PSEB 11th Class Religion Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

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PSEB 11th Class Religion Guide | Religion Guide for Class 11 PSEB in English Medium

Religion Guide for Class 11 PSEB | PSEB 11th Class Religion Book Solutions

  • Chapter 1 Religious Life of the Indus Valley People and Early Aryans
  • Chapter 2 Buddhist Movement upto Ashoka Period
  • Chapter 3 Rise and Development of Sikhism : 1469-1708 A.D.
  • Chapter 4 Introduction to Vedic Literature
  • Chapter 5 General Introduction to Puranas, Upanishads and Shastras
  • Chapter 6 The Adi Granth
  • Chapter 7 Ashta Marga of Buddhism
  • Chapter 8 Ethical Teachings of Jainism
  • Chapter 9 The Sikh Way of Life

PSEB 6th Class Hindi Grammar प्रयोगात्मक व्याकरण (2nd Language)

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar प्रयोगात्मक व्याकरण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar प्रयोगात्मक व्याकरण (2nd Language)

शुद्ध – अशुद्ध

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PSEB 6th Class Hindi Grammar प्रयोगात्मक व्याकरण (2nd Language)

लिंग परिवर्तन

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वचन बदलन
वचन बदलने के नियम

(i) ‘अ’ को एं एकवचन
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(ii) आ (पुल्लिग) को ए कमरा
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(iii) आ (स्त्रीलिंग) के आगे एँ
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PSEB 6th Class Hindi Grammar प्रयोगात्मक व्याकरण (2nd Language)

(iv) इ या ई स्त्रीलिंग को इयाँ एकवचन
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(v) उ, ऊ, औ में एँ जोड़ देते हैं और दीर्घ ऊ के स्थान पर हस्व उ हो जाता है।
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(vi) गण, वृन्द, जन, वर्ग, दल, लोग आदि शब्द लगाकर बहुवचन बनाए जाते हैं –
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फुटकर बहुवचन
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भाववाचक संज्ञाएँ

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विशेषण रचना

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विपरीतार्थक या विलोम शब्द

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पर्यायवाची या समानार्थक शब्द

अमृत  सोम, सुधा, पीयूष।
असुर  राक्षस, दैत्य, दानव, दनुज।
अग्नि  आग, अनल, पावक, दहन।
अन्धकार  अन्धेरा, तम, तिमिर।
आँख  नेत्र, चक्षु, नयन, लोचन।
आकाश  गगन, आसमान, नभ, अम्बर।
आनन्द  मोह, हर्ष, उल्लास, प्रसन्नता।
इच्छा  अभिलाषा, कामना, चाह, लालसा।
ईश्वर  भगवान्, परमात्मा, ईश, प्रभु।
कपड़ा  वस्त्र, पट, वसन।
कमल  पंकज, सरोज, अरविन्द।
किनारा  तट, तीर, कूल।
गौ  गाय, सुरभि, धेनु।
घर  गृह, सदन, भवन, गेह।
घोड़ा  अश्व, वाजी, घोटक, तुरंग।
चन्द्रमा  चाँद, इन्दु, राकेश, शशि, चन्द्र।
जल  वारि, पानी, नीर, तोय।
तलवार  खड्ग, कृपाण, असि।
तीर  वाण, शर, सायक।
दिन  दिवस, वार, अहन।
देवता  सुर, देव, अमर।
नदी  सरिता, तरंगिणी, नद, तटिनी।
नमस्कार  प्रणाम, नमस्ते, अभिवादन।
पृथ्वी  ज़मीन, धरती, भूमि।
पुत्र  बेटा, सुत, तनय।
पर्वत  गिरि, पहाड़, अचल, शैल।
पक्षी  खग, नभचर, विहंग।
बाग  बगीचा, उपवन, वाटिका।
बादल  मेघ, घन, जलद, नीरद।
बिजली  विद्युत्, तड़ित, दामिनी।
फूल  सुमन, कुसुम, पुष्प।
माता  जननी, माँ, मैया।
मृत्यु  मौत, अन्त, निधन, देहान्त।
राजा  नरेश, नरपति, भूपति।
वायु  अनिल, पवन, हवा।
रात  रजनी, निशा, रात्रि।
संसार  दुनिया, विश्व, जगत्।
सूर्य  रवि, भानु, दिनकर।
स्त्री  महिला, अबला, नारी, औरत।
सरोवर  तालाब, सर, तड़ाग।
समुद्र  सागर, सिन्धु, जलधि।
शत्रु  दुश्मन, बैरी, अरि।

PSEB 6th Class Hindi Grammar प्रयोगात्मक व्याकरण (2nd Language)

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
(वाक्यांश बोधक)

जिसे बुढ़ापा न आए  अजर
जो कभी न मरे  अमर
जो दिखाई न दे  अदृश्य
जिसका अन्त न हो  अनन्त
अत्याचार करने वाला  अत्याचारी
जो परीक्षा में पास न हो  अनुत्तीर्ण
जिसकी तुलना न हो सके  अतुलनीय
जो परीक्षा में पास हो  उत्तीर्ण
जो ईश्वर को मानता हो  आस्तिक
जो ईश्वर को न मानता हो  नास्तिक
जो बिना वेतन काम करे  अवैतनिक
जहाँ जाया न जा सके  अगम्य
जो अपनी हत्या आप करे  आत्मघाती
जिसके पास शस्त्र न हो  निःशस्त्र
जिसमें अपनी कथा हो  आत्मकथा
जिसका पति मर चुका हो  विधवा
जो योग्य न हो  अयोग्य
जिसने अपराध न किया हो  निरपराधी
दूर की बातें सोचने वाला  दूरदर्शी
अन्याय करने वाला  अन्यायी
सुनने वाला  श्रोता
बोलने वाला  वक्ता
पीछे चलने वाला  अनुयायी
गाने वाले  गायक
जो दिन में एक बार हो  दैनिक
जो उपकार को याद रखे  कृतज्ञ
जो उपकार को याद न रखे  कृतघ्न
नीति को जानने वाला  नीतिज्ञ
जिसका आकार न हो  निराकार
जिसका आकार हो  साकार
ग्राम में रहने वाला  ग्रामीण
नगर में रहने वाला  नागरिक
जो काम वर्ष में एक बार हो  वार्षिक
जिसमें बल न हो  निर्बल
जो दूसरों पर दया करे  दयालु
जो केवल फल खाने वाला हो  फलाहारी
जो मांस खाता हो  मांसाहारी
व्यर्थ खर्च करने वाला  अपव्ययी
कम खर्च करने वाला  मितव्ययी
जिसमें बल हो  बलवान्
जो सब कुछ जानता हो  सर्वज्ञ
सच बोलने वाला  सत्यवादी
अच्छे आचरण वाला  सदाचारी
अपना मतलब निकालने वाला  स्वार्थी
जिसे जीता न जा सके  अजेय
जानने की इच्छा रखने वाला  जिज्ञासु
जो साथ पढ़ने वाला हो  सहपाठी
जो आँखों के सामने हो  प्रत्यक्ष
जो आँखों के पीछे हो  परोक्ष
जो सब को समान दृष्टि से देखे  समद्रष्टा

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 2 पिंजरे का शेर (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB पिंजरे का शेर Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

पिंजरे का शेर अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 2
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 4
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

3. शब्दार्थ

  • दूत = हरकारा, एक जगह से दूसरी जगह चिट्ठी-पत्र, संदेश आदि पहुँचाने वाला
  • निरीक्षण = गौर से देखना, मुआइना करना
  • फुसफुसाहट = बहुत धीमी आवाज़ में बोलना
  • सीसा = एक प्रसिद्ध मूल धातु जिसकी चादरें, गोलियाँ आदि बनती हैं।

उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

4. उपर्युक्त शब्द भरकर वाक्य पूरे करें :

(क) ……………………………… राज्य सबसे शक्तिशाली समझा जाता था।
(ख) पिंजरे को खोले या ……………………………… बगैर शेर को पिंजरे से बाहर निकालना है।
(ग) नौकरों ने पिंजरे के चारों ओर ……………………………… लगा दी।
(घ) पिंजरे का शेर ……………………………… कर धरती पर फैल गया।
उत्तर :
(क) मगध
(ख) तोड़े
(ग) आग
(घ) पिघल

5. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) महापद्म नंद के दरबार में किस देश के दूत आये थे?
उत्तर :
महापद्म नन्द के दरबार में रोम देश के दूत आये थे।

(ख) रोम के राजदूत मगध के सम्राट के लिए क्या लाये?
उत्तर :
रोम के राजदूत मगध के सम्राट के लिए पिंजरे के शेर के रूप में बहुमूल्य उपहार लाये।

(ग) सम्राट महापद्म नंद के मंत्री का क्या नाम था?
उत्तर :
सम्राट महापद्म नन्द के मन्त्री का नाम शकटार था।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

(घ) शेर किस धातु का बना हुआ था?
उत्तर :
शेर सीसा धातु का बना हुआ था।

(ङ) शेर को पिंजरे से निकालने वाला किशोर बड़ा होकर किस नाम से प्रसिद्ध हुआ?
उत्तर :
किशोर बड़ा होकर चन्द्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

(च) पिंजरा किस धातु से बना था?
उत्तर :
पिंजरा लोहा धातु से बना था।

6. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) रोम के राजदूत ने पिंजरे के शेर को बाहर निकालने की क्या शतें बतायीं ?
उत्तर :
रोम के राजदूत ने पिंजरे के शेर को बाहर निकालने की निम्नलिखित शर्ते बताईं थी –

  • पिंजरे को न तो खोलना है और न ही उसे कहीं से भी काटना है।
  • पिंजरे को खोले या तोड़े बिना ही शेर को पिंजरे से बाहर निकालना है।

(ख) पिंजरे के शेर के चारों ओर आग लगती देख सभा में सन्नाटा क्यों छा गया?
उत्तर :
सभा के लोग किशोर द्वारा पिंजरे में से शेर को बाहर निकालने की युक्ति को बड़े ध्यान से देख रहे थे। वे शेर के बाहर आने का इंतज़ार कर रहे थे। पिंजरे के शेर के चारों तरफ आग लगती देखकर सभा में सन्नाटा छा गया।

(ग) चंद्रगुप्त ने पिंजरे के शेर को कैसे बाहर निकाला?
उत्तर :
चन्द्रगुप्त ने पिंजरे के शेर को चारों तरफ पहले तो पानी में डुबाया और फिर उसने पिंजरे के चारों तरफ आग लगवा दी। आग लगाने से सीसे से बनी शेर की मूर्ति धीरे धीरे पिघलने लगी और वह पिघल कर धरती पर फैल गया। इस तरह चन्द्रगुप्त ने शेर को पिंजरे से बाहर निकाला।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

7. इन शब्दों के लिंग बदलें :

  1. सम्राट = ________________
  2. शोर = ________________
  3. महाराज = ________________
  4. नौकर = ________________
  5. किशोर = ________________
  6. राजा = ________________

उत्तर :

  1. सम्राट = सम्राज्ञी
  2. शेर = शेरनी
  3. महाराज = महारानी
  4. नौकर = नौकरानी
  5. किशोर = किशोरी
  6. राजा = रानी

8. इन शब्दों के वचन बदलें :

  1. पिंजरा = ________________
  2. सभा = ________________
  3. मूर्ति = ________________
  4. यह = ________________
  5. बूँद = ________________
  6. मंदिर = ________________

उत्तर :

  1. पिंजरा = पिंजरे
  2. सभा = सभाएँ
  3. मूर्ति = मूर्तियाँ
  4. यह = ये
  5. बूँद = बूँदं
  6. मन्दिर = मन्दिरों

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9. विपरीतार्थक शब्द लिखें :

  1. पुराना = ________________
  2. अनेक = ________________
  3. असफल = ________________
  4. धरती = ________________

उत्तर :

  1. पुराना = नया
  2. अनेक = एक
  3. असफल = सफल
  4. धरती = आकाश

10. शुद्ध करके लिखें :

अशुद्ध = शुद्ध

  1. शकतीशाली = ________________
  2. बहूमूलय = ________________
  3. घोषना = ________________
  4. पुरसकार = ________________
  5. सूदरिढ़ = ________________
  6. मरितयु = ________________

उत्तर :
अशुद्ध = शुद्ध

  1. शकतीशाली = शक्तिशाली
  2. बहूमूलय = बहुमूल्य
  3. घोषना = घोषणा
  4. पुरसकार = पुरस्कार
  5. सूदरिढ़ = सुदृढ़
  6. मरितयु = मृत्यु

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

11. उचित विराम चिह्न लगायें :

(क) किशोर ने मुस्कारते हुए कहा वह देखिए महामंत्री
उत्तर :
किशोर ने मुस्कराते हुए कहा, “वह देखिए महामंत्री।”

(ख) शेर को कौन बाहर निकाल सकता है सहसा सम्राट ने गुस्से में कहा
उत्तर :
“शेर को कौन बाहर निकाल सकता है ?” सहसा सम्राट ने गुस्से में कहा।

(ग) किशोर ने सिर झुकाकर कहा महाराज शेर पिंजरे से बाहर आ गया है
उत्तर :
किशोर ने सिर झुकाकर कहा, “महाराज! शेर पिंजरे से बाहर आ गया।”

12. प्रत्येक शब्द के आगे लिखो, यह कौन-सी संज्ञा है ?

  1. शब्द = संज्ञा
  2. शेर = जातिवाचक संज्ञा
  3. शकटार = व्यक्तिवाचक संज्ञा
  4. लज्जा = ______________
  5. पिंजरा = ______________
  6. गर्मी = ______________
  7. गुस्सा = भाववाचक संज्ञा
  8. किशोर = ______________
  9. दूत = ______________
  10. पानी = ______________
  11. मंदिर = ______________

उत्तर :

  1. शब्द = संज्ञा
  2. शेर = जातिवाचक संज्ञा
  3. शकटार = व्यक्तिवाचक संज्ञा
  4. लज्जा = भाववाचक संज्ञा
  5. पिंजरा = जातिवाचक संज्ञा
  6. गर्मी = भाववाचक संज्ञा
  7. गुस्सा = भाववाचक संज्ञा
  8. किशोर = जातिवाचक संज्ञा
  9. दूत = जातिवाचक संज्ञा
  10. पानी = द्रव्यवाचक संज्ञा
  11. मन्दिर = जातिवाचक संज्ञा

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13. नीचे दी गई जातिवाचक संज्ञा से संबंधित व्यक्तिवाचक संज्ञा लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 5
उत्तर :
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 6

14. नये शब्द बनायें : (कम से कम दो)
वातावरण – फुसफुसाहट – झुकाकर
उत्तर :
वातावरण – फुसफुसाहट – झुकाकर
वात – वर – वरण
फुस – फुसफुस – हट
झुक – कर – काक

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मगध राज्य का राजा कौन था?
उत्तर :
मगध राज्य का राजा महापद्म नन्द था।

प्रश्न 2.
पुराने समय में भारत कैसा था?
उत्तर :
पुराने समय में भारत अनेक छोटे – छोटे राज्यों में बंटा हुआ था।

प्रश्न 3.
शेर को पिंजरे में किसने बंदी बनाया था?
उत्तर :
रोम के सम्राट ने शेर को पिंजरे में बंदी बनाया था।

प्रश्न 4.
राजा ने दूत को क्या कहा?
उत्तर :
राजा ने दूत को कहा कि तुम अपने राजा से कहना कि हमारे प्रताप से शेर पिघलकर बाहर आ गया है। यह केवल पिंजरे का शेर था पिंजरे के बिना इसका कोई अस्तित्व नहीं।

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प्रश्न 5.
चन्द्रगुप्त मौर्य के चरित्र के दो विशेष गुण बताओ।
उत्तर :

  • बुद्धिमानी,
  • निडर।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
‘पिंजरे का शेर’ पाठ में किस किशोर की बुद्धि – कौशल का वर्णन किया गया है?
(क) चंद्रगुप्त
(ख) रामगुप्त
(ग) समुद्रगुप्त
(घ) श्यामगुप्त।
उत्तर :
(क) चंद्रगुप्त

प्रश्न 2.
प्राचीन भारत में सबसे शक्तिशाली राज्य कौन – सा माना जाता था?
(क) कौशल
(ख) मगध
(ग) पाटन
(घ) विदर्भ।
उत्तर :
(ख) मगध

प्रश्न 3.
किसी धातु से बना कौन पिंजरे में बंद था?
(क) गाय
(ख) शेर
(ग) भालू
(घ) हाथी।
उत्तर :
(ख) शेर

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प्रश्न 4.
पिंजरा किस नगर के राजदूत ने अपने सम्राट की तरफ से भेंट किया था?
(क) न्यूयार्क
(ख) रोम
(ग) पेरिस
(घ) ओकासा।
उत्तर :
(ख) रोम

प्रश्न 5.
बिना पिंजरा खोले शेर को बाहर निकालने की आज्ञा कितने वर्ष के किशोर ने मांगी?
(क) 13 – 14
(ख) 14 – 15
(ग) 15 – 16
(घ) 16 – 17
उत्तर :
(ग) 15 – 16

प्रश्न 6.
असफल होने पर क्या दंड मिलना था?
(क) उम्रकैद
(ख) मृत्युदंड
(ग) समाज सेवा
(घ) सिर मुड़ाना।
उत्तर :
(ख) मृत्युदंड

प्रश्न 7.
शेर किस धातु का बना था?
(क) सोना
(ख) चाँदी
(ग) सीसा
(घ) ताँबा।
उत्तर :
(ग) सीसा

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प्रश्न 8.
मगध का महामंत्री कौन था?
(क) नंद
(ख) शकटार
(ग) चाणक्य
(घ) मिहिरसेन।
उत्तर :
(ख) शकटार

प्रश्न 9.
पिंजरा किस धातु का बना था?
(क) सोना
(ख) चाँदी
(ग) पीतल
(घ) लोहा।
उत्तर :
(घ) लोहा।

प्रश्न 10.
किशोर ने पिंजरे के चारों ओर क्या लगाई?
(क) तिरपाल
(ख) बर्फ
(ग) आग
(घ) घास – फूस।
उत्तर :
(ग) आग

पिंजरे का शेर Summary in Hindi

पिंजरे का शेर पाठ का सार

‘पिंजरे का शेर’ नामक पाठ में किशोर चन्द्रगुप्त मौर्य की बुद्धि एवं कौशल का वर्णन किया गया है। प्राचीन समय में भारत अनेक राज्यों में बंटा हुआ था। इनमें मगध राज्य सब से शक्तिशाली माना जाता था। महापद्म नंद मगध का राजा था। एक दिन राजा की राजसभा हुई। वहाँ किसी धातु से बना शेर पिंजरे में बंद करके रखा था, जिसे सभी लोग देख रहे थे। यह पिंजरा रोम के राजदूत ने राजा को अपने सम्राट की तरफ से भेंट किया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

राजदूत ने राजा को बताया कि इस पिंजरे में उन्होंने शेर को बंद कर दिया है किन्तु इस पिंजरे को बिना खोले और काटे शेर को बाहर निकालना है, जो खेल आप ही कर सकते हैं। तभी सम्राट के संकेत से महामंत्री ने सभा में बैठे सभी लोगों को बिना पिंजरा खोले और तोडे शेर को बाहर निकालने को कहा। सभा में उपस्थित सभी लोग पिंजरे की तरफ देखते रहे किसी ने भी उसमें से बिना खोले शेर को बाहर निकालने की हिम्मत नहीं दिखाई।

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अचानक वहाँ एक पन्द्रह – सोलह वर्ष का किशोर आया और उसने सम्राट् से उसे बाहर निकालने की आज्ञा माँगी। असफल होने पर मृत्यु का कठोर दंड भी उसे अपनी मंज़िल से विचलित नहीं कर सका। किशोर ने पिंजरे को पानी में डालने के लिए कहा और बाद में निकलवा लिया।

उसने पिंजरे में बंदी शेर को ध्यानपूर्वक देखकर उसके चारों तरफ आग लगवा दी। इससे सभा में सन्नाटा छा गया। धीरे – धीरे सीसा धातु से बना शेर गर्मी से पिघलकर धरती पर फैल गया और पिंजरा खाली हो गया। इस कार्य के लिए उस किशोर को पुरस्कार दिया गया।

यही किशोर बड़ा होकर चन्द्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ जिसने उत्तर भारत के सभी छोटे – छोटे राज्यों को एक सूत्र में बाँधकर सुदृढ़ साम्राज्य की नींव रखी।

पिंजरे का शेर शब्दार्थ :

  • बहुमूल्य = मूल्यवान।
  • संकेत = इशारा।
  • की ओर = की तरफ।
  • बगैर – बिना।
  • प्रताप = बल।
  • निरीक्षण = जांच – पड़ताल।
  • सहसा अचानक।
  • लजा = शर्म।
  • डग = कदम।
  • एकटक = बिना पलक झपके।
  • निर्भीक = निडर।
  • अपलक = बिना पलक झपकाए।

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पिंजरे का शेर गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. एक दिन राजसभा लगी हुई थी। वातावरण विचित्र था। एक ओर कछ व्यक्ति अलग खड़े थे। वे रोम देश के दूत थे। सभा भवन के बीचोंबीच एक पिंजरा रखा हुआ था। जिसमें किसी धातु का बना हुआ एक शेर बन्द था। राजसभा में बैठे सभी लोग पिंजरे की ओर देख रहे थे। थोड़ी देर बाद सम्राट् महापद्म नन्द राजसभा में पधारे। उनके आते ही सारी सभा में चुप्पी छा गई। महामन्त्री शकटार का संकेत पा कर विदेशी दूत ने आगे बढ़कर अपने राजा की ओर से लाए बहुमूल्य उपहार सम्राट को भेंट किये।

प्रसंग – यह गद्यांश हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘पिंजरे का शेर’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें मगध राज्य के राजा महापद्म नंद की राजसभा का वर्णन किया गया है।

व्याख्या – एक दिन राजदरबार में राजसभा लगी हुई थी। राजसभा का वातावरण बहुत अनूठा था। वहाँ कुछ लोग एक तरफ खड़े थे। वे रोम देश से आए हुए दूत थे। सभा भवन के बीच में एक पिंजरा रखा हुआ था जिसमें किसी धातु का बना हुआ एक शेर बंद था। राजसभा में बैठे हुए सभी लोग उस पिंजरे की तरफ देख रहे थे। कुछ देर के बाद सम्राट महापद्म नन्द उस राजसभा में आए। सम्राट् के सभा में आते ही सभा चुप हो गई। महामन्त्री शकटार के संकेत से रोम से आए विदेशी दूत ने आगे बढ़कर अपने राजा की तरफ से लाई गई अनमोल भेंट सम्राट को भेंट की।

भावार्थ – मगध राज्य के सम्राट महापद्म नन्द की राजसभा का चित्रांकन हुआ है। सम्राट् को रोम के दूत के द्वारा दी गई विचित्र भेंट का वर्णन है।

2. सभा में फिर कुछ हलचल हुई। सभी लोग एक दूसरे की ओर देख रहे थे। सभी की आँखें लज्जा के कारण झुकी हुई थीं। सम्राट फिर गरज उठे, “मगध की बुद्धि को क्या हो गया है? महापद्म नन्द की राजसभा में क्या ऐसा एक भी ज्ञानी नहीं था जो शेर को बाहर निकाल सके?”

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘पिंजरे का शेर’ शीर्षक नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने रोम के दूत के द्वारा दिए गए पिंजरे को देखकर सभा में जो हलचल हुई उसी का वर्णन किया है।

व्याख्या – मगध के राजा ने सभा में उपस्थित लोगों को गुस्से में आकर पिंजरे में से शेर को बाहर निकालने का आदेश दिया तो सभा में दोबारा हलचल मच उठी। राजसभा में बैठे लोग फिर एक – दूसरे की तरफ देखने लगे और फिर सब लोगों की आँखें शर्म से झुक गईं। सम्राट् फिर तेज़ आवाज़ से कहने लगे कि मगध – राज्य की बुद्धि को क्या हो गया था? महापद्म नन्द की राजसभा में क्या कोई ऐसा एक भी ज्ञानी, विद्वान् नहीं है जो शेर को इस पिंजरे से बाहर निकाल सके।

भावार्थ – पिंजरे में से शेर को बाहर निकालने के विषय में सम्राट् की चिंता का वर्णन है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

3. सभा में सन्नाटा छा गया। सभी की साँसें रुक गईं। हर व्यक्ति एकटक पिंजरे की ओर देख रहा था। किशोर भी अपलक दृष्टि से उस शेर को घूर रहा था। सहसा उसने देखा कि शेर की मूर्ति के माथे पर धीरे – धीरे गीली – सी चमक उभरी और देखते ही देखते पिघली हुई चाँदी की – सी बूंदें धरती पर आ गिरी।

प्रसंग – यह गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘पिंजरे का शेर’ नामक पाठे से लिया है। इसमें लेखक ने राजसभा में किशोर द्वारा पिंजरे में से शेर को बाहर निकालने की युक्ति को दर्शाया है।

व्याख्या – किशोर की आज्ञा से नौकरों ने पिंजरे के चारों तरफ जब आग लगा दी तो राजसभा में सूनापन छा गया। सभी लोगों की साँसें रुक गईं। प्रत्येक व्यक्ति टकटकी लगाकर पिंजरे की ओर देख रहा था। किशोर भी बिना पलक झपकाए उस शेर को घूर रहा था। उसने अचानक देखा कि शेर की तस्वीर के माथे पर धीरे – धीरे गीली – सी चमकती/प्रकट हुई। वह उभर कर उठी और देखते ही देखते पिघली हुई चांदी की तरह बूंदें धरती पर आकर गिरी।

भावार्थ – किशोर द्वारा पिंजरे को खोले बिना शेर को बाहर निकालने की युक्ति का वर्णन किया गया है।

4. सम्राट् ने गर्व से दूत की ओर देखते हुए कहा, “दूत अपने राजा से कहना कि हमारे प्रताप के कारण शेर पिघल कर बाहर आ गया है।” यह शेर केवल पिंजरे का शेर था। पिंजरे के बिना इसका कोई अस्तित्व नहीं। फिर महामन्त्री को आदेश दिया, “इस किशोर को पुरस्कार दिया जाए।” इतना कह कर सम्राट् उठ कर चले गए। सभा में कोलाहल – सा मच गया। यही किशोर बड़ा होकर चन्द्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उसने उत्तरी भारत के सभी छोटे – छोटे राज्यों को एक सूत्र में पिरो दिया और एक सुदृढ़ साम्राज्य की नींव रखी।

प्रसंग – यह गद्यांश हिन्दी की पाठय पुस्तक में संकलित ‘पिंजरे का शेर’ नामक पाठ से लिया गया है। किशोर द्वारा पिंजरे में से शेर को बाहर निकालने पर किशोर को पुरस्कार देने तथा उसकी प्रतिज्ञा का उल्लेख किया गया है।

व्याख्या – मगध के सम्राट ने गर्व से रोम के दूत की तरफ देखकर कहा कि हे दूत, तुम अपने राजा से जाकर कहना कि हमारे बल के कारण शेर पिघल कर बाहर आ गया है। यह शेर केवल पिंजरे का शेर था। पिंजरे के बिना इसका कोई अस्तित्व नहीं था। इसके बाद सम्राट ने महामन्त्री को आदेश दिया कि इस किशोर को पुरस्कार दिया जाए। इतनी बात कहकर सम्राट अंदर चले गए। राजसभा में शोर मच गया। यही किशोर बड़ा होकर चन्द्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उसने उत्तरी भारत के सभी छोटे – छोटे राज्यों को एक सूत्र में बाँध दिया था तथा एक मजबूत साम्राज्य की नींव रखी थी।

भावार्थ – चन्द्रगुप्त मौर्य की प्रतिभा एवं कौशल को दर्शाया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती Textbook Questions and Answers

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 3 जय जवान! जय किसान!

हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती 1
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती 2
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

3. शब्दार्थ

  • हिम्मत = हौसला
  • नैया = जीवन रूपी नैया
  • रग = नाड़ी, नस
  • सिंधु = सागर, समुद्र
  • गोताखोर = पानी में डुबकी लगाने वाला
  • सहज ही = आसानी से
  • चुनौती = ललकार
  • चैन = आराम

उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या में पद्यांशों के साथ दे दिए गए हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 3 जय जवान! जय किसान!

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) कवि के अनुसार किन लोगों की हार नहीं होती?
उत्तर :
कवि के अनुसार हिम्मत करने वाले लोगों की हार नहीं होती।

(ख) नन्ही चींटी की क्या विशेषता है?
उत्तर :
नन्हीं चींटी दाना लेकर दीवार पर चढ़ने के लिए सैंकड़ों प्रयास करती है। दीवार पर बार – बार प्रयास करने से ही उसके मन में विश्वास भर जाता है और वह अंततः दीवार पर चढ़ने में सफल हो जाती है।

(ग) गोताखोर सिंधु में डुबकियाँ क्यों लगाता है?
उत्तर :
गोताखोर मोती निकालने के लिए सिंधु में डुबकियाँ लगाता है।

(घ) हिम्मत करने वालों को असफलता को किस रूप में स्वीकार करना चाहिए?
उत्तर :
हिम्मत करने वालों को असफलता को चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(i) ‘चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है’ यह पंक्ति कवि ने किसके लिए कही है और क्यों?
उत्तर :
यह पंक्ति कवि ने चींटी के लिए कही है क्योंकि चींटी के मन का विश्वास उसकी रगों में भर गया था।

(ii) गोताखोर को सागर से मोती निकालने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है ?
उत्तर :
गोताखोर को सागर से मोती निकालने के लिए डुबकियाँ लगानी पड़ती हैं। उसे बार – बार खाली हाथ लौटना पड़ता है।

(iii) इन काव्य-पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें:
असफ लता एक चुनौती ________________ मत भागो तुम।
उत्तर :
उत्तर के लिए व्याख्या भाग देखिए।

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6. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. लहर = ____________________
  2. नैया = ____________________
  3. कोशिश = ____________________
  4. सिंधु = ____________________
  5. उत्साह = ____________________
  6. हाथ = ____________________
  7. संघर्ष = ____________________
  8. हिम्मत = ____________________

उत्तर :

  1. लहर = तरंग, कंप, उर्मि
  2. नैया = नाव, नौका, किश्ती
  3. कोशिश = प्रयास, प्रयत्न, यत्न
  4. सिन्धु = सागर, जलनिधि, समुद्र
  5. उत्साह = साहस, स्फूर्ति, हिम्मत
  6. हाथ = हस्त, कर, हत्थ
  7. संघर्ष = टकराव, प्रयत्न, युद्ध
  8. हिम्मत = साहस, वीरता, हौंसला।

7. विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें :

  1. नन्ही = _____________________
  2. मेहनत = _____________________
  3. विश्वास = _____________________
  4. सफल = _____________________
  5. हार = _____________________
  6. साहस = _____________________

उत्तर :

  1. नन्ही = बड़ी
  2. मेहनत = कामचोरी
  3. विश्वास = अविश्वास
  4. सफल = असफल
  5. हार = जीत
  6. साहस = कायरता।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 3 जय जवान! जय किसान!

8. संज्ञा शब्द चुनकर सही का निशान () लगाओ:

डरकर [ ]
दाना [ ]
जब [ ]
चींटी [ ]
चढ़ना [ ]
मोती [ ]
देखो [ ]
असफलता [ ]
तुम [ ]
हाथ [ ]
सिंधु [ ]
साहस [ ]
उत्तर :
संज्ञा शब्द – चींटी, सिन्धु, दाना, हाथ, मोती।

9. (क) मौखिक अभिव्यक्ति
अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की इसी भाव से मिलती-जुलती कविता ‘कर्मवीर’ की इन पंक्तियों को पढ़ें :

देखकर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं।
रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं।।
काम कितना ही कठिन हो, किंतु उकताते नहीं।
भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं।
हो गए इक आन में उनके बुरे दिन भी भले।
सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले-फले।।
उत्तर :
अर्थ – कवि कहता है कि वीर पुरुष अपने सामने अनेक बाधाओं और विघ्नों को देखकर भी घबराते नहीं। वे कभी भी भाग्य के भरोसे रहकर पश्चाताप नहीं करते। वे कठिन काम से भी जी नहीं चुराते और न ही वे भीड़ में जाकर अपनी चंचलता दिखाते। ऐसे वीरों की एक प्रतिज्ञा से ही बुरे दिन भी अच्छे हो गए। इसी कारण हर जगह और प्रत्येक काल में वे ही फूले – फले हैं, उन्होंने ही प्रगति की है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 3 जय जवान! जय किसान!

(ख) रामधारी सिंह दिनकर की निम्नलिखित पंक्तियों से भी प्रेरणा लें :
जो लोग पाँव भीगने के खौफ से बचते रहते हैं, समुद्र में डूब जाने का खतरा उन्हीं के लिए है। लहरों में तैरने का जिन्हें अभ्यास है, वे मोती लेकर बाहर आयेंगे।
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें और प्रेरणा लें।

(ग) राजा ब्रूस की कहानी अपने अध्यापक से सुनें।
उत्तर :
अपने अध्यापक/अध्यापिका के सहयोग से स्वयं करें।

(घ) बच्चो ! अध्यापक की मदद से रामधारी सिंह दिनकर का लिखा ‘हिम्मत और जिंदगी’ प्रेरक निबंध जरूर पढ़ें।
उत्तर :
अपने अध्यापक/अध्यापिका के सहयोग से स्वयं पढ़ें।

10. लिखित अभिव्यक्ति :
मान लीजिए आपने किसी प्रतियोगिता में भाग लिया। परंतु आप विजयी नहीं हो पाये। ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे?
उत्तर :
ऐसी स्थिति में हम और अधिक प्रयास करेंगे। पहले से अधिक मेहनत करेंगे और अवश्य ही सफल होकर दिखलाएंगे।

11. सोचिए और लिखिये :
बॉक्स में दिये गये शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर सीढ़ी में लिखें। जिनसे आप सफलता के शिखर तक पहुँच सकें।
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती 3
उत्तर :
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती 4

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परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती’ कविता में कवि ने क्या प्रेरणा दी है?
उत्तर :
प्रस्तुत कविता में कवि डॉ० हरिवंशराय बच्चन ने मनुष्य को हिम्मत से संघर्ष करने की प्रेरणा दी है। चींटी और गोताखोर के द्वारा कवि ने बार – बार प्रयास करने तथा परिश्रम करने को कहा है।

प्रश्न 2.
इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर :
इस कविता से हमें जीवन में हिम्मत और साहस से परिश्रम करने की प्रेरणा मिलती है।

प्रश्न 3.
असफलता को किस रूप में स्वीकार करना चाहिए ?
उत्तर :
असफलता को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए।

प्रश्न 4.
कवि ने जीवन में क्या त्यागने की प्रेरणा दी है ?
उत्तर :
कवि ने जीवन में नींद और आराम को त्यागने की प्रेरणा दी है।

प्रश्न 5.
जय – जयकार कैसे होती है ?
उत्तर :
जय – जयकार कठिन परिश्रम और संघर्ष करने से होती है।

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प्रश्न 6.
नैया पार किसकी होती है ?
उत्तर :
जो लोग लहरों से डरकर नहीं भागते और उनके साथ साहसपूर्ण संघर्ष करते हैं। उनकी नैया पार होती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें –

प्रश्न 1.
किन की हार नहीं होती?
(क) हिम्मतियों की
(ख) शैतानों की
(ग) कायरों की
(घ) दोगुलों की।
उत्तर :
(क) हिम्मतियों की

प्रश्न 2.
दीवारों पर चढ़ते हुए सौ बार कौन फिसलती है ?
(क) छिपकली
(ख) चींटी
(ग) गिरगिट
(घ) कॉकरोच।
उत्तर :
(ख) चींटी।

प्रश्न 3.
मन का विश्वास रगों में क्या भरता है ?
(क) रक्त
(ख) क्रोध
(ग) साहस
(घ) प्रेम।
उत्तर :
(ग) साहस।

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प्रश्न 4.
असफलता क्या है ?
(क) चुनौती
(ख) निराशा
(ग) बोझ
(घ) कष्ट।
उत्तर :
(क) चुनौती

प्रश्न 5.
हिम्मत करने वालों की क्या नहीं होती ?
(क) विजय
(ख) सफलता
(ग) हार
(घ) जीत।
उत्तर :
(ग) हार

प्रश्न 6.
कवि कया करने की प्रेरणा देता ?
(क) आराम
(ख) संघर्ष
(ग) गिड़गिड़ाओ
(घ) कुछ न करो।
उत्तर :
(ख) संघर्ष

हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती Summary in Hindi

हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती कविता का सार

“हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती’ नामक कविता डॉ० हरिवंशराय बच्चन द्वारा लिखित है। इसमें कवि ने साहसी पुरुषों की जीत का संदेश दिया है। साहसी लोगों की जीवन में कभी हार नहीं होती। जो लोग लहरों से डरते रहते हैं उनकी कभी नैया पार नहीं लगती। उदाहरण के रूप में वे समझाते है कि जैसे नन्हीं – सी चींटी दाना लेकर दीवारों पर चढ़ते हुए सैंकड़ों बार फिसलती है किन्तु वह हार नहीं मानती।

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उसके मन का विश्वास उसमें साहस पैदा करता है। इस विश्वास से उसे चढ़कर गिरना और गिरकर चढ़ना बुरा नहीं लगता था। वे अंत में सफलता प्राप्त कर ही लेते हैं। वह अपनी मंजिल को प्राप्त कर लेती है। एक गोताखोर मोती पाने की आशा में सागर में अनेक बार गोते लगाता है और अनेक बार खाली हाथ लौटता है किन्तु उसे पता है कि पानी में मोती आसानी से नहीं मिलते इसी बात से उसका उत्साह दुगुना बढ़ जाता है।

इसी उत्साह एवं हिम्मत से गोताखोर मोती प्राप्त कर लेता है। कवि ने प्रेरणा देते हुए कहा है कि असफलता को सदा एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए। हमें उसमें कमी को ढूंढकर उसका सुधार करना चाहिए। सफलता न मिलने तक नींद आराम त्याग देना चाहिए। मैदान छोड़कर कभी भी नहीं भागना चाहिए बल्कि अंत तक संघर्ष करना चाहिए क्योंकि जीवन में कुछ किए बिना ही जय प्राप्त नहीं होती।

सप्रसंग व्याख्या

1. हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती
लहरों से डरकर नैया पार नहीं होती।

शब्दार्थ –

  • नैया = नाव, नौका।

प्रसंग – यह पद्यांश हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती’ शीर्षक कविता से लिया गया है। यह डॉ० हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित है। इसमें कवि ने जीवन में साहसपूर्ण संघर्ष करने तथा हिम्मत रखने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि कहता है कि यह बात बिल्कुल सत्य है कि जो लोग जीवन में हिम्मत करते, परिश्रम करते हैं उनकी कभी हार नहीं होती। वे सदा विजयी होते हैं। जीवन में लहरों से भयभीत होकर कभी नाव किनारे नहीं लगती अर्थात् जो लोग कठिनाई रूपी लहरों से घबरा जाते हैं उन्हें कभी अपनी मंज़िल नहीं मिलती।

भावार्थ – मनुष्य को कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।

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2. नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

शब्दार्थ –

  • रगों में = नसों में।
  • अखरता है = बुरा लगना।
  • मेहनत = परिश्रम।
  • कोशिश = प्रयास।

प्रसंग – यह पद्यांश डॉ० हरिवंशराय बच्चन द्वारा लिखित ‘हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने छोटी – सी चींटी के उदाहरण द्वारा मेहनत और कोशिश करने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि कहता है कि एक छोटी – सी चींटी जब अपने मुँह में दाना लेकर चलती है तो वह दीवार पर चढ़ते हुए सैंकड़ों बार फिसल जाती है। किन्तु उसके मन का विश्वास उसकी नसों में एक साहस भर देता है। जिससे उसे बार – बार गिरना और चढ़ना बुरा नहीं लगता। अंत में उसकी मेहनत और कोशिश रंग लाती है और वह अपनी मंज़िल को अवश्य ही प्राप्त कर लेती है। इसलिए यह सच है कि जीवन में कोशिश करने वाले लोगों की कभी हार नहीं होती। वे अवश्य विजयी होते हैं। उनका प्रयास सफल होता है।

भावार्थ – कवि ने मेहनत एवं प्रयास करने की प्रेरणा दी है क्योंकि मेहनती सदा सफल होते हैं।

3. डुबकियाँ सिन्धु में गोताखोर लगाता है
जा – जाकर खाली हाथ लौट आता है
मिलते न सहज ही मोती पानी में
बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती।

शब्दार्थ –

  • सिन्धु = सागर, समुद्र।
  • गोताखोर = गोता लगाने वाला।
  • जा – जाकर = बार – बार जाकर या बार – बार गोता लगाकर।
  • सहज = आसानी से।
  • दूना = दुगुना।
  • हर = प्रत्येक।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 3 जय जवान! जय किसान!

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश ‘हरिवंश राय बच्चन’ द्वारा लिखित ‘हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती’ कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने गोताखोर के उदाहरण द्वारा हिम्मत करने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि कहता है कि कोई गोताखोर सागर से मोती ढूँढने के लिए बार – बार गोता लगाता है। वह बार – बार गोता लगाने के बावजूद भी बिना मोती लिए खाली हाथ ही वापस आ जाता है। उसका इसी हैरानी में दुगुना उत्साह बढ़ जाता है कि सागर से मोती आसानी से प्राप्त नहीं होते। वह अपनी हिम्मत से काम ले तो वह अवश्य सफल होता है। उसको हर बार निराशा नहीं मिल सकती। यह सच है कि जीवन में हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती।

भावार्थ – हिम्मत एवं उत्साह से कार्य करने वालों की कभी हार नहीं हो सकती।

4. असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन से त्यागो तुम
संघर्ष करो मैदान छोड़ो मत भागो तुम
कुछ किए बिना ही जय – जयकार नहीं होती
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती।

प्रसंग – यह पद्यांश डॉ० हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित ‘हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती’ नामक कविता से लिया गया है। यहाँ कवि ने मानव को असफलता को एक चुनौती स्वीकार कर संघर्ष करने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि मनुष्य को संघर्ष करने की प्रेरणा देते हुए कहता है कि जीवन में असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करना चाहिए। काम में कोई कमी रहने पर उसे देखकर सुधार करना चाहिए और जब तक इसमें सफलता नहीं मिले तो नींद और आराम भी त्याग देना चाहिए। जीवन में अंत तक संघर्ष करना चाहिए। संघर्ष से कभी भागना नहीं चाहिए। जीवन में कुछ कार्य किए बिना कभी किसी की जय – जयकार नहीं होती। हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती।

भावार्थ – कवि ने मानव को जीवन की राह में संघर्ष कर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 15 गुरुपर्व Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 15 गुरुपर्व (2nd Language)

Hindi Guide for Class 6 PSEB गुरुपर्व Textbook Questions and Answers

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व

गुरुपर्व अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व 1

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व 2

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व 3

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व 4

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दें :

(क) गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व कब मनाया जाता है?
उत्तर :
गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

(ख) नगर कीर्तन किन की अगुवाई में होता है?
उत्तर :
नगर कीर्तन पाँच प्यारों की अगुवाई में होता है।

(ग) नगर कीर्तन में गतका खेलने वाले लोगों को अपनी ओर कैसे आकर्षित करते हैं?
उत्तर :
नगर कीर्तन में गतका खेलने वाले अपनी वीरता और कला से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

(घ) नगर कीर्तन विभिन्न स्थानों से होता हुआ कहाँ जाकर सम्पन्न होता है?
उत्तर :
विभिन्न स्थानों से होता हुआ नगर कीर्तन गुरुद्वारा साहिब में जाकर सम्पन्न होता है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार वाक्यों में दें :

(क) प्रभातफेरियों में श्रद्धालु क्या करते हैं?
उत्तर :
गुरुपर्व से कुछ दिन पहले प्रभातफेरियों का आयोजन रहता है। प्रभातफेरियों में श्रद्धालु ढोलक तथा चिमटे बजाते हुए शबद उच्चारण करते हैं।

(ख) गुरुपर्व के अवसर पर गुरुद्वारे को किस तरह सजाया जाता है?
उत्तर :
गुरुपर्व के अवसर पर सजावट के काम को बहुत महत्त्व दिया जाता है। इस अवसर पर साफ़-सफ़ाई का बड़ा ध्यान रखा जाता है। गुरुद्वारे को रंगबिरंगी रोशनियों से सजाया जाता है। इस अवसर पर गुरुद्वारे की सजावट देखते ही बनती है।

(ग) ‘गुरु का लंगर’ के अटूट वितरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
‘गुरु का लंगर’ के अटूट वितरण से अभिप्राय है, बिना किसी रोक के या बिना किसी विघ्न के लगातार लंगर का बाँटा जाना।

(घ) गुरुपर्व की रात की शोभा का वर्णन अपने शब्दों में करें।
उत्तर :
गुरुपर्व वाले दिन, रात को लोग अपने घरों, दुकानों आदि में दीपमाला करते हैं तथा पटाखे चलाते हैं। गुरुद्वारों में दीवान सजाए जाते हैं जिसमें दूर-दूर से आए रागी जत्थे गुरुवाणी का कीर्तन करते हैं।

5. रेखांकित पदों में कारक बतायें :

  1. मैं गुरुपर्व का नाम सुनते ही रोमांचित हो गया।
  2. हम सभी ने इस गुरुपर्व को इकट्ठे मिलकर मनाने का फैसला किया।
  3. श्रद्धालुओं द्वारा थोड़ी-थोड़ी दूरी पर आम जनता के लिए लंगर लगाये गये।
  4.  नगर कीर्तन विभिन्न स्थानों से होता हुआ गुरुद्वारा साहिब में जाकर सम्पन्न हुआ।

उत्तर :

  1. सम्बन्ध कारक
  2. कर्म कारक
  3. करण कारक, सम्प्रदान कारक
  4. अधिकरण कारक।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व

6. निम्नलिखित वाक्यों में से क्रिया शब्द छाँटकर लिखें :

  1. मुझे इसमें अतीव आनंद व शांति मिलती है।
  2. श्रद्धालुओं द्वारा गुरुपर्व बड़ी श्रद्धा से मनाया गया।
  3. गुरुपर्व से दो दिन पहले नगर कीर्तन का आयोजन किया गया।
  4. उन्होंने निशान साहिब को बड़े ही उत्साह व श्रद्धा से पकड़ रखा था।
  5. गुरुपर्व वाले दिन रात को लोगों ने अपने घरों, दुकानों आदि में दीपमाला की तथा पटाखे चलाये।

उत्तर :

  1. मिलती है
  2. मनाया गया
  3. आयोजन किया गया
  4. पकड़ रखा
  5. पटाखे चलाए।

7. पढ़ें, समझें और लिखें :

  1. गुरु +पर्व = गुरुपर्व
  2. प्र + दर्शनी = प्रदर्शनी
  3. गुरु + द्वारा = __________________
  4. सु + व्यवस्थित = __________________
  5. गुरु + ग्रंथ साहिब = __________________
  6. गुरु + चरण = __________________
  7. नि: शुल्क = __________________
  8. गुरु + दर्शन = __________________
  9. निः + संदेह = __________________
  10. गुरु + सेवक = __________________

उत्तर :

  1. गुरु + पर्व = गुरुपर्व।
  2. प्र + दर्शनी = प्रदर्शनी।
  3. गुरु + द्वारा = गुरुद्वारा।
  4. सु + व्यवस्थित = सुव्यवस्थित।
  5. गुरु + ग्रंथ साहिब = गुरु ग्रंथ साहिब।
  6. गुरु + चरण = गुरुचरण।
  7. निः + शुल्क = निःशुल्क।
  8. गुरु + दर्शन = गुरुदर्शन।
  9. निः + संदेह = निःसंदेह।
  10. गुरु + सेवक = गुरुसेवक।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व

8. निम्नलिखित शब्दों को वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. रोमांचित ________________________
  2. उत्साह ________________________
  3. अलौकिक ________________________
  4. आनंद विभोर ________________________
  5. आकर्षक ________________________
  6. समिति ________________________
  7. महिमा ________________________

उत्तर :

  1. रोमांचित-भारत और न्यूज़ीलैंड में हुए क्रिकेट मैच ने मुझे रोमांचित कर दिया।
  2. उत्साह-खिलाड़ियों का उत्साह तो देखते ही बनता था।
  3. अलौकिक–गुरुओं की अलौकिक वाणी हमें जीवन का मार्ग बताती है।
  4. आनन्द विभोर-गुरुवाणी सुनकर सभी श्रद्धालु आनन्द विभोर हो उठे।
  5. आकर्षक-गुरुद्वारे में की गई रोशनी बड़ी आकर्षक थी।
  6. समिति-गुरुद्वारा समिति ने प्रभात फेरियों का आयोजन किया।
  7. महिमा-ईश्वर की महिमा अपरम्पार है।

प्रयोगात्मक व्याकरण

1. एक श्रद्धालु ने गुप्त रूप से सौ किलो दूध व पचास किलो चीनी लंगर हेतु भिजवायी।
2. हमने मिलकर बहुत सारी सूजी, चाय पत्ती और ढेर सारे घी का प्रबन्ध कर रखा था।

उपर्युक्त पहले वाक्य में ‘सौ किलो’ से दूध (संज्ञा) के तथा ‘पचास किलो’ से चीनी (संज्ञा) के निश्चित नाप-तोल का पता चल रहा है। अतः ये निश्चित परिमाण (नाप-तोल)वाचक विशेषण हैं। दूसरे वाक्य में ‘बहुत सारी’ से तथा ‘ढेर सारे’ से निश्चित परिमाण का बोध नहीं हो रहा अतः ये अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण हैं।

अतएव जिस विशेषण से निश्चित परिमाण का बोध हो उसे निश्चित परिमाण वाचक तथा जिससे निश्चित परिमाण का बोध न हो, उसे अनिश्चित परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं।
1. हमारा शहर रोशनी से जगमगा रहा था।
2. ऐसा नज़ारा देखकर मैं भाव विभोर हो उठा।

उपर्युक्त वाक्य में ‘हमारा’ तथा ‘ऐसा’ सर्वनाम क्रमशः शहर तथा नज़ारा संज्ञा शब्दों से पूर्व आकर इनकी विशेषता बता रहे हैं। अतः हमारा तथा ऐसा शब्द सार्वनामिक विशेषण हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व

अतएव जब सर्वनाम शब्द संज्ञा शब्दों से पहले लगकर विशेषण का काम करते हैं तो उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सिक्ख धर्म के संस्थापक कौन हैं ?
(क) गुरु नानक देव जी
(ख) गुरु अंगद देव जी
(ग) गुरु अर्जुन देव जी
(घ) गुरु गोबिंद सिंह जी।
उत्तर :
(क) गुरु नानक देव जी

प्रश्न 2.
गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व कब मनाया जाता है ?
(क) कार्तिक पूर्णिमा को
(ख) कार्तिक दूज को
(ग) कार्तिक तीज को
(घ) कार्तिक मास में।
उत्तर :
(क) कार्तिक पूर्णिमा को

प्रश्न 3.
नगर कीर्तन किसकी अगुवाई में होता है ?
(क) गुरुओं की
(ख) पांच प्यारों की
(ग) सज्जनों की
(घ) देवों की।
उत्तर :
(ख) पांच प्यारों की

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व

प्रश्न 4.
मैं गुरुपर्व का नाम सुनते ही रोमांचित हो उठा। -रेखांकित पद में कारक कौन-सा है ?
(क) करण
(ख) संप्रदान
(ग) संबंध
(घ) अधिकरण।
उत्तर :
(ग) संबंध

प्रश्न 5.
‘मुझे थोड़ा-सा दूध चाहिए।’-वाक्य में विशेषण शब्द छाँटिए :
(क) थोड़ा-सा
(ख) मुझे
(ग) दूध
(घ) चाहिए।
उत्तर :
(क) थोड़ा-सा

प्रश्न 6.
मुझे तीन मीटर कपड़ा चाहिए।-वाक्य में कौन सा विशेषण है ?
(क) निश्चित परिमाणवाचक
(ख) अनिश्चित परिणामवाचक
(ग) गुणवाचक
(घ) संख्यावाचक।
उत्तर :
(क) निश्चित परिमाणवाचक

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व

गुरुपर्व Summary in Hindi

गुरुपर्व पाठ का सार

मुझे गुरुद्वारे से पता लगा कि कार्तिक मास की पूर्णिमा को सिक्ख धर्म के संस्थापक . श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। मैं इस पर्व के आयोजन से पहले अपने परिवार और मित्रों के साथ प्रभात फेरियों के आयोजन में सम्मिलित हुआ। गुरुपर्व पर गुरुद्वारों में खूब साफ़-सफ़ाई की गई थी।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व 5

फूलों और रंगबिरंगी रोशनियों से इन्हें सजाया गया था। रात के समय तो गुरुद्वारों की शोभा देखते ही बनती है। गुरुपर्व से दो दिन पहले नगर कीर्तन का आयोजन किया गया जिसकी अगुवाई पांच-प्यारों द्वारा की गई। उन्होंने निशान साहब को बड़े उत्साह और श्रद्धा से पकड़ रखा था। श्री गुरु ग्रंथ साहब की सजी हुई पालकी के पीछे कीर्तन मंडलियां शब्द कीर्तन कर रही थीं। प्रसाद बांटा जा रहा था। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने लंगर लगाये हुए थे।

लोग बड़ी श्रद्धा और उत्साह से कीर्तन में सम्मिलित हुए। गुरुपर्व से दो दिन पहले गुरुद्वारे में अखंड पाठ रखे गए और गुरु पर्व के दिन भोग डाले गए। इस दिन धार्मिक साहित्य की प्रदर्शनी लगाई गई और साहित्य का निःशुल्क वितरण भी किया गया। गुरु के लंगर को सभी ने एक साथ पंगत में बैठकर छका। लोगों ने रात को अपने घरों, दुकानों आदि पर दीपमाला की तथा पटाखे चलाए।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व 6

गुरुपर्व कठिन शब्दों के अर्थ :

  • दिनचर्या = दैनिक कार्य।
  • अतीव = बहुत अधिक।
  • संस्थापक = स्थापना करने वाले।
  • प्रकाश पर्व = जन्म दिवस।
  • उत्साहित = उत्साह से भर जाना, खुश होना।
  • नज़दीक = पास। PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 15 गुरुपर्व
  • श्रद्धालुओं = श्रद्धा रखने वाले।
  • अगुवाई = नेतृत्व, आगे चलने वाले।
  • निहाल कर रही थी = खुशियों से भर रही थी।
  • वितरण = बाँटना।

PSEB 6th Class Hindi Grammar पारिभाषिक व्याकरण (2nd Language)

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Grammar पारिभाषिक व्याकरण Exercise Questions and Answers, Notes.

PSEB 6th Class Hindi Grammar पारिभाषिक व्याकरण (2nd Language)

संज्ञा

प्रश्न 1.
संज्ञा की परिभाषा उदाहरण सहित लिखो।
अथवा
संज्ञा किसे कहते हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट करो।।
उत्तर :
परिभाषा – किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, प्राणी, जाति, भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे –

  • मेरा नाम ‘हरीश’ है। इनका नाम ‘सतीश’ है। आपका क्या ‘नाम’ है?
  • यह ‘हाथी’ है। यह ‘खरगोश’ है। यह ‘मोर’ है।
  • मैं ‘लुधियाना’ जा रहा हूँ।
  • ‘नेकी’ कर कुएँ में डाल।
  • ‘बैठना’ कहाँ है?

ऊपर के वाक्यों में ‘व्यक्तियों’, ‘पशुओं’, ‘स्थान’, ‘भाव’ आदि को उनके नामों से बताया गया है। अतः ये नाम ही संज्ञा हैं।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran पारिभाषिक व्याकरण

प्रश्न 2.
संज्ञा शब्दों में परिवर्तन किन कारणों से होता है?
उत्तर :
संज्ञा शब्दों में परिवर्तन तीन कारणों से होता है –

  1. लिंग
  2. वचन
  3. कारक।

लिंग के कारण – बालक – बालिका
वचन के कारण – बालक – बालकों
कारक के कारण – बालक – बालकों ने, बालकों के लिए।

प्रश्न 3.
संज्ञा के कितने भेद होते हैं?
उत्तर :
संज्ञा के तीन भेद होते हैं

  • व्यक्तिवाचक संज्ञा
  • जातिवाचक संज्ञा
  • भाववाचक संज्ञा।

प्रश्न 4.
व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट करो।
उत्तर :
जो संज्ञा शब्द किसी एक ही पुरुष, स्थान, वस्तु के नाम को प्रकट करे, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे

  • आज़ ‘अर्जुन’ जैसा वीर कौन है?
  • ‘अमृतसर’ पंजाब का प्रसिद्ध शहर है।
  • ‘चाँद’ कितना सुन्दर है।

ऊपर के वाक्यों में ‘अर्जुन’ एक विशेष पुरुष का नाम है। ‘अमृतसर’ एक विशेष स्थान का नाम है। ‘चाँद’ एक विशेष वस्तु का नाम है।

‘अर्जुन’, ‘अमृतसर’, ‘चाँद’ – इन शब्दों से केवल एक विशेष व्यक्ति का बोध होता है। ये ‘व्यक्तिवाचक’ संज्ञाएँ हैं।

प्रश्न 5.
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट करो।
उत्तर :
जो संज्ञा शब्द एक जाति के सभी पुरुषों, स्थानों या वस्तुओं के नाम का बोध कराए, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे –

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran पारिभाषिक व्याकरण

‘गधा’ बड़े काम का जीव है।
‘शहर’ साफ़ – सुथरे होते हैं।
‘बोतल’ फर्श पर गिरते ही टुकड़े – टुकड़े हो गई।

ऊपर के वाक्यों में ‘गधा’ कहने से उसकी जाति के सभी गधों का बोध होता है। ‘शहर’ कहने से उसकी जाति के सभी शहरों का बोध होता है। ‘बोतल’ कहने से उसकी जाति की सभी बोतलों का बोध होता है। अत: ‘गधा’, ‘शहर’, ‘बोतल’ शब्दों से उनकी जाति के सभी प्राणियों या पदार्थों का बोध होता है, ये जातिवाचक संज्ञाएँ हैं।

प्रश्न 6.
भाववाचक संज्ञा का लक्षण सोदाहरण लिखो।।
उत्तर :
जो संज्ञा शब्द किसी दशा, गुण या व्यापार के नाम को प्रकट करे उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे –

  • ‘बुढ़ापे’ में उसकी कमर टेढ़ी हो गई।
  • ‘भलाई’ करने से आनन्द मिलता है।
  • देखो, हाथी की ‘चाल’ देखो।

ऊपर के वाक्यों में ‘बुढ़ापा’ एक दशा का नाम है। ‘भलाई’ एक गुण का नाम है। ‘चाल’ एक व्यापार का नाम है। ‘बुढ़ापा’, ‘भलाई’, ‘चाल’ शब्द मन की दशा, गुण, व्यापार को प्रकट करते हैं। अतः ये भाववाचक संज्ञाएँ हैं।

प्रश्न 7.
भाववाचक संज्ञा कितने प्रकार के शब्दों से बनती है?
उत्तर :
भाववाचक संज्ञा तीन प्रकार के शब्दों से बनती है

  • जातिवाचक संज्ञा शब्दों से
  • विशेषण शब्दों से
  • क्रिया शब्दों से
  • सर्वनाम शब्दों से।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran पारिभाषिक व्याकरण

जैसे –

  • बच्चो ! बचपन को केवल खेल – कूद में ही न गँवाओ।
  • मीठा आम लाओ, इसमें मिठास कम है।
  • दौड़ना एक अच्छी कसरत है। उसे दौड़ में इनाम मिला।
  • अपने बेटे को देखकर माँ का अपनापन जाग उठा।

ऊपर के वाक्यों में –
‘बच्चो’ जातिवाचक संज्ञा है, उससे ‘बचपन’ भाववाचक संज्ञा बनी।
‘मीठा’ विशेषण है, उससे ‘मिठास’ भाववाचक संज्ञा बनी।
‘दौड़ना’ क्रिया है, उससे ‘दौड़’ भाववाचक संज्ञा बनी।
‘अपना’ सर्वनाम है, उससे ‘अपनापन’ भाववाचक संज्ञा बनी।

भाववाचक संज्ञा शब्दों के कुछ उदाहरण

1. जातिवाचक संज्ञा शब्दों से निर्मित

  • जातिवाचक संज्ञा – भाववाचक संज्ञा
  • बालक – बालकपन
  • बूढ़ा – बुढ़ापा
  • बच्चा – बचपन
  • दोस्त – दोस्ती
  • लड़का – लड़कपन
  • मित्र – मित्रता
  • मनुष्य – मनुष्यता
  • जवान – जवानी
  • चोर – चोरी
  • दास – दासता

2. विशेषण शब्दों से निर्मित

  • विशेषण – भाववाचक संज्ञा
  • ठंडा – ठंडक
  • मोटा – मोटाई
  • हरा – हरापन
  • चौड़ा – चौड़ाई
  • सुन्दर – सुन्दरता
  • चतुर – चतुराई
  • दुष्ट – दुष्टता
  • कड़वा – कड़वापन
  • भला – भलाई
  • भोला – भोलापन

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran पारिभाषिक व्याकरण

3. क्रिया शब्दों से निर्मित

  • क्रिया – भाववाचक संज्ञा
  • लड़ना – लड़ाई
  • पीटना – पिटाई
  • पढ़ना – पढ़ाई
  • चढ़ना – चढ़ाई
  • लिखना – लिखावट
  • मिलाना – मिलावट
  • हँसना – हँसी
  • बहना – बहाव
  • जीतना – जीत
  • उतरना – उतराई

4. सर्वनाम शब्दों से निर्मित शब्द

  • सर्वनाम – भाववाचक संज्ञा
  • अपना – अपनापन, अपनत्व
  • स्व – स्वता, स्वत्व
  • मेरा – मेरापन
  • अहं – अहंकार
  • मम – ममता, ममत्व

लिंग

प्रश्न 1.
लिंग किसे कहते हैं? हिन्दी में लिंग के कितने भेद हैं?
उत्तर :
संज्ञा के जिस रूप से पुरुष या स्त्री जाति का बोध हो उसे लिंग कहते हैं।

हिन्दी में लिंग दो होते हैं –

  • पुल्लिग
  • स्त्रीलिंग।

प्रश्न 2.
पुल्लिग किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर :
संज्ञा के जिस रूप से ‘पुरुष’ जाति का बोध हो उसे पुल्लिग कहते हैं। जैसे –

  • लड़का खेलता है।
  • धोबी कपड़े धोता है।
  • मोर नाचता है।
  • बैल हल खींचता है।
  • यह पहाड़ ऊँचा है।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran पारिभाषिक व्याकरण

ऊपर दिए गए वाक्यों में लड़का’, ‘धोबी’, ‘मोर’, ‘बैल’, ‘पहाड़’ आदि शब्द संज्ञाएँ हैं। इनसे ‘पुरुष जाति’ का बोध होता है। ये पुल्लिग हैं।

प्रश्न 3.
स्त्रीलिंग किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर :
संज्ञा के जिस रूप से ‘स्त्री’ जाति का बोध हो, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे –

  • लड़की गीत गाती है।
  • धोबिन कपड़े सुखाती है।
  • मोरनी फूली नहीं समाती।
  • गाय दूध देती है।
  • यह पहाड़ी नीची है।

ऊपर दिए गए वाक्यों में लड़की, धोबिन, मोरनी, गाय, पहाड़ी आदि शब्द संज्ञाएँ हैं। इनसे ‘स्त्री जाति’ का बोध होता है। ये स्त्रीलिंग हैं।

वचन

प्रश्न 4.
वचन किसे कहते हैं और वचन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर :
संज्ञा के जिस रूप से किसी वस्तु के एक अथवा अनेक होने का बोध हो, उसे वचन कहते हैं।
हिन्दी में दो वचन हैं –
(i) एकवचन
(ii) बहुवचन।

(i) एकवचन – संज्ञा का जो रूप एक ही वस्तु का बोध कराए, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे – लड़की, घोड़ा, बहन आदि।।
(ii) बहुवचन – संज्ञा का जो रूप एक से अधिक वस्तुओं का बोध कराए, उसे बहुवचन कहते हैं, जैसे – लड़कियाँ, घोड़े, बहनें आदि।

कारक

प्रश्न 5.
कारक किसे कहते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट करो।
उत्तर :
संज्ञा या सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ प्रकट करने वाले शब्द रूप को कारक कहते हैं।

राम ने रोटी खाई।
मालिक ने नौकर को बुलाया।
पेड़ से फल गिरा।
यह पुस्तक रवि के लिए है।

ऊपर के वाक्यों में रेखांकित शब्द ने, को, से, के लिए आदि संज्ञा शब्द का सम्बन्ध शेष वाक्य के साथ जोड़ते हैं। इन शब्द रूपों को ‘कारक’ कहा जाता है।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran पारिभाषिक व्याकरण

प्रश्न 6.
कारक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर :
हिन्दी में आठ कारक हैं –

  • कारक – कारक चिह्न
  • कर्ता – ने
  • कर्म – को
  • करण – से, के साथ, द्वारा
  • सम्प्रदान – को, के लिए
  • अपादान – से (अलग होने में)
  • सम्बन्ध – का, के, की, रा, रे, री
  • अधिकरण – में, पर
  • सम्बोधन – हे, रे, अरे।

1. कर्ता – जिससे कार्य करने वाले का बोध हो, उसे कर्ता कारक कहते हैं। इसका चिह्न ‘ने’ है। जैसे
धोबी ने कपड़े धोए।

इस वाक्य में धोने का काम धोबी करता है। यहाँ धोबी कर्ता कारक है।

2. कर्म – क्रिया का फल जिस पर पड़े, उसे कर्म कारक कहते हैं। इसका चिहन ‘को’ है। जैसे –
माली ने राम को फूल दिया।
यहाँ क्रिया देने का फल ‘राम’ पर पड़ा है। अतः राम कर्म कारक है।

3. करण – जिससे साधन का बोध हो, उसे करण कारक कहते हैं। इसके चिह्न ‘से’ और ‘द्वारा’ हैं। जैसे –
रमेश पेन्सिल से लिखता है।

यहां ‘पेन्सिल’ लिखने का साधन है। पेन्सिल करण कारक है।

4. सम्प्रदान – जिसके लिए कर्ता काम करे उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं। इसके चिह्न हैं – को, के लिए। जैसे –
यह पुस्तक राम के लिए है।
उसने लड़के को पढ़ाया।

यहाँ पुस्तक लाने का कार्य राम के लिए किया गया है। दूसरे वाक्य में पढ़ाने का कार्य लड़के के लिए किया गया है। यहाँ राम और लड़का सम्प्रदान कारक हैं।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran पारिभाषिक व्याकरण

5. अपादान कारक – जिससे किसी के अलग होने का पता चले, उसे ‘अपादान’ कारक कहते हैं। इसका चिह्न ‘से’ है। जैसे –
वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।
इस वाक्य में पत्ते ‘वृक्ष’ से गिरते हैं। ‘वृक्ष’ अपादान कारक है।

6. सम्बन्ध – जिस रूप से एक शब्द का दूसरे शब्द से सम्बन्ध प्रकट हो, उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं। इसका चिह्न ‘का’, ‘के’, ‘की’, ‘रा’, ‘रे’, ‘री’ है। जैसे –
राम की पुस्तक नई है।
इस वाक्य में पुस्तक का सम्बन्ध ‘राम’ से पाया जाता है। ‘राम’ सम्बन्ध कारक है।

7. अधिकरण – क्रिया के आधार को अधिकरण कारक कहते हैं। इसके चिहन ‘में’ और ‘पर’ हैं। जैसे –
शीशी में तेल डालो। मेज़ पर किताब रखी है।
यहाँ तेल का आधार शीशी है। ‘शीशी’ अधिकरण कारक है। ‘किताब’ का आधार ‘मेज़’ है। इस वाक्य में ‘पर’ अधिकरण कारक है।

8. सम्बोधन – संज्ञा के जिस रूप से किसी को पुकारा जाए, उसे सम्बोधन कारक कहते हैं। इसके चिह्न हे, रे, अरे, हैं। जैसे –
हे राम ! मेरी बात सुनो।
इस वाक्य में राम को पुकारा गया है। यहाँ ‘राम’ सम्बोधन कारक है।

सर्वनाम

प्रश्न 1.
सर्वनाम किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखो।
उत्तर :
जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त हो; उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे – मैं, हम, तुम, आप, यह, वह, वे, कौन आदि।

उदाहरण –

  • बिल्ली आई और वह सारा दूध पी गई।
  • पिता ने पुत्र से पूछा – “तू क्या कर रहा है?”
  • रोहित ने उत्तर दिया – “मैं स्कूल का काम कर रहा हूँ।”

ऊपर के वाक्यों में ‘वह’ बिल्ली के स्थान पर आया है।
‘तू’ पुत्र के स्थान पर आया है।
‘मैं’ रोहित के स्थान पर आया है।
इन वाक्यों में ‘वह’, ‘तू’, ‘मैं’ शब्द सर्वनाम हैं।

सर्वनाम के पाँच भेद हैं –

  • पुरुषवाचक सर्वनाम
  • निश्चयवाचक सर्वनाम
  • अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  • सम्बन्धवाचक सर्वनाम
  • प्रश्नवाचक सर्वनाम।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran पारिभाषिक व्याकरण

1. पुरुषवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से पुरुष का बोध हो, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे
(क) देव ने कहा – “मैं सुलेख लिखता हूँ।”
(ख) भाई ! तू क्यों चुपचाप बैठा है।
(ग) श्याम बैठा है, वह लिख भी रहा है।

यहाँ ‘मैं’, ‘तू’, ‘वह’ – ये ऐसे सर्वनाम हैं जिनसे किसी – न – किसी पुरुष का बोध होता है। ये ‘पुरुषवाचक सर्वनाम हैं।

नोट – ‘यह’, ‘वह’ एकवचन सर्वनाम हैं। इनका बहुवचन ‘ये’, ‘वे’ हैं।

2. निश्चयवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से किसी बात का निश्चय प्रकट हो, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे –
इन कमीज़ों में ‘यह’ अच्छी है, वह नहीं।
इस वाक्य में ‘यह’, ‘वह’ निश्चित कमीज़ के स्थान पर आया है।

3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से निश्चय प्रकट न हो, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे –
(क) आज कुछ होने वाला है।
(ख) सम्भव है आज कोई आ जाए।

इन वाक्यों में ‘कुछ’ और ‘कोई’ ऐसे सर्वनाम हैं जिनसे निश्चय प्रकट नहीं होता।

नोट – ‘कोई’ सजीव के लिए आता है और ‘कुछ’ निर्जीव के लिए।

4. सम्बन्धवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से एक बात का दूसरी बात से सम्बन्ध प्रकट हो उसे सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते हैं।
(क) जो करेगा सो भरेगा।
(ख) जिसकी लाठी उसकी भैंस।

इन वाक्यों में ‘जो’, ‘सो’ और ‘जिसकी’, ‘उसकी’ ऐसे सर्वनाम हैं जो वाक्यों में सम्बन्ध जोड़ते हैं।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran पारिभाषिक व्याकरण

5. प्रश्नवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से प्रश्न का बोध हो, उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे
(क) आप क्या पढ़ रहे हैं?
(ख) मेला देखने कौन जाएगा?
इन वाक्यों में ‘क्या’, ‘कौन’ से प्रश्न का बोध होता है।

नोट – ‘कौन’ सजीव के लिए आता है और ‘क्या’ निर्जीव के लिए।

विशेषण

प्रश्न 1.
विशेषण किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर :
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करें, उसे विशेषण कहते हैं। जिस शब्द की विशेषता प्रकट की जाए, उसे विशेष्य कहते हैं।
(क) वीर पुरुष लड़ते हैं।
(ख) संतरा मीठा है।
(ग) पाण्डव पाँच भाई थे।
पुरुष कैसा है? ‘वीर’।
संतरा कैसा है? ‘मीठा’।
कितने भाई? ‘पाँच।

यहाँ ‘पुरुष’, ‘संतरा’ और ‘पाण्डव’ शब्द संज्ञा हैं और ‘वीर’, ‘मीठा’, ‘पाँच’ शब्द इन संज्ञा शब्दों की विशेषता प्रकट करते हैं। ये विशेषण हैं।

प्रश्न 2.
विशेषण के कितने भेद होते हैं?
उत्तर :
विशेषण के चार भेद हैं
1. गुणवाचक विशेषण – जो संज्ञा, सर्वनाम के गुण, दोष या दशा को प्रकट करे, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे
(क) हरी घास पर ओस अच्छी लगती है।
(ख) गीदड़ डरपोक होता है।

इन वाक्यों में ‘हरी’, ‘डरपोक’ शब्द विशेषण हैं, जो क्रमशः ‘घास’ और ‘गीदड़’ के गुण को प्रकट करते हैं।

PSEB 6th Class Hindi Vyakaran पारिभाषिक व्याकरण

2. संख्यावाचक विशेषण – जो संज्ञा, सर्वनाम की संख्या को प्रकट करे, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे –
(क) छठी श्रेणी में पचास लड़कियाँ पढ़ती हैं।
(ख) दोनों बालक भले हैं।
इन वाक्यों में ‘छठी’, ‘पचास’, ‘दोनों’ विशेषण की संख्या को प्रकट करते हैं।

3. परिमाणवाचक विशेषण – जो संज्ञा, सर्वनाम के परिमाण को प्रकट करे, उसे ‘परिमाणवाचक विशेषण’ कहते हैं।
(क) प्यासे को कुछ पानी दो।
(ख) बिल्ली सारा दूध पी गई।
(ग) दो मीटर कपड़ा दे दो।

इन वाक्यों में ‘कुछ’, ‘सारा’, ‘दो’ विशेषण विशेष्य के परिमाण को प्रकट करते हैं।

4. सार्वनामिक विशेषण – जो सर्वनाम किसी संज्ञा की विशेषता प्रकट करे उसे ‘सार्वनामिक विशेषण’ कहते हैं।
(क) वह पुस्तक कहाँ है, जो कल खरीदी थी?
(ख) यह बालक कौन है, जो यहाँ खड़ा है?

इन वाक्यों में ‘वह’, ‘यह’ दोनों सर्वनाम संज्ञा की विशेषता को प्रकट करते हैं।

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PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 19 पेड़ लगाओ

पेड़ लगाओ अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 19 पेड़ लगाओ 1
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उत्तर :
विद्यार्थी इन शब्दों को अपनी उत्तर :पुस्तिका में लिखने का अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 19 पेड़ लगाओ 3
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उत्तर :
विद्यार्थी हिन्दी के उपर्युक्त शब्दों को लिखने का अभ्यास करें।

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3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दें :

(क) कवि के अनुसार जीवन के लिए क्या ज़रूरी है?
उत्तर :
कवि के अनुसार जीवन में पेड़ लगाना बहुत ज़रूरी है।

(ख) कवि ने फुलवारी में कौन-से पौधे लगाने को कहा है?
उत्तर :
कवि ने फुलवारी में नींबू और अनार के पौधे लगाने को कहा है।

(ग) कवि के अनुसार मानव ने हँसना किससे सीखा है?
उत्तर :
कवि के अनुसार मानव ने हँसना फूलों से सीखा है।

(घ) कवि ने खेत की मेंडों पर कौन-से पेड़ लगाने को कहा है?
उत्तर :
कवि ने खेत की मेंडों पर शीशम के पेड़ लगाने को कहा है।

(ङ) ‘फिर भी खाली सड़क शहर सूना सूना’ में कवि ने किस की कमी के बारे में बताया है?
उत्तर :
इस पंक्ति में कवि ने पेड़ों की कमी के बारे में बताया है।

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4. ‘लेते हैं दुर्गन्ध, सुगन्ध लुटाते हैं’ से कवि का क्या अभिप्राय है? स्पष्ट करें।
उत्तर :
इस पंक्ति से लेखक का अभिप्राय है कि पेड़ वातावरण में फैली हुई दूषित वायु को स्वयं ग्रहण कर लेते हैं और स्वच्छ और शुद्ध वायु हमें लौटा देते हैं।

5. नीचे लिखे वाक्यों को पाठ से देखकर पूरा करें :

(क) हरियाली जीवन के लिए _____________________
(ख) _____________________ बड़ा महत्व है।
(ग) लेते हैं _____________________ लुटाते हैं।
(घ) सभी जगह पर _____________________
उत्तर :
(क) हरियाली जीवन के लिए ज़रूरी है।
(ख) पेड़ों का जीवन में बड़ा महत्त्व है।
(ग) लेते हैं दुर्गन्ध, सुगन्ध लुटाते हैं।
(घ) सभी जगह पर हरा-भरा संसार बसाओ।

6. नीचे लिखे शब्दों के सही रूपों को समझें। गलत शब्द में बिन्दी या चंद्रबिन्दु नहीं है, इसलिए यह गलत है :

गलत शब्द – सही शब्द
जरूरी – ज़रूरी (‘ज’ के नीचे बिन्दी लगानी चाहिए)
खाली – खाली (‘ख’ के नीचे बिन्दी लगानी चाहिए)
हजार – हज़ार (‘ज’ के नीचे बिन्दी लगानी चाहिए)
हंसना – हँसना (‘ह’ पर बिन्दी की बजाय चन्द्रबिन्दु (*) लगाना चाहिए।
कायम – कायम (‘क’ के नीचे बिन्दी लगानी चाहिए)
राज – राज़ (‘ज’ के नीचे बिन्दी लगानी चाहिए)
उत्तर :
विद्यार्थी बिन्दी और (*) चन्द्रबिन्दु के सही उपयोग को जानें व इनका पुनः -पुनः अभ्यास करें।

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7. नीचे दिए गए चौखानों में दस पेड़ों के नाम छिपे हैं, उन्हें ढूंढकर लिखो :
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उत्तर :

  1. जामन
  2. शीशम
  3. आडू
  4. नीम
  5. पीपल
  6. अनार
  7. अमरूद
  8. आम
  9. बरगद
  10. नारियल।

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8. सोचिए और लिखिए :

1. पेड़ हमें क्या-क्या देते हैं? सूची बनाओ।
उत्तर :

  1. पेड़ हमें स्वच्छ वायु देते हैं।
  2. पेड़ों से हमें लकड़ी प्राप्त होती है।
  3. पेड़ों से हमें फल मिलते हैं।
  4. पेड़ों से हमें फूल मिलते हैं।
  5. पेड़ हमें सुगन्धित वातावरण प्रदान करते हैं।
  6. कई पेड़ औषधि के काम आते हैं।
  7. कई पेड़ पवित्र माने जाते हैं जैसे आम। इनकी लकड़ी पूजा पाठ के समय काम आती है।
  8. पेड़ वर्षा लाने में सहायक हैं।

2. यदि धरती पर पेड़ घटते जायेंगे तो क्या होगा?
उत्तर :
यदि धरती पर पेड़ घटते जाएंगे तो हमें बहुत नुकसान होगा। सारे वातावरण में दूषित वायु फैल जाएगी। शुद्ध वायु नहीं मिल सकेगी। वर्षा नहीं हो पाएगी क्योंकि पेड़ ही वर्षा वाले बादलों को लाने में सहायी होते हैं। पेड़ बाढ़ को आने से भी रोकते हैं। पेड घट जाएंगे तो हानि होगी।

3. ‘पेड़ों का त्योहार मनाओ’ पंक्तियों में कवि ने वन महोत्सव की तरफ संकेत किया है। इस पर सोच कर पाँच पंक्तियाँ लिखें। अपने घर और विद्यालय में नीम और तुलसी के पौधे लगाओ।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं प्रयास करें।

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9. सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करते हुए गद्यांश को पूरा करें :

_____________ एक पेड़ हूँ। धरती _____________ माता है। _____________ नन्हे से बीज के रूप में धरती में छिपा रहता हूँ। _____________ पालन पोषण माली करता है। बढ़ते-बढ़ते _____________ विशाल वृक्ष का रूप धारण कर लेता हूँ। पक्षी _____________ पर बसेरा लेते हैं और पशुओं को _____________ आश्रय देता हूँ। दवाइयों के रूप में भी _____________ प्रयोग होता है। _____________ बहुत ही गुणकारी हूँ। फिर भी दुर्भाग्य की बात है कि काटते ही जाते हैं _____________ हमेशा देता ही हूँ _____________ माँगता नहीं। _____________ जैसे परोपकारी बनो।
उत्तर :
मैं एक पेड़ हूँ। धरती हमारी माता है। मैं नन्हे से बीज के रूप में धरती में छिपा रहता हूँ। मेरा पालन-पोषण माली करता है। बढ़ते-बढ़ते मैं विशाल वृक्ष का रूप धारण कर लेता हूँ। पक्षी मुझ पर बसेरा लेते हैं और पशुओं को मैं आश्रय देता हूँ। दवाइयों के रूप में भी मेरा प्रयोग होता है। मैं बहुत ही गुणकारी हूँ। फिर भी दुर्भाग्य की बात है कि लोग मुझे अंधा-धुंध काटते ही जाते हैं। मैं हमेशा देता ही हूँ कुछ माँगता नहीं। मेरे जैसे परोपकारी बनो।

निम्नलिखित कविता की पंक्तियों का रस लीजिए तथा इस प्रकार कविता लिखने का प्रयास करें:

खड़े-खड़े मुस्काते पेड़।
कहीं न आते जाते पेड़।
कड़ी धूप में बनते साया,
सारा जीवन सरस बनाया,
पेड़ों की है अद्भुत काया।
पहले वर्षा लाते पेड़।
फिर छतरी बन जाते पेड़।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं प्रयास करें।

कुछ करिये

प्रकृति प्रेमी पौधे लगा तो देते हैं किन्तु कई बार उचित देखभाल न हो सकने के कारण उनमें से अधिकतर पौधे नष्ट हो जाते हैं। अतः उनकी सुरक्षा व संरक्षण इस तरह करें जैसे माता-पिता अपनी संतान के लिए करते हैं।

गायें और लिखें

पेड़ बचाओ, पेड़ बढ़ाओ
धरती को खुशहाल बनाओ

इस तरह के नारे लिखने का प्रयास करें। उन्हें चार्ट पर लिखकर अपनी कक्षा में लगायें।
उत्तर :
प्रश्न नं0 11 और 12 के लिए विद्यार्थी स्वयं प्रयास करें।

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पेड़ों सम्बन्धी रोचक जानकारी

  • पेड़ों की पत्तियों में क्लोरोफिल होता है। यह हरे रंग का पदार्थ सूर्य की किरणों से ऊर्जा खींचता है।
  • कई पेड़-पौधों के बीजों या फलों से तेल निकाला जाता है जैसे-मूंगफली, नारियल, सरसों, सूरजमुखी आदि।
  • यू.एस.ए. (कैलिफोर्निया) का जनरल शरमैन पेड़ दुनिया का सबसे लम्बा पेड़ है जिसका वजन लगभग 6 टन है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
लेखक ने ज्ञान का भंडार किसे कहा है ?
(क) समाचार को
(ख) समाचार-पत्र को
(ग) डायरी को
(घ) टी.वी. को।
उत्तर :
(ख) समाचार पत्रों को

प्रश्न 2.
आजकल समाचार कैसे भेजे जाते हैं ?
(क) इंटरनेट से
(ख) समाचार पत्र से
(ग) टी.वी. से
(घ) अखबार से।
उत्तर :
(क) इंटरनेट से

प्रश्न 3.
घरों में अखबार कौन लाता है ?
(क) पिता जी
(ख) माता जी
(ग) हॉकर
(घ) पत्रकार।
उत्तर :
(ग) हॉकर

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प्रश्न 4.
लोगों में समाचार पत्र के द्वारा किसकी भावना भरी जा सकती है ?
(क) देशभक्ति
(ख) वीरभक्ति
(ग) भक्ति
(घ) शक्ति।
उत्तर :
(क) देशभक्ति

प्रश्न 5.
शहीद भगतसिंह ने किस नाम से ‘प्रताप’ समाचार पत्र में कार्य किया ?
(क) बलवंत
(ख) दिलबाग
(ग) समर
(घ) अमर।
उत्तर :
(क) बलवंत

पेड़ लगाओ Summary in Hindi

पेड लगाओ कविता का सार

कवि कहता है कि आप पेड़ लगाइए। जितने अधिक पेड़ लगेंगे, उतना ही अच्छा होगा। यह हरियाली के लिए आवश्यक है। हम खेत की मेंड़ पर शीशम के पेड़ लगाएं। फुलवारी में नींबू और अनार लगाएं। पेड़ ही हमें जीवन देते हैं। ये सुगन्ध देते हैं। इन्सान ने फूलों से हंसना सीखा है। फलों ने हमें रस दिया है, मिठास दी है। हम सारे देश में पेड़ लगाएं वे चाहे चार हों या चार हज़ार।

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पेड़ लगाओ पद्यांशों के सरलार्थ

1. चार लगाओ चाहे हज़ार लगाओ
पेड़ लगाओ।
जितना पेड़ लगेगा उतना लाभ है
हरियाली जीवन के लिए जरूरी है
फिर भी खाली सड़क शहर सूना सूना
कैसी यह लाचारी यह मजबूरी है।
चलो खेत के मेंड सजाएं शीशम से
फुलवारी में नींबू और अनार सजाओ।
चार लगाओ चाहे हजार लगाओ।
पेड़ लगाओ।

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प्रसंग-यह पद्यांश हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘पेड़ लगाओ’ कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाने की प्रेरणा दी है।

सरलार्थ-‘पेड़ लगाओ’ नामक कविता में कवि ने सब लोगों को पेड़ लगाने की प्रेरणा देता हुए कहा है कि चाहे आप चार लगाओ या हज़ार लगाओ लेकिन पेड़ अवश्य लगाओ। पेड़ के लाभ बताते हुए कवि कहता है कि जितना पेड़ लगाओगे उतना ही लाभ मिलेगा, वातावरण स्वच्छ होगा और चारों ओर हरियाली नज़र आएगी। कवि कहता है कि आदमी की यह कैसी मजबूरी है कि सारे शहर, सारी सड़कें सब सूनी-सूनी सी हैं।

कहीं भी हरे-भरे पेड़ नहीं दिख रहे। कवि कहता है कि चलो हम अपने खेतों के किनारों पर शीशम के पेड़ लगाएं और अपने बगीचों में नींबू और अनार के पौधे लगाओ। चाहे चार लगाओ या हज़ार पौधे लगाओ लेकिन पौधे ज़रूर लगाओ।

भावार्थ-हमें अपने पर्यावरण के लिए पेड़ लगाने ही चाहिए।

2. पेड़ों का जीवन में बड़ा महत्त्व है
इसीलिए कि वह जीवन देने वाला
नहीं जानते उनकी क्यों पूजा होती
इसीलिए कि वह यौवन देने वाला
लेते हैं दुर्गन्ध, सुगन्ध लुटाते हैं
रोज़ सुबह पेड़ों का त्योहार मनाओ
चार लगाओ चाहे हजार लगाओ
पेड़ लगाओ।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित कविता ‘पेड़ लगाओ’ से लिया गया है। इसमें कवि ने वृक्षों को जीवनदाता कहते हुए, अधिक से अधिक पेड लगाने को कहा है।

सरलार्थ-कवि सभी को अपने-अपने घर, आँगन, बाग, खेत, खलिहानों में पेड़ लगाने की प्रेरणा देते हुए कहता है कि हमारे जीवन में पेड़ों का बहुत महत्त्व है क्योंवि. ये ही हमारे जीवनदाता हैं। इसी से हमें जीवन मिलता है इसीलिए इनकी पूजा भी की जाती है।

ये पेड़ वातावरण में फैली दूषित, गन्दी और दुर्गन्धयुक्त वायु को स्वयं ले लेते हैं और हमें जीने के लिए सुगन्ध और स्वच्छ वायु देते हैं ताकि हम साँस ले सकें। इसलिए प्रतिदिन सुबह उठकर पेड़ों का त्योहार मनाओ। चाहे चार लगाओ या हज़ार लगाओ लेकिन पेड़ ज़रूर लगाओ।

भावार्थ-पेड़ ही जीवन दाता है इसलिए पेड़ लगाने चाहिएं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 19 पेड़ लगाओ

3. फूलों से है मानव ने हँसना सीखा
रस का बोध हुआ है उसको आम से
कायम करके दुनिया के इस राज को
ईश्वर ने लिख दिया पेड़ के नाम से
पेड़ लगाकर सारे भारतवर्ष में
सभी जगह पर हरा-भरा संसार बसाओ
चार लगाओ चाहे हज़ार लगाओ।
पेड़ लगाओ।

प्रसंग-प्रस्तुत अवतरण हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ में संकलित कविता ‘पेड़ लगाओ’ से लिया गया है। इसमें कवि ने वृक्षों को सुखों का आधार मानते हुए, पूरे देश में अधिक से अधिक पेड़ लगाने पर बल दिया है।

सरलार्थ-कवि सभी को अपने घर, आँगन, बाग, खेत-खलिहानों में अधिक-से अधिक पेड़ लगाने की प्रेरणा देते हुए कहता है कि इन फूलों से ही मनुष्य ने हँसना सीखा है और जीवन में मधुरता, मिठास, रस का आभास उसे मीठे-मीठे आमों से हुआ है।

कवि बताता है कि ईश्वर ने सर्वप्रथम सृष्टि की रचना करने के बाद पेड़ों का ही साम्राज्य बनाया था। चारों ओर पेड़ ही लगाए थे। इसलिए हे मनुष्यो ! तुम भी सारे भारतवर्ष में हरे-भरे पेड़ लगाकर सारी धरती को हरा-भरा बनाओ। चाहे चार पेड़ लगाओ या हज़ार पेड़ लगाओ लेकिन पेड़ अवश्य लगाओ।

भावार्थ-सारे देश में पेड़ लगाने चाहिए। ये ही सुखों के आधार हैं।

PSEB 6th Class Hindi रचना कहानियाँ (2nd Language)

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Rachana kahaniyan कहानियाँ Questions and Answers.

PSEB 6th Class Hindi Rachana कहानियाँ (2nd Language)

प्यासा कौआ

एक बार गर्मी का मौसम था। जेठ महीने की दोपहर थी। आकाश से आग बरस रही थी। सभी प्राणी गर्मी से घबरा कर अपने आवासों में आराम कर रहे थे। पक्षी अपने घोंसलों में दोपहरी काट रहे थे।

ऐसे समय में एक कौआ प्यास से व्याकुल था। वह पानी की तलाश में इधर – उधर उड़ रहा था। परन्तु उसे कहीं पानी न मिला। अन्त में वह उद्यान (बाग)। वहाँ पानी का घड़ा पड़ा था। कौआ घड़े को पाकर बहुत प्रसन्न हुआ। वह उड़कर घड़े के पास गया। उसने पानी पीने के लिए घड़े में अपनी चोंच डाली। परन्तु घड़े में पानी बहुत कम था। उसकी चोंच पानी तक न पहुँच सकी। उसके सब प्रयास बेकार गए। तब भी उसने आशा न छोड़ी।।

उसी समय उसको एक युक्ति सूझी। वहाँ बहुत से कंकर पड़े थे। उसने एक – एक कंकर घड़े में डालना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में पानी ऊपर आ गया। कौआ बड़ा प्रसन्न हुआ। उसने जी भर कर पानी पिया और ईश्वर को धन्यवाद दिया।

PSEB 6th Class Hindi रचना कहानियाँ (2nd Language)

शिक्षा –

  • जहाँ चाह वहाँ राह।
  • आवश्यकता आविष्कार की जननी है।
  • यत्न करने पर कोई उपाय निकल आता है।

चालाक लोमड़ी

एक लोमड़ी बहुत भूखी थी। वह भोजन की खोज में इधर – उधर घूमने लगी। जब उसे सारे जंगल में भटकने के बाद कुछ न मिला तो बड़ी गर्मी और भूख से परेशान होकर एक पेड़ के नीचे बैठ गई। अचानक उसकी नज़र ऊपर गई। वृक्ष पर एक कौआ बैठा हुआ था। उसके मुँह में रोटी का टुकड़ा था। रोटी का टुकड़ा देखकर लोमड़ी के मुँह में पानी भर आया। वह कौए से रोटी छीनने का उपाय सोचने लगी।

तभी उसे एक युक्ति सूझी। उसने कौए को कहा, “कौआ भैया! सुना है तुम गीत बहुत अच्छा गाते हो। क्या मुझे गीत नहीं सुनाओगे ?” कौआ अपनी प्रशंसा को सुनकर बहुत खुश हुआ। वह लोमड़ी की बातों में आ गया और गाना गाने के लिए उसने जैसे ही मुँह खोला, रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गिया। लोमड़ी ने झट से वह टुकड़ा उठाया और नौ दो ग्यारह हो गई। कौआ अपनी भूल पर पछताने लगा।

शिक्षा –

  • दूसरों की मीठी बातों में नहीं आना चाहिए।
  • झूठी खुशामद से प्रसन्न नहीं होना चाहिए।
  • जो कार्य शक्ति से नहीं होता, वह युक्ति से हो जाता है।

लालची कुत्ता

एक दिन एक कुत्ता इधर – उधर भोजन की तलाश में घूम रहा था। उसे कहीं से एक मांस का टुकड़ा मिल गया। वह उसे अकेले बैठकर खाना चाहता था इसीलिए वह उसे मुँह में रख कर नगर से बाहर की ओर दौड़ा। रास्ते में एक नदी पड़ती थी। पुल पार करते हुए उसने जल में देखा। जल में अपनी परछाईं देख कर उसने समझा कि यह कोई दूसरा कुत्ता है, जिसके मुँह में भी माँस का एक टुकड़ा है। वह मांस का टुकड़ा छीनने के लिए उस पर झपटा। उसका अपना माँस का टुकड़ा भी पानी में गिर गया। इस प्रकार लोभ में पड़कर उसने अपना माँस का टुकड़ा भी गँवा दिया। अब वह अपनी मूर्खता पर पछता रहा था।

PSEB 6th Class Hindi रचना कहानियाँ (2nd Language)

शिक्षा –

  • लालच बुरी बला है।

कुसंगति का फल

किसी नगर में एक धनी पुरुष रहता था। उसका एक पुत्र था। माता – पिता अपने पुत्र को बहुत लाड़ – प्यार करते थे। वह अपने श्रेणी में हमेशा प्रथम रहता था। उसके अध्यापक भी उसे बहुत प्यार करते और उसकी प्रशंसा करते थे।

दुर्भाग्य से वह बुरे लड़के की संगति में रहने लगा। उसका ध्यान अब बुरी बातों में लग गया। वह समय पर विद्यालय न जाता और न ही अपना पाठ याद करता। कोई भी अध्यापक अब उसे प्यार नहीं करता था। उसकी शिकायत उसके पिता से की गई। पिता को बड़ी चिन्ता हुई। उन्होंने अपने पुत्र को समझाने के लिए एक उपाय सोचा। वे बाजार से एक सुन्दर सेबों की टोकरी ले आए। बाद में अपने पुत्र को बुला कर उसे एक सड़ा गला सेब देकर कहा कि इसे भी टोकरी में रख दो। पुत्र ने वैसा ही किया।

प्रात:काल पिता ने पुत्र को वही सेबों की टोकरी उठा लाने के लिए कहा। जब टोकरी खोली गई तो सारे सेब सड़े पड़े थे। पुत्र ने आश्चर्य से पूछा – “पिता जी! ये सारे सेब कैसे सड़ गए ?”

पिता ने समझाया, “बेटा, जैसे एक सड़े – गले सेब से सारे अच्छे सेब खराब हो गए हैं, उसी तरह बुरे लड़कों की संगति से सब अच्छे बालक बुरी बातों को अपना लेते हैं। इसलिए अच्छे बालकों से संगति करो।” पुत्र पर इस बात का बहुत असर पड़ा। उसने बुरे लड़कों की संगति को छोड़ दिया और दिल लगा कर पढ़ने लगा।

शिक्षा –

  • बुरी संगति से बच कर रहो।
  • बुरी संगति से अकेला भला।

ईमानदार लकड़हारा

एक गाँव में एक लकड़हारा रहता था। वह बहुत ग़रीब था। वह निकट के जंगल से लकड़ी काट कर लाता और उसे बेचकर अपना निर्वाह करता था।

एक दिन वह नदी के किनारे वृक्ष काट रहा था। अचानक उसके हाथ से कुल्हाड़ा छूट गया और नदी में गिर पड़ा। लकड़हारा बेचारा रोने लगा। उसने सोचा मैं अब बच्चों का पालन कैसे करूँगा। वह रो रहा था कि जल का देवता उपस्थित हुआ। उसने पूछा, “तुम रो क्यों रहे हो ?” लकड़हारे ने सारी बात बताई। जल का देवता पानी में कूद पड़ा और सोने का कुल्हाड़ा निकाल लाया। उसने लकड़हारे से पूछा – क्या यही तुम्हारा कुल्हाड़ा है ? लकड़हारे ने उसे लेने से इन्कार कर दिया और कहा यह मेरा कुल्हाड़ा नहीं है। जल के देवता ने फिर पानी में डुबकी लगाई और दूसरी बार चाँदी का कुल्हाड़ा लाया। परन्तु लकड़हारे ने फिर वह कुल्हाड़ा लेने से इन्कार कर दिया। अब तीसरी बार जल का देवता फिर नदी में कूदा और वहीं से लोहे का कुल्हाड़ा निकाल लाया।

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उस कुल्हाड़े को देखते ही लकड़हारा खुशी से नाच उठा – हाँ, हाँ, यही मेरा कुल्हाड़ा है। जल का देवता उसकी ईमानदारी पर खुश हुआ। उसने लकड़हारे को शेष दोनों कुल्हाड़े भी ईनाम के तौर पर दे दिए।

शिक्षा –

  • ईमानदारी सबसे उत्तम नीति है।
  • सदा सच बोलना चाहिए।

शेर और खरगोश
अथवा
बुद्धि ही बल है

किसी वन में एक शेर रहता था। वह हर रोज़ तीन – चार पशुओं को मार देता था। जंगल के पशु उससे बड़े दु:खी थे। एक दिन सब पशुओं ने मिलकर उससे प्रार्थना की कि आप हमारा विनाश न करें। हम प्रतिदिन एक – एक पशु भेज दिया करेंगे। शेर मान गया। इस प्रकार प्रतिदिन बारी – बारी एक – एक पशु जाने लगा।

एक दिन एक खरगोश की बारी आई। खरगोश ने शेर को मारने का निश्चय किया। मार्ग में उसने एक कुएँ में अपनी परछाईं देखी। उसने शेर को कुएँ में गिराने का निश्चय किया। उसने सोचा, “यदि मुझे मर ही जाना है तो शेर के आगे गिड़गिड़ाने से क्या लाभ होगा। क्यों न मज़े – मज़े जाऊँ।” ऐसा सोचते – सोचते वह शेर के पास पहुँचा। देरी से आने के कारण शेर ने भी ज़ोर से उससे पूछा – “देर से क्यों आए हो ?” खरगोश बोला, महाराज यह मेरा कसूर नहीं है। मैं आ रहा था तो किसी दूसरे शेर ने भी मुझे ज़बरदस्ती पकड़ लिया। परन्तु उसके आगे फिर आने की प्रतिज्ञा करके मैं स्वामी को निवेदन करने आया हूँ।

यह सुनकर शेर कुछ डर गया और बोला – क्या कोई दूसरा शेर भी इस जंगल में है ? खरगोश ने हाँ में उत्तर दिया। शेर फिर बोला चल पहले मुझे दिखा वह दुष्टात्मा कहाँ ठहरा है ? पहले उसी का काम तमाम कर लूँ। खरगोश उसे कुएँ पर ले गया और उसमें उसकी परछाईं दिखा दी। शेर क्रोध में भर कर दहाड़ने लगा। उत्तर में परछाईं ने भी दहाड़ दी। इस प्रकार उस परछाईं को दूसरा शेर समझ कर उसने अपने को कुएँ में गिरा दिया और वह मर गया।

शिक्षा –

  • बुद्धि बल से बड़ी है।

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खरगोश और कछुआ

किसी वन में खरगोश और कछुआ पक्के मित्र रहते थे। खरगोश अपनी तेज़ दौड़ का अभिमान करता था। एक दिन दोनों सैर को निकले। खरगोश तेज़ चलता तो कछुआ धीरे धीरे। खरगोश ने कछुए से कहा – भाई कछुए तुम तो बहुत सुस्त हो। यहि मेरे साथ दौड़ लगाओ तो मैं तुम्हें बुरी तरह हरा सकता हूँ। कछुआ भी अपनी बुराई सहन न कर सका। उसने दौड़ लगाना स्वीकार कर लिया।

दोनों की दौड़ शुरू हो गई। खरगोश इतना तेज़ भागा कि कछुआ बहुत पीछे रह गया। रास्ते में एक सुन्दर बगीचे को देखकर खरगोश ने सोचा क्यों न कुछ देर यहाँ आराम कर लिया जाए। जब कछुआ यहाँ आएगा फिर दौड़ लगा लूँगा और उससे पहले तालाब पर पहुँच जाऊँगा। यह सोचकर खरगोश वहाँ लेट गया। ठण्डी – ठण्डी वायु चल रही थी। लेटते ही उसे नींद आ गई। थोड़ी देर के बाद कछुआ भी वहाँ आ गया। खरगोश को सोता देखकर वह चुपके से आगे निकल गया। धीरे – धीरे वह तालाब पर पहले पहुँच गया।

खरगोश की जब नींद खुली तो उसने सोचा कछुआ अभी पीछे ही होगा। उसने फिर दौड़ना शुरू कर दिया। जब वह तालाब पर पहुँचा तो कछुआ पहले ही वहाँ पहुँचा हुआ था। यह देखकर वह बहुत लज्जित हुआ।

शिक्षा –

  • सहज पके सो मीठा होय।
  • घमण्डी का सिर नीचा।

दो बिल्लियाँ और बन्दर

किसी नगर में दो बिल्लियाँ रहती थीं। एक दिन उन्हें रोटी का एक टुकड़ा मिला। वे इसे लेकर आपस में लड़ने लगीं। वे उसे आपस में समान भागों में बाँटना चाहती थीं लेकिन उन्हें कोई ढंग न मिला।

उसी समय एक बन्दर उधर आ निकला। वह बहुत चालाक था। उसने बिल्लियों से लड़ने का कारण पूछा। बिल्लियों ने उसे सारी बात सुनाई। वह तराजू ले आया और बोला, “लाओ, मैं तुम्हारी रोटी को बराबर बाँट देता हूँ।’ उसने रोटी के दो टुकड़े लेकर एक एक पलड़े में रख दिए। जिस पलड़े में रोटी अधिक होती बन्दर उसे थोड़ी – सी तोड़ कर खा लेता। इस प्रकार थोड़ी – सी रोटी रह गई। अब बिल्लियों को अपनी गलती तथा बन्दर की चालाकी का पता चला तो उन्होंने बन्दर से अपनी रोटी वापिस मांगी। लेकिन बन्दर ने शेष बची रोटी को अपना मेहनताना बताते हुए उस टुकड़े को भी अपने मुँह में डाल लिया। बिल्लियाँ मुँह देखती रह गईं।

PSEB 6th Class Hindi रचना कहानियाँ (2nd Language)

शिक्षा –

  • आपस में लड़ना – झगड़ना अच्छा नहीं।

दो मित्र और रीछ

एक बार दो मित्र इकटे व्यापार करने घर से चले। दोनों ने एक – दूसरे को वचन दिया कि वे मुसीबत के समय एक – दूसरे की सहायता करेंगे। चलते – चलते दोनों एक भयंकर जंगल में जा पहुँचे।

जंगल बहुत विशाल तथा घना था। दोनों मित्र सावधानी से जंगल में से गुजर रहे थे। एकाएक उन्हें सामने से एक रीछ आता हुआ दिखाई दिया। दोनों मित्र भयभीत हो गए। उस रीछ को पास आता देखकर एक मित्र जल्दी से वृक्ष पर चढ़कर पत्तों में छिप कर बैठ गया। दूसरे मित्र को वृक्ष पर चढ़ना नहीं आता था। वह घबरा गया। परन्तु उसने सुन रखा था कि रीछ मरे हुए आदमी को नहीं खाता। वह झट अपनी साँस रोक कर भूमि पर लेट गया।

रीछ ने पास आकर उसे सूंघा और मरा हुआ समझ कर वहाँ से चला गया। कुछ देर बाद पहला मित्र वृक्ष से नीचे उतरा। उसने दूसरे मित्र से कहा – “उठो, रीछ चला गया। यह बताओ कि उसने तुम्हारे कान में क्या कहा था ?” भूमि पर लेटने वाले मित्र ने कहा कि “रीछ केवल यही कह रहा था कि स्वार्थी मित्र पर विश्वास मत करो।”

शिक्षा –

  • मित्र वह है जो विपत्ति में काम आए।
  • स्वार्थी मित्र से हमेशा दूर रहो।

एकता में बल है

किसी गाँव में एक बूढ़ा किसान रहता था। उसके चार पुत्र थे। वे चारों बहुत आलसी थे। आपस में लड़ते – झगड़ते रहते थे। किसान ने उन्हें बहुत समझाया लेकिन व्यर्थ। एक दिन उसने अपने चारों पुत्रों को अपने पास बुलाया तथा एक लकड़ियों का गट्ठा लाने को कहा। वे लकड़ियों का गट्ठा ले आएं। उसने हर एक लड़के को वह गट्ठा तोड़ने के लिए दिया लेकिन कोई भी उसे न तोड़ सका। तब उसने गट्ठा खोलकर एक – एक लकड़ी सभी को तोड़ने को दी जिसे उन्होंने आसानी से तोड़ दिया। तब उसने उन्हें समझाया, “अगर तुम इन लकड़ियों की तरह इकट्ठे रहोगे तो तुम्हारा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। अगर तुम अकेले – अकेले रहोगे तो लोग तुम्हें नष्ट कर देंगे। अतः तुम सब इकट्ठे रहो। लड़ना झगड़ना नहीं। एकता में ही बल है।” यह सुनकर वे सब मिल – जुल कर रहने लगे।

PSEB 6th Class Hindi रचना कहानियाँ (2nd Language)

शिक्षा –

  • मिल – जुल कर रहना चाहिए।
  • एकता में बल है।

अंगूर खट्टे हैं

एक बार एक लोमड़ी बहुत भूखी थी। वह भोजन की तलाश मैं इधर – उधर भटकती रही पर कहीं से भी उसे भोजन न मिला। अन्त में वह एक बाग़ में पहुँची। वहाँ उसने अंगूर की बेल पर अंगरों के कुछ गुच्छे देखे। वह उन्हें देखकर बहुत प्रसन्न हुई। वह उन अंगों को खाना चाहती थी। अंगूर बहुत ऊँचे थे। वह उन्हें पाने के लिए ऊँची – ऊँची छलांगें लगाने लगी। किन्तु अनेक कोशिशों के पश्चात् भी वह उन सकी। वह बहुत थक चुकी थी। आखिर वह बाग़ से बाहर जाती हुई कहने लगी कि अंगूर खट्टे हैं। यदि मैं इन्हें खाऊँगी तो बीमार हो जाऊँगी।

शिक्षा –

  • जो चीज़ प्राप्त न कर सको , उसे बुरा मत कहो।

शेर और चूहा

एक दिन गर्मी बहुत पड़ रही थी। एक शेर शिकार ढूंढते – ढूंढते थक गया। उसने एक छायादार वृक्ष देखा और उसके नीचे सो गया। पास ही एक चूहे का बिल था। थोड़ी देर बाद चूहा अपने बिल से बाहर निकला। वह शेर के शरीर पर चढ़ कर कूदने लगा। शेर जाग पड़ा और उसने चूहे को अपने पंजे में पकड़ लिया। चूहा बहुत चालाक था। यह घबराया नहीं उसने शेर से कहा – “महाराज आप जंगल के राजा हैं। मैं छोटा – सा जीव हैं। मुझे मारना आपको शोभा नहीं देता। आप दया करके मुझे छोड़ दें। कभी मैं भी आपके काम आ सकता हूँ।” यह सुन कर शेर हँस पड़ा और उसने चूहे को छोड़ दिया।

कुछ दिनों के बाद उस जंगल में एक शिकारी आया। वह शेर शिकारी के जाल में फँस या। उसने अपने आपको जाल से छुड़ाने की बहुत कोशिश की, परन्तु वह सफल न हो सका। अन्त में वह ज़ोर – ज़ोर से दहाड़ने लगा। उसी चूहे ने शेर की आवाज़ को पहचान प्लया। वह झट जाल के पास गया। उसने कुछ ही देर में अपने तेज़ दाँतों से जाल को काट दिया और शेर की जान बचाई। शेर ने उसका धन्यवाद किया।

शिक्षा –

  • किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए।
  • कर भला हो भला।

झूठा गडरिया

किसी गाँव में एक गडरिया रहता था। वह प्रतिदिन भेड़ों को चराने के लिए जंगल में जाता था। सायंकाल को वह सब भेड़ों के साथ गाँव को लौट आता था। एक दिन पडरिया बालक को गाँव वालों से मज़ाक करने की सूझी। उसने एक ऊँचे टीले पर चढ़कर भेडिया आया ! भेडिया आया!! बचाओ! बचाओ!! की आवाज़ दी। उसकी इस पुकार को सुनकर गाँव वाले हाथों में लाठियाँ लिए दौड़ते हुए जंगल में आए। उनको देखकर गडरिया बालक हँस पड़ा। उसने कहा मैंने तो मजाक किया था। उसकी इस बात से गाँव वाले उस नाराज़ होकर वापिस चले गए। एक – दो बार उसने फिर वैसा ही किया।

एक दिन जब गडरिया भेड़ें चरा रहा था तो अचानक ही सचमुच एक भेड़िया वहाँ आ या। बालक ने खूब शोर मचाया पर गाँव वालों ने समझा कि वह मज़ाक कर रहा है सीलिए इस बार कोई भी उसकी सहायता के लिए नहीं आया। भेड़िये ने बहुत – सी भेड़ें पार दी। गडरिये ने वृक्ष पर चढ़ कर अपनी जान बचाई।

PSEB 6th Class Hindi रचना कहानियाँ (2nd Language)

शिक्षा –

  • झूठे व्यक्ति पर कोई विश्वास नहीं करता।
  • कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 18 रसोई का ताज : सब्जियां

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 18 रसोई का ताज : सब्जियां Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 18 रसोई का ताज : सब्जियां (2nd Language)

Hindi Guide for Class 6 PSEB रसोई का ताज : सब्जियां Textbook Questions and Answers

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 18 रसोई का ताज : सब्जियां

रसोई का ताज : सब्जियां अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 18 रसोई का ताज सब्जियां 1
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 18 रसोई का ताज सब्जियां 2
उत्तर :
विद्यार्थी इन शब्दों का लेखन अभ्यास करें।

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2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 18 रसोई का ताज सब्जियां 3
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 18 रसोई का ताज सब्जियां 4
उत्तर :
विद्यार्थी ऊपर दिए गए हिन्दी शब्दों को समझें और लिखने का अभ्यास करें।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दें :

(क) आलू ने अपने किस रूप को पूर्ण आहार कहा?
उत्तर :
आलू ने अपने उबले हुए रूप को पूर्ण आहार कहा।

(ख) टमाटर ने किन रोगियों को अपना सेवन करने से मना किया है?
उत्तर :
टमाटर ने पथरी के रोगियों को अपना सेवन करने से मना किया।

(ग) घीये को शरीर के किस भाग पर मलने से शरीर की गर्मी दूर होती है?
उत्तर :
घीये को तलवों पर मलने से शरीर की गर्मी दूर होती है।

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(घ) पीलिया और शूगर के रोगियों के लिए किस का रस वरदान से कम नहीं है? पाठ के आधार पर बतायें।
उत्तर :
पीलिया और शूगर के रोगियों के लिए करेले का रस वरदान से कम नहीं है।

(ङ) किस सब्जी के सिर पर ताज़ लगा होता है? पाठ के आधार पर बतायें।
उत्तर :
बैंगन के सिर पर ताज लगा होता है।

(च) किस सब्जी ने कहा कि मुझमें लौह तत्व होता है?
उत्तर :
बैंगन ने कहा कि मुझमें लौह तत्व होता है।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार वाक्यों में दें :

(क) आलू ने अपने आपको सब्जियों का राजा क्यों कहा?
उत्तर :
आल ने कहा कि रसोई में सबसे ज्यादा प्रयोग मेरा होता है। प्रत्येक सब्जी के साथ मेरा उपयोग होता है। सभी मुझे पसन्द करते हैं। रायता, परांठा, समोसे, टिक्की, चाट, पकौड़े तथा चिप्स सभी मुझसे ही बनते हैं। इसलिए मैं सब्जियों का राजा हूँ।

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(ख) आलू ने ज़रूरत से ज़्यादा अपना प्रयोग करने से क्यों मना किया?
उत्तर :
आलू ने ज़रूरत से ज्यादा अपना सेवन करने से मना इसलिए किया क्योंकि इससे मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग हो सकता है।

(ग) टमाटर ने अपनी प्रशंसा कैसे की?
उत्तर :
टमाटर ने अपनी प्रशंसा करते हुए कहा, “मुझे देखो ! मेरा रूप कितना सुन्दर है। मेरा लाल-लाल रंग सभी को लुभाता है। मैं जहाँ एक और रक्त निर्माण करता हूँ वहीं रक्त साफ करने में भी सहायक हूँ। मैं जिगर को मजबूत बनाता हूँ और भूख बढ़ाता हूँ।”

(ङ) घीये को किन लोगों से शिकायत है? उसने अपने सेवन के क्या-क्या तरीके बताये?
उत्तर :
घीये को उन लोगों से शिकायत है जो इसे खरीदकर ले तो जाते हैं लेकिन इसकी सब्जी खाने में नाक सिंकोड़ते हैं। रायता, कोफ़ते तथा हलवा के रूप में भी घीये
का सेवन किया जा सकता है।

(च) करेले ने अपने आपको गुणकारी क्यों कहा?
उत्तर :
करेले ने अपने आपको गुणकारी मानते हुए कहा कि मैं पचने में हल्का हूँ। मैं भूख बढ़ाने, भोजन पचाने वाला हूँ। मेरे सेवन से पेट के कीड़े भी मर जाते हैं तथा रक्त भी साफ होता है। पीलिया और शूगर के रोगियों के लिए तो मैं वरदान से कम नहीं हूँ।

(छ) पुदीने ने अपने आपको गुणों की खान क्यों कहा?
उत्तर :
पुदीने ने अपने गुणों का बखान करते हुए बताया कि मैं गर्मी के कारण होने वाले रोगों जैसे उल्टियाँ, खट्टी डकारें की छुट्टी कर देता हूँ। मेरे सामने इनकी एक नहीं चलती। चटनी के रूप में तो मैं बहुत लोकप्रिय हूँ।

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5. पाठ के आधार पर बतायें कि ये बातें सही (✔) हैं या गलत (❌)

  1. आलू में विटामिन ए तथा प्रोटीन होता है। [ ✔ ]
  2. प्याज़ में कैल्शियम तथा आयरन नहीं होता। [ ]
  3. टमाटर का सूप भूख घटाने वाला है। [ ]
  4. मूली के पत्ते फेंक देने चाहिएं। [ ]
  5. हरी सब्जियाँ बहुत ही गुणकारी होती हैं। [ ]
  6. करेला रक्त शोधक भी होता है। [ ]
  7. पुदीने के सेवन से खट्टी डकारें आती हैं। [ ]

उत्तर :

  1. आलू में विटामिन ए तथा प्रोटीन होता है। [ ✔ ]
  2. प्याज़ में कैल्शियम तथा आयरन नहीं होता। [ ]
  3. टमाटर का सूप भूख घटाने वाला है। [ ]
  4. मूली के पत्ते फेंक देने चाहिएं। [ ]
  5. हरी सब्जियाँ बहुत ही गुणकारी होती हैं। [ ✔ ]
  6. करेला रक्त शोधक भी होता है। [ ✔ ]
  7. पुदीने के सेवन से खट्टी डकारें आती हैं। [ ]

6. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ दे दिए गए हैं। इन्हें वाक्यों में प्रयोग करें :

मुहावरा – अर्थ – वाक्य

  1. शेखी बघारना – अपने मुँह अपनी बड़ाई करना – __________________
  2. नाक सिकोड़ना – घृणा प्रकट करना – __________________
  3. राग अलापना – अपनी ही बात कहते रहना और दूसरों की न सुनना, किसी चीज़ की रट लगाना – __________________
  4. एक न चलना – कोई युक्ति (उपाय) सफल न होना – __________________

उत्तर :

  1. शेखी बघारना-अपने मुँह अपनी बड़ाई करना-शेखी बघारने वाले को कोई भी पसन्द नहीं करता।
  2. नाक सिंकोड़ना-घृणा प्रकट करना-बच्चे घीये की सब्जी देखकर नाक सिंकोडने लगते हैं।
  3. राग अलापना-अपनी ही बात कहते रहना और दूसरों की न सुनना-पिता जी के सामने मोहन अपना ही राग अलापने लगा।
  4. एक न चलना-कोई युक्ति (उपाय) सफल न होना-सेठ जी के सामने नौकर की एक न चली।

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7. सोचिए और लिखिए :

1. आपके विचार में क्या आलू सचमुच सब्जियों का राजा है?
उत्तर :
आल सचमुच ही सब्जियों का राजा है। इसका उपयोग प्रत्येक सब्जी के साथ होता है। बिना इसके कोई भी सब्जी अधूरी है। इसका उपयोग कई रूपों में होता है। परांठे, चाट, टिक्की, चिप्स सब इसी से बनते हैं। अत: यह सब सब्जियों का राजा है।

2. सूप में किन-किन सब्जियों का प्रयोग होता है?
उत्तर :
सूप में अनेक सब्जियों का प्रयोग होता है। मूली, पालक, टमाटर, गाजर के अतिरिक्त करेले और घीए का उपयोग भी सूप में होता है।

3. सलाद के रूप में किन-किन सब्जियों का प्रयोग होता है?
उत्तर :
मूली, खीरा, गाजर, प्याज, टमाटर, चकुन्दर आदि सब्जियों का प्रयोग सलाद के रूप में होता है। सहायक क्रिया-रसोई में जाकर अपनी माता जी की सहायता से सलाद काटना सीखें और सजाएं।

8. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें :

अनेक शब्द – एक शब्द

  1. सरलता से पचने वाला – ___________________
  2. लाभ पहुँचाने वाला – __________________
  3. जनसाधारण को पसंद आने वाला – __________________
  4. बहुत स्वाद वाला – __________________
  5. पुष्ट करने वाला – __________________

उत्तर :

  1. सरलता से पचने वाला – सुपच/सुपच्य।
  2. लाभ पहुंचाने वाला – लाभकारी/लाभदायक।।
  3. जनसाधारण को पसंद आने वाला – लोकप्रिय।
  4. बहुत स्वाद वाला – स्वादिष्ट।
  5. पुष्ट करने वाला – पौष्टिक।

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सहायक क्रिया :

रसोई में जाकर अपनी माता जी की सहायता से सलाद काटना सीखें और उसे सजाकर परोसें।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जीवन के लिए क्या ज़रूरी है ?
(क) पेड़
(ख) भोजन
(ग) नींबू
(घ) पानी।
उत्तर :
(क) पेड़

प्रश्न 2.
कवि ने फुलवारी में कौन से पौधे लगाने को कहा हैं ?
(क) नींबू
(ख) अनार और अनार
(घ) टमाटर।
उत्तर :
(ख) अनार और अनार

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प्रश्न 3.
कवि के अनुसार मानव ने हँसना किससे सीखा ?
(क) फूलों से
(ख) पेड़ों से
(ग) मनुष्यों से
(घ) पक्षियों से।
उत्तर :
(क) फूलों से

प्रश्न 4.
पेड़ हमें क्या-क्या देते हैं ?
(क) फल
(ख) फूल
(ग) आक्सीजन
(घ) सभी।
उत्तर :
(घ) सभी।

रसोई का ताज : सब्जियां Summary in Hindi

रसोई का ताज : सब्जियां पाठ का सार

लेखक ने लघु नाटिका में नौ अलग-अलग बच्चों को अलग-अलग सब्जियों के मुखौटे। दर्शाया है जिनमें आलू सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण मान कर शेखी बघारता है कि वह सब्जियों का राजा है। उसका उपयोग रसोई में सबसे अधिक होता है। विटामिन और प्रोटीन से युक्त वह बाजार में बारह महीने मिलता है। प्याज ने टोकते हुए उस पर आरोप लगाया कि लोगों में मोटापे का कारण तो वही है। वह भी तो बारह महीने बिकता है और उसके गुण भी अधिक हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 18 रसोई का ताज सब्जियां 5

टमाटर ने कहा कि वह रक्त-निर्माण करता है, जिगर को मज़बूत बनाता है और देखने में बहुत सुन्दर है। उसके सूप से भूख बढ़ती है। घीया ने अपने रंग रूप और रस की प्रशंसा की। करेले ने बताया कि वह पचने में हल्का है। पीलिया और शूगर के रोगियों के लिए उसका रस किसी वरदान से कम नहीं।

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वह खून को साफ भी करता है। मूली ने बताया कि उसके पत्ते तक उपयोगी होते हैं। वह पेट के विकारों और पीलिया के रोगियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होती है। बैंगन ने स्वयं को अपने मुकुट के कारण सरताज बताया उसमें लोह मात्रा अधिक होती है। शलगम और पुदीने ने भी अपनी-अपनी प्रशंसा की। उसी समय घर की मालकिन अंदर आई। उसने उन सबको उठाया और उनका अलग-अलग तरह से प्रयोग कर लिया।

रसोई का ताज : सब्जियां कठिन शब्दों के अर्थ :

  • मुखौटे = आवरण, नकली चेहरा।
  • बारहमास = सारा साल।
  • निराली = अद्भुत, अनोखी।
  • कसूर = दोष।
  • सेवन = उपयोग।
  • सदाबहार = हर समय मिलने वाला।
  • प्रवाह = बहाव।
  • गंध = बदबू।
  • निर्माण = बनाना।
  • ग्राहक = खरीदने वाला।
  • लालायित = इच्छुक।
  • सुपाच्य = जल्दी से पच जाने (हज़म होने) वाला।
  • नाक सिंकोड़ना = नफ़रत करना।
  • तलवों = पैर के निचले हिस्सों।
  • मलना = रगड़ना।
  • गुणकारी = लाभकारी।
  • समझदार = समझ रखने वाले, बुद्धिमान।
  • रक्त-शोधक = खून साफ़ करने वाला।
  • चूक = गलती।
  • विकार = रोग। PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 18 रसोई का ताज : सब्जियां
  • राग अलापना = अपनी तारीफ़ करना।
  • श्याम वर्ण = काला रंग।
  • विजय = जीत।