PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 एम० एस० डॉस

This PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 एम० एस० डॉस will help you in revision during exams.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 एम० एस० डॉस

जान पहचान-आपरेटिंग सिस्टम सबसे ज़रूरी साफ्टवेयर होता है। यह हार्डवेयर तथा मैमरी का प्रबंध करता है। कम्प्यूटर इस के बिना कार्य नहीं कर सकता। यह प्रोग्रामों में तालमेल बना कर चलता है। डॉस एक महत्त्वपूर्ण आपरेटिंग सिस्टम है।

यूजर इंटरफेस :
यूजर इंटरफेस से अभिप्राय उस इंटरफेस से है जिसके द्वारा कोई यूजर कम्प्यूटर के साथ बातचीत करता है। ये दो प्रकार के होते हैं

  1. क्रैक्टर यूजर इंटरफेस।
  2. ग्राफिकल यूजर इंटरफेस।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 एम० एस० डॉस 1

  • क्रैक्टर यूजर इंटरफेस : इस इंटरफेस में कम्प्यूटर को कमांड टाइप करके दी जाती है। इसमें कीबोर्ड का ज्यादा कार्य होता है तथा नतीजा भी टैक्सट रूप में ही मिलता है। डॉस इसकी उदाहरण है।
  • ग्राफिकल यूजर इंटरफेस: इस इंटरफेस में कम्प्यूटर के साथ ग्राफिकल ऑबजैक्ट के द्वारा बातचीत की जाती है। इसमें आइकन तथा माऊस का ज्यादा प्रयोग होता है।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 एम० एस० डॉस 2

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 एम० एस० डॉस

ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस के निम्न. लाभ होते हैं –

  1. यह देखने में सुन्दर होता है।
  2. इसमें कमांड याद नहीं रखनी पड़ती।
  3. कमांडों को टाइप भी नहीं करना पड़ता।
  4. ये दिखने में रंगीन होते हैं।
  5. इन में विभिन्न प्रकार के कार्य किये जा सकते हैं।
  6. एक समय पर हम एक से ज्यादा कार्य भी कर सकते हैं।

सी यू आई तथा जी यू आई में अंतर:
सी यू आई तथा जी यू आई में निम्न अंतर है

जी यू आई सी यू आई
1. सी यू आई का अर्थ है क्रैक्टर यूजर इंटरफेस। 1. जी यू आई का अर्थ है ग्राफिकल यूजर इंटरफेस।
2. इसमें कमांड टाइप की जाती है। 2. इसमें कमांड सिलैक्ट की जाती है।
3. इसमें कमांड याद रखनी पड़ती है। 3. इसमें कमांड याद नहीं रखनी पड़ती।
4. इसमें ग्राफिक्स नहीं होते। 4. इसमें ग्राफिक्स प्रयोग होते हैं।
5. ये आकार में छोटे होते हैं। 5. ये आकार में बड़े होते हैं।
6. डॉस इसकी उदाहरण है। 6. विंडोज इसकी उदाहरण है।

डॉस :
डास का पूर्ण अर्थ है डिस्क ऑप्रेटिंग सिस्टम। यह माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी का उत्पाद है। इसमें डिस्क को मैनेज करने के लिए कमांड का प्रयोग किया जाता है। इसमें काफी सारी कमांडज़ होती हैं।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 एम० एस० डॉस 3

एम०एस०डॉस को शुरू करना :
डॉस को शुरू करने के निम्न पग हैं-

  1. Start बटन पर क्लिक करें।
  2. Run कमांड पर क्लिक करें।
  3. cmd टाइप करें तथा OK बटन दबाएँ।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 एम० एस० डॉस 4

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 7 एम० एस० डॉस

कमांड प्रोम्पट:
कमांड प्रोम्पट वह स्थान होता है जहां डॉस में कमांड दाखिल की.जाती है। यह निम्न प्रकार का होता है।

कमांड टाइप करना :
डॉस में कमांड टाइप करके दी जाती है। इसको कमांड प्रोम्पट पर टाइप किया जाता है। इसके लिए हमें कमांड के सिटैक्स का पूरा पता होना चाहिए। कमांड को टाइप करने के निम्न पग हैं-

  1. डॉस खोलें।
  2. कमांड का नाम टाइप करें।
  3. कमांड के विकल्प टाइप करें।
  4. कमाडं के आर्गुमैंट टाइप करें।
  5. एंटर की दबाएं। (कमांड चल पड़ेगी।)

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 मल्टीमीडिया से जान-पहचान

This PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 मल्टीमीडिया से जान-पहचान will help you in revision during exams.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 मल्टीमीडिया से जान-पहचान

जान-पहचान : कम्प्यूटर की मदद से हम अलग-अलग प्रकार की तस्वीरें बना सकते हैं और उन को छाप भी सकते हैं। कम्प्यूटर हमें अलग-अलग तस्वीरें बनाने के लिए अलग-अलग साफ्टवेयर प्रदान करवाता है। पेंट, अडोब फोटोशॉप, कोरल ड्रा, ग्राफिकल साफ्टवेयर हैं।

मल्टीमीडिया:
जब बहुत से मीडिया जैसे तस्वीरें, टैक्सट, आवाज़, मूवी आदि एकत्रित हो जाते हैं तो मल्टीमीडिया बन जाता है। मल्टीमीडिया का प्रयोग मनोरंजन के साधनों के लिए, शिक्षा देने के लिए किया जा रहा है।

मल्टीमीडिया के भाग :
मल्टीमीडिया के निम्न भाग होते हैं :

  1. टैक्सट : टैक्सट मल्टीमीडिया का बेसिक भाग होता है। किसी भी प्रकार के मल्टीमीडिया प्रोजैक्ट में जानकारी या शाब्दिक रूप देने के लिए टैक्सट का प्रयोग होता है। टैक्सट किसी भी भाषा में लिखा जा सकता है।
  2. पिक्चर : पिक्चर या तस्वीर मल्टीमीडिया का एक महत्त्वपूर्ण भाग है। जो जानकारी हम टैक्सट रूप में नहीं पेश कर सकते उसे हम तस्वीर के रूप में पेश कर सकते हैं। तस्वीर द्वारा पेश की जानकारी ज्यादा प्रभावशाली होती है। तस्वीरें कई प्रकार तथा फारमैट की होती हैं।

ग्राफिकस की किस्में :
इनकी दो मुख्य किसमें नीचे लिखी गई हैं –

  1. वैक्टर इमेज़: यह इमेज़ ड्राईंग प्रोग्राम के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। इनको सीधे रूप से नहीं बनाया जा सकता। यह बहुत कम मैमरी घेरती है।
  2. बिटमैप इमेज़: इनका आकार वैक्टर इमेज़ से बड़ा होता है। यह सीधे रूप से पेंट आदि सफ्टवेयर इस्तेमाल करके बनाई जा सकती है।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 मल्टीमीडिया से जान-पहचान 1

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 मल्टीमीडिया से जान-पहचान

3आवाज: आवाज़ भी मल्टीमीडिया का महत्त्वपूर्ण भाग है। इससे हमारे मल्टीमीडिया ऑबजैक्ट में प्रभाव बढ़ता है। आवाज़ दो प्रकार की होती है। एनालॉग तथा डिजीटल। डिजीटल प्रकार से स्टोर की आवाज़ ज्यादा प्रभावशाली होती है।

4. वीडियो: वीडियो को चलचित्र भी कहते हैं। ये असल में तस्वीरें ही होती हैं जिनको क्रमवार तेज़ी से चलाया जाता है। जिससे वे हमें चलती दिखाई देती हैं।

5. एनीमेश: एनीमेशन तस्वीरों को तेज़ी से चलता दिखाने से ही बनती है। इसमें तस्वीरें कृत्रिम होती है। कई प्रकार के कार्टून इसी तकनीक से बनते हैं।

मल्टीमीडिया की ज़रूरतें : मल्टीमीडिया की निम्न ज़रूरतें हैं-
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 मल्टीमीडिया से जान-पहचान 2
(1) हार्डवेयर ज़रूरतें : मल्टीमीडिया के लिए प्रयोग होने वाले इनपुट डिवाइस निम्न हैं

  • कीअ-बोर्ड
  • माऊस
  • स्क्रीन
  • स्के नर
  • वॉयस रैकोगनीशन सिस्टम
  • डिजीटल कैमरा।

(2) आऊटपुट यंत्र : मल्टीमीडिया के लिए निम्न आऊटपुट डिवाइस चाहिए-

  • मॉनीटर
  • आडियो डिवाइस
  • वीडियो डिवाइस
  • प्रोजैक्टर
  • प्रिंटर

(3) स्टोरेज डिवाइस : मल्टीमीडिया के लिए निम्न स्टोरेज डिवाइस चाहिए-

  • रैम
  • हार्ड डिस्क ड्राइव
  • मैगनेटिक टेप
  • CD/DVD
  • USB पैन ड्राइव।

(4) साफ्टवेयर :
मल्टीमीडिया के लिए कई साफ्टवेयर प्रयोग होते हैं, उनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं-

  • अडोव डायरैक्टर
  • मीडिया वलैंडर
  • मीडिया वर्कस
  • क्रिऐट टूगेदर
  • पूले एम ओ
  • मल्टीमीडिया बिल्डर।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 मल्टीमीडिया से जान-पहचान

एनीमेशन : तस्वीरों को प्रभावशाली बनाने के लिए हम तस्वीरों पर अलग-अलग प्रकार के प्रभाव डालते हैं। इन प्रभावों को ही एनीमेशन कहा जाता है। एनीमेशन बनाने के लिए विण्डो के द्वारा एक साफ्टवेयर प्रदान करवाया गया है, जिसका नाम विण्डो मूवी मेकर है।

मल्टीमीडिया प्रैजनटेशन :
किसी खास विषय से संबंधित जानकारी को मल्टीमीडिया की मदद से पेश करने के ढंग को मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशन कहते हैं। इसके लिए सबसे पहले स्क्रिप्ट लिखी जाती है। इसमें यह दर्शाया जाता है कि प्रेजेंटेशन के लिए कौन-कौन सी ज़रूरतें होती हैं। इसको दर्शकों के सामने किस प्रकार पेश किया जाता है। इसके बाद इसके भागों जैसे टैक्सट, आडियो, वीडियो आदि की तैयारी की जाती है।

मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशन बनाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  1. मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशन तैयार करने से पहले प्रयोग की जाने वाली टूल की जानकारी होनी बहुत ज़रूरी है।
  2. दर्शकों की रुचि को ध्यान में रख के टैक्सट और तस्वीरों के रंग अनुकूल इस्तेमाल करने चाहिए।
  3. हमेशा अच्छे विषय की प्रेजेंटेशन बनायें, जो दर्शकों को ज्ञान दें।
  4. मल्टीमीडिया का आकार छोटा होना चाहिए।
  5. ग्राफिक्स का इस्तेमाल ज्यादा और टैक्सट का इस्तेमाल कम होनी चाहिए।
  6. ऐनीमेशन में फालतू ट्रांजीशन से भी गुरेज करना चाहिए।
  7. पहले दर्शकों की दिलचस्पी का ज्ञान कर लेना चाहिए कि वह क्या चाहते हैं।

मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशन : मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशन की कई किस्में हो सकती हैं। इनमें से कुछ नीचे लिखे अनुसार हैं-
1. सलाइड प्रैजेंटेशन-यह पावर प्वाईंट में तैयार की जाती है। इन में सलाइडें तैयार की जाती हैं। सलाइडों में टैक्सट, तस्वीरें, आवाजें, वीडियो आदि भरे जा सकते हैं।

2. प्रेजेंटेशन- इनमें यूज़र कम्प्यूटर से सीधा ही जुड़ जाता है। यूज़र काम करने या उत्तरों का चुनाव करने के लिए सक्रीन पर नज़र आने वाली तस्वीरों का चुनाव करता है।

3. वैब पेज-मल्टीमीडिया की प्रेजेंटेशन तैयार करने के लिए वैब पेज़ों का इस्तेमाल किया जा सकता है। वैब पेजों में अलग-अलग मल्टीमीडिया तत्त्व भरे जा सकते हैं। वैब पेजों को . एकत्रित करके वैब साईट तैयार की जा सकती है।

मल्टीमीडिया में फाइल फारमेंट-जिन फाइलों में ग्राफिक्स स्टोर किये जाते हैं उन्हें ग्राफिक्स फाइलें कहा जाता है। ग्राफिक्स फाइलों का अलग-अलग फारमैट होता है। कुछ फारमैट नीचे दिये अनुसार हैं –
1. GIF – GIF का पूरा नाम है-ग्राफिक इंटरचेंज फारमेंट-इसमें 256 रंग होते हैं। यह फारमैट सभी कम्प्यूटरों में चल सकता है। इस फारमैट वाली फाइलें कम्परैस्ड होती हैं। यही कारण है कि इनका आकार काफ़ी छोटा होता है। यह मैमरी में कम स्थान घेरती हैं। इन फाइलों की ऐक्स्टेंशन gif होती हैं। यह फाइलें वैब ब्राओज़र की तरफ से सबसे अधिक पसन्द की जाती हैं।

2. JPEG JPEG का पूरा नाम है-जुआइंट फोटोग्राफिक एकस्पर्ट ग्रुप-इनमें लाखों रंग होते हैं। यह फोटोज़ और गुंझलदार तस्वीरों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इनमें jpeg या jpg ऐक्स्टैंशन होती है। यह फाइलें कम्परैस्ड होती हैं। यह फाइलें सभी कम्प्यूटरों पर चल सकती हैं।

3. BMP बी० एम० पी० का पूरा नाम-बिट मैप पिक्चर होता है। इनमें लाल, हरे और नीले (प्राइमरी) रंगों से तस्वीरें बनती हैं। इनका आकार बड़ा होता है। यह ज़्यादा मैमरी घेरती हैं। इनकी ऐक्स्टेंशन bmp होती है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 मल्टीमीडिया से जान-पहचान 3

4. PDF पी० डी० एफ० का पूरा नाम है-पोरटेबल डाकूमैंट फारमैट। जैसे कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह फारमैट इधर-उधर बदले जा सकने वाले (पोरटेबल) डाकूमैंटस के लिए प्रयोग किये जाते हैं। यह फारमैट सिर्फ अडोब ऐकरोबेट (Adobe Acrobat) द्वारा इस्तेमाल किये जाते हैं। यह वैक्टर और बिटमैप दोनों का मेल होती हैं। इन फाइलों में लिंक होते हैं। फोटोशॉप (Photoshop) में भी यह फाइलें प्रयोग की जा सकती हैं। इनकी ऐक्स्टेंशन pdf होती है।

मल्टीमीडिया के क्षेत्र : मल्टीमीडिया के प्रयोग के निम्न क्षेत्र हैं :
1. शिक्षा : शिक्षा के क्षेत्र में इसका प्रयोग विद्यार्थियों को सामग्री देने के लिए किया जाता है। ई-लर्निंग भी इसी का एक भाग है। इसके प्रयोग से अध्यापन को काफी प्रभावशाली बनाया जा सकता है। .

2. व्यापार : मल्टीमीडिया के प्रयोग से एक व्यापारी अपने व्यापार की पेशकारी बढ़िया ढंग से कर सकता है। इसके अलावा इसका प्रयोग ट्रेनिंग, बाजारीकरण तथा मशहूरी करने के लिए भी किया जाता है। वीडियो कानफ्रेंसिंग द्वारा व्यापारी एक-दूसरे से दूर बैठे बात कर सकते हैं।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 6 मल्टीमीडिया से जान-पहचान

3. मैडीकल सेवा : मल्टीमीडिया के प्रयोग से मैडीकल क्षेत्र में कृत्रिम वस्तुएं बनाई जा सकती हैं। इसके लिए एनीमेशन या वरचुयल टैकनालॉजी का प्रयोग किया जाता है।

4. मनोरंजन : मनोरंजन क्षेत्र में मल्टीमीडिया का प्रयोग रेडियो, टेलीविज़न, गेम, वीडियो तथा फिल्मों में किया जाता है। इससे इनकी कवालिटी को बढ़िया बनाया जा सकता है।

5. जनतक स्थान : मल्टीमीडिया का प्रयोग लाइब्रेरी, शापिंग मॉल, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन तथा होटलों आदि में ज़रूरी सूचना देने के लिए किया जाता है।

6. मल्टीमीडिया कानफ्रंस : मल्टीमीडिया कानफ्रंस दूर बैठ कर दूसरे व्यक्तियों से बात करने की प्रक्रिया को कहते हैं। इसके द्वारा हम अपनी बातें दूसरों के आगे रख सकते हैं।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 5 एमएस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-2)

This PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 5 एमएस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-2) will help you in revision during exams.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 5 एमएस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-2)

जान पहचान-बर्ड में एक तस्वीर पर स्टाइल, शेप, बार्डर आदि करके तथा उसको क्राप, कम्प्रैस तथा उस पर आर्टिस्टक इफैक्ट लगाए जा सकते हैं। इस के लिए कई प्रकार के टूलज उपलब्ध हैं।

पिक्चर टूल (फारमैट टैब):
पिक्चर टूल (फारमैट टैब) वर्ड में तभी दिखाई देती है जब हम वर्ड में कोई पिक्चर इनसर्ट करते हैं। इसमें किसी तस्वीर को फारमैट करने के विकल्प उपलब्ध होते हैं। इसके कलर, आर्टिस्टिक इफैक्ट, स्टाइल, बार्डर, क्राप आदि जैसे विकल्प होते हैं। इसके अलावा इसमें Remove Background, Reset Picture, Picture Layout, Wrap Text तथा तस्वीर की चौड़ाई तथा ऊंचाई भी होती है।

1. रीसैट पिक्चर : रीसैट पिक्चर वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी पिक्चर पर किए गए सारे कार्यों के प्रभावों को खत्म करके वापिस असली तस्वीर मिल जाती है।

पेज़ ले-आऊट :
पेज़ ले आऊट वर्ड में एक टैब होती है जिसमें पेज़ की ले-आऊट से संबंधित सैटिंग होती है। इसमें मारजिन, ओरिएंटेशन, साइज, कॉलम, ब्रेक लाइन, नंबर आदि विकल्प Page Setup ग्रुप में होते हैं। इसके अलावा इसमें Paragraph तथा Arrange ग्रुप भी होते हैं। इन सभी का प्रयोग दस्तावेज की पेज़ संबंधित सैटिंग करने में किया जाता है।

पेज़ बैकग्राऊंड : पेज़ बैक ग्राऊंड का संबंध दस्तावेज़ के पेज़ की बैकग्राऊंड से होता है। यह ग्रुप Design टैब में उपलब्ध होता है। इसमें Watermark, Page Colour तथा Page Border विकल्प उपलब्ध होते हैं। इनका प्रयोग पेज़ बैकग्राऊंड बदलने में होता है।

2. वाटर मार्क : वाटरमार्क एक प्रकार का टैक्सट ही होता है। जो हमारे दस्तावेज़ में बैकग्राऊंड में दिखाई देता है। यह टैक्सट आम टैक्सट से कम काला होता है। इसका प्रयोग दस्तावेज़ की प्रकृति को दर्शाने में किया जाता है। इसमें अक्सर Draft, Confidential, या Do Not Copy जैसे शब्द भरे जाते हैं। अपनी आवश्यकता अनुसार कोई भी टैक्सट भरा जा सकता है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 5 एमएस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-2) 1
वाटर मार्क लगाने के पग-

  1. अपना दस्तावेज़ खोलें।
  2. Design टैब पर क्लिक करें।
  3. Page Background ग्रुप में Water-mark पर क्लिक करें।
  4. अपनी आवश्यकता अनुसार वाटरमार्क का चुनाव करें। (वाटरमार्क लग जाएगा)

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 5 एमएस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-2)

रिवियू :
रिवियू टैब वर्ड में उपलब्ध होता है। इसमें दस्तावेज़ का रिवियू करने के कई विकल्प उपलब्ध होते हैं। इसमें Proofing, Language, Comments, Tracking, Changes, Compare, Protect ग्रुप होते हैं। इसमें उपलब्ध मुख्य विकल्प Spelling and Grammar, Word Count, Comment आदि होते हैं।

3. स्पैलिंग तथा ग्रामर चैक : वर्ड में हम दस्तावेज़ में स्पैलिंग तथा ग्रामर ठीक कर सकते हैं। इसके लिए वर्ड ग़लत स्पैलिंग के नीचे लाल तथा ग़लत व्याकरण के नीचे हरी लाइन लगाता है। इन को . वर्ड की सहायता से ठीक किया जा सकता है। हमें ग़लतियां ढूंढने की आवश्यकता नहीं होती। Spelling and Grammar का प्रयोग दस्तावेज़ की ग़लतियां ठीक करने के लिए किया जाता है। स्पैलिंग तथा ग्रामर वर्ड की एक महत्त्वपूर्ण यूटिलिटी है। इसके द्वारा अपने दस्तावेज़ में ग़लतियों को ठीक कर सकते हैं।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 5 एमएस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-2) 2
स्पैलिंग तथा ग्रामर चैक करने के पग-
1. अपना दस्तावेज़ खोलें।
2. Renew टैब पर क्लिक करें।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 5 एमएस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-2) 3
3. Proofing ग्रुप में Spelling & Grammar पर क्लिक करें। (एक पैन नज़र आएगा।) इसमें पहली ग़लती तथा उसके उपलब्ध विकल्प दिखाई देंगे। अपनी आवश्यकता अनुसार विकल्प चुन कर Change पर क्लिक करें। इसी प्रक्रिया का प्रयोग करके हम सारी ग़लतियां ठीक कर सकते हैं।

प्रिटिंग डाक्यूमैंट: वर्ड में किसी भी दस्तावेज़ को अपनी ज़रूरत अनुसार प्रिंट किया जाता है। किसी भी दस्तावेज की हम जितनी मर्जी चाहे कॉपी निकाल सकते हैं। इसके अलावा भी वर्ड हमें प्रिटिंग से संबंधित काफ़ी सारे विकल्प प्रदान करता है।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 5 एमएस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-2)

प्रिंट करने के पग :
डाक्यूमैंट प्रिंट करने के निम्न स्टैप हैं-

  1. अपना डाक्यूमैंट खोलें।
  2. File मीनू पर क्लिक करें।
  3. Print कमांड पर क्लिक करें। (प्रिंट डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।)
  4. अपनी आवश्यकता अनुसार प्रिंटर, कॉपी, पेज़, पेपर आदि का चुनाव करें।
  5. Print बटन पर क्लिक करें।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 5 एमएस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-2) 4

4. आर्टिस्टिक इफैक्टस : आर्टिस्टिक इफैक्ट पहले से परिभाषित इफैक्ट होते हैं। जिनका प्रयोग अपनी तस्वीर पर किया जा सकता है। इसके द्वारा तस्वीर को बढ़िया ढंग से पेश किया जा सकता है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 5 एमएस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-2) 5

आर्टिस्टिक इफैक्ट लगाने के पग :
1. अपना दस्तावेज़ खोलें।
2. तस्वीर पर क्लिक करें। (Format मीनू दिखाई देगा।)
3. Format टैब पर Proofing ग्रुप में Artistic Effects पर क्लिक करें।
4. अपनी आवश्यकता अनुसार इफैक्ट चुनें। (इफैक्ट लागू हो जाएगा।)
5. कम्प्रेस पिक्चर : री-सैट पिक्चर कम्प्रेस पिक्चर का प्रयोग करके हम अपनी तस्वीर का आकार कम कर सकते हैं। इसके द्वारा तस्वीर के कटे हिस्से हटाये जाते हैं तथा इसके द्वारा फाइल का आकार कम हो जाता है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 5 एमएस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-2) 6

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1)

This PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) will help you in revision during exams.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1)

जान-पहचान : MS Word एक महत्त्वपूर्ण वर्ड प्रोसैसिंग साफ्टवेयर है। इसका प्रयोग डाक्यूमैंट बनाने के लिए किया जाता है। वर्ड प्रोसैसर हमें कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाता है। इसकी सहायता से हम बहुत ही आकर्षित दस्तावेज़ तैयार कर सकते हैं। यह हमें गलतियां ढूँढ़न, प्रिंट करने, सेव करने, एडिट करने, फारमैट करने जैसी सुविधाएं प्रदान करता है।

टैक्सट सिलैक्ट करना :
टैक्सट फारमैटिंग का भाव है दस्तावेज़ की दिखावट में बदलाव करना। टैक्सट को फारमैट करने के लिए उसे सिलैक्ट करना पड़ता है। सिलैक्ट करने के दो तरीके हैं-

  1. माऊस के साथ
  2. कीअ-बोर्ड के साथ

सारे दस्तावेज़ को सिलैक्ट करने के लिए Ctrl + A बटन दबाया जाता है। टैक्सट एडिट करना। टैक्सट की कांट-छांट करने की क्रिया को ऐडिट करना कहते हैं। इसमें हम टैक्सट कट, कॉपी, पेस्ट तथा डिलीट कर सकते हैं। कट, कॉपी तथा पेस्ट करना : किसी भी टैक्सट को सिलैक्ट करके राईट क्लिक करके उसको कट या कॉपी किया जा सकता है। इस टैक्सट को नई जगह पर पेस्ट किया जा सकता है। अन डू कमांड हमारे द्वारा किये गए कार्य के प्रभाव को खत्म करके पहले वाले प्रभाव तक ले आती है। हम अपने किये गए कई कार्यों के प्रभाव को खत्म कर सकते हैं। ग़लती होने पर यह कमांड काफी फायदेमंद होती है।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1)

हैडर तथा फुटर :
किसी दस्तावेज़ में हरेक पेज के ऊपर हैडर तथा नीचे फुटर नज़र आता है। इसमें ऐसा कुछ भी शामिल किया जा सकता है जो हम दस्तावेज़ के हर पेज पर दिखाना चाहते हैं। वर्ड में हैडर प्रत्येक पेज पर ऊपर तथा फुटर नीचे दिखाई देते हैं। हैडर या फुटर डालने के लिए पग :

  1. दस्तावेज़ खोलें।
  2. Insert टैब पर क्लिक करें।
  3. Header & Footer ग्रुप में Header या Footer पर क्लिक करें।
  4. अपनी आवश्यकता अनुसार विकल्प का चुनाव करें।
  5. ज़रूरत अनुसार Header या Footer का टैक्सट टाइप करें।
  6. दस्तावेज़ में पेज पर कहीं भी दो बार क्लिक करें। (Header या Footer लग जाएगा।)

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 1

हैडर या फुटर हटाने के पग :

  1. अपना दस्तावेज़ खोले।
  2. Insert टैब पर क्लिक करें।
  3. Header & Footer ग्रुप में Header या Footer पर क्लिक करें। (एक मीनू दिखाई देगा)
  4. Remove Header या Remove Footer पर क्लिक करें। (Header या Footer हट जाएगा।)

फारमैटिंग : यह फोंट बदलने का आसान तरीका है। इसका प्रयोग कर हम अलग-अलग स्टाइल या फारमैटिंग आसानी से कर सकते हैं। कीअ-बोर्ड शार्टकट कीज
बोल्ड करने के लिए Ctrl + B
इटालिक करने के लिए Ctrl + I
अंडरलाइन करने के लिए Ctrl + U

वर्ड में काफ़ी सारे फारमैटिंग के विकल्प होते हैं। हम अपनी आवश्यकता अनुसार फारमैटिंग कर सकते हैं। वर्ड में फारमैटिंग तीन प्रकार की होती है –

  • अक्षरों की फारमैटिंग
  • पैरे की फारमैटिंग
  • पेज की फारमैटिंग।

या

1. अक्षरों की फारमैटिंग : अक्षरों की फारमैटिंग निम्न प्रकार की हो सकती है-

  • फोंट टाइप तथा साइज़ बदलना।
  • बोल्ड, इटालिक आदि करना।
  • एनीमेशन इफैक्ट देना। अक्षर फारमैटिंग की विधि

1. शब्दों का चयन करें।
2. Home → Font पर क्लिक करें। (Font डायलाग बॉक्स दिखाई देगा।)

3. इसमें आवश्यकता अनुसार अपना चयन करें।

  • फोंट बदलने के लिए फोंट का चयन करें।
  • बोल्ड करने के लिए Bold चुनें।
  • इटालिक करने के लिए Italic चुनें।
  • फोंट साईज़ बढ़ाने के लिए ज़रूरत अनुसार साईज़ चुनें।
  • नीचे लाइन लगाने के लिए Underline चुनें।
  • रंग बदलने के लिए Font Color चुनें।
  • यदि कोई खास इफैक्ट देना है तो उस इफैक्ट को चुनें। सारा चयन करने के बाद OK बटन पर क्लिक करें।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 2

2. पैरे की फारमैटिंग करना : पैरे की फारमैटिंग सारे पैरों की सैटिंग से सम्बन्धित होती है। इसमें लाइनों की स्पेसिंग, इन्डैटिंग तथा सिधाई आदि आ जाते हैं। इन सभी की सैटिंग भी एक डायलाग बॉक्स से हो जाती है। इसकी विधि नीचे दी गई है-
1. पैरे का चयन करें पैरे के अन्दर क्लिक करें।
2. Home → Paragraph पर क्लिक करें।(Paragraph डॉयलाग बॉक्स दिखाई देगा)
3. अपनी आवश्यकता अनुसार विकल्पों का चयन करें –
(a) सिधाई के ढंग Left, Right, Centre or Justify में से कोई चुनें।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 3
(b) इन्डेंट के लिए विकल्पों का चयन करें।
(c) लाइन स्पेसिंग की दूरी का चयन करें।
(d) दो पैरों की आपस में दूरी का चयन किया जा सकता है।
पिछले पैरे से स्पेसिंग के लिए Before पर स्पेसिंग दें तथा अगले पैरे के लिए After से स्पेसिंग सारी सैटिंग करने के बाद OK बटन पर क्लिक करें।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1)

3. पेज की सैटिंग करना : पेज की सैटिंग दस्तावेज़ प्रिन्ट करने के लिए की जाती है। इसमें हम पेपर का साईज़, उसके मारजिन तथा छपाई का ढंग आदि का चयन करते हैं। इसके लिए निम्न विधि का प्रयोग किया जाता है।
1. File मीनू पर क्लिक करें।
2. Print …………. पर क्लिक करें। (Page Setup डायलाग बॉक्स दिखाई देगा।)
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 4
3. अपने विकल्पों का चयन करें।

  • मारजिन का चयन करें। ये मारजिन दायें, बायें, ऊपर तथा नीचे चारों तरफ के होते हैं।
  • छपाई की दिशा Portrait या Landscape का चयन करें।
  • कागज़ से सम्बन्धित सैटिंग के लिए Paper टैप पर क्लिक करें।
  • पेपर के साईज़ का चयन करें।
  • इसके साथ काफ़ी सारे और विकल्प भी मौजूद होते हैं। इनका चयन भी किया जा सकता है।

4. OK बटन पर क्लिक करें।

टैक्सट अलाइन करना:
अलाइन करने का अर्थ है टैक्सट को किसी सीध में रखना। टैक्सट को दायें, बायें, मध्य तथा जस्टीफाई अलाइन किया जा सकता है। टैक्सट को टूलबार की सहायता से अलाइन किया जा सकता है। की-बोर्ड की सहायता से भी यह कार्य किया जा सकता है। इसके लिए Ctrl + L, Ctrl + R, Ctrl + E, Ctrl + J कीज़ का प्रयोग किया जाता है।

वर्ड में सिधाई चार प्रकार की होती है –

  1. बाईं तरफ की (Left Alignment)-इसमें सारी पंक्तियां बाईं तरफ से बराबर की जाती हैं।
  2. दाईं तरफ की (Right Alignment)-इसमें सारी पंक्तियां दाईं तरफ से बराबर की जाती हैं।
  3. केन्द्र सिधाई (Centerd Alignment)-सभी पंक्तियां स्क्रीन के मध्य में सिधाई जाती हैं।
  4. उचित ढंग की (Justify Alignment)-यह सिधाई बाईं तथा दाईं दोनों तरफ से की जाती है।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 5

लाइन तथा पैराग्राफ स्पेसिंग : किसी दो लाइनों के बीच के स्थान को लाइन स्पेसिंग कहा जाता है तथा पैराग्राफ के आगे तथा पीछे आने वाले स्थान को पैराग्राफ स्पेसिंग कहा जाता है। यह स्पेसिंग फारमैट मीनू की सहायता से की जा सकती है। लाइन स्पेसिंग के लिए Ctrl + 1, Ctrl + 5, Ctrl + 2 आदि शार्टकट कीज़ का प्रयोग किया जाता है।

वर्ड में दो लाइनों के बीच की स्पेसिंग को लाइन स्पेसिंग कहा जाता है। इसको कम या ज्यादा किया जा सकता है। इसके लिए निम्न तरीका अपनाया जाता है –

  1. टैक्सट को सिलैक्ट करो।
  2. Format → Paragraph मीनू को चुनो। (Paragraph डायलाग बाक्स दिखाई देगा।)
  3. Indent and Spacing टैब पर क्लिक करो।
  4. लाइन स्पेसिंग सैट करो।
  5. OK बटन पर क्लिक करो।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 6

बुलेट तथा नंबर डालना :
किसी लिस्ट को प्रभावशाली ढंग से पेश करने के लिए बुलेट तथा नंबर डाले जाते हैं। इसके लिए फारमैट मीनू तथा फारमैट टूलबार का प्रयोग किया जा सकता है।

चेंज टैक्सट केस :
वर्ड में हम अपने टैक्सट का केस भी बदल सकते हैं। Title, Sentence, UPPAR, Lower, TOGGLE ये पांच प्रकार के केस बदलाव के विकल्प होते हैं।

फाइंड एंड रिप्लेस :
फाइंड एंड रिप्लेस यूटिलिटी द्वारा हम वर्ड में अपने टैक्सट को ढूंढ़ सकते हैं तथा अपनी ज़रूरत अनुसार किसी दूसरे टैकसट के साथ बदल सकते हैं। कई बार हमारा दस्तावेज काफ़ी बड़ा हो जाता है तथा हमें उस दस्तावेज़ में कोई शब्द ढूंढ़ने की आवश्यकता होती है। यदि हम उस शब्द को ढूंढने लगें तो काफी समय लग जाता है। साथ ही यह कार्य काफ़ी मुश्किल भी है। यह कार्य भी वर्ड कर सकता है। इसके लिए एक फंक्शन बनी हुई है जिसे टैक्सट ढूंढ़ना कहते हैं।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 7
1. शब्द ढूंढ़ना (Finding Words)-कई बार हमारा दस्तावेज़ काफ़ी बड़ा होता है तथा हमें उसमें कोई शब्द ढूंढना पड़ता है। यह काम भी वर्ड खुद ही कर देगा। –

  • Edit → Find पर क्लिक करें। (Find डायलाग बॉक्स दिखाई देगा)
  • Find What में शब्द टाइप करें।
  • Find Next बटन पर क्लिक करें। वह शब्द हाईलाईट हो जाएगा।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1)

यदि वह शब्द दस्तावेज़ में नहीं है तो वर्ड एक मैसेज दिखा देगा जिस में लिखा होगा कि वह शब्द नहीं मिला।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 8

2. शब्द बदलनाहम कई बार अपने दस्तावेज़ में एक शब्द के स्थान पर दूसरा शब्द लिखना चाहते हैं पर हमें अपने शब्द का स्थान नहीं मालूम होता। उस स्थिति में भी वर्ड हमारी मदद करता है।

  • Edit → Replace पर क्लिक करें।
  • Find What में शब्द भरें।
  • Replace with में वह शब्द भरें जिसके साथ स्थान बदलना है।
  • Replace पर क्लिक करो। यदि सारे शब्दों को बदलना है तो Replace All पर क्लिक करो।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 9

फाइंड एंड रिप्लेस:
फाइंड एंड रिप्लेस यूटिलिटी द्वारा हम वर्ड में अपने टैक्सट को ढूंढ़ सकते हैं तथा अपनी ज़रूरत अनुसार किसी दूसरे टैकसट के साथ बदल सकते हैं। कई बार हमारा दस्तावेज काफ़ी बड़ा हो जाता है तथा हमें उस दस्तावेज़ में कोई शब्द ढूंढ़ने की आवश्यकता होती है। यदि हम उस शब्द को ढूंढ़ने लगें तो काफी समय लग जाता है। साथ ही यह कार्य काफ़ी मुश्किल भी है। यह कार्य भी वर्ड कर सकता है। इसके लिए एक फंक्शन बनी हुई है जिसे टैक्सट ढूंढ़ना कहते हैं।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 10

1. शब्द ढूंढ़ना (Finding Words)-कई बार हमारा दस्तावेज़ काफ़ी बड़ा होता है तथा हमें उसमें कोई शब्द ढूंढ़ना पड़ता है। यह काम भी वर्ड खुद ही कर देगा। –

  • Edit → Find पर क्लिक करें। (Find डायलाग बॉक्स दिखाई देगा)
  • Find What में शब्द टाइप करें।
  • Find Next बटन पर क्लिक करें। वह शब्द हाईलाईट हो जाएगा। यदि वह शब्द दस्तावेज़ में नहीं है तो वर्ड एक मैसेज दिखा देगा जिस में लिखा होगा कि वह शब्द नहीं मिला।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 11

2. शब्द बदलनाहम कई बार अपने दस्तावेज़ में एक शब्द के स्थान पर दूसरा शब्द लिखना चाहते हैं पर हमें अपने शब्द का स्थान नहीं मालूम होता। उस स्थिति में भी वर्ड हमारी मदद करता है।

  • Edit → Replace पर क्लिक करें।
  • Find What में शब्द भरें।
  • Replace with में वह शब्द भरें जिसके साथ स्थान बदलना है।
  • Replace पर क्लिक करो। यदि सारे शब्दों को बदलना है तो Replace All पर क्लिक करो।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 12

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1)

समार्ट आर्ट ग्राफिक्स :
समार्ट आर्ट वर्ड में पहले से बनी आर्ट ग्राफिकस होता है जिसका प्रयोग हम अपनी आवश्यकता अनुसार कर सकते है। स्मार्ट आर्ट पहले से बनी आकृतियां हैं जिसका प्रयोग दस्तावेज़ में किया जा सकता है। वर्ड में आठ प्रकार के स्मार्ट आर्ट हैं। जिनके नाम निम्न हैं –

  1. List
  2. Process
  3. Cycle
  4. Hierarchy
  5. Relationship
  6. Matrix
  7. Pyramid
  8. Picture.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 13

प्रत्येक में आगे कई प्रकार के स्मार्ट आर्ट होते हैं। स्मार्ट आर्ट दाखिल करने के पग :

  1. अपना दस्तावेज़ पेज़ खोलें।
  2. वहां क्लिक करें जहां स्मार्ट आर्ट दाखिल करना है।
  3. Insert टैब के Illustration ग्रुप के Smartart बटन पर क्लिक करें। (एक डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।)

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 14

 

4. अपनी पसंद अनुसार स्मार्ट आर्ट चुनें स्मार्ट आर्ट दाखिल हो जाएगा।)
5. उसमें अपना टैक्सट टाइप करें।

क्लिप आर्ट:
क्लिप आर्ट छोटी तस्वीरें होती हैं, जिनको दस्तावेज़ में डाला जा सकता है। इनका प्रयोग दस्तावेज़ को सुन्दर बनाने के लिए किया जाता है। इन क्लिप आर्ट को हम इंसरट मीनू की सहायता से डाल सकते हैं।

वर्ड आर्ट भरना :
वर्ड में टैक्सट को ड्राईंग की वस्तु के रूप में भरा जा सकता है। इसमें विभिन्न प्रकार के स्टाइल लगाए जा सकते हैं। ये सब कुछ वर्ड आर्ट गैलरी में पड़ा होता है। यह इन्सरट मीनू में मौजूद होता है। वर्ड आर्ट में टैक्सट को बढ़िया ढंग से पेश करने का ढंग है। इसके द्वारा टैक्सट को कई डिजाइनों में दिखा सकते है। इनमें रंगों का भी बढ़िया प्रयोग किया गया होता है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 15

वर्ड आर्ट दाखिल करने के पग

  1. अपना दस्तावेज खोलें।
  2. Insert टैब के Text ग्रुप में Wordart बटन पर क्लिक करें।
  3. अपनी आवश्यकता अनुसार Wordart चुनें।
  4. अपना टैक्सट टाइप करें। (टैक्सट दाखिल हो जाएगा।)

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 16

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1)

आटोशेप भरना:
वर्ड में कुछ पहले से बनी आकृतियां होती हैं जिनको दस्तावेज़ में भरा जा सकता है। इन आकृतियों को आटो शेप कहते हैं। शेप वर्ड में बनी बनाई आकृतियां हैं जिसका प्रयोग अपने दस्तावेज़ में किया जा सकता है। वर्ड में Line Rectangle, Basic Shapes, Block Arrows, Equation Shapes, Flow Charts, Starts and Banners तथा Callout आदि कैटागरी की शेपस उपलब्ध होती है। शेप दाखिल करने के पग : शेप दाखिल करने के निम्न पग हैं –

  1. अपना दस्तावेज़ खोलें।
  2. वहां क्लिक करें जहां शेप दाखिल करनी है।
  3. Insert टैब को Illustrations ग्रुप के Shapes बटन पर क्लिक करें।
  4. अपनी ज़रूरत अनुसार शेप पर क्लिक करें। (शेप दाखिल हो जाएगी।)

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 17

सिंबल :
सिंबल विभिन्न प्रकार के चिन्ह होते हैं। जिनको हम टाइप या कीअ-बोर्ड द्वारा दाखिल नहीं कर सकते। इनको माऊस द्वारा सिलैक्ट करके दाखिल किया जा सकता है। सिंबल कई प्रकार के होते हैं।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 18
सिंबल दाखिल करने के पग
1. अपना दस्तावेज़ खोलें।
2. वहां क्लिक करें जहां सिंबल दाखिल करना है।
3. Insert टैब के Symbols ग्रुप में Symbols पर क्लिक करें। (एक मीनू दिखाई देगा)
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 4 एम एस वर्ड में फारमैटिंग (भाग-1) 19
4. अपनी ज़रूरत अनुसार सिंबल चुनें। यदि सिंवल दिखाई नहीं दे रहा है तो More Symbols पर क्लिक करें। एक डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा। उसमें अपनी ज़रूरत का सिंबल ढूंढ़े तथा Insert पर क्लिक करें। (सिंबल दाखिल हो जाएगा।)

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

PSEB 7th Class Science Guide अपशिष्ट जल की कहानी Textbook Questions and Answers

1. खाली स्थान भरें :-

(i) मल प्रवाह में घुली हुई तथा ठोस अशुद्धियों को ……………………. कहते हैं।
उत्तर-
प्रदूषक

(ii) चार्जित गार में लगभग …………………… जल होता है।
उत्तर-
97%

(iii) जल शुद्धिकरण टैंक के तल पर बैठे ठोस पदार्थ को ……………………… कहते हैं।
उत्तर-
गार/आपंक

(iv) ……………… ऐसा स्थान होता है, जहाँ अपशिष्ट जल में से दूषकों को अलग किया जाता है।
उत्तर-
जल शुद्धिकरण टैंक

(v) सफाई संबंधी ……………………… आदतें अपनाएं।
उत्तर-
अच्छी।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

2. निम्नलिखित में से सही या गलत चुनें :-

(i) खुली नालियों (Drain) की गंध तथा दिखावट बहुत मनमोहक होती है।
उत्तर-
ग़लत

(ii) पॉलिथीन के लिफ़ाफे नालियों में फेंकें।
उत्तर-
ग़लत

(iii) खुली नालियाँ, मक्खियों तथा मच्छरों के प्रजनन स्थान होते हैं।
उत्तर-
सही

(iv) खुले में शौच न करें।
उत्तर-
सही

(v) भोजन के बचे हुए ठोस टुकड़े नालियों (Drain) को बंद कर सकते हैं।
उत्तर-
सही

3. कॉलम ‘क’ और कॉलम ‘ख’ का सही मिलान करें :-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) कार्बनिक अशुद्धियाँ (क) मल–प्रवाह उपचार
(ii) अकार्बनिक अशुद्धियाँ (ख) टायफाइड
(iii) अपशिष्ट जल-शोधन (ग) रूड़ी खाद
(iv) जल के साथ होने वाली बीमारी (घ) नाइट्रेट्स तथा फास्फेट
(v) सूखा गार (ङ) मानवीय मल।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) कार्बनिक अशुद्धियाँ (ङ) मानवीय मल।
(ii) अकार्बनिक अशुद्धियाँ (घ) नाइट्रेट्स तथा फास्फेट
(iii) अपशिष्ट जल-शोधन (क) मल-प्रवाह उपचार
(iv) जल के साथ होने वाली बीमारी (ख) टायफाइड
(v) सूखा गार (ग) रूड़ी खाद।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

4. बहु-वैकल्पिक उत्तरों में सही उत्तर चुनें :-

प्रश्न (i)
अपशिष्ट जल शोधक यंत्र में होते हैं-
(क) छड़ों वाली जाली
(ख) जल शुद्धिकरण
(ग) गारा तथा रेत अलग करने वाली टंकी
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न (ii)
अपशिष्ट जल शोधक प्लांट के सह उत्पाद होते हैं-
(क) बायोगैस
(ख) गारा
(ग) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों।

प्रश्न (iii)
इनमें से कौन-सा रासायनिक जल को कीटाणु रहित करने के लिए प्रयोग किया जाता है ?
(क) क्लोरीन
(ख) ओजोन
(ग) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों।

प्रश्न (iv)
विश्व टॉयलेट दिवस मनाया जाता है-
(क) 29 नवंबर
(ख) 19 अक्तूबर
(ग) 19 नवंबर
(घ) 29 अक्तूबर।
उत्तर-
(ग) 19 नवम्बर।

प्रश्न (v)
इनमें से कौन-सी कम खर्चीली मल-प्रवाह निपटान की प्रणाली नहीं है ?
(क) सेप्टिक टंकी
(ख) कंपोस्टिंग टंकी
(ग) रासायनिक टॉयलेट
(घ) छड़ों वाली जाली।
उत्तर-
(घ) छड़ों वाली जाली।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

5. अति लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
मल-प्रवाह क्या होता है ?
उत्तर-
मल-प्रवाह – यह वह गंदा जल होता है जिसमें घुली हुई तथा लटकती हुई ठोस अशुद्धियाँ होती हैं। यह घरों, उद्योगों, खेतों तथा अस्पतालों द्वारा पैदा किया जाता है।

प्रश्न (ii)
गार किसे कहते हैं ?
उत्तर-
गार – जो ठोस पदार्थ जल शुद्धिकरण टैंक के तल पर बैठ जाता है, उसे गार अथवा आपंक कहते हैं।

प्रश्न (iii)
निर्मल जल /शुद्ध जल (Clarified Water) क्या होता है ?
उत्तर-
निर्मल जल या शुद्ध जल – शुद्ध जल रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादरहित होता है। शुद्ध जल का pH लेवल 7 होता है। वर्षा जल शुद्ध जल होता है। शुद्ध जल का उबाल दर्जा 100°C होता है। शुद्ध जल में कोई घुलनशील अथवा लटकती हुई कोई अशुद्धि नहीं होती तथा यह कीटाणु रहित होता है।

प्रश्न (iv)
सेप्टिक टंकी किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सेप्टिक टैंकी – यह एक कम खर्चे वाली मल प्रवाह शोध की ऐसी प्रणाली है जिसमें ऑक्सीजन रहित जीवाणु होते हैं जो अपशिष्ट पदार्थों का अपघटन करते हैं। इसका मुख्य मल-विसर्जन पाइपों से कोई संबंध नहीं होता है। मानवीय मल प्रवाह की यह तकनीक वहाँ प्रयोग होती है जहाँ मल को शौचालय के बंद पाइपों के रास्ते सीधा ही बायोगैस प्लांट में भेजा जाता है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी 1

प्रश्न (v)
अपशिष्ट जल शोधन-प्रणाली क्या होती है ?
उत्तर-
अपशिष्ट जल – शोधन प्रणाली-अशुद्धियों को अलग करने के लिए मल प्रवाह को बंद पाइपों द्वारा व्यर्थ जल शोधक प्रणाली तक लेकर जाते हैं तथा शोध के बाद इस जल को नदियों या समद्रों में बहा दिया जाता है। अपशिष्ट जल शोधक प्रणाली वहीं होती है जहाँ इसमें से अशुद्धियाँ अलग की जाती हैं। अपशिष्ट जल में से अशुद्धियाँ अलग करने को जल स्वच्छ करना या जल शोधन या उपचार कहते हैं। जल शोधन में पानी में से अशुद्धियाँ दूर करने के लिए भौतिक, रासायनिक तथा जैविक क्रियाएँ की जाती हैं। अपशिष्ट जल शोधन को साधारणतः से मल-प्रवाह शोधन कहते हैं।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

6. लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
तेल, घी आदि को नाली में क्यों नहीं फेंकना चाहिए ? टिप्पणी दें।
उत्तर-
खाना/भोजन पकाते समय बचे हुए तेल/घी को ड्रेन में फेंकने के स्थान पर कूड़ेदान में फेंकना चाहिए क्योंकि यह सख्त होकर निकासी वाली पाइपों को बंद कर सकते हैं। खुले स्थान पर यह मिट्टी के मुसामों/छिद्रों को भी बंद कर सकते हैं जिससे मिट्टी की पानी को फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है।

प्रश्न (ii)
अपशिष्ट जल शोधक प्रणाली में छड़ों वाली जाली का क्या काम है ?
उत्तर-
अपशिष्ट जल शोधक प्रणाली में सबसे पहले इस जल में से ठोस अशुद्धियों जैसे डिब्बे, कपड़े के टुकड़े नैपकिन, प्लास्टिक की वस्तुएँ आदि को अलग करने के लिए जल को लोहे वाले जाल में से गुजारा जाता है जहाँ यह वस्तुएँ रुककर अलग हो जाती हैं।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी 2

प्रश्न (iii)
कूड़े को केवल कूड़ेदान में फेंके। टिप्पणी करें।
उत्तर-
कूड़े के बिखेरने से न केवल हमारा इर्द-गिर्द ही गंदा होगा बल्कि वातावरण भी दूषित होगा तथा गंदी बदबू भी आएगी जो कीड़े-मकौड़ों तथा तिलचट्टे पैदा होने में सहायक होगी। इससे कई बिमारियाँ भी होंगी। इसलिए कूडे को कूड़ेदान में फेंकना चाहिए।

Science Guide for Class 7 PSEB अपशिष्ट जल की कहानी Intext Questions and Answers

सोचें तथा उत्तर दें:- (पेज 216)

प्रश्न 1.
साफ जल तथा दूषित जल के रंग में क्या अंतर होता है ?
उत्तर-
साफ जल – साफ जल रंगहीन होता है, परंतु इसमें घुली अशुद्धियाँ तथा सूक्ष्मजीव उपस्थित हो सकते हैं। यह जल शुद्ध नहीं होता तथा पीने योग्य नहीं है।

दूषित जल – जल जिसमें सूक्ष्मजीव उपस्थित हो वह भी रंगहीन हो सकता है। इसके अतिरिक्त यदि जल में कोई रंगदार घुली हुई मिट्टी या अशुद्धि है तो यह काले या भूरे रंग का भी हो सकता है।

प्रश्न 2.
गंदे जल में विद्यमान कोई दो कार्बनिक संदूषकों के नाम बताएं।
उत्तर-
गंदे पानी में उपस्थित कार्बनिक संदूषक-

  1. कीटनाशक
  2. नदीन नाशक
  3. फल सब्जियाँ
  4. मानवीय तथा पशु मल।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

सोचें तथा उत्तर दें:- (पेज 217)

प्रश्न 1.
मल-प्रवाह मार्ग में मैनहोल क्यों बनाए जाते हैं ?
उत्तर-
मल-प्रवाह मार्ग के प्रत्येक 50-60 मीटर की दूरी पर या दो मल विसर्जनों के जोड़ पर जहाँ दिशा बदलनी हो, वहाँ मैनहोल बनाए जाते हैं ताकि इसमें दाखिल होकर व्यक्ति जल-मल निकास की समस्या का पता तथा निवारण कर सके।

प्रश्न 2.
किसी खुले जल-निकास में या समीप पाए जाने वाले दो जीवों के नाम बताएं।
उत्तर-

  1. काकरोच (तिलचट्टा) तथा
  2. बिच्छू।

सारी परखनलियों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें तथा निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें:-(पेज 220)

प्रश्न 1.
हवा प्रवाहित करने के बाद तरल दिखावट (Appearance) में क्या परिवर्तन आया ?
उत्तर-
द्रव का रंग थोड़ा साफ तथा हल्के रंग का दिखाई देता है।

प्रश्न 2.
रेत फिल्टर होने से क्या अलग हुआ ?
उत्तर-
रेत फिल्टररेशन द्वारा अघुलनशील ठोस कण अलग हो गए।

PSEB Solutions for Class 7 Science अपशिष्ट जल की कहानी Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) जल को स्वच्छ करना ………………… को दूर करने का प्रक्रम है।
उत्तर-
संदूषक

(ii) घरों द्वारा मुक्त किए जाने वाला अपशिष्ट जल …………………… कहलाता है।
उत्तर-
वाहित मल

(iii) शुष्क ……………………….. का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है।
उत्तर-
आपंक

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

(iv) नालियाँ …………………. और ……………………. के द्वारा अवरूद्ध हो जाती हैं।
उत्तर-
तेल, वसा

(v) ढक्कन से ढका हुआ वह खुला स्थान जिस रास्ते व्यक्ति अंदर जाकर मल-प्रवाह प्रणाली को चैक कर सकता है, को ……………….. कहते हैं।
उत्तर-
मैनहोल।

प्रश्न 2.
कॉलम ‘क’ में दिए गए शब्दों का कालम ‘ख’ के साथ मिलान कीजिए-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख
(i) व्यर्थ जल शोध के सह-उत्पाद (क) 19 दिसम्बर
(ii) विश्व जल दिवस (ख) मक्खियां तथा मच्छरों का प्रजनन स्थल
(iii) खुले मल-प्रवाह (ग) गार, बायोगैस
(iv) विश्व टायलेट दिवस (घ) 22 मार्च।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) व्यर्थ जल शोध के सह-उत्पाद (ग) गार, बायोगैस
(ii) विश्व जल दिवस (घ) 22 मार्च
(iii) खुले मल-प्रवाह (ख) मक्खियां तथा मच्छरों का प्रजनन स्थल
(iv) विश्व टायलेट दिवस (क) 19 दिसम्बर।

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनें-

(i) धरती के नीचे छोटे तथा बढ़े पाइपों के जाल को कहते हैं।
(क) गार
(ख) मल-प्रवाह
(ग) मल विसर्जन प्रणाली
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) मल विसर्जन प्रणाली।

(ii) विश्व जल दिवस मनाया जाता है-
(क) 22 मार्च
(ख) 22 फरवरी
(ग) 22 अप्रैल
(घ) 22 जून।
उत्तर-
(क) 22 मार्च।

(iii) पराबैंगनी विकिरणों को कौन-सी गैस अवशोषित करती है ?
(क) नाइट्रोजन
(ख) ऑक्सीजन
(ग) ओज़ोन
(घ) हाइड्रोजन।
उत्तर-
(ग) ओज़ोन।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

(iv) प्रदूषित पानी से रोग होते हैं ?
(क) पीलिया
(ख) पेचिश
(ग) हैजा
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

(v) मलेरिया फैल सकता है-
(क) खुली नालियों से-
(ख) बंद नालियों से
(ग) नल से
(घ) पानी की पाइपों से।
उत्तर-(क) खुली नालियों से।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से ठीक या गलत बताओ-

(i) अवशोषित मल प्रवाह को जल भंडारों में फेंक देना चाहिए।
उत्तर-
ग़लत

(ii) बचे हुए तेल तथा घी को ड्रेन में बहा देना चाहिए।
उत्तर-
ग़लत

(iii) पॉलीथीन के लिफ़ाफे या टुकड़े नालियों में फेंकने से नालियों को बंद कर सकते हैं।
उत्तर-
ठीक

(iv) कचरे को केवल कूड़ेदान में ही फेंकना चाहिए।
उत्तर-
ठीक

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

(v) जल शुद्धिकरण टैंक के तल में बैठे ठोस पदार्थ को गार कहते हैं।
उत्तर-
ठीक।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कौन-सा दिन विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है ?
उत्तर-
22 मार्च।

प्रश्न 2.
जल की सफ़ाई से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-
जल की सफ़ाई : अपशिष्ट जल से संदूषकों को पृथक् करने के प्रक्रम को जल की सफ़ाई कहते हैं।

प्रश्न 3.
अपशिष्ट जल को साफ़ करने के प्रक्रम को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर-
वाहित मल उपचार।

प्रश्न 4.
‘वाहित मल’ कैसे बनता है ?
उत्तर-
वाहित मल घरों, उद्योगों, अस्पतालों, कार्यालयों और अन्य उपयोगों के बाद प्रवाहित किया जाने वाला जल अपशिष्ट या वाहित मल होता है।

प्रश्न 5.
पेचिश फैलाने वाले जीव कौन-से हैं ?
उत्तर-
सूक्ष्म रोगाणु।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

प्रश्न 6.
सीवर किसे कहते हैं ?
उत्तर-
सीवर (Sewerage) – भूमि के अंदर छोटे और बड़े पाइपों का जाल, सीवर कहलाता है।

प्रश्न 7.
पानी के सूक्ष्म जीव कौन-से रसायनों से नष्ट होते हैं ?
उत्तर-
पेंट, तेल, दवाइयां आदि। ।

प्रश्न 8.
ठोस व्यर्थ नालियों में क्यों नहीं फेंकने चाहिए ?
उत्तर-
क्योंकि यह नालियों को प्रदूषित करते हैं तथा ऑक्सीजन के मुक्त प्रवाह को रोकते हैं।

प्रश्न 9.
ऑक्सीजन व्यर्थ जल को किस प्रकार शुद्ध करती है ?
उत्तर-
ऑक्सीजन व्यर्थ जल का निम्नीकरण करती है।

प्रश्न 10.
रोगों के फैलने के दो कारणों के नाम लिखो।
उत्तर-

  1. सफाई ना करना
  2. प्रदूषित जल।

प्रश्न 11.
जिन स्थानों पर मल वाहन की व्यवस्था नहीं है वहां किस प्लांट का उपयोग उपयुक्त है ?
उत्तर-
सेप्टिक टैंक (Septic Tank)।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वाहित मल निपटान की प्रणाली पर नोट लिखिए।
उत्तर-
सेप्टिक टैंक, रासायनिक शौचालय, कपोस्टिंग पिट आदि वाहित मल निपटान की वैकल्पिक व्यवस्थाएँ हैं। यह सारी व्यवस्था साधन की कम लागत से तैयार होती है और उन सभी जगहों के लिए उपयुक्त है जहाँ सीवर साधन उपलब्ध नहीं हैं जैसे अस्पताल, अलग-थलग बने भवन अथवा 4 से 5 घरों का समूह।

प्रश्न 2.
घरों में अपशिष्ट जल की मात्रा को कम करने के कुछ उपाय समझाइए।
उत्तर-घरों में अपशिष्ट जल की मात्रा को नियंत्रण करने के उपाय-

  1. नालियों में तेलीय वस्तुएँ, वसा आदि को नहीं बहने देना चाहिए क्योंकि ये वस्तुएँ नालियों को अवरूद्ध कर देती हैं।
  2. पेंट, रसायन, कीटनाशी आदि जल में प्रवाहित नहीं करने चाहिए क्योंकि ये जल शोधन के सूक्ष्मजीव को नष्ट कर देते हैं।
  3. प्रयुक्त चाय पत्ती, बचे हुए ठोस खाद्य पदार्थ, खिलौने, सैनिटरी टावल आदि कूड़ेदान में डालने चाहिए क्योंकि यह ठोस नालियों को अवरूद्ध कर देते हैं।

प्रश्न 3.
वाहित मल क्या है ? अनुपचारित वाहित मल को नदियों अथवा समुद्र में विसर्जित करना हानिकारक क्यों है ? समझाइए। . .
उत्तर-
वाहित मल – यह द्रव रूपी अपशिष्ट है जिसमें अधिकांश घुले हुए और निलंबित अपद्रव्य (संदूषक) होते हैं। यह प्रकृति में जटिल होता है। वाहित मल घरों, उद्योगों, कृषि क्षेत्रों तथा मानव क्रियाकलापों द्वारा उत्पन्न होता है। यह जल तथा भूमि के प्रदूषण का मुख्य कारण है।

अनुपचारित प्रदूषित जल के हानिकारक प्रभाव-

  1. इससे स्वास्थ्य संबंधी खतरे होते हैं।
  2. भूमिगत जल तथा भूमि जल प्रदूषित हो जाते हैं।
  3. जलवाहक रोगों के लिए वाहक का कार्य करता है।

प्रश्न 4.
तेल और वसाओं को नाली में क्यों नहीं बहाना चाहिए ? समझाइए।
उत्तर-
तेल तथा वसा जम कर ठोस बन जाने से पाइप तथा नालियों को बंद कर देते हैं। खुली नालियों में तेल मिट्टी के कणों को जकड़ लेते हैं जिससे उनकी फिल्टर करने की शक्ति कम हो जाती है।

प्रश्न 5.
अपशिष्ट जल से स्वच्छ जल प्राप्त करने के प्रक्रम में सम्मिलित चरणों का वर्णन करें।
उत्तर-
अपशिष्ट जल से स्वच्छ जल प्राप्त करने में चरण-

  1. अपशिष्ट जल में उपस्थित कपड़ों के टुकड़े, डंडियाँ, डिब्बे तथा प्लास्टिक आदि को पृथक् करने के लिए
    अपशिष्ट जल को उर्ध्वाकार लगी छड़ों से बने शलाका छन्ने (बार स्क्रीन) में से गुज़ारा जाता है।
  2. अपशिष्ट जल को ग्रिट तथा रेत अलग करने वाली टैंकी में से गुज़ारा जाता है जहाँ अपशिष्ट जल को कम प्रवाह से छोड़ा जाता है। यहाँ जल में उपस्थित रेत, ग्रिट और कंकड़-पत्थर नीचे बैठ जाते हैं।
  3. अब जल को बड़ी टैंकी में ले जाया जाता है, जिसका पैंदा मध्य भाग में ढलान वाला होता है। इस टैंकी के मध्य भाग में मल तथा तैरने वाले तेल जैसे ठोस टैंकी की तपैंदी के मध्य भाग में बैठ जाते हैं।
  4. अब निर्मलीकृत जल में से पंप द्वारा वायु को गुज़ारा जाता है जिससे उसमें वायकीय जीवाणुओं की वृद्धि होती है। इस प्रकार साफ़ किया गया जल निर्मलीकृत जल कहलाता है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 18 अपशिष्ट जल की कहानी

प्रश्न 6.
आपंक क्या है ? समझाइए कि इसे कैसे उपचारित किया जाता है ?
उत्तर-
आपंक (Sludge) – यह अपशिष्ट जल को बार स्क्रीन लगी टैंकी जिससे ग्रिट तथा रेत पृथक् की जाती है, में से गुज़ार कर एकत्रित किया गया ठोस मल है।

आपंक का उपचार – आपंक को एक टैंकी में एकत्रित किया जाता है, जहाँ यह अवायवीय जीवाणुओं द्वारा अपघटित हो जाता है। इस प्रक्रम में उत्पन्न होने वाली बायोगैस (जैव गैस) का उपयोग ईंधन के रूप में या बिजली उत्पादन में किया जाता है। शुष्क आपंक को खाद के रूप में उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 7.
अनुपचारित मानव मल एक स्वास्थ्य संकट है। समझाइए।
उत्तर-

  1. अनुपचारित मानव मल मच्छर, मक्खी तथा अन्य कीटों का जनन केंद्र बन जाता है।
  2. यह दुर्गंध से भरपूर होता है।
  3. यह भूमि तथा जल को प्रदूषित करता है।
  4. यह अनेक प्रकार के रोगों का वाहक है।

प्रश्न 8.
जल को रोगाणुनाशित (रोगाणु मुक्त) करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दो रसायनों के नाम बताइए।
उत्तर-

  1. क्लोरीन और
  2. ओज़ोन।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वाहित मल उपचार संयंत्र का विवरण दीजिए।
उत्तर-
वाहित मल उपचार संयंत्र – वाहित मल के उपचार में भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रक्रम सम्मिलित हैं जो जल को संदूषित करने वाले भौतिक, रासायनिक और जैविक द्रव्यों को पृथक करने में सहायता करते हैं।

(i) शलाका छन्नों में से गुज़ारना – अपशिष्ट जल उर्ध्वाकार लगी छड़ों से बने शलाका छन्नों में से गुज़ारा जाता है ताकि बड़े आकार की अशुद्धियां जैसे कपड़ों के टुकड़े, डिब्बे, प्लास्टिक के थैले आदि पृथक् हो सकें।

(ii) ग्रिट और बालू उपचार टैंक – अपशिष्ट जल को इन टैंकों में से बड़ी से धीमी गति से प्रवाहित किया जाता है ताकि धूल, कंकड़, पत्थर आदि नीचे तल में बैठ जाएँ।

(iii) आपंक को पृथक् करना – अपशिष्ट जल को एक ऐसी टैंकी में डाला जाता है जिसका मध्य भाग ढलान वाला होता है ताकि अपशिष्ट जल में ठोस इस ढलान वाली तली में बैठ जाए। यह तली पर जमा ठोस आपंक कहलाता

इसे खुरच कर बाहर निकाला जाता है। अपशिष्ट जल में तैरने वाली अशुद्धियों (तेल, वसा) को अपमथित्र (स्किमर) द्वारा पृथक् किया जाता है। यह जल निर्मलीकृत जल होता है।

अब दो विभिन्न प्रक्रम अपनाए जाते हैं-
(क) आपंक को एक ऐसी टंकी में स्थानांतरित किया जाता है जहाँ अवायवीय अपघटन हो सके। इस अपघटन में बायोगैस उत्पन्न होती है।

(ख) निर्मलीकृत जल में वायवीय सूक्ष्मजीव बचे हुए मानव अपशिष्ट पदार्थों, खाद्य पदार्थों, साबुन आदि का उपयोग करते हैं। इन जीवों की वद्धि के लिए निर्मलीकृत जल में वायु का प्रवाह किया जाता है। यह सूक्ष्मजीव उपभोग किए हुए पदार्थों के साथ टंकी की तली में बैठ जाते हैं। ऊपर से जल को निकाल दिया जाता है। जमे हुए आपंक को सुखा कर खाद के रूप में उपयोग किया जाता है।

(iv) उपरोक्त जल को या तो किसी जल स्रोतों में डाल दिया जाता है अथवा क्लोरीन या ओज़ोन से उपचारित किया जाता है।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़

This PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़ will help you in revision during exams.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़

जान पहचान : स्टोरेज डिवाइस वह यन्त्र होता है जिसका प्रयोग जानकारी संभालने के लिए किया जाता है। हमारे पास बहुत से ऐसे यन्त्र उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग हम अपनी आवश्यकता अनुसार डाटा स्टोर करने के लिए कर सकते हैं।

मैमरी का प्रयोग :
कम्प्यूटर में डाटा स्टोर करने के लिए मैमरी का प्रयोग होता है। इसमें डाटा तथा निर्देश स्टोर करके रखे जाते हैं ताकि उन्हें प्रोसैस किया जा सके। कम्प्यूटर डाटा को डिजीटल फारमेट में स्टोर करता है।

मैमरी की किस्में : कम्प्यूटर का वह स्थान जहां पर डाटा स्टोर किया जाता है उसको मैमरी कहते हैं। मैमरी एक प्रकार की इलैक्ट्रॉनिक चिप होती है। इसकी भण्डारण क्षमता अलग-अलग होती है। मैमरी दो प्रकार की होती है-
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़ 1

1. प्राइमरी मैमरी : यह मुख्य मैमरी होती है जो सी.पी.यू. के साथ सीधे तौर पर जुड़ी होती है। यह बहुत महंगी होती है। RAM तथा ROM इसकी किस्में हैं।
प्राइमरी मैमरी की किस्में : प्राइमरी मैमरी दो प्रकार की होती है –
1. RAM : RAM का पूरा नाम Random Access Memory है। इसको पढ़ने तथा लिखने दोनों के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़ 2

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़

2. ROM: ROM का पूरा नाम Read only Memory है। इसका प्रयोग सिर्फ पढ़ने के लिए ही किया जाता है। इस पर लिखना सम्भव नहीं।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़ 3

2. सैकेण्डरी मैमरी : यह मैमरी वह मैमरी होती है जो सीधे रूप से कम्प्यूटर से जुड़ी नहीं होती। यह बाहरी मैमरी होती है। इसका प्रयोग कम्प्यूटर से अलग करके भी किया जा सकता है। फ्लापी डिस्क, हार्ड डिस्क, पैन ड्राइव आदि इसकी किस्में होती हैं। सैकेण्डरी मैमरी की किस्में : सैकेण्डरी मैमरी निम्न प्रकार की होती है –

1. हार्ड डिस्क : इसका प्रयोग भी डाटा स्टोर करने के लिए किया जाता है। यह पक्के तौर पर कम्प्यूटर में लगी होती है। हार्ड डिस्क में फ्लापी डिस्क से ज़्यादा डाटा स्टोर किया जा सकता है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़ 42. एक्सटरनल हार्ड डिस्क ड्राइव :
एक्सटरनल हार्ड डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस है। जिसका प्रयोग ज्यादा डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है, ताकि उसे दूसरे कम्प्यूटर तक आसानी से भेजा जा सके। यह एक पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस होता है। इसकी स्टोरेज क्षमता हार्ड डिस्क जैसी ही होती है। इसको कभी भी कम्प्यूटर से हटाकर कहीं भी रखा जा सकता है। इसको कम्प्यूटर से USB द्वारा जोड़ा जाता है। यह प्रयोग में काफ़ी आसान होती है। इसका प्रयोग अक्सर बैकअप लेने के लिए किया जाता है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़ 5

एक्सटरनल हार्ड डिस्क ड्राइव के लाभ-

  • यह पोर्टेबल होती है।
  • इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है।
  • यह पल्ग एंड प्ले आधार पर कार्य करता है।
  • इसके द्वारा काफी बैकअप लिया जा सकता है।
  • इसमें डाटा सुरक्षित रखा जा सकता है।

3. फ्लापी डिस्क : यह एक प्लास्टिक की डिस्क होती है। इसमें डाटा स्टोर कर कहीं भी ले जाया जा सकता है। इसमे रखा डाटा जल्दी ही नष्ट हो जाता है।

4. मैगनैटिक टेप : यह एक सिक्यूएशनल स्टोरेज माध्यम है। इसका प्रयोग बैकअप रखने के लिए किया जाता है। यह टेप प्लास्टिक से बनी होती है जिस पर फैरोमैगनेटिक की कोटिंग होती है। इस पर डाटा स्टोर करना सस्ता होता है। यह विभिन्न आकार, शक्ल आदि की आती है। इसकी सबसे बड़ी कमज़ोरी इसका क्रमवार होना है। आखिरी रिकार्ड के लिए पहले सभी रिकार्ड को पढ़ना पडता है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़ 6

5. CD-ROM : CD-ROM का पूरा नाम Compact Disk Read Only Memory है। यह एक चमकदार डिस्क होती है जो डाटा स्टोर करने के काम आती है। इसमें भी बड़ी मात्रा में डाटा स्टोर किया जा सकता है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़ 7

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़

6. DVD : DVD का पूरा नाम Data Video Disk है। इसमें CD के मुकाबले ज्यादा डाटा स्टोर किया जा सकता है। इसमें हम फिल्में, तस्वीरें, चित्र, आवाजें आदि स्टोर कर सकते हैं।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़ 8

7. पैन ड्राइव : पैन ड्राइव सैकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है जिसका प्रयोग डाटा को एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर तक पहुंचाने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक पोर्टेवल स्टोरेज डिवाइस है।

8. मैमरी कार्ड : मैमरी कार्ड एक स्टोरेज मीडिया है। इसका प्रयोग डिजीटल कैमरा, हैंड हैल्ड कम्प्यूटर, MP3 प्लेयर, फोन, गेम, प्रिंटर आदि में किया जाता है। इनको फ्लैश मैमरी कार्ड भी कहा जाता है। इनका प्रयोग करने के लिए मैमरी कार्ड रीडर का प्रयोग किया जाता है। इनकी क्षमता विभिन्न होती है। इनमें किसी भी प्रकार का डाटा स्टोर किया जा सकता है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 3 स्टोरेज डिवाइसज़ 9

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

PSEB 7th Class Science Guide वन: हमारी जीवन रेखा Textbook Questions and Answers

1. खाली स्थान भरें :-

(i) पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण क्रिया के दौरान …………………….. गैस छोड़ी जाती है।
(ii) ………………… तथा …………………… वनों के लिए दो प्रमुख खतरे हैं।
(iii) बड़े स्तर पर पौधों की पनीरी (Saplings) के रोपण को ………………….. कहते हैं।
उत्तर-
(i) ऑक्सीजन,
(ii) आग, प्रदूषण,
(iii) वन लगाना।

2. निम्नलिखित में सही (√) या गलत (×) लिखें :-

(i) जंतु पौधों को पोषक तत्व (Nutriants) देते हैं।
उत्तर-
ग़लत

(ii) भारत में कुल क्षेत्रफल का केवल 15% ही वन्य क्षेत्र है।
उत्तर-
ग़लत

(iii) घर बनाने के लिए तथा कृषि के लिए वृक्ष काटने को वनों का कटाव (Deforestation) कहते हैं।
उत्तर-
सही

(iv) पशुओं को अधिक चराने (Grazing) से वनों का कटाव होता है।
उत्तर-
सही

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

3. निम्नलिखित कॉलमों में ठीक उत्तरों से मिलान करें :-

कॉलम क कॉलम ख
(i) पौधे (क) जंगल
(ii) नवीनीकरण प्राकृतिक स्रोत (ख) बड़े स्तर पर वृक्ष लगाने की प्रक्रिया
(iii) वृक्ष/वन उगाने (ग) वृक्ष काटना
(iv) वनों का सफाया (घ) उत्पादक

उत्तर-

कॉलम क कॉलम ख
(i) पौधे (घ) उत्पादक
(ii) नवीनीकरण प्राकृतिक स्रोत (क) जंगल
(iii) वृक्ष/वन उगाने (ख) बड़े स्तर पर वृक्ष लगाने की प्रक्रिया
(iv) वनों का सफाया (ग) वृक्ष काटना

4. निम्नलिखित प्रश्नों के बहुवैकल्पिक उत्तरों में सही विकल्प चुनें :-

प्रश्न (i)
इनमें से एक पौधा उत्पाद नहीं है-
(क) प्लाइवुड
(ख) लाख
(ग) कैरोसीन (मिट्टी का तेल)
(घ) गोंद।
उत्तर-
(ग) कैरोसीन (मिट्टी का तेल)।

प्रश्न (ii)
भोजन-श्रृंखला में होते हैं-
(क) उत्पादक तथा शाकाहारी ।
(ख) उत्पादक तथा मांसाहारी
(ग) उत्पादक तथा अपघटक
(घ) उत्पादक, शाकाहारी तथा मांसाहारी।
उत्तर-
(घ) उत्पादक, शाकाहारी तथा मांसाहारी।

प्रश्न (iii)
जीवाणु तथा फफूंदी होते हैं-
(क) अपघटक
(ख) शाकाहारी
(ग) सर्वाहारी
(घ) मांसाहारी।
उत्तर-
(क) अपघटक।

प्रश्न (iv)
सूक्ष्म-जीव, मृतजीवों पर क्रिया करके पैदा करते हैं-
(क) ह्यूमस
(ख) लकड़ी
(ग) रेत
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर-
(क) ह्यूमस।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

5. अति लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
धरती के थल भाग का लगभग कितना क्षेत्र वनों से ढका हुआ है ?
उत्तर-
लगभग 13% पृथ्वी का थल भाग जंगलों से भरा हुआ है।

प्रश्न (ii)
परिस्थितिक परितंत्र क्या होता है ?
उत्तर-
परिस्थितिक परितंत्र – सजीव तथा उनका पर्यावरण/वातावरण मिलकर परिस्थितिक परितंत्र बनाते हैं। पौधे, जंतु तथा सूक्ष्मजीव परिस्थितिक परितंत्र के जैविक अंश हैं।

प्रश्न (iii)
वृक्ष/वन उगाना क्या होता है ?
उत्तर-
वृक्ष या वन उगाना – काटे गए वृक्षों की प्रति पूर्ति करने के लिए बड़े स्तर पर वृक्ष लगाने की प्रक्रिया को वन उगाना कहते हैं।

प्रश्न (iv)
विश्व तापन किस कारण होता है ?
उत्तर-
विश्व तापन का कारण – विश्व तापन का मुख्य कारण मानव की गतिविधियां हैं जिसके कारण वातावरण में ग्रीन हाऊस गैसों का प्रभाव बढ़ जाता है। ग्रीन हाऊस गैसों में मुख्य गैसें-कार्बन डाईआक्साइड, मीथेन, नाइट्रस आक्साइड, ओजोन तथा क्लोरोफ्लोरो कार्बन आदि गैसें शामिल हैं।

6. लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
भोजन श्रृंखला के आधार पर पौधों तथा जंतुओं की पारस्परिक निर्भरता का वर्णन करो।
उत्तर-
पौधों तथा जंतुओं की पारस्परिक निर्भरता – पौधों की भांति मनुष्य तथा जंतु अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते। पौधे ही मनुष्यों तथा जंतुओं के लिए भोजन उत्पन्न करते हैं। इससे छोटे पौधे जंगली जंतुओं जैसे-चमगादड़, गिलहरी तथा चींटियों के लिए आवास तथा सुरक्षा प्रदान करते हैं। उदाहरण के तौर पर गर्मी के मौसम में पौधे तथा वृक्ष बहुत-से जंतुओं को छाया प्रदान करते हैं।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

प्रश्न (ii)
भूमि-संरक्षण में वन कैसे मदद करते हैं ?
उत्तर-
जंगलों में बहुत-से पौधे, झांड़ियां तथा वृक्ष हैं जो अपनी जड़ों से जंगल की मिट्टी की ऊपरी परत को जकड़ कर रखते हैं। यह प्राकृतिक शक्तियां जैसे पवन तथा बाढ़ को ऊपरी उपजाऊ परत को बहाकर अपने साथ नहीं ले जाने देती तथा मिट्टी की पानी रोकने की क्षमता बनी रहती है। इसलिए भूमि-संरक्षण में जंगल सहायक हैं।

प्रश्न (iii)
ऐसे दो उदाहरण दें जिनसे यह पता चले कि पौधे जंतुओं पर निर्भर करते हैं।
उत्तर-

  1. जंतुओं द्वारा श्वास क्रिया दौरान छोड़ी गई कार्बनडाइआक्साइड पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के लिए प्रयोग की जाती है। इस प्रक्रिया में पौधे कार्बनडाइऑक्साइड से सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन तैयार करते हैं।
  2. एक स्थान पर ज्यादा पौधे उगने के कारण पौधों का भोजन के लिए मुकाबला होता है। जिससे पौधों को बाधा तथा जीवन खतरे में आ जाता है। इसलिए एक-एक स्थान पर पौधे न उगाएं। जंतु उनके फल तथा बीजों को दूर-दूर तक खिलारने में मदद करते हैं।

प्रश्न (iv)
वन बाढ़ों को कैसे रोकते हैं ? व्याख्या करें।
उत्तर-
वन, वर्षा जल को प्राकृतिक रूप से अवशोषित करने का कार्य करते हैं। यह वर्षा के जल को सीधा धरती पर नहीं गिरने देते जिसमें जल धरती में समाता नहीं परंतु धीरे-धीरे रिसाव होता रहता है। जिस कारण नदियों के पानी के बहाव पर नियंत्रण रहता है। इस प्रकार वन के आस-पास के क्षेत्रों में वृक्ष वर्षा का अनुकूल सन्तुलन बना कर रखते हैं जिस कारण बाढ़ों पर रोक लगती है।

प्रश्न (v)
ऐसे पाँच उत्पादों के नाम लिखें जो हम वनों से प्राप्त करते हैं ?
उत्तर-
वनों से प्राप्त होने वाले उत्पाद-

  1. वनों में उगने वाले पौधों से हमें कई प्रकार सूखे मेवे तथा मसाले मिलते हैं।
  2. हम बनों में साल, टीक, रोजवुड आदि वृक्षों से इमारती लकड़ी प्राप्त करते हैं।
  3. वनों से हम ईंधन प्राप्त करते हैं तथा गत्ता तथा कागज उद्योग वनों पर निर्भर है।
  4. वनों से हम पेंट बनाने के लिए बरोजा, रबड़ बनाने के लिए लेटेक्स प्राप्त करते हैं।
  5. वनों से हम घास की कई प्रजातियां प्राप्त करते हैं।

7. निबंधात्मक प्रश्न :-

प्रश्न (i)
वन काटना/ नष्ट करना क्या है ? वन नष्ट होने के अलग-अलग कारणों की व्याख्या करो।
उत्तर-
मानव आबादी की ज़रूरतें जैसे-रोटी, कपड़ा, मकान, सड़कें, रेलवे लाइनें बनाने के लिए बड़े स्तर पर वृक्षों को काटना जंगलों को स्थायी तौर पर नष्ट करना है।

वन नष्ट होने के कारण-

  1. बढ़ती जनसंख्या के लिए भोजन की मांग पूरी करने के लिए कृषि योग्य भूमि को बड़े क्षेत्रफल की आवश्यकता होती है जिसके लिए बड़े स्तर पर वृक्षों या जंगलों को काटा जाता है।
  2. पालतू पशुओं को अधिक चराना।
  3. खदानों की अधिक खुदाई करना।
  4. जल भराव तथा अधिक सिंचाई करने से पृथ्वी के नीचे के पानी का स्तर नीचे जाने से वृक्ष मुरझा जाते हैं तथा अंत में मर कर सूख जाते हैं।
  5. ईंधन के लिए लकड़ी कागज़ निर्माण के लिए वृक्षों को काटने से।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

प्रश्न (ii)
वनों के क्या लाभ हैं ?
उत्तर-
वनों के लाभ – मनुष्य अपनी आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर वनों पर निर्भर है। इसलिए वन हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। –

  1. पौधों तथा वृक्षों की जड़ें मिट्टी के कणों को जकड़ कर रखती हैं और मिट्टी को बहने और उड़ने से बचाती हैं। फलस्वरूप वन भूमि-अपरदन और बाढ़ को रोकते हैं।
  2. वनों में उगने वाले पौधों से हमें अनेक प्रकार के सूखे मेवे और मसाले प्राप्त होते हैं।
  3. जंगली वृक्षों और पौधों द्वारा वाष्पोत्सर्जन होने के कारण हवा में जलवाष्पों की मात्रा बढ़ती है। जिससे इर्द-गिर्द की वायु ठंडी रहती है। यह वर्षा लाने में सहायक होते हैं।
  4. वनों से हमें बोजा, रबड़ बनाने के लिए लेटैक्स, पशुओं के लिए चारा, टोकरी उद्योग के लिए बांस और कागज़ उद्योग और पशुओं के चारे के लिए घास प्राप्त होती है।
  5. वन हमें आयुर्वेदिक दवाइयां तैयार करने के लिए नीम, सफेदा, आंवले तथा सिनकोना प्रदान करते हैं।
  6. वन के पौधे तथा वृक्ष प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया दौरान हवा में उपस्थित कार्बन-डाइऑक्साइड की मात्रा कम करके हरा-गृह प्रभाव कम करते हैं फलस्वरूप विश्व-तापन भी कम होता है।
  7. वनों से हमें फर्नीचर और घर की खिड़कियां, दरवाज़े बनाने के लिए लकड़ी उपलब्ध होती है।

प्रश्न (ii)
जंतु, पौधों पर कैसे निर्भर करते हैं ? व्याख्या करें।
उत्तर-
जंतुओं की पौधों पर निर्भरता-

  1. भोजन जो ऊर्जा का स्रोत है, पौधों की पत्तियों, फूलों और अन्य पौधे के उत्पादों से प्राप्त होता है।
  2. जंतुओं को श्वास क्रिया के लिए आवश्यक ऑक्सीजन पौधों से प्राप्त होती है जो पौधे प्रकाश-संश्लेषण क्रिया के दौरान छोड़ते हैं।
  3. जंतु धूप और वर्षा से बचाव के लिए बड़े वृक्षों से निवास स्थान प्राप्त करते हैं।
  4. पक्षी, वृक्षों पर अपने आश्रय के लिए घोंसले बनाते हैं तथा छोटे पक्षियों को आश्रय प्रदान करते हैं।
  5. जंगली जीव घनी झाड़ियों तथा घनी झाड़ियों में छुप कर स्वयं को शिकार से बचाते हैं।

प्रश्न (iv)
वनों के संरक्षण के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं ?
उत्तर-
वनों के संरक्षण के लिए उठाने योग्य कदम-

  1. ईंधन के रूप में लकड़ी का उपयोग कम करना चाहिए तथा खाना पकाने के लिए एल०पी०जी० या बायोगैस का उपयोग करना चाहिए।
  2. फ़र्नीचर या इमारत बनाने के लिए काटे गए वृक्षों की प्रति पूर्ति के लिए अधिक-से-अधिक नये वृक्ष लगाने चाहिए ताकि भविष्य में वनों की कमी महसूस न हो।
  3. वनों में लगने वाली आग से बचने के लिए अच्छे आग बुझाने वाले यंत्र/उपकरण प्रयोग करने चाहिए।
  4. सरकार को हर वर्ष बड़े स्तर पर वृक्ष लगाने के लिए कदम उठाने चाहिए।

PSEB Solutions for Class 7 Science वन: हमारी जीवन रेखा Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(i) कीट, तितलियाँ, मधुमक्खियाँ और पक्षी, पुष्पीय पादपों की ……………………… में सहायता करते हैं।
उत्तर-
परागण

(ii) वन परिशुद्ध करते हैं …………………. और ……………………. को।
उत्तर-
जल, वायु

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

(iii) शाक वन में ……………………… परत बनाते हैं।
उत्तर-
निम्न

(iv) वन में क्षयमान पत्तियाँ और जंतुओं की लीद …………….. को समृद्ध करते हैं।
उत्तर-
धरती

(v) वृक्ष प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के समय हवा में …………….. की मात्रा घटा कर हरित गृह प्रभाव कम करते
उत्तर-
कार्बनडाइऑक्साइड।

प्रश्न 2.
कॉलम क में दिए गए शब्दों का कॉलम ख के साथ मिलान कीजिए-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) वृक्ष नियंत्रित करते हैं (क) भोजन श्रृंखला
(ii) जन्तु (ख) भूमि-अपरदन तथा बाढ़ रोकते हैं
(iii) वृक्ष (ग) प्रकाश संश्लेषण
(iv) जन्तुओं द्वारा श्वास क्रिया दौरान कार्बन डाइऑक्साइड (घ) जलवायु
(v) भोजन जाल (ङ) फूलों का परागण।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) वृक्ष नियंत्रित करते हैं (घ) जलवायु
(ii) जन्तु (ङ) फूलों का परागण
(iii) वृक्ष (ख) भूमि-अपरदन तथा बाढ़ रोकते हैं
(iv) जन्तुओं द्वारा श्वास क्रिया दौरान कार्बन डाइऑक्साइड (ग) प्रकाश संश्लेषण कार्बन डाइऑक्साइड
(v) भोजन जाल (क) भोजन श्रृंखला

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनें-

(i) जंगल में मिलने वाले जंतु सहायक होते हैं-
(क) जंगलों की वृद्धि के लिए
(ख) बाढ़ से बचाव के लिए
(ग) ऑक्सीजन तथा कार्बनडाइऑक्साइड का संतुलन बनाने के लिए
(घ) इसमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(क) जंगलों की वृद्धि के लिए।

(ii) वातावरण में आक्सीजन तथा कार्बन डाइआक्साइड बनाते हैं-
(क) जंतु
(ख) पौधे तथा वृक्ष
(ग) अपघटक
(घ) केवल मांसाहारी।
उत्तर-
(ख) पौधे तथा वृक्ष।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

(iii) जंगलों की तबाही बढ़ाएगी-
(क) ऑक्सीजन की मात्रा
(ख) कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा
(ग) नाइट्रोजन की मात्रा
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ख) कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा।

(iv) जंगल सफाई तथा शुद्धिकरण करते हैं-
(क) जल का
(ख) हवा
(ग) जल तथा हवा दोनों का
(घ) जल, हवा तथा मिट्टी का।
उत्तर-
(ग) जल तथा हवा दोनों का।

(v) निम्नलिखित में से कौन-सा वन उत्पाद नहीं है ?
(क) गोंद
(ख) प्लाईवुड
(ग) सील करने की लाख
(घ) कैरोसीन।
उत्तर-
(घ) कैरोसीन।

(vi) निम्नलिखित में से कौन-सा वक्तव्य सही नहीं है ?
(क) वन, मृदा को अपरदन से बचाते हैं।
(ख) वन में पादप और जंतु एक-दूसरे पर निर्भर नहीं होते हैं।
(ग) वन जलवायु और जल चक्र को प्रभावित करते हैं।
(घ) मृदा, वनों की वृद्धि और पुनर्जनन में सहायक होती है।
उत्तर-
(ख) वन में पादप और जंतु एक-दूसरे पर निर्भर नहीं होते हैं।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित कथनों में से ठीक/गलत बताएं-

(i) वन ऐसे क्षेत्र हैं जहां जीव-जंतु तथा घने पौधे तथा वृक्ष होते हैं।
उत्तर-
ठीक

(ii) भारत का 11 प्रतिशत क्षेत्र जंगलों के अधीन है।
उत्तर-
ग़लत,

(iii) पौधे, जंतु तथा सूक्ष्म जीव पारिस्थितिक प्रबंध के जैविक (तत्व) घटक हैं।
उत्तर-
ठीक

(iv) उत्पादक → शाकाहारी → मांसाहारी एक भोजन श्रृंखला (चक्र) है।
उत्तर-
ठीक

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

(v) वृक्ष किसी स्थान के जलवायु को नियंत्रित नहीं करते हैं।
उत्तर-
ग़लत,

(vi) वन भूमि अपरदन तथा बाढ़ को रोकने के लिए सहायता करते हैं।
उत्तर-
ठीक।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वन का व्यापक दृश्य क्या है ?
उत्तर-
वन – ऐसा क्षेत्र, जहाँ भूमि दिखाई न दे और वृक्षों के शिखरों से ढका हुआ हरा क्षेत्र ही दिखाई दे।

प्रश्न 2.
वनों में कैसी परिस्थितियां पाई जाती हैं ?
उत्तर-
शांत और ठंडी हवा से भरी हुई।

प्रश्न 3.
कौन-सी मानव गतिविधियाँ जंतुओं को परेशान करती हैं ?
उत्तर-
शोर (Noise)।

प्रश्न 4.
जंतुओं का मानव के वन में प्रवेश समय कैसा व्यवहार होता है ?
उत्तर-
जंतु परेशान हो जाते हैं।

प्रश्न 5.
वनों में कौन-से जंतु पाए जाते हैं ?
उत्तर-
कीट, मकड़ियाँ, गिलहरियाँ, चीटियां, सूक्ष्मजीव।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

प्रश्न 6.
प्रो० अहमद कौन थे ?
उत्तर-
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक।

प्रश्न 7.
वन में पाए जाने वाले जंतुओं के नाम बताओ।
उत्तर-
बंदर, पक्षी, गीदड़, भालू आदि।

प्रश्न 8.
वन में पाए जाने वाले विभिन्न वृक्षों के नाम लिखिए।
उत्तर-
साल, टीक, सेमल, शीशम, नीम, पलाश, अंजीर, रैता, आँवला, बाँस, कचनार आदि।

प्रश्न 9.
वन में पाए जाने वाले पादप कैसे वर्गीकृत किए जाते हैं ?
उत्तर-
वृक्ष, शाक, झाड़ियाँ, घास, लताएँ आदि।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वनों में पानी का जमाव नहीं होता क्यों ?
उत्तर-
वन वर्षा के जल के प्राकृतिक अवशोषक के रूप में कार्य करते हैं और जल को अवस्रावित होने देते हैं। यह वर्ष भर भौम स्तर को बनाए रखने में सहायक होते हैं, बल्कि नदियों में जल के प्रवाह को बनाए रखने में भी सहायक होते हैं, जिससे हमें जल की सतत् आपूर्ति मिलती है। इसलिए वनों में जल का जमाव नहीं होता।

प्रश्न 2.
वनों की मृदा में पोषक तत्त्व अधिक क्यों होते हैं ?
उत्तर-
वनों की मृदा पोषकों से भरपूर होती है, क्योंकि मृत और गले-सड़े जीव-जंतुओं और पादपों के अपघटन से पूरी सतह पोषकों से भरपूर बनती है।

प्रश्न 3.
समझाइए कि वनों में कुछ व्यर्थ नहीं होता है।
उत्तर-
वन कई प्रकार के जीव-जंतुओं के आवास हैं। वे मलमूत्र विसर्जित करते हैं और मरते हैं, फिर भी वनों में कुछ व्यर्थ नहीं जाता। क्योंकि ये मृत शरीर बाज़ों, चीलों आदि के भोजन हैं, जबकि अपशिष्ट व्यर्थ (मलमूत्र और मृत शरीरों के अवशेष) सूक्ष्मजीवों और कवकों द्वारा सरल पोषकों में परिवर्तित हो जाते हैं, जिनकी धरती को अति आवश्यकता है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

प्रश्न 4.
ऐसे पाँच उत्पादों के नाम बताइए, जिन्हें हम वनों से प्राप्त करते हैं।
उत्तर-
वनों के उत्पाद-

  1. लकड़ी
  2. ऑक्सीजन
  3. दवाइयाँ (जड़ी-बूटियाँ)
  4. वर्षा
  5. लाख, गूंद, रेजिन आदि।

प्रश्न 5.
समझाइए कि वन में रहने वाले जंतु किस प्रकार वनों की वृद्धि करने और पुनर्जनन में सहायक होते हैं ?
उत्तर-
जंतु वनों में रहते हैं। वे इन पर प्रत्यक्ष (शाकाहारी) या अप्रत्यक्ष (माँसाहारी) रूप से निर्भर करते हैं। दोनों ही तरह वे पौधों का उपयोग करते हैं और उनके शरीरों द्वारा निकाला गया मलमूत्र अपघटकों द्वारा अपघटित होकर सरल पदार्थों में परिवर्तित हो जाता है। सरल पदार्थ पुनः धरती में शोषित हो जाते हैं और पादपों की वृद्धि में सहायक होते हैं।

जीव-जंतु परागकणों और बीजों को वन के विभिन्न भागों में फैलाने में सहायक होते हैं, जिससे विभिन्न प्रकार के पौधे विभिन्न क्षेत्रों में उगते हैं। इस तरह वन पुनः जीवन में सहायक होते हैं।

प्रश्न 6.
अपघटक किन्हें कहते हैं ? इनमें से किसी दो के नाम बताइए। वे वन में क्या करते हैं ?
उत्तर-
अपघटक – वे सूक्ष्मदर्शी जीव जो मृत जीव-जंतुओं और पादपों के शरीरों को सरल पदार्थों में परिवर्तित करते हैं, अपघटक (Decomposers) कहलाते हैं।
जीवाणु कवक अपघटकों का मुख्य कार्य वनों में वृद्धि करते पादपों को पोषक तत्त्व उपलब्ध कराना है।

प्रश्न 7.
वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के बीच संतुलन को बनाए रखने में वनों की भूमिका को समझाइए।
उत्तर-
वन, एक विशाल क्षेत्र है, जो विभिन्न प्रकार के वृक्षों से ढका हुआ है। वृक्ष हरे रंग के होते हैं। उनकी पत्तियाँ सूर्य की किरणें, वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड जल से प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा ऑक्सीजन उत्सर्जित करती हैं, जो जंतुओं द्वारा उपयोग की जाती हैं। इस तरह वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बना रहता है।
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन हमारी जीवन रेखा 1

प्रश्न 8.
हमें अपने से दूर स्थित वनों से संबंधित परिस्थितियों और मृदा के विषय में चिंतित होने की क्यों आवश्यकता है ?
उत्तर-
वन, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मनुष्य जीवन को प्रभावित करते हैं। वे बाढ़ को रोकते हैं और वर्षा लाने में सहायक हैं। यह वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बनाए रखते हैं। वे जीवन के कई महत्त्वपूर्ण उत्पादों के दाता हैं। वे कई जीव-जंतुओं को आवास, भोजन और सुरक्षा प्रदान करते हैं। वे भोजन श्रृंखला का एक भाग हैं। इसलिए हमें अपने से दूर स्थित वनों से संबंधित परिस्थितियों और मुद्दों के विषय में चिंतित होने की आवश्यकता है।

प्रश्न 9.
समझाइए कि वनों में विभिन्न प्रकार के जंतुओं और पादपों के होने की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर-
वनों में विभिन्न प्रकार के पादप शाकाहारी जीवों को भोजन और आवास के अवसर प्रदान करते हैं। शाकाहारियों की अधिक संख्या का अर्थ है, विभिन्न प्रकार के माँसभक्षियों के लिए भोजन की अधिक उपलब्धता। जंतुओं की विविध किस्में वन के पुनर्जनन और वृद्धि में सहायक होती हैं। अपघटक वन में उगने वाले पादपों के लिए पोषक तत्त्वों की आपूर्ति को बनाए रखते हैं। इस प्रकार वन एक गतिक सजीव इकाई है जो जीवन और जीवन क्षमता से भरपूर है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 17 वन: हमारी जीवन रेखा

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वनों के महत्त्व का वर्णन करो और वन अपरोपण के दुष्प्रभाव लिखो।
उत्तर-
वन एक प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र है। वन पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। वनों के लाभ

  1. पादप और जंतुओं का आवास।
  2. सूक्ष्म जीवों और जंतुओं को भोजन प्रदान करता है।
  3. जल-चक्र का नियंत्रण।
  4. पृथ्वी का तापमान संतुलन करना।
  5. मृदा अपरदन रोकना।
  6. ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बनाए रखना।

वन अपरोपण के दुष्प्रभाव-

  1. अनियमित वर्षा।
  2. भू-सपंदन।
  3. जंगली वन्य जीवन का अलोप होना।
  4. मृदा किस्म में कमी।
  5. हरित ग्रह प्रभाव में वृद्धि और विश्व तापन में वृद्धि।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर

This PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर will help you in revision during exams.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर

जान पहचान : विंडोज़ एक्सपलोरर विंडोज़ का महत्त्वपूर्ण भाग है। इसकी सहायता से फाइलें सम्भाली जाती हैं। हम फाइलों को कट, कापी, पेस्ट तथा डिलीट कर सकते हैं। एक्सपलोरर दो प्रकार के होते हैं-

  1. विंडोज़ एक्सपलोरर
  2. इन्टरनेट एक्सपलोरर।

विंडोज़ एक्सपलोरर :
विंडोज़ एक्सपलोरर विंडोज़ की एक एप्लीकेशन है। इसका प्रयोग अपने कम्प्यूटर के ड्राइव, फोल्डर फाइल आदि को संभालने के लिए प्रयोग किया जाता है। विंडोज़ एक्सपलोरर में हम अपनी फाइल्ज़ को कट, कॉपी, पेस्ट तथा खोल सकते हैं।

विंडोज़ एक्सपलोरर खोलने का तरीका :
विंडोज़ एक्सपलोरर को निम्न तरीके से खोला जा सकता है

  1. Start → All Programs → Accessories → Windows Explorer.
  2. Start → Run → Explorer.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर 1

विंडोज़ एक्सपलोरर के भाग :
एक्सपलोरर में निम्न वस्तुएं दिखाई देती हैं –
1. फाइल
2. फोल्डर
3. ड्राइव।

इसकी सहायता से हम अपने फाइल, फोल्डर को आसानी से ढूंढ़ सकते हैं। विंडोज़ एक्सपलोरर की विंडो में टाइटल बार, मीनू बार, टूल बार, अडरैस बार, दायाँ पेन तथा बायाँ पेन होता है।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर

लोकेशन की श्रृंखला : कम्प्यूटर फाइल, फोल्डर, ड्राइव आदि को एक श्रृंखला में दिखाते हैं जो निम्न प्रकार हैं –

  • फाइल : किसी भी प्रकार का डाटा सम्भालने वाले यूनिट को फाइल कहते हैं।
  • फोल्डर : फोल्डर फाइलों को एक स्थान पर रखने का एक साधन है। इसमें फाइलों से सम्बन्धित जानकारी होती है।
  • ड्राइव : हार्डडिस्क को विभिन्न भागों में विभक्त किया जाता है। इसको ड्राइव कहते हैं। ये असल में हार्डडिस्क के लाजिकल भाग होते हैं।

एक्सपलोरर के वियू :
वियू का अर्थ है दृश्य। ये हमें बताते हैं कि फाइल तथा फोल्डर किस प्रकार नज़र आएंगे। ये पाँच प्रकार के होते हैं-
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर 2

  1. थंबनेलज़ (Thumbnails) : इस वियू में फाइलें तथा फोल्डर छोटे-छोटे आइकन के रूप में नज़र आते हैं। इनमें छोटी-छोटी तस्वीरें नज़र आती हैं।
  2. टाइलज़ (Tiles) : इस वियू में फाइलों तथा फोल्डर के साथ उनकी किस्म तथा आकार भी नज़र आता है।
  3. आइकन (Icons) : इस वियू में फाइलें तथा फोल्डर एक-एक आइकन के रूप में नज़र आते हैं। हरेक आइकन के नीचे उस फाइल का नाम नज़र आता है। इनके आइकनज़ टाइलज़ वियू से छोटे होते हैं।
  4. लिस्ट (List) : इस वियू में फाइलें तथा फोल्डर एक लिस्ट के रूप में नज़र आते हैं। अगर आप के कम्प्यूटर पर बहुत सारी फाइलें हों तो यह वियू काफ़ी फायदेमंद होता है।
  5. डिटेल (Detail) : इस वियू में फाइलें तथा फोल्डर के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है। किसी फाइल, फोल्डर का नाम, आकार, किस्म तथा आखिरी बार सुधाई करने का समय तथा तारीख होती है।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर 3

फाइल तथा फोल्डर के साथ काम करना : किसी कम्प्यूटर पर हम फाइल या फोल्डर बना सकते हैं। फाइल तथा फोल्डरों को कट तथा कापी किया जा सकता है। इनका नाम बदला जा सकता है। उन्हें खत्म किया जा सकता है। इनके बारे में विस्तार से चर्चा नीचे दी गई है।

1. फोल्डर बनाना : एक्सपलोरर पर कोई फाइल या फोल्डर बनाया जा सकता है। स्टैप :

  • बायें पेन में ड्राइव या फोल्डर का चुनाव करो जिस में आप नया फोल्डर बनाना चाहते हैं।
  • File → New → Folder मीनू पर क्लिक करो। (पीले रंग का एक नया फोल्डर नजर आएगा।)
  • फोल्डर का नया नाम टाइप करो तथा ऐंटर कीअ दबाओ।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर

2. कट करना : किसी फाइल या फोल्डर को एक स्थान से हटा कर दूसरे स्थान पर रखा जा – सकता हैं। इसी को कट करना कहते हैं। इसमें फोल्डर पुराने स्थान पर से हट जाता है। इसको करने के निम्नलिखित स्टैप हैं :

  • फाइल या फोल्डर पर राईट क्लिक करो। (एक मीनू दिखाई देगा।)
  • इसमें Cut पर क्लिक करो।
  • उस ड्राइव पर फोल्डर को खोलो जहां पर उसे रखना है।
  • वहां पर माऊस से राईट क्लिक करो।
  • Paste पर क्लिक करो। (फाइल या फोल्डर नए स्थान पर आ जाएगा।)

3. कापी करना : कापी वह क्रिया है जिसमें किसी फाइल या फोल्डर को एक स्थान से कापी
कर दूसरे स्थान पर रखा जाता है। इसमें फाइल या फोल्डर पुराने पर भी रहता है तथा नए स्थान पर भी।

इसके लिए निम्न स्टैप का प्रयोग किया जाता है –

  1. उस फाइल या फोल्डर को चुनो जिसको कापी करना है।
  2. इस पर माऊस को राईट क्लिक करो। (एक मीनू दिखाई देगा।)
  3. Copy पर क्लिक करो।
  4. उस फोल्डर में जाओ जहाँ पर कापी करना है।
  5. माऊस को राईट क्लिक करो।(एक मीनू दिखाई देगा।)
  6. Paste पर क्लिक करो। (फाइल पर फोल्डर कापी हो जाएगा।)

4. डिलीट करना : किसी फाइल या फोल्डर को खत्म करने की क्रिया को डिलीट करना कहते हैं। इसके लिए डिलीट कमांड होती है। डिलीट करने के बाद फाइल या फोल्डर रीसाईकल बिन में चली चाती है। फाइल या फोल्डर को डिलीट करने के निम्न स्टैप हैं –

  • उस फाइल या फोल्डर को चुनो जिसे डिलीट करना है।
  • कीअ-बोर्ड पर डिलीट बटन दबाओ।(एक डायलाग बाक्स आएगा जो फाइल डिलीट करने के बारे पूछेगा।)
  • Yes पर क्लिक करो।

5. रीनेम करना : किसी फाइल या फोल्डर का नाम बदलने की क्रिया को रीनेम करना कहते हैं।
रीनेम के लिए निम्न स्टैप प्रयोग किये जाते हैं –

  • रीनेम करने वाले फाइल या फोल्डर का चुनाव करो।
  • इस पर राइट क्लिक करो। (एक मीनू दिखाई देगा)
  • Rename पर क्लिक करो।
  • नया नाम टाइप करो तथा ऐंटर की दबाओ।

सचिंग :
सर्च कमांड का प्रयोग कम्प्यूटर पर किसी फाइल या फोल्डर को ढूंढ़ने में किया जाता है। यदि • हमें अपने कम्प्यूटर पर किसी फाइल या फोल्डर का पता नहीं है तो हम उस को सर्च कर सकते
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर 4

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर

रन कमांड का प्रयोग :
रन कमांड का प्रयोग किसी भी प्रोग्राम को चलाने के लिए किया जाता है। यदि हमें उस प्रोग्राम को चलाने के लिए कमांड का पता हो तो हम Run कमांड का प्रयोग कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर कैल्क्यू लेटर चलाने के लिए Run कमांड में Calc टाइप करें।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर 5

कैल्क्यू लेटर का प्रयोग : कैल्क्यू लेटर एक प्रोग्राम है जो आम प्रयोग वाले कैल्क्यू लेटर की तरह होता है। इस पर गणनाएं की जाती हैं। इसमें काफ़ी सारी सुविधाएं होती हैं। हम इसको साधारण तथा वैज्ञानिक दोनों प्रकार से प्रयोग कर सकते हैं।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर 6

कस्टमाइज डेस्कटाप :
1. डेस्कटॉप बैकग्राऊंड : बैकग्राऊंड बदलने के स्टैप निम्न हैं –

  • डेस्कटॉप के खाली स्थान पर Right Click करें। (एक मीनू दिखाई देगा।)
  • Display Properties का चुनाव करें। (एक डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।)
  • इसमें Background का चुनाव करें।
  • अपनी पसंद की बैकग्राऊंड पिक्चर का चुनाव करें।
  • OK पर क्लिक करें। (Background बदल जाएगी।)

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर 7

2. स्क्रीन सेवर : स्क्रीन सेवर सैट करने के निम्नलिखित पग हैं –

  • डेस्कटॉप के खाली स्थान पर क्लिक करें। (एक मीनू दिखाई देगा।)
  • Display Properties पर क्लिक करें। (एक डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।)
  • Screen Saver पर क्लिक करें।
  • अपनी पसंद का Screen Saver चुनें।
  • अपनी आवश्यकता अनुसार दूसरी सैटिंग का चुनाव करें। (स्क्रीन सेवर लग जाएगा।)

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 2 विंडोज़ एक्सपलोरर 8

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

Punjab State Board PSEB 7th Class Science Book Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Science Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

PSEB 7th Class Science Guide जल: एक बहुमूल्य संसाधन Textbook Questions and Answers

1. रिक्त-स्थानों की पूर्ति कीजिए :-

(i) जो जल हम पीते हैं वह ………………….. अवस्था में होता है।
उत्तर-
द्रव

(ii) भूमि में जल के रिस कर जाने के प्रक्रम को …………………… कहते हैं।
उत्तर-
इनफिल्ट्रेशन

(iii) भौम-जल का ऊपरी सतह को ………………… कहते हैं।
उत्तर-
असंतृप्त क्षेत्र

(iv) ………………….. का अर्थ है जल का हर संभव बढ़िया ढंग से प्रयोग।
उत्तर-
प्रबन्धन

(v) किसान ……………………. प्रयोग करके जल को किफायती ढंग से प्रयोग कर सकते हैं।
उत्तर-
बूंद सिंचाई प्रणाली।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

2. निम्नलिखित में से सही या गलत बताएँ :-

(i) जल चक्र पृथ्वी पर जल की उपस्थिति को कायम रखने में मददगार है।
उत्तर-
सही

(ii) धरती पर मौजूद कुल जल का लगभग 97% जल खारा है।
उत्तर-
ग़लत

(iii) जल की रिसती पाइपों और नलों की शीघ्र मरम्मत करनी चाहिए।
उत्तर-
सही

(iv) हम बहुत तीव्रता से विश्व-स्तरीय जल संकट की ओर बढ़ रहे हैं।
उत्तर-
सही

(v) ब्रुश करते समय नल को निरंतर न चलाएँ।
उत्तर-
सही

3. निम्नलिखित में सही विकल्पों का मिलान कीजिए :-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) बर्फ (क) समुद्र एवं महासागर
(ii) खारा पानी (ख) नदियाँ और छप्पड़
(iii) ताज़ा पानी (ग) जल की गैसीय अवस्था
(iv) जल वाष्प (घ) जल का सबसे शुद्ध रूप
(v) वर्षा का जल (ङ) जल की ठोस अवस्था ।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) बर्फ (ङ) जल की ठोस अवस्था
(ii) खारा पानी (क) समुद्र एवं महासागर
(iii) ताज़ा पानी (घ) जल का सबसे शुद्ध रूप
(iv) जल वाष्प (ग) जल की गैसीय अवस्था
(v) वर्षा का जल (ख) नदियाँ और छप्पड़

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

4. बहु-विकल्पों (MCQ) में से सही उत्तर चुनिए :-

प्रश्न (i)
इनमें से भौम जल की कमी के लिए कौन सा कारक उत्तरदायी है ?
(क) बढ़ती जनसंख्या
(ख) बढ़ते हुए उद्योग
(ग) जंगलों की कटाई ।
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

प्रश्न (ii)
पंजाब में भौम-जल संरक्षण कानून कब पास हुआ ?
(क) 2009
(ख) 2010
(ग) 2008
(घ) 2015.
उत्तर-
(क) 2009.

प्रश्न (iii)
प्रत्येक वर्ष विश्व-जल दिवस कब मनाया जाता है ?
(क) 22 अप्रैल
(ख) 24 मार्च
(ग) 22 मार्च
(घ) 22 मई।
उत्तर-
(ख) 24 मार्च।

प्रश्न (iv)
धरती पर मौजूद कुल जल का लगभग …………………………. जल समुद्रों एवं महासागरों में है।
(क) 75%
(ख) 71%
(ग) 81%
(घ) 29%.
उत्तर-
(ख) 71%.

प्रश्न (v)
……………………. करते समय नल को चलता न रखें।
(क) ब्रुश करते समय
(ख) शेव करते समय
(ग) नहाते समय
(घ) उपरोक्त सभी।
उत्तर-
(घ) उपरोक्त सभी।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

5. अति लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
भौम जल क्या है ?
उत्तर-
भौम-जल – यह पृथ्वी की ऊपरी पर्त के नीचे मिट्टी के कणों में दरारों, टूटी चट्टानों के भीतर इक्ट्ठा हुआ जल है। यह जल अपने आप झरने के रूप में ऊपर पृथ्वी पर आ जाता है। इस जल को ट्यूबवैल द्वारा पृथ्वी की ऊपरी सतह पर लाया जा सकता है।

प्रश्न (ii)
समुद्रों एवं महासागरों का जल पीने योग्य क्यों नहीं होता ?
उत्तर-
समुद्रों तथा महासागरों का जल पीने योग्य नहीं होता क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में नमक घुला होता है। एक लीटर समुद्री पानी में 35 ग्राम नमक घुला होता है। इस पानी को पीने से निर्जलीकरण, गुर्दे फेल, बेहोशी तथा मौत भी हो सकती है।

प्रश्न (iii)
जलीय चट्टानी परतें क्या होती हैं ?
उत्तर-
जलीय चट्टानी परतें – कई स्थानों पर वॉटर लेबल से भी नीचे सख़्त चट्टानों की पर्ते होती हैं जिनके बीच में भूमि-जल इकट्ठा होता है। इन चट्टानों की पर्तों को जलीय चट्टानी परतें कहते हैं।

प्रश्न (iv)
जल की कौन-सी अवस्थाएँ हैं ?
उत्तर-
जल निम्नलिखित तीन अवस्थाओं में पाया जाता है :

  1. ठोस (बर्फ रूप में)
  2. द्रव (साधारण जल)
  3. गैस (वाष्पों के रूप में)।

प्रश्न (v)
भौम-जल की प्रतिपूर्ति कैसे होती है ?
उत्तर-
भौम जल की प्रतिपूर्ति-

  1. वर्षा के जल का प्रयोग पृथ्वी के निचले भूमि-जल की प्रतिपूर्ति के लिए किया जा सकता है।
  2. खेतों में किसान, बूंद सिंचाई प्रणाली द्वारा जल की बचत कर सकते हैं। ऐसा करने से भी भूमि-जल की प्रतिपूर्ति हो सकती है।
  3. प्रशासनिक अधिकारी जल-सप्लाई की पाइपों में से जल रिसाव रोकने से भूमि-जल की प्रतिपूर्ति हो सकती है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

6. लघूत्तर प्रश्न :-

प्रश्न (i)
कुछ ऐसी मानवीय गतिविधियाँ लिखें, जिनसे जल बर्बाद होता है ?
उत्तर-
निम्नलिखित मानवीय गतिविधियों से जल बर्बाद होता है-

  1. बहते हुए नल को छोड़कर दाँत साफ़ करने के लिए ब्रश करना तथा शेव करना।
  2. गर्मियों के मौसम में दोपहर को पौधों को पानी देना। यदि प्रात:काल 5 से 7 के बीच पानी दिया जाए तो जल का वाष्पीकरण कम होगा।
  3. रसोई के बर्तनों को बहते नल के नीचे धोने से अधिक जल की आवश्यकता होगी।
  4. डिश वॉशर से बर्तन धोना जबकि डिशवॉशर पूरी तरह बर्तनों से नहीं भरी है।
  5. कपड़ों को धोना जब कपड़े धोने वाली मशीन पूरी तरह कपड़ों से नहीं भरी हुई है।
  6. बहते नल के नीचे बैठकर नहाना या फिर लंबे समय तक फुहारे के नीचे बैठ कर नहाना।

प्रश्न (ii)
आप बगीचे में जल की खपत कैसे कम करोगे ? .
उत्तर-

  1. अपने बगीचे में सिंचाई गर्मियों के मौसम में सुबह या शाम को अर्थात् दोपहर के बाद करने से पानी की खपत कम हो जाएगी क्योंकि इस समय जल का वाष्पीकरण कम होगा।
  2. बगीचे की सिंचाई बूंद सिंचाई प्रणाली या सप्रिंकलर से करने से अधिक जल की आवश्यकता नहीं होती तथा जल की बर्बादी नहीं होगी।

प्रश्न (iii)
जल हमारे लिए कैसे महत्त्वपूर्ण है ? ।
उत्तर-
जल की महत्ता – पृथ्वी के सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोतों में एक जल है। सभी जीवों के जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता होती है। पीने के अतिरिक्त मनुष्य को खाना बनाने के लिए, नहाने, कपड़े धोने, बर्तन धोने, दाँत साफ़ करने, घर तथा अन्य स्थान साफ़ करने तथा पौधों को जल देने जैसे अनेकों कार्य करने के लिए जल की आवश्यकता होती है। जल का उपयोग बिजली पैदा करने, खेतीबाड़ी के कार्यों में, उद्योगों में सामान तैयार करने के लिए, तैराकी जैसी मनोरंजक क्रियाओं के लिए जल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न (iv)
जनसंख्या में वृद्धि भौम-जल की कमी के लिए कैसे ज़िम्मेदार है ?
उत्तर-
मनुष्य की आबादी (जनसंख्या) तीव्रता से बढ़ रही है। जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है उसी प्रकार रोज़मर्रा की आवश्यकताओं के लिए पृथ्वी जल की मांग बढ़ती जा रही है। प्रायः पृथ्वी के निचले जल का प्रयोग घरों, दुकानों, दफ्तरों, सड़कों तथा रेल पटड़ियों के निर्माण तथा अन्य कई कामों में किया जाता है। ऐसे निर्माण से वर्षा के जल का पृथ्वी में रिसाव होने वाले क्षेत्र भी कम हो रहे हैं। इस प्रकार हम पृथ्वी के निचले जल का उपयोग ही नहीं कर रहे बल्कि पृथ्वी के नीचे रिसने वाले जल को भी कम कर रहे हैं। फलस्वरूप भूमि-जल स्तर नीचे चला जाता है। बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अधिक उद्योग स्थापित करने की आवश्यकता होती है तथा इसके लिए पृथ्वी के निचले जल (भूमि-जल) की आवश्यकता अधिक होती है जिससे भूमि-जल स्तर गिरता चला जाता है। बढ़ती आबादी की ज़रूरतों की पूर्ति के लिए ही वृक्ष काटे जाते हैं जिससे जल-चक्र बिगड़ जाता है। यही कारण है कि पृथ्वी के नीचे जल की मात्रा कम हो रही है तथा भूमि-जल स्तर में कमी हो रही है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

प्रश्न (v)
यदि पौधों को कुछ दिन जल न मिले तो वे पहले मुरझाते और बाद में क्यों सूख जाते हैं ?
उत्तर-
कई दिनों के बाद जब वर्षा नहीं हो रही, एक गर्म दिन में जितना जल पौधे को मिल रहा है उससे अधिक उससे वाष्प-उत्सर्जन के कारण नुकसान हो रहा है। पौधे के पत्तों के सैलों तथा तने का निर्जलीकरण होता है, जिससे पौधा सीधा न रहकर मुरझा जाता है तथा कुछ समय बाद वह मर जाता है।

7. निबंधात्मक प्रश्न :-

प्रश्न (i)
जल संरक्षण के लिए आप क्या कदम उठाएंगे ?
उत्तर-
जल संरक्षण के लिए कदम-

  1. पाइपों तथा नल में से रिसते जल को रोकना।
  2. दाँतों को ब्रश करते समय या शेव करते समय जल के नल को बंद रखें।
  3. फ़र्श को जल से धोने की बजाय पोचा लगाकर तथा इस प्रकार प्रयोग किए जल को पौधों में डालना या फिर उस जल को टॉयलट में डालना चाहिए।
  4. सब्ज़ियों तथा फलों को बहते नल के नीचे धोने की बजाय बड़े बर्तन में जल डालकर धोने तथा बाद में उस जल को पौधों में डालना चाहिए।
  5. अपने वाहनों (कार-स्कूटर) को बहते जल से धोने के स्थान पर बाल्टी में जल लेकर धोना चाहिए।
  6. वर्षा जल को इकट्ठा करके उस जल का प्रयोग भिन्न कार्यों के प्रयोग में करना चाहिए।
  7. नये पौधों को वर्षा की ऋतु में लगाना चाहिए।
  8. लोगों को जल संरक्षण के बारे में जागरूक करके जल की संभाल के ढंगों तथा जल को प्रदूषित न करने के बारे में सचेत करना चाहिए।

Science Guide for Class 7 PSEB जल: एक बहुमूल्य संसाधन Intext Questions and Answers

सोचें और उत्तर दें :-(पेज़ 195)

प्रश्न 1.
ऐसी तीन गतिविधियाँ लिखो जिनके दौरान सबसे अधिक जल बर्बाद होता है।
उत्तर-

  1. जल के पाइप का लीक होना।
  2. बर्तनों को बहते पानी से धोना।
  3. कम कपड़ों के लिए कपड़े धोने वाली मशीन का प्रयोग करना।

प्रश्न 2.
क्या हमें जल की बर्बादी पर नियंत्रण करना चाहिए ? यदि हाँ, तो क्यों ?
उत्तर-
हमें पानी की बर्बादी पर नियंत्रण करना चाहिए। पानी के उपयोग को कम करने से पानी को साफ़ करके घरों, व्यापारिक स्थानों, खेती के फार्मों तथा सामाजिक संस्थानों को पहुँचाने के लिए ऊर्जा कम लगती है। ऐसा करने से प्रदूषण कम होता है तथा ईंधन की भी बचत होती है। इससे मनोरंजक क्रियाओं के लिए भी जल उपलब्ध हो जाता है।

सोचें और उत्तर दें:-(पेज़ 196)

प्रश्न 1.
………………….. ऐसी प्रक्रिया है जिसके दौरान जल द्रव अवस्था से गैसीय अवस्था में परिवर्तित होता है।
उत्तर-
वाष्पीकरण।

प्रश्न 2.
…………………….. ऐसी प्रक्रिया है जिसके दौरान जल गैसीय अवस्था से द्रव अवस्था में परिवर्तित होता है।
उत्तर-
संघनन

सोचें और उत्तर दें:-(पेज 197)

प्रश्न 1.
कौन सा बीकर भौम जल को प्रदर्शित करता है ?
उत्तर-
बीकर में लिया गया जल।

प्रश्न 2.
कौन-सा बीकर पृथ्वी के थल पर उपस्थित सतही जल की मात्रा को प्रदर्शित करता है ?
उत्तर-
बीकर (घ) में लिया गया जल धरती तल पर सतही जल दर्शाता है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

PSEB Solutions for Class 7 Science जल: एक बहुमूल्य संसाधन Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की उचित शब्द भरकर पूर्ति कीजिए-

(क) भौम जल प्राप्त करने के लिए …………………. तथा ……………….. का उपयोग होता है।
उत्तर-
ट्यूबवैल, संछिद्रण पाइप

(ख) जल की तीन अवस्थाएं ……………………….., ………………………. और …………………….. हैं।
उत्तर-
ठोस, द्रव, गैस

(ग) भूमि की जल वाली परत ………………….. कहलाती है।
उत्तर-
भौम जल स्तर

(घ) भूमि में जल के अवस्रवण के प्रक्रम को …………………. कहते हैं।
उत्तर-
अतःस्पंदन

(v) मनुष्य के शरीर का ……………………………. भाग जल है।
उत्तर-
70%

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

(vi) पृथ्वी पर मौजूद कुल जल का लगभग ……………. प्रतिशत जल खारा है।
उत्तर-
97%

रश्न 2.
कॉलम क में दिए शब्दों को कॉलम ख में दिए गए वाक्यों से मिलाइए-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) भूमि जल स्तर का गिरना (क) खेतों में किसान जल की बचत कर सकते हैं
(ii) पृथ्वी पर जल की कुल मात्रा कायम रखना (ख) जलीय चट्टानी परत
(iii) तुष्का सिंचाई प्रणाली (ग) जल चक्र
(iv) वॉटर टेबल के नीचे चट्टानों की परतों के बीच पानी (घ) बढ़ती आबादी, बढ़ते उद्योग, जंगलों का कटना।

उत्तर-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
(i) भूमि जल स्तर का गिरना (घ) बढ़ती आबादी, बढ़ते उद्योग, जंगलों का कटना
(ii) पृथ्वी पर जल की कुल मात्रा कायम रखना (ग) जल चक्र
(iii) तुष्का सिंचाई प्रणाली (क) खेतों में किसान जल की बचत कर सकते हैं
(iv) वॉटर टेबल के नीचे चट्टानों की परतों के बीच पानी (ख) जलीय चट्टानी परत ।

3. सही उत्तर के सामने (√) का निशान लगाएं-

(i) पानी की कुल मात्रा कहां स्थिर होती है ?
(क) संसार की सभी झीलों और नदियों में पानी की कुल मात्रा नियत/स्थिर रहती है।
(ख) भूमि के नीचे जल की कुल मात्रा स्थिर रहती है।
(ग) संसार के समुद्रों और महासागरों में जल की कुल मात्रा स्थिर है।
(घ) संसार में जल की कुल मात्रा स्थिर है।
उत्तर-
(घ) संसार में जल की कुल मात्रा स्थिर है।

(ii) नीचे लिखे में से कौन-सा कारक जल की कमी के लिए जिम्मेवार नहीं है ?
(क) औद्योगिकरण में वृद्धि
(ख) बढ़ती जनसंख्या
(ग) बहुत अधिक वर्षा
(घ) जल के साधनों का बुरा प्रबंध।
उत्तर-
(ग) बहुत अधिक वर्षा ।

(iii) धरती की सतह की प्रतिशत भाग जो जल से ढ़का हुआ है-
(क) 20%
(ख) 29%
(ग) 71%
(घ) 30%.
उत्तर-
(ग) 71%.

(iv) दुनिया के कुल ताजे जल की प्रतिशत मात्रा मानवीय प्रयोग के लिए उपलब्ध हैं।
(क) 0.003%
(ख) 1%
(ग) 71%
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर-
(ख) 1%.

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

प्रश्न 4.
नीचे लिखे कथन ठीक हैं या गलत-

(i) भूमि संसार भर की नदियों और झीलों में मिलने वाले जल से बहुत ज्यादा है।
उत्तर-
ठीक

(ii) जल की कमी की समस्या का सामना केवल गांवों के निवासी करते हैं।
उत्तर-
गलत

(iii) नदियों का जल खेतों में सिंचाई का एक मात्रा साधन है।
उत्तर-
गलत

(iv) वर्षा शुद्ध जल की एकमात्र साधन है।
उत्तर-
ठीक।

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विश्व का जल किन स्थानों पर मिलता है ?
उत्तर-
महासागरों और समुद्रों में।

प्रश्न 2.
जल के विभिन्न स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर-
जल के विभिन्न स्रोत-

  1. वर्षा जल,
  2. कुएँ,
  3. नदियाँ,
  4. तालाब,
  5. झीलें,
  6. समुद्र,
  7. महासागर।

प्रश्न 3.
कौन-सा दिवस विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है ?
उत्तर-
22 मार्च।

प्रश्न 4.
जल दिवस का महत्त्व क्या है ?
उत्तर-
लोगों का जल संरक्षण के महत्त्व की ओर ध्यान आकर्षित करना।

प्रश्न 5.
क्या जल हर जगह उपलब्ध है ?
उत्तर-
नहीं, जल का वितरण विश्व में समान नहीं है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

प्रश्न 6.
जलवाष्य क्या है ?
उत्तर-
जलवाष्प-जल का गैसीय रूप।

प्रश्न 7.
शहरों में जल की आपूर्ति कैसे होती है ?
उत्तर-
पाइपों के विशेष क्रम से बिछाए जाल द्वारा।

प्रश्न 8.
भौम जल स्तर क्या है ?
उत्तर-
भौम जल स्तर – चट्टानों की दरारों में अथवा चट्टानों के ऊपर एकत्रित जल की ऊपरी परत को भौम जल स्तर कहते हैं।

प्रश्न 9.
वनोन्मूलन जल स्तर के नीचे गिरने में कैसे सहाई है ?
उत्तर-
वनोन्मूलन से जल रिसाव का क्षेत्र कम हो जाता है।

प्रश्न 10.
कच्ची सतह अथवा पक्की सतह में कौन-सी जल का रिसाव आजल से होने देती है ?
उत्तर-
कच्ची सतह।

प्रश्न 11.
रेगिस्तान क्या है ?
उत्तर-
रेगिस्तान वे क्षेत्र हैं, जहाँ वर्षा अल्प मात्रा में होती है।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

प्रश्न 12.
बाढ़ के क्या कारण हैं ?
उत्तर-
अत्यधिक वर्षा।

प्रश्न 13.
जब वर्षा नहीं होती तो क्या होता है ?
उत्तर-
वर्षा न होने के कारण सूखा पड़ जाता है।

प्रश्न 14.
बाहर में कीमती जल के नुक्सान को रोकने में कौन जिम्मेदार है ?
उत्तर-
नागरिक प्राधिकरण।

प्रश्न 15.
NGO का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर-
NGO – गैर सरकारी संगठन (Non Government Organisation)

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रकृति में जल कैसे पाया जाता है ?
उत्तर-
जल धरती पर पाई जाने वाली सभी वस्तुओं में से सबसे अधिक मात्रा और विभिन्न क्षेत्रों में पाया जाने वाला पदार्थ हैं। यह प्रकृति में निम्न जगहों में पाया जाता है-

  1. कुओं, सागरों, झीलों, नदियों आदि में।
  2. वर्षा जल और भौम जल के रूप में।
  3. ठंडे क्षेत्रों में बर्फ और हिम के रूप में।
  4. वायुमंडल में जल वाष्पों के रूप में।

प्रश्न 2.
वर्षा जल संग्रहण क्या है ? इसकी क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-
वर्षा जल संग्रहण – वर्षा जल को बड़े टैंकों में एकत्रित करने के प्रक्रम को वर्षा जल संग्रहण कहते हैं।

आवश्यकता-

  1. जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए।
  2. उचित समय पर उपयोग करने के लिए।

प्रश्न 3.
जल की क्षति के कौन-कौन से कारण हैं ?
उत्तर-

  1. निरंतर नलों का जल बहता रहना।
  2. पाइपों के जाल द्वारा जल की आपूर्ति ।

प्रश्न 4.
यदि पादपों की कुछ दिन सिंचाई न की जाए तो क्या होगा ?
उत्तर-
पादप सूख कर मर जाएँगे।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
चित्र की सहायता से जलचक्र प्रक्रिया को समझाओ।
उत्तर-
PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल एक बहुमूल्य संसाधन 1
जल चक्र – भिन्न-भिन्न प्राकृतिक विधियों द्वारा पृथ्वी के ऊपर जल की लगातार उपल्ब्धता बनी रहती है। यह सभी विधियां इकट्ठे रूप में जल चक्र का निर्माण करती हैं। जल चक्र के दौरान जल अपनी तीनों अवस्थाओं- (i) ठोस (ii) द्रव (iii) गैस में से किसी भी अवस्था में पृथ्वी पर मिल जाता है। पृथ्वी पर उपलब्ध भूमि जल स्रोतों-समुद्र, तलाब, नदियों, झीलों आदि से जल सूरज के ताप द्वारा वाष्प बन कर ऊपर उठता है तथा वायुमंडल में मौजूद रहता है। यह जल वाष्प संघनित होकर बादल का जल बनाते हैं तथा पृथ्वी पर वर्षा के रूप में पृथ्वी के ध्रुवों पर तथा पहाड़ों पर गलेशियरों के रूप में होता है। यह इकट्ठे होकर सारी प्रक्रिया जल चक्र का निर्माण करती है।

  1. भौमिक जल
  2. वाष्पीकरण
  3. संघनन
  4. बादल
  5. वाष्प उत्सर्जन
  6. वर्षा।

PSEB 7th Class Science Solutions Chapter 16 जल: एक बहुमूल्य संसाधन

प्रश्न 2.
भूमि जल स्तर के नीचे गिरने के लिए ज़िम्मेदार कारकों के बारे में समझए।
उत्तर-
भूमि जल स्तर के नीचे गिरने के लिए ज़िम्मेदार कारक-

  1. जनसंख्या में वृद्धि
  2. औद्योगिक तथा कृषि गतिविधियां
  3. कम वर्षा
  4. जंगलों का कटना
  5. जल के सोखने के लिए आवश्यक क्षेत्र की कमी आदि।

कुछ कारक है जो भूमि जल स्तर को नीचे करने के लिए ज़िम्मेदार हैं-

1. जनसंख्या में वृद्धि – जनसंख्या बढ़ने में इमारतों, दुकानों, दफ्तरों, सड़कों तथा अन्य कई संस्थानों के निर्माण की मांग बढ़ जाती हैं। इससे कृषि योग्य भूमि तथा खेलों के मैदान जैसे खुले क्षेत्रों में कमी आ जाती है। इस कारण भूमि में वर्षा के जल की अवशोषित दर कम होती है। इस कारण भूमि जल स्तर कम हो रहा है।

2. बढ़ते उद्योग – सब उद्योगों द्वारा जल का उपयोग हो रहा है। उपयोग में आने वाली हर वस्तु के उत्पादन में जल
की आवश्यकता होती है। अधिकतर उद्योगों द्वारा उपयोग किया जाने वाला जल भूमि में से निकाला जाता है।

3. कृषि कार्य – बहुत सारे किसान फसलों की सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर करते हैं। अनियमित वर्षा के कारण जल की उपलब्धता में कमी हो जाती है। इसलिए किसानों को सिंचाई के लिए भूमि जल का प्रयोग करना पड़ता है। जनसंख्या की वृद्धि के कारण कृषि के लिए भूमि जल का प्रयोग दिन-प्रति-दिन बढ़ता जा रहा है। इसके फलस्वरूप भूमि जल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है।

4. जल का अनुचित प्रबंध – पाइपों द्वारा जल की सप्लाई करते समय पाइपों में रिसाव होता रहता है जिस कारण काफी जल का नुक्सान हो जाता है तथा भूमि जल स्तर में गिरावट का कारण होता है। अनुचित जल प्रबंध या बर्बादी व्यक्तिगत स्तर पर भी हो सकती है जैसे लीक कर रहे नलके को ठीक न करवाने से भी जल का रिसाव होता है।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग टयूटर

This PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग टयूटर will help you in revision during exams.

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग टयूटर

जान पहचान : टाइपिंग टयूटर एक ऐसा प्रोग्राम है जिसके द्वारा हम कम्प्यूटर कीअ-बोर्ड पर सही ढंग से टाइप करना सीख सकते हैं। इसकी सहायता से हमारी टाइपिंग में सुधार आता है।

टच टाइपिंग :
यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें हम कीअ-बोर्ड को देखे बिना टाइप करना सीख सकते हैं। इससे हमारा कार्य ज्यादा तेज़ी से होता है।

कीअ-बोर्ड पर उंगलियों की स्थिति :
कीअ-बोर्ड दो हिस्सों में बांटा जाता है-दायाँ और बायाँ और दोनों हाथों की उंगलियां कीअ-बोर्ड पर उसके अनुसार ही रखी जाती हैं। कीअ-बोर्ड की मुख्य चार लाइनें होती हैं। दोनों हाथों की उंगलियों को A से शुरू होने वाली लाइन पर रखा जाता है। ऊपरी या निचली लाइन के किसी बटन को दबाने के बाद उंगलियां फिर इसी लाइन पर वापिस आ जाती हैं। इसलिए इस लाइन को होम लाइन कहा जाता है। कीअ-बोर्ड के दोनों तरफ शिफ्ट कीअ होती है। यह शब्दों को बड़े अक्षरों में लिखने के लिए प्रयोग की जाती है और यदि पूरी पंक्ति को बड़े अक्षरों में लिखना हो तो Caps Lock की कीअ दबानी चाहिए।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग टयूटर 1

होम रोअ : होम रोअ में बायें तरफ से A पर सबसे छोटी उंगली से शुरुआत की जाती है। S पर अगली उंगली रखी जाती है। इसी प्रकार दायें तरफ ; से शुरुआत करके उंगलियां रखी जाती हैं।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग टयूटर 2

दूसरी रोअ : दूसरी रोअ होम रोअ के ऊपर होती है। इसमें भी बायें तरफ Q से शुरुआत करके उंगलियां रखी जाती हैं तथा दायीं तरफ P से शुरू करके उंगलियां रखी जाती हैं।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग टयूटर

तीसरी रोअ : तीसरी रोअ में Z से बायीं तरफ की उंगलियां रखी जाती हैं तथा . पर दायीं तरफ की उंगलियां से शुरुआत की जाती है।

चौथी रोअ : चौथी रोअ अंकों से संबंधित है। यह 0-9 तक होते हैं। इनका प्रयोग होम रोअ के अनुमार उंगलियाँ रख कर किया जाता है।

न्यूमैरिक पैड :
न्यूमैरिक पैड कीअ-बोर्ड के दाईं तरफ लगी होती है। इसकी सहायता से अंकों को टाइप किया जाता है। ये पैड कैल्कुलेटर की तरह दिखाई देता है तथा उसी प्रकार कार्य करता है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग टयूटर 3

कीअ बोर्ड की खास कीअज़ :

  1. कीअ बोर्ड की निम्न खास कीअज़ होती हैं
  2. स्पेस बार – खाली स्पेस छोड़ने के लिए
  3. एटर कीअ – नई लाइन में जाने के लिए
  4. बैक स्पेस – बायीं तरफ का अक्षर मिटाने के लिए
  5. शिफ्ट कीअ – कैप्स लॉक बदले बगैर अक्षर बड़ा या छोटा करने के लिए
  6. कैप लॉक – अक्षरों को बड़ा या छोटा टाइप करने के लिए.

अनमोल लिपि द्वारा पंजाबी में टाइपिंग :
अनमोल लिपि फोंट द्वारा हम आसानी से पंजाबी टाइपिंग कर सकते हैं। हम अंग्रेजी भाषा की वर्णमाला के लिए प्रयोग होने वाली उंगलियों की स्थिति का प्रयोग करके पंजाबी टाइप कर सकते हैं। पहले हमें अनमोल लिपि फोंट का चुनाव करना पड़ेगा। अनमोल लिपि कीअ-पैड निम्न अनुसार होता है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग टयूटर 4

टाइपिंग स्पीड बढ़ाने के निर्देश :
टाइपिंग स्पीड को निम्न हिदायतों का प्रयोग कर बढ़ाया जा सकता है –

  1. हमारे हाथ की उंगलियां होम रोअ पर होनी चाहिए।
  2. हमें हमेशा यहीं से शुरू कर वापिस आना चाहिए।
  3. होम रोअ की पोजीशन से बाकी कीज़ तक पहुंचो।
  4. अपना ध्यान सही कीअ दबाने पर रखो।
  5. कीअ-बोर्ड को मत देखो।
  6. लगातार, आराम से तथा सही टाइप करने की तरफ ध्यान रखें।
  7. जिस भी कीअ को दबाओ उसको मन में दोहराओ।

बैठने का तरीका :
टाइपिंग करते समय निम्न बातों पर ध्यान दें –

  1. बिल्कुल सीधे तथा कीअ-बोर्ड की सीध में बैठे।
  2. पैर ज़मीन पर सीधे रखें।
  3. कम्प्यूटर के मॉनीटर को आँखों के बराबर रखें।
  4. अपनी नज़र मॉनीटर या कॉपी पर रखें।
  5. अपनी उंगलियों को होम कीअ पर रखो।
  6. प्रत्येक कीअ को दबा कर वापिस होम रोअ पर आओ।

PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग टयूटर

लगातार टाइपिंग के कारण होने वाले तनाव से बचने के तरीके :

  1. कम्प्यूटर के सामने सही ढंग से बैठे।
  2. कम्प्यूटर से सही दूरी बनाए रखें।
  3. अपने घुटने 90° के कोण पर मोड़ कर रखें।
  4. कीअबोर्ड को सीधा हल्का-सा उठाकर रखें।
  5. अपने हाथ टेबल पर टिका कर न रखें।
  6. जब जरूरत न हो अपने हाथों को आराम दें।
  7. थोड़े-थोड़े समय बाद आराम करें।
  8. टाइपिंग करते समय बीच-बीच में बाहों की कसरत करें।
  9. रोज कसरत करें।

कीअ-बोर्ड की प्रवीणता के लिए निर्देश :
कीअ-बोर्ड की प्रवीणता के लिए निर्देश निम्नलिखित हैं-
1. कीज़ दबाते समय शीघ्रता न करो।
2. कीज़ को बराबर और एक समान स्पर्श करो।
3. कीज़ को हल्का-हल्का दबाने की आदत बनाओ। इससे थकावट नहीं होती और काम करने क्षमता भी बढ़ती है।
PSEB 7th Class Computer Notes Chapter 1 टाइपिंग टयूटर 5
4. प्रत्येक शब्द टाइप करने के बाद दाएँ हाथ के अंगूठे से स्पेस बार दबाओ।
5. टाइप के दौरान आँखों, हाथों और दिमाग का सही तालमेल होना चाहिए।