PSEB 12th Class History Notes Chapter 13 दल खालसा का उत्थान और इसकी युद्ध प्रणाली

This PSEB 12th Class History Notes Chapter 13 दल खालसा का उत्थान और इसकी युद्ध प्रणाली will help you in revision during exams.

PSEB 12th Class History Notes Chapter 13 दल खालसा का उत्थान और इसकी युद्ध प्रणाली

→ दल खालसा के उत्थान के कारण (Causes of the Rise of the Dal Khalsa)-बंदा सिंह बहादुर की शहीदी के बाद मुग़ल सूबेदारों ने सिखों पर कठोर अत्याचार आरंभ कर दिए थे-

→ सिख शक्ति को संगठित करने के लिए 1734 ई० में नवाब कपूर सिंह ने उन्हें बुड्डा दल और तरुणा दल में संगठित कर दिया-

→ पंजाब में फैली अशाँति से लाभ उठाते हुए 1745 ई० में अमृतसर में सौ-सौ सिखों के 25 जत्थों की स्थापना की गई-

→ ये जत्थे दल खालसा की स्थापना का आधार बने।

→ दल खालसा की स्थापना (Establishment of the Dal Khalsa)-दल खालसा की स्थापना 29 मार्च, 1748 ई० को अमृतसर में हुई-

→ इसकी स्थापना नवाब कपूर सिंह जी ने की-सिखों को 12 मुख्य जत्थों में संगठित कर दिया गया-

→ प्रत्येक जत्थे का अपना अलग नेता और झंडा था-

→ सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया को दल खालसा का प्रधान सेनापति नियुक्त किया गया।

→ दल खालसा की सैनिक विशेषताएँ (Military Features of the Dal Khalsa)-घुड़सवार सेना दल खालसा की सेना का मुख्य अंग थी-

→ सेना में भर्ती होने के लिए किसी भी सिख को विवश नहीं किया जाता था-

→ प्रत्येक सिख जब चाहे एक जत्थे को छोड़कर दूसरे जत्थे में जा सकता थासैनिक प्रशिक्षण और विधिवत् वेतन की कोई व्यवस्था न थी-

→ दल खालसा के सैनिक गुरिल्ला युद्ध प्रणाली से लड़ते थे-लड़ाई के समय तलवारों, बरछियों, खंडों, तीर कमानों और बंदूकों का प्रयोग किया जाता था।

→ दल खालसा का महत्त्व (Significance of the Dal Khalsa)-दल खालसा ने सिखों की बिखरी हुई शक्ति को एकता के सूत्र में बाँध दिया-इसने सिखों को अनुशासन में रहना सिखाया-

→ दल खालसा के प्रयासों से ही सिख पंजाब में अपनी स्वतंत्र मिसलें स्थापित करने में सफल हुए।

Leave a Comment