PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 11 ईदगाह Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 ईदगाह (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB ईदगाह Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह

ईदगाह अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह 2
उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह 4
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

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3. शब्दार्थ

  • ईदगाह = ईद के दिन मुसलमानों के एकत्र होकर नमाज पढ़ने की जगह
  • अनगिनत = जिसे गिना न जा सके
  • बिसात = पूँजी
  • विपन्नता = ग़रीबी
  • जाज़ीम = दरी के ऊपर बिछाने की चादर
  • हिंडोला = झूला
  • मशक = भेड़ या बकरी की खाल को सीकर बनाया हुआ थैला जिसमें भिश्ती पानी ढोते हैं।
  • भिश्ती = मशक से पानी ढोने वाला

उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

4. इन वाक्यों में उपयुक्त शब्द भरकर वाक्य पूरा करें :

(क) रमजान के ———- रोजों के बाद ईद आई है।
(ख) ग्रामीणों का दल अपनी ——- से बेखबर संतोष और धैर्य में मग्न चला जा रहा था।
(ग) इस्लाम की निगाह में सब ———-
(घ) तुम्हारी ———- तवे से जल जाती थीं इसलिए इसे मैंने लिया।
उत्तर :
(क) पूरे तीस
(ख) विपन्नता
(ग) बराबर
(घ) उंगलियाँ।

5. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) अमीना हामिद को मेले में क्यों नहीं भेजना चाहती?
उत्तर :
अमीना सोच रही थी कि चार-पाँच वर्ष का दुबला-पतला नन्हा बालक तीस कोस कैसे चलेगा।

(ख) नमाज़ खत्म होने पर लोग क्या करते हैं ?
उत्तर :
नमाज़ खत्म होने पर लोग आपस में गले मिलते हैं।

(ग) हामिद हिंडोले में क्यों नहीं चढ़ता?
उत्तर :
हामिद के पास तीन पैसे थे। वह उन्हें हिंडोले में चढ़कर बेकार खर्च नहीं करना चाहता था। इसी लिए वह हिण्डोले पर नहीं चढ़ा था।

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6. इन प्रश्नों का उत्तर लगभग चार-पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) हामिद का चिमटा रुस्तमे-हिंद कैसे है?
उत्तर :
हामिद का चिमटा रुस्तमे हिन्द इसलिए है क्योंकि वह बड़ा बहादुर है। उसमें आग में कूदने की शक्ति है। आग में बहादुर ही कूद सकते हैं। उसके साथियों के मिट्टी के बने वकील, भिश्ती और सिपाही बहादुरी का काम नहीं कर सकते। चिमटा अपने साथियों के खिलौनों को तोड़ भी सकता है। अतः वह रुस्तमे हिन्द है।

(ख) हामिद ने अपनी दादी के लिए चिमटा क्यों खरीदा?
उत्तर :
हामिद ने अपनी दादी के लिए चिमटा इसलिए खरीदा क्योंकि रोटी पकाते समय उसकी बूढ़ी दादी के हाथ जल जाते हैं। घर में चिमटा नहीं है। हामिद ने सोचा कि चिमटे को पाकर दादी प्रसन्न हो जाएगी और दुआएँ देगी। उसकी उंगलियाँ न जलेंगी। घर में एक काम की चीज़ भी हो जाएगी।

(ग) हामिद के हाथ में चिमटा देखकर अमीना क्रोध में क्यों आई?
उत्तर :
हामिद के हाथों में चिमटा देखकर अमीना को क्रोध इसलिए आया कि उसने तो हामिद को कुछ खाने-पीने के लिए, खिलौने के लिए या और कोई मनचाही चीज़ लेने के लिए पैसे दिए थे। लेकिन हामिद ने अपनी खुशी के लिए कुछ भी न लिया। इस पर अमीना को क्रोध आ गया। उसे क्या पता था कि उसी के सुख के लिए वह चिमटा लाया है।

(घ) ईदगाह में नमाज के दृश्य का वर्णन करें।
उत्तर :
ईदगाह में नमाज़ का दृश्य बहुत प्रभावशाली था। ज़मीन पर जाजिम बिछा हआ था। रोज़े रखने वालों की कई पंक्तियाँ लगी थीं। यहां सब लोग बराबर थे। अमीर गरीब का कोई फर्क नहीं था। लाखों लोग सिजदे में एक साथ सिर झुकाते, फिर इकट्ठे ही खड़े हो जाते। एक साथ झुकते और एक साथ घुटनों के बल बैठ जाते। कई बार यही काम करते।

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(ङ) हामिद के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ लिखें।
उत्तर :
त्यागी-हामिद बड़ा त्यागी लड़का है। वह अमीना के दिए पैसे अपने लिए खर्च नहीं करता बल्कि उनसे वह दादी के लिए चिमटा लाता है, ताकि रोटी सेंकते समय उसकी उंगुलियाँ न जलें। उन पैसों से वह न कोई खिलौना लेता है और न उनसे खाने की चीजें खरीदता है।

सन्तोषी-हामिद के साथी महमूद, मोहसिन, नूरे और शम्मी ऊंटों और घोड़ों पर बैठ कर एक पैसे में पच्चीस चक्करों का मज़ा लेते हैं। लेकिन हामिद एक पैसा खोना नहीं चाहता, वह बड़ा सन्तोषी है। हामिद खिलौने के लिए भी पैसे खर्च नहीं करता और न मिठाई खाने की इच्छा रखता है।

बुद्धिमान्–वह अपने घर की हालत समझता है। जब उसके साथी चिमटा खरीदने पर उससे हँसी-मखौल करते हैं, तब वह अपनी युक्तियाँ देकर उनको कायल कर लेता है। सब उसे अपने खिलौने दिखाने लगते हैं और उसका चिमटा देखते हैं। हामिद अपने साथियों के मज़ाक को समझता है। इसीलिए वह मिठाइयों की बदनामी करता है और मिठाई नहीं खरीदता। इससे उसकी बुद्धिमत्ता प्रकट होती है।

(च) ‘ईदगाह’ कहानी का सार अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर :
पाठ का सार देखिए।

7. इन मुहावरों के अर्थ लिखते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. धावा बोलना ………………………………
  2. पैरों में पर लगना ………………………………
  3. दिल बैठ जाना ………………………………
  4. राई का पर्वत बनाना ………………………………
  5. मन गद्गद् हो जाना ………………………………
  6. बाल भी बाँका न होना ………………………………
  7. रंग जमना ………………………………
  8. नाम रटना ………………………………
  9. दिल कचोटना ………………………………
  10. देखते ही रह जाना ………………………………

उत्तर :

  1. धावा बोलना-हमला करना-शत्रुओं ने अचानक गाँव पर धावा बोल दिया।
  2. पैरों में पर लगना-बहुत तेज़ चलना या भागना-हामिद इतना तेज़ चल रहा था मानो उसके पैरों में पर लग गए हों।
  3. दिल बैठ जाना-हताश होना, घबराना-परीक्षा में असफल होने पर नरेश का दिल बैठ गया।
  4. राई का पर्वत बनाना-छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना-राई का पर्वत बनाना हो तो कोई मोहन से सीखे।
  5. मन गद्-गद् होना-मन खुश होना-महीनों बाद माता जी को देखकर मेरा मन गद् गद् हो गया।
  6. बाल भी बांका न होना-कुछ भी न बिगड़ना-जिसके भगवान् रक्षक हैं उसका बाल भी बांका नहीं हो सकता। गले मिलना-खशी जाहिर करना-रवि विदेश से आते ही सबके गले मिलने लगा।
  7. रंग जमना-समा बाँधना, प्रभाव डालना-हामिद के घर चिमटा लाते ही रंग जम गया।
  8. नाम ग्टना-बार-बार नाम लेना-जग्गी फेल होकर प्रभु का नाम रटने लगा।
  9. दिल कचोटना-ठेस पहुँचाना-उसने ऐसा कहकर मेरा
  10. दिल कचोट दिया। देखते ही रह जाना-बार-बार देखना-खली को देखकर बच्चे देखते ही रह गए।

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8. वचन बदलें :

  1. बंदूक
  2. चिमटा
  3. आलोचना –
  4. खिलौना

उत्तर :

  1. बन्दूक – बन्दूकें चिमटा – चिमटे
  2. पैसा – पैसे आलोचना – आलोचनाएँ
  3. खिलौना – खिलौने टोली – टोलियाँ
  4. कहानी – कहानियाँ

9. लिंग बदलें :

  1. बूढ़ा = ……………………
  2. धोबिन = ……………………
  3. लड़की = ……………………
  4. ऊंट = ……………………
  5. दादा = ……………………

उत्तर :

  1. बूढ़ा – बूढ़ी, बुढ़िया
  2. धोबिन – धोबी
  3. लड़की – लड़का
  4. ऊंट – ऊंटनी
  5. दादा – दादी

10. विपरीतार्थक शब्द लिखें :

  1. विवेक
  2. आगे
  3. धीरे
  4. धूप

उत्तर :

  1. विवेक – अविवेक।
  2. आगे – पीछे।
  3. धीरे – तेज़।
  4. धूप – छाँव।

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11. शुद्ध करके लिखें

  1. कानुन –
  2. अनगिणत –
  3. प्रिथक –
  4. बुराईयाँ –

उत्तर :

  1. कानुन – कानून,
  2. अनगिणत – अनगिनत,
  3. प्रिथक – पृथक्,
  4. बुराईयाँ — बुराइयाँ।

12. इन शब्दों को वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. रोज़ा
  2. दुआएँ
  3. गत वर्ष
  4. ग्रामीण
  5. फौरन
  6. व्यवस्था

उत्तर :

  1. रोज़ा-मुसलमान रोज़ा रखते हैं।
  2. दुआएं-दादा ने पोते को दुआएँ दीं।
  3. गत वर्ष-मैं गतवर्ष इसी महीने हरिद्वार गया था।
  4. ग्रामीण-ग्रामीण लोग प्रायः प्रदूषण से मुक्त रहते हैं।
  5. फौरन-गाड़ी आने वाली है, फौरन चले जाओ।
  6. व्यवस्था-अतिथियों को ठहराने की व्यवस्था करो।

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13. निम्नलिखित वाक्यों में क्रियाविशेषण को रेखांकित करके उसका भेद भी लिखें :

वाक्य – क्रिया विशेषण का भेद
(क) ये लोग क्यों धीरे-धीरे चल रहे हैं। – रीतिवाचक क्रिया विशेषण
(ख) इधर दुकानों की कतार लगी हुई है। – __________________
(ग) आज ईद आ गयी। – __________________
(घ) उसने कुछ नहीं खाया। – __________________
(ङ) वह ज़ोर से चिल्लाया। – __________________
उत्तर :
वाक्य – क्रिया विशेषण का भेद
(क) ये लोग क्यों धीरे-धीरे चल रहे हैं। – रीतिवाचक क्रिया विशेषण
(ख) इधर दुकानों की कतार लगी हुई है। – स्थानवाचक क्रिया विशेषण
(ग) आज ईद आ गयी। – कालवाचक क्रिया विशेषण
(घ) उसने कुछ नहीं खाया। – परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
(ङ) वह ज़ोर से चिल्लाया। – परिमाणवाचक क्रिया विशेषण

14. निम्नलिखित वाक्यों में उचित योजक चिह्न लगाकर वाक्य पूरे करें :

(क) मोहसिन इतना उदार नहीं है लेकिन वह जानकर भी उसके पास जाता है। (क्योंकि, लेकिन)
(ख) __________ वह चिमटा ले जाकर दादी को दे दे वह कितनी प्रसन्न होगी। (अगर….तो, यद्यपि……तथापि)
उत्तर :
अगर वह चिमटा ले जाकर दादी को दे दे तो वह कितनी प्रसन्न होगी।

(ग) हामिद बड़ा चालाक है __________ अपने पैसे बचा कर रखे थे। (इसलिए, परंतु)
उत्तर :
हामिद बड़ा चालाक है इसलिए अपने पैसे बचा कर रखे थे।

(घ) वे बार-बार अपनी जेबों से अपना ख़जाना निकाल कर गिनते हैं __________ खुश होकर फिर रख लेते हैं। (और, या)
उत्तर :
वे बार-बार अपनी जेबों से अपना ख़ज़ाना निकाल कर गिनते हैं और खुश होकर फिर रख लेते हैं।

(ङ) हामिद ने चिमटे को इस तरह कंधे पर रखा __________ बंदूक हो। (मानो, ताकि)
उत्तर :
हामिद ने चिमटे को इस तरह कन्धे पर रखा मानो बंदूक हो।

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(च) अमीना हामिद की आवाज़ सुनते ही दौड़ी __________ उसे गोद में उठाकर प्यार करने लगी। (या, और)
उत्तर :
अमीना हामिद की आवाज़ सुनते ही दौड़ी और उसे गोद में उठाकर प्यार करने लगी।

(छ) तुम्हारी उँगलियाँ तवे से जल जाती थीं, __________ मैंने इसे लिया। (क्योंकि, इसलिए)
उत्तर :
तुम्हारी उंगलियाँ तवे से जल जाती थी, इसलिए मैंने इसे लिया।

15. नीचे लिखे वाक्यों में क्रियाएँ अकर्मक हैं अथवा सकर्मक :

(क) हामिद हाथ फैलाता है। – सकर्मक
(ख) अमीना ने छाती पीट ली।
(ग) वह रोने लगी।
(घ) लोग आपस में गले मिल रहे हैं।
(ङ) ईदगाह जाने वालों की टोलियाँ नज़र आने लगीं।
(च) बच्चों के लिए नगर की सभी चीजें अनोखी थीं।
उत्तर :
(क) हामिद हाथ फैलाता है। – सकर्मक
(ख) अमीना ने छाली पीट ली। – सकर्मक
(ग) वह रोने लगी। – अकर्मक
(घ) लोग आपस में गले मिल रहे हैं। – सकर्मक
(ङ) ईदगाह जाने वालों की टोलियाँ नज़र आने लगीं। – सकर्मक
(च) बच्चों के लिए नगर की सभी चीजें अनोखी थीं। – सकर्मक

16. नीचे लिखे वाक्यों का हिंदी में अनुवाद करें :

(क) वाभित्र उभेटत रे रेठा भाटिरा-मारा वत्तिभा।
उत्तर :
हामिद तो मोटर के नीचे आता-आता बचा।

(ख) उमा सिभटा तृमउभे गिर चै।
उत्तर :
उसका चिमटा रुस्तमे हिन्द है।

(ਗ) ਤੇਰੀਆਂ ਉਂਗਲੀਆਂ ਤਵੇ ਨਾਲ ਸੜ ਜਾਂਦੀਆਂ ਸਨ।
उत्तर :
तेरी उंगलियाँ तवे से जल जाती हैं।

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17. निम्नलिखित में से उचित संबंधबोधक शब्द लगाकर वाक्य पूरे करें:

(क) हामिद का बाप अमौना __________ और कौन हैं। (के साथ, के सिवा)
(ख) रमजान के पूरे तीस रोजों __________ ईद आई हैं। (के बाद, के साथ)
(ग) हामिद बच्चों __________ जा रहा था। (के सिवा,के साथ)
(घ) हामिद तो मोटर __________ आते-आते बचा। (के नीचे,के बाद)
उत्तर :
(क) के सिवा
(ख) के बाद
(ग) के साथ
(च) के नीचे।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर

प्रश्न 1.
हामिद मेले से क्या खरीद कर लाया है?
उत्तर :
हामिद मेले से चिमटा खरीद कर लाया।

प्रश्न 2.
ईद कब आती है?
उत्तर :
ईद रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आती है।

प्रश्न 3.
अमीना का दिल क्यों कचोट रहा था?
उत्तर :
गाँव के सभी बच्चे अपने-अपने बाप के साथ मेले में जा रहे थे किन्तु हामिद अपने बाप के बिना अकेला मेले में जा रहा था। कहीं भीड़ में खो ना जाए। पैदल चलकर उसके पैर में छाले पड़ जाएंगे। इसलिए अमीना का दिल कचोट रहा था।

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प्रश्न 4.
हामिद अन्य बच्चों से भिन्न क्यों था?
उत्तर :
हामिद अन्य बच्चों से भिन्न इसलिए था क्योंकि अन्य बच्चों ने मेले में जाकर खिलौने, मिठाइयाँ खरीदी, झुलों पर झुले किन्तु हामिद ने अपनी दादी के लिए एक चिमटा खरीदा।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
रमजान के कितने रोजों के बाद ईद आती है?
(क) बीस
(ख) पच्चीस
(ग) तीस
(घ) पैंतीस।
उत्तर :
(ग) तीस

प्रश्न 2.
गाँव से ईदगाह का रास्ता कितने कोस का है?
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार।
उत्तर :
(ग) तीन

प्रश्न 3.
हामिद की दादी का क्या नाम है?
(क) अनीसा
(ख) अमीना
(ग) अनारो
(घ) अहमदी।
उत्तर :
(ख) अमीना

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प्रश्न 4.
हामिद कितने वर्ष का लड़का है?
(क) 4-5
(ख) 5-6
(ग) 6-7
(घ) 7-8.
उत्तर :
(क) 4-5

प्रश्न 5.
हामिद के पास कितने पैसे हैं?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच।
उत्तर :
(ख) तीन

प्रश्न 6.
ईदगाह किन वृक्षों की घनी छाया में है?
(क) नीम
(ख) आम
(ग) इमली
(घ) जामुन।
उत्तर :
(ग) इमली

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प्रश्न 7.
‘वकील’ खिलौना किसने खरीदा?
(क) हामिद ने
(ख) नूरे ने
(ग) मोहसिन ने
(घ) महमूद ने।
उत्तर :
(ख) नूरे ने

प्रश्न 8.
हामिद ने क्या खरीदा?
(क) सिपाही
(ख) चिश्ती
(ग) चिमटा
(घ) तवा।
उत्तर :
(ग) चिमटा

प्रश्न 9.
‘रूस्तमे हिंद’ कौन-सा खिलौना था?
(क) चिमटा
(ख) वकील
(ग) सिपाही
(घ) भिश्ती।
उत्तर :
(क) चिमटा

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प्रश्न 10.
हामिद ने चिमटा किसकी उँगलियाँ तवे से जल जाने के कारण लिया था?
(क) अम्मा
(ख) बहन
(ग) मौसी
(घ) दादी।
उत्तर :
(घ) दादी।

ईदगाह Summary in Hindi

ईदगाह पाठ का सार

रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद का दिन आया था। सारे गाँव में हलचल मची हुई थी। सब ईदगाह जाने की तैयारी कर रहे थे। लड़के सबसे ज्यादा खुश थे। वे बार बार अपने पैसे गिन रहे थे। हामिद उन सबसे ज्यादा प्रसन्न था। उसके पास तीन पैसे थे। हामिद की दादी उसे अकेले मेले में भेजना नहीं चाहती थी। हामिद के ज़िद्द करने पर वह मान जाती है। गाँव से मेले के लिए टोली चली तो हामिद भी चल पड़ा। शहर को जाने वाला रास्ता शुरू हो गया था। ईदगाह जाने वालों की टोलियाँ नज़र आने लगी थीं। ग्रामीणों का यह दल अपनी ग़रीबी से बेखबर धीरे-धीरे चल रहा था।

बच्चों को नगर की सभी चीजें बड़ी अनोखी लग रही थीं। इमली के घने वृक्षों की छाया में बनी हुई ईदगाह नज़र आने लगी थी। हज़ारों की संख्या में लोग एक के पीछे एक पंक्ति बना कर खड़े थे। ग्रामीणों का यह दल भी पिछली पंक्ति में जाकर खड़ा हो गया। नमाज़ शुरू हुई। सभी सिर एक साथ सिजदे के लिए झुकते और फिर सबके सब एक साथ खड़े हो जाते। ऐसा कई बार हुआ। नमाज़ खत्म होने पर सभी लोग एक-दूसरे के गले मिले।

फिर सभी मिठाई और खिलौनों की दुकानों पर टूट पड़े। बहुत-से लोग हिंडौला झूल रहे थे। हामिद के साथी महमूद, मोहसिन, नूरे और सम्मी घोड़ों और ऊंटों पर बैठते हैं। हामिद उन्हें दूर खड़ा देखता है। वह अपने तीन पैसे फिजूल में खर्च करना नहीं चाहता।।

फिर महमूद, मोहसिन और नूर अपनी-अपनी पसन्द के खिलौने खरीदते हैं। यह सब दो-दो पैसे के खिलौने थे। हामिद यह नहीं चाहता कि अपने पैसे खिलौने पर खर्च करे। सब अपने-अपने खिलौनों की तारीफ करते हैं। हामिद खिलौनों की निन्दा करते हुए कहता है कि मिट्टी ही के तो हैं, नीचे गिरेंगे तो चकनाचूर हो जाएंगे। खिलौने खरीदने के पश्चात् सब मिठाइयाँ खाते हैं। वे हामिद से भी मिठाई लेने के लिए कहते हैं।

हामिद उन्हें मिठाई की बुराइयाँ बताता है। हामिद को ख्याल आया कि उसकी दादी के पास चिमटा नहीं है। तवे से रोटियाँ उतारती है तो हाथ जल जाता है। अगर वह चिमटा खरीद ले तो उसकी उंगलियां कभी न जलेंगी। यह सोचकर हामिद तीन पैसे में चिमटा खरीद लेता है। वह उसे कन्धे पर रखकर अपने साथियों के पास पहुँचता है।

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सभी चिमटे को देखकर हँसते हैं। मोहसिन हामिद से कहता है-यह चिमटा क्यों लाया पगले ! इसे क्या करेगा? हामिद अपना चिमटा नीचे गिरा कर कहता है, जरा तू भी अपना भिश्ती (खिलौना) ज़मीन पर गिरा कर देख। अभी चूर-चूर हो जाएगा। महमूद कहता है कि यह चिमटा कोई खिलौना है। हामिद कहता है कि खिलौना क्यों नहीं? अभी कन्धे पर रखा तो बन्दूक हो गया। हाथ में लिया तो फकीर का चिमटा बन गया।

एक चिमटा जमा दूं तो तुम लोगों के सारे खिलौने टूट-फूट जाएंगे। अब चिमटे से सभी मोहित हो जाते हैं। वे अपने-अपने खिलौने हामिद को पेश करके उसे चिमटा दिखाने के लिए कहते हैं। हामिद सबसे बारी-बारी खिलौने लेकर चिमटा देखने के लिए देता है।

थोड़ी ही देर में सभी मेले वाले गाँव पहुँच गए। अमीना ने दौड़कर हामिद को गोद में उठा लिया है। फिर उसके हाथ में चिमटा देखकर छाती पीटने लगी। वह गुस्से से बोली दोपहर से तूने कुछ खाया-पीया नहीं। लाया क्या चिमटा ! सारे मेले में तुझे लोहे का चिमटा ही मिला था। हामिद ने डरते-डरते कहा-तुम्हारी उंगलियाँ तवे से जल जाती हैं, इसलिए मैं इसे ले आया। यह सुनकर बुढ़िया का क्रोध प्यार में बदल गया। उसने उसे छाती से लगा लिया है।

ईदगाह शब्दार्थ :

  • रमज़ान = रोज़ा रखने का महीना।
  • रोज़ा = मुसलमानों के व्रत का दिन।
  • ईदगाह = नमाज़ पढ़ने का खुला स्थान।
  • कचोटना = चुभना।
  • बिसात = दौलत, समर्थ।
  • दामन = किनारा, छोर।
  • विपन्नता = ग़रीबी।
  • धैर्य = साहस।
  • जाज़िम = गलीचा, फर्श पर बिछाने की छपी हुई चादर।
  • निगाह = नज़र।
  • संचालन = प्रबन्ध करना।
  • व्यवस्था = इन्तजाम।
  • सिजदे = झुक कर नमस्कार करना।
  • धावा = हमला।
  • कवायद = नियमावली।
  • मशक = चमड़े का थैला जिसमें पानी भरा जाता है।
  • विद्वता = बुद्धिमत्ता।
  • अचकन = लम्बा कोट
  • कोष = खज़ाना।
  • जिरह = बहस।
  • निन्दा = बुराई।
  • सन्देह = शक।
  • क्रूर विनोद = कठोर मजाक।
  • संगी = साथी।
  • शास्त्रार्थ = शास्त्रों पर बहस।
  • वज़ = नमाज़ पढ़ने से पहले हाथ-मुँह धोने का काम।
  • लाजवाब = उत्तर न दे सकना।
  • आपत्ति = एतराज़।
  • स्वाभाविक = कुदरती।
  • मूक स्नेह = मौन प्यार।
  • विवेक = ज्ञान।
  • जब्त = अपने मन को वश में रखना।
  • रहस्य = भेद।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह

ईदगाह सप्रसंग व्याख्या

1. रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद आई है। गाँव में कितनी हलचल है। ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं। लड़के सबसे ज्यादा प्रसन्न हैं। किसी ने एक रोज़ा रखा है, वह भी दोपहर तक, किसी ने वह भी नहीं, लेकिन ईदगाह जाने की खुशी उनके हिस्से की चीज़ है। रोज़े बड़े-बूढ़ों के लिए होंगे। इनके लिए तो ईद है। रोज ईद का नाम रटते थे। आज वह आ गई। वे बार-बार अपनी जेबों से अपना खज़ाना निकाल कर गिनते हैं और खुश होकर फिर रख लेते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह 5

प्रसंग-यह गद्यांश मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखित ‘ईदगाह’ कहानी से लिया गया है। इसमें लेखक ने ईद के पावन त्योहार का वर्णन किया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि ईद रमजान के पूरे तीस रोज़ों के पश्चात् आई है। ईद के कारण गाँव में चारों तरफ हलचल मची है। चारों तरफ ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं। लड़के सबसे अधिक प्रसन्न हैं। किसी ने एक रोज़ा दोपहर तक रखा है। किसी ने एक भी नहीं रखा लेकिन ईदगाह जाने की खुशी उनके हिस्से की चीज़ थी। ईदगाह जाने के लिए सभी लोग बहुत खुश थे। रोजे तो बड़े बुजुर्गों के लिए होंगे इन बच्चों के लिए तो ईद है। ये प्रतिदिन ईद का नाम रटते रहते थे। आज वह ईद आ ही गई। ये बच्चे बार-बार अपनी जेबों से अपना खज़ाना निकालकर गिनते हैं तथा खुश होकर फिर जेब में रख लेते हैं।

भावार्थ-ईद के पवित्र त्योहार पर छाई खुशियों के बारे में बताया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह

2. नमाज़ खत्म हो गई है। लोग आपस में गले मिल रहे हैं। तब मिठाई और खिलौने की दुकानों पर धावा होता है। ग्रामीणों का यह दल इस विषय में बालकों से कम उत्साही नहीं है। यह देखो, हिंडोला है। एक पैसा देकर चढ़ जाओ। कभी आसमान पर जाते हुए मालूम होंगे, कभी ज़मीन पर गिरते हुए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह 6

प्रसंग-यह पंक्तियाँ ‘ईदगाह’ नामक कहानी से ली गई हैं। यह मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखित है। ईद के शुभ दिन नमाज़ के बाद लोगों के परस्पर मिलने का वर्णन किया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि नमाज़ खत्म के बाद लोग आपस में मिल रहे हैं। इसके बाद लोग मिठाई तथा खिलौने की दुकानों पर चले जाते हैं और मिठाइयाँ तथा खिलौने खरीदते हैं। गाँव वालों का यह समूह बालकों के समान ही बहुत उत्साहित होता है। हिंडोला ! एक पैसा देकर लोग झूलते हैं। वे हिंडोले पर बैठकर कभी आसमान पर जाते हुए प्रतीत होंगे तो कभी ज़मीन पर गिरते हुए।

भावार्थ-ईद के दिन लोगों को परस्पर मेल-जोल के बारे में बताया है।

3. मिठाइयों के बाद कुछ दुकानें लोहे की चीज़ों की, कुछ गिलट और कुछ नकली गहनों की। लड़कों के लिए यहाँ कोई आकर्षण न था। वे सबके सब आगे बढ़ जाते हैं। हामिद लोहे की दुकान पर रुक जाता है। कई चिमटे रखे हुए थे। उसे ख्याल आया, दादी के पास चिमटा नहीं है। तवे से रोटियाँ उतारती है, तो हाथ जल जाता है, अगर वह चिमटा ले जाकर दादी को दे दे, तो वह कितनी प्रसन्न होगी। फिर उसकी उंगलियाँ कभी न जलेंगी। घर में एक काम की चीज़ हो जाएगी। अम्मा चिमटा देखते ही दौड़कर मेरे हाथ से ले लेगी और कहेगी-‘मेरा बच्चा, अम्मा के लिए चिमटा लाया है।’ हज़ारों दुआयें देगी। फिर पड़ोस की औरतों को दिखायेगी। सारे गाँव में चर्चा होने लगेगी, हामिद चिमटा लाया है। कितना अच्छा लड़का है। इन लोगों के खिलौने देखने पर कौन इन्हें दुआयें देगा। बड़ों की दुआयें सीधे अल्लाह के दरबार में पहुंचती हैं और तुरन्त सुनी जाती हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह 7

प्रसंग-यह पंक्तियाँ प्रेमचन्द द्वारा लिखित ‘ईदगाह’ शीर्षक कहानी से ली गई हैं। इसमें लेखक ने हामिद की सोच एवं समझदारी के बारे में बताया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि इसमें मिठाइयों के साथ कुछ लोहे की चीज़ों की दुकानें थीं तो कुछ गिलट तथा नकली गहनों की किन्तु लड़कों के लिए यहाँ कोई आकर्षण नहीं था। वे सबके सब आगे बढ़े जा रहे थे। चलते-चलते हामिद लोहे की दुकान पर रुक गया। उस दुकान पर कई चिमटे रखे हुए थे। तुरन्त उसे ध्यान आया कि दादी के पास चिमटा नहीं है वह तवे से रोटियाँ उतारती है तो उसका हाथ जल जाता है।

यदि वह इस चिमटे को ले जाकर दादी को दे दे तो वह बहुत प्रसन्न हो जाएगी। इसके बाद उसकी उंगलियाँ कभी नहीं जलेगी। घर में एक काम की वस्तु बन जाएगी। अम्मा चिमटा देखते ही दौड़कर मेरे हाथ से लेकर कहेगी कि मेरा बच्चा अम्मा के लिए चिमटा लाया है। वे मुझे हज़ारों दुआएँ देगी। वे इसके बाद पड़ोस की औरतों को दिखाएगी। तब सारे गाँव से इस बात की चर्चा हो जाएगी कि हामिद चिमटा लाया है। यह बहुत अच्छा लडका है। इन लोगों के खिलौने देखने पर इन बच्चों को कौन दुआएँ देगा। बड़ों की दुआएँ सीधे अल्लाह के दरबार में पहुँचती हैं और तुरन्त सुनी जाती हैं।

भावार्थ-हामिद की समझदारी तथा दादी माँ के लिए चिमटा खरीदने का चित्रण है।

4. हामिद ने मैदान मार लिया। उसका चिमटा रुस्तमे हिन्द है। अब इसमें मोहसिन, महमूद, नूरे और शम्मी किसी को भी आपत्ति नहीं हो सकती। विजेता को हारने वालों से जो सत्कार मिलना स्वाभाविक है, वह हामिद को भी मिला। औरों ने तीन-तीन, चार-चार आने पैसे खर्च किये, पर कोई काम की चीज़ न ले सके। हामिद ने तीन पैसे में रंग जमा लिया। हामिद ने तुरन्त जवाब दिया – आग में बहादुर ही कूदते हैं जनाब, तुम्हारे यह वकील, सिपाही और भिश्ती घर में घुस जायेंगे।आग में कूदना वह काम है, जो यह रुस्तमे-हिन्द ही कर सकता है।

प्रसंग-यह पंक्तियाँ लेखक मुंशी प्रेमचन्द द्वारा रचित ‘ईदगाह’ शीर्षक कहानी से ली गई हैं। हामिद ने अन्य बच्चों की अपेक्षा चिमटा खरीदा उसी से उसे सम्मान एवं खुशी मिली, इसका वर्णन हुआ है।।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 11 ईदगाह

व्याख्या-हामिद ने मोहसिन की चुटकी का जवाब देते हुए हामिद ने तुरन्त उत्तर दिया कि आग में केवल बहादर ही कद सकते हैं। साहसपूर्वक कार्य केवल साहसी लोग ही कर सकते हैं। जनाब तुम्हारे यह वकील, सिपाही और भिश्ती घर में घुस जाएंगे। आग में कूदना ऐसा कार्य है जिसे यह रुस्तमे हिन्द ही पूर्ण कर सकता है। इस प्रकार हामिद ने विजय प्राप्त कर ली थी। उसका चिमटा रुस्तमे हिंद था।

अब इसमें मोहसिन, महमूद, नूरे और शम्मी किसी को भी कोई आपत्ति नहीं हो सकती। एक विजेता को हारने वालों से जो आदर मिलना स्वाभाविक था वह हामिद को भी मिला। दूसरों ने तीन-तीन, चार-चार आने पैसे खर्च किए परन्तु कोई भी काम आने वाली वस्तु नहीं खरीद सके। उन बच्चों में केवल हामिद ही ऐसा बच्चा था जिसने केवल तीन पैसे में ही सबका दिल जीत लिया। वह पूरी तरह छा गया।

भावार्थ-हामिद द्वारा चिमटा खरीदने से उसके स्वभाव तथा समर्पण के बारे में बताया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 4 राखी की चुनौती (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB राखी की चुनौती Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती

राखी की चुनौती अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती 2
उत्तर :
छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती 4
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

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3. शब्दार्थ :

  • घटा = जल भरे बादलों का समूह
  • कलाई = हाथ में हथेली के जोड़ के ऊपर गट्टा
  • भादों = भादों का महीना, भाद्रपद, सावन के बाद पड़ने वाला देसी महीना
  • जालिम = जुल्म करने वाला
  • धूनी = ठंड से बचने के लिए जलायी जाने वाली आग
  • विषमता = असमता, भीषणता, जटिलता।
  • चुनौती = युद्ध, शास्त्रार्थ आदि के लिए आह्वान, ललकार

उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या में दे दिए गए हैं।

4. उपयुक्त शब्द भरकर काव्य-पंक्तियाँ पूरी करें :

(क) …………………………….. है न फूली समाती गगन में,
…………………………….. वन में।।
(ख) ये आई है राखी सुहाई है ……………………………..
…………………………….. उन्हें जिनको …………………………….. मिले हैं।।
(ग) मेरा बंधु …………………………….. की पुकारों को सुनकर
के तैयार हो …………………………….. गया है।
(घ) …………………………….. हुई माँ की …………………………….. को,
वह …………………………….. के घर में से लाने गया है।।
उत्तर :
(क) घटा है न फूली समाती गगन में,
लता आज फूली समाती न वन में।

(ख) ये आई है राखी सुहाई है पूनी,
बधाई उन्हें जिनको भाई मिले हैं।

(ग) मेरा बन्धु माँ की पुकारों को सुनकर,
के तैयार हो जेलखाने गया है।

(घ) छीनी हुई माँ की स्वाधीनता को,
वह ज़ालिम के घर में से लाने गया है।

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5. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) लता कहाँ पर फूली नहीं समाती?
उत्तर :
लता वन में फूली नहीं समाती।

(ख) राखी का त्योहार किस दिन होता है?
उत्तर :
राखी का त्योहार श्रावण (सावन) मास की पूर्णिमा के दिन होता है।

(ग) इस कविता में आई बहन का भाई कहाँ है?
उत्तर :
इस बहन का भाई आजादी के लिए जेल में कैद है।

(घ) बहन किसको बधाई देती है ?
उत्तर :
बहन उनको बधाई देती है, जिनके भाई राखी के दिन उनके पास हैं।

(ङ) ‘मुझे गर्व है किंतु राखी है सूनी’ का भाव बतायें।
उत्तर :
बहन को इस बात का गर्व है कि उसका भाई देश की रक्षा के लिए जेल गया है, परन्तु उसकी राखी सूनी पड़ी है।

(च) यह कविता भारत की स्वतंत्रता से पहले लिखी गई है या बाद में ?
उत्तर :
राखी की चुनौती’ कविता देश की स्वतन्त्रता से पहले लिखी गई है।

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6. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) ‘राखी की चुनौती’ कविता का सार लिखें।
उत्तर :
‘राखी की चुनौती’ का सार पाठ के आरंभ में दिया जा चुका है।

(ख) इस कविता में बहन ने पराधीन देश के भाइयों को क्या संदेश दिया है?
उत्तर :
राखी की चुनौती’ कविता में पराधीन देश के भाइयों को आजादी की लड़ाई में कूदने का सन्देश दिया है। भाइयों को अपने देश की गुलामी को दूर करने के लिए संघर्ष करना चाहिए। आजादी को पूरी तरह प्राप्त कर लेना चाहिए।

7. इन काव्य-पंक्तियों का सरलार्थ करें :
(क) मैं हूँ बहन, किंतु भाई नहीं है,
राखी सजी, पर कलाई नहीं है।
हैं भादों, घटा किंतु छाई नहीं है।
नहीं है खुशी, पर रुलाई नहीं है।।

(ख) मेरा बंधु माँ की पुकारों को सुनकर,
के तैयार हो जेलखाने गया है।
छीनी हुई माँ की स्वाधीनता को,
वह जालिम के घर में से लाने गया है।।
उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या भाग देखिए।

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8. दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. तड़ित = ………………………
  2. घन = ………………………
  3. गगन = ………………………
  4. खुशी = ………………………
  5. पुष्प = ………………………
  6. भाई = ………………………

उत्तर :

  1. तड़ित = बिजली, विद्युत्।
  2. गगन = आकाश, नभ।
  3. खुशी = प्रसन्नता, हर्ष।
  4. घन = बादल, मेघ।
  5. पुष्प = फूल, सुमन।
  6. भाई = भ्राता, सहोदर।

9. शुद्ध करके लिखें :

  1. राखीयां = ………………………
  2. हिरदय = ………………………
  3. विशमता = ………………………
  4. पुश्प = ………………………
  5. स्वाधिनता = ………………………
  6. खूशी = ………………………
  7. प्रन = ………………………
  8. चुनोती = ………………………
  9. रूलाई = ………………………
  10. जालिम = ………………………

उत्तर :

  1. राखीयां = राखियाँ
  2. स्वाधिनता = स्वाधीनता
  3. हिरदय = हृदय
  4. खूशी = खुशी
  5. विशमता = विषमता
  6. चुनोती = चुनौती
  7. प्रन = प्रण
  8. रूलाई = रुलाई
  9. पुश्य = पुश्प
  10. जालिम = ज़ालिम।

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10. इन मुहावरों के अर्थ बताकर वाक्यों में प्रयोग करें :
फूले न समाना ________________________________
धूनी तपना ________________________________
उत्तर :
फूले न समाना = बहुत खुश होना – परीक्षा में प्रथम आने पर मोहन फूला नहीं समा रहा था।
धूनी तपना = कष्ट सहना – देश की रक्षा के लिए सारे देशवासियों को धूनी तपनी पड़ती है।
खुशी दोगुनी होना = प्रसन्नता बढ़ना – अपने मित्र के पास होने पर मेरी खुशी दोगुनी हो गई।

11. विपरीतार्थक शब्द लिखें :

  1. धरती = ………………………
  2. अमावस = ………………………
  3. पराधीनता = ………………………
  4. अमंगल = ………………………
  5. कठोर = ………………………
  6. मुक्ति = ………………………

उत्तर :

  1. धरती – आसमान।
  2. अमावस – पूर्णिमा।
  3. पराधीनता – स्वाधीनता।
  4. अमंगल मंगल।
  5. कठोर – कोमल।
  6. मुक्ति – बन्धन।

12. रचनात्मक अभिव्यक्ति –
(क) मौखिक अभिव्यक्ति
राखी से संबंधित कोई गीत याद करें और कक्षा में सुनायें।
उत्तर :
छात्र कक्षा में अध्यापक की सहायता से करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति
क्या आप रक्षा बंधन पर अपनी बहन से राखी बंधवाते हो? क्यों ? लिखें।
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।

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13. रचनात्मक कार्य
अपने हाथ से राखी बनायें।
उत्तर :
छात्र अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं अभ्यास करें।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर

प्रश्न 1.
कवयित्री ने युवाओं को क्या प्रेरणा दी है?
उत्तर :
कवयित्री ने युवाओं को प्रेरणा दी है कि भाई के जेल में होने पर हमें खुशी नहीं मनानी चाहिए। देश की गुलामी को तोड़कर देश को आजाद करवाने में अपना योगदान दें।

प्रश्न 2.
बहनों को किन पर गर्व है?
उत्तर :
बहनों को अपने उन भाइयों पर गर्व है जो देश को आजाद करवाने के लिए जेल में बंद हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
‘तड़ित’ कहाँ फूली नहीं समाती?
(क) घन में
(ख) गगन में
(ग) वन में
(घ) मन में।
उत्तर :
(क) घन में

प्रश्न 2.
‘घटा’ कहाँ फूली नहीं समाती?
(क) घन में
(ख) वन में
(ग) मन में
(घ) गगन में।
उत्तर :
(घ) गगन में।

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प्रश्न 3.
‘लता’ कहाँ फूली नहीं समाती?
(क) घन में
(ख) वन में
(ग) गगन में
(घ) मन में।
उत्तर :
(ख) वन में

प्रश्न 4.
बधाई किन्हें है, जिन्हें कौन मिले हैं?
(क) भाई
(ख) बहन
(ग) पिता
(घ) पुत्र।
उत्तर :
(क) भाई

प्रश्न 5.
भादों है पर क्या नहीं छाई है?
(क) छटा
(ख) घटा
(ग) खुशी
(घ) रूलाई।
उत्तर :
(ख) घटा

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प्रश्न 6.
कवयित्री का भाई कहाँ गया है?
(क) विदेश
(ख) जेल
(ग) अस्पताल
(घ) प्रभु के पास।
उत्तर :
(ख) जेल

प्रश्न 7.
राखी का त्यौहार किस महीने में आता है?
(क) श्रावण
(ख) भादों
(ग) बैशाख
(घ) चैत्र।
उत्तर :
(क) श्रावण

प्रश्न 8.
राखी का त्यौहार किस तिथि को मनाया जाता है?
(क) एकादशी
(ख) द्वादशी
(ग) त्रयोदशी
(घ) पूर्णिमा।
उत्तर :
(घ) पूर्णिमा।

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प्रश्न 9.
कवयित्री का भाई जेल में क्यों है?
(क) चोरी करने के कारण
(ख) हत्या करने के कारण
(ग) स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने से
(घ) मारपीट करने से।
उत्तर :
(ग) स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने से

प्रश्न 10.
जल से भरे बादलों के समूह को क्या कहते हैं?
(क) घटा
(ख) घन
(ग) गगन
(घ) जलद।
उत्तर :
(क) घटा

राखी की चुनौती Summary in Hindi

राखी की चुनौती कविता का सार

‘राखी की चुनौती’ सुभद्रा कुमारी चौहान की एक देश – भक्तिपूर्ण रचना है। यह कविता हमारे देश की स्वतन्त्रता से पहले लिखी गई थी। एक बहन का भाई स्वतन्त्रता – आन्दोलन में जेल गया हुआ था। राखी का त्योहार आ गया। प्रायः बहनें इस अवसर पर फूली नहीं समातीं। जिनके भाई हैं, उन्हें बधाई है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती 5

सजी हुई राखियाँ तो थीं, परन्तु लेखिका के भाई के जेल में बंद होने के कारण लेखिका के मन में खुशी नहीं थी। उसे दुःख भी नहीं था क्योंकि उसका भाई भारत माता की पुकार पर जेल गया था। वह भारत माँ की छिनी हुई आजादी को लेने गया था। बहन को इस बात का गर्व था। राखी सूनी पड़ी थी। यदि भाई होता तो कितनी खुशी होती।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती

कवयित्री देश के युवकों को सम्बोधित करते हुए कहती है – हम खुशियाँ मनाएँ और जेल गया हुआ भाई दुःख उठाए – यह सोचकर उसका हृदय दुःखी है। अब राखी बंधवाने के लिए कोई हाथ आगे आए। यह रेशम की डोरी नहीं है। यह तो लोहे की हथकड़ी है। यही प्रण लेकर बहन खड़ी है।

बहन पूछती है – क्या तुम आने को तैयार हो? क्या तुम्हें विषमता (असमानता) के बन्धन की लाज है? यदि है तो बन्दी बनो और देखो बन्धन कैसा होता है? यही आज इस राखी की तुम्हें चुनौती है।

राखी की चुनौती सप्रसंग व्याख्या

1. बहन आज फूली समाती न मन में,
तड़ित आज फूली समाती न घन में।
घटा है न फूली समाती गगन में,
लता आज फूली समाती न वन में।

शब्दार्थ :

  • फूली = खुशी में, प्रसन्न।
  • तड़ित = बिजली।
  • घन = बादल।
  • घटा = बादलों की टुकड़ी।
  • गगन = आसमान।
  • लता = बेल।।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित ‘राखी की चुनौती’ नामक कविता में से ली गई हैं। इनमें कवयित्री ने राखी के त्योहार के अवसर पर देश के युवाओं को स्वतन्त्रता संग्राम में भाग लेने के लिए जेल जाने का आह्वान किया है।

व्याख्या – आज राखी के अवसर पर बहन अपने में फूली नहीं समा रही। वह बहुत खुश है। बादलों में बिजली चमक कर अपनी प्रसन्नता व्यक्त कर रही है। आकाश में घटा घिर – घिर कर आ रही है। आज जंगल में बेल फूली नहीं समा रही है।

भावार्थ – राखी के दिन चारों ओ खुशी के वातावरण का वर्णन किया गया है।

2. कहीं राखियां हैं, चमक है कहीं पर,
कहीं बूंद है, पुष्प प्यारे खिले हैं।
ये आई है राखी, सुहाई है पूनी,
बधाई उन्हें, जिनको भाई मिले हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती

कठिन शब्दों के अर्थ :

  1. चमक = झिलमिलाना।
  2. पुष्प = फूल।
  3. सुहाई = सुन्दर लग रही है।
  4. पूनी = पूर्णिमा, पूर्णमासी (राखी का त्योहार श्रावण मास की पूर्णमासी के दिन मनाया जाता है।

प्रसंग – यह पद्यांश सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित ‘राखी की चुनौती’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवयित्री ने देश की स्वतन्त्रता के लिए जेल गए भाई के देश प्रेम पर गर्व किया है।

व्याख्या – कवयित्री राखी का त्योहार आने पर कहती है कि कहीं अनेक प्रकार की राखियाँ पड़ी हैं। कहीं पर चमकती हुई राखियों की झिलमिलाहट प्रतीत हो रही है। कहीं पानी की बूंदें झिलमिला रही हैं और कहीं सुंदर – सुंदर प्यारे फूल खिले हुए हैं। यह राखी का त्योहार आया है। राखी के कारण ही पूर्णमासी बहुत ही सुन्दर प्रतीत हो रही है। इस अवसर पर जिन बहनों को भाई मिले हैं, उन्हें बहुत – बहुत बधाई है। भाइयों वाली बहनें बधाई की पात्र हैं।

भावार्थ – चारों ओर फैली हुई राखियों का वर्णन किया गया है तथा भाइयों वाली बहनों को बधाई दी गई है।

3. मैं हूँ बहिन किन्तु भाई नहीं है,
है राखी सजी पर कलाई नहीं है।
है भादों, घटा किन्तु छाई नहीं है,
नहीं है खुशी पर रुलाई नहीं है,

कठिन शब्दों में अर्थ –

  1. कलाई = हाथ की कलाई।
  2. भादों = भादों का महीना।
  3. घटा = बदली।
  4. रुलाई = रोना।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखित कविता ‘राखी की चुनौती’ से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री ने देश की स्वतन्त्रता के लिए जेल गए भाई के देश प्रेम पर गर्व किया है।

व्याख्या – कवयित्री कहती है कि मैं बहन तो राखी बाँधने को तैयार हूँ परन्तु मेरा भाई यहाँ नहीं है। सजी – सँवरी राखी तो अवश्य है पर बादलों की भाई की वह कलाई नहीं है, जिस पर इसे बाँधना है। यह तो ऐसा ही है जैसे भादों का महीना तो हो परन्तु आकाश में बादल दिखाई न पड़ें। मेरे जीवन में भी राखी का त्योहार तो आया है परन्तु राखी को सार्थक करने वाला भाई का हाथ दिखाई नहीं पड़ रहा। भादों महीना तो अवश्य है पर बादलों की घटा आसमान में नहीं छायी है। भाई न होने के कारण खुशी नहीं है, परन्तु रोना – धोना भी नहीं है। क्योंकि भाई स्वाधीनता संग्राम में भाग लेने के कारण जेल में बन्द है। मेरे लिए यह गौरव की बात है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती

भावार्थ – देश को स्वतन्त्र कराने के लिए जेल में बन्द भाइयों पर बहनों को गर्व है।

4. मेरा बन्धु माँ की पुकारों को सुनकर
के तैयार हो जेलखाने गया है।
छीनी हुई मां की स्वाधीनता को,
वह जालिम के घर में से लाने गया है।

कठिन शब्दों के अर्थ –

  • बन्धु = भाई।
  • माँ = भारतमाता।
  • स्वाधीनता = आज़ादी।
  • जालिम = अत्याचारी।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमार चौहान द्वारा लिखित कविता ‘राखी की चुनौती’ से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में देश को स्वतन्त्र कराने के लिए एक बहन अपने भाई के देश – प्रेम पर गर्व कर रही है।

व्याख्या – कवयित्री राखी के त्योहार पर कह रही है कि मेरा भाई बेड़ियों में जकड़ी भारत माता की पुकार को सुनकर ही तैयार होकर जेल गया है। वह अंग्रेजों द्वारा छीनी गई देश की आजादी को अत्याचारी शासक के घर से वापस लाने को गया है।

भावार्थ – कवयित्री का भाई देश को आजाद कराने के लिए जेल में बंद है।

5. मुझे गर्व है किन्तु राखी है सूनी,
वह होता, खुशी तो क्या होती न दूनी।
हम मंगल मनावें, वह तपता है धूनी,
है घायल हृदय, दर्द उठता है खूनी।

कठिन शब्दों के अर्थ –

  • गर्व = स्वाभिमान।
  • दूनी = दुगुनी, दो गुनी।
  • मंगल = खुशियाँ।
  • तपता = कष्ट सहता।
  • धूनी = दुःखों की आग।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित ‘राखी की चुनौती’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें देश को स्वतन्त्र कराने के लिए एक बहन अपने भाई के देश – प्रेम पर गर्व कर रही है।

व्याख्या – बहन राखी के अवसर पर कहती है कि मुझे अपने भाई पर गर्व है क्योंकि वह देश की आजादी के लिए जेल गया है। परन्तु मेरी राखी सूनी पड़ी है। यदि आज मेरा भाई होता तो क्या मेरे मन की खुशी दुगुनी न हो जाती। हम इस त्योहार पर खुशियाँ मनाएँ और वह जेल के कष्ट सहन करे; दुखों की आग में जले। यह सोचकर मेरा हृदय फटा जा रहा है और मुझे बहुत अधिक दुःख हो रहा है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती

भावार्थ – भाई को जेल में बंद सोच कर राखी के अवसर पर बहन की खुशी नष्ट हो गई है।

6. अब तो बढ़े हाथ, राखी पड़ी है,
रेशम सी कोमल नहीं, यह कड़ी है।
अजी देखो लोहे की यह हथकड़ी है,
इसी प्रण को लेकर बहिन यह खड़ी है।।

कठिन शब्दों के अर्थ –

  • कोमल = नर्म (मुलायम)।
  • कड़ी = सख्त।
  • प्रण = संकल्प।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखित कविता ‘राखी की चुनौती’ में से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में देश को स्वतन्त्र कराने के लिए एक बहन अपने भाई के देश – प्रेम पर गर्व कर रही है।

व्याख्या – एक बहन राखी के अवसर पर कहती है कि उसका भाई देश की आजादी के लिए जेल गया है। अब तो वह अपना हाथ आगे बढ़ाए, यह राखी पड़ी है। यह राखी रेशम की कोमल डोरी नहीं। यह तो लोहे की हथकड़ी है। आजादी के लिए जेल जाने का निमन्त्रण है। भाई का हाथ राखी बंधवाने के लिए आगे बढ़े, यह बहन ऐसा संकल्प लेकर खड़ी है।

भावार्थ – बहन राखी को चुनौती के रूप में भाई को बाँधना चाहती है, जिससे वह देश को आजाद कराने के लिए जेल जाने से भी नहीं घबराए।

7. आते हो भाई? पुनः पूछती हूँ
विषमता के बन्धन की है लाज तुमको?
तो बन्दी बनो देखो बन्धन है कैसा
चुनौती यह राखी की है आज तुमको।

शब्दार्थ –

  • पुनः = फिर।
  • विषमता = भेदभाव।
  • लाज = लज्जा, शर्म।
  • बन्दी = कैदी।
  • चुनौती = चेतावनी।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखित कविता ‘राखी की चुनौती’ से ली गई हैं। प्रस्तुत पंक्तियों में देश को स्वतन्त्र कराने के लिए एक बहन अपने भाई को राखी की चुनौती देती है। उसके देश हित के लिए जेल जाने पर गर्व कर रही है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 4 राखी की चुनौती

व्याख्या – एक देशभक्त बहन अपने देशभक्त भाई की तलाश में है। बहन कहती है कि हे भाई, मैं फिर पूछती हूँ, क्या तुम आ रहे हो? क्या तुम्हें गुलामी के भेदभावपूर्ण बन्धन की लाज है? तो तुम देश के लिए बंदी बनो, गुलामी कैसी होती है – इसे देखो। आज तुम्हें राखी की यह चुनौती है।

भावार्थ – बहन भाई को राखी की लाज बचाने के लिए देश को आजाद कराने के लिए कहती है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB रब्बा मीह दे-पानी दे Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

रब्बा मीह दे-पानी दे अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे 2
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखने का अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे 4
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखने का अभ्यास करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

3. शब्दार्थ :

  • रब्बा = प्रभु, परमात्मा
  • मीह = वर्ष
  • दूना = दुगुना
  • मवेशी = पशु
  • पर दु:ख = दूसरों का दु:ख
  • सीख = शिक्षा

उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या के साथ दे दिए गए हैं।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) इस कविता में ईश्वर से क्या प्रार्थना की गई है?
उत्तर :
इस कविता में ईश्वर से वर्षा लाने की प्रार्थना की गई है।

(ख) ‘खेतों में सोना’ का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
इसका अर्थ है-खेतों में अच्छी फसल पैदा होना। वर्षा होने से अच्छी फसल पैदा होती है।

(ग) पानी के बिना मवेशी और खेतों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर :
पानी के बिना मवेशी प्यासे मर जाते हैं। खेत सूख जाते हैं।

(घ) इस कविता में देश के प्रत्येक नागरिक को क्या सीख दी गई है ?
उत्तर :
इस कविता में देश के प्रत्येक नागरिक को पानी को नष्ट और प्रदूषित और व्यर्थ न करने की सीख दी गई है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

(ङ) पानी का स्वभाव कैसा है ?
उत्तर :
पानी का स्वभाव मिलनसार है। वह जिसमें मिलता है उसी का ही रूप धारण कर लेता है।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) ‘पानी से ——— सुहानी दे।’ कविता की इन पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें?
उत्तर :
उत्तर के लिए व्याख्या भाग देखिए।

(ख) जीवन में पानी की आवश्यकता क्यों है? कविता के आधार पर उत्तर दें।
उत्तर :
पानी जीवन का आधार है। इसी से जीवन चलता है। यही गर्मी और लू से बचाता है। इसी से अनाज पैदा होता है। इसलिए जीवन में पानी की आवश्यकता है।

(ग) दूसरों के दुःख में हम उनकी क्या सहायता कर सकते हैं?
उत्तर :
दूसरों के दुःख को हम अपना समझ सकते हैं। उनके प्रति संवेदना एवं सहानुभूति प्रकट कर सकते हैं।

(घ) जहाँ पानी की अधिकता बाढ़ की स्थिति पैदा करती है वहीं पानी की कमी सूखे की स्थिति पैदा करती है। इन दोनों स्थितियों में मानव तथा प्रकृति प्रभावित होती है। इन दोनों स्थितियों में मानव तथा प्रकृति पर पड़ने वाले प्रभाव पर पाँच-पाँच वाक्य लिखें।
उत्तर :
मानव पर पड़ने वाले प्रभाव

  • मानव का स्वास्थ्य खराब हो जाता है।
  • पीने योग्य पानी प्रदूषित हो जाता है।
  • जीवन रुक जाता है।
  • खेती-बाड़ी नष्ट हो जाती है।
  • हैजा, चेचक आदि रोग बढ़ जाते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

प्रकृति पर पड़ने वाले प्रभाव-

  • पेड़-पौधे नष्ट हो जाते हैं।
  • प्रदूषण फैल जाता है।
  • वायु प्रदूषित हो जाती है।
  • पेड़-पौधे सूख जाते हैं।
  • खेती नष्ट हो जाती है।
  • खेती सूख जाती है।

6. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. पानी = …………………………
  2. मीह = …………………………
  3. सीख = …………………………
  4. जन = …………………………
  5. दुःख = …………………………
  6. आँख = …………………………
  7. धरती = …………………………

उत्तर :

  1. पानी = जल, नीर
  2. मीह = वर्षा, बारिश
  3. सीख = शिक्षा, ज्ञान
  4. जन = लोग, नर
  5. दुःख = पीड़ा, कष्ट
  6. आँख = नेत्र, चक्षु
  7. धरती = धरा, पृथ्वी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

रचनात्मक अभिव्यक्ति :

(क) मौखिक अभिव्यक्ति – पानी बचाने के उपायों पर कक्षा में चर्चा करें।
(ख) लिखित अभिव्यक्ति – आँखों में पानी आना, पानी-पानी होना आदि ‘पानी’ से संबंधित मुहावरे एकत्र करें।
(ग) रचनात्मक कार्य – जल संकट की रोकथाम के लिए कुछ सुझाव स्पष्ट करने वाले पोस्टर बनायें और अपनी कक्षा में दीवार पर लगायें।
उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इस कविता के माध्यम से कवि ने क्या शिक्षा दी है?
उत्तर :
इस कविता के माध्यम से कवि ने यह शिक्षा दी है जल ही जीवन है इसलिए हमें जल को प्रदूषित नहीं करना चाहिए। हमें जल को न तो नष्ट करना चाहिए और न ही उसे व्यर्थ गंवाना चाहिए।

प्रश्न 2.
पानी और खेतों का परस्पर क्या सम्बन्ध है?
उत्तर :
पानी और खेतों का परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध है। खेती पानी पर ही आधारित होती है। यदि पानी ही नहीं होगा तो खेत सूखकर नष्ट हो जायेंगे।

प्रश्न 3.
पानी के बिना क्या-क्या व्यर्थ है?
उत्तर :
पानी के बिना खेत, कत्था, चूना व्यर्थ है। पानी के बिना जीवन व्यर्थ है। इसके बिना मवेशी, वन और बूटे व्यर्थ हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

प्रश्न 4.
पानी की क्या विशेषता है?
उत्तर :
पानी का अपना कोई रंग नहीं होता है। अपनी कोई उमंग नहीं होती। यह जिसमें मिलता है उसी में मिल जाता है। यह गम में आँखों में आ जाता है और खुशी में रुला देता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
धरती किस से झुलसी है?
(क) पाप से
(ख) लू से
(ग) संताप से
(घ) युद्ध की विभीषिका से।
उत्तर :
लू से।

प्रश्न 2.
कवि रब्बा से क्या माँगता है?
(क) दया
(ख) करुणा
(ग) धूप
(घ) वर्षा।
उत्तर :
वर्षा।

प्रश्न 3.
जीवन की कश्ती को गति कौन देता है?
(क) मांझी
(ख) पानी
(ग) लू
(घ) आंधी।
उत्तर :
पानी।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

प्रश्न 4.
कवि किसे प्रदूषित नहीं करने के लिए कहता है?
(क) पानी को
(ख) वातावरण को
(ग) अन्न को
(घ) मन को।
उत्तर :
पानी को।

प्रश्न 5.
पानी का स्वभाव कैसा है?
(क) क्रोधी
(ख) घमंडी
(ग) मिलनसार
(घ) एकांतप्रिय।
उत्तर :
मिलनसार।

रब्बा मीह दे-पानी दे Summary in Hindi

रब्बा मीह दे-पानी दे कविता का सार

‘रब्बा मीह दे-पानी दे’ कविता विनोद शर्मा द्वारा रचित है। इसमें कवि ने ईश्वर से वर्षा करने की प्रार्थना की है। कवि ईश्वर से प्रार्थना कर कह रहा है कि हे प्रभु ! वर्षा करो और गर्मी से झुलसी धरती को ठंडा कर नया जीवन दो। पानी से खेतों में सोना उगता है। पानी से सब दुगुना है बिना पानी के कत्था और चूना भी व्यर्थ है। पानी ही जीवन का आधार है। उसके बिना जीवन खत्म हो जाता है। पानी से खेतों में हरियाली और खुशहाली होती है।

मवेशी, प्राणी और पेड़-पौधे पानी बिना जी नहीं सकते। पानी को नष्ट और प्रदूषित न करने का आह्वान किया है। चाहे पानी का कोई रंग नहीं है। फिर भी यह जिसमें मिल जाता है उसी रंग में खिल जाता है। दु:ख के समय आंखों में आ जाता है और खुशी में रुला देता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

रब्बा मीह दे-पानी दे सप्रसंग व्याख्या

1. रब्बा मीह दे-पानी दे, पानी दे, पानी दे।
लू से झुलसी धरती को, इक नई जिन्दगानी दे॥

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे 5

प्रसंग-यह काव्य-पंक्तियाँ विनोद शर्मा द्वारा रचित ‘रब्बा मीह दे-पानी दे’ शीर्षक कविता से ली गई हैं। इसमें कवि ने ईश्वर से वर्षा लाने की प्रार्थना की है।

व्याख्या-कवि ईश्वर से प्रार्थना कर कहते हैं कि हे प्रभु ! वर्षा करो और पानी दीजिए तुम इतना पानी दो जिससे गर्मी एवं लू की लपटों से जलती हुई धरती शीतल हो जाए और लोगों को एक नया जीवन मिले। सबको नई ज़िन्दगी प्रदान करो।

भावार्थ-प्रभु से वर्षा करने की प्रार्थना की है।

2. पानी से खेतों में सोना, नाचे गेहूँ-गाए झोना।
पानी है तो सब है दूना, बिन पानी कत्था क्या चूना।
पानी है तो है ज़िन्दगानी, पानी खत्म तो खत्म कहानी।
जीवन की कश्ती को, आकर नई रवानी दे।
रब्बा मीह दे………………….

प्रसंग-यह पद्यांश विनोद शर्मा द्वारा लिखित ‘रब्बा मीह दे-पानी दे’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने ‘जल ही जीवन है’ बताते हुए प्रभु से वर्षा लाने की प्रार्थना की है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

व्याख्या-हे प्रभु ! पानी से ही खेतों में सोना उगता है। इसी से गेहूँ नाचने लगता है और चना गाने लगता है। पानी से ही सब कुछ दुगुना होता है बिना पानी के कत्था और चूना भी बेकार है। पानी ही जीवन है। यही जीवन का आधार है। पानी के नष्ट होने से ही सब कुछ नष्ट हो जाएगा। हे प्रभु ! तुम आकर जीवन की किश्ती को नई रवानी प्रदान करो।

भावार्थ-पानी ही जीवन है। इस भाव को दर्शाया गया है।

3. पानी से हरियाली होती-खेतों में खुशहाली होती।
क्या मवेशी क्या वन या बूटे-पानी बिन जीवन से छूटे।
आओ, पानी नष्ट करें न, प्रदूषित या व्यर्थ करें न।
मेरे देश के जन-जन को, यह सीख सुहानी दे॥
रब्बा मीह दे………………..

प्रसंग-प्रस्तुत काव्य-पंक्तियाँ कवि विनोद शर्मा द्वारा रचित कविता ‘रब्बा मीह दे पानी दे’ नामक कविता से ली गई हैं। इनमें कवि ने प्रभु से वर्षा लाने की प्रार्थना की है।

व्याख्या-कवि कहता है कि पानी से ही खेतों में हरियाली और खुशहाली होती है। मवेशी, वन और पेड़-पौधे का पानी के बिना जीवन नष्ट हो जाएगा। कवि लोगों को प्रेरणा देते हुए कहता है कि आओ हम सब मिलकर यह प्रण लें कि हमें पानी को नष्ट नहीं करना चाहिए और प्रदूषित अथवा व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। हे प्रभु ! इस देश के प्रत्येक व्यक्ति को यह सुहानी शिक्षा दें कि न पानी को नष्ट करे और न ही प्रदूषित करें। हे प्रभु ! वर्षा दें।

भावार्थ-पानी को बचाने की प्रेरणा दी गई है।

4. चाहे इसका रंग नहीं है-अपनी कोई उमंग नहीं है।
फिर भी यह जिसमें मिल जाता-उसके रंग में ही खिल जाता।
ग़म में आँखों में आ जाता और खुशी में यही रुलाता,
पर-दुःख को अपना समझे-हर आँख को पानी दे।
रब्बा मीह दे……………………

प्रसंग-यह पद्यांश विनोद शर्मा द्वारा रचित ‘रब्बा मीह दे-पानी दे’ कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने प्रभु से लोगों में दूसरे के दुःख को समझने की प्रार्थना की है।

व्याख्या-कवि कहता है कि चाहे पानी का अपना कोई रंग नहीं है उसकी अपनी कोई उमंग नहीं है। फिर भी यह जिस रंग में मिल जाता है उसके रंग में ही खिल जाता है। दुःख में यह आँखों में आ जाता है और खुशी में रुला देता है। हे प्रभु ! हर कोई दूसरों के दुःख को अपना दुःख समझे इसलिए हर आँख में पानी आ जाए। वर्षा प्रदान करो।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 10 रब्बा मीह दे-पानी दे

भावार्थ-दूसरों के दुःख को अपना दुःख समझने की प्रेरणा दी है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

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PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 9 मन के जीते जीत (2nd Language)

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PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

मन के जीते जीत अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 2
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 3
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 4
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 5
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखें।

3. शब्दार्थ :

  • विकलांग = अंग से हीन, बेकाम अंग वाला
  • अनथक = न थकने वाला
  • दूषित – गंदा, मैला
  • कर्णप्रिय = कानों को प्रिय लगने वाला
  • विभूतियाँ – ऐश्वर्यशाली व्यक्तित्व
  • अस्थि = हड्डी
  • अन्यत्र = दूसरी जगह, और कहीं
  • व्यक्तित्व = व्यक्ति की विशेषता या गुण
  • कंठहार = गले का हार
  • एकाग्रता = तल्लीन होने का भाव
  • बुलंदी = ऊँचाई, उत्कर्ष
  • जज़्बा = भाव, जोश, भावना

उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) जीवन में मुश्किलों से पार कौन लोग जा पाते हैं ?
उत्तर :
जीवन में मुश्किलों से पार वही लोग जा पाते हैं जो मुसीबतों और रुकावटों के आगे सिर नहीं झुकाते। उनका साहस एवं दृढ़ विश्वास के साथ सामना करते हैं।

(ख) राजा जनक के दरबार में अष्टावक्र को देखकर सभी क्यों हँसने लगे?
उत्तर :
राजा जनक के दरबार में अष्टावक्र को देखकर सभी हँसने लगे क्योंकि उनका शरीर टेढ़ा-मेढ़ा था। उनके शरीर में आठ वक्र थे।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

(ग) राजा जनक तथा दरबारी अष्टावक्र के सामने क्यों नतमस्तक हुए?
उत्तर :
अष्टावक्र के ज्ञान विद्वता के कारण राजा जनक तथा दरबारी नतमस्तक हो गए।

(घ) सूरदास ने किसकी आराधना में काव्य रचना की?
उत्तर :
सूरदास ने श्रीकृष्ण की आराधना में काव्य रचना की।

(ङ) जायसी के प्रसिद्ध महाकाव्य का नाम लिखें।
उत्तर :
पद्मावत।

(च) रामानन्द सागर द्वारा टेलीविज़न पर प्रसारित प्रख्यात धारावाहिक ‘रामायण’ में संगीत मुख्य रूप से किसने दिया?
उत्तर :
रवीन्द्र जैन ने रामायण में संगीत दिया।

(छ) बिजली के बल्ब का आविष्कार किसने किया?
उत्तर :
थामस अल्वा एडीसन ने बिजली के बल्ब का आविष्कार किया।

(ज) ब्रेल लिपि का आविष्कार किसने किया?
उत्तर :
ब्रेल लिपि का आविष्कार लई ब्रेल ने किया।

(झ) महाराजा रणजीत सिंह ने कितनी आयु में लाहौर पर अधिकार कर लिया था?
उत्तर :
उन्नीस वर्ष की आयु में।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

(ज) बाबा आम्टे को भारत सरकार ने समाज सेवा के लिए पद्मश्री तथा पद्मभूषण का सम्मान कब दिया?
उत्तर :
बाबा आम्टे को भारत सरकार ने समाज सेवा के लिए पद्मश्री 1971 ई० में तथा पद्मभूषण सन् 1986 ई० में दिया।

5. इन प्रश्नों के उत्तर लगभग चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) राजा जनक के दरबार में अष्टावक्र को देखकर जब सभी हँसने लगे तो अष्टावक्र ने क्या कहा?
उत्तर :
अष्टावक्र ने कहा कि गन्ने के टेढ़े-मेढ़े होने से उसकी मिठास में कमी नहीं आती। फूल की पंखुड़ी के टेढ़े होने से उसकी खुशबू खत्म नहीं हो जाती और नदी की धारा के टेढ़े होने से उसका जल दूषित नहीं हो जाता।

(ख) शेरशाह क्यों लज्जित हुआ और उसने जायसी को क्यों सम्मान दिया?
उत्तर :
जायसी के मुख से मोहि का हँससि के कोहरहिं? अर्थात् तुम मुझ पर हँसे हो अथवा उस ईश्वर रूपी कुम्हार पर हँस रहे हो यह सुनकर शेरशाह लज्जित हुआ और उसने जायसी को उनकी विद्वता के कारण सम्मान दिया।

(ग) थामस एडीसन के ध्वनि संबंधी आविष्कारों से लोग क्यों आश्चर्यचकित हो जाते थे?
उत्तर :
लोग इसलिए आश्चर्यचकित हो जाते थे कि जो व्यक्ति पूरी तरह स्वयं नहीं सुन सकता। वह किस प्रकार ध्वनि के हर पहलू को अच्छी प्रकार से समझ लेता है।

(घ) लुई ब्रेल द्वारा नेत्रहीनों के पढ़ने के लिए बनाई लिपि की क्या विशेषता है?
उत्तर :
ब्रेल लिपि कागज़ पर उभरे हुए चिहन होते हैं जिन्हें स्पर्श करके लोग पढ़ते हैं।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

(ङ) बाबा आम्टे का समाज सेवा में क्या योगदान रहा?
उत्तर :
बाबा आम्टे सारी उम्र कुष्ठ रोगियों तथा समाज से परित्यक्त लोगों की सेवा में लगे रहे। इन्हीं की प्रेरणा से आनंदवन आश्रम के अनेक कुष्ठ रोगियों ने भीख मांगना छोड़कर स्वयं श्रम करना आरंभ कर दिया। इस तरह बाबा आम्टे का समाज सेवा में महान् योगदान रहा है।

(च) भारतीय स्पिनर चन्द्रशेखर का क्रिकेट में क्या योगदान रहा?
उत्तर :
चंद्रशेखर का एक हाथ पोलियोग्रस्त हो गया था किन्तु वह इसी हाथ से गेंदबाजी करते थे और बल्लेबाजों को पैविलियन पहुंचा देते थे। उन्होंने 58 टैस्ट मैच खेले तथा 7199 रन देकर 242 विकेट लिए।

(छ) राणा सांगा और महाराजा रणजीत सिंह की वीरता के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर :
राणा सांगा की वीरता एवं साहस से बड़े-बड़े शासक थर-थर काँपते थे। उन्होंने इब्राहिम लोदी जैसे अनेक शत्रुओं को पराजित किया। महाराजा रणजीत सिंह ने अपनी वीरता से केवल उन्नीस वर्ष की आयु में लाहौर पर अधिकार कर लिया था। इसके बाद धीरे-धीरे जम्मू कश्मीर, अमृतसर, मुलतान, पेशावर आदि पर अधिकार कर लिया।

(ज) भाग्य संवरता नहीं, संवारना पड़ता है – इन पंक्तियों में लेखक क्या कहना चाहता है ?
उत्तर :
इन पंक्तियों में लेखक कहना चाहता है कि व्यक्ति का भाग्य अपने आप नहीं संवरता बल्कि वह परिश्रम, आत्मविश्वास एवं दृढ़ निश्चय से बदला जाता है। इसके लिए हमें लगातार कठिन संघर्ष करना पड़ता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

6. इन मुहावरों के अर्थ बताते हुए उन्हें वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. घुटने टेकना
  2. सिर न झुकाना
  3. दाँत खट्टे करना
  4. लोहा मनवाना
  5. थर-थर काँपना
  6. बुलंदियाँ छूना

उत्तर :

  1. घुटने टेकना = हारना-दुश्मनों ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए।
  2. सिर न झुकाना = हार न मानना-साहसी लोग कभी मुसीबतों के सामने सिर नहीं झुकाते।
  3. दाँत खट्टे करना = बुरी तरह हराना-कारगिल में भारतीय सेना ने शत्रुओं के दाँत खट्टे कर दिए।
  4. लोहा मनवाना = जय-जयकार करवाना-महाराजा रणजीत सिंह ने अपने साहस एवं बल से दुनिया में लोहा मनवाया।
  5. थर-थर काँपना = डरना-शेर को देखकर रवि थर-थर काँपने लगा।
  6. बुलंदियाँ छूना = तरक्की करना-रवि अपनी मेहनत से बुलंदियाँ छू रहा है।

7. इन शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. चुनौती = _____________
  2. सेवा = _____________
  3. अनूठा =_____________
  4. पुरस्कार = _____________
  5. दृढ़ता = _____________
  6. हाथ = _____________
  7. उपहास =_____________
  8. अधिकार = _____________
  9. शक्ति = _____________
  10. भाग्य = _____________
  11. मस्तिष्क = _____________
  12. लक्ष्य = _____________
  13. प्रयत्न = _____________
  14. पैर = _____________
  15. अध्यापक = _____________
  16. अंधकार = _____________
  17. लज्जित = _____________
  18. जल = _____________

उत्तर :

  1. चुनौती = ललकार, आह्वान
  2. सेवा = परिचर्या, खिदमत
  3. अनूठा = अनुपम, अनोखा
  4. पुरस्कार = उपहार, इनाम
  5. दृढ़ता = मज़बूती, प्रगाढ़ता
  6. हाथ = हस्त, कर
  7. उपहास = हँसी, दिल्लगी
  8. अधिकार = हक़, प्रभुत्व
  9. शक्ति = बल, पौरुष
  10. भाग्य = किस्मत, तकदीर
  11. मस्तिष्क = भेजा, दिमाग
  12. लक्ष्य = मंजिल, उद्देश्य
  13. प्रयत्न = प्रयास, कोशिश
  14. पैर = पाँव, चरण
  15. अध्यापक = शिक्षक, गुरु
  16. अंधकार = अन्धेरा, तम
  17. लज्जित = शर्मसार, शर्मिंदा
  18. जल = पानी, नीर।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

8. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें :

  1. जिसे आँखों से दिखाई न देता हो _____________
  2. गले का हार _____________
  3. संगीत देने वाला _____________
  4. अपने पर विश्वास होना _____________
  5. जिसका कोई मोल न हो _____________
  6. कानों को प्रिय लगने वाला _____________
  7. आविष्कार करने वाला _____________

उत्तर :

  1. जिसे आँखों से दिखाई न देता हो – नेत्रहीन
  2. गले का हार – कंठहार
  3. संगीत देने वाला – संगीतकार
  4. अपने पर विश्वास होना – आत्मविश्वास
  5. जिसका कोई मोल न हो – अनमोल
  6. कानों को प्रिय लगने वाला – कर्णप्रिय
  7. आविष्कार करने वाला – आविष्कारक

रचनात्मक अभिव्यक्ति :

(क) मौखिक अभिव्यक्ति – इस पाठ में आप किस महान विभूति से प्रेरित हुए हैं ? क्यों ?
उत्तर :
इस पाठ में अनेक महान् विभूतियां हैं जिन्होंने अपनी विकलांगता पर विजय पाकर भी महानता प्राप्त की। हम महाराणा रणजीत सिंह से प्रेरित हुए क्योंकि वे अधिक साहसी, वीर बलशाली, निडर योद्धा थे। वे बहुत दयालु, दयावान एवं धैर्यशाली थे।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति – मन के जीते जीत, मन के हारे हार है– पर पाँच-सात वाक्य लिखें।
उत्तर :

  • मन पर विजय पाने से ही उन्नति होती है।
  • मन विजयी है तो तभी मनुष्य विकास कर सकता है।
  • यदि मन हार जाए तो आदमी हार जाता है।
  • मन की जीत से ही जीवन का विकास सम्भव हो सकता है।
  • मन सभी ज्ञानेन्द्रिय से महत्त्वपूर्ण है।
  • वह मन एक सारथि के समान है जो अन्य सभी को अपने अनुसार चलाता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

10. इस पाठ में आए ‘र’ वर्ण के प्रयोग वाले शब्द ढूँढकर लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 1
उत्तर
[ र ] : भारत, राणा, द्वारा
[ ‘ ] : स्पर्श, अर्जुन, दुर्लभ
[ , ] : अष्टावक्र, ब्रेल, माइक्रोफोन
[ ^ ] : रवीन्द्र, महाराष्ट्र, केन्द्रित।

11. इन शब्दों के विशेषण बनाएं :

भारत _____________
सम्मान _____________
स्वर्ग _____________
साहित्य _____________
प्रभाव _____________
दया _____________

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मनुष्य कब निराश एवं हताश हो जाता है?
उत्तर :
जब मनुष्य के अपने जीवन में चारों तरफ अंधेरा दिखाई देता है। कहीं कोई रास्ता नजर नहीं आता। वह संघर्ष करने की अपेक्षा अपने भाग्य को कोसने लगता है तब निराश एवं हताश हो जाता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

प्रश्न 2.
अपने भाग्य को कौन लोग कोसते हैं?
उत्तर :
जो लोग मुसीबतों एवं रुकावटों का डटकर सामना नहीं करते और उनके आगे हार मान लेते हैं वही भाग्य को कोसते हैं।

प्रश्न 3.
मुश्किलों से कौन लोग पार पा सकते हैं?
उत्तर :
मुश्किलों से वही लोग पार पा सकते हैं कि जो उनके आगे सिर नहीं झुकाते बल्कि उनका साहस, आत्मविश्वास एवं दृढ़ता से सामना करते हैं।

प्रश्न 4.
लेखक ने किन-किन महान् विभूतियों का चित्रण किया है?
उत्तर :
लेखक ने निम्नलिखित महान् विभूतियों का चित्रण किया है

  • अष्टावक्र
  • सूरदास
  • जायसी
  • भारतीय संगीतकार रवीन्द्र जैन
  • विश्व के महान् आविष्कारक थामस अल्वा एडीसन
  • लुई ब्रेल
  • बाबा आम्टे
  • भारतीय स्पिनर चंद्रशेखर
  • राणा सांगा
  • महाराजा रणजीत सिंह।

प्रश्न 5.
महाराजा रणजीत सिंह का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर :
महाराजा रणजीत सिंह के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएं हैं

  • महान् वीर-महाराजा रणजीत सिंह एक महान् वीर सेनानी थे।
  • न्याय प्रिय-वे बहुत न्यायप्रिय शासक थे।
  • दयालुता-वे बहुत दयालु थे। उनकी दयालुता सुप्रसिद्ध है।
  • दानशीलता-वे गरीबों को बहुत दान दिया करते थे। उनकी दानशीलता चारों ओर प्रसिद्ध है।

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प्रश्न 6.
भक्तिकाल में सूरदास पर एक नोट लिखो।
उत्तर :
हिन्दी-साहित्य के भक्तिकाल में सूरदास का नाम बहुत प्रसिद्ध है। वे जन्म से ही नेत्रहीन थे। उन्होंने अपने आराध्य श्रीकृष्ण की लीलाओं का बहुत सजीव एवं प्रभावशाली ढंग से वर्णन किया है। उन जैसा लीला वर्णन अन्यत्र दुलर्भ है। उनकी अमरवाणी जन-जन का कंठहार बनी हुई है।

प्रश्न 7.
रवीन्द्र जैन कौन थे? उनके चरित्र की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर :
रवीन्द्र जैन भारतीय सिनेमा के सुप्रसिद्ध संगीतकार थे। उनके चरित्र की विशेषताएं निम्नलिखित हैं

  • दृढ़ इच्छा शक्ति-उनमें दृढ़ इच्छा शक्ति थी।
  • एकाग्रता-उनका मन एकाग्रता से मुक्त था। इसी के कारण वे महान् बने।
  • आत्मविश्वास-उनमें अटूट आत्मविश्वास था।

प्रश्न 8.
थामस अल्वा एडीसन ने कौन-से आविष्कार किए हैं?
उत्तर :
थामस अल्वा एडीसन ने बल्ब, माइक्रोफोन, फोनोग्राफ, कार्बन टेलिफोन, ट्रांसमीटर आदि हजारों आविष्कार किए हैं।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित सही कथन पर सही () और गलत कथन पर गलत () का निशान लगाइए:

(क) धर्म शब्द में आधे ‘र’ (रेफ) का प्रयोग हुआ है।
उत्तर :
() सही।

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बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
जीवन में आने वाली मुश्किलों का करना चाहिए
(क) घबराना चाहिए
(ख) भागना चाहिए
(ग) सामना करना चाहिए
(घ) आँखें मूंद लेना चाहिए।
उत्तर :
(ग) सामना करना चाहिए

प्रश्न 2.
अष्टावक्र किस युग में हुए थे?
(क) सतयुग
(ख) त्रेतायुग
(ग) द्वापर युग
(घ) कलयुग।
उत्तर :
(ख) त्रेतायुग

प्रश्न 3.
अष्टावक्र किसके दरबार में गए थे?
(क) दशरथ
(ख) जनक
(ग) रावण
(घ) बालि।
उत्तर :
(ख) जनक

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

प्रश्न 4.
अष्टावक्र के किस गुण से सभी नतमस्तक हुए?
(क) वीरता
(ख) दया
(ग) विद्वता
(घ) करुणा।
उत्तर :
(ग) विद्वता

प्रश्न 5.
भक्तिकाल में प्रसिद्ध कृष्णभक्त जन्मांध कवि कौन था?
(क) नंददास
(ख) सूरदास
(ग) कृष्णदास
(घ) गोपालदास।
उत्तर :
(ख) सूरदास

प्रश्न 6.
शेरशाह ने किस कवि का उपहास उड़ाया था?
(क) रसखान
(ख) जायसी
(ग) सूरदास
(घ) रामदास।
उत्तर :
(ख) जायसी

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प्रश्न 7.
रवीन्द्र जैन फिल्म जगत के क्या थे?
(क) निर्देशक
(ख) संगीतकार
(ग) नायक
(घ) खलनायक।
उत्तर :
(ख) संगीतकार

प्रश्न 8.
थामस अल्बा एडिसन किस शक्ति से रहित थे?
(क) श्रवण की
(ख) देखने की
(ग) बोलने की
(घ) चलने की।
उत्तर :
(क) श्रवण की

प्रश्न 9.
कुष्ट रोगियों की सेवा किसने की?
(क) विनोबा भावे
(ख) महात्मा गांधी
(ग) बाबा आम्टे
(घ) बाबा साहब अंबेडकर।
उत्तर :
(ग) बाबा आम्टे

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प्रश्न 10.
महाराजा रणजीत सिंह ने किस कारण एक आँख खो दी थी?
(क) चोट के
(ख) चेचक के
(ग) कैंसर के
(घ) तीर लगने से।
उत्तर :
(ख) चेचक के

मन के जीते जीत Summary in Hindi

मन के जीते जीत पाठ का सार

‘मन के जीते जीत’ लेखक डॉ० सुनील बहल द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने मन पर विजय पाने से ही सफलता मिलती है-इसका वर्णन किया है। जीवन में छोटी-बड़ी परेशानियां सबके जीवन में आती हैं। हम उनके आने से निराश हो जाते हैं। सभी के जीवन में मुश्किल घड़ियां आती हैं किन्तु इन पर वही विजय प्राप्त करते हैं जो मुश्किलों के सामने घुटने नहीं टेकते बल्कि उनका साहस के साथ मुकाबला करते हैं।

दुनिया में सामान्य लोगों ने ही नहीं बल्कि विकलांग लोगों ने भी ऐसा साहस दिखाया है, जिसके कारण उनकी विकलांगता उनके सामने झुक गई। त्रेतायुग में अष्टावक्र विकलांग हुए जो आठ जगह से टेढ़े थे। एक बार उन्हें राजा जनक के दरबार में देखकर सब हँसने लगे तो अष्टावक्र ने उन्हें बताया कि गन्ने के टेढ़े-मेढ़े होने से उसकी मिठास कम नहीं होती न फूल की पंखुड़ी टेढ़े होने से उसकी खुशबू खत्म होती है, न नदी की धारा टेढ़ी होने से उसका जल दूषित होता है। यह सुनकर राजा जनक तथा दरबारी बहुत लज्जित हुए और उसकी विदवता के सामने नतमस्तक भी हुए।

हिंदी-साहित्य में भक्तिकाल में सूरदास जो जन्म से ही अन्धे थे। किन्तु उन्होंने श्री कृष्ण की लीलाओं का बहुत ही सजीव वर्णन किया है जो संसार में दुर्लभ है। इसी तरह जायसी भी एक आँख और एक कान से रहित थे। शेरशाह के उपहास उड़ाने पर उन्होंने उनको कहा था कि तुम मुझ पर हँसों अथवा उस ईश्वर पर जिसने मुझे बनाया है। इससे शेरशाह बहुत लज्जित हुए थे। जायसी का महाकाव्य पद्मावत बहुत प्रसिद्ध है। नेत्रहीन एवं गरीब मिल्टन कभी जीवन से निराश नहीं हुए इसीलिए अंग्रेजी साहित्य में उनका अद्वितीय स्थान रहा।

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भारतीय सिनेमा में रवीन्द्र जैन की दृढ़ इच्छा शक्ति, एकाग्रता और आत्म विश्वास के आगे अपनी विकलांगता को भी हरा दिया। वे अद्भुत संगीतकार थे। इन्होंने रामानंद सागर द्वारा प्रसारित ‘रामायण’ में भी संगीत दिया। इसके साथ अलिफ लैला, जय हनुमान, श्री कृष्ण आदि महान् धारावाहिकों में सभी कर्णप्रिय संगीत दिया।

विश्व के महान् आविष्कारक थामस अल्वा एडीसन सुनने की श्रवण शक्ति खो चुके थे। किन्तु वे जीवन से निराश नहीं हुए। उन्होंने अपने साहस के बल पर हजारों आविष्कार किए। बिजली के बल्ब का आविष्कार उनकी बड़ी उपलब्धि है। तीन वर्ष की आयु में नेत्रहीन हो जाने वाले लुई ब्रेल भी अपनी इच्छा शक्ति के बल पर नेत्रहीन स्कूल में पढ़े और अध्यापक बने। उन्होंने अपने अनथक प्रयासों से नेत्रहीनों के किए ब्रेल नामक लिपि का आविष्कार किया जो दुनिया में आज भी प्रयुक्त हो रही है।

महान् समाज सेवी बाबा आम्टे को कौन नहीं जानता। वे भयंकर अस्थि विकलांगता से पीड़ित थे किन्तु फिर भी इन्होंने सारी उम्र कुष्ट रोगियों की सेवा की। इनको समाज सेवा के कारण ही भारत सरकार ने सन् 1971 ई० में पदम्श्री तथा सन् 1986 ई० में पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया। भारतीय क्रिकेट में भी विकलांग होने के बावजूद स्पिनर चंद्रशेखर ने क्रिकेट में अपनी जगह बनाई। उनका एक हाथ पोलियोग्रस्त था किन्तु वे उसी हाथ से गेंदबाजी करते थे। उन्होंने भारतीय टीम की ओर से 58 टैस्ट मैच तथा 7199 रन देकर 242 विकट लिए। उन्हें अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया।

भारतीय इतिहास में वीर राणा सांगा, जिन्होंने बचपन में अपनी एक आँख खो दी थी, अपने वीरता बल एवं साहस से दुनिया में अपनी ताकत का लोहा मनवाया। युद्ध में एक पैर और हाथ भी खो दिया पर वे इससे बिल्कुल भी घबराये नहीं। इन्होंने इब्राहिम लोदी जैसे अनेक विरोधियों को हराया।

इसी तरह महाराजा रणजीत सिंह की चेचक के कारण एक आँख खराब थी किन्तु फिर भी उन्होंने उन्नीस वर्ष की आयु में लाहौर पर अधिकार कर लिया था और धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर, अमृतसर, मुलतान, पेशावर आदि क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया। उन्हें कुशल प्रबन्ध, वीरता, न्यायप्रियता, दयालुता और दानशीलता के कारण जाना जाता है।

इस प्रकार यदि मनुष्य के दिल में कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो मुसीबतें हार जाती हैं इसलिए हमें अपने आत्म-विश्वास, दृढ़ निश्चय, चित्र की एकाग्रता और अपनी शक्तियों को केंद्रित करके अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए। यह सत्य है कि ईश्वर भी केवल साहसी लोगों की ही सहायता करते हैं।

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मन के जीते जीत शब्दार्थ :

  • हताश = निराश।
  • विकलांगता = विकलांग पन।
  • विभूतियों = महान् व्यक्तियों।
  • अष्टावक्र = आठ वक्र वाला।
  • दूषित = खराब।
  • विद्वता = ज्ञान, बुद्धि।
  • नतमस्तक = सुभगाय।
  • नेत्रहीन = अंधा।
  • दुर्लभ = कठिन।
  • अन्यत्र = दूसरी जगह, कठहार वाले का हार।
  • उपहास = मजाक।
  • निस्संदेह = वास्तव में।
  • अस्थि = हड्डी।
  • परितयक्त = त्यागे हुए।
  • अनथक = बिना थके।
  • तमन्ना = इच्छा।
  • ज़ज्बा = साहस।

मन के जीते जीत सप्रसंग व्याख्या

1. बच्चो ! हम जीवन में आने वाली छोटी-छोटी परेशानियों से निराश और हताश हो जाते हैं। हमें अपने चारों ओर अंधकार ही अंधकार दिखाई देता है। कहीं कोई रास्ता दिखाई नहीं देता। हम थक कर बैठ जाते हैं। कभी भाग्य को, कभी अपने आपको तो कभी किसी को कोसने लगते हैं। पर मोचो ! रुकावटें किसके रास्ते में नहीं आती? सभी के जीवन में मुश्किल भरे पल आते हैं किन्तु उन मुश्किलों से पार वे ही जा पाते हैं जो उनके आगे सिर नहीं झुकाते, उनका दृढ़ता से सामना करते हैं। सामान्य व्यक्तियों की तो बात ही छोड़ो, दुनिया में ऐसे विकलांग व्यक्ति भी हुए हैं जिन्होंने अपनी विकलांगता को चुनौती के रूप में लिया और परिणाम यह हुआ कि खुद विकलांगता ने ही उनके अदम्य साहस और दृढ़ निश्चय के आगे घुटने टेक दिये।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 6

प्रसंग-यह गद्यांश लेखक डॉ० सुनील बहल द्वारा रचित ‘मन के जीते जीत’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने बच्चों के जीवन में आने वाली मुसीबतों का डटकर सामना करने की प्रेरणा दी है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

व्याख्या-लेखक बच्चों को प्रेरणा देते हुए कहता है कि हे बच्चो! हम जीवन में आने वाली छोटी-छोटी परेशानियों एवं कठिनाइयों से निराश एवं हताश हो जाते हैं। हमें अपने चारों तरफ अन्धेरा ही अन्धेरा दिखाई देता है। कहीं भी कोई रास्ता नज़र नहीं आता जिससे हम थक हारकर बैठ जाते हैं। हम कुछ करने की अपेक्षा अपने भाग्य अपने आपको तथा किसी दूसरे को कोसने लगते हैं। परन्तु बच्चों तुम सोच विचार करो कि जीवन में किसके रास्ते में रुकावटें नहीं आतीं।

सभी के मार्ग में बाधाएं, मुसीबतें आती हैं। सभी के जीवन में मुश्किलों से भरे क्षण आते हैं किन्तु उन मुश्किलों पर वे ही लोग विजय प्राप्त कर पाते हैं जो उनके आगे अपना सिर नहीं झुकाते, उनसे हार नहीं मानते बल्कि उनका साहस के साथ मुकाबला करते हैं। सामान्य व्यक्तियों की बात तो छोड़िए दुनिया में ऐसे विकलांग व्यक्ति भी हुए हैं जिन्होंने अपनी विकलांगता को चुनौती के रूप में लिया अर्थात् विकलांग होते हुए भी संघर्ष और परिश्रम किया जिसके परिणाम यह हुआ कि विकलांगता स्वयं ही उनके अटूट साहस और दृढ़ निश्चय के सामने झुक गई।

भावार्थ-बच्चों को जीवन में साहस एवं दृढ़ निश्चय के साथ मुसीबतों का सामना करने की प्रेरणा दी है एवं विकलांगता पर विजय पाने वालों की ओर संकेत है।

2. त्रेता युग में एक विद्वान् हुए जिनका नाम था अष्टावक्र। जब उनका जन्म हुआ तो वे आठ जगह से टेढ़े थे। आठ प्रकार की वक्रता के कारण ही उनका नाम अष्टावक्र पड़ा। एक बार वे राजा जनक के दरबार में गये तो उसके टेढ़े-मेढ़े शरीर को देखकर सभी हँसने लगे। अष्टावक्र ने कहा, “गन्ने के टेढ़े-मेढ़े होने से उसकी मिठास में कमी नहीं आती। फूल की पंखुड़ी के टेढ़े होने से उसकी खुशबू खत्म नहीं हो जाती और नदी की धारा के टेढ़े होने से उसका जल दूषित नहीं हो जाता।” यह सुनकर राजा जनक तथा दरबारी न केवल लज्जित हुए बल्कि अष्टावक्र की विद्वता के सामने नतमस्तक हुए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 7

प्रसंग-यह गद्यांश लेखक डॉ. सुनील वहल द्वारा रचित ‘मन के जीते जीत’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने त्रेतायुग में अपनी विकलांगता पर विजय पाने वाले विद्वान् अष्टावक्र का चित्रण किया है।

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व्याख्या-लेखक कहता है कि त्रेता युग में अष्टावक्र नामक एक महान् विद्वान् हुआ। वे अपने जन्म के समय से ही आठ जगह से टेढे थे। इसी आठ प्रकार के टेढेपन के कारण ही उनका नाम अष्टावक्र पड़ा था। एक बार वे राजा जनक के दरबार में गए तो उनके टेढ़े-मेढे शरीर को देखकर सभी लोग हँसने लगे।

उन्हें हँसता देखकर अष्टावक्र ने कहा कि गन्ने के टेढ़े-मेढ़े होने से उसकी मिठास में कमी नहीं आती। फूल की पंखुड़ी के टेढ़े होने से उसकी खुशबू खत्म नहीं होती तथा न ही नदी की धारा के टेढ़े होने से उसका जल दूषित हो जाता है। उनके मुख से इस बात को सुनकर राजा जनक तथा सभी दरबारी केवल लज्जित ही नहीं हुए बल्कि अष्टावक्र की विद्वता के सामने नतमस्तक भी हो गए।

भावार्थ-अष्टावक्र के गुणों और विद्वता का उल्लेख किया गया है।

3. भारतीय सिनेमा में प्रसिद्ध संगीतकार रवीन्द्र जैन का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। बचपन से ही इन्हें न के बराबर दिखाई देता था। आँखों के आप्रेशन के बाद भी इनकी आँखें ठीक नहीं हुईं किन्तु रवीन्द्र जैन की दृढ़ इच्छा शक्ति, एकाग्रता और आत्मविश्वास के आगे विकलांगता की एक न चली। उन्होंने फिल्मों में अद्भुत संगीत दिया। जो आज भी लोगों के मन-मस्तिष्क पर छाया हुआ है। रामानन्द सागर द्वारा टेलीविज़न पर प्रसारित ‘रामायण’ में भी इन्होंने ही संगीत दिया जो बहुत लोकप्रिय हुआ। इसके अतिरिक्त उन्होंने अलिफ लैला, जय हनुमान, श्रीकृष्ण आदि धारावाहिकों में भी कर्णप्रिय संगीत दिया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 8

प्रसंग-यह पंक्तियाँ डॉ० सुनील बहल द्वारा लिखित ‘मन के जीते जीत’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने सुप्रसिद्ध संगीतकार रवीन्द्र जैन के संघर्ष का वर्णन किया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि भारतीय सिनेमा में प्रसिद्ध संगीतकार रवीन्द्र जैन का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। बचपन से ही इन्हें न के बराबर दिखाई देता था। इन्होंने अपनी आँखों का आप्रेशन करवाया। इसके बाद इनकी आँखें ठीक ही नहीं हुईं। किन्तु रवीन्द्र जैन की दढ इच्छा शक्ति, एकाग्रता और अपने विश्वास के आगे इनकी विकलांगता हार गई।

अर्थात् इन्होंने अपने आत्मविश्वास के बल से अपनी विकलांगता पर विजय पा ली। इन्होंने फिल्मों में अद्भुत संगीत दिया। जो आज भी लोगों के मन-मस्तिष्क पर छाया हुआ है। इन्होंने रामानंद सागर द्वारा टेलीविज़न पर प्रसारित रामायण में संगीत दिया जो बहुत लोकप्रिय हुआ। इसके अलावा इन्होंने अलिफ लैला, जय हनुमान, श्रीकृष्ण, आदि धारावाहिकों में भी बहुत मधुर संगीत दिया।

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भावार्थ-भारतीय संगीतकार रवीन्द्र जैन की दृढ़ इच्छा शक्ति और आत्म विश्वास को दर्शाया गया है।

4. इस तरह मात्र तीन वर्ष की आयु में नेत्रहीन हो जाने वाले लुई ब्रेल ने भी जीवन में अनेक कष्ट सहे। वे स्वयं दृष्टिहीन लोगों के स्कूल में पढ़े व अध्यापक बने किन्तु उस समय तक नेत्रहीनों के लिए सीखने के लिए कोई बढ़िया तकनीक नहीं थी। अतएव लुई ब्रेल ने अनथक प्रयत्नों के बाद नेत्रहीनों के लिए एक ऐसी लिपि का आविष्कार किया जिससे नेत्रहीन पढ़ने में समर्थ हो सके। इस लिपि को ब्रेल लिपि कहते हैं। यह लिपि कागज़ पर उभरे चिह्न होते हैं जिन्हें स्पर्श कर वे पढ़ते हैं। बेशक यह लिपि दुनिया भर में आज प्रयुक्त हो रही है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 9

प्रसंग-यह गद्यांश खंड डॉ० सुनील बहल द्वारा रचित ‘मन के जीते जीत ही’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इसमें नेत्रहीन लुई ब्रेल के परिश्रम, साहस एवं आविष्कार को दर्शाया है।

व्याख्या-लेखक कहता है कि लुई ब्रेल केवल तीन वर्ष के आयु में नेत्रहीन हो जाने पर अनेक कष्ट सहन किए। वे अपने आप नेत्रहीन लोगों के स्कूल में पढ़े तथा अध्यापक बने। किन्तु उस समय तक नेत्रहीन लोगों को सीखने के लिए कोई अच्छी तकनीक नहीं थी। इसीलिए लई ब्रेल ने अपने अनथक प्रयासों के बाद, नेत्रहीन लोगों के लिए एक ऐसी लिपि का आविष्कार किया जिससे नेत्रहीन पढ़ने में समर्थ हो सके। इस लिपि को ब्रेल लिपि कहते हैं। यह लिपि कागज़ पर उभरे चिह्न होते हैं, जिन्हें स्पर्श कर वे पढ़ते हैं। यह लिपि सारी दुनिया में आज प्रयोग में लाई जा रही है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

भावार्थ-लई ब्रेल के प्रयासों तथा ब्रेल लिपि के आविष्कार को प्रयासों में बताया है।

5. भारतीय इतिहास में ऐसे व्यक्तित्व भी हैं जिन्होंने अपनी विकलांगता से कभी हार नहीं मानी अपितु वीरता एवं साहस के बल पर दुनिया में अपनी ताकत का लोहा मनवाया। राणा सांगा ने बचपन में अपनी एक आँख खो दी थी और बाद में युद्धों में एक हाथ और एक पैर को भी इन्होंने खो दिया किन्तु इस विकलांगता का उनकी वीरता और साहस पर कोई असर नहीं पड़ा। बड़े-बड़े शासक उनके नाम से थर-थर काँपते थे। राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी जैसे अनेक विरोधियों के दाँत खट्टे किये। इसी तरह महाराजा रणजीत सिंह की चेचक के कारण एक आँख खराब हो गयी थी। किन्तु फिर भी वे निराश नहीं हुए। उन्नीस वर्ष की आयु में उन्होंने लाहौर पर अधिकार कर लिया था। फिर धीरे-धीरे जम्मू कश्मीर, अमृतसर, मुलतान, पेशावर आदि क्षेत्रों पर इन्होंने अधिकार कर लिया। अपने कुशल प्रबन्ध, वीरता, न्यायप्रियता, दयालुता और दानशीलता के कारण महाराज रणजीत सिंह को जाना जाता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 10

प्रसंग-यह पंक्तियाँ लेखक डॉ० सुनील बहल द्वारा लिखित है। यह ‘मन के जीते जीत है’ शीर्षिक पाठ से ली गई हैं। इनमें लेखक ने राणा सांगा की वीरता, साहस तथा महाराजा रणजीत सिंह की वीरता और दयालुता को दर्शाया है।

व्याख्या-भारत के इतिहास में ऐसे महान् लोग भी हुए हैं जिन्होंने अपनी विकलांगता से जीवन में कभी हार नहीं मानी अपितु वीरता एवं साहस के बल पर दुनिया में अपनी शक्ति का लोहा मनवाया। राणा सांगा ने बचपन में अपनी एक आँख खो दी थी किन्तु इस विकलांगता का उनकी वीरता और साहस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। बड़े-बड़े शासक उनके नाम से थर-थर काँपते थे। राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी जैसे अनेक विरोधियों को बुरी तरह से हराया था।

इस तरह महाराजा रणजीत सिंह की चेचक के कारण एक आँख खराब हो गई थी किन्तु फिर भी वे निराश नहीं हुए उन्होंने केवल उन्नीस वर्ष की आयु में लाहौर पर अधिकार कर लिया था। इसके बाद धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर, अमृतसर, मुलतान, पेशावर आदि क्षेत्रों पर पुस्तकीय भाग इन्होंने अधिकार कर लिया। उसका प्रबन्ध अत्यंत कुशल था। वे अत्यन्त वीर तथा न्यायप्रिय थे, उनके दयालुता और दानशीलता सभी जलते हैं। इसी कारण उनकी वीरता, न्यायप्रियता, दयालुता एवं दानवीरता के कारण महाराजा रणजीत सिंह को जाना जाता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

भावार्थ-राणा सांगा की वीरता एवं साहस को दर्शाया गया है और महाराजा रणजीत सिंह की वीरता, न्यायप्रियता, दानशील और दयालुता का वर्णन है।

6. अतएव बच्चो ! यदि दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना और जज्बा हो तो तमाम मुसीबतों को आखिरकार घुटने टेकने ही पड़ते हैं। अब आप ही बताइये यदि इन विभूतियों ने जीवन के संघर्ष में अपनी हार मान ली होती तो क्या वे आज दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत बन पाते? आइए, उठिये, अपने आत्मविश्वास, दृढ़निश्चय, चित्त की एकाग्रता और अपनी शक्तियों को केन्द्रित करें और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें। कहा भी है, “भाग्य संवरता नहीं संवारना पड़ता है और भी कहा गया है, “ईश्वर भी उन्हीं की सहायता करते हैं जो अपनी सहायता अपने आप करते हैं।”

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत 11

प्रसंग-यह गद्यांश लेखक डॉ० सुनील बहल द्वारा लिखित है। यह ‘मन के जीते जीत है’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने बच्चों को साहस, आत्मविश्वास एवं दृढ़ निश्चय से जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या-लेखक बच्चों को प्रेरणा देकर कहता है कि हे बच्चो! यदि दिल में कुछ करने की इच्छा हो और हिम्मत एवं साहस हो तो सभी मुसीबतें अवश्य खत्म हो जाती हैं। अब आप ही बताइए कि यदि सूरदास, जायसी, रवीन्द्र जैन, चन्द्रशेखर, राणा सांगा, महाराजा रणजीत सिंह, लुई ब्रेल आदि महान् विद्वानों ने जीवन के संघर्ष में अपनी हार मान ली होती तो क्या वे आज इस संसार के प्ररेणा स्रोत बन पाते अर्थात् नहीं।

वे सभी विकलांग होते हुए भी संघर्ष करते रहे और विजयी हुए इसीलिए दुनिया उनसे प्रेरणा ले रही है। इसलिए आओ फिर से अपने आत्मविश्वास, दृढ़ निश्चय, मन की एकाग्रता और शक्तियों को केन्द्रित करें और अपने लक्ष्य की तरफ बढ़े। यहाँ सच ही कहा गया है कि भाग्य अपने आप नहीं संवरता बल्कि उसे तो संवारना पड़ता है। ईश्वर भी संसार के केवल उन्हीं लोगों की सहायता करते हैं जो अपनी सहायता स्वयं करते हैं। इसलिए हम साहस आत्मविश्वास परिश्रम से आगे बढ़ें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 9 मन के जीते जीत

भावार्थ-सूरदास, मिल्टन, जायसी, अष्टावक्र, महाराजा रणजीत सिंह जैसी विभूतियों से प्रेरणा लेने को कहा है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 मैट्रो रेल का सुहाना सफर

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 3 मैट्रो रेल का सुहाना सफर Textbook Exercise Questions and Answers.

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मैट्रो रेल का सुहाना सफर अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 मैट्रो रेल का सुहाना सफर 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 मैट्रो रेल का सुहाना सफर 2
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 मैट्रो रेल का सुहाना सफर 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 मैट्रो रेल का सुहाना सफर 4
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

3. शब्दार्थ

  • उपहार = भेंज
  • लिफ्ट = बड़ी इमारतों में ऊपर ले जाने वाला यान स्वरूप यंत्र
  • अपाहिज = अपंग
  • विस्फोटक सामग्री = विस्फोट करने वाला पदार्थ
  • स्वचालित प्रवेश द्वार = अपने आप खुलने वाला दरवाजा
  • दंडनीय अपराध = दंडित किए जाने योग्य अपराध
  • उद्घोषणा = ऊँची आवाज़ में कहना, सरकारी घोषणा
  • वातानुकूलित = हवा के तापमान के अनुकूल बनाया गया
  • इलैक्ट्रॉनिक सूचना पट्ट = बिजली से चलने वाला पटल जिस पर लगातार सूचनाएँ दी जाती हैं
  • भूमिगत प्लेटफार्म = भूमि के अंदर बना प्लेटफार्म

उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) गुरु जी ने बच्चों को क्या वचन दिया था?
उत्तर :
गुरु जी ने बच्चों को प्रथम आने पर मैट्रो रेल के सुहावने सफर का उपहार देने का वचन दिया था।

(ख) कैसे पता चलता है कि ये बच्चे पंजाब से आये हैं?
उत्तर :
वे बच्चे पंजाब राज्य के योग टीम के सदस्य थे तथा इनके गुरु सुरेन्द्र मोहन इनके साथ थे।

(ग) मैट्रो रेल की पटरी कहाँ-कहाँ बिछाई जाती है?
उत्तर :
मैट्रो रेल की पटरी ज़मीन पर, सड़क पर पुल बनाकर ज़मीन के नीचे सुरंग खोदकर बिछाई जाती है।

(घ) लिफ्ट का प्रयोग किन लोगों के लिए किया जाता है ?
उत्तर :
लिफ्ट का प्रयोग वृद्धों, बीमारों और अपाहिज लोगों के लिए किया जाता है।

(ङ) स्टेशन पहुँचने पर बच्चे क्या देखकर हैरान हुये?
उत्तर :
पर बच्चे स्टेशन की साफ़ – सफ़ाई और सजावट को देखकर हैरान हुए।

(च) स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा-जाँच कैसे की जाती है?
उत्तर :
स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा – जाँच के लिए एक यन्त्र लगा होता है जो किसी भी विस्फोटक सामग्री के पास आते ही अपने आप विशेष ध्वनि निकालने लगता है। सुरक्षा के लिए अनेक सुरक्षाकर्मी भी लगे होते हैं।

(छ) स्वचालित प्रवेश द्वार किस प्रकार कार्य करता है?
उत्तर :
एक यात्री के लिए एक टोकन यात्रा के लिए दिया जाता है। इस टोकन को मशीन के पास लाने से स्वचालित प्रवेश द्वार खुल जाता है और यात्री इसमें से निकल जाता है।

(ज) स्मार्ट कार्ड का क्या उपयोग है ?
उत्तर :
स्मार्ट – कार्ड प्रतिदिन यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए होता है। इसे यात्री द्वारा मशीन के पास लाने से उनकी यात्रा के अनुसार अपने आप ही किराया कट जाता है। इससे समय की बचत भी होती है।

(झ) पर्यटक कार्ड द्वारा कितने दिन तक यात्रा कर सकते हैं ?
उत्तर :
पर्यटक – कार्ड द्वारा एक से तीन दिन तक अनियमित यात्रा कर सकते हैं।

(ञ) गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय कौन-से रंग की पट्टी से आगे नहीं जाना चाहिए?
उत्तर :
पीले रंग की पट्टी से आगे नहीं जाना चाहिए।

(त) प्लेटफार्म पर हमें क्या-क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर :

  • प्लेटफार्म पर पीली पट्टी को पार नहीं करना चाहिए।
  • रेल की पटरी पर कदापि नहीं जाना चाहिए।
  • प्लेटफार्म पर थूकना नहीं चाहिए।
  • गंदगी नहीं फैलानी चाहिए।
  • कोई वस्तु खानी – पीनी नहीं चाहिए।

(थ) मैट्रो गाड़ी की खिड़कियाँ क्यों नहीं खुलती?
उत्तर :
मैट्रो गाड़ी की खिड़कियाँ इसलिए नहीं खुलती क्योंकि वह वातानुकूलित होती हैं।

(द) इलैक्ट्रॉनिक सूचना पट्ट पर क्या सूचनाएँ दी जाती हैं ?
उत्तर :
इलैक्ट्रॉनिक सचना पटट पर लगातार आने वाले स्टेशनों की सचनाएं दी जाती हैं।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) मैट्रो स्टेशन आम स्टेशन से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर :

  1. मैट्रो स्टेशन परिस्थिति और सुविधा अनुसार बना होता है। इसकी पटरी ज़मीन, सड़क पर पुल बनाकर या ज़मीन के नीचे सुरंग खोद कर बिछाई जाती है जबकि आम स्टेशन प्रायः ज़मीन पर ही होते हैं।
  2. मैट्रो स्टेशन पर लिफ्ट लगी होती है। आम स्टेशनों पर नहीं होती।
  3. मैट्रो – स्टेशन पर ऐसी साफ़ – सफ़ाई एवं सजावट होती है जो सामान्य रूप से स्टेशन पर अन्य स्टेशनों पर कहीं भी नहीं होती है।
  4. मैट्रो – स्टेशन पर संगमरमर का फ़र्श और अत्याधुनिक बिजली के उपकरण लगे होते हैं जो आम स्टेशन पर नहीं मिलते।

(ख) टोकन, स्मार्ट कार्ड और पर्यटक कार्ड में क्या अंतर है?
उत्तर :
इनमें निम्नलिखित अन्तर हैं-
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 मैट्रो रेल का सुहाना सफर 5

(ग) मैट्रो गाड़ी के स्वचालित द्वार द्वारा जाने और निकलने में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिये?
उत्तर :
मैट्रो – गाड़ी के स्वचालित द्वार से जाने और निकलने में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए

  • द्वार खुलते ही तुरन्त गाड़ी में चढ़ जाना चाहिए।
  • द्वार खुलते ही तुरन्त गाड़ी से बाहर निकल जाना चाहिए।
  • द्वार के बन्द होने की स्थिति में न चढ़ना चाहिए और न ही उतरना चाहिए।

(घ) भूमिगत प्लेटफार्म से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
भूमिगत प्लेटफार्म भूमि के अन्दर सुरंगें खोदकर बनाया जाता है। भूमि के अन्दर ही पटरी बनाई जाती है।

6. बहुवचन रूप लिखें :

  1. खेल = _________________
  2. पंक्ति = _________________
  3. वृद्ध = _________________
  4. सीढ़ी = _________________
  5. स्टेशन = _________________
  6. खिड़की = _________________

उत्तर :

  1. खेल = खेलें
  2. पंक्ति = पंक्तियाँ
  3. वृद्ध = वृद्धों
  4. सीढ़ी = सीढ़ियाँ
  5. स्टेशन = स्टेशनों
  6. खिड़की = खिड़कियाँ

7. इन वाक्यों में सर्वनाम शब्द पर गोला लगायें :

(क) (हम) लाल किला देखने जायेंगे।
(ख) तुम्हें पता चल जायेगा।
(ग) मैं आपको गाड़ी में बैठाकर आता हूँ।
(घ) उसने कहा, “चलो, आपकी गाड़ी का समय होने वाला है।”
(ङ) उसे कन्हैया नगर स्टेशन से अधिकारियों ने हमारे आने की सूचना पहले ही दे दी थी।
उत्तर :
(क) (हम) लालकिला देखने जायेंगे।
(ख) (तुम्हें) पता चल जायेगा।
(ग) (मैं) आपको गाड़ी में बैठाकर आता हूँ।
(घ) (उसने) कहा, “चलो, (आपकी) गाड़ी का समय होने वाला है।”
(ङ) (उसे) कन्हैया नगर स्टेशन से अधिकारियों ने (हमारे) आने की सूचना पहले ही दे दी थी।

8. ‘असीमित’ शब्द में ‘अ’ लगाकर विपरीत शब्द बना है। इसी प्रकार अन्य विपरीत शब्द बनायें:

  1. अ + सुविधा = _________________
  2. अ+ सुर = _________________
  3. अ + सहयोग = _________________
  4. अ + भिन्न = _________________

उत्तर :

  1. अ + सुविधा = असुविधा
  2. अ + सुर = असुर
  3. अ + सहयोग = असहयोग
  4. अ + भिन्न = अभिन्न।

9. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ बताकर वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. दिल बल्लियाँ उछलना = _________________
  2. दंग रह जाना = _________________
  3. खुशी से झूम उठना = _________________
  4. मन बहलाना = _________________

उत्तर :

  1. दिल बल्लियाँ उछलना – बहुत प्रसन्न होना – वाक्य – मैट्रो रेल में बैठकर बच्चों के दिल बल्लियों उछलने लगे।
  2. दंग रह जाना – हैरान होना – वाक्य – रवि इतने बड़े शेर को देखकर दंग रह गया।
  3. खुशी से झूम उठना – बहुत खुश होना – आठवीं कक्षा में प्रान्त में प्रथम आने पर रेशमा खुशी से झूम उठी थी।
  4. मन बहलाना – समय गुज़ारना – वाक्य – बच्चों ने यात्रा के दौरान अंत्याक्षरी खेल कर अपना मन बहलाया।

10. नीचे लिखे शब्दों में अक्षरों को उचित क्रम में रखकर सार्थक शब्द बनायें :

  1. गालरेड़ी = _________________
  2. नुशाअसन = _________________
  3. लासफा = _________________
  4. पहाउर = _________________
  5. मगसंररम = _________________
  6. फालेप्टर्म = _________________
  7. लीजबि = _________________
  8. टवसजा = _________________
  9. अरोधनु = _________________
  10. पअराध = _________________
  11. किललाला = _________________
  12. वानुकूतलिता = _________________
  13. जापंब = _________________
  14. लतारगा = _________________
  15. भूतगमि = _________________
  16. कानिस = _________________
  17. रीजाकान = _________________
  18. अबाजू = _________________

उत्तर :

  1. गालरेड़ी = रेलगाड़ी
  2. नुशाअसन = अनुशासन
  3. पहाउर = उपहार
  4. मगसंररम = संगमरमर
  5. लीजबि = बिजली
  6. टवसजा = सजावट
  7. पअराध = अपराध
  8. किललाला = लाल किला
  9. जापंब = पंजाब
  10. लतारगा = लगातार
  11. कानिस = निकास
  12. रीजाकान = जानकारी
  13. लासफा = फासला
  14. वानुकूतलिता = वातानुकूलित
  15. फालेप्टर्म = प्लेटफार्म
  16. भूतगमि = भूमिगत
  17. अरोधनु = अनुरोध
  18. अबाजू = अजूबा।

11. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों में कारक बतायें :

(क) भास्कर रेलगाड़ी देखने के लिए प्लेटफार्म के किनारे पर जा पहुँचा।
उत्तर :
संप्रदान।

(ख) आज हम सभी मैट्रो रेल के द्वारा जायेंगे।
उत्तर :
करण।

(ग) प्रतिभा खिड़की वाली सीट पर बैठ गयी।
उत्तर :
अधिकरण।

(घ) सभी स्वचालित सीढ़ियों के द्वारा भूमिगत प्लेटफार्म पर पहुँच गये।
उत्तर :
करण।

(ङ) गुरु जी ने बच्चों को बड़े प्यार से समझाया।
उत्तर :
कर्ता।

(च) हमने राष्ट्रीय खेलों में भाग लिया।
उत्तर :
अधिकरण।

12. रचनात्मक अभिव्यक्ति :

(क) मौखिक अभिव्यक्ति
जिन शहरों में मैट्रो रेल की सुविधा हो वहाँ इस रेल की यात्रा का आनंद जरूर लें और अपने अनुभव सहपाठियों को बतायें।
उत्तर :
विद्यार्थी अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति

(i) अपनी सहेली/मित्र को पत्र लिखो जिसमें मैट्रो यात्रा का वर्णन किया गया हो।|
उत्तर :
91 – मॉडल टाऊन,
पटियाला।
18 सिंतबर, 20….
प्रिय सहेली,

सप्रेम नमस्ते।
पिछले सप्ताह मैं अपने परिवार के साथ दिल्ली में लगा अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला देखने गई थी। हम वहां दो दिन तक रुके। पहले दिन हमने पुस्तक मेले को देखा और दूसरे दिन नई दिल्ली से पुरानी दिल्ली तक मैट्रो तक की यात्रा करके अपने चाचा जी के घर पहुंचे। मैट्रो का स्टेशन बहुत साफ़ – सुथरा और अत्याधुनिक था। मैट्रो चलते – चलते ही आगे की सूचना देती थी। उसके द्वार स्वचालित हैं जो अपने आप खुलते और बंद होते थे। वह पूर्ण रूप से वातानुकूलित थी जिसमें यात्रा का खूब आनन्द आया। चाचा के घर से वापिस आते समय भी हम मैट्रो से नई दिल्ली स्टेशन तक आए। इस प्रकार हमारी मैट्रो रेल यात्रा बहुत अच्छी थी।

तुम्हारी सखी,
रमन कौर।

(ii) ‘मैट्रो रेल यात्रा’ का अनुभव डायरी में लिखें।
उत्तर :
छात्र अपनी यात्रा का अनुभव स्वयं लिखें।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें –

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय खेलों में कहाँ की योग की टीम दिल्ली आई थी?
(क) पंजाब
(ख) हरियाणा
(ग) हिमाचल प्रदेश
(घ) उत्तराखंड।
उत्तर :
(क) पंजाब

प्रश्न 2.
पंजाब की टीम कहाँ के राजकीय विद्यालय में ठहरी थी?
(क) जलविहार
(ख) स्वास्थ्य विहार
(ग) अशोक विहार
(घ) खेल विहार।
उत्तर :
(ग) अशोक विहार

प्रश्न 3.
पंजाब की टीम ने प्रतियोगिता में कौन – सा स्थान प्राप्त किया था?
(क) प्रथम
(ख) द्वितीय
(ग) तृतीय
(घ) चतुर्थ।
उत्तर :
(क) प्रथम

प्रश्न 4.
टीम के सदस्य मैट्रो – रेल द्वारा क्या देखने जा रहे थे?
(क) कुतुब मीनार
(ख) लाल किला
(ग) संसद भवन
(घ) तीन मूर्ति संग्रहालय।
उत्तर :
(ख) लाल किला

प्रश्न 5.
लाल किला देखने के लिए टीम के सदस्य मैट्रो – रेल से किस स्टेशन पर उतरे?
(क) चावड़ी बाज़ार
(ख) चाँदनी चौंक
(ग) कश्मीरी गेट
(घ) दरियागंज।
उत्तर :
(ख) चाँदनी चौंक

प्रश्न 6.
मैट्रो पर बैठने के लिए टीम के सदस्य किस स्टेशन पर गए थे?
(क) कन्हैया नगर
(ख) शास्त्री नगर
(ग) प्रताप नगर
(घ) राम नगर।
उत्तर :
(क) कन्हैया नगर

प्रश्न 7.
पंजाब की टीम के गुरु कौन थे?
(क) सुरेंद्र सिंह
(ख) सुरेंद्रमोहन
(ग) सुरेंद्र कुमार
(घ) सुरेंद्र पाल।
उत्तर :
(ख) सुरेंद्रमोहन

प्रश्न 8.
मैट्रो – रेल की प्लेटफार्म पर प्रतीक्षा करते हुए किस रंग की पट्टी से आगे नहीं जाना चाहिए?
(क) लाल
(ख) हरी
(ग) पीली
(घ) नीली।
उत्तर :
(ग) पीली

प्रश्न 9.
मैट्रो – रेल के रुकने पर द्वार कैसे खुलता/बंद होता है?
(क) दोनों हाथों से
(ख) बायें हाथ से
(ग) दाहिने हाथ से
(घ) अपने आप।
उत्तर :
(घ) अपने आप।

मैट्रो रेल का सुहाना सफर Summary in Hindi

मैट्रो रेल का सुहाना सफर पाठ का सार

मैट्रो – रेल का सुहाना सफ़र लेखक महेश कुमार शर्मा द्वारा लिखित है। इसमें लेखक ने मैट्रो रेल की सुहानी यात्रा का वर्णन किया है। राष्ट्रीय खेलों में पंजाब की योग टीम में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आई जहाँ वह झलकरी बाई राजकीय उच्चतर विद्यालय अशोक विहार में ठहरी थी। पूरी टीम बहुत खुश थी क्योंकि उनके गुरु जी ने उनके प्रथम आने पर मैट्रो – रेल के सुहावने सफर का उपहार देने को कहा था। टीम ने पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। अगले दिन बच्चे मैट्रो – रेल से लाल किला देखने गए। वे कन्हैया नगर स्टेशन पर गए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 मैट्रो रेल का सुहाना सफर 6

एक बच्चे की बात सुनकर गुरु जी ने बताया कि दिल्ली में मैट्रो – रेल परिस्थिति और सुविधानुसार चलाई जाती है। उसकी पटरी ज़मीन या सड़क पर पुल बनाकर या सुरंग खोदकर बिछाई गई है। यह सुनकर प्रतिभा ने गुरु जी से अपनी गाड़ी का रास्ता पूछा। गुरु जी ने गाड़ी में बैठकर स्वयं रास्ता देखने को कहा। भास्कर ने गुरु जी से पूछा कि हम सीढ़ियों की अपेक्षा लिफ्ट से क्यों नहीं जा रहे। गुरु जी ने सभी को समझाते हुए बताया कि लिफ्ट का प्रबन्ध बूढ़ों, बीमारों और अपाहिजों के लिए किया जाता है। स्टेशन पहुँचकर बच्चे वहाँ पर साफ़ – सफ़ाई और सजावट देखकर चकित हो गए।

गुरु जी ने सभी बच्चों के समूह पास बनवाकर सुरक्षा जांच यन्त्र में से निकालने को कहा। ज्ञानीजन के पूछने पर गुरु जी ने बताया कि वे जालन्धर रेलवे स्टेशन पर भी ऐसे ही यन्त्र से निकलकर आए थे। यह यन्त्र सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी विस्फोटक सामग्री के पास आते ही अपने आप ही एक विशेष ध्वनि निकालने लगता है। बच्चों के पूछने पर एक रेलवे कर्मचारी ने बताया कि यात्रा के लिए एक टोकन प्रति यात्री दिया जाता है जिसे इस मशीन के निकट लाने से प्रवेश द्वार खुल जाता है और यात्री इसमें से निकल जाता है। प्रतिदिन यात्रा करने वालों के लिए स्मार्ट कार्ड की सुविधा उपलब्ध है।

गुरु जी ने बच्चों को बताया कि प्लेटफार्म पर गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय कभी भी पीली पट्टी पार नहीं करनी चाहिए। कुछ देर बाद गाड़ी आने की उद्घोषणा हुई। गुरु जी ने किरण को बताया कि वे कश्मीरी गेट पहुँचकर वहाँ से चाँदनी चौंक जाने वाली मैट्रो में बैठेंगे और वहाँ से लालकिला के लिए पैदल जा सकते हैं। थोड़ी देर बाद बच्चे गाड़ी में बैठकर खुशी से वहाँ से रवाना हुए। सभी बच्चे खुशी से झूमते हुए मैट्रो के सफर का आनंद ले रहे थे।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 3 मैट्रो रेल का सुहाना सफर 7

इसमें आगे आने वाले स्टेशन की भी स्पीकरों के द्वारा उदघोषणा हो रही थी। स्टेशन आने पर गाड़ी के रुकते ही स्वचालित द्वार अपने आप खुल जाते और यात्रियों के चढ़ने पर स्वत: बंद हो जाते। गाड़ी में स्थान – स्थान पर इलैक्ट्रानिक सूचना पट्ट लगे हुए थे। गाड़ी कन्हैया नगर स्टेशन से चलकर इन्द्रलोक स्टेशन, शास्त्री नगर, प्रताप नगर, तथा तीस हज़ारी स्टेशनों पर रुकती हुई कश्मीरी गेट पहुंची जहां सभी बच्चे उतर गए।

वहाँ से वे चाँदनी चौक मैट्रों के मिलन के स्थान पर पहुँच गए। बच्चे वहाँ से मैट्रो में सफ़र कर चांदनी चौक पहुँच गए। चाँदनी चौक से वे लाल किले की तरफ बढ़ते हुए मैट्रो रेल की ही बातें कर रहे थे।

मैट्रो रेल का सुहाना सफर शब्दार्थ –

  • हर्षित = खुश।
  • अत्याधुनिक = बहुत अधिक आधुनिक।
  • स्वचालित = अपने द्वारा चालित।
  • स्वतः = अपने आप।
  • उद्घोषणा = घोषणा।
  • एकाएक = अचानक।
  • भूमिगत = भूमि के अन्दर।
  • पर्यटक – कार्ड = घूमने – फिरने के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला कार्ड।

मैट्रो रेल का सुहाना सफर सप्रसंग व्याख्या

1. आज सभी बच्चे बहुत प्रसन्न हैं क्योंकि गुरु जी ने उन्हें वचन दिया था कि यदि उनकी टीम प्रथम आती है तो उनकी तरफ से सभी बच्चों को ‘मैट्रो – रेल’ के सुहावने सफर का उपहार दिया जाएगा। गुरु जी भी बहुत हर्षित हैं क्योंकि उनकी टीम ने पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त कर पंजाब प्रदेश के नाम को चार चाँद लगा दिए हैं। बच्चों के दिल भी बल्लियों उछलने लगे जब गुरु जी ने कहा, “बच्चो ! आज हम सभी ‘मैट्रो – रेल के द्वारा लाल किला देखने जायेंगे।”

प्रसंग – यह गद्यांश महेश कुमार शर्मा द्वारा लिखित ‘मैट्रो – रेल का सुहाना सफर’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने गई पंजाब राज्य की योग टीम के मैट्रो – रेल के सफर का वर्णन किया है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने गई पंजाब की योग टीम अपने गुरु सुरेन्द्र मोहन के साथ अशोक विहार में ठहरी हुई थी। उस दिन सभी बच्चे बहुत प्रसन्न थे क्योंकि उनके गुरु जी ने उन्हें यह वचन दिया था कि यदि उनकी टीम प्रथम आई तो उनकी तरफ से सभी बच्चों को मैट्रो रेल की सुहावनी यात्रा का उपहार दिया जाएगा। गुरु जी भी बहुत खुश हुए थे क्योंकि उनकी टीम ने पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त कर पंजाब प्रदेश का नाम बहुत चमका दिया था। जब गुरु जी ने बच्चों को कहा कि आज वे सब मैट्रो रेल के द्वारा लाल किला देखने जायेंगे तब बच्चों के दिल भी बहुत खुश हुए।

भावार्थ – राष्ट्रीय खेलों में पंजाब योग टीम के प्रथम स्थान आने को दर्शाया है।

2. जैसे ही सभी बच्चे स्टेशन पर पहुँचे वे स्टेशन की साफ़ – सफ़ाई और सजावट देखकर दंग रह गए। चमकता संगमरमर का फर्श, अत्याधुनिक बिजली उपकरणों और सामान्य सुविधाओं से सजे स्टेशन को देखकर बच्चे खुशी से झूम उठे। स्टेशन पर स्थान – स्थान पर यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए बड़ी ही सुन्दर वर्दी में सुरक्षा – कर्मी तैनात थे। गुरु जी ने सभी का समूह पास बनवाकर बच्चों को सुरक्षा – जाँच के लिए बने एक यन्त्र में से निकलने के लिए पंक्ति में आने को कहा।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हिन्दी पाठ्य – पुस्तक में संकलित मैट्रो – रेल का सुहाना सफर नामक पाठ से लिया गया है। यह महेश कुमार शर्मा द्वारा लिखित है। सभी बच्चे दिल्ली मैट्रो – स्टेशन की साफ़ – सफ़ाई को देखकर चकित रह गए। इसका वर्णन किया है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि जैसे ही सभी बच्चे स्टेशन पर पहुँचे तो वे स्टेशन की साफ़ – सफ़ाई और सजावट को देखकर हैरान हो गए। स्टेशन पर चमकते हुए संगमरमर का फर्श था आधुनिक युग के बिजली के उपकरण लगे थे। बच्चे सामान्य सुविधाओं से सजे धजे स्टेशन को देखकर खुशी से झूम उठे। स्टेशन पर जगह – जगह पर यात्रियों की सुविधा तथा सुरक्षा के लिए बहुत सुन्दर वर्दी में सुरक्षा कर्मचारी मौजूद थे। गुरु जी ने सभी बच्चों पर एक समूह पास बनाकर उन्हें सुरक्षा जांच के लिए बने हुए एक यन्त्र में से निकलने के लिए पंक्ति में आने के लिए कहा।

भावार्थ – दिल्ली मैट्रो रेलवे स्टेशन की साफ़ – सफ़ाई एवं आधुनिकता को प्रस्तुत किया गया है।

3. प्लेटफार्म पर पहुँचकर बच्चों ने महसूस किया कि वहाँ पर इतनी साफ़ सफ़ाई है जैसे, यहाँ कभी किसी ने पैर भी न रखा हो। तभी भास्कर रेलगाड़ी देखने के लिए प्लेटफार्म के किनारे पर जा पहुँचा। गुरु जी ने और उस कर्मचारी ने उसी समय भास्कर को दौड़कर पकड़ा और बाकी बच्चों के पास लाकर प्यार से समझाया कि गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय कभी प्लेटफार्म पर बनी पीली – पट्टी को पार नहीं करना चाहिए। गुरु जी ने कर्मचारी को अनुरोध किया कि जब तक गाड़ी नहीं आती तब तक बच्चों को वे मैट्रो – रेल के विषय में और जानकारी दें।

प्रसंग – यह गद्यांश महेश कुमार शर्मा द्वारा लिखित ‘मैट्रो – रेल का सुहाना – सफ़र’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। यहाँ लेखक ने प्लेटफार्म की साफ़ – सफ़ाई का वर्णन किया है।

व्याख्या – लेखक ने कहा है कि प्लेटफार्म र सभी बच्चों ने यह महसूस किया था कि वहाँ पर इतनी साफ़ – सफ़ाई है जैसे मानो यहाँ कभी किसी ने पैर ही न रखा हो अर्थात यहाँ कोई आदमी ही न आया हो। तभी भास्कर रेलगाडी देखने के लिए प्लेटफार्म के किनारे पर चला गया। गुरु जी और उस कर्मचारी ने तुरन्त भास्कर को दौड़कर पकड़ा तथा बाकि बच्चों के पास लाकर प्यार से समझाया कि गाड़ी की प्रतीक्षा करते समय कभी भी प्लेटफार्म पर बनी पीली – पट्टी को पार नहीं करना चाहिए। गुरु जी ने कर्मचारी को यह अनुरोध किया कि जब तक गाड़ी नहीं आती तब तक बच्चों को वे मैट्रो – रेल के विषय में और अधिक जानकारी दें।

भावार्थ – मैट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म के दृश्य का वर्णन किया गया है। इसके माध्यम से हमारे देश के निरंतर होने वाले विकास को दर्शाया गया है।

4. “डरने की कोई बात नहीं है, अगला स्टेशन चाँदनी चौंक ही है। इस बार बच्चे बड़े आराम से निश्चिन्त होकर मैट्रो में चढ़े और खुशी – खुशी चाँदनी चौंक स्टेशन पर उतरे। सभी यात्री अपना – अपना टोकन, स्मार्ट कार्ड या पर्यटक – कार्ड निकास द्वार की मशीन के पास लाते और स्वचालित द्वार खुलने पर बाहर निकल जाते। सभी बच्चों ने यह नज़ारा विशेष निकास द्वार से निकलते हुए देखा। चाँदनी चौंक से लाल किले की तरफ बढ़ते बच्चे बस मैट्रो – रेलगाड़ी की ही बातें कर रहे थे जैसे उन्होंने कोई अजूबा देख लिया हो।”

प्रसंग – यह गद्यांश लेखक महेश कुमार शर्मा द्वारा लिखित है। इसे मैट्रो – रेल का सुहाना सफर नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने चाँदनी चौंक से लाल किले की तरफ जाने एवं बच्चों की मनःस्थिति के बारे में बताया है।

व्याख्या – गुरु जी ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डरने की कोई बात नहीं है क्योंकि अगला स्टेशन चाँदनी चौंक है। इस बार बच्चे बड़े आराम से निश्चित होकर मैट्रो में चढ़े तथा खुशी – खुशी चाँदनी चौंक स्टेशन पर उतर गए। सभी यात्री अपना – अपना टोकन स्मार्ट कार्ड अथवा पर्यटक कार्ड निकलने वाले द्वार की मशीन के पास लाते तथा स्व:चालित दरवाजा खुलने पर बाहर निकल जाते। सभी बच्चों ने यह दृश्य विशेष निकलने वाले दरवाज़े से निकलते हुए देखा। बच्चे चांदनी चौंक से लाल किले की तरफ बढ़ रहे थे। वे केवल मैट्रो रेलगाड़ी की ही बातें कर रहे थे जैसे उन्होंने कोई अजूबा देख लिया हो।

भावार्थ – दिल्ली मेट्रो रेल के सफर के आनन्द एवं सुहावने दृश्य का वर्णन है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 8 प्रेरणा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 8 प्रेरणा (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB प्रेरणा Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

प्रेरणा अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा 2
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखने का अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा 4
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें एवं लिखने का अभ्यास करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

3. शब्दार्थ :

  • संकेत = इशारा
  • पारखी = परखने वाला, वह जिसमें परखने की शक्ति हो
  • अनसुनी = ध्यान न देना
  • चेष्टा = कोशिश
  • अंतर्गत = भीतर समाया हुआ
  • अपनापन = आत्मीय
  • दयनीय अवस्था = दीन-हीन हालत

उत्तर :
छात्र पढ़ें एवं याद करें। प्रश्न 4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) लड़के और उसकी बहन का क्या नाम था?
उत्तर :
लड़के का नाम मनीष तथा उसकी बहन का नाम सीमा था।

(ख) मनीष क्या बेचकर अपना जीवन बसर कर रहा था?
उत्तर :
मनीष गुब्बारे बेचकर अपना जीवन बसर कर रहा था।

(ग) गुब्बारे बेचने के पीछे मनीष ने अपनी क्या विवशता बतायी?
उत्तर :
मनीष ने बताया कि उसके पिता मर चुके हैं, इसलिए उनके परिवार का गुजारा गुब्बारे बेचने से होता है।

(घ) ‘पढ़ोगे’ पूछने पर उसने क्या उत्तर दिया?
उत्तर :
उसने ‘न’ में सिर हिला दिया।

(ङ) बच्चों को किस संस्था के अंतर्गत पढ़ाने के लिए ले जाया गया?
उत्तर :
बच्चों को प्रेरणा संस्था के अन्तर्गत पढ़ाने के लिए ले जाया गया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

(च) मनीष और सीमा क्या बनना चाहते थे?
उत्तर :
मनीष पुलिस इंस्पैक्टर तथा सीमा मैडम बनना चाहती थी है।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) लेखिका ने बच्चों को पढ़ाई का क्या महत्व समझाया?
उत्तर :
लेखिका ने बच्चों को समझाया कि अगर वे पढ़ेंगे नहीं तो उनका बचपन, जवानी और बुढ़ापा इसी तरह से व्यर्थ हो जाएगा। पढ़ाई से ही उन्हें नौकरी, एक घर, अच्छे कपड़े मिल सकते हैं।

(ख) मनीष का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर :
मनीष की आयु सात-आठ वर्ष की थी। वह लाल बत्ती चौक पर गुब्बारे बेचता है। वह बहुत समझदार है। वह अपनी बहन से बहुत प्यार करता है। वह पढ़-लिख कर पुलिस इंस्पैक्टर बनना चाहता है।

(ग) ‘भीख माँगना अपराध है।’

  1. ‘सपने देखो और उन्हें सच करके दिखाओ।’
  2. ‘शिक्षा ही वह सीढ़ी है जिस पर चढ़कर मंज़िल पाई जा सकती है।’
  3. इन तीनों सूत्र वाक्यों पर अपने विचार लिखें।

उत्तर :

  1. भीख माँगना एक सामाजिक अपराध है इसलिए मनुष्य को कभी भीख नहीं माँगनी चाहिए। हमें सदा अपने हाथों से मेहनत कर अपने जीवन का गुजारा करना चाहिए।
  2. सपना देखना जीवन में आगे बढ़ने तथा उन्नति प्राप्त करने का प्रतीक है। सपनों से ही आगे बढ़कर उन्हें पूरा करने का रास्ता दिखाई देता है। इसलिए हमें सदा सपने देखकर उन्हें पूरा करने का प्रयास करना चाहिए, पूरी मेहनत करनी चाहिए।
  3. शिक्षा मनुष्य जीवन की आधारशिला है। इसके आधार पर ही मनुष्य जीवन का पूर्ण निर्माण होता है। सत्य-असत्य का ज्ञान होता है। जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता मिलता है। इसी के सहारे जीवन का सपना पूरा हो सकता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

6. इन मुहावरों को वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. पारखी आँखों वाला ………………………………….
  2. जीवन-बसर करना ………………………………….
  3. सपने दिखाना ………………………………….
  4. हरी झंडी मिलना ………………………………….

उत्तर :

  1. पारखी आँखों वाला = पहचानने वाला-रोहित सब कुछ जानता है क्योंकि उसकी पारखी आँखें हैं।
  2. जीवन की पहली ज़रूरत = भोजन-मनीष को देखकर यही लगता था कि यही उसके जीवन की पहली ज़रूरत है।
  3. जीवन-बसर करना = जीवन चलाना-वह दुकान चला कर जीवन-बसर कर रहा था।
  4. सपने दिखाना = प्रेरणा देना-मैडम ने मनीष को सपने दिखाए। हरी झंडी मिलना = आज्ञा मिलना-रवि को पढ़ने की हरी झंडी मिल गई।

7. इन शब्दों के विपरीत शब्द लिखें :

  1. नाराजगी = ………………………………….
  2. अपनापन = ………………………………….
  3. विश्वास = ………………………………….
  4. इंकार = ………………………………….
  5. सम्भव = ………………………………….
  6. साकार = ………………………………….
  7. बदकिस्मत = ………………………………….
  8. सहमति = ………………………………….
  9. सफल = ………………………………….

उत्तर :

  1. नाराजगी = खुशी
  2. अपनापन = परायापन
  3. विश्वास = अविश्वास
  4. इन्कार = स्वीकार
  5. सम्भव = असम्भव
  6. साकार = निराकार
  7. बदकिस्मत = किस्मत
  8. सहमति = असहमति
  9. सफल = असफल

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8. निम्नलिखित वाक्यों में क्रिया विशेषण शब्द छाँटकर सामने लिखें :

(क) मैं जल्दी-जल्दी काम निपटा कर उसी चौराहे पर पहुँची। जल्दी-जल्दी
(ख) वह मेरी तरफ एकटक देखने लगा। = ………………………………….
(ग) वह गाड़ी के पास आकर झट से बोला। = ………………………………….
(घ) मैं कल आऊँगी। = ………………………………….
(ङ) वह उधर बैठी है। = ………………………………….
उत्तर :
(क) जल्दी-जल्दी
(ख) एकटक
(ग) झट से
(घ) कल
(ड) उधर

9. कोष्ठक में से उचित विस्मयादि बोधक शब्द लेकर रिक्त स्थान भरें :

(क) अरे ! तुम पढ़ोगे नहीं? (वाह,अरे)
(ख) …………….! तुमने ठीक पहचाना? (उफ, हाँ)
(ग) …………….! बड़े दुःख की बात है? (अहा, उफ)
(घ) …………….! हम तुम्हारा इंतज़ार करेंगे? (हाय, अच्छा)
(ङ) …………….! बहुत अच्छा किया? (वाह ! आह)
उत्तर :
(ख) हाँ ! तुमने ठीक पहचाना?
(ग) उफ ! बड़े दुःख की बात है?
(घ) अच्छा ! हम तुम्हारा इन्तज़ार करेंगे?
(ङ) वाह ! बहुत अच्छा किया?

10. नये शब्द बनायें :

  1. आत्म + विश्वास = आत्मविश्वास
  2. आत्म + रक्षा = …………….
  3. बे + चैन = …………….
  4. बे + कसूर = …………….
  5. अनु + सरण = …………….
  6. अनु + कूल = …………….
  7. अन + सुनी = …………….
  8. अन + वरत = …………….
  9. उत्सुक + ता = …………….
  10. दीन + ता = …………….

उत्तर :

  1. आत्म + विश्वास = आत्मविश्वास
  2. आत्म + रक्षा = आत्मरक्षा
  3. बे + चैन = बेचैन
  4. बे + कसूर = बेकसूर
  5. अनु + सरण = अनुसरण
  6. अनु + कूल = अनुकूल
  7. अन + सुनी = अनसुनी
  8. अन + वरत = अनवरत
  9. उत्सुक + ता = उत्सुकता
  10. दीन + ता = दीनता

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11. उपयुक्त वाच्य की पहचान कीजिए :

(क) आपने मुझे कल बिस्कुट दिए थे। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
(ख) मैंने दोपहर से कुछ नहीं खाया। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
(ग) उससे रहा नहीं गया। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
(घ) बच्चे डबल रोटी खा रहे थे। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)
(इ) लड़के के द्वारा पैसे गिने जा रहे थे। (कर्तृवाच्य या कर्मवाच्य या भाववाच्य)

12. रचनात्मक अभिव्यक्ति

(क) मौखिक अभिव्यक्ति – आप बड़े होकर क्या बनना चाहते हो और क्यों ? कक्षा में मंच पर खड़े होकर बतायें।
(ख) लिखित अभिव्यक्ति – अपने मित्र/सहेली को पत्र लिखें जिसमें पढ़ाई का महत्व बताया गया हो।
(ग) रचनात्मक कार्य – इस कहानी से संबंधित अपनी कल्पना से कोई चित्र बनायें।
उत्तर :
छात्र अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर

प्रश्न 1.
लड़का क्या बेच रहा था?
उत्तर :
लड़का गुब्बारे बेच रहा था।

प्रश्न 2.
लड़का गुब्बारे कहाँ बेच रहा था?
उत्तर :
लड़का लाल बत्ती चौक पर गुब्बारे बेच रहा था।

प्रश्न 3.
लेखिका लड़के का गिड़गिड़ाना कैसे समझ रही थी?
उत्तर :
लेखिका लड़के के हाथों के संकेतों से उसका गिड़गिड़ाना समझ रही थी।

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प्रश्न 4.
लड़का किस बात में लेखिका से भी ज्यादा ज्ञानी लग रहा था?
उत्तर :
लड़का जीवन की पहली ज़रूरत को लेखिका से ज्यादा जानता था शायद इसी से वह ज्यादा ज्ञानी लग रहा था।

प्रश्न 5.
लड़के की माँ ज़िन्दगी से जद्दोजहद कैसे कर रही थी?
उत्तर :
लड़के की माँ दयनीय अवस्था में गोद में बच्चों के लिए गुब्बारे बना रही थी। वह इसी तरह ज़िन्दगी से जद्दोजहद कर रही थी।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
लाल बत्ती चौक पर बच्चा क्या बेच रहा था?
(क) खिलौने
(ख) गुब्बारे
(ग) अखबार
(घ) नमकीन।
उत्तर :
(ख) गुब्बारे

प्रश्न 2.
गुब्बारे बेचने वाले बच्चे की आयु कितने वर्ष थी?
(क) 6 – 7
(ख) 7 – 8
(ग) 8 – 9
(घ) 5 – 6
उत्तर :
7 – 8

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प्रश्न 3.
लेखिका ने गुब्बारे बेचने वाले लड़के को खाने के लिए क्या दिया?
(क) चाकलेट
(ख) बिस्कुट
(ग) केक
(घ) ब्रैड।
उत्तर :
(ख) बिस्कुट

प्रश्न 4.
लड़के ने किसके लिए बिस्कुट माँगे?
(क) बहन
(ख) भाई
(ग) माँ
(घ) पिता।
उत्तर :
(क) बहन

प्रश्न 5.
लेखिका ने लड़के और उसकी बहन को क्या करने के लिए कहा?
(क) पढ़ने के लिए
(ख) नौकरी करने के लिए
(ग) ठेला लगाने के लिए
(घ) अपने साथ चलने के लिए।
उत्तर :
(क) पढ़ने के लिए

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प्रश्न 6.
गुब्बारे बेचने वाले लड़के का क्या नाम है?
(क) हरीश
(ख) मनीष
(ग) रवीश
(घ) सतीश।
उत्तर :
(ख) मनीष

प्रश्न 7.
गुब्बारे बेचने वाले लड़के की बहन का क्या नाम है?
(क) नीता
(ख) रीता
(ग) गीता
(घ) सीमा।
उत्तर :
(घ) सीमा।

प्रश्न 8.
मनीष क्या बनना चाहता है?
(क) पुलिस इंस्पैक्टर
(ख) पायलट
(ग) अध्यापक
(घ) नेता।
उत्तर :
(क) पुलिस इंस्पैक्टर

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प्रश्न 9.
सीमा की क्या बनने की इच्छा है?
(क) डॉक्टर
(ख) नर्स
(ग) टीचर
(घ) पुलिस अधिकारी।
उत्तर :
(ग) टीचर

प्रश्न 10.
किस सोसायटी के स्कूल में मनीष-सीमा पढ़ने गए?
(क) प्रेरणा
(ख) भारती
(ग) बचपन
(घ) घरोंदा।
उत्तर :
(क) प्रेरणा

Summary in Hindi

प्रेरणा कविता का सार

‘प्रेरणा’ नामक पाठ लेखिका मीना शर्मा द्वारा लिखित है जिसमें उन्होंने जीवन की प्रेरणा देने का प्रयास किया है। एक बार गाड़ी में जाते हुए लाल बत्ती चौक पर गाड़ी रुकी तो मेरी नज़र सामने वाली सड़क पर सात-आठ साल के गुब्बारा बेचने वाले बच्चे पर पड़ी। वह गाड़ियों के पास जा-जाकर गुब्बारे बेच रहा था। गुब्बारे बेचने के पश्चात् पैसे लेते समय जो खुशी उसके चेहरे पर थी वह उसके भावों से महसूस हो सकती थी।

हरी बत्ती पर लेखिका की गाड़ी पहुँचने पर लड़के ने फिर उनसे गुब्बारे लेने का आग्रह किया। लेखिका ने गुब्बारे लिए बिना ही उसे खाने के बिस्कुट दिए और उसे पढ़ने के लिए कहा। लड़का उनकी बात अनसुनी कर अपनी बहन के लिए भी बिस्कुट लेने को कहने लगा। लेखिका के बार-बार पढ़ने की बात कहने पर लड़का शायद अपने जीवन की पहली ज़रूरत को अच्छी तरह समझा। वह उत्सुकता से बिस्कुट खा रहा था।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा 5

पूछने पर लड़के ने बताया कि उसके पिता नहीं थे तो फिर उसे कौन पढ़ाता क्योंकि वह और उसकी बहन दोनों परिवार चलाने के लिए कमाते थे। अगले दिन रविवार को स्कूल से छुट्टी के दिन लेखिका उस लड़के को मिलने गई। लड़का उन्हें देखकर हैरान हो गया। लड़के का नाम मनीष तथा उसकी बहन का नाम सीमा था। लेखिका ने मनीष और सीमा को अपने जीवन को बदलने के लिए पढ़ने की प्रेरणा दी क्योंकि पढ़ने से ही जीवन बदल सकता है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

उन्होंने प्रेरणा नामक सोसायटी के अंतर्गत चलने वाले स्कूल में पढ़ने के लिए कहा। तीन-चार दिन के पश्चात् लेखिका उनके पास आई तो मनीष ने उनसे नाराज़ होकर न आने का कारण पूछा। सीमा ने ही मैडम को बताया कि हमने कापी भी ले ली है।

दोनों बच्चों के भावों से उनके पढ़ने की बात झलक रही थी। लेखिका को उनकी माँ की तरफ से भी आज्ञा मिल गई। लेखिका ने मनीष एवं सीमा के सपने के बारे में पूछने पर मनीष ने पुलिस इंस्पैक्टर तथा सीमा ने स्कूल मैडम बनने की इच्छा प्रकट की।

प्रेरणा शब्दार्थ :

  • नज़र = दृष्टि।
  • कोशिश = प्रयास, प्रयत्न।
  • पारखी = परखने वाला।
  • बेझिझक = बिना झिझके।
  • इशारा = संकेत।
  • अनुसरण = पीछा।
  • जद्दोजहद = संघर्ष।
  • भाँपना = पहचानना।
  • चेष्टा = प्रयत्न, कोशिश।
  • वक्त = समय।
  • बसर करना = रहना, गुजारना।

प्रेरणा सप्रसंग व्याख्या

1. चौक में लाल बत्ती के होने पर हमारी गाड़ी रुकी और मेरी नज़र सामने वाली सड़क पर एक सात-आठ साल के लड़के पर पड़ी जो हाथ में आठ-दस गुब्बारे बेचता कभी किसी गाड़ी के पास जाता तो कभी किसी के पास। गुब्बारे बेचने की कोशिश में उसका गिड़गिड़ाना, मैं उसके हाथों के संकेतों से समझ सकती थी। हरी बत्ती होने पर सामने की गाड़ियाँ चल पड़ी। मैंने देखा, वह लड़का, एक गाड़ी के पीछे भागता, दूसरी तरफ आ गया और मैं इस डर से बेचैन हो रही थी कि कहीं वह किसी गाड़ी के नीचे न आ जाए। उसने गुब्बारे दिए और पैसे ले लिए। पैसे गिनते हुए उसकी खुशी मैं उसके चेहरे के भावों से महसूस कर सकती थी।

प्रसंग-यह गद्यांश हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘प्रेरणा’ शीर्षक से लिया गया है। यह मीना शर्मा द्वारा लिखित है। इसमें लेखिका ने लाल बत्ती चौक पर गुब्बारा बेचने वाले लड़के की क्रिया का वर्णन किया है।

व्याख्या-लेखिका कहती है कि लाल बत्ती चौक पर लाल बत्ती का संकेत होने पर वहाँ हमारी गाड़ी रुकी और मेरी दृष्टि सामने वाली सड़क पर एक सात-आठ साल के लड़के की ओर गई। वह अपने हाथ में आठ-दस गुब्बारे बेच रहा था। वह गाड़ियों के पास जाकर गुब्बारे बेच रहा था। वह गुब्बारे बेचने के प्रयास में गिड़गिड़ा रहा था। उसका इस तरह गिड़गिड़ाना उसके हाथों से समझ सकती थी। जब हरी बत्ती हुई तो सामने की गाड़ियाँ चल पड़ीं। तब मैंने देखा कि वह लड़का एक गाड़ी के पीछे भागता-भागता दूसरी तरफ़ आ गया। मैं इस डर से बेचैन हो रही थी कि वहाँ वह किसी गाड़ी के नीचे न आ जाए। उसने मुझे गुब्बारे देकर पैसे ले लिए। वह पैसे गिनने लगा। पैसे गिनते समय उसकी खुशी उसके चेहरे के भावों से महसूस कर सकती थी।

भावार्थ-गुब्बारे बेचने वाले बच्चे के हाव-भावों को दर्शाया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

2. मुझे उसका जवाब सुनकर हैरानी हुई और मैंने कहा, “अरे ! तुम पढ़ोगे नहीं ? यूँ ही सारी ज़िन्दगी …… ऐसे ही …….. उसने कोई जवाब न दिया। शायद वह जीवन की पहली ज़रूरत को मुझसे ज्यादा अच्छी तरह समझता था। बिस्कुट खाने की उत्सुकता उसके हाथों से साफ झलक रही थी। जब तक उसने एक बिस्कुट खाया तब तक मुझे भी अपनी गलती का अहसास हो गया था।

प्रसंग-प्रस्तुत गद्यांश लेखिका मीना शर्मा द्वारा लिखित ‘प्रेरणा’ नामक पाठ से लिया गया है। लेखिका ने गुब्बारे बेचने वाले लड़के से पढ़ने के बारे में पूछा तो उसने अपना सिर हिला दिया जिससे लेखिका को हैरानी हुई। यहाँ इसी का वर्णन किया है।

व्याख्या-लेखिका कहती है कि मुझे उस लड़के का जवाब (उत्तर) सुनकर बहुत हैरानी हुई। उसको समझाते हुए मैंने कहा कि अरे ! क्या तुम पढ़ोगे नहीं। क्या इसी तरह पुस्तकीय भाग सारी ज़िन्दगी रहेगी ? यह सुनकर उसने कोई जवाब नहीं दिया। शायद वह जीवन की पहली ज़रूरत को मुझसे ज्यादा अच्छी तरह समझता था। बिस्कुट खाने की उत्सुकता उसके हाथों से साफ-साफ दिखाई दे रही थी। जब तक उसने एक बिस्कुट खाया तब तक मुझे भी अपनी गलती का अहसास हो गया था।

भावार्थ-जीवन की पहली ज़रूरत रोटी की ओर संकेत किया है।

3. “बच्चो ! मैं जानती हूँ कि इस वक्त आप मुश्किल से जीवन बसर कर रहे हो। इन हालातों से निकलने का केवल एक ही साधन है-विद्या ! अगर नहीं पढ़ोगे, तो बचपन, फिर जवानी, फिर बुढ़ापा इसी तरह वक्त निकल जाएगा। नौकरी, एक घर, अच्छे कपड़े, यह बस केवल पढ़-लिख कर ही सम्भव हो सकता है, “मैडम जी, क्या सपने दिखाती हो, इन बदकिस्मतों को ?” माँ ने कहा “अरे ! किस्मत बनाना तो अपने हाथ में होता है और सपने देखोगे नहीं, तो साकार कैसे होंगे ?”

प्रसंग-यह गद्यांश मीना शर्मा द्वारा रचित ‘प्रेरणा’ नामक पाठ से लिया गया है। लेखिका बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हुए कहती है।

व्याख्या-लेखिका कहती है कि हे बच्चो ! मैं जानती हूँ कि इस समय आप मुश्किल से अपना जीवन-यापन कर रहे हो। तुम्हें इस हालातों से निकलने का विद्या ही एकमात्र साधन है। तुम पढ़ाई करके ही अपना जीवन बदल सकते हो। यदि तुम नहीं पढ़ोगे तो बचपन, फिर जवानी, बुढ़ापा इसी प्रकार से समय गुजर जाएगा। नौकरी, एक अच्छा घर, अच्छे कपड़े, यह बस केवल पढ़-लिख कर ही संभव हो सकता है। लड़कों की माँ बोली कि मैडम जी, आप इन बदकिस्मतों को क्या सपना दिखा रही हो तो इसका जवाब देते हुए लेखिका उन्हें कहने लगी कि किस्मत बनाना मनुष्य के अपने हाथों में होता है। यदि तुम सपने नहीं देखोगे तो वे पूरे कैसे होंगे।

भावार्थ-जीवन में विद्या का महत्त्व बताया है और आगे पढ़ने की प्रेरणा दी है।

4. “श्रम की बस्ती से उठकर, पाठशाला में जाना है।
अपने हालातों से लड़कर जीवन सफल बनाना है।”

प्रसंग-ये पंक्तियाँ मीना शर्मा लेखिका द्वारा लिखित ‘प्रेरणा’ में से ली गयी हैं। इसमें लेखिका ने जीवन में संघर्ष करने की प्रेरणा दी है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 8 प्रेरणा

व्याख्या-लेखिका कहती है कि परिश्रम की बस्ती से ऊपर उठकर पाठशाला जाना है। हमें आगे हालातों, परिस्थितियों से संघर्ष करके अपने जीवन को सफल बनाना है अर्थात् परिस्थितियों से लड़कर ही जीवन को सफल बनाया जा सकता है।

भावार्थ-विद्या ग्रहण करने एवं जीवन से संघर्ष करने की प्रेरणा दी है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 7 नवयुवकों के प्रति (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB नवयुवकों के प्रति Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

नवयुवकों के प्रति अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति 2
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति 4
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

3. शब्दार्थ :

  • भक्तवर = भक्तों में श्रेष्ठ
  • देशोद्धार = देश का उद्धार करना
  • योग = सहयोग
  • कौमार = कुमार/यौवन की अवस्था
  • निम्नोक्ति = नीचे लिखी उक्ति या कथन
  • धर्माचरण = धर्म के अनुसार आचरण/व्यवहार करना
  • धरो = धारण करना

उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या के साथ दे दिए गए हैं।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) इस कविता के कवि का नाम लिखें।
उत्तर :
इस कविता के कवि का नाम मैथिलीशरण गुप्त है।

(ख) यह कविता किन्हें संबोधित की गई है?
उत्तर :
यह कविता नवयुवकों को सम्बोधित की गई है।

(ग) ‘जो कुछ पढ़ो तुम कार्य में भी साथ ही परिणत करो।’ इस काव्य-पंक्ति का अर्थ लिखें।
उत्तर :
इस काव्य पंक्ति का अर्थ है कि हे नवयुवको ! तुम अपने जीवन में जो कुछ भी शिक्षा एवं ज्ञान ग्रहण करो, उसे अपने कार्य में तथा जीवन में भी अपनाओ।।

(घ) नवयुवकों के सम्मुख कौन-से दो पथ हैं ? उन्हें किस पथ का चुनाव करना चाहिए?
उत्तर :
नवयुवकों के सम्मुख असंयम और संयम दो पथ हैं। उन्हें संयम पथ का चुनाव करना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

(ङ) इन काव्य-पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें : दो पथ असंयम ……………………. संभलोगे कभी।
उत्तर :
उत्तर के लिए सप्रसंग व्याख्या देखिए।

5. इन शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. मनुज = ______________, ______________
  2. ज्योति = ______________, ______________
  3. संसार = ______________, ______________
  4. पथ = ______________, ______________

उत्तर :

  1. मनुज = मनुष्य, मानव
  2. ज्योति = प्रकाश, उजाला
  3. संसार = जग, दुनिया
  4. पथ = रास्ता, मार्ग

6. विपरीत शब्द बनायें :

  1. अ + संयम = असंयम
  2. अ + शुभ =
  3. अ + धर्म =
  4. अ + विश्वास =

उत्तर :

  1. अ + संयम = असंयम
  2. अ + शुभ = अशुभ
  3. अ + धर्म = अधर्म
  4. अ + विश्वास = अविश्वास

7. रचनात्मक अभिव्यक्ति :

(क) मौखिक अभिव्यक्ति – भक्त प्रहलाद की जीवन गाथा अपने दादा/दादी से सुनें व कक्षा में भक्त प्रहलाद के गुणों को सुनायें।

(क) लिखित अभिव्यक्ति
(i) असंयम और संयम किसे कहते हैं ? एक दो उदाहरण देकर समझायें।
(ii) देश के विकास में आप क्या-क्या योगदान दे सकते हो?
उत्तर :
छात्र अध्यापक की सहायता से करें।

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परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोतर

प्रश्न 1.
कवि ने नवयुवकों को क्या प्रेरणा दी है?
उत्तर :
कवि ने नवयुवकों को देश के उद्धार एवं विकास में योगदान देने तथा उन्हें शुभ कर्म करने की प्रेरणा दी है। उन्हें भागवत धर्म का आचरण करने को कहा है।

प्रश्न 2.
कवि ने नवयुवकों को क्या शिक्षा दी है?
उत्तर :
कवि का विचार है कि नवयुवकों को देश के उद्धार में योगदान देना चाहिए। ज्ञान और शिक्षा को कार्य में अपनाना चाहिए। भागवत धर्म का आचरण करना चाहिए। मनुष्य जन्म कठिनाई से मिलता है अत: इस जीवन में संयम पथ को अपनाना चाहिए।

प्रश्न 3.
कवि किन्हें सम्भलने को कह रहा है?
उत्तर :
कवि नवयुवकों को सम्भलने को कह रहा है।

प्रश्न 4.
नवयुवकों को किसका आचरण करना चाहिए?
उत्तर :
नवयुवकों को भागवत धर्म का आचरण करना चाहिए।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
कवि ने किसे संबोधित किया है?
(क) युवाओं को
(ख) नेताओं को
(ग) बालकों को
(घ) अधिकारियों को।
उत्तर :
(क) युवाओं को

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

प्रश्न 2.
किनसे मानव जीवन की ज्योति जगमगाती है?
(क) युवाओं से
(ख) बालकों से
(ग) प्रौढ़ों से
(घ) वृद्धों से।
उत्तर :
(क) युवाओं से

प्रश्न 3.
कवि ने किस भक्तवर का कथन प्रस्तुत किया है?
(क) ध्रुव
(ख) प्रहलाद
(ग) नारद
(घ) नरसी।
उत्तर :
(ख) प्रहलाद

प्रश्न 4.
भागवत धर्माचरण किस अवस्था में करना चाहिए?
(क) बाल
(ख) किशोर
(ग) कौमार्य
(घ) वृद्धा।
उत्तर :
(ग) कौमार्य

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

प्रश्न 5.
कौन – सा पथ अशुभ होता है?
(क) संयम का
(ख) धर्म का
(ग) असंयम का
(घ) सत्य का।
उत्तर :
(ग) असंयम का

प्रश्न 6.
मानव मन किस पथ की ओर आकर्षित होता है?
(क) धर्म के
(ख) सत्य के
(ग) संयम के
(घ) असंयम के।
उत्तर :
(घ) असंयम के।

नवयुवकों के प्रति Summary in Hindi

नवयुवकों के प्रति कविता का सार

प्रस्तुत कविता ‘मैथिलीशरण गुप्त’ द्वारा रचित है। इसमें कवि ने नवयुवकों को देश के उद्धार में योगदान देने की प्रेरणा दी है। कवि ने नवयुवकों का आह्वान करते हुए कहा है कि हे नवयुवको ! सारे देश की दृष्टि तुम्हारी तरफ लगी हुई है। तुम से ही मानव – जीवन की ज्योति प्रकाशित है। तुम्हारे अतिरिक्त कौन इस देश के उद्धार में योगदान देगा? तुम्ही देश के विकास में अपना योगदान दो।

संसार में जो हो रहा है उसे ध्यानपूर्वक देखो। अपनी पढ़ाई एवं ज्ञान को कार्य में बदलो। तुम भक्त प्रहलाद की इस उक्ति को मन में धारण करो कि संसार में युवावस्था में ही भागवत धर्म का आचरण करना चाहिए। मनुष्य – जीवन बहुत कठिन है। संयम और असंयम दो पथ हैं एक शुभ और दूसरा अशुभ है। किन्तु इस अवस्था में मन सदा अशुभ कर्म की ओर ही झुकता है। इसलिए तुम्हें अभी संभल जाना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

नवयुवकों के प्रति सप्रसंग व्याख्या

1. हे नवयुवाओ ! देश भर की दृष्टि तुम पर ही लगी,
है मनुज जीवन की तुम्हीं में ज्योति सब से जगमगी।
दोगे न तुम तो कौन देगा योग देशोद्धार में?
देखो, कहाँ क्या हो रहा है आजकल संसार में॥

शब्दार्थ –

  • मनुज = मनुष्य।
  • ज्योति = प्रकाश, उजाला।
  • जगमगी = जगी है।

प्रसंग – यह पद्यांश कवि मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित ‘नवयुवकों के प्रति’ शीर्षक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने नवयुवकों को देश के विकास में योगदान देने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि कहता है कि हे नवयुवको ! आज सारे देश की नज़रें केवल तुम्हारी ओर लगी है। सबका ध्यान तुम्हारी ओर है। तुम से ही मानव जीवन की ज्योति प्रकाशित है। यदि आज तुम भी देश के उद्धार एवं विकास में अपना योगदान नहीं दोगे तो फिर इसमें कौन योगदान देगा अर्थात् हे नवयुवको! तुम इस देश के विकास एवं उद्धार में अपना योगदान दो। तुम यह ध्यानपूर्वक देखो कि आज संसार में क्या हो रहा है।

भावार्थ – नवयुवकों का देश के विकास के लिए प्रेरित किया गया है।

2. जो कुछ पढ़ो तुम कार्य में भी साथ ही परिणत करो,
सब भक्तवर प्रह्लाद की निम्नोक्ति को मन में धरो
“कौमार में ही भागवत धर्माचरण कर लो यहाँ
नर – जन्म दुर्लभ और वह भी अधिक रहता है कहाँ।”

शब्दार्थ

  • परिणत = बदल दो।
  • भक्तवर = श्रेष्ठ भक्त।
  • निम्नोक्ति = नीचे कही गई।
  • धरो = धारण करो।
  • कौमार = कौमार्य, युवावस्था।
  • धर्माचरण = धर्म का आचरण।
  • नर जन्म = मनुष्य जीवन।
  • दुर्लभ = कठिन।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘नवयुवकों के प्रति’ शीर्षक कविता से लिया गया है। इसमें मैथिलीशरण गुप्त ने भक्त श्रेष्ठ प्रह्लाद के सन्देश के द्वारा नवयुवकों को जगाने का प्रयास किया है।

व्याख्या – कवि कहता है कि हे नवयुवको ! तुम अपने जीवन में जो भी पढ़ो, ज्ञान प्राप्त करो उसे कार्य में भी साथ – साथ बदलो। तुम सब अपने मन में श्रेष्ठ भक्त प्रहलाद की उक्ति को धारण करो और अपनी युवावस्था में ही भागवत धर्म का पालन कर लो। मनुष्य जन्म बहुत कठिन है और वह भी बहुत छोटा है।

भावार्थ – मनुष्य जन्म बहुत कठिन है। आप सभी भागवत धर्म का आचरण करो।

3. दो पथ, असंयम और संयम हैं तुम्हें अब सब कहीं।।
पहला अशुभ है, दूसरा शुभ है इसे भूलो नहीं।”
पर मन प्रथम की ओर ही तुम को झुकावेगा अभी,
यदि तुम न सम्भलोगे अभी तो फिर न संभलोगे कभी।

प्रसंग – यह पद्यांश श्री मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित ‘नवयुवकों के प्रति’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने नवयुवकों को साहसपूर्वक शुभ कर्म करने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि कहता है कि हे नवयुवको ! जीवन में असंयम और संयम दो रास्ते हैं। यह सच है कि इसमें पहला अशुभ है और दूसरा शुभ है। परन्तु मन तुम्हें अशुभ की ओर ही झुकाएगा अर्थात् तुम्हारा मन अशुभ पथ पर चलकर अशुभ कर्म करने की ओर वहीं दौड़ेगा। यदि अभी तुम नहीं संभलोगे तो जीवन में फिर कभी भी सम्भल नहीं पाओगे। अतः तुम्हें जाग जाना चाहिए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 7 नवयुवकों के प्रति

भावार्थ – नवयुवकों को शुभ कर्म करने की प्रेरणा दी है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 6 नील गगन का नीलू (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB नील गगन का नीलू Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू

नील गगन का नीलू अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू 2
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू 3
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं लिखें एवं पढ़ें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू 4
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू 5
उत्तर :
छात्र स्वयं लिखें एवं पढ़ें।।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू

3. शब्दार्थ

  • लालायित = इच्छुक
  • दखल-अंदाजी = रोड़ा अटकाना, हस्तक्षेप करना
  • मूल्यवान – कीमती
  • मेधावी – तीव्र बुद्धि वाला, ज्ञानी
  • मूल्याँकन – मूल्य आँकना अल्प थोड़ा
  • सीमा-भेदन – सीमा तोड़ना
  • ध्येय = लक्ष्य
  • दुर्भाग्यवश = बदकिस्मती से
  • बाल हठ = बच्चे की जिद्द
  • परामर्श = सलाह
  • अनुमानित = अनुमान लगाया हुआ
  • एकमात्र – अकेला
  • सक्षम – समर्थ

उत्तर :
छात्र स्वयं लिखें – पढ़ें एवं याद करें।

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) नीलू का पूरा नाम क्या था?
उत्तर :
नीलू का पूरा नाम अनिल शर्मा था।

(ख) बचपन से ही उसकी रुचि फ्लाईंग में क्यों हो गई ?
उत्तर :
उसके पिता वायुसेना में सार्जेण्ट थे। वह घण्टों आकाश में उड़ते जहाज़ों को देखता रहता था इसलिए बचपन से ही उसकी रुचि फ्लाईंग में हो गई।

(ग) उड़ते हुए वायुयान को देखकर वह मन ही मन क्या सोचता?
उत्तर :
वह मन ही मन सोचता है कि मैं भी बड़ा होकर विमान उड़ाऊँगा और देश का नाम ऊँचा करुंगा।

(घ) उसने पायलट का प्रशिक्षण कहाँ से लिया?
उत्तर :
उसने पायलट का प्रशिक्षण बिदर से लिया।

(ङ) उसने किन-किन क्षेत्रों में देश की सेवा की?
उत्तर :
बाढ़, सीमा सुरक्षा, वायुयान प्रशिक्षण एवं पायलट के क्षेत्रों में देश की सेवा की।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू

(च) उसे किस प्रकार के कार्यों में रुचि थी?
उत्तर :
उसे चनौतीपर्ण कार्यों को करने में रुचि थी।

(छ) 12 नवम्बर, 2000 को भारतीय तट रक्षा बल ने पश्चिमी सीमा पर क्या देखा?
उत्तर :
12 नवम्बर, सन् 2000 को भारतीय तट रक्षा बल ने पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तानी मछुआरों की किश्तियां देखीं।

(ज) पाकिस्तानी मछुआरों ने किसे अपना निशाना बनाया?
उत्तर :
पाकिस्तानी मछुआरों ने दखलअंदाजी को जांचने आए हैलीकाप्टर को अपना निशाना बनाया।

(झ) 26 नवम्बर, 2009 को ऐसी ही घुसपैठ किस स्थान पर हुई?
उत्तर :
26 नवम्बर, सन् 2009 को ऐसी ही घुसपैठ मुम्बई में हुई।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) किन-किन घटनाओं से पता चलता है कि अनिल शर्मा असाधारण प्रतिभा के स्वामी थे?
उत्तर :

  • बाल हठ से चार वर्ष की आयु में ही पहली कक्षा में दाखिला करवा लिया।
  • केवल चौदह वर्ष की आयु में ही विशेष अनुमति द्वारा मैट्रिक की परीक्षा पास की।
  • जहाजों को उड़ते देख बचपन में ही जहाज़ उड़ाने का संकल्प कर लिया।
  • बी० एससी० नॉन मैडिकल की परीक्षा में गणित में 100 में से 91 अंक प्राप्त किए।
  • सन् 1987 में सी० डी० एस० की परीक्षा में चंडीगढ़ से अकेले सफल हुए।

(ख) किस घटना से पता चलता है कि उनमें पूरा आत्मविश्वास था?
उत्तर :
बी० एससी० की परीक्षा में उनके गणित में 100 में से 71 अंक आए किन्तु उन्होंने मां को बताया कि उसके अनुमान से तो 100 में से 91 अंक आने चाहिए थे। इससे मां ने उसका दोबारा मूल्यांकन करवाया जिससे उसके 91 अंक ही आए। इस कथन से पता चलता है कि उनका पूरा आत्मविश्वास था।

6. इन मुहावरों/लोकोक्तियों के अर्थ समझते हुए वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. मौत की नींद सुलाना ____________________
  2. सीना छलनी करना ____________________
  3. होनहार बिरवान के ____________________
  4. होत चीकने पात ____________________
  5. सुध लेना ____________________
  6. ताकते रह जाना ____________________
  7. मंत्र-मुग्ध होना ____________________

उत्तर :

  1. मौत की नींद सुलाना – मार देना – नीलू ने शत्रुओं को मौत की नींद सुला दिया था।
  2. सीना छलनी करना – मार देना – वीर सैनिक ने शत्रुओं का अपनी गोलियों से सीना छलनी कर दिया था।
  3. गौरवान्वित करना – गौरव महसूस करना – देशभर में प्रथम आकर प्रज्ञा ने राज्य को गौरवान्वित किया।
  4. होनहार बिरवान के होत चीकने पात – मेधावी तो बचपन से ही दिख जाता है नीलू स्वभाव से ही साहसी, दृढ़ निश्चयी एवं मेधावी था उसे देखकर लगता है कि होनहार बिरवान के होत चीकने पात।
  5. सुध लेना – ध्यान देना – अतिव्यस्त होने पर भी माँ ने बच्चे की सुध ली।
  6. ताकते रह जाना – देखते ही/हैरान रह जाना – चिडियाघर में रवि शेर को ताकता ही रहा।
  7. मंत्र – मुग्ध होना – लीन होना – प्रताप वायुयान को देखकर मंत्र मुग्ध हो गया था।

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7. अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द लिखें :

  1. देश की रक्षा के लिए कुर्बान होना ____________________
  2. कभी न थकने वाला ____________________
  3. जिसे किसी का भी डर न हो ____________________
  4. अपने आप पर भरोसा होना ____________________
  5. वायुयान चलाने वाला ____________________
  6. समय से पूर्व ____________________
  7. बचपन की जिद ____________________
  8. घुसपैठ करने वाला ____________________

उत्तर :

  1. देश की रक्षा के लिए कुर्बान होना = शहादत
  2. कभी न थकने वाला = अथक
  3. जिसे किसी का भी डर न हो = निडर
  4. अपने आप पर भरोसा होना = आत्मविश्वास
  5. वायुयान चलाने वाला = पायलट/वायुयान चालक
  6. समय से पूर्व = असमय
  7. बचपन की जिद्द = बालहठ
  8. घुसपैठ करने वाला = घुसपैठिया

8. विपरीत शब्द बनायें :

  1. अ + साधारण = असाधारण
  2. अ + टूट =
  3. अ + समय =
  4. अ + थक =
  5. अ + सफल =
  6. अ + न्याय =

उत्तर :

  1. अ + साधारण = असाधारण
  2. अ + टूट = अटूट
  3. अ + समय = असमय
  4. अ + थक = अथक
  5. अ + सफल = असफल
  6. अ + न्याय = अन्याय

9. इन वाक्यों में सर्वनाम शब्दों को रेखांकित करें एवं विशेषण शब्दों पर गोला लगायें।

(क) वे(निपुण) परीक्षक के रूप में (प्रसिद्ध) हो गये।
(ख) वे अटूट साहस वाले व्यक्ति थे।
(ग) उनका ध्येय राष्ट्रीय पुरस्कार या सम्मान पाना ही नहीं था।
(घ) पिता को उनका दाखिला चार वर्ष की आयु में ही प्रथम कक्षा में करवाना पड़ा।
(ङ) उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने का कार्य स्काड्रन लीडर अनिल शर्मा ने कर दिखाया।
उत्तर :
(क) वे (निपुण) परीक्षक के रूप में (प्रसिद्ध) हो गये।
(ख) वे (अटूट) साहस वाले व्यक्ति थे।
(ग) उनका ध्येय (राष्ट्रीय) पुरस्कार या सम्मान पाना ही नहीं था।
(घ) पिता को उनका दाखिला (चार) वर्ष की आयु में ही प्रथम)कक्षा में करवाना पड़ा।
(ङ) उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने का कार्य (स्काड्रन लीडर) अनिल शर्मा ने कर दिखाया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू

रचनात्मक अभिव्यक्ति
(क) मौखिक अभिव्यक्ति :
युद्ध एवं इसके अलावा देश पर कुर्बान होने वाले भारत माता के वीर सपूतों की जीवनियाँ पढ़ें एवं कक्षा में सुनायें।
उत्तर :
अध्यापकों की सहायता से पढ़ें एवं सुनें।

(ख) लिखित अभिव्यक्ति :
(i) 26 नवम्बर, 2009 को मुंबई स्थित ताज होटल में हुई हृदयविदारक दुर्घटना के बारे जानकारी प्राप्त करें और अपने सुझाव दें कि ऐसी विकट परिस्थिति में हमें क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर :
ऐसी विकट परिस्थिति में हमें निम्नलिखित सावधानी बरतनी चाहिए –

  • दुश्मनों का साहस से डटकर मुकाबला करना चाहिए।
  • शत्रुओं की शक्ति को पहचान लेना चाहिए।
  • धैर्य एवं विश्वास रखना चाहिए।

(ii) हमारे देश में कितनी प्रकार की सेनाएँ हैं ? तीन पंक्तियों में लिखें।
उत्तर :
हमारे देश में तीन प्रकार की सेनाएं हैं –

  • थल सेना
  • जल सेना
  • वायुसेना।

परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
भारत के वीर देश की आजादी के लिए क्या देने को तत्पर रहते हैं?
उत्तर :
भारत के वीर देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने को तत्पर रहते हैं।

प्रश्न 2.
भारत के वीर किसमें गौरव महसूस करते हैं?
उत्तर :
भारत के वीर अपने देश तथा देशवासियों की सुरक्षा के लिए शहीद होने में गौरव महसूस करते हैं।

प्रश्न 3.
नीलू के स्वभाव की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
नीलू के स्वभाव की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं

  • वह बचपन से ही दृढ़ निश्चयी था।
  • वह बहुत ज़िद्दी था।
  • वह मेधावी था।
  • वह साहसी एवं निडर था।

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प्रश्न 4.
नीलू की बहन का क्या नाम था?
उत्तर :
नीलू की बड़ी बहन का नाम शुभला था।

प्रश्न 5.
सन् 2000 में हिमाचल में बादल फटने से आई बाढ़ में नीलू द्वारा किए गए बचाव कार्य से खुश होकर वहाँ के लोगों ने क्या किया?
उत्तर :
वहाँ के लोग अपने आप को नीलू का ऋणी मानते हैं। वहाँ की लड़कियों एवं महिलाओं ने नीलू को राखियाँ बांधकर नम आँखों से विदा किया था।

प्रश्न 6.
नीलू ने दसवीं की परीक्षा किस आयु में उत्तीर्ण की?
उत्तर :
नीलू ने केवल चौदह वर्ष की आयु में विशेष अनुमति से दसवीं की परीक्षा पास की।

प्रश्न 7.
नीलू ने कौतुक का प्रथम परिचय कब और कहां दिया?
उत्तर :
नील ने अपने कौतक का परिचय 26 जनवरी, सन 2000 को राजधानी दिल्ली में गणतन्त्र दिवस की परेड में हैलीकॉप्टर द्वारा दिया था। उन्होंने बताया था कि किस प्रकार एक पायलट लोगों की जान बचाने में सक्षम होता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
नीलू का पूरा नाम क्या था?
(क) सुनील शर्मा
(ख) अनिल शर्मा
(ग) नील शर्मा
(घ) नीलम शर्मा।
उत्तर :
(ख) अनिल शर्मा

प्रश्न 2.
नीलू सेना में किस पद पर थे?
(क) कैप्टन
(ख) ग्रुपलीडर
(ग) स्काड्रन लीडर
(घ) कमांडर।
उत्तर :
(ग) स्काड्रन लीडर

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प्रश्न 3.
नीलू ने किस आयु में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी?
(क) 13 वर्ष
(ख) 14 वर्ष
(ग) 15 वर्ष
(घ) 16 वर्ष।
उत्तर :
(ख) 14 वर्ष

प्रश्न 4.
नीलू ने सी० डी० एस० की परीक्षा कब उत्तीर्ण की थी?
(क) 1986
(ख) 1987
(ग) 1988
(घ) 1989
उत्तर :
(ख) 1987

प्रश्न 5.
नीलू ने पायलट का प्रशिक्षण कहाँ से लिया था?
(क) बिठूर
(ख) बिदर
(ग) बैंगलुरु
(घ) बैरकपुर।
उत्तर :
(ख) बिदर

प्रश्न 6.
नीलू का जन्म कब हुआ था?
(क) 7 – 6 – 1966
(ख) 7 – 10 – 1966
(ग) 7 – 11 – 1966
(घ) 7 – 12 – 1966
उत्तर :
(क) 7 – 6 – 1966

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू

प्रश्न 7.
नीलू का जन्म कहाँ हुआ था?
(क) चंडीगढ़
(ख) होशियारपुर
(ग) करतारपुर
(घ) फिरोजपुर।
उत्तर :
(ग) करतारपुर

प्रश्न 8.
नीलू के पिता किस सेना में थे?
(क) थल सेना
(ख) वायु सेना
(ग) जल सेना
(घ) बी० एस० एफ०।
उत्तर :
(ख) वायु सेना

प्रश्न 9.
नीलू देश पर कब कुर्बान हो गए?
(क) 12 – 11 – 2000
(ख) 12 – 9 – 2000
(ग) 12 – 10 – 2000
(घ) 12 – 12 – 2000
उत्तर :
(क) 12 – 11 – 2000

प्रश्न 10.
पाकिस्तान ने भारत की ओर बिना चालक का कौन – सा विमान छोड़ा था?
(क) एलफैंटा
(ख) एटलान्टिक
(ग) पैरामाउंट
(घ) पैरागन।
उत्तर :
(ख) एटलान्टिक

नील गगन का नीलू Summary in Hindi

नील गगन का नीलू पाठ का सार

‘नील गगन का नीलू’ नामक पाठ सुधा जैन ‘सुदीप’ द्वारा रचित है। इसमें लेखिका ने शहीद नीलू के साहस, समर्पण एवं त्याग भावना का वर्णन किया है। नीलू अटूट साहसी, निडर, स्वाभिमानी, सच्चे देशभक्त स्काड्रन लीडर थे। वे बचपन से ही दृढ़ निश्चयी थे। उनकी बाल – हठ के कारण उनके पिता को चार वर्ष की आयु में ही उनका प्रथम कक्षा में दाखिला करवाना पड़ा। उसके खिलौने में केवल वायुयान ही होते थे।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू

उसके पिता हरी प्रकाश शर्मा वायसेना में सार्जेण्ट थे। इसी से नील की रुचि फ्लाइंग में होना स्वाभाविक था। वह घण्टों तक उड़ते जहाजों को देखता और मन ही मन सोचता रहता था। उसने विशेष अनुमति द्वारा केवल चौदह वर्ष की आयु में ही मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी। बी०एस सी० (नॉन मैडीकल) की परीक्षा में उनके 100 में से 91 अंक आए थे। सन् 1987 ई० में सी०डी०एस० की परीक्षा में चण्डीगढ़ से सफल होने वाले वे अकेले युवक थे।

उनकी रेकिंग के हिसाब से उनके सामने जल, थल और वायु सेना में से किसी को भी चुनने का विकल्प था किन्तु इन्होंने अपनी रुचि के अनुसार वायु सेना को ही चुना और बिदर में पायलट प्रशिक्षण लिया। सन् 1993 में दीपिका शर्मा से इनका विवाह हुआ जिनसे रुशिल और वैभव पुत्री – पुत्र प्राप्त हुए। उनकी असाधारण प्रतिभा एवं समर्पण के कारण उन्हें जल्दी ही वायुयान – चालक परीक्षक नियुक्त कर दिया गया।

वे स्वभाव से ही अपना काम जल्दी निपटा लिया करते थे। वे 7 नवम्बर, सन् 1966 ई० को करतारपुर में समय से पूर्व अर्थात् असमय पैदा हुए, असमय बोलने लगे, असमय पढ़ने लगे, असमय नौकरी करने लगे तथा असमय ही मातृ भूमि के लिए न्योछावर हो गए। उन्होंने अल्पकाल में अनेक क्षेत्रों में अपने देश की सेवा की। सन् 1999 में पाकिस्तान ने यू०एम०बी०, बिना चालक चलने वाला विमान एटलान्टिक भारत की तरफ छोड़ा जिसे अनिल ने अपनी टीम के साथ मिलकर शत्रु के नापाक इरादों को असफल कर दिया।

26 जनवरी, सन् 2000 को उन्होंने राजधानी में गणतन्त्र दिवस की परेड में हैलीकाप्टर द्वारा अपने कौतुक का परिचय दिया। उन्होंने सैनिकों से भरी जीप को हैलीकाप्टर द्वारा ऊपर उठाकर सबको चकित कर दिया था। जुलाई 2000 में रामपुर बुशैर (हिमाचल) में बादल फटने से आई भीषण बाढ़ में फंसे लोगों की जान बचाई तथा उनकी सहायता की। नीलू सदा चुनौतीपूर्ण कार्य करने को तैयार रहते थे। वे कभी भी अपने कर्त्तव्य से विमुख नहीं होते थे।

12 नवम्बर, सन् 2000 को भारतीय तट रक्षा हेतु नीलू अपनी टीम के साथ भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तानी सैनिकों को जांचने गए। पाकिस्तानी सैनिकों ने मछुआरों के भेष में हैलीकाप्टर पर मिसाइल फैंकी। नीलू का हैलीकाप्टर कच्छ की दलदल में जा गिरा जिस कारण सात अधिकारी शहीद हो गए थे। नीलू भी इसमें शहीद हो गए थे। उन्होंने भारत की सुरक्षा के लिए स्वयं को कुर्बान कर दिया।

नील गगन का नीलू सप्रसंग व्याख्या

1. भारत के वीर देश की आजादी की रक्षा की खातिर सदैव कुर्बान होने को लालायित रहते हैं। उनका ध्येय मात्र राष्ट्रीय पुरस्कार या सम्मान पाना ही नहीं होता बल्कि वे देश व देशवासियों की सुरक्षा के लिए शहीद होने में गौरवान्वित महसूस करते हैं। ऐसे ही बुलन्द हौसले वाले, अटूट साहसी, जिन्हें मौत का डर न था। वे थे स्काड्रन लीडर अनिल शर्मा उर्फ ‘नीलू’।

बाल्यकाल से ही दृढ़ निश्चयी नीलू अपनी बड़ी बहन ‘शुभला’ का दाखिला करवाने गए पिता से जिद्द पर उतर आए कि उन्हें भी स्कूल में भर्ती करवाया जाये। भला बाल – हठ व दृढ़ निश्चय के सामने कौन नहीं झुकता? पिता को उनका दाखिला चार वर्ष की आयु में ही प्रथम कक्षा में करवाना पड़ा।

प्रसंग – यह गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘नील गगन का नीलू’ शीर्षक से लिया गया है। यह लेखिका सुधा जैन ‘सुदीप’ द्वारा लिखित है। इसमें लेखिका ने भारतीय वीर नीलू की देश भक्ति के बारे में बताया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू

व्याख्या – लेखिका कहती है कि भारत के वीर जवान अपने देश की आजादी की रक्षा के लिए सदा कुर्बान होने को इच्छुक रहते हैं। उनका लक्ष्य केवल राष्ट्रीय पुरस्कार अथवा सम्मान को प्राप्त करना नहीं होता बल्कि वे तो अपने और देशवासियों की सुरक्षा के लिए शहीद होने में गौरव का अनुभव महसूस करते हैं। ऐसे ही बुलंद हौंसले वाले अटूट साहसी जिन्हें अपनी मृत्यु का भी डर नहीं था स्काड्रन लीडर अनिल शर्मा उर्फ ‘नीलू’ थे। वे बचपन से ही दृढ निश्चयी थे। जब उसके पिता बड़ी बहन शुभला का स्कूल में दाखिला करवाने गए तो वह अपने पिता से अपना भी दाखिला करवाने के लिए जिद्द करने लगे । उनके पिता को उसकी बाल – हठ तथा दृढ़ निश्चय के सामने झुकना पड़ा और उनका दाखिला चार वर्ष की आयु में ही पहली कक्षा में करवाना पड़ा।

भावार्थ – देशभक्त नीलू के साहस, दृढ़ निश्चय, जिद्द एवं पढ़ाई के प्रति इच्छा को दर्शाया गया है।

2. नीलू के खिलौनों में केवल वायुयान ही होते थे। पिता हरी प्रकाश शर्मा वायुसेना में सार्जेण्ट थे। इसलिए नीलू की रुचि फ्लाईंग में होना स्वाभाविक ही था। वे घण्टों आकाश में उड़ते जहाजों को देखते और मन ही मन बुदबुदाते :

“दिख विमानों को उड़ते, मन ही मन हर्षाऊँ,
बड़ा होकर देश का, मैं परचम फहराऊँ।”
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू 1

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश सुधा जैन ‘सुदीप’ द्वारा लिखित ‘नील गगन का नीलू’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखिका ने देशभक्त नीलू के बचपन तथा उसकी रुचि का वर्णन किया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि बचपन में नीलू के खिलौनों में केवल वायुयान ही होते थे। वे बचपन से ही वायु सेना में वायुयान उड़ान का सपना देखते थे। उनके पिता हरी प्रकाश शर्मा वायुसेना में सार्जेण्ट के पद पर थे। इसलिए नीलू की रुचि वायुयान उड़ाने में होना स्वाभाविक ही था। वे कई – कई घंटे तक आकाश में उड़ते हुए जहाजों को देखते रहते थे और अपने मन ही मन में यह बात दोहराते रहते थे कि आकाश में उड़ते इन विमानों को देखकर मैं मन ही मन खुश होता हूँ। मैं भी इनकी तरह बड़ा होकर अपने देश का नाम ऊँचा करूँगा। मैं भी एक दिन अवश्य ही वायुयान उड़ाऊँगा।।

भावार्थ – देशभक्त नीलू के दृढ़ निश्चय एवं इच्छा के बारे में बताया गया है।

3. जुलाई 2000 में राम पुर बुशैर (हिमाचल) में बादल फटने से आई बाढ़ जैसी भीषण परिस्थितियों में बचाव कार्य द्वारा अनेक लोगों की जानें बचाने का जोखिम भरा कार्य किया जिसके लिए आज भी वहाँ के लोग अपने – आप को ऋणी मानते हैं। जहाँ तक कि वहाँ की लड़कियाँ और महिलाओं ने तो अनिल को राखियाँ बाँधकर अश्रुओं से भरी आँखों से वहाँ से विदा किया था।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू

प्रसंग – यह गद्यांश लेखिका सुधा जैन ‘सुदीप’ द्वारा रचित ‘नील गगन का नीलू’ शीर्षक से लिया गया है। इसमें लेखिका ने जुलाई 2000 में हिमाचल में बादल फटने से आई भीषण बाढ़ में नीलू द्वारा की गई सेवा एवं सहयोग को प्रकट किया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि जुलाई 2000 में रामपुर बुशैर हिमाचल प्रदेश में अचानक बादल फटने से भयंकर बाढ़ आ गई थी। उस समय वहाँ भयंकर परिस्थितियां थीं। इन भयकर परिस्थितियों में भी नीलू ने बचाव कार्य किए। उन्होंने अनेक लोगों की जान बचाने का जोखिमपूर्ण कार्य किया जिसके लिए आज भी वहाँ के लोग अपने आप को ऋणी मानते हैं। यहाँ तक कि वहाँ की लड़कियों एवं महिलाओं ने तो अनिल को राखियाँ बाँधकर आँसुओं से भरी आँखों से विदा किया था।

भावार्थ – नीलू के सहयोग, भाईचारे एवं देश प्रेम एवं मानव प्रेम को दर्शाया है।

4. “देश रक्षा की खातिर, मैं नील गगन उड़ जाऊँ
नीलाम्बर से नील नीर में, मैं नीलू मिल जाऊँ।”

ऐसी भावना से ओतप्रोत नीलू हमेशा चुनौती पूर्ण कार्यों को करने में तत्पर रहते थे। वे कभी भी अपने कर्त्तव्य से विमुख नहीं हुए।

प्रसंग – यह गद्यांश लेखिका सुधा जैन द्वारा लिखित पाठ ‘नील गगन का नीलू’ शीर्षक से उद्धृत है। इसमें नीलू की देशभक्ति एवं समर्पण को बारे में बताया गया है।

व्याख्या – नीलू कहता था कि मैं अपने देश के लिए नीले आकाश में उड़ें और नीले आकाश से नीले जल में मिल जाऊँ अर्थात् मैं अपने देश की सेवा करते हुए न्योछावर हो जाऊँ। ऐसी देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत नीलू सदा ही चुनौती से भरे कार्यों को करने के लिए तैयार रहते थे। वे कभी भी अपने कर्त्तव्य से मुँह नहीं मोड़ते थे। सदा अपना कर्त्तव्य साहस एवं निष्ठा से पूरा करते थे।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 6 नील गगन का नीलू

भावार्थ – नीलू की देशभक्ति, साहस एवं कर्त्तव्य भावना को दर्शाया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 2 पिंजरे का शेर (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB पिंजरे का शेर Textbook Questions and Answers

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

पिंजरे का शेर अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 1
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 2
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 3
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 4
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

3. शब्दार्थ

  • दूत = हरकारा, एक जगह से दूसरी जगह चिट्ठी-पत्र, संदेश आदि पहुँचाने वाला
  • निरीक्षण = गौर से देखना, मुआइना करना
  • फुसफुसाहट = बहुत धीमी आवाज़ में बोलना
  • सीसा = एक प्रसिद्ध मूल धातु जिसकी चादरें, गोलियाँ आदि बनती हैं।

उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

4. उपर्युक्त शब्द भरकर वाक्य पूरे करें :

(क) ……………………………… राज्य सबसे शक्तिशाली समझा जाता था।
(ख) पिंजरे को खोले या ……………………………… बगैर शेर को पिंजरे से बाहर निकालना है।
(ग) नौकरों ने पिंजरे के चारों ओर ……………………………… लगा दी।
(घ) पिंजरे का शेर ……………………………… कर धरती पर फैल गया।
उत्तर :
(क) मगध
(ख) तोड़े
(ग) आग
(घ) पिघल

5. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) महापद्म नंद के दरबार में किस देश के दूत आये थे?
उत्तर :
महापद्म नन्द के दरबार में रोम देश के दूत आये थे।

(ख) रोम के राजदूत मगध के सम्राट के लिए क्या लाये?
उत्तर :
रोम के राजदूत मगध के सम्राट के लिए पिंजरे के शेर के रूप में बहुमूल्य उपहार लाये।

(ग) सम्राट महापद्म नंद के मंत्री का क्या नाम था?
उत्तर :
सम्राट महापद्म नन्द के मन्त्री का नाम शकटार था।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

(घ) शेर किस धातु का बना हुआ था?
उत्तर :
शेर सीसा धातु का बना हुआ था।

(ङ) शेर को पिंजरे से निकालने वाला किशोर बड़ा होकर किस नाम से प्रसिद्ध हुआ?
उत्तर :
किशोर बड़ा होकर चन्द्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

(च) पिंजरा किस धातु से बना था?
उत्तर :
पिंजरा लोहा धातु से बना था।

6. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) रोम के राजदूत ने पिंजरे के शेर को बाहर निकालने की क्या शतें बतायीं ?
उत्तर :
रोम के राजदूत ने पिंजरे के शेर को बाहर निकालने की निम्नलिखित शर्ते बताईं थी –

  • पिंजरे को न तो खोलना है और न ही उसे कहीं से भी काटना है।
  • पिंजरे को खोले या तोड़े बिना ही शेर को पिंजरे से बाहर निकालना है।

(ख) पिंजरे के शेर के चारों ओर आग लगती देख सभा में सन्नाटा क्यों छा गया?
उत्तर :
सभा के लोग किशोर द्वारा पिंजरे में से शेर को बाहर निकालने की युक्ति को बड़े ध्यान से देख रहे थे। वे शेर के बाहर आने का इंतज़ार कर रहे थे। पिंजरे के शेर के चारों तरफ आग लगती देखकर सभा में सन्नाटा छा गया।

(ग) चंद्रगुप्त ने पिंजरे के शेर को कैसे बाहर निकाला?
उत्तर :
चन्द्रगुप्त ने पिंजरे के शेर को चारों तरफ पहले तो पानी में डुबाया और फिर उसने पिंजरे के चारों तरफ आग लगवा दी। आग लगाने से सीसे से बनी शेर की मूर्ति धीरे धीरे पिघलने लगी और वह पिघल कर धरती पर फैल गया। इस तरह चन्द्रगुप्त ने शेर को पिंजरे से बाहर निकाला।

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7. इन शब्दों के लिंग बदलें :

  1. सम्राट = ________________
  2. शोर = ________________
  3. महाराज = ________________
  4. नौकर = ________________
  5. किशोर = ________________
  6. राजा = ________________

उत्तर :

  1. सम्राट = सम्राज्ञी
  2. शेर = शेरनी
  3. महाराज = महारानी
  4. नौकर = नौकरानी
  5. किशोर = किशोरी
  6. राजा = रानी

8. इन शब्दों के वचन बदलें :

  1. पिंजरा = ________________
  2. सभा = ________________
  3. मूर्ति = ________________
  4. यह = ________________
  5. बूँद = ________________
  6. मंदिर = ________________

उत्तर :

  1. पिंजरा = पिंजरे
  2. सभा = सभाएँ
  3. मूर्ति = मूर्तियाँ
  4. यह = ये
  5. बूँद = बूँदं
  6. मन्दिर = मन्दिरों

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9. विपरीतार्थक शब्द लिखें :

  1. पुराना = ________________
  2. अनेक = ________________
  3. असफल = ________________
  4. धरती = ________________

उत्तर :

  1. पुराना = नया
  2. अनेक = एक
  3. असफल = सफल
  4. धरती = आकाश

10. शुद्ध करके लिखें :

अशुद्ध = शुद्ध

  1. शकतीशाली = ________________
  2. बहूमूलय = ________________
  3. घोषना = ________________
  4. पुरसकार = ________________
  5. सूदरिढ़ = ________________
  6. मरितयु = ________________

उत्तर :
अशुद्ध = शुद्ध

  1. शकतीशाली = शक्तिशाली
  2. बहूमूलय = बहुमूल्य
  3. घोषना = घोषणा
  4. पुरसकार = पुरस्कार
  5. सूदरिढ़ = सुदृढ़
  6. मरितयु = मृत्यु

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11. उचित विराम चिह्न लगायें :

(क) किशोर ने मुस्कारते हुए कहा वह देखिए महामंत्री
उत्तर :
किशोर ने मुस्कराते हुए कहा, “वह देखिए महामंत्री।”

(ख) शेर को कौन बाहर निकाल सकता है सहसा सम्राट ने गुस्से में कहा
उत्तर :
“शेर को कौन बाहर निकाल सकता है ?” सहसा सम्राट ने गुस्से में कहा।

(ग) किशोर ने सिर झुकाकर कहा महाराज शेर पिंजरे से बाहर आ गया है
उत्तर :
किशोर ने सिर झुकाकर कहा, “महाराज! शेर पिंजरे से बाहर आ गया।”

12. प्रत्येक शब्द के आगे लिखो, यह कौन-सी संज्ञा है ?

  1. शब्द = संज्ञा
  2. शेर = जातिवाचक संज्ञा
  3. शकटार = व्यक्तिवाचक संज्ञा
  4. लज्जा = ______________
  5. पिंजरा = ______________
  6. गर्मी = ______________
  7. गुस्सा = भाववाचक संज्ञा
  8. किशोर = ______________
  9. दूत = ______________
  10. पानी = ______________
  11. मंदिर = ______________

उत्तर :

  1. शब्द = संज्ञा
  2. शेर = जातिवाचक संज्ञा
  3. शकटार = व्यक्तिवाचक संज्ञा
  4. लज्जा = भाववाचक संज्ञा
  5. पिंजरा = जातिवाचक संज्ञा
  6. गर्मी = भाववाचक संज्ञा
  7. गुस्सा = भाववाचक संज्ञा
  8. किशोर = जातिवाचक संज्ञा
  9. दूत = जातिवाचक संज्ञा
  10. पानी = द्रव्यवाचक संज्ञा
  11. मन्दिर = जातिवाचक संज्ञा

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13. नीचे दी गई जातिवाचक संज्ञा से संबंधित व्यक्तिवाचक संज्ञा लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 5
उत्तर :
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 6

14. नये शब्द बनायें : (कम से कम दो)
वातावरण – फुसफुसाहट – झुकाकर
उत्तर :
वातावरण – फुसफुसाहट – झुकाकर
वात – वर – वरण
फुस – फुसफुस – हट
झुक – कर – काक

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परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मगध राज्य का राजा कौन था?
उत्तर :
मगध राज्य का राजा महापद्म नन्द था।

प्रश्न 2.
पुराने समय में भारत कैसा था?
उत्तर :
पुराने समय में भारत अनेक छोटे – छोटे राज्यों में बंटा हुआ था।

प्रश्न 3.
शेर को पिंजरे में किसने बंदी बनाया था?
उत्तर :
रोम के सम्राट ने शेर को पिंजरे में बंदी बनाया था।

प्रश्न 4.
राजा ने दूत को क्या कहा?
उत्तर :
राजा ने दूत को कहा कि तुम अपने राजा से कहना कि हमारे प्रताप से शेर पिघलकर बाहर आ गया है। यह केवल पिंजरे का शेर था पिंजरे के बिना इसका कोई अस्तित्व नहीं।

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प्रश्न 5.
चन्द्रगुप्त मौर्य के चरित्र के दो विशेष गुण बताओ।
उत्तर :

  • बुद्धिमानी,
  • निडर।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें :

प्रश्न 1.
‘पिंजरे का शेर’ पाठ में किस किशोर की बुद्धि – कौशल का वर्णन किया गया है?
(क) चंद्रगुप्त
(ख) रामगुप्त
(ग) समुद्रगुप्त
(घ) श्यामगुप्त।
उत्तर :
(क) चंद्रगुप्त

प्रश्न 2.
प्राचीन भारत में सबसे शक्तिशाली राज्य कौन – सा माना जाता था?
(क) कौशल
(ख) मगध
(ग) पाटन
(घ) विदर्भ।
उत्तर :
(ख) मगध

प्रश्न 3.
किसी धातु से बना कौन पिंजरे में बंद था?
(क) गाय
(ख) शेर
(ग) भालू
(घ) हाथी।
उत्तर :
(ख) शेर

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प्रश्न 4.
पिंजरा किस नगर के राजदूत ने अपने सम्राट की तरफ से भेंट किया था?
(क) न्यूयार्क
(ख) रोम
(ग) पेरिस
(घ) ओकासा।
उत्तर :
(ख) रोम

प्रश्न 5.
बिना पिंजरा खोले शेर को बाहर निकालने की आज्ञा कितने वर्ष के किशोर ने मांगी?
(क) 13 – 14
(ख) 14 – 15
(ग) 15 – 16
(घ) 16 – 17
उत्तर :
(ग) 15 – 16

प्रश्न 6.
असफल होने पर क्या दंड मिलना था?
(क) उम्रकैद
(ख) मृत्युदंड
(ग) समाज सेवा
(घ) सिर मुड़ाना।
उत्तर :
(ख) मृत्युदंड

प्रश्न 7.
शेर किस धातु का बना था?
(क) सोना
(ख) चाँदी
(ग) सीसा
(घ) ताँबा।
उत्तर :
(ग) सीसा

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

प्रश्न 8.
मगध का महामंत्री कौन था?
(क) नंद
(ख) शकटार
(ग) चाणक्य
(घ) मिहिरसेन।
उत्तर :
(ख) शकटार

प्रश्न 9.
पिंजरा किस धातु का बना था?
(क) सोना
(ख) चाँदी
(ग) पीतल
(घ) लोहा।
उत्तर :
(घ) लोहा।

प्रश्न 10.
किशोर ने पिंजरे के चारों ओर क्या लगाई?
(क) तिरपाल
(ख) बर्फ
(ग) आग
(घ) घास – फूस।
उत्तर :
(ग) आग

पिंजरे का शेर Summary in Hindi

पिंजरे का शेर पाठ का सार

‘पिंजरे का शेर’ नामक पाठ में किशोर चन्द्रगुप्त मौर्य की बुद्धि एवं कौशल का वर्णन किया गया है। प्राचीन समय में भारत अनेक राज्यों में बंटा हुआ था। इनमें मगध राज्य सब से शक्तिशाली माना जाता था। महापद्म नंद मगध का राजा था। एक दिन राजा की राजसभा हुई। वहाँ किसी धातु से बना शेर पिंजरे में बंद करके रखा था, जिसे सभी लोग देख रहे थे। यह पिंजरा रोम के राजदूत ने राजा को अपने सम्राट की तरफ से भेंट किया।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

राजदूत ने राजा को बताया कि इस पिंजरे में उन्होंने शेर को बंद कर दिया है किन्तु इस पिंजरे को बिना खोले और काटे शेर को बाहर निकालना है, जो खेल आप ही कर सकते हैं। तभी सम्राट के संकेत से महामंत्री ने सभा में बैठे सभी लोगों को बिना पिंजरा खोले और तोडे शेर को बाहर निकालने को कहा। सभा में उपस्थित सभी लोग पिंजरे की तरफ देखते रहे किसी ने भी उसमें से बिना खोले शेर को बाहर निकालने की हिम्मत नहीं दिखाई।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर 7

अचानक वहाँ एक पन्द्रह – सोलह वर्ष का किशोर आया और उसने सम्राट् से उसे बाहर निकालने की आज्ञा माँगी। असफल होने पर मृत्यु का कठोर दंड भी उसे अपनी मंज़िल से विचलित नहीं कर सका। किशोर ने पिंजरे को पानी में डालने के लिए कहा और बाद में निकलवा लिया।

उसने पिंजरे में बंदी शेर को ध्यानपूर्वक देखकर उसके चारों तरफ आग लगवा दी। इससे सभा में सन्नाटा छा गया। धीरे – धीरे सीसा धातु से बना शेर गर्मी से पिघलकर धरती पर फैल गया और पिंजरा खाली हो गया। इस कार्य के लिए उस किशोर को पुरस्कार दिया गया।

यही किशोर बड़ा होकर चन्द्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ जिसने उत्तर भारत के सभी छोटे – छोटे राज्यों को एक सूत्र में बाँधकर सुदृढ़ साम्राज्य की नींव रखी।

पिंजरे का शेर शब्दार्थ :

  • बहुमूल्य = मूल्यवान।
  • संकेत = इशारा।
  • की ओर = की तरफ।
  • बगैर – बिना।
  • प्रताप = बल।
  • निरीक्षण = जांच – पड़ताल।
  • सहसा अचानक।
  • लजा = शर्म।
  • डग = कदम।
  • एकटक = बिना पलक झपके।
  • निर्भीक = निडर।
  • अपलक = बिना पलक झपकाए।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

पिंजरे का शेर गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. एक दिन राजसभा लगी हुई थी। वातावरण विचित्र था। एक ओर कछ व्यक्ति अलग खड़े थे। वे रोम देश के दूत थे। सभा भवन के बीचोंबीच एक पिंजरा रखा हुआ था। जिसमें किसी धातु का बना हुआ एक शेर बन्द था। राजसभा में बैठे सभी लोग पिंजरे की ओर देख रहे थे। थोड़ी देर बाद सम्राट् महापद्म नन्द राजसभा में पधारे। उनके आते ही सारी सभा में चुप्पी छा गई। महामन्त्री शकटार का संकेत पा कर विदेशी दूत ने आगे बढ़कर अपने राजा की ओर से लाए बहुमूल्य उपहार सम्राट को भेंट किये।

प्रसंग – यह गद्यांश हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘पिंजरे का शेर’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें मगध राज्य के राजा महापद्म नंद की राजसभा का वर्णन किया गया है।

व्याख्या – एक दिन राजदरबार में राजसभा लगी हुई थी। राजसभा का वातावरण बहुत अनूठा था। वहाँ कुछ लोग एक तरफ खड़े थे। वे रोम देश से आए हुए दूत थे। सभा भवन के बीच में एक पिंजरा रखा हुआ था जिसमें किसी धातु का बना हुआ एक शेर बंद था। राजसभा में बैठे हुए सभी लोग उस पिंजरे की तरफ देख रहे थे। कुछ देर के बाद सम्राट महापद्म नन्द उस राजसभा में आए। सम्राट् के सभा में आते ही सभा चुप हो गई। महामन्त्री शकटार के संकेत से रोम से आए विदेशी दूत ने आगे बढ़कर अपने राजा की तरफ से लाई गई अनमोल भेंट सम्राट को भेंट की।

भावार्थ – मगध राज्य के सम्राट महापद्म नन्द की राजसभा का चित्रांकन हुआ है। सम्राट् को रोम के दूत के द्वारा दी गई विचित्र भेंट का वर्णन है।

2. सभा में फिर कुछ हलचल हुई। सभी लोग एक दूसरे की ओर देख रहे थे। सभी की आँखें लज्जा के कारण झुकी हुई थीं। सम्राट फिर गरज उठे, “मगध की बुद्धि को क्या हो गया है? महापद्म नन्द की राजसभा में क्या ऐसा एक भी ज्ञानी नहीं था जो शेर को बाहर निकाल सके?”

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘पिंजरे का शेर’ शीर्षक नामक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने रोम के दूत के द्वारा दिए गए पिंजरे को देखकर सभा में जो हलचल हुई उसी का वर्णन किया है।

व्याख्या – मगध के राजा ने सभा में उपस्थित लोगों को गुस्से में आकर पिंजरे में से शेर को बाहर निकालने का आदेश दिया तो सभा में दोबारा हलचल मच उठी। राजसभा में बैठे लोग फिर एक – दूसरे की तरफ देखने लगे और फिर सब लोगों की आँखें शर्म से झुक गईं। सम्राट् फिर तेज़ आवाज़ से कहने लगे कि मगध – राज्य की बुद्धि को क्या हो गया था? महापद्म नन्द की राजसभा में क्या कोई ऐसा एक भी ज्ञानी, विद्वान् नहीं है जो शेर को इस पिंजरे से बाहर निकाल सके।

भावार्थ – पिंजरे में से शेर को बाहर निकालने के विषय में सम्राट् की चिंता का वर्णन है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 2 पिंजरे का शेर

3. सभा में सन्नाटा छा गया। सभी की साँसें रुक गईं। हर व्यक्ति एकटक पिंजरे की ओर देख रहा था। किशोर भी अपलक दृष्टि से उस शेर को घूर रहा था। सहसा उसने देखा कि शेर की मूर्ति के माथे पर धीरे – धीरे गीली – सी चमक उभरी और देखते ही देखते पिघली हुई चाँदी की – सी बूंदें धरती पर आ गिरी।

प्रसंग – यह गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘पिंजरे का शेर’ नामक पाठे से लिया है। इसमें लेखक ने राजसभा में किशोर द्वारा पिंजरे में से शेर को बाहर निकालने की युक्ति को दर्शाया है।

व्याख्या – किशोर की आज्ञा से नौकरों ने पिंजरे के चारों तरफ जब आग लगा दी तो राजसभा में सूनापन छा गया। सभी लोगों की साँसें रुक गईं। प्रत्येक व्यक्ति टकटकी लगाकर पिंजरे की ओर देख रहा था। किशोर भी बिना पलक झपकाए उस शेर को घूर रहा था। उसने अचानक देखा कि शेर की तस्वीर के माथे पर धीरे – धीरे गीली – सी चमकती/प्रकट हुई। वह उभर कर उठी और देखते ही देखते पिघली हुई चांदी की तरह बूंदें धरती पर आकर गिरी।

भावार्थ – किशोर द्वारा पिंजरे को खोले बिना शेर को बाहर निकालने की युक्ति का वर्णन किया गया है।

4. सम्राट् ने गर्व से दूत की ओर देखते हुए कहा, “दूत अपने राजा से कहना कि हमारे प्रताप के कारण शेर पिघल कर बाहर आ गया है।” यह शेर केवल पिंजरे का शेर था। पिंजरे के बिना इसका कोई अस्तित्व नहीं। फिर महामन्त्री को आदेश दिया, “इस किशोर को पुरस्कार दिया जाए।” इतना कह कर सम्राट् उठ कर चले गए। सभा में कोलाहल – सा मच गया। यही किशोर बड़ा होकर चन्द्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उसने उत्तरी भारत के सभी छोटे – छोटे राज्यों को एक सूत्र में पिरो दिया और एक सुदृढ़ साम्राज्य की नींव रखी।

प्रसंग – यह गद्यांश हिन्दी की पाठय पुस्तक में संकलित ‘पिंजरे का शेर’ नामक पाठ से लिया गया है। किशोर द्वारा पिंजरे में से शेर को बाहर निकालने पर किशोर को पुरस्कार देने तथा उसकी प्रतिज्ञा का उल्लेख किया गया है।

व्याख्या – मगध के सम्राट ने गर्व से रोम के दूत की तरफ देखकर कहा कि हे दूत, तुम अपने राजा से जाकर कहना कि हमारे बल के कारण शेर पिघल कर बाहर आ गया है। यह शेर केवल पिंजरे का शेर था। पिंजरे के बिना इसका कोई अस्तित्व नहीं था। इसके बाद सम्राट ने महामन्त्री को आदेश दिया कि इस किशोर को पुरस्कार दिया जाए। इतनी बात कहकर सम्राट अंदर चले गए। राजसभा में शोर मच गया। यही किशोर बड़ा होकर चन्द्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उसने उत्तरी भारत के सभी छोटे – छोटे राज्यों को एक सूत्र में बाँध दिया था तथा एक मजबूत साम्राज्य की नींव रखी थी।

भावार्थ – चन्द्रगुप्त मौर्य की प्रतिभा एवं कौशल को दर्शाया गया है।

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती

Punjab State Board PSEB 8th Class Hindi Book Solutions Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 8 Hindi Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती Textbook Questions and Answers

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 3 जय जवान! जय किसान!

हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती 1
उत्तर :
छात्र स्वयं अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती 2
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं अभ्यास करें।

3. शब्दार्थ

  • हिम्मत = हौसला
  • नैया = जीवन रूपी नैया
  • रग = नाड़ी, नस
  • सिंधु = सागर, समुद्र
  • गोताखोर = पानी में डुबकी लगाने वाला
  • सहज ही = आसानी से
  • चुनौती = ललकार
  • चैन = आराम

उत्तर :
सप्रसंग व्याख्या में पद्यांशों के साथ दे दिए गए हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 3 जय जवान! जय किसान!

4. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) कवि के अनुसार किन लोगों की हार नहीं होती?
उत्तर :
कवि के अनुसार हिम्मत करने वाले लोगों की हार नहीं होती।

(ख) नन्ही चींटी की क्या विशेषता है?
उत्तर :
नन्हीं चींटी दाना लेकर दीवार पर चढ़ने के लिए सैंकड़ों प्रयास करती है। दीवार पर बार – बार प्रयास करने से ही उसके मन में विश्वास भर जाता है और वह अंततः दीवार पर चढ़ने में सफल हो जाती है।

(ग) गोताखोर सिंधु में डुबकियाँ क्यों लगाता है?
उत्तर :
गोताखोर मोती निकालने के लिए सिंधु में डुबकियाँ लगाता है।

(घ) हिम्मत करने वालों को असफलता को किस रूप में स्वीकार करना चाहिए?
उत्तर :
हिम्मत करने वालों को असफलता को चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए।

5. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(i) ‘चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है’ यह पंक्ति कवि ने किसके लिए कही है और क्यों?
उत्तर :
यह पंक्ति कवि ने चींटी के लिए कही है क्योंकि चींटी के मन का विश्वास उसकी रगों में भर गया था।

(ii) गोताखोर को सागर से मोती निकालने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है ?
उत्तर :
गोताखोर को सागर से मोती निकालने के लिए डुबकियाँ लगानी पड़ती हैं। उसे बार – बार खाली हाथ लौटना पड़ता है।

(iii) इन काव्य-पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें:
असफ लता एक चुनौती ________________ मत भागो तुम।
उत्तर :
उत्तर के लिए व्याख्या भाग देखिए।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 3 जय जवान! जय किसान!

6. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. लहर = ____________________
  2. नैया = ____________________
  3. कोशिश = ____________________
  4. सिंधु = ____________________
  5. उत्साह = ____________________
  6. हाथ = ____________________
  7. संघर्ष = ____________________
  8. हिम्मत = ____________________

उत्तर :

  1. लहर = तरंग, कंप, उर्मि
  2. नैया = नाव, नौका, किश्ती
  3. कोशिश = प्रयास, प्रयत्न, यत्न
  4. सिन्धु = सागर, जलनिधि, समुद्र
  5. उत्साह = साहस, स्फूर्ति, हिम्मत
  6. हाथ = हस्त, कर, हत्थ
  7. संघर्ष = टकराव, प्रयत्न, युद्ध
  8. हिम्मत = साहस, वीरता, हौंसला।

7. विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें :

  1. नन्ही = _____________________
  2. मेहनत = _____________________
  3. विश्वास = _____________________
  4. सफल = _____________________
  5. हार = _____________________
  6. साहस = _____________________

उत्तर :

  1. नन्ही = बड़ी
  2. मेहनत = कामचोरी
  3. विश्वास = अविश्वास
  4. सफल = असफल
  5. हार = जीत
  6. साहस = कायरता।

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8. संज्ञा शब्द चुनकर सही का निशान () लगाओ:

डरकर [ ]
दाना [ ]
जब [ ]
चींटी [ ]
चढ़ना [ ]
मोती [ ]
देखो [ ]
असफलता [ ]
तुम [ ]
हाथ [ ]
सिंधु [ ]
साहस [ ]
उत्तर :
संज्ञा शब्द – चींटी, सिन्धु, दाना, हाथ, मोती।

9. (क) मौखिक अभिव्यक्ति
अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की इसी भाव से मिलती-जुलती कविता ‘कर्मवीर’ की इन पंक्तियों को पढ़ें :

देखकर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं।
रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं।।
काम कितना ही कठिन हो, किंतु उकताते नहीं।
भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं।
हो गए इक आन में उनके बुरे दिन भी भले।
सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले-फले।।
उत्तर :
अर्थ – कवि कहता है कि वीर पुरुष अपने सामने अनेक बाधाओं और विघ्नों को देखकर भी घबराते नहीं। वे कभी भी भाग्य के भरोसे रहकर पश्चाताप नहीं करते। वे कठिन काम से भी जी नहीं चुराते और न ही वे भीड़ में जाकर अपनी चंचलता दिखाते। ऐसे वीरों की एक प्रतिज्ञा से ही बुरे दिन भी अच्छे हो गए। इसी कारण हर जगह और प्रत्येक काल में वे ही फूले – फले हैं, उन्होंने ही प्रगति की है।

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(ख) रामधारी सिंह दिनकर की निम्नलिखित पंक्तियों से भी प्रेरणा लें :
जो लोग पाँव भीगने के खौफ से बचते रहते हैं, समुद्र में डूब जाने का खतरा उन्हीं के लिए है। लहरों में तैरने का जिन्हें अभ्यास है, वे मोती लेकर बाहर आयेंगे।
उत्तर :
छात्र स्वयं पढ़ें और प्रेरणा लें।

(ग) राजा ब्रूस की कहानी अपने अध्यापक से सुनें।
उत्तर :
अपने अध्यापक/अध्यापिका के सहयोग से स्वयं करें।

(घ) बच्चो ! अध्यापक की मदद से रामधारी सिंह दिनकर का लिखा ‘हिम्मत और जिंदगी’ प्रेरक निबंध जरूर पढ़ें।
उत्तर :
अपने अध्यापक/अध्यापिका के सहयोग से स्वयं पढ़ें।

10. लिखित अभिव्यक्ति :
मान लीजिए आपने किसी प्रतियोगिता में भाग लिया। परंतु आप विजयी नहीं हो पाये। ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे?
उत्तर :
ऐसी स्थिति में हम और अधिक प्रयास करेंगे। पहले से अधिक मेहनत करेंगे और अवश्य ही सफल होकर दिखलाएंगे।

11. सोचिए और लिखिये :
बॉक्स में दिये गये शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर सीढ़ी में लिखें। जिनसे आप सफलता के शिखर तक पहुँच सकें।
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती 3
उत्तर :
PSEB 8th Class Hindi Solutions Chapter 1 हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती 4

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परीक्षोपयोगी अन्य प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती’ कविता में कवि ने क्या प्रेरणा दी है?
उत्तर :
प्रस्तुत कविता में कवि डॉ० हरिवंशराय बच्चन ने मनुष्य को हिम्मत से संघर्ष करने की प्रेरणा दी है। चींटी और गोताखोर के द्वारा कवि ने बार – बार प्रयास करने तथा परिश्रम करने को कहा है।

प्रश्न 2.
इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर :
इस कविता से हमें जीवन में हिम्मत और साहस से परिश्रम करने की प्रेरणा मिलती है।

प्रश्न 3.
असफलता को किस रूप में स्वीकार करना चाहिए ?
उत्तर :
असफलता को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए।

प्रश्न 4.
कवि ने जीवन में क्या त्यागने की प्रेरणा दी है ?
उत्तर :
कवि ने जीवन में नींद और आराम को त्यागने की प्रेरणा दी है।

प्रश्न 5.
जय – जयकार कैसे होती है ?
उत्तर :
जय – जयकार कठिन परिश्रम और संघर्ष करने से होती है।

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प्रश्न 6.
नैया पार किसकी होती है ?
उत्तर :
जो लोग लहरों से डरकर नहीं भागते और उनके साथ साहसपूर्ण संघर्ष करते हैं। उनकी नैया पार होती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखें –

प्रश्न 1.
किन की हार नहीं होती?
(क) हिम्मतियों की
(ख) शैतानों की
(ग) कायरों की
(घ) दोगुलों की।
उत्तर :
(क) हिम्मतियों की

प्रश्न 2.
दीवारों पर चढ़ते हुए सौ बार कौन फिसलती है ?
(क) छिपकली
(ख) चींटी
(ग) गिरगिट
(घ) कॉकरोच।
उत्तर :
(ख) चींटी।

प्रश्न 3.
मन का विश्वास रगों में क्या भरता है ?
(क) रक्त
(ख) क्रोध
(ग) साहस
(घ) प्रेम।
उत्तर :
(ग) साहस।

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प्रश्न 4.
असफलता क्या है ?
(क) चुनौती
(ख) निराशा
(ग) बोझ
(घ) कष्ट।
उत्तर :
(क) चुनौती

प्रश्न 5.
हिम्मत करने वालों की क्या नहीं होती ?
(क) विजय
(ख) सफलता
(ग) हार
(घ) जीत।
उत्तर :
(ग) हार

प्रश्न 6.
कवि कया करने की प्रेरणा देता ?
(क) आराम
(ख) संघर्ष
(ग) गिड़गिड़ाओ
(घ) कुछ न करो।
उत्तर :
(ख) संघर्ष

हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती Summary in Hindi

हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती कविता का सार

“हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती’ नामक कविता डॉ० हरिवंशराय बच्चन द्वारा लिखित है। इसमें कवि ने साहसी पुरुषों की जीत का संदेश दिया है। साहसी लोगों की जीवन में कभी हार नहीं होती। जो लोग लहरों से डरते रहते हैं उनकी कभी नैया पार नहीं लगती। उदाहरण के रूप में वे समझाते है कि जैसे नन्हीं – सी चींटी दाना लेकर दीवारों पर चढ़ते हुए सैंकड़ों बार फिसलती है किन्तु वह हार नहीं मानती।

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उसके मन का विश्वास उसमें साहस पैदा करता है। इस विश्वास से उसे चढ़कर गिरना और गिरकर चढ़ना बुरा नहीं लगता था। वे अंत में सफलता प्राप्त कर ही लेते हैं। वह अपनी मंजिल को प्राप्त कर लेती है। एक गोताखोर मोती पाने की आशा में सागर में अनेक बार गोते लगाता है और अनेक बार खाली हाथ लौटता है किन्तु उसे पता है कि पानी में मोती आसानी से नहीं मिलते इसी बात से उसका उत्साह दुगुना बढ़ जाता है।

इसी उत्साह एवं हिम्मत से गोताखोर मोती प्राप्त कर लेता है। कवि ने प्रेरणा देते हुए कहा है कि असफलता को सदा एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए। हमें उसमें कमी को ढूंढकर उसका सुधार करना चाहिए। सफलता न मिलने तक नींद आराम त्याग देना चाहिए। मैदान छोड़कर कभी भी नहीं भागना चाहिए बल्कि अंत तक संघर्ष करना चाहिए क्योंकि जीवन में कुछ किए बिना ही जय प्राप्त नहीं होती।

सप्रसंग व्याख्या

1. हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती
लहरों से डरकर नैया पार नहीं होती।

शब्दार्थ –

  • नैया = नाव, नौका।

प्रसंग – यह पद्यांश हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती’ शीर्षक कविता से लिया गया है। यह डॉ० हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित है। इसमें कवि ने जीवन में साहसपूर्ण संघर्ष करने तथा हिम्मत रखने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि कहता है कि यह बात बिल्कुल सत्य है कि जो लोग जीवन में हिम्मत करते, परिश्रम करते हैं उनकी कभी हार नहीं होती। वे सदा विजयी होते हैं। जीवन में लहरों से भयभीत होकर कभी नाव किनारे नहीं लगती अर्थात् जो लोग कठिनाई रूपी लहरों से घबरा जाते हैं उन्हें कभी अपनी मंज़िल नहीं मिलती।

भावार्थ – मनुष्य को कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।

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2. नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

शब्दार्थ –

  • रगों में = नसों में।
  • अखरता है = बुरा लगना।
  • मेहनत = परिश्रम।
  • कोशिश = प्रयास।

प्रसंग – यह पद्यांश डॉ० हरिवंशराय बच्चन द्वारा लिखित ‘हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती’ नामक कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने छोटी – सी चींटी के उदाहरण द्वारा मेहनत और कोशिश करने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि कहता है कि एक छोटी – सी चींटी जब अपने मुँह में दाना लेकर चलती है तो वह दीवार पर चढ़ते हुए सैंकड़ों बार फिसल जाती है। किन्तु उसके मन का विश्वास उसकी नसों में एक साहस भर देता है। जिससे उसे बार – बार गिरना और चढ़ना बुरा नहीं लगता। अंत में उसकी मेहनत और कोशिश रंग लाती है और वह अपनी मंज़िल को अवश्य ही प्राप्त कर लेती है। इसलिए यह सच है कि जीवन में कोशिश करने वाले लोगों की कभी हार नहीं होती। वे अवश्य विजयी होते हैं। उनका प्रयास सफल होता है।

भावार्थ – कवि ने मेहनत एवं प्रयास करने की प्रेरणा दी है क्योंकि मेहनती सदा सफल होते हैं।

3. डुबकियाँ सिन्धु में गोताखोर लगाता है
जा – जाकर खाली हाथ लौट आता है
मिलते न सहज ही मोती पानी में
बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती।

शब्दार्थ –

  • सिन्धु = सागर, समुद्र।
  • गोताखोर = गोता लगाने वाला।
  • जा – जाकर = बार – बार जाकर या बार – बार गोता लगाकर।
  • सहज = आसानी से।
  • दूना = दुगुना।
  • हर = प्रत्येक।

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प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश ‘हरिवंश राय बच्चन’ द्वारा लिखित ‘हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती’ कविता से लिया गया है। इसमें कवि ने गोताखोर के उदाहरण द्वारा हिम्मत करने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि कहता है कि कोई गोताखोर सागर से मोती ढूँढने के लिए बार – बार गोता लगाता है। वह बार – बार गोता लगाने के बावजूद भी बिना मोती लिए खाली हाथ ही वापस आ जाता है। उसका इसी हैरानी में दुगुना उत्साह बढ़ जाता है कि सागर से मोती आसानी से प्राप्त नहीं होते। वह अपनी हिम्मत से काम ले तो वह अवश्य सफल होता है। उसको हर बार निराशा नहीं मिल सकती। यह सच है कि जीवन में हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती।

भावार्थ – हिम्मत एवं उत्साह से कार्य करने वालों की कभी हार नहीं हो सकती।

4. असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन से त्यागो तुम
संघर्ष करो मैदान छोड़ो मत भागो तुम
कुछ किए बिना ही जय – जयकार नहीं होती
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती।

प्रसंग – यह पद्यांश डॉ० हरिवंशराय बच्चन द्वारा रचित ‘हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती’ नामक कविता से लिया गया है। यहाँ कवि ने मानव को असफलता को एक चुनौती स्वीकार कर संघर्ष करने की प्रेरणा दी है।

व्याख्या – कवि मनुष्य को संघर्ष करने की प्रेरणा देते हुए कहता है कि जीवन में असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करना चाहिए। काम में कोई कमी रहने पर उसे देखकर सुधार करना चाहिए और जब तक इसमें सफलता नहीं मिले तो नींद और आराम भी त्याग देना चाहिए। जीवन में अंत तक संघर्ष करना चाहिए। संघर्ष से कभी भागना नहीं चाहिए। जीवन में कुछ कार्य किए बिना कभी किसी की जय – जयकार नहीं होती। हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती।

भावार्थ – कवि ने मानव को जीवन की राह में संघर्ष कर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।