PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

PSEB 6th Class Agriculture Guide पंजाब के मुख्य फल Textbook Questions and Answers

(क) एक-दो शब्दों में उत्तर दो-

प्रश्न 1.
पंजाब में फलों की काश्त का क्षेत्रफल लिखो। यह कितने क्षेत्र में होती है ? बताइए।
उत्तर-
लगभग 75 हज़ार हैक्टेयर।

प्रश्न 2.
पंजाब में किन्नू की काश्त किन-किन जिलों में की जाती है ?
उत्तर-
होशियारपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा।

प्रश्न 3.
किन्नू के पौधे कब लगाए जाते हैं ?
उत्तर-
फरवरी-मार्च और सितम्बर-अक्तूबर।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

प्रश्न 4.
अमरूद में किस विटामिन की मात्रा अत्यधिक होती है ?
उत्तर-
विटामिन सी।

प्रश्न 5.
किस फल को फलों का राजा कहा जाता है ?
उत्तर-
आम को।

प्रश्न 6.
आम की काश्त मुख्यतः किन जिलों में की जाती है ?
उत्तर-
अर्ध-पहाड़ी जिलों रोपड़, होशियारपुर, शहीद भगत सिंह नगर, गुरदासपुर, केन्द्रीय प्रदेश चंडीगढ़।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल

प्रश्न 7.
नाशपाती की काश्त प्रमुखतः किन इलाकों में की जाती है ?
उत्तर-
अमृतसर, गुरदासपुर, जालन्धर।

प्रश्न 8.
लीची की कौन-कौन सी किस्में हैं ?
उत्तर-
सीडलैस लेट, कलकत्तिया, देहरादून।

प्रश्न 9.
आडू के पौधे कब लगाने चाहिएं ?
उत्तर-
आडू के एक साल के पौधे अर्ध-जनवरी तक नई फोट शुरू होने से पहले बाग में लगाने चाहिएं।

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(ख) एक-दो वाक्यों में उत्तर दो

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुख्य तत्त्व अधिक मात्रा में किन फलों में पाए जाते हैं ?
विटामिन सी, विटामिन ए, लोहा, प्रोटीन, विटामिन बी, पोटाशियम, कैल्शियम
उत्तर-
विटामिन सी-नींबू जाति के फल, अमरूद, आंवला, बेर।
विटामिन ए-आम, नाशपाती, बेर, पपीता।
लोहा-अमरूद, नाशपाती, बेर, करौंदा, अंजीर, खजूर।
प्रोटीन-काजू, बादाम, अखरोट।
विटामिन बी-आम, नाशपाती, आडू। पोटाशियम-केला। कैल्शियम-लीची, करौंदा।

प्रश्न 2.
नींबू जाति के फलों में कौन-से फल आते हैं ?
उत्तर-
किन्नू, मालटा, नींबू, गरेपफ्रूट और गलगल।

प्रश्न 3.
फल मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण हैं ?
उत्तर-
फलों में बहुत सारे आहारीय तत्व मिलते हैं; जैसे-विटामिन, खनिज पदार्थ, पिगमेंट्स, एंटीआक्सीडेंट्स आदि। एक मनुष्य को रोज़ाना 100 ग्राम फलों की ज़रूरत है। फल मनुष्य में बीमारियों का सामना करने की शक्ति बढ़ाते हैं।

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प्रश्न 4.
पंजाब के प्रमुख फल कौन-से हैं ?
उत्तर-
पंजाब में किन्न, अमरूद, आम, नाशपाती, लीची, आड़, बेर, मालटा आदि।

प्रश्न 5.
आडू की किस्मों के बारे में बताओ।
उत्तर-
प्रताप, शाने पंजाब, प्रभात, शरबती, पंजाब नेकट्रेन।

प्रश्न 6.
बेर खाने के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
बेर खून को साफ करता है और भोजन की पाचन शक्ति बढ़ाता है।

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प्रश्न 7.
किन्नू खाने के क्या-क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
किन्नू में विटामिन सी की मात्रा ज़्यादा होती है। यह शरीर की बीमारियों के साथ लड़ने की शक्ति में बढ़ौतरी करता है।

प्रश्न 8.
पंजाब में नाशपाती, बेर, लीची तथा आडू की काश्त किन-किन स्थानों पर है ?
उत्तर-
नाशपाती-अमृतसर, गुरदासपुर, जालन्धर । बेर-संगरूर, पटियाला, मानसा। लीची-गुरदासपुर, होशियारपुर, रूपनगर। आडू-तरनतारन, जालन्धर, पटियाला।

प्रश्न 9.
आम से कौन-कौन से खाने वाले पदार्थ तैयार किए जाते हैं ?
उत्तर-
खट्टी-मीठी चटनी, अचार, आमचूर, आम पापड़, जूस, शर्बत।

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(ग) पांच-छ: वाक्यों में उत्तर दो –

प्रश्न 1.
पंजाब में उगाए जाने वाले फलों के नाम, उनकी किस्में, ज़िले जहां काश्त होती है, पौधे लगाने का समय तथा उनकी महत्ता की सारणी तैयार करो।
उत्तर-
PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल 1
PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 7 पंजाब के मुख्य फल 2

प्रश्न 2.
किन्नू की काश्त के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
किन्नू एक नींबू जाति का फल है। इसकी काश्त अन्य नींबू जाति के फलों की तुलना में पहले स्थान पर है।
काश्त वाले जिले-फिरोजपुर, फाजिल्का, होशियारपुर, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा, फरीदकोट।

लगाने का समय-फरवरी-मार्च तथा सितम्बर-अक्तूबर।
इसमें विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित फलों के गुणकारी गुणों का विवरण दो :
अमरूद, किन्न, आम, नाशपाती ।
उत्तर-
अमरूद-इसमें विटामिन सी संतरे से भी 2-5 गुणा तथा टमाटर से 10 गुणा अधिक होता है। इसके गुद्दे में ऐंटीऑक्सीडेंट्स के अंश होते हैं जो ऊपरी खून के दबाव को ठीक रखते हैं।

किन्नू- इनमें विटामिन सी बहुत होता है। यह शरीर के रोगों के साथ लड़ने की शक्ति में वृद्धि करता है।
आम-आम में विटामिन ए सबसे अधिक होता है। यह आँखों के लिए लाभदायक है। इसमें अन्य विटामिन भी होते हैं।
नाशपाती-इसमें प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, कैल्शियम, फॉस्फोरस तथा लोहा होता है। यह तत्त्व हड्डियां तथा खून बनाने में सहायक है।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित फलों का काश्त पर नोट लिखो
बेर, लीची, आडू, अमरूद, आम, नाशपाती।
उत्तर-
किन्नू की काश्त-किन्नू, नींबू जाति का फल है। इसकी काश्त नींबू जाति के अन्य फलों में पहले स्थान पर है। इसकी काश्त होशियारपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का, मुक्तसर आदि जिलों में होती है। फरवरी-मार्च तथा सितम्बर-अक्तूबर में पौधे लगाए जाते हैं।

बेर की काश्त-बेर की काश्त संगरूर, पटियाला, मानसा, बठिण्डा, फाजिल्का, फिरोजपुर में होती है। उमरान, विलायती, सनौर-2 इसकी उन्नत किस्में हैं। इसे फरवरीमार्च तथा अगस्त-सितम्बर में लगाया जाता है।

लीची की काश्त-लीची की काश्त गुरदासपुर, होशियारपुर, साहिबजादा अजीत सिंह नगर, रूपनगर आदि में होती है। इनको सितम्बर में लगाया जाता है। इसकी किस्में हैं–कलकत्तिया, देहरादून, सीडलैस लेट।

आडू की काश्त-यह ठण्डे क्षेत्र का फल है। इसकी काश्त जालन्धर, पटियाला, होशियारपुर, शहीद भगत सिंह नगर, तरनतारन में होती है। इसके एक वर्ष के पौधे मध्य जनवरी तक नई फोट शुरू होने से पहले बाग़ में लगाए जाते हैं। इसकी किस्में हैं-शाने पंजाब, प्रभात, प्रताप, शरबती तथा पंजाब नैकट्रेन।

अमरूद की काश्त-पंजाब में नींबू जाति के बाद अमरूद की काश्त दूसरे स्थान पर है। इसकी पैदावार पर खर्च कम आता है। इसकी काश्त पंजाब के लगभग सारे क्षेत्रों में होती है। फरवरी-मार्च तथा अगस्त-सितम्बर में इसके पौधे लगाए जाते हैं। पंजाब पिंक, सरदार, इलाहाबाद सफैदा इसकी किस्में हैं।

आम की काश्त-आम को फलों का राजा कहा जाता है। इसका पंजाब में तीसरा स्थान है। इसकी काश्त होशियारपुर, रोपड़, शहीद भगत सिंह नगर, गुरदासपुर, फतेहगढ़ साहिब तथा केन्द्रीय प्रदेश चण्डीगढ़ में होती है। फरवरी-मार्च तथा अगस्त-सितम्बर में इस के पौधे लगाए जाते हैं। अल्फांसो, दुशहरी, लंगड़ा इसकी किस्में हैं।

नाशपाती की काश्त-नाशपाती की काश्त अमृतसर, गुरदासपुर तथा जालन्धर में की जाती है। इसकी किस्में हैं-पत्थरनाख, बग्गूगोशा, पंजाब ब्यूटी, पंजाब सोफ्ट आदि। इसके पौधे सर्दियों में मध्य फरवरी तक नई फोट शुरू होने से पहले लगाए जाते हैं।

प्रश्न 5.
पंजाब में फलों वाले पौधे लगाने के समय का विवरण दो तथा उनकी किस्मों के नाम भी लिखो।
उत्तर-
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Agriculture Guide for Class 6 PSEB पंजाब के मुख्य फल Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब में नींबू जाति के फलों के अधीन क्षेत्रफल बताएं
उत्तर-
50 हज़ार हैक्टेयर।

प्रश्न 2.
अमरूद में विटामिन सी संतरे से कितने गुणा अधिक है ?
उत्तर-
2-5 गुणा।

प्रश्न 3.
आम की काश्त का पंजाब में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर-
तीसरा।

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प्रश्न 4.
आम में कौन-सा विटामिन अधिक मात्रा में होता है ?
उत्तर-
विटामिन ए।

प्रश्न 5.
संतुलित आहार में स्वस्थ मनुष्य को प्रतिदिन कितने फल खाने चाहिएं ?
उत्तर-
100 ग्राम।

प्रश्न 6.
गलगल किस जाति का फल है ?
उत्तर-
नींबू जाति का।

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प्रश्न 7.
केले में कौन-सा आहारीय तत्त्व अधिक है?
उत्तर-
पोटाशियम।

प्रश्न 8.
काजू, बादाम, अखरोट में कौन-सा आहारीय तत्त्व अधिक है ?
उत्तर-
प्रोटीन।

प्रश्न 9.
अमरूद की बरसाती फसल पर किसका हमला होता है ?
उत्तर-
फल की मक्खी।

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प्रश्न 10.
पके आम से क्या बनाया जाता है ?
उत्तर-
जूस, मुरब्बा, शर्बत।

प्रश्न 11.
पंजाब सोफ्ट किसकी किस्म है ?
उत्तर-
नाशपाती की।

प्रश्न 12.
सीडलैस लेट किसकी किस्म है ?
उत्तर-
लीची की।

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प्रश्न 13.
आडू किस क्षेत्र का फल है ?
उत्तर-
ठण्डे इलाके का।

प्रश्न 14.
पंजाब नैकदेन किसकी किस्म है ?
उत्तर-
आडू की।

प्रश्न 15.
फलदार पौधे लगाने के लिए कितना गहरा गड्ढा खोदा जाता है ?
उत्तर-
एक मीटर गहरा तथा एक मीटर घेरे वाला।

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प्रश्न 16.
पंजाब में अमरूद की काश्त का क्या स्थान है ?
उत्तर-
दूसरा।

प्रश्न 17.
अमरूद की उन्नत किस्मों के नाम लिखें।
उत्तर-
पंजाब पिंक, सरदार तथा इलाहाबाद सफैदा।

प्रश्न 18.
अमरूद में कौन से तत्त्व मिलते हैं ? जो ऊपरी खून के दबाव को ठीक रखते हैं ?
उत्तर-
एंटीऑक्सीडेंट्स के अंश।

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प्रश्न 19.
आम के पौधे लगाने का समय बताएं।
उत्तर-
फरवरी-मार्च तथा अगस्त-सितम्बर।

प्रश्न 20.
बेर की उन्नत किस्में बताएं।
उत्तर-
उमरान, विलायती, सनौर-2.

प्रश्न 21.
बेर के पौधे लगाने का समय बताओ।
उत्तर-
फरवरी-मार्च या अगस्त-सितम्बर।।

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छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब में कम लगाए जाने वाले फल कौन-से हैं ?
उत्तर-
नींबू, गलगल, अंगूर, अलूचा, लोकाठ, अनार, पपीता, चीकू, फालसा आदि कम लगाए जाने वाले फल हैं।

प्रश्न 2.
अमरूद की काश्त पंजाब के लगभग सभी क्षेत्रों में की जाती है। क्यों ?
उत्तर-
दूसरे फलों की तुलना में इसकी पैदावार पर कम खर्च आता है।

प्रश्न 3.
आम को कब खाया जाता है ?
उत्तर-
आम को उसके बढ़ते हुए सभी सोपानों पर खाया जाता है। कच्चे आम का अचार, चटनी आदि बना कर तथा पके फल का शर्बत तथा सीधा भी खाया जा सकता है।

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प्रश्न 4.
बेर का स्वास्थ्य के पक्ष से लाभ बताएं।
उत्तर-
यह खून को साफ करता है तथा भोजन की पाचन शक्ति बढ़ाता है।

प्रश्न 5.
फलदार पौधे बोने की क्रिया के बारे में बताएं।
उत्तर-
फलदार पौधे लगाने के लिए एक मीटर गहरा तथा एक मीटर चौड़े घेरे वाला गड्ढा खोदा जाता है। इसकी ऊपर वाली मिट्टी में गली-सड़ी रूड़ी मिला कर भूमि को थोड़ा सा ऊँचा रख कर भरा जाता है तथा पानी लगा दिया जाता है।

बड़े उत्तर वाला प्रश्न

प्रश्न-
आम, नाशपाती, बेर, लीची की किस्मों तथा काश्त वाले जिले बताओ।
उत्तर-
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पंजाब के मुख्य फल PSEB 6th Class Agriculture Notes

  • फल खाने में स्वादिष्ट होते हैं और शरीर को तंदरुस्त रखते हैं।
  • फलों में विटामिन, खनिज पदार्थ, एंटीआक्सीडेंट्स होते हैं।
  • तंदरुस्त व्यक्ति को रोज़ाना 100 ग्राम फलों का सेवन करना चाहिए।
  • पंजाब में मुख्य तौर पर किन्नू, अमरूद, आम, मालटा, नाशपाती, लीची, बेर और आडू मिलते हैं।
  • फलों की काश्त लगभग 75 हज़ार हैक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है।
  • नींबू जाति के फलों की काश्त सब से ज़्यादा क्षेत्रफल 50 हज़ार हैक्टेयर में की जाती है।
  • किन्नू की काश्त फिरोज़पुर, फाजिल्का, होशियारपुर, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा आदि में की जाती है।
  • किन्नू के पौधे फरवरी-मार्च और सितम्बर-अक्तूबर में लगाए जाते हैं।
  • पंजाब में अमरूद की काश्त दूसरे स्थान पर है और किन्नू की पहले स्थान पर है।
  • अमरूद में विटामिन सी ज़्यादा मात्रा में होता है जोकि संतरे से 2-5 गुणा और टमाटर से 10 गुणा ज्यादा है।
  • अमरूद के गुद्दे में एंटीआक्सीडेंट के अंश होते हैं जो ऊपर वाले खून के दबाव को ठीक करते हैं।
  • पंजाब पिंक, इलाहाबाद सफैदा और सरदार, अमरूद की किस्में हैं।
  • आम को फलों का बादशाह कहा जाता है।
  • आम में विटामिन ए अधिक मात्रा में होता है।
  • आम की उन्नत किस्में हैं-अलफांसे, दुशहिरी और लंगड़ा।
  • आम के पौधे फरवरी-मार्च और अगस्त-सितम्बर में लगाए जाते हैं।
  • आम की काश्त अर्ध-पहाड़ी क्षेत्रों जैसे-रोपड़, शहीद भगत सिंह नगर, फतेहगढ़ साहिब आदि क्षेत्रों में होती है।
  • नाशपाती में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, धातु आदि तत्व होते हैं।
  • नाशपाती की उन्नत किस्में हैं-पत्थरनाख, पंजाब ब्यूटी, बग्गुगोशा और पंजाब सॉफ्ट।
  • बेर एक प्राचीन फल है।
  • बेर में विटामिन सी, विटामिन ए, प्रोटीन, लोहा, कैल्शियम आदि मिलते हैं।
  • उमरान, विलायती और सनौर-2 बेर की उन्नत किस्में हैं।
  • लीची के फल में विटामिन सी, कैल्शियम, पोटाशियम तथा फास्फोरस मिलते हैं।
  • लीची औरतों की छाती के कैंसर के लिए लाभदायक है।
  • लीची की किस्में हैं-देहरादून, कलकत्तिया और सीडलैस लेट।
  • लीची के पौधे सितम्बर में लगाए जाते हैं।
  • आडू की काश्त तरनतारन, जालन्धर, पटियाला, शहीद भगत सिंह नगर और गुरदासपुर आदि में की जाती है।
  • आडू में प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी आदि मिलते हैं।
  • प्रताप, शान-ए-पंजाब, प्रभात, शरबती और पंजाब नैकट्रेन आडू की किस्में हैं।
  • फलदार पौधे लगाने के लिए एक मीटर गहरा और एक मीटर घेरे वाला गड्ढा खोदा जाता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

PSEB 6th Class Agriculture Guide कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र Textbook Questions and Answers

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के एक या दो शब्दों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
फसलों की गहाई के लिए कौन-सी मशीन का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
थ्रेशर का।

प्रश्न 2.
चारा काटने वाली मशीन को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
टोका।

प्रश्न 3.
भूमि को समतल और भुरभुरा किससे करते हैं ?
उत्तर-
सुहागे से।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

प्रश्न 4.
खेतों में मेढ़ें बनाने के लिए कौन-से औज़ार का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-
जंदरा।

प्रश्न 5.
गुडाई के लिए उपयोग किए जाने वाले किन्हीं दो यंत्रों के नाम बताओ।
उत्तर-
खुरपी, कसौला, पहिएदार यन्त्र।

प्रश्न 6.
फसलों पर कीड़ेमार दवाइयों का छिड़काव करने वाले यंत्रों का नाम बताओ।
उत्तर-
बाल्टी स्प्रेयर, रोकर स्प्रेयर, नैपसैक स्प्रेयर।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

प्रश्न 7.
बीज बोने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली मशीन का नाम बताओ।
उत्तर-
बीज तथा खाद ड्रिल।

प्रश्न 8.
कृषि कार्यों में प्रयुक्त की जाने वाली किन्हीं दो मशीनों के नाम बताओ।
उत्तर-
थ्रेशर, रीपर, ट्रैक्टर।

प्रश्न 9.
ट्रैक्टर कितनी शक्ति के होते हैं ?
उत्तर-
5 हार्स पावर से लेकर 90 हार्स पावर तक।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

प्रश्न 10.
लेज़र लैवलर का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर-
भूमि को समतल करना।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का एक या दो वाक्यों में उत्तर दीजिए :

प्रश्न 1.
डीज़ल इंजन का कृषि कार्यों में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
डीज़ल इंजन ट्रैक्टर से छोटी मशीन है तथा जब कम शक्ति की आवश्यकता हो तब इसका प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग करके ट्यूबवेल, चारा काटने वाली मशीन (टोका), दाने निकालने वाली मशीन आदि को चलाया जा सकता है। इसमें तेल तथा मुरम्मत का खर्चा ट्रैक्टर की तुलना में कम है।
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प्रश्न 2.
उल्टावाँ हल क्या होता है ? इसके क्या-क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
यह हल लोहे का बना होता है। इस हल से भूमि की नीचे वाली तह ऊपर आ जाती है तथा ऊपर वाली तह नीचे चली जाती है।

जब दो फसलों के काटने तथा बोने के बीच में अधिक समय लगता हो तो इस हल का प्रयोग बहुत लाभदायक होता है। इससे भूमि के ऊपर पड़ा घास-फूस ज़मीन के नीचे दब जाता है तथा गल-सड़ कर खाद का कार्य करता है। भूमि के नीचे की घास-फूस तथा जड़ें आदि ऊपर आ जाती हैं तथा भूमि के हानिकारक जीवाणु धूप से समाप्त हो जाते हैं।

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प्रश्न 3.
नदीनों की रोकथाम कैसे की जा सकती है ?
उत्तर-
नदीनों की रोकथाम के लिए गुडाई की जाती है। इसके लिए खुरपी, कसौला तथा त्रिफाली या ट्रैक्टर के पीछे टिल्लर का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
टोका किसे कहते हैं ? यह क्या काम आता है ?
उत्तर-
टोका एक चारा काटने वाली मशीन है। पशुओं का चारा काटने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। यह मशीन हाथों से, बिजली की मोटर से तथा डीज़ल इंजन से भी चलाई जा सकती है।

प्रश्न 5.
जुताई करने वाले यंत्रों का वर्णन करो।
उत्तर-
जुताई करने के लिए हल या टिल्लर का प्रयोग किया जाता है। बैलों से खींचने वाला हल लकड़ी का बना होता है। इसके आगे लोहे का फाला लगा होता है। इससे सियाड़ खुलता है तथा साथसाथ सियाड़ खुलने से सारी भूमि की जुताई हो जाती है।
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प्रश्न 6.
गुडाई करने वाले यंत्रों का वर्णन करो।
उत्तर-
गुडाई करने वाले यन्त्र हैं-खुरपी, कसौला, पहिएदार हो आदि।
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पहिएदार हो का प्रयोग खड़ी फसल में गुडाई करने के लिए किया जाता है। इसको एक आदमी हाथों से पीछे से धक्का लगा कर चलाता है। पहिए के पीछे 3-6 फाले लगे होते

प्रश्न 7.
टिल्लर किस काम आता है ?
उत्तर-
इसका प्रयोग खेत की जुताई के लिए किया जाता है। इससे भूमि में सियाड खुलता है तथा साथ-साथ सियाड़ निकाले जाते हैं। इससे सारे खेत की जताई हो जाती है।

प्रश्न 8.
डिस्क हैरो किस काम आता है ?
उत्तर-
डिस्क हैरो का प्रयोग कठोर भूमि में ढेलों को तोड़ने के लिए किया जाता है तथा मिट्टी को भुर–भुरा करने के लिए किया जाता है। ऐसी भूमि जिसमें PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र 4

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प्रश्न 9.
हैप्पीसीडर कैसे कार्य करता है ?
उत्तर-
इसका प्रयोग गेहूँ की बुवाई के लिए किया जाता है। जब धान की कटाई के बाद पराली खेत में ही होती है तथा इसको निकाले बिना ही गेहूँ की सीधी बवाई खेत में करने के लिए हैप्पीसीडर का प्रयोग होता है। इस मशीन में फलेल किस्म के ब्लेड लगे होते हैं जोकि ड्रिल के बुवाई करने वाले फाले के सामने आने वाली पराली को काटते हैं तथा पीछे की तरफ धकेलते हैं। मशीन के फालों में पराली नहीं फंसती तथा साफ की गई जगह पर बीज सही ढंग से बो दिए जाते है।
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प्रश्न 10.
थैशर कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर-
थ्रेशर कई तरह के होते हैं तथा गहाई के काम आते हैं। कंबाइन हारवैस्टर, यह स्व-चालित कंबाइन हारवैस्टर तथा ट्रैक्टर से चलने वाले कंबाइन हारवैटस्टर होते हैं।
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(ग) निम्नलिखित प्रश्नों का चार-पाँच वाक्यों में उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
कृषि मशीनों का आधुनिक युग में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
कृषि की पहली तथा प्राथमिक मांग ऊर्जा तथा शक्ति की है। प्राचीन समय में खेत से संबंधित कार्य जैसे–कटाई, गहाई, सफाई, भण्डारण, ढुलाई आदि में पशुओं जैसे—बैल, ऊंट तथा खच्चर आदि का प्रयोग किया जाता है परन्तु इस ढंग से कृषि के कार्य पूरे करने के लिए कितने ही दिन लग जाते थे। बढ़ती हुई जनसंख्या से कृषि उत्पादों की मांग भी बढ़ गई है तथा इसके लिए खेती से संबंधित कार्यों के लिए मशीनों का प्रयोग होने लगा है। आज के युग में खेती मशीनों का महत्त्व बहुत बढ़ गया है। इनके प्रयोग से उपज में वृद्धि हुई है। उपज की कटाई, गहाई, गुडाई आदि सारे कार्य शीघ्रता से हो जाते हैं।

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प्रश्न 2.
उल्टावाँ हल क्या है ? यह दूसरे हलों से कैसे भिन्न है ?
उत्तर-
यह हल मिट्टी को उलटने का कार्य करता है। मिट्टी की नीचे वाली तह ऊपर तथा ऊपरी तह नीचे चली जाती है। यह हल लोहे का बना होता है। यदि पिछली फसल काटने तथा दूसरी फसल बोने के बीच में कुछ समय बचता हो तो उल्टावें हल का प्रयोग बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। इसके प्रयोग से भूमि के ऊपर वाला घास
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फूस नीचे चला जाता है तथा गल-सड़ कर खाद का काम करता है। भूमि के नीचे वाली जड़ें एवं घास-फूस ऊपर आ जाता है तथा भूमि के अंदर हानिकारक जीवाणु धूप से समाप्त हो जाते हैं।

उल्टावाँ हल

  1. यह हल लोहे का बना होता है।
  2. इससे ऊपरी मिट्टी नीचे तथा नीचे वाली मिट्टी ऊपर आ जाती है।

हल या टिल्लर

  1. यह हल लकड़ी का बना होता है जिसके आगे लोहे का फाला लगा होता है
  2. इससे सियाड़ खुलता है।

प्रश्न 3.
पराली संभालने वाली मशीनों का वर्णन करो।
उत्तर-
बेलर पराली संभालने वाली मशीन है। इसकी सहायता से पराली इकट्ठी करके चौरस या गोल पूले बांध दिए जाते हैं। यह मशीन खेत में बिखरी पराली को इकट्ठा करके एक समान गांठें बना देती है। यह मशीन केवल काटी हुई पराली को ही इकट्ठा करती है।

हैप्पीसीडर-यह मशीन धान की कटाई के बाद पराली को खेत में से निकाले बगैर गेहूँ की सीधी बुवाई के लिए उपयोग की जाती है। ___ पराली चौपर-पराली को खेतों में ही जोतने के लिए इस मशीन का प्रयोग होता है। इसके प्रयोग से धान की पराली का कुतरा हो जाता है तथा खेतों में बिखेर दी जाती है। कुतरा किए खेत में पानी लगा कर रोटरी पडलर (रोटावेटर) की सहायता से पराली को खेत में मिला दिया जाता है।
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PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

प्रश्न 4.
जुताई के लिए मुख्य कौन-सी मशीनें उपयोग की जाती हैं ?
उत्तर-
जुताई के लिए प्रयोग होने वाली मशीनें हैं। हल या टिल्लर, कल्टीवेटर, डिस्क हैरो, उल्टालाँ हल, तवेदार हल, रोटावेटर आदि।
1. हल या टिल्लर-जुताई करने के लिए हल या टिल्लर का प्रयोग किया जाता है। बैलों से खींचने वाला हल लकड़ी का बना होता है। इसके आगे लोहे का फाला लगा होता है। इससे सियाड़ खुलता है तथा साथ-साथ सियाड़ खुलने से सारी भूमि की जुताई हो जाती

2. डिस्क हैरो-डिस्क हैरो का प्रयोग कठोर भूमि में ढेलों को तोड़ने के लिए किया जाता है तथा मिट्टी को भुरभुरा करने के लिए किया जाता है। ऐसी भूमि जिसमें अधिक घास-फूस हो या पिछली फसल के अवशेष या जड़ें अधिक हों उस खेत की पहली जुताई के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

3. रोटावेटर-इसका प्रयोग पहली तथा दूसरी जुताई दोनों के लिए होता है। यह मिट्टी को भुर-भुरा बनाकर बुवाई के लिए तैयार करने के काम आता है।

4. तवेदार हल-यह मिट्टी को काटने तथा भुर-भुरा बनाने के काम आता है। कठोर तथा पथरीली ज़मीन में तथा पिछली फसल को काटने के बाद इसका प्रयोग लाभदायक होता है।

प्रश्न 5.
कम्बाइन हारवैस्टर मशीन के मुख्य कार्यों का वर्णन करो।
उत्तर-

  1. इसका प्रयोग फसल की कटाई के लिए होता है।
  2. फसल की गहाई के लिए होता है।
  3. फसल की सफ़ाई के लिए होता है।
  4. फसल को इकट्ठा करना संभव है।
  5. इससे समय की बचत होती है।
  6. दाने जल्दी से निकल जाते हैं तथा आग, वर्षा, तूफान से हानि का डर नहीं रहता।

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Agriculture Guide for Class 6 PSEB कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कृषि की पहली माँग क्या है ?
उत्तर-
ऊर्जा तथा शक्ति।

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प्रश्न 2.
ट्रैक्टर की कितनी शक्ति होती है ?
उत्तर-
5 हार्स पावर से 90 हार्स पावर तक।

प्रश्न 3.
पंजाब में कितने ट्रैक्टर हैं ?
उत्तर-
4.76 लाख

प्रश्न 4.
भूमि की जुताई के लिए कोई यन्त्र बताओ।
उत्तर-
हल या टिल्लर।

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प्रश्न 5.
कठोर भूमि में ढेलों को तोड़ने के लिए किसका प्रयोग होता है ?
उत्तर-
डिस्क हैरो (तवियां)।

प्रश्न 6.
उल्टावाँ हल किससे बना होता है ?
उत्तर-
लोहे का।

प्रश्न 7.
बैलों से कितने उल्टावें हल खींचे जा सकते हैं ?
उत्तर-
एक हल।

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प्रश्न 8.
ट्रैक्टर से कितने उल्टावें हल चलाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
4 से 6 हल।

प्रश्न 9.
सुहागा कितना चौड़ा और मोटा होता है ?
उत्तर-
8 इंच चौड़ा तथा 3 इंच मोटा।

प्रश्न 10.
ट्रैक्टर से चलने वाले सुहागे की लम्बाई कितने फुट होती है ?
उत्तर-
10 फुट।

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प्रश्न 11.
बैलों से चलने वाले सुहागे की लम्बाई कितनी होती है ?
उत्तर-
6 फुट।

प्रश्न 12.
खेत में मेढ़ें बनाने के लिए कौन-सा यन्त्र है ?
उत्तर-
जंदरा ।

प्रश्न 13.
तवेदार हल में तवियों की संख्या कितनी होती है ?
उत्तर-
1 से 6.

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प्रश्न 14.
दूसरी जुताई के लिए किस यन्त्र का प्रयोग होता है ?
उत्तर-
कल्टीवेटर का।

प्रश्न 15.
रोटावेटर मिट्टी को किस तरह का बनाता है ?
उत्तर-
भुर-भुरा।

प्रश्न 16.
लेज़र लैवलर किस काम आता है ?
उत्तर-
भूमि को समतल करने के।

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प्रश्न 17.
धान की बुवाई किस मशीन से होती है ?
उत्तर-
ट्रांसप्लांटर से।

प्रश्न 18.
गन्ने की बुवाई के लिए मशीन का नाम बताओ।
उत्तर-
शुगरकेन प्लांटर।

प्रश्न 19.
ज़ीरो टिल ड्रिल मशीन से एक घण्टे में कितनी बुवाई की जा सकती
उत्तर-
एक एकड़।

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प्रश्न 20.
क्या रोटो टिल ड्रिल के प्रयोग से पहली जुताई की आवश्यकता है ?
उत्तर-
नहीं।

प्रश्न 21.
गुडाई करने के लिए प्रयोग होने वाले यन्त्र कौन-से हैं ?
उत्तर-
खुरपी, कसौला।

प्रश्न 22.
कतारों (पंक्तियों) में बोई फसलों की गुडाई किस यन्त्र से की जाती है?
उत्तर-
त्रिफाली।

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प्रश्न 23.
खड़ी फसल में गुडाई करने वाला यन्त्र कौन-सा है ?
उत्तर-
पहिएदार हो।

प्रश्न 24.
पहिएदार हो के पीछे कितने फाले लगे होते हैं ?
उत्तर-
3-6 फाले।

प्रश्न 25.
इंजन से चलने वाला स्प्रेयर कौन-सा है ?
उत्तर-
हैरो ब्लास्ट स्प्रेयर।

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प्रश्न 26.
रीपर का प्रयोग किस काम के लिए होता है ?
उत्तर-
कटाई के लिए।

प्रश्न 27.
थैशर का मुख्य काम क्या है ?
उत्तर-
फसलों से दाने निकालना।

प्रश्न 28.
पराली को खेत में इकट्ठा करने के लिए कौन-सी मशीन का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर-
बेलर का।

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प्रश्न 29.
हैप्पीसीडर कितने हार्स पावर वाले ट्रैक्टर से चलता है ?
उत्तर-
45-50 हार्स पावर वाले ट्रैक्टर से।

प्रश्न 30.
पराली को खेतों में जोतने के लिए कौन-सी मशीन का प्रयोग होता
उत्तर-
पराली चौपर।

प्रश्न 31.
भूमि की गुडाई क्यों की जाती है ?
उत्तर-
गुडाई करने से पालतू जड़ी-बूटियां नष्ट हो जाती हैं।

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प्रश्न 32.
मिट्टी पलट हल से समय, धन तथा मेहनत की बचत कैसे हो जाती है ?
उत्तर-
यह हल भूमि को केवल काटता ही नहीं है बल्कि मिट्टी को पलट भी देता है। इस तरह समय, धन तथा मेहनत की बचत हो जाती है।

प्रश्न 33.
हैरो का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
यह नदीनों को उखाड़ कर इकट्ठा कर देता है तथा मिट्टी के ढेलों को तोड़कर भुर-भुरा बना देता है।

प्रश्न 34.
देसी हल किस तरह के सियाड़ बनाता है ?
उत्तर-
यह अंग्रेजी के अक्षर ‘V’ आकार के सियाड़ बनाता है।

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प्रश्न 35.
पिछली दातरी किस काम आती है ?
उत्तर-
यह गन्ने की छिलाई के काम आती है।

प्रश्न 36.
सुहागा तथा कराहा में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
सुहागा, हल चलाने के बाद भूमि को समतल करने के लिए प्रयोग होता है। जबकि कराहा ऊंची-नीची भूमि को समतल करने के काम आता है।

प्रश्न 37.
भारत में कितनी प्रकार के हल प्रचलित हैं ?
उत्तर-
40 प्रकार के।

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प्रश्न 38.
पंजाब में कौन-से हल प्रयोग में आते हैं ?
उत्तर-
दो प्रकार के मुन्ना हल तथा मिट्टी पलट हल।

प्रश्न 39.
डीज़ल इंजन से कौन-सी मशीनें चलाई जाती हैं ?
उत्तर-
इससे ट्यूबवेल, चारा काटने के लिए मशीन तथा दाने निकालने वाली मशीनें चलाई जाती हैं।

प्रश्न 40.
ट्रैक्टर से चलने वाले सुहागे की लम्बाई कितनी है ?
उत्तर-
इसकी लम्बाई 10 फुट है।

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प्रश्न 41.
बैलों से चलने वाले सुहागे की लम्बाई कितनी होती है ?
उत्तर-
6 फुट।

प्रश्न 42.
डीज़ल इंजन के प्रयोग को प्राथमिकता कब देनी चाहिए ?
उत्तर-
जब कम शक्ति की आवश्यकता हो तब ट्रैक्टर के स्थान पर डीज़ल इंजन के प्रयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए।

प्रश्न 43.
डिस्क हैरो को देहाती भाषा में क्या कहते हैं ?
उत्तर-
तवियां।

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प्रश्न 44.
पराली को संभालने के लिए कौन सी तकनीक का प्रयोग किया जाता
उत्तर-
बेलर मशीन से गोल पूले बांध दिए जाते हैं।
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छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
डीज़ल इंजन के बारे में संक्षेप जानकारी दें।
उत्तर-
यह ट्रैक्टर से छोटी मशीन है। इसको चलाने के लिए तेल तथा इसकी मुरम्मत के लिए खर्चा ट्रैक्टर से कम है। यदि कम शक्ति की आवश्यकता हो तो इस मशीन का प्रयोग किया जाता है। इससे टयूबवेल, चारा काटने वाला टोका, गहाई वाली मशीन चलाई जा सकती हैं।

प्रश्न 2.
सुहागा के बारे में बताएं।
उत्तर-
यह भूमि को समतल करने वाला यन्त्र है तथा मिट्टी को भुर-भरा बनाता है। यह 3 इंच मोटे तथा 8 इंच चौड़े 2-3 फट्टों को जोड़ कर बनता है। ट्रैक्टर से चलने वाले सुहागे की लम्बाई 10 फुट होती है तथा बैलों से चलने वाले सुहागे की लम्बाई 6 फुट होती

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प्रश्न 3.
तवेदार हल के बारे में संक्षेप जानकारी दें।
उत्तर-
इस हल का मुख्य उद्देश्य मिट्टी को काटना तथा भुर-भुरा बना कर पलट देना है। इस हल में मोल्ड बोर्ड नहीं बल्कि तवे लगे होते हैं। इसको पशुओं तथा ट्रैक्टर की सहायता से चलाया जाता है। इस में 6 तक तने लगे होते हैं।
कठोर, पथरीली भूमि तथा पिछली फसल के काटने के बाद इस हल का प्रयोग अधिक लाभदायक है।

प्रश्न 4.
लेज़र लेवलर के प्रयोग के बारे में बताओ।
उत्तर-
यह भूमि को समतल करने का आधुनिक ढंग है। इसमें लेज़र किरणों का प्रयोग होता है जिससे मिट्टी खुरचने वाले ब्लेडों को ऊपर नीचे करना आसान है। लेज़र लेवलर में एक तीन टांगों वाला स्टैंड तथा लेज़र ट्रांसमीटर लगा होता है। इससे भूमि के ऊंचा-नीचा होने की सूचना मिलती है तथा ट्रैक्टर ऊंची जगह से मिट्टी खोद कर नीची जगह पर डाल देता है इस तरह भूमि समतल हो जाती है।
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प्रश्न 5.
ज़ीरो टिल ड्रिल के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
धान की कटाई करने के बाद भूमि में नमी बच जाती है। ऐसी हालत में खेत की जुताई किए बगैर गेहूँ की बुवाई की जाती है। इससे एक घण्टे में एक एकड़ की बुवाई हो जाती है। धान की पराली को जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
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प्रश्न 6.
फसल सुरक्षा संबंधी छिड़काव यन्त्रों के बारे में बताएं।
उत्तर-
हाथों से चलने वाले स्प्रेयर, पैरों से चलने वाले स्प्रेयर, बाल्टी स्प्रेयर, रोकर स्प्रेयर, नैपसैक स्प्रेयर, इंजन से चलने वाला हैरो ब्लास्ट स्प्रेयर।
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प्रश्न 7.
हम फसलों पर दवाइयों का छिड़काव क्यों करते हैं ?
उत्तर-
खड़ी फसल में कीड़े-मकौड़े या नदीनों की रोकथाम करने के लिए फसलों पर दवाइयों का छिड़काव किया जाता है।

प्रश्न 8.
नदीनों की रोकथाम कैसे की जाती है ?
उत्तर-
नदीनों की रोकथाम के लिए गुडाई करनी चाहिए तथा नदीन उखाड़ कर जला देने चाहिएं तथा नदीनाशक दवाइयों का प्रयोग भी किया जा सकता है।

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प्रश्न 9.
हाथ की बजाय ड्रिल से बीज बोना क्यों लाभदायक हैं ?
उत्तर-
इससे बीज तथा खाद खेत में एक समान पड़ते हैं तथा आवश्यकता अनुसार बीज तथा खाद की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। इसकी तुलना में हाथों से बोने पर बीज कम या ज्यादा हो जाता है तथा बीज को एक समान बोने के बहुत ज्यादा महारत की आवश्यकता है।

प्रश्न 10.
टोका किस को कहते हैं ? यह किस काम आता है ? यह कैसे चलता
उत्तर-
गांवों में हर घर में पशु होते हैं तथा इनको चारा काट कर डालने के लिए टोका मशीन का प्रयोग किया जाता है। यह मशीन हाथों से, बिजली की मोटर से तथा डीज़ल इंजन द्वारा चलाई जा सकती है।
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बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खेती मशीनों का आधुनिक युग में क्या महत्त्व है ?
उत्तर-

  1. फसल की बुवाई जल्दी तथा सस्ती हो जाती है।
  2. पौधों तथा पौधों में कतारों का फासला बिल्कुल ठीक तरह रहता है।
  3. कतारों में बोने के कारण फसल की गुडाई आसानी से हो जाती है।
  4. बीज तथा खाद निश्चित गहराई तथा योग्य फासले पर लगते हैं।
  5. ड्रिल से बोई हुई फसल से 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक अधिक उत्पाद प्राप्त हो जाता है।

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प्रश्न 2.
कृषि कार्यों के लिए प्रयोग होने वाली मशीनों के नाम बताएं तथा ट्रैक्टर के बारे में विवरण दें।
उत्तर-
कृषि कार्यों में प्रयोग होने वाली मशीनें हैं-ट्रैक्टर, डीज़ल इंजन, बिजली से चलने वाली मोटर, चारा काटने वाली मशीन, बीज तथा खाद ड्रिल आदि।

ट्रैक्टर-सबसे अधिक कृषि कार्यों में काम आने वाली मशीन ट्रैक्टर है। इसकी शक्ति 5 हार्स पावर से लेकर 90 हार्स पावर तक हो सकती है। इससे बहुत सारे कार्य लिए जा सकते हैं।
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इस से भूमि की जुताई करना, कृषि में प्रयोग संबंधी ढुलाई, भूमि से पानी निकालने के लिए ट्यूबवेल को चलाना आदि शामिल हैं। बेशक ट्यूबवेल को चलाने के लिए डीजल इंजन या बिजली की मोटर बहुत सस्ती पड़ती है, फिर भी जहां कहीं यह साधन उपलब्ध नहीं है, वहां किसान पानी निकालने के लिए ट्रैक्टर द्वारा ही ट्यूबवेल चला लेते हैं। फसलों की गहाई तथा कंबाइनों को चलाने के लिए भी ट्रैक्टर का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 3.
सुहागा तथा जंदरा के बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर-
1. सुहागा-हल चलाने के बाद भूमि को समतल करने के लिए तथा केरे द्वारा की गई बुवाई के बाद बीज ढकने के लिए जिस मशीन का प्रयोग होता है उसे सुहागा कहते हैं। यह लकड़ी का बना फट्टा होता है। इस की लम्बाई 275 सें.मी. (लगभग 10 फुट), चौड़ाई 30 सें.मी. (1 फुट) तथा मोटाई 15 सैं.मी. (आधा फुट)
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होती है। इसकी लम्बाई, चौड़ाई, मोटाई कम या अधिक हो सकती है। सुहागे के माथे की लम्बाई वाली तरफ 7-8 सैं.मी. चौड़ी लोहे की पत्ती लगी होती है, जो लकड़ी को घिसने से बचाती है तथा इस फट्टे के दोनों तरफ लकड़ी की मोटी कीलें लगी होती हैं। इन कीलों को कान कहते हैं। सुहागे को पंजाली से बांधने वाला रस्सा इन कीलों के साथ ही बांधा जाता है। इसको बैलों की जोड़ियों द्वारा खींचा जाता है। सुहागा भूमि को समतल करता है वहीं भूमि के ढेलों को भी तोड़ता है। 10 फुट लम्बा सुहागा ट्रैक्टर से तथा 6 फुट लम्बा सुहागा बैलों से चलाया जाता है।

2. जंदरा-यह खेतों में मेढ़ें डालने के काम आता है। आधुनिक कृषि के लिए जंदरा किसान के लिए एक सहायक यन्त्र है। इसके दस्ते की लम्बाई 175 सें.मी. होती है। दस्ते के नीचे एक लकड़ी की फट्टी लगी होती है। लकड़ी की फट्टी के नीचे 5-6 सें.मी. चौड़ी लोहे की पत्ती होती है। लकड़ी की फट्टी के दोनों सिरों पर एक-एक कुण्डा लगा होता है।

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इन कुण्डियों में से रस्सा गुज़र कर एक कील से बांध लिया जाता है। एक व्यक्ति कील पकड़ कर जंदरा खींचता है तथा दूसरा व्यक्ति दस्ते को पकड़ कर रखता है।

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प्रश्न 4.
खेत में हल क्यों चलाया जाता है ? विस्तार से लिखें।
उत्तर-
अच्छी फसल की प्राप्ति करने के लिए पहले अच्छी तैयारी करनी पड़ती है। अच्छी तथा अधिक फसल की प्राप्ति के लिए किसान बुवाई से पहले खेत को बुवाई के योग्य बनाता है। वह खेतों में नमी की मात्रा (वतर)देख कर हल चलाता है। शुरू में मिट्टी पलट हल या उल्टावां हल चलाया जाता है। खेतों में पिछली फसलों की जड़ें मिट्टी पलटने के कारण भूमि के ऊपर आ जाती हैं। जड़ों के साथ ही उनमें छिपे हुए हानिकारक कीड़े भी बाहर आ जाते हैं। ये कीड़े धूप के कारण मर जाते हैं। भूमि में हल चलाने के कारण भृमि में पनप रहे फालतू पौधे भी नष्ट हो जाते हैं। हल जोतने से मिट्टी के कण खुल जाते हैं तथा इस तरह भूमि में से हवा की आवागमन आसानी से हो जाती है तथा पानी सोखने की शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए यह लोकोक्ति ‘जिनीआं सिआं लवेंगा, उना बोहल उठाएंगा” प्रसिद्ध है।

प्रश्न 5.
मिट्टी पलट हल को कौन-कौन से विशेष कार्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है ?
उत्तर-
मिट्टी पलट हल को नीचे लिखे विशेष कार्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है-

  1. खेत को पहली बार जोतने के समय इसके प्रयोग से मिट्टी उलटाई जाती है।
  2. हरी खाद बनाने के लिए खेत में खड़ी फसल को इसके द्वारा जोत कर भूमि में दबाया जाता है।
  3. इससे खेत में मेहें बनाने का काम भी लिया जाता है।
  4. इससे खेतों में खालियां बनाई जाती हैं।
  5. इससे खाद तथा रूड़ी मिलाने का काम भी लिया जाता है।

प्रश्न 6.
बीज तथा खाद ड्रिल के बारे में क्या जानते हो ?
उत्तर-
यह एक ऐसी मशीन है जिससे खाद तथा बीज खेत में डाले जाते हैं। हाथों से पोरा करने पर कई स्थानों पर बीज अधिक तथा कई स्थानों पर कम हो जाते हैं परन्तु __ इस मशीन के प्रयोग से बीज तथा खाद की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। यह मशीन ट्रैक्टर तथा बैलों द्वारा चलने वाली दोनों तरह की हो सकती है।
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PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 6 कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र

प्रश्न 7.
मशीनों द्वारा बुवाई तथा आधुनिक मशीनों के बारे में विस्तार में जानकारी दें।
उत्तर-
खेती की मुख्य मांग समय, शक्ति तथा ऊर्जा है। जब सारे कार्य हाथों से करने पड़ते थे तब कई-कई दिनों तक काम समाप्त नहीं होता था अब आधुनिक युग में मनुष्य ने कई प्रकार की मशीनों की खोज कर ली है तथा काम बहुत जल्दी समाप्त हो जाते हैं। बहुत ही बड़े-बड़े क्षेत्रफल को मशीनों की सहायता से दिनों में ही तैयार कर लिया जाता है तथा बुवाई भी कर ली जाती है।

बीज खाद ड्रिल की सहायता से गेहूं, सरसों, बाजरा, मूंगी, ज्वार, गवार, चने आदि की बुवाई की जाती है।
ट्रांसप्लांटर की सहायता से धान की बुवाई की जाती है। जीरो टिल ड्रिल तथा बैड प्लांटर की सहायता से गेहूं की बुवाई की जाती है।

वैजीटेबल प्लांटर की सहायता से सब्जियों की बुवाई की जाती है। काटन प्लांटर की सहायता से कपास नरमे की बुवाई की जाती है।
शुगरकेन प्लांटर से गन्ने की बुवाई होती है। रोटो टिल ड्रिल बुवाई से पहले साथ-साथ जुताई भी करता है।

कृषि के लिए मशीनरी तथा यन्त्र PSEB 6th Class Agriculture Notes

  • कृषि की पहली आवश्यकता ऊर्जा तथा शक्ति की है।
  • संसार में सबसे अधिक पशुओं की संख्या भारत में है।
  • कृषि कार्यों के लिए बैल, ऊंट तथा खच्चरों का प्रयोग किया जाता है।
  • ट्रैक्टर 5 हार्स पावर से लेकर 90 हार्स पावर तक शक्ति प्रदान कर सकते हैं।
  • पंजाब में लगभग 4.76 लाख ट्रैक्टर हैं।
  • डीज़ल इंजन ट्रैक्टर से छोटी मशीन है।
  • पंजाब में 1.5 लाख ट्यूबवेल बिजली से चलते हैं। 8. हल से भूमि की जुताई की जाती है।
  • हैरों का प्रयोग पिछली फसल के अवशेष निकालने तथा प्रथम जुताई के लिए की जाती है।
  • उल्टावां हल से भूमि की नीचे वाली सतह ऊपर आ जाती है।
  • सुहागा ज़मीन को समतल तथा भुर-भुरा बनाने के काम आता है।
  • खेत में मेंढ़ बनाने के लिए जंदरा नामक यंत्र प्रयोग किया जाता है।
  • तवेदार हल का काम मिट्टी को काटना तथा भुर-भुरा बनाना तथा पलटना है।
  • रोटावेटर भी मिट्टी को भुर-भुरा बना कर बुवाई के लिए तैयार करता है।
  • लेजर लैवलर, भूमि को समतल करने की बहुत नई तकनीक है। इसमें लेज़र किरणों का प्रयोग होता है।
  • कुछ फसलों की बुवाई छट्टा या बीज तथा खाद ड्रिल के प्रयोग से की जाती है।
  • जीरो टिल ड्रिल तथा बैड प्लांटर का प्रयोग करके गेहूँ की बुवाई की जाती है।
  • खड़ी फसल में खरपतवार की रोकथाम के लिए गुडाई की जाती है।
  • कतारों में बोई जाने वाली फसलों की गुडाई तरीफली या पहिएदार हो या ट्रैक्टर के द्वारा चलने वाला गुडाई यन्त्र से की जाती है।
  • छिड़काव यन्त्र हैं-हाथों से चलने वाला स्प्रेयर, पैरों से चलने वाला स्प्रेयर, रोकर स्प्रेयर, बाल्टी स्प्रेयर तथा नैपसैक स्प्रेयर।
  • रीपर का प्रयोग फसलों की कटाई के लिए किया जाता है।
  • फसलों के दाने निकालने के लिए (गहाई) थ्रेशरों का उपयोग किया जाता है।
  • फसल की कटाई के लिए सारे कार्य इकट्ठे करने के लिए कंबाइन हारवैस्टर का प्रयोग किया जाता है ; जैसे-कटाई, गहाई, सफाई तथा उसको इकट्ठा करना।
  • धान की कटाई के बाद प्रायः किसान खड़ी पराली को आग लगा देते हैं जिससे कृषि के लिए अच्छे पोषक तत्त्व भी जल जाते हैं तथा वातावरण का प्रदूषण भी होता है।
  • धान की कटाई के बाद पराली को खेत में से निकाले बगैर गेहँ की सीधी बवाई करने के लिए हैप्पी सीडर का प्रयोग किया जा सकता है।
  • पराली को खेतों में ही जोतने के लिए पराली चोपर का प्रयोग किया जाता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 1 मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ

Punjab State Board PSEB 6th Class Home Science Book Solutions Chapter 1 मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Home Science Chapter 1 मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ

PSEB 6th Class Home Science Guide मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताओं के नाम लिखो।
उत्तर-
मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकता हवा, पानी, भोजन, घर और कपड़ा है।

प्रश्न 2.
पका हुआ भोजन कैसा होता है ?
उत्तर-
पका हुआ भोजन स्वादिष्ट, सुगन्धित तथा शीघ्र पाचनशील होता है।

प्रश्न 3.
हम स्वस्थ कैसे रह सकते हैं ?
उत्तर-
हम नियमित रूप से संतुलित भोजन खाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 1 मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ

प्रश्न 4.
घर हमें शारीरिक सुरक्षा कैसे प्रदान करता है?
उत्तर-
घर हमें गर्मी, सर्दी, जंगली जानवरों, प्राकृतिक आपदाओं से बचाता है।

लघूत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन को जीवित जीव की प्राथमिक आवश्यकता क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
भोजन को जीवित जीव की प्राथमिक आवश्यकता इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह आवश्यकता जन्म से लेकर मृत्यु तक हमारे साथ जुड़ी रहती है।

प्रश्न 2.
पुराने तथा आज के मनुष्य के खाने में क्या अन्तर है ?
उत्तर-
प्राचीन मानव कंद-मूल और फल-फूल खाकर अपने पेट की भूख को शान्त करता था। तब उसके लिए यही वस्तुएँ भोजन थीं। आज का मनुष्य भूख मिटाने के लिए कंद-मूल या कच्चा भोजन नहीं खाता, बल्कि उसे कई ढंगों से पकाकर. स्वादिष्ट तथा आकर्षक बनाकर खाता है।

PSEB 6th Class Home Science Solutions Chapter 1 मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ

प्रश्न 3.
हम घर क्यों बनाते हैं ?
उत्तर-
घर एक ऐसा स्थान है जहाँ हमें आराम मिलता है, जहाँ हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाते हैं और जहाँ हमें शारीरिक व भौतिक सुरक्षा मिलती है।

प्रश्न 4.
क्या पशु-पक्षियों को भी घर की आवश्यकता है ?
उत्तर-
हाँ, हमारे समान ही पशु-पक्षियों को घर की आवश्यकता होती है। पशु-पक्षी भी भोजन की तलाश में बाहर जाते हैं और शाम होते ही घर वापिस आ जाते हैं। जैसेखरगोश बिल बनाकर रहते हैं, पक्षी घोंसले बनाकर रहते हैं।

प्रश्न 5.
प्राचीन समय के घरों के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर-
प्राचीन मनुष्य गुफाओं में रहता था। धीरे-धीरे वह लकड़ी और पत्थरों के घरों में रहने लगा।

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प्रश्न 6.
घर को ‘स्वर्ग’ क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
घर को स्वर्ग इसलिए कहा गया है कि घर हमें आराम व सुख प्रदान करता है। यह एक ऐसा सुखदायी स्थान है कि हम चाहे जहाँ भी घूमें और बाहर हमें कितने ही सुख क्यों न मिलें, घर वापस लौटने की लालसा स्वाभाविक रूप से बनी रहती है।

प्रश्न 7.
वस्त्र मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकता कैसे है ?
उत्तर-
वस्त्र को मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकता इसलिए कहा गया है क्योंकि भोजन के समान ही यह आवश्यकता जन्म से लेकर मृत्यु तक मनुष्य के साथ जुड़ी रहती है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताओं से आप क्या समझते हो ?
उत्तर-
वह आवश्यकता जो जन्म से लेकर अन्त तक हमारे साथ रहती है तथा जिसकी पूर्ति को प्राथमिकता दी जाती है, उसे प्राथमिक आवश्यकता कहते हैं। प्राथमिक आवश्यकताओं के अन्तर्गत भोजन, वस्त्र तथा घर या आश्रम मुख्य हैं। जन्म से लेकर मरने तक सभी मनुष्य, जीव-जन्तु अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए संघर्ष करते रहते हैं। यह भी ध्यान योग्य है कि सभी प्राणियों का अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने का ढंग तथा कोशिशें भिन्न होती हैं।

ऐसी कोई भी वस्तु जिस के बिना जीवन में कुछ कमी लगती है, जिस के बिना रहना मुश्किल लगता है, वह आवश्यकता बन जाती है। आज के आधुनिक जीवन में तो अत्यधिक प्रकार की आवश्यकताएं पैदा हो गई हैं, अथवा पैदा कर ली गई हैं। गाड़ी, कार, वायुयान, मोबाइल फोन, इंटरनेट, कम्प्यूटर आदि ऐसा कई कुछ हैं जिन के बिना जीवन जीना कठिन प्रतीत होता है। आवश्यकताएं अधिक होने के बावजूद भी तीन मुख्य आवश्यकताएं जिन को यदि पूरा न किया जाए तो ऊपरलिखित सभी आवश्यकताएं गौन हो जाती हैं। यह तीन आवश्यकताएं हैं जो कि प्राथमिक हैं-रोटी, कपड़ा और मकान तथा इन सब में भी अत्यधिक आवश्यक भोजन है।

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प्रश्न 2.
मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताओं के अन्तर्गत कौन-कौन सी आवश्यकताएँ आती हैं ?
उत्तर-
मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताओं के अन्तर्गत भोजन, वस्त्र तथा घर या आश्रम की आवश्यकताएँ आती हैं। जब से सृष्टि की रचना हुई है तथा इसमें प्राणी का आगमन हुआ है, वह अपने पेट की भूख को शांत करने के लिए भिन्न-भिन्न तरीकों का प्रयोग कर रहा है। जब मनुष्य अभी सभ्य नहीं हुआ था तब वह कंदमूल, फल-फूल खा कर पेट भरता था। अब सभ्य समाज में रह रहा इंसान भोजन को कई प्रकार से पका कर सुंदर, स्वादिष्ट तथा सुंगधित भोजन खाता है। भोजन की आवश्यकता के अग्रलिखित कारण हैं –

1. शरीर का विकास- भोजन हमारे शरीर के विकास के लिए अति आवश्यक है। प्रोटीन हमारे शरीर के तंतुओं का निर्माण करता है। कार्बोहाइड्रेट से हमें ऊर्जा मिलती है। यह तत्व हमें भोजन से प्राप्त होते हैं। इसी प्रकार अन्य आवश्यक तत्व जैसे वसा, विटामिन, खनिज आदि भी भोजन से मिलते हैं। यदि एक भी दिन हम भोजन न लें तो हम कमज़ोर महसूस करने लगते हैं। भोजन शरीर की क्रियाओं को भी नियन्त्रित करता है।

2. सामाजिक तथा धार्मिक महत्त्व-मिलजुल कर भोजन करने से तथा बनाने से एकता का भावना पैदा होती है। शादी, जन्मदिन आदि के अवसर पर हम संबंधियों तथा दोस्तों को प्रीती भोज तथा चाय पार्टी आदि के लिए बुलाते हैं। इस प्रकार भोजन का सामाजिक महत्त्व पता चलता है। धार्मिक अवसरों पर लंगर, प्रसाद आदि को मिल बांट कर ग्रहण करने से भाईचारे की भावना पैदा होती है।

3. मन की शांति-भोजन खाने से मन को तस्सली, शांति तथा आनंद का अनुभव होता है। यदि भोजन अच्छे ढंग से पका हुआ अच्छी प्रकार खुशनुमा वातावरण में परोसा जाए तो अत्यन्त हर्ष की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 3.
घर की आवश्यकता किन कारणों से है ?
उत्तर-
घर की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से होती है –

1. गर्मी-सर्दी से बचाव-गर्मी-सर्दी से बचने के लिए घर ही ऐसा स्थान है जहाँ मनुष्य अपना सिर छिपा सकता है। घर गर्मियों में लू या धूप से बचाता है तथा सर्दियों में बर्फीली हवा से हमारी रक्षा करता है। इसके अतिरिक्त घर कई बार प्राकृतिक आपदाओं, जैसे-तूफान, ओले, आँधी आदि से भी बचाता है।

2. जंगली-पशुओं तथा चोरों से बचाव-घर में रहकर हम अपनी जान और माल को सुरक्षित करते हैं। जंगली पशुओं एवं चोरों का दीवार पार करके आना इतना सुगम नहीं जितना कि खुले स्थान पर। आजकल की दीवारों पर लोहे की तारें या शीशे आदि भी इसीलिए लगाएँ जाते हैं।

3. पारिवारिक भावना-जब हम एक चार-दीवारी में मिल-जुलकर बैठते हैं, तो मेल-जोल की भावना उत्पन्न होती है। घर केवल ईंटों की इमारत ही नहीं होता, घर तो वस्तुतः ऐसा स्थान है जहाँ मिल-जुलकर एक-दूसरे का दुःख-सुख बाँटते हैं तथा ज़िम्मेदारी को बाँटकर चलते हैं। इस तरह घर में हमारी प्रवृत्तियों को संतुष्टि मिलती है जैसे कि माँबाप का प्यार, बहन-भाई का प्यार, इकट्ठे रहने की प्रवृत्ति आदि।

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प्रश्न 4.
वस्त्रों की आवश्यकता किन कारणों से है?
उत्तर-
कपड़ों की आवश्यकता निम्न कारणों से है –

1. गर्मी-सर्दी से बचाव-वस्त्र हमें गर्मियों में गर्मी और सर्दियों में ठण्ड से बचाते हैं। यही कारण है कि गर्मियों में वही वस्त्र पहने जाते हैं जो शरीर की गर्मी को बाहर निकालते हैं, जैसे-मलमल और रूबिया आदि। परन्तु सर्दियों में ऊनी वस्त्र पहने जाते हैं, क्योंकि ये ताप के कुचालक होते हैं तथा शरीर की गर्मी को बाहर नहीं निकलने देते। इसी कारण वस्त्र पहनते और खरीदते समय ऋतु का ध्यान रखा जाता है।

2. सौन्दर्य में वृद्धि-कपड़े मनुष्य के सौन्दर्य में वृद्धि करते हैं। प्राचीन समय में मनुष्य पशुओं की खालों से अपने शरीर को सजाता था। तब खाले ही वस्त्र थे। सुन्दरता की होड़ के कारण ही वस्त्रों के नए-नए डिज़ाइन बनते हैं। इनके सीने-पिरोने में ही परिवर्तन होता रहता है। सुन्दरता बढ़ाने के लिए वस्त्रों को रंगों तथा छापे से या कई बार फूल-बूटों की कढ़ाई करके सुन्दर तथा आकर्षक बनाया जाता है।

3. सभ्यता की प्रतीक-अच्छी तरह वस्त्र पहनकर तैयार होना सभ्य मनुष्य होने का प्रतीक है। वस्त्र पहनने की बात हमें पशु-पक्षियों से अलग करती है। आज यदि कभी यह सोच भी ले कि प्राचीन मनुष्य नंगा रहता था, तो बहुत ही अजीब लगता है। आज यदि कोई ठीक तरह वस्त्र न पहने तो उसको मूर्ख या असभ्य कहा जाता है। इसी कारण खेलने, तैरने, खाना बनाने के लिए अलग-अलग पहनावे प्रयुक्त किये जाते हैं। आज के ज़माने में कपड़े द्वारा सभ्य तथा असभ्य मनुष्य का अनुमान लगाया जाता है।

4. चोट लगने से बचाव-वस्त्र हमें चोट लगने से बचाकर हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। कई बार गिरते समय वस्त्र फट जाता है तथा व्यक्ति चोट से बच जाता है।

5. कीड़े-मकौड़ों से बचाव-वातावरण में कई तरह के कीड़े-मकौड़े होते हैं, जैसे-बिच्छ्, भिंड, मच्छर आदि। अगर कपड़े के ऊपर से काटें तो कई बार चमड़ी तक डंक नहीं जाता। अगर ये नंगे शरीर पर काटें तो अधिक नुकसान हो सकता है।

Home Science Guide for Class 6 PSEB मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ Important Questions and Answers

अति छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
संसार का हर जीवित प्राणी अपने पेट की आग को कैसे शान्त करता है?
उत्तर-
संसार का हर जीवित प्राणी अपने पेट की आग भोज्य वस्तु को खाकर शान्त करता है।

प्रश्न 2.
भोजन खाने से हमारे मन को कैसा लगता है ?
उत्तर-
भोजन खाने से मन को संतोष मिलता है।

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प्रश्न 3.
पशु-पक्षी भोजन की तलाश में कहाँ जाते हैं ?
उत्तर-
पशु-पक्षी भोजन की तलाश में घर से बाहर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं।

प्रश्न 4.
घर किसका नाम है ?
उत्तर-
घर निजी स्वर्ग का नाम है।

प्रश्न 5.
प्राचीन काल में मनुष्य स्वयं को ढाँपने के लिए किस वस्तु का प्रयोग करता था ?
उत्तर-
प्राचीन काल में मनुष्य स्वयं को ढाँपने के लिए वृक्ष की छालों, पत्तों और खालों का प्रयोग करता था।

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प्रश्न 6.
वस्त्रों के नए-नए डिज़ाइन क्यों बनते हैं ?
उत्तर-
सुन्दर दिखने की होड़ के कारण ही वस्त्रों के नए-नए डिज़ाइन बनते हैं।

प्रश्न 7.
कपड़े चोट लगने से कैसे बचाते हैं ?
उत्तर-
वस्त्र हमें चोट लगने से बचाकर हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। कई बार गिरते समय वस्त्र फट जाता है तथा व्यक्ति चोट से बच जाता है।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
घर मनुष्य का गर्मी-सर्दी से कैसे बचाव करता है ?
उत्तर-
गर्मी-सर्दी से बचने के लिए घर ही प्रमुख स्थान है, घर गर्मियों में लू तथा धूप से बचाता है और सर्दियों में बर्फीली हवाओं से हमारी रक्षा करता है। इसके अतिरिक्त मकान कई बार प्राकृतिक आपदाओं, जैसे-तूफान, ओले, आँधी आदि से भी हमें बचाता है।

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प्रश्न 2.
वस्त्र हमें कीड़े-मकौड़े से कैसे बचाते हैं ?
उत्तर-
वातावरण में कई प्रकार के कीड़े-मकौड़े होते हैं, जैसे-बिच्छू, भिंड, मच्छर आदि। अगर ये कपड़े के ऊपर से काटें तो कई बार चमड़ी तक डंक नहीं जाता है। अगर ये वस्त्रहीन शरीर पर काटें तो काफी नुकसान हो सकता है।

प्रश्न 3.
कपड़े हमारे सौंदर्य में कैसे वृद्धि करते हैं ?
उत्तर-
कपड़े मनुष्य के सौन्दर्य में वृद्धि करते हैं। प्राचीन समय में मनुष्य पशुओं की खालों से अपने शरीर को सजाता था। तब खाले ही वस्त्र थे। सुन्दरता की होड़ के कारण ही वस्त्रों के नए-नए डिज़ाइन बनते हैं। इनके सीने-पिरोने में ही परिवर्तन होता रहता है। सुन्दरता बढ़ाने के लिए वस्त्रों को रंगों तथा छापे से या कई बार फूल-बूटों की कढ़ाई करके सुन्दर तथा आकर्षक बनाया जाता है।

प्रश्न 4.
भोजन प्राप्ति का मन की शांति से क्या संबंध है ?
उत्तर-
भोजन खाने से मन को तस्सली, शांति तथा आनंद का अनुभव होता है। यदि भोजन अच्छे ढंग से पका हुआ अच्छी प्रकार खुशनुमा वातावरण में परोसा जाए तो अत्यंत हर्ष की प्राप्ति होती है।

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बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन की आवश्यकता किन कारणों से है ?
उत्तर-
जब से सृष्टि की रचना हुई है तथा इसमें प्राणी का आगमन हुआ है, वह अपने पेट की भूख को शांत करने के लिए भिन्न-भिन्न तरीकों का प्रयोग कर रहा है। जब मनुष्य अभी सभ्य नहीं हुआ था तब वह कंदमूल, फल-फूल खा कर पेट भरता था। अब सभ्य समाज में रह रहा इंसान भोजन पका कर कई प्रकार से इसे सुंदर, स्वादिष्ट तथा सुंगधित बनाकर खाता है। भोजन की आवश्यकता के अग्रलिखित कारण हैं –

1. शरीर का विकास-भोजन हमारे शरीर के विकास के लिए अति आवश्यक है। प्रोटीन हमारे शरीर के तंतुओं का निर्माण करता है। कार्बोहाइड्रेट से हमें ऊर्जा मिलती है। यह तत्व हमें भोजन से प्राप्त होते हैं। इसी प्रकार अन्य आवश्यक तत्व जैसे वसा, विटामिन, खनिज आदि भी भोजन से मिलते हैं। यदि एक भी दिन हम भोजन न लें तो हम कमजोर महसूस करने लगते हैं। भोजन शरीर की क्रियाओं को भी नियन्त्रित करता है।

2. सामाजिक तथा धार्मिक महत्त्व-मिलजुल कर भोजन करने से तथा बनाने से एकता की भावना पैदा होती है। शादी, जन्मदिन आदि के अवसर पर हम संबंधियों तथा दोस्तों को प्रीती भोज तथा चाय पार्टी आदि के लिए बुलाते हैं। इस प्रकार भोजन का सामाजिक महत्त्व पता चलता है। धार्मिक अवसरों पर लंगर, प्रसाद आदि को मिल बांट कर ग्रहण करने से भाईचारे की भावना पैदा होती है।

3. मन की शांति-भोजन खाने से मन को तस्सली, शांति तथा आनंद का अनुभव होता है। यदि भोजन अच्छे ढंग से पका हुआ अच्छी प्रकार खुशनुमा वातावरण में परोसा जाए तो अत्यन्त हर्ष की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 2.
कपड़ों की आवश्यकता के कोई दो कारण लिखें।
उत्तर-
कपड़ों की आवश्यकता के दो कारण निम्नलिखित हैं –
1. सभ्यता का प्रतीक-अच्छी तरह वस्त्र पहनकर तैयार होना सभ्य मनुष्य होने का प्रतीक है। वस्त्र पहनने की बात हमें पशु-पक्षियों से अलग करती है। आज यदि कभी यह सोच भी ले कि प्राचीन मनुष्य नंगा रहता था, तो बहुत ही अजीब लगता है। आज यदि कोई ठीक तरह वस्त्र न पहने तो उसको मूर्ख या असभ्य कहा जाता है। इसी कारण खेलने, तैरने, खाना बनाने के लिए अलग-अलग पहनावे प्रयुक्त किये जाते हैं। आज के ज़माने में कपड़े द्वारा सभ्य तथा असभ्य मनुष्य का अनुमान लगाया जाता है।

2. चोट लगने से बचाव-वस्त्र हमें चोट लगने से बचाकर हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। कई बार गिरते समय वस्त्र फट जाता है तथा व्यक्ति चोट से बच जाता है।

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एक शब्द में उत्तर दें

प्रश्न 1.
सबसे पहली प्राथमिक आवश्यकता क्या है ?
उत्तर-
भोजन।

प्रश्न 2.
कपड़े द्वारा कौन-सी प्राकृतिक आवश्यकता पूर्ण होती है ?
उत्तर-
तन ढकने की।

प्रश्न 3.
घर का खिंचाव …… ही रहता है।
उत्तर-
सदा।

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प्रश्न 4.
पका भोजन ………. तथा सुगन्धित होता है।
उत्तर-
सुस्वाद।

प्रश्न 5.
सौंदर्य में वृद्धि के लिए हम …… पहनते हैं।
उत्तर-
कपड़े।

प्रश्न 6.
घर निजी ………. का नाम है।
उत्तर-
स्वर्ग।

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प्रश्न 7.
प्राचीन मनुष्य कहां रहता था ?
उत्तर-
गुफा में।

प्रश्न 8.
कपड़े हमें ……. से बचाते हैं।
उत्तर-
कीड़े-मकौड़ों।

मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएँ PSEB 6th Class Home Science Notes

  • कोई भी वस्तु, जिसके बिना जीवन अधूरा लगता है, जिसके बिना हम रह नहीं सकते उसे आवश्यकता का नाम दिया जाता है।
  • वह आवश्यकता, जो जन्म से लेकर अन्त तक हमारे साथ रहती है तथा जिसकी पूर्ति को प्राथमिकता दी जाती है, उसे हम प्राथमिक आवश्यकता कहते हैं। भोजन, वस्त्र तथा घर मुख्य प्राथमिक आवश्यकताएँ हैं।
  • संसार का हर जीवित प्राणी जिस वस्तु को खाकर अपने पेट की आग को शान्त | | करता है, वह उसका भोजन है।
  • भोजन की आवश्यकता के प्रमुख कारण हैं-1. शरीर का विकास, 2. सामाजिक तथा धार्मिक महत्त्व, 3. मानसिक सन्तोष।
  • घर या आश्रय केवल मनुष्य की ही नहीं, बल्कि सभी जीवित प्राणियों की आवश्यकता है।
  • पुरातन मनुष्य गुफाओं में रहकर अपने शरीर की रक्षा करता था।
  • घर की आवश्यकता के प्रमुख कारण हैं-1. गर्मी, सर्दी व वर्षा से बचाव, 2. जंगली पशुओं तथा चोरों से बचाव, 3. पारिवारिक भावना।
  • घर के प्यार से ही देश प्यार की नींव बनती है।
  • घर निजी स्वर्ग का नाम है।
  • समय का अर्थ है युग बदलने के अनुसार बदलाव।
  • आजकल कई प्रकार से प्राकृतिक तथा बनावटी रेशों की सहायता से वस्त्र बनाये | | जाते हैं, जैसे–सूती, रेशमी, नायलॉन, रेयॉन, ज़री आदि।
  • वस्त्रों की आवश्यकता के प्रमुख कारण हैं-1. गर्मी, सर्दी व वर्षा से बचाव, 2. सौन्दर्य में वृद्धि, 3. सभ्यता का प्रतीक, 4. चोट लगने से बचाव, 5. कीड़े – मकौड़ों से बचाव।
  • आग बुझाने वाले ऐस्बेसटॉस के वस्त्र पहनते हैं, क्योंकि उनमें आग नहीं लगती।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 6 संसार में भारत

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 6 संसार में भारत Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Geography Chapter 6 संसार में भारत

SST Guide for Class 6 PSEB संसार में भारत Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1.
कौन-सी अक्षांश रेखा भारत को दो भागों में बांटती है? उनके नाम । लिखो।
उत्तर-
भारत को कर्क रेखा दो बराबर भागों में बांटती है। उत्तरी भाग को उपउष्णखण्डीय भारत तथा दक्षिणी भाग को उष्णखण्डीय भारत कहा जाता है।

प्रश्न 2.
भारत के पड़ोसी देशों के नाम लिखो।
उत्तर-
भारत की सीमाएं 7 देशों को छूती हैं। उत्तर-पश्चिम तथा उत्तर में पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, चीन तथा नेपाल हमारे पड़ोसी देश हैं। भूटान, म्यांमार तथा बंगलादेश हमारे देश के उत्तर-पूर्व में स्थित हैं। दक्षिण में हमारे पड़ोसी श्रीलंका तथा मालदीव हैं।

प्रश्न 3.
ग्लोब पर भारत की अक्षांश तथा देशान्तर स्थिति लिखो।
उत्तर-
भारत 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर अक्षांशों तथा 68°7′ पू० से 97°25′ पू० देशान्तरों के बीच स्थित है।

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प्रश्न 4.
भारत को उपमहाद्वीप क्यों कहते हैं?
उत्तर-
भारत एशिया महाद्वीप का एक भाग है। परंतु उत्तर के पर्वत तथा शेष तीन ओर से जल-भण्डार (सागर) इसे एशिया से अलग करते हैं। इसका विस्तार भी बहुत अधिक है। इसी कारण इसे उपमहाद्वीप कहा जाता है।

प्रश्न 5.
भारत को राजनीतिक दृष्टि से कितने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है?
उत्तर-
राजनीतिक दृष्टि से भारत को 28 राज्यों तथा 9 केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है।

प्रश्न 6.
उन तीन सागरों के नाम लिखो जिनसे भारतीय प्रायद्वीप घिरा हुआ है।
उत्तर-
हिन्द महासागर, अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी।

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II. निम्नलिखित वाक्यों में खाली स्थान भरो

  1. आकार के अनुसार भारत का सबसे बड़ा राज्य …………… है।
  2. …………… भारत का सबसे छोटा राज्य है।
  3. इंदिरा पुवाइंट भारत के बिल्कुल ……………… सिरे पर है।
  4. कश्मीर से …………. तक भारत एक है।
  5. अरुणाचल प्रदेश भारत के ………….. भाग में है।

उत्तर-

  1. राजस्थान
  2. गोआ
  3. दक्षिणी
  4. कन्याकुमारी
  5. पूर्वी।

III. मिलान करो

स्तम्भ क – स्तम्भ ख

  1. अंडमान और निकोबार – हमारा पूर्वी पड़ोसी
  2. मालदीव – दक्षिण में हमारा पड़ोसी
  3. म्यांमार – भारत का द्वीप-समूह
  4. श्रीलंका – समुद्री सीमा से जुड़ा देश।

उत्तर-

  1. अंडमान और निकोबार-भारत का द्वीप-समूह।
  2. मालदीव-दक्षिण में हमारा पड़ोसी।
  3. म्यांमार-हमारा पूर्वी पड़ोसी।
  4. श्रीलंका-समुद्री सीमा से जुड़ा देश।

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PSEB 6th Class Social Science Guide संसार में भारत Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
कौन-सा केंद्र शासित राज्य क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा है?
उत्तर-
लक्षद्वीप।

प्रश्न 2.
गंगा तथा यमुना क्रमशः किस-किस हिमखंड से निकलती है?
उत्तर-
गंगोत्री, यमुनोत्री।

प्रश्न 3.
भारत की तटरेखा कितनी लंबी है?
उत्तर-
6100 किलोमीटर।

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बहु-विकल्पीयप्रश्न

प्रश्न 1.
पंजाब-हरियाणा के मैदान में निम्नलिखित शामिल नहीं –
क) बारी दोआब
(ख) बिस्त दोआब
(ग) थार मरुस्थल।
उत्तर-
(ग) थार मरुस्थल

प्रश्न 2.
भारत का एक भू-भाग निरंतर लावा बहने से बना है? क्या आप उसका नाम बता सकते हैं?
(क) महान हिमालय
(ख) दक्षिणी पठार
(ग) तटीय मैदान
उत्तर-
(ख) दक्षिणी पठार।

सही (✓) या गलत (✗) कथन

  1. क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का दूसरा बड़ा देश है।
  2. ब्यास तथा सतलुज नदी के मध्य क्षेत्र को बारी दोआब कहते हैं।
  3. भारत के पश्चिमी तटीय मैदान पूर्व के तटीय मैदानों से कम चौड़े हैं।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3.  (✓)

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत का क्षेत्रफल कितना है?
उत्तर-
लगभग 32.8 लाख वर्ग कि०मी०।

प्रश्न 2.
भारत को पूर्वी देश क्यों माना जाता है?
उत्तर-
भारत पूर्वी गोलार्द्ध में स्थित है। इसलिए इसे पूर्वी देश माना जाता है।

प्रश्न 3.
देश के उत्तर-पश्चिम में स्थित भारत के दो पड़ोसी देशों के नाम बताओ।
उत्तर-
पाकिस्तान तथा अफ़गानिस्तान।
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प्रश्न 4.
क्षेत्रफल तथा जनसंख्या की दृष्टि से भारत का संसार में कौन-सा स्थान है?
उत्तर-
क्षेत्रफल की दृष्टि से सातवां तथा जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा।

प्रश्न 5.
हमारे देश के दक्षिण में स्थित कौन-से दो द्वीपीय देश भारत के पड़ोसी हैं?
उत्तर-
श्रीलंका तथा मालद्वीव।

प्रश्न 6.
श्रीलंका को कौन-सी जल-सन्धि तथा खाड़ी भारत से अलग करती है?
उत्तर-
पाक जल-सन्धि तथा मन्नार की खाड़ी।

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प्रश्न 7.
भारत में हिमालय की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है?
उत्तर-
सिक्किम में कंचनजंगा।

प्रश्न 8.
लद्दाख के पठार को ठण्डा मरुस्थल क्यों कहा जाता है?
उत्तर-
क्योंकि इसकी जलवायु अत्यन्त ठण्डी तथा शुष्क है।

प्रश्न 9.
भारत के उत्तरी मैदानों के पश्चिम में स्थित मरुस्थल का नाम बताओ।
उत्तर-
थार मरुस्थल।

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प्रश्न 10.
संसार का सबसे बड़ा डेल्टा कौन-सा है?
उत्तर-
गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा संसार का सबसे बड़ा डेल्टा है।

प्रश्न 11.
भारत का कौन-सा भू-भाग प्राचीनतम है?
उत्तर-
भारत का प्राचीनतम भू-भाग दक्षिण का प्रायद्वीपीय पठार है। यह कठोर आग्नेय तथा रूपान्तरित शैलों से बना है।

प्रश्न 12.
तीन ओर से सागर (जल) से घिरा भू-भाग क्या कहलाता है?
उत्तर-
प्रायद्वीप।

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प्रश्न 13.
डेल्टा क्या होता है?
उत्तर-
नदी के मुहाने पर बनी त्रिभुजाकार भू-आकृति।

प्रश्न 14.
भारत के उत्तरी मैदानों में जनसंख्या क्यों घनी है?
उत्तर-
उत्तरी मैदानों की मिट्टी बहुत ही उपजाऊ है और कृषि उन्नत है। इसलिए यहां जनसंख्या घनी है।

प्रश्न 15.
प्रायद्वीपीय भारत की कौन-सी दो नदियां डेल्टा नहीं बनाती?
उत्तर-
नर्मदा तथा ताप्ती।

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प्रश्न 16.
उत्तर भारत के मैदान का निर्माण करने वाली तीन प्रमुख नदियों के नाम बताओ।
उत्तर-
उत्तर भारत के मैदान का निर्माण करने वाली तीन प्रमुख नदियां हैं –

  1. सिन्धु
  2. गंगा तथा
  3. ब्रह्मपुत्र।

प्रश्न 17.
कौन-सा केंद्र शासित राज्य क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा है?
उत्तर-
लक्षद्वीप।

प्रश्न 18.
गंगा तथा यमुना क्रमशः किस-किस हिमखंड से निकलती हैं?
उत्तर-
गंगोत्री, यमुनोत्री।

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प्रश्न 19.
भारत की तटरेखा कितनी लंबी है?
उत्तर-
6100 किलोमीटर।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के पाँच भौतिक विभाग कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
भारत के पाँच भौतिक विभाग हैं –

  1. उत्तर के महान् पर्वत
  2. उत्तरी भारत के विशाल मैदान
  3. प्रायद्वीपीय पठार
  4. तटीय मैदान
  5. द्वीप समूह।

प्रश्न 2.
सुन्दरवन डेल्टा पर एक टिप्पणी लिखो।
उत्तर-
सुन्दरवन डेल्टा संसार का सबसे बड़ा डेल्टा है। इसका निर्माण गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियों ने अपने मुहाने पर किया है। संसार के अन्य डेल्टों की तरह यह डेल्टा भी बहुत उपजाऊ है।

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प्रश्न 3.
भारत के प्रायद्वीपीय पठार की कोई चार भौगोलिक विशेषताएं बताओ।
उत्तर-

  1. भारत के प्रायद्वीपीय पठार की आकृति एक त्रिभुज जैसी है।
  2. यह तीन ओर से क्रमशः अरब सागर (पश्चिम में), बंगाल की खाड़ी (पूर्व में) तथा हिन्द महासागर (दक्षिण में) से घिरा हुआ है।
  3. पश्चिम में पश्चिमी घाट तथा पूर्व में पूर्वी घाट इसकी सीमाएं बनाते हैं।
  4. यह पठार खनिज पदार्थों में बहुत अधिक धनी है।

प्रश्न 4.
थार (भारत के महान्) मरुस्थल पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
थार मरुस्थल उत्तरी मैदान के पश्चिम में स्थित है। यह पथरीला प्रदेश रेत से ढका हुआ है। इसकी जलवायु अति गर्म तथा शुष्क है। इस प्रदेश में पेड़-पौधे नाममात्र ही हैं।

प्रश्न 5.
भारत के पश्चिमी तट तथा पूर्वी तट की तुलना कीजिए।
उत्तर-
पश्चिमी तट

  1. यह तट अपेक्षाकृत कम चौड़ा है।
  2. इस भाग में नदियां डेल्टा नहीं बनातीं।
  3. यह तट पूर्वी तट की अपेक्षा कम उपजाऊ है।

पूर्वी तट

  1. यह तट अधिक चौड़ा है।
  2. इसमें कावेरी, कृष्णा और महानदी के उपजाऊ डेल्टे हैं।
  3. यह तट डेल्टा प्रदेशों के कारण अधिक उपजाऊ है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 6 संसार में भारत

प्रश्न 6.
हिमालय पर्वतों की तीन समान्तर श्रृंखलाओं के नाम लिखो और प्रत्येक की एक-एक विशेषता बताओ।
उत्तर-
1. सर्वोच्च हिमालय या हिमाद्रि-यह हिमाचल की सबसे उत्तरी तथा सबसे ऊंची श्रेणी है। हिमालय के सर्वोच्च शिखर इस श्रेणी में हैं। इनमें माउंट एवरेस्ट (नेपाल में 8848 मी० ऊंची) तथा कंचनजुंगा (सिक्किम-भारत) प्रमुख हैं।

2. मध्य या लघु हिमालय (अथवा हिमालय श्रेणी)-यह पर्वत श्रेणी हिमालय के दक्षिण में फैली है। इसमें डल्हौज़ी, धर्मशाला, शिमला, मसूरी, नैनीताल आदि प्रमुख पर्वतीय नगर स्थित हैं।

3. बाह्य हिमालय या शिवालिक श्रेणी-यह हिमालय की सबसे दक्षिणी श्रेणी है। यह जलोढ़ अवसादों से बनी है।

प्रश्न 7.
भारत के उत्तरी मैदान को विभाजित करने वाले दो नदी-तन्त्रों के नाम बताइए। प्रत्येक नदी-तन्त्र की दो महत्त्वपूर्ण विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
उत्तरी मैदान को विभाजित करने वाले दो नदी-तन्त्र हैं-पश्चिम में सिन्धु नदी-तन्त्र तथा पूर्व में गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी-तन्त्र।

सिन्धु नदी तन्त्र-

  1. इसका विस्तार जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा पंजाब राज्यों में है।
  2. इसकी लम्बाई 2900 किलोमीटर से भी अधिक है।

गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी तन्त्र-

  1. गंगा नदी उत्तर प्रदेश के हिमालय क्षेत्र में गंगोत्री से निकलती है, जबकि ब्रह्मपुत्र का उद्गम स्थल तिब्बत में सिन्धु तथा सतलुज के उद्गम के निकट है।
  2. दक्षिण में पहुंचकर ब्रह्मपुत्र नदी गंगा में मिल जाती है।

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प्रश्न 8.
उत्तर भारत के पर्वतों (हिमालय) तथा प्रायद्वीपीय भारत (दक्षिण पठार) के पर्वतों में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर-
उत्तर भारत के पर्वत-उत्तर भारत के पर्वत नवीन वलित पर्वत हैं। ये बहुत ऊंचे हैं तथा बर्फ से ढके हुए हैं। इन पर्वतों पर वन भी हैं।
प्रायद्वीपीय भारत के पर्वत-प्रायद्वीपीय भारत के पर्वत प्राचीन पर्वतों के शेष भाग हैं। ये न तो अधिक ऊंचे हैं और न ही उन पर हिमानियां होती हैं। इन पर्वतों की ढाल तिरछी है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
उत्तरी भारत के विशाल मैदान पर एक नोट लिखो। इनकी रचना किस प्रकार हुई?
उत्तर-
उत्तरी भारत के विशाल मैदानों को सतलुज गंगा का मैदान भी कहा जाता है। यह मैदान हिमालय तथा दक्षिण पठार के बीच स्थित है। यह राजस्थान से असम तक फैला हुआ है। इस मैदान की रचना नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से हुई है। इसलिए यह अत्यन्त उपजाऊ है।

मैदान के भाग-इस मैदान को चार भागों में बांटा जा सकता है –
(i) पंजाब-हरियाणा का मैदान,
(ii) थार मरुस्थल का मैदान,
(iii) गंगा का मैदान तथा
(iv) ब्रह्मपुत्र का मैदान।

(i) पंजाब-हरियाणा का मैदान-यह मैदान मुख्य रूप से पंजाब तथा हरियाणा में फैला हुआ है। यह सतलुज तथा उसकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से बना है। इसलिए यह काफ़ी उपजाऊ है।

(ii) थार मरुस्थल का मैदान-यह मैदान पंजाब और हरियाणा के दक्षिणी क्षेत्र का शुष्क भाग है। यह गुजरात की कच्छ की खाड़ी तक फैला हुआ है। अरावली पर्वत इसकी पूर्वी सीमा बनाते हैं। यहां स्थान-स्थान पर रेत के टीले दिखाई देते हैं। इसके कुछ भाग उपजाऊ भी हैं। यहां की खारे पानी की सांभर झील बहुत ही प्रसिद्ध है। थार मरुस्थल का मैदान यमुना, राम गंगा, चम्बल, बेतवा आदि नदियों द्वारा बना है।

(iii) गंगा का मैदान-गंगा का मैदान एक महत्त्वपूर्ण मैदान है। यह उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड तथा पश्चिम बंगाल राज्यों में फैला हुआ है। यह मैदान गंगा, यमुना तथा उनकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी के जमा होने से बना है।।

(iv) ब्रह्मपुत्र का मैदान-ब्रह्मपुत्र का मैदान असम राज्य के मध्य में स्थित है। इस मैदान की रचना ब्रह्मपुत्र तथा उसकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से हुई है।

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प्रश्न 2.
भारत को कितनी भौतिक इकाइयों में बांटा जा सकता है? प्रत्येक भौतिक इकाई का संक्षेप में वर्णन करो।
उत्तर-
भारत एक विशाल देश है। इस देश में कहीं ऊंचे पर्वत हैं तो कहीं गहरी घाटियां हैं। कहीं समतल विस्तृत मैदान हैं, तो कहीं ऊंची-नीची पथरीली भूमि है। हम अपने देश को भौतिक रचना के आधार पर निम्नलिखित छ: इकाइयों में बांट सकते हैं –

  1. उत्तर के महान् पर्वत
  2. उत्तर के विशाल मैदान
  3. प्रायद्वीपीय पठार
  4. तटीय मैदान
  5. भारत का महान् मरुस्थल
  6. द्वीप-समूह।

भारत का महान् मरुस्थल वास्तव में उत्तर के विशाल मैदानों का ही एक भाग है। इसलिए यहां पांच इकाइयों का वर्णन किया जा रहा है।
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1. उत्तर के महान् पर्वत-हमारे देश की उत्तरी सीमा पर हिमालय पर्वत फैला हुआ है। हिमालय पर्वत में तीन श्रेणियां हैं। ये एक-दूसरे के समानान्तर फैली हुई हैं। इन समानान्तर श्रेणियों के मध्य में पूर्व-पश्चिम में फैली हुई कई लम्बी घाटियां हैं, जिन्हें ‘दून’ कहते हैं।

हिमालय का सबसे ऊंचा शिखर ‘माऊंट एवरेस्ट’ है। यह 8848 मीटर ऊंचा है। भारत में हिमालय का सबसे ऊंचा शिखर कंचनजंगा है। इस पर्वत की सभी ऊंची-ऊंची चोटियां बर्फ से ढकी रहती हैं। इस क्षेत्र की जलवायु अत्यन्त ठण्डी है।

2. उत्तर के विशाल मैदान-उत्तरी भारत के विशाल मैदान हिमालय पर्वतों के दक्षिण में फैले हैं। पश्चिम में रावी नदी से लेकर पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी तक इनकी लम्बाई 2500 किलोमीटर से भी अधिक है। ये मैदान रावी, ब्यास, सतलुज, गंगा और ब्रह्मपुत्र तथा उनकी सहायक नदियों द्वारा लाई गई उपजाऊ मिट्टी से बने हैं। इसलिए इनकी गणना संसार के सबसे अधिक उपजाऊ मैदानों में की जाती है।

3. प्रायद्वीपीय पठार-भारत का प्रायद्वीपीय पठार उत्तरी मैदानों के दक्षिण में विस्तृत है। यह भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन भाग है। इस पठार को दो भागों में विभाजित किया जाता है। मालवा का पठार तथा दक्कन का पठार। दक्कन का पठार लावे से बना है। इस त्रिकोणे पठार के दो मुख्य भाग हैं-मालवे का पठार तथा दक्षिणी पठार।
पश्चिम में पश्चिमी घाट तथा पूर्वी घाट इसकी सीमा बनाते हैं। यह पठार खनिज पदार्थों में बहुत ही धनी है।

4. तटीय मैदान-दक्कन के पठार के पश्चिम तथा पूर्व में तटीय मैदान फैले हैं। अरब सागर के तटीय मैदानों को पश्चिमी तटीय मैदान तथा बंगाल की खाड़ी की तटीय पट्टी को पूर्वी तटीय मैदान कहते हैं। पूर्वी तटीय मैदान पश्चिमी मैदानों की अपेक्षा अधिक चौड़े तथा समतल हैं। यहां नदियों द्वारा बनाये गये उपजाऊ डेल्टा भी हैं।

5. द्वीप-समूह-भारत में मुख्य रूप से दो द्वीप समूह हैं –
(1) लक्षद्वीप,
(2) अण्डमान-निकोबार।

(1) लक्षद्वीप समूह केरल के पश्चिम में अरब सागर में स्थित है। यह मूंगे की चट्टानों से बने छोटे-छोटे द्वीपों का एक समूह है। इनकी कुल संख्या 25 है।

(2) अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में स्थित है। यह ज्वालामुखी चट्टानों से बना है। इन द्वीपों की कुल संख्या 120 है। समुद्र तट से दूर स्थित इन द्वीपों के अतिरिक्त ‘कुछ द्वीप तट के निकट भी स्थित हैं। इनमें व्हीलर, न्यूमर, दियु आदि द्वीप शामिल हैं।

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प्रश्न 3.
भारत के राजनीतिक विभाजन पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
भारत में 28 राज्य तथा 8 केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश जिलों में बंटे हुए हैं। भारत के राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों की सूची नीचे दी गई है –

राज्य – राजधानी
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 6 संसार में भारत 3

  1. हिमाचल प्रदेश – शिमला
  2. पंजाब – चण्डीगढ़
  3. हरियाणा – चण्डीगढ़
  4. उत्तर प्रदेश – लखनऊ
  5. मध्य प्रदेश – भोपाल
  6. राजस्थान – जयपुर
  7. गुजरात – गांधी नगर
  8. महाराष्ट्र – मुम्बई
  9. कर्नाटक – बंगलौर (बंगलुरू)
  10. गोवा – पणजी
  11. केरल – तिरुवनन्तपुरम्
  12. तमिलनाडु – चेन्नई
  13. आंध्र प्रदेश – अमरावती
  14. तेलंगाना – हैदराबाद
  15. उड़ीसा – भुवनेश्वर
  16. बिहार – पटना
  17. पश्चिमी बंगाल – कोलकाता
  18. सिक्किम – गंगटोक
  19. असम – दिसपुर
  20. अरुणाचल प्रदेश – इटानगर
  21. नागालैण्ड – कोहिमा
  22. मणिपुर – इम्फाल
  23. मिज़ोरम – आइज़ोल
  24. त्रिपुरा – अगरतला
  25. मेघालय – शिलांग
  26. छत्तीसगढ़ – रायपुर
  27. उत्तराखंड – देहरादून
  28. झारखण्ड – रांची

केन्द्र शासित क्षेत्र

नाम – मुख्यालय

  1. चण्डीगढ़ – चण्डीगढ़
  2. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली – दिल्ली
  3. दमन और दीव – दमन
  4. दादरा नगर हवेली – सेलवास
  5. लक्षद्वीप – कवरत्ति
  6. पुड्डुचेरी – पुड्डचेरी
  7. अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह – पोर्ट ब्लेयर
  8. जम्मू और कश्मीर – श्रीनगर
  9. लद्दाख – लेह

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 22 सार्वजनिक सम्पति की संभाल

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 22 सार्वजनिक सम्पति की संभाल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 22 सार्वजनिक सम्पति की संभाल

SST Guide for Class 6 PSEB सार्वजनिक सम्पति की संभाल Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो :

प्रश्न 1.
आप अपनी निजी सम्पत्ति को कैसे संभालते हैं ?
उत्तर-
हमारी निजी सम्पत्ति हमारे अपने धन तथा अपने परिश्रम से बनी होती है। इसका प्रयोग हम अपनी इच्छा से कर सकते हैं। इसलिए हम इसका पूरा ध्यान रखते हैं।
(i) हम इसे तोड़-फोड़ से बचाते हैं।
(ii) हम इसे चोरी होने से बचाते हैं।
वास्तव में हम इसकी हर प्रकार से रक्षा करते हैं ताकि इसे कोई हानि न पहुंचे।

प्रश्न 2.
भारतवर्ष के तीन ऐतिहासिक स्मारकों के नाम लिखें।
उत्तर-
ताजमहल, लाल किला, कुतुबमीनार, जामा मस्जिद आदि।

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय सम्पत्ति की सम्भाल क्यों ज़रूरी है ?
उत्तर-
राष्ट्रीय सम्पत्ति हम सबके धन से बनी होती है। इस पर हम सबका अधिकार होता है। यदि इसे हानि पहुंचती है तो हम सबको असुविधा होती है। उदाहरण के लिए बसों तथा रेलगाड़ियों की तोड़-फोड़ से हमारी यात्रा में बाधा पड़ती है। इसी प्रकार पुस्तकालय की पुस्तकों में से पन्ने या चित्र फाड़ लेने पर हम उनका आनन्द नहीं ले पाते। इसके अतिरिक्त उस सम्पत्ति को पुनः बनाने के लिए हमें फिर से करों के रूप में धन खर्च करना पड़ता है। इसलिए राष्ट्रीय सम्पत्ति की सम्भाल ज़रूरी है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 22 सार्वजनिक सम्पति की संभाल

प्रश्न 4.
लोग सार्वजनिक सम्पत्ति क्यों खराब करते हैं ?
उत्तर-
कुछ लोग अज्ञानता के कारण सार्वजनिक सम्पत्ति को खराब करते हैं। वे इस बात को भूल जाते हैं कि सार्वजनिक सम्पत्ति की हानि उनकी अपनी हानि भी है। ऐसे लोग विरोध-प्रदर्शन के दौरान बसों, रेलगाड़ियों, सरकारी भवनों की तोड़फोड़ करते हैं अथवा उन्हें आग लगा देते हैं। कुछ शरारती तत्व अराजकता फैलाने के लिए भी सार्वजनिक सम्पत्ति को नष्ट करते हैं।

प्रश्न 5.
सार्वजनिक सम्पत्ति कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर-
सार्वजनिक सम्पत्ति दो प्रकार की होती है –

  1. लोकोपयोगी सेवाएँ
  2. ऐतिहासिक भवन अथवा स्मारक।

प्रश्न 6.
लोक उपयोगी सेवाओं से आप क्या समझते हो ? दो उदाहरण दो।
उत्तर-
लोक उपयोगी सेवाओं से अभिप्राय सार्वजनिक संस्थाओं से है। सरकारी बसें, रेलगाड़ियां, स्कूल, बैंक आदि सेवाएं लोक उपयोगी सेवाओं के मुख्य उदाहरण हैं।

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प्रश्न 7.
ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
ऐतिहासिक स्मारकों का हमारे जीवन में बड़ा महत्त्व है –

  1. इनसे हमें जुड़े इतिहास की जानकारी होती है।
  2. ये विदेशों में भारतीय संस्कृति की महानता का बखान करते हैं। अतः कई विदेशी इन्हें देखने के लिए भारत आते हैं।
  3. इनकी कला-शैलियां आज की भवन-निर्माण शैलियों के लिए प्रेरणा की स्रोत हैं।

प्रश्न 8.
सार्वजनिक सम्पत्ति का लोग दुरुपयोग कैसे करते हैं ?
उत्तर-
लोग सार्वजनिक सम्पत्ति का दुरुपयोग निम्नलिखित ढंग से करते हैं –

  1. कुछ लोग सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाते हैं।
  2. वे सड़कों के किनारे लगे बल्बों तथा ट्यूबों को तोड़-फोड़ देते हैं।
  3. वे स्मारकों पर अपने नाम आदि लिख कर उन्हें गन्दा करते हैं।
  4. वे सार्वजनिक पार्कों से पेड़-पौधे उखाड़ कर ले जाते हैं और फूल तोड़ लेते हैं।
  5. वे विरोध प्रदर्शन के समय सार्वजनिक सम्पत्ति को जला देते हैं।
  6. वे अजायबघरों से वस्तुएं चुरा ले जाते हैं।

प्रश्न 9.
स्कूल की सम्पत्ति किसके पैसे से बनाई जाती है ?
उत्तर-
स्कूल की सम्पत्ति हम सबके पैसे से बनाई जाती है।

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प्रश्न 10.
निजी सम्पत्ति और सार्वजनिक सम्पत्ति में अन्तर बताओ।
उत्तर-
निजी सम्पत्ति किसी एक व्यक्ति या परिवार की सम्पत्ति होती है। इसकी हानि परिवार को ही उठानी पड़ती है। इसके विपरीत सार्वजनिक सम्पत्ति हम सबकी सांझी सम्पत्ति होती है। इसे हानि पहुंचाने पर हम सभी को हानि पहुंचती है।

प्रश्न 11.
स्कूल की सम्पत्ति के प्रति आपका क्या कर्त्तव्य है ?
उत्तर-
स्कूल की सम्पत्ति के प्रति आपके निम्नलिखित कर्त्तव्य हैं –

  1. हमें स्कूल को साफ़-सुथरा रखना चाहिए। हमें स्कूल की दीवारों, खिड़कियों तथा दरवाजों को खराब नहीं करना चाहिए।
  2. हमें स्कूल के डैस्कों, कुर्सियों, बिजली के पंखों आदि को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए।
  3. हमें स्कूल के पार्क को साफ़-सुथरा रखना चाहिए। वहां से फूल-पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए।
  4. हमें खेल के मैदान को ठीक प्रकार से उपयोग करना चाहिए। हमें वहाँ पत्थर और फलों के छिलके नहीं फेंकने चाहिए।
  5. स्कूल से प्राप्त खेलों के सामान का प्रयोग हमें बड़ी सावधानी से करना चाहिए।
  6. लाइब्रेरी की पुस्तकों से पन्ने नहीं फाड़ने चाहिए।
  7. पीने के पानी की टूटियों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए।

प्रश्न 12.
ऐतिहासिक स्मारकों की संभाल आप कैसे करोगे ?
उत्तर-
ऐतिहासिक स्मारकों की संभाल के लिए हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –
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  1. हमें ऐतिहासिक स्मारकों को वर्षा, बाढ़ आदि के समय नष्ट होने से बचाने का प्रयत्न करना चाहिए।
  2. हमें अजायबघरों आदि में पड़ी हुई वस्तुओं को हाथ लगा कर खराब नहीं करना चाहिए।
  3. हमें ऐतिहासिक यादगारों को तोड़ना-फोड़ना नहीं चाहिए।
  4. हमें ऐतिहासिक यादगारों में से किसी भी वस्तु को चुराना नहीं चाहिए।
  5. हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अन्य व्यक्ति भी ऐतिहासिक स्मारकों को हानि न पहुँचाए।
  6. हमें ऐतिहासिक स्मारकों पर लिखे हुए या खुदे अक्षरों को न तो मिटाना चाहिए और न ही स्वयं कुछ लिखना चाहिए।

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II. निम्नलिखित रिक्त स्थान भरो

  1. हमारी अपनी सभी निजी वस्तुएं हमारी ……….. सम्पत्ति हैं।
  2. पुरानी ऐतिहासिक इमारतों को ……… कहा जाता है।
  3. सार्वजनिक सम्पत्ति को ……….. नहीं पहुंचाना चाहिए।
  4. सभी की सांझी सम्पत्ति को ………… सम्पत्ति कहा जाता है।
  5. परिवार की सभी वस्तुओं को ……………सम्पत्ति कहा जाता है।

उत्तर-

  1. निजी
  2. स्मारक
  3. नुकसान
  4. सार्वजनिक
  5. पारिवारिक।

III. निम्नलिखित वाक्यों के आगे सही (✓ ) या ग़लत (✗) का निशान लगाओ

  1. पार्क और अस्पताल हमारी निजी सम्पत्ति हैं।
  2. हमें राष्ट्रीय सम्पत्ति को हानि नहीं पहुंचानी चाहिए क्योंकि यह हमारी है।
  3. ऐतिहासिक स्मारकों की रक्षा 1958 में पास किए गए नियम द्वारा की जाती है।
  4. लोक हित सेवाएं सरकार द्वारा लोगों की सुविधा के लिए बनाई जाती है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓ )
  3. (✓ )
  4. (✓ )

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IV. दी गई सूची में से प्राइवेट तथा सार्वजनिक सम्पत्ति की अलग-अलग सूची बनाएं।

पुस्तक, डाकघर, पॅन, रेलवे स्टेशन, स्कूटर, बस स्टैंड, स्मारक, अलमारी, सीवरेज, कार, सड़कें, नहरें, बस्ता, पुल, स्कूल, वाटर वर्क्स, कोठी, झीलें, पार्क, अजायब घर, टेलीविज़न।
उत्तर-प्राइवेट (निजी) सम्पत्ति – पुस्तक, पॅन, स्कूटर, अलमारी, कार, बस्ता, कोठी तथा टेलीविज़न।
सार्वजनिक सम्पत्ति-डाकघर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, स्मारक, सीवरेज, सड़कें, नहरें, पुल, वाटर वर्क्स, स्कूल, झीलें, पार्क तथा अजायब घर।

PSEB 6th Class Social Science Guide सार्वजनिक सम्पति की संभाल Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
अधिकारों के साथ क्या चीज़ जुड़ी है ?
उत्तर-
कर्त्तव्य।

प्रश्न 2.
लोकोपयोगी सेवाएं अथवा संस्थाएं किस प्रकार की सम्पत्ति हैं ?
उत्तर-
सार्वजनिक।

प्रश्न 3.
प्राचीन स्मारकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने कब कानून बनाया ?
उत्तर-
1958 ई० में।

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बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
सार्वजनिक सम्पत्ति से क्या भाव है ?
(क) हमारी सम्पत्ति
(ख) सांझी संपत्ति।
(ग) विदेशी सम्पत्ति
उत्तर-
(ख) सांझी सम्पत्ति।

प्रश्न 2.
सरकार के तीन अंग होते हैं। इनमें निम्न में कौन-सा अंग शामिल नहीं है ?
(क) नगरपालिका
(ख) विधानपालिका
(ग) कार्यपालिका।
उत्तर-
(क) नगरपालिका।

प्रश्न 3.
निम्न में से क्या हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है ?
(क) ऐतिहासिक स्मारक।
(ख) लोकतंत्रीय सरकार
(ग) पंचायती राज संस्थाएं।
उत्तर-
(क) ऐतिहासिक स्मारक।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हमारे देश में किस प्रकार की सरकार है ? इसकी क्या विशेषता होती है ?
उत्तर-
हमारे देश में लोकतान्त्रिक सरकार है। इसमें लोग अपने प्रतिनिधि चुनते हैं जो सरकार चलाते हैं। ऐसी सरकार अपने अधिकतर कार्य लोगों की भलाई के लिए करती है।

प्रश्न 2.
हमारी सरकार के कितने अंग हैं ? प्रत्येक का एक-एक कार्य बताओ।
उत्तर-
हमारी सरकार के तीन अंग हैं-विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका। इनके कार्य निम्नलिखित हैं –

  1. विधानपालिका-इसका कार्य कानून बनाना है।
  2. कार्यपालिका-इसका कार्य कानूनों को लागू करना है।
  3. न्यायपालिका-यह कानूनों का उल्लंघन करने वालों को दण्ड देती है।

प्रश्न 3.
कौन-सी तीन विधियों द्वारा हम निजी सम्पत्ति का ध्यान रखते हैं ?
उत्तर-
(1) हम ध्यान रखते हैं कि कोई हमारी निजी वस्तुओं को खराब या गन्दा न करे।
(2) हम उन्हें सम्भाल कर रखते हैं, ताकि उनकी तोड़-फोड़ न हो।
(3) हम अपनी बहुमूल्य वस्तुओं को घर में ताला लगा कर रखते हैं या फिर बैंक के लॉकर में रखते हैं।
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PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 22 सार्वजनिक सम्पति की संभाल

प्रश्न 4.
सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा के उपायों का वर्णन करो।
उत्तर-
सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा के निम्नलिखित उपाय हैं –

  1. हमें इस सम्पत्ति की तोड़-फोड़ नहीं करनी चाहिए। हमें दूसरों को भी इस काम से रोकना चाहिए।
  2. हमें इनकी दीवारों को गन्दा नहीं करना चाहिए और इनमें गन्दगी नहीं फैलानी चाहिए।
  3. हमें बिना टिकट यात्रा नहीं करनी चाहिए।
  4. हमें पुस्तकालय की पुस्तकों को खराब नहीं करना चाहिए।
  5. हमें फूल आदि तोड़ कर सार्वजनिक पार्कों की शोभा को कम नहीं करना चाहिए।
  6. हमें स्कूल के सामान को हानि नहीं पहुँचानी चाहिए।
  7. हमें प्राचीन स्मारकों, संग्रहालयों और सार्वजनिक भवनों को साफ़-सुथरा रखना चाहिए।

प्रश्न 5.
विद्यार्थी पार्कों की सुरक्षा में क्या योगदान दे सकते हैं ?
उत्तर-
विद्यार्थी पार्कों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं –

  1. वे पार्कों में कूड़ा-कर्कट न फैलाएँ।
  2. वे घास को खराब न करें।
  3. वे फूलों को न तोड़ें।
  4. वे पार्कों में निश्चित स्थान पर ही खेलें।

प्रश्न 6.
ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर-
ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों का हमारे जीवन में बड़ा महत्त्व है। इनसे हमें भारत के प्राचीन इतिहास का ज्ञान होता है। हमें यह भी पता चलता है कि हमारी प्राचीन संस्कृति कितनी महान् थी। ये भवन विदेशियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं। संसद भवन, राष्ट्रपति भवन आदि कुछ इमारतें भारतीय प्रशासन की केन्द्र हैं।

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प्रश्न 7.
सार्वजनिक सम्पत्ति की हानि हमारी अपनी हानि कैसे है ?
उत्तर–
सार्वजनिक सम्पत्ति के टूटने या खराब होने पर ठीक करने के लिए फिर से धन खर्च करना पड़ता है। यह धन हमारे करों से एकत्रित राशि से ही खर्च किया जाता है। यह राशि किसी और सुधार कार्य में लगने की बजाय व्यर्थ हो जाती है। इससे यह स्पष्ट है कि सार्वजनिक सम्पत्ति की हानि हमारी अपनी हानि है।

प्रश्न 8.
आप जल प्रबन्ध की देख-रेख के लिए सरकार की कैसे सहायता करेंगे ?
उत्तर-
जल प्रबन्ध से भाव उस प्रबन्ध से है जिसके द्वारा हमें नहाने और पीने के लिए जल प्राप्त होता है। इसकी सुरक्षा के लिए हमें अग्रलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –

  1. हमें नल को आवश्यकता से अधिक नहीं चलाना चाहिए।
  2. सार्वजनिक स्थानों पर जल का प्रयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए।
  3. सार्वजनिक नलों को किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचानी चाहिए।
  4. यदि जल प्रबन्ध में कोई रुकावट उत्पन्न हो जाए तो तुरन्त इसकी सूचना सम्बन्धित दफ्तर को देनी चाहिए।

प्रश्न 9.
आप विद्यालय में खेल के मैदान की देख-रेख के लिए अपने विद्यालय के व्यवस्थापकों की कैसे सहायता कर सकते हो?
उत्तर-
(1) विद्यालय के खेल के मैदान में खेलते समय वस्तुओं को टूटने से बचाना चाहिए तथा अन्य बच्चों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
(2) हम खेल के मैदान को साफ़-सुथरा रख कर भी विद्यालय के व्यवस्थापकों की सहायता कर सकते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Geography Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल

SST Guide for Class 6 PSEB पृथ्वी के परिमण्डल Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
थलमण्डल किसे कहते हैं?
उत्तर-
थलमण्डल से अभिप्राय पृथ्वी के भूमि वाले भाग से है। इसे धरातल अथवा भू-पर्पटी भी कहते हैं। इसका निर्माण विभिन्न प्रकार की शैलों से हुआ है। इसकी औसत मोटाई 60 किलोमीटर है।

प्रश्न 2.
पृथ्वी के प्रमुख भू-रूपों के नाम लिखो।
उत्तर-
पृथ्वी पर मुख्य रूप से तीन प्रकार के भू-रूप पाये जाते हैं। इनके नाम हैं – पर्वत, पठार तथा मैदान।

प्रश्न 3.
पृथ्वी के सभी परिमण्डल एक-दूसरे को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी के सभी परिमण्डल आपस में जुड़े हुए हैं। ये एक-दूसरे के अस्तित्व का आधार हैं। किसी एक परिमण्डल का सन्तुलन बिगड़ने से अन्य परिमण्डलों का सन्तुलन बिगड़ जाता है। उदाहरण के लिए, अधिक पेड़-पौधे काटने से जैवमण्डल में असन्तुलन पैदा हो जाता है। इसका प्रभाव वायुमण्डल पर पड़ता है और वह प्रदूषित हो जाता है। इससे वर्षा में कमी आती है, जिसका जलमण्डल पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

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प्रश्न 4.
पर्वत-श्रेणी किसे कहते हैं?
उत्तर-
अपने आस-पास के धरातल से ऊंचे उठे भू-भाग को पर्वत कहते हैं। इनका ऊपरी सिरा नुकीला होता है। पर्वत प्रायः एक समूह के रूप में पाए जाते हैं। पर्वतों के समूह को पर्वत-श्रेणी कहते हैं।

प्रश्न 5.
विश्व के प्रसिद्ध पठारों के नाम बताओ।
उत्तर-

  1. भारत का दक्षिणी पठार
  2. उत्तरी अमेरिका का अपलेशियन पठार
  3. मध्य अफ्रीका का पठार तथा
  4. तिब्बत का पठार।

प्रश्न 6.
वायुमण्डल जीवन प्रणाली को जीने में कैसे सहायता करता है?
उत्तर-
वायुमण्डल जीवन प्रणाली को जीवित रखने में निम्नलिखित ढंग से सहायता करता है –

  1. इससे ऑक्सीजन लेकर जीव साँस लेते हैं।
  2. यह पृथ्वी पर एक कम्बल का काम करता है और सूर्य के ताप का ठीक रूप में वितरण करता है। इसके कारण पृथ्वी का कोई स्थान इतना अधिक गर्म अथवा ठंडा नहीं होता कि वहाँ जीवित न रहा जा सके।
  3. वायुमण्डल से प्राप्त नाइट्रोजन गैस से पेड़-पौधों की वृद्धि होती है जिनसे मनुष्य को भोजन मिलता है।
  4. वायुमण्डल से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर हरे पेड़-पौधे अपना भोजन बनाते हैं।

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प्रश्न 7.
मेज़ भू-रूप किसे और क्यों कहते हैं?
उत्तर-
पठार को मेज़ भू-रूप कहा जाता है। इसका कारण यह है कि इसका ऊपरी सिरा मेज़ की तरह चपटा होता है।

प्रश्न 8.
जलमण्डल का मनुष्य के लिए क्या महत्त्व है?
उत्तर-
जलमण्डल में महासागर, सागर, झीलें, नदियां आदि शामिल हैं। इनका मनुष्य के लिए निम्नलिखित महत्त्व है –

  1. जलमण्डल के कारण ही पृथ्वी पर जीवन सम्भव है। इसका कारण यह है कि मनुष्य, जीव-जन्तु तथा पेड़-पौधे जल के बिना जीवित नहीं रह सकते।
  2. जलमण्डल वर्षा लाने में सहायता करता है जिससे वायुमण्डल ठंडा होता है।
  3. जलमण्डल में मछलियां मिलती हैं जिनसे मनुष्य को भोजन मिलता है।
  4. जलमण्डल में नौका-परिवहन होता है। इससे व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
  5. जलमण्डल से हमें नमक प्राप्त होता है।

प्रश्न 9.
महाद्वीप किसे कहते हैं?
उत्तर-
थल के वे बड़े भाग जो तीनों अथवा चारों ओर से जल से घिरे होते हैं, महाद्वीप कहलाते हैं।

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प्रश्न 10.
पृथ्वी पर कितने महाद्वीप हैं? इनके नाम लिखो। सबसे बड़ा महाद्वीप कौन-सा है?
उत्तर-
पृथ्वी पर कुल सात महाद्वीप हैं। इनके नाम हैं –

  1. एशिया
  2. अफ्रीका
  3. यूरोप
  4. उत्तरी अमेरिका
  5. दक्षिणी अमेरिका
  6. ऑस्ट्रेलिया
  7. अंटार्कटिका।

इनमें से एशिया सबसे बड़ा महाद्वीप है।

प्रश्न 11.
महासागरों के नाम बताओ। यह भी बताओ कि ग्लोब पर महासागरों को किस रंग से दर्शाया जाता है?
उत्तर-
संसार में चार महासागर हैं। इनके नाम हैं –

  1. प्रशान्त महासागर
  2. अंध महासागर
  3. हिन्द महासागर
  4. आर्कटिक महासागर।

ग्लोब पर महासागरों ह्यको नीले रंग से दर्शाया जाता है।

प्रश्न 12.
जीवमण्डल किसे कहते हैं? इसके बारे में संक्षिप्त जानकारी दो।।
उत्तर-
जीवमण्डल धरातल का वह सीमित क्षेत्र है, जहाँ भूमि, जल और वायु एकदूसरे के सम्पर्क में आते हैं। यह पृथ्वी की सतह से कुछ नीचे पानी में तथा पृथ्वी की सतह से कुछ ऊपर वायु तक फैला हुआ है। यहाँ जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ पाई जाती हैं। अतः यहां विभिन्न प्रकार के जीव और पेड़-पौधे पाये जाते हैं। जीवमण्डल को दो भागों में बांटा जाता है-प्राणी जगत् तथा वनस्पति जगत्। प्राणी जगत् में मनुष्य तथा अन्य जीव-जन्तु शामिल हैं। वनस्पति जगत् में पेड़-पौधे आते हैं।

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प्रश्न 13.
उत्तरी गोलार्द्ध को ‘थल या पृथ्वी गोलार्द्ध’ और दक्षिणी गोलार्द्ध को ‘जल गोलार्द्ध’ क्यों कहते हैं?
उत्तर-
उत्तरी गोलार्द्ध का अधिकतर भाग थल है। इस भाग में जल का विस्तार कम है। इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध का अधिकतर भाग जल से घिरा है। इस गोलार्द्ध में थल का विस्तार कम है। इसी कारण उत्तरी गोलार्द्ध को थल गोलार्द्ध अथवा पृथ्वी-गोलार्द्ध तथा दक्षिणी गोलार्द्ध को जल गोलार्द्ध कहा जाता है।

प्रश्न 14.
मनुष्य को जीवमण्डल का प्रमुख प्राणी होने के कारण किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
जीवमण्डल का प्रमुख प्राणी होने के नाते मनुष्य को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –

  1. बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाई जानी आवश्यक है। ऐसा करके ही जैवमण्डल के तत्त्वों पर दबाव को कम किया जा सकता है तथा पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।
  2. प्राकृतिक साधनों का सावधानी से प्रयोग करना चाहिए ताकि जैवमण्डल को साफ़-सुथरा रखा जा सके।
  3. मनुष्य को ‘जियो और जीने दो’ का नियम अपनाना चाहिए। तभी पृथ्वी पर मानव-जीवन बना रह सकता है।

II. रिक्त स्थान भरो

  1. ………… सबसे छोटा महाद्वीप है।
  2. ………… दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा महाद्वीप है।
  3. आर्कटिक सागर ने ……….. ध्रुव को चारों ओर से घेरा हुआ है।
  4. दक्षिणी महासागर ने ………… महाद्वीप को घेरा हुआ है।
  5. पृथ्वी का 2/3 भाग ………… ने घेरा हुआ है।
  6. ………… महाद्वीप को सफ़ेद महाद्वीप कहते हैं।
  7. ……….. परिमण्डल को तीनों परिमण्डल प्रभावित करते हैं।

उत्तर-

  1. ऑस्ट्रेलिया
  2. अफ्रीका
  3. उत्तरी
  4. अंटार्कटिक
  5. जीव।
  6. जल
  7. अंटार्कटिक

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III. निम्नलिखित का मिलान करो

  1. महाद्वीप – आर्कटिक
  2. भू-रूप – जीवमण्डल
  3. जीवन – अंटार्कटिक
  4. महासागर – पठार

उत्तर-

  1. महाद्वीप – अंटार्कटिक
  2. भू-रूप – पठार
  3. जीवन – जीवमण्डल
  4. महासागर – आर्कटिक।

PSEB 6th Class Social Science Guide पृथ्वी के परिमण्डल Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी का कौन-सा परिमंडल वायु तथा जल दोनों में फैला हुआ है?
उत्तर-
जीव मंडल।

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प्रश्न 2.
कौन-सा महासागर एशिया और आस्ट्रेलिया को उत्तरी अमेरिका से अलग करता है?
उत्तर-
प्रशांत महासागर।

प्रश्न 3.
एशिया और यूरोप को कौन-सी पर्वतमाला अलग करती है?
उत्तर-
यूराल।

बह-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दिया गया चित्र निम्नलिखित में से क्या दर्शाता है?
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल 1
(क) जीवमंडल की गैसें।
(ख) ग्लोबल वार्मिंग की गैसें।
(ग) वायुमंडल की गैसें ।
उत्तर-
(ग) वायुमंडल की गैसें

प्रश्न 2.
निम्न में से किस महासागर ने धरती का ½ भाग घेरा हुआ है?
(क) प्रशांत महासागर
(ख) अंध महासागर
(ग) हिन्द महासागर।
उत्तर-
(क) प्रशांत महासागर।

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सही (✓) या गलत (✗) कथन

  1. दक्षिणी अमरीका महाद्वीप पानामा नहर द्वारा उत्तरी अमरीका से जुड़ा है।
  2. आस्ट्रेलिया सबसे बड़ा महाद्वीप है।
  3. आर्कटिक महासागर ने दक्षिणी ध्रुव को घेरा हुआ है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✗)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी पर सर्वप्रथम जीवन का विकास किस परिमण्डल में हुआ था?
उत्तर-
जल परिमण्डल में।

प्रश्न 2.
एशिया महाद्वीप को कौन-कौन से तीन महासागरों नेश्वेरा हुआ है?
उत्तर-
हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर तथा आर्कटिक महासागर।

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प्रश्न 3.
एशिया महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी का नाम बताओ।
उत्तर-
माऊंट एवरेस्ट।

प्रश्न 4.
एशिया महाद्वीप का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश कौन-सा है?
उत्तर-
चीन।

प्रश्न 5.
महासागरों में सबसे गहरा स्थान कौन-सा है?
उत्तर-
मैरियाना खाई, 11022 मीटर गहरी।

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प्रश्न 6.
सबसे बड़ा महाद्वीप कौन-सा है?
उत्तर-
एशिया।

प्रश्न 7.
उस महाद्वीप का नाम बताओ जहाँ मनुष्य स्थायी रूप से नहीं बसे हैं।
उत्तर-
अंटार्कटिका।

प्रश्न 8.
उस महासागर का नाम बताओ जिसका नाम किसी देश के नाम पर रखा गया है।
उत्तर-
हिन्द महासागर।

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प्रश्न 9.
वायुमण्डल की कौन-सी गैस जीवनदायिनी गैस समझी जाती है?
उत्तर-
ऑक्सीजन।

प्रश्न 10.
पृथ्वी पर जल और थल का बँटवारा बताएँ।
उत्तर-
पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग जल है। इसका थल भाग केवल 29 प्रतिशत है।

प्रश्न 11.
महासागर किसे कहते हैं?
उत्तर-
महाद्वीपों को एक-दूसरे से अलग करने वाले जल के बड़े-बड़े भागों को महासागर कहते हैं।

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प्रश्न 12.
सबसे बड़े महासागर का नाम बताएँ।
उत्तर-
संसार का सबसे बड़ा महासागर शांत (प्रशांत) महासागर है।

प्रश्न 13.
वे कौन-से महाद्वीप हैं जो थल से आपस में जुड़े हुए हैं?
उत्तर-

  1. एशिया, यूरोप तथा अफ्रीका और
  2. उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिणी अमेरिका थल द्वारा आपस में जुड़े हुए हैं।

प्रश्न 14.
कौन-सा महाद्वीप बर्फ से ढका रहता है?
उत्तर-
अंटार्कटिका महाद्वीप बर्फ से ढका रहता है।

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प्रश्न 15.
आयु के अनुसार पर्वत कौन-कौन से दो प्रकार के होते हैं?
उत्तर-
युवा तथा प्राचीन।

प्रश्न 16.
समान्तर श्रेणियों के युवा पर्वतों का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
हिमालय पर्वत।

प्रश्न 17.
दो प्राचीन पर्वतों के नाम बताइए।
उत्तर-
आल्पस तथा हिमालय।

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प्रश्न 18.
द्वीप किसे कहते हैं?
उत्तर-
वह छोटा सा भू-भाग जो चारों ओर से जल से घिरा हो, द्वीप कहलाता है।

प्रश्न 19.
भारत को उपमहाद्वीप क्यों कहा जाता है? .
उत्तर-
भारत एशिया महाद्वीप का भाग है। परन्तु यह तीन ओर से पानी से घिरा हुआ है। इसलिए भारत को उपमहाद्वीप कहा जाता है।

प्रश्न 20.
सागर और खाड़ी में अन्तर बताओ।
उत्तर-
सागर-सागर महासागरों के छोटे जल भाग हैं। खाड़ी-कुछ सागर दूर थल भाग में प्रवेश कर गए हैं। इन्हें खाड़ी कहते हैं।

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प्रश्न 21.
पृथ्वी का कौन-सा परिमंडल वायु तथा जल दोनों में फैला हुआ है?
उत्तर-
जीव मंडल।

प्रश्न 22.
कौन-सा महासागर एशिया और आस्ट्रेलिया को उत्तरी अमेरिका से अलग करता है?
उत्तर-
प्रशांत महासागर।

प्रश्न 23.
एशिया और यूरोप को कौन-सी पर्वतमाला अलग करती है?
उत्तर-
यूराल।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रशान्त महासागर की तीन विशेषताएँ बताओ।
उत्तर-

  1. प्रशान्त महासागर सबसे बड़ा महासागर है। इसका क्षेत्रफल सभी महासागरों के कुल क्षेत्रफल से भी अधिक है।
  2. यह अन्य महासागरों की अपेक्षा अधिक गहरा है। विश्व का सबसे गहरा स्थान मैरियाना खाई इसी में स्थित है।
  3. इसके एक ओर एशिया और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप हैं तथा दूसरी ओर उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप हैं।

प्रश्न 2.
वायुमण्डल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
पृथ्वी को चारों ओर से घेरे वायु के आवरण को वायुमण्डल कहते हैं। यह धरातल से लगभग 1600 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैला हुआ है। वायुमण्डल में ऊँचाई के साथ-साथ वायु विरल होती जाती है।

प्रश्न 3.
वायुमण्डल की भिन्न-भिन्न गैसें कौन-सी हैं? ऊँचाई के साथ इनके अनुपात में क्या परिवर्तन आ जाता है?
उत्तर-
वायुमण्डल की भिन्न-भिन्न गैसें निम्नलिखित हैं –
नाइट्रोजन = 78 प्रतिशत
ऑक्सीजन = 21 प्रतिशत
आरगन = 0.91 प्रतिशत
कार्बन डाइऑक्साइड = 0.03 प्रतिशत।
पृथ्वी से 5-6 किलोमीटर की ऊँचाई तक गैसों के अनुपात में कोई परिवर्तन नहीं होता, परन्तु इससे ऊपर जाने पर वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। बहुत अधिक ऊँचाई पर वायु में केवल हाइड्रोजन और हीलियम गैसें मिलती हैं।

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प्रश्न 4.
महाद्वीप अथवा स्थलमण्डल का महत्त्व बताओ।
उत्तर-
महाद्वीप स्थलमण्डल के भाग हैं। इनका निम्नलिखित महत्त्व है –

  1. स्थल भाग पर खेती-बाड़ी की जाती है।
  2. यह मनुष्यों तथा कई जीव-जन्तुओं को आवास प्रदान करता है।
  3. स्थल भाग को खोद कर मूल्यवान् खनिज पदार्थ प्राप्त किए जाते हैं।
  4. स्थलमण्डल कई प्रकार की मानवीय क्रियाओं का आधार है।

प्रश्न 5.
पर्वत और पठार में अन्तर बताओ।
उत्तर-
पर्वत-पर्वत धरातल के वे भू-भाग हैं जो आस-पास के क्षेत्र से ऊँचे उठे होते हैं। इनके शिखर तीखे तथा ढाल तेज़ होते हैं। अधिकांश भूगोलवेत्ताओं के अनुसार पर्वत की ऊँचाई 600 मीटर से अधिक होनी चाहिए।

पठार-पठार भी धरातल के ऊँचे उठे भाग होते हैं, परन्तु इनका शिखर विस्तृत तथा सपाट होता है। इनकी ऊँचाई और विस्तार भी अलग-अलग होता है।

प्रश्न 6.
मैदान से क्या अभिप्राय है? संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
भूतल के निचले प्रदेश मैदान कहलाते हैं। ये लगभग समतल और लक्षणहीन होते हैं। समुद्र तल से इनकी ऊँचाई 300 मीटर से भी कम होती है। संसार के अधिकांश मैदानों का निर्माण नदियों के निक्षेप से हुआ है।

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प्रश्न 7.
कौन-कौन से महाद्वीप दोनों गोलार्डों में फैले हैं?
उत्तर-
अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका और अंटार्कटिका दोनों ही गोलार्डों में स्थित हैं। इनका कुछ भाग उत्तरी गोलार्द्ध में तथा शेष भाग दक्षिणी गोलार्द्ध में है।

प्रश्न-कारण बताओ
प्रश्न 8.
(क) पृथ्वी एक अद्वितीय ग्रह है।
उत्तर-सूर्य के आठ ग्रह हैं जिनमें से पृथ्वी भी एक है, परन्तु पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन पाया जाता है। इसलिए पृथ्वी को अद्वितीय ग्रह कहते हैं।

प्रश्न 8.
(ख) यूरोप और एशिया को यूरेशिया भी कहते हैं।
उत्तर-यूरोप और एशिया को कोई भी महासागर अलग नहीं करता। इसी कारण इन दोनों महाद्वीपों के नामों को मिलाकर इन्हें यूरेशिया भी कहते हैं। यह इन दोनों महाद्वीपों का सामूहिक नाम है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
संसार में कितने महाद्वीप हैं? उनका संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
संसार में कुल सात महाद्वीप हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –

1. एशिया-यह संसार का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह एक ओर यूरोप महाद्वीप से जुड़ा है। इसलिए इन दोनों महाद्वीपों को यूरेशिया के नाम से भी पुकारते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 5 पृथ्वी के परिमण्डल 2

2. यूरोप-यह संसार के समृद्ध महाद्वीपों में से एक है। इसका विस्तार केवल उत्तरी गोलार्द्ध में है।

3. अफ्रीका-यह संसार का दूसरा बड़ा महाद्वीप है। इसे स्वेज़ नहर एशिया से अलग करती है। यह महाद्वीप दोनों गोलार्डों में फैला हुआ है।

4. उत्तरी अमेरिका-इस महाद्वीप का विस्तार उत्तरी गोलार्द्ध में है।

5. दक्षिणी अमेरिका-यह महाद्वीप अफ्रीका महाद्वीप की भाँति दोनों गोलार्डों में फैला है, परन्तु इसका अधिकतर विस्तार दक्षिणी गोलार्द्ध में है।

6. ऑस्ट्रेलिया-यह संसार का सबसे छोटा महाद्वीप है। इसका विस्तार केवल . दक्षिणी गोलार्द्ध में ही है।

7. अंटार्कटिका-इस महाद्वीप का विस्तार भी केवल दक्षिणी गोलार्द्ध में ही है। इसका क्षेत्रफल यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के सम्मिलित क्षेत्रफल से भी अधिक है। यह सदा बर्फ से ढका रहता है।

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प्रश्न 2.
महासागर से क्या अभिप्राय है? संक्षिप्त वर्णन करो।
उत्तर-
धरातल के विस्तृत जलीय भाग, जिन्हें महाद्वीप एक-दूसरे से अलग करते हैं, महासागर कहलाते हैं। इनका संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –

1. प्रशान्त महासागर-यह संसार का सबसे बड़ा और गहरा महासागर है। इसका क्षेत्रफल संसार के सभी महासागरों के कुल क्षेत्रफल से भी अधिक है। संसार की सबसे गहरी खाई, मैरियाना इसी महासागर में है। यह खाई 11022 मीटर गहरी है।

2. अन्ध महासागर-यह संसार का दूसरा बड़ा महासागर है। इसका क्षेत्रफल प्रशान्त महासागर से लगभग आधा है।

3. हिन्द महासागर-विस्तार की दृष्टि से यह संसार का तीसरा बड़ा महासागर है। संसार में यही एकमात्र ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश (भारत) के नाम पर रखा गया है।

4. आर्कटिक-यह संसार का चौथा बड़ा महासागर है। इसका अधिकांश भाग सारा साल बर्फ से जमा रहता है। इसलिए इसे उत्तरी हिम महासागर भी कहते हैं।

5. दक्षिणी महासागर-दक्षिणी गोलार्द्ध में अंध महासागर, प्रशांत महासागर तथा हिंद महासागर आपस में मिल जाते हैं। इस विशाल महासागर को दक्षिणी महासागर कहते हैं। इस महासागर ने अंटार्कटिक महासागर को चारों ओर से घेरा हुआ है।

प्रश्न 3.
पृथ्वी के स्थल भाग की प्रमुख आकृतियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
पृथ्वी का सारा स्थल भाग समतल नहीं है। यह कहीं कम ऊँचा है, तो कहीं अधिक ऊँचा। इस दृष्टि से स्थल को तीन प्रमुख भागों में बाँट सकते हैं –
1. पहाड़ या पर्वत
2. पठार
3. मैदान।

1. पहाड़ या पर्वत-अपने आस-पास के क्षेत्र से ऊँचे उठे भू-भाग पर्वत कहलाते हैं। इनकी ऊँचाई 600 मीटर से अधिक होती है। इनकी ढाल प्रायः खड़ी या तीव्र होती है। रचना के अनुसार पर्वत चार प्रकार के होते हैं-वलित पर्वत, ज्वालामुखी पर्वत, ब्लॉक पर्वत तथा अवशिष्ट पर्वत। वलित पर्वत तलछटी शैलों में बल पड़ने के कारण बनते हैं और ज्वालामुखी पर्वतों का निर्माण लावे से होता है। ब्लॉक पर्वत धरती में दरार (भ्रंश) पड़ने से बनते हैं। अवशिष्ट पर्वत वे प्राचीन पर्वत हैं जो अपरदन के कारण कम ऊँचे रह गए हैं।

2. पठार-पठार सामान्य रूप से ऊँचे उठे वे भू-भाग हैं जो ऊपर से लगभग समतल होते हैं। ये प्रायः मेज़ या टेबल की आकृति के होते हैं। इसलिए इन्हें टेबल लैण्ड भी कहा जाता है। इनका एक से अधिक किनारा खड़ी ढाल बनाता है। पठार मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-अंतरापर्वतीय पठार, विच्छेदित पठार, गिरिपदीय अथवा लावा पठार। अन्तरापर्वतीय पठार वे पठार होते हैं जो दो या दो से अधिक पर्वत श्रेणियों से घिरे होते हैं। विच्छेदित पठार नदियों के काँट-छाँट से बनते हैं। गिरिपदीय पठार पहाड़ों की तलहटी में स्थित होते हैं।

3. मैदान-धरातल के सबसे अधिक समतल भाग मैदान कहलाते हैं। इनकी समुद्रतल से ऊँचाई 300 मीटर से कम होती है। बनावट के अनुसार मैदान तीन प्रकार के होते हैं-नदी घाटी मैदान, सरोवरी मैदान तथा तटीय मैदान।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Geography Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक Textbook Exercise Questions and Answers.

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SST Guide for Class 6 PSEB मानचित्र – हमारे सहायक Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1.
मानचित्र किसे कहते हैं?
उत्तर-
किसी चपटे तल पर पूरी पृथ्वी अथवा उसके किसी एक भाग का खींचा गया रूप मानचित्र कहलाता है। मानचित्र एक पैमाने के अनुसार खींचा जाता है। इस पैमाने को मानचित्र का पैमाना कहते हैं।

प्रश्न 2.
ग्लोब किसे कहते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी के मॉडल (नमूने) को ग्लोब कहते हैं। इसके बीच एक कील होती है। इस कील का उत्तरी सिरा उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी सिरा दक्षिणी ध्रुव को दर्शाता है। ग्लोब के बीचों-बीच पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर जाती हुई रेखा को भूमध्य रेखा कहते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक 1

प्रश्न 3.
मानचित्र और ग्लोब में क्या अन्तर है?
उत्तर-
मानचित्र और ग्लोब में निम्नलिखित अन्तर हैं –
मानचित्र

  1. मानचित्र पृथ्वी के धरातल या उसके किसी भाग का एक चित्र होता है जिसे एक पैमाने के अनुसार बनाया जाता है।
  2. मानचित्र पर महासागर तथा महाद्वीपों की आकृति तथा आकार सही-सही नहीं दिखाए जा सकते हैं।
  3. इसमें प्रतीकों का प्रयोग किया जाता हैं।

ग्लोब

  1. ग्लोब पृथ्वी का छोटा प्रतिरूप होता है।
  2. ग्लोब पर महासागरों तथा महाद्वीपों की आकृति तथा आकार बिल्कुल सही दिखाए जा सकते हैं।
  3. इसमें प्रतीकों का प्रयोग नहीं किया जाता है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

प्रश्न 4.
मानचित्र क्यों तैयार किये जाते हैं? इनका महत्त्व बताओ।
उत्तर-
मानचित्र पृथ्वी से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए बनाये जाते हैं । ये हमारे लिए बहुत ही उपयोगी हैं। इनका अग्रलिखित महत्त्व है –

  1. ये हमें किसी स्थान, देश अथवा महाद्वीप की जानकारी देते हैं।
  2. महत्त्वपूर्ण नगरों के गाइड मानचित्र तैयार किए जाते हैं। ये लोगों को भिन्न-भिन्न स्थान ढूंढ़ने में सहायता करते हैं।
  3. मानचित्र से हम किन्हीं दो स्थानों के बीच की दूरी का पता लगा सकते हैं।
  4. ये हमें व्यापारिक केन्द्रों, सड़कों एवं रेलमार्गों, नदियों तथा भौतिक लक्षणों की जानकारी देते हैं।
  5. सरकार को प्रशासन चलाने के लिए मानचित्रों की आवश्यकता होती है।
  6. मानचित्र सेना के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं।

सच तो यह है कि मानचित्र भूगोल के भिन्न-भिन्न तथ्यों का अध्ययन करने में हमारी सहायता करते हैं।

प्रश्न 5.
भिन्न-भिन्न मानचित्रों की सूची बनाओ।
उत्तर-
मानचित्र निम्नलिखित कई प्रकार के होते हैं –

  1. भौतिक मानचित्र,
  2. ऐतिहासिक मानचित्र,
  3. वितरण मानचित्र,
  4. स्थलाकृति मानचित्र,
  5. एटलस मानचित्र तथा
  6. दीवार मानचित्र।

प्रश्न 6.
मानचित्रों के आवश्यक तत्त्व कौन-से हैं और क्यों?
उत्तर-
मानचित्रों के आवश्यक तत्त्व दूरी, दिशा तथा प्रमाणिक चिन्ह हैं। ये तत्त्व इसलिए आवश्यक हैं क्योंकि इनके बिना मानचित्र को पढ़ना और समझना कठिन है। वास्तव में ये तत्त्व मानचित्र की भाषा हैं। इनकी सहायता से ही हम किसी मानचित्र से उचित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

प्रश्न 7.
प्रमाणिक चिन्हों का चार्ट बनाओ।
उत्तर-
मानचित्र में कुछ विशेष तत्त्वों को दर्शाने के लिए चिन्ह निश्चित किए गए हैं। इन्हें प्रमाणिक चिन्ह कहते हैं। कुछ प्रमाणिक चिन्ह निम्नांकित हैं –

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक 2

PSEB 6th Class Social Science Guide मानचित्र – हमारे सहायक Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी के धरातलीय रूप दर्शाने वाले मानचित्र क्या कहलाते हैं?
उत्तर-
धरातलीय अथवा भौतिक मानचित्र।

प्रश्न 2.
ऐतिहासिक मानचित्रों द्वारा क्या दर्शाया जाता है? एक उदाहरण दें।
उत्तर-
ऐतिहासिक तथ्य जैसे सभ्यताओं का विस्तार।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

प्रश्न 3.
पुस्तक के रूप में दिए गए मानचित्र क्या कहलाते हैं?
उत्तर-
एटलस मानचित्र।

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आप किसी क्षेत्र का भौगोलिक ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं? इसलिए आपको निम्न में से क्या चाहिए होगा?
(क) उस क्षेत्र का मानचित्र
(ख) वहाँ के लोगों की संख्या
(ग) वहाँ के लोगों की शारीरिक बनावट
उत्तर-
(क) उस क्षेत्र का मानचित्र,

प्रश्न 2.
आपके पास एक वस्तु मानचित्र है। यह निम्न में क्या दर्शाएगा?
(क) प्राकृतिक तथा मानस द्वारा निर्मित स्थल आकृतियां।
(ख) ऐतिहासिक लड़ाइयां एवं सभ्यताओं का विस्तार।
(ग) फसलों, खनिजों, आदि का प्रादेशिक विभाजन अथवा वितरण।
उत्तर-
(ग) फसलों, खनिजों आदि का प्रादेशिक विभाजन अथवा वितरण।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

सही (✓) या गलत (✗) कथन

  1. एटलस मानचित्र बड़े पैमाने पर आधारित होते हैं।
  2. स्थल आकृति मानचित्रों पर मानव-निर्मित आकृतियां दर्शायी जाती हैं।
  3. मानचित्र एक पैमाने के अनुसार समतल सतह पर खींचा जाता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✓)
  3. (✓)

रिक्त स्थानों की पूर्ति

  1. फ़सलों तथा खनिजों का वितरण ……. मानचित्रों द्वारा दर्शाया जाता है।
  2. ग्लोब पृथ्वी की तरह …………. आकार का होता है
  3. मानचित्र के प्रमाणिक ………….. चिन्ह होते हैं।

उत्तर-

  1. विभाजन संबंधी,
  2. गोल,
  3. आकृति।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रेखाचित्र किसे कहते हैं?
उत्तर-
पृथ्वी पर वास्तविक दूरियों को मापे बिना कल्पना से बनाया गया चित्र रेखाचित्र कहलाता है।

प्रश्न 2.
दिक्सूचक यंत्र का आविष्कार सबसे पहले किस देश में हुआ था?
उत्तर-
चीन में।

प्रश्न 3.
दिग्बिन्दु किसे कहते हैं?
उत्तर-
चारों मुख्य दिशाओं को दिग्बिन्दु कहते हैं। उत्तर, दक्षिण, पूर्व तथा पश्चिम चार मुख्य दिशाएँ हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

प्रश्न 4.
जलीय भागों को दिखाने के लिए किस रंग का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर-
नीले रंग का।

प्रश्न 5.
पृथ्वी तथा मानचित्र पर दूरी के अनुमान को दर्शाने वाला पैमाना क्या कहलाता है?
उत्तर-
रैखिक पैमाना।

प्रश्न 6.
छोटे पैमाने का मानचित्र क्या होता है?
उत्तर-
जब किसी छोटे मानचित्र में एक बड़े क्षेत्र को दर्शाया जाता है तो उसे छोटे पैमाने का मानचित्र कहते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

प्रश्न 7.
बड़े पैमाने के मानचित्र का एक महत्त्व बताओ।
उत्तर-
ऐसे मानचित्र में विस्तृत जानकारी दी जा सकती है।

प्रश्न 8.
मानचित्र में प्रतीकों तथा रंगों का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
प्रतीकों तथा रंगों की सहायता से मानचित्र को पढ़ना सरल हो जाता है।

प्रश्न 9.
पृथ्वी के धरातलीय रूप दर्शाने वाले मानचित्र क्या कहलाते हैं?
उत्तर–
धरातलयीय अथवा भौतिक मानचित्र ।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

प्रश्न 10.
ऐतिहासिक मानचित्रों द्वारा क्या दर्शाया जाता है? एक उदाहरण दें।
उत्तर-
ऐतिहासिक तथ्य जैसे सभ्यताओं का विस्तार।

प्रश्न 11.
पुस्तक के रूप में दिए गए मानचित्र क्या कहलाते हैं?
उत्तर-
एटलस मानचित्र।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आजकल ग्लोब को प्रयोग करना अधिक सुविधाजनक हो गया है। कैसे?
उत्तर-
पहले ग्लोब को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना कठिन था। परन्तु आजकल ऐसे ग्लोब आ गये हैं जिन्हें मोड़कर कहीं भी ले जाया जा सकता है, आवश्यकता पड़ने पर इन्हें गुब्बारे की तरह फुलाया जा सकता हैं। कुछ ऐसे ग्लोब भी हैं जिनमें पर्वत, पठारों तथा मैदानों को उनकी ऊँचाई के अनुसार दर्शाया गया है। इस ऊँचाई को हम हाथ से छू कर अनुभव कर सकते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

प्रश्न 2.
मापक या पैमाने के आधार पर मानचित्र कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दीजिए ह्य
उत्तर-
मापक या पैमाने के आधार पर मानचित्र दो प्रकार के होते हैं-बड़े पैमाने के मानचित्र तथा छोटे पैमाने के मानचित्र। किसी गाँव या नगर का मानचित्र बड़े पैमाने का मानचित्र होता है। इसके विपरीत किसी देश, महाद्वीप अथवा पूरे विश्व का मानचित्र छोटे पैमाने के मानचित्र का उदाहरण है।

प्रश्न 3.
विषयक मानचित्रों से क्या अभिप्राय है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
कुछ मानचित्र किसी विशेष लक्षण की जानकारी देते हैं। ऐसे मानचित्रों को विषयक मानचित्र कहते हैं। उदाहरण के लिए वर्षा के वितरण, सड़कों के जाल अथवा खनिजों के वितरण को दर्शाने वाले मानचित्र विषयक मानचित्र कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
मानचित्र ग्लोब की तरह शुद्ध क्यों नहीं हो सकते?
उत्तर-
ग्लोब पर महाद्वीपों तथा महासागरों की आकृति को सही-सही दिखाया जा सकता है। ग्लोब पर दूरियाँ एवं दिशाएँ भी बिल्कुल सही दिखाई जा सकती हैं। इसके विपरीत मानचित्र पर ऐसा सम्भव नहीं है। इसका कारण यह है कि हमारी पृथ्वी गोल है जबकि मानचित्र चपटी सतह पर बनाये जाते हैं। किसी गोल आकृति को पूरी तरह से चपटा करना असम्भव है। इसलिए मानचित्र ग्लोब की तरह शुद्ध नहीं होते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

प्रश्न 5.
बड़े मापक (पैमाना) और छोटे मापक (पैमाना) के मानचित्रों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
बड़े मापक और छोटे मापक के मानचित्र –
छोटा मापक

  1. छोटे मापक के मानचित्र किसी महाद्वीप या देश के मानचित्र होते हैं।
  2. इनमें अधिक ब्योरे नहीं दिखाए जा सकते हैं।

बड़ा मापक

  1. बड़े मापक के मानचित्र देश या क्षेत्र के किसी विशेष भाग को प्रदर्शित करते हैं।
  2. इनमें अधिक ब्योरे दिखाए जा सकते हैं।

प्रश्न 6.
उन परिस्थितियों को सूचीबद्ध कीजिए जिनमें ग्लोब मानचित्र से कहीं अधिक उपयोगी है।
उत्तर-
ग्लोब निम्नलिखित परिस्थितियों में मानचित्र से अधिक उपयोगी होता है –

  1. पृथ्वी की सही आकृति देखने के लिए।
  2. महासागरों के आकार तथा ध्रुवों की स्थिति जानने के लिए।
  3. पृथ्वी की दैनिक तथा वार्षिक गतियों को समझने के लिए।
  4. अक्षांश रेखाओं तथा देशान्तर रेखाओं के जाल का सही रूप देखने के लिए।

प्रश्न 7.
ग्लोब की क्या कमियाँ हैं?
उत्तर-
ग्लोब में निम्नलिखित कमियाँ होती हैं –

  1. ग्लोब का प्रयोग केवल पूरी पृथ्वी की जानकारी प्राप्त करने के लिए ही किया जा सकता है।
  2. ग्लोब को मानचित्र की तरह दीवार पर नहीं लटकाया जा सकता।
  3. ग्लोब को पुस्तकों में नहीं दिया जा सकता।
  4. ग्लोब पर पैमाने की सहायता से दो स्थानों के बीच की दूरी नहीं मापी जा सकती।
  5. ग्लोब पर विभिन्न प्रदेशों का तुलनात्मक अध्ययन नहीं किया जा सकता।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 4 मानचित्र – हमारे सहायक

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न-
भिन्न-भिन्न प्रकार के मानचित्रों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर-
मानचित्र कई प्रकार के होते हैं। इसका कारण यह है कि इनका उपयोग अलग-अलग तरह से किया जाता है। कुछ मुख्य मानचित्रों का वर्णन निम्नलिखित है –

1. भौतिक मानचित्र-ये मानचित्र किसी देश अथवा महाद्वीप के भौतिक लक्षणों की जानकारी देते हैं। इनमें पर्वत, पठार, मैदान आदि भू-आकारों को भिन्न-भिन्न रंगों से दिखाया जाता है।

2. ऐतिहासिक मानचित्र-ये मानचित्र सभ्यताओं के विस्तार, महत्त्वपूर्ण लड़ाइयों तथा यात्राओं आदि का अध्ययन करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

3. विभाजन संबंधी मानचित्र-इन मानचित्रों में फसलों, खनिजों, जनसंख्या आदि के विभाजन को दर्शाया जाता है। इन्हें वस्तु-मानचित्र भी कहा जाता है।

4. स्थलाकृति मानचित्र-इनमें प्राकृतिक तथा मानव-निर्मित आकृतियां दर्शाई जाती हैं। सड़कों तथा रेलमार्गों के मानचित्र इसी प्रकार के मानचित्र हैं। ये मानचित्र प्रत्येक देश के सर्वे विभाग की ओर से तैयार किये जाते हैं।

5. एटलस मानचित्र-ये मानचित्र छोटे पैमाने पर बनाए जाते हैं और इन्हें एक पुस्तक के रूप में बांधा जाता है। विद्यार्थियों के लिए ये मानचित्र बहुत ही उपयोगी होते हैं।

6. दीवार मानचित्र-ये एटलस मानचित्रों से बड़े होते हैं। ये किसी को पढ़ाने अथवा समझाने के लिए उपयोग में लाये जाते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

SST Guide for Class 6 PSEB शहरी विकास और स्थानीय सरकार Textbook Questions and Answers

बह-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शहरी स्थानीय सरकार की प्रारंभिक संस्था का क्या नाम है?
(क) नगर निगम
(ख) ग्राम पंचायत
(ग) नगर पंचायत।
उत्तर-
नगर पंचायत।

प्रश्न 2.
नगर निगम के मुखिया को क्या कहते हैं?
(क) प्रधान
(ख) मेयर
(ग) सरपंच।
उत्तर-
मेयर।

प्रश्न 3.
नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी को क्या कहते हैं?
(क) अधीक्षक (सुपरिन्टेंडेंट)
(ख) उपनिदेशक (डिप्टी क्लेक्टर)
(ग) आयुक्त (कमिश्नर)।
उत्तर-
आयुक्त (कमिश्नर)।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से पंजाब के किस शहर में नगर निगम नहीं है?
(क) अमृतसर
(ख) पटियाला
(ग) रोपड़
(घ) लुधियाना
(ङ) बठिण्डा
(च) जालंधर।
उत्तर-
रोपड़।

प्रश्न 5.
जिला प्रबंध के सर्वोच्च अधिकारी को क्या कहते हैं?
(क) डी०ई०ओ०
(ख) एस०एम०पी०
(ग) डी०पी०आर०ओ०
(घ) उप-आयुक्त (डिप्टी कमिश्नर)
उत्तर-
उप-आयुक्त (डिप्टी कमिश्नर)।

प्रश्न 6.
बड़े शहरों में अधिक भीड़ वाली सड़क की भीड़ कम कराने के लिए सड़क के ऊपर एक अन्य सड़क बनाई जाती है, उस सड़क को क्या कहते हैं?
(क) साइकिल-रिक्शा ट्रैक
(ख) बाईपास
(ग) भूमिगत मार्ग
(घ) फ़्लाई ओवर
(ङ) लिंक रोड।
उत्तर-
फ्लाई ओवर।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखें

प्रश्न 1.
आज़ादी के बाद हुए शहरी विकास के बारे में संक्षेप में लिखो।
उत्तर-
स्वतन्त्रता के बाद अनेक गांवों ने धीरे-धीरे कस्बों का रूप धारण कर लिया और फिर शहरों में बदल गए। शहरी विकास की यह प्रक्रिया आज भी जारी है। शहरी विकास में मुख्य रूप से मशीनी उद्योगों की भूमिका रही है। गांवों की जनसंख्या बढ़ने से माल की मांग बढ़ गई। इसकी पूर्ति के लिए हाथों का काम मशीनों से होने लगा। बड़े-बड़े कारखाने स्थापित किए गए जिनके आस-पास बड़े-बड़े शहर बस गए। आज गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग रोज़गार की तलाश में शहरों में आ रहे हैं। फलस्वरूप शहरों और कस्बों का विस्तार हो रहा है।

प्रश्न 2.
शहरी स्थानीय सरकार की संस्थाएं कौन-कौन सी हैं?
उत्तर-
शहरी स्थानीय सरकार की तीन संस्थाएँ हैं –

  1. नगर पंचायत
  2. नगरपालिका
  3. नगर निगम।

प्रश्न 3.
शहर को जनसंख्या के आधार पर वार्डों में क्यों बांटा जाता है?
उत्तर-
शहर को शहरी स्थानीय शासन के चुनाव के लिए वार्डों में बांटा जाता है। प्रत्येक वार्ड से एक सदस्य चुना जाता है, जो अपने वार्ड के लिए विकास कार्य करता है।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

प्रश्न 4.
नगर-निगम और नगरपालिका का चुनाव लड़ने के लिए कितनी आयु होनी चाहिए?
उत्तर-
25 वर्ष या इससे अधिक।

प्रश्न 5.
कस्बे की स्थानीय सरकार को क्या कहा जाता है?
उत्तर-
कस्बे की स्थानीय सरकार को नगर पंचायत कहा जाता है।

प्रश्न 6.
नगर-निगम के चार सरकारी कर्मचारियों के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. कमिश्नर
  2. स्वास्थ्य अधिकारी
  3. इंजीनियर
  4. सफ़ाई अधिकारी।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

प्रश्न 7.
शहरी स्थानीय सरकार की आय के कोई चार (मुख्य) साधन लिखो।
उत्तर-
शहरी स्थानीय सरकार की आय के मुख्य साधन निम्नलिखित हैं –
1. कर-यह कई प्रकार के कर लगा सकती है। इनमें चुंगी कर, न्याय-कर, मार्ग-कर, गृह-कर, व्यवसाय कर, मनोरंजन कर आदि प्रमुख हैं।

2. फीस और जुर्माने-यह पानी और बिजली की आपूर्ति पर फीस लगाती है। यह नगर में चलने वाले वाहनों-रिक्शाओं, ठेलों, तांगों आदि पर फीस (टैक्स) लगाती है। इसके अतिरिक्त यह अपने नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना करती है।

3. सरकारी सहायता-नई योजनाएं लागू करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा सम्बन्धी कार्यों के लिए सरकार इसकी सहायता करती है।

4. ऋण- यह आवश्यकतानुसार सरकार से ऋण ले सकती है। (कोई दो लिखें।)

प्रश्न 8.
जिला-प्रबन्ध का सर्वोच्च अधिकारी कौन होता है?
उत्तर-
ज़िला प्रबन्ध का सर्वोच्च अधिकारी डिप्टी कमिश्नर होता है। उसे उपआयुक्त भी कहते हैं। उसका चुनाव भारतीय प्रशासनिक सेवा (I.A.S.) द्वारा होता है।

प्रश्न 9.
शहरी स्थानीय सरकार के प्रति आपके क्या कर्त्तव्य हैं?
उत्तर-
शहरी स्थानीय सरकार के प्रति हमारे निम्नलिखित कर्त्तव्य हैं –

  1. हमें योग्य तथा ईमानदार सदस्यों का चुनाव करना चाहिए।
  2. हमें नगर को साफ-सुथरा रखना चाहिए।
  3. हमें सड़कों पर तथा गलियों में तोड़-फोड़ नहीं करनी चाहिए।
  4. हमें अपने कर ईमानदारी से चुकाने चाहिए, ताकि विकास कार्यों में बाधा न पड़े।

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प्रश्न 10.
नगरपालिका / नगर-निगम के कोई दो कार्य लिखो।
उत्तर-
नगरपालिका / नगर-निगम नगर के प्रबन्ध के लिए निम्नलिखित कार्य करती है –

  1. नगर में पानी, सफ़ाई तथा प्रकाश का प्रबन्ध करना।
  2. बीमारियों की रोकथाम के लिए टीके लगाना, मक्खियों, मच्छरों को नष्ट करना और खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट को रोकना।
  3. गलियां, सड़कें, पुल तथा नालियां बनवाना और उनकी मुरम्मत करवाना।
  4. अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र, बाल-कल्याण केन्द्र, चिड़िया घर, पार्क आदि बनवाना।
  5. जन्म-मरण का रिकार्ड रखना। (कोई दो लिखें।)

प्रश्न 11.
शहरी स्थानीय सरकार के कोई दो आवश्यक कार्य लिखो।
उत्तर-
शहरी स्थानीय सरकार के दो आवश्यक कार्य निम्नलिखित हैं –

  1. नगर में बिजली, पानी, स्वास्थ्य केन्द्रों तथा सफ़ाई का प्रबंध करना।
  2. सड़कों तथा पुलों का निर्माण करना और उनकी देखभाल करना।

प्रश्न 12.
भूमिगत रास्ता, साइकिल ट्रैक और बाईपास सड़कें सड़क सुरक्षा के लिए कैसे उपयोगी हैं?
उत्तर-

  1. भूमिगत रास्ता, साइकिल ट्रैक तथा बाईपास हमें सुरक्षित रास्ता जुटाते हैं।
  2. इन मार्गों के कारण बड़े वाहनों के यातायात में बाधा नहीं पड़ती।

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प्रश्न 13.
क्या सड़क पर साइकिल चलाते समय हमें हैल्मेट पहनना चाहिए?
उत्तर-
हमारे देश में साइकिल चलाते समय हैल्मेट पहनना ज़रूरी नहीं है। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से हमें हैल्मेट अवश्य पहनना चाहिए। इससे साइकिल से नीचे गिरमे पर गम्भीर चोट अथवा मृत्यु से बचा जा सकता है।

II. निम्नलिखित खाली स्थान भरो

  1. नगर पंचायत ……….. में बनाई जाती है।
  2. शहरी स्थानीय सरकार के कार्यों की देखभाल …….. सरकार करती है।
  3. नगरपालिका या नगर-निगम के चुनाव के लिए कम-से-कम ……… आयु तथा वोट डालने के लिए……….. वर्ष की आयु होनी चाहिए।
  4. प्रत्येक जिले में …… और ……….. अदालतें होती हैं।
  5. गांव से शहर में परिवर्तित होते क्षेत्र को ……………. कहा जाता है।

उत्तर-

  1. कस्बे,
  2. राज्य,
  3. 25 वर्ष की, 18,
  4. दीवानी, फ़ौजदारी,
  5. कस्बा।

III. निम्नलिखित वाक्यों पर सही (✓) या ग़लत (✗) का निशान लगाओ

  1. कोई विदेशी नागरिक स्थानीय सरकार के चुनाव में वोट डाल सकता है।
  2. पंजाब में इस समय नौ नगरों में नगर-निगम हैं।
  3. पंजाब में नगर-निगम के प्रधान को मेयर कहा जाता है।
  4. स्थानीय सरकार के चुनाव के लिए वोटर की आयु 17 वर्ष होती है।
  5. उप-आयुक्त (डिप्टी कमिश्नर) जिले के प्रबन्ध का मुख्य सरकारी अधिकारी होता है।

उत्तर-

  1. (✗)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✗)
  5. (✓)

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

PSEB 6th Class Social Science Guide शहरी विकास और स्थानीय सरकार Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मान लीजिए आपकी आयु 13 वर्ष है। आपको कितने साल बाद स्थानीय . सरकार के चुनाव में वोट डालने का अधिकार मिल सकेगा?
उत्तर-
5 साल बाद, 18 वर्ष की आयु में।

प्रश्न 2.
नगर निगम का मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्या कहलाता है?
उत्तर-
कमिश्नर।

प्रश्न 3.
रास्ते तथा भीड़ को कम करने के लिए एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचने के लिए प्रायः शहर के बाहर की ओर एक विशेष सड़क बना दी जाती है। ऐसी सड़क क्या कहलाती है?
उत्तर-
बाई-पास।

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नगर-पंचायत का मुखिया कौन होता है?
उत्तर-
नगर-पंचायत का मुखिया नगर अध्यक्ष होता है।

प्रश्न 2.
नगरपालिका तथा नगर परिषद् किसे कहते हैं?
उत्तर-
शहरों की स्थानीय शासन संस्थाओं को नगरपालिका कहते हैं। यह शहरों की स्थानीय समस्याओं का समाधान करती है।

प्रश्न 3.
नगर-निगम से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
बड़े-बड़े नगरों की स्थानीय शासन संस्थाओं को नगर-निगम कहा जाता है।

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प्रश्न 4.
नगर-पंचायत की स्थापना कहां की जाती है?
उत्तर-
नगर-पंचायत गांव से शहर में बदलते हुए कस्बे में स्थापित की जाती है। परन्तु यह आवश्यक है कि उस क्षेत्र की जनसंख्या 20,000 से कम हो।

प्रश्न 5.
जिला प्रशासन का क्या महत्त्व है?
उत्तर-
जिला प्रशासन राज्य की बहुत ही महत्त्वपूर्ण इकाई है। पूरे राज्य की उन्नति जिले के कुशल प्रशासन पर ही निर्भर करती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नगरपालिकाओं को राज्य सरकार अनुदान क्यों देती है?
उत्तर-
नगरों की जनसंख्या अधिक होने के कारण नगरों की आवश्यकताएं अधिक होती हैं। इसलिए नगरपालिकाओं को अनेक कार्य करने पड़ते हैं। इसके लिए अधिक धन की आवश्यकता होती है। परन्तु नगरपालिकाओं की आय के साधन सीमित होते हैं। इसलिए सरकार इन्हें अनुदान देती है। अनुदान का अर्थ है-आर्थिक सहायता देना।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

प्रश्न 2.
बड़े शहरों में पार्क और भूमिगत नालियाँ क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर-
बड़े शहरों में प्रदूषण की समस्या अधिक है। प्रदूषण कई प्रकार की बीमारियों को जन्म देता है। पार्क लोगों और वातावरण को स्वच्छ रखते हैं। यहाँ आकर लोग खुली हवा में अपना मनोरंजन भी करते हैं। इसलिए बड़े शहरों में पार्कों का होना आवश्यक है। __ भूमिगत नालियां गंदे पानी की निकासी के लिए अति आवश्यक हैं। इनके बिना गंदा जल गलियों तथा सड़कों पर फैल जाएगा और वातावरण दूषित हो जाएगा।

प्रश्न 3.
नगरपरिषद् के किन्हीं पाँच कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
नगरपरिषद् के पाँच मुख्य कार्यों का वर्णन इस प्रकार है –

  1. सड़कों तथा पुलों का निर्माण करना।
  2. जन-स्वास्थ्य तथा सफ़ाई की व्यवस्था करना।
  3. अग्निशमक (आग बुझाना) सेवाओं का प्रबन्ध करना।
  4. नगर की सुख-सुविधा के लिए पार्क, उद्यान तथा खेल के मैदान का प्रबन्ध करना।
  5. पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था करना।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार 1

प्रश्न 4.
नगर-निगम की आय के मुख्य साधन कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
नगर-निगम की आय के मुख्य साधन निम्नलिखित हैं –

  1. भूमि तथा भवनों पर कर
  2. पशुओं तथा वाहनों पर कर
  3. चुंगी कर
  4. व्यवसाय कर
  5. राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

प्रश्न 5.
नगर पंचायत के सदस्यों का चुनाव कैसे और कितने वर्ष के लिए होता है?
उत्तर-
नगर पंचायत के सदस्यों का चुनाव वयस्क नागरिकों अर्थात् 18 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले व्यक्तियों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से होता है। इनका चुनाव पाँच वर्ष के लिए किया जाता है।

प्रश्न 6.
क्या नगरपालिका से नगर-निगम अधिक शक्तिशाली है? क्यों?
उत्तर-
नगर-निगम नगरपालिका से अधिक शक्तिशाली होती है। नगर-निगम की शक्तियां नगरपालिका की अपेक्षा अधिक होती हैं। नगर-निगम की जिम्मेवारी भी अधिक होती है। इसका कारण यह है कि बड़े तथा छोटे नगरों की जनसंख्या तथा नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाओं में पर्याप्त अन्तर होता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जिलाधीश के प्रमुख कार्यों का वर्णन करो।
उत्तर-
जिलाधीश के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं –
1. शान्ति तथा कानून-व्यवस्था की स्थापना करना-ज़िलाधीश का प्रमुख कार्य जिले में शान्ति तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। इस कार्य में वह समस्त ज़िले की पुलिस की सहायता लेता है।

2. भूमि सम्बन्धी रिकार्डों की देखभाल और भूमि-कर की वसूली करना-हमारा देश कृषि प्रधान देश है। कृषि योग्य भूमि का वर्गीकरण, उसका नाप, उसमें पैदा होने वाली उपज और भूमि-कर की वसूली करना तथा उसका ब्योरा रखने का काम भी जिलाधीश द्वारा किया जाता है।

3. नागरिक सुविधाएँ और सेवाएं प्रदान करना-ज़िलाधीश जिले के लोगों को अनेक प्रकार की सुविधाएँ और सेवाएँ प्रदान करवाता है, ताकि उनका चहुँमुखी विकास हो सके। इन सुविधाओं में स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात का प्रबन्ध, सरकारी इमारतों और सड़कों की देखभाल आदि शामिल हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 21 शहरी विकास और स्थानीय सरकार

प्रश्न 2.
नगरपालिका की संरचना, कार्यों तथा आय के साधनों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
नगरपालिका की संरचना-नगरपालिका 20,000 से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में बनाई जाती है। इसके सदस्य दो प्रकार के होते हैं –
1. निर्वाचित सदस्य-ये सदस्य प्रत्यक्ष रूप से वयस्क नागरिकों द्वारा निर्वाचित होते हैं। पंजाब में इनकी संख्या 9 से 29 तक हो सकती है।

2. पदेन सदस्य-नगर के निर्वाचित क्षेत्र से चुने गए लोक सभा, राज्य सभा अथवा राज्य विधान मण्डल के सदस्य नगरपालिका के पदेन सदस्य होते हैं।
कार्यकाल-नगरपालिका का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
कार्य-नगरपालिका नगर के प्रबन्ध के लिए निम्नलिखित कार्य करती है –

  1. नगर में पानी, सफ़ाई तथा प्रकाश का प्रबन्ध करना।
  2. बीमारियों की रोकथाम के लिए टीके लगाना, मक्खियों, मच्छरों को नष्ट करना और खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट को रोकना।
  3. गलियां, सड़कें, पुल तथा नालियां बनवाना और उनकी मुरम्मत करवाना।
  4. अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र, बाल-कल्याण केन्द्र, चिड़िया घर, पार्क आदि बनवाना।
  5. जन्म तथा मृत्यु का रिकार्ड रखना।
  6. आग बुझाने के लिए फायर-ब्रिगेड का प्रबन्ध करना तथा बसें, ट्राम आदि चलाना।
  7. अपने क्षेत्र में स्कूलों तथा पुस्तकालयों की व्यवस्था करना।
  8. पशु मेले लगवाना और नगरवासियों की सुविधा के लिए बसें चलाना।

प्रश्न 3.
नगर-निगम की संरचना, कार्यों तथा आय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
नगर-निगम की संरचना, कार्यों तथा आय के साधनों का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है –
संरचना-पंजाब में अमृतसर, जालन्धर, लुधियाना, पटियाला आदि दस नगरों में नगर-निगम की स्थापना की गई है। नगर-निगम के सदस्यों को पार्षद कहते हैं। इनका चुनाव नगर के वयस्क नागरिक करते हैं। नगर-निगम क्षेत्र से निर्वाचित लोक सभा, राज्य सभा तथा विधानसभा के सदस्य भी इसके सदस्य होते हैं। नगर-निगम के प्रधान को मेयर कहते हैं।

कार्य-नगर-निगम स्थानीय शासन की शेष सभी संस्थाओं से अधिक शक्तिशाली होती है। इसके कार्यों को दो भागों में बांटा गया है – अनिवार्य तथा ऐच्छिक कार्य।
अनिवार्य कार्य –

  1. स्वच्छ पानी का प्रबन्ध करना।
  2. सड़कों, पुलों तथा नालियों का निर्माण करना।
  3. नगर में सफाई का प्रबन्ध करना।
  4. फायर ब्रिगेड का प्रबन्ध करना।
  5. श्मशान भूमि का उचित प्रबन्ध करना।
  6. नगर-निगम की सम्पत्ति की देखभाल करना।

ऐच्छिक कार्य –

  1. अस्पताल बनवाना।
  2. संस्कृति तथा शिक्षा का विकास करना।
  3. पुस्तकालय, अजायबघर, कला भवन आदि बनवाना।

आय के साधन-नगर-निगम की आय के मुख्य साधन निम्नलिखित हैं –
1. कर-नगर-निगम नागरिकों पर कई प्रकार के कर लगाता है। इनमें पानी कर, सफ़ाई कर, मकान कर, मनोरंजन कर और चुंगी कर प्रमुख हैं।

2. फीस और जुर्माने-नगर-निगम को मकानों के नक्शे पास करने से प्राप्त फीस तथा तांगा, रिक्शा तथा ठेला आदि की लाइसेंस फीस से आय होती है। इसे नगर-निगम के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर किए गए जुर्माने से भी पर्याप्त आय हो जाती है।

3. सरकारी अनुदान तथा अन्य साधन-नगर-निगम की अपनी सम्पत्ति होती है। इसके किराए से नगर-निगम को काफ़ी आय हो जाती है। इसके अतिरिक्त सरकार भी इसे आर्थिक सहायता देती है। इसे सरकारी अनुदान कहते हैं।

PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 20 ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार

Punjab State Board PSEB 6th Class Social Science Book Solutions Civics Chapter 20 ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 20 ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार

SST Guide for Class 6 PSEB ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार Textbook Questions and Answers

बहु-विकल्पीय प्रश्न

प्रश्न I.
ग्रामीण स्थानीय सरकार की इकाइयों का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम कितनी आयु होनी चाहिए?
(क) 20 साल
(ख) 22 साल
(ग) 21 साल।
उत्तर-
21 साल।

प्रश्न II.
मतदाताओं (वोटरों) द्वारा पंचायत समिति में सीधे चुने जाने वाले सदस्यों की कम से कम तथा अधिक से अधिक संख्या कितनी हो सकती है?
(क) 9 से 25
(ख) 15 से 25
(ग) 6 से 29।
उत्तर-
15 से 251

प्रश्न III.
मतदाताओं (वोटरों) द्वारा जिला परिषद् में सीधे चुने जाने वाले सदस्यों की कम से कम तथा अधिक से अधिक संख्या कितनी हो सकती है?
(क) 10 से 25
(ख) 12 से 25
(ग) 14 से 25।
उत्तर-
10 से 25।

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प्रश्न IV.
पंचायत की आय-व्यय का हिसाब रखने वाले कर्मचारी को क्या कहते हैं?
(क) अधीक्षक (सुपरिन्टेंडेंट)
(ख) सचिव।
उत्तर-
सचिव।

I. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखो

प्रश्न 1.
भारत में गाँवों की संख्या कितनी है?
उत्तर-
लगभग 6 लाख।

प्रश्न 2.
पंचायती राज्य का क्या अर्थ है?
उत्तर-
गाँवों की तीन स्तरों वाली स्थानीय शासन व्यवस्था को पंचायत राज्य अथवा पंचायती राज कहते हैं। सबसे निचले स्तर पर ग्राम पंचायत होती है। यह गाँव की स्थानीय सरकार है। इससे ऊपर पंचायत समिति और सबसे ऊपर जिला परिषद् होती है। पंचायत समिति जिला परिषद् तथा ग्राम पंचायत के बीच कड़ी का काम करती है।

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प्रश्न 3.
पंचायती राज्य की प्रारम्भिक तथा उच्च संस्था के नाम लिखो।
उत्तर-
पंचायती राज की प्रारम्भिक संस्था ग्राम पंचायत है। इसकी उच्च संस्था ज़िला परिषद् है।

प्रश्न 4.
पंजाब में ग्राम पंचायत के सदस्यों की (कम-से-कम और अधिक-सेअधिक) संख्या कितनी होती है?
उत्तर-
कम-से-कम 5 और अधिक-से-अधिक 13

प्रश्न 5.
ज़िला परिषद् के दो कार्य लिखो।
उत्तर-
जिला परिषद् की स्थापना ग्राम विकास के लिए की जाती है।

  1. इसका मुख्य कार्य पंचायत समितियों की देखभाल करना तथा उनमें तालमेल बनाए रखना है। यह सरकार तथा पंचायत समितियों के बीच कड़ी का काम करती है।
  2. यह सरकार को विकास कार्यों के बारे में राय देती है।

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प्रश्न 6.
वर्तमान समय में गांवों में कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध हैं?
उत्तर-
वर्तमान समय में भारत सरकार के प्रयत्नों से गाँवों में निम्नलिखित अनेक सुविधाएं उपलब्ध हैं –

1. शिक्षा का प्रसार-शिक्षा के प्रसार के लिए स्कूल और कॉलेज खोले गए हैं। 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। अशिक्षित प्रौढ़ों के लिए ‘प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र’ स्थापित किए गए हैं।

2. कृषि का विकास-ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। आजादी के बाद कृषि के विकास के लिए कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की गई । यहाँ कृषि के लिए उत्तम बीजों की खोज की जाती है। कृषकों के लिए वर्ष में एक बार प्रदर्शनी लगाई जाती है। इसमें कृषि वैज्ञानिक किसानों को उन्नत कृषि के लिए परामर्श देते हैं। किसानों को उत्तम किस्म के बीजों और फ़सलों के लिए आवश्यक कीटनाशक दवाइयों का वितरण किया जाता है। इससे उपज में वृद्धि हुई है।
भारत सरकार ने भूमि के छोटे-छोटे टुकड़ों को इकट्ठा करके चकबन्दी भी कर दी है ताकि मशीनों द्वारा कृषि की जा सके।

3. स्त्री शिक्षा तथा स्वास्थ्य-गाँवों में स्त्री शिक्षा में विस्तार के लिए लड़कियों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्राइमरी स्वास्थ्य केन्द्र खोले गए हैं। इन केन्द्रों में ग्रामीण लोगों को हर प्रकार की डॉक्टरी सहायता दी जाती है।

4. अन्य परिवर्तन –
(i) फ़सलों के मंडीकरण के लिए देश के लगभग सभी गाँवों को पहुँच मार्ग द्वारा राजमार्गों से जोड़ने के प्रयत्न किए गए हैं।
(ii) केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा गाँवों की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से ग्रामीणों को लघु उद्योग लगाने के लिए सस्ते दर पर ऋण दिए जाते हैं।
(iii) गांवों में पीने के पानी का प्रबन्ध और विद्युतीकरण करने के हर सम्भव प्रयत्न किए जा रहे हैं।
(iv) सहकारी कृषि और सरकारी बैंकों के खुलने से भी कई गाँवों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।

प्रश्न 7.
पंचायत की बनावट के बारे में संक्षेप नोट लिखो।
उत्तर-
ग्राम पंचायत 200 से अधिक जनसंख्या वाले प्रत्येक गांव में बनाई जाती है। पंजाब में ग्राम पंचायत के सदस्यों की संख्या 5 से 13 तक हो सकती है।
पंचों का चुनाव-ग्राम पंचायत के सदस्यों का चुनाव ग्राम सभा के सदस्यों (जिनकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक हो) द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्त्रियों के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित रखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त पिछड़ी जातियों तथा कबीलों के सदस्यों की संख्या उनकी जनसंख्या तथा गांव की कुल जनसंख्या के अनुपात के अनुसार निश्चित की जाती है।

सरपंच – प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक सरपंच होता है। उसका चुनाव भी ग्राम सभा के सदस्य प्रत्यक्ष रूप से करते हैं।
पंचायत सचिव-पंचायत के कार्यों में सहायता के लिए एक सरकारी कर्मचारी भी होता है जिसे पंचायत सचिव कहते हैं। वह पंचायत के आय व्यय का हिसाब रखता है। वह पंचायत के कार्यों की रिपोर्ट तैयार करके ब्लॉक पंचायत के अधिकारी को देता है।

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प्रश्न 8.
ग्राम सभा से क्या तात्पर्य है? ग्राम सभा और ग्राम पंचायत में क्या अंतर है?
उत्तर-
ग्राम सभा ग्राम पंचायत का चुनाव करने वाली एक सभा होती है। 18 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले सभी ग्रामीण इसके सदस्य होते हैं। इसके सदस्य ही मतदान द्वारा ग्राम पंचायत के सदस्यों का चुनाव करते हैं। इसके विपरीत ग्राम पंचायत, ग्राम सभा द्वारा चुनी गई एक समिति होती है। यह गाँव की उन्नति के लिए कार्य करती है। इसे अपने हिसाब-किताब को हर साल ग्राम सभा के सामने रखना पड़ता है।

प्रश्न 9.
पंचायत समिति का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य कौन-सा है?
उत्तर-
पंचायत समिति का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य सम्बन्धित ग्राम पंचायतों के लिए आवश्यक नियम बनाना और गांवों में नागरिक सुविधाएं प्रदान करना है।

प्रश्न 10.
आपके क्षेत्र की पंचायत समिति अपने ब्लॉक के वातावरण को सुधारने के लिए क्या करती है?
उत्तर-
पंचायत समिति अपने ब्लॉक की पंचायतों के विकास तथा ब्लॉक के वातावरण को सुधारने के लिए कई प्रकार के कार्य करती है। इसके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं –

1. कृषि का विकास-(i) पंचायत समिति अपने क्षेत्र में कृषि की उपज बढ़ाने के लिए उत्तम बीजों और खाद वितरण का कार्य करती है। (ii) इसके अतिरिक्त यह कृषि कार्यों के लिए ऋण देने, अधिक भूमि को सिंचाई योग्य बनाने तथा कृषि के लिए अधिक बिजली देने के कार्य भी करती है।

2. पशु एवं मत्स्य पालन-पंचायत समिति अपने क्षेत्र में पशु एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देती है। इसका उद्देश्य दूध, अण्डे, मांस आदि की आपूर्ति को बढ़ाना है।

3. यातायात-पंचायत समिति सड़कों तथा पुलियों को बनवाने तथा उनकी मुरम्मत , कार्य करती है।

4. स्वास्थ्य तथा सफ़ाई-पंचायत समिति गांवों में स्वास्थ्य तथा स्वच्छता के कार्य ती है। यह ग्रामीणों को पीने के लिए स्वच्छ जल की सुविधाएं प्रदान करती है और उन्हें स्थ्य सम्बन्धी शिक्षा देती है।
(1) इसके अतिरिक्त यह हानिकारक कीटों को नष्ट करती है।
(2) यह ग्रामीणों को धुआं रहित चूल्हों का प्रयोग करने के लिए भी प्रेरित करती है।

5. सामाजिक शिक्षा-पंचायत समिति लोगों को नागरिक शिक्षा देने के लिए मनोरंजन न्द्रों तथा पुस्तकालयों की व्यवस्था करती है। यह शारीरिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देती है।

6. ग्रामीण एवं लघु उद्योग-इनमें हथकरघा, विद्युत् करघा, खादी, रेशम के कीड़े लना आदि लघु उद्योग आते हैं। पंचायत समिति इन उद्योगों को उन्नत बनाने का प्रयास रती है।

7. प्रशासनिक कार्य-पंचायत समिति अपने क्षेत्र की पंचायतों के कार्यों की ख-रेख करती है। ये उन्हें आदेश भी दे सकती है और सलाह भी दे सकती है।

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I. नीचे लिखे रिक्त स्थान भरो

  1. भारत में ……… राज्य और ……… केन्द्र प्रशासित क्षेत्र हैं।
  2. पंचायत समिति पंचायती राज्य की ……… संस्था है।
  3. ग्राम पंचायत और पंचायत समिति का कार्यकाल ……… साल होता है।
  4. पंजाब में ……… जिला परिषद् हैं।
  5. पंचायती राज्य की सबसे ऊंची संस्था ……… है।

उत्तर-

  1. 28, 8
  2. मध्य की
  3. 5
  4. 22
  5. जिला परिषद्।

II. निम्नलिखित वाक्यों पर सही (✓) या ग़लत (✗) का निशान लगाओ

  1. अंग्रेज़ी राज्य के समय गांवों की आर्थिक दशा बहुत खराब थी।
  2. ग्राम पंचायत में स्त्रियों के लिए सीटें आरक्षित नहीं होती।
  3. जिला प्रबन्ध को ठीक प्रकार से चलाने के लिए अलग-अलग विभागों के जिला अधिकारी होते हैं।
  4. जिला परिषद् को जिला पंचायत भी कहा जाता है।
  5. पंचायत/ब्लॉक समिति 100 गांवों के लिए बनाई जाती है।

उत्तर-

  1. (✓)
  2. (✗)
  3. (✓)
  4. (✓)
  5. (✓)

PSEB 6th Class Social Science Guide ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार Important Questions and Answers

कम से कम शब्दों में उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
पंचायती राज का क्या उद्देश्य है?
उत्तर-
ग्रामीण विकास।

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प्रश्न 2.
भारत में अक्तूबर 2019 में एक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदिया गया है। उस राज्य का क्या नाम था?
उत्तर-
जम्मू कश्मीर।

प्रश्न 3.
ग्राम पंचायत का मुखिया सरपंच कहलाता है। उसका चुनाव कौन कर है?
उत्तर-
मतदाता (वोटर)।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पंचायती राज के अन्तर्गत महिलाओं के लिए आरक्षित अंश कितना है
उत्तर-
पंचायती राज के अन्तर्गत महिलाओं के लिए कम-से-कम एक तिहाई (1/3 4 स्थान आरक्षित होते हैं।

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प्रश्न 2.
पंचायतों की आय के दो प्रमुख साधन बताओ।
उत्तर-
सरकारी अनुदान और सार्वजनिक सम्पत्ति की बिक्री से प्राप्त आय।

प्रश्न 3.
गांवों में छोटे-छोटे झगड़ों का फैसला किस संस्था द्वारा किया जाता है ।
उत्तर-
गांवों में छोटे-छोटे झगड़ों का फैसला न्याय पंचायत द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 4.
ग्राम पंचायत के प्रधान को क्या कहते हैं?
उत्तर-
सरपंच।

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प्रश्न 5.
पंचायत समिति के अध्यक्ष का चनाव कौन करता है?
उत्तर-
पंचायत समिति के सभी सदस्य मिलकर एक अध्यक्ष का चुनाव करते हैं।

प्रश्न 6.
सामुदायिक विकास का सबसे महत्त्वपूर्ण अधिकारी किसे माना जातः ।
उत्तर-
खण्ड विकास अधिकारी (बी० डी० ओ०) सामुदायिक विकास का सब महत्त्वपूर्ण अधिकारी होता है।

प्रश्न 7.
जिला परिषद् के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को उनके कार्यकाल के दौरा किस प्रकार हटाया जा सकता है?
उत्तर-
जिला परिषद् के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव द्वारा हटाया जा सकता है।

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प्रश्न 8.
अंग्रेज़ी राज्य में गांवों की अवस्था कैसी थी?
उत्तर-
अंग्रेजी राज्य में भारत के गांवों की दशा दयनीय थी। सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण गांवों की आत्मनिर्भरता भंग हो गई और गांव पिछड़ गए। उनकी आर्थिक स्थिति डावांडोल हो गई। किसान ऋण से घिर गया।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ग्राम पंचायत के प्रधान का चुनाव कैसे होता है? उसके दो प्रमुख कार्यों “का उल्लेख करो।
उत्तर-
पंचायतों के प्रधान को कुछ राज्यों में गांव की वयस्क जनता चुनती है। परन्तु कुछ स्थानों पर इसका चुनाव ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। उसे प्रायः सरपंच कहा जाता है। पंचायत का प्रधान मुख्य रूप से दो कार्य करता है –

  1. वह पंचायत की बैठकें बुलाता है।
  2. वह पंचायत की बैठकों का सभापतित्व करता है।

प्रश्न 2.
ग्राम पंचायतों की आय के साधन कौन-कौन से हैं? वे इस धन को किस प्रकार खर्च करती हैं?
उत्तर-
आय के साधन-पंचायतों की आय के अनेक साधन हैं –

  1. मेलों और दुकानों से प्राप्त कर।
  2. पशु-मेलों में पशुओं के क्रय-विक्रय की रजिस्ट्री फीस।
  3. गांव के मकानों पर कर।
  4. सरकार से प्राप्त अनुदान।
  5. सार्वजनिक सम्पत्ति का विक्रय।
    धन का व्यय-ग्राम पंचायतें अपनी आय को गांवों के विकास कार्यों पर खर्च करती हैं।

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प्रश्न 3.
न्याय पंचायत में किस प्रकार के मुकद्दमों की सुनवाई होती है?
उत्तर-
न्याय पंचायत में केवल निम्न स्तर के दीवानी और फौजदारी मुकद्दमों की सुनवाई होती है। न्याय पंचायतों को जुर्माना करने का अधिकार है परन्तु जेल भेजने का अधिकार नहीं है। न्याय पंचायतों में वकील आदि की आवश्यकता नहीं होती। यदि कोई व्यक्ति न्याय पंचायत के फैसले से सन्तुष्ट न हो तो वह ऊपरी अदालतों में जा सकता है।

प्रश्न 4.
पंचायतें गांव की भलाई के लिए कौन-कौन से कार्य करती हैं?
उत्तर-
पंचायतें मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्य करती हैं –
PSEB 6th Class Social Science Solutions Chapter 20 ग्रामीण विकास और स्थानीय सरकार 1

  1. गांव की गलियां पक्की करवाना तथा उनकी मरम्मत करवाना।
  2. पीने के पानी का प्रबन्ध करना।
  3. गांव में सफ़ाई का प्रबन्ध करना तथा बीमारियों की रोकथाम करना।
  4. गांव में प्रकाश का प्रबन्ध करना।
  5. गांव के छोटे-छोटे झगड़ों का निपटारा करना।

प्रश्न 5.
खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बी० डी० पी० ओ०) की ग्राम विकास में क्या भूमिका है?
उत्तर-
खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी निम्नलिखित कार्य करता है –

  1. वह पंचायत समिति के निर्णयों को लागू करता है।
  2. वह विकास योजनाओं को कार्य रूप देता है।
  3. वह ग्रामीण विकास कार्यों में मार्ग-दर्शन करता है।

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प्रश्न 6.
जिला परिषद् के कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
ज़िला-परिषद् की स्थापना ग्राम विकास के लिए की जाती है। इसका मुख्य कार्य पंचायत समितियों की देखभाल करना तथा उनमें तालमेल बनाए रखना है। यह सरकार तथा पंचायत समितियों के बीच कड़ी का काम करती है। यह सरकार को विकास कार्यों के बारे में राय देती है।

प्रश्न 7.
ग्राम सभा से क्या अभिप्राय है? यह कौन-कौन से कार्य करती है?
उत्तर-
ग्राम सभा में गांव के 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के सदस्य शामिल होते हैं। इन सभी सदस्यों के नाम पंचायत क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज होते हैं। गांव की सभी स्त्रियां तथा पुरुष जिनकी आयु 18 वर्ष अथवा इस से अधिक हो, ग्राम सभा के सदस्य होते हैं।
ग्राम सभा के कार्य –

  1. गाँव का बजट तैयार करना।
  2. पंचायत की वार्षिक रिपोर्ट की समीक्षा करना।
  3. आगामी वर्ष के लिए विकास योजनाएं बनाना।

प्रश्न 8.
पंचायत को विशेष अनुदान क्यों मिलता है?
उत्तर-
पंचायतों को ग्रामीण विकास के लिए अनेक कार्य करने पड़ते हैं। परन्तु उनकी आय के स्रोत कम हैं। इसलिए पंचायत को राज्य सरकार की ओर से विशेष अनुदान दिया जाता है।

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प्रश्न 9.
पंचायती राज प्रणाली में राज्य सरकार क्या भूमिका निभाती है?
उत्तर-
राज्य सरकारें पंचायतों तथा पंचायती राज को शक्तिशाली बनाने के लिए हर प्रकार की सहायता करती हैं। हमारे गांवों में अधिकतर लोग निर्धन तथा अशिक्षित हैं। अतः राज्य सरकार को पंचायती राज पर अधिक कठोरता से नियन्त्रण रखना पड़ता है। वह इसके कार्यों पर कड़ी निगरानी रखती है।

प्रश्न 10.
जिला परिषद् की रचना पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
ज़िला परिषद् की रचना इस प्रकार होती है –

1. सदस्यता-(1) ज़िला परिषद् के क्षेत्र में आने वाली सभी पंचायत समिति के अध्यक्ष जिला परिषद् के सदस्य होते हैं। (2) सम्बन्धित जिले में पड़ने वाली विधान सभा, विधान परिषद् तथा संसद् के सदस्य भी जिला परिषद् के सदस्य होते हैं। (3) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन-जातियों तथा इनसे सम्बन्धित महिलाओं के लिए जिला परिषद में कुछ स्थान आरक्षित होते हैं।

2. अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष-ज़िला परिषद् के सदस्य निर्वाचित सदस्यों में से एक अध्यक्ष तथा एक उपाध्यक्ष का चुनाव करते हैं। जिला परिषद् उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित करके उन्हें पदच्युत भी कर सकती है।

3. जिला परिषद की कार्यावधि-ज़िला परिषद् की कार्यावधि 5 वर्ष की होती है। परन्तु यदि जिला परिषद् शक्तियों का दुरुपयोग करे अथवा राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का उल्लंघन करे तो राज्य सरकार उसे समय से पूर्व भी भंग कर सकती है।

प्रश्न 11.
जिला परिषद् की आय के स्रोत कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
जिला परिषद् की आय के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं –

  1. कर तथा अनुदान-पंचायत समितियों की भान्ति जिला परिषद् की आय भी करों तथा राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान पर निर्भर करती है।
  2. प्रशासन न्यास तथा दान-जिला परिषदों को प्रशासन न्यासों अथवा दान से आय होती है।
  3. किराए-ज़िला परिषदों को घरों अथवा दुकानों से किराए के रूप में कुछ आय प्राप्त हो जाती है।
  4. उद्योग चलाने के लिए अनुदान-ज़िला परिषदों को घरेलू, ग्रामीण तथा छोटे पैमाने के उद्योग चलाने के लिए सर्व भारतीय संस्थाओं से अनुदान मिल जाते हैं।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खादें

Punjab State Board PSEB 6th Class Agriculture Book Solutions Chapter 5 खादें Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Agriculture Chapter 5 खादें

PSEB 6th Class Agriculture Guide खादें Textbook Questions and Answers

(क) इन प्रश्नों के उत्तर एक-दो शब्दों में दीजिए-

प्रश्न 1.
पौधे को फलने-फूलने और अपना भोजन तैयार करने के लिए कितने प्रकार के पोषक तत्त्वों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर-
17 पोषक तत्त्वों की।

प्रश्न 2.
खादों को मुख्यतः कौन-कौन से भागों में विभाजित किया जा सकता
उत्तर-
प्राकृतिक खाद, रासायनिक खाद।

प्रश्न 3.
कौन-सी फसलें वायुमण्डल से नाइट्रोजन लेकर अपनी जड़ों में जमा करती हैं ?
उत्तर-
फलीदार फसलें जैसे मटर, दालें, सोयाबीन आदि।

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प्रश्न 4.
नाइट्रोजन खाद के अधिक प्रयोग से भूमि में कौन-सा मादा बढ़ जाता
उत्तर-
खारा मादा।

प्रश्न 5.
कितने प्रतिशत नाइट्रोजन गैस के रूप में वायुमण्डल में पाई जाती है ?
उत्तर-
78 प्रतिशत।

प्रश्न 6.
100 किलोग्राम डाईअमोनियम फास्फेट खाद में कितने किलोग्राम फास्फोरस होता है ?
उत्तर-
46 किलोग्राम।

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प्रश्न 7.
फास्फोरस तत्त्व कौन-सी खाद में मिलता है ?
उत्तर-
सिंगल सुपरफास्फेट तथा डी० ए० पी० ।

प्रश्न 8.
रूड़ी की 100 किलो खाद में कौन-से तत्त्व होते हैं ?
उत्तर-
1 किलो यूरिया के बराबर नाइट्रोजन तथा 1.5 किलो सुपरफास्फेट के बराबर फास्फोरस।

प्रश्न 9.
पोटॉश तत्त्व विशेषकर कौन-सी फसल के लिए प्रयुक्त किया जाता है ?
उत्तर-
यह तत्त्व विशेषतः आलू की फसल के लिए प्रयोग होता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खादें

प्रश्न 10.
100 किलोग्राम यूरिया में कितने किलोग्राम नाइट्रोजन तत्त्व होता है ?
उत्तर-
46 किलोग्राम।

(ख) इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए –

प्रश्न 1.
प्राकृतिक खादें किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ये खादें फसलों के अवशेषों तथा जीव-जन्तुओं के व्यर्थ पदार्थों से बनती हैं। रूड़ी खाद, हरी खाद आदि इसके उदाहरण हैं।

प्रश्न 2.
हरी खाद किसे कहते हैं ?
उत्तर-
किसी फलीदार फसल जैसे–चा को खेत में उगाकर तथा जब यह हरी होती है खेत में ही जोत दिया जाता है, इसे हरी खाद कहा जाता है।

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प्रश्न 3.
प्राकृतिक खादें किस प्रकार भूमि की उपजाऊ शक्ति को कायम रखती
उत्तर-
ये खादें भूमि में मिट्टी के कणों की जुड़ने की शक्ति तथा भूमि के पानी को सम्भालने की सामर्थ्या को बढ़ाती है। मिट्टी में जैविक मादा भी बढ़ता है तथा उपजाऊ शक्ति बनी रहती है।

प्रश्न 4.
कौन-सी मुख्य रासायनिक खादों का प्रयोग अधिक किया जाता है ?
उत्तर-
नाइट्रोजन वाली, फास्फोरस वाली तथा पोटाश वाली खादें।

प्रश्न 5.
यूरिया खाद कैसे बनाई जाती है ?
उत्तर-
हवा में 78 प्रतिशत नाइट्रोजन गैस रूप में होती है, इससे ही यूरिया खाद बनाई जाती है।

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प्रश्न 6.
फॉस्फोरस तत्त्व कहाँ से लाया जाता है ?
उत्तर-
यह तत्व फॉस्फोरस वाली खादें जैसे डी० ए० पी० से मिलता है तथा ये खादें एक फास्फेट नाम के खनिज पदार्थ से बनती हैं।

प्रश्न 7.
रूड़ी की खाद कौन-सी भूमि के लिए लाभदायक है ?
उत्तर-
रूड़ी खाद सभी प्रकार की भूमियों के लिए लाभदायक है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और अनेक अहारीय तत्व भी होते हैं और यह ज़मीन के भौतिक गुणों पर भी अच्छा प्रभाव डालती है।

प्रश्न 8.
नाइट्रोजन की कमी के कारण पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
नाइट्रोजन की कमी के कारण सबसे पहले पौधों के पुराने पत्ते पीले पड़ने लगते हैं, फिर यह पीलापन धीरे-धीरे ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है तथा धीरे-धीरे सारा पौधा पीला हो जाता है।

PSEB 6th Class Agriculture Solutions Chapter 5 खादें

प्रश्न 9.
रासायनिक खादें फसलों के लिए कैसे लाभदायक होती हैं ?
उत्तर-
रासायनिक खादों का प्रयोग पौधों के पोषक तत्त्वों की पूर्ति के लिए किया जाता है, मिट्टी में जिन पोषक तत्त्वों की कमी हो जाए उन तत्त्वों वाली रासायनिक खाद का प्रयोग किया जाता है। यह खादें पानी में घुलनशील हैं तथा पौधों को पोषक तत्वों की प्राप्ति जल्दी हो जाती है।

प्रश्न 10.
केंचुआ खाद कैसे बनती है ?
उत्तर-
पौधों के अवशेष तथा गोबर को एक स्थान पर इकट्ठा करके इसमें केंचुए छोड़ दिए जाते हैं तथा कुछ दिनों बाद केंचुआ खाद प्राप्त हो जाती है।

(ग) इन प्रश्नों के उत्तर पाँच या छः वाक्यों में दीजिए-

प्रश्न 1.
खादों से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
पौधे बढ़ने-फूलने के लिए अपनी आवश्यकताओं को भूमि में से पूरा करते हैं। ये अपनी आवश्यकताओं वाले 17 से भी अधिक भिन्न-भिन्न प्रकार के पोषक तत्वों को भूमि से प्राप्त करते हैं। ऐसे तत्त्व जो पौधों को बढ़ने-फूलने तथा भोजन तैयार करने के लिए चाहिए तथा इनकी पूर्ति बनावटी रूप से बाहर से की जाती है, को खाद कहा जाता है।
खादों को प्राकृतिक रूप से तथा कारखानों में रासायनिक खादों के रूप में तैयार किया जाता है। उदाहरण-रूड़ी खाद, यूरिया खाद।

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प्रश्न 2.
रासायनिक खादें किसे कहते हैं ?
उत्तर-
रासायनिक खादें पौधों के लिए पोषक तत्त्व प्रदान करती हैं तथा इनको कारखानों में तैयार किया जाता है। मुख्य रूप से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा पोटाश वाली खादों की अधिक आवश्यकता पड़ती है। ये तत्त्व यूरिया, डी० ए० पी०, एन० पी० के०, म्यूरेट ऑफ पोटाश आदि खादों से प्राप्त होते हैं। प्राय: यह रासायनिक खादें पानी में घुलनशील होती हैं तथा इसलिए पौधों को सरलता से उपलब्ध हो जाती हैं। हरित क्रांति के बाद इन खादों की मांग बहुत बढ़ गई है।

प्रश्न 3.
रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव के बारे में संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-
रासायनिक खादों की सहायता से जहां उपज में वृद्धि हुई है वहीं इनके प्रयोग से हानिकारक प्रभाव भी हुए हैं। इनका प्रयोग मिट्टी की जांच के बाद आवश्यकतानुसार तथा केवल कमी वाले तत्त्वों वाली खादों का ही प्रयोग करना चाहिए। यदि खादों का अनावश्यक तथा नादानीपूर्ण ढंग से प्रयोग किया जाएगा तो ये हानिकारक सिद्ध होंगी।

नाइट्रोजन वाली खादों के अधिक प्रयोग से भूमि में खारा मादा बढ़ जाता है। ये खादें पानी में घुलनशील होने के कारण पानी में घुलकर धरती के पानी को भी प्रदूषित करती हैं।

इनके अनावश्यक प्रयोग से पैसे की बर्बादी होती है। फसलों में ये तत्त्व बढ़ जाते हैं तथा मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।

प्रश्न 4.
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को कायम रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
मिट्टी की भूमि का फसल उगाने में बहुत महत्त्वपूर्ण तथा सबसे अधिक है। यदि मिट्टी की उपजाऊ शक्ति अधिक होगी तो ही फसल बढ़िया होगी तथा उपज भी अधिक मिलेगी। एक खेत में बार-बार एक ही प्रकार की फसलें प्राप्त करने से इसकी उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है। इस की उपजाऊ शक्ति कायम रखने के लिए खेत में फसल चक्र बदलते रहना चाहिए। खेत में मल्लड़ की मात्रा बढ़ाने के लिए रूड़ी खाद, केंचुआ खाद आदि का प्रयोग करना चाहिए। रासायनिक खादों का प्रयोग मिट्टी की जांच के बाद तत्त्वों की कमी के अनुसार आवश्यक मात्रा में करना चाहिए। रासायनिक तथा प्राकृतिक खादों का संतुलन बना कर रखना चाहिए।

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प्रश्न 5.
रूड़ी की खाद की उपयोगिता बताइए।
उत्तर-
पशुओं के गोबर, पेशाब तथा पराली आदि को तकनीकी ढंग से सम्भाल कर गलने-सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है। जब यह अच्छी तरह गल-सड़ जाता है तो इस को रूड़ी खाद कहा जाता है। रूड़ी खाद खेतों में जैविक मादे में वृद्धि करती है तथा इस में वे सारे आवश्यक तत्त्व होते हैं जोकि किसी फसल के लिए आवश्यक होते हैं। इसके प्रयोग से भूमि के भौतिक गुणों में अच्छा प्रभाव देखने को मिलता है। 100 किलो रूड़ी खाद में 1 किलो यूरिया के बराबर नाइट्रोजन तथा 1.5 किलो सुपरफास्फेट के बराबर फास्फोरस तत्त्व होता है तथा पोटॉश तत्त्व तथा अन्य आवश्यक तत्त्व भी होते हैं।

Agriculture Guide for Class 6 PSEB खादें Important Questions and Answers

बहुत छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी जैविक खाद की उदाहरण दें।
उत्तर-
रूड़ी खाद।

प्रश्न 2.
रूड़ी खाद के 100 किलोग्राम में कितनी नाइट्रोजन होती है ?
उत्तर-
1 किलो यूरिया के बराबर ।

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प्रश्न 3.
रूड़ी खाद के 100 किलोग्राम में कितनी फास्फोरस होती है ?
उत्तर-
1.5 किलोग्राम सुपरफॉस्फेट के बराबर।

प्रश्न 4.
जंतर की फसल को खेत में जोतने को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
हरी खाद।

प्रश्न 5.
पोटाश तत्त्व की प्राप्ति के लिए कौन-सी रासायनिक खाद प्रयोग की जाती है ?
उत्तर-
म्यूरेट ऑफ पोटाश।

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प्रश्न 6.
म्यूरेट ऑफ पोटाश में कितना पोटाश तत्त्व होता है ?
उत्तर-
60 प्रतिशत।

प्रश्न 7.
पंजाब में कितनी ज़मीनों में पोटाश तत्त्व की कमी है ?
उत्तर-
केवल 5-10 प्रतिशत भूमि में।

प्रश्न 8.
डी० ए० पी० का पूरा नाम बताओ।
उत्तर-
डायअमोनियम फास्फेट।

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प्रश्न 9.
सिंगल सुपरफास्फेट में कितना फास्फोरस तत्त्व होता है ?
उत्तर-
16 प्रतिशत।

प्रश्न 10.
डी० ए० पी० में कितना फास्फोरस तत्त्व होता है ?
उत्तर-
46 प्रतिशत।

छोटे उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
खादों का प्रयोग किस समय किया जाता है ?
उत्तर-
कई खादों का प्रयोग बुवाई से पहले तथा कई खादों का प्रयोग बुवाई के बाद किया जाता है।

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प्रश्न 2.
हवा में से नाइट्रोजन को कौन-से पौधे प्रयोग कर सकते हैं तथा कौनसे नहीं ?
उत्तर-
हवा में से नाइट्रोजन गैस को फलीदार फसलें प्राप्त कर सकती हैं तथा दूसरे पौधे प्राप्त नहीं कर सकते।

प्रश्न 3.
पौधों के लिए पोटाश तत्त्व की आवश्यकता के बारे में बताओ।
उत्तर-
पौधों को विकसित होने के लिए पोटॉश तत्त्व की उतनी ही मात्रा में आवश्यकता होती है जितनी कि नाइट्रोजन तत्त्व की परन्तु पंजाब की भूमि में प्रायः इस तत्त्व की काफ़ी मात्रा होती है तथा केवल 5-10 प्रतिशत भूमियों में ही इसकी कमी है।

प्रश्न 4.
कौन-सी फसल के लिए पोटाश तत्व की अधिक आवश्यकता है ?
उत्तर-
इस तत्त्व की आलू की फसल के लिए अधिक आवश्यकता पड़ती है। इसको रासायनिक खाद म्यूरेट ऑफ पोटाश से प्राप्त किया जाता है परन्तु इसकी कुछ मात्रा रूड़ी खाद में होती है।

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प्रश्न 5.
खाद किसे कहते हैं ?
उत्तर-
भूमि में पौधों के पोषक तत्त्वों की कमी को पूरा करने के लिए जिस पदार्थ का प्रयोग किया जाता हैं उसको खाद कहते हैं।

प्रश्न 6.
रासायनिक खाद से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-
यह वे खादें हैं जिनको कारखानों में बनाया जाता है। यह रसायनों से बनती हैं। जैसे-यूरिया, जिंक सल्फेट आदि इन खादों के उदाहरण हैं।।

प्रश्न 7.
नाइट्रोजन की कमी का पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
नाइट्रोजन की कमी से पौधों के पुराने पत्ते पीले पड़ने लगते हैं बाद में यह पीलापन धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ने लगता है। अधिक कमी होने पर सारा पौधा पीला हो जाता है।

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प्रश्न 8.
डाया किस खाद को कहते हैं ? इसका पोषक तत्त्व बताओ।
उत्तर-
डायअमोनियम फास्फेट खाद को कहा जाता है। इसके 100 किलोग्राम में 46 किलोग्राम फास्फोरस होती है।

प्रश्न 9.
पंजाब में पोटाश खादों की आवश्यकता क्यों नहीं पड़ती ?
उत्तर-
पंजाब की भूमि में यह तत्त्व अधिक मात्रा में मौजूद हैं। इसलिए इसकी खादों की आवश्यकता कम पड़ती है।

बड़े उत्तरों वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राकृतिक खादों के बारे में आप क्या जानते हो ?
उत्तर-
प्राकृतिक खादों को जैविक खादें भी कहा जाता है। इनको जैविक मादे से तैयार किया जाता है। यह खादें हैं-रूढ़ी खाद, केंचुआ खाद, हरी खाद आदि।

पशुओं के गोबर, मूत्र, पराली आदि को तकनीकी ढंग से गलने-सड़ने के लिए कुछ दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है तथा इस तरह रूढ़ी खाद तैयार होती है। इस तरह पौधों के अवशेष तथा गोबर में केंचुए छोड़ दिए जाते हैं तथा कुछ दिनों बाद केंचुआ खाद बन जाती है। लैंचा, जंतर आदि की फसल को खेतों में उगा कर, जब यह हरी अवस्था में होती है, तो इसे खेत में जोत दिया जाता है। इसको हरी खाद कहते हैं।

प्राकृतिक खादों में पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्त्व होते हैं तथा इन का प्रयोग भूमि में जैविक मादा बढ़ाने में सहायक होता है। यह भूमि में मिट्टी के कणों की जुड़ने की शक्ति तथा भूमि की पानी सम्भालने की शक्ति बढ़ाती है।

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प्रश्न 2.
खाद से क्या अभिप्राय है ? यह कितने प्रकार की होती है ? प्रत्येक की परिभाषा दें।
उत्तर-खादें, वे पदार्थ हैं जिनसे पौधे अपने आवश्यक पोषक तत्वों को प्राप्त करते हैं। यह दो प्रकार की होती हैं
(i) जैविक खादें
(ii) रासायनिक खादें

(i) जैविक खादें-ये ऐसी खादें हैं जो जीवों के प्रत्येक प्रकार के अवशेषों से बनाई जाती हैं। इसको फसलों तथा सब्जियों के अवशेषों या पशुओं के मल मूत्र से तैयार किया जाता है, जैसे रूड़ी खाद या फिर फसलें उगाकर फूल आने से पहले ही उसको भूमि में दबा कर हरी खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है।

(ii) रासायनिक खाद-इन खादों को फैक्ट्रियों में भिन्न-भिन्न रसायनों से बनाया जाता है ; जैसे-यूरिया, सुपरफास्फेट, म्यूरेट ऑफ पोटाश, जिंक सल्फेट आदि।

प्रश्न 3.
रूड़ी खाद से क्या भाव है ? इसके पौधों को क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
यह खाद सब्जियों के बचे हुए अवशेष, पशुओं के मल-मूत्र, कई अन्य तरह के जैविक पदार्थों को गड्डों में गलने-सड़ने से बनाई जाती है। यह बहुत ही गुणकारी खाद है तथा इसमें पौधे की वृद्धि के लिए आवश्यक लगभग सारे तत्त्व मौजूद होते हैं । इस खाद का पोषक तत्त्वों के अतिरिक्त भूमि के भौतिक गुणों पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। रूड़ी की खाद रेतीली, चिकनी, कल्लराठी आदि सभी भूमियों के लिए लाभदायक होती है। इसके उपयोग से भूमि में हवा तथा पानी का संचार अच्छा होने में सहायता मिलती है। रूड़ी की 100 किलो खाद में 1 किलो यूरिया के बराबर नाइट्रोजन तथा 1.5 किलो सुपरफास्फेट के बराबर फास्फोरस तत्त्व होता है। इसके अतिरिक्त पोटॉश तथा पौधे को मिलने वाले अन्य पोषक तत्त्व भी होते हैं।

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प्रश्न 4.
रूढ़ी की खाद की सम्भाल कैसे की जा सकती है ?
उत्तर-
रूढ़ी खाद की संभाल के लिए 1 मीटर गहरा, 2 मीटर चौड़ाई वाला तथा पशुओं की संख्या के अनुसार तथा जगह के अनुसार 3-4 मीटर लम्बा गड्ढा खोदा जाता है। गड्ढे में एक तरफ से रूढ़ी की खाद भरनी शुरू करें तथा गड्ढे को भूमि से 6 इंच ऊंचाई तक भर दें। सारा गड्ढा भर जाने के बाद उसके ऊपर 3 इंच मोटी मिट्टी की तह बिछा दें। गड्ढे की लम्बाई जगह के अनुसार बढ़ाई जा सकती है। रूड़ी 3 माह में उपयोग के लिए अच्छी तरह तैयार हो जाती है। इस तरह गड्ढे में रखी रूढ़ी से पोषक तत्त्वों का नुकसान नहीं होता तथा जो खरपतवार के बीज पशुओं के गोबर में या चारे से आते हैं, उनके उगने की शक्ति भी समाप्त हो जाती है। खेत में डाली रूड़ी से खरपतवार नहीं उग सकते।

प्रश्न 5.
खादों की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर-
प्रत्येक जानदार वस्तु के लिए आहार की आवश्यकता होती है। जिस प्रकार मनुष्य, पशुओं तथा जानवरों को विकास तथा वृद्धि के लिए आहार की आवश्यकता होती है, इसी तरह पौधों को विकसित होने के लिए भी आहार की आवश्यकता होती है। पौधे अपना आहार धरती से लेते हैं। एक ही भूमि में बार-बार फसल उगाने से भूमि में पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है तथा भूमि से फसलों को पूरा पोषण नहीं मिलता। इसलिए भूमि में तत्त्वों की कमी को पूरा करने के लिए खादों के प्रयोग की आवश्यकता पड़ती है।

प्रश्न 6.
नाइट्रोजन तत्त्व की पूर्ति, कमी तथा इसकी खादों के बारे में जानकारी दें।
उत्तर-
हवा में 79 प्रतिशत नाइट्रोजन, गैस के रूप में होती है। इसको केवल फलीदार फसलें ही सीधे रूप में हवा में से अपनी आवश्यकता के अनुसार प्राप्त कर सकती हैं, अन्य फसलें नहीं। हवा में से नाइट्रोजन गैस से ही रासायनिक खादें बनाई जाती हैं, जैसे यूरिया। हवा में से नाइट्रोजन तथा तरल पदार्थों में से हाइड्रोजन तथा कार्बन लेकर इनके मेल से यूरिया खाद बनती है। यूरिया में 46 प्रतिशत नाइट्रोजन होती है, अर्थात् 100 किलोग्राम यूरिया में 46 किलोग्राम वाला तत्त्व नाइट्रोजन है।

यह तत्त्व पौधों के लिए बहुत आवश्यक है। इसकी कमी से सबसे पहले पौधों के पुराने पत्ते पीले पड़ने लगते हैं तथा धीरे-धीरे ऊपर की तरफ बढ़ना शुरू हो जाता है। यदि फसल में इस तत्त्व की कमी हो जाए तो सारा पौधा पीला हो जाता है।

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प्रश्न 7.
पौधे फास्फोरस तत्त्व कहां से प्राप्त करते हैं ? इसकी खादों के बारे में बताएं।
उत्तर-
यह पौधों के लिए दूसरा महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व है। इसकी कमी का आषाढ़ी की फसलों पर बहुत अधिक प्रभाव होता है। यह तत्त्व खानों में रॉक फास्फेट नाम के खनिज पदार्थ से लिया जाता है। इसको साफ करके नाइट्रोजन के साथ मिलाकर डायअमोनियम फास्फेट खाद बनाई जाती है, जिसको डाया कहा जाता है, 100 किलोग्राम डायअमोनियम फास्फेट खाद में 46 किलोग्राम फास्फोरस तत्त्व होता है।

प्रश्न 8.
पोटॉश तत्त्व के बारे में जानकारी दें।
उत्तर-
पौधे के विकसित होने के लिए पोटॉश तत्त्व भी बहुत आवश्यक है। इसको पौधे उतनी ही मात्रा में लेते हैं, जितनी मात्रा में नाइट्रोजन परन्तु पंजाब की भूमियों में इस तत्त्व की काफ़ी मात्रा मिलती है, इसलिए हमें इस खाद का उपयोग करने की आमतौर पर आवश्यकता नहीं पड़ती। पंजाब में केवल 5-10 प्रतिशत भूमियाँ ही ऐसी हैं जिनमें इस तत्त्व की आवश्यकता हो सकती है। यह तत्त्व विशेषत: आलू की फसल के लिए ही प्रयोग होता है। इस तत्त्व को म्यूरेट ऑफ पोटाश नाम की खाद से प्राप्त किया जाता है तथा यह खाद सारी की सारी विदेशों से मंगवाई जाती है। इस खाद में पोटाश तत्व 60 प्रतिशत होता है।

प्रश्न 9.
नाइट्रोजन की कमी का पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
नाइट्रोजन एक बहुत आवश्यक तत्त्व है जोकि हवा में लगभग 78 प्रतिशत होता है। इसका प्रयोग सभी पौधों के लिए आवश्यक है। इसकी कमी के कारण पौधों पर कई बुरे प्रभाव भी देखने को मिलते हैं।

इस तत्त्व की कमी के कारण सबसे पहले पौधे के पुराने पत्ते पीले पड़ने लगते हैं तथा फिर यह पीलापन धीरे-धीरे ऊपर की तरफ बढ़ना शुरू हो जाता है तथा धीरे-धीरे सारा पौधा ही पीला हो जाता है।

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खादें PSEB 6th Class Agriculture Notes

  • पौधों को विभिन्न प्रकार के 17 पोषक तत्त्वों की आवश्यकता होती है।
  • भूमि में पोषक तत्त्वों की कमी को पूरा करने के लिए बाहर से कुछ वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। इन बाहर से डाली जाने वाली वस्तुओं को खादें कहा जाता है।
  • खादें दो प्रकार की हैं-प्राकृतिक तथा रासायनिक खादें।
  • प्राकृतिक खादों को जैविक खादें भी कहा जाता है।
  • जीव-जन्तुओं के अपशिष्ट, व्यर्थ पदार्थों से केंचुओं द्वारा तैयार खाद को केंचुआ खाद कहा जाता है।
  • फलीदार फसलों को खेत में उगा कर तथा उसे खेत में जोतने को हरी खाद कहते है।
  • 100 किलो रूड़ी खाद में 1 किलो यूरिया के बराबर नाइट्रोजन तथा डेढ़ किलो सुपर फास्फेट के बराबर फास्फोरस होती है।
  • रासायनिक खादें मनुष्य द्वारा कारखानों में तैयार की जाती हैं।
  • प्रायः उपयोग में आने वाली रासायनिक खादें हैं-यूरिया, डी० ए० पी०, एन० पी० के० तथा म्यूरेट ऑफ पोटाश।
  • हवा में 78 प्रतिशत नाइट्रोजन गैस के रूप में होती है।
  • यूरिया में 46 प्रतिशत नाइट्रोजन होती है।
  • नाइट्रोजन की कमी का पता पुराने पत्तों के पीले पड़ने से चलता है।
  • फास्फोरस की पूर्ति के लिए सिंगल सुपरफास्फेट तथा डी० ए० पी० का प्रयोग किया जाता है।
  • डी० ए० पी० में 46 प्रतिशत फास्फोरस होती है।
  • म्यूरेट ऑफ पोटाश खाद में 60 प्रतिशत पोटाश तत्त्व होता है, परन्तु इसकी आवश्यकता पंजाब में कम पड़ती है।