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PSEB 8th Class Science Notes Chapter 4 पदार्थ : धातु और अधातु
→ पदार्थ को धातु या अधातु दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है।
→ धातुएँ, अधातुओं से भौतिक और रासायनिक गुणों में भिन्न होते हैं।
→ धातु सामान्यतः चमकीले, कठोर, अधात्विक, आघातवर्धनीय और तन्य होते हैं। ये विदयुत् और ऊष्मा के चालक होते हैं। ये कक्ष ताप पर ठोस होते हैं। केवल पारा (Mercury) हो कक्ष ताप पर तरल है।
→ अधातु निष्प्रभ (बिना चमक) वाले होते हैं। ये विद्युत् और ऊष्मा के कुचालक, बिना आवाज़ वाले और भुरभुरे होते हैं। ये कक्ष ताप पर ठोस, तरल और गैसीय अवस्था में पाए जाते हैं। इनके गलनांक निम्न होते हैं।
→ धातुएँ ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके क्षारीय ऑक्साइड बनाती है।
→ अधातुएँ ऑक्सीजन के साथ क्रिया करके अम्लीय ऑक्साइड बनाती है।
→ लोहा, पानी और वायु से क्रिया करके जंग लगाता है।
→ कुछ धातुएँ पानी के साथ अभिक्रिया करती हैं। सोडियम तीव्रता से ठंडे पानी के साथ अभिक्रिया करके सोडियम हाइड्रोऑक्साइड और हाइड्रोजन उत्पन्न करता है। सोना की भाप से भी अभिक्रिया नहीं होती।
→ सोडियम को मिट्टी के तेल में रखा जाता है।
→ फास्फोरस जल में रखा जाता है, क्योंकि यह वायु के साथ सक्रिय है।
→ अधातु पानी के साथ अभिक्रिया नहीं करते।
→ कुछ धातु अम्लों (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल) के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन विस्थापित करती हैं। सोना, तांबा और चांदी पर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का कोई प्रभाव नहीं होता।
→ धातुओं की जल, वायु और अम्लों के साथ अभिक्रिया क्षमता के कारण अभिक्रियाशील श्रृंखला है-सोना, चांदी, तांबा, लोहा, जिंक, एल्यूमीनियम, मैग्नीशियम, और सोडियम।
→ अधिक अभिक्रियाशील धातु कम अभिक्रियाशील धातु का उसके धात्विक यौगिकों के जलीय विलयन में विस्थापित कर देती है।
→ हाइड्रोजन गैस ‘पॉप’ ध्वनि में जलती है।
→ धातुओं का उपयोग रसोई घर की वस्तुएँ में व्यापक रूप में होता है।
→ अधातुएँ भी काफ़ी उपयोग में आती हैं।
→ ऑक्सीजन जीवन के लिए अति आवश्यक है।
→ नाइट्रोजन का उपयोग उर्वरकों और पटाखों के निर्माण में होता है।
→ मानव शरीर को लोहा, मैग्नीशियम तथा सोडियम आदि की आवश्यकता रहती है।
→ आघातवर्धनीयता (Malleability)-धातुओं का गुण, जिसके कारण उन्हें हथौड़े से पीटकर शीट (चादर) में परिवर्तित किया जाता है।
→ तन्यता (Ductility)-धातुओं का वह गुण, जिससे उन्हें खींचकर तारों में परिवर्तित किया जा सकता है।
→ ध्वानिक (Sonorus)-धातुओं को टकराने पर उत्पन्न निनाद ध्वनि का गुण।
→ चमकीलापन (Lustre)-पदार्थों में चमकती सतह का गुण।
→ चालकता (Canductance)-धातुओं का गुण जिसके द्वारा विद्युत् या उष्मा एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुँचती है।
→ अम्लीय ऑक्साइड (Acidic Oxide)-अधातुओं के ऑक्साइड, जिन्हें जल में घोलकर अम्ल बनाते हैं।
→ क्षारीय ऑक्साइड (Basic Oxide)-धातुओं के ऑक्साइड, जो जल में घुलकर क्षार बनाते हैं।