PSEB 8th Class Hindi Vyakaran भाषा और व्याकरण

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar Bhasha aur Vyakaran भाषा और व्याकरण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 8th Class Hindi Grammar भाषा और व्याकरण

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran भाषा और व्याकरण

प्रश्न 1.
भाषा किसे कहते हैं ? सोदाहरण बताओ।
अथवा
भाषा की परिभाषा सोदाहरण लिखिए।
उत्तर:
भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचार (बोल कर या लिख कर) दूसरों तक प्रकट करते हैं। हिंदी, संस्कृत, अंग्रेज़ी, बांग्ला, उर्दू, पंजाबी, गुजराती, तमिल, तेलगू, मलयालम, कन्नड़ आदि भाषाएँ हैं। विश्व में बोली तथा लिखी जाने वाली भाषाएँ हिन्दी, अंग्रेज़ी, लेटिन, चीनी, रूसी तथा जर्मन हैं।

प्रश्न 2.
भाषा किसे कहते हैं और इसके कितने भेद हैं ?
उत्तर:
भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने मन के विचार दूसरों तक प्रकट करते हैं और दूसरों के विचारों से परिचित होते हैं। इसके दो भेद होते हैं-
(1) मौखिक।
(2) लिखित।

प्रश्न 3.
लिपि किसे कहते हैं ? हिन्दी की लिपि का नाम लिखो।
उत्तर:
जिन वर्ण चिह्नों के द्वारा भाषा लिखी जाती है, उसे लिपि कहते हैं। हिंदी भाषा को लिपि का नाम देवनागरी है।

प्रश्न 4.
भाषा का प्रयोग कितने प्रकार से होता है ?
उत्तर:
भाषा का प्रयोग दो प्रकार से होता है
(i) मौखिक रूप से
(ii) लिखित रूप से।
(i) मौखिक रूप : जब हम अपने विचारों को मुख से बोल कर प्रकट करते हैं, उसे भाषा का मौखिक रूप कहते हैं।
(ii) लिखित रूप : जब हम अपने विचारों को लिखकर प्रकट करते हैं, उसे भाषा का लिखित रूप कहते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Vyakaran भाषा और व्याकरण

प्रश्न 5.
भाषा की सार्थक इकाई क्या है ?
उत्तर:
भाषा की सार्थक इकाई वाक्य है।

प्रश्न 6.
भाषा की लघुत्तम इकाई क्या है ?
उत्तर:
भाषा की लघुत्तम इकाई शब्द है।

प्रश्न 7.
भाषा और बोली में मुख्य अंतर क्या है ?
उत्तर:
बोली जाने वाली शब्दावली को बोली कहते हैं, जबकि भाषा बोली का विकसित रूप है। विचारों के प्रकटीकरण में गहनता, स्पष्टता तथा अनेकता लाने के लिए भाषा की ज़रूरत पड़ती है। बोली का क्षेत्र सीमित होता है जबकि भाषा का क्षेत्र विस्तृत होता है।

प्रश्न 8.
व्याकरण से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
जिस शास्त्र के द्वारा हमें भाषा के शुद्ध या अशुद्ध होने का ज्ञान प्राप्त हो, उसे व्याकरण कहते हैं।

प्रश्न 9.
व्याकरण का ज्ञान क्यों आवश्यक है ?
अथवा
व्याकरण किस काम आता है ?
उत्तर:
व्याकरण के ज्ञान के बिना न तो किसी भाषा को ठीक ढंग से पढ़ा जा सकता है और न ही उसे शुद्ध रूप में लिखा जा सकता है। अतः भाषा की शुद्धि और अशुद्धि का विवेचन करने के लिए व्याकरण का ज्ञान आवश्यक है।

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प्रश्न 10.
हिन्दी व्याकरण के घटक कौन-से हैं ?
अथवा
हिन्दी व्याकरण के कितने भाग हैं ?
उत्तर:
हिन्दी व्याकरण के तीन भाग हैं
(1) वर्ण विचार
(2) शब्द विचार और
(3) वाक्य विचार।
1. वर्ण विचार : व्याकरण का वह भाग है जिसमें वर्गों के आकार, भेद, उच्चारण स्थान तथा उनके मेल से शब्द बनाने के नियमों पर विचार किया जाता है।
2. शब्द विचार : व्याकरण का वह भाग है जिसके अन्तर्गत शब्दों के निर्माण, भेद, रूप परिवर्तन, व्युत्पत्ति आदि विषयों पर विचार किया जाता है।
3. वाक्य विचार : व्याकरण के इस भाग में वाक्यों की रचना या संगठन, वाक्यों के भेद तथा लक्षण, वाक्य विश्लेषण और विराम चिह्नों पर विचार किया जाता है।

प्रश्न 11.
भाषा की तीन परस्पर सापेक्ष इकाइयाँ कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर:
भाषा की तीन परस्पर सापेक्ष इकाइयाँ-वर्ण, शब्द और वाक्य हैं।

प्रश्न 12.
भाषा का मुख्य अंग क्या है ?
अथवा
भाषा का क्या मूल है ?
उत्तर:
भाषा का मुख्य अंग या मूल ‘वाक्य’ होता है। प्रत्येक व्यक्ति अपना अभिप्राय या विचार सदा वाक्य के रूप में ही प्रकट करता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

Hindi Guide for Class 8 PSEB पदावली-सूरदास, मीराबाई Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

औगुन = अवगुण, बुराइयाँ, दोष। समदरसी = समदर्शी, सब को समान देखने वाला। नार = नाला। नीर = जल। बरन = रंग, एक रूप। बधिक = शिकारी। पारस = एक ऐसा पत्थर जिसके स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है। कंचन = सोना। टरौ = टल जाएगा। दाऊ = बलदेव। खिझायौ = चिढ़ाता है। मोसौ = मुझसे। लीन्हौ = लिया है। कहा करौं = क्या करूँ या क्या कहूँ। रिस के मारे = गुस्से के मारे। पुनि-पुनि = बारबार। मात = माता। कत = किस लिए। स्यामल = काले रंग का। गात = शरीर। दाउहीं = बलदेव को। रिस = गुस्सा। चबाई = चुगलखोर। धूत = धूर्त। सौं = सौगन्ध । पूत = पुत्र। वसतु = वस्तु। अमोलक = अमूल्य। खरचै = खर्च करने पर। सत्त = सत्य। खेवटिया = मल्लाह, केवट। हरषि = प्रसन्न। जस = यश। पग = पैर। बावरी = पगली। न्यात = नातेदार, रिश्तेदार । कुलनासी = कुल का नाश करने वाली। पीवत = पीकर । सहज = आसानी से। अविनासी = सदा रहने वाला भगवान्।

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II. हिंदी रूप लिखें :

औगुन – ………………….
समदरसी – ………………….
बधिक – ………………….
बरन – ………………….
मोसों – ………………….
कान्ह – ………………….
मोहौं – ………………….
बसतु – ………………….
किरपा – ………………….
इक – ………………….
उत्तर:
औगुन – अवगुण ।
समदरसी – समदर्शी।
बधिक – वधिक।
बरन – वर्ण।
मोसों – मुझसे।
कान्ह – कृष्ण।
मोहौं –मुझे।
बसतु – वस्तु।
किरपा – कृपा।
इक – एक।

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(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
श्रीकृष्ण ने यशोदा से क्या शिकायत की है ?
उत्तर:
श्रीकृष्ण ने यशोदा से यह शिकायत की कि बड़ा भाई बलराम उसे चिढ़ाता है। वह कहता है कि तुझे तो मोल लिया गया है। तू यशोदा का पुत्र नहीं है, क्योंकि नन्द बाबा भी गोरे हैं तथा यशोदा भी गोरी है। तू काले शरीर वाला है।

प्रश्न (ख)
माता ने श्रीकृष्ण को कैसे विश्वास दिलाया कि वह उसका पुत्र है ?
उत्तर:
माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को यह कह कर विश्वास दिलाया कि बलदेव तो जन्म काल से ही चुगलखोर और धूर्त है। मुझे गो-धन की सौगन्ध है कि तू मेरा पुत्र है और मैं तेरी माता हूँ।

प्रश्न (ग)
बलराम श्री कृष्ण को कैसे खिझाते थे ?
उत्तर:
बलराम श्रीकृष्ण को यह कहकर खिझाते थे-तू तो मोल लिया हुआ है। तू यशोदा का पुत्र नहीं है।

प्रश्न (घ)
मीरा ने राम रूपी रत्न-धन कैसे प्राप्त किया ?
उत्तर:
मीरा ने राम रूपी रत्न-धन अपने सतगुरु की कृपा से प्राप्त किया।

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प्रश्न (ङ)
‘सत की नाव’ से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
‘सत की नाव’ का अर्थ-सत्य स्वरूप परमात्मा। मीरा ने भगवान् के भजन को ‘सत्य की नौका’ कहा है जोकि इस भव सागर से पार उतारने वाला है।

प्रश्न (च)
मीरा को जहर क्यों दिया गया ?
उत्तर:
मीरा का देवर उसे कुल को बदनाम करने वाली मानता था। उसे मीरा द्वारा साधु-सन्तों की संगति पसन्द नहीं थी। इस कारण मीरा को जहर दिया गया।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
तीसरे पद के आधार पर मीरा की भक्ति-भावना पर संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर:
मीरा ने अपने गुरु की कृपा से राम नाम का रत्न-धन प्राप्त कर लिया। मानो उसने जन्म-जन्म की पूँजी पा ली हो। पूँजी भी ऐसी, जो कभी खर्च करने से कम नहीं होती, बल्कि उत्तरोत्तर बढ़ती ही रहती है। मीरा भगवान् कृष्ण के रंग में पूरी तरह रंग गई।

प्रश्न (ख)
चौथे पद की प्रसंग सहित व्याख्या करो।
उत्तर:
मीरा पैरों में घुघरू बाँध कर नाचती है और कहती है कि मैं तो अपने नारायण श्रीकृष्ण की स्वयं ही दासी बन गई हूँ। लोग कहते हैं कि मीरा पागल हो गई है और रिश्तेदार कहते हैं कि वह कुल का नाश करने वाली हो गई है। राणा जी ने मीरा को मारने के लिए विष का प्याला भेजा। उसे पीकर वह हँसने लगी। मीरा कहती है कि मेरे तो प्रभु चतुर गिरिधारी कृष्ण हैं, वे सदा रहने वाले भगवान् मुझे आसानी से मिल गए हैं। भाव है कि संसार के कष्टों को मीरा तुच्छ मानती है। उसे अब देह (शरीर) की चिन्ता नहीं रही। उस पर जहर के प्याले का भी कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि वह श्रीकृष्ण की शरण में चली गई है।

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(ग) व्यावहारिक व्याकरण

पर्यायवाची लिखें :

प्रभु – ………………….
कंचन – ………………….
जल – ………………….
गंगा – ………………….
माता – ………………….
पूत – ………………….
कृपा – ………………….
उत्तर:
1. प्रभु – ईश्वर, परमात्मा।
2. कंचन – सोना, स्वर्ण, हेम।
3. जल – पानी, नीर, वारि, तोय, आब, अंबू।
4. गंगा – जाह्नवी, सुरसरिता, मंदाकिनी, जाह्नवी।
5. माता – माँ, जननी, अम्बा।
6. पूत – पुत्र, तनय, सुत, तनुज।
7. कृपा – दया, अनुकम्पा, मेहरबानी, अनुग्रह।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

PSEB 8th Class Hindi Guide पदावली-सूरदास, मीराबाई Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
‘समदरसी’ किस का नाम है ?
(क) कवि का
(ख) भगवान का
(ग) प्रांत का
(घ) देश का।
उत्तर:
भगवान का।

प्रश्न 2.
श्रीकृष्ण को कौन खिझाता है ?
(क) दाऊ
(ख) भाऊ
(ग) दमन
(घ) रमन।
उत्तर:
दाऊ।

प्रश्न 3.
‘चबाई’ कौन होता है ?
(क) खिलाड़ी
(ख) शैतान
(ग) संत
(घ) चुगलखोर।
उत्तर:
चुगलखोर।

प्रश्न 4.
मीरा ने कौन-सा ‘रत्न’ पाया है ?
(क) राम
(ख) श्याम
(ग) सीता
(घ) राधा।
उत्तर:
राम।

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प्रश्न 5.
मीरा किस नाव पर सवार है ?
(क) लकड़ी की
(ख) मन की
(ग) सत की
(घ) शरीर की।
उत्तर:
सत की।

प्रश्न 6.
राणा जी ने किस का प्याला भेजा था ?
(क) विष का
(ख) दूध का
(ग) शहद का
(घ) जल का।
उत्तर:
विष का।

प्रश्न 7.
‘न्यात’ का क्या अर्थ है ?
(क) न्यौता देना
(ख) नाते-रिश्तेदार
(ग) मना करना
(घ) स्नान करना।
उत्तर:
नाते रिश्तेदार।

प्रश्न 8.
गोवर्धन पर्वत किसने उठाया था ?
(क) राम ने
(ख) बलराम ने
(ग) कृष्ण ने
(घ) रावण ने।
उत्तर:
कृष्ण ने।

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सप्रसंग व्याख्या

1. हमारे प्रभु, औगुन चित न धरौ।
समदरसी है नाम तुम्हारी, सोई पार करौ॥
इक लोहा पूजा मैं राखत, इक घर बधिक परौ।
सो दुबिधा पारस नहिं जानत, कंचन करत खरौ॥
इक नदिया इक नार कहावत, मैलो नीर भरौ।
जब मिलि गए तब एक बरन है, गंगा नाम परौ॥
तन माया, ज्यौ ब्रह्म कहावत, सूर सु मिलि बिगरौ।
कै इनकौ निरधार कीजियै, कै प्रन जात टरौ॥

शब्दार्थ:
औगुन = अवगुण, बुराइयाँ, दोष। समदरसी = समदर्शी, सब को समान देखने वाला। नार = नाला। नीर = जल। बरन = रंग, एक रूप। बधिक = शिकारी। पारस = एक ऐसा पत्थर जिसके स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है। कंचन = सोना। टरौ = टल जाएगा।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ से लिया गया है। प्रस्तुत पद में सूरदास जी भगवान् कृष्ण से प्रार्थना करते हुए कहते हैं

व्याख्या:
हे परमात्मा ! हमारी बुराइयों को अपने मन में न रखो। हमारे अवगुणों को क्षमा कर दो। आपका नाम तो समदर्शी है अर्थात् आप सब को समान दृष्टि से देखते हैं, इसलिए चाहो तो हमें भवसागर से पार उतार दो। एक लोहा पूजा में रखा जाता है और एक शिकारी के घर में तीर तलवार आदि के रूप में पड़ा होता है। पारस इस भेद को नहीं जानता। वह उन दोनों के गुण-दोष नहीं देखता बल्कि अपने संपर्क से दोनों को खरा सोना बना देता है। एक पवित्र जल वाली नदी कहलाती है। एक नाला कहलाता है, जिसमें गंदा पानी भरा होता है। जब ये दोनों मिल जाते हैं तब एक रूप हो जाते हैं और दोनों मिल कर बहते हुए गंगा नदी में मिल जाते हैं, उनका नाम गंगा पड़ जाता है। सूरदास जी कहते हैं कि यह सारा संसार माया और भ्रम के जाल से भरा हुआ कहलाता है। माया के इस भ्रम जाल को दूर कर दो। हे भगवान् ! मुझे इस बार संसार सागर से पार उतार दो, नहीं तो आपका पतित-पावन होने का प्रण टल जाएगा। कवि का भाव है कि भगवान् भले-बुरे सब का रक्षक है। वह पारस पत्थर के समान है, जो अच्छे-बुरे दोनों तरह के लोहे को सोना बना देता है।

विशेष:

  1. कवि ने ईश्वर की महिमा का वर्णन किया है।
  2. ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

2. मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायौ।
मोसौं कहत मोल को लीन्हौं, तू जसुमति कब जायौ।
कहा करौं, इहि रिस के मारै खेलन कै नहिं जात।
पुनि पुनि कहत कौन है माता, को है तेरौ तात॥
गोरे नन्द, जसोदा गोरी, तुम कत स्यामल गात।
चुटकी दे दे ग्वाल नचावत, हंसत सबै मुसकात॥
तू मोही कौं मारन सीखी, दाउहिं कबहुं न खीझे।
मोहन मुख रिस की ये बातें, जसुमति सुनि-सुनि रीझै॥
सुनहु कान्ह, बलभद्र चबाई, जनमत ही को धूत।
सूर स्याम मोहिं गोधन की सौं, हौं माता तू पूत॥

शब्दार्थ:
दाऊ = बलदेव। खिझायौ = चिढ़ाता है। मोसौ = मुझसे। लीन्हौ = लिया है। कहा करौं = क्या करूँ या क्या कहूँ। रिस के मारे = गुस्से के मारे। पुनि-पुनि = बारबार। मात = माता। कत = किस लिए। स्यामल = काले रंग का। गात = शरीर। दाउहीं = बलदेव को। रिस = गुस्सा। चबाई = चुगलखोर। धूत = धूर्त। सौं = सौगन्ध । पूत = पुत्र।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ में से लिया गया है। यह पद सूरदास जी द्वारा रचित है। इसमें बाल-कृष्ण माता यशोदा से अपने बड़े भाई बलराम की शिकायत करते हुए कहते हैं

व्याख्या:
हे माता ! मुझे भाई बलराम बहुत चिढ़ाता है। वह मुझे कहता है कि तू मोल लिया गया है; तुझे तो खरीदा गया है। यशोदा ने तुझे कब जन्म दिया है? क्या कहूँ, इसी गुस्से के मारे मैं खेलने के लिए नहीं जाता। वह मुझे बार-बार कहता है कि कौन तुम्हारी माता है और कौन तुम्हारे पिता हैं ? क्योंकि नन्द गोरे रंग के हैं, यशोदा भी गोरे रंग की है, तू काले शरीर वाला किस लिए है। सभी ग्वालों को वह चुटकी बजा-बजा कर नचवाता है। सब हँसते और मुस्कुराते हैं। तू तो मुझे ही

मारना सीखी है, बलदेव को तो तू कभी भी गुस्से भी नहीं होती। कृष्ण के गुस्से से भरे मुख को देख कर तथा ये बातें बार-बार सुनकर यशोदा प्रसन्न होती है। यशोदा कहती है कि हे कृष्ण ! सुनो, बलदेव तो चुगलखोर है, जन्म से ही वह धूर्त है। सूरदास कहते हैं कि माता यशोदा कृष्ण से फिर कहती है कि मुझे गो धन (गऊओं) की सौगन्ध है-मैं तुम्हारी माता हूँ और तू मेरा पुत्र है। भाव है कि बालकृष्णं माता यशोदा से बड़े भैया बलराम की शिकायत करते हैं कि वह मुझे चिढ़ाता है कि तुझे मोल लिया गया है, तो माता यशोदा गऊओं की सौगन्ध खाकर कृष्ण को विश्वास दिलाती है। वह कहती है कि मैं तुम्हारी माता हूँ और तू मेरा पुत्र है।

विशेष:

  1. कवि ने यशोदा ममता और श्रीकृष्ण के प्रेम को वाणी प्रदान की है।
  2. ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है। |

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

3. मैंने राम रतन धन पायौ।
वसतु अमोलक दी मेरे सतगुरु, करि किरपा अपणायो।
जनम जनम की पूँजी पाई, जग में सबै खवायो।
खरचै नहिं कोई चोर न लवै, दिन-दिन बढ़त सवायौ।
सत्त की नाव खेवटिया सतगुरु, भवसागर तरि आयो।
‘मीरा’ के प्रभु गिरिधर नागर, हरखि हरखि जस गायौ॥

शब्दार्थ:
वसतु = वस्तु। अमोलक = अमूल्य। खरचै = खर्च करने पर। सत्त = सत्य। खेवटिया = मल्लाह, केवट। हरषि = प्रसन्न। जस = यश।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ में से लिया गया है। प्रस्तुत पद में मीरा गुरु की महिमा का गुण-गान करती हुई कहती है

व्याख्या:
मैंने भगवान् के नाम का रत्न-धन प्राप्त कर लिया है। मेरे सच्चे गुरु ने मुझे अमूल्य वस्तु प्रदान की है। कृपा करके उन्होंने मुझे अपनी शरण में अपना लिया है। मैंने तो जन्म-जन्म की सम्पत्ति प्राप्त कर ली है। इस संसार में मेरे पास जो कुछ था उस सब को मैंने त्याग दिया है। मैंने सांसारिक मोह-माया को त्याग कर गुरु की शरण प्राप्त कर ली है। भगवान् के नाम रूपी रत्न धन को खर्च करने से भी वह कम नहीं होता। चोर इसे ले नहीं सकता। यह तो दिन-प्रतिदिन सवाया होकर बढ़ता जाता है। मीरा कहती है कि मैंने सत्य की नाँव बनाकर और सच्चे गुरु को मल्लाह बनाकर इस संसार रूपी सागर को पार कर लिया है। मेरे प्रभु गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले चतुर कृष्ण हैं। मैं हर्ष के साथ उन्हीं का यशोगान करती हूँ कि सच्चे गुरु की कृपा से भगवान् के नाम का रत्न धन प्राप्त किया जा सकता है।

विशेष:

  1. कवयित्री ने श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति-भावना को प्रकट किया है।
  2. भाषा में गेयता का गुण है।

4. पग धुंघरू बाँध मीरा नाची रे।
मैं तो अपने नारायण की, आपहि हो गई दासी रे।
लोग कहैं मीरा भई बावरी, न्यात कहैं कुलनासी रे।
विष का प्याला राणाजी भेज्या, पीवत मीरा हांसी रे।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर, सहज मिले अविनासी रे।

शब्दार्थ:
पग = पैर। बावरी = पगली। न्यात = नातेदार, रिश्तेदार । कुलनासी = कुल का नाश करने वाली। पीवत = पीकर । सहज = आसानी से। अविनासी = सदा रहने वाला भगवान्।

प्रसंग:
प्रस्तुत पद हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पदावली’ में से लिया गया है। प्रस्तुत पद में मीरा ने भगवान् कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति-भावना और आप बीती का वर्णन किया है।

व्याख्या:
मीरा पैरों में घुघरू बाँध कर नाचती है और कहती है कि मैं तो अपने नारायण श्रीकृष्ण की स्वयं ही दासी बन गई हूँ। लोग कहते हैं कि मीरा पागल हो गई है और रिश्तेदार कहते हैं कि वह कुल का नाश करने वाली हो गई है। राणा जी ने मीरा को मारने के लिए विष का प्याला भेजा। उसे पीकर वह हँसने लगी। मीरा कहती है कि मेरे तो प्रभु चतुर गिरिधारी कृष्ण हैं, वे सदा रहने वाले भगवान् मुझे आसानी से मिल गए हैं। भाव है कि संसार के कष्टों को मीरा तुच्छ मानती है। उसे अब देह (शरीर) की चिन्ता नहीं रही। उस पर जहर के प्याले का भी कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि वह श्रीकृष्ण की शरण में चली गई है।

विशेष:

  1. मीरा ने श्रीकृष्ण के प्रति अपने प्रेम और भक्ति को व्यक्त किया है।
  2. गेयता का गुण है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 25 पदावली-सूरदास, मीराबाई

पदावली (सूरदास, मीराबाई) Summary

पदावली (सूरदास, मीराबाई) पदावली सार

सूरदास का ईश्वर के प्रति गहरा विश्वास है कि वे सभी प्राणियों का कल्याण करते हैं। वे उनके अवगुणों की ओर ध्यान नहीं देते। जिस प्रकार पारस पत्थर मंदिर में रखे हुए लोहे को सोना बना देता है तो वह कसाई के द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले लोहे के साधन को भी वह सोना ही बनाता है। वे उनमें कर्म के आधार पर भेद-भाव नहीं करता। गंदे नालोंनालियों का जल भी गंगा की धारा में मिल कर गंगा की पवित्रता को पा जाता है। हर अच्छे-बुरे का रक्षक ईश्वर ही है। श्रीकृष्ण साँवले रंग के थे। उनके बड़े भाई बलराम उन्हें चिढ़ाते थे कि उनका जन्म यशोदा माता से नहीं हुआ। उन्हें तो बाज़ार से खरीदा गया था। यशोदा माता ने गउओं की सौगंध खाकर कहा कि वह ही उनकी माँ थी। बलराम का कहना झूठ था क्योंकि वह तो जन्म से ही धूर्त था। मीराबाई कृष्ण भक्ति के विषय में कहती है कि उनकी भक्ति सबसे अच्छी है जिसे चोर चुरा नहीं सकता, खर्च करने पर वह घटती नहीं बल्कि बढ़ती ही जाती है। वह सत्य की नौका को चलाने वाले हैं। उन्हीं का यश गागा कर वह प्रसन्नता प्राप्त करती है। वह अपने पाँवो में धुंघुरू बाँध कर उनके समक्ष नाचती है। लोग कहते हैं कि वह कुल का नाश कर रही थी पर वह उनकी परवाह नहीं करती। उसने राणा के द्वारा भेजा जहर का प्याला भी उनका प्रसाद समझ कर पी लिया था। वह तो केवल श्रीकृष्ण का है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 24 नेत्रदान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 24 नेत्रदान

Hindi Guide for Class 8 PSEB नेत्रदान Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

नसीब = भाग्य।
सहसा = अचानक।
आशैंका = सन्देह, शक।
हृदयआघात = दिल का दौरा।
चुहलबाजी = शरारती।
विलाप = रोना-धोना।
असहनीय = जिसे सहन न किया जा सके।
संकल्प = इच्छा, निश्चय।
सर्वोपरि = सबसे ऊपर।
स्वेच्छा = अपनी इच्छा।
आर्द्र = नमी युक्त।
शल्य = चीर-फाड़।
आश्वस्त = जिसे आश्वासन या भरोसा मिला हो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

II. इन मुहावरों के अर्थ समझते हुए वाक्य बनायें

लुत्फ उठाना, मातम छाना, गले से लिपटकर रोना, किसी और दुनिया में जाना, जीवन प्रकाशमान होना, यज्ञ सफल होना, जीवन के मायने बदलना।

उत्तर:
1. लुत्फ उठाना – सभी बच्चों ने रीना की जन्मदिवस पार्टी में बहुत लुत्फ उठाया था।
2. मातम छाना – भरी सभा में नेता जी की हृदय गति रुक जाने के कारण मातम छा गया।
3. गले से लिपटकर रोना – विवाह के पश्चात् विदाई के समय रोहिणी अपनी मम्मी के गले से लिपट फूट-फूट कर रो रही थी।
4. किसी और दुनिया में जाना-हम सब को मर कर किसी और दुनिया में जाना ही
5. जीवन प्रकाशमान होना-भाई साहब ने अपनी सारी संपत्ति दीन-दुखियों को दान देकर समाज सेवा में लगकर अपने जीवन को प्रकाशमान कर लिया।
6. यज्ञ सफल होना-ग्यारह गरीब लड़कियों का आर्य समाज में विवाह कराने का काम कठिन था पर सब की कोशिश से यज्ञ सफल हो ही गया।
7. जीवन के मायने बदलना-बचपन से अपंग हो चुके राजेश ने जब से कृत्रिम पाँव प्राप्त किए हैं तब से उसके जीवन के मायने बदल गए हैं।

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
नेत्रदान करने का संकल्प किस-किसने किया था ?
उत्तर;
नेत्रदान करने का संकल्प मृतका और उसकी सहेली ने किया था।

प्रश्न (ख)
हृदयाघात के कारण किसकी मृत्यु हो गई थी ?
उत्तर:
हृदयाघात के कारण लेखिका की सखी की मृत्यु हो गई थी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

प्रश्न (ग)
नेत्र संकल्प का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
नेत्र संकल्प का अर्थ है-मृत्यु के पश्चात् नेत्रों का दान।

प्रश्न (घ)
सहेली के परिवार वालों ने नेत्रदान करने का विरोध कैसे किया ?
उत्तर:
सहेली के परिवार वालों ने नेत्रदान करने का विरोध इसलिए किया था कि उन्हें उसके नेत्रदान के विषय में कुछ भी पता नहीं था।

प्रश्न (ङ) एक व्यक्ति की आँखें कितने लोगों को लगाई जाती हैं ?
उत्तर:
एक व्यक्ति की आँखें दो लोगों को लगाई जाती हैं।

प्रश्न (च)
हमारे देश में कितने लोग ऐसे हैं जिनका आँखों का पर्दा किसी न किसी कारण धुंधला हो जाता है ?
उत्तर:
हमारे देश में 25 लाख से अधिक लोगों की आँखों का पर्दा किसी न किसी कारण धुंधला हो जाता है।

प्रश्न (छ)
नेत्र बैंक की टीम के पहुंचने से पूर्व क्या करना चाहिए ?
उत्तर:
नेत्र बैंक की टीम पहुँचने से पूर्व मृतक की दोनों आँखें बंद कर उन पर रूई में लपेट कर बर्फ रखनी चाहिए और पंखा बंद कर देना चाहिए।

प्रश्न (ज)
नेत्रदान करने में कितना समय लगता है ?
उत्तर:
नेत्रदान करने में 15-20 मिनट लगते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
जीवित नेत्र संकल्प पत्र के बारे में आप क्या जानते हैं ? लिखें।
उत्तर:
जीवित नेत्र संकल्प पत्र एक प्रकार का शपथ-पत्र होता है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति शपथ लेता है कि जब वह मर जाएगा तो उसकी दोनों आँखें घर के लोग दान दे देंगे। उन आँखों को डॉक्टर किन्हीं दो ज़रूरतमंद लोगों को लगाएंगे जिससे वे इस संसार को देख सकें। नेत्रदान विशेष नेत्र-बैंकों के डॉक्टर ही ले सकते हैं।

प्रश्न (ख)
नेत्रदान के क्या लाभ हैं ?
उत्तर:
नेत्रदान एक ऐसा दान है जो किसी नेत्रहीन को फिर से संसार की सुन्दरता देखने के योग्य बना देता है। इससे एक साथ दो अंधे लोगों को देखने की शक्ति प्राप्त हो जाती है। जिन मृतक आँखों को नष्ट होना ही था वे किसी को जीवन देने के योग्य बन जाती हैं। इससे मृतक शरीर को कोई क्षति नहीं होती।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. ‘अ’ लगाकर विपरीत शब्द बनायें

प्रिय = …………………
सहनीय = …………………
सहमति = …………………
सहयोग = …………………
सम्भव = …………………
उत्तर:
प्रिय = अप्रिय
सहनीय = असहनीय
सहमति = असहमति
सहयोग = असहयोग
सम्भव = असम्भव।

इन विपरीत अर्थ वाले शब्दों को भी समझें

अर्थ = अनर्थ
इच्छा = अनिच्छा
ठण्डक = तपन
कर्तव्य = अधिकार।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

II. लिंग बदलें

बेटा = …………………
पति = …………………
सास = …………………
माता = …………………
मौसी = …………………
दादी = …………………
साधु = …………………
उत्तर:
बेटा = बेटी
पति = पत्नी
सास = ससुर
माता = पति
मौसी = मौसा
दादी = दादा
साधु = साध्वी।

III. ‘बे’ लगाकर नये शब्द बनायें

बे + ख़बर = …………………
बे + सहारा = …………………
बे + शक = …………………
बे + मेल = …………………
+ रोक = …………………
उत्तर
बे + ख़बर = बेख़बर
बे + सहारा = बेसहारा
बे + शक = बेशक
बे + मेल = बेमेल
बे + रोक = बेरोक।

IV. ‘नेत्र’ शब्द के पर्यायवाची लिखें।

उत्तर:
नेत्र = आँख, दृग, लोचन, नयन, चक्षु, विलोचन, अक्षि।

योग्यता विस्तार

  • नेत्रदान किसी भी आय में मरणोपरान्त किया जा सकता है।
  • एक व्यक्ति की आँखें किन्हीं दो व्यक्तियों को प्रत्यारोपित की जाती हैं।
  • यह सूचना गुप्त रखी जाती है कि किस व्यक्ति को किसकी आँख लगी है।
  • नेत्रदान करने वाले को दानी (Donar) और नेत्र प्राप्त करने वाले को प्राप्त कर्ता (Donee) कहा जाता है।
  • नेत्र लेने के बाद इन्हें 24 से 36 घंटे तक रखा जाता है, जहाँ इनकी जाँच-पड़ताल की जाती है।
  • नेत्र बैंक में एक रजिस्टर लगा होता है जिसमें इच्छुक व्यक्तियों के नाम दर्ज होते हैं। क्रम अनुसार ही नेत्र प्रत्यारोपित किये जाते हैं।
  • नेत्र लगाने को ग्राफटिंग (Grafting) कहते हैं।
  • केवल आँख का पर्दा (Cornea) ही प्रत्यारोपित किया जाता है।
  • नेत्र में रोशनी आने में तीन से चार माह लगते हैं।
  • कोर्निया के धुंधले होने के अनेक कारण जैसे आँख में संक्रमण, चोट, खान-पान में कमी और आप्रेशन में कोई बाधा आदि हैं।
  • जिस व्यक्ति का रेटिना खराब हो गया या पीलिया, कैंसर, एडज़, रेबीज जैसे संक्रामक रोग से पीड़ित मृतक के नेत्रदान के अयोग्य होते हैं।
  • नेत्र बैंक की टीम के पहुँचने तक मृत्यु के उपरान्त दोनों आँखें बन्द कर दें, पंखा न चलायें। बर्फ रुई में लपेटकर उसकी आँखों पर रख दें। तकिया लगाकर मृतक का सिर ऊँचा कर दें।

संकल्प

  • कोई भी जीवित व्यक्ति संकल्प पत्र भर सकता है।
  • संकल्प पत्र निकटवर्ती क्षेत्र बैंक को भेजा जाता है।
  • नेत्र बैंक से नेत्र दानी कार्ड (Eye Donar Card) मिलता है। इसे हमेशा अपने पास संभाल कर रखें।
  • संकल्प पत्र न भी भरा हो तो भी नेत्रदान हो सकता है। उत्तराधिकारी की सहमति आवश्यक है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

PSEB 8th Class Hindi Guide नेत्रदान Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
लेखिका को किसकी मृत्यु की सूचना मिली थी ?
(क) भाई
(ख) पिता
(ग) माता
(घ) सहेली।
उत्तर:
सहेली।

प्रश्न 2.
लेखिका को सहेली की मृत्यु की सूचना किस दिन मिली ?
(क) रविवार को
(ख) सोमवार को
(ग) मंगलवार को
(घ) बुधवार को।
उत्तर:
रविवार को।

प्रश्न 3.
एक व्यक्ति की आँखें कितने लोगों को लगाई जा सकती हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर:
दो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

प्रश्न 4.
लेखिका की सहेली को दिल का दौरा सुबह कब पड़ा था ?
(क) दो बजे
(ख) तीन बजे
(ग) चार बजे
(घ) पाँच बजे।
उत्तर:
चार बजे।

प्रश्न 5.
मृतका के नेत्रदान करने के संकल्प की किसने,सराहना की थी ?
(क) मौसा ने
(ख) ससुर ने
(ग) पति ने
(घ) मौसी सास ने।
उत्तर:
मौसी सास ने।

प्रश्न 6.
मौसी सास ने नेत्रदान का संकल्प पत्र कितने वर्ष पूर्व भरा था ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
चार।

प्रश्न 7.
क्या लगाने से न देख सकने वाले भी देख सकते हैं ?
(क) लैंस
(ख) ऐनक
(ग) कार्निया
(घ) सुरमा।
उत्तर:
कार्निया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

प्रश्न 8.
नेत्रदान के लिए किस बैंक को सूचना देनी होती है ?
(क) ब्लड
(ख) नेत्र
(ग) सहकारी
(घ) सरकारी।
उत्तर:
नेत्र।

प्रश्न 9.
हमारे देश में कितने लाख से अधिक लोग देख नहीं सकते ?
(क) बीस
(ख) पच्चीस
(ग) तीस
(घ) पैंतीस।
उत्तर:
पच्चीस।

प्रश्न 10.
नेत्रदान करने में कितने मिनट का समय लगता है ?
(क) 10-12
(ख) 15-20
(ग) 8-10
(घ) 12-15.
उत्तर:
15-20.

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 24 नेत्रदान

नेत्रदान Summary

नेत्रदान पाठ का सार

प्रातः का समय था। ठंडी हवा चल रही थी। अपनी बात सुनाने वाली महिला घर के बगीचे में चाय पी रही थी कि फोन की घंटी बजी। उसकी बेटी फोन बाहर ही ले आई और उसने फोन अपनी मम्मी को दिया। फोन सुनते ही वह फूट-फूट कर रोने लगी। पूछने पर पता लगा कि उसकी प्रिय सहेली हृदयघात से चल बसी थी। वह और उसका पति शीघ्रता से उसके घर को चले। घर से चलने से पहले उसने अपने नेत्रदान करने का संकल्प पत्र उठाया और फोन से नेत्र बैंक को सूचना दी। वहाँ पहुँचकर पता लगा कि सुबह चार बजे उसकी सहेली को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। महिला ने उसके पति को बताया कि उसकी मृतक पत्नी ने कुछ दिन पहले नेत्रदान करने का संकल्प किया था। पति ने बताया कि वह बाहर गया हुआ था और कल रात ही वापस लौटा था। उसने फोन पर इतना अवश्य बताया था कि वह मुझे कोई महत्त्वपूर्ण बात बताने वाली थी। महिला ने उसे अपना नेत्रदान पत्र दिखाया।

सहेली की सास और ससुर पहले तो अपनी बहू के नेत्रदान के लिए तैयार नहीं हुए लेकिन बाद में वे इसके लिए मान गए। मृतका की मौसी सास ने तो बहू की इस काम के लिए सराहना की। उसने स्वयं भी चार वर्ष पहले नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा था। उसका पोता देख नहीं सकता था और हो सकता था कि बहू की आँखों से वह देखने लगे। नेत्रदान किसे प्राप्त होगा यह बात गुप्त रखी जाती है और एक व्यक्ति को एक ही आँख दान में दी जाती है। हमारे देश में 25 लाख से अधिक ऐसे बच्चे हैं जो देख नहीं सकते। आँख के सामने का कॉर्निया नामक पर्दा धुंधला हो जाने के कारण दिखाई नहीं देता। जब साफ कॉर्निया लगा दिया जाए तो न देख सकने वाले वे लोग भी देख सकते हैं। मृतका की सहेली शल्य चिकित्सकों के आने से पहले रूई में बर्फ लपेट कर मृत शरीर की आँखों पर रखती रही थी। डॉक्टरों ने 15 से 20 मिनट में आँखें लेकर मृतका को नकली आँखें लगा दी थीं ताकि उसका चेहरा सामान्य बना रह सके।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 23 फलों की चौपाल

Hindi Guide for Class 8 PSEB फलों की चौपाल Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

चौपाल = खुली मंडपाकार बैठक जहाँ गाँव के लोग बैठकर पंचायत आदि करते हों, छायादार बड़ा चबूतरा।
कफ़ सिरप = खांसी की दवा।
नेत्र ज्योति = आँखों की देखने की शक्ति।
इजाजत = आज्ञा
अवशेष = बचा हुआ।
विसर्जित = त्यागा हुआ, छोड़ा हुआ।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

(ख) विचार – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
अमरूद को कब खाना चाहिए ?
उत्तर:
अमरूद को अच्छी तरह धोकर दोपहर के समय खाना चाहिए।

प्रश्न (ख)
गाजर ने खाने से पहले अपने बारे में क्या हिदायत दी ?
उत्तर:
गाजर ने खाने से पहले अपने बारे में हिदायत दी कि मुझे खाने से पहले अच्छी तरह मल-मल कर धोना चाहिए और साफ करना चाहिए।

प्रश्न (ग)
उन दो सब्जियों के नाम लिखें जिन पर रोएं होते हैं ?
उत्तर:
गाजर और मूली पर रोएं होते हैं।

प्रश्न (घ)
अंगूर ने अपने क्या फायदे बताये ?
उत्तर:
अंगूर से खून बढ़ता है, खून साफ होता है, पाचन क्रिया ठीक होती है, नेत्र ज्योति बढ़ती है और कमजोर लोग स्वस्थ हो जाते हैं।

प्रश्न (ङ)
फलों को खाने से पहले धोना क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर:
धूल-मिट्टी और हानिकारक बेक्टीरिया को दूर करने के लिए उन्हें धोना ज़रूरी है।

प्रश्न (च)
उन दो फलों के नाम लिखें जिन्हें खाने से पहले कुछ देर तक पानी में भिगोना चाहिए ?
उत्तर:
अंगूर और गाजर को खाने से पहले कुछ देर तक पानी में भिगोना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

प्रश्न (छ)
सेब के छिलके क्यों नहीं उतारने चाहिए ?
उत्तर:
सेब के छिलके के ठीक नीचे विटामिन ‘सी’ और ‘ए’ होते हैं जो उसे उतारने से नष्ट हो जाते हैं इसलिए उसका छिलका नहीं उतारना चाहिए।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
फलों को खाने से पहले क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?
उत्तर:
फलों को खाने से पहले साफ पानी से अच्छी तरह मल-मल कर धोना चाहिए। अंगूर, सेब, गाजर आदि को कुछ समय तक पानी में रखा जाना चाहिए। फलों का छिलका नहीं उतारना चाहिए। छिलकों के ठीक नीचे सेब जैसे फलों में विटामिन होते हैं जो छिलका उतर जाने से नष्ट हो जाते हैं।

प्रश्न (ख)
फलों को पकाने के लिए रसायनों का प्रयोग घातक है, क्यों ?
उत्तर:
अनेक फलों को पकाने के लिए कुछ लालची फल विक्रेता और व्यापारी उन्हें विशेष रसायनों में डुबो कर रखते हैं या उन पर रसायनों का छिड़काव करते हैं। आम जैसे फल की पेटी में कैल्शियम कार्बाइड का टुकड़ा रखते हैं जो नमी की अवस्था में एसीटीलीन गैस उत्पन्न करता है जिससे फल तो पक जाते हैं पर फल के माध्यम से वह मनुष्य के शरीर को बहुत अधिक नुकसान पहुँचाते हैं। इससे शरीर को तरह-तरह की बीमारियाँ हो जाती हैं।

प्रश्न (ग)
पीले रंग के फलों के नाम लिखें जिनमें विटामिन ‘ए’ की मात्रा अधिक होती है।
उत्तर:
पीले रंग के अनेक फलों में विटामिन ‘ए’ काफ़ी मात्रा में होता है लेकिन सभी पीले रंग के फल विटामिन ‘ए’ के भंडार नहीं होते। गाजर में विटामिन ‘ए’ पर्याप्त मात्रा में होता है जो चाहे बाहर से लाल और भीतर से पीली होती है। अंगूर और सेब भी विटामिन ‘ए’ से भरपूर होते हैं। आम में विटामिन ‘ए’ काफी मात्रा में होता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

प्रश्न (घ)
खट्टे/रस वाले फलों के नाम लिखें जिनमें विटामिन ‘सी’ की मात्रा अधिक होती है।
उत्तर:
खट्टे/रस वाले फलों को सिटरिक परिवार के सदस्य कहते हैं। इनमें विटामिन ‘सी’ की मात्रा अधिक होती है। ये रोगों से लड़ने की क्षमता शरीर को देते हैं। संतरा, नींबू, मालटा, कीन, ग्रेफ्रूट, चकोतरा आदि फल इसी परिवार से जुड़े हुए हैं।

प्रश्न (ङ)
कौन-से ऐसे फल हैं जो यदि काटकर थोड़ी देर पड़े रहें तो काले हो जाते हैं ? उनमें भोजन का कौन-सा खनिज लवण होता है ?
उत्तर:
अनेक फल ऐसे हैं जिनमें लोहा नामक तत्व की मात्रा अन्य फलों की अपेक्षा अधिक होती है। जब इन्हें काटा जाता है तो इनमें उपस्थित लोहा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया करता है और उससे लोहा ऑक्साइड बन जाता है। इस कारण वे गहरे भूरे या काले रंग को प्रकट करने लगते हैं। सेब, नाशपाती, अमरूद, आम आदि इस वर्ग के फल हैं। इनको खाने से रक्त में लोहा बढ़ता है जो शरीर को शक्ति प्रदान करता है।

प्रश्न (च)
फलों और सब्जियों पर प्रचलित मुहावरे/लोकोक्ति इकट्ठी करें। जैसे आम के आम गुठलियों के दाम।
उत्तर:
फलों और सब्जियों पर आधारित और समाज में प्रचलित अनेक मुहावरे और लोकोक्तियाँ हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं
(क) आम के आम गुठलियों के दाम
(ख) मिर्च का स्वभाव होना
(ग) एक अनार सौ बीमार
(घ) एक करेला दूसरा नीम चढ़ा
(ङ) थाली का बैंगन
(च) बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद
(छ) किस खेत की मूली
(ज) गूलर का फूल होना
(झ) नमक-मिर्च लगाना
(ञ) गाजर-मूली के भाव बिकना

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

(छ) उन फलों के नाम लिखें जिन्हें छिलका सहित/छिलका रहित खाया जाता है।

उत्तर:
छिलका सहित खाये जाने वाले फल
सेब
नाशपाती
अंगूर
जामुन
अमरूद
चैरी
खुमानी
आडू
आलू बुखारा
रसभरी
स्ट्राबरी

छिलका रहित खाये जाने वाले फल
खरबूजा
आम
तरबूज
अनानास
केला
श्रीफल/सीताफल/शरीफ़ा
संतरा
मौसमी
कीनू
लीची
अनार

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. इन शब्दों में से मूल शब्द अलग करें

प्रतिनिधित्व = प्रतिनिधि
फायदेमंद = ……………….
लापरवाही = ……………….
स्पष्टीकरण = ……………….
महत्त्वपूर्ण = ……………….
गुणवान = ……………….
अधिकाँश = ……………….
विसर्जित = ……………….
उत्तर:
प्रतिनिधित्व = प्रतिनिधि
फायदेमंद = फायदा
लापरवाही = परवाह
स्पष्टीकरण = स्पष्ट
महत्त्वपूर्ण = महत्त्व
गुणवान = गण।
अधिकाँश = अधिक
विसर्जित = सर्जित

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

II. इन शब्दों के विपरीत शब्द लिखें

फायदा = ……………….
आवश्यक = ……………….
कमज़ोर = ……………….
रोगी = ……………….
ज़रूरी = ……………….
गुण = ……………….
महत्त्वपूर्ण = ……………….
विश्वास = ……………….
उपयोगी = ……………….
गुणवान = ……………….
विसर्जन = ……………….
उत्तर:
फायदा = घाटा
आवश्यक = अनावश्यक
कमज़ोर = शक्तिशाली
रोगी = निरोगी
ज़रूरी = गैर-ज़रूरी
गुण = अवगुण
महत्त्वपूर्ण = महत्त्वहीन
विश्वास = अविश्वास
उपयोगी = अनुपयोगी
गुणवान = गुणहीन
विसर्जन = सृजन।

III. उचित योजक शब्द लगाकर वाक्य पूरे करें

(i) …………… लोगों को ऐसे ही परेशान करोगे …………. तुम्हें भला कौन पूछेगा।
(ii) ………………. यह बात सच है कि बंटी को खाँसी मेरी वजह से ही हुई है ………………… इसमें मेरा रत्ती भर भी दोष नहीं।
(iii) दाँतों …………….. मसूड़ों के लिए भी मैं फायदेमंद हूँ।
(iv) इसको कई बार समझाया गया ……………….. यह अपनी आदत से बाज़ नहीं आ रही है।
(v) मेरे शरीर के रोओं में घातक जीवाणु होते हैं …………….. मुझे खाने से पहले खूब अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
(vi) आप ऐसा कोई उपाय बतायें ………………. लोग बीमार न पड़ें।
(vii) लोग हमें खाने का सही तरीका नहीं जानते ………………… हम लोग चाहते हुए भी पूरा फायदा नहीं पहुंचा पाते हैं।
उत्तर:
(i) अगर लोगों को ऐसे ही परेशान करोगे तो तुम्हें भला कौन पछेगा।
(ii) यद्यपि यह बात सच है कि बंटी को खाँसी मेरी वजह से ही हुई है तथापि इसमें मेरा रत्ती भर भी दोष नहीं।
(iii) दाँतों और मसूड़ों के लिए भी मैं फायदेमंद हूँ।
(iv) इसको कई बार समझाया गया लेकिन यह अपनी आदत से बाज़ नहीं आ रही है।
(v) मेरे शरीर के रोओं में घातक जीवाणु होते हैं अतः मुझे खाने से पहले खूब अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
(vi) आप ऐसा कोई उपाय बतायें ताकि लोग बीमार न पड़ें।
(vii) लोग हमें खाने का सही तरीका नहीं जानते इसलिए हम लोग चाहते हुए भी पूरा फायदा नहीं पहुंचा पाते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

योग्यता विस्तार

हमें स्वस्थ रहने के लिए संतुलित भोजन करना चाहिए। संतुलित भोजन वह है जिसमें सभी पोषक तत्व यथा-कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज लवण, जल और रेशे उचित मात्रा में हों। नीचे एक ओर फलों के नाम दिये गये हैं, दूसरी ओर विटामिनों के नाम हैं। जिस फल में जो विटामिन अधिक मात्रा में पाया जाता है उसके नीचे सही शिान अंकित करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल 1
उत्तर:
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल 2

अभिनय
इस एकाँकी का स्कूल के वार्षिक उत्सव पर अभिनय करवायें।

PSEB 8th Class Hindi Guide फलों की चौपाल Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
फलों का राजा किस फल को कहते हैं ?
(क) सेब को
(ख) आम को
(ग) केले को
(घ) अंगूर को।
उत्तर:
आम को।

प्रश्न 2.
क्या खाने से लड़के को खाँसी हो गई थी ?
(क) अनार
(ख) अमरूद
(ग) अंगूर
(घ) आम।
उत्तर:
अमरूद।

प्रश्न 3.
अमरूद कब खाना चाहिए ?
(क) रात को
(ख) दोपहर को
(ग) संध्या के समय
(घ) प्रभातकाल में।
उत्तर:
दोपहर को।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

प्रश्न 4.
गाजर के लम्बे बालों में कौन-से जीवाणु होते हैं ?
(क) अमीबा
(ख) एटामीबा
(ग) अक्टोबा
(घ) इकाबीमा।
उत्तर:
एटामीबा।

प्रश्न 5.
शरीर में खून बढ़ाने में सबसे अधिक योगदान किस फल का होता है ?
(क) केला
(ख) अमरूद
(ग) सेब
(घ) अंगूर।
उत्तर:
अंगूर।

प्रश्न 6.
किस फल के छिलके नीचे विटामिन ए और सी होते हैं ?
(क) अनार
(ख) अमरूद
(ग) सेब
(घ) केला।
उत्तर:
सेब।

प्रश्न 7.
छिलका सहित खाने वाला फल कौन-सा है ?
(क) अनार
(ख) केला
(ग) आम
(घ) अंगूर।
उत्तर:
अंगूर।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 23 फलों की चौपाल

प्रश्न 8.
छिलका रहित खाया जाने वाला फल है ?
(क) सेब
(ख) अंगूर
(ग) केला
(घ) अमरूद।
उत्तर:
केला।

फलों की चौपाल Summary

फलों की चौपाल पाठ का सार

तरह-तरह के फलों की एक सभा बुलाई गई। छोटे लड़के-लड़कियों ने फलों के मुखौटे लगाकर फलों का अभिनय किया। फलों के राजा आम ने अन्य फलों से पूछताछ की। वह जानना चाहते थे कि लोग उन्हें खाने के बाद बीमार क्यों पड़ जाते थे। केले ने सभा को आरम्भ किया और अमरूद पर आरोप लगाया कि उसे खाने से एक लड़के को खांसी हो गई। शारीरिक परेशानी के साथ-साथ उसे इलाज के लिए पैसे भी खर्च करने पड़े। अमरूद ने अपना बचाव करते हुए कहा कि सर्दी के दिन शाम के समय उस लड़के ने उसे बिना धोये हुए खाना शुरू कर दिया था। यदि उसे दोपहर के समय खाया जाता तो वह हानिकारक नहीं होता। वह पाचन क्रिया को बढ़ाता है, पेट साफ रखता है, दाँतोंमसूड़ों के लिए अच्छा है, कब्ज़ और बवासीर में उपयोगी है और दिमाग की गर्मी को कम करता है। वह पागलपन दूर करने में भी सहायक होता है। बस, उसका इस्तेमाल ठीक ढंग से किया जाना चाहिए।

संतरे ने गाजर पर आरोप लगाया कि उसके कारण लोगों में दस्त और पेट की गड़बड़ी होने की शिकायतें आ रही थीं। गाजर ने अपने उत्तर में कहा कि लोग उसे धोए बिना खा लेते हैं। उस पर लम्बे-लम्बे बालों में एंटामीबा नामक जीवाणु होते हैं जो पेट में जाकर पाचन क्रिया को प्रभावित करते हैं। उसमें विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘डी’ और ‘के’ काफ़ी मात्रा में होते हैं जिससे शरीर का विकास होता है। उसे अच्छी तरह धोने के बाद ही खाया जाना चाहिए। गाजर के बैठते ही मूली ने अपने बारे में स्वयं कहा कि उसे खाने से पहले धोया जाना चाहिए।

केले ने अंगूर पर आरोप लगाया कि उसे खाने से अनेक लोग बीमार पड़ जाते हैं। इसका कारण क्या था ? अंगूर ने बताया कि उसमें विटामिन ए, बी, सी, प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा आदि होते हैं जिनसे शरीर में खून बढ़ता है, खून साफ होता है, पाचन क्रिया ठीक होती है और नेत्र ज्योति ठीक होती है। वह कमज़ोर और रोगियो के लिए बहुत उपयोगी होता है। लोगों की बीमारी का कारण वह नहीं है बल्कि लोग स्वयं हैं। वे रेडियों और ठेले वालों से उसे खरीदते हैं। उस पर पड़ी धूल-मिट्टी, मक्खियों की गन्दगी आदि की परवाह किए बिना उसे खा जाते हैं जिस कारण वे बीमार पड़ जाते हैं। उसे पकाने के लिए रासायनिक पदार्थों का उपयोग भी नहीं किया जाना चाहिए। उसे खाने से पहले अच्छी तरह धोया जाना चाहिए। अंगूर के बैठते ही सेब स्वयं खड़ा हो गया। उसने बताया कि उसे खाने के लिए लोग उसका छिलका उतार देते हैं। छिलके के ठीक नीचे विटामिन ए और सी होते हैं। इसलिए अच्छी तरह धोकर छिलके सहित खाना चाहिए। सबकी बात सुनकर आम ने निष्कर्ष निकाला कि लोगों को फल सावधानी से खाने चाहिएं। उन्हें अच्छी तरह धोकर बिना छिलका उतारे ही खाना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

Hindi Guide for Class 8 PSEB उम्मीद का अन्तिम पत्ता Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

I. शब्दार्थ :

फुसफुसाना = धीमी, अस्फुट आवाज़ में बोलना।
लता = बेल।
आग्रह = किसी बात पर बार-बार ज़ोर देना।
खनिक = खोदने वाला।
ज्वर = बुखार, ताप।
सर्वश्रेष्ठ = सबसे उत्तम।
कलाकृति = कलामयी रचना।
निमोनिया = सर्दी से फेफड़े में श्लेष्मा के जमा हो जाने से होने वाली सूजन या प्रदाह ।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

II. इन शब्दों के अर्थ समझते हुए वाक्य बनायें :लता, आग्रह, अनचाहा, चित्र, मूर्ति, सर्वश्रेष्ठ, कलाकृति।

उत्तर:
लता-स्वीटपी की लता फूलों से लदी हुई थी। आग्रह-आप मेरे आग्रह को मत ठुकराइए और सभा में अवश्य आइए। अनचाहा-अनचाहा मेहमान किसी को भी अच्छा नहीं लगता। चित्र-अनीता ने गांधी जी का सुंदर चित्र बनाया था। मूर्ति-गणेश जी की मूर्ति बहुत ही सुंदर है। सर्वश्रेष्ठ-प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ वक्ता को पुरस्कार दिया गया। कलाकृति-प्राचीन मंदिरों में अनेक कलाकृतियाँ बड़ी ही भव्य हैं।

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
स्यू और जॉनसी कौन थीं ?
उत्तर;
स्यू और जॉनसी दोनों सहेलियाँ थीं और दोनों ही अच्छी कलाकार थीं।

प्रश्न (ख)
जॉनसी को क्या हो गया था ?
उत्तर;
जॉह्नसी को निमोनिया हो गया था।

प्रश्न (ग)
उसके मन में क्या बात बैठ गई थी ?
उत्तर:
उसके मन में बैठ गया था कि आईवीलता का आखिरी पत्ता गिर जाएगा तो वह भी मर जाएगी।

प्रश्न (घ)
जॉनसी का मन बहलाने के लिए स्यू ने क्या किया ?
उत्तर:
जॉनसी का मन बहलाने के लिए उसने फैशन और कपड़ों की बातें कीं और उनके कमरे में ही चित्र बनाने का कार्य किया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

प्रश्न (ङ)
आईवी लता से गिरते पत्ते को देखकर उसने स्यू से क्या कहा ?
उत्तर:
आईवी लता के गिरते पत्ते को देखकर उसने स्यू से कहा कि उसके आखिरी पत्ते गिरने के बाद वह भी मर जाएगी।

प्रश्न (च)
बहरमैन कौन था ?
उत्तर:
बहरमैन साठ साल का बूढ़ा कलाकार था जो चित्र बनाया करता था।

प्रश्न (छ)
उसकी सर्वश्रेष्ठ कलाकृति क्या थी ?
उत्तर:
बहरमैन की सर्वश्रेष्ठ कलाकृति वह हरे-पीले रंग का पत्ता था जिसे उसने आई वी लता पर लगाया था।

प्रश्न (ज)
अन्तिम पत्ते को लता पर लगा देखकर जॉनसी को क्या विश्वास हो गया था ?
उत्तर:
अन्तिम पत्ते को लता पर लगे देखकर जॉनसी को विश्वास हो गया था कि वह अभी नहीं मरेगी। वह अभी और जियेगी।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

प्रश्न (क)
जॉनसी में जीने की चाह क्यों नहीं थी ?
उत्तर:
जॉनसी को निमोनिया था। बिस्तर पर लेटे-लेटे उसने बाहर लगी आईवी लता से गिरते पत्ते देखे थे तो उसे वहम हो गया था कि जिस प्रकार पत्ते गिर रहे थे वह भी उसी तरह मौत की ओर जा रही थी। बेल के आखिरी पत्ते के गिरने के बाद वह भी मर जाएगी। निराशा और हताशा के कारण उसमें जीने की चाह नहीं रही थी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

प्रश्न (ख)
स्यू ने अपनी सहेली के लिए क्या-क्या काम किये ?
उत्तर:
स्यू ने अपनी सहेली के लिए वे सब काम किए जो कोई भी बहुत अच्छी सहेली कर सकती थी। उसने उसके मानसिक वहम को दूर करने के लिए उसे समझायाबुझाया। उसका ध्यान बदलने के लिए फैशन और वस्त्रों की बातें कीं। उसके कमरे में ही चित्रकला की। डॉक्टर और बहरमैन से उसके बारे में बातचीत की। उसे दुलारा, प्यार किया और सब प्रकार से उसकी सेवा-सुश्रुषा की।

प्रश्न (ग)
बहरमैन ने जॉनसी के लिए ऐसा क्या किया जिससे उसके मन में जीने की चाह उत्पन्न हो गई ?
उत्तर:
बहरमैन एक अच्छा चित्रकार था। जब उसे स्यू से पता चला कि जॉनसी के मन में एक वहम घर कर गया था कि लता पर लगा आखिरी-पत्ता जब गिर जाएगा तब वह भी मर जाएगी तो उसने आखिरी पत्ते के गिर जाने के बाद तूफ़ानी रात में एक पत्ता बनाकर बेल पर लगा दिया जो दूर से असली लगता था। उसे तुफ़ान में भी गिरता न देखकर उसके मन में जीने की चाह उत्पन्न हो गई थी।

(घ) व्यावहारिक व्याकरण

I. इन शब्दों में से मूल शब्द अलग करके लिखें :

1. चिन्तित = ………………..
2. तूफ़ानी = ………………..
3. दिलचस्पी = ………………..
4. बर्फीली = ………………..
5. शान्ति = ………………..
6. स्वास्थ्य = ………………..
7. उत्सुकता = ………………..
8. परेशानी = ………………..
9. अन्तिम = ………………..
उत्तर:
मूल शब्द
1. चिन्ता
2. तूफ़ान
3. दिल
4. बर्फ
5. शान्त
6. स्वस्थ
7. उत्सुक
8. परेशान
9. अन्त।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

II. विपरीत शब्द लिखें :

स्वस्थ = ………………..
सहयोग = ………………..
अन्धेरा = ………………..
इच्छा = ………………..
निराश = ………………..
दुर्व्यवहार = ………………..
परेशानी = ………………..
उत्सुकता = ………………..
उत्तर:
स्वस्थ = अस्वस्थ
सहयोग = असहयोग
अन्धेरा = उजाला
इच्छा = अनिच्छा
निराश = आशावान
दुर्व्यवहार = सद्व्यवहार
परेशानी = आसानी
उत्सुकता = अनौत्सुकता

III. पर्यायवाची शब्द लिखें :

उम्मीद = ………………..
लता = …………………
बारिश = ………………..
पत्ता = ………………..
उत्तर:
उम्मीद = आशा , अपेक्षा
लता = बेल , वल्लरी।
बारिश = वर्षा , बरखा
पत्ता = पत्र , पर्ण

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

IV. ‘अनचाहा’ में ‘अन’ और दुर्व्यवहार में ‘दुर’ उपसर्ग है। ‘अन’ और ‘दुर’ लगाकर नये शब्द बनायें :

अन + जान = ………………..
अन + ……. = ………………..
अन + ………. = ………………..
दुर् + दशा = ………………..
दुर् + …………… = ………………..
दुर् + …………… = ………………..
उत्तर
अन + जान = अनजान
अन + होनी = अनहोनी
अन + मेल = अनमेल
दुर् + दशा = दुर्दशा
दुर् + भाग्य = दुर्भाग्य
दुर् + गम = दुर्गम।

(घ) रचना – बोध

आपको सहेली/मित्र का पत्र मिला है जिससे आपको मालूम हुआ कि उसके पिता/माता दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं। उनकी स्थिति गम्भीर है। ऐसे में पत्र लिखकर उसका उत्साह बढ़ायें।

उत्तर:
810-प्रेम नगर,
पटियाला।
28 नवम्बर, 20……….
प्रिय नीरजा,

नमस्ते। मुझे अभी कुछ मिनट पहले ही पंजाब केसरी में छपे समाचार से पता लगा है कि तुम्हारे पापा दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं। उनके बाईक को पीछे से एक कार वाले ने टक्कर मार दी। उनका नाम और घर का पता पढ़कर एक बार तो मैं सिर से पाँव तक काँप गई थी। मेरी आँखें सोचने मात्र से आँसुओं से भर गई थीं। मैं तुम्हारी और आंटी की स्थिति की कल्पना भलीभांति कर सकती हूँ। समाचार-पत्र में जिस अस्पताल का नाम छपा है वह अच्छा है और वहाँ के डॉक्टर भी बहुत कुशल हैं। ईश्वर अंकल को निश्चित रूप से ठीक करेंगे। ईश्वर बहुत दयालु हैं। वह गम्भीर से गम्भीर स्थिति को भी पल भर में ठीक कर देते हैं। तुम हौंसला बनाए रखना। अपनी मम्मी को सहारा देना। मैं भी अपने पापा के साथ शीघ्र तुम्हारे पास आऊंगी। तुम चिन्ता न करना। चाची जी को नमस्कार।
तुम्हारी सखी,
अनुराधा

चिन्तन एवं मनन :
जीवन में कई बार ऐसे क्षण आते हैं जब मन निराशा से भर जाता है। ऐसे क्षणों में भी हमें छोटी-छोटी चीजों में आशा की एक किरण दिखाई दे सकती है। अत: निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसे सुख के छोटे-छोटे क्षण ढूंढें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

PSEB 8th Class Hindi Guide उम्मीद का अन्तिम पत्ता Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
स्यू और जॉनसी छोटे से घर की किस मंजिल पर रहती थी ?
(क) पहली
(ख) दूसरी
(ग) तीसरी
(घ) चौथी।
उत्तर:
तीसरी।

प्रश्न 2.
जॉनसी को कौन-सी बीमारी थी ?
(क) निमोनिया
(ख) कैंसर
(ग) टी०वी०
(घ) डायरिया।
उत्तर:
निमोनिया।

प्रश्न 3.
स्यू और जॉनसी क्या थी ?
(क) कलाकार
(ख) डॉक्टर
(ग) नर्स
(घ) अध्यापक।
उत्तर:
कलाकार।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 22 उम्मीद का अन्तिम पत्ता

प्रश्न 4.
जॉह्नसी किस लता को देख रही थी ?
(क) आईवी
(ख) सीवी
(ग) जीवी
(घ) ओवी।
उत्तर:
आईवी।

प्रश्न 5.
स्यू क्या बना रही थी ?
(क) सूप
(ख) चित्र
(ग) दवा
(घ) टीका।
उत्तर:
चित्र।

प्रश्न 6.
बहरमैन की उम्र कितनी थी ?
(क) पचास वर्ष
(ख) साठ वर्ष
(ग) पैंसठ वर्ष
(घ) चालीस वर्ष।
उत्तर;
साठ वर्ष।

प्रश्न 7.
बहरमैन ने आईवी लता पर क्या लगाया था ?
(क) झंडा
(ख) तूफ़ान से बचाने के लिए तिरपाल
(ग) हरे-पीले रंग का आईवी लता के पत्ते का चित्र
(घ) छतरी।
उत्तर:
हरे-पीले रंग का आईवी लता के पत्ते का चित्र।

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प्रश्न 8.
बहरमैन कैसे मरा ?
(क) निमोनिया से
(ख) डायरिया से
(ग) कैंसर से
(घ) टी० वी० से।
उत्तर:
निमोनिया से।

उम्मीद का अन्तिम पत्ता Summary

उम्मीद का अन्तिम पत्ता कहानी का सार

मन में उत्पन्न होने वाले आशा के भाव किसी में भी नया जीवन भर देने की ताकत रखते हैं। स्यू और जॉनसी दो सहेलियां थीं। वे कलाकार थीं और एक साथ एक पुराने मकान की तीसरी मंजिल पर रहती थीं। नवम्बर महीने में जॉनसी को निमोनिया हो गया था। वह बिना हिले-डुले बिस्तर पर लेटी रहती थी। डॉक्टर उसका इलाज कर रहा था पर उस पर दवाई का कोई असर ही नहीं हो रहा था। एक दिन डॉक्टर ने स्यू से कहा कि उसे लगता था कि उसकी सहेली ने अपने दिमाग में यह बात बिठा ली थी कि वह अब ठीक नहीं हो सकती थी। ऐसा होने के कारण दवाइयाँ उस पर असर नहीं कर रही थीं। स्यू ने अपनी सहेली के ध्यान बंटाने के लिए फैशन, वस्त्रों, चित्रकला आदि से जुड़ी हुई बातें कीं लेकिन उसने कोई उत्तर नहीं दिया। वह अपना ड्राइंग बोर्ड भी उसके कमरे में ले आई थी। एक दिन स्यू ने जॉनसी को खिड़की के बाहर लेटे-लेटे आइवी-लता के झड़ते पत्तों को गिनते देखा। वह बेल खिड़की के सामने ईंटों की दीवार के मध्य तक चढ़ी हुई थी।

बाहर लगातार बढ़ती ठंड के कारण बेल के पत्ते गिर रहे थे। जब स्यू ने उससे इस बारे में पूछा तो जानसी ने उत्तर दिया कि तीन दिन पहले वहाँ लगभग सौ पत्ते थे। अब केवल पाँच पत्ते शेष रह गए थे। जब अन्तिम पत्ता गिर जाएगा तो वह भी मर जाएगी। स्यू ने उसे समझाया कि झड़ते पत्तों का उसके जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं था लेकिन वह भी कुछ नहीं बोली। अब बेल पर केवल तीन पत्ते शेष रह गए थे। जाह्नसी अन्धेरा होने से पहले पके हुए अन्तिम पत्ते को भी गिरते हुए देखना चाहती थी और सोचती थी कि उसके बाद वह भी सदा के लिए सो जाएगी। स्यू ने उसे दुलारा, प्यार किया और उसे समझाया। उसने उससे कहा कि जब तक वह चित्र पूरा नहीं बना लेती तब तक वह खिड़की के बाहर उस पत्ते की ओर न देखे। वह बूढ़े खनिक का चित्र बनाने के लिए सबसे नीचे वाली मंजिल की ओर चली गई जहां बहरमैन नामक बूढ़ा चित्रकार रहता था। वह उसे अपने चित्र का मॉडल बनाना चाहती थी। वह बूढ़ा चित्रकार एक सर्वश्रेष्ठ कलाकृति बनाना चाहता था। स्य ने अपनी सहेली से सम्बन्धित सारी परेशानियाँ बहरमैन को बताईं। वे दोनों जब कमरे में आए तो जाह्नसी सो रही थी। बेल पर अब केवल एक पत्ता शेष बचा था, बाहर तेज़ बारिश हो रही थी और बर्फीली हवा चल रही थी, ऐसा लगता था कि आखिरी पत्ता भी गिर जाएगा। बहरमैन बिना कुछ बोले वापस अपने कमरे में चला गया।

अगली सुबह जब पर्दा हटाया तो तेज़ हवाओं के बावजूद आखिरी पत्ता नहीं गिरा था। वह काफी हरा और स्वस्थ लग रहा था। कुछ-कुछ देर बाद जाह्नसी अपनी आँखें खोलकर उस पत्ते की ओर देख लेती थी। शाम को एक बार फिर तूफ़ान आया वह पत्ता फिर भी नहीं गिरा। कुछ देर बाद उसने स्यू से कहा कि उसके विचार ठीक नहीं थे। वह जान गई थी कि मौत की चाह रखना पाप था। दोपहर बाद डॉक्टर साहब ने उसे जाँच कर कहा कि अब ठीक थी और शीघ्र पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगी। उसने यह भी बताया कि बहरमैन को भी निमोनिया हो गया था और कोई उम्मीद नहीं थी कि वह जिन्दा रह पाएगा। अगली सुबह स्यू ने जॉनसी को बताया कि बहरमैन की मृत्यु हो गई थी। उसे दो दिन से निमो िथा। चौकीदार ने बताया कि वह गीले कपड़े और गीले जूते पहने हुए बिस्तर पर पड़ा काँप रहा था। वह तूफ़ानी रात में बाहर निकला था। उसने आईवीलता का आखिरी पत्ता गिर जाने के बाद हरे-पीले रंगों का पत्ता बनाकर वहां लगाया था जो फड़फड़ाता नहीं था। वह उसकी सर्वश्रेष्ठ कलाकृति थी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 21 हरी-हरी दूब पर

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 21 हरी-हरी दूब पर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 21 हरी-हरी दूब पर

Hindi Guide for Class 8 PSEB हरी-हरी दूब पर Textbook Questions and Answers

(क) भाषा ज्ञान

I. शब्दार्थ

उत्तर:
दूब = प्यास।
ओस = वाष्प का रूप।
क्वाँर = आश्विन (कुआर) का महीना।
फूटा = उगा।
बालसूर्य = प्रात:कालीन सूर्य।
पाँव फैलाना = निकलना, उदित होना।
बगीची = छोटी बगिया।
ताप = गरमी।
भाप = जल का वाष्पीय रूप।
सत्य = सच्चाई।
क्षणिक = पल भर रहने वाली, कम आयु की।
सौन्दर्य = सुन्दरता।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 21 हरी-हरी दूब पर

(ख) विषय-बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
ओस की बूंदें अभी थीं, अब नहीं हैं’-इस पंक्ति में कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर:
कवि कहता है कि ओस की बूंदें कुछ देर पहले तो थीं पर धूप की गर्मी से अब वे भाप बन कर उड़ गई हैं।

प्रश्न (ख)
हमारी खुशियों के बारे में कवि ने क्या कहा है ?
उत्तर:
हमारी खुशियों के बारे में कहा कि वे सदा नहीं रहतीं। वे कभी आती हैं और कभी नष्ट हो जाती हैं।

प्रश्न (ग)
प्रातःकालीन सूर्य से बगीचे की सुन्दरता का वर्णन करें।
उत्तर:
प्रात:कालीन सूर्य से हर पौधे का एक-एक पत्ता जगमगा उठता है। उनमें चमक-सी आ जाती है।

प्रश्न (घ)
क्यों न मैं क्षण-क्षण को जीऊँ’ में कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर:
कवि कहना चाहता है कि ओस की आयु चाहे बहुत छोटी है पर उसकी सुन्दरता को हर पल वह महसूस करना चाहता है। उसका आनन्द पाना चाहता है।

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II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें

प्रश्न (क)
जीवन की वास्तविकता को स्वीकार करने में कवि कहाँ तक सफल हो पाया है ?
उत्तर:
कवि ने माना है कि जीवन के तरह-तरह के रंग होते हैं। वे सुख भी देते हैं और दुःख भी। सभी के लिए सुख की प्राप्ति के भिन्न-भिन्न आधार होते हैं। कवि को घास पर पड़ी ओस की छोटी-छोटी बूंदें आकर्षक लगती हैं। वह उन्हें वास्तविकता मानता है पर सूर्य की गर्मी उन्हें भाप में बदल कर मिटा देती है। ओस की बूंदें कवि के जीवन की वास्तविकता हैं पर वे क्षणिक हैं, लेकिन सूर्य का हर रोज पूरब दिशा से प्रकट होना भी वास्तविकता है।

प्रश्न (ख)
शाश्वत खुशियों के सन्दर्भ में कवि की क्या धारणा है ?
उत्तर:
शाश्वत का अर्थ है-जो सदा रहे। जो पहले भी था, अब भी है और आगे भी होगा। जीवन में खुशियाँ सभी को प्राप्त होती हैं पर वे क्षणिक होती हैं। कोई भी ऐसा प्राणी नहीं हो सकता जिसकी खुशियाँ शाश्वत हों। हर व्यक्ति के जीवन में सुखों के बाद दु:ख और दुःखों के बाद सुख अवश्य आते हैं।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. पर्यायवाची शब्द लिखें

(क) दूब = …………………
(ख) ओस = …………………
(ग) पाँव = …………………
(घ) क्षण = …………………
(ङ) पत्ता = …………………
(च) सौन्दर्य = ………….
(छ) सूर्य = …………………
(ज) सत्य = …………………
उत्तर:
(क) दूब = घास, दूर्वा
(ख) ओस = शबनम, तुहिनकण
(ग) पाँव = पाद, पैर
(घ) क्षण = पल, अवसर
(ङ) पत्ता = पत्र, पर्ण
(च) सौन्दर्य = सुन्दरता, लावण्य
(छ) सूर्य = सूरज, दिवाकर
(ज) सत्य = सच, यथार्थ।

II. (क) निम्नलिखित अनेकार्थक शब्दों के विभिन्न अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयुक्त करें

मगर – लेकिन – वह आ तो सकता था मगर आया नहीं।
मगर – घड़ियाल – मैंने चिड़ियाघर में एक मगर देखा।
बाल, हरी, हर, पूरब

उत्तर:
बाल – केश = रेवा की दादी जी के बाल बिल्कुल सफेद हैं।
बाल – बच्चा = कृष्ण का बाल-रूप कितना सुन्दर और आकर्षक था।
हरी – एक रंग = आप की साड़ी पर हरी कढ़ाई सुन्दर है।
हरी – हरण करना = कौरवों ने भरी सभा में द्रौपदी की लाज हरी थी।
हर – प्रत्येक = हर सोमवार हमारी गणित की परीक्षा हुआ करती थी।
हर – भगवान शिव = हर-हर गंगे करते हुए सब आगे बढ़ गए थे।
पूरब – एक दिशा का नाम = सूर्य पूरब दिशा से निकलता है।
पूरब – पहले = इससे पूरब तो आप को कभी इस गली में नहीं देखा गया।

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(घ) रचनात्मक व्याकरण

(i) आप प्रात:कालीन और सायंकालीन सैर करने के लिए बाग़ में जाते होंगे। प्रात:कालीन सूर्य की लालिमा, पक्षियों का कलरव, ओस के कणों पर सतरंगी इन्द्रधनुषी आभा, फूलों की खुशबू और सुन्दरता, तालाब में खिला कमल आदि प्राकृतिक सुन्दरता का आपने अनुभव किया होगा। इस तरह के अनुभवों को अपनी डायरी में लिखने का प्रयत्न करें।
(ii) सुमित्रानंदन पंत की किरणों का खेल’ डॉ० राम कुमार वर्मा द्वारा रचित ‘ये गजरे तारों वाले’ तथा ‘जयशंकर प्रसाद की ‘बीती विभावरी जाग री’ कविताएँ पढ़कर प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द लें।
(iii) श्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। वे कविताएँ, गीत, व्यंग्यात्मक रचनाएँ, मुक्तक छंद लिखने में सिद्धहस्त हैं। उनकी अन्य रचनाएँ पुस्तकालय से लेकर पढ़ें।
(iv) ‘ओस का मोती’ एक मुहावरा है जिसका अर्थ है-‘क्षणिक अस्तित्व की वस्तु एवं बात।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

PSEB 8th Class Hindi Guide हरी-हरी दूब पर Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
ओस की बूंदें क्या बन कर उड़ गईं ?
(क) पानी
(ख) भाप
(ग) ताप
(घ) धूल।
उत्तर:
भाप।

प्रश्न 2.
ओस की बूंदों को किस ने सुखा दिया ?
(क) सूर्य ने
(ख) हवा ने
(ग) धूल ने
(घ) बादल ने।
उत्तर:
सूर्य ने।

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प्रश्न 3.
किस की कोख से बाल सूर्य निकला ?
(क) क्वॉर
(ख) ज्वार
(ग) बाजरा
(घ) मक्का ।
उत्तर:
क्वॉर।

प्रश्न 4.
बाल सूर्य किस की गोद में पाँव फैलाने लगा ?
(क) पूर्व
(ख) उत्तर
(ग) पश्चिम
(घ) दक्षिण।
उत्तर:
पूर्व।

प्रश्न 5.
कवि उगते सूर्य को नमस्कार करने के स्थान पर किसे ढूँढ रहा है ?
(क) ओस की बूंद को
(ख) क्वॉर को
(ग) पत्ते को
(घ) भाप को।
उत्तर:
ओस की बूंद को।

प्रश्न 6.
कवि के अनुसार सूर्य क्या है ?
(क) एक सत्य
(ख) एक झूठ
(ग) एक चमत्कार
(घ) एक नक्षत्र।
उत्तर:
एक सत्य।

प्रश्न 7.
ओस का जीवन कैसा है ?
(क) स्थाई
(ख) क्षणिक
(ग) रंगीन
(घ) बदरंग।
उत्तर;
क्षणिक।

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प्रश्न 8.
कवि के अनुसार हर मौसम में क्या नहीं मिलती ?
(क) धूप
(ख) वर्षा
(ग) ओस की बूंद
(घ) चाँदनी।
उत्तर:
ओस की बूंद।

सप्रसंग व्याख्या

1. हरी-हरी दूब पर
ओस की बूंदें
अभी थीं,
अब नहीं हैं।
ऐसी खुशियाँ
जो हमेशा हमारा साथ दें
कभी नहीं थीं,
कहीं नहीं हैं।

शब्दार्थ : दूब = प्यास। ओस = वाष्प का रूप।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक में संकलित कविता ‘हरी-हरी दूब पर’ से ली गई हैं। कवि ने प्रकृति में आने वाले परिवर्तन से अपने जीवन के सुख-दुखों को जोड़कर प्रकट किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि अभी कुछ देर पहले प्रातः के समय हरी-हरी घास पर ओस की कुछ बूंदें थीं पर वे अब वहाँ नहीं हैं। ऐसी खुशियाँ जो साथ रहें, मन को प्रसन्नता देती रहें, वे सदा हमारे साथ नहीं रहतीं। न तो वे पहले कभी रही थीं और न कभी वर्तमान में रही हैं। भाव है कि जीवन में सुख आते हैं, लेकिन वे क्षणिक होते हैं। वे कुछ देर तक तो हमारे साथ रहते हैं पर समय के साथ वे भी समाप्त हो जाते हैं।

विशेष:

  1. कवि ने जीवन में आने वाले सुखों की अस्थिरता को प्रकट किया है।
  2. भाषा सरल और सरस है।

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2. क्वाँर की कोख से
फूटा बाल सूर्य,
जब पूरब की गोद में
पाँव फैलाने लगा,
तो मेरी बगीची का
पत्ता-पत्ता जगमगाने लगा,
मैं उगते सूर्य को नमस्कार करूँ
या उसके ताप से भाप बनी,
ओस की बूंदों को ढूँढूँ ?

शब्दार्थ:
क्वाँर = आश्विन (कुआर) का महीना। फूटा = उगा। बालसूर्य = प्रात:कालीन सूर्य। पाँव फैलाना = निकलना, उदित होना। बगीची = छोटी बगिया। ताप = गरमी। भाप = जल का वाष्पीय रूप। .

प्रसंग:
यह पद्यांश हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘हरी हरी दब पर’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने सुबह के समय सूर्य के पूर्व दिशा से निकलने का वर्णन किया है जिसका सारी प्रकृति पर प्रभाव पड़ा है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि आश्विन (कुआर) का महीना था। उसकी कोख से बाल सूर्य प्रकट हुआ। जब वह बाल सूर्य पूर्व दिशा की गोद में धीरे-धीरे अपने पाँव फैलाने लगा तो मेरी छोटी-सी बगिया में पौधों का एक-एक पत्ता जगमगाने लगा था। प्रातः की कोमल धूप में हरे-भरे पत्ते चमकने लगे थे। कवि कहता है कि मुझे अब समझ नहीं आ रहा है कि मैं सुबह के समय आकाश में प्रकट होने वाले सूर्य को प्रणाम करूँ या कुछ देर पहले घास पर जगमगाने वाली ओस की बूंदों को ढूँढूँ जो हल्की धूप के आने से भाप बनकर पता नहीं उड़ गई हैं। भाव है कि कवि का प्रकृति-प्रेम बदलते समय के कारण आए परिवर्तन को स्वीकार नहीं कर पा रहा। उसे ओस की बूंदों का सौन्दर्य अधिक प्रिय था।

विशेष:

  1. कवि ने प्रकृति के रूप की परिवर्तनशीलता की ओर संकेत किया है।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

3. सूर्य एक सत्य है
जिसे झुठलाया नहीं जा सकता
मगर ओस भी तो एक सच्चाई है
यह बात अलग है कि ओस क्षणिक है
क्यों न मैं क्षण-क्षण को जीऊँ ?
कण-कण में बिखरे सौन्दर्य को पीऊँ ?
सूर्य तो फिर भी उगेगा,
धूप तो फिर भी खिलेगी,
लेकिन मेरी बगीची की हरी-हरी दूब पर,
ओस की बूंद
हर मौसम में नहीं मिलेगी।

शब्दार्थ : सत्य = सच्चाई। क्षणिक = पल भर रहने वाली, कम आयु की। सौन्दर्य = सुन्दरता।

प्रसंग:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित कविता ‘हरी हरी दूब पर’ से ली गई हैं। कवि प्रकृति में विद्यमान कोमलता को प्रेम करता है पर परिवर्तन तो कठोर भी होता है। कवि उस कठोरता को सहन नहीं कर पा रहा।

व्याख्या:
कवि कहता है कि सूर्य का उगना और संसार को धूप देना एक ऐसी सच्चाई है जिसे किसी भी अवस्था में झुठलाया नहीं जा सकता। पर यह भी सच है कि घास पर ओस की बूंदें प्रकट हुई थीं। यह अलग बात है कि ओस पलभर के लिए रहने वाली है। मैं ओस की उज्ज्वलता, सुन्दरता और कोमलता के हर पल को क्यों न पीऊँ। कण-कण में बिखरी उस सुन्दरता को मैं क्यों मन से प्राप्त करूँ। सूर्य तो फिर भी उगेगा। वह बार-बार प्रकट होगा। धूप हर रोज़ खिलेगी पर मेरी बगीची की हरी-हरी घास पर ओस की बूंदें तो हर मौसम में मुझे नहीं मिलेंगी। भाव है कि ओस तो केवल सर्दी की ऋतु में ही घास पर दिखाई देती है और उसकी अपनी ही सुन्दरता है। उसे भी किसी प्रकार से नकारा नहीं जा सकता।

विशेष:

  1. कवि ने माना है कि प्रकृति के हर रंग में सुन्दरता है, लेकिन हर इन्सान की पसन्द अलग-अलग है। किसी को प्रकृति का कोई रूप अच्छा लगता है तो किसी को कोई।
  2. भाषा सरल और सरस है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 21 हरी-हरी दूब पर

हरी-हरी दूब पर Summary

हरी-हरी दूब पर कविता का सार

कवि ने अपनी कविता में प्रकृति में आने वाले परिवर्तनों को सूक्ष्मता से देखा है और उन्हें प्रकट किया है। सुबह-सवेरे हरी-हरी घास ओस की बूंदें अभी कुछ देर पहले तो दिखाई दे रही थीं पर अब वे वहाँ नहीं हैं। हमारे जीवन में भी खुशियाँ आती हैं। वे पलभर रहती हैं और फिर हमारा साथ छोड़ जाती हैं। आश्विन महीने में सुबह सूर्य पूर्व दिशा में जब प्रकट हुआ तो मेरी बगीची का पत्ता-पत्ता जगमगा उठा था। मुझे समझ नहीं आ रहा कि अब मैं सूर्य देव को प्रकाश देने के लिए प्रणाम करूँ या उस धूप के कारण भाप बन गई ओस को ढूँढूँ। सूर्य एक सच्चाई है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता पर ओस की बूंद भी तो सच है। हाँ, इतना ठीक है कि ओस का जीवन पलभर का है और पल-पल की खुशी को पीने का मुझे अधिकार है। मैं उसे प्राप्त क्यों न करूँ ? सूर्य तो फिर उगेगा, धूप भी निकलेगी पर मेरी बगीची में हर मौसम में ओस की बूंदें तो दिखाई नहीं देंगी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

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Hindi Guide for Class 8 PSEB सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Textbook Questions and Answers

(क) भाषा-बोध

I. शब्दार्थ:

अन्यथा = नहीं तो।
हेलमेट = सिर की रक्षा करने वाला टोप।
सेफ्टी बैल्ट = सुरक्षा बैल्ट।
निर्धारित = नियत, निश्चित किया हुआ।
संकेत = इशारा।
पार्क = गाड़ी खड़ा करना।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

(ख) विषय बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) सड़क पर दिनों-दिन बढ़ती दुर्घटनाओं का लेखक ने क्या कारण बताया
उत्तर:
लापरवाही और सुरक्षा नियमों का पालन न करना ही दिनों दिन बढ़ती दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है।

(ख) सड़क-सुरक्षा-जीवन रक्षा से लेखक का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
सड़कों पर अपनी और दूसरों की सुरक्षा से ही जीवन की सुरक्षा की जा सकती

(ग) स्कूटर तथा कार चलाने के लिए कम-से-कम कितनी उम्र होनी चाहिए ?
उत्तर:
स्कूटर तथा कार चलाने के लिए कम से कम उम्र 16 वर्ष होनी चाहिए।

(घ) वाहन चलाते समय मोबाइल सुनना क्यों खतरनाक हो सकता है ?
उत्तर:
वाहन चलाते समय मोबाइल सुनने से ध्यान बंट जाता है जिससे दुर्घटना होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए यह खतरनाक हो सकता है।

(ङ) निश्चित स्थान पर वाहन पार्किंग का क्या फायदा है ?
उत्तर:
निश्चित स्थान पर वाहन पार्किंग से किसी को भी असुविधा नहीं होती।

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(च) चौराहे में लाल-हरी बत्ती के पास सड़क पर काली-सफेद लकीरें क्या दर्शाती हैं ?
उत्तर:
चौराहे में लाल-हरी बत्ती के पास काली-सफेद लकीरें यह दर्शाती हैं कि पैदल सड़क पार करने वाले वहाँ से जाएँ।

II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) वाहन चलाते समय सेफ्टी बैल्ट लगाना क्यों अनिवार्य है ?
उत्तर:
वाहन चलाते समय चालक और अगली सीट पर बैठे दूसरे व्यक्ति को सेफ्टी बैल्ट लगानी अनिवार्य है। अचानक किसी कारण ब्रेक लगाने पर उनके सिर का भाग आगे को तेजी से झुकते हैं जो वाहन में सामने की किसी भी वस्तु से टकरा सकते हैं। दुर्घटना हो जाने की स्थिति में सिर और चेहरे पर गम्भीर चोट लग सकती है। सेफ्टी बेल्ट लगाने से शरीर और छाती आगे गति नहीं कर पाते जिससे व्यक्ति की सुरक्षा बढ़ जाती है।

(ख) कौन-से वाहनों पर काले रंग के शीशे और लाल रंग की बत्ती लगायी जा सकती है ?
उत्तर:
विशेष अधिकार प्राप्त लोगों के द्वारा ही अपने वाहनों पर काले रंग के शीशे और लाल रंग की बत्ती लगवाई जा सकती है। इसके लिए अधिकार प्राप्त व्यक्ति ट्रैफिक विभाग से लिखित आज्ञा प्राप्त करते हैं। बिना आज्ञा के ऐसा नहीं किया जा सकता। बिना आज्ञा काले रंग के शीशे और लाल बत्ती का प्रयोग करने वालों को दण्डित किया जा सकता है।

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(ग) हमें सड़क पर दुर्घटना से बचने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर:
हमें सड़क पर दुर्घटनाओं से बचने के लिए वाहन की गति कम और नियन्त्रित रखनी चाहिए। सीट बेल्ट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। सड़क पर लाल-हरी बत्तियों का ध्यान रखना चाहिए। सड़कों का प्रयोग करने के लिए बनाए गए नियमों का पालन करना चाहिए। स्कूटर-मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. शुद्ध करके लिखें :

पराथना = …………….
चारट = …………….
टरैफिक = …………….
दाँयी = …………….
मंतर = …………….
सिखना = …………….
किन्तू = …………….
रफतार = …………….
मोबाईल = …………….
रूकावट = …………….
मतबल = …………….
निचित = …………….
उबड़-खबड़ = …………….
रस्ते = …………….
धन्यावाद = …………….
उत्तर:
पराथना = प्रार्थना
चारट = चार्ट
टरैफिक = ट्रैफिक
दाँयी = दायीं
मंतर = मंत्र
सिखना = सीखना
किन्तू = किंतु
रफतार = रफ़्तार
मोबाईल = मोबाइल
रूकावट = रुकावट
मतबल = मतलब
निचित = निश्चित
उबड़-खबड़ = ऊबड़-खाबड़
रस्ते = रास्ते
धन्यावाद = धन्यवाद

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II. रिक्त स्थान में उचित सम्बन्धबोधक शब्द भरकर वाक्य पूरे करें

(क) इसे अन्य नियमों ……. कठोरता से लागू नहीं किया जा सका है। (की ओर, की अपेक्षा)
(ख) आज्ञा ……….. किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए। (के लिए, के बिना)
(ग) सड़क ………… काली सफ़ेद लकीरें लगाई गयी हैं। (के पास, पर)
(घ) हमें भारी गाड़ियों …….. से नहीं गुज़रना चाहिए। (के बीच, के बदले)
(ङ) चालक …….. बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट पहनना चाहिए। (के बगैर, के पीछे)
उत्तर:
(क) इसे अन्य नियमों की अपेक्षा कठोरता से लागू नहीं किया जा सका है।
(ख) आज्ञा के बिना किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए।
(ग) सड़क पर काली सफ़ेद लकीरें लगाई गयी हैं।
(घ) हमें भारी गाड़ियों के बीच से नहीं गुज़रना चाहिए।
(ङ) चालक के पीछे बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट पहनना चाहिए।

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III. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें

(i) स्कूल का सर्वप्रमुख अध्यापक
(ii) स्कूल में सुबह आयोजित की जाने वाली सभा
(iii) स्कूटर चलाने वाला व्यक्ति
(iv) विद्या प्राप्त करने वाला
(v) जो बीमार हो
(vi) जहाँ बीमारों का इलाज हो
(vii) चौराहे में लाल बत्ती के पास सड़क पर लगी काली सफेद लाइनें
उत्तर:
(i) मुख्याध्यापक
(ii) प्रार्थना सभा
(iii) स्कूटर चालक
(iv) विद्यार्थी
(v) रोगी/बीमार/रुग्ण
(vi) अस्पताल
(vii) जैबरा लाइनें

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IV. एक शब्द में अलग-अलग अक्षरों व मात्राओं के प्रयोग से कई शब्द बना सकते हैं। ‘खतरनाक’ शब्द से बनने वाले विविध शब्द कैसे बनते हैं। देखो

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 20 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा 1
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं इसका अभ्यास करें।

V. इस तरह निम्नलिखित शब्दों में अलग-अलग अक्षरों व मात्राओं के प्रयोग से नए शब्द बनायें

अचानक, जानकारी
अचानक = अचकन, चना, आक, नाच, कन, चाक।
जानकारी = जान, जारी, कान, कार, जनक, करी।

इन्हें भी याद रखिये-
1. स्कूटर चालक के साथ-साथ पीछे बैठे व्यक्ति को भी बढ़िया किस्म का हेलमे पहनना चाहिए।
2. महिलाओं को भी अपनी सुरक्षा हेतु हेलमेट पहनना चाहिए।
3. यदि लाल बत्ती हुई हो और उस समय किसी भी तरफ से कोई न आता जाता | दिखाई दे तो भी हमें लाल बत्ती पर खड़े रहना चाहिए।
4. केवल हरी बत्ती पर ही चलना चाहिए।
5. हमें हरी बत्ती दिखाई देने पर जल्दी लाँघने के लिए अपने वाहन की गति बढ़ा नहीं देनी चाहिए। इससे जल्दबाजी में दुर्घटना घट सकती है।
6. हमें हेलमेट सुरक्षा के लिए पहनना है न कि नियमों का पालन करने के लिए। हेलमेट होते हुए भी उसे सिर पर न पहन कर हाथ में पकड़ना या स्कूटर पर लटका कर रखना नियमों की अवहेलना के साथ-साथ बेवकूफी है।
7. हमें सड़क पर अपने वाहन से किसी से रेस नहीं लगानी चाहिए।
8. हमें अपना वाहन निश्चित जगह पर ही खड़ा करना चाहिए।

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PSEB 8th Class Hindi Guide सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
हमें सड़क पर किस ओर चलना चाहिए ?
(क) दायीं
(ख) बायीं
(ग) किसी भी दिशा में
(घ) बीच में।
उत्तर:
बायीं।

प्रश्न 2.
वाहन कहाँ खड़े करने चाहिए ?
(क) कहीं भी
(ख) फुटपाथ पर
(ग) सड़क पर
(घ) निश्चित स्थान पर।
उत्तर:
निश्चित स्थान पर।

प्रश्न 3.
‘P’ के दोनों ओर तीर (2) क्या दर्शाते हैं ?
(क) वाहन दायीं ओर खड़ा करें
(ख) वाहन बायीं ओर खड़ा करें
(ग) वाहन खड़ा नहीं करें
(घ) वाहन दोनों ओर खड़ा करें
उत्तर:
वाहन दोनों ओर खड़ा करें

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प्रश्न 4.
चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल की कितनी बत्तियाँ होती हैं ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर:
तीन।

प्रश्न 5.
स्कूटर/कार चलाने के लिए कम-से-कम कितनी आयु होनी चाहिए ?
(क) 14
(ख) 15
(ग) 16
(घ) 18.
उत्तर:
16.

प्रश्न 6.
चौराहे पर लगी काली-सफेद लकीरों वाले क्षेत्र का प्रयोग कौन करते हैं ?
(क) कार चालक
(ख) स्कूटर चालक
(ग) पैदल यात्री
(घ) ट्रक चालक।
उत्तर:
पैदल यात्री।

प्रश्न 7.
अस्पताल के पास हार्न के कटे हुए निशान का क्या अर्थ है ?
(क) हार्न बजायें
(ख) हार्न न बजायें
(ग) हार्न ज़ोर से बजायें
(घ) हार्न बार-बार बजायें।
उत्तर:
हार्न न बजायें।

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प्रश्न 8.
वाहन चलाते समय मोबाइल सुनने से क्या हो सकता है ?
(क) कुछ नहीं
(ख) दुर्घटना
(ग) कान का फटना
(घ) मोबाइल का गिरना।
उत्तर:
दुर्घटना।

प्रश्न 9.
ट्रैफिक सिग्नल पर कौन-सी बत्ती जल रही हो तो वाहन चलाना चाहिए ?
(क) लाल
(ख) पीली
(ग) हरी
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर:
हरी।

प्रश्न 10.
वाहन किस बत्ती के जलने पर चलाना नहीं चाहिए ?
(क) हरी
(ख) पीली
(ग). नीली
(घ) लाल।
उत्तर:;
लाल।

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सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Summary

सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा पाठ का सार

स्कूल में ट्रैफिक पुलिस अधिकारी आमन्त्रित किए गए थे। प्रधानाचार्य ने उनका परिचय देते हुए स्कूल में आने के लिए स्वागत किया। सभी विद्यार्थी यातायात के नियमों को जानना चाहते थे। स्टेज पर लगे यातायात नियमों तथा चिह्नों से सम्बन्धित चार्यों को समझना चाहते थे। ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि यातायात के नियमों का पालन न करने और सड़क पर लापरवाही के कारण दुर्घटनाओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इनसे बचने का एक ही मूल तरीका है कि हमें स्वयं सड़क पर सुरक्षित ढंग से चलना चाहिए और दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। विद्यार्थियों की जानकारी बढ़ाते हुए उन्होंने बताया कि हमें हमेशा सड़क के बायीं ओर ही चलना चाहिए। यदि सड़क पार करनी हो तो दायीं-बायीं ओर देखकर सावधानी से ऐसा करना चाहिए।

हमें सड़क के किनारे फुटपाथ पर ही चलना चाहिए। तेज़ रफ्तार से वाहन नहीं चलाना चाहिए। पुरुषों और महिलाओं को हेलमेट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। वाहन चलाते समय सुरक्षा बैल्ट का प्रयोग करना चाहिए। यदि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन की घण्टी बज जाती है तो वाहन को सड़क के किनारे रोककर बात करनी चाहिए। ट्रैफिक पुलिस ने जगह-जगह सड़क किनारे बोर्ड लगवाए हुए हैं। स्कूल के सामने बोर्ड पर जो बैग ले जाते बच्चे का चित्र बना होता है उसका अर्थ होता है कि यहाँ स्कूल है इसलिए वाहन की गति कम करो। अस्पताल के पास हार्न के कटे हुए निशान का अर्थ होता है कि व्यर्थ में हार्न न बजाया जाए क्योंकि ऊँची आवाज़ से रोगियों को परेशानी होती है।

पार्किंग के लिए अलग-अलग तीर लगे होते हैं। ‘P’ के नीचे दायीं ओर लगा तीर यह दर्शाता है कि वाहन दायीं ओर खड़ा करें। यही तीर का चिह्न बाईं ओर लगा हो तो वाहन को बाईं तरफ खड़ा करना चाहिए। ‘P’ के दोनों तरफ लगे तीर यह दर्शाते हैं कि वाहन दोनों तरफ खड़े किए जा सकते हैं। यदि ‘P’ के नीचे ‘साइकिल’ या ‘कार’ का चिह्न लगा हो तो वहाँ वहीं सम्बन्धित वाहन ही खड़ा करना चाहिए। सड़क पर लगी काली-सफेद लाइनों को ज़ेबरा लाइनें कहते हैं। पैदल चलने वालों को सदा उन्हीं पर चलते हुए सड़क पार करनी चाहिए। ऊबड़-खाबड़ सड़क की चेतावनी भी बोर्ड पर अंकित की जाती है। सड़क पर बायें, दायें या घूमने के संकेत बोर्डों द्वारा चालकों को दिए जाते हैं। हमें सड़क पर न तो खेलना चाहिए और न कूड़ा-कर्कट फेंकना चाहिए। भारी गाड़ियों के बीच में से हमें नहीं निकलना चाहिए। यातायात के नियम हमें और दूसरों को सुरक्षा प्रदान करते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

Hindi Guide for Class 8 PSEB भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम Textbook Questions and Answers

(क) विषय – बोध

I. शब्दार्थ:

लक्ष्य = उद्देश्य।
अब्बू = पिता।
अन्तरिक्ष विज्ञान = अन्तरिक्ष में स्थित, ग्रहों, उपग्रहों आदि की स्थिति स्वरूप जानकारी से सम्बन्धित विज्ञान।
कर्मठता = काम में कुशलता।
विभूति = विभव, अधिकता, बढ़ती, ऐश्वर्य।
सजग = जागरूक।
नजरअन्दाज = अनदेखा।
अथक = कभी न थकने वाला।
मशगूल = लीन।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

II. इन शब्दों के अर्थ लिखकर वाक्य बनायें :

उपाधि = ………………..
अथक = ………………..
मिसाइल = ………………..
लक्ष्य = ………………..
अन्तरिक्ष = ………………..
सपना = ………………..
टूटना = ………………..
उत्तर:
उपाधि = पदवी – हमारे अध्यापक के पास पीएच०डी० की उपाधि भी है।
अथक = बिना थके हुए – आपने अपने जीवन में यह पद प्राप्त करने के लिए अथक प्रयत्न किए हैं।
मिसाइल = दूर तक वार करने वाला एक हथियार – भारत ने अपने बलबूते पर अनेक प्रकार की मिसाइलें तैयार कर शत्रु के हृदय में डर पैदा कर दिया है।
लक्ष्य = मंजिल – अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मनोज कुछ भी कर सकता है।
अन्तरिक्ष = आकाश – पिछले सप्ताह भारत ने अपना एक रॉकेट अन्तरिक्ष में सफलतापूर्वक छोड़ा।
सपना टूटना = इच्छा अधूरी रह जाना – पति के देहान्त के कारण कल्पना का बड़ी कोठी बनाने का सपना टूट गया था।

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) भारत का प्रथम नागरिक किसे कहा जाता है ?
उत्तर:
भारत का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति जी को कहा जाता है।

(ख) राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का पूरा नाम लिखें।
उत्तर:
डॉ० अबुल पकीर जैनुलाबुदीन अब्दुल कलाम।

(ग) इन्होंने अपने पिता का हाथ बंटाने के लिए क्या काम लिया ?
उत्तर:
इन्होंने घर-घर अखबार बांट कर अपने पिता का हाथ बंटाया था।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

(घ) इन्होंने वैमानिकी इंजीनियरी (एयरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग) की डिग्री कहाँ से प्राप्त की ?
उत्तर:
इन्होंने वैमानिकी इंजीनियरी की डिग्री मद्रास तकनीकी संस्थान से प्राप्त की थी।

(ङ) इनके प्रेरणास्त्रोत कौन-कौन थे ?
उत्तर:
इनके प्रेरणास्रोत प्रो० विक्रम साराभाई, प्रो० सतीश धवन, प्रो० ब्रह्म प्रकाश, प्रो० एम०जी० मेनन, डॉ० राजा रमन्ना आदि प्रसिद्ध विभूतियाँ थीं।

(च) एस०एल०वी० 3 क्या है ?
उत्तर:
यह उपग्रह का अन्तरिक्ष में छोड़ने वाला प्रक्षेपण यन्त्र है।

(छ) आपको ‘मिसाइल मैन’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
आपने नाग, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल आदि मिसाइलें देश को प्रदान की जिस कारण आपको मिसाइल मैन कहा जाता है।

(ज) अपंग बच्चों के लिए आपने क्या बनाया और उसमें कौन-सी धातु प्रयोग की जाती है ?
उत्तर:
अपंग बच्चों के लिए आपने चलने की छड़ी बनाई। उनमें धातु कार्बन का प्रयोग किया जाता है।

(झ) आपको कौन-कौन से सम्मान, कब-कब प्राप्त हुए ?
उत्तर:
आपको सन् 1981 में पद्मभूषण, सन् 1990 में पद्म विभूषण और सन् 1997 में भारत रत्न नामक सम्मान प्राप्त हुए थे।

(ञ) किस गुण के कारण आप चाचा नेहरू की याद करा देते हैं ?
उत्तर:
बच्चों में घुल-मिल जाने के कारण आप चाचा नेहरू की याद करा देते हैं।

(त) हर इन्सान के बारे में आपकी क्या राय है ?
उत्तर:
हर इन्सान में कोई न कोई अनोखा गुण अवश्य होता है जिसे उभारने की आवश्यकता होती है।

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II. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) उस घटना का वर्णन करो जिससे प्रेरित होकर उन्होंने उड़ान को अपना लक्ष्य बनाया।
उत्तर:
रामेश्वरम् ऐलिमैंटरी स्कूल के अध्यापक श्री शिवा सुब्रमण्यम ने पांचवीं कक्षा के अपने छात्रों को रामेश्वरम् के तट पर समझाया था कि पक्षी को उड़ने की इच्छा अपनी इच्छा से मिलती है। डॉ० कलाम उस समय छात्र के रूप में उस कक्षा में थे। उनके मन में अपने अध्यापक की बात सुनकर पक्षी की उड़ान एक प्रेरणा बन गई थी। कठोर परिश्रम से वे अपने लक्ष्य में पूर्ण रूप से सफल रहे थे।

(ख)’सपने टूट जायें तो निराश न हों।’ ऐसा उन्होंने क्यों कहा ?
उत्तर:
डॉ० कलाम के जीवन का लक्ष्य वायुसेना में पायलट बनने का था। उन्होंने इसके लिए प्रयत्न किया था पर उन्हें अन्तिम चयन प्रक्रिया में सफलता की प्राप्ति नहीं हुई थी। उन्होंने तब ऐसा कहा था कि सपने टूट जायें तो निराश न हों। वे अपने प्रयत्न से उड़ान प्रणाली में काम आने वाले यन्त्र बनाने में काम करने लगे थे।

(ग) युवा वर्ग के लिए उनका क्या सन्देश है ?
उत्तर:
युवा वर्ग के लिए उनका सन्देश है कि वे सब अपने ज्ञान का सदुपयोग करें। अपने खाली समय में वे जरूरतमन्द बच्चों में अपना ज्ञान बांटें। पर्यावरण सुधारने के लिए अधिक-से-अधिक पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें। वे समाज को खुशहाल बनाने के लिए प्रयत्न करें।

(घ) अब्दुल कलाम की जीवनी से आपने क्या-क्या सीखा ?
उत्तर:
अब्दुल कलाम अति बुद्धिमान और सचेत थे। बचपन में अपने अध्यापक के द्वारा कही गई बात को मन में रखकर वे देश के सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने में सफल हुए। अधिक सम्पन्न न होने के बावजूद उन्होंने अपने मन में हताशा नहीं आने दी थी। छुटपन से ही अपने पिता की सहायता करने के लिए प्रयत्न करते थे। अपने जीवन के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त न करने पर भी वे हताश नहीं हुए थे। सर्वोच्च शिखर पर पहुँच कर भी वे संगीत, कविता-लेखन और पढ़ने में अपना ध्यान लगाते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

(ङ) अपने विद्यालय के पुस्तकालय से इनकी जीवनी लेकर पढ़ें। अच्छी बातें/गुण अपनी डायरी में नोट करें।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. इन शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखें :

पक्षी = ………………..
इच्छा = ………………..
आकाश = ………………..
अध्यापक = ………………..
लक्ष्य = ………………..
समुद्र = ………………..
अब्बू = ………………..
उत्तर:
पक्षी = खग, पंछी
इच्छा = चाह , कामना
आकाश = नभ , आसमान
अध्यापक = गुरु , शिक्षक
लक्ष्य = उद्देश्य , मंजिल
समुद्र = सागर , उद्धि
अब्बू = पिता , तात।

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II. इन शब्दों के विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें :

आमदनी = ………………..
गुण = ………………..
असफल = ………………..
इच्छा = ………………..
विकसित = ………………..
मिलन = ………………..
विश्वास = ………………..
युवा = ………………..
सदुपयोग = ………………..
बुराई = ………………..
उत्तर:
आमदनी = खर्चा
गुण = अवगुण/दोष
असफल = सफल
इच्छा = अनिच्छा
विकसित = अविकसित
मिलन = वियोग
विश्वास = अविश्वास
युवा = वृद्ध
सदुपयोग = दुरुपयोग
बुराई = अच्छाई।

III. इन शब्दों में से मूल शब्द अलग करें :

सुशोभित = ………………..
नागरिक = ………………..
निर्मित = ………………..
सम्मानित = ………………..
विकसित = ………………..
परिवर्तित = ………………..
उत्तर:
सुशोभित = शोभा
नागरिक = नगर
निर्मित = निर्माण
सम्मानित = मान
विकसित = विकास
परिवर्तित = वृत

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

IV. ‘ता’ लगाकर भाववाचक संज्ञा बनायें :

नैतिक = ………………..
कर्मठ = ………………..
विनम्र = ………………..
सफल = ………………..
आवश्यक = ………………..
मिलनसार = ………………..
सजग = ………………..
नागरिक = ………………..
उत्तर:
नैतिक = नैतिकता
कर्मठ = कर्मठता
विनम्र = विनम्रता
सफल = सफलता
आवश्यक = आवश्यकता
मिलनसार = मिलनसारता
सजग = सजगता
नागरिक = नागरिकता।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

PSEB 8th Class Hindi Guide भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
डॉ० कलाम कब से कब तक भारत के राष्ट्रपति रहे ?
(क) 2002 से 2007 तक
(ख) 2000 से 2005 तक
(ग) 2001 से 2006 तक
(घ) 2003 से 2008 तक।
उत्तर:
2002 से 2007 तक।।

प्रश्न 2.
डॉ० कलाम का जन्म कब हुआ था ?
(क) 15-8-1931
(ख) 5-9-1931
(ग) 15-10-1931
(घ) 15-11-1931.
उत्तर:
15-10-1931.

प्रश्न 3.
डॉ० कलाम का जन्म किस स्थान पर हुआ था ?
(क) धनुष पुर
(ख) धनुष कोटी
(ग) धनुष बाणी
(घ) धनुष नगर।
उत्तर:
धनुष कोटी।

प्रश्न 4.
डॉ० कलाम ने मद्रास तकनीकी संस्थान से किस विषय में डिग्री प्राप्त की थी ?
(क) कंप्यूटर विज्ञान
(ख) सिविल इंजीनियरिंग पर
(ग) वैज्ञानिकी इंजीनियरिंग
(घ) मकैनिकल इंजीनियरिंग।
उत्तर:
वैज्ञानिकी इंजीनियरिंग।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 19 भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम

प्रश्न 5.
डॉ० कलाम को किस नाम से जाना जाता है ?
(क) राकेट मैन
(ख) त्रिशूल मैन
(ग) मिसाइल मैन
(घ) उपग्रह मैन।
उत्तर:
मिसाइल मैन।

प्रश्न 6.
डॉ० कलाम को कौन-सा सर्वोच्च सम्मान दिया गया ?
(क) देशरत्न
(ख) रॉकेट रत्न
(ग) भारत रत्न
(घ) विज्ञान रस।
उत्तर:
भारत रत्न।

भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम Summary

भारत रत्न-डॉ० अब्दुल कलाम पाठ का सार

भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ० अब्दुल कलाम उच्च कोटि के वे वैज्ञानिक हैं जिन्होंने भारत के नाम को विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में ला खड़ा किया है। वे जुलाई, सन् 2002 से जुलाई, सन् 2007 तक देश के राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने वाले महान् व्यक्तित्व के स्वामी हैं। इनका जन्म 15 अक्तूबर, सन् 1931 में रामेश्वरम् के धनुष कोटि गाँव में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। अपने पिता की सहायता करने के लिए प्रतिदिन ये अपने बचपन में ही सुबह चार बजे उठ जाते थे। नमाज़ पढ़ने के बाद अपने गणित के अध्यापक से पढ़ने के बाद पैदल तीन किलोमीटर रामेश्वरम् रेलवे स्टेशन से अखबार के बण्डल लाकर घर-घर बांटते और फिर पाठशाला जाते थे। गाँव से प्राथमिक शिक्षा परी करने के पश्चात् रामनाथपुरम् से मैट्रिक परीक्षा पास की। इन्होंने मद्रास तकनीकी संस्थान से वैमानिकी इंजीनियरी में डिग्री प्राप्त की तथा अंतरिक्ष विज्ञान में कुशलता प्राप्त की। माता-पिता के अतिरिक्त प्रो० विक्रम साराभाई, प्रो० सतीश धवन, प्रो० ब्रह्म प्रकाश, प्रो० एम०जी० मेनन, डॉ० राजा रमन्ना आदि इनके प्रेरणा स्रोत थे। ये एयरफोर्स में पायलट बनना चाहते थे पर ऐसा न कर पाने के बाद इन्होंने उड़ान प्रणाली में काम आने वाले यन्त्र बनाने में अपना पूरा ध्यान लगा दिया। इन्होंने सन् 1963 में भारत की पहली राकेट उड़ान और अन्य उड़ानों में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। रोहिणी उपग्रह को अन्तरिक्ष में छोड़ने वाले प्रक्षेपण यन्त्र एस०एल०वी० 3 की सफलता के बाद ये प्रधानमन्त्री के विज्ञान एवं तकनीकी सलाहकार बन गए थे। नाग, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल आदि मिसाइलों की सफलता के बाद इन्हें ‘मिसाइल मैन’ का नाम मिल गया था। इन्होंने मिसाइलों में प्रयुक्त होने वाली धातु कार्बन को विकसित किया। इसी से हैदराबाद निजाम संस्थान के अपंग बच्चों के चलने के लिए इन्होंने छड़ी तैयार की। इनके महान् योगदान के लिए इन्हें पदम् भूषण, पदम् विभूषण और भारत रत्न की उपाधियों से सम्मानित किया गया। इनका देश के युवा वर्ग में दृढ़ विश्वास है और मानना है कि यदि युवा वर्ग अपनी क्षमता से कार्य करे तो भारत सन् 2020 से पहले एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा। आज का युवा वर्ग बहुत सजग और सचेत है। उसे एकदूसरे के साथ ज्ञान, धन, खुशी और मुस्कान बांटनी चाहिए। सभी को एक-दूसरे की बुराइयों को नजरअंदाज करना चाहिए और अच्छाइयों से पाठ सीखना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 18 लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 18 लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 18 लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा

Hindi Guide for Class 8 PSEB लघु कथाएँ (i) सीख (ii) स्वाभिमान (iii) मेहनत का करिश्मा Textbook Questions and Answers

(क) भाषा बोध

I.शब्दार्थ :-

उत्सुकता = जानने की इच्छा।
कंपकंपाती सर्दी = कंपकंपी पैदा करने वाली ठंड।
करिश्मा = चमत्कार।
जर्जर = जीर्ण, टूटा-फूटा।
सतरंगी = सात रंगों वाला।
नुक्कड़ = नोक, मोड़, छोर।

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II. इन मुहावरे/लोकोक्तियों का अर्थ समझते हुए वाक्य बनायें :

साफ-साफ कहना = ……………..
टालमटोल करना = ……………..
अपना सा मुँह लेकर रह जाना = ……………..
पाँव जमाना = ……………..
दिल मचलना = ……………..
औंधे मुँह गिरना = ……………..
हाथ में थमाना = ……………..
अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत = ……………..
गहरी सोच में डूबना = ……………..
उत्तर:
1. साफ-साफ कहना = स्पष्ट रूप से कहना।
वाक्य – मकान मालिक ने किरायेदार को घर छोड़ देने के लिए आज साफ-साफ कह दिया है।

2. टालमटोल करना = बहाने बनाना।
वाक्य – तुम मेरा उधार चुकाने में टालमटोल क्यों कर रहे हो ?

3. अपना-सा मुँह लेकर रह जाना = अपमानित होना।
वाक्य – दुकान से चोरी करते हुए पकड़े जाने पर राघव अपना-सा मुँह ले कर रह गया।

4. पाँव जमाना = पकड़ मज़बूत करना।
वाक्य – गीली जमीन पर जरा अपने पाँव जमा कर रखना, नहीं तो फिसल जाओगे।

5. दिल मचलना = ललचाना।
वाक्य – प्रत्येक बच्चे का खिलौनों के लिए दिल मचलता ही है।

6. औंधे मुँह गिरना = उलट कर गिरना, लज्जित होना।
वाक्य – अन्ना जी को झूठा सिद्ध करने की कोशिश में नेता जी को खुद ही औंधे मुँह गिरना पड़ा था।

7. हाथ में थमाना = देना।
वाक्य – मांगने पर मैंने अपना प्रमाण पत्र उनके हाथ में थमा दिया था।

8. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत = नुकसान हो जाने के बाद पछताने का कोई लाभ नहीं होता।
वाक्य – जब परीक्षाएँ चल रही थीं तुम तब भी क्रिकेट खेलते रहे इसलिए तुम्हें फेल तो होना ही था और इसे ही तो कहते हैं कि अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।

9. गहरी सोच में डूबना = चिन्तित होना।
वाक्य – बेटे की आवारागर्दी की बातें सुनकर बेचारा रामदीन गहरी सोच में डूब गया था।

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(ख) विषय बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) रमेश और सुरेश में किस बात की समस्या थी ?
उत्तर:
उन दोनों में माँ को रखने के लिए पैसे देने की समस्या थी। रमेश अपने भाई से माँ को अपने साथ रखने के पैसे प्राप्त करना चाहता था।

(ख) चौधरी साहब ने रमेश और सुरेश को क्या समझाया ?
उत्तर:
चौधरी साहब ने उन्हें समझाया कि माँ जन्म देकर बच्चों को अपने पास रखती है न कि बच्चे उसे अपने पास रखते हैं।

(ग) दोनों भाइयों को क्या सीख मिली ?
उत्तर:
दोनों भाइयों को सीख मिली कि उन्हें माँ को सम्मानपूर्वक अपने साथ रखना चाहिए।

(घ) स्वाभिमान का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
स्वाभिमान का अर्थ है-अपनी क्षमता पर अभिमान।

(ङ) छोटा-सा लड़का क्या काम करता था ?
उत्तर:
छोटा-सा लड़का नौवीं में पढ़ता था और बीमार पिता की सहायता के लिए अखबार बांटता था।

(च) लेखक ने जब उसे कापियाँ देनी चाहीं तो उसने क्या उत्तर दिया ?
उत्तर:
लेखक ने जब उसे कापियाँ देनी चाहीं तो उसने उत्तर दिया कि जो कापियां नहीं ले सकते वे उन्हें कापियाँ दे दें।

(छ) चुन्नू ने माँ की अलमारी से क्या निकाला ?
उत्तर:
चुन्नू ने माँ की अलमारी से पचास रुपए का एक नोट निकाला।

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(ज) पचास के नोट का उसने क्या किया ?
उत्तर:
पचास के नोट से उसने पटाखे खरीदे और घण्टा भर चलाए।

(झ) चुन्नू ने माँ की दवाई के लिए पैसे कैसे जुटाये ?
उत्तर:
चुन्नू ने कागज के फूल बेचकर दवाई के लिए पैसे जुटाये।

(ब) उसकी खुशी का ठिकाना क्यों न था ?
उत्तर:
माँ के बच जाने से उसकी खुशी का ठिकाना न था।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग/प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनायें :

उपसर्ग + मूल शब्द = नया शब्द
बे + रोक = ……………..
बे + काबू = ……………..
बे + शर्म = ……………..
बे + कार = ……………..

मूल शब्द + प्रत्यय = नया शब्द
खुश + ई = ……………..
निर्भीक + ता = ……………..
कोमल + ता = ……………..
नम्र + ता = ……………..
उत्तर:
उपसर्ग + मूल शब्द = नया शब्द
बे + रोक = बेरोक
बे + काबू = बेकाबू
बे + शर्म = बेशर्म
बे + कार = बेकार

मूल शब्द + प्रत्यय = नया शब्द
खुश + ई = खुशी
निर्भीक + ता = निर्भीकता
कोमल + ता = कोमलता
नम्र + ता = नम्रता।

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II. पर्यायवाची शब्द लिखें :

अखबार = …………..
खुद = ……………..
मदद = ……………..
बीमार = ……………..
फूल = ……………..
जेब = ……………..
माँ = ……………..
उत्तर:
अख़बार = समाचार-पत्र
खुद = स्वयं
मदद = सहायता
बीमार = रुग्ण।
फूल = पुष्प
जेब = खीसा
माँ = मातृ

II. ‘कलाकार’ शब्द कला + कार से मिलकर बना है। इसी प्रकार अन्य शब्द बनायें :

चित्र + कार = ……………..
मूर्ति + कार = ……………..
नाटक + कार = ……………..
संगीत + कार = ……………..
साहित्य + कार = ……………..
उत्तर:
चित्र + कार = चित्रकार
मूर्ति + कार = मूर्तिकार
नाटक + कार = नाटककार
संगीत + कार = संगीतकार
साहित्य + कार = साहित्यकार।

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IV. बहुवचन रूप लिखें :

कॉपी = कापियाँ
दवाई = ……………..
पोटली = ……………..
चारपाई = ……………..
अलमारी = ……………..
चिड़िया = ……………..
गुड़िया = ……………..
लुटिया = ……………..
बुढ़िया = ……………..
उत्तर:
कॉपी = कापियाँ
दवाई = दवाइयाँ
पोटली = पोटलियाँ
चारपाई = चारपाइयाँ
अलमारी = अलमारियाँ
चिड़िया = चिड़ियाँ
गुड़िया= गुड़ियाँ
लुटिया = लुटियाँ
बुढ़िया = बुढ़ियाँ।

(घ) आत्म बोध

आपने एक मुहावरा सुना होगा ‘अपना हाथ जगन्नाथ’। जिसका अर्थ है-अपने हाथ से काम करना सबसे अच्छा है। दूसरी तथा तीसरी लघु कथायें इसी मुहावरे को चरितार्थ करती हैं। अतः हमेशा याद रखें : कार्य कोई भी छोटा नहीं होता, उसके पीछे मन की भावना महान् होनी चाहिए।

(छ) रचना बोध

आप अपने परिवार/पड़ोस/मित्र/सम्बन्धी की क्या सहायता कर सकते हैं ? सोचिये और लिखिये।
उत्तर:
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

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बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
रमेश के साथ उसकी माँ कितने महीनों से रह रही थी ?
(क) पाँच
(ख) सात
(ग) आठ
(घ) नौ।
उत्तर:
आठ।

प्रश्न 2.
रमेश के बड़े भाई का क्या नाम है ?
(क) सुरेश
(ग) गणेश
(घ) राकेश।
उत्तर:
सुरेश।

प्रश्न 3.
मुखिया चौधरी किस के साथ रह रहे थे ?
(क) भाई
(ख) मौसी
(ग) माँ
(घ) मामी।
उत्तर:
माँ।

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प्रश्न 4.
सुरेश माँ को अपने पास क्यों नहीं रखना चाहता था ?
(क) पत्नी के कारण
(ख) बच्चों के कारण
(ग) छोटा घर था
(घ) आर्थिक तंगी।
उत्तर:
आर्थिक तंगी।

प्रश्न 5.
लड़का कौन-सी कक्षा में पढ़ता था ?
(क) सातवीं
(ख) आठवीं
(ग) नौवीं
(घ) दसवीं।
उत्तर:
नौवीं।

प्रश्न 6.
लड़का क्या बांटता था ?
(क) अखबार
(ख) कापियाँ
(ग) पुस्तकें
(घ) भोजन।
उत्तर:
अखबार।

प्रश्न 7.
चुन्नू का मन क्या कर रहा था ?
(क) खेलने जाना है।
(ख) मिठाई खानी है
(ग) पटाखे चलाने हैं
(घ) साइकिल लेनी है।
उत्तर:
पटाखे चलाने हैं।

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प्रश्न 8.
चुन्नू ने कितने रुपए चुराए ?
(क) बीस
(ख) तीस
(ग) चालीस
(घ) पचास।
उत्तर:
पचास।

प्रश्न 9.
चुन्नू क्यों पछता रहा था ?
(क) मिठाई खाने पर
(ख) चोरी करने पर
(ग) खेलने जाने पर
(घ) माँ की चिंता न करने पर।
उत्तर:
चोरी करने पर।

प्रश्न 10.
चुन्नू के फूल कितने में बिके ?
(क) पचास रुपए में
(ख) एक सौ रुपए में
(ग) एक सौ दस रुपए में
(घ) एक सौ सात रुपए में।
उत्तर:
एक सौ सात रुपए में।

लघु कथाएँ-सीख,स्वाभिमान, मेहनत का करिश्मा Summary

लघु कथाएँ-सीख,स्वाभिमान, मेहनत का करिश्मा कथाओं का सार

1. सीख

सुरेश और रमेश दो भाई थे। उनकी माँ रमेश के साथ पिछले आठ महीने से रह रही थी। सुरेश अपनी माँ से मिलने और छोटे भाई को आर्थिक सहायता देने के लिए इस दौरान कभी नहीं आया था। एक बार सुरेश जब आया तो रमेश ने उससे साफ-साफ कह दिया कि माँ को उसके पास रखने के लिए खर्चे के कुछ पैसे भेजा करे। सुरेश ने अपनी कमज़ोर आर्थिक स्थिति के कारण ऐसा करने से मना कर दिया। उनमें यह भी बात हुई कि माँ छहछह महीनों के लिए बारी-बारी दोनों भाइयों के पास रहे। रमेश माँ को अपने पास रखना तो चाहता था पर बड़े भाई से माँ के खर्चे के लिए पैसे पाना चाहता था। जब वे आपस में मिल कर कोई निर्णय नहीं कर पा रहे थे तब उन्हें गाँव के मुखिया चौधरी जी दिखाई दिए। उन्होंने उनसे झगड़े को निपटाने के लिए कहा क्योंकि चौधरी साहब का भी एक भाई था पर उनकी माँ चौधरी साहब के साथ रहती थी। चौधरी साहब ने उन दोनों भाइयों से पूरी बात सुन कर कहा कि सच बात तो यह थी कि वे अपनी माँ के साथ रह रहे थे, न कि माँ उनके साथ रह रही थी। जब से उनका जन्म हुआ वे अपनी माँ के साथ रह रहे थे और यह उनका सौभाग्य था। उनकी बात सुन दोनों भाई सुरेश और रमेश ने शर्म से अपना सिर झुका लिया। इसके बाद रमेश ने कभी भी सुरेश से इस बात के लिए पैसे नहीं मांगे।

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2. स्वाभिमान

पिछले कुछ दिन से अखबार बांटने वाले की जगह एक छोटा-सा लड़का साइकिल पर आने लगा था। कंपकंपाती सर्दी में सुबह-सवेरे उसका आना लोगों को अजीब-सा लगा था। उन्हें विचार आया कि शायद वह पढ़ने स्कूल न जाता हो। एक सुबह उसने उसे रोक कर पूछा कि क्या पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाता। उसने बताया कि वह नौवीं में पढ़ता था। पिता जी के बीमार होने के कारण वह उनकी मदद के लिए आ रहा था। लेखक ने उसे कुछ कॉपियाँ सहायता के रूप में देने की बात कही तो उसने कहा कि वह खुद अपने लिए कॉपियाँ ले सकता था। जो नहीं ले सकते थे, वे कापियां उन्हें दे दें।

3. मेहनत का करिश्मा

दीवाली का दिन था। गली के सब बच्चे पटाखे चला रहे थे। चुन्नू का मन भी पटाखे चलाने का था पर उसके पास पैसे नहीं थे। उसकी माँ बीमार थी। वह दबे पाँव माँ के कमरे में गया। उसने माँ की अलमारी में फटे-पुराने कपड़ों के नीचे से एक पोटली निकाली। उसमें पचास रुपये का एक ही नोट था जो कुछ कागज़ों के साथ बंधा हुआ था। उसने उस नोट को चुपके से जेब में रखा और बाज़ारं से उनके पटाखे खरीदे। घंटा भर बाद जब वह वापस घर आया तो माँ चारपाई पर औंधे मुंह पड़ी थी। बुलाने पर भी वह बोल नहीं रही थी। वह डॉक्टर को बुला लाया। डॉक्टर ने उसे कुछ दवाइयों के नाम लिख कर दिए और कहा कि माँ के जीवन के लिए उसे दो घंटे में दवाइयाँ अवश्य मिल जानी चाहिए थी। घर में एक पैसा भी नहीं था। वह पछता रहा था कि उसने चोरी क्यों की और क्यों उन पैसों से पटाखे चला दिए। वह गहरी सोच में था। अचानक उसे याद आया कि स्कूल में कुछ दिन पहले कागज़ के फूल बनाना सिखाया था। उसने झट से अलमारी में से सतरंगी कागज़ निकाले। तेज़ी से उनके फूल बनाने आरम्भ किए। एक डलिया में भर कर वह गली की नुक्कड़ में बैठ कर उन्हें बेचने लगा। फूल सुंदर थे। वे सभी शीघ्र ही एक सौ सात रुपये में बिक गए। वह माँ की दवाई लाया और उसकी माँ खतरे से बाहर हो गई।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 17 नीरज के दोहे

Hindi Guide for Class 8 PSEB नीरज के दोहे Textbook Questions and Answers

(क) भाषा – बोध

I. शब्दार्थ:

उत्तर:
विषय विकार = लोभ, मोह, अहंकार आदि विषय वासनाएँ। शूल = काँटा, चुभन। प्रभु = भगवान । कृपा = दया। निर्मूल = बिना जड़ का, बिना कष्टों और दुखों का। मर्यादा = सदाचार। रम गया = लग गया। निष्काम = इच्छा से रहित। जग = संसार। अनूप = बेजोड़, अति सुंदर। दीखे = दिखाई देता है। भीतर = अंदर। लोभ = लालच। क्रोध = गुस्सा। मुक्ति = छुटकारा। धन = पैसा, दौलत, संपत्ति। मात्र = केवल। मनुज = मनुष्य। ध्येय = उद्देश्य। अगर = यदि। हेय = हीन, तुच्छ। अमरत्व = सदा बने रहना। हित = भला, कल्याण। सर्व-भूत-हित-रत = सब के कल्याण में लीन। सदा = हमेशा। डसे = डसना, डंक मारना। त्यागे = छोड़े। दुष्टता = बुराई। मसलो = कुचलो, दोनों हाथों के बीच रगड़ो। स्नेह = प्रेम। निवास = रहने का स्थान, रहना। निष्ठा = कौशल। श्रद्धा = एकाग्रता, आधार।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

(ख) विषय – बोध

I. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) इन दोहों के कवि का नाम लिखें।
उत्तर:
इन दोहों के कवि का नाम श्री नीरज है।

(ख) कवि ने प्रभु से क्या प्रार्थना की है ?
उत्तर:
कवि ने प्रभु से प्रार्थना की है कि वे उसके हृदय में विद्यमान सभी बुराइयों और विषय विकारों को सदा के लिए दूर कर दें।

(ग) हमें अपना मन किस में और किस भाव से रमाना चाहिए ?
उत्तर:
हमें अपना मन मर्यादा और त्याग के प्रतीक श्री राम में रमाना चाहिए।

(घ) कवि ने जग के रंग की तुलना किस रंग से की है ?
उत्तर:
कवि ने जग के रंग की तुलना इंद्रधनुष के रंगों से की है।

(ङ) हम अपने को कब पहचान सकते हैं ?
उत्तर:
जब हमारे मन में लोभ और क्रोध न हो तो हम अपने को पहचानते हैं।

(च) जीवन में महत्त्व किस बात का है ?
उत्तर:
जीवन का महत्त्व इस बात में छिपा है कि हम अपना जीवन किस प्रकार जीते हैं। जीवन का महत्त्व लंबी आयु से नहीं है।

(छ) सभी देशों में भारत की विशेष पहचान क्या है ?
उत्तर:
भारत अन्य देशों के समान स्वार्थी आधार पर कार्य नहीं करता बल्कि सभी देशों के कल्याण की दिशा में कार्य करता है।

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(ज) दृष्ट व्यक्ति की तुलना किससे की गई है ?
उत्तर:
दुष्ट व्यक्ति की तुलना साँप से की गई है।

(झ) फूल की क्या विशेषता है ?
उत्तर:
फूल की विशेषता है कि वह मसले जाने पर भी सुगंध ही देता है।

(ञ) घर की सुख-शान्ति किस में निहित है ?
उत्तर:
घर की सुख-शान्ति माता-पिता के गुणों और व्यवहार में निहित है।

II. इन दोहों की सप्रसंग व्याख्या करें :

(क) लोभ न जाने……………पहचान।
उत्तर:
देखिए, सप्रसंग व्याख्या भाग।

(ख) स्नेह, शान्ति……………..विश्वास।
उत्तर:
देखिए सप्रसंग व्याख्या भाग।

(ग) साँप’ और ‘फूल’ के उदाहरण द्वारा कवि क्या कहना चाहता है ? स्पष्ट करें।
उत्तर:
‘साँप’ और ‘फूल’ के उदाहरण देकर कवि ने मानव के स्वभाव को स्पष्ट करना चाहा है। दुष्ट और बुरे लोग साँप जैसे होते हैं जो उनका भला करना वालों का भी बुरा ही करते हैं। अच्छे स्वभाव के लोग फूल की तरह सब को सुगंध ही प्रदान करते हैं। जिस प्रकार फूल मसला जाने के बाद भी सुगंध ही प्रदान करता है उसी प्रकार अच्छे स्वभाव का व्यक्ति बुरे और दुष्ट लोगों का भी कल्याण करना चाहता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

(घ) जीवन की पहचान क्या है ? पठित दोहे के आधार पर उत्तर दें।
उत्तर:
जीवन की पहचान बुराइयों से दूर रहकर परिश्रम करते हुए ईमानदारी से जीना है। सभी का हित चाहते हुए लोभ और क्रोध से दूर रहकर अच्छी भावना को धारण करना ही इसकी पहचान है।

(ङ) कवि ने धर्म/अध्यात्म से सम्बन्धित दोहों में क्या-क्या कहा है ?
उत्तर:
कवि ने धर्म और अध्यात्म से संबंधित दोहों में कहा है कि इन्सान को केवल अपने स्वार्थ के लिए काम न करते हुए परोपकार की भावना को महत्त्व देना चाहिए। मर्यादा और त्याग के द्वारा समाज को एक साथ जोड़ा जा सकता है। ईश्वर सर्वत्र है और उसे कभी नहीं भुलाना चाहिए। ईश्वर ही हमारे विषय विकारों को दूर करते हैं।

(ग) व्यावहारिक व्याकरण

I. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

जग = ………………..
मुक्ति = ………………..
ध्येय = ………………..
मनुज = ………………..
हित = ………………..
हाथ = ………………..
साँप = ………………..
खुशबू = ………………..
फूल = ………………..
स्नेह = ………………..
उत्तर:
जग = संसार, जगत
मुक्ति = मोक्ष, निर्वाण
ध्येय = उद्देश्य, लक्ष्य
मनुज = मानव, मनुष्य
हित = कल्याण, भलाई
हाथ = हस्त, कर
दूध = दुग्ध, क्षीर
साँप = सर्प, नाग
खुशबू = सुगंध, महक
फूल = पुष्प, प्रसून
स्नेह = प्रेम, प्यार।

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II. ‘जीवित’ में ‘इत’, ‘महत्त्व’ में त्व’ और ‘दुष्टता’ में ‘ता’ प्रत्यय लगे हैं। इन तीनों प्रत्ययों से नये शब्द बनायें :

मर्यादा + इत = ————–
अमर + त्व = ————–
मनुज + ता = ————–
क्रोध + इत = ————–
—– + —— = ————–
—– + —— = ————–
—– + —— = ————–
—– + —— = ————–
—– + —— = ————–
—– + —— = ————–
उत्तर:
मर्यादा + इत = मर्यादित
क्रोध + इत = क्रोधित
सुगन्ध + इत = सुगन्धित
अमर + त्व = अमरत्व
कवि + त्व = कवित्व
मनुष्य + त्व = मनुष्यत्व
मनुज + ता = मनुजता
महान + ता = महानता
मानव + ता = मानवता

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PSEB 8th Class Hindi Guide नीरज के दोहे Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
मर्यादा और त्याग के नाम से किसे स्मरण करते हैं ?
(क) राम को
(ख) परशुराम को
(ग) अहिराम को
(घ) जगराम को।
उत्तर:
राम को।

प्रश्न 2.
संसार का रंग किसके समान अनुपम है ?
(क) इंद्रधनुष
(ख) अर्जुनधनुष
(ग) राम धनुष
(घ) शिव धनुष।
उत्तर:
इंद्रधनुष।

प्रश्न 3.
लोभ किसे नहीं जानता ?
(क) त्याग को
(ख) प्रेम को
(ग) दान को
(घ) मान को।
उत्तर:
दान को।

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प्रश्न 4.
दुष्ट क्या नहीं त्यागता ?
(क) प्रेम
(ख) संबंध
(ग) मित्रता
(घ) दुष्टता।
उत्तर:
दुष्टता।

प्रश्न 5.
फूल को मसल देने पर भी वह क्या नहीं त्यागता ?
(क) आकार
(ख) पंखुड़ियाँ
(ग) पराग
(घ) सुगंध।
उत्तर:
सुगंध।

सप्रसंग व्याख्या

1. मेरे विषय विकार जो, बने हृदय के शूल।
हे प्रभु, मुझ पर कृपा कर, करो उन्हें निर्मूल॥

शब्दार्थ:
विषय विकार = लोभ, मोह, अहंकार आदि विषय वासनाएँ। शूल = काँटा, चुभन। प्रभु = भगवान । कृपा = दया। निर्मूल = बिना जड़ का, बिना कष्टों और दुखों का।

प्रसंग:
यह दोहा कविवर ‘नीरज’ द्वारा रचित ‘नीरज के दोहे’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वे उनके हृदय को विकारों से रहित बना

व्याख्या:
कवि कहता है हे भगवन् ! मेरे हृदय में तरह-तरह के विषय-विकार काँटा बनकर चुभे हुए हैं। लोभ, मोह, अहंकार आदि बुराइयाँ मेरे भीतर चुभ कर मुझे सदा कष्ट देते रहते हैं। आप कृपा करके मेरे इन कष्टों और दुखों को सदा के लिए दूर कर दीजिए। भाव है कि कवि अपने जीवन को विषय विकारों से मुक्त करना चाहता है जिससे हृदय में पवित्रता का भाव बना रहे।

विशेष:

  1. कवि ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वह उसे तरह-तरह की बुराइयों से दूर रखे।
  2. तत्सम शब्दों का प्रयोग अधिक किया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

2. मर्यादा और त्याग का, एक नाम है राम।
उसमें जो मन रम गया, रहा सदा निष्काम।।

शब्दार्थ: मर्यादा = सदाचार। रम गया = लग गया। निष्काम = इच्छा से रहित।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता ‘नीरज के दोहे’ से लिया गया है। कवि ने इसमें श्री राम के महत्त्व को प्रकट किया और माना है कि उनके नाममात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

व्याख्या:
कवि ने श्री राम के गुणों को प्रकट करते हुए कहा है कि सदाचार का पालन और त्याग देने की अपार शक्ति ही श्री राम का एक नाम है। जो भी प्राणी उस नाम में एक बार लीन हो गया वह सदा-सदा के लिए किसी भी प्रकार की इच्छा से रहित हो गया। भाव है कि श्री राम की भक्ति का फल भक्त को यह मिलता है कि उसकी सभी इच्छाएँ अपने आप ही पूरी हो जाती हैं और वह किसी अतिरिक्त इच्छा को प्रकट ही नहीं करता।

विशेष:

  1. कवि ने श्री राम के प्रति आस्था और उनकी अपार शक्ति को प्रकट किया है।
  2. तत्सम शब्दों का अधिकता से प्रयोग किया गया है।

3. इन्द्रधनुष के रंग-सा जग का रंग अनूप।
बाहर से दीखे अलग, भीतर एक स्वरूप।

शब्दार्थ : जग = संसार। अनूप = बेजोड़, अति सुंदर। दीखे = दिखाई देता है। भीतर = अंदर।

प्रसंग:
यह दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित पाठ ‘नीरज के दोहे’ से लिया गया है। यह कवि नीरज द्वारा रचित है। कवि ने ईश्वर के द्वारा बनाई इस सृष्टि के अद्भुत रूप को प्रकट किया है।

व्याख्या :
कवि कहता है कि यह संसार इन्द्रधनुष के सात रंगों की तरह अति सुंदर और अनूठा है। इसमें पूरी तरह से सुंदरता छिपी हुई है। यह बाहर से अलग तरह का दिखाई देता है, पर इसके भीतर ईश्वर का एक स्वरूप ही विद्यमान है। भाव है कि माया से युक्त इस सतरंगी दुनिया की रचना करने वाले ईश्वर ही हैं।

विशेष:

  1. कवि ने ईश्वर के प्रति अपनी आस्था को व्यक्त किया है।
  2. भाषा सरस और भावपूर्ण है। तत्सम शब्दों की अधिकता है। |

4. लोभ न जाने दान को, क्रोध न जाने ज्ञान।
हो दोनों से मुक्ति जब, हो अपनी पहचान॥

शब्दार्थ : लोभ = लालच। क्रोध = गुस्सा। मुक्ति = छुटकारा।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित पाठ ‘नीरज के दोहे’ से लिया गया है। कवि ने स्पष्ट किया है कि इस संसार में रहने वाले अपनी वास्तविक पहचान प्रकट कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें प्रयत्न करना पड़ेगा।

व्याख्या:
कवि कहता है कि मनुष्य के हृदय में जब लालच और जमाखोरी का भाव आ जाता है तो वह दूसरों को दान नहीं दे सकता। वह औरों की सहायता नहीं करता। गुस्सा करने पर वह अपना ज्ञान भूल जाता है, वह अज्ञानी और मूर्ख-सा व्यवहार करने लगता है। जब लालच और गुस्से से वह मुक्ति पा जाता है तो वह अपनी पहचान बना पाता है भाव है कि अवगुणों के समाप्त हो जाने के बाद ही वह समाज में अपना नाम और पहचान को बना सकता है।

विशेष:

  1. कवि ने जीवन की वास्तविकता को प्रकट किया है।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 17 नीरज के दोहे

5. धन तो साधन मात्र है, नहीं मनुज का ध्येय।
ध्येय बनेगा धन अगर, जीवन होगा हेय॥

शब्दार्थ : धन = पैसा, दौलत, संपत्ति। मात्र = केवल। मनुज = मनुष्य। ध्येय = उद्देश्य। अगर = यदि। हेय = हीन, तुच्छ।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित पाठ ‘नीरज के दोहे’ से लिया गया है। कवि ने इस में धन को मनुष्य की आवश्यकता तो माना है लेकिन उसे अपना सब कुछ न मानने की शिक्षा दी है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि हम सब मनुष्यों के लिए धन केवल एक साधन है। यह किसी भी प्रकार से मनुष्य के जीवन का उद्देश्य नहीं है। यदि धन-संपत्ति को जीवन का उद्देश्य मान लिया तो हमारा जीवन हीन हो जाएगा, वह व्यर्थ हो जाएगा। कवि का भाव है कि मनुष्य के जीवन में धन का महत्त्व अवश्य है पर वह उसका उद्देश्य नहीं मान लिया जाना चाहिए।

विशेष:

  1. कवि ने मानव-जीवन में धन की स्थिति को प्रकट किया है जो किसी भी प्रकार सब कुछ नहीं माना जाना चाहिए।
  2. कवि की भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है। तत्सम शब्दों की अधिकता है।

6. हम कितना जीवित रहे, इसका नहीं महत्त्व।
हम कैसे जीवित रहे, यही तत्त्व अमरत्व।

शब्दार्थ : अमरत्व = सदा बने रहना।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘नीरज के दोहे’ नामक कविता से लिया गया है। कवि ने जीवन के लंबे होने को महत्त्वपूर्ण नहीं माना बल्कि जीवन जीने के ढंग को महत्त्वपूर्ण माना है।

व्याख्या:
कवि कहता है मनुष्य के जीवन में इस बात का महत्त्व नहीं है कि हम कितना लंबा जीवन जीते हैं। हम किस प्रकार जीवित रहते हैं-यही महत्त्वपूर्ण है और यही किसी व्यक्ति के अमरत्व तत्व को प्रकट करता है। भाव है कि छोटी-सी अच्छे ढंग से जी हुई, मानव की जिंदगी लंबे जीवन से कई गुना अच्छी होती है जो उसे सेवा, कल्याण, भक्ति और श्रेष्ठता के कारण समाज में ऊँचा नाम प्रदान कर देती है। उसके मर जाने के लंबे समय बाद भी उस का सम्मानपूर्वक नाम लिया जाता है, उसे याद किया जाता है।

विशेष:

  1. कवि ने मनुष्य को जीवित अवस्था में श्रेष्ठ कार्य करने की प्रेरणा देते हुए लंबे जीवन को महत्त्वपूर्ण नहीं माना है।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है। तत्सम शब्दावली की अधिकता है।

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7. अपना ही हित साधते, सारे देश विशेष।
सर्व-भूत-हित-रत सदा, वो है भारत देश।

शब्दार्थ : हित = भला, कल्याण। सर्व-भूत-हित-रत = सब के कल्याण में लीन। सदा = हमेशा।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित पाठ ‘नीरज के दोहे’ से लिया या है। इसके कवि श्री नीरज हैं। कवि ने भारत देश की महत्ता को प्रकट किया है और माना है कि वह अपने गुणों के कारण अन्य देशों से भिन्न है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि संसार के अन्य देश विशेष रूप से अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए ही कार्य करते हैं, वे केवल अपना ही हित साधते हैं। वे दूसरे देशों के कल्याण की बात नहीं सोचते। वह केवल भारत देश ही है जो सदा सब के कल्याण के लिए कार्य करने में लगा रहता है।

विशेष:

  1. कवि ने भारतवासियों की परोपकारिता और कल्याणकारी प्रकृति को प्रकट किया है।
  2. भाषा में तत्सम शब्दावली की अधिकता है।

8. दूध पिलाये हाथ जो, डसे उसे भी साँप।
दुष्ट न त्यागे दुष्टता, कुछ भी कर लें आप॥

शब्दार्थ : डसे = डसना, डंक मारना। त्यागे = छोड़े। दुष्टता = बुराई।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में श्री नीरज के द्वारा रचित ‘नीरज के दोहे’ नामक कविता से लिया गया है। कवि ने दुष्ट स्वभाव वाले व्यक्ति के बारे में अपने भाव प्रकट किये हैं।

व्याख्या:
कवि कहता है कि साँप उस हाथ को भी डस लेता है जो उसे दूध पिलाता है। वह उसके प्रति भी अहित ही करता है जो उसे जीवन देना चाहता है। दुष्ट प्राणी कभी भी अपनी दुष्टता को नहीं छोड़ता चाहे कोई उसके हित के लिए कुछ भी कर ले। भाव है कि दुष्ट व्यक्ति किसी भी अवस्था में अपनी दुष्टता को नहीं त्यागता। वह किसी का कैसा भी एहसान नहीं मानता, चाहे कोई कुछ भी कर ले।

विशेष:

  1. कवि ने दुष्ट स्वभाव वाले प्राणियों के स्वभाव का सटीक चित्रण किया
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

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9. तोड़ो मसलो या कि तुम, उस पर डालो धूल।
बदले में लेकिन तुम्हें खुशबू ही दे फूल।

शब्दार्थ : मसलो = कुचलो, दोनों हाथों के बीच रगड़ो।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘नीरज के दोहे’ नामक कविता से लिया गया है जिसमें कवि ने अच्छे स्वभाव वाले लोगों की विशेषता को प्रकट किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि अच्छे स्वभाव के लोग हानि पहुँचाने वालों के प्रति भी बुरा व्यवहार नहीं करते। वे उनके लिए भी कल्याण का भाव ही अपने मन में रखते हैं। यदि किसी फूल को तोड़ो, दोनों हाथों के बीच मसलो या उस पर धूल डालो तो भी बदले में कभी नुकसान नहीं पहुंचाते। वे बदले में तुम्हें खुशबू ही देते हैं। अच्छे लोग विपरीत व्यवहार करने पर भी अहित का भाव मन में कभी नहीं लाते। भाव है कि अच्छे लोग हर स्थिति में अच्छे ही रहते हैं।

विशेष:

  1. कवि ने अच्छे स्वभाव के लोगों को हर स्थिति में अच्छा व्यवहार करने वाला ही माना है।
  2. भाषा सरल, सरस और भावपूर्ण है।

10. स्नेह, शान्ति, सुख सदा ही, करते वहाँ निवास।
निष्ठा जिस घर माँ बने, पिता बने विश्वास॥

शब्दार्थ : स्नेह = प्रेम। निवास = रहने का स्थान, रहना। निष्ठा = कौशल। श्रद्धा = एकाग्रता, आधार।

प्रसंग:
प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित पाठ ‘नीरज के दोहे’ से लिया गया है। इसके रचयिता श्री नीरज हैं। कवि ने किसी भी अच्छे घर के गुणों को माता-पिता के गुणों के आधार पर प्रकट किया है।

व्याख्या:
कवि कहता है कि किसी भी घर की सुख-शांति और प्रेम की नींव की मज़बूती उसके माता-पिता के गुण होते हैं। जिस भी घर में श्रद्धा, एकाग्रता और कौशल की आधार माँ होती है और पिता विश्वास के आधार बनते हैं। उस घर में सदा ही स्नेह, शांति और सुख का निवास होता है। उस घर में सब प्रकार का आनंद होता है। भाव है कि किसी भी घर की खुशियाँ उसमें रहने वाले माता-पिता के उच्च संस्कारों और गुणों पर निर्भर करती हैं। बच्चे उन्हीं अच्छे गुणों को प्राप्त करके अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाते हैं।

विशेष:

  1. कवि ने किसी भी परिवार के संस्कारों की श्रेष्ठता को माता-पिता के कारण माना है जो परिवार की सुख-शांति के आधार बनते हैं।
  2. भाषा में सरलता, सरसता और सहजता के गुण विद्यमान है।

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नीरज के दोहे Summary

नीरज के दोहे दोहों का सार

कवि ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहता है कि हे भगवन् ! तरह-तरह की बुराइयाँ मेरे हृदय में काँटे की तरह चुभ रही हैं। कृपा कर के उन्हें सदा के लिए मिटा दो। मर्यादा और त्याग ही तो राम का नाम है। जिसका मन इन दोनों में लग जाता है वह सदा बुराइयों से दूर हो जाता है। यह सारा संसार इंद्रधनुष के रंग जैसा दिखाई देता है। यह बाहर से अलगअलग तरह का दिखाई देता है पर इसके अंदर तो परमात्मा का एक स्वरूप ही विद्यमान है। लालच का भाव कभी दान नहीं करने देता और गुस्सा मनुष्य को ज्ञान से दूर करता है। इन दोनों से जब मुक्ति मिल जाती है तभी अपनी पहचान बनती है। धन केवल साधन है। यह मनुष्य के जीवन का अंतिम लक्ष्य नहीं होता। यदि जीवन का लक्ष्य केवल धन बन जाएगा तो यह तुच्छ और व्यर्थ हो जाएगा। हम मनुष्य कितना लंबा जीवन जीते हैं इसका कोई अर्थ नहीं है। वास्तविकता तो इस बात में है कि हम किस प्रकार जीवित रहते हैं। इस संसार के सारे देश अपना-अपना स्वार्थ पूरा करते हैं। केवल भारत देश ही ऐसा है जो प्राणी मात्र के लिए प्रयत्न करता रहता है। जो हाथ दूध पिलाते हैं साँप तो उन्हें भी डसता है। आप कुछ भी कर लीजिए दुष्ट व्यक्ति कभी भी अपनी दुष्टता नहीं छोड़ सकता। अच्छा व्यक्ति हर स्थिति में अपने गुणों को ही प्रकट करता है। आप किसी फूल को तोड़ो या मसल डालो पर बदले में वह सदा सुगंध ही देता है। जिस घर में माँ निष्ठावान होती है और इसे किसी भी तरह पिता विश्वास का रूप बन जाते हैं वहाँ सदा प्रेम, शांति और सुख ही निवास करते हैं।