PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 15 वाघा बार्डर (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB वाघा बार्डर Textbook Questions and Answers

वाघा बार्डर अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

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उत्तर :
छात्र शिक्षक के सहयोग से स्वयं करें।

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2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

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PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर 6
उत्तर :
छात्र शिक्षक के सहयोग से स्वयं अभ्यास करें।

3. शब्दार्थ :

  • बार्डर = सीमा, हद
  • आदमक़द = मनुष्य के आकार का
  • प्रतिमा = मूर्ति
  • सैलानी = पर्यटक
  • एकमात्र = अकेला
  • सौहार्द = दोस्ती, सद्भाव, हृदय की सरलता
  • ऐतिहासिक = इतिहास से संबंधित
  • मुस्तैदी = तेजी
  • क्षमता = सामर्थ्य
  • हौसला अफजाई = हौसला/धैर्य बढ़ाना

उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) वाघा बार्डर को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर :
वाघा बार्डर को एशिया की बर्लिन दीवार के नाम से जाना जाता है।

(ख) यह बार्डर किन दो देशों के मध्य स्थित है?
उत्तर :
यह बार्डर भारत तथा पाकिस्तान देशों के मध्य स्थित है।

(ग) इस बार्डर के दोनों ओर कौन-कौन से प्रसिद्ध नगर हैं?
उत्तर :
बाघा बार्डर के दोनों ओर लाहौर तथा अमृतसर प्रसिद्ध नगर हैं।

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(घ) इसका विशेष आकर्षण क्या है ?
उत्तर :
इसका विशेष आकर्षण झण्डा उतारने की (रिटीट) रस्म है।

(ङ) बी.एस.एफ. के जवान कौन-कौन से नारे लगाते हैं?
उत्तर :
वन्देमातरम्, भारत माता की जय, हिन्दुस्तान जिन्दाबाद।।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) वाघा गाँव के बारे में आपने क्या जाना?
उत्तर :
वाघा बार्डर को एशिया की बर्लिन दीवार के नाम से जाना जाता है। यह बार्डर भारत तथा पाकिस्तान दो देशों को जोड़ने वाला है। यह अमृतसर से लगभग तैंतीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह संध्या के समय झण्डा उतारने की रस्म (रिट्रीट) आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।

(ख) बार्डर पर झंडा उतारने की रस्म कैसे सम्पन्न होती है?
उत्तर :
बार्डर पर झंडा उतारने की रस्म सायं साढ़े पाँच बजे शुरू होती है। यह रस्म लगभग आधे-पौने घण्टे तक चलती है। इसमें बी० एस० एफ० के जवान पूरे उत्साह एवं जोश से परेड में हिस्सा लेते हैं। वे पूरे वेग से अपने बूट धरती पर मारते हैं। झंडा उतारते समय लोहे के दोनों गेट खोल दिए जाते हैं।

दोनों देशों के सैनिक परस्पर हाथ मिलाते हैं। धीरे-धीरे दोनों देशों के जवान संगीत की मधुर ध्वनि में अपने-अपने देश के झंडे उतारकर संभाल लेते हैं और गेटों को फिर से बंद कर दिया जाता है।

6. विशेषण बनायें :

  1. रेखांकन = रेखांकित
  2. आकर्षण
  3. उत्साह
  4. प्रोत्साहन
  5. इतिहास = ऐतिहासिक
  6. व्यापार
  7. परस्पर
  8. भारत = भारतीय
  9. राष्ट्र

उत्तर :

  1. रेखांकन = रेखांकित
  2. आकर्षण = आकर्षित
  3. उत्साह = उत्साहित
  4. प्रोत्साहन = प्रोत्साहित
  5. इतिहास = ऐतिहासिक
  6. व्यापार = व्यापारिक
  7. परस्पर = पारस्परिक
  8. भारत = भारतीय
  9. राष्ट्र = राष्ट्रीय

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7. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. झंडा =
  2. सैलानी =
  3. आज्ञा =
  4. अमन =

उत्तर :

  1. झण्डा = ध्वज, पताका
  2. सैलानी = पर्यटक, घुमक्कड़
  3. आज्ञा = आदेश, हुक्म
  4. अमन = शांति, चैन।

8. रेखांकित शब्दों के वचन बदलकर वाक्य पुनः लिखें :

(क) सड़क को लोहे के गेट द्वारा बंद किया गया है।
उत्तर :
सड़कों को लोहे के गेटों द्वारा बन्द किया गया है।

(ख) चारों ओर कँटीली तार लगी हुई है।
उत्तर :
चारों ओर कंटीली तारें लगी हुई हैं।

(ग) वह अपने भावों को नृत्य द्वारा प्रकट करता है।
उत्तर :
वे अपने भावों को नृत्य द्वारा प्रकट करते हैं।

(घ) अपने-अपने देश के झंडे उतार लेते हैं।
उत्तर :
अपने-अपने देशों के झण्डे उतार लेते हैं।

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9. निम्नलिखित शब्दों में ‘र’ आधा है यै पूरा?

बार्डर = आधा
राष्ट्रीयता =
ब्रिटिश =
रिट्रीट =
रेंजर्ज =
ट्रक =
दर्शक =
कार्य =
मार्ग =
प्रकट =

10. शुद्ध करके लिखिए:

विशवविदयालय =
इजाजत =
रस्ते =
धवन =
जशन =
वृदधी =
जिंदाबाद =
भुमिका =

11. रचनात्मक अभिव्यक्ति

(क) मौखिक अभिव्यक्ति – देशभक्ति के गीत कक्षा में सुनायें।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति – जब भी आपको अवसर मिले आप वाघा बार्डर अवश्य देखकर आयें। अपने अनुभव डायरी में लिखें।

बी.एस.एफ. का पूरा नाम बार्डर सिक्योरटी फोर्स है। हिंदी में इसे ‘सीमा सुरक्षा बल’ कहते हैं।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से करें।

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परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बी० एस० एफ० का पूरा नाम क्या है ?
उत्तर :
बार्डर सिक्योरिटी फोर्स अर्थात् सीमा सुरक्षा बल।

प्रश्न 2.
वाघा बार्डर अमृतसर से कितनी दूर है ?
उत्तर :
वाघा बार्डर अमृतसर से लगभग तैंतीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

प्रश्न 3.
अमृतसर से वाघा बार्डर जाते समय कौन-कौन से शैक्षणिक संस्थान आते ?
उत्तर :

  • खालसा कालेज
  • गुरु नानक देव विश्वविद्यालय।

प्रश्न 4.
अटारी में किसकी प्रतिमा आकर्षण का केन्द्र है ?
उत्तर :
अटारी में शहीद शाम सिंह अटारी की आदमी के कद के समान प्रतिमा आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है।

प्रश्न 5.
जी० टी० रोड को किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर :
शेरशाह सूरी मार्ग तथा नेशनल हाइवे के नाम से जाना जाता है।

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प्रश्न 6.
भारत तथा पाकिस्तान के लोगों ने कब और कैसे बार्डर पर स्नेह एवं सौहार्द का परिचय दिया ?
उत्तर :
भारत तथा पाकिस्तान के लोगों ने 14 तथा 15 अगस्त को बार्डर पर मोमबत्तियाँ जलाकर स्नेह एवं सौहार्द का परिचय दिया था।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
‘एशिया की बर्लिन दीवार’ किसे कहते हैं ?
(क) जोधपुर बार्डर
(ख) वाघा बार्डर
(ग) फ़ाज़िल्का बार्डर
(घ) अनंतनाग बार्डर।
उत्तर :
(ख) वाघा बार्डर

प्रश्न 2.
वाघा बार्डर अमृतसर से लगभग कितने किलोमीटर दूर है ?
(क) 25
(ख) 30
(ग) 32
(घ) 33
उत्तर :
(घ) 33

प्रश्न 3.
वाघा बार्डर से दोनों देशों के बीच व्यापार कब शुरू हुआ था ?
(क) 2005 में
(ख) 2006 में
(ग) 2007 में
(घ) 2008 में।
उत्तर :
(ख) 2006 में

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प्रश्न 4.
भारतीय सीमा में वाघा बार्डर की रक्षा में कौन से सैनिक तैनात हैं ?
(क) बी० एस० एफ० के
(ख) सी० आर० पी० एफ० के
(ग) आई० टी० वी० के
(घ) प० पु० फो०।
उत्तर :
(क) बी० एस० एफ० के

प्रश्न 5.
पाकिस्तान की ओर कौन से सीमा रक्षक हैं ?
(क) रेंजर्स
(ख) सेना
(ग) आई० ए० एस०
(घ) पी० पी० एफ०।
उत्तर :
(क) रेंजर्स

प्रश्न 6.
रीट्रीट शाम को कितने बजे प्रारंभ होती है ?
(क) 4.30 बजे
(ख) 5.30 बजे
(ग) 6.30 बजे
(घ) 7.30 बजे।
उत्तर :
(ख) 5.30 बजे

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प्रश्न 7.
दर्शक गैलरी में कितने हजार लोगों के बैठने की क्षमता है ?
(क) दो
(ख) चार
(ग) पाँच
(घ) सात।
उत्तर :
(ख) चार

प्रश्न 8.
शहीद शाम सिंह की आदमकद मूर्ति कहाँ लगी है ?
(क) छेहरटा
(ख) वाघा
(ग) अटारी
(घ) खासा।
उत्तर :
(ग) अटारी

वाघा बार्डर Summary in Hindi

वाघा बार्डर पाठ का सार

‘वाघा बार्डर’ शीर्षक पाठ प्रो० नवसंगीत सिंह द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने बाघा बार्डर के बारे में बताया है। वाघा बार्डर को ‘एशिया की बर्लिन दीवार’ के नाम से भी जाना जाता है। भारत-पाकिस्तान को जोड़ने वाला यह बार्डर जी० टी० रोड पर स्थित है। इसके एक तरफ लाहौर और दूसरी तरफ अमृतसर है। यह अमृतसर से लगभग 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमृतसर से वाघा जाते समय खालसा कालेज, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के अलावा छेहरटा, खासा एवं अटारी नामक गाँव आते हैं। अटारी की आदमकद प्रतिमा सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र है।

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आज़ादी से पहले अंग्रेजों के समय में वाघा गांव पंजाब की लाहौर डिवीज़न में स्थित था। सन् 1947 ई० में विभाजन के बाद यह गाँव भारत-पाकिस्तान में बंट गया। भारत तथा पाकिस्तान के स्वतन्त्रता दिवस पर 14 और 15 अगस्त को दोनों देशों के अमन पसन्द नागरिकों ने वाघा बार्डर पर मोमबत्तियाँ जलाकर पारस्परिक स्नेह एवं सौहार्द को प्रकट किया था। यह भारत तथा पाकिस्तान के समझौते के रूप में जनता के बदले मन की प्रतिक्रिया स्वरूप था। जनता द्वारा आवाज़ उठाने पर ही दोनों देशों के बीच में सन् 2006 में व्यापार शुरू हुआ।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर 1

आज वाघा बार्डर पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण का केन्द्र है। यहाँ प्रतिदिन शाम को झंडा उतारने की रस्म होती है, जिसे देखने के लिए भारत तथा पाकिस्तान के सैलानी अपने-अपने देश की गैलरी में इकट्ठे होते हैं। ऐतिहासिक जी० टी० रोड पर बार्डर को सफेद रंग द्वारा रेखांकित किया जाता है। सड़क को लोहे के दो गेटों के साथ बंद कर दिया जाता है जिसके चारों तरफ कंटीले तार हैं। दोनों गेटों के ऊपर दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज लहराते हैं।

अपने-अपने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बी० एस० एफ० जवान तथा पाकिस्तानी रेंजस चौबीस घंटे पहरा देते हैं। बार्डर की गैलरी तक पहुंचने के लिए करीब डेढ़-दो किलोमीटर लंबी पंक्ति में स्त्रियों तथा पुरुषों को अलग-अलग जाना पड़ता है। वहां बी० एस० एफ० जवान अच्छी तरह तलाशी लेते हैं। वहाँ न कोई खाने की सामग्री, बड़े पर्स नहीं ले जा सकते। फोन एवं कैमरे ले जा सकते हैं। झण्डा उतरने की रस्म से पहले स्पीकर ऊँची आवाज़ में देशभक्ति के गीतों का प्रसारण करते हैं।

उस समय सम्पूर्ण वातावरण भावमय हो जाता है। लोग जाति, धर्म, भाषा-भेदभाव को भूलकर पूरी तरह राष्ट्रीयता के रंग में रंग जाते हैं। इनमें अधिकांश स्त्रियाँ होती हैं जो अपने भावों को नृत्य द्वारा प्रकट करती हैं। इस सारी कार्यवाही में बी० एस० एफ० के जवानों की मुख्य भूमिका होती है।

बी० एस० एफ० के जवानों द्वारा भारतीय दर्शकों जिनमें विदेशी भी शामिल होते हैं तीन तरह के नारे लगा सकते हैं- हिन्दुस्तान जिंदाबाद, भारत-माता की जय तथा वन्दे मातरम्। भारतीय दर्शकों में विशेषकर लड़कियों और स्त्रियों के हाथ में तिरंगा लेकर मुख्य सड़क पर गेट के भीतर कुछ कदम दौड़ने की इजाजत होती है। दर्शक गैलरियों में भारतीय सैलानियों की भीड़ होती है।

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मुख्य द्वारों के दोनों तरफ 4000 लोगों के बैठने की क्षमता है किन्तु वहाँ लगभग 8000 लोग एकत्र हो जाते हैं। रिट्रीट की रस्म प्रायः सायं 5:30 बजे शुरू होती है और लगभग आधे पौने घण्टे बाद पूरी होती है। इससे पूर्व बी० एस० एफ० के जवान पूरे उत्साह तथा जोश के साथ परेड में हिस्सा लेते हैं। वे पूरे वेग से अपने बूट धरती पर मारते हैं। दर्शक तालियों से उनका उत्साह बढ़ाते हैं। झण्डा उतारते समय लोहे के गेट खोल दिए जाते हैं।

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दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे से हाथ मिलाते हैं। धीरे-धीरे दोनों देशों के जवान संगीत की मधुर ध्वनि में अपने-अपने देश के झण्डे उतारकर सम्भाल लेते हैं और गेटों को पुनः बंद कर दिया जाता है।

वाघा बार्डर शब्दार्थ :

  • सौहार्द = भाई-चारा।
  • शान्तिमय = शान्ति के ढंग से।
  • निरन्तर = लगातार।
  • रिट्रीट = झण्डा उतारने की रस्म।
  • बार्डर = सीमा।
  • आदमकद = मनुष्य के आकार का।
  • प्रतिमा = मूर्ति।
  • सैलानी = पर्यटक।
  • एकमात्र = अकेली।

वाघा बार्डर सप्रसंग व्याख्या

1. यह बार्डर अमृतसर से करीब 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमृतसर से वाघा जाते समय खालसा कॉलेज, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के अतिरिक्त छेहरटा, खासा व अटारी नामक गाँव आते हैं। अटारी में मुख्य सड़क पर शहीद शाम सिंह अटारी की आदमकद प्रतिमा सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र है। नेशनल हाइवे तथा शेरशाह सूरी मार्ग जिसे प्रायः जी० टी० रोड भी कहा जाता है, के रास्ते बाघा बार्डर पहुँचने के लिए अमृतसर से करीब एक घण्टा लगता है। निजी वाहन अथवा सैलानी गाड़ियों या फिर आटो रिक्शा द्वारा भी यहाँ पहुँचते हैं।

प्रसंग-यह पंक्तियाँ लेखक प्रो० नवसंगीत सिंह द्वारा लिखित ‘वाघा बार्डर’ शीर्षक पाठ से ली गई हैं। इसमें लेखक ने अमृतसर से वाघा बार्डर की ओर जाने वाले मार्ग का वर्णन किया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि वाघा बार्डर अमृतसर से लगभग तैंतीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमृतसर से वाघा बार्डर जाते समय खालसा कॉलेज, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के अलावा छेहरटा, खासा एवं अटारी नामक गाँव आते हैं। अटारी में मुख्य सड़क पर शहीद शाम सिंह अटारी आदमी के कद के समान मूर्ति पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं शेरशाह सूरी मार्ग जिसे प्रायः जी० टी० रोड भी कहा जाता है। इसके रास्ते वाघा बार्डर पहुँचने के लिए अमृतसर से लगभग एक घण्टा लगता है। अपने वाहन अथवा पर्यटक गाड़ियों अथवा आटो रिक्शा द्वारा भी यहाँ पहुँचते हैं।

भावार्थ-अमृतसर से वाघा बार्डर जाने वाले मार्ग के बारे में बताया है।

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2. आज सैलानियों के लिए वाघा बार्डर एक विशेष आकर्षण का केन्द्र है। हर रोज़ सायं झण्डा उतारने (रिट्रीट) की रस्म होती है जिसे देखने के लिए भारत व पाकिस्तान के सैलानी अपने-अपने देश की गैलरी में इकट्ठे होते हैं। ऐतिहासिक जी० टी० रोड पर बार्डर को सफेद रंग द्वारा रेखांकित किया गया है। इस जगह सड़क को लोहे के दो गेटों द्वारा बन्द किया गया है जिसके चारों ओर कंटीली तारें हैं। दोनों गेटों के ऊपर दोनों देशों के राष्टीय ध्वज लहराते हैं। अपने-अपने राष्ट की सरक्षा के लिए बी० एस० एफ० के जवान व पाकिस्तानी रेंजर्ज़ चौबीस घण्टे पूरी मुश्तैदी से पहरा देते हैं।

प्रसंग-यह गद्यांश प्रो० नवसंगीत सिंह द्वारा लिखित ‘वाघा बार्डर’ पाठ से लिया गया है। इसमें बाघा बार्डर की संध्या रस्म रिट्रीट के बारे में बताया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि आजकल वाघा बार्डर पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण का केन्द्र है। यहाँ प्रतिदिन संध्या के समय झण्डा उतारने की रस्म होती है जिसे देखने के लिए भारत तथा पाकिस्तान के पर्यटक अपने-अपने देश की गैलरी में इकट्ठे होते हैं। ऐतिहासिक जी० टी० रोड पर बार्डर को सफेद रंग के द्वारा रेखांकित किया गया है। इस जगह सड़क को लोहे के दो गेटों के द्वारा बंद किया गया है जिसके चारों तरफ कांटेदार तारें लगी हुई हैं। इन दोनों गेटों के ऊपर दोनों देशों के राष्ट्रीय झण्डे लहराते हैं। यहाँ अपने अपने राष्ट्र की सुरक्षा करने के लिए बी० एस० एफ० के जवान तथा पाकिस्तानी सिपाही चौबीस घण्टे पूरे सतर्क रहकर पहरा देते हैं।

भावार्थ-बाघा बार्डर की झण्डे उतारने की ऐतिहासिक रस्म का अनूठा वर्णन है।

3. दर्शक गैलरी पर भारतीय सैलानियों की भीड़ देखते ही बनती है। मुख्य द्वार के दोनों ओर बनी गैलरियों में 4000 लोगों की बैठने की क्षमता होती है। लेकिन वहाँ लगभग 8000 लोग एकत्र हो जाते हैं। रिट्रीट की रस्म प्रायः सायं 5:30 बजे आरम्भ होती है और करीब आधे पौने घण्टे बाद पूरी हो जाती है। इससे पूर्व बी० एस० एफ० के जवान पूरे उत्साह व जोश के साथ परेड में हिस्सा लेते हैं और पूरे वेग से अपने बूट धरती पर मारते हैं। उस समय दर्शक तालियाँ बजाकर सैनिकों की हौसला अफजाई करते हैं।

प्रसंग-यह गद्यांश प्रो० नवसंगीत सिंह द्वारा लिखित ‘वाघा बार्डर’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने वाघा बार्डर की झण्डा उतारने की रस्म के बारे में बताया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 15 वाघा बार्डर

व्याख्या-लेखक कहता है कि वाघा बार्डर पर दर्शक गैलरी पर भारतीय पर्यटकों की बहुत भीड़ होती है। इसके मुख्य दरवाजे के दोनों ओर बनी गैलरियों में चार हजार लोगों के बैठने की क्षमता होती है। लेकिन वहाँ लगभग आठ हज़ार लोग इकट्ठे हो जाते हैं। झण्डा उतारने की रस्म प्रायः साढ़े पाँच बजे शुरू होती है और यह लगभग आधे पौने घण्टे बाद पूरी हो जाती है। इससे पहले बी० एस० एफ० के जवान पूरे उत्साह एवं जोश के साथ परेड में हिस्सा लेते हैं और वे पूरी गति से अपने जूते धरती पर मारते हैं। उस समय दर्शक तालियाँ बजाकर सैनिकों की हौसला अफजाई करते हैं। उनका उत्साह बढ़ाते हैं।

भावार्थ-वाघा बार्डर की रस्म रिट्रीट के बारे में बताया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 14 सहयोग Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 14 सहयोग (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB सहयोग Textbook Questions and Answers

अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग 2
उत्तर :
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग 4
उत्तर :
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

3. शब्दार्थ :

  • पारस = वह पत्थर जिसके छूने से लोहा सोना बन जाता है।
  • मदमस्त = मद में चूर
  • कपोतराज = कबूतरों का राजा
  • हितोपदेश = विष्णु शर्मा कृत नीति शास्त्र संबंधी एक प्रसिद्ध ग्रंथ
  • अवलम्बित = निर्भर
  • सतत = निरंतर, लगातार
  • प्रतिद्वंद्वी = विरोधी
  • सार्वजनिक = सब जन का

उत्तर :
छात्र स्वयं करें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) सहयोग का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
किसी कार्य में एक-दूसरे का साथ देना सहयोग कहलाता है।

(ख) लंगड़े ने अंधे को क्या उपाय बताया?
उत्तर :
लंगड़े ने अन्धे को बताया कि तुम मुझे अपने कंधे पर बिठाओ। मैं तुम्हें रास्ता बताऊँगा और तुम आगे बढ़ते जाना।

(ग) कपोतराज चित्रग्रीव ने कबूतरों को क्या सलाह दी?
उत्तर :
कपोतराज चित्रग्रीव ने कबूतरों को साहस के साथ इकट्ठा होकर, मिलकर उड़ने की सलाह दी।

(घ) हमें पड़ोसियों से कैसा व्यवहार करना चाहिए?
उत्तर :
हमें पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उनसे सहयोग एवं मेलजोल रखना चाहिए। उनकी खुशी में सम्मिलित होना चाहिए।

(ङ) हमें अपने सहपाठियों से कैसा व्यवहार करना चाहिये?
उत्तर :
हमें अपने सहपाठियों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उनसे सहयोग बढ़ाना चाहिए। उनसे भेदभाव नहीं करना चाहिए। सबसे प्यार करना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) सहयोग के दो उदाहरण लिखें।
उत्तर :

  • लोहा पारस के सहयोग से सोना बन जाता है।
  • कमजोर तिनका भी अनेक तिनकों के सहयोग से मज़बूत रस्सी बन जाती है।

(ख) सहयोग से दोनों पक्षों को लाभ होता है। क्या आप इससे सहमत हैं? अपने विचार लिखें।
उत्तर :
हाँ! हम इससे सहमत हैं कि सहयोग से दोनों पक्षों को लाभ होता है। परस्पर सहयोग से दोनों पक्षों के कार्य संवर जाते हैं। एक-दूसरे की कमी भी लाभ में बदल जाती है।

6. नीचे दिए गए वाक्यों में निर्देशानुसार उत्तर लिखें :

(क) सहयोग से लोहा भी सोना बन जाता है, उसका मूल्य सौ गुणा बढ़ जाता है। (यहाँ सर्वनाम कौन-सा है?)
उत्तर :
उसका।

(ख) शरीर को पूर्णता अंगों के सहयोग से मिलती है। (भाववाचक संज्ञा छाँटें)
उत्तर :
पूर्णता।

(ग) पड़ोसियों से सहयोग करना चाहिए। (संज्ञा शब्द छाँटकर उनका भेद लिखें)
उत्तर :
पड़ोसियों।

(घ) सहयोग से कक्षा का वातावरण मैत्रीपूर्ण हो जायेगा। (जातिवाचक संज्ञा छाँटें)
उत्तर :
कक्षा

(ङ) नदी के किनारे एक गाँव था। (संबंधबोधक अव्यय छाँटें)
उत्तर :
के।

(च) बच्चे माता-पिता की आज्ञा का पालन करते हैं और अपना काम मन लगाकर करते हैं। (योजक शब्द छाँटें)
उत्तर :
और।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

7. इन मुहावरों के अर्थ लिखकर उन्हें वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. अंगूठा दिखाना
  2. आँखों का तारा
  3. चार चाँद लगाना
  4. मुँह उतर जाना
  5. एक पंथ दो काज
  6. जान बचना
  7. जाल में फँसना
  8. मौत दिखाई देना
  9. धैर्य बंधवाना
  10. हक्का-बक्का रह जाना
  11. दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति करना

उत्तर :

  1. अंगूठा दिखाना-इन्कार करना-मैनें इन्द्रजीत से किताब मांगी तो उसने अंगूठा दिखा दिया।
  2. आँखों का तारा-बहुत प्यारा-राम अपने माता-पिता की आँखों का तारा है।
  3. चार चाँद लगाना-उन्नति प्राप्त करना-सोहन ने पढ़ लिखकर अपने अनपढ़ वंश में चार चाँद लगा दिए।
  4. मुँह उतर जाना-दुखी होना-परीक्षा में असफल होने पर अमरीक का मुँह उतर गया।
  5. एक पंथ दो काज-एक काम से दोहरा लाभ-मैं कल दिल्ली अपने मित्र की शादी में गया और पुस्तक मेला भी देख आया। इस तरह मेरे एक पंथ दो काज हो गए।
  6. जान बचना-मुसीबत से बचना-कल परीक्षा में जाते समय गाडी से उतरते समय वह फिसल गया था पर उसकी जान बच गई।
  7. जाल में फँसना-चंगुल में फँसना–कभी भी उन कपटियों के जाल में न फँसना।
  8. मौत दिखाई देना-मृत्यु का सामना-जंगल में सामने शेर दिखाई देते ही उसे मौत दिखाई दे गई थी।
  9. धैर्य बंधवाना-धैर्य देना-मैंने राघव का धैर्य बंधवाने की कोशिश तो की थी पर सफल नहीं हो पाया।
  10. हक्का-बक्का रह जाना-हैरान होना-पुत्र को शराब की दुकान पर देख लाला जी हक्का-बक्का रह गए थे।
  11. दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति करना-बहुत उन्नति करना-सुरेंद्र ने अपनी सूझ-बूझ से अपने पारिवारिक व्यापार में दिन-दूनी रात चौगुनी उन्नति कर ली है।

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8. इन वाक्यों में रेखांकित शब्दों के वचन बदल कर वाक्य पुनः लिखें :

(क) यह तिनका है।
ये तिनके हैं।
(ख) मुझे रस्सा दो।
मुझे …………………. दो।
(ग) मेरी आँख में दर्द है।
मेरी …………………. में दर्द है।
(घ) मेरे पास कहानी की पुस्तक है।
मेरे पास …………………. की …………………. है।
(ङ) यह सूती कपड़ा है।
ये सूती …………………. हैं।
(च) अपनी पेंसिल मुझे दो।
अपनी …………………. मुझे दो।
उत्तर :
(क) यह तिनका है।
ये तिनके हैं।
(ख) मुझे रस्सा दो।
मुझे रस्से दो।
(ग) मेरी आँख में दर्द है।
मेरी आँखों में दर्द है।
(घ) मेरे पास कहानी की पुस्तक है।
मेरे पास कहानियों की पुस्तकें हैं।
(ङ) यह सूती कपड़ा है।
ये सूती कपड़े हैं।
(च) अपनी पेंसिल मुझे दो।
अपनी पेंसिलें मुझे दो।

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9. भाववाचक संज्ञा बनाएँ:

  1. पूर्ण =
  2. पशु =
  3. मित्र =
  4. आवश्यक =
  5. मानव =
  6. मनुष्य =
  7. सभ्य =
  8. प्रसन्न =

उत्तर :

  1. पूर्ण = पर्णता
  2. पशु = पशुता
  3. मित्र = मित्रता
  4. आवश्यक = आवश्यकता
  5. मानव = मानवता
  6. मनुष्य = मनुष्यता
  7. सभ्य = सभ्यता
  8. प्रसन्न = प्रसन्नता

10. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. मानव =
  2. शरीर =
  3. आंख =
  4. हाथ =
  5. मित्र =
  6. पुत्र =

उत्तर :

  1. मानव = मनुष्य, इन्सान
  2. शरीर = तन, वपु
  3. आंख = नेत्र, नयन
  4. मित्र = दोस्त, सखा
  5. हाथ = हस्त, कर
  6. पुत्र = बेटा, सुत।

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11. विपरीतार्थक शब्द लिखें :

  1. सहयोग =
  2. भाव =
  3. सभ्य =
  4. सुविधा =

उत्तर :

  1. सहयोग = असहयोग
  2. भाव = अभाव
  3. सभ्य = असभ्य
  4. सुविधा = असुविधा।

12. विशेषण बनायें :

  1. नगर = नागरिक
  2. ईमानदारी = ईमानदार
  3. समाज =
  4. परेशानी =
  5. प्रकृति =
  6. प्रसिद्धि =
  7. अंतर =
  8. शांति =
  9. शरीर =
  10. सच्चाई =
  11. प्रथम =
  12. कमजोरी =

उत्तर :

  1. नगर = नागरिक
  2. ईमानदारी = ईमानदार
  3. समाज = सामाजिक
  4. परेशानी = परेशान
  5. प्रकृति = प्राकृतिक
  6. प्रसिद्धि = प्रसिद्ध
  7. अंतर = आन्तरिक
  8. शांति = शांत
  9. शरीर = शारीरिक
  10. सच्चाई = सच्चा
  11. प्रथम = प्राथमिक
  12. कमजोरी = कमजोर

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रचनात्मक अभिव्यक्ति

(ख) मौखिक अभिव्यक्ति- अपनी कल्पना से सहयोग पर आधारित एक कहानी कक्षा में सुनायें।
उत्तर :
छात्र शिक्षक की सहायता से करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति –
(i) ‘सहयोग जीवन का मूल मंत्र है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखें।
(ii) पाठ में दिये गये उदाहरणों के अतिरिक्त आप और कहाँ-कहाँ सहयोग दे सकते हैं। सोचिये और लिखिये।
उत्तर :
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह जन्म से मृत्यु तक समाज के बीच में रहकर अपना जीवनयापन करता है। समाज से अलग होकर मनुष्य स्वस्थ जीवन निर्वाह नहीं कर सकता क्योंकि उसे अपनी दिनचर्या में प्रत्येक कार्य में किसी-न-किसी के सहयोग की आवश्यकता पड़ती है।

जीवन में कोई भी मनुष्य अपना कार्य बिना सहयोग के नहीं कर सकता। जैसे बचपन में माँ-बाप, भाई-बहन का सहयोग, बाल्यावस्था में अपने सहपाठियों, मित्रों का सहयोग। इस प्रकार यह सत्य है कि सहयोग जीवन का मूल मंत्र है।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर

प्रश्न 1.
सहयोग शब्द की परिभाषा दीजिए।
उत्तर :
सहयोग शब्द दो शब्दों के योग से बना है- सह और योग। सह का अर्थ है ‘साथ’ तथा योग का अर्थ है-‘मेल’। अर्थात् किसी कार्य में एक-दूसरे का साथ देने को सहयोग कहा जाता है।

प्रश्न 2.
सहयोग द्वारा हम अपनी किन-किन कमियों को पूरा कर सकते हैं ?
उत्तर :
सहयोग द्वारा हम अपनी निम्नलिखित कमियों को पूरा कर सकते हैं

  • बुद्धि की कमी
  • शारीरिक बल की कमी
  • धन-अभाव
  • स्वाभाविक विविधता की कमी।

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प्रश्न 3.
लोहा किसके सहयोग से सोना बन जाता है ?
उत्तर :
लोहा पारस के सहयोग से सोना बन जाता है।

प्रश्न 4.
हितोपदेश में सहयोग से संबंधित कथा का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
एक बार कबूतरों का राजा चित्रग्रीव कबूतरों के साथ आकाश में उड़ रहा था। जंगल में चावल के कण बिखरे देखकर कबूतर नीचे उतर आए और वे शिकारी के जाल में फंस गए। वे घबरा उठे। कपोतराज चित्रग्रीव ने उन्हें धैर्य बंधवाया। उन्हें साहस से इकट्ठा होकर मिलकर उड़ने को कहा। उन्होंने परस्पर सहयोग किया और वे जाल लेकर उड़ गए। इन्हें देखकर शिकारी हैरान हो गया।

प्रश्न 5.
सहयोग एक प्राकृतिक नियम है। कैसे?
उत्तर :
सहयोग एक प्राकृतिक नियम है। यह कोई बाहरी या बनावटी तत्व नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति तथा पदार्थ कार्य आंतरिक सहयोग पर आधारित होता है। एक मशीन के पुर्जे और मशीन में आंतरिक सम्बन्ध है। एक पुर्जे के खराब होने पर मशीन नहीं चल सकती। मनुष्य के शरीर का एक अंग भी खराब हो जाए या शरीर के किसी एक अंग का सहयोग न मिले तो शरीर अस्वस्थ हो जाता है। अतः शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी अंगों का सहयोग अनिवार्य है। उसी तरह समाज के विकास के लिए व्यक्तियों का सहयोग अनिवार्य है।

प्रश्न 6. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। कैसे ?
उत्तर :
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज में रहकर ही अपना जीवन-यापन करता है। समाज के अभाव में वह पशु के समान है। मनुष्य को भाषा, संस्कृति, ज्ञान सभ्यता आदि सब कुछ समाज से ही प्राप्त होता है।

प्रश्न 7. सहयोग के क्या लाभ हैं ?
उत्तर :
सहयोग के निम्नलिखित लाभ हैं

  • सहयोग से मानव अच्छा नागरिक बनता है।
  • वह अपना हित ही नहीं सोचता बल्कि दूसरों का भी हित चाहता है।
  • वह नगर और देश से बढ़कर सोचता है।
  • वह प्राणी मात्र का हित सोचता है।

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प्रश्न 8.
अच्छे सहपाठी का क्या कर्त्तव्य होना चाहिए ?
उत्तर :

  • अच्छे सहपाठी को कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए।
  • सब से प्यार और मेलजोल रखना चाहिए।
  • सबका सहयोग करना चाहिए।
  • सबकी सहायता करनी चाहिए।

प्रश्न 9.
खेल के मैदान में सहयोग के क्या लाभ हैं ?
उत्तर :
खेल के मैदान में सहयोग के अनेक लाभ हैं

  • सहयोग से खेलने से विजय प्राप्त होती है।
  • इससे भाईचारा बढ़ता है।
  • खिलाड़ियों में प्रेम की भावना आती है।

प्रश्न 10.
लेखक ने पड़ोसियों से कैसे व्यवहार की प्रेरणा दी है ?
अथवा
एक आदर्श पड़ोसी के क्या कर्त्तव्य होने चाहिए ?
अथवा
हमें अपने पड़ोसियों से कैसा व्यवहार रखना चाहिए ?
उत्तर :

  • अपने पड़ोसियों से सहयोग करना चाहिए।
  • पड़ोसियों की कुशलता पूछनी चाहिए।
  • उनसे मेलजोल बढ़ाना चाहिए।
  • उनकी खुशियों में सम्मिलित होना चाहिए।
  • बीमारी के समय उनकी सहायता करनी चाहिए।
  • अपने घर का कूड़ा-कर्कट पड़ोसी के द्वार के आगे नहीं फेंकना चाहिए।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
मानव स्वभाव में क्या है ?
(क) एकरूपता
(ख) विविधता
(ग) उग्रता
(घ) विनम्रता।
उत्तर :
(ख) विविधता

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प्रश्न 2.
मनुष्य अपनी कमियों को कैसे दूर कर सकता है ?
(क) विद्वेष से
(ख) प्रेम से
(ग) दया से
(घ) सहयोग से।
उत्तर :
(घ) सहयोग से।

प्रश्न 3.
किस कपोतराज ने अनेक कबूतरों को शिकारी के चंगुल से बचाया था ?
(क) चित्रगुप्त
(ख) चित्रग्रीव
(ग) चित्ररूप
(घ) चित्रांगद।
उत्तर :
(ख) चित्रग्रीव

प्रश्न 4.
एक मशीन किन सब के सहयोग से चलती है ?
(क) बिजली
(ख) पुर्जी
(ग) मकैनिक
(घ) फोरमैन।
उत्तर :
(ख) पुर्जी

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प्रश्न 5.
सहयोग कैसा नियम है ?
(क) प्राकृतिक
(ख) दैविक
(ग) भौतिक
(घ) दानवी।
उत्तर :
(क) प्राकृतिक

प्रश्न 6.
समाज के अभाव में मनुष्य निरा क्या है ?
(क) पक्षी
(ख) पशु
(ग) दानव
(घ) जड़।
उत्तर :
(ख) पशु

प्रश्न 7.
सहयोग मानव को कैसा नागरिक बनाता है ?
(क) अच्छा
(ख) बुरा
(ग) मतलबी
(घ) चापलूस।
उत्तर :
(क) अच्छा

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प्रश्न 8.
लंगड़े को अंधे ने कहाँ बैठाया ?
(क) गोद में
(ख) कंधे पर
(ग) गर्दन पर
(घ) बाहों में।
उत्तर :
(ख) कंधे पर

प्रश्न 9.
पारस के सहयोग से कौन सोना बन जाता है ?
(क) चाँदी
(ख) पीतल
(ग) ताँबा
(घ) लोहा।
उत्तर :
(घ) लोहा।

प्रश्न 10.
आपसी भाईचारा किससे बढ़ता है ?
(क) मित्रता से
(ख) प्रेम से
(ग) सहयोग से
(घ) दया से।
उत्तर :
(ग) सहयोग से

सहयोग Summary in Hindi

सहयोग पाठ का सार

इस पाठ में सहयोग के बारे में बताया गया है। इस संसार में कोई भी मनुष्य अपने में पूर्ण नहीं हैं। किसी में बुद्धि की कमी है तो किसी में शारीरिक बल की तथा किसी में अच्छाई की कमी है। मानव के स्वभाव में भी विविधता है। ऐसी स्थिति में आपसी सहयोग के द्वारा ही हम अपनी कमियों को पूरा कर अपना उद्देश्य प्राप्त कर सकते हैं। अन्धे और लंगड़े की प्रसिद्ध कहानी सहयोग का अच्छा उदाहरण है जिसमें एक-दूसरे के सहयोग से बाढ के पानी से बचकर सुरक्षित स्थान पर पहँच गए थे।

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PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग 5

मुसीबत के समय भी आदमी सहयोग से ही उसका मुकाबला करता है। लोहा भी पारस के स्पर्श से बहुमूल्य सोना बन जाता है। कमजोर तिनके भी आपसी सहयोग से मिलकर रस्सी बन जाते हैं। इसी तरह परस्पर सहयोग से कपोतराज चित्रग्रीव ने अनेक कबूतरों को शिकारी के चंगुल से आजाद करवा दिया था

सहयोग एक प्राकृतिक नियम है। एक मशीन सभी पुों के परस्पर सहयोग से ही चलती है। एक पुर्जा खराब होने पर वह नहीं चल सकती। आदमी का शरीर भी अंगों के सहयोग से ही स्वस्थ रहता है। किसी एक अंग के खराब होने पर शरीर स्वस्थ नहीं रह सकता। समाज को पूर्णता भी व्यक्तियों के सहयोग से मिलती है। वैसे भी मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के सहयोग के बिना वह पशु के समान होता है।

समाज नर नारियों के परस्पर सहयोग से बनता है। उसी सहयोग से मानवता का विकास हुआ। परिवार समाज का एक अंग है जिसमें माता-पिता, भाई-बहन आदि अनेक लोगों का सहयोग होता है। माता घर का कामकाज करती है, बच्चों का पालन-पोषण करती है तो पिता ईमानदारी से रोजी कमाता है। सभी कार्य परिवार के लोगों के सहयोग से ही पूरे होते हैं। पड़ोसी भी समाज का अंग होते हैं। उनसे भी सहयोग की भावना जरूरी होती है।

उनसे भी मेलजोल बढ़ाना चाहिए। उनके साथ पूर्ण सहयोग करना चाहिए। स्कूल एक संस्था होती है, जिसमें अध्यापक, विद्यार्थी, चपरासी सभी का सहयोग होता है। सबके सहयोग से ही वह उन्नति करता है। इसी से साफ़-सफ़ाई अनुशासन बना रहता है। बच्चे भी परस्पर सहपाठी से सहयोग रखते हैं। उनके कार्य भी एक-दूसरे के सहयोग से पूर्ण होते हैं।

खेल के मैदान में भी खिलाड़ियों का एक-दूसरे से सहयोग आवश्यक होता है। उनमें खेल-भावना इसी से आती है। सद्भावना बनी रहती है। प्रेम-प्यार का प्रसार होता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

बच्चों में सहयोग की भावना का विकास करने के लिए रैडक्रॉस, स्काउट, गर्लगाइड, एन० एस० एस०, एन० सी० सी० आदि संस्थाएं स्थापित की गई हैं। गाँव, कस्बे अथवा नगर में भी सहयोग बहुत आवश्यक होता है। सहयोग से ही मानव अच्छा नागरिक बनता है। वह दूसरों के हित की सोचता है। वह प्राणी मात्र की सेवा एवं हित का ध्यान रखता है। उसमें मानवता का विकास होता है।

सहयोग शब्दार्थ :

  • सह = साथ।
  • योग = मेल।
  • बल = शक्ति।
  • विविधता = अनेकता।
  • अभाव = कमी।
  • पारस = एक पत्थर जिस के छने से लोहा भी सोना बन जाता है।
  • मदमस्त = नशे में चूर।
  • हक्का-बक्का = हैरान।
  • अवलम्बित = आधारित।
  • अनिवार्य = ज़रूरी।
  • लगन = मेहनत।
  • निरा = बिल्कुल।
  • बौद्धिक = बुद्धि का।
  • विवाद = समझ।
  • सुखद = अच्छा।
  • मौका = अवसर।
  • प्रतीक्षा = इंतजार।
  • सहपाठी = साथ पढ़ने वाला।
  • सदुपयोग = अच्छा उपयोग।
  • मैत्रीपूर्ण = मित्रता से युक्त।

सहयोग सप्रसंग व्याख्या 

1. प्रायः ऐसा सुना जाता है कि कोई भी मानव अपने में पूरा नहीं और यह है भी सच्चाई। किसी में बुद्धि की कमी है, किसी में शारीरिक बल की कमी है, कोई धन के अभाव से दुःखी है। यही नहीं स्वभाव में भी विविधता दिखाई पड़ती है, जिसके कारण अनेक कमियाँ मानव में आ जाती हैं। ऐसी स्थिति में आपसी सहयोग द्वारा हम अपनी कमियों को पूरा कर सकते हैं और उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं।

प्रसंग-यह गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘सहयोग’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें बताया गया है कि मानव अपने आप में अधूरा होता है। वह सहयोग से ही पूर्ण है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

व्याख्या- यह बात प्रायः सुनी जाती है कि इस संसार में कोई भी मनुष्य अपने आप में पूर्ण नहीं है। यह एकदम सच्चाई है कि कोई भी आदमी स्वयं में पूर्ण नहीं है। किसी मनुष्य में बुद्धि की कमी होती है तो किसी में शारीरिक बल की कमी दिखाई देती है। कोई धन के अभाव से दुःखी है।

इतना ही नहीं मनुष्यों के स्वभाव में भी अनेकता दिखाई देती है। सबके स्वभाव अलग-अलग हैं, जिसके कारण मनुष्य में अनेक कमियाँ आ जाती हैं। ऐसी स्थिति में आपसी सहयोग द्वारा हम सब अपनी कमियों को पूरा कर सकते हैं और उद्देश्य प्राप्त कर सकते हैं।

भावार्थ-सहयोग से ही मनुष्य पूर्ण होता है। इसको दर्शाया है।

2. सहयोग एक प्राकृतिक नियम है, यह कोई बाहरी या बनावटी तत्व नहीं है। प्रत्येक पदार्थ और प्रत्येक व्यक्ति का प्रत्येक काम आन्तरिक सहयोग पर अवलम्बित है। किसी भी मशीन को लें उसके पुों और मशीन में अंगांगी भाव का सम्बन्ध है। यदि उसका एक पुर्जा भी खराब हो जाए तो वह मशीन चल नहीं सकती। हम अपने शरीर को ही लें। आँख, कान, हाथ, पाँव आदि इसके विभिन्न अंग हैं, शरीर अँगी है वे परस्पर सहयोग द्वारा शरीर का धारण और पोषण करते हैं। किसी अंग पर चोट आती है तो मन एकदम वहाँ पहुँच जाता है। पहले क्षण आँख वहाँ देखती है और दूसरे क्षण हाथ सहायता के लिए वहाँ पहुँच जाता है।

प्रसंग-ये पंक्तियाँ हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘संहयोग’ शीर्षक पाठ से ली . गई हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि सहयोग एक प्राकृतिक नियम है।

व्याख्या-सहयोग एक प्राकृतिक नियम है। यह कोई बाहरी अथवा बनावटी तत्व नहीं है। प्रत्येक पदार्थ और व्यक्ति का प्रत्येक कार्य आंतरिक सहयोग पर ही आधारित होता है। किसी भी मशीन में उसके पुर्जे तथा मशीन में परस्पर अंगांगी भाव का सम्बन्ध होता है। अर्थात् मशीन तथा पुर्कों का एक-दूसरे से आंतरिक सम्बन्ध होता है। यदि मशीन का एक पुर्जा भी खराब हो जाए तो वह मशीन चल नहीं सकती।

इसी तरह से आँख, कान, हाथ, पाँव आदि मानव शरीर के अनेक अंग हैं। शरीर अंगी है और उसके अंग अपने एक-दूसरे के शरीर का धारण और पोषण करते हैं। किसी भी अंग पर चोट लगने पर मन तुरन्त वहाँ पहुँच जाता है। पहले ही क्षण आँख उस ओर देखने लगती है और दूसरे क्षण हाथ सहायता के लिए वहाँ पहुँच जाता है।

भावार्थ-शरीर तथा उसके अंगों के परस्पर सम्बन्ध को दर्शाया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

3. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के अभाव में वह निरा पशु ही रहता है। समाज जड़ पदार्थों का समूह नहीं है, वह नर-नारियों के परस्पर सहयोग और प्रेम से बनता है। उसी से मानवता विकसित हुई है। आज भी यदि हम किसी शिशु को समाज से पृथक् कर दें, उसे किसी जंगल में छोड़ दें तो आप जानते हैं कि क्या होगा ? वह निरा पशु ही रहेगा। वह हमारी तरह बोल नहीं सकेगा। उसका मानसिक और बौद्धिक विकास नहीं होगा। भाषा और साहित्य, संस्कृति और सभ्यता, ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में मानव ने जो प्रगति की है वह किसी एक व्यक्ति की देन नहीं, बल्कि अनेक नर-नारियों के सतत् सहयोग का परिणाम है।

प्रसंग–यह गद्यांश हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘सहयोग’ नामक पाठ से लिया है। इसमें मनुष्य को सामाजिक प्राणी के रूप में दर्शाया है।

व्याख्या-मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज के अभाव में एक पशु के समान है। समाज निर्जीव पदार्थों का समूह नहीं है बल्कि समाज नर-नारियों के परस्पर सहयोग तथा प्रेमभाव से बनता है। उसी से मानवता का विकास हुआ है। आज भी यदि हम किसी शिशु को समाज से अलग कर दें और उसे किसी जंगल में छोड़ दें तो आपको पता है कि उसका क्या परिणाम होगा। उसका परिणाम यह होगा कि वह शिशु बिल्कुल पशु ही रहेगा।

वह मनुष्य की तरह बोल नहीं सकेगा। उसका मानसिक और बौद्धिक विकास नहीं होगा। भाषा और साहित्य, संस्कृति और सभ्यता, ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में मनुष्य ने उन्नति की है। वह किसी एक क्रान्ति विशेष की देन नहीं है, बल्कि वह अनेक नर-नारियों के निरंतर सहयोग का ही परिणाम है भाव है कि वह उन्नति अनेक लोगों के निरंतर सहयोग से ही प्राप्त हुई है।

भावार्थ-मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज नर-नारियों के सहयोग एवं प्रेमभाव से बनता है, इसलिए सब को मिलजुल कर रहना चाहिए।

4. पड़ोसियों से भी सहयोग करना चाहिए। एक अच्छा पड़ोसी बनना चाहिए। पड़ोसियों की कुशलता पूछनी चाहिए। बड़ों का सम्मान करना चाहिए। पड़ोसियों से मेलजोल बढ़ाना चाहिए। साफ़ मन से उनकी खुशी में सम्मिलित होना चाहिए। सेवा भाव से उनकी बीमारी आदि में सहायता करनी चाहिए। उनकी सुख-सुविधाओं का पूरा ध्यान रखें। अपने घर की सफाई करके कूड़ा-कर्कट पड़ोसी के द्वार के आगे न फेंकें, ऐसी बातों से वे परेशान हो सकते हैं और विवाद हो सकता है। ऐसा कोई भी काम न करें, जिससे पड़ोसियों को कष्ट हो। इस तरह यदि आप सहयोग देंगे तो वह भी पीछे नहीं रहेंगे। इसी आपसी सहयोग से गली और मुहल्ले का वातावरण सुखद हो जाएगा।

प्रसंग-यह गद्यांश हिन्दी की हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘सहयोग’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने पड़ोसियों से सहयोग करने की प्रेरणा दी है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

व्याख्या-लेखक कहता है कि हमें अपने पड़ोसियों के साथ भी सहयोग करना चाहिए। एक अच्छा पड़ोसी बनना चाहिए। हमें पड़ोसियों की कुशलता के बारे में पूछना चाहिए। अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए। अपने पड़ोसियों के साथ मेल-जोल बढ़ाना चाहिए। साफ़ मन के साथ उनकी खुशियों में शामिल होना चाहिए। बीमारी आदि में उनकी सेवाभाव से पूरी सहायता करनी चाहिए। उनकी सुख-सुविधाओं का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

अपने घर की साफ़-सफ़ाई करने के बाद कूड़ा-कर्कट पड़ोसी के दरवाजे के आगे नहीं फेंकना चाहिए, क्योंकि ऐसी बातों से वे परेशान हो सकते हैं और झगडा हो सकता है। ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे पड़ोसियों को कोई दुःख पहुँचे। इस प्रकार यदि आप अपने पड़ोसियों का सहयोग देंगे तो वह भी सहयोग देने में पीछे नहीं रहेंगे। इसी आपसी सहयोग से गली और मुहल्ले का वातावरण आनन्ददायक बन जाएगा।

भावार्थ-पड़ोसियों से सहयोगपूर्ण व्यवहार रखने की प्रेरणा दी गई है।

5. इस तरह सहयोग से मानव अच्छा नागरिक बनता है। वह अपना ही हित नहीं सोचता, वह दूसरों का हित चिन्तन करता है और दूसरों के हित के लिए बराबर प्रयत्न करता है। वह नगर और देश की नहीं, विशाल हित की बात सोचता है। मानव जीव मात्र का हित ही उसका लक्ष्य हो जाता है। यही मानवता है। यही मनुष्य के जीवन का लक्ष्य है। इसका आधार सहयोग की भावना है जो घर, पड़ोस स्कूल, खेल के मैदान और गाँव से क्रमशः विकसित होती हुई मानव-प्रेम का रूप धारण करती है।

प्रसंग-यह गद्यांश हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘सहयोग’ से लिया गया है। मानव सहयोग से ही अच्छा नागरिक बनता है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि सभी के साथ अच्छे सहयोग से ही मानव अच्छा नागरिक बनता है। वह केवल अपने ही हित के बारे में नहीं सोचता बल्कि वह दूसरों के हित के लिए भी सोचता-विचारता है। वह दूसरों के हित के लिए भी बराबर प्रयास करता है। वह नगर और देश का ही नहीं बल्कि पूरे संसार के हित की बात सोचता है। मानव जीवन-मात्र का अर्थात् प्रत्येक मानव का हित ही उसका लक्ष्य हो जाता है।

यही सच्ची मानवता है। यही मनुष्य के जीवन का प्रमुख उद्देश्य है। दूसरा सहयोग की भावना है। मानवता का लक्ष्य सहयोग से ही पूरा होता है। यह घर, पड़ोसी, स्कूल, खेल के मैदान और गाँव से क्रमानुसार विकसित होती हुई मानव प्रेम का रूप धारण करती है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 14 सहयोग

भावार्थ-सहयोग की भावना से मानवता का लक्ष्य पूर्ण होता है इसी भाव के बारे में बताया गया है।

PSEB 7th Class Home Science Practical ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਬੂਟ

Punjab State Board PSEB 7th Class Home Science Book Solutions Practical ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਬੂਟ Notes.

PSEB 7th Class Home Science Practical ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਬੂਟ

ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਬੂਟ
ਬੂਟ ਬਣਾਉਣਾ ਇਕ ਦਸ ਨੰਬਰ ਦੀ ਸਲਾਈ ਤੇ 40 ਕੁੰਡੇ ਪਾਓ । ਇਕ ਕੁੰਡਾ ਸਿੱਧਾ ਅਤੇ ਇਕ ਪੁੱਠਾ ਪਾ ਕੇ ਸਾਰੀ ਸਲਾਈ ਬਣਾਓ । ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ 3 ਜਾਂ 5 ਸਲਾਈਆਂ ਹੋਰ ਬੁਣ ਲਓ । ਆਖ਼ਰੀ ਸਲਾਈ ਪਾਉਣ ਵੇਲੇ ਇਕ ਕੁੰਡਾ ਵਧਾ ਲਓ । (41)

ਬਣਤੀ-3 ਸਿੱਧੇ, 2 ਪੁੱਠੇ, 2 ਸਿੱਧੇ, 2 ਪੁੱਠੇ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਅਖ਼ੀਰ ਤਕ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬੁਣੋ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ 25 ਸਲਾਈਆਂ ਹੋਰ ਬੁਣੋ । ਮੋਰੀਆਂ ਵਾਲੀ ਲਾਈਨ-ਇਕ ਸਿੱਧਾ, ਧਾਗਾ ਅੱਗੇ, ਫਿਰ ਦੋ ਕੁੰਡੇ ਇਕੱਠੇ ਸਿੱਧੇ ਬੁਣੋ, ਆਖ਼ਰੀ ਦੋ ਕੁੰਡੇ ਸਿੱਧੇ ਬੁਣੋ । ਬੁਣਤੀ ਦੀਆਂ 3 ਹੋਰ ਸਲਾਈਆਂ ਚੜਾਓ । ਉੱਨ ਤੋੜ ਦਿਓ । ਪੈਰ ਦੇ ਉੱਪਰ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਭੰਡਿਆਂ ਨੂੰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵੰਡੋ-ਪਹਿਲੇ ਅਤੇ ਆਖ਼ਰੀ 14 ਕੁੰਡੇ ਸਲਾਈ ਤੋਂ ਉਤਾਰ ਕੇ ਬਕਸੂਏ ਜਾਂ ਫ਼ਾਲਤੂ ਸਲਾਈਆਂ ਤੇ ਚੜ੍ਹਾ ਲਓ ।
ਸਿੱਧਾ ਪਾਸਾ ਸਾਹਮਣੇ ਰੱਖ ਕੇ ਉੱਨ ਨੂੰ ਵਿਚਕਾਰਲੇ ਕੰਡਿਆਂ ਚਿਤਰ 8.1 ਬੂਟ ਨਾਲ ਜੋੜੋ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ 13 ਕੁੰਡਿਆਂ ਤੇ 28 ਸਲਾਈਆਂ ਬੁਣਤੀ ਦੀਆਂ ਪਾਓ । ਉੱਨ ਤੋੜ ਦਿਓ ।
PSEB 7th Class Home Science Practical ਅੰਡਾ ਉਬਾਲਣਾ 1
ਸਿੱਧਾ ਪਾਸਾ ਸਾਹਮਣੇ ਰੱਖੋ । ਪਹਿਲੀ ਫਾਲਤੂ ਸਲਾਈ ਤੇ 14 ਕੁੰਡੇ ਬਣੋ, ਫਿਰ ਪੈਰ ਦੇ ਉੱਪਰਲੇ ਹਿੱਸੇ ਦੇ ਪਾਸੇ ਵਲੋਂ 14 ਕੰਡੇ ਚੁੱਕੋ, ਪੈਰ ਦੇ ਉੱਪਰ ਵਾਲੇ ਹਿੱਸੇ ਦੇ 13 ਕੁੰਡੇ ਬਣੋ, ਦੁਸਰੇ ਪਾਸਿਓਂ 14 ਕੁੰਡੇ ਚੁੱਕੋ ਅਤੇ ਫਿਰ ਦੁਸਰੀ ਫ਼ਾਲਤੂ ਸਲਾਈ ਦੇ 14 ਕੁੰਡੇ ਬੁਣੋ (ਕੁੱਲ 69) 11 ਸਿਲਾਈਆਂ ਸਿੱਧੀਆਂ ਬੁਣੋ ।

ਅੱਡੀ ਅਤੇ ਪੱਬ ਪੈਰ ਦਾ ਅਖੀਰਲਾ ਭਾਗ) ਦੀ ਗੋਲਾਈ ਬਣਾਉਣੀ
PSEB 7th Class Home Science Practical ਅੰਡਾ ਉਬਾਲਣਾ

ਪਹਿਲੀ ਸਲਾਈ-2 ਸਿੱਧੇ, 1 ਜੋੜਾ, 26 ਸਿੱਧੇ, 1 ਜੋੜਾ, 5 ਸਿੱਧੇ, 1 ਜੋੜਾ, 26 ਸਿੱਧੇ, 1 ਜੋੜਾ, 2 ਸਿੱਧੇ । ਦੂਸਰੀ ਸਲਾਈ- ਸਿੱਧਾ, 1 ਜੋੜਾ, 25 ਸਿੱਧੇ ਅਗਲੀਆਂ 12 ਸਲਾਈਆਂ ਵਿਚ ਹਰ ਸਲਾਈ ਤੇ ਇਸ ਜਗਾ ਤੇ 2 ਕੁੰਡੇ ਘਟਾਉਂਦੇ ਜਾਓ । ਜਿਵੇਂ 25 ਫਿਰ 23-21) 1 ਜੋੜਾ, 23 ਸਿੱਧੇ ਇੱਥੇ ਵੀ ਹਰ ਸਲਾਈ ਤੇ 2-2 ਕੁੰਡੇ ਘਟਾਉਂਦੇ ਜਾਓ 1 ਜੋੜਾ, 1 ਸਿੱਧਾ| ਅਖੀਰਲੀਆਂ 2 ਸਲਾਈਆਂ ਨੂੰ 6 ਵਾਰੀ ਹੋਰ ਬਣੋ, ਹਰ ਵਾਰੀ ਉੱਪਰ ਦੱਸੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ 2-2 ਕੁੰਡੇ ਘਟਾਉਂਦੇ ਜਾਓ ਤਾਂ ਕਿ ਅਖੀਰ ਵਿਚ ਕੁੱਲ 37 ਕੁੰਡੇ ਰਹਿ ਜਾਣ |

ਸਾਰੇ ਕੁੰਡੇ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿਓ । ਦੂਸਰਾ ਬੂਟ ਵੀ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਣਾਓ । ਪੂਰਾ ਕਰਨਾ-ਕਿਸੇ ਮੇਜ਼ ਤੇ ਇਕ ਕੰਬਲ ਅਤੇ ਉਸ ਦੇ ਉੱਪਰ ਇਕ ਚਾਦਰ ਵਿਛਾ ਕੇ ਬਟਾਂ ਨੂੰ ਪੁੱਠਾ ਕਰਕੇ ਰੱਖੋ ਅਤੇ ਉੱਪਰ ਹਲਕੀ ਗਰਮ ਪ੍ਰੈੱਸ ਕਰੋ । ਲੱਤ ਅਤੇ ਪੈਰ ਦੇ ਥੱਲੇ ਵਾਲੇ ਹਿੱਸੇ ਦੀ ਸਿਲਾਈ ਕਰੋ । ਗਿੱਟੇ ਕੋਲ ਜਿਹੜੀਆਂ ਮੋਰੀਆਂ ਬਣਾਈਆਂ ਸਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਰਿਬਨ ਪਾ ਦਿਓ ।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 2 ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਅਤੇ ਚੰਗਾ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Chapter 2 ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਅਤੇ ਚੰਗਾ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Home Science Chapter 2 ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਅਤੇ ਚੰਗਾ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ

Home Science Guide for Class 8 PSEB ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਅਤੇ ਚੰਗਾ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ
ਵਸਤੂਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੱਚੇ ਵਿੱਚ ਸਮੇਂ ‘ਤੇ ਅਤੇ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਖਾਣ, ਪੀਣ, ਸੌਣ, ਟੱਟੀ, ਪਿਸ਼ਾਬ ਕਰਨ, ਖੇਡਣ ਆਦਿ ਦੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਹੋਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਕਿਉਂ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੰਗੇ ਮਨੁੱਖ ਅਤੇ ਚੰਗੇ ਨਾਗਰਿਕ ਬਣਨ ਲਈ ।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 2 ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਅਤੇ ਚੰਗਾ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਹਿੱਤ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਆਪਣੇ ਪਿੰਡ, ਸ਼ਹਿਰ ਅਤੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਹਿੱਤ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਕਿਹੜਾ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਾਗਰਿਕ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਚੰਗੇ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੰਗੀਆਂ ਅਤੇ ਨਿਯਮਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਨਾਲ ਸਾਡੇ ਲਈ ਉੱਤਮ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਦੀ ਬਹੁਤ ਲੋੜ ਹੈ । ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਇਕੱਲਿਆਂ ਹੀ ਨਹੀਂ ਜਿਊਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ । ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਪਰਿਵਾਰ ਵਿਚ ਰਹਿਣਾ ਸਾਡੇ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਸੁਖਾਵੇਂ, ਸੁਚੱਜੇ ਅਤੇ ਲਾਭਦਾਇਕ ਜੀਵਨ ਲਈ ਚੰਗੇ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਹੀ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਸਭਿਅਤਾ ਦੀ ਪਛਾਣ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸਮਾਜਿਕ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ? ਭੈੜੇ ਸਮਾਜਿਕ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਦੀਆਂ ਕੀ ਨਿਸ਼ਾਨੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਜਿਕ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਰਸਮਾਂ ਅਤੇ ਰਿਵਾਜਾਂ ਦੇ ਅਨੁਕੂਲ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਹੈ ਜੋ ਕਿਸੇ ਸਮਾਜ ਵਿਚ ਪ੍ਰਚਲਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਚ ਕਿਸੇ ਸਮੂਹ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਬਰਾਦਰੀ ਵਿਚ ਠੀਕ ਪ੍ਰਕਾਰ ਨਾਲ ਘੁੰਮਣਾ ਸ਼ਾਮਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਵੀ ਮੌਕੇ ਤੇ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਢਾਲਣਾ ਇਸ ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਲ ਹੈ । ਠੀਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਖਾਣਾ, ਪਲੇਟਾਂ, ਪਿਆਲੀਆਂ, ਚਮਚ, ਛੁਰੀਆਂ, ਕਾਂਟਿਆਂ ਦਾ ਠੀਕ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨਾ ਵੀ ਇਸ ਵਿਚ ਆਉਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਸਭ ਕੁੱਝ ਸਿੱਖਣਾ ਹੀ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪਰਿਵਾਰ, ਪਾਰਟੀ, ਵੱਡੀ ਪਾਰਟੀ ਜਾਂ ਰਸਮੀ ਸਮਾਰੋਹ ਵਿਚ ਆਪਣੇ ਕਰਤੱਵ ਨਿਭਾ ਸਕਣਾ ਆਪਣੇ ਵਿਚ ਇਕ ਕਲਾ ਹੈ । ਮੂੰਹ ਖੋਲ੍ਹ ਕੇ ਖਾਣਾ, ਖਾਂਦੇ ਸਮੇਂ ਉੱਚਾ ਬੋਲਣਾ ਜਾਂ ਲੜਾਈਝਗੜਾ ਕਰਨਾ, ਖਾਂਦੇ ਪੀਂਦੇ ਹਿੱਲਣਾ ਜਾਂ ਉੱਠ-ਉੱਠ ਕੇ ਚੀਜ਼ਾਂ ਫੜਨਾ, ਸਭ ਰੇ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਦੇ ਚਿੰਨ੍ਹ ਹਨ ।

ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਅਤੇ ਚੰਗਾ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਨੈਤਿਕ ਅਤੇ ਨਾਗਰਿਕ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਵਿਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨੈਤਿਕ ਅਤੇ ਨਾਗਰਿਕ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਵਿਚ ਅੰਤਰ-

ਨੈਤਿਕ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਨਾਗਰਿਕ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ
(1) ਇਸ ਵਿਚ ਦੂਜੇ ਲੋਕਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਵਿਵਹਾਰ | (1) ਇਸ ਵਿਚ ਮਨੁੱਖ ਇਕ ਸਮਾਜਿਕ ਸੰਸਥਾ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ । ਵਿਚ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
(2) ਇਸ ਵਿਚ ਆਪਣੇ ਤੋਂ ਵੱਡਿਆਂ ਲਈ ਸਨਮਾਨ ਇਸਤਰੀਆਂ ਲਈ ਸਨਮਾਨ, ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਦੇ ਲਈ ਸਨਮਾਨ ਭਾਵ, ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਸਨਮਾਨ, ਅਜਨਬੀ ਲੋਕਾਂ ਨਾਲ ਮਿੱਠਾ ਬੋਲਣਾ ਆਦਿ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ । (2) ਇਸ ਵਿਚ ਆਪਣੇ ਪਰਿਵਾਰ ਅਤੇ ਘਰ ਦੀ ਹੀ ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਭਲਾਈ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਸਗੋਂ ਆਪਣੇ ਪਿੰਡ, ਸ਼ਹਿਰ ਅਤੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਹਿਤ ਦਾ ਵੀ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
(3) ਉੱਚਾ ਨਾ ਬੋਲਣਾ, ਹਰ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਗੱਲ ਧਿਆਨ ਨਾਲ ਸੁਣਨਾ, ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਗੱਲ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਨਾ ਟੋਕਣਾ ਆਦਿ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਦੇ ਚਿੰਨ੍ਹ ਹਨ । (3) ਇਸ ਵਿਚ ਸਰਕਾਰੀ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਅਤੇ ਸਰਕਾਰੀ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੀ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਸੁਚੱਜਾ ਬਨਾਉਣ ਲਈ ਚੰਗੇ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਅਤੇ ਉੱਚੇ ਆਚਰਨ ਦਾ ਕੀ ਯੋਗਦਾਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੰਗੀਆਂ ਅਤੇ ਵਧੀਆ ਆਦਤਾਂ ਨਾਲ ਸਾਡੇ ਲਈ ਉੱਤਮ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਵੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਇਕੱਲੇ ਹੀ ਨਹੀਂ ਜਿਉਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ । ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਪਰਿਵਾਰ ਵਿਚ ਰਹਿਣਾ ਸਾਡੇ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਸੁਖੀ, ਖੁਸ਼ਹਾਲ ਅਤੇ ਲਾਭਦਾਇਕ ਜੀਵਨ ਦੇ ਲਈ ਚੰਗੇ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਸਭਿਅਤਾ ਦੀ ਪਹਿਚਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

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ਨਿਬੰਧਾਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਖਾਣ-ਪੀਣ ਅਤੇ ਸੌਣ ਦੀਆਂ ਚੰਗੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਕਿਹੜੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕੀ ਮਹੱਤਤਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਖਾਣ ਦੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਸਵੇਰ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਸੌਣ ਵੇਲੇ ਤਕ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਇਕ ਟਾਈਮ ਟੇਬਲ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
ਖਾਣ ਦੀਆਂ ਆਦਤਾਂ – ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਖਾਣ ਦੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਖਾਣਾ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਅਤੇ ਇਕ ਜਗ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਬੈਠ ਕੇ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਹਰ ਵੇਲੇ ਖਾਂਦੇ ਰਹਿਣਾ ਨਾ ਤਾਂ ਸਿਹਤ ਲਈ ਠੀਕ ਹੈ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਇਸ ਨਾਲ ਖਾਣ ਵਾਲੇ ਨੂੰ ਹੀ ਤਸੱਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ : ਵਧੇਰੇ ਖਾਣ ਦੀ ਆਦਤ ਚੰਗੀ ਨਹੀਂ ਖਾਣਾ ਖਾਣ ਸਮੇਂ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਗੱਲ ਬਾਰੇ ਨਹੀਂ ਸੋਚਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਖਾਣਾ ਛੇਤੀ-ਛੇਤੀ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਖਾਣਾ ਖਾਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਅਤੇ ਪਿੱਛੋਂ ਹੱਥ ਧੋਣੇ ਅਤੇ ਚੁਲੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਰਾਤ ਨੂੰ ਖਾਣਾ ਖਾਣ ਪਿੱਛੋਂ ਦੰਦਾਂ ‘ਤੇ ਬੁਰਸ਼ ਕਰੋ ।

ਬੱਚੇ ਦੇ ਸੌਣ ਦਾ ਨਿਸਚਿਤ ਸਮਾਂ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸ਼ੁਰੂ ਤੋਂ ਹੀ ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਮਾਂ ਤੋਂ ਅਲੱਗ ਅਤੇ ਬਿਨਾਂ ਲੋਰੀ ਗਾਏ ਜਾਂ ਥਪਥਪਾਏ ਸੌਣ ਦੀ ਆਦਤ ਪਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਹਮੇਸ਼ਾ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਹਵਾਦਾਰ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਸੌਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਭਾਰਤੀ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਗਰਮੀਆਂ ਵਿਚ ਬਾਹਰ ਸੌਣ ਦੀ ਆਦਤ ਚੰਗੀ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਛੂਤ ਦੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਦਾ ਡਰ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਮੁੰਹ ਸਿਰ ਲਪੇਟ ਕੇ ਸੌਣ ਦੀ ਆਦਤ ਚੰਗੀ ਨਹੀਂ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਰਨ ਨਾਲ ਆਦਮੀ ਆਪਣੇ ਹੀ ਅੰਦਰੋਂ ਕੱਢੀ ਗੰਦੀ ਹਵਾ ਵਿਚ ਮੁੜ ਕੇ ਸਾਹ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਆਦਮੀ ਦਾ ਸਿਰ ਭਾਰਾ ਜਿਹਾ । ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸਵੇਰੇ ਉੱਠਣ ਪਿੱਛੋਂ ਤਾਜ਼ਾ ਨਹੀਂ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਭੈੜੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਕਿਵੇਂ ਪੈ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਕਿਵੇਂ ਬਚਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਵਾਨੀ ਦੇ ਚੜ੍ਹਦੇ ਸਾਲਾਂ ਵਿਚ ਕਈ ਭੈੜੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਦੇ ਪੈਣ ਦਾ ਖ਼ਤਰਾ ਵੀ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਸਾਡੇ ਨੌਜਵਾਨ ਮੁੱਢਲੇ ਅਨੁਸ਼ਾਸਨ ਦੀ ਘਾਟ ਜਾਂ ਬੁਰੇ ਸਾਥ ਕਰਕੇ ਤੰਬਾਕੂ, ਸ਼ਰਾਬ ਜਾਂ ਨਸ਼ੀਲੀ ਗੋਲੀਆਂ ਦੀ ਆਦਤ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਆਦਤਾਂ ਕਈ ਵਾਰੀ ਸਿਰਫ਼ ਫ਼ੈਸ਼ਨ ਦੇ ਤੌਰ ਤੇ ਹੀ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਪਰ ਫਿਰ ਮਨੁੱਖ ਬੇਵਸ ਹੋ ਕੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਗੁਲਾਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਠੀਕ ਸੇਧ ਨਾ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਕਈ ਨੌਜਵਾਨ ਖ਼ਾਸ ਕਰਕੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਨਸ਼ੀਲੀਆਂ ਗੋਲੀਆਂ ਦੇ ਆਦੀ ਹੋ ਗਏ ਹਨ | ਕਈ ਜ਼ਿਮੀਂਦਾਰ ਜਾਂ ਫੈਕਟਰੀਆਂ ਦੇ ਮਾਲਕ ਕਾਮਿਆਂ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕੰਮ ਲੈਣ ਲਈ ਆਪ ਨਸ਼ੀਲੀਆਂ ਗੋਲੀਆਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਇਨ੍ਹਾਂ ਤਿੰਨਾਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦਾ ਸਿਹਤ ਉੱਤੇ ਬਹੁਤ ਭੈੜਾ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ਪਰ ਉਸ ਤੋਂ ਵੀ ਵੱਧ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਅਸਰ ਆਚਰਨ ‘ਤੇ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਕ ਵਾਰੀ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਭੈੜੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਪੈ ਜਾਣ ਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨਾ ਬਹੁਤ ਔਖਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਸ਼ੁਰੂ ਤੋਂ ਹੀ ਇਹ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਕਿ ਭੈੜੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਨਾ ਪੈਣ । ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਨੂੰ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਜਵਾਨੀ ਦੀ ਉਮਰ ਵਿਚ ਬੱਚਿਆਂ ਦਾ ਖ਼ਾਸ ਖ਼ਿਆਲ ਰੱਖਣ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਪਿਆਰ ਅਤੇ ਹਮਦਰਦੀ ਦੇਣ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੰਮ ਵਿਚ ਦਿਲਚਸਪੀ ਲੈਣ ਤਾਂ ਕਿ ਉਹ ਭੈੜੀ ਸੰਗਤ ਅਤੇ ਭੈੜੇ ਕੰਮਾਂ ਤੋਂ ਬਚੇ ਰਹਿਣ ।

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ਹੋਰ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਪ੍ਰਸ਼ਨ
ਬਹੁਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਕਿੰਨੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
(ਉ) ਤਿੰਨ
(ਅ) ਸੱਤ
(ੲ) ਦਸ
(ਸ) ਇੱਕ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਤਿੰਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸੌਣ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਗ਼ਲਤ ਤੱਥ ਹੈ
(ੳ) ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਹਵਾਦਾਰ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਸੌਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
(ਅ) ਮੁੰਹ ਸਿਰ ਢੱਕ ਕੇ ਸੌਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
(ੲ) ਇਬੱਚੇ ਦਾ ਸੌਣ ਦਾ ਸਮਾਂ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
(ਸ) ਸਾਰੇ ਤੱਥ ਗਲਤ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਮੁੰਹ ਸਿਰ ਢੱਕ ਕੇ ਸੌਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕਿਹੜਾ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਪਿੰਡ, ਸ਼ਹਿਰ ਅਤੇ ਦੇਸ਼ ਹਿੱਤ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ?
(ਉ) ਨਾਗਰਿਕ
(ਅ) ਰੀਤੀ-ਰਿਵਾਜਾਂ ਦੇ ਅਨੁਕੂਲ
(ੲ) ਨੈਤਿਕ
(ਸ) ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਨਾਗਰਿਕ

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ਸਹੀ/ਗਲਤ ਦੱਸੋ

1. ਖਾਣਾ ਖਾਣ ਦੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਨਿਯਮਬੱਧ ਹੋਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ।
2. ਚੰਗੇ ਮਨੁੱਖ ਅਤੇ ਚੰਗੇ ਨਾਗਰਿਕ ਬਣਨ ਲਈ ਨਿਯਮਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਹੈ ।
3. ਨਿਜੀ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਚੰਗੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਆਧਾਰ ਬਚਪਨ ਤੋਂ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
1. √
2. √
3. √ ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂ ਭਰੋ

1. ਨਿਜੀ ਜੀਵਨ ਵਿਚ …………………….. ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਆਧਾਰ ਬਚਪਨ ਤੋਂ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
2. …………… ਦੇ ਸ਼ੁਰੂਆਤੀ ਸਾਲਾਂ ਵਿਚ ਕਈ ਭੈੜੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਪੈਣ ਦਾ ਖਤਰਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ !
3. ਮਨੁੱਖ ਇਕ ……………………. ਸੰਸਥਾ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
4. ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ………………………. ਅਤੇ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਨੂੰ ਉੱਚਾ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
1. ਲੜੀਬੱਧ,
2. ਜਵਾਨੀ,
3. ਸਮਾਜਿਕ,
4. ਆਚਰਨ ।

ਇਕ ਸ਼ਬਦ ਵਿੱਚ ਉੱਤਰ ਦਿਓ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਕਿਹੋ ਜਿਹੇ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ਸੌਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਹਵਾਦਾਰ ਕਮਰੇ ਵਿਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਨੂੰ ਕਿੰਨੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿਚ ਵੰਡਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਿੰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕਿਹੜਾ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਸਾਡੇ ਸਮਾਜ ਦੇ ਰਸਮਾਂ ਅਤੇ ਰਿਵਾਜਾਂ ਦੇ ਅਨੁਕੂਲ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਮਾਜਿਕ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ।

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ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਕਿਸ ਦੀ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਥਾਂ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਅਤੇ ਉੱਤਮ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਦੀ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਥਾਂ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਨਿੱਜੀ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਆਧਾਰ ਕਦੋਂ ਤੋਂ ਬਣਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿੱਜੀ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਆਧਾਰ ਬਦੇਪਨ ਤੋਂ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਬੱਚਿਆਂ ਦੀ ਕਿਹੜੀ ਆਦਤ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਹੋਣੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਬੱਚਿਆਂ ਦੀਆਂ ਖਾਣ ਦੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਹਰ ਸਮੇਂ ਖਾਣਾ ਸਿਹਤ ਲਈ ਕਿਉਂ ਠੀਕ ਨਹੀਂ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਰ ਸਮੇਂ ਖਾਂਦੇ ਰਹਿਣਾ ਨਾ ਤਾਂ ਸਿਹਤ ਲਈ ਠੀਕ ਹੈ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਇਸ ਨਾਲ ਖਾਣ ਵਾਲੇ ਦੀ ਸੰਤੁਸ਼ਟੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਬੱਚੇ ਦੇ ਸੌਣ ਦਾ ਸਮਾਂ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੱਚੇ ਦੇ ਸੌਣ ਦਾ ਸਮਾਂ ਨਿਸਚਿਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਮੂੰਹ ਸਿਰ ਲਪੇਟ ਕੇ ਸੌਣ ਨਾਲ ਸਿਰ ਭਾਰਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੰਹ ਸਿਰ ਲਪੇਟ ਕੇ ਸੌਣ ਦੀ ਆਦਤ ਚੰਗੀ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੌਣ ਨਾਲ ਆਦਮੀ ਆਪਣੀ ਹੀ ਅੰਦਰ ਦੀ ਗੰਦੀ ਹਵਾ ਵਿਚ ਦੁਬਾਰਾ ਸਾਹ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਨਾਲ ਆਦਮੀ ਦਾ ਸਿਰ ਭਾਰਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਨਿੱਜੀ ਅਤੇ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਜੀਵਨ ਲਈ ਕੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੁਰੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਤੋਂ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਦੂਰ ਰੱਖਣਾ ਨਿੱਜੀ ਅਤੇ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਜੀਵਨ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਨੌਜਵਾਨ ਕਿਸ ਕਮੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਤੰਬਾਕੂ, ਸ਼ਰਾਬ ਜਾਂ ਨਸ਼ੀਲੀਆਂ ਗੋਲੀਆਂ ਦੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਨੌਜਵਾਨ ਅਨੁਸ਼ਾਸਨ ਦੀ ਕਮੀ ਜਾਂ ਬੁਰੀ ਸੰਗਤ ਦੇ ਕਾਰਨ ਤੰਬਾਕੂ, ਸ਼ਰਾਬ ਅਤੇ ਨਸ਼ੇ ਵਾਲੀਆਂ ਗੋਲੀਆਂ ਦੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਚੰਗੀਆਂ ਤੇ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਹੋਰ ਕੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੰਗੀਆਂ ਅਤੇ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਸਾਡੇ ਲਈ ਉੱਤਮ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਵੀ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਸਰਕਾਰੀ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਅਤੇ ਸਰਕਾਰੀ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰਕਾਰੀ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਅਤੇ ਸਰਕਾਰੀ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਸ਼ਰਾਬੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਰਾਬੀ ਵਿਅਕਤੀ ਵਿਚ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੀ ਮਿਆਦ ਸਾਧਾਰਨ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਦੁਰਘਟਨਾ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਸ਼ਰਾਬ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਕੀ ਕਦਮ ਉਠਾਏ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਰਾਬ ਦੀ ਆਦਤ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਕਈ ਰਾਜਾਂ ਵਿਚ “ਨਸ਼ਾ ਮੁਕਤੀ ਕੇਂਦਰ’ ਖੋਲ੍ਹੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸ਼ਰਾਬ ਪੀਣ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਕਿਸ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਰਾਬ ਪੀਣ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਖੂਨ ਵਿਚ ਸ਼ੂਗਰ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸ਼ਰਾਬ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਪਦਾਰਥ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਰਾਬ ਇਕ ਤਰਲ ਪਦਾਰਥ ਹੈ ਜੋ ਪੀਣ ਵਿਚ ਕੌੜੀ ਅਤੇ ਜਲਨ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਵਾਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਇਥਾਈਲ ਅਲਕੋਹਲ ਦੇ ਨਾਮ ਨਾਲ ਵੀ ਜਾਣਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸ਼ਰਾਬ ਵਿਚ ਇਸ ਅਲਕੋਹਲ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸ਼ਰਾਬ ਦੇ ਲਗਾਤਾਰ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨਾਲ ਵਿਅਕਤੀ ਸ਼ਰਾਬੀ ਬਣ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਲਗਾਤਾਰ ਅਸਵਸਥ ਹੁੰਦਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਜ਼ਿਆਦਾ ਸ਼ਰਾਬ ਪੀਣਾ ਦਿਮਾਗ ਦੇ ਕੰਮ ਵਿਚ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਰੁਕਾਵਟ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਰਾਬ ਪੀਣ ਤੋਂ ਥੋੜ੍ਹੀ ਦੇਰ ਬਾਅਦ ਹੀ ਖੂਨ ਦੇ ਦੌਰੇ ਨਾਲ ਦਿਮਾਗ਼ ਵਿਚ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕੇਂਦਰੀ ਤੰਤਿਕਾ ਤੰਤਰ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਵਿਚ ਰੁਕਾਵਟ ਪਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਦਿਮਾਗ਼ ਦੇ ਉਸ ਭਾਗ ਨੂੰ ਵੀ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜੋ ਸਾਡੇ ਸੋਚਣ, ਸਮਝਣ ਤੇ ਚੇਤਨ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ‘ਤੇ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਦਿਮਾਗ਼ ਦੇ ਇਕ ਭਾਗ ਵਿਚ ਪਾਏ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਇਕ ਰਸਾਇਣ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਜ਼ਬਾਨ ਥਥਲਾਉਣ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸ਼ਰਾਬ ਦੀ ਆਦਤ ਤੋਂ ਕਿਵੇਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ੁਰੂ ਵਿਚ ਇਸ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਇਲਾਜ ਥੋੜ੍ਹੇ ਜਿਹੇ ਯਤਨਾਂ ਨਾਲ ਸਫਲਤਾਪੂਰਵਕ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਪਰੰਤੂ ਸ਼ਰਾਬ ਦੀ ਆਦਤ ਪੈ ਜਾਣ ਤੇ ਇਸ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣਾ ਕਠਿਨ ਹੈ । ਸ਼ਰਾਬੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਦ੍ਰਿੜ੍ਹ ਸੰਕਲਪ ਅਤੇ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਨਾਲ ਠੀਕ ਇਲਾਜ ਦੁਆਰਾ ਇਸ ਮਾਰੂ ਵ ਤੋਂ ਮੁਕਤੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ | ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਸਰਕਾਰ ਦੁਆਰਾ ਰਾਜ ਵਿਚ ਕਈ ਥਾਂਵਾਂ ‘ਤੇ ਨਸ਼ਾ ਮੁਕਤੀ ਕੇਂਦਰ ਖੋਲ੍ਹੇ ਗਏ ਹਨ ਜਿੱਥੇ ਸ਼ਰਾਬੀ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਨੂੰ ਇਸ ਆਦਤ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਦਿਵਾਉਣ ਲਈ ਹਰ ਸੰਭਵ ਯਤਨ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸ਼ਰਾਬ ਪੀਣ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਖੂਨ ਵਿਚ ਸ਼ੂਗਰ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਜਾਣ ਨਾਲ ਉਸ ਦੇ ਸਰੀਰ ‘ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਰਾਬ ਪੀਣ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਖੂਨ ਵਿਚ ਸ਼ੂਗਰ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਜਾਣ ਨਾਲ ਉਸਦਾ ਸਰੀਰ ਢਿੱਲਾ ਪੈ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਦਿਲ ਦੀ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ ‘ਤੇ ਪ੍ਰਤੀਕੂਲ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਾਉਂਦੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਨਾਲ ਖੂਨ ਦੀਆਂ ਨਾੜੀਆਂ ਫੈਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ | ਲਗਾਤਾਰ ਸ਼ਰਾਬ ਪੀਣ ਨਾਲ ਧਮਣੀਆਂ ਦੀਆਂ ਕੰਧਾਂ ਸਖ਼ਤ ਅਤੇ ਖੁਰਨ ਵਾਲੀਆਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਚੰਗੇ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਕਿੰਨੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਵਿਸਥਾਰ ਨਾਲ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਮੁੱਖ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਤਿੰਨ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ :

  1. ਸਮਾਜਿਕ,
  2. ਨੈਤਿਕ ਅਤੇ
  3. ਨਾਗਰਿਕ ।
    ਵਿਸਥਾਰ ਲਈ ਦੇਖੋ ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸਮਾਜਿਕ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਦਾ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਪਣੇ ਆਪ ਉੱਤਰ ਦਿਉ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਸਮਾਜਿਕ ਅਤੇ ਨੈਤਿਕ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਪਣੇ ਆਪ ਉੱਤਰ ਦਿਉ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਨੂੰ ਕਿੰਨੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਵਿਸਤਾਰਪੂਰਵਕ ਵਰਣਨ ਕਰੋ |
ਉੱਤਰ-
ਦੇਖੋ ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਵਿਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਸਮਾਜਿਕ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੇਖੋ ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਵਿਚ ।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 2 ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਅਤੇ ਚੰਗਾ ਸ਼ਿਸ਼ਟਾਚਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਕਿਉਂ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿੱਜੀ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਆਦਤਾਂ ਦਾ ਮੁੱਢ ਬਚਪਨ ਤੋਂ ਹੀ ਬੱਝਦਾ ਹੈ । ਛੋਟੇ ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਇਹ ਆਦਤਾਂ ਸਿਖਾਉਣੀਆਂ ਹੀ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਰੁਝੇਵਿਆਂ ਭਰੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਇਹ ਹੋਰ ਵੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਕਿ ਬੱਚਿਆਂ ਦੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਬਿਲਕੁਲ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਹੋਣ । ਪੁਰਾਣੇ ਸਮੇਂ ਵਿਚ ਮਾਂਵਾਂ ਆਪਣੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਜਦੋਂ ਉਹ ਰੋਣ ਜਾਂ ਕੁੱਝ ਮੰਗਣ ਤਾਂ ਦੁੱਧ ਦੇ ਦਿੰਦੀਆਂ ਸਨ ਜਾਂ ਖਾਣ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਪਕੜਾ ਦਿੰਦੀਆਂ ਸਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਖਾਣ, ਸੌਣ, ਟੱਟੀ, ਪਿਸ਼ਾਬ ਕਰਨ, ਖੇਡ ਆਦਿ ਦਾ ਨਾ ਕੋਈ ਸਮਾਂ ਸੀ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਕੋਈ ਠੀਕ ਤਰੀਕਾ ਹੁੰਦਾ ਸੀ । ਇਹ ਨਾ ਸਿਰਫ਼ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਆਪਣੇ ਸਰੀਰਕ ਅਤੇ ਮਾਨਸਿਕ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਠੀਕ ਸੀ ਸਗੋਂ ਪਰਿਵਾਰਿਕ ਜੀਵਨ ਦੀ ਆਪਣੀ ਮਰਯਾਦਾ ਨੂੰ ਵੀ ਠੀਕ ਨਹੀਂ ਰਹਿਣ ਦਿੰਦਾ । ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਕਿ ਬੱਚਿਆਂ ਦੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਨਿਯਮ-ਬੱਧ ਹੋਣ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸਿਖਲਾਈ ਬਰਾਬਰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਸਮਾਜ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਤੁਹਾਡਾ ਕੀ ਫਰਜ਼ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਨੁੱਖ ਇਕ ਸਮਾਜਿਕ ਪ੍ਰਾਣੀ ਹੈ । ਜੇ ਕੋਈ ਪੁਰਸਕਾਰ, ਇੱਜ਼ਤ ਕਿਸੇ ਮਨੁੱਖ ਨੂੰ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਸਮਾਜ ਤੋਂ ਹੀ ਮਿਲਦੀ ਹੈ | ਪਰ ਅਜਿਹਾ ਉਦੋਂ ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਵਿਅਕਤੀ ਸਮਾਜ ਦੇ ਲਾਭ ਲਈ ਆਪਣੇ ਨਿਜੀ ਸਵਾਰਥਾਂ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਉੱਠ ਕੇ ਕੁਝ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਹਰੇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਫਰਜ਼ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਜਿਸ ਸਮਾਜ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਉੱਥੋਂ ਦੇ ਰੀਤੀ- ਰਿਵਾਜ਼ਾਂ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਆਪਣਾ ਜੀਵਨ ਬਤੀਤ ਕਰੇ | ਨਸ਼ੀਲੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾ ਕਰੇ, ਗੰਦਗੀ ਨਾ ਫੈਲਾਏ, ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਸ਼ੁਧ ਰੱਖੇ । ਦੇਸ਼ ਦੀ, ਸਮਾਜ ਦੀ ਸੰਪੱਤੀ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਨਾ ਪਹੁੰਚਾਏ । ਜੇ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ-ਆਪਣੇ ਹਿੱਸੇ ਦਾ ਕੰਮ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਕਰਦੇ ਰਹੀਏ ਤਾਂ ਇਹ ਸਮਾਜ ਸਵਰਗ ਬਣ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 9 ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Chapter 9 ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Home Science Chapter 9 ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ

Home Science Guide for Class 8 PSEB ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ
ਵਸਤੁਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਫੱਟੜ ਦੀ ਤਤਕਾਲ ਥੋੜੀ ਸਹਾਇਤਾ, ਰੋਗ ਨੂੰ ਅਧਿਕ ਗੰਭੀਰ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣਾ, ਖ਼ੂਨ ਵਗਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣਾ, ਅਚਾਨਕ ਬੇਹੋਸ਼ ਹੋਣ ਉੱਤੇ ਬੇਹੋਸ਼ੀ ਦੂਰ ਕਰਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਦਾਹ ਕਿੰਨੀ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦਾਹ ਦੋ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ-

  1. ਸੁੱਕੀ ਦਾਹ
  2. ਤਰਲ ਦਾਹ ॥

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਅੱਗ ਲੱਗ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਮੋਟੇ ਕੰਬਲ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਲਪੇਟ ਕੇ ਜ਼ਮੀਨ ਤੇ ਲਿਟਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਰੇੜਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦਾਹ ਤੇ ਕੀ ਲਾਉਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਰਨੌਲ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਲੂ ਤੋਂ ਕਿਵੇਂ ਬਚਾਉਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਵਧੇਰੇ ਪੀਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਕੱਚੇ ਅੰਬ ਨੂੰ ਭੁੰਨ ਕੇ ਰਸ ਪੀਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਪਿਆਜ਼ ਦੀ ਵਰਤੋਂ, ਸਿੱਧੇ ਧੁੱਪ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਲੂ ਵਾਲੇ ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੰਭਾਲੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਛਾਂ ਵਾਲੀ ਠੰਡੀ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਰੱਖੋ ਧੜ ਨੂੰ ਠੰਡੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁਬਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਸਿਰ ‘ਤੇ ਬਰਫ਼ ਦੀ ਥੈਲੀ ਰੱਖਣੀ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕੱਚੇ ਅੰਬ ਦਾ ਰਸ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਲੂ ਕਿਉਂ ਲਗਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ ਗਰਮੀ ਦੇ ਮੌਸਮ ਵਿਚ ਅਚਾਨਕ ਸੂਰਜ ਦੀਆਂ ਤੇਜ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਕਮਜ਼ੋਰ ਆਦਮੀ, ਬੱਚੇ ਜਾਂ ਬੁੱਢੇ ਤੇ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਲੂ ਲੱਗ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਜ਼ਖ਼ਮ ‘ਤੇ ਕੀ ਲਾਉਣਾ ਠੀਕ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡੀਟੋਲ, ਸਪਿਰਿਟ ਆਦਿ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕੰਨ ਵਿਚੋਂ ਖੂਨ ਵਗਣ ਦਾ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਖੋਪੜੀ ਦੀ ਧਰਾਤਲ ਦੀ ਹੱਡੀ ਦੇ ਟੁੱਟਣ ਨਾਲ ਕੰਨ ਵਿਚੋਂ ਖੂਨ ਵਹਿਣ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਜਾਂ
ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਉਹ ਸਹਾਇਤਾ ਹੈ ਜੋ ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਜਾਂ ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਡਾਕਟਰ ਕੋਲ ਲੈ ਜਾਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਰੋਗ ਦੀ ਪੜਤਾਲ ਕਰਕੇ, ਉਸ ਨੂੰ ਛੇਤੀ ਹੀ ਇਲਾਜ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਪਹੁੰਚਾਈ ਜਾਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਵਿਅਕਤੀ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਵਿਅਕਤੀ ਧੀਰਜ ਵਾਲਾ, ਸਹਿਣਸ਼ੀਲ, ਸ਼ਾਂਤ, ਦਇਆਵਾਨ, ਹੁਸ਼ਿਆਰ, ਪੱਕੇ ਇਰਾਦੇ ਵਾਲਾ, ਸਪੱਸ਼ਟਵਾਦੀ, ਸਰੀਰਕ ਅਤੇ ਮਾਨਸਿਕ ਪੱਧਰ ‘ਤੇ ਚੁਸਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਕੀ ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਉਪਰੰਤ ਡਾਕਟਰ ਨੂੰ ਬੁਲਾਉਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਬਾਕੀ ਕੰਮ ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਲਈ ਛੱਡ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜਿੰਨੀ ਛੇਤੀ ਹੋ ਸਕੇ ਉਸ ਨੂੰ ਡਾਕਟਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਪਹੁੰਚਣ ਤੇ ਉਸ ਬਿਮਾਰ ਦੀ ਪੂਰੀ ਸਥਿਤੀ ਦੱਸ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਸੁੱਕੇ ਦਾਹ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਅੱਗ ਜਾਂ ਧਾਤੁ ਦਾ ਗਰਮ ਟੁੱਕੜਾ ਸਰੀਰ ਦੇ ਕਿਸੇ ਭਾਗ ਨਾਲ ਛੂਹ ਜਾਵੇ ਜਾਂ ਰਗੜਿਆ ਜਾਵੇ ਜਾਂ ਗਾੜੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਜਾਂ ਖਾਰ ਦੁਆਰਾ ਹੋਇਆ ਜ਼ਖ਼ਮ ਸੁੱਕੀ ਦਾਹ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਤਰਲ ਦਾਹ ਕਿਵੇਂ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਫ, ਗਰਮ ਤੇਲ, ਲੁੱਕ ਜਾਂ ਉਬਲਦੀ ਚਾਹ ਜਾਂ ਅਯੋਗ ਢੰਗ ਨਾਲ ਲਾਈ ਹੋਈ ਪੁਲਟਿਸ ਦੇ ਨਾਲ ਪੈਦਾ ਜ਼ਖ਼ਮ ਨੂੰ ਤਰਲ ਦਾਹ (ਸਾੜ) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਡੁੱਬਦੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਇਕ-ਇਕ ਪਲ ਕੀਤੀ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡੁੱਬਦੇ ਹੋਏ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਇਕ-ਇਕ ਪਲ ਕੀਮਤੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਕਈ ਵਾਰੀ ਡੁੱਬਣ ਨਾਲ ਆਦਮੀ ਮਰਦਾ ਤਾਂ ਨਹੀਂ ਪਰੰਤੂ ਬੇਹੋਸ਼ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ  ਉੱਲੀ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਬੰਦ ਕਰ ਦਿੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਸਾਹ ਰੁਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਸਮੇਂ ਜੇਕਰ ਬਨਾਉਟੀ ਸਾਹ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਜਾਨ ਬਚ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਨਿਬੰਧਾਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਜ਼ਖ਼ਮ ਕਿੰਨੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ? ਵਿਸਥਾਰ ਨਾਲ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜ਼ਖ਼ਮ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ। ਮੁੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਜ਼ਖ਼ਮਾਂ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਸ਼੍ਰੇਣੀਆਂ ਵਿਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ

  • ਕੱਟਿਆ ਘਾਉ-ਕਦੀ-ਕਦੀ ਤੇਜ਼ ਚਾਕੂ, ਬਲੇਡ ਜਾਂ ਕੱਚ ਆਦਿ ਦੇ ਕਿਨਾਰੇ ਨਾਲ ਲੱਗ ਕੇ ਖ਼ੂਨ ਵਹਿਣ ਲੱਗਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਘਾਉ ਡੂੰਘਾ ਲੱਗ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਧਮਣੀਆਂ ਤੇ ਨਾੜੀਆਂ ਵੀ ਕੱਟੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  • ਚਿਥਿਆ ਹੋਇਆ ਘਾਉ-ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਘਾਉ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਮਸ਼ੀਨ ਦੇ ਪੁਰਜ਼ਿਆਂ, ਜਾਨਵਰਾਂ ਦੇ ਸਿੰਗਾਂ ਅਤੇ ਪੰਜਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜ਼ਖ਼ਮ ਦੇ ਕਿਨਾਰੇ ਫਟੇ ਅਤੇ ਟੇਢੇ-ਮੇਢੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਜ਼ਖ਼ਮ ਜ਼ਿਆਦਾ ਖ਼ਤਰਨਾਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜ਼ਹਿਰੀਲੇ ਹੋਣ ਦਾ ਖ਼ਤਰਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਖ਼ਮ ਦੇ ਭਰ ਜਾਣ ਤੇ ਵੀ ਸਰੀਰ ਤੇ ਸਥਾਈ ਅਤੇ ਭੱਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ ਪੈ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਡੂੰਘਾ ਘਾਉ ਜਾਂ ਸੰਵੇਧਿਤ ਜ਼ਖ਼ਮ-ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਗੋਲੀ ਲੱਗਣ, ਲੱਕੜੀ ਦੀ ਬਾਂਸ ਚੁੱਭਣ, ਨੁਕੀਲਾ ਹਥਿਆਰ ਲੱਗਣ, ਕੰਡਾ ਚੁੱਭਣ ਆਦਿ ਨਾਲ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਜ਼ਖ਼ਮਾਂ ਦਾ ਮੂੰਹ ਉੱਪਰੋਂ ਛੋਟਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿਚ ਸਹੀ ਅੰਦਾਜ਼ਾ ਲਾਉਣਾ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਗੋਲੀ ਲੱਗਣ ਤੇ ਗੋਲੀ ਕੱਢਣ ਦਾ ਕੰਮ ਡਾਕਟਰ ਤੇ ਛੱਡ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਕੁਚਲਿਆ ਹੋਇਆ ਜਾਂ ਬਹੁਤ ਛੋਟਾ ਘਾਉ-ਕਿਸੇ ਭਾਰੀ ਵਸਤੂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਤੇ ਡਿੱਗਣ ਨਾਲ ਹਥੌੜੇ ਦੀ ਸੱਟ ਉਂਗਲੀ ਤੇ ਪੈ ਜਾਣ ਨਾਲ, ਦਰਵਾਜ਼ੇ ਦੇ ਵਿਚ ਉਂਗਲੀ ਆ ਜਾਣ ਨਾਲ ਜੋ ਜ਼ਖ਼ਮ ਬਣਦਾ ਹੈ ਉਹ ਕੁਚਲਿਆ ਹੋਇਆ ਜਾਂ ਬਹੁਤ ਛੋਟਾ ਜ਼ਖ਼ਮ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਜੇ ਨੱਕ ਵਿਚੋਂ ਖੂਨ ਵਗਣ ਲੱਗ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਗਰਮੀ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਨੱਕ ਤੋਂ ਖੂਨ ਵਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਨਕਸੀਰ ਫੁੱਟਣਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਨਕਸੀਰ ਦੇ ਟੁੱਟਣ ਤੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਲਾਜ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ

  1. ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਖੁੱਲ੍ਹੀ ਥਾਂ ਤੇ ਖਿੜਕੀ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਲੈ ਜਾ ਕੇ ਕੁਰਸੀ ਤੇ ਬਿਠਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਸ਼ੁੱਧ ਹਵਾ ਮਿਲ ਸਕੇ ।
  2. ਜੇ ਰੋਗੀ ਬੈਠ ਨਾ ਸਕਦਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਦੇ ਮੋਢਿਆਂ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਸਿਰਾਣੇ ਲਾ ਦੇਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  3. ਉਸ ਦੇ ਸਿਰ ਨੂੰ ਪਿੱਛੇ ਅਤੇ ਹੱਥਾਂ ਨੂੰ ਉੱਚਾ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਧੌਣ ਅਤੇ ਛਾਤੀ ਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਢਿੱਲਾ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਸਾਹ ਨਾ ਲੈ ਕੇ ਮੂੰਹ ਦੁਆਰਾ ਸਾਹ ਲੈਣ ਲਈ ਕਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  6. ਨੱਕ, ਹੰਸਲੀ ਅਤੇ ਰੀੜ੍ਹ ਦੀ ਹੱਡੀ ਉੱਤੇ ਠੰਢੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਪੱਟੀ ਰੱਖਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਖੂਨ ਦਾ ਵਹਿਣਾ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਵੇ ।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 9 ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ 1

7. ਪੈਰ ਗਰਮ ਰੱਖਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ | ਅਜਿਹਾ ਕਰਨ ਲਈ ਇਕ ਚਿਮਚੀ ਵਿਚ ਕੋਸਾ ਪਾਣੀ ਲੈ ਕੇ ਰੋਗੀ ਦੇ ਪੈਰਾਂ ਨੂੰ ਉਸ ਵਿਚ ਰੱਖ ਕੇ ਤੌਲੀਏ ਨਾਲ ਢੱਕ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਖੂਨ ਦਾ ਵਹਾਓ ਪੈਰਾਂ ਵੱਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ।

8. ਖੂਨ ਵਹਿਣਾ ਬੰਦ ਹੋ ਜਾਣ ਤੇ ਵੀ ਰੋਗੀ ਦੀ ਨੱਕ ਜਲਦੀ ਸਾਫ਼ ਨਹੀਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਉਸ ਨੂੰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹਿਲਣ-ਜੁਲਣ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਤੁਸੀਂ ਰੋਗੀ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਿਵੇਂ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੋਗੀ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ-ਕੰਨ ਦੀ ਕੰਨਪਟੀ ਤੇ ਥੋੜੀ ਨੂੰ ਰੱਖ ਕੇ ਢਿੱਲੀ ਪੱਟੀ ਬੰਨ ਦੇਣੀ . ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਰੋਗੀ ਦਾ ਸਿਰ ਸੱਟ ਵਾਲੇ ਪਾਸੇ ਝੁਕਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

Home Science Guide for Class 8 PSEB ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ Important Questions and Answers

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਦਾਹ ਕਿੰਨੀ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
(ੳ) ਇੱਕ
(ਅ) ਦੋ
(ੲ) ਪੰਜ
(ਸ) ਦਸ ।
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਦੋ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੰਡਾ ਚੁੱਭਣ ਕਾਰਨ ਹੋਇਆ ਜਖ਼ਮ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਹੈ ?
(ਉ) ਕੱਟਿਆ ਜ਼ਖਮ
(ਅ) ਚਿਥਿਆ ਹੋਇਆ
(ੲ) ਡੂੰਘਾ ਜ਼ਖਮ
(ਸ) ਕੁਚਲਿਆ ਹੋਇਆ |
ਉੱਤਰ-
(ੲ) ਡੂੰਘਾ ਜ਼ਖਮ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੁਚਲਿਆ ਜ਼ਖਮ ਹੈ ?
(ਉ) ਤੇਜ਼ ਚਾਕੂ ਵਾਲਾ
(ਅ) ਮਸ਼ੀਨ ਦੇ ਪੁਰਜ਼ਿਆਂ ਕਾਰਨ
(ਈ) ਬਾਂਸ ਚੁੱਭਣਾ
(ਸ) ਦਰਵਾਜ਼ੇ ਦੇ ਵਿਚ ਉਂਗਲੀ ਆ ਜਾਣਾ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਦਰਵਾਜ਼ੇ ਦੇ ਵਿਚ ਉਂਗਲੀ ਆ ਜਾਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਠੀਕ ਤੱਥ ਹੱਲ –
(ੳ) ਸੜੇ ਹੋਏ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਬਰਨੌਲ ਲਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
(ਅ) ਜ਼ਖਮ ਨੂੰ ਐਂਟੀ ਸੈਪਟਿਕ ਘੋਲ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
(ਈ) ਖਾਰ ਨਾਲ ਸੜੇ ਹੋਏ ਅੰਗ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋ ਦਿਉ ।
(ਅ) ਸਾਰੇ ਠੀਕ |
ਉੱਤਰ-
(ਅ) ਸਾਰੇ ਠੀਕ |

ਸਹੀ/ਗਲਤ ਦੱਸੋ

1. ਸਰੀਰ ਵਿਚ 6 ਦਬਾਅ ਬਿੰਦੂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-

2. ਧਮਨੀ ਦੀ ਬਜਾਇ ਸ਼ਿਰਾ ਦਾ ਖੂਨ ਵਗਣਾ ਸਰਲਤਾ ਨਾਲ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-

3. ਲੁ ਵਾਲੇ ਰੋਗੀ ਦੇ ਸਿਰ ਤੇ ਬਰਫ਼ ਦੀ ਥੈਲੀ ਰੱਖਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-

4. ਲੂ ਲੱਗਣ ਨਾਲ ਰੋਗੀ ਦੀ ਨਬਜ਼ ਤੇਜ਼ ਚਲਦੀ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-

5. ਗਰਮ ਧਾਤੂ ਨਾਲ ਜਲਣ ਤਰਲ ਦਾ ਹੈ |
ਉੱਤਰ-

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂ ਭਰੋ

1. ਲੂ ਵਾਲੇ ਰੋਗੀ ਨੂੰ ……………… ਸਥਾਨ ਤੇ ਲੈ ਜਾਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਠੰਡੇ,

2. ਦਰਵਾਜ਼ੇ ਵਿਚ ਉਂਗਲੀ ਆਉਣ ‘ਤੇ ……… ਜ਼ਖ਼ਮ ਬਣਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੁਚਲਿਆ,

3. ਸਰੀਰ ਵਿਚ ………… ਦਬਾਅ ਬਿੰਦੂ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
ਛੇ,

4. ਲੂ ਲਗਣ ਤੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ 102° ਤੋਂ …….. ਤਕ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
108F.

ਇੱਕ ਸ਼ਬਦ ਵਿਚ ਉੱਤਰ ਦਿਓ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕੰਨ ਵਿਚ ਖੂਨ ਆਉਣ ਦਾ ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਖੋਪੜੀ ਦੇ ਧਰਾਤਲ ਦੀ ਹੱਡੀ ਟੁੱਟਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਲੂ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਨਮਕ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਜਾਂ ਵੱਧ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਧਾਰਨ ਤੋਂ ਡੇਢ ਗੁਣਾਂ ਵੱਧ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜਲੇ ਹੋਏ ਜ਼ਖ਼ਮ ਤੇ ਕਿਸ ਘੋਲ ਨਾਲ ਡਰੇਸਿੰਗ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੋਡੇ ਦੇ ਘੋਲ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸੁੱਕੀ ਜਲਣ ਦਾ ਉਦਾਹਰਨ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਗਰਮ ਧਾਤੂ ਨਾਲ ਜਲਣ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਘਰੇਲੂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਿੱਜੇ ਅਤੇ ਚਿਕਨੇ ਫ਼ਰਸ਼ ਤੋਂ ਤਿਲਕ ਕੇ ਡਿੱਗ ਜਾਣਾ, ਪੌੜੀਆਂ ਤੋਂ ਡਿੱਗ ਪੈਣਾ, ਖੇਡ ਕੁੱਦ ਵਿਚ ਸੱਟ ਲੱਗਣਾ, ਰਸੋਈ ਵਿਚ ਅੱਗ ਲੱਗਣਾ, ਗਰਮ ਪਾਣੀ ਜਾਂ ਦੀਪਕ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਤੇਜ਼ ਗਰਮ ਵਸਤੂ ਨਾਲ ਜਲ ਜਾਣਾ, ਗਰਮ ਪਾਣੀ ਜਾਂ ਚਾਹ ਆਦਿ ਦੇ ਡਿੱਗਣ ਨਾਲ ਸੜ ਜਾਣਾ, ਅੱਗ ਨਾਲ ਝੁਲਸ ਜਾਣਾ, ਭਾਫ਼ ਨਾਲ ਸੜ ਜਾਣਾ, ਦਮ ਘੁੱਟਣਾ, ਕੱਟਣਾ ਜਾਂ ਖਰੋਚ ਪੈਣਾ, ਧੋਖੇ ਨਾਲ ਜ਼ਹਿਰੀਲੀ ਦਵਾਈ ਪੀ ਲੈਣੀ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2. ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਚਾਨਕ ਵਾਪਰਨ ਵਾਲੀਆਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਜੋ ਇਲਾਜ ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਕੋਲ ਜਾਂ ਹਸਪਤਾਲ ਲੈ ਜਾਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਉਸ ਨੂੰ ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ |

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਖੂਨ ਦਾ ਵਗਣਾ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੱਟ ਨਾਲ, ਖਰੋਚ ਨਾਲ, ਸੂਈ ਚੁੱਭਣ ਨਾਲ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਤੇਜ਼ ਧਾਰ ਵਾਲੀ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਧਮਣੀ ਜਾਂ ਸ਼ਿਰਾ ਦੇ ਕੱਟ ਜਾਣ ਨਾਲ ਖ਼ੂਨ ਦੇ ਵਹਿਣ ਨੂੰ ਖ਼ੂਨ ਦਾ ਵਗਣਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਖੂਨ ਦਾ ਵਗਣਾ ਕਿੰਨੀ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਦੇ ਕੱਟੇ ਜਾਣ ਨਾਲ ਖੂਨ ਦਾ ਵਗਣਾ
  2. ਧਮਣੀ ਵਿਚੋਂ ਖੂਨ ਵਗਣਾ
  3. ਸ਼ਿਰਾ ਤੋਂ ਖੂਨ ਵਗਣਾ
  4. ਅੰਦਰੁਨੀ ਖੂਨ ਦਾ ਵਗਣਾ
  5. ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਖੂਨ ਵਗਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕੰਨ ਵਿਚੋਂ ਖੂਨ ਵਗਣ ਦਾ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਖੋਪੜੀ ਦੀ ਧਰਾਤਲ ਦੀ ਹੱਡੀ ਦੇ ਟੁੱਟਣ ਨਾਲ ਕੰਨ ਵਿਚੋਂ ਖੂਨ ਵਗਣ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕੰਨ ਵਿਚੋਂ ਖੂਨ ਵਗਣ ‘ਤੇ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਇਲਾਜ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੰਨ ਦੀ ਕੰਨਪਟੀ ਤੇ ਥੋੜੀ ਨੂੰ ਰੱਖ ਕੇ ਦਿੱਲੀ ਪੱਟੀ ਬੰਨ੍ਹ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਰੋਗੀ ਦਾ ਸਿਰ ਸੱਟ ਵਾਲੇ ਪਾਸੇ ਝੁਕਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਦਬਾਅ ਬਿੰਦੁ ਕੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਅਜਿਹੇ ਸਥਾਨ ਜਿੱਥੇ ਦਬਾਅ ਪਾ ਕੇ ਖੂਨ ਦਾ ਵਗਣਾ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਕਿੰਨੇ ਦਬਾਅ ਬਿੰਦੁ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਹਨ ? ਨਾਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਰੀਰ ਵਿਚ 6 ਦਬਾਅ ਬਿੰਦੁ ਮੁੱਖ ਹਨ

  • ਗਲੇ ਦੀ ਨਾਲੀ ਦੀ ਬਗਲ ਵਿਚ,
  • ਕੰਨ ਦੇ ਠੀਕ ਸਾਹਮਣੇ,
  • ਜਬਾੜੇ ਤੋਂ ਕੋਣ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੋਇਆ 2.5 ਸੈਂਟੀਮੀਟਰ ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ,
  • ਕਾਲਰ ਦੀ ਹੱਡੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦੇ ਭਾਗ ਦੇ ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ,
  • ਬਾਂਹਵਾਂ ਦੇ ਅੰਦਰ ਵੱਲ,
  • ਜਾਂਘ ਵਿਚ ਮੂਤਰ ਵਹਿਣੀ ਦੇ ਨੇੜੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਦਬਾਅ ਬਿੰਦੂਆਂ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕੰਮ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦਬਾਅ ਬਿੰਦੂਆਂ ਤੇ ਉਚਿਤ ਦਬਾਅ ਪਾ ਕੇ ਖੂਨ ਦੇ ਵਹਿਣ ਨੂੰ ਰੋਕ ਕੇ ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਇਕ ਵੱਡੇ ਸਦਮੇ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਨਕਸੀਰ ਦਾ ਟੁੱਟਣਾ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ ਗਰਮੀ ਨਾਲ ਛਿੱਕ ਮਾਰਨ ਜਾਂ ਸਿੱਧੀ ਸੱਟ ਦੇ ਕਾਰਨ ਨੱਕ ਤੋਂ ਖੂਨ ਵਗਣ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਨਕਸੀਰ ਫੁੱਟਣਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਮੁੱਢਲੇ ਸਹਾਇਕ ਦੇ ਕੀ ਗੁਣ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਪੱਸ਼ਟ ਬੋਲਣ ਵਾਲਾ ।
  2. ਧੀਰਜਵਾਨ, ਸਹਿਣਸ਼ੀਲ ਅਤੇ ਸਾਹਸੀ ।
  3. ਮਿੱਠਾ ਬੋਲਣ ਵਾਲਾ ਅਤੇ ਪ੍ਰਸੰਨਚਿਤ ।
  4. ਦੂਰਦਰਸ਼ੀ, ਹੁਸ਼ਿਆਰ ਅਤੇ ਨਿਪੁੰਨ ।
  5. ਤੰਦਰੁਸਤ ।
  6. ਦਿਆਲੂ ਤੇ ਸੇਵਾਭਾਵ ਰੱਖਣ ਵਾਲਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਭਾਪ, ਗਰਮ ਤੇਲ ਜਾਂ ਉਬਲਦੀ ਚਾਹ ਨਾਲ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਦਾਹ ਨੂੰ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਰਲ ਦਾਹ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਤੋਂ ਕੀ ਲਾਭ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੋਗੀ ਦੀ ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਲਾਭ ਹੁੰਦੇ ਹਨ –

  • ਜ਼ਖ਼ਮੀ ਦੀ ਉਸੇ ਵੇਲੇ ਥੋੜ੍ਹੀ ਜਿਹੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ਉਸ ਦੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਬਚ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
  • ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਰੋਗ ਨੂੰ ਗੰਭੀਰ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਕਿਸੇ ਵੀ ਕਾਰਨ ਖੂਨ ਦੇ ਵਗਣ ਨੂੰ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਕਿਸੇ ਦੇ ਅਚਾਨਕ ਸੱਟ ਲੱਗਣ ਤੇ ਜਾਂ ਬੇਹੋਸ਼ ਹੋ ਜਾਣ ਤੇ ਬੇਹੋਸ਼ੀ ਦੂਰ ਕਰਨ ਦੇ ਉਪਾਅ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
  • ਥੋੜ੍ਹੀ ਦੇਰ ਲਈ ਅਚਾਨਕ ਪੀੜ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ !

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸੁੱਕੀ ਗਰਮੀ ਨਾਲ ਸੜਨ ਦੇ ਕੀ ਲੱਛਣ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ? ਇਸ ਦਾ ਇਲਾਜ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੀਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅੱਗ, ਗਰਮ ਧਾਤੂ, ਤੇਜ਼ਾਬ, ਖਾਰ, ਬਿਜਲੀ, ਤੇਜ਼ ਘੁੰਮਣ ਵਾਲੇ ਪਹੀਏ ਜਾਂ ਤਾਰ ਦੀ ਰਗੜ ਨਾਲ ਜਲਣ ਨੂੰ ਸੁੱਕੀ ਗਰਮੀ ਨਾਲ ਜਲਣਾ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਇਸੇ ਦੇ ਮੁੱਖ ਲੱਛਣ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ

  1. ਪੀੜ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਸਦਮਾ ਪਹੁੰਚਦਾ ਹੈ ।
  3. ਚਮੜੀ ਤੇ ਲਾਲੀ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਇਲਾਜ-

  • ਸਦਮੇ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਲਈ ਜ਼ਖ਼ਮੀ ਨੂੰ ਗਰਮ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਸਾੜ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰਨ ਲਈ ਕੋਈ ਵੀ ਠੰਢਕ ਪਹੁੰਚਾਉਣ ਵਾਲਾ ਘੋਲ ਜਿਵੇਂ ਖਾਣ ਦੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਗਾੜ੍ਹਾ ਘੋਲ, ਸੜੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਲਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਸੜੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ‘ਤੇ ਬਰਨੌਲ ਨਾਮਕ ਦਵਾਈ ਵੀ ਲਗਾਈ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਲੂ ਲੱਗਣ ਦੇ ਕੀ ਲੱਛਣ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੂ ਲੱਗਣ ਦੇ ਲੱਛਣ-

  • ਰੋਗੀ ਦੀ ਨਬਜ਼ ਤੇਜ਼ ਚਲਦੀ ਹੈ ।
  • ਸਰੀਰ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਬੁਖਾਰ 102°F ਤੋਂ 110°F ਤਕ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਬੁਖਾਰ ਵਧਣ ਨਾਲ ਨੱਕ-ਕੰਨ ਵਿਚੋਂ ਖੂਨ ਵਗਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ।
  • ਬੇਹੋਸ਼ੀ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  • ਪੁਤਲੀ ਸੁੰਗੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  • ਸਿਰ ਘੁੰਮਣ ਲਗਦਾ ਹੈ ।
  • ਪਿਆਸ ਲੱਗਣ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਖੂਨ ਵਗਣ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਦੇ ਉਪਾਅ ਦੱਸੋ।
ਉੱਤਰ-
ਖੂਨ ਵਗਣ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਉਪਾਅ ਹਨ

  1. ਝਰੀਟ, ਸੁਈ ਚੁਭਣ ਜਾਂ ਸਾਧਾਰਨ ਕੋਸ਼ਿਕਾ ਦੇ ਕੱਟ ਜਾਣ ‘ਤੇ ਖ਼ੂਨ ਵਗਣ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਕੱਟੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ਨੂੰ ਹੱਥ ਜਾਂ ਅੰਗੂਠੇ ਨਾਲ ਦਬਾ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਜੇਕਰ ਅੰਗੂਠੇ ਜਾਂ ਹੱਥ ਨਾਲ ਖੂਨ ਦਾ ਵਗਣਾ ਬੰਦ ਨਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਨੂੰ ਅਤੇ ਕੱਪੜੇ ਦਾ ਪੈਡ ਜਾਂ ਬੋਰਸਿਕ ਲਿੰਟ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਨੂੰ ਜ਼ਖ਼ਮ ਤੇ ਰੱਖ ਕੇ ਪੱਟੀ ਬੰਨਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।ਤਦ ਤਕ ਪੱਟੀ ਨਾ ਖੋਲੀ ਜਾਵੇ ਜਦੋਂ ਤਕ ਖ਼ੂਨ ਵਗਣਾ ਬੰਦ ਨਾ ਹੋ ਜਾਵੇ ।
  3. ਧਮਣੀ ਵਿਚੋਂ ਖੂਨ ਵਗਣ ਦੀ ਹਾਲਤ ਵਿਚ ਪਹਿਲਾਂ ਜ਼ਖ਼ਮੀ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਲਿਟਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਅੰਗ ਦੇ ਵਿਚੋਂ ਖੂਨ ਵਹਿ ਰਿਹਾ ਹੋਵੇ ਉਸ ਨੂੰ ਜਿੱਥੋਂ ਤਕ ਹੋ ਸਕੇ ਦਿਲ ਦੇ ਲੈਵਲ ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਉਠਾ ਕੇ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਬਰਫ਼ ਦੀ ਥੈਲੀ ਰੱਖਣ ਨਾਲ ਵੀ ਖੂਨ ਵਗਣਾ ਬੰਦ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  5. ਸਿਰ ਵਿਚੋਂ ਖੂਨ ਵਗਣ ਤੇ ਸੱਟ ਲੱਗੇ ਹਿੱਸੇ ਨੂੰ ਥੱਲੇ ਵਲ ਝੁਕਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  6. ਜੇਕਰ ਹੱਡੀ ਨਹੀਂ ਟੁੱਟੀ ਹੋਈ ਤਾਂ ਜ਼ਖ਼ਮ ਨੂੰ ਅੰਗੂਠੇ ਜਾਂ ਹਥੇਲੀ ਨਾਲ ਦਬਾ ਕੇ ਵੀ ਖੂਨ ਵਗਣਾ ਬੰਦ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਜਲਣ ਤੇ ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  • ਸੜੇ ਹੋਏ ਭਾਗ ਨੂੰ ਦੋ ਚਾਹ ਦੇ ਚਮਚ ਬੇਕਿੰਗ ਸੋਡਾ, ਸੋਡੀਅਮ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ ਜਾਂ ਸੋਡਾ ਕਾਰਬਨ ਇਕ ਪੁਆਇੰਟ ਗਰਮ ਪਾਣੀ ਘੋਲ ਕੇ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੋ ਲਓ |
  • ਦੂਸ਼ਿਤ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਸਾਵਧਾਨੀ ਨਾਲ ਉਤਾਰ ਦਿਓ ਅਤੇ ਸੜੇ ਹੋਏ ਜ਼ਖ਼ਮ ਦੇ ਸਾਧਾਰਨ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਕਰੋ ।
  • ਜੇਕਰ ਅੱਖ ਵਿਚ ਤੇਜ਼ਾਬ ਪੈਣ ਦਾ ਸ਼ੱਕ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੋ ਕੇ ਪੱਟੀ ਬੰਨ੍ਹ ਦਿਓ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਖਾਰ ਨਾਲ ਸੜਨ ਤੇ ਕੀ ਮੁੱਢਲਾ ਇਲਾਜ ਕੀਤਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਸੜੇ ਹੋਏ ਅੰਗ ਤੇ ਪਿਆ ਖਾਰ ਚੁਨਾ) ਨਰਮ ਬੁਰਸ਼ ਨਾਲ ਚੂਨਾ ਹਟਾ ਦਿਓ ।
  2. ਸੜੇ ਹੋਏ ਅੰਗ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋ ਦਿਓ ।
  3. ਸਿਰਕਾ ਜਾਂ ਨਿੰਬੂ ਦੇ ਰਸ ਨੂੰ ਸਮਾਨ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਮਿਲਾ ਕੇ ਹਾਨੀ ਪੁੱਜੇ ਭਾਗ ਨੂੰ ਧੋਵੋ ਇਸ ਨਾਲ ਖਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  4. ਦੂਸ਼ਿਤ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਜਲਦੀ ਹਟਾ ਦਿਓ ਅਤੇ ਸੜਨ ਦੇ ਸਾਧਾਰਨ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਕਰੋ ।
  5. ਜੇਕਰ ਅੱਖ ਵਿਚ ਖਾਰ ਪੈਣ ਦਾ ਸ਼ੱਕ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਠੰਢੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੋ ਲਓ । ਅੱਖਾਂ ਨੂੰ ਨਰਮ ਰੂੰ ਦੀ ਗੱਦੀ ਲਾ ਕੇ ਪੱਟੀ ਬੰਨ੍ਹ ਦਿਓ ਅਤੇ ਡਾਕਟਰ ਨੂੰ ਜਲਦੀ ਵਿਖਾਉਣ ਦਾ ਜਤਨ ਕਰੋ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਸ਼ਿਰਾ ਦੇ ਖੂਨ ਵਗਣ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਮਨੀ ਦੀ ਬਜਾਇ ਸ਼ਿਰਾ ਦਾ ਖੂਨ ਵਗਣਾ, ਸਰਲਤਾ ਨਾਲ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਸ਼ਿਰਾਵਾਂ ਵਿਚੋਂ ਵਗਣ ਵਾਲਾ ਖੂਨ ਅਸ਼ੁੱਧ ਅਤੇ ਨੀਲਾਪਨ ਲਏ ਗੂੜ੍ਹੇ ਰੰਗ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸ਼ਿਰਾ ਤੋਂ ਖੂਨ ਲਗਾਤਾਰ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਇਕ ਬੱਝੀ ਧਾਰ ਦੇ ਨਾਲ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ । ਇਲਾਜ-ਜਿਸ ਅੰਗ ਤੇ ਸੱਟ ਲੱਗੀ ਹੋਵੇ ਉਸ ਨੂੰ ਹੇਠਾਂ ਵਲ ਝੁਕਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਜ਼ਖ਼ਮ ਗੰਦਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂਐਂਟੀਸੈਪਟਿਕ ਘੋਲ ਨਾਲ ਧੋ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਹੱਡੀ ਨਾ ਟੁੱਟੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਂਗਲੀ ਨਾਲ ਜ਼ਖ਼ਮ ਨੂੰ ਜ਼ੋਰ ਨਾਲ ਦਬਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਰੂੰ ਨੂੰ ਇਕ ਮੋਟੇ ਪੈਡ ਤੇ ਰੱਖ ਕੇ ਬੰਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਖ਼ਮ ਦੇ ਥੱਲੇ ਕੱਸ ਕੇ ਪੱਟੀ ਬੰਨ ਦੇਣ ਨਾਲ ਖੂਨ ਦਾ ਵਗਣਾ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਬੰਦ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਡੁੱਬਦੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਉਸ ਦੀ ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਡੁੱਬਦੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਵਿਚੋਂ ਬਾਹਰ ਕੱਢ ਕੇ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਉਸ ਨੂੰ ਉਲਟਾ ਕਰਕੇ ਪੇਟ ਦਬਾ ਕੇ ਵਾਧੂ ਪਾਣੀ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤੇ ਬਣਾਉਟੀ ਸਾਹ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜਲਦੀ ਹੀ ਡਾਕਟਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਅਤੇ ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਵਿਅਕਤੀ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੇਖੋ ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ।

ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਜ਼ਖ਼ਮਾਂ ਦੇ ਇਲਾਜ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
1. ਕੱਟੇ ਹੋਏ ਜ਼ਖ਼ਮ ਦਾ ਇਲਾਜ-ਜੇਕਰ ਜ਼ਖ਼ਮ ਘੱਟ ਡੂੰਘਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਖ਼ੂਨ ਵਗਣ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਕੀਟਾਣੁ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲ ਜਾਣਗੇ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਨੂੰ ਐਂਟੀਸੈਪਟਿਕ ਘੋਲ, ਟਿੱਚਰ ਆਇਓਡੀਨ, ਸਪਿਰਟ ਆਦਿ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਦੇ ਉੱਪਰ ਰ ਰੱਖ ਕੇ ਪੱਟੀ ਬੰਨ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਸਾਫ਼ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਇਸ ਗੱਲ ਦਾ ਵੀ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੀ ਗੰਦਗੀ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਜ਼ਖ਼ਮ ਵਿਚ ਨਾ ਜਾਵੇ । ਜੇ ਖੂਨ ਦਾ ਵਗਣਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਕੱਸ ਕੇ ਪੱਟੀ ਬੰਨ੍ਹ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਵੱਡਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਡਾਕਟਰ ਦੀ ਸਲਾਹ ਨਾਲ ਟਾਂਕੇ ਲਗਵਾ ਦੇਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

2. ਫਟੇ ਹੋਏ ਜ਼ਖ਼ਮ ਦਾ ਇਲਾਜ-

  • ਖੂਨ ਦਾ ਵਗਣਾ ਬੰਦ ਕਰਕੇ ਐਂਟੀਸੈਪਟਿਕ ਘੋਲ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਜ਼ਖ਼ਮ ਸਾਫ਼ ਕਰਨ ਦੇ ਬਾਅਦ ਉਸ ਉੱਤੇ ਸਲਫੋਨਾਮਾਈਡ ਪਾਉਡਰ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਛਿੜਕ ਕੇ ਡਾਕਟਰੀ ਇਲਾਜ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਤੂੰ ਰੱਖ ਕੇ ਬੰਨ੍ਹ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

3. ਸੰਵੇਧਿਤ ਜ਼ਖ਼ਮ ਦਾ ਇਲਾਜ-ਖੂਨ ਦਾ ਵਗਣਾ ਰੋਕਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜ਼ਖ਼ਮ ਨੂੰ ਐਂਟੀਸੈਪਟਿਕ ਘੋਲ ਨਾਲ ਧੋ ਕੇ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਫਿਰ ਰੂੰ ਨੂੰ ਮਰਕਿਊਰੀ ਕੋਮ ਜਾਂ ਐਕੂਫਲੈਵਿਨ ਵਿਚ ਭਿਉਂ ਕੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਤੇ ਪੱਟੀ ਬੰਨ੍ਹ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਗੋਲੀ ਅੰਦਰ ਰਹਿ ਗਈ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਜ਼ਖ਼ਮੀ ਨੂੰ ਜਲਦੀ ਨਾਲ ਹਸਪਤਾਲ ਲੈ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਬੇਹੋਸ਼ ਨਹੀਂ ਹੋਣ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ |

4. ਕੁਚਲੇ ਹੋਏ ਜਾਂ ਕੁਚਲਿਤ ਜ਼ਖ਼ਮ ਦਾ ਇਲਾਜ-ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਨੂੰ ਐਂਟੀਸੈਪਟਿਕ ਘੋਲ ਨਾਲ ਧੋ ਕੇ ਕੱਪੜੇ ਨੂੰ ਬਰਫ਼ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਗਿੱਲਾ ਕਰਕੇ ਬੰਨ੍ਹ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਜ਼ਖ਼ਮੀ ਨੂੰ ਬੇਚੈਨੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਠੰਢੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਗੁਲੂਕੋਜ਼ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਫਸਟ ਏਡ ਬਕਸਾ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੀਆਂ ਵਸਤਾਂ ਦੀ ਸੂਚੀ ਬਣਾਓ।
ਉੱਤਰ-
ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਦੇ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੀ ਸਾਮੱਗਰੀ ਨੂੰ ਇਕ ਡੱਬੇ ਵਿਚ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਸ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਐਮਰਜੈਂਸੀ ਦੇ ਸਮੇਂ ਤੁਰੰਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ ਅਤੇ ਸਾਮਾਨ ਦੇ ਲਈ ਇੱਧਰ-ਉੱਧਰ ਨਾ ਭਟਕਣਾ ਪਵੇ । ਇਸ ਡੱਬੇ ਨੂੰ ਫਸਟ ਏਡ ਬਕਸਾ (First Aid Box) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਫਸਟ ਏਡ ਬਕਸੇ ਵਿਚ ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਸੰਬੰਧੀ ਹੇਠ ਲਿਖਿਆ ਸਾਮਾਨ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ-
PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 9 ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ 2

  • ਟਿੱਚਰ ਆਇਓਡੀਨ
  • ਟਿੱਚਰ ਬੈਨਜੋਈਨ
  • ਮਰਕਿਊਰੋਕ੍ਰੋਮ ਜਾਂ ਐਫਲੇਵਿਨ
  • ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਪਰਮੈਂਗਨੇਟ (ਲਾਲ ਦਵਾਈ)
  • ਸਪਿਰਿਟ ਅਤੇ ਅਮੋਨੀਆ
  • ਡਿਟੋਲ (ਕਿਰਮ ਨਾਸ਼ਕ ਘੋਲ)
  • ਸੋਡਾ ਬਾਈਕਾਰਬੋਨੇਟ (ਖਾਣ ਦਾ ਮਿੱਠਾ ਸੋਡਾ)
  • ਸੁੰਘਣ ਦਾ ਨਮਕ (ਸਮੈਲਿੰਗ ਸਾਲਟ)
  • ਬਰਨੌਲ
  • ਆਇਓਡੈਕਸ
  • ਦਵਾਈਯੁਕਤ ਪਲਾਸਟਰ (ਐਡਰੈਸਿਵ ਟੇਪ)
  • ਏ. ਪੀ. ਸੀ., ਡਿਸਪਰੀਨ, ਐਨਾਸ਼ੀਨ ਜਾਂ ਨੌਵਲਜੀਨ
  • ਪੱਟੀਆਂ (ਗੋਲ ਤੇ ਤਿਕੋਣੀ)
  • ਗਾਂਜ (ਜਾਲੀ ਵਾਲਾ ਕੱਪੜਾ)
  • ਤੂੰ (ਕਾਟਨ) ਮੇਡੀਕੇਟਿਡ
  • ਖਪਚੀਆਂ
  • ਅੱਖ ਧੋਣ ਦਾ ਗਿਲਾਸ
  • ਅੱਧਾ ਦਰਜਨ ਸੇਫਟੀ ਪਿਨ
  • 2-3 ਝਾਪਰ
  • ਕੁਝ ਲੰਮੀਆਂ ਸੀਖਾਂ ਜੋ ਫੁਰਹਰੀ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਣ
  • ਟੁਰਨੀਕੇਟ
  • ਛੋਟੀ ਕੈਂਚੀ, ਚਾਕੂ ਅਤੇ ਚਿਮਟੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸੁੱਕੇ ਅਤੇ ਤਰਲ ਦਾਹ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਉਦਾਹਰਣ ਦੇ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਪਣੇ ਆਪ ਉੱਤਰ ਦਿਉ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਲੂ ਕਿਉਂ ਲਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਲੂ ਵਾਲੇ ਰੋਗੀ ਦੀ ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਿਵੇਂ ਕਰੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੇਖੋ ਉਪਰੋਕਤ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਵਿਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੈਨਿਕ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਛੋਟੀਆਂ ਜਾਂ ਵੱਡੀਆਂ ਦੁਰਘਟਨਾਵਾਂ ਵਾਪਰਦੀਆਂ ਰਹਿੰਦੀਆਂ ਹਨ | ਘਰ ਵਿਚ, ਸੜਕ ‘ਤੇ ਸਫ਼ਰ ਕਰਦੇ ਹੋਏ, ਕਾਰਖ਼ਾਨਿਆਂ ਆਦਿ ਵਿਚ, ਕਿਸੇ ਵੀ ਸਮੇਂ ਕੋਈ ਦੁਰਘਟਨਾ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ | ਸੜ ਜਾਣਾ, ਲੂ ਲੱਗਣਾ, ਕਿਸੇ ਕੀੜੇ-ਮਕੌੜੇ ਦਾ ਕੱਟਣਾ, ਗ਼ਲਤੀ ਨਾਲ ਕੋਈ ਜ਼ਹਿਰੀਲੀ ਚੀਜ਼ ਖਾ ਲੈਣਾ, ਬੇਹੋਸ਼ ਹੋ ਜਾਣਾ, ਕਿਸੇ ਅੰਗ ਦਾ ਕੱਟ ਜਾਣਾ ਜਾਂ ਜਲ ਜਾਣਾ ਆਦਿ ਰੋਜ਼ ਦੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਵਾਪਰ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ | ਅਜਿਹੀ ਹਾਲਤ ਵਿਚ ਡਾਕਟਰ ਨੂੰ ਬੁਲਾਉਣਾ ਜਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਦਿਖਾਉਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਹਰ ਥਾਂ ਅਤੇ ਹਰ ਸਮੇਂ ਡਾਕਟਰ ਦਾ ਮਿਲਣਾ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ | ਕਈ ਵਾਰ ਸਮੇਂ ਤੇ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾ ਮਿਲਣ ਕਾਰਨ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਹਾਲਤ ਬਹੁਤ ਵਿਗੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਮੌਤ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਦੁਰਘਟਨਾ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਗੰਭੀਰ ਹਾਲਤ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ, ਉਸ ਦੀ ਜਾਨ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਕੁੱਝ ਇਲਾਜ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਅੱਗ ਲੱਗ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਅੱਗ ਲੱਗਣ ਤੇ ਉਪਾਅ

  1. ਜੇਕਰ ਖਾਣਾ ਬਣਾਉਂਦੇ ਸਮੇਂ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਕਾਰਨ ਨਾਲ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਅੱਗ ਲੱਗ ਗਈ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਤੁਰੰਤ ਜ਼ਮੀਨ ਤੇ ਲਿਟਾ ਕੇ ਰੇੜ੍ਹਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਰੋਗੀ ਦੇ ਉੱਪਰ ਇਕ ਕੰਬਲ ਜਾਂ ਓਵਰਕੋਟ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਪਰ ਰੋਗੀ ਦਾ ਮੂੰਹ ਖੁੱਲਾ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਅੱਗ ਬੁਝਾਉਣ ਲਈ ਸੜੇ ਹੋਏ ਵਿਅਕਤੀ ਤੇ ਕਦੀ ਵੀ ਪਾਣੀ ਨਹੀਂ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ । ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਘਾਉ ਹੋਰ ਗੰਭੀਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  3. ਰੋਗੀ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਤੇ ਬੂਟ ਲਾਹ ਦੇਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ | ਜੇਕਰ ਨਾ ਉਤਰ ਸਕਣ ਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਚੁੱਕ ਕੇ ਕਿਸੇ ਇਕਾਂਤ ਥਾਂ ਤੇ ਲੈ ਜਾ ਕੇ ਲਿਟਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਉਸ ਨੂੰ ਪੀਣ ਲਈ ਗਰਮ ਦੁੱਧ ਜਾਂ ਚਾਹ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  5. ਜੇਕਰ ਛਾਲੇ ਪੈ ਗਏ ਹੋਣ ਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਫੇਹਣਾ ਨਹੀਂ ਚਾਹੀਦਾ ।
  6. ਸੜੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ਤੇ ਖਾਣ ਦੇ ਸੋਡੇ ਦੇ ਘੋਲ ਨਾਲ ਡੈਸਿੰਗ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਇਕ ਹਿੱਸਾ ਅਲਸੀ ਦੇ ਤੇਲ ਵਿਚ ਇਕ ਭਾਗ ਚੁਨੇ ਦਾ ਪਾਣੀ ਮਿਲਾ ਕੇ ਸਾਫ਼ ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਫਾਹੇ ਦੁਆਰਾ ਸੜੇ ਹੋਏ ਭਾਗ ਤੇ ਲਗਾਉਣਾ ਲਾਭਦਾਇਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ।
  8. ਬਰਨੌਲ ਉਪਲੱਬਧ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਸੜੇ ਹੋਏ ਥਾਂ ਤੇ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਲਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  9. ਸੜੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ਤੇ ਨਾਰੀਅਲ ਦਾ ਤੇਲ ਮਲਣ ਨਾਲ ਵੀ ਆਰਾਮ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।
  10. ਜੇਕਰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸੜ ਗਿਆ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਸੜੇ ਹੋਏ ਸਥਾਨ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਸਾਵਧਾਨੀ ਨਾਲ ਹਟਾ ਦੇਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ | ਜੇਕਰ ਕੱਪੜੇ ਚਿਪਕ ਗਏ ਹੋਣ ਤਾਂ ਉਸ ਥਾਂ ਤੇ ਨਾਰੀਅਲ ਦਾ ਤੇਲ ਜਾਂ ਜੈਤੂਨ ਦਾ ਤੇਲ ਲਗਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  11. ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਛੇਤੀ ਤੋਂ ਛੇਤੀ ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਕੋਲ ਜਾਂ ਨੇੜੇ ਦੇ ਹਸਪਤਾਲ ਵਿਚ ਲਿਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦਾਹ ਤੇ ਕੀ ਲਾਓਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦਾਹ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਛਾਲੇ ਨਹੀਂ ਫੋੜਨੇ ਚਾਹੀਦੇ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਬਾਹਰ ਦੇ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਤੋਂ ਘਾਉ ਨੂੰ ਬਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦਾਹ ਤੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਪਦਾਰਥ ਲਾਏ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ –

  • ਜੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੇ ਜਲਣ ਨਾਲ ਸਰੀਰ ਸੜ ਗਿਆ ਹੈ ਤਾਂ ਦਾਹ ਤੇ ਖਾਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਘੋਲ, ਇਕ ਭਾਗ ਚੁਨੇ ਦਾ ਪਾਣੀ ਮਿਲਾ ਕੇ, ਜੈਤੂਨ ਜਾਂ ਨਾਰੀਅਲ ਦਾ ਤੇਲ ਜਾਂ ਬਰਨੌਲ ਲਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਜੇ ਸਰੀਰ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨਾਲ ਸੜਿਆ ਹੈ ਤਾਂ ਦਾਹ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੋ ਲੈਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਭਾਗ ਤੇਜ਼ਾਬ ਨਾਲ ਸੜਿਆ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਤੇ ਅਮੋਨੀਆ ਜਾਂ ਖਾਣ ਵਾਲੇ ਸੋਡੇ ਦਾ ਘੋਲ ਲਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਤੇਜ਼ ਖਾਰ ਨਾਲ ਜਲਣ ਤੇ ਸਿਰਕੇ ਜਾਂ ਨਿੰਬੂ ਦੇ ਰਸ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਮਿਲਾ ਕੇ ਲਾਉਣ ਨਾਲ ਆਰਾਮ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਖਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕਾਰਬੋਲਿਕ ਐਸਿਡ ਨਾਲ ਜਲੇ ਹੋਏ ਭਾਗ ਤੇ ਅਲਕੋਹਲ ਮਲਣ ਨਾਲ ਆਰਾਮ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।
  • ਵਾਸ਼ਪ ਜਾਂ ਖੁਸ਼ਕ ਤਾਪ ਨਾਲ ਜਲਣ ਤੇ ਜਾਂ ਬਿਜਲੀ ਨਾਲ ਚਾਹ ਲੱਗਣ ਤੇ ਵੀ ਉਹੋ ਇਲਾਜ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜੋ ਕੱਪੜਿਆਂ ਵਿਚ ਅੱਗ ਲੱਗਣ ਤੇ ਗੰਭੀਰ ਰੂਪ ਨਾਲ ਸੜਨ ਤੇ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ |

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਲੂ ਤੋਂ ਕਿਵੇਂ ਬਚਾਉਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਲੂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਵਰਤਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ

  1. ਗਰਮੀ ਵਿਚ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਹਲਕੇ ਰੰਗ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  2. ਗਰਮੀ ਦੇ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਵਾਤਾਨੁਕੂਲਿਤ ਠੰਢੇ ਸਥਾਨ ਵਿਚ ਜਾਂ ਵਾਤਾਨੁਕੂਲਿਤ ਠੰਢੇ ਥਾਂ ਤੋਂ ਗਰਮੀ ਦੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਇੱਕੋ ਵਾਰ ਨਹੀਂ ਆਉਣਾ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  3. ਘਰ ਤੋਂ ਖ਼ਾਲੀ ਪੇਟ ਬਾਹਰ ਨਹੀਂ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ | ਖਾਣਾ ਖਾਂਦੇ ਹੋਏ ਵਿਅਕਤੀ ਨਾਲੋਂ ਖ਼ਾਲੀ ਪੇਟ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਲੂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ।
  4. ਜ਼ਿਆਦਾ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪਾਣੀ ਪੀਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਘਰੋਂ ਜਾਂਦੇ ਸਮੇਂ ਵੀ ਪਾਣੀ ਪੀ ਕੇ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਲੂ ਦੇ ਦਿਨਾਂ ਵਿਚ ਕੱਚੇ ਅੰਬ ਦੇ ਪੀਣ (ਅੰਬ ਨੂੰ ਭੁੰਨ ਕੇ ਬਣਾਏ ਗਏ ਰਸ) ਅਤੇ ਪਿਆਜ਼ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ |
  6. ਨਮਕ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਧ ਲੈਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਖ਼ੁਰਾਕ ਲੈਣ ਵਾਲੇ ਨੂੰ ਲੂ ਘੱਟ ਲੱਗਦੀ ਹੈ । ਸ਼ਰਾਬ ਪੀਣ ਵਾਲਿਆਂ, ਚਮੜੀ ਦੇ ਰੋਗੀਆਂ ਨੂੰ ਅਤੇ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਭੋਜਨ ਨਾ ਖਾਣ ਵਾਲਿਆਂ ਨੂੰ ਜਲਦੀ ਲੁ ਲੱਗ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਲੂ ਵਾਲੇ ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੰਭਾਲੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੂ ਨਾਲ ਪੀੜਿਤ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਉਸੇ ਵੇਲੇ ਡਾਕਟਰੀ ਸਹਾਇਤਾ ਪਹੁੰਚਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਤੇਜ਼ ਬੁਖ਼ਾਰ ਨਾਲ ਉਸ ਦੀ ਮੌਤ ਦਾ ਡਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
ਲੂ ਲੱਗਣ ਤੇ ਹੇਠ ਲਿਖੀ ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਦਿੱਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ

  • ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਛਾਂ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ਜਾਂ ਠੰਢੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਲੈ ਜਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਜਿੰਨੀ ਛੇਤੀ ਹੋ ਸਕੇ ਉਸ ਦੇ ਦਿਮਾਗ਼ ਨੂੰ ਠੰਢਕ ਪਹੁੰਚਾਉਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਲਈ ਉਸ ਦੇ ਧੜ ਨੂੰ ਠੰਢੇ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਡੁਬੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਪੂਰੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਮਲਮਲ ਕੇ ਠੰਢੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਨਹਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਰੋਗੀ ਦੇ ਸਿਰ ਤੇ ਬਰਫ਼ ਦੀ ਥੈਲੀ ਰੱਖਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  • ਬੁਖ਼ਾਰ ਉਤਰਦੇ ਹੀ ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਬਿਸਤਰ ਤੇ ਲਿਟਾ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਬੁਖ਼ਾਰ ਦੁਬਾਰਾ ਤੇਜ਼ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹੋ ਇਲਾਜ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਕੱਚਾ ਅੰਬ ਭੁੰਨ ਕੇ ਜਾਂ ਉਬਾਲ ਕੇ ਉਸ ਦਾ ਰਸ ਬਣਾ ਕੇ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਪਿਆਜ਼ ਦਾ ਰਸ ਦੇਣਾ ਵੀ ਲਾਭਦਾਇਕ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਰੋਗੀ ਦੇ ਹੱਥ ਪੈਰ ਖ਼ਾਸ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਹਥੇਲੀਆਂ ਅਤੇ ਤਲੂਏ ਤੇ ਮਹਿੰਦੀ ਜਾਂ ਪਿਆਜ਼ ਪੀਹ ਕੇ ਮਲਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਲੱਸੀ ਜਾਂ ਨਿੰਬੂ ਦੇ ਨਾਲ ਨਮਕ ਖੁਆਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਪਸੀਨੇ ਦੁਆਰਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਨਮਕ ਸਰੀਰ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਕੋਈ ਉਤੇਜਕ ਪਦਾਰਥ ਨਹੀਂ ਪਿਲਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਲੂ ਕਿਉਂ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੂ ਗਰਮ ਦੇਸ਼ਾਂ ਵਿਚ ਵਾਪਰਨ ਵਾਲੀ ਘਟਨਾ ਹੈ । ਤੇਜ਼ ਗਰਮੀ ਦੇ ਮੌਸਮ ਵਿਚ ਅਚਾਨਕ ਸੂਰਜ ਦੀਆਂ ਤੇਜ਼ ਕਿਰਨਾਂ ਕਮਜ਼ੋਰ ਆਦਮੀ, ਬੱਚੇ ਜਾਂ ਬੁੱਢੇ ਤੇ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਲੂ ਲੱਗ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਮਨੁੱਖ ਕਾਫ਼ੀ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਲਈ ਖੁੱਲੀ ਗਰਮੀ ਵਿਚ ਕੰਮ ਕਰੇ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਲੂ ਲੱਗ ਸਕਦੀ ਹੈ | ਘਰ ਦੇ ਅੰਦਰ ਵੀ ਤੇਜ਼ ਗਰਮੀ ਲੂ ਲੱਗਣ ਦੇ ਸਮਾਨ ਨਤੀਜਾ ਦੇ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਲੂ ਲੱਗਣ ਦੀ ਹਾਲਤ ਵਿਚ ਸਰੀਰ ਤਾਪ ਦੇ ਨਿਸ਼ਕਾਸਨ ਦੀ ਸਾਧਾਰਨ ਸ਼ਕਤੀ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਜ਼ਖ਼ਮ ‘ਤੇ ਕੀ ਲਾਉਣਾ ਠੀਕ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜ਼ਖ਼ਮ ਵਿਚੋਂ ਜੇ ਖੂਨ ਵਗਦਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਪਹਿਲਾਂ ਖੂਨ ਬੰਦ ਕਰਨ ਦਾ ਇਲਾਜ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜਿਸ ਅੰਗ ਵਿਚੋਂ ਖੂਨ ਵਗਦਾ ਹੋਵੇ ਉਸ ਨੂੰ ਪੋਲਾ ਜਿਹਾ ਫੜ ਕੇ ਦਿਲ ਤੋਂ ਥੋੜਾ ਜਿਹਾ ਉੱਪਰ ਰੱਖੋ ਤਾਂ ਕਿ ਖੂਨ ਦਾ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਣਾ ਰੁਕ ਜਾਵੇ । ਪਰ ਜੇ ਹੱਡੀ ਟੁੱਟੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਅਜਿਹਾ ਕਰਨਾ ਠੀਕ ਨਹੀਂ । ਜ਼ਖ਼ਮ ਉੱਤੇ ਸਖ਼ਤ ਕੱਪੜਾ ਰੱਖ ਕੇ ਪੱਟੀ ਬੰਨ੍ਹਣ ਨਾਲ ਵੀ ਖੂਨ ਵਗਣਾ ਰੁਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਵਿਚ ਕੋਈ ਚੀਜ਼ ਵੱਜੀ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਹੱਡੀ ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਜ਼ਖ਼ਮ ਦੇ ਕਿਨਾਰੇ ਤੇ ਦਬਾਉ ਪਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਕਿਸੇ ਕੀਟਾਣੂ ਨਾਸ਼ਕ ਜਾਂ ਐਂਟੀਸੈਪਟਿਕ ਘੋਲ ਜਿਵੇਂ ਡੀਟੋਲ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਪਰਮੈਂਗਨੇਟ ਜਾਂ ਸਪਿਰਿਟ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਜ਼ਖ਼ਮ ਜ਼ਹਿਰੀਲਾ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਚਿਆ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਖ਼ਮ ਤੇ ਮਰਕਿਊਰੀ ਭੀਮ ਜਾਂ ਟਿੱਚਰ ਬੈਂਜੋਈਨ ਲਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਖ਼ਮ ‘ਤੇ ਜੇਕਰ ਚਿਰ ਬਣ ਗਿਆ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਹਟਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਖੂਨ ਵਗਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਦਾ ਕੁਦਰਤੀ ਸਾਧਨ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
‘‘ਕੱਟੇ ਜਾਣ ‘ਤੇ ਖੂਨ ਦਾ ਵਗਣਾ’ ਵਿਚ ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਬਾਰੇ ਦੱਸੋ । ਜ਼ਖ਼ਮ ਕਿੰਨੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਜਿਹੀ ਹਾਲਤ ਵਿਚ ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਦੇਣ ਦਾ ਮਤਲਬ ਹੈ ਕਿ ਖੂਨ ਨੂੰ ਰੋਕਣਾ ਅਤੇ ਖੂਨ ਵਿਚ ਜਰਾਸੀਮ ਨਾ ਦਾਖਲ ਹੋ ਜਾਣ ਇਸ ਤੋਂ ਵੀ ਰੋਕਣਾ । ਡੂੰਘੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਧੋ ਕੇ ਫਲਾਲੈਨ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਨਾਲ ਸਾਫ਼ ਕਰ ਦਿਉ । ਸਾਧਾਰਨ ਜ਼ਖ਼ਮ ‘ਤੇ ਟਿੱਚਰ ਆਇਉਡੀਨ ਲਗਾਉ । ਜੇ ਦਵਾਈ ਨਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਜ਼ਖ਼ਮ ਨੂੰ ਧੋ ਕੇ ਇਸ ‘ਤੇ ਸ਼ਹਿਦ ਲਗਾ ਦਿਉ । ਜ਼ਖ਼ਮਾਂ ਦੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ-ਖੁਦ ਕਰੋ ।

ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ PSEB 8th Class Home Science Notes

ਸੰਖੇਪ ਜਾਣਕਾਰੀ

  • ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਉਹ ਸਹਾਇਤਾ ਹੈ ਜੋ ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਜਾਂ ਰੋਗੀ | ਨੂੰ ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਕੋਲ ਲੈ ਜਾਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਰੋਗੀ ਦੇ ਰੋਗ ਦੀ ਪੜਤਾਲ ਕਰਕੇ ਉਸ ! ਨੂੰ ਛੇਤੀ ਹੀ ਇਲਾਜ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਪਹੁੰਚਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  • ਮੁੱਢਲੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਵਿਅਕਤੀ ਧੀਰਜ ਵਾਲਾ, ਸਹਿਣਸ਼ੀਲ, ਸ਼ਾਂਤ, ਦਇਆਵਾਨ, ਹੁਸ਼ਿਆਰ, ਪੱਕੇ ਇਰਾਦੇ ਵਾਲਾ, ਸਪੱਸ਼ਟਵਾਦੀ, ਸਰੀਰਕ ਅਤੇ ਮਾਨਸਿਕ , ਪੱਧਰ ਤੇ ਚੁਸਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਅੱਗ ਜਾਂ ਧਾਤੂ ਦਾ ਗਰਮ ਟੁਕੜਾ ਜੇ ਕਰ ਸਰੀਰ ਦੇ ਕਿਸੇ ਭਾਗ ਨਾਲ ਛੂਹ ਜਾਵੇ ਜਾਂ ਰਗੜਿਆ ਜਾਵੇ ਜਾਂ ਗਾੜੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਜਾਂ ਖ਼ਾਰ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਇਆ ਜ਼ਖ਼ਮ ਸੁੱਕੀ ਦਾਹ (ਜਲਣ) ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਭਾਫ, ਗਰਮ ਤੇਲ, ਲੁੱਕ ਜਾਂ ਉਬਲਦੀ ਚਾਹ ਜਾਂ ਦੁੱਧ ਜਾਂ ਅਭੋਜ ਢੰਗ ਨਾਲ ਲਾਈ ਗਈ ਪੁਲਟਿਸ ਨਾਲ ਪੈਦਾ ਹੋਏ ਜ਼ਖ਼ਮ ਨੂੰ ਤਰਲ ਦਾਹ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ।
  • ਸੜੀ ਹੋਈ ਥਾਂ ਤੇ ਤੇਲ ਲਾਉਣ ਨਾਲ ਖੂਨ ਵਿਚ ਜ਼ਹਿਰ ਫੈਲਣ ਦਾ ਡਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਸੜੇ ਹੋਏ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਗਰਮ ਮਿੱਠੀ ਚਾਹ ਵਿਚ ਹਲਦੀ ਪਾ ਕੇ ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਗਰਮ ਰੱਖਿਆ ਜਾ ਸਕੇ । ਲੂ ਲੱਗਣ ਨਾਲ ਰੋਗੀ ਦੀ ਨਬਜ਼ ਤੇਜ਼ ਚਲਦੀ ਹੈ ।
  • ਗਰਮੀ ਵਿਚ ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਨੂੰ ਹਲਕੇ ਰੰਗ ਦੇ ਸੂਤੀ ਕੱਪੜੇ ਪਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਗਰਮੀ ਦੇ ਦਿਨਾਂ ਵਿਚ ਧੁੱਪ ਵਿਚ ਕਾਲੀਆਂ ਐਨਕਾਂ ਤੇ ਛਤਰੀ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਲੂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸ਼ਰਾਬ ਪੀਣ ਵਾਲਿਆਂ ਨੂੰ, ਐਗਜ਼ੀਮਾਂ ਦੇ ਰੋਗੀਆਂ ਨੂੰ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਭੋਜਨ | ਨਾ ਖਾਣ ਵਾਲਿਆਂ ਨੂੰ ਛੇਤੀ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ।
  • ਸਧਾਰਨ ਕੱਟੇ ਹੋਏ ਜ਼ਖ਼ਮ ਤੇ ਟਿੱਚਰ ਆਇਓਡੀਨ ਲਗਾਉਣੀ ਠੀਕ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਕਿਸੇ ਵੀ ਤੇਜ਼ ਬਲੇਡ, ਉਸਤਰਾ ਆਦਿ ਦੇ ਲੱਗਣ ਨਾਲ ਹੋਏ ਜ਼ਖ਼ਮ ਨੂੰ, ਕੱਟਿਆ ਘਾਉ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
  • ਮਸ਼ੀਨ ਵਿਚ ਸਰੀਰ ਦੇ ਕਿਸੇ ਅੰਗ ਦਾ ਆ ਜਾਣਾ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਪਸ਼ੂ ਦੇ ਮੂੰਹ ਵਿਚ ਆ ਜਾਣ ਨੂੰ, ਚਿੱਥਿਆ ਘਾਉ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
  • ਕਿਸੇ ਚਾਕੂ, ਤੇਜ਼ ਧਾਰ ਵਾਲੇ ਜਾਂ ਨੁਕੀਲੇ ਹਥਿਆਰ ਨਾਲ ਹੋਏ ਡੂੰਘੇ ਘਾਉ ਜਿਸ ਦਾ ਮੂੰਹ ਉੱਪਰੋਂ ਛੋਟਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਪਰ ਜ਼ਖ਼ਮ ਗਹਿਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਇਸ ਨੂੰ ਡੂੰਘਾ ਜ਼ਖ਼ਮ ਆਖਦੇ ਹਨ ।
  • ਕਿਸੇ ਭਾਰੀ ਚੀਜ਼ ਦੇ ਸਰੀਰ ਉੱਪਰ ਡਿੱਗਣ ਨਾਲ ਜਾਂ ਖੁੰਢੇ ਹਥਿਆਰ ਦਾ ਜ਼ੋਰ ਨਾਲ ਲੱਗਣ ਤੇ ਹੋਣ ਵਾਲਾ ਘਾਉ ਛੋਟਾ ਘਾਉ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਨੱਕ ਰਾਹੀਂ ਖੂਨ ਵਗੇ ਤਾਂ ਨੱਕ ਠੰਢਾ ਅਤੇ ਨੱਕ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  • ਲੂ ਦੇ ਦਿਨਾਂ ਵਿਚ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਨਮਕ ਦਾ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਲੂ ਲੱਗੇ ਹੋਏ ਰੋਗੀ ਨੂੰ ਠੰਢੇ ਅਤੇ ਖੁੱਲ੍ਹੀ ਹਵਾ ਵਿਚ ਲਿਟਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

 

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 1 ਨਿੱਜੀ ਦੇਖ-ਭਾਲ

Punjab State Board PSEB 8th Class Home Science Book Solutions Chapter 1 ਨਿੱਜੀ ਦੇਖ-ਭਾਲ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Home Science Chapter 1 ਨਿੱਜੀ ਦੇਖ-ਭਾਲ

Home Science Guide for Class 8 PSEB ਨਿੱਜੀ ਦੇਖ-ਭਾਲ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ
ਵਸਤੂਨਿਸ਼ਠ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਤੱਤ ਕਿਹੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਅਤੇ ਚਿਕਨਾਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਲਈ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ ਦੇ ਕੋਈ ਦੋ ਲਾਭ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਹੱਡੀਆਂ ਅਤੇ ਦੰਦਾਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਨਾ ।
  2. ਨਾੜੀਆਂ ਨੂੰ ਸਵਸਥ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਖਾਣੇ ਨਾਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪਾਣੀ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਪੀਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਖਾਣੇ ਦੇ ਨਾਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪਾਣੀ ਨਹੀਂ ਪੀਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਕਿਉਂਕਿ ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਪਚਾਉਣ ਵਾਲੇ ਰਸ ਪਤਲੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਭੋਜਨ ਜਲਦੀ ਪਚਦਾ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਭਾਰਤੀ ਖੁਰਾਕ ਦੀ ਇੱਕ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਘਾਟ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਭੋਜਨ ਵਿਚ ਕਲੋਰੀਆਂ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਦਾ ਘੱਟ ਹੋਣਾ ।

ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪਸ਼ਨ 5.
ਲੋੜ ਤੋਂ ਵੱਧ ਜਾਂ ਘੱਟ ਖਾਣ ਦੇ ਕੀ ਨੁਕਸਾਨ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੇਕਰ ਜ਼ਰੂਰਤ ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਾਣਾ ਖਾਧਾ ਜਾਏ ਤਾਂ ਮਿਹਦੇ ਅਤੇ ਅੰਤੜੀਆਂ ਨੂੰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਿਹਨਤ ਕਰਨੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਨਾਲ ਗੁਰਦਿਆਂ ‘ਤੇ ਵੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬੋਝ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।ਖਾਧੇ ਹੋਏ ਭੋਜਨ ਵਿਚ ਉਬਾਲ ਜਿਹਾ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਗੈਸ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਪੇਟ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਮੂੰਹ ਵਿਚੋਂ ਬਦਬੂ ਆਉਣ ਲੱਗ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਸਿਰ ਦੁੱਖਣ ਲੱਗ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਜੇਕਰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਦੇਰ ਤਕ ਜ਼ਰੂਰਤ ਤੋਂ ਵੱਧ ਭੋਜਨ ਖਾਧਾ ਜਾਏ ਤਾਂ ਪੇਟ ਦੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ ਮਿਹਦੇ ਦੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ, ਗੁਰਦਿਆਂ ਵਿਚ ਖ਼ਰਾਬੀ ਅਤੇ ਖੂਨ ਦਾ ਦਬਾਉ ਵੱਧ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਤੰਤੂਆਂ ਵਿਚ ਵਧੇਰੇ ਚਰਬੀ ਜੰਮ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਆਦਮੀ ਮੋਟਾ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਪਿਸ਼ਾਬ ਵਿਚ ਸ਼ੱਕਰ ਆਉਣ ਦਾ ਰੋਗ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਜੇਕਰ ਦੇਰ ਤਕ ਘੱਟ ਖਾਣਾ ਖਾਧਾ ਜਾਏ ਤਾਂ ਭਾਰ ਘੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਕਮਜ਼ੋਰੀ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਅਤੇ ਖੂਨ ਦੀ ਕਮੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਘੱਟ ਖਾਣ ਨਾਲ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਨ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਖ਼ਾਸ ਕਰਕੇ ਤਪਦਿਕ ਹੋਣ ਦਾ ਡਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਬੱਚੇ ਜੇਕਰ ਘੱਟ ਖਾਣਾ ਖਾਣ ਤਾਂ ਬੁੱਧੂ (Dull) ਜਿਹੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਜਲਦੀ ਥੱਕ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਵੀ ਪੂਰਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕੱਦ ਅਤੇ ਭਾਰ ਵੀ ਆਪਣੀ ਉਮਰ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਘੱਟ ਹੀ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕਰੀਮ ਅਤੇ ਤੇਲ ਕਿਉਂ ਵਰਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਥਾਂ ਹੋਰ ਕੀ ਵਰਤਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਲ-ਰੋਜ਼ – ਰੋਜ਼ ਸਾਬਣ ਨਾਲ ਨਹਾਉਣ ਅਤੇ ਸਿਰ ਧੋਣ ਨਾਲ ਚਮੜੀ ਅਤੇ ਵਾਲ ਖ਼ੁਸ਼ਕ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ | ਸਾਡੀ ਚਮੜੀ ਦੀ ਉੱਪਰਲੀ ਤਹਿ ਦੇ ਤੰਤੂ ਵੀ ਝੜ ਕੇ ਚਮੜੀ ਤੇ ਜੰਮ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਚਮੜੀ ਨੂੰ ਖ਼ੁਸ਼ਕ ਕਰਦੇ ਹਨ ਇਹ ਸੈੱਲ: ਸਿਕਰੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਸਿਰ ਵਿਚ ਦੇਖੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ | ਪਤਝੜ ਤੇ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਚਮੜੀ ਵਧੇਰੇ ਖ਼ੁਸ਼ਕ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਲਈ ਇਹ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਚਮੜੀ ਨੂੰ ਚਮਕਦਾਰ ਅਤੇ ਲਚਕਦਾਰ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਸਿਰ ਅਤੇ ਸਰੀਰ ਤੇ ਕਿਸੇ ਤੇਲ ਨਾਲ ਮਾਲਿਸ਼ ਕੀਤੀ ਜਾਏ । ਸਿਰ ਅਤੇ ਚਮੜੀ ਤੇ ਤੇਲ ਸਿਰਫ਼ ਮਲਿਆ ਹੀ ਨਹੀਂ ਜਾਂਦਾ ਬਲਕਿ ਝੱਸਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਾਡੀ ਚਮੜੀ ਦੇ ਥੱਲੇ ਦੀਆਂ ਤੇਲ ਦੀਆਂ ਗ੍ਰੰਥੀਆਂ ਉਤੇਜਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਕੁਦਰਤੀ ਤੇਲ ਨਿਕਲਦੇ ਹਨ । ਜਿਹੜੇ ਸਾਡੀ ਚਮੜੀ ਨੂੰ ਮੁਲਾਇਮ ਰੱਖਦੇ ਹਨ ।

ਕਰੀਮ – ਚਿਹਰੇ ਤੇ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਕਰੀਮਾਂ ਬਜ਼ਾਰ ਵਿਚ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਖ਼ਾਸ ਕਰਕੇ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਮੂੰਹ ਫਟ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨੂੰ ਠੀਕ ਕਰਨ ਲਈ ਵੀ ਥੰਧੀ ਕਰੀਮ ਲਗਾਈ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ | ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਬਜ਼ਾਰ ਵਿਚ ਹੋਰ ਵੀ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਕਰੀਮਾਂ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਲਗਾਉਣ ਨਾਲ ਚਿਹਰੇ ਤੋਂ ਕਿੱਲ, ਛਾਈਆਂ ਦੂਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਚਿਹਰੇ ‘ਤੇ ਨਿਖਾਰ ਆਉਂਦਾ ਹੈ । ਪੁਰਾਣੇ ਜ਼ਮਾਨੇ ਵਿਚ ਔਰਤਾਂ ਚਿਹਰੇ ਤੇ ਮੱਖਣ, ਗਲਿਸਰੀਨ ਜਾਂ ਗਲਿਸਰੀਨ ਵਿਚ ਨਿੰਬੂ ਦਾ ਰਸ ਮਿਲਾ ਕੇ ਮਲਦੀਆਂ ਸਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨਾਲ ਵੀ ਚਿਹਰਾ ਮੁਲਾਇਮ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਟੈਲਕਮ ਪਾਊਡਰ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੈਲਕਮ ਪਾਊਡਰ ਨਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਲਾਭ ਹਨ-

  1. ਟੈਲਕਮ ਪਾਊਡਰ ਪਸੀਨੇ ਨੂੰ ਸੋਖ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਸ ਨੂੰ ਲਗਾਉਣ ਨਾਲ ਪਸੀਨੇ ਦੀ ਬਦਬੂ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ।
  3. ਟੈਲਕਮ ਪਾਊਡਰ ਦੇ ਇਸਤੇਮਾਲ ਨਾਲ ਕੱਪੜਿਆਂ ‘ਤੇ ਪਸੀਨੇ ਦਾ ਧੱਬਾ ਨਹੀਂ ਲਗਦਾ ।
  4. ਇਸ ਦਾ ਇਸਤੇਮਾਲ ਦਵਾਈਆਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਵੀ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕੱਪੜੇ ਕਿਉਂ ਪਹਿਨੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਗਰਮੀ, ਸਰਦੀ ਅਤੇ ਮੌਸਮ ਦੀਆਂ ਕਠਿਨਾਈਆਂ ਤੋਂ ਬਚਣ ਲਈ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ !
  2. ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨੇ ਹੋਣ ਤਾਂ ਮੱਛਰ, ਕੀਟ ਆਦਿ ਦੇ ਕੱਟਣ ਤੋਂ ਬਚਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  3. ਡਿਗਣ ਨਾਲ ਸਰੀਰ ‘ਤੇ ਚੋਟ ਦਾ ਅਸਰ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣ ਵੇਲੇ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣ ਸਮੇਂ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਵਿਚ ਰੱਖਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ-

  1. ਮੌਸਮ ਅਨੁਸਾਰ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਸਰੀਰ ਦਾ ਤਾਪਮਾਨ ਠੀਕ ਰਹਿ ਸਕੇ ।
  2. ਗਰਮੀਆਂ ਵਿਚ ਹਲਕੇ, ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਅਤੇ ਫਿੱਕੇ ਰੰਗਾਂ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  3. ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਕਾਲੇ ਜਾਂ ਗੁੜੇ ਰੰਗ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣਾ ਲਾਭਵੰਦ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਰੰਗ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸੂਰਜ ਦੀਆਂ ਕਿਰਨਾਂ ਨੂੰ ਰਚਾ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ।
  4. ਹੇਠਲੇ ਕੱਪੜੇ ਜਿਹੜੇ ਜਿਸਮ ਨਾਲ ਲੱਗੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਬਦਲਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।
  5. ਗਿੱਲੇ ਕੱਪੜੇ ਨਹੀਂ ਪਹਿਨਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ।
  6. ਰਾਤ ਅਤੇ ਦਿਨ ਵਿਚ ਪਹਿਨਣ ਵਾਲੇ ਕੱਪੜੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਬੂਟ ਅਤੇ ਜੁਰਾਬਾਂ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੂਟ ਅਤੇ ਜੁਰਾਬਾਂ ਨਾਪ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਤੰਗ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣ ਦੇ ਕੀ-ਕੀ ਨੁਕਸਾਨ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੰਗ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣ ਦੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਨੁਕਸਾਨ ਹਨ-

  1. ਤੰਗ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣ ਨਾਲ ਖੂਨ ਦਾ ਦੌਰਾ, ਸਾਹ ਲੈਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ, ਪਾਚਨ ਕਿਰਿਆ ਅਤੇ ਮਾਸਪੇਸ਼ੀਆਂ ਦੀ ਹਿਲਜੁਲ ਠੀਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ।
  2. ਤੰਗ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣ ਨਾਲ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਉੱਠਣਾ, ਬੈਠਣਾ ਅਤੇ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪੇਟੀਆਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕੱਸ ਕੇ ਨਹੀਂ ਬੰਨ੍ਹਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਅਤੇ ਲਚਕਦਾਰ ਹਿੱਸੇ ਵੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਤੰਗ ਨਹੀਂ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ।
  4. ਤੰਗ ਪੋਸ਼ਾਕ ਵਿਚ ਖੁੱਲ੍ਹੀ ਪੋਸ਼ਾਕ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਰਦੀ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਨਿਸ਼ਾਸਤੇ ਵਾਲੇ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥਾਂ ਤੋਂ ਕਿਹੜਾ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਤੱਤ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਸ਼ਾਸਤੇ ਵਾਲੇ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥਾਂ ਤੋਂ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਤੱਤ ਮਿਲਦਾ ਹੈ |

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਬਨਸਪਤੀ ਅਤੇ ਪਾਣੀਜਨ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਵਿਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦੇ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਸਰੋਤ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਨਸਪਤੀ ਅਤੇ ਪਾਣੀਜਨ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਵਿਚ ਅੰਤਰ

(i) ਅਨਾਜ-ਕਣਕ, ਜੁਆਰ, ਬਾਜਰਾ, ਚੌਲ, ਮੱਕੀ, ਰਾਂਗੀ, ਜਈ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ | (i) ਜੰਤੂ ਪ੍ਰੋਟੀਨ-ਆਂਡਾ, ਮੀਟ, ਮੱਛੀ, ਕਲੇਜੀ ਆਦਿ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(ii) ਦਾਲਾਂ-ਅਰਹਰ, ਮੂੰਗੀ, ਮਸਰ, ਮੋਠ, ਸੋਇਆਬੀਨ ਅਤੇ ਛੋਲਿਆਂ ਦੀ ਦਾਲ, ਚਪਟੀ ਸੇਮ, ਸੁੱਕੇ ਮਟਰ ਆਦਿ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (ii) ਦੁੱਧ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਤੋਂ ਬਣੇ ਪਦਾਰਥ ਗਾਂ, ਮੱਝ, ਬੱਕਰੀ ਅਤੇ ਮਾਂ ਦਾ ਦੁੱਧ, ਸੁੱਕਾ ਦੁੱਧ, ਪਨੀਰ ਆਦਿ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14
ਤੰਤੂਆਂ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਅਤੇ ਨਵੇਂ ਤੰਤੂ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਭੋਜਨ ਦੇ ਕਿਹੜੇ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਤੱਤ ਲੋੜੀਂਦੇ ਹਨ ?
ਜਾਂ
ਸਰੀਰ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਭੋਜਨ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਪੋਸ਼ਣ ਤੱਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੰਤੂਆਂ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਅਤੇ ਨਵੇਂ ਤੰਤੂ ਬਜਾਉਣ ਲਈ ਭੋਜਨ ਵਿਚਲੇ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਤੱਤ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ |ਇਹ ਸਾਨੂੰ ਦਾਲਾਂ, ਸੋਇਆਬੀਨ, ਫਲੀਦਾਰ ਸਬਜ਼ੀਆਂ, ਮੀਟ, ਅੰਡਾ, ਦੁੱਧ ਆਦਿ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਕੋਈ ਅਜਿਹਾ ਭੋਜਨ ਦੱਸੋ, ਜਿਸ ਨੂੰ ਪੂਰਨ ਆਹਾਰ ਕਿਹਾ ਜਾ ਸਕੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੂਰਨ ਆਹਾਰ ਅਜਿਹੇ ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਸਰੀਰ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੇ ਸਾਰੇ ਪੋਸ਼ਟਿਕ ਤੱਤ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ | ਅਜਿਹੇ ਤੱਤ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-

  1. ਦੁੱਧ,
  2. ਅੰਡਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਤੇਲ ਨਾਲ ਸਰੀਰ ‘ਤੇ ਮਾਲਿਸ਼ ਕਰਨ ਦਾ ਕੀ ਲਾਭ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਲ ਨਾਲ ਸਰੀਰ ਉੱਤੇ ਮਾਲਿਸ਼ ਕਰਨ ਦਾ ਲਾਭ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਸਾਡੀ ਚਮੜੀ ਦੇ ਹੇਠਲੀਆਂ ਤੇਲ ਦੀਆਂ ਗ੍ਰੰਥੀਆਂ ਹਰਕਤ ਵਿਚ ਆ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੁਦਰਤੀ ਤੇਲ ਨਿਕਲਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਸਾਡੀ ਚਮੜੀ ਨੂੰ ਮੁਲਾਇਮ ਰੱਖਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਚਮੜੀ ਦੇ ਥੱਲੇ ਦੀਆਂ ਤੇਲ ਰੀਥੀਆਂ ਨੂੰ ਉਤੇਜਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਕੀ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਮੜੀ ਹੇਠਲੀਆਂ ਤੇਲ ਗ੍ਰੰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਉਤੇਜਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਤੇਲ ਨਾਲ ਮਾਲਿਸ਼ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਕੋਲਡ ਕਰੀਮ ਅਤੇ ਵੈਨਜ਼ਿੰਗ ਕਰੀਮ ਵਿਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਲਡ ਕਰੀਮ ਅਤੇ ਵੈਸ਼ਿੰਗ ਕਰੀਮ ਵਿਚ ਅੰਤਰ-

ਕੋਲਡ ਕਰੀਮ ਵੈਸ਼ਿੰਗ ਕਰੀਮ
(i) ਕੋਲਡ ਕਰੀਮ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । (i) ਵੈਸ਼ਿੰਗ ਕਰੀਮ ਕਿਸੇ ਵੀ ਰੁੱਤ ਵਿਚ ਇਸਤੇਮਾਲ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
(ii) ਕੋਲਡ ਕਰੀਮ ਵਿਚ ਚਿਕਨਾਈ ਹੁੰਦੀ ਹੈ | (ii) ਵੈਨਿਸ਼ਿੰਗ ਕਰੀਮ ਵਿਚ ਚਿਕਨਾਈ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਠੀਕ ਢੰਗ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣ ਦਾ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਠੀਕ ਢੰਗ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣ ਦਾ ਹੇਠ ਲਿਖਿਆ ਮਹੱਤਵ ਹੈ-

  1. ਇਹ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਗਰਮੀ, ਸਰਦੀ ਅਤੇ ਬਾਹਰਲੀਆਂ ਸੱਟਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  2. ਇਹ ਸਰੀਰ ਦੀ ਗਰਮੀ ਨੂੰ ਠੀਕ ਰੱਖਦੇ ਹਨ ।
  3. ਠੀਕ ਢੰਗ ਦੇ ਕੱਪੜੇ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਸਜਾਉਣ ਅਤੇ ਮਰਿਆਦਾ ਰੱਖਣ ਦੇ ਲਈ ਵੀ ਪਹਿਨਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਪੈਰਾਂ ਦੇ ਬੂਟ ਨਾਪ ਦੇ ਹੀ ਕਿਉਂ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੈਰਾਂ ਦੇ ਬੂਟ ਨਾ ਤੰਗ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਖੁੱਲ੍ਹੇ , ਸਗੋਂ ਨਾਪ ਦੇ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਤੰਗ ਬੂਟਾਂ ਵਿਚ ਪੈਰ ਘੁੱਟੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਪੈਰਾਂ ਤੇ ਛਾਲੇ ਪੈ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜ਼ਿਆਦਾ ਖੁੱਲੇ ਬਟ ਵਿਚ ਵੀ ਪੈਰ ਹਿਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਜਖ਼ਮ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਬੂਟ ਨਾਪ ਦੇ ਹੀ ਖਰੀਦਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ।

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ਨਿਬੰਧਾਤਮਕ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਭੋਜਨ ਦੇ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਤੱਤ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹ ਕਿਹੜੇ ਸੋਮਿਆਂ ਤੋਂ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਜਨ ਦੇ ਤੱਤ 6 ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-

  1. ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ
  2. ਚਿਕਨਾਈ
  3. ਪ੍ਰੋਟੀਨ
  4. ਪਾਣੀ
  5. ਖਣਿਜ ਲੂਣ
  6. ਵਿਟਾਮਿਨ ।

ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਦੇ ਸੋਮੇ-

  • ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਦੇ ਸੋਮੇ – ਚੌਲ, ਆਟਾ, ਆਲੂ, ਸ਼ਕਰਕੰਦੀ, ਕੇਲਾ, ਗੁੜ, ਖੰਡ, ਸ਼ਹਿਦ ਅਤੇ ਫਲ ॥
  • ਚਿਕਨਾਈ ਦੇ ਸੋਮੇ – ਦੁੱਧ, ਘਿਓ, ਮੱਖਣ, ਤੇਲ, ਤੇਲਾਂ ਦੇ ਬੀਜ, ਸੁੱਕੇ ਮੇਵੇ, ਜਾਨਵਰਾਂ ਦੀ ਚਰਬੀ ਅਤੇ ਬਨਸਪਤੀ ਘਿਓ ।
  • ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦੇ ਸੋਮੇ – ਬਨਸਪਤੀ ਪ੍ਰੋਟੀਨ-ਸੋਇਆਬੀਨ; ਰਾਜਮਾਂਹ, ਛੋਲੇ, ਦਾਲਾਂ, ਮਟਰ, ਫਲੀਆਂ ਤੋਂ ।
    ਪਸ਼ੁ ਪ੍ਰੋਟੀਨ – ਆਂਡਾ, ਦੁੱਧ, ਮੀਟ, ਮੱਛੀ ਅਤੇ ਮੁਰਗੇ ਆਦਿ ।
  • ਪਾਣੀ ਦੇ ਸੋਮੇ – ਭੋਜਨ ਜੋ ਅਸੀਂ ਖਾਂਦੇ ਹਾਂ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਜੋ ਅਸੀਂ ਪੀਂਦੇ ਹਾਂ ।
  • ਖਣਿਜ ਲੂਣ ਦੇ ਸੋਮੇ-ਦੁੱਧ, ਕਲੇਜੀ, ਆਂਡੇ, ਹਰੀਆਂ ਸਬਜ਼ੀਆਂ, ਫਲ ਆਦਿ ।
  • ਵਿਟਾਮਿਨ ਦੇ ਸੋਮੇ – ਦੁੱਧ, ਦਹੀਂ, ਆਂਡੇ ਦਾ ਪੀਲਾ ਭਾਗ, ਮੱਛੀ ਦੇ ਤੇਲ, ਮੱਛੀ, ਘਿਓ, ਮੱਖਣ, ਪੱਤੇਦਾਰ ਸਬਜ਼ੀਆਂ, ਟਮਾਟਰ, ਗਾਜਰ, ਪੱਕਿਆ ਪਪੀਤਾ, ਅੰਬ, ਕੱਦੂ, ਸੰਤਰਾ ਅਤੇ ਨਿੰਬੂ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਭੋਜਨ ਖਾਣ ਸਮੇਂ ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਜਨ ਖਾਂਦੇ ਸਮੇਂ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ-

  1. ਭੋਜਨ ਹਮੇਸ਼ਾ ਤਾਜ਼ਾ ਅਤੇ ਖੁਸ਼ਬੂਦਾਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਖਾਣ ਨੂੰ ਦਿਲ ਕਰੇ ।
  2. ਭੋਜਨ ਬਾਸੀ, ਜ਼ਰੂਰਤ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਜਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪੱਕਿਆ ਹੋਇਆ ਨਹੀਂ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ।
  3. ਸਵੇਰ ਅਤੇ ਸ਼ਾਮ ਦੇ ਭੋਜਨ ਵਿਚ ਭਿੰਨਤਾ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  4. ਭੋਜਨ ਹਮੇਸ਼ਾ ਸਮੇਂ ‘ਤੇ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  5. ਲੋੜ ਤੋਂ ਵੱਧ ਭੋਜਨ ਖਾਣ ਨਾਲ ਪੇਟ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਮਿਹਦੇ ਨੂੰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।
  6. ਖਾਣੇ ਦੇ ਨਾਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪਾਣੀ ਨਹੀਂ ਪੀਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਕਿਉਂਕਿ ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਪਚਾਉਣ ਵਾਲੇ ਰਸ ਪਤਲੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਭੋਜਨ ਜਲਦੀ ਪਚਦਾ ਨਹੀਂ ਹੈ |
  7. ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚਬਾ ਕੇ ਖਾਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23.
ਸਾਬਣ ਦਾ ਨਿੱਜੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵਿਚ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੀ ਚਮੜੀ ਦੇ ਥੱਲੇ ਤੇਲ ਦੀਆਂ ਗ੍ਰੰਥੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਤੇਲ ਨਿਕਲ ਕੇ ਚਮੜੀ ‘ਤੇ ਆਉਂਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਉੱਪਰਲੀ ਚਮੜੀ ਦੇ ਤੰਤੂ ਵੀ ਟੁੱਟਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਕਿ ਤੇਲ ਦੇ ਕਾਰਨ ਚਮੜੀ ਨਾਲ ਹੀ ਚਿਪਕੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।ਵਾਤਾਵਰਨ ਤੋਂ ਉੱਡ ਕੇ ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੀ ਬੁਰ ਵੀ ਚਮੜੀ ਨਾਲ ਲੱਗ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਗਰਮੀਆਂ ਵਿਚ ਸਰੀਰ ‘ਤੇ ਪਸੀਨਾ ਵੀ ਆਉਂਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਸਰੀਰ ਤੋਂ ਨਾ ਉਤਾਰਿਆ ਜਾਏ ਤਾਂ ਚਮੜੀ ਨਾਲ ਹੀ ਚਿਪਕੀਆਂ ਰਹਿਣਗੀਆਂ ਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਪਲਣਗੇ । ਇਸ ਨਾਲ ਨਾ ਸਿਰਫ਼ ਸਰੀਰ ਵਿਚੋਂ ਬਦਬੂ ਆਉਣ ਲੱਗ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਬਲਕਿ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਚਮੜੀ ਦੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਵੀ ਲੱਗ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਿਰਫ਼ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਨਹੀਂ ਉਤਾਰਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ।

ਪਰ ਸਾਬਣ ਮਲਣ ਨਾਲ ਚਿਕਨਾਈ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਘੁਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਫਿਰ ਮੈਲ ਵੀ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਉਤਰ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸਾਰੇ ਸਰੀਰ ‘ਤੇ ਸਾਬਣ ਮਲਣ ਨਾਲ ਥੋੜੀ ਮਾਲਿਸ਼ ਵੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਚਮੜੀ ਉਤੇਜਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਨਹਾਉਣ ਲਈ ਹਮੇਸ਼ਾ ਨਰਮ ਸਾਬਣ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਰੇਸ਼ੇ ਕਿੰਨੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਜਾਂ
ਪਹਿਨਣ ਵਾਲੇ ਕੱਪੜੇ ਕਿਨ੍ਹਾਂ-ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਰੇਸ਼ਿਆਂ ਤੋਂ ਬਣੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਰੇਸ਼ੇ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿਚ ਪੰਜ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-

  1. ਸੂਤੀ ਕੱਪੜੇ
  2. ਲਿਨਨ
  3. ਰੇਸ਼ਮ
  4. ਉੱਨ
  5. ਟੈਰਾਲੀਨ, ਨਾਈਲੋਨ ਆਦਿ ।

1. ਸੂਤੀ ਕੱਪੜੇ – ਇਹ ਕਪਾਹ ਤੋਂ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਸੂਤੀ ਕੱਪੜੇ ਗਰਮੀ ਦੇ ਚੰਗੇ ਸੁਚਾਲਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਨਹੀਂ ਚੁਸਦੇ । ਸੂਤੀ ਕੱਪੜਾ ਵਧੇਰੇ ਹੰਢਣਸਾਰ ਅਤੇ ਸਸਤਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਆਮ ਘਰਾਂ ਵਿਚ ਇਸ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਗਰਮੀਆਂ ਵਿਚ ਹੇਠਲੇ ਅਤੇ ਬਾਹਰਲੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਲਈ ਅਤੇ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਹੇਠਲੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਲਈ ਇਸ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

2. ਲਿਨਨ – ਇਹ ਵੀ ਪੌਦਿਆਂ ਤੋਂ ਬਣਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਸੂਤੀ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨਾਲੋਂ ਮਹਿੰਗੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਦੇਖਣ ਵਿਚ ਇਹ ਸੂਤੀ ਕੱਪੜੇ ਨਾਲੋਂ ਚਮਕਦਾਰ, ਛੂਹਣ ਵਿਚ ਨਰਮ ਅਤੇ ਸੁਤੀ ਤੋਂ ਵਧੀਆ ਲੱਗਦੀ ਹੈ । ਪਰ ਪਹਿਨਣ ਅਤੇ ਧੋਣ ਵਿਚ ਸੂਤੀ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

3. ਰੇਸ਼ਮ – ਇਹ ਰੇਸ਼ਮ ਦੇ ਕੀੜਿਆਂ ਤੋਂ ਬਣਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਗਰਮੀ ਦੀ ਚੰਗੀ ਸੂਚਾਲਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਨਹੀਂ ਚੁਸਦੀ । ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।ਸਿਲਕ ਨਰਮ ਅਤੇ ਚਮਕਦਾਰ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪਹਿਨੀ ਹੋਈ ਸੋਹਣੀ ਲੱਗਦੀ ਹੈ । ਪਰ ਮਹਿੰਗੀ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਇਸ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਵਰਤੋਂ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ।

4. ਉੱਨ – ਇਹ ਗਰਮੀ ਦੀ ਚੰਗੀ ਸੂਚਾਲਕ ਨਹੀਂ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵੀ ਵੱਧ ਚੁਸਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਊਨੀ ਕੱਪੜੇ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿਚ ਹੀ ਪਹਿਨੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਊਨੀ ਕੱਪੜੇ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਬੁਣੇ ਹੋਏ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਵਿੱਥਾਂ ਵਿਚ ਹਵਾ ਭਰ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਸਰੀਰ ਦੀ ਗਰਮੀ ਨੂੰ ਬਾਹਰ ਨਹੀਂ ਜਾਣ ਦਿੰਦੀ । ਗਿੱਲੀ ਹੋਣ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਵੀ ਇਹ ਸਰੀਰ ਨਾਲ ਨਹੀਂ ਚਿਪਕਦੀ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਵਧੇਰੇ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਚੁਸਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਬਹੁਤ ਕਸਰਤ ਕਰਨ ਮਗਰੋਂ ਝੱਟਪੱਟ ਉਨੀ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨ ਲੈਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ । ਊਨੀ ਕੱਪੜੇ ਥੋੜੇ ਖੁਰਦਰੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਇਸ ਲਈ ਊਨੀ ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਹੇਠਾਂ ਪਹਿਨਣ ਵਾਲੇ ਕੱਪੜੇ (Under garments) ਨਹੀਂ ਬਣਾਏ ਜਾਂਦੇ ।

5. ਟੈਰਾਲੀਨ, ਨਾਈਲੋਨ ਆਦਿ-ਇਹ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਨਣ ਵਿਚ ਹਲਕੇ, ਧੋਣ ਵਿਚ ਅਸਾਨ ਅਤੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਦੇਰ ਚੱਲਣ ਵਾਲੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਕੱਪੜੇ ਪਾਣੀ ਨਹੀਂ ਚੂਸਦੇ ਅਤੇ ਗਰਮੀ ਦੇ ਚੰਗੇ ਸੁਚਾਲਕ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਇਸ ਲਈ ਗਰਮੀਆਂ ਵਿਚ ਨਹੀਂ ਪਹਿਨੇ ਜਾ ਸਕਦੇ । ਧੋਣ ਵਿਚ ਅਸਾਨੀ ਅਤੇ ਬਿਨਾਂ ਪ੍ਰੈੱਸ ਕੀਤੇ ਵੀ ਪਹਿਨੇ ਜਾ ਸਕਣ ਕਾਰਨ ਅੱਜ-ਕਲ੍ਹ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜੁਰਾਬਾਂ ਅਤੇ ਜਾਂਘੀਏ ਆਦਿ ਵੀ ਬਣਦੇ ਹਨ ।

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PSEB 8th Class Home Science Guide ਨਿੱਜੀ ਦੇਖ-ਭਾਲ Important Questions and Answers

ਹੋਰ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਪ੍ਰਸ਼ਨ
ਬਹੁਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਵਿਟਾਮਿਨ B ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
(ਉ) ਬੇਰੀ-ਬੇਰੀ
(ਅ) ਸਕਰਵੀ
(ੲ) ਅੰਧਰਾਤਾ
(ਸ ਅਨੀਮੀਆ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਬੇਰੀ-ਬੇਰੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਿਟਾਮਿਨ ਸੀ ਦਾ ਸੋਮਾ ਨਹੀਂ ਹੈ-
(ੳ) ਆਂਵਲਾ
(ਅ) ਸੰਤਰਾ
(ੲ) ਨਿੰਬੂ
(ਸ) ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ਸ) ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਉੱਨ ਦੇ ਰੇਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਸਤਹਿ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
(ੳ) ਖੁਰਦਰੀ
(ਅ) ਮੁਲਾਇਮ
(ੲ) ਚੀਨੀ
(ਸ) ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ੳ) ਖੁਰਦਰੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਘੁਲਣਸ਼ੀਲ ਵਿਟਾਮਿਨ ਹੈ-
(ਉ) A
(ਅ) D
(ੲ) C
(ਸ) ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ੲ) C

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕੋਲਡ ਕਰੀਮ ਦੀ ਵਰਤੋਂ …………………….. ਮੌਸਮ ਵਿਚ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
(ਉ) ਸਰਦ
(ਅ) ਗਰਮ
(ੲ) ਬਰਸਾਤੀ
(ਸ) ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਸਰਦ

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਦੁੱਧ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਆਹਾਰ ਹੈ ?
(ੳ) ਪੂਰਨ
(ਅ) ਅਰਧ
(ੲ) ਅਪੂਰਨ
(ਸ) ਸਾਦਾ ।
ਉੱਤਰ-
(ੳ) ਪੂਰਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਸਰੀਰ ਦੀ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ-
(ਉ) ਸਾਬਣ
(ਅ) ਤੇਲ।
(ੲ) ਕਰੀਮ ਅਤੇ ਪਾਊਡਰ
(ਸ) ਉਪਰੋਕਤ ਸਾਰੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਉ) ਸਾਬਣ

ਸਹੀ/ਗਲਤ ਦੱਸੋ

1. ਸੋਇਆਬੀਨ ਵਿਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਤੱਤ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।
2. ਆਂਵਲੇ ਵਿਚ ਵਿਟਾਮਿਨ ਸੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
3. ਕੋਲਡ ਕਰੀਮ ਵਿਚ ਚਿਕਨਾਈ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
4. ਨਿਸ਼ਾਸ਼ਤੇ ਵਾਲੇ ਭੋਜਨ ਵਿਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
5. ਤੰਗ ਕੱਪੜੇ ਪਹਿਣਨਾ ਵਧੀਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
1. √
2. √
3. √
4. ×
5. × ।

ਖ਼ਾਲੀ ਥਾਂ ਭਰੋ

1. ………………… ਕਰੀਮ ਕਿਸੇ ਵੀ ਮੌਸਮ ਵਿਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ।
2. ਸਰੀਰ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਤੱਤ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਅਤੇ …………………….. ਹੈ ।
3. ਬਨਸਪਤੀ ਵਾਲੀ ਖੁਰਾਕ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ………………………….. ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
4. ਸਿਰ ਅਤੇ ਸਰੀਰ ਤੇ ……………………….. ਲਗਾਉਣ ਨਾਲ ਚਮੜੀ ਚਮਕਦਾਰ ਰਹਿੰਦੀ
ਉੱਤਰ-
1. ਵੈਨਿਸ਼ਿੰਗ,
2. ਖਣਿਜ ਲੂਣ,
3. ਫੋਕ,
4. ਤੇਲ ।

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ਇਕ ਸ਼ਬਦ ਵਿੱਚ ਉੱਤਰ ਦਿਓ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਨਿੰਬੂ ਅਤੇ ਸੰਤਰੇ ਵਿਚ ਕਿਹੜਾ ਵਿਟਾਮਿਨ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਟਾਮਿਨ ਸੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਿਟਾਮਿਨ ਸੀ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਕਰਵੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਦੁੱਧ ਨੂੰ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਆਹਾਰ ਕਿਹਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੂਰਨ ਆਹਾਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਬੇਰੀ-ਬੇਰੀ ਰੋਗ ਕਿਸ ਵਿਟਾਮਿਨ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਟਾਮਿਨ B ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਭੋਜਨ ਦੇ ਕਿਹੜੇ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਤੱਤ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੋਟੀਨ ਵਿਚ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਵਿਟਾਮਿਨ B ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬੇਰੀ-ਬੇਰੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਭੋਜਨ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਸੋਇਆਬੀਨ ਵਿਚ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਤੱਤ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਨਿੰਬੂ ਅਤੇ ਆਂਵਲੇ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜਾ ਵਿਟਾਮਿਨ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਟਾਮਿਨ ਸੀ ।

ਬਹੁਤ ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਭੋਜਨ ਦੇ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਾਰਬੋਜ਼, ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਚਿਕਨਾਈ, ਵਿਟਾਮਿਨ ਅਤੇ ਲਵਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਭੋਜਨ ਦੇ ਤੱਤ ਸਰੀਰ ਲਈ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਜੀਵਤ ਰੱਖਣ ਅਤੇ ਸਰੀਰਕ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਭੋਜਨ ਦੇ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਲਈ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਕੰਮ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰੀਰ ਨਿਰਮਾਣ, ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨਾ, ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ‘ਤੇ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਨਾ ਅਤੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਰੋਗ ਨਿਵਾਰਕ ਖਮਤਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਪੋਸ਼ਣ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਤੱਤ ਕੀ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸਰੀਰ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਤੱਤ ਕੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਅਤੇ ਖਣਿਜ ਲੂਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸਰੀਰ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਟਾਮਿਨ ਅਤੇ ਖਣਿਜ ਲੂਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਪਾਣੀ ਦਾ ਸਰੀਰ ਲਈ ਮੁੱਖ ਕੰਮ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਅਤੇ ਸਰੀਰਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਨੂੰ ਨਿਯਮਿਤ ਕਰਨ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕਾਰਬੋਜ਼ ਕਿਸ-ਕਿਸ ਤੱਤ ਤੋਂ ਮਿਲ ਕੇ ਬਣਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਰਬਨ, ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਕਿਸ-ਕਿਸ ਤੱਤ ਤੋਂ ਮਿਲ ਕੇ ਬਣੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਰਬਨ, ਹਾਈਡਰੋਜਨ, ਆਕਸੀਜਨ, ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਫਾਸਫੋਰਸ ਅਤੇ ਗੰਧਕ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕਾਰਬੋਜ਼ ਦੇ ਦੋ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਸੋਮੇ ਦੱਸੋ । ਪੰਜਾਬ ਬੋਰਡ, 2004
ਉੱਤਰ-
ਅਨਾਜ ਅਤੇ ਰੀਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦੇ ਦੋ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਸੋਮੇ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਆਂਡਾ ਤੇ ਦਾਲਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਬਨਸਪਤੀਆਂ ਵਿਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦਾਲਾਂ, ਅਨਾਜ, ਸੋਇਆਬੀਨ, ਅਖਰੋਟ, ਮੂੰਗਫ਼ਲੀ, ਬਦਾਮ, ਸੇਮ ਦੇ ਬੀਜ ਅਤੇ ਮਟਰ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਜੰਤੂਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਦੁੱਧ, ਦਹੀਂ, ਮੱਖਣ, ਪਨੀਰ, ਆਂਡੇ, ਮੀਟ, ਮੱਛੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਸਟਾਰਚ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿਚ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੌਲ, ਕਣਕ, ਸ਼ਕਰਕੰਦੀ, ਮੱਕੀ, ਸਾਬੂਦਾਨਾ, ਜੌ, ਅਖਰੋਟ, ਆਲੂ ਆਦਿ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਚਿਕਨਾਈ ਦੇ ਦੋ ਮੁੱਖ ਸੋਮੇ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਤੇਲ ਵਾਲੇ ਬੀਜ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸਰੀਰ ਦੇ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੇ ਪੰਜ ਖਣਿਜ ਤੱਤ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕੈਲਸ਼ੀਅਮ, ਫਾਸਫੋਰਸ, ਲੋਹਾ, ਆਇਉਡੀਨ ਅਤੇ ਸੋਡੀਅਮ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੇ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਸੋਮੇ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਭੋਜਨ ਜੋ ਅਸੀਂ ਖਾਂਦੇ ਹਾਂ ਅਤੇ
  2. ਪਾਣੀ ਜੋ ਅਸੀਂ ਪੀਂਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕੰਮ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰੀਰ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਲਈ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਚਰਬੀ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕੰਮ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਸ਼ਕਤੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਲੋਹਾ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਦੇ ਮੁੱਖ ਸਾਧਨ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੀਵਰ, ਮੀਟ, ਮੱਛੀ, ਆਂਡੇ, ਪੱਤੇਦਾਰ ਸਬਜ਼ੀਆਂ, ਅਨਾਜ, ਪੂਰਨ ਕਣਕ, ਦਾਲਾਂ, ਸੇਲਾ ਚੌਲ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
(i) ਲੋਹਾ ਸਰੀਰ ਦੇ ਲਈ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
(ii) ਲੋਹੇ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(i) ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦੇ ਨਾਲ ਸੰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਹੀਮੋਗਲੋਬਿਨ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
(ii) ਅਨੀਮੀਆ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਸੋਡੀਅਮ ਦਾ ਇਕ ਕੰਮ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਖਾਰ ਅਤੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਦਾ ਸੰਤੁਲਨ ਬਣਾਈ ਰੱਖਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 23
(i) ਵਿਟਾਮਿਨ ਏ ਦੀ ਕਮੀ ਦੇ ਚਾਰ ਮੁੱਖ ਪ੍ਰਭਾਵ ਦੱਸੋ ।
ਜਾਂ
ਵਿਟਾਮਿਨ ਏ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਜਾਂ
(ii) ਅੱਖਾਂ ਦੀ ਰੌਸ਼ਨੀ ਲਈ ਕਿਹੜਾ ਵਿਟਾਮਿਨ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਜਾਂ
ਅੰਧਰਾਤਾ ਰੋਗ ਕਿਹੜੇ ਵਿਟਾਮਿਨ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(i)

  1. ਅੰਧਰਾਤਾ ਰੋਗ,
  2. ਮਾਸਪੇਸ਼ੀਆਂ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ,
  3. ਸਰੀਰ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ
  4. ਰੋਗ ਖਮਤਾ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

(ii) ਵਿਟਾਮਿਨ ‘ਏ’।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 24.
ਰਿਕਟਸ ਰੋਧੀ ਵਿਟਾਮਿਨ ਕਿਸ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਿਟਾਮਿਨ D ਨੂੰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 25.
ਵਿਟਾਮਿਨ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਦੇ ਮੁੱਖ ਸਾਧਨ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਖੱਟੇ ਰਸਦਾਰ ਫਲ ; ਜਿਵੇਂ-ਆਂਵਲੇ, ਸੰਤਰਾ, ਟਮਾਟਰ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 26.
ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਸ਼ੱਕਰ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿਚ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਹਿਦ, ਖੰਡ, ਗੁੜ, ਚੁਕੰਦਰ, ਅੰਗੂਰ ਅਤੇ ਹੋਰ ਮਿੱਠੇ ਫਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 27.
ਜੰਤੂਆਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਚਿਕਨਾਈ ਪਦਾਰਥ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਘਿਓ, ਮੱਖਣ, ਦੁੱਧ, ਕਰੀਮ,ਦਹੀਂ, ਪਨੀਰ, ਜਾਨਵਰਾਂ ਦੀ ਚਰਬੀ, ਮੱਛੀ, ਆਂਡੇ ਦੀ ਸਫ਼ੈਦੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 28.
ਬਨਸਪਤੀ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਚਿਕਨਾਈ ਵਾਲੇ ਪਦਾਰਥ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੂੰਗਫਲੀ, ਸਰੋਂ, ਤਿਲ, ਨਾਰੀਅਲ, ਬਦਾਮ, ਅਖਰੋਟ, ਚਿਲਗੋਜ਼ਾ ਆਦਿ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 29.
ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਦੋ ਰੋਗ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਰਾਸਮਸ ਅਤੇ ਕਵਾਸ਼ਿਓਰਕਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 30.
ਲੋੜ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਕਾਰਬੋਜ਼ ਲੈਣ ਨਾਲ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਮੋਟਾਪਾ ਅਤੇ
  2. ਸ਼ੂਗਰ (ਡਾਈਬਟੀਜ਼) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 31.
ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਲੋੜ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਦਾ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਕਮਜ਼ੋਰੀ
  2. ਸਰੀਰ ਦੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਘੱਟ ਹੋਣਾ
  3. ਚਮੜੀ ਵਿਚ ਝੁਰੜੀਆਂ ਪੈਣਾ
  4. ਚਮੜੀ ਦਾ ਲਟਕ ਜਾਣਾ
  5. ਅੰਦਰੂਨੀ ਅਵਸਥਾ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਵਿਚ ਰੁਕਾਵਟ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 32.
ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਆਇਓਡੀਨ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੋਈਟਰ (Goitre) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 33.
ਰੇਆਨ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਤੇ ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਖਾਰ ਦਾ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਤੇਜ਼ ਤੇਜ਼ਾਬ ਅਤੇ ਖਾਰ ਦੋਵੇਂ ਹੀ ਰੇਆਨ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 34.
ਰੇਆਨ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਰੇਸ਼ਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੈਲੂਲੋਜ਼ ਤੋਂ ਉਤਪਾਦਤ ਬਣਾਉਟੀ ਰੇਸ਼ਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 35.
ਰੇਆਨ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਧੋਂਦੇ ਸਮੇਂ ਕਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦੀ ਮਨਾਹੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਫੁਲਾਉਣਾ,ਤਾਪ, ਸ਼ਕਤੀਸ਼ਾਲੀ ਰਸਾਇਣਾਂ ਅਤੇ ਅਲਕੋਹਲ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 36.
ਰੇਆਨ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਦੀ ਧੁਆਈ ਲਈ ਕਿਹੜੀ ਵਿਧੀ ਠੀਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗੁੰਨ੍ਹਣ ਅਤੇ ਨਪੀੜਨ ਦੀ ਵਿਧੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 37.
ਰੇਆਨ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਕਿੱਥੇ ਸੁਕਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਛਾਂ ਵਾਲੀ ਥਾਂ ਤੇ ਬਿਨਾਂ ਲਟਕਾਏ ਚੌਰਸ ਥਾਂ ‘ਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 38.
ਰੇਆਨ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ‘ਤੇ ਪੁੱਜ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਘੱਟ ਗਰਮ ਪ੍ਰੈੱਸ ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਉਲਟ ਪਾਸੇ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਪ੍ਰੈੱਸ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਕੱਪੜੇ ਵਿਚ ਹਲਕੀ ਜਿਹੀ ਨਮੀ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 39.
ਉੱਨ ਦਾ ਤੰਤੂ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਫ਼ੀ ਕੋਮਲ, ਮੁਲਾਇਮ ਅਤੇ ਪਾਣੀਜਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 40.
ਉੱਨ ਦਾ ਰੇਸ਼ਾ ਆਪਸ ਵਿਚ ਕਿਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਨਾਂ ਨਾਲ ਜੁੜ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਮੀ, ਖਾਰ, ਦਬਾਅ ਅਤੇ ਗਰਮੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 41.
ਉੱਨ ਦੇ ਤੰਤੂਆਂ ਦੀ ਸੜਾ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਖੁਰਦਰੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 42.
ਉੱਨ ਦੇ ਰੇਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਸਤਹਿ ਖੁਰਦਰੀ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਉਂਕਿ ਉੱਨ ਦੀ ਸਤਹਿ ਤੇ ਪਰਸਪਰ ਵਿਆਪੀ ਰੇਸ਼ੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 43,
ਉੱਨ ਦੇ ਰੇਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਸਤਹਿ ਦੇ ਰੇਸ਼ਿਆਂ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲਸਲਸੀ, ਜਿਸ ਨਾਲ ਰੇਸ਼ੇ ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿਚ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਫੁੱਲ ਕੇ . ਨਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 44.
ਉੱਨ ਦੇ ਰੇਸ਼ਿਆਂ ਦੇ ਦੁਸ਼ਮਣ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਮੀ, ਤਾਪ ਅਤੇ ਖਾਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 45.
ਤਾਪ ਦੇ ਅਨਿਸ਼ਚਿਤ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨਾਲ ਰੇਸ਼ਿਆਂ ‘ ਤੇ ਕੀ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੇਸ਼ਿਆਂ ਵਿਚ ਜਮਾਓ ਤੇ ਸੁੰਗੜਨ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 46.
ਉੱਨ ਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ਨੂੰ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਸਾਬਣ ਨਾਲ ਧੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਰਮ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦੇ ਸ਼ੁੱਧ ਖਾਰ ਰਹਿਤ ਸਾਬਣ ਨਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 47.
ਧੁਆਈ ਨਾਲ ਕਦੀ-ਕਦੀ ਉੱਨ ਕਿਉਂ ਜੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਊਨੀ ਕੱਪੜੇ ਨੂੰ ਧੋਂਦੇ ਸਮੇਂ ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ ਜਾਂ ਸਾਬਣ ਦੇ ਘੋਲ ਵਿਚ ਹਿਲਾਇਆਜੁਲਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉੱਨ ਦੇ ਤੰਤੂਆਂ ਦੇ ਰੇਸ਼ੇ ਆਪਸ ਵਿਚ ਇਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਉੱਪਰ ਚੜ੍ਹ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਉੱਨ ਜੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 48.
ਸਰੀਰ ਦੇ ਵਾਧੇ ਲਈ ਭੋਜਨ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰੋਟੀਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 49.
ਸਾਬਣ ਦਾ ਨਿੱਜੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵਿਚ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਬਣ ਚਿਕਨਾਈ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਵਿਚ ਘੋਲ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮੈਲ ਜੋ ਚਿਕਨਾਈ ਨਾਲ ਚਿੰਬੜੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਵੀ ਪਾਣੀ ਪਾਉਣ ਤੇ ਉਤਰ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 50.
ਵਿਟਾਮਿਨ ‘ਸੀ’ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਕਿਹੜਾ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਕਰਵੀ ।

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ਛੋਟੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪੋਸ਼ਣ ਤੱਤ ਜਾਂ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ (Nutrients) ਕੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਤੱਤ ਜੋ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੀ ਪਾਲਣਾ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਕਹਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਭੋਜਨ ਦੇ ਘਟਕ (Components) ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਰੀਰ ਦੇ ਵਾਧੇ, ਜਣਨ ਅਤੇ ਸਵਸਥ ਜੀਵਨ ਬਿਤਾਉਣ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ |ਇਹ ਹਨ

  1. ਪ੍ਰੋਟੀਨ (Proteins)
  2. ਚਰਬੀ (Fats)
  3. ਕਾਰਬੋਜ਼ (Carbohydrates)
  4. ਖਣਿਜ ਲੂਣ (Minerals)
  5. ਵਿਟਾਮਿਨਜ਼ (Vitamins)
  6. ਪਾਣੀ (water) ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਕੀ ਹੈ ? ਭੋਜਨ ਵਿਚ ਇਸ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਕੀ ਹਾਨੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਭੋਜਨ ਦੇ ਲੋੜੀਂਦੇ ਤੱਤਾਂ ਵਿਚੋਂ ਇਕ ਤੱਤ ਹੈ ।
ਜੀਵ ਦ੍ਰਵ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਮੁੱਖ ਪਦਾਰਥ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਹੈ | ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਅੰਸ਼ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦੇ ਤੰਤੁ ਖ਼ੂਨ, ਐਨਜ਼ਾਈਮ, ਅੰਦਰੁਨੀ ਰੰਥੀਆਂ ਵਿਚੋਂ ਨਿਕਲਣ ਵਾਲੇ ਹਾਰਮੋਨ, ਕੋਮਲ ਤੰਤੂ ਅਤੇ ਹੱਡੀਆਂ ਵਿਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਕਾਰਬਨ, ਹਾਈਡਰੋਜਨ, ਆਕਸੀਜਨ, ਨਾਈਟਰੋਜਨ ਦੇ ਸੰਯੋਗ ਨਾਲ ਬਣਿਆ ਅਜਿਹਾ ਯੌਗਿਕ ਜੋ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਅਮੀਨੋ ਅਮਲਾਂ ਦੇ ਸੰਯੋਜਨ ਤੋਂ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

ਕਮੀ ਅਤੇ ਹਾਨੀਆਂ-

  1. ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਭੋਜਨ ਵਿਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦੀ ਕਮੀ ਹੋ ਜਾਣ ਨਾਲ ਉਸ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਰੁਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸੋਕਾ ਅਤੇ ਕਵਾਸ਼ਿਓਰਕਰ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਬਾਲਗਾਂ ਵਿਚ ਇਸ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਭਾਰ ਘੱਟ ਹੋਣ ਦੇ ਨਾਲ ਅਨੀਮੀਆ ਰੋਗ ਵੀ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਤੱਤਾਂ (Nutrients) ਦੇ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਕੰਮ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਕੰਮ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਹਨ-

  • ਕਾਰਬੋਜ਼ – ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕੰਮ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨਾ ਹੈ । ਜਿਹੜੇ ਕਾਰਬੋਜ਼ਾਂ ਦਾ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਉਸੇ ਸਮੇਂ ਉਪਭੋਗ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਉਹ ਇਕੱਠੇ ਕਰ ਲਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਚਿਕਨਾਈ ਵਿਚ ਬਦਲ ਕੇ ਇਕੱਠੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਪਦਾਰਥ ਜਦੋਂ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਊਰਜਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।
  • ਪੋਟੀਨ – ਪੋਟੀਨ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕੰਮ ਨਵੇਂ ਟਿਸ਼ੂਆਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਅਤੇ ਪਹਿਲਾਂ ਬਣੀਆਂ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਕਰਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਸੁਰੱਖਿਆ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਅਤੇ ਨਿਆਮਕ (Regulator) ਵੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਲੋੜ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਹਿਣ ਕੀਤੇ ਗਏ ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਕਾਰਬੋਜ਼ ਅਤੇ ਚਿਕਨਾਈ ਵਿਚ ਬਦਲ ਕੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਇਕੱਠੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਚਿਕਨਾਈ – ਚਿਕਨਾਈ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕੰਮ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨਾ ਹੈ । ਇਹ ਚਿਕਨਾਈ ਘੁਲੇ ਵਿਟਾਮਿਨਾਂ ਅਤੇ ਲੋੜੀਂਦੇ ਚਿਕਨਾਈ ਅਮਲਾਂ ਦੇ ਵਾਹਕ ਵੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਲੋੜ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹਿਣ ਕੀਤੀ ਗਈ ਚਿਕਨਾਈ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਚਰਬੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਜਮਾਂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  • ਖਣਿਜ – ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕੰਮ ਸਰੀਰ ਨਿਰਮਾਣ (ਹੱਡੀ, ਦੰਦ ਅਤੇ ਕੋਮਲ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਦੇ ਰਚਨਾਤਮਕ ਭਾਗ) ਅਤੇ ਕੰਟਰੋਲ ਪੇਸ਼ੀ ਸੰਕੁਚਨ) ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਵਿਟਾਮਿਨ – ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕੰਮ ਸਰੀਰ ਦੇ ਵਾਧੇ ਅਤੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੇ ਕੰਮ ਕੰਟਰੋਲ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਪਾਣੀ – ਸਰੀਰ ਦਾ ਲੋੜੀਂਦਾ ਭਾਗ ਪਾਣੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ | ਪਾਣੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਸੰਵਹਿਣ ਅਤੇ ਸਰੀਰਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੇ ਕੰਟਰੋਲ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਭੋਜਨ ਦਾ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਲਈ ਮੁੱਖ ਕੰਮ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਜਨ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਗਰਮੀ ਅਤੇ ਸ਼ਕਤੀ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਨਵੇਂ ਸੈੱਲ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪੁਰਾਣਿਆਂ ਦੀ ਮੁਰੰਮਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਅਜਿਹੇ ਹਾਰਮੋਨ ਅਤੇ ਐਨਜ਼ਾਈਮ ਬਣਾਉਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਸਾਡਾ ਸਰੀਰ ਠੀਕ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਭੀਮ ਅਤੇ ਤੇਲ ਦਾ ਨਿੱਜੀ ਸਫ਼ਾਈ ਵਿਚ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਿਰ ਅਤੇ ਸਰੀਰ ਤੇ ਤੇਲ ਲਗਾਉਣ ਨਾਲ ਚਮੜੀ ਦੀ ਖ਼ੁਸ਼ਕੀ ਦੂਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤੇ ਇਕ ਚਮਕ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕੀਮ ਨਾਲ ਚਿਹਰਾ ਚਮਕਦਾਰ ਅਤੇ ਨਿਖਰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕਈ ਗ਼ਮਾਂ ਨਾਲ ਚਿਹਰੇ ਤੇ ਕਿੱਲ ਅਤੇ ਛਾਈਆਂ ਵੀ ਦੂਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਰੇਸ਼ੇ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿਚ ਕਿੰਨੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੱਪੜੇ ਦੇ ਰੇਸ਼ੇ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿਚ ਪੰਜ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ-ਸੂਤੀ, ਲਿਨਨ, ਰੇਸ਼ਮ, ਉੱਨ, ਟੈਰਾਲੀਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕੋਲਡ ਕਰੀਮ ਬਾਰੇ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਜਾਣਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਕੋਲਡ ਕਰੀਮ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਸਰਦੀਆਂ ਦੇ ਮੌਸਮ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਵਿਚ ਚਿਕਨਾਈ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਜੋ ਖੁਸ਼ਕੀ ਦੂਰ ਹੋ ਸਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਭਾਰਤੀ ਖ਼ੁਰਾਕ ਦੀ ਆਮ ਘਾਟ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭਾਰਤੀ ਖ਼ੁਰਾਕ ਦੀਆਂ ਆਮ ਘਾਟਾਂ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਹਨ-

  1. ਭੋਜਨ ਵਿਚ ਕੈਲੋਰੀ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਘੱਟ ਹੋਣਾ ।
  2. ਭੋਜਨ ਵਿਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦੀ ਕਮੀ ।
  3. ਪ੍ਰਾਣੀਜਨ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਜਾਂ ਬਿਲਕੁਲ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  4. ਚਿਕਨਾਈ ਦਾ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੋਣਾ ਅਤੇ ਪਾਣੀਜਨ ਚਿਕਨਾਈ ਨਾ ਹੋਣਾ ।
  5. ਇਕ ਜਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਵਿਟਾਮਿਨ ਦੀ ਕਮੀ ਹੋਣਾ ।
  6. ਇਕ ਜਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਖਣਿਜ ਲੂਣਾਂ ਦੀ ਕਮੀ, ਖਾਸ ਕਰਕੇ ਚੂਨਾ ਅਤੇ ਲੋਹੇ ਦੀ ਕਮੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਜੇ ਭੋਜਨ ਜ਼ਰੂਰਤ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਖਾਇਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਈ ਵਾਰ ਅਜਿਹੇ ਹਾਲਾਤ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਦੋਂ ਭੋਜਨ ਦੀ ਉਪਲੱਬਧਤਾ ਪੁਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਤੇ ਅਸੀਂ ਘੱਟ ਖਾ ਕੇ ਹੀ ਗੁਜ਼ਾਰਾ ਕਰਦੇ ਹਾਂ-ਜਿਵੇਂ ਹੜ੍ਹ ਆਉਣ, ਅਕਾਲ ਪੈ ਜਾਣ, ਲੜਾਈ ਹੋਣ ਦੀ ਸਥਿਤੀ । ਭੋਜਨ ਪੂਰੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਨਾ ਖਾਇਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਭਾਰ ਘੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਕਮਜ਼ੋਰੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਖੂਨ ਦੀ ਕਮੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਰੋਗਾਂ ਨਾਲ ਲੜਨ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਵੀ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਬੱਚੇ ਜੇਕਰ ਲੋੜੀਂਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਖਾਣਾ ਨਾ ਖਾਣ ਤਾਂ ਬੁੱਧੂ ਜਿਹੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਜ਼ਰੂਰਤ ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਾਣਾ ਖਾਧਾ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਜਿਹੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿਚ ਮਿਹਦੇ ਅਤੇ ਅੰਤੜੀਆਂ ਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ, ਗਰਦਿਆਂ ਤੇ ਵੀ ਵੱਧ ਬੋਝ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਪੇਟ ਵਿਚ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਮੁੰਹ ਵਿਚੋਂ ਬਦਬੂ ਆਉਣ ਲਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਸਿਰ ਦੁੱਖਣ ਲਗਦਾ ਹੈ | ਪੇਟ ਦੀਆਂ ਬੀਮਾਰੀਆਂ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ, ਖੂਨ ਦਾ ਦਬਾਉ ਵੱਧ ਸਕਦਾ ਹੈ ਤੇ ਕਈ ਹੋਰ ਰੋਗ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ।

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ਵੱਡੇ ਉੱਤਰਾਂ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਾਰਬੋਜ਼ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸੋਮੇ ਤੇ ਕੰਮ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀ ਦੇਣ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸਾਧਨ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਹੈ ।
ਸੋਮੇ ਜਾਂ ਸਾਧਨ – ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕਾਰਬੋਜ਼ ਅਨਾਜਾਂ ਤੋਂ ਮਿਲਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜੜ੍ਹ ਤੇ ਤਣੇ ਵਾਲੀਆਂ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਵਿਚੋਂ । ਕੁੱਝ ਮਾਤਰਾ ਵਿਚ ਦਾਲਾਂ ਤੇ ਫਲਾਂ ਵਿਚ ਵੀ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।

  1. ਸ਼ੁੱਧ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥ-ਖੰਡ, ਗੁੜ, ਸ਼ਹਿਦ, ਸਾਬੂਦਾਨਾ ਅਤੇ ਅਖਰੋਟ ।
  2. ਅਨਾਜ-ਕਣਕ, ਚੌਲ, ਜਵਾਰ, ਬਾਜਰਾ, ਰੌਗੀ, ਜੌ, ਮੱਕੀ ।
  3. ਦਾਲਾਂ-ਮਾਂਹ, ਮੂੰਗੀ, ਅਰਹਰ, ਛੋਲਿਆਂ ਦੀ ਦਾਲ, ਮਸਰ, ਕੁਲਥ ਆਦਿ ।
  4. ਜੜ੍ਹ ਅਤੇ ਭੂਮੀ ਕੰਦ-ਆਲੂ, ਸ਼ਕਰਕੰਦੀ, ਚੁਕੰਦਰ ਆਦਿ ।
  5. ਤਾਜ਼ੇ ਤੇ ਸੁੱਕੇ ਫਲ-ਅੰਜ਼ੀਰ, ਖਜੂਰ, ਅੰਗੂਰ, ਕਿਸ਼ਮਿਸ਼, ਮੁਨੱਕਾ, ਖੁਰਮਾਨੀ ਆਦਿ ।

ਉਪਯੋਗ-

  • (1) ਕਾਰਬੋਜ਼ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਕ ਗ੍ਰਾਮ ਕਾਰਬੋਜ਼ ਦੇ ਬਲਣ ਨਾਲ ਸਾਨੂੰ ਚਾਰ ਕੈਲੋਰੀ ਸ਼ਕਤੀ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 1 ਨਿੱਜੀ ਦੇਖ-ਭਾਲ 1

  • ਇਹ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਦੁਆਰਾ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਵਾਧੂ ਉਰਜਾ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦਾ ਹੈ ।
  • ਇਹ ਵਿਟਾਮਿਨ ‘K’ ਅਤੇ ਨਿਆਸਿਨ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿਚ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪਾਏ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਣੂਆਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  • ਕਾਰਬੋਜ਼ ਸਰੀਰ ਦੇ ਤਾਪ ਨੂੰ ਇਕੋ ਜਿਹਾ ਰੱਖਦੇ ਹਨ ।
  • ਕਾਰਬੋਜ਼ ਨਲਿਕਾਹੀਨ ਗੰਥੀਆਂ ਦੇ ਰਸ ਕੱਢਣ ਵਿਚ ਸਹਾਇਕ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਚਿਕਨਾਈ ਦੇ ਸੋਮੇ ਅਤੇ ਕੰਮ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਸੋਮੇ-

  1. ਤੇਲ ਅਤੇ ਘਿਓ-ਮੂੰਗਫ਼ਲੀ, ਸਰੋਂ ਦਾ ਤੇਲ, ਨਾਰੀਅਲ ਦਾ ਤੇਲ, ਦੇਸੀ ਓ, ਬਨਸਪਤੀ ਘਿਓ ਅਤੇ ਮੱਖਣ ।
  2. ਮੇਵਾ ਤੇ ਬੀਜ-ਬਦਾਮ, ਕਾਜੂ, ਨਾਰੀਅਲ, ਮੂੰਗਫ਼ਲੀ, ਪਿਸਤਾ, ਅਖ਼ਰੋਟ, ਸੋਇਆਬੀਨ ਆਦਿ ।
  3. ਦੁੱਧ ਤੇ ਦੁੱਧ ਤੋਂ ਬਣੇ ਪਦਾਰਥ-ਗਾਂ-ਮੱਝ ਦਾ ਦੁੱਧ, ਖੋਇਆ, ਸੁੱਕਾ ਦੁੱਧ ਆਦਿ । ਮਾਸਾਹਾਰੀ ਭੋਜਨ-ਆਂਡਾ, ਮੀਟ, ਮੱਛੀ, ਲੀਵਰ ਆਦਿ ।

PSEB 8th Class Home Science Solutions Chapter 1 ਨਿੱਜੀ ਦੇਖ-ਭਾਲ 2
ਕੰਮ-

  • ਚਿਕਨਾਈ ਦਾ ਮੁੱਖ ਕੰਮ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਸ਼ਕਤੀ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨਾ ਹੈ । ਚਿਕਨਾਈ ਊਰਜਾ ਦੇ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸਾਂਦਰਿਤ ਸੋਮੇ ਹਨ । ਇਕ ਗਾਮ ਚਿਕਨਾਈ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ 9 ਕੈਲੋਰੀ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਚਿਕਨਾਈ ਵਿਚ ਸਰੀਰ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦੀ ਊਰਜਾ ਇਕੱਠੀ ਕਰਨ ਦਾ ਗੁਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਚਿਕਨਾਈਆਂ ਚਿਕਨਾਈ ਅਮਲਾਂ ਦਾ ਸੋਮਾ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਇਹ ਬਾਲ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਵਾਧੇ ਲਈ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਚਮੜੀ ਨੂੰ ਸਵਸਥ ਬਣਾਈ ਰੱਖਦੀਆਂ ਹਨ ।
  • ਚਿਕਨਾਈਆਂ ਚਿਕਨਾਈ ਵਾਲੇ ਵਿਟਾਮਿਨਾਂ (A, D, E, K) ਨੂੰ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਟਾਮਿਨਾਂ ਦੇ ਅਵਸ਼ੋਸ਼ਣ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  • ਚਿਕਨਾਈਆਂ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਗਾਂ ਦੇ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਗੱਦੀ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਠੀਕ ਸਥਾਨ ਤੇ ਸਿੱਧੇ ਰੱਖਦੀਆਂ ਹਨ । ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸੱਟਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਨਾੜੀਆਂ ਦੀ ਰੱਖਿਆ ਵੀ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ।
  • ਚਿਕਨਾਈ ਤਾਪ ਦੀ ਅਲਪ ਚਾਲਕ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸਰੀਰ ਨੂੰ ਊਰਜਾ ਦੀ ਹਾਨੀ ਤੋਂ ਰੋਕਦੀ ਹੈ ।
  • ਚਿਕਨਾਈ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਨਾਲ ਭੋਜਨ ਦੇ ਸੁਆਦ ਅਤੇ ਪਰਿਪਤੀ ਵਿਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB गिरधर की कुंडलियाँ Textbook Questions and Answers

गिरधर की कुंडलियाँ अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ 2
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ 4
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

3. शब्दार्थ :

  • बिगारे = बिगाड़ना
  • यहि = यही; ऐसा ही
  • हँसाय = हँसी मज़ाक
  • बेगरज़ी = नि:स्वार्थ; बिना मतलब की
  • चैन = शांति
  • ठाउँ = स्थान
  • राग-रंग = प्रेमादि करने का आनंद, ऐशो-आराम का आनंद
  • निदान = अंत में
  • मनहि = मन को
  • पाहुन = अतिथि ; मेहमान
  • भावे = अच्छा लगना
  • निशि = रात
  • टरत = दूर करना; टालना
  • ताको = उसका

उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या के साथ दे दिए गए हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) बिना विचार के काम करने से क्या होता है?
उत्तर :
बिना विचार काम करने से काम बिगड़ जाता है। इससे जग में हँसी होती है और आदमी को पछताना पड़ता है।

(ख) कवि के अनुसार प्रायः दोस्त कैसे होते हैं ?
उत्तर :
कवि के अनुसार प्रायः दोस्त मतलबी होते हैं। वे जेब में पैसे रहने तक ही साथ देते हैं। बाद में साथ छोड़कर चले जाते हैं।

(ग) चार दिन का मेहमान कौन है?
उत्तर :
चार दिन का मेहमान मनुष्य है।

(घ) प्रायः मनुष्य अभिमान क्यों करता है?
उत्तर :
प्राय: मनुष्य धन – दौलत पाने पर अभिमान करता है।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) दौलत पाकर मनुष्य को अभिमान क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर :
दौलत पाकर मनुष्य को अभिमान इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि दौलत बहुत चंचल है। वह ज़्यादा दिन किसी के भी पास नहीं रहती। वह मनुष्य के पास स्थिर नहीं रहती।

(ख) बिना सोच-विचार के कोई काम करने से क्या दशा होती है?
उत्तर :
बिना सोच – विचार के काम करने से काम बिगड़ जाता है। इससे सारे संसार में हँसी होती है। आदमी का हृदय बेचैन हो जाता है। आदमी को पछताना पड़ता है।

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6. उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थान भरें :

(क) जब लगि पैसा गाँठ में; तब लगि ताको ………………………………..
(ख) पैसा रहा न पास ……………………………….. मुख से नहिं बोले।
(ग) करत ……………………………….. प्रीति; यार बिरला कोई साई।
(घ) ……………………………….. पाय न कीजिए; सपने में ………………………………..
(ङ) ……………………………….. वचन सुनाय; ……………………………….. सब ही की कीजै।। (बेगरज़ी; दौलत; यार; मीठे; अभिमान; विनय)
उत्तर :
(क) जब लगि पैसा गाँठ में; तब लगि ताको यार।
(ख) पैसा रहा न पास यार मुख से नहिं बोले।
(ग) करत बेगरज़ी प्रीति; यार बिरला कोई साई।
(घ) दौलत पाय न कीजिए; सपने में अभिमान।
(ङ) मीठे वचन, सुनाय; विनय सब ही की कीजै॥

7. इन लोकोक्तियों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय ………………………………..
  2. साईं सब संसार में मतलब का व्यवहार ………………………………..
  3. चार दिन की चाँदनी फिर अंधेरी रात। ………………………………..

उत्तर :

  1. बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय (बिना सोचे – समझे कार्य करने पर पछताना पड़ता है) – रवि ने बिना सोचे – विचारे जल्दबाजी में मित्रता की और उसके मित्र ने उसे जेल भिजवा दिया। इसलिए कहते हैं कि बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय। खटकना (बुरा लगना) – यह दृश्य मेरी आँखों में खटकता है।
  2. साईं सब संसार में मतलब का व्यवहार (मतलबी दुनिया) – राम अपना काम निकलते ही चला गया। अतः यह सही है कि साईं सब संसार में मतलब का व्यवहार।
  3. चार दिन की चान्दनी फिर अन्धेरी रात (थोड़े दिन का आनन्द) – जवानी का जोश अच्छा नहीं क्योंकि यह चार दिन की चांदनी फिर अन्धेरी रात जैसा है।

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8. निम्न पद्यांशों का भावार्थ स्पष्ट करें :

(क) खटकत है जिय मांहि; कियो जो बिना विचारे।
उत्तर :
इस पंक्ति का भाव यह है कि जो मनुष्य बिना सोच – समझ के कोई कार्य करता है तो वह काम पूर्ण न होने पर सदा पीड़ा देता है। अतः हमें सभी कार्य सोच – विचार कर करने चाहिए।

(ख) करत बेगरजी प्रीति; यार विरला कोई साईं।
उत्तर :
इसका भाव है कि इस संसार में सच्ची मित्रता कोई विरला ही करता है। विरले व्यक्ति ही अच्छे एवं सच्चे मित्र बन सकते हैं।

(ग) चंचल जल दिन चारि को ठाउँ न रहत निदान।
उत्तर :
धन – दौलत की दशा चंचल जल के समान होती है जो कभी एक स्थान पर स्थिर नहीं रहती है। अतः हमें दौलत पाकर अभिमान नहीं करना चाहिए।

रचनात्मक अभिव्यक्ति

(क) मौखिक अभिव्यक्ति- नीतिपरक कुंडलियों की रचना के कारण कवि गिरधर का हिंदी साहित्य में अपना स्थान है। उनके साहित्य का अध्ययन करें। नीतिपरक सूक्तिमय कुण्डलियों को स्मरण करें।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति – निम्नलिखित पर अपने विचार लिखिये :
(i) योजनाबद्ध तरीके से काम करने के क्या लाभ होते हैं ?
उत्तर :
योजनाबद्ध तरीके से काम करने के अनेक लाभ होते हैं।

  • काम अच्छी प्रकार से पूर्ण हो जाता है।
  • काम किसी तरह से अधूरा नहीं रह सकता।
  • काम बिगड़ नहीं सकता।
  • काम से जग में हँसाई नहीं बल्कि बढ़ाई होती है।
  • जग में यश मिलता है।

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(i) मतलबी मित्र तथा सच्चे मित्र में क्या अंतर है?
उत्तर :

मतलबी मित्र सच्चा मित्र
(i) मतलबी मित्र स्वार्थी होता है। (i) सच्चा मित्र स्वार्थी नहीं होता।
(ii) मतलबी मित्र कपटी होता है। (ii) सच्चा मित्र हितैषी होता है।
(iii) मतलबी मित्र धोखेबाज़ होता है। (iii) सच्चा मित्र धोखेबाज़ नहीं होता।
(iv) मतलबी मित्र सुख में साथ देता है दःख में नहीं। (iv) सच्चा मित्र सुख – दुःख दोनों में साथ देता है।
(v) केवल पैसे से लगाव होता है। (v) इसे पैसे से लगाव नहीं होता है।

(ii) धन-दौलत को चंचल क्यों कहा जाता है?
उत्तर :
धन – दौलत को चंचल इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह चंचल होती है। यह कभी किसी के पास स्थिर नहीं रहती। यह अक्सर स्थान बदलती रहती है।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोता।

प्रश्न 1.
जीवन में पश्चात्ताप कौन लोग करते हैं ?
उत्तर :
जो लोग बिना सोच – समझ के कार्य करते हैं, वही जीवन में पश्चात्ताप करते

प्रश्न 2.
कैसा कार्य हृदय में पीड़ा देता है ?
उत्तर :
जो कार्य बिना सोच – विचार के किया जाता है, वह हृदय में पीड़ा देता है।

प्रश्न 3.
काम बिगड़ने से मनुष्य की क्या स्थिति होती है ?
उत्तर :
काम बिगड़ने से मनुष्य की संसार में हँसी होती है। सब उसका मज़ाक उड़ाते हैं। उसे खाना – पीना, राग – रंग कुछ भी अच्छा नहीं लगता।

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प्रश्न 4. सच्चे अथवा आदर्श मित्र के गुण लिखिए।
उत्तर :
सच्चे अथवा आदर्श मित्र के निम्नलिखित गुण होने चाहिए

  • सच्चा अथवा आदर्श मित्र ईमानदार होना चाहिए।
  • सच्चा अथवा आदर्श मित्र विवेकशील होना चाहिए।
  • आदर्श मित्र बुद्धिमान होना चाहिए।
  • आदर्श मित्र सुख – दुःख में साथ देने वाला होना चाहिए।
  • आदर्श मित्र सच्चाई को सच एवं झूठ को झूठ कहने वाला होना चाहिए।
  • आदर्श मित्र सत्यवादी होना चाहिए।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
बिना सोचे – विचारे काम करने पर क्या होता है ?
(क) संतोष
(ख) खुशी
(ग) पछतावा
(घ) आनंद।
उत्तर :
(ग) पछतावा

प्रश्न 2.
संसार में सब कैसा व्यवहार करते हैं ?
(क) प्रेम का
(ख) मतलब का
(ग) त्याग का
(घ) देने का।
उत्तर :
(ख) मतलब का

प्रश्न 3.
मित्र कब तक साथ देते हैं, जब तक पास में क्या है ?
(क) प्रेम
(ख) त्याग
(ग) दया
(घ) पैसा।
उत्तर :
(घ) पैसा।

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प्रश्न 4.
दौलत प्राप्त कर क्या नहीं करना चाहिए ?
(क) दान
(ख) दया
(ग) करूणा
(घ) घमंड।
उत्तर :
(घ) घमंड।

प्रश्न 5.
दौलत किस के समान चंचल है ?
(क) बादल
(ख) बिजली
(ग) हवा
(घ) जल।
उत्तर :
(घ) जल।

गिरधर की कुंडलियाँ Summary in Hindi

गिरिधर की कुण्डलियाँ का सार

कुण्डलियों का सार प्रस्तुत कुण्डलियों में गिरिधर कवि ने प्रेरणा देते हुए कहा है कि बिना सोच – समझ के कार्य करने से काम बिगड़ जाता है। इससे जग में हँसी होती है और पछताना पड़ता है। हृदय में पीड़ा झेलनी पड़ती है। खाना – पीना राग – रंग कुछ भी अच्छा नहीं लगता। संसार में सब जगह स्वार्थ का व्यवहार होता है। मित्र केवल स्वार्थ पूरा करते हैं और साथ छोड़ देते हैं। सच्ची मित्रता तो कोई – कोई ही करता है। धन – दौलत होने से कभी अभिमान नहीं करना चाहिए क्योंकि ये कभी स्थिर नहीं रहती। मीठे बचन बोलने चाहिए। विनम्र व्यवहार करना चाहिए। मनुष्य केवल चार दिन का ही मेहमान होता है।

गिरिधर की कुण्डलियाँ सप्रसंग व्याख्या

1. बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय।
काम बिगारै आपनो, जग में होत हँसाय॥
जग में होत हँसाय, चित्त में चैन न पावे।
खान पान सम्मान, राग रंग मनहि न भावे॥
कह गिरधर कविराय, दःख कछ टरत न टारे।
खटकत है जिय माहिं, कियो जो बिना बिचारे॥

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कठिन शब्दों के अर्थ :

  • विचारे = सोचे।
  • पाछे = पीछे।
  • बिगारे = बिगाड़े।
  • चैन = शान्ति।
  • भावे = अच्छा लगे।
  • टरत = हटाने से।
  • खटकत = खटकना, बुरा लगना।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलित ‘गिरिधर की कुण्डलियाँ’ नामक कविता में से लिया गया है। कवि कहता है – बिना सोचे – विचारे यदि कोई काम किया जाए तो अन्त में मनुष्य को पछताना पड़ता है। इस बात को स्पष्ट करते हुए कवि कहता है

सरलार्थ – कवि कहता है कि इस संसार में बिना सोचे – समझे काम शुरू करने वाले व्यक्ति को अन्त में पछताना पड़ता है। जब उसका काम बिगड़ जाता है तो दुनिया वाले उसकी हँसी उड़ाते हैं। उसे मन में कभी चैन और शान्ति नहीं मिलती। यहाँ तक कि ऐसे व्यक्ति को कभी भी खाना – पीना, हँसना – बोलना और मान – सम्मान आदि अच्छा नहीं लगता। गिरिधर जी कहते हैं जो व्यक्ति बिना सोचे – समझे काम शुरू कर देता है उसका दुःख दूर करने से भी दूर नहीं होता। ऐसे व्यक्ति के मन में हमेशा अशान्ति और भय बना रहता है।

भावार्थ – कवि का मानना है कि मानव को कभी भी बिना सोच – विचार काम नहीं करना चाहिए।

2. साईं सब संसार में, मतलब का व्यवहार।
जब लगि पैसा गाँठ में, तब लगि ताको यार।
तब लगि ताको यार, यार सँग ही सँग डोले।
पैसा रहा न पास, यार मुख से नहिं बोले॥
कह गिरधर कविराय, जगत यहि लेखा भाई।
करत बेगरजी प्रीति, यार बिरला कोइ साईं॥

कठिन शब्दों के अर्थ –

  • या = इस।
  • मतलब = स्वार्थ।
  • गाँठ = जेब।
  • यार = मित्र।
  • बेगरजी = बिना स्वार्थ के।
  • प्रीति = प्रेम।
  • साईं = स्वामी।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलित ‘गिरिधर की कुण्डलियाँ’ कविता में से लिया गया है। कवि ने संसार के स्वार्थी स्वभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि अब कोई विरला ही सच्चा मित्र रह गया है।

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सरलार्थ – कवि के अनुसार इस संसार में स्वार्थ का ही बोलबाला है। सभी अपना मतलब सिद्ध करने में लगे हुए हैं, जैसे – जब तक साथी के पास पैसा है तब तक उसका साथ देने वाले अनेक मित्र होते हैं। वे अपनी मित्रता न जाने किस – किस ढंग से सिद्ध करते हैं। जब पैसा नहीं रहता तो वे बोलना छोड़ देते हैं। गिरिधर जी कहते हैं कि संसार का व्यवहार ही ऐसा है। इस संसार में सच्चा प्रेम करने वाला कोई विरला ही मित्र होता है। निःस्वार्थ प्रेम करने वाला मनुष्य कठिनता से ही मिलता है।

भावार्थ – यह संसार स्वार्थ पर आधारित है। यहाँ स्वार्थ रहित (सच्चा) प्रेम बहुत कम मिलता है।

3. दौलत पाय न कीजिए, सपने में अभिमान।
चंचल जल दिन चारि को, ठाउँ न रहत निदान॥
ठाउँ न रहत निदान, जियत जग में यश लीजै।
मीठे वचन सुनाय, विनय सब की ही कीजै॥
कह गिरधर कविराय, अरे यह सब घट तौलत।
पाहुन निशि दिन चारि, रहत सब ही के दौलत॥

कठिन शब्दों के अर्थ –

  • चंचल = अस्थिर।
  • चारि = चार।
  • ठाउँ = स्थान पर।
  • निदान = निश्चय से।
  • विनय = नम्रता, आदर।
  • तौलत = तोलना।
  • पाहुन = मेहमान।
  • निशि = रात।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश ‘गिरिधर की कुण्डलियाँ’ में से लिया गया है। इस कुंडली में धन की चंचलता बताई गई है।

सरलार्थ – गिरिधर कवि कहते हैं – मनुष्य को धन – दौलत होने पर सपने में भी अभिमान नहीं करना चाहिए। यह चंचल पानी के समान है, जो निश्चय से कभी एक स्थान पर टिका नहीं रहता। धन चंचल होने के कारण व्यक्ति को जीवित रहते हुए यश प्राप्त करना चाहिए। सब को मीठे वचन सुनाने चाहिए। सब के साथ अच्छा व्यवहार करना पुस्तकीय भाग चाहिए। मधुर बोलना चाहिए और सब से नम्र व्यवहार करना चाहिए। कवि कहता है कि अरे कम क्यों तोलता है। यह दौलत सबके पास चार दिन की मेहमान है। भाव यह है कि धन का गर्व नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह नाशवान् है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 16 गिरधर की कुंडलियाँ

भावार्थ – कवि ने धन के आधार पर घमण्ड न करने की बात कही है क्योंकि धन तो आता – जाता रहता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 13 माँ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 13 माँ (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB माँ Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

माँ अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने mका अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ 2
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें और लिखने का अभ्यास करें।

2. नदी नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ 4
उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

3. शब्दार्थ :

  • कथनी = कही हुई बात, कथन
  • शिष्टाचार = शिष्टता पूर्ण आचरण एवं व्यवहार
  • संस्कार = व्यवस्थित करना, सजाना
  • विपदा = संकट
  • बाती = दीपक
  • मर्यादित = प्रतिष्ठित
  • सहनशीलता – सहनशील (सहन करने वाला) होना
  • नि:स्वार्थ = बिना किसी स्वार्थ के
  • उत्सव = मंगल कार्य

उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या के साथ दे दिए गए हैं।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) माँ किसका वरदान है ?
उत्तर :
माँ ईश्वर का वरदान है।

(ख) माँ समय के रूप में क्या करती है ?
उत्तर :
माँ समय के रूप में हर क्षण का एहसास कराती है।

(ग) हर विपदा को हराने पर माँ को क्या कहा गया है?
उत्तर :
हर विपदा को हराने पर माँ को हिमालय कहा गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

(घ) माँ का हथियार क्या है?
उत्तर :
माँ का हथियार साहस है।

(ङ) माँ बाती के रूप में क्या करती है ?
उत्तर :
माँ बाती के रूप में ममता का प्रकाश फैलाती है।

(च) खुशी के आँसू बहाने पर माँ को क्या कहा गया है?
उत्तर :
खुशी के आँसू बहाने पर माँ को उत्सव कहा गया है।

(छ) माँ गौरैया कब बन जाती है?
उत्तर :
जब खुद कम खाकर बच्चों को ज्यादा खिलाती है तब माँ गौरेया बन जाती है।

(ज) आगे बढ़ने का गीत सुनाने पर माँ को क्या पुकारा गया है ?
उत्तर :
आगे बढ़ने का गीत सुनाने पर माँ को नदी पुकारा गया है।

(झ) इस कविता में माँ का उपहार क्या बताया गया है?
उत्तर :
इस कविता में माँ का उपहार सहनशीलता बताया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

(ञ) माँ के चरणों में किसका द्वार है ?
उत्तर :
माँ के चरणों में स्वर्ग का द्वार है।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) इस कविता में माँ की कथनी और करनी में किसके दर्शन होते हैं ?
उत्तर :
इस कथन में माँ की कथनी में शिष्टाचार और करनी में संस्कार के दर्शन होते हैं। वह जैसा कहती है वैसा ही करती है। वह शिष्टाचार भरा व्यवहार करती है और वैसा ही करने की शिक्षा देती है। वह स्वयं दुख झेलकर सुख प्रदान करती है।

(ख) दुख और सुख में माँ की क्या भूमिका है ?
उत्तर :
माँ दुख को खुशी से स्वीकार कर लेती है तथा सुख देना उसका सदाचार है। वह सबको सुख देती है। दुख – सुख में वह अपने बच्चों के साथ रहती है। वह उनकी हर प्रकार से सहायता करती है। वह स्वयं कष्ट झेल कर भी अपनों को सुख देती है।

(ग) माँ की दुआओं और प्रोत्साहन से क्या होता है?
उत्तर :
माँ की दुआओं से चमत्कार तथा प्रोत्साहन से जय जयकार होती है। माँ की दुआएँ किसी चमत्कार से कम नहीं होती। इसका प्रोत्साहन मिलते ही सर्वत्र जय जयकार हो जाती है। माँ की दुआएँ और प्रोत्साहन बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। बच्चे उसी से अपने जीवन में परिश्रमपूर्वक आगे बढ़ते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

(घ) धरती के रूप में माँ क्या करती है ?
उत्तर :
धरती के रूप में माँ नि – स्वार्थ भावना से सेवा करती है। वह सबका कल्याण करती है। सबको समान भाव से देखती है। वह सभी को बढ़ावा देता है। वह मर्यादित रहकर सबका पालन – पोषण करती है।

6. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. ईश्वर = ______________________
  2. प्रभात = ______________________
  3. रात = ______________________
  4. नदी = ______________________
  5. चरण = ______________________
  6. धरती = ______________________
  7. किताब = ______________________

उत्तर :

  1. ईश्वर = प्रभु, परमात्मा
  2. प्रभात = सुबह, सवेरा
  3. रात = रात्रि, विभावरी
  4. नदी = तरणि, सरिता
  5. चरण = पैर, पाँव
  6. धरती = धरा, पृथ्वी
  7. किताब = पुस्तक, पोथी।

7. विपरीत शब्द लिखें :

  1. वरदान = ………………………
  2. जीवन = ………………………
  3. स्वीकार = ………………………
  4. प्रेम = ………………………
  5. विस्तार = ………………………
  6. सदाचार = ………………………
  7. जय = ………………………

उत्तर :

  1. वरदान = अभिशाप
  2. जीवन = मरण
  3. स्वीकार = अस्वीकार
  4. प्रेम = घृणा
  5. विस्तार = संक्षेप
  6. सदाचार = दुराचार
  7. जय = पराजय।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

8. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें :

  1. जिसका पार न हो _________________
  2. किसी का उत्साह बढ़ाना _________________
  3. बिना स्वार्थ के _________________
  4. माँ का बच्चे के प्रति प्यार _________________
  5. अच्छा व्यवहार _________________

उत्तर :

  1. जिसका पार न हो = अपार
  2. किसी का उत्साह बढ़ाना = उत्साहवर्धन
  3. बिना स्वार्थ के = नि:स्वार्थ
  4. माँ का बच्चे के प्रति प्यार = वात्सल्य
  5. अच्छा व्यवहार = सद्व्यवहार

9. निम्नलिखित अशुद्ध शब्दों को शुद्ध करके लिखें:

  1. शिश्टाचार _________________
  2. पड़ाती _________________
  3. कीताब _________________
  4. हीमालय _________________
  5. सविकार _________________
  6. चमतकार _________________
  7. आँसु _________________
  8. सुभाव _________________
  9. विवहार _________________
  10. वातसतय _________________

उत्तर :

  1. शिश्टाचार = शिष्टाचार
  2. पड़ाती = पढ़ाती
  3. कीताब = किताब
  4. हीमालय = हिमालय
  5. सविकार = स्वीकार
  6. चमतकार = चमत्कार
  7. आँसु = आँसू
  8. सुभाव = स्वभाव
  9. विवहार = व्यवहार
  10. वातसलय = वातसल्य

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

10. रचनात्मक अभिव्यक्ति :

(क) मौखिक अभिव्यक्ति – अपनी माँ पर कविता सुनायें।
उत्तर :
माँ विधाता का उपहार है।
देती सबको असीम प्यार है।
चरणों में इसके स्वर्ग बसा,
आँचल में दुलार अपार है।
आँचल में इसके ब्रह्माण्ड समाया,
आँखों में ममता का भंडार है।
सारे जहाँ का करती पालन
पोषण, महिमा इसकी अपरम्पार है॥

नोट – ऐसी अन्य कविताएँ कक्षा में सुनाएँ एवं अभ्यास करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति – अपनी माता पर चार-पाँच वाक्य लिखें।
उत्तर :

  • मेरी माता जी का नाम श्रीमती सरस्वती देवी है।
  • वह सबसे बहुत स्नेह करती है।
  • वह ज्ञान की देवी हैं।
  • वह बहुत सुंदर हैं।
  • वह बहुत पढ़ी – लिखी हैं।
  • वह एक कुशल अध्यापिका हैं।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘माँ’ कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘माँ’ कविता डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित है। इसमें कवयित्री ने माँ की महिमा का गुणगान किया है। माँ ईश्वर का वरदान है। वह सब रिश्तों में महान् है। उसकी कथनी में शिष्टाचार तथा करनी में संस्कार है। उसके जागने – सोने से ही रात – दिन है। विपत्ति में हिमालय बन जाती है। साहस उसका हथियार है। वह बाती के समान जलकर सब कहीं ममता का प्रकाश फैलाती है। दुख लेती है तथा सुख देती है। उसकी खुशी से उत्सव हो जाता है।

उसकी दुआएँ चमत्कार से भरी हैं। वह खुद कम खाकर बच्चों को खिलाती है। उसमें वात्सल्य, प्रेम तथा समर्पण भाव निहित हैं। वह नदी की तरह आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। सहनशीलता उसका उपहार है। वह धरती बनकर नि:स्वार्थ भाव से सेवा करती है। उसके चरणों में स्वर्ग का द्वार है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

प्रश्न 2.
माँ की धरती से तुलना क्यों की गई है?
उत्तर :
माँ की धरती से तुलना इसलिए की गई है क्योंकि माँ धरती के समान नि:स्वार्थ भाव से सेवा करती है। वह संसार का कल्याण करती है। सबका पालन – पोषण करती है।

प्रश्न 3.
नदी से क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर :
नदी से जीवन में निरन्तर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। उससे उन्नति पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

प्रश्न 4.
माँ के गुण कौन – कौन से हैं?
उत्तर :
माँ के गुण इस प्रकार हैं –

  • माँ जीवन की शिक्षा देती है।
  • उस की कथनी में शिष्टाचार है।
  • उस के जागने से प्रभात हो जाता है।
  • वह हर विपत्ति का सामना कर हरा देती है।
  • वह स्वयं दीपक की बाती की तरह जलकर ममता का प्रकाश फैलाती है।
  • वह सुख देकर दुःख ग्रहण करती है।
  • वह खुद कम खाकर बच्चों को खिलाती है।
  • वह धरती की तरह सबका पालन – पोषण करती है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
माँ किसका वरदान है?
(क) ईश्वर
(ख) प्रकृति
(ग) धरती
(घ) समाज।
उत्तर :
(क) ईश्वर

प्रश्न 2.
माँ किस का पाठ पढ़ाती है?
(क) रसोई का
(ख) गृहस्थी का
(ग) रिश्तों का
(घ) जीवन का।
उत्तर :
(घ) जीवन का।

प्रश्न 3.
माँ जब हर विपदा को हर लेती है तो क्या बन जाती है?
(क) हिमालय
(ख) सागर
(ग) दीवार
(घ) आकाश।
उत्तर :
(क) हिमालय

प्रश्न 4.
माँ का हथियार क्या है?
(क) दया
(ख) ममता
(ग) करूणा
(घ) साहस।
उत्तर :
(घ) साहस।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

प्रश्न 5.
माँ धरती कब बन जाती है?
(क) सेवा करने पर
(ख) सो जाने पर
(ग) भोजन बनाने पर
(घ) घर संभालने पर।
उत्तर :
(क) सेवा करने पर

प्रश्न 6.
माँ का उपहार क्या है?
(क) उग्रता
(ख) सहनशीलता
(ग) दयालुता
(घ) करूणा।
उत्तर :
(ख) सहनशीलता

माँ Summary in Hindi

माँ कविता का सार

‘माँ’ नामक कविता डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित है। इसमें कवयित्री ने ममतामयी माँ के वात्सल्य और त्याग का वर्णन किया है। माँ ईश्वर का अनूठा वरदान है। वह संसार के सब रिश्तों में महान् है। जीवन की परीक्षा देते हुए माँ किताब बन जाती है। उसकी कथनी में शिष्टाचार और करनी में संस्कार है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ 5

हर क्षण का अहसास कराते हुए माँ समय बन जाती है। उसके जागने से ही सुबह होती है और सोने से रात हो जाती है। माँ जब हर मुसीबत को हरा देती है तब वह हिमालय बन जाती है। साहस उसका हथियार है। उसमें अपार ऊर्जा है। ममता का प्रकाश फैलाते हुए माँ दीये की बत्ती बन जाती है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

वह दुःखों को स्वीकार करती है और सुख देने को सदाचार मानती है। उसके खुशी के आँसुओं से उत्सव बन जाता है। उसकी दुआओं में चमत्कार है। उसके प्रोत्साहन में जय – जयकार है। वह खुद कम खाकर जब अपने बच्चों को खिलाती है तब वह गौरेया बन जाती है।

उसमें वात्सल्य तथा प्रेमभाव समाया है। समर्पण उसका स्वभाव है। वह नदी की तरह आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। मर्यादित रहना उसका व्यवहार है। सहनशीलता अच्छा उपहार है। वह धरती के समान निःस्वार्थ सेवा भाव जगाती है। उसका विस्तार केवल देने में है। उसके चरणों में ये स्वर्ग का द्वार है।

माँ सप्रसंग व्याख्या

1. ईश्वर का वरदान है माँ
सब रिश्तों में महान् है माँ।
जब जीवन का पाठ पढ़ाती माँ
तब किताब बन जाती माँ।
कथनी में उसकी शिष्टाचार है।
करनी में उसकी संस्कार है।

प्रसंग – यह पद्यांश डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित है। इसे ‘माँ’ शीर्षक कविता से लिया गया है। कवयित्री ने यहाँ माँ की महिमा का गुणगान किया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि माँ ईश्वर का अनुपम वरदान है। वह सभी रिश्तों में सबसे महान् है। माँ जब जीवन की शिक्षा देती है तो वह किताब बन जाती है। उसकी कथनी में शिष्टाचार झलकता है तथा उसकी करनी में संस्कार होता है।

भावार्थ – माँ की महिमा का गुणगान किया है।

2. जब हर क्षण का अहसास कराती माँ
तब समय बन जाती माँ।
जगने में उसके प्रभाव है
सोने में उसके रात है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

प्रसंग – यह पद्यांश डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित ‘माँ’ कविता से लिया गया है। इनमें माँ का गुणगान किया गया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ हर क्षण का अहसास कराती है। तब वह समय बन जाती है। उसके जाग जाने में ही सवेरा होता है और उसके सो जाने से ही रात हो जाती है। माँ से मानों ही दिन – रात चलते हैं।

भावार्थ – माँ की महिमा का गुणगान किया है।

3. जब हर विपदा को हराती माँ
तब हिमालय बन जाती माँ।
साहस उसका हथियार है
ऊर्जा उसमें अपार है।

शब्यार्थ :

  • विपदा – विपत्ति।
  • हथियार – अस्त्र – शस्त्र।
  • अपार – जिसका पार न हो।

प्रसंग – यह काव्य पंक्तियाँ डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित ‘माँ’ शीर्षक कविता से ली गई हैं। यहाँ माँ के साहस का वर्णन किया गया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ जीवन में प्रत्येक विपत्ति को हरा देती है तब वह हिमालय के समान महान् बन जाती है। साहस उसका हथियार है। उसमें अपार ऊर्जा एवं शक्ति है।

भावार्थ – माँ के साहस एवं शक्ति को दर्शाया है।

4. जब ममता का प्रकाश फैलाती माँ
तब बाती बन जाती माँ।
दुख लेना उसको स्वीकार है
सख देना उसका सदाचार है।

शब्दार्थ :

  • सदाचार – अच्छा आचरण।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

प्रसंग – यह काव्य पंक्तियाँ डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित है। यह ‘माँ’ शीर्षक कविता से लिया गया है। इसमें माँ की ममता का वर्णन है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ अपनी ममता का प्रकाश चारों तरफ फैला देती है तब माँ दीपक की जलने वाली बत्ती बन जाती है। उसे दूसरों का दुख लेना और दूसरों को सुख देना अच्छा लगता है।

भावार्थ – माँ की ममता तथा त्याग का चित्रण हुआ है।

5. जब खुशी के आँसू बहाती माँ
तब उत्सव बन जाती माँ।
दुआओं में उसकी चमत्कार है
प्रोत्साहन में उसके जय – जयकार है।

कठिन शब्दों के अर्थ :

  • उत्सव = त्योहार।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा लिखित ‘माँ’ नामक कविता में से ली . गई हैं। माँ की दुआएँ बहुमूल्य होती हैं। कवयित्री ने इसी को दर्शाया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ खुश होकर आँसू बहाती है तब उत्सव के समान बन जाती है। चारों तरफ खुशी छा जाती है। उसके आशीर्वादों में बहुत बड़ा चमत्कार होता है। उसके प्रोत्साहन में जय – जयकार छिपा होता है।

भावार्थ – माँ की महिमा का गुणगान किया गया है।

6. जब खुद कम खाकर बच्चों को खिलाती माँ
तब गौरैया बन जाती माँ।
वात्सल्य प्रेम के उसमें भाव हैं
समर्पण उसका स्वभाव है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

शब्दार्थ :

  • गौरेया = चिड़िया की एक जाति।
  • वात्सल्य = स्नेह।

प्रसंग – ये पंक्तियाँ डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित कविता ‘माँ’ से ली गई हैं। इन में माँ के वात्सल्य का वर्णन किया गया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ अपने आप कम खाकर अपने बच्चों को खिलाती है तब माँ गौरैया की तरह बन जाती है। उसमें वात्सल्य और प्रेम के भाव हैं। समर्पण उसका स्वभाव है अर्थात् वह दूसरों के प्रति सदा समर्पित रहती है।

भावार्थ – माँ के वात्सल्य भाव का वर्णन किया गया है।

7. जब आगे बढ़ने का गीत सुनाती माँ
तब नदी बन जाती माँ।।
मर्यादित रहना उसका व्यवहार है
सहनशीलता उसका उपहार है।

प्रसंग – यह पद्यांश डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित ‘माँ’ नामक कविता से लिया गया है। कवयित्री ने माँ को नदी की तरह दर्शाया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ अपने बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने का गीत सुनाती है तब वह नदी बन जाती है। मर्यादा में रहना उसका व्यवहार है अर्थात् माँ सदा मर्यादाओं में रहती है। सहनशीलता उसका उपहार है।

भावार्थ – सहनशीलता और मर्यादा में रहना माँ के गुण हैं।

8. जब निःस्वार्थ सेवा भाव जगाती माँ
तब धरती बन जाती माँ
केवल देने में उसका विस्तार है
चरणों में उसके स्वर्गद्वार है।

प्रसंग – ये काव्य पंक्तियाँ डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा रचित ‘माँ’ नामक कविता से ली गई हैं। इनमें माँ को धरती की संज्ञा दी गई है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 13 माँ

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि जब माँ बिना किसी स्वार्थ के सेवा भावना जगाती है तब वह धरती बन जाती है। उसका विस्तार केवल देने में है। माँ सदा ही सबको वात्सल्य प्रेम देती है। उसके चरणों में ही स्वर्ग का द्वार है। भाव है कि माँ के चरणों में आकर स्वर्ग मिल जाता है।

भावार्थ – माँ धरती के समान सेवा करती है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी

ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 4
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 5
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखने का अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 6
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 7
उत्तर :
छात्र स्वयं लिखने का अभ्यास करें।

3. शब्दार्थ :

  • अभिवादन = सम्मान करना
  • शिलान्यास = नींव पत्थर रखना
  • स्कूल का मुखिया
  • वरिष्ठ = पद या क्रम में बड़ा

उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) साइंस सिटी का पूरा नाम क्या है? यह किसके नाम पर रखा गया है?
उत्तर :
साइंस सिटी का पूरा नाम ‘पुष्पा गुजराल साइंस सिटी’ है। यह पूर्व प्रधानमन्त्री इंद्र कुमार गुजराल की पूज्य माता जी के नाम पर रखा गया है।

(ख) इसका उद्घाटन कब हुआ और किसने किया?
उत्तर :
इसका उद्घाटन 19 मार्च, सन् 2005 को हुआ। इसे माननीय राज्यपाल एस० एफ० रोडरिज ने किया।

(ग) दिल के मॉडल में क्या दिखाया गया है?
उत्तर :
दिल के मॉडल में रक्त संचार प्रणाली दिखाई गई है. छाती में फेफडों की स्थिति में दिखाई गई है। हड्डियों और जोड़ों की गति दिखाई गई है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी

(घ) डायनासोर पार्क में कितनी तरह के डायनासोर हैं?
उत्तर :
डायनासोर पार्क में 26 तरह के डायनासोर हैं।

(ड) वोल्केनो आकृति की क्या विशेषता है?
उत्तर :
इस आकृति में चार हिलते-जुलते, मुँह फैलाते-आवाजें निकालते डायनासोर दिखाई देते हैं।

(च) डोम थियेटर की क्या विशेषता है?
उत्तर :
इसका फ्रेम आम थियेटर से दस गुणा बड़ा है। इसमें बड़ी पिक्चर आती है। आवाज़ बहुत साफ है।

(छ) फ्लाइट सिमुलेटर में क्या दिखाया गया है?
उत्तर :
इसमें वीडियो के माध्यम से स्क्रीन पर हवाई उड़ान दिखाई जाती है।

(ज) विजयन्त टैंक और एयर क्राफ्ट मिग 23 कहाँ पर हैं?
उत्तर :
ये दोनों साइंस सिटी के डिफैंस गैलरी में हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच पंक्तियों में लिखें :

(क) साइंस सिटी में आपको देखने में जो सबसे अच्छा लगा, उसके बारे में लिखें।
उत्तर :

साइंस सिटी में सबसे अच्छा डायनासोर पार्क लगा। इसमें सब तरह के अलग अलग डायनासोर हैं जिन्हें 45 अलग-अलग मॉडलों में दिखाया गया है। 35 फुट ऊँची विचित्र आकृति में चार हिलते-जुलते, मुँह फैलाते तथा आवाजें निकालते डायनासोर दिखाई देते हैं।

(ख) साइंस सिटी में ज्ञान के साथ-साथ मनोरंजन भी होता है, स्पष्ट करें।
उत्तर :
यह बात सच है कि साइंस सिटी में रोमांच के साथ-साथ मनोरंजन भी होता है क्योंकि एक तरफ इसमें हमें विज्ञान के बारे में ज्ञान मिलता है और दूसरी तरह-तरह के दृश्य देखने को मिलते हैं। नई-नई जानकारियों मिलती हैं और साथ ही डायनासोर तथा चारों शो देखने से मनोरंजन भी होता है।

6. शब्दों से नये शब्द बनायें :

  1. फैला – फैलाव
  2. भाव = ____________
  3. बोझ = ____________
  4. डर = ____________
  5. रोमांच = ____________
  6. मनोरंजन = ____________
  7. असल = ____________
  8. आनंद = ____________

उत्तर :

  1. फैला = फैलाव
  2. भाव = भावना
  3. बोझ = बोझा
  4. डर = डरना
  5. रोमांच = रोमांचक
  6. मनोरंजक = मनोरंजन
  7. असल = असली
  8. आनन्द = आनन्दपूर्वक।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी

7. लिंग बदलें :

  1. छात्र – छात्रा
  2. अध्यापक = अध्यापिका
  3. शिष्य = ____________
  4. नायक = ____________
  5. सुत = ____________
  6. सेवक = ____________
  7. प्रिय = ____________
  8. गायक = ____________
  9. लेखक = ____________

उत्तर :

  1. छात्र = छात्रा
  2. अध्यापक = अध्यापिका
  3. शिष्य = शिष्या
  4. नायक = नायिका
  5. सुत = सुता
  6. सेवक = सेविका
  7. प्रिय = प्रिया
  8. गायक = गायिका
  9. लेखक = लेखिका।

8. शुद्ध करके लिखें :

  1. छुटियाँ = ____________
  2. अभीवादन = ____________
  3. खेलकुद = ____________
  4. अधियापिका = ____________
  5. परणाली = ____________
  6. परदर्शनी = ____________
  7. थीयेटर = ____________
  8. कारयालय = ____________
  9. पराचारय = ____________
  10. ब्रहमंड = ____________
  11. द्रशक = ____________
  12. अनुरोद = ____________
  13. म्यूजिक = ____________
  14. ज्ञानवरधक = ____________
  15. दरासल = ____________
  16. आपरेशन = ____________

उत्तर :

  1. छुटियां = छुट्टियाँ
  2. खेलकुद = खेलकूद
  3. परणाली = प्रणाली
  4. थीयेटर = थियेटर
  5. पराचारय = प्राचार्य
  6. द्रशक = दर्शक
  7. म्यूजिक = म्यूजिक
  8. दरासल = दरअसल
  9. अभीवादन = अभिवादन
  10. अधियापिका = अध्यापिका
  11. परदर्शनी = प्रदर्शनी
  12. कारयालय = कार्यालय
  13. ब्रहमंड = ब्रह्मांड
  14. अनुरोद = अनुरोध
  15. ज्ञानवरधक = ज्ञानवर्धक
  16. आपरेशन = आप्रेशन।

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9. उचित योजक शब्द चुनकर रिक्त स्थान भरें :

(क) ____________ उन्होंने अनुमति दी ____________ हम साइंस सिटी देखने कपूरथला जायेंगे। (यद्यपि……तथापि, यदि……तो)
उत्तर :
यदि उन्होंने अनुमति दी तो हम साइंस सिटी देखने कपूरथला जायेंगे।

(ख) ऐसा लगता है ____________ सब कुछ आपके पास हो रहा है। (ताकि, मानो)
उत्तर :
ऐसा लगता है मानो सब कुछ आपके पास हो रहा है।

(ग) इनके मुँह में हाथ मत डालना ____________ दुर्घटना हो सकती है। (नहीं तो, यानि)
उत्तर :
इनमें मुँह में हाथ मत डालना नहीं तो दुर्घटना हो सकती है।

(घ) यहाँ 3डी में एक खास तरह का चश्मा पहनकर शो देखा जाता है ____________ दूर स्क्रीन पर दिखाए जा रहे चित्र आपके सामने लगते हैं। (और, जिससे कि)
उत्तर :
यहाँ 3 डी में एक खास तरह का चश्मा पहनकर शो देखा जाता है जिससे कि दूर स्क्रीन पर दिखाए जा रहे चित्र आपके सामने लगते हैं।

(ङ) हमने वहाँ बोटिंग की ____________ डायनासोर देखे। (या, और)
उत्तर :
हमने वहाँ बोटिंग की और डायनासोर देखे।

(च) मैंने वहाँ देखा तो सब कुछ था ____________ कुछ याद नहीं आ रहा। (चाहे, परन्तु)
उत्तर :
मैने वहाँ देखा तो सब कुछ था परन्तु कुछ याद नहीं आ रहा।

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10. इन शब्दों और मुहावरों के अर्थ लिखकर उन्हें वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. शिलान्यास ____________
  2. कार्यालय ____________
  3. नाकों चने चबाना ____________
  4. खुशी में गद्गद् होना ____________
  5. करारा जवाब देना ____________
  6. छक्के छुड़ाना ____________

उत्तर :

  1. शिलान्यास-नींव रखना-इस साइंस सिटी का शिलान्यास हमारे देश के पूर्व प्रधानमन्त्री ने किया था।
  2. कार्यालय-दफ्तर-यह रोज़गार-कार्यालय है।
  3. नाकों चने चबाना-परेशान करना-रवि ने आयु में छोटा होकर भी उनको नाकों चने चबा दिए।
  4. खुशी में गद्गद् होना-बहुत खुश होना-राज्य में प्रथम आते ही प्रिया खुशी में गद्गद् हो गई।
  5. करारा जवाब देना-उल्टा जवाब देना-रवि ने विवेक को थप्पड़ मारकर करारा जवाब दे दिया।
  6. छक्के छुड़ाना-बुरी तरह हराना-भारत ने विश्व कप जीत कर अन्य सभी देशों के छक्के छुड़ा दिए।

11. उचित विराम चिह्न लगायें :

(क) बच्चो आप सब कैसे हो
उत्तर :
बच्चो ! आप सब कैसे हो?

(ख) क्या आपको इसका पूरा नाम पता है
उत्तर :
क्या आपको इसका पूरा नाम पता है?

(ग) हाँ सावधानी जरूर रखनी होगी
उत्तर :
हाँ, सावधानी ज़रूर रखनी होगी।

(घ) ओ शरारती वहाँ इस तरह की फिल्में नहीं होती
उत्तर :
ओ शरारती, वहाँ इस तरह की फिल्में नहीं होती।

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(छ) दीपशिखा पढ़ाई के साथ साथ संगीत खेलकूद ज्ञान विज्ञान में सब से आगे रहती थी
उत्तर :
दीपशिखा पढ़ाई के साथ-साथ संगीत, खेलकूद, ज्ञान-विज्ञान में सबसे आगे रहती थी।

निम्नलिखित पंजाबी वाक्यों का हिंदी में अनुवाद करें :

(क) ਗਰਮੀ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸਕੂਲ ਦਾ ਅੱਜ ਪਹਿਲਾ ਦਿਨ ਸੀ।
(ख) ਇਹ ਅਸਲੀ ਡਾਇਨਾਸੋਰ ਨਹੀਂ ਹਨ।
(ग) ਹੈਲਥ ਗੈਲਰੀ ਵਿੱਚ 12 ਫੁੱਟ ਉੱਚਾ ਦਿਲ ਦਾ ਮਾਡਲ ਸੀ।
(घ) ਸਾਰੇ ਬੱਚੇ ਇੱਕਠੇ ਹੱਸ ਪਏ।
(छ) ਅਧਿਆਪਕਾ ਸਟਾਫ ਰੂਮ ਵੱਲ ਚਲ ਪਏ।

रचनात्मक अभिव्यक्ति :

(क) मौखिक अभिव्यक्ति -आप कभी शैक्षिक भ्रमण पर कहीं गये हों तो अपना अनुभव कक्षा में सुनायें।
उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति – अपने मित्र/सहेली को पत्र द्वारा साइंस सिटी की विशेषतायें बताते हुए उसे देखने के लिए प्रोत्साहित करें।
उत्तर :
मकान नं० 181,
प्रेम विहार,
कपूरथला।
दिनांक 1 जनवरी, सन् 2020,
प्रिय अंकिता,
सप्रेम नमस्ते।

गत सप्ताह मैं अपने स्कूल की तरफ से साइंस सिटी कपूरथला को देखने गई थी। उसे देखकर मैं गद्गद् हो गई। वास्तव में वह तो मुझे एक अजूबा-सी लगी। उसकी हर वस्तु जहाँ ज्ञान प्रदान करती थी वहाँ हमारा मनोरंजन भी करती थी। यहाँ की हैल्थ गैलेरी में बारह फुट ऊँचा दिल का मॉडल है जिसमें रक्त संचार प्रणाली दिखाई गई है। डायनासोर पार्क तो बिल्कुल अलग तरह का है जिसमें छब्बीस प्रकार के अलग-अलग डायनासोरों के पैंतालीस मॉडल हैं। डोम थियेटर भी बहुत बड़ा है। इसका प्रेम सामान्य थियेटर से दस गुणा बड़ा है और इतना ही नहीं बल्कि वहाँ सभी कुछ बहुत अनोखा एवं ज्ञानवर्धक था। मुझे लगता है कि तुम्हें भी इसे देखना चाहिए। यह तुम्हारे मनोरंजन के लिए बहुत लाभदायक होगा।

तुम्हारी सहेली
सुप्रिया।

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(ग) रचनात्मक कार्य – साइंस सिटी के चित्र इकट्ठे करें और स्क्रैप बुक में लगायें।
उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
साइंस सिटी कहाँ स्थित है?
उत्तर :
साइंस सिटी कपूरथला में है। यह जालन्धर-कपूरथला सड़क पर स्थित है।

प्रश्न 2.
साइंस सिटी का शिलान्यास कब और किसने किया?
उत्तर :
साइंस सिटी का शिलान्यास 17 अक्टूबर, सन् 1997 को तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्री इन्द्र कुमार गुजराल ने किया।

प्रश्न 3.
साइंस सिटी का क्षेत्रफल कितना है?
उत्तर :
साइंस सिटी 72 एकड़ भूमि में फैला है।

प्रश्न 4.
साइंस सिटी के मुख्य आकर्षण क्या हैं?
उत्तर :
साइंस सिटी के मुख्य आकर्षण इस प्रकार हैं :-

  • डोम थियेटर
  • थ्री डी
  • लेज़र शो
  • फ्लाइट सिमुलेटर।

प्रश्न 5.
डोम थियेटर की क्या विशेषता है?
उत्तर :
डोम थियेटर की विशेषता इस प्रकार है :

  • डोम थियेटर एक विशेष प्रकार का थियेटर है।
  • इसका फ्रेम सामान्य थियेटर से दस गुणा बड़ा है।
  • इसमें बड़े आकार की तस्वीर दिखाई देती है।
  • इसकी आवाज़ बहुत साफ़ है।

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प्रश्न 6.
डोम थियेटर मे कैसी फिल्में दिखाई जाती हैं?
उत्तर :
डोम थियेटर में ब्रह्माण्ड, नील नदी का रहस्य जैसी ज्ञानवर्धक फिल्में दिखाई जाती हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
साइंस सिटी कहाँ स्थित है?
(क) जालंधर-अमृतसर सड़क पर
(ख) जालंधर-कपूरथला सड़क पर
(ग) जालंधर-फिरोजपुर सड़क पर
(घ) जालंधर-पठानकोट सड़क पर।
उत्तर :
(ख) जालंधर-कपूरथला सड़क पर

प्रश्न 2.
साइंस सिटी कितने एकड़ भूमि पर फैला हुआ है?
(क) 70
(ख) 72
(ग) 74
(घ) 76.
उत्तर :
(ख) 72

प्रश्न 3.
साइंस सिटी का शिलान्यास कब हुआ था?
(क) 17-10-1997
(ख) 17-11-1997
(ग) 17-12-1997
(घ) 17-9-1997.
उत्तर :
(क) 17-10-1997

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प्रश्न 4.
साइंस सिटी का जनता के लिए कब उद्घाटन हुआ?
(क) 19-2-2005
(ख) 19-3-2005
(ग) 19-4-2005
(घ) 19-5-2005.
उत्तर :
(ख) 19-3-2005

प्रश्न 5.
हैल्थ गैलरी में बारह फुट ऊँचा किसका मॉडल है?
(क) मानव कंकाल का
(ख) दिल का
(ग) किडनी का
(घ) पाचन तन्त्र का।
उत्तर :
(ख) दिल का

प्रश्न 6.
साइंस सिटी में डायनासोर के कितने मॉडल हैं?
(क) 40
(ख) 42
(ग) 44
(घ) 45
उत्तर :
(घ) 45

प्रश्न 7.
फ्लाइट सिमुलेटर में स्क्रीन पर क्या दिखाया जाता है?
(क) बुलट ट्रेन की रफ्तार
(ख) हवाई उड़ान
(ग) पनडुब्बी की यात्रा
(घ) अंतरिक्ष की मात्रा।
उत्तर :
(ख) हवाई उड़ान

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प्रश्न 8.
पुष्पा गुजराल का श्री इन्द्र कुमार गुजराल से क्या सम्बन्ध था?
(क) माता
(ख) पत्नी
(ग) बहन
(घ) बेटी।
उत्तर :
(क) माता

प्रश्न 9.
छाती के मॉडल में किसकी स्थिति दिखाई गई है?
(क) रक्त संचार
(ख) फेफड़े
(ग) हड्डियों
(घ) लीवर।
उत्तर :
(ख) फेफड़े

प्रश्न 10.
डोम थियेटर का फ्रेम आम थियेटर से कितने गुणा बड़ा है?
(क) दो
(ख) चार
(ग) आठ
(घ) दस।
उत्तर :
(घ) दस।

ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी Summary in Hindi

ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी पाठ का सार

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प्रस्तुत पाठ लेखक विनोद शर्मा द्वारा रचित है। इसमें लेखक ने साइंस सिटी कपूरथला का चित्रण किया है। कपूरथला साईंस सिटी बहुत बड़ा है। यह जालन्धर कपूरथला सड़क पर स्थित है। यह 72 एकड़ भूमि में फैली है। इस का पूरा नाम पुष्पा गुजराल साइंस सिटी है। यह पूर्व प्रधानमन्त्री श्री इन्द्र कुमार गुजराल की पूज्य माता जी के नाम पर है। इसका शिलान्यास 17 अक्टूबर, सन् 1997 ई० के तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्री इन्द्र कुमार गुजराल ने किया था। इसका उद्घाटन माननीय राज्यपाल एस० एस० रोडरिज ने 19 मार्च, सन् 2005 को किया। तब से यह लगातार लोगों को ज्ञान प्रदान कर रहा है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 2

साइंस सिटी की हैल्थ गैलरी में 12 फुट ऊँचा दिल का मॉडल बना है। वहाँ रक्त संचार प्रणाली दिखाई गई है। फेफड़ों की स्थिति एक मॉडल में दिखाई गई है। वहाँ एक ऑप्रेशन थियेटर भी दिखाया गया है। वहाँ एक डायनासोर पार्क, एक डिफैंस गैलरी और फन साइंस बहुत अनूठे हैं। डायनासोर पार्क में बहुत बड़े-बड़े डायनसोर खड़े हैं। इसमें 26 तरह के अलग-अलग डायनासोरों को 45 अलग-अलग मॉडलों में दिखाया गया है।

पैंतीस फुट ऊँची वोल्केनों आकृति में चार हिलते-जुलते, मुँह फैलाते-आवाजें निकालते डायनसोर दिखाई देते हैं। यह सब साऊंड और इलैक्ट्रॉनिक प्रणाली से है। यहाँ डोम थियेटर, लेजर थियेटर और थ्री० डी थियेटर तथा हवाई जहाजों में उड़ने जैसा कुछ है। ये सब साइंस सिटी के मुख्य आकर्षण हैं। यहाँ डोम थियेटर लेज़र शो, थ्री डी और फ्लाइट सिमुलेटर नामक थियेटर हैं।

इसमें डोम थियेटर आम थियेटर से दस गुणा बड़ा है। इनमें 40-50 मिनट की ज्ञानवर्धक ब्रह्माण्ड, नील नदी का रहस्य जैसी फिल्में दिखाई जाती हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 3

लेज़र शो में लेज़र को मनोरंजन के लिए प्रयोग में लाया जाता है जिसमें म्यूजिक और लेज़र के साथ दशकों का मनोरंजन होता है। यहाँ थ्री डी शो विशेष प्रकार का चश्मा पहनकर देखा जाता है। फ्लाइट सिमुलेटर एक हवाई जहाज़ जैसे आकार का मॉडल है जिसमें दर्शक बैठ कर वीडियो के द्वारा हवाई जहाज़ देखते हैं। डिफैंस गैलरी में हमारे रक्षक एवं दुश्मनों का जबाव देने वाले टैंक हैं।

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ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी शब्दार्थ :

  • स्टाफ रूम = स्टाफ के बैठने का कमरा।
  • अभिवादन = नमस्कार।
  • स्नेहपूर्वक = प्रेम के साथ हर प्रत्येक।
  • बोटिंग = किश्ती (नौका) चलाना।
  • दिलचस्पी-मनपसंदगी।
  • पूर्व = पहले।
  • मैम = मैडम।
  • पिक्चर = तस्वीर।
  • अनुरोध = प्रार्थना, आग्रह।

ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी सप्रसंग व्याख्या

1. हैल्थ गैलरी में 12 फुट ऊँचा दिल का मॉडल था। वहाँ रक्त संचार प्रणाली दिखाई गई थी। छाती में फेफड़ों की स्थिति एक मॉडल में दिखाई गयी थी और मैम एक साइकिल पर चढ़कर पैडल चलाकर हड्डियों और जोड़ों की गति दिखाई गई थी। ऐसे एक ऑप्रेरशन थियेटर भी दिखाया गया था। वहाँ और भी बहुत कुछ था।

प्रसंग-यह गद्यांश लेखक विनोध शर्मा द्वारा लिखित ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने साइंस सिटी कपूरथला में स्थित दिल के मॉडल के बारे में बताया है।

व्याख्या-जागृति ने अध्यापिका को बताया कि हैल्थ गैलरी में 12 फुट ऊँचा दिल का मॉडल बना था। वहाँ मानव शरीर की रक्त संचार प्रणाली को दिखाया गया था। छाती में फेफड़ों की स्थिति के एक मॉडल के द्वारा दिखाया गया था। एक साइकिल पर चढ़कर पैडल चलाकर हड्डियों तथा जोड़ों की गति को दिखाया गया था। इसी तरह से एक ऑप्रेशन थियेटर भी दिखाया गया था। इसके साथ-साथ वहाँ और भी बहुत कुछ था।

भावार्थ-साइंस सिटी में स्थित दिल के मॉडल को दर्शाया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी 1

2. ‘अरे, नहीं बच्चे-ये असल के डायनासोर नहीं हैं-दरअसल पार्क में 26 तरह के अलग-अलग डायनासोरों को 45 अलग-अलग मॉडलों में दिखाया गया है। पैंतीस फुट ऊँची ‘वोल्केनो’ आकृति में चार हिलते-जुलते, मुँह फैलाते-आवाजें निकालते डायनासोर दिखाई देते हैं। यह सब साऊंड और इलैक्ट्रॉनिक प्रणाली से है पर इनसे डरने की ज़रूरत नहीं। हाँ, सावधानी ज़रूर रखनी होगी। इनके मुँह में हाथ मत डालना नहीं तो दुर्घटना हो सकती है।”

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी

प्रसंग-यह पंक्तियाँ विनोद शर्मा द्वारा लिखित ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी पाठ से ली गई हैं। इसमें हरमन मैडम के साइंस सिटी में डायनासोर पार्क में स्थित डायनासोरों के बारे में समझाते हुए मैडम ने सावधान रहने के लिए कहा।

व्याख्या-मैडम हरमन ने कहा कि अरे बच्चे ! नहीं, ये वास्तव में डायनासोर नहीं हैं। वास्तव में इस पार्क में 26 प्रकार के अलग-अलग डायनासोरों को 45 अलग-अलग मॉडलों में दिखाया गया है। पैंतीस फुट ऊँची ‘वोल्केनो’ आकृति में चार हिलते-जुलते तथा अपना मुँह को फैलाते हुए, आवाजें निकालते हुए डायनासोर दिखाई देते हैं। ये सब साऊंड और इलैक्ट्रानिक प्रणाली से होते हैं। किन्तु इनसे डरने की ज़रूरत नहीं है। पर हमें सावधानी अवश्य रखनी चाहिए। इनके मुँह में हाथ नहीं डालना चाहिए अथवा कोई दुर्घटना अवश्य ही संभव हो सकती है।

भावार्थ-डायनासोर पार्क में स्थित डायनासोर मॉडलों के बारे में बताया है।

3. ‘हाँ बच्चों, ये सब साइंस सिटी के मुख्य आकर्षण हैं-इन चारों शो के लिए एक विशेष टिकट भी खरीदनी पड़ती है। इसमें है डोम थियेटर, लेज़र शो, थ्री डी और फ्लाइट सिमुलेटर। डोम थियेटर एक विशेष आकार का थियेटर है। जिसका फ्रेम आम थियेटर से दस गुणा बड़ा है। इसमें बहुत बड़े आकार की पिक्चर आती है और ऐसे लगता है मानो सब कुछ आपके पास हो रहा है। इसकी आवाज़ बहुत ही साफ़ है।

प्रसंग-यह गद्यांश लेखक ‘विनोद शर्मा’ द्वारा लिखित है। यह ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस सिटी शीर्षक पाठ से लिया गया है। इसमें साइंस सिटी के मुख्य आकर्षणों के बारे में बताया गया है।

व्याख्या-मैडम बच्चों को संबोधित कर कहती है कि डोम थियेटर, लेज़र शो, थ्री० डी० और फ्लाइट सिमुलेटर में सभी साइंस सिटी के मुख्य आकर्षण हैं। इन चारों शो के लिए एक विशेष टिकट भी खरीदनी होती है। इनमें डोम थियेटर एक विशेष आकार का थियेटर है जिसका फ्रेम सामान्य थियेटर से दस गुणा बड़ा होता है। इसमें बहुत बड़े आकार की तस्वीर होती है। उसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि सब कुछ आपके पास घटित रहा है। इसकी आवाज़ बहुत ही साफ है।

भावार्थ-साइंस सिटी के चार मुख्य आकर्षणों पर विचार किया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 12 ज्ञान और मनोरंजन का घर : साइंस सिटी

4 बच्चो ! उसे फ्लाईट सिमुलेटर कहते हैं दरअसल इसमें एक हवाई जहाज जैसे आकार का मॉडल है जिसमें दर्शक बैठते हैं। वहाँ वीडियो के माध्यम से स्क्रीन पर हवाई उड़ान दिखाई जाती है। इधर हवाई जहाज जैसे मॉडल के नीचे लिफ्ट जैसी कोई मशीन होती है जो उसे दाएँ-बाएँ, ऊपर नीचे करता है। इस तरह दर्शकों को ऐसे लगता है जैसे वायुयान ही उड़ान भर रहे हों। यह बहुत ही मनोरंजक व रोमांचक लगता है,” अध्यापिका ने बताया।

प्रसंग-यह गद्यांश ‘ज्ञान और मनोरंजन का घर साइंस-सिटी’ नामक पाठ से लिया गया है जो विनोद शर्मा द्वारा लिखित है। कलजीत ने मैम से फ्लाइट के बारे में पछा तो मैम ने उसे इस के बारे में बताया।

व्याख्या-अध्यापिका ने कुलजीत तथा अन्य बच्चों को बताया कि उसे फ्लाइट सिमुलेटर कहते हैं। वास्तव में इसमें एक हवाई जहाज़ जैसे आकार का मॉडल है जिसमें दर्शक बैठते हैं। वहाँ वीडियो के माध्यम से स्क्रीन पर हवाई जहाज उडान दिखाई जाती है। इधर हवाई जहाज़ जैसे मॉडल के नीचे लिफ्ट जैसी कोई मशीन होती है जो उसे दाएँ से बाएँ, ऊपर-नीचे करती है। इसे देखकर दर्शकों को ऐसा लगता है जैसे वे वायुयान की उड़ान भर रहे हों। यह बहुत ही रोमांचक एवं मनोरंजक लगता है।

भावार्थ-साइंस सिटी के प्रमुख आकर्षण फ्लाइट सिमुलेटर के बारे में बताया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 5 शायद यही जीवन है (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB शायद यही जीवन है Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है

शायद यही जीवन है अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है 2
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है 4
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं पढ़ें और लिखने का अभ्यास करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है

3. शब्दार्थ :

  • असमंजस = कुछ न सूझना
  • समयाभाव = समय का अभाव या कमी
  • नीड़ = घोंसला
  • निहारना = प्यार से देखना
  • निश्चित = बिना किसी चिंता के, बेफिक्र
  • अचेत = मूछित, बेसुध, होश न होना
  • अवलम्ब = सहारा
  • आशंकित = शंका होना
  • अंतरंग बातें = पक्षी जगत का अंदरूनी व्यवहार

उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें और याद करें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) लेखिका ने आँगन में क्या देखा?
उत्तर :
लेखिका ने आँगन में चिड़िया का घोंसला देखा।

(ख) चिड़िया का रंग-रूप कैसा था?
उत्तर :
चिड़िया का रंग जैतूनी हरी, नीचे के अंग सफेद, जंग जैसे रंग की शिखा थी।

(ग) चिड़िया के कितने बच्चे थे?
उत्तर :
चिड़िया के चार बच्चे थे।

(घ) बच्चे भोजन की माँग किस प्रकार करते थे?
उत्तर :
बच्चे अपनी खुली चोंच बार – बार ऊपर की तरफ उठाकर भोजन की माँग करते थे।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है

(ङ) घोंसला नीचे मिट्टी में कैसे गिर गया?
उत्तर :
घोंसलों से जुड़े दो पत्तों में से एक पत्ते के टूट जाने के कारण घोंसला नीचे मिट्टी में गिर गया।

(च) लेखिका ने घोंसले को ऊपर की टहनी पर बाँधने का निश्चय क्यों किया?
उत्तर :
बिल्ली के भय तथा हमले से बचने के लिए लेखिका ने घोंसले को ऊपर की टहनी पर बाँधने का निश्चय किया था।

(छ) बच्चे अपनी माँ से संपर्क कैसे स्थापित करते थे?
उत्तर :
बच्चे घोंसले से मँह बाहर निकालकर ची ची कर अपनी माँ से सम्पर्क स्थापित करते थे।

(ज) तीन बच्चे मुक्त हो गये थे परंतु चौथा बच्चा क्यों नहीं मुक्त हो पाया?
उत्तर :
चौथा बच्चा इसलिए मुक्त नहीं हो पाया क्योंकि वह तीनों से छोटा था।

(झ) लेखिका चौथे बच्चे के भी उड़ जाने पर उदास क्यों हो गई?
उत्तर :
लेखिका को अपनी बेटी भी एक चिड़िया के समान लग रही थी। उसे लगा कि जैसे वह भी एक दिन स्वतन्त्र जीवन की इच्छा से एक दिन उड़ जाएगी, इसलिए वह उदास हो गई थी।

(ञ) ‘जीवन परिवर्तन शील है।’ इस तथ्य के बारे में आप कोई उदाहरण लिखो।
उत्तर :
यह बात बिल्कुल सत्य है कि जीवन परिवर्तनशील है। परिवर्तनशीलता में ही जीवन है क्योंकि स्थिर होना जड़ होना है। जैसे बच्चे का जन्म होता है, वह पलता बढ़ता है, धीरे – धीरे किशोर से बड़ा होता है, एक दिन युवक बनकर वह वृद्धावस्था की ओर बढ़ने लगता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) चिड़िया, घोंसला, अंडे, बच्चे – इनके द्वारा जीवन की परिवर्तनशीलता उद्भासित होती
है। क्या आपको मानव जीवन में भी ऐसी ही परिवर्तनशीलता दिखाई देती है। कोई दो उदाहरण देकर समझायें।
उत्तर :
हाँ, हमें मनुष्य के जीवन में भी ऐसी ही परिवर्तनशीलता दिखाई देती है।

उदाहरण –

  • जैसे माँ एक बच्चे को जन्म देती है। ह शिशु, किशोरावस्था, युवावस्था, वृद्धावस्था में चला जाता है।
  • जीवन में सुख के बाद दुःख और दु:ख के बाद सुखों का आना लगा ही रहता है।

(ख) चिड़िया के बच्चों की प्रत्येक गतिविधि पक्षी जगत की स्वभावगत विशेषता को प्रकट करती है। किसी एक गतिविधि को ध्यान से देखकर लिखें।
उत्तर :
जब अंडे से चिड़ियाँ का बच्चा निकलता है तो वह असहाय – स होता है। उसके पँख नहीं होते। वह उड़ नहीं पाता। अपने लिए दाना नहीं चुग पाता। धीरे – धीरे उसके पंख उग जाते हैं। वह उड़ना सीखता है। कई बार डगमगाता और गिरता है। फिर वह भी उड़ना सीख जाता है। तब उसे स्वयं दाना चुगना और कीड़े – मकौड़े खाना भी आ जाता है।

प्रश्न 6.
पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. घोंसला = ………………….
  2. कतार = ………………….
  3. पक्षी = ………………….
  4. चाह = ………………….
  5. फूल = ………………….
  6. शाखा = ………………….

उत्तर :

  1. घोंसला = नीड़, खोता
  2. चाह = इच्छा, कामना
  3. कतार = पंक्ति, क्रम
  4. फूल = पुष्प, सुमन
  5. पक्षी = खग, विहग
  6. शाखा = टहनी, डाल।

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प्रश्न 7.
विपरीत शब्द लिखें :

  1. परिचित = ……………………….
  2. आगमन = ……………………….
  3. उपलब्ध = ……………………….
  4. दर्शक = ……………………….
  5. अचेत = ……………………….
  6. मुक्त = ……………………….
  7. बन्धन = ……………………….
  8. निर्माण = ……………………….
  9. धूप = ……………………….

उत्तर :

  1. परिचित = अपरिचित
  2. आगमन = गमन
  3. उपलब्ध = अनुपलब्ध
  4. दर्शक = श्रोता
  5. अचेत = सचेत
  6. मुक्त = दास
  7. बन्धन = मुक्त
  8. निर्माण = ध्वंस।
  9. धूप = छाँव

प्रश्न 8.
नये शब्द बनायें :

  1. समय + अभाव = समयाभाव
  2. विद्या + आलय = ……………………..
  3. कार्य + आलय = ……………………..
  4. मूल + मंत्र = ……………………..
  5. परिवर्तन + शील = ……………………..

उत्तर :

  1. समय + अभाव = समयाभाव
  2. विद्या + आलय = विद्यालय
  3. कार्य + आलय = कार्यालय
  4. मूल + मंत्र = मूलमंत्र
  5. परिवर्तन + शील = परिवर्तनशील

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प्रश्न 9.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें :

  1. सूर्य का उदय होना = सूर्योदय
  2. देखने वाला = …………………..
  3. समय का अभाव = …………………..
  4. जिसकी जानकारी हो चुकी हो = …………………..
  5. जिसकी जानकारी न हो = …………………..
  6. पक्षी जगत की जानकारी रखने वाला = …………………..
  7. बिना पलक झपकाए = …………………..

उत्तर :

  1. सूर्य का उदय होना = सूर्योदय
  2. देखने वाला = दर्शक
  3. समय का अभाव = समयाभाव
  4. जिसकी जानकारी हो चुकी हो = परिचित/ज्ञात
  5. जिसकी जानकारी न हो = अपरिचित/अज्ञात
  6. पक्षी जगत की जानकारी रखने वाला = पक्षीविद्
  7. बिना पलक झपकाए = अपलक

प्रश्न 10.
इन मुहावरों के अर्थ बताकर वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. फूला नहीं समाना = …………………………
  2. धावा बोलना = …………………………
  3. मन गद्गद हो जाना = …………………………
  4. दिल धक से रह जाना = …………………………

उत्तर :

  1. फूला नहीं समाना = बहुत खुश होना – अनमोल परीक्षा में प्रथम आने पर फूला नहीं समाया।
  2. धावा बोलना = आक्रमण करना – सैनिकों ने शत्रुओं पर धावा बोल दिया।
  3. मन गद्गद् हो जाना = खुश होना – प्रान्त में प्रथम आने पर मेरा मन गद्गद् हो गया।
  4. दिल धक से रह जाना = घबराना–भयानक दुर्घटना को देखकर माँ का दिल धक से रह गया था।

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प्रश्न 11.
दिए गए संज्ञा शब्दों के लिए सही विशेषण शब्द चुनकर लिखें :
रंग बिरंगे, पतली, चंचल, हरे – भरे, नोकीले, ऊँची, मेरी, गोल
उत्तर :

  • हरे भरे – पेड़
  • पतली – रस्मी
  • नोकीले – भले
  • चंचल – चिड़िया
  • गोल – डिब्बे
  • ऊँची – डाली
  • मेरी – ननद
  • रंग-बिरंगे – फूल

प्रश्न 12.
रचनात्मक अभिव्यक्ति :
(क) मौखिक अभिव्यक्ति : क्या आपने कोई पशु – पक्षी पाला है? अपना अनुभव कक्षा में सुनायें।
उत्तर :
विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति : यदि आपके घर में कोई पालतू पशु/पक्षी है तो उसकी गतिविधि नोट करें। आप उसकी सुरक्षा किस प्रकार करेंगे?
उत्तर :
छात्र शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से करें।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें

प्रश्न 1.
लेखिका ने चिड़िया का घोंसला किस पौधे की शाखा पर देखा?
(क) टमाटर
(ख) नींबू
(ग) बैंगन
(घ) तोरी।
उत्तर :
(ग) बैंगन

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प्रश्न 2.
चिड़िया के घोंसले में कितने अंडे थे?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर :
(ग) चार

प्रश्न 3.
चिड़िया के अंडों का रंग कैसा था?
(क) लाल
(ख) पीला
(ग) सफेद
(घ) हरा।
उत्तर :
(क) लाल

प्रश्न 4.
यह घोंसला किस नाम की चिड़िया का था?
(क) मैना
(ख) दर्जिन
(ग) लाली
(घ) कोयल।
उत्तर :
(ख) दर्जिन

प्रश्न 5.
अंडों से बच्चे किस दिन निकले?
(क) नौवें
(ख) दसवें
(ग) ग्यारहवें
(घ) बारहवें।
उत्तर :
(घ) बारहवें।

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प्रश्न 6.
घोंसले से लटके तथा अचेत चिड़िया के बच्चों को लेखिका ने कहाँ रखा?
(क) टोकरी में
(ख) घोंसले में
(ग) डिब्बे में
(घ) छत पर।
उत्तर :
(ग) डिब्बे में

प्रश्न 7.
घोंसले के पास किसे बैठा देखकर लेखिका घबरा गई थी?
(क) चूहा
(ख) बिल्ली
(ग) कुत्ता
(घ) उल्लू।
उत्तर :
(ख) बिल्ली

प्रश्न 8.
चिड़िया के किस बच्चे के उड़ जाने पर लेखिका उदास थी?
(क) पहले
(ख) दूसरे
(ग) तीसरे
(घ) चौथे।
उत्तर :
(घ) चौथे।

प्रश्न 9.
नीड़ का अर्थ क्या है?
(क) पक्षी
(ख) मंत्र
(ग) घोंसला
(घ) पानी।
उत्तर :
(ग) घोंसला

शायद यही जीवन है Summary in Hindi

शायद यही जीवन है पाठ का सार

‘शायद यही जीवन है’ नामक पाठ डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा लिखित है। इसमें लेखिका ने ‘परिवर्तनशीलता में ही जीवन है’ इसका वर्णन किया है। लेखिका घर के बाहर बगीचे में बैंगन के पौधे की शाखा पर बने घोंसले में अंडों को देखकर चकित रह गई। इस घोंसले में लाल रंग के चार अंडे थे। इस अद्भुत दृश्य को देखकर लेखिका को लगा कि उसकी जिन्दगी बदल गई है। वह इस घोंसले के बारे में जानकारी पाने के लिए बहुत उत्सुक थी।

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यह घोंसले दर्जिन नामक चिड़िया का था जिसका रंग जैतूनी हरा था और उसकी शिखा सफेद जंग जैसी थी। वह बार – बार घोंसले में आकर बैठती और उड़ जाती थी। इस घोंसले को बचाने के लिए लेखिका ने अपने बच्चों को भी इसके बारे में बताया तथा उन्हें घोंसले को हाथ न लगाने की हिदायत दी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है 5

इसके बाद बच्चे और लेखिका अंडों में से बच्चे निकलने की प्रतीक्षा करने लगे। बारहवें दिन घोंसले के अंडों से चार बच्चे निकले जिन्हें लेखिका टकटकी लगाकर तीन – चार दिन तक देखती रही। चिड़िया के छोटे – छोटे बच्चे हर समय अपनी खुली चोंच भोजन के लिए ऊपर ही किए रहते थे।

उनकी चिड़िया माँ बार – बार उड़कर चोंच में छोटे – मोटे कीड़े – मकोड़े लाकर अपने बच्चों के मुँह में डाल देती थी। वह किसी को सामने देखकर सीधे अपने घोंसले पर नहीं बैठती थी। उसके आसपास बैठ जाती थी। लेखिका चिड़िया को बच्चों के साथ घोंसले में सोती देखकर ही निश्चिंत होकर सो पाती थी।

एक दिन दोपहर के समय घोंसले से दो बच्चों को बाहर लटका तथा दो को अचेत अवस्था में देखकर लेखिका घबरा उठी। उसने इन्हें अपने पति तथा बच्चों की मदद से प्लास्टिक के गोल डिब्बे में रख दिया। इस डिब्बे को उसी पौधे के नीचे रख दिया। चिड़िया के चारों बच्चे इस गतिविधि को देख रहे थे। बहुत देर बाद उनकी माँ चिड़िया बच्चों को डिब्बे में तलाश कर उन्हें भोजन देकर उड़ गई। संध्या होने पर लेखिका ने बच्चों को घोंसले में डालकर पौधे की सबसे नीची डाली पर बाँध दिया। घोंसले के पास में बैठी बिल्ली को देखकर लेखिका घबरा गई थी।

उसने उसको तो भगा दिया पर वह खतरा अभी भी बना हुआ था इसलिए घोंसला उसी पौधे की सबसे ऊँची डाली पर बांध दिया। लेखिका का चिड़िया और उसके बच्चों से आत्मीय संबंध बन गया था। अगली संध्या इन बच्चों की मां अपना घोंसला यहाँ – वहाँ ढूंढ़ रही थी। अगली दोपहर चिड़िया के तीन बच्चे घोंसले से उड़ गए। अब घोंसले में केवल एक ही बच्चा रह गया था। रविवार के दिन सभी लोग घर पर थे।

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चिड़िया का बच्चा घोंसले से बाहर आकर कभी घोंसले के ऊपर बैठता तो कभी पत्तों पर। शायद वह उड़ने की इच्छा में फुदक रहा था। इसी बीच उसकी माँ उसके पास बैठ गई। दो घण्टे बाद वह बच्चा भी घोंसले से उड़ गया। उस समय लेखिका उदास हो गई और अपनी बेटी की ओर देखते हुए सोचने लगी कि मुक्त जीवन की इच्छा में यह भी चिडिया की तरह उड जाएगी। यही जीवन की परिवर्तनशीलता है। परिवर्तनशीलता में ही जीवन है।

शायद यही जीवन है सप्रसंग व्याख्या

1. मैं चकित रह गई। बैंगन के पौधे के बीच की शाखा के दो पत्तों से जुड़े एक छोटे – से प्यालेनुमा आकार के घोंसले और उस घोंसले में लाल रंग के छोटे – छोटे चार अंडे देखकर। शायद जिन्दगी में पहली बार इतने करीब से इतना नन्हा – सा, प्यारा सा घोंसला देखा था। मैं उत्सुक थी यह जानने के लिए कि किस पक्षी ने तिनकों, मुलायम रेशों, रुई व ऊन से बुनकर और पत्तियों से सिलकर नीड़ का निर्माण किया है? मैं उसकी दुनिया का हिस्सा बन जाना चाहती थी इसलिए अब मेरी दुनिया ही परिवर्तित हो गई थी। पहले जिन चीज़ों पर ध्यान केन्द्रित करने का समयाभाव रहता था अब केवल वही चीजें नज़र आ रही थीं – गुलाब के पौधे, विभिन्न रंगों के फूल, पत्तियाँ, लताएँ आँगन में लगे ऊँचे – ऊँचे हरे – भरे पेड़, कौए, कोयल, बुलबुल, तोते, मैना तथा तितलियाँ इत्यादि।

प्रसंग – यह गद्यांश डॉ० मीनाक्षी शर्मा द्वारा लिखित ‘शायद यही जीवन है’ नामक पाठ से लिया गया है। लेखिका अपने बगीचे में अचानक चिड़िया के घोंसले में चार अंडों को देखकर हैरान हो गई। यहाँ उसी आश्चर्य को दर्शाया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि बगीचे में बैंगन के पौधे के बीच की टहनी के दो पत्तों से एक प्याले के आकार का छोटा – सा घोंसला जुड़ा हुआ था और उसमें लाल रंग के छोटे – छोटे चार अंडे रखे थे। उन्हें देखकर वह हैरान हो गई थी। उन्होंने शायद अपने जीवन में पहली बार इतने नज़दीक से ऐसा नन्हा – सा और प्यारा – सा घोंसला देखा था। वह यह जानने के लिए बहुत अधिक उत्सुक थी कि किस पक्षी ने तिनकों, मुलायम रेशों, रुई और ऊन से बुनकर तथा पत्तियों से सिलकर उस घोंसले का निर्माण किया था। वह उसकी दुनिया का ही एक हिस्सा बन जाना चाहती थी। यही कारण है कि अब उसकी दुनिया ही बदल गई थी। इससे पहले जिन वस्तुओं पर उसका ध्यान केन्द्रित करने के लिए समय की कमी रहती थी, अब उसे केवल वही गुलाब के पौधे, अनेक रंगों के फूल, पत्तियाँ, बेलें, आँगन में लगे ऊँचे – ऊँचे हरे – भरे पेड़, कौए, कोयल, बुलबुल, तोते, मैना तथा तितलियाँ इत्यादि वस्तुएँ दिखाई दे रही थीं।

भावार्थ – बैंगन के पौधे की शाखा पर बने घोंसले तथा उस में रखे चिड़िया के चार अंडों का चित्र खींचा है।

2. बारहवें दिन चिड़िया ने अंडों पर बैठकर अपने शरीर की गर्मी से अंडे से दिए थे। अब घोंसले में बहुत ही छोटे – छोटे, प्यारे – प्यारे रुई के फाहों की तरह के चार बच्चे थे। उन्हें अपलक देखकर मैं फूला नहीं समा रही थी। मुझे अजीब – सी खुशी हो रही थी। अगले दिन तक चारों की आँखें बन्द थीं। चारों आपस में जुड़े हुए अपनी – अपनी खुली चोंच बार – बार ऊपर की ओर उठा रहे थे जैसे खाने के लिए माँग रहे हों।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिंदी की पाठक पुस्तक में संकलित ‘शायद यही जीवन है’ शीर्षक से लिया गया है। इसमें लेखिका ने चिड़िया के चार बच्चों को देखकर अजीब सी खुशी को वर्णन किया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है

व्याख्या – लेखिका कहती है कि बारहवें दिन चिड़िया ने अंडों पर बैठकर अपने शरीर की गर्मी से अंडे से दिए थे। इसलिए अब घोंसले में बहुत ही छोटे – छोटे प्यारे प्यारे रुई के फाहों के समान चार बच्चे थे। उन्हें मैं टकटकी लगाकर देखती रही और मैं उन्हें देखकर बहुत खुश हो रही थी। मुझे एक अनूठी खुशी हो रही थी। इससे अगले दिन तक भी चारों बच्चों की आँखें बन्द थीं। चारों आपस में जुड़े हुए अपनी – अपनी खुली हुई चोंच बार – बार ऊपर को उठा रहे थे। उन्हें देखकर ऐसा लगता था जैसे वे खाने के लिए कुछ माँग रहे थे।

भावार्थ – चिड़िया के बच्चों के बचपन का चित्रण है जिसे देखकर लेखिका फूली नहीं समाई रही।

3. सांझ हो गई चिड़िया माँ काफी देर से इधर – उधर मंडरा – मंडरा कर घोंसला ढूंढ रही थी। बच्चों ने घोंसले से मुँह बाहर निकाल कर ची – चीं कर माँ से सम्पर्क स्थापित कर लिया। अब घण्टा भर चिड़िया माँ द्वारा आहार ला – लाकर बच्चों को खिलाने का क्रम जारी रहा। रात्रि में चिड़िया और बच्चे, बिल्ली से सुरक्षित गहरी नींद में थे। सुबह सूर्योदय से पहले ही मैंने घोंसले में झांका तो पाया कि चिड़िया माँ घोंसले में नहीं थी। तीन बच्चे पंख फड़फड़ा कर फुर्र – फुर्र उड़ने की सूचना दे रहे थे। दोपहर तक तीनों उड़ भी गए थे – मुक्त जीवन जीने के लिए।

प्रसंग – ये पंक्तियाँ लेखिका डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा लिखित हैं। इसमें लेखिका ने सुबह के समय घोंसले में से चिड़िया के बच्चों को उड़ते हुए दिखाया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि संध्या के समय चिड़िया माँ बहुत देर से यहाँ वहाँ उड़कर घोंसला ढूंढ रही थी। उसके बच्चों ने घोंसले में अपना मुँह बाहर निकालकर ची – ची करके अपनी माँ से संपर्क स्थापित कर लिया। उसके बाद घंटा भर चिड़िया माँ द्वारा भोजन ला लाकर बच्चों को खिलाती रही।

रात के अंधेरे में चिड़िया और बच्चे, बिल्ली से सुरक्षित गहरी नींद में सो रहे थे। सुबह सूर्योदय से पूर्व ही मैंने घोंसले में झाँककर देखा तो उस समय चिडिया माँ अपने घोंसले में नहीं थी। उसके तीन बच्चे अपने छोटे – छोटे पंख फड़फड़ाकर फुर्र – फुर्र करते हुए उड़ने की सूचना दे रहे थे। दोपहर तक वे तीनों अपने स्वतन्त्र जीवन के लिए उड़ गए।

भावार्थ – चिड़िया के बच्चों के स्वतन्त्र जीवन के लिए उड़ने का वर्णन है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 5 शायद यही जीवन है

4. मैं बहुत उदास थी तभी मेरे हाथों का स्पर्श करते हुए मेरी बेटी बोली, “माँ कोई बात नहीं …………….. वो चिड़िया का बच्चा उड़ गया तो क्या …………….. मैं हूँ न …………….. आपकी नन्ही – सी चिड़िया …………….. आपके पास।” मैं उसकी ओर देख रही थी और सोच रही थी सचमुच यह चिड़िया ही तो है …………….. यह भी एक दिन उस चिड़िया की तरह उड़ जाएगी – मुक्त जीवन की चाह में …………….. जीवन की परिवर्तनशीलता को समझने का यही एक मूलमंत्र है …………….. शायद यही जीवन है।

प्रसंग – यह गद्यांश लेखिका डॉ० मीनाक्षी वर्मा द्वारा लिखित ‘शायद यही जीवन है’ शीर्षक से लिया गया है। इसमें लेखिका ने जीवन की परिभाषा दी है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि चिड़िया के बच्चों के उड़ने के बाद घोंसला खाली देखकर उदास हो गई। उसी समय में मेरे हाथों को छूकर बेटी बोली माँ कोई बात नहीं यदि वह चिड़िया का बच्चा उड़ गया तो क्या हुआ। मैं तो तुम्हारे पास हूँ। मैं तुम्हारी नन्हीं सी चिड़िया हूँ। उस समय मैं अपनी बेटी की तरफ देख रही थी और यह सोच रही थी कि वास्तव में यह एक चिड़िया ही तो है। यह चिड़िया भी एक दिन उसी चिड़िया की तरह स्वतन्त्र जीवन जीने की इच्छा में उड़ जाएगी। इस जीवन की परिवर्तनशीलता को समझने का यही मूलमंत्र है। शायद परिवर्तनशीलता में ही जीवन है। वास्तव में यही जीवन है।

भावार्थ – परिवर्तनशीलता ही जीवन है।