PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 धीरा की होशियारी

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 11 धीरा की होशियारी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 11 धीरा की होशियारी (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB धीरा की होशियारी Textbook Questions and Answers

धीरा की होशियारी अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 धीरा की होशियारी 1
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 धीरा की होशियारी 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 धीरा की होशियारी

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 धीरा की होशियारी 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 धीरा की होशियारी 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) धीरा स्कूल के बाद कहाँ और क्या काम करता था?
उत्तर :
धीरा स्कूल के बाद एक सिनेमा हॉल के निकट बैठकर जूते पॉलिश – करने का काम करता था।

(ख) धीरा ने राहगीर से क्या सुना?
उत्तर :
धीरा ने राहगीर से सुना कि, “एक चोर जौहरी की दुकान से चोरी करके भाग गया है।”

(ग) ग्राहक की वेशभूषा कैसी थी?
उत्तर :
ग्राहक देखने में अमीर लग रहा था। उसने पतलून, कमीज़ तथा लाल टाई बाँध रखी थी।

(घ) धीरा को कौन-से पैर के जूते में से कुछ बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया?
उत्तर :
दाएँ पैर के जूते में से धीरा को कुछ बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया।

(ङ) धीरा ने चोर के जूतों के फीते कैसे बाँधे?
उत्तर :
जब ग्राहक धीरा को देने के लिए रेज़गारी निकाल रहा था, तब धीरा ने चुपके से उसके जूतों की फीते बाँध दिए।

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(च) चोर कौन था?
उत्तर :
जूते पर पॉलिश कराने वाला ग्राहक ही चोर था।

(छ) धीरा को किस-किसने इनाम दिया?
उत्तर :
धीरा को पुलिस और जौहरी दोनों ने इनाम दिया। उसके स्कूल ने भी उसकी होशियारी पर उसे एक पदक प्रदान किया।

4. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) धीरा ने चोर को कैसे पकडवाया? अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर :
धीरा बहुत ही होशियार लड़का था। जब वह ग्राहक/चोर का दायाँ जूता पॉलिश कर रहा था, तब उसने ग्राहक/चोर के पैर में किसी चीज़ को देखा। ध्यान से देखने पर उसे पता चल गया कि वस्तु सोने का कण्ठा थी। उस समय उसने बड़ी चालाकी के साथ चोर के दोनों जूतों के फीते आपस में बाँध दिए और जल्दी ही पुलिस वालों को बुलाकर ले आया। चोर ने जब भागने की कोशिश की तो वह मुँह के बल ज़मीन पर गिर गया और पुलिस वालों ने उसे अपनी हिरासत में ले लिया। इस प्रकार चोर पकड़ा गया।

(ख) ‘धीरा एक मेहनती लड़का था।’ कहानी के आधार पर लिखें।
उत्तर :
धीरा एक गरीब परिवार का बेटा था। उसके सिर पर पिता का हाथ नहीं था। जब वह छोटा था तभी उसके पिता का देहांत हो गया था। अब उसके कंधों पर अपना और अपनी माँ तथा बहन का पेट पालने की जिम्मेवारी थी। वह स्कूल में पढ़ने के बाद जूते पॉलिश करने का काम करता था तथा अपनी आजीविका कमाता था।

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5. इन शब्दों/मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य बनायें :

  1. गुनगुनाना ________ _________________________
  2. मिज़ाज गरम होना ________ _________________________
  3. मुँह के बल गिरना ________ _________________________

उत्तर :

  1. गुनगुनाना = हल्की आवाज़ में कुछ गाना
    वाक्य – रमेश जब भी खाली होता है वह देशभक्ति के गीत गुनगुनाने लगता है।
  2. मिज़ाज गरम होना = गुस्से में होना
    वाक्य – राकेश जब देर शाम को खेल कर घर आया तो उसने देखा कि उसके पिता जी का मिजाज गरम है।
  3. मुँह के बल गिरना = चोट खाना
    वाक्य – जो लोग सड़क पर नीचे देखकर नहीं चलते वे अक्सर मुँह के बल ही गिरते हैं।

6. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. स्वर्गवास = ……………………….
  2. राहगीर = ……………………….
  3. आदमी = ……………………….
  4. हिरासत = ……………………….

उत्तर :

  1. स्वर्गवास = देहांत, मृत्यु, मौत
  2. राहगीर = पथिक, यात्री, मुसाफिर
  3. आदमी = पुरुष, आदम, नर
  4. हिरासत = पकड़ना, बंदी बनाना

7. विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें :

  1. गर्मी = ……………………….
  2. दायाँ = ……………………….
  3. छाया = ……………………….
  4. नकली = ……………………….
  5. अमीर = ……………………….
  6. इनाम = ……………………….

उत्तर :

  1. गर्मी = सर्दी
  2. दायाँ = बायँ
  3. छाया = धूप
  4. नकली = असली
  5. अमीर = गरीब
  6. इनाम = दण्ड

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8. बहुवचन रूप लिखें :

  1. सिपाही = ……………………….
  2. आदमी = ……………………….
  3. झुग्गी = ……………………….
  4. चोरी = ……………………….
  5. जौहरी = ……………………….
  6. घड़ी = ……………………….

उत्तर :

  1. सिपाही = सिपाहियों
  2. आदमी = आदमियों
  3. झुग्गी = झुग्गियाँ
  4. चोरी = चोरियाँ
  5. जौहरी = जौहरियों
  6. घड़ी = घड़ियाँ

9. अन्तर समझें और वाक्यों में प्रयोग करें :

(क) धुन = गीत की लय _________________________
धुन = निश्चय, दृढ़ _________________________
(ख) सोना = एक धातु,जिसके गहने बनाये जाते हैं। _________________________
सोना – सोने की क्रिया, नींद में लेटकर सो जाना _________________________
(ग) ध्यान = तल्लीन होकर काम करना _________________________
ध्यान – परमात्मा की ओर मन लगाना _________________________
उत्तर :
(क) धुन = गीत की लय
वाक्य = आद्या देशभक्ति के गीतों की धुन पर नाच उठती है।

धुन = निश्चय, दृढ़
वाक्य = सुरेश ने परीक्षा में प्रथम आने की धुन ठान ली है।।

(ख) सोना = एक धातु जिसके गहने बनाये जाते हैं।
वाक्य = आजकल सोने के आभूषण बहुत महंगे हो गए हैं।

सोना = सोने की क्रिया, नींद में लेटकर सो जाना
वाक्य = आदर्श पाँच घण्टे सोने के बाद फिर से सो गया।

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(ग) ध्यान = तल्लीन होकर काम करना
वाक्य = परीक्षा में अच्छे अंक पाने के लिए विद्यार्थी को खूब ध्यान लगाकर पढ़ना चाहिए।

ध्यान = परमात्मा की ओर मन लगाना
वाक्य = सीता माता अशोक वाटिका में भगवान श्री राम के ध्यान में बैठी रहती थी।

10. धीरा ने अपनी होशियारी से चोर को पकड़वाया। मान लो आप अपनी बहन/माँ के साथ बाजार जा रहे हैं। किसी ने आपकी बहन/माँ का पर्स छीन लिया। ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे? अपने विचार लिखें।
उत्तर :
ऐसी स्थिति में सबसे पहले उस चोर को पकड़ने का प्रयास करूँगा. जो पर्स छीन कर भागा था। चोर को पकड़ने के बाद कानून अपने हाथों में न लेकर उसे पुलिस के हवाले कर दूंगा, ताकि पुलिस कानून के हिसाब से उसे उसके अपराध का उचित दण्ड दे।

11. इन वाक्यों में क्रिया अकर्मक है अथवा सकर्मक है ? लिखें।

(क) धीरा जूते पॉलिश करता था। सकर्मक
(ख) धीरा घबरा गया। ______________
(ग) वह लपक कर सिपाहियों के पास पहुँचा। ______________
(घ) दो सिपाही आ रहे हैं। ______________
(ङ) वह एक लोकप्रिय धुन गुनगुना रहा था। ______________
(च) धीरा बहुत मेहनती लड़का था। ______________
(छ) धीरा ने चुपचाप उसके दोनों जूतों के फीते एक दूसरे से बाँध दिये। ______________
उत्तर :
(क) सकर्मक
(ख) अकर्मक
(ग) सकर्मक
(घ) अकर्मक
(ङ) सकर्मक
(च) अकर्मक
(छ) सकर्मक

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प्रयोगात्मक व्याकरण

  • धीरा जूते पॉलिश करता था।
  • धीरा द्वारा जूते पॉलिश किये जाते थे।
  • धीरा से रहा नहीं गया।

उपर्युक्त पहले वाक्य में क्रिया कर्ता (धीरा) के अनुसार है, दूसरे वाक्य में क्रिया कर्म (जूते) के अनुसार है तथा तीसरे वाक्य में कर्म नहीं है अर्थात यहाँ भावों (रहा नहीं गया) की ही प्रधानता है।

अतएव क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाये कि क्रिया कर्ता के अनुसार है या कर्म के अनुसार है या भाव के अनुसार है, उस रूपको वाच्य कहते हैं।

इस तरह वाच्य तीन प्रकार के होते हैं :

  • कर्तृवाच्य
  • कर्मवाच्य
  • भाववाच्य

(i) धीराधुन गुनगुना रहा था।
(ii) धीरा द्वारा धुन गुनगुनायी जा रही थी।

पहले वाक्य में कर्ता (धीरा) प्रधान है और क्रिया का लिंग, (गुनगुना रहा था) एवं वचन उसी कर्ता के अनुसार है।

अतएव क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।

दुसरे वाक्य में क्रिया (गुनगुनायी जा रही थी) का लिंग एवं वचन कर्ता (धीरा) के अनुसार न होकर कर्म (धुन) के अनुसार है, यहाँ क्रिया कर्म वाच्य है। अतएव क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं।

(iii) धीरा से रहा नहीं गया। तीसरे वाक्य में रहा नहीं गया’ क्रिया का भाव ही मुख्य है। क्रिया अकर्मक है जो अन्य पुरुष, पुल्लिग, एकवचन में है।

अतएव क्रिया के जिस रूप में क्रिया के भाव की प्रधानता के कारण अकर्मक क्रिया का प्रयोग हो और जो सदैव अन्य पुरुष, पुल्लिग तथा एकवचन में हो, उसे भाव वाच्य कहते हैं।

धीरा की होशियारी Summary in Hindi

धीरा की होशियारी पाठ का सार

‘धीरा की होशियारी’ लेखक की एक श्रेष्ठ रचना है। यह एक शिक्षाप्रद कहानी है। लेखक इस कहानी के माध्यम से बच्चों तथा युवाओं के मन में ईमानदारी, साहस, वीरता परिश्रम, कर्त्तव्य परायणता आदि के गुणों का समावेश करना चाहता है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 धीरा की होशियारी

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 धीरा की होशियारी 5

धीरा एक गरीब परिवार का मेहनती लड़का था। जब वह बहुत छोटा था तो उसके पिता का स्वर्गवास हो गया था। अब वह अपनी माँ और बहन के साथ एक पुरानी झुग्गी में रह रहा था। अपना तथा अपने परिवार का पेट पालने के लिए वह स्कूल बंद होने के बाद एक सिनेमा हॉल के निकट बैठकर जूते पॉलिश करने का काम करता था। एक दिन धीरा पेड़ की छाया में बैठकर अपनी दिन भर की कमाई गिनते हुए एक लोकप्रिय धुन गुनगुना रहा था, तभी उसने एक राहगीर को कहते सुना – “एक चोर जौहरी की दुकान से चोरी करके भाग गया है” धीरा की उत्सुकता बढ़ी और उसने गिनती बंद कर उस व्यक्ति से घटना के बारे में जानना चाहा।

राहगीर ने धीरा को बताया कि चोर सोने का एक कण्ठा चुरा कर भागा है तथा उसकी दाढ़ी भी है। धीरा घटना की पूर्ण जानकारी लेने हेतु जौहरी की दुकान पर जाना चाहता था लेकिन उसी समय जूते पर पॉलिश करवाने के लिए एक ग्राहक आ गया। ग्राहक देखने में अमीर लग रहा था। उसने गले में लाल टाई बाँधी हुई थी तथा पतलून कमीज़ पहनी हुई थी। उसने धीरा से कहा उसे कोई जल्दी नहीं वह आराम से जूते पॉलिश करे।

धीरा जूता तो पॉलिश कर रहा था लेकिन उसका मन चोरी घटना की ओर ही लगा था। धीरा ने पहले ग्राहक के बाएँ जूते को पॉलिश करके चमका दिया। तभी धीरा ने कनखियों से दो सिपाहियों को अपनी ओर आते देखा, वह उनसे चोरी की घटना के बारे में पूछना चाहता था, लेकिन ग्राहक के गर्म मिजाज को देखकर रुक गया। उसे इस बात का भी भय था कि ये कोई बड़ा आदमी है कहीं वह उसकी शिकायत ही पुलिस वालों से न कर दे इसलिए वह पूरे मन से जूते पॉलिश करने में लग गया।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 धीरा की होशियारी

जब धीरा ने बायाँ जूता पॉलिश कर दिया तो उसने ग्राहक को दायाँ पैर आगे करने को कहा तो वह धीरा से बोला लड़के जल्दी कर। शो समाप्त होने में दो मिनट बाकी थे। धीरा सोचने लगा कैसा आदमी था – पहले इसे जल्दी नहीं थी पर अब इसे जल्दी है। तब धीरा ने जूते की धूल साफ करके उस पर पॉलिश लगाई और जूते चमकाने लगा। उसने जूते के अंदर से कुछ बाहर निकलते देखा। जब धीरा ने जूते में अच्छे से झाँक कर देखा तो वह हैरान रह गया।

उसके मुँह से जो शब्द निकले वे थे–’बाप रे…’ ग्राहक धीरा को जूते पॉलिश करने का मेहनताना देने के लिए अपने बटुए में से रेजगारी निकालने लगा। धीरा ने चुपके से ग्राहक के दोनों जूतों के फीते एक – दूसरे से बाँध दिए और उससे पैसे भी नहीं लिए। कुछ ही पल में धीरा सिपाहियों के पास जा पहुँचा। वह आदमी धीरा पर चिल्ला रहा था कि रुक बदमाश।

ही आदमी ने भागना चाहा वह मुँह के बल धड़ाम से गिर पड़ा, तभी धीरा सिपाहियों को लेकर आ गया। सिपाहियों ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया। वह आदमी चोर था। धीरा ने उसके पैर में जो चीज़ देखी थी वह जौहरी की दुकान से चुराया हुआ सोने का कण्ठा था। पुलिस वालों ने उसकी जेब से नकली दाढ़ी तथा सोने का कण्ठा उसके जूते से निकाल लिया। सभी ने धीरा की होशियारी की खूब प्रशंसा की। पुलिस और जौहरी दोनों ने धीरा को ईनाम दिया। धीरा के विद्यालय ने भी उसकी होशियारी पर उसे एक पदक दिया।

धीरा की होशियारी कठिन शब्दों के अर्थ

  • स्वर्गवास = देहांत।
  • राहगीर = रास्ते पर चलने वाला।
  • रास्ता लिया = चला गया।
  • पतलन = पैंट।
  • कनखियों = तिरछी नज़रों से।
  • मिज़ाज = स्वभाव।
  • हुजूर = साहब।
  • बटुआ = पर्स।
  • रेजगारी = सिक्के।
  • लपक कर = झट से।
  • हिरासत में लेना = पकड़ना, हथकड़ी लगाना।

धीरा की होशियारी गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. ग्राहक ने अपनी कलाई घड़ी की ओर देखते हुए धीरा से कहा, “अरे लड़के, ज़रा जूता अच्छी तरह से पॉलिश कर दो। मुझे कोई जल्दी नहीं है।” ग्राहक ने पतलून – कमीज़ पहनी हुई थी और लाल टाई बाँध रखी थी। देखने में वह एक अमीर आदमी लगता था।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 धीरा की होशियारी

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘धीरा की होशियारी’ नामक कहानी से अवतरित है। इस कहानी में लेखक ने धीरा की होशियारी और बुद्धिमानी का चित्रण किया है। यहाँ लेखक ने धीरा के मेहनती स्वरूप को उजागर किया है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि एक ग्राहक ने धीरा की ओर अपनी कलाई की घड़ी देखते हुए धीरा से कहा कि लड़के इस जूते को अच्छे ढंग से पॉलिश कर दो। उसे किसी प्रकार की कोई जल्दबाजी नहीं है। लेखक बताता है कि ग्राहक ने पैंट – कमीज पहनी हुई थी और गले में लाल टाई पहनी हुई थी। उसे देखने पर लगता था कि जैसे वह कोई अमीर आदमी हो।

विशेष –

  • लेखक ने ग्राहक के रूप में आए चोर की वेश – भूषा का चित्रण किया है।
  • भाषा सरल तथा सहज है।

2. ग्राहक ने पहले बायाँ पैर स्टैंड पर रखा। पीला कपडा लेकर धीरा ने जते की धूल पोंछ फिर एक टिन खोलकर पॉलिश निकाली और ब्रुश से जूते पर फैला दी। फिर वह जल्दी – जल्दी उसे चमकाने लगा। थोड़ी देर में जूता चमक उठा।।

तभी धीरा ने कनखियों से देखा कि दो सिपाही आ रहे हैं। उनसे वह चोरी के बारे में पूछना चाहता था लेकिन ग्राहक का मिज़ाज गरम हो रहा था।

प्रसंग – प्रस्तुत अवतरण हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक में संकलित धीरा की होशियारी’ नामक कहानी से लिया गया है। लेखक ने यहाँ धीरा के मेहनती स्वरूप का चित्रण करते हुए उसके मन में व्याप्त जिज्ञासा को दर्शाया है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि ग्राहक ने अपने जूते पर पॉलिश करवाने के लिए सबसे पहले अपने बाएँ पाँव को स्टैण्ड पर रखा। तब धीरा ने एक पीले कपड़े के साथ जूते पर पड़ी धूल को पोंछा और एक टिन की डिब्बी खोलकर पॉलिश निकाली और ब्रुश के साथ उसे पूरे जूते पर फैला दिया।

इसके बाद धीरा जूते को अच्छे से चमकाने में लग गया। कुछ ही देर में ग्राहक का जूता अच्छे से चमक गया। उसी समय धीरा ने अपनी तिरछी नज़रों से दो – सिंपाहियों को अपनी ओर आते देखा। वह उनसे चोरी की घटना के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहता था। लेकिन ग्राहक के स्वभाव का गर्म देखते हुए उसकी हिम्मत पूछने की न हुई।

विशेष –

  • लेखक ने धीरा के मन में व्याप्त जिज्ञासा को प्रकट किया है।
  • भाषा सरल तथा सहज है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 11 धीरा की होशियारी

3. वह लपक कर सिपाहियों के पास पहुँचा। पीछे से उसने आदमी को चिल्लाते सुना, “ओ बदमाश, जरा ठहर।” लेकिन आदमी ने जब चलना चाहा तो मुँह के बल गिर पड़ा। अभी वह उठने की कोशिश कर रहा था कि धीरा सिपाहियों को लेकर आ गया। उन्होंने उस आदमी को हिरासत में ले लिया।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘धीरा की होशियारी’ नामक कहानी से लिया गया है। लेखक ने इस कहानी में धीरा की होशियारी एवं ईमानदारी को दिखा कर समाज को शिक्षा दी है कि हमें धीरा के समान होशियार एवं ईमानदार बनना चाहिए।

व्याख्या – लेखक कहता है कि जब धीरा ने अपनी बुद्धिमानी एवं होशियारी से चोर का सारा सच जान लिया तो वह झट से पुलिस वालों के पास पहुँच गया। जब वह पुलिस वालों के पास जा रहा था तो उसने पीछे से ग्राहक के भेष में चोर को चिल्लाते सुना अरे! बदमाश रुक जा।

लेकिन जब उस आदमी ने अपने कदम आगे बढ़ाने चाहे तो वह मुँह के बल नीचे गिर गया। वह अभी उठने का प्रयास कर रहा था कि इतने में धीरा सिपाहियों को लेकर वहाँ पहुँच गया। उसी समय पुलिस वालों ने ग्राहक के वेश में छिपे चोर को अपने कब्जे में ले लिया।

विशेष –

  • लेखक ने धीरा की होशियारी का परिचय दिया है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

PSEB 7th Class Maths MCQ Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ

Punjab State Board PSEB 7th Class Maths Book Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ MCQ Questions with Answers.

PSEB 7th Class Maths Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ MCQ Questions

1. ਬਹੁਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
-|-21| ਦਾ ਮੁੱਲ :
(a) 21
(b) -21
(c) 1
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ:
(b) -21

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
17 + (-18) =
(a) 35
(b) 1
(c) -1
(d) -35.
ਉੱਤਰ:
(c) -1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
(15) × 0 ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੈ :
(a) 0
(b) -15
(c) 15
(d) 1.
ਉੱਤਰ:
(a) 0

PSEB 7th Class Maths MCQ Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
3 × -1 ਦਾ ਗੁਣਨਫਲ ਹੈ :
(a) 3
(b) -3
(c) 1
(d) -1.
ਉੱਤਰ:
(b) -3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
(8) ÷ (1) ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੈ :
(a) 8
(b) 1
(c) -8
(d) -1.
ਉੱਤਰ:
(a) 8

2. ਖਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
0 ਹਰੇਕ ………. ਸੰਪੂਰਨ ਅੰਕ ਨਾਲੋਂ ਵੱਡਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ:
ਰਿਣਾਤਮਕ

PSEB 7th Class Maths MCQ Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
25 – 10 = -10 + ______
ਉੱਤਰ:
25

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
15 × ____ = 0
ਉੱਤਰ:
0

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
369 ÷ _____ = 369
ਉੱਤਰ:
1

PSEB 7th Class Maths MCQ Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
20 ÷ ____ = -2.
ਉੱਤਰ:
-10

3. ਸਹੀ ਜਾਂ ਗ਼ਲਤ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
ਦੋ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਜੋੜ ਵੀ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਹੀ/ਗਲਤ)
ਉੱਤਰ:
ਸਹੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
(-7) + 3 = 3 + (-7)
ਉੱਤਰ:
ਸਹੀ

PSEB 7th Class Maths MCQ Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
-2 + 2 = 0
ਉੱਤਰ:
ਸਹੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
1 ÷ a = 1
ਉੱਤਰ:
ਗ਼ਲਤ

PSEB 7th Class Maths MCQ Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
a ÷ 1 = a.
ਉੱਤਰ:
ਸਹੀ

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4

Punjab State Board PSEB 7th Class Maths Book Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Maths Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Exercise 1.4

1. ਹੇਠਾਂ ਲਿਖਿਆਂ ਦਾ ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕਰੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
76 ÷ 19
ਉੱਤਰ:
76 ÷ 19
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4 1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
(-156) ÷ (-12)
ਉੱਤਰ:
(-156) ÷ (-12) = 13
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4 2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
(-125) ÷ (-1)
ਉੱਤਰ:
(-125) ÷ (-1) = 125

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
(125) ÷ (-25)
ਉੱਤਰ:
(125) ÷ (-25) = -5
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4 3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
0 ÷ (-5)
ਉੱਤਰ:
0 ÷ (-5) = 0

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (vi).
(-15) ÷ (15)
ਉੱਤਰ:
(-15) ÷ (15) = -1
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4 4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
-18 ਅਤੇ 0 ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਜਿਸਤ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਹੱਲ :
– 18 ਅਤੇ 0 ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਜਿਸਤ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਹਨ ।
-16, -14, -12, -10, 8, 6, 4, -2.

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
-9 ਅਤੇ 9 ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਟਾਂਕ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਹੱਲ :
-9 ਅਤੇ 9 ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਟਾਂਕ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਹੈ ।
-7, 5, 3, -1, 1, 3, 5, 7.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
-240 ਨੂੰ ਕਿਸ ਸੰਖਿਆ ਨਾਲ ਭਾਗ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਕਿ 16 ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਵੇ ?
ਹੱਲ :
ਮੰਨ ਲਓ ਲੋੜੀਂਦੀ ਸੰਖਿਆ x ਹੈ
∴ -240 ÷ x = 16
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4 5
ਜਾਂ x = \(\frac{-240}{16}\) = -15
ਇਸ ਲਈ, ਲੋੜੀਂਦੀ ਸੰਖਿਆ -15 ਹੈ

5. ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕਰੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
125 ÷ [5 ÷ (-1)]
ਉੱਤਰ:
125 ÷ [5 ÷ (-1)] = 125 ÷ (-5)
= -25
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4 6

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
[169 ÷ 13] ÷ [26 ÷ 2]
ਉੱਤਰ:
[169 ÷ 13] ÷ [26 ÷ 2]
= [13] ÷ [13] = 1
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4 7

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
[(-105) ÷ 3] ÷ 7
ਉੱਤਰ:
[(-105) ÷ 3] ÷ 7
= [-35] ÷ 7
= -5
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4 8

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸਰਲ ਕਰੋ : 12 – [8 + 27 ÷ (2 × 8 – 7)]
ਹੱਲ :
12 – [8 + 27 ÷ (2 × 8 – 7)]
= 12 – [8 + 27 ÷ (16 – 7)]
= 12 – [8 + 27 ÷ (9)]
= 12 – [8 + 3] = 12 – 11 = 1

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਸਰਲ ਕਰੋ : 10 – [8 – {11 + 30 ÷ (4+ 2)}]
ਹੱਲ :
10 – [8 – {11 + 30 ÷ (4 + 2)}}
= 10 – [8 – {11 + 30 ÷ 6}]
= 10 – [8 – (11 + 5)]
= 10 – [8 – 16]
= 10 – [-8]
= 10 + 8 = 18

8. ਬਹੁਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
(8) ÷ 2 =
(a) -16
(b) 4
(c) 4
(d) -8.
ਉੱਤਰ:
(b) 4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
(-7) ÷ (-7) =
(a) -1
(b) 49
(c) 49
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ:
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
0 ÷ 2 =
a) 1
(b) 2
(c) -2
(d) 0.
ਉੱਤਰ:
(d) 0.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਦੋ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਭਾਗਫਲ ਹਮੇਸ਼ਾ ਇਕ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (ਸਹੀ/ਗਲਤ) ,
ਉੱਤਰ :
ਗ਼ਲਤ

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਜੇਕਰ 4 ਅਤੇ b ਗੈਰ-ਬਰਾਬਰ ਤੇ ਗ਼ੈਰ-ਸਿਫ਼ਰ ਦੋ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਹਨ, ਤਾਂ a ÷ b = b ÷ a. ਸਹੀ/ਗਲਤ)
ਉੱਤਰ :
ਗ਼ਲਤ !

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.3

Punjab State Board PSEB 7th Class Maths Book Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Maths Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Exercise 1.3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਗੁਣਨਫਲ ਪਤਾ ਕਹੇ:
(i) (-15) × 0
(ü) (-35) × 1
(iii) (-13) × (-12)
(iv) (-20) × 16
(v) (-15) × (-4) × (-5)
(vi) (-8) × (-5) × 9
(vii) (-2) × (-5) × (4) × (-10)
(viii) (-8) × 0 + [(-5) × (-4)]
ਉੱਤਰ:
(i) (-15) × 0 = 0.
(ii) (-35) × 1 = -35.
(iii) (-13) × (-12) = 156.
(iv) (-20) × 16 = -(20 × 16) = -320
(v) (-15) × (4) × (-5) = (-15 × -4) × (-5)
= 60 × (-5)
= -(60 × 5)
= -300.

(vi) (-8) × (-5) × 9
= [(-8) × (-5)] × 9
= 40 × 9 = 360.

(vii) (-2) × (-5) × (-4) × (-10)
= [(-2) × (-5)] × [(-4) × (-10)]
= 10 × 40 = 400.

(viii) (-8) × 0 + [(-5) × (-4)]
= [(-8) × 0] + [(-5) × (-4)]
= 0 + 20 = 20

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i)
ਪਤਤਾਲ ਕਹੇ: 15 × [9 + (-6)] = (15 × 9) + (15 × (-6)]
ਉੱਤਰ:
L.H.S. = 15 × [9 + (-6)]
= 15 × [9 – 6]
= 15 × 3
= 45.
R.H.S. = (15 × 9) + [(15 × (-6)]
= 135 + (-90)
= 135 – 90 = 45
∴ L.H.S. = R.HS.

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii)
ਪਤਤਾਲ ਕਹੇ: 18 × [(-5) + (-4)] = [18 × (-5)] + [18 × (-4)]
ਉੱਤਰ:
LH.S. = 18 × [(-5) + (-4)].
= 18 × (-9)
= -162.
R.H.S. = [(18) × (-5)] + [18 × (-4)]
= (-90) + (-72)
= -162.
∴ L.H.S. = R.H.S.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ3.
ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.3 1
ਉੱਤਰ:
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.3 2

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.3

4 ਗੁਣਾਂ (Properties) ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਗੁਣਨਫਲ ਪਤਾ ਕਰੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
15 × (20) + (-20) × (-5)
ਉੱਤਰ:
15 × (-20) + (20) (-5)
= (-20) × [15 + (-5)]
= (-20) × [15 – 5]
= (-20) × (10)
= -200.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
(15 × 8) × 50
ਉੱਤਰ:
(15 × 8) × 50
= 120 × 50
= 6000.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
8 × (4 – 5)
ਉੱਤਰ:
8 × (40 – 5)
= 8 × 40 – 8 × 5
= 320 – 40
= 280.

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
510 × (45) +(-510) × 55
ਉੱਤਰ:
510 × (45) + (-510) × 55
= 510 [(-45) + (-55)]
= 510 [-100]
= -51000.

5. 15 ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਵਾਲੇ ਇਕ ਜਮਾਤ ਟੈਸਟ (Class test) ਵਿਚ ਹਰੇਕ ਸਹੀ ਉੱਤਰ ਲਈ 2 ਅਤੇ ਹਰੇਕ ਗ਼ਲਤ ਉੱਤਰ ਲਈ -1 ਅੰਕ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਉੱਤਰ ਨਾ ਦੇਣ ਦੀ ਸੂਰਤ ਵਿਚ “0 ਅੰਕ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
ਕ੍ਰਿਤਿਕਾ ਦੇ 5 ਉੱਤਰ ਸਹੀ ਅਤੇ 10 ਉੱਤਰ ਗ਼ਲਤ ਹਨ । ਉਸ ਦੇ ਅੰਕ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ:
1 ਸਹੀ ਉੱਤਰ ਲਈ ਦਿੱਤੇ ਅੰਕ = 2
5 ਸਹੀ ਉੱਤਰਾਂ ਲਈ ਦਿੱਤੇ ਅੰਕ = 2 × 5 = 10
ਇੱਕ ਗਲਤ ਉੱਤਰ ਲਈ ਦਿੱਤੇ ਅੰਕ = -1
10 ਗਲਤ ਉੱਤਰਾਂ ਲਈ ਦਿੱਤੇ ਅੰਕ = -1 × 10 = -10
ਕਿਤ੍ਰਿਕਾ ਦੁਆਰਾ ਟੈਸਟ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੁੱਲ ਅੰਕ
= 10 + (10)
= 10 – 10 = 0.

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
ਰੋਹਨ ਦੁਆਰਾ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕੀਤੇ ਗਏ 14 ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਵਿਚ 7 ਦੇ ਉੱਤਰ ਸਹੀ ਅਤੇ 7 ਦੇ ਉੱਤਰ ਗ਼ਲਤ ਹਨ । ਉਸਦੇ ਅੰਕ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ:
ਇੱਕ ਸਹੀ ਉੱਤਰ ਲਈ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਅੰਕ = 2
7 ਸਹੀ ਉੱਤਰਾਂ ਲਈ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਅੰਕ
= 2 × 7 = 14
ਇੱਕ ਗ਼ਲਤ ਉੱਤਰਾਂ ਲਈ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਅੰਕ
= -1
7 ਗ਼ਲਤ ਉੱਤਰਾਂ ਲਈ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਅੰਕ .
= -1 × 7 = -7
ਰੋਹਨ ਦੁਆਰਾ ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਅੰਕ
= 14 + (-7)
= 14 – 7 = 7.

6. ਬਹੁਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
(19) – (13) ਦਾ ਮੁੱਲ ਹੈ :
(a) -32
(b) 6
(c) -6
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ:
(a) -32

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
(6) × (5) × 0 ਦਾ ਮੁੱਲ ਹੈ :
(a) 0
(b) -6
c) -5
(d) 30.
ਉੱਤਰ:
(a) 0

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
0 ÷ (-10) ਦਾ ਮੁੱਲ ਹੈ :
(a) 0
(b) -1
(c) -10
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ:
(a) 0

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
(-33) × 102 + (-33) × (-2) ਦਾ ਮੁੱਲ ਹੈ :
(a) 3300
(b) -3300
(c) 3432
(d) -3432.
ਉੱਤਰ:
(b) -3300

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
101 × (-1) + 0 × (-1) ਦਾ ਮੁੱਲ ਹੈ :
(a) -101
(b) 101
(c) -102
(d) 102.
ਉੱਤਰ:
(a) -101

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2

Punjab State Board PSEB 7th Class Maths Book Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Maths Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Exercise 1.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕਰੋ :
(a) 32 + 15
(b) 17 + (-18)
(c) (-25) + (21)
(d) (-8) + (-1)
(e) (- 13) + (21)
(f) (-19) + (0)
(g) (-85) – (10)
(h) (15) – (6)
(i) (45) – (-27)
(j) ( 62) – (52)
ਹੱਲ :
(a) 32 + 15 = 4
(b) 17 + (-18) = – 1
(c) (25) + (21) = – 4
(d) (8) + (-11) = – 19
(e) (- 13) + (21) = 8
(f) (19) + (0) = – 19
(g) (-85) – (-10) = – 85 + 10 =- 75
(h) (15) – (6) = 9
(i) (45) – (-27) = 45 + 27 = 72
(j) (-62) – (52) = – 62 – 52 = – 114

2. ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਨੂੰ ਹੱਲ ਕਰੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (a).
(-3) + 7 + (8)
ਉੱਤਰ:
(3) + 7 + (-8) = (-3) + (8) + 7
= – 11 + 7
[∵ (-3) + (-8) = – 11]
= – 4

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (b).
(-2) – (-1) – (4)
ਉੱਤਰ:
(2) – (-1) – (4) = -2 + 1 – 4
= (2) + (-4) + 1
= – 6 + 1
= – 5

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (c).
8 + (-7) – (-6)
ਉੱਤਰ:
8 + (-7) – (-6) = 8 + (-7) + (6)
= (8) + (6) + (-7)
= 14 + (-7) = 7

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (d).
(12) – (17) + (-25)
ਉੱਤਰ:
12) – (-7) + (-25) = (12) + (+17) + (-25)
= (12) + (-25) + (+17)
[∵ (12) + (-25) = (-37)]
= (-37) + (+ 17)
= – 20

3. ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕਰੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (a).
15 – (5) + 12 + (8) + (-3)
ਉੱਤਰ:
15 – (-5) + 12 + (-8) + (-3)
= 15 + (+5) + 12 + (- 8) + (-3)
= 32 + (-11)
= 21 [∵ 15 + (+5) + 12 = 32 ਅਤੇ (-8) + (-3) = (-11)]

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (b).
(-32) – (-11) + (-25) + 27 – 13 + (-7)
ਉੱਤਰ:
(-32) – (-11) + (-25) + 27 – 13 = (-7)
= (-32) + (+11) + (-25) + 27 – 13 + (-7)
= 11 + 27 + (-32) + (-25) – 13 + (-7)
= 38 + (-77) ।
= – 39 [∵ 11 + 27 = 38 ਅਤੇ (32) + (-25) – 13 + (-7) = – 77]

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (c).
160 + (-150) + (-130) – (-100)
ਉੱਤਰ:
160 + (-150) + (-130) – (-100)
= 160 + (-150) + (-130) + (+100)
= 160 + (+100) + (-150) + (-130)
= 260 + (-280)
= – 20
[∵ 160 + (+ 100) = 260 ਅਤੇ (-150) + (-130) = – 280)]

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (d).
25 – (-15) + (-12) + 21 – 65 – (-38)
ਉੱਤਰ:
25 – (-15) + (-12) + 21 – 65 – (-38) .
= 25 + (+ 15) + (-12) + 21 – 65 + (+38)
= 25 + (+15) + 21 + (+38) + (-12) – 65
= 99 – (-77)
= 22
[∵ 25 + (+ 15) + 21 + (+ 38) = 99 ਅਤੇ (-12) – 65 = – 77]

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦੇ ਜੋੜ ਅਤੇ ਘਟਾਓ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2 1
ਉੱਤਰ:
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2 2

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਦੋ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਅੰਤਰ – 10 ਹੈ । ਜੇਕਰ ਪਹਿਲੀ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ 17 ਹੈ, ਤਾਂ ਦੂਸਰੀ ਸੰਖਿਆ ਪਤਾ ਕਰੋ :
ਹੱਲ :
ਅੰਤਰ : – 10
ਪਹਿਲੀ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ = 17
ਦੂਸਰੀ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ = ਪਹਿਲੀ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ-ਅੰਤਰ
= 17 – (-10)
= 17 + 10
= 27

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
-93 ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਤਿੰਨ ਲਗਾਤਾਰ ਟਾਂਕ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਹੱਲ :
– 93 ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਲਗਾਤਾਰ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਤਿੰਨ ਟਾਂਕ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਹਨ :
– 91, – 89, – 87.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਸੂਰਜ ਚੜ੍ਹਨ ਸਮੇਂ, ਬਾਹਰ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ 0 ਤੋਂ 7 ਹੇਠਾਂ ਸੀ । ਦੁਪਹਿਰ ਵੇਲੇ, ਤਾਪਮਾਨ 13° ਵੱਧ ਗਿਆ ਅਤੇ ਫਿਰ ਰਾਤ ਵੇਲੇ 8° ਘੱਟ ਗਿਆ ਦਿਨ ਦੇ ਖ਼ਤਮ ਹੋਣ ‘ਤੇ ਤਾਪਮਾਨ ਕਿੰਨਾ ਸੀ ?
ਹੱਲ :
ਸੂਰਜ ਚੜ੍ਹਨ ਸਮੇਂ ਬਾਹਰ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ
= 0° – 70 = -7°
ਦੁਪਹਿਰ ਵੇਲੇ ਤਾਪਮਾਨ = -7 + 13° = 6°
ਰਾਤ ਵੇਲੇ ਤਾਪਮਾਨ = 6° – 8° = 2°
ਦਿਨ ਦੇ ਖ਼ਤਮ ਹੋਣ ਤੇ ਤਾਪਮਾਨ -2° ਉੱਤਰ ।

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਮਹੀਨੇ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਵਿਚ ਮਨਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦਾ ਬੈਂਕ ਬੈਲੇਂਸ (bank balance) ₹ (-430) ਸੀ । ਉਸ ਦੁਆਰਾ ਤੋਂ ₹ 250 ਜਮਾਂ ਕਰਵਾਉਣ ਦੇ ਬਾਅਦ ਉਸ ਦਾ ਬੈਂਕ ਬੈਲੇਂਸ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ :
ਮਹੀਨੇ ਦੇ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਣ ਤੇ ਮਨਜੀਤ ਸਿੰਘ ਦਾ ਬੈਂਕ ਬੈਲੇਂਸ = ₹ (-430)
ਬੈਂਕ ਵਿਚ ਜਮ੍ਹਾਂ ਕਰਵਾਏ ਪੈਸੇ = ₹ 250
ਜਮਾਂ ਕਰਵਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦਾ ਬੈਂਕ ਬੈਲੇਂਸ
= ₹ (430) + 250
= ₹ (430 + 250)
= ₹ (180)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਏਸ਼ੀਆ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਚੀ ਚੋਟੀ ਮਾਊਂਟ ਐਵਰੈਸਟ (Mount Everest) ਦੀ ਸਮੁੰਦਰ ਤਲ ਤੋਂ ਉੱਚਾਈ 2028 ਫੁੱਟ ਹੈ । ਡੈੱਡ ਸੀਅ (The Dead Sea) ਸਮੁੰਦਰ ਤਲ ਤੋਂ 1312 ਫੁੱਟ ਹੇਠਾਂ ਹੈ । ਦੋਹਾਂ ਪੱਧਰਾਂ ਵਿਚਕਾਰਲਾ ਅੰਤਰ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਮਾਊਂਟ ਐਵਰੈਸਟ ਦੀ ਸਮੁੰਦਰ ਤਲ ਦੀ ਉੱਚਾਈ = + 29028
ਫੁੱਟ ਡੈੱਡ ਸੀਅ ਦੀ ਸਮੁੰਦਰ ਤਲ ਤੋਂ ਡੂੰਘਾਈ
= -1312 ਫੁੱਟ
ਦੋਹਾਂ ਵਿਚਕਾਰਲਾ ਅੰਤਰ
= [+ 29028 – (-1312)] ਫੁੱਟ
= (29028 + 1312) ਫੁੱਟ
= 30340 ਫੁੱਟ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਇਕ ਕੁਇਜ਼ ਵਿਚ ਟੀਮ A ਨੇ 70, – 15, 30 ਅੰਕ | ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਟੀਮ B ਨੇ -15, 70, 30 ਅੰਕ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਅਤੇ ਟੀਮ C ਨੇ 30, 70, – 15 ਅੰਕ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ । ਕਿਸ ਟੀਮ ਦੇ ਅੰਕ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸਨ ? ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਿੱਟਾ ਕੱਢਦੇ ਹੋ ?
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2 3
ਹੱਲ :
ਟੀਮ ਨੇ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੁੱਲ ਅੰਕ
= 70 + (-15) + 30
= 70 + 30 + (- 15)
= 100 – 15 = 85

B ਟੀਮ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੁੱਲ ਅੰਕ
= (15) + 70 + 30
= (-15) + 100 = 85

C ਟੀਮ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੁੱਲ ਅੰਕ
= 30 + 70 +(-15).
= 100 + (-15) = 85
ਅੰਕ ਬਰਾਬਰ ਹਨ. ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਜੋੜ ਸਹਿਚਾਰ ਹੈ ।

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇਕ ਮੁਕਾਬਲੇ ਵਿਚ 5 ਟੀਮਾਂ ਨੇ 3-3 ਰਾਊਂਡ (rounds) ਖੇਡੇ । ਸਾਰੀਆਂ ਟੀਮਾਂ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਅੰਕ ਹੇਠਾਂ ਲਿਖੇ ਹਨ | ਸਾਰਣੀ ਪੂਰੀ ਕਰੋ ਅਤੇ ਪਹਿਲਾ, ਦੂਸਰਾ ਤੇ ਤੀਸਰਾ ਸਥਾਨ ਹਾਸਲ ਕਰਨ ਵਾਲੀਆਂ ਟੀਮਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2 4
ਹੱਲ :
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2 5
ਪਹਿਲਾ ਸਥਾਨ-A, ਦੂਸਰਾ ਸਥਾਨ-C, ਤੀਸਰਾ ਸਥਾਨ-D.

12. ਬਹੁਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i)
(-5) + (5) =
(a) – 10
(b) 5
(c) 10
(d) 0.
ਉੱਤਰ:
(d) 0.

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii)
(- 10) + (- 12) =
(a) – 2
(b) 22
(c) -22
(d) 2.
ਉੱਤਰ:
(c) -22

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii)
(-1) – (-1) =
(a) – 2
(b) -1
(c) 2
(d) ਇਹਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ:
(d) ਇਹਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv)
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਕਥਨ ਗ਼ਲਤ ਹੈ ?
(a) ਦੋ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਜੋੜਫਲ ਵੀ ਇਕ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਹੈ ।
(b) ਸਾਰੀਆਂ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ 3 ਅਤੇ b ਲਈ, 4 + b = b + a.
(c) ਦੋ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਅੰਤਰ ਵੀ ਇਕ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(d) ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦੀ ਘਟਾਓ ਲਈ ਖ਼ਮ ਵਟਾਂਦਰਾ ਗੁਣ ਸੱਚ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ:
(d) ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦੀ ਘਟਾਓ ਲਈ ਖ਼ਮ ਵਟਾਂਦਰਾ ਗੁਣ ਸੱਚ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v)
ਹੇਠਾਂ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਸਹੀ ਹੈ ?
(a) (-7) – (3) = 3 – (-7)
(b) (-7) + 3 = 3 + (-7)
(c) (-1) + [(5) +(-3)] = [(-1) + (5)] – (-3)
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ:
(b) (-7) + 3 = 3 + (-7)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.1

Punjab State Board PSEB 7th Class Maths Book Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Maths Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Exercise 1.1

1. >, < ਜਾਂ = ਵਿੱਚੋਂ ਉੱਚਿਤ ਚਿੰਨ੍ਹ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹੋਏ, ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ ।
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.1 2
ਉੱਤਰ:
(i) -3  >  -5
(ii) – 2  <  5-4 (iii) 8 – 4  >  – 3
(iv) – 6  <  5 – 0 (v) 5  =  8 – 3 (vi) 0  >  – 3.

2. ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਨੂੰ ਵੱਧਦੇ ਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਕੁਮਬੱਧ ਕਰੋ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i)
– 2, 12, – 43, 31, 7, – 35, – 10
ਉੱਤਰ:
ਦਿੱਤੀਆਂ ਧਨਾਤਮਕ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਹਨ :
12, 31, 7
ਚੜ੍ਹਦਾ ਕੂਮ ਹੈ : 7 < 12 < 31
ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਰਿਣਾਤਮਕ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਹਨ :
– 2, – 43, – 35, – 10
ਚੜ੍ਹਦਾ ਕੂਮ ਇਸ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ
– 43 < – 35 < – 10 < – 2.
ਸਾਰੀਆਂ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਵੱਧਦਾ ਕੂਮ ਇਸ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ ਇਸ ਲਈ – 43 < – 35 < – 10 < – 2 < 7 < 12 < 31

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii)
– 20, 13, 4, 0, – 5, 5
ਉੱਤਰ:
ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਧਨਾਤਮਕ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਹਨ 13, 4, 5
ਵੱਧਦਾ ਕੂਮ ਹੈ 4 < 5 < 13
ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਰਿਣਾਤਮਕ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਹਨ – 20, – 5
ਵੱਧਦਾ ਕ੍ਰਮ ਹੈ – 20 < – 5.
ਇਸ ਲਈ ਸਾਰੀਆਂ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਵੱਧਦਾ ਕੁਮ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ
– 20 < – 5 <0 < 4 < 5 < 13 ਭਾਵ – 20, – 5, 0, 4, 5, 13

3. ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਨੂੰ ਘੱਟਦੇ ਕ੍ਰਮ ਵਿੱਚ ਕੁਮਬੱਧ ਕਰੋ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i)
0, – 7, 19, – 23, – 3, 8, 46
ਉੱਤਰ:
ਦਿੱਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਧਨਾਤਮਕ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਹਨ : 19, 8, 46
ਘੱਟਦਾ ਕੂਮ ਹੈ : 46 > 19 > 8
ਦਿੱਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਰਿਣਾਤਮਕ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਹਨ :
– 7, – 23, – 3
ਘੱਟਦਾ ਕੂਮ ਹੈ : – 3 > – 7 > – 23
ਇਸ ਲਈ, ਸਾਰੀਆਂ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਘੱਟਦਾ ਕੂਮ ਹੈ :
46 > 19 > 8 > 0 > – 3 > – 7 > – 23
ਭਾਵ 46, 19, 8, 9, – 3, – 7, – 23

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii)
30, – 2, 0, – 6, – 20, 8.
ਉੱਤਰ:
ਦਿੱਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਧਨਾਤਮਕ ਸੰਖਿਆਵਾਂ 30, 8 ਹਨ ।
ਘਟਦਾ ਕ੍ਰਮ ਹੈ : 30 > 8
ਦਿੱਤੀਆਂ ਰਿਣਾਤਮਕ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਹਨ :
– 2, – 6, – 20.
ਘਟਦਾ ਕੂਮ ਹੈ : – 2 >- 6 > – 20
ਇਸ ਲਈ, ਸਾਰੀਆਂ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ ਦਾ ਘਟਦਾ
ਮ ਹੈ :
30 > 8 > 0 > – 2 > – 6 > – 20
ਇਸ ਲਈ 30, 8, 9, – 2, – 6, – 20.

4. ਮੁੱਲ ਪਤਾ ਕਰੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i)
30 -|- 21|
ਉੱਤਰ:
30 – |-21 | = 30 – 21 [∵ |-21|= 21]
= 9

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii)
|- 25| – |- 18|
ਉੱਤਰ:
|- 25| – |-18| = 25 – 18
[∵ |-25 | = 25 ਅਤੇ |-18 | = 18]
= 7

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii)
6 – |-4|
ਉੱਤਰ:
6 – |-4| = 6 – 4 [∵ |-4 | = 4]
= 2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv)
|- 125 | + |110 |
ਉੱਤਰ:
|-125 |+|110 | = 125 + 110 [∵ |-125 | = 125 ਅਤੇ | 110 | = 110]
= 235

5. ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂਵਾਂ ਭਰੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i)
ਹਰੇਕ ……….. ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਨਾਲੋਂ ਵੱਡਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ:
ਰਿਣਾਤਮਕ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii)
ਇਕ ਰਿਣਾਤਮਕ ਸੰਖਿਆ ਦਾ ਨਿਰਪੱਖ ਮੁੱਲ ਹਮੇਸ਼ਾ ……….. ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ:
ਧਨਾਤਮਕ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii)
ਸਭ ਤੋਂ ਛੋਟੀ ਧਨਾਤਮਕ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ……….. ਹੈ ।
ਉੱਤਰ:
1

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 1 ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆਵਾਂ Ex 1.1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv)
ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡੀ ਰਿਣਾਤਮਕ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ……….. ਹੈ ।
ਉੱਤਰ:
-1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v)
ਹਰੇਕ ਰਿਣਾਤਮਕ ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਹਰੇਕ ……….. ਸੰਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਨਾਲੋਂ ਛੋਟੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ:
ਧਨਾਤਮਕ

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB बढ़े चलो, बढ़े चलो Textbook Questions and Answers

बढ़े चलो, बढ़े चलो अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो 1
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें:

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें:

(क) कवि किन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है? कोष्ठक में दिए संकेतों पर निशान लगाइए। (बालकों को, युवाओं को, देशवासियों को, स्वतंत्रता सेनानियों को)
उत्तर :
स्वतन्त्रता सेनानियों को।

(ख) कवि अस्त्र-शस्त्र के बिना लड़ने का सुझाव क्यों देता है ?
उत्तर :
कवि गांधीवादी विचारों का समर्थक है। अत: वह बिना अस्त्र – शस्त्रों के लड़ने का सुझाव देता है। सत्य, अहिंसा और प्रेम गांधी जी के शस्त्र थे।

(ग) यह कविता देश के आजाद होने से पहले लिखी गयी थी अथवा बाद में ?
उत्तर :
‘बढ़े चलो, बढ़े चलो’ कविता देश के आजाद होने से पहले लिखी गई थी।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो

4. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें:

(क) कवि अपने पाठकों को मशाल बन कर जलने की प्रेरणा क्यों देता है?
उत्तर :
कवि स्वतन्त्रता सेनानियों को मशाल बनकर जलने की प्रेरणा इसलिए देता है ताकि आजादी के रास्ते का अन्धकार दूर हो सके। देश के अन्य लोग भी कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ सकें। मशाल बन कर जलने वाला सबकी प्रेरणा का स्रोत बन जाता है।

(ख) जियो चलो, मरे चलो,-कवि जीवन और मृत्यु को साथ लेकर चलता है क्यों?
उत्तर :
स्वतन्त्रता प्राप्त करने का मार्ग बड़ा कठिन होता है। इस रास्ते पर जीवन भी है और मरण भी। आज़ादी प्राप्त होना जीवन है और आज़ादी के लिए कुर्बान हो जाना मरण है। संघर्ष मार्ग पर बढ़ता हुआ वीर जीवन – मरण की परवाह नहीं करता। वह जीता भी है, मरता भी है।

(ग) कविता का सार लिखें।
उत्तर :
‘बढ़े चलो, बढ़े चलो’ कविता श्री सोहन लाल द्विवेदी की देश की स्वतन्त्रता से पूर्व की रचना है। यह कविता देश – भक्ति से ओत – प्रोत है। इसमें स्वतन्त्रता सेनानियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी गई है। कवि कहता है चाहे तुम्हारे पास कोई शस्त्र नहीं है और खाने को भी कुछ नहीं फिर भी आज़ादी के मार्ग पर बढ़ते चलो। तुम अपने मार्ग की बड़ी से – बड़ी बाधा को भी चीर कर आगे बढ़ो। झुकने का नाम न लो। इसके लिए तुम अपने रक्त की एक – एक बूंद बहा दो। युगों की परतन्त्रता को समाप्त कर दो। कभी भी भयभीत नहीं होना चाहिए। व्यक्ति को सदैव आगे बढ़ते रहना चाहिए।

5. इन शब्दों के अर्थ लिखते हुए वाक्यों में प्रयोग करें:

  1. समक्ष __________ _____________________________
  2. कालकूट __________ _____________________________
  3. सुधा __________ _____________________________
  4. फाग __________ _____________________________
  5. अशेष __________ _____________________________

उत्तर :

  1. समक्ष = सामने – व्यक्ति को हमेशा अपने समक्ष ऊँचा आदर्श रखना चाहिए।
  2. कालकूट = तेज़ ज़हर – आज़ादी पाने के लिए व्यक्ति को कालकूट भी पीना पड़ता है।
  3. सुधा = अमृत – स्वतन्त्रता सेनानी बलिदान को सुधा समझकर पी जाते हैं।
  4. फाग = होली – सैनिकों का काम ही रक्त से फाग खेलना है।
  5. अशेष = सम्पूर्ण – आज़ादी के लिए अपना अशेष रक्त अर्पित कर दो।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो

6. विपरीतार्थक शब्द लि:

  1. स्वतंत्रता = _____________
  2. मरण = _____________
  3. कालकूट = _____________

उत्तर :

  1. स्वतन्त्रता = परतन्त्रता
  2. मरण = जीवन
  3. कालकूट = सुधा

7. संज्ञा शब्द बनायें:

  1. रुकना = _____________
  2. झुकना = _____________
  3. जलना = _____________
  4. निखरना = _____________
  5. बिखरना = _____________

उत्तर :

  1. रुकना = रुकावट
  2. झुकना = झुकाव
  3. जलना = जलन
  4. निखरना = निखार
  5. बिखरना = बिखराव

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो

8. इन शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें:

  1. वस्त्र = _________, _________
  2. शिखर = _________, _________
  3. अटूट = _________, _________
  4. राग = _________, _________
  5. मशाल = _________, _________
  6. मिसाल = _________, _________
  7. नीर = _________, _________

उत्तर :

  1. वस्त्र = कपड़ा, चीर, पट,
  2. शिखर = चोटी, शृंग
  3. अटूट = मज़बूत, अभंगुर
  4. राग = सुर, प्रेम
  5. मशाल = मुराड़ा, लौ
  6. मिसाल = उदाहरण, नमूना
  7. नीर = जल, पानी, वारी

बढ़े चलो, बढ़े चलो Summary in Hindi

बढ़े चलो, बढ़े चलो कविता का सार

‘बढ़े चलो, बढ़े चलो’ कविता श्री सोहन लाल द्विवेदी की देश की स्वतन्त्रता से पूर्व की रचना है। यह कविता देश – भक्ति से ओत – प्रोत है। इसमें स्वतन्त्रता सेनानियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी गई है। कवि कहता है चाहे तुम्हारे पास कोई शस्त्र नहीं है और खाने को भी कुछ नहीं फिर भी आज़ादी के मार्ग पर बढ़ते चलो। तुम अपने मार्ग की बड़ी – से बड़ी बाधा को भी चीर कर आगे बढ़ो। झुकने का नाम न लो। इसके लिए तुम अपने रक्त की एक – एक बूंद बहा दो। युगों की परतन्त्रता को समाप्त कर दो। कभी भी भयभीत नहीं होना चाहिए। व्यक्ति को सदैव आगे बढ़ते रहना चाहिए।

बढ़े चलो, बढ़े चलो काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. न हाथ एक शस्त्र हो,
न हाथ एक अस्त्र हो,
न अन्न नीर वस्त्र हो,
हटो नहीं, डटो वहीं।
बढ़े चलो, बढ़े चलो।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो

शब्दार्थ :

  • शस्त्र = हाथ में पकड़ा हुआ निकट से चलाया जाने वाला हथियार जैसे तलवार, भाला, डंडा आदि।
  • अस्त्र = दूर से चलाया जाने वाला हथियार जैसे – तीर, गोला, मिसाइल आदि।
  • अन्न = अनाज।
  • नीर = पानी।
  • वस्त्र = कपड़ा।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलित श्री सोहन लाल द्विवेदी द्वारा रचित ‘बढ़े चलो, बढ़े चलो’ नामक कविता से लिया गया है। इस कविता में कवि ने देश की आज़ादी के लिए स्वतन्त्रता सेनानियों को पथ पर निरन्तर आगे बढ़ने का आह्वान किया है।

व्याख्या – कवि स्वतन्त्रता सेनानियों को सम्बोधित करते हुए कहता है – यदि तुम्हारे हाथ में एक भी अस्त्र – शस्त्र नहीं है और न ही तुम्हारे पास भोजन, जल और कपड़ा है। फिर भी तुम अपने रास्ते से न हटो। वहीं पर डट जाओ और आगे ही आगे बढ़ते चलो।

विशेष –

  • कवि ने देशवासियों को देश की आजादी के लिए आगे बढ़ने का आह्वान किया है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

2. रहे समक्ष हिम शिखर,
तुम्हारा प्रण उठे निखर,
भले ही जाये तन बिखर,
रुको नहीं, झुको नहीं।
बढ़े चलो, बढ़े चलो।

शब्दार्थ :

  • समक्ष = सामने।
  • हिम शिखर = बर्फ की चोटी।
  • निखर = चमक।
  • तन = शरीर।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश सोहन लाल द्विवेदी द्वारा रचित कविता ‘बढ़े चलो, बढ़े चलो’ से लिया गया है। इस कविता में कवि ने देश की आजादी के लिए स्वतन्त्रता सेनानियों को पथ पर निरन्तर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि वीरों को स्वतन्त्रता की बलि वेदी पर अपना बलिदान देने की प्रेरणा देता हुआ कहता है – चाहे तुम्हारे रास्ते में बर्फ की चोटी भी आ जाए, तुम्हारे रास्ते में हिमालय भी आकर क्यों न खड़ा हो जाए, कितनी भी कठिनाइयों का सामना क्यों न करना पड़े फिर भी तुम्हें घबराना नहीं चाहिए।

तुम्हें साहस से काम लेना चाहिए। उसे देखकर तुम्हारी प्रतिज्ञा निखर उठे। चाहे तुम्हारा शरीर टुकड़े – टुकड़े हो जाए पर तुम्हें रुकना नहीं चाहिए और न ही झुकना चाहिए। तुम्हें निरन्तर बढ़ते रहना चाहिए।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो

विशेष :

  • कवि ने स्वतन्त्रता सेनानियों से मार्ग में आने वाली बाधाओं से न डरने का आह्वान किया है।
  • भाषा भावों के अनुरूप है।

3. घटा घिरी अटूट हो,
अधर पै कालकूट हो,
वही सुधा का चूंट हो,
जिये चलो मरे चलो।
बढ़े चलो, बढ़े चलो।

शब्दार्थ :

  • अटूट = बिना टूटे, लगातार।
  • अधर = होंठ।
  • कालकूट = ज़हर।
  • सुधा = अमृत।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश सोहन लाल द्विवेदी द्वारा रचित कविता ‘बढ़े चलो, बढ़े चलो’ से लिया गया है। इस कविता में कवि ने देश की आजादी के लिए स्वतन्त्रता सेनानियों को. पथ पर निरन्तर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि वीरों से कहता है कि चाहे तुम्हारे रास्ते पर दुःख की अखण्ड घटाएँ घिर आई हों, तुम्हारे होठों पर भयंकर विष लगा हो, परन्तु तुम्हें उसे अमृत का चूंट समझ कर पी लेना चाहिए। जीते हुए और मरते भी तुम आगे की तरफ बढ़ते जाओ।

विशेष –

  • कवि ने वीरों को बाधाओं का सामना करने का संदेश दिया है।
  • भाषा सरल, सहज तथा सरस है।

4. गगन उगलता आग हो,
छिड़ा मरण का राग हो,
लहू का अपना फाग हो,
अड़ो वहीं, गड़ो वहीं।
बढ़े चलो, बढ़े चलो।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो

शब्दार्थ :

  • गगन = आकाश।
  • लहू = खून।
  • फाग = होली का रंग खेलना।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश सोहन लाल द्विवेदी द्वारा रचित कविता ‘बढ़े चलो, बढ़े चलो’ से लिया गया है। इस कविता में कवि ने देश की आज़ादी के लिए स्वतन्त्रता सेनानियों को पथ पर निरन्तर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि वीरों से स्वतन्त्रता के पथ पर निरन्तर आगे बढ़ने का आह्वान करते हुए कहता है कि चाहे तुम्हारे रास्ते में आकाश आग उगल रहा हो या मृत्यु का गीत शुरू हो गया हो, मृत्यु तुम्हारे सामने खडी हो, फिर भी तुम्हें अपना लहू बहाते हए वहीं पर अड़ जाना चाहिए और बलिदान हो जाना चाहिए। अपने रास्ते पर आगे ही आगे बढ़ते चलो।

विशेष –

  • कवि ने देश की स्वतन्त्रता के लिए वीरों को बलिदान देने के लिए प्रेरित किया है।
  • भाषा भावानुकूल है।

5. चलो, नयी मिसाल हो,
जलो, नयी मशाल हो,
बढ़ो, नया कमाल हो,
झुको नहीं, रुको नहीं।
बढ़े चलो, बढ़े चलो।

शब्दार्थ :

  • मिसाल = नमूना, उदाहरण।
  • कमाल = चमत्कार।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश सोहन लाल द्विवेदी द्वारा रचित कविता ‘बढ़े चलो, बढ़े चलो’ से लिया गया है। इस कविता में कवि ने निरन्तर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि वीरों को कहता है कि हे वीरो! तुम आगे इस प्रकार बढ़ो कि एक नया उदाहरण कायम हो जाए और एक नई मशाल की तरह जलते हुए देश को रास्ता दिखाओ। तुम अपने पथ पर इस प्रकार आगे बढ़ो जिससे कि एक नया चमत्कार हो जाए। तुम शत्रु के सामने झुको नहीं और आगे बढ़ने से रुको नहीं बस आगे ही बढ़ते चलो।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 10 बढ़े चलो, बढ़े चलो

विशेष –

  • कवि ने वीरों से नया कीर्तिमान स्थापित करने के लिए कहा है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानकल है।

6. अशेष रक्त तोल दो,
स्वतन्त्रता का मोल दो,
कड़ी युगों की खोल दो,
डरो नहीं, मरो वहीं।
बढ़े चलो, बढ़े चलो।

शब्दार्थ :

  • अशेष रक्त = सारा खून।
  • स्वतन्त्रता = आज़ादी।
  • कड़ी = बन्धन।
  • युगों की = सदियों की।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश सोहन लाल द्विवेदी द्वारा रचित कविता ‘बढ़े चलो, बढ़े चलो’ से लिया गया है। इस कविता में कवि ने निरन्तर आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि वीरों को स्वतन्त्रता की बलिवेदी पर अपने प्राण न्योछावर करने का आह्वान करते हुए कहता है – हे वीरो अपने शरीर का सारा रक्त तुम देश पर न्योछावर कर दो। इस प्रकार आज़ादी की कीमत चुका दो। तुम सदियों से पड़ी गुलामी की जंजीरों को तोड़ दो। तुम्हें डरना नहीं चाहिए और वहीं बलिदान हो जाओ। इस प्रकार तुम्हें आगे बढ़ते रहना चाहिए।

विशेष –

  • कवि ने देशवासियों से देश हित के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की बात कही है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 स्वराज्य की नींव

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 9 स्वराज्य की नींव Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 9 स्वराज्य की नींव (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB स्वराज्य की नींव Textbook Questions and Answers

स्वराज्य की नींव अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 स्वराज्य की नींव 1
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 स्वराज्य की नींव 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 स्वराज्य की नींव

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिन्दी शब्दों को लिखें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 स्वराज्य की नींव 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 स्वराज्य की नींव 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) अंग्रेज़ों की नीति क्या थी?
उत्तर :
अंग्रेजों की नीति ‘फूट डालो और राज करो’ की थी।

(ख) जूही ने रानी को क्या समाचार सुनाया?
उत्तर :
जूही ने रानी को समाचार सुनाया कि अंग्रेजों ने झाँसी को अपने राज में मिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और यह भी सुना है कि वे आपको पाँच हज़ार रुपए पेंशन भी देंगे।

(ग) महारानी के सम्मुख कौन-सी दो मुख्य चुनौतियाँ थीं?
उत्तर :
महारानी के सम्मुख पहली समस्या अंग्रेजों का सामना करना था, जो उस समय पूरी ताकत में थे। दूसरी समस्या देशद्रोही और गद्दारों की थी जो अंग्रेजों से जा मिले थे।

(घ) जूही और मोतीबाई क्या-क्या कहकर रानी का हौसला बढ़ाती हैं ?
उत्तर :
जूही कहती है कि – अरे ! दुर्गा की अवतार हैं हम ! दुष्टों पर जब छायेगी, छटी का दूध याद करायेंगी। मोतीबाई भी रानी का हौसला बढ़ाते हुए कहती है कि प्रजा स्वराज्य चाहती है। वीर – वीरांगनाओं की भुजाएं अंग्रेजों से युद्ध को फड़फड़ा रही हैं।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 स्वराज्य की नींव

(ङ) रघुनाथ के पूछने पर कि क्या आप दुश्मन के बच्चों को पनाह देंगी तो रानी क्या उत्तर देती है ?
उत्तर :
रघुनाथ के प्रश्न का उत्तर देते हुए रानी कहती है कि हमारा युद्ध अंग्रेजों से है, निरपराध बच्चों और स्त्रियों से नहीं। शरणागत की रक्षा हमारी संस्कृति है।

(च) पाठ में आस्तीन के साँप किसे कहा गया है ?
उत्तर :
पाठ में आस्तीन के साँप देशद्रोहियों और स्वार्थी गद्दारों को कहा गया है।

(छ) रानी ने अपने सैनिकों से क्या कहा?
उत्तर :
रानी ने अपने सैनिकों से झलकारी और अन्य बहादुर शेरों के शहीद होने की बात बताते हुए कहा कि जब तक हमारी जान में जान है स्वराज्य के लिए लड़ेंगे। हमारा एक एक बहादुर सौ – सौ गोरों पर भारी पड़ रहा है। फिरंगी भयभीत हैं। हाँ ध्यान रहे अंग्रेज़ मेरी देह को छूने न पाएँ।

(ज) झलकारी स्वराज्य के लिए किस प्रकार समर्पण करना चाहती है?
उत्तर :
झलकारी रानी और अन्य सरदारों को सुरक्षा के साथ बाहर निकालने के लिए स्वयं रानी का वेश बनाकर अंग्रेजों को अटकाएगी यदि वह स्वराज्य के लिए भेट चढ़ गई तो स्वयं को धन्य समझेगी।।

(झ) घायल होने पर रानी अपने सिपाहियों से क्या कहती है ?
उत्तर :
घायल होने पर रानी अपने सिपाहियों से कहती है कि अंग्रेज़ सैनिक उसकी देह को न छू पाएँ।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 स्वराज्य की नींव

(ञ) जब सिपाही रानी को संन्यासी की कुटिया में ले जाते हैं, तब संन्यासी ने क्या कहकर रानी को संबोधित किया?
उत्तर :
रानी को देखते हो संन्यासी ने कहा – मेरे अहो भाग्य साक्षात देवी के दर्शन हो गए।

4. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) आप कैसे कह सकते हैं कि महारानी लक्ष्मीबाई का बलिदान स्वराज्य की नींव बना?
उत्तर :
महारानी लक्ष्मीबाई एक वीरांगना थी। देश की रक्षा के लिए उन्होंने लड़ते – लड़ते अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। वह साक्षात् दुर्गा का अवतार थी। उसे शिवाजी की कहानियाँ जवानी याद थीं। राज्य की स्त्रियाँ रानी को अपना आदर्श मानती थीं। वे लक्ष्मीबाई के एक इशारे पर लड़ने मरने को तैयार थीं। अंग्रेजों के असमय आक्रमण करने पर रानी अपने वीर सैनिकों के साथ रण भूमि में आ गई। उसने वीरता से युद्ध करके अंग्रेजों को हरा दिया।

देश के सभी राजा महाराजा उसका आदर करते थे। दुबारा अंग्रेजों से युद्ध करते हुए रानी तेईस वर्ष की छोटी – सी आयु में स्वर्ग सिधार गई और रानी स्वराज्य रूपी नारी के रूप में हमें शिक्षा दे गई कि देश की रक्षा करते अपने प्राणों को भी न्योछावर कर दो। अत: कहा जा सकता है कि लक्ष्मी बाई का बलिदान स्वराज्य की नींव बना।

(ख) हमें किस घटना से पता चलता है कि रानी एक वीरांगना होते हुए भी ममतामयी माँ थी?
उत्तर :
हाँ महारानी लक्ष्मी बाई एक वीरांगना होते हुए एक ममतामयी माँ भी थी। उनके इस रूप का पता हमें तब चलता है जब गलमहम्मद रानी को बताता है कि विद्रोही सैनिकों ने अंग्रेज़ सैनिकों पर धावा बोल दिया है और अंग्रेज़ सैनिक अपने बाल – बच्चों के लिए शरण माँग रहे हैं। इस पर रानी ने तुरन्त अंग्रेज़ सैनिकों के बच्चों तथा स्त्रियों को शरण देने के लिए कहा जो रानी के ममतामयी माँ के स्वरूप का दर्शन कराता है।

5. इन मुहावरों को अर्थ लिखते हुए वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. आस्तीन का साँप = ____________________
  2. छठी का दूध याद आना = ____________________
  3. बाल भी बाँका न होने देना = ____________________

उत्तर :

  1. आस्तीन का साँप – कपटी मित्र
    वाक्य – उससे सावधान रहना। वह तो आस्तीन का साँप है।
  2. छटी का दूध याद आना – बहुत घबरा जाना
    वाक्य – भारतीय वायु सेना के आक्रमण ने पाकिस्तानियों को छटी का दूध याद दिला दिया।
  3. बाल भी बाँका न होना – तनिक भी चोट न पहुँचना
    वाक्य – जिसके ऊपर ईश्वर की कृपा है उसका कोई बाल भी बाँका नहीं कर सकता।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 स्वराज्य की नींव

6. नये शब्द बनायें :

  1. स्व + राज्य = स्वराज्य
  2. गुप्त + चर = _________________
  3. देश + द्रोही = _________________
  4. आक्रमण + कारी = _________________
  5. अ + समय = _________________

उत्तर :

  1. स्व + राज्य = स्वराज्य
  2. गुप्त + चर = गुप्तचर
  3. देश + द्रोही = देशद्रोही
  4. आक्रमण + कारी = आक्रमणकारी
  5. अ + समय = असमय

7. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. तलवार = _________________
  2. हाथ = _________________
  3. रक्त = _________________
  4. स्वतंत्रता = _________________
  5. शहीद = _________________
  6. घोड़ा = _________________
  7. इमारत = _________________
  8. प्रणाम = _________________
  9. पत्थर = _________________

उत्तर :

  1. तलवार – खड्ग, कृपाण, करवाल।
  2. हाथ – हस्त, कर, पाणि।
  3. रक्त – खून, लहू, शोणित।
  4. स्वतंत्रता – आजादी, मुक्ति।
  5. शहीद – बलिदानी, हत, कुर्बान।
  6. घोड़ा – अश्व, तुरंग, हय।
  7. इमारत – भवन, मकान।
  8. प्रणाम – नमः, नमस्ते, नमस्कार।
  9. पत्थर – पाषाण, वज्र, शिला।

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8. लिंग जानें :

वीर = वीरांगना
साधु = साध्वी
दास = दासी
रानी = राजा
उत्तर :
विद्यार्थी पढ़कर समझने का प्रयास करें।

9. विपरीत शब्द लिखें :

  1. अचेत = _____________
  2. प्रातः = _____________
  3. स्वतंत्रता = _____________
  4. गुप्त = _____________
  5. अंधेरा = _____________
  6. युद्ध = _____________

उत्तर :

  1. अचेत = सचेत
  2. स्वतन्त्रता = पराधीनता
  3. अन्धेरा = उजाला
  4. प्रातः = सायं
  5. गुप्त = प्रकट
  6. युद्ध = शान्ति।

10. इन वाक्यों में आए सर्वनाम शब्द को रेखांकित करें तथा उसका भेद बतायें :

वाक्य – भेद
(क) उन्होंने शेरनी के मुँह में हाथ डालने की कोशिश की है। पुरुषवाचक सर्वनाम
(ख) मैं पेंशन नहीं लूँगी।
(ग) आपको पाँच हज़ार रुपये पेंशन दी जायेगी।
(घ) कोई भी बचने नहीं पाये।
(ङ) बेटा! कौन आया है?
(च) यह रानी का महल है।
उत्तर :
(ख) मैं – निजवाचक सर्वनाम
(ग) आपको – मध्यम पुरुष वाचक सर्वनाम
(घ) कोई – अनिश्चय वाचक सर्वनाम
(ङ) कौन – प्रश्नवाचक सर्वनाम
(च) यह – निश्चयवाचक सर्वनाम।

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11. (क) महारानी लक्ष्मीबाई की जीवनी पुस्तकालय से लेकर पढ़ें।
(ख) श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखित कविता ‘खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी’ पढ़ें और याद करें।
(ग) जिस प्रकार महारानी लक्ष्मीबाई ने देश के लिए बलिदान दिया। इसी प्रकार अन्य बलिदान होने वाले वीर-वीरांगनाओं की सूची बनाओ।
(घ) ‘भारत के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम’ के बारे में जानकारी प्राप्त करो।
(ङ) वीरों के बलिदान से हमें स्वतंत्रता मिली है। इस स्वतंत्रता की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है। आप अपने देश की क्या सेवा कर सकते हैं ? सोचिये और लिखिये।
उत्तर :
(क) विद्यार्थी स्वयं पढ़ने का प्रयास करें।
(ख) विद्यार्थी स्वयं पढ़ कर याद करें।
(ग) जिस प्रकार महारानी लक्ष्मीबाई ने देश के लिए बलिदान दिया। इसी प्रकार अन्य बलिदान होने वाले वीर वीरांगनाओं की सूची निम्नलिखित प्रकार से है –

  • वीर – वीरांगनाएँ
  • नाना साहिब – जीजाबाई
  • वीर शिवाजी – रजिया सुलताना
  • ताँत्या टोपे – अहल्या बाई
  • नाना धुंधूपंत – कर्मवती।

(घ) भारत का प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम सन् 1857 में लड़ा गया था। उस समय सारा देश गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए तैयार था। अंग्रेज़ भारतीयों पर खूब अत्याचार कर रहे थे। जो भी देश में आजादी की लहर पैदा करने का प्रयास करता था उसे मौत के घाट उतार दिया जाता था। उस समय स्त्री, पुरुष, बच्चे और वृद्ध सभी अपने देश को स्वतन्त्र कराने के लिए आत्म बलिदान देने को तैयार थे।

अंग्रेजों ने फूट डालकर शासन करने की जो नीति अपनाई थी, उसका प्रभाव भी धीरे – धीरे कम होता जा रहा था। उस समय कुछ स्त्रियाँ भी देश के स्वाधीनता संग्राम में बढ़चढ़ कर भाग ले रही थीं। संग्राम को शुरू करने का श्रेय मंगल पाण्डे को जाता है लेकिन एकजुटता के अभाव तथा देश द्रोहियों एवं गद्दारों के कारण यह आन्दोलन पूरी तरह सफल न हो पाया था।

(ङ) प्रत्येक मनुष्य अपने देश को प्यार करता है। वह कहीं भी चला जाए। संसार भर की खुशियों के बीच में वह क्यों न विचरण कर रहा हो लेकिन उसे अपना देश, अपना स्थान ही प्रिय लगता है। ठीक उसी प्रकार मुझे भी अपना देश भारत अच्छा लगता है। प्रत्येक देशभक्त की भाँति मैं भी अपने देश भारत की उन्नति के बारे में सोचता हूँ।

आज जो कुछ हमने प्राप्त किया है तथा जो कुछ हम बन पाए हैं उन सबके लिए हम देश भक्त वीरों के ही ऋणी हैं। इन वीरों से प्रेरणा लेकर मैंने अपने देश की नि: स्वार्थ भाव से सेवा करने का प्रण लिया है तथा अपने देश की सभ्यता, संस्कृति, रीति – रिवाज, भाषा, धर्म तथा मान – मर्यादा की रक्षा करना तथा उसे बनाए रखना अपने जीवन का ध्येय बनाया है।

स्वराज्य की नींव Summary in Hindi

स्वराज्य की नींव पाठ का सार

‘स्वराज्य की नींव’ एक ऐतिहासिक एकांकी है। यह शिव शंकर द्वारा रचित एक श्रेष्ठ – एकांकी है। यह कृति चार दृश्यों में समाप्त होने वाली ऐतिहासिक कथा है। नाटककार शिव शंकर ने अपनी भावुकता और कल्पना के मिश्रण से इसे रसमय बना दिया है। ‘स्वराज्य की नींव’ चार दृश्यों का एकांकी है। इसका घटनास्थल भी बहुत कम है। एकांकी झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई के दरबार से शुरू होता है और उसकी मृत्यु पर समाप्त हो जाता है।

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PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 9 स्वराज्य की नींव

नाटककार ने लक्ष्मीबाई की सभा से लेकर उसके बलिदान तक का विवरण अत्यंत मनोरम एवं रोचक ढंग से किया है। रंग मंच की सुविधा की दृष्टि से समस्त कथा वस्तु को चार दृश्यों में विभाजित किया है। इस एकांकी के प्रमुख पात्रों के बारे में जानना आवश्यक है जो निम्न प्रकार से हैं –

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दृश्य एक
झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई अपने सभा सदों से अंग्रेज़ों की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति पर विचार कर रही थी कि तभी सभा में जूही का प्रवेश होता है। रानी जूही से पूछती है कि बताओ क्या समाचार है? जूही रानी से कहती है कि समाचार शुभ नहीं है। महारानी अंग्रेजों ने झाँसी को अपने अधिकार में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। समाचार सुनते ही रानी ने कहा कि इन अंग्रेजों को इनके अंजाम तक पहुँचाना ही होगा।

जूही रानी को अंग्रेजों द्वारा दी जाने वाली पाँच हज़ार रुपए की पेंशन की भी बात बताती है, जिसे रानी तुरन्त मना कर देती है। रानी के सैनिक सरदार रघुनाथ जी रानी को धीरज से काम लेने की सलाह देते हैं। तात्या टोपे रानी को समझाते हुए कहते हैं कि वह शत्रु की शक्ति परख कर, अपनी गुप्त तैयारी करेंगे। रानी तात्या टोपे की बात से सहमत हो जाती है और जूही और मोती बाई को गुप्तचर बन अंग्रेज़ छावनी में जाने को कहती है।

दृश्य दो
इस दृश्य में मोतीबाई का प्रवेश रानी के महल में होता है जहाँ महारानी मोतीबाई से कहती है कि स्वराज्य संग्राम में सभी बराबर हैं। अत: महारानी न कहकर वह उन्हें सखी कहे। मोती बाई रानी से अंग्रेजों के अत्याचार की कहानी सुनाती है और बताती है कि प्रजा स्वराज्य चाहती है। राज्य के वीर – वीरांगनाओं की भुजाएँ दुश्मन से लोहा लेने के लिए तड़प रही हैं।

रानी मोती बाई से प्रजा में जोश भरने को कहती है ताकि समय आने पर शत्रु का सामना किया जा सके। उस समय तुम्हारी रानी लक्ष्मीबाई स्वयं स्वराज्य का झंडा लहराएगी। ताँत्या, जूही, रघुनाथ तथा गुलमुहम्मद भारतीय वीरांगनाओं पर गर्व जताते हुए अंग्रेजों को छटी का दूध याद दिलाने की बात कहते हैं।

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दृश्य तीन
दृश्य के प्रारम्भ में गुल का प्रवेश होता है। वह तात्या टोपे को बताता है कि विद्रोही सैनिक किले में प्रवेश कर गए हैं। उन्होंने अंग्रेज़ सैनिकों पर धावा बोल दिया है। अंग्रेज़ अपने बाल – बच्चों के लिए शरण मांग रहे हैं। रानी अंग्रेज़ सैनिकों के स्त्रियों और बच्चों को महल में शरण देने को कहती है। जब रघुनाथ इस बात पर आश्चर्य प्रकट करते हैं तो रानी कहती है कि उनका युद्ध अंग्रेजों से है; निरपराध बच्चों और स्त्रियों से नहीं।

शरणागत की रक्षा करना हमारी संस्कृति है। रानी ने युद्ध में अंग्रेजों को परास्त कर दिया, लेकिन कुछ ही समय बाद कुछ गद्दारों की सहायता से अंग्रेजों ने पुनः हमला कर दिया। रानी रघुनाथ से सेना को तैयार करने की बात कहती है। वह यह आदेश देती है कि यदि वह युद्ध में वीर गति को प्राप्त हो जाए तो शत्रु उसके शरीर को हाथ न लगाने पाएँ। रघुनाथ रानी से कालपी चलने को कहते हैं।

झलकारी अंग्रेजों का ध्यान बंटाने के लिए रानी का वेश धारण कर लेती है। तब रानी दोनों हाथों में तलवार लेकर चल पड़ती है। रानी अपने वीर सरदारों को एक शोक समाचार सुनाती है कि झलकार और उसकी सेना के कुछ अन्य बहादुर स्वराज्य के लिए शहीद हो गए हैं। रानी सेना में मनोबल भरते हुए कहती है कि अब भी हमारा एक – एक बहादुर सौ – सौ गोरों पर भारी पड़ रहा है।

रानी चण्डी. का रूप बनाए, मुँह में लगाम दबाए, दोनों हाथों से तलवार चलाती हुई दुश्मन को मारती जा रही थी कि तभी एक अंग्रेज़ सैनिक ने उनके शरीर में संगीन घोंप दी। रानी तब लड़ती ही रही। सहसा एक गोली रानी की जाँघ पर आ लगती है और रानी घोड़े से गिरने लगती है। रानी गिरते – गिरते अपनी देह गोरों के हाथ न लगने की बात कहती है। गुल मुहम्मद और रघुनाथ रानी को लेकर जंगल में भाग जाते हैं।

दृश्य चार
इस दृश्य में रानी के सैनिक रानी को लेकर एक संन्यासी की कुटिया में पहुँचते हैं जहाँ संन्यासी रानी के दर्शन पा कर कहता है कि अहो भाग्य उसके कि उसने देवी के दर्शन कर लिए। साधु रानी के मुँह में गंगा जल डालता है। रानी एक बार पुन: उसकी देह अंग्रेज़ों को न छूने देने के लिए कहती है। बाबा रानी से कहते हैं कि स्वराज्य अवश्य मिलेगा।

वह रानी से कहते हैं कि रानी का बलिदान स्वराज्य की नींव का पत्थर बनेगा रानी स्वराज्य कहते हुए अचेत हो जाती है। सैनिक रानी की मृत्यु पर कहते हैं कि घोर अन्धकार छा गया तब बाबा कहते हैं कि नहीं प्रात: कि किरण के साथ क्रान्ति रूपी सूर्य उदय होगा। तब स्वराज्य चमचमाएगा। इसके साथ परदा गिर जाता है और नाटक समाप्त हो जाता है।

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स्वराज्य की नींव गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या

1. महारानी धीरज से काम लें। एक तो अंग्रेज़ ताकत में हैं और दूसरे देशद्रोही उनके साथ हैं। ध्यान रहे मनुष्य के साहस और बुद्धि की परीक्षा विपरीत स्थिति में ही होती है।

तो क्या मैं उन फिरंगियों से हार मान लूँ ?

कदाचित नहीं …….. स्वराज्य की ज्वाला को सुलगने दो, अवसर आने पर विस्फोट करेंगे। अभी उनकी शक्ति परखते हैं और गुप्त तैयारी करेंगे।

ठीक है जूही तुम और मोतीबाई गुप्तचर बन अंग्रेज़ सिपाहियों से जानकारी हासिल करो।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित एकांकी ‘स्वराज्य की नींव’ से लिया गया है जिसके रचयिता शिव शंकर हैं। लेखक ने यहाँ अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ रही लक्ष्मीबाई की वीरता एवं साहसा का चित्रण किया है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि महारानी लक्ष्मी को समझाते हुए रघुनाथ उनसे कहते हैं कि वे धैर्य से काम लें क्योंकि अंग्रेज़ अपनी पूरी ताकत में हैं और राज्य में विद्रोह करने वाले देशद्रोही उनके साथ हैं। रघुनाथ रानी से कहता है कि महारानी व्यक्ति के साहस और वुद्धि की वास्तविक परीक्षा कठिन समय आने पर ही होती है। रघुनाथ की बाते सुनने के बाद रानी कहती है कि क्या वह इन अंग्रेजों से हार मान ले।

तब ताँत्या टोपे रानी को बीच में टोकते हुए कहते हैं नहीं बिल्कुल नहीं हम अंग्रेजों से बदला लेंगे। लेकिन अभी स्वराज्य की आग को धीरे – धीरे सुलगने दो। समय आने पर हम विस्फोट करेंगे। अभी हम उनकी शक्ति को अच्छे जान और समझ लेते हैं और उसी के अनुसार हम अपनी खुफिया तैयारी करेंगे। तात्या टोपे की बात पर सहमती जताते हुए रानी लक्ष्मीबाई जूही और मोती – बाई को अंग्रेजों की छावनी में गुप्तचर बनकर जाने को कहती है।

विशेष –

  • लेखक ने महारानी लक्ष्मीबाई के सरदारों की सूझ – बूझ का चित्रण किया है।
  • भाषा सरल तथा सहज है।

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2. वीर सरदारो! झलकारी व अन्य बहादुर शेर स्वराज्य के लिए शहीद हो गए। जब तक हमारी जान में जान है स्वराज्य के लिए लड़ेंगे। हमारा एक – एक बहादुर सौ – सौ गोरों पर भारी पड़ रहा है। फिरंगी भयभीत हैं। हाँ, ध्यान रहे अंग्रेज़ मेरी देह न छूने पायें।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित एकांकी ‘स्वराज्य की नींव’ से लिया गया है जिसके लेखक शिव शंकर हैं। लेखक ने यहाँ लक्ष्मीबाई की वीरता एवं साहस का परिचय दिया।

व्याख्या – लेखक कहता है कि महारानी लक्ष्मी बाई अपने बहादुर सरदारों को युद्ध में लड़ने के लिए उनका हौसला बढ़ाते हुए कहती है कि झलकारी और कुछ अन्य बहादुर शेर स्वराज्य की जंग में लड़ते हुए शहीद हो गए हैं। वीर बाँकुरो जब तक हमारे प्राणों में प्राण हैं तब तक हम देश के स्वराज्य के लिए इन अंग्रेजों से लड़ते रहेंगे। रानी अपने वीरों का उत्साह बढ़ाते हुए कहती है कि रानी का एक – एक वीर सिपाही सौ – सौ अंग्रेज़ सिपाहियों पर भारी पड़ रहा है। अंग्रेज़ पूरी तरह से डरे हुए हैं। लेकिन वीरो एक बात का ध्यान रखना, अगर युद्ध में तुम्हारी इस रानी को कुछ हो जाए तो अंग्रेज़ उसके शरीर को छूने न पाएँ।

विशेष –

  • लेखक ने महारानी लक्ष्मी बाई के अदम्य साहस एवं वीरता के साथ साथ एक नेतृत्व करने की क्षमता को उजागर किया है।
  • भाषा सरल तथा सहज है।

3. चलो आक्रमण करो (रानी रणचण्डी बन जाती है। मुँह में लगाम दबाये दोनों हाथों से युद्ध करती है। सबकी तलवारें कहर बरसा रही हैं। तभी एक अंग्रेज़ रानी के संगीन घोंप देता है।)

(घाव की परवाह न करते हुए) शाबाश वीरो, शाबाश ! विजय हमारी है, हमारे खून का एक – एक कतरा। स्वराज्य की नींव का पत्थर होगा।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में ‘स्वराज्य की नींव’ नामक शीर्षक एकांकी से लिया गया है इसके लेखक शिव शंकर हैं। यहाँ लेखक ने लक्ष्मीबाई की वीरता का सजीव चित्रण किया है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि लक्ष्मी बाई अपने बहादुर सैनिकों से कहती है कि चलो वीरो दुश्मन पर आक्रमण करो। महारानी लक्ष्मी बाई दुर्गा का रूप लिए, मुँह में अपने घोडे की लगाम दबाए अपने दोनों हाथों में तलवार लेकर यद्ध करती है। सभी की तलवारें चारों ओर मौत ही मौत बरसा रही थीं कि इसी बीच एक अंग्रेज़ ने रानी को अपनी संगीन से घायल कर दिया। रानी अपने घाव की तनिक भी परवाह न करते हुए लड़ती रही।

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वह अपनी सेना का युद्ध भूमि में हौंसला बढ़ाती रही और कहती रही कि विजय उन्हीं की होगी। रानी ने यह भी कहा कि उनके खून की एक – एक बूंद स्वराज्य की नींव का पत्थर बनने में सहायक होगी। उनका खून अवश्य रंग लाएगा।

विशेष –

  • लेखक ने स्वराज्य हेतु रानी और उसके वीर सैनिकों को युद्ध में लड़ते हुए दिखाया है।
  • भाषा सरल तथा सहज है।

4. स्वराज्य की देवी को मेरा शत – शत नमन।

बाबा स्वराज्य कब मिलेगा, कैसे…………… ?

बलिदान से। तुम्हारा बलिदान स्वराज्य की नींव का पत्थर है। इन वीर – वीरांगनाओं का रक्त इस नींव को पूरा करेगा। जिस पर स्वराज्य की इमारत चमचमाएगी। सच बाबा (फिर ) स्वराज्य की इमारत चमचमाएगी………स्वराज्य का परचम लहराएगा (रानी अचेत हो जाती है।)

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित एकांकी ‘स्वराज्य की नींव’ से लिया गया है। इसके लेखक शिव शंकर हैं। लेखक ने यहाँ वीरांगना लक्ष्मी बाई के महान् त्याग और समर्पण को देश में लुटाते हुए दिखाया है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि जब सैनिक घायल अवस्था में रानी लक्ष्मीबाई को लेकर एक संन्यासी की कुटिया में आए तो संन्यासी ने रानी को देखते ही कहा कि स्वराज्य की देवी को उनका सैंकड़ों बार नमस्कार। रानी ने बाबा से कहा कि बाबा स्वराज्य कब और कैसे मिलेगा। बाबा ने रानी के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि स्वराज्य बलिदान से मिलेगा। रानी तुम्हारा बलिदान इस स्वराज्य की नींव का पत्थर बनेगा।

तुम्हारे इन वीर वीरांगनाओं का रक्त इस नींव को सींच कर मज़बूत करेगा। जिस पर स्वराज्य की चमचमाती हुई इमारत तैयार होगी। बाबा की बाते सुनने की बाद रानी ने बुदबुदाते हुए स्वरों में कहा कि सच बाबा स्वराज्य आएगा। स्वराज्य का ध्वज लहराएगा आदि शब्द कहते हुए रानी सबको छोड़ कर स्वराज्य की वेदी पर शहीद हो जाती है।

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विशेष –

  • लेखक ने रानी के अमर बलिदान की गाथा का वर्णन किया है।
  • भाषा विचारानुकूल है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 8 विजय दिवस Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 8 विजय दिवस (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB विजय दिवस Textbook Questions and Answers

विजय दिवस अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस 1
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) हार्दिक अपनी माँ के साथ पूना से चंडीगढ़ क्यों जा रहा था?
उत्तर :
हार्दिक अपनी माँ के साथ पूना में अपने नाना जी के पास रहता था, लेकिन नाना जी की मृत्यु के बाद अब वह अपनी माँ के साथ पूना से चंडीगढ़ जा रहा था।

(ख) हार्दिक को चंडीगढ़ जाना अच्छा क्यों नहीं लग रहा था?
उत्तर :
हार्दिक को चंडीगढ़ जाना इसलिए अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि अब उसे अपना शहर पूना, स्कूल तथा अपने मित्र छोड़ने पड़ रहे थे।

(ग) ट्रेन से उतरते ही दादा जी को देखकर हार्दिक क्यों हैरान हो गया?
उत्तर :
ट्रेन से उतरते ही हार्दिक ने दादा जी को विभिन्न मैडलों से सजी वर्दी में कई पुलिस कर्मियों के साथ देखा तो वह हैरान रह गया। यह उसके लिए आश्चर्य ही था क्योंकि दादा जी पूना में हमेशा साधारण कपड़ों में एक आम आदमी की तरह ही आते थे।

(घ) कक्षा के सभी विद्यार्थी हार्दिक से क्यों तंग रहते थे?
उत्तर :
कक्षा के सभी विद्यार्थी हार्दिक से उसकी शरारतों तथा घमण्डी स्वभाव के कारण तंग थे।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

(ङ) विजय दिवस क्यों मनाया जाता है?
उत्तर :
विजय दिवस किसी व्यक्ति के पराक्रम, साहस, वीरता आदि के गुणों को याद करके उसके सम्मान में मनाया जाता है।

(च) स्कूल का नाम हार्दिक के पिता के नाम पर क्यों रखा गया?
उत्तर :
स्कूल का नाम हार्दिक के पिता के नाम पर इसलिए रखा गया था क्योंकि उन्होंने कारगिल युद्ध में देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। पूरे शहर और देश को उन पर गर्व था, इसलिए उनके नाम पर स्कूल का नाम रखा जा रहा था।

(छ) हार्दिक ग्लानि और पश्चाताप से क्यों भर गया?
उत्तर :
बलिदान और दादा जी की ईमानदारी के बीच स्वयं को कहीं पर भी खड़ा हुआ नहीं देख रहा था। वह स्वयं को बोना अनुभव कर रहा था। इसलिए उसका हृदय ग्लानि और पश्चाताप से भर गया।

4. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) हार्दिक के हृदय में एकाएक परिवर्तन कैसे हो गया? अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर :
हार्दिक जब चंडीगढ़ आया था तो अपने दादा जी के रौब और रुतबे के कारण उसमें घमण्ड का भाव आ गया था, लेकिन जब वह ‘विजय दिवस’ कार्यक्रम में पहुँचा और वहाँ अपने पिता शहीद कैप्टन शुक्ला की बहादुरी तथा अपने दादा जी की कर्त्तव्य परायणता, ईमानदारी और मेहनत की प्रशंसा सुनी तो उसके दिल में एक हलचल-सी होने लगी। यह हलचल तब और अधिक बढ़ गई जब मंच संचालक ने यह कहा कि-“अब भविष्य में इनके पोते हार्दिक शुक्ला से उम्मीद है कि वह अपने पिता जी और दादा जी के पदचिह्नों पर चलेगा और इस शहर और देश का नाम रोशन करेगा।” बात सुनकर हार्दिक के हृदय में एकाएक परिवर्तन हो गया।

(ख) ‘विजय दिवस’ पाठ के नाम की सार्थकता पर प्रकाश डालें।
उत्तर :
‘विजय दिवस’ पाठ शीर्षक से हम पूर्ण रूप से सहमत हैं। आज के युग में लोभ-मोह आदि को प्रधान शक्ति मानना ठीक नहीं है। समाज में अभी भी सच्चाई, ईमानदार, त्याग, बलिदान तथा सेवाभाव समाप्त नहीं हुई है। कैप्टन शुक्ला और उनके पिता जी इसका जीता जागता उदाहरण हैं। कैप्टन शुक्ला ने अपने अमर बलिदान से जहाँ कारगिल युद्ध विजय कर हमें विजय दिवस मनाने का अवसर दिया वहीं हार्दिक के दिल में भी विजय की एक झनकार बजी जिसने उसके जीवन को बदल दिया अत: ‘विजय दिवस’ शीर्षक सर्वथा उचित एवं सार्थक है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

5. वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. घमंड _________ – ___________________________
  2. रक्तदान _________ – ___________________________
  3. उद्घाटन _________ – ___________________________
  4. महान _________ – ___________________________
  5. नामकरण _________ – ___________________________
  6. अचरज _________ – ___________________________
  7. गर्व _________ – ___________________________
  8. पश्चाताप _________ – ___________________________
  9. सम्मानित _________ – ___________________________

उत्तर :

  1. घमंड-व्यक्ति को कभी घमंड नहीं करना चाहिए।
  2. रक्तदान-रक्तदान सभी दानों में सर्वश्रेष्ठ है।
  3. उद्घाटन-हार्दिक के दादा जी ने रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया।
  4. महान-सरदार पटेल महान् स्वतंत्रता सेनानी थे।
  5. नामकरण-कल मेरी पुत्री का नामकरण है।
  6. अचरज-रमेश के पिता जी को जब एक सिपाही ने सैल्यूट मारा तो वह अचरज से उछल पड़ा।
  7. गर्व-मुझे अपने देश भारत पर गर्व है।
  8. पश्चाताप-पश्चाताप के आँसू हमारी बुराइयों को धो डालते हैं।
  9. सम्मानित-राकेश को उसकी बहादुरी के लिए कल विद्यालय में सम्मानित किया गया।

6. इन मुहावरों के वाक्य बनायें :

  1. छक्के छुड़ाना _________ – ___________________________
  2. जान देना _________ – ___________________________
  3. सिर ऊँचा करना _________ – ___________________________
  4. कान खड़े होना _________ – ___________________________
  5. नाम रोशन करना _________ – ___________________________
  6. सिर उठाना _________ – ___________________________
  7. दबदबा होना _________ – ___________________________

उत्तर :

  1. छक्के छुड़ाना – बुरी तरह पराजित करना।
    वाक्य – भारत – पाक युद्ध में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए।
  2. जान देना = देश के लिए मरना।
    वाक्य – शहीद भगत सिंह ने देश के लिए अपनी जान दे दी।
  3. सिर ऊँचा करना = यश एवं कीर्ति बढ़ाना।
    वाक्य – अपनी वीरता एवं साहस से भारतीय सैनिकों ने देश का सिर विश्व के सामने ऊँचा कर दिया है।
  4. कान खड़े होना = आश्चर्य से सुनने के लिए उत्सुक होना।
    वाक्य – नेता जी के मंच पर आते ही उनका भाषण सुनने के लिए सबके कान खड़े हो गए।
  5. नाम रोशन करना = सम्मान बढ़ाना।
    वाक्य – दसवीं की परीक्षा में प्रथम आकर सुरेश ने अपने माँ – बाप का नाम रोशन कर दिया।
  6. सिर उठाना = विरोध में उठना।
    वाक्य – डाकू शेरसिंह ने अपने साथियों को चेतावनी देते हुए कहा यदि किसी ने सिर उठाया तो उसे कुचल दूंगा।
  7. दबदबा होना = डर एवं दहशत जमाना।
    वाक्य – डाकू मंगल सिंह ने पूरे इलाके में अपने आतंक का दबदबा बना रखा था।

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7. विपरीत शब्द लिखें :

  1. साधारण = _____________________
  2. विश्वास = _____________________
  3. मित्र = _____________________
  4. जीवन = _____________________
  5. विजय = _____________________
  6. प्रशंसा = _____________________
  7. अपराधी = _____________________

उत्तर :

  1. साधारण = विशिष्ट
  2. विश्वास = अविश्वास
  3. मित्र = शत्रु
  4. जीवन = मृत्यु
  5. विजय = पराजय
  6. प्रशंसा = निंदा
  7. अपराधी = निरपराधी।

8. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. युद्ध = ___________, __________
  2. कपड़ा = ___________, __________
  3. कान = ___________, __________
  4. बगीचा = ___________, __________
  5. दिन = ___________, __________
  6. घर = ___________, __________
  7. माँ = ___________, __________
  8. चरण = ___________, __________

उत्तर :

  1. युद्ध = संग्राम, लड़ाई, समर
  2. कपड़ा = वस्त्र, पट, परिधान
  3. कान = कर्ण, श्रोत्र, श्रवण
  4. बगीचा = बाग, उपवन, वाटिका
  5. दिन = दिवस, वार, वासर
  6. घर = गृह, भवन, सदन
  7. माँ = माता, मैया, जननी
  8. चरण = पैर, पाँव, पाद

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

9. भाववाचक संज्ञा बनायें :

  1. वीर = _____________________
  2. मित्र  = _____________________
  3. ऊँचा  = _____________________
  4. लड़का = _____________________
  5. महान = _____________________
  6. अच्छा = _____________________

उत्तर :

  1. वीर = वीरता
  2. मित्र = मित्रता
  3. लड़का = लड़कपन
  4. ऊँचा = ऊँचाई
  5. महान् = महानता
  6. अच्छा = अच्छाई

10. शुद्ध करें:

  1. चढीगड़ = _____________________
  2. युध = _____________________
  3. सैलयूट = _____________________
  4. आप्रेरशन = _____________________
  5. प्रसंशा = _____________________
  6. मालुम = _____________________
  7. इमानदारी = _____________________
  8. प्रन = _____________________

उत्तर :

  1. चण्डीगड़ = चंडीगढ़
  2. युध = युद्ध
  3. सैलयूट = सैल्यूट
  4. आप्रेरशन = ऑपरेशन
  5. प्रसंशा = प्रशंसा
  6. मालुम = मालूम
  7. इमानदारी = ईमानदारी
  8. प्रन = प्रण

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

11. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें :

  1. देश के लिए प्राण न्यौछावर करना = _____________________
  2. चार रास्तों का समूह = _____________________
  3. जो अपराध न करे = _____________________
  4. खून दान करना = _____________________
  5. संकोच करने वाला = _____________________
  6. मन की स्थिति = _____________________

उत्तर :

  1. देश के लिए प्राण न्यौछावर करना = शहीद होना
  2. चार रास्तों का समूह = चौराहा
  3. जो अपराध न करे = निरपराधी
  4. खून दान करना = रक्तदान
  5. संकोच करने वाला = संकोची
  6. मन की स्थिति = मनःस्थिति/मनोस्थिति

विजय दिवस Summary in Hindi

विजय दिवस कहानी का सार

‘विजय दिवस’ डॉ० मीनाक्षी द्वारा रचित एक श्रेष्ठ कहानी है। लेखिका ने इस में देश के लिए अपना बलिदान देने वाले देश भक्त शहीद कैप्टन वैभव शुक्ला की प्रशंसा की है। इस रचना के माध्यम से लेखिका ने शहीद के पुत्र हार्दिक के मन में इस बात को डालना चाहा है कि एक नागरिक के रूप में जहाँ हमारे अधिकार हैं वहाँ कुछ कर्त्तव्य भी हैं।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस 5

हार्दिक जब दो वर्ष का था तब उसके पिता कैप्टन शुक्ला कारगिल युद्ध में देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे। तब से वह अपनी माँ के साथ पूना में नाना जी के पास ही रह रहा था। उसके दादा – दादी चंडीगढ़ में रहते थे, जो उससे मिलने साल में दो – तीन बार आ जाते थे। लेकिन हार्दिक कभी चंडीगढ़ नहीं गया था। नाना जी की मृत्यु के बाद हार्दिक के दादा – दादी ने हार्दिक और उसकी माँ को रहने के लिए बुला लिया था।

हार्दिक इस समय बारह वर्ष का था। उसे अपना स्कूल और मित्र छोड़ते हुए अच्छा नहीं लग रहा था। माँ ने पुत्र की मनोस्थिति समझते हुए उससे कहा था कि – “देखो हार्दिक, अब हम दोनों पूना में अकेले तो नहीं रह सकते थे…रही बात आपके स्कूल और मित्रों की….दादा जी ने चंडीगढ़ के बहुत अच्छे स्कूल में आपके दाखिले की बात कर ली है और अच्छे मित्र भी आपके बन ही जाएँगे।”

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

माँ ने सहसा हार्दिक को झकझोरते हुए कहा कि चलो बेटा, ट्रेन रुक गई, दादा जी उन्हें लेने आये होंगे। रेल से उतरते ही दादा जी को विभिन्न मैडलों से सजी वर्दी तथा उनके साथ कई पुलिस वालों को देखकर वह आश्चर्य चकित रह गया। उसे पता नहीं था कि उसके दादा जी का शहर में इतना रौब था।

सहसा वह दादा जी के चरण स्पर्श कर उन से लिपट गया। रास्ते में जब पुलिस वाले गाड़ी को देखकर सैल्यूट करते थे तो हार्दिक मारे खुशी के उछल पड़ता था। वह अपनी दादी से बड़े प्यार से मिला। उसे दादा जी का घर देखने की बड़ी उत्सुकता थी। वह जल्दी से सारा घर देख आया।

तब वह चुपके से अपनी माँ के कानों में आकर कहने लगा कि दादा जी का घर बहुत बड़ा था। माँ ने पुत्र को समझाते हुए कहा कि उसके दादा जी पुलिस विभाग में एस०एस०पी० थे। दो दिन के बाद दादा जी हार्दिक को लेकर एक स्कूल में दाखिला करवाने गए। हार्दिक दादा जी के साथ जाते हुए अपनी पुलिस – शान समझ रहा था। अब उसके मन में घमंड ने अपना स्थान कर लिया था।

उसकी इसी मनोवृत्ति के कारण कक्षा में उसका कोई मित्र नहीं बन सका। हार्दिक को स्कूल में आए हुए अभी दो ही महीने हुए थे, लेकिन सभी छात्र उससे परेशान थे। जो उसका रौब मानते थे वे उसकी शरारतों से बचे हुए थे और जो सिर उठाते थे उनका वह नुकसान कर देता था। एक दिन उसने रियाज़ की घड़ी तोड़ दी, उसी दिन पलाश की पुस्तक फाड़ दी। अनुराग के बैठने का बैंच खींच लिया तो वह बेचारा गिरते – गिरते बचा।

विजय दिवस गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. वह केवल दो वर्ष का था जब उसके पिता कैप्टन वैभव शुक्ला कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे तब से वह अपनी माँ के साथ पूना में नाना जी के पास ही रह रहा था। चंडीगढ़ से दादा – दादी साल भर में दो तीन बार उसे मिलने आ जाते थे किन्तु वह कभी भी चंडीगढ़ नहीं आया था। अब नाना जी की मृत्यु के बाद हार्दिक और उसके माता जी को दादा – दादी जी ने अपने पास रहने के लिए बुला लिया था लेकिन हार्दिक को पूना शहर, अपना स्कूल और मित्र छोड़ते हुए अच्छा नहीं लग रहा था।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक में संकलित कहानी ‘विजय दिवस’ से अवतरित है जिसकी लेखिका मीनाक्षी वर्मा है। लेखिका ने इस पाठ में देश की रक्षा करने वाले कैप्टन वैभव शुक्ला की वीरता की प्रशंसा की है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि कैप्टन शुक्ला का बेटा अभी दो साल का ही था जब कैप्टन देश की रक्षा करते हुए कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे। उस समय से वह अपनी माँ के साथ नाना जी के घर पूना में रह रहा था। उसके दादा – दादी चंडीगढ़ में रहते थे जो साल में दो या तीन बार उससे मिलने आ जाते थे। लेकिन हार्दिक कभी चंडीगढ़ नहीं गया था। अब उसके नाना के देहांत के बाद हार्दिक और उसकी माँ को उसके दादा – दादी ने अपने पास चंडीगढ़ में रहने के लिए बुला लिया था। हार्दिक बचपन से पूना में रह रहा था। इसलिए उसे अपना शहर तथा मित्रों को छोड़ते हुए बड़ा ही कष्ट हो रहा था। उसे जाना अच्छा नहीं लग रहा था।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

विशेष –

  • लेखिका ने शहीद कैप्टन शुक्ला और उसके पूरे परिवार का परिचय दिया है।
  • भाषा सरल तथा सहज है।

2. उसे स्कूल में आए दो महीने हो गए थे हालाँकि किसी अध्यापक को उसकी पढ़ाई से शिकायत नहीं थी लेकिन कक्षा के सभी छात्र उससे तंग थे। उन सब पर हार्दिक का दबदबा था कोई जल्दी – जल्दी उससे उलझता नहीं था जो बच्चे उसका रौब मानते वे तो हार्दिक की शरारतों से बचे हुए थे जो ज़रा भी उसके सामने सिर उठाते वह उनका नुकसान कर देता। एक दिन उसने रियाज़ की घड़ी तोड़ दी….तो उसी दिन पलाश की किताब फाड़ दी……।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक में वर्णित पाठ ‘विजय दिवस’ से लिया गया है। इसकी लेखिका डॉ० मीनाक्षी वर्मा है। लेखिका ने यहाँ हार्दिक की कक्षा में अन्य बालकों पर ज़ोर जबरदस्ती तथा उन्हें तंग करने का दृश्य वर्णित किया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि हार्दिक को पूना से चंडीगढ़ के स्कूल में आए भी दो ही महीने हुए थे लेकिन कक्षा के सभी छात्र उससे परेशान थे। किसी अध्यापक को उसकी पढ़ाई से कोई परेशानी नहीं थी। कक्षा में हार्दिक ने सभी पर अपना रौब जमा रखा था। कक्षा का कोई भी छात्र जल्दी से उससे आमना – सामना नहीं करता था। जो बच्चे हार्दिक का रौब मान लेते थे वे उसकी शरारतों से बचे रहते थे जो उसके सामने अकड़ने या फिर विरोध के लिए उठ खड़े होते थे वह उनकी कोई न कोई हानि कर देता था। इसी प्रकार एक दिन हार्दिक ने अपने कक्षा के रियाज नामक लड़के की घड़ी को तोड़ डाला तथा उसी दिन उसने पलाश की पुस्तक भी फाड़ दी।

विशेष –

  • लेखिका ने कक्षा में हार्दिक की बढ़ती शरारतों तथा दादा जी के नाम के आड़े अपना रौब बनाने की बात कही है।
  • भाषा भावानुकूल है।

3. हार्दिक एक ओर अपने पिता के बलिदान और दूसरी ओर दादा जी की ईमानदारी के बीच स्वयं को तोल रहा था। वह इन दो आदर्शों में स्वयं को कहीं भी नहीं पा रहा था और खुद को बौना अनुभव कर रहा था। उसका हृदय ग्लानि और पश्चाताप से भर गया।।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक में वर्णित ‘विजय दिवस’ नामक पाठ से अवतरित है जिसकी लेखिका डॉ० मीनाक्षी वर्मा है। लेखिका ने यहाँ हार्दिक को ग्लानि तथा पश्चाताप से भरा हुआ दिखाया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि विजय दिवस समारोह में मंच संचालक की बातों को सुनकर हार्दिक अपने आप को अपने शहीद पिता के बलिदान तथा दादा जी के ईमानदारी के बीच स्वयं को रखकर देख रहा था क्या वह इन दोनों महान् व्यक्तियों के बीच कहीं ठहर सकता है। हार्दिक अपने आपको दोनों के आदर्शों के बीच कहीं भी नहीं पाया। वह स्वयं को दोनों के समक्ष एकदम छोटा महसूस कर रहा था। इसी कारण हार्दिक का हृदय और ग्लानि और पश्चाताप से भर गया।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

विशेष –

  • लेखिका ने हार्दिक के हृदय में आए पश्चाताप को दर्शाया है।
  • भाषा विषयानुकूल है।

4. उसने वहीं बैठे – बैठे प्रण किया कि वह कल स्कूल जाकर कक्षा के सभी लड़कों से माफी माँगेगा और उन्हें अपना मित्र बनाएगा। अपनी पॉकेटमनी से कैंटीन वाले को कर्ज चुकाएगा। साथ ही पिता जी व दादा जी के आदर्शों पर चल कर जीवन में कुछ कर दिखलाएगा।

इसी दृढ़ निश्चय और विश्वास के साथ वह अगले दिन स्कूल जाने की प्रतीक्षा में था। आज सचमुच ही ‘विजय दिवस’ के अवसर पर हार्दिक ने अपने घमंड पर विजय प्राप्त कर ली थी।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक में वर्णित ‘विजय दिवस’ नामक पाठ से अवतरित है जिसकी लेखिका डॉ० मीनाक्षी वर्मा है। लेखिका ने यहाँ हार्दिक के हृदय में आए परिवर्तन का उल्लेख किया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि हार्दिक ने सभागार में बैठे – बैठे ही यह प्रतिज्ञा कर ली थी कि वह कल विद्यालय में जाकर कक्षा के सभी विद्यार्थियों से क्षमा माँग लेगा। वह उन सभी को अपना मित्र बनाने का प्रयास करेगा। उसने यह भी तय किया कि वह अपनी जेब खर्ची से कैंटीन वाले का भी कर्ज चुकाएगा जहाँ से उसने दादा जी के नाम की आड़ लेकर काफी कुछ मुफ्त में खाया था।

इसके साथ – साथ उसने यह भी प्रतिज्ञा ली कि वह अपने पुस्तकीय भाग शहीद पिता और ईमानदार दादा जी के पचिह्नों पर चलकर जीवन में कुछ बनकर दिखाएगा। इसी दृढ़ संकल्प और विश्वास के साथ हार्दिक अगले दिन विद्यालय जाने की प्रतीक्षा करने लगा। वास्तव में ‘विजय दिवस समारोह में हार्दिक ने सही अर्थों में अपने घमंड पर विजय पा ली थी।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 8 विजय दिवस

विशेष –

  • लेखिका ने हार्दिक के हृदय में आए परिवर्तन का उल्लेख किया है।
  • भाषा सरल तथा सहज है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 7 आ री बरखा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 आ री बरखा (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB आ री बरखा Textbook Questions and Answers

आ री बरखा अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा 1
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) वर्षा ऋतु से पूर्व कौन-सी ऋतु होती है ?
उत्तर :
वर्षा ऋतु से पहले ग्रीष्म ऋतु आती है।

(ख) गर्मी के कारण प्रकृति कैसी दिखाई देती है ?
उत्तर :
गर्मी के कारण प्रकृति अत्यंत दुःखी एवं पीड़ित दिखाई देती है। पेड़ दूंठ हो जाते हैं, मुरझा जाते हैं तथा धरती भयंकर ताप से तपने लगती है।

(ग) नदियों में सूखे पत्थर क्यों दिखाई देने लगे हैं ?
उत्तर :
भयंकर गर्मी पड़ने के कारण तथा वर्षा न होने के कारण नदियों का जल सूख जाता है और इसी कारण नदियों के तल में पड़े पत्थर सूखे हुए दिखाई देते हैं।

(घ) सागर की दुर्बलता का क्या कारण था?
उत्तर :
नदियों के जल का सागर में न मिल पाना ही सागर की दुर्बलता का कारण था।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा

(ङ) बच्चे वर्षा की प्रतीक्षा क्यों करते हैं ?
उत्तर :
बच्चे वर्षा के जल में अपनी किश्तियां तैराने के लिए तथा उसमें स्नान करने के लिए वर्षा की प्रतीक्षा करते हैं।

(च) किसान वर्षा से क्या माँग रहे हैं ?
उत्तर :
किसान वर्षा से उम्मीद-भरी नज़रों से अपनी खाली पड़ी कोठरियों में अनाज के दाने भरने के लिए उससे बरसने की माँग कर रहे हैं।

4. इन पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें :

जहाँ कभी बहती थी नदियाँ
सूखे पत्थर दिख रहे,
सिंधु दुर्बल हो चला
वियोग तेरा कैसे सहे।
उत्तर :
प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता ‘आ री बरखा’ नामक कविता में से ली गई हैं जिसके रचयिता डॉ० राकेश कुमार बब्बर हैं। कवि ने यहाँ वर्षा के अभाव में सागर और नदी का मिलन न हो पाने की बात कही

व्याख्या-कवि वर्षा के अभाव में तड़पती हुई पृथ्वी को देखकर कहता है कि जहाँ कभी नदियाँ बहती थीं वहाँ वर्षा के अभाव में वे नदियाँ सूख गई हैं और वहाँ अब मात्र सूखे पत्थर ही दिखाई दे रहे हैं। नदियों का सागर में न मिल पाने के कारण अब सागर उसके वियोग में कमजोर हो गया है। सागर को समझ नहीं आ रहा कि वह नदी का वियोग कैसे सहे।

5. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. बरखा = ……………………………….
  2. धरा = ……………………………….
  3. पेड़ = ……………………………….
  4. जल = ……………………………….
  5. पंछी = ……………………………….
  6. पुष्प = ……………………………….
  7. बादल = ……………………………….
  8. नदी = ……………………………….
  9. सिंधु = ……………………………….
  10. पत्थर = ……………………………….
  11. किश्ती = ……………………………….

उत्तर :

  1. बरखा – वर्षा, बारिश, वृष्टि
  2. धरा – धरती, पृथ्वी, धरणी
  3. पेड़ – वृक्ष, तरू, पादप
  4. जल – पानी, नीर, वारी, आब
  5. पंछी – पक्षी, खग, नभचर
  6. पुष्प – फूल, सुमन, कुसुम
  7. बादल – मेघ, जलद, नीरद
  8. नदी – नद, सरिता, जलमाता
  9. सिंधु – सागर, समुद्र, रत्नाकर
  10. पत्थर – पाषाण, शिला, वज्र
  11. किश्ती – नौका, नाव, तरिणी

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा

6. विपरीत शब्द लिखें :

  1. शीतल = ……………………………….
  2. कुम्हलाना = ……………………………….
  3. बिखराना = ……………………………….
  4. दुर्बल = ……………………………….
  5. वियोग = ……………………………….
  6. मिलन = ……………………………….

उत्तर :

  1. शीतल – उष्ण
  2. कुम्हलाना – खिलना
  3. बिखराना – संभालना, बटोरना
  4. दुर्बल – ताकतवर
  5. वियोग – संयोग
  6. मिलन – बिछोह

7. नीचे दिये गए बॉक्स में बरखा’ के समानार्थक शब्द दिये गये हैं, उन्हें ढूंढ़िए और लिखिये।

  1. मेह
  2. ……………………..
  3. ……………………..
  4. ……………………..
  5. ……………………..
  6. ……………………..
  7. ……………………..
  8. ……………………..
  9. ……………………..
  10. ……………………..

उत्तर :

  1. मेंह
  2. बूंदाबांदी
  3. बारिश
  4. पावस
  5. बरखा
  6. वर्षा
  7. जल
  8. जल वृष्टि
  9. झड़ी
  10. मेह

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा

8. (क) वर्षा ऋतु का प्रकृति और मानव पर क्या प्रभाव पड़ता है।दस वाक्यों में लिखें।
उत्तर :
(क) वर्षा ऋतु का प्रकृति और मानव पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। जब वर्षा का आगमन होता है तो चारों ओर हरियाली छा जाती है। वर्षा आषाढ़ मास में शुरू हो जाती है। इस ऋतु में किसानों की उम्मीदें लहलहा उठती हैं। नई-नई सब्जियाँ एवं फल बाज़ार में आ जाते हैं। लहलहाते धान के खेत हृदय को आनन्द प्रदान करते हैं। नदियों, सरोवरों एवं नालों के सूखे हृदय प्रसन्नता के जल से भर जाते हैं। वर्षा ऋतु में प्रकृति मोहक रूप धारण कर लेती है। इस ऋतु में मोर नाचते हैं। औषधियाँ-वनस्पतियाँ लहलहा उठती हैं। खेती हरी-भरी हो जाती है। किसान खुशी से झूमने लग जाते हैं। पशु-पक्षी आनन्द मग्न हो उठते हैं। वर्षा प्रत्येक प्राणी के लिए जीवन लेकर आती है। वर्षा की पहली बूंदों का स्वागत होता है। स्त्री-पुरुष वर्षा के आगमन पर खुश हो जाते हैं। बच्चे किलकारियाँ मारते हुए इधर से उधर दौड़ते-भागते हैं।

(ख) वर्षा ऋतु पर कोई गीत लिखने का प्रयास करें।
उत्तर :

वर्षा रानी
छम छम करती वर्षा आती
संग अपने ये खुशियाँ लाती
खेत हरे-भरे हो जाते हैं
दुःख सबके मिट जाते हैं
खलिहानों में छाई खुशहाली
चारों ओर फैली हरियाली
रंग बिरंगे फूल खिले हैं
देख जिन्हें सब दौड़ पड़े हैं।
खुशबू है छाई सारे जग में
लोग हैं खुश अपने मन में
ऐसा यह वातावरण है छाया।
जिसे देख दिल ये हरषाया।
हर दिल में एक कली खिली है
बाहर बरखा की झड़ी लगी है।
छम-छम करती अनन्या मेरी
बूंदों में है लगाती फेरी
खेल अनेक वह जो करती
जिसे देख माँ भी है हँसती
किश्ती कभी है वह चलाती
तो कभी पों-पी गाड़ी चलाती
बूंदों को वह मोती समझे
नन्हें हाथों में पल-पल पकड़े
वर्षा का यूँ ही चले आना
उसे लगता है बड़ा सुहाना
जब-जब वर्षा आती है
खिल-सी वह जाती है
खेल खिलौने छोड़ वह अपने
वर्षा में है, भीग-सी जाती
छम-छम करती वर्षा आती
संग अपने ये खुशियाँ लाती। (विनोद पाण्डेय)

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा

(ग) कविता को पढ़कर वर्षा से संबंधित चित्र बनायें।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

(घ) आप कभी वर्षा में नहाये हैं ? यदि हाँ तो अपने अनुभव को पाँच वाक्यों में लिखें।
उत्तर :
गर्मी का मौसम था। सभी पशु-पक्षी तथा मानव गर्मी से बेहाल थे तभी अचानक वर्षा होने लगी। हमारी खुशी का ठिकाना न रहा। हम वर्षा के जल में नहाने सरपट दौड़े। दौड़ते हुए पैर फिसलने से मैं ज़मीन पर धड़ाम से गिरा। फिर झट से उठकर बारिश में खूब नहाया। हम सभी बच्चे हाथ पकड़ कर गोल-गोल घूमने लगे तथा कहने लगे ‘पानी दे गुड़गानी दे’। इस तरह हम लगभग एक घण्टे तक बारिश के पानी में नहाते रहे। घर वाले हमें बुलाते रहे लेकिन हमें तो नहाने में और किसी का ध्यान ही नहीं था।

9. (क) जानिये : छः ऋतुओं की सूची
क्रम – ऋतु – महीना
1. – बसंत ऋतु – (चैत्र -वैशाख)
2. – ग्रीष्म ऋतु – (ज्येष्ठ -आषाढ़)
3. – वर्षा ऋतु – (श्रावण-भाद्रपद)
4. – शरद ऋतु – (आश्विन -कार्तिक)
5. – हेमंत ऋतु – (मार्गशीर्ष -पौष)
6. – शिशिर ऋतु – (माघ -फाल्गुन)

(ख) वर्षा के सम्बन्ध में यह भी जानिये :
वर्षा काल – बहार, मानसून, सावन का महीना, सावन भादो
वर्षा हीनता – अकाल, अनावृष्टि, सूखा
अनवरत (लगातार) वर्षा झड़ी, मूसलाधार
तीव्र वर्षा – धुआँधार वर्षा, घनघोर वर्षा
प्रथम वर्षा दिन – आषाढ़ का प्रथम दिवस
ओला वर्षा – ओलावृष्टि
हिम वर्षा – हिम पात
क्षीण वर्षा – फुहार, रिमझिम, बूंदाबांदी

आ री बरखा Summary in Hindi

आ री बरखा! कविता का सार

‘आ री बरखा’ नामक कविता में कवि डॉ० राकेश कुमार बब्बर ने वर्षा का आह्वान करते हुए उसे धरती पर जल बरसाने के लिए कहा है। जो धरती सूर्य की भयंकर गर्मी से तप रही है, उसे वर्षा के जल से ठण्डक मिले। सूर्य की भयंकर गर्मी से सभी पेड़ों से पत्ते झड़ गए हैं और वे दूंठ बन गए हैं। पक्षी चहचहाना भूल गए हैं। गर्मी की अधिकता के कारण फूल मुरझा गए हैं। हे बरखा रानी, तुम काले बादलों को आकाश में बिखरा दो।

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कवि वर्षा से इस सौन्दर्य-विहीन प्रकृति का श्रृंगार बनने के लिए कहता है और बार-बार वर्षा के आने का आह्वान करता है। कवि कहता है कि जहाँ कभी नदियां बहती थीं वहाँ सूखे के कारण सूखे पत्थर दिखाई दे रहे हैं। बिना नदियों के सागर भी कमजोर पड़ गया है। उससे अब नदियों का वियोग सहा नहीं जाता। इसलिए बरखा रानी तू अपने प्रिय के जीवन के लिए मिलन के गीत गा और इस तपती हुई धरती पर अपना शीतल जल बरसा।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा

छोटे-छोटे बच्चों की उम्मीदें तुमसे हैं। उनके द्वारा बनाई गई कागज़ की किश्तियाँ बारिश के जल में तैरने के लिए प्रतीक्षा में हैं। किसान भी उम्मीद-भरी दृष्टि से तुम्हें ही देख रहे हैं। हे वर्षा रानी! अब तू उनके खाली कोठरियों में अनाज भर दे। तू अब इस तपती धरती पर अपना शीतल जल बरसा, जिससे सबको जीवन प्रदान हो। तुम अपने जल से संसार को आनन्द प्रदान कर दो।

आ री बरखा काव्यांशों की सप्रसंग सरलार्थ

1. आ री बरखा !
आ री बरखा !
इस तपती धरा पर
अपना शीतल जल बरसा।
पेड़ सब दूँठ भए,
पंछी चहकना भूल गए।
कुम्लाह गए हैं पुष्प सारे,
बिखरा दो तुम बादल कारे।
सौंदर्य रहित इस प्रकृति का
श्रृंगार बन के तू आ,
आ री बरखा! आ री बरखा!
इस तपती धरा पर
अपना शीतल जल बरसा।

शब्दार्थ :

  • आ री = आ जा।
  • बरखा = वर्षा।
  • तपती = सूर्य की गर्मी से तपी हुई।
  • धरा = धरती।
  • शीतल = ठण्डी।
  • ट्रॅठ = बिना पत्तों के।
  • पंछी = पक्षी।
  • चहकना = चहचहाना।
  • कुम्लाह गए = मुरझा गए।
  • पुष्प = फूल।
  • कांटे = काले।।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता ‘आ री बरखा’ से लिया गया है, जिसके कवि डॉ० राकेश कुमार बब्बर हैं। कवि ने यहाँ वर्षा के अभाव में तपती धरती तथा सौन्दर्य-रहित प्रकृति का वर्णन करते हुए वर्षा का आह्वान किया है।

सरलार्थ-कवि वर्षा का आह्वान करते हुए कहता है कि हे वर्षा ! तू आ जा। हे वर्षा ! तू आ जा। सूर्य की भयंकर गर्मी से तपती हुई इस धरती पर तू अपना ठंडा पानी बरसा दे। बिना वर्षा के सभी पेड़ पत्तों एवं फलों के बिना लूंठ हो गए हैं। पक्षी जो कभी मधुर आवाज़ में चहचहाते थे वे भी अपना चहचहाना भूल गए हैं। बिन वर्षा के सभी फूल मुरझा गए हैं।

इसलिए हे वर्षा रानी! तुम काले बादलों को आकाशों में बिखरा दो जिनसे वर्षा हो सके। तुम्हारे बिना इस प्रकृति का श्रृंगार अधूरा है अतः तुम प्रकृति का श्रृंगार बनकर आ जाओ और भयंकर गर्मी से तपती हुई इस धरती पर अपना ठंडा जल बरसा दो। हे वर्षा ! तुम आ जाओ।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा

विशेष-

  • कवि ने वर्षा के अभाव में सौन्दर्य-रहित प्रकृति का वर्णन किया है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

2. जहाँ कभी बहती थी नदियाँ
सूखे पत्थर दिख रहे
सिंधु दुर्बल हो चला
वियोग तेरा कैसे सहे।
अपने प्रिय के जीवन-हेत
गीत मिलन के तू गा,
आ री बरखा !
आ री बरखा !
इस तपती धरा पर
अपना शीतल जल बरसा।

शब्दार्थ :

  • सिंधु = सागर।
  • दुर्बल = कमज़ोर।
  • वियोग = बिछोह,
  • तपती = भयंकर गर्मी से तपी हुई।
  • शीतल = ठंडा।

प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता ‘आ री बरखा’ से ली गई हैं जिसके कवि डॉ. राकेश कुमार बब्बर हैं। कवि ने यहाँ वर्षा के अभाव में सारी प्रकृति को दुःखी एवं पीड़ित दिखाते हुए उस के आगमन का आह्वान किया है।

सरलार्थ- कवि वर्षा के अभाव में पीड़ित प्रकृति की दशा का चित्रण करते हुए कहता है कि जिन स्थानों पर कभी नदियाँ बहती थीं वहाँ अब मात्र सूखे पत्थर ही दिखाई दे रहे हैं। अब तो नदियों का समुद्र में मिलन न हो पाने से वह भी कमज़ोर पड़ गया है। उससे अब नदियों का वियोग सहा नहीं जाता।

इसलिए हे वर्षा रानी! तू अपने प्रिय समुद्र से मिलने के लिए मिलन के गीत गा और जल की बूंदों के रूप में बरस कर इस तपती हुई धरती को शीतल कर दो जिससे चारों ओर भयंकर गर्मी के स्थान पर शीतलता छा जाए।

विशेष –

  • कवि ने नदियों का जल सूख जाने के कारण उसके वियोग में समुद्र को दुर्बल बताया है।
  • भाषा भावानुकूल है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा

3. कश्तियाँ सब बच्चों की
तैरने को हैं खड़ी हुईं
उधर किसानों की भी आँखें
बस तुझ पर ही हैं गड़ी हुईं
खाली पड़ी कोठरियों में
अन्न के दाने तू भर जा,
आ री बरखा !
आ री बरखा !
इस तपती धरा पर
अपना शीतल जल बरसा।

शब्दार्थ :

  • कश्तियाँ = नौकाएँ।
  • गड़ी हुई = टिकी हुई।
  • कोठरियों में = गोदामों में।
  • अन्न = अनाज।
  • बरखा = वर्षा।
  • शीतल = ठंडा।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता ‘आ री बरखा’ से लिया गया है, जिसके कवि डॉ० राकेश कुमार बब्बर हैं। कवि ने यहाँ वर्षा के अभाव में सम्पूर्ण पृथ्वीवासियों को परेशान दिखाया है।

सरलार्थ-कवि वर्षा को सम्बोधित करते हुए कहता है कि बालकों द्वारा बनाई गईं छोटी-छोटी किश्तियाँ तुम्हारे आने की प्रतीक्षा में तैरने के लिए खड़ी हुई हैं। दूसरी ओर किसान भी तेरी तरफ उम्मीद-भरी आँखों से देख रहे हैं। उनके घर के कमरे अनाज के दानों के बिना खाली हैं। इसलिए हे वर्षा रानी! तू आ जा और किसानों के इन खाली कमरों में अनाज भर जा।

हे वर्षा रानी! जब तुम आओगी तो किसानों की फसलें फिर से लहलहा उठेंगी, उनके खाली गोदाम और कमरे पुन: अनाज से भर जाएँगे। इसलिए हे वर्षा रानी! तुम अपना शीतल जल इस तपती हुई धरती पर बरसा कर इसे ठण्डक दो। इसकी गर्मी को शान्त कर इसे नवजीवन दो।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 7 आ री बरखा

विशेष-

  • कवि ने वर्षा से धरती पर बरसने की प्रार्थना की है।
  • भाषा सरल और सरस है।