PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 2 सन्तुलित भोजन

Punjab State Board PSEB 10th Class Physical Education Book Solutions Chapter 2 सन्तुलित भोजन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Physical Education Chapter 2 सन्तुलित भोजन

PSEB 10th Class Physical Education Guide सन्तुलित भोजन Textbook Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
प्रोटीन कितने प्रकार के होते हैं ? उनके नाम लिखें।
(Name the type of Protein.)
उत्तर-
प्रोटीन दो प्रकार के होते हैं-पशु प्रोटीन तथा वनस्पति प्रोटीन।

प्रश्न 2.
कार्बोहाइड्रेट्स क्या है ?
(What is Carbohydrates ?)
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेट्स कार्बन और हाइड्रोजन का मिश्रण है।

प्रश्न 3.
विटामिन कितने प्रकार के होते हैं ?
(Mention the types of Vitamins ?)
उत्तर-
विटामिन छ: प्रकार के होते हैं-A, B, C, D, E और K.

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प्रश्न 4.
कौन-से विटामिन पानी में घलनशील नहीं हैं ?
(Which Vitamins are not soluble in water ?)
उत्तर-
विटामिन C, D, E और K.

प्रश्न 5.
छोटे बच्चे के लिए कौन-सा दूध अच्छा होता है ?
(Which Milk is better for a child ?)
उत्तर-
मां का दूध।।

प्रश्न 6.
हमारे दैनिक भोजन में प्रोटीन की मात्रा कितनी होनी चाहिए ?
(How much Proteins we should take in our daily by meals ?)
उत्तर-
70 से 100 ग्राम।

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प्रश्न 7.
कार्बोहाइड्रेट किन दो रूपों में मिलते हैं ?
(Mention the forms of Carbohydrates.)
उत्तर-
स्टार्च तथा शक्कर के रूप में।

प्रश्न 8.
प्रोटीन किन तत्त्वों का मिश्रण है ?
(Which elements Protein in mixture ?)
उत्तर-
कार्बन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन तथा गन्धक।

प्रश्न 9.
जीवन तत्त्व किन्हें कहते हैं ?
(Which thing is known as life saving ?)
उत्तर-
विटामिनों को।

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प्रश्न 10.
हमारे भोजन में चर्बी (वसा) की मात्रा कितनी होनी चाहिए ?
(How much fat one should take daily ?)
उत्तर-
50 से 70 ग्राम।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भोजन क्या होता है ? हम भोजन क्यों करते हैं ?
(What is Food ? Why we take food ?)
उत्तर-
भोजन क्या होता है ? (What is Food ?)-भोजन एक ऐसी वस्तु का नाम है जो हमारे शरीर में जा कर शरीर का भाग बन जाती है, नई वस्तुओं का निर्माण करती है, भीतरी टूट-फूट की मुरम्मत करती है और शरीर में गर्मी तथा शक्ति उत्पन्न करती है।

  1. क्षतिपूर्ति या नए तन्तुओं का बनाना (Formation of new Tissues)-मानव शरीर के हर समय क्रियाओं के करने से शरीर के तन्तु (Tissues) टूटते-फूटते रहते हैं। उचित भोजन के द्वारा शरीर के पुराने तन्तुओं की मुरम्मत होती है और नए तन्तुओं का निर्माण होता है।
  2. भोजन शरीर को शक्ति देता है (Food supplies energy to Body)-दैनिक जीवन के कार्यों को करने के लिए शरीर को शक्ति की आवश्यकता होती है। भोजन के जलने (Combustion) से ताप पैदा होता है जिससे शरीर में काम करने के लिए शक्ति पैदा होती है।
  3. भोजन शरीर को ताप प्रदान करता है (Food supplies heat to Body)भोजन द्वारा शरीर को ताप मिलता है। यदि शरीर में ताप की मात्रा कम हो जाती है तो जीवन असम्भव हो जाता है।
  4. भोजन शरीर की वृद्धि में सहायक होता है (Food helps in the growth of Body)-भोजन द्वारा शरीर के अंगों में विकास होता है। यदि किसी बच्चे को भोजन न

मिले या उचित मात्रा में न मिले तो उसके शरीर के अंगों का उचित विकास नहीं हो पाता।

प्रश्न 2.
भोजन के कौन-कौन से मुख्य कार्य हैं ?
(What are the main functions of Food ?)
उत्तर-
हम जो भोजन खाते हैं, वह पचने के बाद शरीर में कई कार्य करता है। उन कार्यों का विवरण निम्नलिखित है—

  1. शारीरिक वृद्धि में सहायक-भोजन शरीर की वृद्धि में सहायता करता है। इससे शरीर के विभिन्न अंगों का निर्माण और वृद्धि होती है।
  2. शरीर को शक्ति प्रदान करता है-भोजन शरीर को शक्ति प्रदान करता है। हमारा शरीर कई प्रकार की क्रियाएं करता है। इन क्रियाओं के लिए आवश्यक शक्ति भोजन से ही प्राप्त होती है।
  3. शरीर में गर्मी पैदा करना-भोजन शरीर में गर्मी पैदा करता है। जब खाया हुआ भोजन पचकर सांस द्वारा प्राप्त ऑक्सीजन में मिलकर खून में उबलता है तो गर्मी पैदा होती है। यह गर्मी शरीर के लिए बहुत ही ज़रूरी है। इसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते।
  4. नए तन्तुओं का निर्माण और टूटे-फूटे तन्तुओं की मुरम्मत करना-भोजन टूटेफूटे तन्तुओं की मुरम्मत करता है। भोजन से नए तन्तु भी बनते हैं। शरीर में चल रही क्रियाओं के कारण कुछ तन्तु नष्ट हो जाते हैं और कुछ टूट जाते हैं। भोजन का सबसे बड़ा काम टूटे-फूटे तन्तुओं की मुरम्मत करना होता है। नष्ट हुए तन्तुओं के स्थान पर नए तन्तु भी भोजन ही तैयार करता है।
  5. बीमारियों से रक्षा-भोजन शरीर की बीमारियों से रक्षा करता है। भोजन खाने से शक्ति उत्पन्न होती है। यह शक्ति हमें बीमारियों का मुकाबला करने के योग्य बनाती है। इस प्रकार हम कई प्रकार की बीमारियों से बच सकते हैं।
    ऊपर बताए गए सभी कार्य भोजन के मुख्य कार्य होते हैं।

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प्रश्न 3.
विटामिन क्या होते हैं ? ये हमारे शरीर के लिए क्यों आवश्यक हैं ?
(What are Vitamins ? Why these are needed for our body ?)
उत्तर-
विटामिन-विटामिन ऐसे रासायनिक पदार्थ हैं जो हमारे शरीर के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। अब तक कई प्रकार के विटामिनों की खोज की जा चुकी है। परन्तु प्रमुख विटामिन छ: ही हैं। ये हैं-विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’, ‘डी’, ‘ई’ और ‘के’। इनमें विटामिन ‘बी’ और ‘सी’ पानी में घुलनशील हैं और रोप विटामिन ‘ए’, ‘डी’, ‘ई’ और ‘के’ चर्बी में घुलनशील होते हैं। विटामिन एक प्रकार के विशेष पदार्थों में पाए जाते हैं। भोजन में विटामिनों का उचित मात्रा में होना बहुत ज़रूरी है। विटामिन का जीवन के लिए बहुत अधिक महत्त्व अनुभव करते हुए इन्हें ‘जीवनदाता’ भी कहा जाता है। विटामिन डी धूप से मिलता है।
विटामिनों की शरीर को आवश्यकता — विटामिनों की हमारे शरीर के लिए आवश्यकता निम्नलिखित तथ्यों से बिल्कुल स्पष्ट हो जाती है

  1. विटामिन हमारे स्वास्थ्य को ठीक रखते हैं।
  2. ये हमारी शारीरिक वृद्धि में सहायता करते हैं।
  3. ये हमारी पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं।
  4. ये हमारा खून साफ़ करते हैं और खून की मात्रा को बढ़ाते हैं।
  5. ये हड्डियों और दांतों को मज़बूत बनाते हैं।
  6. ये हमें बीमारियों का मुकाबला करने के योग्य बनाते हैं।
  7. विटामिनों के प्रयोग से चमड़ी के रोग दूर हो जाते हैं।
  8. विटामिन शरीर की शक्ति बढ़ाते हैं।

प्रश्न 4.
कार्बोहाइड्रेट्स तथा चिकनाई (वसा) हमारे शरीर के लिए क्यों आवश्यक हैं ?
(Why Carbohydrates and Fats are necessary for us ?)
उत्तर-
कार्बोहाइड्रेट्स-ये हमें शक्कर तथा स्टॉर्च के रूप में मिलने वाले पदार्थों से प्राप्त होते हैं; जैसे कि-आम, गन्ने का रस, गुड़, शक्कर , अंगूर, खजूर, गाजर, सूखे मेवे, गेहूं, मक्की, जौ, ज्वार, शकरकन्दी, अखरोट, केले आदि से प्राप्त होता है।
आवश्यकता-

  1. कार्बोहाइड्रेट्स हमारे शरीर को गर्मी तथा शक्ति देते हैं।
  2. ये शरीर में चर्बी पैदा करते हैं।
  3. ये चर्बी से सस्ते होते हैं।
  4. ग़रीब तथा कम आय वाले लोग भी इसका प्रयोग कर सकते हैं। चिकनाई

यह हमें वनस्पति तथा पशुओं की चर्बी से प्राप्त होती है। यह सब्जियों, सूखे मेवों, फलों, अखरोट, बादाम, मूंगफली, बीजों से प्राप्त तेल, घी, दूध, मक्खन, मछली का तेल, अण्डे आदि में मिलती है।
आवश्यकता-

  1. चिकनाई शरीर में शक्ति पैदा करती है
  2. इससे शरीर में गर्मी पैदा होती है।
  3. यह शरीर में ईंधन का काम करती है।
  4. चर्बी से शरीर मोटा हो जाता है।

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बड़े उत्तरों ले प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
विटामिन कितने प्रकार के होते हैं ? इनके मुख्य कार्य बताओ। यह किन-किन खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं ?
(Give the types of Vitamins. Describe their main functions and sources.)
उत्तर-
अब तक बहुत-से विटामिनों की खोज हो चुकी है, परन्तु प्रसिद्ध विटामिन ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’, ‘डी’, ‘ई’ और ‘के’ ही माने जाते हैं। इनमें से प्रत्येक विटामिन के मुख्य कार्य और प्राप्ति स्रोत निम्नलिखित हैं
1. विटामिन ‘ए’-विटामिन ‘ए’ के कार्य निम्नलिखित हैं—

  1. इससे आंखों की ज्योति बढ़ती है।
  2. भूख बढ़ती है।
  3. पाचन-शक्ति ठीक रहती है।
  4. यह विटामिन शरीर के विकास और शक्ति की वृद्धि में योगदान देते हैं।

कमी से हानियां—
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  1. इसकी कमी से अन्धराता हो जाता है।
  2. त्वचा शुष्क हो जाती है।
  3. गर्दन, नाक और आंखों की त्वचा को प्रत्येक छूत की बीमारी शीघ्र लगती है।
  4. शरीर दुर्बल हो जाता है और वृद्धि रुक जाती है।
  5. फेफड़े कमजोर हो जाते हैं।

प्राप्ति स्रोत—ये अधिकतर दूध, दही, मक्खन, पनीर, अण्डों, मछली, पत्तों वाली सब्जियों जैसे पालक और ताज़ी सब्जियों; जैसे-गाजर, बन्दगोभी, टमाटर तथा केले, संगतरे, आम, पपीता और अनानास आदि फलों में मिलते हैं।

2. विटामिन ‘बी’—विटामिन ‘बी’ के कार्य इस प्रकार हैं—
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  1. इस विटामिन से नर्वस सिस्टम (नाड़ी (बी) प्रणाली) ठीक रहता है।
  2. यह नाड़ियों, पेशियों, दिल और दिमाग़ को शक्ति प्रदान करता है।
  3. भूख को बढ़ाता है।
  4. चमड़ी रोगों से सुरक्षा करता है।

कमी से हानियां—

  1. भूख कम लगती है।
  2. बच्चों का विकास रुक जाता है।
  3. बेरी-बेरी रोग तथा त्वचा के कई रोग लग जाते हैं।
  4. जिह्वा पर छाले पड़ जाते हैं।
  5. बाल झड़ने लग पड़ते हैं।

प्राप्ति स्त्रोत — -यह दूध, दही, मक्खन, पनीर, दालों, अनाज, सोयाबीन, मटर, अण्डे, हरी और पत्तों वाली सब्जियों जैसे-पालक, बन्दगोभी, शलगम, टमाटर, प्याज़ और सलाद आदि में पाया जाता है।

3. विटामिन ‘सी’—विटामिन ‘सी’ के निम्नलिखित कार्य हैं—
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  1. यह विटामिन लहू (खून, रक्त) को साफ़ रखता है।
  2. दांतों को मजबूत करता है।
  3. ज़ख्मों और टूटी हुई हड्डियों को भी शीघ्र ठीक करता है।
  4. शरीर की छूत की बीमारियों से रक्षा करता है।
  5. गले को ठीक रखता है।
  6. जुकाम से बचाता है।

कमी से हानियां—

  1. दांतों को पायोरिया रोग लग जाता है।
  2. हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं।
  3. घाव शीघ्र ठीक नहीं होते।
  4. अनीमिया हो जाता है।
  5. रक्त बहना शीघ्र बन्द नहीं होता।

प्राप्ति स्त्रोत — यह प्रायः रसदार और खट्टे पदार्थों में से होता है; जैसे-संगतरा, माल्टा, मुसम्मी, अंगूर, अनार, नींबू, अमरूद और आंवला आदि। इसके अतिरिक्त हरी सब्जियों, जैसे टमाटर, बन्दगोभी, गाजर, पालक, शलगम आदि में भी मिलता है।

4. विटामिन ‘डी’—विटामिन ‘डी’ के कार्य निम्नलिखित हैं—
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  1. यह विटामिन हड्डियों और दांतों का निर्माण करता है।
  2. उन्हें मज़बूत भी बनाता है।
  3. बच्चों के शारीरिक विकास के लिए इसकी बहुत आवश्यकता होती है।

कमी से हानियां—

  1. हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
  2. दांत ठीक समय पर नहीं निकलते।
  3. मिरगी, हिस्टीरिया और सोकड़ा हो जाता है।
  4. मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं।

प्राप्ति स्त्रोत—यह दूध, अण्डे की ज़र्दी, मक्खन, घी, मछली के तेल आदि में बहुत होता है। यह विटामिन सूर्य की किरणों के प्रभाव से स्वयं ही बनता रहता है।

5. विटामिन ‘ई’—विटामिन ‘ई’ के कार्य इस प्रकार हैं
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  1. यह विटामिन स्त्रियों और पुरुषों में सन्तान उत्पन्न करने की शक्ति को बढ़ाता है।
  2. यह नपुंसकता और बांझपन को रोकता

कमी से हानियां—

  1. फोड़े फिनसियां निकलती हैं।
  2. बांझपन का रोग हो जाता है।

प्राप्ति स्रोत–यह बन्दगोभी, गाजर, सलाद, मटर, प्याज, टमाटर, फूलगोभी में होता है। इसके अतिरिक्त शहद, गेहूं, चावल, बीजों के तेल, अण्डे की जर्दी, बादाम, पिस्ता, चने की दाल और दलिया में अधिक मात्रा में होता है।

6. विटामिन ‘के’-विटामिन ‘के’ के कार्य निम्नलिखित हैं—
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  1. यह विटामिन जख्मों से रिस रहे रक्त को रोकता है।
  2. उसके जमाव में सहायता करता है।
  3. यह चमड़ी के रोगों से सुरक्षा करता है।

कमी से हानियां—

  1. रक्त जमने की क्रिया में रुकावट पड़ती है।
  2. त्वचा के रोग हो जाते हैं।

प्राप्ति स्रोत-यह अधिकतर बन्दगोभी, पालक, मछली, सोयाबीन, टमाटर की ज़र्दी आदि में होता है।

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प्रश्न 2.
मुख्य भोज्य पदार्थों और उनके गुणों का वर्णन कीजिए।
(Discuss the main constituents of food and give their advantages.)
उत्तर-
अनाज, दालें, सब्जियां, फल, सूखे फल (मेवे), दूध, मांस, मछली आदि खाद्य पदार्थ मुख्य हैं। इसके गुण इस प्रकार हैं

  1. अनाज-गेहूं, चावल, चने, जौ, मक्की और बाजरा आदि अनाज प्रायः खाए जाते गुण-अनाज के गुण निम्नलिखित अनुसार हैं
    • इनसे हमारे शरीर का निर्माण होता है।
    • ये शरीर को शक्ति भी प्रदान करते हैं।
    • इनमें कार्बोहाइड्रेट्स अधिक मात्रा में होते हैं।
    • इनके छिलकों में लोहा, चूना, विटामिन और प्रोटीन होते हैं।
  2. दालें-सोयाबीन, मांह, मूंगी, मसूर, अरहर, सूखे मटर, राजमांह आदि की गणना मुख्य दालों में होती है। गुण-दालों के निम्नलिखित गुण हैं
    • इनका प्रयोग करने से शरीर को शक्ति मिलती है।
    • भूख बढ़ती है।
    • पाचन शक्ति तेज़ होती है। इनमें विटामिन ‘ए’, ‘बी’ और ‘सी’ अधिक मात्रा में होते हैं। इसके अतिरिक्त इनमें प्रोटीन, खनिज लवण, लोहा, फॉस्फोरस भी होते हैं।
  3. सब्जियां-बन्दगोभी, पालक, सरसों का साग, मेथी, गाजर, मूली, सलाद, चुकन्दर, टमाटर, आलू, मटर, करेला, बैंगन, भिंडी, फूलगोभी और शलगम आदि मुख्य सब्जियां हैं।
    गुण-सब्जियों के गुण इस प्रकार हैं

    • ये शरीर की रक्षा करती हैं।
    • ये शरीर को स्वस्थ रखती हैं।
    • ये खून को साफ़ करती हैं।
    • ये कब्ज नहीं होने देती।
  4. फल-अंगूर, अमरूद, आंवला, नारंगी, संगतरा, माल्टा, अनार, मुसम्मी, नींबू, आम, केला, सेब, नाशपाती और आलू बुखारा आदि फलों का अधिक मात्रा में प्रयोग करना चाहिए।
    गुण-फलों में गुण निम्नलिखित प्रकार हैं

    • ये शरीर की सफ़ाई में सहायता करते हैं।
    • इनमें लोहा, लवण और सारे विटामिन होते हैं।
    • ये शरीर की रोगों से सुरक्षा करते हैं।
  5. सूखे मेवे (फल)-बादाम, अखरोट, पिस्ता, काजू, खजूर और मूंगफली आदि सूखे मेवे होते हैं। इनमें कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और चर्बी बहुत होती है।
    गुण-

    • ये शारीरिक विकास में सहायता करते हैं।
    • ये दिमागी ताकत को बढ़ाते हैं।
  6. दूध और उससे बनने वाले पदार्थ-मक्खन, घी, दही, पनीर और लस्सी आदि दूध से तैयार होते हैं। इनमें भोजन के सारे तत्त्व होते हैं। ये शरीर में गर्मी और शक्ति पैदा करते हैं। ये शरीर का विकास करते हैं और टूटे-फूटे तन्तुओं की मुरम्मत भी करते हैं। ये साफ खून भी तैयार करते हैं।
  7. मांस, मछली, अण्डे आदि-मांस, मछली और अण्डों का प्रयोग बहुत किया जाता है। इनमें प्रोटीन, चर्बी, कैल्शियम, लोहा और विटामिन ए, बी और डी अधिक मात्रा में होते हैं। ये शरीर के विकास में सहायता करते हैं और इसे कई रोगों से बचाते हैं।

प्रश्न 3.
हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक खनिज लवणों का वर्णन करो।
(Why the different salts are useful for our body ?)
उत्तर-
हमारे शरीर में कैल्शियम, फॉस्फोरस, सोडियम, लोहा, मैग्नीशियम, पोटाशियम, आयोडीन, क्लोरीन और गन्धक जैसे तत्त्वों की बहुत आवश्यकता है। हमारे भोजन में इन खनिज लवणों का होना नितान्त आवश्यक है। ये खनिज लवण हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत आवश्यक हैं। इन खनिज लवणों की हमारे शरीर के लिए उपयोगिता का संक्षिप्त वर्णन निम्नलिखित है

  1. कैल्शियम और फॉस्फोरस-ये खनिज लवण दूध, दही, पनीर, अण्डे, मछली, मांस, हरी सब्जियां तथा ताज़ा फलों, दलिया, दालों और बादामों में अधिक होते हैं। इनसे शरीर का विकास होता है। दांतों और हड्डियों का निर्माण होता है। ये दिल और दिमाग के लिए लाभदायक होते हैं।
  2. लोहा-लोहा हरी सब्जियों, फलों, अनाजों, अण्डों और मांस में अधिक होता है। यह नया खून उत्पन्न करता और भूख को बढ़ाता है। यह रक्त को साफ करता है।
  3. सोडियम-यह प्रायः भिण्डी, अंजीर, नारियल, आलू बुखारा, मूली, गाजर और शलगम आदि में मिलता है। यह जिगर और गुर्दो की कई बीमारियों को रोकता है।
  4. पोटाशियम-यह नाशपाती, आलू बुखारा, नारियल, नींबू, अंजीर, बन्दगोभी, करेला, मूली, शलगम आदि में मिलता है। यह जिगर और दिल को शक्ति प्रदान करता है तथा कब्ज को दूर करता है।
  5. आयोडीन – यह समुद्री मछली, समुद्री लवण, प्याज, लहसुन, टमाटर, पालक, गाजर और दूध आदि से प्राप्त होती है। इससे शरीर का भार और शक्ति बढ़ती है। इस की कमी से गिलट का रोग हो जाता है।
  6. मैग्नीशियम- यह नारंगी, संगतरे, अंजीर, आलू-बुखारे, टमाटर और पालक आदि में पर्याप्त मात्रा में मिलता है। यह चर्म रोगों की रोकथाम करता है और पट्ठों को मजबूत बनाता है।
  7. गन्धक-यह प्याज, मूली, बन्दगोभी, फूलगोभी में बहुत होती है। यह नाखूनों और बालों को बढ़ाती है तथा चमड़ी को साफ रखती है।
  8. क्लोरीन-यह प्याज़, पालक, मूली, गाजर, बन्दगोभी और टमाटर में बहुत होती है। यह शरीर से गन्दे पदार्थों को बाहर निकालती है। यह शरीर की सफ़ाई करती है।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
(क) सन्तुलित भोजन
(ख) प्रोटीन
(ग) कैल्शियम
(घ) फॉस्फोरस
(ङ) विटामिनों की कमी।
[Write down a brief note on the following:
(a) Balanced diet
(b) Proteins
(c) Calcium
(d) Phosphorus
(e) Lack of Vitamins.)
उत्तर-
(क) सन्तुलित भोजन-जिस भोजन में सारे आवश्यक तत्त्व उचित मात्रा में विद्यमान हों और जो शरीर की सारी की सारी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के योग्य हो, उसे सन्तुलित भोजन कहते हैं। सन्तुलित भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, चर्बी, खनिज लवण, विटामिन और पानी उचित मात्रा में होने चाहिएं। शरीर के पूर्ण विकास और अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें सन्तुलित भोजन ही करना चाहिए। कोई भी अकेला भोज्य पदार्थ सन्तुलित भोजन नहीं। केवल दूध ही एक ऐसा पदार्थ है जिसमें सभी पौष्टिक तत्त्व मिलते हैं।

(ख) प्रोटीन-प्रोटीन, कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और गन्धक के रासायनिक मिश्रण से बनते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं-पशु प्रोटीन तथा वनस्पति प्रोटीन। पशु प्रोटीन मांस, मछली, अण्डे और दूध आदि से प्राप्त होते हैं। वनस्पति प्रोटीन दालों, मटर, फूल गोभी, सोयाबीन, चने, पालक, हरी मिर्च, प्याज और सूखे मेवों में मिलते हैं। प्रोटीन शरीर में शक्ति पैदा करते हैं। हड्डियों का निर्माण और भोजन के पचाने में सहायता करते हैं। इनके कम प्रयोग से शरीर कमज़ोर हो जाता है।

(ग) कैल्शियम-कैल्शियम दूध, दही, पनीर, अण्डे, मछली, मांस, हरी सब्जियों, ताजे फलों, लवणों, दलिए, दालों और बादाम में अधिक मात्रा में होता है। इससे शरीर का विकास होता है। दांतों और हड़ियों के लिए यह बहुत लाभदायक हैं। यह दिल और दिमाग के लिए लाभदायक है। इसकी कमी से हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं और दांत गिर जाते हैं।

(घ) फॉस्फोरस-फॉस्फोरस दूध, दही, पनीर, अण्डे, मछली, मांस, हरी सब्जियों और ताजे फलों में होती है। इससे भी हड्डियां और दांत मज़बूत होते हैं। इसकी कमी से हड्डियां टेढ़ी हो जाती हैं।

(ङ) विटामिनों की कमी-मुख्य विटामिन ए, बी, सी, डी, ई और के हैं। इनकी कमी से शरीर में जो विकार उत्पन्न होते हैं उनका विवरण क्रमानुसार इस प्रकार है

  1. विटामिन ‘ए’
    • इसकी कमी से अन्धराता रोग हो जाता है।
    • गले तथा नाक के रोग लग जाते हैं।
    • फेफड़े कमज़ोर हो जाते हैं।
    • चमड़ी के रोग लग जाते हैं।
    • छूत के रोग लग जाते हैं।
  2. विटामिन ‘बी’-
    • भूख नहीं लगती।
    • चमड़ी के रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
    • बाल झड़ने लगते हैं।
    • जिह्वा में छाले पड़ जाते हैं।
    • खून की कमी हो जाती है।
  3. विटामिन ‘सी’-
    • हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं।
    • घाव शीघ्र नहीं भरते।
    • आंखों में मोतिया (मोती बिन्द) उत्पन्न हो जाता है।
    • पायोरिया रोग लग जाता है।
    • इसकी कमी से स्कर्वी रोग उत्पन्न हो जाता है।
  4. विटामिन ‘डी’-
    • हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं।
    • मिर्गी तथा सोकड़े के रोग हो जाते हैं।
    • हड्डियां टेढ़ी हो जाती हैं।
    • मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं।
  5. विटामिन ‘ई’
    • इसकी कमी से नपुंसकता तथा बांझपन के रोग लग जाते हैं।
    • फोड़े-फुन्सियां निकल आते हैं।
    • शरीर कमज़ोर हो जाता है।
  6. विटामिन ‘के’-
    • चमड़ी के रोग हो जाते हैं।
    • घावों से बहता रक्त शीघ्र बन्द नहीं होता।

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प्रश्न 5.
सन्तुलित भोजन के भिन्न-भिन्न तत्त्व कौन-से हैं ?
(What are the various constituents of Balanced Diet ?)
उत्तर-
सन्तुलित भोजन (Balanced Diet)-सन्तुलित भोजन वह भोजन है जिसमें शरीर के लिए ज़रूरी सभी आवश्यक तत्त्व उचित मात्रा में होते हैं जैसे प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट्स, खनिज लवण, विटामिन, जल तथा फोट तत्त्वों की मात्रा व्यक्ति की आयु, स्वास्थ्य तथा कार्य पर निर्भर करती है।
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सन्तुलित भोजन के तत्त्व (Constituents of Balanced Diet)-सन्तुलित भोजन के विभिन्न तत्त्वों का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार हैं

  1. प्रोटीन (Proteins)-प्रोटीन कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, गन्धक तथा फ़ॉस्फोरस के रासायनिक मेल से बना एक मिश्रित पदार्थ है। प्रोटीन दो प्रकार के होते हैं-वनस्पति प्रोटीन तथा पशु प्रोटीन।
  2. प्राप्ति के स्त्रोत (Sources)
    • वनस्पति प्रोटीन-यह सोयाबीन, मूंगफली, काजू, बादाम, पिस्ता, अखरोट, गेहूं, बाजरा, मक्की आदि में पाया जाता है।
    • पशु प्रोटीन-यह मांस, मछली, कलेजी, अण्डा, दूध, पनीर आदि में पाया जाता है।

प्रोटीन के लाभ (Advantages)-

  1. इससे शारीरिक वृद्धि और विकास होता है।
  2. ये शरीर के टूटे-फूटे सैलों की मुरम्मत करते हैं।
  3. ये शरीर का तापमान ठीक रखते हैं।
  4. शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स या वसा की मात्रा कम हो जाती है तो शक्ति पैदा करने का कार्य भी प्रोटीन ही करते हैं।

प्रोटीन की कमी से हानियां -प्रोटीन की कमी से निम्नलिखित रोग लग जाते हैं—

  1. क्वाशियोरकर (Kwashiorkar)—प्रोटीन की कमी से एक वर्ष से लेकर तीन वर्ष तक की आयु के बच्चों को यह रोग हो जाता है। पहले बच्चे की टांगें सूख जाती हैं
    और फिर उसके मुंह और सारे शरीर में सूजन हो जाती है। त्वचा खुरदरी और लाल हो जाती है। बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है।
  2. सोका-प्रोटीन की कमी से बच्चों को सोका नामक रोग लग जाता है। बच्चा पतला और कमजोर हो जाता है। उसके मांस के नीचे हड्डियां दिखाई देती हैं।
  3. भूख के कारण सूजन (Hunger edema)-भूखे रहने तथा प्रोटीन की कमी के कारण मनुष्य के शरीर में कम खुराक पहुंचती है तथा सैलों में पानी अधिक एकत्र हो जाता है तथा सारा शरीर सूजा हुआ नज़र आता है।
  4. प्लैगरा (Pellagra) -इस रोग के कारण त्वचा खुरदरी और शुष्क हो जाती है।
  5. जिगर की खराबी-प्रोटीन की कमी से जिगर खराब हो जाता है।

प्रोटीन की अधिकता से हानियां–प्रोटीन की अधिक मात्रा लेने से गुर्दो की कई. बीमारियां लग जाती हैं। रक्त नाड़ियों की लचक में भी अन्तर आता है और जोड़ों के दर्द भी हो जाते हैं।
प्रोटीन की उचित मात्रा (Proper Quantity)-एक वर्ष से लेकर छ: वर्ष तक की आयु के बच्चों को प्रोटीन की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। एक साधारण व्यक्ति को प्रतिदिन 70 से 100 ग्राम तक प्रोटीन की मात्रा लेनी चाहिए।
कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates) (P.S.E.B. 2002 C, 2003 E, 2011B)कार्बोहाइड्रेट्स शरीर को शक्ति और गर्मी प्रदान करते हैं। भारतीयों के भोजन का 70-80% भाग इसी तत्त्व से पूरा किया जाता है।
प्राप्ति के स्त्रोत (Sources)-कार्बोहाइड्रेट्स गेहूं, चावल, ज्वार, जौ, मक्की, चीनी, शकरकन्दी, आल आदि वस्तुओं में पाये जाते हैं।
कार्बोहाइड्रेट्स के लाभ (Advantages)—

  1. कार्बोहाइड्रेट्स से शरीर को शक्ति और गर्मी प्राप्त होती है।
  2. वे वसा को बचाने में सहायता करते हैं।
  3. इनसे अमाशय तथा आंतों की सफ़ाई होती है।
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कमी से हानियां-

  1. कार्बोहाइड्रेट्स की उचित मात्रा न मिलने से रक्त में एलक्लीन कम हो जाती है तथा तेज़ाब (Acidity) बढ़ जाता है। इस दशा में व्यक्ति बेहोश हो सकता है। ऐसी दशा अधिक भूखा रहने से मधुमेह (Diabetes) के रोगी की हो सकती है।
  2. आंतों की पूरी तरह सफ़ाई नहीं होती।
  3. कार्बोहाइड्रेट्स के कम खाने से शरीर की वसा ठीक प्रकार से हज़म नहीं की जा सकती।
  4. कार्बोहाइड्रेट्स के कम खाने से अमाशय में तेज़ाबी तत्त्वों की वृद्धि हो जाती है जिससे शरीर को हानि पहुंचती है।
  5. इनकी अधिक कमी से शरीर बहुत कमजोर हो जाता है तथा व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।

अधिकता की हानियां-कार्बोहाइड्रेट्स की अधिकता से शरीर में मोटापा आ जाता है और उच्च रक्त चाप, मधुमेह तथा जोड़ों के दर्द आदि रोग हो जाते हैं।
कार्बोहाइड्रेट्स की उचित मात्रा (Proper Quantity)-हमारे भोजन में 50-80% कार्बोहाइड्रेट्स तत्त्व होते हैं। सन्तुलित भोजन का 50-60% भाग कार्बोहाइड्रेट्स का ही होता है। एक साधारण व्यक्ति के भोजन में प्रतिदिन 400 से 700 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा होनी चाहिए।

3. वसा या चिकनाई (Fats) —वसा या चिकनाई दो प्रकार की होती है-वनस्पति वसा तथा पशु वसा।
प्राप्ति के स्त्रोत (Sources)—
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  1. वनस्पति वसा-यह सरसों, मूंगफली तथा नारियल के तेल, अखरोट, बादाम, मूंगफली, सोयाबीन आदि में पाई जाती है।
  2. पशु वसा-यह घी, मक्खन, दूध, मांस, मछली, अण्डों आदि में पाई जाती है। वसा के लाभ (Advantages)
    • इससे शरीर में शक्ति उत्पन्न होती है।
    • यह शरीर के तापमान को स्थिर रखती |
    • शरीर के सभी अंगों की बाहरी चोट मछली का तेल से रक्षा करती है।
    • यह विटामिन ए, डी, ई तथा के को शारीरिक आवश्यकता के अनुसार सम्भाल कर रखती है।

कमी से हानियां–वसा की कमी से कई हानियां होती हैं—

  1. त्वचा (Skin) शुष्क हो जाती है। ।
  2. विटामिन ए, डी, ई तथा के की कमी | हो जाती है।
  3. वसा-तेज़ाबों की कमी से त्वचा शुष्क हो जाती है।

अधिकता से हानियां—भोजन में वसा की अधिक मात्रा भी हानिकारक होती है।

  1. शरीर में मोटापा आ जाता है।
  2. हृदय के रोग लग जाते हैं।
  3. हाजमा खराब हो जाता है।
  4. मधुमेह (Diabetes) रोग हो जाता है।
  5. पेट में पत्थरी (Stone) बन जाती है।

वसा की उचित मात्रा (Proper Quantity) —एक साधारण व्यक्ति के भोजन में प्रतिदिन लगभग 50 ग्राम वसा की मात्रा होनी चाहिए।

4. खनिज लवण (Mineral Salts)-हमारे शरीर में खनिज लवण 4% होते हैं। फ़ॉस्फोरस, कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, पोटाशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज़, आयोडीन तथा जिंक आदि मुख्य खनिज लवण हैं।
प्राप्ति के स्रोत (Sources)—ये खनिज हरे पत्तों वाले साग तथा फलों, मांस, मछली, दूध आदि में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। दूध में लोहे की मात्रा कम परन्तु अन्य सभी खनिज लवण प्राप्त हो जाते हैं।
अधिकता से लाभ (Advantages)—

  1. ये दांतों तथा हड्डियों को मजबूत बनाते
  2. ये मांसपेशियों के तन्तुओं (Muscular Tissues) का विकास करते हैं।
  3. ये रक्त के रंग को लाल बनाते हैं।
  4. कैल्शियम खून के जमाव में योगदान देते हैं।
  5. खनिज लवण शरीर के सभी कार्यों को ठीक तरह से चलाते हैं।

कमी से हानियां (Disadvantages)—

  1. कैल्शियम की कमी से हड्डियां और दांत कमजोर हो जाते हैं।
  2. शरीर प्रत्येक रोग का जल्दी शिकार हो जाता है।
  3. लोहे की कमी से त्वचा का रंग पीला हो जाता है।
  4. आयोडीन की कमी से गिल्लड़ नामक रोग हो जाता है।

5. पानी (Water)-हमारे शरीर का 2/3 भाग पानी का होता है। यह ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन के मेल से बनता है। इसका हमारे शरीर के लिए उतना ही महत्त्व है जितना कि वायु का।
स्रोत (Sources)—पानी हमें कई प्रकार के भोजन के तत्त्वों दूध, फल तथा सब्जियों में शुद्ध रूप में मिलता है। पानी के लाभ (Advantages of Water)

  1. पानी सैलों के निर्माण में सहायता देता है।
  2. यह सैलों तक खुराक पहुंचाता है। यह शरीर से गन्दे पदार्थों का निकास करता
  3. यह भोजन को पचाने में सहायता करता है।
  4. यह हमारे शरीर की गर्मी को नियमबद्ध करता है।
  5. पानी के द्वारा भोजन के तत्त्व रक्त में मिलते हैं।
  6. यह शरीर के जोड़ों तथा अंगों को नर्म रखता है।
  7. पानी के सहारे ही शरीर में रक्त चक्कर लगाता है।

पानी की कमी से हानियां (Harm of taking less water)—पानी की कमी से बहुत-सी हानियां होती हैं।

  1. पानी कम पीने से खाया हुआ भोजन भली भान्ति नहीं पचता।
  2. अमाशय भारी रहता है।
  3. कब्ज हो जाती है।
  4. सिर सदा थका सा महसूस होता है।
  5. शरीर कमजोर हो जाता है।
  6. चेहरा पीला पड़ जाता है।
  7. शरीर से गन्दे पदार्थों का कम निकास होता है।
  8. जोड़ों का दर्द हो जाता है।
  9. गुर्दो में पत्थरी बन जाती है।

पानी की अधिकता से हानियां (Harm of taking excess water)-पानी सदा उचित मात्रा में ही पीना चाहिए। अधिक पानी पीने से अमाशय भरा रहता है और भूख कम लगती है। भोजन करते समय साथ-साथ पानी पीने से भोजन शीघ्र ही हज़म हो जाता है।

पानी की उचित मात्रा (Proper Quantity)-पानी की मात्रा में ऋतु, व्यवसाय या खुराक के अनुसार परिवर्तन होता रहता है। साधारणतया एक दिन में 5-6 गिलास पानी पीना चाहिए।

6. विटामिन (Vitamins) -2016 भोजन में विटामिन भी उचित मात्रा में होने चाहिएं। इनका मानव शरीर के लिए विशेष महत्त्व है। इनके बिना शरीर का कोई काम नहीं हो सकता। विटामिनों से रहित भोजन सन्तुलित भोजन नहीं कहला सकता। विटामिन, प्राय: ताजे फल, हरी तरकारियों तथा अण्डों में मिलते हैं। ये मुख्यतः 6 प्रकार के होते हैं। विटामिन ए, बी, सी, डी, ई तथा के।
लाभ (Advantages)-

  1. ये पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं।
  2. विभिन्न रोगों को रोकते हैं।
  3. हमारे शरीर की चर्म रोगों से रक्षा करते हैं।
  4. हमारी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।

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प्रश्न 6.
प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स तथा चिकनाई की प्राप्ति के क्या साधन हैं तथा इनकी उचित मात्रा कितनी होनी चाहिए ? (What are the sources of carbohydrates, fats and proteins ? How much quantity we should take all of these ?)
उत्तर-
(क) प्रोटीन (Proteins)-प्रोटीन कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, गन्धक तथा फ़ॉस्फोरस के रासायनिक मेल से बना मिश्रित पदार्थ है। प्रोटीन दो प्रकार के होते हैं-वनस्पति प्रोटीन तथा पशु प्रोटीन। वनस्पति प्रोटीन सोयाबीन, मूंगफली, बादाम, अखरोट, गेहूं, बाजरा, मक्की आदि में पाई जाती है। पशु प्रोटीन मांस, ‘ मछली, अण्डा, दूध, पनीर आदि में पाई जाती है। एक साधारण व्यक्ति को प्रतिदिन 70 से 100 ग्राम तक प्रोटीन की मात्रा लेनी चाहिए।

(ख) कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates) कार्बोहाइड्रेट्स शरीर को गर्मी और शक्ति प्रदान करते हैं। भारतीयों के भोजन में तो 70-80% तक ही यह तत्त्व पाया जाता है। एक साधारण व्यक्ति के दैनिक भोजन में 400 से 700 ग्राम तक कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा होनी चाहिए।

(ग) वसा की मात्रा (Quantity of Fats)—वसा शरीर को शक्ति देती है। वसा दो प्रकार की होती है-वनस्पति वसा तथा पशु वसा। वनस्पति वसा सरसों, मूंगफली तथा नारियल के तेल, सोयाबीन, अखरोट, बादाम, मूंगफली, अखरोट आदि में पाई जाती है। घी, मक्खन, दूध, मछली, मांस, अण्डे आदि पशु वनस्पति के मुख्य स्रोत हैं।
एक साधारण व्यक्ति के भोजन में प्रतिदिन लगभग 50 से 75 ग्राम तक वसा की मात्रा होनी चाहिए।

प्रश्न 7.
खनिज लवण तथा विटामिनों के लाभ बताओ।
(Describe the advantages of Mineral Salts and Vitamins.)
उत्तर-
खनिज लवणों के लाभ (Advantages of Mineral Salts) मानव शरीर में प्रोटीन, कार्बोहाइडेट्स, वसा तथा पानी की मात्रा 96% होती है तथा शेष 4% खनिज लवण होते हैं। कैल्शियम, फॉस्फोरस, सोडियम, क्लोरीन, सल्फर, आयरन, आयोडीन आदि मुख्य खनिज लवण हैं। खनिज लवणों के निम्नलिखित लाभ हैं

  1. ये दांतों तथा हड्डियों की वृद्धि करते हैं और इन्हें मज़बूत बनाते हैं।
  2. ये मांसपेशियों के तन्तुओं (Muscular Tissues) की वृद्धि करते हैं।
  3. ये रक्त का रंग लाल बनाते हैं।
  4. कैल्शियम रक्त के जमाव में योगदान देते हैं।
  5. ये शरीर का सारा काम ठीक ढंग से चलाने के लिए आवश्यक हैं। विटामिनों के लाभ (Advantages of Vitamins) विटामिन भोजन के महत्त्वपूर्ण तत्त्व हैं। ये संख्या में छः हैं-विटामिन ए, बी, सी, डी, ई तथा के। इनके लाभ क्रमशः इस प्रकार हैं

विटामिन ‘ए’ के लाभ

  1. यह आंखों की सेशनी तेज़ करता है।
  2. यह आंखों, आमाशय तथा आंतों की झिल्लियों को मज़बूत बनाता है।
  3. छूत के रोगों से रक्षा करता है।
  4. यह शरीर को बढ़ाने तथा विकसित करने में सहायता प्रदान करता है।
  5. यह भूख बढ़ाता है और पाचन-क्रिया को ठीक रखता है।

विटामिन ‘बी’ के लाभ—

  1. यह मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है।
  2. यह हड्डियों को मजबूत बनाता है।
  3. बच्चों की वृद्धि में सहायता पहुंचाता है।
  4. इससे पाचन-शक्ति ठीक होती है और भूख लगती है।
  5. त्वचा को ठीक रखता है।

विटामिन ‘सी’ के लाभ—

  1. शरीर की छूत के रोगों से रक्षा करता है।
  2. दांतों तथा मसूड़ों को मजबूत बनाता है।
  3. घावों को भरने तथा टूटी हड्डियों को ठीक करने में सहायता करता है।

विटामिन ‘डी’ के लाभ-हड्डियों को मजबूत करता है।
विटामिन ‘ई’ के लाभ-यह प्रजनन शक्ति को बढ़ाता है।
विटामिन ‘के’ के लाभ-यह रक्त के जमने की क्रिया में सहायता पहुंचाता है।

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प्रश्न 8.
एक सामान्य खिलाड़ी के लिए उचित खराक की मात्रा बताओ।
(Describe the Balanced Diet of an ordinary sports person.)
उत्तर-
एक सामान्य साधारण खिलाड़ी के लिए उचित खुराक की मात्रा नीचे दी जाती है—
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PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 2 सन्तुलित भोजन 11
मूंगफली के स्थान पर भोजन में 30 ग्राम चिकनाई एवं तेल जोड़े जा सकते हैं।
PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 2 सन्तुलित भोजन 12
मूंगफली के स्थान पर भोजन में 30 ग्राम चिकनाई एवं तेल जोड़े जा सकते हैं।
PSEB 10th Class Physical Education Solutions Chapter 2 सन्तुलित भोजन 13
मूंगफली के स्थान पर भोजन में 30 ग्राम अतिरिक्त चिकनाई एवं तेल जोड़ा जा सकता है।

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