PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Textbook Questions and Answers

सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा 1
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) सड़क पर दिनों दिन बढ़ती दुर्घटनाओं का लेखक ने क्या कारण बताया है ?
उत्तर :
सड़क पर दिनों दिन बढ़ती दुर्घटनाओं का कारण लेखक ने सड़क पर लापरवाही से चलना तथा यातायात के नियमों का पालन न करना बताया है।

(ख) सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा से लेखक का क्या अभिप्राय है?
उत्तर :
सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा से लेखक का अभिप्राय है कि जब हम सड़क पर दूसरे की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे तब हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा।

(ग) वाहन चलाते समय मोबाइल सुनना क्यों खतरनाक हो सकता है?
उत्तर :
वाहन चलाते समय मोबाइल सुनने से ध्यान भटक सकता है और उससे दुर्घटना घट सकती है। इसलिए मोबाइल सुनना खतरनाक है।

(घ) निश्चित स्थान पर वाहन पार्किंग का क्या फायदा है?
उत्तर :
निश्चित स्थान पर वाहन पार्क करने पर वाहन सुरक्षित रहता है और ट्रैफिक जाम की समस्या भी नहीं होती है।

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(ङ) चौराहे में लाल-हरी बत्ती के पास सड़क पर काली-सफेद लाइनें क्या दर्शाती हैं ?
उत्तर :
काली – सफेद लाइनों को जेबरा लाइन कहते हैं, जो पैदल चलकर सड़क पार करने वाले लोगों के लिए बनी होती हैं।

4. इन प्रश्नों के उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) वाहन चलाते समय सेफ्टी बेल्ट लगाना क्यों अनिवार्य है?
उत्तर :
वाहन चलाते समय सेफ्टी बेल्ट लगाना इसलिए अनिवार्य है ताकि यदि कभी अचानक गाड़ी रोकनी पड़े तो किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। यह हमारे जीवन की रक्षा करने के लिए ही अनिवार्य बनाया गया है। वाहन चालक के साथ आगे की सीट पर बैठे व्यक्ति को भी सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग करना चाहिए। क्योंकि दुर्घटना किसी के साथ भी हो सकती है। जीवन सभी का बहुमूल्य है। अत: वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है।

(ख) कौन-से व्यक्ति अपने वाहनों पर काले रंग के शीशे व लाल रंग की बत्ती का प्रयोग कर सकते हैं?
उत्तर :
जिन व्यक्तियों को ट्रैफिक विभाग से आज्ञा प्राप्त है वे व्यक्ति ही काले रंग के शीशे तथा वाहनों के ऊपर लाल बत्ती का प्रयोग कर सकते हैं। बिना आज्ञा के इनका प्रयोग करना दण्डनीय अपराध है। सभी मन्त्रियों को लाल बत्ती का प्रयोग करने का अधिकार प्राप्त है। लेकिन इसकी सूचना पहले पुलिस विभाग को देनी होती है। बड़े – बड़े पुलिस अधिकारियों की गाड़ी पर भी लाल बत्ती लगी होती है। हम सड़क पर प्रतिदिन इस प्रकार की गाड़ियों को आते – जाते देखते हैं।

(ग) हमें सड़क पर दुर्घटना से बचने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
उत्तर :
हमें सड़क पर दुर्घटना से बचने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :

  • सड़क को भाग कर पार नहीं करना चाहिए।
  • सड़क किनारे बने फुटपाथ पर ही चलना चाहिए।
  • हमेशा सड़क के बाईं ओर ही चलना चाहिए।
  • सड़क पर हाथ छोड़कर साइकिल नहीं चलानी चाहिए।
  • हमें सड़क पर वाहन तेज़ गति से नहीं चलाना चाहिए।
  • वाहन चलाते समय सदैव हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए।
  • कार आदि चलाते समय सेफ्टी बेल्ट लगानी चाहिए।
  • पैदल चलने वालों को सदैव जेबरा लाइनों पर से ही सड़क पार करनी चाहिए।
  • सड़क पर खेलना, कूदना या उछलना नहीं चाहिए।
  • सड़क पर कूड़ा अथवा फलों के छिलके नहीं फेंकने चाहिए।

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5. शुद्ध करके लिखें :

  1. पराथना = ………………………
  2. मोबाईल = ………………………
  3. चारट = ………………………
  4. टरैफिक = ………………………
  5. मंतर = ………………………
  6. दाँयी = ………………………
  7. सिखना = ………………………
  8. किन्तू = ………………………
  9. रफतार = ………………………
  10. मोबाईल = ………………………
  11. रूकावट = ………………………
  12. मतबल = ………………………
  13. निचित = ………………………
  14. उबड़ खबड़रस्ते = ………………………
  15. धन्यावाद = ………………………

उत्तर :

  1. पराथना = प्रार्थना
  2. मोबाईल = मोबाइल
  3. चारट = चार्ट
  4. रूकावट = रुकावट
  5. टरैफिक = ट्रैफिक
  6. मतबल = मतलब
  7. दांयी = दायीं
  8. निचित = निश्चित
  9. मंतर = मंत्र
  10. उबड़ खबड़ = ऊबड़ – खाबड़
  11. सिखना = सीखना
  12. रस्ते = रास्ते
  13. किन्तु = किन्तु
  14. धन्यावाद = धन्यवाद
  15. रफतार = रफ्तार

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6. रिक्त स्थान में उचित संबंध बोधक शब्द भरें :

(क) इसे अन्य नियमों ………………………… कठोरता से लागू नहीं किया जा सका है। (की ओर, की अपेक्षा)
(ख) आज्ञा ………………………… किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए। (के लिए, के बिना)
(ग) सड़क ………………………… काली-सफेद लाइनें लगायी गयी हैं। (के पास, पर)
(घ) हमें भारी गाड़ियों ………………………… से नहीं गज़रना चाहिए। (के बीच, के बदले)
(ङ) चालक …………………………बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट पहनना चाहिए। (के बगैर, के पीछे)
उत्तर :
(क) की अपेक्षा,
(ख) के बिना,
(ग) पर,
(घ) के बीच,
(ङ) के पीछे

7. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखें :

(क) स्कूल का सर्वप्रमुख अध्यापक – मुख्याध्यापक
(ख) स्कूल में सुबह आयोजित की जाने वाली सभा
(ग) स्कूटर चलाने वाला व्यक्ति
(घ) विद्या प्राप्त करने वाला
(ङ) जो बीमार हो
(च) जहाँ बीमारों का इलाज हो
(छ) चौराहे में लाल बत्ती के पास सड़क पर लगी काली-सफेद लाइनें
उत्तर :
(क) मुख्याध्यापक
(ख) प्रार्थना
(ग) स्कूटर चालक
(घ) विद्यार्थी
(ङ) मरीज़
(च) अस्पताल
(छ) जैबरा लाइन।

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8. एक शब्द में अलग-अलग अक्षरों व मात्राओं के प्रयोग से कई शब्द बन सकते हैं। ‘खतरनाक’ शब्द से बनने वाले विविध शब्द कैसे बनते हैं। देखो।

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उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं देखकर समझें।

9. इस तरह निम्नलिखित शब्दों में अलग-अलगअक्षरों वमात्राओं के प्रयोग से नए शब्द बनायें :

  1. अचानक,
  2. जानकारी

उत्तर :

  1. अचानक – आच, आक, नाक, नाच, चाक, चना, कनचा, काच, चक, चानक, कान, चकना, चन, अन।
  2. जानकारी – जान, नाज, नकार, अज, नारी, कारी, कर, आरी, नाक, कान, जीन, जारी, रीना, राजी, नकार, आन, राज, जार, कार, आर, रानी, जन, जीरा, नीक।

इन्हें सदैव याद रखिये:

  • स्कूटर चालक के साथ-साथ पीछे बैठे व्यक्ति को भी बढ़िया किस्म का (आई.एस.आई. (ISD निशान वाला) हेलमेट पहनना चाहिए।
  • महिलाओं को भी अपनी सुरक्षा हेतु हेलमेट पहनना चाहिए।
  • यदि लाल बत्ती हुई हो और उस समय किसी भी तरफ से कोई भी आता-जाता न दिखाई दे तो भी हमें लाल बत्ती पर खड़े रहना चाहिए।
  • केवल हरी बत्ती पर ही चलना चाहिए।
  • हमें हरी बत्ती दिखाई देने पर जल्दी लाँधने के लिए अपने वाहन की गति बढ़ा नहीं देनी चाहिए। इससे जल्दबाज़ी में दुर्घटना हो सकती है।
  • हमें हेलमेट सुरक्षा के लिए पहनना है न कि नियमों का पालन करने केलिए। हेलमेट होते हुए भी उसे सिर पर न पहनकर हाथ में पकड़ना या स्कूटर पर लटका कर रखना नियमों की अवहेलना के साथ-साथ बेवकूफी भी है।
  • हमें सड़क पर अपने वाहन से किसी से रेस नहीं लगानी चाहिए।
  • हमें अपना वाहन निश्चित जगह पर ही खड़ा करना चाहिए।
  • रात में साइकिल या दो पहिया वाहन चलाते समय गाढ़े रंग के कपड़ों का प्रयोग न करें।
  • बस या कार में यात्रा करते समय अपना सिर बाहर न निकालें या अपना हाथ बाहर निकालकर न हिलायें।
  • खड़े हुए या पार्क किए वाहन के पीछे से सड़क क्रॉस न करें।
  • स्कूल बस में चढ़ते हुए अनुशासन बनाये रखें तथा पंक्ति में चढ़ें।
  • सड़क पर नहीं खेलना चाहिए।
  • हमें कभी भी जानबूझ कर ट्रैफिक जाम नहीं करना चाहिए। इसमें अन्य लोगों को असुविधा होती है।
  • यदि सड़क पर हमारे पीछे कोई अम्बुलैंस हार्न बजाती आ रही हो तो उसे सावधानीपूर्वक जल्दी से रास्ता दे देना चाहिए।

सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा Summary in Hindi

सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा पाठ का सार

‘सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा’ डॉ० सुनील बहल द्वारा रचित एक श्रेष्ठ लेख है। इसका ज्ञान सभी को होना चाहिए। हमारी सुरक्षा हमारे साथ – साथ दूसरे को भी जीवन दे सकती स्कूल की प्रार्थना सभा में सड़क सुरक्षा के बारे में जानकारी देने के लिए प्रधानाचार्य ने ट्रैफिक पुलिस अधिकारी को आमंत्रित किया था। पुलिस अधिकारी ने बच्चों को समझाते हुए बताया कि हमें सड़क पर स्वयं भी सुरक्षित ढंग से चलना चाहिए तथा दूसरों को भी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। तभी हमारा जीवन सुरक्षित होगा। यही सड़क पर चलने का मूल मन्त्र है। सड़क के बीच कभी मत चलो।

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हमेशा अपनी बाईं ओर पटरी पर ही चलना चाहिए। वाहन चलाने के लिए कितनी आयु होनी चाहिए के प्रश्न पर ट्रैफिक अधिकारी ने कहा कि वाहन चलाना सीखने के लिए कम – से – कम सोलह साल उम्र होनी चाहिए। बिना सीखे वाहन चलाना खतरनाक हो सकता है। वाहन चलाते समय हेलमेट अवश्य पहनना चाहिए। महिलाओं के लिए भी हेलमेट पहनना आवश्यक है। वाहन चालक तथा आगे बैठे दूसरे व्यक्ति को भी सेफ्टी बैल्ट लगानी चाहिए।

इससे दुर्घटना से बचा जा सकता है। एक विद्यार्थी ने पूछा – कौन से वाहनों पर काले रंग के शीशे और लाल रंग की बत्ती लगायी जा सकती है ? पुलिस अधिकारी ने बताया विशेष अधिकारी प्राप्त व्यक्ति ही ट्रैफिक विभाग से आज्ञा प्राप्त करके काले रंग के शीशे तथा लाल बत्ती का प्रयोग कर सकता है। वाहन चलाते समय कभी मोबाइल नहीं सुनना चाहिए। पुलिस अधिकारी बोर्ड पर दिखाए गए संकेतों की ओर इशारा करते हुए बच्चों को बताता है कि बैग ले जा रहे बच्चे का चित्र यह बताता है कि पास में विद्यालय है और वाहत की गति धीमी कर दी जाए।

अस्पताल के पास हार्न का निशान बनाकर काटा गया होता है, जिसका अर्थ है कि बिना मतलब के हार्न न बजाएं। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने पार्किंग के विभिन्न नियमों को विस्तार से बच्चों को बताया कि पार्किंग कैसे करनी चाहिए। जैबरा लाइन के बारे में बताते हुए अधिकारी ने बताया कि यह पैदल चलने वालों के लिए बनी होती है। पैदल चलने वालों को सदा जेबरा लाइनों पर चलते हुए ही सड़क पार करनी चाहिए।

बाईं ओर मुड़े तीर का अर्थ बाईं ओर मुड़ना तथा दाईं ओर मुड़े तीर का अर्थ दाईं ओर मुड़ना है। सड़क पर दुर्घटना से बचने के लिए अधिकारी उपाय बताता हुआ कहता है कि सड़क के बीच कभी मत चलो। हमेशा अपनी बाईं ओर बनी पटरी पर ही चलना चाहिए। सड़क पर खेलना, उछलना तथा कूदना ठीक बात नहीं। कूड़ा अथवा फलों के छिलके सड़क पर मत फेंको। दोनों हाथ छोड़कर साइकिल न चलायें। भारी गाड़ियों के बीच से न निकलें।

अन्त में बच्चों ने ट्रैफिक पुलिस अधिकारी का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे सदैव यातायात के नियमों का पालन करेंगे।

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सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा कठिन शब्दों के अर्थ

  • सुरक्षा = हिफाजत।
  • सप्ताह = हफ्ता।
  • अति आवश्यक = बहुत ज़रूरी।
  • उत्सुकता = बेचैनी।
  • चिहन = निशान।
  • दिनों दिन = प्रतिदिन।
  • पधारना = आना।
  • जिज्ञासा = जानने की इच्छा।
  • वाहन = गाड़ी।
  • फुटपाथ = सड़क किनारे चलने की पटरी।
  • सेफ्टी बेल्ट = सुरक्षा पेटी।

सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. वाहन चलाना सीखने के लिए कम से कम उम्र 16 साल होनी चाहिए। यदि साइकिल, स्कूटर या कार आदि चलाना सीखना हो तो खाली मैदान में ही सीखना चाहिए। सड़क पर तभी चलायें जब आपको पूरी तरह चलाना आ जाये अन्यथा स्वयं या दूसरे के लिए यह खतरनाक हो सकता है। हां, वाहन तेज़ रफ्तार से नहीं चलाना चाहिए।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित लेख ‘सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा’ से लिया गया है। इसके लेखक डॉ सुनील बहल हैं। लेखक ने यहाँ जीवन रक्षा हेतु सड़क के नियमों का पालन करने की बात कही है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारी बच्चों को वाहन चलाने और सीखने का नियम बताते हुए कहता है कि वाहन चलाने के लिए या सीखने के लिये कम से कम सोलह वर्ष की आयु होनी चाहिए। यदि कोई साइकिल, स्कूटर या कार चलानी सीखनी है तो इसे सीखने के लिए किसी खाली बड़े मैदान में जाएँ। खाली मैदान में न तो सीखने वाले को कठिनाई होगी न ही अन्य किसी और को।

आपको सड़क पर अपना वाहन तभी चलाना चाहिए जब आप वाहन चलाने में पूर्णतः निपुण हो जाएं। यदि निपुणता में कुछ कमी रही तो दुर्घटना की सम्भावनाएं बढ़ सकती हैं। वाहन चलाते समय सबसे बड़ी ध्यान देने योग्य बात यह है कि वाहन कभी तेज गति से नहीं चलाना चाहिए।

विशेष –

  • लेखक ने वाहन चलाने की सही उम्र अथवा वाहन गति पर ध्यान देने की विशेष बात बताई है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

2. बच्चो! केवल वाहन चालक को ही नहीं अपितु वाहन चालक के साथ आगे वाली सीट पर बैठे व्यक्ति को भी सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग करना चाहिए जिससे अचानक झटका लगने से होने वाली दुर्घटना से बचा जा सकता है।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित लेख ‘सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा’ से लिया गया है जिसके रचयिता डॉ० सुनील बहल हैं। लेखक ने अपने इस लेख द्वारा सड़क सुरक्षा के नियमों पर चर्चा की है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारी बच्चों को वाहन चलाते समय सेफ्टी बेल्ट के प्रयोग को बताते हुए कहता है कि बच्चो वाहन चलाते समय केवल चालक को ही सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग नहीं करना चाहिए अपितु चालक के साथ आगे वाली सीट पर बैठने वाले व्यक्ति को भी सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग करना चाहिए ताकि असमय होने वाली किसी भी अप्रिय दुर्घटना से बचा जा सके, जो गाड़ी के अचानक झटके से रुकने या झटका लगने से हो सकती है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 18 सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा

विशेष –

  • लेखक ने सेफ्टी बेल्ट के प्रयोग की बात कही है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

3. दोनों हाथ छोड़कर साइकिल न चलायें। यदि आप एक स्कूल में साइकिल चला रहे हैं तो सड़क का काफी हिस्सा घेर कर समानान्तर न चलें अपितु एक – दूसरे के पीछे – पीछे चलें। यदि आप गाड़ी में हैं तो दूसरी गाड़ी से आगे केवल दायें हाथ की ओर से निकलें। हमें भारी गाड़ियों के बीच से भी नहीं निकलना चाहिए। अतः बच्चो! इस तरह हम यातायात के नियमों का पालन करते हुए अपने व दूसरे के जीवन की रक्षा सहज ही कर सकेंगे।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित लेख ‘सड़क सुरक्षा – जीवन रक्षा’ से लिया गया है, जिसके रचनाकार डॉ सुनील बहल हैं। लेखक ने यहाँ सड़क पर चलने के नियमों के बारे में बताया है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारी बच्चों को सड़क पर चलने के नियमों की जानकारी देता हुआ कहता है कि बच्चो सड़क पर कभी दोनों हाथ छोड़कर साइकिल नहीं चलानी चाहिए। यदि बहुत – से बच्चे इकट्ठे होकर सड़क पर साइकिल चलाएं तो उन्हें सारी सड़क को घेर कर साइकिल नहीं चलानी चाहिए। सड़क पर गाड़ी में चलते समय किसी भी गाड़ी की दाईं तरफ से ही निकलना चाहिए।

कभी भी हमें किसी भारी वाहन के बीच से नहीं जाना चाहिए। बच्चो इन सभी बातों का ध्यान दिया जाए तो हम यातायात के नियमों का सही ढंग से पालन कर सकते हैं। इससे हमारे जीवन की रक्षा के साथ – साथ दूसरे के जीवन की भी सुरक्षा हो सकेगी।

विशेष –

  • लेखक ने सड़क पर सुरक्षा को ही जीवन रक्षा बताया है।
  • भाषा सरल, सहज तथा विचारानुकूल है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 17 अन्याय के विरोध में (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB अन्याय के विरोध में Textbook Questions and Answers

अन्याय के विरोध में अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिन्दी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में 1
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

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2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) जूलिया कौन थी? लेखक ने उसे अपने कमरे में क्यों बुलाया?
उत्तर :
जूलिया लेखक के बच्चों की गवर्नेस थी। लेखक ने उसे अपने कमरे में उसकी तनख्वाह का हिसाब करने के लिए बुलाया।

(ख) लेखक ने जूलिया को किस काम के लिए रखा था?
उत्तर :
लेखक ने जूलिया को अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए रखा था।

(ग) जूलिया को लेखक ने कितने रूबल दिये?
उत्तर :
जूलिया को लेखक ने ग्यारह रूबल दिए।

(घ) तनख्वाह प्राप्त करने पर जूलिया ने लेखक का धन्यवाद क्यों किया?
उत्तर :
तनख्वाह प्राप्त करने पर जूलिया ने लेखक को धन्यवाद इसलिए दिया क्योंकि वह पहला मालिक था जिसने उसे तनख्वाह के रूप में पैसे दिए थे। अन्य किसी ने उसे कोई पैसा नहीं दिया था।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में

4. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) लेखक जूलिया को क्या सबक सिखाना चाहता था ?
उत्तर :
जूलिया बहुत ही सीधी और दब्बू लड़की थी। लेखक उसे दुनियादारी और अन्याय के विरोध में स्वर उठाने की बात सिखाना चाहता था ताकि वह इस निर्मम, कठोर तथा हृदयहीन संसार का डटकर सामना कर सके। अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों एवं अन्याय का विरोध कर सके। वह उसे बताना चाहता था कि इस संसार में दब्बू तथा बोदे लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। इसलिए उसे अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहना होगा।

(ख) जूलिया द्वारा ‘धन्यवाद’ कहे जाने पर लेखक गुस्से से क्यों उबल पड़ा ?
उत्तर :
जूलिया द्वारा ‘धन्यवाद’ कहने पर लेखक गुस्से से इसलिए उबल पड़ा क्योंकि वह आश्चर्य चकित रह गया था कि उसने जूलिया की लगभग सारी तनख्वाह काट ली, उसे खरी – खोटी भी सुनाई। इस पर भी उसने विरोध न करके उसका धन्यवाद ही किया तो यह अपने आप में एक आश्चर्य की बात थी, जिसके कारण लेखक गुस्से से उबल पड़ा।

(ग) इस कहानी के द्वारा लेखक ने क्या संदेश दिया है ?
उत्तर :
इस कहानी के द्वारा लेखक ने संदेश दिया है कि हमें भला कहलाए जाने के लिए इतना दब्ब, भीरू तथा बोदा नहीं बन जाना चाहिए कि हमारे साथ जो अन्याय हो रहा है हम उसका विरोध न करें ? बस चुपचाप सारी ज्यादतियां सहते जाएं। हमें अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए इस कठोर, निर्मम और हृदयहीन संसार से लड़ना होगा। अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठानी होगी। क्योंकि हमारे संसार में दब्बू तथा बोदे लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।

5. इन मुहावरों के अर्थ दे दिये हैं। अर्थ समझते हुए वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. चेहरा पीला पड़ना = मायूस हो जाना = ………………………..
  2. आँसू छलक आना = रोने को होना = ………………………..
  3. गुस्से से उबलना = बहुत अधिक क्रोध आना = ………………………..
  4. क्रोध पर ठंडे पानी के छींटे मारना = क्रोध को शांत करना = ………………………..
  5. दाँतों और पंजों के साथ लड़ना = पूरी ताकत और साधनों के साथ लड़ना = ………………………..

उत्तर :

  1. चेहरा पीला पड़ना = मायूस हो जाना।
    वाक्य = तनख्वाह काट लिए जाने की बात सुनकर जूलिया का चेहरा पीला पड़ गया।
  2. ऑसू छलक आना = रोने को होना।
    वाक्य = बहन की विदाई का समय आते ही भाई की आँखों में आँसू छलक आए।
  3. गुस्से से उबलना = बहुत अधिक क्रोध आना।
    वाक्य = रमेश के बैंच तोड़ने पर अध्यापक गुस्से से उबल पड़े।
  4. क्रोध पर ठण्डे पानी के छींटे मारना = क्रोध को शांत करना।
    वाक्य = छोटे बच्चे की मुस्कान बड़ों के क्रोध पर ठंडे पानी के छींटे मारने का काम करती है।
  5. दाँतों और पंजों के साथ लड़ना = पूरी ताकत और साधनों के साथ लड़ना।
    वाक्य = प्रत्येक व्यक्ति को अन्याय के विरोध में दाँतों और पंजों के साथ लड़ना होगा।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में

6. विपरीत शब्द लिखें :

  1. नुकसान = ………………………
  2. अन्याय = ………………………
  3. झूठ = ………………………
  4. भीरु = ………………………
  5. विरोध = ………………………
  6. बीमार = ………………………

उत्तर :

  1. नुकसान = फ़ायदा
  2. अन्याय = न्याय
  3. झूठ = सच
  4. भीरू = साहसी
  5. विरोध = पक्ष
  6. बीमार = स्वस्थ

7. समानार्थक शब्द लिखें :

  1. तनख्वाह = ………………………
  2. छुट्टी = ………………………
  3. इतवार = ………………………
  4. हफ्ता = ………………………
  5. अचरज = ………………………
  6. नुकसान = ………………………
  7. मालकिन = ………………………
  8. माफ़ = ………………………

उत्तर :

  1. तनख्वाह = वेतन
  2. छुट्टी = अवकाश
  3. इतवार = रविवार
  4. हफ्ता = सप्ताह
  5. अचरज = हैरानी
  6. नुकसान = हानि
  7. मालकिन = स्वामिनी
  8. माफ़ = क्षमा

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में

8. ‘अन्याय को चुपचाप सहना भी गलत है।’ लेखक के इस विचार से क्या आप सहमत हैं ? समाज में रहते हुए यदि आपके साथ किसी भी क्षेत्र में अन्याय हो रहा हो तो आप उसे स्वीकार कर लेंगे या विरोध करेंगे? अपने विचार लिखें।
उत्तर :
अन्याय को चुपचाप सहन भी गलत है।’ लेखक की इस बात से हम ए सहमत हैं। अन्याय को चुपचाप सहन करना अपने आपको दबा देने वाली बात है। इससे हमारा व्यक्तित्व उठने की बजाए दबता जाता है। हमारे अन्दर दब्बू तथा बोदापन आ जाता है, जो हमें अन्याय के विरोध में आवाज़ नहीं उठाने देता। समाज में यदि हमारे साथ कभी कोई अन्याय होगा तो हम उसके खिलाफ खुलकर सामने आएँगे।

अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाएँगे तथा अपने ऊपर हो रहे अन्याय का विरोध करते हुए न्याय की माँग करेंगे। लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि हमें अपने कर्त्तव्य तथा अधिकारों के प्रति सचेत रहना होगा।

प्रयोगात्मक व्याकरण

अरे! मैं क्या झूठ बोल रहा हूँ ?
शाबाश! मुझे आपसे यही आशा थी।
ना-ना! मैं स्त्री-वध नहीं करूंगा।
आह! मेरी प्रजा पर अत्याचार हो रहा है।

उपर्युक्त वाक्यों में ‘अरे’, ‘शाबाश’, ‘ना-ना’ तथा ‘आह’ शब्द क्रमशः विस्मय, हर्ष, घृणा तथा शोक मनोभावों को व्यक्त कर रहे हैं। ये विस्मयादिबोधक शब्द हैं। इनका प्रयोग प्रायः वाक्य के शुरू में होता है तथा इन शब्दों के बाद जो चिह्न (!) लगता है, उसे विस्मयादिबोधक चिह्न कहते हैं।

अतएव जिन शब्दों से विस्मय, हर्ष, घृणा तथा शोक आदि मन के भाव प्रकट हों वे शब्द विस्मयादिबोधक कहलाते हैं।

कुछ मुख्य विस्मयादिबोधक शब्द इस प्रकार हैं:

  • हर्ष बोधक = अहा! वाह-वाह ! धन्य आदि।
  • घृणा बोधक = धिक् ! धत् ! थू-थू ! आदि।
  • शोकबोधक = उफ! बाप रे! राम-राम! सी त्राहि-त्राहि आदि।
  • विस्मयादिबोधक = क्या! ओहो ! हैं ! अरे !
  • स्वीकारबोधक = हाँ-हाँ! अच्छा ! ठीक! जी हाँ!
  • चेतावनी बोधक = सावधान! होशियार ! खबरदार !
  • भयबोधक = हाय ! हाय राम ! उइ माँ ! बाप रे!
  • आशीर्वादबोधक = दीर्घायु हो! जीते रहो ! खुश रहो!

अन्याय के विरोध में Summary in Hindi

अन्याय के विरोध में पाठ का सार

‘अन्याय के विरोध में’ एंतन चेखव द्वारा रचित एक शिक्षाप्रद कहानी है। इस कहानी के माध्यम से लेखक ने समाज में व्याप्त दब्बू, भीरू तथा बोदा बन गए लोगों को अन्याय के विरुद्ध उठ खड़े होने को कहा है। लेखक का मानना है कि अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए उन्हें इस कठोर, निर्मम और हृदयहीन संसार से लड़ना होगा।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में 5

कुछ दिन पहले की बात थी कि लेखक ने अपने बच्चों को गवर्नेस जूलिया को उसकी तनख्वाह का हिसाब करने के लिए अपने पढ़ने के कमरे में बुलाया। लेखक ने जूलिया से कहा कि तुम्हारी तनख्वाह तीस रूबल तय हुई थी। इस पर जूलिया ने दबे स्वर में कहा नहीं चालीस रूबल थी। लेखक ने कहा नहीं वह तो बच्चों की गवर्नेस को हमेशा तीस रूबल ही देता आया था। उसे यहाँ काम करते हुए दो महीने हुए थे।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में

जूलिया ने कहा नहीं दो महीने पांच दिन हुए थे। लेखक ने जूलिया से कहा कि उसके दो महीने ही हुए थे। जिसके हिसाब से उसकी तनख्वाह साठ रूबल बनती थी लेकिन यह उसे तब मिलेगी यदि उसने महीने में कोई छड़ी नहीं की होगी। लेखक ने कुछ ही क्षणों में जूलिया से कहा कि उसने नौ रविवार तथा तीन छुट्टियां और की थी। कुल मिला कर बारह दिन उसने काम नही किया इसलिए उसके बारह रूबल कट गए। कोल्या चार दिन बीमार था।

उस ने मात्र वान्या को ही पढ़ाया। उसकी मालकिन ने उसे तीन दिन दोपहर के बाद छुट्टी दे दी थी। इस तरह बारह और सात मिलाकर कुल उन्नीस छुट्टी तुम्हारी हो चुकी थी। इतना सुनते ही जूलिया की आँखों में आँसू छलक आए। उसने एक शब्द भी नहीं बोला, बस धीरे से खांसते हुए उसने अपनी नाक साफ की। कुछ ही पल बाद लेखक ने जूलिया द्वारा तोड़ी गई प्लेट और प्याली के नुकसान की भरपाई के रूप में दो रूबल काटने की बात कही।

कोल्या की जैकेट फटने के दस रूबल तथा वान्या के जूते चोरी हो जाने की लापरवाही के पाँच रूबल काट लिए जाते हैं। दस जनवरी को जो दस रूबल मैंने तुम्हें दिए थे वे भी काट लिए जाते थे। जूलिया ने दबी आवाज़ में कहना चाहा कि उन्होंने उसे कोई रूबल नहीं दिए थे। मालिक के कहने पर कि उसने अपनी डायरी में लिख रखा था तो जूलिया मान गई कि जो वे कह रहे थे वह ठीक कह रहे थे। मालिक ने कठोरता भरे स्वरों में कहा कि सत्ताईस रूबल उसके बाकी बचे इकतालीस रूबल काट लिए जाएँ तो उसके हिसाब में मात्र चौदह रूबल बचते थे।

इतना सुनते ही जूलिया के नेत्र आँसुओं से भर गए। उसका सारा शरीर पसीने से तर – ब – तर हो गया। उसने कांपते हुए स्वरों में कहा कि उसे अभी तक उनकी पत्नी से मात्र तीन रूबल के आज तक और कोई पैसा नहीं मिला। मालिक ने कहा चलो चौदह रूबल में से ये तीन रूबल और कम कर दो तो ये ग्यारह रूबल तुम्हारी तनख्वाह बनती थी। जूलिया ने अपने कांपते हाथों में ग्यारह रूबल लिए और अपनी जेब टटोल कर उसमें उन्हें ढूंस लिए।

उसने बड़ी धीमी आवाज़ में मालिक का धन्यवाद किया। ‘धन्यवाद’ का स्वर सुनते ही मालिक को गुस्सा आ गया और वह क्रुद्ध स्वर में बोला “धन्यवाद किस बात का ?” जूलिया ने उत्तर देते हुए कहा कि जो आपने उसे पैसे दिए थे उसी के लिए यह धन्यवाद था। मालिक ने चिल्लाते हुए कहा कि मैंने तो तुम्हें ठगा है फिर भी तुम धन्यवाद दे रही हो ! जूलिया ने धीमे स्वर में कहा जहाँ – जहाँ उसने पहले काम किया है उन्होंने उसे कोई पैसा नहीं दिया।

आप तो कुछ दे ही रहे हैं। जूलिया की इस बात ने मालिक के क्रोध पर ठण्डा पानी मार दिया। उसने धीमे स्वर में जूलिया से कहा, “जूलिया, मुझे इस बात के लिए माफ कर देना कि मैंने तुम्हारे साथ एक छोटा – सा क्रूर मजाक किया।” यह तुम्हें सबक सिखाने के लिए किया था। तुम बहुत भोली हो।

तुम्हारा कोई पैसा नहीं काटा जाएगा। तुम्हारी पूरी तनख्वाह मिलेगी। लेकिन उससे पहले तुम्हें एक प्रश्न का उत्तर देना होगा – कि इन्सान भला कहलाने के लिए दब्बू, भीरू तथा बोदा बनता जाए। प्रत्येक अन्याय को चुपचाप सहता जाए, उसका विरोध न करे ?

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में

जूलिया इस तरह खामोश रहने से काम नहीं चलेगा। तुम्हें इस कठोर, निर्मम और हृदयहीन संसार से लड़ना होगा।

अन्याय के विरोध में कठिन शब्दों के अर्थ

  • गवर्नेस = बच्चों की देखभाल करने वाली।
  • तनख्वाह = महीने भर का मेहनताना।
  • खुद = स्वयं।
  • दबा स्वर = कम आवाज़।
  • नोट करना = लिखना।
  • अलावा = अतिरिक्त।
  • चेहरा पीला पड़ना = मायूस होना।
  • इतवार = रविवार,
  • बीवी = पत्नी।
  • आँसू छलकना = रोने को होना।
  • काम में ढील देना = लापरवाही करना।
  • यकीन = विश्वास।
  • खामोश = चुपचाप।
  • निर्मम = दयाहीन।
  • हृदयहीन = बिन दिल के, जो दयालु न हो।

अन्याय के विरोध में गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. कुछ दिन पहले की बात है। मैंने अपने बच्चों की गवर्नेस जूलिया को अपने पढ़ने के कमरे में बुलाया और कहा, “बैठो जूलिया। मैं तुम्हारी तनख्वाह का हिसाब करना चाहता हूँ। मेरे ख्याल से तुम्हें पैसों की ज़रूरत होगी और जितना मैं तुम्हें अब तक जान सका हूं, मुझे लगता है, तुम अपने आप कभी अपने पैसे नहीं मांगोगी। इसलिए मैं खुद ही तुम्हें पैसे देना चाहता हूं। हां, तो तुम्हारी तनख्वाह तीस रूबल महीना तय हुई थी न ?”

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित कहानी ‘अन्याय के विरोध में से लिया गया है, जिसके लेखक एंतन चेखव हैं। लेखक ने यहाँ अन्याय को सहना कायरता बताया है तथा उसका विरोध करने की बात कही है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि कुछ दिन पहले उसने अपने बच्चों की देखभाल करने वाली गवर्नेस जूलिया की तनख्वाह का हिसाब करने के लिए उसे अपने पढ़ने वाले कमरे में बुलाया। जब जूलिया कमरे में आई तो लेखक ने उसे बैठने को कहते हुए कहा कि वह उसकी तनख्वाह का हिसाब करना चाहते हैं। जूलिया से लेखक कहता है कि जितना वह उसे जानता और समझता है उसके अनुसार वह उससे अपने कभी पैसे नहीं माँगेगी।

लेकिन मेरा अनुमान है कि तुम्हें पैसे की आवश्यकता होगी। इसलिए स्वयं ही सोचा कि तुम्हें पैसे क्यों न दे दिए जाएं। तब लेखक जूलिया से कहता है कि तुम्हारी तनख्वाह तीस रूबल प्रति महीना तय हुई थी। तुम सहमत हो।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में

विशेष –

  • लेखक ने गवर्नेस जूलिया के भोलेपन का चित्रण किया है।
  • भाषा सरल, सहज है।

2. “हाँ, याद आया,” मैंने डायरी देखते हुए कहा, “पहली जनवरी को तुमने चाय की प्लेट और प्याली तोड़ी थी। प्याली बहुत कीमती थी। मगर मेरे भाग्य में तो हमेशा नुकसान उठाना ही बदा है। चलो, मैं उसके दो रूबल ही काढूँगा। अब देखो, उस दिन तुमने ध्यान नहीं रखा और तुम्हारी नज़र बचाकर कोल्या पेड़ पर चढ़ गया और वहाँ खरोंच लगकर उसकी जैकेट फट गई। दस रूबल उसके कट गए। इसी तरह तुम्हारी लापरवाही के कारण नौकरानी ने वान्या के नए जूते चुरा लिए अब देखो भाई, तुम्हारा काम बच्चों की देखभाल है। तुम्हें इसी के पैसे मिलते हैं। तुम अपने काम में ढील दोगी, तो पैसे कटेंगे या नहीं ? मैं ठीक कह रहा हूँ न ?”

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित कहानी ‘अन्याय के विरोध में से लिया गया है जिसके लेखक एंतन चेखव हैं। लेखक ने यहाँ अन्याय को सहने वाली एक युवा लड़की का चित्रण किया है।

व्याख्या – लेखक अपनी डायरी को देखते हुए अपनी गवर्नेस जूलिया से कहता है कि उसे याद आ गया कि उसने पहली जनवरी को चाय की प्याली और प्लेट तोड़ी थी। वह प्याली बहुत कीमती थी। किन्तु क्या करूँ नुकसान सदैव तुम्हारे इस मालिक के हिस्से ही आता है चलो ज्यादा इसके दो रूबल तुम्हारी तनख्वाह से काट लेता हूँ।

लेखक जूलिया की लापरवाही बताते हुए कहता है कि एक दिन उसका पुत्र कोल्या किसी तरह उससे छुपछुपाकर पेड़ पर चढ़ गया था और वहाँ खरोंच लगने से उसकी जैकेट फट गई थी तो इसका नुकसान जूलिया तुम्हारे कारण ही हुआ अत: इसके दस रूबल काट लेता हूँ। जूलिया की और लापरवाही बताते हुए लेखक कहता है कि एक दिन नौकरानी ने वान्या के जूते चुरा लिए थे जिसका दण्ड उसे ही भरना होगा।

क्योंकि बच्चों की देखभाल करना ही उसका काम है। काम में किसी प्रकार की ढील का दण्ड तो उसे ही सहना होगा। इसके लिए उसके पैसे भी काटेंगे। वह जूलिया से कहता है कि वह ठीक कह रहा है न।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में

विशेष –

  • लेखक ने जूलिया के भोलेपन का फायदा उठाते हुए उसे ठगने का चित्रण किया है।
  • भाषा सरल है।

3. “अच्छा!” मैंने स्वर में आश्चर्य भरकर कहा, “और इतनी बड़ी बात तुम्हारी मालकिन ने मुझे बताई तक नहीं। देखो, हो जाता न अनर्थ ! खैर, मैं इसे भी डायरी में नोट कर लेता हूँ। हाँ, तो चौदह में से तीन और घटा दो। बचते हैं ग्यारह रूबल। तो लो भाई, ये रही तुम्हारी तनख्वाह ये ग्यारह रूबल। देख लो, ठीक है न ?”

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित पाठ ‘अन्याय के विरोध में’ से लिया गया है जिसके लेखक एतन चेखव हैं। लेखक ने अपने इस पाठ में अन्याय को न सहने का संदेश दिया है।

व्याख्या – लेखक कहता है कि जब जूलिया ने उससे कहा कि बस एक बार उसकी मालकिन ने मात्र तीन रूबल दिए थे, उसके अतिरिक्त आज तक उसे कोई पैसा नहीं मिला तो लेखक ने आश्चर्य भरे स्वर में कहा कि इतनी बड़ी बात तुम्हारी मालकिन ने छुपाई। मुझे बताना तक ठीक नहीं समझा।

अच्छा हुआ तुमने बता दिया नहीं तो अभी बहुत बड़ा नुकसान हो जाता। खैर इन तीन रूबल को भी डायरी में लिख लेता हूँ। जूलिया अब बचे हुए चौदह रूबल में से ये तीन रूबल घटा दो तो ये ग्यारह रूबल बचते हैं। ये तुम्हारी तनख्वाह है ग्यारह रूबल इसे ठीक से ले लो।

विशेष –

  • लेखक ने समाज में जूलिया जैसे भोले – भाले लोगों को अन्याय सहते हुए दर्शाया है।
  • भाषा प्रवाहमयी है।

4. देखो जूलिया, मैं तुम्हारा एक पैसा भी नहीं मारूँगा। देखो, यह तुम्हारे अस्सी रूबल रखे हैं। मैं अभी इन्हें तुम्हें दूंगा। लेकिन उससे पहले मैं तुमसे कुछ पूछना चाहूंगा। जूलिया, क्या ज़रूरी है कि इन्सान भला कहलाए जाने के लिए इतना दब्बू, भीरू और बोदा बन जाए कि उसके साथ जो अन्याय हो रहा है, उसका विरोध तक न करे ? बस, खामोश रहे और सारी ज्यादतियां सहता जाए ? नहीं जूलिया, नहीं। इस तरह खामोश रहने से काम नहीं चलेगा। अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए तुम्हें इस कठोर, निर्मम और हृदयहीन संसार से लड़ना होगा। अपने दाँतों और पंजों के साथ लड़ना होगा – पूरी ताकत के साथ। मत भूलो जूलिया कि इस संसार में दब्बू और बोदे लोगों के लिए कोई जगह नहीं हैकोई जगह नहीं है-

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित पाठ ‘अन्याय के विरोध में’ से अवतरित है जिसके लेखक एंतन चेखव हैं। लेखक ने यहाँ बताया है कि हमें समाज में अन्याय का विरोध करना होगा। अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनना होगा।

व्याख्या – लेखक जूलिया को उसके भोलेपन से उभारते हुए उससे कहता है कि वह उसकी तनख्वाह का एक भी पैसा नहीं रखेगा। वह उसे अस्सी रूबल दिखाते हुए कहता है कि ये उसे वह अभी दे देगा लेकिन इससे पहले वह जूलिया से कुछ पूछना चाहता है। वह जूलिया से कहता है कि व्यक्ति समाज में भला बनने के लिए अन्याय को सहता रहे, उसका विरोध न करे और दब्बू, भीरू तथा बोदा बन जाए।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 17 अन्याय के विरोध में

बस अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों को चुपचाप सहन करता रहे। नहीं जूलिया यह ठीक नहीं है। चुप रहने से जीवन नहीं चलेगा। अपने आपको समाज में बनाए रखने के लिए तुम्हें इस दयाहीन, कठोर तथा पापी संसार से लड़ना होगा। तुम्हें अपनी पूरी क्षमता और ताकत से लड़ना होगा। तुम्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस संसार में दबकर तथा झुककर रहने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है।

विशेष –

  • लेखक ने जूलिया को अन्याय का सामना करने की सलाह दी है।
  • भाषा सरल, सहज है।

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.4

Punjab State Board PSEB 7th Class Maths Book Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Maths Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Exercise 2.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਭਿੰਨਾਂ ਦਾ ਉਲਟਕ੍ਰਮ ਪਤਾ ਕਰੋ :
(i) \(\frac {2}{7}\)
(ii) \(\frac {3}{2}\)
(iii) \(\frac {5}{7}\)
(iv) \(\frac {1}{9}\)
(v) \(\frac {2}{3}\)
(vi) \(\frac {7}{8}\)
ਉੱਤਰ:
(i) \(\frac {7}{1}\)
(ii) \(\frac {2}{3}\)
(iii) \(\frac {7}{5}\)
(iv) 9
(v) \(\frac {3}{2}\)
(vi) \(\frac {8}{7}\)

2. ਹੱਲ ਕਰੋ (ਭਿੰਨ ਦੀ ਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਨਾਲ ਭਾਗ) :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
\(\frac {19}{6}\) ÷ 10
ਉੱਤਰ:
\(\frac {19}{6}\) ÷ 10
= \(\frac{19}{6} \times \frac{1}{10}\)
= \(\frac {19}{60}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
\(\frac {4}{9}\) ÷ 5
ਉੱਤਰ:
\(\frac {4}{9}\) ÷ 5
= \(\frac{4}{9} \times \frac{1}{5}\)
= \(\frac {4}{45}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
\(\frac {8}{9}\) ÷ 8
ਉੱਤਰ:
\(\frac {8}{9}\) ÷ 8
= \(\frac{8}{9} \times \frac{1}{8}\)
= \(\frac {1}{9}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
3\(\frac {1}{2}\) ÷ 4
ਉੱਤਰ:
3\(\frac {1}{2}\) ÷ 4
= \(\frac{7}{2} \times \frac{1}{4}\)
= \(\frac {7}{8}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
16\(\frac {1}{2}\) ÷ 5
ਉੱਤਰ:
16\(\frac {1}{2}\) ÷ 5
= \(\frac{33}{2} \times \frac{1}{5}\)
= \(\frac {33}{10}\)
= 3\(\frac {3}{10}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (vi).
4\(\frac {1}{3}\) ÷ 3
ਉੱਤਰ:
4\(\frac {1}{3}\) ÷ 3
= \(\frac{13}{3} \times \frac{1}{3}\)
= \(\frac {13}{9}\)
= 1\(\frac {4}{9}\)

3. ਹੱਲ ਕਰੋ ਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਦੀ ਭਿੰਨ ਨਾਲ ਭਾਗ) :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
8 ÷ \(\frac {7}{3}\)
ਉੱਤਰ:
8 ÷ \(\frac {7}{3}\)
= 8 × \(\frac {3}{7}\)
= \(\frac {24}{7}\)
= 3\(\frac {3}{7}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
5 ÷ \(\frac {7}{5}\)
ਉੱਤਰ:
5 ÷ \(\frac {7}{5}\)
= 5 × \(\frac {5}{7}\)
= \(\frac {25}{7}\)
= 3\(\frac {4}{7}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
4 ÷ \(\frac {8}{3}\)
ਉੱਤਰ:
4 ÷ \(\frac {8}{3}\)
= 4 × \(\frac {3}{8}\)
= \(\frac {3}{2}\)
= 1\(\frac {1}{2}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
3 ÷ 2\(\frac {3}{5}\)
ਉੱਤਰ:
3 ÷ 2\(\frac {3}{5}\)
= 3 ÷ \(\frac {13}{5}\)
= 3 × \(\frac {5}{13}\)
= \(\frac {15}{13}\)
= 1\(\frac {2}{13}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
5 ÷ 3\(\frac {4}{7}\)
ਉੱਤਰ:
5 ÷ 3\(\frac {4}{7}\)
= 5 ÷ 3\(\frac {25}{7}\)
= 5 × \(\frac {7}{25}\)
= \(\frac {7}{25}\)
= 1\(\frac {2}{5}\)

4. ਹੱਲ ਕਰੋ (ਇੱਕ ਭਿੰਨ ਦੀ ਦੂਜੀ ਭਿੰਨ ਨਾਲ ਭਾਗ) :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
\(\frac{2}{3} \div \frac{10}{9}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{2}{3} \div \frac{10}{9}\)
= \(\frac{2}{3} \times \frac{9}{10}\)
= \(\frac {3}{5}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
\(\frac{4}{9} \div \frac{2}{3}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{4}{9} \div \frac{2}{3}\)
= \(\frac{4}{9} \times \frac{3}{2}\)
= \(\frac {2}{3}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
\(2 \frac{1}{2} \div \frac{3}{5}\)
ਉੱਤਰ:
\(2 \frac{1}{2} \div \frac{3}{5}\)
= \(\frac{5}{2} \times \frac{5}{3}\)
= \(\frac {25}{6}\)
= 4\(\frac {1}{6}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
\(\frac{3}{7} \div 1 \frac{1}{5}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{3}{7} \div 1 \frac{1}{5}\)
= \(\frac{3}{7} \div \frac{6}{5}\)
= \(\frac{3}{7} \times \frac{5}{6}\)
= \(\frac {5}{14}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
\(5 \frac{1}{2} \div 2 \frac{1}{5}\)
ਉੱਤਰ:
\(5 \frac{1}{2} \div 2 \frac{1}{5}\)
= \(\frac{11}{2} \div \frac{11}{5}\)
= \(\frac{11}{2} \times \frac{5}{11}\)
= \(\frac {5}{2}\)
= 2\(\frac {1}{2}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (vi).
\(3 \frac{1}{5} \div 1 \frac{2}{3}\)
ਉੱਤਰ:
\(3 \frac{1}{5} \div 1 \frac{2}{3}\)
\(\frac{16}{5} \div \frac{5}{3}\)
= \(\frac{16}{5} \times \frac{3}{5}\)
= \(\frac {48}{25}\)
= 1\(\frac {23}{25}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਰੱਸੀ 7\(\frac {1}{3}\) m ਲੰਬੀ ਰੱਸੀ ਵਿਚੋਂ 11 ਛੋਟੀਆਂ ਰੱਸੀਆਂ ਕੱਟੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਹਰੇਕ ਛੋਟੀ ਰੱਸੀ ਦੀ ਲੰਬਾਈ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਰੱਸੀ ਦੀ ਲੰਬਾਈ = 7\(\frac {1}{3}\) m = \(\frac {22}{3}\) m ,
∴ 11 ਛੋਟੀ ਰੱਸੀਆਂ ਦੀ ਲੰਬਾਈ = \(\frac {22}{3}\) m
ਹਰੇਕ ਛੋਟੀ ਰੱਸੀ ਦੀ ਲੰਬਾਈ = \(\frac {22}{3}\) m ÷ 11
= \(\frac {22}{3}\) × \(\frac {1}{11}\) m = \(\frac {2}{3}\) m

6. ਬਹੁਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
\(\frac {3}{4}\) ਦਾ ਉੱਲਟਕੂਮ-
(a) \(\frac {3}{4}\)
(b) \(\frac {4}{3}\)
(c) 1
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ:
(b) \(\frac {4}{3}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
\(\frac {5}{7}\) ÷ \(\frac {7}{5}\) = ?
(a) 1
(b) \(\frac {49}{25}\)
(c) \(\frac {25}{49}\)
(d) -1
ਉੱਤਰ:
(c) \(\frac {25}{49}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
\(\frac {5}{7}\) ÷ \(\frac {5}{7}\) = ?
(a) 1
(b) \(\frac {49}{25}\)
(c) \(\frac {25}{49}\)
(d) 1
ਉੱਤਰ:
(a) 1

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
(i) ਇੱਕ ਉਚਿਤ ਭਿੰਨ ਦਾ ਉਲਟਕ੍ਰਮ ਇੱਕ ਅਣਉਚਿਤ ਭਿੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (ਸਹੀ/ਗਲਤ
(ii) ਇੱਕ ਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਦਾ ਉਲਟਕੁਮ ਹਮੇਸ਼ਾ ਇੱਕ ਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (ਸਹੀ/ਗਲਤ))
ਉੱਤਰ :
(i) ਸਹੀ
(ii) ਲੜ ।

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3

Punjab State Board PSEB 7th Class Maths Book Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Maths Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Exercise 2.3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
(i) ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਤਿੰਨਾਂ ਦਾ \(\frac {1}{3}\) ਭਾਗ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
(a) \(\frac {1}{5}\)
(b) \(\frac {2}{7}\)
(c) \(\frac {3}{2}\)
ਉੱਤਰ:
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3 1

(ii) ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਤਿੰਨਾਂ ਦਾ \(\frac {3}{4}\) ਭਾਗ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
(a) \(\frac {2}{9}\)
(b) \(\frac {4}{7}\)
(c) \(\frac {8}{3}\)
ਉੱਤਰ:
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3 2

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3

2. ਭਿੰਨਾਂ ਨੂੰ ਗੁਣਾ ਕਰਕੇ ਨਿਊਨਤਮ ਰੂਪ ਵਿਚ ਲਿਖੋ (ਜੇਕਰ ਸੰਭਵ ਹੋਵੇ) :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
\(\frac{2}{7} \times \frac{7}{9}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{2}{7} \times \frac{7}{9}\)
= \(\frac {2}{9}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
\(\frac{1}{3} \times \frac{15}{8}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{1}{3} \times \frac{15}{8}\)
= \(\frac {5}{8}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
\(\frac{12}{27} \times \frac{3}{9}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{12}{27} \times \frac{3}{9}\)
= \(\frac {4}{27}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
\(\frac{2}{5} \times \frac{6}{4}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{2}{5} \times \frac{6}{4}\)
= \(\frac {3}{5}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
\(\frac{81}{100} \times \frac{6}{7}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{81}{100} \times \frac{6}{7}\)
= \(\frac {243}{350}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (vi).
\(\frac{3}{5} \times \frac{5}{27}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{3}{5} \times \frac{5}{27}\)
= \(\frac {1}{9}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3

3. ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਭਿੰਨਾਂ ਨੂੰ ਗੁਣਾ ਕਰੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
\(\frac{3}{2} \times 5 \frac{1}{3}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{3}{2} \times 5 \frac{1}{3}\)
= \(\frac{3}{2} \times \frac{16}{3}\)
= 8

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
\(\frac{1}{7} \times 5 \frac{2}{3}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{1}{7} \times 5 \frac{2}{3}\)
= \(\frac{1}{7} \times \frac{17}{3}\)
= \(\frac {17}{21}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
\(2 \frac{5}{6} \times 4\)
ਉੱਤਰ:
\(2 \frac{5}{6} \times 4\)
= \(\frac {17}{6}\) × 4
= \(\frac {34}{3}\)
= 11\(\frac {1}{3}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
\(4 \frac{1}{3} \times 9 \frac{1}{4}\)
ਉੱਤਰ:
\(4 \frac{1}{3} \times 9 \frac{1}{4}\)
= \(\frac{13}{3} \times \frac{37}{4}\)
= \(\frac {481}{12}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
\(2 \frac{2}{3} \times 3 \frac{5}{8}\)
ਉੱਤਰ:
\(2 \frac{2}{3} \times 3 \frac{5}{8}\)
= \(\frac{8}{3} \times \frac{29}{8}\)
= \(\frac {29}{3}\)
= 9\(\frac {2}{3}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (vi).
\(3 \frac{1}{5} \times 2 \frac{1}{4}\)
ਉੱਤਰ:
\(3 \frac{1}{5} \times 2 \frac{1}{4}\)
= \(\frac{16}{5} \times \frac{9}{4}\)
= \(\frac {36}{5}\)
= 7\(\frac {1}{5}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3

4. ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਭਿੰਨ ਵੱਡੀ ਹੈ ?

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
\(\frac {3}{2}\) ਦਾ \(\frac {2}{7}\) ਜਾਂ \(\frac {5}{2}\) ਦਾ \(\frac {3}{8}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac {3}{2}\) ਦਾ \(\frac {2}{7}\)
= \(\frac{2}{7} \times \frac{3}{2}\)
= \(\frac {3}{7}\)
ਜਾਂ
\(\frac {5}{2}\) ਦਾ \(\frac {3}{8}\)
= \(\frac{3}{8} \times \frac{5}{2}\)
= \(\frac {15}{16}\)
ਕਿਉਂਕਿ , \(\frac {15}{16}\) > \(\frac {3}{7}\)
ਇਸ ਲਈ, \(\frac {5}{2}\) ਦਾ \(\frac {3}{8}\) ਵੱਡਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
\(\frac {1}{2}\) ਦਾ \(\frac {6}{5}\) ਜਾਂ \(\frac {1}{3}\) ਦਾ \(\frac {4}{5}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac {1}{2}\) ਦਾ \(\frac {6}{5}\)
= \(\frac {6}{5}\) × \(\frac {1}{2}\)
= \(\frac {3}{5}\)
ਜਾਂ
\(\frac {1}{3}\) ਦਾ \(\frac {4}{5}\)
= \(\frac {4}{5}\) × \(\frac {1}{3}\)
= \(\frac {4}{15}\)
ਕਿਉਂਕਿ, \(\frac {3}{5}\) > \(\frac {4}{15}\)
ਇਸ ਲਈ, \(\frac {1}{2}\) ਦਾ \(\frac {6}{5}\) ਵੱਡਾ ਹੈ ।

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਜੇਕਰ ਇਕ ਕਾਰ 105\(\frac {1}{3}\) ਨੂੰ ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਪ੍ਰਤੀ ਘੰਟੇ ਦੀ ਰਫਤਾਰ ਨਾਲ ਚਲਦੀ ਹੈ ਤਾਂ 3\(\frac {2}{3}\) ਘੰਟਿਆਂ ਵਿਚ ਕਾਰ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
1 ਘੰਟੇ ਵਿਚ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ = 105\(\frac {1}{3}\) km
= \(\frac {316}{3}\) km
3\(\frac {2}{3}\) ਜਾਂ \(\frac {11}{3}\) ਘੰਟਿਆਂ ਵਿਚ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ
= \(\frac {11}{3}\) × \(\frac {316}{3}\) km = \(\frac {3476}{9}\) km
= 386\(\frac {2}{9}\) km

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇਕ ਆਇਤਾਕਾਰ ਪਲਾਟ ਦੀ ਲੰਬਾਈ 29\(\frac {3}{7}\) m ਹੈ ਜੇਕਰ ਪਲਾਟ ਦੀ ਚੌੜਾਈ 12\(\frac {8}{11}\) m ਹੈ ਤਾਂ ਪਲਾਟ ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਆਇਤਾਕਾਰ ਪਲਾਟ ਦੀ ਲੰਬਾਈ (l)
= 29\(\frac {3}{7}\) m = \(\frac {206}{7}\) m
ਆਇਤਾਕਾਰ ਪਲਾਟ ਦੀ ਚੌੜਾਈ (b)
= 12\(\frac {8}{11}\) m = \(\frac {140}{11}\) m
ਖੇਤਰਫਲ = l × b
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3 3

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਜੇਕਰ ਇਕ ਮੀਟਰ ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਕੀਮਤ ₹ 120\(\frac {1}{4}\) ਨੂੰ ਪ੍ਰਤੀ ਮੀਟਰ ਹੈ ਤਾਂ 4\(\frac {1}{3}\) ਮੀਟਰ ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਕੀਮਤ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
1 ਮੀਟਰ ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਕੀਮਤ = ₹ 120\(\frac {1}{4}\) = ₹\(\frac {481}{4}\)
4\(\frac {1}{3}\) ਜਾਂ \(\frac {13}{3}\) ਮੀਟਰ ਕੱਪੜੇ ਦੀ ਕੀਮਤ
= \(\frac {13}{3}\) × ₹ \(\frac {481}{4}\) = ₹ \(\frac {6253}{12}\) = ₹ 521\(\frac {1}{12}\)

8. ਬਹੁਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
\(\frac {8}{3}\) ਦਾ \(\frac {1}{4}\) ……… ਹੈ ।
(a) \(\frac {9}{7}\)
(b) \(\frac {8}{4}\)
(c) \(\frac {2}{3}\)
(d) 1
ਉੱਤਰ:
(c) \(\frac {2}{3}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
\(\frac {3}{2}\) × \(\frac {2}{3}\) = ?
(a) 1
(b) \(\frac {5}{6}\)
(c) 3
(d) \(\frac {6}{5}\)
ਉੱਤਰ:
(a) 1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
ਦੋ ਉਚਿਤ ਭਿੰਨਾਂ ਦੇ ਗੁਣਨਫਲ ਦਾ ਮੁੱਲ :
(a) ਦੋਵਾਂ ਉਚਿਤ ਭਿੰਨਾਂ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(b) ਦੋਵਾਂ ਉਚਿਤ ਭਿੰਨਾਂ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(c) ਦੋਵਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਭਿੰਨਾਂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ:
(b) ਦੋਵਾਂ ਉਚਿਤ ਭਿੰਨਾਂ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.3

9. ਪੜਤਾਲ ਕਰੋ ਕਿ ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਸਮੀਕਰਣ ਸਹੀ ਹਨ ਜਾਂ ਗ਼ਲਤ ?

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
1\(\frac {2}{3}\) × 4\(\frac {5}{7}\) = 4\(\frac {10}{21}\) ? (ਸਹੀ/ਗਲਤ)
ਉੱਤਰ:
ਗ਼ਲਤ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
\(\frac {3}{4}\) × \(\frac {2}{3}\) = \(\frac {2}{3}\) × \(\frac {3}{4}\)? (ਸਹੀ/ਗਲਤ)
ਉੱਤਰ:
ਸਹੀ

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Punjab State Board PSEB 7th Class Maths Book Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Maths Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Exercise 2.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਮਿਲਾਨ ਕਰੋ :
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.2 1
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.2 2
ਉੱਤਰ :
(a) (ii),
(b) (iii),
(c) (iv),
(d) (i).

2. ਪੂਰਨ ਸੰਖਿਆ ਨੂੰ ਭਿੰਨ ਨਾਲ ਗੁਣਾ ਕਰਕੇ ਨਿਊਨਤਮ ਰੂਪ ਵਿਚ ਲਿਖੋ ਅਤੇ ਮਿਸ਼ਰਤ ਭਿੰਨ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਦਰਸਾਓ ਜੇਕਰ ਸੰਭਵ ਹੋਵੇ) :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
4 × \(\frac {1}{3}\)
ਉੱਤਰ:
4 × \(\frac {1}{3}\) = \(\frac{4 \times 1}{3}\)
= \(\frac {4}{3}\)
= 1\(\frac {1}{3}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
11 × \(\frac {4}{7}\)
ਉੱਤਰ:
11 × \(\frac {4}{7}\) = \(\frac{11 \times 4}{7}\)
= \(\frac {44}{7}\)
= 6\(\frac {2}{7}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
\(\frac {3}{4}\) × 6
ਉੱਤਰ:
\(\frac {3}{4}\) × 6 = \(\frac{3 \times 6}{4}\)
= \(\frac {9}{2}\)
= 4\(\frac {1}{2}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
\(\frac {9}{7}\) × 5
ਉੱਤਰ:
\(\frac {9}{7}\) × 5 = \(\frac {45}{7}\)
= 6\(\frac {3}{7}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
2\(\frac {5}{6}\) × 4
ਉੱਤਰ:
2\(\frac {5}{6}\) × 4 = \(\frac{17}{6} \times 4\)
= \(\frac{17 \times 4}{6}\)
= \(\frac{17 \times 2}{3}\)
= \(\frac {34}{3}\)
= 11\(\frac {1}{3}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (vi).
10\(\frac {5}{6}\) × 5
ਉੱਤਰ:
10\(\frac {5}{6}\) × 5
= \(\frac {65}{6}\) × 5
= \(\frac{65 \times 5}{6}\)
= \(\frac {325}{6}\)
= 54\(\frac {1}{6}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (vii).
5 × 6\(\frac {3}{4}\)
ਉੱਤਰ:
5 × 6\(\frac {3}{4}\) = 5 × \(\frac {27}{4}\)
= \(\frac{5 \times 27}{4}\)
= \(\frac {135}{4}\)
= 33\(\frac {3}{4}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (viii).
3 \(\frac {2}{5}\) × 8
ਉੱਤਰ:
3 \(\frac {2}{5}\) × 8 = \(\frac {17}{5}\) × 8
= \(\frac{17 \times 8}{5}\)
= \(\frac {136}{5}\)
= 27\(\frac {1}{5}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.2

3. ਹੱਲ ਕਰੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
46 ਦਾ \(\frac {1}{2}\)
ਉੱਤਰ:
46 ਦਾ \(\frac {1}{2}\)
= \(\frac {1}{2}\) × 46
= 23

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
27 ਦਾ \(\frac {2}{3}\)
ਉੱਤਰ:
27 ਦਾ \(\frac {2}{3}\)
= \(\frac {2}{3}\) × 27
= 18

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
36 ਦਾ \(\frac {1}{3}\)
ਉੱਤਰ:
36 ਦਾ \(\frac {1}{3}\)
= \(\frac {1}{3}\) × 36
= 12

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
16 ਦਾ \(\frac {3}{4}\)
ਉੱਤਰ:
16 ਦਾ \(\frac {3}{4}\)
= \(\frac {3}{4}\) × 16
= 12

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
35 ਦਾ \(\frac {5}{7}\)
ਉੱਤਰ:
35 ਦਾ \(\frac {5}{7}\)
= \(\frac {5}{7}\) × 35
= 25

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਛਾਇਆ ਅੰਕਿਤ ਕਰੋ :
(i) ਬਾਕਸ (a) ਦੇ ਆਇਤਾਂ ਦਾ \(\frac {1}{3}\) ਭਾਗ
(ii) ਬਾਕਸ (b) ਦੇ ਚੱਕਰਾਂ ਦਾ \(\frac {2}{3}\) ਭਾਗ
(iii) ਬਾਕਸ (c) ਦੇ ਤ੍ਰਿਭੁਜਾਂ ਦਾ \(\frac {1}{2}\) ਭਾਗ
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.2 3
ਉੱਤਰ:
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PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਰਾਹੁਲ ਹਰ ਮਹੀਨੇ ₹ 44,000 ਕਮਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਹਰ ਮਹੀਨੇ ਆਪਣੀ ਆਮਦਨ ਦਾ \(\frac {3}{4}\) ਖ਼ਰਚ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਬਾਕੀ ਆਮਦਨ ਦੀ ਬੱਚਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਉਸ , ਦੀ ਮਹੀਨਾਵਾਰ ਬੱਚਤ ਪਤਾ ਕਰੋ ?
ਹੱਲ :
ਰਾਹੁਲ ਦੀ ਮਹੀਨੇ ਕੀ ਆਮਦਨ = ₹ 44000
ਉਹ ਖ਼ਰਚ ਕਰਦਾ ਹੈ = ₹ 44000 ਦਾ \(\frac {3}{4}\)
= ₹ \(\frac {3}{4}\) × 44000 = ₹ 33000
ਉਸਦੀ ਬੱਚਤ = ₹ 44,000 – ₹ 33000
= ₹ 11000

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇੱਕ ਕਿਤਾਬ ਦੀ ਕੀਮਤ ₹ 117\(\frac {1}{2}\), ਹੈ । 8 ਕਿਤਾਬਾਂ ਦੀ ਕੀਮਤ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ :
ਇੱਕ ਕਿਤਾਬ ਦੀ ਕੀਮਤ = ₹ 117\(\frac {1}{2}\) = ₹ \(\frac {235}{2}\)
8 ਕਿਤਾਬਾਂ ਦੀ ਕੀਮਤ = 8 × ₹ \(\frac {235}{2}\) = ₹ 4 × 235
= ₹ 940

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.2

7. ਬਹੁਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ .

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
\(\frac {1}{2}\) x 8 = ………..
(a) 8
(b) 2
(c) 4
(d) 1
ਉੱਤਰ:
(c) 4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
16 ਦਾ \(\frac {3}{2}\) = …………
(a) 48
(b) 8
(c) 3
(d) 24
ਉੱਤਰ:
(d) 24

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
40 ਮਿੰਟ, 1 ਘੰਟੇ ਦਾ ਕਿੰਨਵਾਂ ਭਾਗ ਹੈ ?
(a) \(\frac {2}{3}\)
(b) 40
(c) \(\frac {1}{4}\)
(d) \(\frac {1}{2}\)
ਉੱਤਰ:
(a) \(\frac {2}{3}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
ਚਿੱਤਰ ਦਾ ਛਾਇਆ ਅੰਕਿਤ ਭਾਗ ਕਿਹੜੀ ਭਿੰਨ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.2 5
(a) \(\frac {1}{3}\)
(b) \(\frac {2}{3}\)
(c) \(\frac {3}{4}\)
(d) \(\frac {1}{2}\)
ਉੱਤਰ:
(c) \(\frac {3}{4}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1

Punjab State Board PSEB 7th Class Maths Book Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Maths Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Exercise 2.1

1. ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਨੂੰ ਹੱਲ ਕਰੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
4 + \(\frac {7}{8}\)
ਉੱਤਰ:
4 + \(\frac {7}{8}\)
= \(\frac{4 \times 8+7}{8}\)
= \(\frac{32+7}{8}\)
= \(\frac {39}{8}\)
= 4\(\frac {7}{8}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
\(\frac{9}{11}-\frac{4}{15}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{9}{11}-\frac{4}{15}\)
= \(\frac{9 \times 15-4 \times 11}{11 \times 15}\)
= \(\frac{135-44}{165}\)
= \(\frac {91}{165}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
\(\frac{11}{16}-\frac{2}{5}+\frac{8}{10}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{11}{16}-\frac{2}{5}+\frac{8}{10}\)
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1 1
16,5 ਅਤੇ 10 ਦਾ ਲ.ਸ.ਵ.
= 2 × 2 × 2 × 2 × 5
= 80
= \(\frac{11 \times 5-2 \times 16+8 \times 8}{80}\)
= \(\frac{55-32+64}{80}\)
= \(\frac {87}{80}\)
= 1\(\frac {7}{80}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
\(2 \frac{1}{5}+6 \frac{1}{2}\)
ਉੱਤਰ:
\(2 \frac{1}{5}+6 \frac{1}{2}\)
= \(\frac{11}{5}+\frac{13}{2}\)
= \(\frac{11 \times 2+13 \times 5}{5 \times 2}\)
= \(\frac{22+65}{10}\)
= \(\frac {87}{10}\)
= 8\(\frac {7}{10}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
\(8 \frac{1}{2}-3 \frac{5}{8}\)
ਉੱਤਰ:
\(8 \frac{1}{2}-3 \frac{5}{8}\)
= \(\frac{17}{2}-\frac{29}{8}\)
= \(\frac{17 \times 4-29}{8}\)
= \(\frac{68-29}{8}\)
= \(\frac {39}{8}\)
= 4\(\frac {7}{8}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (vi).
\(\frac{9}{10}-\frac{9}{100}+\frac{9}{1000}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{9}{10}-\frac{9}{100}+\frac{9}{1000}\)
= \(\frac{9 \times 100-9 \times 10+9}{1000}\)
= \(\frac{900-90+9}{1000}\)
= \(\frac {810}{1000}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1

2. ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਨੂੰ ਵੱਧਦੇ ਕੂਮ ਵਿਚ ਲਿਖੋ (ਕੂਮ ਬੱਧ ਕਰੋ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
\(\frac{2}{17}, \frac{10}{17}, \frac{3}{17}, \frac{16}{17}, \frac{5}{17}, \frac{8}{17}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{2}{17}, \frac{10}{17}, \frac{3}{17}, \frac{16}{17}, \frac{5}{17}, \frac{8}{17}\)ਦਾ ਵੱਧਦਾ ਕੂਮ ਹੈ :
\(\frac{2}{17}, \frac{3}{17}, \frac{5}{17}, \frac{8}{17}, \frac{10}{17}, \frac{16}{17}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
\(\frac{1}{5}, \frac{3}{7}, \frac{7}{10}\)
ਉੱਤਰ:
\(\frac{1}{5}, \frac{3}{7}, \frac{7}{10}\)
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1 2
5, 7, 5 5, 7, 10 ਦਾ ਸਵ.
= 2 × 5 × 7 = 70
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1 3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
△ = ABC ਦੀਆਂ ਤਿੰਨਾਂ ਭੁਜਾਵਾਂ AB, BC ਅਤੇ CA ਕ੍ਰਮਵਾਰ ਛੰ \(\frac{5}{6}\)cm , \(\frac{2}{3}\)cm ਅਤੇ ਹ \(\frac{7}{10}\)cm ਹਨ । ਤ੍ਰਿਭੁਜ ਦਾ ਪਰਿਮਾਪ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1 4
ਹੱਲ :
△ABC ਦੀਆਂ ਭੁਜਾਵਾਂ ਹਨ :
AB = \(\frac{5}{6}\) cm,
BC = \(\frac{2}{3}\) cm ਅਤੇ
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1 5
CA = \(\frac{7}{10}\) cm
L.C.M. (6, 3, 10) = 2 × 3 × 5 = 30
△ ABC ਦਾ ਪਰਿਮਾਪ
= AB+ BC + CA
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1 6

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਰਮੇਥ ਰੋਜ਼ਾਨਾ 5\(\frac{2}{3}\) ਘੰਟੇ ਲਈ ਪੜਾਈ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਇਸ ਵਿਚੋਂ 2\(\frac{4}{5}\) ਘੰਟੇ ਸਾਇੰਸ ਅਤੇ ਗਣਿਤ ਲਈ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਬਾਕੀ ਵਿਸ਼ਿਆਂ ਲਈ ਕਿੰਨਾ ਸਮਾਂ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਹੱਲ :
ਸਾਰੇ ਵਿਸ਼ਿਆਂ ਲਈ ਕੁੱਲ ਸਮਾਂ
= 5\(\frac{2}{3}\) ਘੰਟੇ = \(\frac{17}{3}\) ਘੰਟੇ
ਸਾਇੰਸ ਅਤੇ ਗਣਿਤ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ
= 2\(\frac{4}{5}\) ਘੰਟੇ = \(\frac{14}{5}\) ਘੰਟੇ
ਬਾਕੀ ਵਿਸ਼ਿਆਂ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ
= \(\frac{17}{3}\)ਘੰਟੇ – \(\frac{14}{5}\) ਘੰਟੇ
= (\(\frac{17}{3}-\frac{14}{5}\)) ਘੰਟੇ
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1 7

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਸੋਨੀਆ 10\(\frac{2}{3}\) m ਅਤੇ 12\(\frac{1}{2}\) m ਭੁਜਾਵਾਂ ਵਾਲੇ ਇਕ ਆਇਤਾਕਾਰ ਪਾਰਕ ਦੇ ਦੁਆਲੇ ਇਕ ਚੱਕਰ ਲਗਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਪਤਾ ਕਰੋ ਕਿ ਸੋਨੀਆ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1 8
ਹੱਲ :
ਆਇਤਾਕਾਰ ਪਾਰਕ ਦੀ ਲੰਬਾਈ
= 12\(\frac{1}{2}\) m = \(\frac{25}{2}\) m
ਆਇਤਾਕਾਰ ਪਾਰਕ ਦੀ ਚੌੜਾਈ
= 10\(\frac{2}{3}\) m = \(\frac{32}{3}\) m
ਸੋਨੀਆ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਕੁੱਲ ਦੂਰੀ
= 2 [ਲੰਬਾਈ + ਚੌੜਾਈ]
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1 9

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਰਿਤੂ ਨੇ ਇਕ ਤਸਵੀਰ ਵਿਚ \(\frac{7}{12}\) ਘੰਟਿਆਂ ਵਿਚ ਰੰਗ ਭਰਿਆ । ਵੈਭਵ ਨੇ ਉਸੇ ਤਸਵੀਰ ਵਿਚ \(\frac{3}{4}\) ਘੰਟਿਆਂ ਵਿਚ ਰੰਗ ਭਰਿਆ । ਕਿਸ ਨੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਮੇਂ ਲਈ ਕੰਮ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਕਿੰਨੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਦੇਰ ਲਈ ਕੰਮ ਕੀਤਾ ?
ਹੱਲ :
ਰਿਤੂ ਦੁਆਰਾ ਰੰਗ ਭਰਨ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ
= \(\frac{7}{12}\) ਘੰਟੇ
ਨੇ ਘੰਟੇ ਵੈਭਵ ਦੁਆਰਾ ਰੰਗ ਭਰਨ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ
= \(\frac{3}{4}\) ਘੰਟੇ
= \(\frac{3}{4}\) × \(\frac{3}{3}\) ਘੰਟੇ
= \(\frac{9}{12}\) ਘੰਟੇ
ਕਿਉਂਕਿ 9 > 7
∴ \(\frac{9}{12}\) > \(\frac{7}{12}\)
∴ ਵੈਭਵ ਨੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਮਾਂ ਕੰਮ ਕੀਤਾ ।
ਵੈਭਵ ਅਤੇ ਰਿਤੂ ਦੁਆਰਾ ਲਏ ਗਏ ਸਮੇਂ ਵਿਚ ਕੁੱਲ ਅੰਤਰ = \(\frac{3}{4}\) – \(\frac{7}{12}\)
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1 10

7. ਬਹੁਵਿਕਲਪੀ ਪ੍ਰਸ਼ਨ :

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (i).
ਭਿੰਨਾਂ \(\frac{2}{5}\), \(\frac{7}{5}\)
(a) ਸਮਾਨ ਭਿੰਨਾਂ ਹਨ
(b) ਅਸਮਾਨ ਭਿੰਨਾਂ ਹਨ
(c) ਡੁੱਲ ਭਿੰਨਾਂ ਹਨ
(d) ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ।
ਉੱਤਰ:
(a) ਸਮਾਨ ਭਿੰਨਾਂ ਹਨ

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (ii).
8 ਘੰਟੇ, ਦਿਨ ਦਾ ਕਿੰਨਵਾਂ ਹਿੱਸਾ ਦਰਸਾਉਂਦੇ ਹਨ ?
(a) \(\frac{1}{2}\)
(b) \(\frac{1}{3}\)
(c) \(\frac{8}{60}\)
(d) \(\frac{2}{3}\)
ਉੱਤਰ:
(b) \(\frac{1}{3}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iii).
\(\frac{3}{5}\) ਦੀ ਭੁੱਲ ਭਿੰਨ ………. ਹੈ |
(a) \(\frac{13}{15}\)
(b) \(\frac{5}{3}\)
(c) \(\frac{9}{15}\)
(d) \(\frac{5}{13}\)
ਉੱਤਰ:
(c) \(\frac{9}{15}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (iv).
ਦਿੱਤੀ ਹੋਈ ਤ੍ਰਿਭੁਜ ਵਿਚ ਬਿਨਾਂ ਰੰਗਿਆ ਖੇਤਰ, ਤ੍ਰਿਭੁਜ ਦਾ ਨਵਾਂ ਭਾਗ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
(a) \(\frac{1}{3}\)
(b) \(\frac{3}{4}\)
(c) \(\frac{1}{4}\)
(d) \(\frac{2}{3}\)
PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1 11
ਉੱਤਰ:
(b) \(\frac{3}{4}\)

PSEB 7th Class Maths Solutions Chapter 2 ਭਿੰਨਾਂ ਅਤੇ ਦਸ਼ਮਲਵ Ex 2.1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ (v).
\(\frac{2}{7}\) ਅਤੇ \(\frac{3}{4}\) ਦਾ ਜੋੜ ……….. ਹੈ ।
(a) \(\frac{5}{28}\)
(b) \(\frac{1}{3}\)
(c) \(\frac{5}{11}\)
(d) \(\frac{29}{28}\)
ਉੱਤਰ:
(d) \(\frac{29}{28}\)

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 16 कोई नहीं बेगाना (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB कोई नहीं बेगाना Textbook Questions and Answers

कोई नहीं बेगाना अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिन्दी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना 1
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) भाई कन्हैया कौन था?
उत्तर :
भाई कन्हैया गुरु गोबिन्द सिंह जी का सच्चा सिक्ख था। वह युद्ध भूमि में सभी घायलों को पानी पिला रहा था।

(ख) वह घायलों की सेवा किस प्रकार करता था?
उत्तर :
भाई कन्हैया युद्ध में घायलों को पानी पिला कर उनकी सेवा करता था।

(ग) वह अपने और बेगाने का भेदभाव क्यों नहीं करता था?
उत्तर :
भाई कन्हैया सब में परमात्मा की झलक देखता था। इसलिए उसके मन में अपने और बेगाने में कोई भेद – भाव नहीं था।

(घ) विरोधियों ने दशमेश पिता से उसकी क्या शिकायत की?
उत्तर :
कुछ सिक्ख वीरों ने भाई कन्हैया की यह शिकायत की कि जिन्हें हम मुश्किल से मारते हैं, उन्हें यह पानी पिलाता है। लगता है यह दुश्मन से मिला हुआ है।

(ङ) भाई कन्हैया ने गुरु जी को शिकायत का क्या उत्तर दिया?
उत्तर :
भाई कन्हैया ने गुरु जी को शिकायत का उत्तर दिया कि हे गुरु महाराज! मैं सब में आपका रूप देखता हूँ।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना

(च) गुरु जी ने भाई कन्हैया को मरहम क्यों दी?
उत्तर :
गुरु जी ने भाई कन्हैया को मरहम इसलिए दी कि युद्ध भूमि में हर घायल का इलाज किया जा सके।

4. इन काव्य-पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या करें :

“अव्वल अल्ला नूर वही है
कुदरत के सब बन्दे,
सब जग फैला नूर उसी का
कौन भले कौन मन्दे।”
उत्तर :
प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य – पुस्तक में से संकलित कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ से लिया गया है, जिसके कवि योगेन्द्र बख्शी हैं। कवि ने यहाँ श्री आनन्दपुर साहिब में सिक्खों और मुग़लों के बीच हुए युद्ध का वर्णन किया है।

व्याख्या – कवि कहता है कि भाई कन्हैया गुरु जी से कहता है कि सभी परमात्मा के बनाए हुए इन्सान हैं। अव्वल अल्ला, ईश्वर का सब में तेज है। सारे संसार में उसी की शोभा फैली हुई है। फिर कौन भला है और कौन बुरा है ? यानि सभी अच्छे हैं।

5. अर्थ समझते हुए वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. घमसान
  2. उपहार
  3. समदृष्टि
  4. उपकार
  5. उपचार
  6. दुःख हरना
  7. जीवनदान देना
  8. जान बचाना

उत्तर :

  1. घमासान = ज़बरदस्त – घमासान युद्ध के बाद शत्रु ने हथियार डाल दिए।
  2. उपहार = भेंट – यह पुस्तक मुझे उपहार में मिली है।
  3. समदृष्टि = सब को समान देखना – सन्तों में समदृष्टि की भावना होती है।
  4. उपकार = भला – सब का उपकार करना मनुष्य का धर्म है।
  5. उपचार = इलाज – घायल का ठीक ढंग से उपचार करो।
  6. दुःख हरना = दुःख दूर करना – परमात्मा ही सभी के दुःख हरते हैं।
  7. जीवन दान देना = जीवन बचाना – डॉक्टर ने रोगी का समय पर उपचार कर उसे जीवनदान दे दिया।
  8. जान बचाना = जीवन की रक्षा करना – यदि जान बचानी है तो भाग चलो।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना

6. ‘उप’ और ‘बे’ शब्दाँश लगाकर नये शब्द बनायें :

  1. उप + हार = उपहार
  2. उप + वास = ………………….
  3. उप + नयन = ………………….
  4. उप + हास = ………………….
  5. उप + कार = ………………….
  6. उप + चार = ………………….
  7. बे + रहम = ………………….
  8. बे + कायदा = ………………….
  9. बे + कसूर = ………………….
  10. बे + मेल = ………………….
  11. बे + रोक = ………………….
  12. बे + मिसाल = ………………….

उत्तर :

  1. उपहार
  2. उपवास
  3. उपनयन
  4. उपहास
  5. उपकार
  6. उपचार
  7. बेरहम
  8. बेकायदा
  9. बेकसूर
  10. बेमेल
  11. बेरोक
  12. बेमिसाल

7. ‘गुरु’ लगाकर नये शब्द बनायें जैसे-गुरुवाणी ,__________,__________,__________
उत्तर :
गुरुद्वारा, गुरुदेव, गुरुपदेश, गुरु नानक देव।

8. इन शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. शुत्र = _________, _________
  2. युद्ध = _________, _________
  3. धरती = _________, _________
  4. पानी = _________, _________
  5. गर्मी = _________, _________
  6. उपहार = _________, _________
  7. गुरु = _________, _________
  8. दुःख = _________, _________
  9. बेगाना = _________, _________
  10. कृपा = _________, _________
  11. हाथ = _________, _________

उत्तर :

  1. शत्रु = दुश्मन, रिपु
  2. युद्ध = जंग, लड़ाई
  3. धरती = धरा, भूमि
  4. पानी = जल, नीर
  5. गर्मी = ग्रीष्म, निदाघ
  6. उपहार = भेंट, तोहफ़ा
  7. गुरु = बड़ा, ज्ञानदाता, शिक्षक
  8. दुःख = पीड़ा, तकलीफ़
  9. बेगाना = पराया, अंजाना
  10. कृपा = दया, मेहर
  11. हाथ = हस्त, कर

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना

9. विपरीत अर्थ वाले शब्द लिखें :

  1. शिकायत = ……………………..
  2. धरती = ……………………..
  3. दुःख = ……………………..
  4. शत्रु = ……………………..
  5. गुरु = ……………………..
  6. प्यास = ……………………..
  7. मुश्किल = ……………………..

उत्तर :

  1. शिकायत = सराहना
  2. धरती = आकाश
  3. दुःख = सुख
  4. शत्रु = मित्र
  5. गुरु = शिष्य
  6. प्यास = तृप्त
  7. मुश्किल = आसान।

10. इस कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है ? लिखें।
उत्तर :
‘कोई नहीं बेगाना’ नामक कविता भावनात्मक और मानवतावादी है। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि कोई छोटा – बड़ा या ऊँच – नीच नहीं है। कोई अपना – पराया नहीं है। सब में ईश्वर का तेज़ समाया हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर ने रचा है – इसलिए कोई बुरा और अच्छा नहीं है। सब को समदृष्टि से देखो। शत्रु मित्र का भाव त्याग देना चाहिए। हमें सब में ईश्वर की ज्योति देखनी चाहिए।

11. भाई कन्हैया की जीवनी पढ़ें। वे निःस्वार्थ सेवा की प्रतिमूर्ति थे। ऐसे अन्य महान व्यक्तियों के नाम पता करें, जिन्होंने नि:स्वार्थ सेवा को अपनाकर अपने जीवन को सार्थक किया।
उत्तर :
मदर टेरेसा, महात्मा गाँधी, स्वामी दयानंद, बाबा आमटे, विनोबा भावे, विवेकानंद।

12. समाज सेविका मदर टेरेसा के बारे में पुस्तकालय से पुस्तक लेकर पढ़ें।
उत्तर :
छात्र समाज सेविका मदर टेरेसा के बारे में पुस्तकालय से पुस्तक लेकर स्वयं पढ़ें।

कोई नहीं बेगाना Summary in Hindi

कोई नहीं बेगाना कविता का सार

‘कोई नहीं बेगाना’ डॉ० योगेन्द्र बख्शी द्वारा एक भावनात्मक कविता है। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी छोटा – बड़ा या ऊँच – नीच नहीं है। कोई अपना पराया नहीं है। सब में ईश्वर का तेज समाया हुआ है। हमें सभी में ईश्वर की ज्योती देखनी चाहिए।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना 5

आनन्दपुर साहिब के बाहर सिक्खों एवं मुगलों में घमासान लड़ाई हुई। सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का प्रत्येक सिक्ख हथेली पर जान रखकर लड़ा। तोपों की डरावनी गर्जना सत श्री अकाल के गीत और अल्ला हू अकबर के नारे कानों को बहरा कर रहे थे। युद्ध में शहीद होने वालों के शव धरती पर बिछ रहे थे। कई वीर गिरते – गिरते फिर उठ जाते थे और पानी – पानी चिल्ला रहे थे। गर्मी का महीना वीरों पर भारी पड़ रहा था।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना

युद्ध भूमि में दोपहर के समय में गुरु घर का एक सेवादार कंधे पर एक पानी से भरी मश्क रख कर सब को पानी भेंट कर रहा था। उसका नाम भाई कन्हैया था। भाई कन्हैया युद्ध भूमि में पानी बाँटता हुआ सब में गुरु महाराज का रूप देख रहा था। हर प्यासे को पानी पिला रहा था। वह दुश्मन और दोस्त को एक नज़र से देखता था। वह प्रत्येक घायल को पानी पिला कर उसकी जान बचा रहा था।

शाम के समय सिक्ख वीरों ने एक विरोधी आवाज़ उठाकर कहा कि जिन्हें वे मुश्किल से मारते हैं, उन्हे भाई कन्हैया पानी पिला कर जीवन दान दे रहा है। लगता है भाई कन्हैया का दुश्मन से सम्बन्ध है। सिक्ख वीरों की शिकायत पर गुरु गोबिन्द सिंह ने भाई कन्हैया से पूछा कि तुम्हारा क्या कहना है।

इस बारे में, तब भाई कन्हैया ने हाथ जोड़ कर गुरु जी के पाँव छुए और माथा झुका कर कहने लगा मुझे सभी मनुष्यों में आप ही दिखाई देते हैं, इसलिए मैं सबको पानी पिला रहा था। उसने कहा कि उसने गुरुवाणी का इतना ही अर्थ जाना है कि प्रत्येक जीव में ईश्वर का वास है। कोई बेगाना नहीं है।

कन्हैया की बात सुनकर गुरु गोबिन्द सिंह जी प्रसन्न हो उठे। कन्हैया को सच्चा सिक्ख कहते हुए गुरु जी ने कहा कि मरहम भी ले जाओ और सबका भला करो। प्रत्येक घायल में तुम परमात्मा को देखो और उनके घावों का इलाज करो।

कोई नहीं बेगाना काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. आनन्दपुर साहब के बाहर
जब हुआ युद्ध घमासान,
दशमेश गुरु का हर सिख
लड़ा हथेली पर रख जान।
तोपों की गर्जना भयंकर
‘सत श्री अकाल’ का गान,
अल्ला हू अकबर के नारे
बहरे कर देते थे कान।

शब्दार्थ :

  • युद्ध = लड़ाई।
  • घमासान = भयानक।
  • दशमेश गुरु = श्री गुरु गोबिन्द सिंह।
  • गर्जना = गर्जन।
  • भयंकर = डरावनी।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलित डॉ० योगेन्द्र बख्शी द्वारा रचित ‘कोई नहीं बेगाना’ शीर्षक कविता में से लिया गया है। इस कविता में आनन्दपुर साहिब में सिक्खों और मुग़लों के बीच हुए युद्ध का वर्णन है।।

सरलार्थ – कवि कहता है कि आनन्दपुर साहिब के बाहर सिक्खों एवं मुग़लों में घमासान लड़ाई हुई। सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का हर सिक्ख हथेली पर जान रखकर लड़ा। तोपों की डरावनी गर्जना ‘सत श्री अकाल’ के और ‘अल्ला हू अकबर’ के नारे कानों को बहरा कर रहे थे।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना

विशेष –

  • कवि ने सिक्ख वीरों की वीरता का उल्लेख किया है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

2. वीर बांकुरे डटकर लड़ते
धरती पर बिछ – बिछ जाते,
गिरते – गिरते फिर उठते
पानी – पानी चिल्लाते।
गर्मी का वह कठिन महीना
उन वीरों पर भारी था,
जलते तपते मैदानों में
युद्ध अभी तक जारी था।

शब्दार्थ :

  • बांकुरे = बहादुर।
  • कठिन = मुश्किल।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी पाठ्य – पुस्तक में संकलित डॉ० योगेन्द्र बख्शी द्वारा रचित कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ में से लिया गया है। इन पंक्तियों में कवि ने आनन्दपुर साहिब में सिक्खों और मुग़लों के बीच हुए युद्ध का वर्णन किया है।

सरलार्थ – आनन्दपुर साहिब के युद्ध का वर्णन करते हुए कवि कहता है – बहादुर और जवान योद्धा डटकर लड़ रहे थे। बलिदान होने वालों के शव धरती पर बिछ रहे थे। कई वीर गिरते – गिरते फिर उठ जाते थे और पानी – पानी चिल्ला रहे थे। वह गर्मी का मुश्किल महीना था। यह उन वीरों पर भारी पड़ रहा था। जलते और तपते हुए युद्ध के मैदानों में अभी तक युद्ध चल रहा था।

विशेष –

  • कवि ने भयंकर गर्मी में भीषण युद्ध का शब्द चित्र खींचा है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

3. जलती – तपती दोपहरी में
गुरुघर का इक सेवादार,
कन्धे पर इक मश्क उठाए
देता पानी का उपहार।
संगत की सेवा करता
भाई कन्हैया उसका नाम
गुरुवाणी का भक्त अनोखा
करता जन सेवा का काम।

शब्दार्थ :

  • तपती = तप रही।
  • दोपहरी = दोपहर का समय।
  • उपहार = भेंट।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी पाठ्य – पुस्तक में संकलित डॉ० योगेन्द्र बख्शी द्वारा रचित कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ में से लिया गया है। इन पंक्तियों में कवि ने आनन्दपुर साहिब में सिक्खों और मुग़लों के बीच हुए युद्ध का वर्णन किया है।

सरलार्थ – कवि कहता है कि युद्ध भूमि में दोपहर के समय में गुरु घर का एक सेवादार कन्धे पर एक पानी से भरी मश्क रखकर सब को पानी भेंट कर रहा था। वह संगत की सेवा करता था। उसका नाम भाई कन्हैया था। वह गुरुवाणी का अनोखा भक्त लोगों की सेवा का काम कर रहा था।

विशेष –

  • कवि ने भाई कन्हैया को सच्चे सेवादार के रूप में प्रकट किया है।
  • भाष सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

4. सब में गुरु का रूप देखता
सबकी सेवा करता था,
हर प्यासे की प्यास बुझाता
दुःख सभी के हरता था।
समदृष्टि थी शत्रु मित्र में,
दोनों उसको एक समान,
हर घायल को पानी देना
होता उसका पहला काम।

शब्दार्थ :

  • समदृष्टी = सब को एक नज़र से देखना।
  • समान = बराबर।।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी पाठ्य – पुस्तक ‘आओ हिन्दी सीखें’ में संकलित डॉ योगेन्द्र बख्शी द्वारा रचित कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ में से लिया गया है। इन पंक्तियों में कवि ने आनन्दपुर साहिब में सिक्खों और मुग़लों के बीच हुए युद्ध का वर्णन किया है।

सरलार्थ – कवि कहता है कि भाई कन्हैया युद्ध भूमि में पानी बाँटता हुआ सब में गुरु महाराज का रूप देख रहा था। वह सब की सेवा कर रहा था। हर प्यासे को पानी पिला रहा था। इस प्रकार वह सब के दुःख हर रहा था। वह दुश्मन और दोस्त को एक नज़र से देखता था। वह दोनों को बराबर समझता था। उसका पहला काम यह होता था कि प्रत्येक घायल और प्यासे को पानी पिलाना।

विशेष –

  • कवि ने सभी जीवों में परमात्मा का रूप होने की बात स्वीकारी है।
  • भाषा भावानुकूल है।

5. हुई साँझ तो सिख वीरों ने
छेड़ी एक विरोधी तान,
जिनको मुश्किल से हम मारें
उनको देता जीवन दान।
लगता गुरुवर! भाई कन्हैया
का दुश्मन से नाता है,
घायल शत्रु को जल देता,
उसकी जान बचाता है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना

शब्दार्थ :

  • साँझ = सायं।
  • तान = स्वर।
  • जीवनदान = प्राणों का दान।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी पाठ्य – पुस्तक में संकलित डॉ० योगेन्द्र बख्शी की कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ में से लिया गया है। इनमें गुरु गोबिन्द सिंह जी तथा मुग़लों के मध्य श्री आनन्दपुर साहिब में सिक्खों और मुग़लों के बीच हुए युद्ध का वर्णन किया गया है।

सरलार्थ – कवि कहता है कि शाम का समय हो गया था। सिक्ख वीरों ने एक विरोधी आवाज उठाई कि जिन्हें हम मुश्किल से मारते हैं, उन्हें जीवन का दान पानी पिला कर दिया जा रहा है। हे गुरु महाराज! ऐसा लगता है कि भाई कन्हैया का दुश्मन से सम्बन्ध है। वह घायल शत्रु को पानी पिला रहा है और उसकी जान बचा रहा है।

विशेष –

  • कवि ने भाई कन्हैया के प्रति सिक्ख वीरों के तीखे तेवरों का दर्शाया है।
  • भाषा सरल, सहज तथा विचारानुकूल है।

6. हंस कर बोले दशम पिता फिर
क्यों भाई क्या कहते हो,
ठीक शिकायत क्या सिखों की
सब की सेवा करते हो ?
हाथ जोड़ कर चरण छुए
नत मस्तक हो वचन कहे,
गुरुवर! सब को जल देता हूँ
मानों सब में आप रहे।

शब्दार्थ :

  • दशम पिता = श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी।
  • चरण = पाँव।
  • नतमस्तक = माथा झुका।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी पाठ्य – पुस्तक में संकलित डॉ० योगेन्द्र बख्शी की कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ में से लिया गया है। इनमें गुरु गोबिन्द सिंह तथा मुग़लों के मध्य श्री आनन्दपुर साहिब में सिक्खों और मुग़लों के बीच हुए युद्ध का वर्णन किया गया है।

सरलार्थ – कवि कहता है कि सिक्ख वीरों द्वारा भाई कन्हैया की शिकायत करने पर गुरु गोबिन्द सिंह जी बोले – क्यों भाई! इस बारे में तुम क्या कहते हो ? क्या सिक्खों की शिकायत ठीक है कि तुम सब की सेवा कर रहे हो? भाई कन्हैया ने हाथ जोड़ कर गुरु जी के पाँव छुए और माथा झुका कर कहने लगा हे गुरु महाराज! मैं सब को पानी देता हूँ। मुझे ऐसा लगता है कि सब में आप विराजमान हैं। मुझे सभी मनुष्यों में आप ही (परमात्मा ही) नज़र आते हैं।

विशेष –

  • कवि ने भाई कन्हैया को सच्चे सेवक के रूप में प्रतिपादित किया है।
  • भाषा सरल तथा सहज है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना

7. गुरुवाणी का मतलब मैंने
केवल बस इतना जाना
देखू हर प्राणी में प्रभुवर
कोई नहीं है बेगाना।
अव्वल अल्ला नूर वही है।
कुदरत के सब बन्दे,
सब जग फैला नूर उसी का
कौन भले कौन मन्दे।

शब्दार्थ :

  • केवल = सिर्फ।
  • प्राणी = जीव।
  • प्रभुवर = ईश्वर।
  • मन्दे = बुरे।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी पाठ्य – पुस्तक में संकलित डॉ० योगेन्द्र बख्शी की कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ में से लिया गया है। इस कविता में गुरु गोबिन्द सिंह तथा मुग़लों के मध्य श्री आनन्दपुर साहिब में सिक्खों और मुगलों के बीच हुए युद्ध का वर्णन किया गया है।

सरलार्थ – कवि कहता है कि भाई कन्हैया कहता है – मैंने गुरु वाणी का अर्थ सिर्फ इतना ही जाना कि हर जीव में ईश्वर का वास है। कोई बेगाना नहीं है। सब परमात्मा के बनाए हुए इन्सान हैं। अव्वल अल्ला (ईश्वर) का सब में तेज है। सारे संसार में उसी की शोभा फैली हुई है। फिर कौन भला है और कौन बुरा है ? यानि सभी अच्छे हैं।

विशेष –

  • कवि ने सभी जीवों में परमात्मा का वास बताते हुए सभी को अपना समझने के लिए कहा है।
  • भाषा भावानुकूल है।

8. दशम पिता गद्गद् हो बोले,
सच्चे सिख ! गुरु मेहर करे
भेद – भाव बिन सेवा रत जो
उसके सिर प्रभु हाथ धरे।
यह मरहम भी ले लो मुझ से
तुम सब का उपकार करो,
हर घायल में प्रभु को देखो
घावों पर उपचार करो।

शब्दार्थ :

  • गद्गद् = प्रसन्न।
  • मेहर = कृपा।
  • भेद – भाव = अच्छे – बुरे का भाव।
  • सेवारत = सेवा में लीन।
  • उपकार = भला।
  • उपचार = इलाज।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी पाठ्य – पुस्तक में संकलित डॉ० योगेन्द्र बख्शी की कविता ‘कोई नहीं बेगाना’ में से लिया गया है। इस कविता में गुरु गोबिन्द सिंह जी तथा मुग़लों के मध्य श्री आनन्दपुर साहिब में सिक्खों और मुग़लों के बीच हुए युद्ध का वर्णन किया गया है।

सरलार्थ – कवि कहता है कि कन्हैया की बात सुनकर गुरु गोबिन्द सिंह जी प्रसन्न हो उठे और बोले – हे सच्चे सिक्ख ! गुरु कृपा करे। जो भेद – भाव के बिना सेवा में लीन है, परमात्मा उसके सिर पर अपनी दया का हाथ धरे। मुझ से तुम यह मरहम भी ले जाओ और सब का भला करो। प्रत्येक घायल में तुम परमात्मा को देखो और उनके घावों का इलाज करो।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 16 कोई नहीं बेगाना

विशेष –

  • कवि ने प्रत्येक मानव में परमात्मा होने की बात कही है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 15 धर्मशाला Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 15 धर्मशाला (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB धर्मशाला Textbook Questions and Answers

धर्मशाला अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिन्दी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला 1
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) धर्मशाला किस पर्वतमाला की गोद में बसा है ?
उत्तर :
धर्मशाला धौलाधार पर्वतमाला की गोद में बसा है।

(ख) समुद्रतल से धर्मशाला की ऊँचाई कितनी है?
उत्तर :
समुद्र तल से धर्मशाला की ऊँचाई 4500 फुट है।

(ग) मक्लोडगंज में घूमते हुए लेखिका को ल्हासा की याद क्यों आ गयी?
उत्तर :
मक्लोडगंज में घूमते हुए लेखिका को ल्हासा की याद इसलिए आ गई क्योंकि वहाँ सभी दुकानें तिब्बतियों की थीं। अधिकतर दुकानें ऊनी वस्त्रों, स्वैटरों, सजावटी वस्तुओं तथा हस्तकला की थीं जैसी उसने कभी ल्हासा में देखी थीं।।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला

(घ) मक्लोडगंज की मुख्य विशेषता क्या है ?
उत्तर :
मक्लोडगंज की मुख्य विशेषता मन्दिर में स्थापित महात्मा बुद्ध की विशाल प्रतिमा तथा बुद्ध पोथियों का संग्रहण है। तिब्बती शासक दलाई लामा का वह अस्थाई मुख्यालय है।

(ङ) भागसू नाग क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर :
भागसू नाग पत्थरों पर उकेरी गई नाग की मूर्तियों के कारण प्रसिद्ध है।

(च) वार मैमोरियल का भारतीय इतिहास में क्या महत्त्व है?
उत्तर :
वार मैमोरियल का हिंदी अर्थ युद्ध स्मारक है। इसका निर्माण उन वीर सैनिकों की याद में किया गया है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह स्मारक कर्त्तव्य – पथ पर अपने जीवन का बलिदान करने वाले जवानों को नमन करता है।

(छ) चिन्मय तपोवन क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर :
चिन्मय तपोवन हनुमान जी की नौ मीटर ऊँची मूर्ति, राम मंदिर तथा अपने संस्थापक चिन्मयानन्द के कारण प्रसिद्ध है।

(ज) अंदरेटा में लेखिका को किन कलाकारों के चित्रों ने आकर्षित किया?
उत्तर :
अंदरेटा में लेखिका को श्रेष्ठ चित्रकार सोभा सिंह के चित्रों ने अपनी ओर आकर्षित किया।

(झ) पालमपुर के किन-किन वीर सैनिकों ने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी शहादत दी?
उत्तर :
कारगिल युद्ध के दौरान जिन जवानों की शहादत से विजय प्राप्त हुई उनमें कैप्टन विक्रम बतरा, मेजर सुधीर वालिया तथा कैप्टन सौरभ कालिया पालमपुर के थे।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला

4. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) मक्लोडगंज का ऐतिहासिक महत्त्व क्या है?
उत्तर :
मक्लोडगंज तिब्बती शासक दलाई लामा का अस्थाई मुख्यालय है। सन् 1959 ई० में जब चीन ने तिब्बत देश पर आक्रमण द्वारा कब्जा कर लिया था तब दलाई लामा सहित 85,000 निर्वासित बौद्ध तिब्बतियों को भारत ने धर्मशाला में मकलोडगंज में शरण दी थी। यहाँ मंदिर में महात्मा बुद्ध की विशाल प्रतिमा तथा बुद्ध पोथियाँ संग्रहित हैं। यह तिब्बत की राजधानी ल्हासा के समान देखने में लगता है।।

(ख) पर्वतीय स्थल हमें क्यों आकर्षित करते हैं?
उत्तर :
पर्वतीय स्थल प्राकृतिक सौंदर्य के दर्शनों के लिए जाने जाते हैं। यही इनके आकर्षण का केन्द्र भी है। पर्वतीय स्थलों पर पर्वत श्रृंखलाओं को देखना अपने आप में एक अद्भुत दृश्य है। यहाँ झील अपने अद्भुत सौन्दर्य के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। इसका जल शीतल तथा पीने योग्य है। यहाँ फलों तथा चाय के बागानों की सुगंध वातावरण को मोहक बना देती है। यहाँ झील में भ्रमण करने के लिए नौकाएँ उपलब्ध रहती हैं। पर्यटकों के रहने के लिए उचित व्यवस्थाएँ भी हैं। अपने इन्हीं प्राकृतिक दृश्यों से परिपूर्ण सौंदर्य के कारण पर्वतीय स्थल हमें अपनी ओर खींचते हैं।

5. इन शब्दों का वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. पर्वतीय
  2. हस्तकला
  3. अनगिनत
  4. निर्वासित
  5. शहादत

उत्तर :

  1. पर्वतीय – पर्वतीय स्थल पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं।
  2. हस्तकला – हिमाचल के बाजारों में अधिकतर दुकानें हस्तकला से जुड़ी वस्तुओं की हैं।
  3. अनगिनत – अनगिनत प्राणियों की देखभाल परमात्मा ही तो करते हैं।
  4. निर्वासित – निर्वासित बौद्ध तिब्बतियों को भारत ने शरण दी थी।
  5. शहादत – हमें अपने वीर सैनिकों की शहादत को कभी नहीं भूलना चाहिए।

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6. इन शब्दों को जोड़कर नया शब्द लिखें :

  1. सूर्य + उदय
  2. सूर्य + अस्त
  3. मुख्य + आलय
  4. स्वर्ण + अक्षर
  5. हिम + आच्छादित

उत्तर :

  1. सूर्य + उदय = सूर्योदय
  2. सूर्य + अस्त = सूर्यास्त
  3. मुख्य + आलय = मुख्यालय
  4. स्वर्ण + अक्षर = स्वर्णाक्षर
  5. हिम + आच्छादित = हिमाच्छादित

7. इन शब्दों और शब्दांशों को मिलाकर नया शब्द लिखें :

  1. पर्वत + ईय
  2. निर् + वास + इत
  3. प्र + शासन + इक
  4. प्रकृति + इक
  5. भारत + ईय
  6. अंक + इत

उत्तर :

  1. पर्वत + ईय = पर्वतीय
  2. निर् + वास + इत = निर्वासित
  3. प्र + शासन + इक = प्रशासनिक
  4. प्रकृति + इक = प्राकृतिक
  5. भारत + ईय = भारतीय
  6. अंक + इत = अंकित

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला

प्रयोगात्मक व्याकरण

  • सामिषा अपने माता-पिता के साथ धर्मशाला गयी।
  • डल झील के चारों ओर देखो देवदार के पेड़ हैं।
  • घरों के सामने बाँस के अनगिनत वृक्ष हैं।
  • हम बागानों, मकानों और बंगलों के बीच से गुजरती सड़क से न्यूगल कैफेटेरिया पहुँचे।
  • कैफेटेरिया के पीछे न्यूगल खड्ड है।
  • हम खराब सड़क के कारण ट्रैकिंग स्थल त्रिपुंड नहीं जा सके।
  • मेरे सामने प्रकृति के अद्भुत दृश्य थे।

उपर्युक्त वाक्यों में के साथ, के चारों ओर, के सामने, के बीच, के पीछे, के कारण तथा सामने शब्द संज्ञा तथा सर्वनाम शब्दों के साथ आकर उनका संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ बता रहे हैं। अतः ये संबंध बोधक है।

अतएव जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ जुड़कर उनका संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों से बताते हैं, उन्हें संबंध बोधक कहते हैं।

यदि इन संबंध बोधक अविकारी शब्दों को वाक्य में से निकाल दिया जाये तो वाक्य का अर्थ ही नहीं रहता।

अन्य संबंध बोधक शब्द : पहले, बाद, आगे, पीछे, बाहर, भीतर, ऊपर, नीचे, पास, अनुसार, तरह, समान, बिना, कारण, तक, भर, संग, साथ, के मारे, बगैर, रहित, सिवाय आदि।

संबंध बोधक का प्रयोग दो प्रकार से होता है :

  1. विभक्तियों के साथ
  2. विभक्तियों के बिना

1. विभक्तियों के साथ संबंध बोधक शब्द प्रमुख रूप से निम्नलिखित तरह से प्रयुक्त होते हैं:

  • हमने चिन्मय तपोवन की ओर प्रस्थान किया।
  • वीर सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर कर दिये।
  • पालम की घाटी सुन्दरी की तरह प्रतीत होती है।

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2. विभक्तियों के बिना संबंध बोधक शब्द इस प्रकार प्रयुक्त होते हैं:

  • मैं जीवन भर इस यात्रा को याद रखूगी
  • ज्ञान बिना जीवन बेकार है।
  • मुझे कई दिनों तक घर की याद नहीं आयी।
  • सड़क पर काली सफेद लकीर लगायी गयी है।

धर्मशाला Summary in Hindi

धर्मशाला पाठ का सार

‘धर्मशाला’ पाठ की लेखिका डॉ० मीनाक्षी वर्मा हैं। लेखिका इस पाठ के माध्यम से यह बताना चाहती है कि यात्राओं से मनोरंजन, ज्ञानवर्धन एवं अज्ञात स्थलों की जानकारी के साथ – साथ भाषा और संस्कृति का आदान – प्रदान भी होता है। इस लेख में भारत के हिमाचल राज्य के शहर धर्मशाला की यात्रा का वर्णन किया गया है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला 5

सामिषा अपने माता – पिता और भाई साराँश के साथ धर्मशाला पर्वतीय स्थान पर घूमने आई हुई है। यहाँ वे हिमाचल पर्यटन के होटल ‘धौलाधार’ में ठहरे हुए हैं। धौलाधार सदैव बर्फ से ढकी रहती है। वह पर्वतमाला की गोद में बसी है। सामिषा को डायरी लिखने का शौक है। वह प्रतिदिन जहाँ भी जाती है, रात को सोने से पहले अपनी डायरी में लिख देती 27 दिसम्बर, सन् 2011 सामिषा अपनी डायरी में लिखती है कि वे लोग सुबह होते ही अपनी कार में बैठ कर धर्मशाला घूमने निकल पड़े। धर्मशाला समुद्र तल से 4500 फुट की ऊँचाई पर था। धौलाधार पर्वत श्रेणी की तलहटी में बसा खूबसूरत शहर था।

धर्मशाला दो हिस्सों में बँटा हुआ था। लोअर धर्मशाला और अपर धर्मशाला। लोअर धर्मशाला में प्रशासनिक इकाइयाँ हैं तो अपर धर्मशाला में सैनिक छावनी, सेंट जोन चर्च तथा मक्लोडगंज में तिब्बती कालोनियाँ हैं। सामिषा और उसका परिवार सबसे पहले धर्मशाला से 10 कि०मी० दूर मक्लोडगंज घूमने गए। मार्ग में उसे प्रकृति के सुंदर – सुंदर दृश्य दिखाई दिए। वह हरी भरी घाटियों को बिना पलक झपकाए निहार रही थी।

ठीक दस बजे सामिषा परिवार सहित मक्लोडगंज पहुँच गई। यहाँ उनके सामने सुंदर पर्वत मालाएँ थीं। बाज़ार में घूमते हुए उन्होंने देखा कि यहाँ सभी दुकानें तिब्बतियों की हैं। हस्तकला तथा ऊनी वस्त्रों की दुकानों पर भरमार थी। सामिषा को घूमते हुए ऐसा लग रहा था मानो वे ल्हासा में घूम रही हो।

सामिषा ने यहाँ बौद्ध मंदिरों के दर्शन किए जिन पर बुद्ध की विशाल प्रतिमाएँ तथा बुद्ध पोथियाँ संग्रहित थी। मक्लोडगंज को तिब्बती शासक दलाई लामा का अस्थाई मुख्यालय माना जाता है। सन् 1959 ई० में चीन ने जब तिब्बत देश पर आक्रमण कर उसे अपने कब्जे में कर लिया था तब दलाईलामा सहित 85000 निर्वासित बौद्ध तिब्बतियों को भारत ने धर्मशाला में मक्लोडगंज में शरण दी थी।

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इसके बाद सामिषा ने यहाँ से 15 कि०मी० दूर भागसू में स्थित शिव मंदिर तथा जल प्रपात देखे तथा इसके बाद वे सीधे पवित्र डल झील गए जो एक पिकनिक स्थल भी है।

28 दिसम्बर, सन् 2011 सामिषा और उसका परिवार सुबह सवेरे तैयार होकर युद्ध स्मारक देखने चल पड़े। इसका निर्माण युद्धों में देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद जवानों की याद में किया गया था। शहीद हुए सैनिकों के नाम काले संगमरमर की तीन पट्टिकाओं पर लिखे हुए थे।

ये नाम आने वाली पीढ़ी के लिए मार्गदर्शन का काम करने वाला था कि कर्त्तव्य पथ पर अपने जीवन का बलिदान करने से हमें पीछे नहीं हटना चाहिए। इसके कुणाल पत्थरी देखने गए तथा तत्पश्चात् यहाँ से दस कि०मी० दूर चिन्मय तपोवन की ओर चल पड़े। इस तपोवन की स्थापना चिन्मयानंद द्वारा की गई थी।

29 दिसम्बर, सन् 2011 सुबह सवेरे सामिषा और उसके परिवार ने धर्मशाला से 17 कि०मी० दूर त्रिपुंड जाने का मन बनाया लेकिन अधिक बर्फबारी के कारण वे वहाँ न जा सके, तब वे घूमने पालमपुर चले गए। पालमपुर काँगड़ा की मुख्य घाटी है। यहाँ घरों के सामने अनगिनत झुरमुट दिखाई देते हैं। यहां चाय के बागानों तथा बंगलों के बीच गुजरने वाली सड़क से होते हुए सामिषा और उसका परिवार न्यूगल कैफेटेरिया पहुंचे।

यहाँ न्यूगल नामक बहुत गहरी खड्ड है जिसमें पहाड़ से टूटी चट्टानों के टुकड़े हैं। खड्ड में बहने वाला साफ़ सुथरा पानी धौलाधार की बर्फ से पिघल कर आता है। इसके बाद वे सभी पालमपुर से 13 कि०मी० दूर अंदरेटा गाँव की ओर चल पड़े। अंदरेटा कई कलाकारों का निवास स्थान रहा है। जिनमें चित्रकार सोभा सिंह तथा नाटककार नोरा रिचर्डस का नाम प्रमुख है।

श्री गुरु नानक देव जी का चित्र जो सोभा सिंह द्वारा तैयार किया गया था प्रत्येक सिक्ख परिवार में है। पालमपुर का नाम कला प्रेमियों के साथ – साथ वीर सैनिकों से भी जुड़ा है। कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए कैप्टन विक्रम बतरा, मेजर सुधीर वालिया तथा कैप्टन सौरभ कालिया का सम्बन्ध पालमपुर से ही है।

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मेजर सुधीर वालिया को अशोक चक्र से तथा कैप्टन विक्रम बतरा को बहादुरी के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। अपनी यात्रा के अंत में सामिषा परिवार सहित बैजनाथ में भगवान शिव के दर्शन कर अपनी यात्रा की सुखद यादें और अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द लेते घर वापिस आ गए।

धर्मशाला कठिन शब्दों के अर्थ

  • देवभूमि = देवताओं की भूमि।
  • पर्वत की तलहटी = पहाड़ का धरातल।
  • पर्वतीय स्थल = पहाड़ी क्षेत्र।
  • खूबसूरत = सुंदर।
  • लोअर = नीचे का।
  • अपर = ऊपर का।
  • प्रशासनिक = सरकारी दफ्तर जो प्रशासन से सम्बंधित हों।
  • भ्रमण = घूमना।
  • झुरमुट = समूह।
  • सीढ़ीनुमा = सीढ़ी के आकार का।
  • वेग से = तेज़ गति से।
  • अपलक = बिना पलक झपकाए।
  • निहारना = देखना।
  • प्रतिमा = मूर्ति।
  • हिमाच्छादित = बर्फ को छेदते हुए।
  • हस्तकला = हाथ की कला।
  • रेस्तराँ = खाने – पीने की जगह।
  • पोथियाँ = धार्मिक पुस्तकें।
  • लिप्त = शामिल।
  • जलाशय = तालाब।
  • जलप्रपात = झरने।
  • भागसू = जल।
  • पाषाण = पत्थर।
  • साँझ = शाम।
  • वार = लड़ाई।
  • पथ = रस्ता।
  • स्वर्णाक्षरों = सोने के अक्षरों से।
  • मनभावन = मन को भा जाने वाले।
  • खड़ = खाई।
  • पौ फटते ही = सूर्य की प्रथम किरण निकलते ही।
  • संग्रहालय = कृतियों एवं विशेष वस्तुओं को रखने का स्थान।
  • निर्मित = बनाया हुआ।
  • प्राचीन = पुराना।
  • शहादत = बलिदान।

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धर्मशाला गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. हम 10 बजे मक्लोडगंज पहुँच गए। सामने हिमाच्छादित पर्वतों को देखकर हमारे मन में उमंगें करवटें लेने लगीं। हमने यहाँ के बाज़ार में घूमते हुए देखा कि यहाँ सभी दुकानें तिब्बयों की हैं। अधिकतर दुकानें ऊनी वस्त्रों, स्वैटरों, सजावटी वस्तुओं तथा हस्तकला की हैं तो कुछ तिब्बती रेस्तराँ हैं। यहाँ हमें ऐसे प्रतीत हो रहा था मानों हम ल्हासा (तिब्बत की राजधानी ) में भ्रमण कर रहे हों। हमने यहाँ तिब्बतियों द्वारा स्थापित बौद्ध मन्दिर के भी दर्शन किए। मन्दिर में महात्मा बुद्ध की विशाल प्रतिमा तथा बुद्ध पोथियाँ संग्रहित हैं।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘धर्मशाला’ नामक शीर्षक से उदधुत है जिसकी लेखिका डॉ० मीनाक्षी वर्मा हैं। लेखिका ने यहाँ धर्मशाला के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ – साथ वहाँ के बाजारों तथा वहाँ के निवासियों की धार्मिक आस्थाओं का सुंदर वर्णन किया है।

व्याख्या – लेखिका मक्लोडगंज की सुंदरता का वर्णन करते हुए कहती है कि वे अगले दिन दस बजे मक्लोडगंज पहुँच गए। सामने उसने चित्र देखा उसे वह शब्दों के माध्यम से नहीं बता सकती। बर्फ के बीच से पर्वतों को देखते हुए उनके मन में तरह – तरह की उमंगें करवट लेने लगीं। लेखिका ने वहाँ के बाज़ाराों में घूमते हुए देखा कि यहाँ अधिकतर दुकानें तिब्बतियों की हैं।

इन दुकानों में ऊनी वस्त्र, सजावटी वस्तुएँ तथा हस्तकला की वस्तुओं की भरमार थी। वहाँ एक रेस्तरां भी था जो तिब्बती था। सारे क्षेत्र को देखकर लेखिका को लग रहा था कि जैसे वह तिब्बत की राजधानी लहासा में घूम रही हो। उन्होंने मक्लोडगंज में तिब्बतियों द्वारा स्थापित किए बौद्ध मन्दिर में जाकर दर्शन किए। मन्दिर में भगवान महात्मा बुद्ध एक बहुत बड़ी मूर्ति थी। वहाँ भगवान बुद्ध से सम्बंधित अनेक पोथियाँ भी संग्रहित कर रखी थी।

विशेष –

  • लेखिका ने मक्लोडगंज के बाजारों की सुंदरता तथा वहाँ स्थापित बौद्ध मन्दिर का सुंदर अंकन किया है।
  • भाषा – शैली सरल तथा सहज है।

2. आज सुबह हम लोग तैयार होकर वार मैमोरियल (युद्ध स्मारक) देखने चल पड़े। इसका निर्माण उन वीर सैनिकों की याद में किया गया है जिन्होंने 1947 1948, 1962, 1965, 1971 के युद्धों में देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। काले संगमरमर की तीन पट्टिकाओं पर शहीद हुए सैनिकों के नाम अंकित हैं। यह स्मारक कर्तव्य पथ पर अपने जीवन का बलिदान करने वाले जवानों को नमन करता है तथा आने वाली पीढ़ी कोभी बताता है कि ये वे नाम हैं। जिन्हें भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है, कभी भुलाया नहीं जा सकता।

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक के ‘धर्मशाला’ नामक यात्रा वृत्तांत से ली गई हैं। इसकी लेखिका डॉ मीनाक्षी वर्मा हैं। इस पाठ में उन्होंने धर्मशाला के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ – साथ वहाँ के निवासियों की धार्मिक आस्थाओं तथा वहाँ के युद्ध स्मारक का सजीव चित्रण किया है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला

व्याख्या – लेखिका युद्ध स्मारक का वर्णन करते हुए कहती है कि आज सुबह – सुबह वे लोग तैयार होकर युद्ध स्मारक देखने चल पड़े। इस युद्ध स्मारक का निर्माण सन् 1947, 1948, 1962, 1965 तथा 1971 के युद्धों में देश की रक्षा के लिए शहीद हुए उन वीर जवानों की याद में किया गया था जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था। यहाँ शहीद हुए सैनिकों का नाम काले संगमरमर की तीन पटिकाओं पर लिखा हुआ है।

यह स्मारक हमें उन जवानों को नमन करने की याद दिलाता है जिन्होंने अपने कर्तव्य को निभाने के लिए अपने प्राणों को देश के लिए बलिदान कर दिया था। ये संगमरमर की पटिकाओं पर लिखे नाम हमें तथा आने वाली पीढ़ी को बताते हैं कि इन वीरों का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा है न तो इन वीरों को भुलाया जा सकता है न ही इनकी वीरता को कभी भी भुलाया जा सकेगा।

विशेष –

  • लेखिका ने युद्ध स्मारक तथा देश की रक्षा हेतु अपना बलिदान देने वाले शहीदों को नमन करने की बात कही।
  • भाषा शैली सरस और सुबोध है।

3. इसके उपरान्त हम पालमपुर से 13 कि०मी० दूर अंदरेटा गाँव की ओर रवाना हुए। अंदरेटा कई एकान्तप्रिय कलाकारों का निवास स्थान रहा है जिनमें चित्रकार सोभा सिंह तथा नाटककार नोरा रिचर्डस का नाम प्रमुख है। हमने पंजाब के श्रेष्ठ चित्रकार सोभा सिंह की कलाकृतियों का संग्रहालय देखा। सोभा सिंह का श्री गुरु नानक का चित्र हर सिक्ख परिवार में तथा सोहनी महीवाल का प्रसिद्ध चित्र उत्तरी भारत के हर कला प्रेमी के पास है। सोभा सिंह द्वारा निर्मित सुन्दरियों के चित्र, भारतीय चित्रकला में विशेष महत्त्व रखते हैं।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में वर्णित यात्रा वृत्तांत ‘धर्मशाला’ नामक शीर्षक से लिया गया है। इसकी लेखिका डॉ० मीनाक्षी वर्मा हैं। इस पाठ में लेखिका ने धर्मशाला के प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ – साथ वहाँ के प्रसिद्ध व्यक्तियों एवं कलाओं का वर्णन किया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि पालमपुर में घूमने के बाद वह सपरिवार पालमपुर से तेरह कि०मी० दूर अंदरेटा गाँव गए। अंदरेटा कला की दृष्टि से काफ़ी प्रसिद्ध स्थान है। यह कई एकांत चाहने वाले कलाकारों का घर रहा है। जिनमें मुख्य रूप से चित्रकार सोभा सिंह तथा प्रसिद्ध नाटककार नोरा रिचर्डस का नाम आता है।

यहाँ घूमते हुए लेखिका ने पंजाब के सुप्रसिद्ध श्रेष्ठ चित्रकार सोभा सिंह की कलाकृतियों का एक संग्रहालय देखा जिसमें उन्होंने अपनी बहुत – सी सुंदर चित्रकलाकृतियाँ रखी हुई थीं। सोभा सिंह के द्वारा बनाया गया गुरु नानक देव जी का चित्र आज सभी सिक्ख परिवारों में देखने को मिलता है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला

इसके साथ – साथ सोहनी महीवाल का चित्र उत्तरी भारत के प्रत्येक कला – प्रेमी के पास मिलता है। भारतीय चित्रकला में सोभा सिंह द्वारा बनाए गए सुंदर स्त्रियों के चित्र अपना एक विशेष स्थान एवं महत्त्व रखते हैं।

विशेष –

  • लेखिका ने श्रेष्ठ चित्रकार सोभा सिंह की सुंदर चित्रकला की विशेषताओं को प्रकट किया है।
  • भाषा प्रवाहमयी है।

4. पालमपुर का नाम केवल कला प्रेमियों से ही नहीं जुड़ा बल्कि देश के वीर सैनिकों से भी जुड़ा है। कारगिल युद्ध के दौरान जिन जवानों की शहादत से विजय प्राप्त हुई उनमें कैप्टन विक्रम बतरा, मेजर सुधीर वालिया तथा कैप्टन सौरभ कालिया का सम्बन्ध पालमपुर से ही है। इनमें कैप्टन विक्रम बतरा की बहादुरी के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार परमवीर चक्र तथा मेजर सुधीर वालिया को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में वर्णित यात्रा वृतांत ‘धर्मशाला’ नामक पाठ से लिया गया है, जिसकी लेखिका डॉ० मीनाक्षी वर्मा हैं। लेखिका ने इस पाठ में प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ – साथ वहाँ के वीर जवानों की वीरता का सुंदर चित्रण किया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि पालमपुर पर्वतीय क्षेत्र का नाम मात्र कला प्रेमियों से ही नहीं जुड़ा है अपितु इसका नाम भारत देश के साहसी सैनिकों से भी जुड़ा है। कारगिल युद्ध में भारत को जिन वीर जवानों की शहादत से भारत को विजय प्राप्त हुई उनमें कैप्टन विक्रम बतरा, मेजर सुधीर वालिया तथा कैप्टन सौरभ कालिया पालमपुर के ही रहने वाले थे।

इन वीर जवानों में से कैप्टन विक्रम बतरा को वीरता के लिए भारतीय सेना का सबसे बड़ा पदक परमवीर चक्र मिला तथा मेजर सुधीर वालिया को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। भाव यह है कि पालमपुर कलाप्रेमियों के साथ – साथ वीर बाँकुरों का भी स्थान है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 15 धर्मशाला

विशेष –

  • लेखिका ने पालमपुर को कला तथा वीरता का अनूठा सामंजस्य स्थापित करने वाला क्षेत्र बताया है।
  • भाषा शैली अत्यंत सरल और सुबोध है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 14 गिल्लू Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 14 गिल्लू (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB गिल्लू Textbook Questions and Answers

गिल्लू अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू 1
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) गिल्लू कौन था?
उत्तर :
गिल्लू गिलहरी जाति का एक छोटा – सा जीव था।

(ख) लेखिका ने उसे स्वस्थ करने के लिए क्या उपचार किया?
उत्तर :
लेखिका ने गिल्लू को ठीक करने के लिए रूई की पतली बत्ती दूध में भिगोकर उसके नन्हें मुँह में लगाई। तीसरे दिन वह पूर्णत: स्वस्थ हो गया।

(ग) गिल्लू का घर कैसा था?
उत्तर :
गिल्लू का घर एक हल्की डलिया में बिछा रूई का बिछौना था जो तार से खिड़की पर लटका था।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू

(घ) लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था ?
उत्तर :
जब लेखिका लिखने बैठती थी तो गिल्लू उसका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए पर्दे पर चढ़ जाता था और फिर तेजी से उतर जाता था।

(ङ) लेखिका ने गिल्लू को बाहर झाँकते देखकर क्या किया?
उत्तर :
गिल्लू को जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झांकते देखकर लेखिका को लगा कि इसे मुक्त कर देना चाहिए।

(च) गिल्लू लेखिका को चौंकाने के लिए क्या करता था?
उत्तर :
लेखिका को चौंकाने के लिए गिल्लू कभी फूलदान के फूलों में छिप जाता, कभी परदों की चुन्नर में और कभी सोनजुही की पत्तियों में।

(छ) लेखिका के अस्वस्थ होने पर गिल्लू ने क्या-क्या किया?
उत्तर :
लेखिका की अस्वस्थता में वह तकिए पर सिरहाने बैठकर अपने नन्हें पंजों से लेखिका का सिर दबाता था। उसने अपना प्रिय खाद्य काजू खाना भी छोड़ दिया था।

(ज) गिल्लू के जीवन का अंत किस प्रकार हुआ?
उत्तर :
गिलहरी का जीवन दो वर्ष का होता है। अतः अपनी जीवन अवधि पूरी कर रात में अन्त की यातना में वह लेखिका की उंगली पकड़ कर हाथ से चिपक गया जिसे उसने मरणासन्न स्थिति में पकड़ा था।

4. इन वाक्यों के भाव स्पष्ट करें :

(क) ‘जातिवाचक संज्ञा को व्यक्तिवाचक का रूप दे दिया।’
उत्तर :
गिल्लू अब जातिवाचक संज्ञा नहीं रहा, क्योंकि गिल्लू गिलहरी के हर बच्चे को गिल्लू कहा जाता है परन्तु अब वह गिल्लू एक था।

(ख) ‘उसका हटना परिचारिका के हटने के समान लगता।’
उत्तर :
गिल्लू लेखिका के निकट से हटा तो ऐसा लगा मानो कोई सेवा करने वाली लेखिका से दूर हट गई है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू

(ग) “किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया।’
उत्तर :
गिल्लू का मरना एक प्रकार से किसी और जीवन में परिवर्तन था। वह सो गया किसी और जीवन में जागने के लिए।

5. इन शब्दों के अर्थ लिखते हुए वाक्यों में प्रयोग करें :

  1. निश्चेष्ट __________ _______________________________
  2. कार्यकलाप __________ _______________________________
  3. विस्मित __________ _______________________________
  4. आश्वस्त __________ _______________________________
  5. स्निग्ध __________ _______________________________
  6. मरणासन्न __________ _______________________________

उत्तर :

  1. निश्चेष्ट = बिना हिले – जुले।
    वाक्य – कौवों की चोंचों के घाव से गिलहरी का बच्चा निश्चेष्ट – सा गमले से चिपका पड़ा था।
  2. कार्यकलाप = क्रियाएँ।
    वाक्य – गिल्लू के कार्यकलाप पर सभी को आश्चर्य होता था।
  3. विस्मित = चकित।
    वाक्य – सुबह उठने पर जब पता चला भारत मैच जीत गया तो मैं विस्मित रह गया।
  4. आश्वस्त = तसल्ली पाया हुआ।
    वाक्य – रमेश ने मुझे आश्वस्त किया है कि वो बुरे समय में मेरी सहायता करेगा।
  5. स्निग्ध = चिकने।
    वाक्य – मोहन के घर में लगा पत्थर बहुत ही स्निग्ध है।
  6. मरणासन्न = मरने के निकट।
    वाक्य – आग में बुरी तरह झुलस जाने कारण रोहित की स्थिति मरणासन्न की है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू

6. विपरीत शब्द लिखें :

  1. लघु = …………………….
  2. चंचल = …………………….
  3. सुलभ = …………………….
  4. मुक्ति = …………………….
  5. उष्णता = …………………….
  6. तीव्र = …………………….

उत्तर :

  1. लघु = गुरु
  2. मुक्ति = बंधन
  3. चंचल = शांत
  4. उष्णता = शीतलता
  5. सुलभ = दुर्लभ
  6. तीव्र = मंद

7. विशेषण बनायें :

  1. चमक = …………………….
  2. कठिनाई = …………………….
  3. स्वर्ण = …………………….
  4. ठंडक = …………………….
  5. चंचलता = …………………….
  6. उष्णता = …………………….
  7. बसंत = …………………….
  8. विश्वास = …………………….

उत्तर :

  1. चमक = चमकीला
  2. कठिनाई = कठिन
  3. स्वर्ण = स्वर्णिम
  4. ठण्डक = ठंडा
  5. चंचलता = चंचल
  6. उष्णता = उष्ण
  7. बसन्त = बासन्ती/बसन्ती
  8. विश्वास = विश्वसनीय

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू

8. ‘इत’ शब्दाँश लगाकर नये शब्द बनायें :

  1. विस्मय + इत = विस्मित
  2. सम्मान + इत = …………………….
  3. आकर्षण + इत = …………………….
  4. परिचय + इत = …………………….
  5. प्रकाश + इत = …………………….
  6. फल + इत = …………………….

उत्तर :

  1. विस्मय + इत = विस्मित
  2. सम्मान + इत = सम्मानित
  3. आकर्षण + इत = आकर्षित
  4. परिचय + इत = परिचित
  5. प्रकाश + इत = प्रकाशित
  6. फल + इत = फलित

9. निम्नलिखित मुहावरों को इस तरह वाक्य में प्रयोग करें ताकि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाये।

  1. सिर से पैर तक दौड़ लगाना ____________________
  2. जीवन यात्रा का अंत होना ____________________

उत्तर :

  1. सिर से पैर तक दौड़ लगाना = खूब भाग – दौड़ करना।
    वाक्य – मुकेश ने नौकरी पाने के लिए सिर से पैर तक दौड़ लगा दी थी।
  2. जीवन यात्रा का अन्त होना = मृत्यु होना।
    वाक्य – बीमारी से लम्बे संघर्ष के बाद रोहन के दादा जी की जीवन यात्रा का अन्तः हो गया।

10. यदि आपको कुत्ते का पिल्ला या बिल्ली का बच्चा मिल जाये तो आप उसकी देखभाल कैसे करेंगे?
उत्तर :
यदि कभी मुझे कुत्ते का पिल्ला मिल गया तो मैं उसकी खुब देखभाल करूँगा। उसे अपने साथ घर पर ले आऊँगा। उसके खाने के लिए अलग से बर्तन का प्रबन्ध करूँगा। उसके गले में एक सुन्दर – सा पट्टा बाँधूंगा। उसे प्रतिदिन स्नान कराऊँगा। उसके रहने, खाने – पीने का उचित ध्यान रखूगा। उसके साथ अनेक खेल खेलूँगा। उसे अपने साथ घुमाने भी ले जाऊँगा। सर्दियों में उसके लिए गर्म स्थान का प्रबंध करूँगा। उसकी भूख प्यास का उचित ध्यान रखूगा।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू

प्रयोगात्मक व्याकरण

  • गिल्लू परदे पर चढ़ा और नीचे उतर गया।
  • गिल्लू अन्य खाने की चीजें लेना बन्द कर देता था या झूले से नीचे फेंक देता था।
  • उनका मुझसे लगाव कम नहीं है परन्तु उनमें से किसी को मेरे साथ मेरी थाली में खाने की हिम्मत नहीं हुई।
  • भूख लगने पर गिल्लू का चिक-चिक करना ऐसा लगा मानो मुझे अपने भूखे होने की सूचना देता हो।
  • सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू को समाधि दी गयी, क्योंकि उसे वह लता सबसे प्रिय थी।
  • गिलहरियों के जीवन की अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होती, अत: गिल्लू की जीवन यात्रा का अंत आ ही गया।
  • गिल्लू को कौवे की चोंच से घाव हो गया था, इसलिए वह निश्चेष्ट-सा गमले से चिपका पड़ा था।

उपयुक्त वाक्यों में ‘और’, ‘या’, ‘परन्तु’, ‘मानो’, ‘क्योंकि’, ‘अतः’, तथा इसलिए’ शब्द दो शब्दों या वाक्यों को जोड़ रहे हैं। इन शब्दों को योजक या समुच्चयबोधक शब्द कहते हैं।

अतएव दो शब्दों, वाक्य के अंशों और वाक्यों को जोड़ने वाले शब्दों को योजक या समुच्चयबोधक कहते हैं।

अन्य योजक शब्द : एवं, तथा, किंतु, चाहे, पर, इस कारण, यानि, कि यद्यपि—-तथापि, चाहे—- फिर भी आदि।

महादेवी वर्मा द्वारा रचित ‘मेरा परिवार’ से उनके पालतू पशु-पक्षी के शब्द चित्रों की जानकारी प्राप्त करें।

प्रस्तुत पाठ एक संस्मरण है। कविता, कहानी, लेख की भाँति यह भी साहित्य की एक विधा है। इसका अर्थ है-स्मृति के आधार पर किसी व्यक्ति विषय या पशु-पक्षी के संबंध में लिखित लेख। यह पाठ श्रीमती महादेवी वर्मा द्वारा लिखित है। इनकी कुछ रचनाएँ अपने पुस्तकालय से लेकर पढ़ें। इनके द्वारा लिखित अन्य संस्मरण हैं: घीसा, गौरा, नीलकंठ मोर, सोनाहिरणी, नीलू आदि। इन्हें पढ़ें और लेखिका के पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम तथा संवेदनशीलता को अनुभव करें।

गिल्लू Summary in Hindi

गिल्लू पाठ का सार

‘गिल्लू’ श्रीमती महादेवी वर्मा का जीव – मनोविज्ञान पर आधारित एक मार्मिक संस्मरण है। लेखिका सोन जही में लगी पीली कली को देख कर उस लघ प्राण गिल्ल की स्मतियों में डूब जाती है। वह कभी इसी लता की हरियाली में छिप कर बैठता था। गिल्लू अचानक लेखिका के कन्धे पर कूद कर उसे चौंका देता था। लेखिका पहले सोन जूही में कली की तलाश में रहती थी, परन्तु अब उसे गिल्लू की तलाश है, क्योंकि वह मिट्टी में मिल गया है।

लेखिका ने एक दिन देखा कि दो कौवे एक गमले के चारों ओर चोंचों से छुआ छुओवल जैसा खेल – खेल रहे हैं। अचानक लेखिका का ध्यान गमले के साथ सटे एक लघु प्राण गिलहरी के बच्चे की ओर गया। कौवे उसे अपना आहार बनाना चाहते थे। उन्होंने उसे अपनी चोंचों से घायल कर दिया था, जिस कारण वह मृतप्राय था।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू 5

लेखिका ने उसे उठाया और उसका उपचार किया। उसे मरहम लगाई गई। मुँह में पानी की बूंद टपकाई, तीन दिन बाद वह लेखिका की उंगली पर बैठ कर इधर – उधर देखने लगा।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू

तीन – चार मास बीत जाने पर गिलहरी के बच्चे के स्निग्ध रोयें, झब्बेदार पूंछ और चंचल चमकीली आँखें सब को आकृष्ट करने लगीं। उसका नामकरण कर दिया गया। उसे ‘गिल्लू’ कह कर पुकारा जाने लगा। उसे फूलों की टोकरी में रूई बिछा कर खिड़की पर लटका दिया जाता। वही दो वर्ष गिल्लू का घर रहा। वह कांच के मनकों – सी आँखों से अन्दर और बाहर सब कुछ देखता रहता। उसकी समझदारी पर सब हैरान होते।

लेखिका लिखने बैठती तो गिल्लू उसके पैरों तक आ कर तेज़ी से खिड़की के परदे पर जा चढ़ता। कभी – कभी लेखिका उसे पकड़ कर एक लम्बे लिफाफे में रख देती। ऐसी स्थिति में वह घण्टों लेखिका की सारी गतिविधियां देखता रहता।

गिल्लू के जीवन का पहला बसन्त आया। नीम – चमेली की गन्ध कमरे में आने लगी। बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली में से उसे देखतीं। गिल्लू भी बाहर झांकता। लेखिका ने उसे मुक्त करना आवश्यक समझा। जाली का एक कोना खोल दिया। गिल्लू ने बाहर निकल कर सुख की सांस ली। इतने छोटे जीव को कुत्ते – बिल्लियों से बचाना भी एक समस्या थी। लेखिका के कॉलेज से लौटने पर जैसे ही कमरा खुलता गिल्लू जाली के द्वार से अन्दर जाकर दौड़ लगाने लगता।

लेखिका के पास अनेक पशु – पक्षी थे, परन्तु किसी को उसकी थाली में खाने का साहस न होता था परन्तु गिल्लू इनमें अपवाद था। लेखिका जैसे ही खाने के कमरे में पहुँचती गिल्लू तुरन्त बरामदा पार करके मेज़ पर पहुँच जाता। लेखिका ने उसे बड़ी कठिनाई से थाली के पास बैठना सिखाया। वह एक – एक चावल उठा कर बड़ी सफ़ाई से खाता रहता। काजू उसका प्रिय खाद्य था।

एक बार लेखिका मोटर – दुर्घटना में घायल हो गई। उसे अस्पताल में रहना पड़ा। जब लेखिका के कमरे का दरवाजा खुलता तो गिल्लू अपने झूले से उतर कर दौड़ता लेकिन फिर किसी दूसरे को देख कर झूले में जा छिपता। सब उसे काजू दे जाते। परन्तु वह उन्हें न खाता। यह लेखिका को तब पता चला जब वह अस्पताल से घर लौटी और झूले की सफ़ाई की।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू

गिलहरी के जीवन की अवधि प्राय: दो साल से अधिक नहीं होती। गिल्लू के जीवन का अन्त निकट आ गया। उसने दिन भर न कुछ खाया और न बाहर ही गया। रात में वह झले से उतर कर लेखिका के बिस्तर पर आया और उंगली पकड़ कर हाथ से चिपक गया, जिसे उसने अपने बचपन में मरणासन्न हालत में पकड़ा था। उसे बचाने का उपचार किया गया। परन्तु सुबह होते ही उसके जीवन का अन्त हो गया।

गिल्लू कठिन शब्दों के अर्थ

  • अनायास = अचानक।
  • स्मरण = याद।
  • हरीतिमा = हरियाली।
  • स्निग्ध = चिकने।
  • विस्मित = हैरान।
  • डलिया = टोकरी।
  • कार्यकलाप = गतिविधियों।
  • आकर्षित = आकृष्ट।
  • अतिरिक्त = अलावा।
  • अदभुत स्थिति = अनोखी हालत।
  • प्रथम = पहला।
  • अपवाद = निर्विवाद।
  • आहत = घायल।
  • खाद्य = खाने योग्य पदार्थ।
  • अस्वस्थता = बीमारी।
  • परिचारिका = सेवा करने वाली।
  • सर्वथा = बिल्कुल।
  • मरणासन्न = मौत के समीप।
  • उष्णता = गर्मी।
  • स्पर्श = छूना।
  • लता = बेल।
  • समाधि = ध्यानस्थ होना, चिर – निन्द्रा।
  • लघुगात = छोटे शरीर वाला।
  • पीताभ = पीली चमक।
  • लघुप्राण = छोटे प्राणों वाला।

गिल्लू गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. अचानक एक दिन सवेरे कमरे से बरामदे में आकर मैंने देखा, दौ कौवे एक गमले के चारों ओर चोंचों से छुआ – छुऔवल जैसा खेल खेल रहे हैं। गमले और दीवार की सन्धि में छिपे एक छोटे – से जीव पर मेरी दृष्टि रुक गई। निकट जाकर देखा, गिलहरी का एक छोटा – सा बच्चा है, जो सम्भवतः घोंसले से गिर पड़ा है और अब कौवे जिसमें सुलभ आहार खोज रहे हैं।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘गिल्लू’ नामक शीर्षक से लिया गया है जो महादेवी वर्मा द्वारा रचित एक संस्मरण है। लेखिका ने यहाँ अपने पशु प्रेम को उजागर किया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि एक दिन जब वह अपने कमरे से बरामदे में आई तो अचानक उसने देखा कि दो कौए एक गमले के चारों ओर अपनी चोंचों से कुछ छूने का खेल खेल रहे हैं। तभी लेखिका की दृष्टि गमले और दीवार के बीच खाली पड़ी जगह पर गई। जब उसने पास जाकर देखा तो वहाँ गिलहरी का एक छोटा – सा बच्चा था जिसे देख लगता था कि वह अपने घोंसले से गिर गया होगा। अब कौए उसे अपना भोजन बनाने के लिए ढूँढ़ रहे थे।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू

विशेष –

  • लेखिका ने घायल गिलहरी के बच्चे की करुण दशा का चित्रण किया है।
  • भाषा प्रवाहमयी है।

2. वह मेरे पैर तक आकर सर से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता। उसका यह दौड़ने का क्रम तब तक चलता, जब तक मैं उसे पकड़ने के लिए न उठती। – कभी मैं गिल्लू को पकड़कर एक लम्बे लिफ़ाफ़े में इस प्रकार रख देती कि उसके अगले दो पंजों और सिर के अतिरिक्त सारा लघु गात लिफ़ाफ़े के भीतर बन्द रहता। इस अद्भुत स्थिति में कभी – कभी घण्टों मेज़ पर दीवार के सहारे खड़ा रहकर वह अपनी चमकीली आँखों से मेरा कार्यकलाप देखा करता।

प्रसंग – प्रस्तुत अवतरण हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘गिल्लू’ नामक संस्मरण से अवतरित है जिसकी रचयिता महादेवी वर्मा हैं। लेखिका ने यहाँ गिल्लू की उछल – कूद का सजीव चित्रण किया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि गिलहरी का बच्चा जिसका नाम उसने गिल्लू रखा हुआ था उसके पैर के पास आकर तेजी से परदे पर चढ़ जाता था फिर कुछ ही देर में उसी तेजी से उतर भी जाता था। लेखिका कहती है कि गिल्लू के दौड़ने – भागने का खेल तब तक चलता रहता था जब तक वह उसे पकड़ने के लिए खड़ी नहीं हो जाती थी। लेखिका बताती है कि कभी – कभी वह गिल्लू को एक लिफाफे में बंद कर देती थी।

उस लिफ़ाफ़े से बस उसके अगले दोनों पैर और सिर के अलावा कुछ नहीं दिखता था। उसका छोटा – सा शरीर लिफ़ाफ़े के अन्दर ही बन्द रहता था। लिफ़ाफ़े के अन्दर बन्द रहते हुए वह घण्टों दीवार के सहारे मेज़ पर खड़ा होकर लेखिका के कामकाज को देखता रहता था।

विशेष –

  • लेखिका ने गिल्लू की उछल – कूद को बड़े ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है।
  • भाषा सरल, सहज है।

3. वह मेरे पास रखी सुराही पर लेट जाता और इस प्रकार समीप भी रहता और ठण्डक में रहता। गिलहरियों के जीवन की अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होती अत: गिल्लू की जीवन यात्रा का अन्त आ ही गया। दिनभर उसने न कुछ खाया, न बाहर गया। रात में अन्त की यातना में भी वह मेरी वही उंगली पकड़कर हाथ से चिपक गया, जिसे उसने अपने बचपन की भरणासन्न स्थिति में पकड़ा था।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘गिल्लू’ नामक संस्मरण से अवतरित है जिसकी लेखिका महादेवी वर्मा है। लेखिका ने यहाँ अपने पशु प्रेम को उजागर करते हुए गिलहरी के बच्चे की क्रियाकलाप एवं जीवन यात्रा का वर्णन किया

व्याख्या – लेखिका गिल्लू के क्रियाकलाप का वर्णन करते हुए कहती है कि कभी वह उसके पास रखी सुराही के पास लेट जाता था। इस प्रकार वह पास भी रहता था और ठण्डक में भी रहता था। लेखिका कहती है कि गिलहरियों का जीवन – काल दो साल से अधिक नहीं होता।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू

इसलिए गिल्लू का अन्तिम समय आ गया था। आज दिन भर उसने कुछ भी नहीं खाया था। न ही वह बाहर गया था। अपने जीवन की अन्तिम रात में यातना सहते हुए गिल्लू लेखिका की वह उंगली पकड़ कर हाथ से चिपक गया था, जिसे उसने अपने बचपन में अपनी मरने वाली घायल स्थिति में पकड़ा था।

विशेष –

  • लेखिका ने गिल्लू की मृत्यु का करुण चित्र अंकित किया है।
  • भाषा सरल तथा सहज है।

4. सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू को समाधि दी गयी है – इसलिए भी कि उसे वह लता सबसे अधिक प्रिय थी – इसलिए भी कि उस लघु गात का, किर्स बासन्ती दिन, जुही के पीताभ छोटे फूल में खिल जाने का विश्वास मुझे सन्तोष देत है।

प्रसंग – प्रस्तुत गद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित ‘गिल्लू’ नामक संस्मरण से अवतरित है। इसकी लेखिका महादेवी वर्मा है। लेखिका ने यहाँ गिल्लू के समाधि देने का चित्रण किया है।

व्याख्या – लेखिका कहती है कि गिल्लू को सोनजुही की बेल के नीचे समाधि दी गई उसे सोनजुही की बेल अत्यधिक प्यारी थी। इसलिए गिल्लू को उसी के नीचे समाधि र्द गई। लेखिका कहती है कि उसे सोनजुही बेल के नीचे समाधि देने का एक बड़ा कारण यह भी था कि उसे पूर्ण विश्वास है कि किसी बसन्त ऋतु के दिन सोनजूही के छोटे खिले फूलों में उसके नन्हें शरीर वाले गिल्लू का फिर से जन्म होगा। भाव यह है कि गिल सोनजुही के खिले हुए फूलों के रूप में फिर से लौट कर आएगा।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 14 गिल्लू

विशेष –

  • लेखिका ने गिल्ल के प्रति अपने अगाध प्रेम को उजागर किया है।
  • भाषा शैली सरस है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान

Punjab State Board PSEB 7th Class Hindi Book Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 7 Hindi Chapter 13 साक्षरता अभियान (2nd Language)

Hindi Guide for Class 8 PSEB साक्षरता अभियान Textbook Questions and Answers

साक्षरता अभियान अभ्यास

1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान 1
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान 2
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान

2. नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान 3
PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान 4
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

3. इन प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में लिखें :

(क) साक्षरता का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
अक्षरों को पढकर ज्ञान अर्जित करना साक्षरता कहलाता है।

(ख) चिड़िया अपना घोंसला बनाने के लिए क्या करती है ?
उत्तर :
चिड़िया अपना घोंसला बनाने के लिए दूर जंगल से तिनका चुनकर लाती है और उन तिनको को जोड़कर अपना घोंसला बनाती है।

(ग) हम अपनी मंजिल को कैसे पा सकते हैं ?
उत्तर :
हम अपने अंदर हिम्मत और विश्वास जगाकर अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं।

(घ) हम ज्ञानी कैसे बन सकते हैं ?
उत्तर :
हम प्रतिपल यदि अक्षरों को सीखें तथा दूसरों को सिखाएँ तो इससे हमारा शब्द ज्ञान बढ़ेगा और भाषा पर हमारा अधिकार स्थापित होगा तब हम ज्ञानी बन सकते हैं।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान

4. इन प्रश्नों के उत्तर चार या पाँच वाक्यों में लिखें :

(क) कवयित्री ने साक्षरता अभियान को समझाने के लिए कौन-कौन से उदाहरण दिये हैं ?
उत्तर :
कवयित्री ने साक्षरता को समझाने के लिए निम्नलिखित उदाहरण दिए हैं।

  • एक – एक बूंद से घड़ा भर जाता है।
  • एक – एक पैसा जोड़ने से काफ़ी धन जुड़ जाता है।
  • एक – एक तिनका जोड़ने से घोंसला बन जाता है।
  • एक – एक शब्द सीखने से व्यक्ति विद्वान् बन जाता है।

(ख) साक्षर बनने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर :
साक्षर बनने के लिए हमें एक – एक शब्द याद करना चाहिए जिससे हमारा शब्द भण्डार बढ़ जाएगा। इससे हमारे ज्ञान की वृद्धि होगी। तब सही अर्थों में हम साक्षर कहलाएँगे जब हम अपने ज्ञान का प्रसार करके औरों को ज्ञान बाँटेंगे।

5. अर्थ लिखते हुए वाक्य बनायें :

  1. राहगीर __________ ____________________________
  2. नीड़ __________ ____________________________
  3. मंजिल __________ ____________________________
  4. अभियान __________ ____________________________
  5. कृतार्थ __________ ____________________________

उत्तर :

  1. राहगीर = मुसाफिर
    वाक्य – राहगीर थककर पेड़ के नीचे बैठ गया।
  2. नीड़ = घोंसला
    वाक्य – चिड़िया एक – एक तिनका जोड़कर अपना नीड़ बनाती है।
  3. मंजिल = लक्ष्य, मुकाम
    वाक्य – दृढ़ निश्चय और साहस के साथ ही मंजिल पर पहुँचा जा सकता है।
  4. अभियान = आंदोलन
    वाक्य – साक्षरता अभियान में सभी को बढ़ – चढ़ कर भाग लेना चाहिए।
  5. कृतार्थ = धन्य
    वाक्य – महापुरुषों के दर्शन हर कर व्यक्ति स्वयं को कृतार्थ समझता है।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान

6. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट करें :

  1. जल की छोटी-छोटी बूंदें
    टपक टपक घट भर देती
  2. रोज़ बचाएँ यदि इक पैसा
    धन एकत्रित कर सकते हैं।
  3. शब्द ज्ञान बढ़ाएँ अपना
    भाषा पर अधिकार जमाएँ।
  4. श्रम करना है धर्म हमारा
    कभी नहीं घबरायेंगे।

उत्तर :

  1. उक्त पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री कहना चाहती है कि पानी की छोटी छोटी बूंदें टपक – टपक कर एक घड़ा भर देती हैं भाव यह है कि एक साक्षर व्यक्ति अपने प्रयास से अनेक अनपढ़ व्यक्तियों साक्षर बना सकता है। थोड़ा – थोड़ा पढ़कर ज्ञानवान बना जा सकता है।
  2. इन पंक्तियों से कवयित्री कहना चाहती है कि यदि हम लोग प्रतिदिन एक – एक पैसा बचाएँ तो धन इकट्ठा कर सकते हैं भाव यह है कि छोटी बचत से ही बड़ी बचत की जा सकती है।
  3. इन पंक्तियों में कवयित्री कहती है कि अपने शब्द ज्ञान को बढ़ाएँ और भाषा पर अधिकार जमाएँ। भाव यह है कि हर पल हमें कुछ न कुछ पढ़ना और सीखना चाहिए इससे हमारे शब्द ज्ञान में वृद्धि होगी और भाषा को अच्छी तरह पढ़ और सीख सकेंगे। अतः हम साक्षरता का अभियान चलाकर हम अच्छे विद्वान् बन सकते हैं।
  4. इन पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री कहती है कि हमारा धर्म मेहनत करना है। मेहनत करने से हम कभी घबराएँगे नहीं। भाव यह है कि हम मेहनत से पढ़ लिखकर अपने ज्ञान – कौशल को बढ़ाएँगे।

7. पर्यायवाची शब्द लिखें :

  1. जंगल = ________, ________
  2. नीड़ = ________, ________
  3. पग = ________, ________
  4. घट = ________, ________
  5. राहगीर = ________, ________
  6. श्रम = ________, ________

उत्तर :

  1. जंगल = वन, कानन, विपिन
  2. नीड़ = घोंसला, घरौंदा, आश्रय
  3. पग = पाँव, पैर, चरण
  4. घट = शरीर, घड़ा, मिट्टी का कलसा
  5. राहगीर = मुसाफिर, पथिक, यात्री
  6. श्रम = मेहनत, परिश्रम, आयास

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान

8. बहुवचन रूप लिखें :

  1. चिड़िया = ______________
  2. पैसा = ______________
  3. तिनका = ______________
  4. भाषा = ______________
  5. बूंद = ______________
  6. मंज़िल = ______________

उत्तर :

  1. चिड़िया = चिड़ियाँ
  2. पैसा = पैसे
  3. तिनका = तिनके
  4. भाषा = भाषाएँ
  5. बूंद = बूंदें
  6. मंजिल = मंज़िलें

9. इन अक्षरों को जोड़कर शब्द लिखें :

  1. अक्षर = अ + क् + ष + र + अ
  2. —- = च् + इ + इ + य + आ
  3. —- = स्+ आ + क् + ष + र् + अ + त् + आ
  4. —- = अ + भ् + इ + य + आ + न् + अ

उत्तर :

  1. अक्षर
  2. चिड़िया
  3. साक्षरता
  4. अभियान

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान

10. देश को साक्षर बनाने के लिए आप क्या योगदान दे सकते हैं ? पाँच वाक्य लिखें।
उत्तर :
देश को साक्षर बनाने के लिए हम अग्रलिखित योगदान दे सकते हैं

  • देश में शिक्षा के लिए जन जागृति ला सकते हैं।
  • आपने आस – पड़ोस में अशिक्षित लोगों को शिक्षित कर सकते हैं।
  • अशिक्षित लोगों में शिक्षा के प्रति रुचि उत्पन्न कर सकते हैं।
  • देश के लोगों में सभ्यता और शिष्टाचार की भावना बढ़ा कर।
  • गरीब बच्चों का मुफ्त पढ़ाकर।

11. यदि देश के सभी नागरिक पढ़े-लिखे होंगे तो देश को क्या लाभ होगा?
उत्तर :
यदि देश के नागरिक पढ़े – लिखे होंगे तो देश का चहुँमुखी विकास हो सकेगा। देश दिन दुगुनी और रात चौगुनी उन्नति करेगा। देश में कोई भी व्यक्ति अनपढ़ता का शिकार नहीं होगा। सभी सभ्य और सामाजिक कहलाएँगे। किसी को किसी अन्य के ज्ञान पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। एक अच्छी शिक्षा मानव में नैतिकता का संचार कर उसे एक अच्छा नागरिक बनाने में सहायक होती है। एक पढ़ा – लिखा व्यक्ति अपने देश के विकास में सदैव सहायक हो सकता है। वह देश की नीतियों को अच्छे से समाप्त कर उनका अनुपालन कर सकता है।

जानिये:-
1. हमें भविष्य के लिए सदैव कुछ धन बचाकर रखना चाहिए। प्रतिदिन बचाया गया थोड़ा-थोड़ा पैसा हमें जीवन में एकदम आने वाली कठिनाइयों से बचा सकता है।
2. यह भी याद रखें कि जीवन में पैसा बहुत कुछ है, पर सब कुछ नहीं। जीवन में बहुत कुछ ऐसा होता है, जिसे धन-दौलत देकर भी नहीं खरीदा जा सकता। हमें अच्छे व सच्चे मित्र, प्यार करने वाले माँ-बाप भाई बहन, और ऐसी बहुत सारी चीज़ों के मूल्यों को भी समझना चाहिए।
3. ज्ञान बढ़ाओ और बाँटो। इससे आप किसी के और कोई आपका मित्र बन जायेगा।

साक्षरता अभियान Summary in Hindi

साक्षरता अभियान कविता का सार

‘साक्षरता अभियान’ डॉ. कमलेश बंसल द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कविता है। कवयित्री का मानना है कि स्वयं पढ़कर तथा अनपढ़ लोगों को पढ़ाकर अज्ञानता को दूर किया जा सकता है, जिससे देश उन्नति करेगा। साक्षर बनने के लिए हमें एक – एक शब्द याद करना चाहिए। अपना शब्द भण्डार बढ़ाना चाहिए।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान

कवयित्री ने अपनी इस कविता में साक्षरता अभियान के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि चिड़िया कहीं दूर जंगल से तिनका चुनकर लाती है और उन तिनकों को जोड़ जोड़ कर अपना एक छोटा – सा घोंसला बना लेती है। मुसाफ़िर एक – एक कदम बढ़ाकर अपने रास्ते पर चलते रहते हैं। वे अपने अन्दर हिम्मत और विश्वास जगाकर अपनी मंजिल को प्राप्त कर लेते हैं। पानी की छोटी – छोटी बूंदें टपक – टपक कर घड़ा भर देती हैं।

यदि घड़े में छेद हो जाए तो पानी बूंद – बूंद कर के बह जाता है तथा घड़ा खाली हो जाता है। हम प्रतिदिन पढ़कर ज्ञानवान बन सकते हैं और इसी प्रकार एक – एक पैसा इकट्ठा कर के हम धन भी इकट्ठा कर सकते हैं। यदि हम हर पल अक्षरों को सीखें तथा दूसरों को सीखाएं तो हम पूर्ण ज्ञाता बन सकते हैं।

मेहनत से धन तथा यश की प्राप्ति होती है। हम सब भारत देश के बच्चे हैं। हम आगे ही आगे बढ़ते जाएंगे। मेहनत करना हमारा धर्म है। हम कभी घबराएंगे नहीं। हम पढ़ – लिख कर अपने ज्ञान का विस्तार करेंगे। हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। हम समाज में ऊँच – नीच के भेद – भाव को समाप्त करके अपने जीवन को धन्य बनाएंगे।

साक्षरता अभियान काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

1. दूर कहीं जंगल से तिनका,
चिड़िया बीन – बीन कर लाती।
जोड़ – जोड़ इन तिनकों को
लघु अपना वह नीड़ रचाती।
राहगीर पग बढ़ा बढ़ा कर
निज पथ पर चलते रहते हैं।
हिम्मत और विश्वास जगा कर,
मंज़िल को पा जाते हैं।

शब्दार्थ :

  • बीन – बीन = इकट्ठा करना, चुन – चुन कर, चुगना।
  • लघु = छोटा।
  • नीड़ = घोंसला।
  • पग = कदम।
  • निज पथ = अपना रास्ता।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक में संकलित डॉ० कमलेश बंसल की ‘साक्षरता अभियान’ शीर्षक कविता में से लिया गया है। इस कविता में कवयित्री ने साक्षरता अभियान एवं उसके महत्त्व पर प्रकाश डाला है।

सरलार्थ – कवयित्री कहती है कि चिड़िया कहीं दूर जंगल से तिनका चुन कर लाती है और उन तिनकों को जोड़ – जोड़ कर अपना एक छोटा – सा घोंसला बना लेती है। मुसाफ़िर एक – एक कदम बढ़ाकर अपने रास्ते पर चलते रहते हैं। वे अपने अन्दर हिम्मत और विश्वास जगाकर अपनी मंजिल को प्राप्त कर लेते हैं। भाव यह है कि लगातार प्रयत्न करने से सफलता प्राप्त हो जाती है।

विशेष –

  • कवयित्री ने प्रयास को सफलता की कुंजी माना है।
  • भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।

2. जल की छोटी – छोटी बूंदें
टपक – टपक घट भर देती।
छेद एक यदि उस में कर दें
बूंदें घट खाली कर देतीं।
थोड़ा – थोड़ा प्रतिदिन पढ़कर
हम ज्ञानी बन सकते हैं,
रोज बचाएं यदि एक पैसा,
धन एकत्रित कर सकते हैं।

शब्दार्थ :

  • घट = घड़ा।
  • छेद = सुराख।
  • प्रतिदिन = हर रोज़।
  • ज्ञानी = ज्ञानवान्।
  • एकत्रित = इकट्ठा।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलित डॉ० कमलेश बंसल की कविता ‘साक्षरता अभियान’ से लिया गया है। इस कविता में उन्होंने शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डाला है।

सरलार्थ – कवयित्री कहती है कि पानी की छोटी – छोटी बूंदें टपक – टपक कर घड़ा भर देती हैं। यदि घड़े में छिद्र हो जाए तो पानी बूंद – बूंद कर बह जाता है और घड़ा खाली हो जाता है। हम हर रोज़ थोड़ा – थोड़ा पढ़ कर ज्ञानवान बन सकते हैं। यदि हम रोज़ एक एक पैसा बचाएँ तो धन इकट्ठा कर सकते हैं।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान

विशेष –

  • कवयित्री ने प्रति दिन पढ़ने की आदत बनाने तथा धन संचय करने पर बल दिया है।
  • भाषा भावानुकूल है।

3. एक एक अक्षर भी हर पल
सीखें और सिखाते जाएँ।
शब्द ज्ञान बढ़ाएँ अपना
भाषा पर अधिकार जमाएँ।
रखें निरन्तर यह क्रम जारी,
मेहनत लाती है धन मान
साक्षरता अभियान चलाएँ
बन जाएँ भारी विद्वान्।

शब्दार्थ :

  • शब्द – ज्ञान = शब्दों का ज्ञान।
  • निरन्तर = लगातार।
  • क्रम – सिलसिला।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलित डॉ० कमलेश बंसल की कविता साक्षरता अभियान’ से लिया गया है। इस कविता में उन्होंने शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डाला है।

सरलार्थ – कवयित्री कहती है कि हम हर एक – एक अक्षर सीखें और दूसरों को सिखाते जाएँ। अपने शब्दों के ज्ञान बढ़ाएँ और भाषा पर अधिकार जमाएँ, भाषा के पूर्ण ज्ञाता बनें। यह क्रम लगातार जारी रखें। मेहनत से ही धन और यश प्राप्त होता है। हम साक्षरता का अभियान चलाएँ और अच्छे विद्वान् बन जाएँ।

PSEB 7th Class Hindi Solutions Chapter 13 साक्षरता अभियान

विशेष –

  • कवयित्री ने सीखने और सिखाने की नीति पर बल दिया है।
  • भाषा सरल तथा सहज है।

4. देश भारत के हम सब बालक,
आगे बढ़ते जाएँगे।
श्रम करना है धर्म हमान,
कभी नहीं घबराएँगे।
पढ़ लिख अपना ज्ञान बढ़ाएँ
लेकर सबको साथ चलेंगे।
ऊँच नीच का भेद मिटाकर,
जीवन अपना कृतार्थ करेंगे।

शब्दार्थ :

  • श्राम = मेहनत।
  • कृतार्थ = धन्य

प्रसंग – प्रस्तुत पांश हमारी पाठ्य – पुस्तक में संकलिन डॉ. कमलेश बंसल जी की किस अभियान से लिया गया है। इसविता में होने सि के महत्व पर प्रकाश टाला है।

सरलार्थ – कर्वायत्री कहती है कि हम सब भारत देश के बच्चे हैं। आगे ही आगे सदले जाही मेहनत करना हमारा धर्म है। हम कभी भी घबराएंगे नहीं। पढ़ लिख कर कम उप जान को बढ़ाएँगे। हम सबको साथ लेकर चलेंगे। ऊँच – नीच का भेद – भाव खत्म कर हम सबने गेसन को अन्य बनाएँगे।

विशेष –

  • कवयत्री ने शिक्षा के बल पर देश की उन्नति होने की बात कही है।
  • भाषा तत्सम, तद्भव शब्दों से युक्त है। 15 भाषा सरल, सहज तथा भावानुकूल है।