PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 11 प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन

Punjab State Board PSEB 6th Class Science Book Solutions Chapter 11 प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Science Chapter 11 प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन

PSEB 6th Class Science Guide प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन Textbook Questions, and Answers

1. खाली स्थान भरो

(i) वह वस्तु जो अपने में से प्रकाश को आंशिक तौर पर निकलने देती हैं, उन्हें ………………….. वस्तुएँ कहते हैं।
उत्तर-
अल्प-पारदर्शी

(ii) सूरज जैसा रोशनी का स्रोत जो अपनी रोशनी खुद पैदा करता है, को ……………….. वस्तु कहते हैं।
उत्तर-
प्रकाशमान

(iii) सूरज की ओर कभी भी सीधा नहीं देखना चाहिए क्योंकि यह आँखों के लिए बहुत ………………….. हो सकता है।
उत्तर-
हानिकारक

(iv) रोशनी के पॉलिश की सतह पर पड़ने के बाद रोशनी के प्रसार की दिशा में परिवर्तन के व्यवहार को ………………… जाना जाता है।
उत्तर-
प्रकाश परावर्तन

(v) ……………….. व्यवहार के कारण दिन के समय कमरों में रोशनी होती है, चाहे कमरों में सीधी धूप प्रवेश न करे।
उत्तर-
प्रकाश परावर्तन (प्रकीर्णन)।

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2. सही या ग़लत बताएं

(i) चंद्रमा एक प्रकाशमान वस्तु है।
उत्तर-
ग़लत

(ii) हम पारदर्शी सामग्री में से स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।
उत्तर-
सही

(iii) अपारदर्शी वस्तु की परछाई हमेशा काली होती है।
उत्तर-
सही

(iv) प्रकाश सीधे मार्ग में यात्रा नहीं करता।
उत्तर-
ग़लत

(v) प्रकाश के परावर्तन के कारण दिन के समय कमरों में रोशनी रहती है, चाहे सीधी धूप कमरों में प्रवेश नहीं करती।
उत्तर-
सही

3. कॉलम ‘क’ का कॉलम ‘ख’ से उचित मिलान करें

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) प्रकाश के प्राकृतिक स्रोत (a) प्रकाश सीधी रेखा में चलता है
(ii) सी.एफ.एल., एल.ई.डी. एवं ट्यूब लाइट (b) अपारदर्शी वस्तु
(iii) प्रकाश का सरल रेखीय प्रसार (c) आसमानी वस्तु द्वारा परछाई डालना
(iv) ग्रहण (d) कृत्रिम प्रकाश स्रोत
(v) गत्ता, लकड़ी और धातु (e) सूरज।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) प्रकाश के प्राकृतिक स्रोत (e) सूरज
(ii) सी.एफ.एल., एल.ई.डी. एवं ट्यूब लाइट (d) कृत्रिम प्रकाश स्रोत
(iii) प्रकाश का सरल रेखीय प्रसार (a) प्रकाश सीधी रेखा में चलता है
(iv) ग्रहण (c) आसमानी वस्तु द्वारा परछाई डालना
(v) गत्ता, लकड़ी और धातु (b) अपारदर्शी वस्तु।

4. सही विकल्प चुनें

प्रश्न (i)
चंद्रमा जैसी वस्तुएँ जो अपना प्रकाश स्वयं पैदा नहीं करतीं, को कहते हैं?
(क) चमकदार वस्तुएँ
(ख) प्रकाश का अवशोषक
(ग) चमकहीन वस्तुएँ
(घ) प्रकाश के परावर्तक।
उत्तर-
(ग) चमकहीन वस्तुएँ।

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प्रश्न (ii)
वह वस्तु जिसमें से आंशिक रूप से देखा जा सकता है, परंतु स्पष्ट रूप में नहीं।
(क) रबड़ गेंद
(ख) काँच की समतल परत
(ग) ट्रेसिंग पेपर की शीट
(घ) सी. डी. (Compact Disc)।
उत्तर-
(ग) ट्रेसिंग पेपर की शीट।

प्रश्न (iii)
शाम के समय जब सूरज किसी वस्तु के पीछे होता है, तो उस वस्तु की परछाई का आकार वस्तु के मुकाबले क्या होगा?
(क) छोटा
(ख) बड़ा
(ग) लगभग जीरो (न के बराबर)
(घ) बराबर।
उत्तर-
(ख) बड़ा।

प्रश्न (iv)
पिनहोल कैमरे द्वारा बना प्रतिबिंब कैसा होता है?
(क) उल्टा और छोटा
(ख) उल्टा और बड़ा
(ग) सीधा और बड़ा
(घ) सीधा और छोटा।
उत्तर-
(क) उल्टा और छोटा।

प्रश्न (v)
परछाई बनाने के लिए हमें कौन सी वस्तुओं की ज़रूरत होती है?
(क) एक अपारदर्शी वस्तु
(ख) एक प्रकाश स्रोत
(ग) प्रतिबिंब बनाने के लिए स्क्रीन
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

5. अति लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न (i)
एक बिंदु से दूसरे बिंदु पर जाने के समय साधारण तौर पर प्रकाश किस प्रकार का रास्ता तय करता है?
उत्तर-
सरल रेखीय पथ तय करता है।

प्रश्न (ii)
मछलियां पानी में परछाई नहीं बनातीं। क्यों?
उत्तर-
मछलियाँ उस स्थिति में परछाई नहीं बनाती हैं जब नदी या स्विमिंग पूल का तल जो स्क्रीन का कार्य करता है मछलियों से बहुत दूर होता है।

प्रश्न (iii)
सूरज ग्रहण के समय सूरज, धरती और चंद्रमा की सापेक्षी स्थिति के बारे में बताएं।
उत्तर-
सूरज ग्रहण के समय चंद्रमा, सूरज तथा धरती के मध्य स्थित होता है तथा ये तीनों एक सरल रेखा में होते हैं।

प्रश्न (iv)
एक बिल्कुल अंधेरे कमरे में, यदि आप अपने सामने शीशा पकड़ोगे तो क्या आप शीशे में अपना प्रतिबिंब देख सकेंगे?
उत्तर-
यदि किसी अंधेरे कमरे में आप अपने चेहरे के सामने कोई दर्पण पकड़कर रखते हो तो आप अपना प्रतिबिंब परावर्तन के कारण नहीं देख सकते क्योंकि परावर्तन के लिए प्रकाश की आवश्यकता होती है।

प्रश्न (v)
दो एक ही जैसी बैड की चादरें, जो कि गुलाबी और स्लेटी रंग की हैं, धूप में रस्सी पर लटक रही हैं। इन चादरों की परछाई का रंग क्या होगा?
उत्तर-
हम जानते हैं कि अपारदर्शी वस्तु की परछाई बनती है और परछाई का रंग अपारदर्शी वस्तु के रंग पर निर्भर नहीं करता है। इसलिए इन दोनों चादरों की परछाई का रंग काला होगा।

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6. लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न (i)
नियमित परावर्तन क्या होता है?
उत्तर-
नियमित परावर्तन – जब प्रकाश किसी समतल दर्पण चमकीली (पॉलिश की गई) धातु की सतह पर पड़ता है, तो यह नियमित रूप से प्रकाश को परावर्तित कर देता है। प्रकाश के इस परावर्तन को नियमित परावर्तन कहते हैं।

प्रश्न (ii)
दोपहर की परछाई, प्रातःकाल बनने वाली परछाई से छोटी क्यों होती है ?
उत्तर-
दोपहर के समय सूर्य हमारे सिर के ऊपर होता है जिससे सूर्य की किरणें सीधी लंबवत वस्तु पर पड़ती हैं जिससे परछाई छोटी बनती है। प्रातः काल सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं जिसके परिणामस्वरूप परछाई आकार में बड़ी होती है। अतः परछाई का आकार प्रकाश स्त्रोत से वस्तु की स्थिति पर निर्भर करता है।

7. निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न (i)
उचित चित्र के प्रयोग के साथ दर्शाएं कि परछाई का आकार प्रकाश स्रोत और अपारदर्शी वस्तु की सापेक्षी स्थिति पर निर्भर करता है।
उत्तर-
चित्र से स्पष्ट है कि प्रकाश स्त्रोत तथा अपारदर्शी वस्तु के मध्य की दूरी बढ़ाने से परछाई का आकार छोटा हो जाता है। यदि प्रकाश स्त्रोत तथा अपारदर्शी वस्तु के मध्य की दूरी कम होगी तो परछाई का आकार बड़ा होगा।
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प्रश्न (ii)
चित्र के प्रयोग के साथ पिनहोल कैमरे द्वारा प्रतिबिंब बनाने के दृश्य को दर्शाएं।
उत्तर-
पिनहोल कैमरा – यह एक सरल कैमरा है जो लकड़ी अथवा गत्ते के बक्से से बनाया जाता है। पिनहोल कैमरा बनाने के लिए दो ऐसे बॉक्स लीजिए जिसमें से एक बॉक्स दूसरे के भीतर बिना अंतराल के सरक सके। दोनों बॉक्सों का एक-एक छोटा फलक काट दीजिए। बड़ा बॉक्स लेकर इसके दूसरे छोटे फलक के बीचों बीच एक छिद्र कीजिए। इसी प्रकार छोटे बॉक्स के दूसरे छोटे फलक पर एक वर्गाकार आकृति काटिए। इस कटे भाग पर ट्रेसिंग पेपर चिपका कर ढक दीजिए। छोटे बॉक्स को बड़े बॉक्स में इस प्रकार सरकाइए कि छोटे बॉक्स का अल्प-पारदर्शी ट्रेसिंग पेपर वाला परदा बड़े बॉक्स के भीतर हो। आपका पिनहोल कैमरा उपयोग के लिए तैयार है।

कार्यविधि – पिनहोल कैमरा लेकर छोटे बॉक्स के खुले हुए सिरे से देखें। अपने सिर तथा पिनहोल कैमरे को काले रंग के कपड़े से ढक लीजिए। अंब पिनहोल कैमरे से दूर की वस्तुएं जैसे पेड़ अथवा इमारतों को देखने का प्रयत्न करें।
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सुनिश्चित करें कि जिस वस्तु को आप पिनहोल कैमरा से देखना चाहते हैं वह सूर्य की तेज़ धूप में रखी हो। अब छोटे बॉक्स को सूची छिद्र बने बड़े बॉक्स में आगे-पीछे तब तक खिसकाएँ जब तक दूसरे छोर पर लगे हुए ट्रेसिंग पेपर पर प्रतिबिंब न मिल जाए।

पिनहोल कैमरे से सूर्य का प्रतिबिंब बनाना – सूची छिद्र कैमरे से सूर्य का प्रतिबिंब बनाने के लिए हमें गत्ते की एक बड़ी शीट चाहिए जिसके मध्य में छोटा-सा पिनहोल हो। गत्ते की शीट को सूर्य की तरफ इस तरह पकड़ें कि उसकी छाया साफ क्षेत्र में बने । हमें सूर्य का वृत्ताकार प्रतिबिंब गत्ते की शीट के मध्य छाया के रूप में दिखाई देगा।

Science Guide for Class 6 PSEB प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन Intext Questions and Answers

सोचें और उत्तर दें (पेज 109)

प्रश्न 1.
कोई वस्तु प्रकाश को अपने में से पूरी तरह, अल्प मात्रा या बिल्कुल भी निकलने नहीं देती, के आधार पर वस्तुओं को कितनी किस्मों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर-
वस्तुओं में से प्रकाश की मात्रा गुज़रने के आधार पर वस्तुओं को तीन किस्मों में बाँटा जा सकता है।

  • पारदर्शी वस्तुएँ – वे वस्तुएँ या पदार्थ जो अपने में से प्रकाश को पूरी तरह निकलने देती हैं, को पारदर्शी वस्तुएँ कहते हैं। उदाहरण-काँच की शीट, हवा तथा पानी आदि।
  • अपारदर्शी वस्तुएँ – वे वस्तुएँ या पदार्थ जो अपने में से प्रकाश को निकलने नहीं देती, को अपारदर्शी वस्तुएँ कहते हैं। उदाहरण-गत्ता, लकड़ी, धातु, ईंट आदि।
  • अल्प – पारदर्शी (पारभासी) वस्तुएँ-वे वस्तुएँ या पदार्थ जो अल्प मात्रा में या कम मात्रा में प्रकाश को अपने में से निकलने देती हैं और जिनके दूसरी ओर रखी वस्तुएँ स्पष्ट (धुंधली) दिखाई नहीं देती हैं, को अल्पपारदर्शी वस्तुएँ कहते हैं। उदाहरण-टिशू पेपर, तेल लगा कागज़, पतला कपड़ा आदि।

प्रश्न 2.
नीचे दिखाई सूची में से पदार्थों को पारदर्शी, अपारदर्शी और अल्प-पारदर्शी में बाँटें-

वस्तु/पदार्थ पारदर्शी/अल्प-पारदर्शी/अपारदर्शी
पानी
टिशू पेपर
पत्थर
हवा
किताब
शीशा
पतला कपड़ा

उत्तर-

वस्तु/पदार्थ पारदर्शी/अल्प-पारदर्शी/अपारदर्शी
पानी पारदर्शी
टिशू पेपर अल्प-पारदर्शी
पत्थर अपारदर्शी
हवा पारदर्शी
किताब अपारदर्शी
शीशा अपारदर्शी
पतला कपड़ा अल्प-पारदर्शी

सोचें और उत्तर दें (पेज 109)

प्रश्न 1.
प्रकाश ……………… रेखा में चलता है।
उत्तर-
प्रकाश सीधी रेखा में चलता है।

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प्रश्न 2.
प्रकाश ……………………. पदार्थ में से नहीं गुजर सकता।
उत्तर-
प्रकाश अपारदर्शी पदार्थ में से नहीं गुज़र सकता।

सोचें और उत्तर दें (पेज 111)

प्रश्न 1.
परछाई बनने के लिए कितनी वस्तओं की जरूरत होती है?
उत्तर-
किसी वस्तु की परछाई बनने के लिए निम्नलिखित तीन वस्तुओं का होना आवश्यक है-

  1. प्रकाश का स्रोत
  2. अपारदर्शी वस्तु
  3. परछाई प्राप्त करने के लिए परदा (स्क्रीन) जो कि मोटे कपड़े की शीट आदि।

प्रश्न 2.
जब कोई ……………….. वस्तु स्क्रीन और प्रकाश के स्रोत के बीच आती है, तो स्क्रीन पर परछाई बनती है।
उत्तर-
जब कोई अपारदर्शी वस्तु स्क्रीन और प्रकाश के स्रोत के बीच आती है, तो स्क्रीन पर परछाई बनती है।

सोचें और उत्तर दें (पेज 112)

प्रश्न 1.
किसी अपारदर्शी वस्तु की परछाई का आकार वस्तु और प्रकाश स्रोत की ……………………. स्थिति पर निर्भर करता है।
उत्तर-
किसी अपारदर्शी वस्तु की परछाई का आकार वस्तु और प्रकाश स्रोत की सापेक्षिक स्थिति पर निर्भर करता है।

प्रश्न 2.
अपारदर्शी वस्तु चाहे किसी भी रंग की हो, परछाई हमेशा …………………. ( सफेद/काली) होगी।
उत्तर-
अपारदर्शी वस्तु चाहे किसी भी रंग की हो, परछाई हमेशा काली होगी।

सोचें और उत्तर दें (पेज 115)

प्रश्न 1.
पिनहोल कैमरा इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकाश साधारण हालत में ………………….. रेखा में चलता है।
उत्तर-
पिनहोल कैमरा इस तथ्य पर आधारित है कि प्रकाश साधारण हालत में सीधी रेखा में चलता है।

प्रश्न 2.
पिनहोल कैमरा द्वारा बनाए प्रतिबिंब …………………. और …………………… होते हैं।
उत्तर-
पिनहोल कैमरा द्वारा बनाए प्रतिबिंब उल्टे और छोटे होते हैं।

सोचें और उत्तर दें (पेज 116)

प्रश्न 1.
एक दर्पण पर पड़ रहे प्रकाश की दिशा नहीं बदलती। (सही/ग़लत)
उत्तर-
ग़लत।

प्रश्न 2.
एक समतल दर्पण की तरह पॉलिश की गई या चमकती सतह ……………………… परावर्तन पैदा करती है।
उत्तर-
एक समतल दर्पण की तरह पॉलिश की गई या चमकती सतह नियमित परावर्तन पैदा करती है।

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PSEB Solutions for Class 6 Science प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन Important Questions and Answers

1. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न (i)
जिस वस्तु के आर-पार प्रकाश गुज़र सकता है, उसे कहते हैं-
(क) अल्प-पारदर्शी
(ख) अपारदर्शी
(ग) पारदर्शी
(घ) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) पारदर्शी।

प्रश्न (ii)
परछाई बनने के लिए प्रकाश के मार्ग में उपस्थित होना आवश्यक है-
(क) पारदर्शी वस्तु
(ख) अपारदर्शी वस्तु
(ग) अल्प-पारदर्शी वस्तु
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) अपारदर्शी वस्तु।

प्रश्न (iii)
अल्प पारदर्शी वस्तुओं के आर-पार देखना संभव है-
(क) पूर्ण रूप में
(ख) आंशिक रूप में
(ग) बिल्कुल नहीं
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) आंशिक रूप में।

प्रश्न (iv)
प्रकाशमान वस्तुएँ-
(क) प्रकाश उत्सर्जित करती हैं
(ख) प्रकाश उत्सर्जित नहीं करती हैं
(ग) दूसरी वस्तु से प्रकाश प्राप्त करके प्रकाश उत्सर्जित करती हैं
(घ) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर-
(क) प्रकाश उत्सर्जित करती हैं।

प्रश्न (v)
चंद्रमा एक ……………………… वस्तु है।
(क) प्रकाशमान
(ख) प्रकाशहीन
(ग) दोनों प्रकाशमान तथा प्रकाशहीन
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) प्रकाशहीन।

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प्रश्न (vi)
प्रकाश परावर्तन प्रक्रिया में प्रकाश चमकदार सतह से टकरा कर-
(क) उसी माध्यम में वापिस आ जाता है
(ख) उस माध्यम को छोड़कर दूसरे माध्यम में चला जाता है
(ग) कुछ भाग उसी माध्यम में वापिस आ जाता है (घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) उसी माध्यम में वापिस आ जाता है।

प्रश्न (vii)
प्रकाश का परावर्तन होता है-
(क) नियमित सतह से
(ख) अनियमित सतह से
(ग) सतह का कुछ भाग नियमित तथा कुछ भाग अनियमित से
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) नियमित सतह से।

प्रश्न (viii)
जब किसी अपारदर्शी वस्तु को प्रकाश स्रोत के निकट लाया जाता है, तो-
(क) परछाई का आकार बराबर होता है
(ख) परछाई का आकार छोटा होता है
(ग) परछाई का आकार बड़ा होता है
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) परछाई का आकार बड़ा होता है।

प्रश्न (ix)
पिनहोल कैमरे में प्रतिबिंब बनता है-
(क) निकट स्थित स्थिर वस्तु का
(ख) दूर स्थित स्थिर वस्तु का
(ग) दूर स्थित गतिशील वस्तु का
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) दूर स्थित स्थिर वस्तु का।

प्रश्न (x)
पारदर्शी पदार्थ की परछाईं किस प्रकार की होती है ?
(क) गाढ़ा काला
(ख) वक्राकार
(ग) बड़े आकार का
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(घ) इनमें से कोई नहीं।

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2. खाली स्थान भरें

(i) वे वस्तुएं जिनके आर-पार प्रकाश पूर्ण रूप से नहीं गुज़र सकता, उन्हें ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
अल्प-पारदर्शी

(ii) प्रकाश स्रोत से आ रही प्रकाश किरणों के पथ में अपारदर्शी वस्तु रखने पर उस वस्तु के दूसरी ओर काला क्षेत्र बन जाता है जिसे वस्तु का …………………….. कहते हैं।
उत्तर-
परछाई

(iii) प्रकाश परावर्तन एक …………………… की सतह से होता है।
उत्तर-
दर्पण

(iv) ……………………. सतह से प्रकाश का अनियमित परावर्तन होता है।
उत्तर-
समतल (या खुरदरी)

(v) …………………. से सूरज तथा अन्य चमकदार वस्तुओं के प्रतिबिंब बनायें जा सकते हैं।
उत्तर-
पिनहोल कैमरा।

3. सही या ग़लत चुनें

(i) किसी अपारदर्शी वस्तु की परछाई का आकार वस्तु तथा प्रकाश स्रोत की स्थिति पर निर्भर नहीं करता है।
उत्तर-
ग़लत

(ii) चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा, सूरज तथा धरती के बीच होता है तथा यह तीनों एक सीधी रेखा में होते हैं।
उत्तर-
ग़लत

(iii) प्रकाश सीधी रेखा में चलता है तथा पेड़ आकार की वस्तु के गिर्द नहीं मुड़ता है।
उत्तर-
सही

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(iv) चंद्रमा एक प्रकाशहीन वस्तु है।
उत्तर-
सही

(v) प्रकाश स्रोत को अपारदर्शी वस्तु से दूर ले जाने पर वस्तु की परछाई बड़े आकार की होती है।
उत्तर-
ग़लत

4. कॉलम ‘क’ और कॉलम ‘ख’ का उचित मिलान करें

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) प्रकाश सीधी रेखा में चलता है (a) धरती, चंद्रमा तथा सूरज के बीच
(ii) चंद्र ग्रहण (b) परछाई का बनना
(iii) सूरज ग्रहण (c) पिनहोल कैमरा
(iv) उल्टा तथा छोटा प्रतिबिंब (d) अपारदर्शी वस्तु, प्रकाश स्त्रोत तथा सक्रीन के बीच
(v) परछाई (e) धरती, चंद्रमा तथा सूरज के बीच।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) प्रकाश सीधी रेखा में चलता है (b) परछाई का बनना
(ii) चंद्र ग्रहण (a) धरती, चंद्रमा तथा सूरज के बीच
(iii) सूरज ग्रहण (c) धरती, चंद्रमा तथा सूरज के बीच
(iv) उल्टा तथा छोटा प्रतिबिंब (c) पिनहोल कैमरा
(v) परछाई (d) अपारदर्शी वस्तु, प्रकाश स्त्रोत तथा सक्रीन के बीच

5. अति लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रकाशमान वस्तु किसे कहते हैं ?
उत्तर-
प्रकाशमान वस्तु (हीत वस्तु) – वह वस्तु जिसके पास अपना प्रकाश होता है और सूरज की तरह अपना प्रकाश उत्सर्जित करती है, उसे प्रकाशमान (दीप्त वस्तु) कहते हैं।

प्रश्न 2.
कुछ प्रकाशमान वस्तुओं के नाम लिखें।
उत्तर-
सूरज, विद्युत बल्ब, जली हुई मोमबत्ती, तारे आदि।

प्रश्न 3.
प्रकाशहीन (अदीप्त ) वस्तु किसे कहते हैं?
उत्तर-
प्रकाशहीन (अदीप्त वस्तु) – वह वस्तु जिस के पास अपना प्रकाश नहीं होता है परंतु प्रकाशमान वस्तु से प्रकाश प्राप्त करके प्रकाश उत्सर्जित करे, उसे प्रकाशहीन (अदीप्त) वस्तु कहते हैं।

प्रश्न 4.
किन्हीं चार प्रकाशहीन वस्तुओं के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. गत्ता,
  2. मेज़,
  3. कुर्सी,
  4. पत्थर का टुकड़ा।

प्रश्न 5.
पारदर्शी वस्तु किसे कहते हैं?
उत्तर-
पारदर्शी वस्तु – ऐसी वस्तु जिसमें से प्रकाश निकलकर पार जा सकता है तथा जिस वस्तु के आर-पार देख सकते हैं, उसे पारदर्शी वस्तु कहते हैं।

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प्रश्न 6.
किन्हीं चार पारदर्शी वस्तुओं के नाम लिखें।
उत्तर-

  1. हवा,
  2. काँच,
  3. पानी,
  4. जिन शराब।

प्रश्न 7.
अपारदर्शी वस्तु किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अपारदर्शी वस्तु – ऐसी वस्तु जिसके आर-पार प्रकाश नहीं निकल सकता है तथा जिसके आर-पार नहीं देखा जा सकता, उसे अपारदर्शी वस्तु कहते हैं।

प्रश्न 8.
किन्हीं चार अपारदर्शी वस्तुओं के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. गत्ता,
  2. पत्थर का टुकड़ा,
  3. लकड़ी का टुकड़ा,
  4. धातु का चादर।

प्रश्न 9.
अल्प-पारदर्शी (पारभासी) वस्तु किसे कहते हैं ?
उत्तर-
अल्प-पारदर्शी (पारभासी) वस्तु – ऐसी वस्तु जिसमें से कम (आंशिक) मात्रा में प्रकाश गुज़रता है तथा जिस वस्तु के दूसरी तरफ पड़ी वस्तु को स्पष्ट रूप से नहीं देखा जा सकता, उसे अल्प-पारदर्शी (पारभासी) वस्तु कहते हैं।

प्रश्न 10.
किन्हीं चार अल्प-पारदर्शी वस्तुओं के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. धुआँ,
  2. कोहरा,
  3. घिसा हुआ काँच,
  4. तेल लगा हुआ कागज़,
  5. सैलोफेन पेपर।

प्रश्न 11.
क्या प्रकाश की अनुपस्थिति में हम देख सकते हैं ?
उत्तर-
नहीं, हम प्रकाश की अनुपस्थिति में नहीं देख सकते हैं क्योंकि प्रकाश वस्तुओं को देखने में सहायता करता है।

प्रश्न 12.
किसी वस्तु का अपारदर्शी, पारदर्शी या अल्प-पारदर्शी होना किस बात पर निर्भर करता है?
उत्तर-
यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्रकाश उस वस्तु में से गुज़र सकता है अथवा नहीं या फिर प्रकाश अर्पण मात्रा में गुज़रने से दिए जाता है तो उस काले क्षेत्र को वस्तु की परछाई कहते हैं।

प्रश्न 13.
परछाई किसे कहते हैं?
उत्तर-
परछाई – जब कोई अपारदर्शी वस्तु अपने में से प्रकाश नहीं गुज़रने देती तथा वस्तु के पिछली तरफ काला क्षेत्र बन जाता है तो उस काले क्षेत्र को वस्तु की परछाई कहते हैं।

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प्रश्न 14.
पिनहोल कैसरे की सहायता से हम किस प्रकार की वस्तुओं को प्राप्त कर सकते हैं?
उत्तर-
पिनहोल कैमरे की सहायता से हम केवल स्थिर वस्तुओं के प्रतिबिंब प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 15.
हमें सूरज की ओर सीधा क्यों नहीं देखना चाहिए?
उत्तर-
हमें सूरज की ओर सीधा नहीं देखना चाहिए क्योंकि इसके प्रकाश में पराबैंगनी विकिरणें उपस्थित होती हैं जो हमारी आँखे को हानी पहँचा सकती हैं।

प्रश्न 16.
प्रकाश परावर्तन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
प्रकाश परावर्तन – जब प्रकाश किसी चिकनी तथा चमकदार समतल सतह से टकराती है तो उसी माध्यम में एक विशेष दिशा में लौट आती है। प्रकाश के इस दिशा परिवर्तन वाले व्यवहार को प्रकाश परावर्तन कहते हैं।

6. लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या चंद्रमा दीप्त वस्तु है अथवा अदीप्त ? समझाइए।
उत्तर-
चंद्रमा दीप्त वस्तु नहीं है क्योंकि चंद्रमा स्वयं प्रकाश उत्सर्जित नहीं करता बल्कि सूर्य के प्रकाश को अपनी सतह से परावर्तित करता है।

प्रश्न 2.
वस्तुओं को देखने के लिए कौन-सी शर्तों का होना आवश्यक हैं ?
उत्तर-
वस्तुओं को देखने के लिए निम्नलिखित शर्तों का होना आवश्यक है-

  1. वस्तु
  2. देखने के लिए निरोग आँख
  3. प्रकाश की उपस्थिति।

प्रश्न 3.
पारदर्शी, अपारदर्शी और पारभाषी वस्तुएँ किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
पारदर्शी वस्तुएँ – जिन वस्तुओं में से प्रकाश आर-पार गुज़र सकता है अथवा जिनमें से हम आर-पार देख सकते हैं, उन्हें पारदर्शी वस्तुएं कहते हैं।
उदाहरण – काँच, जल और वायु आदि।
अपारदर्शी वस्तुएं – जिन वस्तुओं में से प्रकाश बिल्कुल नहीं गुज़र सकता, उन्हें अपारदर्शी वस्तुएँ कहते हैं।
उदाहरण – लकड़ी, लोहा, गत्ता और ईंट आदि।
पारभासी वस्तुएं – जिन वस्तुओं में से प्रकाश थोड़ी मात्रा में से गुज़र सकता है, उन्हें पारभासी वस्तुएँ कहते हैं।
उदाहरण-घिसा हुआ काँच, मोमी कागज़, धुआँ, कोहरा आदि।

प्रश्न 4.
एक अपारदर्शी वस्तु पर प्रकाश पड़ने पर वस्तु छाया क्यों बनाती है ?
उत्तर-
जब प्रकाश किसी अपारदर्शी वस्तु पर पड़ता है तब उस वस्तु की छाया इस कारण बनती है क्योंकि वह अपने में से प्रकाश को गुज़रने नहीं देती।

प्रश्न 5.
छाया किसे कहते हैं ? जब किसी वस्तु को प्रकाश स्रोत की तरफ ले जाया जाता है तब छाया आकार को क्या होता है ?
उत्तर-
छाया – जब प्रकाश किसी अपारदर्शी वस्तु पर पड़ता है तो वह उस वस्तु में से नहीं गुज़र सकता तथा प्रकाश स्रोत से विपरीत अपारदर्शी वस्तु की दूसरी तरफ एक काला क्षेत्र बन जाता है। इस काले क्षेत्र को छाया कहते हैं। इस का कारण यह है कि प्रकाश सीधी रेखा में चलता है। जब वस्तु को प्रकाश के स्रोत के निकट लाया जाता है तो छाया का आकार बढ़ता है।

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प्रश्न 6.
जब किसी अपारदर्शी वस्तु को धूप में धरती से ऊपर कुछ ऊँचाई पर देखते हैं तो हमें धरती पर काले धब्बे क्यों दिखाई देते हैं?
उत्तर-
जब हम अपारदर्शी वस्तु को धूप में धरती से कुछ ऊँचाई पर देखते हैं तो धरती पर बने हुए काले धब्बे वस्तु की परछाई (छाया) बनने के कारण दिखाई देते हैं।

प्रश्न 7.
क्या छाया बनने के लिए पर्दे की ज़रूरत होती है ? हमारे दैनिक जीवन में कौन-सी वस्तुएं छाया के लिए पर्दे का कार्य करती हैं ?
उत्तर-
हाँ, छाया बनाने के लिए पर्दे की ज़रूरत होती है। छाया को केवल पर्दे पर ही देखा जा सकता है।
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कमरे की दीवार, इमारत अथवा इस प्रकार की अन्य सतहें हमारे दैनिक जीवन में दिखाई देने वाली अनेक प्रकाश की बनी छाया के लिए पर्दे का कार्य करती हैं।

प्रश्न 8.
एक क्रिया-क्लाप से दर्शाएं कि प्रकाश एक सरल रेखा में गमन करता है ?
उत्तर-
प्लास्टिक पाइप का छोटा टुकड़ा अथवा रबड़ की लम्बी नली लो। कमरे में एक तरफ एक मोमबत्ती जलाकर मेज़ के ऊपर रखें। अब कमरे में दूसरी तरफ खड़े होकर पाइप से मोमबत्ती को देखें। मोमबत्ती दिखाई देगी। अब जब तुम मोमबत्ती को देख रहे हों तो तब पाइप को थोड़ा-सा मोड़िए। अब तुम को मोमबत्ती दिखाई नहीं देती है। पाइप को दाईं या बाईं ओर घुमाइए। अब भी तुम मोमबत्ती को देख नहीं सकते हैं। इससे हम निष्कर्ष निकालते हैं कि प्रकाश एक सरल रेखा में गमन करता है।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 11 प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन 4
इसका कारण यह है कि पाइप का मुड़ना हमारी आँखों की ओर आ सीधे रही प्रकाश किरणों को रोक देता है। इसके अतिरिक्त पाइप अपारदर्शी पदार्थ से बना होने के कारण प्रकाश पाइप में से नहीं गुज़र सकता है। इसलिए मोमबत्ती की ज्वाला हमें दिखाई नहीं देती है। इससे यह निष्र्कष निकलता है कि प्रकाश सरल रेखा में गमन करता है। प्रकाश के इस व्यवहार को प्रकाश प्रसार भी कहते हैं।

प्रश्न 9.
परावर्तन किसे कहते हैं ? परावर्तन किन-किन वस्तुओं द्वारा हो सकता है ?
उत्तर-
परावर्तन – किसी सतह से टकरा कर प्रकाश के वापिस उसी माध्यम में लौट जाने को परावर्तन कहते हैं। सामान्य परावर्तन चमकीली सतह द्वारा होता है परंतु कभी-कभी हम झील अथवा तालाब के पानी में पेड़ों, इमारतों तथा अन्य वस्तुओं से भी परावर्तन देखते हैं।

प्रश्न 10.
नीचे दी गई वस्तुओं अथवा पदार्थों को अपारदर्शी, पारदर्शी अथवा पारभासी तथा दीप्त अथवा अदीप्त में वर्गीकृत कीजिए :
वायु, जल, चट्टान का टुकड़ा, ऐलुमिनियम शीट, दर्पण, लकड़ी का तख्ता, पॉलीथीन शीट, CD, धुआँ, समतल काँच की शीट, कुहरा, लाल तप्त लोहे का टुकड़ा, छाता, प्रकाशमान प्रतिदीप्त नलिका, दीवार, कार्बन पेपर की शीट, गैस बर्नर की ज्वाला, गत्ते की शीट, प्रकाशमान टॉर्च, सेलोफेन शीट, तार की जाली, मिट्टी के तेल का स्टोव, सूर्य, जुगनू, चंद्रमा।
उत्तर-
अपारदर्शी पदार्थ – चट्टान का टुकड़ा, ऐलुमिनियम शीट, दर्पण, लकड़ी का तख्ता, CD, दीवार, कार्बन पेपर की शीट, गत्ते की शीट।

पारदर्शी पदार्थ – वायु, जल, समतल काँच की शीट।
पारभासी पदार्थ – पॉलीथीन शीट, धुआँ, कोहरा, छाता, सेलोफेन शीट, तार की जाली।
दीप्त वस्तुएं – लाल तप्त लोहे का टुकड़ा, प्रकाशमान प्रतिदीप्त नलिका, गैस बर्नर की ज्वाला, प्रकाश मान टॉर्च, मिट्टी के तेल का स्टोव, सूर्य, जुगनू।
अदीप्त वस्तुएं – चट्टान का टुकड़ा, ऐलुमिनियम शीट, लकड़ी का तख्ता, दीवार, गत्ते की शीट, चंद्रमा।

प्रश्न 11.
क्या आप ऐसी आकृति बनाने के बारे में सोच सकते हैं जो एक ढंग से रखे जाने पर वृत्ताकार छाया बनाए तथा दूसरे ढंग से रखे जाने पर आयताकार छाया बनाए ?
उत्तर-
किसी बेलनाकार डिब्बे की उर्ध्वाकार दिशा में छाया आयताकार होगी और क्षितिज दिशा में छाया वृत्ताकार होगी।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 11 प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन 5

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 11 प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन

प्रश्न 12.
किसी अपारदर्शी वस्तु की परछाई बनने के लिए किन शर्तों की आवश्यकता होती है?
उत्तर-
किसी अपारदर्शी वस्तु की परछाई बनने के लिए निम्नलिखित तीन शर्ते पूरी होनी चाहिए-

  1. प्रकाश का स्त्रोत
  2. अपारदर्शी वस्तु
  3. परछाई प्राप्त करने के लिए स्क्रीन (यह दीवार, धरती तथा मोटा कपड़े का पर्दा हो सकता है।)

प्रश्न 13.
अनियमित परावर्तन क्या है ?
उत्तर-
अनियमित परावर्तन – जब प्रकाश किसी असमतल या खुरदरी सतह पर पड़ता है तो इससे प्रकाश के दिशा परिवर्तन के पश्चात प्रकाश प्रकाशन (बिखर जाता) होता है। ऐसे प्रकाश परावर्तन को अनियमित परावर्तन कहते हैं।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 11 प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन 6

7. निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रकाश परावर्तन किसे कहते हैं ? क्रिया क्लाप की सहायता से परावर्तन प्रक्रिया को दर्शाएँ।
उत्तर-
प्रकाश परावर्तन – किसी समतल तथा चमकदार सतह को टकरा कर प्रकाश का वापिस उसी माध्यम में विशेष दिशा में परिवर्तन करके लौटना प्रकाश परावर्तन कहलाता है।

क्रियाकलाप-1
इस क्रियाकलाप को रात्रि के समय अथवा एक अंधेरे कमरे में किया जा सकता है। अपने किसी मित्र से कहिए कि एक हाथ में दर्पण लेकर कमरे के एक कोने में खड़े हो जाएं। एक हाथ में टॉर्च लेकर आप कमरे के दूसरे कोने में खड़े हो जाएं। टॉर्च के कांच को अपनी उँगुलियों से ढक लीजिए तथा टॉर्च को जलाएं। किरण पुंज प्राप्त करने के लिए अपनी उँगुलियों के बीच कुछ जगह छोड़ें। प्रकाश पुंज को अपने मित्र के द्वारा पकड़े हुए दर्पण पर डालिए। तुमें दूसरी तरफ प्रकाश के धब्बे दिखाई देंगे। अब टॉर्च की दिशा इस प्रकार समायोजित कीजिए कि प्रकाश का धब्बा कमरे में किसी दूसरे मित्र के ऊपर पड़े।
यह क्रियाकलाप यह दर्शाता है कि दर्पण अपने ऊपर पड़ने वाले प्रकाश का परावर्तन करता है।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 11 प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन 7

क्रियाकलाप-2
एक बड़ी थर्मोकोल की शीट के एक किनारे पर एक कंघी तथा इसके दूसरे किनारे पर चित्र में दर्शाए अनुसार एक दर्पण लगाइए। दर्पण तथा कंघी के बीच कागज़ की गहरी रंगीन शीट बिछाइए। इसे सूर्य के प्रकाश में रखिए अथवा कंघी के सामने टॉर्च से प्रकाश किरणें डालिए।

तुम्हें चित्र में दर्शाए जैसा पैटर्न प्राप्त होगा।
इस क्रियाकलाप से हमें यह ज्ञात होता है कि प्रकाश किस प्रकार गमन करता है तथा किस प्रकार दर्पण से परावर्तित होता है।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 11 प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन 8

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 11 प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन

प्रश्न 2.
परछाई के आकार तथा रंग को प्रभावित करने वाले कौन से का कारक हैं, को अध्ययन एक क्रिया क्लाप द्वारा करें।
उत्तर-
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 11 प्रकाश, छायाएँ और परावर्तन 9
परछाई के आकार (माप) तथा रंग को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन-
क्रियाकलाप – चित्र में दर्शाए अनुसार एक टार्च की सहायता से किसी घनाकार वस्तु पर प्रकाश डालें ताकि | धरती की सतह पर उस वस्तु की परछाई बन जाए। अब टार्च को पहले वस्ते के निकट और फिर वस्तु से दूर ले जाएं। आप देखोगे कि वस्तु के समीप तथा दूर जाने पर परछाई के माप में परिवर्तन आता है। जब टार्च (प्रकाश स्त्रोत) वस्तु के निकट होती है तो परछाई का माप छोटा होता है तथा जब टार्च वस्तु से दूर होती है तो परछाई का माप बड़ा होता है। अब हम भिन्न-भिन्न रंगों को घनाकार वस्तुओं जैसे चाक का डिब्बा, किताब, डस्टर आदि की परछाईयाँ बनाएंगे और परछाइयों के रंग भी जाँच करेंगे। आप देखोगे कि प्रत्येक बार परछाई का रंग काला ही है। इस ऊपर दी गई क्रिया क्लाप से हमें निम्नलिखित परिणाम प्राप्त होते हैं।

  1. अपारदर्शी वस्तु की परछाई का माप वस्तु तथा प्रकाश स्त्रोत की सापेक्ष स्थिति पर निर्भर करता है।
  2. अपारदर्शी वस्तु की परछाई का रंग सदा काला होता है, भले ही वस्तु का रंग कोई भी हो अर्थात् परछाई का रंग वस्तु के रंग पर निर्भर नहीं करता है।

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ

Punjab State Board PSEB 3rd Class Maths Book Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 3 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ

ਪੰਨਾ 67:

ਕੀ ਤੁਹਾਨੂੰ ਯਾਦ ਹੈ?

ਖਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ:-

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 1

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 2

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 68:

ਅਵਨੀਤ ਸਿੰਘ ਕੋਲ ਤਿੰਨ ਖਿਡੌਣਾ ਕਾਰਾਂ ਹਨ । ਇੱਕ ਕਾਰ ਦੇ 4 ਪਹੀਏ ਹਨ । ਸਾਰੀਆਂ ਕਾਰਾਂ ਦੇ ਕਿੰਨੇ ਪਹੀਏ ਹੋਣਗੇ?

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 3

ਜਵਾਬ.
12

ਜੇਕਰ ਜਮਾਤ ਵਿੱਚ 6 ਬੱਚੇ ਹਨ ਅਤੇ ਹਰੇਕ ਬੱਚੇ ਕੋਲ 5 ਪੈਨਸਿਲਾਂ ਹਨ ਤਾਂ ਦੱਸੋ ਸਾਰੇ ਬੱਚਿਆਂ ਕੋਲੋਂ ਕਿੰਨੀਆਂ ਪੈਨਸਿਲਾਂ ਹੋਣਗੀਆਂ?

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 4

ਜਵਾਬ.
5 + 5 + 5 + 5 + 5 + 5 = 30

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਵਾਰ-ਵਾਰ ਜੋੜਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਗੁਣਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 5

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 6

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 69:

ਗੁਣਾ ਨੂੰ ਵਾਰ-ਵਾਰ ਜੋੜਨ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 7

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 8

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 71:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਅੰਤਰਾਲ ਗਿਣਤੀ:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 9

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 10

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 77:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਚਿੱਤਰ ਦੇਖ ਕੇ ਖਾਲੀ ਥਾਂ ਭਰੋ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 11

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 12

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 79:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 13

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 14

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 15

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 16

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 80:

ਸ਼ਾਬਦਿਕ ਸਵਾਲ:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 17

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 18

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 19

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 81:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 20

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 21

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 83:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਸਵਾਲ 1.
ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :-

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 22

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 23

ਸਵਾਲ 2.
ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 24

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 25

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਸਵਾਲ 3.
2 ਦੇ ਗੁਣ ’ਤੇ ਠੀਕ ( ) ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲਗਾਓ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 26

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 27

ਸਵਾਲ 4.
5 ਦੇ ਗੁਣਜ ‘ ਤੇ ਠੀਕ ( ) ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲਗਾਓ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 28

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 29

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 84:

ਸਵਾਲ 5.
ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ:-

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 30

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 31

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਸਵਾਲ 6.
ਇੱਕ ਅੰਕੀ ਸੰਖਿਆ ਨੂੰ ਇੱਕ ਅੰਕੀ ਸੰਖਿਆ ਨਾਲ ਗੁਣਾ ਕਰੋ:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 32

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 33

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 34

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 85:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ:-

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 35

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 36

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 87:

ਆਓ ਦਸ-ਦਸ ਦੇ ਨੋਟ ਗਿਣੀਏ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 37

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 38

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 39

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

10 ਦੇ ਗੁਣਜ ‘ਤੇ ਠੀਕ (✓) ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲਗਾਓ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 40

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 41

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 88:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਦੋ ਅੰਕੀ ਸੰਖਿਆ ਨੂੰ ਇੱਕ ਅੰਕੀ ਸੰਖਿਆ ਨਾਲ ਗੁਣਾ ਕਰਨਾ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 42

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 43

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 44

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 90:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਸਵਾਲ 1.
ਇੱਕ ਆਈਸਕ੍ਰੀਮ 55 ਰੁਪਏ ਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ 5 ਆਈਸਕੀਮਾਂ ਦਾ ਮੁੱਲ ਦੱਸੋ?

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 45

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 46

ਸਵਾਲ 2.
ਇੱਕ ਚਾਕ ਦੇ ਡੱਬੇ ਵਿੱਚ 43 ਚਾਕ ਹਨ । 3 ਡੱਬਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੇ ਚਾਕ ਹੋਣਗੇ?

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 47

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 48

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 91:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਕਾਲਮ ਵਿਧੀ ਨਾਲ ਗੁਣਾ:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 49

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 50

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 92:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਦੋ ਅੰਕੀ ਸੰਖਿਆ ਨੂੰ ਦੋ ਅੰਕੀ ਸੰਖਿਆ ਨਾਲ ਗੁਣਾ:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 51

ਜਵਾਬ.
20 × 10 = 200
30 × 10 = 300
40 × 10 = 400
60 × 10 = 600
70 × 10 = 700
90 × 10 = 900

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 94:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 52

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 53

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 95:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਤਿੰਨ ਅੰਕੀ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦੀ ਗੁਣਾ:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 54

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 55

ਪੰਨਾ 96:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 56

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 57

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਪੰਨਾ 97:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਗੁਣਾ ਕਰਨ ਦੀ ਲੇਟਿਸ ਐਲਗੋਰਿਥਮ (Lettice Algoritham) ਵਿਧੀ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 58

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 59

ਪੰਨਾ 99:

ਵਰਕਸ਼ੀਟ:

ਸਵਾਲ 1.
ਮਿਲਾਨ ਕਰੋ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 60

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 61

ਸਵਾਲ 2.
ਠੀਕ ਜਵਾਬ ‘ ਤੇ ਚੱਕਰ ਲਗਾਓ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 62

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 3 ਗੁਣਾ 63

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਸਵਾਲ 3.
ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :
(i) 5 + 5 + 5 + 5 + 5 = ____ × ____
ਜਵਾਬ.
5 × 5

(ii) 10 + 10 + 10 + 10 + 10 + 10 + 10 = ____ × ____
ਜਵਾਬ.
7 × 10

ਸਵਾਲ 4.
ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :
(i) 0 × 5 = 0
ਜਵਾਬ.
0

(ii) 4 × 1 = ____
ਜਵਾਬ.
4

(ii) 3 × ____ = 2 × ____
ਜਵਾਬ.
3 × 2 = 2 × 3

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਸਵਾਲ 5.
ਗੁਣਾ ਕਰੋ :
(i) 25 × 3 = ____
ਜਵਾਬ.
75

(ii) 42 × 14 = ____
ਜਵਾਬ.
588

(iii) 70 × 10 = ____
ਜਵਾਬ.
700

ਸਵਾਲ 6.
ਖਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :
(i) 7 × ____ = 21
ਜਵਾਬ.
3

(ii) 4 × ____ = 16
ਜਵਾਬ.
4

(iii) ____ × 5 = 20
ਜਵਾਬ.
4

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਸਵਾਲ 7.
ਚਾਰ ਦਾ ਪਹਾੜਾ ਲਿਖੋ:
4 × 1 = 4
4 × 2 = 8
4 × 3 = 12
4 × 4 = 16
4 × 5 = 20
4 × 6 = 24
4 × 7 = 28
4 × 8 = 32
4 × 9 = 36
4 × 10 = 40

ਬਹੁਵਿਕਲਪਿਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (MCQ):

ਸਵਾਲ 1.
ਤੋਂ 10 ਦੇ ਦਸ ਨੋਟਾਂ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਕਿਹੜੀ ਸੰਖਿਆ ਬਣੇਗੀ ?
(ਉ) 10
(ਅ) 50
(ਇ) 100
(ਸ) 1000.
ਉੱਤਰ-
(ੲ) 100

ਸਵਾਲ 2.
ਤੋਂ 10 ਦੇ ਪੰਜ ਨੋਟਾਂ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਕਿਹੜੀ ਸੰਖਿਆ ਬਣੇਗੀ ?
(ਉ) 10
(ਅ) 20
(ਏ) 30
(ਸ) 50
ਉੱਤਰ-
(ਸ) 50

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 3 ਗੁਣਾ width=

ਸਵਾਲ 3.
ਇਕ ਕੁਰਸੀ ਦੀਆਂ 4 ਲੱਤਾਂ ਹਨ | ਅਜਿਹੀਆਂ 4 ਕੁਰਸੀਆਂ ਦੀਆਂ ਕਿੰਨੀਆਂ ਲੱਤਾਂ ਹੋਣਗੀਆਂ ?
(ਉ) 4
(ਅ) 8
(ਬ) 12
(ਸ) 16
ਉੱਤਰ-
(ਸ) 16

ਸਵਾਲ 4.
ਇੱਕ ਬਿੱਲੀ ਦੀਆਂ ਦੋ ਅੱਖਾਂ ਹਨ | 4 ਬਿੱਲੀਆਂ ਦੀਆਂ ਕਿੰਨੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਹਨ ?
(ਉ) 2
(ਅ) 4
(ਈ) 8
(ਸ) 6
ਉੱਤਰ-
(ਈ ) 8

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 8 शरीर मे गति

Punjab State Board PSEB 6th Class Science Book Solutions Chapter 8 शरीर मे गति Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Science Chapter 8 शरीर मे गति

PSEB 6th Class Science Guide शरीर मे गति Textbook Questions, and Answers

1. रिक्त स्थान भरें

(i) जिस स्थान पर हड्डियाँ मिलती हैं, इस स्थान को …………………… कहते हैं।
उत्तर-
जोड़ या संधि

(ii) मानवीय पिंजर …………………….. तथा उपअस्थियों का बना होता है।
उत्तर-
हड्डियों या अस्थियों

(iii) खोपड़ी शरीर के …………………… को सुरक्षित रखती है।
उत्तर-
मस्तिष्क

(iv) केंचुआ ……………………. के प्रयोग के द्वारा गति करता है।
उत्तर-
मांसपेशियों

(v) घुटने का जोड़ …………………… जोड़ का उदाहरण है।
उत्तर-
हिंज।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 8 शरीर मे गति

2. सही या ग़लत चुनें

(i) पसली पिंजर, पसलियों के 12 जोड़ों से बना कोण (शंकु) आकार का हिस्सा है।
उत्तर-
सही

(ii) उपअस्थियाँ हड्डियों से अधिक कठोर होती हैं।
उत्तर-
ग़लत

(iii) हड्डियों को गति करने के लिए मांसपेशियों की जरूरत नहीं होती।
उत्तर-
ग़लत

(iv) धारा रेखीय (Streamlined) शरीर वह होता है, जिसमें शरीर के बीच का भाग इसके किनारे तथा पूँछ से चपटा होता है।
उत्तर-
सही

(v) साँप सीधी रेखा में बहुत तेजी से गति करते हैं।
उत्तर-
ग़लत

3. कॉलम ‘क’ का ‘ख’ से उचित मिलान करें

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) कंदुक (गेंद) खल्लिका संधि (क) खोपड़ी की हड्डियाँ
(ii) गति न करने वाला जोड़ (ख) उंगलियाँ
(iii) कब्ज़ेदार जोड़ (ग) कलाई की हड्डियाँ
(iv) केंद्रीय जोड़ (घ) कंधा
(v) ग्लाइडिंग जोड़ (ङ) सिर की गति

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) कंदुक (गेंद) खल्लिका संधि (घ) कंधा
(ii) गति न करने वाला जोड़ (क) खोपड़ी की हड्डियाँ
(iii) कब्ज़ेदार जोड़ (ख) उंगलियाँ
(iv) केंद्रीय जोड़ (ङ) सिर की गति
(v) ग्लाइडिंग जोड़ (ग) कलाई की हड्डियाँ

4. सही विकल्प चुनिए

प्रश्न (i)
निम्नलिखित में कौन-सा अंग पसलियों द्वारा सुरक्षित होता है?
(क) दिल
(ख) मस्तिष्क
(ग) आंखें
(घ) कान।
उत्तर-
(क) दिल।

प्रश्न (ii)
घोंघे किस की सहायता के साथ चालन करते हैं ?
(क) खोल
(ख) हड्डियाँ
(ग) चिपचिपे पैर
(घ) उपअस्थियाँ।
उत्तर-
(ग) चिपचिपे पैर।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 8 शरीर मे गति

प्रश्न (iii)
मछलियां किस की सहायता से पानी में अपना संतुलन बनाकर रखती हैं तथा अपनी गति की दिशा में परिवर्तन करती हैं?
(क) सिर
(ख) गलफडे
(ग) पंख, फिन्स
(घ) शरीर के ऊपर विद्यमान चमड़ी।
उत्तर-
(ग) पंख, फिन्स।

5. अति लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न (i)
मानवीय शरीर की सबसे लंबी हड्डी का नाम बताएं।
उत्तर-
फीमर मानवीय शरीर की सबसे लंबी हड्डी है।

प्रश्न (ii)
उस जोड़ की किस्म का नाम बताएं, जिसके द्वारा बाजू कंधे से जुड़ती है।
उत्तर-
कंदुक, खल्लिका, जोड़ या संधि। इसे अंग्रेजी में बॉल और सॉकेट जॉइंट कहते हैं।

प्रश्न (iii)
गति तथा चालन में क्या अंतर है?
उत्तर-
गति एक जीव के शरीर के किसी भी भाग की स्थिति में परिवर्तन है जबकि गमन एक जीव के परे शरीर की एक स्थान से दूसरे स्थान पर गति है।

प्रश्न (iv)
ऐसे जीव का उदाहरण दें जो चल सकता है, ऊपर चढ़ सकता है और उड़ भी सकता है।
उत्तर-
तिलचट्टा।

6. लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न (i)
हड्डी को हिलाने के लिए मांसपेशियों के जोड़ों की ज़रूरत क्यों होती है?
उत्तर-
मांसपेशियों का संकुचन करने और शिथल अवस्था में आने के गुण हड्डियों की गति का आधार है। मांसपेशियाँ हमेशा जोड़े में काम करती हैं। जब उनमें से एक सिकुड़ती है तो वह हड्डी को उस दिशा में खींचती है जिसमें वह उभरी होती है। दूसरी मांसपेशी शिथल अवस्था में रहती है। अब हड्डी को मूल स्थिति में वापस लाने के लिए शिथल अवस्था वाली मांसपेशी सिकुड़ती है और सिकुड़ी हुई मांसपेशी शिथल अवस्था में लौट आती है।

प्रश्न (ii)
केंचुआ किस तरह गति करता है? ।
उत्तर-
केंचुए का शरीर कई वलयों अथवा छल्लों से मिलकर बना होता है। ये वलय अथवा छल्ले मांसपेशियों से जुड़े होते हैं जो शरीर को बढ़ाने या छोटा करने में मदद करते हैं। गति के दौरान केंचुआ शरीर के सामने के हिस्से को फैलाता है जबकि इसका पिछला हिस्सा जमीन पर टिका रहता है। फिर यह सामने के हिस्से को ठीक करता है और पीछे के हिस्से को छोड़ देता है। फिर यह अपने शरीर को छोटा करता है और पूरी प्रक्रिया को दोहराता है। केंचुए के शरीर के स्राव इसकी गति में मदद करते हैं।

प्रश्न (iii)
पक्षियों का शरीर उनकी किस तरह उड़ने में सहायता करता है?
उत्तर-
पक्षियों में धारा रेखीय शरीर, खोखली एवं हल्के वजन की हड्डियाँ से बना होता है। ये हड्डियाँ उड़ान के दौरान उनकी मदद करती हैं। पक्षी उड़ सकते हैं क्योंकि उनके धारा रेखीय शरीर उड़ने के अनुकूल होते हैं। हड्डियाँ खोखली तथा हल्की होती हैं और स्तन की हडियों को उड़ान की विशाल मांसपेशियों को धारण करने के लिए संशोधित किया जाता है जो पंखों को ऊपर और नीचे ले जाने के लिए उपयोग की जाती हैं। पक्षियों की पूंछ उड़ान के दौरान दिशा तय करती है।

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7. निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न (i)
शरीर में विद्यमान अलग-अलग प्रकार के जोड़ों के बारे में व्याख्या करें।
उत्तर-
जोड़ अथवा संधि – वह बिंदु जहाँ दो हड्डियाँ मिलती हैं, जोड़ अथवा संधि कहलाती है।
जोड़ अथवा संधियाँ दो प्रकार की होती हैं-
(1) स्थिर जोड़ अथवा संधि या अचल जोड़ अथवा संधि – जिन जोड़ों अथवा संधियों में हड्डियों अथवा अस्थियों
का हिलना-डुलना संभव नहीं होता, उन्हें स्थिर या अचल जोड़ अथवा संधि कहते हैं। उदाहरण के लिए, ऊपरी जबड़े का जोड़ स्थिर अथला अचल होता है। खोपड़ी में मौजूद जोड़ अथवा संधियाँ स्थिर जोड़ अथवा संधियाँ होती हैं।

(2) गतिशील जोड़ अथवा संधि – जिन जोड़ों अथवा संधियों में हड्डियों की गति संभव होती है उन्हें गतिशील जोड़
अथवा संधि कहा जाता है।

ये चार प्रकार के होते हैं-
(1) कंदुक खल्लिका जोड़ या संधि (बॉल और सॉकेट जोड़ या संधि) – इस जोड़ या संधि में एक हड्डी का
गोलाकार सिरा दूसरी हड्डी की गुहा जैसी सॉकेट में फिट हो जाता है। यह जोड़ या संधि सभी दिशाओं में हड्डियों की गति की अनुमति देता है। हाथ और कंधे के बीच का जोड़ या संधि इस प्रकार के जोड़ या संधि का एक उदाहरण है।

(2) धुराग्र जोड़ – इस प्रकार के जोड़ में, एक बेलनाकार हड्डी या अस्थि एक रिंग प्रकार की हड्डी या अस्थि में बदल जाती है। बेलन की हड्डी या अस्थि रिंग के अंदर घूमती है या रिंग बेलन के बाहर घूमती है। खोपड़ी और कशेरुक स्तंभ के बीच का जोड़ या संधि धुराग्र जोड़ या संधि का एक उदाहरण है। यह सिर को पीछे, आगे, बाएँ और दाएँ घुमाने की अनुमति देता है।

(3) हिंज जोड़ या संधि – यह जोड़ या संधि दरवाजे में लगे कबजे जैसा है। यह केवल एक दिशा में यानी ऊपर और नीचे या आगे और पीछे हड्डियों या अस्थियों की गति की अनुमति देता है। घुटने का जोड़ या संधि और कोहनी का जोड़ या संधि हिंज जोड़ों या संधियों के उदाहरण हैं।

(4) गतिशील जोड़ – यह जोड़ हड्डियों या अस्थियों को एक-दूसरे के ऊपर सरकने की अनुमति देता है, जिससे सभी दिशाओं में केवल थोड़ी सी गति होती है। गतिशील जोड़ों या संधियों के उदाहरण टखने की हड्डियों या अस्थियों और कलाई की हड्डियों या अस्थियों के बीच के जोड़ या संधियाँ हैं।

प्रश्न (ii)
मछली में चालन कैसे होता है? व्याख्या करें।
उत्तर-
मछलियों में धारा रेखीय शरीर होता है जिसमें मछली की पूंछ और सिर शरीर के मध्य भाग से छोटे होते हैं। मछलियों में कुछ विशेष संरचनाएँ भी होती हैं जिन्हें पंख कहते हैं जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में सहायता करती हैं। तैरते समय, शरीर का अगला भाग एक तरफ झुक जाता है और पूंछ का हिस्सा विपरीत दिशा में रहता है। इस प्रकार एक लूप बनता है। मछलियाँ ऐसे लूप बनाकर नियमित झटके पैदा करती हैं और शरीर को आगे की ओर धकेलती हैं। पंख तैरते समय संतुलन बनाए रखने और दिशा बदलने में मदद करते हैं।

Science Guide for Class 6 PSEB शरीर मे गति Intext Questions and Answers

सोचें और उत्तर दें (पेज 77)

प्रश्न 1.
रीढ़ की हड्डी में विद्यमान छोटी हड्डियों को क्या कहते हैं?
उत्तर-
रीढ़ की हड्डी में विद्यमान छोटी हड्डियों को कशेरुका कहा जाता है।

प्रश्न 2.
छाती को स्पर्श करके महसूस हुए हड्डियों जैसे उभरे भाग को क्या कहते हैं।
उत्तर-
पसलियाँ हड्डियों की तरह लकीरें हैं जो हमें अपने छाती क्षेत्र को छूने पर महसूस होती हैं।

सोचें और उत्तर दें ( पेज 78)

प्रश्न 1.
क्या आप अपनी बाजू को लकड़ी के फट्टे से बांधने के बाद अपनी कोहनी मोड़ सकते हैं ?
उत्तर-
नहीं, बंधे हए हिस्से हिल नहीं पा रहे हैं और हम अपनी कोहनी मोड़ नहीं पा रहे हैं। इससे हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि हम एक भी हड्डी नहीं मोड़ सकते। इसका मतलब है कि हम अपने शरीर को केवल उन जोड़ों पर मोड़ सकते हैं जहां हड्डियाँआपस में मिलती हैं।

प्रश्न 2.
वे कौन-से स्थान हैं, जहाँ शरीर के दो भाग एक दूसरे से जुड़े हुए दिखाई देते हैं ?
उत्तर-
जोड़।

सोचें और उत्तर दें (पेज 80)

प्रश्न 1.
आप अपनी बाजूओं को कंधों से हिलाएं। क्या आप इसे अलग-अलग दिशाओं में घुमा सकते हैं? यदि हाँ, तो इस जोड़ का नाम बताएँ।
उत्तर-
हाँ, मैं अपनी भुजा को सभी दिशाओं में घुमाने में सक्षम हूँ। हाथ और कंधे के बीच मौजूद जोड़ अथवा संधि को बॉल और सॉकेट जोड़ या संधि या कंदुक खल्लिका जोड़ या संधि होता है।

प्रश्न 2.
आप अपनी बाजू को कोहनी से हिलाएं। क्या आप इसे अलग-अलग दिशाओं में घुमा सकते हैं? यदि हाँ, तो इस जोड़ का नाम बताएं।
उत्तर-
नहीं, कोहनी पर, मैं अपना हाथ सभी दिशाओं में नहीं चला पा रहा हूँ। हाथ को केवल आगे-पीछे किया जा सकता है। यहां मौजूद जोड़ हिंज जोड़ या संधि है।

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PSEB Solutions for Class 6 Science शरीर मे गति Important Questions and Answers

1. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न (i)
शरीर में स्वतः निरंतर होने वाली गति है।
(क) पलकों का झपकना
(ख) पीछे मुड़कर देखना
(ग) चलना
(घ) खाना खाना।
उत्तर-
(क) पलकों का झपकना।

प्रश्न (ii)
एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के कई ढंग हैं। यह गति का रूप है। इसके उदाहरण हैं।
(क) कूदना
(ख) तैरना
(ग) उड़ना
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।

प्रश्न (iii)
जंतुओं की गति …………………….. होती है।
(क) समान
(ख) असमान
(ग) दुगुनी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) असमान।

प्रश्न (iv)
उस जंतु का नाम बताओ जो पृथ्वी पर नहीं रेंगता।
(क) जुं
(ख) छिपकली
(ग) कौआ
(घ) साँप।
उत्तर-
(ग) कौआ।

प्रश्न (v)
घेघे का बाह्य शरीर ………………….. का बना होता है।
(क) हड्डियों
(ख) मांसपेशियों का
(ग) दोनों का
(घ) किसी का नहीं।
उत्तर-
(ख) मांसपेशियों का।

प्रश्न (vi)
एक मछली पानी में ………………….. की सहायता से तैरती है।
(क) पूंछ
(ख) शल्कों
(ग) मीन पंख
(घ) आकृति।
उत्तर-
(ग) मीन पंख।

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प्रश्न (vii)
एक साँप का मेरुदंड ……………………… होता है।
(क) छोटा
(ख) लंबा
(ग) नहीं
(घ) बहुत छोटा।
उत्तर-
(ख) लंबा।

प्रश्न (viii)
मछली के पंख तैरने के अलावा ……………………… बनाए रखने में सहायता करते हैं।
(क) संतुलन
(ख) असंतुलन
(ग) सीधे तैरने में
(घ) कुछ नहीं करते।
उत्तर-
(क) संतुलन।

प्रश्न (ix)
पक्षियों की हड्डियाँ ……………………. होती हैं।
(क) भारी
(ख) हल्की
(ग) पक्षियों की हड्डियाँ होती ही नहीं
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) हल्की ।

प्रश्न (x)
तिलचट्टे के कितने जोड़े पैर होते हैं ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर-
(ग) तीन।

प्रश्न (xi)
…………………. के वृक्ष से दो जोड़े पंख जुड़े होते हैं।
(क) मच्छर
(ख) तिलचट्टा
(ग) घास का कीड़ा
(घ) तितली।
उत्तर-
(ख) तिलचट्टा।

प्रश्न (xii)
मानव शरीर में स्थिर जोड़ (संधि) का उदाहरण है।
(क) घुटना
(ख) कोहनी
(ग) पिंजर
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(ग) पिंजर ।

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2. खाली स्थान भरें

(i) हड्डियों के जोड़ शरीर को…………………… में सहाई होते हैं।
उत्तर-
गती

(ii) हड्डियाँ और उपस्थियाँ संयुक्त रूप में शरीर का ……………………… बनाते हैं।
उत्तर-
कंकाल (पिंजर)

(iii) कोहनी की हड्डियाँ ………………………. जोड़ द्वारा जुड़ी होती हैं।
उत्तर-
हिंज

(iv) गती करते समय ……………………. के सिकुड़ने से हड्डियाँ खिंचती हैं।
उत्तर-
पेशियां

(v) ……………………. जिगर के नीचे वाले अंगों की रक्षा करता है।
उत्तर-
पैलविक हड्डियाँ

(vi) …………………. में शरीर, सिर और पिछली तरफ से पतला और नुकीला होता है।
उत्तर-
धारा रेखी

(vii) हड्डियों के ढांचे को ……………………… कहते हैं।
उत्तर-
कंकाल

(viii) गरदन और सिर के जोड़ को ……………………….. कहते हैं।
उत्तर-
केंद्री जोड़

(ix) हड्डियों की गती के लिए …………………….. की जरूरत होती है।
उत्तर-
मांसपेशियाँ

(x) मनुष्य के शरीर में हड्डियाँ और ………………….. होती हैं।
उत्तर-
उपस्थियां।

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3. सही या ग़लत चुनें

(i) भौतिक बदलाव विपरित योग्य होते हैं।
उत्तर-
ग़लत

(ii) सभी जंतुओं की गती तथा चाल एक सामान्य बिल्कुल नहीं होती।
उत्तर-
ग़लत

(iii) पसली हड्डी के मुकाबले अधिक मज़बूत होती है।
उत्तर-
ग़लत

(iv) ऊँगलिओं की हड्डियों में जोड़ नहीं होता।
उत्तर-
ग़लत

(v) बाजू के अगले हिस्से में दो हड्डियाँ होती हैं।
उत्तर-
सही

(vi) कॉकरोच में बाहरी पिंजर होता है।
उत्तर-
सही

(vii) सभी जीवों का शरीर धारा रेखा होता है।
उत्तर-
ग़लत

(viii) हमारी कोहणी में दो कब्जा जोड़ होते हैं।
उत्तर-
सही

(ix) जीवों के एक जगह से दूसरी जगह जाने को गती कहते हैं।
उत्तर-
ग़लत

(x) पैलविक हड्डियाँ कूल्हे की हड्डियाँ होती हैं।
उत्तर-
सही

(xi) मछली वकर बनाकर शरीर को नहीं मोड़ती।
उत्तर-
ग़लत

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4. कॉलम ‘क’ का ‘ख’ से उचित मिलान करें

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) हिंज संधि (a) खोखली और हल्की
(ii) बॉल एवं सॉकेट संधि (b) पसली पिंजर
(iii) पक्षीयों की अस्थियाँ (c) कोहनी का जोड़
(iv) तिलचट्टा (d) हाथ और कंधे के बीच का जोड़
(v) स्थिर जोड़। (e) तीन जोड़ी पैर

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) हिंज संधि (c) कोहनी का जोड़
(ii) बॉल एवं सॉकेट संधि (d) हाथ और कंधे के बीच का जोड़
(iii) पक्षीयों की अस्थियाँ (a) खोखली और हल्की
(iv) तिलचट्टा (e) तीन जोड़ी पैर
(v) स्थिर जोड़। (b) पसली पिंजर

5. अति लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
गति किसे कहते हैं?
उत्तर-
गति – शरीर का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना गति अथवा गमन कहलाता है।

प्रश्न 2.
जंतु एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे गमन करते हैं ?
उत्तर-
जंतु एक स्थान से दूसरे स्थान तक गमन अंग अथवा शरीर के किसी भाग से गति करते हैं।

प्रश्न 3.
आपके शरीर का कौन-सा अंग पूर्णतः घूम सकता है ?
उत्तर-
भुजा, टांग।

प्रश्न 4.
आपके शरीर के कौन-से अंग आंशिक घूमते/मुड़ते हैं?
उत्तर-
गर्दन, कलाई, उँगुलियां, घुटने, सिर, कोहनी।

प्रश्न 5.
अस्थियाँ क्या हैं? . .
उत्तर-
अस्थियाँ – अस्थियाँ शरीर का कठोरतम भाग हैं जो शरीर को आकार प्रदान करती हैं। हमारे शरीर के प्रत्येक भाग में अनेक अस्थियां हैं।

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प्रश्न 6.
हमारे शरीर की विभिन्न प्रकार की गतियां कैसे होती हैं ?
उत्तर-
विभिन्न प्रकार की संधियां हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की गतियां करने में सहायता करती हैं।

प्रश्न 7.
संधि किसे कहते हैं?
उत्तर-
संधि – शरीर के कई भाग जो गति करते हैं, उनकी अस्थियां विशेष प्रकार के जोड़ से जुड़ी होती हैं जिसे संधि कहते हैं।

प्रश्न 8.
हमारे शरीर के किन भागों में संधि होती है?
उत्तर-
कोहनी, कंधा, गर्दन और घुटने में प्रायः संधि होती है।

प्रश्न 9.
हमारे शरीर में मुख्यतः कितनी प्रकार की संधियां हैं?
उत्तर-
संधियों की किस्में – कंदुक खल्लिका संधि, धुराग्र संधि, हिंज संधि, अचल संधि।

प्रश्न 10.
कुंदक खल्लिका संधि कहाँ होती है?
उत्तर-
कुंदक खलिल्का संधि, कुल्हे और कंधे में होती है।

प्रश्न 11.
हिंज संधि कहाँ होती है?
उत्तर-
घुटने और कोहनी में हिंज संधि होती है।

प्रश्न 12.
धुराग्र संधि कहाँ होती है?
उत्तर-
गर्दन और सिर के मध्य धुराग्र संधि होती है।

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प्रश्न 13.
धुरान संधि में कौन-सी अस्थि एक छल्ले में घूमती है?
उत्तर-
धुराग्र संधि में बेलनाकार अस्थि एक छल्ले में घूमती है।

प्रश्न 14.
अचल संधि कहाँ होती है?
उत्तर-
ऊपरी जबड़े एवं कपाल के मध्य अचल संधि होती है।

प्रश्न 15.
अस्थि पिंजर किसे कहते हैं?
उत्तर-
अस्थि पिंजर – शरीर में अस्थि ढाँचे को अस्थि पिंजर कहते हैं।

प्रश्न 16.
अस्थियों का क्या कार्य है?
उत्तर-
अस्थियां हमारे शरीर को आकृति प्रदान करती हैं।

प्रश्न 17.
पसलियाँ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
पसलियाँ – वक्ष में पाई जाने वाली बारीक अस्थियों को पसलियाँ कहते हैं।

प्रश्न 18.
पसली पिंजर किसे कहते हैं?
उत्तर-
पसली पिंजर – पसलियाँ वक्ष के भाग में मेरुदंड से जुड़कर एक बक्सा बनाती हैं जिसे पसली पिंजर कहते हैं।

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प्रश्न 19.
पसली पिंजर का क्या कार्य है?
उत्तर-
पसली पिंजर शरीर के महत्त्वपूर्ण अंगों जैसे हृदय, फेफड़े आदि की रक्षा करता है।

प्रश्न 20.
हमारे पसली पिंजर में कौन-से अंग सुरक्षित होते हैं?
उत्तर-
हमारे पसली पिंजर में फेफड़े और हृदय सुरक्षित होते हैं।

प्रश्न 21.
मेरुदंड का क्या कार्य है?
उत्तर-
मेरुदंड हमारे शरीर को सीधा खड़े होने में सहायता देता है।

प्रश्न 22.
पेशी किसे कहते हैं?
उत्तर-
पेशी – पेशी एक प्रकार का ऊतक है जो अंगों को गति करने में सहायता करता है।

प्रश्न 23.
चार जंतुओं के नाम लिखिए जिनमें अस्थियाँ नहीं पाई जाती हैं।
उत्तर-
केंचुआ, घोंघा, तिलचट्टा और जौंक।

प्रश्न 24.
घोंघा किसकी सहायता से पति करता है?
उत्तर-
घोंघा एक मोटी माँसल संरचना की सहायता से गेति करता है।

प्रश्न 25.
पक्षी क्यों उड़ सकते हैं?
उत्तर-
पक्षियों का शरीर उड़ने के लिए अनुकूलित होता है उसकी अस्थियों में वायु प्रकोष्ठ होते हैं, जिनसे वे हल्की होती हैं।

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6. लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
जंतु एक स्थान से दूसरे स्थान तक किस प्रकार गमन करते हैं?
उत्तर-
जंतु एक स्थान से दूसरे स्थान तक निम्नलिखित विधियों से गमन करते हैं-चलना, टहलना, दौड़ना, उड़ना, छलाँग मारना, रेंगना एवं तैरना इत्यादि।

प्रश्न 2.
हम शरीर के किन अंगों को स्वतंत्र रूप से किसी भी दिशा में घमा सकते हैं और क्यों?
उत्तर-
हम भुजा, टाँग, घुटने, सिर और कोहनी को किसी भी दिशा में स्वतंत्र घुमा सकते हैं। क्योंकि इन भागों में संधि (जोड़) होती है जिससे यह भाग आसानी से घूम सकते हैं।

प्रश्न 3.
हम शरीर के किन अंगों को अंशत: घुमा सकते हैं ?
उत्तर-
हम उँगुलियों, पादागुली, एड़ी, गर्दन और पीठ आदि को अंशत: घुमा सकते हैं।

प्रश्न 4.
हम शरीर के विभिन्न भागों को कहां तक घुमा सकते हैं?
उत्तर-
हम शरीर के विभिन्न भागों को उसी स्थान तक घुमा सकते हैं, जहाँ पर दो हिस्से एक दूसरे से जुड़े हों, जैसे-कोहनी, कंधा और गर्दन।

प्रश्न 5.
संधि किसे कहते हैं ? संधि का क्या लाभ है?
उत्तर-
संधि – जहाँ दो अस्थियाँ अथवा भाग एक-दूसरे से जुड़े होते हैं उन्हें संधि कहते हैं।
संधि के लाभ – संधि के कारण हम शरीर के विभिन्न भागों में गति कर सकते हैं। यदि संधियां नहीं होती तो हमारे अंग पूर्णत: गति नहीं कर सकते थे।

प्रश्न 6.
कंदुक-खल्लिका संधि के विषय में बताओ।
उत्तर-
कंदुक-खल्लिका संधि – कंदुक-खल्लिका संधि कंधे और कूल्हे में होती है। इस संधि में एक अस्थि का गेंद वाला गोल हिस्सा दूसरी अस्थि के कटोरी रूपी गर्त में धंसा होता है। इस प्रकार की संधि सभी दिशाओं में गति प्रदान करती है।

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प्रश्न 7.
धुराग्र संधि के बारे में बताओ।
उत्तर-
धुराग्र संधि – गर्दन और सिर को जोड़ने वाली संधि धुराग्र-संधि है। इसके द्वारा सिर को आगे, पीछे या दाएँ एवं बाएँ घुमा सकते हैं। धुराग्र संधि में बेलनाकार अस्थि एक छल्ले में घूमती है।

प्रश्न 8.
हिंज संधि क्या है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
हिंज संधि – हमारे घुटने और कोहनी में हिंज संधि होती है। हिंज संधि घर के दरवाज़े के कब्जे जैसे होती है जिससे हम एक ही दिशा में अंग की गति कर सकते हैं। इसमें केवल आगे और पीछे एक ही दिशा में गति हो सकती है।

प्रश्न 9.
अचल संधि के विषय में लिखो।
उत्तर-
अचल संधि-हमारे सिर में कुछ अस्थियाँ होती हैं जो संधि द्वारा एक-दूसरे से जुड़ी रहती हैं। ये अस्थियाँ इन संधियों पर हिल नहीं सकतीं। ऐसी संधियों को अचल संधि कहते हैं। ऊपर जबड़े एवं कपाल के मध्य अचल संधि होती है।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित संधियों की एक-एक उदाहरण दीजिए-
अचल संधि, हिंज संधि, धुराग्र संधि और कंदुक-खल्लिका संधि।
उत्तर-

संधि का नाम उदाहरण
(i) अचल संधि ऊपरी जबड़े एवं कपाल में
(ii) हिंज संधि घुटने एवं कोहनी में
(iii) धुराग्र संधि गर्दन और सिर में
(iv) कंदुक खल्लिका संधि कंधे और कूल्हे में

प्रश्न 11.
अस्थिपिंजर किसे कहते हैं ? इसका क्या कार्य है?
उत्तर-
अस्थिपिंजर – हमारे शरीर की सभी अस्थियाँ एक ढाँचा बनाती हैं। इन अस्थियों के ढाँचे को अस्थिपिंजर कहते हैं।
अस्थिपिंजर का कार्य – यह हमारे शरीर को आकृति प्रदान करता है और विभिन्न अंगों को गति करने में सहायता करता है।
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प्रश्न 12.
यदि किसी व्यक्ति की कोई अस्थि को क्षति हो जाए तो उसका कैसे पता लगाया जा सकता है?
उत्तर-
यदि किसी व्यक्ति की कोई अस्थि को क्षति हो जाए तो उसका पता लगाने के लिए उसका एक्स-रे करवाया जाता है।
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प्रश्न 13.
हाथ की अस्थियों का चित्र बनाए।
उत्तर-
हाथ की अस्थियाँ-
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प्रश्न 14.
हिंज-संधि का चित्र बनाए।
उत्तर-
हिंज-संधि का चित्र-
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प्रश्न 15.
पसली पिंजर क्या है ? इनका क्या कार्य है ?
उत्तर-
पसली पिंजर – वक्ष की अस्थियाँ जिन्हें पसलियाँ कहते हैं वे मेरुदंड (रीढ़ की अस्थि) से जुड़कर एक बक्से की रचना करती हैं उसे पसली पिंजर कहते हैं।

पसली पिंजर का कार्य – पसली पिंजर शरीर के कोमल अंगों जैसे फेफड़े और हृदय की रक्षा करता है।
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प्रश्न 16.
मेरुदंड किसे कहते हैं ? इसका क्या कार्य है?
उत्तर-
मेरुदंड – मेरुदंड छोटी-छोटी अस्थियों की लड़ी है जो गर्दन से शुरू होकर कुल्हे की अस्थि तक जाती है। पीठ के मध्य जो सख्त भाग है वह मेरुदंड है।

कार्य – यह शरीर को सहारा और मज़बूती देती है। यह हमें सीधा खड़े रहने में सहायता करती है।
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प्रश्न 17.
कंधे में कितनी अस्थियाँ होती हैं ? कंधे में कौन-सी संधि होती है ?
उत्तर-
कंधे में दो मुख्य अस्थियाँ होती हैं जिन्हें कंधे की अस्थियाँ कहते हैं। कंधे में कंदुक खल्लिका संधि होती है जो बाजु को सभी दिशाओं में घुमाने में सहायता करती है।
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प्रश्न 18.
श्रोणि अस्थियाँ किसे कहते हैं ? इनका क्या कार्य है ?
उत्तर-
श्रोणि अस्थियाँ – कुल्हे की अस्थियों को श्रोणि अस्थियाँ कहते हैं। यह एक बॉक्स के समान ऐसी संरचना बनाती हैं जो हमारे आमाशय के नीचे पाए जाने वाले विभिन्न अंगों की रक्षा करती है।
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प्रश्न 19.
खोपड़ी में कितनी अस्थियाँ होती हैं ? खोपड़ी का मुख्य कार्य क्या है ?
उत्तर-
हमारी खोपड़ी अनेक अस्थियों के एक दूसरे से जुड़ने से बनती है। खोपड़ी हमारा एक महत्त्वपूर्ण अंग है। यह मस्तिष्क को परिबद्ध करके उसकी सुरक्षा करती है।
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प्रश्न 20.
अस्थि और उपास्थि में क्या अंतर है ?
उत्तर-
अस्थि – शरीर का सबसे कठोर भाग है जो हमारे शरीर/अंग को आकृति प्रदान करता है।
उपास्थि – यह अस्थि से नर्म होती है। यह भी अंग को आकृति प्रदान करती है, परंतु इसको मोड़ा जा सकता है।

प्रश्न 21.
पेशी क्या होती है ? यह किसी अस्थि को कैसे गति में लाती है ?
उत्तर-
पेशी – पेशी एक प्रकार की ऊतक है जो अस्थि से जुड़ी होती है। यह अस्थि को गति में लाती है। यह संकुचित और शिथिल होकर अस्थि में गति लाती है।

प्रश्न 22.
केंचुए को गति करने में कौन सहायता करता है ?
उत्तर-
केंचुए के शरीर में अस्थियाँ नहीं होतीं। परंतु इसमें पेशियाँ होती हैं जो इसके शरीर के घटने और बढ़ने में सहायता करती हैं। केंचुए के अध-सतह पर बाल जैसी बहुत-सी सूक्ष्म संरचनाएं होती हैं जिसे शूक कहते हैं। यह शूक शरीर में पेशियों से जुड़े होते हैं तथा केंचुए को भूमि पर अपनी पकड़ बनाने में सहायता करते हैं।

प्रश्न 23.
केंचुआ गति कैसे करता है? ।
उत्तर-
केंचुए में गति – केंचुए में शूक शरीर में पेशियों से जुड़े होते हैं तथा केंचुए को भूमि पर अपनी पकड़ बनाने में सहायता करते हैं। चलन के दौरान केंचुआ अपने शरीर के पश्च भाग को भूमि में जकड़े रहता है तथा अग्र भाग को फैलाता है। इसके बाद वह अग्र भाग से भूमि को पकड़ता है तथा पश्च भाग को स्वतंत्र कर देता है। इसके पश्चात् यह शरीर को संकुचित करता | है तथा पश्च भाग को आगे की ओर खींचता है। इसके शरीर से एक अवंपकी पदार्थ स्रावित होता है जो चलने में सहायता करता है। केंचुआ इस प्रक्रिया की बार-बार पुनरावृत्ति करते हुए मिट्टी पर आगे बढ़ता है। इसके शरीर में चिकने पदार्थ होते हैं जो इसे चलने में सहायता करते हैं। यह अपने शरीर के हिस्से को ज़मीन से किस प्रकार टिकाता है। इसके शरीर में छोटे-छोटे अनेक शूक उसकी पकड़ को मज़बूत बनाते हैं।
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प्रश्न 24.
घोंघा कैसे गति करते है ? .
उत्तर-
घोंघा एक अस्थि रहित प्राणी है। इसकी पीठ पर एक कवच होता है जिसे बाहय कंकाल कहते हैं। इस बाह्य कंकाल के अंदर एक मोटी मासल होती है, जो इसका पाद (पैर) है। यह माँसल दृढ़ पेशियों का बना होता है। जो इसको गति करने में सहायता करता है।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 8 शरीर मे गति 11

प्रश्न 25.
पक्षी कैसे गति करते हैं ?
उत्तर-
पक्षी इसलिए उड़ पाते हैं क्योंकि उनका शरीर उड़ने के लिए अनुकूलित होता है। उनकी अस्थियों में वायु प्रकोष्ठ होते हैं जिनके कारण उनकी अस्थियाँ हल्की परंतु मज़बूत रहती हैं। अग्रपाद की अस्थियाँ रूपांतरित होकर पक्षी के पंख बनाती हैं। कंधे की अस्थियाँ मज़बूत होती हैं। वक्ष की अस्थियाँ उड़ने वाली पेशियों को जकड़े रखने के लिए विशेष रूप से रूपांतरित होती हैं तथा पंखों को ऊपर-नीचे करने में सहायक होती हैं।

प्रश्न 26.
साँप कैसे चलता है?
उत्तर-
साँप में गति – साँप भूमि पर फिसल कर रेंग कर चलता है। साँप का मेरुदंड लंबा होता है। शरीर की पेशियां क्षीण एवं मांसल होती हैं। वे परस्पर जुड़ी होती हैं। साँप का शरीर अनेक वलय में मुड़ा होता है। इसी प्रकार साँप का प्रत्येक वलय उसे आगे की ओर धकेलता है। इसका शरीर अनेक वलय बनाता है और प्रत्येक बल आगे को धक्का देता है। इस कारण साँप बहुत तेज़ गति से आगे की ओर चलता है।
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PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 8 शरीर मे गति

7. निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मछली जल में कैसे गति करती है ? संक्षेप में वर्णन करिए।
उत्तर-
मछली का शरीर धारा रेखीय होता है। इसकी विशेष आकृति के कारण जल इधर-उधर बहकर निकल जाता है और मछली जल में सरलता से तैर सकती है।
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मछली का कंकाल दृढ़ पेशियों से ढका रहता है। तैरने की प्रक्रिया में शरीर का अग्रभाग एक ओर मुड़ जाता है तथा पूंछ विपरीत दिशा में जाती है। मछली शरीर को एक दिशा में मोड़ती है तो तीव्रता से उसकी पूँछ दूसरी दिशा में मुड़ जाती है। इससे एक झटका सा लगता है और मछली आगे की ओर चली जाती है। इस चित्र-मछली में चलन प्रकार के क्रमिक ताल से मछली आगे की ओर तैरती रहती है। पूँछ के पंख इस कार्य में उसकी सहायता करते हैं।

मछली के शरीर पर और भी पंख होते हैं जो तैरते समय जल में संतुलन बनाए रखने एवं दिशा निर्धारण करने में सहायता करते हैं। गोताखोर भी अपने पैरों में इन पंखों की तरह के विशेष अरित्र (flipper) पहनते हैं जो उन्हें जल में तैरने में सहायता करते हैं।

प्रश्न 2.
तिलचट्टा ज़मीन पर कैसे गति करता है और वायु में उड़ता है ?
उत्तर-
तिलचट्टा ज़मीन पर चलता है, दीवार पर चढ़ता है और वायु में उड़ता भी है। इनमें तीन जोड़ी पैर होते हैं। यह चलने में सहायता करते हैं। इसका शरीर कठोर बाह्य कंकाल द्वारा ढका होता है। यह बाह्य कंकाल विभिन्न एककों की परस्पर संधियों द्वारा बनता है जिसके कारण गति संभव हो पाती है।
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वक्ष से दो जोड़े पर भी जुड़े होते हैं। अग्र-पर संकरे एवं पिछले-पर चौड़े एवं बहुत पतले होते हैं। तिलचट्टा में विशिष्ट पेशियाँ होती हैं। पैर की पेशियाँ उन्हें चलने में सहायता करती हैं। वक्ष की पेशियाँ तिलचट्टे के उड़ने के समय उसके परों को गति देती हैं।

प्रश्न 3.
किसी अस्थि को गति प्रदान करने के लिए दो पेशियाँ कैसे कार्य करती हैं ? वर्णन कीजिए।
उत्तर-
किसी अस्थि को गति प्रदान करने के लिए दो पेशियों को संयुक्त रूप से कार्य करना होता है। जब दो पेशियों में से कोई एक सिकुड़ती है तो अस्थि उस दिशा में खिंच जाती है। युगल की दूसरी पेशी शिथिल (लंबाई में बढ़कर पतली हो जाती है) अवस्था में आ जाती है। अस्थि को विपरीत दिशा में गति करने के लिए अब शिथिल पेशी सिकुड़कर अस्थि को अपनी पूर्व स्थिति में खींचती है, जबकि पहली पेशी अब शिथिल हो जाती है। पेशी केवल खींच सकती है, वह धक्का नहीं दे सकती। अतः एक अस्थि को गति देने के लिए दो पेशियों को संयुक्त रूप से कार्य करना आवश्यक होता है।
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PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप

Punjab State Board PSEB 11th Class Economics Book Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Economics Chapter 25 अपकिरण के माप

PSEB 11th Class Economics अपकिरण के माप Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

प्रश्न 1.
अपकिरण (Dispersion) किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संख्यात्मक आंकड़े एक माध्य मूल्य के दोनों ओर फैलने की जिस सीमा तक प्रवृत्ति रखते हैं, उस सीमा को उन आंकड़ों का विचरण या अपकिरण कहते हैं।

प्रश्न 2.
प्रमाप विचलन (Standard Deviation) की एक विशेषता लिखिए।
उत्तर-
प्रमाप विचलन के अन्तर्गत मूल्यों से विचलन सदैव समान्तर माध्य से ही लिए जाते हैं क्योंकि यह माध्य केन्द्रीय प्रवृत्ति का सर्वश्रेष्ठ माप समझा जाता है। माध्यका एवं भूयिष्ठक का प्रयोग नहीं किया जाता है।

प्रश्न 3.
प्रमाप विचलन (Standard Deviation) किसे कहते हैं?
उत्तर-
प्रमाप विचलन किसी श्रेणी के विभिन्न पदों के समान्तर माध्य से लिए गए विचलन के वर्गों का समान्तर माध्य वर्गमूल होता है।

प्रश्न 4.
विचरण गुणांक का प्रयोग किस लिए किया जाता है?
उत्तर-
विचरण गुणांक का प्रयोग दो श्रेणियों की विचरणशीलता, स्थिरता, एकरूपता तथा संगति (Consistency) की तुलना करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 5.
माध्य विचलन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
एक श्रृंखला के किसी माध्य से निकाले गये विचलनों के जोड़ को समान्तर माध्य विचलन कहा जाता है।

प्रश्न 6.
विचरण गुणांक (Co-efficient of Variation) किसे कहते हैं?
उत्तर-
दो या दो से अधिक श्रृंखलाओं में अपकिरण (Dispersion) या विचरण (Variation) की तुलना करने के लिए विचरण गुणांक का प्रयोग किया जाता है। यह विचरण का सापेक्ष (Relative) माप है।

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प्रश्न 7.
प्रमाप विचलन के दो लाभ लिखिए।
उत्तर-

  1. सभी मूल्यों पर आधारित प्रमाप विचलन श्रृंखला के सभी मूल्यों पर आधारित है। इसमें किसी मूल्य की अवहेलना नहीं की जाती।
  2. स्पष्ट व निश्चित माप-प्रमाप विचलन अपकिरण का एक स्पष्ट व निश्चित माप है जो प्रत्येक स्थिति में ज्ञात किया जा सकता है।

प्रश्न 8.
लारेन्ज़ वक्र क्या है?
उत्तर-
लारेन्ज़ वक्र, समान रेखा से वास्तविक वितरण के विचलन का बिन्दु रेखीय माप है। लारेन्ज़ वक्र एक संचयी प्रतिशत वक्र होता है।

प्रश्न 9.
किसी श्रेणी की भिन्न-भिन्न मदों में तथा उनका औसत से कितना अन्तर है इसको …………. कहते हैं।
(a) औसत विचलन
(b) प्रमाप विचलन
(c) अपकिरण
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(c) अपकिरण।

प्रश्न 10.
अपकिरण को. ……………… श्रेणी का माप कहा जाता है।
(a) पहली
(b) दूसरी
(c) तीसरी
(d) चौथी।
उत्तर-
(b) दूसरी।

प्रश्न 11.
श्रेणी की समान्तर औसत, माध्यका तथा बहुलक से लिए गए भिन्न-भिन्न मूल्यों से विचलन की औसत को ……………….. कहते हैं।
उत्तर-
मध्य विचलन।

प्रश्न 12.
किसी श्रेणी के भिन्न-भिन्न मूल्यों की समान्तर औसत से लिए गए विचलनों की समान्तर औसत को ……………….. कहते हैं।
(a) माध्य विचलन
(b) प्रमाप विचलन
(c) विचलन गुणांक
(d) उपरोक्त कोई नहीं।
उत्तर-
(b) प्रमाप विचलन।

प्रश्न 13.
माध्य विचलन को समान्तर औसत, माध्यका अथवा बहुलक की सहायता से मापते हैं जबकि प्रमाप विचलन को ……………… की सहायता से मापते हैं।
(a) समान्तर औसत
(b) माध्यका
(c) बहुलक
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(a) समान्तर औसत।

प्रश्न 14.
दो श्रेणियों के उपकिरण की तुलना के लिए सापेक्ष माप को …………… कहते हैं।
उत्तर-
विचलन गुणांक।

प्रश्न 15.
अपकिरण के माप की दो मुख्य किस्में बताएं।
उत्तर-

  1. निरपेक्ष माप
  2. सापेक्ष माप।

प्रश्न 16.
विस्तार से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
किसी श्रेणी के सबसे बड़े और सब से छोटे मूल्य के अन्तर को विस्तार कहते हैं।

प्रश्न 17.
चतुर्थक विचलन का माप सूत्र लिखें।
उत्तर-
चतुर्थक विचलन = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{2}\)

प्रश्न 18.
चतुर्थक विचलन गुणांक का सूत्र लिखें।
उत्तर:-
चतुर्थक विचलन गुणाक = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{\mathrm{Q}_{3}+\mathrm{Q}_{1}}\)

प्रश्न 19.
लारेन्ज़ वक्र से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
लारेन्ज़ वक्र वह वक्र है जो कि वास्तविक वितरण का विचलन सम्मान वितरण रेखा पर दिखाता है।

प्रश्न 20.
लारेन्ज़ वक्र का प्रयोग सबसे पहले किसने किया था ?
उत्तर-
डॉक्टर मैक्स लारेन्ज़।

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प्रश्न 21.
लारेन्ज़ वक्र डॉक्टर बाऊले की देन है।
उत्तर-
ग़लत।

प्रश्न 22.
विस्तार किसी श्रृंखला की सबसे बड़ी तथा सबसे छोटी मद का अन्तर होता है।
उत्तर-
सही।

प्रश्न 23.
मध्य विचलन तथा प्रमाप विचलन में कोई अन्तर नहीं होता।
उत्तर-
ग़लत।

प्रश्न 24.
विस्तार (Range) तका माप सूत्र लिखो।
उत्तर-
R = L- S.

प्रश्न 25.
विस्तार गुणांक (Co-efficient of Range) का माप सूत्र लिखो।
उत्तर-
Co-efficient of Range = \(\frac{L-S}{L+S}\)

प्रश्न 26.
चतुर्थक विचलन गुणांक का सूत्र लिखो।
उत्तर-
Co-efficient of Q.D. = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{\mathrm{Q}_{3}+\mathrm{Q}_{1}}\)

प्रश्न 27.
मध्य विचलन गुणांक का सूत्र लिखो।
उत्तर-
M.D.\((\overline{\mathbf{X}})\) = \(\frac{\Sigma|D \bar{X}|}{N}\)

प्रश्न 28.
प्रमाप विचलन गुणांक का सूत्र लिखो।
उत्तर-
प्रमाप विचलन गुणांक = \(\frac{\sigma}{\overline{\mathbf{X}}}\)

प्रश्न 29.
लघु विधि द्वारा प्रमाप विचलन गुणांक का सूत्र लिखो।
उत्तर-
σ = \(\sqrt{\frac{\Sigma d x^{2}}{\mathrm{~N}}-\left(\frac{\Sigma d x}{\mathrm{~N}}\right)^{2}}\)

प्रश्न 30.
पद विचलन विधि द्वारा प्रमाप विचलन गुणांक का सूत्र लिखो।
उत्तर-
σ = \(\sqrt{\frac{\Sigma f d x^{2}}{\mathrm{~N}}-\left(\frac{\Sigma f d x}{\mathrm{~N}}\right)^{2}}\)

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प्रश्न 31.
विचलन गुणांक का सूत्र लिखें।
उत्तर-
विचलन गुणांक CV = \(\frac{\sigma}{\bar{X}} \times 100=\left(\frac{\text { Standard Deviation }}{\text { Mean }} \times 100\right)\)

प्रश्न 32.
चतुर्थक किसे कहते हैं ?
उत्तर-
यदि एक श्रेणी को चार समान भागों में विभाजित किया जाए तो प्रत्येक भाग को चतुर्थक कहा जाता है।

प्रश्न 33.
चतुर्थक कितने होते हैं ?
उत्तर-
(Q1) = प्रथम चतुर्थक को निचला चतुर्थक (Q1) कहा जाता है।
(Q2) = द्वितीय चतुर्थक मध्यका कहा जाता है।
(Q3) = ऊपरी चतुर्थक (Q3) होता है।

प्रश्न 34.
यदि किसी श्रेणी को सौ भागों में बराबर बांटा जाए तो प्रत्येक अन्तिम इकाई को ………. कहते
(a) दशमक
(b) शतमक
(c) चतुर्थक
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) शतमक।

प्रश्न 35.
चतुर्थक को स्थिति का औसत कहा जाता है।
उत्तर-
सही।

प्रश्न 36.
निचले चतुर्थक का अखण्डित श्रेणी के लिए माप सूत्र लिखें।
उत्तर-
(Q1) = \(\mathbf{L}_{1}+\frac{\frac{\mathrm{N}}{4}-c f p}{f} \times i\)

प्रश्न 37.
चतुर्थक का अखण्डित श्रेणी के लिए माप सूत्र लिखें।
उत्तर-
(Q3) = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{\frac{3 \mathrm{~N}}{4}-c f p}{f} \times i\)

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II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अपकिरण से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
एक श्रेणी की मदों में अन्तर को अपकिरण कहा जाता है। अपकिरण का माप इस बात को स्पष्ट करता है कि किसी श्रेणी वितरण की भिन्न-भिन्न मदें उस श्रेणी के मध्य से कितनी दूरी पर हैं अर्थात् उन मदों में फैलाव अथवा प्रसार कितना है। उस प्रकार अथवा फैलाव को अपकिरण कहा जाता है। सूर्य की किरणें धरती तक पहुंचते समय फैल जाती हैं, इस प्रकार मदों का आपस में कितना प्रसार है, उसको अपकिरण कहते हैं। अपकिरण को दो अर्थों में स्पष्ट किया जाता है।

प्रश्न 2.
मध्य विचलन से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
श्रेणी के किसी सांख्यिकी औसत (समान्तर मध्य, मध्यका, बहुलक) से निकाले गए भिन्न-भिन्न मूल्यों के विचलनों के समान्तर औसत को मध्य विचलन कहा जाता है। मूल्य के विचलन निकालते समय गणित चिह्नों (+) तथा (-) को छोड़ दिया जाता है। मध्य विचलन की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं- .

  • मध्य विचलन सभी मदों पर आधारित होता है।
  • सीमान्त मदों का प्रभाव मध्य विचलन पर बहुत कम होता है।

प्रश्न 3.
मध्य विचलन के कोई दो गुण बताएँ।
उत्तर-

  1. समझने में आसान-मध्य विचलन को आसानी से समझा जा सकता है।
  2. सीमान्त मूल्यों से कम प्रभावित-सीमान्त मूल्यों अर्थात् बहुत बड़ी अथवा बहुत छोटी मदों से मध्य विचलन अधिक प्रभावित नहीं होता।

प्रश्न 4.
मध्य विचलन के दोष बताएँ।
उत्तर-
मध्य विचलन के दोष-

  1. विश्वसनीय नहीं-मध्य विचलन की धारणा विश्वसनीय नहीं है। विशेष तौर पर बहुलक के अनिश्चित होने पर बहुलक द्वारा ज्ञात किया गया मध्य विचलन भी अनिश्चित होता है।
  2. गणितीय शुद्धि नहीं-मध्य विचलन का सबसे बड़ा दोष यह है कि इसमें गणितीय शुद्धि नहीं है। इसमें (+) तथा (-) चिह्नों को छोड़ दिया जाता है। इस प्रकार उचित परिणाम प्राप्त नहीं होते।
  3. बीज गणित का प्रयोग नहीं-मध्य विचलन में गणितीय अशद्धि होती है। इसीलिए इसका प्रयोग बीज गणित प्रयोगों के लिए नहीं किया जा सकता। परिणामस्वरूप इसको अन्य सूत्रों का आधार नहीं बनाया जा सकता।

प्रश्न 5.
प्रमाप विचलन से क्या अभिप्राय है ? इसकी विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
प्रो० सपीगल अनुसार, “प्रमाप विचलन समान्तर औसत से किसी श्रेणी के भिन्न-भिन्न मूल्यों के विचलनों । के वर्ग का वर्गमूल होता है।” प्रमाप विचलन की विशेषताएं इस प्रकार हैं –

  1. प्रमाप विचलन में हमेशा समान्तर औसत द्वारा विचलन निकाला जाता है। समान्तर औसत दूसरी औसतों, मध्यकों तथा बहुलक से अधिक विश्वसनीय औसत है।
  2. प्रमाप विचलन में बीज गणित चिह्नों (+) तथा (-) को छोड़ा नहीं जाता बल्कि विचलनों के वर्ग लिए जाते हैं। इससे ऋणात्मक विचलन अपने आप धनात्मक बन जाते हैं।
  3. यह एक वैज्ञानिक विधि है, जिसकी बीज गणित प्रयोग की जा सकती है। सांख्यिकी के बहुत से सूत्र प्रमाप विचलन पर ही आधारित हैं।

प्रश्न 6.
प्रमाप विचलन के गुण लिखो।
उत्तर-
प्रमाप विचलन के गुण –

  1. सभी मूल्यों पर आधारित-प्रमाप विचलन श्रेणी के सभी मूल्यों पर आधारित होता है। इसलिए किसी मूल्य को भी आँखों से ओझल नहीं किया जा सकता।
  2. स्पष्ट धारणा-प्रमाप विचलन की धारणा स्पष्ट है इसीलिए इसका माप प्रत्येक स्थिति में किया जा सकता है।
  3. बीज गणित विवेचन-प्रमाप विचलन में गणित चिह्नों (+) तथा (-) को आँखों से ओझल नहीं किया जाता। इसीलिए इसका बीज गणित विवेचन सम्भव होता है। प्रमाप विचलन का प्रयोग अन्य रीतियों में भी किया जा सकता है।

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प्रश्न 7.
प्रमाप विचलन के कोई दो दोष बताएँ।
उत्तर-
दोष (Demerits)

  1. सीमान्त मूल्यों का अधिक प्रभाव-किसी श्रेणी की बहुत बड़ी मदों अथवा बहुत लघु मदों का प्रभाव प्रमाप विचलन पर बहुत अधिक पड़ता है।
  2. जटिल विधि-प्रमाप विचलन का माप करना एक कठिन विधि है। इसलिए दूसरी विधियों की तुलना में इसको कठिन माना जाता है।

प्रश्न 8.
लॉरेंज़ वक्र से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
लॉरेंज़ वक्र-अमेरिका के अर्थशास्त्री डॉक्टर लॉरेंज़ ने अपकिरण का माप करने के लिए बिन्दु रेखीय विधि का निर्माण किया। इसलिए इस विधि को लॉरेंज़ वक्र कहा जाता है। लॉरेंज़ वक्र में श्रेणी के मूल्यों को रेखाचित्र द्वारा प्रकट किया जाता है। इसमें कहीं मूल्यों तथा आवृत्ति का संचीय प्रतिशत वक्र बनाया जाता है। यह वक्र समान वितरण रेखा से जितना दूर होता है, श्रेणी की मदों में असमानता उतनी ही अधिक होती है। इसलिए “लॉरेंज़ वक्र समान वितरण रेखा से असल विचलन के विचलन का बिन्दु रेखीय माप होता है।”

प्रश्न 9.
निम्नलिखित आंकड़ों से Q1 ज्ञात करें।
अंक : 5 8 10 15 16 18 20
हल (Solution) :
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 1
q1 = \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{4}\right)\) th size of the item
= \(\frac{7+1}{4}=\frac{8}{4}\) = 2nd size of the item
q1 = 8 Ans.

प्रश्न 10.
निम्नलिखित आंकड़ों से Q3 ज्ञात करें।
अंक : 8 9 12 15 18 20 25
हल (Solution) :
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 2
q3 = 3\(\left(\frac{N+1}{4}\right)\) th size of the item
q3 = \(\frac{3(7+1)}{4}=\frac{3(8)}{4}=\frac{24}{4}\) = 6th size of the item
Q3 = 20 Marks Ans.

III. लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अपकिरण से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
एक श्रेणी की मदों में अन्तर को अपकिरण कहा जाता है। अपकिरण का माप इस बात को स्पष्ट करता है कि किसी श्रेणी वितरण की भिन्न-भिन्न मदें उस श्रेणी के मध्य से कितनी दूरी पर हैं अर्थात् उन मदों में फैलाव अथवा प्रसार कितना है। उस प्रसार अथवा फैलाव को अपकिरण कहा जाता है। सूर्य की किरणें धरती तक पहुंचते समय फैल जाती हैं, इस प्रकार मदों का आपस में कितना प्रसार है, उसको अपकिरण कहते हैं। अपकिरण को दो अर्थों में स्पष्ट किया जाता है-

1. मदों में परस्पर अन्तर-प्रथम अर्थ अनुसार मदों के परस्पर अन्तर को अपकिरण कहा जाता है। यदि सभी मदें एक समान हैं तथा इनमें कोई अन्तर नहीं तो अपकिरण शून्य होगा। इसके विपरीत जब मदों में अन्तर अधिक होता है तो अपकिरण अधिक होता है।

2. मदों का औसत से अन्तर-द्वितीय अर्थ अनुसार मदों का औसतों से अन्तर होता है। केन्द्रीय प्रवृत्तियों की मुख्य औसतें समान्तर औसत (Mean), मध्यका (Median) तथा बहुलक (Mode) होती हैं। किसी श्रेणी की मदों का औसतों से कितना अन्तर है। जब मदों का अन्तर औसत से अधिक होता है तो अपकिरण अधिक कहा जाता है।

प्रश्न 2.
अपकिरण के माप की किस्में बताओ।
उत्तर-
अपकिरण के माप दो प्रकार के होते हैं –
(1) निरपेक्ष माप
(2) सापेक्ष माप।
1. निरपेक्ष माप-किसी श्रेणी के आंकड़ों का माप उस समय में ही किया जाए जिस रूप में आंकड़े दिए गए हैं तो अपकिरण के इस प्रकार के माप को निरपेक्ष माप कहा जाता है। उदाहरणस्वरूप मदें क्विटलों, रुपयों इत्यादि में दी हुई हैं तथा जवाब भी क्विटलों के रूप में प्रकट किया जाता है तो इस प्रकार के माप को अपकिरण का निरपेक्ष माप कहते हैं।

2. सापेक्ष माप-जब किसी श्रेणी के माप को अनुपात अथवा प्रतिशत के रूप में प्रकट किया जाता है, इसको सापेक्ष माप कहा जाता है। उदाहरणस्वरूप एक स्कूल में ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों में 50% विद्यार्थी प्रथम डिवीजन प्राप्त करते हैं। इस प्रकार आंकड़ों को प्रतिशत रूप में अंकित किया जाता है तो इसको सापेक्ष माप कहा जाता है।

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प्रश्न 3.
अपकिरण के माप की विधियां बताओ।
उत्तर-
अपकिरण के माप की मुख्य विधियां निम्नलिखित अनुसार हैं
(A) निरपेक्ष माप (Absolute Measures)

  1. विस्तार (Range)
  2. चतुर्थक विचलन (Quartile Deviation)
  3. मध्य विचलन (Mean Deviation)
  4. प्रमाप विचलन (Standard Deviation)
  5. लारेंज वक्र (Lorenz Curve)

(B) सापेक्ष माप (Relative Measures)

  1. विस्तार गुणांक (Co-efficient of Range)
  2. चतुर्थक विचलन गुणांक (Co-efficient of Quartile Deviation)
  3. मध्य विचलन गुणांक (Co-efficient of Mean Deviation)
  4. प्रमाप विचलन गुणांक। (Co-efficient of Standard Deviation)

प्रश्न 4.
मध्य विचलन की विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
श्रेणी के किसी सांख्यिकी औसत (समान्तर मध्य, मध्यका, बहुलक) से निकाले गए भिन्न-भिन्न मूल्यों के विचलनों के समान्तर औसत को मध्य विचलन कहा जाता है। मूल्य के विचलन निकालते समय गणित चिह्नों (+) तथा (-) को छोड़ दिया जाता है। मध्य विचलन की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-

  1. मध्य विचलन सभी मदों पर आधारित होता है।
  2. सीमान्त मदों का प्रभाव मध्य विचलन पर बहुत कम होता है।
  3. मध्य विचलन का माप केन्द्रीय प्रवृत्तियों समान्तर औसत, मध्यका तथा बहुलक द्वारा किया जा सकता है।
  4. मध्य विचलन में विचलन निकालते समय गणित चिह्नों (+) तथा (-) को आंखों से ओझल किया जाता है।

प्रश्न 5.
मध्य विचलन के गुण तथा दोष बताओ।
उत्तर-
मध्य विचलन के मुख्य गुण निम्नलिखित हैं-

  1. सरल गणना-मध्य विचलन की गणना सरलता से की जा सकती है। इसका माप समान्तर औसत, मध्यका अथवा बहुलक द्वारा किया जा सकता है।
  2. सभी मूल्यों पर आधारित-मध्य विचलन श्रृंखला के सभी मूल्यों पर आधारित होता है। इसलिए इसका रूप विस्तृत होता है।
  3. समझने में आसान-मध्य विचलन को आसानी से समझा जा सकता है।
  4. सीमान्त मूल्यों से कम प्रभावित-सीमान्त मूल्यों अर्थात् बहुत बड़ी अथवा बहुत छोटी मदों से मध्य विचलन अधिक प्रभावित नहीं होता।

मध्य विचलन के दोष-

  • विश्वसनीय नहीं-मध्य विचलन की धारणा विश्वसनीय नहीं है। विशेष तौर पर बहुलक के अनिश्चित होने पर बहुलक द्वारा ज्ञात किया गया मध्य विचलन भी अनिश्चित होता है।
  • गणितीय शुद्धि नहीं-मध्य विचलन का सबसे बड़ा दोष यह है कि इसमें गणितीय शुद्धि नहीं है। इसमें (+) तथा (-) चिह्नों को छोड़ दिया जाता है। इस प्रकार उचित परिणाम प्राप्त नहीं होते।
  • बीज गणित का प्रयोग नहीं-मध्य विचलन में गणितीय अशुद्धि होती है। इसीलिए इसका प्रयोग बीज गणित प्रयोगों के लिए नहीं किया जा सकता। परिणामस्वरूप इसको अन्य सूत्रों का आधार नहीं बनाया जा सकता।

प्रश्न 6.
प्रमाप विचलन से क्या अभिप्राय है ? इसकी विशेषताएं बताओ।
उत्तर-
प्रो० सपीगल अनुसार, “प्रमाप विचलन समान्तर औसत से किसी श्रेणी के भिन्न-भिन्न मूल्यों के विचलनों के वर्ग का वर्गमूल होता है।” प्रमाप विचलन की विशेषताएं इस प्रकार हैं

  1. प्रमाप विचलन में हमेशा समान्तर औसत द्वारा विचलन निकाला जाता है। समान्तर औसत दूसरी औसतों, मध्यकों तथा बहुलक से अधिक विश्वसनीय औसत है।
  2. प्रमाप विचलन में बीज गणित चिह्नों (+) तथा (-) को छोड़ा नहीं जाता बल्कि विचलनों के वर्ग लिए जाते हैं। इससे ऋणात्मक विचलन अपने आप धनात्मक बन जाते हैं।
  3. यह एक वैज्ञानिक विधि है, जिसकी बीज गणित प्रयोग की जा सकती है। सांख्यिकी के बहुत से सूत्र प्रमाप विचलन पर ही आधारित हैं।”

प्रश्न 7.
प्रमाप विचलन के गुण तथा दोष लिखो।
उत्तर-
प्रमाप विचलन के गुण –

  1. सभी मूल्यों पर आधारित-प्रमाप विचलन श्रेणी के सभी मूल्यों पर आधारित होता है। इसलिए किसी मूल्य को भी आँखों से ओझल नहीं किया जा सकता।
  2. स्पष्ट धारणा-प्रमाप विचलन की धारणा स्पष्ट है इसीलिए इसका माप प्रत्येक स्थिति में किया जा सकता है।
  3. बीज गणित विवेचन-प्रमाप विचलन में गणित चिह्नों (+) तथा (-) को आँखों से ओझल नहीं किया जाता। इसीलिए इसका बीज गणित विवेचन सम्भव होता है। प्रमाप विचलन का प्रयोग अन्य रीतियों में भी किया जा सकता है।
  4. नमूना परिवर्तन का कम प्रभाव-नमूने में परिवर्तन हो जाता है तो प्रमाप विचलन के परिणाम पर इसका अधिक प्रभाव नहीं पड़ता।

दोष (Demerits)

  • सीमान्त मूल्यों का अधिक प्रभाव-किसी श्रेणी की बहुत बड़ी मदों अथवा बहुत लघु मदों का प्रभाव प्रमाप विचलन पर बहुत अधिक पड़ता है।
  • जटिल विधि-प्रमाप विचलन का माप करना एक कठिन विधि है। इसलिए दूसरी विधियों की तुलना में इसको कठिन माना जाता है।
  • साधारण मनुष्य के लिए मुश्किल-प्रमाप विचलन का अध्ययन सांख्यिकी ज्ञान के बिना सम्भव नहीं होता। साधारण मनुष्य इस धारणा को आसानी से समझकर प्रयोग नहीं कर सकता।

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प्रश्न 8.
लॉरेंज़ वक्र से क्या अभिप्राय है ? इसके गुण तथा दोष बताओ।
उत्तर-
लॉरेंज़ वक्र-अमेरिका के अर्थशास्त्री डॉक्टर लॉरेंज़ ने अपकिरण का माप करने के लिए बिन्दु रेखीय विधि का निर्माण किया। इसलिए इस विधि को लॉरेंज़ वक्र कहा जाता है। लॉरेंज़ वक्र में श्रेणी के मूल्यों को रेखाचित्र द्वारा प्रकट किया जाता है। इसमें कहीं मूल्यों तथा आवृत्ति का संचीय प्रतिशत वक्र बनाया जाता है। यह वक्र समान वितरण रेखा से जितना दूर होता है, श्रेणी की मदों में असमानता उतनी ही अधिक होती है। इसलिए, “लॉरेंज़ वक्र समान वितरण रेखा से असल विचलन के विचलन का बिन्दु रेखीय माप होता है।”

गुण (Merits)

  1. यह अपकिरण के माप के लिए सरल तथा आकर्षक विधि है।
  2. इस विधि द्वारा तुलना की जा सकती है। विशेष तौर पर आयु, मजदूरी, लाभ इत्यादि के वितरण की असमानताओं को एक नज़र में परखने के लिए यह अधिक उपयोगी है।

दोष (Demerits)

  • अपकिरण की इस विधि को बनाते समय संचित प्रतिशत का माप करना पड़ता है। इसलिए इसको समझना कठिन है।
  • अपकिरण का प्रकटीकरण ही किया जा सकता है। आंकड़ों के रूप में अपकिरण को स्पष्ट नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 9.
चतुर्थक की गणना कैसे की जाती है ?
उत्तर-
चतुर्थक का माप विभिन्न शृंखलाओं में विभिन्न प्रकार से किया जाता है।
(i) व्यक्तिगत तथा खण्डित श्रृंखला (Individual and Discrete Series)—व्यक्तिगत तथा खण्डित श्रृंखला में चतुर्थक का माप करने के लिये निम्नलिखित सूत्रों का प्रयोग किया जाता है
Qı = Size of the \(\left(\frac{N+1}{4}\right)\) th item of the series
Q3 = Size of the \(\left(\frac{3(N+1)}{4}\right)\) th item of the series

(ii) आवृत्ति वितरण श्रृंखला (Frequency Distribution Series)-आवृत्ति वितरण शृंखला में चतुर्थक का माप निम्नलिखित सूत्र से लिया जाता है-
Q1 = Size of the \(\left(\frac{N}{4}\right)\) th item
Q3 = Size of the 3\(\left(\frac{N}{4}\right)\) th item
तथा निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है-
Q1 = L1+\(\left[\frac{\frac{N}{4}-c f_{p}}{f}\right] \times i\)
Q3 = L1 + \(\left[\frac{\frac{3 \mathrm{~N}}{4}-c f_{p}}{f}\right] \times i\)

IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अपकिरण से क्या अभिप्राय है ? अपकिरण के महत्त्व को स्पष्ट करें। (What is dispersion ? Why is the study of dispersion essential ?)
उत्तर-
अपकिरण का अर्थ (Meaning of Dispersion)-एक श्रेणी की मदों में अन्तर को अपकिरण कहा जाता है। अपकिरण का माप इस बात को स्पष्ट करता है कि किसी श्रेणी की भिन्न-भिन्न मदें उस मध्य से कितनी दूरी पर हैं। उन मदों में प्रसार अथवा फैलाव कितना है। उस प्रसार अथवा फैलाव को अपकिरण कहा जाता है। अपकिरण की तुलना सूर्य की किरणों अथवा बैटरी की रोशनी से की जा सकती है। सूर्य की किरणें धरती पर पहुंचने तक बहुत फैल जाती हैं। बैटरी को जगाने से इसकी रोशनी फैलती जाती है। इसी प्रकार मदों का फैलाव अथवा प्रसार कितना है, उसको अपकिरण कहते हैं।

अपकिरण का महत्त्व तथा उद्देश्य (Importance of Objectives of Dispersion)-अपकिरण का मुख्य उद्देश्य अथवा महत्त्व निम्नलिखित बातों से स्पष्ट होता है-
1. श्रेणी विभाजन की बनावट का ज्ञान-किसी श्रेणी विभाजन की बनावट का ज्ञान अपकिरण के माप से स्पष्ट होता है। उदाहरणस्वरूप तीन श्रेणियों की समान्तर औसत समान हो सकती है, परन्तु उनकी मदों में अन्तर भिन्न-भिन्न हो सकता है। इसलिए औसतें किसी श्रेणी की मदों की उचित प्रतिनिधिता नहीं करतीं। किसी श्रेणी की बनावट की उचित जानकारी अपकिरण के माप से की जा सकती है। इसलिए अपकिरण का माप महत्त्वपूर्ण है।

2. तुलना में सहायक-अपकिरण का माप तुलना के लिए भी लाभदायक होता है। जैसे कि देश A की राष्ट्रीय आय दोगुनी हो जाती है। जनसंख्या भी दोगुनी हो जाती है. तो प्रति व्यक्ति आय समान रहती है। देश B में राष्ट्रीय आय 4 गुणा बढ़ गई है, जबकि जनसंख्या में वृद्धि भी चार गुणा है। इसलिए प्रति व्यक्ति आय समान रहती है। औसत आय की तुलना से हम यह परिणाम निकालते हैं कि दोनों देशों ने कोई उन्नति नहीं की। परन्तु देश A से देश B में उन्नति की दर अधिक है। इसलिए अपकिरण का माप दो अथवा दो से अधिक श्रेणियों में तुलना के लिए सहायक होता है।

3. पदों के मूल्यों का विस्तार-किसी श्रेणी में दिए गए पदों के मूल्यों का विस्तार कितना है ? इसकी जानकारी अपकिरण के माप द्वारा की जा सकती है। पदों के मूल्यों का विस्तार इस बात की जानकारी प्रदान करता है कि सबसे ऊंचे तथा सबसे नीचे पद मूल्यों का अन्तर कितना है ? इस अन्तर का ज्ञान प्राप्त करके मदों सम्बन्धी ठीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

4. औसत की प्रतिनिधिता का ज्ञान-अपकिरण के माप का एक उद्देश्य इस बात की जानकारी प्रदान करना भी होता है कि औसत मूल्य, मदों की ठीक प्रतिनिधिता कर रहे हैं अथवा नहीं। अपकिरण का माप, औसत के सम्बन्ध में किसी श्रेणी की मदों में एक समानता की सीमा को स्पष्ट करती है। दी गई मदों तथा औसत में जितना अन्तर अधिक होता है, मदों में उतनी एक समानता कम होती है। एक औसत को प्रतिनिधि कहा जाएगा। यदि यह एक समान तथा विश्वसनीय परिणाम स्वीकार करती है।

5. सांख्यिकी विधियों का आधार-अपकिरण का माप अन्य सांख्यिकी विधियों के माप के लिए लाभदायक होता है। सह-सम्बन्ध, परिकल्पना की परख, प्रतीपगमन इत्यादि विधियां अपकिरण के माप पर आधारित हैं। इसलिए आंकड़ा शास्त्र में अपकिरण का माप महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।

प्रश्न 2.
अपकिरण के माप की किस्में बताओ। अपकिरण के माप की विधियों को स्पष्ट करो।(Explain the types of the measures of dispersion. Describe the methods of Absolute Measures of Dispersion.)
उत्तर-
अपकिरण के माप दो प्रकार के होते हैं –
(1) निरपेक्ष माप
(2) सापेक्ष माप।

1. निरपेक्ष माप (Absolute Measure)-किसी श्रेणी के आंकड़ों का माप प्राथमिक इकाइयों में भी बताया जाए, जिस रूप में उस श्रेणी के मूल्य दिए होते हैं तो अपकिरण का निरपेक्ष माप कहा जाता है। उदाहरणस्वरूप मजदूरों की मज़दूरी रुपयों में दी हुई है तथा अपकिरण का माप रुपयों में किया जाता है। इस तरह वस्तुओं की कीमत रुपयों में, लम्बाई मीटरों में तथा भार किलोग्रामों में ही किया जाए तो इसको निरपेक्ष माप कहा जाता है।

2. सापेक्ष माप (Relative Measure)-जब किसी श्रेणी के अपकिरण के माप को अनुपात अथवा प्रतिशत के रूप में प्रकट किया जाता है तो इसको सापेक्ष माप कहा जाता है। जैसे कि ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों में से 70% विद्यार्थी प्रथम दर्जे में पास हुए हैं। इसको सापेक्ष माप कहा जाएगा। इसको अपकिरण गुणांक भी कहा जाता है।

अपकिरण के माप की विधियां (Methods of Measuring Disperrion)-अपकिरण के माप को दो भागों में विभाजित किया जाता है-

अपकिरण के निरपेक्ष माप (Absolute Measures of Dispersion) अपकिरण के सापेक्ष माप (Relative Measures of Dispersion)
A. स्थिति के माप- 1. विस्तार (Range) 1. विस्तार गुणांक (Co-efficient of Range)
2. चतुर्थक विचलन (Quartile Deviation) 2. चतुर्थक विचलन गुणांक (Co-efficient of Quartile Deviation)
B. गणित का माप-3. औसत विचलन (Mean Deviation) 3. औसत विचलन गुणांक  (Co-efficient of Mean Devaition)
4. प्रमाप विचलन (Standard Deviation) 4. प्रमाप विचलन गुणांक (Co-efficient of Standard Deviation)
C. ग्राफ द्वारा माप – 5. लॉरेंज़ वक्र (Lorenz Curve)

प्रश्न 3.
चतुर्थक से क्या अभिप्राय है ? इसकी माप विधि को स्पष्ट करें। (What do you mean by Quartile ? Explain its measure method.)
उत्तर-
हम देख चुके हैं कि मध्यका दिए गए आंकड़ों को दो समान भागों में विभाजित करती है, जब आंकड़ों को बढ़ते अथवा घटते क्रम अनुसार लिखा जाता है तो विभाजन के तीन बिन्दु प्राप्त होते हैं। केन्द्र वाले बिन्दु को मध्यका कहा जाता है। पहले चौथाई भाग को निम्न चतुर्थक (Q1) तथा तीसरे चौथाई भाग को ऊपरी चतुर्थक (Q3) कहा जाता है। चतुर्थक को समझने के लिए मध्यका को रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट करते हैं-
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 3
AB रेखा का मध्य M है जो कि रेखा को दो समान भागों में विभाजित करता है। M बिन्दु वाली मद को मध्यका कहा जाता है। अब चतुर्थक को समझना आसान होगा, जब आंकड़ों को बढ़ते अथवा घटते क्रमानुसार करके इसको चार बराबर भागों में विभाजित करते हैं। विभाजन के तीन बिन्दु प्राप्त होते हैं, इनको निम्न चतुर्थक, मध्य चतुर्थक तथा ऊपरी चतुर्थक कहा जाता है। मध्य चतुर्थक हमेशा बीच में स्थित होता है। इसको मध्यका कहते हैं। निम्न चतुर्थक Q1 से 25% मदें कम होती हैं तथा ऊपरी चतुर्थक Q3 से 25% मदें अधिक होती हैं।
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 4
रेखाचित्र में AB रेखा को तीन बिन्दु Q1, Q2, Q3, चार भागों में विभाजित करते हैं। इसलिए चतुर्थक तीन होते हैं।
Q1 = प्रथम चतुर्थक (Lower Quartile or First Quartile)
Q2= द्वितीय चतुर्यक (Second Quartile or Median)
Q3 = तीसरा चतुर्थक (Upper Quartile or Third Quartile)
क्योंकि दूसरा चतुर्थक मध्यका होती है इसलिए प्रथम चतुर्थक तथा निम्न चतुर्थक (Q1) तथा तीसरे चतुर्थक अथवा ऊपरी चतुर्थक का माप किया जाता है। .
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 5
व्यक्तिगत श्रेणी में माप विधि-

  1. व्यक्तिगत श्रेणी के आंकड़ों को बढ़ते क्रमानुसार अथवा घटते क्रमानुसार लिखना अनिवार्य होता है। मदों की श्रृंखला नम्बर लिखकर कुल संख्या (N) का पता करो।
  2. प्रथम चतुर्थक के मूल्य का पता करने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है।
    q1 = \(\frac{N+1}{4}\) th size of the item
  3. तीसरे चतुर्थक के मूल्य का पता करने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है।
    q3 = \(\frac{3(\mathrm{~N}+1)}{4}\) th Size of the item
  4. हमारे पास जो मद का आकार प्राप्त होता है, उसके सामने वाली मद Q1 अथवा Q3 होती है।

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप

प्रश्न 4.
निम्नलिखित तालिका में विद्यार्थियों के अंकों का विवरण दिया गया है –
अंक : 50 55 60 40 20 65 70 80 35 52 इस श्रेणी का प्रथम चतुर्थक (Q1) तथा तीसरा चतुर्थक (Q3) ज्ञात कीजिए।
हल (Solution) :
विद्यार्थियों के अंक बढ़ते क्रमानुसार नहीं दिए गए। इसलिए पहले इनको बढ़ते क्रमानुसार लिखते हैं तथा श्रृंखला नम्बर स्वयं देते हैं।
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 6
Q1 की गणना
q1 = size of the \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{4}\right)\) th item.
q1 = size of the \(\left(\frac{10+1}{4}\right)\) th item.
q1 = size of the \(\left(\frac{11}{4}\right)\) = 2.75 th item.
q1 = 2nd item + 0.75 (3rd item – 2nd item)
q1 = 35 + 0.75 (40 – 35)
q1 = 35 + 3.75 = 38.75 अंक

(इससे ज्ञात होता है कि प्रथम 25% विद्यार्थियों ने 38.75 अंक अथवा इससे कम अंक प्राप्त किए हैं।) Q3 की गणना
Q3 = size of the \(\left(\frac{3(\mathrm{~N}+1)}{4}\right)\) th item
Q3 = size of the \(\left[\frac{3(10+1)}{4}\right]\) th item
\(\frac{33}{4}\) =8.25th item
Q3 = 8th item + 0.25 (9th item – 8th item)
Q3 = 65 + 0.25 (70 – 65)
Q3 = 65 + 1.25 = 66.25 अंक ऊपरी चतुर्थक से ज्ञात होता है कि प्रथम 75% विद्यार्थियों के अंक 66.25 अथवा इससे कम हैं।

खण्डित श्रेणी में चतुर्थक का माप (Measurement of Quartiles in Discrete Series)
मापी विधि

  1. खण्डित श्रेणी में दी मदों की संचयी आवृत्ति निकालो।
  2. आवृत्ति का जोड़ करो इससे कुल संख्याओं की संख्या (N) प्राप्त हो जाती है।
  3. प्रथम चतुर्थक के लिए निम्न सूत्र का प्रयोग करो

Q1 = \(\frac{\mathrm{N}+1}{4}\) size of the item
तीसरे चतुर्थक के लिए इस सूत्र का प्रयोग करो
Q3 = \(\frac{3(N+1)}{4}\) size of the item
प्रथम तथा तीसरे चतुर्थक का आकार (size of the item) को संचयी आवृत्ति में देखो। जिस संचयी आवृत्ति में यह आकार प्राप्त होता है उसके सामने वाली मद को Q1 अथवा Q3 कहा जाता है।

प्रश्न 5.
ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के भार (weight) का विवरण इस प्रकार दिया है। इनका Q1, Q3, ज्ञात कीजिए।

भार (किलोग्राम) : 40 42 45 46 48 50 51 53 55
विद्यार्थियों की संख्या : 5 11 14 8 10 12 6 4 2

हल (Solution) :
प्रथम चतुर्थक (Q1) तथा तीसरा चतुर्थक (Q3) की गणना कीजिए।
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 7
Q1 की गणना
q1 = size of the \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{4}\right)\)th item
q2 = size of the \(\left(\frac{72+1}{4}\right)=\frac{73}{4}\)
= 18.25th item
यह संचयी आवृत्ति 30 में शामिल है।
q1 = 45 kg Ans.
इससे यह ज्ञात होता है कि प्रथम 25% विद्यार्थियों का भार 45 किलोग्राम अथवा इससे कम है। Q3 की गणना
q3 = size of the \(\left(\frac{3(\mathrm{~N}+1)}{4}\right)\) in item
q3 = size of the \(\left(\frac{3(72+1)}{4}\right)\) th item
= 54.75th item यह संचयी आवृत्ति 60 में शामिल है। इसके सामने मद 50 है।
q3= 50 kg Ans.
कुल विद्यार्थियों में से प्रथम 75% विद्यार्थियों का भार 50 किलोग्राम अथवा इससे कम है।

अखण्डित श्रृंखला में चतुर्थक का माप (Measurement of Quartiles in Continuous Series)

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप

प्रश्न 6.
‘निम्नलिखित तालिका की प्रथम चतुर्थक तथा तीसरे चतुर्थक का माप करो।

मज़दूरी (₹): 100-110 110-120 120-130 130-140 140-150
मज़दूरों की संख्या : 8 12 15 20 10

हल (Solution) :
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 8
Calculation of Q1
q1 = size of the\(\left(\frac{\mathrm{N}}{4}\right)\) th = \(\frac{70}{4}\) = 17.5 item
q1 = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{\frac{\mathrm{N}}{4}-c f p}{f} \times i\)
q1 = 110+ \(\frac{17.5-8}{12} \times 10\) = 110+7.92
q1 = 117.92
इससे स्पष्ट होता है कि प्रथम 25% मज़दूरों की मज़दूरी ₹ 117.92 के समान अथवा इससे कम है। Q3 का माप
q3 = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{\frac{3 \mathrm{~N}}{4}-c f p}{f} \times i \)
q3 = size of the \(\frac{3 \mathrm{~N}}{4}\) th item = \(\frac{3 \times 70}{4}\) = 52.5th item
q3 = 130+ \(\frac{52.5-35}{20} \times 10\)
= 130+ 8.75
= ₹ 138.75
इससे ज्ञात होता है कि प्रथम 75% मज़दूरों की मजदूरी ₹ 138.75 अथवा इससे कम है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित आंकड़ों से चतुर्थकों का माप करें।

अंक : 20-30 30-40 40-50 50-60 60-70 70-80 80-90
विद्यार्थियों की संख्या : 7 13 24 20 16 12 8

हल (Solution) :
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 9
Calculation of Q1
q1 = size of the \(\left(\frac{\mathrm{N}}{4}\right)\) th item
वर्गान्तर = \(\frac{100}{4}\) = 25th item.

Q1 वर्गान्तर 40-50 के वर्ग में है
∴ Q1 = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{\frac{\mathrm{N}}{4}-c f p}{f} \times i\)
= 40+ \(\frac{25-20}{24} \times 10\)
= 40 + 2.08 = 42.08 उत्तर

q3 is the value \(\frac{3 \mathrm{~N}}{4}\) = \(\frac{300}{4}\) = 75th item
q3 वर्गान्तर 60-70 में है ..
Q3 = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{\frac{3 \mathrm{~N}}{4}-c p f}{f} \times i\)
= 60 + \(\frac{75-64}{16} \times 10\)
= 60 + 6.875
∴ Q3 = 66.875 उत्तर

प्रश्न 8.
निम्नलिखित आंकड़ों के आधार पर चतुर्थकों का माप करें :

से कम प्राप्तांक : 80 70 60 50 40 30
छात्रों की संख्या : 100 90 80 60 32 20

हल (Solution) :
संचयी आवृत्ति को पहले साधारण आवृत्ति में बदला जाएगा।
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 10
Calculation of
Q1 is the value of \(\left(\frac{\mathrm{N}}{4}\right)\) th = \(\frac{100}{4}\) = 25th item
Q1 वर्गान्तर (30 – 40) में है।
∴ Q1 = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{\frac{\mathrm{N}}{4}-c f p}{f} \times i\)
= 30+\(\frac{25-20}{12} \times 10\)
= 30 + \(\frac{5}{12} \times 10\)
= 30 + 4.17
Q1 = 34.17 उत्तर

Calculation of Q3
Q3 is the value of \(\left(\frac{3 \mathrm{~N}}{4}\right)\) th = \(\frac{100 \times 3}{4} \) = 75th item
Q3 वर्गान्तर (50 – 60) में है
Q3 = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{\frac{3 \mathrm{~N}}{4}-c f p}{f} \times i\)
= 50+ \(\frac{75-60}{20} \times 10\)
= 50 + \(\frac{15}{2}\)
= 50 + 7.5
Q3 = 57.5 उत्तर

दशमक और प्रतीशतक (Deciles And Percentiles)

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप

प्रश्न 9.
दशमक और प्रतीशतक की माप विधि स्पष्ट करें।
उत्तर-
दशमक (Decile) और प्रतिशतक (Percentiles)-जब एक श्रेणी को 10 भागों में बांट कर D1 से D9 तक माप किया जाता है तो इस को दशमक कहा जाता है।
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 11
कुल 9 दशमक होते हैं D5 को माध्यका (Median) कहा जाता है।
व्यक्तिगत श्रेणी और खण्डित श्रेणी में दशमक का माप
D1 = Size of \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{10}\right)\) th item
D2 = Size of \(\left[\frac{2(N+1)}{10}\right]\) th item
D3 = Size of \(\left[\frac{3(N+1)}{10}\right]\) an item
D9 = Size of \(\left[\frac{9(N+1)}{10}\right]\) an item

अखण्डित श्रेणी में दशमक का माप अखण्डित श्रेणी (Continuous Series) में दशमक वर्ग अन्तर के माप का सूत्र इस प्रकार है
D1 = Size of \(\left(\frac{N}{10}\right)\) th item
D2 = Size of 2\(\left(\frac{\mathrm{N}}{10}\right)\) th item
D3 = Size of 3\(\left(\frac{N}{10}\right)\) th item
D9 = Size of 9(\left(\frac{N}{10}\right))th item

यदि दशमक का माप करना हो तो सूत्र इस प्रकार है-
D1 = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{\frac{\mathrm{N}}{10}-C f p}{f} \times i\)
D2 = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{\frac{2 \mathrm{~N}}{10}-C f p}{f} \times i\)
D3 = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{\frac{3 \mathrm{~N}}{10}-C f p}{f} \times i\)
D9 = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{\frac{9 \mathrm{~N}}{10}-C f p}{f} \times i\)

प्रतिशतक (Percentiles)
जब श्रृंखला को 100 बराबर हिस्सों में बांट कर P से P तक का माप किया जाता है तो इसको प्रतिशतक कहा जाता है। P50 = Median, P23 = Q1 और P75 = Q3 होता है।
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 12
व्यक्तिगत तथा खण्डित श्रेणी में प्रतिशतक का माप-व्यक्तिगत तथा खण्डित श्रेणी में माप का सूत्र
P1 = Size of the \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\) th item.
P2 = Size of the 2 \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\) th item.
P3 = Size of the 3 \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\) th item
P99 = Size of the 99 \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\) th item

अखण्डित श्रेणी में प्रतिशतक वर्ग के माप का सूत्र
P1 = Size of the \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\) th item
P2 = Size of the 2 \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\) th item.
P3 = Size of the 3 \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\)th item.
P99 = Size of the 99\(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\) th item

प्रतिशतक के माप का सूत्र :
P1 = \(L_{1}+\left(\frac{\frac{N}{100}-C f p}{f}\right) \times i\)
P99 = \(\mathrm{L}_{1}+\left(\frac{\frac{99 N}{100}-\mathrm{C} f p}{f}\right) \times i\)

प्रश्न 10.
व्यक्तिगत श्रेणी में दशमक और प्रतिशतक का माप
उदाहरण : विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त किये गए अंक इस प्रकार हैं
10, 18, 20, 25, 28, 40, 50, 60, 70, 88, D3 और P67 का माप करें :
हल (Solution) :
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 13
D3 का माप
D3 = Size of the 3 \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\) th item.
= Size of the 3\(\left(\frac{10+1}{10}\right)\) th item.
= Size of the \(\frac{3(11)}{10}=\frac{33}{10}\) = 3.3 rd item.
D3 = Size of the 3(4th-3rd item)
= 20 + 3(25-20)
= 20+ 1.5
D3 = 21.5

P67 का माप
P67 = Size of the 67 \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\)th item
= Size of the 67\(\left(\frac{10+1}{10}\right)\) in item
= Size of the 67\(\left(\frac{11}{100}\right)=\frac{737}{100}\) = 7.371 item

P67= 7th item + .37(8th – 7th item) th item
= 50 + :37 (60 – 50)
= 50 + 3.7
P= 53.7

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप

खण्डित श्रेणी में माप

प्रश्न 11.
मज़दूरों की मजदूरी के आंकड़े दिए गए हैं :
D2, D7, P21, P84 का माप करें।

मज़दूरी 100 200 300 400 500 600 700 800 900
मजदूरों की संख्या 3 7 15 20 25 10 8 7 4

हल (Solution) : .
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 14
D2 का माप
D2 = Size of the 2 \(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\) th item
= Size of the 2 \(\left(\frac{99+1}{10}\right)\) th item
= Size of 20th item.

यह संचई आवृत्ति में 25 में स्थित है जोकि ₹ 300 मज़दूरी को प्रकट करती है।
D2= ₹ 300 उत्तर।

D7 का माप
D7 = Size of the 7\(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\) th item.
= Size of the 7\(\left(\frac{99+1}{10}\right)\)th item.
= Size of the 70th item.
यह संचई आवृत्ति में 70 में स्थित है जो कि ₹ 500 मज़दूरी को प्रकट करती है।
D7 = ₹ 500 उत्तर।

P21 का माप
P21 = Size of the 21\(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\)th item.
= Size of the 21 \(\left(\frac{99+1}{10}\right)\)
= Size of the 21st item.

Size of the 21st item यह (C.f.) में 25 में आती है।
∴ P21 = ₹ 300 उत्तर

P84 का माप
P84 = Size of the 84\(\left(\frac{\mathrm{N}+1}{100}\right)\) th item.
= Size of the 84\(\left(\frac{99+1}{10}\right)\) th item.
= Size of the 84th item.

यह संचई आवृत्ति में 88 में आती है इसलिए P84 = ₹ 700 उत्तर।

अखण्डित श्रेणी में वर्ग अन्तर का माप (Calculation of Modal Class in Continuous Series)

प्रश्न 12.
निम्नलिखित आंकड़ों से D4 और P70 का माप करें।

अंक : 0- 10 10-20 20 – 30 30 – 40 40 – 50
आवृत्ति : 5 15 25 20 5

हल (Solution):
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 15
D4 के वर्ग अन्तर का माप
D4 = Size of the 4 \(\left(\frac{\mathrm{N}}{10}\right)\) in item
= Size of the 4\(\left(\frac{70}{10}\right)\) th item.
= Size of the 28th item.

यह संचई आवृत्ति में 45 में आएगी इसलिए D4 का वर्ग-अन्तराल = 20 – 30 उत्तर।

D4 का माप

यदि D4 का माप करना हो तो

D4 = \(\mathrm{L}_{1}+\left(\frac{\frac{4(N)}{10}-c f p}{f}\right) \times i\)
= 20 + \(\left(\frac{\frac{4(70)}{10}-20}{25}\right) \times 10\)
= 20 + \(\frac{28-20}{25} \times 10\)
= 20 + \(\frac{8 \times 10}{25}\)
= 20 + 3.2
= 23-2 अंक उत्तर।

P70 प्रतिशतक के वर्ग-अन्तर का माप
P70 = Size of the \(\left(\frac{70(N)}{100}\right)\) th item.
= Size of the \(\left(\frac{70(70)}{100}\right)\) th item.
= Size of the 49th item.

यह संचई आवृत्ति (cf) 65 में आती है।
∴ P70 का वर्ग अन्तराल = 30 – 40 उत्तर।
P70 का माप
P70 = \(\mathrm{L}_{1}+\left(\frac{\frac{70(\mathrm{~N})}{100}-c f p}{f}\right) \times i\)
= 30 + \(\left[\frac{\left(\frac{70 \times 70}{100}\right)-45}{20}\right] \times 10\)
= 30 + \(\frac{49-45}{20} \times 10\)
= 30 + \( \frac{4}{20} \times 10\)
= 30 + 2 = 32 अंक
P70 = 32 अंक उत्तर।
.
विस्तार (Range)

प्रश्न 13.
विस्तार का माप कैसे किया जाता है ?
उत्तर-
1. विस्तार का अर्थ-किसी श्रेणी में सबसे बड़े मूल्य तथा सबसे लघु मूल्य के अन्तर को विस्तार कहा जाता है। विस्तार के माप की यह सबसे सरल विधि है, जिसमें निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है-
Range = L-S
यहां L = सबसे बड़ा मूल्य (Largest value)
S = सबसे लघु मूल्य (Smallest value)

2. विस्तार गुणांक-ऊपर दिए निरपेक्ष माप में दो अथवा दो से अधिक श्रेणियों की तुलना नहीं की जा सकती। इसलिए विस्तार के तुलनात्मक माप करने के लिए विस्तार गुणांक का प्रयोग किया जाता है। इसका माप करने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है
Co-efficient of Range = \(\frac{\mathrm{L}-\mathrm{S}}{\mathrm{L}+\mathrm{S}}\)
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 16

विस्तार तथा विस्तार गुणांक की गणना (Calculation of Range and Co-efficient of Range)

विस्तार की गणना तीन प्रकार की श्रेणियों में निम्नलिखित अनुसार की जाती है
(A) व्यक्तिगत श्रेणी (Individual Series)
विधि-व्यक्तिगत श्रेणी में दी गई मदों में से सबसे बड़ी मद के मूल्य तथा सबसे लघु मद के मूल्य का अन्तर निकाल लिया जाता है। इस अन्तर को विस्तार कहते हैं।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित दो खिलाडियों के स्कोर का विवरण दिया गया है, विस्तार तथा विस्तार गणांक ज्ञात करो। यह बताओ कि किस खिलाड़ी की बल्लेबाजी ज्यादा स्थिर है।
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 17
हल (Solution) :
I. युवराज सिंह
(i) विस्तार = अधिकतम मूल्य – न्यूनतम मूल्य
= 104 – 12 = 92 दौड़ें
(ii) PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 18
= \(\frac{104-12}{104+12}=\frac{92}{116}\) = 0.793

II. महेन्द्र सिंह धोनी
(i) विस्तार = अधिकतम मूल्य – न्यूनतम मूल्य
= 82 – 45 = 37
(ii) विस्तार गुणांक = PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 19
विस्तार गुणांक = \(\frac{82-45}{82+45}=\frac{37}{127}\)
तुलना करने के लिए विस्तार गुणांक का प्रयोग करते हैं। विस्तार गुणांक महेन्द्र सिंह धोनी का कम है। महेन्द्र सिंह धोनी की दौड़ों में विचरण कम है। इसलिए महेन्द्र सिंह धोनी की बल्लेबाजी अधिक स्थिर अथवा विश्वसनीय है।

(B) खण्डित श्रेणी (Discrete Series) विधि-खण्डित श्रेणी की मदों के साथ आवृत्ति दी होती है। गणना करते समय सबसे बड़ी मद तथा सबसे छोटी मद का अन्तर निकाला जाता है। इसमें आवृत्ति में कोई ध्यान नहीं दिया जाता। विस्तार तथा विस्तार गुणांक की गणना विधि व्यक्तिगत श्रेणी वाली ही है।

प्रश्न 15.
निम्नलिखित आंकड़ों का विस्तार तथा विस्तार गुणांक पता करो।

अंक (X) : 10 15 20 25 30 35 40
आवृत्ति (f) : 2 8 60 40 35 19 11

हल (Solution) :
(i) विस्तार (R) = L – S
L = 40, S = 10
R = 40 – 10 = 30 अंक उत्तर
विस्तार 30 अंक यह स्पष्ट करता है कि अधिक अंक तथा कम अंक प्राप्त करने वालों में अन्तर अधिक है।

(ii) विस्तार गुणांक = \(\frac{\mathrm{L}-\mathrm{S}}{\mathrm{L}+\mathrm{S}}\)
Co-efficient of Range = \(\frac{40-10}{40+10}=\frac{30}{50}\) = 0.6 उत्तर
विस्तार अधिक होने के कारण विस्तार गुणांक का मूल्य अधिक है।

(C) अखण्डित श्रेणी (Continuous Series)

प्रश्न 16.
निम्नलिखित आंकड़ों का विस्तार तथा विस्तार गुणांक पता करो

अंक: 10-19 20-29 30-39 40-49 50-59 60-69
विद्यार्थियों की संख्या: 8 15 20 53 31 16

हल (Solution) :
इस प्रश्न में वर्गान्तर समावेशी श्रेणी में दिए गए हैं। इनको प्रथम अपवर्जी श्रेणी में बदलो। नोट-प्रथम वर्ग की ऊपरी सीमा 19 है तथा द्वितीय वर्ग की निचली सीमा 20 का अन्तर 20-19 = 1 का अर्ध =\(\frac{1}{2}\) = 0.5 है। प्रत्येक वर्ग की निचली सीमा में से 0.5 घटाओ तथा प्रत्येक वर्ग की ऊपरी सीमा में 0.5 जोड़ो।

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 20
(i) विस्तार (Range) = L-S
R = 69:5 – 9.5 = 60 अंक उत्तर
सबसे अधिक अंकों तथा सबसे कम प्राप्त किए गए अंकों का अन्तर 60 है अर्थात् अंकों का विस्तार बहुत अधिक है |

(ii) विस्तार गुणांक (Co-efficient of Range) = \(\frac{\mathrm{L}-\mathrm{S}}{\mathrm{L}+\mathrm{S}}\)
C.R = \(\frac{69.5-9.5}{69.5+9.5}=\frac{60}{79}\) = 0.759 उत्तर
विस्तार अधिक होने के कारण विस्तार गुणांक अधिक है।

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप

द्वितिय विधि (Second Method)
मध्य बिन्दुओं की विधि-इस विधि अनुसार अखण्डित श्रेणी में अपवर्जी वर्गान्तर दिए हों तो मध्य बिन्दु ज्ञात किए जाते हैं। सबसे बड़े अथवा सबसे लघु मध्य मूल्यों के अन्तर को विस्तार कहा जाता है।

प्रश्न 17.
एक स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के भार का विवरण दिया गया है। विस्तार तथा विस्तार गुणांक ज्ञात करो।

भार (किलोग्राम): 0-20 20-40 40-60 60-80 80-100
विद्यार्थियों की संख्या: 15 58 129 43 25

हल (Solution) :
विस्तार तथा विस्तार गुणांक की गणना ।
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 21
(i) विस्तार (Range) = LMV – SMV
R = 90 – 10 – 80 किलोग्राम उत्तर
विद्यार्थियों के मध्य मूल्य अधिकतम भार 90 किलोग्राम तथा मध्य मूल्य न्यूनतम भार 10 किलोग्राम का अन्तर 80 किलोग्राम है।

(ii) विस्तार गुणांक (Co-efficient of Range) = \(\frac{\mathrm{LMV}-\mathrm{SMV}}{\mathrm{LMV}+\mathrm{SMV}}\)
C.R. = \(\frac{90-10}{90+10}=\frac{80}{100}\) = 0.8 उत्तर
विस्तार अधिक होने के कारण विस्तार गुणांक अधिक है, जोकि एक के नज़दीक है।

3. चतुर्थक विचलन (Quartile Deviation)

प्रश्न 18.
चतुर्थक विचलन तथा चतुर्थक विचलन गुणांक का अर्थ बताओ।
उत्तर-
चतुर्थक विचलन-विस्तार की तरह चतुर्थक की स्थिति से सम्बन्धित अपकिरण का माप होता है। चतुर्थक विचलन किसी भी श्रेणी के तीसरे चतुर्थक (Q3) तथा प्रथम चतुर्थक (Q1) के अन्तर का अर्थ होता है। चतुर्थक विचलन को अर्ध चतुर्थक विचलन विस्तार भी कहते हैं। इसकी गणना के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है-
चतुर्थक विचलन (Quartile Deviation) = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{2}\)
यदि हम तीसरे चतुर्थक तथा प्रथम चतुर्थक का अन्तर निकाल लेते हैं तो इसको अन्तर चतुर्थक विचलन (InterQuartile Range) कहते हैं। यदि अन्तर चतुर्थक विचलन का अर्ध कर लिया जाए तो यह अर्ध चतुर्थक विचलन कहा जाता है, इसको चतुर्थक विचलन कहते हैं।

चतर्थक विचलन गुणांक (Co-efficient of Quartile Deviation)-चतुर्थक विचलन गुणांक अपकिरण का सापेक्ष माप (Relative Measure of Dispersion) होता है। इसका गुणांक ज्ञात करने के लिए तीसरे चतुर्थक तथा प्रथम चतुर्थक के अन्तर को तीसरे चतुर्थक तथा प्रथम चतुर्थक के जोड़ से विभाजित किया जाता है।
चतुर्थक विचलन गुणांक = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{\mathrm{Q}_{3}+\mathrm{Q}_{1}}\)
इस प्रकार चतुर्थक विचलन गुणांक का पता चल जाता है।

चतर्थक विचलन की गणना (Calculation of Quartile Deviation),माप विधि
1. निम्नलिखित चतुर्थक का माप करो
Q1 = Size of the \(\frac{(\mathrm{N}+1)}{4}\) th item
2. ऊपरी चतुर्थक का माप करो
Q3 = Size of the \(\frac{3(\mathrm{~N}+1)}{4} \) item.
3. निम्नलिखित सूत्र द्वारा माप करो –
चतुर्थक विचलन (Q.D.) = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{2}\)
चतुर्थक विचलन गुणांक = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{\mathrm{Q}_{3}+\mathrm{Q}_{1}}\)

A. व्यक्तिगत श्रेणी (Individual Series)

प्रश्न 19.
निम्नलिखित सारणी का चतुर्थक विचलन तथा चतुर्थक विचलन गुणांक पता करो।
अंक : 8 10 20 15 3 0 40 25
हल (Solution) :
दिए आंकड़ों को बढ़ते क्रमानुसार लिखा जाता है। चतुर्थक विचलन तथा चतुर्थक विचलन गुणांक की गणना
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 23
q1 = size of the \(\frac{(\mathrm{N}+1)}{4}\) th item
q1= size of the \(\frac{(7+1)}{4}\) th = \(\frac{8}{4}\) = 2nd item.
q1 = 10 अंक
q3 = size of the \(\frac{3(N+1)}{4}\) th item.
q3 = size of the \(\frac{3(7+1)}{4}=\frac{3 \times 8}{4}\) = 6th item.
= \(\frac{24}{4}\) = 6th item.
q3 = 30 अंक

(i) चतुर्थक विचलन (Q.D.) = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{2}\)
Q.D. = \(\frac{30-10}{2}=\frac{20}{2}\) = 10 अंक उत्तर

चतुर्थक विचलन 10 अंक है। चतुर्थक विचलन जितना अधिक होता है, यह तीसरे चतुर्थक Q3 तथा प्रथम चतुर्थक Q1 में आंकड़ों के अधिक विस्तार को प्रकट करता है। चतुर्थक विचलन जितना कम होता है, यह आंकड़ों की कम भिन्नता को प्रकट करता है।

(ii) चतुर्थक विचलन गुणांक (Co-efficient of Q.D.)
= \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{\mathrm{Q}_{3}+\mathrm{Q}_{1}}\)
Co-efficient of Q.D. = \(\frac{30-10}{30+10}=\frac{20}{40}\) = 0.5 उत्तर
इससे ज्ञात होता है कि प्रथम चतुर्थक तथा तीसरा चतुर्थक विचलन गुणांक 0.5 है, जितना चतुर्थक गुणांक अधिक होता है, उतनी विषमता अधिक होती है।

B. खण्डित श्रेणी (Discrete Series)
निम्न चतुर्थक Q1 तथा ऊपरी चतुर्थक Q3 का माप संचीय आवृत्ति की सहायता से पता किया जाता है।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित आंकड़ों का चतुर्थक विचलन तथा चतुर्थक विचलन गुणांक पता करो।

रोज़ाना मज़दूरी (रु०) : 80 90 100 110 120 130 140
मज़दूरों की संख्या : 8 12 20 30 25 15 10

हल (Solution):
चतुर्थक विचलन तथा चतुर्थक विचलन गुणांक की गणना
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 23
q1 = size of the \(\left(\frac{N+1}{4}\right)\)th item
q1 = size of the \(\left(\frac{119+1}{4}\right)\)th item
= \(\frac{120}{4}\) = 30th item.
q1 = ₹ 100
q3 = size of the \(\frac{3(\mathrm{~N}+1)}{4}\) th item.
= \(\frac{3 \times 120}{4}\) = 90th item.
Q3 = ₹ 120

(i) चतुर्थक विचलन (Q.D.) = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{2}=\frac{120-100}{2}=\frac{20}{2}\) = = ₹ 10 उत्तर
मज़दूरों की मजदूरी में भिन्नता कम है।

(ii) चतुर्थक विचलन गुणांक = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{\mathrm{Q}_{3}+\mathrm{Q}_{1}}\)
(Co-efficient of Q.D.) = \(\frac{120-100}{120+100}=\frac{20}{220} \) = 0.09 उत्तर
जब चतुर्थक विचलन कम होता है तो चतुर्थक विचलन गुणांक का मूल्य कम होता है।

C. अखण्डित श्रेणी (Continuous Series)

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप

प्रश्न 21.
दो फैक्टरियों में मजदूरों की मजदूरी का विवरण दिया गया है। चतुर्थक विचलन द्वारा अपकिरण का माप करो।
फैक्टरी A मज़दूरी (₹) : 50-60 60-70 70-80 80-90 90-100
मज़दूरों की संख्या : 2 8 15 106
फैक्टरी B मज़दूरी (₹) : 80-90 . 90-100 100-110 110-120 120-130
मजदूरों की संख्या : 1 4 108
हल (Solution) :
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 24

फैक्टरी A
Q1 का माप
q1 = \(\frac{n}{4}=\frac{41}{4}\) = 10.25th item
(70-80) के वर्ग अन्तराल में है)

∴ Q1 = \( \mathrm{L}_{1}+\frac{n / 4-\mathrm{C} f p}{f} \times i\)
= 70 + \(\frac{10.25-10}{15} \times 10\)
= 70 +\(\frac{.25}{3} \times 2\)
= 70 + \(\frac{.50}{3}\)
Q1 = 70 +0.167

Q3 का माप
q3 = \( \frac{3 n}{4}=\frac{3(41)}{4}=\frac{123}{4}\) = 30.75th Item
(80-90 वर्ग-अन्तराल में है)

∴ Q3 = \(L_{1}+\frac{\frac{3 n}{4}-C f p}{f} \times i\)
= 80 + \(\frac{30.75-25}{10} \times 10\)
= 80 + 5.75
Q3 = 85.75

चतुर्थक विचलन (Q.D.)
QD = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{2}\)
= \(\frac{87.75-70.167}{2}=\frac{17.583}{2}\)
QD = 8.792 उत्तर

चतुर्थक विचलन गुणांक = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{\mathrm{Q}_{3}+\mathrm{Q}_{1}}\)
= \(\frac{87.75-70.167}{87.75+70.167}=\frac{8.792}{157.917}\) = 0.055
Co-efficient of Q.D. = 0.055 उत्तर

फैक्टरी B
Q1 का माप
q1 = \(\frac{n}{4}=\frac{28}{4}\) = 7th Item
(100-110) के वर्ग अन्तराल में है)

Q1 = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{n / 4-\mathrm{C} f p}{f} \times i\)
= 100 + \(\frac{7-5}{10} \times 10\)
= 100 + 2 = 102
Q1 = 102

Q3 का माप
q3 = \(\frac{3 n}{4}=\frac{3(28)}{4}=\frac{84}{4}\) = 21st Item
(110-120) वर्ग अन्तराल में है)
Q3 = \(\mathrm{L}_{1}+\frac{\frac{3 n}{4}-C f p}{f} \times i\)
= 110 + \(\frac{21-15}{8} \times 10\)
= 110 + \(\frac{21-15}{8} \times 10\)
= 110 + \(\frac{6}{8} \times 10\)
= 110 + 7.5 = 117.5
Q3 = 117.5

चतुर्थक विचलन (Q.D.) = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{2}\)
= \(\frac{117.5-102}{2}=\frac{15.5}{2}\) = 7.75
Q.D. = 7.75 Ans.
चतुर्थक विचलन गुणांक = \(\frac{\mathrm{Q}_{3}-\mathrm{Q}_{1}}{\mathrm{Q}_{3}+\mathrm{Q}_{1}}\)
= \(\frac{117.5-102}{117.5+102}\)
= \(\frac{15.5}{219.5}\) = 0.071
Co-efficient of Q.D. = 0.071 Ans.

चतुर्थक विचलन गुणांक फैक्टरी A में फैक्टरी B से अधिक है। इसलिए फैक्टरी A में फैक्टरी B की तुलना में अधिक विषमता (Variability) पाई जाती है।

प्रश्न 22.
चतुर्थक विचलन के गुण तथा दोष बताओ।
उत्तर-
चतुर्थक विचलन के गुण (Merits of Quartile Deviation)
1. सरल-चतुर्थक का माप करना आसान है।
2. माप-इस का माप करना भी सरल है।
3. सीमान्त मूल्यों का कम प्रभात-चतुर्थक द्वारा अपकिरण का माप करते समय सीमान्त मूल्यों का बहुत कम प्रभाव पड़ता है।

चतर्थक विचलन के दोष (Demerits of Quartile Deviation)
1. अस्थिरता-चतुर्थक विचलन में अस्थिरता का दोष होता है क्योंकि साँपल में परिवर्तन होने से इसके मूल्य पर काफ़ी प्रभाव पड़ता है।
2. सभी मूल्यों पर आधारित नहीं-चतुर्थक में श्रेणी के सभी मूल्यों को ध्यान में रख कर इनका माप नहीं किया जाता। 3. श्रृंखला का ज्ञान-चतुर्थक द्वारा श्रृंखला की बनावट का पूरा ज्ञान प्राप्त नहीं होता।

3. मध्य विचलन (Mean Deviation)

प्रश्न 23.
मध्य विचलन का अर्थ बताओ। मध्य विचलन की गणना किस विधि द्वारा की जा सकती है ? (Explain the meaning of Mean Deviation. How is Mean Deviation calculated ?)
उत्तर-
मध्य विचलन का अर्थ (Meaning of Mean Deviation)-मध्य विचलन को औसत विचलन भी कहा जाता है। औसतें मुख्य तीन प्रकार की होती हैं-समान्तर औसत, मध्यका तथा बहुलक। किसी श्रेणी की औसत निकालकर मदों में से औसत का विचलन निकाला जाता है। विचलन निकालते समय बीज गणित चिह्न (+) तथा (-) को छोड़ दिया जाता है। इस प्रकार विचलनों के मध्य को मध्य विचलन कहा जाता है।

परिभाषा-
कलार्क तथा सकेड के अनुसार, “श्रेणी की किसी औसत समान्तर मध्य, मध्यका अथवा बहुलक से निकाले गए विचलनों का समान्तर मध्य उस श्रेणी का मध्य विचलन कहा जाता है, परन्तु विचलनों के चिह्नों (+), (-) को छोड़ दिया जाता है।”
(“Average Deviation is the average amount of scatter of items is a distribution from either mean, or median or the mode, ignoring signs of deviation.”-Clark and Schkade)

गणित चिह्नों (+) तथा (-) को छोड़ने का मुख्य कारण यह है कि समान्तर औसत से मदों का विचलन निकाला जाए तो जवाब शून्य (Zero) होता है।

माप विधि-

  1. सबसे पहले दी श्रेणी की औसत (समान्तर मध्य, मध्यका अथवा बहुलक) ज्ञात करो।
  2. प्राप्त की औसत से भिन्न-भिन्न मदों का विचलन ज्ञात करो। बीज गणित चिह्न (+), (-) को छोड़ दो।
  3. विचलनों को |D| इसको D मोडलस पढ़ा जाता है। चिह्न द्वारा प्रकट करो।
  4. विचलनों को मदों की संख्या से विभाजित करो। इससे मध्य विचलन प्राप्त हो जाता है।
  5. चाहे मध्य विचलन समान्तर औसत, मध्यका तथा बहुलक द्वारा निकाला जा सकता है।

साधारण तौर पर समान्तर औसत (X) तथा मध्यका (M) का ही प्रयोग किया जाता है। बहुलक (Z) का प्रयोग नहीं किया जाता। परन्तु प्रश्न में जिस औसत द्वारा मध्य विचलन पूछा जाए उस औसत का प्रयोग करो।

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप

माप सूत्र (Formula) –
माप विचलन के माप दो तरह के होते हैं-
I. निरपेक्ष माप (Absolute Measure)-निरपेक्ष माप द्वारा मध्य विचलन की गणना निम्नलिखित श्रेणियों में इस प्रकार की जाती है
1. व्यक्तिगत श्रेणी (Individual Series)-मध्य विचलन का माप समान्तर औसत, मध्यका अथवा बहुलक से पता किया जाता है। इसलिए जिस औसत से मध्य विचलन की गणना करनी हो उस औसत द्वारा माप का सूत्र निम्नलिखित अनुसार है –

  • यदि विचलन समान्तर औसत से लिया जाए तो
    M.D. \((\bar{X})=\frac{\Sigma|X-\bar{X}|}{N}\) OR = \(\frac{\Sigma\left|\mathrm{D}_{\overline{\mathrm{X}}}\right|}{\mathrm{N}}\)
  • यदि विचलन मध्यका से लिया जाए तो
    M.D (M) = \(\frac{\Sigma|\mathbf{X}-\mathrm{M}|}{\mathrm{N}} \mathrm{OR}=\frac{\Sigma\left|\mathrm{D}_{\mathrm{M}}\right|}{\mathrm{N}}\)
  • यदि विचलन बहुलक से लिया जाए तो
    M.D. (Z) = \(\frac{\Sigma|\mathbf{X}-\mathbf{Z}|}{\mathrm{N}} \mathrm{OR}=\frac{\Sigma\left|\mathrm{D}_{\mathrm{Z}}\right|}{\mathrm{N}} \)

यहां M.D. \((\bar{X})\) = समान्तर मध्य से मध्य विचलन
|D|x = इसको पढ़ा जाता जाता है D मोडलस समान्तर मध्य से मदों का विचलन (+), (-) चिह्नों को छोड़कर।
|D|M = मध्यक से मदों का विचलन (+1), (-) चिह्नों को छोड़कर
|D|Z = बहुलक से मदों का विचलन (+1), (-) चिह्नों को छोड़कर
N मदों की संख्या

2. खण्डित तथा अखण्डित श्रेणी (Discrete and Continuous Series)-खण्डित तथा अखण्डित श्रेणी में निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है –
समान्तर मध्य, मध्यका तथा बहुलक द्वारा मध्य विचलन
(i) M.D. \(\bar{X}\) = \(\frac{\Sigma f|D \overline{\mathrm{X}}|}{\mathrm{N}}\)
(ii) M.D.M = \(\frac{\Sigma f\left|\mathrm{D}_{\mathrm{M}}\right|}{\mathrm{N}}\)
(iii) M.D.Z = \(\frac{\Sigma f\left|D_{Z}\right|}{N}\)
साधारण तौर पर मध्य विचलन का माप मध्यका द्वारा किया जाता है। कई बार समान्तर औसत (mean) का प्रयोग भी किया जाता है।

परन्तु बहुलक (mode) का प्रयोग कभी-कभी ही किया जाता है।

  1. सबसे पहले समान्तर मध्य, मध्यका तथा बहुलक की गणना करो।
  2. औसत से मदों का विचलन निकालो (+) तथा (-) चिह्नों को छोड़ दो। इसको (D) द्वारा लिखो।
  3. प्रत्येक मद के सामने वाली आवृत्ति (f) को |D| से गुणा करके गुणनफल को f|D| लिखो।
  4. प्राप्त हुए गुणनफल का जोड़ Σf |D| करके इनकी संख्या |N| पर विभाजित करो। इस प्रकार मध्य विचलन (M.D.) प्राप्त हो जाता है।

II. सापेक्ष माप (Relative Measure)-अपकिरण के सापेक्ष माप को मध्य विचलन का गुणांक कहा जाता है। मध्य विचलन के गुणांक की गणना करने के लिए मध्य विचलन को समान्तर औसत, मध्यका अथवा बहुलक द्वारा निकालने के पश्चात् जिस औसत से मध्य विचलन की गणना की गई है, उस औसत से भाग कर दिया जाता है। इस प्रकार मध्य विचलन प्राप्त हो जाता है। मध्य विचलन गुणांक का सूत्र निम्नलिखित अनुसार है-
(i) Co-efficient of MD\(\bar{X}\) = \(\frac{\mathrm{MD}_{\overline{\mathrm{X}}}}{\overline{\mathrm{X}}} \)
(ii) Co-efficient of M.D.M = \(\frac{\text { M.D.M }}{\text { Median }}\)
(iii) Co-efficient of M.D.Z = \(\frac{\text { M.D.Z }}{\text { Mode }}\)

व्यक्तिगत श्रेणी (Individual Series)

प्रश्न 24.
निम्नलिखित आंकड़ों की सहायता से मध्य विचलन तथा उसके गुणांक का पता करो।
अंक : 8 10 12 15 18 . 20 25 इसकी गणना मध्यका द्वारा करो।
हल (Solution):
मध्यक द्वारा मध्य विचलन तथा उसके गुणांक की गणना
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 25
मध्यका द्वारा मध्य विचलन
m = size of the \(\frac{(\mathrm{N}+1)}{2}\) th item.
M = size of the \(\left(\frac{7+1}{2}\right) \mathrm{th}=\frac{8}{2}\) = 4th item.
Median = 15 marks
M.D.M= \(\frac{\Sigma\left|D_{M}\right|}{N}=\frac{33}{7}\) = 4.714 अंक उत्तर
Co-efficient of M.D. = \(\frac{\text { M.D.M. }}{\text { Median }}=\frac{4.714}{15} \) = 0.314 उत्तर
मध्य विचलन गुणांक 1 की अनुपात में जितना कम है वह समंकों के कम उत्तर को प्रकट करता है।

प्रश्न 25.
फैक्टरी A तथा फैक्टरी B में मजदूरी सम्बन्धी आंकड़े दिए गए हैं। मध्यका तथा मध्य विचलन ज्ञात करो तथा तुलना करो।
हल (Solution):
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 26
m= \(\frac{\mathrm{N}+1}{2}=\frac{5+1}{2}=\frac{6}{2}\) = 3rd item.
M (Median)= 600
MDM = \(\frac{\Sigma|\mathrm{D}|}{\mathrm{N}}=\frac{740}{5}\) = ₹ 148
मध्य विचलन गुणांक = \(\frac{\mathrm{MD}_{\mathrm{M}}}{\text { Median }}\) = \(\frac{148}{600} \) = 0.247

m = \(\frac{N+1}{2}=\frac{5+1}{2}=\frac{6}{2}\) = 3rd item
M (मध्यका )= ₹300
MDM = \(\frac{\Sigma|\mathrm{D}|}{\mathrm{N}}=\frac{300}{5}\) = ₹60
मध्य विचलन गुणांक = \(\frac{\mathrm{MD}_{\mathrm{M}}}{\text { Median }}\)
= \(\frac{\mathrm{MD}_{\mathrm{M}}}{\text { Median }}\) = \(\frac{60}{300}\) = 0.200
फैक्टरी A का मध्य विचलन गुणांक फैक्टरी B के मध्य विचलन गुणांक से अधिक है। इसलिए फैक्टरी A की मज़दूरी में भिन्नता अधिक है।

प्रश्न 26.
आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की आयु का विवरण इस प्रकार है। औसत विचलन तथा औसत विचलन गुणांक ज्ञात करो।

आयु (वर्ष) : 11 12 13 14 15
विद्यार्थियों की संख्या : 2 8 15 3 2

हल (Solution) :
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 27
(i) मध्यका (Median) का माप
m = \(\frac{\mathrm{N}+1}{2}=\frac{30+1}{2}=\frac{31}{2}\) = 15.5th item.
यह संचयी आवृत्ति 25 में पाई जाती है।
∴ मध्यका = 13 वर्ष ।

(ii) औसत विचलन (Mean Deviation) का माप –
मध्यका से माप विचलन = \(\frac{\Sigma f\left|\mathrm{D}_{\mathrm{M}}\right|}{\mathrm{N}}=\frac{19}{30}\) = 0.633
औसत विचलन से ज्ञात होता है कि मध्यका से दूरी कम है।

(iii) औसत विचलन गुणांक (Co-efficient of Mean Deviation)
Co-efficient of M.D. =\(\frac{\text { M.D. }}{\text { Median }}=\frac{0.63}{13}\) = 0.049
मध्य विचलन गुणांक काफ़ी कम है, इसलिए मध्यका से आयु की कम दूरी पाई जाती है।

अखण्डित श्रेणी में मध्य विचलन की गणना (Calculation of Mean Deviation in Continuous Series)
अखण्डित श्रेणी वर्गों के अन्तर के मध्य मूल्य निकाल लेते हैं। इससे अखण्डित श्रेणी, खण्डित श्रेणी का रूप धारण कर लेती है। इसके पश्चात् खण्डित श्रेणी जैसे ही मध्य विचलन की गणना की जाती है।

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप

प्रश्न 27.
निम्नलिखित आंकड़ों का समान्तर मध्य द्वारा मध्य विचलन के गुणांक का माप करो।

अंक: 0-10 10-20 20-30 30-40 40-50
विद्यार्थियों की संख्या : 2 8 10 15 5

हल (Solution) :
मध्य विचलन तथा मध्य विचलन के गुणांक की गणना
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 28
(i) समान्तर मध्य (Mean) \(\bar{X} \) = \(\frac{\Sigma f x}{\mathrm{~N}}=\frac{1130}{40}\) = 28.25
(ii) मध्य विचलन (Mean Deviation)
M.D. = \(\frac{\Sigma(f|\mathrm{D} \overline{\mathrm{x}}|)}{\mathrm{N}}=\frac{370}{40}\) = 9.25 अंक उत्तर
समान्तर औसत से भिन्नता 9.25 अंक है।

(iii) मध्य विचलन का गुणांक Coefficient of M.D.= \(\frac{\mathrm{MD} \overline{\mathrm{X}}}{\text { Mean }}=\frac{9.25}{28.25}\) = 0.327 उत्तर
मध्य विचलन गुणांक 0.327 है अथवा 32.7% है जोकि काफ़ी कम है इसलिए अंकों में अन्तर कम है।

4. प्रमाप विचलन (Standard Deviation)

प्रश्न 28.
प्रमाप विचलन से क्या अभिप्राय है? प्रमाप विचलन तथा मध्य विचलन में अन्तर बताओ। (What is meant by Standard Deviation ? Distinguish between Mean Deviation and Standard Deviation.)
उत्तर-
अपकिरण के माप के लिए इस विधि की सबसे पहले कार्ल पीयर्सन (Karl Pearson) ने 1893 में व्याख्या की थी। इसको अपकिरण के माप की सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण, उपयोगी तथा विश्वसनीय विधि माना जाता है। प्रमाप विचलन को विचलन वर्ग मध्य मूल्य भी कहा जाता है। इसको ग्रीक भाषा के अक्षर (0) सिगमा द्वारा प्रकट किया जाता है। जितनी आंकड़ों में अपकिरण अथवा भिन्नता अधिक होगी, उतना ही प्रमाप विचलन अधिक होगा अर्थात्-

  1. यदि प्रमाप विचलन छोटा है तो इसका अर्थ आंकड़ों में भिन्नता कम है अथवा एक समानता पाई जाती है।
  2. यदि प्रमाप विचलन बड़ा है तो इसका अर्थ है कि आंकड़ों में भिन्नता अधिक है अथवा एक समानता नहीं है।

प्रमाप विचलन का अर्थ (Meaning of Standard Deviation)-किसी श्रेणी के मध्यमान में से उसकी भिन्न-भिन्न मदों के निकाले गए विचलनों के वर्गों की औसत के वर्गमूल को प्रमाप विचलन कहा जाता है।
प्रमाप विचलन हमेशा समान्तर मध्य में से ही विचलनों द्वारा लिया जाता है क्योंकि समान्तर मध्य में से लिए गए विचलनों के वर्गों का जोड़ किसी अन्य औसत में से लिए गए विचलनों के वर्गों की आवश्यकता से न्यूनतम होता है।

प्रमाप विचलन की विशेषताएं (Characteristics of Standard Deviation)-

  1. प्रमाप विचलन में मदों से विचलन समान्तर मध्य से लिए जाते हैं।
  2. प्रमाप विचलन में गणित चिह्न जमा (+) तथा घटाओ ( – ) को छोड़ा नहीं जाता। हासिल किए गए विचलनों के वर्ग कर लिए जाते हैं, जिससे ऋणात्मक विचलन भी धनात्मक बन जाते हैं।
  3. प्रमाप विचलन की गणना करने के लिए उन वर्गों का जिनका वर्ग किया गया है इसका मध्य प्राप्त करके वर्गमूल निकाला जाता है। इसको प्रमाप विचलन कहते हैं।

प्रमाप विचलन तथा मध्य विचलन में अन्तर (Difference between Mean Deviation and Standard Deviation)-प्रमाप विचलन तथा मध्य विचलन में मुख्य अन्तर इस प्रकार हैं-

  1. प्रमाप विचलन (S.D.)-प्रमाप विचलन की गणना केवल समान्तर मध्य द्वारा ही की जाती है। मध्य विचलन (M.D.)-मध्य विचलन की गणना केन्द्रीय प्रवृत्तियां समान्तर मध्य (Mean), मध्यक (Median) अथवा बहुलक के आधार पर की जा सकती है।
  2. प्रमाप विचलन (S.D.)-प्रमाप विचलन में श्रेणी की मदों की समान्तर औसत (Mean) से मदों के विचलन निकाले जाते हैं। प्राप्त किए विचलनों के वर्ग करके (+) तथा (-) चिह्नों को धनात्मक (+) बना लिया जाता है। इस प्रकार विचलनों की औसत पता करके वर्गमूल निकाला जाता है। इस प्रकार (+) तथा (-) चिह्नों को ध्यान में रखा जाता हैं |

मध्य विचलन (M.D.)-मध्य विचलन में गणित चिह्नों (+) तथा (-) को छोड़ दिया जाता है। यह मध्य विचलन का सबसे बड़ा दोष है।

A.व्यक्तिगत श्रेणी (Individual Series)

प्रमाप विचलन गणना की विधियाँ (Method of Measuring Standard Deviation)

  1. प्रत्यक्ष विधि(1) किसी श्रेणी के मूल्यों की समान्तर औसत ज्ञात कीजिए।
  2. प्रत्येक मूल्य में से समान्तर औसत (X̄) को घटाओ तथा विचलन को छोटी X द्वारा अंकित करो।
    (x-X̄=x)
  3. प्राप्त किए विचलनों (x) का वर्ग पता करो तथा विचलनों के वर्गों (x2) का जोड़ (Σx2) कर लें।
  4. निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग करो

(i) σ = \(\sqrt{\frac{\Sigma x^{2}}{N}}=\sqrt{\frac{(\mathrm{X}-\overline{\mathrm{X}})^{2}}{\mathrm{~N}}}\)
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 29
σ (सिगमा) = प्रमाप विचलन
Σx2 = मदों से समान्तर औसत के विचलनों के वर्गों का जोड़
N = मदों की संख्या
√ = वर्गमूल
5. प्रमाप विचलन के वर्ग को वेरीअँस अथवा प्रसारण कहा जाता है अथवा प्रसारण कहा जाता
Variance or V = σ2 अथवा \(\frac{\Sigma x^{2}}{\mathrm{~N}}\) जहां x = x = x – X̄
6. सापेक्ष माप-प्रमाप विचलन के सापेक्ष माप को प्रमाप विचलन गुणांक कहा जाता है। इसकी गणना का सूत्र निम्नलिखित अनुसार है
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 30

प्रश्न 29.
निम्नलिखित आंकड़ों का प्रमाप विचलन तथा प्रमाप विचलन का गुणांक ज्ञात करो –
अंक : 6, 9, 10, 13, 17, 19, 21, 25
हल (Solution) :
प्रमाप विचलन की गणना ( प्रत्यक्ष विधि)
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 31
समान्तर औसत (Mean)
X̄ = \(\frac{\Sigma x}{N}=\frac{120}{8}\)
प्रमाप विचलन (Standard Deviation)
σ = \( \sqrt{\frac{(\mathrm{X}-\overline{\mathrm{X}})^{2}}{\mathrm{~N}}}=\sqrt{\frac{\Sigma x^{2}}{\mathrm{~N}}}=\sqrt{\frac{302}{8}}=\sqrt{37.75}\)
σ = 6.14 उत्तर
(Standard Deviation gives us the absolute value of variation. By this, we cannot measure the variability of two or more series. We have to study the relative measure of dispersion.)

अपकिरण गुणांक (Co-efficient of Variation)

Co-efficient of Variation = \( \frac{\text { S.D. }}{\bar{X}} \times 100=\frac{6.14}{15} \times 100\)
or Co-efficient of variation = 40.9%
It shows that the variation of the items from Mean is 40.9%.

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप

प्रश्न 30.
निम्न सारणी का प्रमाप विचलन ज्ञात करो –

आकार : 5 10 15 20 25 30
आवृत्ति : 2 8 10 15 8 7

हल (Solution) :
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 32
प्रमाप विचलन
S.D. or σ = \(\sqrt{\frac{\Sigma f d x^{2}}{N}-\left(\frac{\Sigma f d x}{N}\right)^{2}}\)
σ = \(\sqrt{\frac{2400}{50}-\left[\frac{(-50)}{50}\right]^{2}}\)
σ = \(\sqrt{48-1}=\sqrt{47}\) 6.85 उत्तर
निरपेक्ष प्रमाप विचलन 6.85 है।

प्रश्न 31.
निम्नलिखित सारणी का पद विचलन विधि द्वारा प्रमाप विचलन ज्ञात करो।

अंक : 20 30 40 50 60
विद्यार्थियों की संख्या 6 10 20 55 10

हल (Solution) :
प्रमाप विचलन की गणना (पद विचलन विधि)
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 33
प्रमाप विचलन
S.D. or σ = \(\sqrt{\frac{\Sigma f d x^{\prime 2}}{N}-\left(\frac{\Sigma f d x^{\prime}}{N}\right)^{2}} \times C\)
σ = \(\sqrt{\frac{95}{50}-\left(\frac{(-) 19}{50}\right)^{2}} \times 10\)
σ = \(\sqrt{1.9-0.144} \times 10\)
σ = \(\sqrt{1.756} \times 10\)
σ = 1.325 x 10 = 13.25 उत्तर
निरपेक्ष प्रमाप विचलन 13.25 है।

प्रश्न 32.
निम्नलिखित सारणी का प्रमाप विचलन प्रत्यक्ष विधि द्वारा ज्ञात करो।

मज़दूरी (२) 0-10 10-20 20-30 30-40 40-50
मज़दूरों की संख्या 2 3 10 4 1

हल (Solution) :
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 34
समान्तर औसत की गणना
X̄ = \(\frac{\sum f x}{\mathrm{~N}}=\frac{520}{20}\) = 26
प्रमाप विचलन
S.D. or σ = \(\sqrt{\frac{\Sigma f x^{2}}{\mathrm{~N}}}\)
σ = \(\sqrt{\frac{2180}{20}}=\sqrt{109}\) = ₹ 10.44 उत्तर
निरपेक्ष प्रमाप विचलन 10.44 है।

(B) लघु विधि (Short Cut Method)
अखण्डित श्रेणी में प्रमाप विचलन की गणना करते समय खण्डित श्रेणी में प्रयोग की जाने वाली विधि का प्रयोग किया जाता है। अखण्डित श्रेणी के मध्य मूल्य (Mid values) निकाले जाते हैं। इस प्रकार अखण्डित श्रेणी अपने-आप ही खण्डित श्रेणी का रूप धारण कर लेती है। इस विधि में निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है –
σ = \(\sqrt{\frac{\Sigma f d x^{2}}{N}-\left(\frac{\Sigma f d x^{\prime}}{N}\right)^{2}}\)

प्रश्न 33.
निम्नलिखित आंकड़ों द्वारा प्रमाप विचलन ज्ञात करो –

आकार : 2-4 4-6 6-8 8-10 10-12 12-14
आवृत्ति : 1 2 3 4 6 3

हल (Solution) :
प्रमाप विचलन की गणना (लघु विधि)
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 35
प्रमाप विचलन (Standard Deviation)
S.D. or σ = \(\sqrt{\frac{\Sigma f d x^{2}}{\mathrm{~N}}-\left(\frac{\Sigma f d x}{\mathrm{~N}}\right)^{2}}\)
σ = \(\sqrt{\frac{180}{20}-\left(\frac{(-) 18}{20}\right)^{2}}\)
σ = \(\sqrt{9-(0.9)^{2}}=\sqrt{8.19}\)
σ = 2.86 उत्तर

(C) पद विचलन विधि यदि पद विचलन लिए जाएं तो गणना का कार्य और आसान हो जाता है। इस विधि में निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है
σ = \( \sqrt{\frac{\Sigma f d x^{2}}{\mathrm{~N}}-\left(\frac{\Sigma f d x}{\mathrm{~N}}\right)^{2}} \times \mathrm{C}\)

प्रश्न 34.
निम्नलिखित आंकड़ों से प्रमाप विचलन ज्ञात करो –

अंक : 0-5 5-10 10-15 15-20 20-25 25-30 30-35
विद्यार्थियों की संख्या: 8 12 20 25 22 10 3

हल (Solution):
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 36
प्रमाप विचलन (Standard Deviation)
S.D. or σ = \( \sqrt{\frac{\Sigma f d x^{\prime 2}}{\mathrm{~N}}-\left(\frac{\Sigma f d x^{\prime}}{\mathrm{N}}\right)^{2}} \times \mathrm{C}\)
σ = \(\sqrt{\frac{229}{100}-\left(\frac{(-) 17}{100}\right)^{2}} \times 5\)
σ = \(\sqrt{2.29-0.0289} \times 5 \)
σ = \(\sqrt{2.2611} \times 5\)
σ = 1.504 × 5
σ = 7.52 उत्तर
निरपेक्ष प्रमाप विचलन 7.520 है।

प्रमाप विचलन गुणांक तथा विचरण गुणांक (Co-efficient of Standard Deviation and Co-efficient of Variation)

प्रश्न 35.
प्रमाप विचलन गुणांक, विचरण गुणांक तथा प्रसरण का अर्थ बताओ। (Explain the meaning of Co-efficient of Standard Deviation, Co-efficient of Valuable and Variance.)
उत्तर-
. प्रमाप विचलन गुणांक (Co-efficient of Standard Deviation)-प्रमाप विचलन अपकिरण का निरपेक्ष माप है। प्रमाप विचलन द्वारा दो अथवा दो से अधिक शृंखलाओं की तुलना नहीं की जा सकती है। इस उद्देश्य के लिए प्रमाप विचलन गुणांक की गणना की जाती है। इसको अपकिरण का सापेक्ष माप कहा जाता है तथा इसका सूत्र निम्नलिखित अनुसार है
प्रमाप विचलन गुणांक (Co-efficient of S.D.) = \(\frac{\text { Standard Dèviation }}{\text { Mean }} \)
= \(\frac{\sigma}{\overline{\mathrm{X}}}\)

2. विचरण गुणांक (Co-efficient of variation)-प्रमाप विचरण गुणांक साधारण तौर पर दशमलव भिन्न में आता है। इसलिए इसको समझना आसान नहीं, बल्कि कठिन होता है। इस मुश्किल को दूर करने के लिए विचरण गुणांक का प्रयोग किया जाता है। इसलिए सापेक्ष माप के लिए अपकिरण सम्बन्धी एक अन्य महत्त्वपूर्ण धारणा विचरण गुणांक दी गई है। इस धारणा का प्रयोग सबसे पहले कार्ल पियर्सन द्वारा किया गया था। इस कारण इस धारणा को कार्ल पियर्सन का विचरन गुणांक कहा जाता है। कार्ल पियर्सन अनुसार, “विचरण गुणांक समान्तर औसत में होने वाला प्रतिशत विचरण है जबकि प्रमाप विचलन समान्तर औसत में होने वाला कुल विचरण है।”
विचरण गुणांक or CV = \(\frac{\delta}{\bar{X}} \times 100\)

विचरण गुणांक प्रमाप विचलन का प्रतिशत रूप है। इसका प्रयोग भिन्न-भिन्न श्रृंखलाओं में तुलना के लिए किया जाता है, जिस समूह का विचरण गुणांक (C.V.) अधिक होगा, उस समूह में कम एक समानता पाई जाएगी। जिस समूह का विचरण गुणांक (C.V.) कम होगा, उस समूह में अधिक एक समानता पाई जाएगी।
अर्थात्
(i) C.V. अधिक है – कम समानता
(ii) C.V. कम है – अधिक समानता

3. प्रसरण (Variance)-प्रमाप विचलन के वर्ग को प्रसरण कहा जाता है। प्रसरण के माप के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है
(Direct Method) व्यक्तिगत श्रेणी
प्रसरण (Variance) or V = \(\frac{\Sigma x^{2}}{\mathrm{~N}}\) or σ2
खण्डित तथा अखण्डित श्रेणी
प्रसरण (Variance) or V = \(\frac{\Sigma f x^{2}}{\mathrm{~N}}\)

लघु विधि (Short Cut Method)
प्रसरण (Variance)
V = \(\frac{\Sigma f d x}{\mathrm{~N}}-\left(\frac{\Sigma f d x}{\mathrm{~N}}\right)^{2}\)
– अथवा
V = σ2

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप

A. व्यक्तिगत श्रेणी (Individual Series) :

प्रश्न 36.
पंचवर्षीय योजना में दो नगरों की कीमतों में परिवर्तन का विवरण इस प्रकार है। बताओ कौन-से नगर में कीमतें स्थिर रहीं।
नगर A की कीमतें : 10 18 20 15 12
नगर B की कीमतें : 20 21 19 23 – 17
हल (Solution):
विचरण गुणांक की गणना
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 37
नगर A
X̄ = \(\frac{\Sigma x}{N}=\frac{75}{5}\) = 15
σ = \(\sqrt{\frac{\Sigma d x^{2}}{\mathrm{~N}}}=\sqrt{\frac{68}{5}}=\sqrt{13.6}\) = 3.69
विचरण गुणांक
C.V. = \(\frac{\sigma}{\bar{X}} \times 100 \)
= \(\frac{3.69}{15} \times 100\) = 24.58 उत्तर

नगर B
Ȳ = \(\frac{\Sigma Y}{N}=\frac{100}{5}\) = 20
σ = \(\sqrt{\frac{\Sigma d y^{2}}{N}}=\sqrt{\frac{20}{5}}=\sqrt{4}\) = 2
(Co-efficient of variation)
C.V. = \(\frac{\sigma}{\overline{\mathrm{X}}} \times 100\)
= \(\frac{2}{20} \times 100\) = 10 उत्तर
विचरण गुणांक नगर A की तुलना में B नगर का कम है। इसलिए कीमतें B नगर में अधिक स्थिर रहती हैं।

प्रश्न 37.
दो बल्लेबाजों x तथा Y द्वारा भिन्न-भिन्न पारियों में रनों का विवरण इस प्रकार है?
x : 15 1200 75 10 140 Y : 60 76 30 42 5 0 42.
बताओ-
(i) दोनों में कौन-सा खिलाड़ी अधिक रन बनाने वाला है ?
(ii) कौन-सा खिलाड़ी अधिक स्थिर है?
हल (Solution) :
यह पता करने के लिए कि कौन-सा खिलाड़ी अधिक रन बनाने वाला है औसत रनों की तुलना करनी पड़ेगी तथा यह जानने के लिए कि कौन-सा खिलाड़ी अधिक स्थिर है विचरण गुणांक (C.V.) की तुलना करनी पड़ेगी।
समान्तर औसत तथा विचरण गुणांक का माप
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 38
बल्लेबाज़ X
X̄ = \(\frac{\Sigma x}{N}=\frac{360}{60}\) = 60
σx = \( \sqrt{\frac{\Sigma d x^{2}}{\mathrm{~N}}}=\sqrt{\frac{18350}{6}}\)
= 66.05 दौड़ें
Co-efficient of variation
CVx = \(\frac{\sigma}{\bar{X}} \times 100\)
= \(\frac{66.05}{60} \times 100\)
= 101.08

बल्लेबाज़ Y
Ȳ = \(\frac{\Sigma Y}{N}=\frac{300}{6}\) = 50
σ = \(\sqrt{\frac{\Sigma d y^{2}}{N}}=\sqrt{\frac{1304}{6}}\)
= 14.74 दौड़ें
Co-efficient of variation Cvy = Fx 100
CVy = \(\frac{\sigma}{\overline{\mathbf{Y}}} \times 100\)
= \(\frac{14.74}{50} \times 100\)
= 29.48
(i) X बल्लेबाज़ की औसत दौड़ें 60, Y बल्लेबाज़ की औसत दौड़ें 50 की तुलना में अधिक हैं। इसलिए X बल्लेबाज़ अच्छा खिलाड़ी है।
(ii) विचरण गुणांक (C.V.) बल्लेबाज़ Y का 29.48, बल्लेबाज़ X के विचरण गुणांक 101.08 से कम है। इसलिए बल्लेबाज़ Y अधिक स्थिर है।

प्रश्न 38.
फैक्टरी A तथा फैक्टरी B में मजदूरों की औसत मज़दूरी तथा प्रमाप विचलन का विवरण निम्नलिखित अनुसार दिया हुआ है। विचरण गुणांक पता करो।
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 39
हल (Solution) :
फैक्टरी A का विचरण गुणांक
Co-efficient of variation of factory X = \(\frac{\sigma}{\overline{\mathrm{X}}}\) x 100
C.V.= \(\frac{6}{40}\) x 100 = 15
फैक्टरी B का विचरण गुणांक
Co-efficient of variation of factory Y = \( \frac{\sigma}{\overline{\mathrm{Y}}}\) x 100
C.V. = \(\frac{9}{30}\) x 100 = 30
फैक्टरी B का विचरण गुणांक 30 फैक्टरी A के विचरण गुणांक 15 से अधिक है। इसलिए फैक्टरी B में विचरण अधिक है।

प्रश्न 39.
प्रमाप विचलन के गुण एवं दोष बताएं।
उत्तर-
प्रमाप विचलन के गुण (Merits of Standard Deviation)

  1. सभी मूल्यों पर आधारित-प्रमाप विचलन श्रृंखला के सभी मूल्यों पर आधारित होता है।
  2. निश्चित परिभाषा-प्रमाप विचलन की परिभाषा निश्चित होती है।
  3. निश्चित माप-प्रमाप विचलन का माप स्पष्ट तथा निश्चित होता है। इसका प्रयोग हरेक स्थिति में किया जा सकता है।
  4. बीज गणित अध्ययन-प्रमाप विचलन का बीज गणित विधियों में काफी प्रयोग संभव होता है।
  5. तुलना-इस विधि के द्वारा दो या दो से अधिक श्रृंखलाओं की तुलना की जा सकती है।

प्रमाप विचलन के दोष (Demerits of Standard Deviation)

  1. कठिन माप-प्रमाप विचलन का माप करना कठिन होता है।
  2. सीमान्त मल्यों का प्रभाव-इस विधि में सीमान्त मूल्यों का अधिक प्रभाव पड़ता है।
  3. खुले वर्गान्तर-खुले वर्गान्तर में प्रमाप विचलन का माप नहीं किया जा सकता।

5. लॉरेंज़ वक्र (Lorenz Curve)

प्रश्न 40.
लॉरेंज़ वक्र से क्या अभिप्राय है? लॉरेंज़ वक्र की निर्माण विधि स्पष्ट करो। (What is Lorenz Curve ? Explain the method for the formulation of Lorenz Curve.)
अथवा
अपकिरण की ग्राफ विधि से क्या अभिप्राय है ? ग्राफ विधि द्वारा अपकिरण के माप का निर्माण कैसे किया जाता है?
(What is meant by Graphic Method of dispersion? How is dispersion measured with Graphic Method ?)
अथवा
अपकिरण के माप की बिन्दु रेखीय विधि से क्या अभिप्राय है? इस विधि द्वारा अपकिरण का माप कैसे किया जाता है?
(What is meant by outline Method of dispersion? How is dispersion measured with it ?)
उत्तर-
लॉरेंज वक्र का अर्थ (Meaning of Larenz Curve) अपकिरण के माप के लिए एक ढंग का निर्माण अमेरिका के अर्थशास्त्री डॉक्टर मैक्स लॉरेंज (Dr. Max Lorenz) ने किया। उन्होंने एक वक्र से आय तथा धन के वितरण में असमानताओं का अध्ययन किया। इस वक्र को लॉरेंज़ वक्र (Lorenz curve) कहा जाता है। आजकल के अर्थशास्त्री इस वक्र का प्रयोग आय, धन, लाभ, मजदूरी इत्यादि आर्थिक दरों के प्रकटावे के लिए करते हैं। लॉरेंज़ वक्र को संचयी प्रतिशत वक्र भी कहा जाता है। इसलिए लॉरेंज़ वक्र समान वितरण रेखा से जितना दूर होता है, उतनी ही असमानता अधिक होती है। लॉरेंज़ वक्र वितरण रेखा के नज़दीक होगा, उतना ही असमानता कम होती है।

लॉरेंज़ वक्र की निर्माण विधि(Method to draw Lorenz Curve) –
लॉरेंज़ वक्र की निर्माण विधि निम्नलिखित अनुसार हैं-

  1. दिए हुए मूल्यों तथा आवृत्ति को संचित रूप में बदलो। वर्ग अन्तराल की स्थिति में मध्य मूल्य निकालकर संचयी जोड़ करो।
  2. संचित किए हुए मूल्यों तथा आवृत्तियों को प्रतिशत में बदलो।
  3. ग्राफ पेपर पर OX तथा OY रेखाएं बनाओ। 10X अक्ष सभी प्रतिशत संचयी आवृत्तियां, 100 से 0 तक तथा OY अक्ष पर सभी प्रतिशत संचयी मदों 0 से 100 तक लिया जाता है।
  4. OX अक्ष के शून्य (0) मापदण्ड को OY अक्ष के 100 मापदण्ड से मिलाओ। इसको करने अथवा समान वितरण रेखा कहा जाता है।
  5. मूल्यों तथा आवृत्तियों की प्रतिशत संचयी आंकड़ों को ग्राफ पर बिन्दुओं द्वारा अंकित किया जाता है तथा इन बिन्दुओं को आपस में मिला देते हैं, जिससे लॉरेंज़ वक्र प्राप्त होता है। इसलिए लॉरेंज़ वक्र को बिन्दु विधि अथवा ग्राफ विधि भी कहा जाता है।
  6. लॉरेंज़ वक्र, समान वितरण रेखा से जितना नज़दीक होता है, अपकिरण की मात्रा उतनी कम होती है। लॉरेंज़ वक्र जितना अधिक दूर होगा, अपकिरण उतना अधिक होगा।

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप

प्रश्न 41.
दो फैक्टरियों द्वारा मजदूरों को दी जाने वाली मजदूरी का विवरण इस प्रकार है

मज़दूरी (₹): 0-20 20-40 40-60 60-80 80-100
फैक्टरी A में मजदूरों की संख्या : 60 80 120 90 150
फैक्टरी B में मजदूरों की संख्या : 150 100 90 110 50

हल : मजदूरी वितरण से समानताओं की तुलना करने के लिए लॉरेंज़ वक्र का निर्माण करो।
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 25 अपकिरण के माप 40
समान विभाजन वक्र (Line of Equal Distribution) से लॉरेंज़ वक्र जितना दूर होगा, उतनी ही आंकड़ों में असमानता ज्यादा होगी। इस उदाहरण में फैक्टरी A की तुलना में फैक्टरी B में लॉरेंज़ वक्र अधिक दूर है। इसलिए फैक्टरी B के मजदूरों की मजदूरी में असमानता अधिक है।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 7 पौधों को जानिए

Punjab State Board PSEB 6th Class Science Book Solutions Chapter 7 पौधों को जानिए Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Science Chapter 7 पौधों को जानिए

PSEB 6th Class Science Guide पौधों को जानिए Textbook Questions, and Answers

1. रिक्त स्थान भरें अनार

(i) …………….. जड़ों की मुख्य जड़ नहीं होती।
उत्तर-
रेशेदार

(ii) पत्तों में शिराओं के जाल (बनावट) को …………….. कहते हैं ।
उत्तर-
शिरा विन्यास

(iii) ………….. फूल का मादा हिस्सा है।
उत्तर-
महिला केसर

(iv) बड़े वृक्ष के तने को ………….. कहते हैं।
उत्तर-
मुख्य तना ।

2. सही या ग़लत बताएँ

(i) पत्तों से पानी के निकलने की क्रिया को वाष्प उत्सर्जन कहा जाता है।
उत्तर-
सही

(ii) पत्तों के हरे रंग के लिए क्लोरोफिल उत्तरदायी है।
उत्तर-
सही

(iii) दो अंतर-गाँठों के बीच तने के हिस्से को गाँठ कहा जाता है।
उत्तर-
सही

(iv) पुंकेसर, फूल का मादा जनन अंग है।
उत्तर-
गलत।

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3. कॉलम ‘क’ का कॉलम ‘ख’ के साथ मिलान करें

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) जड़ (क) पौधे को कली अवस्था में बचाना
(i) बेल (ख) पानी सोखना
(iii) हरी पत्तियाँ (ग) पौधे को सीधा रखना
(iv) तना (घ) मनी प्लांट।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) जड़ (ख) पानी सोखना
(i) बेल (घ) मनी प्लांट
(iii) हरी पत्तियाँ (क) पौधे को कली अवस्था में बचाना
(iv) तना (ग) पौधे को सीधा रखना।

4. सही विकल्प चुनें

प्रश्न (i)
आम का पौधा एक …………………… है ।
(क) बूटी
(ख) वृक्ष
(ग) झाड़ी
(घ) जड़ें ।
उत्तर-
(ख) वृक्ष ।

प्रश्न (ii)
पोधे में प्रकाश संश्लेषण क्रिया …………………….. में होती है।
(क) तना
(ख) पुंकेसर
(ग) जड़
(घ) पत्ते
उत्तर-
(घ) पत्ते।

प्रश्न (iii)
तने का वह भाग जहाँ पत्ते उगते हैं-
(क) कलिकाएँ
(ख) एक्सेल
(ग) गाँठे
(घ) अंतर-गाँठे
उत्तर-
(ग) गाँठें।

प्रश्न (iv)
पत्तों द्वारा पानी छोड़ने की विधि को ………………………. कहते हैं।
(क) सोखना
(ख) प्रकाश संश्लेषण
(ग) वाष्प-उत्सर्जन
(घ) जकड़ (सीधा खड़ा करना)।
उत्तर-
(ग) वाष्प-उत्सर्जन ।

5. अति लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न (i)
पत्तों के चपटे हरे रंग के भाग को क्या कहते हैं?
उत्तर-
पत्तों के चपटे हरे भाग को फलक या ब्लेड या लैमिना कहते हैं।

प्रश्न (ii)
शिरा विन्यास क्या है? इसके अलग-अलग प्रकार लिखो।
उत्तर-
पत्तों में शिराओं का एक जाल होता है जिसे शिरा विन्यास भी कहते हैं। शिरा विन्यास दो प्रकार का होता है अर्थात जालीदार या समानांतर।

प्रश्न (iii)
कैलेक्स क्या है?
उत्तर-
हरी पत्तियों के समूह को कैलेक्स कहा जाता है।

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6. लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न (i)
मूसला जड़ और रेशेदार जड़ में क्या अंतर है?
उत्तर-
(1) मूसला जड़ – यह मुख्य जड़ है जो जड़ के आधार से लंबवत नीचे की ओर बढ़ती है और छोटी पार्श्व जड़ों में विभाजित होती है। मुख्य जड़ प्राथमिक जड़ है और इसकी शाखाओं को द्वितीयक जड़ के रूप में जाना जाता है। मूली, नीम, आम, चना आदि की जड़ मूसला जड़ होती है।

(2) रेशेदार जड़ – इन जड़ों की कोई मुख्य जड़ नहीं होती हैं। रेशेदार जड़ें पतली तागे जैसी जड़ों का एक समूह है जो तने के आधार से शुरू होती है और मिट्टी में बढ़ती है। घास, मक्का, गेहूँ, केला आदि की जड़ें रेशेदार होती हैं।

प्रश्न (ii)
पत्तों के मुख्य कार्य लिखिए।
उत्तर-
पत्तियों अथवा पत्तों के प्रमुख कार्य-

  1. पत्तियाँ क्लोरोफिल और सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड और पानी से भोजन बनाती हैं। इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं।
  2. पत्तियों में कई रंध्र होते हैं जो गैसों के आदान-प्रदान में मदद करते हैं।
  3. पौधे अतिरिक्त पानी को स्टोमेटा के माध्यम से बाहर निकालते हैं, इस प्रक्रिया को वाष्पोत्सर्जन कहा जाता है। कुछ पौधों की पत्तियाँ सुरक्षा (डंडा-थोहर), प्रजनन (पत्थर चाटना) जैसे अन्य कार्यों में भी सक्षम हैं।

प्रश्न (iii)
बेलें (लताएं) क्या हैं? एक उदाहरण लिखो।
उत्तर-
कमजोर तने वाले खरपतवार बेल कहलाते हैं। कुछ पौधों के तने इतने कमजोर होते हैं कि ये अपने आप सीधे खड़े नहीं हो सकते और जमीन पर फैल सकते हैं। ऐसे पौधों को लता या बेलें कहा जाता है। उदाहरण-क और तरबूज।

7. निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न (i)
पत्तों के अलग-अलग भाग कौन-से हैं ? लेवल किए चित्र के साथ समझाओ।
उत्तर-
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 7 पौधों को जानिए 1
पत्ता तने में पाई जाने वाली गाँठ से उगता है । यह पौधे का एक पतला, सपाट, हरा भाग होता है जो कई प्रकार के पौधों में पाया जाता है। विभिन्न पौधों के पत्ते रूप, आकार और रंग में भिन्न होते हैं। इनका हरा रंग क्लोरोफिल की उपस्थिति के कारण होता है। क्लोरोफिल एक हरा वर्णक है जो प्रकाश संश्लेषण में मदद करता है।

पत्ते के विभिन्न भाग-
डंडी – पत्ते का वह भाग जिससे वह तने से जुड़ा होता है, डंडी पत्ते की डंडी कहलाता है।
ब्लेड या लैमिना – पत्ते का सपाट, हरा, फैला हुआ भाग ब्लेड या फलक या लैमिना कहलाता है।
शिराएँ – पत्ते के फलक पर दिखाई देने वाली रेखाएं शिराएँ कहलाती हैं।
मध्य शिरा – पत्ते के फलक पर दिखाई देने वाली शिराओं के बीच एक मोटी रेखा देखी जा सकती है। इसे मध्य शिरा कहते हैं।
शिरा विन्यास – पत्ते के फलक पर शिराओं द्वारा बनने वाली संरचना को शिरा विन्यास कहा जाता है। यह दो प्रकार का होता है, जालीदार शिरा विन्यास और समानांतर शिरा विन्यास।

जब शिराएँ जाल जैसी संरचना बनाती हैं तो इसे जालीदार शिरा विन्यास कहते हैं जैसे बोहड़, आम और गुलाब के पत्तों का शिरा विन्यास।

जब शिराएँ एक-दूसरे के समानांतर होती हैं, तो ऐसे शिरा विन्यास को समानांतर शिरा विन्यास कहा जाता है। उदाहरण के लिए, केले, गेहूँ और घास के पत्तों का शिरा विन्यास।

रंध्र – पत्तों की सतह पर बहुत छोटे छिद्र होते हैं जो रंध्र कहलाते हैं। ये गैसों के आदान-प्रदान में मदद करते हैं। पौधे रंध्रों के माध्यम से अतिरिक्त पानी निकाल देते हैं, जिसे वाष्पोत्सर्जन कहा जाता है। वाष्पोत्सर्जन मुख्य रूप से रंध्रों द्वारा होता है।

प्रश्न (ii)
फूल का चित्र बनाओ और इसके भागों का वर्णन करो।
उत्तर-
फूल एक पौधे का सबसे सुंदर, आकर्षक और रंगीन हिस्सा होता है जो तने से जुड़ा होता है। इसमें पौधे के नर और मादा प्रजनन अंग होते हैं।

फूल के अंग-
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 7 पौधों को जानिए 2

हरी पत्तियाँ – फूल की बाहरी हरी पत्ती जैसी संरचनाओं को हरी पत्तियाँ कहा जाता है। इस समूह को कैलेक्स भी कहा जाता है। कैलेक्स फूल आने से पहले कली को संरक्षित करने में मदद करता है।

पंखुड़ियाँ – एक फूल की हरी पत्तियों के अंदर रंगीन, पत्ती जैसी संरचनाओं को पंखुड़ी कहा जाता है। वे कीड़ों को आकर्षित करते हैं और प्रजनन में मदद करते हैं। पंखुड़ियों के समूह को कोरोला भी कहा जाता है।

पुंकेसर – ये फूल की पंखुड़ियों के अंदर पाए जाते हैं। यह फूल का नर प्रजनन अंग है। प्रत्येक पुंकेसर में एक पतला तना होता है जिसे तंतु कहा जाता है जिसके शीर्ष पर दो-भाग वाली संरचना होती है जिसे पराग कोशिका कहा जाता है। पराग कोशिकाएं पराग का उत्पादन करती हैं जो प्रजनन में भाग लेते हैं।

मादा केसर – यह फूल का मादा प्रजनन अंग है। यह फूल के केंद्र में स्थित एक पतली, बोतल के आकार की संरचना है। इसे आगे तीन भागों में बांटा गया है-

  1. अंडाशय – मादा केसर के निचले हिस्से को अंडाशय कहते हैं। इसमें बीज और अंडे होते हैं जो प्रजनन में भाग लेते हैं।
  2. वर्तिका – मादा केसर का संकरा, मध्य भाग वर्तिका कहलाता है।
  3. वर्तिकाग्र – वर्तिकाग्र के शीर्ष पर चिपचिपा भाग वर्तिकाग्र कहलाता है।

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Science Guide for Class 6 PSEB पौधों को जानिए Intext Questions and Answers

सोचें और उत्तर दें (पेज 63)

प्रश्न 1.
गुलाब का पौधा एक …………………. है।
उत्तर-
झाड़ी।

प्रश्न 2.
आम का पौधा एक ……………………..
उत्तर-
वृक्ष

प्रश्न 3.
गेहूँ का पौधा एक ………………………… है।
उत्तर-
जड़ी-बूटी

सोचें और उत्तर दें (पेज 65)

प्रश्न 1.
…………………….. मिट्टी में से पानी और खनिजों को सोखने में सहायता करती हैं।
उत्तर-
जड़ें।

प्रश्न 2.
“ख” ( पाठ्य-पुस्तक के आधार पर) गमले वाला पौधा क्यों मुरझा गया?
उत्तर-
“ख” गमले का पौधा इसलिए मुरझा गया क्योंकि इसकी जड़ें कट गई थीं।

सोचें और उत्तर दें (पेज 66)

प्रश्न 1.
पौधे को मिट्टी में से उखाड़ना आसान नहीं है क्योंकि इसमें मजबूत ……………………………. हैं।
(i) जड़ें
(ii) फूल
(iii) तना
(iv) पत्ते।
उत्तर-
(i) जड़ें।

सोचें और उत्तर दें (पेज 67)

प्रश्न 1.
………………….. हमेशा ऊपर की ओर बढ़ता है।
उत्तर-
तना।

सोचें और उत्तर दें (पेज 67)

प्रश्न 1.
गुलमेंहदी पौधे के सफेद फूलों में लाल रंग के धब्बे क्यों दिखाई देते हैं?
उत्तर-
गुलमेंहदी के पौधे के सफेद फूलों पर लाल धब्बे दिखाई देते हैं क्योंकि लाल रंग इसके तने से फूलों तक पहुंचता है।

सोचें और उत्तर दें (पेज 69)

प्रश्न 1.
स्टोमेटा क्या है?
उत्तर-
पत्तों की सतह पर बहुत छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिन्हें स्टोमेटा कहते हैं। ये गैसों के आदान-प्रदान में मदद करते हैं।

प्रश्न 2.
वाष्प-उत्सर्जन की परिभाषा दो।
उत्तर-
पौधे स्टोमेटा के माध्यम से अतिरिक्त पानी निकालते हैं, जिसे वाष्प-उत्सर्जन कहा जाता है।

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PSEB Solutions for Class 6 Science पौधों को जानिए Important Questions and Answers

1. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न (i)
छोटे और कोमल पौधे …………………. कहलाते हैं।
(क) वृक्ष
(ख) शाक
(ग) झाड़ी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) शाक।

प्रश्न (ii)
इनमें से कौन-सा वृक्ष नहीं है?
(क) पीपल
(ख) सेब
(ग) तुलसी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) तुलसी।

प्रश्न (iii)
खेतों में उगी घास, छोटे पौधे आदि खरपतवार वर्ग में आते हैं। यह कोमल तने छोटे पौधे ………………….. कहलाते हैं।
(क) शाक
(ख) वृक्ष
(ग) झाड़ी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) शाक।

प्रश्न (iv)
वृक्ष ऊँचा और सुदृढ़ तने वाला होता है। इसका उदाहरण है।
(क) मूली का पौधा
(ख) टमाटर का पौधा
(ग) गुलाब का पौधा
(घ) आम का पौधा।
उत्तर-
(घ) आम का पौधा।

प्रश्न (v)
जिन पौधों के तने के आधार से शाखाएं निकलती हैं, उन्हें ………………………. कहते हैं।
(क) शाक
(ख) झाड़ी
(ग) वृक्ष
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) झाड़ी।

प्रश्न (vi)
तना पौधे में जल का …………………… करता है।
(क) शोषण
(ख) उत्सर्जन
(ग) संवहन
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(ग) संवहन।

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प्रश्न (vii)
पत्ते का चपटा हरा भाग ……………………. कहलाता है।
(क) पत्ती
(ख) पर्णवृंत
(ग) फलक
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) फलक।

प्रश्न (viii)
एक पत्ते में शिराएँ ……………………… प्रकार की हो सकती हैं।
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) किसी भी तरह की नहीं।
उत्तर-
(क) दो।

प्रश्न (ix)
पौधों में वाष्पोत्सर्जन का कार्य ………………… करते हैं।
(क) जड़ें
(ख) तने
(ग) पत्ते
(घ) फल।
उत्तर-
(ग) पत्ते।

प्रश्न (x)
पत्ते से हरा रंग निकालने के लिए हमें हरे पत्तों को …………………… में डालकर गर्म करना पड़ता है।
(क) पानी
(ख) स्प्रिट
(ग) तेल
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) स्प्रिट।

प्रश्न (xi)
………………… का संश्लेषण पौधों द्वारा सूर्य के प्रकाश में होता है।
(क) अल्कोहल
(ख) मंड
(ग) वसा
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) मंड।

प्रश्न (xii)
किसी आस-पास के ढाँचे के सहारे ऊपर की ओर जाने वाले पौधे को क्या कहते हैं ?
(क) शाक
(ख) लता
(ग) झाड़ी
(घ) वृक्ष।
उत्तर-
(ख) लता।

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2. खाली स्थान भरें

(i) मादा केसर के संकरे, मध्य भाग को …………………….. कहा जाता है।
उत्तर-
वर्तिका

(ii) पत्ती के हरे ………………… भाग को फलक कहते हैं।
उत्तर-
सपाट

(iii) ………………….. वाष्पोत्सर्जन करते है
उत्तर-
रंध्र

(iv) मनी-प्लांट एक ………………….. बेल है।
उत्तर-
आरोही

(v) …………. और फलक पत्ती के दो मुख्य भाग हैं।
उत्तर-
डंडी।

3. सही या ग़लत चुनें

(i) पत्तियों पर रेखाओं जैसी संरचनाएँ शिराएँ कहलाती हैं।
उत्तर-
ग़लत

(ii) एक पौधा जो आसपास की संरचना के सहारे चढ़ता है, झाड़ी कहलाता है।
उत्तर-
सही

(iii) प्रकाश संश्लेषण द्वारा वसा का निर्माण किया जाता है।
उत्तर-
सही

(iv) वर्तिका के शीर्ष पर चिपचिपा भाग अंडाशय कहलाता है।
उत्तर-
ग़लत

(v) पंखुड़ियों के समूह को कैलेक्स कहा जाता है।
उत्तर-
सही

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4. कॉलम ‘क’ और कॉलम ‘ख’ का उचित मिलान करें

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) मनी प्लांट (a) गेंदा
(ii) डंडी और फलक (b) नागफनी
(iii) खरपतवार (c) आरोही बेल
(iv) झाड़ी (d) पीपल
(v) पेड़ (e) पत्ता

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) मनी प्लांट (c) आरोही बेल
(ii) डंडी और फलक (e) पत्ता
(iii) खरपतवार (a) गेंदा
(iv) झाड़ी (b) नागफनी
(v) पेड़ (d) पीपल

5. अति लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
पौधे के मुख्यत: कौन-से भाग हैं ?
उत्तर-
पौधे के मुख्य भाग हैं-जड़, तना, पत्ती, फूल और फल।

प्रश्न 2.
पौधों के कौन-से वर्ग हैं ?
उत्तर-
पौधों के तीन वर्ग हैं-शाक, झाड़ी और वृक्ष।

प्रश्न 3.
पाँच शाक पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-
शाक पौधे – टमाटर, मिर्च, डेलिया, गेंदा और आलू।

प्रश्न 4.
पाँच झाड़ियों के नाम लिखिए।
उत्तर-
झाड़ियाँ – नींबू, गुलाब, बेर, बोगनविलिया, नागफनी।

प्रश्न 5.
शाक के क्या लक्षण होते हैं ?
उत्तर-
शाक के लक्षण – शाक का तना कोमल होता है, इसका आकार सामान्यतः छोटा होता है और इसकी अक्सर शाखाएं कम होती हैं।

प्रश्न 6.
आरोही पौधे किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आरोही पौधे – जो पौधे किसी सहारे की सहायता से ऊपर चढ़ जाते हैं, उन्हें आरोही पौधे कहते हैं।

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प्रश्न 7.
दो आरोही लताओं के नाम लिखिए।
उत्तर-
मनी प्लांट और अंगूर का पौधा।

प्रश्न 8.
पत्ती तने से किस भाग से जुड़ी होती है ?
उत्तर-
पत्ती तने के पर्णवंत से जुड़ी होती है।

प्रश्न 9.
पत्ती के दो मुख्य भाग कौन-से हैं ?
उत्तर-
पर्णवृत और फलक।

प्रश्न 10.
शिरा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
शिरा – पत्ती की रेखित संरचनाओं को शिरा कहते हैं।

प्रश्न 11.
शिरा-विन्यास किसे कहते हैं ?
उत्तर-
शिरा-विन्यास – पत्तियों पर शिराओं द्वारा बनाये गए डिज़ाइन को शिरा-विन्यास कहते हैं।

प्रश्न 12.
शिरा-विन्यास कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर-
शिरा-विन्यास दो प्रकार का होता है-

  1. जालिका शिरा-विन्यास
  2. समांतर शिरा-विन्यास

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प्रश्न 13.
जालिका शिरा-विन्यास वाले चार पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-
तुलसी, आम, अमरूद और पीपल।

प्रश्न 14.
समांतर शिरा-विन्यास वाले चार पौधों के नाम लिखो।
उत्तर-
घास, गेहूँ, मक्की और केला।

प्रश्न 15.
वाष्पोत्सर्जन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
वाष्पोत्सर्जन – पौधों के पत्तों द्वारा पत्ती की सतह से जलवाष्प के उत्सर्जन को वाष्पोत्सर्जन कहते हैं।

प्रश्न 16.
प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रम किसे कहते हैं ?
उत्तर-
प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रम – हरे पौधों द्वारा प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड और जल से भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं।

प्रश्न 17.
प्रकाश-संश्लेषण के लिए कौन-सी कच्ची सामग्री की ज़रूरत होती है ?
उत्तर-
पानी, कार्बन डाइऑक्साइड, सूर्य का प्रकाश और क्लोरोफिल आदि।

प्रश्न 18.
खरपतवार किसे कहते हैं ?
उत्तर-
खरपतवार – खेतों में फसलों के साथ जो अनचाहे पौधे उग जाते हैं, उन्हें खरपतवार कहते हैं।

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प्रश्न 19.
जड़ का एक कार्य बताओ।
उत्तर-
जड़ मृदा से जल और खनिज पदार्थ अवशोषित करती है।

प्रश्न 20.
जड़ें कितनी प्रकार की होती हैं ?
उत्तर-
जड़ें दो प्रकार की होती हैं-

  1. मूसला जड़ और
  2. रेशेदार जड़।

6. लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
एक पौधे का चित्र बनाकर उसके भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
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प्रश्न 2.
शाक, झाड़ी और वृक्ष की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
शाक – हरे एवं कोमल तने वाले पौधे को शाक कहते हैं। जैसे टमाटर, गेंदा आदि।
झाड़ी – जिन पौधों में शाखाएँ तने के आधार के समीप से निकलती हैं, तना कठोर होता है परंतु अधिक मोटा नहीं होता उन्हें झाड़ी कहते हैं। जैसे गुलाब और बोगनविलिया।
वृक्ष – कुछ पौधे ऊँचे होते हैं। इनका तना कठोर, सुदृढ़ तथा मोटा होता है। इनमें शाखाएँ भूमि से अधिक ऊँचाई पर तने के ऊपरी भाग से निकलती हैं, उन्हें वृक्ष कहते हैं।

प्रश्न 3.
वृक्ष, झाड़ी और आरोही लताओं के दो-दो पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर-
वृक्ष – आम, जामुन।
झाड़ी – गुलाब, बोगनविलिया।
आरोही लताएं – मनी प्लांट, लौकी।

प्रश्न 4.
तना क्या है? इसके कार्य लिखिए।
उत्तर-
तना – पौधे के ऊपर ज़मीन के बाहर वाले भाग को तना कहते हैं।

तने के कार्य-

  1. पौधे को सहारा देता है।
  2. जड़ों द्वारा अवशोषित जल और खनिज को पत्तों तक पहुँचाता है।
  3. पत्तों द्वारा तैयार भोजन को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाता है।
  4. कुछ तने भोजन भी संग्रह करते हैं।

प्रश्न 5.
जड़ किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर-
जड़ – जड़ पौधे का भूमिगत भाग है। ये भूमि के नीचे की तरफ वृद्धि करती है। जड़ें दो प्रकार की होती हैं-

  1. मूसला जड़ें
  2. रेशेदार जड़ें।

प्रश्न 6.
मूसला जड़ें और रेशेदार जड़ें क्या होती हैं ?
उत्तर-

  1. मूसला जड़ें – इनमें एक मुख्य जड़ होती है। यह भूमि के अंदर लंबाई के रूप में बढ़ती है। मूसला जड़ से अनेक शाखाएँ निकलती हैं। उदाहरण-मटर, नीम, आम।
  2. रेशेदार जड़ें – कुछ पौधों की कोई मुख्य जड़ नहीं होती। इनमें रेशे जैसी बहुत-सी जड़ें होती हैं। इन्हें रेशेदार जड़ें कहते हैं। ये जड़ें मिट्टी में चारों ओर फैल जाती हैं और पौधों को मजबूती से पकड़े रखती हैं। उदाहरण-गेहूँ, घास, मक्की, ज्वार इत्यादि।

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प्रश्न 7.
जड़ों के मुख्य कार्य लिखो।
उत्तर-
जड़ों के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं-

  1. जड़ें मिट्टी में पौधों को स्थिर रखने में सहायता करती हैं।
  2. जड़ें मिट्टी में से जल तथा खनिज प्राप्त करती हैं।
  3. कई जड़ें पौधों को अतिरिक्त सहारा भी देती हैं।
  4. कई जड़ें पौधे के लिए भोजन इकट्ठा करती हैं।

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प्रश्न 8.
जड़ों के विशेष कार्य बताओ।
उत्तर-
जड़ों के विशेष कार्य निम्नलिखित हैं-

  • भोजन संग्रह करने वाली जड़ें – शकरकंद, चुकंदर, गाजर, शलगम आदि की जड़ें फूली हुई होती हैं। इन जड़ों में भोजन एकत्र होता है। पौधे इस संग्रहित भोजन का उपयोग करते हैं।
  • पौधे को अतिरिक्त सहारा देने वाली जड़ें – बरगद के पेड़ की शाखाओं से रस्सियों जैसी जड़ें लटकती हुई दिखाई देती हैं। इनमें से कुछ जड़ें भूमि के अंदर जाती हुई दिखाई देती हैं। कुछ जड़ें तनों जैसी मोटी होती हैं जो मोटी शाखाओं को सहारा देती हैं। बरगद के अतिरिक्त मक्का के पौधे में भी सहारा देने वाली जड़ें होती हैं।

प्रश्न 9.
जड़ तथा तने में अंतर बताओ।
उत्तर-
जड़ तथा तने में अंतर-

जड़ तनाम
(i) यह पौधे का भूमिगत भाग है। (i) यह पौधे का भूमि से ऊपर वाला भाग है।
(ii) यह प्रकाश से परे तथा पानी की ओर वृद्धि करता है। (ii) यह प्रकाश की दिशा की ओर वृद्धि करता है।
(iii) इस पर कोई गांठे (Nodes) या अंत: गांठें नहीं होती। (iii) इस पर गांठें (Nodes) तथा अंत: गांठें होती हैं।

प्रश्न 10.
पत्ता क्या है ? एक पत्ते के विभिन्न भागों का वर्णन करो।
उत्तर-
पत्ता – पत्ते हरे रंग के होते हैं जो तने के गांठों से निकलते हैं।
पर्ण सिरापत्ते के विभिन्न भाग – एक पत्ते के तीन भाग होते हैं-

  1. पर्णाधार – पत्ते का आधार वाला भाग जो तने के साथ जुड़ा होता है पत्ते का आधार कहलाता है।
  2. पर्णवंत – पत्ते की डंडी जो पत्ते को तने के साथ जोड़ती है, पर्णवंत कहलाता है।
  3. पर्ण फलक – पत्ते का हरा फैला हुआ चपटा भाग पर्ण फलक कहलाता है। इसमें शिराएं होती हैं। हरा रंग होने के कारण यह प्रकाश-संश्लेषण का कार्य करता है।

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प्रश्न 11.
पत्तों के कार्य बताओ।
उत्तर-
पत्तों के कार्य-

  1. यह सूर्य की रोशनी में भोजन तैयार करते हैं।
  2. यह पानी का उत्सर्जन करने में सहायता करते हैं।
  3. इनके द्वारा गैसों का आदान-प्रदान होता है।

प्रश्न 12.
पत्ता पौधे का महत्त्वपूर्ण अंग क्यों है?
उत्तर-
पौधों के पत्ते सूर्य की रोशनी में प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन बनाते हैं। इसके अतिरिक्त पत्ते श्वसन तथा जल उत्सर्जन का कार्य भी करते हैं। इस प्रकारे पत्ता पौधे का महत्त्वपूर्ण अंग है।

प्रश्न 13.
पुंकेसर तथा स्त्रीकेसर फूल के महत्त्वपूर्ण भाग क्यों हैं ?
उत्तर-
पुंकेसर तथा स्त्रीकेसर फूल के जनन भाग हैं। पुंकेसर पुष्प का नर भाग है जो परागकण पैदा करता है और स्त्रीकेसर फूल का मादा भाग है जो बीजांड पैदा करता है। बीजाणु से बीज बनता है और स्त्रीकेसर फल बनता है।

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प्रश्न 14.
पुष्प के स्त्रीकेसर का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर-
स्त्रीकेसर का चित्र-
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प्रश्न 15.
पुष्प के पुंकेसर के भागों का चित्र बनाओ।
उत्तर-
पुष्प के पुंकेसर का चित्र-
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प्रश्न 16.
शिरा-विन्यास किसे कहते हैं ? यह कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर-
शिरा-विन्यास – पत्तियों पर शिराओं द्वारा बनाए गए डिज़ाइन को शिरा विन्यास कहते हैं। शिरा विन्यास दो प्रकार की होती हैं-

  1. जालिका रूपी शिरा-विन्यास – इस शिरा विन्यास में मध्य शिरा के दोनों ओर जाल जैसा तना होता है।
  2. समांतर शिरा-विन्यास – इसमें शिराएँ एक-दूसरे के समांतर होती हैं।

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प्रश्न 17.
पुष्प के बाह्य दल किसे कहते हैं ? इसका क्या कार्य है ? इसके लक्षण भी बताएं।
उत्तर-
पुष्प के सबसे भारी भाग को बाह्य दल कहते हैं। यह पुष्प के अन्य भागों की रक्षा करता है जब वह कालिका अवस्था में होता है।
बाह्य दल के लक्षण – यह आमतौर पर हरे रंग का होता है। यह परस्पर जुड़े भी हो सकते हैं और नहीं भी। यह पंखुड़ियों से जुड़े भी हो सकते हैं और नहीं भी।

प्रश्न 18.
पुष्प की पंखुड़ियाँ किसे कहते हैं ? इसके कार्य और गुण लिखिए।
उत्तर-
पुष्प की पंखुड़ियाँ – पुष्प के सबसे सुंदर रंग-बिरंगे भाग को पंखुड़ियाँ कहते हैं।
कार्य – यह फूल को आकर्षक बनाती है और परागकण में सहायता करती है।

गुण-

  1. पंखुड़ियाँ आपस में जुड़ी भी हो सकती हैं और स्वतंत्र भी हो सकती हैं।
  2. प्रत्येक पुष्प में पंखुड़ियों की संख्या भिन्न-भिन्न होती हैं।
  3. पंखुड़ियाँ बाह्य दल से जुड़ी भी हो सकती हैं और स्वतंत्र भी।
  4. इनकी संख्या बाह्य दल के पत्तों के समान नहीं होती। कई बार हो भी सकती हैं।

प्रश्न 19.
पुष्प के पुंकेसर किसे कहते हैं? इसके विभिन्न भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
पुष्प के नर भाग को पुंकेसर कहते हैं। इसके दो मुख्य भाग हैं-परागकोष और पुंतंतु। परागकोष में परागकण होते हैं जो नर युग्मक का कार्य करते हैं।

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प्रश्न 20.
पुष्प का स्त्रीकेसर किसे कहते हैं ? इसके विभिन्न भागों के नाम लिखो।
उत्तर-
पुष्प के मादा भाग को स्त्रीकेसर कहते हैं। पुष्प के स्त्रीकेसर के तीन मुख्य भाग हैं-

  1. अंडाशय
  2. वर्तिका
  3. वर्तिकाग्र।
    अंडाशय में बीजांड होते हैं जो मादा युग्मक का कार्य करते हैं और बीज बनाते हैं।

प्रश्न 21.
एक क्रियाकलाप द्वारा बताएं कि तना जल का संवहन करता है।
उत्तर-
तना जल का संवहन करता है।
क्रियाकलाप-आवश्यक सामग्री – एक गिलास, जल, लाल स्याही, शाकीय पौधा तथा एक ब्लेड।
गिलास को एक तिहाई जल से भरें। जल में लाल स्याही की कुछ बूंदें डाल दें। शाक के तने को आधार से काटकर गिलास में रखें, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। अगले दिन इन शाखाओं का अवलोकन कीजिए।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 7 पौधों को जानिए 9
शाक के कुछ भाग लाल नज़र आएंगे। यह लाल रंग संवहन द्वारा यहां पहुंचा है। आप तने को मोटाई में काटकर इसमें लाल रंग को देख सकते हैं। इस क्रियाकलाप में हमने देखा कि जल तने में ऊपर की ओर चढ़ता है अर्थात् तना जल का संवहन करता है।

प्रश्न 22.
बीज किसे कहते हैं ? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
बीज – बीज पौधे का वह भाग है जिसमें आगे नया पौधा बनता है। इसमें भ्रूण या बच्चा पौधा होता है। इसमें नए पौधे के लिए भोजन भी होता है; जैसे-मक्का तथा मटर के बीज।

प्रश्न 23.
पुष्य का कौन-सा भाग बीज बनता है? किसी बीज के विभिन्न भागों के नाम बताइए।
उत्तर-
बीजांड से बीज बनता है। बीज के भाग हैं-बीज पत्र, प्रांकुर तथा मूलांकुर।

प्रश्न 24.
फल किसे कहते हैं ? यह किसी बीज से किस प्रकार भिन्न होता है?
उत्तर-
फूल का अंडाशय भाग फल में परिवर्तित हो जाता है। बीज फूल के बीजांड भाग से बनता है। फल के अंदर बीज होते हैं क्योंकि अंडाशय के अंदर बीजांड होते हैं।

प्रश्न 25.
पौधों के लिए प्रकाश-संश्लेषण क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
पौधों के लिए प्रकाश-संश्लेषण इसलिए आवश्यक है क्योंकि यह एक विधि है जिसके द्वारा पौधे अपना भोजन स्वयं तैयार कर सकते हैं।

प्रश्न 26.
आप पत्ती की छाप कागज़ पर कैसे ले सकते हैं? क्रिया कलाप द्वारा बताएं।
उत्तर-
एक पत्ती को एक सफ़ेद कागज़ अथवा अपनी कॉपी के पन्ने के नीचे रखिए। इसे चित्र में दर्शाए गए तरीके से एक ही स्थान पर दबाकर पकड़ कर रखें। अपनी पेंसिल को तिरछा पकड़िए तथा इसकी नोक से कागज़ के उस भाग को जिसके नीचे पत्ती है, धीरे-धीरे रगड़िए। तुम्हें कुछ रेखाओं के साथ छाप दिखाई देगी। यह छाप पत्ती की तरह है।
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7. निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वाष्पोत्सर्जन किसे कहते हैं ? प्रयोग द्वारा वाष्पोत्सर्जन दर्शाएं।
उत्तर-
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 7 पौधों को जानिए 11
वाष्पोत्सर्जन – पत्ती की सतह से जल का वाष्पीकरण होना वाष्पोत्सर्जन कहलाता है।
प्रयोग-आवश्यक सामग्री – शाक (पौधा), पॉलीथीन के दो पारदर्शी थैले तथा कुछ धागा।
विधि – इस प्रयोग को दिन के समय खिली धूप में करना चाहिए। इस प्रयोग के लिए आपको स्वस्थ, भली-भांति सिंचित और धूप में रखे हुए पौधे को लेना चाहिए। किसी पौधे की पत्ती वाली शाखा को चित्रानुसार एक पॉलीथीन की थैली से ढककर धागे से बाँध दीजिए। दूसरे पॉलीथीन की खाली थैली पर भी धागा बांध कर धूप में रख दीजिए। कुछ घंटों के बाद पौधे वाली पॉलीथीन की थैली के आंतरिक पृष्ठ को ध्यानपूर्वक देखिए। आपको थैली के अंदर जल की बूंदें दिखाई देती हैं। किस थैली में जल की बूंदें दिखाई देती हैं ये बूंदें वाष्पोत्सर्जन के कारण यहाँ आई हैं।

प्रश्न 2.
प्रयोग द्वारा दर्शाएं कि हरे पत्ते मंड का संश्लेषण करते हैं।
उत्तर-
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 7 पौधों को जानिए 12
प्रयोग-आवश्यक सामग्री – पत्ती, स्प्रिट, बीकर, परखनली, बर्नर, जल, प्लेट एवं आयोडीन विलयन।
विधि – परखनली में एक पत्ती रखिए तथा उसमें पर्याप्त मात्रा में स्प्रिट डालें जिससे पत्ती उसमें पूर्णतः डूबी रहे। अब इस परखनली को जल से आधे भरे बीकर में रखिए। बीकर को उस समय तक गर्म करते रहें जब तक पत्ती से हरा रंग पूर्णतः बाहर नहीं निकल जाता। अब पत्ती को परखनली से सावधानीपूर्वक बाहर निकाल कर जल से भलीभांति धोएं। इसे प्लेट में रखकर आयोडीन विलयन की कुछ बूंदें डालिए। तुम देखोगे कि पत्ती नीली, काली होगी जिससे यह प्रदर्शित होता है कि पत्ती में मंड उपस्थित है।

प्रश्न 3.
प्रयोग द्वारा दर्शाओ कि पौधे की पत्ती ने ही मंड का संश्लेषण किया, यह पौधे के किसी अन्य भाग से यहां नहीं पहुंचा।
अथवा
मंड संश्लेषण के लिए प्रकाश ज़रूरी है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
प्रयोग – पौधेयुक्त एक गमले को एक अथवा दो दिनों के लिए अंधेरे कमरे में रखिए। इस पौधे की एक पत्ती के आंशिक भाग को दोनों ओर से काले कागज़ से ढक दीजिए। अब इस पौधे को पूरे दिन के लिए सूर्य के प्रकाश में रख दीजिए। अब आंशिक रूप से काले कागज़ से ढकी पत्ती को तोड़कर इसमें मंड का परीक्षण कीजिए। आप देखोगे कि इस प्रयोग से आपको यह समझने में सहायता मिली कि पत्ती का वह भाग जो सूर्य के प्रकाश में था, इस भाग में मंड उपस्थित है, परंतु काले कागज़ से ढके भाग में नहीं। इसका अर्थ है कि पत्ती सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में ही मंड का संश्लेषण करती है। इससे यह भी सिद्ध होता है कि प्रकाश मंड संश्लेषण के लिए ज़रूरी है।

प्रश्न 4.
मूसला जड़ तथा रेशेदार जड़ में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर-
मूसला जड़ तथा रेशेदार जड़ में अंतर-

मूसला जड़ रेशेदार जड़
(i) यह जड़ बीज के अंदर भ्रूण के अंग मूलांकुर (Radicle) से उत्पन्न होती है। (i) यह जड़ पौधे के किसी भी भाग से उत्पन्न होती है परंतु यह मूलांकुर से उत्पन्न नहीं होती।
(ii) इसमें एक मुख्य जड़ होती है, इसे प्राइमरी जड़ कहते हैं। इससे निकलने वाली जड़ों को सैकंडरी जड़ कहते हैं। (ii) झकड़ा जड़ों में प्राइमरी तथा सैकंडरी जड़ों में कोई अंतर नहीं होता। ये सभी जड़ें लगभग एक  ही आकार तथा मोटाई की होती हैं।
(iii) मूसला जड़ें गुच्छों के रूप में उत्पन्न नहीं होतीं। (iii) झकड़ा जड़ें गुच्छों के रूप में उत्पन्न होती हैं।
(iv) मूसला जड़ें पृथ्वी के नीचे काफ़ी गहराई तक । (iv) झकड़ा जड़ें पृथ्वी के नीचे बहुत गहराई तक चली जाती हैं। नहीं जातीं। ये पृथ्वी की सतह के पास ही फैली होती हैं।

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प्रश्न 5.
पुष्प क्या है ? एक पुष्प की रचना का वर्णन करो।
उत्तर-
पुष्प के भाग – पुष्प पौधे का सबसे सुंदर भाग होता है। प्रायः पुष्प भिन्न-भिन्न आकर्षक रंगों के होते हैं। एक पुष्प के निम्नलिखित मुख्य भाग होते हैं-

  1. बाह्य दल
  2. पंखुड़ियां
  3. पुंकेसर
  4. स्त्रीकेसर।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 7 पौधों को जानिए 13
बाह्य दल पुष्प के बाहरी वृत्त के हरे पत्ते जैसे भाग होते हैं। ये कली की अवस्था में पुष्प की रक्षा करते हैं। बाह्य दल के भीतर रंगदार पंखुड़ियाँ होती हैं। ये परागण क्रिया के लिए कीटों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। पंखुड़ियों को हटाने पर पुष्प के बीच में कुछ छोटे-छोटे वृत्त दिखाई देते हैं जिनके ऊपरी सिरे फूले हुए होते हैं, इन्हें पुंकेसर कहते हैं। पुंकेसर के फूले हुए भाग को परागकोष कहते हैं, जिसमें पाऊडर जैसे परागकण होते हैं। पुंकेसर पुष्प का नर अंग होता है। पुष्प के बिल्कुल मध्य में सुराही के आकार का एक अंग होता है जिसे स्त्रीकेसर कहते हैं। यह पुष्प का मादा अंग है। इसके फूले हुए भाग को अंडाशय कहते हैं। अंडाशय में बीजांड होते हैं जो परागकण तथा निषेचण क्रिया के बाद बीज में परिवर्तित हो जाते हैं तथा अंडाशय पकने पर फल बन जाता है।

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Punjab State Board PSEB 3rd Class Maths Book Solutions Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ Textbook Exercise Questions and Answers

PSEB Solutions for Class 3 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ

ਪੰਨਾ 37:

ਕੀ ਤੁਹਾਨੂੰ ਯਾਦ ਹੈ ?

ਸਵਾਲ 1.
ਜੋੜ ਕਰੋ :

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ਜਵਾਬ.

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ਸਵਾਲ 2.
ਅੱਗੇ ਵਧਾਉਂਦੇ ਹੋਏ ਜੋੜਫਲ ਪਤਾ ਕਰਨਾ :

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ਜਵਾਬ.

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ਸਵਾਲ 3.
ਸੰਖਿਆ ਨੂੰ ਦਹਾਈ/ਇਕਾਈ ਵਿੱਚ ਲਿਖੋ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 5

ਜਵਾਬ.

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ਸਵਾਲ 4.
ਸੰਖਿਆ ਬਣਾਓ :

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ਜਵਾਬ.

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ਸਵਾਲ 5.
ਇੱਕ ਸੰਖਿਆ ਤੋੜ ਕੇ ਜੋੜ ਕਰਨਾ :

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ਜਵਾਬ.

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ਸਵਾਲ 6.
ਦੋਵੇਂ ਸਿਖਿਆਵਾਂ ਤੋੜ ਕੇ ਜੋੜ ਕਰਨਾ :

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ਜਵਾਬ.

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ਪੰਨਾ 39:

ਸਵਾਲ 7.
35 + 23 ਗਿਣਤਾਰੇ ਵਿੱਚ ਮੋਤੀ ਪਾ ਕੇ ਜੋੜ ਕਰਨਾ:

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ਜਵਾਬ.

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ਸਵਾਲ 8.
ਕੱਢ ਦੇਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਘਟਾਓ ਕਰੋ:

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ਜਵਾਬ.

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ਸਵਾਲ 9.
ਪਿੱਛੇ ਗਿਣਦੇ ਹੋਏ ਘਟਾਓ ਕਰੋ:

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ਜਵਾਬ.

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ਸਵਾਲ 10.
ਇੱਕ ਸੰਖਿਆ ਤੋੜ ਕੇ ਘਟਾਓ ਕਰਨਾ :

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ਜਵਾਬ.
75 – 32 = 75 – (30 + 2).
= 75 – 30 – 2
= (75 – 30) – 2
= 45 – 2
= 43.

ਪੰਨਾ 40:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਦੋ ਅੰਕਾਂ ਵਾਲੀਆਂ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਜੋੜ:

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ਜਵਾਬ.

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ਪੰਨਾ 41:

ਆਓ ਸਿੱਖੀਏ:

ਜੋੜ ਕਰਨ ਦੀਆਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਵਿਧੀਆਂ .

ਇੱਕ ਸੰਖਿਆ ਨੂੰ ਤੋੜ ਕੇ:-

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ਦੋਵੇਂ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਨੂੰ ਤੋੜ ਕੇ:-

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ਪੰਨਾ 42:

ਦਸ-ਦਸ ਦੇ ਜੋੜੇ ਬਣਾ ਕੇ:

ਸਵਾਲ 1.
ਇੱਕ ਸੰਖਿਆ ਨੂੰ ਤੋੜ ਕੇ ਜੋੜਫਲ ਪਤਾ ਕਰੋ:

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ਜਵਾਬ.

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ਪੰਨਾ 43:

ਸਵਾਲ 2.
ਦੋਵੇਂ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਤੋੜ ਕੇ, ਜੋੜਫਲ ਪਤਾ ਕਰੋ :

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ਜਵਾਬ.

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ਸਵਾਲ 3.
ਦਸ-ਦਸ ਦੇ ਜੋੜੇ ਬਣਾ ਕੇ ਗਿਣਤੀ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਜੋੜ ਕਰੋ :

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ਜਵਾਬ.

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ਪੰਨਾ 44:

ਦਿੱਤੀਆਂ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਅੰਤਰ ਪਤਾ ਕਰੋ:-

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 31

ਪੰਨਾ 46:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਸਵਾਲ 1.
ਦਸ ਦਸ ਦੇ ਜੋੜੇ ਬਣਾ ਕੇ ਘਟਾਓ ਕਰੋ:

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 33

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ਸਵਾਲ 2.
ਦੋਵੇਂ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਸੰਖਿਆ ਨੂੰ 10 ਦਾ ਗੁਣਾਂਕ ਬਣਾ ਕੇ ਘਟਾਓ ਕਰੋ:

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 35

ਸਵਾਲ 3.
ਦੋਵੇਂ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਸੰਖਿਆ ਨੂੰ 100 ਦਾ ਗੁਣਾਂਕ ਬਣਾ ਕੇ ਘਟਾਓ ਕਰੋ:

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ਜਵਾਬ.

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ਪੰਨਾ 48:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਗਿਣਤਾਰੇ ਵਿੱਚ ਮੋਤੀ ਬਣਾਓ ਤੇ ਜੋੜ ਕਰੋ :

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 39

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ਪੰਨਾ 50:

ਆਓ ਕਰੀ:

ਗਿਣਤਾਰੇ ਤੇ ਘਟਾਓ (ਬਿਨਾਂ ਹਾਸਲ) :

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 41

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ਪੰਨਾ 52:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਸਵਾਲ 1.
ਦੋ ਅੰਕੀ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਜੋੜ (ਬਿਨਾਂ ਹਾਸਲ)

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 43

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ਸਵਾਲ 2.
ਦੋ ਅੰਕੀ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਜੋੜ ਹਾਸਲ ਨਾਲ)

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 45

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ਪੰਨਾ 54:

ਸਵਾਲ 1.
ਦੋ ਅੰਕੀ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦੀ ਘਟਾਓ (ਬਿਨਾਂ ਹਾਸਲ):

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 47

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ਸਵਾਲ 2.
ਦੋ ਅੰਕੀ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦੀ ਘਟਾਓ (ਹਾਸਲ ਨਾਲ):

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 49

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ਪੰਨਾ 56:

ਜੋੜਫਲ ਪਤਾ ਕਰੋ :

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ਜਵਾਬ.

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ਪੰਨਾ 57:

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 53

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ਸਵਾਲ 2.
ਜੋੜਫਲ ਪਤਾ ਕਰੋ:

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 54

ਜਵਾਬ.

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ਪੰਨਾ 59:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਜੋੜਫਲ ਪਤਾ ਕਰੋ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 56

ਜਵਾਬ.

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ਪੰਨਾ 61:

ਸਵਾਲ 1.
ਆਓ ਕਰੀਏ ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਸਵਾਲਾਂ ਨੂੰ ਹੱਲ ਕਰੋ :

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ਜਵਾਬ.

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ਸਵਾਲ 2.
ਅੰਤਰ ਪਤਾ ਕਰੋ :

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 63

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ਸਵਾਲ 3.
ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਸੰਖਿਆ ਨੂੰ 100-100 ਵਿੱਚ ਤੋੜ ਕੇ ਘਟਾਓ ਕਰੋ :

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 65

ਪੰਨਾ 62:

ਸਥਾਨਕ ਮੁੱਲ ਨਾਲ ਘਟਾਓ:

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 67

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 68

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ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ:

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ਜਵਾਬ.

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ਪੰਨਾ 63:

ਆਓ ਕਰੀਏ:

ਸਵਾਲ 1.
ਖਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :
(i) 310 + 25 = ____ + 310
ਜਵਾਬ.
25

(ii) 0+ ____ = 475
ਜਵਾਬ.
475

(iii) ____ + 1 = 918
ਜਵਾਬ.
917

(iv) 347 – ____ = 346
ਜਵਾਬ.
1

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ਸਵਾਲ 2.
ਠੀਕ ਉੱਤਰ ‘ਤੇ (✓) ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲਗਾਓ
(i) 425 + 25 = 400
ਜਵਾਬ.

(ii) 310 + 0 = 310
ਜਵਾਬ.

(iii) 743 + 1 = 744
ਜਵਾਬ.

(iv) 540 – 0 = 541
ਜਵਾਬ.

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ਜੋੜਫਲ ਪਤਾ ਕਰੋ :

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PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 71

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 72

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ਪੰਨਾ 64:

ਸ਼ਾਬਦਿਕ ਸਵਾਲ:

ਸਵਾਲ 1.
ਸੁਖਦੇਵ ਨੇ ਮੇਲੇ ਵਿੱਚੋਂ 120 ਰੁਪਏ ਦੀ ਖਿਡੌਣਾ ਕਾਰ ਅਤੇ 135 ਰੁਪਏ ਦਾ ਗੁਲਦਸਤਾ ਖਰੀਦਿਆ । ਸੁਖਦੇਵ ਨੇ ਕਿੰਨੇ ਰੁਪਏ ਖ਼ਰਚ ਕੀਤੇ ?
ਹੱਲ:
ਖਿਡੌਣਾ ਕਾਰ ਤੇ ਖ਼ਰਚ ਕੀਤੇ = ₹ 120
ਗੁਲਦਸਤੇ ਤੇ ਖ਼ਰਚ ਕੀਤੇ = ₹ 135
ਸੁਖਦੇਵ ਨੇ ਕੁੱਲ ਖ਼ਰਚ ਕੀਤੇ = ₹ 255

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 73

ਸਵਾਲ 2.
ਪੂਜਾ ਦੀ ਪੰਜਾਬੀ ਦੀ ਪੁਸਤਕ ਵਿੱਚ 140 ਪੰਨੇ ਹਨ ਅਤੇ ਗਣਿਤ ਦੀ ਪੁਸਤਕ ਵਿੱਚ 156 ਪੰਨੇ ਹਨ| ਦੋਵਾਂ ਪੁਸਤਕਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੇ ਪੰਨੇ ਹਨ ?
ਹੱਲ:
ਪੂਜਾ ਦੀ ਪੰਜਾਬੀ ਪੁਸਤਕ ਵਿਚ ਪੰਨੇ ਹਨ = 140
ਪੂਜਾ ਦੀ ਗਣਿਤ ਪੁਸਤਕ ਵਿੱਚ ਪੰਨੇ ਹਨ = 156
ਦੋਵੇਂ ਪੁਸਤਕਾਂ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੇ ਪੰਨੇ ਹਨ = 296

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 74

ਸਵਾਲ 3.
ਤਰਲੀਨ ਨੇ ਆਪਣੇ ਲਈ 255 ਰੁਪਏ ਦਾ ਬਸਤਾ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਭਰਾ ਲਈ 368 ਰੁਪਏ ਦੀ ਘੜੀ ਖਰੀਦੀ। ਉਸਨੇ ਕਿੰਨੇ ਰੁਪਏ ਖਰਚ ਕੀਤੇ ?
ਹੱਲ :
ਤਰਲੀਨ ਨੇ ਆਪਣੇ ਲਈ ਜਿੰਨੇ ਦਾ ਬਸਤਾ ਖਰੀਦਿਆ = ₹ 255
ਤਰਲੀਨ ਨੇ ਆਪਣੇ ਭਰਾ ਲਈ ਜਿੰਨੇ ਦੀ ਘੜੀ ਖਰੀਦੀ = ₹ 368
ਤਰਲੀਨ ਨੇ ਜਿੰਨੀ ਰਾਸ਼ੀ ਖ਼ਰਚ ਕੀਤੀ = ₹ 623

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PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ width=

ਸਵਾਲ 4.
ਅਮਰੂਦਾਂ ਦੀ ਇੱਕ ਟੋਕਰੀ ਵਿੱਚ 164 ਅਮਰੂਦ ਹਨ ਅਤੇ ਦੂਸਰੀ ਟੋਕਰੀ ਵਿੱਚ 128 ਅਮਰੂਦ ਹਨ| ਦੋਵਾਂ ਟੋਕਰੀਆਂ ਵਿੱਚ ਕੁੱਲ ਕਿੰਨੇ ਅਮਰੂਦ ਹਨ?
ਹੱਲ :
ਪਹਿਲੀ ਟੋਕਰੀ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੇ ਅਮਰੂਦ ਹਨ = 164
ਦੂਸਰੀ ਟੋਕਰੀ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੇ ਅਮਰੂਦ ਹਨ = 128
ਦੋਵੇਂ ਟੋਕਰੀਆਂ ਵਿੱਚ ਕੁੱਲ ਜਿੰਨੇ ਅਮਰੂਦ ਹਨ = 292

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 76

ਸਵਾਲ 5.
ਇੱਕ ਡੱਬੇ ਵਿੱਚ 350 ਬੰਟੇ ਹਨ । ਉਸ ਵਿੱਚੋਂ 268 ਬੰਟੇ ਕੱਢ ਲਏ । ਡੱਬੇ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੇ ਬੰਟੇ ਰਹਿ ਗਏ ?
ਹੱਲ :
ਡੱਬੇ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੇ ਬੰਟੇ ਹਨ = 350
ਜਿੰਨੇ ਬੰਟੇ ਕੱਢ ਲਏ ਗਏ = 268
ਡੱਬੇ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੇ ਬੰਟੇ ਰਹਿ ਗਏ = 82

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ਸਵਾਲ 6.
ਇੱਕ ਕਿਸਾਨ ਕੋਲ 763 ਗਾਂਵਾਂ ਹਨ ਅਤੇ ਦੂਸਰੇ ਕਿਸਾਨ ਕੋਲ 459 ਗਾਂਵਾਂ ਹਨ | ਦੋਵਾਂ ਕੋਲ .. ਕਿੰਨੀਆਂ ਗਾਂਵਾਂ ਹਨ ?
ਹੱਲ :
ਪਹਿਲੇ ਕਿਸਾਨ ਕੋਲ ਜਿੰਨੀਆਂ ਗਾਂਵਾਂ ਹਨ = 763
ਦੂਸਰੇ ਕਿਸਾਨ ਕੋਲ ਜਿੰਨੀਆਂ ਗਾਂਵਾਂ ਹਨ। = 459
ਦੋਵਾਂ ਕੋਲ ਜਿੰਨੀਆਂ ਗਾਂਵਾਂ ਹਨ = 1222

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PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ width=

ਸਵਾਲ 7.
ਬਾਗ਼ ਵਿੱਚ ਅੰਬ ਦੇ 215 ਦਰਖ਼ਤ ਹਨ | ਬਾਗ਼ ਵਿੱਚ ਅੰਬ ਦੇ 169 ਦਰਖ਼ਤ ਹੋਰ ਲਗਾ ਦਿੱਤੇ । ਹੁਣ
ਬਾਗ ਵਿੱਚ ਅੰਬਾਂ ਦੇ ਕਿੰਨੇ ਦਰਖ਼ਤ ਹੋ ਗਏ ?
ਹੱਲ :
ਬਾਗ਼ ਵਿੱਚ ਅੰਬ ਦੇ ਜਿੰਨੇ ਦਰਖ਼ਤ ਹਨ = 215
ਬਾਗ਼ ਵਿੱਚ ਅੰਬ ਦੇ ਜਿੰਨੇ ਹੋਰ ਦਰਖ਼ਤ ਲਗਾਏ ਗਏ = 169
ਹੁਣ ਬਾਗ਼ ਵਿੱਚ ਅੰਬਾਂ ਦੇ ਜਿੰਨੇ ਦਰਖ਼ਤ ਹੋ ਗਏ = 384

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 79

ਸਵਾਲ 8.
ਇੱਕ ਸਕੂਲ ਵਿੱਚ 368 ਮੁੰਡੇ ਅਤੇ 327 ਕੁੜੀਆਂ ਹਨ । ਸਕੂਲ ਵਿੱਚ ਕੁੱਲ ਕਿੰਨੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਹਨ ?
ਹੱਲ :
ਸਕੂਲ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੇ ਮੁੰਡੇ ਹਨ = 368
ਸਕੂਲ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੀਆਂ ਕੁੜੀਆਂ ਹਨ। = 327
ਸਕੂਲ ਵਿੱਚ ਕੁੱਲ ਜਿੰਨੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਹਨ = 695

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 80

ਸਵਾਲ 9.
ਤੇਜਸ ਦੀ ਗੋਲਕ ਵਿੱਚ 563 ਰੁਪਏ ਹਨ । ਉਸ ਦੇ ਪਿਤਾ ਜੀ ਨੇ ਉਸਨੂੰ 278 ਰੁਪਏ ਹੋਰ ਦੇ ਦਿੱਤੇ । ਤੇਜਸ ਕੋਲ ਕਿੰਨੇ ਰੁਪਏ ਹੋ ਗਏ ?
ਹੱਲ :
ਤੇਜਸ ਦੀ ਗੋਲਕ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੇ ਰੁਪਏ ਹਨ = ₹ 563
ਉਸਦੇ ਪਿਤਾ ਜੀ ਨੇ ਉਸਨੂੰ ਜਿੰਨੇ ਰੁਪਏ ਹੋਰ ਦਿੱਤੇ = ₹ 278
ਤੇਜਸ ਕੋਲ ਹੁਣ ਜਿੰਨੇ ਰੁਪਏ ਹੋ ਗਏ ਹਨ। = ₹ 841

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PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ width=

ਸਵਾਲ 10.
ਟਾਫ਼ੀਆਂ ਦੇ ਡੱਬੇ ਵਿੱਚ 375 ਟਾਫ਼ੀਆਂ ਹਨ । ਉਸ ਵਿੱਚ 167 ਟਾਫ਼ੀਆਂ ਹੋਰ ਪਾ ਦਿੱਤੀਆਂ । ਡੱਬੇ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੀਆਂ ਟਾਫ਼ੀਆਂ ਹੋ ਗਈਆਂ?
ਹੱਲ :
ਟਾਫ਼ੀਆਂ ਦੇ ਡੱਬੇ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੀਆਂ ਟਾਫ਼ੀਆਂ ਹਨ = 375
ਜਿੰਨੀਆਂ ਟਾਫ਼ੀਆਂ ਹੋਰ ਪਾ ਦਿੱਤੀਆਂ ਗਈਆਂ। = 167
ਡੱਬੇ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੀਆਂ ਟਾਫ਼ੀਆਂ ਹੋ ਗਈਆਂ ਹਨ = 542

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ਸਵਾਲ 11.
ਪਰਨੀਤ ਕੋਲ 680 ਰੁਪਏ ਹਨ । ਉਸਨੇ 575 ਰੁਪਏ ਦਾ ਬਸਤਾ ਖਰੀਦ ਲਿਆ । ਉਸ ਕੋਲ ਕਿੰਨੇ ਰੁਪਏ ਰਹਿ ਗਏ ?
ਹੱਲ :
ਪਰਨੀਤ ਕੋਲ ਜਿੰਨੇ ਰੁਪਏ ਹਨ = ₹ 680
ਉਸਨੇ ਜਿੰਨੇ ਦਾ ਬਸਤਾ ਖਰੀਦਿਆ। = ₹ 575
ਉਸ ਕੋਲ ਜਿੰਨੇ ਰੁਪਏ ਰਹਿ ਗਏ = ₹ 105

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ਸਵਾਲ 12.
ਸੁਖਦੇਵ ਦਾ ਸਕੂਲ ਉਸਦੇ ਘਰ ਤੋਂ 824 ਕਦਮਾਂ ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਹੈ । ਉਸ ਨੇ 379 ਕਦਮ ਤੁਰ ਲਏ । ਸਕੂਲ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ ਉਸਨੂੰ ਕਿੰਨੇ ਕਦਮ ਹੋਰ ਤੁਰਨਾ ਪਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ :
ਸੁਖਦੇਵ ਦਾ ਸਕੂਲ ਉਸਦੇ ਘਰ ਤੋਂ ਜਿੰਨੇ ਕਦਮਾਂ ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਹੈ = 824
ਉਸਨੇ ਜਿੰਨੇ ਕਦਮ ਤੁਰ ਲਏ ਹਨ। = 379
ਸਕੂਲ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ ਉਸਨੂੰ ਜਿੰਨੇ ਕਦਮ ਹੋਰ ਤੁਰਨਾ ਪਵੇਗਾ = 445

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PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ width=

ਵਰਕਸ਼ੀਟ:

ਸਵਾਲ 1.
ਖਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :
(i) 62 + 0 = ____
ਜਵਾਬ.
62

(ii) 115 + 1 = ____
ਜਵਾਬ.
116

(iii) ____ + 0 = 348
ਜਵਾਬ.
348

(iv) 518 + ____ = 519
ਜਵਾਬ.
1

(v) 410 + 35 = ____ + 410
ਜਵਾਬ.
35

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ width=

ਸਵਾਲ 2.
ਠੀਕ ਉੱਤਰ ‘ਤੇ (✓) ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲਗਾਓ :

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ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 86

ਸਵਾਲ 3.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 87

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 88

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ width=

ਸਵਾਲ 4.
ਸੰਖਿਆ ਤੋੜ ਕੇ ਜੋੜ ਪਤਾ ਕਰੋ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 89

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 90

ਸਵਾਲ 5.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 91

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 94

ਸਵਾਲ 6.
ਜੋੜ ਜਾਂ ਘਟਾਓ ਦਾ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲਗਾਓ :

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 92

ਜਵਾਬ.

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 93

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ width=

ਸਵਾਲ 7.
ਸਾਹਿਬਜ਼ਾਦਾ ਅਜੀਤ ਸਿੰਘ ਨਗਰ ਤੋਂ 295 ਯਾਤਰੀ ਰੇਲਗੱਡੀ ਵਿੱਚ ਬੈਠੇ । ਮੋਰਿੰਡਾ ਸਟੇਸ਼ਨ ਤੋਂ . 190 ਯਾਤਰੀ ਹੋਰ ਬੈਠ ਗਏ | ਹੁਣ ਰੇਲ ਗੱਡੀ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੇ ਯਾਤਰੀ ਹੋ ਗਏ ?
ਹੱਲ :
ਸਾਹਿਬਜ਼ਾਦਾ ਅਜੀਤ ਸਿੰਘ ਨਗਰ ਤੋਂ ਜਿੰਨੇ ਯਾਤਰੀ ਬੈਠੇ = 295
ਮੋਰਿੰਡਾ ਸਟੇਸ਼ਨ ਤੋਂ ਜਿੰਨੇ ਯਾਤਰੀ ਹੋਰ ਬੈਠੇ = 190
ਹੁਣ ਰੇਲਗੱਡੀ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੇ ਯਾਤਰੀ ਹੋ ਗਏ ਹਨ = 485

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 95

ਸਵਾਲ 8.
ਫਤਿਹਗੜ੍ਹ ਸਾਹਿਬ ਰੇਲਵੇ ਸਟੇਸ਼ਨ ‘ਤੇ 485 ਯਾਤਰੀਆਂ ਵਿੱਚੋਂ 210 ਯਾਤਰੀ ਰੇਲਗੱਡੀ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਉੱਤਰ ਗਏ । ਹੁਣ ਰੇਲਗੱਡੀ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੇ ਯਾਤਰੀ ਰਹਿ ਗਏ ?
ਜਵਾਬ.
ਰੇਲਗੱਡੀ ਵਿੱਚ ਯਾਤਰੀਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ = 485
ਫਤਿਹਗੜ੍ਹ ਸਾਹਿਬ ਰੇਲਵੇ ਸਟੇਸ਼ਨ ਤੇ ਜਿੰਨੇ ਯਾਤਰੀ ਉੱਤਰ ਗਏ ਹਨ = 2 1 0
ਹੁਣ ਰੇਲ ਗੱਡੀ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੇ ਯਾਤਰੀ ਰਹਿ ਗਏ ਹਨ = 275

PSEB Solutions for Class 11 Maths Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ 96

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ width=

ਬਹੁਵਿਕਲਪਿਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ (MCQ):

ਸਵਾਲ 1.
ਕ੍ਰਿਕੇਟ ਦੀ ਖੇਡ ਵਿੱਚ ਪਰਨੀਤ 96 ‘ਤੇ ਖੇਡ ਰਿਹਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕੇਵਲ ਇੱਕ ਗੇਂਦ ਖੇਡਣੀ ਬਾਕੀ ਰਹਿ ਗਈ ਹੈ । ਇੱਕ ਗੇਂਦ ਵਿੱਚ ਉਸਨੂੰ ਹੋਰ ਕਿੰਨੇ ਸਕੋਰ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਕਿ ਉਸਦਾ ਸੈਂਕੜਾ ਹੋ ਜਾਵੇ ?
(ਉ) 6
(ਅ) 4
(ਇ) 7
(ਸ) 5.
ਜਵਾਬ.
(ਅ) 4

ਸਵਾਲ 2.
42 +26 = ……… ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂ ਭਰੋ) ।
(ਉ) 66
(ਅ) 68
(ਇ) 62
(ਸ) 58.
ਜਵਾਬ.
(ਸ) 58.

PSEB 3rd Class Maths Solutions Chapter 2 ਜੋੜ-ਘਟਾਓ width=

ਸਵਾਲ 3.
35 +23 = ………. ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂ ਭਰੋ ।
(ਉ) 48
(ਅ) 38
(ਇ) 28
(ਸ) 58.
ਜਵਾਬ.
(ਸ) 58

ਸਵਾਲ 4.
76 – 4 = ……… (ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂ ਭਰੋ ।
(ਉ) 70
(ਅ) 72
(ਇ) 74
(ਸ) 68
ਜਵਾਬ.
(ਅ) 72

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन

Punjab State Board PSEB 6th Class Science Book Solutions Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Science Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन

PSEB 6th Class Science Guide हमारे चारों ओर के परिवर्तन Textbook Questions, and Answers

1. खाली स्थान भरें

(i) …………………. परिवर्तन में नया पदार्थ बनता है।
उत्तर-
रासायनिक

(ii) बर्फ का पिघलना …………………… तथा ………………… परिवर्तन है।
उत्तर-
भौतिक, प्रतिवर्ती

(iii) कागज़ का जलना ……………….. परिवर्तन है।
उत्तर-
रासायनिक/अपरिवर्तनीय

(iv) धातुएँ गर्म करने पर ………………… हैं।
उत्तर-
विस्तार

(v) वे परिवर्तन जो किसी आवर्त समय के बाद दोहराएं जाते हैं, ………………….. परिवर्तन कहलाते हैं।
उत्तर-
आवधिक परिवर्तन।

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2. सही या ग़लत बताएं

(i) दूध से पनीर का बनना उत्क्रमित परिवर्तन है।
उत्तर-
ग़लत

(ii) लोहे को जंग लगना एक धीमा परिवर्तन है।
उत्तर-
सही

(iii) गर्म करने पर धातुएँ सिकुड़ती हैं।
उत्तर-
ग़लत

(iv) पहाड़ों पर बर्फ का पिघलना एक प्राकृतिक परिवर्तन है।
उत्तर-
सही

(v) पटाखों का जलना एक तेज़ परिवर्तन है।
उत्तर-
सही

3. कॉलम ‘क’ का कॉलम ‘ख’ से उचित मिलान करें 

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) पानी का जमना (क) अनियमित
(ii) दूध से दही (ख) भौतिक और उत्क्रमित
(iii) माचिस का जलना (ग) नियमित
(iv) भूचाल (घ) तेज
(v) मौसम का बदलना (ङ) रासायनिक

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) पानी का जमना (ख) भौतिक और उत्क्रमित
(ii) दूध से दही (ङ) रासायनिक
(iii) माचिस का जलना (घ) तेज
(iv) भूचाल (क) अनियमित
(v) मौसम का बदलना (ग) नियमित

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन

4. सही विकल्प चुनें

प्रश्न (i)
भोजन का पकना कौन-सा परिवर्तन है?
(क) भौतिक
(ग) उत्क्रमित
(ख) तेज
(घ) अनुत्क्रमित।
उत्तर-
(घ) अपरिवर्तनीय ।

प्रश्न (ii)
कौन परिवर्तन अनियमित है?
(क) दिल का धड़कना
(ख) भूचाल
(ग) दिन और रात का बनना
(घ) पेंडुलम की गति।
उत्तर-
(ख) भूचाल ।

प्रश्न (iii)
गर्म करने पर क्या फैलता है?
(क) लकड़ी
(ख) पेपर
(ग) धातु
(घ) कपड़ा ।
उत्तर-
(ग) धातु।

प्रश्न (iv)
लोहे को जंग लगना किस प्रकार का परिवर्तन है?
(क) उत्क्रमित
(ख) धीमा
(ग) नियमित
(घ) तेज।
उत्तर-
(ख) धीमा ।

प्रश्न (v)
पौधों तथा जंतुओं में वृद्धि किस तरह का परिवर्तन है?
(क) धीमा
(ख) उत्क्रमित
(ग) रासायनिक
(घ) नियमित ।
उत्तर-
(क) धीमा।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन

5. अति लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न (i)
परिवर्तन क्या है?
उत्तर-
परिवर्तन एक ऐसी क्रिया है जिसके द्वारा कोई वस्तु किसी अन्य रूप अथवा वस्तु में परिवर्तित हो जाती है।

प्रश्न (ii)
धीमे तथा तेज परिवर्तनों को उदाहरण सहित परिभाषित करें।
उत्तर-
धीमे परिवर्तन वे होते हैं जिन्हें होने में अधिक समय लगता है। उदाहरण के लिए, पेड़ का बढ़ना, बच्चे का वयस्क होना आदि। तेज परिवर्तन वे होते हैं जो बहुत तेजी से होते हैं। उदाहरण के लिए, माचिस की तीली जलाना, पटाखे फोड़ना आदि।

प्रश्न (iii)
उत्क्रमित परिवर्तन के दो उदाहरण लिखें।
उत्तर-
बर्फ का पिघलना और गर्म करने पर धातुओं का फैलना ।

प्रश्न (iv)
लोहे का रिम लकड़ी के पहिए से छोटा क्यों बनाया जाता है?
उत्तर-
प्रयुक्त धातु रिम पहियों की तुलना में व्यास में थोड़ा छोटा होता है क्योंकि गर्म करने पर रिम फैलता है और आसानी से पहियों पर पूरा आ सकता है। जब रिम ठंडा हो जाता है, तो यह सिकुड़ जाता है और पहिए पर कसकर फिट हो जाता है।

प्रश्न (v)
रासायनिक परिवर्तन के दो उदाहरण लिखें।
उत्तर-
दूध को पनीर और दही में बदलना, सब्जियों को पकाना।

6. लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न (i)
नियमित तथा अनियमित परिवर्तनों का उदाहरण सहित अंतर लिखें।
उत्तर-
आवधिक परिवर्तन – जो परिवर्तन नियमित अंतराल के बाद दोहराए जाते हैं, उन्हें आवधिक परिवर्तन कहा जाता है। उदाहरण हैं-दिन और रात का परिवर्तन, घड़ी के लोलक का झूलना, हृदय की धड़कन, ऋतुओं का परिवर्तन।

गैर-आवधिक परिवर्तन – वे परिवर्तन जो नियमित अंतराल के बाद दोहराए नहीं जाते हैं, गैर-आवधिक परिवर्तन कहलाते हैं। उदाहरण हैं-भूकंप की घटना, बारिश की घटना आदि हैं।

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प्रश्न (ii)
उत्क्रमित तथा अनुत्क्रमित परिवर्तनों का उदाहरण सहित अंतर लिखें।
उत्तर-
उत्क्रमणीय परिवर्तन – जब किसी पदार्थ में होने वाले परिवर्तन को परिस्थितियों में बदलाव करके उलटा किया जा सकता है तो इसे प्रतिवर्ती अथवा उत्क्रमणीय परिवर्तन कहा जाता है। उदाहरण हैं-बर्फ का पिघलना, पानी का वाष्पीकरण आदि।

अनुत्क्रमणीय परिवर्तन – यदि परिवर्तन के बाद किसी पदार्थ को उसकी मूल स्थिति में वापस नहीं लाया जा सकता है तो परिवर्तन को अनुत्क्रमणीय अथवा अपरिवर्तनीय परिवर्तन कहा जाता है। उदाहरण हैं- भोजन पकाना, दूध को पनीर और दही में बदलना आदि।

प्रश्न (iii)
किसी मोसबत्ती को जलाने पर उसका आकार क्यों कम हो जाता है?
उत्तर-
जलने पर कुछ मोम पिघल जाता है और कुछ कार्बन डाइऑक्साइड और पानी में बदल जाता है। इन परिवर्तनों के कारण जलने पर मोमबत्ती का आकार कम हो जाता है।

प्रश्न (iv)
भौतिक तथा रासायनिक परिवर्तनों में अन्तर उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर-
भौतिक परिवर्तन – भौतिक परिवर्तन एक अस्थायी परिवर्तन है जिसमें कोई नया पदार्थ नहीं बनता है और मूल पदार्थ की रासायनिक संरचना समान रहती है। इस परिवर्तन के दौरान रंग, आकार, आयतन, अवस्था आदि बदल सकते हैं। यह एक प्रतिवर्ती अथवा उत्क्रमणीय परिवर्तन है। जैसे-बर्फ का पिघलना, गुब्बारे का उड़ना, रबर का खिंचना, कागज का फटना, कागज को मोड़ना आदि भौतिक परिवर्तनों के कुछ उदाहरण हैं।

रासायनिक परिवर्तन – कोई भी परिवर्तन जो स्थायी होता है, जिसमें ऐसे नए पदार्थ बनते हैं जिनके भौतिक और रासायनिक गुण मूल पदार्थ से पूरी तरह भिन्न होते हैं, रासायनिक परिवर्तन कहलाते हैं। रासायनिक परिवर्तन प्रकृति में अपरिवर्तनीय अथवा अनुत्क्रमणीय होते हैं। जैसे-आम का पकना, भोजन पकाना, दूध को पनीर में बदलना, पौधों की वृद्धि आदि रासायनिक परिवर्तनों के कुछ उदाहरण हैं।

7. निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
फैलाव की परिभाषा लिखें। ताप फैलाव क्या होता है? कोई दो उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर-
फैलाव – इसे उच्च तापमान और उच्च दबाव के अधीन शरीर के आयाम में वृद्धि के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए गुब्बारा फुलाना, स्प्रिंग को खींचना।

जब फैलाव तापमान में वृद्धि के कारण होता है तो इसे ताप फैलाव कहा जाता है। इसे हम कई उदाहरणों की मदद से समझा सकते हैं।

  1.  जब हम क्लीनिकल थर्मामीटर मुँह में डालते हैं तो पारे का स्तर बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पारा एक धातु है और धातु गर्म करने पर फैलती है।
  2. एक धातु की गेंद जो गर्म करने पर एक रिंग से गुजर सकती है, आकार में बड़ी हो जाती है और उसी रिंग से नहीं गुजर सकती है।

Science Guide for Class 6 PSEB हमारे चारों ओर के परिवर्तन Intext Questions and Answers

सोचें और उत्तर दें (पेज 53)

प्रश्न 1.
आपकी माता जी रोटी बनाने से पहले गूंधे हुए आटे से लोई बनाती हैं। क्या लोई को पुनः आटे में परिवर्तित किया जा सकता है?
उत्तर-
हाँ, लोई को पलटकर आटे में पलटा जा सकता है।

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प्रश्न 2.
कागज़ के टुकड़े से पेपर बोट (कागज़ की कश्ती) बनाई जाती है। क्या कागज़ की कश्ती को पुनः कागज़ में परिवर्तित किया जा सकता है ?
उत्तर-
हाँ, हम कागज़ को मूल रूप में वापस प्राप्त कर सकते हैं।

सोचें और उत्तर दें (पेज 54)

प्रश्न 1.
पाँचवीं श्रेणी तथा आठवीं श्रेणी के बच्चों की लंबाई को ध्यान से देखें। क्या लंबाई में वृद्धि उत्क्रमित परिवर्तन है या अनुत्क्रमित है?
उत्तर-
ऊंचाई में परिवर्तन एक अनुत्क्रमित परिवर्तन है।

प्रश्न 2.
क्या मोमबत्ती का जलना उत्क्रमित परिवर्तन है या अनुत्क्रमित परिवर्तन है?
उत्तर-
मोमबत्ती का जलना एक अनुत्क्रमित परिवर्तन है।

सोचें और उत्तर दें (पेज 55)

प्रश्न 1.
कागज़ को फाड़ना किस तरह का परिवर्तन है?
उत्तर-
भौतिक परिवर्तन।

प्रश्न 2.
बर्फ से पानी बनना किस तरह का परिवर्तन है?
उत्तर-
भौतिक परिवर्तन।

सोचें और उत्तर दें (पेज 56)

प्रश्न 1.
दूध से पनीर बनाना किस तरह का परिवर्तन है ?
उत्तर-
रसायनिक परिवर्तन।

प्रश्न 2.
जलती हुई मोमबत्ती से मोम का बनना किस तरह का परिवर्तन है?
उत्तर-
रसायनिक परिवर्तन।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन

सोचें और उत्तर दें (पेज 56)

प्रश्न 1.
क्या आपने कभी सुनार की दुकान पर बर्नर देखा है ? इसका क्या काम है?
उत्तर-
इसका उपयोग सोने को पिघलाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 2.
जब आप डॉक्टरी थर्मामीटर को मुँह में रखते हैं तो थर्मामीटर की नली में मर्करी ऊपर क्यों चढ़ जाता है तथा मुँह में से थर्मामीटर बाहर निकालकर तथा छिड़कने पर मर्करी नली में से यह क्यों नीचे गिर जाता है ? (नोट करें : मर्करी कमरे के तापमान पर तरल धातु है।)
उत्तर-
धातुएँ गर्म करने पर फैलती हैं और ठंडा करने पर सिकुड़ती हैं। जब हम क्लिनिकल थर्मामीटर को मुँह में डालते हैं तो मुँह के अंदर का तापमान अधिक होने के कारण थर्मामीटर में पारे का स्तर बढ़ जाता है। जब हम इसे मुँह से बाहर निकालते हैं तो पारे का स्तर गिर जाता है क्योंकि बाहर का तापमान मुँह के तापमान से कम होता है।

PSEB Solutions for Class 6 Science हमारे चारों ओर के परिवर्तन Important Questions and Answers

1. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न (i)
खाना पकना एक …………….. परिवर्तन है।
(क) उत्क्रमित
(ख) अनुत्क्रमित
(ग) तीव्र
(घ) धीमा।
उत्तर-
(ख) अनुत्क्रमित।

प्रश्न (ii)
यह एक उत्क्रमित परिवर्तन है।
(क) बर्फ का पिघलना
(ख) मोमबत्ती का जलना
(ग) खाना पकाना
(घ) बीजों का अंकुरित होना।
उत्तर-
(क) बर्फ का पिघलना।

प्रश्न (iii)
दूध से दही बनाने के लिए दूध को …………………….. किया जाता है।
(क) गर्म
(ख) ठंडा
(ग) उबाला
(घ) कुछ नहीं।
उत्तर-
(क) गर्म।

प्रश्न (iv)
धूपबत्ती जलने में पैदा होती है।
(क) राख
(ख) गैस
(ग) खुशबू
(घ) उपरोक्त सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी विकल्प।

प्रश्न (v)
धातु के रिम को लकड़ी के पहिए से थोड़ा …………………….. रखा जाता है।
(क) छोटा
(ख) बड़ा
(ग) समान
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) छोटा।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन

प्रश्न (vi)
सड़क पर कोलतार (लुक) डालने से पहले …………………. की जाती है ताकि वह पिघल जाए।
(क) गर्म
(ख) ठंडी
(ग) उबाली
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) गर्म।

प्रश्न (vii)
जब पदार्थ किसी क्रिया-कलाप के बाद पुनः अपनी अवस्था में वापस आ जाए उस क्रिया को ……………………. कहते हैं।
(क) धीमी
(ख) उत्क्रमित
(ग) अनुत्क्रमित
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) उत्क्रमित ।

प्रश्न (viii)
गुब्बारे को फुलाना एक …………………….. परिवर्तन है।
(क) तेज़
(ख) धीमा
(ग) उत्क्रमित
(घ) अनुत्क्रमित।
उत्तर-
(ग) उत्क्रमित।

प्रश्न (ix)
गूंथे हुए आटे से कई आकृतियाँ बनाई जा सकती हैं। इस परिवर्तन को ……………………. कहते हैं।
(क) तेज़
(ख) धीमा
(ग) उत्क्रमित
(घ) अनुत्क्रमित।
उत्तर-
(ग) उत्क्रमित।

प्रश्न (x)
मोमबत्ती का पिघलना कौन-सा परिवर्तन है?
(क) भौतिक
(ख) रासायनिक
(ग) भौतिक तथा रासायनिक
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) भौतिक।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन

2. खाली स्थान भरें

(i) बच्चे से बड़ा होना ………………….. है ।
उत्तर-
धीमा परिवर्तन

(ii) वर्षा एक ………………………. है ।
उत्तर-
अनियमित परिवर्तन

(iii) पेंसिल को तेज करना एक …………………….. परिवर्तन है ।
उत्तर-
अपरिवर्तनीय

(iv) लकड़ी के पहिये की परिधि से धातु का रिम थोड़ा ……………………. बना होता है।
उत्तर-
छोटा।

3. सही या ग़लत चुनें

(i) भौतिक परिवर्तन प्रतिवर्ती हैं।
उत्तर-
सही

(ii) मोमबत्ती का जलना एक भौतिक और रासायनिक परिवर्तन है।
उत्तर-
सही

(iii) विस्तार और संकुचन समान हैं।
उत्तर-
ग़लत

(iv) ठंडा होने पर वस्तु/धातु फैलती है।
उत्तर-
ग़लत

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन

4. कॉलम ‘क’ और कॉलम ‘ख’ का उचित मिलान करें

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) लोहे का संक्षारण (a) भौतिक परिवर्तन
(ii) जल का जमना (b) धीमा परिवर्तन
(iii) कोयला जलाना (c) प्राकृतिक परिवर्तन
(iv) माचिस की तीली का जलना (d) रासायनिक परिवर्तन
(v) सर्दियों में नारियल का तेल जम जाना (e) तेज परिवर्तन

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) लोहे का संक्षारण (d) रासायनिक परिवर्तन
(ii) जल का जमना (a) भौतिक परिवर्तन
(iii) कोयला जलाना (b) धीमा परिवर्तन
(iv) माचिस की तीली का जलना (e) तेज परिवर्तन
(v) सर्दियों में नारियल का तेल जम जाना (c) प्राकृतिक परिवर्तन

5. अति लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
परिवर्तन किसे कहते हैं ? परिवर्तनों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
परिवर्तन – किसी पदार्थ के आकार अथवा गुणों में आए बदलाव को परिवर्तन कहते हैं।
उदाहरण – नाखून का बढ़ना, बालों का बढ़ना, खेतों में फ़सलों का पकना और पत्तों का गिरना।

प्रश्न 2.
उत्क्रमणीय परिवर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर-
उत्क्रमणीय परिवर्तन – ऐसा परिवर्तन जो होने के पश्चात् दोबारा अपनी पहली स्थिति में आ जाए उसे उत्क्रमणीय परिवर्तन कहते हैं।

प्रश्न 3.
कागज़ का जलना एक उत्क्रमणीय परिवर्तन है या अनुत्क्रमणीय।
उत्तर-
अनुत्क्रमणीय परिवर्तन।

प्रश्न 4.
क्या वनों की कटाई को एक उत्क्रमणीय परिवर्तन माना जा सकता है?
उत्तर-
हां, क्योंकि वृक्ष लगाने से वन पैदा हो सकता है।

प्रश्न 5.
छपाई एक उत्क्रमणीय परिवर्तन है या अनुत्क्रमणीय।
उत्तर-
छपाई एक अनुत्क्रमणीय परिवर्तन है।

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प्रश्न 6.
मोमबत्ती के जलने में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है अथवा अवशोषण।
उत्तर-
मोमबत्ती के जलने में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है।

प्रश्न 7.
ऐसे परिवर्तन का उदाहरण दीजिए जिसमें ऊर्जा का अवशोषण होता हो।
उत्तर-
हरे पौधों द्वारा भोजन बनाने में ऊर्जा का अवशोषण होता है।

प्रश्न 8.
लोहे को जंग लगना कौन-सा परिवर्तन है ? अनुत्क्रमणीय अथवा उत्क्रमणीय और क्यों?
उत्तर-
लोहे को जंग लगना एक अनुत्क्रमणीय परिवर्तन है क्योंकि लोहे का जंग एक नए गुणों वाला नया पदार्थ है।

प्रश्न 9.
डिब्बे बनाने से पहले लोहे की चादर पर टिन का लेप क्यों चढ़ाते हैं ?
उत्तर-
डिब्बा बनाने से पहले लोहे पर टिन की परत चढ़ाई जाती है ताकि जंग न लगे। जंग लगना एक अनुत्क्रमणीय परिवर्तन है।

प्रश्न 10.
भौतिक परिवर्तन किस प्रकार का परिवर्तन है?
उत्तर-
भौतिक परिवर्तन उत्क्रमणीय परिवर्तन है।

प्रश्न 11.
मनुष्य का बूढ़ा होना किस प्रकार का परिवर्तन है ?
उत्तर-
मनुष्य का बूढ़ा होना अनुत्क्रमणीय परिवर्तन है।

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प्रश्न 12.
दो उत्क्रमणीय परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-

  1. ऊन के तागे से बुना हुआ स्वैटर।
  2. तार से कुंडली बनाना।

प्रश्न 13.
दो अनुत्क्रमणीय परिवर्तन लिखिए।
उत्तर-

  1. पत्तियों से कंपोस्ट खाद बनाना।
  2. गाय के गोबर से बायो-गैस बनाना।

प्रश्न 14.
जल से जल वाष्प बनना कौन-सा परिवर्तन है-उत्क्रमणीय या अनुत्क्रमणीय?
उत्तर-
जल से जल वाष्पों का बनना उत्क्रमणीय परिवर्तन है।

प्रश्न 15.
क्या तार को गर्म करना उत्क्रमणीय परिवर्तन है ?
उत्तर-
हाँ, तार (tar) को गर्म करना उत्क्रमणीय परिवर्तन है।

प्रश्न 16.
दूध से दही जमाना उत्क्रमणीय अथवा अनुत्क्रमणीय परिवर्तन है?
उत्तर-
दूध से दही जमाना अनुत्क्रमणीय परिवर्तन है।

प्रश्न 17.
बर्फ का पिघलना कौन-सा परिवर्तन है?
उत्तर-
उत्क्रमणीय परिवर्तन।

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6. लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे चारों ओर कौन-से परिवर्तन होते रहते हैं ?
उत्तर-
हमारे चारों ओर बहुत-से परिवर्तन होते रहते हैं, जैसे-खेतों में फ़सलें समयानुसार बदलती रहती हैं, पत्तियाँ रंग बदलती रहती हैं और सूख कर पेड़ों से गिर जाती हैं, फूल खिलते हैं और मुरझा जाते हैं।

प्रश्न 2.
हमारे शरीर में होने वाले परिवर्तन उत्क्रमणीय हैं अथवा अनुत्क्रमणीय।
उत्तर-
हमारे शरीर में होने वाले परिवर्तन अनुत्क्रमणीय हैं जैसे हमारे नाखून बढ़ते हैं। उनको दोबारा छोटा नहीं किया जा सकता। वे केवल काट कर ही छोटे किए जा सकते हैं। इसी प्रकार हमारे शरीर में होने वाले परिवर्तन अनुत्क्रमणीय हैं।

प्रश्न 3.
उत्क्रमणीय परिवर्तन किसे कहते हैं ? इनके दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
उत्क्रमणीय परिवर्तन – ऐसा परिवर्तन जो एक बार होने के पश्चात् दोबारा अपनी पहली स्थिति में वापिस आ सकता है, उसे उत्क्रमणीय परिवर्तन कहते हैं।

उदाहरण-

  1. मोम का पिघलना।
  2. पानी का वाष्प बनना।
  3. पानी में चीनी घोलना।

प्रश्न 4.
अनुत्क्रमणीय परिवर्तन किसे कहते हैं ? उदाहरणे दीजिए।
उत्तर-
अनुत्क्रमणीय परिवर्तन – ऐसा परिवर्तन जो एक बार होने के पश्चात् दोबारा अपनी पहली स्थिति में वापिस न आ सके, उसे अनुत्क्रमणीय परिवर्तन कहते हैं।

उदाहरण-

  1. मोमबत्ती का जलना।
  2. दूध से दही बनना।
  3. फ़सलों का पकना।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित को उत्क्रमणीय या अनुत्क्रमणीय परिवर्तनों में वर्गीकृत करें-
(i) पौधों में वृद्धि।
(ii) खेतों में हल चलाना।
(iii) मोम का पिघलना।
(iv) वर्षा का गिरना।
(v) रबड़ के बैंड को खींचना।
(vi) शीशे की छड़ को तोड़ना।
(vii) भोजन बनाना।
उत्तर-
(i) अनुत्क्रमणीय परिवर्तन
(ii) उत्क्रमणीय परिवर्तन
(iii) उत्क्रमणीय परिवर्तन
(iv) अनुत्क्रमणीय परिवर्तन
(v) उत्क्रमणीय परिवर्तन
(vi) अनुत्क्रमणीय परिवर्तन
(vii) अनुत्क्रमणीय परिवर्तन।

प्रश्न 6.
गुब्बारे में हवा भरने से उसके आमाप और आकार में हुआ परिवर्तन कौन-सा परिवर्तन है। उत्क्रमणीय अथवा अनुत्क्रमणीय और क्यों?
उत्तर-
गुब्बारे में हवा भरने से उसके आमाप और आकार में हुआ परिवर्तन उत्क्रमणीय है क्योंकि हवा निकालने से गुब्बारा पुनः अपनी अवस्था में आ जाएगा।

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प्रश्न 7.
गूंथे हुए आटे की लोई से रोटी बेलकर तवे पर सेंकना कौन-सा परिवर्तन है ? उत्क्रमणीय अथवा अनुत्क्रमणीय और क्यों?
उत्तर-
गूंथे हुए आटे से रोटी बनाकर तवे पर सेंकना अनुत्क्रमणीय परिवर्तन है क्योंकि बनी हुई रोटी से पुनः आटे की लोई को पतली अवस्था में नहीं प्राप्त कर सकते और न ही आटा प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 8.
सारणी में दिए गए परिवर्तन को उत्क्रमणीय और अनुत्क्रमणीय परिवर्तनों में बाँटें।

परिवर्तन

परिवर्तन का वर्गीकरण

उत्क्रमणीय / अनुत्क्रमणीय

कच्चे अंडे से उबला हुआ अंडा
गाढ़े घोल से इडली
साबुत सब्जियों से कटी हुई सब्जी
ऊन के धागे से बुना हुआ स्वैटर
अनाज से बनाया गया आटा
गन्ने से गन्ने का रस
तार से कुंडली
कली से फूल
पत्तियों से कंपोस्ट (खाद)
गाय के गोबर से बायोगैस
रबड़ बैंड को खींचना

उत्तर-

परिवर्तन

परिवर्तन का वर्गीकरण

उत्क्रमणीय / अनुत्क्रमणीय

कच्चे अंडे से उबला हुआ अंडा अनुत्क्रमणीय परिवर्तन
गाढ़े घोल से इडली अनुत्क्रमणीय परिवर्तन
साबुत सब्जियों से कटी हुई सब्जी अनुक्रमणीय परिवर्तन
ऊन के धागे से बुना हुआ स्वैटर उत्क्रमणीय परिवर्तन
अनाज से बनाया गया आटा अनुक्रमणीय परिवर्तन
गन्ने से गन्ने का रस अनुत्क्रमनीय परिवर्तन
तार से कुंडली उत्क्रमणीय परिवर्तन
कली से फूल अनुत्क्रमणीय परिवर्तन
पत्तियों से कंपोस्ट (खाद) अनुत्क्रमणीय परिवर्तन
गाय के गोबर से बायोगैस अनुत्क्रमणीय परिवर्तन
रबड़ बैंड को खींचना उत्क्रमणीय परिवर्तन
लकड़ी के लट्टे से बुरादा अनुत्क्रमणीय परिवर्तन

प्रश्न 9.
मिट्टी खोदने वाले औज़ारों में लोहे के फलक में लकड़ी के हत्थे कैसे जड़े जाते हैं ?
उत्तर-
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन 1
मिट्टी खोदने वाले औज़ारों में लोहे के फलक में एक वलय होता है जिसमें लकड़ी के हत्थे को फंसा दिया जाता है। साधारणतया इस वलय का आमाप लकड़ी के हत्थे के घेरे से थोड़ा छोटा होता है। हत्थे को वलय में फंसाने के लिए वलय को गर्म करते हैं जिससे उसका आकार बड़ा हो जाता है (फैल जाता है)। अब हत्था आसानी से इसमें जड़ दिया जाता है। जब वलय ठंडा होता है तो सिकुड़ जाता है जिससे यह हत्थे पर कस जाता है। यह बहुत उपयोगी उत्क्रमणीय परिवर्तन है।

प्रश्न 10.
बैलगाड़ी के पहिए पर लोहे का रिम किस प्रकार फिट किया जाता है ? इस प्रक्रिया में किस प्रकार के परिवर्तन का उपयोग होता है?
उत्तर-
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन 2
उत्क्रमणीय परिवर्तन का प्रयोग बैलगाड़ी के लकड़ी के पहिए पर लोहे के रिम को कसने के लिए किया जाता है, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। धातु के रिम को लकड़ी के पहिए के घेरे से थोड़ा-सा छोटा बनाते हैं। गर्म करने पर रिम पहिए पर चढ़ जाता है। अब पहिए के किनारे के ऊपर ठंडा पानी डालते हैं जिससे रिम ठंडा हो जाता है तथा पहिए के ऊपर कस जाता है।

प्रश्न 11.
जब हम जल को गर्म करते हैं तो क्या होता है? क्या यह परिवर्तन उत्क्रमणीय है या अनुत्क्रमणीय और क्यों?
उत्तर-
जब हम जल को बर्तन में गर्म करते हैं तो कुछ समय के बाद यह उबलना शुरू हो जाता है। अगर हम इसे लगातार गर्म करते रहें तो जल की मात्रा बर्तन में कम होना शुरू हो जाती है। जल वाष्प में परिवर्तित हो रहा है। यह परिवर्तन उत्क्रमणीय परिवर्तन है क्योंकि जल वाष्पों को ठंडा करके हम जल को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 12.
जब हम बर्फ के टुकड़े को गर्म करते हैं तो यह किसमें परिवर्तित होता है ? क्या हम पानी को पुनः बर्फ में बदल सकते हैं?
उत्तर-
जब हम बर्फ को गर्म करते हैं तो बर्फ पिघल कर जल में परिवर्तित हो जाती है। जब हम पानी को अधिक ठंडा करते हैं तो यह पुनः बर्फ में बदल जाता है। इस प्रकार बर्फ का पानी में बदलना और पुनः पानी का बर्फ में परिवर्तित होना उत्क्रमणीय परिवर्तन है।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन

प्रश्न 13.
आप मोमबत्ती के जलने के कारण हुए परिवर्तनों का उत्क्रमण क्यों नहीं कर सकते हैं?
उत्तर-
मोमबत्ती के जलने से नए गुणों वाले नए पदार्थ उत्पन्न होते हैं अर्थात् यह एक रासायनिक परिवर्तन है। इसलिए इन परिवर्तनों (बत्ती का जलकर गैस तथा राख बनना) को उत्क्रमित नहीं किया जा सकता है।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 6 हमारे चारों ओर के परिवर्तन 3

7. निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित दिए गए प्रत्येक जोड़े में दो परिवर्तन एक ही प्रकार के आभाषित होते हैं। दोनों में ठीक अंतर बताओ।
(i) गर्म करने पर पिन लाल गर्म हो जाता है। पिन जंग लगने पर लाल हो जाता है।
(ii) दुर्घटना में कार मुड़ जाती है। कार के शरीर की दोबारा आकृति लाना।
(iii) गुब्बारे में हवा भरना। गर्म चूल्हे में आटा फूल जाना।
उत्तर-
(i) जब पिन को लाट पर रखा जाता है, इसका ताप बढ़ जाता है तथा वह लाल गर्म हो जाती है। यह उत्क्रमणीय है। जब लोहे से बनी पिन ऑक्सीजन के साथ मिलती है तो पिन को जंग लग जाता है। जंग लगने से पिन लाल हो जाता है। यह अनुत्क्रमणीय है।

(ii) दुर्घटनाग्रस्त कार का शरीर हानिकारक तथा उत्क्रमणीय परिवर्तन है। कार के शरीर की आकृति वापिस लाना, उत्क्रमणीय परिवर्तन है।

(iii) गुब्बारे को फुलाना उत्क्रमणीय परिवर्तन है। गर्म चूल्हे पर आटे का फूल जाना अनुत्क्रमणीय परिवर्तन है।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

Punjab State Board PSEB 6th Class Science Book Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Science Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

PSEB 6th Class Science Guide पदार्थों का पृथक्करण Textbook Questions, and Answers

1. खाली स्थान भरें

(i) निस्यंदन विधि अघुलनशील ……………….. को ………………… से अलग करने में सहायक होती है।
उत्तर-
अघुलनशील, विलयन

(ii) चावलों में से छोटे पत्थरों के टुकड़ों को …………………… माध्यम से अलग किया जा सकता है।
उत्तर-
हस्तचयन

(iii) बुरादा आटे से ………………… द्वारा अलग किया जाता है।
उत्तर-
निस्यंदन अथवा विनोइंग

(iv) चावलों के दानों को डंडियों से अलग करने की विधि को ………………….. कहते हैं।
उत्तर-
फटकन अथवा थैशिंग

(v) अवसाद को हिलाए बिना तरल की ऊपरी तह को गिराने की क्रिया को ………………….. कहते हैं।
उत्तर-
निस्तारण।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

2. सही या ग़लत

(i) छानन विधि में मिश्रण के अंशों का आकार अलग-अलग होता है।
उत्तर-
सही

(ii) तरल पदार्थों से भाप बनाने की प्रक्रिया को संघनन कहते हैं।
उत्तर-
ग़लत

(iii) नमक और आटे के मिश्रण को हस्त चयन विधि द्वारा अलग किया जा सकता है।
उत्तर-
ग़लत

(iv) डंडियों से दोनों को अलग करने को गहाई (थ्रेशिंग) कहते हैं।
उत्तर-
सही

3. कॉलम ‘क’ का कॉलम ‘ख’ से उचित मिलान करें

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) पानी से नमक अलग करना (क) संघनन
(ii) भारी कणों का नीचे बैठना (ख) उड़ाना
(iii) अलग-अलग अंशों का हवा द्वारा पृथक्करण (ग) वाष्पन
(iv) वाष्पों से पानी का बनना (घ) अवसादन

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) पानी से नमक अलग करना (ग) वाष्पन
(ii) भारी कणों का नीचे बैठना (घ) अवसादन
(iii) अलग-अलग अंशों का हवा द्वारा पृथक्करण (ख) उड़ाना
(iv) वाष्पों से पानी का बनना (क) संघनन

4. सही विकल्प चुनें

प्रश्न (i)
हवा द्वारा मिश्रण के भारी तथा हल्के कणों को पृथक्करण की कौन-सी विधि द्वारा अलग किया जाता है?
(क) हस्तचयन
(ख) गहाई (थ्रेशिंग)
(ग) छानना
(घ) उड़ाना ।
उत्तर-
(घ) उड़ाना।

प्रश्न (ii)
बर्फ रखे गिलास के बाहर पानी की बूंदों के बनने का कारण है?
(क) गिलास से पानी का वाष्पन
(ख) वायुमंडलीय जल वाष्पों का संघनन
(ग) गिलास से पानी का बाहर आना
(घ) वायुमंडलीय जल वाष्पों का वाष्पन।
उत्तर-
(ख) वायुमंडलीय जल वाष्पों का संघनन।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

प्रश्न (iii)
आपने अपनी माता जी को चावल पकाने से पहले उसमें से मिट्टी पत्थर आदि बाहर निकालते देखा होगा। यह कौन-सी विधि हो सकती है?
(क) हस्तचयन
(ख) निस्तारण
(ग) वाष्पन
(घ) अवसादन ।
उत्तर-
(क) हस्तचयन।

प्रश्न (iv)
हमें मिश्रण में से अंशों के पृथक्करण की आवश्यकता पड़ती है ताकि
(क) दो अलग-अलग पर लाभदायक अंशों को पृथक्करण किया जा सके
(ख) अनुपयोगी अंशों को दूर किया जा सके
(ग) हानिकारक अंशों को अलग किया जा सके
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।

5. अति लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न (i)
अवसादन की परिभाषा दें।
उत्तर-
मिश्रण में से भारी अविलेय कणों के नीचे बैठ जाने की क्रिया को अवसादन कहते हैं।

प्रश्न (ii)
वाष्पन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
किसी द्रव को उसके वाष्प रूप में बदलने की प्रक्रिया को वाष्पीकरण कहते हैं।

प्रश्न (iii)
कंबाइन मशीन किस काम के लिए प्रयोग की जाती है?
उत्तर-
कंबाइन मशीन का उपयोग कटाई और निस्यंदन दोनों प्रक्रियाओं के लिए किया जाता है।

6. लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न (i)
वाष्पन और संघनन में अंतर बताएँ।
उत्तर-
किसी द्रव को उसके वाष्प रूप में बदलने की प्रक्रिया को वाष्पीकरण कहते हैं। वह प्रक्रिया जिसके द्वारा वाष्प जल में परिवर्तित हो जाती है, संघनन कहलाती है।

प्रश्न (ii)
अवसादन तथा निस्तारण में अंतर बताइए।
उत्तर-
अवसादन – वह विलयन जिसमें किसी विशेष तापमान पर और अधिक विलेय नहीं घुल सकता है, संतृप्त विलयन कहलाता है।
निस्तारण – वह विलयन जिसमें किसी विशेष ताप पर और अधिक विलेय घोला जा सकता है, निस्तारण विलयन कहलाता है।

प्रश्न (iii)
गहाई (थ्रेशिंग) की किस्में बताएँ।
उत्तर-
गहाई (थ्रेशिंग) तीन तरीकों से की जा सकती है-

  1. मैनुअल गहाई (थेशिंग) – यह डंडियों को जमीन पर डंडों से पीटकर या किसी कठोर वस्तु से पटक कर किया जाता है।
  2. जानवरों द्वारा गहाई (थ्रेशिंग) – कुछ जानवरों जैसे बैल को डंठल को रौंदने की अनुमति है।
  3. मशीन द्वारा गहाई (शेशिंग) – आमतौर पर इस उद्देश्य के लिए ग्रैशर का उपयोग किया जाता है।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

7. निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न (i)
पृथक्करण के निम्नलिखित ढंगों की व्याख्या करें।
(क) गहाई (थेशिंग)।
(ख) उगना।
(ग) छानन।
उत्तर-
(क) गहाई (थेशिंग) – थ्रेशिंग अनाज को भूसी से अलग करना है। यह तीनों में से किसी एक विधि का उपयोग करके किया जा सकता है अर्थात

  1. मनुष्यों द्वारा
  2. जानवरों की मदद से और
  3. मशीनों का उपयोग करके।

(ख) उगाना – विनोइंग एक मिश्रण के भारी और हल्के घटकों को हवा या हवा में उड़ाकर अलग करने की एक
विधि है। भूसी से अनाज को अलग करने के लिए निस्यंदन अथवा विनोइंग एक कृषि पद्धति है। इसका उपयोग
संग्रहित अनाज से घास और भूसी या अन्य कीटों को हटाने के लिए भी किया जाता है।

(ग) छानन – यह एक छाननी का उपयोग करके बड़े पदार्थों को छोटे पदार्थों से अलग करने की एक विधि है। यह अलगाव का बहुत आसान और सस्ता तरीका है। मिश्रण में समान आकार के घटकों को छालन अथवा चालन विधि से अलग नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आप चाक पाउडर को आटे से अलग नहीं कर सकते।

प्रश्न (ii)
पृथक्करण क्या है? हमें मिश्रण में से अंशों के पृथक्करण की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर-
पृथक्करण – पृथक्करण का अर्थ है किसी मिश्रण के विभिन्न घटकों को पृथक् करने की प्रक्रिया। हमें निम्नलिखित कारणों से मिश्रण को उसके विभिन्न घटकों में पृथक् करने की आवश्यकता है-

  1. बेकार या हानिकारक घटकों को हटाने के लिए। उदाहरण के लिए, चाय बनाने के बाद चाय की पत्ती निकालना।
  2. उपयोगी घटक प्राप्त करने के लिए। भूसी, मिट्टी आदि को अलग कर गेहूँ/चावल के दाने प्राप्त करने के लिए
  3. शुद्ध नमूना प्राप्त करने के लिए अशुद्धियों को दूर करना। उदाहरण के लिए-गन्ने के रस से चीनी के क्रिस्टल
    या समुद्र के पानी से नमक प्राप्त करना।

Science Guide for Class 6 PSEB पदार्थों का पृथक्करण Intext Questions and Answers

सोचें और उत्तर दें (पेज 41)

प्रश्न 1.
आप टमाटर की टोकरी में से गले हुए टमाटर कैसे अलग करोगे?
उत्तर-
हस्तचयन द्वारा।

प्रश्न 2.
आप एक टोकरी में रखे काले अंगूरों को हरे अंगूरों से कैसे अलग करोगे?
उत्तर-
हस्तचयन दद्वारा।

सोचें और उत्तर दें (पेज 43)

प्रश्न 1.
छंटना तथा उड़ाना विधि में हवा का क्या कार्य है?
उत्तर-
हवा हल्के कणों को उड़ा कर भारी कणों से दूर कर देती है।

प्रश्न 2.
क्या आप इस विधि के साथ चने की दाल तथा मूंग की दाल को अलग कर सकते हो?
उत्तर-
नहीं, इस मिश्रण को निस्यंदन अथवा विनोइंग द्वारा अलग नहीं किया जा सकता है।

सोचें और उत्तर दें (पेज 43)

प्रश्न 1.
क्या आप नमक और आटे को छाननी के साथ अलग कर सकते हो? क्यों या क्यों नहीं ?
उत्तर-
नहीं, इस मिश्रण को छाननी से अलग नहीं किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नमक और आटे के कणों का आकार लगभग समान होता है।

सोचें और उत्तर दें (पेज 45)

प्रश्न 1.
आपको एक बीकर में कुछ चाक पाउडर और पानी का घोल दिया गया है। बीकर को कुछ देर बिना हिलाए पड़ा रहने दें। आप क्या देखेगें? यह पृथक्करण की कौन-सी विधि है ?
उत्तर-
बीकर को कुछ देर तक बिना हिलाए रखने पर हम देखते हैं कि चाक तलछट के रूप में तल पर जमा हो जाएगा। अघुलनशील कणों के तल पर बसने की इस प्रक्रिया को अवसादन कहते हैं।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

सोचें और उत्तर दें (पेज 46)

प्रश्न 1.
आपके पिता जी आपको बाज़ार में ताज़े संतरे का रस लाने के लिए कहते हैं। क्या आपने जूस में से पल्प (फोक) तथा बीज अलग करने के लिए छाननी को प्रयोग करते हुए देखा है ? कौन-सी छाननी इस काम के लिए बढ़िया रहेगी? चाय छानने वाली, फिल्टर पेपर, मलमल का कपड़ा या बड़े छेदों वाली छाननी।
उत्तर-
सबसे अच्छी छाननी वह होगी जिसमें गूदे के कणों और बीजों के आकार से छोटे छेद हों। दी गई छाननीयों में से हम मलमल के कपड़े का उपयोग कर सकते हैं। हम चाय की छाननी और फिल्टर पेपर का भी उपयोग कर सकते हैं लेकिन इससे पृथक्करण बहुत धीमी गति से होगा । बड़े छेद वाली छाननी से पल्प अलग नहीं होगा।

सोचें और उत्तर दें (पेज 47)

प्रश्न 1.
दूध से “खोया” बनाने के लिए कौन-सी विधि अपनाई जाती है ?
उत्तर-
हम वाष्पीकरण नामक प्रक्रिया द्वारा दूध से “खोया” तैयार करते हैं।

सोचें और उत्तर दें (पेज 48)

प्रश्न 1.
पानी से भाप बनने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा जल वाष्प में परिवर्तित हो जाता है, वाष्पीकरण कहलाती है।

प्रश्न 2.
भाप से पानी बनने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
उत्तर-
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा वाष्प जल में परिवर्तित हो जाते हैं, संघनन कहलाती है।

PSEB Solutions for Class 6 Science पदार्थों का पृथक्करण Important Questions and Answers

1. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न (i)
आम और अमरूद के ढेर में से आम पृथक् कर सकते हैं-
(क) छान कर
(ख) फटकन द्वारा
(ग) हाथ से बीन कर
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) हाथ से बीन कर।

प्रश्न (ii)
निष्पावन विधि द्वारा हल्के पदार्थों को ………………….. वस्तुओं से पृथक् किया जाता है।
(क) भारी
(ख) कठोर
(ग) हल्की बड़ी
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(क) भारी।

प्रश्न (iii)
अन्नकणों से डंडियों को पृथक् करने की विधि को कहते हैं-
(क) थ्रेशिंग
(ख) हस्तचयन
(ग) निष्पादन
(घ) चालन।
उत्तर-
(क) थ्रेशिंग।

प्रश्न (iv)
इस विधि में वायु की सहायता से मिश्रण के अवयव पृथक किए जाते हैं-
(क) चालन
(ख) निष्पादन
(ग) थ्रेशिंग
(घ) निस्यंदन।
उत्तर-
(ख) निष्पादन।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

प्रश्न (v)
आटे में से चोकर और अन्य अशुद्धियों को पृथक् करने के लिए हम उपयोग करते हैं-
(क) वायु का
(ख) हाथों का
(ग) छाननी (चालनी) का
(घ) पानी का।
उत्तर-
(ग) छाननी (चालनी) का।

प्रश्न (vi)
जब मिश्रण के अवयवों के आमापों में अंतर कम होता है तो यह विधि अपनाई जाती है-
(क) निस्तारण
(ख) चालन
(ग) निष्पादन
(घ) हस्तचयन।
उत्तर-
(ख) चालन।

प्रश्न (vii)
फिल्टर या निस्पंदन के लिए मुख्यता उपयोग होती है-
(क) फिल्टर पत्र
(ख) बारीक कपड़ा
(ग) छाननी
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।

प्रश्न (viii)
दो ऐसे द्रव जो परस्पर मिश्रित नहीं होते, उनके पृथक्करण की विधि का नाम है-
(क) अवसादन
(ख) निस्तारण
(ग) निस्यंदन
(घ) चालन।
उत्तर-
(ख) निस्तारण।

प्रश्न (ix)
जब जल के मिश्रण में अधिक नमक नहीं घुल सकता उसे कहते हैं-
(क) संतृप्त विलयन
(ख) असंतृप्त विलयन
(ग) अशुद्ध विलयन
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) संतृप्त विलयन।

प्रश्न (x)
चावल में से धूल कणों को ……………………… विधि द्वारा पृथक् करते हैं।
(क) चालन
(ख) हस्तचयन
(ग) निष्पादन
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(क) चालन।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

2. खाली स्थान भरें

(i) अशुद्ध पदार्थों को ……………………. भी कहा जाता है।
उत्तर-
मिश्रण

(ii) दानों को डंठलों से अलग करना ………………… कहलाता है ।
उत्तर-
गहाई

(iii) वाष्प के द्रव में बनने को ………………………. कहा जाता है ।
उत्तर-
संघनन

(iv) जिस विलयन में और पदार्थ घुल सकता है, उसे ……………………….. विलयन कहते हैं।
उत्तर-
असंतृप्त

(v) …………………… और संघनन एक दूसरे के …………………… हैं।
उत्तर-
वाष्पीकरण, उल्ट।

3. सही या ग़लत चुनें

(i) चावल से कंकड़ छाननी से अलग किए जाते हैं।
उत्तर-
ग़लत

(ii) घुलनशीलता तापमान पर निर्भर करती है।
उत्तर-
सही

(iii) असंतृप्त विलयन में और पदार्थ नहीं घुल सकता है।
उत्तर-
ग़लत

(iv) कंबाइन द्वारा फूलों से बीजों को अलग किया जाता है।
उत्तर-
ग़लत

(v) शुद्ध पदार्थों की संरचना और गुण निश्चित होते हैं।
उत्तर-
सही

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

4. कॉलम ‘क’ और कॉलम ‘ख’ का उचित मिलान करें

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) पानी से भाप बनना (a) भाप से पानी बनना
(ii) अनाज को भूसे से अलग करना (b) हस्तचयन
(iii) गेहूँ से छोटे कंकड़ों को अलग करना (c) थैशिंग तथा निस्यंदन
(iv) संघनन (d) चालन
(v) आटे से चोकर को अलग करना (e) वाष्पीकरण

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) पानी से भाप बनना (e) वाष्पीकरण
(ii) अनाज को भूसे से अलग करना (c) थैशिंग तथा निस्यंदन
(iii) गेहूँ से छोटे कंकड़ों को अलग करना (b) हस्तचयन
(iv) संघनन (a) भाप से पानी बनना
(v) आटे से चोकर को अलग करना (d) चालन

5. अति लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
जल के किसी नमूने में रेत को किस विधि द्वारा पृथक् करेंगे ?
उत्तर-
अवसादन विधि द्वारा।

प्रश्न 2.
दूध से मक्खन निकालने के लिए किस विधि का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
मथन विधि का।

प्रश्न 3.
चावल से बारीक रेत के कणों को किस विधि द्वारा पृथक् किया जाता है?
उत्तर-
हस्तचयन।

प्रश्न 4.
गेहूँ से भूसे को पृथक् करने के लिए किस विधि का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
निष्पादन।

प्रश्न 5.
चाय बनाते समय चाय की पत्तियों को द्रव से कैसे पृथक् किया जाता है ?
उत्तर-
छाननी द्वारा।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

प्रश्न 6.
पृथक्करण की कौन-सी विधियाँ हैं ?
उत्तर-
हस्तचयन, थ्रेशिंग, निष्पादन, अवसादन, निस्तारण तथा निस्यंदन।

प्रश्न 7.
हस्तचयन विधि क्या है ?
उत्तर-
हस्तचयन विधि का उपयोग गेहूँ, चावल तथा दालों में कुछ बड़े मिट्टी के कणों, पत्थर तथा भूसे को पृथक् किया जाता है।

प्रश्न 8.
श्रेशिंग क्या है ?
उत्तर-
थ्रेशिंग – डंडियों से अनाज को पृथक् करने के प्रक्रम को थ्रेशिंग कहते हैं। आजकल श्रेशिंग का कार्य मशीनों से किया जाता है।

प्रश्न 9.
निष्पादन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
निष्पादन विधि का उपयोग पवन अथवा वायु के झोकों द्वारा मिश्रण से भारी तथा हल्के अवयवों को पृथक करने में किया जाता है। किसान इस विधि से हल्के भूसे को भारी अन्न कणों से पृथक् करने के लिए करते हैं।

प्रश्न 10.
चालन विधि क्या है ?
उत्तर-
चालन विधि – चालन विधि द्वारा पत्थर, डंडियाँ तथा भूसा जो निष्पादन तथा थ्रेशिंग विधि के उपयोग के बाद गेहूँ में रह जाते हैं, को दूर किया जाता है। भवन निर्माण के समय रेत से कंकर तथा पत्थर पृथक् करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 11.
चावल तथा दालों को पकाने से पहले हल्की अशुद्धियों को किस विधि से पृथक् किया जा सकता है ?
उत्तर-
हस्तचयन या अवसादन विधि द्वारा हल्की अशुद्धियों को पृथक् किया जाता है।

प्रश्न 12.
निस्तारण किसे कहते हैं ?
उत्तर-
निस्तारण – अवसादित मिश्रण को बिना हिलाए जल को मिट्टी सहित उड़ेलने की क्रिया को निस्तारण कहते हैं।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

प्रश्न 14.
जल में नमक को पृथक् करने के लिए किस विधि का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
वाष्पण।

प्रश्न 15.
संतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
संतृप्त विलयन – जब किसी विलयन में उसी तापमान पर अधिक विलेय नहीं घुल सकता तो ऐसे विलयन को संतृप्त विलयन कहते हैं।

प्रश्न 16.
असंतृप्त विलयन किसे कहते हैं ?
उत्तर-
असंतृप्त विलयन – जब किसी विलयन में एक निश्चित तापमान पर अधिक विलेय घुल सकता, उसे अंसृप्त विलयन कहते हैं।

6. लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
समुद्र के जल से साधारण नमक कैसे प्राप्त किया जाता है ?
उत्तर-
समुद्र के जल को लैगून में इकट्ठा किया जाता है। सूर्य की गर्मी से जल वाष्पित हो जाता है तथा नमक पीछे रह जाता है। यह नमक बाद में गट्ठों के रूप में एकत्रित कर लिया जाता है।

प्रश्न 2.
गेहूँ, चीनी तथा भूसा के मिश्रण को पृथक करने के लिए उपयोग में आने वाली विधि बताएं।
उत्तर-
गेहूँ, चीनी तथा भूसा के मिश्रण में से भूसे को निष्पादन विधि से अलग कर लेते हैं। शेष चीनी और गेहूँ को छाननी विधि द्वारा अलग किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
द्रव में दिए गए पदार्थ को पृथक् करने में प्रयुक्त पाँच विधियों के नाम बताओ। प्रत्येक की एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
द्रव में दिए गए पदार्थ को अलग करने की विधियाँ निम्नलिखित हैं-

  1. निस्यंदन – पानी तथा रेत के मिश्रण में से पानी को अलग करना।
  2. वाष्पण – समुद्रीय जल से नमक को अलग करना।
  3. आसवन – नमकीन पानी से शुद्ध पानी को अलग करना।
  4. मथन – दूध से मक्खन निकालना।
  5. पृथक्करणीय कीप – कैरोसीन तथा पानी के मिश्रण से कैरोसीन को अलग करना।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित की परिभाषा दीजिए-
(i) आसवन
(ii) अवसादन।
उत्तर-
(i) आसवन – वह विधि जिसमें एक द्रव को उबाल कर वाष्पों में परिवर्तित किया जाता है और उन वाष्पों को ठंडा करके शुद्ध द्रव में संघनित किया जाता है, आसवन कहलाती है।

(ii) अवसादन – मिश्रण में जल मिलाने पर भारी अवयवों के नीचे तली में बैठ जाने के प्रक्रम को अवसादन कहते हैं।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

प्रश्न 5.
दही से मक्खन को पृथक् करने के लिए दही का मथन क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
जब दही का मथन किया जाता है तो मक्खन के कण अलग हो जाते हैं। क्योंकि मक्खन के कण शेष कणों से हल्के होते हैं। वे लस्सी पर तैरते रहते हैं और आसानी से अलग किये जा सकते हैं। इसलिए मक्खन को दही से अलग करने के लिए मथन किया जाता है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित मिश्रण को पृथक करने में अवयवों के किस गुण का उपयोग किया जाता है ?
(i) गेहूँ तथा भूसा
(ii) रेत तथा नमक
उत्तर-
(i) गेहूँ तथा भूसा – गेहूँ भारी होने के कारण ज़मीन पर गिर जाता है जबकि भूसा हल्का होने के कारण हवा में फैलता है।
(ii) रेत तथा नमक – नमक के क्रिस्टल बनाए जा सकते हैं। रेत पानी में नहीं घुलती है।

प्रश्न 7.
चट्टानी नमक से शुद्ध नमक प्राप्त करने की विधि का वर्णन करो।
उत्तर-
चट्टानी नमक से शुद्ध नमक प्राप्त करना-चट्टानी नमक से शुद्ध नमक प्राप्त करने के लिए सबसे पहले चट्टानी नमक को बारीक पीस कर गर्म कर पानी में घोल लिया जाता है। इसके पश्चात् विलयन में से अघुलनशील अशुद्ध पदार्थों को फिल्टर से छान लिया जाता है। अब शुद्ध नमक से फिल्टरित घोल को चीनी की प्याली में डाल कर स्पिरिट लैंप पर गर्म किया जाता है। इससे पानी वाष्पित हो जाता है तथा शुद्ध नमक ठोस क्रिस्टलों के रूप में प्राप्त कर लिया जाता है।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण 1

प्रश्न 8.
घर में दूध से पनीर कैसे बनाया जाता है ? उसमें कौन-सी विधि का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
पनीर बनाना-निस्यंदन विधि का उपयोग करके दूध से पनीर बनाया जाता है। तुमने देखा होगा कि, पनीर बनाने के लिए दूध को उबालने से पहले उसमें नींबू का रस मिलाया जाता है। ऐसा करने पर पनीर के ठोस कणों तथा द्रव का मिश्रण प्राप्त होता है। पनीर को इस मिश्रण से कपड़े या छाननी से फिल्टर करके पृथक् किया जाता है।

प्रश्न 9.
अवसादन विधि को एक उदाहरण देते हुए समझाइये।
उत्तर-
अवसादन विधि – एक काँच का बर्तन लो। उसका 2/3 भाग पानी से भर दो। अब उसमें थोड़ी-सी मात्रा में रेत डालो। बर्तन को कुछ समय के लिए एक ओर रख दो। कुछ समय के पश्चात् आप देखोगे कि रेत के कण बर्तन के नीचे वाले सिरे पर बैठ गए
हैं। यह अवसादन को दर्शाने की सबसे सरल तथा आसान विधि है।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण 2

प्रश्न 10.
निम्नलिखित पर नोट लिखो-
(i) आसवन
(ii) वाष्पण।
उत्तर-
(i) आसवन – वह विधि जिसमें द्रव को उबालने से वाष्प बनते हैं तथा ऐसे बने वाष्पों को ठंडा करके द्रव में परिवर्तित किया जाता है आसवन कहलाती है। आसवित जल सभी अशुद्धियों से स्वतंत्र हो जाता है। यह विधि ऐसे द्रव को शुद्ध करने में प्रयुक्त होती है जिसमें घुलनशील तथा अघुलनशील अशुद्धियां होती हैं। उदाहरण के लिए समुद्रीय जल को इस तरह शुद्ध किया जाता है।

(ii) वाष्यण – द्रव का वाष्प में बदलने के धीमे परिवर्तन को वाष्पण कहते हैं। यह क्रिया द्रव की सतह पर होती है। यह क्रिया विलयन में से घुलनशील ठोस पदार्थ को अलग करने में प्रयुक्त होती है।

इस विधि में घुलनशील ठोस सहित घोल को एक चौड़ी मुंह वाली बोतल में रखकर गर्म किया जाता है। इसके फलस्वरूप द्रव वाष्प में परिवर्तित हो जाता है तथा ठोस पदार्थ शेष बच जाता है। यह विधि समुद्रीय जल से नमक प्राप्त करने के लिए उपयोग की जाती है।

प्रश्न 11.
फटकन तथा निस्यंदन (Winnowing) द्वारा किस प्रकार पृथक्करण होता है?
उत्तर-
यदि मिश्रण में एक अंश हल्का तथा दूसरा अंश भारी हो तो इस विधि द्वारा पवन के झोंके के प्रभाव अधीन दोनों अंशों को पृथक्-पृथक् एकत्रित किया जाता है। प्रायः किसान निस्यंदन विधि का उपयोग कर भूसे के हल्के कणों को अनाज के भारी कणों से पृथक् करते हैं। मिश्रण को खुले बर्तन या अखबार पर रख कर मैदान में ऊँचे समतल स्थान पर खड़े होकर कंधों से ऊपर ले जाकर टेढ़ा करते हैं ताकि मिश्रण नीचे ढलान की ओर खिसकना आरंभ करे। अब वायु के झोंके के अधीन हल्के कण दूर उड़ जाते हैं जबकि भारी कण निकट गिरते हैं। इस प्रकार हल्के तथा भारी कण पृथक् कर लिए जाते हैं।

7. निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पानी में नमक के घोल में से शुद्ध पानी को कैसे अलग किया जाता है ?
उत्तर-
नमक के घोल से शुद्ध पानी को प्राप्त करने के लिए हम आसवन विधि का प्रयोग करते हैं।
आसवन विधि-
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण 3
रिटार्ट में नमक का घोल लिया जाता है। रिटार्ट का मुंह ढक्कन से बंद कर दिया जाता है तथा इसकी गर्दन ठंडे पानी में रखी फ्लास्क में फिट की जाती है। एक गीला कपड़ा फ्लास्क के ऊपर रखा जाता है और इस बात का ध्यान रखा जाता है कि कपड़ा गीला रहे।

रिटार्ट में पड़े घोल को अब गर्म किया जाता है। कुछ देर बाद पानी उबलना शुरू कर देता है तथा इस तरह बनी भाप फ्लास्क में चली जाती है। फ्लास्क में भाप ठंडी होकर पानी के कणों में परिवर्तित हो जाती है जो फ्लास्क में एकत्रित हो जाती है। इस तरह एकत्रित पानी शुद्ध होता है।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

प्रश्न 2.
एक मिश्रण में से पानी तथा गंधक को कैसे अलग करोगे ?
उत्तर-
पानी तथा गंधक के मिश्रण को बीकर में लो। कोप को स्टैंड में कीप को रखो। कीप के नीचे एक साफ़ बीकर रखो। फिल्टर पेपर की इस तरह तहें बनाओ ताकि एक तरफ तीन तथा एक तरफ एक तह हो।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण 4

इसको कीप में रखो। मिश्रण को शीशे की छड़ से धीरे-धीरे कीप में डालो। द्रव या पानी धीरे-धीरे नीचे बीकर में आ जाएगा जो गंधक से बिल्कुल स्वतंत्र होता है। इस द्रव को फिल्ट्रेट कहते हैं। ठोस गंधक फिल्टर पर शेष रह जाएगा। फिल्टर पेपर को कीप से आराम से अलग करके गंधक को सुखा लिया जाता है।

प्रश्न 3.
क्रिस्टलीकरण किसे कहते हैं ? आप फिटकरी से रवे (क्रिस्टल) किस प्रकार प्राप्त करोगे ?
उत्तर-
क्रिस्टलीकरण – यह पृथक्करण की वह विधि है जिसके द्वारा किसी द्रव में विलेय अशुद्ध ठोस पदार्थ के विलयन से शुद्ध पदार्थ प्राप्त किया जाता है। शुद्ध पदार्थ प्राप्त करने के लिए गर्म द्रव में जितना भी अशुद्ध पदार्थ घुल सके, घोल लिया जाता है। इसके पश्चात् घोल में से अघुलनशील अशुद्ध पदार्थों को फिल्टर द्वारा छान लिया जाता है। अब संतृप्त गर्म घोल को ठंडा करने पर शुद्ध ठोस पदार्थ के क्रिस्टल प्राप्त हो जाते हैं।
PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण 5
फिटकरी के क्रिस्टल (रवे) बनाने की विधि-एक बीकर को लगभग आधा पानी से भरो। इसमें थोड़ा-सा फिटकरी का पाऊडर डाल कर घोल को गर्म करो। फिटकरी का पाऊडर तब तक डालते जाओ जब तक कि वह घोल में घुल सके। अब
जल में फिटकरी का विलयन गर्म घोल को गिलास में छान लो जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। अब गिलास को ठंडा होने दीजिए।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 4 वस्तुओं के समूह बनाना

Punjab State Board PSEB 6th Class Science Book Solutions Chapter 4 वस्तुओं के समूह बनाना Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Science Chapter 4 वस्तुओं के समूह बनाना

PSEB 6th Class Science Guide वस्तुओं के समूह बनाना Textbook Questions, and Answers

1. खाली स्थान भरें

(i) लकड़ी से बनाई जा सकने वाली पाँच चीज़ों के नाम लिखें।
…………….., ………………….., ………………., ……………., …………………….. .
(ii) चीनी पानी में …………………….. है।
उत्तर-
(i) मेज़, कुर्सी, हल, दरवाजा और क्रिकेट बैट।
(ii) घुलनशील।

2. सही या ग़लत

(i) पत्थर पारदर्शी होता है।
उत्तर-
ग़लत

(ii) एक लकड़ी का टुकड़ा पानी के ऊपर तैरता है।
उत्तर-
सही

(iii) खिड़कियों का काँच अपारदर्शी होता है।
उत्तर-
ग़लत

(iv) तेल पानी में घुल जाता है।
उत्तर-
ग़लत

(v) सिरका पानी में पूर्ण घुलनशील है।
उत्तर-
सही।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 4 वस्तुओं के समूह बनाना

3. कॉलम ‘क’ का कॉलम ‘ख’ से उचित मिलान करें

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) पुस्तक (क) शीशा
(ii) गिलास (ख) लकड़ी
(iii) कुर्सी (ग) कागज़
(iv) खिलौना (घ) चमड़ा
(v) बूट (ङ) प्लास्टिक

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) पुस्तक (ग) कागज़
(ii) गिलास (क) काँच
(iii) कुर्सी (ख) लकड़ी
(iv) खिलौना (ङ) प्लास्टिक
(v) बूट (घ) चमड़ा

4. सही विकल्प का चयन करें

प्रश्न (i)
निम्नलिखित में से कौन-सा पदार्थ नहीं है ?
(क) पानी
(ख) ध्वनि
(ग) हवा
(घ) फल ।
उत्तर-
(ख) ध्वनि।

प्रश्न (ii)
कौन-सा गुण सभी में साँझा होता है?
(क) पदार्थ स्थान घेरते हैं पर पुंज नहीं होता।
(ख) पदार्थ स्थान घेरते हैं परंतु कुछ पुंज होता है।
(ग) पदार्थ स्थान घेरते हैं पर पुंज होता है।
(घ) पदार्थ स्थान घेरते हैं पर उनका पुंज हो सकता है तथा नहीं भी हो सकता है।
उत्तर-
(ग) पदार्थ स्थान घेरते हैं पर पुंज होता है।

प्रश्न (iii)
निम्नलिखित में से क्या पारदर्शी है?
(क) लकड़ी
(ख) काँच
(ग) कागज़
(घ) प्लास्टिक ।
उत्तर-
(ख) काँच।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 4 वस्तुओं के समूह बनाना

5. अति लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न (i)
पारदर्शी वस्तुएँ क्या होती हैं?
उत्तर-
वे पदार्थ जिनके पार स्पष्ट देखा जा सकता है, पारदर्शी कहलाती हैं।

प्रश्न (ii)
अपारदर्शी वस्तुएँ क्या होती हैं?
उत्तर-
वे वस्तुएँ जिनके पार नहीं देखा जा सकता, अपारदर्शी कहलाती हैं।

प्रश्न (iii)
पारभासी वस्तुएँ क्या होती हैं?
उत्तर-
वे वस्तुएँ जिनके पार स्पष्ट रूप से नहीं अपितु आंशिक रूप से ही देख जा सकता है, पारभासी कहलाती हैं।

6. लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न (i)
पारदर्शी वस्तुओं तथा अपरादर्शी वस्तुओं में अंतर बताएँ। उदाहरण दें।
उत्तर-
वे पदार्थ जिनके पार स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, पारदर्शी पदार्थ कहलाते हैं। उदाहरण हैं काँच, साफ पानी, वायु आदि। वे पदार्थ जिनके पार स्पष्ट रूप से नहीं अपितु आंशिक रूप से ही देखा जा सकता है, पारभासी पदार्थ कहलाते हैं। उदाहरण हैं खिड़कियों में इस्तेमाल किया जाने वाला फ्रॉसटिड काँच, तैलीय पैच वाला कागज, आदि।

प्रश्न (ii)
निम्नलिखित में से चमकीली वस्तुएँ चुनें
काँच का डोंगा, प्लास्टिक का मग, स्टील की कुर्सी, सूती कमीज़, सोने की चेन, चाँदी की मुद्रिका।
उत्तर-
कांच का कटोरा, स्टील की कुर्सी, सोने की चेन और चाँदी की अंगूठी।

7. निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न (i)
क्या सभी तरल पानी में घुलनशील होते हैं?
उत्तर-
नहीं, सभी तरल पानी में घुलनशील नहीं होते हैं। जब पानी में हम कुछ तरल मिलाते हैं तो हमें तीन बातें दिखाई देती हैं। कुछ तरल पानी में पूरी तरह से घुल जाएंगे। कुछ तरल पदार्थ पानी में केवल आंशिक रूप से घुलेंगे। कुछ तरल पदार्थ पानी में बिल्कुल भी नहीं घुलेंगे।

  1. वे तरल जो पानी में घुल जाते हैं, मिश्रणीय तरल अथवा द्रव कहलाते हैं। उदाहरण सिरका और पानी हैं।
  2. वे तरल जो पानी में बिल्कुल भी नहीं घुलते हैं, अमिश्रणीय तरल अथवा द्रव कहलाते हैं। उदाहरण तेल और पानी हैं।
  3. वे तरल जो पानी में केवल आंशिक रूप से घुलते हैं, आंशिक रूप से मिश्रणीय द्रव कहलाते हैं। उदाहरण फिनोल और पानी हैं।

प्रश्न (ii)
पानी के ऊपर तैरने वाली चार वस्तुओं तथा पानी के ऊपर न तैरने वाली पाँच वस्तुओं की सूची
उत्तर-
कोई वस्तु पानी में डालने पर तैरेगी अथवा डूब जाएगी, इस का निर्णय उस वस्तु तथा पानी के घनत्व की तुलना करके किया जा सकता है ।

जिन वस्तुओं का घनत्व पानी के घनत्व से कम होगा वे पानी पर तैरने लगेंगी। ऐसी वस्तुएँ जो पानी पर तैर सकती हैं के उदाहरण हैं – सूखे पत्ते, लकड़ी का टुकड़ा, कॉर्क का टुकड़ा, कागज, कार्डबोर्ड, कपड़ा आदि ।

जिन वस्तुओं का घनत्व पानी से अधिक होता है वे पानी पर तैर नहीं सकती हैं। ऐसी वस्तुएँ जो पानी पर तैर नहीं सकती के उदाहरण हैं-लोहे से बनी वस्तुएं, सोने की अंगूठी, चाँदी की चेन, पत्थर, सीसे की गेंद आदि ।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 4 वस्तुओं के समूह बनाना

Science Guide for Class 6 PSEB वस्तुओं के समूह बनाना Intext Questions and Answers

सोचें और उत्तर दें (पेज 33)

प्रश्न 1.
पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
हमारे चारों ओर सामग्री पदार्थ हैं क्योंकि सभी वस्तुएँ जगह घेरती हैं तथा उनका पुंज होता है।

सोचें और उत्तर दें (पेज 36)

प्रश्न 1.
किसी वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है। क्या यह पानी में डूबेगी या तैरेगी?
उत्तर-
यह पानी पर तैरेगी।

सोचो और उत्तर दें (पेज 37)

प्रश्न 1.
क्या साफ पानी पारदर्शी, पारभासी या अपारदर्शी होता है?
उत्तर-
साफ पानी परदर्शी होता है।

PSEB Solutions for Class 6 Science वस्तुओं के समूह बनाना Important Questions and Answers

1. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न (i)
वस्तुओं में भिन्नता होने का कारण है-
(क) आकृति
(ख) रंग
(ग) गुण
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।

प्रश्न (ii)
संतरे और घड़े जैसी वस्तुएँ होती हैं-
(क) गोल
(ख) आयताकार
(ग) त्रिकोणी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) गोल।

प्रश्न (iii)
खाद्य पदार्थ का उदाहरण है-
(क) चाक
(ख) कपास
(ग) गेहूँ
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) गेहूँ।

प्रश्न (iv)
एक थाली इस्पात, काँच के अतिरिक्त हो सकती है-
(क) प्लास्टिक का
(ख) चमड़े की
(ग) तागों की
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) प्लास्टिक का।

प्रश्न (v)
यह पदार्थ चमकीला दिखाई देता है-
(क) सूती कपड़ा
(ख) लकड़ी का डिब्बा
(ग) ताँबे की तार
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) ताँबे की तार।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 4 वस्तुओं के समूह बनाना

प्रश्न (vi)
यह खनिज नहीं है-
(क) एल्यूमिनियम
(ख) ताँबा
(ग) चाँदी
(घ) रेत।
उत्तर-
(घ) रेत।

प्रश्न (vii)
पानी में घुलनशील पदार्थ हैं-
(क) नमक
(ख) शक्कर
(ग) नील
(घ) सभी विकल्प।
उत्तर-
(घ) सभी विकल्प।

प्रश्न (viii)
जल पर तैरने वाली वस्तु नहीं है-
(क) गेंद
(ख) पत्थर
(ग) साड़ी
(घ) पंख।
उत्तर-
(ख) पत्थर।

प्रश्न (ix)
जिन पदार्थों में से प्रकाश गुज़र सके उन्हें कहते हैं-
(क) पारदर्शी
(ख) पारभासी
(ग) अपारदर्शी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) पारदर्शी।

प्रश्न (x)
काँच उदाहरण है-
(क) पारदर्शी
(ख) पारभासी
(ग) अपारदर्शी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) पारदर्शी।

प्रश्न (xi)
पदार्थ कितने प्रकार का होता है ?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर-
(क) एक।

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 4 वस्तुओं के समूह बनाना

2. खाली स्थान भरें

(i) नमक पानी में ……………………. जाता है।
उत्तर-
घुल

(ii) रबर पानी में ……………….. नहीं है।
उत्तर-
घुलनशील

(iii) प्रकाश ……………………….. वस्तुओं के पार हो जाता है।
उत्तर-
पारदर्शी

(iv) प्रकाश ……………….. वस्तुओं के पार नहीं जाता है।
उत्तर-
अपारदर्शी

(v) सोना और चाँदी ……………………… है।
उत्तर-
धातुएँ ।

3. सही या ग़लत चुनें

(i) रबर और प्लास्टिक धातुएँ हैं।
उत्तर-
ग़लत

(ii) काँच पारदर्शी होता है।
उत्तर-
सही

(iii) धातुएँ गर्म करने पर फैलती हैं।
उत्तर-
सही

(iv) कार्बन-डाइऑक्साइड पानी में नहीं घुलती है।
उत्तर-
ग़लत

(v) सूर्य का प्रकाश एक पदार्थ है।
उत्तर-
ग़लत

PSEB 6th Class Science Solutions Chapter 4 वस्तुओं के समूह बनाना

4. कॉलम ‘क’ और कॉलम ‘ख’ का उचित मिलान करें

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) कॉपर (a) पानी में डूब जाता है
(ii) काँच (b) धातु
(iii) रबड़ की गेंद (c) चमड़ा
(iv) पत्थर (d) पारदर्शी
(v) जूते (e) पानी पर तैरती है

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) कॉपर (b) धातु
(ii) काँच (d) पारदर्शी
(iii) रबड़ की गेंद (e) पानी पर तैरती है
(iv) पत्थर (a) पानी में डूब जाता है
(v) जूते (c) चमड़ा

5. अति लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
वस्तुओं में क्या भिन्नताएँ होती हैं ?
उत्तर-
सभी वस्तुओं की आकृतियां, रंग तथा गुण भिन्न-भिन्न होते हैं।

प्रश्न 2.
वस्तुओं के समूह बनाने के कौन-से ढंग हैं ?
उत्तर-
वस्तुओं के समूह बनाने के बहुत-से ढंग हैं। उनको आकृतियों तथा जिस पदार्थ से बने हैं, के आधार पर बाँटा जा सकता है।

प्रश्न 3.
वस्तुएँ किन पदार्थों से बनी होती हैं ?
उत्तर-
सभी वस्तुएँ काँच, धातुएँ, प्लास्टिक, लकड़ी, रूई, कागज़, मृदा से बनी होती हैं।

प्रश्न 4.
लकड़ी से कौन-कौन सी वस्तुएँ बन सकती हैं ?
उत्तर-
लकड़ी से मेज़, कुर्सी, हल, बैलगाड़ी, खिलौने, बैट, हाकी, दरवाजे, खिड़कियाँ और अन्य कई वस्तुएं बन सकती हैं।

प्रश्न 5.
चमड़े से कौन-सी वस्तुएँ बनाई जा सकती हैं ?
उत्तर-
चमड़े से बैग, पर्स, जूतियां, बूट, बैल्ट, जैक्ट आदि बनाये जा सकते हैं।

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प्रश्न 6.
कागज़ से कौन-सी वस्तुएँ बनाई जाती हैं ?
उत्तर-
कागज़ से पुस्तकें, नोटबुक, समाचार-पत्र, खिलौने, कैलेंडर, डायरियां आदि बनाई जाती हैं।

प्रश्न 7.
प्लास्टिक से कौन-सी वस्तुएँ बनाई जा सकती हैं ?
उत्तर-
प्लास्टिक से बाल्टियाँ, लंच बॉक्स, खिलौने, जल पात्र, पाइप तथा इसी प्रकार की बहुत-सी वस्तुएँ बनाई जा सकती हैं।

प्रश्न 8.
पदार्थों के कोई चार गुण लिखिए।
उत्तर-
पदार्थों के गुण-

  1. द्युति,
  2. कठोरता,
  3. रुक्ष (खुरदरा) अथवा चिकना
  4. विलेयता।

प्रश्न 9.
धातु किसे कहते हैं ?
उत्तर-
धातु – वह पदार्थ जिस में द्युति (चमक) होती है और जो कठोर होते हैं, उन्हें धातु कहते हैं; जैसे-लोहा, सोना और चाँदी।

प्रश्न 10.
धातुओं के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
लोहा, ताँबा, ऐलुमीनियम तथा सोना, धातुओं के उदाहरण हैं।

प्रश्न 11.
पानी में विलेय पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
चीनी, नमक, नीला थोथा, शोरा आदि पानी में विलेय पदार्थ हैं।

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प्रश्न 12.
पानी में अविलेय पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर-
चाक पाऊडर, बालू, मृदा आदि पानी में अविलेय पदार्थ हैं।

प्रश्न 13.
पानी में विलेय द्रवों के नाम लिखिए।
उत्तर-
सिरका और नींबू का रस आदि पानी में विलेय है।

प्रश्न 14.
जल में विलीन होने वाली गैस का नाम लिखिए।
उत्तर-
ऑक्सीजन गैस, जल में विलीन होने वाली गैस है।

प्रश्न 15.
जल में डूबने वाले पाँच पदार्थों के नाम लिखो।
उत्तर-
जल में डूबने वाले पदार्थ – पत्थर, चाबी, सिक्का, कंकर और राजमां।

6. लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
पदार्थ से क्या अभिप्राय है ? पाँच पदार्थों के नाम लिखो।
उत्तर-
पदार्थ – वह सामग्री जिन से भिन्न-भिन्न प्रकार की वस्तुएं बनाती हैं उसे पदार्थ कहते हैं। पाँच पदार्थ-काँच, प्लास्टिक, लोहा, चमड़ा और लकड़ी।

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प्रश्न 2.
उन पदार्थों के नाम बताओ जिनसे एक से अधिक वस्तुएँ बनाई जा सकती हैं ?
उत्तर-
लकड़ी, कागज, चमड़ा, प्लास्टिक, रूई, काँच और धातुओं से एक से अधिक वस्तुएँ बनाई जा सकती हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वस्तुएं किन पदार्थों की बनी हैं ?
मेज़, कुर्सी, दरवाज़ा, पेपर, पुस्तक, नोटबुक, गिलास, प्लेट, दर्पण, शीशी।
उत्तर-

पदार्थ वस्तुओं के नाम
1. लकड़ी मेज़, कुर्सी, दरवाज़ा।
2. कागज़ पेपर, पुस्तक, नोटबुक।
3. काँच गिलास, प्लेट, दर्पण, शीशी।

प्रश्न 4.
पदार्थों में कौन-से गुण होते हैं ?
उत्तर-
पदार्थों के गुण-

  1. युति
  2. कठोरता
  3. रुक्ष
  4. विलेयता।

प्रश्न 5.
धातुओं के कोई दो गुण बताओ।
उत्तर-

  1. धातुओं में युति (चमक) होती है।
  2. धातुएँ कठोर होती हैं।

प्रश्न 6.
कोमल और कठोर पदार्थों से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
कोमल पदार्थ- जिन पदार्थों को आसानी से संपीड़ित किया जा सके अथवा खरोंचा जा सके उन्हें कोमल पदार्थ कहते हैं।
कठोर पदार्थ – जिन पदार्थों को संपीड़ित नहीं किया जा सकता अथवा खरोंचा नहीं जा सकता उन्हें कठोर पदार्थ कहते हैं।

प्रश्न 7.
विलेय और अविलेय पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर-
विलेय पदार्थ – जो पदार्थ पानी में लुप्त हो जाते हैं अथवा घुल जाते हैं उन्हें विलेय पदार्थ कहते हैं; जैसे–चीनी और नमक।
अविलेय पदार्थ – जो पदार्थ पानी में लुप्त अथवा नहीं घुलते उन्हें अविलेय पदार्थ कहते हैं; जैसे-चाक पाउडर, रेत और मृदा आदि।

प्रश्न 8.
क्या द्रव में द्रव विलीन हो सकते हैं ?
उत्तर-
द्रव में कई द्रव विलीन हो जाते हैं परंतु सभी द्रव, द्रवों में विलीन नहीं हो सकते हैं; जैसे-सिरका और नींबू का रस पानी में विलीन अथवा मिश्रित हो जाते हैं। परंतु सरसों का तेल अथवा नारियल का तेल पानी में विलीन अथवा मिश्रित नहीं होता।

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प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से कौन-से पदार्थ पानी में तैरते हैं और कौन-से डूब जाते हैं-
सूखे पत्ते, कार्क का टुकड़ा, शहद की बूंद, कंकर, सिक्का, चाबी, चाय की पत्ती, अमरूद का पत्ता, सरसों का तेल।
उत्तर-
पानी में तैरने वाले पदार्थ – सूखे पत्ते, चाय की पत्ती, अमरूद, सरसों का तेल, कार्क का टुकड़ा।
पानी में डूबने वाले पदार्थ – शहद की बूंद, कंकर, सिक्का और चाबी।

प्रश्न 10.
क्या गैसें पानी में विलीन हो सकती हैं ?
उत्तर-
कुछ गैसें पानी में विलेय अथवा घुल सकती हैं, जैसे ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें पानी में घुल सकती हैं।

प्रश्न 11.
जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन ज़रूरी है। जलीय जीव ऑक्सीजन कैसे प्राप्त करते हैं ?
उत्तर-
हम जानते हैं कि जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन ज़रूरी है। जलीय जीव पानी में घुली हुई ऑक्सीजन प्राप्त कर लेते हैं, क्योंकि ऑक्सीजन पानी में विलेय है। इसलिए यह जलीय जीव विलेय ऑक्सीजन ग्रहण करके जीवित रहते हैं।

प्रश्न 12.
हमें पदार्थों को समूह में रखने की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
उत्तर-
दैनिक जीवन में हम प्रायः पदार्थों का समूहन अपनी सुविधा के लिए करते हैं। घर में हम अपनी वस्तुओं का भंडारण सामन्यत: इस प्रकार करते हैं कि जैसे वस्तुएँ एक साथ रखी जा सकें। इस प्रकार की व्यवस्था द्वारा हम आसानी से उनका पता लगा सकते हैं। इसी प्रकार कोई पंसारी प्राय: सभी प्रकार के बिस्कुटों को अपनी दुकान के एक कोने में रखता है। सभी साबुनों को अन्य स्थान पर जबकि अनाज और दालों का भंडारण किसी अन्य स्थान पर करता है।

7. निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पारदर्शी, अपारदर्शी और पारभासी पदार्थों की परिभाषा दीजिए और इनके उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
पारदर्शी पदार्थ – जिस पदार्थ में से प्रकाश गुजर सके उस पदार्थ को पारदर्शी पदार्थ कहते हैं, जैसे-काँच, हवा, साफ़ पानी, स्पिरिट और जिन शराब।

अपारदर्शी पदार्थ – जिस पदार्थ में से प्रकाश न गुजर सके उसे अपारदर्शी पदार्थ कहते हैं। इन वस्तुओं में से दूसरी ओर नहीं देखा जा सकता, जैसे-कुर्सी, दीवार, डैस्क, ब्लैकबोर्ड, पुस्तक, पत्थर का टुकड़ा।

पारभासी पदार्थ – जिन पदार्थों में से देखा तो जा सकता है परंतु स्पष्ट रूप में नहीं, उन्हें पारभासी पदार्थ कहते हैं जैसे-चिकना कागज़, धुंधला काँच, सफेद पॉलीथीन आदि।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित पदार्थों से बनी तीन-तीन वस्तुओं के नाम लिखो-
(i) काँच
(ii) मिट्टी
(iii) लकड़ी
(iv) प्लास्टिक
(v) कागज़
(vi) ताँबा।
उत्तर-
(i) काँच-बोतल, गिलास, चूड़ियाँ।
(ii) मिट्टी-गमला, फूलदान, ईंट, घड़ा।
(iii) लकड़ी-मेज़, बैट, दरवाज़ा, सीढ़ी।
(iv) प्लास्टिक-बाल्टी, मग, कंघी।
(v) कागज़-पुस्तक, अखबार, कापी।
(vi) ताँबा-सिक्का, बर्तन, विद्युत् तार।

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 26 पंजाब की मानवीय शक्ति और भौतिक साधन

Punjab State Board PSEB 11th Class Economics Book Solutions Chapter 26 पंजाब की मानवीय शक्ति और भौतिक साधन Textbook Exercise Questions, and Answers.

PSEB Solutions for Class 11 Economics Chapter 26 पंजाब की मानवीय शक्ति और भौतिक साधन

PSEB 11th Class Economics पंजाब की मानवीय शक्ति और भौतिक साधन Textbook Questions and Answers

I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

प्रश्न 1.
पंजाब में जनसंख्या के आकार में परिवर्तन का वर्णन करें।
उत्तर-
पंजाब की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 2 करोड़ 77 लाख थी।

प्रश्न 2.
पंजाब में साक्षरता अनुपात पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
2011 में साक्षरता अनुपात बढ़ कर 75.8% हो गई है। साक्षर लोगों में पुरुषों का अनुपात 75.63% है, जबकि स्त्रियों में साक्षरता अनपात 71.3% है।

प्रश्न 3.
पंजाब की जनसंख्या के लिंग अनुपात का वर्णन करें।
उत्तर-
2011 में पंजाब में स्त्री-पुरुष अनुपात 897 था।

प्रश्न 4.
पंजाब की वन सम्पत्ति के सम्बन्ध में क्या स्थिति है?
उत्तर-
पंजाब में वन सम्पत्ति संतोषजनक नहीं है।

प्रश्न 5.
पंजाब में शहरों, तहसीलों तथा गांवों की संख्या बताएं।
उत्तर-
पंजाब में 5 डिवीज़न, 22 जिले, 91 तहसीलें, 81 सब तहसीलें, 150 विकास खण्ड, 74 शहर, 143 कस्बे तथा 12581 गांव हैं।

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 26 पंजाब की मानवीय शक्ति और भौतिक साधन

प्रश्न 6.
पंजाब में ऊर्जा के जल साधनों की व्याख्या करें।
उत्तर-
जल विद्युत्-पंजाब में सतलुज, ब्यास तथा रावी तीन दरिया बहते हैं। इनके जल से विद्युत् उत्पन्न की जाती है।

प्रश्न 7.
पंजाब का क्षेत्रफल 50362 वर्ग किलोमीटर है।
उत्तर-
सही।

प्रश्न 8.
पंजाब में स्त्री पुरुष लिंग अनुपात ……………. है।
उत्तर-
895.

प्रश्न 9.
पंजाब में जंगल सन्तोषजनक हैं।
उत्तर-
ग़लत।

प्रश्न 10.
पंजाब की जनसंख्या 2011 की जनगणना अनुसार ……………. थी
(a) 267 लाख
(b) 277 लाख
(c) 287 लाख
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(b) 277 लाख।

प्रश्न 11.
पंजाब के खनिज पदार्थों का वर्णन करो।
उत्तर-
पंजाब में कोई खनिज पदार्थ नहीं मिलता।

प्रश्न 12.
पंजाब में जल बिजली और ताप बिजली ऊर्जा के मुख्य स्रोत हैं।
उत्तर-
सही।

प्रश्न 13.
पंजाब में शक्ति के साधन ………………. हैं।
(a) भाखड़ा नंगल प्रोजैक्ट
(b) ब्यास प्रोजैक्ट
(c) आनंदपुर साहिब प्रोजैक्ट
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(d) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 14.
पंजाब की मुख्य फसलें गेहूँ और चावल हैं।
उत्तर
सही।

प्रश्न 15.
पंजाब में अधिक कृषि उत्पादन का कारण बताएँ।
उत्तर-
पंजाब में कृषि के लिए उचित और उपयुक्त वातावरण।

प्रश्न 16.
पंजाब में वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय ₹ 166830 थी।
उत्तर-
सही।

II. अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पंजाब में जनसंख्या की वृद्धि के दो कारण बताएं।
उत्तर-
पंजाब में जनसंख्या वृद्धि के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं

  1. ऊंची जन्म दर-पंजाब में जन्म दर ऊंची है जो कि 19.9 प्रति हज़ार है। इस कारण पंजाब की जनसंख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है।
  2. कम मृत्यु दर-एक हजार व्यक्तियों के पीछे जितने व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है उसको मृत्यु दर कहा जाता है। पंजाब में मृत्यु दर निरन्तर कम हो रही है। इसके मुख्य कारण डॉक्टरी सुविधाओं में वृद्धि, अच्छी खुराक, विवाह की अधिक आयु इत्यादि है। 1971 में मृत्यु दर 11.4 प्रति हज़ार थी। 2018-19 में मृत्यु दर कम होकर 6 प्रति हज़ार है। इस कारण जनसंख्या की वृद्धि हो रही है।

प्रश्न 2.
पंजाब में जनसंख्या के व्यवसाय का विवरण दें।
उत्तर-
पंजाब में जनसंख्या के व्यवसाय का विवरण इस प्रकार है –

व्यवसाय उत्पदान प्रतिशत
(1) सुविधाएं कृषि (प्राथमिक क्षेत्र) 26.16
(2) उद्योग तथा निर्माण (सैकण्डरी क्षेत्र) 24.70
(3) टर्शरी क्षेत्र 35.14
14.00
कुल कार्यशील जनसंख्या 100%

प्रश्न 3.
पंजाब में वन सम्पत्ति की विशेषताएं बताएं।
उत्तर-
वन मनुष्यों के लिए महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक साधन हैं। एक राज्य की जलवायु, रोज़गार, वर्षा, बाढ़ नियन्त्रण इत्यादि पर वनों का बहुत प्रभाव पड़ता है। एच० कालबर्ट के अनुसार, “पंजाब की खुशहाली बहुत हद तक वनों पर निर्भर करती है क्योंकि यह भूमि कटाव को रोकते हैं।” पंजाब में वन साधन बहुत कम हैं। 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के कारण वन वाला क्षेत्र हिमाचल प्रदेश का भाग बन गया इसलिए पंजाब में वनों के अधीन क्षेत्र बहुत कम है। पंजाब में 3054 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वनों के अधीन है जो कि कुल क्षेत्रफल का 5.7% भाग है।

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प्रश्न 4.
पंजाब में स्त्री-पुरुष अनुपात पर रोशनी डालें।
उत्तर-
स्त्री-पुरुष अनुपात निरन्तर कम हो रहा है। इसका विवरण निम्नलिखित सूची पत्र द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-
स्त्री-पुरुष अनुपात

वर्ष 1951 1961 1971 1981 1991 2011
भारत 946 942 930 934 929 940
पंजाब 844 854 865 879 888 895

प्रश्न 5.
पंजाब में वनों के दो प्रत्यक्ष लाभ बताएं।
उत्तर-
प्रत्यक्ष लाभ (Direct Advantages)-

  1. इमारती लकड़ी-पंजाब के वनों से कई प्रकार की इमारती लकड़ी प्राप्त होती है जैसे कि शीशम, टाहली, आम, सफ़ेदा इत्यादि जो फर्नीचर तथा इमारतें बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।
  2. कच्चे माल की प्राप्ति-पंजाब के वनों से कच्चे माल की प्राप्ति भी होती हैं। इससे खेलों का सामान बनाने वाले उद्योग, काग़ज़ उद्योग इत्यादि का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त रंग-रोगन बनाने के लिए कच्चा माल भी वनों से प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 6.
पंजाब में वनों के दो अप्रत्यक्ष लाभ बताएं।
उत्तर-
अप्रत्यक्ष लाभ (Indirect Advantages)—वनों में अप्रत्यक्ष लाभ इस प्रकार हैं –

  1. वनों द्वारा बाढ़ की रोकथाम होती है। वन जल की रफ़्तार काफ़ी कम कर देते हैं।
  2. वनों द्वारा भूमि के कटाव (Soil Erosion) की समस्या का हल होता है। पेड़ों की जड़ों में मिट्टी फंस जाती है इसलिए भूमि के कटाव की समस्या उत्पन्न नहीं होती।

III. लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पंजाब में जनसंख्या की वृद्धि के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
पंजाब में जनसंख्या वृद्धि के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-

  1. ऊंची जन्म दर-पंजाब में जन्म दर ऊंची है जो कि 29.8 प्रति हज़ार है। इस कारण पंजाब की जनसंख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है।
  2. कम मृत्यु दर-एक हज़ार व्यक्तियों के पीछे जितने व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है उसको मृत्यु दर कहा जाता है। पंजाब में मृत्यु दर निरन्तर कम हो रही है। इसके मुख्य कारण डॉक्टरी सुविधाओं में वृद्धि, अच्छी खुराक, विवाह की अधिक आयु इत्यादि है। 1971 में मृत्यु दर 11.4 प्रति हज़ार थी। 2011 में मृत्यु दर कम होकर 7.4 प्रति हज़ार है। इस कारण जनसंख्या की वृद्धि हो रही है।
  3. अशिक्षा-पंजाब में 75.8% लोग गांवों में रहते हैं। इनमें से अधिक लोग अशिक्षित तथा अज्ञानी हैं। वे छोटे परिवार के महत्त्व को नहीं समझते इसलिए परिवार नियोजन की तरफ कम ध्यान देते हैं। पुत्र प्राप्ति के लिए परिवार में लोग वृद्धि करते हैं।
  4. सर्वव्यापी विवाह-पंजाब में विवाह करना सामाजिक, आर्थिक तथा धार्मिक दृष्टि से आवश्यक माना जाता है। यद्यपि कोई बच्चों का पालन-पोषण न कर सके, परन्तु विवाह करना पसन्द करता है।
  5. गर्म जलवायु-पंजाब की जलवायु गर्म है। इसलिए लड़के-लड़कियां छोटी आयु में ही विवाह योग्य हो जाते हैं। इस कारण बच्चे अधिक होते हैं।

प्रश्न 2.
पंजाब में जनसंख्या की सघनता पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
जनसंख्या की सघनता का अर्थ है कि राज्य में प्रति वर्ग किलोमीटर में कितनी जनसंख्या निवास करती है-
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पंजाब में जनसंख्या की सघनता बढ़ रही है 1961 में पंजाब की सघनता 221 थी, जोकि 2011 में बढ़कर 551 हो गई है। पंजाब में जनसंख्या की सघनता भारत में जनसंख्या की सघनता से अधिक है।

इसके मुख्य कारण इस प्रकार हैं-

  1. भूमि की उपजाऊ शक्ति-जिस राज्य में भूमि की उपजाऊ शक्ति अधिक होती है। वर्षा उचित मात्रा में ठीक समय पर होती है तथा सिंचाई की सुविधाएं प्राप्त होती हैं, उन क्षेत्रों में जनसंख्या की सघनता अधिक होगी।
  2. उद्योगों का विकास-औद्योगिक विकास तथा व्यापारिक केन्द्रों में जनसंख्या की सघनता अधिक होती है। उद्योग विकसित होने के कारण रोज़गार के अधिक अवसर प्राप्त होते हैं, इसलिए जनसंख्या की सघनता बढ़ जाती है।
  3. सुरक्षा का वातावरण-जिन क्षेत्रों में सुख-शान्ति का वातावरण पाया जाता है तथा जान-माल की सुरक्षा होती है, उन क्षेत्रों में जनसंख्या की सघनता अधिक पाई जाती है।
  4. राजधानियां तथा धार्मिक स्थान-साधारणतया राजधानियों तथा धार्मिक स्थानों पर जनसंख्या की सघनता अधिक होती है, क्योंकि श्रद्धालु लोग धार्मिक स्थानों पर बस जाते हैं। राजधानियों में शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाएं होने के कारण ऐसे स्थानों पर लोग निवास करना पसन्द करते हैं।

प्रश्न 3.
पंजाब में जनसंख्या के व्यावसायिक विभाजन को स्पष्ट करें।
उत्तर-
जनसंख्या के व्यावसायिक विभाजन से अभिप्राय : एक राज्य के लोग अपनी आजीविका कमाने के लिए कौन-से कार्य करते हैं। 2011 की जनसंख्या के अनुसार पंजाब की जनसंख्या 277 लाख है जिसमें से 30% जनसंख्या कार्यशील है। जनसंख्या के व्यावसायिक विभाजन को तीन भागों में विभाजित करके स्पष्ट किया जा सकता है-

  1. प्राथमिक क्षेत्र (Primary Sector)-इस क्षेत्र में कृषि तथा कृषि कार्यों से सम्बन्धित सब कार्य शामिल किए जाते हैं।
  2. गौण क्षेत्र (Secondary Sector)-इस क्षेत्र में उद्योग, निर्माण इत्यादि कार्यों को शामिल किया जाता है।
  3. तृतीय क्षेत्र (Tertiary Sector)-इस क्षेत्र में व्यापार, यातायात, बैंकिंग इत्यादि सेवाओं को शामिल किया जाता है|

वर्ष 2019-20 पंजाब में जनसंख्या के व्यवसाय का विवरण इस प्रकार है –

व्यवसाय कार्यशील जनसंख्या का प्रतिशत उत्पादन प्रतिशत
(1) सुविधाएं कृषि (प्राथमिक क्षेत्र) 56.0 25%
(2) उद्योग तथा निर्माण (गौण क्षेत्र) 16.0 25%
(3) सेवाएं (तृतीय क्षेत्र) 28.0% 50%
कुल कार्यशील जनसंख्या 100% 100.00

इस सूची-पत्र से स्पष्ट होता है कि –

  1. कृषि-पंजाब में कार्यशील जनसंख्या का 56% भाग कृषि में कार्य करता है। इसमें 26.16% उत्पादन होता है।
  2. उद्योग तथा निर्माण-पंजाब में औद्योगिक विकास बहुत कम हुआ है जो कि पंजाब की कम उन्नति का सूचक है। उद्योगों में पंजाब की कार्यशील जनसंख्या का 18% भाग कार्य करता है। इसमें 24.70% उत्पादन होता है।
  3. सेवाएं-पंजाब की जनसंख्या का 28% भाग व्यापार तथा यातायात में लगा हुआ है। इसमें 49.14% उत्पादन होता है।

प्रश्न 4.
पंजाब में जनसंख्या को रोकने के लिए उठाए गए पग बताएं।
उत्तर-
पंजाब सरकार ने जनसंख्या को नियन्त्रित करने के लिए निम्नलिखित पग उठाए हैं-
स्वास्थ्य तथा डॉक्टरी सुविधाओं में वृद्धि-जनसंख्या को कम करने के लिए पंजाब सरकार ने शिक्षा के प्रसार का कार्य आरम्भ किया है। पंजाब सरकार की तरफ से परिवार नियोजन को सफल बनाने के लिए डॉक्टरी सुविधाओं का विस्तार किया है। गांवों में डिस्पैंसरियां तथा छोटे अस्पताल स्थापित किए हैं। इस प्रकार परिवार सीमित रखने के लिए लोगों को उत्साहित किया जाता है।

प्रश्न 5.
पंजाब की भौगोलिक स्थिति का वर्णन करें।
उत्तर-
पंजाब भारत का एक कृषि प्रधान राज्य है। इसका पुनर्गठन 1 नवम्बर, 1966 को किया गया। यह प्रान्त उत्तर में जम्मू-कश्मीर, दक्षिण में हरियाणा तथा राजस्थान से लगता है। इसके पूर्व में हिमाचल है तथा पश्चिम में पाकिस्तान का क्षेत्र है। यह प्रान्त उत्तर में 29° से 32° तथा पूर्व में 75° से 77° तक फैला हुआ है। इसको कृषि तथा जलवायु के आधार पर तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-

  • पहाड़ी क्षेत्र
  • मैदानी क्षेत्र
  • रेतीला क्षेत्र।

पंजाब के पुनर्गठन के पश्चात् इसका क्षेत्रफल 50362 वर्ग किलोमीटर अथवा 5036 हजार हेक्टेयर है। पंजाब भारत के कुल क्षेत्रफल का 1.5% भाग है। पंजाब की जनसंख्या 2001 की जनगणना के अनुसार 243.6 लाख है। इसमें 5 डिवीजन, 22 जिले, 90 तहसीलें, 81 सब-तहसीलें, 150 विकास खण्ड, 74 शहर, 143 कस्बे तथा 12581 गांव हैं। पंजाब में मुख्य तीन दरिया

  • सतलुज
  • ब्यास
  • रावी बहते हैं।

इनके अतिरिक्त घग्गर नदी भी जल साधन का स्रोत है।

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 26 पंजाब की मानवीय शक्ति और भौतिक साधन

प्रश्न 6.
पंजाब में वन सम्पत्ति की विशेषताएं बताएं।
उत्तर-
वन मनुष्यों के लिए महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक साधन हैं। एक राज्य की जलवायु, रोज़गार, वर्षा, बाढ़ नियन्त्रण इत्यादि पर वनों का बहुत प्रभाव पड़ता है। एच० कालबर्ट के अनुसार, “पंजाब की खुशहाली बहुत हद तक वनों पर निर्भर करती है क्योंकि यह भूमि कटाव को रोकते हैं।” पंजाब में वन साधन बहुत कम हैं। 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के कारण वन वाला क्षेत्र हिमाचल प्रदेश का भाग बन गया इसलिए पंजाब में वनों के अधीन क्षेत्र बहुत कम है। पंजाब में 3050 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वनों के अधीन है जो कि कुल क्षेत्रफल का 5.7% भाग है।

पंजाब में वन सम्पत्ति की विशेषताएं (Features of Forest Wealth of Punjab)-

  1. वनों के अधीन कम क्षेत्र-पंजाब में वनों के अधीन बहुत कम क्षेत्र है। पंजाब के कुल क्षेत्रफल का केवल 5.7% भाग वनों के अधीन है। प्रत्येक क्षेत्र की जलवायु को सन्तुलित रखने के लिए 33% क्षेत्रफल वनों के अधीन होना चाहिए किन्तु पंजाब में वनों के अधीन कम क्षेत्र होने के कारण इसकी जलवायु नीम शुष्क है।
  2. क्षेत्रीय असमानता-पंजाब के वनों की एक विशेषता यह है कि इसमें क्षेत्रीय असमानता पाई जाती है अर्थात् पंजाब के वनों का क्षेत्रीय विभाजन असमान है। पंजाब में अधिकतर वन होशियारपुर जिले में पाए जाते हैं जो कि कुल वनों का 33% भाग है। रोपड़ में 23% क्षेत्र वनों के अधीन है, शेष जिलों में वन बहुत कम हैं।

प्रश्न 7.
पंजाब सरकार की वन नीति पर नोट लिखें।
उत्तर-
पंजाब में भारत की स्वतन्त्रता से पूर्व वनों सम्बन्धी कोई नीति नहीं बनाई गई थी। परन्तु स्वतन्त्रता के पश्चात् वन नीति की तरफ विशेष ध्यान दिया गया। इसकी मुख्य विशेषताएं अनलिखित हैं-

  1. वन क्षेत्र विकास (Increase in Forest Area)-पंजाब का पुनर्गठन 1 नवम्बर, 1966 को किया गया। उस समय वनों के अधीन क्षेत्र 1872 वर्ग किलोमीटर था। इस समय लगभग 3054 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वन हैं जो कि कुल क्षेत्रफल का 5.7% भाग हैं।
  2. नर्सरियों की स्थापना (Establishment of Nursaries)-पंजाब सरकार ने नर्सरियों की स्थापना की है। इस समय लगभग 150 नर्सरियां हैं जिनमें पेड़ों के बीज लगा कर छोटे पेड़ तैयार किए जाते हैं।
  3. नए पेड़ लगाना (New Plantation)-पंजाब सरकार ने अधिक पेड़ लगाओ (Grow More Trees) की नीति अपनाई है जिसके अधीन लोगों को बहुत कम कीमत पर सरकारी नर्सरियों से पौधे दिए जाते हैं।
  4. घास लगाना (Grass Plantation)-पंजाब के नीम पहाड़ी क्षेत्रों में घास लगाया जाता है। इस प्रकार भूमि के कटाव को रोकने का प्रयत्न किया जाता है। वन सम्बन्धी खोज का कार्य पंजाब कृषि विद्यालय लुधियाना में किया जाता है। भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में वन लगाने के लिए सुझाव तथा प्रशिक्षण दिया जाता है। बारहवीं पंचवर्षीय योजना में वनों के विकास पर 5400 लाख रुपए व्यय किए गए थे। पंजाब में 3011 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वनों के अधीन हैं।

प्रश्न 8.
पंजाब सरकार की वन नीति पर नोट लिखें।
उत्तर-
पंजाब में भारत की स्वतन्त्रता से पूर्व वनों सम्बन्धी कोई नीति नहीं बनाई गई थी। परन्तु स्वतन्त्रता के पश्चात् वन नीति की तरफ विशेष ध्यान दिया गया। इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  1. वन क्षेत्र विकास (Increase in Forest Area)-पंजाब का पुनर्गठन 1 नवम्बर, 1966 को किया गया। उस समय वनों के अधीन क्षेत्र 1872 वर्ग किलोमीटर था। इस समय लगभग 3054 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वन हैं जो कि कुल क्षेत्रफल का 5.7% भाग हैं।
  2. नर्सरियों की स्थापना (Establishment of Nursaries)-पंजाब सरकार ने नर्सरियों की स्थापना की है। इस समय लगभग 150 नर्सरियां हैं जिनमें पेड़ों के बीज लगा कर छोटे पेड़ तैयार किए जाते हैं।
  3. नए पेड़ लगाना (New Plantation)-पंजाब सरकार ने अधिक पेड़ लगाओ (Grow More Trees) की नीति अपनाई है जिसके अधीन लोगों को बहुत कम कीमत पर सरकारी नर्सरियों से पौधे दिए जाते हैं।
  4. घास लगाना (Grass Plantation)-पंजाब के नीम पहाड़ी क्षेत्रों में घास लगाया जाता है। इस प्रकार भूमि के कटाव को रोकने का प्रयत्न किया जाता है। वन सम्बन्धी खोज का कार्य पंजाब कृषि विद्यालय लुधियाना में किया जाता है। भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में वन लगाने के लिए सुझाव तथा प्रशिक्षण दिया जाता है। बारहवीं पंचवर्षीय योजना में वनों के विकास पर 5400 लाख रुपए व्यय किए गए थे। पंजाब में 3011 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वनों के अधीन हैं।

प्रश्न 9.
पंजाब में शक्ति साधनों के महत्त्व पर नोट लिखें।
उत्तर-

  • कृषि के लिए महत्त्व-पंजाब कृषि प्रधान प्रान्त है। कृषि उत्पादन अधिक होने के कारण इसको भारत का अन्न भण्डार कहा जाता है। कृषि के विकास के लिए बिजली का विकास बहुत महत्त्वूपर्ण है।
  • बहु-उद्देशीय योजनाएं-पंजाब में बहु-उद्देशीय योजनाएं स्थापित की गई हैं। इन योजनाओं द्वारा बाढ़ को रोकना, भूमि की सुरक्षा, जल बिजली पैदा करना इत्यादि बहुत से उद्देश्यों की प्राप्ति होती है।
  • यातायात तथा संचार के लिए महत्त्व-बिजली का विकास यातायात तथा संचार के लिए भी महत्त्वपूर्ण होता है। पंजाब में टेलीविज़न, फ्रिज, डाक तथा तार विभाग में बिजली का प्रयोग किया जाता है।
  • उद्योगों के लिए महत्त्व-पंजाब में उद्योगीकरण की बहुत आवश्यकता है। विशेषतया घरेलू तथा छोटे पैमाने के कृषि आधरित उद्योगों का विकास करना चाहिए। इस लक्ष्य के लिए बिजली का योगदान महत्त्वपूर्ण है।

IV. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पंजाब की जनसंख्या की विशेषताएं बताएं। (Explain the features of Population (Demographic features) of Punjab.)
अथवा
पंजाब की जनसंख्या पर विस्तारपूर्वक नोट लिखें। (Write a detailed note as the Population of Punjab.)
उत्तर-
पंजाब प्रान्त की जनसंख्या की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
1. जनसंख्या का आकार तथा वृद्धि (Size and Growth of Population)-पंजाब राज्य का पुनर्गठन भाषा के आधार पर 1 नवम्बर, 1966 में किया गया। पंजाब का क्षेत्रफल सारे भारत का 1.5% भाग है।
2011 में पंजाब की जनसंख्या बढ़कर 277 लाख हो गई है। जनसंख्या में वृद्धि के कारण निम्नलिखित हैं –

  • पंजाब में जन्म दर बहुत अधिक है जो कि इस समय 24.2 प्रति हज़ार है।
  • पंजाब में मृत्यु दर तीव्रता से कम हो रही है।
  • पंजाब की प्रति व्यक्ति आय अधिक होने से जनसंख्या में वृद्धि हुई है।
  • पंजाब के 62.5% लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं।
  • गांव के लोग अशिक्षित तथा अज्ञानी होने के कारण जनसंख्या वृद्धि की दर अधिक है।

2. जन्म दर तथा मृत्यु दर (Birth Rate and Death Rate)-जनसंख्या में वृद्धि जन्म दर तथा मृत्यु दर पर निर्भर करती है। एक वर्ष में एक हज़ार मनुष्यों के पीछे जितने बच्चे जन्म लेते हैं उसको जन्म दर कहा जाता है तथा जितने व्यक्ति मर जाते हैं, उसको मृत्यु दर कहते हैं। 1970 में पंजाब की जन्म दर 33.8 प्रति हज़ार थी जो कि 2011 में कम होकर 24.2 प्रति हज़ार रह गई है। मृत्यु दर 1970 में 11.4 प्रति हजार थी। 2020-21 में मृत्यु दर कम होकर 7.1 प्रति हज़ार रह गई है। इस कारण जनसंख्या में वृद्धि तीव्र गति से हुई है।

3. जनसंख्या की सघनता (Density of Population)-एक वर्ग किलोमीटर में जितनी जनसंख्या रहती है, उसको जनसंख्या की सघनता कहते हैं।
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 26 पंजाब की मानवीय शक्ति और भौतिक साधन 2
पंजाब में 2011 की जनगणना के अनुसार सघनता 551 प्रति वर्ग किलोमीटर है। यदि हम भिन्न-भिन्न जिलों में सघनता के आंकड़े देखते हैं तो लुधियाना जिले की सघनता 648 है जो कि सब जिलों से अधिक है तथा मुक्तसर जिले की सघनता 252 है जो कि सबसे कम है।

4. स्त्री-पुरुष अनुपात (Sex Ratio)-पंजाब में स्त्री-पुरुष अनुपात में निरन्तर वृद्धि हो रही है। स्त्री-पुरुष अनुपात से अभिप्राय है एक हजार पुरुषों के पीछे कितनी स्त्रियां हैं। पंजाब में पुरुषों की तुलना में स्त्रियों का अनुपात निरन्तर कम हो रहा है। इसका विवरण निम्नलिखित सूची पत्र द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-

स्त्री-पुरुष अनुपात
PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 26 पंजाब की मानवीय शक्ति और भौतिक साधन 3

सूची पत्र से ज्ञात होता है कि पंजाब में स्त्री पुरुष अनुपात में निरन्तर कमी हो रही है। इसलिए पंजाब सरकार ने गर्भावस्था के समय बच्चों के परीक्षण पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। इसके सम्बन्ध में कड़े कानून बनाए गए हैं।

5. औसत आयु (Average Age)-पंजाब में औसत आयु में वृद्धि हो रही है। 1991 की जनगणना के अनुसार पंजाब में औसत आयु 66 वर्ष आंकी गई थी। 2011 में पंजाब में औसत आयु परुष 71 वर्ष तथा स्त्रियां 74 होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

6. ग्रामीण तथा शहरी जनसंख्या (Rural and Urban Population)-पंजाब 2011 की जनगणना अनुसार 62.51% लोग गांवों में रहते हैं तथा 37.49% लोग शहरों में रहते हैं। नवम् पंचवर्षीय योजना के ड्रॉफ्ट के अनुसार, “राज्य के आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप ग्रामीण तथा शहरी खुशहाली के कारण शहरीकरण का रुझान बढ़ा है। इसके मुख्य कारण यह हैं कि पंजाब में छोटे पैमाने के उद्योग विकसित हुए हैं, किसानों की आय में वृद्धि हुई है। इसलिए पंजाब में लोगों का रुझान शहरों की तरफ बढ़ रहा है। अगर हम विकसित देशों जैसे कि जापान, अमेरिका, इंग्लैण्ड, कैनेडा को देखते हैं तो इनमें अधिकतर लोग शहरों में रहते हैं। परन्तु पंजाब कृषि प्रधान राज्य है इसलिए गांवों में अधिक लोग रहते हैं।

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 26 पंजाब की मानवीय शक्ति और भौतिक साधन

7. साक्षरता अनुपात (Literacy Ratio)-साक्षरता अनुपात से अभिप्राय है कि एक क्षेत्र में कितने प्रतिशत लोग शिक्षित हैं। किसी देश का आर्थिक विकास उस देश में साक्षरता अनुपात पर निर्भर करता है। 2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब में 75.8% जनसंख्या शिक्षित है। इसमें पुरुषों का साक्षरता अनुपात अधिक है क्योंकि पंजाब के 81.5% पुरुष शिक्षित हैं तथा स्त्रियों में 71.3% स्त्रियां साक्षर हैं। अगर हम अन्य राज्यों से पंजाब की साक्षरता अनुपात की तुलना करते हैं तो अन्य राज्यों के मुकाबले पंजाब की साक्षरता अनुपात 10वें स्थान पर है। अर्थात् 10 राज्यों में साक्षरता अनुपात पंजाब से अधिक है। पंजाब में 72% शहरी जनसंख्या तथा 28% ग्रामीण जनसंख्या साक्षर है।

प्रश्न 2.
पंजाब में ऊर्जा के मुख्य स्रोत कौन-कौन से हैं ? पंजाब की मुख्य ऊर्जा परियोजनाओं पर प्रकाश डालें। (What are main two sources of Energy in Punjab ? Explain the energy Projects of Punjab.)
उत्तर-
पंजाब की आर्थिक उन्नति के लिए शक्ति की बहुत आवश्यकता है। पंजाब में शक्ति का प्रति व्यक्ति उपभोग 684 किलोवाट घंटे प्रति वर्ष है जो कि भारत में प्रति व्यक्ति उपभोग से लगभग दो गुणा है। पंजाब में शक्ति के मुख्य दो साधन हैं-
A. जल बिजली (Hydro Electricity)
B. ताप बिजली (Thermal Electricity)

पंजाब में बिजली के उत्पादन सामर्थ्य में बहुत वृद्धि हुई है। 1966-67 में बिजली का उत्पादन सामर्थ्य 2364 मैगावाट थी। वर्ष 2020-21 में उत्पादन सामर्थ्य बढ़ कर 45713 मिलियन किलोवाट घण्टे हो गई है। बिजली के शक्ति साधनों का मुख्य विवरण इस प्रकार है –

A. जल बिजली (Hydro Electricity)-पंजाब में स्वतन्त्रता के पश्चात् विद्युत् उत्पादन के लिए निम्नलिखित परियोजनाएं स्थापित की गईं। जल बिजली द्वारा 8415 kWh बिजली पैदा की जाती है।
1. भाखड़ा-नंगल प्रोजैक्ट (Bhakhra Nangal Project)-भाखड़ा-नंगल प्रोजैक्ट 1948 में आरम्भ किया गया था। यह भारत का सबसे बड़ा पन बिजली प्रोजैक्ट है जो कि पंजाब, राजस्थान, हरियाणा तथा दिल्ली प्रान्त के संयुक्त प्रयत्न से स्थापित किया गया। इस प्रोजैक्ट में बिजली घर बनाए गए हैं जो कि कोटला, गंगूवाल तथा भाखड़ा डैम पर स्थित हैं। इस डैम की उत्पादन शक्ति 1258 मैगावाट है। इसमें से पंजाब को 736 मैगावाट बिजली का भाग मिलता है।
2. ब्यास प्रोजैक्ट (Bias Project)-यह प्रोजैक्ट पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान का संयुक्त उपक्रम है। इस प्राजैक्ट के दो भाग हैं-

  • ब्यास यूनिट I
  • ब्यास यूनिट II ।

इन दोनों यूनिटों का अब विस्तार किया गया है। इस प्रोजैक्ट की उत्पादन सामर्थ्य में से पंजाब को 566 मैगावाट बिजली मिलती है।
3. शानन प्रोजैक्ट (Shanan Project)-यह प्रोजैक्ट पंजाब का सबसे पुराना बिजली घर है जो कि जोगिन्द्र नगर में स्थित है। इस प्रोजैक्ट की स्थापना 1932 में 10 करोड़ की लागत से की गई थी। शानन प्रोजैक्ट की बिजली उत्पादन सामर्थ्य 10 मैगावाट है।

4. मुकेरियां हाइडल प्रोजैक्ट (Mukerian Hydle Project)-यह प्रोजैक्ट तलवाड़ा के निकट मुकेरियां के स्थान पर स्थापित किया गया है। इस प्रोजैक्ट पर 357 करोड़ रुपए व्यय होने का अनुमान है। इस प्रोजैक्ट में चार पावर हाउस तथा पेट्रोल पावर हाऊस में तीन इकाइयां बनाने की योजना है। इस प्रोजैक्ट के द्वितीय चरण पर कार्य हो रहा है। पूर्ण होने पर इसकी उत्पादन शक्ति 207 मैगावाट होने का अनुमान है।

5. आनन्दपुर साहिब हाइडल प्रोजैक्ट (Anandpur Sahib Hydle.Project)-यह प्रोजैक्ट सतलुज नदी पर बनाया गया है। इसमें नंगल डैम से पानी लेकर बिजली बनाने का प्रयत्न किया गया है। इस प्रोजैक्ट द्वारा 134 मैगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है।

6. अपर-बारी दोआब बिजली घर (Uppar Bari Doab Power House)-यह बिजली घर मलिकपुर के स्थान पर बनाया गया है। बिजली घर के दो यूनिट हैं। प्रथम यूनिट 1973 में पूर्ण हो गया है जिसकी उत्पादन शक्ति 45 मैगावाट है। दूसरे यूनिट पर काम चल रहा है।

7. थीन डैम (Thein Dam)-इस डैम को महाराजा रणजीत सिंह के नाम पर रणजीत सिंह सागर डैम भी कहा जाता है। थीन डैम माधोपुर के स्थान पर रावी नदी पर स्थित है। इस प्रोजैक्ट के चार यूनिट स्थापित किए जाएंगे जिनकी कुल उत्पादन शक्ति 600 मैगावाट होगी। इस प्रोजैक्ट पर 1.132 करोड़ रुपए व्यय होने की सम्भावना है।

B. ताप बिजली (Thermal Electricity)-ताप बिजली घरों में कोयले अथवा डीज़ल का प्रयोग करके बिजली पैदा की जाती है। पंजाब में ताप बिजली द्वारा 5204 kWh मिलियन बिजली की पैदावार की जाती है। ताप बिजली की स्थिति इस प्रकार है-
1. भटिण्डा ताप बिजली घर (Bathinda Thermal Plant)-भटिण्डा में गुरु नानक देव ताप बिजली घर का निर्माण 1974 में आरम्भ हुआ था। इस प्लांट की चार इकाइयां लगाई गई थीं जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 440 मैगावाट है। सातवीं योजना में इस बिजली घर की दो अन्य इकाइयां लगाने की आज्ञा दी गई थी जिनकी उत्पादन क्षमता 2748 मैगावाट होगी। यह यूनिट अब बंद हो गया है।

2. रोपड़ थर्मल प्रोजैक्ट (Ropar Thermal Project)-यह थर्मल प्लांट रोपड़ में स्थापित किया गया है। इसकी पांच इकाइयां लगाई गई हैं जिनकी उत्पादन क्षमता 9224 मैगावाट है।

प्रश्न 3.
पंजाब की वन सम्पत्ति का विवरण दें। इसके महत्त्व को स्पष्ट करें। (Discuss the forest wealth of Punjab and Explain its Importance.)
उत्तर-
वन प्रकृति की निःशुल्क तथा महान् देन माने जाते हैं। प्रत्येक देश के विकास के लिए वनों का विकास महत्त्वपूर्ण माना जाता है। वातावरण को ठीक रखने के लिए कुल भूमि का 33% भाग वनों के अधीन होना चाहिए। इससे जलवायु ठीक रहती है। पंजाब में वन साधनों की कमी पाई जाती है। पंजाब का कुल क्षेत्रफल 50,362 वर्ग किलोमीटर है जिसमें से 3050 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वनों के अधीन है जो कि कुल क्षेत्रफल का 6% भाग है।

अगर हम पंजाब की वन सम्पत्ति को देखते हैं तो वन सम्पत्ति की स्थिति सन्तोषजनक नहीं है। पंजाब के वनों का 33% भाग होशियारपुर में पाया जाता है जबकि जालन्धर, मानसा, संगरूर, कपूरथला इत्यादि में वन बहुत कम पाए जाते

वनों का वर्गीकरण (Classification of Forests)-
पंजाब में वनों का वर्गीकरण दो प्रकार से किया जा सकता है-
1. कानूनी आधार के अनुसार (According to Legal Status)-पंजाब सरकार ने कानून के आधार पर वनों की तीन श्रेणियां बनाई हैं_

  • आरक्षित वन (Reserve Forest)-आरक्षित वन वे वन हैं जिनको सरकार की आज्ञा के बिना कोई मनुष्य काट नहीं सकता। पंजाब सरकार ने 44 वर्ग किलोमीटर भूमि में आरक्षित वन स्थापित किए हैं। ये वन जलवायु ठीक रखने, बाढ़ की रोकथाम के लिए आवश्यक हैं।
  • सुरक्षित वन (Protective Forest)-इन वनों से औद्योगिक लकड़ी पाई जाती है। यह वन विशेष शर्तों पर व्यक्तियों को ठेके पर दिए जाते हैं। 2020-21 में 2711 वर्ग किलोमीटर पर सुरक्षित वन थे।
  • अवर्गीकृत वन (Unclassified Forest)-यह वन सरकार द्वारा निजी प्रयोग के लिए प्रयोग होने वाली लकड़ी के रूप में आते हैं। इन वनों का सरकार ठेका देती है।

2. स्वामित्व के आधार अनुसार (According to Ownership)-इस आधार पर वनों को दो भागों में विभाजित किया जाता है-

  • सरकारी वन (State Forest)-यह वन सरकार के अधीन क्षेत्र में पाए जाते हैं। 1965-66 में 748 वर्ग किलोमीटर में सरकारी वन थे जोकि 2020-21 में 3315 वर्ग किलोमीटर में पाए जाते हैं।
  • निजी वन (Private Forest)-निजी स्वामित्व के अधीन 1965-66 में 1124 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र था जो 2020-21 में बढ़ कर 166 वर्ग किलोमीटर हो गया है।

वनों की किस्में (Types of Forests) वनों की मुख्य किस्में इस प्रकार हैं-

  1. पहाड़ी वन-यह वन पहाड़ी क्षेत्रों होशियारपुर में पाए जाते हैं। इन वनों में चील की लकड़ी प्राप्त होती है जो कि निर्माण के कार्य में प्रयोग की जाती है।
  2. बाँस के वन-ये वन भी होशियारपुर के क्षेत्र में स्थित हैं। इनसे बाँस की लकड़ी प्राप्त होती है।
  3. शुष्क वन-पंजाब में बबूल, टाहली, इत्यादि के पेड़ जो शिवालिक पर्वत श्रेणी में पाए जाते हैं। इनको कांटेदार वन भी कहा जाता है।
  4. फल वाले वन-ऐसे वनों की पंजाब में कमी है। इनमें आम, अंगूर, अमरूद के फल वाले पेड़ शामिल हैं। इसका कुछ भाग रोपड़ जिले में पाया जाता है।
  5. अन्य वन-इनमें सफेदा, शीशम, थोहर इत्यादि शामिल किए जाते हैं। ये वन पंजाब में भिन्न-भिन्न स्थानों पर पाए जाते हैं।

वनों का महत्त्व अथवा लाभ (Importance or Advantages of Forest) पंजाब में वनों से दो प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं –
A. प्रत्यक्ष लाभ (Direct Advantages)

  1. इमारती लकड़ी-पंजाब के वनों से कई प्रकार की इमारती लकड़ी प्राप्त होती है जैसे कि शीशम, टाहली, आम, .. सफ़ेदा इत्यादि जो फर्नीचर तथा इमारतें बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।
  2. कच्चे माल की प्राप्ति-पंजाब के वनों से कच्चे माल की प्राप्ति भी होती है। इससे खेलों का सामान बनाने वाले उद्योग, काग़ज़ उद्योग इत्यादि का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त रंग-रोगन बनाने के लिए कच्चा माल भी वनों से प्राप्त किया जाता है।
  3. चारा-वनों से पशुओं के लिए चारा प्राप्त किया जाता है। यह चारा हरी तथा सूखी घास, पत्तेदार झाड़ियों द्वारा प्राप्त होता है।
  4. रोज़गार-वनों द्वारा लोगों को रोजगार भी प्राप्त होता है। 2020-21 में लगभग 13068 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ। यह लोग ठेकेदारों द्वारा वनों की कटाई इत्यादि कामों में लगे हुए हैं। 1966-67 की तुलना में वनों द्वारा रोजगार में दो-गुणा वृद्धि हो गई है।
  5. राज्य सरकार को आय-पंजाब सरकार को वनों द्वारा आय प्राप्त होती है। 2020-21 में वनों द्वारा 12 करोड़ 95 लाख की आय होने का अनुमान था।
  6. वस्तुओं का उत्पादन-पंजाब के वनों से कई प्रकार की वस्तुएं उत्पादित की जाती हैं जैसे कि गोंद, कत्था, बांस, गन्दा बिरोजा इत्यादि। 2020-21 में 4 करोड़ 95 लाख रुपए की वस्तुएं प्राप्त होने का अनुमान था।

PSEB 11th Class Economics Solutions Chapter 26 पंजाब की मानवीय शक्ति और भौतिक साधन

B. अप्रत्यक्ष लाभ (Indirect Advantages)वनों में अप्रत्यक्ष लाभ इस प्रकार हैं –

  1. वनों द्वारा बाढ़ की रोकथाम होती है। वन जल की रफ्तार काफ़ी कम कर देते हैं।
  2. वनों द्वारा भूमि के कटाव (Soil Erosion) की समस्या का हल होता है। पेड़ों की जड़ों में मिट्टी फंस जाती है इसलिए भूमि के कटाव की समस्या उत्पन्न नहीं होती।
  3. वन रेगिस्तान को बढ़ने से रोकते हैं। वन होने के कारण रेत के टीले आगे नहीं बढ़ सकते।
  4. वन जलवायु को अच्छा बनाने के लिए भी लाभदायक होते हैं, गर्मियों में मौसम ठंडा रखने में सहायक होते हैं क्योंकि वनों के कारण वर्षा होती है। सर्दियों में शीत लहर को भी वन रोकते हैं।
  5. तेज़ हवाएं, आंधी, तूफ़ान को रोकने के लिए भी वन सहायक होते हैं। जे० एस० कोलिन्स के शब्दों में “पेड़ पहाड़ों को रोकते हैं, वर्षा तथा तूफान को दबाते हैं, दरियाओं को सुचारु बनाते हैं, झरनों को बनाए रखते हैं, पक्षियों का पालन करते हैं।”

पंचवर्षीय योजनाओं में वनों का विकास-पांचवीं पंचवर्षीय योजना में वनों पर 608 लाख रुपये खर्च किए गए। ग्यारहवीं योजना में वनों के विकास पर 2000 लाख रुपए खर्च किये गए। 2020-21 में वनों के विकास पर 1200 लाख रुपए खर्च किए गए।