PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

Punjab State Board PSEB 7th Class Physical Education Book Solutions Chapter 5 योग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Physical Education Chapter 5 योग

PSEB 7th Class Physical Education Guide योग Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
‘योग’ शब्द से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
योग शब्द संस्कृत के ‘युज’ शब्द से बना है जिसका अर्थ है मिलाना। साधारण शब्दों में योग का अर्थ मनुष्य को परमात्मा से मिलाना है अर्थात् वह विज्ञान जो हमें परमात्मा से मिलने का मार्ग दिखाता है उसे योग कहते हैं।

प्रश्न 2.
ऋषि पतंजली के अनुसार योग क्या है ?
उत्तर-
योग का उद्देश्य एकता, मिलाप और प्रेम है। मनुष्य का मन चंचल होने के कारण हर समय भटकता रहता है जो कभी रुक नहीं सकता। योग की मदद से मन को नियंत्रित कर सकते हैं। महर्षि पतंजली के अनुसार मन की वृत्तियों को रोकना ही योग है।
विभिन्न विद्वानों ने ‘योग’ को इस प्रकार परिभाषित किया है—
डॉ० राधाकृष्ण के अनुसार, “योग वह मार्ग है जो व्यक्ति को अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।”
श्री रामचरण के अनुसार, “योग व्यक्ति के तन को स्वास्थ्य, मन को शान्ति व आत्मा को चैन प्रदान करता है।”

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

प्रश्न 3.
योग की कोई एक परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
डॉ० राधाकृष्ण के अनुसार, “योग वह मार्ग है जो व्यक्ति को अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।”

प्रश्न 4.
‘आसन’ शब्द से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
आसन प्राचीन यौगिक अभ्यास है जिससे प्राणायाम, ध्यान और समाधि का आधार तैयार होता है। आसन’ शब्द संस्कृत भाषा के शब्द ‘अस’ से लिया गया है जिसका मतलब है बैठने की कला। ऋषि पतंजली द्वारा “योग सूत्र में आसन का अर्थ व्यक्ति की उस स्थिति से है जिसमें वह अधिक-से-अधिक समय आसानी से बैठ सके।”

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

प्रश्न 5.
आसन कितने प्रकार के होते हैं। विस्तारपूर्वक लिखिए।
उत्तर-

  1. उपचार के लिए आसन-इन आसनों में मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है और अनेक कुरूपताओं का उपचार किया जा सकता है।
  2. साधना के लिए आसन-इन आसनों में शरीर को एक स्थिति में रख कर लम्बे समय तक बैठकर ध्यान केन्द्रित किया जाता है।
  3. आराम के लिए आसन-इन आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर को आराम देना होता है और लेटकर किए जाते हैं। इन आसनों से शारीरिक व मानसिक थकावट दूर होती है।

प्रश्न 6.
योग सिर्फ एक ईलाज की विधि है-इस धारणा के बारे में अपने विचार लिखिए।
उत्तर-
1. क्या योग एक विशेष धर्म से सम्बन्धित है-भारत में योग प्राचीन समय में ऋषि-मुनियों द्वारा आरम्भ किया गया है। इसलिए आम लोग इसे हिन्दू धर्म सम्बन्धित मानते हैं और योग केवल हिन्दुओं के लिए है। यह धारणा बिल्कुल गलत है। योग को किसी भी धर्म को मानने वाला अपना सकता है क्योंकि योग तो एक किस्म का शारीरिक व्यायाम है जिसका किसी धर्म से लेना-देना नहीं।

2. क्या योग केवल पुरुषों के लिए है-कुछ लोग मानते हैं कि योग करने वाले व्यक्ति को कठिन नियमों का पालन करना पड़ता है और योग केवल पुरुष ही कर सकते हैं। योग स्त्रियों के लिए नहीं है। सच्चाई यह है कि योग के लिए कोई कठोर नियम नहीं है और योग स्त्रियों के लिए भी उतना लाभदायक है जितना पुरुषों के लिए लाभदायक है।

3. क्या योग केवल रोगियों के लिए है-योग से कई प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं। इसलिए कई लोग यह सोचते हैं कि योग केवल इलाज के लिए है और रोगियों के लिए है। यह धारणा गलत है क्योंकि कोई भी स्वस्थ मनुष्य योग कर सकता है और शरीर को बीमारियों से बचा सकता है।

4. क्या योग सिर्फ संन्यासियों के लिए है-ऋषि मुनि प्राचीन काल में योग का अभ्यास जंगलों में रह कर किया करते थे। आज भी कुछ लोग सोचते हैं योग करने के लिए मनुष्य को घर छोड़ना पड़ता है। एक गृहस्थी के लिए योग करना ठीक नहीं जोकि बिल्कुल गलत है। सच्चाई तो यह है कि योग घर में रहकर भी कर सकते हैं।

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

Physical Education Guide for Class 7 PSEB योग Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
योग के बारे में अपने शब्दों में लिखें ।
उत्तर-
योग शब्द संस्कृत के ‘युज’ शब्द से बना है जिसका अर्थ है मिलाना, मिलाप और प्रेम। योग के द्वारा व्यक्ति का परमात्मा से मेल।

प्रश्न 2.
महर्षि पतंजली के अनुसार योग के बारे में लिखें।
उत्तर-
महर्षि पतंजली के अनुसार मन की वृत्तियों को रोकना अथवा उनको नियंत्रित करना ही योग है।

प्रश्न 3.
योग सम्बन्धी कोई एक भ्रामक धारणा लिखें।
उत्तर-
योग किसी विशेष धर्म से सम्बन्धित नहीं है।

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

प्रश्न 4.
आसन क्या है ?
उत्तर-
ऋषि पतंजली के अनुसार आसन का अर्थ व्यक्ति की उस स्थिति से है जिसमें वह अधिक-से-अधिक समय आसानी से बैठ सके।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न-
आसनों के कोई तीन सिद्धान्त लिखें।
उत्तर-

  1. आसन करने के लिए आयु व लिंग का ध्यान रखना ज़रूरी है। बच्चों को अधिक कठोर आसन नहीं करने चाहिए, जिनसे उनकी शारीरिक वृद्धि प्रभावित हो।
  2. आसन करते समय अधिक ज़ोर नहीं लगाना चाहिए। आसन करते समय शरीर सहज, स्थिर व आरामदायक स्थिति में रहना चाहिए।
  3. आसन का अभ्यास करते समय शरीर को धीरे-धीरे मोड़ना चाहिए। आसन करते समय एक दम झटका नहीं देना चाहिए।

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न-
आसन के सिद्धान्त विस्तार से लिखें।
उत्तर-
आसन करने वाले व्यक्ति को कुछ सिद्धान्तों का पालन करना पड़ता है। इन सिद्धान्तों का पालन करने से हम आसनों से पूरा लाभ ले सकते हैं। ये सिद्धान्त इस प्रकार हैं

  1. आसन करते समय मांसपेशियों में तनाव पैदा होना ज़रूरी है। तनाव से लचक पैदा होती है।
  2. आसन करते समय आयु और लिंग का ध्यान रखना आवश्यक है। बच्चों को कठोर आसन नहीं करने चाहिए जिससे उनके शरीर की वृद्धि में रुकावट न आ जाए। लड़कियों को मयूरासन अधिक नहीं करना चाहिए।
  3. आसन करते समय अधिक ज़ोर नहीं लगाना चाहिए। आसन करते समय शरीर सहज, स्थिर व आरामदायक स्थिति में रहना चाहिए।
  4. आसन का अभ्यास करते समय शरीर को धीरे-धीरे मोड़ना चाहिए। आसन करते समय जरक अथवा झटका नहीं लगाना चाहिए।
  5. आसन हमेशा प्रगति के सिद्धान्त के अनुसार करने चाहिए। पहले आसान आसन करने चाहिए। उसके पश्चात् कठिन आसनों का अभ्यास करना चाहिए।
  6. गर्भवती महिलाओं को और हृदय रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को कठिन आसन नहीं करने चाहिए।
  7. आसन करने वाला स्थान साफ और शांत होना चाहिए। सुबह का समय आसन करने के लिए सबसे उच्च माना जाता है।
  8. आसन खाना खाने के चार घण्टे बाद या निराहार रह कर करने चाहिए।

प्रश्न 4.
आसन क्या है ?
उत्तर-
ऋषि पतंजली के अनुसार आसन का अर्थ व्यक्ति की उस स्थिति से है जिसमें वह अधिक-से-अधिक समय आसानी से बैठ सके।

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न-
आसनों के कोई तीन सिद्धान्त लिखें।
उत्तर-

  1. आसन करने के लिए आयु व लिंग का ध्यान रखना ज़रूरी है। बच्चों को अधिक कठोर आसन नहीं करने चाहिए, जिनसे उनकी शारीरिक वृद्धि प्रभावित हो।
  2. आसन करते समय अधिक ज़ोर नहीं लगाना चाहिए। आसन करते समय शरीर सहज, स्थिर व आरामदायक स्थिति में रहना चाहिए।
  3. आसन का अभ्यास करते समय शरीर को धीरे-धीरे मोड़ना चाहिए। आसन करते समय एक दम झटका नहीं देना चाहिए।

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 5 योग

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न-
आसन के सिद्धान्त विस्तार से लिखें।
उत्तर-
आसन करने वाले व्यक्ति को कुछ सिद्धान्तों का पालन करना पड़ता है। इन सिद्धान्तों का पालन करने से हम आसनों से पूरा लाभ ले सकते हैं। ये सिद्धान्त इस प्रकार

  1. आसन करते समय मांसपेशियों में तनाव पैदा होना ज़रूरी है। तनाव से लचक पैदा होती है।
  2. आसन करते समय आयु और लिंग का ध्यान रखना आवश्यक है। बच्चों को कठोर आसन नहीं करने चाहिए जिससे उनके शरीर की वृद्धि में रुकावट न आ जाए। लड़कियों को मयूरासन अधिक नहीं करना चाहिए।
  3. आसन करते समय अधिक ज़ोर नहीं लगाना चाहिए। आसन करते समय शरीर सहज, स्थिर व आरामदायक स्थिति में रहना चाहिए।
  4. आसन का अभ्यास करते समय शरीर को धीरे-धीरे मोड़ना चाहिए। आसन करते समय जरक अथवा झटका नहीं लगाना चाहिए।
  5. आसन हमेशा प्रगति के सिद्धान्त के अनुसार करने चाहिए। पहले आसान आसन करने चाहिए। उसके पश्चात् कठिन आसनों का अभ्यास करना चाहिए।
  6. गर्भवती महिलाओं को और हृदय रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को कठिन आसन नहीं करने चाहिए।
  7. आसन करने वाला स्थान साफ और शांत होना चाहिए। सुबह का समय आसन करने के लिए सबसे उच्च माना जाता है।
  8. आसन खाना खाने के चार घण्टे बाद या निराहार रह कर करने चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical बटन लगाना और काज बनाना Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बटन हमेशा किस कपड़े पर लगाना चाहिए ?
उत्तर-
बटन हमेशा दोहरे कपड़े पर लगाना चाहिए।

प्रश्न 2.
कमीज़ वाले बटनों में कितने छिद्र होते हैं ?
उत्तर-
कमीज़ वाले बटनों में दो या चार छिद्र होते हैं।

प्रश्न 3.
काज किस प्रकार के कपड़ों पर बनाना चाहिए ?
उत्तर-
काज हमेशा दोहरे कपड़ों पर बनाना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

प्रश्न 4.
धागा कहाँ लपेटना चाहिए ?
उत्तर-
धागा डंडी के आस-पास लपेटना चाहिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बटन लगाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-
बटन लगाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  1. सभी बटनों की डंडी बनानी ज़रूरी है। डंडी के साथ बटन कपड़े के नीचे से ऊँचा रहता है। इससे बटन बंद करना आसान होता है और बटन के नीचे का कपड़ा नहीं घिसता।
  2. डंडी के आस-पास भी धागा लपेटना चाहिए ताकि काज के साथ रगड़ खाकर जल्दी टूट न जाए।
  3. जहाँ तक संभव हो टाँके बटन के छिद्र की सीध में ही होना चाहिए।
  4. बटन सफ़ाई और मज़बूती से लगाए जाने चाहिए।
  5. बटन हमेशा दोहरे कपड़े पर लगाना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

प्रश्न 2.
कमीज़ में दो छिद्रों वाले बटन कैसे लगाते हैं ?
उत्तर-
कमीज़ में दो छिद्रों वाले बटन लगाने के लिए बटन को अपनी जगह पर ही रखते हैं और छिद्र में से सूई कपड़े के नीचे से निकालते हैं और दूसरे छिद्र में डालकर कपड़े के नीचे ले जाते हैं। इस तरह तीन, चार, पाँच टाँके लगाने के बाद डंडी बनाते हैं।

प्रश्न 3.
कमीज़ में चार छिद्रों वाले बटन कैसे लगाते हैं ?
उत्तर-
कमीज़ में चार छिद्रों वाले बटनों को क्रॉस (×) बनाकर सीधी लाइनों में या चौरस शक्ल के टाँके लगाकर बनाते हैं। धागे को छेदों से इतनी बार निकालते हैं कि छिद्र भर जाए। बाद में डंडी बनाकर धागे को नीचे ले जाते हैं और एक बखिए का टाँका लगाकर कपड़े की दो तहों में से सूई निकालकर धागा तोड़ देते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
काज बनाने की विधि का सचित्र वर्णन करो।
उत्तर-
1. काज हमेशा दोहरे कपड़े पर बनाना चाहिए। जिस जगह पर काज बनाना हो वहाँ बटन के आकार के अनुसार पेंसिल का निशान लगाना चाहिए, फिर ब्लेड से या छोटी कैंची से वहाँ काट देना चाहिए। उतना ही काटना चाहिए जिसमें बटन जरा मुश्किल से निकल सके। अधिक खुले काज में से बटन अपने आप निकल जाते हैं।
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 1
चित्र 5.1 काज बनाना

2. पतली लम्बी सूई में धागा डालते हैं। धागे को गाँठ नहीं लगाते हैं।

3. सूई को काज के बाएँ किनारे से ले जाते हैं और कपड़े की ऊपर वाली तह के बीच से दो-तीन धागे को लेकर सूई निकालते हैं। धागे का 14″ किनारा छोड़कर धागा खींच लेते हैं। इसे ” धागे के पहले कुछ टाँकों में दबा देते हैं।

4. काटे हुए किनारे का काज टाँका बनाते हैं।
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 2
चित्र 5.2 काज बनाना
चित्र 5.3 काज बनाना

5. काज का गोल किनारा बनाने के लिए किनारे के साथ-साथ 9 या 7 सीधे टाँके लगाते हैं। बीच वाला टाँका कटाव के बिल्कुल मध्य में होना चाहिए। टाँकों की लम्बाई बराबर होनी चाहिए और किनारा गोल बनाना चाहिए।
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 3
चित्र 5.4 काज बनाना

6. काटे गए दूसरे किनारे पर काज टाँका बनाते हैं।

7. किनारे पर पहुँच कर सूई पहले टाँके की गाँठ में डालते हैं और आखिरी टाँके के सिरे से निकालते हैं। पहले और आखिरी टाँके एक सिरे से दूसरे सिरे तक 9 या 7 टाँके काज टाँके की सीध में बनाते हैं। इन टाँकों की गिनती गोलाई वाले टाँकों के बराबर होनी चाहिए।
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 4
चित्र 5.5 काज बनाना
चित्र 5.6 काज बनना
PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना 5
चित्र 5.7 काज बनाना
चित्र 5.8 काज बनना

8. सूई को उल्टी तरफ़ ले जाते हैं और पिछली तरफ़ के टाँकों में से धागा निकालते हैं और तोड़ देते हैं। पिछली तरफ़ से टाँके भी सामने के भाग की तरफ़ एक समान और एक सीध में रखते हैं।

PSEB 8th Class Home Science Practical बटन लगाना और काज बनाना

बटन लगाना और काज बनाना PSEB 8th Class Home Science Notes

  • बटन हमेशा दोहरा कपड़ों पर लगाना चाहिए।
  • कमीज़ वाले बटनों में दो या चार छिद्र होते हैं।
  • काज हमेशा दोहरे कपड़े पर बनाना चाहिए।
  • कपड़े में कटाव उतना ही होना चाहिए जिसमें से बटन ज़रा मुश्किल से निकल सके।
  • काज का गोल किनारा बनाने के लिए किनारे के साथ-साथ 9 से 7 सीधे टाँके लगाते हैं।

PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 5 भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र

Punjab State Board PSEB 10th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 5 भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 5 भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र

SST Guide for Class 10 PSEB भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द/एक पंक्ति (1-15 शब्दों) में लिखो

प्रश्न 1.
भारत की विदेश नीति का एक मूल सिद्धान्त लिखो।
उत्तर-

  1. गुट-निरपेक्षता की नीति में विश्वास।
  2. पंचशील के सिद्धान्तों में विश्वास।
  3. संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण विश्वास।
  4. साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद का विरोध। (कोई एक लिखें)

प्रश्न 2.
पंचशील से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
अप्रैल, 1954 को भारत के प्रधानमन्त्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू और चीन के प्रधानमन्त्री चाऊ-एन-लाई ने जो पांच सिद्धान्त स्वीकार किए। उन्हें सामूहिक रूप से पंचशील कहते हैं।

प्रश्न 3.
गुट-निरपेक्षता की नीति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
गुट-निरपेक्षता की नीति से अभिप्राय सैनिक गुटों से अलग रहने की नीति से है।

PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 5 भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र

प्रश्न 4.
भारत और संयुक्त राज्य में सम्बन्ध बिगड़ने का एक मुख्य कारण लिखो।
उत्तर-
भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में सम्बन्ध बिगड़ने का एक मुख्य कारण यह है कि अमेरिका पाकिस्तान को सैनिक सहायता देता रहता है।

प्रश्न 5.
भारत की परमाणु नीति क्या है?
उत्तर-
भारत एक परमाणु शक्ति सम्पन्न देश है। परंतु हमारी विदेश नीति शांतिप्रियता पर आधारित है। इसलिए भारत की परमाणु नीति का आधार शांतिप्रिय लक्ष्यों की प्राप्ति करना और देश का विकास करना है। वह किसी पड़ोसी देश को अपनी परमाणु शक्ति के बल पर दबाने के पक्ष में नहीं है। हमने स्पष्ट कर दिया है कि युद्ध की स्थिति में भी हम परमाणु शक्ति का प्रयोग करने की पहल नहीं करेंगे।

प्रश्न 6.
सुरक्षा परिषद् में स्थायी और अस्थायी सदस्य कितने हैं?
उत्तर-
सुरक्षा परिषद् 5 सदस्य स्थायी तथा 10 सदस्य अस्थायी हैं।

PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 5 भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र

प्रश्न 7.
संयुक्त राष्ट्र का जन्म कब हुआ और कितने देश इसके मूल सदस्य थे?
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र का जन्म 24 अक्तूबर, 1945 ई० को हुआ। इसके मूल सदस्य 51 देश थे।

(ख) निम्नलिखित की व्याख्या करो

  1. विश्व शान्ति में भारत की भूमिका
  2. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice)
  3. निःशस्त्रीकरण (Disarmament)
  4. महासभा (General Assembly)
  5. भारत-चीन सम्बन्धों में तनाव का मूल कारण।

उत्तर-

  1. भारत ने विश्व-शान्ति को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित कार्य किए
    (क) गुट-निरपेक्षता की नीति पर चलते हुए भारत ने सदा आक्रामक शक्तियों की निन्दा की।
    (ख) भारत ने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से शान्ति सेनाओं के लिए सैनिक भेजे तथा निःशस्त्रीकरण का समर्थन किया।
  2. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय में कुल 15 न्यायाधीश होते हैं। इसका मुख्य कार्यालय हेग [Hague, हालैण्ड में है। इसका मुख्य कार्य राष्ट्रों के आपसी झगड़ों का निर्णय करना है।
  3. निःशस्त्रीकरण से अभिप्राय शस्त्रों की होड़ को कम करना है। हमने आरम्भ से ही घातक शस्त्रों का विरोध किया है क्योंकि ये विश्व-शान्ति के लिए सदा खतरा रहे हैं।
  4. महासभा-यह एक तरह से संयुक्त राष्ट्र की संसद् है। इसमें प्रत्येक सदस्य राष्ट्र के पांच प्रतिनिधि होते हैं।
  5. भारत-चीन सम्बन्धों में तनाव का मूल कारण-भारत-चीन सम्बन्धों में तनाव का मूल कारण दोनों देशों में सीमा विवाद है। 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण करके इस विवाद को और गहन बना दिया।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में लिखो

प्रश्न 1.
पंचशील के सिद्धान्तों का वर्णन करें।
उत्तर-
29 अप्रैल, 1954 को भारत के प्रधानमन्त्री पण्डित नेहरू और चीन के प्रधानमन्त्री चाऊ-एन-लाई की दिल्ली में संयुक्त वार्ता हुई। इस वार्ता में उन्होंने आपसी सम्बन्धों को पांच सिद्धान्तों के अनुसार ढालने का निर्णय लिया। इन्हीं पांच सिद्धान्तों को ‘पंचशील’ कहा जाता है। ये पांच सिद्धान्त निम्नलिखित हैं

  1. परस्पर प्रभुसत्ता और एकता का आदर।
  2. एक-दूसरे पर आक्रमण न करना।
  3. एक-दूसरे के आन्तरिक विषयों में हस्तक्षेप न करना।
  4. समानता और परस्पर सहयोग।
  5. शान्तिमय सह-अस्तित्व। पंचशील का मुख्य उद्देश्य विश्व शान्ति को बनाये रखना और मानव जाति को युद्धों के विनाश से बचाना है। चीन के पश्चात् संसार के अन्य देशों ने पंचशील को मान्यता प्रदान की। आज पंचशील भारतीय विदेश नीति का आधार स्तम्भ है।

PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 5 भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र

प्रश्न 2.
गुट-निरपेक्ष नीति का अर्थ और भारत का इसे अपनाने का क्या कारण है?
उत्तर-
गुट-निरपेक्ष नीति भारतीय विदेश नीति के मूल सिद्धान्तों में से एक है।
गुट-निरपेक्षता का अर्थ-गुट-निरपेक्षता का अर्थ है सैनिक गुटों से अलग रहना। इसका यह भाव नहीं है कि हम अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं के प्रति दर्शक बने रहेंगे बल्कि गुण के आधार पर निर्णय लेने का प्रयास करेंगे। हम अच्छे को अच्छा और बुरे को बुरा कहेंगे।

भारत द्वारा गुट-निरपेक्ष नीति अपनाने का कारण-भारत की स्वतन्त्रता के समय विश्व दो मुख्य शक्ति गुटोंऐंग्लो-अमरीकन शक्ति गुट और रूसी शक्ति गुट में बंटा हुआ था। विश्व की सारी राजनीति इन्हीं गुटों के गिर्द घूम रही थी और दोनों में शीत युद्ध चल रहा था। नव स्वतन्त्र भारत इन शक्ति गुटों के संघर्ष से दूर रह कर ही उन्नति कर सकता था। इसीलिए पं० नेहरू ने गुट-निरपेक्षता को विदेश नीति का आधार स्तम्भ बनाया।

प्रश्न 3.
संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् पर संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-
सुरक्षा परिषद् संयुक्त राष्ट्र के छ: अंगों में से एक है। यह संयुक्त राष्ट्र की कार्यपालिका के समान है। इसके कुल 15 सदस्य हैं। इनमें से पांच स्थायी सदस्य और दस अस्थायी सदस्य हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैण्ड, रूस, चीन और फ्रांस इसके स्थायी सदस्य हैं। इन्हें वीटो का अधिकार है। वीटो से अभिप्राय यह है कि यदि इनमें से कोई भी एक सदस्य किसी प्रस्ताव का विरोध करता है तो वह प्रस्ताव रद्द हो जाता है। सुरक्षा परिषद् के मुख्य कार्य हैं

  1. अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति को बनाए रखना।
  2. राष्ट्रों के परस्पर झगड़ों को शान्तिपूर्वक सुलझाना।
  3. महासचिव के पद के लिए सिफ़ारिश करना।
  4. संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिए नए राष्ट्रों की सिफ़ारिश करना।

प्रश्न 4.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
भारत संयुक्त राष्ट्र के 51 मूल सदस्यों में से एक है। आरम्भ से ही भारतीय नेताओं ने इस महान् संस्था में अपनी आस्था रखी है और इस देश ने निम्नलिखित ढंग से संयुक्त राष्ट्र के कार्यों में क्रियाशील भूमिका निभाई है

  1. भारत ने अन्य देशों के साथ मिलकर 1950 में उप-निवेशवाद और साम्राज्यवाद के विरुद्ध महासभा में प्रस्ताव पास करवाया।
  2. भारत ने मिस्र, कांगो, कोरिया तथा हिन्द-चीन के देशों में हुए युद्धों में संयुक्त राष्ट्र के शान्ति प्रयासों में सहयोग दिया।
  3. नस्ली भेदभाव और रंगभेद के सन्दर्भ में भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध आवाज़ उठाई और उसके विरुद्ध आर्थिक प्रतिबन्ध में भाग लिया।
  4. भारत ने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से प्रत्येक उस देश के विरुद्ध आवाज़ उठाई जिसने मानव अधिकारों का उल्लंघन करने का प्रयास किया।
  5. विश्व में आतंकवाद की समाप्ति की प्रक्रिया में भारत संयुक्त राष्ट्र के साथ है।

PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 5 भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र

प्रश्न 5.
भारत और संयुक्त राष्ट्र अमरीका के परस्पर सम्बन्धों का संक्षेप में नोट लिखो।
उत्तर-
भारत का संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धान्तों में पूर्ण विश्वास है। हमने संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक अंग और विशेष एजेंसियों के कार्यों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत संयुक्त राष्ट्र को विश्व-शान्ति का रक्षक मानता है। इसलिए भारत ने संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सैनिक सहायता प्रत्येक सम्भव ढंग से की है। भारत ने सदा संयुक्त राष्ट्र में इस बात पर जोर दिया है कि वह राजनीतिक मामलों तक ही अपने को सीमित न करे, बल्कि मानव की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक समस्याओं को सुलझाने का भी प्रयास करे। ऐसी समस्याओं को सुलझाने में भारत ने संयुक्त राष्ट्र को आर्थिक सहायता और पूरा सहयोग दिया है। 22 दिसम्बर, 1994 को भारतीय संसद् के दोनों सदनों ने एक प्रस्ताव पास कर संयुक्त राष्ट्र के प्रति भारत की वचनबद्धता को दोहराया है।

प्रश्न 7.
भारत पाकिस्तान सम्बन्ध तथा इनके बीच तनाव के मुख्य तीन कारणों पर संक्षिप्त नोट लिखो।
उत्तर-
भारत-पाक सम्बन्ध आरम्भ से ही तनावपूर्ण तथा शत्रुतापूर्ण रहे हैं। इनके बीच तनाव का मुख्य कारण
कश्मीर समस्या है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। परन्तु पाकिस्तान इस प्रदेश पर अपना दावा जताता रहता है। 1999 में पाकिस्तान तथा भारत के बीच कारगिल युद्ध के कारण तनाव और अधिक बढ़ गया। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान, सीमा पार से भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। ये एक अच्छे पड़ोसी के लक्षण नहीं हैं। भारत आज भी पाकिस्तान से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध स्थापित करना चाहता है और इसके लिए प्रयास कर रहा है। परन्तु यह तभी सम्भव हो सकता है, जब पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को समाप्त करे और युद्ध-विराम की शर्तों का पालन करें।

PSEB 10th Class Social Science Guide भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

1. उत्तर एक शब्द अथवा एक लाइन में

प्रश्न 1.
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का एक कारण बताइए।
उत्तर-
पाकिस्तान कश्मीर पर अपना दावा जताता रहता है, जबकि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
अथवा
पाकिस्तान द्वारा विदेशी सहायता से शस्त्रों का भण्डार भी दोनों देशों के मध्य तनाव का एक कारण है।

PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 5 भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र

प्रश्न 2.
भारत की वर्तमान विदेश नीति के संस्थापक कौन थे?
उत्तर-
पं० जवाहर लाल नेहरू।

प्रश्न 3.
भारत की विदेश नीति का एक मूल सिद्धान्त बताओ।
उत्तर-
गुट निरपेक्षता।

प्रश्न 4.
पंचशील के सिद्धान्तों को कब अपनाया गया?
उत्तर-
29 अप्रैल, 1954 को।

PSEB 10th Class SST Solutions Civics Chapter 5 भारत की विदेश नीति तथा संयुक्त राष्ट्र

प्रश्न 5.
पंचशील का समझौता किन दो नेताओं के बीच हुआ?
उत्तर-
पंचशील का समझौता भारत के प्रधानमन्त्री पं० जवाहर लाल नेहरू तथा चीन के प्रधानमन्त्री चाउ-एन-लाई के बीच हुआ।

प्रश्न 6.
पंचशील के सिद्धान्तों को संयुक्त राष्ट्र की महासभा में मान्यता कब दी गई?
उत्तर-
14 दिसम्बर, 1959 को।

प्रश्न 7.
संयुक्त राष्ट्र की महासभा में पंचशील के सिद्धान्तों को मान्यता देने वाले देशों की संख्या कितनी थी?
उत्तर-
82.

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प्रश्न 8.
सार्क (दक्षेस) की स्थापना कब हुई?
उत्तर-
7 दिसम्बर, 1985 को।

प्रश्न 9.
‘दक्षेस’ का पूरा नाम क्या है?
उत्तर-
दक्षेस का पूरा नाम है दक्षिण-एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन।

प्रश्न 10.
भारत ने पोखरन (राजस्थान) में परमाणु धमाका (प्रयोग) कब किया?
उत्तर-
1974 में।

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प्रश्न 11.
भारत ने राष्ट्रमण्डल की सदस्यता कब ग्रहण की थी?
उत्तर-
17 मई, 1945 को।

प्रश्न 12.
आजकल राष्ट्रमण्डल के सदस्यों की संख्या कितनी है?
उत्तर-
49.

प्रश्न 13.
भारत के दो पड़ोसी देशों के नाम बताओ जो परमाणु शक्ति सम्पन्न हैं।
उत्तर-
चीन तथा पाकिस्तान।

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प्रश्न 14.
भारत की स्वतन्त्रता के समय विश्व कौन-कौन से दो शक्ति गुटों में बंटा हुआ था?
उत्तर-
भारत की स्वतन्त्रता के समय विश्व ऐंग्लो-अमेरिकन शक्ति गुट तथा रूसी शक्ति गुट में बंटा हुआ था।

प्रश्न 15.
द्वितीय विश्वयुद्ध कब-से-कब तक चला?
उत्तर-
द्वितीय विश्वयुद्ध 1939 से 1945 तक चला।

प्रश्न 16.
संयुक्त राष्ट्र का चार्टर कब और कहां स्वीकार किया गया?
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र का चार्टर सानफ्रांसिसको में 26 जून, 1945 को स्वीकार किया गया।

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प्रश्न 17.
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना कब हुई?
उत्तर-
24 अक्तूबर, 1945 को।

प्रश्न 18.
संयुक्त राष्ट्र के चार्टर को कितने देशों के प्रतिनिधियों ने स्वीकार किया?
अथवा
स्थापना के समय संयुक्त राष्ट्र के कितने सदस्य थे?
उत्तर-
51.

प्रश्न 19.
आज (2017) संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों की लगभग संख्या कितनी है?
उत्तर-
195.

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प्रश्न 20.
संयुक्त राष्ट्र के स्थायी सदस्यों ( 5) को क्या विशेषाधिकार प्राप्त हैं?
उत्तर-
वीटो।

प्रश्न 21.
अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय में कुल कितने न्यायाधीश होते हैं?
उत्तर-
15.

प्रश्न 22.
संयुक्त राष्ट्र के सचिवालय के अध्यक्ष को क्या कहा जाता है?
उत्तर-
महासचिव।

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प्रश्न 23.
भारत ने महासभा में दक्षिणी अफ्रीका द्वारा नस्ली भेदभाव का त्याग करने संबंधी प्रस्ताव कब पेश किया?
उत्तर-
1962 में।

प्रश्न 24.
संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने मानव अधिकारों की सर्वव्यापी घोषणा कब की?
उत्तर-
10 दिसम्बर, 1948 को।

प्रश्न 25.
भारत की श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित संयुक्त राष्ट्र की सभा में प्रथम महिला प्रधान कब चुनी गई?
उत्तर-
1954 में।

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प्रश्न 26.
बांग्लादेश कब और किस युद्ध के परिणामस्वरूप बना?
उत्तर-
बांग्लादेश 1971 में भारत-पाक युद्ध के परिणामस्वरूप बना।

प्रश्न 27.
भारत ने किस परमाणु सन्धि पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया है?
उत्तर-
परमाणु अप्रसार संधि ।

प्रश्न 28.
चीन में साम्यवादी शासन की स्थापना कब हुई?
उत्तर-
1949 में।

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प्रश्न 29.
भारत-चीन युद्ध कब हुआ?
उत्तर-
1962 में।

प्रश्न 30.
नेहरू-लियाकत अली समझौता कब हुआ?
उत्तर-
1960 में।

प्रश्न 31.
गुट-निरपेक्ष आन्दोलन के संस्थापक देशों के नाम बताइए।
उत्तर-
गुट-निरपेक्ष आन्दोलन के संस्थापक राष्ट्र हैं-भारत, युगोस्लाविया तथा मिस्री

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प्रश्न 32.
सुरक्षा परिषद् का एक महत्त्वपूर्ण कार्य बताओ।
उत्तर-
विश्व शान्ति और सुरक्षा में योगदान देना।

प्रश्न 33.
मानव अधिकारों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
मनुष्य की सामाजिक प्रकृति में निहित अधिकारों को मानव अधिकार कहते हैं।

प्रश्न 34.
निःशस्त्रीकरण क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
मानव जाति को सर्वनाश से बचाने के लिए।

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II. रिक्त स्थानों की पर्ति

  1. सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्यों की संख्या ………..
  2. सुरक्षा परिषद् के अस्थायी सदस्यों की संख्या ………… है।
  3. संयुक्त राष्ट्र संघ का जन्म …………… को हुआ।
  4. संयुक्त राष्ट्र के मूला सदस्यों की संस्था :……….. थी।
  5. भारत की वर्तमान विदेश नीति के संस्थापक …………… थे।
  6. आज संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राष्ट्रों की संख्या ……….. है।
  7. संयुक्त राष्ट्र में निषेधाधिकार अथवा वीटो का अधिकार संस्था के ………….. सदस्यों को प्राप्त है।
  8. भारत-चीन युद्ध………… में हुआ।

उत्तर-

  1. 5,
  2. 10;
  3. 24 अक्टूबर, 1945,
  4. 51,
  5. पं० जवाहरलाल नेहरू,
  6. 195,
  7. स्थायी,
  8. 1962।

III. बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में कौन-सा सिद्धान्त भारत की विदेश नीति का नहीं है?
(A) परमाणु शस्त्रों में वृद्धि
(B) संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण विश्वास
(C) पंचशील के सिद्धांतों में विश्वास
(D) साम्राज्यवाद तथा उपनिवेशवाद का विरोध ।
उत्तर-
(A) परमाणु शस्त्रों में वृद्धि

प्रश्न 2.
निम्न में से कौन-सा संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य नहीं है?
(A) रूस
(B) चीन
(C) भारत
(D) संयुक्त राज्य अमेरिका।
उत्तर-
(C) भारत

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प्रश्न 3.
बंगलादेश की स्थापना कब हुई?
(A) 1969
(B) 1971
(C) 1973
(D) 1975
उत्तर-
(B) 1971

प्रश्न 4.
निम्न में से कौन-सा देश परमाणु शक्ति है?
(A) भारत
(B) चीन
(C) पाकिस्तान
(D) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(D) उपरोक्त सभी।

प्रश्न 5.
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में कुल न्यायाधीश हैं
(A) 15
(C) 11
(B) 10
(D) 25
उत्तर-
(A) 15

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IV. सत्य-असत्य कथन

प्रश्न-सत्य/सही कथनों पर (✓) तथा असत्य/गलत कथनों पर (✗) का निशान लगाएं

  1. संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में छः स्थायी सदस्य देश हैं।
  2. भारत सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य है।
  3. 26 जनवरी, 1950 को पंचशील के सिद्धान्तों को अपनाया गया।
  4. भारत ने राष्ट्रमण्डल की सदस्यता 17 मई, 1945 को ग्रहण की।
  5. भारत पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने में विश्वास रखता है।

उत्तर-

  1. (✗),
  2. (✗),
  3. (✗),
  4. (✓),
  5. (✓).

V. उचित मिलान

  1. गुट-निरपेक्षता — भारत, यूगोस्लाविया तथा मित्र
  2. महासचिव — चीन, पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान
  3. गुट-निरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक राष्ट्र — भारत की विदेश नीति का मूल सिद्धान्त
  4. भारत के पड़ोसी राष्ट्र — संयुक्त राष्ट्र के सचिवालय का अध्यक्ष

उत्तर-

  1. गुट-निरपेक्षता — भारत की विदेश नीति का मूल सिद्धान्त,
  2. महासचिव — संयुक्त राष्ट्र के सचिवालय का अध्यक्ष,
  3. गुट-निरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक राष्ट्र — भारत, यूगोस्लाविया तथा मिस्र,
  4. भारत के पड़ोसी राष्ट्र — चीन, पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान।

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छोटे उत्तर वाले प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अब भारत को सुरक्षा की अधिक आवश्यकता क्यों है? दो तर्क दें।
उत्तर-
प्राचीन काल में भारत की सीमाओं की रक्षा करना अपेक्षाकृत सरल था। उत्तर में स्थित हिमालय एक दीवार का कार्य करता था। दक्षिण में समुद्र भारत की रक्षा करता था। परन्तु अब न तो ऊंचे पर्वत और न ही विशाल समुद्र देश की रक्षा में कोई योगदान दे सकते हैं। आज विज्ञान की उन्नति के कारण पहाड़ और समुद्र बाधा नहीं रहे। इसलिए भारत की सीमाओं की रक्षा करना आवश्यक हो गया है। दूसरे, कुछ पड़ोसी देशों से हमारे अच्छे सम्बन्ध नहीं हैं। हमें उनसे अपनी रक्षा करनी है। इसलिए भारत को सुरक्षा की अधिक आवश्यकता है।

प्रश्न 2.
संयुक्त राष्ट्र के किन्हीं चार महत्त्वपूर्ण अंगों के नाम लिखें। प्रत्येक अंग का एक महत्त्वपूर्ण कार्य बताइए।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र के चार महत्त्वपूर्ण अंग हैं-साधारण सभा, सुरक्षा परिषद्, आर्थिक एवं सामाजिक परिषद् तथा अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय।
कार्य —

  1. साधारण सभा सुरक्षा परिषद् के अस्थायी सदस्यों का चुनाव करती है।
  2. सुरक्षा परिषद् अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति तथा सुरक्षा की व्यवस्था करती है।
  3. आर्थिक एवं सामाजिक परिषद् मानव जाति की आर्थिक स्थिति सुधारने का प्रयास करती है।
  4. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय सदस्य राष्ट्रों के बीच झगड़ों पर विचार करता है।

प्रश्न 3.
भारत-पाक सम्बन्धों में सुधार के कुछ उपाय बताओ।
उत्तर-
भारत-पाक सम्बन्धों में दोनों देशों के सामान्य हितों को बढ़ावा देकर निश्चित रूप से सुधार लाया जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित पग उठाने होंगे —

  1. दोनों देशों में व्यापार सम्बन्धों को मजबूत बनाया जाए।
  2. दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक तथा शैक्षणिक आदान-प्रदान किया जाए।
  3. दोनों देशों में खेल–सम्बन्धों को सुदृढ़ किया जाए। यहां एक बात ध्यान देने योग्य है कि ये उपाय तभी सफल हो सकते हैं, जब पाकिस्तान आतंकवाद का दामन छोड़ें।

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प्रश्न 4.
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना कब हुई थी? इसके उद्देश्य बताइए।
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्तूबर, 1945 को हुई। इसके आरम्भिक सदस्यों की संख्या 51 थी। परन्तु आज इनकी संख्या 195 हो गई है। भारत इसके आरम्भिक सदस्यों में से एक है।
उद्देश्य-संयुक्त राष्ट्र का अपना संविधान है, जिसे चार्टर कहते हैं। चार्टर में संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। इसमें इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि इन उद्देश्यों की पूर्ति किस प्रकार की जाएगी। इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं —

  1. अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा की स्थापना करना।
  2. राष्ट्रों के बीच अच्छे सम्बन्धों को बढ़ावा देना। ये सम्बन्ध समानता तथा आपसी सहयोग पर आधारित होंगे।
  3. अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को शान्तिपूर्ण ढंग से सुलझाना।

प्रश्न 5.
I.L.O., UNESCO, F.A.O. तथा W.H.0. के पूरे नाम लिखो। इनमें से किन्हीं दो संगठनों के कार्य लिखो।
उत्तर-
I.L.O., UNESCO, F.A.O. तथा W.H.O. संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट समितियां हैं।

  1. I.L.O. — इसका पूरा नाम अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organisation) है। इसका कार्य श्रमिकों के काम की दशाओं में सुधार लाना है। यह संगठन इस बात का भी प्रयास करता है कि श्रमिकों को कुछ न्यूनतम अधिकार प्राप्त हों।
  2. UNESCO — इसका पूरा नाम संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (The U.N. Educational, Scientific and Cultural Organisation) है। यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों के बीच वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देता है।
  3. F.A.O. — इसका पूरा नाम खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agricultural Organisation) है। विश्वभर में यह कृषि के विकास तथा खाद्यान्न पूर्ति के कार्य करता है।
  4. W.H.O. — इसका पूरा नाम विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) है। विश्व भर में स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्य इसका विशेष उत्तरदायित्व है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त नोट लिखो
(क) सार्क
(ख) निषेधाधिकार।
उत्तर-
(क) सार्क-सार्क का पूरा नाम है-दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन। हिन्दी में इसका संक्षिप्त नाम है-दक्षेस। यह दक्षिण एशिया के विकासशील देशों का संगठन है। इसके प्रमुख सदस्य भारत, पाकिस्तान, बांग्ला देश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका तथा मालदीव हैं। इन देशों की संस्कृति तथा आर्थिक समस्याओं में कई समानताएं पाई जाती हैं। इन्हीं समानताओं के कारण ही ये राष्ट्र आपस में संगठित हुए हैं। ये आपसी सहयोग से अपना विकास करना चाहते हैं।
(ख) निषेधाधिकार-निषेधाधिकार (वीटो) सुरक्षा परिषद् के 5 स्थायी सदस्यों (संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस तथा चीन) को प्राप्त है। सुरक्षा परिषद् के सभी महत्त्वपूर्ण निर्णयों पर इन पांचों सदस्यों की सहमति होना अनिवार्य है। यदि इनमें से एक भी सदस्य किसी निर्णय का विरोध करता है, तो उस निर्णय को रद्द माना जाता है।

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प्रश्न 7.
भारत की विदेश नीति की छः विशेषताएं बताइए।
उत्तर-
भारत की विदेश नीति की निम्नलिखित छ: विशेषताएं हैं —

  1. अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति तथा सुरक्षा के लिए प्रयास करना।
  2. उपनिवेशों की जनता के लिए आत्म-निर्णय के अधिकार का समर्थन करना।
  3. जातिवाद का विरोध करना।
  4. अन्तर्राष्ट्रीय विवादों का शान्तिपूर्ण ढंग से निपटारा करना।
  5. संयुक्त राष्ट्र तथा अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ सहयोग करना।
  6. गुट-निरपेक्षता की नीति का अनुसरण करना तथा विश्व के सैनिक गुटों से दूर रहना।

प्रश्न 8.
भारत-चीन सम्बन्धों के सकारात्मक पहलू बताओ।
उत्तर-

  1. सीमा विवाद को आपसी बातचीत द्वारा हल करने का प्रयास किया जा रहा है।
  2. एक समझौते के अनुसार दोनों देश आपस में आर्थिक सहयोग तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर वचन बद्ध हैं।
  3. विश्व शांति सम्मेलनों में दोनों देशों के प्रतिनिधि एक-दूसरे का भरोसा जीतने का प्रयास करते रहते हैं।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 1 हरित क्रांति

Punjab State Board PSEB 7th Class Agriculture Book Solutions Chapter 1 हरित क्रांति Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Agriculture Chapter 1 हरित क्रांति

PSEB 7th Class Agriculture Guide हरित क्रांति Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
हरित क्रांति किस दशक में आई ?
उत्तर-
1960 के दशक दौरान।

प्रश्न 2.
हरित क्रांति के समय गेहूँ की फसल के कद में क्या परिवर्तन आया ?
उत्तर-
कद बौना हो गया।

प्रश्न 3.
किसानों को उन्नत बीज प्रदान करने के लिए स्थापित की गई संस्थाओं के नाम बताओ।
उत्तर-
पंजाब राज बीज निगम, राष्ट्रीय बीज निगम।।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 1 हरित क्रांति

प्रश्न 4.
हरित क्रांति के दौरान किस प्रकार के उर्वरकों का प्रयोग होने लगा ?
उत्तर-
रासायनिक उर्वरकों का।

प्रश्न 5.
हरित क्रांति के दौरान कौन-कौन सी फसलों की पैदावार में वृद्धि हुई ?
उत्तर-
गेहूँ तथा धान की पैदावार में।

प्रश्न 6.
हरित क्रांति में किस कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने प्रमुख योगदान दिया ?
उत्तर-
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय।

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प्रश्न 7.
क्या धान पंजाब की परंपरागत फसल है ?
उत्तर-
जी नहीं।

प्रश्न 8.
हरित क्रांति कौन-कौन सी फसलों तक मुख्य रूप से सीमित रही ?
उत्तर-
गेहूँ, धान।

प्रश्न 9.
हरित क्रांति के प्रभावस्वरूप खेती विविधता घटी है या बढ़ी है ?
उत्तर-
कम हुई है।

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प्रश्न 10.
केंद्रीय अन्न भंडार में कौन-सा राज्य सबसे अधिक योगदान देता है ?
उत्तर-
पंजाब।

(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
हरित क्रांति किन कारणों से संभव हो सकी ?’
उत्तर-
समुचित मंडीकरण, उन्नत किस्मों के बीज, सिंचाई सुविधाएं, रासायनिक उर्वरक, मेहनती किसान तथा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण सुविधाओं में हुई वृद्धि के कारण हरित क्रांति संभव हो सकी।

प्रश्न 2.
हरित क्रांति के दौरान वैज्ञानिकों ने किस तरह के बीज विकसित किए ?
उत्तर-
वैज्ञानिकों ने विश्व स्तरीय शोधकर्ताओं के साथ मिलकर नए उन्नत बीज विकसित किए।

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प्रश्न 3.
हरित क्रांति के समय पंजाब की खेती के लिए सिंचाई सुविधाओं में क्या परिवर्तन आए ?
उत्तर-
हरित क्रांति के समय पंजाब में नहरी एवं ट्यूबवैल सिंचाई की सुविधाओं में वृद्धि हुई।

प्रश्न 4.
सरकार द्वारा अनाज के मंडीकरण के लिए क्या उपाय किए गए ?
उत्तर-
सरकार द्वारा बिक्री केंद्र तथा नियमित मंडियों का प्रबंध किया गया। केंद्रीय तथा राज्य गोदाम निगमों की स्थापना तथा अनाज के कम-से-कम समर्थन मूल्य की व्यवस्था की गई है।

प्रश्न 5.
किसान को कैसे ऋण अदा करने मुश्किल होते हैं ?
उत्तर-
कृषि लागत बढ़ने के कारण, किसान कई बार गैर-सरकारी स्रोतों से महंगे ब्याज पर ऋण को वापिस अदा नहीं कर पाते हैं। इसलिए ऐसे ऋण किसानों को अदा करने मुश्किल लगते हैं।

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प्रश्न 6.
छोटे किसानों द्वारा कम पूंजी से शरू होने वाले व्यवसाय कौन-से हैं ?
उत्तर-
कम पूंजी से शुरू होने वाले व्यवसाय हैं-मशरूम की कृषि, मधुमक्खी पालन, बीज उत्पादन, फलों, सब्जियों की कृषि आदि।

प्रश्न 7.
वर्तमान समय में किसानों को कौन-कौन सी फसलों के लिए खेती अधीन क्षेत्र बढ़ाने की आवश्यकता है ?
उत्तर-
किसानों को गैर-अनाजी फसलों; जैसे-कपास, मक्की, दालें, तेल बीज, फल, सब्जियों आदि के अधीन क्षेत्रफल बढ़ाने की आवश्यकता है।

प्रश्न 8.
पंजाब के अनाज की केंद्रीय भंडार में निरंतर जरूरत क्यों कम हो रही
उत्तर-
अनाज की अधिक पैदावार के कारण केंद्रीय अनाज भंडार में पहले ही बहुत अनाज के भंडार लगे हुए हैं। इसलिए और अनाज की आवश्यकता कम हो रही है।

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प्रश्न 9.
गेहूँ और धान के मंडीकरण के लिए कौन-सी नीतियाँ बनाई गईं ?
उत्तर-
इसके लिए बिक्री केंद्र तथा नियमित मंडियां बनाई गई हैं। केंद्रीय तथा राज्य गोदाम निगम बनाए गए तथा-फसलों के कम-से-कम समर्थन मूल्य की व्यवस्था की गई है। गेहूं तथा धान के मंडीकरण को यकीनी बनाया गया।

प्रश्न 10.
पंजाब में खेती की मानसून पर निर्भरता कैसे कम हुई ?
उत्तर-
हरित क्रांति के समय पंजाब में नहरी तथा ट्यूबवैल सिंचाई की सुविधाओं में वृद्धि हुई जिससे खेती की मानसून पर निर्भरता कम हो गई।

(ग) पाँच-छ: वाक्यों में उत्तर दें:

प्रश्न 1.
हरित क्रांति से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
देश आज़ाद होने के बाद लगभग 1960 के दशक तक देश में अनाज की कमी रहती थी तथा अनाज को अन्य देशों से आयात करना पड़ता था परंतु 1960 के दशक में गेहूँ तथा धान की पैदावार इतनी बढ़ गई कि अनाज को संभालना मुश्किल हो गया। खेती अनाज उत्पादन में हुई वृद्धि को हरित क्रांति का नाम दिया गया। हरित क्रांति के समय पंजाब देश का अग्रणी राज्य रहा। हरित क्रांति का पंजाब की खुशहाली में बहुत योगदान रहा।

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प्रश्न 2.
हरित क्रांति के दौरान हुए नए बीजे की खोज के बारे में बताएं।
उत्तर-
हरित क्रांति के दौरान पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के वैज्ञानिकों ने विश्वस्तरीय शोधकर्ताओं से मिल कर नई प्रकार के उन्नत बीज विकसित किए। इन बीजों में गेहूँ, मक्की, बाजरा, धान आदि मुख्य हैं। इन उन्नत किस्मों के कारण प्रति एकड़ पैदावार में वृद्धि हुई। गेहूँ की नई उन्नत किस्मों का कद बौना तथा उत्पादन बढ़ गया। धान पंजाब की पारंपरिक फसल नहीं थी परंतु इसकी उन्नत किस्में होने के कारण इसकी कृषि अधिक क्षेत्रफल पर होने लगी।

प्रश्न 3.
हरित क्रांति के कारण पंजाब में किस प्रकार के परिवर्तन आए ?
उत्तर-
हरित क्रांति के कारण पंजाब में अनाज उत्पादन एकाएक बढ़ गया जिससे पंजाब में आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक स्तर पर परिवर्तन आए। ये परिवर्तन अच्छे तथा बुरे दोनों प्रकार के थे।

  1. किसानों में आर्थिक पक्ष से खुशहाली आई तथा उनका जीवन स्तर भी ऊंचा हुआ।
  2. अधिक भूमि वाले किसानों को छोटे किसानों से अधिक आर्थिक लाभ हुआ जिस कारण सामाजिक तथा आर्थिक भेद बढ़ गए।
  3. कृषि आधारित उद्योगों में उन्नति हुई तथा कृषि मज़दूरों पर बुरा प्रभाव पड़ा।
  4. पश्चिमी सभ्याचार के अच्छे-बुरे प्रभाव पंजाब में महसूस किए जाने लगे।
  5. कृषि विभिन्नता में कमी आई।
  6. कृषि पैदावार में कमी हुई है तथा लागत बढ़ी है। इससे किसानों की शुद्ध आय में कमी हुई है।

प्रश्न 4.
कृषि आधारित व्यवसाय क्या होते हैं तथा यह किसानों के लिए अपनाने क्यों आवश्यक हैं ?
उत्तर-
आज के समय में कृषि पैदावार की दर में कमी आ गई है तथा कृषि लागत बढ़ गई है जिससे किसानों की शुद्ध आय में कमी आई है। कई बार किसान गैर-सरकारी स्रोतों से ऋण ले लेते हैं जोकि महंगे ब्याज पर होते हैं तथा ऐसे ऋण किसान को अदा करने मुश्किल लगते हैं।

छोटे तथा मध्यम किसान की कम हो रही आय को रोकने के लिए कृषि आधारित व्यवसाय अपनाने चाहिएं। ये व्यवसाय कम पूंजी से शुरू किए जा सकते हैं; जैसे-मशरूम की कृषि, मधुमक्खी पालन, बीज उत्पादन, सब्जियों की काश्त आदि को आसानी से अपनाया जा सकता है परंतु इन व्यवसायों से अच्छी आय हो जाती है।

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प्रश्न 5.
पंजाब में सदाबहार क्रांति लाने के लिए क्या कुछ करना चाहिए ? .
उत्तर-
पंजाब ने हरित क्रांति के दौरान देश में अनाज भंडार में भरपूर योगदान डाला। किसानों ने गेहूँ तथा धान के फ़सली चक्र में पड़ कर अनाज उत्पादन तो बहुत बढ़ा दिया परंतु इससे पंजाब की भूमि का स्वास्थ्य खराब होता जा रहा है तथा भूमिगत जल का स्तर भी और नीचे चला गया है। अब समय की मांग है कि गैर-अनाजी फसलों की काश्त की तरफ ध्यान दिया जाए। जैसे कि दालें, तेल बीज, मक्की, कपास, फल, सब्जियां आदि फसलों की कृषि के अधीन क्षेत्रफल बढ़ाना चाहिए। कई अन्य कृषि आधारित व्यवसाय अपनाने की भी आवश्यकता है। इसलिए राज्य को खुशहाल करने के लिए सदाबहार क्रांति लाने की आवश्यकता है। कृषि विभिन्नता लाने की आवश्यकता है। कम पूंजी वाले कृषि आधारित व्यवसाय अपनाने की भी आवश्यकता है।

Agriculture Guide for Class 7 PSEB हरित क्रांति Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
1960 दशक के दौरान कृषि क्षेत्र में अन्न उत्पादन में हुई वृद्धि को क्या नाम दिया गया ?
उत्तर-
हरित क्रांति।

प्रश्न 2.
वर्ष 1965-66 में पंजाब का कृषि उत्पादन कितना था ?
उत्तर-
34 लाख टन।

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प्रश्न 3.
वर्ष 1971-72 में पंजाब का कृषि उत्पादन कितना हो गया ?
उत्तर-
119 लाख टन।।

प्रश्न 4.
पंजाब में अनाज उत्पादन बढ़ने का क्या कारण था ?
उत्तर-
गेहूँ, धान के उत्पादन में वृद्धि।

प्रश्न 5.
पंजाब में हरित क्रांति के कोई दो कारण बताओ।
उत्तर-
उपयुक्त मंडीकरण, सुधरी किस्मों के बीज।

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प्रश्न 6.
वर्ष 1967-68 में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कितना था ?
उत्तर-
10 लाख टन।

प्रश्न 7.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना की स्थापना कब हुई ?
उत्तर-
वर्ष 1962 में।

प्रश्न 8.
गैर-अनाजी फसलों का उदाहरण दें।
उत्तर-
कपास, दालें, तेल बीज फसलें आदि।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 1 हरित क्रांति

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हरित क्रांति के दौरान अनाज उत्पादन कितना बढ़ गया ?
उत्तर-
वर्ष 1965-66 में 34 लाख टन से 1971-72 में 119 लाख टन हो गया जो कि पांच वर्षों में तीन गुणा बढ़ गया।

प्रश्न 2.
वर्ष 1967-68 में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कितना था तथा बढ़ कर कितना हो गया ?
उत्तर-
वर्ष 1967-68 में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग 10 लाख टन था जोकि 20वीं शताब्दी के अंत तक 13 गुणा बढ़ गया।

प्रश्न 3.
हरित क्रांति के कारण सामाजिक तथा आर्थिक भेद क्यों बढ़ गया ?
उत्तर-
बड़े किसानों को हरित क्रांति के कारण अधिक लाभ हुआ तथा छोटे तथा मध्यम किसानों को कम लाभ हुआ जिससे सामाजिक तथा आर्थिक भेद बढ़ गया।

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 1 हरित क्रांति

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हरित क्रांति के संबंध में सिंचाई सुविधाओं तथा उर्वरकों के बारे में बताओ।
उत्तर-
सिंचाई सुविधाएं-हरित क्रांति के दौरान कृषि पैदावार में सिंचाई की एक मुख्य भूमिका रही। इस समय पंजाब में नहरों तथा ट्यूबवैल सिंचाई की सुविधा में वृद्धि हुई। इस तरह कृषि की मानसून पर निर्भरता कम हो गई तथा कृषि के अधीन क्षेत्रफल में वृद्धि हुई।

उर्वरक-सिंचाई सुविधाओं में वृद्धि के कारण, कृषि के अधीन क्षेत्रफल बढ़ गया तथा अधिक पैदावार वाले बीज विकसित होने के कारण रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग बढ़ गया। जहां 1967-68 में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग 10 लाख टन था वो 20वीं शताब्दी के अन्त तक 13 गुणा हो गया। रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से भूमि में नाइट्रोजन तथा फास्फोरस की कमी को पूरा किया गया। इस प्रकार गेहूँ तथा अन्य फसलों की पैदावार में वृद्धि हुई।

प्रश्न 2.
हरित क्रांति के कारणों की चित्र द्वारा दर्शाएँ ।
उत्तर-
PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 1 हरित क्रांति 1

PSEB 7th Class Agriculture Solutions Chapter 1 हरित क्रांति

हरित क्रांति PSEB 7th Class Agriculture Notes

  • पंजाब की आर्थिक समृद्धि में हरित क्रांति का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।
  • हरित क्रांति के समय पंजाब में नहरों द्वारा तथा ट्यूबवैल द्वारा सिंचाई की सुविधा में वृद्धि हुई।
  • 1960 के दशक में कृषि क्षेत्र में अनाज उत्पादन की वृद्धि को हरित क्रांति का नाम दिया गया है।
  • पंजाब में वर्ष 1965-66 में अनाज उत्पादन 34 लाख टन था जो बढ़कर वर्ष 1971-72 में 119 लाख टन हो गया।
  • उत्पादन बढ़ने का मुख्य कारण गेहूं तथा धान के उत्पादन का अधिक होना था।
  • पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के वैज्ञानिकों ने विश्व स्तरीय शोधकर्ताओं के साथ मिल कर कई उन्नत किस्म के बीज विकसित किए हैं।
  • उन्नत बीजों के कारण प्रति हेक्टेयर उत्पादन में वृद्धि हुई है।
  • धान की उन्नत किस्मों के कारण धान की कृषि के अधीन क्षेत्रफल बढ़ा है।
  • कृषि पैदावार में सिंचाई का महत्त्वपूर्ण योगदान है।
  • वर्ष 1967-68 में रासायनिक खादों का प्रयोग 10 लाख टन था जोकि बढ़ कर बीसवीं शताब्दी के अन्त तक 13 गुणा हो गया था।
  • रासायनिक उर्वरकों (खादों) ने पंजाब की भूमि में नाइट्रोजन तथा फास्फोरस की कमी को पूरा करने में बहुत योगदान दिया।
  • हरित क्रांति में पंजाब के किसानों का तथा वैज्ञानिकों का भरपूर योगदान रहा।
  • फसलों को कीटों तथा खरपतवार से बचाव के लिए रासायनिक विधियों को विकसित किया गया।
  • पंजाब में आवश्यकता से अधिक अनाज पैदा होने के कारण, केन्द्रीय तथा राज्य गोदाम निगम स्थापित किए गए।
  • सरकार द्वारा गेहूँ तथा धान की उपज के मण्डीकरण को यकीनी बनाया गया।
  • पंजाब कृषि विश्वविद्यालय तथा कृषि विभाग द्वारा किसानों को कृषि की विकसित तकनीकों का प्रशिक्षण देने का प्रबंध किया जाता है।
  • पंजाब राज बीज निगम, राष्ट्रीय बीज निगम तथा अन्य बीज संस्थानों की स्थापना की गई ताकि किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध करवाया जा सके।
  • पंजाब में धान तथा गेहूँ की अधिक कृषि के कारण भूमि का स्वास्थ्य तथा भूमि के नीचे पानी का स्तर नीचे जा रहा है।
  • पंजाब में गैर-अनाजी फसलों; जैसे-दालें, तेल बीज, फल, सब्जियां, कपास आदि की कृषि को बढ़ाने के प्रयत्न किए जा रहे हैं।
  • नई तकनीकों, जैसे- बायोटैक्नॉलोजी, नैनोटेक्नॉलोजी, टिशु कल्चर आदि की नई किस्में विकसित करने के लिए प्रयोग किया जा रहा है।
  • कम पूंजी से कृषि आधारित व्यवसाय, जैसे-मशरूम की कृषि, बीज-उत्पादन, ” सब्जियों की खेती आदि को आसानी से शुरू किया जा सकता है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 22 सार्वजनिक सम्पति की संभाल

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 22 सार्वजनिक सम्पति की संभाल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 22 सार्वजनिक सम्पति की संभाल

SST Guide for Class 6 PSEB सार्वजनिक सम्पति की संभाल Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो :

प्रश्न 1.
आप अपनी निजी सम्पत्ति को कैसे संभालते हैं ?
उत्तर-
हमारी निजी सम्पत्ति हमारे अपने धन तथा अपने परिश्रम से बनी होती है। इसका प्रयोग हम अपनी इच्छा से कर सकते हैं। इसलिए हम इसका पूरा ध्यान रखते हैं।
(i) हम इसे तोड़-फोड़ से बचाते हैं।
(ii) हम इसे चोरी होने से बचाते हैं।
वास्तव में हम इसकी हर प्रकार से रक्षा करते हैं ताकि इसे कोई हानि न पहुंचे।

प्रश्न 2.
भारतवर्ष के तीन ऐतिहासिक स्मारकों के नाम लिखें।
उत्तर-
ताजमहल, लाल किला, कुतुबमीनार, जामा मस्जिद आदि।

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय सम्पत्ति की सम्भाल क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
राष्ट्रीय सम्पत्ति हम सबके धन से बनी होती है। इस पर हम सबका अधिकार होता है। यदि इसे हानि पहुंचती है तो हम सबको असुविधा होती है। उदाहरण के लिए बसों तथा रेलगाड़ियों की तोड़-फोड़ से हमारी यात्रा में बाधा पड़ती है। इसी प्रकार पुस्तकालय की पुस्तकों में से पन्ने या चित्र फाड़ लेने पर हम उनका आनन्द नहीं ले पाते। इसके अतिरिक्त उस सम्पत्ति को पुनः बनाने के लिए हमें फिर से करों के रूप में धन खर्च करना पड़ता है। इसलिए राष्ट्रीय सम्पत्ति की सम्भाल ज़रूरी है।

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प्रश्न 4.
लोग सार्वजनिक सम्पत्ति क्यों खराब करते हैं ?
उत्तर-
कुछ लोग अज्ञानता के कारण सार्वजनिक सम्पत्ति को खराब करते हैं। वे इस बात को भूल जाते हैं कि सार्वजनिक सम्पत्ति की हानि उनकी अपनी हानि भी है। ऐसे लोग विरोध-प्रदर्शन के दौरान बसों, रेलगाड़ियों, सरकारी भवनों की तोड़फोड़ करते हैं अथवा उन्हें आग लगा देते हैं। कुछ शरारती तत्व अराजकता फैलाने के लिए भी सार्वजनिक सम्पत्ति को नष्ट करते हैं।

प्रश्न 5.
सार्वजनिक सम्पत्ति कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर-
सार्वजनिक सम्पत्ति दो प्रकार की होती है –

  1. लोकोपयोगी सेवाएँ
  2. ऐतिहासिक भवन अथवा स्मारक।

प्रश्न 6.
लोक उपयोगी सेवाओं से आप क्या समझते हो ? दो उदाहरण दो।
उत्तर-
लोक उपयोगी सेवाओं से अभिप्राय सार्वजनिक संस्थाओं से है। सरकारी बसें, रेलगाड़ियां, स्कूल, बैंक आदि सेवाएं लोक उपयोगी सेवाओं के मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 7.
ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
ऐतिहासिक स्मारकों का हमारे जीवन में बड़ा महत्त्व है –

  1. इनसे हमें जुड़े इतिहास की जानकारी होती है।
  2. ये विदेशों में भारतीय संस्कृति की महानता का बखान करते हैं। अतः कई विदेशी इन्हें देखने के लिए भारत आते हैं।
  3. इनकी कला-शैलियां आज की भवन-निर्माण शैलियों के लिए प्रेरणा की स्रोत हैं।

प्रश्न 8.
सार्वजनिक सम्पत्ति का लोग दुरुपयोग कैसे करते हैं ?
उत्तर-
लोग सार्वजनिक सम्पत्ति का दुरुपयोग निम्नलिखित ढंग से करते हैं –

  1. कुछ लोग सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाते हैं।
  2. वे सड़कों के किनारे लगे बल्बों तथा ट्यूबों को तोड़-फोड़ देते हैं।
  3. वे स्मारकों पर अपने नाम आदि लिख कर उन्हें गन्दा करते हैं।
  4. वे सार्वजनिक पार्कों से पेड़-पौधे उखाड़ कर ले जाते हैं और फूल तोड़ लेते हैं।
  5. वे विरोध प्रदर्शन के समय सार्वजनिक सम्पत्ति को जला देते हैं।
  6. वे अजायबघरों से वस्तुएं चुरा ले जाते हैं।

प्रश्न 9.
स्कूल की सम्पत्ति किसके पैसे से बनाई जाती है ?
उत्तर-
स्कूल की सम्पत्ति हम सबके पैसे से बनाई जाती है।

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प्रश्न 10.
निजी सम्पत्ति और सार्वजनिक सम्पत्ति में अन्तर बताओ।
उत्तर-
निजी सम्पत्ति किसी एक व्यक्ति या परिवार की सम्पत्ति होती है। इसकी हानि परिवार को ही उठानी पड़ती है। इसके विपरीत सार्वजनिक सम्पत्ति हम सबकी सांझी सम्पत्ति होती है। इसे हानि पहुंचाने पर हम सभी को हानि पहुंचती है।

प्रश्न 11.
स्कूल की सम्पत्ति के प्रति आपका क्या कर्त्तव्य है ?
उत्तर-
स्कूल की सम्पत्ति के प्रति आपके निम्नलिखित कर्त्तव्य हैं –

  1. हमें स्कूल को साफ़-सुथरा रखना चाहिए। हमें स्कूल की दीवारों, खिड़कियों तथा दरवाजों को खराब नहीं करना चाहिए।
  2. हमें स्कूल के डैस्कों, कुर्सियों, बिजली के पंखों आदि को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए।
  3. हमें स्कूल के पार्क को साफ़-सुथरा रखना चाहिए। वहां से फूल-पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए।
  4. हमें खेल के मैदान को ठीक प्रकार से उपयोग करना चाहिए। हमें वहाँ पत्थर और फलों के छिलके नहीं फेंकने चाहिए।
  5. स्कूल से प्राप्त खेलों के सामान का प्रयोग हमें बड़ी सावधानी से करना चाहिए।
  6. लाइब्रेरी की पुस्तकों से पन्ने नहीं फाड़ने चाहिए।
  7. पीने के पानी की टूटियों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए।

प्रश्न 12.
ऐतिहासिक स्मारकों की संभाल आप कैसे करोगे ?
उत्तर-
ऐतिहासिक स्मारकों की संभाल के लिए हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –
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  1. हमें ऐतिहासिक स्मारकों को वर्षा, बाढ़ आदि के समय नष्ट होने से बचाने का प्रयत्न करना चाहिए।
  2. हमें अजायबघरों आदि में पड़ी हुई वस्तुओं को हाथ लगा कर खराब नहीं करना चाहिए।
  3. हमें ऐतिहासिक यादगारों को तोड़ना-फोड़ना नहीं चाहिए।
  4. हमें ऐतिहासिक यादगारों में से किसी भी वस्तु को चुराना नहीं चाहिए।
  5. हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अन्य व्यक्ति भी ऐतिहासिक स्मारकों को हानि न पहुँचाए।
  6. हमें ऐतिहासिक स्मारकों पर लिखे हुए या खुदे अक्षरों को न तो मिटाना चाहिए और न ही स्वयं कुछ लिखना चाहिए।

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II. निम्नलिखित रिक्त स्थान भरो

  1. हमारी अपनी सभी निजी वस्तुएं हमारी ……….. सम्पत्ति हैं।
  2. पुरानी ऐतिहासिक इमारतों को ……… कहा जाता है।
  3. सार्वजनिक सम्पत्ति को ……….. नहीं पहुंचाना चाहिए।
  4. सभी की सांझी सम्पत्ति को ………… सम्पत्ति कहा जाता है।
  5. परिवार की सभी वस्तुओं को ……………सम्पत्ति कहा जाता है।

उत्तर-

  1. निजी
  2. स्मारक
  3. नुकसान
  4. सार्वजनिक
  5. पारिवारिक।

III. निम्नलिखित वाक्यों के आगे सही (✓ ) या ग़लत (✗) का निशान लगाओ

  1. पार्क और अस्पताल हमारी निजी सम्पत्ति हैं।
  2. हमें राष्ट्रीय सम्पत्ति को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए क्योंकि यह हमारी है।
  3. ऐतिहासिक स्मारकों की रक्षा 1958 में पास किए गए नियम द्वारा की जाती है।
  4. लोक हित सेवाएं सरकार द्वारा लोगों की सुविधा के लिए बनाई जाती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓ )
  3. (✓ )
  4. (✓ )

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IV. दी गई सूची में से प्राइवेट तथा सार्वजनिक सम्पत्ति की अलग-अलग सूची बनाएं।

पुस्तक, डाकघर, पॅन, रेलवे स्टेशन, स्कूटर, बस स्टैंड, स्मारक, अलमारी, सीवरेज, कार, सड़कें, नहरें, बस्ता, पुल, स्कूल, वाटर वर्क्स, कोठी, झीलें, पार्क, अजायब घर, टेलीविज़न।
उत्तर-प्राइवेट (निजी) सम्पत्ति – पुस्तक, पॅन, स्कूटर, अलमारी, कार, बस्ता, कोठी तथा टेलीविज़न।
सार्वजनिक सम्पत्ति-डाकघर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, स्मारक, सीवरेज, सड़कें, नहरें, पुल, वाटर वर्क्स, स्कूल, झीलें, पार्क तथा अजायब घर।

PSEB 6th Class Social Science Guide सार्वजनिक सम्पति की संभाल Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
अधिकारों के साथ क्या चीज़ जुड़ी है ?
उत्तर-
कर्त्तव्य।

प्रश्न 2.
लोकोपयोगी सेवाएं अथवा संस्थाएं किस प्रकार की सम्पत्ति हैं ?
उत्तर-
सार्वजनिक।

प्रश्न 3.
प्राचीन स्मारकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने कब कानून बनाया ?
उत्तर-
1958 ई० में।

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बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सार्वजनिक सम्पत्ति से क्या भाव है ?
(क) हमारी सम्पत्ति
(ख) सांझी संपत्ति।
(ग) विदेशी सम्पत्ति
उत्तर-
(ख) सांझी सम्पत्ति।

प्रश्न 2.
सरकार के तीन अंग होते हैं। इनमें निम्न में कौन-सा अंग शामिल नहीं है ?
(क) नगरपालिका
(ख) विधानपालिका
(ग) कार्यपालिका।
उत्तर-
(क) नगरपालिका।

प्रश्न 3.
निम्न में से क्या हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है ?
(क) ऐतिहासिक स्मारक।
(ख) लोकतंत्रीय सरकार
(ग) पंचायती राज संस्थाएं।
उत्तर-
(क) ऐतिहासिक स्मारक।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे देश में किस प्रकार की सरकार है ? इसकी क्या विशेषता होती है ?
उत्तर-
हमारे देश में लोकतान्त्रिक सरकार है। इसमें लोग अपने प्रतिनिधि चुनते हैं जो सरकार चलाते हैं। ऐसी सरकार अपने अधिकतर कार्य लोगों की भलाई के लिए करती है।

प्रश्न 2.
हमारी सरकार के कितने अंग हैं ? प्रत्येक का एक-एक कार्य बताओ।
उत्तर-
हमारी सरकार के तीन अंग हैं-विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका। इनके कार्य निम्नलिखित हैं –

  1. विधानपालिका-इसका कार्य कानून बनाना है।
  2. कार्यपालिका-इसका कार्य कानूनों को लागू करना है।
  3. न्यायपालिका-यह कानूनों का उल्लंघन करने वालों को दण्ड देती है।

प्रश्न 3.
कौन-सी तीन विधियों द्वारा हम निजी सम्पत्ति का ध्यान रखते हैं ?
उत्तर-
(1) हम ध्यान रखते हैं कि कोई हमारी निजी वस्तुओं को खराब या गन्दा न करे।
(2) हम उन्हें सम्भाल कर रखते हैं, ताकि उनकी तोड़-फोड़ न हो।
(3) हम अपनी बहुमूल्य वस्तुओं को घर में ताला लगा कर रखते हैं या फिर बैंक के लॉकर में रखते हैं।
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प्रश्न 4.
सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा के उपायों का वर्णन करो।
उत्तर-
सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा के निम्नलिखित उपाय हैं –

  1. हमें इस सम्पत्ति की तोड़-फोड़ नहीं करनी चाहिए। हमें दूसरों को भी इस काम से रोकना चाहिए।
  2. हमें इनकी दीवारों को गन्दा नहीं करना चाहिए और इनमें गन्दगी नहीं फैलानी चाहिए।
  3. हमें बिना टिकट यात्रा नहीं करनी चाहिए।
  4. हमें पुस्तकालय की पुस्तकों को खराब नहीं करना चाहिए।
  5. हमें फूल आदि तोड़ कर सार्वजनिक पार्कों की शोभा को कम नहीं करना चाहिए।
  6. हमें स्कूल के सामान को हानि नहीं पहुँचानी चाहिए।
  7. हमें प्राचीन स्मारकों, संग्रहालयों और सार्वजनिक भवनों को साफ़-सुथरा रखना चाहिए।

प्रश्न 5.
विद्यार्थी पार्कों की सुरक्षा में क्या योगदान दे सकते हैं ?
उत्तर-
विद्यार्थी पार्कों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं –

  1. वे पार्कों में कूड़ा-कर्कट न फैलाएँ।
  2. वे घास को खराब न करें।
  3. वे फूलों को न तोड़ें।
  4. वे पार्कों में निश्चित स्थान पर ही खेलें।

प्रश्न 6.
ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों का हमारे जीवन में बड़ा महत्त्व है। इनसे हमें भारत के प्राचीन इतिहास का ज्ञान होता है। हमें यह भी पता चलता है कि हमारी प्राचीन संस्कृति कितनी महान् थी। ये भवन विदेशियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं। संसद भवन, राष्ट्रपति भवन आदि कुछ इमारतें भारतीय प्रशासन की केन्द्र हैं।

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प्रश्न 7.
सार्वजनिक सम्पत्ति की हानि हमारी अपनी हानि कैसे है ?
उत्तर–
सार्वजनिक सम्पत्ति के टूटने या खराब होने पर ठीक करने के लिए फिर से धन खर्च करना पड़ता है। यह धन हमारे करों से एकत्रित राशि से ही खर्च किया जाता है। यह राशि किसी और सुधार कार्य में लगने की बजाय व्यर्थ हो जाती है। इससे यह स्पष्ट है कि सार्वजनिक सम्पत्ति की हानि हमारी अपनी हानि है।

प्रश्न 8.
आप जल प्रबन्ध की देख-रेख के लिए सरकार की कैसे सहायता करेंगे ?
उत्तर-
जल प्रबन्ध से भाव उस प्रबन्ध से है जिसके द्वारा हमें नहाने और पीने के लिए जल प्राप्त होता है। इसकी सुरक्षा के लिए हमें अग्रलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –

  1. हमें नल को आवश्यकता से अधिक नहीं चलाना चाहिए।
  2. सार्वजनिक स्थानों पर जल का प्रयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए।
  3. सार्वजनिक नलों को किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचानी चाहिए।
  4. यदि जल प्रबन्ध में कोई रुकावट उत्पन्न हो जाए तो तुरन्त इसकी सूचना सम्बन्धित दफ्तर को देनी चाहिए।

प्रश्न 9.
आप विद्यालय में खेल के मैदान की देख-रेख के लिए अपने विद्यालय के व्यवस्थापकों की कैसे सहायता कर सकते हो?
उत्तर-
(1) विद्यालय के खेल के मैदान में खेलते समय वस्तुओं को टूटने से बचाना चाहिए तथा अन्य बच्चों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
(2) हम खेल के मैदान को साफ़-सुथरा रख कर भी विद्यालय के व्यवस्थापकों की सहायता कर सकते हैं।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 8 कृषि आधारित औद्योगिक धंधे

Punjab State Board PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions Chapter 8 कृषि आधारित औद्योगिक धंधे Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Agriculture Chapter 8 कृषि आधारित औद्योगिक धंधे

PSEB 10th Class Agriculture Guide कृषि आधारित औद्योगिक धंधे Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के एक – दो शब्दों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
घरेलू स्तर पर कौन-सी फसलों को सुखाकर पाऊडर बनाया जा सकता है ?
उत्तर-
हल्दी, मिर्च आदि।

प्रश्न 2.
कृषि पर आधारित कामों के लिए कहां से प्रशिक्षण लिया जा सकता है?
उत्तर-
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना।

प्रस्न 3.
एग्रो प्रोसेसिंग कंपलैक्स में लगने वाली कोई दो (चार) मशीनों के नाम लिखिए।
उत्तर-
मिनी चावल मिल, छोटी आटा चक्की, ग्राईंडर, पेंजा, कोहलू।

प्रश्न 4.
मैंथा का तेल कौन-सी चीज़ों में प्रयुक्त होता है?
अथवा
मैंथे का तेल क्या-क्या काम आता है?
उत्तर-
दवाइयां, सेंट, शृंगार का सामान आदि में।

प्रश्न 5.
एक क्विटल गन्ना पेर कर कितना गुड़ तैयार किया जा सकता है?
उत्तर-
10-12 किलो ग्राम।

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प्रश्न 6.
दानों में कटाई के बाद कितना नुकसान होता है ?
उत्तर-
10%.

प्रश्न 7.
विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ और क्या करना चाहिए ? पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर-
किसी औद्योगिक धंधे सम्बन्धी सामर्थ्य विकसित करनी चाहिए।

प्रश्न 8.
कोई भी व्यापार करने से पहले किस चीज़ की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
प्राथमिक प्रशिक्षण की।

प्रश्न 9.
प्रोसेसिंग के दौरान 100 किलो ग्राम कच्ची हल्दी से कितना पाऊडर तैयार किया जा सकता है?
अथवा
100 किलो कच्ची हल्दी में से प्रोसेसिंग के दौरान कितना हल्दी पाऊडर तैयार किया जा सकता है?
उत्तर-
15-20 कि० ग्रा० ।

प्रश्न 10.
मैंथा प्रोसेसिंग के दौरान तेल तथा पानी को कैसे अलग किया जाता है?
उत्तर-
सैपरेटर की सहायता से।

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(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के एक – दो वाक्यों में उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
सहकारी स्तर पर किस तरह की खेती आधारित कारखाने लगाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
फलों तथा सब्जियों की प्रोसेसिंग के लिए डीहाईड्रेशन प्लांट तथा फ्रीजिंग प्लांट आदि लगाने के लिए बहुत खर्चा (लगभग 30 लाख रुपए) होता है। इसलिए ऐसे कारखाने सहकारी स्तर पर लगाए जा सकते हैं।

प्रश्न 2.
कौन-से प्रमुख साधनों की कमी के कारण हमारे देश में अनाज का नुकसान हो रहा है?
उत्तर-
हमारे देश में भंडारण तथा प्रोसेसिंग के बढ़िया साधनों की कमी के कारण कटाई के बाद अनाज की हानि हो रही है।

प्रश्न 3.
अनाज के हो रहे नुकसान को रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर-
अनाज के हो रहे नुकसान को रोकने के लिए कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग करनी चाहिए।

प्रश्न 4.
कृषि पर आधारित व्यापार किस तरह किसानों की आमदन बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं?
उत्तर-
कृषि उत्पादों की छोटे स्तर पर प्रोसेसिंग कर के बेचने से किसान अधिक आमदन कमा सकता है तथा कृषि आधारित व्यापार; जैसे मुर्गी पालन, डेयरी का धंधा आदि की छोटे स्तर पर एग्रो प्रोसेसिंग करके भी आय प्राप्त की जा सकती है।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 8 कृषि आधारित औद्योगिक धंधे

प्रश्न 5.
मैंथे की प्रोसेसिंग कैसे की जाती है?
उत्तर-
मैंथे की फसल में से तेल निकालने के लिए मैंथे प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जा सकता है।
मैंथे की फसल को खुले में सुखाया जाता है ताकि नमी की मात्रा कम की जा सके। फिर इन को हवा बंद टैंकों में डाल कर अंदर दबाव द्वारा भाप भेजी जाती है। गर्म होने पर तेल भाप में मिल जाता है। तेल तथा भाप के कणों को एक दम ठंडा किया जाता है। पानी तथा तेल के मिश्रण को टैंक में इकट्ठा किया जाता है। इस टैंक को सैपरेटर कहा जाता है। तेल, पानी से हल्का होने के कारण ऊपर तैरता है। इसको ऊपर से नितार लिया जाता है तथा प्लास्टिक के बर्तनों में बंद कर लिया जाता है।

प्रश्न 6.
हल्दी की प्रोसेसिंग के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की ओर से विकसित की गई मशीन के बारे में लिखिए।
उत्तर-
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा हल्दी को धोने तथा पालिश करने के लिए मशीन तैयार की गई है। इस मशीन में एक घण्टे में 2.5-3.0 क्विटल हल्दी को धो सकते हैं तथा बाद में पालिश भी कर सकते हैं।

प्रश्न 7.
गुड़ की प्रोसेसिंग में बुनियादी तकनीकी काम कौन-से होते हैं ?
उत्तर-
बेलना नामक मशीन द्वारा गन्ने का रस निकाला जाता है तथा जो रस प्राप्त होता है उसको गर्म करके सघन किया जाता है तथा गुड़ बनाया जाता है।

प्रश्न 8.
एग्रो प्रोसेसिंग कम्पलैक्स में लगाई जाने वाली किन्हीं तीन मशीनों के नाम तथा उनके काम के बारे में बताइए।
उत्तर-
फल सब्जियां धोने वाली मशीन, डीहाइड्रेटर, स्लाइसर मशीनों का प्रयोग क्रमश: फलों सब्जियों को धोने के लिए, नमी सुखाने के लिए तथा स्लाइस बनाने में प्रयोग होता है।

प्रश्न 9.
फल सब्जियों के लिए फ्रीजिंग प्लांट किसानी स्तर पर क्यों नहीं लगाए जा सकते ?
उत्तर-
इनकी लागत बहुत अधिक है। लगभग 30 लाख रुपए का खर्चा आ जाता है। इसलिए इन्हें किसानी स्तर पर नहीं लगाया जा सकता।

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प्रश्न 10.
कौन-से खेती पदार्थों को घरेलू स्तर पर सुखाकर प्रतिदिन घर में प्रयोग किया जा सकता है?
अथवा
कोई चार कृषि उत्पादों के नाम लिखो, जिनका प्रयोग घरेलू स्तर पर सुखा कर किया जा सकता है ?
उत्तर-
मेथी, धनिया, मैंथा, मिर्च आदि को घर में सुखाकर प्रयोग किया जा सकता है।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के पांच – छः वाक्यों में उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
गांवों में कृषि पर आधारित व्यापार शुरू करने से क्या लाभ होगा ?
उत्तर-
साधारणतया कटाई के बाद अनाज की 10% तथा फलों सब्जियों की 3040% हानि हो जाती है। परन्तु यदि ग्रामीण स्तर पर प्रोसेसिंग यूनिट लगा लिए जाए तो इस हानि को काफ़ी कम किया जा सकता है। किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है। बेरोज़गार नौजवानों को काम मिल सकता है तथा खाने पीने के लिए ताज़ी तथा उच्च स्तरीय वस्तुएं प्राप्त हो सकती हैं। रोज़गार के अधिक अवसरों तथा अधिक आमदन के कारण शहरों की तरफ जाने का रुझान भी कम होता है।

प्रश्न 2.
एक छोटे कृषि आधारित कारखाने में किस तरह की मशीनें लगाई जा सकती हैं तथा यह मशीनें कौन-सी फ़सलों की प्रोसेसिंग करेंगी?
उत्तर-
एक छोटे कृषि आधारित कारखाने में कई प्रकार की मशीनें लगाई जा सकती हैं, जैसे–

  • मिनी चावल मिल
  • तेल निकालने वाला कोल्हू
  • आटा चक्की
  • ग्राइंडर
  • दालों का कलीनर ग्रेडर तथा मिनी दाल मिल
  • पेंजा
  • छोटी फीड मिल आदि।

इन मशीनों में दालें, अनाज, तेल बीज, मसाले, कपास आदि की प्रोसेसिंग की जा सकती है।

PSEB 10th Class Agriculture Solutions Chapter 8 कृषि आधारित औद्योगिक धंधे

प्रश्न 3.
गांवों से शहरों की ओर लोगों का रूझान रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिएं ?
उत्तर-
गांव से शहरों की ओर लोगों का रूझान इसलिए है कि गांव में अधिक रोज़गार के अवसर नहीं है तथा आमदन भी कम होती है। यदि गांव में रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएं तथा आमदन भी बढ़ाई जा सके तो यह रूझान रुक सकता है। इसलिए कृषि आधारित उद्योग धंधों को शुरू करने को बढ़ावा देना चाहिए।

नौजवान अपनी कृषि वस्तुओं के छोटे प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकते हैं। कई कृषि सम्बन्धी उद्योग-धंधे शुरू कर सकते हैं, जैसे-डेयरी फार्म, मछली पालन, मुर्गी पालन, खुम्भे उगाना, शहद की मक्खियां पालना आदि तथा इनके उत्पादों का स्वयं मण्डीकरण करके अधिक आय प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 4.
अधिक धन से लगने वाले कृषि पर आधारित काम शुरू करने के लिए कौन-सी नीति होनी चाहिए?
उत्तर-
कई ऐसे कार्य हैं जो कृषि आधारित हैं परन्तु उनको शुरू करने के लिए आरम्भिक खर्चा बहुत अधिक हो जाता है, जैसे-फल सब्जियों के लिए डीहाइड्रेशन तथा फ्रीजिंग प्लांट लगाने पर लगभग 30 लाख रुपए का खर्चा आ जाता है। ऐसी स्थिति में यह प्लांट किसानी स्तर पर न लगा कर, सहकारी स्तर पर या किसानों के समूहों द्वारा लगाए जाने चाहिए। इस तरह एक प्लांट का प्रयोग कई किसान कर सकते हैं तथा अपनी उपज की प्रोसेसिंग करवा कर मण्डीकरण के लिए ले जाया जा सकता है।

प्रश्न 5.
हल्दी की प्रोसेसिंग के बारे में आप क्या जानते हैं ?
अथवा
कच्ची हल्दी से हल्दी पाऊडर कैसे तैयार किया जाता है?
उत्तर-
हल्दी की प्रोसेसिंग करने के लिए ताज़ी हल्दी की गांठों को अच्छी तरह धो कर मिट्टी रहित किया जाता है। इस कार्य के लिए पी० ए० यू० द्वारा तैयार हल्दी धोने तथा पालिश करने वाली मशीन का प्रयोग किया जा सकता है। इस मशीन में 2.5-3.0 क्विटल हल्दी को एक ही समय पर धोया जा सकता है। धोने के बाद हल्दी को उबाला जाता है तथा इस प्रकार गांठें नर्म हो जाती हैं। इनका रंग भी एक जैसा हो जाता है। हल्दी को खुले बर्तन में उबालने पर लगभग एक घण्टा लगता है परन्तु प्रेशर कुक्कर में 20 मिनट लगते हैं। उबालने के बाद हल्दी को धूप में सुखाया जाता है ताकि नमी की मात्रा 10% से कम हो जाए। इस कार्य के लिए अच्छी धूप में 15 दिन लग जाते हैं। इसके बाद हल्दी की ऊपरी सतह को उतारने के लिए पालिश किया जाता है तथा फिर हल्दी को ग्राइंडर में पीस लिया जाता है। इस प्रकार 100 कि० ग्र० ताजा हल्दी से 15-20 किलो हल्दी पाऊडर प्राप्त हो जाता है।

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Agriculture Guide for Class 10 PSEB कृषि आधारित औद्योगिक धंधे Important Questions and Answers

वस्तनिष्ठ प्रश्न

I. बहु-विकल्पीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
100 किलो ताजी हल्दी से ………….. किलो हल्दी पाऊडर मिल सकता
(क) 25-30
(ख) 15-20
(ग) 5-10
(घ) 45-50.
उत्तर-
(ख) 15-20

प्रश्न 2.
एक क्विटल गन्ने में से ………. किलो गुड़ तैयार हो जाता है।
(क) 21-22
(ख) 30-35
(ग) 10-12
(घ) 18-20
उत्तर-
(ग) 10-12

प्रश्न 3.
दानों का कटाई के बाद लगभग ………. नुकसान होता है।
(क) 5%
(ख) 10%
(ग) 20%
(घ) 50%.
उत्तर-
(ख) 10%

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प्रश्न 4.
मैंथा का तेल …………. में प्रयोग होता है-
(क) दवाइयों
(ख) सेंट
(ग) श्रृंगार का सामान
(घ) सभी।
उत्तर-
(घ) सभी।

प्रश्न 5.
कटाई के बाद सब्जियों तथा फलों का …… नुकसान होता है।
(क) 15-20%
(ख) 20-30%
(ग) 30-40%
(घ) 10-15%.
उत्तर-
(ग) 30-40%

प्रश्न 6.
100 किलो गन्ना पेर (पीड़) कर कितना गुड़ तैयार किया जा सकता है ?
(क) 10-12 किलो
(ख) 40-45 किलो
(ग) 60-70 किलो
(घ) 30-35 किलो।
उत्तर-
(क) 10-12 किलो

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प्रश्न 7.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की ओर से हर महीने प्रकाशित किये जाने वाले पंजाबी पत्र (मैगज़ीन) का नाम क्या है ?
(क) चंगी खेती
(ख) मॉडर्न खेती
(ग) खेती दुनिया
(घ) कृषि जागरण।
उत्तर-
(क) चंगी खेती

प्रश्न 8.
कपड़ा उद्योग के लिए कच्चा माल कौन-सी फसल से प्राप्त होता है ?
(क) गेहूँ
(ख) नरमा
(ग) गन्ना
(घ) सरसों।
उत्तर-
(ख) नरमा

प्रश्न 9.
तेल बीजों में से तेल निकालने वाली मशीन को क्या कहा जाता है ?
(क) कोल्हू
(ख) आटा चक्की
(ग) सीड ग्रेडर
(घ) ग्राइंडर।
उत्तर-
(ख) आटा चक्की

प्रश्न 10.
बीज साफ करने वाली मशीन को क्या कहा जाता है ?
(क) कोल्हू
(ख) आटा चक्की
(ग) सीड ग्रेडर
(घ) ग्राइंडर।
उत्तर-
(ग) सीड ग्रेडर

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॥. ठीक/गलत बताएं-

1. दानों में कटाई के बाद लगभग 10% हानि होती है।
2. मेंथा एक खरपतवार है।
3. 100 किलो ताज़ी हल्दी में से 15-20 किलो हल्दी पाऊडर मिल सकता है।
4. एक क्विंटल गन्ने में से 30-40 किलो गुड़ तैयार हो सकता है।
उत्तर-

  1. ठीक
  2. गलत
  3. ठीक
  4. गलत।

II. रिक्त स्थान भरें-

1. कटाई के बाद फलों सब्जियों का …………… नुकसान हो जाता है।
2. सब्जियों को सुखाने के लिए …………….. का प्रयोग किया जाता है।
3. मैंथा प्रोसेसिंग के दौरान तेल तथा पानी को ……………… की सहायता से अलग किया जाता है।
4. ………………… फ़सल में से तेल निकालने के लिए मैंथा प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाता है।
उत्तर-

  1. 30-40%
  2. सोलर ड्रायर
  3. सेपरेटर
  4. मैंथा।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
बेरोज़गारी का एक कारण बताओ।
उत्तर-
नौकरियां सीमित गिनती में होना।

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प्रश्न 2.
कटाई के बाद सब्जियों तथा फलों को कितनी हानि होती है?
उत्तर-
30-40%.

प्रश्न 3.
एग्रो प्रोसेसिंग कम्पलैक्स वाली मशीनों का खर्चा कितना है?
उत्तर-
5 से 20 लाख रुपए।

प्रश्न 4.
उबालने के बाद हल्दी सुखाने को कितने दिन लगते हैं ?
उत्तर-
अच्छी धूप में 15 दिन।

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प्रश्न 5.
हल्दी के प्रयोग के बारे में बताओ।
उत्तर-
दवाइयाँ, शारीरिक सुंदरता के सामान तथा सूती वस्त्रों को बनाने में।

प्रश्न 6.
सब्जियों को सुखाने के लिए किस का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
सोलर ड्रायर।

प्रश्न 7.
कृषि से सम्बन्धित मासिक पत्रिका का नाम लिखें।
उत्तर-
‘चंगी खेती’।

प्रश्न 8.
पी० ए० यू० के कितने कृषि विज्ञान केन्द्र हैं ?
उत्तर-
17.

प्रश्न 9.
सौर (सोलर) ऊर्जा से सब्जियों को सुखाने के लिए कौन-सा उपकरण काम में लाया जाता है ?
उत्तर-
सोलर ड्रायर।

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प्रश्न 10.
आटा चक्की क्या काम आती है ?
उत्तर-
इसमें गेहूँ तथा अन्य दानों को पीस कर आटा तैयार किया जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
क्या कृषि आधरित उद्योग-धंधों के बारे सरकार की तरफ से या किसी अन्य संस्था की तरफ से आर्थिक सहायता उपलब्ध है ?
उत्तर–
सरकार तथा अन्य कई संस्थाओं द्वारा इन धंधों का प्रशिक्षण तथा आर्थिक सहायता दी जाती है।

प्रश्न 2.
एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट पर कितना खर्चा आता है तथा कितनी आय हो जाती है ?
उत्तर-
इन मशीनों पर 5 से 20 लाख का खर्चा आता है तथा 10 हज़ार से लेकर 50 हज़ार प्रति महीना कमाई हो जाती है।

प्रश्न 3.
हल्दी के प्रयोग के बारे में बताओ ( भोजन में)।
उत्तर-
हल्दी का प्रयोग कढ़ी, तरी, कई प्रकार की सब्जियों, बड़े स्तर पर भोजन से चटनी बनाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 4.
कृषि से सम्बन्धित कोई दस सहायक धन्धों के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. पशु पालना,
  2. पोल्टरी फार्म,
  3. मधुमक्खी पालन,
  4. मच्छी पालन,
  5. डेयरी फार्म,
  6. गुड़-शक्कर बनाना,
  7. सब्जियों को सुखा कर पैक करना,
  8. एग्रो प्रोसेलिंग कॉम्लेक्स,
  9. हल्दी प्रोसेसिंग प्लांट,
  10. खुम्भे लगाना।

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प्रश्न 5.
सौर (सोलर) ड्रायर से कौन-कौन-सी वस्तुएँ सुखाई जा सकती हैं ?
उत्तर-
मेथी, धनिया, मिर्च, लहसुन और अनेक दवाइयों की तरह प्रयुक्त होने वाले पौधों आदि को सौर ड्रायर से सुखाया जाता है।

प्रश्न 6.
ग्रामीण स्तर पर आरम्भ किए जा सकने वाले कोई चार कृषि आधारित औद्योगिक धन्धों के नाम लिखें।
उत्तर-
स्वयं करें।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-

प्रश्न 1.
हल्दी की प्रोसेसिंग के बारे में विस्तारपूर्वक बताओ।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 2.
मैंथा की प्रोसेसिंग के बारे में बताओ।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 4 खेल में लगने वाली चोटें व उनका इलाज

Punjab State Board PSEB 7th Class Physical Education Book Solutions Chapter 4 खेल में लगने वाली चोटें व उनका इलाज Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Physical Education Chapter 4 खेल में लगने वाली चोटें व उनका इलाज

PSEB 7th Class Physical Education Guide खेल में लगने वाली चोटें व उनका इलाज Textbook Questions and Answers

अभ्यास के प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1.
खेलों में लगने वाली चोटों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
ब्राजील में सन 2014 में विश्व कप फुटबाल में ब्राजील विश्व कप जीतने का मुख्य दावेदार था। ब्राजील की टीम पूरे जोश के साथ सभी विरोधी टीमों को पराजित करती हुई विश्व चैम्पियनशिप जीतने की ओर बढ़ रही थी कि अचानक एक मैच में ब्राजील के होनहार खिलाड़ी ‘नेमार’ की रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई जिसके कारण नेमार अगले मैचों में खेल नहीं सका और आने वाले दोनों मैच ब्रा हार गया। इस प्रकार ब्राजील विश्व कप विजेता होने से चूक गया।

कोई भी कार्य करते समय मनुष्य के जीवन में चोट लगने का भय बना रहता है। थोड़ी-सी असावधानी से चोट लग सकती है। इस तरह खिलाड़ियों को भी खेल के मैदान में चोटें लगती रहती हैं। खिलाड़ी जितनी मर्जी सावधानी का प्रयोग करे पर उस को चोट लग ही जाती है। खेल के मैदान में लगने वाली चोटें, कामकाज में लगने वाली चोटों से भिन्न होती हैं। यदि खिलाड़ी तैयारी और सावधानी से खेल के मैदान में उतरता है तो उसे दूसरे खिलाड़ियों की उपेक्षा कम चोटें लगती हैं। प्रत्येक खिलाड़ी के खेल जीवन में कोई-नकोई चोट अवश्य लगती है। साधारण चोट लगने पर एक-दो दिन में ठीक हो जाता है परन्तु गम्भीर चोट लगने पर खिलाड़ी कई दिन मैदान से दूर रहता है और खेल पाने में अमसर्थ होता है। कई चोटों के कारण खेलने योग्य भी नहीं रहता। खेल के मैदान में खिलाड़ियों को लगने वाली चोटें खेल चोटें (Sports Injuries) कहलाती हैं।

प्रश्न 2.
प्रत्यक्ष चोटें क्या होती हैं?
उत्तर-
प्रत्यक्ष चोटें (Exposed Injuries)-इस प्रकार की चोटें खिलाड़ियों को आम लगती रहती हैं। इस प्रकार की चोटें शरीर के किसी बाहर के भाग पर लगती हैं और इन्हें देखा जा सकता है। खेलते समय गिरने या किसी बाहर की वस्तु से टकराने के कारण चोट लगती है। इन चोटों को कई भागों में बांटा जा सकता है।

1. रगड़ (Abrasion)-इस प्रकार की चोट में त्वचा का ऊपरी अथवा भीतरी भाग छिल जाता है। खेल मैदान में खिलाड़ी के गिरने के कारण लगती है। इस प्रकार की चोट से त्वचा का बाहरी भाग छिल जाता है और रक्त बहने लगता है। रगड़ लगने वाले स्थान पर मिट्टी आदि पड़ने के कारण संक्रमण हो सकता है। इस प्रकार की चोट के घाव को अच्छी तरह साफ करके उस पर मरहम पट्टी कर देनी चाहिए।

2. त्वचा का फटना (Incision)-कई बार खेल में खिलाड़ी अपने विरोधी से टकरा जाते हैं। खिलाड़ी को कुहनी, घुटना या कोई तीखा भाग टकराने से खिलाड़ी की त्वचा फट जाती है। खिलाड़ी को इस प्रकार की चोट किसी कठोर वस्तु के टकराने से लगती है। खिलाड़ी की त्वचा कट जाती है और उससे रक्त बहने लगता है। कट गहरा होने के कारण रक्त तेज़ी से बहता है। इसके उपचार के लिए घाव को साफ करके पट्टी करनी चाहिए।

3. गहरा घाव (Punctured Wound)-खेल में यह चोट गंभीर होती है। यह चोट खेल के समय किसी नोकीली वस्तु के लगने के कारण होती है जैसे जैवेलिन या कीलों वाले स्पाइक्स की कीलें लगने के कारण होती है। इस चोट में खिलाड़ी को गहरा घाव लगता है और रक्त अधिक मात्रा में निकलने लगता है। इस प्रकार की चोट लगने के कारण शीघ्र खिलाड़ी को डाक्टर के पास ले जाना चाहिए।

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 4 खेल में लगने वाली चोटें व उनका इलाज

प्रश्न 3.
अप्रत्यक्ष चोटें किन्हें कहते हैं ?
उत्तर-
अप्रत्यक्ष (परोक्ष) चोटें (Unexposed Injuries) इस प्रकार की चोटें शरीर के बाहरी भाग में दिखाई नहीं देतीं। इन्हें भीतरी चोटें भी कहा जा सकता है। इस प्रकार की चोटें मांसपेशियों अथवा जोड़ों पर लगती हैं। इनका मुख्य कारण मांसपेशियों व जोड़ों पर अधिक दबाव या तनाव होता है। इस प्रकार की चोट में खिलाड़ी को तीव्र दर्द होता है और ठीक होने में समय लग जाता है।

प्रश्न 4.
जोड़ का उत्तरना तथा हड्डी के टूटने में क्या अन्तर है?
उत्तर-
इस चोट में जोड़ के ऊपर अधिक दबाव पड़ने के कारण अथवा झटका लगने के कारण हड्डी जोड़ से बाहर आ जाती है जिससे जोड़ गति करना बंद कर देता है और खिलाड़ी खेलने में असमर्थ हो जाता है। किसी पोल, मेज से टकराने अथवा गिरते समय जोड़ के अधिक मुड़ जाने के कारण यह चोट लग सकती है।

जब चोट लगने के कारण हड्डी के दो टुकड़े हो जाते हैं, उसे हड्डी का टूटना कहते हैं। हड्डी का टूटना गम्भीर चोट है। इसमें खिलाड़ी को बहुत दर्द होता है और ठीक होने में भी काफी समय लगता है। हड्डी टूटने के बहुत प्रकार हैं-इनमें कुछ साधारण व कुछ गम्भीर प्रकार की टूटन है। खेल के मैदान में सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल न करने के कारण ये चोटें लग सकती हैं।

जोड़ का उत्तरना हड्डी का टूटना
(1) जोड़ का आकार बदल जाता है। (1) हड्डी का आकार बदल जाता है।
(2) अंग की गतिशीलता बंद हो जाती है। (2) हड्डी टूटने वाले स्थान पर तेज़ दर्द होने लगता है।
(3) चोट वाले स्थान पर तीव्र दर्द लगती है। (3) हड्डी के हिलाने पर आवाज़ आने होता है।
(4) जोड़ पर सूजन आ जाती है। (4) हड्डी टूटने वाला अंग कार्य करना बन्द कर देता है।

 

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प्रश्न 5.
मोच क्या है ? इसके कारण, लक्षण तथा ईलाज के बारे में लिखिए।
उत्तर-
मोच जोड़ों की चोट है। इस चोट में जोड़ों को बांधने वाले तन्तु टूट जाते हैं या फट जाते हैं। खेल के मैदान में दौड़ते समय खिलाड़ी का संतुलन बिगड़ने के कारण अथवा जोड़ों के अधिक मुड़ने के कारण खिलाड़ी के जोड़ों पर दबाव पड़ जाता है और जोड़ के तन्तुओं में खिंचाव आ जाता है। इसे मोच कहते हैं।
लक्षण-

  1. चोट वाले स्थान पर तीव्र दर्द होता है।
  2. चोट वाले जोड़ पर सूजन आ जाती है।
  3. चोट वाले स्थान का रंग लाल हो जाता है।
  4. चोट वाले जोड़ को हिलाने से खिलाड़ी को तीव्र दर्द होता है।

उपचार-चोट लगने के स्थान पर शीघ्र बर्फ लगनी चाहिए। इससे जोड़ में बह रहा रक्त बंद हो जाता है। बर्फ मलने से चोट वाले स्थान पर सूजन कम हो जाती है। चोट लगने के पश्चात् 24 घण्टे बर्फ की टकोर करनी चाहिए और चोट पर मालिश नहीं करनी चाहिए। न ही गर्म सेक देना चाहिए। जोड़ को सहारा देने के लिए पट्टी बांध लेनी चाहिए। चोट ठीक होने के पश्चात् जोड़ को हल्का व्यायाम करना चाहिए। इससे चोट ठीक होने में काफी समय लग सकता है।

प्रश्न 6.
खेलों में लगने वाली चोटों के मुख्य कारण कौन से हैं ?
उत्तर-

  1. अपर्याप्त जानकारी
  2. उचित प्रशिक्षण का अभाव
  3. असावधानी
  4. ठीक तरह से शरीर न गर्माने के कारण
  5. खेल मैदान का सही न होना।।

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Physical Education Guide for Class 7 PSEB खेल में लगने वाली चोटें व उनका इलाज Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खेल के मैदान में क्या नहीं होना चाहिए ?
उत्तर-
कंकर, कांच के टुकड़े और पत्थर आदि।

प्रश्न 2.
मैदान की सीमा रेखा के निकट क्या नहीं होना चाहिए ?
उत्तर-
तार अथवा दीवार।

प्रश्न 3.
खेलों का सामान कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
अन्तर्राष्ट्रीय स्टैण्डर्ड का बहुत बढ़िया।

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प्रश्न 4.
कौन-सी भावना से खेल नहीं खेलना चाहिए ?
उत्तर-
बदले की।

प्रश्न 5.
खेल का मैदान कैसा होना चाहिए ?
उत्तर-
समतल।

प्रश्न 6.
खेलों में चोट लगने के दो कारण लिखें।
उत्तर-

  1. अपर्याप्त जानकारी
  2. उचित प्रशिक्षण का अभाव।

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प्रश्न 7.
खेल चोटें कितने प्रकार की होती हैं ?
उत्तर-
खेल चोटें दो प्रकार की होती हैं—

  1. प्रत्यक्ष चोटें
  2. अप्रत्यक्ष चोटें।

प्रश्न 8.
मोच क्या है ?
उत्तर-
मोच में जोड़ों को बांधने वाले तन्तु टूट जाते हैं।

प्रश्न 9.
खिंचाव क्या है ?
उत्तर-
यह चोट शरीर की भारी मांसपेशियों पर लगती है और मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है।

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प्रश्न 10.
हड्डी का उतरना क्या है ?
उत्तर-
जोड़ के ऊपर अधिक दबाव पड़ने के कारण हड्डी जोड़ से बाहर आ जाती है।

प्रश्न 11.
हड्डी का टूटना क्या है ?
उत्तर-
चोट लगने के कारण हड्डी के दो टुकड़े हो जाने को हड्डी का टूटना कहा जाता

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
हड्डी के उतरने के लक्षण लिखें।
उत्तर-

  1. जोड़ का आकार बदल जाता है।
  2. अंग की गतिशीलता बंद हो जाती है।
  3. चोट वाले स्थान पर तीव्र दर्द होता है।
  4. जोड़ पर सूजन आ जाती है।

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प्रश्न 2.
हड्डी के टूटने के लक्षण लिखें।
उत्तर-

  1. हड्डी का आकार बदल जाता है।
  2. हड्डी टूटने वाले स्थान पर तेज़ दर्द होने लगता है।
  3. हड्डी के हिलाने पर आवाज़ आने लगती है।
  4. हड्डी टूटने वाला अंग कार्य करना बन्द कर देता है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खेल में लगने वाली चोटों के भिन्न-भिन्न कारण लिखो।
उत्तर-
खेलों में खिलाड़ियों के चोट लगने के कई कारण हो सकते हैं जो इस प्रकार—
1. अपर्याप्त जानकारी-खेलों के नियम, खेल सामग्री के बारे में खिलाड़ी को पूरी जानकारी होनी चाहिए। कई बार खिलाड़ी को खेल सामग्री की जानकारी नहीं होती जिससे उसे चोट लग सकती है।

2. उचित प्रशिक्षण का अभाव-खेलों में बढ़िया प्रदर्शन के लिए अच्छा प्रशिक्षण ज़रूरी है। यदि प्रशिक्षण के बिना खिलाड़ी खेलता है तो उसके शरीर में शक्ति, गति व लचक की कमी के कारण चोट लग सकती है।

3. असावधानी-“सावधानी हटी और दुर्घटना घटी” खेल के मैदान में थोडी-सी लापरवाही से चोट लग सकती है। यदि खिलाड़ी खेल नियमों का पालन नहीं करता तो भी चोटें लग सकती हैं।

4. ठीक तरह से शरीर न गर्माने के कारण-खेल के अनुसार गर्माना ज़रूरी है जिससे खिलाड़ी की मांसपेशियां खेल के दबाव को सहन कर सकें। यदि खिलाड़ी शरीर को पूर्ण रूप से गर्माता नहीं तो उसकी मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है।

5. खेल के मैदान का सही न होना-खेलते समय मैदान समतल होना आवश्यक है। मैदान में गड्ढे, तीखी चीजें, कांच, कील बिखरे होने के कारण खिलाड़ी को चोट लग सकती है। अतः खेलने से पहले खेल मैदान की जांच कर लेनी चाहिए।

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प्रश्न 2.
खिंचाव क्या होता है ? उसके लक्षण और उपचार लिखो।
उत्तर-
यह मांसपेशियों की चोट है और शरीर की भारी मांसपेशियों पर लगती है। इसमें खिलाड़ियों की मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है जिससे वहां तेज दर्द होने लगता है। खिलाड़ी चलने, फिरने, दौड़ने में अमसर्थ हो जाता है। इस चोट के कई कारण हो सकते हैं। थकावट, शरीर को अच्छी तरह से गर्माना, मांसपेशियों पर अधिक तनाव।
लक्षण-

  1. चोट वाले स्थान पर तीव्र पीड़ा होती है।
  2. खिलाड़ी को दौड़ने, चलने में कठिनाई होती है।
  3. चोट वाले स्थान पर सूजन आ जाती है।
  4. खिलाड़ी की मुद्रा (Posture) में बदलाव आ जाता है।

उपचार-चोट के पश्चात् खिलाड़ी को अति शीघ्र मैदान से बाहर कर देना चाहिए और आराम से लिटा देना चाहिए। चोट वाले स्थान पर बर्फ लगानी चाहिए और 48 घण्टे तक बर्फ लगाते रहना चाहिए। तीसरे दिन गुनगुने पानी की टकोर करनी चाहिए। उसके पश्चात् ठण्डे पानी की टकोर करनी चाहिए। चौथे और पांचवें दिन तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहना चाहिए। जब तक चोट पूर्ण रूप से ठीक न हो खेलना नहीं चाहिए।

PSEB 7th Class Physical Education Solutions Chapter 4 खेल में लगने वाली चोटें व उनका इलाज

प्रश्न 3.
हड्डी का टूटना (Fracture) क्या होता है ? उसके लक्षण और उपचार बताएं।
उत्तर-
जब चोट लगने के कारण हड्डी के दो टुकड़े हो जाते हैं, उसे हड्डी का टूटना कहते हैं।
हड्डी का टूटना गम्भीर चोट है। इसमें खिलाड़ी को बहुत दर्द होता है और ठीक होने में भी काफी समय लगता है। हड्डी टूटने के बहुत प्रकार हैं-इनमें कुछ साधारण व कुछ गम्भीर प्रकार की टूटन है। खेल के मैदान में सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल न करने के कारण ये चोटें लग सकती हैं।
लक्षण-

  1. जहां हड्डी टूटी हो उसका आकार बदल जाता है।
  2. टूटी हड्डी के स्थान पर तीव्र दर्द होता है।
  3. हड्डी के हिलाने पर ‘चर-चर’ की आवाज़ आती है।
  4. चोटिल अंग कार्य नहीं कर सकता।

उपचार–हड्डी टूटी होने पर खिलाड़ी को चोट वाले स्थान पर हड्डी को लकड़ी अथवा लोहे की पट्टियों द्वारा सहारा देना चाहिए। जहां चोट लगी हो उसे हिलाना नहीं चाहिए। रक्त बहने पर रक्त रोकना चाहिए। खिलाड़ी को शीघ्र डाक्टरी सहायता दिलानी चाहिए। जिसे एक्सरे करके चोट द्वारा टूटी हड्डी का पता लगाया जा सके। डाक्टरी परामर्श के अनुसार इलाज करना चाहिए और पूरी तरह ठीक होने तक खिलाड़ी पूर्ण रूप से आराम करते रहना चाहिए।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल

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I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
थलमण्डल किसे कहते हैं?
उत्तर-
थलमण्डल से अभिप्राय पृथ्वी के भूमि वाले भाग से है। इसे धरातल अथवा भू-पर्पटी भी कहते हैं। इसका निर्माण विभिन्न प्रकार की शैलों से हुआ है। इसकी औसत मोटाई 60 किलोमीटर है।

प्रश्न 2.
पृथ्वी के प्रमुख भू-रूपों के नाम लिखो।
उत्तर-
पृथ्वी पर मुख्य रूप से तीन प्रकार के भू-रूप पाये जाते हैं। इनके नाम हैं – पर्वत, पठार तथा मैदान।

प्रश्न 3.
पृथ्वी के सभी परिमण्डल एक-दूसरे को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी के सभी परिमण्डल आपस में जुड़े हुए हैं। ये एक-दूसरे के अस्तित्व का आधार हैं। किसी एक परिमण्डल का सन्तुलन बिगड़ने से अन्य परिमण्डलों का सन्तुलन बिगड़ जाता है। उदाहरण के लिए, अधिक पेड़-पौधे काटने से जैवमण्डल में असन्तुलन पैदा हो जाता है। इसका प्रभाव वायुमण्डल पर पड़ता है और वह प्रदूषित हो जाता है। इससे वर्षा में कमी आती है, जिसका जलमण्डल पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल

प्रश्न 4.
पर्वत-श्रेणी किसे कहते हैं?
उत्तर-
अपने आस-पास के धरातल से ऊंचे उठे भू-भाग को पर्वत कहते हैं। इनका ऊपरी सिरा नुकीला होता है। पर्वत प्रायः एक समूह के रूप में पाए जाते हैं। पर्वतों के समूह को पर्वत-श्रेणी कहते हैं।

प्रश्न 5.
विश्व के प्रसिद्ध पठारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. भारत का दक्षिणी पठार
  2. उत्तरी अमेरिका का अपलेशियन पठार
  3. मध्य अफ्रीका का पठार तथा
  4. तिब्बत का पठार।

प्रश्न 6.
वायुमण्डल जीवन प्रणाली को जीने में कैसे सहायता करता है?
उत्तर-
वायुमण्डल जीवन प्रणाली को जीवित रखने में निम्नलिखित ढंग से सहायता करता है –

  1. इससे ऑक्सीजन लेकर जीव साँस लेते हैं।
  2. यह पृथ्वी पर एक कम्बल का काम करता है और सूर्य के ताप का ठीक रूप में वितरण करता है। इसके कारण पृथ्वी का कोई स्थान इतना अधिक गर्म अथवा ठंडा नहीं होता कि वहाँ जीवित न रहा जा सके।
  3. वायुमण्डल से प्राप्त नाइट्रोजन गैस से पेड़-पौधों की वृद्धि होती है जिनसे मनुष्य को भोजन मिलता है।
  4. वायुमण्डल से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर हरे पेड़-पौधे अपना भोजन बनाते हैं।

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प्रश्न 7.
मेज़ भू-रूप किसे और क्यों कहते हैं?
उत्तर-
पठार को मेज़ भू-रूप कहा जाता है। इसका कारण यह है कि इसका ऊपरी सिरा मेज़ की तरह चपटा होता है।

प्रश्न 8.
जलमण्डल का मनुष्य के लिए क्या महत्त्व है?
उत्तर-
जलमण्डल में महासागर, सागर, झीलें, नदियां आदि शामिल हैं। इनका मनुष्य के लिए निम्नलिखित महत्त्व है –

  1. जलमण्डल के कारण ही पृथ्वी पर जीवन सम्भव है। इसका कारण यह है कि मनुष्य, जीव-जन्तु तथा पेड़-पौधे जल के बिना जीवित नहीं रह सकते।
  2. जलमण्डल वर्षा लाने में सहायता करता है जिससे वायुमण्डल ठंडा होता है।
  3. जलमण्डल में मछलियां मिलती हैं जिनसे मनुष्य को भोजन मिलता है।
  4. जलमण्डल में नौका-परिवहन होता है। इससे व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
  5. जलमण्डल से हमें नमक प्राप्त होता है।

प्रश्न 9.
महाद्वीप किसे कहते हैं?
उत्तर-
थल के वे बड़े भाग जो तीनों अथवा चारों ओर से जल से घिरे होते हैं, महाद्वीप कहलाते हैं।

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प्रश्न 10.
पृथ्वी पर कितने महाद्वीप हैं? इनके नाम लिखो। सबसे बड़ा महाद्वीप कौन-सा है?
उत्तर-
पृथ्वी पर कुल सात महाद्वीप हैं। इनके नाम हैं –

  1. एशिया
  2. अफ्रीका
  3. यूरोप
  4. उत्तरी अमेरिका
  5. दक्षिणी अमेरिका
  6. ऑस्ट्रेलिया
  7. अंटार्कटिका।

इनमें से एशिया सबसे बड़ा महाद्वीप है।

प्रश्न 11.
महासागरों के नाम बताओ। यह भी बताओ कि ग्लोब पर महासागरों को किस रंग से दर्शाया जाता है?
उत्तर-
संसार में चार महासागर हैं। इनके नाम हैं –

  1. प्रशान्त महासागर
  2. अंध महासागर
  3. हिन्द महासागर
  4. आर्कटिक महासागर।

ग्लोब पर महासागरों ह्यको नीले रंग से दर्शाया जाता है।

प्रश्न 12.
जीवमण्डल किसे कहते हैं? इसके बारे में संक्षिप्त जानकारी दो।।
उत्तर-
जीवमण्डल धरातल का वह सीमित क्षेत्र है, जहाँ भूमि, जल और वायु एकदूसरे के सम्पर्क में आते हैं। यह पृथ्वी की सतह से कुछ नीचे पानी में तथा पृथ्वी की सतह से कुछ ऊपर वायु तक फैला हुआ है। यहाँ जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ पाई जाती हैं। अतः यहां विभिन्न प्रकार के जीव और पेड़-पौधे पाये जाते हैं। जीवमण्डल को दो भागों में बांटा जाता है-प्राणी जगत् तथा वनस्पति जगत्। प्राणी जगत् में मनुष्य तथा अन्य जीव-जन्तु शामिल हैं। वनस्पति जगत् में पेड़-पौधे आते हैं।

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प्रश्न 13.
उत्तरी गोलार्द्ध को ‘थल या पृथ्वी गोलार्द्ध’ और दक्षिणी गोलार्द्ध को ‘जल गोलार्द्ध’ क्यों कहते हैं?
उत्तर-
उत्तरी गोलार्द्ध का अधिकतर भाग थल है। इस भाग में जल का विस्तार कम है। इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध का अधिकतर भाग जल से घिरा है। इस गोलार्द्ध में थल का विस्तार कम है। इसी कारण उत्तरी गोलार्द्ध को थल गोलार्द्ध अथवा पृथ्वी-गोलार्द्ध तथा दक्षिणी गोलार्द्ध को जल गोलार्द्ध कहा जाता है।

प्रश्न 14.
मनुष्य को जीवमण्डल का प्रमुख प्राणी होने के कारण किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
जीवमण्डल का प्रमुख प्राणी होने के नाते मनुष्य को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –

  1. बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाई जानी आवश्यक है। ऐसा करके ही जैवमण्डल के तत्त्वों पर दबाव को कम किया जा सकता है तथा पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।
  2. प्राकृतिक साधनों का सावधानी से प्रयोग करना चाहिए ताकि जैवमण्डल को साफ़-सुथरा रखा जा सके।
  3. मनुष्य को ‘जियो और जीने दो’ का नियम अपनाना चाहिए। तभी पृथ्वी पर मानव-जीवन बना रह सकता है।

II. रिक्त स्थान भरो

  1. ………… सबसे छोटा महाद्वीप है।
  2. ………… दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा महाद्वीप है।
  3. आर्कटिक सागर ने ……….. ध्रुव को चारों ओर से घेरा हुआ है।
  4. दक्षिणी महासागर ने ………… महाद्वीप को घेरा हुआ है।
  5. पृथ्वी का 2/3 भाग ………… ने घेरा हुआ है।
  6. ………… महाद्वीप को सफ़ेद महाद्वीप कहते हैं।
  7. ……….. परिमण्डल को तीनों परिमण्डल प्रभावित करते हैं।

उत्तर-

  1. ऑस्ट्रेलिया
  2. अफ्रीका
  3. उत्तरी
  4. अंटार्कटिक
  5. जीव।
  6. जल
  7. अंटार्कटिक

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III. निम्नलिखित का मिलान करो

  1. महाद्वीप – आर्कटिक
  2. भू-रूप – जीवमण्डल
  3. जीवन – अंटार्कटिक
  4. महासागर – पठार

उत्तर-

  1. महाद्वीप – अंटार्कटिक
  2. भू-रूप – पठार
  3. जीवन – जीवमण्डल
  4. महासागर – आर्कटिक।

PSEB 6th Class Social Science Guide पृथ्वी के परिमण्डल Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी का कौन-सा परिमंडल वायु तथा जल दोनों में फैला हुआ है?
उत्तर-
जीव मंडल।

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प्रश्न 2.
कौन-सा महासागर एशिया और आस्ट्रेलिया को उत्तरी अमेरिका से अलग करता है?
उत्तर-
प्रशांत महासागर।

प्रश्न 3.
एशिया और यूरोप को कौन-सी पर्वतमाला अलग करती है?
उत्तर-
यूराल।

बह-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दिया गया चित्र निम्नलिखित में से क्या दर्शाता है?
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल 1
(क) जीवमंडल की गैसें।
(ख) ग्लोबल वार्मिंग की गैसें।
(ग) वायुमंडल की गैसें ।
उत्तर-
(ग) वायुमंडल की गैसें

प्रश्न 2.
निम्न में से किस महासागर ने धरती का ½ भाग घेरा हुआ है?
(क) प्रशांत महासागर
(ख) अंध महासागर
(ग) हिन्द महासागर।
उत्तर-
(क) प्रशांत महासागर।

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सही (✓) या गलत (✗) कथन

  1. दक्षिणी अमरीका महाद्वीप पानामा नहर द्वारा उत्तरी अमरीका से जुड़ा है।
  2. आस्ट्रेलिया सबसे बड़ा महाद्वीप है।
  3. आर्कटिक महासागर ने दक्षिणी ध्रुव को घेरा हुआ है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✗)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी पर सर्वप्रथम जीवन का विकास किस परिमण्डल में हुआ था?
उत्तर-
जल परिमण्डल में।

प्रश्न 2.
एशिया महाद्वीप को कौन-कौन से तीन महासागरों नेश्वेरा हुआ है?
उत्तर-
हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर तथा आर्कटिक महासागर।

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प्रश्न 3.
एशिया महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी का नाम बताओ।
उत्तर-
माऊंट एवरेस्ट।

प्रश्न 4.
एशिया महाद्वीप का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश कौन-सा है?
उत्तर-
चीन।

प्रश्न 5.
महासागरों में सबसे गहरा स्थान कौन-सा है?
उत्तर-
मैरियाना खाई, 11022 मीटर गहरी।

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प्रश्न 6.
सबसे बड़ा महाद्वीप कौन-सा है?
उत्तर-
एशिया।

प्रश्न 7.
उस महाद्वीप का नाम बताओ जहाँ मनुष्य स्थायी रूप से नहीं बसे हैं।
उत्तर-
अंटार्कटिका।

प्रश्न 8.
उस महासागर का नाम बताओ जिसका नाम किसी देश के नाम पर रखा गया है।
उत्तर-
हिन्द महासागर।

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प्रश्न 9.
वायुमण्डल की कौन-सी गैस जीवनदायिनी गैस समझी जाती है?
उत्तर-
ऑक्सीजन।

प्रश्न 10.
पृथ्वी पर जल और थल का बँटवारा बताएँ।
उत्तर-
पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग जल है। इसका थल भाग केवल 29 प्रतिशत है।

प्रश्न 11.
महासागर किसे कहते हैं?
उत्तर-
महाद्वीपों को एक-दूसरे से अलग करने वाले जल के बड़े-बड़े भागों को महासागर कहते हैं।

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प्रश्न 12.
सबसे बड़े महासागर का नाम बताएँ।
उत्तर-
संसार का सबसे बड़ा महासागर शांत (प्रशांत) महासागर है।

प्रश्न 13.
वे कौन-से महाद्वीप हैं जो थल से आपस में जुड़े हुए हैं?
उत्तर-

  1. एशिया, यूरोप तथा अफ्रीका और
  2. उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिणी अमेरिका थल द्वारा आपस में जुड़े हुए हैं।

प्रश्न 14.
कौन-सा महाद्वीप बर्फ से ढका रहता है?
उत्तर-
अंटार्कटिका महाद्वीप बर्फ से ढका रहता है।

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प्रश्न 15.
आयु के अनुसार पर्वत कौन-कौन से दो प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
युवा तथा प्राचीन।

प्रश्न 16.
समान्तर श्रेणियों के युवा पर्वतों का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
हिमालय पर्वत।

प्रश्न 17.
दो प्राचीन पर्वतों के नाम बताइए।
उत्तर-
आल्पस तथा हिमालय।

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प्रश्न 18.
द्वीप किसे कहते हैं?
उत्तर-
वह छोटा सा भू-भाग जो चारों ओर से जल से घिरा हो, द्वीप कहलाता है।

प्रश्न 19.
भारत को उपमहाद्वीप क्यों कहा जाता है? .
उत्तर-
भारत एशिया महाद्वीप का भाग है। परन्तु यह तीन ओर से पानी से घिरा हुआ है। इसलिए भारत को उपमहाद्वीप कहा जाता है।

प्रश्न 20.
सागर और खाड़ी में अन्तर बताओ।
उत्तर-
सागर-सागर महासागरों के छोटे जल भाग हैं। खाड़ी-कुछ सागर दूर थल भाग में प्रवेश कर गए हैं। इन्हें खाड़ी कहते हैं।

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प्रश्न 21.
पृथ्वी का कौन-सा परिमंडल वायु तथा जल दोनों में फैला हुआ है?
उत्तर-
जीव मंडल।

प्रश्न 22.
कौन-सा महासागर एशिया और आस्ट्रेलिया को उत्तरी अमेरिका से अलग करता है?
उत्तर-
प्रशांत महासागर।

प्रश्न 23.
एशिया और यूरोप को कौन-सी पर्वतमाला अलग करती है?
उत्तर-
यूराल।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रशान्त महासागर की तीन विशेषताएँ बताओ।
उत्तर-

  1. प्रशान्त महासागर सबसे बड़ा महासागर है। इसका क्षेत्रफल सभी महासागरों के कुल क्षेत्रफल से भी अधिक है।
  2. यह अन्य महासागरों की अपेक्षा अधिक गहरा है। विश्व का सबसे गहरा स्थान मैरियाना खाई इसी में स्थित है।
  3. इसके एक ओर एशिया और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप हैं तथा दूसरी ओर उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप हैं।

प्रश्न 2.
वायुमण्डल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
पृथ्वी को चारों ओर से घेरे वायु के आवरण को वायुमण्डल कहते हैं। यह धरातल से लगभग 1600 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैला हुआ है। वायुमण्डल में ऊँचाई के साथ-साथ वायु विरल होती जाती है।

प्रश्न 3.
वायुमण्डल की भिन्न-भिन्न गैसें कौन-सी हैं? ऊँचाई के साथ इनके अनुपात में क्या परिवर्तन आ जाता है?
उत्तर-
वायुमण्डल की भिन्न-भिन्न गैसें निम्नलिखित हैं –
नाइट्रोजन = 78 प्रतिशत
ऑक्सीजन = 21 प्रतिशत
आरगन = 0.91 प्रतिशत
कार्बन डाइऑक्साइड = 0.03 प्रतिशत।
पृथ्वी से 5-6 किलोमीटर की ऊँचाई तक गैसों के अनुपात में कोई परिवर्तन नहीं होता, परन्तु इससे ऊपर जाने पर वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। बहुत अधिक ऊँचाई पर वायु में केवल हाइड्रोजन और हीलियम गैसें मिलती हैं।

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प्रश्न 4.
महाद्वीप अथवा स्थलमण्डल का महत्त्व बताओ।
उत्तर-
महाद्वीप स्थलमण्डल के भाग हैं। इनका निम्नलिखित महत्त्व है –

  1. स्थल भाग पर खेती-बाड़ी की जाती है।
  2. यह मनुष्यों तथा कई जीव-जन्तुओं को आवास प्रदान करता है।
  3. स्थल भाग को खोद कर मूल्यवान् खनिज पदार्थ प्राप्त किए जाते हैं।
  4. स्थलमण्डल कई प्रकार की मानवीय क्रियाओं का आधार है।

प्रश्न 5.
पर्वत और पठार में अन्तर बताओ।
उत्तर-
पर्वत-पर्वत धरातल के वे भू-भाग हैं जो आस-पास के क्षेत्र से ऊँचे उठे होते हैं। इनके शिखर तीखे तथा ढाल तेज़ होते हैं। अधिकांश भूगोलवेत्ताओं के अनुसार पर्वत की ऊँचाई 600 मीटर से अधिक होनी चाहिए।

पठार-पठार भी धरातल के ऊँचे उठे भाग होते हैं, परन्तु इनका शिखर विस्तृत तथा सपाट होता है। इनकी ऊँचाई और विस्तार भी अलग-अलग होता है।

प्रश्न 6.
मैदान से क्या अभिप्राय है? संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
भूतल के निचले प्रदेश मैदान कहलाते हैं। ये लगभग समतल और लक्षणहीन होते हैं। समुद्र तल से इनकी ऊँचाई 300 मीटर से भी कम होती है। संसार के अधिकांश मैदानों का निर्माण नदियों के निक्षेप से हुआ है।

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प्रश्न 7.
कौन-कौन से महाद्वीप दोनों गोलार्डों में फैले हैं?
उत्तर-
अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका और अंटार्कटिका दोनों ही गोलार्डों में स्थित हैं। इनका कुछ भाग उत्तरी गोलार्द्ध में तथा शेष भाग दक्षिणी गोलार्द्ध में है।

प्रश्न-कारण बताओ
प्रश्न 8.
(क) पृथ्वी एक अद्वितीय ग्रह है।
उत्तर-सूर्य के आठ ग्रह हैं जिनमें से पृथ्वी भी एक है, परन्तु पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन पाया जाता है। इसलिए पृथ्वी को अद्वितीय ग्रह कहते हैं।

प्रश्न 8.
(ख) यूरोप और एशिया को यूरेशिया भी कहते हैं।
उत्तर-यूरोप और एशिया को कोई भी महासागर अलग नहीं करता। इसी कारण इन दोनों महाद्वीपों के नामों को मिलाकर इन्हें यूरेशिया भी कहते हैं। यह इन दोनों महाद्वीपों का सामूहिक नाम है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
संसार में कितने महाद्वीप हैं? उनका संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
संसार में कुल सात महाद्वीप हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –

1. एशिया-यह संसार का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह एक ओर यूरोप महाद्वीप से जुड़ा है। इसलिए इन दोनों महाद्वीपों को यूरेशिया के नाम से भी पुकारते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल 2

2. यूरोप-यह संसार के समृद्ध महाद्वीपों में से एक है। इसका विस्तार केवल उत्तरी गोलार्द्ध में है।

3. अफ्रीका-यह संसार का दूसरा बड़ा महाद्वीप है। इसे स्वेज़ नहर एशिया से अलग करती है। यह महाद्वीप दोनों गोलार्डों में फैला हुआ है।

4. उत्तरी अमेरिका-इस महाद्वीप का विस्तार उत्तरी गोलार्द्ध में है।

5. दक्षिणी अमेरिका-यह महाद्वीप अफ्रीका महाद्वीप की भाँति दोनों गोलार्डों में फैला है, परन्तु इसका अधिकतर विस्तार दक्षिणी गोलार्द्ध में है।

6. ऑस्ट्रेलिया-यह संसार का सबसे छोटा महाद्वीप है। इसका विस्तार केवल . दक्षिणी गोलार्द्ध में ही है।

7. अंटार्कटिका-इस महाद्वीप का विस्तार भी केवल दक्षिणी गोलार्द्ध में ही है। इसका क्षेत्रफल यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के सम्मिलित क्षेत्रफल से भी अधिक है। यह सदा बर्फ से ढका रहता है।

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प्रश्न 2.
महासागर से क्या अभिप्राय है? संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
धरातल के विस्तृत जलीय भाग, जिन्हें महाद्वीप एक-दूसरे से अलग करते हैं, महासागर कहलाते हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –

1. प्रशान्त महासागर-यह संसार का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है। इसका क्षेत्रफल संसार के सभी महासागरों के कुल क्षेत्रफल से भी अधिक है। संसार की सबसे गहरी खाई, मैरियाना इसी महासागर में है। यह खाई 11022 मीटर गहरी है।

2. अन्ध महासागर-यह संसार का दूसरा बड़ा महासागर है। इसका क्षेत्रफल प्रशान्त महासागर से लगभग आधा है।

3. हिन्द महासागर-विस्तार की दृष्टि से यह संसार का तीसरा बड़ा महासागर है। संसार में यही एकमात्र ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश (भारत) के नाम पर रखा गया है।

4. आर्कटिक-यह संसार का चौथा बड़ा महासागर है। इसका अधिकांश भाग सारा साल बर्फ से जमा रहता है। इसलिए इसे उत्तरी हिम महासागर भी कहते हैं।

5. दक्षिणी महासागर-दक्षिणी गोलार्द्ध में अंध महासागर, प्रशांत महासागर तथा हिंद महासागर आपस में मिल जाते हैं। इस विशाल महासागर को दक्षिणी महासागर कहते हैं। इस महासागर ने अंटार्कटिक महासागर को चारों ओर से घेरा हुआ है।

प्रश्न 3.
पृथ्वी के स्थल भाग की प्रमुख आकृतियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पृथ्वी का सारा स्थल भाग समतल नहीं है। यह कहीं कम ऊँचा है, तो कहीं अधिक ऊँचा। इस दृष्टि से स्थल को तीन प्रमुख भागों में बाँट सकते हैं –
1. पहाड़ या पर्वत
2. पठार
3. मैदान।

1. पहाड़ या पर्वत-अपने आस-पास के क्षेत्र से ऊँचे उठे भू-भाग पर्वत कहलाते हैं। इनकी ऊँचाई 600 मीटर से अधिक होती है। इनकी ढाल प्रायः खड़ी या तीव्र होती है। रचना के अनुसार पर्वत चार प्रकार के होते हैं-वलित पर्वत, ज्वालामुखी पर्वत, ब्लॉक पर्वत तथा अवशिष्ट पर्वत। वलित पर्वत तलछटी शैलों में बल पड़ने के कारण बनते हैं और ज्वालामुखी पर्वतों का निर्माण लावे से होता है। ब्लॉक पर्वत धरती में दरार (भ्रंश) पड़ने से बनते हैं। अवशिष्ट पर्वत वे प्राचीन पर्वत हैं जो अपरदन के कारण कम ऊँचे रह गए हैं।

2. पठार-पठार सामान्य रूप से ऊँचे उठे वे भू-भाग हैं जो ऊपर से लगभग समतल होते हैं। ये प्रायः मेज़ या टेबल की आकृति के होते हैं। इसलिए इन्हें टेबल लैण्ड भी कहा जाता है। इनका एक से अधिक किनारा खड़ी ढाल बनाता है। पठार मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-अंतरापर्वतीय पठार, विच्छेदित पठार, गिरिपदीय अथवा लावा पठार। अन्तरापर्वतीय पठार वे पठार होते हैं जो दो या दो से अधिक पर्वत श्रेणियों से घिरे होते हैं। विच्छेदित पठार नदियों के काँट-छाँट से बनते हैं। गिरिपदीय पठार पहाड़ों की तलहटी में स्थित होते हैं।

3. मैदान-धरातल के सबसे अधिक समतल भाग मैदान कहलाते हैं। इनकी समुद्रतल से ऊँचाई 300 मीटर से कम होती है। बनावट के अनुसार मैदान तीन प्रकार के होते हैं-नदी घाटी मैदान, सरोवरी मैदान तथा तटीय मैदान।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 9 गर्भावस्था

Punjab State Board PSEB 10th Class Home Science Book Solutions Chapter 9 गर्भावस्था Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 10 Home Science Chapter 9 गर्भावस्था

PSEB 10th Class Home Science Guide गर्भावस्था Textbook Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
गर्भावस्था से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
गर्भावस्था गर्भ धारण करने से लेकर जन्म तक के समय को कहा जाता है जोकि साधारणतया 280 दिन का होता है। परन्तु कई बार कई कारणों से यह समय कमसे-कम 190 तथा अधिक-से-अधिक 330 दिन भी हो सकता है। बच्चे के वि स की दृष्टि से यह समय बहुत ही महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इस समय एक अण्डकोश से ही वह पूर्ण मानवीय जीव के रूप में विकसित होता है।

प्रश्न 2.
गर्भ के समय को हम कितने तथा कौन-से भागों में बांट सकते हैं?
उत्तर-
गर्भ धारण से लेकर जन्म तक की अवस्था को गर्भावस्था कहा जाता है। हम इस समय को तीन भागों में बांट सकते हैं। गर्भ समय में बच्चा एक अण्डकोश से पूर्ण मानवीय जीव के रूप में विकसित होता है।

  1. अण्डे की अवस्था (Ovum Stage) समय-गर्भधारण से दो सप्ताह तक
  2. एम्ब्रियो की अवस्था (Embryo Stage) समय-दूसरे सप्ताह से शुरू होकर दूसरे महीने के अन्त तक।
  3. भ्रूण की अवस्था (Foetus Stage) समय-तीसरे माह से आरम्भ होकर बच्चे के जन्म तक।

प्रश्न 3.
अण्डे की अवस्था से आप क्या समझते हैं तथा यह कितनी देर की होती है?
उत्तर-
अण्डे की अवस्था (ओवम अवस्था) का समय गर्भ आरम्भ होने से दो सप्ताह तक गिना जाता है। इस काल के दौरान इसमें कोई ज्यादा परिवर्तन नहीं आता। इस समय के दौरान यह अपनी जर्दी पर जीवित रहता है। इस समय यह फैलोपियन ट्यूब से बच्चेदानी में पहुंचता है तथा अपने आपको बच्चेदानी की दीवार के साथ जोड़कर मां के आहार पर निर्भर हो जाता है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 9 गर्भावस्था

प्रश्न 4.
भ्रूण की पूर्व अवस्था से आप क्या समझते हैं तथा यह कितनी देर की होती है?
उत्तर-
यह अवस्था गर्भ के दूसरे सप्ताह से आरम्भ होकर दूसरे माह के अंत तक चलती है। पहले माह में एम्ब्रियो में रक्त पहुंचाने के लिए छोटी-छोटी रगें बनती हैं। इस काल में बच्चे के शारीरिक विकास में बहुत तीव्र गति से वृद्धि होती है। इस अवस्था के अन्त में एम्ब्रियो मानवीय जीव का रूप धारण कर लेता है।

प्रश्न 5.
प्लेसैंटा क्या होता है?
उत्तर-
जहां अण्डा अपने आपको बच्चेदानी से जोड़ देता है वहां पर ही प्लेसेंटा बनने लग जाता है तथा होने वाले बच्चे को मां के शरीर से खुराक पहुंचाता है। यह एक ओर बच्चेदानी तथा दूसरी ओर बच्चे की नाभिनाल से जुड़ा होता है।

प्रश्न 6.
नाभिनाल से आप क्या समझते हैं? गर्भ के दौरान इसका क्या कार्य है?
अथवा
नाभिनाल क्या है?
उत्तर-
नाभिनाल एक ओर एम्ब्रियो के पेट की दीवार से तथा दूसरी ओर प्लेसैंटा से जुड़ा होता है। यह रस्सी की बनावट का होता है। गर्भ के अन्त तक यह 10 से 20 इंच तक हो जाता है। नाभिनाल द्वारा एम्ब्रियो का मल-मूत्र छनकर प्लेसैंटा द्वारा मां के रक्त की नलियों में चला जाता है तथा मां के शरीर द्वारा बाहर आ जाता है।

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प्रश्न 7.
ऐमनियोटिक सैक का गर्भ समय क्या कार्य होता है?
उत्तर-
ऐमनियोटिक सैक एम्ब्रियो के समय बढ़ता है। यह एक थैली जैसा होता है। इसमें एक लेसदार तरल पदार्थ होता है जिसमें बच्चा रहता है। यह तरल पदार्थ बच्चे को चोट लगने से बचाता है।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 8.
भ्रूण के बढ़ने से किन-किन सहायक अंगों का ढांचा तैयार होता है?
अथवा
एम्ब्रियो के बढ़ने में कौन-कौन से सहायक अंग काम करते हैं? बताएं।
अथवा
एम्ब्रियो के बढ़ने से कौन-कौन से सहायक अंग बन जाते हैं?
उत्तर-
गर्भ अवस्था दौरान एम्ब्रियो के बढ़ने का समय दूसरे सप्ताह से लेकर दूसरे माह के अन्त तक होता है। पहले माह में एम्ब्रियो में रक्त पहुंचाने वाली छोटी-छोटी नसों का विकास होता है, इस दौरान बच्चे की वृद्धि तेज़ी से होती है। इस समय दौरान एम्ब्रियो मानवीय जीव का रूप धारण कर लेता है। एम्ब्रियो के अपने बढ़ने के साथसाथ इस समय दौरान विशेष सहायक अंगों का ढांचा भी तैयार हो जाता है जिसको प्लेसैंटा, नाभिनाल तथा ऐमनियोटिक सैक कहा जाता है। यह विशेष ढांचा पैदा होने तक बच्चे को खुराक पहुंचाने के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 9.
भ्रूण की अवस्था कितनी लम्बी होती है तथा इस दौरान भ्रूण में क्याक्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर-
गर्भ की तीसरी तथा सबसे लम्बी अवस्था भ्रूण की होती है। यह तीसरे माह से आरम्भ होकर बच्चे के जन्म तक चलती है। इस अवस्था में नए अंग नहीं बनते परन्तु एम्ब्रियो अवस्था के समय के बने हुए अंगों का विकास होता है। तीसरे माह तक भ्रूण की लम्बाई तीन इंच हो जाती है। पांचवें माह तक बच्चे के सभी अंग मनुष्य की तरह विकास करने लगते हैं। मां को पेट में बच्चे की हरकत अनुभव होने लगती है। सातवें माह में बच्चा पूरा मानवीय जीव के रूप में होता है। इसकी चमड़ी लाल होती है। जन्म के समय तक बच्चे की लम्बाई 19-20 इंच हो जाती है तथा साधारण बच्चे का भार 7 पौंड के लगभग होता है।

PSEB 10th Class Home Science Solutions Chapter 9 गर्भावस्था

प्रश्न 10.
कौन-कौन से कारक भ्रूण की वृद्धि पर प्रभाव डालते हैं ?
उत्तर-
इस प्रश्न के उत्तर के लिए देखें प्रश्न नम्बर 12 में से भ्रूण की वृद्धि पर प्रभाव डालने वाले कारक वाला भाग लिखें।

प्रश्न 11.
गर्भ के समय की आम तकलीफें कौन-कौन सी होती हैं?
अथवा
गर्भ के समय की तीन तकलीफों के बारे में बताओ।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 12.
गर्भावस्था के दौरान भ्रूण की अवस्था से आप क्या समझते हो ? भ्रूण की वृद्धि पर प्रभाव डालने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
भ्रूण की अवस्था-गर्भ की तीसरी तथा सबसे लम्बी अवस्था भ्रूण की होती है। यह तीसरे माह से आरम्भ होकर बच्चे के जन्म तक चलती है। इस अवस्था में नए अंग नहीं बनते, परन्तु एम्ब्रियो की अवस्था के समय बने हुए अंगों का विकास होता है। तीसरे माह तक भ्रूण की लम्बाई तीन इंच हो जाती है। गर्भ की इस अवस्था में पांचवें माह तक भीतर के सभी अंग बड़े मनुष्य के समान ही बनने लगते हैं तथा मां अपने शरीर में बच्चे की हरकतें अनुभव करने लगती है। सातवें माह तक बच्चा पूरा मानवीय जीव के रूप में आ जाता है। जन्म के समय बच्चे की लम्बाई 19-20 इंच तथा भार 7 पौंड के लगभग हो जाता है।
भ्रूण की वृद्धि पर प्रभाव डालने वाले कारक जन्म के समय प्रत्येक बच्चे की लम्बाई तथा भार अलग-अलग होता है। इसके बहुतसे कारण हैं जो गर्भावस्था के समय बच्चे के विकास पर प्रभाव डालते हैं-

  1. मां का पोषण – गर्भावस्था दौरान बच्चे को भोजन मां से मिलता है। मां की खुराक का प्रभाव भ्रूण के विकास पर पड़ता है। इसलिए आवश्यक है कि मां आवश्यकता अनुसार सन्तुलित भोजन ले ताकि बच्चे को खुराक के सभी आवश्यक तत्त्व मिल जाएं।
  2. मां-बाप की आयु – खोज द्वारा यह बात सिद्ध हो चुकी है कि बच्चे को जन्म देने के लिए मां की सबसे अच्छी आयु 21 से 35 वर्ष तक है। इससे बड़ी या छोटी आयु की मां ऐसे बच्चों को जन्म देती है जिनमें कई कमियां रह सकती हैं।
  3. मां का स्वास्थ्य – मां के स्वास्थ्य का भ्रूण की वृद्धि से सीधा सम्बन्ध है। यदि मां किसी छूत की बीमारी से पीड़ित हो या किसी भयानक बीमारी की पकड़ में हो तो बच्चा अन्धा, गूंगा या बहरा हो सकता है तथा रोगी भी। मां के एड्स या एच० आई० वी० पोज़ीटिव का शिकार होने पर यह रोग बच्चे में भी जा सकता है जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं।
  4. नशीले पदार्थों का सेवन-यदि गर्भावस्था के समय मां सिगरेट, शराब आदि का सेवन करे तो बच्चा मानसिक तौर पर रोगी हो सकता है तथा उसके दिल की धड़कन भी सामान्य बच्चों से तीव्र होती है।
  5. माता-पिता का दृष्टिकोण-यदि मां गर्भावस्था में बच्चे के लिंग प्रति ज्यादा चिन्ताग्रस्त रहे तो बच्चे की शारीरिक तथा मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ता है, उसका विकास रुक जाता है तथा बच्चे में जन्म के साथ ही शारीरिक तथा मानसिक विकार पैदा हो जाते हैं।
  6. आर० एच० तत्त्व – जिस मनुष्य में आर० एच० तत्त्व होता है उसको आर० एच० पोज़ीटिव (RH+) कहते हैं। जिसमें यह तत्त्व नहीं होता उसको आर० एच० नैगिटिव (RH) कहते हैं। यदि मां तथा पिता के आर० एच० मेल न खाते हों तो सम्भव है कि बच्चे तथा मां का आर० एच० तत्त्व अलग हो सकता है। आर० एच० तत्त्व अलग होने पर रक्त में लाल कण नष्ट होने के कारण बच्चा अनीमिया का शिकार हो सकता है या जन्म के तुरन्त पश्चात् मर भी सकता है। इसलिए गर्भ धारण करने से पूर्व आदमी तथा औरत को अपने आर० एच० तत्त्व की जांच करवा लेनी चाहिए।
  7. एक्स-रे (X-Rays) – गर्भावस्था दौरान कई बार एक्सरे करवाना पड़ सकता है। यदि बार-बार एक्स-रे करवाना पड़े तो गर्भपात हो सकता है या बच्चे में शारीरिक तथा मानसिक विकार भी पैदा हो सकते हैं। एक्स-रे के प्रभाव से बच्चे मन्द बुद्धि या अंगहीन भी पैदा हो सकते हैं। इसलिए केवल आवश्यकता पड़ने पर ही एक्स-रे करवाना चाहिए।

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प्रश्न 13.
गर्भावस्था को कितने भागों में बांटा जा सकता है? इस दौरान क्याक्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर-
गर्भ धारण से लेकर बच्चे के जन्म तक के समय को गर्भावस्था कहा जाता है। यह समय साधारणतया 280 दिनों का होता है। यह समय बच्चे के विकास की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इस समय दौरान ही बच्चा एक कोश से पूर्ण मानवीय जीव के रूप में विकसित होता है।
गर्भावस्था के इस समय को हम तीन भागों में बांट सकते हैं

  1. अण्डे की अवस्था (Ovum Stage)
  2. एम्ब्रियो की अवस्था (Embryo Stage)
  3. भ्रूण की अवस्था (Foetus Stage)।

1. अण्डे की अवस्था (Ovum Stage)—यह समय गर्भ आरम्भ होने से दो सप्ताह तक गिना जाता है। इस समय में उपजाऊ अण्डा ज्यादा नहीं बदलता क्योंकि उसको खुराक सातवें माह में बच्चा पूरा मानवीय जीव के रूप में होता है। इसकी चमड़ी लाल होती है। भ्रूण एक ऐसी स्थिति में पहुंच जाता है कि यदि बच्चा किसी कारण वक्त से पहले पैदा हो जाए तो उसके बचने की सम्भावना होती है। परन्तु ऐसा बच्चा कमजोर होता है।

जन्म के समय बच्चे की लम्बाई 19 से 20 इंच तथा एक साधारण बच्चे का भार लगभग 7 पौंड या इससे अधिक होता है।
पहुंचाने का बाहरी साधन अभी तक नहीं बना होता तथा यह अपनी जर्दी पर ही जीवित रहता है। इसी समय ही फैलोपियन ट्यूब से गर्भ स्थान या बच्चेदानी में जाता है। इसका नया जीवन आरम्भ होने के दस दिन से चौदह दिनों के अन्दर अपने आपको गर्भ स्थान की दीवार से जोड़ लेता है तथा मां के आहार पर निर्भर हो जाता है।

2. एम्ब्रियो (भ्रूण की प्रथम अवस्था) की अवस्था (Embryo Stage)—यह अवस्था गर्भ के दूसरे सप्ताह से शुरू होकर दूसरे माह के अन्त तक चलती है। पहले माह में एम्ब्रियो में रक्त पहुंचाने के लिए छोटी-छोटी रगें बन जाती हैं। इस समय पैदा होने वाले बच्चे के शारीरिक विकास में बहुत तेजी से वृद्धि होती है। इस अवस्था में एम्ब्रियो की लम्बाई डेढ़ से दो इंच तथा भार 2-3 औंस हो जाता है। इस अवस्था के अन्त में एम्ब्रियो मानवीय जीव का रूप धारण कर लेता है तथा चेहरे के लगभग सभी महत्त्वपूर्ण अंग बन जाते हैं। आंखें, नाक, कान, होंठ उभरे हुए दिखाई देने लग पड़ते हैं। टांगें तथा बाहों का विकास आरम्भ हो जाता है। हाथों तथा पैरों की उंगलियां बनने लग पड़ती हैं तथा बाहरी लिंग अंग भी मामूली से दिखाई देने लग पड़ते हैं।
एम्ब्रियो के बढ़ने के साथ-साथ इस दौरान एक विशेष ढांचा भी तैयार हो जाता है जिसको सहायक अंग (प्लेसैंटा, नाभिनाल तथा ऐमनियोटिक सैक) कहा जाता है। यह विशेष ढांचा पैदा होने तक बच्चे को खुराक पहुंचाने के लिए आवश्यक है।
सहायक अंग

  1. प्लेसैंटा-जहां अण्डा बच्चेदानी की दीवार से अपने आपको जोड़ लेता है वहीं प्लेसैंटा बनने लग जाता है। प्लेसैंटा ही होने वाले बच्चे को मां के शरीर से खुराक पहुंचाता है। क्योंकि यह एक ओर बच्चेदानी तथा दूसरी ओर से जुड़ा होता है।
  2. नाभिनाल-नाभिनाल एक ओर एम्ब्रियो के पेट की बाहरी दीवार से तथा दूसरी ओर प्लेसेंटा से जुड़ी होती है। यह रस्सी जैसा होता है। गर्भ के अन्त तक नाभि नाल एक पुरुष के अंगूठे की मोटाई जितनी हो जाती है तथा इसकी लम्बाई 10 इंच से 20 इंच तक हो जाती है। नाभिनाल द्वारा एम्ब्रियो का मलमूत्र छनकर प्लेसैंटा द्वारा मां के रक्त की नलियों में चला जाता है तथा मां के शरीर द्वारा बाहर आ जाता है।
  3. ऐमनियोटिक सैक-तीसरा अंग जो एम्ब्रियो के समय बढ़ता है, ऐमनियोटिक सैक या थैली है। यह थैली प्लेसैंटा से जुड़ी होती है तथा बीच में एक लेसदार तरल पदार्थ होता है जिसमें बच्चा रहता है। यह तरल पदार्थ बच्चे को चोट लगने से बचाता है।

3. भ्रूण की अवस्था (Foetus Stage)-गर्भ की तीसरी तथा सबसे लम्बी अवस्था भ्रूण होती है। यह तीसरे माह से आरम्भ होकर बच्चे के जन्म तक चलती है। इस अवस्था में नये अंग नहीं बनते परन्तु एम्ब्रियो की अवस्था समय बने हुए अंगों का विकास होता है। तीसरे माह तक भ्रूण की लम्बाई लगभग तीन इंच हो जाती है। गर्भ की इस अवस्था में पांचवें माह तक भीतर के सभी अंग बड़े मनुष्य के समान ही बनने लग पड़ते हैं तथा मां अपने शरीर में बच्चे की हरकतें अनुभव करने लग पड़ती है। पांचवें माह में ही बच्चे के दिल की धड़कन की आवाज़ ऊंची हो जाती है।

Home Science Guide for Class 10 PSEB गर्भावस्था Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गर्भ अवस्था कितने दिनों की होती है?
उत्तर-
280 दिनों की।

प्रश्न 2.
गर्भ अवस्था कितने भागों में बांट सकते हैं?
उत्तर-
तीन भागों में।

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प्रश्न 3.
गर्भ अवस्था के तीन भागों के नाम बताएं।
उत्तर-
अण्डे की अवस्था, एम्ब्रियो की अवस्था, भ्रूण की अवस्था।

प्रश्न 4.
अण्डे की अवस्था का समय गर्भ शुरू होने से कितने सप्ताह तक होता है?
उत्तर-
दो सप्ताह तक।

प्रश्न 5.
एम्ब्रिया अवस्था कितनी देर की होती है?
उत्तर-
गर्भ समय के दूसरे सप्ताह से दूसरे महीने के अन्त तक।

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प्रश्न 6.
नाभिनाल की लम्बाई बताएं।
उत्तर-
10 से 20 इंच।

प्रश्न 7.
जन्म समय तक बच्चे की लम्बाई कितनी हो जाती है?
उत्तर-
19-20 इंच।

प्रश्न 8.
प्रायः जन्म के समय बच्चे का भार कितना होता है?
उत्तर-
7 पौंड।

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प्रश्न 9.
बच्चे को जन्म देने के लिए मां की उचित आयु क्या है?
उत्तर-
21 से 35 तक।

प्रश्न 10.
गर्भ समय बार-बार एक्सरे करवाने की क्या हानि है?
उत्तर-
इससे गर्भपात हो सकता है।

प्रश्न 11.
एम्ब्रियो के सहायक अंग बताओ।
उत्तर-
प्लेसैंटा, नाभिनाल, एमनियोटिक सैक।

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प्रश्न 12.
भ्रूण अवस्था का समय बताओ।
अथवा
गर्भ अवस्था की कौन-सी अवस्था सब से लम्बी होती है?
उत्तर-
गर्भ समय के तीसरे माह से जन्म समय तक।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गर्भ के समय की कोई दो तीन तकलीफों के बारे में बताएं।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 2.
गर्भवती स्त्री की पीठ और मांस-पेशियों में दर्द क्यों होता है?
उत्तर–
स्वयं उत्तर दें।

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प्रश्न 3.
ऐमनियोटिक सैक क्या है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 4.
गर्भ के समय नशीले पदार्थों का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 5.
गर्भ के समय दिल क्यों मितलाता है तथा पीठ में दर्द क्यों रहता है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

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प्रश्न 6.
भ्रूण की वृद्धि पर मां-बाप की आयु का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 7.
गर्भ के समय औरत के शरीर पर खुजली क्यों होती है तथा छाले क्यों पड़ जाते हैं?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 8.
अण्डे, एम्ब्रियो तथा भ्रूण की अवस्था के बारे में बताएं।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

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प्रश्न 9.
भ्रूण की अवस्था के बारे में बताएं।
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 10.
R.H. कारक में क्या जानते हैं?
उत्तर-
देखें उपरोक्त प्रश्नों में।

प्रश्न 11.
एम्ब्रियो के विकास में कौन-कौन से सहायक अंग काम करते हैं?
उत्तर-
स्वयं उत्तर दें।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
गर्भावस्था से क्या अभिप्राय है? इस दौरान गर्भवती औरत को कौन-सी साधारण तकलीफें हो सकती हैं?
अथवा
गर्भावस्था में कौन-कौन से दुःख होते हैं, विस्तार में बताओ।
अथवा
गर्भवती स्त्री को कौन-से कष्टों से निकलना पड़ता है?
उत्तर-
गर्भ धारण से लेकर बच्चे के जन्म तक मां के पेट के अन्दर बच्चे की अवस्था को गर्भावस्था कहते हैं। साधारणतया यह समय 280 दिन का होता है पर कई बार मां को किसी बीमारी या अन्य कारण से यह समय कम होकर 190 दिन भी हो सकता है तथा अधिक-से-अधिक 330 दिन। इस दौरान बच्चे का विकास एक अण्डकोश से लेकर एक पूर्ण मानवीय जीव के रूप में होता है। इस काल का प्रभाव जीवन भर रहता है। गर्भावस्था को तीन भागों में बांटा जा सकता है

  1. अण्डे की अवस्था (Ovum Stage)
  2. एम्ब्रियो की अवस्था (Embryo Stage)
  3. भ्रूण की अवस्था (Foetus Stage)।

गर्भवती औरत की तकलीफें-गर्भावस्था की तकलीफें सभी औरतों को नहीं होतीं। कई औरतें गर्भ के पूरे 9 माह पूरे आराम से गुज़ार लेती हैं। पर कई औरतों को पूरे 9 माह कोई-न-कोई तकलीफ रहती है। गर्भ समय होने वाली साधारण तकलीफें निम्नलिखित हैं

  1. जी मितलाना-यह अधिकतर सुबह के समय होता है परन्तु कई बार किसी समय भी हो सकता है जिससे खाने को मन नहीं करता। आम तौर पर यह तकलीफ गर्भ के पहले तीन महीने ही होती है। इस तकलीफ का होना गर्भ की प्राकृतिक अवस्था समझा जाता है। इसको मार्निंग सिकनैस भी कहा जाता है। इसको खुराक तथा आराम से ठीक किया जा सकता है। बिस्तर से उठने से पूर्व हल्की नींबू वाली चाय तथा मीठा बिस्कुट खाने से आराम मिलता है।
  2. कब्ज़-गर्भ के दौरान औरतों को कब्ज़ की शिकायत साधारण हो जाती है। उसकी रोज़ाना खुराक, कसरत तथा शौच जाने की आदत इस तरह हो कि उसको कब्ज़ न हो। साधारणतया पानी अधिक पीने तथा सन्तुलित भोजन लेने से यह शिकायत दूर हो जाती है। नाश्ते में फल तथा रूक्षांश वाले पदार्थ तथा फल विशेषकर सेब खाने से कब्ज़ की शिकायत दूर होती है।
  3. दिल की जलन तथा बदहजमी – गर्भ के महीनों में कई बार मां को दिल की जलन अनुभव होती है जिससे बदहजमी हो जाती है। इसका दिल से कोई सम्बन्ध नहीं पर यह जलन पाचन प्रणाली में होती है। ज्यादा मसालेदार, तली हुई, ज्यादा घी वाली तथा गैस वाली चीज़ों से परहेज़ करने से इस तकलीफ से छुटकारा पाया जा सकता है।
  4. सिर चकराना तथा बेहोश होना-गर्भवती औरत का ज्यादा काम करना, बहुत सुबह उठना, बहुत देर तक खड़े होने से या ज्यादा चलने से सिर चकराने लग पड़ता है तथा खून का दबाव कम हो जाने से कई बार बेहोश भी हो जाती है। यदि सिर चकराने लगे या बेहोशी-सी अनुभव हो तो पैरों तथा शरीर के स्तर से सिर नीचा करके लेट जाएं। घबराहट या सिर चकराने की स्थिति में एक गिलास ठण्डा नींबू पानी पी लेना चाहिए।
  5. पैरों की सूजन – गर्भ के अन्तिम महीनों में कई बार गर्भवती मां के पैर सूज जाते हैं। यह तकलीफ विशेषकर गर्मी के महीनों में होती है। यह एक प्राकृतिक अवस्था समझी जाती है तथा बच्चा पैदा होने के बाद अपने आप पहली अवस्था में आ जाते हैं। आराम करते समय पैर तथा टांगें शरीर से ऊंचे रखने से इस स्थिति में सुधार आता है।
  6. योनि में से खून बहना-यदि कभी गर्भवती स्त्री की योनि में से खून निकलने लग जाए तो उसको अपने पैर ऊँचे करके लेटना चाहिए तथा डॉक्टर की सलाह जल्दी लेनी चाहिए। ज्यादा खून निकलने से कई बार गर्भपात हो जाता है या बच्चा समय से पहले पैदा हो जाता है। जब तक डॉक्टर की सहायता न पहुंचे, कोई दवाई नहीं लेनी चाहिए।
  7. शरीर पर खारिश होना – कभी-कभी गर्भवती स्त्री को शरीर पर खारिश होने लग जाती है। इसके बारे में डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। सुबह नहाने के पानी में थोड़ा-सा मीठा सोडा पाने से भी लाभ होता है जो योनि के आसपास किसी किस्म की खारिश हो तो डॉक्टर को बताकर इलाज करवाना चाहिए।
  8. चमड़ी पर धब्बे पड़ने – कई औरतों के मुंह पर भूरे धब्बे पड़ जाते हैं। गर्भ की अन्तिम स्थिति में कई बार औरतों के बाल ज्यादा खुष्क रहते हैं तथा झड़ने लग पड़ते हैं। इस के बारे में ज्यादा चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं। बच्चा पैदा होने के पश्चात् यह अपने आप प्राकृतिक अवस्था में आ जाते हैं। बालों को रोज़ कंघी करनी चाहिए तथा तेल की मालिश सिर तथा बालों के लिये लाभदायक है।
  9. पीठ तथा पट्ठों में दर्द – गर्भ के अन्तिम दिनों में पीठ, पट्ठों तथा टांगों में दर्द होना साधारण बात है। बच्चेदानी के बढ़ने से फेफड़ों तथा टांगों पर ज्यादा भार पड़ता है। बच्चा शरीर में हरकत करके अपनी स्थिति तथा जगह बदलता है तो दर्द होती है। यह दर्द कम एड़ी वाली चप्पल पहनने तथा आराम करने से कम हो जाती है। यदि अन्तिम दिनों में पीठ में इस प्रकार की दर्द हो जैसे मासिक धर्म के दिनों में होती है तो डॉक्टर को जल्दी बुलाना चाहिए। यह बच्चा होने समय की दर्द हो सकती है।
  10. कुछ अन्य तकलीफें- उपरोक्त गर्भ की तकलीफों के अतिरिक्त कुछ अन्य तकलीफें जैसे सिर दर्द, नज़र में कमज़ोरी, मुंह तथा हाथों पर सूजन, बुखार, अचानक शरीर के किसी अंग विशेषकर पीठ, टांगों तथा पेट में दर्द, ज्यादा उल्टियां आना, योनि में से ज़ोर से पानी निकलना तथा रुक-रुक कर सांस आना आदि हो सकती हैं।

इनमें से यदि कोई भी तकलीफ हो तो डॉक्टर की सलाह तुरन्त लेनी चाहिए क्योंकि इनके प्रति लापरवाही करने से कई बार खतरा भी हो सकता है। थोड़े-थोड़े समय के पश्चात् डॉक्टर को दिखाने से इन तकलीफों को रोका जा सकता है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

I. रिक्त स्थान भरें

  1. गर्भ अवस्था …………………. दिनों की होती है।
  2. ………………. होने वाले बच्चे को मां के शरीर से आहार पहुंचाता है।
  3. नाडु की लम्बाई ………… होती है।
  4. गर्भ अवस्था को ………………. भागों में बांटा गया है।
  5. अण्डे की अवस्था को ………… भी कहा जाता है।

उत्तर-

  1. 280,
  2. प्लेसैंटा,
  3. 10-20 इंच,
  4. तीन,
  5. ओवम अवस्था ।

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II. ठीक/ग़लत बताएं

  1. गई अवस्था सामान्यत: 280 दिन की होती है।
  2. एम्ब्रियों की अवस्था गर्भ-धारण से दूसरे सप्ताह से शुरु होती है।
  3. जन्म के समय बच्चे की लम्बाई 19-20 ईंच होती है।
  4. नाडु की लम्बाई 10-20 इंच होती है।
  5. जन्म समय बच्चे का भार 4 पौंड होता है।

उत्तर-

  1. ठीक,
  2. ठीक,
  3. ठीक,
  4. ठीक,
  5. ग़लत।

III. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एम्ब्रियो के सहायक अंग हैं
(क) प्लेसैंटा
(ख) नाडु
(ग) एमनियोटीकसैक
(घ) सभी ठीक।
उत्तर-
(घ) सभी ठीक।

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प्रश्न 2.
नाडु की लम्बाई होती है
(क) 10-20 ईंच
(ख) 30 ईंच
(ग) 30-40 ईंच
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) 10-20 ईंच

प्रश्न 3.
भ्रूण अवस्था का समय है
(क) गर्भ समय से तीसरे महीने से
(ख) पहला सप्ताह
(ग) दूसरे सप्ताह से
(घ) कोई नहीं।
उत्तर-
(क) गर्भ समय से तीसरे महीने से

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गर्भावस्था PSEB 10th Class Home Science Notes

  • गर्भ धारण से लेकर बच्चे के जन्म तक की अवस्था को गर्भावस्था कहा जाता है।
  • गर्भावस्था के तीन भाग होते हैं।
  • भ्रूण अवस्था सबसे लम्बी होती है।
  • प्लेसैंटा द्वारा बच्चा मां के शरीर से खुराक प्राप्त करता है।
  • एम्ब्रियो अवस्था में ही सहायक अंगों का ढांचा तैयार हो जाता है।
  • मां के स्वास्थ्य तथा खुराक का बच्चे के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
  • बच्चे की गर्भावस्था के स्वास्थ्य का जीवन भर स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है।
  • गर्भावस्था में मां द्वारा किए गये नशीले पदार्थों के सेवन का बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • गर्भ धारण से पहले पुरुष तथा औरत को आर०एच० तत्त्व की जांच करवा लेनी चाहिए।

गर्भ धारण से लेकर जन्म तक के समय को गर्भावस्था कहा जाता है। यह समय साधारणतया 280 दिनों का होता है। यह काल बच्चे के विकास की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है। इस काल का प्रभाव जीवन भर रहता है। इसी समय दौरान बच्चा एक अण्डकोश से पूर्ण मानवीय जीव के रूप में विकसित होता है।

PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई Notes.

PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हाथ से सिलाई करने के लिए कपड़े के टुकड़े को कैसे पकड़ना चाहिए ?
उत्तर-
हाथ से सिलाई करने के लिए कपड़े के टुकड़े को बराबर करके पकड़ना चाहिए।

प्रश्न 2.
पक्की सिलाई कैसे की जाती है ?
उत्तर-
पक्की सिलाई के लिए तीन सादा टाँकों के पश्चात् एक बखिया टाँका लिया जाता है।

प्रश्न 3.
कपड़े की पूरी और बढ़िया सिलाई के लिए कौन-सा टाँका व्यवहार में लेना चाहिए ?
उत्तर-
कपड़े की पूरी और बढ़िया सिलाई के लिए बखिया टाँका व्यवहार में लेना चाहिए।

PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सादी सिलाई आप कैसे करोगे ?
उत्तर-
यह सिलाई सबसे आसान है। इसका प्रयोग कपड़े के टुकड़ों को स्थाई रूप से जोड़ने के लिए किया जाता है। इसमें टाँके की लम्बाई कपड़े की मोटाई पर निर्भर करती है। पतले कपड़े पर छोटा टाँका लगाया जाता है। यह दाईं ओर से शुरू की जाती है। इसमें पहला और अन्तिम टाँका बखिया का लिया जाता है। सूई को थोड़ा-थोड़ा स्थान छोड़कर कपड़े के ऊपर-नीचे निकाला जाता है। पक्की सिलाई के लिए तीन सादा टाँकों के पश्चात् एक बखिया टाँका लिया जाता है।
PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई 1
चित्र 4.1 सादी सिलाई

PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई

प्रश्न 2.
फ्रैंच सिलाई आप कैसे करोगे ?
उत्तर-
इस सिलाई को दोहरी या चोर सिलाई भी कहते हैं। कपड़ों के सिरों से धागे निकालने से रोकने के लिए सबसे पहले कपड़े के दोनों भागों को उल्टी तरफ एक-दूसरे । के ऊपर दोनों सिरे मिलाकर रखते हैं। सिरों से लगभग 1/8″ की दूरी से सादा टाँका लगाते हैं। अब उन्हीं सिरों को उल्टा कर इस तरह मोड़ देते हैं कि सिलाई किए गए सिरों की पट्टी अन्दर की तरफ़ कपड़ों के बीच में आ जाए और उधड़ रहे धागों के अन्दर छिपा दिया जाता है। धागों को छिपाने के बाद ली गई पट्टी पर उल्टी तरफ़ से हाथ की सादी या बखिया टाँका प्रयोग करके सिलाई की जाती
PSEB 8th Class Home Science Practical हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई 2
चित्र 4.2 फ्रैंच सिलाई
है। यह सिलाई मर्दाना कमीजों पर की जाती है। यह सिलाई बढ़िया, बारीक, महँगे, रेशमी और बनावटी रेशों वाले कपड़ों पर की जाती है।

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हाथ से सादी सिलाई और फ्रैंच सिलाई PSEB 8th Class Home Science Notes

  • हाथ से सिलाई करने के लिए कपड़े के टुकड़े को बराबर करके पकड़ना चाहिए।
  • पक्की सिलाई के लिए तीन सादा टाँकों के पश्चात् एक बखिया टाँका लिया जाता है।
  • प्रायः कपड़े की पूरी और बढ़िया सिलाई के लिए बखिया टाँका व्यवहार में लेना चाहिए।
  • फ्रैंच सिलाई को दोहरी या चोर सिलाई भी कहते हैं।
  • फ्रैंच सिलाई पुरुषों की कमीज़ों पर की जाती है। यह सिलाई बढ़िया, बारीक, महँगे रेशमी और बनावटी रेशों वाले कपड़ों पर की जाती है।