PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Hindi Rachana Nibandh Lekhan निबंध लेखन Questions and Answers.

PSEB 6th Class Hindi Rachana निबंध लेखन(2nd Language)

श्री गुरु नानक देव जी

श्री गुरु नानक देव जी सिक्खों के पहले गुरु थे। इनका जन्म सन् 1469 ई० में तलवण्डी नामक गाँव में हआ। इसके पिता जी का नाम मेहता काल राय और माता का नाम तप्ता देवी था।

वह बचपन से ही प्रभु भक्ति में लीन रहते थे। इसलिए उनका मन पढ़ने में नहीं लगता था। एक बार पिता जी ने इनको कुछ रुपए दिए और सौदा ले आने को कहा। मार्ग में इन्होंने भूखे साधुओं को भोजन करा दिया और खाली हाथ लौट आए। फिर इनके पिता जी ने इनको सुलतानपुर में बहिन नानकी के पास भेज दिया, जहाँ इन्होंने मोदीखाने में नौकरी की। यहाँ भी वह अपना वेतन ग़रीबों और साधु-सन्तों में बाँट देते थे।

गुरु नानक देव जी का विवाह बटाला निवासी मूलचन्द की सुपुत्री सुलक्खणी जी के साथ हुआ। इनके दो पुत्र हुए-श्रीचन्द और लखमी दास। इन्होंने अनेक स्थानों की यात्राएँ की। इनकी यात्राओं को ‘उदासियों’ का नाम दिया गया। इन्होंने स्थान-स्थान पर लोगों को उपदेश दिया और अपना सारा जीवन लोगों की भलाई में लगा दिया। वह मक्का-मदीना भी गए। इन्होंने ईश्वर को निराकार बताया और कहा कि ईश्वर एक है। हम सब भाई-भाई हैं। सदा सच बोलना चाहिए। इनकी वाणी गुरु ग्रन्थ साहिब में शामिल है। अन्त में वह करतारपुर में आ गए और वहीं ईश्वर का भजन करते हुए ज्योति जोत समा गए।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

श्री गुरु तेग बहादुर जी

सिखों के नवम् गुरु श्री गुरु तेग़ बहादुर जी का आत्म-बलिदान इतिहास की एक अद्भुत घटना है। गुरु जी का जन्म 1 अप्रैल, सन् 1621 ई० में हुआ। आपके सुपुत्र श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी थे। आप शुरू से ही प्रभु के भक्त थे। आप में भलाई की भावना कूट कूट कर भरी हुई थी।

एक बार कश्मीर का शासक ब्राह्मणों पर घोर अत्याचार कर रहा था। वह ब्राह्मणों को जबरदस्ती मुसलमान बनाना चाहता था। तब दुःखी ब्राह्मण गुरु जी के पास आए और उन्हें अपने दुःख का कारण बताया। गुरु तेग बहादुर जी चिन्ता में डूब गए। तभी पुत्र गोबिन्द राय ने चिन्ता का कारण पूछा। तब गुरु तेग बहादुर जी ने कहा कि किसी बड़े महान् बलिदान की आवश्यकता है। तब गोबिन्द राय ने कहा कि आप से बढ़कर कौन महान् है। अपने पुत्र के इस कथन से गुरु जी बहुत प्रसन्न हुए।

गुरु जी दिल्ली में औरंगजेब के दरबार में पहुँचे। उन्होंने औरंगजेब को काफ़ी समझाया। लेकिन इनके महान् उपदेश का उस पर कोई प्रभाव न पड़ा। उसने गुरु जी को शहीद करने का हुक्म दे दिया। जैसे ही जल्लाद ने तलवार से गुरु जी पर प्रहार किया, आँधी चलने लगी। जीवन सिंह गुरु जी का शीश उठाकर ले गया। दो बनजारों ने गुरु जी का शव उठाकर घर को आग लगाकर उनका अन्तिम संस्कार कर दिया।

इस प्रकार गुरु जी ने अपने बलिदान से लोगों को यह प्रेरणा दी कि मौत से नहीं डरना चाहिए। सत्य की रक्षा के लिए उन्होंने अपनी जान की बाज़ी लगा दी। इनका . बलिदान अमर रहेगा।

श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी श

गुरु गोबिन्द सिंह जी सिक्खों के दसवें गुरु थे। आपका जन्म सन् 1666 ई० में पटना में हुआ था। आपके पिता का नाम श्री गुरु तेग़ बहादुर और माता का नाम गुजरी जी था। आपको बचपन से ही तीर चलाने और घुड़सवारी का शौक था। आपने फ़ारसी और संस्कृत की शिक्षा प्राप्त की। आप बहुत निडर और शक्तिशाली योद्धा थे।

केवल 9 वर्ष की आयु में पिता की शहीदी के बाद आप गुरुगद्दी पर बैठे। समाज में. फैले अत्याचारों को दूर करने के लिए आपने सन् 1699 ई० में खालसा पंथ की स्थापना की तथा पाँच प्यारों को अमृत छकाया। धर्म की रक्षा के लिए आपके चारों पुत्रों ने अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। आप सारे सिक्खों को अपने पुत्रों के समान समझते थे तथा उनसे प्रेम का व्यवहार करते थे।

अपने अन्तिम समय में आप दक्षिण चले गए। वहाँ से बन्दा बैरागी नामक आदमी को अपना उत्तराधिकारी बनाकर भेजा। सन् 1708 ई० में एक पठान ने आपके पेट में छुरा घोंप दिया जिसके कुछ दिन पश्चात् आप ज्योति-जोत समा गये। आप ने देश और धर्म के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। इतिहास में आपका नाम हमेशा अमर रहेगा।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

महाराजा रणजीत सिंह

महाराजा रणजीत सिंह पंजाब के एक महान् एवं वीर सपूत थे। इतिहास में उनका नाम ‘शेरे-पंजाब’ के नाम से प्रसिद्ध है। महाराजा रणजीत सिंह का जन्म 2 नवम्बर, सन् 1780 को गुजरांवाला में हुआ। आपके पिता सरदार महासिंह सुकरचकिया मिसल के मुखिया थे। आपकी माता राजकौर जींद की फुलकिया मिसल के सरदार की बेटी थी। आपका बचपन का नाम बुध सिंह था। सरदार महासिंह ने जम्मू को जीतने की खुशी में बुध सिंह की जगह अपने बेटे का नाम रणजीत सिंह रख दिया।

महाराजा रणजीत सिंह को वीरता विरासत में मिली थी। उन्होंने दस साल की उम्र में गुजरात के भंगी मिसल के सरदार साहिब को लड़ाई में कड़ी हार दी थी। उस समय रणजीत सिंह के पिता महासिंह अचानक बीमार हो गए थे। इस कारण सेना की बागडोर रणजीत सिंह ने सम्भाली थी।

महाराजा रणजीत सिंह की छोटी उम्र में ही इनके पिता की मृत्यु हो गई थी। इस कारण ग्यारह साल की उम्र में उन्हें राजगद्दी सम्भालनी पड़ी। पन्द्रह साल की उम्र में महाराजा रणजीत सिंह का विवाह कन्हैया मिसल के सरदार गुरबख्श सिंह की बेटी महताब कौर से हुआ। इन्होंने दूसरा विवाह नकई मिसल के सरदार की बहन से किया।

महाराजा रणजीत सिंह ने बड़ी चतुराई से सभी मिसलों को इकट्ठा किया और हकमत अपने हाथ में ले ली। 19 साल की उम्र में आपने लाहौर पर अधिकार कर लिया और उसे अपनी राजधानी बनाया। धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर, अमृतसर, मुलतान, पेशावर आदि सब इलाके अपने अधीन करके एक विशाल पंजाब राज्य की स्थापना की। आपने सतलुज की सीमा तक सिक्ख राज्य की जड़ें पक्की कर दी।

महाराजा रणजीत सिंह एक कुशल प्रशासक तथा न्यायप्रिय राजा थे। आप अपनी प्रजा से बहुत प्यार करते थे। सभी जातियों के लोग आपकी सेना में अफसर थे। प्रशासन चलाने में आपका मुकाबला कोई नहीं कर सकता था। आप सभी धर्मों को आदर की दृष्टि से देखते थे। यही कारण है कि सन् 1839 में आपकी मृत्यु पर सभी धर्मों के लोगों ने आपकी आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की।

लाला लाजपत राय

पंजाब केसरी लाला लाजपत राय भारत के वीर शहीदों में सबसे आगे हैं। लाला जी का के दुढिके ग्राम में सन् 1865 ई० में हुआ। इनके पिता लाला राधाकृष्ण एक अध्यापक थे। मैट्रिक परीक्षा में वज़ीफा प्राप्त कर वे गवर्नमेंट कॉलेज में प्रविष्ट हुए। एम० ए० पास करके फिर इन्होंने वकालत पास की। फिर हिसार में वकालत शुरू की।

इनमें देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। देश की स्वतन्त्रता के लिए इन्होंने आन्दोलनों में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। वे इंग्लैण्ड भी गए। वहाँ से वापस आकर इन्होंने बंग-भंग आन्दोलन में भाग लिया जिस कारण इनको जेल यात्रा करनी पड़ी। फिर यूरोप और अमेरिका की यात्रा की।

सन् 1928 ई० में साइमन कमीशन भारत आया। तब इन्होंने उसका काली झण्डियों से स्वागत किया। पुलिस ने इन पर लाठियाँ बरसाईं। लाला जी की छाती पर कई चोटें आईं। इन घावों के कारण वे 17 नवम्बर, सन् 1928 को संसार से सदा के लिए विदा हो गए। इन्होंने देश की आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया। भारत इनके महान् बलिदान को हमेशा याद रखेगा।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

महात्मा गाँधी

महात्मा गाँधी भारत के महान नेताओं में से एक थे। इनका जन्म 2 अक्तूबर, सन् 1869 को पोरबन्दर (गुजरात) में हुआ। इनके पिता का नाम कर्मचन्द गांधी और माता का नाम पुतली बाई था जो एक धार्मिक स्वभाव की स्त्री थी। इन्होंने मैट्रिक परीक्षा पोरबन्दर में ही पास की। फिर आप बैरिस्ट्री (वकालत) की शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैण्ड चले गए। वहाँ से बैरिस्टर बनकर भारत लौटे तथा मुम्बई (बम्बई) में वकालत शुरू की। किसी मुकद्दमे के सिलसिले में ये दक्षिणी अफ्रीका गए। वहाँ भारतीयों के साथ अंग्रेज़ों का दुर्व्यवहार देखकर वे बहुत दु:खी हुए।

सन् 1915 में भारत वापस आकर सत्याग्रह आन्दोलन चलाया। सन् 1920 में असहयोग आन्दोलन चलाया। सन् 1928 में साइमन कमीशन का बायकॉट किया। देश के आन्दोलनों में बढ़-चढ़ कर भाग लेने के कारण कई बार जेल गए सन् 1947 में अपने अहिंसा के शस्त्र से इन्होंने देश को आजाद करवाया। सारा देश इन्हें बापू गांधी कहता है। वे सारे राष्ट्र के पिता थे। 30 जनवरी, सन् 1948 को वे नाथू राम गोडसे की गोली का शिकार हो गए जिससे इनकी मृत्यु हो गई। गांधी जी मर कर भी अमर हैं। हमें गांधी जी के जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए।

पंडित जवाहर लाल नेहरू

पंडित जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमन्त्री थे। इनका जन्म 14 नवम्बर, सन् 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। इनके पिता का नाम मोती लाल नेहरू तथा माता का नाम स्वरूप रानी था। इनका बचपन बड़े लाड़-प्यार से बीता। 15 वर्ष की आयु में ये इंग्लैण्ड गए। पहले ये हैरो स्कूल में पढ़े फिर कैम्ब्रिज में। वहाँ से बैरिस्टरी पास करके ये भारत लौटे।

वापस आने पर इनका विवाह कमला नेहरू से हुआ। पति-पत्नी दोनों ने बढ़-चढ़ देश के कार्यों में भाग लेना शुरू कर दिया। इनमें शुरू से ही देश प्यार कूट-कूट कर भरा हुआ था। देश को स्वतन्त्र कराने के लिए इन्हें कई बार कारावास का दण्ड मिला। सन् 1942 में कांग्रेस ने ‘भारत छोड़ो’ का नारा लगाया। अन्य नेताओं के साथ-साथ नेहरू जी भी कारावास में बन्द कर दिये गए। सन् 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो ये प्रधानमन्त्री बने। ये सादगी को पसन्द करते थे। ये शान्ति के अवतार और प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ थे। बच्चे प्यार से इन्हें ‘चाचा नेहरू’ कहते थे। 27 मई, सन् 1964 को पं० जवाहर लाल नेहरू स्वर्ग सिधार गए। उन्होंने देश के लिए जितने कष्ट सहन किए, उनकी कोई तुलना नहीं हो सकती। वे भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता थे।

अमृतसर का हरिमन्दिर साहिब

सिक्खों के चौथे धर्म गुरु रामदास जी द्वारा अमृतसर की स्थापना हुई। अमृतसर का अर्थ है-अमृत+सर अर्थात् अमृत का तालाब। गुरु रामदास जी के बाद उनके सपुत्र अर्जन देव 157 जी ने इस मन्दिर का विकास किया। सिक्ख धर्म के पवित्र ग्रन्थ ‘गुरु ग्रन्थ साहिब’ को मन्दिर में प्रतिष्ठित करने का श्रेय भी गुरु अर्जन देव जी को ही है। सिक्खों ने जब राजनीतिक क्षेत्र में प्रगति की तो इस मन्दिर को भव्य रूप दिया जाने लगा। महाराजा रणजीत सिंह के राज्य में इस मन्दिर ने प्रगति की। इसे ‘दरबार साहिब’ तथा ‘हरिमन्दिर साहिब’ का नाम दिया गया है।

हरिमन्दिर साहिब की शोभा भी अद्वितीय है। मन्दिर के बाहर का दृश्य भी बड़ा सुन्दर है। यहां अनेक दुकानें हैं। मन्दिर के भीतर का दृश्य मुग्धकारी है। मन्दिर विशाल सरोवर से घिरा हुआ है। मन्दिर का सारा क्षेत्र संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है। आंगन पार करने पर ऊंचा ध्वज स्तम्भ है जिस पर केसरिया ध्वज हवा में बातें करता है। एक बड़ा नगाड़ा भी है जिसके द्वारा सायंकाल तथा प्रात:काल की प्रार्थनाओं की घोषणा की जाती है।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

दिनभर यहां भजन, कीर्तन की गूंज रहती है। मन्दिर की तीन मंजिलें हैं। नीचे की मंज़िल में एक स्वर्ण जड़ित सिंहासन पर ‘श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी’ सुशोभित होते हैं। मन्दिर का भीतरी भाग अत्यन्त सुन्दर है। यह सोने, चांदी और पच्चीकारी से मढ़ा हुआ है। मन्दिर के कुछ अपने नियम हैं जिनका श्रद्धालुओं को पालन करना पड़ता है। विशेष अवसरों पर मन्दिर को विशेष ढंग से सजाया जाता है। इसको फूलों की तोरण तथा बिजली की रोशनी से सजा कर अलौकिक रूप दिया जाता है।

अमृतसर का हरिमन्दिर साहिब भारतीय संस्कृति, कला तथा धर्म का प्रत्यक्ष रूप है। यह सिक्खों की धर्म के प्रति आस्था को प्रकट करता है। इसके साथ ही यह एक युग के इतिहास की याद भी दिलाता है। इसके माध्यम से ही सिक्ख गुरुओं तथा अनेक शिष्यों का योगदान प्रशंसनीय रहा है। ऐसे धार्मिक स्थान हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। ये स्थान हमारे मन में आस्तिकता की भावना और अपनी संस्कृति की रक्षा के भाव जगाते हैं। ऐसे स्थानों का सम्मान और उनकी रक्षा करना प्रत्येक भारतवासी का परम कर्त्तव्य है।

अमृतसर का हरिमन्दिर साहिब एक पावन तीर्थ स्थल है। वहां जाकर हृदय को अपूर्व शान्ति मिलती है। श्रद्धालु वहां जाकर जो कुछ मांगते हैं, उनकी आशाएं पूर्ण होती हैं। भला भगवान् के दरबार से कोई खाली लौट सकता है? इस सरोवर का अमृत जल जो पीता है उसका मन स्वच्छता के निकट पहुंचने लगता है।

हमारा देश

हमारे देश का नाम भारत है। यह हमारी मातृभूमि है। दुष्यन्त और शकुन्तला के पुत्र भरत के नाम पर इसका भारत नाम पड़ा। यह एक विशाल देश है। जनसंख्या की दृष्टि से यह संसार में दूसरे स्थान पर है। इसकी जनसंख्या 125 करोड़ से ऊपर हो गई है। यहाँ पर अलग-अलग जातियों के लोग रहते हैं।

भारत के उत्तर में हिमालय है और शेष तीनों ओर समुद्र है। इस पर अनेक पर्वत, नदियाँ, मैदान और मरुस्थल हैं। स्थान-स्थान पर हरे-भरे वन इसकी शोभा हैं। यह एक खेती-प्रधान देश है। यहाँ की 70% जनता गाँवों में रहती है। यहाँ गेहूँ, मक्का, बाजरा, ज्वार, चना, गन्ना आदि फसलें होती हैं। यहाँ की धरती बहुत उपजाऊ है। गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियाँ बहती हैं। इसकी भूमि से लोहा, कोयला, सोना आदि कई प्रकार के खनिज पदार्थ निकलते हैं।

यहाँ पर कई धर्मों के लोग निवास करते हैं। सभी प्रेम से रहते हैं। यहाँ पर अनेक तीर्थ हैं। ताजमहल, लाल किला, सारनाथ, शिमला, मसूरी, श्रीनगर आदि प्रसिद्ध स्थान हैं जो देखने योग्य हैं। यहाँ पर कई महापुरुषों ने जन्म लिया। श्रीराम, श्रीकृष्ण, गुरु नानक देव जी, दयानन्द, रामतीर्थ, तिलक, गांधी आदि इस देश की शोभा थे। यह देश दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति कर रहा है। यहाँ के कारखानों में अब लगभग हर वस्तु तैयार होती है। इसके वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर अपना यान पहुँचा दिया है।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

हमारा पंजाब

पंजाब एक अनोखा प्रदेश है। इसे पाँच नदियाँ सींचती हैं। इस कारण इसे पंजाब (पंज + आब) कहा जाता है। इसकी राजधानी चण्डीगढ़ है। यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। पंजाब की भूमि बहुत उपजाऊ है। भारत की सबसे अधिक फसलें यहीं पर पैदा होती हैं। यहाँ पर सतलुज, ब्यास, रावी, चिनाब, जेहलम नदियाँ बहती हैं।

पंजाब के जवान स्वस्थ शरीर वाले, सुन्दर और उदार स्वभाव के हैं। उनमें स्वाभिमान कट-कट कर भरा हआ है। आजादी की लडाई में इन्होंने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। देश के प्रसिद्ध नेता लाला लाजपत राय, भगत सिंह इसी प्रान्त से सम्बन्ध रखते हैं। पंजाबी जवान देश की रक्षा के लिए अपनी जान तक की बाजी लगा देते हैं।

पंजाब के लोग बहुत परिश्रमी और साहसी हैं। इसी कारण यह बड़ी उन्नति कर रहा है। यह उद्योगों में भी उन्नति कर रहा है। रेशमी कपड़े, हौज़री, खेलों के सामान और लोहे के सामान के लिए यह प्रसिद्ध है। खेलों में भी इस प्रान्त के लोग बहुत आगे हैं। जालन्धर में बना हुआ खेलों का सामान दुनिया भर के बाजारों में बिकता है। पंजाब का लकड़ी और धातु उद्योग भी बहुत प्रसिद्ध है। यही कारण है कि यह खुशहाली के रास्ते पर बढ़ रहा है। गुरुओं की धरती इस पंजाब पर मुझे गर्व है। इसके प्रति हमारे दिल में असीम प्यार है।

मेरा गाँव

मेरे गाँव का नाम ………….. है। यह होशियारपुर का सबसे बड़ा गाँव है। यहाँ की जनसंख्या पन्द्रह हज़ार है। यह होशियारपुर से छ: मील की दूरी पर स्थित है। यह पक्की सड़कों द्वारा शहर के साथ जुड़ा हुआ है। यहाँ पर रेल लाइन भी बिछी है जिस कारण यहाँ। के रहने वालों को आने-जाने में कोई मुश्किल नहीं होती।

इस गाँव में एक हाई स्कूल तथा एक प्राइमरी स्कूल भी है। यहाँ लड़के और लड़कियाँ शिक्षा प्राप्त करते हैं। यहाँ पर अधिकतर लोग खेती-बाड़ी करते हैं। वे नए ढंगों से खेती करते हैं। यहाँ सब लोग मिल-जुल कर रहते हैं।

मेरे गाँव में एक सरकारी अस्पताल भी है जहाँ पर रोगियों की देखभाल की जाती है। एक पंचायत घर भी है जहाँ लोगों को सच्चा न्याय मिलता है। यहाँ पर ट्यूबवैल और कुओं
आदि से खेती की जाती है। पानी का विशेष प्रबन्ध है।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

अधिकतर मकान कच्चे हैं। कुछ पक्के भी हैं। गाँव की गलियाँ पक्की बनी हुई हैं। लोग आपस में मिल-जुल कर रहते हैं। वे गाँव की सफ़ाई का पूर्ण ध्यान रखते हैं। मुझे अपने गाँव की मिट्टी के कण-कण से प्यार है तथा मैं इस पर गर्व करता हूँ।

मेरी पाठशाला (स्कूल)

मेरी पाठशाला का नाम …………………. है। यह एक बहुत बड़ी इमारत है। यह जी० टी० रोड पर स्थित है। इसमें 20 कमरें हैं। सभी कमरे खुले और हवादार हैं। प्रत्येक कमरे में दो खिड़कियाँ और दो-दो दरवाजे हैं। ये बहुत साफ़-सुथरे हैं।

पानी पीने के लिए यहाँ पर कई नलके लगे हुए हैं। पुस्तकें पढ़ने के लिए एक पुस्तकालय है। पाठशाला के सामने ही एक बागीचा है। यहाँ पर कई प्रकार के फूल लगे हैं जो पाठशाला की शोभा को चार चाँद लगा देते हैं। पाठशाला में अन्दर आते ही मुख्याध्यापक का दफ्तर है और दूसरी तरफ अध्यापकों का कमरा है। इनके साथ ही एक . साईंस रूम है। यहाँ बच्चों को क्रियात्मक कार्य करवाया जाता है।

मेरी पाठशाला में पच्चीस अध्यापक हैं जो बहुत योग्य हैं और परिश्रम से बच्चों को पढ़ाते हैं। वे मुख्याध्यापक का सम्मान करते हैं और बच्चों के साथ भी प्रेम का व्यवहार करते हैं। पाठशाला के पीछे एक खेल का मैदान है जहाँ पर बच्चे शाम को खेलते हैं। मेरी पाठशाला का परिणाम हर साल बहुत अच्छा निकलता है। अनुशासन और प्रेम का व्यवहार यहाँ पर सिखाया जाता है। मुझे अपनी पाठशाला पर गर्व है।

मेरा प्रिय अध्यापक

मेरे स्कूल में बहुत-से अध्यापक हैं लेकिन उन सब में से मुझे श्री वेद प्रकाश जी बहुत अच्छे लगते हैं। वह हमें हिन्दी पढ़ाते हैं। उनके पढ़ाने का ढंग बहुत अच्छा है। वह एम० ए०, बी० एड० हैं। वह सभी विद्यार्थियों से स्नेह का व्यवहार करते हैं और पाठ को अच्छी तरह से समझाते हैं।

वह एक उच्च विचारों वाले और नम्र स्वभाव के व्यक्ति हैं। वह सादगी को बहुत पसन्द करते हैं और बच्चों को भी सादा रहने का उपदेश देते हैं। वह सदा सच बोलते हैं। वह हमेशा समय पर स्कूल आते हैं। वह अन्य सभी अध्यापकों का तथा मुख्याध्यापक का बहुत सम्मान करते हैं। उनकी वाणी में मिठास है। वह किसी बच्चे को पीटते नहीं हैं बल्कि उन्हें प्यार से समझाते हैं। वह सिगरेट आदि का सेवन नहीं करते हैं।

वह बहुत रहम दिल हैं और वह कमजोर और ग़रीब बच्चों की सहायता करते हैं। वह बच्चों के सच्चे हित को चाहने वाले हैं। वह एक खिलाड़ी हैं और बच्चों को भी खेलने की प्रेरणा देते हैं। बच्चे उनकी शिक्षाओं से अच्छे बन सकते हैं। सभी विद्यार्थी उनका बहुत सम्मान करते हैं। मुझे उन पर गर्व है।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

मेरा मित्र

रमेश मेरा बहुत अच्छा मित्र है। वह मेरे साथ ही छठी कक्षा में पढ़ता है। उसकी आयु बारह साल के लगभग है। उसके पिता जी एक डॉक्टर हैं। उसकी माता जी एक धार्मिक स्वभाव की स्त्री हैं। वह उसे सदाचार की शिक्षा देती हैं।

रमेश पढ़ने में बहुत होशियार है। परीक्षा में वह सदा प्रथम रहता है। वह हमारे घर के पास ही रहता है। उसके पिता जी उसे और मुझे सुबह सैर करने ले जाते हैं। वह सुबह जल्दी ही उठ जाता है। वह प्रतिदिन स्नान करता है और समय पर स्कूल जाता है। वह सभी के साथ बड़ा नम्र व्यवहार करता है। वह हमेशा सादे कपड़े पहनता है और सदा सत्य बोलता है। उसका चेहरा हँसमुख और स्वभाव सरल है। वह किसी बुरे और शरारती लड़के की संगति नहीं करता है और मुझे भी बुरी संगति करने से रोकता है। वह कमजोर विद्यार्थियों की सहायता करता है।

रमेश खेलों में भी बहुत रुचि लेता है। वह स्कूल की हॉकी टीम में खेलता है। वह शाम को खेलने जाता है। वह बड़ा स्वस्थ दिखाई देता है। रात को वह पढ़ता है। वह बड़ा मन लगाकर पढ़ाई करता है। इसी कारण वह हमेशा प्रथम रहता है। उसे कई इनाम भी मिल
चुके हैं। सभी अध्यापक उसे बहुत प्यार करते हैं। मुझे अपने इस मित्र पर गर्व है।

दशहरा

दशहरा प्रधान त्योहारों में से एक है। यह आश्विन मास की शुक्ल पक्ष दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन श्री राम ने रावण पर विजय पाई थी। भगवान् राम के वनवास के दिनों में रावण छल से सीता को हर कर ले गया था। राम ने हनुमान और सुग्रीव आदि मित्रों की सहायता से लंका पर हमला किया तथा रावण को मार कर लंका पर विजय पाई। तभी से यह त्योहार मनाया जाता है।

दशहरा रामलीला का आखिरी दिन होता है। भिन्न-भिन्न स्थानों में अलग-अलग प्रकार से यह दिन मनाया जाता है। बड़े-बड़े नगरों में रामायण के पात्रों की झांकियाँ निकाली जाती हैं। दशहरे के दिन रावण, कुम्भकर्ण तथा मेघनाद के कागज़ के पुतले बनाए जाते हैं। सायंकाल के समय राम और रावण के दलों में बनावटी लड़ाई होती है। राम रावण को मार देते हैं। रावण आदि के पुतले जलाए जाते हैं। पटाखे आदि छोड़े जाते हैं। लोग मिठाइयाँ तथा खिलौने लेकर घरों को लौटते हैं।

इस दिन कुछ असभ्य लोग शराब पीते हैं और लड़ते हैं। यह ठीक नहीं। यदि ठीक ढंग से इस त्योहार को मनाया जाए तो बहुत लाभ हो सकता है। स्थान-स्थान पर भाषणों का प्रबन्ध होना चाहिए।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

दीवाली

दीवाली हमारे देश का एक पवित्र और प्रसिद्ध त्योहार है। यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह दशहरे के बीस दिन बाद आता है। इस दिन भगवान् श्री राम लंका के राजा रावण को मार कर तथा वनवास के चौदह वर्ष पूरे कर अयोध्या लौटे थे। तब लोगों ने उनके स्वागत में रात को दीये जलाए थे। उनकी पवित्र याद में यह दिन बड़े सम्मान से मनाया जाता है। सिक्खों के छठे गुरु श्री गुरु हरगोबिन्द जी भी इसी दिन ग्वालियर के किले से मुक्त होकर लौटे थे इसलिए सिक्ख भी इस त्योहार को विशेष उत्साह के साथ मनाते हैं।

दीवाली से कई दिन पूर्व तैयारी आरम्भ हो जाती है। लोग घरों की लिपाई-पुताई करते हैं। कमरों को सजाते हैं। घरों का कूड़ा-कर्कट बाहर निकालते हैं। दीवाली के दिन सारा घर दीपकों की रोशनी से जगमगा उठता है। बच्चे, बूढ़े, युवा सभी नए-नए कपड़े पहनते हैं। लोग बाजारों से मिठाइयाँ, खिलौने व आतिशबाजियाँ आदि खरीदते हैं। बच्चे विशेषकर बहुत खुश नज़र आते हैं।

इस दिन लोग मित्रों को बधाई देते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं। रात को आतिशबाज़ी चलाते हैं। लोग रात को लक्ष्मी की पूजा करते हैं। दुर्गा सप्तशति का पाठ करते हैं। दीवाली हमारा धार्मिक त्योहार है। इसे उचित रीति से मनाना चाहिए। विद्वान् लोगों को जनसाधारण को उपदेश देकर अच्छे रास्ते पर चलाना चाहिए। जुआ और शराब का इस्तेमाल बहुत बुरा है, इससे बचना चाहिए। आतिशबाजी पर अधिक खर्च नहीं करना चाहिए।

वैशाखी

वैशाखी का त्योहार हर साल एक नवीन उत्साह और उमंग लेकर आता है। यह सारे भारत में मनाया जाता है। इस दिन लोगों में नई चेतना, एक नई स्फूर्ति और खुशी दिखाई देती है। इसे सभी धर्मों के लोग खुशी से मनाते हैं।

वैशाखी वैशाख मास की संक्रान्ति को होती है। 13 अप्रैल को यह त्योहार मनाया जाता है। सूर्य के गिर्द वर्ष भर का चक्कर काट कर पृथ्वी जब दूसरा चक्कर आरम्भ करती है तो उस दिन वैशाखी होती है। वैशाख महीने से नया साल शुरू होता है। इसी दिन वर्ष भर के कामों का लेखा-जोखा किया जाता है। स्कूलों का सत्र भी वैशाखी अर्थात् अप्रैल से ही शुरू होता है। इस समय नई फसल पक कर तैयार हो जाती है। किसान अपनी फसल को पाकर झूम उठते हैं। वे कहते हैं –

फसलां दी मुक गई राखी
ओ जट्टा आई वैशाखी।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

वैशाखी के दिन पंजाब के कई स्थानों पर मेले लगते हैं। लोग नए-नए रंग-बिरंगे कपडे पहन कर मेला देखने जाते हैं। वहाँ कई प्रकार की दकानें सजी होती हैं जहाँ से लोग अपनी ज़रूरत की चीजें खरीदते हैं। लोगों की बहुत भीड़ होती है। पशुओं की मंडियाँ लगती हैं। जगह-जगह पर कुश्तियाँ होती हैं। मदारी अपने करतब दिखाते हैं। बच्चे तो बड़े खुश दिखाई देते हैं, गीत गाते हैं और झूम-झूम कर अपनी मस्ती और खुशी प्रकट करते हैं।

किसानों के दल खुशी से अपने लहलहाते खेतों को देखकर भांगड़ा डालते हैं। ढोल की आवाज़ सबको अपनी ओर खींच रही होती है।

गुरुद्वारों में गुरबाणी का पाठ होता है। इसी दिन दशम गुरु गोबिन्द सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। पवित्र नदियों और सरोवरों में लाखों लोग स्नान करते हैं। इसके बाद वे श्रद्धा अनुसार दान पुण्य करते हैं और मित्रों में मिठाई बाँटते हैं। अमृतसर में वैशाखी का मेला देखने योग्य होता है।

प्रातःकाल की सैर

प्रात:काल की सैर मनुष्य के स्वास्थ्य लिए बहुत आवश्यक है। यह शरीर के लिए बड़ी लाभदायक होती है। सुबह के समय सैर करना वैसे भी मनोरंजन करने के समान है। सुबह के समय प्राकृतिक छटा निराली होती है। सुबह की लाली चारों ओर फैली होती है। पक्षियों के कलरव हो रहे होते हैं जो बहुत अच्छे लगते हैं। शीतल हवा चल रही होती है। खिले हुए फूल बड़े सुन्दर लगते हैं। पेड़-पौधों का दृश् बड़ा लुभावना होता है।

मैं अपने मित्र मोहन के साथ रोज़ाना प्रात:काल को सैर के लिए जाता हूँ। हम सुबह सूरज के उदय होने से पहले ही उठ जाते हैं और पास के बाग़ में सैर के लिए जाते हैं। हम वहाँ पहुँच कर सैर करते हैं और फिर कुछ कसरत भी करते हैं। कसरत करने से शरीर में स्फूर्ति आ जाती है और शरीर हल्का-फुल्का हो जाता है। सुबह की सैर के लाभ भी बहुत होते हैं। शरीर में फुर्ती आती है। स्वच्छ वायु के सेवन से खून साफ़ होता है। शरीर की कसरत होती है। शारीरिक रोगों से बचाव होता है। दिमाग की ताकत बढ़ती है। आलस्य दूर भागता है। सदाचार की वृद्धि होती है। काम करने को मन लगता है।

अतः हमें नियमित रूप से प्रातः भ्रमण करना चाहिए।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

बसन्त

भारत में क्रमश: छः ऋतुएँ आती हैं। प्रत्येक ऋतु का अपना महत्त्व है। बसन्त को तो ऋतुराज कहते हैं। इस ऋतु के आगमन से प्रकृति में सौन्दर्यता छा जाती है। प्रकृति का नया रूप आँखों को बड़ा मोहक लगता है। पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं। प्राणी मात्र में नया उल्लास छा जाता है। उपवनों में रंग-बिरंगे फूल हँसने लगते हैं। आम के वृक्ष बौर से लद जाते हैं। कोयल की मधुर आवाज़ कानों में रस घोलने लगती है।

नदी-नालों का जल स्वच्छ हो जाता है। लहलहाते खेतों तथा पीली सरसों का दृश्य मनमोहक होता है। गाँवों की शोभा तो विशेष दर्शनीय होती है। इस ऋतु में अनेक कार्यक्रमों की योजना की जाती है। इस ऋतु का प्रत्येक दिन ही उत्सव का दिन होता है। बसन्त का उत्सव बड़े चाव से मनाया जाता है। पीली वस्तुओं के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ जाता है। बसन्त पंचमी के दिन पतंग उड़ाए जाते हैं। खुले स्थानों पर मेले का दृश्य देखते ही बनता है। बसन्त पंचमी के दिन विद्या की देवी ‘सरस्वती’ का पूजन होता है।

धर्मवीर हकीकत राय ने बसन्त के दिन अपने जीवन का बलिदान दिया था। इसलिए उस धर्मवीर की स्मृति में भी अनेक स्थानों पर मेले लगते हैं। यह दिन हमें धर्म की रक्षा के लिए अपना सब कुछ अर्पित करने की प्रेरणा देता है।

स्वतन्त्रता दिवस (15 अगस्त)

आ प्यारे स्वतन्त्र देश आ, स्वागत करता हूँ तेरा।
तुझे देखकर आज हो रहा, प्रमुदित दूना मन मेरा॥

पन्द्रह अगस्त, सन् 1947 का दिन भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाने योग्य है। इस दिन भारत देश अंग्रेजी शासकों के अत्याचारों से मुक्त हुआ था। लेकिन हमें यह आजादी यूं ही नहीं प्राप्त हो गई बल्कि इस आज़ादी को प्राप्त करने के लिए अनेक देशभक्तों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। पण्डित जवाहर लाल जी स्वतन्त्र भारत के पहले प्रधानमन्त्री बने। संसद् भवन पर तिरंगा झण्डा लहराया गया। उस दिन दिल्ली के लाल किले पर पं. जवाहर लाल नेहरू जी ने अपने हाथों से तिरंगा झण्डा लहराया। लाखों लोगों ने इसमें भाग लिया। तब से लेकर अब तक यह त्योहार हर वर्ष सारे भारतवर्ष में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।

भारत की राजधानी दिल्ली में आजादी का यह पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। सारी दिल्ली दुल्हन की तरह सजाई जाती है। लाल किले की आभा तो देखते ही बनती है। यहीं से प्रधानमन्त्री भारतवासियों के नाम सन्देश देते हैं। इस सन्देश में भारत देश की प्रगति व विकास की गाथा का वर्णन होता है। इण्डिया गेट की शोभा भी निराली होती है। देश-विदेश से लोग इस समारोह में भाग लेने के लिए आते हैं। आकाश से वायुयानों द्वारा फूलों की वर्षा की जाती है। शाम को सारी दिल्ली रोशनी से जगमगा जाती है।।

आज हमें आजादी तो मिल गई है परन्तु हमें देश के प्रति कर्तव्यों को निभाना चाहिए। हमें उन शहीदों को याद रखना चाहिए जिन्होंने अपनी कुर्बानी देकर हमें आज़ादी दिलवाई।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

गणतन्त्र दिवस (26 जनवरी)

26 जनवरी का दिन भारत के लिए विशेष महत्त्व का दिन है। यह एक राष्ट्रीय त्योहार है। भारत की सभी जातियाँ हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध तथा जैनी बिना किसी भेद-भाव के इसे बड़े उत्साह से मनाते हैं।

26 जनवरी, सन् 1929 को लाहौर में रावी नदी के तट पर भारतीय कांग्रेस अधिवेशन में नेहरू जी ने यह प्रतिज्ञा की थी कि हम पूर्ण स्वराज्य लेकर ही छोड़ेंगे। उस समय अंग्रेज़ों का बोलबाला था। भारतीयों पर अत्याचार हो रहे थे। अंग्रेजी सरकार ने दमन नीति को अपनाया हुआ था। किन्तु हिन्दू, मुसलमान तथा सिक्ख सभी ने एक झण्डे के नीचे दासता की बेड़ियों को तोड़ने की प्रतिज्ञा की हुई थी। यह आजादी का युद्ध वर्षों तक लगातार चलता रहा। आखिरकार मज़बूर होकर अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा तथा 15 अगस्त, सन् 1947 को हमें स्वतन्त्रता प्राप्त हो गई।

किन्तु अंग्रेज़ जाते-जाते अपनी कूटनीति का खेल खेलते हुए भारत के दो टुकड़े कर गए और इस प्रकार भारत और पाकिस्तान दो देश बन गए।

अंग्रेजों का शासन खत्म हो गया परन्तु विधान अभी अंग्रेजों का ही लागू था। भारत का अपना संविधान बनना शुरू हुआ और अन्त में 26 जनवरी, सन् 1950 से लागू हुआ। संविधान के अनुसार भारत गणराज्य बन गया।

26 जनवरी का दिन प्रति वर्ष भारत के कोने-कोने में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। नगर-नगर में सभाएँ तथा जुलूस निकलते हैं। राष्ट्रीय झण्डे लहराए जाते हैं। किन्तु दिल्ली में यह दिन धूमधाम से मनाया जाता है। यह समारोह भारत के राष्ट्रपति की सवारी से शुरू होता है। राष्ट्रपति की सवारी को सलामी देने के लिए स्थल सेना, जल सेना और वायु सेना तीनों की चुनी हुई टुकड़ियाँ सवारी के साथ-साथ चलती हैं। सवारी इण्डिया गेट से शुरू होती है और नई दिल्ली के खास-खास स्थानों से होती हुई आगे बढ़ती है। सवारी के पीछे-पीछे अलग-अलग प्रान्तों के लोग अपने कार्यक्रम की झांकियाँ दिखाते हैं। राष्ट्रपति
को 21 तोपों से सलामी दी जाती है।

26 जनवरी का दिन मनोरंजन का दिन ही नहीं मानना चाहिए बल्कि इस दिन हमें कुछ प्रतिज्ञा करनी चाहिए ताकि देश में बढ़ती हुई रिश्वतखोरी, लूटमार, पक्षपात आदि दूर किए जा सकें। हमें उन वीरों का कर्जा चुकाना होगा जिन्होंने अपनी कुर्बानियों द्वारा हमें आजादी से साँस लेने का अवसर दिया। तभी हमारी आज़ादी सफल तथा पूर्ण होगी।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

समाचार-पत्र

मनुष्य एक जिज्ञासु प्राणी है। वह अपने आस-पास घटने वाली घटनाओं की जानकारी प्राप्त करना चाहता है। प्राचीन काल में उसकी यह जिज्ञासा पूरी न हो पाती थी। विज्ञान ने जहाँ हमें अन्य अनेक प्रकार की सुविधाएँ दी हैं, उनमें समाचार-पत्र के द्वारा हम घर बैठे ही देश-विदेश के समाचारों को जान लेते हैं। संसार के किसी भी कोने में घटने वाली घटना तार, टेलीफोन अथवा इंटरनेट के द्वारा समाचार-पत्रों के कार्यालयों में पहुँच जाती है।

समाचार-पत्रों से हमें अनेक लाभ हैं। नगर, प्रान्त, देश तथा विदेश आदि के समाचारों को हम समाचार-पत्र द्वारा घर बैठे जान लेते हैं। इससे हमारे ज्ञान में भी वृद्धि होती है। समय-समय पर इनमें अनेक प्रकार के चित्र भी छपते रहते हैं। इन चित्रों के द्वारा जहाँ हमारा मनोरंजन होता है, वहाँ इनसे अनेक प्रकार के ऐतिहासिक, धार्मिक तथा प्राकृतिक स्थानों की भी जानकारी होती है।

समाचार-पत्रों में कहानियाँ, कविताएँ, जीवनियाँ तथा हास्य की सामग्री भी छपती रहती है। इन्हें पढ़कर हमारा मनोरंजन होता है। इनमें नौकरी सम्बन्धी विज्ञापन भी छपते हैं। पाठक अपने विचारों को भी समाचार-पत्र में छपवा सकते हैं। इस प्रकार ये समाचार-पत्र हमारे लिए वरदान का काम करते हैं। उनके द्वारा हमें घर बैठे ही बहुत सी जानकारी प्राप्त हो जाती है।

विद्यार्थी जीवन

विद्यार्थी जीवन मनुष्य के जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग है। यह मानव जीवन की नींव है। इसी पर उसके जीवन की सफलता-असफलता निर्भर करती है। यह समय भावी जीवन की तैयारी का आधार है।

विद्यार्थी जीवन विद्या प्राप्ति का समय है। इस समय में किया गया परिश्रम ही उसके भविष्य को निर्धारित करता है। जितनी मेहनत वह अब करेगा, भविष्य उतना ही सुखकर होगा। अत: इस समय में विद्यार्थी का यह कर्त्तव्य है कि वह पढ़ाई में अपना मन लगाए। अनुशासन में रहकर, नियमों का पालन करते हुए अपने चरित्र और व्यक्तित्व को अच्छा बनाए। विद्यार्थी जीवन की सफलता अच्छी बातों के पालन पर निर्भर करती है। उसे अपने अध्यापकों के उपदेश के अनुसार चलना चाहिए। माता-पिता की आज्ञा का पालन करना भी उसका प्रमुख कर्त्तव्य है। वह स्वभाव का नम्र तथा मधुरभाषी होना चाहिए। उसे अपने स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। उसे हमेशा अच्छे छात्रों का संग करना चाहिए। अच्छी संगति स्वयं में एक शिक्षा है। समय का पालन करना चाहिए।

विद्यार्थी जीवन में खूब परिश्रम करना चाहिए। परिश्रम के द्वारा ही मनुष्य उन्नति कर सकता है। आलसी व्यक्ति तो अपने लिए ही बोझ बन कर जीता है। अतः प्रत्येक विद्यार्थी का यह कर्त्तव्य है कि वह अपने विद्यार्थी जीवन का सदुपयोग करे। अच्छा विद्यार्थी ही एक अच्छा व्यक्ति, एक अच्छा नागरिक बन सकता है।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

देश-भक्ति

देश-भक्ति का अर्थ है अपने देश से प्यार अथवा अपने देश के प्रति श्रद्धा। जो मनुष्य जिस देश में पैदा होता है, उसका अन्न-जल खा पीकर बड़ा होता है, उसकी मिट्टी में खेल कर हृष्ट-पुष्ट होता है, वहीं पढ़-लिख कर विद्वान् बनता है, वही उसकी जन्म-भूमि है।

प्रत्येक मनुष्य तथा प्राणी अपने देश से प्यार करता है। वह कहीं भी चला जाए, संसार भर की खुशियों तथा महलों के बीच में क्यों न विचरण कर रहा हो उसे अपना देश, अपना स्थान ही प्रिय लगता है।

देश-भक्त सदा ही अपने देश की उन्नति के बारे में सोचता है। हमारा इतिहास इस बात का गवाह है कि जब-जब देश पर मुसीबत के बादल मंडराए, जब-जब हमारी आजादी को खतरा रहा, तब-तब हमारे देश-भक्तों ने अपनी भक्ति भावना दिखाई। सच्चे देश-भक्त अपने सिर पर लाठियां खाते हैं, जेलों में जाते हैं, बार-बार अपमानित किए जाते हैं तथा हँसते-हँसते फांसी के फंदे चूम जाते हैं। जंगलों में स्वयं तो भूख से भटकते हैं साथ ही अपने बच्चों को भी बिलखते देखते हैं।

महाराणा प्रताप का नाम कौन भूल सकता है जो अपने देश की आज़ादी के लिए दर दर भटकते रहे, परंतु शत्रु के आगे सिर नहीं झुकाया। महात्मा गांधी, जवाहर लाल, सुभाष, पटेल, राजेंद्र प्रसाद, तिलक, भगत सिंह, चंद्रशेखर, लाला लाजपतराय, मालवीय जी आदि अनेक देश-भक्तों ने आज़ादी प्राप्त करने के लिए अपना सच्चा देश-प्रेम दिखलाया। वे देश के लिए मर मिटे, पर शत्रु के आगे झुके नहीं। उन्होंने यह निश्चय किया था कि ‘सर कटा देंगे, मगर सर झुकाएंगे नहीं।’

आज जो कुछ हमने प्राप्त किया है तथा जो कुछ हम बन पाए हैं उन सबके लिए हम देश-भक्त वीरों के ही ऋणी हैं। इन्हीं के त्याग के कारण हम स्वतंत्रता से सांस ले रहे हैं। इसलिए इन वीरों से प्रेरणा लेकर हमें भी नि:स्वार्थ भाव से अपने देश की सेवा करने का प्रण करना चाहिए। हमें अपने देश की सभ्यता, संस्कृति, रीति-रिवाज, भाषा, धर्म तथा मान-मर्यादा की रक्षा करनी चाहिए।

व्यायाम के लाभ

शरीर को एक विशेष ढंग से हिलाना-डुलाना व्यायाम कहलाता है। यह कई प्रकार से किया जा सकता है। कुश्ती करना, दंड पेलना, बैठकें निकालना, दौड़ना, तैरना, घुड़सवारी, नौका चलाना, खो-खो खेलना, कबड्डी खेलना आदि पुराने ढंग के व्यायाम हैं। पहाड़ पर चढ़ना भी एक व्यायाम है। इनके अलावा, आज अंग्रेजी ढंग से व्यायामों का भी प्रचार बढ़ रहा है। फुटबाल, वॉलीबाल, क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन, टैनिस आदि आज के नए ढंग के व्यायाम हैं। इनके द्वारा खेल-खेल में ही व्यायाम हो जाता है।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

व्यायाम के अनेक लाभ हैं। इससे बीमारी और बुढ़ापा दूर भागता है। शरीर के अंगों में लचक पैदा होती है। मनुष्य बलवान्, सुंदर तथा सुडौल बन जाता है। उसमें फुर्ती और चुस्ती का संचार होता है। भोजन पचने लग जाता है और शरीर में खून बढ़ जाता है। काम करने की शक्ति उत्पन्न होती है। व्यायाम से मनुष्य का तन और मन स्वस्थ तथा प्रसन्न बनता है। इससे मनुष्यों की आयु दीर्घ बनती है। व्यायाम से मनुष्य का मनोरंजन भी होता है।

व्यायाम से वैसे तो हानि नहीं होती परंतु अधिक व्यायाम कई बार घातक सिद्ध होता है। मनुष्य को अपनी शक्ति के अनुसार ही व्यायाम करना चाहिए।

मेरी गाय

गाय एक पालतू पशु है। यह एक महत्त्वपूर्ण घरेलू जानवर है। यह कई रंगों की होती है; जैसे-सफेद, काली, लाल आदि। मेरी गाय सफेद रंग की है। यह हमें दूध देती है। इसके दूध से हमारा शरीर स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट बनता है। भारतीय लोग इसे माँ के समान सम्मान देते हैं। इसे ‘गऊ माता’ कहकर पुकारते हैं। प्राचीन समय से हिन्दू इसे माता कहते हैं। इसकी पूजा करते हैं। गाय का दूध पूजा एवं अभिषेक में प्रयोग किया जाता है।

इसका मुँह लंबा है। इसके दो सींग और एक लंबी पूंछ है। यह हरी घास, चने का दाना और भूसा खाती है। इसका दूध स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इसके दूध से खोया, मक्खन, दही, पनीर आदि बनाते हैं। इसके गोबर की उपलें ईधन का काम देती हैं। इसका गोबर खाद के काम भी आता है। इसके बछड़े बड़े होकर बैल बनते हैं जो खेतीबाड़ी में काम आते हैं तथा गाड़ी खींचते हैं। हम अपनी गाय की अच्छी तरह देखभाल करते हैं।

यह अपनी आहार क्षमता के अनुसार दिन में दो बार दूध देती है। मेरी गाय की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मानव जाति को बहुत कुछ देती है। मेरी गाय मुझे दूध देने के साथ-साथ संस्कार भी देती है।

स्वच्छता अभियान

भारत सरकार के द्वारा चलाए जाने वाले अभियानों में से एक स्वच्छता का अभियान है। यह एक राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान है। इसे कलीन इंडिया मिशन भी कहा जाता है। स्वच्छ भारत का सपना राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देखा था। इस अभियान को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 02 अक्तूबर, 2014 को गांधी जयन्ती के दिन शुरू किया था। उनके द्वारा शुरू किया गया यह अभियान कोई ऐसा कार्य नहीं है जो दबाव में किया जाए।

PSEB 6th Class Hindi रचना निबंध लेखन (2nd Language)

यह तो एक अच्छी आदत है। हमारे जीवन का एक तरीका है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह आदत ज़रूरी है। स्वच्छता की आदत को जीवन में ढालना बहुत आसान है। साफ़-सफाई एक अच्छी आदत है। समाज के प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह ‘स्वच्छ भारत’ निर्माण में अपना योगदान दे। हम सभी को स्वच्छता के उद्देश्य को समझना होगा। आज के समय में यह एक महत्त्वपूर्ण विषय है।

देशवासियों को स्वस्थ जीवन देने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। यह किसी एक की जिम्मेदारी न होकर हम सभी की जिम्मेदारी है। अपने बच्चों में स्वच्छता का कदम लाना बहुत बड़ी बात है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं (2nd Language)

Hindi Guide for Class 6 PSEB पिल्ले बिकाऊ हैं Textbook Questions and Answers

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं

पिल्ले बिकाऊ हैं अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं 1
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं 2
उत्तर :
विद्यार्थी हिन्दी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं 3
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं 4
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं 5
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं 6
उत्तर :
विद्यार्थी हिन्दी शब्दों को अपनी कापी में लिखने का अभ्यास करें।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दें :

1. दुकानदार ने दुकान के बाहर बोर्ड पर क्या लिखा था?
उत्तर :
दुकानदार ने दुकान के बाहर बोर्ड पर लिखा था-‘पिल्ले बिकाऊ हैं।’

2. बच्चे की जेब में कितनी राशि थी?
उत्तर :
बच्चे की जेब में 2 डालर और 37 सैंट की राशि थी।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं

3. अपाहिज पिल्ले के शरीर का कौन-सा भाग टूटा हुआ था?
उत्तर :
अपाहिज पिल्ले का कूल्हा टूटा हुआ था।

4. दुकानदार ने अपाहिज पिल्ले की क्या कीमत बतायी?
उत्तर :
दुकानदार ने अपाहिज पिल्ले की कोई कीमत नहीं बतायी।

5. बच्चे की टाँग किस कारण खराब हो चुकी थी?
उत्तर :
बच्चे की टाँग पोलियो के कारण ख़राब हो चुकी थी।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर या तीन वाक्यों में दें :

1. बच्चे द्वारा पिल्लों की कीमत पूछने पर दुकानदार ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर :
बच्चे द्वारा पिल्लों की कीमत पूछने पर दुकानदार ने कहा कि पिल्ले की नस्ल और सेहत के मुताबिक उनकी कीमत रखी गयी है जो 30 डालर से पचास डालर के बीच हो सकती है।

2. पिल्ले के अपाहिज होने का कारण पूछने पर दुकानदार ने क्या कहा?
उत्तर :
पिल्ले के अपाहिज होने का कारण पूछने पर दुकानदार ने कहा, “इसके जन्म के समय इसका एक कूल्हा बुरी तरह टूट गया है, जिसके कारण यह कभी भी दूसरे कुत्तों की तरह नहीं चल पाएगा।”

3. बच्चे ने अपाहिज पिल्ले को ही क्यों खरीदा?
उत्तर :
बच्चा स्वयं भी पोलियो का शिकार होकर अपाहिज था। इसीलिए वह अपाहिज के दर्द को समझता था इसीलिए उसने अपाहिज पिल्ले को खरीदा।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं

4. दुकानदार ने बच्चे के फैसले से प्रभावित होकर क्या कहा?
उत्तर :
दुकानदार ने बच्चे के फैसले से प्रभावित होकर कहा कि बेटा मैं आशा करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि इन सभी पिल्लों को तुम्हारे जैसा ही अच्छा मालिक मिले।”

5. कहानी की अंतिम पंक्ति में सच्चे मित्र की क्या विशेषता बतायी है?
उत्तर :
सच्चा मित्र वही है जो उस समय काम आता है, जबकि सारी दुनिया मुँह मोड़ लेती है।

5. निम्नलिखित गद्यांश में से सर्वनाम शब्द छाँटकर लिखें :

दुकानदार से कुछ भी कहते नहीं बन रहा था। उस नन्हे बालक की बात सुनकर उसकी आँखों से आँसुओं की धारा निकल पड़ी और फिर कुछ देर बाद होंठों में मुस्कराहट भरकर उसने कहा, “बेटा, मैं आशा करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि इन सभी पिल्लों को तुम्हारे जैसा ही अच्छा मालिक मिले।”
उत्तर :
(i) उसकी
(ii) उसने
(iii) मैं
(iv) तुम्हारे।

6. इस डिब्बे में सभी शब्द घुल मिल गये हैं। उनमें से क्रिया शब्द छाँटकर उनसे उचित वाक्य बनाइये :

क्रिया शब्द – वाक्य

  1. गया – मैं कल बाज़ार गया।
  2. _________ – _________________
  3. _________ – _________________
  4. _________ – _________________
  5. _________ – _________________
  6. _________ – _________________
  7. _________ – _________________

उत्तर :
क्रिया शब्द वाक्य

  1. गया = मैं कल बाजार गया।
  2. कीमत लूँगा = मैं इसकी कीमत नहीं लूँगा।
  3. आयी = आवाज़ सुनकर कुतिया दौड़ी आयी।
  4. दूँगा = मैं तुम्हें पैसे दूंगा।
  5. बजायी = दुकानदार ने सीटी बजायी।
  6. कहा = दुकानदार ने धीरे से कहा।
  7. डाला = बालक ने जेब में हाथ डाला।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं

7. सही पर्यायवाची/समानार्थी शब्द पर गोले लगायें :

  1. सक्षम : (क्षमताशाली), असहाय, निर्बल, (समर्थ)
  2. कुत्ता : सारमेय, श्वान, जानवर, वफादार
  3. कीमत : बाज़ार, महँगी, भाव, मूल्य
  4. उत्तर : जवाब, प्रश्न, सवाल, हल
  5. माँद : जाल, गुफा, मकान, कंदरा
  6. परेशान : आसान, सुखी, व्याकुल, हैरान

उत्तर :

  1. सक्षम : (क्षमताशाली), असहाय, निर्बल, (समर्थ)
  2. कुत्ता : (सारमेय), (श्वान), जानवर, वफादार
  3. कीमत : बाज़ार, महँगी, (भाव), (मूल्य)
  4. उत्तर : (जवाब), प्रश्न, सवाल, (हल)
  5. माँद : जाल, (गुफा), मकान, (कंदरा)
  6. परेशान : आसान, सुखी, (व्याकुल), (हैरान)

सोचिए और लिखिए :

1. यदि आप उस बच्चे की जगह होते तो दुकानदार द्वारा अपाहिज पिल्ला दिखाये जाने पर क्या करते?
उत्तर :
यदि हम उस बच्चे की जगह होते तो दुकानदार द्वारा अपाहिज पिल्ला दिखाये जाने पर हम उसे खरीद लेते और जानवरों के किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाकर उसका इलाज करवाते और उसे ठीक करवाते।

2. दुकानदार द्वारा बिना कीमत लिए पिल्ला देने पर भी बच्चे ने पिल्ले की कीमत क्यों दी?
उत्तर :
बच्चा खुद्दार किस्म का बालक था। वह किसी का कोई एहसान नहीं लेना चाहता था। इसीलिए जब दुकानदार ने उसे अपाहिज पिल्ला बिना कीमत लिए देना चाहा तो उसने इन्कार करते हुए उसे पैसे देकर खरीदा।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं

3. पोलियो क्या होता है? सरकार पोलियो की समाप्ति के लिए क्या उपाय करती है?
उत्तर :
पोलियो एक संक्रामक रोग है। यह संक्रमण विशेषकर पैरों और बाजुओं की मांसपेशियों को प्रभावित करता है। सरकार ने पोलियो उन्मूलन के लिए अभियान चलाया हुआ है। वह प्रत्येक बच्चे को पोलियो की मुफ्त दवा पिला रही है ताकि हमारे देश के बच्चे पोलियो जैसी बीमारी का शिकार न हों।

9. रेखांकित शब्दों के वचन बदलकर वाक्य दोबारा लिखें :

1. इस पिल्ले की क्या कीमत है?
_____________________________
उत्तर :
इन पिल्लों की क्या कीमत है?

2. मैं जानता हूँ तुम इस पिल्ले को बिल्कुल नहीं खरीदना चाहते हो।
_____________________________
उत्तर :
हम जानते हैं आप लोग इन पिल्लों को बिल्कुल नहीं खरीदना चाहते हो।

3. मैं तुम्हें इसकी पूरी कीमत दूंगा
_____________________________
उत्तर :
हम तुम्हें इनकी पूरी कीमत देंगे।

4. इन पिल्लों को तुम्हारे जैसे अच्छे मालिक मिलें
_____________________________
उत्तर :
इस पिल्ले को तुम्हारे जैसा अच्छा मालिक मिले।

5. पिल्ला लंगड़ाता हुआ सबसे पीछे चल रहा था
_____________________________
उत्तर :
पिल्ले लंगड़ाते हुए सबसे पीछे चल रहे थे।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं

जानिए
पोलियो एक संक्रामक रोग है। इसका वायरस पाखाने द्वारा निकलता है। इसलिए पाखाना जाने के बाद अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोने चाहिये। यह वायरस विशेषकर टाँगों और बाजुओं की माँसपेशियों को प्रभावित करता है।

इस रोग से बचाव के दो तरीके प्रचलित हैं :
1. पोलियो की बूँदें जो मुँह में डाली जाती हैं
2. इंजैक्शन के द्वारा

भारत सरकार ने पोलियो उन्मूलन के लिए ‘पल्स पोलियो अभियान’ चलाया हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की सहायता से इस वायरस के सामूहिक रूप से खात्मे के लिए समय-समय पर पोलियो की बूंदें 0 से लेकर 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों को पिलायी जाती हैं। आपके आसपास जब भी ऐसा शिविर लगे तो आप लोगों को पोलियो की बूंदें पिलाने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि हमारा देश इस रोग से मुक्ति पा सके।

अध्यापकों के लिए
डॉलर एक अंतरराष्ट्रीय मानक मुद्रा है। 1519 में बोहेमिया के जोएकिमथेल शहर में पहली बार ढले चाँदी के सिक्कों के लिए ‘थेलर’ शब्द प्रयुक्त हुआ जो आगे चलकर डालर के रूप में प्रसिद्ध हुआ जिसका आज तक चलन है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आलू का कौन-सा रूप पूर्ण आहार कहा जाता है?
(क) उबला
(ख) कच्चा
(ग) पक्का
(घ) कटा।
उत्तर :
(क) उबला

प्रश्न 2.
टमाटर ने किन रोगियों को अपना सेवन करने से मना किया।
(क) बुखार के
(ख) बीमार
(ग) पथरी
(घ) मिर्गी।
उत्तर :
(ग) पथरी

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं

प्रश्न 3.
किस सब्जी के सिर पर ताज लगा होता है?
(क) बैंगन
(ख) टमाटर
(ग) गोभी
(घ) आलू।
उत्तर :
(क) बैंगन

प्रश्न 4.
आलू में कौन-से विटामिन होते हैं ?
(क) ए
(ख) बी
(ग) सी
(घ) ओ।
उत्तर :
(क) ए

प्रश्न 5.
करेला किसका शोधक होता है ?
(क) रक्त का
(ख) शूगर का
(ग) आयरन का
(घ) बालों का।
उत्तर :
(क) रक्त का

पिल्ले बिकाऊ हैं Summary in Hindi

पिल्ले बिकाऊ हैं पाठ का सार

एक दुकानदार ने अपनी दुकान के बाहर एक बोर्ड लगाया जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था, “पिल्ले बिकाऊ हैं।” थोड़े दिनों में यह बोर्ड और दुकान बच्चों के आकर्षण का केन्द्र बन गया। एक दिन एक बच्चा उस दुकान में गया और उसने दुकानदार से पिल्लों की कीमत के बारे में पूछा।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं

दुकानदार ने कहा, “पिल्ले की नस्ल और सेहत के मुताबिक उनकी कीमत रखी गयी है जो 30 डालर से 50 डालर के बीच है। यह सुनकर उस बच्चे ने अपनी जेब में हाथ डाला और कुछ सिक्के निकाले और दुकानदार को देते हुए कहा कि मेरे पास फिलहाल 2 डालर और 37 सैंट हैं, क्या मैं उन्हें देख सकता हूँ ?” दुकानदार ने मुस्कराते हुए सीटी बजाई। सीटी की आवाज़ सुनते ही लैडी नाम की एक कुतिया बाहर आई, उसके पीछे-पीछे पाँच-छह छोटे-छोटे पिल्ले भी दौड़ते हुए आए। एक पिल्ला लंगड़ाता हुआ सबसे पीछे चल रहा था।

बच्चे की नज़र उस लंगड़ा कर चल रहे पिल्ले पर पड़ी। उसने दुकानदार से पूछा कि इसे क्या हुआ है। उसने बताया कि जन्म के समय उसका कूल्हा बुरी तरह टूट गया था। जिस कारण वह औरों के समान तेज़ चल नहीं पाएगा।

बच्चे ने उस पिल्ले को खरीदने की इच्छा जताई, “मैं यही पिल्ला खरीदना चाहता हूँ।” फिर उसने आगे कहा कि फिलहाल मैं तुम्हें दो डालर और सैंतीस सैंट दे रहा हूँ और जब तक इसकी पूरी कीमत नहीं चुकती मैं हर महीने तुम्हें 50 सैंट दूंगा।

दुकानदार ने उसे कहा कि बेटा मैं जानता हूँ कि यह दूसरे पिल्लों की तरह न तो दौड़ सकता है और न ही उछल-कूद सकता है फिर भला तुम इसे क्यों खरीदना चाहते हो? इस पर बच्चे ने नीचे झुक कर अपनी पैंट ऊपर चढ़ाई और दुकानदार को अपनी पोलियो से ख़राब हो चुकी टांग दिखाते हुए कहा, “मैं दूसरे लड़कों की तरह अच्छी तरह दौड़ नहीं सकता और इस छोटे से पिल्ले को भी ऐसे ही किसी मालिक की आवश्यकता है जो इसकी मजबूरी को समझ सके।” यह सुनकर दुकानदार मुस्करा कर कहने लगा,”बेटा मैं आशा करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि इन सभी पिल्लों को तुम्हारे जैसा ही अच्छा मालिक मिले।”

जीवन में यह कुछ मायने नहीं रखता कि आप क्या हैं और कौन हैं बल्कि जीवन तभी सार्थक है जब कोई आपकी सराहना सच्चे मन से करे। आपसे नि:स्वार्थ प्रेम करे।

पिल्ले बिकाऊ हैं कठिन शब्दों के अर्थ :

  • नस्ल = जाति।
  • सेहत = स्वास्थ्य।
  • पिल्ले = कुत्ते के छोटे बच्चे।
  • अपाहिज = जिसका कोई अंग खराब या विकृत हो।
  • उत्सुकता = जिज्ञासा, जानने की इच्छा।
  • सक्षम = ताकतवर।
  • स्वर = आवाज़।
  • सार्थक = सफल। PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 17 पिल्ले बिकाऊ हैं
  • सराहना = तारीफ, प्रशंसा।
  • निःस्वार्थ = बिना मतलब के।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 चींटी

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 16 चींटी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 16 चींटी (2nd Language)

Hindi Guide for Class 6 PSEB चींटी Textbook Questions and Answers

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 चींटी

चींटी अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 चींटी 3
उत्तर :
विद्यार्थी देवनागरी लिपि में दिए गए शब्दों को अपनी कॉपियों पर लिखने का अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 चींटी 1
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 चींटी 2
उत्तर :
विद्यार्थी हिन्दी भाषा के इन शब्दों को अपनी अभ्यास पुस्तिका (कॉपी) में लिखने का अभ्यास करें।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) चींटी की काया कैसी है?
उत्तर :
चींटी की काया बहुत छोटी है।

(ख) चींटी से हम क्या सीख सकते हैं?
उत्तर :
चींटी से हम निडर रहना, अथक परिश्रम करना, लक्ष्य प्राप्त करना सीख सकते हैं।

(ग) विजय कैसे मिलती है?
उत्तर :
विजय अथक मेहनत करने से मिलती है।

(घ) ‘चींटी कितनी निर्भय है, अपने श्रम में तन्मय है’ से कवि का क्या भाव है?
उत्तर :
कवि का भाव है कि देखो चींटी निडर है। निडरतापूर्वक वह घूमती है और अपना मेहनत में लीन रहती है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 चींटी

4. वाक्य बनाओ :

  1. निर्भय : ____________________________
  2. तन्मय : ____________________________
  3. अथक : ____________________________
  4. विजय श्री : ____________________________
  5. प्रेरणा : ____________________________
  6. सर्वस्व : ____________________________

उत्तर :

  1. निर्भय-राम बहुत निर्भय है।
  2. तन्मय-अपने काम में तन्मय हो जाओ।
  3. अथक-विजयी होने के लिए हमें अथक मेहनत करनी होगी।
  4. विजयश्री-विजयश्री हमारे कदम चूमेगी।
  5. प्रेरणा-चींटी हमें मेहनत करने की प्रेरणा देती है
  6. सर्वस्व-मैं देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दूंगा।

5. ‘परिश्रम’ शब्द में ‘श्रम’ शब्द के आगे ‘परि’ शब्दांश लगा है। इसी प्रकार ‘परि’ शब्दांश लगाकर नये शब्द बनायें :

  1. परि + त्याग = ____________________________
  2. परि + वर्तन = ____________________________
  3. परि + णाम = ____________________________
  4. परि + हास = ____________________________
  5. परि + माण = ____________________________
  6. परि + धान = ____________________________

उत्तर :

  1. परि + त्याग = परित्याग।
  2. परि + वर्तन = परिवर्तन।
  3. परि + णाम = परिणाम।
  4. परि + हास = परिहास।
  5. परि + माण = परिमाण।
  6. परि + धान = परिधान।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 चींटी

6. बतायें इन शब्दों में ‘र’ व्यंजन आधा है या पूरा :

  1. निर्भय = आधा
  2. श्रम = पूरा
  3. प्रभु = ____________
  4. श्री = ____________
  5. प्रेरणा = ____________
  6. सर्वस्व = ____________

उत्तर :

  1. निर्भय = आधा।
  2. श्रम = पूरा।
  3. प्रभु = पूरा।
  4. श्री = पूरा।
  5. प्रेरणा = पूरा।
  6. सर्वस्व = आधा।

7. नये शब्द बनाओ :

  1. तन्मय = न्म = _________, _________, _________
  2. सर्वस्व = स्व = _________, _________, _________

उत्तर :

  1. तन्मय = जन्म, सन्मान, सन्मुख।
  2. सर्वस्व = स्वाद, स्वर, स्वभाव।

8. जानिये
आपके घर के आस-पास कहीं न कहीं से चींटियाँ अवश्य निकलती होंगी। उन्हें ध्यान से देखो। उनके खान-पान और व्यवहार का अध्ययन करके अपनी कॉपी में लिखो।
चींटी के छः पैर होते हैं।
चींटी की दो आँखें होती हैं और एक आँख कई छोटी-छोटी आँखों को मिलाकर बनती है।
चींटी के दो पेट होते हैं। एक में अपने लिए और दूसरे में साथी चींटियों के लिए भोजन जमा करती है।
एक चींटी को खाना मिलने पर वह एक प्रकार की गंध पैदा करती है जिसे सूंघकर मज़दूर चींटियाँ वहाँ पहुँच जाती हैं।
चींटी अपने वज़न से लगभग बीस गुणा वज़न उठा सकती है।
कछ चींटियाँ मिट्टी की मेंडें बनाकर रहती हैं क्योंकि ये मेंडे पर्वतों की तरह दिखती हैं इसलिए इन्हें ऐंट हिल्स कहते हैं।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं प्रयास करें।
(जानकारी हेतु कुछ महत्त्वपूर्ण वाक्य यहाँ लिख दिए गए हैं।)
– चींटी के छ: पैर होते हैं।
– चींटी की दो आँखें होती हैं और एक आँख कई छोटी-छोटी आँखों को मिलाकर बनती है।
– चींटी के दो पेट होते हैं। एक में अपने लिए और दूसरे में साथी चींटियों के लिए भोजन जमा करती है।
– एक चींटी को खाना मिलने पर वह एक प्रकार की गंध पैदा करती है जिसे सूंघकर मजदूर चींटियाँ वहाँ पहुँच जाती हैं।
– चींटी अपने वज़न से लगभग बीस गुणा वज़न उठा सकती है।
– कुछ चींटियाँ मिट्टी की मेंडें बनाकर रहती हैं क्योंकि ये मेंडें पर्वतों की तरह दिखती हैं इसलिए इन्हें ऐंट हिल्स कहते हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 चींटी

9. बूझो तो जानो :

काली काली चमड़ी उसकी
धीमी-धीमी चाल
घर-घर घूमे ऐसे
जैसे हो कोतवाल।
उत्तर :
चींटी।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बच्चे की जेब में कितनी राशि थी ?
(क) 2 डालर
(ख) 2 डालर 37 सैंट
(ग) 2 डालर 1 सैंट
(घ) 2 डालर 50 सैंट।
उत्तर :
(ख) 2 डालर 37 सैंट

प्रश्न 2.
बच्चे की टांग किसके कारण खराब हो गई ?
(क) पोलियों के
(ख) टोलियों के
(ग) गोलियों के
(घ) बुखार के।
उत्तर :
(क) पोलियों के

प्रश्न 3.
सच्चा मित्र किसमें साथ देता है ?
(क) सुख में
(ख) घर में
(ग) मुसीबत में
(घ) ऐश्वर्य में।
उत्तर :
(ग) मुसीबत में

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 चींटी

चींटी Summary in Hindi

चींटी कविता का सार

कवि कहता है कि चींटी को भगवान् ने कितना छोटा-सा बनाया है पर वह कितनी परिश्रमी है। वह गिरती-पड़ती भी कठोर परिश्रम करती है और हमें समझाती है कि मेहनत करने से कभी हार न मानो। इसी से विजय-श्री की प्राप्ति होती है। जो मेहनत करता है उसे सफलता की प्राप्ति अवश्य होती है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 चींटी 4

चींटी पद्यांशों के सरलार्थ

1. चींटी कितनी निर्भय है।
अपने श्रम में तन्मय है।
छोटी उसकी काया है।
यह भी प्रभु की माया है।

शब्दार्थ :

  • निर्भय = निडर।
  • श्रम = मेहनत।
  • तन्मय = लीन।
  • काया = शरीर।
  • प्रभु = ईश्वर।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ में संकलित ‘चीटी’ नामक कविता में से लिया गया है। इसमें कवि ने चींटी का उदाहरण देकर श्रम के महत्त्व पर प्रकाश डाला है।

सरलार्थ-कवि कहता है कि चींटी कितनी निडर है। इधर-उधर घूमने में उसे कोई भय नहीं लगता। वह अपनी मेहनत में लीन रहती है। उसका शरीर छोटा है, यह ईश्वर की अनोखी माया है।

भावार्थ-चींटी चाहे बहुत छोटी होती है परन्तु वह लगातार मेहनत करती रहती है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 चींटी

2. अथक परिश्रम करती है।
गिरती है चल पड़ती है।
हम को यह सिखाती है।
मेहनत से न मानो हार॥

शब्दार्थ :

  • अथक = बिना थकान के।
  • परिश्रम = मेहनत।
  • सिखाती है = सीख देती है।
  • हार = पराजय।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ में संकलित ‘चीटी’ नामक कविता में से लिया गया है। इसमें कवि ने चींटी के उदाहरण से मनुष्य को श्रम का महत्त्व समझाया है।

सरलार्थ-चींटी की विशेषता प्रकट करते हुए कवि कहता है-चींटी बिना थके लगातार मेहनत करती है। वह कभी गिर पडती और फिर उठ कर चल पडती है। वास्तव में वह हम मनुष्यों को सीख देती है कि मेहनत से कभी हार न मानो।

भावार्थ-मेहनत से कभी जी नहीं चुराना चाहिए।

3. अथक परिश्रम कर पहनो।
तुम सब विजय-श्री का हार॥
चींटी का जीवन हम को।
यही प्रेरणा देता है।

शब्दार्थ :

  • विजय श्री = जीत।
  • प्रेरणा = उत्साह।

प्रसंग-यह पद्यांश हिंदी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘चींटी’ नामक कविता से लिया गया है। कवि ने चींटी का उदाहरण देते हुए मनुष्यों को भी मेहनत करने की प्रेरण दी है।

सरलार्थ-कवि चींटी के माध्यम से कहता है कि तुम सब मेहनत करने से कभी न थको। बिना थके लगातार श्रम करो, इससे तुम्हें जीत अवश्य मिलेगी। हम मनुष्यों को चींटी का जीवन यही प्रेरणा देता है।

भावार्थ-चींटी अपने परिश्रम से हम मानवों को भी परिश्रम करने का पाठ पढ़ाती है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 16 चींटी

4. मेहनत जीवन का सर्वस्व।
श्रम ही फल देता है।
चींटी कितनी निर्भय है।
अपने श्रम में तन्मय है।

शब्दार्थ :

  • सर्वस्व = सब कुछ।
  • श्रम = मेहनत।

प्रसंग-यह पद्यांश हिंदी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘चीटी’ नामक कविता से लिया गया है। कवि ने चींटी का उदाहरण देते हुए मनुष्यों को भी मेहनत करने की प्रेरणा दी है।

सरलार्थ-कवि कहता है कि मेहनत जीवन का सब कुछ है। मेहनत से ही मनुष्य को फल प्राप्त होता है। चींटी कितनी निडर है। वह हमेशा अपनी मेहनत में लीन रहती है।

भावार्थ-जीवन में उद्देश्यों की प्राप्ति परिश्रम से ही होती है।

PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions

Punjab State Board Syllabus PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions Guide Pdf in English Medium and Punjabi Medium are part of PSEB Solutions for Class 10.

PSEB 10th Class Agriculture Guide | Agriculture Guide for Class 10 PSEB

Agriculture Guide for Class 10 PSEB | PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions

PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions in English Medium

PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions in Hindi Medium

PSEB 10th Class Agriculture Book Solutions in Punjabi Medium

PSEB 9th Class Computer Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

PSEB 9th Class Computer Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

Punjab State Board Syllabus PSEB 9th Class Computer Book Solutions Guide Pdf in English Medium and Punjabi Medium are part of PSEB Solutions for Class 9.

PSEB 9th Class Computer Guide | Computer Science Guide for Class 9 PSEB

Computer Guide for Class 9 PSEB | PSEB 9th Class Computer Science Book Solutions

PSEB 9th Class Computer Book Solutions in English Medium

PSEB 9th Class Computer Book Solutions in Hindi Medium

PSEB 9th Class Computer Science Question Paper Design in Hindi

कम्प्यूटर साईंस
कक्षा – नौवीं
समय : 3 घंटे

लिखित : 50 अंक
सी०सी०ई० : 10 अंक
प्रायोगिकी : 40 अंक
कुल : 100 अंक

प्रश्न-पत्र की रूप-रेखा

1. प्रश्न-पत्र तीन भागों (भाग-क, भाग-ख, भाग-ग) में विभाजित होगा।

2. भाग-क’ आब्जेक्टिव टाइप होगा जिसमें 1 से 5 तक 1-1 अंक के 5 प्रश्न होंगे।

3. ‘भाग-ख’ में प्रश्न नं० 6 से 15 तक 3-3 अंक के 10 प्रश्न होंगे, जिनमें से 3 प्रश्नों में आंतरिक छूट होगी।

4. ‘भाग-ग’ में प्रश्न नं० 16 से 18 तक 5-5 अंक के 3 प्रश्न होंगे।

5. भाग-क के सभी प्रश्न अनिवार्य होंगे। भाग-ख तथा ग में प्रत्येक प्रश्न के दो अथवा दो से अधिक भाग भी हो सकते हैं। भाग-ग में आंतरिक छूट होगी।

अध्याय का नाम कुल अंक 1 अंक वाले प्रश्न 3 अंकों वाले प्रश्न 5 अंकों वाले प्रश्न
1. एम०एस० एक्सल (भाग-1) 7 1 2
2. एम०एस० एक्सल (भाग-2) 7 1 2
3. नैटवर्किंग 9 1 1 + C 1
4. डी०बी०एम०एस० से परिचय 7 1 2
5. एम०एस० अक्सैस से परिचय 6 2
6. इंटरनैट एप्लीकेशन 8 1 + C 1
7. ई-गवर्नेस 6 1 C 1
कुल जोड़ 50 5 × 1 = 5 10 × 3 = 30 3 × 5 = 15

PSEB 9th Class Computer Science Syllabus in Hindi

पाठ्यक्रम (लिखित)

पाठ 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)
सैलों को फारमेट करना, सैल एडिटिंग।

पाठ 2 एम०एस० एक्सल (भाग-2)
चार्ट, सारणियां तथा सिंबल्ज़, पाइवट टेबल, प्रोटेक्शन, वियू टैब।

पाठ 3 नेटवर्किंग
नेटवर्किंग, नेटवर्किंग की आवश्यकता, कम्प्यूटर नेटवर्किंग के भाग, नेटवर्क के लाभ/हानियां, नेटवर्क टोपोलोजी, डाटा कम्यूनिकेशन; नेटवर्क की किस्में।

पाठ 4 डी०बी०एम०एस० से परिचय
डाटाबेस में प्रयोग की जाने वाली शब्दावली, डाटा तथा सूचना, डाटाबेस क्या होता है ?, डाटाबेस एप्लीकेशन का प्रयोग, फाइल प्रोसैसिंग सिस्टम, डाटाबेस तथा कम्प्यूटर, डी०बी०एम०एस० तथा डी०बी०एम०एस० के लाभ तथा हानियां, डी०बी०ए० के कार्य तथा उत्तरदायित्व, डाटा Redundancy तथा एनटीटी, डाटाबेस में कीज़, नार्मलाइज़ेशन, सम्बन्ध ORACLE, SQL, DB2 डाटा मॉडल।

पाठ 5 : एम०एस० अक्सैस से परिचय
अक्सैस से परिचय, रिलेशनल डाटाबेस से परिचय, डाटाबेस डिजाइन के लिए निर्देश, अक्सैस के कुछ तकनीकी शब्द, एम०एस० अक्सैस के कम्पोनेंट, ऑब्जैक्ट क्या है ?, डाटा टाइपस, एम०एस० अक्सैस की विशेषताएं, अक्सैस को शुरू करना, टेबल के साथ कार्य करना, टेबल बनाना तथा बदलना, फार्म बनाना तथा बदलना, डाटासोर्टिंग, डाटाफिल्टर, रिपोर्ट बनाना।

पाठ 6 : इंटरनैट एप्लीकेशन
ईमेल, गूगल एप्स, सॉफ्टवेयर को कैसे डाऊनलोड करना है ?, इंटरनेट में मीडिया, क्लाउड नेटवर्किंग, इंटरनैट सुरक्षा।

पाठ 7 : ई-गवर्नेस
परिचय, अच्छे शासन (गवर्नेस) के मुख्य गुण, ई-गवर्नेस का इतिहास तथा विकास, ई-गवर्नेस के उद्देश्य, ई-गवर्नेस के मॉडल, ई-गवर्नेस के क्षेत्र।

PSEB 9th Class Agriculture Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

PSEB 9th Class Agriculture Book Solutions

Punjab State Board Syllabus PSEB 9th Class Agriculture Book Solutions Guide Pdf in English Medium and Punjabi Medium are part of PSEB Solutions for Class 9.

PSEB 9th Class Agriculture Guide | Agriculture Guide for Class 9 PSEB

Agriculture Guide for Class 9 PSEB | PSEB 9th Class Agriculture Book Solutions

PSEB 9th Class Agriculture Book Solutions in English Medium

PSEB 9th Class Agriculture Book Solutions in Punjabi Medium

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 13 काश! मैं भी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 13 काश! मैं भी (2nd Language)

Hindi Guide for Class 6 PSEB काश! मैं भी Textbook Questions and Answers

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी

काश! मैं भी अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी 1
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी 2
उत्तर :
विद्यार्थी इन हिन्दी शब्दों को अपनी उत्तर पुस्तिका (कॉपी) पर लिखने का अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी 3
उत्तर :
विद्यार्थी ऊपर लिखे गए इन हिन्दी शब्दों को अपनी उत्तर :पुस्तिका (कॉपी) में लिखने का अभ्यास करें।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) कवयित्री सीमा पर जाकर किससे युद्ध करना चाहती है?
उत्तर :
कवयित्री सीमा पर जाकर दुश्मनों से युद्ध करना चाहती है।

(ख) वह कैसे शहीद होना चाहती है?
उत्तर :
वह देश की रक्षा करते हुए लड़ते – लड़ते शहीद होना चाहती है।

(ग) वह अपने हाथों में कैसे हथियार सजाना चाहती है?
उत्तर :
वह अपने हाथों में तोपों और बन्दूकों के हथियार सजाना चाहती है।

(घ) वह किस घाटी का पत्थर बनना चाहती है?
उत्तर :
वह कारगिल की घाटी का पत्थर बनना चाहती है।

(ङ) वह अपनी जीवन कैसे सफल बनाना चाहती है?
उत्तर :
वह देश रक्षा करने वाले शहीदों को सलाम कर अपना जीवन सफल बनाना चाहती है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) ‘चाँदनी की उन रातों को अंधियारी कर पाती’ में कवयित्री क्या कहना चाहती है?
उत्तर :
कवयित्री कहना चाहती है कि तोपों और बन्दूकों से मैं इतने गोले दुश्मनों पर बरसाती कि चाँदनी रातों में भी उन्हें हर तरफ अन्धकार ही अन्धकार नज़र आता।

(ख) वह कारगिल की घाटी का ही पत्थर क्यों बनना चाहती है?
उत्तर :
वह कारगिल की घाटी का ही पत्थर इसलिए बनना चाहती है क्योंकि इस स्थान पर अनेक भारतीयों ने देश रक्षा की खातिर अपने प्राणों की आहुति दी है।

(ग) वह अपने जीवन की सफलता किसमें मानती है?
उत्तर :
वह देश – रक्षा करते हुए अपने प्राणों को न्योछावर करने में ही जीवन की सफलता मानती है।

5. वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. दुश्मन
  2. शहीद
  3. सीमा
  4. चाँदनी
  5. इतिहास

उत्तर :

  1. दुश्मन – दुश्मन ने छिप कर वार किया।
  2. शहीद – देश – रक्षा करते हुए हमारे कई जवान शहीद हुए।
  3. सीमा – सैनिक सीमा पर पहरा दे रहे हैं।
  4. चाँदनी – चाँदनी रात में ताजमहल बहुत ही सुन्दर लगता है।
  5. इतिहास – मुझे इतिहास पढ़ना अच्छा लगता है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी

6. बहुवचन रूप लिखें :

एकवचन – बहुवचन

  1. दुश्मन = दुश्मनों
  2. हथियार = _________________
  3. तोप = _________________
  4. पत्थर = _________________
  5. बंदूक = _________________
  6. शहीद = _________________

उत्तर :
एकवचन – बहुवचन

  1. दुश्मन – दुश्मनों
  2. हथियार – हथियारों
  3. तोप – तोपों
  4. पत्थर – पत्थरों
  5. बन्दूक – बन्दूकों
  6. शहीद – शहीदों।

7. पढ़ो और जानो :

शहीद = शहादत
अंधियारा = अंधियारी
अमर = अमरत्व
पत्थर = पथरीला
इतिहास = ऐतिहासिक
जीवन = जीवित
उत्तर :
उपरोक्त सभी शब्द भाववाचक संज्ञा शब्द हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी

8. काश! मैं भी सीमा पर जाकर [ , ]

दुश्मन से लड़ पाती [ । ]
बॉक्स में दिये चिह्नों को ध्यान से देखो।
( ! ) विस्मयादि बोधक चिह्न है। इसे सम्बोधन चिहन भी कहते हैं। इसे किसी को बुलाने वाले शब्द के बाद लगाया जाता है।
(।) यह पूर्ण विराम चिह्न है । इसे वाक्य के अन्त में लगाया जाता है।
( , ) यह अल्प विराम चिह्न है। ‘अल्प’ का अर्थ है- थोड़ा। जहाँ थोड़े समय के लिए रुकना हो, वहाँ इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है।

9. नये शब्द बनाओ :

  1. दुश्मन = श्म = ____________, ____________
  2. पत्थर = स्थ = ____________, ____________

उत्तर :

  1. दुश्मन = श्म = चश्मा, करिश्मा।
  2. पत्थर = स्थ = जत्था, कत्थक।

जानो

  • 1947-48 में भारत-पाकिस्तान युद्ध हुआ। जिसमें भारत दो भागों में बंट गया : भारत और पाकिस्तान।
  • 1962 में भारत-चीन युद्ध हुआ।
  • 1965 में फिर भारत-पाकिस्तान के मध्य युद्ध हुआ। उस समय भारत के प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी थे।
  • 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
  • 1999 में पाकिस्तान के साथ कारगिल क्षेत्र में यदध हआ। यह युद्ध 27 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक चला। पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा करने के लिए यह षड्यन्त्र रचा लेकिन भारतीय सेना ने उस अत्यन्त कठिन व दर्गम क्षेत्र में अदम्य वीरता से पाकिस्तानी मंसूबों को चकनाचूर कर दिया। यह ‘आप्रेशन विजय’ के नाम से जाना जाता है। कारगिल के शहीदों की स्मृति में प्रतिवर्ष 26 जुलाई को ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कवयित्री सीमा पर जाकर किससे युद्ध करना चाहती है ?
(क) दुश्मनों से
(ख) कवियों से
(ग) लेखकों से
(घ) शेरों से।
उत्तर :
(क) दुश्मनों से

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी

प्रश्न 2.
कवयित्री किस घाटी का पत्थर बनना चाहती है ?
(क) हिमालय की
(ख) शिवालिक की
(ग) कारगिल की
(घ) पंजाब की।
उत्तर :
(ग) कारगिल की

प्रश्न 3.
कवयित्री किन्हें सलाम कर जीवन सफल बनाना चाहती है ?
(क) शहीदों को
(ख) सैनिकों को
(ग) वीरों को
(घ) देशवासियों को।
उत्तर :
(क) शहीदों को

प्रश्न 4.
भारत-पाकिस्तान युद्ध कब हुआ ?
(क) 1947-48 में
(ख) 1948-49 में
(ग) 1949-50 में
(घ) 1950-51 में।
उत्तर :
(क) 1947-48 में

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी

प्रश्न 5.
भारत-चीन युद्ध कब हुआ ?
(क) 1961 में
(ख) 1962 में
(ग) 1963 में
(घ) 1964 में।
उत्तर :
(ख) 1962 में

काश! मैं भी Summary in Hindi

काश! मैं भी कविता का सार

कवयित्री इच्छा व्यक्त करती है कि कभी उसे भी सीमा पर जाकर दुश्मन से लड़ने का मौका मिल पाता। वह भी देश की रक्षा के लिए शहीद हो पाती। वह तोपों – बंदूकों के हथियार सजा पाती और अंधेरी रातों में तोप के गोलों से उजाला कर पाती। वह स्वयं तोप का गोला बनकर कारगिल की घाटी में एक पत्थर बन जाती। वह अमर शहीदों को प्रणाम कर पाती।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी 4

काश! मैं भी पद्यांशों के सरलार्थ

1. काश! मैं भी सीमा पर जाकर,
दुश्मन से लड़ पाती।
काश! मैं भी यूँ लड़ते – लड़ते,
अमर शहीद हो जाती।

प्रसंग – यह पद्यांश बिमला देवी द्वारा रचित ‘काश! मैं भी’ नामक कविता से लिया गया है। इस कविता में कवयित्री ने देश के लिए अपना बलिदान देकर अमर होने की बात कही है।

सरलार्थ – इन पंक्तियों में कवयित्री अपनी देश – प्रेम की भावना को व्यक्त कर रही है। कवयित्री कहती है कि काश! मैं भी अन्य सैनिकों की तरह देश – रक्षा के लिए भारत की सीमा पर जाकर दुश्मन से लड़ती और देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों को भी न्योछावर कर देती और ‘शहीद’ कहलाती।

भावार्थ – कवयित्री देश के लिए अपना बलिदान देकर अमर होना चाहती है।

2. काश! मैं भी तोपों बन्दूकों,
के हथियार सजाती। काश!
मैं भी अमर होकर,
नया इतिहास रचाती।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता ‘काश! मैं भी’ से ली गई हैं। इसकी कवयित्री बिमला देवी हैं। इस कविता में कवयित्री ने देश के लिए अपना बलिदान देकर अमर होने की बात कही है।

सरलार्थ – इन पंक्तियों में कवयित्री अपनी देश – प्रेम की भावना को व्यक्त कर रही है। कवयित्री कहती है कि काश! मैं भी तोपों ओर बन्दूकों के हथियार अपने साथ सजाकर दुश्मनों से लड़ने जाती और देश रक्षा की खातिर कुर्बान होकर अमर हो जाती और एक नया इतिहास रचती।

भावार्थ – कवयित्री सैनिकों की तरह इतिहास रचने की कामना करती है।

3. काश ! चाँदनी की उन रातों,
को अंधियारी कर पाती। काश !
तोप के मुंह से निकला,
मैं गोला बन जाती।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित कविता ‘काश! मैं भी’ से ली गई हैं। इसकी कवयित्री बिमला देवी हैं। इस कविता में कवयित्री ने देश के लिए अपना बलिदान देकर अमर होने की बात कही है।

सरलार्थ – कवयित्री कहती है कि काश! दुश्मन की चाँदनी रातों को मैं अन्धकार में बदल देती। काश! तोपों के गोलों के स्थान पर मैं स्वयं गोले में से निकलकर दुश्मनों का नाश करती।

भावार्थ – कवयित्री तोप के गोले की तरह स्वयं को देश की रक्षा के लिए मिटा देने की इच्छा करती है।

4. काश ! कारगिल की घाटी का,
इक पत्थर बन जाती।
अमर शहीदों को सलाम कर,
जीवन सफल बनाती।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘बिमला देवी’ द्वारा रचित ‘काश! मैं भी’ नामक कविता से ली गई हैं। इसमें कवयित्री ने देश के लिए अपना बलिदान देकर अमर होने की बात कही है।

सरलार्थ – कवयित्री कहती है कि काश! मैं कारगिल की घाटी का एक पत्थर बन जाती और देश पर जान न्योछावर करने वाले अमर शहीदों को सलाम करके अपना जीवन सफल बनाती।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 13 काश! मैं भी

भावार्थ – कवयित्री देश के रखवालों को प्रणाम करने की कामना करती है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 12 रेणुका झील Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 12 रेणुका झील (2nd Language)

Hindi Guide for Class 6 PSEB रेणुका झील Textbook Questions and Answers

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

रेणुका झील अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील 1
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील 2
उत्तर :
विद्यार्थी हिन्दी के शब्दों का लेखन अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील 3
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील 4
उत्तर :
विद्यार्थी हिन्दी भाषा के शब्दों को समझें और इनका लेखन अभ्यास करें।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखें :

(क) क्षितिज अपने माता-पिता व भाई के साथ कहाँ घूमने गया ?
उत्तर :
क्षितिज अपने माता – पिता और भाई के साथ हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में रेणुका जी घूमने गया था।

(ख) श्री बाला सुन्दरी जी का मन्दिर कहाँ पर है?
उत्तर :
श्री बालाजी सुन्दरी जी का मन्दिर काला अम्ब से 6 ‘किलोमीटर की दूरी पर त्रिलोकपुर ग्राम में है।’

(ग) तालाबों का शहर किसे कहा जाता है?
उत्तर :
नाहन को तालाबों का शहर कहा जाता है।

(घ) रेणुका जी किस की माता थीं?
उत्तर :
रेणुका जी परशुराम जी की माता थीं।

(ङ) रेणुका का मेला कहाँ आयोजित किया जाता है?
उत्तर :
रेणुका का मेला हर वर्ष नवम्बर महीने में रेणुका झील के किनारे आयोजित किया जाता है।

(च) पाँवटा साहब गुरुद्वारे का संबंध किस गुरु से है?
उत्तर :
पाँवटा साहिब गुरुद्वारे का सम्बन्ध दशम गुरु श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी से है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) नाहन शहर की विशेषताएँ लिखें।
उत्तर :
शिवालिक की पहाड़ियों में बसा नाहन शहर देखने में बहुत खूबसूरत है। सन् 1921 में बसाया गया यह शहर समद्र तल से 933 मीटर ऊँचा है। नाहन को तालाबों का शहर कहा जाता है। यहाँ का रानी ताल तालाब सबसे सुन्दर है। सर्वधर्म सद्भाव के इस शहर में मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च मौजूद हैं।

(ख) रेणुका जी से संबंधित दंत कथा लिखें।
उत्तर :
हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील रेणुका झील है। माना जाता है कि यह झील परशुराम जी की माता रेणुका जी है जिन्होंने अपने पति ऋषि यमदाग्नि के शाप के कारण एक झील का रूप धारण कर लिया था।

(ग) रेणुका झील की विशेषताएँ लिखें।
उत्तर :
रेणुका झील हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है। यह झील परशुराम जी की माता रेणुका के नाम पर है। इसकी लम्बाई 3241 मीटर की है तथा यह समुद्र तल से 672 मीटर ऊँचाई पर है। यहाँ पर बच्चों के लिए मिनी चिड़िया घर है। यहाँ की लायन सफारी कई एकड़ में फैली हुई है। इस झील के किनारे प्रत्येक वर्ष नवम्बर महीने में बड़ा मेला लगता है।

(घ) पाँवटा साहिब गुरुद्वारे की जानकारी एकत्रित कर लिखें।
उत्तर :
पाँवटा साहिब गुरुद्वारा सिक्खों का एक प्रमुख और पवित्र धार्मिक स्थल है। यह हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यमुना नदी के तट पर बसा ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल गुरुद्वारा पाँवटा साहिब बड़ा ही रमणीय है। पाँवटा साहिब में गुरु गोबिन्द सिंह जी कई वर्षों तक रहे। आज पाँवटा साहब एक तीर्थ स्थान के रूप में परिणत हो चुका है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

5. उपयुक्त शब्द भरकर वाक्य पूरे करें :

(क) नाहन को _________________ का शहर कहा जा सकता है।
(ख) पूरा रास्ता _________________ घुमावदार था।
(ग) _________________ झील हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है।
(घ) _________________ में गुरु गोबिन्द सिंह जी कई वर्षों तक रहे।
(ङ) बच्चों के लिए यहाँ मिनी _________________ है।
उत्तर :
(क) तालाबों
(ख) हरा – भरा
(ग) रेणुका
(घ) पाँवटा साहिब
(ङ) चिड़िया घर।

6. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. माता = माँ, जननी
  2. वर्षा = ___________, ___________
  3. रात = ___________, ___________
  4. हवा = ___________, ___________
  5. पेड़ = ___________, ___________
  6. फूल = ___________, ___________
  7. समुद्र = ___________, ___________
  8. बादल = ___________, ___________

उत्तर :

  1. माता = माँ, जननी।
  2. वर्षा = बरखा, बारिश।
  3. रात = रात्रि, रजनी।
  4. हवा = अनिल, समीर।
  5. पेड़ = वृक्ष, विटप।
  6. फूल = सुमन, कुसुम।
  7. समुद्र = सागर, रत्नाकर।
  8. बादल = घन, मेघ।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

7. विपरीत शब्दों का मिलान करें :
PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील 5
उत्तर :

  • भीतर – बाहर।
  • आरम्भ – अन्त।
  • शान्ति – युद्ध।
  • अधूरी – पूरी।
  • शाप – वरदान।

8. रेखांकित शब्दों के लिंग बदल कर वाक्य दोबारा लिखें :

  1. इस मन्दिर का निर्माण राजा ने करवाया।
    _____________________
  2. बंदर वृक्ष पर कूद रहा था।
    _____________________
  3. क्षितिज अपनी माता के साथ घूमने गया।
    _____________________
  4. शेर चिड़ियाघर में विश्राम कर रहा था।
    _____________________

उत्तर :

  1. इस मन्दिर का निर्माण रानी ने करवाया।
  2. बन्दरिया वृक्षों पर कूद रही थी।
  3. क्षितिज अपने पिता के साथ घूमने गया।
  4. शेरनी चिड़ियाघर में विश्राम कर रही थी।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

9. लिखिये :
यदि आप किसी अन्य पर्वतीय/ऐतिहासिक स्थान पर घूमकर आये हैं, तो अपने अनुभव अपने मित्र को पत्र में लिखें।
उत्तर :
विद्यार्थी इसके लिए व्याकरण में निबन्ध भाग देखें।

10. पाठ में से पाँच-पाँच व्यक्तिवाचक, जातिवाचक तथा भाववाचक संज्ञाएँ छाँटकर लिखें :

व्यक्तिवाचक – जातिवाचक – भाववाचक
____________ – ____________ – ____________
____________ – ____________ – ____________
____________ – ____________ – ____________
____________ – ____________ – ____________
____________ – ____________ – ____________
उत्तर :
उत्तर :
व्यक्तिवाचक – जातिवाचक – भाववाचक
उल्लास – बादल – हरियाली
आकाश – तालाब – ऊँचाई
परशुराम – गाँव – सुरम्य
रेणुका – बन्दर – सौन्दर्य
नाहन – शेर – मधुर।

प्रयोगात्मक व्याकरण

झरनों से पानी गिर रहा था।

इस वाक्य में ‘झरनों से’ पानी के अलग होने का बोध हो रहा है इसलिए यहाँ अपादान कारक है। अतः संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से अलग होना पाया जाये, वह अपादान कारक कहलाता है।

2. (i) रेणुका का मेला रेणुका झील के किनारे आयोजित होता है।
(ii) रेणुका परशुराम की माता का नाम है।

यहाँ पहले वाक्य में ‘रेणुका का’ मेले से, ‘झील का’ किनारे से तथा दूसरे वाक्य में ‘परशुराम का’ माता से सम्बन्ध प्रकट हो रहा है। अतः यहाँ सम्बन्ध कारक है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

अतः संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका सम्बन्ध किसी दूसरे शब्द के साथ प्रकट हो, उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं। विशेष :- क्रिया के साथ सम्बन्ध न कराने के कारण कुछ विद्वान सम्बन्ध कारक को कारक नहीं मानते हैं।

3. (i) हमने कमरों में सामान रख दिया।
(ii) बन्दर वृक्षों पर कूदते नज़र आ रहे थे।

इन वाक्यों में ‘कमरों में’, ‘वृक्षों पर’ पद उन स्थानों को सूचित कर रहे हैं, जहाँ क्रिया के आधार का बोध होता है। अत: यहाँ अधिकरण कारक है।

अतएव संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध हो, उसे अधिकरण कारक कहते है।

4. हे ईश्वर! मेरी रक्षा करो।
अरे बच्चो! तुम क्या कर रहे हो?

यहाँ ‘हे ईश्वर’ में ईश्वर को पुकारा जा रहा है तथा ‘अरे बच्चो’ में बच्चों को सम्बोधित किया जा रहा है, अत: यहाँ सम्बोधन कारक है।

अतः शब्द के जिस रूप से किसी को पुकारने अथवा सम्बोधन करने का ज्ञान हो, वहाँ सम्बोधन कारक होता है।

सम्बोधन कारक का प्रयोग कारक चिह्न के बिना भी होता है। जैसे-भाई ! ज़रा इधर आओ।

विशेष :- सम्बोधन कारक का सम्बन्ध वाक्य में क्रिया अथवा किसी दूसरे शब्द से नहीं होता, अतएव कुछ विद्वान इसे कारक नहीं मानते। रेखांकित शब्दों के स्थान पर उचित सर्वनाम शब्द का प्रयोग करके वाक्य दोबारा लिखिए :

  1. क्षितिज पिछले सप्ताह क्षितिज के माता-पिता के साथ रेणुका जी घूमने गया।
  2. क्षितिज की माँ ने क्षितिज को बुलाया।
  3. सामने ही दिखाई दे रही सुरम्य रेणुका झील हमें रेणुका झील की ओर आकर्षित कर रही थी।
  4. क्षितिज ने उल्लास से कहा कि यदि उल्लास भी साथ होते तो और भी आनन्द आता।

उत्तर :

  1. क्षितिज पिछले सप्ताह अपने माता – पिता के साथ रेणुका जी घूमने गया।
  2. क्षितिज की माँ ने उसे बुलाया।
  3. सामने ही दिखाई दे रही सुरम्य रेणुका झील हमें अपनी ओर आकर्षित कर रही थी।
  4. क्षितिज ने उल्लास से कहा कि यदि तुम भी साथ होते तो और भी आनन्द आता।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
क्षितिज अपने मित्र को किस झील की जानकारी देता है ?
(क) रेणुका
(ख) धेनुका
(ग) कर्ण
(घ) डल।
उत्तर :
(क) रेणुका

प्रश्न 2.
रेणका झील समद्र तल से कितने मीटर ऊंचाई पर स्थित है ?
(क) 671
(ख) 672
(ग) 673
(घ) 674
उत्तर :
(ख) 672

प्रश्न 3.
परशुराम की माता का क्या नाम था ?
(क) रेणुका
(ख) धेनुका
(ग) वेणुका
(घ) रमणीक।
उत्तर :
(क) रेणुका

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

प्रश्न 4.
तालाबों का शहर किसे कहा जाता है ?
(क) रेणुका को
(ख) धेनुका को
(ग) नाहन को
(घ) वाहन को।
उत्तर :
(ग) नाहन को

प्रश्न 5.
नाहन किसकी पहाड़ियों में बसा है ?
(क) शिवालिक की
(ख) हिमालय की
(ग) विध्यांचल की
(घ) तीनों की।
उत्तर :
(क) शिवालिक की

प्रश्न 6.
रेणुका कैसी झील है ?
(क) कृत्रिम
(ख) प्राकृतिक
(ग) पहाड़ी
(घ) नाहनी।
उत्तर :
(ख) प्राकृतिक

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

प्रश्न 7.
झरनों से पानी गिरता है।-वाक्य में रेखांकित पद में कौन-सा कारक है ?
(क) अपादान
(ख) कर्ता
(ग) अधिकरण
(घ) सम्बन्ध।
उत्तर :
(क) अपादान

प्रश्न 8.
रेणुका परशुराम की माता है।-वाक्य में रेखांकित पद में कौन-सा कारक है ?
(क) कर्म
(ख) संबंध
(ग) अपादान
(घ) अधिकरण।
उत्तर :
(ख) संबंध

प्रश्न 9.
पक्षी घोंसलों में रहते हैं।-वाक्य में रेखांकित पद में कौन-सा कारक है ?
(क) अपादान
(ख) संबंध
(ग) अधिकरण
(घ) कर्म।
उत्तर :
(ग) अधिकरण

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

रेणुका झील Summary in Hindi

रेणुका झील पाठ का सार

क्षितिज अपने मित्र उल्लास को पत्र द्वारा रेणुका झील के पर्यटन की जानकारी देते हुए बताता है कि वह पिछले सप्ताह अपने माता – पिता और भाई आकाश के साथ हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में रेणुका जी घूमने गया। चण्डीगढ़ – अम्बाला सड़क के रास्ते से होते हुए वे काला – अम्ब पहुंचे। वहां से 6 किलोमीटर की दूरी पर त्रिलोकपुर ग्राम में स्थित श्री बाला सुन्दरी जी के मन्दिर भी गए। बाला सुन्दरी मन्दिर का निर्माण सोहलवीं शताब्दी में हुआ था। यहां से वे लोग 26 किलोमीटर दूर रेणुका जी की ओर चल पड़े। रेणुका के मार्ग में चलते हुए नाहन शहर आया।

शिवालिक की पहाड़ियों में बसे नाहन को तालाबों का शहर कहा जाता है। यह शहर समुद्र तल से 933 मीटर ऊंचाई पर है। यहां पर थोड़ी देर रुकने और खाना खाने के पश्चात् वे लोग फिर से रेणुका झील के लिए चल पड़े। रेणुका झील हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील 6

परशुराम जी की माता के नाम पर स्थापित रेणुका झील समुद्र तल से 672 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। दंतकथा है कि परशुराम की माता रेणुका ने अपने पति ऋषि यमदाग्नि के शाप के कारण एक झील का रूप धारण कर लिया था। रेणुका झील से कुछ आगे छोटा – सा तालाब है जिसे परशुराम ताल कहते हैं। यहां माता रेणुका और परशुराम जी के मन्दिर विशेष हैं। यहां पर बच्चों के लिए मिनी चिडियाघर है।

नवम्बर के महीने में यहां पर रेणका का मेला लगता है। इस मेले में विभिन्न मन्दिरों में शोभायमान मूर्तियां लाई जाती हैं। हज़ारों लोग इस उत्सव में भाग लेते हैं और इस पवित्र सरोवर में स्नान करते हैं। यह झील 3 किलोमीटर तक फैली हुई है। यहां हमने झील की परिक्रमा की। सूर्यास्त से पहले हमने मन्दिरों में दर्शन किए और होटल वापिस आ गए। अगली सुबह हम जल्दी से तैयार होकर पांवटा साहब के दर्शनों के लिए चल पड़े।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 12 रेणुका झील

यहां से 35 किलोमीटर दूर यमुना नदी के तट पर बसा ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल पांवटा साहिब वह स्थान है जहां पर गुरु गोबिन्द सिंह जी ने कई वर्ष बिताए। हमने वहां माथा टेका और लंगर खाया तथा चण्डीगढ़ के लिए चल पड़े। सचमुच यह एक बड़ी सुखद यात्रा थी। यदि तुम भी साथ होते तो और भी मजा आता।

रेणुका झील कठिन शब्दों के अर्थ :

  • दिव्य शक्ति = अलौकिक ताकत।
  • धाम = स्थान।
  • बाल = बचपन।
  • निर्माण = बनाना।
  • तत्कालीन = उस समय का।
  • प्रस्थान = जाना।
  • बोटिंग = नौका चलाना।
  • चहलकदमी = आराम से चलना, सैर।
  • अद्भुत = निराला।
  • दृश्य = नजारा।
  • पगडंडियां = पैदल चलने का कच्चा रास्ता।
  • रमणीय = सुन्दर।
  • सुरम्य = सुन्दर।
  • वर्जित = मनाही।
  • मांसाहार = मांस खाना।
  • शोभायमान = आकर्षक, सुन्दर।
  • उत्सव = मेला।
  • परिक्रमा = चारों ओर का चक्कर लगाना।
  • कलरव = पक्षियों का चहचहाना।
  • परिणत = बदल।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

Punjab State Board PSEB 6th Class Hindi Book Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 6 Hindi Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी (2nd Language)

Hindi Guide for Class 6 PSEB दूध का दूध, पानी का पानी Textbook Questions and Answers

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

दूध का दूध, पानी का पानी अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें:

  • ਕਣ = कण
  • ਮੁੱਠੀ = मुट्ठी
  • ਸ਼ਹਿਰ = शहर
  • ਪਿੱਠ = पीठ
  • ਬੇਨਤੀ = विनती
  • ਅਸਤਬਲ = अस्तबल
  • ਸੜਕ = सड़क
  • ਬਜ਼ਾਰ = बाजार
  • ਘੋੜਾ = घोड़ा
  • ਮੁਕੱਦਮੇ = मुकद्दमे

उत्तर :
पुस्तिका में लिखने का अभ्यास करें।

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

  • ਖੁਸ਼ = प्रसन्न
  • ਖ਼ਤਮ = समाप्त
  • ਪ੍ਰੀਖਿਆ = परीक्षा
  • ਇਰਾਦਾ = संकल्प
  • ਇਨਸਾਫ਼, ਨਿਆਂ = न्याय
  • ਸਜ਼ਾ = दंड
  • ਨਕਲੀ ਰੂਪ, ਭੇਖਕ = भेष
  • ਰੌਲਾ = शोर

उत्तर :
विद्यार्थी हिन्दी भाषा में दिए गए इन शब्दों को अपनी उत्तर :पुस्तिका में लिखें।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

3. नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दें :

(क) राजा की परीक्षा किसने लेनी चाही?
उत्तर :
राजा की परीक्षा पडोसी राजा ने लेनी चाही।

(ख) राजा को रास्ते में कौन मिला?
उत्तर :
राजा को रास्ते में एक ठग मिला।

(ग) घोड़े का असली मालिक कौन था?
उत्तर :
घोड़े का असली मालिक राजा था।

(घ) किसान को कितने चाबुक लगाने का दंड दिया गया?
उत्तर :
किसान को पचास चाबुक लगाने का दण्ड दिया गया।

(ङ) इस कहानी में कौन-सा पात्र गूंगा और बहरा था?
उत्तर :
इस कहानी में नौकर पात्र गूंगा और बहरा था।

(च) ‘सच्चा न्याय’ के लिए हिन्दी में किस मुहावरे का प्रयोग होता है?
उत्तर :
‘दूध का दूध पानी का पानी’।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

(छ) पड़ोसी राजा ने अंत में क्या संकल्प किया?
उत्तर :
पडोसी राजा ने भी बद्धि से न्याय करने का संकल्प लिया।

4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार वाक्यों में दें :

(क) ठग ने घोड़े को पहचान लिया परन्तु घोड़े ने ठग को नहीं पहचाना- इन पंक्तियों का क्या भाव है?
उत्तर :
इन पंक्तियों का भाव है कि यद्यपि ठग ने राजा के अस्तबल में जाकर अपने उस घोड़े को पहचान लिया जो उसने पड़ोसी राजा से ठगा था, लेकिन घोड़ा क्योंकि स्वामीभक्त था इसलिए वह ठग को देखकर हिनहिनाया भी नहीं इसीलिए लेखक ने कहा कि उसने उसे नहीं पहचाना।।

(ख) राजा ने पड़ोसी राजा और ठग के मुकद्दमे का फैसला कैसे किया?
उत्तर :
राजा ने पड़ोसी राजा और ठग की शिकायत सुनकर घोड़ा अपने पास रख लिया और उन्हें अगले दिन बुलाया। दूसरे दिन राजा पहले पड़ोसी राजा को अपने अस्तबल में ले गया और घोड़ा पहचानने को कहा। राजा ने अपना घोड़ा पहचान लिया और घोड़े ने भी उसे पहचान लिया और ज़ोर से हिनहिनाया। फिर ऐसा ही ठग के साथ भी किया गया। ठग ने भी घोड़ा तो पहचान लिया लेकिन घोड़े ने कुछ प्रतिक्रिया नहीं दिखाई। अतः राजा समझ गया कि घोड़ा किसका है। राजा ने ठग को सज़ा देते हुए घोड़ा पड़ोसी राजा को लौटा दिया।

5. अपने पाठ से उपयुक्त शब्द चुनकर वाक्य पूरे करें :

(क) __________________ न्याय के लिए राज-दरबार में लाया गया।
(ख) कसाई कहता था कि __________________।
(ग) राजा ने अपना फैसला __________________।
(घ) __________________ ये बातें सुनकर बहुत प्रसन्न हुआ।
उत्तर :
(क) दोनों को न्याय के लिए राज-दरबार में लाया गया।
(ख) कसाई कहता था कि पैसे मेरे हैं।
(ग) राजा ने अपना फैसला सुनाया।
(घ) पड़ोसी राजा ये बातें सुनकर बहुत प्रसन्न हुआ।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

6. सही समानार्थी शब्दों पर गोला लगायें :

  1. राजा : आदमी, नरेश, नृप, प्रजा
  2. ठग : राहज़न, जासूस, रखवाला, बटमार
  3. घोड़ा : अश्व, खच्चर, तुरंग, गज
  4. किसान : कृषक, काश्तकार, बागवान, खेती बाड़ी
  5. झगड़ा : कलह, ईर्ष्या, क्लेश, मुकाबला
  6. दूध : पय, दुग्ध, छाछ, दही
  7. पानी : जल, बुलबुला, नीर, गीला
  8. संकल्प : इरादा, शंका, झिझक, प्रतिज्ञा
  9. दवात : स्याहीदान, मसिपात्र, बोतल, कलम
  10. दंड : सज़ा, सबक, सज़ाए मौत, फाँसी

उत्तर :

  1. राजा – आदमी, (नरेश), (नृप), प्रजा
  2. ठग – (राहजन), जासूस, रखवाला, (बटमार)
  3. घोड़ा – (अश्व) खच्चर, (तुरंग), गज
  4. किसान – (कृषक), (काश्तकार) बाग़वान, खेतीबाड़ी
  5. झगड़ा – (कलह) , ईर्ष्या, (क्लेश), मुकाबला
  6. दूध – (पय), (दुग्ध), छाछ, दही
  7. पानी – (जल), बुलबुला, (नीर), गीला
  8. संकल्प – (इरादा) शंका, झिझक, (प्रतिज्ञा)
  9. दवात – (स्याहीदान), (मसिपात्र), बोतल, कलम
  10. दंड – (सजा), (सबक), सजाए मौत, फाँसी।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

निम्नलिखित शब्दों के वाक्य बनाओ।

शब्द – अर्थ – वाक्य

  1. विनती – प्रार्थना = _________________
  2. मुकद्दमा – दावा, अदालत में पेश किया गया मामला = _________________
  3. चाबुक – चमड़े आदि का कोड़ा = _________________
  4. अस्तबल – घुड़शाला, तबेला = _________________

उत्तर :

  1. विनती(प्रार्थना) – लेखक ने राजा से विनती की।
  2. मुकद्दमा(दावा, अदालत में पेश किया गया मामला) – राजा ने मुकद्दमे का फैसला किया।
  3. चाबुक (चमड़े आदि का कोड़ा) – राजा ने किसान को चाबुक मारने का दण्ड दिया।
  4. अस्तबल (घुड़शाला, तबेला) – राजा ने घोड़ा अस्तबल में भिजवा दिया।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी 1
घोड़े पर सवार (अनेक शब्द) (घुड़सवार) एक शब्द

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी 2
खेतीबाड़ी करने वाला (अनेक शब्द) (किसान) एक शब्द

ऊपर दिए गए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द का प्रयोग किया गया है। अपनी बात को कम शब्दों में कहना जहाँ प्रभावशाली होता है वहीं यह एक बढ़िया कला है।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

अतः भाषा को सरल व प्रभावशाली बनाने के लिए ही अनेक शब्दों के लिए एक शब्द का प्रयोग किया जाता है।

नीचे दिए गए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें :

  1. उचित-अनुचित का विवेक : न्याय
  2. जो बोल न सकता हो : __________________
  3. जो सुन न सकता हो : __________________
  4. पड़ोस में रहने वाला : __________________
  5. खेतीबाड़ी करने वाला : __________________
  6. घरेलू काम काज करने वाला : __________________
  7. घोड़े पर सवार : __________________
  8. जहाँ घोड़े बाँधे जाते हैं : __________________
  9. ठगी करने वाला : __________________
  10. तेल का व्यापार करने वाला : __________________

उत्तर :
अनेक शब्द – एक शब्द

  1. उचित – अनुचित का विवेक – न्याय
  2. जो बोल न सकता हो – गूंगा
  3. जो सुन न सकता हो – बहरा
  4. पड़ोस में रहने वाला – पड़ोसी
  5. खेतीबाड़ी करने वाला – किसान
  6. घरेलू काम – काज करने वाला – नौकर
  7. घोड़े पर सवार – घुड़सवार
  8. जहाँ घोड़े बांधे जाते हैं – अस्तबल
  9. ठगी करने वाला – ठग
  10. तेल का व्यापार करने वाला – तेली

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

प्रयोगात्मक व्याकरण
(i) राजा घोड़े पर बैठकर उसी शहर को चला।
(ii) राजा ने नौकर अपने पास रख लिया।
(iii) दोनों को राज दरबार में ले जाया गया।
(iv) राजा सुन रहा था।

उपरोक्त वाक्यों में ‘चला’, ‘रख लिया’, ‘ले जाया गया’ तथा ‘सुन रहा था’ से किसी काम का करना या होना प्रकट होता है। ये शब्द क्रिया हैं।

अतः जिस शब्द से किसी काम का करना या होना पाया जाए, उसे क्रिया कहते हैं। अन्य उदाहरण :- पढ़ना, खेलना, सोना, हँसना, लिखना, दौड़ना, पीना, सीना, उठना, बैठना, करना, पकड़ना, छोड़ना, तोड़ना, नाचना, मारना आदि।

निम्नलिखित वाक्यों में से क्रिया शब्द को रेखांकित करें:

  1. राजा ने उसे घोड़े पर बिठा लिया।
  2. राजा ने उसकी विनती मान ली।
  3. राजा ने शोर मचा दिया।
  4. ठग ने झगड़ा कर दिया।
  5. राजा ने घोड़े को पहले ही अस्तबल में बाँध दिया था।
  6. घोड़ा हिनहिनाया।
  7. उसने स्याही की दवात लाकर दी।

उत्तर :

  1. राजा ने उसे घोड़े पर बिठा लिया।
  2. राज ने उसकी विनती मान ली।
  3. राजा ने शोर मचा दिया।
  4. ठग ने झगड़ा कर दिया।
  5. राजा ने घोड़े को पहले ही अस्तबल में बाँध दिया था।
  6. घोड़ा हिनहिनाया।
  7. उसने स्याही की दवात लाकर दी।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

(क) सिपाही ने दरबार में चाबुक से किसान को मारा।
इस वाक्य में ‘मारा’ क्रिया है।
किसने मारा ? सिपाही ने
कहाँ मारा ? दरबार में
किससे मारा ? चाबुक से
किसको मारा? किसान को

अतः स्पष्ट है कि वाक्य में ‘सिपाही ने’, ‘दरबार में’, चाबुक से तथा ‘किसान को’ शब्द-रूपों का सम्बन्ध ‘मारा’ क्रिया से सूचित हो रहा है।

(ख) (i) यह लेखक का नौकर है।
(ii) यह मेरा नौकर है।

यहाँ पहले वाक्य में ‘लेखक’ (संज्ञा) का सम्बन्ध नौकर (संज्ञा) से है तथा दूसरे वाक्य में ‘मेरा (सर्वनाम) का सम्बन्ध नौकर (संज्ञा) से है।

अतः संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों के जिस रूप से उनका सम्बन्ध क्रिया तथा दूसरे शब्दों से जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं।

कारकीय सम्बन्ध को प्रकट करने वाले चिह्नों (ने, में, से, को, का आदि) को कारक चिह्न कहा जाता है।

1. (i) ठग ने झगड़ा किया। (ii) राजा सुन रहा था।
पहले वाक्य में झगड़ने की क्रिया करने वाला ठग है, अतः ठग कर्ता है।
दूसरे वाक्य में सुनने की क्रिया राजा द्वारा हो रही है, अतः राजा कर्ता है।
यहाँ पहले वाक्य में ‘ठग ने’ और दूसरे वाक्य में ‘राजा’ कर्ता कारक हैं।

विशेष : दूसरे वाक्य में कर्ता (राजा) कारक चिह्न रहित है।

अतः संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के करने वाले का पता चलता है ,उसे कर्ता कारक कहते हैं।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

2. लोगों ने घोड़े को रोक लिया।
इस वाक्य में क्रिया ‘रोकना’ तथा कर्ता लोग’ हैं। क्रिया का फल घोड़े पर पड़ रहा है। अत: घोड़े को में कर्म कारक है-

अत: संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप पर क्रिया का फल पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते

3. राजा ने कलम से लिखा।
यहाँ कर्ता ने (राजा) लिखने की क्रिया ‘कलम से’ की है, अत: ‘कलम से’ में करण कारक है।

अतः संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के साधन का बोध हो, उसे करण कारक कहते हैं।

4. (i) उसने राजा को दवात दी।
(ii) नौकर राजा के लिए दवात लाया।
इन वाक्यों में ‘राजा को’ तथा ‘राजा के लिए’ सम्प्रदान कारक हैं क्योंकि ‘देने’ और ‘लाने’ क्रियाओं का कार्य इनके लिए हुआ है।

अतः जिसे कुछ दिया जाये या जिसके लिए कुछ किया जाये, ऐसा बोध कराने वाले संज्ञा या सर्वनाम के रूपों को सम्प्रदान कारक कहते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
राजा की परीक्षा कौन लेना चाहता है ?
(क) पड़ोसी
(ख) पड़ोसी राजा
(ग) रानी
(घ) शिव।
उत्तर :
(ख) पड़ोसी राजा

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

प्रश्न 2.
राजा को रात्रि में कौन मिला ?
(क) ठग
(ख) राजा
(ग) मंत्री
(घ) रानी।
उत्तर :
(क) ठग

प्रश्न 3.
पड़ोसी राजा ने किससे न्याय करने का संकल्प लिया ?
(क) मन से
(ख) धन से
(ग) बुद्धि से
(घ) भ्रम से।
उत्तर :
(ग) बुद्धि से

प्रश्न 4.
अस्तबल में राजा को देखकर घोड़े ने क्या शुरू किया ?
(क) हिनहिनाना
(ख) भिनभिनाना
(ग) मुस्कराना
(घ) फुफलाना।
उत्तर :
(क) हिनहिनाना

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से राजा शब्द का समानार्थी चुनें
(क) घोड़ा
(ख) नरेश
(ग) सुरेश
(घ) रमेश।
उत्तर :
(ख) नरेश

प्रश्न 6.
राजा ने बुद्धि से न्याय किया।-वाक्य में रेखांकित पद में कौन-सा कारक है ?
(क) कर्ता
(ख) कर्म
(ग) करण
(घ) सम्प्रदान।
उत्तर :
(ग) करण

प्रश्न 7.
घोड़े ने ठग को नहीं पहचाना।-रेखांकित पद में कौन-सा कारक है ?
(क) कर्ता
(ख) कर्म
(ग) करण
(घ) सम्प्रदान।
उत्तर :
(क) कर्ता

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

प्रश्न 8.
नौकर राजा के लिए दवात लाया।-रेखांकित पद में कौन सा कारक है ?
(क) करण
(ख) सम्प्रदान
(ग) अपादान
(घ) अधिकरण।
उत्तर :
(ख) सम्प्रदान

प्रश्न 9.
पेड़ से पत्ते गिर रहे हैं। वाक्य में रेखांकित पद में कौन सा कारक है ?
(क) करण
(ख) अपादान
(ग) सम्बन्ध
(घ) अधिकरण।
उत्तर :
(ख) अपादान

प्रश्न 10.
ठग ने झगड़ा किया-इस वाक्य में रेखांकित पद में कौन-सा कारक है ?
(क) कर्ता
(ख) करण
(ग) कर्म
(घ) सम्प्रदान।
उत्तर :
(क) कर्ता

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

प्रश्न 11.
राजा ने कलम से लिखा – इस वाक्य में रेखांकित पद में कौन-सा कारक है ?
(क) अपादान
(ख) अधिकरण
(ग) करण
(घ) कर्म।
उत्तर :
(ग) करण।

दूध का दूध, पानी का पानी Summary in Hindi

दूध का दूध, पानी का पानी पाठ का सार

एक राजा अपने न्याय के लिए बहुत प्रसिद्ध था। एक दिन पड़ोस के एक राजा ने उसकी परीक्षा लेनी चाही और वह वेश बदलकर उसके शहर चल पड़ा। रास्ते में उसे एक ठग मिला। ठग ने राजा को विनती की कि वह उसे अपने घोड़े पर बैठा कर बाजार तक ले चले। राजा ने उसे भी अपने घोड़े पर बैठा लिया। रास्ते में जब राजा पानी पीने के लिए घोड़े से उतरा तो वह ठग घोड़ा लेकर भागने लगा। राजा के शोर मचाने पर लोगों ने घोड़े को पकड़ लिया।

ठग ने झगड़ा कर दिया। दोनों ही कहने लगे कि घोड़ा मेरा है। दोनों को न्याय के लिए राज-दरबार में ले जाया गया। वहाँ पर पहले से ही दो मुकद्दमें चल रहे थे। एक तो लेखक और किसान के बीच नौकर को लेकर था। दोनों ही कहते थे कि नौकर मेरा है और नौकर गूंगा तथा बहरा था।

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी 3

PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी

राजा ने नौकर अपने पास रख लिया और उन्हें अगले दिन आने को कहा। दूसरा झगड़ा एक तेली और कसाई के बीच पैसों को लेकर था। राजा ने पैसे अपने पास रख लिए और दोनों से अगले दिन आने को कहा।

ठग और घुड़सवार राजा की बारी थी। राजा ने उसका झगड़ा सुनकर कहा कि घोड़ा यहाँ छोड़ जाओ और अगले दिन आना। .. अगले दिन राजा का दरबार लगा और राजा ने तीनों मुकद्दमों के फैसले सुनाने शुरू किए। पहले मुकद्दमे का फैसला सुनाते हुए राजा ने नौकर, लेखक को सौंप दिया और किसान को चाबुक लगाने की सज़ा दी। दूसरे मुकद्दमे में फैसला सुनाते हुए राजा ने तेली को चाबुक लगाने की आज्ञा देते हुए पैसे कसाई को दे दिए।

अब तीसरे मुकद्दमे का फैसला होना था। राजा ने पहले घुड़सवार राजा को बुलाया और अस्तबल में ले जाकर अपने घोड़े को पहचानने के लिए कहा। राजा ने अपना घोड़ा पहचान लिया और घोड़े ने भी मालिक को पहचाना और उसे देखकर हिनहिनाने लगा।

राजा ने फिर ठग को अस्तबल में ले जाकर घोड़ा पहचानने को कहा। ठग ने घोड़ा तो पहचान लिया, लेकिन घोड़ा उसे देख कर हिनहिनाया नहीं। राजा ने अपना फैसला सुनाते हुए घोड़ा घुड़सवार राजा को लौटा दिया और ठग को सज़ा दी। पड़ोसी राजा राजा का न्याय देखकर बहुत प्रसन्न हुआ।

जब दरबार समाप्त हुआ तो उसने राजा से पूछा कि आपने अपने फैसले किस प्रकार सुनाए। राजा ने उसे बताया कि नौकर वाले न्याय में मैंने नौकर से दोनों ही काम करवाए और देखा कि उसे किसान का काम तो नहीं आता बल्कि वह लेखक की वस्तुओं से भली पुस्तकीय भाग प्रकार परिचित था। इसी प्रकार तेली के पैसे के झगड़े में मैंने पैसों को पानी की बाल्टी में डाला तो देखा कि तेल के कण पानी पर नहीं तैर रहे। मुझे पता चल गया कि पैसे तेल वाले के नहीं हैं।

राजा की ये बातें सुनकर पड़ोसी राजा बहुत खुश हुआ और उसने भी. बुद्धि से न्याय करने का फैसला कर लिया।

दूध का दूध, पानी का पानी कठिन शब्दों के अर्थ :

  • परीक्षा = इम्तहान।
  • चाबुक = कोड़े।
  • अस्तबल = जहाँ घोड़े आदि बाँधे जाते हैं।
  • मालिक = स्वामी।
  • घुड़सवार = घोड़े की सवारी करने वाला।
  • दण्ड = सज़ा। PSEB 6th Class Hindi Solutions Chapter 11 दूध का दूध, पानी का पानी
  • बुद्धिमानी = समझदारी।
  • सत्कार = मान।
  • फुर्ती = तेजी, जल्दी से।
  • संकल्प = पक्का इरादा।

PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Guide in Punjabi English Medium

Punjab State Board Syllabus PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions Guide Pdf in English Medium and Punjabi Medium are part of PSEB Solutions for Class 8.

PSEB 8th Class Agriculture Guide | Agriculture Guide for Class 8 PSEB

Agriculture Guide for Class 8 PSEB | PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions

PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions in English Medium

PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions in Hindi Medium

PSEB 8th Class Agriculture Book Solutions in Punjabi Medium