PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

PSEB 9th Class Science Guide गुरुत्वाकर्षण Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा ?
उत्तर-
मान लो दो वस्तुओं A तथा B का क्रमशः द्रव्यमान m1 तथा m2 है तथा उनके केंद्रों के मध्य की दूरी r है। इसलिए गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार उनके बीच आकर्षण बल F = G \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\) होगा। ………………….(i)
अब यदि उनके बीच की दूरी आधी कर दी जाए तो
r’ = \(\frac{r}{2}\) है तथा उनके मध्य गुरुत्वाकर्षण बल
F’ = G . \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{f 2}}\)
= G . \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{\left(\frac{r}{2}\right)^{2}}\)
= 4G . \(\frac{m_{1} \times m_{2}}{r^{2}}\) ………………..(ii)
समीकरण (i) का प्रयोग करके
F’ = 4 × F
इसलिए दो वस्तुओं के मध्य की दूरी आधी करने से आकर्षण बल प्रारंभिक स्थिति की अपेक्षा आकर्षण बल चार गुणा हो जायेगा।

प्रश्न 2.
सभी वस्तुओं पर लगने वाले गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हल्की वस्तु के मुकाबले तेज़ी से क्यों नहीं गिरती ?
उत्तर-
मान लो F गुरुत्वीय आकर्षण बल m द्रव्यमान वाली वस्तु पर लग रहा है।
∴ F = G . \(\frac{\mathrm{Mm}}{r^{2}}\) ………….(i)
तथा F = mg ……………….(ii)
तथा समीकरण (i) तथा (ii) से
F = \(\frac{\mathrm{GM} m}{r^{2}}\) = mg
स्पष्ट है कि F ∝ m परंतु आकर्षण त्वरण g द्रव्यमान m पर निर्भर नहीं करता है। इसलिए सभी वस्तुएं (हल्की तथा भारी वस्तुएं) एक समान गति से नीचे की ओर गिरती हैं।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 3.
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा ? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 1024 kg है तथा पृथ्वी को त्रिज्या 6.4 × 106 m है।)
हल-
यहां वस्तु का द्रव्यमान (m) = 1 kg
पृथ्वी का द्रव्यमान (M) = 6 × 1024 kg
पृथ्वी की त्रिज्या (R) = 6.4 × 106 m
पृथ्वी तथा 1 kg द्रव्यमान वाली वस्तु के मध्य गुरुत्वाकर्षण
बल का परिमाण (F) = G\(\frac{\mathrm{Mm}}{\mathrm{R}^{2}}\)
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 1
=9.77 N
= 9.8 N (लगभग) उत्तर

प्रश्न 4.
पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा, पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है या छोटा है या बराबर है ? बताइए क्यों ?
उत्तर-
चंद्रमा भी पृथ्वी को उतने ही बल से आकर्षित करता है जितने बल से पृथ्वी चंद्रमा को आकर्षित करती है। ऐसा न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार है क्योंकि इस नियम के अनुसार दोनों बल समान परंतु एक दूसरे के विपरीत होते हैं।

प्रश्न 5.
यदि चंद्रमा, पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती ?
उत्तर-
चंद्रमा, पृथ्वी को उतने ही बल से आकर्षित करता है जितने बल से पृथ्वी चंद्रमा को आकर्षित करती है परंतु पृथ्वी चंद्रमा से बड़ी है। इसलिए पृथ्वी में उत्पन्न हुआ त्वरण (a ∝ \(\frac{1}{m}\)) = अत्यधिक कम होने के कारण दिखाई नहीं
देता।

प्रश्न 6.
दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए ?
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए ?
(ii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ ?
हल :
(i) हम जानते हैं कि दो वस्तुओं के मध्य लग रहा गुरुत्वाकर्षण बल,
F = G\(\frac{m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\) ……………(1)
अब यदि हम एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दें, तो
F’ = G\(\frac{m_{1} \times 2 m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\)
F’ = 2 × G \(\frac{m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\) ……………. (2)
समीकरण (1) का प्रयोग करके
F’ = 2 × F
अर्थात् आकर्षण बल पहले आकर्षण बल से दोगुना हो जायेगा।

(ii) यदि वस्तुओं के मध्य की दूरी दोगुना कर दिया जाए, तो
F’ = G\(\frac{m_{1} m_{2}}{(2 \mathrm{R})^{2}}\)
= G\(\frac{m_{1} m_{2}}{4 \mathrm{R}^{2}}\)
= \(\frac{1}{4}\)G\(\frac{m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\) ……………. (3)
समीकरण (1) का प्रयोग करके
F’ = \(\frac{1}{4}\) × F
अर्थात् आकर्षण बल पहली स्थिति का \(\frac{1}{4}\) हो जायेगा।
यदि दोनों वस्तुओं के मध्य की दूरी तीन गुना कर दी जाए, तो
F” = G\(\frac{m_{1} m_{2}}{(3 \mathrm{R})^{2}}\)
= G\(\frac{m_{1} m_{2}}{9 R^{2}}\)
= \(\frac{1}{9}\) × G\(\frac{m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\) …………. (4)
समीकरण (1) का प्रयोग करके,
F’ “= \(\frac{1}{9}\) × F
अर्थात् दूरी तीन गुणा करने से बल का परिमाण पहली स्थिति के बल का \(\frac{1}{9}\) हो जायेगा।

(iii) जब दोनों वस्तुओं का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाता है, तो
F’ ” = G.\(\frac{\left(2 m_{1}\right) \times\left(2 m_{2}\right)}{\mathrm{R}^{2}}\)
= 4.\(\frac{\mathrm{G} m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\)
समीकरण (1) का प्रयोग करके
F’ = 4 × F
अर्थात् इस अवस्था में आकर्षण बल पहली स्थिति में बल की अपेक्षा 4 गुणा हो जायेगा।

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प्रश्न 7.
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्त्व हैं ?
उत्तर-
सार्वत्रिक नियम के महत्त्व – गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम ने प्रकृति में हो रही विभिन्न घटनाओं का सफलतापूर्वक वर्णन किया है जो अंसबद्ध मानी जाती थी।

  1. हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाला बल
  2. पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की गति
  3. सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति
  4. चंद्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार-भाटा का आना।

प्रश्न 8.
मुक्त पतन का त्वरण क्या है ?
उत्तर-
वस्तु में उत्पन्न हुआ त्वरण जब वस्तु केवल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के अधीन नीचे गिरती है, तो उसे मुक्त पतन का त्वरण कहते हैं। पृथ्वी की सतह के निकट इसका मान 9.8 ms-2 है।

प्रश्न 9.
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे ?
उत्तर-
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वीय बल को उस वस्तु का भार कहा जाता है।

प्रश्न 10.
एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत् वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा ? यदि नहीं, तो क्यों ?
उत्तर-
अमित का मित्र सोने के इस भार से संतुष्ट नहीं होगा क्योंकि ध्रुवों पर विषुवत वृत्त की अपेक्षा ‘g’ का मान अधिक होता है। इसलिए कुछ ग्राम सोने का भार (W = m × g) विषुवत वृत्त की तुलना में कम होगा।

प्रश्न 11.
एक कागज़ की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती
उत्तर-
कागज़ की शीट का क्षेत्रफल गेंद के क्षेत्रफल की अपेक्षा अधिक होगा जिस कारण गेंद की अपेक्षा कागज़ की शीट पर वायु का अधिक प्रतिरोध होगा। इस अधिक प्रतिरोध के कारण कागज़ की शीट धीमी गति से गिरती है।

प्रश्न 12.
चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा \(\frac{1}{6}\) गुणा है। एक 10 kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा ?
हल-
चंद्रमा पर वस्तु का द्रव्यमान = 10 kg
पृथ्वी पर वस्तु का द्रव्यमान = 10 kg
पृथ्वी पर वस्तु का भार (W) = m × g
= 10 × 9.8
N = 98 N

अब चंद्रमा पर वस्तु का भार (W’) = \(\frac{1}{6}\) × पृथ्वी पर वस्तु का भार
= \(\frac{1}{6}\) × 9.8N
= 16.3 N

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प्रश्न 13.
एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49 m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए।
(i) अधिकतम ऊंचाई जहाँ तक गेंद पहुंचती है।
(i) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।
हल-
(i) यहां प्रारंभिक वेग (u) = 49 m/s
अंतिम वेग (υ) = 0 (अधिकतम ऊँचाई पर पहुँचकर)
पृथ्वी की सतह (तल) के विपरीत दिशा में जाने के कारण
गुरुत्वीय त्वरण (g) = – 9.8 ms-2
ऊँचाई (h) = ?
अधिकतम ऊँचाई पर पहुँचने के लिए लगा समय (t) = ?
गति समीकरण υ2 – u2 = 2gh का प्रयोग करने पर
(0)2 – (49)2 = 2 × (-9.8) × h
– (49 × 49) = -2 × 9.8 × h
∴ h = \(\frac{49 \times 49}{2 \times 9.8}=\frac{245}{2}\) = 122.5 m

(ii) अब υ = u + gt
0 = 49 + (-9.8) × t
– 49 = (-9.8) × t
t = \(\frac{49}{9.8}\)
= \(\frac{49 \times 10}{98}\)
∴ t = 5s
पृथ्वी पर वापिस आने में लगा कुल समय = t + t
= 2t
= 2 × 5s
= 10 s

प्रश्न 14.
19.6 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
हल :
यहां मीनार की ऊँचाई (h) = 19.6 m
प्रारंभिक वेग (u) = 0
गुरुत्वीय त्वरण (g) = + 9.8 ms-2
अंतिम वेग (υ) = ?
गति समीकरण υ2 – u2 = 2gh का प्रयोग करके
υ2 – (0)2 = 2 × 9.8 × 19.6
υ2 = 19.6 × 19.6 1
υ = \(\sqrt{19.6 \times 19.6}\)
∴ υ = 19.6 ms-1

प्रश्न 15.
कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g = 10 m/s2 लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी ?
हल :
पत्थर का प्रारंभिक वेग (u) = 40 ms-1
पत्थर का अधिकतम ऊँचाई पर पहुँच कर अंतिम वेग (υ) = 0
[विरामावस्था] गुरुत्वीय त्वरण (g) = – 10 ms-2
समय (t) = ?
हम जानते हैं,
V = u + gt
0 = 40 + (- 10) × t
0 = 40 – 10 × t
– 40 = – 10 × t
t = \(\)
∴ t = 4s
अधिकतम दूरी (h) = ?
अब υ2 – u2 = 2gh का प्रयोग करके
(0)2 – (40)2 = 2 × (- 10) × h
– (40 × 40) = – 20 × h
या h = \(\)
∴ h = 80 m
पत्थर द्वारा तय की गई कूल दूरी = h + h
= 2h
= 2 × 80 m
= 160 m

प्रश्न 16.
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 × 1024 kg, सूर्य का द्रव्यमान = 2 x 1030 kg। दोनों के बीच औसत दूरी 1.5 × 1011 m है।
हल :
दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान (m1) = 6 × 1024 kg
सूर्य का द्रव्यमान (m2) = 2 × 1030 kg
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच औसत दूरी (d) = 1.5 × 10-11 m
G = 6.7 × 10-11 N – m2/kg2
गुरुत्वाकर्षण बल (F) = ?
सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियमानुसार,
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 2
= 35.57 × 1021 N

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प्रश्न 17.
कोई पत्थर 100 m ऊंची मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे ? (g = 10 ms-2)
हल :
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 3
मीनार की ऊँचाई = 100 m
मान लीजिए एक पत्थर मीनार की छत A से नीचे की ओर फेंका गया तथा दूसरा पत्थर उसी समय C से सीधा ऊपर की ओर फेंका गया है। ये दोनों पत्थर 1 समय के बाद B बिंदु पर मिलते हैं।
पहले पत्थर द्वारा तय की गई दूरी (AB) = x
दूसरे पत्थर द्वारा तय की गई दूरी (CB) = (100 – x)
पहले पत्थर की ऊपर से नीचे की ओर यात्रा
u = 0
g = + 10 ms-2
h = x मीटर
s = ut + \(\frac{1}{2}\) gt2 का प्रयोग करने पर
x = 0 + t + \(\frac{1}{2}\) × 10 × t2
x = 5t2
t2 = \(\frac{x}{5}\) ………(1)

दूसरे पत्थर की नीचे से सीधा ऊपर की दिशा में यात्रा
u = 25 ms-1
h = (100 – x) मीटर
g = – 10 ms-2
s = ut + \(\frac{1}{2}\) gt2 से
(100 – x) = 25 × t + \(\frac{1}{2}\) × (- 10) × t2
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण 4
समीकरण (1) तथा (2) से
\(\frac{x}{5}\) = \(\frac{25 t-100+x}{5}\)
या x = 25t – 100 + x
σ = 25t – 100 + x
25t = 100
∴ t = \(\frac{100}{25}\)
= 4s
अब t = 4s समीकरण (1) में रखने पर
(4)2 = \(\frac{x}{5}\)
16 = \(\frac{x}{5}\)
∴ x = 16 × 5 = 80
अर्थात् पहला पत्थर छत से नीचे 80 m की दूरी तय करेगा।
दूसरा पत्थर C से ऊपर की ओर जाते समय दूरी तय करेगा
(100 – x) = 100 – 80
= 20 मीटर उत्तर

प्रश्न 18.
ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए :
(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई,
(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई तथा
(c) 4 5 पश्चात् गेंद की स्थिति।
हल :
कुल लगा समय (1) = 6 s
गेंद की ऊपर की दिशा में की गई यात्रा में लगा समय = गेंद को नीचे की ओर की गई यात्रा में लगा समय
= \(\frac{6 s}{2}\)

(i) मान लो गेंद प्रारंभिक वेग u से ऊपर की दिशा में फेंकी गई है।
g = – 9.8 ms-2
t = 3s
υ = 0
(अधिकतम ऊँचाई पर पहुँच कर गेंद विरामावस्था में आ जाती है)
अधिकतम की गई ऊँचाई (S) = h
υ = u + gt का प्रयोग करके
0 = u + (- 9.8) × 3
0 = u – 29.4
∴ u = 29.4 ms-1

(ii) अब υ2 – u2 = 2gS
(0)2 – (29.4) = 2 × (- 9.8) × h
0 – 29.4 × 29.4 = – 19.6 × h
या h = \(\frac{-29.4 \times 29.4}{-19.6}\)
= \(\frac{29.4 \times 29.4}{19.6}\)
∴ h = 44.1 m

(iii) 3 सैकिंड के बाद गेंद नीचे की ओर आना प्रारंभ करेगी
∴ u = 0
g = + 9.8 ms-2
t = (4 – 3) = 1 सैकंड
गति समीकरण S = ut + = \(\frac {1}{2}\)gt2 का प्रयोग करने पर
S = 0 × 1 + \(\frac {1}{2}\) × 9.8 × (1)2
S = 0 + 4.9 × 1 × 1
S = 4.9 m
∴ फेंकने वाले व्यक्ति से गेंद की ऊँचाई = (44.1 – 4.9) m
39.2 m

प्रश्न 19.
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है ?
उत्तर-
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल ऊपर की ओर क्रिया करता है।

प्रश्न 20.
पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी के पृष्ठ पर क्यों आ जाता
उत्तर-
जब एक प्लास्टिक के टुकड़े को पानी में छोड़ देते हैं तो यह पानी के पृष्ठ (सतह) पर आ जाता है क्योंकि प्लास्टिक का घनत्व पानी के घनत्व की अपेक्षा कम होता है। प्लास्टिक के टुकड़े पर विस्थापित पानी द्वारा लगाया गया उत्प्लावन बल प्लास्टिक के टुकड़े के भार से अधिक होता है जिसके फलस्वरूप टुकड़ा पानी के पृष्ठ पर आ जाता है।

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प्रश्न 21.
50g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm3 है। यदि पानी का घनत्व 1g cm-3 हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा ?
हल :
पदार्थ का द्रव्यमान (m) = 50 gm
पदार्थ का आयतन (V) = 20 cm3
पदार्थ का घनत्व (D) = ?
पानी का घनत्व (d) = 1 gm cm-3
हम जानते हैं D = \(\frac{m}{\mathrm{~V}}\)
= \(\frac{50}{20}\)
∴ D = 2.5 gm cm-3
D > d
अर्थात् पदार्थ का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है जिस कारण पानी का उत्प्लावन बल पदार्थ के भार से कम होगा और फलस्वरूप पदार्थ पानी में डूब जायेगा।

प्रश्न 22.
500g के एक.मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm3 है। पैकेट 1 g cm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा ? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा ?
हल :
दिया है, पानी का घनत्व = 1 g cm-3
मोहरबंद पैकेट का द्रव्यमान (m) = 500g
मोहरबंद पैकेट का आयतन (V) = 350 cm3
अब मोहरबंद पैकेट का घनत्व (d) = \(\frac{m}{\mathrm{~V}}\)
\(\frac{500}{350}\) cm-3
= \(\frac{10}{7}\) gcm-3
= 1.43 g cm-3 क्योंकि मोहरबंद पैकेट का घनत्व (1.43 g cm-3) पानी के घनत्व (1 g cm-3) से अधिक है, इसलिए यह पैकेट पानी में डूब जायेगा।
पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का आयतन = पैकट का आयतन
= 350 cm3
∴ विस्थापित पानी का द्रव्यमान = विस्थापित पानी का आयतन × पानी का घनत्व
= 350 cm3 × 1 g cm-3
= 350 g

Science Guide for Class 9 PSEB गुरुत्वाकर्षण InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण का सर्वात्रिक नियम लिखिए।
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण का सर्वात्रिक नियम (Universal Law of Gravitation) – इस ब्रह्मांड में प्रत्येक वस्तु प्रत्येक दूसरी वस्तु को एक बल से अपनी ओर आकर्षित करती है। यह बल उन वस्तुओं के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उन वस्तुओं के केंद्रों के मध्य की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल सदैव उन दोनों वस्तुओं के केंद्रों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश लगता है।

प्रश्न 2.
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर-
मान लो ‘m’ द्रव्यमान वाली एक वस्तु पृथ्वी के पृष्ठ पर रखी है जिसका द्रव्यमान M तथा अर्धव्यास r है। गुरुत्वाकर्षण के सर्वात्रिक नियमानुसार पृथ्वी तथा वस्तु के मध्य लगने वाले बल का परिमाण का सूत्र है,
F = G \(\frac{\mathrm{M} \times m}{r^{2}}\)

प्रश्न 3.
मुक्त पतन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
मुक्त पतन – जब वस्तु के ऊपर गुरुत्वाकर्षण बल के अतिरिक्त कोई अन्य बल क्रिया नहीं करता है, तो इस प्रकार गिर रही वस्तु स्वतंत्र रूप से गिर रही होती है जिसे मुक्त पतन कहते हैं। गिर रही वस्तु की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता है परंतु पृथ्वी के आकर्षण के कारण वेग के मान में परिवर्तन होता है।

प्रश्न 4.
गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
गुरुत्वीय त्वरण – जब कोई वस्तु स्वतंत्र रूप से पृथ्वी की ओर गिरती है अर्थात् जब वस्तु का मुक्त पतन होता है तो उस वस्तु की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता परंतु वेग में परिवर्तन होता है जिसे गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। यह त्वरण वस्तु पर क्रिया कर रहे गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उत्पन्न होता है। गुरुत्व त्वरण को ‘g’ से प्रदर्शित करते हैं तथा इसका मात्रक (इकाई) m/s2 (अथवा ms-2) है।

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प्रश्न 5.
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है ?
उत्तर-
वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में अंतर – किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा को उस वस्तु का द्रव्यमान कहते हैं। वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व का माप होता है। यदि वस्तु का द्रव्यमान अधिक होगा तो उसका जड़त्व भी बढ़ जायेगा। वस्तु का द्रव्यमान स्थिर रहता है तथा स्थान परिवर्तन के साथ इसमें परिवर्तन नहीं होता है। दूसरी ओर वस्तु का भार वह बल है जिससे वह वस्तु पृथ्वी की ओर आकर्षित होती है। भार का S.I. मात्रक न्यूटन (N) है। किसी निश्चित स्थान पर वस्तु का भार उसके द्रव्यमान (m) के अनुक्रमानुपाती (सीधा अनुपाती) होता है तथा पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण पर निर्भर करता है। इसे W से निर्दिष्ट किया जाता है। भार एक वह बल है जो उर्ध्वाधर दिशा में नीचे की ओर लगता है। इसे कमानीदार तुला (स्प्रिंग बैलेंस) द्वारा मापा जाता है। वस्तु का भार स्थान परिवर्तन होने से परिवर्तित हो जाता है। इसमें दिशा तथा परिमाण दोनों होते हैं।

प्रश्न 6.
किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का \(\frac{1}{6}\) गुणा क्यों होता है ?
उत्तर-
वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी के भार का \(\frac{1}{6}\) गुणा-चन्द्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का \(\frac{1}{100}\) वां भाग है तथा इसका अर्धव्यास, पृथ्वी के अर्ध व्यास का \(\frac{1}{4}\) भाग है। इसलिए वस्तु तथा चंद्रमा का परस्पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का \(\frac{1}{6}\) भाग होता है अर्थात् वस्तु का चंद्रमा पर भार, पृथ्वी पर भार का \(\frac{1}{6}\) गुणा होता है।

प्रश्न 7.
एक पतली तथा मज़बूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों ?
उत्तर-
एकांक क्षेत्रफल पर लग रहे बल (भार) को दाब कहते हैं। पतली डोरी का क्षेत्रफल कम होता है जिससे हाथ पर लगने वाला दाब बढ़ जाता है। इस अधिक दाब के कारण स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है।

प्रश्न 8.
उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
उत्प्लावकता (Buoyant Force) – जब किसी ठोस वस्तु को द्रव में डुबोया जाता है तो द्रव उस ठोस वस्तु पर ऊपर की दिशा में एक बल लगाता है। द्रव द्वारा ऊपर की दिशा में लगाया गया बल उत्प्लावन बल कहलाता है। इस बल का परिमाण द्रव (तरल) के घनत्व पर निर्भर करता है। द्रवों के इस गुण को उत्प्लावकता कहते हैं।

प्रश्न 9.
पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डबती है ?
उत्तर-
पानी के पृष्ठ (सतह) पर रखी गई वस्तु उस समय तैरती है जब वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है अर्थात् पानी द्वारा ऊपर की ओर लगाया गया उत्प्लावन बल वस्तु के भार से अधिक होता है। परंतु जब वस्तु का घनत्व, पानी के घनत्व से अधिक होता है तो यह वस्तु पानी में डूब जाती है अर्थात् जब वस्तु का भार पानी के उत्प्लावन बल से अधिक होता है तो वस्तु पानी में डूब जाती है।

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प्रश्न 10.
एक तुला (Weighing Machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम ?
उत्तर-
वास्तविक द्रव्यमान 42 kg से अधिक होगा क्योंकि भार तोलने वाली मशीन (तुला) 42 kg पाठ्यांक दर्शाती है जबकि वायु द्वारा लगाया गया उत्प्लावन बल ऊपर की दिशा में हमारे शरीर पर क्रिया करता है।

प्रश्न 11.
आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों ?
उत्तर-
वास्तविकता में रुई का बोरा लोहे की छड़ की तुलना में अधिक भारी है। रुई के बोरे की सतह का क्षेत्रफल लोहे की छड़ से अधिक होने के कारण रुई का बोरा वायु का उत्प्लावन ऊपर की ओर अधिक बल अनुभव करता है। इसलिए तुला रूई के बोरे का कम भार दर्शाती है। जबकि वास्तविकता में अधिक है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 9 बल तथा गति के नियम

PSEB 9th Class Science Guide बल तथा गति के नियम Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशुन्य वेग से गति करना संभव है ? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
उत्तर-
हाँ, किसी वस्तु के लिए कुछ वेग से गति करना संभव है, जबकि वह वस्तु बाह्य असंतुलित बल शून्य अनुभव कर रही हो। ऐसी अवस्था में वेग का परिमाण तथा दिशा समान रहेगी। उदाहरणार्थ, वर्षा के समय पानी की बूंद जब अचर वेग के साथ नीचे पृथ्वी की ओर गिरती है तो उस बूंद का भार तथा वायु का धकेल बल परस्पर एकदूसरे को संतुलित कर लेते हैं, अर्थात् पानी की बूंद पर परिणामी बल (नेट बल) शून्य होता है।

प्रश्न 2.
जब किसी छडी से एक दरी ( कार्पेट ) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
उत्तर-
जब हम दरी (कार्पेट) को छड़ी के साथ पीटते हैं तो दरी गति में आ जाती है जबकि धूल कण जड़त्व के कारण विराम अवस्था में बने रहते हैं। इस प्रकार धूल कण दरी (कार्पेट) से पृथक् होकर गिर जाते हैं।

प्रश्न 3.
बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है ?
उत्तर-
जब तीव्र गति से चल रही बस तीखे मोड़ पर गुड़ती है तो इसके छत पर रखा हुआ सामान एक ओर गिर (विस्थापित हो) जाता है। इसका कारण है कि सामान सरल रेखीय गति के साथ चलता रहना चाहता है जबकि बस की दिशा परिवर्तन के लिए ईंजन द्वारा असंतुलित बल लगाया जाता है तथा छत पर रखा सामान एक ओर खिसक जाता है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 4.
किसी बल्लेबाज दवारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद ज़मीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अत: गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है।
(सही विकल्प का चयन करें)
उत्तर-
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।

प्रश्न 5.
एक टक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20 s में 400 m की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें। अगर इसका द्रव्यमान 7 टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना करें। (1 टन = 1000 kg)।
हल-
यहां प्रारंभिक वेग (u) = 0
समय (t) = 20 s
दूरी (S) = 400 m
हम जानते हैं, S = ut + \(\frac {1}{2}\) at2
400 = 0 × 20 + \(\frac {1}{2}\) × a × (20)2
400 = 0 + \(\frac {1}{2}\) × a × 20 × 20
400 = 200a
या a = \(\frac{400}{200}\)
∴ a = 2 ms-1
अब ट्रक का द्रव्यमान (m) = 7 टन
= 7 × 1000 kg
त्वरण (a) = 2 ms-2
∴ बल, F = m × a
= 7000 kg × 2ms-2
= 14000 kg m/s2
= 14000 N

प्रश्न 6.
1 kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 ms-1 के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 m की दूरी तय करने के बाद रुक जाता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।
हल-
यहाँ पत्थर का द्रव्यमान (m) = 1 kg
पत्थर का प्रारंभिक वेग (u) = 20 ms-1
पत्थर द्वारा तय की गई दुरी (S) = 50 m
पत्थर का अंतिम वेग (v) = 0 (विराम अवस्था)
पत्थर तथा बर्फ में लगने वाला घर्षण बल (F) = ?
v2 – u2 = 2aS का प्रयोग करने पर
(0)2 – (20)2 = 2 × a × 50
-20 × 20 = 100 × a
या a = \(\frac{-20 \times 20}{100}\)
∴ a = -4 ms-2
घर्षण बल, F = m × a
= 1 × (-4)
= -4 N

प्रश्न 7.
एक 8000 kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000 N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें :
(a) नेट त्वरण बल,
(b) रेल का त्वरण तथा
(c) डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल।
हल-
इंजन का द्रव्यमान = 8000 kg 5
डिब्बों का द्रव्यमान = 5 × 2000 kg
= 10,000 kg
∴ इंजन तथा 5 डिब्बों का कुल द्रव्यमान = 8000 kg + 10,000 kg
= 18000 kg
इंजन द्वारा लगाया गया बल = 40000 N
पटरी द्वारा लगाया गया घर्षण बल = 5000 N

(a) नेट त्वरित बल = ईंजन का बल – पटरी का घर्षण बल
= 40000 N – 5000 N
= 35000 N

(b) PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 1
= \(\frac{35000}{18000}\)
= \(\frac{35}{18}\)
= 1.94 ms-2

(c) पहले (1) डिब्बे द्वारा (2) दूसरे डिब्बे पर लगाया गया बल = नेट त्वरित बल – डिब्बे का द्रव्यमान × त्वरण
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 2
= 35000 – 2000 × \(\frac{35}{18}\)
= 35000 – 3888.8
= 31111.2N

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प्रश्न 8.
एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 kg है। यदि गाड़ी को 1.7 ms-2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा ?
हल :
यहाँ गाड़ी का द्रव्यमान (m) = 1500 kg
त्वरण (a) = -1.7 ms-2
घर्षण बल (F) = ?
हम जानते हैं, F = m × a
= 1500 × (-1.7)
= -2550 N
अर्थात् गाड़ी तथा सड़क के मध्य लगने वाला घर्षण बल 2550N है जिसकी दिशा गाड़ी की गति की दिशा के विपरीत है।

प्रश्न 9.
किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग । है का संवेग क्या होगा ?
(a) (mv)2
(b) mv2
(c) (1/2)mv2
(d) mv
(उपरोक्त में से सही विकल्प चुनें।)
उत्तर-
(d) mv.

प्रश्न 10.
हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर उसे नियत वेग से फ़र्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा ?
उत्तर-
लकड़ी का बॉक्स उस अवस्था में स्थिर वेग से गति करेगा यदि नेट (परिणामी) बल शून्य होगा।
बॉक्स पर लगने वाला घर्षण बल = धकेल बल
= 200 N
परंतु इस घर्षण बल की दिशा बॉक्स की गति के विपरीत दिशा में होगा।

प्रश्न 11.
दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 kg है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही हैं। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 ms-1 है। टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा ? ..
हल :
यहाँ, m1 = m2 = 1.5 kg
u1 = 2.5 ms-1, u2 = -2.5 ms-1
क्योंकि दोनों वस्तुएँ एक-दूसरे की विपरीत दिशा में जा रही हैं, इसलिए पहली वस्तु के वेग की दिशा धन तथा दूसरी वस्तु के वेग की दिशा को ऋण माना जाएगा।
मान लो टकराने के पश्चात् दोनों वस्तुओं के युग्म का वेग v है।
संवेग सरंक्षण नियमानुसार, टकराने से पहले दोनों वस्तुओं का कुल संवेग = टकराने के बाद कुल संवेग
m1u1 + m2u2 = m1v + m2v
m1u1 + m2u2 = (m1 + m2) × v
1.5 × 2.5 + 1.5 × (-2.5) = (1.5 + 1.5) × v
1.5 (2.5 – 2.5) = 3 × v
1.5 × 0 = 3 × v
0 = 3 × v
∴ v = 0 ms-1

प्रश्न 12.
गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता ?
उत्तर–
क्रिया तथा प्रतिक्रिया एक-दूसरे के समान तथा विपरीत होते हैं। ये एक-दूसरे को समाप्त (प्रभावहीन) नहीं करते हैं। जब हम एक भारी ट्रक को धक्का लगाते हैं,तो टायर तथा सड़क के मध्य घर्षण बल क्रिया करता है जो अत्यधिक मात्रा में होता है। इस कारण ट्रक गति नहीं करता है।

प्रश्न 13.
200 g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10 ms-1 की वेग से सीधी रेखा में चलती हुई 5 kg द्रव्यमान के लकड़ी के गुटके से संघट्ट करती है तथा उससे जुड़ जाती है। उसके बाद दोनों एक साथ उसी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले और संघट्ट के बाद के कुल संवेगों की गणना करें। दोनों वस्तुओं की जुड़ी हुई अवस्था में वेग की गणना करें।
हल :
गेंद का द्रव्यमान (m) = 200g = 0.2 kg
गेंद का प्रारंभिक वेग (u) = 10 ms-1
गेंद का अंतिम वेग (v) = -5 ms-1 (∵ गेंद की दिशा पहली दिशा के विपरीत है।)
गेंद के संवेग में परिवर्तन = अंतिम संवेग – प्रारंभिक संवेग
= mv – mu
= m(v – u)
= 0.2 (-5 – 10)
= 0.2 × (-15)
= – 30 kg -ms-1

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प्रश्न 14.
10g. द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms-1 के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03 s के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी ? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना करें। हल :
यहाँ, गोली का द्रव्यमान (m) = 1g = 0.01 kg
गोली का प्रारंभिक वेग (u) = 150 ms-1
गोली का अंतिम वेग (v) = 0
समय (t) = 0.03s
हम जानते हैं, गोली का प्रवेग (a) = \(\frac{v-u}{t}\)
= \(\frac{0-150}{0.03}\)
= -5000 ms-1
लकड़ी के गुटके के भीतर घुसी गोली द्वारा तय की गई दूरी (S) = ?
सूत्र S = ut + \(\) at2 का प्रयोग करके
S = 150 x 0.03 + \(\frac {1}{2}\) × (-5000) × (0.03)2
= 4.5 + (-2.25)
= 4.5 – 2.25
S = 2.25 m
प्रश्न 15.
एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 kg है, 10 ms-1 के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5 kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।
हल :
वस्तु का द्रव्यमान (m1) = 1 kg
वस्तु का प्रारंभिक वेग (u1) = 10 ms-1
लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान (m2) = 5 kg
लकड़ी के गुटके का प्रारंभिक वेग (u2) = 0 (विराम अवस्था)
मान लो टकराने के पश्चात् वस्तु तथा गुटके के युग्म का अंतिम वेग है।
∴ टक्कर से पहले वस्तु तथा गुटके का कुल संवेग = m1u1 + m2u2
= 1 × 10 + 5 × 0
= 10 + 0
= 10 kg-ms-1
टक्कर के पश्चात् युग्म (वस्तु तथा गुटके) का कुल संवेग = m1v + m2v
= (m1 + m2) × v
= (1 + 5) × v
= 6v kg-ms-1
संवेग संरक्षण नियम अनुसार, टक्कर से पहले युग्म का कुल संवेग = टक्कर के पश्चात् युग्म का कुल संवेग
10 = 6v
∴ v = \(\frac{10}{6}[latex]
= [latex]\frac{5}{3}\) ms-1 = 1.67 ms-1
∴ टक्कर के पश्चात् युग्म का कुल संवेग = 6v
= 6 × \(\frac{5}{3}\)
= 10 kg – ms-1

प्रश्न 16.
100 kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6s में 5 ms-1 से 8 ms-1 हो जाता है। वस्तु के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है।
हल :
यहाँ, वस्तु का द्रव्यमान (m) = 100 kg
वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) = 5 ms-1
वस्तु का अंतिम वेग (v) = 8 ms-1
समय अंतराल (t) = 6s
वस्तु का प्रारंभिक संवेग (p) = m × u
= 100 × 5
= 500 kg-ms-1
वस्तु का अंतिम संवेग (p2) = m × v
= 100 × 8
= 800 kg-ms-1
वस्तु पर लग रहा बल. F = \(\frac{p_{2}-p_{1}}{t}\)
= \(\frac{(800-500) \mathrm{kg}-\mathrm{ms}^{-1}}{6 \mathrm{~s}}\)
= 50 kg-ms-2
= 50 N

प्रश्न 17.
अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा, गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख़्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख़्तर ने कहा कि चूंकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
उत्तर-
राहुल का तर्क सही है। गति के तीसरे नियमानुसार क्रिया तथा प्रतिक्रिया समान तथा विपरीत होते हैं। इसलिए दोनों-कार तथा कीड़े पर समान मात्रा में बल लगेगा तथा दोनों में समान वेग परिवर्तन भी होगा। अब क्योंकि कीड़े का द्रव्यमान कार के द्रव्यमान की तुलना में अत्यधिक कम हैं, इसलिए कीड़े में हुआ संवेग परिवर्तन स्पष्ट दिखाई देता है। जड़त्व कम होने के कारण कीड़ा मर जाता है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 18.
एक 10 kg द्रव्यमान की घंटी 80 cm की ऊँचाई से फ़र्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फ़र्श पर स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान, 10 ms-2 लें।
हल :
यहाँ, घंटी का द्रव्यमान (m) = 10 kg’
आरंभिक वेग (u) = 0 (विराम अवस्था)
तय की गई दूरी (S) = 80 cm
= 0.80 m
घंटी का त्वरण (a) = 10 ms-2
मान लो पृथ्वी पर पहुँच कर घंटी का अंतिम वेग v है
∴ v2 – u2 = 2aS के प्रयोग से
v2 – (0)2 = 2 × 10 × 0.80
v2 = 16
∴ घंटी का अंतिम वेग, v = \(\sqrt{16}\) = 4 ms-1
घंटी द्वारा पृथ्वी को स्थानांतरित संवेग (p) = mv
= 10 × 4
= 40 kg – ms-1

(a) ऊपर दी गई सारणी दर्शाती है कि गति त्वरित है तथा त्वरण समय के साथ-साथ एक समान रूप से बढ़ता है।
(b) क्योंकि त्वरण एक समान रूप से बढ़ रहा है, इसलिए वस्तु पर लग रहा बल भी समय के साथ समान रूप से बढ़ रहा है।

अतिरिक्त अभ्यास (Additional Exercises)

प्रश्न A1.
एक वस्तु की गति की अवस्था में दूरी समय सारणी निम्नवत् है:

समय (सेकंड) दूरी (मीटर)
0 0
1 1
2 8
3 27
4 64
5 125
6 216
7 343

(a) त्वरण के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ? क्या यह नियत है ? बढ़ रहा है ? घट रहा है ? या शून्य है ?
(b) आप वस्तु पर लगने वाले बल के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं ?
हल:
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 3

प्रश्न A2.
1200 kg द्रव्यमान की कार को एक समतल सड़क पर दो व्यक्ति समान वेग से धक्का देते हैं। उसी कार को तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का देकर 0.2 ms--2का त्वरण उत्पन्न किया जाता है। कितने बल के साथ प्रत्येक व्यक्ति कार को धकेल पाते हैं। (मान लें कि सभी व्यक्ति समान पेशीय बल के साथ कार को धक्का देते हैं।)
हल :
यहाँ कार का द्रव्यमान (m) = 1200 kg
कार का त्वरण (a) = 0.2 ms-2
पहले दो व्यक्तियों को धक्का देने से त्वरण = 0
स्पष्ट है कि जब तीसरा व्यक्ति कार को धक्का मारता है तो एक असंतुलित बल क्रिया करता है।
∴ तीसरे व्यक्ति द्वारा लगाया गया बल, F = m × a
= 1200 × 0.2
= 240 N
अब क्योंकि तीनों व्यक्ति पेशीय बल लगा कर कार को धकेलते हैं, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति बल लगाता है = 240 N

प्रश्न A3.
500g द्रव्यमान के एक हथौड़े द्वारा 50 ms-1 वेग से एक कील पर प्रहार किया जाता है। कील द्वारा हथौड़े को बहुत कम समय 0.01 s में ही रोक दिया जाता है। कील के द्वारा हथौड़े पर लगाए गए बल का परिकलन करें।
हल :
हथौड़े का द्रव्यमान (m) = 500g
= \(\frac{500}{1000}\) kg
= \(\frac{1}{2}\) kg
प्रारंभिक वेग (u) = 50 ms-1
अंतिम वेग (v) = 0 ms-1
समय (t) = 0.01s
बल (F) = ?
हम जानते हैं, v = u + at
0 = 50 + a × 0.01
-50 = a × \(\frac{1}{100}\)
∴ a = -50 × 100
= -5000 ms-2
ऋणात्मक चिन्ह मंदन को दर्शाता है।
अब कील द्वारा हथौड़े पर लगाया गया बल (F) = m × a
= \(\frac{1}{2}\) × (-5000)
= -2500 N
∴ बल = 2500 N

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प्रश्न A4.
एक 1200 kg द्रव्यमान की मोटरकार 90 km/h की वेग से एक सरल रेखा के अनुदिश चल रही है। उसका वेग बाहरी असंतुलित बल लगने के कारण 4s में घटकर 18 km/h हो जाता है। त्वरण और संवेग में परिवर्तन का परिकलन करें। लगने वाले बल के परिमाण का भी परिकलन करें।
हल :
यहाँ, कार का द्रव्यमान (m) = 1200 kg
समय (1) = 4s
कार का प्रारंभिक वेग (u) = 90 km/h
= \(\frac{90 \times 1000}{60 \times 60}\) m/s
= 25 ms-1
कार का अंतिम वेग (v) = 18 km/h
= \(\frac{18 \times 1000 \mathrm{~m}}{60 \times 60 \mathrm{~s}}\)
= 5 ms-1
कार का त्वरण (a) = ?
कार के संवेग में परिवर्तन = ?
कार पर लगने वाले बल का परिमाण (F) = ?
हम जानते हैं, v = u + at
5 = 25 + a x 4
-20 = 4a
∴ a = \(\frac{-20}{4}\)
= -5 ms-2
कार के संवेग में परिवर्तन = अंतिम संवेग – प्रारंभिक संवेग
= mv – mu
= m (v – u)
= 1200 (5 – 25)
= 1200 × (-20)
= -24000 kg – ms-1
= 24000 kg – ms-1 की कमी उत्तर
परंतु F = m × a
= 1200 × 5
= 6000 N

Science Guide for Class 9 PSEB बल तथा गति के नियम InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में किस का जड़त्व अधिक है :
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर,
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी,
(c) पाँच रुपये का सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का।
उत्तर-
हम जानते हैं कि किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व का माप है, इसलिए जिस वस्तु का द्रव्यमान अधिक होगा उस वस्तु का जड़त्व भी अधिक होगा।
(a) गेंद के आकार वाले पत्थर का जड़त्व अधिक क्योंकि इसका द्रव्यमान गेंद के द्रव्यमान की अपेक्षा अधिक है।

(b) एक रेलगाड़ी का द्रव्यमान साइकिल के द्रव्यमान की तुलना से अधिक है इसलिए रेलगाड़ी का जड़त्व अधिक

(c) पाँच रुपये के सिक्के का जड़त्व एक रुपये के सिक्के से अधिक है क्योंकि पाँच रुपये के सिक्के का द्रव्यमान 1 रुपये के सिक्के की अपेक्षा अधिक है।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें :
“फुटबॉल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।”
इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर-
धक्का मारना, ठोकर लगानी, खींचना ये सभी क्रियाएँ वस्तु के वेग की मात्रा बदलने या गति की दिशा परिवर्तन के लिए बल के रूप में कार्य करती हैं। इसलिए ऊपर दी गई उदाहरण में गेंद का वेग तीन बार बदला है।

  1. पहली बार प्रथम टीम के फुटबाल खिलाड़ी ने फुटबाल को किक (ठोकर) लगाकर गेंद के वेग में परिवर्तन किया।
  2. द्वितीय बार उसी टीम के अन्य खिलाड़ी ने फुटबाल को किक (ठोकर) लगाकर गेंद में वेग परिवर्तन किया है।
  3. तृतीय बार विरोधी टीम के गोलची ने फुटबाल को किक (ठोकर) लगाकर गेंद के वेग में परिवर्तन किया है।
    बल लगाने वाले कारक को मोटे अक्षरों में दिया गया है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 3.
किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं। क्यों ?
उत्तर-
टहनियों को हिलाने से पहले टहनियाँ तथा पत्ते दोनों विराम अवस्था में थे। हिलाने के फलस्वरूप टहिनयाँ गतिशील हो गईं जबकि पत्तियाँ विराम जड़त्व के कारण टहिनयों से अलग होकर नीचे गिर जाती हैं।

प्रश्न 4.
जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों ?
उत्तर-
जब गतिशील बस यकायक रुक जाती है तो हमारे शरीर का निचला भाग बस के संपर्क में होने से बस के साथ ही विराम अवस्था में आ जाता है, जबकि हमारे शरीर का ऊपर वाला भाग गतिशील रहने की प्रवृत्ति रखता है। इसलिए हम आगे की दिशा में गिर जाते हैं। जब बस अचानक त्वरित होती है तो हमारे शरीर का निचला भाग बस के संपर्क में होने से बस के साथ गतिशील हो जाता है, जबकि शरीर का ऊपरी भाग जड़त्व के कारण विराम अवस्था में रहने की प्रवृत्ति रखता है। इसलिए हम पीछे की ओर गिरते हैं।

प्रश्न 5.
यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर है तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता
है ?
उत्तर-
न्यूटन के गति के तीसरे नियम अनुसार, “क्रिया तथा प्रतिक्रिया सदैव समान तथा विपरीत दिशा में होते हैं।” घोड़ा-गाड़ी का बल (क्रिया) लगाकर आगे की ओर खींचता है। गाड़ी भी घोड़े को बल (प्रतिक्रिया) लगाकर (पीछे की) विपरीत दिशा में खींचती है। यह दोनों बल एक-दूसरे को संतुलित कर देते हैं। जब घोड़ा, गाड़ी को खींचता है तो वह अपने पैरों से पृथ्वी को पीछे की ओर धकेलता है। पृथ्वी की प्रतिक्रिया ऊपर की दिशा में कार्य करती है। इस प्रतिक्रिया बल को दो भागों में बाँटा जा सकता है। ऊपर की ओर लंबवत् दिशा में लगने वाला बल प्रतिक्रियात्मक बल घोड़े के भार को संतुलित करता है जबकि प्रतिक्रियात्मक बल का क्षितिज घटक गाड़ी को आगे की दिशा में गतिमान करता है। पृथ्वी तथा पहिए के मध्य घर्षण बल पीछे की दिशा में क्रिया करता है परंतु आगे की दिशा में लगने वाला बल घर्षण बल से अधिक होता है जिससे यह गाड़ी को गतिमान करने में सफल हो जाता है।

प्रश्न 6.
एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है ? स्पष्ट करें।
उत्तर-
रबड़ की नली में से पानी अत्यधिक बल (क्रिया) से बाहर निकलता है तथा उसी के समान बल (प्रतिक्रिया) को अग्निशमन कर्मचारी का हाथ अनुभव करता है। इसलिए उसे रबड़ की नली पकड़ने में असुविधा अनुभव होती है।

प्रश्न 7.
एक 50g द्रव्यमान की गोली 4kg द्रव्यमान, की रायफ़ल से 35 ms-1 के प्रारंभिक वेग से छोड़ी जाती है। रायफल के प्रारंभिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए।
उत्तर-
गोली का द्रव्यमान (m1) = 50 g = 0.05 kg
रायफल का द्रव्यमान (m2) = 4 kg
गोली का प्रारंभिक वेग (u1) = 0
रायफल का प्रारंभिक वेग (u2) = 0
गोली का अंतिम वेग (v1) = 35 ms-1
रायफल का अंतिम वेग (v2) = ?
संवेग संरक्षण के नियमानुसार, गोली तथा रायफ़ल का कुल प्रारंभिक संवेग = गोली तथा रायफल का कुल अंतिम संवेग
m1u1 + m2u2 = m1v1 + m2v2
0.5 × 0 + 4 × 0 = 0.05 × 35 + 4 × v2
0 + 0 = 1.75 + 4 × v2
या -4 × v2 = 1.75
v2 = \(\frac{-1.75}{4}\)
= -0.437 ms-1
= – 0.44 ms-1
ऋणात्मक चिन्ह यह दर्शाता है कि रायफल के वेग की दिशा गोली के वेग की दिशा के विपरीत है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 8.
100g और 200g द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमशः 2ms-1 और 1ms-1 के वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं। टक्कर के पश्चात् प्रथम वस्तु का वेग 1.67 -1 हो जाता है, तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात करें।
हल :
यहाँ, पहली वस्तु का द्रव्यमान (m1) = 100g
= \(\frac{1}{10}\) kg
पहली वस्तु का प्रारंभिक वेग (u1) = 2ms-1
दूसरी वस्तु का द्रव्यमान (m2) = 200g
= \(\frac{1}{5}\) kg
दूसरी वस्तु का प्रारंभिक वेग (u2) = 1ms-1
टकराने से पहले पहली वस्तु का प्रारंभिक संवेग = m1 × u1
= \(\frac{1}{10}\) × 2
= \(\frac{1}{5}\) kg – ms-1
दूसरी वस्तु का प्रारंभिक संवेग = m2 × u2
= \(\frac{1}{5}\) × 1
= \(\frac{1}{5}\) kg -ms-1
दोनों वस्तुओं का कुल प्रारंभिक संवेग = \(\frac{1}{5}+\frac{1}{5}\)
= \(\frac{2}{5}\)kg – ms-1
टकराने के पश्चात् पहली वस्तु का अंतिम वेग (v1) = 1.67 ms-1
दूसरी वस्तु का अंतिम वेग (v2) = ?
पहली वस्तु का अंतिम संवेग = m1 × v1
= \(\frac{1}{10}\) × 1.67
= 0.167 kg – ms-1
दूसरी वस्तु का अंतिम वेग (v2) = ?
दोनों वस्तुओं का कुल अंतिम संवेग = m1 × v1 + m2 × v2
= 0.167 + \(\frac{1}{5}\) × v2
संवेग संरक्षण नियमानुसार
m1u1 + m2u2 = m1v1 + m2v2
\(\frac{2}{5}\) = 0.167+ \(\frac{1}{5}\) × v2
0.2 × v2 = 0.4 – 0.167
0.2 × v2 = 0.233
या v2 = \(\frac{0.233}{0.2}\)
∴ v2 = 0.116 ms-1

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 8 गति Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 8 गति

PSEB 9th Class Science Guide गति Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
एक एथलीट वृत्तीय पथ, जिसका व्यास 200 m है, का एक चक्कर 40s में लगाता है। 2 min 20s के बाद वह कितनी दूरी तय करेगा और उसका विस्थापन क्या होगा ?
हल :
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 1
दिया है, वृत्तीय पथ का व्यास (d) = 200 m
∴ वृत्तीय पथ का अर्धव्यास = \(\frac{200}{2}\) = 100m
वृत्तीय पथ की लंबाई (ce) = 2πr
= 2 × \(\frac{22}{7}\) × 100
= \(\frac{4400}{7}\) m
1 चक्कर पूरा करने में लगा समय (t) = 40 s
कुल समय = 2 मिनट 20 सेकंड
= ( 2 × 60 + 20) सेकंड
= (120 + 20) सेकंड
= 140 सेकंड
40 s में तय की गई दूरी = \(\frac{4400 \mathrm{~m}}{7}\) (= 1 चक्कर की परिधि)
1 s में तय की गई दूरी = \(\frac{4400}{7 \times 40}\)
40 s में तय हुई दूरी = \(\frac{4400}{7 \times 40}\) × 140
= 2200 m
= \(\frac{1}{2}\) चक्कर की लंबाई
इसलिए गति के अंत में एथलीट \(\frac{1}{2}\) चक्कर लगाकर वृत्त के व्यास के दूसरे सामने वाले सिरे B पर पहुँचेगा।
∴ विस्थापन AB (मूल बिंदु तथा अंतिम बिंदु के मध्य की दूरी)
= 2200 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 2.
300 m सरल रेखीय पथ पर जोसेफ़ जॉगिंग करता हुआ 2 min 30s में एक सिरे A से दूसरे सिरे B पर पहुंचता है और धूपकर 1 min में 100 m पीछे बिंदु C पर पहुँचता है। जोसेफ़ की औसत चाल और औसत वेग क्या होंगे ?
(a) सिरे A से सिरे B तक तथा
(b) सिरे A से सिरे C तक।
हल :
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 2
(a) सिरे A से सिरे B के बीच की लंबाई (AB) = 300 m
लगा समय (t) = 2 min 30 s
= (2 × 60 + 30) S
= (120 + 30)s
= 150 s
∴ औसत चाल = औसत वेग
=PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 3
= \(\frac{300 \mathrm{~m}}{150 \mathrm{~s}}\)
= 2 ms-1

(b) A सिरे से सिरे B तक लंबाई + वापिस B से C तक की लंबाई
= AB + BC
= 300 m + 100 m
= 400 m
कुल समय = 2 min 30 s + 1 min
= 3 min 30 s
= (180 + 30)s
=210 s
औसत चाल = \(\frac{400 \mathrm{~m}}{210 \mathrm{~s}}\)
= \(\frac{40}{21}\) ms
= 1.9 ms-1
औसत वेग = \(\frac{(300-100) \mathrm{m}}{210 \mathrm{~s}}\)
= \(\frac{200}{210}\)ms-1
= \(\frac{20}{21}\) ms-1
= 0. 95 ms-1

प्रश्न 3.
अब्दुल गाड़ी से स्कूल जाने के क्रम में औसत चाल को 20 kmh-1 पाता है। उसी रास्ते से लौटने के समय वहाँ भीड़ कम है और औसत चाल 30 kmh-1 है। अब्दुल की इस पूरी यात्रा में उसकी औसत चाल क्या है ?
हल :
मान लो घर से स्कूल की दरी = L
∴ घर से स्कूल तथा वापिस स्कूल से घर तक को दूरी = L + L = 2 L
स्कूल जाते समय औसत चाल (υ2) = 200 kmh-1
स्कल जाते समय औसत चाल (t1) = PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 4
स्कूल से वापिस घर आते समय औसत चाल (v2) = 30 kmh-1
∴ स्कूल से वापिस घर आने में लगा समय (t2) = \(\frac{\mathrm{L}}{v_{2}}\)
पूरे सफ़र के लिए लगा कुल समय = t1 + t2
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 5
= 24 Kmh-1

प्रश्न 4.
कोई मोटरबोट झील में विरामावस्था से सरल रेखीय पथ पर 3.0 ms-2 के नियत त्वरण से 8.0s तक चलती है। इस समय अंतराल में मोटरबोट कितनी दूरी तय करती है ?
हल :
यहाँ, प्रारंभिक वेग (u) = 0 (विरामावस्था)
त्वरण (a) = 3.0 ms-2
समय (t) = 8.0 s
मोटरबोट द्वारा तय की गई दूरी (S) = ?
हम जानते हैं, S = ut + \(\frac{1}{2}\) at2
= 0 × 8 + \(\frac{1}{2}\) × 3 × (8)2
= 0 + \(\frac{1}{2}\) × 3 × 8 × 8
S = 96 m
अर्थात् मोटरबोट जितनी दूरी तय करती है = S = 96 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 5.
किसी गाड़ी का चालक 52 km h-1 की गति से चल रही कार में ब्रेक लगाता है तथा कार विपरीत दिशा में एकसमान दर से त्वरित होती है। कार 5 s में रुक जाती है। दूसरा चालक 30 kmh-1 की गति से चलती हुई दूसरी कार पर धीमे-धीमे ब्रेक लगाता है तथा 10s में रुक जाता है। एक ही ग्राफ पेपर पर दोनों कारों के लिये चाल-समय ग्राफ़ आलेखित करें। ब्रेक लगाने के पश्चात् दोनों में से कौन-सी कार अधिक दरी तक जाएगी ?
हल-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 6
चित्र में दो कारों के चाल-समय ग्राफ़ AB तथा CD प्रदर्शित किए गए हैं जिनकी क्रमवार चाल 52 km h-1 तथा 30 kmh-1 है।
विरामावस्था में आने से पूर्व पहली कार द्वारा तय की गई दूरी = ΔAOB का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) × AO × OB
= \(\frac{1}{2}\) × (52 × \(\frac{5}{18}\)) × 5
= 36.1 m
विरामावस्था में आने से पूर्व दूसरी कार द्वारा तय की गई दूरी
= ΔCOD का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) × CO × OD
= \(\frac{1}{2}\) × (30 × \(\frac{5}{18}\)) × 10
= 47.2 m
इस तरह ब्रेक लगाने के पश्चात् दूसरी कार, पहली की तुलना में अधिक दूरी तय करेगी।

प्रश्न 6.
चित्र में तीन वस्तुओं A, B और C के दूरी-समय ग्राफ़ प्रदर्शित हैं। ग्राफ़ का अध्ययन करके निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(a) तीनों में से कौन सबसे तीव्र गति से गतिमान है ?
(b) क्या ये तीनों किसी भी समय सड़क के एक ही बिंदु पर होंगे ?
(c) जिस समय B, A से गुज़रती है उस समय तक C कितनी दूरी तय कर लेती है ?
(d) जिस समय B, C से गुजरती है तो उस समय तक यह कितनी दूरी तय कर लेती है ?
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 7
हल-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 8
(a) A की चाल = P N की ढाल (Slope)
= \(\frac{10-6}{1.1-0}\)
= \(\frac{40}{11}\) = 3.63km h-1
B की चाल = OM की ढाल (slope)
= \(\frac{6-0}{0.7-0}\)
= \(\frac{60}{7}\) = 8.57 km h-1
C की चाल = QM की ढाल (slope)
= \(\frac{6-2}{0.7-0}\)
= \(\frac{40}{7}\) = 5.71 kmh-1
क्योंकि वस्तु B की ढाल (Slope) सबसे अधिक है इसलिए यह सबसे तीव्र गति से चल रही है।

(b) क्योंकि तीनों के ग्राफ़ एक बिंदु पर नहीं काटते हैं इसलिए ये तीनों किसी समय भी सड़क पर एक बिंदु पर नहीं होंगे।

(c) जब B, N बिंदु पर A को मिलता है। (1.1 घंटा पर) तब उस समय C मूल बिंदु O से लगभग 9 km की दूरी पर होगी।

(d) B बिंदु M पर C को मिलती है, उस समय B 9 km की दूरी कर लेती है।

प्रश्न 7.
20 m की ऊँचाई से एक गेंद को गिराया जाता है। यदि उसका वेग 10 ms-2 के एकसमान त्वरण की दर से बढ़ता है तो यह किस वेग से धरातल से टकराएगी ? कितने समय पश्चात् वह धरातल से टकराएगी ?
हल :
यहाँ u = 0
S = 20 m
a = g = 10 ms-2
v = ?
v2 – u2 = 2 as का प्रयोग करने पर
v2 – (0)2 = 2 × 10 × 20
∴ v = \(\sqrt{400}\)
= \(\sqrt{20 \times 20}\)
= 20 ms-1
अब v = 4 + at
20 = 0 + 10 + t
∴ t = \(\frac{20}{10}\)
t = 2s

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 8.
किसी कार का चाल-समय ग्राफ़ चित्र में दर्शाया गया है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 9
(a) पहले 4 s में कार कितनी दूरी तय करती है ? इस अवधि में कार द्वारा तय की गई दूरी को ग्राफ़ में छायांकित क्षेत्र द्वारा दर्शाइए।
(b) ग्राफ़ का कौन-सा भाग कार की एकसमान गति को दर्शाता है ?
हल :
(a) X – अक्ष के 5 छोटे चिह्न = 2s
Y – अक्ष के 3 छोटे चिह्न – 2 ms-1
∴ 15 छोटे वर्गों का क्षेत्रफल = 2 s × 2ms-1
= 4 m
1 छोटे वर्ग का क्षेत्रफल = \(\frac{4}{15}\) m
0 से 5s के अंतर्गत चाल-समय ग्राफ़ का क्षेत्रफल
= 57 छोटे वर्ग + \(\frac{1}{2}\) × 6 छोटे वर्ग
= (57 + 3) वर्ग
= 60 छोटे वर्ग
कार द्वारा 4 सेकंड में तय हुई दूरी = 60 × \(\frac{4}{15}\) m
= 16 m

(b) 6 s पश्चात् कार की एकसमान गति है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से कौन-सी अवस्थाएँ संभव हैं तथा प्रत्येक के लिए एक उदाहरण दें:
(a) कोई वस्तु जिसका त्वरण नियत हो परंतु वेग शून्य हो।
(b) कोई वस्तु किसी निश्चित दिशा में गति कर रही हो तथा त्वरण उसके लंबवत् हो।
उत्तर-
(4) हाँ, यह स्थिति संभव है। जब किसी वस्तु को पृथ्वी तल से ऊपर की ओर फेंका जाता है तो अधिकतम ऊँचाई पर वस्तु का वेग शून्य होता है परंतु त्वरण स्थिर रहता है।

(b) हाँ, प्रक्षेप्य की अधिकतम ऊँचाई पर वेग क्षैतिज दिशा में होता है तथा त्वरण लंबवत् दिशा में जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 10

प्रश्न 10.
एक कृत्रिम उपग्रह 42250 km त्रिज्या की वृत्ताकार कक्षा में घूम रहा है। यदि वह 24 घंटे में पृथ्वी की परिक्रमा करता है तो उसकी चाल का परिकलन कीजिए।
हल :
कृत्रिम उपग्रह के वृत्ताकार पथ की त्रिज्या (r) = 42250 कि० मी०
पृथ्वी के केंद्र पर बना कोण (θ) = 2π रेडियन
पृथ्वी का एक चक्कर लगाने में उपग्रह द्वारा लिया गया समय (t) = 24 घंटे = 24 × 3600 सेकंड
= 86400 सेकंड
अत: कोणीय वेग (ω) = \(\frac{\theta}{\mathrm{t}}\)
= \(\frac{2 \pi}{86400}\) rad/s
उपग्रह का रैखिक वेग (v) = r × ω).
= 42250 × \(\frac{2 \pi}{86400}\) km/s
= \(\frac{42250 \times 2 \times 3.14}{86400}\) km/s
= 3.07 km/s

Science Guide for Class 9 PSEB गति InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
एक वस्तु के द्वारा कुछ दूरी तय की गई। क्या इसका विस्थापन शून्य हो सकता है ? अगर हाँ, तो अपने उत्तर को उदाहरण के द्वारा समझाएँ।
उत्तर-
गति के दौरान विस्थापन की मात्रा शून्य (0) हो सकती है. यदि वह वस्तु गति करते हुए अपनी आरंभिक स्थिति में आ जाये। इस अवस्था में अंतिम स्थिति, आरंभिक स्थिति से मिल जाती है।

उदाहरणार्थ – मान लो एक वस्तु मूल बिंदु O से गति आरंभ करते हुये A बिंदु तक 60 km की दूरी तय करती है। यदि वह वस्तु गति करते हुए वापस A से O बिंदु पर आ जाए तो उस अवस्था में उसका विस्थापन शून्य (0) होगा।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 11

परंतु वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी = OA + AO
= 60 km + 60 km
= 120 km होगी।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 2.
एक किसान 10 m की भुजा वाले एक वर्गाकार खेत की सीमा पर 40s में चक्कर लगाता है। 2 मिनट (minute) 20 सेकंड (s) बाद किसान के विस्थापन का परिमाण क्या होगा?
हल :
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 12
खेत की सीमा (1 चक्कर) = AB + BC + CD + DA
– 10 m + 10m + 10m + 10m
= 40m
खेत की सीमा (40m) का 1 चक्कर लगाने में लगा समय = 40s
कुल समय = 2 मिनट 20 सेकंड = (2 × 60 + 20) सेकंड
= (120 + 20) सेकंड
= 140 सेकंड
किसान 3 चक्कर लगाने के लिए जो समय लगा = 3 × 40 सेकंड
= 120 सेकंड
3 पूरे चक्कर लगाने के बाद शेष समय = (140 – 120) सेकंड
= 20 सेकंड
∴ किसान 40 s में जो दूरी तय करता है = 40 m
∴ 1 s में जो दूरी तय करेगा = 1m
20s में जो दूरी तय करेगा = 20 m
अर्थात् A से गति आरंभ करता हुआ सीमा के साथ-साथ 3 चक्कर लगाकर 2 मिनट 20 सेकंड के पश्चात् C बिंदु पर पहुँच जाएगा।
विस्थापन की मात्रा = AC (मूल बिंदु और अंतिम बिंदु के मध्य न्यूनतम दूरी)
= \(\sqrt{A B^{2}+B C^{2}}\)
= \(\sqrt{(10)^{2}+(10)^{2}}\)
= \(\sqrt{100+100}\)
= \(\sqrt{200 \mathrm{~m}}\)
= \(\sqrt{100 \times 2 \mathrm{~m}}\)
= 10\(\sqrt{2 m}\)
= 10 × 1.414 m
= 14.14 m

प्रश्न 3.
विस्थापन के लिए निम्न में कौन सही है ?
(a) यह शून्य नहीं हो सकता है।
(b) इसका परिमाण वस्तु के द्वारा तय की गई दूरी से अधिक है।
उत्तर-
(a) तथा
(b) दोनों कथनों में से कोई भी सही नहीं है।

प्रश्न 4.
चाल एवं वेग में अंतर बताइए।
उत्तर-
चाल का पूर्ण रूप से व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण (मात्रा) की आवश्यकता होती है, जबकि वेग को पूर्ण रूप से व्यक्त करने के लिए परिमाण (मात्रा) तथा दिशा दोनों का होना आवश्यक है। इसलिए चाल एक अदिश राशि है परंतु वेग एक सदिश राशि है। चाल सदैव धनात्मक होती है परंतु वेग धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों प्रकार की हो सकती है। चाल किसी वस्तु की इकाई समय में तय की गई दूरी होती है दूसरी ओर यदि इसके साथ दिशा का ज्ञान भी हो तो यह वेग कहलाता है। अर्थात् एक निश्चित दिशा में चाल को वेग कहते हैं।

प्रश्न 5.
किस अवस्था में किसी वस्तु के औसत वेग का परिमाण उसकी औसत चाल के बराबर होगा ?
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 13
कुल लगा समय जब वस्तु एक सीधी रेखा में परिवर्तनशील गति के साथ एक दिशा में चलती है तो कुल तय की गई दूरी तथा विस्थापन दोनों के परिमाण बराबर होते हैं। इसलिए औसत चाल तथा औसत वेग बराबर होते हैं।

प्रश्न 6.
एक गाड़ी का ओडोमीटर क्या मापता है ?
उत्तर-
गाड़ी (स्वै चालित वाहन) का ओडोमीटर उस द्वारा तय की गई दूरी को मापता है।

प्रश्न 7.
जब वस्तु एकसमान गति में होती है तब इसका मार्ग कैसा दिखाई पड़ता है ?
उत्तर-
जब वस्तु एकसमान गति में होती है तब इसका मार्ग एक सीधी सरल रेखा होता है।

प्रश्न 8.
एक प्रयोग के दौरान, अंतरिक्षयान से एक सिग्नल को पृथ्वी पर पहुँचने में 5 मिनट का समय लगता है। पृथ्वी पर स्थित स्टेशन से उस अंतरिक्षयान की दूरी क्या है ?
(सिग्नल की चाल = प्रकाश की चाल = 3 × 108 ms-1)
हल :
सिग्नल को अंतरिक्षयान से पृथ्वी तक पहुँचने में लगा समय (t) = 5 मिनट
= 5 × 60 सेकंड
= 300 सेकंड
सिग्नल की चाल (v) = 3 × 108 ms-1
अंतरिक्षयान की पृथ्वी से दूरी (S) = ?
अंतरिक्षयान की पृथ्वी से दूरी (S) = सिग्नल की चाल (v) × लगा समय (t)
= 3 × 108 × 300 = 3 × 108 × 3 × 102
= 9 × 108 × 102 = 9 × 1010 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 9.
आप किसी वस्तु के बारे में कब कहेंगे कि,
(i) वह एक समान त्वरण से गति में है ?
(ii) वह असमान त्वरण से गति में है ?
उत्तर-
(i) जब कोई वस्तु सरल रेखा में चलती है तब इसका वेग समान समय अंतरालों में समान मात्रा से घटता और बढ़ता है, तब उस समय वह वस्तु एक समान त्वरण से गति करती हुई कहलाती है।

(i) जब किसी वस्तु का वेग असमान दर से परिवर्तित होता है, अर्थात् उस वस्तु का वेग समान समय अंतरालों में असमान मात्रा से घटता और बढ़ता है, तो उस अवस्था में वस्तु असमान त्वरण से गति करती हुई कहलाती है।

प्रश्न 10.
एक बस की गति 5 s में 80 kmh-1 से घटकर 60 kmh-1 हो जाती है। बस का त्वरण ज्ञात कीजिए।
हल :
बस का प्रारंभिक वेग (u) = 80 km h-1
= 80 × \(\frac{5}{18}\) ms-1
बस का अंतिम वेग (v) = 60 kmh-1
60 × \(\frac{5}{18}\) ms-1
लगा हुआ समय (t) = 5s [∵ 1kmh-1 = \(\frac{5}{18}\) ms-1]
बस का त्वरण (a) = ?
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 14

प्रश्न 11.
एक रेलगाड़ी स्टेशन से चलना प्रारंभ करती है और एकसमान त्वरण के साथ चलते हुए 10 मिनट में 40 kmh-1 की चाल प्राप्त करती है। इसका त्वरण ज्ञात कीजिए।
हल :
रेलगाड़ी की आरंभिक चाल (u) = 0
रेलगाड़ी की अंतिम चाल (υ) = 40 kmh-1
= 40 × \(\frac{5}{18}\) ms-1
= \(\frac{100}{9}\)ms-1
समय (t) = 10 मिनट
= 10 × 60 सेकंड
= 600 सेकंड
त्वरण (a) = 7
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 15
= 0.018 ms-2

प्रश्न 12.
किसी वस्तु के एक समान व असमान गति के लिए समय-दूरी (x-t) ग्राफ़ की प्रकृति क्या होती है ?
उत्तर-
जब कोई वस्तु बराबर समय में बराबर दूरी तय करती है तब वह एक समान गति से चलती है अर्थात् इस अवस्था में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी लगे हुए समय के सीधा अनुपात में होती है। इसलिये एक समान गति की वस्तु के लिए दूरी-समय (x-t) ग्राफ़ एक सरल रेखीय ग्राफ़ होता है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 16

किसी वस्तु की असमान गति के लिए दूरी-समय (x-t) ग्राफ किसी आकृति का वक्र-रेखीय ग्राफ़ हो सकता है क्योंकि यह वस्तु समान समय अंतरालों में असमान दूरी तय करती है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 17

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 13.
किसी वस्तु की गति के विषय में आप क्या कह सकते हैं, जिसका दूरी-समय ग्राफ़ (x-t) समय अंक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है ?
उत्तर-
वह वस्तु जिसका दूरी-समय (x-t) ग्राफ़ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है, विराम अवस्था में होगी।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 18

प्रश्न 14.
किसी वस्तु की गति के विषय में आप क्या कह सकते हैं, जिसका चाल-समय ग्राफ़ समय अक्ष के समानांतर एक सरल रेखा है।
उत्तर-
वह वस्तु जिसका चाल-समय (v-t) ग्राफ़ समय अक्ष के समानांतर सरल रेखा हो, एकसमान चाल से गतिमान होगी।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 19

प्रश्न 15.
वेग-समय ग्राफ़ के नीचे के क्षेत्र से मापी गई राशि क्या होती है ?
उत्तर-
वेग-समय ग्राफ़ के नीचे घिरा हुए क्षेत्र द्वारा एक निश्चित समय में तय की गई दूरी मापता है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति 20

प्रश्न 16.
कोई बस विरामावस्था से चलना प्रारंभ करती है तथा 2 मिनट तक 0.1 ms-2 के एकसमान चरण से चलती है। परिकलन कीजिए,
(a) प्राप्त की गई चाल तथा
(b) तय की गई दूरी।
हल :
(i) बस का प्रारंभिक वेग (u) = 0 (विरामावस्था)
समय (t) = 2 मिनट
= 2 × 60 सेकंड
= 120 सेकंड
बस का अंतिम वेग (v) = ?
बस द्वारा तय की गई दूरी (S) = ?
हम जानते हैं, v = u + at
v = 0+ 0.1 × 120
v = 1 × 12
v = 12 ms-1

(ii) अब v2 – u2 = 2 aS
(122) – (02) = 2 × 0.1 × 5
12 × 12 = 2 × 5
∴ S = \(\frac{12 \times 12}{2}\)
= \(\frac{144 \times 10}{2}\)
S = 720 m

प्रश्न 17.
कोई रेलगाड़ी 90 kmh-1 के चाल से चल रही है। ब्रेक लगाए जाने पर वह – 0.5 ms-2 का एकसमान त्वरण उत्पन्न करती है। रेलगाड़ी विरामावस्था में आने के पहले कितनी दूरी तय करेगी ?
हल :
रेलगाड़ी का प्रारंभिक वेग (u) = 90 kmh-1
= 90 × \(\frac{5}{18}\) ms-1
= 5 × 5ms-1
= 25 ms-1
त्वरण (a) = – 0.5 ms-2
अंतिम वेग (v) = 0 (विरामावस्था)
रेलगाड़ी द्वारा तय की गई दूरी (S) = ?
हम जानते हैं, v2 – u2 = 2 aS
(02) – (252) = 2 × (-0.5) × 5
– 25 × 25 = – 1 × 5
या S = 25 × 25
∴ S = 625 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 गति

प्रश्न 18.
एक ट्रॉली एक आनत तल पर 2 ms-2 के त्वरण से नीचे जा रही है। गति प्रारंभ करने के 3 s के पश्चात् उसका वेग क्या होगा ? हल :
यहाँ ट्राली का आरंभिक वेग (u) = 0
त्वरण (a) = 2 ms-2
समय (T) = 3s
ट्राली का अंतिम वेग (v) = ?
V = u + at समीकरण का प्रयोग करने पर
= 0 + 2 × 3
V = 6 ms-1

प्रश्न 19.
एक रेसिंग कार का एकसमान त्वरण 4 ms-2 है। गति प्रारंभ करने के 10 s के पश्चात् वह कितनी दूरी तय करेगी ?
हल :
रेसिंग कार का त्वरण (a) = 4 ms-2
कार का आरंभिक वेग (u) = 0
समय (t) = 10s
कार द्वारा तय की गई दूरी (S) = ?
रेसिंग कार का अंतिम वेग (v) = ?
हम जानते हैं, v = u + at
v = 0 + 4 × 10
∴ v = 40 ms-1
अब v2 – u2 = 2aS
(402) – (02) = 2 × 4 × S
40 × 40 = 8 × S
S = \(\frac{1600}{8}\)
∴ S = 200 m

प्रश्न 20.
किसी पत्थर को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर 5 ms-1 के वेग से फेंका जाता है। यदि गति के दौरान पत्थर का नीचे की ओर दिष्ट त्वरण 10 ms-2 है, तो पत्थर के द्वारा कितनी ऊँचाई प्राप्त की गई तथा उसे वहाँ पहुँचने में कितना समय लगा ?
हल :
यहाँ, आरंभिक वेग (u) = 5 ms-1
गुरुत्वात्वरण (a = g) = – 10 ms-2
अंतिम वेग (v) = 0 (अधिकतम ऊँचाई पर पहुंचकर पत्थर विरामावस्था में आ जाता है)
समय (t) = ?
ऊँचाई (h = S) = ?
हम जानते हैं, v = u + gt
0 = 5 + (-10) × t
0 = 5 – 10t
या 10t = 5
∴ t = \(\frac{5}{10}\) = . 5 s
अब v2 – u2 = 2 gS
(0)2 – (5)2 = 2 × 10 × h
-5 × 5 = 20 × h
∴ h = \(\frac{-5 \times 5}{-20}\)
= \(\frac{25}{-20}\)
= \(\frac{5}{4}\)
∴ h = 1.25 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 7 जीवों में विविधता

PSEB 9th Class Science Guide जीवों में विविधता Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
जीवों के वर्गीकरण के लाभ-

  1. यह विभिन्न प्रकार के जीवों के अध्ययन को सरल बनाता है।
  2. यह सभी जीवों की एकदम स्पष्ट तस्वीर प्रदान करता है।
  3. यह जीवों के विभिन्न समूहों के बीच संबंध के बारे में बतलाता है।
  4. यह जीव विज्ञान की अन्य शाखाओं को आधार प्रदान करता है।
  5. भूगोल का अध्ययन पूर्णतया पौधों तथा जंतुओं के वर्गीकरण पर आधारित है।
  6. जीव विज्ञान की अन्य शाखाएं जैसे पारिस्थितिकी, कोशिका विज्ञान, कायिकी आदि का विकास वर्गीकरण के कारण ही संभव हुआ है।

प्रश्न 2.
वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेंगे ?
उत्तर-
वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए कोशिकीय संरचना, पोषण के स्रोत और तरीके तथा शारीरिक संगठन को आधार बनाया गया है। प्रायः जीवों को उनकी शारीरिक संरचना और कार्य के आधार पर जाना जाता है। शारीरिक बनावट के लक्षण अन्य लक्षणों की तुलना में अधिक परिवर्तन लाते हैं। जब शारीरिक बनावट अस्तित्व में आती है तो यह शरीर में बाद में होने वाले परिवर्तनों को प्रभावित करती है। शरीर का संरचना के दौरान पहले दिखाई देने वाले लक्षणों को मूल लक्षण मानते हैं। वर्गीकरण के पदानुक्रम में जीवों को विभिन्न लक्षणों के आधार पर छोटे से छोटे समूहों में बांट कर आधारभूत इकाई तक पहुँचने में यह पद्धति अधिक सहायक है इसीलिए इसी का चयन ही श्रेष्ठ है। वर्गीकरण का अनक्रम है :
जगत → संघ → वर्ग → गण → कुल → वंश → जाति।

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प्रश्न 3.
जीवों के पाँच जगत् के वर्गीकरण के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
व्हिटेकर ने सन् 1959 में जगत् के वर्गीकरण में पांच आधार स्थापित किए थे। वे हैं-मोनेरा, प्रोटिस्टा, फंजाई, प्लांटी और एनीमेलिया। इनका वर्गीकरण तीन
विशिष्टताओं पर आधारित है-
(I) कोशिकीय संरचना
(II) पोषण के स्रोत और तरीके
(III) शारीरिक संगठन
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता 1

बाद में कार्ल बोस ने सन् 1977 में इसमें कुछ परिवर्तन किया था तथा मोनेरा किंगडम के आर्थीलैक्टेरिया और यूबैक्टेरिया भागों में विभाजित कर दिया था। वर्गीकरण की आधारभूत इकाई जाति (स्पीशीज़) को माना गया है क्योंकि एक ही जाति के जीवों के बाहय रूप से पर्याप्त समानता होती है। वृहिटेकर के दवारा वर्गीकृत पाँच जगत हैं-
(I) मोनेरा – इस वर्ग में उन एक कोशिकीय प्रोकेरियाटिक जीवों को स्थान दिया गया है जिनमें कोशिका भित्ति पाई जाती है। पोषण के आधार पर ये स्वपोषी या विषमपोषी दोनों हो सकते हैं। नीली हरी शैवाल, जीवाणु, माइक्रो प्लाज्मा आदि इस वर्ग के उदाहरण हैं।

(II) प्रोटिस्टा – इस वर्ग में उन एक कोशिक, यूकेरियोटिक जीवों को स्थान दिया जाता है जिनमें गमन के लिए सीलिया, फ्लैजेला नामक संरचनाएँ विद्यमान होती हैं। ये स्वपोषी और विषमपोषी दोनों प्रकार के होते हैं। एक कोशिक शैवाल, पैरामीशियम, डाइएटमस, प्रोटोजोवा, युग्लीना आदि इस वर्ग के उदाहरण हैं।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता 2

(III) फ्रंजाई – इन्हें मृत जीवी भी कहते हैं। ये विषमपोषी यूकेरियोटिक जीव सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों पर निर्भर रहते हैं। इनमें से अनेक अपने जीवन में बहुकोशिक क्षमता पा लेते हैं। यीस्ट, मशरूम, पैंसीलियम आदि इनके उदाहरण हैं।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता 3

(IV) प्लांटी-इस वर्ग में बहुकोशिक यूकेरियोटिक जीवों को स्थान दिया जाता है जिनमें कोशिका भित्ति होती है। ये स्वपोषी हैं क्योंकि प्रकाश संश्लेषण विधि से ये अपना भोजन सूर्य के प्रकाश में क्लोरोफिल की सहायता से स्वयं तैयार करते हैं। सभी पेड़-पौधों को इसी वर्ग में रखा गया है। थैलोफाइटा, ब्रायेफ़ाइटा, टेरिडोफ़ाइटा, जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म इसी के भाग हैं।

(V) एनीमेलिया – इस वर्ग में बहुकोशिकीय यूकेरियोटीक जीव को स्थान दिया जाता है। इनमें कोशिका भित्ति नहीं होती। इस वर्ग के जीव विषमपोषी होते हैं। सभी रीढ़धारी और अरीढ़धारी जंतु इसी वर्ग के उदाहरण हैं।
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प्रश्न 4.
पादप जगत् के प्रमुख वर्ग कौन हैं ? इस वर्गीकरण का क्या आधार है ?
उत्तर-
पादप जगत् के प्रमुख वर्ग हैं-
(I) थैलोफाइटा
(II) ब्रायोफाइटा
(III) टेरिडोफाइटा
(IV) जिम्नोस्पर्म
(V) एंजियोस्पर्म।

इसके वर्गीकरण के आधार हैं-

  1. पादप शरीर के प्रमुख घटकों का पूर्ण विकास और विभेदन।
  2. पादप शरीर में जल तथा अन्य पदार्थों को संवहन करने वाले विशिष्ट ऊतकों की उपस्थिति।
  3. पादप में बीज धारण करने की क्षमता।
  4. फल में बीज की स्थिति।

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प्रश्न 5.
जंतुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर क्या है ?
उत्तर-
जंतुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर-

पौधे (Plants) जंतु (Animals)
(1) ये एक स्थान पर स्थिर रहते हैं। (1) ये एक स्थान से दूसरे स्थान तक भ्रमण करते हैं।
(2) ये सूर्य के प्रकाश में प्रकाश-संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं तैयार करते हैं। (2) ये पौधों तथा अन्य जंतुओं से अपना भोजन प्राप्त करते हैं।
(3) इनमें अनिश्चित तथा लगातार वृद्धि होती है। (3) इनमें वृद्धि कुछ विशेष आयु के पश्चात् रुक जाती है।
(4) इनमें पर्णहरित उपस्थित होता है। (4) इनमें पर्णहरित नहीं होता।
(5) इनकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है। (5) इनकी कोशिका भित्ति नहीं होती।

प्रश्न 6.
वर्टीब्रेटा (कशेरुक प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बांटने के आधार की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
वर्टीब्रेटा (कशेरुका प्राणी) में वास्तविक मेरुदंड और अंत: कंकाल होता है। उनमें पेशियों का वितरण और पेशियों का कंकाल से संबंध उन्हें चलने-फिरने में सहायक होता है। इनमें मस्तिष्क, हृदय, बाह्य त्वचा के अनेक स्तर, हीमोग्लोबिन, अस्थियां-उपस्थियां (Cartilages) आदि होते हैं। सभी कशेरुकाओं में निम्नलिखित लक्षण पाए जाते हैं-
(I) नोटोकार्ड
(II) कशेरुक दंड और मेरुरज्जु
(III) त्रिकोरिक शरीर
(IV) जोड़ीदार गलफड़
(V) देहगुहा
(VI) समतापी या असमतापी
(VII) अंडज या जरायुज
(VIII) हृदय में कक्षों की संख्या
(IX) क्लोम, त्वचा या फेफड़ों द्वारा श्वसन
(X) कवच रहित या कवच युक्त अंडे।

इनमें ऊतकों और अंगों का जटिल विभेदन पाया जाता है। इसीलिए इन्हें मत्स्य, जल, स्थल, चर, सरीसृप, पक्षी और स्तनधारी वर्गों में बांटा गया है।

Science Guide for Class 9 PSEB ऊतक InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
हम जीवधारियों का वर्गीकरण क्यों करते हैं ?
उत्तर-
संसार में विभिन्न प्रकार के पौधे तथा जंतु पाए जाते हैं। इस में से कुछ जीवों की संरचना सरल तथा कुछ की जटिल होती है। उनके अध्ययन को सरल बनाने के लिए वर्गीकरण किया जाता है जो उनकी समानताओं और असमानताओं पर आधारित होता है।

प्रश्न 2.
अपने चारों ओर फैले जीव रूपों की विभिन्नता के तीन उदाहरण दें।
उत्तर-

  1. अमीबा जैसे जीव सूक्ष्मदर्शी से ही देखे जा सकते हैं तो नीली व्हेल तीस मीटर तक लंबी होती है।
  2. लाइकेन छोटे धब्बों के समान दिखाई देते हैं तो केलिफोर्निया के रेडवुड पेड़ 100 मीटर लंबे हैं।
  3. मच्छर का जीवनकाल कुछ दिन का होता है तो कछुआ 300 वर्ष तक जीवित रह लेता है। सिकोया जैसे वृक्ष तो हजारों वर्ष तक जीवित रहते हैं।

प्रश्न 3.
जीवों के वर्गीकरण के लिए सर्वाधिक मूलभूत लक्षण क्या हो सकता है ?
(a) उनका निवास स्थान
(b) उनकी कोशिका संरचना।
उत्तर-
उनकी कोशिका संरचना।

प्रश्न 4.
जीवों के प्रारंभिक विभाजन के लिए किस मूल लक्षण को आधार बनाया गया ?
उत्तर-
जीवों के स्थल, जल और वायु में रहने के आधार पर।

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प्रश्न 5.
किस आधार पर जंतुओं और वनस्पतियों को एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा जाता है ?
उत्तर-
जंतुओं को भोजन ग्रहण करने के अनुसार तथा वनस्पतियों को भोजन बनाने की क्षमता के अनुसार एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा जाता है।

प्रश्न 6.
आदिम जीव किन्हें कहते हैं ? ये तथाकथित उन्नत जीवों से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर-
आदिम जीव पहले प्रकार के जीवों को कहते हैं। इनकी शारीरिक संरचना में तो खास परिवर्तन नहीं हुआ है पर तथाकथित उन्नत जीवों के समूहों में बदलाव हुआ है जो इन्हें उनसे भिन्न करता है।

प्रश्न 7.
क्या उन्नत जीव और जटिल जीव एक होते हैं ?
उत्तर-
हाँ, उन्नत जीव और जटिल जीव एक होते हैं क्योंकि विकास के दौरान जीवों में जटिलता की संभावना बनी रहती है।

प्रश्न 8.
मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण का मापदंड क्या है ?
उत्तर-
मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीव एक कोशिकीय होते हैं। पोषण के स्तर पर ये स्वपोषी या विषमपोषी दोनों हो सकते हैं।

प्रश्न 9.
प्रकाश-संश्लेषण करने वाले एक कोशिक, यूकेरियोटीक जीव को आप किस जगत में रखेंगे ?
उत्तर-
एक कोशिक शैवाल।

प्रश्न 10.
वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में किस समूह में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को और किस समूह में सबसे ज्यादा संख्या में जीवों को रखा जाएगा ?
उत्तर-
सबसे कम-जाति (स्पीशीज़)
सबसे ज्यादा-जगत् (किंगडम)।

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प्रश्न 11.
सरलतम पौधों को किस वर्ग में रखा गया है ?
उत्तर-
थैलोफाइटा में।

प्रश्न 12.
टेरिडोफाइट और फ़ेनेरोगैम में क्या अंतर है ?
उत्तर-
टेरिडोफाइट में जड़, तना, पत्ती और संवहन ऊतक पाए जाते हैं। इसमें जननांग अप्रत्यक्ष होते हैं तथा बीज उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती पर फेनेरोगेम्स में जनन ऊतक पूर्ण विकसित और विभेदित होते हैं। जनन प्रक्रिया के पश्चात् बीज उत्पन्न करते हैं। बीज के अंदर भ्रूण के साथ संचित खाद्य पदार्थ होता है जिसका उपयोग भ्रूण के प्रारंभिक विकास और अंकुरण के समय होता है।

प्रश्न 13.
जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर-
जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म में अंतर-

जिम्नोस्पर्म (अनावृत्तबीजी) एंजियोस्पर्म (आवृतबीजी)
1. इनके बीज नग्न होते हैं। 1. इनके बीज ढके हुए होते हैं।
2. इनके बीज फलों के द्वारा ढके हुए नहीं होते। 2. इनके बीज फलों के द्वारा ढके होते हैं।
3. यह बीज पाइन तथा साइकस पाए जाते हैं। 3. यह बीज गेहूं, मक्की आदि में पाए जाते हैं।
4. इनमें कोण (Cones) बनते हैं। 4. इनमें फूल बनते हैं।
5. इनमें साथी कोशिका नहीं होती। 5. इनमें साथी कोशिका होती है।
6. इनमें एकल निषेचन होता है। 6. इनमें दोहरा निषेचन होता है।
7. भ्रूणपोष निषेचन से पहले बनता है। 7. भ्रूणपोष निषेचन के बाद बनता है।

प्रश्न 14.
पोरीफ़ेरा और सिलेंटरेटा वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर है ?
उत्तर-
पोरीफ़ेरा और सिलेंटरेटा वर्ग के जंतुओं में अंतर-

पोरीफेरा सिलेंटरेटा
1. इनकी शारीरिक संरचना अति सरल होती है जिसमें ऊतकों का विभेदन नहीं होता। 1. इनका शारीरिक संगठन ऊतकीय स्तर का होता है।
2. इनके पूरे शरीर में अनेक छिद्र होते हैं। 2. इनके शरीर में देहगुहा पायी जाती है।
3. इनके शरीर में नाल प्रणाली होती है और शरीर कठोर आवरण से ढका रहता है। 3. इनका शरीर दो परतों (आंतरिक और बाह्य) से बना होता है।
4. ये अचर हैं तथा किसी आधार से चिपके रहते हैं। 4. ये मिल-जुल कर समूहों में एकाकी रहते हैं। कोरल समूह में रहते हैं तो हाइड्रा एकाकी रहता है।
5. ये स्थिर होते हैं और समूह में पाए जाते हैं। 5. ये चल होते हैं। अकेले या समूह में पाए जाते हैं।

प्रश्न 15.
एनीलिडा के जंतु, आर्थोपोडा के जंतुओं से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर-
एनीलिडा के जंतु, आर्थोपोडा के जंतुओं में अंतर-

एनीलिडा आर्थोपोडा
1. इनका शरीर द्विपार्श्व सममिति, त्रिकोरक और खंडयुक्त होता है। 1. इनमें द्विपार्श्व सममिति पाई जाती है और शरीर खंडयुक्त होता है।
2. इनकी देहगुहा में अंतरंग पाए जाते हैं। 2. इनमें खुला परिसंचरण तंत्र होता है जिस कारण देहगुहा रक्त से भरी रहती है। देहगुहा सीलोम की बजाय हीमोसील होता है।
3. इसके जीवों की संख्या कम है। 3. इस वर्ग में सबसे अधिक जीव हैं।
4. इनमें नेत्र नहीं होते। 4. इनमें संयुक्त नेत्र होते हैं।
5. आहार नली सीधी होती है। 5. आहार नली कुंडलित नलिका होती है।
6. ये एक लिंगी या द्विलिंगी होते हैं। 6. ये एक लिंगी होते हैं।
7. इनमें परिचलन शूक, चूसक या पैरोपोडिया के द्वारा होता है। 7. इनमें परिचलन संधियुक्त अंगों से होता है।
8. इनमें बाहरी कंकाल नहीं होता। 8. इनका बाह्य कंकाल काइटिन से बना होता है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 जीवों में विविधता

प्रश्न 16.
जल-स्थलचर और सरीसृप में क्या अंतर है ?
उत्तर-
जल स्थलचर और सरीसृप में अंतर-

जल स्थलचर सरीसृप
1. इनकी त्वचा पर श्लेष्म ग्रंथियां होती हैं तथा शल्कों का अभाव होता है। 1. इनका शरीर श्लकों से ढका होता है।
2. इनमें बाह्य कंकाल नहीं होता। 2. इनमें हड्डियों से बना अंत:कंकाल होता है।
3. इनमें श्वसन गलफड़ों, त्वचा या फेफड़ों से होता है। 3. इनमें श्वसन फेफड़ों से होता है।
4. इनके हृदय में दो अलिंद और एक निलय होता है। 4. इसके हृदय में दो अलिंद और अपूर्ण रूप से बंटा हुआ निलय होता है।
5. ये सदा जल में अंडे देते हैं जो कवच रहित होते हैं। 5. ये स्थल पर कवच युक्त अंडे देते हैं।
6. ये जल और स्थल दोनों जगह रह सकते हैं। 6. ये प्रायः स्थल पर रहते हैं और रेंग कर चलते हैं।

प्रश्न 17.
पक्षी वर्ग और स्तनपायी वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर है ?
उत्तर-
पक्षी वर्ग और स्तनधारी वर्ग के जंतुओं में अंतर-

पक्षी वर्ग स्तनपायी वर्ग
1. इनमें लैंगिक दविरूपता स्पष्ट होती है और ये अंडे देते हैं। 1. ये संतान को जन्म देते हैं और इनमें दूध उत्पादन के लिए ग्रंथियां होती हैं। इकिडाना और प्लैटिपस अंडे देते हैं पर बच्चों को दूध पिलाते हैं।
2. इनका शरीर पंखों से ढंका होता है। 2. इनकी त्वचा पूर्ण या आंशिक रूप से बालों से ढकी होती है।
3. इनके आगे वाले पैर उड़ने के लिए पंखों में परिवर्तित हो जाते हैं। 3. इनमें पंख नहीं होते। चमगादड़ अपवाद है।
4. इन में कर्ण पल्लव तथा स्तन ग्रंथियां नहीं होतीं। 4. कर्ण पल्लव तथा स्तन ग्रंथियां होती हैं।
5. ये अंडज होते हैं। 5. ये जरायुज होते हैं।
6. जबड़े दाँत से रहित चोंच में बदल जाते हैं। 6. जबड़े दाँत युक्त होते हैं।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 6 ऊतक

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 6 ऊतक Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 6 ऊतक

PSEB 9th Class Science Guide ऊतक Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
ऊतक को परिभाषित करें।
उत्तर-
एक समान उत्पत्ति, संरचना और कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।

प्रश्न 2.
कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं ? उनके नाम बतायें।
उत्तर-
ज़ाइलम ऊतक का निर्माण चार प्रकार की अवयवों के मिलने से होता है, वे हैं-ट्रैकीड्स, वाहिका, ज़ाइलम पैरेंकाइमा और जाइलम फ़ाइबर्स।

प्रश्न 3.
पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं ?
उत्तर-

सरल ऊतक (Simple Tissue) जटिल ऊतक (Complex Tissue)
1. ये एक ही प्रकार की कोशिकाओं से निर्मित होते हैं। उदाहरण-पैरेंकाइमा, कालेंकाइमा और स्क्लेरेंकाइमा। 1. ये अनेक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर निर्मित होते हैं। उदाहरण-ज़ाइलम, फ्लोएम।
2. ये परत ऊतक के आधारीय पैकिंग का निर्माण करते हैं। 2. ये संवहन बंडल का निर्माण करते हैं।
3. ये पतली कोशिका भित्ति वाली सरल कोशिकाओं के बने होते हैं। 3. इनकी कोशिका भित्ति मोटी होती है।
4. ये जीवित कोशिकाएं हैं जो शिथिलता से जुड़ी होती हैं इसलिए इनकी कोशिकाओं के बीच काफ़ी जगह पाई जाती है। 4. जाइलम की अधिकांश कोशिकाएं मृत होती हैं तथा फ्लोएम में फ्लोयम रेशे मृत होते हैं। इनकी आकृति नालिकाएं या छिद्रित भित्ति वाली होती है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 4.
कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेंकाइमा, कॉलेंकाइमा और स्कैलेरेंकाइमा के बीच अंतर बताएं।
उत्तर-

पैरेंकाइमा कॉलेंकाइमा स्कैलेरेंकाइमा
1. इनमें कोशिका भित्ति पेक्टिन तथा सेल्यूलोज की बनी होती है। 1. इनमें कोशिका भित्ति पेक्टिन तथा सेल्यूलोज की बनी होती है। 1. इनमें कोशिका भित्ति लिजिनन की बनी होती है।
2. यह गोल, बारीक कोशिका भित्ति वाली कोशिकाओं से बना होता है। 2. यह बहुभुजी कोशिकाओं का बना होता है। 2. यह मोटी भित्ति वाली कोशि-काओं का बना होता है।

प्रश्न 5.
रंध्र के क्या कार्य हैं ?
उत्तर-
रंध्र वायुमंडल से गैसों का आदान-प्रदान करते हैं। वाष्पोत्सर्जन की क्रिया भी इन्हीं के द्वारा होती है।

प्रश्न 6.
तीनों प्रकार के पेशीय रेशों के चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
पेशीय ऊतक लंबी कोशिकाओं का बना होता है जिसे पेशीय रेशा भी कहते हैं। ये हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी होता है। ये तीन प्रकार के हैं-ऐच्छिक पेशी, अनैच्छिक पेशी और हृदय पेशी।

अंतर

ऐच्छिक पेशी अनैच्छिक पेशी हृदय पेशी
1. ये प्रायः अस्थियों से जुड़ी होती हैं। 1. ये आंख की पलकों, मूत्रवाहिनी और फेफड़ों की श्वसनी में होती हैं। 1. ये हृदय में पाई जाती है।
2. ये ऐच्छिक होती हैं। 2. ये अनैच्छिक होती हैं। 2. ये अनैच्छिक होती हैं।
3. इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पटियां होती हैं। इसलिए इन्हें रेखित पेशियां भी कहते हैं। 3. इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पटियां नहीं होती। इसीलिए इन्हें अरेखित पेशियां भी कहते हैं। 3. इनमें गहरे तथा हल्के रंग की पटियां नहीं होती।
4. ये लंबी, बेलनाकार, शाखारहित और और बहुनाभीय होती हैं।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 6 ऊतक 1
4. ये लंबी, एक केंद्रकीय और बहु सिरे से नुकीली होती हैं।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 6 ऊतक 2
4. ये बेलनाकार शाखाओं वाली बहु केंद्रकीय होती है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 6 ऊतक 3

प्रश्न 7.
कॉर्डिक ( हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है ?
उत्तर-
हृदयक पेशी का विशेष कार्य पूरे जीवन भर लयबद्ध होकर बिना थके हुए प्रसार और संकुचन करना है। इसी के परिणामस्वरूप रक्त सारे शरीर में गति करता है।

प्रश्न 8.
रेखित, अरेखित तथा कार्डियक ( हृदयक ) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और स्थान के आधार पर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-

रेखित पेशियां अरेखित पेशियां कार्डियक (हृदयक) पेशियां
शरीर में स्थिति स्थान हाथ, पैर, अस्थियों से जुडी हुई। आहारनली में भोजन का प्रवाह आँख की पलक, मूत्रवाहिनी, फेफड़ों की श्वसनी, रक्त नली का प्रसार एवं सकुंचन। हृदय की दीवारों में पाई जाती हैं।
कार्य शरीर को इच्छानुसार गति प्रदान करती है। ये जंतु की इच्छा पर संचालित नहीं होती। पेशियां स्वयं इन की गति नियंत्रित करती हैं। पेशियां स्वयं नियंत्रित करके के हृदय की धड़कन बनाए रखता हैं।

प्रश्न 9.
न्यूरॉन का एक चिह्नित चित्र बनायें।
उत्तर-
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर के अंतर्गत प्रश्न संख्या 2 पृष्ठ संख्या 139 देखिए।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 10.
निम्नलिखित के नाम लिखें-
(अ)ऊतक जो मुँह के भीतर अस्तर का निर्माण करता है।
(ब) ऊतक जो मनुष्य की पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(स) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।
(द) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है।
(य) तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक,
(र) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।
उत्तर-
(अ) शल्की एपिथीलियम (Squanous Epithelium)
(ब) कंडरा (Tendon)
(स) फ्लोएम (Phloem)
(द) वसामय ऊतक (Adipose Tissue)
(य) रक्त (Blood)
(र) न्यूरॉन (Neuron)।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें-
त्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वृक्कीय नलिका अस्तर, संवहन बंडल।
उत्तर-
त्वचा – शल्की एपिथीलियम ऊतक
पौधे का वल्क – विभाज्योतक
अस्थि – अस्थि संयोजी ऊतक
वृक्कीय नलिका अस्तर – घनाकार एपिथीलियम
संवहन बंडल – जटिल ऊतक।

प्रश्न 12.
पैरेंकाइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं ? नाम बतायें।
उत्तर-
जब पैरेंकाइमा में क्लोरोफिल पाया जाता है, जिसके कारण प्रकाश-संश्लेषक की क्रिया संपन्न होती है तब इसे क्लोरेंकाइमा कहते हैं। जलीय पौधों में जब पैरेंकाइमा की कोशिकाओं में हवा भरी होती है और यह पौधों को तैरने के लिए उत्पलावन बल प्रदान करते हैं तब इसे एरेंकाइमा कहते हैं।

प्रश्न 13.
पौधों में एपीडर्मिस की क्या भूमिका है ?
उत्तर-
पौधों की कोशिकाओं की सबसे बाहरी परत एपीडर्मिस है। शुष्क स्थानों पर मिलने वाले पौधों में यह मोटी हो जाती है और पानी की हानि को कम कर उनकी रक्षा करती है। पौधों की पूरी सतह एपीडर्मिस से ढकी रहती हैं। इसलिए यह पौधों के सभी भागों की रक्षा करती है। इसके बाहर मोम जैसी जल प्रतिरोधी परत बनती है जो जल हानि के विरुद्ध यांत्रिक आघात तथा परजीवी कवक के प्रवेश से पौधों की रक्षा करती है। पत्तियों की एपीडर्मिस में छोटे-छोटे रंध्रों से वायुमंडल से गैसों का आदान-प्रदान होता है, इन्हीं से वाष्पोत्सर्जन क्रिया होती है। जड़ों की एपीडर्मल कोशिकाएं पानी सोखने का कार्य करती हैं । मरुस्थलीय पौधों के बाहरी सतह वाले एपीडर्मिस में रासायनिक पदार्थ क्यूटिन होता है जिस कारण पानी का वाष्प नहीं होता।

प्रश्न 14.
छाल (कॉर्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है ?
उत्तर-
छाल (कॉर्क) पौधों के भीतर की कोशिकाओं की रक्षा करता है। इसका सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य रोधन तथा घातरोधत का है। जब वृक्ष की आयु बढ़ती है तो उस पर विभाज्योतक की पट्टी आ जाती है। बाहरी सतह की कोशिकाएं इससे अलग हो जाती हैं तथा पौधों पर बहुपरतों वाली मोटी कार्क का निर्माण करती है। यह मृत कोशिकाओं की होती है और बिना अंत:कोशिकीय स्थानों के होती है। इस पर सुबरिन नामक रसायन होता है जो हवा और पानी को प्रवेश नहीं करने देता।

प्रश्न 15.
निम्न दी गई तालिका को पूर्ण करें।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 6 ऊतक 4
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 6 ऊतक 5

Science Guide for Class 9 PSEB ऊतक InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
ऊतक क्या हैं ?
उत्तर-
ऊतक समान उत्पत्ति, संरचना तथा कार्य करने वाली कोशिकाओं का एक समूह होता है।

प्रश्न 2.
बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है ?
उत्तर-
बहुकोशिकीय जीवों में लाखों कोशिकाएं होती हैं जो परस्पर मिलकर ऊतकों के रूप में विशेष कार्यों को संपन्न कराती हैं। मनुष्यों तथा पशु-पक्षियों में पेशिया इन्हीं से फैलती-सिकुड़ती हैं जिससे गति होती है, तंत्रिका से संदेशों का वहन होता है, रक्त ऑक्सीजन, भोजन, हारमोन तथा अपशिष्ट पदार्थों का वहन होता है। पौधों में भोजनपानी एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाता है। ऊतक पेड़-पौधों को स्थिरता प्रदान करते हैं, उन्हें सहारा और मज़बूती देते हैं।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 3.
प्रकाश-संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
प्रकाश-संश्लेषण के लिए कार्बन डाइऑक्साइड गैस की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4.
पौधों में वाष्पोत्सर्जन के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर-
पौधों के पत्तों में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं। इन पर रक्षी कोशिकाएं होती हैं जो गैसों का आदान-प्रदान करती हैं। ये पृथ्वी से प्राप्त जल का वाष्पन करती हैं।
पौधों में वाष्पोत्सर्जन के उपयोग-

  1. इससे पौधों में यांत्रिक रूतक सुदृढ़ होते हैं।
  2. इसके खिंचाव के कारण पौधों में जल और खाद्य लवणों का संवहन होता है।
  3. इससे जल पौधे के माध्यम से वायुमंडल में प्रवेश करता है जिससे पौधों का तापमान नहीं बढ़ पाता।
  4. पौधे से अतिरिक्त जल का निष्कासन हो जाता है।

प्रश्न 5.
सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं ?
उत्तर-
सरल स्थायी ऊतक तीन प्रकार के हैं। वे हैं-पैरेंकाइमा (मृदुतक Parenchyma), कालेंकाइमा (स्थूल कोण ऊतक Collenchyma), स्क्ले रेंकाइमा (दृढ़ ऊतक Sclerenchyma)।

प्रश्न 6.
प्ररोह का शीर्षस्थ विभाज्योतक कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर-
जड़ों और तनों की वृद्धि वाले भाग में पाया जाता है और यह इनकी लंबाई में वृद्धि करता है।

प्रश्न 7.
नारियल का रेशा किस ऊतक से बना होता है ? उत्तर-नारियल का रेशा स्क्लेरेंकाइमा ऊतक से बना होता है। प्रश्न 4. फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर-
चालनी नलिका, साथी कोशिका, फ्लोएम पैरेंकाइमा तथा फ्लोएम रेशे।

प्रश्न 8.
उस ऊतक का नाम बतायें जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर-
तंत्रिका और पेशीय ऊतकों का कार्यात्मक संयोजन हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।

प्रश्न 9.
न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है ?
उत्तर-
तंत्रिका ऊतक की कोशिकाओं को न्यूरॉन कहते हैं । इन में कोशिकाओं केंद्रक तथा साइटोप्लाज़म होते हैं। इससे लंबे और पतले बालों जैसी शाखाएं निकली होती हैं। इसमें एक लंबा प्रवर्ध होता है जिसे एक्सॉन कहते हैं और बहुत सारी छोटी शाखा वाले प्रवों को डेंडराइट्स कहते हैं। एक न्यूरॉन एक मीटर लंबी हो सकती है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 6 ऊतक 6

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 10.
हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बतायें।
उत्तर-

  1. हृदय पेशी अनैच्छिक पेशियों से बनती हैं। इन्हें कार्डिक (हृदयक) पेशी कहते हैं।
  2. यह बेलनाकार, शाखाओं वाली और एक केंद्रकीय होती है।
  3. यह जीवन भर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती है।

प्रश्न 4.
एरीओलर ऊतक के क्या कार्य हैं ?
उत्तर-
एरीओलर ऊतक संयोजनी ऊतक, त्वचा और मांसपेशियों के बीच, रक्त नलिका के चारों ओर तथा नसों और अस्थि मज्जा में पाया जाता है। यह अंगों के भीतर की खाली जगह को भरता है तथा भीतरी अंगों को सहारा देता है। यह ऊतकों की मरम्मत करता है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

PSEB 9th Class Science Guide जीवन की मौलिक इकाई Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
पादप कोशिकाओं तथा जंतु कोशिकाओं में तुलना करो।
उत्तर-
पादप कोशिका तथा प्राणी (जंतु) कोशिका में अंतर
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प्रश्न 2.
प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ यूकैरियोटी कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न होती हैं ?
उत्तर-
प्रोकैरियोटी व यूकैरियोटी कोशिकाओं में भेद-

प्रोकैरियोटी कोशिका (Prokaryotic Cell) यूकैरियोटी कोशिका (Eukaryotic Cell)
(1) ये प्राय छोटे आकार के होते हैं (1-10 μm)। (1) ये प्रायः बड़े आकार के होते हैं (5-100 um)।
(2) इसमें झिल्लियों द्वारा घिरे कोशिकांग जैसे अंतः प्रदव्यी जालिका, गाल्जीकाय, लाइसोसोम, माइटोकांड्रिया आदि अनुपस्थित होते हैं। (2) इन कोशिकाओं में झिल्लियों द्वारा घिरे सभी कोशिकांग पाए जाते हैं।
(3) इनमें राइबोसोम 70 S प्रकार के होते हैं। (3) इनमें राइबोसोम 80 S प्रकार के होते हैं।
(4) इनमें गुण-सूत्र डी० एन० ए० के बने होते हैं तथा कोशिका द्रव्य में पाए जाते हैं। (4) इनमें गुण-सूत्र डी० एन० ए० के बने होते हैं तथा केंद्रक कवक में पाए जाते हैं।
(5) इनमें गुण-सूत्र केंद्रक कला द्वारा घिरे हुए नहीं होते। (5) इनमें गुण-सूत्र केंद्रक कला द्वारा घिरे हुए होते हैं।
(6) इसमें केंद्रिकाएं अनुपस्थित होती हैं। (6) इसमें केंद्रिकाएं पाई जाती हैं।
(7) इसमें केवल एक गुण-सूत्र होता है। (7) इसमें एक से अधिक गुण-सूत्र होते हैं।
(8) इसमें कोशिका विभाजन कलिका उत्पादन (budding) अथवा खंडन (fission) विधि द्वारा होता है। (8) इसमें कोशिका विभाजन सूत्री (mitosis) अथवा अर्ध सूत्री (meiosis) विधि द्वारा होता है।

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प्रश्न 3.
यदि प्लैज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा ?
उत्तर-
यदि प्लैज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो कोशिका अंगक लाइसोसोम फट जाएंगे और एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित कर लेंगे। ऐसी स्थिति में कोशिका का जीवित रहना कठिन हो जाएगा।

प्रश्न 4.
यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा ?
उत्तर-
यदि गॉल्जी उपकरण न हो अंतर्द्रव्यी जालिका (ER) में संश्लेषित पदार्थ कोशिका के बाहर तथा अंदर विभिन्न क्षेत्रों में नहीं आ पाएंगे। यह लाइसोसोम को बनाने में सहायक है जिससे कोशिका का अपशिष्ट निपटाया जाता है। गॉल्जी उपकरण के बिना पदार्थों का संचयन और रूपांतरण नहीं हो पाएगा।

प्रश्न 5.
कोशिका का कौन-सा अंगक बिजलीघर है ? और क्यों ?
उत्तर-
माइटोकांड्रिया कोशिका का बिजलीघर है। इसे कोशिका में भोजन पदार्थों के ऑक्सीकरण का स्थान माना जाता है। इसके श्वसन से पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। इसी कारण इसे कोशिका का ऊर्जा घर कह जाता है।

प्रश्न 6.
कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है ?
उत्तर-
खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (RER) पर राइबोसोम लगे होते हैं जो प्रोटीन का संश्लेषण करते हैं। चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (SER) लिपिड का संश्लेषण करती है।

प्रश्न 7.
अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है ?
उत्तर-
कोशिका झिल्ली में लचीलापन होता है जो अमीबा को बाह्य पर्यावरण से अपना भोज्य तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में सहायता करता है। जिस प्रक्रिया से अमीबा अपना भोजन प्राप्त करता है, उसे एंडोसाइटोसिस कहते हैं। अमीबा जल में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों को अपना आहार बनाता है। वह अपने भोजन को किसी भी सतह से कूटपाद के द्वारा ग्रहण कर लेता है। जब भोज्य पदार्थ उसके संपर्क में आता है तो वह अपने कूटपादों से उसे चारों ओर से घेर लेता है और वह प्यालेनुमा रचना के द्वारा करता है जिसे खाद्यधानी या रिक्तिका कहते हैं। इस तरह खाद्य पदार्थ
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कोशिका द्रव्य में खाद्य के साथ खाद्यधानी कोशिका के भीतर एक थैली में बंद हो जाता है। अंतर्कोशिकीय पाचन प्रणाली से भोजन का पाचन एंजाइमों की सहायता से खाद्यधानी में होता है। पचा हुआ भोजन विसरण-प्रक्रिया से कोशिका द्रव्य में जाकर अवशोषित हो जाता है जिसे स्वांगीकरण कहते हैं । जो भोजन पच नहीं पाता वह शारीरिक सतह से खाद्य रिक्तिका के माध्यम से बाहर निकल जाता है। इसे बाहय क्षेपण कहते हैं।

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प्रश्न 8.
परासरण क्या है ?
उत्तर-
परासरण – जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली के द्वारा हो तो उसे परासरण कहते हैं। प्लैज्मा झिल्ली से जल की गति जल में घुले पदार्थों की मात्रा के कारण प्रभावित होती है। जल के अणु वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली से उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाते हैं। वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली अपने छोटे-छोटे छिद्रों से जल अणुओं को पार गुजरने देती है पर घुलनशील पदार्थ के बड़े अणु इससे नहीं गुज़र पाते।
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परागम्य झिल्ली परासरण प्रक्रिया की घटनाएं प्रायः तीन प्रकार की होती हैं-
(क) अल्पपरासरण – यदि कोशिका को तनु घोल माध्यम में रखा जाए तो जल परासरण विधि से जल कोशिका में चला जाता है। तनु घोल में नमक या चीनी या किसी अन्य लवण की मात्रा कम और जल की मात्रा ज्यादा होती है। जल के अणु कोशिका झिल्ली के दोनों ओर आने-जाने के लिए स्वतंत्र होते हैं पर कोशिका के भीतर जाने वाले जल की मात्रा कोशिका से बाहर आने वाले जल की मात्रा से अधिक होगी। इसका परिणाम यह होता है कि कोशिका फूलने लगती है। जल में डूबी किशमिश या खुबानी इसी कारण फूल जाती हैं।
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(ख) सम परासरण – यदि कोशिका ऐसे माध्यम घोल में रखी जाए जिसमें बाहरी जल की सांद्रता कोशिका में विद्यमान जल की सांद्रता के बिल्कुल बराबर हो तो कोशिका झिल्ली से जल में से कोई शुद्ध गति नहीं होगी। जल कोशिका में आता-जाता है पर जल की जो मात्रा भीतर जाती है उतनी ही बाहर आ जाती है।

(ग) अति परासरण – यदि कोशिका के बाहर वाला घोल भीतर के घोल से सांद्र हो तो जल परासरण से कोशिका से बाहर आ जाएगा। इस स्थिति में कोशिका से ज्यादा जल बाहर आएगा और कम जल भीतर जाएगा।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित परासरण प्रयोग करें
छिले हए आधे-आधे आलू के चार टुकड़े लो, इन चारों को खोखला करो जिससे कि आलू के कप बन जाएँ। इनमें से एक कप को उबले आलू में बनाना है। आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो। अब
(a) कप ‘A’ को खाली रखो,
(b) कप ‘B’ में एक चम्मच चीनी डालो,
(c) कप ‘C’ में एक चम्मच नमक डालो तथा
(d) उबले आलू से बनाए गए कप ‘D’ में एक चम्मच चीनी डालो।
आलू के इन चारों कपों को दो घंटे तक रखने के पश्चात् उनका अवलोकन करो तथा निम्न प्रश्नों का उत्तर दो :
(i) ‘B’ तथा ‘C’ खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया ? इसका वर्णन करो।
(ii) ‘A’ आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है ?
(iii) ‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ ? इसका वर्णन करो।
उत्तर-
छिले हुए कच्चे आलू से बने तीन तथा उबले हुए आलू से बने एक कप को चित्रानुसार जल से भरे बर्तन में रखो।
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(i) B और C कप में जल एकत्रित हो गया। कच्चे आलू से बने दोनों कप वर्णात्मक पारगम्यता का कार्य करते हैं और जल परासरण विधि से जल खोखले आलुओं के भीतर चला गया। क्योंकि उनके भीतर चीनी और नमक विद्यमान थे। यह अल्पपरासरण का परिणाम है क्योंकि आलू के कपों के अंदर जाने वाले जल की मात्रा उससे बाहर आने वाले जल की मात्रा से अधिक थी।

(ii) ‘A’ आलू का कप कच्चे आलू से बना था जो वर्णानात्मक पारगम्य झिल्ली का कार्य करता है। भीतर से खाली होने के कारण जल में कोई शुद्ध गति नहीं हुई। यह नियंत्रण का कार्य करता है।

(iii) A और D कपों में जल एकत्रित नहीं हुआ क्योंकि दोनों में बाहरी जल की सांद्रता कपों में स्थित जल की सांद्रता के बराबर थी। जिस कारण परासरण नहीं होता। कप A कच्चे आलू का बना था और भीतर से खाली था पर कप D उबले आलू का था जिसमें एक चम्मच चीनी थी। उबला होने के कारण वह वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली का कार्य नहीं करेगा। जिस कारण आलू के कपों से जल में कोई शुद्ध गति नहीं हो सकी।

Science Guide for Class 9 PSEB जीवन की मौलिक इकाई InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
कोशिका की खोज किसने और कैसे की ?
उत्तर-
कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने सन् 1665 में की थी। उन्होंने स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी से कार्य की पतली काट को देखा था जिस में मधुमक्खी के छत्ते जैसी संरचना दिखाई दी थी। लेटिन भाषा में Cellulae (कोशिका) का अर्थ ‘छोटा कमरा’ है और यही नाम कोशिका के लिए प्रचलित हो गया था।

प्रश्न 2.
कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
कोशिका की रचना अनेक कोशिकाओं से होती है। कोशिकाओं की आकृति और आकार उनके विशेष कार्यों के अनुरूप होते हैं। कोशिकांगों के कारण ही कोई कोशिका जीवित रहती है और अपने सभी कार्य करती है इसीलिए कोशिका को जीवन की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई कहते हैं।

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प्रश्न 3.
CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से कैसे अंदर तथा बाहर जाते हैं ? इस पर चर्चा करें।
उत्तर-
CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका झिल्ली से आर-पार विसरण प्रक्रिया द्वारा आ-जा सकते हैं।

(i) CO2 का बाहर जाना – CO2 एक कोशीय अपशिष्ट है जिसे कोशिका से बाहर निकालना आवश्यक है। जब कोशिका में इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो इसकी सांद्रता वातावरण में उपस्थित CO2 की सांद्रता से बढ़ जाती है। जैसे ही कोशिका के भीतर और बाहर CO, की सांद्रता में अंतर आता है वैसे ही उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर विसरण द्वारा कोशिका से CO2 बाहर निकल जाती है।

(ii) O2 का भीतर जाना – जब कोशिका में ऑक्सीजन की सांद्रता कम हो जाती है तो वह बाहर से कोशिका में विसरण द्वारा भीतर चली जाती है।

(iii) पानी का भीतर तथा बाहर जाना – पानी भी विसरण के नियमों के अनुसार व्यवहार करता है। पानी के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली से होती है तो उसे परासरण कहते हैं । प्लैज्मा झिल्ली से पानी की गति पानी में घुले हुए पदार्थों की मात्रा के कारण प्रभावित होती है। वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली से पानी के अणु उच्च पानी की सांद्रता से निम्न पानी की सांद्रता की तरफ गति करते हैं। यदि कोशिका को तनु विलयन वाले माध्यम में रखा जाए तो पानी अधिक मात्रा में होने के कारण परासरण विधि से कोशिका में चला जाएगा। पानी के अणु कोशिका झिल्ली के दोनों और आने-जाने के लिए स्वतंत्र होते हैं पर कोशिका के भीतर जाने वाले पानी की मात्रा कोशिका से बाहर आने वाले पानी की मात्रा से ज्यादा होगी, यदि कोशिका में पानी अधिक गया तो वह फूलने लगती है। यदि कोशिका को ऐसे माध्यम में रखा जाए जिसमें बाहरी पानी की सांद्रता कोशिका में विद्यमान पानी की सांद्रता के बराबर हो तो कोशिका झिल्ली से न पानी जाता है और न ही पानी आता है। यदि कोशिकाओं के बाहर वाला विलयन भीतर के घोल से सांद्र हो तो पानी परासरण से कोशिका से बाहर आ जाएगा जिस कारण कोशिका सिकुड़ जाएगी।

प्रश्न 4.
प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
लिपिड और प्रोटीन से बनी प्लैज़्मा झिल्ली लचीली होती है जो कोशिका के घटकों को बाहरी पर्यावरण से अलग करती है। यह कुछ पदार्थों को अंदर या बाहर आने-जाने देती है। यह अन्य पदार्थों की गति को भी रोकती है। विसरण प्रक्रिया से CO2 तथा O2 इसके आर-पार जा सकती है। जल के अणुओं की गति भी परासरण प्रक्रिया से होती है। चूंकि प्लैज्मा झिल्ली आवश्यक पदार्थों को उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर आने-जाने देती है इसलिए इसे वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।

प्रश्न 5.
क्या अब आप निम्नलिखित तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों को भर सकते हैं, जिससे कि प्रोकैरियोटी तथा यूकैरियोटी कोशिकाओं में अंतर स्पष्ट हो सके :

प्रोकैरियोटी कोशिका यूकैरियोटी कोशिका
1. आकार प्रायः छोटा (1-10 μm)
1 μm = 10-6m.
1. आकार प्रायः बड़ा (5-100 μm)
2. केंद्रकीय क्षेत्र : ………………….. और उसे ……….. कहते हैं। 2. केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है।
3. क्रोमोसोम : एक 3. क्रोमोसोम : एक से अधिक
4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित 4. …………………………

उत्तर-

प्रोकैरियोटी कोशिका यूकैरियोटी कोशिका
1. आकार प्रायः छोटा (1-10 μm)
1μm = 10-6m.
1. आकार प्रायः बड़ा (5-100 μm)
2. केंद्रकीय क्षेत्र : अस्पष्ट केंद्रक क्षेत्र में केवल क्रोमैटिन पदार्थ होता है और उसे केंद्रकाय कहते हैं। 2. केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है।
3. क्रोमोसोम : एक 3. क्रोमोसोम : एक से अधिक
4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित। 4. केंद्रकीय झिल्ली तथा झिल्ली युक्त उपस्थित।

प्रश्न 6.
क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता है ?
उत्तर-
माइटोकाँड्रिया तथा प्लैस्टिड में अपना DNA अणु के रूप में होता है जिनमें कोशिका के निर्माण और संगठन की सभी आवश्यक सूचनाएं होती हैं।

प्रश्न 7.
यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा ?
उत्तर-
यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक या रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है तो कोशिका का अपशिष्ट निपटाने वाला तंत्र लाइसोसोम फट जाते हैं और एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित कर देते हैं।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

प्रश्न 8.
लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है तो लाइसोसोम फट जाते हैं और एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पचा लेते हैं इसलिए लाइसोसोम को ‘आत्मघाती थैली’ कहते हैं।

प्रश्न 9.
कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है ?
उत्तर-
कोशिका द्रव्य में राइबोसोम छोटे-छोटे कणों के रूप में अंतः प्रद्रव्यी जालिका के तल पर तथा केंद्रक झिल्ली के ऊपर मिलते हैं जो प्रोटीन का संश्लेषण करने में सहायक होते हैं।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 4 परमाणु की संरचना

PSEB 9th Class Science Guide परमाणु की संरचना Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के गुणों की तुलना कीजिए।
उत्तर-
इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन के गुणों की तुलना-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 1

प्रश्न 2.
जे० जे० टॉमसन के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएं हैं ?
उत्तर-
टॉमसन परमाणु मॉडल की सीमाएं – जे० जे० टॉमसन ने सुझाव दिया कि परमाणु का द्रव्यमान उसके अंदर स्थित प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन के फलस्वरूप होता है जोकि परमाणु के भीतर एक समान वितरित होते हैं जैसे क्रिसमस केक के अंदर ड्राइफ्रूट (मेवा) लगा रहता है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 2

यह धारणा रदरफोर्ड के सुझाव से मेल नहीं खाती थी क्योंकि उसने कहा था कि परमाणु द्रव्यमान नाभिक के अंदर स्थित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों के कारण होता है।

प्रश्न 3.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएं हैं ?
उत्तर-
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की सीमाएं – रदरफोर्ड ने अपने परमाणु मॉडल में प्रस्तुत किया कि परमाणु का पूरा द्रव्यमान नाभिक में केंद्रित होता है। नाभिक धन आवेशित होता है जिसके चारों ओर इलेक्ट्रॉन विभिन्न ऊर्जा शैल में चक्कर लगाते हैं। ये ऋण आवेशित (इलेक्ट्रॉन) प्रवेगित कण चक्रीय गति करते हुए ऊर्जा विकसित करते हैं तथा ऊर्जा की हानि होने पर नाभिक में जा गिरते हैं ! इसका अभिप्राय यह हुआ कि परमाणु अस्थिर हैं जोकि सही नहीं है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 4.
बोर के परमाणु मॉडल की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 3
बोर का परमाणु मॉडल*
नीलस बोर ने परमाणु की संरचना के बारे निम्नलिखित मान्यताएं पेश की-

  1. परमाणु का केंद्र धन आवेशित छोटा सा ठोस भाग होता है जिसे नाभिक (Nucleus) कहते हैं। नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन उपस्थित रहते हैं।
  2. नाभिक का आयतन, परमाणु के आयतन की तुलना में बहुत छोटा होता है।
  3. ऋण-आवेशित इलैक्ट्रॉन नाभिक के चारों तरफ कुछ निश्चित पथों (आर्बिट) में चक्कर लगाते रहते हैं जिन्हें इलेक्ट्रॉन के विविक्त आर्बिट (Discrete orbits) कहते हैं। जब इलेक्ट्रॉन विविक्त आर्बिट में चक्कर लगाते हैं तो उनकी ऊर्जा का विकिरण नहीं होता है।
  4. जब इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते हुए एक ऊर्जा कोश से किसी दूसरे ऊर्जा कोश में छलांग लगाता है तो ऊर्जा परिवर्तन होता है।

प्रश्न 5.
इस अध्याय में दिए गए सभी परमाणु मॉडलों की तुलना कीजिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 4
विभिन्न परमाणु मॉडलों की तुलना-
(i) टॉमसन का परमाणु मॉडल

  1. डिस्चार्ज ट्यूब (विसर्जन नली) प्रयोग के आधार पर टॉमसन ने यह सुझाव दिया कि परमाणु विद्युतीय रूप से उदासीन है तथा इसके पूरे आयतन में इलेक्ट्रॉन समरूप फैले हुए हैं।
  2. परमाणु धन आवेशित गोलाकार का बना होता है जिसमें इलेक्ट्रॉन धंसे रहते हैं।
  3. परमाणु का आकार 10-10 मी० अथवा 1°A होता है।
  4. परमाणु का द्रव्यमान समान रूप से पूर्ण क्षेत्र में फैला हुआ होता है।

(ii) रदरफोर्ड परमाणु मॉडल-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 5

  1. सोने की पन्नी से α-विकिरणों के प्रकीर्णन ने यह सुझाया कि नाभिक परमाणु का बहुत छोटा तथा ठोस भाग है जिसमें धन-आवेशित कण विदयमान होते हैं।
  2. परमाणु के नाभिक का अर्धव्यास पूर्ण परमाणु के अद्धव्यास का 105 गुना होता है।
  3. परमाणु में इलैक्ट्रॉन, नाभिक के इर्द-गिर्द विभिन्न कक्षाओं में तीव्र गति से चक्कर लगाते हैं।

(iii) नीलस बोर का परमाणु मॉडल-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 6

  1. परमाणु का नाभिक इलेक्ट्रॉनों से घिरा रहता है।
  2. नाभिक के इर्द-गिर्द इलेक्ट्रॉन निश्चित ऊर्जा स्तरों अथवा कोशों में चक्रीय गति करते हैं।
  3. जब इलेक्ट्रॉन गति करते हुए एक कोश से दूसरे कोश में गिरता है तो ऊर्जा परिवर्तन होता है। (लाभ अथवा हानि) जो विविरणों के रूप में होता है तथा अंत में इलेक्ट्रॉन नाभिक में जा गिरता है। अर्थात् परमाणु अस्थिर है।

प्रश्न 6.
पहले अठारह तत्वों के विभिन्न कक्षों में इलैक्ट्रॉन वितरण के नियम को लिखिए।
उत्तर-
विभिन्न कोशों में इलैक्ट्रॉन वितरण – परमाणुओं के विभिन्न कक्षों में इलैक्ट्रॉन वितरण के लिए बोर तथा बरी ने निम्नलिखित नियम प्रतिपादित किए-

  1. परमाणु के किसी कोश में उपस्थित अधिक-से-अधिक इलेक्ट्रॉनों की संख्या को 2n2 सूत्र द्वारा दर्शाया जा सकता है, जहाँ n कोश अथवा ऊर्जा स्तर की संख्या है। भीतर से बाहर की ओर ऊर्जा स्तर के नाम क्रमश: K, L, M, ……. हैं।
  2. बाह्यतम कोश में इलैक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 8 हो सकती है।
  3. बाह्यतम कोश से पहले कोश में 18 से अधिक इलेक्ट्रॉन नहीं हो सकते।
  4. किसी परमाणु के दिए गए कोश में इलेक्ट्रॉन उस समय तक स्थान ग्रहण नहीं करते जब तक उससे अंदर वाला कोश पूरी तरह भर नहीं जाता है। अर्थात् कोश क्रमानुसार ही भरे जाते हैं।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 7.
सिलिकॉन और ऑक्सीजन का उदाहरण लेते हुए संयोजकता की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
किसी तत्व की संयोजक क्षमता को उस तत्व की संयोजकता कहते हैं। परमाणु के बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या उसकी संयोजकता बताती है। परंतु यदि बाह्यतम शैल में इलेक्ट्रॉन की संख्या उसकी अधिकतम क्षमता के समीप हो तो संयोजकता ज्ञात करने के लिए परमाणु के बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन संख्या को 8 में से घटा लिया जाता है।
सिलिकॉन – सिलिकॉन परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या (p) = 14
∴ इलेक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 14
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 7
∴ सिलिकॉन परमाणु के बाह्यतम शैल में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 4
∴ सिलिकॉन की संयोजकता = 4
ऑक्सीजन
ऑक्सीजन परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या (p) = 8
∴ इलेक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 8
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 8
ऑक्सीजन के बाहयतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6
∴ ऑक्सीजन की संयोजकता = (8 – 6) = 2 है।

प्रश्न 8.
उदाहरण के साथ व्याख्या कीजिए-परमाणु संख्या, द्रव्यमान संख्या, समस्थानिक और समभारिक। समस्थानिकों के कोई दो उपयोग लिखिए।
उत्तर-
(i) परमाणु संख्या (Atomic Number) – किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या को उस परमाणु की परमाणु संख्या कहते हैं। उदाहरणार्थ मैग्नीशियम परमाणु के नाभिक 12 प्रोटॉन हैं।
इसलिए मैग्नीशियम की परमाणु संख्या 12 है। परमाणु संख्या को ‘z’ से दर्शाया जाता है ?
परमाणु संख्या (z) = प्रोटॉन संख्या (p) = इलैक्ट्रॉन संख्या (e)
इसी प्रकार कार्बन के परमाणु में 6 प्रोटॉन होते हैं।
∴ कार्बन की परमाणु संख्या (z) = 6

(ii) द्रव्यमान संख्या (Mass Number) – किसी तत्व के नाभिक में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन जिन्हें इकट्ठा मिलाकर न्यूक्लीऑन कहते हैं, की कुल संख्या को द्रव्यमान संख्या कहते हैं । द्रव्यमान संख्या को ‘A’ से प्रदर्शित किया जाता है। द्रव्यमान संख्या (A) = नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या + नाभिक में उपस्थित न्यूट्रॉन की संख्या
उदाहरणार्थ, कार्बन के नाभिक में 6 प्रोटॉन तथा 6 न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं, इसलिए
कार्बन की द्रव्यमान संख्या A = p + n
= 6 + 6
= 12 है।

(ii) समस्थानिक (Isotopes) – एक ही तत्व के दो परमाणु जिनकी परमाणु संख्या एक समान है परंतु परमाणु द्रव्यमान भिन्न-भिन्न हो, उन्हें उस तत्व के समस्थानिक (Isotopes) कहते हैं।

उदाहरण के लिए क्लोरीन के दो समस्थानिक \({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\) तथा \({ }_{17}^{37} \mathrm{Cl}\) हैं जिनकी परमाणु संख्या एक समान अर्थात् 17 है परंतु एक की परमाणु द्रव्यमान संख्या 35 और दूसरे की परमाण द्रव्यमान संख्या 37 है।

(iv) समभारिक (Isobars) – ऐसे तत्व जिनकी परमाणु संख्या भिन्न-भिन्न होती है परंतु द्रव्यमान संख्या एक समान होती हैं, उन्हें समभारिक कहते हैं। उदाहरणार्थ कैल्शियम की परमाणु संख्या 20 तथा आर्गान की परमाणु संख्या 18 है परन्तु इनकी द्रव्यमान संख्या 40 है जिस कारण इनमें इलैक्ट्रॉन की संख्या भिन्न-भिन्न होती है। इन तत्वों के रासायनिक गुण समान होते हैं। इन तत्वों में उपस्थित प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न होती है।

समस्थानिकों के उपयोग (Uses of Isotopes)-

  1. कैंसर की चिकित्सा के लिए कोबाल्ट के समस्थानिक का उपयोग किया जाता है।
  2. गॉयटर की चिकित्सा में आयोडीन के समस्थानिक का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 9.
Na+ के पूरी तरह भरे हुए K और L कोश होते हैं-व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
किसी तत्व के परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या उतनी ही होती है जितनी उस परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन होते हैं। इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन पर विपरीत आवेश होता है जिसके परिणामस्वरूप परमाणु विद्युतीय उदासीन होता है। यदि उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की वृद्धि होगी तो उसमें इकाई ऋण आवेश आ जायेगा। दूसरी ओर यदि उसमें से एक इलेक्ट्रॉन निकल जाता है तो वह इकाई धन आवेश ग्रहण कर लेगा। इसलिए इलेक्ट्रॉन का निकलना या संयोजित होने से ऐसे बने आवेशित कण को आयन कहते हैं।

सोडियम परमाणु विद्युतीय उदासीन है। इसमें 11 प्रोटॉन तथा 11 इलेक्ट्रॉन होते हैं। इन इलेक्ट्रॉनों का वितरण 2, 8, 1 है। अब उनमें से 1 इलेक्ट्रॉन निकलने से यह धन आवेशित सोडियम आयन बन जाता है।

सोडियम परमाणु (Na) – le e. → सोडियम आयन (Na+)
अथवा 11-e – 1-e → 10-e
NaO – 1-e Na+
सोडियम आयन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (2, 8) होगा।
अर्थात् इसमें K तथा L कोश पूर्ण रूप से भरे हुए होते हैं।

प्रश्न 10.
यदि ब्रोमीन परमाणु दो समस्थानिकों के [ \({ }_{35}^{79} \mathrm{Br}\)(49.7%) तथा \({ }_{35}^{81} \mathrm{Br}\) (50.3%) ] रूप में है तो ब्रोमीन परमाणु के औसत परमाणु द्रव्यमान की गणना कीजिए।
हल :
ब्रोमीन का समस्थानिक जिसका परमाणु द्रव्यमान 79 है = 49.7 %
∴ ब्रोमीन के परमाणु द्रव्यमान के लिए \({ }_{35}^{79} \mathrm{Br}\) का योगदान = \(\frac{79}{100}\) x 49.7
= 39.26u
ब्रोमीन का समस्थानिक जिसका परमाणु द्रव्यमान 81 है = 50.3 %
ब्रोमीन के परमाणु द्रव्यमान के लिए \({ }_{35}^{81} \mathrm{Br}\) का योगदान = \(\frac{50.3}{100}\) x 81
= 40.74 u
अब ब्रोमीन परमाणु का औसत परमाणु द्रव्यमान = 39.26 + 40.74 = 80.0 u

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 11.
एक तत्व x का परमाणु द्रव्यमान 16.2 u है तो इस सैंपल में समस्थानिक \({ }_{8}^{16} x\) और \({ }_{8}^{18} x\) प्रतिशत क्या होगा ?
हल :
मान लो सैंपल में \({ }_{8}^{16} x\) की प्रतिशतता = y है
∴ सैंपल में \({ }_{8}^{18} x\) की प्रतिशतता = (100 – y)
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 9

16.2 x 100 = 1800 – 2 y
1620 = 1800 – 2y
2 y = 1800 – 1620
2 y = 180
∴ y = \(\frac{180}{2}\)
= 90
अर्थात् \({ }_{8}^{16} \mathrm{X}\) की प्रतिशतता = 90%
तथा \({ }_{8}^{18} \mathrm{X}\) की प्रतिशतता = 100 – 90
= 10%

प्रश्न 12.
यदि तत्व का Z = 3 तो तत्व की संयोजकता क्या होगी ? तत्व का नाम भी लिखिए।
हल :
तत्व की परमाणु संख्या को z से दर्शाया जाता है।
∴ तत्व की परमाणु संख्या = z = 3
अर्थात् तत्व के परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या = इलैक्ट्रॉनों की संख्या = 3
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 10
यह परमाणु लीथियम है तथा इसकी संयोजकता 1 है।

प्रश्न 13.
दो परमाणु स्पीशीज़ के केंद्रकों का संघटन नीचे दिया गया है-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 11
X और Y की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए। इन दोनों स्पीशीज़ में क्या संबंध है?
उत्तर-
X की द्रव्यमान संख्या = 6 + 6
= 12
Y की द्रव्यमान संख्या = 6 + 8
= 14
क्योंकि X तथा Y दोनों की परमाणु संख्या एक समान है परंतु इनकी द्रव्यमान संख्या भिन्न है इसलिए दोनों परमाणु एक ही तत्व के समस्थानिक PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 12 हैं।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित वक्तव्यों में गलत के लिए F और सही के लिए T लिखें।
(a) जे० जे० टॉमसन ने यह प्रस्तावित किया था कि परमाणु के केंद्रक में केवल न्यूक्लीयॉन्स होते हैं।
(b) एक इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन मिलकर न्यूट्रॉन का निर्माण करते हैं। इसलिए यह अनावेशित होता है।
(c) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन से लगभग \(\frac{1}{2000}\) गुणा होता है।
(d) आयोडीन के समस्थानिक का इस्तेमाल टिंकचर आयोडीन बनाने में होता है।
उत्तर-
(a) False,
(b) False,
(c) True,
(d) TTrue.
प्रश्न संख्या 15, 16 तथा 17 में गलत के सामने (×) का चिह्न तथा सही के सामने (√) का चिह्न लगाएँ

प्रश्न 15.
रदरफोर्ड का अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग किसकी खोज के लिए उत्तरदायी था-
(a) परमाणु केंद्रक
(b) इलैक्ट्रॉन
(c) प्रोटॉन
(d) न्यूट्रॉन।
उत्तर-
(a) परमाणु केंद्रक √
(b) ×
(c) ×
(d) ×.

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प्रश्न 16.
एक तत्व के समस्थानिक में होते हैं-
(a) समान भौतिक गुण
(b) भिन्न रासायनिक गुण
(c) न्यूट्रॉनों के अलग-अलग संख्या
(d) भिन्न परमाणु संख्या।
उत्तर-
(a) ×
(b) ×
(c) न्यूट्रॉनों की अलग-अलग संख्या √
(d) ×

प्रश्न 17.
Cl आयन में संयोजकता इलैक्ट्रॉनों की संख्या है-
(a) 16
(b) 8
(c) 17
(d) 18.
उत्तर-
(a) ×
(b) 8 √
(c) ×
(d) ×.

प्रश्न 18.
सोडियम का सही इलैक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न में से कौन-सा है ?
(a) 2, 8
(b) 8, 2.1
(c) 2. 1. 8
(d) 2. 8. 1.
उत्तर-
(a) ×
(b) ×
(c) ×
(d) 2, 8, 1√.

प्रश्न 19.
निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 13
उत्तर-
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Science Guide for Class 9 PSEB परमाणु की संरचना InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
केनाल किरणें क्या हैं ?
उत्तर-
केनाल किरणें (Canat Rays) – एनोड से उत्सर्जित होने वाली किरणें जब डिस्चार्ज टयब में गैस प्रयोग की जाती है, केनाल किरणें कहलाती हैं। ये धन आवेशित विकिरणें हैं जो ऐसे कणों से निर्मित होती हैं और जिनका द्रव्यमान, इलैक्ट्रॉन का 2000 गुना होता है परंतु इसका आवेश इलैक्ट्रॉन के आवेश से विपरीत होता है।

प्रश्न 2.
यदि किसी परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन है, तो उसमें कोई आवेश होगा या नहीं ?
उत्तर-
प्रत्येक प्रोटॉन का आवेश +1 तथा इलैक्ट्रॉन का आवेश -1 माना गया है। अब क्योंकि किसी परमाणु में एक प्रोटॉन तथा एक इलेक्ट्रॉन है जो परस्पर एक-दूसरे के आवेशों को संतुलित करते हैं। इसलिए इस परमाणु पर कोई परिणामी (नेट) आवेश नहीं होगा अर्थात् परमाणु विद्युतीय उदासीन होगा।

प्रश्न 3.
परमाणु उदासीन है, इस तथ्य को टॉमसन के मॉडल के आधार पर स्पष्ट कीजिए। उत्तर-टॉमसन का परमाणु मॉडल (Thomson’s Model of Atom)-

  1. परमाणु धन आवेशित गोलाकार होता है तथा इलैक्ट्रॉन इसमें फँसे होते हैं जैसे क्रिसमस केक में मेवा लगा होता है।
  2. ऋणात्मक तथा धनात्मक आवेश मात्रा में समान होते हैं जो एक-दूसरे को संतुलित करते हैं। इसलिए परमाणु विद्युतीय रूप से उदासीन (आवेश रहित) होता है।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 4.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार नाभिक के परमाणु में कौन-सा अवपरमाणुक कण विद्यमान है ?
उत्तर-
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल अनुसार परमाणु का नाभिक (Nucleus) धन आवेशित होता है। परमाणु का लगभग सारा द्रव्यमान परमाणु के नाभिक में स्थित होता है तथा इलैक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर विभिन्न पथों (कक्षाओं) में चक्कर लगाते हैं। इसलिए परमाणु के नाभिक में अवपरमाणुक कण प्रोटॉन विद्यमान होता है।

प्रश्न 5.
तीन कक्षाओं वाले बोर के परमाणु मॉडल का चित्र बनाइए।
उत्तर-
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प्रश्न 6.
क्या अल्फा कणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने के अतिरिक्त दूसरी धातु के पन्नी से संभव होगा ?
उत्तर-
यदि अल्फा कणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने के अतिरिक्त किसी अन्य धातु की पन्नी से किया जाए तो वही परिणाम संभव होगा जो सोने की पन्नी के साथ हुआ था।

अंतर केवल इतना है कि सोना एक आघातवर्धनीय धातु है और इसे पीट कर पतलो चादर में बदला जा सकता है जबकि अन्य किसी धातु को इतना बारीक नहीं किया जा सकता है। यदि हम मोटी धातु की चादर का प्रयोग करेंगे तो अल्फा कण इससे टकराकर वापिस लौट आएंगे तथा हमें परमाणु के भीतर धन आवेशित प्रोटॉन की स्थिति का पक्का अनुमान नहीं होगा।

प्रश्न 7.
परमाणु के तीन अवपरमाणुक कणों के नाम लिखें।
उत्तर-
परमाणु के तीन अवपरमाणुक कण-परमाणु के निम्नलिखित तीन अवपरमाणुक कम हैं :-
(i) प्रोटॉन (1P1 )
(ii) इलेक्ट्रॉन (0e-1 )
(iii) न्यूट्रॉन (1n0 )।

प्रश्न 8.
हीलियम परमाणु का परमाणु द्रव्यमान 4u है और उसके नाभिक में दो प्रोटॉन होते हैं। इसमें कितने न्यूट्रॉन होंगे ?
उत्तर-
हीलियम परमाणु में न्यूट्रॉनों की संख्या-किसी परमाणु का द्रव्यमान उसके नाभिक (Nucleus) में उपस्थित प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन के द्रव्यमानों के योग के कारण होता है : अब हीलियम परमाणु का परमाणु द्रव्यमान 4 u है तथा इसके नाभिक में 2 प्रोटॉन होते हैं और दो प्रोटॉनों का द्रव्यमान 20 है। इसलिए इसके नाभिक में (4 u -2u = 2u) द्रव्यमान न्यूट्रॉन की उपस्थिति के कारण है। क्योंकि 1 न्यूट्रॉन का द्रव्यमान 1 u होता है इसलिए नाभिक में 2 न्यूट्रॉन होंगे जो 2 u द्रव्यमान प्रदान करेंगे।
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 9.
कार्बन और सोडियम के परमाणुओं के लिए इलैक्ट्रॉन-वितरण लिखिए।
उत्तर-
कार्बन परमाणु – कार्बन का परमाणु द्रव्यमान 12 है। इसलिए
इसमें प्रोटॉनों की संख्या (p) = 6 तथा इलैक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 6 है।
कार्बन परमाणु में इलैक्ट्रॉन वितरण-
K-कोश में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2
∴ L-कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 4
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 16

सोडियम परमाणु
सोडियम का परमाणु द्रव्यमान = 23 है, इसलिए सोडियम के परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या (p) = 11 तथा इलेक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 11 है।
सोडियम परमाणु में इलेक्ट्रॉनों का वितरण-
K-कोश में इलैक्ट्रॉनों की संख्या = 2
L-कोश में इलैक्ट्रॉनों की संख्या = 8
M-कोश में इलैक्ट्रॉनों की संख्या = 1
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 17

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 10.
अगर किसी परमाणु का K और L कोश भरा है तो उस परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होगी ?
उत्तर-
K-कोश भरा हुआ होने की परिस्थिति में इलेक्ट्रानों की कुल संख्या = 2
L-कोश पूरा भरा हुआ होने की अवस्था में इलेक्ट्रानों की संख्या = 8
∴ परमाणु में उपस्थित कुल इलैक्ट्रॉन = 2 + 8 = 10

प्रश्न 11.
क्लोरीन, सल्फर और मैग्नीशियम की परमाणु संख्या से आप संयोजकता कैसे प्राप्त करेंगे ?
उत्तर-
(i) क्लोरीन (Cl)-
क्लोरीन की परमाणु संख्या = 17
क्लोरीन के परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या (p) = 17
इलेक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 17
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 18
क्लोरीन परमाणु के बाह्यतम कोश में उपस्थित
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 7
∴ क्लोरीन की संयोजकता = 8 – 7
अर्थात् बाह्यतम कोश में अष्टक बनाने के लिए आवश्यक इलेक्ट्रॉन = 1

(ii) सल्फर (S)-
सल्फर की परमाणु संख्या = 16
सल्फर के परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या (p) = 16
इलेक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 16
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 19
सल्फर परमाणु के बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6
बाह्यतम कोश में अष्टक (पूरा भरने) बनाने के लिए आवश्यक इलेक्ट्रॉन = 8 – 6 = 2
∴ सल्फर की संयोजकता = 2

(iii) मैग्नीशियम (Mg)-
मैग्नीशियम की परमाणु संख्या = 12
मैग्नीशियम के परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या (p) = 12
इलेक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 12
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 20
मैग्नीशियम के परमाणु के बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या
अर्थात् मैग्नीशियम परमाणु के बाह्यतम कोश को भरा होने के लिए जितने इलेक्ट्रॉन छोड़ने पड़ेंगे = 2
∴ मैग्नीशियम परमाणु की संयोजकता = 2

प्रश्न 12.
यदि किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 8 है और प्रोटॉनों की संख्या भी 8 है, तब
(क) परमाणु की परमाणुक संख्या क्या होगी ?
(ख) परमाणु का क्या आवेश है ?
उत्तर-
(i) परमाणु की परमाणु संख्या = प्रोटॉनों की संख्या (p) = 8
∴ परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रॉन न्यूट्रॉनों की संख्या= 8
∴ परमाणु द्रव्यमान = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
= 8 + 8 = 16

(ii) परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = प्रोटॉनों की संख्या = 8
परमाणु पर उपस्थित आवेश = प्रोटॉनों की संख्या – इलेक्ट्रॉनों की संख्या
= 8 – 8
= 0
अर्थात् परमाणु आवेश विहीन है।

प्रश्न 13.
पाठ्य-पुस्तक की सारणी 4.1 की सहायता से ऑक्सीजन और सल्फर परमाणु की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
(i) ऑक्सीजन (O)
ऑक्सीजन परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या (p) = 8
न्यूट्रॉनों की संख्या (n) = 8
∴ ऑक्सीजन परमाणु की परमाणु की द्रव्यमान संख्या = p + n
= 8 + 8
= 16

(ii) सल्फर (S)-
सल्फर के परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या (p) = 16
न्यूट्रॉनों की संख्या (n) = 16
∴ सल्फर परमाणु की परमाणु द्रव्यमान संख्या = p + n
= 16 + 16
= 32

प्रश्न 14.
चिह्न H, D और T के लिए प्रत्येक में पाए जाने वाले तीन अवपरमाणुक कणों को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर-
H, D और T चिह्न हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं जिनकी परमाणु संख्या 1 है परंतु परमाणु द्रव्यमान संख्या भिन्न-भिन्न है।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 21

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 15.
समस्थानिक और समभारिक के किसी एक युग्म का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
उत्तर-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 22
(i) समस्थानिक (Isotopes) – क्लोरीन तत्व के दो समस्थानिक \({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}[latex] तथा [latex]{ }_{17}^{37} \mathrm{Cl}\) हैं। इन दोनों की परमाणु संख्या 17 है।
अब परमाणु संख्या = प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 17
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 23

(ii) समभारिक (Isobars) – कैल्सियम \({ }_{20}^{40} \mathrm{C} a\) तथा आर्गन (\({ }_{18}^{40} \mathrm{~A} r\)) समभारिकों का युग्म है जिनका परमाणु द्रव्यमान एक समान 40 है परंतु १९ गाणु संख्या क्रमशः 20 और 18 भिन्न होने के कारण परमाणुओं का इलेक्ट्रॉन वितरण भी भिन्न होगा।

कैल्सियम (Ca)-
परमाणु द्रव्यमान संख्या = 40
अर्थात कैल्सियम के परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या (p) = 20
इलैक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 20 ……….(1)
परमाणु द्रव्यमान संख्या = n + p = 40 …………….(2)
∴ कैल्सियम के परमाणु में उपस्थित न्यूट्रॉनों की संख्या (n) = (2) – (1)
= 40 – 20
= 20
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 24

आर्गन (Ar) परमाणु संख्या = 18
अर्थात् आर्गन के परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या (p) = इलैक्ट्रॉनों की संख्या (e) = 18 ………………. (1)
परमाणु द्रव्यमान संख्या = n + p = 40 ………………… (2)
∴ आर्गन परमाणु में उपस्थित न्यूट्रॉनों की संख्या (n)
= (2) – (1)
= 40 – 18
= 22
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 25

PSEB 9th Class Computer Notes Chapter 7 ई-गवर्नेस

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PSEB 9th Class Computer Notes Chapter 7 ई-गवर्नेस

परिचय
गवर्नेस का मतलब है-फैसले करना और फैसले को लागू करने की कार्य प्रक्रिया।
ई-गवर्नेस-इस का मतलब है कि सरकारी सेवाओं का आनलाइन मिलना। ई-गवर्नैस का मतलब है सूचना तकनीक (Information Technology) की मदद से नागरिकों और व्यापारियों को नई-से-नई व्यापारिक जानकारी देना और कार्यों को बढ़िया तरीके से उन को प्रदान करवाना।

ई-गवर्नेस की मदद से हम किसी भी ज़रूरी काम आने वाले सूचनाओं को कहीं भी कभी भी देख सकते हैं। इस के लिए हमारे पास कम्प्यूटर और इंटरनैट होना बहुत ज़रूरी है। इस का प्रयोग हर एक क्षेत्र में किया जाता है। इसमें लिखित, मौखिक, वीडियो और ऐनीमेशन तकनीकें शामिल हैं।

अच्छी गवर्नेस की मुख्य विशेषताएं
एक अच्छी गवर्नेस की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं :
1. अच्छी गवर्नेस में सभी सम्मिलित होते हैं। कोई भी आदमी जोकि किसी निर्णय द्वारा प्रभावित होता है या फैसला लेने की प्रक्रिया में भाग लेना चाहता है, में शामिल हो सकता है। यह कई ढंगों से जैसे कि किसी वर्ग के लोगों को जानकारी देनी और उनकी राय का पता लगाना, उनको सिफारिशों का मौका देना या कई बार उनको वास्तव में निर्णय करने के कार्य में शामिल कर लिया जा सकता है।

2. अच्छी गवर्नैस कानून का पालन करती है।

3. अच्छी गवर्नेस निर्णय करने और फैसले लागू करने में प्रभावशाली और कुशल होती है और कई प्रक्रियाओं द्वारा उपलब्ध लोगों, स्रोतों के अच्छे प्रयोग करके समाज की आवश्यकता अनुसार नतीजे प्राप्त करती है।

4. अच्छी गवर्नेस लिए गए फैसले के नतीजे के लिए जनता को उत्तरदायी होती है।

5. अच्छी गवर्नेस जनता की आवश्यकताओं को समय पर और ठीक ढंग से पूरा करने के लिए उत्तरदायी होती है।

6. अच्छी गवनैंस पारदर्शी होती है, इससे अभिप्राय यह है कि जनता साफ-साफ यह देख सकती है कि कोई फैसला कैसे और क्यों लिया गया है।

ई-गवर्नेस का इतिहास और विकास
भारत में ई-गवर्नेस 70 में स्थापित की गई। उस समय सरकार ने इसको सुरक्षा के क्षेत्र, पैसे के लेनदेन की योजना के क्षेत्र में प्रयोग किया? सूचना और संचार टैकनोलॉजी का प्रयोग वोटे, टैक्स, प्रशासन से संबंधित डाटे का प्रबंध करने के लिए किया जाता है। इसके बाद NIC-National Information Center की कोशिशों से सारे जिलों को आपस में जोड़ा गया। साल 1990 की शुरुआत में ई-गवर्नेस ने सूचना टैकनोलॉजी का प्रयोग करके बहुत बड़े क्षेत्र में पहुंच गए और गांव क्षेत्र में पहुंचने की कोशिश की।

पहले सरकार और नागरिक के बीच बात करने के लिए कार्यालय की ज़रूरत पड़ती थी। परन्तु सूचना और संचार के क्षेत्र में प्रगति आने से सरकारी काम और अच्छे तरीके से होने लगा। सूचना और संचार में ग्राहकों के लिए, सेवा केन्द्र को ढूंढना और भी संभव हो गया। यह केन्द्र सरकारी एजेंसी में ‘काऊंटर के रूप में या ग्राहकों के नज़दीक सरकारी एजेंसी के बाहर भी हो सकते हैं।

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ई-गवर्नेस
ई-गवर्नेस का मतलब है सूचना तकनीक (Information Technology) की मदद से नागरिकों और व्यापारियों को नई-से-नई व्यापारिक जानकारी देना और कार्यों को बढ़िया तरीके से उन को प्रदान करवाना। ई-गवर्नेस की मदद से हम किसी भी ज़रूरी काम आने वाले सूचनाओं को कहीं भी कभी भी देख सकते हैं। इस के लिए हमारे पास कम्प्यूटर और इंटरनैट होना बहुत ज़रूरी है। इस का प्रयोग हर एक क्षेत्र में किया जाता है। इसमें लिखित, मौखिक, वीडियो और ऐनीमेशन तकनीकें शामिल हैं।

ई-गवर्नेस के चार स्तंभ

  1. संपर्क-लोगों को सरकार की सेवाओं से जोड़ने के लिए संपर्क की आवश्यकता होती है।
  2. ज्ञान-ज्ञान का भाव है IT (Information Technology) का ज्ञान। सरकार अच्छे इंजीनियर को इस काम के लिए रखती है जो ई-गवर्नेस के काम को अच्छे से पूरा करते हैं।
  3. डाटा-इंटरनैट पर सूचना को शेयर करने के लिए सरकार अपनी सेवाओं से संबंधित डाटाबेस का रख-रखाब करती है।
  4. पैसा-सरकार की तरफ से अपनी सेवाओं को लागू करने के लिए लगाई गई राशि।

ई-गवर्नेस के उद्देश्य

  • भिन्न-भिन्न आनलाइन सेवाओं का प्रयोग करके जनता की ज़रूरतों को आसानी से पूरा करना।
  • सरकारी प्रशासनिक काम-काज की पारदर्शी, उत्तरदेय और प्रभावशाली तरीके के साथ सेवाओं को उपलब्ध करवाना।

ई-गवर्नेस के चार मॉडल
1. सरकार से नागरिक-यह सरकार की उन सेवाओं के बारे में बताती है जो एक नागरिक प्रयोग करता है। इस मॉडल में नागरिक जिन सेवाओं का प्रयोग करना चाहते हैं, उस लिंक का प्रयोग करते हैं। इसका प्रयोग करके नागरिक आन लाइन पानी का बिल, बिजली और टैलीफोन आदि को जमा करवा सकता है।

2. सरकार से सरकार-इस मॉडल में सरकार के बीच शेयर किये जाने वाली सेवाएं आती हैं। इसमें सरकार भिन्न-भिन्न प्रकार के राज्य के पुलिस विभाग शेयर किये जाने वाली सूचना और बजट से संबंधित काम शामिल है।

3. सरकार से व्यापारी-इसमें निजी क्षेत्र और सरकार के बीच रिश्ता और भी अच्छा होता है। यह व्यापारियों से सरकार और सरकार से व्यापारियों की बातचीत करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें टैक्स को इकट्ठा करना, पैकिंग वस्तुओं को मंजूर या न मंजूर करना आदि शामिल है।

4. सरकार से कर्मचारी-इस मॉडल में सरकार और इसके कर्मचारियों के बीच और अच्छे संबंधों के लिए काम करता है। इसके कर्मचारी सरकार के काम और कार्य प्रणाली की देखभाल करते हैं।

ई-गवर्नेस का महत्त्व-

  1. ई-गवर्नेस से कोई भी काम बड़ी तेज़ी, आसानी से कर सकते हैं। जिन कामों को बहुत ज्यादा समय लगता था, वही काम आज बड़ी आसानी और परंपरागत तरीकों से किया जा सकता है।
  2. इस में लिखित, मौखिक, वीडियो और ऐनीमेशन तकनीकें शामिल हैं।
  3. इसका खर्च परंपरागत साधनों के खर्च से बहुत कम होता है। पूरा सैट-आप स्थापित हो जाने से इसका रोज़ाना खर्चा बहुत कम होता है । सिर्फ शुरुआत के खर्चे ज्यादा हैं।
  4. ई-गवर्नेस की मदद से हम भी कहीं भी किसी भी टाईम अपना काम कर सकते हैं जैसे हम किसी भी बैंक की वैब साईट से अपने अकाऊंट की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और बैंकों की नई स्कीमों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

सुविधा सैंटरों के कोई पाँच मुख्य उपयोग

  • इन सैंटरों में जनता की आम ज़रूरत में आने वाली सेवायें, सहूलतें प्रदान की जाती हैं।
  • हर सुविधा सैंटर में हैल्प-लाईन नंबर मौजूद हैं। कोई भी व्यक्ति टेलीफोन करके जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है।
  • सेवाओं के लिए एक स्थान पर सारी ऐपलीकेशनज़ को जमा करवाना ।
  • जो भी नई स्कीम या तरीका हो उसकी जानकारी मौके पर उसी समय ही उपलब्ध हो जाती है।
  • सुविधा केंद्रों की कोरीयर (Courier) सर्विस भी बहुत तेज़ है जिस के द्वारा ज़रूरी कागजात अब 48 घंटों में व्यक्तियों के घर पहुंचा दिये जाते हैं।

ई-गवर्नेस के लाभ
1. कम खर्च (Low Cost)-इसका खर्च परंपरागत साधनों के खर्च से बहुत कम होता है। पूरा सैट-अप स्थापित हो जाने पर इसका रोज़ाना खर्चा बहुत कम होता है। केवल आरंभ के खर्चे ज्यादा हैं। इस की लागत में साफ्टवेयर, नेटवर्किंग और इंटरनैट की लागत मुख्य है।

2. तेज रफ्तार (High Speed)-ई-गवर्नेस से कोई भी काम बड़ी तेज़ी और आसानी से कर सकते हैं। जिन कामों को बहुत ज्यादा समय लगता था वही काम आज बड़ी आसानी और परंपरागत तरीकों से किये जा सकते हैं, जैसे कि हम किसी रेल की टिकट पहले रेलवे स्टेशन पर जा कर बुक करवाते थे पर अब सब कुछ वैब-साईट पर उपलब्ध है और हम अब घर बैठे टिकट बुक करवा सकते हैं।

3. कहीं भी किसी भी समय (Anywhere anytime)-ई-गवर्नेस की मदद से हम कहीं भी किसी भी समय अपना काम कर सकते हैं जैसे कि ATM मशीन के आ जाने से हम किसी भी समय पैसे निकाल सकते हैं। यह 24 घंटे खुले रहते हैं और इस के लिए किसी भी व्यक्ति की ज़रूरत नहीं पड़ती। इस के बिना हम किसी भी बैंक की वैब-साईट से अपने अकाऊंट की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और बैंक की नई स्कीमों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

ई-गवर्नेस की सेवाएं
1. इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking)-इंटरनेट बैंकिंग ने बैंकिंग को नया रूप प्रदान कर दिया है। इस बैंकिंग के द्वारा हम इंटरनेट (Internet) द्वारा आम बैंकिंग सुविधायें जैसे कि भुगतान (Payment), मनी ट्रांसफर (Money Transfer) आदि काम 24 घंटे कर सकते हैं। जो काम पहले बैंकों में जा कर करना पड़ता था आज वही काम जैसे नई स्कीमों की जानकारी, एक से दूसरे खाते में अदायगियां या पैसा ट्रांसफर करना आदि, आज हम घर बैठे कर सकते हैं। यह कस्टमर को अकाऊंटस की सिक्योरिटी प्रदान करवाता है।

2. आन-लाईन रेलवे और हवाई-टिकटिंग-इस तकनीक के द्वारा हम रेल गाड़ियों और हवाई उड़ानों की जानकारी पहले से ही प्राप्त कर सकते हैं और रेलवे और हवाई संस्था की टिकटें इंटरनेट के द्वारा घर बैठे बुक करवा सकते हैं, अदायगी के भी बहुत विकल्प मौजूद हैं। भारतीय रेलवे ने दो तरह की टिकटिंग प्रणाली शुरू की हुई है:(1) आई-टिकटिंग (2) ई-टिकटिंग।

3. पासपोर्ट सेवायें-पासपोर्ट आफिस ने भी पासपोर्ट सेवायें शुरू की हुई हैं। पासपोर्ट सेवाओं के द्वारा ऐपलीकेंट अपने नाम और दूसरी डिटेलज़ (Details) से वैब पर रजिस्टर हो सकते हैं।

4. टैक्सों, पानी और सीवरेज के बिलों, टेलीफोन के बिलों की अदायगी के लिए।

5. बसों के महीनावार पास, सीनियर सिटीज़न, अंगहीनों के प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए।

6. जन्म और मौत के सर्टीफिकेट, जाति और अनुसूचित जातियों के प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए।

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ई-गवर्नेस के क्षेत्र

  1. शहरी क्षेत्र में ई-गवर्नेस
  2. गाँव में ई-गवर्नेस
  3. स्वास्थ्य विभाग में ई-गवर्नेस
  4. शिक्षा क्षेत्र में ई-गवर्नैस।

शहरी क्षेत्र में ई-गवर्नेस
1. आवाजाही
इस क्षेत्र में ई-गवर्नेस निम्न कार्य करती है

  1. लर्नर तथा ड्राइविंग लाइसैंस जारी तथा रिन्यू करना
  2. आनलाइन सहूलियत प्रदान करना ।
  3. आनलाइन बस टिकट, पड़ताल सुविधा प्रदान करना
  4. बसों का टाइम टेबल जारी करना
  5. इंटर स्टेट बुकिंग सुविधा
  6. सुधार प्रोग्राम जारी करना
  7. क्षेत्रीय प्रोग्राम बनाना
  8. भीड़ नियंत्रण करना
  9. आवाजाही मांग प्रबंधन

मुख्य प्रोजैक्ट
1. IRCTC
2. HRTC

2. बिल तथा टैक्स की आनलाइन अदायगी
इस क्षेत्र में ई गवनैंस निम्न सेवाएं प्रदान करती है

  • आनलाइन लाईसैंस तथा यूनिवर्सिटी फीस अदा करना
  • बिजली, पानी आदि बिल अदायगी
  • गाड़ियों आदि के टैक्स देना
  • घरों की किश्तें।

मुख्य प्रोजैक्ट
1. SAMPAIR
2. E Suvidha
3. E Seva
4. E Mitra

3. सूचना तथा संपर्क सेवाएं

इसमें निम्न सेवाएं प्रदान की जाती हैं

  • रोजगार, टैंडर आदि के बारे में
  • गांवों में ई-मेल से सूचना

मुख्य प्रोजैक्ट
Lok Mitra

4. नगर निगम सेवाएं

  • घरों के टैक्स, बिल भरने
  • ज़मीनों के रिकार्ड रखने
  • पासपोर्ट वेरीफिकेशन
  • जन्म तथा मृत्यु सर्टीफीकेट जारी करना
  • जायदाद की रजिस्ट्रेशन
  • पेंशन तथा सर्टीफिकेट जारी करना
  • साइट प्लान पास करवाना।

मुख्य प्रोजैक्ट
1. SDO Suit
2. Rural Digital Seva

5. सड़क तथा सुरक्षा प्रबंधन

  • सड़क तथा पुलों का नेटवर्क
  • सड़क बनाना तथा मुरम्मत करना
  • यातायात भीड़ प्रबंधन
  • सुरक्षा, हादसे तथा प्रदूषण कंट्रोल

मुख्य प्रोजैक्ट RSPCB
ग्रामीण क्षेत्र में ई-गवर्नेस
1. खेती बाड़ी : इसके निम्न प्रोजैक्ट हैं

  • AGMARKNET
  • SEDNET

2. लोकल सूचना इस क्षेत्र के निम्न प्रोजैक्ट हैं

  • E-Aadhaar
  • E Jan Sampark

3. आफत प्रबंधन
इस क्षेत्र के प्रोजैक्ट हैं
1. Chetana

4. लैड रिकार्ड मैनजमैंट
इस क्षेत्र के निम्न प्रोजैक्ट हैं-

  • लैंड रिकार्ड मैनेजमैंट सिस्टम
  • Dev भूमि
  • वहु लेख
  • ई धरा
  • पंचायत

इस क्षेत्र की सेवाएं निम्न हैं
1. जन्म तथा मृत्यु सर्टीफिकेट जारी करना
2. वोटर सूची में सुधार
3. ग़रीबों के लिए स्कीम चलाना
4. जिला स्तर पर प्लान बनाने
5. ग़रीबों के लिए नौकरी प्रबंधन
6. गांवों में पानी तथा सैनीटेशन सहूलियत देना।

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प्रोजैक्ट E. Gram
सेहत क्षेत्र में ई-गवर्नेस सेहत और शिक्षा के क्षेत्र में ई-गवर्नेस का बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है। इसमें सरकार शिक्षा के क्षेत्र और सेहत विभाग में क्या काम चल रहा है उसकी पूरी देखभाल करती है। इसमें सरकार इस बात को देखती है कि सेहत और शिक्षा के क्षेत्र में कितना सुधार हुआ है। यदि कोई सुधार हुआ है तो कितनी मात्रा में हुआ है।

प्रोजैक्ट

  1. अस्पताल में OPD रजिस्ट्रेशन
  2. डॉक्टर से अपायंटमैंट
  3. आनलाइन वेरीफिकेशन

शिक्षा क्षेत्र में ई-गवर्नेस इस क्षेत्र की सेवाएं निम्न अनुसार हैं –

  • बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा देना
  • कक्षा के रिजल्ट तैयार करना
  • योग्यता आधार पर किताबें बांटने की स्कीम

PSEB 9th Class Computer Notes Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

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PSEB 9th Class Computer Notes Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

जान-पहचान
इंटरनैट पूरे संसार में जुड़े हुए कम्प्यूटर नेटवर्क का वह समूह है जो कि कॉमन साफ्टवेयर का प्रयोग एक-दूसरे के साथ डाटे की अदला-बदली कर सकता है।

ई-मेल
ई-मेल का पूरा नाम इलैक्ट्रॉनिक मेल है। यह एक ऐसा ढंग है जिससे संदेश को लिखना, भेजना और प्राप्त करना संभव है। यह सब से ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला इंटरनेट साधन है।
ई-मेल का पूरा नाम इलैक्ट्रानिक मेल है। अगर आप किसी नैटवर्क से जुड़े हुए हो तो ई-मेल के द्वारा कोई लिखित या अन्य फाइलों को दूसरे यूज़र (User) तक पहुंचा सकते हो। ई-मेल इलैक्ट्रानिक तरीके से भेजी जाती है जिस को कोई भी यूज़र प्राप्त कर सकता है। ई-मेल का इस्तेमाल बड़ी संस्थाओं द्वारा बहुत ज्यादा किया जाता है।

अगर आप अपने कम्प्यूटर के द्वारा किसी को ई-मेल भेजना चाहते हैं तो आपको एक ई-मेल प्रोग्राम की ज़रूरत पड़ेगी। आज बहुत सारी वैबसाईटें उपलब्ध हैं जो आपको ई-मेल की सुविधा प्रदान करवाती है। हर एक ई-मेल प्रोग्राम के अलग-अलग नियम और योग्यतायें होती हैं। फिर भी नीचे कुछ ई-मेल प्रोग्राम के सारे गुणों की चर्चा की गई है-

  1. नैटवर्क पर हर एक यूज़र को विलक्षण पता (Address) दिया जाता है। ई-मेल पते में यूज़र का नाम और होस्ट का नाम शामिल होता है। उदाहरण के लिए [email protected] एक ई मेल पता है जिसमें abc निजी नाम और इस से आगे होस्ट का नाम है।
  2. ई-मेल भेजते समय प्राप्त करता (receiver) का पता लिखना/बताना पड़ता है। ई-मेल प्रोग्राम
    मेल भेजने वाले का ई-मेल पता, तारीख और समय आदि अपने आप भर लेते हैं।
  3. ई-मेल द्वारा प्राप्त किया संदेश आप कागज़ पर प्रिंट कर सकते हो। उसकी संपादना (Edit) कर सकते हो और भविष्य में इस्तेमाल करने के लिए सेव कर के रख सकते हो।
  4. ई-मेल प्रोग्रामों मे आने वाली डाक (मेल) स्क्रीन पर अपने-आप प्रदर्शित हो जाती है, नहीं तो समय-समय पर खुद को ई-मेल चैक करनी पड़ती है।
  5. आप अपनी मेल में कोई कुछ पन्नों का संदेश और साथ ही कोई फाइल आदि जोड़ कर भेज सकते हो। ई-मेल में आप गैर-लिखत (non-text) फाईलें जैसे कि तस्वीरें, गाने और प्रोग्राम फाइलें आदि जोड़ सकते हो।

ई-मेल पता
ई-मेल भेजने या प्राप्त करने के लिए आप के पास ई-मेल पता होना बहुत आवश्यक है। ई-मेल पते के दो भाग हो सकते हैं-
इस्तेमाल करने वाले का नाम @ होस्ट (Username@Host) यहां host या मेज़बान से भाव है ई-मेल की सुविधा प्रदान करवाने वाला जैसे कि [email protected] में इस्तेमाल करने वाले का और yahoo ई-मेल की सुविधा वाली एक वैबसाइट है।

GMail Gmail, Google की मुक्त ई-मेल सेवा है। यह कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान करती है। Gmail पर अकांऊट बनाना Gmail पर ई-मेल अकाऊंट बनाने के निम्न पग हैं

  1. अपना इंटरनेट ब्राऊजर खोलें।
  2. www.gmail.com एडरैस टाइप करें।
  3. Google का Sign in सैक्शन आ जाएगा।
  4. Create Account पर क्लिक करें।
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PSEB 9th Class Computer Notes Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

एक नया पेज आएगा जिसमें हमसे कुछ बेसिक जानकारी पूछी जाती है।
जैसे कि First name तथा Last name.
Username जो आपका ई-मेल पता होगा।
Password
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Confirm Password
Date of Birth
Gender
Mobile Number.

5. सारी जानकारी भरने के बाद Next पर क्लिक करें तो ई-मेल अकाऊंट तैयार हो जाएगा।

CAPTCHA का पूरा नाम Code Completely Automated Public Thring Test to Tell Computer and Human Apart. यह एक प्रकार का टैस्ट होता है जो हमें बताता है कि यूजर मनुष्य है या नहीं। इसमें यूजर को कोई टैक्सट भरने के लिए दिया जाता है तथा उसे फिर चैक किया जाता है।
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गूगल एप्स एप्स से अभिप्राय एप्लीकेशन। यह एक एप छोटा साफ्टवेयर होता है। यह इंटरनैट कम्प्यूटर या फोन या किसे इलैक्ट्रॉनिक डिवाइस को चलाता है। यह एक प्रकार का प्रोग्राम होता है।

गूगल कैलंडर यह एक गूगल द्वारा बनाया गया टाइम मैनेजमैंट वैब एप्लीकेशन तथा मोबाइल एप्प है। उसके द्वारा हम अपने कार्य को रिकार्ड कर सकते हैं तथा यह हमें समय आने पर अलर्ट भी कर देता है। इसके लिए यूजर के पास Google अकाऊंट होना चाहिए।

गूगल मैप गूगल मैप एक डैस्कटाप बैव मैपिंग सेवा है। इससे हमें सैटेलाइट इमेज, स्ट्रीट मैप, 360 डिग्री स्ट्रीट व्यू, मौजूदा ट्रैफिक कंडीशन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट द्वारा यात्रा करना आदि जैसे विकल्प या सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
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गूगल ट्रांसलेट गूगल ट्रांसलेट-यह गूगल की एक फ्री सेवा है, जिसमें किसी एक भाषा से दूसरी भाषा में मशीनी ट्रांसलेशन की जा सकती है।
Google +
Google + एक सोशल नेटवर्किंग साइट है। यह हमें वही फीचर प्रदान करती है जो कि Facebook देती है; जैसे

  1. Post.
  2. Circle
  3. Sports
  4. Hangout & Huddles.

→ Google Docs यह एक आनलाइन वर्ड प्रोसैसर है जिस द्वारा हम वर्ड दस्तावेज बना सकते हैं।

→ Google Sheets यह एक आनलाइन स्प्रेडशीट है जिसमें हम Excel वाले सारे कार्य कर सकते हैं।

→ Google Slides यह आनलाइन प्रेजेंटेशन साफ्टवेयर है। इसमें हम Powerpoint की तरह प्रेजेंटेशन बना सकते हैं।

→ Play Store यह एक आनलाइन स्टोर है जिसमें हम Android डिवाइस के लिए कई प्रकार की ऐप डाऊनलोड कर सकते हैं।

→ Google Drive यह हमें आनलाइन स्टोरेज सहूलियत प्रदान करती है। इसकी शुरुआत 24 अप्रैल, 2012 को की गई यह हमें 5GB मुफत डाटा देती है।

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Google Drive के लाभ Google Drive के निम्न लाभ हैं-

  1. Google Drive के साथ हम अपने दोस्तों, रिश्तेदारों आदि को जो गूगल ड्राइव प्रयोग करते हैं को अपनी फाइलें भेज सकते हैं।
  2. इसके द्वारा फाइल वैब पर उपलब्ध हो जाती है, जिससे हम इसे कहीं भी देख सकते हैं।
  3. गूगल ड्राइव एक मोबाइल एप्प भी है। इससे हम अपनी फाइलस को कहीं भी Smart Phone पर भी देख सकते हैं।
  4. गूगल ड्राइव में एक बना बनाया सर्च इंजन भी होता है। इसके द्वारा हम अपनी फाइलों के कंटेंट को सर्च भी कर सकते हैं।
  5. गूगल ड्राइव में ऑप्टीकल करैक्टर रैकोगनीशन सिस्टम भी है। इसे हम स्कैन किये दस्तावेज भी कुछ सर्च कर सकते हैं।
  6. गूगल ड्राइव एक फ्री सेवा है, जब तक इसका ज्यादा बड़ा इस्तेमाल न किया जाए।

Google Drive द्वारा फाइल शेयर करना

  1. Drive में फाइल या फोल्डर खोलो
  2. Sharing Box खोलो। फाइल के दायीं ओर या फोल्डर के ऊपर Share बटन पर क्लिक करो।
  3. जिसको शेयर करनी है उसका email पता टाइप करो।
  4. ज़रूरत अनुसार Edit, Comment, View विकल्प चुनो।
  5. Done पर क्लिक करो।

डाऊनलोड करने का तरीका

  1. लिंक पर क्लिक करें।
  2. Save या Open करें।
  3. डाऊनलोड को Confirm करें।
  4. Open या Run पर क्लिक करें।

इंटरनैट मीडिया
यह एक ऐसा तरीका है जो इंटरनैट के ऑनलाइन अखबार, खबरें आदि का प्रबंध करता है। अब हम इंटरनैट तथा टी०वी० दोनों को आपस में जोड़ सकते हैं तथा कई प्रकार के आनलाइन रेडियो भी सुन सकते

ऑनलाइन अखबार यह अखबार का आनलाइन रूप होता है तथा वैसे ही प्रकाशित होता है। इसको हम इंटरनैट द्वारा अखबार की वैबसाइट पर जा कर पढ़ डाऊनलोड तथा प्रिंट कर सकते हैं।

ऑनलाइन टी० वी०, रेडियो, लाइन प्रोग्राम ऑनलाइन टी०वी० एक स्ट्रीमिंग मीडिया है अर्थात् जब हम इसे देख रहे होते हैं उसी समय यह डाऊनलोड होता है। इसी प्रकार हम ऑनलाइन रेडियो भी सुन सकते हैं। इन सब को हम अपने कम्प्यूटर, लैपटॉप या स्मार्टफोन आदि पर देख सुन सकते हैं।

क्लाऊड नैटवर्किंग क्लाऊड क्लाऊड का प्रयोग नैटवर्क के लिए होता है। यह वह वस्तु है जो सब जगह होती है, जैसे इंटरनैट। क्लाऊड नैटवर्किंग कलाऊड शब्द इंटरनैट के लिए प्रयोग किया जाता है। दूसरे शब्दों में कलाऊड किसी दूर वाले स्थान को दर्शाता है। यह पब्लिक तथा प्राइवेट दो प्रकार की सेवाएं प्रदान करता है।

ई-मेल, वैब कानफरैंसिंग, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमैंट सिस्टम आदि कलाऊड पर चलते हैं। यह हमें आनलाइन स्टोरेज सुविधा तथा अन्य कई प्रकार की एप्लीकेशनज़ प्रदान करता है। यह नैटवर्किंग की स्वतन्त्रता प्रदान करता है। इसमें लोकल पी०सी० पर साफ्टवेयर पर इंस्टाल नहीं करने पड़ते। इसमें अन्य फैसिलिटीज जोड़ना काफी आसान होता है। यूजर बढ़ने के साथ कलाऊड को भी ज़रूरत अनुसार बढ़ाया जा सकता है।
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यूनीक आई० पी० एडरैस
इंटरनैट से जुड़े प्रत्येक कम्प्यूटर को एक विशेष नंबर दिया जाता है जिसके द्वारा वह पहचाना जाता है। इस एडरैस या नाम को IP एडरैस कहते हैं। एक आई०पी० एडरैस में चार नंबर होते हैं जिनको (.) डाट द्वारा अलग किया जाता है। प्रत्येक नंबर 0 से 255 के बीच हो सकता है। ये चारों नंबर किसी खास नेटवर्क को दर्शाते हैं। 192.168.1.1 एक IP एडरैस की उदाहरण है। इस प्रकार इन सारे नंबरों का प्रयोग करके 4, 294, 967, 296 आई०पी० एडरैस बनाए जा सकते हैं। इंटरनैट पर कोई भी कम्प्यूटर एक आई०पी० एडरैस के नहीं हो सकते।

क्लाऊड प्रिंटिंग
कलाउड प्रिंटिंग वह प्रक्रिया है जिसमें किसी भी दस्तावेज को कलाउड नैटवर्क के साथ जुड़े किसी कम्प्यूटर पर से प्रिंट कर सकते हैं।
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इंटरनैट सुरक्षा इंटरनैट पर कई प्रकार के खतरे हैं। यह खतरे वायरस, स्पाईवेयर, टरोजन, फिशिंग आदि प्रकार के हो सकते हैं।
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वायरस
यह अपने आप को दोहराने वाला प्रोग्राम होता है। यह हमारे डाटा तथा हार्डवेयर को नुकसान पहुंचाता है।

वायरस की निशानियां
जब आपके पी० सी० में वॉयरस दाखिल होता है तो यह कुछ निशानियां या चिन्न दिखाता है। कुछ महत्त्वपूर्ण निशानियां इस प्रकार हैं –

  1. अगर आपके पी०सी० की स्क्रीन पर संदेश जैसे कि-Happy Birthday to you आना शुरू हो जाये।
  2. अगर कुछ प्रोग्रामों को चालू करने या बन्द करने का समय अचानक बढ़ जाये।
  3. अगर अचानक प्रोग्रामों या सिस्टम फाइलों का आकार बदल जाये।
  4. अगर पूरी कम्प्यूटर प्रणाली की रफ्तार धीमी पड़ जाये।
  5. अगर कम्प्यूटर की फाइलों के नाम बदले हुए नज़र आयें या कुछ प्रोग्राम या डायरैक्टरियां डिस्क पर नज़र न आ रही हों।
  6. अगर कम्प्यूटर बूट ना हो रहा हो।
  7. अगर प्रोग्राम या डाटा फाइलें डिलीट या क्रप्ट (corrupt) हो जायें।
  8. अगर हार्ड डिस्क ड्राइव या फलोपी ड्राइव की छोटी लाइट जग-बुझ रही हो पर कोई काम न हो रहा हो।
  9. अगर कुछ नई फाइलें और फोल्डर्स अपने आप बन जायें। वायरस से बचने का तरीका एंटीवायरस प्रोग्राम होता है।

यह हमारे कम्प्यूटर से वायरस को खत्म करता है। ये कई प्रकार के तथा कई कम्पनियों के हो सकते हैं जैसे;
1. Norton
2. AVG
3. Cscan
4. Avast

स्पाईवेयर
स्पाईवेयर वह प्रोग्राम होता है जो हमारे कम्प्यूटर की जानकारी दूसरे को भेजता है। यह हमारा डाटा, पासवर्ड आदि दूसरे व्यक्ति को भेज सकता है। इस द्वारा भेजी जाने वाली जानकारी का हमें पता नहीं चलता।

टरोजन
टरोजन को टरोजन हार्स भी कहते हैं। यह शब्द ग्रीक कहानी से लिया गया है। यह प्रोग्राम हमारे कम्प्यूटर में बिना आज्ञा दाखिल होकर हमारे कम्प्यूटर तथा डाटा को नुक्सान पहुंचाता है।

PSEB 9th Class Computer Notes Chapter 6 इंटरनैट एप्लीकेशन

फिशिंग स्कैम
यह इमेल से धोखा करने का तरीका है। इसमें व्यक्ति ईमेल द्वारा हमारी जानकारी इकट्ठा करता है तथा दूसरों को भेजता है।

डिजीटल सिगनेचर
यह एक ऐसा कोड होता है जो इलैक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसफर होने वाली फाइल के साथ जुड़ा होता है। इसके साथ भेजने वाले की पहचान होती है।

PSEB 9th Class Computer Notes Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

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PSEB 9th Class Computer Notes Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

परिचय
इसका प्रयोग डाटाबेस बनाने और प्रबंध करने के लिए किया जाता है। इस में पहले से मौजूद बहुत सारी विशेषताएं होती हैं जो आपकी सूचना तैयार करने और देखने में मदद करती हैं।

रिलेशनल डाटाबेस इसे RDBMS भी कहते हैं। 1969 में एडगर कोड ने सबसे पहले इसका सुझाव दिया। इसमें डाटा को टेबल रूप में रखा जाता है। यह एक स्प्रेडशीट की तरह होता है। टेबल रोअ तथा कॉलम से मिल कर बनता है।

डाटाबेस डिजाइन के लिए जरूरी निर्देश डाटाबेंस डिज़ाइन करने से पहले आप को कुछ दिशा निर्देश मानने पड़ेंगे। ये दिशा निर्देश आप को एक अच्छा डाटाबेस बनाने में मदद करेंगे-

  1. अपनी ज़रूरत अनुसार आप सभी फील्ड को ढूंढें जिन में आप की ज़रूरत के अनुसार जानकारी भरी जा सकती है।
  2. डाटाबेस को अच्छा बनाने के लिए डाटा के हर एक फील्ड को छोटे-छोटे महत्त्वपूर्ण हिस्से में बांटना चाहिए।
  3. ग्रुप के संबंधित फील्ड को टेबल में बनाएं।
  4. सभी टेबलों में एक मुख्य कुंजी लगाएं।
  5. टेबल में एक ऐसा फील्ड चाहिए जो आम हो।

अक्सैस के कुछ तकनीकी शब्द
अक्सैस में प्रयोग होने वाले कुछ तकनीकी शब्द निम्न प्रकार हैं

  • डाटाबेस फाइल : यह मुख्य फाइल होती है जो सारे डाटा को संभालती है।
  • टेबल : टेबल रोअ तथा फील्ड से मिल कर बनता है जो सारा डाटा स्टोर करता है।
  • फील्ड : टेबल के कॉलम को फील्ड कहते हैं। यह एक प्रकार का डाटा स्टोर करता है।
  • डाटा टाइप : एक फील्ड जिस प्रकार का डाटा स्टोर करती है उसे डाटा टाइप कहते हैं।

अक्सैस के कम्पोनेंट
1. टेबल-टेबल असल में डाटा स्टोर करता है। यह रोअ तथा फील्ड से मिल कर बनता है। रोअ को रिकार्ड भी कहते हैं। किसी खास विषय के ऊपर इकट्ठा किया डाटा, टेबल कहलाता है। इस डाटाबेस में बहुत सारे टेबल होते हैं।

2. फार्म (Form)-कोई फार्म आपकी स्क्रीन पर बनायी गयी ऐसी विंडो होता है, जो किसी सारणी में सरलता से डाटा देखने, प्रविष्ट करने और सुधार करने में हमारी सहायता करती है।

3. कुएरी (Queries)-किसी डाटाबेस से किसी शर्त के आधार पर कोई सूचना ढूँढ़ने के लिए दिया गया आदेश कुएरी कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आप जानना चाहते हैं कि आपके कौन-कौन से मित्र आगरा में रहते हैं, तो इसे कुएरी कहा जाएगा।

किसी कुएरी के उत्तर में प्राप्त हुई सूचना अथवा रिकार्डों के समूह को उस कुएरी के लिए डायनासेट (Dynaset) कहा जाता है। उदाहरण के लिए, आगरा में रह रहे मित्रों की सूची उस कुएरी का डायनासेट होगी। कुएरी का उपयोग एक साथ कई रिकार्डों को हटाने या सुधारने के लिए तथा कोई विशेष गणना करने के लिए भी किया जाता है।

4. रिपोर्ट (Reports)-सरलतम शब्दों में, कोई रिपोर्ट किसी कागज़ पर छपा हुआ डायनासेट होता है। आप डायनासट के रिकार्डों के समूह बना सकते हैं और उनके योग तथा अनुयोग छाप सकते हैं। एम० एस० एक्सैस में सारणी, फॉर्म, कुएरी, रिपोर्ट आदि बनाने की अच्छी सुविधाएँ हैं। इनके लिए एक्सैस में विज़ार्ड नामक विशेष प्रोग्राम उपलब्ध हैं।

PSEB 9th Class Computer Notes Chapter 5 एम०एस० अक्सैस से परिचय

5. मैक्रो : मैक्रो काम को ऑटोमैटिक करता है। बार-बार किये जाने वाले कार्य को मैक्रो में रिकार्ड कर सकते हैं।

6. मड्यूल : मडयूल, प्रोसीजर, स्टेटमैंट तथा डैकलरेशन का मेल होता है। यह मैक्रो की तरह ही होता है। इसका प्रयोग एडवांस फंक्शन की तरह किया जाता है।

डाटाबेस आबजैक्ट
डाटाबेस आबजैक्ट चार तरह के होते हैं-

  • टेबल
  • कुएरी
  • फार्म
  • रिपोर्ट

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डाटा टाइपस
डाटा टाइप किसी भी डाटा के प्रकार को कहते हैं। अर्थात् वह डाटा किस प्रकार का है; जैसे कि नंबर, : करेंसी, टैक्सट, पिक्चर आदि एक्सैस में निम्न प्रकार की डाटा टाइपस हैं :
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अक्सैस की विशेषताएं

  1. एक आसानी से इंस्टाल होता है तथा इसमें कार्य करना आसान है।
  2. यह दूसरे प्रोग्राम के साथ आसानी से लिंक होता है।
  3. Access एक बहुत प्रसिद्ध RDBMS है।
  4. Access सस्ता साफ्टवेयर है।
  5. यह डाटा को सुविधा पूर्ण संभाल कर रखता है।
  6. यह एक से ज्यादा यूजर को स्पोर्ट करता है।
  7. इसमें डाटा इंपोर्ट करना आसान है।
  8. Access एक सुरक्षित डाटाबेस सिस्टम है।

एम०एस० अक्सैस
एम०एस० अक्सैस एक रिलेशनल डाटाबेस मैनेजमैंट सिस्टम (RDBMS) है। इस डाटे को स्टोर करता है ज़रूरत पड़ने पर वापिस दिखाता है। इस में डाटे को टेबल के रूप में स्टोर करता है। अक्सैस को शुरू करना Start → All Program → Microsoft Office → MS – Access.

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टेबल के साथ कार्य करना
टेबल रिकार्ड तथा फील्ड से मिलकर बनता है। इनके साथ कार्य करना बहुत आसान है।

टेबल बनाना
टेबल बनाने के तीन तरीके हैं

  1. Design View
  2. Wizard
  3. Entering Data

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डाटाशीट वियू से टेबल तैयार करना
टेबल ग्रुप में कान्टेंट टैब पर टेबल बटन पर क्लिक करें। इससे एक नए खाली टेबल डाटाशीट में एक छोटी Window खुल जायेगी।
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2. डाटे को डालते समय फील्ड भरना-डाटाशीट व्यू में डाटा Excel की वर्कशीट की तरह ही डाला जाता है। इसमें डाटा लगातार रोअज़ और कालम में दाखिल होता है। डाटाशीट व्यू में ऊपर दाईं (Left) तरफ क्लिक करें। जब भी कभी डाटाशीट व्यू में कोई नया कालम डालना होता है तो यह टेबल में एक नया फील्ड बना देता है। डाटाशीट व्यू में हर टेबल में अक्सैस अपने आप एक डाटाशीट के दाईं तरफ एक फील्ड बना देता है जिस को हम आई-डी (ID) कहते हैं। यह फील्ड अपने आप में प्राइमरी कीअ की तरह काम आता है।

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3. डाटा दाखिल करते समय फील्ड को भरना –
(1) Click to Add Column में पहले सैल पर क्लिक करो। इस के बाद अपने टेबल की आईटम में डाटा दाखिल करें। कालम में बाईं (Right) तरफ जाने के लिए टैब (Tab) अथवा Enter कीअ को दबायें। अक्सैस अपने आप आई-डी फील्ड में 1 नंबर डाल देगा। जब भी हम कोई रोअज़ को सिलैक्ट करते हैं, वह अपने आप पैन्सिल में बदल जाता है। जब भी कोई रिकॉर्ड (Record) को डाला जाता है पर उस को सेव (Save) नहीं किया जाता है।
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(2) रोअज़ आईकन में पैन्सिल पर क्लिक करें। इस तरह पहला रिकॉर्ड सेव (Save) हो जायेगा। जिसका नंबर 1 होगा। इस तरह आपका सारा रिकार्ड सेव (Save) हो जायेगा।
(3) इसी तरह आप डाटा आईटम डालते जाएं और Enter or Tab कीअ दबाते जायें।
(4) जब आप पहले रिकॉर्ड में डाटा दाखिल कर देते हैं तो आप रिकॉर्ड को सेव (Save) करने के लिए किसी भी रोअज़ पर क्लिक करें। आप जितना डाटा डालें उसके बाद टेबल को सेव कर लें।

डिजाइन वियू में टेबल तैयार करना जब भी आप डिज़ाइन दृश्य में टेबल बनाना चाहते हैं। आप को अपनी डाटाशीट पर बहुत ध्यान देना पड़ेगा। पहले हमें डिज़ाइन दृश्य में टेबल का ढांचा बनाना पड़ता है और बाद में डाटाशीट में जा कर डाटा को दाखिल करना पड़ता है।

डिज़ाइन दृश्य में पहले Object Window में दिए पेज़ नज़र आते हैं। उसमें पहला Field object पेज़ होता है जो window में दाईं तरफ होता है। इस का प्रयोग field name बताने के लिए और डाटा टाइप बनाने के लिए किया जाता है।

इस का दूसरा क्षेत्र है Property पेन है। यह window के नीचे दिखाई देता है जिस में फील्ड की प्रापर्टी के बारे में बताया जाता है। फील्ड प्रापर्टी में जो प्रापर्टीज़ होती है वह हमारी तरफ से दिए गए मूल्य पर निर्भर करती है। डिज़ाइन दृश्य में टेबल बनाने के स्टैप

  • Create table में टेबल ग्रुप में टेबल डिज़ाइन बटन पर क्लिक करो। Object window में एक खाली टेबल आ जायेगा।
  • फील्ड नेम कॉलम में पहले फील्ड नेम लिखें। फील्ड नेम 64 अंग्रेज़ी के अक्षर हो सकते हैं जिनमें लैटर, नंबर, स्पेस आदि हो सकते हैं।
  • डाटा टाइप कॉलम में नीचे ऐरो पर क्लिक करें और लिस्ट में से डाटा टाइप चुनें।
  • Description कॉलम में फील्ड की Description टाइप करें।

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और फील्ड लेकर स्टैप 2 से 4 दुबारा करें। सारे फील्ड भरने के बाद टेबल को सेव करें।

फार्म बनाना तथा बदलना-
फार्म का प्रयोग डाटा डालने तथा बदलने के लिए किया जाता है। इससे हमें डाटा को आसानी से डालने में मदद मिलती है।

फार्म बनाना अक्सैस में फार्म को आसानी से बनाया जा सकता है, यह एक ग्राफिकल पेशकारी ही होती है। इससे हमारा कार्य आसानी से होता है।
टेबल से फार्म बनाना टेबल से फार्म बनाने के लिए Create – Form पर क्लिक करें तथा अपनी ज़रूरत अनुसार फार्म बनाएं।

सोर्टिंग
आप डाटाबेस में जो रिकॉर्ड देखते हो वही नज़र आयेगा। जैसे कि सबसे पहला रिकॉर्ड और उसके बाद दूसरा रिकॉर्ड। इस तरह हम आसानी से स्क्रोल (Scroll) करके किसी भी रिकॉर्ड को ढूंढ़ सकते हैं। अक्सैस में रिकॉर्ड उनकी आई०डी० के आधार पर सोर्टिंग करता है। उदाहरण के लिए-कक्षा से संबंधित डाटाबेस को कई प्रकार से सोर्टिंग कर सकते हैं।

  • विद्यार्थी को नतीजे, उनके नाम, अथवा नंबरों के आधार पर हम डाटे को शोर्ट (Sort) कर सकते
  • रोल नंबर और नाम के आधार पर
  • कक्षा के आधार पर विद्यार्थी के टेबल को सोर्ट करने का तरीका :

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(1) होम टैब टेबल पर क्लिक करें और सोर्टिंग और फिल्टर ग्रुप पर जायें।
(2) फील्ड को सोर्ट करें। चढ़ते अथवा ढलते क्रम कमांड को सिलैक्ट करें।

  • टैक्सट को A to Z और नंबर को छोटे से बड़े तक सोर्टिंग करने के चढ़ते क्रम को सिलैक्ट करें।
  • चढ़ते क्रम को सिलैक्ट करें, जिससे टैक्सट Z to A और नंबर की बड़े से छोटे अंक पर सोर्टिंग करना चाहते हैं।

(3) अब आप टेबल को सिलैक्ट करें फील्ड के अनुसार सिलैक्ट हो जायेगा।

डाटा फिल्टर
M.S. Access में फिल्टर एक ऐसा तरीका है जो आप को वही डाटा दिखाता है जिसकी आप को ज़रूरत होती है। डाटा फिल्टर लगाने के स्टैप-
(1) आप जिस फील्ड पर फिल्टर लगाना चाहते हैं, उस फील्ड के साथ के Drop down Arrow पर क्लिक करें। हम कक्षा के आधार पर फिल्टर लगाएं। क्योंकि हम पूरी कक्षा में उन विद्यार्थियों की सूची देखना चाहते हैं जो कि पास अथवा फेल हुए हैं।
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(2) एक चैक लिस्ट के साथ एक Drop down मीनू सामने आ जायेगे। फिल्टर के प्रणाम में चैक लगी हुई items ही दिखाई देगी। आगे लिखी हुई ऑप्शन पर आप फैसला कर सकते हो किस फिल्टर में आप कौन-सी आईटम ला सकते हो।

  • किसी एक आईटम को एक समय सिलैक्ट या डीसिलैक्ट करने के लिए Check box पर क्लिक करें। यहाँ पर हम अकेले कक्षा में फिल्टर लगाना चाहते हैं और बाकी बची आप्शन को छोड़ देंगे।
  • हर एक आईटम को फिल्टर लगाने के लिए सिलैक्ट आल पर क्लिक करें और दूसरी बार क्लिक करने पर सभी आईटम डी-सिलैक्ट हो जायेगी।
  • ब्लैंक (Blank) पर क्लिक करने पर फिल्टर वही रिकॉर्ड सामने दिखाई देंगे जिस में कई फील्ड होंगे।
  • OK पर क्लिक करके फिल्टर चालू हो जाएगा।

रिपोर्ट अक्सैस में रिपोर्ट आप को इकट्ठे किये डाटे की अपनी सुविधा अनुसार प्रिंट करने की सुविधा प्रधान करता है। आप अपने टेबल और Queries के आधार पर रिपोर्ट बना सकते हैं।

रिपोर्ट बनाने के कई तरीके हैं पर यहां पर हम विजार्ड के साथ रिपोर्ट बनायेंगे। रिपोर्ट बनाने का तरीका-
1. अपना डाटा बेस खोलें।
2. Report टैब पर क्लिक करें।
3. Create Report by using wizard आप्शन पर क्लिक करें।
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4. एक टेबल का चुनाव करें, जिस पर आधारित रिपोर्ट तैयार करनी है।
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5. टेबल के बीच वाले फील्डस ज़रूरत के अनुसार चुनें।
6. Next बटन पर क्लिक करें। टेबल के बीच जाने कोल्डस जरूरत के अनुसार चुने। अपना
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7. अपनी रिपोर्ट के लिए ज़रूरत अनुसार जानकारी दें और Next पर क्लिक करें।
8. फील्ड स्टोर करने के संबंध में जानकारी दें और Next बटन पर क्लिक करें।
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9. रिपोर्ट का ले आऊट निर्धारित करें और Next बटन पर क्लिक करें। ….
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10. रिपोर्ट का स्टाइल चुनें।
11. First बटन पर क्लिक करें।