Punjab State Board PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत Important Questions and Answers.
PSEB 10th Class Science Important Questions Chapter 12 विद्युत
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
(क) विद्युत् धारा के ऊष्मन प्रभाव संबंधी नियम लिखें
(ख) विद्युतीय शक्ति की परिभाषा दें। इसकी इकाई की भी परिभाषा दें।
(ग) विद्युतीय ऊर्जा क्या है ? इसकी इकाइयों की परिभाषा लिखें।
उत्तर –
(क) ऊष्मन प्रभाव के नियम-जब भी किसी चालक में से विद्युत् धारा गुज़ारी जाती है, तो यह गर्म हो जाता है। इसे जूल का ऊष्मन नियम (Joule’s Heating Effect) कहा जाता है। इस नियम के अनुसार जब चालक में से धारा प्रवाहित की जाती है तो उत्पन्न ताप
- धारा के वर्ग के समानुपाती होता है। H ∝ I2 (जब प्रतिरोध, R, समय न हो)
- चालक के प्रतिरोध के समानुपाती होता है H ∝ R (जब धारा I, समय न हो)
- समय के समानुपाती होता है जितने समय के लिए धारा प्रवाहित की जाती है।
H∝ t (जब प्रतिरोध R तथा धारा I हो)
संयुक्त करने पर H ∝ I2Rt (समानुपाती नियतांक) का मान मात्रक की प्रणाली पर निर्भर करता है। S.I. प्रणाली में इसका मान ‘1’ है। अतः
H = I2Rt (जूल में)
(ख) विद्युत् शक्ति- विद्युतीय कार्य करने की दर को विद्युत् शक्ति कहते हैं। मान लें कि चालक के सिरों के मध्य V विभवांतर वाले चालक में धारा I गुज़ारी जाती है। समय t के लिए धारा I प्रवाहित करने में किया गया कार्य इस प्रकार होगा
W = VIt
किंतु परिपथ की शक्ति इस प्रकार दी जाती है-
= \(\frac{\mathrm{W}}{t}\)
= \(\frac{\mathrm{VI} t}{t}\)
= V × I
P = V × I
∴ P = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}}\) [∵ I = \(\frac{V}{R}\) ]
और P = I2R
विद्युत् शक्ति की इकाई P = VI
यदि V वोल्ट तथा I एम्पियर में मापी जाए, तो शक्ति वाट में होगी।
वाट की परिभाषा- विद्युत् परिपथ में एक वाट विद्युत् शक्ति होगी यदि एक एम्पियर धारा प्रवाहित हो रही हो। जब किसी चालक जिसके सिरों के मध्य एक वोल्ट का विभवांतर हो।
1 वाट = 1 वोल्ट x 1 एम्पियर
शक्ति की बड़ी इकाई किलोवाट (KW) है।
1 किलोवाट = 1000 वाट
(ग) विद्युत् ऊर्जा-किसी निश्चित समय में धारा द्वारा कुल किए गए कार्य की मात्रा, विद्युत् ऊर्जा कहलाती है। मान लें किसी चालक में से I एम्पियर की धारा समय 1 के लिए प्रवाहित होती है, जबकि इसके सिरों के बीच विभवांतर V होता है। तब प्रयुक्त ऊर्जा या किया गया कार्य इस प्रकार होता है-
W = VIt
विद्युत् ऊर्जा की मानक इकाई जूल या वाट-सेकंड है किंतु यह एक लघु (छोटी) इकाई है। विद्युत् ऊर्जा की वृहत् (बड़ी) इकाई वाट-घंटा है। वाट-घंटे की परिभाषा-विद्युत् ऊर्जा एक वाट-घंटा कहलाती है जब चालक में से एक एम्पियर धारा एक घंटे के लिए प्रवाहित होती है जब इसके सिरों के बीच एक वोल्ट का विभवांतर होता है।
1 वाट-घंटा = 1 वाट x 1 घंटा
= 1 वोल्ट x 1 एम्पियर x 1 घंटा
1 किलोवाट घंटा = 1000 वाट घंटा
विद्युतीय ऊर्जा की बड़ी इकाई किलोवाट-घंटा है।
प्रश्न 2.
किसी चालक के प्रतिरोध से क्या भाव है ? किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है ?
उत्तर-
चालक का प्रतिरोध-देखें लघु उत्तरात्मक प्रश्न 14. चालक के प्रतिरोध की निर्भरता के कारक-देखें अध्याय के अंतर्गत प्रश्न 1 पृष्ठ 336.
प्रश्न 3.
प्रयोग द्वारा मालूम करें कि किसी चालक के लिए प्रतिरोध का मान किन-किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर–
किसी धातु चालक का प्रतिरोध जिन कारकों पर निर्भर करता है उसे निम्नलिखित प्रयोग द्वारा दर्शाया जा सकता है –
प्रयोग-एक बैटरी, एमीटर, प्रतिरोधक तार और स्विच की सहायता से विद्युत् परिपथ बनाओ। स्विच को दबा कर इसके परिपथ में से विद्युत् धारा प्रवाहित करें। एमीटर से विद्युत् धारा का मान नोट करें। अब इस तार के स्थान पर समान लंबाई और मोटाई की किसी अन्य धातु की तार द्वारा जोड़े तथा एमीटर द्वारा धारा का मान नोट करें। आप देखते हैं कि विद्युत् धारा का मान बदल जाता है। इस प्रयोग से यह सिद्ध होता है कि चालक का प्रतिरोध उसके स्वभाव पर निर्भर करता है। अर्थात् एक ही ताप पर समान लंबाई तथा मोटाई वाले भिन्न-भिन्न धातुओं के चालकों का प्रतिरोध भिन्न-भिन्न होता है।
अब पहले तार के व्यास के बराबर तथा उसी धातु से बनी एक तार लो जिसकी लंबाई पहले तार से दुगनी हो। इस तार को परिपथ में जोड़ें और इसमें से विद्युत् धारा प्रवाहित करो। आप देखेंगे कि यह माप पहले से अमर हो गया है या प्रतिरोध दुगुना हो गया है। इससे सिद्ध होता है कि प्रतिरोध लंबाई के समानुपाती होता है। यदि चालक का प्रतिरोध R और तार की लंबाई l हो तो
R α l ……………………..(1)
अब एक ही धातु की बनी दो तारें लीजिए जिनकी लंबाई एक समान हो परंतु अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल (Areas of cross-section) अलग-अलग हों। पहले कम अनुप्रस्थ वाले तार को परिपथ में जोड़ो तथा बाद में अधिक अनुप्रस्थ काट वाले तार को परिपथ में जोड़ें। आप देखते हो कि तार में विद्युत् धारा का मान पहले की अपेक्षा अधिक प्रवाहित हो रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि दूसरे तार का प्रतिरोध पहले की अपेक्षा कम है। इससे सिद्ध होता है कि चालक का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के विलोमानुपाती होता है। यदि चालक का प्रतिरोध R तथा तार का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A है, तो
R α \(\frac{1}{\mathrm{~A}}\) ……………………………… (2)
(1) और (2) को जोड़ने पर,
R α \(\frac{l}{\mathrm{~A}}\)
अथवा
R= ρ\(\frac{l}{\mathrm{~A}}\)
जहां पर ρ स्थिरांक है और इसे चालक का प्रतिरोधकता कहते हैं। इसका मान चालक के पदार्थ के स्वभाव पर निर्भर करता है।
प्रश्न 4.
ओम का नियम क्या है? आप प्रयोगशाला में इसकी पुष्टि कैसे करोगे?
अथवा
ओम का नियम लिखो। चित्र बनाकर समझाइए कि इसकी प्रयोगशाला में व्याख्या कैसे की जाती है ?
अथवा
ओम का नियम लिखो। इसे प्रयोगशाला में प्रयोगात्मक रूप से सिद्ध करने के लिए एक परिपथ चित्र बनाओ।
उत्तर-
ओम का नियम (Ohm’s Law)-ओम के नियम के अनुसार किसी चालक के सिरों के बीच विभवांतर V और उसमें प्रवाहित हो रही धारा की मात्रा I का अनुपात सदा स्थिर रहता है, यदि चालक की भौतिक परिस्थितियां (ताप और दबाव आदि) न बदलें।
या
\(\frac{V}{I}\) = R (स्थिरांक)
इस स्थिरांक को चालक का प्रतिरोध कहा (R) जाता है।
ओम के नियम की पुष्टि-दिए गए चालक PQ को बैटरी (B), एक धारा नियंत्रक (Rh), एक एममीटर (A) और एक कुंजी (K) को दिए गए परिपथ में जोड़ो। चालक PQ के सिरों के बीच में वोल्टमीटर V लगाओ जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
अब कुंजी में प्लग लगाकर चालक PQ में प्रवाहित हो रही धारा I का मान एममीटर के पाठ्यांक और चालक के सिरों के बीच का विभवांतर V का मान वोल्टमीटर पाठ्यांक से नोट करो।
अब V और I का अनुपात \(\left(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\right)\) मालूम करो। अब नियंत्रक की सहायता से परिपथ में धारा का मूल्य बदलो और वोल्टमीटर तथा एममीटर का नया पाठ्यांक नोट करो। दोबारा विभवांतर और धारा का अनुपात \(\left(\frac{\mathrm{V}_{1}}{\mathrm{I}_{1}}\right)\) का मूल्य निकालो। धारा नियंत्रक की स्थिति बदल कर इस प्रयोग को दोहराओ। मान लो इस बार एममीटर का पाठ्यांक I2 और वोल्टमीटर का पाठ्यांक V2 है। अब फिर \(\frac{\mathrm{V}_{2}}{\mathrm{I}_{2}}\) अनुपात ज्ञात करो। आप देखेंगे कि प्रत्येक बार विभवांतर और धारा का अनुपात स्थिर है।
अर्थात् \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}=\frac{\mathrm{V}_{1}}{\mathrm{I}_{1}}=\frac{\mathrm{V}_{2}}{\mathrm{I}_{2}}\) = ………………………. = R (स्थिरांक)
इस स्थिरांक को प्रतिरोध कहा जाता है। इस प्रकार ओम के नियम की पुष्टि हो जाती है। अब चालक PQ के विभवांतर के भिन्न-भिन्न मूल्यों और इनके अनुसार धारा के भिन्न-भिन्न मूल्यों का ग्राफ खींचो। ‘ग्राफ का एक सीधी रेखा होना, ओम के नियम की पुष्टि करता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। ग्राफ से पता चलता है कि जैसे-जैसे चालक का विभवांतर बढ़ता है, धारा में भी रैखिक वृद्धि होती है, जो ओम के नियम को सत्यापित करता है।
प्रश्न 5.
श्रेणीक्रम में जोड़े गये प्रतिरोधकों का तुल्य प्रतिरोध कितना होता है, इसके लिए एक संबंध व्युत्पन्न करो।
अथवा
श्रेणीक्रम में जोड़े गए प्रतिरोधकों का तुल्य प्रतिरोध कितना होगा ? चित्र बनाओ तथा संबंध स्थापित करो।
उत्तर-
जब प्रतिरोधकों को श्रेणीबद्ध किया जाता है तो संयोजन का प्रतिरोध पृथक्-पृथक् प्रतिरोधों के जोड़े के बराबर होता है।
श्रेणीबद्ध किये गये प्रतिरोधों को तथा उनका तुल्य प्रतिरोध के मध्य संबंध का व्युत्पन्न-
श्रेणीबद्ध (शृंखला) जुड़े तीन प्रतिरोधों r1,r2 और r3, पर विचार करो जैसे कि चित्र में दर्शाया गया है। मान लो प्रत्येक में से धारा I प्रवाहित होती है। प्रतिरोध के पार विभवांतर इसके प्रतिरोध के समानुपाती है।
मान लो, V1 = r1, के सिरों के मध्य विभवांतर
V2= r2, के सिरों के मध्य विभवांतर
V3 = r3, के सिरों के मध्य विभवांतर
∴ V = V1 + V2 + V3 ……………………..(i)
मान लो Rs पूर्ण श्रृंखला का तुल्य प्रतिरोध है।
ओम-नियम के अनुसार
V = IRs
इसी प्रकार
V1 = IRs
V2 = Ir2
V3 = Ir3
(i) में मान प्रतिस्थापित करके
IRs = Ir1 + Ir2 + Ir3
IRs = I(r1 + r2 +r3)
Rs = r1 + r2 +r3
अतः जब प्रतिरोध शृंखलाबद्ध जोड़े जाते हैं तो इनका कुल प्रतिरोध सभी प्रतिरोधों के जोड़ के बराबर होता है।
प्रश्न 6.
जब तीन प्रतिरोधकों को समानांतर क्रम में एक बैटरी से जोड़ा जाता है तो इनके तुल्य प्रतिरोध विद्युत् के लिए एक संबंध ज्ञात करो।
अथवा
समानांतर क्रम में जोड़े गए कुछ प्रतिरोधकों का तुल्य प्रतिरोध कितना होगा? चित्र बनाओ तथा संबंध स्थापित करो।
अथवा
विद्युत् सर्किट में जब दो या अधिक प्रतिरोधों (R1,R2, R3, ………) को समानांतर क्रम में जोड़ा जाता है तो परिणामी प्रतिरोध (R) प्राप्त करने के लिए पुटैंशल अंतर (V) तथा विद्युत् धारा (I) के लिए संबंध/सूत्र स्थापित करो। अंकित चित्र भी बनाओ।
उत्तर-
समानांतर क्रम में प्रतिरोधक-मान लो कि तीन प्रतिरोधक R1, R2, और R3, बिंदु A और B के मध्य समांतर क्रम में जोड़े गए हैं। अब यदि बिंदु A और B के मध्य विभवांतर लगाने पर मुख्य परिपथ में विद्युत् धारा I प्रवाहित हो रही हो तो बिंदु A पर यह विद्युत् धारा तीन भागों में बँट जाती है। मान लो प्रतिरोध R1, R2, R3, में से प्रवाहित होने वाली विद्युत् धारा क्रमशः I1, I2, I3, है तो
I = I1 + I2, + I3
यदि दोनों सिरों के मध्य विभवांतर V है तो ओम के नियमानुसार
I1 = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{1}}\),
I2 = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{2}}\),
I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\) जहाँ र तुल्य (परिणामी) प्रतिरोध है|
\(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}=\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{1}}+\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{2}}+\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}_{3}}\)
\(\frac{V}{R}=V\left[\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}}+\frac{1}{R_{3}}\right]\)
या \(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{\mathrm{R}_{1}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{2}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{3}} \)
प्रश्न 7.
विद्युत्-ऊर्जा और विद्युत्-शक्ति की परिभाषा दो और इनके मात्रक बताओ।
अथवा
विद्युत् शक्ति की परिभाषा लिखें। इसके मात्रक वाट की भी परिभाषा दें।
अथवा
विद्युत् ऊर्जा क्या है ? इनकी इकाई किलोवाट घंटा की परिभाषा लिखें।
उत्तर-
विद्युत् शक्ति-विद्युत् द्वारा कार्य करने की दर को विद्युत् शक्ति कहते हैं। मान लो अपने सिरों के पार V विभवांतर वाले चालक में से I धारा गुज़ारी जाती है। 1 समय के लिए I धारा प्रवाहित करने में किया गया कार्य इस प्रकार होगा-
W = VIt
किंतु परिपथ की शक्ति इस प्रकार दी जाती है
= \(\frac{\mathrm{W}}{t}\)
= \(\text { VIt }\)
= V x I
P = V x I
ओम-नियम के अनुसार
P = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}}\) [∵ I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\) ]
और P = I2R [∵ V = IR]
विद्युत् शक्ति की इकाई
हम जानते हैं P = VI
यदि V वोल्ट में तथा I एम्पियर में मापी जाए तो शक्ति वाट में होगी।
वाट की परिभाषा- विद्युत् परिपथ में एक वाट विद्युत् शक्ति उस समय होती है, जब एक एम्पियर धारा किसी चालक में से प्रवाहित हो और इसके सिरों के मध्य एक वोल्ट का विभवांतर स्थापित हो।
1 वाट = 1 वोल्ट x 1 एम्पियर
शक्ति की बड़ी इकाई किलोवाट (KW) है।
1 किलोवाट = 1000 वाट
विद्युत् ऊर्जा- किसी निश्चित समय में धारा द्वारा कुल किये गये कार्य की मात्रा, विद्युत् ऊर्जा कहलाती है।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
विद्युत् का हमारे दैनिक जीवन में क्या योगदान है?
उत्तर-
विद्युत् का हमारे जीवन में योगदान-विद्युत् का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। इससे जीवन में कई सुविधाएं मिलती हैं जैसे-रात को अंधेरा दूर करने के लिए इसका उपयोग विद्युत् बल्ब तथा ट्यूबलाइट में किया जाता है, गर्मियों में डेजर्ट कूलर, ऐयर कंडीशनर आदि से विद्युत् का उपयोग करके घरों को ठंडा और सर्दियों में हीटर आदि से गर्म किया जाता है। इसके अतिरिक्त विद्युत् का उपयोग करके टेलीविज़न, रेडियो, चलचित्र और संगीत आदि से मनोरंजन होता है। कृषि, परिवहन और उद्योग में मशीनों आदि को चलाने के लिए भी विद्युत् का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 2.
स्थिर वैद्युत् से आप क्या समझते हो?
उत्तर-
स्थिर वैद्युत् (Static Electricity)- जब दो वस्तुओं को परस्पर एक-दूसरे के साथ रगड़ा जाता है तो उन दोनों में छोटी-छोटी ओर हल्की वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करने का गुण आ जाता है। रगड़ द्वारा उत्पन्न हुई वैद्युत् को घर्षण वैद्युत् या स्थिर वैद्युत् कहते हैं। स्थिर आवेशों के अध्ययन को इलैक्ट्रोस्टैटिक्स कहते हैं। उदाहरण-जब किसी प्लास्टिक के पैन को शुष्क बालों के साथ रगड़ा जाता है तो यह कागज़ के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। ऐसा रगड़ द्वारा विद्युत् पैदा होने के कारण होता है।
प्रश्न 3.
धन तथा ऋण आवेश क्या होते हैं? यह कैसे पैदा होते हैं?
उत्तर –
धन आवेश (Positive Charge)-रेशम के कपड़े के साथ रगड़ने पर कांच की छड़ पर पैदा हुए आवेश को धन आवेश कहा जाता है। ऋण आवेश (Negative Charge)-बिल्ली की खाल से रगड़ने पर आबनूस की छड़ पर पैदा हुए आवेश को ऋण आवेश कहा जाता है।
प्रश्न 4.
चालकों और रोधकों के बीच अंतर स्पष्ट करो।
अथवा
चालक और रोधक की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
चालक और रोधक में अंतर-
चालक-चालकों में बहुत सारे स्वतंत्र इलैक्ट्रॉन होते हैं जो विद्युत् धारा के प्रभाव अधीन गति करते हैं। जब चालक को बैटरी के साथ जोड़ा जाता है तो ये इलैक्ट्रॉन इसके धन टर्मिनल की ओर आकर्षित होते हैं और ऋण टर्मिनल से प्रतिकर्षित होते हैं। इसलिए चालक में इन इलैक्ट्रॉनों की गति के कारण आवेश का स्थानांतरण होता है। अत: चालक वे पदार्थ हैं जिनमें आसानी से विद्युत्-धारा प्रवाहित होती है। उदाहरण-ताँबा, चाँदी, एल्यूमीनियम आदि।
रोधक-ऐसे पदार्थ जिनमें स्वतंत्र इलैक्ट्रॉन बहुत कम होते हैं। इन पदार्थों में इलैक्ट्रॉन आसानी से गति नहीं कर सकते हैं अर्थात् जिनमें से विद्युत् धारा का प्रवाह नहीं होता रोधक कहलाते हैं। उदाहरण- रबड़, काँच, प्लास्टिक आदि।
प्रश्न 5.
विद्युत् विभव का क्या अर्थ है ? धन विभव तथा ऋण विभव का अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
विद्युत् विभव-यह चालक की एक विशेष विदयुतीय अवस्था है जो हमें यह बताती है कि किसी दूसरे चालक के संपर्क में आने पर विद्युत् आवेश का प्रवाह किस दिशा में होगा। किसी चालक का विभव पृथ्वी के सापेक्ष मापा जाता है। धन विभव-यदि धन आवेश वस्तु से पृथ्वी की ओर बहे या इलैक्ट्रॉन पृथ्वी से वस्तु की ओर प्रवाहित हो तो उस वस्तु के विभव को धन विभव कहते हैं।
प्रश्न 6.
किसी सेल के विद्युत् वाहक बल का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
सेल का विद्युत् वाहक बल-एकांक आवेश को पूरे परिपथ में प्रवाहित कराने में परिपथ में जुड़े सेल के द्वारा व्यय की जाने वाली ऊर्जा को सेल का विद्युत् वाहक बल कहते हैं। इसे E से प्रदर्शित किया जाता है। विद्युत् वाहक बल का S.I. मात्रक वोल्ट है।
प्रश्न 7.
स्थिर वैद्युत् से कूलॉम का नियम वर्णित करो और इसकी व्याख्या करो।
अथवा
स्थिर विद्युत् की में कूलॉम का नियम परिभाषित करो और इसकी व्याख्या करो।
उत्तर-
स्थिर वैद्युत् में कूलॉम का नियम- कूलॉम के नियम के अनुसार दो सजातीय रूप से आवेशित वस्तुओं के मध्य प्रतिकर्षण बल या दो विजातीय आवेश वाली वस्तुओं के मध्य आकर्षण बल उन आवेशों की मात्रा के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती और उनके मध्य दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
मान लो दो बिंदुओं पर आवेशों की मात्रा q1 और q2 है और इनके मध्य दूरी ‘d’ है। यदि इनके मध्य क्रिया कर रहा बल F हो तो F ∝q1 q2 ……………………………… (i)
और F ∝ \(\frac{1}{d^{2}}\) ………………………………….(ii)
समीकरण (i) और (ii) को मिलाकर,
F∝ \(\frac{q_{1} q_{2}}{d^{2}}\)
या F= \(\frac{\mathrm{K} q_{1} q_{2}}{d^{2}}\)
जहाँ K अनुपात अंक है जिसका मूल्य आवेशों के माध्यम पर निर्भर करता है। जब आवेशों को कूलॉम में और दूरी को मीटरों में लिया जाए तो वायु या निर्वात के लिए K = 9 x 109 है।
∴ F = \(9 \times 10^{9} \times \frac{q_{1} \times q_{2}}{d^{2}} \) न्यूटन
प्रश्न 8.
पुटैंशल अंतर (विभवांतर ) किसे कहते हैं ?
अथवा
विभांतर से क्या भाव है ? इसकी इकाई क्या है?
अथवा
विभावंतर क्या है ? इसका मात्रक बताओ।
उत्तर-
पुटैंशल अंतर (विभवांतर)- एक विद्युत् क्षेत्र में दो बिंदुओं के मध्य पुटैंशनल अंतर उस क्षेत्र के कारण स्थिर विद्युत् बल के विपरीत एक इकाई धन आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किए गए कार्य की मात्रा है। विभवांतर की इकाई वोल्ट है।
प्रश्न 9.
वोल्ट की परिभाषा लिखो। यह किस भौतिक राशि की इकाई है?
उत्तर-
वोल्ट-विद्युत् क्षेत्र के दो बिंदुओं के मध्य पुटैंशनल अंतर एक वोल्ट होता है जब एक कूलॉम धन आवेश एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में एक जूल कार्य किया गया हो।
वोल्ट भौतिक राशि पुटैंशल अंतर (विभवांतर) इकाई है।
प्रश्न 10.
हम कैसे कह सकते हैं कि विद्युत् धारा आवेश के प्रवाह के कारण होती है ?
उत्तर-
यदि हम एक आवेशित विद्युत्दर्शी को तारों द्वारा अनावेशित विद्युत्दर्शी के साथ जोड़ें तो आवेश आवेशित विद्युत्दर्शी से अनावेशित विद्युत्दर्शी की ओर प्रवाहित करना आरंभ कर देगा। इससे अनावेशित विद्युत्दर्शी के पत्र फैलकर एक-दूसरे से अलग हो जाएंगे अर्थात् खुल जाएंगे। धारा का यह प्रवाह उतनी देर तक चलता रहेगा जब तक कि इन दोनों विद्युत्दर्शियों के पत्र एक समान नहीं हो जाते। समानता आने पर विद्युत्दर्शियों के पत्र एक समान खुलेंगे। आवेश के इस प्रवाह को ही विद्युत् धारा कहते हैं।
प्रश्न 11.
विद्युत् धारा से क्या अभिप्राय है?
अथवा
विद्युत् धारा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
विद्युत् धारा (Electric Current)-जब दो बिंदु जो कि भिन्न-भिन्न विभव (पुटैंशल) पर हों, एक तांबे की तार द्वारा जोड़ दिया जाए तो आवेश उच्च विभव (पुटैंशल) से निम्न विभव (पुटैंशल) वाले बिंदु की ओर बहना शुरू कर देता है। यह क्रिया तब तक चलती रहती है जब तक कि दोनों बिंदुओं का विभव (पुटैंशल) बराबर नहीं हो जाता। यदि दोनों बिंदुओं में विभवांतर (पुटैंशल अंतर) कायम रहे तो आवेश का बहना जारी रहता है। इस तरह आवेश के निरंतर प्रवाह को विद्युत् धारा कहते हैं।
प्रश्न 12.
विद्युत् धारा किस प्रकार ऊष्मा उत्पन्न करती है?
उत्तर-
किसी धात्विक चालक में बहुत बड़ी संख्या में मुक्त इलैक्ट्रॉन यादृच्छिक गति करते हैं। जब चालक को विद्युत् स्रोत से जोड़ा जाता है, तो मुक्त इलैक्ट्रॉन उच्च विभव से निम्न विभव की ओर प्रवाहित होते हैं, जिससे इलैक्ट्रॉन चालक के परमाणुओं से टकराते हैं। इस टक्कर के कारण मुक्त इलैक्ट्रॉनों की गति ऊर्जा चालक के परमाणुओं में स्थानांतरित हो जाती है। परमाणुओं की गतिज ऊर्जा बढ़ती है और इस कारण चालक के ताप में वृद्धि हो जाती है और ऊष्मा उत्पन्न होती है।
प्रश्न 13.
किसी चालक में प्रवाहित विद्युत् धारा से उत्पन्न उष्मा का संबंध (सूत्र ) स्थापित करो।
उत्तर-
विद्युत् के ऊष्मीय प्रभाव का सूत्र-जब किसी चालक में से विद्युत् धारा गुजारी जाती है तो वह गर्म हो जाता है। सबसे पहले जूल नामक वैज्ञानिक ने हमें यह बताया था। इसलिए इसे जूल के ऊष्मीय प्रभाव का नियम कहते हैं।
क्योंकि चालक धारा के प्रवाह का प्रतिरोध करते हैं, इसलिए चालक में से लगातार विद्युत् धारा प्रवाहित करने के लिए कार्य करना पड़ता है। किसी R प्रतिरोध के चालक में 1 समय तक I विद्युत् धारा, V विभवांतर पर प्रवाहित हो रही है और 1 समय में I धारा Q आवेश के कारण हो तो
I = \(\frac{\mathrm{Q}}{t}\)
या Q = It
और Q आवेश पर V विभवांतर पर किया गया कार्य
W = QV
= (It) V (∴ Q = It)
= (It) v (∴ V= IR)
= I2Rt
यदि यह उत्सर्जित ऊष्मा H द्वारा प्रकट की जाए तो H (जूल में) = I2 Rt
प्रश्न 14.
चालक के प्रतिरोध की परिभाषा दो। इसकी मात्रक बताओ।
अथवा
किसी चालक के प्रतिरोध से क्या भाव है ? इसके मात्रक की परिभाषा दें।
उत्तर-
चालक का प्रतिरोध-किसी चालक के सिरों के बीच के विभवांतर और इसमें से प्रवाहित हो रही धारा की मात्रा के अनुपात को चालक का प्रतिरोध कहा जाता है। इसे R से प्रदर्शित किया जाता है। यदि चालक के सिरों के बीच का विभवांतर V हो और इसमें से गुज़र रही धारा की मात्रा l हो तो
प्रतिरोध का मात्रक-S.I. पद्धति में प्रतिरोध का मात्रक ओम है।
ओम-किसी चालक का प्रतिरोध एक ओम होगा यदि उसके सिरों के बीच का विभवांतर एक वोल्ट हो और इसमें से गुजर रही विद्युत् धारा की मात्रा एक एम्पियर हो। अर्थात् यह एक धातु के घन का प्रतिरोध है जिसकी प्रत्येक भुजा 1 मीटर है और धारा इसके आमने-सामने सम्मुख फलकों के लंबवत् प्रवाहित हो रही है।
प्रश्न 15.
प्रतिरोधकता से क्या तात्पर्य है? इसका SI मात्रक लिख कर महत्त्व प्रतिपादित कीजिए।
उत्तर-
प्रतिरोधकता-किसी चालक तार की इकाई लंबाई और इकाई अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का प्रतिरोध उसकी प्रतिरोधकता कहलाती है। इसका SI मात्रक Ω-m है।
महत्त्व-
- यह तापमान के साथ परिवर्तित होती है।
- जिन पदार्थों की प्रतिरोधकता अधिक होती है, वे विद्युत् के न्यून/कम चालक होते हैं। उदाहरण-प्लास्टिक, रबड़, आदि।
- जिन पदार्थों की प्रतिरोधकता कम होती है, वे विद्युत् के अच्छे चालक होते हैं। उदाहरण-धातु, मिश्रधातु, आदि।
- किसी मिश्रधातु की प्रतिरोधकता इसकी घटक घातुओं से अधिक होती है।
प्रश्न 16.
तापन युक्तियों में धातुओं और मिश्रधातुओं का उपयोग किस कारण किया जाता है ?
उत्तर-
उच्च प्रतिरोधकता के गुणों से संपन्न धातुओं और मिश्रधातुओं का उपयोग तापन युक्ति में किया जाता है क्योंकि
- ये अधिक तापमान पर ऑक्सीकृत नहीं होते।
- ये अधिक प्रतिरोध प्रदान करते हैं।
- ये उच्च तापमान पर भी जल्दी जलते नहीं हैं।
प्रश्न 17.
विद्युत् परिपथ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
विद्युत् परिपथ- यह एक बंद पथ होता है जिसमें इलैक्ट्रॉन (आवेश) बहुत तीव्रता से प्रवाहित होते हैं। जब किसी चालक को बैटरी के साथ जोड़ा जाता है तो इलैक्ट्रॉन बैटरी के ऋण टर्मिनल से धन टर्मिनल की ओर प्रवाहित होते हैं। परंतु धारा (I) की पारंपरिक दिशा इलैक्ट्रॉनों के वहन की दिशा से विपरीत ली जाती है।
प्रश्न 18.
विद्युत् धारा क्या है ? इसके मात्रक बताओ।
अथवा
विद्युत् करंट क्या है ? इसकी SI प्रणाली में इकाई की परिभाषा लिखो।
उत्तर-
विद्युत् धारा (Current)-यदि दो आवेशित वस्तुओं को परस्पर एक चालक से जोड़ा जाए तो इलैक्ट्रॉन (आवेश) एक वस्तु से दूसरी वस्तु की ओर प्रवाहित होते हैं। इलैक्ट्रॉनों के प्रवाह की दर को, विदवत धारा (I) कहा जाता है। दूसरे शब्दों में इकाई समय में प्रवाहित हो रहे आवेश को विद्युत् धारा कहा जाता है।
∴ I = \(\frac{\mathrm{Q}}{t}\)
SI पद्धति में धारा का मात्रक एम्पियर (A) है।
जबकि 1 कूलॉम = \(\frac{1}{1.6 \times 10^{-19}}\) इलैक्ट्रॉन
= 6.25 x 1018 इलैक्ट्रॉन
एम्पियर (Ampere)-जब किसी चालक में से सेकंड में एक कूलॉम आवेश प्रवाहित किया जाता है तो धारा की मात्रा को एक एम्पियर कहा जाता है। धारा की छोटी मात्रक मिली-एम्पियर है।
1 मिली-एम्पियर = \(\frac{1}{1000}\) एमम्पियर
=10-3 एम्पियर
प्रश्न 19.
धारा मापने के लिए किस यंत्र का उपयोग किया जाता है ? परिपथ में इसे कैसे जोड़ा जाता है ?
उत्तर-
परिपथ में प्रवाहित धारा मापने के लिए एममीटर का उपयोग किया जाता है। यह परिपथ में सदा इस विधि से जोड़ा जाता है कि संपूर्ण | धारा इसमें से प्रवाहित हो अर्थात् श्रृंखला क्रम में जोड़ा जाता है। एममीटर का प्रतिरोध बहुत कम होता है।
प्रश्न 20.
विद्युत् ऊर्जा की इकाई की परिभाषा लिखो।
अथवा
एक वाट-घंटा की परिभाषा दें।
उत्तर-
विद्युत् ऊर्जा की इकाई जूल/वाट-सेकंड (वाट-घंटा) है।
वाट-घंटे की परिभाषा-विद्युत् ऊर्जा एक वाट-घंटा कहलाती है जब चालक में से एक एम्पियर धारा एक घंटे के लिए प्रवाहित होती है तथा जब इसके सिरों के बीच एक वोल्ट का विभवांतर होता है।
1 वाट-घंटा = 1 वाट x 1 घंटा
= 1 वोल्ट x एम्पियर x 1 घंटा
विद्युतीय ऊर्जा की वृहत् इकाई को किलोवाट-घंटा कहते हैं।
1 किलोवाट-घंटा = 1000 वाट-घंटा।
प्रश्न 21.
एक किलोवाट घंटे में कितने जूल होते हैं ?
अथवा
एक किलोवाट घंटा को परिभाषित करें।
उत्तर-
किलोवाट घंटा- यदि एक किलोवाट विद्युत् शक्ति को 1 घंटे तक प्रयोग किया जाये तो विद्युत्ऊर्जा एक किलोवाट घंटा (Kwh) होती है।
1 Kwh = 1 Kw x 1 घंटा
= 1000 वाट x 3600 सेकंड
1 किलोवाट घंटा (1 Kwh) = 36 x 105 जूल
प्रश्न 22.
क्या कारण है कि विद्युत् वाहक तारों में बहुत कम ताप उत्पन्न होता है, जबकि विद्युत् बल्ब के तंतु में उच्च ताप उत्पन्न होता है?
उत्तर-
विद्युत् बल्ब के तंतु का प्रतिरोध, विद्युत् वाहक तारों के प्रतिरोध की तुलना में बहुत अधिक होता है; अतः समान विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर बल्ब के तंतु में उच्च ताप उत्पन्न होता है, परंतु विद्युत् वाहक तारों में नहीं।
प्रश्न 23.
निम्नलिखित के कारण स्पष्ट कीजिए
(i) यदि आप अमीटर को समांतर-क्रम में जोड़ देते हैं तो अमीटर क्यों जल जाता है?
(ii) एक निश्चित ताप से नीचे कुछ पदार्थों की प्रतिरोधकता घटकर एकदम शून्य क्यों हो जाती है?
उत्तर-
(i) अमीटर के जलने का कारण-परिपथ की अन्य युक्तियों की तुलना में अमीटर का प्रतिरोध नगण्य होता है। जब अमीटर को परिपथ के समांतर-क्रम में जोड़ा जाता है तो परिपथ का कुल विभवांतर अमीटर के सिरों के बीच भी कार्य करता है, जिससे अमीटर में उच्च धारा प्रवाहित होती है और उसमें बहुत अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है और अमीटर जल जाता है।
(ii) जब किसी चालक पदार्थ का ताप क्रांतिक ताप से कम हो जाता है तो पदार्थ अतिचालक में बदल जाता है, जिससे उसका प्रतिरोध घटकर एकदम शून्य हो जाता है।
प्रश्न 24.
विद्युत् उपकरणों के पार्यक्रम जोड़ने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
पार्यक्रम जोड़ने के लाभ
- प्रतिरोधों को पार्यक्रम जोड़ने से किसी भी चालक में स्विच की सहायता से विद्युत् धारा स्वतंत्रतापूर्वक भेजी अथवा रोकी जा सकती है।
- ऐसा करने से सभी समानांतर शाखाओं के सिरों के बीच का विभवांतर बराबर होता है। इसलिए लैंप, बिजली की रेफ्रीजरेटर, रेडियो तथा टेलीविज़न आदि को एक ही विभव पर प्रचलन के योग्य बनाया जा सकता है।
प्रश्न 25.
प्रतिरोध पर क्या प्रभाव पड़ता है, यदि (i) तार की लंबाई बढ़ा दी जाए। (ii) काट का क्षेत्रफल बढ़ा दिया जाए।
उत्तर-
(i) प्रतिरोध तार की लंबाई के सीधा समानुपाती होता है। इसलिए तार की लंबाई बढ़ाने पर प्रतिरोध अधिक हो जाता है।
(ii) मोटे तार का प्रतिरोध बारीक तार की अपेक्षा कम होता है। इसलिए यदि तार का क्षेत्रफल बढ़ा दिया जाए अर्थात् तार मोटी ली जाए तो प्रतिरोध कम हो जाता है।
प्रश्न 26.
संयोजक तारें ताँबे की क्यों बनाई जाती हैं? वे तारें मोटी क्यों होती हैं?
उत्तर-
तांबा विद्युत् का चाँदी के बाद अधिकतम सुचालक है। इसका प्रतिरोध कम होने के कारण इसमें से विद्युत् धारा सुगमता से प्रवाह कर सकती है। तारें मोटी रखी जाती हैं क्योंकि किसी तार का प्रतिरोध उसका मोटाई के विलोमानुपाती होता है। जो तार जितनी अधिक मोटी होगी उसका प्रतिरोध उतना ही कम होगा। इसके परिणामस्वरूप विद्युत् धारा अधिक क्षमता से प्रवाहित हो सकेगी।
प्रश्न 27.
विद्युत चालक क्या होते हैं ? दो उदाहरण दो।
उत्तर-
विद्युत चालक-ऐसे पदार्थ जिनमें से विद्युत धारा का प्रवाह सुगम हो जाता है, विद्युत के चालक कहलाते हैं।
उदाहरण-
- तांबा
- एल्यूमीनियम,
- अम्ल युक्त जल।
संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Problems)
प्रश्न 1.
दो छोटे आवेशित गोलों पर 2 x 10-7 कूलॉम और 3 x 10-7 कूलॉम के आवेश हैं और यह वायु में 30 cm. की दूरी पर रखे गये हैं। इनके मध्य बल पता करो।
हल : यहाँ पहले गोले पर आवेशq1 = 2 x 10-7 कूलॉम
दूसरे गोले पर आवेश q2 = 3 x 10-7 कूलॉम
गोलों के बीच की दूरी d = 30 सेमी०
= \(\frac{30}{100} \)
= 0.30 m
माध्यम वायु के लिए K = 9 x 109
दोनों गोलों के मध्य विद्युतीय बल F= ?
कूलॉम के नियमानुसार, F = K x \(\frac{q_{1} \times q_{2}}{d_{2}}\)
= \(\frac{9 \times 10^{9} \times 2 \times 10^{-7} \times 3 \times 10^{-7}}{0.30 \times 0.30}\)
= \(\frac{9 \times 10^{9} \times 2 \times 3 \times 100 \times 100}{10^{7+7} \times 30 \times 30}\)
= \(\frac{9 \times 2 \times 3 \times 10^{13}}{10^{16} \times 9}\)
= \(\frac{6}{10^{3}}\) = 6 x 10-3 N उत्तर
प्रश्न 2.
एक चालक की लंबाई 3.0 m, परिक्षेत्रफल 0-02 mm2 और प्रतिरोध 2 ओम है। इसकी प्रतिरोधकता ज्ञात करो।
हल:
यहाँ चालक की लंबाई (l) = 3.0 m
चालक का परिक्षेत्रफल (a) = 0.02 mm2
= \(\frac{0.02}{10^{6}}\) m2
चालक का प्रतिरोध (R) = 2
ओम चालक की प्रतिरोधकता (ρ) = ?
हम जानते हैं, R = ρ × \(\frac{l}{a}\)
2 = ρ × \(\frac{3}{0.02 \times 10^{-6}}\)
∴ ρ = \( \frac{2 \times 0 \cdot 02 \times 10^{-6}}{3}\)
= \(\frac{2 \times 2}{3 \times 10^{2}} \times 10^{-6}\)
= \(\frac{2 \times 2}{3 \times 10^{2}} \times 10^{-6}\)
= \(\frac{4}{3} \times 10^{-8}\)
ρ = 1.33 x 10-8 ओम-मीटर उत्तर
प्रश्न 3.
30Ω, 50Ω और 80Ω के श्रेणीक्रम में जोड़े गए तीन प्रतिरोधों का तुल्य प्रतिरोध पता करो।
हल : यहाँ,
r1 = 30Ω
r2 = 50Ω
r3 = 80 Ω
अब क्योंकि तीनों प्रतिरोधों, r1, r2 तथा r3 को श्रेणीबद्ध किया गया है इसलिए उनका तुल्य प्रतिरोध (R) तीनों के जोड़ के बराबर है।
∴ R = r1+r2 +r3
= 30Ω + 50Ω + 80Ω
R = 160Ω उत्तर
प्रश्न 4.
40Ω, 60Ω और 90Ω के तीन प्रतिरोधों को समानांतर श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है। इस संयोजन का तुल्य प्रतिरोध कितना है?
हल : यहाँ,
r1 = 40Ω
r2 = 60Ω
r3 = 90Ω
मान लो तीनों का तुल्य प्रतिरोध R है। क्योंकि तीनों प्रतिरोध समानांतर में संयोजित किये गए हैं,
∴ \(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{1}{r_{1}}+\frac{1}{r_{2}}+\frac{1}{r_{3}}\)
= \(\frac{1}{40}+\frac{1}{60}+\frac{1}{90}\)
\(\frac{1}{R}=\frac{9+6+4}{360}\)
या \(\frac{1}{\mathrm{R}}=\frac{19}{360}\)
∴ R = \(\frac{360}{19}\) = 18.95 Ω उत्तर
प्रश्न 5.
6Ω, 8Ω, और 10Ω के तीन प्रतिरोध श्रृंखलाबद्ध क्रम में जोड़े गए हैं। परिपथ का कुल प्रतिरोध ज्ञात करो।
हल-
दिया है, R1 = 6Ω , R2 = 8Ω , R3 = 10Ω मान लो परिपथ का कुल प्रतिरोध R है, तो शृंखलाबद्ध क्रम संयोजन का कुल प्रतिरोध, R=R1+ R2 + R3
= 6Ω + 8Ω + 10Ω
= 24Ω उत्तर
प्रश्न 6.
5Ω, 8Ω और 12Ω के तीन प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जोड़े गए हों तो विद्युत परिपथ का परिणामी प्रतिरोध पता करो।
हल-
दिया है, R1 = 5Ω ,R2 = 8Ω , R3= 12Ω मान लो परिपथ का परिणामी प्रतिरोध R है, तो शृंखलाक्रम संयोजित परिपथ का परिणामी प्रतिरोध
R = R1 + R2 + R3
= 5Ω + 8Ω + 12Ω
= 25Ω उत्तर
प्रश्न 7.
4Ω, 8Ω, 12Ω और 24Ω के प्रतिरोधों को किस क्रम में जोड़ा जाए कि अधिक से अधिक प्रतिरोध प्राप्त हो ? परिपथ का परिणामी प्रतिरोध भी ज्ञात करो।
उत्तर-
दिया है, R1 = 4Ω R2= 8Ω , R3 = 12Ω , R4 = 24Ω मान लो परिणामी प्रतिरोध R है।
यदि इन चारों प्रतिरोधों को श्रेणीबद्ध क्रम में संयोजित किया जाए तो अधिकतम परिणामी प्रतिरोध प्राप्त होगा। .:. परिणामी प्रतिरोध,
R = R1 + R2 + R3 + R4
= 4Ω + 8Ω + 12Ω + 24Ω
= 48Ω उत्तर
प्रश्न 8.
4Ω, 8Ω, 10Ω तथा 20Ω प्रतिरोध की चार कुंडलियों को संयोजित करने से (1) अधिकतम (2) निम्नतम प्रतिरोध कितना और किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है ?
हल:
(i) अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त करने हेतु संयोजन-इन चारों प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में रखा जाए तो अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त होगा।
Rs = R1 + R2 + R3+ R4
= 4Ω + 8Ω + 10Ω + 20Ω
= 42Ω उत्तर
(ii) न्यूनतम प्रतिरोध प्राप्त करने हेतु-यदि दिए गए चारों प्रतिरोधों को समानांतर (पार्श्व) क्रम में जोड़ा जाए तो कुल प्रतिरोध न्यूनतम प्रतिरोध प्राप्त होगा।
∴ \( \frac{1}{\mathrm{R}_{p}}=\frac{1}{\mathrm{R}_{1}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{2}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{3}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{4}}\)
= \(\frac{1}{4}+\frac{1}{8}+\frac{1}{10}+\frac{1}{20}\)
= \(\frac{10+5+4+2}{40}\)
∴ = \(\frac{21}{40}[/katex] Ω
Rp = [latex]\frac{40}{21}\) Ωउत्तर
प्रश्न 9.
बिजली के पाँच बल्बों को, जिनमें से प्रत्येक का प्रतिरोध 400 ओम है, 220 V की आपूर्ति से जोड़ा जाता है।
(क) प्रत्येक लैंप की वोल्टेज
(ख) यदि बल्बों को प्रतिदिन 5 घंटे के लिए 30 दिनों तक जलाया जाये तो बिजली का बिल ज्ञात करो, यदि ऊर्जा की दर 3₹ प्रति यूनिट हो।
हल:
प्रत्येक बल्ब का प्रतिरोध 1 = 440 ओम
5 बल्ब समानांतर संयोजित किए गये हैं और उनका कुल प्रतिरोध (R) है।
∴ \(\frac{1}{R}=\frac{1}{440}+\frac{1}{440}+\frac{1}{440}+\frac{1}{440}+\frac{1}{440}\)
= \(\frac{1+1+1+1+1}{440}\)
⇒ R = \(\frac{440}{5}\)
∴ R = 88 ओम
विभवांतर V = 220 v
हम जानते हैं, P = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{220 \times 220}{88}\)
= \(\frac{5 \times 220}{2}\)
= 550w
∴ प्रत्येक बल्ब की वोल्टेज = \(\frac{550}{5}\) `= 110 वाट
समय = 30×5 घंटे
= 150 घंटे
ऊर्जा की खपत = Pxt
= 550 वाट x 150 घंटे
= 82500 वाट-घंटे
= \(\frac{82500}{1000}\) किलोवाट-घंटे
= \(\frac{825}{10}\) यूनिट
आपूर्ति की दर = ₹ 3 रु प्रति यूनिट
∴बिजली के बिल की रकम = \(\frac{825}{10} \times 3\)
= ₹ 247.50 उत्तर
प्रश्न 10.
दो तारों को समानांतर जोड़ने पर इनका प्रतिरोध 12 Ω और श्रेणी में जोड़ने पर प्रतिरोध 50Ω है। प्रत्येक प्रतिरोध का मूल्य पता करो।
हल : मान लो कि ये दो प्रतिरोध R1 और R2 हैं। जब इन्हें श्रेणीबद्ध किया जाता है तो कुल प्रतिरोध Rs = R1+ R2 = 50Ω ……………………………. (i)
समानांतर में श्रेणीबद्ध करने पर इनका समूचा प्रतिरोध RP = 12 Ω है।
RP = \(\frac{R_{1} R_{2}}{R_{1}+R_{2}}\) \(\left[\because \frac{1}{R_{p}}=\frac{1}{R_{1}}+\frac{1}{R_{2}}\right]\)
12 = \(\frac{\mathrm{R}_{1} \mathrm{R}_{2}}{50} \) \(\left[\frac{1}{\mathrm{R}_{\mathrm{p}}}=\frac{\mathrm{R}_{2}+\mathrm{R}_{1}}{\mathrm{R}_{1}+\mathrm{R}_{2}}\right]\)
या R1R2 = 12 × 50 = 600
∴ R2 = \(\frac{600}{R_{1}}\) ………………………………. (ii)
(i) और (ii) से हम प्राप्त करते हैं : R+\(\frac{600}{R_{1}}\) = 50
या R12 – 50 R1 + 600 = 0
या R12 – 30 R1 + 600 = 0
या R1 (R1 – 30) – 20 (R1 – 30) = 0
या (R1 – 30) (R1 – 20) = 0
इसलिए
R1 – 30 = 0 या R1 – 20 = 0
∴ R1 = 30 Ω या R2 = 20 Ω
इसलिए एक प्रतिरोध R1 = 30 Ω और दूसरा प्रतिरोध R2 = 20 Ω
या हम R1 को 20 Ω और R2 को 30 Ω ले सकते हैं।
प्रश्न 11.
एक परिपथ A आकार का है जिसमें 1 ओम प्रति सैंटीमीटर के पाँच प्रतिरोध लगे हुए हैं। इसकी दो भुजाएं 20 सेमी० हैं और बीच में लंबाई 10 सेंमी० है जबकि शीर्ष कोण 60° है इसके प्रतिरोध को ज्ञात कीजिए।
हल : प्रश्न में दिया गया रेखांकन वास्तव में ऐसा है
चित्र यहाँ DA और AE श्रेणीबद्ध हैं-
∴ DA और AE के जोड़े का तुल्य प्रतिरोध = 10 + 10 = 20Ω
यह DE के समानांतर है
∴ DAED का तुल्य प्रतिरोध
\(\frac{1}{r}=\frac{1}{10}+\frac{1}{20}\)
= \(\frac{2+1}{20}=\frac{3}{20}\)
r = \(\frac{20}{3}\) Ω
अब BD, DAED और EC क्रमबद्ध है
∴ B और C के बीच कुल प्रतिरोध = 10 + \(\frac{20}{3}\) + 10
= \(\frac{30+20+30}{3}\)
= \(\frac{80}{3}\)
= 26.67Ω उत्तर
प्रश्न 12.
एक बल्ब 200 V तथा 100 W का है। इसका प्रतिरोध क्या होगा? यह बल्ब 4 घंटे जलता है। इसने कितनी विद्युत् ऊर्जा का प्रयोग किया? इसका ₹ 2.50 प्रति यूनिट की दर से खर्च बताओ।
हल:
P = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}}\)
या R = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{P}}\)
= \(\frac{(200)^{2}}{100}\)
= \(\frac{200 \times 200}{100}\)
= 400 Ω
प्रयुक्त ऊर्जा = \(\frac{100 \times 4}{1000}\)
= \(\frac{400}{1000}\)
= 0.4kWh
कुल खर्च = 0.4 x 2.50 = ₹1
प्रश्न 13.
200 V के स्रोत को चार 40 w, 220 V के बल्बों को श्रेणी क्रम में जोड़ने पर प्रत्येक से प्रवाहित धारा का मान ज्ञात कीजिए। यदि एक बल्ब फ्यूज हो जाए तो 220 V स्रोत से प्रवाहित हो रही धारा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
हल :
40 वाट के बल्बों का प्रतिरोध = \(\frac{(220)^{2}}{40}\)
श्रेणी क्रम में संयोजित किए गए 40 वाट के चार बल्बों का प्रतिरोध = \(\frac{4 \times(220)^{2}}{40}\)
= \(\frac{4 \times 220 \times 220}{40}\)
= 4840Ω
प्रवाहित धारा I = \(\frac{220}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{220}{4840}\) = 0.045 उत्तर
एक बल्ब के फ्यूज होने से उसमें धारा का प्रवाह नहीं होगा। उत्तर
प्रश्न 14.
12 v विभवांतर के दो बिंदुओं के बीच 2 C आवेश को ले जाने में कितना कार्य किया जाता है?
हल : विभवांतर V(= 12 वोल्ट) के दो बिंदुओं के बीच प्रवाहित आवेश का परिणाम Q (= 2 कूलॉम) है। इसलिए आवेश को स्थानांतरित करने में किया गया कार्य है
W = V x Q
= 12 V x 2c
= 24 J. उत्तर
प्रश्न 15.
एक विद्युत् लैंप, जिसका प्रतिरोध 20Ω है तथा एक 4Ω प्रतिरोध का चालक एक 6 V की बैटरी से चित्र के अनुसार जुड़े हैं। परिकलित कीजिए-(a) परिपथ का कुल प्रतिरोध, (b) परिपथ में प्रवाहित धारा।
हल : दिया है : लैंप का प्रतिरोध R1 = 20Ω
तथा चालक का प्रतिरोध R1 = 4Ω
बैटरी का विभवांतर V = 6 V
(a) ∵ दोनों प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं,
∴ परिपथ का कुल प्रतिरोध R = R1 + R2
= 20 Ω + 4Ω
= 24Ω
(b) ∵ परिपथ में लगा कुल विभवांतर V = 6 V
कुल प्रतिरोध R = 24 Ω
∴ परिपथ में प्रवाहित धारा I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{6 \mathrm{~V}}{24 \Omega}\)
= 0.25 A उत्तर
प्रश्न 16.
एक 42 के प्रतिरोधक में 100 J ऊष्मा प्रति सेकंड की दर से उत्पन्न हो रही है। प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर ज्ञात कीजिए।
हल : दिया है : उष्मा H = 100J, समय t = 1s, प्रतिरोध R = 4Ω
सूत्र H = I2Rt से,
प्रतिरोधक में विद्युत् धारा
I = \(\sqrt{\frac{\mathrm{H}}{\mathrm{R} t}}\)
= \(\sqrt{\frac{100 \mathrm{~J}}{4 \Omega \times 1 s}}\)
= 5A
परंतु सूत्र V = Ix R से,
∴ प्रतिरोधक के सिरों के मध्य विभवांतर, V = 5A x 4Ω
= 20 V उत्तर
प्रश्न 17.
संलग्न चित्र में R1 = 10 Ω, R2 = 40 Ω, R3 = 30Ω, R4 = 20 Ω तथा R5 = 60 Ω हैं तथा 12 v की एक बैटरी इस संयोजन से जुड़ी है। परिकलित कीजिए-
(a) परिपथ का कुल प्रतिरोध तथा
(b) परिपथ में प्रवाहित धारा।
हल:
(a) माना कि प्रतिरोधकों R1 व R2 के समानांतर संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R है, तब
\(\frac{1}{\mathrm{R}^{\prime}}=\frac{1}{\mathrm{R}_{1}}+\frac{1}{\mathrm{R}_{2}}\)
= \(\frac{1}{10}+\frac{1}{40}\)
(b) \(\frac{1}{\mathrm{R}^{\prime}}=\frac{4+1}{40}\)
= \(\frac{5}{40}\)
= \(\frac{1}{8}\)
∴ R’ = 8Ω
अब R3, R4 तथा R5 समानांतर क्रम में हैं यदि R’ इस संयोजन का तुल्य प्रतिरोध है तो
स्पष्ट है R’ तथा R” दोनों श्रेणी क्रम में संयोजित हैं जिसका कुल प्रतिरोध R है तो
R = R’ + R”
= 8Ω + 10Ω
= 18Ω
(b) विभवांतर V = 12V
परिपथ का कुल प्रतिरोध R = 18 Ω
∴ परिपथ में प्रवाहित धारा I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
= \(\frac{12 \mathrm{~V}}{18 \Omega}\)
= 0.67 A
प्रश्न 18.
जब एक विद्युत् हीटर किसी स्रोत से 4A की धारा लेता है तो इसके सिरों के बीच 60 V का
हल : प्रथम दशा में,
दिया है : विद्युत् हीटर द्वारा ली गई धारा I1 = 4 A
तथा विद्युत् हीटर के सिरों का विभवांतर V1 = 60 V
विद्युत् हीटर की कुंडली का प्रतिरोध R = \(\frac{\mathrm{V}_{1}}{\mathrm{I}_{1}}\)
= \(\frac{60 \mathrm{~V}}{4 \mathrm{~A}}\)
= 15Ω
ओम के नियम के अनुसार कुंडली का प्रतिरोध नियत रहेगा।
दूसरी दशा में, विभवांतर V2 = 120 V
तब ली गई धारा I2 = ?
∴ दूसरी दशा से, R = \(\frac{\mathrm{V}_{2}}{\mathrm{I}_{2}}\)
∴ विद्युत् हीटर द्वारा ली गई धारा I2 = \(\frac{V_{2}}{R}\)
= \(\frac{120 \mathrm{~V}}{15 \Omega}\)
= 8 A उत्तर
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
किसी बिंदु पर विद्युत् विभव क्या होता है?
उत्तर-
इकाई आवेश को अनंत से किसी बिंदु तक लाने में किए गए कार्य को उस बिंदु पर विद्युत् विभव कहते हैं।
W = QV
∴
विभव को वोल्ट में मापते हैं।
प्रश्न 2.
विद्युत् चुंबक की ध्रुवता में परिवर्तन किस प्रकार किया जा सकता है?
उत्तर-
विद्युत् चुंबक की ध्रुवता में परिवर्तन विद्युत् धारा की दिशा बदल कर किया जा सकता है।
प्रश्न 3.
कौन-से आवेश परस्पर आकर्षण करते हैं तथा कौन-से प्रतिकर्षण?
उत्तर-
समान आवेश परस्पर प्रतिकर्षण करते हैं तथा विजातीय (असमान) आवेश परस्पर आकर्षित करते हैं।
प्रश्न 4.
किसी चालक का प्रतिरोध किन-किन बातों पर निर्भर करता है?
उत्तर-
चालक का प्रतिरोध निर्भर करता है
- लंबाई के समानुपाती।
- क्षेत्रफल के विलोमानुपाती।
प्रश्न 5.
किसका प्रतिरोध कम है : 100 W के बल्ब का या 60 W बल्ब का?
उत्तर-
P = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}}\)
क्योंकि
P ∝ \(\frac{1}{R}\)
∴ अधिक शक्ति वाले बल्ब का प्रतिरोध कम होगा।
इसलिए 100 W वाले बल्ब का प्रतिरोध कम होगा।
प्रश्न 6.
यदि तार की लंबाई दुगुनी तथा क्षेत्रफल आधा कर दिया जाए तो प्रतिरोध पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर
R1 = ρ \(\frac{l_{1}}{\mathrm{~A}_{1}}\)
R2 = \(\frac{\rho_{2} l_{2}}{\mathrm{~A}_{2}}\)
= \(\frac{\rho \times 2 l_{1}}{\mathrm{~A}_{1} / 2}\)
= \(\frac{2 \times 2 \times \rho \times l_{1}}{A}\)
= 4R1
∴ प्रतिरोध चार गुना हो जाएगा।
प्रश्न 7.
विद्युत् विभव की इकाई क्या है ?
उत्तर-
वोल्ट।
प्रश्न 8.
प्रतिरोध का मात्रक क्या है?
उत्तर-
ओम।
प्रश्न 9.
विद्युत् शक्ति की इकाई क्या है?
उत्तर-
वाट।
प्रश्न 10.
आपको 40 W और 100 W के दो बल्ब A और B दिए गए हैं। किस बल्ब के तंतु का प्रतिरोध अधिक होगा?
उत्तर-
100 W बल्ब का।
प्रश्न 11.
एक किलोवाट घंटा में कितने जूल होते हैं?
उत्तर-
1 किलोवाट घंटा (kwh) = 3.6 x 106 जूल।
प्रश्न 12.
हमारे घरों में विद्युत् आपूर्ति की वोल्टता कितनी है?
उत्तर-
220 V – 230 VI
प्रश्न 13.
ओम का नियम लिखिए तथा इसे गणितीय रूप में प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
ओम का नियम-किसी चालक से प्रवाहित होने वाली विद्युत् धारा (I) उसके सिरों के विभवांतर (V) के समानुपाती होती है।
गणितीय रूप में, V ∝ I अथवा \(\frac{V}{I}\) = R (चालक के लिए नियतांक)
प्रश्न 14. चाँदी की प्रतिरोधकता 1.6 x 10-82m है। इस कथन का क्या अर्थ है ?
उत्तर-
इस कथन का यह अर्थ है कि चाँदी 1m लंबे तथा 1m2 अनुप्रस्थ क्षेत्रफल वाले तार का प्रतिरोध 1.6 x 10-8Ω होगा।
प्रश्न 15.
अमीटर को किसी परिपथ में कैसे जोड़ा जाता है ?
उत्तर-
जिस विद्युत् परिपथ के अवयव से प्रवाहित होने वाली धारा का मापन होता है, अमीटर को उस अवयव के साथ श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है।
प्रश्न 16.
किसी का प्रतिरोध अधिक होगा-50 W के लैंप का अथवा 25 W के लैंप का और कितने गुना होगा?
उत्तर-
माना कि लैंपों के प्रतिरोध R1 व R2 हैं तथा लगाया गया विभवांतर V है, तो
P1 =50 = \(\frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}_{1}}\) , तथा P2 = 25 = \( \frac{\mathrm{V}^{2}}{\mathrm{R}_{2}}\)
∴ \(\frac{P_{1}}{P_{2}}=\frac{50}{25}=\frac{V^{2}}{R_{1}} \times \frac{R_{2}}{V^{2}}\)
⇒ 2 = \(\frac{\mathrm{R}_{2}}{\mathrm{R}_{1}}\)
⇒ R2 = 2R1
प्रश्न 17.
किसी विद्युत् परिपथ में कुंजी या स्विच (Plug) के चिह्न बताओ जब परिपथ (i) खुला हो (ii) बंद हो।
उत्तर-
- खुले परिपथ में कुंजी या स्विच-()
- बंद परिपथ में कुंजी या स्विच -( . )
प्रश्न 18.
दो विद्युत् सुचालकों के नाम लिखो।
उत्तर-
- कॉपर
- एल्यूमिनियम।
प्रश्न 19.
विद्युत् ऊर्जा की परिभाषा लिखो।
उत्तर-
विद्युत् ऊर्जा-किसी निश्चित समय में धारा द्वारा किए गए कार्य को विद्युत् ऊर्जा कहते हैं।
प्रश्न 20.
विद्युत् सर्कट में वोल्ट मीटर को कैसे जोड़ा जाता है?
उत्तर-
समानांतर क्रम में।
प्रश्न 21.
धारा की इकाई बतायें।
उत्तर-
एम्पीयर।
प्रश्न 22.
विद्युत् शक्ति का बड़ा मात्रक क्या है?
उत्तर–
किलोवाट (Kw)।
प्रश्न 23.
धातुओं में विद्युत् धारा का प्रवाह किस परमाणु कण के कारण होता है ?
उत्तर-
इलैक्ट्रॉन।
प्रश्न 24.
एक इलैक्ट्रॉन पर कितने कूलॉम का आवेश होता है?
उत्तर-
1.6 x 10-19 C
प्रश्न 25.
एक कूलॉम आवेश कितने इलैक्ट्रानों के आवेश के तुल्य है?
उत्तर-
6.25 x 10-18 इलैक्ट्रॉनों के आवेश के तुल्य।
प्रश्न 26.
विद्युत् के सर्वश्रेष्ठ चालक का नाम बताइए।
उत्तर-
चाँदी।
प्रश्न 27.
ताँबे तथा लोहे में कौन-सी धातु विद्युत् की अच्छी चालक है?
उत्तर-
ताँबा।
प्रश्न 28.
विद्युत् बल्ब के तंतु किस धातु के बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
टंगस्टन धातु के।
प्रश्न 29.
विद्युत् इस्तरी तथा टोस्टर के तंतु किस पदार्थ के बने होते हैं?
उत्तर-
नाइक्रोम मिश्रधातु के।
प्रश्न 30.
विद्युत् धारा का S.I. मात्रक बताइए।
उत्तर-
ऐम्पियर।
प्रश्न 31.
विद्युत् प्रतिरोध S.I. मात्रक क्या है ?
उत्तर-
ओम।
प्रश्न 32.
किसी पदार्थ की प्रतिरोधकता का S.I. मात्रक लिखिए।
उत्तर-
ओम-मीटर (Ω-m)
प्रश्न 33.
विद्युत् आवेश के S.I. मात्रक का नाम लिखिए।
उत्तर-
कूलॉम।
प्रश्न 34.
प्रतिरोध के श्रेणी संयोजन तथा समांतर संयोजन में किसका प्रतिरोध अधिकतम होता है तथा किसका न्यूनतम?
उत्तर-
श्रेणी संयोजन का अधिकतम तथा समांतर संयोजन का न्यूनतम प्रतिरोध होता है।
प्रश्न 35.
विद्युत् ऊर्जा की व्यापारिक इकाई क्या है?
उत्तर-
किलो वाट घंटा (kWh)।
प्रश्न 36.
1 kWh कितने जूल के बराबर होता है ?
उत्तर-
lkWh = 3.6 x 106 जूल।
प्रश्न 37.
घरों में विद्युत् उपकरण किस व्यवस्था में जुड़े होते हैं?
उत्तर-
समांतर संयोजन व्यवस्था में।
प्रश्न 38.
दिष्ट धारा के एक स्रोत का नाम लिखिए।
उत्तर-
विद्युत् सेल अथवा बैटरी।
प्रश्न 39.
विद्युत् सेल तथा बिना सन्धि के तार क्रासिंग के लिए संकेत लिखें।
उत्तर-
विद्युत् सेल का संकेत :
बिना सन्धि के तार क्रासिंग का संकेत :
प्रश्न 40.
(i) प्रतिरोध और
(ii) ऐम्मीटर के लिए संकेत लिखें।
उत्तर-
(i) प्रतिरोध का संकेत :
(ii) ऐम्मीटर का संकेत :
प्रश्न 41.
विद्युत् के लिए बैटरी या सेलों के संयोजन और तार सन्धि के संकेत लिखो।
उत्तर-
(i) बैटरी या सेलों के संयोजन का संकेत :
(ii) तार सन्धि के लिए संकेत :
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
V∝ I का नियम प्रतिपादित किया है
(a) फैराडे ने
(b) वाट ने
(c) ओम ने।
(d) कूलॉम ने।
उत्तर-
(c) ओम ने।
प्रश्न 2.
विभव का मात्रक है
(a) ऐम्पीयर
(b) वोल्ट।
(c) ओह्म
(d) वाट।
उत्तर-
(b) वोल्ट।
प्रश्न 3.
विद्युत शक्ति का मात्रक है
(a) ऐम्पीयर
(b) वोल्ट
(c) ओह्म
(d) वाट।
उत्तर-
(d) वाट।
प्रश्न 4. \(\frac{1}{3}\) Ω के तीन प्रतिरोधकों को किसी भी प्रकार जोड़कर कितना अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त कर सकते हैं ?
(a) \(\frac{1}{3}\) Ω
(b) 1Ω
(c) \(\frac{1}{9}\) Ω
(d) 3Ω.
उत्तर-
(b) 1Ω.
प्रश्न 5.
फ्यूज को युक्ति के साथ कौन-से क्रम में जोड़ा जाता है ?
(a) समांतर
(b) श्रेणी
(c) समांतर तथा श्रेणी दोनों में जोड़ा जा सकता है
(d) उपरोक्त कोई नहीं।
उत्तर-
(b) श्रेणी।
प्रश्न 6.
विद्युत् आवेश का SI मात्रक है
(a) वाट
(b) किलोवाट
(c) कूलॉम
(d) ऐम्पीयर।
उत्तर-
(c) कूलॉम।
प्रश्न 7.
विद्युत् धारा को किस मात्रक के द्वारा व्यक्त किया जाता है ?
(a) कूलॉम
(b) ऐम्पीयर
(c) वाट
(d) किलोवाट।
उत्तर-
(b) ऐम्पीयर।
प्रश्न 8.
परिपथों की विद्युत धारा को किससे मापा जा सकता है ?
(a) ऐमीटर
(b) वोल्टमीटर
(c) गैल्वेनोमीटर
(d) विद्युत् मीटर।
उत्तर-
(a) ऐमीटर।
प्रश्न 9.
ऐमीटर को परिपथ में सदा कैसे संयोजित किया जाता है ?
(a) श्रेणी क्रम में
(b) पार्श्व क्रम में
(c) श्रेणी तथा समांतर क्रम दोनों में
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(a) श्रेणी क्रम में।
प्रश्न 10. विभवांतर को किस यंत्र से मापा जाता है ?
(a) ऐमीटर
(b) वोल्टमीटर
(c) गैल्वेनोमीटर
(d) विद्युत मीटर।
उत्तर-
(b) वोल्टमीटर।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(i) समानांतर क्रम में संयोजित प्रत्येक प्रतिरोधों में प्रवाहित विद्युत धारा …………………….. होगी।
उत्तर-
अलग-अलग
(ii) ओम के नियम अनुसार किसी चालक तार के लिए V तथा I के मध्य संबंध ……………………….. है।
उत्तर-
R
(iii) किसी विद्युत परिपथ में विभवांतर का मापन …………………………. द्वारा किया जाता है।
उत्तर-
वोल्ट मीटर
(iv) एक किलोवाट घंटा (kwh) ………………………. का मात्रक है।
उत्तर-
विद्युत ऊर्जा
(v) किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा को मापने वाला यंत्र ……………………… है।
उत्तर-
एमीटर।