को अच्छा सबक सिखाया।

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9. इन मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य प्रयोग करें :

  1. कान में सीसा भरा होना = _______________
  2. खिसियानी बिल्ली-सा मुँह लेकर जाना = _______________
  3. जले पर नमक छिड़कना = _______________
  4. नींद हराम होना = _______________
  5. जान बचाकर भागना = _______________
  6. मौत के मुँह में जाना = _______________
  7. कुत्ते की दुम सीधी न होना = _______________
  8. परखचे उड़ाना = _______________

उत्तर :

  1. कान में सीसा भरा होना – सुनाई न देना – तुम्हारे कान में सीसा भरा है जो इसकी चीख नहीं सुन रहा।
  2. खिसियानी बिल्ली – सा मुँह लेकर जाना – अपना सा मुँह लेकर जाना—जब मैंने हरि को डांटा तो वह खिसियानी बिल्ली – सा मुँह लेकर चला गया।
  3. जले पर नमक छिड़कना – दुःख याद करना – उसने मुझे स्कूल से मिले गृह – कार्य को न करने की याद करा कर जले पर नमक छिड़क दिया।
  4. नींद हराम होना – परेशान हो जाना – नीट के फेल होने पर उसके माता – पिता की नींद हराम हो गई थी।
  5. जान बचाकर भागना – अपनी जान बचाना – चोर चलती गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचाकर भाग निकला।
  6. मौत के मुँह में जाना – जान बूझकर ख़तरा उठाना – शेर को सामने देखकर उससे लड़ते हुए अमर सिंह मौत के मुँह में चला गया।
  7. कुत्ते की दुम सीधी न होना – कभी न सुधरना – रवि कुत्ते की दुम है जो कभी तुम्हारी बात नहीं समझेगा।
  8. परखचे उड़ाना – नष्ट करना – आजाद ने बम विस्फोट से शत्रुओं के परखचे उड़ा दिए।

10. नये शब्द बनायें :

  1. क्रांति + कारी = क्रांतिकारी
  2. मुख्य + आलय = मुख्यालय
  3. आंदोलन + कारी =
  4. पुस्तक + आलय =
  5. कार्य + कारी =
  6. पुस्तक + आलय =
  7. मेघ + आलय =
  8. चिकित्सा + आलय =

उत्तर :

  1. क्रान्ति + कारी = क्रान्तिकारी
  2. मुख्य + आलय मुख्यालय
  3. आन्दोलन + कारी = आंदोलनकारी
  4. पुस्तक + आलय = पुस्तकालय
  5. कार्य + कारी = कार्यकारी
  6. मेघ + आलय = मेघालय
  7. प्रलय + कारी = प्रलयकारी
  8. चिकित्सा + आलय = चिकित्सालय

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11. उपयुक्त विस्मयादि बोधक शब्द लिखें :

1. _____________ ! विधानसभा में बम लेकर जायें।
उत्तर :
वाह!

2. _____________ ! हम मस्तानों का टोला आजादी का डोला लायेंगे।
उत्तर :
अरे वाह!

3. _____________ ! तुम्हें जिंदगी अच्छी नहीं लगती।
उत्तर :
अरे!

4. _____________ ! यही ठीक रहेगा।
उत्तर :
वाह!

5. _____________ ! उसने देश का नाम उज्ज्वल कर दिया।
उत्तर :
ओह!

6. _____________ ! देखना, एक दिन हम दीवानों की टोली आजादी की दुल्हन को ब्याह लायेगी।
उत्तर :
अहा!

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रचनात्मक अभिव्यक्ति :

(क) मौखिक अभिव्यक्ति –
(i) देश प्रेम से संबंधित गीत कक्षा में सुनायें।
(ii) तुम अपने देश के विकास के लिए कौन-से कार्य करना चाहोगे?
(iii) भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव तथा अन्य क्रांतिकारियों की जीवनियाँ पढ़ें और उनके गुणों की कक्षा में चर्चा करें।
उत्तर :
विद्यार्थी अपनी अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति-
(i) आपको अपना देश क्यों अच्छा लगता है ? चार-पाँच वाक्यों में लिखें।
(ii) यदि आप उस समय पैदा हुए होते जब देश अंग्रेजों का गुलाम था तो आप अंग्रेजों को भगाने के लिए क्या करते?
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

परीक्षोपयोगी प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
सुखदेव ने अंग्रेज़ों का विरोध कैसे किया ?
उत्तर :
एक अंग्रेज़ सिपाही ने स्कूल में सुखदेव को सैल्यूट करने के लिए कहा तो सुखदेव ने उसकी बेंत पकड़ ली। अंग्रेज़ बेंत से सुखदेव को पीटता रहा किन्तु सुखदेव ने उफ नहीं की। इससे अंग्रेज़ निराश होकर वहाँ से चला गया।

प्रश्न 2.
अंग्रेजी राज को कौन उड़ा देगा ?
उत्तर :
अंग्रेजी राज को बसंती का बवंडर उड़ा देगा।

प्रश्न 3.
आज़ादी की दुल्हन कौन – कौन ब्याह कर लाएगा?
उत्तर :
आज़ादी की दुल्हन को देशभक्ति के दीवानों की टोली ब्याह कर लाएगी।

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प्रश्न 4.
लाला लाजपतराय की मृत्यु कैसे हुई ?
उत्तर :
देशभक्तों ने साइमन कमीशन के आने के विरोध में अंग्रेजों ने लाला लाजपत राय को लाठियों से पीटा जिस कारण उनकी मृत्यु हो गई थी।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
भगत सिंह की माता का क्या नाम था ?
(क) कलावती
(ख) रमावती
(ग) विद्यावती
(घ) सीतावती।
उत्तर :
(ग) विद्यावती

प्रश्न 2.
भगत सिंह की बहन का क्या नाम था ?
(क) कमरों
(ख) अमरों
(ग) लच्छो
(घ) तोषी।
उत्तर :
(ख) अमरों

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प्रश्न 3.
भगत सिंह किस बाग की धरती को प्रणाम करने गया था ?
(क) निशात
(ख) जलियांवाला
(ग) मुगल
(घ) शालीमार।
उत्तर :
(ख) जलियांवाला

प्रश्न 4.
साइमन के आने की सूचना किसने दी ?
(क) भगत सिंह ने
(ख) चंद्रशेखर ने
(ग) राजगुरु ने
(घ) सुखदेव ने।
उत्तर :
(ग) राजगुरु ने

प्रश्न 5.
क्रांतिकारियों ने किसके नेतृत्व में साइमन का विरोध करने का निश्चय किया ?
(क) जवाहर लाल
(ख) लाजपतराय
(ग) महात्मा गांधी
(घ) सरोजनी नायडू।
उत्तर :
(ख) लाजपतराय

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प्रश्न 6.
लाहौर की माल रोड पर किसे गोलियों से भून दिया गया ?
(क) साइमन को
(ख) सांडर्स को
(ग) स्माइल को
(घ) सैमसन को।
उत्तर :
(ख) सांडर्स को

प्रश्न 7.
काले पानी की सज़ा किसे मिली थी ?
(क) भगत सिंह
(ख) चंद्रशेखर
(ग) बटुकेश्वर दत्त
(घ) सुखदेव।
उत्तर :
(ग) बटुकेश्वर दत्त

प्रश्न 8.
“हम भारत माँ के भाल की बिंदी होकर भंगार होंगे” – कथन किस का है ?
(क) भगत सिंह
(ख) सुखदेव
(ग) राजगुरु
(घ) बटुकेश्वर दत्त।
उत्तर :
(क) भगत सिंह

सरफ़रोशी की तमन्ना Summary in Hindi

सरफ़रोशी की तमन्ना पाठ का सार

‘सरफ़रोशी की तमन्ना’ शीर्षक पाठ शिवशंकर द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे देशभक्तों की देशभक्ति का गुणगान किया है। दृश्य एक लायलपुर लाहौर में विद्यावती अपने बेटे भगत सिंह के प्रति बहुत चिन्तित है जो स्कूल गया हुआ हैं। वह अपनी बेटी अमरों से बार – बार उसके आने के बारे में पूछ रही थी। वह कह रही थी कि अंग्रेजों ने जलियाँवाला बाग़ में बहुत भद्दा खेल खेला है। शायद ये पागल हो गए है।

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इसी बीच भगत दौड़ कर अपनी माँ से चिपक जाता है। उसने अपनी माँ को बताया कि वह तो जलियाँवाला बाग़ की पावन धरती को प्रणाम करने गया था। वहाँ दरिंदे अंग्रेज़ों ने हज़ारों स्त्री, पुरुषों, बच्चे, बूढ़ों को शहीद कर दिया। वहाँ की दीवारें, पेड़ – पौधे, कुएँ भी शहीदों की कुर्बानी बता रहे थे।

गोरों ने निहत्थे भारतीयों पर गोलियाँ बरसाई थीं। भगत अपनी माँ और बहन के सामने मिट्टी की सौगंध खाकर भारत माँ को आजाद करवाने की बात। सुखदेव ने आज़ादी की चिंगारी भड़का रखी है। भगत की माँ भी भारत के आज़ाद होने की कल्पना करने लगीं।।

दृश्य – दो – भगत सिंह लाहौर से दिल्ली में क्रान्तिकारियों के गुप्त स्थान पर चन्द्रशेखर आज़ाद के साथ मिलने आया। उसे देखकर आज़ाद भी खुश हुए भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, आज़ाद आदि देशभक्तों इन्कलाब जिन्दाबाद के नारे लगाए। तभी राजगुरु ने सब को साइमन के भारत आने की सूचना दी। आजाद ने उसका विरोध करने की योजना बताई कि हम सभी लाला लाजपतराय के नेतृत्व में इसका विरोध करेंगे। सभी पुनः इन्कलाब ज़िन्दाबाद भारत माता की जय के नारे लगाने लगे।

दृश्य – तीन – क्रान्तिकारियों के दफ्तर में राजगुरु को भगत, आज़ाद सभी देशभक्त क्रान्तिकारी परस्पर विचार – विमर्श कर रहे थे कि ये अंग्रेज़ अपनी हरकतों से बाज नहीं आएँगे। भगत ने अंग्रेजी सरकार को विस्फोट से उड़ाने की बात कही तभी आज़ाद ने उसे धैर्य रखने को कहा कि समय आने पर विस्फोट भी होगा। सभी क्रान्तिकारियों ने लाला जी की हत्या का बदला लने के लिए लाहौर माल रोड़ पर सांडर्स को गोलियों से भून दिया तथा वहाँ से भाग गए।

आज़ाद की योजना से भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त ने विधानसभा में बम फेंका किन्तु उससे किसी को कोई हानि नहीं हुई। भगत सिंह बटुकेश्वर दत्त पकड़े गए। इसके बाद अंग्रेज़ों ने अपना दमनचक्र चलाकर राजगुरु, सुखदेव के अतिरिक्त अनेक युवक जेलों में डाल दिए। भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई गई तथा बटुकेश्वर दत्त को काले पानी की सज़ा दी गई।

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दृश्य – चार – जेल के केन्द्रीय कक्ष में सभी क्रांतिकारी सरफ़रोशी की तमन्ना गीत गाते हैं। वे मौत की सज़ा के बाबजूद जिस निडरता से गीत गाते हुए खुश थे उन्हें देखकर जेलर अचंभित हो उठे। जेलर के कहने पर भगत ने उसे बताया कि भगवान शिव ने सृष्टि के कल्याण के लिए विष पी लिया था। यह तो हमारे लिए प्याला है। राजगुरु के अनुसार हमारी शहादत भारतवासियों का राह दिखाएगी।

जेलर ने क्रान्तिकारियों से उनकी अन्तिम इच्छा पूछी तो भगत ने बेबे के हाथ की बनी रोटियाँ खाने को कहा। भगत, राजगुरु, सुखदेव सभी क्रान्तिकारी मेरा रंग दे बसंती चोला गीत गाने लगे। सभी भारत माता के प्रति समर्पण के भाव से भारत माता की जय, इन्कलाब ज़िन्दाबाद के नारे लगाने लगे। इसके बाद सभी ने फांसी का फंदा चूम लिया।

सरफ़रोशी की तमन्ना शब्दार्थ :

  • बीरा = वीर भाई।
  • परचम = झण्डा।
  • शुभ = अच्छा।
  • कुर्बानी = शहादत।
  • फिरंगी = अंग्रेज़।
  • मुक्त = स्वतन्त्र।
  • गुप्त = छिपा हुआ।
  • धीरज = धैर्य।
  • शोक = दुःख।
  • आतुर = व्याकुल।
  • सौगंध = कसम।
  • असंख्य = अनेक।

सरफ़रोशी की तमन्ना सप्रसंग व्याख्या

1. माँ, मैं जलियाँवाले बाग़ की पावन धरती को प्रणाम करने गया था। जहाँ वहशी गोरों ने हज़ारों स्त्री – पुरुष, बच्चे – बूढ़ों को शहीद कर दिया। वहाँ की दीवारों, पेड़ों, कुँओं से शहीदों की कुर्बानी चीख – चीख कर कह रही है…. ऐ फिरंगी! सामान बाँध ले। वरना, सम्भलने का मौका भी न मिलेगा। माँ ? कुरुक्षेत्र की धरती पर दोनों ओर योद्धा थे पर गोरों ने तो निहत्थे भारतीयों पर गोलियों बरसायी हैं।

प्रसंग – ये पंक्तियाँ शिवशंकर द्वारा लिखित ‘सरफ़रोशी की तमन्ना’ शीर्षक से ली गई हैं। भगत अपनी माँ के जलियाँवाला बाग़ में हुए शहीदों के बारे में बताते हुए कह रहे हैं।

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व्याख्या – लेखक कहता है कि भगत सिंह अपनी माँ को कहते हैं कि माँ! मैं जलियाँवाला बाग़ की पवित्र धरती को प्रणाम करने गया था। जहाँ दरिंदे अंग्रेजों ने हज़ारों स्त्री, पुरुष, बच्चे, बूढों को शहीद कर दिया। वहाँ की दीवारों, पेड़ों, कुँओं से शहीदों की कुर्बानी चीख – चीख कर कह रही है। हे फिरंगी! तुम अपना सामान बाँध लो। अन्यथा संभलने का अवसर भी नहीं मिलेगा। हे माँ! कुरुक्षेत्र की धरती पर दोनों तरफ कौख और पाडंव वीर योद्धा थे। परन्तु इन अंग्रेज़ों ने तो जलियाँवाले बाग़ में उन निहत्थे भारतीयों पर गोलियाँ बरसाई थीं।

भावार्थ – जलियाँवाला बाग़ में किए गए हत्याकांड की निन्दा की गई है।

2. इन्कलाब जिन्दाबाद! भारत माता की जय। साम्राज्यवाद का नाश हो। इन नारों के साथ विधान सभा दहल उठी। भगत सिंह, बटुकेश्वर पकड़े गए। अंग्रेज़ों ने अपना दमन चक्र तेज़ कर दिया। राजगुरु और सुखदेव के अतिरिक्त असंख्य युवक जेलों में बंद हो गए। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फाँसी की सजा सुनाई गई और बटुकेश्वर दत्त को काला पानी की सज़ा हो गई।

प्रसंग – यह गद्यांश लेखक शिवशंकर द्वारा लिखित ‘सरफ़रोशी की तमन्ना’ शीर्षक नाटक से लिया गया है। इसमें लेखक ने क्रान्तिकारियों के त्याग एवं बलिदान का चित्रण किया है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि भारत माता की जय! साम्राज्यवाद का नाश हो। इन नारों के साथ विधानसभा में धमाका हो गया। विधानसभा काँप उठी थी। भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त पकड़े गए। अंग्रेज़ों ने अपना दमन चक्र अधिक तेज़ कर दिया। राजगुरु और सुखदेव के अतिरिक्त अनेक युवक भारतीय जेलों में बंद कर दिए गए। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फाँसी की सजा सुनाई गई तथा बटुकेश्वर दत्त को काले पानी की सज़ा दे दी गई।

भावार्थ – भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव क्रान्तिकारियों के त्याग एवं बलिदान को दर्शाया गया है।

3. ज़िन्दगी, जिन्दगी किसे अच्छी नहीं लगती! तुम क्या जानो ? हम भारत माँ के भाल की बिंदी होकर श्रृंगार होंगे। बचपन की चिंगारी आज शोला बन गई है। शोला जिसमें अंग्रेज़ राज भस्म हो जाएगा। माँ भारती की बेड़ियाँ छितरा जायेंगी।

प्रसंग – यह गद्यांश लेखक शिवशंकर द्वारा लिखित ‘सरफ़रोशी की तमन्ना’ से अवतरित है। इसमें भगत सिंह के भारत माता के प्रति समर्पण के भाव का वर्णन है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सरफ़रोशी की तमन्ना

व्याख्या – लेखक कहता है कि भगत सिंह जेलर को कहता है कि ज़िन्दगी किसे अच्छी नहीं लगती। इस बात को तुम क्या जानो! हम सब क्रान्तिकारी भारत माता के माथे की बिंदी बनकर सजाएंगे। बचपन की चिंगारी आज शोला बन गई है। यह बात हमने बचपन में सोची थी जो अब पूरी हो रही है। चिंगारी अब शोला बन चुकी है जिसमें अंग्रेज़ राज भस्म हो जाएगा। इससे भारत माता की बेड़ियाँ सदा के लिए टूट जायेंगी।

भावार्थ – भगत सिंह, आज़ाद, राजगुरु, सुखदेव आदि क्रान्तिकारियों के त्याग एवं बलिदान को दर्शाया गया है।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 6 ਕਾਰਜਾਤਮਕ ਫ਼ਰਨੀਚਰ

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Chapter 6 ਕਾਰਜਾਤਮਕ ਫ਼ਰਨੀਚਰ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Home Science Chapter 6 ਕਾਰਜਾਤਮਕ ਫ਼ਰਨੀਚਰ

Home Science Guide for Class 8 PSEB ਕਾਰਜਾਤਮਕ ਫ਼ਰਨੀਚਰ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ
ਵਸਤੂਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਾਰਜਾਤਮਕ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੋ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿਸੇ ਖ਼ਾਸ ਕੰਮ ਲਈ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੋਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੰਮ ਦੇ ਪੱਖੋਂ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿੰਨੀ ਤਰਾਂ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੋ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ-

  1. ਕਾਰਜਾਤਮਕ
  2. ਕੇਵਲ ਸਜਾਵਟੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਮੇਜ਼ ਦੇ ਉੱਪਰਲੇ ਪਾਸੇ ਸਨਮਾਇਕਾ ਲਗਾਉਣ ਦਾ ਕੀ ਲਾਭ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੇਜ਼ ਦੇ ਉੱਪਰਲੇ ਪਾਸੇ ਤੇ ਸਨਮਾਈਕਾ ਲਾਉਣ ਨਾਲ ਮੇਜ਼ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਸੌਖਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿਸ ਕਿਸਮ ਦੀ ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਮਜ਼ਬੂਤ ਅਤੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੱਕੀ ਹੋਈ ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕਿਹੜੀ ਕਿਸਮ ਦੀ ਲੱਕੜੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਲਈ ਸਭ ਤੋਂ ਚੰਗੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ?
मां
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਬਣਾਉਣ ਵਿਚ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਕਿਹੜੀ-ਕਿਹੜੀ ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੀਕ, ਮਹੋਗਨੀ, ਗੁਲਾਬ ਅਤੇ ਅਖਰੋਟ ਦੀ ਲੱਕੜੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੇ ਲਈ ਸਭ ਤੋਂ ਚੰਗੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਪਲੰਘ ਦਾ ਆਮ ਮਾਪ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਬੱਚਿਆਂ ਲਈ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਮੰਜਾ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਲੰਘ ਦਾ ਆਮ ਮਾਪ 21/2 ਤੋਂ 31/2 ਫੁੱਟ ਤਕ ਚੌੜਾ ਅਤੇ 61/2 ਫੁੱਟ ਤਕ ਲੰਮਾ ਹੁੰਦਾ . ਹੈ । ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਲਈ ਛੋਟਾ ਮੰਜਾ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਮਾਪ 4′ × 2’ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਪੜ੍ਹਾਈ ਵਾਲੀ ਮੇਜ਼ ਦਾ ਆਮ ਮਾਪ ਕੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੜਾਈ ਵਾਲੀ ਮੇਜ਼ ਦਾ ਆਮ ਮਾਪ 21/2 ਫੁੱਟ × 4 ਫੁੱਟ ਅਤੇ ਉਚਾਈ 2 ਫੁੱਟ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਪੜ੍ਹਾਈ ਵਾਲੀ ਮੇਜ਼ ਤੇ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਕੁਰਸੀ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੜ੍ਹਾਈ ਵਾਲੀ ਮੇਜ਼ ਉੱਤੇ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਕੁਰਸੀ ਸਿੱਧੀ ਪਿੱਠ ਵਾਲੀ ਅਤੇ ਬਾਹਾਂ ਵਾਲੀ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

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ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਭਾਰਤੀ ਮੌਸਮ ਅਨੁਸਾਰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰਤੀ ਮੌਸਮ ਅਨੁਸਾਰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ

  1. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨਵੇਂ ਡਿਜ਼ਾਈਨ ਦਾ ਹੋਵੇ ।
  2. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਮਰੇ ਦੇ ਆਕਾਰ ਦਾ ਹੋਵੇ ।
  3. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਆਰਥਿਕ ਪੱਖੋਂ ਫਜੂਲਖ਼ਰਚੀ ਨਾ ਹੋਵੇ |
  4. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਮਰੇ ਦੇ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਹੋਵੇ ।
  5. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਮਜ਼ਬੂਤ ਤੇ ਟਿਕਾਉ ਹੋਵੇ ।
  6. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਉਪਯੋਗੀ ਅਤੇ ਸੁੰਦਰ ਹੋਣ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਆਰਾਮਦੇਹ ਹੋਵੇ ।
  7. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਉਠਾਉਣ-ਧਰਨ ਵਿਚ ਸੁਵਿਧਾਜਨਕ ਹੋਵੇ ।
  8. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਹਮੇਸ਼ਾ ਚੰਗੇ ਕਾਰੀਗਰ ਦੁਆਰਾ ਬਣਿਆ ਹੋਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਬੈਠਣ ਵਾਲੇ ਅਤੇ ਖਾਣ ਵਾਲੇ ਕਮਰਿਆਂ ਵਿਚ ਕਿਹੜਾ-ਕਿਹੜਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੈਠਣ ਵਾਲੇ ਕਮਰਿਆਂ ਵਿਚ ਫ਼ਰਨੀਚਰ – ਸੋਫਾਸੈਟ, ਗੱਦੇਦਾਰ ਕੁਰਸੀਆਂ, ਮੇਜ਼, ਕਾਫੀ ਟੇਬਲ, ਸੈਂਟਰ ਟੇਬਲ ਅਤੇ ਆਰਾਮ ਕੁਰਸੀਆਂ ।
ਖਾਣ ਵਾਲੇ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਫ਼ਰਨੀਚਰ – ਭੋਜਨ ਦੀ ਮੇਜ਼, ਕੁਰਸੀਆਂ, ਪਰੋਸਣ ਦੀ ਮੇਜ਼, ਸਾਈਡਬੋਰਡ ਟਰਾਲੀ (ਪਹੀਏ ਵਾਲੀ ਮੇਜ਼) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਪੜਾਈ ਵਾਲੇ ਕਮਰੇ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਕਿਉਂ ਸਮਝੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ? ਇਸ ਵਿਚ ਕਿਸ ਤਰਾਂ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿੱਖਿਆ ਦੇ ਪ੍ਰਸਾਰ ਨਾਲ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿਚ ਵੀ ਪੱਛਮੀ ਦੇਸ਼ਾਂ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੜ੍ਹਾਈ ਵਾਲੇ ਕਮਰੇ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿਚ ਬੱਚਿਆਂ ਦੀ ਪੜ੍ਹਾਈ ਸਹੀ ਢੰਗ ਨਾਲ ਹੋ ਸਕੇ ।

ਪੜ੍ਹਨ ਵਾਲੇ ਕਮਰੇ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ – ਪੜ੍ਹਨ ਵਾਲਾ ਮੇਜ਼, ਕੁਰਸੀ, ਕਿਤਾਬਾਂ ਦੀ ਅਲਮਾਰੀ ਆਦਿ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ | ਮੇਜ਼ ਦਾ ਆਮ ਮਾਪ 2 ਫੁੱਟ × 4 ਫੁੱਟ ਅਤੇ 21/2 ਫੁੱਟ ਉਚਾਈ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰ ਮੇਜ਼ ਇਸ ਤੋਂ ਲੰਬਾ ਅਤੇ ਚੌੜਾ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਮੇਜ਼ ਇੰਨਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਉੱਤੇ ਇਕ ਲੈਂਪ, ਕਿਤਾਬਾਂ, ਸ਼ਬਦ ਕੋਸ਼ (ਡਿਕਸ਼ਨਰੀ, ਪੈੱਨ, ਪੈਨਸਿਲਾਂ ਆਦਿ ਅਸਾਨੀ ਨਾਲ ਆ ਸਕਣ। ਜੇ ਟਾਈਪਰਾਈਟਰ ਰੱਖਣ ਦੀ ਥਾਂ ਹੋ ਸਕੇ ਤਾਂ ਹੋਰ ਵੀ ਚੰਗਾ ਹੈ ।

ਕੁਰਸੀ ਸਿੱਧੀ ਪਿੱਠ ਵਾਲੀ ਅਤੇ ਬਾਹਵਾਂ ਵਾਲੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਸੀਟ ਬੈਂਤ ਦੀ ਜਾਂ ਗੱਦੇਦਾਰ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਟਾਈਪ ਦਾ ਇੰਤਜ਼ਾਮ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਇਹ ਕੁਰਸੀ ਪਹੀਆਂ ਵਾਲੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਕਿ ਜ਼ਰੂਰਤ ਪੈਣ ‘ਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਟਾਈਪਰਾਈਟਰ ਵੱਲ ਜਾਂ ਮੇਜ਼ ਵੱਲ ਘੁਮਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇ ।

ਕਿਤਾਬਾਂ ਲਈ ਸ਼ੈਲਫ਼ਾਂ ਵਾਲੀ ਅਲਮਾਰੀ ਇਸ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ | ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਮੌਸਮ ਅਨੁਸਾਰ ਸ਼ੀਸ਼ਿਆਂ ਵਾਲੀ ਅਲਮਾਰੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਵਧੇਰੇ ਚੰਗਾ ਰਹੇਗਾ । ਕਿਉਂਕਿ ਮਿੱਟੀ ਘੱਟੇ ਤੋਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖੀਆਂ ਜਾ ਸਕਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇਖ-ਭਾਲ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਦੇਖ-ਭਾਲ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  2. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਬੜੀ ਸਾਵਧਾਨੀ ਨਾਲ ਇਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ਤਕ ਲੈ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਖਿੱਚਣਾ ਜਾਂ ਘਸੀਟਣਾ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦਾ । ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਰਗੜ ਲੱਗਣ ਤੋਂ ਵੀ ਬਚਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਤੇ ਕਿਸੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਖਾਣ ਵਾਲੀ ਚੀਜ਼ ਨਾ ਡਿੱਗੇ, ਜੇਕਰ ਡਿਗ ਜਾਏ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਉਸੇ ਵੇਲੇ ਸਾਫ਼ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਦਾਗ ਧੱਬੇ ਪੈਣ ਦਾ ਡਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਗੱਦੇਦਾਰ ਅਤੇ ਚਮੜੇ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਫ਼ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੱਦੇਦਾਰ ਅਤੇ ਚਮੜੇ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਹਰ ਰੋਜ਼ ਸਾਫ਼ ਕੱਪੜੇ ਨਾਲ ਝਾੜਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਕਦੀ-ਕਦੀ ਕੋਸੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਨਰਮ ਸਾਬਣ ਦਾ ਘੋਲ ਬਣਾ ਕੇ, ਕੱਪੜੇ ਨਾਲ ਇਹ ਘੋਲ ਲਗਾ ਕੇ ਰੈਕਸੀਨ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਸਾਫ਼ ਕਰਨ ਤੋਂ ਮਗਰੋਂ ਪਾਲਿਸ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਿ ਚਮੜਾ ਨਰਮ ਹੋ ਜਾਏ ਅਤੇ ਫਟੇ ਨਹੀਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਬੈਂਤ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦਾ ਕੀ ਲਾਭ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਫ਼ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੈਂਤ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਤੋਂ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਲਾਭ ਹਨ-

  1. ਬੈਂਤ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਲੱਕੜੀ ਨਾਲੋਂ ਹਲਕਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨਾਲੋਂ ਸੌਖ ਨਾਲ ਬਾਹਰ ਕੱਢਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਹ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨਾਲੋਂ ਸਸਤਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਹਾਨੀਆਂ-

  1. ਇਸ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਕੁੱਤਿਆਂ ਬਿੱਲੀਆਂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਚਲਣਯੋਗ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ ।

ਬੈਂਤ ਤੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ-

  1. ਬੈਂਤ ਵਾਲੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਰੋਜ਼ ਕੱਪੜੇ ਜਾਂ ਬੁਰਸ਼ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਬੈਂਤ ਵਾਲੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਨਮਕ ਦੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਮੀਨਾਕਾਰੀ ਵਾਲੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦਾ ਕੀ ਲਾਭ ਅਤੇ ਨੁਕਸਾਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਾਭ-

  1. ਮੀਨਾਕਾਰੀ ਵਾਲਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਵੇਖਣ ਵਿਚ ਸੁੰਦਰ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਸ ਨਾਲ ਕਮਰਾ ਆਕਰਸ਼ਕ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਹਾਨੀ-

  1. ਸਾਡੇ ਇੱਥੇ ਤੇਜ਼ ਹਵਾਵਾਂ ਚਲਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਮੀਨਾਕਾਰੀ ਵਾਲੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ‘ਤੇ ਧੂੜ-ਮਿੱਟੀ ਦੀਆਂ ਤਹਿਆਂ ਜੰਮ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਇਸ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਸੌਖ ਨਾਲ ਸਹੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।
  3. ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਹੋਣ ਨਾਲ ਇਹ ਅਣ-ਆਕਰਸ਼ਕ ਵਿਖਾਈ ਦੇਣ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ।

ਨਿਬੰਧਾਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਚੋਣ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਚੋਣ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਅੱਗੇ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਤੇ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ-

  1. ਉਪਯੋਗਤਾ
  2. ਸੁੰਦਰਤਾ
  3. ਡਿਜ਼ਾਈਨ
  4. ਆਰਾਮਦੇਹੀ
  5. ਮੁੱਲ
  6. ਮਜ਼ਬੂਤੀ
  7. ਆਕਾਰ ।

1. ਉਪਯੋਗਤਾ – ਕੇਵਲ ਉਪਯੋਗੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਹੀ ਚੋਣ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਅਣਉਪਯੋਗੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿੰਨਾ ਹੀ ਸੁੰਦਰ ਕਿਉਂ ਨਾ ਹੋਵੇ ਉਹ ਸਾਡੇ ਲਈ ਕੋਈ ਮਹੱਤਵ ਨਹੀਂ ਰੱਖਦਾ ।

2. ਸੁੰਦਰਤਾ – ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਆਕਰਸ਼ਕ ਤੇ ਸੰਤੋਖਜਨਕ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸਾਧਾਰਨ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਸੁੰਦਰਤਾ ਦਾ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

3. ਬਨਾਵਟ (ਡਿਜ਼ਾਈਨ – ਮਕਾਨ ਦੀ ਬਨਾਵਟ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਆਧੁਨਿਕ, ਸਾਦਾ ਜਾਂ ਪੁਰਾਣੇ ਡਿਜ਼ਾਈਨ ਦਾ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਆਧੁਨਿਕ ਮਕਾਨ ਵਿਚ ਪੁਰਾਣੇ ਡਿਜ਼ਾਈਨ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਸ਼ੋਭਾ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦਾ | ਆਧੁਨਿਕ ਮਕਾਨ ਦਾ ਸਾਰਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਆਧੁਨਿਕ ਹੀ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

4. ਆਰਾਮਦੇਹ-ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਉਸ ਦਾ ਆਰਾਮਦੇਹ ਹੋਣਾ ਹੈ ।ਉੱਠਣ-ਬੈਠਣ ਅਤੇ ਸੌਣ ਵਿਚ ਕਸ਼ਟ ਦੇਣ ਵਾਲਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿੰਨਾ ਹੀ ਸੁੰਦਰ ਕਿਉਂ ਨਾ ਹੋਵੇ ਬੇਕਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

5. ਮੁੱਲ – ਘਰ ਦੀ ਆਰਥਿਕ ਸਥਿਤੀ ਅਤੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੇ ਮੁੱਲ ਵਿਚ ਤਾਲਮੇਲ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਆਪਣੀ ਆਰਥਿਕ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲ ਕੇ ਖ਼ਰਚ ਕਰਨਾ ਬੁੱਧੀਮਾਨੀ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਬਹੁਤ ਸਸਤਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨਹੀਂ ਖ਼ਰੀਦਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਕਿਉਂਕਿ ਉਹ ਟਿਕਾਊ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ ।

6. ਮਜ਼ਬੂਤੀ – ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਸੁੰਦਰ ਹੋਣ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਮਜ਼ਬੂਤ ਵੀ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਚੀਲ ਦੀ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਛੇਤੀ ਟੁੱਟ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਸਾਗਵਾਨ ਤੇ ਟਾਹਲੀ ਦੀ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਮਜ਼ਬੂਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ | ਸਟੀਲ ਜਾਂ ਲੋਹੇ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਵਿਚ ਚਾਦਰ ਦੀ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

7. ਆਕਾਰ – ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਚੋਣ ਕਮਰੇ ਦੇ ਆਕਾਰ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਹੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਛੋਟੇ ਕਮਰਿਆਂ ਵਿਚ ਛੋਟੇ ਆਕਾਰ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਅਤੇ ਵੱਡੇ ਕਮਰਿਆਂ ਵਿਚ ਵੱਡੇ ਆਕਾਰ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਹੀ ਠੀਕ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਉੱਤੇ ਲੱਗੇ ਘਿਓ, ਤੇਲ, ਪੇਂਟ ਅਤੇ ਲੁਕ ਆਦਿ ਦੇ ਦਾਗ ਕਿਵੇਂ ਉਤਾਰੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਤਰਲ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਸਾਫ਼ ਕੱਪੜੇ ਨਾਲ ਪੂੰਝ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਚੀਕਣੇ ਅਤੇ ਚਿਪਕਣ ਵਾਲੇ ਦਾਗਾਂ ਦੇ ਲਈ ਕੋਸੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਲੋੜ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਕਿਸੇ ਨਰਮ ਸਾਬਣ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਲੱਕੜੀ ਨੂੰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਗਿੱਲਾ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਗਿੱਲਾ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  3. ਜੇ ਲੱਕੜੀ ‘ਤੇ ਕੋਈ ਗਰਮ ਬਰਤਨ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਉੱਤੇ ਦਾਗ ਪੈ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦਾਗ ਉੱਤੇ ਕੁੱਝ ਦਿਨ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਯੂਕਲਿਪਟਸ ਦਾ ਤੇਲ ਜਾਂ ਪਿੱਤਲ ਦੀ ਪਾਲਿਸ਼ ਲਾ ਕੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਰਗੜਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । 8-10 ਦਿਨਾਂ ਦੇ ਬਾਅਦ ਦਾ ਉੱਤਰ ਜਾਏਗਾ ।
  4. ਪੇਂਟ ਜਾਂ ਰੋਗਨ ਦੇ ਦਾਗ ਲਈ ਮੇਥੀਲੇਟਿਡ ਸਪਿਰਟ ਇਸਤੇਮਾਲ ਵਿਚ ਲਿਆਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਉੱਤੇ ਪਾਲਿਸ਼ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  5. ਸਿਆਹੀ ਦੇ ਦਾਗ ਲਈ ਆਗਜ਼ੈਲਿਕ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦਾ ਹਲਕਾ ਘੋਲ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  6. ਰਗੜ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨਾਂ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਉਬਾਲ ਕੇ ਠੰਢਾ ਕੀਤਾ ਅਲਸੀ ਦਾ ਤੇਲ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Home Science Guide ਕਾਰਜਾਤਮਕ ਫ਼ਰਨੀਚਰ Important Questions and Answers

ਹੋਰ ਮਹੰਤਵਪੂਰਨ ਪ੍ਰਸ਼ਨ
ਬਹੁਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਗਲਤ ਤੱਥ ਹੈ-
(ੳ) ਬੈਂਤ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਲੱਕੜੀ ਨਾਲੋਂ ਹਲਕਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਪੜ੍ਹਾਈ ਵਾਲੀ ਮੇਜ਼ 4 ਫੁੱਟ ਉੱਚੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(ੲ) ਸਜਾਵਟੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕੇਵਲ ਸਜਾਵਟ ਲਈ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਸ) ਸਾਰੇ ਠੀਕ ।
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਪੜ੍ਹਾਈ ਵਾਲੀ ਮੇਜ਼ 4 ਫੁੱਟ ਉੱਚੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਠੀਕ ਤੱਥ ਹੈ-
(ਉ) ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਸਭ ਤੋਂ ਚੰਗਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ੲ) ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਆਰਾਮਦੇਹ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
(ਸ) ਸਾਰੇ ਠੀਕ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਸਾਰੇ ਠੀਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਠੀਕ ਤੱਥ ਹੈ-
(ੳ) ਬੈਂਤ ਵਾਲੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਨਮਕ ਵਾਲੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਮੀਨਾਕਾਰੀ ਵਾਲੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨਾਲ ਕਮਰਾ ਆਕਰਸ਼ਕ ਲਗਦਾ ਹੈ ।
(ੲ) ਬੈਂਤ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨਾਲੋਂ ਸਸਤਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਸ) ਸਾਰੇ ਠੀਕ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਸਾਰੇ ਠੀਕ ।

ਸਹੀ/ਗਲਤ ਦੱਸੋ

1. ਪੁਰਾਣੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਭਾਰੇ ਤੇ ਨੱਕਾਸ਼ੀਦਾਰ ਹੁੰਦੇ ਸਨ ।
2. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਚੋਣ ਕਮਰੇ ਦੇ ਰੰਗ, ਅਕਾਰ ਅਨੁਸਾਰ ਕਰੋ ।
3. ਦੇਵਦਾਰ, ਅਖਰੋਟ ਦੀ ਲਕੜੀ ਹਲਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
4. ਬਹੁ-ਉਦੇਸ਼ੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਘੱਟ ਥਾਂ ਘੇਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
1. √
2. √
3. √
4. √

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂ ਭਰੋ

1. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦਾ ਚੁਨਾਵ ਕਮਰੇ ਦੇ ………………….. ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਕਰੋ ।
2. ਪੜ੍ਹਾਈ ਵਾਲੇ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਕੁਰਸੀ ……………………… ਅਤੇ ਬਾਹਾਂ ਵਾਲੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
3. ਮੇਜ਼ ਦੇ ਉੱਪਰ ………………………….. ਲੱਗਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
4. ਲੱਕੜੀ ਕੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਤੇ ਰਗੜ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ …………………. ਦਾ ਤੇਲ ਵਰਤੋ ।
5. ਸਿਆਹੀ ਦੇ ਦਾਗ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ …………………….. ਵੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
1. ਰੰਗ, ਆਕਾਰ,
2. ਸਿੱਧੀ ਪਿੱਠ ਵਾਲੀ,
3. ਸਨਮਾਈਕਾ,
4, ਅਲਸੀ,
5. ਆਗਜੈਲਿਕ ਐਸਿਡ ।

ਇੱਕ ਸ਼ਬਦ ਵਿਚ ਉੱਤਰ ਦਿਓ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਭ ਤੋਂ ਵਧੀਆ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿਸ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੱਕੜੀ ਦਾ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਜੋ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਵਾਰ-ਵਾਰ ਹਟਾਏ ਜਾਂ ਖਿਸਕਾਏ ਜਾਣ ਉਹ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਬਣੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਲਕੀ ਲੱਕੜੀ (ਦੇਵਦਾਰ, ਅਖਰੋਟ) ਆਦਿ ਦੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਫਰਨੀਚਰ ਕਿਸ ਦੇ ਬਣੇ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੈਂਤ ਦੇ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪੁਰਾਣੇ ਫਰਨੀਚਰ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰੇ ਅਤੇ ਨਕਾਸ਼ੀਦਾਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਆਧੁਨਿਕ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿਹੋ ਜਿਹੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਲਕੇ ਅਤੇ ਸਾਦੇ ਡਿਜ਼ਾਈਨ ਵਾਲੇ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੇ ਅੰਤਰਗਤ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਆਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੇਜ਼, ਕੁਰਸੀ, ਪਲੰਘ, ਚੌਂਕੀ, ਸੋਫਾ, ਮੂੜ੍ਹਾ, ਬੁੱਕ ਰੈਕ ਅਲਮਾਰੀ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿੰਨੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਲੱਕੜੀ ਦਾ
  2. ਬੈਂਤ ਦਾ
  3. ਗੱਦੇਦਾਰ
  4. ਲੋਹੇ ਦਾ
  5. ਕੰਮ ਚਲਾਊ
  6. ਸਜਾਵਟੀ
  7. ਸਥਾਨ ਬਚਾਉ ਜਾਂ ਫੋਲਡਿੰਗ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸੌਣ ਵਾਲੇ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਆਰਾਮਦਾਇਕ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਦੱਸੋ ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੌਣ ਵਾਲੇ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਆਰਾਮਦਾਇਕ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਉੱਠਣ-ਬੈਠਣ ਅਤੇ ਸੌਣ ਵਿਚ ਕਸ਼ਟਦਾਇਕ ਨਾ ਹੋਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕਾਰਜਾਤਮਕ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੋ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿਸੇ ਖਾਸ ਕੰਮ ਲਈ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੋਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੇ ਦੋ ਜ਼ਰੂਰੀ ਲੱਛਣ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਆਰਾਮਦੇਹ
  2. ਮਜ਼ਬੂਤੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਬੈਠਕ ਵਿਚ ਕੀ-ਕੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਫਾਸੈਟ, ਗੱਦੇਦਾਰ ਕੁਰਸੀਆਂ, ਮੇਜ਼, ਕਾਫੀ ਟੇਬਲ, ਸੈਂਟਰ ਟੇਬਲ ਅਤੇ ਆਰਾਮ ਕੁਰਸੀਆਂ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਭੋਜਨ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਇਸਤੇਮਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿਹੜਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਜਨ ਦੀ ਮੇਜ਼, ਕੁਰਸੀਆਂ, ਪਰੋਸਣ ਦੀ ਮੇਜ਼, ਸਾਈਡ ਬੋਰਡ ਟਰਾਲੀ ਪਹੀਏ ਵਾਲੀ ਮੇਜ਼) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸੌਣ ਦੇ ਕਮਰੇ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਿੰਗਲ ਜਾਂ ਡਬਲ ਬੈਂਡ, ਸਾਈਡ ਮੇਜ਼, ਡੈਸਰ ਖਾਨਿਆਂ ਸਹਿਤ ਡੈਸਿੰਗ ਟੇਬਲ, ਲੋਹੇ ਜਾਂ ਲੱਕੜੀ ਦੀ ਅਲਮਾਰੀ, ਆਰਾਮ ਕੁਰਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਖ਼ਰੀਦਦੇ ਸਮੇਂ ਕਿਹੜੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਗੱਲਾਂ ਧਿਆਨ ਵਿਚ ਰੱਖਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਉਪਯੋਗਤਾ,
  2. ਸੁੰਦਰਤਾ,
  3. ਡਿਜ਼ਾਈਨ,
  4. ਮੁੱਲ,
  5. ਆਰਾਮਦੇਹੀ,
  6. ਮਜ਼ਬੂਤੀ,
  7. ਆਕਾਰ ਅਤੇ
  8. ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਮੈਂਬਰਾਂ ਦੀ ਰੁਚੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੇ ਮੁੱਖ ਲਾਭ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਘਰ ਵਿਚ ਉੱਠਣ-ਬੈਠਣ ਦੇ ਲਈ,
  2. ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਆਰਾਮ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਲਈ,
  3. ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਿਚ ਸਹੂਲਤ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨਾ,
  4. ਘਰ ਦੀ ਸਜਾਵਟ,
  5. ਸਮਾਜਿਕ, ਆਰਥਿਕ ਸਥਿਤੀ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਅਤੇ
  6. ਵਸਤਾਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਫਰਨੀਚਰ ਬਣਾਉਣ ਵਿਚ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਕਿਹੜੀ-ਕਿਹੜੀ ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੇਵਦਾਰ, ਆਬਨੂਸ, ਟਾਹਲੀ, ਅੰਬ, ਸਾਗਵਾਨ, ਅਖਰੋਟ, ਚੀੜ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਬੈਂਤ ਨਾਲ ਕਿਹੜੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੋਟੀ ਬੈਂਤ ਨਾਲ ਕੁਰਸੀ, ਸੋਫਾ, ਮੇਜ਼ ਅਤੇ ਮੂੜੇ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਬੈਂਤ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿਸ ਥਾਂ ਲਈ ਜ਼ਿਆਦਾ ਉਪਯੋਗੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਗੀਚੇ, ਬਰਾਮਦੇ ਅਤੇ ਵਿਹੜੇ ਦੇ ਲਈ । ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਵੀ ਅਜਿਹੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਉੱਚਿਤ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਚੰਗੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਕੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੰਗਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਉਪਯੋਗੀ, ਮਜ਼ਬੂਤ, ਨਵੇਂ ਡਿਜ਼ਾਈਨ ਦਾ, ਘੱਟ ਕੀਮਤ ਦਾ ਅਤੇ ਆਰਾਮਦੇਹ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਚੋਣ ਸਮੇਂ ਕਮਰੇ ਦੇ ਆਕਾਰ ਦਾ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਮਰੇ ਦੇ ਆਕਾਰ ਅਨੁਸਾਰ ਹੀ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜਿਵੇਂ ਛੋਟੇ ਕਮਰੇ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਜਾਂ ਵੱਡੇ ਆਕਾਰ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨਾਲ ਕਮਰਾ ਭਰਿਆ ਲੱਗੇਗਾ ਤੇ ਚਲਣ-ਫਿਰਣ ਦੀ ਥਾਂ ਵੀ ਨਹੀਂ ਰਹੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸਜਾਵਟੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਜਿਹਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਘਰ ਦੀ ਸਜਾਵਟ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਤੇ ਨਕਾਸ਼ੀਦਾਰ ਖੁਦਾਈ ਕੀਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਤੇ ਰਗੜ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨਾਂ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਦੂਰ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਤੇ ਰਗੜ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨਾਂ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਅਲਸੀ ਦਾ ਤੇਲ ਉਬਾਲ ਕੇ ਠੰਡਾ ਕਰਕੇ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਸ਼ਬਦ ਤੋਂ ਭਾਵ ਅਜਿਹੇ ਸਾਮਾਨ ਤੋਂ ਹੈ ਜੋ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਉੱਠਣ-ਬੈਠਣ, ਆਰਾਮ ਕਰਨ, ਵੱਖ-ਵੱਖ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਣ ਆਦਿ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਅੰਤਰਗਤ ਕੁਰਸੀ, ਮੇਜ਼, ਸੋਫਾ, ਮੁੜਾ, ਤਿਪਾਈ, ਪਲੰਘ, ਚਾਰਪਾਈ, ਡੋਲੀ, ਬੈਂਚ, ਬੁੱਕ ਰੈਕ ਅਤੇ ਅਲਮਾਰੀ ਆਦਿ ਵੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਵਿਚ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਘਰ ਵਿਚ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦਾ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਘਰ ਵਿਚ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦਾ ਮਹੱਤਵ ਹੇਠ ਲਿਖਿਆ ਹੈ-

  1. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਘਰ ਦੀ ਅੰਦਰੂਨੀ ਸਜਾਵਟ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।
  2. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨਾਲ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਇੱਜ਼ਤ ਮਾਣ ਵਿਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਘਰ ਵਿਚ ਸਜੇ ਹੋਏ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨਾਲ ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਵਿਅਕਤਿਤਵ ਦੀ ਝਲਕ ਵਿਖਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ।
  4. ਵਸਤਾਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਣ ਅਤੇ ਕੰਮਾਂ ਨੂੰ ਸੁਵਿਧਾਪੂਰਵਕ ਕਰਨ ਲਈ ਵੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿੰਨੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਵੰਡ ਤਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਨਾਲ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ-

  1. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿਸ ਵਸਤੂ ਦਾ ਬਣਿਆ ਹੈ ।
  2. ਕੀਮਤ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ।
  3. ਉਪਯੋਗਤਾ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ।

1. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਿਸ ਵਸਤੂ ਦਾ ਬਣਿਆ ਹੈ-
(ੳ) ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।
(ਅ) ਬੈਂਤ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।
(ੲ) ਬਾਂਸ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।
(ਸ) ਗੱਦੇਦਾਰ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।
(ਹ) ਲੋਹੇ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।
(ਕ) ਐਲੂਮੀਨਿਅਮ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।

2. ਕੀਮਤ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ-
(ੳ) ਘੱਟ ਲਾਗਤ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।
(ਅ) ਮੱਧਮ ਲਾਗਤ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।
(ੲ) ਉੱਚ ਲਾਗਤ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।

3. ਉਪਯੋਗਤਾ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ-
(ੳ) ਬੈਠਣ ਲਈ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।
(ਅ) ਆਰਾਮ ਕਰਨ ਲਈ ਫ਼ਰਨੀਚਰ।
(ੲ) ਕੰਮ ਕਰਨ ਲਈ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।
(ਸ) ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਣ ਲਈ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ‘ਤੇ ਪਾਲਿਸ਼ ਦੇ ਸਾਧਾਰਨ ਨਿਯਮ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਪਾਲਿਸ਼ ਜਾਂ ਵਾਰਨਿਸ਼ ਲਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ‘ਤੇ ਪਈ ਧੁੜ ਅਤੇ ਗੰਦਗੀ ਨੂੰ ਮੁਲਾਇਮ ਝਾੜਨ ਨਾਲ ਪੂੰਝ ਕੇ ਸਾਫ਼ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਕੋਸੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਜਾਂ ਸੋਡੇ ਨਾਲ ਧੋਣ ਨਾਲ ਉੱਪਰਲੀ ਮੈਲ ਅਤੇ ਧੱਬੇ ਲਹਿ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  3. ਪੂਰਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਇੱਕੋ ਵਾਰੀ ਗਿੱਲਾ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ | ਥੋੜ੍ਹਾ-ਥੋੜ੍ਹਾ ਭਾਗ ਗਿੱਲਾ ਕਰਕੇ ਸਾਫ਼ ਕਰਦੇ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਪਾਲਿਸ਼ ਲਾਉਣ ਜਾਂ ਚਮਕਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਲੱਕੜੀ ਨੂੰ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੁਕਾ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ’ਤੇ ਚਮਕ ਲਿਆਉਣ ਲਈ ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਮੁਲਾਇਮ ਕੱਪੜੇ ਨਾਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਜ਼ੋਰ ਦੇ ਕੇ ਛੇਤੀ-ਛੇਤੀ ਰਗੜਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਖਰੀਦਦੇ ਸਮੇਂ ਤੁਸੀਂ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨਵੇਂ ਡਿਜ਼ਾਈਨ ਦਾ ਹੋਵੇ ।
  2. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਮਰੇ ਦੇ ਆਕਾਰ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੋਵੇ ।
  3. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਆਰਥਿਕ ਪੱਖੋਂ ਫਜ਼ੂਲ ਖ਼ਰਚ ਨਾ ਹੋਵੇ ।
  4. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਸਥਾਨ ਦੇ ਪੱਖੋਂ ਠੀਕ ਹੋਵੇ ।
  5. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਕਮਰੇ ਦੇ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਹੋਵੇ ।
  6. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਮਜ਼ਬੂਤ ਤੇ ਟਿਕਾਊ ਹੋਵੇ ।
  7. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਉਪਯੋਗੀ ਅਤੇ ਸੁੰਦਰ ਹੋਣ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਆਰਾਮਦੇਹ ਹੋਵੇ ।
  8. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਇਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ਤੇ ਲੈ ਜਾਣ ਵਿਚ ਸਹੂਲਤ ਵਾਲਾ ਹੋਵੇ ।
  9. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਚੰਗੇ ਕਾਰੀਗਰ ਦੁਆਰਾ ਬਣਿਆ ਹੋਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਦੇਖ-ਭਾਲ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਦੇਖ-ਭਾਲ ਦੇ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-

  1. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਤੇ ਗੱਦੀਆਂ ਤੇ ਕਵਰ ਆਦਿ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਟੁੱਟ-ਭੱਜ ਹੋਣ ਤੇ ਉਸ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਤੁਰੰਤ ਕਰਵਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  3. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਰੋਜ਼ ਸੁੱਕੇ ਕੱਪੜੇ ਨਾਲ ਪੂੰਝ ਕੇ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਨਕਾਸ਼ੀਦਾਰ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਬੁਰਸ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ)
  5. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨੂੰ ਨਮੀ ਜਾਂ ਧੁੱਪ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ਤੇ ਨਹੀਂ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  6. ਲੋੜ ਮਹਿਸੂਸ ਹੋਣ ਤੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਪਾਲਿਸ਼ ਕਰਵਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਚੁੱਕਦੇ ਸਮੇਂ ਜਾਂ ਸਰਕਾਉਂਦੇ ਸਮੇਂ ਸਾਵਧਾਨੀ ਵਰਤਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਬਹੁ-ਉਦੇਸ਼ੀ ਸਥਾਨ ਬਚਾਊ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਕੀ ਉਪਯੋਗਤਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਹੁ-ਉਦੇਸ਼ੀ ਸਥਾਨ ਬਚਾਊ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਫੋਲਡਿੰਗ (ਮੁੜਨ ਵਾਲਾ) ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਸੋਫਾ ਕਮ ਬੈਂਡ, ਫੋਲਡਿੰਗ ਕੁਰਸੀਆਂ, ਮਸ਼ੀਨ ਕਵਰ-ਕਮ-ਟੇਬਲ ਆਦਿ । ਛੋਟੇ ਘਰਾਂ ਵਿਚ ਇਸ ਦੀ ਬਹੁਤ ਉਪਯੋਗਤਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ-

  1. ਇਹ ਥਾਂ ਘੱਟ ਘੇਰਦਾ ਹੈ।
  2. ਫੋਲਡਿੰਗ ਸੋਫੇ ਨੂੰ ਰਾਤ ਦੇ ਸਮੇਂ ਖੋਲ੍ਹ ਕੇ ਪਲੰਘ ਦਾ ਕੰਮ ਲਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  3. ਰਾਤ ਨੂੰ ਫੋਲਡਿੰਗ ਕੁਰਸੀਆਂ ਤੇ ਮੇਜ਼ ਆਦਿ ਨੂੰ ਫੋਲਡ ਕਰਕੇ ਰੱਖ ਦੇਣ ਨਾਲ ਛੋਟੇ ਘਰ ਵਿਚ ਸਥਾਨ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਹੱਲ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  4. ਤਬਾਦਲੇ ਦੇ ਸਮੇਂ ਸਾਮਾਨ ਇਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ਤੇ ਲੈ ਜਾਣ ਵਿਚ ਸਹੂਲਤ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਮੁੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ-ਕੁਰਸੀ, ਮੇਜ਼, ਪਲੰਘ, ਚੌਂਕੀ, ਤਖਤ, ਅਲਮਾਰੀ ਆਦਿ ।
  2. ਬੈਂਤ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ-ਕੁਰਸੀ, ਸੋਫਾ, ਮੇਜ਼, ਮੂੜੇ ਆਦਿ ।
  3. ਗੱਦੇਦਾਰ ਫ਼ਰਨੀਚਰ-ਸੋਫਾ, ਗੱਦੇਦਾਰ ਕੁਰਸੀਆਂ ਆਦਿ ।
  4. ਲੋਹੇ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ-ਫੋਲਡਿੰਗ ਟੇਬਲ, ਕੁਰਸੀਆਂ, ਅਲਮਾਰੀਆਂ, ਰੈਕ ਆਦਿ ।
  5. ਸਜਾਵਟੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ-ਨਕਾਸ਼ੀਦਾਰ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ।
  6. ਕੰਮ ਚਲਾਊ ਫ਼ਰਨੀਚਰ-ਬਕਸੇ ‘ਤੇ ਗੱਦੀ ਵਿਛਾ ਕੇ ਬੈਂਚ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ, ਲੱਕੜੀ ਦੀਆਂ ਪੇਟੀਆਂ ਦੀ ਬੁੱਕ ਰੈਕ, ਫ਼ਾਕਰੀ ਅਤੇ ਬਰਤਨ ਰੱਖਣ ਦੀ ਅਲਮਾਰੀ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਘਰ ਵਿਚ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਘਰ ਵਿਚ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਵਿਚ ਲਿਆਂਦੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ

  1. ਸੋਫਾਮੈਂਟ-ਲੱਕੜੀ ਦਾ, ਸਪਰਿੰਗ ਵਾਲਾ ਗੱਦੇਦਾਰ, ਫੋਮ ਰਬੜ ਦਾ, ਬੈਂਤ ਦਾ ਜਾਂ ਫੋਲਡਿੰਗ !
  2. ਕੁਰਸੀਆਂ-ਸਧਾਰਨ, ਡਾਇੰਗ ਰੂਮ ਲਈ, ਭੋਜਨ ਵਾਲੇ ਕਮਰੇ ਲਈ, ਪੜ੍ਹਾਈ ਵਾਲੇ ਕਮਰੇ ਲਈ, ਫੋਲਡਿੰਗ ਕੁਰਸੀਆਂ ਤੇ ਆਰਾਮ ਕੁਰਸੀਆਂ ।
  3. ਮੇਜ਼-ਬੈਠਕ ਦੇ ਲਈ, ਕੇਂਦਰੀ ਮੇਜ਼, ਬਗਲ ਵਾਲੀ ਮੇਜ਼, ਕੋਨੇ ਵਾਲੀ ਮੇਜ਼ ਤੇ ਕਾਫ਼ੀ ਮੇਜ਼, ਖਾਣੇ ਦੀ ਮੇਜ਼ ਡਾਈਨਿੰਗ ਟੇਬਲ ਸ਼ਿੰਗਾਰ ਮੇਜ਼, ਪੜ੍ਹਨ ਦੀ ਮੇਜ਼ ।
  4. ਚਾਰਪਾਈ ਅਤੇ ਪਲੰਘ ।
  5. ਤਖਤ ਅਤੇ ਦੀਵਾਨ ।
  6. ਅਲਮਾਰੀਆਂ-ਕੰਧ ਵਿਚ ਬਣੀ, ਲੱਕੜੀ ਦੀ, ਸਟੀਲ ਦੀ ਅਤੇ ਰੈਕ
  7. ਸ਼ੋ ਕੇਸ ।
  8. ਵਾਲ ਕੈਬਨਿਟ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
‘ਮਹਿੰਗਾ ਰੋਵੇ ਇਕ ਵਾਰ ਸਸਤਾ ਰੋਵੇ ਵਾਰ-ਵਾਰ ਉੱਤੇ ਟਿੱਪਣੀ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਘਰ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਦੀਆਂ ਕੁੱਝ ਵਸਤਾਂ ਅਜਿਹੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਇਕ-ਦੋ ਵਾਰੀ ਖ਼ਰੀਦਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ, ਮਕਾਨ, ਟੀ. ਵੀ, ਫ਼ਰਿਜ਼, ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਆਦਿ । ਅਜਿਹੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਜਦੋਂ ਖ਼ਰੀਦੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤਦ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਮੁੱਲ ਵਲ ਇੰਨਾ ਧਿਆਨ ਨਾ ਦੇ ਕੇ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਮਜ਼ਬੂਤੀ, ਆਰਾਮਦੇਹੀ ਅਤੇ ਬਨਾਵਟ ਵੱਲ ਵਧੇਰੇ ਧਿਆਨ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਲੋਕ ਨਾ ਸਮਝੀ ਵਿਚ ਸਸਤੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਖ਼ਰੀਦ ਤਾਂ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ਪਰ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋਣ ਜਾਂ ਟੁੱਟ ਜਾਣ ਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਦੂਜੀ ਵਾਰ ਜਾਂ ਕਈ ਵਾਰ ਖ਼ਰੀਦਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਭਾਵ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਇਕ ਹੀ ਵਾਰ ਸੋਚ ਸਮਝ ਕੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪੈਸੇ ਖ਼ਰਚ ਕਰਕੇ ਚੰਗੀ ਚੀਜ਼ ਖ਼ਰੀਦਣਾ ਜਾਂ ਘੱਟ ਪੈਸੇ ਖ਼ਰਚ ਕਰਕੇ ਸਸਤੀ ਚੀਜ਼ ਖ਼ਰੀਦਣਾ, ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੋਹਾਂ ਗੱਲਾਂ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਹੀ ਇਹ ਅਖੌਤ ਹੈ ਕਿ “ਮਹਿੰਗਾ ਰੋਵੇ ਇਕ ਵਾਰ, ਸਸਤਾ ਰੋਵੇ ਵਾਰ-ਵਾਰ ।

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਜੋ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-
1. ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ – ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਹਲਕਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।ਇਹ ਧੁੱਪ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ | ਘਰਾਂ ਵਿਚ ਕੰਮ ਆਉਣ ਵਾਲਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ, ਜਿਵੇਂ ਮੇਜ਼, ਕੁਰਸੀ, ਪਲੰਘ, ਅਲਮਾਰੀ, ਚੌਂਕੀ ਆਦਿ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਲੱਕੜੀ ਦਾ ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੇਵਦਾਰ, ਸ਼ੀਸ਼ਮ (ਟਾਹਲੀ), ਅੰਬ, ਸਾਗਵਾਨ, ਅਖਰੋਟ, ਚੀੜ, ਆਬਨੂਸ ਆਦਿ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਬਣੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਕੀਮਤ ਲੱਕੜੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਸਾਗਵਾਨ ਤੇ ਸ਼ੀਸ਼ਮ (ਟਾਹਲੀ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਮਜ਼ਬੂਤ, ਆਕਰਸ਼ਕ, ਭਾਰਾ ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਅੱਜਕਲ੍ਹ ਪਰਤੀ ਲੱਕੜੀ ਪਲਾਈ ਵੁਡ) ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਵੀ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

2. ਬੈਂਤ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ – ਬੈਂਤ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਰੰਗ ਦਾ ਅਤੇ ਹਲਕਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਬੈਂਤ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਮਜ਼ਬੂਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਇਹ ਵੇਖਣ ਵਿਚ ਸੋਹਣੇ ਲੱਗਦੇ ਹਨ । ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਕਮਰਿਆਂ ਵਿਚ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਉਪਯੋਗੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਲੱਕੜੀ ਦੀ ਕੁਰਸੀ ਵਿਚ ਵੀ ਬੈਂਤ ਦਾ ਜਾਲ ਬੁਣਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬੈਂਤ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਬਗੀਚੇ, ਵਿਹੜੇ ਅਤੇ ਬਰਾਂਡੇ ਦੇ ਲਈ ਵੀ ਉਪਯੋਗੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਮੋਟੀ ਬੈਂਤ ਦੁਆਰਾ ਕੁਰਸੀ, ਮੇਜ਼, ਸੋਫਾ, ਮੂੜੇ ਆਦਿ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

3. ਗੱਦੇਦਾਰ ਫ਼ਰਨੀਚਰ – ਗੱਦੇਦਾਰ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਜਿਵੇਂ ਸੋਫਾਸੈੱਟ, ਗੱਦੇਦਾਰ ਕੁਰਸੀਆਂ, ਤਿਪਾਈ ਆਦਿ ਲੱਕੜੀ ਜਾਂ ਧਾਤੂ ਦੇ ਢਾਂਚੇ ਵਿਚ ਜੁਟ, ਨਾਰੀਅਲ ਦੇ ਰੇਸ਼ੇ ਨੂੰ ਅਤੇ ਤੁੜੀ ਆਦਿ ਭਰ ਕੇ ਅਤੇ ਸਪਰਿੰਗ ਪਾ ਕੇ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਉੱਪਰੋਂ ਚਮੜੇ, ਰੈਕਸੀਨ ਜਾਂ ਕਾਰਜਾਤਮਕ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਪਲਾਸਟਿਕ ਨਾਲ ਢੱਕਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਗੱਦਿਆਂ ਵਿਚ ਫੋਮ, ਰਬੜ, ਡਨਲਪ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਵੀ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਟਿਕਾਊ ਅਤੇ ਆਰਾਮ ਦੇਹ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

4. ਸਟੀਲ ਜਾਂ ਲੋਹੇ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ – ਸਟੀਲ ਜਾਂ ਲੋਹੇ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਲੋਹੇ ਦੀਆਂ ਚਾਦਰਾਂ ਤੇ ਖੋਖਲੇ ਪਾਈਪ ਦਾ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਲੋਹੇ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਹਲਕੇ ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਇਸ ‘ਤੇ ਅਸਾਨੀ ਨਾਲ ਰੰਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਸਿਲ ਅਤੇ ਕੀੜੇ-ਮਕੌੜੇ ਨਹੀਂ ਵੜ ਸਕਦੇ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਣੀਆਂ ਕੁਰਸੀਆਂ ਵਿਚ ਗੱਦਿਆਂ ਦਾ ਅਤੇ ਗੱਦਿਆਂ ਤੇ ਰੈਕਸੀਨ ਜਾਂ ਚਮੜੇ ਦਾ ਕਵਰ ਲਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸਦੇ ਅੰਤਰਗਤ ਮੁੜਨ ਵਾਲੇ (ਫੋਲਡਿੰਗ) ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਵੀ ਆਉਂਦੇ ਹਨ | ਸੁਰੱਖਿਆ ਪੱਖੋਂ ਬਹੁਮੁੱਲੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਰੱਖਣ ਲਈ ਸਟੀਲ ਦੀਆਂ ਪੇਟੀਆਂ ਤੇ ਅਲਮਾਰੀਆਂ ਕੰਮ ਵਿਚ ਲਿਆਂਦੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

5. ਬਾਂਸ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ – ਬਾਂਸ ਨਾਲ ਸੋਫਾਬੈੱਟ, ਗੋਲ ਤੇ ਚਕੋਰ ਕੁਰਸੀਆਂ, ਮੇਜ਼, ਮੂੜੇ ਆਦਿ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਸਤੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਤੇ ਪਾਲਿਸ਼ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹਲਕੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

6. ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਦਾ ਫ਼ਰਨੀਚਰ – ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਐਲੂਮੀਨਿਅਮ ਦੀਆਂ ਬਣੀਆਂ ਨਲੀਆਂ ਦੇ ਫਰੇਮ ਵਾਲੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਪ੍ਰਚਲਿਤ ਹਨ । ਕੁਰਸੀਆਂ, ਸਟੁਲਾਂ, ਮੇਜ਼ਾਂ ਅਤੇ ਪਲੰਘਾਂ ਦੇ ਫਰੇਮ ਐਲੂਮੀਨਿਅਮ ਦੇ ਬਣਨ ਲੱਗੇ ਹਨ ।ਇਹ ਸਸਤੇ ਅਤੇ ਹਲਕੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਤੇ ਨਾਈਲੋਨ ਦੀਆਂ ਤਾਰਾਂ ਅਤੇ ਨਵਾਰ ਦੀ ਬੁਣਾਈ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 6 ਕਾਰਜਾਤਮਕ ਫ਼ਰਨੀਚਰ

7. ਕੰਮ ਚਲਾਊ ਫ਼ਰਨੀਚਰ – ਧਨ ਦੀ ਕਮੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਉਪਲੱਬਧ ਸਮੱਗਰੀ ਨੂੰ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਸਾਮਾਨ ਦੀ ਪੇਟੀ ਉੱਤੇ ਗੱਦੀ ਰੱਖ ਕੇ ਅਤੇ ਚਾਦਰ ਵਿਛਾ ਕੇ ਬੈਂਚ ਦਾ ਕੰਮ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਘੱਟ ਕੀਮਤ ਦੀਆਂ ਲੱਕੜੀ ਦੀਆਂ ਪੇਟੀਆਂ ਖ਼ਰੀਦ ਕੇ ਉਹਨਾਂ ਨਾਲ ਬੁਕ ਰੈਕ, ਭਾਕਰੀ ਅਤੇ ਬਰਤਨ ਰੱਖਣ ਦੀ ਅਲਮਾਰੀ ਬਣਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

8. ਸਜਾਵਟੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ – ਕੁੱਝ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਨਕਾਸ਼ੀਦਾਰ ਖੁਦਾਈ ਕੀਤੇ ਹੋਏ ਵੀ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਉੱਤੇ ਧੂੜ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਤਹਿ ਜੰਮ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦੀ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਸਹੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਨਾ ਹੋਣ ਨਾਲ ਇਹ ਗੰਦਾ ਵਿਖਾਈ ਦੇਣ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ।

9. ਆਧੁਨਿਕ ਸਥਾਨ ਬਚਾਉ ਬਹੁ – ਉਦੇਸ਼ੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ-ਅੱਜ-ਕਲ ਵੱਡੇ-ਵੱਡੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਜਿਵੇਂ, ਮੁੰਬਈ, ਕੋਲਕਾਤਾ, ਦਿੱਲੀ ਅਤੇ ਚੇਨੱਈ ਆਦਿ ਵਿਚ ਸਥਾਨ ਦੀ ਕਮੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਆਧੁਨਿਕ ਸਥਾਨ ਬਚਾਉ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਸਥਾਨ-ਬਚਾਉ ਬਹੁ-ਉਦੇਸ਼ੀ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਫੋਲਡਿੰਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਸੋਫਾ ਕਮ ਬੈਂਡ ਜਿਸ ਨੂੰ ਦਿਨ ਵਿਚ ਸੋਫੇ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਅਤੇ ਰਾਤ ਨੂੰ ਉਸ ਨੂੰ ਖੋਲ੍ਹ ਕੇ ਬਿਸਤਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸਿਲਾਈ ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਵੀ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ ਪਹੀਆ ਲਾ ਕੇ ਚੌਕੇ ਮੇਜ਼ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਫੋਲਡਿੰਗ ਮੇਜ਼, ਕੁਰਸੀ, ਪਲੰਘ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਬੰਦ ਕਰਕੇ ਰੱਖੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 7 ਘਰੇਲੂ ਕੀੜੇ ਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Chapter 7 ਘਰੇਲੂ ਕੀੜੇ ਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Home Science Chapter 7 ਘਰੇਲੂ ਕੀੜੇ ਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ

Home Science Guide for Class 8 PSEB ਘਰੇਲੂ ਕੀੜੇ ਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਬਰ ਨੂੰ
ਵਸਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੱਖੀ ਨਾਲ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਰੋਗ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਖੀ ਨਾਲ ਹੈਜ਼ਾ ਰੋਗ ਫੈਲਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਚੂਹੇ ਦੇ ਪਿੱਸੂ ਨਾਲ ਕਿਹੜੀ ਬਿਮਾਰੀ ਫੈਲਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੂਹੇ ਦੇ ਪਿੱਸੂ ਨਾਲ ਪਲੇਗ ਦੀ ਬਿਮਾਰੀ ਫੈਲਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਮਲੇਰੀਆ ਕਿਸ ਮੱਛਰ ਦੇ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਦਾ ਐਨਾਫਲੀਜ ਮੱਛਰ ਦੇ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਮੱਛਰਾਂ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਨਸ਼ਟ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛਰਾਂ ਨੂੰ ਡੀ. ਡੀ. ਟੀ. ਨਾਲ ਨਸ਼ਟ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕੀੜੇ-ਮਕੌੜੇ ਕਿੰਨੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੀੜੇ-ਮਕੌੜੇ ਤਿੰਨ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ –

  • ਖੂਨ ਚੂਸਣ ਵਾਲੇ-ਮੱਛਰ, ਖਟਮਲ ਆਦਿ ।
  • ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਜ਼ਹਿਰੀਲਾ ਬਣਾਉਣ ਵਾਲੇ-ਮੱਖੀ, ਕੀੜੀ ਆਦਿ ।
  • ਘਰ ਦੇ ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਵਾਲੇ-ਕਾਕਰੋਚ, ਸਿਉਂਕ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6
ਮੱਖੀ, ਮੱਛਰ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਕੀ ਕਰੋਗੇ ? ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਕੀ ਨੁਕਸਾਨ ਹੈ ?
ਮੱਖੀਆਂ ਨਾਲ ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਫੈਲਦਾ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਦੇ ਢੰਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ
ਮੱਖੀਆਂ ਤੋਂ ਬਚਣ ਦੇ ਉਪਾਅ –

  • ਘਰ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਮੱਖੀਆਂ ਦੇ ਆਂਡੇ ਦੇਣ ਅਤੇ ਮੱਖੀ ਪੈਦਾ ਹੋਣ ਦੇ ਸਥਾਨ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦੇਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  • ਗੰਦਗੀ ਵਾਲੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਡੀ.ਡੀ.ਟੀ. ਦੇ ਘੋਲ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਕੂੜੇਦਾਨ ਢੱਕੇ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਸ ਦੇ ਕੂੜੇ ਦਾ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਨਾਲ ਨਿਪਟਾਰਾ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਖਾਣ ਦੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਨੂੰ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਨਹੀਂ ਛੱਡਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਤਾਰ ਦੀ ਜਾਲੀ ਜਾਂ ਮਲਮਲ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਨਾਲ ਢੱਕ ਕੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਦਰਵਾਜ਼ੇ ਤੇ ਖਿੜਕੀਆਂ ਉੱਤੇ ਜਾਲੀ ਲਗਵਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  • ਜਦੋਂ ਮੱਖੀਆਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਹੋਣ ਤਾਂ ਮੱਖੀਮਾਰ ਕਾਗਜ਼ ਅਤੇ ਮੱਖੀਮਾਰ ਦਵਾਈ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਮੱਖੀਆਂ ਦੇ ਆਂਡੇ, ਲਾਰਵਾ ਅਤੇ ਪਿਊਪਾ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰਨ ਲਈ ਕ੍ਰਿਸਰੋਲ ਤੂਤੀਆ ਜਾਂ ਸੁਹਾਗੇ ਦੇ ਘੋਲ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਵਾਲੇ ਅਤੇ ਹੋਰ ਗੰਦੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਨਾਲੀਆਂ ਵਿਚ ਫਿਨਾਇਲ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਘਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਦਾ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਮੱਖੀਆਂ ਦੇ ਨੁਕਸਾਨ-ਮੱਖੀ ਮਨੁੱਖ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡੀ ਦੁਸ਼ਮਣ ਹੈ ।

ਇਹ ਅਨੇਕਾਂ ਰੋਗਾਂ ਜਿਵੇਂ ਹੈਜ਼ਾ, ਪੇਚਿਸ, ਤਪਦਿਕ, ਅਤਿਸਾਰ ਆਦਿ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਾਉਣ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਮੱਖੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਗੰਦੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਕੀਟਾਣੂ ਜਾਂ ਰੋਗਾਣੂ ਮੌਜੂਦ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਇਹ ਗੰਦਗੀ ‘ਤੇ ਬੈਠਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਸ ਦੇ ਏਦਾਰ ਸਰੀਰ ਅਤੇ ਚਿਪ-ਚਿਪੇ ਪੈਰਾਂ ਵਿਚ ਗੰਦਗੀ ਤੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਜੀਵਾਣੁ ਲਗ ਜਾਂਦੇ ਹਨ | ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਕੱਟੇ ਹੋਏ ਫਲਾਂ ਆਦਿ ਤੇ ਬੈਠ ਕੇ ਇਹ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਜੀਵਾਣੁਆਂ ਨੂੰ ਉੱਥੇ ਛੱਡ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਇਹਨਾਂ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਿਹਤਮੰਦ
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ਵਿਅਕਤੀ ਵੀ ਰੋਗ ਦੇ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਮੱਛਰਾਂ ਤੋਂ ਬਚਣ ਦੇ ਉਪਾਅ –

  1. ਘਰ ਦੇ ਵਿਹੜੇ ਵਿਚ ਜਾਂ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਪਾਣੀ ਖੜ੍ਹਾ ਨਹੀਂ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਨਾਲੀਆਂ ਵਿਚ ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਤੇਲ ਛਿੜਕ ਕੇ ਮੱਛਰ ਦਾ ਲਾਰਵਾ ਮਾਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਮੱਛਰ ਸ਼ਾਮ ਨੂੰ ਕਾਫ਼ੀ ਚੁਸਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸੋ ਸ਼ਾਮ ਹੁੰਦਿਆਂ ਹੀ ਦਰਵਾਜ਼ੇ ਖਿੜਕੀਆਂ ਬੰਦ ਕਰ ਦੇਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  3. ਰਾਤ ਨੂੰ ਸੌਣ ਦੇ ਲਈ ਮੱਛਰਦਾਨੀ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਮੱਛਰ ਮਾਰਨ ਲਈ ਫਿਲਿਟ ਆਦਿ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਮੋਟੇ ਪਰਦੇ, ਅਲਮਾਰੀਆਂ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਤੇ ਹਨੇਰੇ ਕੋਨਿਆਂ ਆਦਿ ਵਿਚ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਰਾਤ ਨੂੰ ਤੰਮਾਕੂ ਜਾਂ ਨਿੰਮ ਦੇ ਪੱਤੇ ਜਾਂ ਮੱਛਰ ਮਾਰ ਅਗਰਬੱਤੀ ਤੇ ਗੰਧਕ ਦਾ ਧੂੰਆਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  6. ਆਪਣੇ ਸਰੀਰ ਤੇ ਖੁਸ਼ਬੂ ਵਾਲਾ ਤੇਲ ਛਿੜਕਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਓਡੋਮਾਸ ਵਗੈਰਾ ਲਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਘਰ ਦੇ ਆਸ-ਪਾਸ ਕੂੜਾ-ਕਰਕਟ ਨਹੀਂ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਘਰ ਤੇ ਉਸ ਦਾ ਆਲਾਦੁਆਲਾ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਮੱਛਰਾਂ ਤੋਂ ਹਾਨੀਆਂ-
1. ਮਲੇਰੀਆ-ਮਾਦਾ ਐਨਾਫਲੀਜ਼ ਮੱਛਰ ਦੇ । ਕੱਟਣ ਨਾਲ
2. ਡੇਂਗੂ ਬੁਖਾਰ-ਏਡਿਸ ਏਜੀਪਟੀ ਮੱਛਰ ਦੇ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ।
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ਘਰੇਲੂ ਕੀੜੇ ਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ
3. ਫਾਈਲੇਰੀਆ-ਮਾਦਾ ਕਿਊਲੈਕਸ ਦੀ ਜਾਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ।
4. ਪਤੀ ਬੁਖ਼ਾਰ-ਏਡਿਸ ਮੱਛਰ ਦੇ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ।
5. ਦਿਮਾਗੀ ਬੁਖ਼ਾਰਕਿਊਲੈਕਸ ਦੀ ਜਾਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕਾਕਰੋਚ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਖ਼ਤਮ ਕਰੋਗੇ ? ਇਹ ਕੀ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਕਰੋਚ ਇਕ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਘਰੇਲੂ ਕੀਟ ਹੈ ।ਇਹ ਨਮੀ ਵਾਲੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਫਲੱਸ਼, ਰਸੋਈ ਘਰ, ਭੰਡਾਰ ਘਰ ਵਿਚ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਿਲਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਹੋਰ ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਲਗਪਗ ਹਰ ਚੀਜ਼ ਨੂੰ ਖਾ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਕੂੜਾ, ਪੁਰਾਣੇ ਕਾਗ਼ਜ਼, ਕਿਤਾਬਾਂ, ਚਮੜਾ, ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਅਤੇ ਫਲਾਂ ਦੇ ਛਿਲਕੇ ਅਤੇ ਖਾਣ ਦੀਆਂ ਹੋਰ ਵਸਤੂਆਂ ।

ਰੋਕਥਾਮ ਤੇ ਨਸ਼ਟ ਕਰਨ ਦੇ ਉਪਾਅ –
1. ਸਿਲ੍ਹ ਵਾਲੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਜਲਦੀ-ਜਲਦੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
2. ਰਸੋਈ ਦਾ ਫਰਸ਼ ਬਿਲਕੁਲ ਸਾਫ਼
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3. ਰਸੋਈ ਘਰ ਦੀ ਅਤੇ ਮਕਾਨ ਦੀਆਂ ਹੋਰ ਨਾਲੀਆਂ ਵਿਚ ਹਫ਼ਤੇ ਵਿਚ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਇਕ ਵਾਰ ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਤੇਲ ਜਾਂ ਹੋਰ ਕੀਟਨਾਸ਼ਕ ਦਵਾਈ ਪਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਬਲਦਾ ਹੋਇਆ ਪਾਣੀ ਨਾਲੀਆਂ ਵਿਚ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਆਂਡੇ ਦੇਣ ਦੇ ਸਥਾਨ ਵੀ ਸਾਫ਼ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
4. ਤਿਲਚੱਟਿਆਂ ਨੂੰ ਮਾਰਨ ਦੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਮੁਹਿੰਮ ਵਿਚ 10% ਡੀ. ਡੀ. ਟੀ. ਅਤੇ 40% ਗਮੈਕਸੀਨ ਜਾਂ ਪਾਈਰੇਥਰਮ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
5. ਪਾਈਰੇਥਰਮ ਪਾਉਡਰ ਜਲਾਉਣ ਨਾਲ ਇਹ ਬੇਹੋਸ਼ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਫਿਰ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਝਾਤੂ ਨਾਲ ਮਾਰ ਕੇ ਸੁੱਟ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕਿਤਾਬਾਂ ਤੇ ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਕੀੜੇ ਦੇ ਕੀ ਨੁਕਸਾਨ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਤਾਬਾਂ ਅਤੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਕੀੜੇ ਤੋਂ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਨੁਕਸਾਨ ਹਨ

  • ਇਹ ਕਿਤਾਬਾਂ, ਤਸਵੀਰਾਂ ਅਤੇ ਗਲੀਚੇ ਜੋ ਕਾਫ਼ੀ ਦਿਨਾਂ ਤਕ ਬਕਸੇ ਵਿਚ ਬੰਦ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਇਹ ਕੀੜੇ ਰੇਸ਼ਮ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਅਤੇ ਊਨੀ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਖਾਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਇਹ ਕੀੜੇ ਜੋ ਉਨੀ ਕੱਪੜਿਆਂ ਵਿਚ ਆਂਡੇ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਲਾਰਵਾ ਨਿਕਲਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਖਾਂਦੇ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਛੇਕ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕੁੱਝ ਅਜਿਹੇ ਪ੍ਰਤਿਕਾਰਕ ਦੱਸੋ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਭ ਕੀੜਿਆਂ-ਮਕੌੜਿਆਂ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾ ਸਕੇ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੁੱਝ ਮਿਲੇ-ਜੁਲੇ ਪ੍ਰਤਿਕਾਰਕ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ

  1. ਨਿੰਬੂ, ਤੰਮਾਕੂ ਤੇ ਤੁਲਸੀ ਦੇ ਪੌਦੇ ।
  2. ਨਿੰਮ, ਤੰਮਾਕੂ ਆਦਿ ਦੇ ਪੱਤੇ ।
  3. ਚੀਲ, ਕਾਫੂਰ ਆਦਿ ਦੀ ਲੱਕੜੀ ।
  4. ਸਫੈਦੇ ਦੀ ਲੱਕੜੀ, ਪੱਤੀਆਂ ਅਤੇ ਤੇਲ ।
  5. ਨੈਫਥਲੀਨ ਦੀਆਂ ਗੋਲੀਆਂ ।
  6. ਗੰਧਕ, ਪਾਈਰੇਥਰਮ, ਬੋਰਿਕ ਐਸਿਡ ।
  7. ਸਾਬਣ ਦਾ ਚੂਰਾ, ਫਟਕੜੀ ਜਾਂ ਕਾਲੀ ਮਿਰਚ ਦਾ ਪਾਊਡਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਖੂਨ ਚੂਸਣ ਵਾਲੇ ਚਾਰ ਘਰੇਲੂ ਕੀੜੇ ਜਾਂ ਜੀਵ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛਰ, ਖਟਮਲ, ਪਿੱਸੂ, ਸੈਂਡ ਫਲਾਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਪੁਸਤਕਾਂ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਵਾਲੇ ਕੀੜੇ ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੁਸਤਕਾਂ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਵਾਲੇ ਕੀੜੇ ਕਾਕਰੋਚ, ਦੀਮਕ (ਸਿਉਂਕ) ਅਤੇ ਝੀਗੁਰ ਹਨ !

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਭੋਜਨ ਵਾਲੀ ਡੋਲੀ ਦੇ ਪਾਏ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਕਿਉਂ ਰੱਖਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੀੜੀਆਂ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਭੋਜਨ ਵਾਲੀ ਜਾਲੀ ਦੇ ਪੈਰ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਰੱਖਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸੈਂਡ ਫਲਾਈ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਕੀੜਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕੀ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਬਹੁਤ ਛੋਟਾ ਕੀੜਾ ਹੈ ਜੋ ਮੱਛਰਦਾਨੀ ਵਿਚ ਵੀ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਖ਼ਾਸ ਕਰਕੇ ਰਾਤ ਨੂੰ ਗਿੱਟੇ ਅਤੇ ਗੁੱਟ ਤੇ ਕੱਟਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਬੁਖ਼ਾਰ ਵੀ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਖਟਮਲ ਕਿੱਥੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ? ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਦੇ ਢੰਗ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖਟਮਲ ਗੰਦੇ ਫਰਸ਼, ਦਰੀ ਜਾਂ ਟੁੱਟੇ ਫਰਸ਼ ਦੀਆਂ ਦਰਾੜਾਂ ਅਤੇ ਚਾਰਪਾਈ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਰੋਕਥਾਮ ਦੇ ਢੰਗ-

  • ਖਟਮਲ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰਨ ਲਈ ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਤਾਰਪੀਨ ਦਾ ਤੇਲ ਛਿੜਕਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਫਰਸ਼ ਉੱਤੇ ਉਬਲਦਾ ਪਾਣੀ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਖਟਮਲ ਮਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਖਿੜਕੀ ਦੀ ਚੁਗਾਠ ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਤੇਲ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਜਿੱਥੇ ਖਟਮਲ ਹੋਣ ਉੱਥੇ ਗੰਧਕ ਦੀ ਧੂਣੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਮੱਖੀਰ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਕਿਵੇਂ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਖੀਮਾਰ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਤਿਆਰ ਕਰਨ ਲਈ ਪੰਜ ਭਾਗ ਅਰੰਡੀ ਦਾ ਤੇਲ ਅਤੇ ਅੱਠ ਭਾਗ ਰੇਜਿਨ ਪਾਉਡਰ ਲੈ ਕੇ ਗਰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਸੁੱਕਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਕਾਗ਼ਜ਼ ‘ਤੇ ਲਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰਾਂ ਮੱਖੀ ਮਾਰ ਕਾਗਜ਼ ਤਿਆਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸਿਉਂਕ ਅਤੇ ਝੀਗਰ ਕਿਸ ਚੀਜ਼ ਦਾ ਨੁਕਸਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਉਂਕ ਅਤੇ ਝੱਗਰ ਕਾਗ਼ਜ਼, ਲੱਕੜੀ ਅਤੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਨਿਬੰਧਾਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਨਿੰਮ, ਤੰਮਾਕੂ ਜਾਂ ਤੁਲਸੀ ਦਾ ਬੂਟਾ ਘਰ ਕਿਉਂ ਲਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ? ਸੱਪ ਅਤੇ ਨੂੰਹਿਆਂ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਕੀ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-

  • ਨਿੰਮ, ਤੰਮਾਕੂ ਤੇ ਤੁਲਸੀ ਦੇ ਪੌਦੇ ਘਰਾਂ ਵਿਚ ਬਦਬੂ ਨਾਸ਼ਕ, ਕੀਟ ਨਾਸ਼ਕ, ਕੀਟ ਤਿਕਾਰਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  • ਨਿੰਮ ਦੀਆਂ ਪੱਤੀਆਂ ਨੂੰ ਅਨਾਜਾਂ ਵਿਚ ਰੱਖ ਕੇ ਅਨਾਜਾਂ ਨੂੰ ਕੀਟਾਂ ਤੋਂ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਨਿੰਮ ਦੀਆਂ ਪੱਤੀਆਂ ਊਨੀ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਰੱਖਦੀਆਂ ਹਨ ।
  • ਤੰਮਾਕੂ ਦੀਆਂ ਪੱਤੀਆਂ ਦਾ ਧੂੰਆਂ ਕੀਟਨਾਸ਼ਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਤੰਮਾਕੂ ਦੀ ਧੂੜ ਤੋਂ ਖਮੀਰਾ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਜਿਸ ਦੇ ਧੂੰਏਂ ਨਾਲ ਕੀਟ ਮਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਇਕ ਕੀਟਨਾਸ਼ਕ ਦਵਾਈ ਨਿਕੋਟਿਨ ਸਲਫੇਟ ਵੀ ਬਣਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  • ਤੁਲਸੀ ਦਾ ਪੌਦਾ ਸੱਪ ਦੇ ਕੱਟੇ ਵਿਚ ਜ਼ਹਿਰ ਮਾਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਕੰਮ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਸੱਪ ਤੋਂ ਬਚਣ ਦੇ ਉਪਾਅ –

  1. ਘਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ਦੀਆਂ ਝਾੜੀਆਂ ਕੱਟ ਦੇਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ।
  2. ਘਰ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ਜ਼ਮੀਨ, ਘਰ ਦੀਆਂ ਦਰਾੜਾਂ ਅਤੇ ਛੇਕਾਂ ਵਿਚ ਫਿਨਾਇਲ ਪਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  3. ਤੰਮਾਕੂ ਦੇ ਪੱਤੇ ਉਬਾਲ ਕੇ ਛਿੜਕਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਨਿਊਲਾ ਤੇ ਬਿੱਲੀ ਪਾਲਣ ਨਾਲ ਵੀ ਸੱਪ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਬਿੱਛੂ ਨੂੰਹਾਂ ਤੋਂ ਬਚਣ ਦੇ ਉਪਾਅ –

  • ਕੀਟਨਾਸ਼ਕ ਦਵਾਈਆਂ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਕੇ ਸਾਰੇ ਕੀਟਾਂ ਨੂੰ ਮਾਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਘਰ ਦੇ ਸਾਰੇ ਖ਼ਾਸ ਕਰਕੇ ਹਨੇਰੇ ਥਾਂਵਾਂ ਨੂੰ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਸੈਂਡ ਫਲਾਈ, ਪਿੱਸੂ, ਖਟਮਲ ਨੂੰ ਮਾਰਨ ਲਈ ਕੀ ਵਰਤੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
1. ਸੈਂਡ ਫਲਾਈ-ਇਹ ਬਹੁਤ ਛੋਟਾ ਕੀੜਾ ਹੈ । ਇਹ ਮੱਛਰਦਾਨੀ ਵਿਚ ਵੀ ਦਾਖਲ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਖਾਸ ਕਰ, ਰਾਤ ਨੂੰ ਗੁੱਟ ਤੇ ਅਤੇ ਮੂੰਹ ਤੇ ਲੜਦਾ ਹੈ ।
ਇਸ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਅੱਗੇ ਲਿਖੇ ਉਪਾਅ ਕਰਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ –

  • ਕੁਰਸੀਆਂ, ਡੈਕਸ, ਮੇਜ਼ ਤੇ ਮੰਜਿਆਂ ਦੇ ਥੱਲੇ ਮੱਛਰਮਾਰ ਤੇਲ ਛਿੜਕਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਰਾਤ ਨੂੰ ਮੱਛਰਮਾਰ ਧੂਫ ਜਗਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  • ਬਹੁਤ ਹੀ ਬਰੀਕ ਮੱਛਰਦਾਨੀ ਵਰਤਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  • ਘਰ ਦੇ ਅੰਦਰ ਤੇ ਨੇੜੇ ਸਿੱਲ੍ਹੀਆਂ ਥਾਵਾਂ ਤੇ ਫਾਰਮਲੀਨ ਛਿੜਕਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

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2. ਪਿੱਸੂ-ਚੂਹੇ ਦਾ ਪਿੱਸੂ ਪਲੇਗ ਦੀ ਬਿਮਾਰੀ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਪਿੱਸੂ ਛੋਟਾ ਤੇ ਲਾਲ ਭੂਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਮਾਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਉਪਾਅ ਕਰਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ –

  • ਘਰ ਵਿਚ ਰੱਖੇ ਕੁੱਤੇ ਨੂੰ ਕਾਰਬੋਲਿਕ ਸਾਬਣ ਨਾਲ ਨਹਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤੇ ਨਹਾਉਣ ਵੇਲੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਕਾਰਬੋਲਿਕ ਐਸਿਡ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਜਿੱਥੇ ਵੀ ਪਿੱਸੂ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਹੋਵੇ ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਤੇਲ ਜਾਂ ਤਾਰਪੀਨ ਦਾ ਤੇਲ ਛਿੜਕਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਚੂਹਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਵੀ ਪਿੱਸੂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ਇਸ ਲਈ ਪਿੱਸੂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਚੂਹਿਆਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
    PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 7 ਘਰੇਲੂ ਕੀੜੇ ਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ 5
  • ਦੀਵਾਰ ਜਾਂ ਫਰਸ਼ ਦੀਆਂ ਦਰਾੜਾਂ ਨੂੰ ਸੀਮਿੰਟ ਨਾਲ ਭਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਭੂਮੀ ਤੇ ਨਮਕ ਜਾਂ ਚੁਨਾ ਛਿੜਕ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਸੂਰਜ ਦੀਆਂ ਤੇਜ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨਾਲ ਪਿੱਸੂਆਂ ਦੇ ਲਾਰਵੇ ਮਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਜੀਵਾਣੂ ਨਾਸ਼ਕ ਪਾਊਡਰ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਿੱਸੂਆਂ ਰਾਹੀਂ ਪਲੇਗ ਨਾ ਫੈਲੇ ।

3. ਖਟਮਲ-ਖਟਮਲ ਗੰਦੇ ਫਰਸ਼, ਦਰੀ ਜਾਂ ਟੁੱਟੇ ਫਰਸ਼ ਦੀਆਂ ਦਰਾੜਾਂ ਅਤੇ ਮੰਜਿਆਂ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਖਟਮਲ ਲਾਲ ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦਾ ਕੀੜਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ 1/6 ਇੰਚ ਤੋਂ 1/7 ਇੰਚ ਤਕ ਲੰਮਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਖਟਮਲ ਮਾਰਨ ਦੇ ਕਾਰਨ –

  • ਖਟਮਲ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰਨ ਲਈ ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਤਾਰਪੀਨ ਦਾ ਤੇਲ ਮਿਲਾ ਕੇ ਛਿੜਕਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਫਰਸ਼ ਤੇ ਉਬਲਦਾ ਪਾਣੀ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਵੀ ਖਟਮਲ ਮਰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ।
  • ਜਿੱਥੇ ਖਟਮਲ ਹੋਣ ਉੱਥੇ ਗੰਧਕ ਦੀ ਧੂਣੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਖਟਮਲ ਮਰ ਜਾਂਦਾ

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਚੂਹੇ ਦੇ ਘਰ ਵਿਚ ਹੋਣ ਨਾਲ ਕੀ ਹਾਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ? ਬਚਾਓ ਦੇ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੂਹੇ ਘਰ ਦੀ ਖਾਧ-ਸਮੱਗਰੀ ਤੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਭੰਡਾਰ ਘਰ ਵਿਚ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪਲਦੇ ਹਨ । ਚੁਹਿਆਂ ਤੇ ਪਲੇਗ ਦੇ ਕੀਟ ਪਿੱਸੂ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਚੂਹਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਹੀ ਉਹ ਮਨੁੱਖ ਤਕ ਪੁੱਜਦੇ ਹਨ | ਅਜਿਹੇ ਚੂਹੇ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਨੂੰ ਕੱਟਦੇ ਹਨ ਉਹ ਪਲੇਗ ਦੇ ਰੋਗੀ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਚੁਹੇ ਪਿੱਸੂਆਂ ਨੂੰ ਆਸਰਾ ਦੇ ਕੇ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਚੂਹਿਆਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਦੇ ਉਪਾਅ –

  • ਚੂਹਿਆਂ ਦੀਆਂ ਖੁੱਡਾਂ ਨੂੰ ਕੱਚ ਨਾਲ ਜਾਂ ਸੀਮਿੰਟ ਨਾਲ ਭਰ ਕੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬੰਦ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਚੂਹੇ ਮਾਰਨ ਦੀ ਦਵਾਈ ਆਟੇ ਵਿਚ ਮਿਲਾ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਖੁੱਡਾਂ ਦੇ ਕੋਲ ਪਾ ਦੇਣ ਨਾਲ ਚੂਹੇ ਉਸ ਨੂੰ ਖਾ ਕੇ ਮਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਭੰਡਾਰ ਘਰ ਤੇ ਰਸੋਈ ਘਰ ਵਿਚ ਸਾਰੀਆਂ ਖਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਬੰਦ ਪੀਪਿਆਂ ਜਾਂ ਡੱਬਿਆਂ ਵਿਚ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਭੰਡਾਰ ਘਰ ਵਿਚੋਂ ਕੁੱਝ ਵੀ ਸਾਮਾਨ ਕੱਢਣ ਸਮੇਂ ਇਹ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕੁੱਝ ਵੀ ਜ਼ਮੀਨ ਤੇ ਨਾ ਖਿਲਰੇ ।
  • ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਅਤੇ ਫਲਾਂ ਨੂੰ ਤਾਰਾਂ ਵਾਲੀ ਟੋਕਰੀ ਵਿਚ ਉੱਚੀ ਥਾਂ ਤੇ ਟੰਗਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਘਰ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਕੋਈ ਵੀ ਖਾਣ ਦੀ ਚੀਜ਼ ਇੱਧਰ ਉੱਧਰ ਨਹੀਂ ਖਿਲਾਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  • ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਫੜਨ ਲਈ ਪਿੰਜਰੇ (ਚਹੇਦਾਨੀ) ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਚੂਹਿਆਂ ਨੂੰ ਫੜਨ ਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਬਹੁਤ ਦੂਰ ਛੱਡ ਕੇ ਆਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਕਿਰਲੀ ਤੇ ਮੱਕੜੀ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਦੇ ਢੰਗ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-ਕਿਰਲੀ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਦੇ ਢੰਗ

  • ਘਰ ਦੀਆਂ ਕੰਧਾਂ ਅਤੇ ਛੇਕਾਂ ਵਿਚ ਤੇ ਫ਼ਰਨੀਚਰ ਵਿਚ ਫਲਿੱਟ ਜਾਂ ਡੀ. ਡੀ. ਟੀ. ਛਿੜਕਦੇ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਅਜਿਹੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਇਹ ਆਪਣੀ ਖੁੱਡ ਬਣਾ ਲੈਂਦੀ ਹੈ ।
  • ਘਰ ਵਿਚ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਢੱਕ ਕੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਘਰ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਤੇ ਕੀਟ ਰਹਿਤ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਕੀਟ ਹੀ ਕਿਰਲੀ ਦਾ ਭੋਜਨ ਹੈ ।

ਮੱਕੜੀ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਦੇ ਢੰਗ –

  1. ਘਰ ਨੂੰ ਹਮੇਸ਼ਾ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਫਲਿਟ ਅਤੇ ਡੀ. ਡੀ. ਟੀ. ਪਾਊਡਰ ਘਰ ਦੀਆਂ ਕੰਧਾਂ ਤੇ ਛਿੜਕਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਮੱਕੜੀ ਦੇ ਜਾਲਾਂ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਕਰਦੇ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਕੀੜੇ ਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂ ਮਾਰਨ ਲਈ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਕੀਟਾਣੂ-ਨਾਸ਼ਕ ਦਵਾਈਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੀੜੇ ਅਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂ ਮਾਰਨ ਲਈ ਹੇਠਾਂ ਲਿਖੀਆਂ ਕੀਟਨਾਸ਼ਕ ਦਵਾਈਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ

  • ਚੂਨਾ-ਕੱਚਾ ਅਤੇ ਬੁਝਿਆ ਹੋਇਆ
  • ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਪਰਮੈਂਗਨੇਟ (ਲਾਲ ਦਵਾਈ
  • ਸਾਬਣ
  • ਡੀ. ਡੀ. ਟੀ.
  • ਨੀਲਾ ਤੂਤੀਆ (ਕਾਪਰ ਸਲਫੇਟ)
  • ਕਾਰਬੋਲਿਕ ਐਸਿਡ-ਕਾਰਬੋਲਿਕ ਸਾਬਣ ਅੜੇ ਘੋਲ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ
  • ਡੀਟੋਲ
  • ਫਾਰਮੇਲਿਨ
  • ਲਾਈਸੋਲ
  • ਫਿਨਾਈਲ
  • ਉਸੋਲ
  • ਕਲੋਰੀਨ ਗੈਸ
  • ਗੰਧਕ ਦਾ ਧੂੰਆਂ
  • ਫਾਰਮੈਲਡੀਹਾਈਡ ਗੈਸ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਜੂੰਆਂ ਕਿੱਥੇ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ਪੈ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਦੇ ਢੰਗ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੂੰਆਂ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਸਿਰ ਅਤੇ ਸਰੀਰ ਤੇ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਸਿਰ ਦੀਆਂ ਜੂੰਆਂ ਸਿਰ ਦੇ ਵਾਲਾਂ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਇੱਥੇ ਆਂਡੇ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲਿਖ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਦੂਜੀ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਜੂੰਆਂ ਗੰਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਤੇ ਸਰੀਰ ਦੀ ਚਮੜੀ ਤੇ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੂਆਂ ਬੜੀ ਆਸਾਨੀ ਨਾਲ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਵਿਅਕਤੀ ਤਕ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੌਆਂ ਗੰਦੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਟਾਈਫਸ ਬੁਖ਼ਾਰ ਅਤੇ ਚਮੜੀ ਦੇ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਜੂੰਆਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਉਪਾਅ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ –
1. ਜੂ ਦੇ ਮਿਲਦੇ ਹੀ ਉਸ ਨੂੰ ਮਾਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
2. ਸਿਰ ਵਿਚ ਜੂੰਆਂ ਹੋਣ ਉੱਤੇ ਬਜ਼ਾਰ ਵਿਚ ਉਪਲੱਬਧ ਨੂੰ ਮਾਰ ਰਸਾਇਣ ਨੂੰ ਲਾ ਕੇ ਕੁੱਝ ਘੰਟਿਆਂ ਦੇ ਬਾਅਦ ਸਿਰ ਧੋ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 7 ਘਰੇਲੂ ਕੀੜੇ ਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ 7
3. ਸਿਰ ਵਿਚ ਜੇਕਰ ਜੂੰਆਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਣ ਤਾਂ ਵਾਲ ਕਟਵਾ ਦੇਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
4. ਨਾਰੀਅਲ ਦੇ ਤੇਲ ਵਿਚ ਮੁਸ਼ਕ ਕਪੂਰ ਪਾ ਕੇ ਸਿਰ ਵਿਚ ਮਲਣ ਨਾਲ ਵੀ ਜੂੰਆਂ ਮਰ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
5. ਸਰੀਰ ਤੇ ਜੂੰਆਂ ਹੋਣ ਤੇ ਪਾਏ ਹੋਏ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਫ਼ਰਸ਼ ਤੇ ਰੱਖ ਕੇ ਉੱਤੇ ਖ਼ੂਬ ਗਰਮ ਪਾਣੀ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਗਰਮ ਪਾਣੀ ਤੇ ਸਾਬਣ ਨਾਲ ਮਲ ਮਲ ਕੇ ਨਹਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
6. ਮੈਲੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਉਬਲਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਪਾ ਕੇ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
7. ਬਿਸਤਰੇ ਦੀਆਂ ਚਾਦਰਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਰੱਖਣੀ ਵੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

Home Science Guide for Class 8 PSEB ਘਰੇਲੂ ਕੀੜੇ ਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ Important Questions and Answers

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਖੂਨ ਚੂਸਣ ਵਾਲਾ ਕੀੜਾ ਹੈ –
(ੳ) ਮੱਛਰ
(ਅ) ਮੱਖੀ
(ਇ) ਕਾਕਰੋਚ
(ਸ) ਸਿਉਂਕ !
ਉੱਤਰ-
(ੳ) ਮੱਛਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪਲੇਗ ਦੀ ਬਿਮਾਰੀ ਫੈਲਦੀ ਹੈ –
(ੳ) ਮੱਛਰ
(ਅ) ਚੂਹਾ
(ਇ) ਕੀੜੀ
(ਸ) ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਚੂਹਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਘਰ ਦੇ ਸਮਾਨ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਵਾਲਾ ਕੀੜਾ ਹੈ –
(ਉ) ਕੀੜੀ
(ਅ) ਖਟਮ
(ਲ) ਸਿਉਂਕ
(ਸ) ਮੱਛਰ ।
ਉੱਤਰ-
(ਲ) ਸਿਉਂਕ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
……… ਕੱਪੜਿਆਂ ਅਤੇ ਪੁਸਤਕਾਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
(ਉ) ਝੀਗੁਰ
(ਅ) ਮੱਛਰ
(ਇ) ਖਟਮਲ
(ਸ) ਕਾਕਰੋਚ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਝੀਗੁਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮੱਖੀ ਤੋਂ ਰੋਗ ਫੈਲਦੇ ਹਨ –
(ਉ) ਹੈਜ਼ਾ ।
(ਅ) ਪੇਚਿਸ
(ਇ) ਤਪਦਿਕ
(ਸ) ਸਾਰੇ ਠੀਕ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਸਾਰੇ ਠੀਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਮਲੇਰੀਆ ਦੇ ਇਲਾਜ ਲਈ ਕਿਹੜੀ ਦਵਾਈ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
(ਉ) ਦਾਲ ਚੀਨੀ
(ਅ) ਕੁਨੀਨ
(ੲ) ਸੌਂਫ
(ਸ) ਅਜਵੈਣ ।
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਕੁਨੀਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਠੀਕ ਤੱਥ ਹੈ
(ਉ) ਐਨਾਵਲੀਜ਼ ਮੱਛਰ ਕਾਰਨ ਮਲੇਰੀਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਮਾਦਾ ਕਿਊਲੈਕਸ ਦੀ ਜਾਤੀ ਕਾਰਨ ਫਾਈਲੇਰੀਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ਇ) ਚੂਹੇ ਦੇ ਪਿੱਸੂ ਨਾਲ ਪਲੇਗ ਦੀ ਬਿਮਾਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(ਸ) ਸਾਰੇ ਠੀਕ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਸਾਰੇ ਠੀਕ ।

ਸਹੀ/ਗਲਤ ਦੱਸੋ

1. ਮੱਛਰ ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਜ਼ਹਿਰੀਲਾ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-

2. ਸੈਂਡ ਫਲਾਈ ਛੋਟਾ ਕੀੜਾ ਹੈ ਜੋ ਮੱਛਰਦਾਨੀ ਵਿਚ ਹੀ ਦਾਖਲ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-

3. ਨਿਉਲਾ ਅਤੇ ਬਿੱਲੀ ਪਾਲਣ ਨਾਲ ਸੱਪ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-

4. ਸਿਉਂਕ ਲਾਭਦਾਇਕ ਕੀੜਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-

5. ਮਾਦਾ ਐਨਾਫਲੀਜ਼ ਮੱਛਰ ਦੇ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਮਲੇਰੀਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-

6. ਡੇਂਗੂ ਬੁਖਾਰ ਏਡਿਸ ਏਜੇਪਟੀ. ਮੱਛਰ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂ ਭਰੋ

1. ਐਫਲੀਜ਼ ਮੱਛਰ ਨਾਲ ………….. ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਲੇਰੀਆ,

2. ਕੀੜੇ-ਮਕੌੜੇ ਨੂੰ …………. ਸ਼੍ਰੇਣੀਆਂ ਵਿਚ ਵੰਡਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਤਿੰਨ,

3. ………… ਕੱਪੜਿਆਂ ਅਤੇ ਪੁਸਤਕਾਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਝੀਗੁਰ,

4. ਚੂਹੇ ……… ਦੇ ਪਿੱਸੂ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਲੇਗ,

5. ਖਟਮਲ ਤੋਂ …………. ਬੁਖਾਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਾਲਾ ।

ਇਕ ਸ਼ਬਦ ਵਿੱਚ ਉੱਤਰ ਦਿਓ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪੋਲੀਓ ਰੋਗ ਕਿਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੱਚਿਆਂ ਵਿਚ 5-7 ਸਾਲ ਦੀ ਉਮਰ ਵਿਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਮਲੇਰੀਆ ਦੇ ਇਲਾਜ ਲਈ ਕਿਸ ਦਵਾਈ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੁਨੀਨ |

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਮੱਛਰਾਂ ਤੋਂ ਕਿਹੜਾ ਬੁਖ਼ਾਰ ਫੈਲਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਲੇਰੀਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪਲੇਗ ਦੀ ਬੀਮਾਰੀ ਕਿਸ ਤੋਂ ਫੈਲਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੁਹੇ ਦੇ ਪਿੱਸੂਆਂ ਦੇ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮੱਖੀ ਤੋਂ ਕਿਹੜੇ ਰੋਗ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਹੈਜ਼ਾ, ਪੇਚਿਸ, ਤਪਦਿਕ, ਅਤਿਸਾਰ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਚੂਹੇ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਹਨ, ਕਿਵੇਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਨਾਲ ਰੋਗ ਦੇ ਕੀਟਾਣੂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਖਟਮਲ ਨਾਲ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਰੋਗ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਖਟਮਲ ਨਾਲ ਕਾਲਾ ਬੁਖ਼ਾਰ ਅਤੇ ਚਮੜੀ ਦੇ ਰੋਗ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੀੜਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਲੇਰੀਆ, ਡੇਂਗੂ ਬੁਖ਼ਾਰ, ਪਲੇਗ, ਰਿਪਲੇਸਿੰਗ ਬੁਖ਼ਾਰ !

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਮਲੇਰੀਆ ਦੇ ਮੁੱਖ ਲੱਛਣ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਅ ਘਬਰਾਉਣਾ, ਸਿਰ ਦਰਦ, ਠੰਢ ਤੇ ਕੰਬਣੀ ਨਾਲ ਬੁਖ਼ਾਰ ਚੜ੍ਹਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਪਲੇਗ ਰੋਗ ਕਿਹੜੇ ਕੀਟਾਂ ਦੇ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਿੱਸੂਆਂ ਦੇ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਪਲੇਗ ਦੇ ਮੁੱਖ ਲੱਛਣ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
105-107°F ਤਕ ਬੁਖ਼ਾਰ, ਕਦੀ-ਕਦੀ ਉਲਟੀਆਂ ਅਤੇ ਦਸਤ ਲੱਗਣਾ, ਬਗਲ (ਕੱਢ) ਅਤੇ ਜਾਂਘ ਵਿਚ ਗਿਲ੍ਹਟੀਆਂ ਨਿਕਲਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਡੇਂਗੂ ਬੁਖ਼ਾਰ ਕਿਸ ਮੱਛਰ ਦੇ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਏਡਿਸ ਏਜੀਪਟੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8. ਡੇਂਗੂ ਬੁਖ਼ਾਰ ਦੇ ਕੀ ਲੱਛਣ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੁਖ਼ਾਰ, ਪਿੱਠ ਅਤੇ ਹੋਰ ਅੰਗਾਂ ਵਿਚ ਪੀੜ, ਭੁੱਖ ਤੇ ਨੀਂਦ ਨਾ ਆਉਣਾ, ਕਮਜ਼ੋਰੀ ॥

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਰਿਪਲੇਸਿੰਗ ਬੁਖ਼ਾਰ ਕਿਹੜੇ ਕੀਟਾਂ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨੂੰ ਅਤੇ ਖਟਮਲ ਦੁਆਰਾ ਖੂਨ ਚੂਸਣ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਰਿਪਲੇਸਿੰਗ ਬੁਖ਼ਾਰ ਦੇ ਕੀ ਲੱਛਣ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੁਖ਼ਾਰ 104°F ਤਕ, ਸਰੀਰ ਤੇ ਗੁਲਾਬੀ ਰੰਗ ਦੇ ਦਾਣੇ, ਕਦੇ-ਕਦੇ ਉਲਟੀ ਤੇ ਚੱਕਰ !

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਤਪਦਿਕ ਦੇ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਾਲ ਵਿਆਹ, ਅਪੂਰਨ ਖ਼ੁਰਾਕ, ਕਮਜ਼ੋਰੀ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕੀੜੀਆਂ ਤੋਂ ਕੀ ਨੁਕਸਾਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਦੇ ਉਪਾਅ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੀੜੀਆਂ ਮਰੇ ਹੋਏ ਜੀਵ-ਜੰਤੂ ਅਤੇ ਗੰਦਗੀ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ | ਪਰ ਇਹ ਕੱਟ ਕੇ ਨੁਕਸਾਨ ਵੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਕੀੜੀਆਂ ਜੇਕਰ ਖਾਣੇ ਵਿਚ ਪੈ ਜਾਣ ਤਾਂ ਖਾਣਾ ਦੁਸ਼ਿਤ ਅਤੇ ਥੋੜਾ ਕੌੜਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਕੀੜੀਆਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਦੇ ਉਪਾਅ –

  • ਇਹ ਮਿੱਠੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਤੇ ਛੇਤੀ ਚਦੀਆਂ ਹਨ ਇਸ ਲਈ ਸ਼ਹਿਦ ਤੇ ਮੁਰੱਬੇ ਆਦਿ ਦੀਆਂ ਸ਼ੀਸ਼ੀਆਂ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਭੋਜਨ ਵਾਲੀ ਡੋਲੀ (ਅਲਮਾਰੀ) ਦੇ ਪਾਵੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਰੱਖਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  • ਕੀੜੀਆਂ ਦੀਆਂ ਖੁੱਡਾਂ ਵਿਚ ਬੋਰੈਕਸ ਜਾਂ ਹਲਦੀ

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਮੱਕੜੀ ਤੋਂ ਕੀ ਹਾਨੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਕੜੀ ਗੰਦੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਮਿਲਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਘਰੇਲੁ ਕੀੜਿਆਂ-ਮਕੌੜਿਆਂ ਨੂੰ ਖਾਂਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਇਸ ਦੇ ਮੂੰਹ ਵਿਚੋਂ ਨਿਕਲਣ ਵਾਲਾ ਲਸਲਸਾ ਪਦਾਰਥ ਸਰੀਰ ਦੇ ਕਿਸੇ ਵੀ ਥਾਂ ਤੇ ਪੈ ਜਾਏ ਤਾਂ ਉੱਥੇ ਫਫੋਲੇ (ਧਫੜ) ਪੈ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਝੀਗੁਰ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਦੇ ਉਪਾਅ ਲਿਖੋ !
ਉੱਤਰ-
ਤ੍ਰੀਗੁਰ ਕਾਗ਼ਜ਼ ਅਤੇ ਸੂਤੀ ਕੱਪੜੇ ਖਾਂਦੇ ਹਨ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਇਹ ਦਿਨ ਵਿਚ ਹਨੇਰੇ ਕੋਨਿਆਂ ਵਿਚ ਛਿਪੇ ਰਹਿ ਕੇ ਰਾਤ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਝੀਰਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਦੇ ਉਪਾਅ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ

  • ਕੱਪੜਿਆਂ ਵਿਚ ਨੈਪਥਲੀਨ ਦੀਆਂ ਗੋਲੀਆਂ ਰੱਖਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ।
  • ਇਨ੍ਹਾਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਸੁਹਾਗੇ, ਪਾਈਰੇਥਰਮ ਜਾਂ ਗੰਧਕ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਮਦਦਗਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਤੇ ਕੀਟਨਾਸ਼ਕ ਦਵਾਈਆਂ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਇਸ ਕੀਟ ਨੂੰ ਨਾਸ਼ ਕਰਨ ਵਿਚ ਸਹਾਇਕ ਹੁੰਦਾ ।
  • ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਵੱਧ ਜਾਣ ਤੇ ਬੰਦ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਪਾਈਰੇਥਰਮ ਪਾਊਡਰ ਨੂੰ ਸਾੜ ਕੇ ਉਸ ਦੇ ਧੂੰਏਂ ਨਾਲ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਮਾਰਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵਧੀਆ ਉਪਾਅ ਘਰਾਂ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਕਰਦੇ ਰਹਿਣਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੇ ਕੀੜੇ (ਪਤੰਗੇ) ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਦੇ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੇ ਪਤੰਗਿਆਂ ਦੇ ਲਾਰਵਾ ਗਰਮ ਕੱਪੜਿਆਂ ਅਤੇ ਬੁਣੀਆਂ ਪੁਸ਼ਾਕਾਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰਦੇ ਹਨ ! ਆਂਡੇ ਜੋ ਊਨੀ ਕੱਪੜਿਆਂ ਵਿਚ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਲਾਰਵਾ ਨਿਕਲਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਖਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਛੇਕ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ | ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਦੇ ਉਪਾਅ ਅੱਗੇ ਲਿਖੇ ਹਨ
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ਘਰੇਲੂ ਕੀੜੇ ਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ

  • ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਛੇਤੀ-ਛੇਤੀ ਧੁੱਪ ਵਿਖਾਉਂਦੇ ਰਹਿਣ ਨਾਲ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਲਾਰਵਾ ਮਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਊਨੀ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਅਖ਼ਬਾਰ ਵਿਚ ਲਪੇਟ ਕੇ ਟੀਨ ਦੇ ਹਵਾ ਬੰਦ ਬਕਸੇ ਵਿਚ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਅਖ਼ਬਾਰਾਂ ਦੀ ਛਪਾਈ ਦੀ ਸਿਆਹੀ ਨਾਲ ਇਹ ਪਤੰਗੇ ਦੂਰ ਭੱਜਦੇ ਹਨ ।
  • ਕਪੂਰ ਅਤੇ ਨੈਪਥਲੀਨ ਦੀਆਂ ਗੋਲੀਆਂ ਵੀ ਕੱਪੜਿਆਂ ਵਿਚ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਬਚਾਅ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਦੀਮਕ (ਸਿਉਂਕ) ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਅਤੇ ਨਸ਼ਟ ਕਰਨ ਦੇ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਿਉਂਕ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਨਹੀਂ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੀ । ਪਰ ਘਰ ਵਿਚ ਫ਼ਰਨੀਚਰਾਂ, ਛੱਤਾਂ, ਦਰਵਾਜ਼ਿਆਂ ਹੋਰ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਸਾਮਾਨ, ਕਿਤਾਬਾਂ, ਕੱਪੜਿਆਂ ਆਦਿ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਲੱਕੜੀ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਮੁੱਖ ਭੋਜਨ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਉਪਾਅ ਕਰਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ –

  • ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਸਾਮਾਨ, ਕਿਤਾਬਾਂ ਆਦਿ ਨੂੰ ਸਿਲ੍ਹ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਲੱਕੜੀ ਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚ ਜੋ ਦਰਾੜਾਂ ਹੋਣ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਜਾਂ ਤਾਂ ਭਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਤੇਲ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚ ਸਿਉਂਕ ਜਲਦੀ ਲਗ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਹਫਤੇ ਵਿਚ ਇਕ ਵਾਰ ਧੁੱਪ ਵਿਚ img ਦੀਮਕ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਸਿਉਂਕ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਵਾਲੇ ਸਮਾਨ ਤੇ ਡੀ. ਟੀ. ਟੀ. ਛਿੜਕਦੇ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸਿਲਵਰ ਫਿਸ਼ ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੀ ਹੈ ? ਇਸ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਦੇ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਘਰਾਂ ਵਿਚ ਤਸਵੀਰਾਂ ਦੇ ਫ਼ਰੇਮ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਦੇ ਗੱਤੇ, ਕਿਤਾਬਾਂ ਅਤੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਖਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਬਨਾਉਟੀ ਰੇਸ਼ਮ, ਮਾਂਡੀ ਲੱਗੇ ਕੱਪੜੇ, ਕਾਗ਼ਜ਼ ਅਤੇ ਲੁਗਦੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
ਇਸ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਦੇ ਉਪਾਅ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ –

  • ਅਲਮਾਰੀਆਂ, ਦਰਾਜਾਂ ਅਤੇ ਬਕਸਿਆਂ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਫ਼ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਕਾਗਜ਼ ਦੇ ਟੁਕੜਿਆਂ ਵਰਗੇ ਅਣਲੋੜੀਂਦੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਘਰ ਵਿਚ ਇਕੱਠਾ ਨਹੀਂ ਹੋਣ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  • ਕਿਤਾਬਾਂ ਦੀ ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਤੇ ਦੇਖ-ਭਾਲ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  • ਪਾਈਰੇਥਰਮ ਦਾ ਪਾਊਡਰ ਛਿੜਕਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਪਾਈਰੇਥਰਮ ਅਤੇ ਗੰਧਕ ਦਾ ਧੂੰਆਂ ਵੀ ਸਿਲਵਰ ਫਿਸ਼ ਦਾ ਨਾਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਮੱਛਰ ਤੋਂ ਬਚਣ ਦੇ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ !
ਉੱਤਰ-
ਖੁਦ ਉੱਤਰ ਦਿਓ !

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕੀੜੇ-ਮਕੌੜਿਆਂ ਨੂੰ ਅਸੀ ਕਿੰਨੀਆਂ ਸ਼੍ਰੇਣੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡ ਸਕਦੇ ਹਾਂ, ਹਰੇਕ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੀੜੇ-ਮਕੌੜਿਆਂ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਤਿੰਨ ਸ਼੍ਰੇਣੀਆਂ ਵਿਚ ਵੰਡ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।

  • ਖੂਨ ਚੂਸਣ ਵਾਲੇ-ਮੱਛਰ
  • ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਜ਼ਹਿਰੀਲਾ ਬਣਾਉਣ ਵਾਲੇ-ਕੀੜੀ
  • ਘਰ ਦੇ ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਵਾਲੇ-ਦੀਮਕ (ਸਿਉਂਕ) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪਿੱਸੂ ਅਤੇ ਖਟਮਲ ਨੂੰ ਮਾਰਨ ਲਈ ਕੀ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੇਖੋ ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਵਿਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਮੱਛਰਾਂ ਤੋਂ ਕੀ ਨੁਕਸਾਨ ਹੈ ? ਇਸਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਤੁਸੀਂ ਕਿਵੇਂ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੇਖੋ ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਵਿਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਮੱਖੀਆਂ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਕਰੋਗੇ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੀ ਨੁਕਸਾਨ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੇਖੋ ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਵਿਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਪਿੱਸੂ ਅਤੇ ਖਟਮਲ ਨੂੰ ਮਾਰਨ ਲਈ ਕੀ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੇਖੋ ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਵਿਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਘਰੇਲੂ ਜੀਵ ਜੰਤੂ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ? ਇਹ ਕੀ ਨੁਕਸਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਤੋਂ ਕਿਵੇਂ ਬਚਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਪ ਉੱਤਰ ਦਿਉ ।

ਘਰੇਲੂ ਕੀੜੇ ਤੇ ਜੀਵ-ਜੰਤੂਆਂ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ PSEB 8th Class Home Science Notes

ਸੰਖੇਪ ਜਾਣਕਾਰੀ

  • ਕੀੜੇ-ਮਕੌੜਿਆਂ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਤਿੰਨ ਸ਼੍ਰੇਣੀਆਂ ਵਿਚ ਵੰਡ ਸਕਦੇ ਹਾਂ –
    • ਖੂਨ ਚੂਸਣ ਵਾਲੇ,
    • ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਜ਼ਹਿਰੀਲਾ ਬਣਾਉਣ ਵਾਲੇ,
    • ਘਰ ਦੇ ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਨੁਕਸਾਨ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਵਾਲੇ ।
  • ਐਨਾਫਲੀਜ ਜਾਤੀ ਦੇ ਮੱਛਰ ਦੀ ਮਾਦਾ ਦੇ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਮਲੇਰੀਆ ਰੋਗ ਫੈਲਦਾ ਹੈ । ਕਿਊਲੈਕਸ ਜਾਤੀ ਦੇ ਮੱਛਰਾਂ ਦੇ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਵੀ ਰੋਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਮੱਛਰ ਮਾਰਨ ਲਈ ਫਲਿਟ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਜੇਕਰ ਮੱਛਰ ਕੱਟ ਲਵੇ ਅਤੇ ਦਰਦ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਥੋੜਾ ਅਮੋਨੀਆ ਲਾ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਖਟਮਲ ਗੰਦੇ ਫਰਸ਼, ਦਰੀ ਜਾਂ ਟੁੱਟੇ ਫਰਸ਼ ਦੀਆਂ ਦਰਾੜਾਂ ਅਤੇ ਮੰਜੇ ਦੇ ਸਿਰਿਆਂ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
  • ਖਟਮਲ ਲਾਲ ਭੂਰੇ ਰੰਗ ਦਾ ਕੀੜਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਚੂਹੇ ਦੇ ਪਿੱਸੂ ਪਲੇਗ ਦੀ ਬਿਮਾਰੀ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਕਾਕਰੋਚ ਅਤੇ ਤਿਲਚੱਟਾ ਭੋਜਨ ਅਤੇ ਸਾਮਾਨ ਦੋਹਾਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  • ਦੀਮਕ (ਸਿਉਂਕ ਕਾਗਜ਼, ਲੱਕੜੀ ਆਦਿ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਲੱਕੜੀ ਨੂੰ
  • ਅੰਦਰੋਂ ਖਾ ਕੇ ਖੋਖਲਾ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਝੀਗਰ ਕੱਪੜਿਆਂ ਅਤੇ ਕਿਤਾਬਾਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
  • ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਕੀੜੇ ਰੇਸ਼ਮ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਅਤੇ ਊਨੀ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਖਾਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਚੂਹੇ ਪਲੇਗ ਦੇ ਪਿੱਸੂ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  • ਕੋਹੜ ਕਿਰਲੀ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਕੀੜੇ-ਮਕੌੜੇ ਖਾ ਕੇ ਨੁਕਸਾਨ ਦੀ ਬਜਾਏ ਸਾਡੀ ਮਦਦ ਕਰਦੀ ਹੈ ।