PSEB 9th Class Computer Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

Punjab State Board PSEB 9th Class Computer Book Solutions Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1) Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Computer Chapter 1 एम०एस० एक्सल (भाग-1)

Computer Guide for Class 9 PSEB एम०एस० एक्सल (भाग-1) Textbook Questions and Answers

1. रिक्त स्थान भरें

1. एक्सल वर्क बुक में ………. होती है।
(क) वर्कशीट्स
(ख) रोअज
(ग) कॉलम
(घ) फार्मूला।
उत्तर-
(क) वर्कशीट्स।

2. सैल का असल मूल्य ………….. में दिखाई देता है।
(क) टाइटल
(ख) मीनू
(ग) फार्मूला
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) फार्मूला।

3. ………… फारमेटिंग द्वारा एक या ज्यादा रूल एक सैल पर लगाए जा सकते हैं।
(क) फार्मूला
(ख) फंक्शन
(ग) कंडीशनल
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) कंडीशनल।

4. फारमेट कमांड ……….. टैब में होती है।
(क) होम
(ख) इन्सर्ट
(ग) डाटा
(घ) फार्मूला।
उत्तर-
(क) होम।

5. सारे फार्मूले ………… से शुरू होने चाहिए।
(क) सिगमा
(ख) जमा चिन्ह
(ग) बराबर चिन्ह
(घ) कोई भी नहीं।
उत्तर-
(ग) बराबर चिन्ह ।

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6. वर्कशीट में डाटा …………… द्वारा क्रमबद्ध किया जा सकता है।
(क) फार्मूला
(ख) फंक्शन
(ग) फिल्टर
(घ) सोर्डिंग।
उत्तर-
(घ) सोर्टिंग।

7. सोर्ट तथा फिल्टर कमांड ………… टैब में होती है।
(क) होम
(ख) इन्सर्ट
(ग) डाटा
(घ) फार्मूला।
उत्तर-
(ग) डाटा।

2. छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
फारमेटिंग क्या होती है ?
उत्तर-
किसी भी सैल के कंटैंट की अपनी आवश्यकता अनुसार दिखावट बदलने की प्रक्रिया को फारमेटिंग कहते हैं। इसमें टैक्सट का आकार, रंग, फोंट आदि बदला जाता है। नंबरों के फारमेट भी इसी के अंदर बदले जाते हैं। इसका मकसद अपनी रिपोर्ट को सुंदर बनाने से होता है।

प्रश्न 2.
एक्सल में नंबर फारमेट को प्रभावित करें।
उत्तर-
नंबर फारमेट एक्सल के किसी सैल में नंबरों को दिखाने वाले विभिन्न स्टाइल को कहते हैं। नंबरों के प्रयोग के अनुसार उन्हें दिखावट प्रदान की जा सकती है। एक्सल में निम्न नंबर फारमेट उपलब्ध है।

  1. जनरल
  2. करंसी
  3. डेट/टाइम
  4. नंबर।

प्रश्न 3.
साधारण फार्मूलों में कौन-से स्टैंडर्ड ऑपरेटर प्रयोग किये जाते हैं ?
उत्तर-
साधारण फार्मूलों में निम्न स्टैंडर्ड ऑपरेटर प्रयोग किये जाते हैं-
= बराबर के लिए
+ जमा के लिए
– घटाव के लिए
* गुणा के लिए
/ भाग के लिए।

प्रश्न 4.
सैल रेफरेंस क्या होता है ?
उत्तर-
एक्सल के किसी एक सैल में फार्मूले या फंक्शन में दूसरे सैल के पते के प्रयोग को सैल रेफरेंस कहते हैं। इस के प्रयोग से हम उस दूसरे सैल के मूल्य का प्रयोग कर सकते हैं। सैल रेफरेंस तीन प्रकार के होते हैं-

  1. एबसोल्यूट
  2. रिलेटिव
  3. मिक्सड।

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प्रश्न 5.
फंक्शन के कौन-कौन से भाग होते हैं ?
उत्तर-
फंक्शन के निम्न भाग होते हैं –
= : बराबर का चिन्ह फंक्शन की शुरुआत को दर्शाता है।
फंक्शन का नाम : प्रत्येक फंक्शन का एक नाम होता है।
( ) : इसके बाद बरैक्टस का प्रयोग होता है।
आर्गुमैंट : प्रत्येक फंक्शन में विभिन्न प्रकार के आर्गुमैंट प्रयोग होते हैं।

प्रश्न 6.
सोर्टिंग क्या होती है ?
उत्तर-
डाटे को किसी खास क्रम में क्रमबार करने की प्रक्रिया को सोर्टिंग कहते हैं। टैक्सट को A से Z तथा Z से A की तरफ तथा नंबर को 0 से 9 या 9 से 0 के क्रम में सोर्ट किया जाता है।

प्रश्न 7.
फिल्टर क्या होते हैं ?
उत्तर-
पूर्ण डाटे से आंशिक डाटा प्राप्त करने के लिए जिस फैसिल्टी का प्रयोग किया जाता है। उन्हें फिल्टर कहते हैं। इनका प्रयोग बड़े डाटे पर करके कार्य को आसान करने के लिए किया जाता है।

3. बड़े उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
मर्ज तथा सैंटर क्या होता है ? सैलों के एक ग्रुप को मर्ज करने के पग लिखें।
उत्तर-
मर्ज तथा सैंटर वह सेवा है जिसके द्वारा दो या ज्यादा सैलों को पहले एक सैल में मर्ज किया जाता है तथा फिर उसके कंटैंट को सैंटर अलाइन किया जाता है। ये दोनों कार्य एक ही कमांड द्वारा किये जाते हैं। इस प्रक्रिया में सारे सैलों के कंटैंट इकट्ठे हो जाते हैं। मर्ज करने के पग-सैलों को मर्ज करने के निम्न पग होते हैं –

  1. सबसे पहले सैलों का चुनाव करें।
  2. Home टैब पर क्लिक करें।
  3. मर्ज तथा सैंटर बटन पर क्लिक करें।

सारे सैल मर्ज हो जाएंगे तथा उनका डाट सैंटर हो जाएगा।
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प्रश्न 2.
कंडीशनल फारमेटिंग क्या होती है ? कंडीशनल फारमेटिंग नियम बनाने के पग लिखो।
उत्तर-
कंडीशनल फारमेटिंग डाटा को फारमेट करने का एक ढंग है। इसमें डाटा को खास कंडीशन के आधार पर फारमेट किया जा सकता है। ये कंडीशन्ज़ यूजर की अपनी ज़रूरत के अनुसार होती है। यदि दी गई कंडीशन पूरी हो रही हो तो फारमेटिंग लागू हो जाती है अन्यथा वह फारमेटिंग लागू नहीं होती। कंडीशनल फारमेटिंग नियम बनाने के पग निम्न हैं –

(1) सबसे पहले सैल का चुनाव करें।
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(2) Format टैब पर क्लिक करें।
(3) Conditional Formating पर क्लिक करें।
(4) अपनी आवश्यकता अनुसार कंडीशन को डिफाइन करें।
(5) OK पर क्लिक करें।
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प्रश्न 3.
सैल क्या होता है ? आप अपनी मौजूदा वर्क शीट में एक सैल को किस प्रकार दाखिल कर सकते हैं ?
उत्तर-
एक्सल के रोअ तथा कॉलम के काट क्षेत्र को सैल कहते हैं। यह आयताकार आकृति होती है, एक्सल का सारा कार्य इसी में किया जाता है। इसी में टैक्सट, नंबर, फार्मूले तथा फंक्शन एंटर किये जाते हैं। नया सैल दाखिल करना-एक्सल में कहीं भी नया सैल दाखिल किया जा सकता है। इसके निम्न पग हैं-
(1) पहले उस सैल का चुनाव करें जहां नया सैल दाखिल करना है।
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(2) Insert Cell पर क्लिक करें।
(एक डायलाग बाक्स नज़र आएगा।)
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(3) अपनी आवश्यकता अनुसार विकल्प का चुनाव करें।
(4) OK पर क्लिक करें। (नया सैल दाखिल हो जाएगा।)

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प्रश्न 4.
फार्मूला क्या होता है ? एक्सल में एक साधारण फार्मूला बनाने के पग लिखो।
उत्तर-
फार्मूला एक्सल में किसी भी गणितीय फार्मूले का एक रूप होता है जिस प्रकार गणित में चरों तथा अचरों के मेल से फार्मूला बनता है, जिसका एक आऊटपुट प्राप्त होता है। इसी प्रकार, एक्सल में किसी खास गणना को करने के लिए चर,अचर तथा सैल मूल्यों का प्रयोग किया जाता है। इससे गणना का कार्य आसान तथा शीघ्र हो जाता है। फार्मूला बनाने के पग-एक्सल में फार्मूला निम्न प्रकार से दाखिल किया जा सकता है –

  1. उस सैल का चुनाव करें जहां फार्मूला दाखिल करना है।
  2. बराबर ( = ) का निशान डालें।
  3. फार्मूला टाइप करें।
  4. एंटर कीअ दबाएं। फार्मूला दाखिल हो जाएगा।

प्रश्न 5.
फंक्शन क्या होता है ? एक्सल में एक बेसिक फंक्शन बनाने के पग लिखें।
उत्तर-
फंक्शन फार्मूले का ही उन्नत रूप है। फार्मूले हर बार टाइप करने पड़ते हैं तथा उनमें ग़लतियां भी हो जाती हैं। इनमें समय भी ज्यादा लगता है। बड़ा कार्य करने में फार्मूला भी बड़ा हो जाता है जिससे कार्य कठिन हो जाता है। फंक्शन एक्सल में बने बनाए फार्मूले होते हैं जिन्हें एक खास नाम के अंदर स्टोर किया जाता है। उस नाम का प्रयोग करके फंक्शन का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें अपरेटर बार-बार दाखिल नहीं करने पड़ते।

बेसिक फंक्शन दाखिल करने के पग-एक्सल में बेसिक फंक्शन निम्न पग का प्रयोग करके दाखिल किया जा सकता है।

  • सबसे पहले सैल का चुनाव करें जहां फंक्शन दाखिल करनी है।
  • Formula टैब पर क्लिक करें।
  • Function बटन पर क्लिक करें।
  • आवश्यकता अनुसार फंक्शन ग्रुप तथा फंक्शन का चुनाव करें।
  • फंक्शन में प्रयोग होने वाले आर्गुमैंट दाखिल करें।
  • OK पर क्लिक करें। (फंक्शन दाखिल हो जाएगा।)

PSEB 8th Class Computer Guide एम०एस० एक्सल (भाग-1) Important Questions and Answers

रिक्त स्थान भरें

1. फार्मूलों का इस्तेमाल ………… करने के लिए किया जाता है।
उत्तर-
गणना,

2. …………… लिखने के बाद ब्रैकटों का जोड़ा पाया जाता है।
उत्तर-
फंक्शन,

3. नम्बरों की लड़ी में सबसे बड़ा नम्बर पता करने के लिए ………….. फंक्शन का इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर-
Max,

4. ……………… फंक्शन का इस्तेमाल दिये नम्बर का वर्गमूल पता करने के लिए किया जाता है।
उत्तर-
Sqrt,

5. ………………. डाटे को चित्रकारी (Graphical) रूप में प्रदर्शित करने का प्रभावशाली तरीका
उत्तर-
चार्ट।

सही या गलत बताइये-

1. फार्मूला हमेशा प्रश्न चिन्ह (?) से शुरू होता है।
उत्तर-
गलत,

2. रिलेटिव रेफरेंसिंग में कापी किया फार्मूले बदल जाता है।
उत्तर-
सही,

3. MAX फंक्शन का इस्तेमाल लड़ी के बीच में सबसे छोटे नम्बर को दिखाने के लिए किया जाता
उत्तर-
गलत,

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4. एक्सल सिर्फ तीन प्रकार के चार्ट प्रदान करवाता है।
उत्तर-
गलत,

5. फार्मूला और फंक्शन में कोई फ़र्क नहीं होता।
उत्तर-
गलत।

सही मिलान करें

A B
1. फार्मूले 1. रिलेटिव, एबसोल्यूट मिक्सड
2. सैल रेफरेंसिंग 2. औसत पता करने के लिए
3. फंक्शन 3. कॉलमज़, पाई, बार आदि
4. एवरेज (AVERAGE) 4. पहले से परिभाषित फार्मूले
5. चार्ट की किस्में 5. संकेतों (Expression) का समूह।

उत्तर-

A B
1. फार्मूले संकेतों (Expressions) का समूह।
2. सैल रेफरेंसिंग रिलेटिव, एबसोल्यूट, मिक्सड
3. फंक्शन पहले से परिभाषित फार्मूले
4. एवरेज (AVERAGE) औसत पता करने के लिए
5. चार्ट की किस्में कॉलमज़, पाई, बार आदि।

छोटे उत्तर वाले प्रश्न

प्रश्न 1.
फार्मूले क्या होते हैं ?
उत्तर-
फार्मूले अलग-अलग संकेतों का समूह होते हैं। यह संकेत, नम्बर, सैल, एडरैस, गणित के निशान या टैक्सट आदि हो सकते हैं। फार्मूले हमें कुछ गणना करके उत्तर देते हैं।

प्रश्न 2.
एबसोल्यूट रेफरेंसिंग पर एक नोट लिखें।
उत्तर-
एबसोल्यूट रेफरेंसिंग वो रेफरेंसिंग है जिसमें फार्मूले को अन्य सैलों में कापी करने से रेफरेंसिंग बदलती नहीं है। इसलिए $ चिन्ह का इस्तेमाल किया जाता है।

प्रश्न 3.
एक्सल में इस्तेमाल किये जाने वाले गणितिक फंक्शन की सूची बनायें।
उत्तर-
एक्सल में नीचे लिये गणितिक फंक्शनज़ इस्तेमाल किए जाते हैं –

  1. Sum
  2. Mod
  3. Sqrt
  4. Round
  5. Fact
  6. Power
  7. Product
  8. PI.

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प्रश्न 4.
एक्सल में कौन-कौन से स्टैटीकल फंक्शन इस्तेमाल किये जाते हैं ?
उत्तर-
एक्सल में नीचे लिखे स्टैटीकल फंक्शन इस्तेमाल किये जाते हैं

  • Max
  • Min
  • Average
  • Count
  • Stddev

प्रश्न 5.
नम्बरों (अंकों) को टैक्सट के रूप में दाखिल करवाने के लिए क्या किया जाता है ?
उत्तर-
बराबर का चिन्ह (=) डाल कर डबल कोमा में लिखा जाता है।

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प्रश्न 6.
फारमेट सैल डायलाग बाक्स कौन-सी आप्शन से खोला जाता है ?
उत्तर-
फारमेट मीनू की सैल आप्शन से।

प्रश्न 7.
फार्मूला दाखिल करने से पहले कौन-सा चिन्ह लगाया जाता है ?
उत्तर-
= (बराबर का)

प्रश्न 8.
कौन-सी रेफरेंसिंग में कापी किए सैल का एडरैस नए सेल में जाकर बदल जाता है ?
उत्तर-
रेलेटिव रेफरेंसिंग में।

प्रश्न 9.
प्रयोगकर्ता की तरफ से फंक्शन की दी कीमतों को क्या कहते हैं ?
उत्तर-
आरगुमैंट।

प्रश्न 10.
आप C5 से C10 तक सैलों का जोड़ करने के लिए फंक्शन कैसे प्रयोग करोगे ?
उत्तर-
Sum (C5 : C10)

प्रश्न 11.
फंक्शन में आरगुमैंट को किस में बंद करके लिखा जाता है ?
उत्तर-
बॅकटों में।

प्रश्न 12.
MAX फंक्शन का क्या काम है ?
उत्तर-
सबसे अधिक कीमत चुनने के लिए।

प्रश्न 13.
आटोसम बटन कहां उपलब्ध होता है ?
उत्तर-
ट्रल बार में।

प्रश्न 14.
एक्सल की वह विशेषता बताओ जिस द्वारा फंक्शन का परिणाम स्टेटस बार पर नज़र आता है ?
उत्तर-
आटो कैलकुलेट।

प्रश्न 15.
कौन-सी सुविधा द्वारा फंक्शन को टाइप किए बगैर ऐंटर किया जा सकता है ?
उत्तर-
पेस्ट फंक्शन।

प्रश्न 16.
क्या फंक्शनों की एडिटिंग की जाती है ?
उत्तर-
हां।

प्रश्न 17.
सैल एडरैस क्या होता है ?
उत्तर-
वो एडरैस जिसके द्वारा किसी सैल को जाना जाता है उसको सैल एडरैस कहते हैं। यह वास्तव में रो और कॉलम के मेल से बनता है।

प्रश्न 18.
एक्सल में किस प्रकार का डाटा इनसर्ट किया जा सकता है ?
उत्तर-
एक्सल में तीन प्रकार का डाटा इनसर्ट किया जा सकता है-

  1. टैक्सट
  2. नंबर
  3. फार्मूला।

प्रश्न 19.
वर्कशीट में कॉलमज़ इनसर्ट करने के स्टैप बताइये।
उत्तर-
वर्कशीट में कॉलमज़ नीचे लिखे अनुसार इनसर्ट किये जा सकते हैं

  1. उस कॉलम को सलैक्ट करो जिसके बाईं तरफ आप नया कॉलम इनसर्ट करना चाहते हो।
  2. Insert मीनू पर क्लिक करें।
  3. Columns पर क्लिक करें। (नया कॉलम इनसर्ट हो जायेगा।)

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प्रश्न 20.
वर्कशीट में से किसी रो को हटाने के स्टैप बताइये।
उत्तर-
वर्कशीट में से रो को नीचे लिखे ढंग से हटाया जा सकता है –

  • उस रो को सिलैक्ट करें जिसको डिलीट करना है।
  • Edit मीनू पर क्लिक करें।
  • Delete आप्शन को हाईलाइट करें।
  • Entire Row पर क्लिक करें। (रो डिलीट हो जाएगी।)

प्रश्न 21.
कॉलमज़ की चौड़ाई (Width) बदलने के स्टैप बताइये।
उत्तर-
कॉलमज़ की चौड़ाई नीचे लिखे अनुसार बदली जा सकती है-

  1. उस कॉलम में क्लिक करें जिसकी चौड़ाई बदलनी हो।
  2. Format → Column → Width पर क्लिक करें। (एक डॉयलाग बाक्स दिखाई देगा।)
  3. Column Width में कॉलम की चौड़ाई भरें।
  4. OK बटन पर क्लिक करें। (कॉलम की चौड़ाई बदल जायेगी।)

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

PSEB 9th Class Science Guide ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਦੀ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਵਿਧੀ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ਜਿਸ ਨਾਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪੈਦਾਵਾਰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਸਕੇ । ਉੱਤਰ-ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਦੀ ਜਿਸ ਵਿਧੀ ਨਾਲ ਵਧੇਰੇ ਪੈਦਾਵਾਰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ, ਉਹ ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਇਕੱਠੇ ਕਿਸੇ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਖ਼ਾਸ ਪੈਟਰਨ ‘ਤੇ ਉਗਾਇਆਂ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਕਤਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀ ਫ਼ਸਲ ਅਤੇ ਉਸ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਨਾਲ ਦੀ ਕਤਾਰ ਵਿੱਚ ਦੂਜੀ ਫ਼ਸਲ ਉਗਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਉਦਾਹਰਨ-

  1. ਸੋਇਆਬੀਨ + ਮੱਕੀ
  2. ਬਾਜਰਾ + ਲੋਬੀਆ

ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀ ਚੋਣ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਲੋੜਾਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਜੋ ਪੋਸ਼ਕਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋ ਸਕੇ ।ਇਸ ਵਿਧੀ ਰਾਹੀਂ ਸਾਰੀਆਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਪੀੜਕਾਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ 1

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਿਉਂ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਧਾਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਦੀ ਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਾਰਨ ਰੇਤਲੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਸਾਂਭਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਚੀਕਣੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਜ਼ੀਰਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਇਕੱਠਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ, ਫਾਸਫੋਰਸ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇਕ ਵਾਧਾ ਵਧੀਆ ਤਰੀਕੇ ਨਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਸਿਹਤਮੰਦ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲੀ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲੀ ਚੱਕਰ ਅਪਨਾਉਣ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਅੰਤਰ-ਫ਼ਸਲੀਕਰਨ ਦੁਆਰਾ ਇਕੋ ਸਮੇਂ ਕਿਸੇ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਦੋ ਜਾਂ ਦੋ ਤੋਂ ਵੱਧ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਦਾ ਵਧੇਰੇ ਉਪਯੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨਾਲ ਪੀੜਕਾਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਸਾਰੇ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਵਧੀਆ ਉਤਪਾਦਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਕਿਸੇ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਵਾਰ-ਵਾਰ ਪਹਿਲਾਂ ਤੋਂ ਹੀ ਯੋਜਨਾ ਅਨੁਸਾਰ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਫ਼ਸਲ-ਚੱਕਰ ਦੇ ਅਧੀਨ ਉਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਫ਼ਸਲ ਨੂੰ ਪੱਕਣ ਲਈ ਕਿੰਨਾ ਸਮਾਂ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਇਸ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਉੱਚਿਤ ਫ਼ਸਲ ਚੱਕਰ ਨੂੰ ਅਪਣਾਉਣ ਨਾਲ ਸਾਲ ਵਿੱਚ ਦੋ ਤਿੰਨ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦਾ ਵਧੀਆ ਉਤਪਾਦਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।

ਇਸ ਦੇ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਲਾਭ ਹਨ-

  1. ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਠੀਕ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਉਪਜ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਖੇਤ ਨੂੰ ਖ਼ਾਲੀ ਨਹੀਂ ਛੱਡਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਇੱਕੋ ਹੀ ਖੇਤ ਵਿੱਚ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀ ਅਦਲਾ-ਬਦਲੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  5. ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਕੰਟਰੋਲ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  6. ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਵਰਗ ਦੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਬੱਚਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  7. ਪੀੜਕਾਂ ਨੂੰ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ।
  8. ਫ਼ਸਲਾਂ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।
  9. ਕੀਟਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ `ਤੇ ਰੋਕ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਅਣੂਵੰਸ਼ਿਕ ਫੇਰ ਬਦਲ ਕੀ ਹੈ ? ਖੇਤੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦੀ ਕੀ ਮਹੱਤਤਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਣੂਵੰਸ਼ਿਕ ਫੇਰ ਬਦਲ – ਅਣੂਵੰਸ਼ਿਕ ਫੇਰ ਬਦਲ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਇੱਛੁਕ ਗੁਣ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਹੈ । ਇਸ ਦੁਆਰਾ ਰੋਗਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕਤਾ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ, ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਂਦਾ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਅਨੁਰੂਪਤਾ, ਉਪਜ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਅਤੇ ਵਧੇਰੇ ਉਤਪਾਦਨ ਦੇ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦਾ ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਅਣੂਵੰਸ਼ਿਕ ਗੁਣਾਂ ਵਾਲੇ ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਸੰਕਰਨ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਸੰਕਰਨ ਅੰਤਰ ਕਿਸਮੀ (ਵੱਖ ਕਿਸਮਾਂ ਵਿੱਚ), ਅੰਤਰ ਸਪੀਸ਼ੀਜ਼ (ਇਕ ਹੀ ਜੀਨਸ ਦੀਆਂ ਦੋ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਪੀਸ਼ੀਜ਼ ਵਿੱਚ) ਅਤੇ ਅੰਤਰ-ਵੰਸ਼ੀ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜੇਨਰਾਂ ਵਿੱਚ), ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਸਿੱਟੇ ਵਜੋਂ ਅਣੁਵੰਸ਼ਿਕ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਫ਼ਸਲਾਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । ਖੇਤੀ ਪ੍ਰਣਾਲੀਆਂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਬੀਜਾਂ ਦੀਆਂ ਨਵੀਆਂ-ਨਵੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਅਤੇ ਜਾਤੀਆਂ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਅਨਾਜ ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਆਰਥਿਕ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਹੋਇਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਭੰਡਾਰ-ਘਰਾਂ (ਗੋਦਾਮਾਂ) ਵਿੱਚ ਅਨਾਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਕਿਵੇਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੰਡਾਰ-ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਅਨਾਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਦੋ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨਾਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ-

  1. ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ
  2. ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ

ਜੈਵਿਕ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕੀਟ, ਉੱਲੀਆਂ, ਚਿੱਚੜੀ ਅਤੇ ਜੀਵਾਣੂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਭਾਰ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਉਤਪਾਦ ਬੇਰੰਗਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਪੁੰਗਰਨ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
ਅਜੈਵਿਕ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਨਮੀ ਅਤੇ ਤਾਪ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਫ਼ਸਲ ਵਿੱਚ ਉੱਲੀ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਚੰਗੀਆਂ ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਕਿਵੇਂ ਲਾਭਦਾਇਕ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੇ ਲਈ ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਪ੍ਰਣਾਲੀਆਂ ਬਹੁਤ ਉਪਯੋਗੀ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਪਸ਼ੂਆਂ ਤੋਂ ਵੀ ਆਰਥਿਕ ਲਾਭ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।

  • ਖਾਦ ਪਦਾਰਥ ਦੇਣ ਵਾਲੇ – ਗਾਂ, ਮੱਝ ਆਦਿ ਪਸ਼ੂਆਂ ਤੋਂ ਦੁੱਧ ਮਿਲਦਾ ਹੈ । ਦੁੱਧ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਪੂਰਨ ਭੋਜਨ ਹੈ ਅਤੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵੱਧਣ-ਫੁੱਲਣ ਲਈ ਇਸ ਵਿੱਚ ਸਾਰੇ ਜ਼ਰੂਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  • ਖਾਦ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ – ਸਾਰੇ ਪਾਲਤੂ ਪਸ਼ੂ; ਜਿਵੇਂ-ਬਲਦ, ਮੱਝ, ਬੱਕਰੀ, ਊਠ, ਘੋੜਾ, ਗਾਂ ਆਦਿ ਦੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਖਾਦ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  • ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਅਤੇ ਭਾਰ ਢੋਣਾ – ਬਲਦ, ਘੋੜਾ, ਖੱਚਰ, ਊਠ ਆਦਿ ਪਸ਼ੂ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੇ ਲਈ ਖੇਤੀ ਦੇ ਕੰਮ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਾਮਾਨ ਨੂੰ ਇਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ਤੇ ਢੋ ਕੇ ਲੈ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਦੇ ਲਾਭ-

  1. ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਪਸ਼ੂਆਂ ਤੋਂ ਦੁੱਧ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਪੋਲਟਰੀ ਫਾਰਮ ਤੋਂ ਆਂਡਿਆਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  3. ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ ਤੋਂ ਮਾਸ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  4. ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਖਾਦ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ।
  5. ਬੈਲ, ਊਠ, ਖੱਚਰ ਆਦਿ ਪਸ਼ੂਆਂ ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਪੱਧਤੀ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਵਿੱਚ ਲਿਆਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  6. ਭਾਰ ਢੋਣ ਵਾਲੇ ਪਸ਼ੂ ਭਾਰ ਢੋਂਦੇ ਹਨ ।
  7. ਮਧੂਮੱਖੀ ਤੋਂ ਸ਼ਹਿਦ ਅਤੇ ਮੋਮ ਮਿਲਦਾ ਹੈ ।
  8. ਭੇਡ ਬੱਕਰੀਆਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਉੱਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜੋ ਸਰਦੀਆਂ ਵਿੱਚ ਸਾਨੂੰ ਠੰਢ ਤੋਂ ਬਚਾਉਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਾਉਣ ਲਈ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ, ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮਧੂ-ਮੱਖੀ ਪਾਲਣ ਵਿੱਚ ਕੀ ਸਮਾਨਤਾਵਾਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਤਪਾਦਨ ਵਧਾਉਣ ਲਈ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ, ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮਧੂ-ਮੱਖੀ ਪਾਲਣ ਵਿੱਚ ਉੱਚਿਤ ਦੇਖ-ਭਾਲ ਅਤੇ ਵਿਗਿਆਨਿਕ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀਕੋਣ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਅਨੁਕੂਲਤਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਲਈ ਉੱਚਿਤ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਮੱਛੀ ਫੜਨਾ (Fishing), ਮੈਰੀਕਲਚਰ (Marine culture) ਅਤੇ ਜਲ-ਕਲਚਰ (Aqua-culture) ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-

  • ਮੱਛੀ ਫੜਨਾ (Fishing) – ਸਾਫ਼ ਲੁਣ-ਰਹਿਤ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰੀ ਲੂਣ ਸਹਿਤ ਜਲ ਸਰੋਤਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਮੱਛੀ ਫੜੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ | ਅਜਿਹੇ ਜਲ ਸਰੋਤ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਤਲਾਬ, ਛੱਪੜ, ਨਦੀ, ਨਦੀਆਂ ਦੇ ਮੁਹਾਣੇ, ਗੁਨ ਆਦਿ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦਨ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  • ਮੈਰੀਕਲਚਰ (Marine culture) – ਆਰਥਿਕ ਮਹੱਤਵ ਦੀਆਂ ਕਈ ਮੱਛੀਆਂ ਦਾ ਵਾਧਾ ਸਮੁੰਦਰੀ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਨੂੰ ਮੈਰੀਨ ਕਲਚਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ , ਜਿਵੇਂ -ਮੁਲੇਟ, ਭੇਟਕੀ, ਪਰਲ ਸਪਾਟ ਝੱਗਾ, ਮਰੁੱਸਲ, ਆਇਸਟਰ ਆਦਿ ।
  • ਜਲ-ਕਲਚਰ (Aqua-culture) – ਤਾਲਾਬਾਂ ਵਿੱਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ ਦਾ ਵਾਧਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਾਲੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ ਵਿੱਚ ਆਪਸੀ ਮੁਕਾਬਲਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਤਾਲਾਬ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀਆਂ ਦਾ ਉਤਪਾਦਨ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਮੱਛੀ ਪਾਲਣ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਜਲ-ਕਲਚਰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਮੱਛੀਆਂ ਜਲ ਸਰੋਤ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹਿੱਸਿਆਂ ਤੋਂ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ , ਜਿਵੇਂ-
    ਕਟਲਾ-ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ
    ਰੋਹੁ-ਤਾਲਾਬ ਦੇ ਮੱਧ ਵਿੱਚੋਂ
    ਮ੍ਰਿਗਲ, ਕਾਮਨ ਕਾਰਪ-ਤਾਲਾਬ ਦੇ ਤਲ ਤੋਂ ।

Science Guide for Class 9 PSEB ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਅਨਾਜ, ਦਾਲ, ਫ਼ਲ ਅਤੇ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਕੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਨਾਜ ਸਾਨੂੰ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਸਾਨੂੰ ਕਣਕ, ਚਾਵਲ, ਮੱਕੀ, ਬਾਜਰਾ, ਜਵਾਰ ਆਦਿ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਦਾਲਾਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਛੋਲੇ, ਮਟਰ, ਮਾਂਹ, ਮੂੰਗ, ਅਰਹਰ ਅਤੇ ਮਸਰ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਫਲਾਂ ਅਤੇ ਸਬਜ਼ੀਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਵਿਟਾਮਿਨ, ਖਣਿਜ ਲੂਣ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਕੁੱਝ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਕਾਰਬੋਹਾਈਡਰੇਟ ਅਤੇ ਵਸਾ ਵੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਜੈਵਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਸਲਾਂ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਅਧਾਰ ਹਨ ।ਇਹ ਜੈਵਿਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਅਤੇ ਗੁਣਵੱਤਾ ਤੇ ਸਿੱਧਾ ਅਸਰ ਪੈਂਦਾ ਹੈ ।

  • ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ – ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਰੋਗ, ਕੀਟ ਅਤੇ ਨਿਮੋਟੋਡ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ | ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵ ਅਨਾਜ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਅਨਾਜ ਦੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਕਮੀ, ਨਾ-ਪੁੰਗਰਨਾ, ਬੇਰੰਪ ਹੋਣਾ, ਤਾਪ ਅਤੇ ਜ਼ਹਿਰੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਪੈਦਾ ਹੋਣਾ ਆਦਿ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਉੱਲੀ, ਖ਼ਮੀਰ ਅਤੇ ਜੀਵਾਣੁ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਚੂਹੇ ਅਤੇ ਪੰਛੀ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
  • ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕਾਂ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ – ਸੋਕਾ ਪੈਣਾ, ਸੇਮ, ਖਾਰਾਪਨ, ਹੜ, ਗਰਮੀ, ਠੰਡ ਅਤੇ ਪਾਲਾ ਆਦਿ ਦੇ ਕਾਰਨ ਫ਼ਸਲ ਉਤਪਾਦਨ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਅਨਾਜ ਨੂੰ ਰੋਗ ਲੱਗਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਐਨਜ਼ਾਈਮ, ਕੀਟ ਅਤੇ ਹੋਰ ਸੂਖ਼ਮ ਜੀਵ ਵੀ ਇਹਨਾਂ ਕਾਰਨਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੋ ਕੇ ਅਨਾਜ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਸੋਕਾ ਪੈਣ ਤੇ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਹੜ੍ਹ ਆਉਣ ਅਤੇ ਸੇਮ ਨਾਲ ਜੜਾਂ ਗਲ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਵਧੇਰੇ ਗਰਮੀ, ਠੰਡ ਅਤੇ ਪਾਲਾ ਵੀ ਉਪਜ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਫ਼ਸਲ ਸੁਧਾਰ ਲਈ ਇੱਛਤ ਖੇਤੀ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੇ ਗੁਣ ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂਆਂ ਲਈ ਚਾਰਾ ਤਦ ਹੀ ਵੱਧ ਪੈਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇ ਚਾਰੇ ਵਾਲੀਆਂ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀਆਂ ਸ਼ਾਖਾਵਾਂ ਵਧੇਰੇ ਹੋਣਗੀਆਂ | ਅਨਾਜ ਦੇ ਲਈ ਪੌਦੇ ਬੌਨੇ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਤਾਂਕਿ ਉਹਨਾਂ ਲਈ ਘੱਟ ਪੋਸ਼ਕਾਂ ਦੀ ਲੋੜ ਹੋਵੇ । ਫ਼ਸਲਾਂ ਵਿੱਚ ਅਜਿਹੇ ਸੁਧਾਰਾਂ ਲਈ ਇੱਛਤ ਖੇਤੀ ਵਿਗਿਆਨ ਸਹਾਇਕ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਕੀ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਕਿਉਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ – ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਪੋਸ਼ਕ ਲਈ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਲੋੜੀਂਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਛੇ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਹਨ-ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ, ਜ਼ਿੰਕ, ਕਾਪਰ, ਮਾਲੀ-ਬਡੇਨਮ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਪੌਦੇ ਆਪਣੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੌਦੇ ਆਪਣੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਹਵਾ ਵਿੱਚੋਂ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ | ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਹਾਈਡਰੋਜਨ ਮਿਲਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ 13 ਪੋਸ਼ਕ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ 6 ਬਹੁ-ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਅਤੇ 7 ਘੱਟ ਮਾਤਰੀ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਪੌਦੇ ਜੜਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚੋਂ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਜੋ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਮਿਲ ਕੇ ਜੜ੍ਹਾਂ ਦੁਆਰਾ ਸੋਖਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਬਚਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਬਚਾਈ ਰੱਖਣ ਲਈ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦੀ ਆਪਣੀ-ਆਪਣੀ ਭੂਮਿਕਾ ਹੈ ।

ਖਾਦ ਮਿੱਟੀ ਨੂੰ ਪੋਸ਼ਕਾਂ ਅਤੇ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨਾਲ ਭਰਪੂਰ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਨੂੰ ਵਧਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਕਾਰਨ ਰੇਤਲੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਰੱਖਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਚੀਕਣੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਕੱਢਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਪਾਣੀ ਇਕੱਠਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।

ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਤੋਂ ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਫਾਸਫੋਰਸ ਅਤੇ ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀਆਂ ਟਹਿਣੀਆਂ, ਪੱਤੇ ਅਤੇ ਫੁੱਲਾਂ ਦਾ ਵਾਧਾ ਵਧੀਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸਿਹਤਮੰਦ ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਰ ਇਹ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਆਰਥਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਹਿੰਗੀਆਂ ਪੈਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਾਵ ਵੀ ਆ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕਈ ਵਾਰ ਪਾਣੀ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦਾ ਕਾਰਨ ਵੀ ਬਣਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਸਾਵਧਾਨੀ ਨਾਲ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜੇ ਹਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਲਾਭ ਹੋਵੇਗਾ
(a) ਕਿਸਾਨ ਉੱਤਮ ਕਿਸਮ ਦੇ ਬੀਜ ਬੀਜਦੇ ਹਨ, ਸਿੰਚਾਈ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਵਰਤਦੇ ਹਨ ।
(b) ਕਿਸਾਨ ਆਮ ਬੀਜਾਂ ਨੂੰ ਬੀਜਦੇ ਹਨ । ਸਿੰਚਾਈ ਵੀ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤਦੇ ਹਨ ।
(c) ਕਿਸਾਨ ਚੰਗੀਆਂ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਬੀਜ ਬੀਜਦੇ ਹਨ । ਸਿੰਚਾਈ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਵਿਧੀਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਕਿਸਾਨ ਚੰਗੀ ਕਿਸਮ ਦੇ ਬੀਜ ਬੀਜਦੇ ਹਨ, ਸਿੰਚਾਈ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਵਿਧੀਆਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚੰਗੀ ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਹੋਵੇਗੀ । ਚੰਗੇ ਬੀਜਾਂ ਦੀ ਚੋਣ ਇਸ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਅਨੁਕੂਲ ਹਾਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਉੱਗ ਸਕੇ । ਸੰਕਰਣ ਵਿਧੀ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਅਜਿਹੇ ਬੀਜਾਂ ਦੀ ਚੋਣ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਜਿਹੜੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਰੋਗ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕਤਾ ਵਾਲੇ ਗੁਣਾਂ ਤੋਂ ਯੁਕਤ ਹੋਣ । ਉਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪਾਦਨ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਅਤੇ ਉੱਚ ਉਤਪਾਦਨ ਸਮਰੱਥਾ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਚੰਗੇ ਗੁਣਾਂ ਵਾਲੇ ਜੀਨ ਤੋਂ ਯੁਕਤ ਬੀਜ ਹੀ ਉਪਯੁਕਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਸਿੰਚਾਈ ਲੋੜ ਅਨੁਸਾਰ ਨਿਯਮਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ । ਸਿੰਚਾਈ ਦੀ ਕਮੀ ਕਾਰਨ ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਉਪਜ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਰਸਾਇਣਿਕ ਖਾਦਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਅਨੁਸਾਰ ਦੁਆਰਾ ਨਾਈਟਰੋਜਨ, ਪੋਟਾਸ਼ੀਅਮ ਅਤੇ ਫ਼ਾਸਫੋਰਸ ਤੱਤ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਮਿਲਾਏ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਵੱਧਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਚੰਗੀ ਫ਼ਸਲ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਫ਼ਸਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੀਆਂ ਵਿਧੀਆਂ ਵੀ ਅਪਣਾਈਆਂ ਜਾਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ । ਨਦੀਨ ਅਤੇ ਪੀੜਤਾਂ ਨੂੰ ਕਾਬੂ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਫ਼ਸਲ ਨਦੀਨਾਂ, ਰੋਗਾਂ, ਕੀਟਾਂ ਅਤੇ ਪੀੜਕਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਇਹਨਾਂ ‘ਤੇ ਕਾਬੂ ਨਾ ਪਾਇਆ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਇਹ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹਾਨੀ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਫ਼ਸਲ ਦੇ ਸੁਰੱਖਿਆ ਤਰੀਕੇ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਵਿਧੀਆਂ ਨਾਲ ਕੰਟਰੋਲ ਕਰਨ ਦੇ ਢੰਗ ਫ਼ਸਲਾਂ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਕਿਉਂ ਲਾਹੇਵੰਦ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਲਈ ਨਿਰੋਧਕ ਵਿਧੀਆਂ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਵਿਧੀਆਂ ਨਾਲ ਕੰਟਰੋਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜੈਵਿਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਫ਼ਸਲ ਨੂੰ ਖ਼ਰਾਬ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਉਤਪਾਦਕ ਅਤੇ ਵਪਾਰੀ ਨੂੰ ਆਰਥਿਕ ਹਾਨੀ ਹੋਣ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਮਾਨਸਿਕ ਅਘਾਤ ਵੀ ਪਹੁੰਚਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਨਿਰੋਧਕ ਵਿਧੀਆਂ ਅਤੇ ਜੈਵਿਕ ਕੰਟਰੋਲ ਨੂੰ ਨਾ ਅਪਣਾਉਣ ਨਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਹਾਨੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ :

  1. ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਖ਼ਰਾਬ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  2. ਫ਼ਸਲ ਦਾ ਭਾਰ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪੁੰਗਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਸਾਰੇ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਉਪਜ ਦੀ ਕੀਮਤ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਦਾਣਿਆਂ ਦੇ ਭੰਡਾਰਨ ਸਮੇਂ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਹਾਨੀ ਲਈ ਕਿਹੜੇ ਕਾਰਕ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੰਡਾਰਨ ਦੇ ਸਮੇਂ ਜੈਵਿਕ ਅਤੇ ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਅਨਾਜ ਦੀ ਹਾਨੀ ਲਈ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ । ਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਹਨ-ਕੀਟ, ਉੱਲੀ, ਚਿੱਚੜ ਅਤੇ ਜੀਵਾਣੂ । ਅਜੈਵਿਕ ਕਾਰਕ ਹਨ-ਭੰਡਾਰਨ ਦੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਉਪਯੁਕਤ ਨਮੀ ਅਤੇ ਤਾਪ ਦਾ ਅਸੰਤੁਲਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀ ਨਸਲ ਸੁਧਾਰ ਲਈ ਕਿਹੜੀ ਵਿਧੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂਆਂ ਦੀ ਨਸਲ ਸੁਧਾਰ ਲਈ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਦੇ ਸਮੇਂ ਵਾਲੀ ਜਰਸੀ, ਬ੍ਰਾਊਨ ਸਵਿਸ ਵਰਗੀਆਂ ਨਸਲਾਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕਤਾ ਵਿੱਚ ਵਧੀਆ ਦੇਸ਼ੀ ਨਸਲਾਂ ਲਾਲ ਸਿੰਧੀ ਅਤੇ ਸਾਹੀਵਾਲ ਵਿੱਚ ਸੰਕਰਨ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਕਿ ਸੰਕਰਣ ਪਸ਼ੂਆਂ ਵਿੱਚ ਦੋਵੇਂ, ਵਧੇਰੇ ਦੁੱਧ ਦੇਣ ਦੇ ਸਮੇਂ ਅਤੇ ਰੋਗਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਰੋਧਕ ਸਮਰੱਥਾ ਦੇ ਗੁਣ ਹੋਣ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਕਥਨ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ :
ਇਹ ਗੱਲ ਧਿਆਨ ਖਿੱਚਦੀ ਹੈ ਕਿ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ ਧੰਦੇ ਨਾਲ ਅਸੀਂ ਮਨੁੱਖੀ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਨਾ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਘੱਟ ਫਾਈਬਰ ਵਾਲੇ ਭੋਜਨ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਹੀ ਪੋਸ਼ਕ ਜੰਤੂ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਭੋਜਨ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।
ਉੱਤਰ-
ਇਹ ਕਥਨ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੱਚ ਹੈ । ਮੁਰਗੀਆਂ ਨੂੰ ਕਣਕ, ਚਾਵਲ, ਜਵਾਰ, ਜੌ, ਬਾਜਰਾ ਆਦਿ ਦੇ ਦਲੇ ਹੋਏ ਦਾਣਿਆਂ ਦੇ ਨਾਲ ਹੱਡੀ ਚੂਰਾ, ਫਾਲਤੂ ਮਾਸ ਆਦਿ ਖਾਣੇ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ | ਮਰਗੀਆਂ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਖਾ ਕੇ ਆਂਡਿਆਂ ਅਤੇ ਮਾਸ ਵਿੱਚ ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉੱਚ-ਕੋਟੀ ਦੇ ਪੋਸ਼ਕ ਪਸ਼ੂ ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਆਹਾਰ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਅੰਡੇ ਵਿੱਚ 36% ਪੀਤੱਕ ਅਤੇ 64% ਪ੍ਰੋਟੀਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਮਾਸ ਵਿੱਚ ਕਾਫ਼ੀ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਖਣਿਜ ਲੂਣ ਅਤੇ ਵਿਟਾਮਿਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮੁਰਗੀ ਪਾਲਣ ਬੰਧਨ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਕੀ ਸਾਂਝ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਅਤੇ ਮੁਗਰੀ ਪਾਲਣ ਦੀ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਸਾਂਝ ਹੈ । ਦੋਵਾਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਸੰਕਰਣ ਦੁਆਰਾ ਵਧੀਆ ਜਾਤੀਆਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਕਿ ਉਹਨਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮਨੁੱਖਤਾ ਲਈ ਉਪਯੋਗੀ ਖਾਧ ਪਦਾਰਥ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੇ ਜਾ ਸਕਣ ਜੋ ਮਾਤਰਾ ਅਤੇ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵਿੱਚ ਵਧੀਆ ਹੋਣ । ਦੋਨਾਂ ਨੂੰ ਹੀ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਾਰਨਾਂ ਕਰਕੇ ਕਈ ਰੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਉੱਚਿਤ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤੇ ਜਾਣੇ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹਨ । ਦੋਨਾਂ ਦੇ ਪਾਲਣ ਵਿੱਚ ਆਹਾਰ ਵੱਲ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਬਹੁਤ ਹੀ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮੌਤ ਦਰ ਘੱਟ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਤਪਾਦਾਂ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਬਣੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਆਵਾਸ ਵਿੱਚ ਉੱਚਿਤ ਤਾਪ, ਸਫ਼ਾਈ ਅਤੇ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਦੀ ਸਾਂਝੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਸੰਕਰਾਮਕ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਦੋਵਾਂ ਨੂੰ ਟੀਕਾ ਲਗਵਾਉਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਬਾਇਲਰ ਅਤੇ ਲੇਅਰਜ਼ ਦੇ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬਾਇਲਰ ਮਾਸ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜਦਕਿ ਲੇਅਰਜ਼ ਅੰਡੇ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਲੇਅਰਜ਼ ਨੂੰ ਰਹਿਣ ਲਈ ਕਾਫ਼ੀ ਜਗਾ, ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਅਤੇ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਖੁਰਾਕ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਬਾਇਲਰ ਨੂੰ ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਵਸਾ ਅਤੇ ਵਿਟਾਮਿਨਜ਼ A ਅਤੇ K ਤੋਂ ਯੁਕਤ ਮੁਰਗੀ ਆਹਾਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ | ਬਾਇਲਰ ਦੀ ਮੌਤ ਦਰ ਘੱਟ ਹੈ | ਪਰ ਲੇਅਰਜ਼ ਦੀ ਮੌਤ ਦਰ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਹੈ । ਬਾਇਲਰ 6-7 ਹਫ਼ਤੇ ਵਿੱਚ ਹੀ ਮਾਸ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਦ ਕਿ ਲੇਅਰਜ਼ ਹਫ਼ਤੇ ਬਾਅਦ ਅੰਡੇ ਦੇ ਸਕਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਮੱਛੀਆਂ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੱਛੀਆਂ ਸਮੁੰਦਰੀ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਤਾਜ਼ੇ ਪਾਣੀ ਦੋਵਾਂ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਤਾਜ਼ਾ ਪਾਣੀ ਨਦੀਆਂ ਅਤੇ ਤਲਾਬਾਂ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਮੱਛੀ ਪਕੜਨਾ ਅਤੇ ਮੱਛੀ ਦੇ ਉਤਪਾਦਨ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਸਮੁੰਦਰ ਅਤੇ ਤਾਜ਼ੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਪਰਿਸਥਿਤਕ ਤੰਤਰ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਮੱਛੀ ਫੜਨ ਲਈ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜਾਲਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਸੈਟੇਲਾਈਟ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤੀਧੁਨੀ ਯੰਤਰ ਰਾਹੀਂ ਖੁੱਲ੍ਹੇ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀਆਂ ਦੇ ਵੱਡੇ ਸਮੂਹਾਂ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾ ਕੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਜਾਲ ਵਿੱਚ ਫੜ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਮਿਸ਼ਰਤ ਮੱਛੀ ਕਲਚਰ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿਸ਼ਰਤ ਮੱਛੀ ਕਲਚਰ ਵਿੱਚ ਦੇਸੀ-ਵਿਦੇਸ਼ੀ ਮੱਛੀਆਂ ਪਾਈਆਂ ਜਾ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ । ਅਜਿਹੀ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਮੱਛੀ ਪਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਕ ਹੀ ਤਲਾਬ ਵਿੱਚ 5 ਜਾਂ 6 ਮੱਛੀਆਂ ਦੀਆਂ ਜਾਤੀਆਂ ਨੂੰ ਵਧਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਮੱਛੀਆਂ ਇਕ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਰਹਿ ਕੇ ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸੜਾ ਤੋਂ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਗ੍ਰਾਸ ਕਾਰਪ ਜਾਤੀ ਦੀਆਂ ਮੱਛੀਆਂ, ਤਾਂ ਨਦੀਨਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਖਾ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਮੱਛੀਆਂ ਵਿੱਚ ਭੋਜਨ ਲਈ ਮੁਕਾਬਲਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । ਤਾਲਾਬ ਦੇ ਹਰ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਭੋਜਨ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 15 ਖਾਧ-ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸੰਸਾਧਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਧਾਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਸ਼ਹਿਦ ਉਤਪਾਦਨ ਲਈ ਵਰਤੀਆਂ ਜਾਣ ਵਾਲੀਆਂ ਮਧੂ-ਮੱਖੀਆਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ ਇੱਛੁਕ ਗੁਣ ਹੋਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਮਧੂਮੱਖੀ ਵਿੱਚ ਸ਼ਹਿਦ ਇਕੱਠਾ ਕਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਵਧੇਰੇ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  2. ਉਸ ਨੂੰ ਡੰਗ ਘੱਟ ਮਾਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪ੍ਰਜਣਨ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਆਪਣੇ ਛੱਤੇ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਰਹਿ ਸਕਣ ।
  5. ਖ਼ੁਦ ਨੂੰ ਦੁਸ਼ਮਣਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾ ਸਕਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਚਾਰਗਾਹ ਕੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਸ਼ਹਿਦ ਉਤਪਾਦਨ ਨਾਲ ਕਿਵੇਂ ਸੰਬੰਧ ਰੱਖਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਚਾਰਗਾਹ ਅਜਿਹਾ ਫੈਲਿਆ ਹੋਇਆ ਖੇਤਰ ਹੈ ਜਿਥੇ ਘਾਹ ਅਤੇ ਹੋਰ ਬਨਸਪਤੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਮਧੁਮੱਖੀਆਂ ਫੁੱਲਾਂ ਤੋਂ ਰਸ ਤੇ ਪਰਾਗ ਇਕੱਠਾ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ, ਜਿਸ ਚਾਰਗਾਹ ਵਿੱਚ ਜਿੰਨੇ ਵਧੇਰੇ ਅਤੇ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਫੁੱਲ ਹੋਣਗੇ ਓਨੀਆਂ ਹੀ ਕਿਸਮਾਂ ਸ਼ਹਿਦ ਦੇ ਸੁਆਦ ਦੀਆਂ ਵੀ ਹੋਣਗੀਆਂ । ਇਸ ਲਈ ਸ਼ਹਿਦ ਉਤਪਾਦਨ ਦਾ ਚਾਰਗਾਹ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 14 ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ

PSEB 9th Class Science Guide ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਜੀਵਨ ਲਈ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਦੀ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(i) ਜੀਵਨ ਲਈ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਹ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਆਧਾਰ ਹੈ । ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ, ਆਕਸੀਜਨ, ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਅਤੇ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਨਾਮਕ ਘਟਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਆਕਸੀਜਨ ਹਰ ਜੰਤੁ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ, ਜੋ ਥਲ ਤੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਤੇ ਇਸ ਨੂੰ ਹਵਾ ਵਿੱਚੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜਲੀ ਜੀਵ ਇਸ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲੀ ਹੋਈ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਯੂਕੈਰਿਯੋਟਿਕ ਸੈੱਲਾਂ ਅਤੇ ਪ੍ਰੋਕੈਰਯੋਟਿਕ ਸੈੱਲਾਂ ਨੂੰ ਗੁਲੂਕੋਜ਼ ਦੇ ਅਣੁ ਤੋੜਨ ਲਈ ਅਤੇ ਉਸ ਤੋਂ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਕਾਰਨ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਗੈਸ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੇੜ-ਪੌਦੇ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਨੂੰ ਕਾਰਬੋਹਾਈਡੇਟਸ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਲਈ ਭੋਜਨ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਨੇ ਪੂਰੀ ਧਰਤੀ ਨੂੰ ਇਕ ਕੰਬਲ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਢੱਕਿਆ ਹੋਇਆ ਹੈ ।

ਹਵਾ ਤਾਪ ਦੀ ਕੁਚਾਲਕ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਧਰਤੀ ਦਾ ਔਸਤ ਤਾਪਮਾਨ ਸਾਰਾ ਸਾਲ ਨਿਯਤ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਦਿਨ ਦੇ ਸਮੇਂ ਤਾਪਮਾਨ ਨੂੰ ਵਧਣ ਤੋਂ ਰੋਕਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਰਾਤ ਦੇ ਸਮੇਂ ਤਾਪਮਾਨ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰੀ ਅੰਤਰਿਕਸ਼ ਵਿੱਚ ਜਾਣ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਵਾਯੂ-ਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਬਣਨ ਅਤੇ ਹਵਾ ਵਹਿਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਜੀਵਨ ਲਈ ਪਾਣੀ ਕਿਉਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵਨ ਲਈ ਪਾਣੀ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ-

  1. ਜੀਵਨ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ ਸਭ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਸਾਗਰ ਦੇ ਜਲ ਵਿੱਚ ਹੋਈ ਸੀ । ਸਾਗਰ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਜੀਵਨ ਦੀ ਉਤਪੱਤੀ “ਨੀਲੀ ਹਰੀ ਕਾਈ’’ ਅਤੇ ਸਾਈਨੋਬੈਕਟੀਰੀਆ ਨਾਮਕ ਜੀਵ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੋਈ ।
  2. ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲਾ ਪਾਣੀ ਭੋਜਨ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਨੂੰ ਘੋਲ ਕੇ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਰੀਰ ਦੇ ਸਾਰੇ ਅੰਗਾਂ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਪਾਣੀ ਪਸੀਨੇ ਅਤੇ ਵਾਸ਼ਪਣ ਦੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਰਾਹੀਂ ਮਨੁੱਖੀ ਸਰੀਰ ਦੇ ਤਾਪਮਾਨ ਨੂੰ ਕਾਬੂ ਵਿੱਚ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ।
  4. ਪਾਣੀ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਫ਼ਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥਾਂ (ਮਲ-ਮੂਤਰ) ਦੇ ਉਤਸਰਜਨ ਲਈ ਵਧੀਆ ਮਾਧਿਅਮ ਹੈ ।
  5. ਨਦੀਆਂ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਸ਼ਤੀਆਂ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰੀ ਜਹਾਜ਼ਾਂ ਦੁਆਰਾ ਯਾਤਰੀਆਂ ਅਤੇ ਸਾਮਾਨ ਦਾ ਇਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਥਾਨ ਤਕ ਪਰਿਵਹਿਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
  6. ਅਸੀਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਵਰਤੋਂ ਪੀਣ ਲਈ, ਨਹਾਉਣ ਲਈ, ਕੱਪੜੇ ਧੋਣ ਲਈ ਅਤੇ ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣ ਆਦਿ ਲਈ ਕਰਦੇ ਹਾਂ । ਖਾਣਾ ਪਕਾਉਣਾ ਅਤੇ ਪੀਣ ਦਾ ਪਾਣੀ ਕੀਟਾਣੂ ਰਹਿਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤੇ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  7. ਪਾਣੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਦਵਾਈ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  8. ਉੱਚਾਈ ਤੋਂ ਤੇਜ਼ ਗਤੀ ਨਾਲ ਡਿਗਦੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਉਰਜਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸਦੀ ਵਰਤੋਂ ਅਸੀਂ ਬਿਜਲੀ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ।
  9. ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਜਲੀ-ਜੰਤੂ, ਜਿਵੇਂ : ਡੱਡੂ, ਮੱਛੀ, ਮਗਰਮੱਛ ਆਦਿ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲੀ ਹੋਈ ਆਕਸੀਜਨ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  10. ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਜਲੀ ਪੌਦੇ ਵੀ ਜਲ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਜਲ ਵਿੱਚ ਘੁਲੀ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਲਈ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
  11. ਖੇਤੀ ਲਈ ਪਾਣੀ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਪੌਦੇ ਪਾਣੀ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਵੱਧ ਨਹੀਂ ਸਕਦੇ ।
  12. ਜਲ, ਪੇੜ-ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਖਣਿਜਾਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤਾਂ ਦਾ ਪਰਿਵਹਿਣ ਕਰਨ ਲਈ ਇਕ ਮਾਧਿਅਮ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  13. ਜਲ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਪੁੰਗਰਨ ਲਈ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੀਵਿਤ ਪਾਣੀ ਮਿੱਟੀ ਤੇ ਕਿਵੇਂ ਨਿਰਭਰ ਹਨ ? ਕੀ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵ ਸਾਧਨ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿੱਟੀ ਤੋਂ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੁਤੰਤਰ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵਿਤ ਪਾਣੀ ਮਿੱਟੀ ਤੇ ਹੀ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਪੇੜ-ਪੌਦਿਆਂ ਤੋਂ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜੀਵਿਤ ਜੀਉਣ ਲਈ ਸਾਰੇ ਪੋਸ਼ਕ ਤੱਤ ਇਸੇ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਪੌਦੇ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਖਣਿਜ ਲੂਣਾਂ ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ ਤੋਂ ਹੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਭੋਜਨ ਦੇ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਣੀਆਂ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦੇ ਆਧਾਰ ਬਣਦੇ ਹਨ ।

ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵ ਸੰਪਦਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਿੱਟੀ ਤੋਂ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੁਤੰਤਰ ਨਹੀਂ ਹਨ । ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਉੱਗੇ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਖਾਂਦੇ ਹਨ ਜਾਂ ਉਹਨਾਂ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੋਰ ਪਾਣੀਆਂ ਨੂੰ ਖਾ ਕੇ ਜੀਵਿਤ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਤੁਸੀਂ ਟੈਲੀਵਿਜ਼ਨ ਤੇ ਅਖ਼ਬਾਰ ਵਿੱਚ ਮੌਸਮ ਸੰਬੰਧੀ ਰਿਪੋਰਟ ਵੇਖੀ ਹੋਵੇਗੀ ? ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸੋਚਦੇ ਹੋ ਕਿ ਅਸੀਂ ਮੌਸਮ ਦੇ ਪੂਰਵ ਅਨੁਮਾਨ ਵਿੱਚ ਸਮਰਥ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੌਸਮ ਸੰਬੰਧੀ ਜਾਣਕਾਰੀਆਂ ਲੰਬੀ ਅਤੇ ਡੂੰਘੀ ਵਿਗਿਆਨਕ ਜਾਣਕਾਰੀ ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਦੂਰ ਆਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਸੈਟੇਲਾਈਟ ਧਰਤੀ ਤੇ ਸਦਾ ਆਪਣੀ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀ ਜਮਾਈ ਰੱਖਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੀ ਜਾਂਚ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਵਿਗਿਆਨਕਾਂ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਹਵਾ ਦੇ ਦਬਾਅ, ਫਟਣ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਚੱਕਰਵਾਤਾਂ ਦੀ ਸੂਚਨਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਮਾਨਸੂਨ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਇਸਦਾ ਅਨੁਮਾਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕਿਸੇ ਸਾਲ ਵਰਖਾ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਹੋਵੇਗੀ । ਇਸ ਨਾਲ ਖੇਤੀ ਸੰਬੰਧੀ ਨਵੀਆਂ ਯੋਜਨਾਵਾਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਸਮੁੰਦਰੀ ਤੱਟਾਂ ਤੇ ਰਹਿਣ ਵਾਲਿਆਂ ਨੂੰ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਖ਼ਤਰਿਆਂ ਦੀ ਸੂਚਨਾ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਦੇ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਵਧੇਰੇ ਮਨੁੱਖੀ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਸਤਰ ਨੂੰ ਵਧਾ ਰਹੇ ਹਨ । ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਸੋਚਦੇ ਹੋ ਕਿ ਇਹਨਾਂ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਖ਼ਾਸ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸੀਮਿਤ ਕਰ ਦੇਣ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੇ ਸਤਰ ਨੂੰ ਘਟਾਉਣ ਵਿੱਚ ਮਦਦ ਮਿਲੇਗੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਮਨੁੱਖੀ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਸਤਰ ਨੂੰ ਲਗਾਤਾਰ ਵਧਾ ਰਹੀਆਂ ਹਨ । ਜੇ ਇਹਨਾਂ ਕਿਰਿਆ-ਕਲਾਪਾਂ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਖ਼ਾਸ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸੀਮਿਤ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੇ ਪੱਧਰ ਨੂੰ ਕੁੱਝ ਹੱਦ ਤਕ ਕਾਬੂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਆਮ ਕਰਕੇ ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਦੇ ਆਸ-ਪਾਸ ਭਾਰੀ ਵਾਹਨਾਂ ਦੇ ਆਵਾਗਮਨ ਤੇ ਰੋਕ ਲਗਾ ਕੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਗੈਸਾਂ ਤੇ ਕਾਬੂ ਪਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਪੈਟਰੋਲ ਅਤੇ ਡੀਜ਼ਲ ਦੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਵਾਹਣ ਵਿੱਚ CNG ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੁੱਝ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿੱਚ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ, ਜਿਸ ਦੇ ਵਧੀਆ ਸਿੱਟੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਰਹੇ ਹਨ । ਖਾਨਾਂ ਦੀ ਖੁਦਾਈ ਰੋਕ ਕੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਅਤੇ ਪੇੜ-ਪੌਦਿਆਂ ਦੀ ਰੱਖਿਆ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ । ਨਦੀਆਂ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਸ਼ੁੱਧੀਕਰਨ ਦੀਆਂ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ਾਂ ਜਾਰੀ ਹਨ । ਇਹ ਠੀਕ ਹੈ ਕਿ ਸਾਡੇ ਦੇਸ਼ ਵਿੱਚ ਜਨਸੰਖਿਆ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ, ਅਨਪੜ੍ਹਤਾ ਹੈ, ਗ਼ਰੀਬੀ ਹੈ ਪਰ ਫਿਰ ਵੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਨ ਨਾਲ ਸਕਾਰਾਤਮਕ ਪਰਿਣਾਮ ਜ਼ਰੂਰ ਮਿਲਣਗੇ । ਇਹਨਾਂ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਸਮਾਪਤ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ ਪਰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਦੇ ਪੱਧਰ ਨੂੰ ਘਟਾਉਣ ਵਿੱਚ ਮਦਦ ਜ਼ਰੂਰ ਮਿਲੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੰਗਲ, ਹਵਾ, ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਸੋਤ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੰਗਲਾਂ ਦੀ ਭੂਮੀ ਅਤੇ ਵਰਖਾ ਵਿੱਚ ਗਹਿਰਾ ਸੰਬੰਧ ਹੈ । ਜੇ ਰੁੱਖਾਂ ਨੂੰ ਕੱਟਣ ਦੀ ਦਰ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਵਾਧੇ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੋ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਰੁੱਖਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਖੇਤਰ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਰੇਗਿਸਥਾਨ ਵੀ ਬਣ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਜੰਗਲ ਸਦਾ ਹਵਾ, ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਜਲੀ ਸਰੋਤਾਂ ਨੂੰ ਸਿੱਧਾ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।

ਰੁੱਖ ਵਾਸ਼ਪਣ ਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਬਹੁਤ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਛੱਡਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਮੁਕਤ ਪਾਣੀ ਦੇ ਵਾਸ਼ਪ ਬੱਦਲ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਵਰਖਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜੰਗਲ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਣ ਤੇ ਵਰਖਾ ਵੀ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗੀ ਅਤੇ ਉਸ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਰੁੱਖ ਉੱਗਣ ਦੀ ਦਰ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ਜਿਸ ਨਾਲ ਵਾਤਾਵਰਣ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਰੁੱਖਾਂ ਦੇ ਵੱਧ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਕੱਟਣ ਨਾਲ ਜੈਵਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਨਾਲ ਭਰਪੂਰ ਮਿੱਟੀ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਉੱਪਰਲੀ ਸੜਾ ਵਰਖਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਵਹਿ ਕੇ ਲੁਪਤ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ । ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਤੋਂ ਖੋਰ ਦੇ ਕਾਰਨ ਭੂਮੀ ਦੀ ਉਪਜਾਊ ਸ਼ਕਤੀ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਵਣ ਜੰਗਲੀ ਜੰਤੂਆਂ ਨੂੰ ਸਹਾਰਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਸਾਨੂੰ ਇਹਨਾਂ ਤੋਂ ਕਈ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਜੜੀ-ਬੂਟੀਆਂ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਮਾਰਤੀ ਲੱਕੜੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਕਈ ਉਦਯੋਗਾਂ ਲਈ ਜੰਗਲ ਸਾਨੂੰ ਕੱਚਾ ਮਾਲ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਜੰਗਲਾਂ ਨਾਲ ਜਲ ਸੋਤਾਂ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵੱਧਦੀ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਨਾਲ ਤੋਂ ਖੋਰ ਤੇ ਕਾਬੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਜੰਗਲਾਂ ਦੀ ਉਪਯੋਗਤਾ ਨੂੰ ਦੇਖਦੇ ਹੋਏ ਜੰਗਲਾਂ ਨੂੰ ਮੁੜ ਤੋਂ ਪੁਰਾ ਕਰਨਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਹੋਰ ਪੌਦੇ ਜਿੰਨੇ ਵੱਧ ਉਗਾਏ ਜਾਣਗੇ ਸਾਡਾ ਵਾਤਾਵਰਣ ਉਨਾ ਹੀ ਸਾਫ਼ ਅਤੇ ਸਿਹਤ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਹੋਵੇਗਾ | ਪੌਦੇ ਹੀ ਸਾਡੇ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਵਾਤਾਵਰਣ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਹਵਾ, ਮਿੱਟੀ ਅਤੇ ਜਲੀ ਯੋਤ ਜੰਗਲਾਂ ਨਾਲ ਸਿੱਧੇ ਤੌਰ ਤੇ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ ।

Science Guide for Class 9 PSEB ਕੁਦਰਤੀ ਸੰਸਾਧਨ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਸ਼ੁਕਰ ਅਤੇ ਮੰਗਲ ਗ੍ਰਹਿਆਂ ਦੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਨਾਲੋਂ ਸਾਡਾ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਕਿਵੇਂ ਭਿੰਨ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ੁਕਰ ਅਤੇ ਮੰਗਲ ਗ੍ਰਹਿਆਂ ਦੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਲਗਪਗ 95 ਤੋਂ 97% ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਧਰਤੀ ਦੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਇਹ 0.04% ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਅਤੇ ਆਕਸੀਜਨ ਗੈਸਾਂ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਧੇਰੇ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਇੱਕ ਕੰਬਲ ਦੀ ਤਰਾਂ ਕਿਵੇਂ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਕੰਬਲ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਉੱਪਰ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਲਪੇਟ ਕੇ ਅੰਦਰ ਅਤੇ ਬਾਹਰ ਦੋ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਵਾਤਾਵਰਨ ਬਣਾ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ਉਸੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧਰਤੀ ਦੇ ਚਾਰੋਂ ਪਾਸੋਂ ਫੈਲਿਆਂ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵੀ ਇਸ ਨੂੰ ਦੋ ਪੱਧਰਾਂ ਤੇ ਵੰਡ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਸੂਰਜ ਵਲੋਂ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਆਉਣ ਤੋਂ ਰੋਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਗੈਸਾਂ ਨੂੰ ਖਲਾਅ ਅੰਤਰਿਕਸ਼ ਵਿੱਚ ਜਾਣ ਤੋਂ ਰੋਕਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਹਵਾ ਪ੍ਰਵਾਹ (ਪੌਣ) ਦੇ ਕੀ ਕਾਰਨ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਦੀਆਂ ਕਿਰਣਾਂ ਦਿਨ ਭਰ ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰ ਤਲ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਧਰਤੀ ਜਲਦੀ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇਰ ਨਾਲ । ਇਸ ਲਈ ਪਾਣੀ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੇ ਉੱਪਰਲੀ ਹਵਾ ਵੀ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਗਰਮ ਹੋ ਕੇ ਉੱਪਰ ਉੱਠਦੀ ਹੈ ਤੇ ਇਸ ਖਾਲੀਪਣ ਨੂੰ ਭਰਨ ਲਈ ਸਮੁੰਦਰ ਵਲੋਂ ਹਵਾ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਵਹਿਣ ਲੱਗਦੀ ਹੈ । ਰਾਤ ਦੇ ਸਮੇਂ ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰ ਦੋਵੇਂ ਠੰਡੇ ਹੋਣ ਲੱਗਦੇ ਹਨ ਪਰ ਧਰਤੀ ਜਲਦੀ ਠੰਡੀ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਠੰਡਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਪਾਣੀ ਦੇ ਉੱਪਰਲੀ ਹਵਾ, ਧਰਤੀ ਦੇ ਉੱਪਰਲੀ ਹਵਾ ਤੋਂ ਵੱਧ ਗਰਮ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਤਦ ਧਰਤੀ ਵਲੋਂ ਸਮੁੰਦਰ ਵਲ ਹਵਾ ਵਹਿਣ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਬੱਦਲਾਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਿਵੇਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੂਰਜ ਦੀ ਗਰਮੀ ਨਾਲ ਜਲੀ ਭਾਗਾਂ ਤੋਂ ਵਾਸ਼ਪ ਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਵਾਸ਼ਪ ਬਣ ਕੇ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਚਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਦੀ ਕੁੱਝ ਮਾਤਰਾ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜੈਵਿਕ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਤੋਂ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਚਲੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਹਵਾ ਨੂੰ ਗਰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਆਪਣੇ ਨਾਲ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪਾਂ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਉੱਠਦੀ ਹੈ । ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਉੱਪਰ ਜਾ ਕੇ ਠੰਡੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪ ਛੋਟੀਆਂ-ਛੋਟੀਆਂ ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਬੂੰਦਾਂ ਵਿੱਚ ਸੰਘਣਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਜੇ ਕੁੱਝ ਕਣ ਨਾਭਿਕ ਦੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਤਾਂ ਬੂੰਦਾਂ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਚਾਰੋਂ ਪਾਸੇ ਜੰਮ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਆਮ ਕਰਕੇ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਧੂੜਕਣ ਅਤੇ ਹੋਰ ਨਿਲੰਬਿਤ ਕਣ ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤੋਂ ਬੱਦਲ ਬਣਦੇ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਬੂੰਦਾਂ ਸੰਘਣਿਤ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਵੱਡੀਆਂ ਅਤੇ ਭਾਰੀਆਂ ਹੋ ਕੇ ਵਰਖਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਮਨੁੱਖ ਦੀਆਂ ਤਿੰਨ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ਜਿਹੜੀਆਂ ਹਵਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹਨ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਊਰਜਾ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਲਈ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਜਲਣਾ ।
  2. ਰੁੱਖਾਂ ਦੀ ਅੰਧਾ-ਧੁੰਦ ਕਟਾਈ ।
  3. ਉਦਯੋਗਾਂ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਸਥਾਪਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਰੇ ਜੀਵਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਜੀਵ ਵ ਤੋਂ ਬਣਦੀਆਂ ਹਨ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਲਗਪਗ 90% ਪਾਣੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ ਦੀ ਸਾਰੀ ਕਿਰਿਆਸ਼ੀਲਤਾ ਪਾਣੀ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਨਾਲ ਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਦੀ ਗੈਰ-ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਇਹ ਜੀਵਤ ਨਹੀਂ ਰਹਿ ਸਕਦੀਆਂ । ਇਸ ਲਈ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਜਿਸ ਪਿੰਡ/ਕਸਬੇ/ਸ਼ਹਿਰ ਵਿੱਚ ਤੁਸੀਂ ਰਹਿੰਦੇ ਹੋ ਉੱਥੇ ਉਪਲੱਬਧ ਸ਼ੁੱਧ ਪਾਣੀ ਦਾ ਮੁੱਖ ਸਰੋਤ ਕਿਹੜਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿੱਚ ਮਿੱਠੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਸੋਤ ਭੁਮੀ ਹੇਠਲਾ ਪਾਣੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਭੂਮੀ ਵਿੱਚੋਂ ਕੱਢ ਕੇ ਟੈਂਕਾਂ ਵਿੱਚ ਸਟੋਰ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਕਿਸੇ ਕਿਰਿਆ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿੱਚ ਜਾਣਦੇ ਹੋ ਜਿਹੜਾ ਇਸ ਪਾਣੀ ਦੇ ਸਰੋਤ ਨੂੰ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿੱਚ ਕਈ ਉਦਯੋਗ-ਧੰਦੇ ਹਨ, ਜਿਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਰੰਗਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਰੰਗ ਅਤੇ ਰਸਾਇਣਿਕ ਪਦਾਰਥ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਸੋਖਿਤ ਹੁੰਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਹੁਣ ਤੱਕ ਕਈ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਭੂਮੀਗਤ ਪਾਣੀ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾ ਚੁੱਕਾ ਹੈ ਅਤੇ ਆਉਣ ਵਾਲੇ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਉਦਯੋਗ-ਧੰਦੇ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਸੰਕਟ ਖੜ੍ਹਾ ਕਰ ਦੇਣਗੇ । ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਘੁਲਿਆ ਹੋਇਆ ਪਾਰਾ, ਆਰਸੈਨਿਕ, ਸੀਸਾ ਵਰਗੇ ਹਾਨੀਕਾਰਕ ਤੱਤ ਕਈ ਖ਼ਤਰਨਾਕ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਬਣ ਜਾਣਗੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਿੱਟੀ ਚੱਟਾਨਾਂ ਦੇ ਟੁੱਟਣ-ਫੁੱਟਣ ਨਾਲ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਹਜ਼ਾਰਾਂ-ਲੱਖਾਂ ਸਾਲਾਂ ਦੇ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸੜਾ ਜਾਂ ਉਸਦੇ ਨੇੜੇ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਪੱਥਰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਭੌਤਿਕ, ਰਸਾਇਣਿਕ ਅਤੇ ਕੁੱਝ ਜੈਵਿਕ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਟੁੱਟ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਟੁੱਟਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸਭ ਤੋਂ ਅੰਤ ਵਿੱਚ ਬਚਿਆ ਬਾਰੀਕ ਕਣ ਮਿੱਟੀ ਹੈ । ਸੂਰਜ, ਪਾਣੀ, ਹਵਾ ਅਤੇ ਜੀਵ ਅਜਿਹੇ ਕਾਰਕ ਹਨ ਜੋ ਮਿੱਟੀ ਬਣਾਉਣ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਭੋਂ-ਖੋਰ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਂ-ਖੋਰ (Soil erosion) – ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਹਵਾ ਦੇ ਪ੍ਰਕੋਪ ਕਾਰਨ ਕਈ ਵਾਰ ਭੂਮੀ ਦੀ ਉੱਪਰੀ ਸੜਾ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਰੁੜ੍ਹ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਾਂ ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ ਇਕ ਸਥਾਂਨ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਚਲੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਭੂਮੀ ਦਾ ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਇੱਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਵਹਿ ਜਾਣਾ ਭੋਂ-ਖੋਰ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਭੋਂ-ਖੋਰ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਅਤੇ ਘੱਟ ਕਰਨ ਦੇ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਤਰੀਕੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਭੋਂ-ਖੋਰ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਅਤੇ ਘੱਟ ਕਰਨ ਦੇ ਤਰੀਕੇ-ਤੋਂ-ਖੋਰ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਅਤੇ ਘੱਟ ਕਰਨ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਢੰਗ ਅਪਣਾਏ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ-

  • ਭੂਮੀ ਨੂੰ ਸਮਤਲ ਕਰਨਾ – ਢਲਾਣਦਾਰ ਭੁਮੀ ਤੋਂ ਵਰਖਾ ਦਾ ਪਾਣੀ ਢਾਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਵਗਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਤੇਜ਼ ਬਹਾਵ ਦੇ ਕਾਰਨ ਮਿੱਟੀ ਕੱਟ ਕੇ ਵਗਦੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਵਹਿ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਭੋਂ-ਖੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਭੂਮੀ ਨੂੰ ਸਮਤਲ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  • ਮਜ਼ਬੂਤ ਵੱਟਾਂ – ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਮਜ਼ਬੂਤ ਵੱਟਾਂ ਬਣਾ ਦੇਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂਕਿ ਖੇਤਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਪਾਣੀ ਬਾਹਰ ਨਾ ਜਾ ਸਕੇ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦਾ ਕਟਾਵ ਨਾ ਹੋ ਸਕੇ ।
  • ਰੇਤਲੀ ਭੂਮੀ ਵਿੱਚ ਜੀਵਾਂਸ਼ ਖਾਦ ਦਾ ਮਿਲਾਉਣਾ – ਰੇਤਲੀ ਭੂਮੀ ਹਲਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਹਲਕੀ ਮਿੱਟੀ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਜਲਦੀ ਰੁੜ੍ਹ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਰੇਤਲੀ ਭੂਮੀ ਵਿੱਚ ਜੀਵਾਸ਼ ਪਦਾਰਥ ਮਿਲਾਉਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਕਣ ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਜੁੜੇ ਰਹਿਣ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਰੁੜਨ ਤੋਂ ਬਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
  • ਬਨਸਪਤੀ ਦਾ ਉਗਣਾ – ਅਜਿਹੀ ਭੂਮੀ ਜਿਸ ਤੇ ਫ਼ਸਲ ਜਾਂ ਪੌਦੇ ਨਹੀਂ ਉਗਾਏ ਜਾਂਦੇ, ਵਰਖਾ ਦੇ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਰੁੜ੍ਹ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪੌਦੇ ਉਗਣ ਨਾਲ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਕਣ ਜੜਾਂ ਦੁਆਰਾ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਨਾਲ ਬੰਨ੍ਹੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸੌਖਿਆਂ ਹੀ ਵਗਦੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਨਾਲ ਅਲੱਗ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਨਸਪਤੀ ਉਗਾ ਕੇ ਭੋਂ-ਖੋਰ ਨੂੰ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
  • ਭੂਮੀ ਦੀ ਢਾਲ ਦੇ ਉਲਟ ਫ਼ਸਲ ਉਗਾਉਣਾ – ਪਹਾੜੀ ਖੇਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਭੂਮੀ ਆਮ ਕਰਕੇ ਢਲਾਣਦਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਅਜਿਹੀ ਭੂਮੀ ਵਿੱਚ ਖੇਤ ਦੀ ਜੁਤਾਈ ਢਲਾਣ ਦੀ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਫ਼ਸਲਾਂ ਦੀਆਂ ਕਤਾਰਾਂ ਵੀ ਢਲਾਣ ਦੀ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਬੀਜਣੀਆਂ ਚਾਹੀਦੀਆਂ ਹਨ । ਢਲਾਣਦਾਰ ਭੁਮੀ ਤੇ ਪੱਟੀਆਂ ਬਣਾ ਕੇ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਖੇਤੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੀਦੀ ਕਿ ਹਰ ਪੱਟੀ ਇਕ-ਦੂਸਰੇ ਦੇ ਉੱਪਰ ਪੌੜੀਨੁਮਾ ਹੋਵੇ ਤਾਂਕਿ ਪਾਣੀ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਨਾ ਵਹਿ ਸਕੇ ।
  • ਹਵਾ ਰੋਕੂ ਪੌਦੇ ਲਗਾ ਕੇ – ਅਜਿਹੀ ਜਗਾ ਜਿੱਥੇ ਭੂਮੀ ਰੇਤਲੀ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਹਵਾ ਤੇਜ਼ ਚੱਲਦੀ ਹੋਵੇ, ਉਹਨਾਂ ਥਾਂਵਾਂ ਤੇ ਖੇਤਾਂ ਦੇ ਚਾਰੋਂ ਪਾਸੇ ਲੰਬੇ ਅਤੇ ਘਣੇ ਪੌਦੇ ਉਗਾਉਣੇ ਚਾਹੀਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਕਿ ਹਵਾ ਦਾ ਤੇਜ਼ ਅਸਰ ਭੂਮੀ ਤੇ ਨਾ ਪਵੇ ਅਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਕਣ ਹਵਾ ਦੇ ਨਾਲ ਨਾ ਉੱਡ ਜਾਣ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਜਲ ਚੱਕਰ ਦੇ ਕੂਮ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਦੀਆਂ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਅਵਸਥਾਵਾਂ ਮਿਲਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਾਸ਼ਪ ਅਵਸਥਾ, ਤਰਲ ਅਵਸਥਾ, ਠੋਸ ਅਵਸਥਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਜੈਵਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਦੋ ਯੌਗਿਕਾਂ ਦੇ ਨਾਂ ਦਿਓ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਆਕਸੀਜਨ ਅਤੇ ਨਾਈਟ੍ਰੋਜਨ ਦੋਵੇਂ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਪ੍ਰੋਟੀਨ,
  2. ਨਿਊਕਲਿਕ ਅਮਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਮਨੁੱਖ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਤਿੰਨ ਗਤੀਵਿਧੀਆਂ ਨੂੰ ਪਛਾਣੋ ਜਿਹਨਾਂ ਨਾਲ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੱਧਦੀ ਹੈ ?..
ਉੱਤਰ-

  1. ਉਦਯੋਗ ਧੰਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕੋਲੇ ਦਾ ਬਾਲਣ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ।
  2. ਪੈਟਰੋਲ ਅਤੇ ਡੀਜ਼ਲ ਦਾ ਵਾਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ।
  3. ਬਿਜਲੀ ਉਤਪਾਦਨ ਲਈ ਪਥਰਾਟ ਬਾਲਣ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਸ੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ (Green House Effect) – ਸਾਡੇ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਤ ਮਾਤਰਾ 0.04% ਹੈ ਜੋ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਇਸ ਮਾਤਰਾ ਨੂੰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਬਣਾ ਕੇ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਹਰੇ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਮਹਾਂਸਾਗਰ ਵੀ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਕਾਰਬਨਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੇ ਅਣੂਆਂ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸੜਾ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਨੂੰ ਸੋਖਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਗਰਮ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸੋਖਿਤ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਕਾਰਨ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਦੇ ਗਰਮ ਹੋਣ ਨੂੰ ਸ੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਕਾਰਬਨ-ਡਾਈਆਕਸਾਈਡ ਦੀ ਵਧੇਰੇ ਮਾਤਰਾ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਜਲਵਾਸ਼ਪ ਅਤੇ ਓਜ਼ੋਨ ਵਿੱਚ ਵੀ ਤਾਪ ਵਿਕਿਰਣਾਂ ਨੂੰ ਸੋਖਣ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਗ੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਗੈਸਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮੰਨਿਆਂ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ CO, ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਿਤਰਿਤ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਸ਼੍ਰੀਨ ਹਾਊਸ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨੂੰ ਜਲ-ਵਾਸ਼ਪਾਂ ਅਤੇ ਓਜ਼ੋਨ ਤੋਂ ਵਧੇਰੇ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਵਾਯੂਮੰਡਲ ਵਿੱਚ ਮਿਲਣ ਵਾਲੇ ਆਕਸੀਜਨ ਦੇ ਰੂਪ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-

  1. ਆਕਸੀਜਨ (O2)
  2. ਓਜ਼ੋਨ (O3)।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

PSEB 9th Class Science Guide ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਪਿਛਲੇ ਇੱਕ ਸਾਲ ਵਿੱਚ ਤੁਸੀਂ ਕਿੰਨੀ ਵਾਰ ਬਿਮਾਰ ਹੋਏ ? ਕੀ ਬਿਮਾਰੀ ਸੀ ?
(a) ਇਨ੍ਹਾਂ ‘ਚੋਂ ਕੋਈ ਜਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਹਟਾਉਣ ਲਈ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੀਆਂ ਆਦਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੀ ਤਬਦੀਲੀ ਕਰੋਗੇ ?
(b) ਇਨ੍ਹਾਂ ‘ਚੋਂ ਕੋਈ ਜਾਂ ਸਾਰੀਆਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਹਟਾਉਣ ਲਈ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ’ ਚ ਕੀ ਤਬਦੀਲੀ ਕਰਨੀ ਚਾਹੋਗੇ ? |
ਉੱਤਰ-
ਪਿਛਲੇ ਇੱਕ ਸਾਲ ਵਿੱਚ ਮੈਂ ਦੋ ਵਾਰ ਬਿਮਾਰ ਹੋਇਆ । ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਮੈਨੂੰ ਵਾਇਰਲ ਬੁਖ਼ਾਰ ਹੋਇਆ ਅਤੇ ਦੂਜੀ ਵਾਰ ਮਲੇਰੀਆ ਹੋਇਆ ਸੀ ।

(a) ਬਿਮਾਰੀ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਰੋਗ ਸੁਰੱਖਿਆ-ਤੰਤਰ ਮਜ਼ਬੂਤ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਅਤੇ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਖਾਣਾ ਪਸੰਦ ਕਰਾਂਗਾ | ਮਲੇਰੀਆ ਤੋਂ ਬਚਾਓ ਲਈ ਮੱਛਰਦਾਨੀ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਾਂਗੇ । ਮੱਛਰ ਘਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਨਾ ਕਰੇ ਅਜਿਹਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਾਂਗੇ ।

(b) ਮੈਂ ਆਪਣੇ ਆਂਢ-ਗੁਆਂਢ ਵਿਚ ਰੁਕੇ ਹੋਏ ਪਾਣੀ ਦੇ ਸਰੋਤਾਂ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਾਂਗਾ । ਬੰਦ ਪਏ ਕੁਲਰਾਂ ਵਿੱਚ ਭਰਿਆ ਹੋਇਆ ਪਾਣੀ, ਥਾਂ-ਥਾਂ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਰੇ ਬਰਤਨਾਂ ਨੂੰ ਖ਼ਾਲੀ ਕਰਵਾਉਣਾ ਚਾਹਾਂਗਾ | ਘਰ ਦੇ ਬਾਹਰ ਰੁਕੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਗੰਦੀਆਂ ਨਾਲੀਆਂ ਨੂੰ ਸਾਫ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹਾਂਗਾ ਤਾਂਕਿ ਉਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਮੱਛਰ ਪੈਦਾ ਨਾ ਹੋ ਸਕੇ | ਘਰ ਤੋਂ ਕੁੱਝ ਦੁਰ ਛੱਪੜ ਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਤੇਲ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਕਰਨਾ ਚਾਹਾਂਗਾ ਤਾਂਕਿ ਮੱਛਰਾਂ ਦਾ ਲਾਰਵਾ ਨਸ਼ਟ ਹੋ ਜਾਵੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਮੁਦਾਇ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਡਾਕਟਰ/ਨਰਸ/ਹੈਲਥ ਵਰਕਰ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਨਾਲੋਂ ਰੋਗੀਆਂ ਦਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸਾਹਮਣਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਬਿਮਾਰ ਹੋਣ ਤੋਂ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਚਾਉਂਦਾ/ਬਚਾਉਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਸਚਿਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਡਾਕਟਰ/ਨਰਸ/ਹੈਲਥ ਵਰਕਰ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਨਾਲੋਂ ਰੋਗੀਆਂ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਤੇ ਇਸ ਕਾਰਨ ਜਲਦੀ ਬਿਮਾਰ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਬਿਮਾਰੀ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਰੋਗ ਪਤੀਰੱਖਿਆ ਦੇ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨੂੰ ਅਪਣਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਵਧੀਆ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਭੋਜਨ ਖਾਂਦੇ ਹਨ । ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਆਪਣੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਨੂੰ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰਾ ਰੱਖਦੇ ਹਨ । ਰੋਗੀ ਦੀ ਚੈਕਿੰਗ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਹੱਥ ਧੋਦੇ ਹਨ । ਛੂਤ ਵਾਲੇ ਰੋਗੀ ਦੇ ਨੇੜੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਨੱਕ ਮੂੰਹ ਢੱਕ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਆਪਣੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਵਿਚ ਇੱਕ ਸਰਵੇਖਣ ਕਰੋ ਅਤੇ ਪਤਾ ਲਗਾਓ ਕਿ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਤਿੰਨ . ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਆਮ ਤੌਰ ‘ ਤੇ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ? ਇਨ੍ਹਾਂ ਬਿਮਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਆਪਣੇ ਸਥਾਨਿਕ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਨੂੰ ਤਿੰਨ ਸੁਝਾਅ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਆਮ ਕਰਕੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਦਸਤ, ਮਲੇਰੀਆ ਅਤੇ ਵਾਇਰਲ ਬੁਖ਼ਾਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਸਥਾਨਿਕ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਲਈ ਸੁਝਾਅ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹਨ-

  1. ਸੜਕ ਕਿਨਾਰੇ ‘ਤੇ ਬਣੀਆਂ ਨਾਲੀਆਂ ਦੀ ਨਿਯਮਿਤ ਸਫ਼ਾਈ ਕਰਵਾਓ । ਉਹਨਾਂ ਵਿਚ ਗੰਦਾ ਪਾਣੀ ਖੜ੍ਹਾ ਨਾ ਹੋਣ ਦਿਓ ।
  2. ਨਾਗਰਿਕਾਂ ਨੂੰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਕਲੋਰੀਨ ਯੁਕਤ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  3. ਜਗ੍ਹਾ-ਜਗ੍ਹਾ ਖੜ੍ਹੇ ਪਾਣੀ ਤੇ ਮਿੱਟੀ ਦੇ ਤੇਲ ਦਾ ਛਿੜਕਾਅ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਕਿ ਮੱਛਰਾਂ ਦਾ ਵਾਧਾ ਰੋਕਿਆ ਜਾ ਸਕੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਬੱਚਾ ਆਪਣੀ ਬਿਮਾਰੀ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿੱਚ ਆਪਣੇ ਘਰਦਿਆਂ ਨੂੰ ਦੱਸ ਸਕਣ ਦੇ ਯੋਗ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਸਾਨੂੰ ਕਿਸ ਗੱਲ ਤੋਂ ਪਤਾ ਲੱਗੇਗਾ ਕਿ :
(a) ਕੀ ਬੱਚਾ ਬਿਮਾਰ ਹੈ?
(b) ਕੀ ਬਿਮਾਰੀ ਹੈ?
ਉੱਤਰ-
(a) ਬੱਚੇ ਦਾ ਰੰਗ ਪੀਲਾ ਪੈ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਭੁੱਖ ਘੱਟ ਲਗਦੀ ਹੈ, ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਥਕਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਦਾ ਭਾਰ ਵੀ ਘੱਟ ਹੋਣ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ।

(b) ਉਸ ਨੂੰ ਪੀਲੀਆ ਰੋਗ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ‘ ਚੋਂ ਕਿਹੜੇ ਹਾਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੇ ਬਿਮਾਰ ਹੋਣ ਦੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਸੰਭਾਵਨਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
(a) ਜਦੋਂ ਉਹ ਮਲੇਰੀਏ ਤੋਂ ਠੀਕ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
(b) ਜਦੋਂ ਉਹ ਮਲੇਰੀਏ ਤੋਂ ਠੀਕ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਚੇਚਕ (Chicken pox) ਦੇ ਰੋਗੀ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
(c) ਜਦੋਂ ਉਸਨੇ ਮਲੇਰੀਏ ਤੋਂ ਠੀਕ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਚਾਰ ਦਿਨ ਦਾ ਵਰਤ ਰੱਖਿਆ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਚੇਚਕ ਦੇ ਰੋਗੀ ਦੀ ਦੇਖਭਾਲ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਮਲੇਰੀਏ ਤੋਂ ਠੀਕ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਚਾਰ ਦਿਨ ਦਾ ਵਰਤ ਰੱਖਿਆ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਚੇਚਕ ਦੇ ਰੋਗੀ ਦੀ ਸੇਵਾ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ।

ਕਾਰਨ – ਬਿਮਾਰੀ ਦੇ ਬਾਅਦ ਉਸਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਸੁਭਾਵਿਕ ਕਮਜ਼ੋਰੀ ਆ ਜਾਵੇਗੀ । ਇਸ ਕਮਜ਼ੋਰੀ ਕਾਰਨ ਉਸਦੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਰੋਗ ਸੁਰੱਖਿਆ ਤੰਤਰ ਵਿਚ ਕਮਜ਼ੋਰੀ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਦੀ ਪੂਰਤੀ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਅਤੇ ਵਧੀਆ ਭੋਜਨ ਤੋਂ ਹੋਣੀ ਸੀ ਪਰ ਚਾਰ ਦਿਨ ਵਰਤ ਕਰਨ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਆ ਸਮਰੱਥਾ ਹੋਰ ਵੀ ਘੱਟ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ । ਚੇਚਕ ਇਕ ਛੂਤ ਦਾ ਰੋਗ ਹੈ ਜਿਸਦੀ ਲਾਗ ਜਲਦੀ ਲਗ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਰੋਗ ਉਸ ਕਮਜ਼ੋਰ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਬਣਾ ਲਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਤੋਂ ਤੁਹਾਡੀ ਕਿਹੜੇ ਹਾਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਬਿਮਾਰ ਹੋਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
(a) ਜਦੋਂ ਤੁਹਾਡੇ ਪੇਪਰ ਹੋ ਰਹੇ ਹੋਣ ।
(b) ਜਦੋਂ ਤੁਸੀਂ ਬੱਸ ਜਾਂ ਟੇਨ ਵਿੱਚ ਦੋ ਦਿਨ ਦਾ ਸਫ਼ਰ ਕਰ ਕੇ ਹਟੇ ਹੋਏ ਹੋ ।
(c) ਜਦੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਦੋਸਤ ਖਸਰੇ (Measles) ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਜਦੋਂ ਤੁਹਾਡਾ ਦੋਸਤ ਖਸਰੇ ਤੋਂ (Measles) ਪੀੜਿਤ ਹੈ ।

ਖਸਰਾ ਇਕ ਛੂਤ ਦਾ ਰੋਗ ਹੈ । ਦੋਸਤ ਨਾਲ ਖੇਡਣ, ਬੈਠਣ-ਉੱਠਣ, ਗੱਲਾਂ ਕਰਨ, ਇੱਕ ਸਾਥ ਖਾਣਾ, ਉਸਦੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਛੂਹਣਾ ਆਦਿ ਨਾਲ ਖਸਰਾ ਦੇ ਵਾਇਰਸ ਸਾਨੂੰ ਲਾਗ ਲਗਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਾਨੂੰ ਰੋਗੀ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਨ ।

Science Guide for Class 9 PSEB ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਚੰਗੀ ਸਿਹਤ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਦੋ ਨਿਸ਼ਾਨੀਆਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚੰਗੀ ਸਿਹਤ ਲਈ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਸਰੀਰਕ, ਮਾਨਸਿਕ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਸਥਿਤੀਆਂ ਦਾ ਵਧੀਆ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਰੋਗ ਮੁਕਤ ਹੋਣ ਦੀਆਂ ਦੋ ਨਿਸ਼ਾਨੀਆਂ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਸਮੁਦਾਇਕ ਸਵੱਛਤਾ,
  2. ਵਧੀਆ ਭੋਜਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕੀ ਉਪਰੋਕਤ ਦੋਨਾਂ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ ਇੱਕ ਹੀ ਹਨ ਜਾਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ? ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਅਸਲ ਵਿਚ ਵਧੀਆ ਸਿਹਤ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਸਥਿਤੀਆਂ ਅਤੇ ਪਰਿਸਥਿਤੀਆਂ ਵਿੱਚ ਵੱਡਾ ਅੰਤਰ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨਾਲ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਹਨ ਕਿ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਵੱਖ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ । ਜੇ ਸਮੁਦਾਇਕ ਸਵੱਛਤਾ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਖਾਣ ਲਈ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਰਹੇ ਤਾਂ ਸਰੀਰਕ ਸਿਹਤ ਦੇ ਨਾਲ ਮਾਨਸਿਕ ਸਿਹਤ ਵੀ ਠੀਕ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਵਾਤਾਵਰਨ ਦੂਸ਼ਿਤ ਹੋਵੇ, ਸਭ ਪਾਸੇ ਗੰਦਗੀ ਫੈਲੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਸਰੀਰਕ ਰੋਗ ਤਾਂ ਪਰੇਸ਼ਾਨ ਕਰਨਗੇ ਹੀ ਤੇ ਨਾਲ ਹੀ ਮਾਨਸਿਕ ਤਕਲੀਫ਼ ਵੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਗਰੀਬੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਜੇ ਭੋਜਨ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਨਾ ਹੋਵੇ, ਪੇਟ ਖ਼ਾਲੀ ਰਹੇ ਤਾਂ ਮਾਨਸਿਕ ਕਲੇਸ਼ ਦੇ ਨਾਲ ਅਲਪਪੋਸ਼ਣ ਅਤੇ ਕੁਪੋਸ਼ਣ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਰੋਗ ਵੀ ਸਤਾਉਣਗੇ । ਉਪਰੋਕਤ ਦੋਨਾਂ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ ਇੱਕ ਹੀ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਮੌਲਿਕ ਅੰਤਰ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਅਜਿਹੇ ਤਿੰਨ ਕਾਰਨ ਲਿਖੋ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਤੁਸੀਂ ਸੋਚਦੇ ਹੋ ਕਿ ਤੁਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਹੋ ਅਤੇ ਡਾਕਟਰ ਕੋਲ ਜਾਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ । ਜੇਕਰ ਇਹਨਾਂ ‘ਚੋਂ ਕੋਈ ਇੱਕ ਵੀ ਲੱਛਣ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਫਿਰ ਵੀ ਡਾਕਟਰ ਕੋਲ ਜਾਣਾ ਚਾਹੋਗੇ ? ਕਿਉਂ ਜਾਂ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਤਿੰਨ ਕਾਰਨ ਹਨ-

  1. ਤੱਤਕਾਲੀਨ ਕਾਰਨ
  2. ਭਰਪੂਰ ਪੋਸ਼ਣ ਦਾ ਨਾ ਹੋਣਾ
  3. ਗ਼ਰੀਬੀ ਅਤੇ ਸਮੁਦਾਇਕ ਸੇਵਾਵਾਂ ਦਾ ਉਪਲੱਬਧ ਨਾ ਹੋਣਾ ।

ਜੇ ਇਹਨਾਂ ਤਿੰਨਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕੋਈ ਇੱਕ ਵੀ ਕਾਰਨ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਡਾਕਟਰ ਕੋਲ ਜਾਣਾ ਚਾਹਾਂਗੇ ।
ਮੰਨ ਲਓ ਇੱਕ ਬੱਚੇ ਨੂੰ ਪਤਲੇ ਦਸਤ ਲੱਗੇ ਹੋਏ ਹਨ ਇਸਦਾ ਕਾਰਨ ਵਿਸ਼ਾਣੁ ਹੈ ਜੋ ਤਤਕਾਲਿਕ ਕਾਰਨ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਕਾਰਨ ਇਹ ਵੀ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਬੱਚਾ ਜਾਂ ਉਸਦਾ ਪਰਿਵਾਰ ਗ਼ਰੀਬ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਭਰਪੂਰ ਭੋਜਨ ਨਾ ਲੈ ਸਕਦਾ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਬਿਮਾਰ ਹੋ ਗਿਆ ਹੋਵੇ । ਜਿੱਥੇ ਬੱਚੇ ਦਾ ਪਰਿਵਾਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਉੱਥੇ ਖ਼ਰਾਬ ਸਮੁਦਾਇਕ ਸੇਵਾਵਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਸਾਫ਼ ਪਾਣੀ ਉਪਲੱਬਧ ਨਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਸਾਰੇ ਕਾਰਨ ਕਿਸੇ ਨਾ ਕਿਸੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ ।ਵਿਸ਼ਾਣੂ ਜੈਵ ਸਮੁਦਾਇਕ ਵਿਚ ਫੈਲ ਸਕਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗ ਵੀ ਫੈਲ ਸਕਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ‘ਚੋਂ ਕਿਸੇ ਦੇ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਰਹਿਣ ਕਾਰਨ ਤੁਸੀਂ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ਕਿ ਤੁਹਾਡੀ ਸਿਹਤ ਤੇ ਬੁਰਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਵੇਗਾ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
• ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਪੀਲੀਏ ਦੇ ਰੋਗ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਹੋ ?
• ਜੇਕਰ ਤੁਹਾਡੇ ਸਰੀਰ ਤੇ ਨੂੰ ਹੈ ।
• ਜੇਕਰ ਤੁਸੀਂ ਮੁਹਾਸਿਆਂ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਹੋ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਪੀਲੀਏ ਤੋਂ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤਕ ਪੀੜਿਤ ਹੋ ਤਾਂ ਇਹ ਸਿਹਤ ਲਈ ਬਹੁਤ ਖ਼ਰਾਬ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸਦਾ ਸੰਬੰਧ ਜਿਗਰ ਨਾਲ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਹੈਪੇਟਾਈਟਸ ਦੀ ਜਾਂਚ ਅਤੇ ਇਲਾਜ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ । ਜੂ ਅਤੇ ਮੁਹਾਸੇ ਥੋੜ੍ਹੇ ਸਮੇਂ ਲਈ ਅਸਰ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਚਮੜੀ ਦੇ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਰਲਤਾ ਨਾਲ ਦੂਰ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਅਸਰ ਸਰੀਰ ‘ਤੇ ਦੇਰ ਤਕ ਨਹੀਂ ਰਹਿੰਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜਦੋਂ ਤੁਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਹੁੰਦੇ ਹੋ ਤੁਹਾਨੂੰ ਅਕਸਰ ਹੀ ਵਧੀਆ ਤੇ ਪੋਸ਼ਕ ਭੋਜਨ ਖਾਣ ਦੀ ਸਲਾਹ ਕਿਉਂ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ
ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਧੀਆ ਤੇ ਪੋਸ਼ਕ ਭੋਜਨ ਕਿਸੇ ਵੀ ਬਿਮਾਰ ਵਿਅਕਤੀ ਲਈ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਕੁਦਰਤੀ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਅਕ ਤੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਨਾਲ ਲੜਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਮਾਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਬਿਮਾਰੀ ਜਾਂ ਭੋਜਨ ਦੀ ਕਮੀ ਨਾਲ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਅਕ ਤੰਤਰ ਕਮਜ਼ੋਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਸ਼ਰੀਰ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੇ ਆਪਣੇ ਕਾਰਜ ਵਿੱਚ ਸਫ਼ਲ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕੇਗਾ । ਕੋਸ਼ਿਕਾਵਾਂ, ਪ੍ਰੋਟੀਨ, ਕਾਰਬੋਹਾਈਡੇਟ, ਵਸਾ ਆਦਿ ਤੋਂ ਬਣਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਭੋਜਨ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਫੈਲਣ ਦੇ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਤਰੀਕੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ 1
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਮੁੱਖ ਰੂਪ ਵਿਚ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਲਿੰਗੀ ਸੰਪਰਕ ਦੇ ਮਾਧਿਅਮ ਰਾਹੀਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਸੂਖ਼ਮਜੀਵੀ ਕਾਰਕ ਕਈ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨਾਲ ਕਿਸੇ ਰੋਗੀ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਤਕ ਫੈਲਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ-

1. ਹਵਾ ਰਾਹੀਂ-ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਰੋਗੀ ਵਿਅਕਤੀ ਖ਼ਾਸੀ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਾਂ ਛਿੱਕ ਮਾਰਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਦੇ ਮੂੰਹ ਅਤੇ ਨੱਕ ਵਿਚੋਂ ਛੋਟੀਆਂ-ਛੋਟੀਆਂ ਬੂੰਦਾਂ ਬਹੁਤ ਵੇਗ ਨਾਲ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀਆਂ ਹਨ । ਜੋ ਵਿਅਕਤੀ ਉਸ ਦੇ ਨੇੜੇ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਇਹ ਸਾਹ ਰਸਤੇ ਉਸਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤੇ ਉਸ ਨੂੰ ਵੀ ਲਾਗ
ਲਗਾ ਕੇ ਰੋਗੀ ਬਣਾ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਖਾਂਸੀ, ਜ਼ੁਕਾਮ, ਨਿਮੋਨੀਆਂ, ਟੀ. ਬੀ. ਆਦਿ ਰੋਗ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ।

ਹਨ । ਜਿੱਥੇ ਵਧੇਰੇ ਭੀੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਉੱਥੇ ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਫੈਲਣ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਉੱਨੀ ਹੀ ਵੱਧ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਵਧੇਰੇ ਭੀੜ ਵਾਲੇ ਅਤੇ ਘੱਟ ਰੋਸ਼ਨਦਾਨਾਂ ਵਾਲੇ ਘਰਾਂ ਵਿੱਚ ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ ਫੈਲਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਂ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਵਧੇਰੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

2. ਪਾਣੀ ਰਾਹੀਂ – ਕਈ ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਪਾਣੀ ਰਾਹੀਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਰੋਗੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਮਲ-ਮੂਤਰ ਪਾਣੀ ਵਿਚ ਮਿਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤੇ ਕੋਈ ਸਿਹਤਮੰਦ ਵਿਅਕਤੀ ਗਲਤੀ ਨਾਲ ਅਜਿਹੇ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਪੀ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵ ਉਸ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹ ਵੀ ਰੋਗੀ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹੈਜ਼ਾ, ਪੇਚਿਸ਼ ਆਦਿ ਰੋਗ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ।

3. ਲਿੰਗੀ ਸੰਪਰਕ ਰਾਹੀਂ – ਜਦੋਂ ਦੋ ਵਿਅਕਤੀ ਸਰੀਰਕ ਰੂਪ ਵਿਚ ਲਿੰਗੀ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਦੁਆਰਾ ਇੱਕ-ਦੂਸਰੇ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿਚ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਸੂਖ਼ਮਜੀਵੀ ਰੋਗ ਲਾਗ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਸਾਥੀ ਨੂੰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਸਿਫਿਲਿਸ ਗਨੋਰੀਆ, ਏਡਜ਼ ਆਦਿ ਰੋਗ ਇਸੇ ਪ੍ਰਕਾਰ ਇੱਕ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਵਿਅਕਤੀ ਵਿੱਚ ਫੈਲਦੇ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ 2
4. ਜੰਤੂਆਂ ਰਾਹੀਂ – ਮੱਛਰ, ਮੱਖੀ, ਪਿੱਸੂ ਆਦਿ ਰੋਗਾਂ ਦੇ ਕਾਰਕ ਹਨ ਤੇ ਵਾਹਕ ਹਨ ਜੋ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਨੂੰ ਇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਦੂਸਰੇ ਵਿਅਕਤੀ ਤਕ ਪਹੁੰਚਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਲਾਗ ਲੱਗਿਆ ਕੁੱਤਾ, ਬਾਂਦਰ, ਨੇਵਲਾ ਆਦਿ ਜੰਤੁ ਵੀ ਰੇਬੀਜ਼ ਫੈਲਾਉਂਦੇ ਹਨ । ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਲਾਰ ਤੋਂ ਇਹ ਰੋਗ ਫੈਲਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਤੁਹਾਡੇ ਸਕੂਲ ਵਿਚ ਕਿਹੜੀਆਂ-ਕਿਹੜੀਆਂ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਨੂੰ ਫੈਲਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਦੀਆਂ ਸਾਵਧਾਨੀਆਂ-

  1. ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਸਾਫ਼-ਸੁਥਰੇ ਰਹਿਣਾ, ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਨਹਾਉਣਾ, ਸਰੀਰਕ ਸਵੱਛਤਾ ਅਤੇ ਵਿਅਕਤੀਗਤ ਸਫ਼ਾਈ ਲਈ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  2. ਸੰਤੁਲਿਤ ਅਤੇ ਪੌਸ਼ਟਿਕ ਆਹਾਰ ਲੈਣ ਦੀ ਸਿੱਖਿਆ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਤਾਂਕਿ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਦੀ ਕੁਦਰਤੀ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਆ ਰੋਗ-ਸੁਰੱਖਿਆ ਵਧੀਆ ਬਣੀ ਰਹੇ ।
  3. ਮਲ-ਮੂਤਰ ਅਤੇ ਹੋਰ ਫਾਲਤੂ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦਾ ਨਿਪਟਾਰਾ ਠੀਕ ਢੰਗ ਨਾਲ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  4. ਖੁੱਲ੍ਹੀਆਂ ਥਾਂਵਾਂ ‘ਤੇ ਮਲ ਤਿਆਗ ਤੇ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਰੋਕ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  5. ਸੀਵਰੇਜ਼ ਵਿਵਸਥਾ ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  6. ਸਕੂਲ ਦੀ ਕੈਂਟੀਨ ਵਿਚ ਕੱਟੇ ਹੋਏ ਫਲ, ਬਿਨਾਂ ਢੱਕੀ ਖਾਧ-ਸਮੱਗਰੀ ਆਦਿ ਤੇ ਰੋਕ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ।
  7. ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗ ਤੋਂ ਪੀੜਿਤ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਉਦੋਂ ਤਕ ਸਕੂਲ ਆਉਣ ਤੇ ਰੋਕ ਲਗਾ ਦੇਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਤਕ ਉਹ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਠੀਕ ਨਾ ਹੋ ਜਾਣ ।
  8. ਮੱਛਰ, ਮੱਖੀ ਆਦਿ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।
  9. ਸਮੇਂ-ਸਮੇਂ ਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਛੂਤ ਦੇ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਟੀਕਿਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਰੋਗ-ਸੁਰੱਖਿਆ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਰੋਗ-ਸੁਰੱਖਿਆ – ਵੱਖ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਸੰਕਰਮਣਕਾਰੀ ਰੋਗਾਂ ਤੋਂ ਬਚਾਅ ਲਈ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ਾਂ ਸਦਾ ਹੀ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਰਹੀਆਂ ਹਨ । ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਤੀਰੱਖਿਆ ਤੰਤਰ ਕੁਦਰਤ ਦੁਆਰਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਜੋ ਬਾਹਰ ਤੋਂ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਨੂੰ ਮਾਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ | ਤੀਰੱਖਿਆ ਸੈੱਲ ਸੰਕਰਮਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਟੀਕੇ ਦੁਆਰਾ ਸਰੀਰ ਵਿਚ ਖ਼ਾਸ ਸੰਕਰਮਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਵੇਸ਼ ਕਰਵਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜੋ ਅਸਲ ਵਿਚ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਬਲਕਿ ਰੋਗ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਰੋਗਾਣੂਆਂ ਨੂੰ ਰੋਕਦੇ ਹਨ ।

ਜਦੋਂ ਰੋਗਾਣੂ ਰੋਗ-ਸੁਰੱਖਿਆ ਤੰਤਰ ਤੇ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਹਮਲਾ ਕਰਦੇ ਹਨ ਤੇ ਇਹ ਤੰਤਰ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਪ੍ਰਤੀ ਵਿਰੋਧ ਕਰਕੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਖ਼ਾਸ ਰੂਪ ਨੂੰ ਯਾਦ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਦੁਬਾਰਾ ਇਹੀ ਰੋਗਾਣੂ ਜਾਂ ਉਸ ਨਾਲ ਮਿਲਦਾ-ਜੁਲਦਾ ਰੋਗਾਣੂ ਸੰਪਰਕ ਵਿਚ ਆਉਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਪੂਰੀ ਸ਼ਕਤੀ ਨਾਲ ਉਸ ‘ਤੇ ਹਮਲਾ ਕਰਕੇ ਉਸ ਨੂੰ ਨਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਨਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਸੰਕਰਮਣ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿਚ ਦੁਸਰੀ ਵਾਰ ਸੰਕਰਮਣ ਜਲਦੀ ਹੀ ਸਮਾਪਤ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 13 ਅਸੀਂ ਬਿਮਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੇ ਹਾਂ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਤੁਹਾਡੇ ਪਿੰਡ ਦੀ ਡਿਸਪੈਂਸਰੀ ਵਿਚ ਟੀਕਾਕਰਣ ਦੇ ਕਿਹੜੇ ਕਾਰਜਕ੍ਰਮ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ । ਤੁਹਾਡੇ ਖੇਤਰ ਵਿਚ ਸਿਹਤ ਸੰਬੰਧੀ ਕਿਹੜੀ ਸਮੱਸਿਆ ਮੁੱਖ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਾਡੇ ਪਿੰਡ ਦੀ ਡਿਸਪੈਂਸਰੀ ਵਿਚ ਅਜਿਹੇ ਕਈ ਕਾਰਜਕ੍ਰਮ ਉਪਲੱਬਧ ਹਨ, ਜਿੱਥੇ ਟੀਕਾਕਰਣ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਛੋਟੇ ਬੱਚਿਆਂ ਲਈ ਟਰਿਪਲ ਵੈਕਸਿਨ, DPT, ਕਾਲੀ ਖਾਂਸੀ, ਡਿਪਥੀਰੀਆ, ਟੈਟਨਸ, ਚਿਕਨ ਪਾਕਸ, ਤਪੇਦਿਕ ਦੇ ਟੀਕਿਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ਹੈ । ਤੀਰੇਬੀਜ਼, ਹਿਪੇਟਾਈਟਸ, ਟਾਈਫਾਈਡ ਆਦਿ ਦਾ ਟੀਕਾਕਰਣ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਸਾਡੇ ਖੇਤਰ ਵਿਚ ਸਿਹਤ ਸੰਬੰਧੀ ਮੁੱਖ ਸਮੱਸਿਆ ਮਲੇਰੀਆ, ਖਸਰਾ ਅਤੇ ਰੇਬੀਜ਼ ਦੀ ਹੈ । ਜਗਾ-ਜਗਾ ਰੁਕਿਆ ਹੋਇਆ ਪਾਣੀ ਮੱਛਰਾਂ ਨੂੰ ਵਧਾਉਣ ਦਾ ਕਾਰਨ ਹੈ ਅਤੇ ਸੜਕਾਂ-ਗਲੀਆਂ ਵਿਚ ਅਵਾਰਾ ਕੁੱਤਿਆਂ ਦੀ ਭੀੜ ਰੇਬੀਜ਼ ਦਾ ਕਾਰਨ ਬਣਦੀ ਹੈ । ਸਥਾਨਿਕ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਇਸ ਵਿਸ਼ੇ ਵਿਚ ਕੁੱਝ ਨਹੀਂ ਕਰ ਰਿਹਾ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 12 ਧੁਨੀ

PSEB 9th Class Science Guide ਧੁਨੀ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਧੁਨੀ ਕੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਵੇਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ (Sound) – ਧੁਨੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਇੱਕ ਰੂਪ ਹੈ ਜੋ ਸਾਡੇ ਕੰਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਣਨ ਦਾ ਅਨੁਭਵ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
ਧੁਨੀ ਉਤਪੰਨ ਕਰਨਾ – ਅਸੀਂ ਭਿੰਨ-ਭਿੰਨ ਵਸਤੁਆਂ ਵਿੱਚ ਤੁਣਕਾ ਮਾਰ ਕੇ, ਰਗੜ ਕੇ, ਫੁਕ-ਮਾਰ ਕੇ ਜਾਂ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਹਿਲਾ ਕੇ ਧੁਨੀ ਉਤਪੰਨ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਅਰਥਾਤ ਵਸਤੁਆਂ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਪੈਦਾ ਕਰਕੇ ਧੁਨੀ ਪੈਦਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਕੰਪਨ ਦਾ ਅਰਥ ਹੈ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਬਾਰ-ਬਾਰ ਇੱਧਰ-ਉੱਧਰ ਗਤੀ ਕਰਨਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਚਿੱਤਰ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ਕਿ ਧੁਨੀ ਦੇ ਸ੍ਰੋਤ ਨੇੜੇ ਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਨਪੀੜਨ (Compressions) ਅਤੇ ਵਿਰਲਾਂ (Rarefactions) ਕਿਵੇਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਸ੍ਰੋਤ ਦੇ ਨੇੜੇ ਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਵਿਰਲਾਂ (ਨਿਖੇੜਨ) ਦਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣਾ – ਧੁਨੀ ਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਹਵਾ ਸਭ ਤੋਂ ਸਾਧਾਰਨ ਮਾਧਿਅਮ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਵਸਤ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਹੋਈ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਵੱਧਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਆਪਣੇ ਸਾਹਮਣੇ ਦੀ ਹਵਾ ਨੂੰ ਧੱਕਦੀ ਹੋਈ ਨਪੀੜਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇੱਕ ਉੱਚ ਦਬਾਅ ਵਾਲਾ ਖੇਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਨਪੀੜਨ (C) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਨਪੀੜਨ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੀ ਵਸਤੁ ਤੋਂ ਦੁਰ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਵਸਤੁ ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇੱਕ ਘੱਟ ਦਬਾਅ ਵਾਲਾ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜਿਸਨੂੰ ਨਿਖੇੜਨ ਜਾਂ ਵਿਰਲਨ (R) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਵਸਤੁ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਹੈ (ਅਰਥਾਤ ਅੱਗੇ ਅਤੇ ਪਿੱਛੇ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ। ਤਾਂ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਨਿਖੇੜਨ ਦੀ ਇੱਕ ਲੜੀ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਹੋ ਨਪੀੜਨ (C) ਅਤੇ ਨਿਖੇੜਨ (R) ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਜਿਹੜੀ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਦੀ ਹੋ ਕੇ ਅਗਾਂਹ ਸੰਚਾਰ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਨਪੀੜਨ (C) ਉੱਚ ਦਬਾਅ ਦਾ ਖੇਤਰ ਅਤੇ ਨਿਖੇੜਨ (R) ਘੱਟ ਦਬਾਅ ਦਾ ਖੇਤਰ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 1

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕਿਹੜੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਨਾਲ ਇਹ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿ ਧੁਨੀ ਸੰਚਾਰਣ ਦੇ ਲਈ ਪਦਾਰਥਮਈ ਮਾਧਿਅਮ (material medium) ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਸੰਚਾਰਣ ਲਈ ਪਦਾਰਥਮਈ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ – ਧੁਨੀ ਇੱਕ ਯੰਤ੍ਰਿਕ ਤਰੰਗ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸਦੇ ਸੰਚਾਰ ਲਈ ਕਿਸੇ ਪਦਾਰਥ ਜਿਵੇਂ ਹਵਾ, ਪਾਣੀ, ਸਟੀਲ ਆਦਿ ਦਾ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਨਿਰਵਾਤ (ਨਿਰਵਾਯੂ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਚਲ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਇਸਨੂੰ ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੇ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੁਆਰਾ ਸਿੱਧ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ-

ਪ੍ਰਯੋਗ – ਇੱਕ ਬਿਜਲਈ ਘੰਟੀ ਅਤੇ ਇੱਕ ਕੱਚ ਦਾ ਹਵਾ ਰੋਧੀ ਬੈਲਜਾਰ ਲਓ । ਬਿਜਲਈ ਘੰਟੀ ਨੂੰ ਬੈਲਜਾਰ ਵਿੱਚ ਲਟਕਾਓ । ਬੈਲਜਾਰ ਨੂੰ ਚਿੱਤਰ ਵਾਂਗ ਹਵਾ-ਨਿਕਾਸੀ ਪੰਪ ਨਾਲ ਜੋੜੋ । ਘੰਟੀ ਦਾ ਸਵਿੱਚ ਦਬਾਉਣ ਤੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਉਸਦੀ ਧੁਨੀ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇਗੀ । ਹੁਣ ਹਵਾ-ਨਿਕਾਸੀ ਪੰਪ ਨੂੰ ਚਲਾਓ । ਜਦੋਂ ਬੈਲਜਾਰ ਦੀ ਹਵਾ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦੀ ਹੈ, ਘੰਟੀ ਦੀ ਧੁਨੀ ਹੌਲੀ ਹੁੰਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਜਦੋਂ ਕਿ ਉਸ ਵਿਚੋਂ ਉਹੀ ਬਿਜਲੀ ਧਾਰਾ ਗੁਜ਼ਰ ਰਹੀ ਹੈ । ਕੁਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਜਦੋਂ ਬੈਲਜਾਰ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹਵਾ ਬਾਕੀ ਰਹਿ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਬਹੁਤ ਮੱਧਮ ਧੁਨੀ ਸੁਣਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਬੈਲਜਾਰ ਦੀ ਸਾਰੀ ਹਵਾ ਬਾਹਰ ਕੱਢ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਘੰਟੀ ਦੀ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸੁਣ ਨਹੀਂ ਪਾਉਗੇ । ਇਸ ਤੋਂ ਸਿੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਧੁਨੀ ਲਈ ਪਦਾਰਥਮਈ ਮਾਧਿਅਮ ਦਾ ਹੋਣਾ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਲੰਮੇ-ਦਾਅ ਜਾਂ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਕਿਉਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਲੰਮੇ-ਦਾਅ ਜਾਂ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗਾਂ ਕਹਾਉਂਦੀਆਂ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹਨਾਂ ਤਰੰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ (ਹਵਾ) ਦੇ ਕਣਾਂ ਦਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਹਲਚਲ ਦੇ ਸੰਚਰਣ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਸਮਾਨੰਤਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕਣ ਇੱਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਸਥਾਨ ਤੱਕ ਗਤੀ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ ਪਰੰਤੁ ਆਪਣੀ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਾਲੀ ਸਥਿਤੀ ਦੇ ਅੱਗੇ-ਪਿੱਛੇ ਡੋਲਨ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਨਿਖੇੜਨਾਂ (C) ਅਤੇ ਵਿਰਲਨਾਂ (R) ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਅਗਾਂਹ ਵੱਲ ਤੁਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਧੁਨੀ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਗੁਣ ਕਿਸੇ ਹਨੇਰੇ ਕਮਰੇ ਵਿੱਚ ਹੋਰ ਸਾਥੀਆਂ ਨਾਲ ਬੈਠੇ ਤੁਹਾਡੇ ਮਿੱਤਰ ਦੀ ਅਵਾਜ਼ ਪਹਿਚਾਣਨ ਵਿੱਚ ਤੁਹਾਡੀ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦੀ ਗੁਣਵੱਤਾ ਵਾਲੇ ਲੱਛਣ ਦੇ ਅਧਾਰ ‘ਤੇ ਅਸੀਂ ਹਨੇਰੇ ਵਿੱਚ ਬੈਠੇ ਮਿੱਤਰਾਂ ਦੀ ਅਵਾਜ਼ ਦੀ ਪਹਿਚਾਣ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਬੱਦਲ ਦੀ ਗਰਜ ਅਤੇ ਚਮਕ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਇੱਕੋ ਸਮੇਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਪਰੰਤੂ ਚਮਕ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣ ਦੇ ਕੁਝ ਸੈਕਿੰਡ ਬਾਅਦ ਗਰਜ ਸੁਣਾਈ ਦੇਂਦੀ ਹੈ | ਅਜਿਹਾ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? |
ਉੱਤਰ-
ਅਕਾਸ਼ੀ ਬਿਜਲੀ ਦੀ ਚਮਕ ਅਤੇ ਬੱਦਲ ਦੀ ਗਰਜ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਚਾਲ (3 × 108 m/s) ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ (340 m/s) ਨਾਲੋਂ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਧੁਨੀ ਦੀ ਅਵਾਜ਼ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਬਹੁਤ ਪਹਿਲਾਂ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕਿਸੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੀ ਔਸਤ ਸੁਣਨਯੋਗ ਸੀਮਾ (Hearing Range) 20 Hz ਤੋਂ 20 kHz ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੋ ਆਤੀਆਂ ਦੇ ਲਈ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਪਤਾ ਕਰੋ । ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ 344 ms-1 ਹੈ ।
ਹੱਲ:
(i) ਪਹਿਲੀ ਸਥਿਤੀ ਜਦੋਂ ਸਣਨਯੋਗ ਰੰਜ ਦੀ ਹੇਠਲੀ ਸੀਮਾ ਹੈ
ਇੱਥੇ ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ (v1 ) = 20 Hz
ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ (υ1 ) = 344 ms-1
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ1) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, υ1 = v1 × λ1
ਜਾਂ λ1 = \(\frac{v_{1}}{v_{1}}\)
= \(\frac{344}{20}\)
∴ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ1) = 17.2 m ……………… (1)

(ii) ਦੂਸਰੀ ਸਥਿਤੀ ਜਦੋਂ ਸੁਣਨਯੋਗ ਰੇਂਜ ਦੀ ਉਪਰਲੀ ਸੀਮਾ ਹੈ
ਹੁਣ, ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ (v2) = 20 kHz
= 20 × 1000 Hz
= 2 × 104 Hz
ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ (V2 = V1) = 344 ms-1
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ2) = ?
2 = \(\frac{344}{2 \times 10^{4}}\)
= \(\frac{172}{10000}\)
= 0.0172 m …………………. (2)

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਦੋ ਬੱਚੇ ਕਿਸੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਪਾਈਪ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਸਿਰਿਆਂ ‘ਤੇ ਹਨ । ਇੱਕ ਬੱਚਾ ਪਾਈਪ ਦੇ ਸਿਰੇ ‘ਤੇ ਪੱਥਰ ਨਾਲ ਸੱਟ ਮਾਰਦਾ ਹੈ । ਦੂਜੇ ਸਿਰੇ ‘ਤੇ ਬੈਠੇ ਬੱਚੇ ਤੱਕ ਹਵਾ ਅਤੇ ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਵਿੱਚ ਵੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੁਆਰਾ ਲਏ ਗਏ ਸਮੇਂ ਦਾ ਅਨੁਪਾਤ (Ratio) ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ ਪਾਈਪ ਦੀ ਲੰਬਾਈ = l
ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ (Va) = 346 ms-1
ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ (VAl) = 6420 ms-1
∴ ਹਵਾ ਵਿੱਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਜਾਣ ਲਈ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ (ta) = PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 3
= \(\frac{l}{346}\)s
ਐਲੂਮੀਨੀਅਮ ਵਿੱਚੋਂ ਹੋ ਕੇ ਜਾਣ ਲਈ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ (tAl) = \(\frac{l}{V_{\mathrm{Al}}}\)
= \(\frac{l}{6420}\)s
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= \(\frac{6420}{346}\)
= \(\frac{18.55}{1}\)
∴ ta : tAl = 18.55 : 1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕਿਸੇ ਧੁਨੀ ਸ੍ਰੋਤ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ 100 Hz ਹੈ । ਇੱਕ ਮਿੰਟ ਵਿੱਚ ਇਹ ਕਿੰਨੀ ਵਾਰ ਕੰਪਨ ਕਰੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਸੋਤ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ = 100 Hz
ਅਰਥਾਤ ਸ੍ਰੋਤ ਦੁਆਰਾ 1 ਸੈਕੰਡ ਵਿੱਚ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕੰਪਨਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ = 100
∴ 1 ਮਿੰਟ = 60 ਸੈਕੰਡ ਵਿੱਚ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕੰਪਨਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ = 100 × 60
= 6000

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕੀ ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਉਹਨਾਂ ਨਿਯਮਾਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪਾਲਣ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ? ਇਹਨਾਂ ਨਿਯਮਾਂ ਨੂੰ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਨਿਯਮ ਪੂਰਣ ਰੂਪ ਨਾਲ ਉਹੀ ਹਨ ਜਿਹੜੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ | ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਾਂਗ ਧੁਨੀ ਵੀ ਠੋਸ ਜਾਂ ਦ੍ਰਵ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਨਿਯਮ ਹਨ-
ਨਿਯਮ 1 – ਪਰਾਵਰਤਕ ਤਲ ਦੇ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ‘ਤੇ ਆਪਤਿਤ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਅਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਦਾ ਕੋਣ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਅਤੇ ਅਭਿਲੰਬ ਵਿਚਾਲੇ ਬਣਿਆ ਕੋਣ ਹਮੇਸ਼ਾ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
ਨਿਯਮ 2 – ਅਪਾਤੀ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ, ਅਭਿਲੰਬ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਤਿੰਨੋਂ ਇੱਕ ਹੀ ਧਰਾਤਲ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਕਿਸੇ ਦੂਰ ਪਈ ਵਸਤੂ ਤੋਂ ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਗੂੰਜ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਮੰਨ ਲਉ ਧੁਨੀ ਸ੍ਰੋਤ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਸਤ੍ਹਾ (ਦੂਰ ਪਈ ਵਸਤੂ) ਵਿੱਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਸਥਿਰ ਰਹੇ ਤਾਂ ਕਿਸ ਦਿਨ ਗੂੰਜ (echo) ਜਲਦੀ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇਗੀ
(i) ਜਿਸ ਦਿਨ ਤਾਪਮਾਨ ਵੱਧ ਹੈ ?
(i) ਜਿਸ ਦਿਨ ਤਾਪਮਾਨ ਘੱਟ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਸ ਦਿਨ ਤਾਪਮਾਨ ਵੱਧ ਹੈ ਉਸ ਦਿਨ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ ਵੱਧ ਹੋਵੇਗੀ । ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਦਿਨ ਗੂੰਜ (ਪ੍ਰਤੀ ਧੁਨੀ) ਜਲਦੀ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਦੋ ਵਿਹਾਰਕ ਉਪਯੋਗ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਵਿਵਹਾਰਕ ਉਪਯੋਗ-
(i) ਸਟੈਥੋਸਕੋਪ ਇੱਕ ਡਾਕਟਰੀ ਯੰਤਰ ਹੈ ਜਿਹੜਾ ਸਰੀਰ ਦੇ ਅੰਦਰ ਮੁੱਖ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਦਿਲ ਅਤੇ ਫੇਫੜਿਆਂ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਸੁਣਨ ਦੇ ਕੰਮ ਆਉਂਦਾ ਹੈ । ਸਟੈਥੋਸਕੋਪ ਵਿੱਚ ਮਰੀਜ਼ ਦੇ ਦਿਲ ਦੀ ਧੜਕਣ ਦੀ ਧੁਨੀ, ਵਾਰ-ਵਾਰ ਪਰਾਵਰਤਨ ਦੇ ਕਾਰਣ ਡਾਕਟਰ ਦੇ ਕੰਨਾਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ ।
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(ii) ਮੈਗਾਫੋਨ ਜਾਂ ਲਾਊਡ-ਸਪੀਕਰ, ਹਾਰਨ, ਤੂਤੀ, ਸ਼ਹਿਨਾਈ ਵਰਗੇ ਸੰਗੀਤਕ ਯੰਤਰਾਂ ਦਾ ਅੱਗੇ ਵਾਲਾ ਖੁੱਲਾ ਭਾਗ ਸ਼ੰਕੂ ਆਕਾਰ ਦਾ ਬਣਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਸ੍ਰੋਤ ਤੋਂ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਬਾਰ-ਬਾਰ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਕਰਕੇ ਸ੍ਰੋਤਿਆਂ ਵੱਲ ਅੱਗੇ ਵਾਲੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਭੇਜਿਆ ਜਾ ਸਕੇ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
500 ਮੀਟਰ ਉੱਚੀ ਕਿਸੇ ਮੀਨਾਰ ਦੀ ਚੋਟੀ ਤੋਂ ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਮੀਨਾਰ ਦੇ ਅਧਾਰ ਉੱਪਰ ਸਥਿਤ ਇੱਕ ਪਾਣੀ ਦੇ ਤਲਾਬ ਵਿੱਚ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਇਸਦੇ ਡਿੱਗਣ ਦੀ ਧੁਨੀ ਚੋਟੀ ਉੱਤੇ ਕਦੋਂ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇਗੀ ? g = 10 m/s2 ਅਤੇ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ = 340 ms) .
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਆਰੰਭਿਕ ਵੇਗ (u) = 0
ਮੀਨਾਰ ਦੀ ਉੱਚਾਈ (ਅਰਥਾਤ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ) (S) = 500 ਮੀਟਰ
| ਗੁਰੂਤਵੀ ਪ੍ਰਵੇਗ (g) = 10 m/s2
ਸਮੀਕਰਣ
S = ut +\(\frac { 1 }{ 2 }\)gt2 ਤੋਂ
500 = 0 × t + \(\frac { 1 }{ 2 }\) × 10 × t2
500 = 0 + 5 × t2
t2 = \(\frac{500}{5}\)
= 100
t = \(\sqrt{100}\)
∴ t = 10 ਸੈਕਿੰਡ

ਹੁਣ ਧੁਨੀ ਨੇ ਉੱਪਰ ਚੋਟੀ ਵੱਲ ਜਾਣਾ ਹੈ ਅਤੇ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ ‘g’ ਤੋਂ ਸੁਤੰਤਰ ਹੈ
∴ t’ = PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 8
= \(\frac{500}{340}\)
= 1.47 ਸੈਕਿੰਡ
ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਆਉਣ ਲਈ ਲੱਗਿਆਂ ਕੁੱਲ ਸਮਾਂ = t + t’
= (10 +1.47) ਸੈਕਿੰਡ
= 11.47 ਸੈਕਿੰਡ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਇੱਕ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ 339 m/s ਦੀ ਚਾਲ ਨਾਲ ਚੱਲ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਸਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ 1.5 m ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ ਕਿੰਨੀ ਹੋਵੇਗੀ ? ਕੀ ਇਹ ਸੁਣਨਯੋਗ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਚਾਲ (V) = 339 m/s
ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = 1.5 m
ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ (v) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, ਆਤੀ (v) = \(\frac{\mathrm{V}}{\lambda}=\frac{339}{1.5}\)
= 226 Hz
ਹਾਂ, ਇਹ ਸੁਣਨਯੋਗ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਆਤੀ ਸੁਣਨ ਸੀਮਾ (20 Hz ਤੋਂ 20,000 Hz) ਦੇ ਵਿੱਚ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਬਹੁਗੂੰਜ (reverberation) ਕੀ ਹੈ ? ਇਸਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਘੱਟ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਬਹੁਗੂੰਜ (reverberation) – ਧੁਨੀ ਦਾ ਪਰਾਵਰਤਨ ਬਹੁਗੂੰਜ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਕਿਸੇ ਵੱਡੇ ਹਾਲ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੇ ਉਤਪੰਨ ਹੋਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਧੁਨੀ ਦਾ ਦੀਵਾਰਾਂ ਅਤੇ ਛੱਤ ਤੋਂ ਬਾਰ-ਬਾਰ ਪਰਾਵਰਤਨ, ਜਿਸਦੇ ਕਾਰਣ ਧੁਨੀ ਲਗਾਤਾਰ ਬਣੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ, ਨੂੰ ਬਹੁਗੂੰਜ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ | ਬਹੁਗੰਜ ਬੇਲੋੜੀ ਧੁਨੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਕਾਰਣ ਸਪੱਸ਼ਟ ਸੁਣਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸਨੂੰ ਘੱਟ ਕਰਨ ਲਈ ਹਾਲ ਦੀਆਂ ਦੀਵਾਰਾਂ ਅਤੇ ਛੱਤ ਉੱਪਰ ਧੁਨੀ ਸੋਖਕ ਪਦਾਰਥ ਜਿਵੇਂ ਨਪੀੜੇ ਹੋਏ ਫਾਈਬਰ ਬੋਰਡ, ਖੁਰਦਰਾ ਪਲਸਤਰ ਜਾਂ ਭਾਰੀ ਪਰਦੇ ਲਗਾ ਕੇ ਢੱਕਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਧੁਨੀ ਦੇ ਉੱਚੇਪਨ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ? ਇਹ ਕਿਹੜੇ ਕਾਰਕਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦਾ ਉੱਚਾਪਨ ਕੰਨਾਂ ਦੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲਤਾ ਦਾ ਮਾਪ ਹੈ । ਇਹ ਤੀਬਰਤਾ ਦੇ ਸਮਾਨ ਕਿਸੇ ਇਕਾਈ ਖੇਤਰਫਲ ਵਿੱਚੋਂ 1 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਗੁਜ਼ਰਨ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਉਰਜਾ ਨਹੀਂ ਹੈ । ਦੋ ਧੁਨੀਆਂ ਸਮਾਨ ਤੀਬਰਤਾ ਦੀਆਂ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ ਪਰ ਫਿਰ ਵੀ ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਦੂਸਰੀ ਧੁਨੀ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਉੱਚੀ ਧੁਨੀ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਸੁਣਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਕੰਨ ਇਸ ਧੁਨੀ ਲਈ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਚਮਗਾਦੜ ਆਪਣਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਫੜਨ ਲਈ ਪਰਾਧੁਨੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿਵੇਂ ਕਰਦਾ ਹੈ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚਮਗਾਦੜ ਹਨੇਰੀ ਰਾਤੀ ਵਿੱਚ ਆਪਣੇ ਭੋਜਨ ਨੂੰ ਖੋਜਣ ਦੇ ਲਈ ਉੱਡਦੇ ਵਕਤ ਪਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਉਤਸਰਜਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪਰਿਵਰਤਨ ਦੇ ਬਾਅਦ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਟੋਹ (detect) ਲਗਾ ਲੈਂਦੀ ਹੈ । ਚਮਗਾਦੜ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਉੱਚ ਤਿੱਖਾਪਣ ਵਾਲੀ ਪਰਾਧੁਨੀ ਚਿੱਚੋਂ ਦੀਆਂ ਅਵਾਜ਼ਾਂ, ਰੁਕਾਵਟਾਂ ਜਾਂ ਪਤੰਗਿਆਂ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਕੇ ਚਮਗਾਦੜ ਦੇ ਕੰਨਾਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਅਵਾਜ਼ਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਤੋਂ ਚਮਗਾਦੜ ਨੂੰ ਪਤਾ ਚਲਦਾ ਹੈ ਕਿ ਰੁਕਾਵਟ ਜਾਂ ਪਤੰਗਾ (ਸ਼ਿਕਾਰ) ਕਿੱਥੇ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦਾ ਹੈ । ਉਹ ਸਹਿਜੇ ਹੀ ਉਸ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਸਾਫ ਕਰਨ ਲਈ ਪਰਾਸਰਵਣ ਧੁਨੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਰਾਧੁਨੀ ਨੂੰ ਆਮ ਤੌਰ ‘ਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਭਾਗਾਂ ਨੂੰ ਸਾਫ ਕਰਨ ਲਈ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਣਾ ਕਠਿਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਵੇਂ ਸਪਿਰਲਾਕਾਰ ਨਲੀ, ਟੇਢੇ-ਮੇਢੇ ਅਕਾਰ ਵਾਲੇ ਪੁਰਜ਼ੇ, ਇਲੈੱਕਟ੍ਰਾਨਿਕ ਉਪਕਰਣ ਆਦਿ । ਜਿਹੜੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਸਾਫ ਕਰਨਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਾਫ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਘੋਲ ਵਿੱਚ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਭੇਜੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਉੱਚ ਆਵਤੀ ਦੇ ਕਾਰਣ, ਧੂੜ, ਚਿਕਨਾਈ ਅਤੇ ਗੰਦਗੀ ਦੇ ਕਣ ਅਲੱਗ ਹੋ ਕੇ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਵਸਤੂ ਚੰਗੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਾਫ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸੋਨਾਰ ਦੀ ਕਾਰਜ-ਵਿਧੀ (working) ਅਤੇ ਉਪਯੋਗਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
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ਸੋਨਾਰ (SONAR) – ਸੋਨਾਰ ਇੱਕ ਅਜਿਹੀ ਜਗਤ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚ, ਪਾਣੀ ਅੰਦਰ ਪਈਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੀ ਦੁਰੀ, ਦਿਸ਼ਾ ਅਤੇ ਚਾਲ ਮਾਪਣ ਦੇ ਲਈ ਪਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਕਾਰਜਵਿਧੀ – ਸੋਨਾਰ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਟਰਾਂਸਮੀਟਰ ਅਤੇ ਇੱਕ ਸੂਚਕ ਯੰਤਰ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕਿਸ਼ਤੀ ਜਾਂ ਜਹਾਜ਼ ਵਿੱਚ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਟਰਾਂਸਮੀਟਰ ਪਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦਾ ਅਤੇ ਛੱਡਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਤਰੰਗਾਂ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਚਲਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰੀ ਤਲ ਵਿੱਚ ਪਈ ਵਸਤੂ ਦੇ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਕੇ ਸੂਚਕ ਯੰਤਰ ਦੁਆਰਾ ਹਿਣ ਕਰ ਲਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਸੂਚਕ ਯੰਤਰ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਬਿਜਲਈ ਸੰਕੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ ਅਤੇ ਧੁਨੀ ਦੇ ਧੁਨੀ-ਸੋਤ (Transmitter) ਤੋਂ ਜਾਣ ਅਤੇ ਆਉਣ ਦਾ ਸਮਾਂ-ਅੰਤਰਾਲ ਪਤਾ ਕਰਕੇ ਉਸ ਵਸਤੂ ਦੀ ਦੁਰੀ ਪਤਾ ਕੀਤੀ ਜਾ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਮੰਨ ਲਓ ਪਰਾਧੁਨੀ ਸੰਕੇਤ ਦੇ ਭੇਜਣ ਅਤੇ ਵਾਪਸ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦਾ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ ‘t’ ਹੈ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ V ਹੈ ਤਾਂ ਸਤ੍ਹਾ ਤੋਂ ਵਸਤੂ ਦੀ ਦੂਰੀ 2 d ਹੋਵੇਗੀ
∴ 2 d = V × t

ਇਸ ਵਿਧੀ ਨੂੰ ਪਰਾਧੁਨੀ ਗਸ਼ਤ (Echo-Ranging) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਉਪਯੋਗ – ਸੋਨਾਰ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਡੂੰਘਾਈ ਪਤਾ ਕਰਨ ਅਤੇ ਸਮੁੰਦਰ ਅੰਦਰ ਸਥਿਤ ਚੱਟਾਨਾਂ, ਪਣਡੁੱਬੀਆਂ, ਬਰਫ ਦੇ ਤੋਦੇ (lceberg), ਡੁੱਬੇ ਹੋਏ ਜਹਾਜ਼ ਆਦਿ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੇ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਇੱਕ ਪਣਡੁੱਬੀ ਉੱਪਰ ਲੱਗੀ ਸੋਨਾਰ ਯੁਕਤੀ ਸੰਕੇਤ ਭੇਜਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਗੂੰਜ (echo) 5 s ਬਾਅਦ ਗ੍ਰਹਿਣ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਪਣਡੁੱਬੀ ਤੋਂ ਵਸਤੁ ਦੀ ਦੂਰੀ 3625 m ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ ਦਾ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਅਤੇ ਟੋਹੇ ਜਾਣ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ t = 5 s.
ਸਮੁੰਦਰ ਦੀ ਡੂੰਘਾਈ (d) = 3625 m
ਪਰਾਸਰਵਣ ਧੁਨੀ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ (24) = 2 × 3625 m
= 7250 m
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, 2d = ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ × ਸਮਾਂ
7250 = ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ × 5
∴ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ (υ) = \(\frac{7250}{5}\)
= 1450 m/s

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਕਿਸੇ ਧਾਤ ਦੇ ਬਲਾਕ ਵਿੱਚ ਦੋਸ਼ਾਂ (defects) ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾਉਣ ਦੇ ਲਈ ਪਰਾਸਰਵਣ ਧੁਨੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕਿਵੇਂ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਪਰਾਧੁਨੀ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਧਾਤ ਦੇ ਬਲਾਕਾਂ ਵਿੱਚ ਦਰਾਰਾਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਦੋਸ਼ਾਂ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । ਧਾਤਵੀ ਵਸਤੂਆਂ ਨੂੰ ਅਕਸਰ ਵੱਡੇ-ਵੱਡੇ ਭਵਨਾਂ, ਪੁਲਾਂ, ਮਸ਼ੀਨਾਂ ਅਤੇ ਵਿਗਿਆਨਕ ਉਪਕਰਨਾਂ ਬਣਾਉਣ ਵਾਸਤੇ ਵਰਤੋਂ ਵਿੱਚ ਲਿਆਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧਾਤਾਂ ਦੇ ਬਲਾਕਾਂ ਵਿੱਚ ਦਰਾਰਾਂ ਜਾਂ ਛੇਕ ਜੋ ਬਾਹਰ ਤੋਂ ਦਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦੇ ਢਾਂਚੇ ਦੀ ਬਣਤਰ ਦੀ ਮਜ਼ਬੂਤੀ ਘੱਟ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਧਾਤ ਦੇ ਬਲਾਕ ਵਿੱਚੋਂ ਦੀ ਲੰਘਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਆਰ-ਪਾਰ ਹੋਣ ਵਾਲੀਆਂ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਪਤਾ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ਸੂਚਕ ਯੰਤਰ ਦਾ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਥੋੜ੍ਹਾ ਜਿਹਾ ਹੀ ਨੁਕਸ ਹੈ ਤਾਂ ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਜੋ ਦੋਸ਼ ਹੋਣ ਦੀ ਪਰਿਸਥਿਤੀ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦੀ ਹੈ ।
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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
ਮਨੁੱਖੀ ਕੰਨ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ ? ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਨੁੱਖੀ ਕੰਨ ਦੀ ਕਾਰਜ ਵਿਧੀ- ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਬਾਹਰੀ ਕੰਨ ਨੂੰ “ਪਿੰਨਾਂ’ ਜਾਂ” ‘‘ਕੰਨ ਪਲੱਵ’’ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੇ ਵਾਤਾਵਰਣ ਤੋਂ ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਇਕੱਠਾ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਇਕੱਠੀ ਕੀਤੀ ਧੁਨੀ ਕੰਨ ਨਲੀ ਵਿੱਚੋਂ ਗੁਜ਼ਰਦੀ ਹੋਈ ਕੰਨ ਨਲੀ ਦੇ ਸਿਰੇ ਉੱਪਰ ਲੱਗੀ ਪਤਲੀ ਝਿੱਲੀ ’ਤੇ ਡਿੱਗਦੀ ਹੈ । ਇੱਥੇ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਨਪੀੜਨ ਕਾਰਣ ਤਿੱਲੀ ਦੇ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਦਬਾਅ ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜੋ ਕੰਨ ਨੂੰ ਅੰਦਰ ਵੱਲ ਧੱਕਦਾ ਹੈ । ਨਿਖੇੜਨਾਂ ਦੇ ਪਹੁੰਚਣ ‘ਤੇ ਕੰਨ ਦਾ ਪਰਦਾ ਬਾਹਰ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪਰਦਾ ਕੰਪਨ ਕਰਨ ਲੱਗਦਾ ਹੈ । ਕੰਨ ਦੇ ਮੱਧ ਭਾਗ ਵਿੱਚ ਲੱਗੀਆਂ ਤਿੰਨ ਹੱਡੀਆਂ (ਹਥੌੜੀ, ਐਨਵਿਲ ਅਤੇ ਸਟਰਿੱਪ) ਇਹਨਾਂ ਕੰਪਨਾਂ ਨੂੰ ਕਈ ਗੁਣਾਂ ਵੱਡਾ ਕਰ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਦਬਾਅ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਨੂੰ ਕੰਨ ਦੇ ਅੰਦਰਲੇ ਭਾਗ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਾ ਦਿੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇੱਥੇ ਇਹਨਾਂ ਦਬਾਅ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਨੂੰ ਬਿਜਲੀ ਸੰਕੇਤਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸੁਣਨ ਤੰਤੂਆਂ ਰਾਹੀਂ ਦਿਮਾਗ ਤੱਕ ਭੇਜ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਦਿਮਾਗ ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਧੁਨੀ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
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PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ

Science Guide for Class 9 PSEB ਧੁਨੀ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ 

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਹੋਈ ਧੁਨੀ ਤੁਹਾਡੇ ਕੰਨਾਂ ਤੱਕ ਕਿਵੇਂ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਕੰਨਾਂ ਤੱਕ ਸੰਚਾਰ-ਜਦੋਂ ਵਸਤੁ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਹੋਈ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਵੱਧਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਆਪਣੇ ਸਾਹਮਣੇ ਦੇ ਹਵਾ ਕਣਾਂ ਨੂੰ ਨਪੀੜਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਉੱਚ ਦਬਾਅ ਵਾਲਾ ਖੇਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਨਪੀੜਨ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਦਾਬ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੀ ਵਸਤੁ ਤੋਂ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਇਹ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੀ ਵਸਤੁ ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ ਕੰਪਨ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਕ ਘੱਟ ਦਬਾਅ ਵਾਲਾ ਖੇਤਰ ਉਤਪੰਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਿਸਨੂੰ ਨਿਖੇੜਨ (ਵਿਰਲਨ) ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 13
ਜਦੋਂ ਕੰਪਨ ਕਰ ਰਹੀ ਵਸਤੂ ਅੱਗੇ ਅਤੇ ਪਿੱਛੇ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਨਪੀੜਨ ਅਤੇ ਨਿਖੇੜਨ ਦੀ ਇੱਕ ਲੜੀ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਬਣ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇੱਕ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਸੰਚਾਰ ਘਣਤਾ ਦੇ ਪਰਿਵਰਤਨ ਦੇ ਸੰਚਾਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਸਾਡੇ ਕੰਨ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਪੇਸਕ ਝਿੱਲੀ ਨੂੰ ਧੱਕਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸ ਵਿੱਚ ਕੰਪਨ ਪੈਦਾ ਕਰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਧੁਨੀ ਦਾ ਅਨੁਭਵ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਤੁਹਾਡੇ ਸਕੂਲ ਦੀ ਘੰਟੀ ਧੁਨੀ ਕਿਵੇਂ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੀ ਹੈ, ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਸਕੂਲ ਦੀ ਘੰਟੀ ਨੂੰ ਹਥੌੜੇ ਨਾਲ ਸੱਟ ਮਾਰੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਕੰਪਨ ਕਰਨ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਹੁਣ ਜੇਕਰ ਘੰਟੀ ਨੂੰ ਹੌਲੀ ਜਿਹਾ ਛੂਹ ਦਿੱਤਾ ਜਾਏ ਤਾਂ ਸਾਨੂੰ ਇਹਨਾਂ ਕੰਪਨਾਂ ਦਾ ਅਨੁਭਵ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਨੂੰ ਯੰਤਰਿਕ ਤਰੰਗਾਂ ਕਿਉਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਇੱਕ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੀ ਉਰਜਾ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਆਪਣੇ ਆਪ ਨਹੀਂ ਪੈਦਾ ਹੋ ਸਕਦੀ । ਇਸ ਨੂੰ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਯੰਤਰਿਕ ਉਰਜਾ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਭਾਵੇਂ ਉਹ ਤਾਲੀ ਵਜਾ ਕੇ ਜਾਂ ਫਿਰ ਹਥੌੜੇ ਨਾਲ ਘੰਟੀ ਤੇ ਸੱਟ ਮਾਰ ਕੇ ਹੈ । ਇਹ ਧੁਨੀ ਉਰਜਾ ਤਰੰਗਾਂ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਣਾਂ ਵਿੱਚ ਹਿਲ-ਜੁਲ ਪੈਦਾ ਕਰਕੇ ਸੰਚਾਰਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਸਨੂੰ ਯੰਤਰਿਕ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਨਾਂ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਮੰਨ ਲਉ ਕਿ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਮਿੱਤਰ ਨਾਲ ਚੰਦਰਮਾ ਉੱਤੇ ਗਏ ਹੋਏ ਹੋ । ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਮਿੱਤਰ ਦੁਆਰਾ ਉਤਪੰਨ ਧੁਨੀ ਸੁਣ , ਸਕਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦੇ ਸੰਚਰਣ ਲਈ ਹਵਾ ਜਾਂ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਪਦਾਰਥਕ ਮਾਧਿਅਮ ਦੀ ਲੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਚੰਦਰਮਾ ਤੇ ਅਜਿਹਾ ਕੋਈ ਮਾਧਿਅਮ ਨਹੀਂ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਨਿਰਵਾਤ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਇੱਕ ਥਾਂ ਤੋਂ ਦੂਜੀ ਥਾਂ ਤੱਕ ਨਹੀਂ ਜਾ ਸਕਦੀ । ਇਸ ਲਈ ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੇ ਮਿੱਤਰ ਨਾਲ ਗੱਲਬਾਤ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਤਰੰਗ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਗੁਣ ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਨੂੰ ਨਿਰਧਾਰਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
(a) ਉੱਚਾਪਨ (Loudness)
(b) ਤਿੱਖਾਪਣ ((Pitch)
ਉੱਤਰ-
(a) ਉੱਚਾਪਨ (Loudness) – ਕਿਸੇ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ (ਉੱਚਾਪਨ) ਦਾ ਅਨੁਮਾਨ ਉਸਦੇ ਆਯਾਮ ਤੋਂ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦਾ ਆਯਾਮ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਕੰਪਨ ਕਰਾਉਣ ਲਈ ਬਲ ਦੇ ਪਰਿਮਾਣ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਲ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਲਗਾਉਣ ਨਾਲ ਪ੍ਰਬਲ ਧੁਨੀ ਉਤਪੰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪ੍ਰਬਲ ਧੁਨੀ ਵੱਧ ਦੂਰੀ ਚੱਲ ਸਕਦੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਊਰਜਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਿਉਂ-ਜਿਉਂ ਧੁਨੀ ਸੋਤ ਤੋਂ ਦੂਰ ਫੈਲਦੀ ਹੈ ਇਸਦਾ ਉੱਚਾਪਨ ਘੱਟ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(b) ਤਿੱਖਾਪਣ (Pitch) – ਕਿਸੇ ਉਤਸਰਜਿਤ ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਵਿਤੀ ਨੂੰ ਤਿੱਖਾਪਣ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਧੁਨੀ ਦਾ ਤਿੱਖਾਪਣ ਉਸਦੀ ਆਵਤੀ ਨਿਰਧਾਰਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਸੋਤ ਦਾ ਕੰਪਨ ਜਿੰਨਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਜਲਦੀ ਹੋਵੇਗਾ ਉਸ ਦੀ ਆਤੀ ਓਨੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗੀ ਅਤੇ ਉਸ ਦਾ ਤਿੱਖਾਪਣ ਵੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗਾ । ਇਸੇ
ਘੱਟ ਤਿੱਖੇਪਣ ਵਾਲੀ ਤਰੰਗ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੁਨੀ ਦਾ ਤਿੱਖਾਪਣ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ ਜੇਕਰ ਉਸਦੀ ਆਵਿਤੀ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗੀ । ਜ਼ਿਆਦਾ ਤਿੱਖੇਪਣ ਵਾਲੀ ਧੁਨੀ ਵਿੱਚ ਕਿਸੇ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਇਕਾਈ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਲੰਘ ਰਹੇ ਨਪੀੜਨਾਂ ਦੀ ਸਮਾਂ ਸੰਖਿਆ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗੀ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 14

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਅਨੁਮਾਨ ਲਗਾਓ ਕਿ ਹੇਠ ਦਿੱਤੀਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਧੁਨੀ ਦਾ ਤਿੱਖਾਪਣ (Pitch) ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ?
(a) ਗਿਟਾਰ (Guitar)
(b) ਕਾਰ ਦਾ ਹਾਰਨ ।
ਉੱਤਰ-
(a) ਗਿਟਾਰ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕਿਸੇ ਧੁਨੀ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ, ਆਕ੍ਰਿਤੀ, ਆਵਰਤਕਾਲ (Time Period) ਅਤੇ ਆਯਾਮ ਤੋਂ ਕੀ ਭਾਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(i) ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (Wave Length) – ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਿਸੇ ਕਣ ਨੂੰ ਇੱਕ ਕੰਪਨ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਲੱਗੇ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ ਤਰੰਗ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਜਾਂ
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 15
ਇਹ ਲਾਂਗੀਚਿਊਡੀਨਲ ਤਰੰਗ ਦੀਆਂ ਦੋ ਲਾਗਲੀਆਂ ਨਪੀੜਨਾਂ ਜਾਂ ਦੋ ਲਾਗਲੀਆਂ ਨਿਖੇੜਨਾਂ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਦੀ ਦੂਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਨੂੰ ‘λ’ (ਗੀਕ ਅੱਖਰ ਲੈਮਡਾ) ਨਾਲ ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਮੀਟਰ (m) ਹੈ ।

(ii) ਆਕ੍ਰਿਤੀ (Frequency) – ਕਿਸੇ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਤਰੰਗ ਸੰਚਰਣ ਦੌਰਾਨ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਿਸੇ ਕਣ ਦੁਆਰਾ ਇੱਕ ਸੈਕੰਡ ਵਿੱਚ ਪੂਰੀਆਂ ਕੀਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਕੰਪਨਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸਨੂੰ ਤਾਂ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਆੜੀ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਹਰਟਜ਼ (Hz) ਹੈ । ਆਤੀ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਗੁਜ਼ਰਨ ਵਾਲੀਆਂ ਨਪੀੜਨਾਂ ਜਾਂ ਨਿਖੇੜਨਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਦੁਆਰਾ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(iii) ਆਵਰਤ ਕਾਲ (Time Period) – ਤਰੰਗ ਸੰਚਰਣਾ ਦੌਰਾਨ ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਿਸੇ ਕਣ ਦੁਆਰਾ ਇੱਕ ਕੰਪਨ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰਨ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸਨੂੰ ‘T’ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਦਾ S.I. ਮਾਤ੍ਰਿਕ ਸੈਕੰਡ ਹੈ ।
ਜਾਂ
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀਆਂ ਦੋ ਲਾਗਲੀਆਂ ਨਪੀੜਨਾਂ ਜਾਂ ਨਿਖੇੜਨਾਂ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਿੰਦੂ ਤੋਂ ਲੰਘਣ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

(iv) ਆਯਾਮ (Amplitude) – ਮਾਧਿਅਮ ਦੇ ਕਿਸੇ ਕਣ ਦਾ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਦੇ ਦੋਨਾਂ ਪਾਸੇ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਵਿਸਥਾਪਨ ਨੂੰ ਆਯਾਮ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸਨੂੰ ਆਮ ਤੌਰ ਤੇ ‘A’ ਅੱਖਰ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਲਈ ਇਸ ਦਾ ਮਾ ਦਬਾਅ ਜਾਂ ਘਣਤਾ ਦਾ ਮਾਕ ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਧੁਨੀ ਦੀ ਪ੍ਰਬਲਤਾ ਜਾਂ ਤਿੱਖਾਪਣ ਇਸਦੇ ਆਯਾਮ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕਿਸੇ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ λ ਅਤੇ ਆਕ੍ਰਿਤੀ (υ) ਉਸਦੇ ਵੇਗ ( v) ਨਾਲ ਕਿਵੇਂ ਸੰਬੰਧਿਤ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦਾ ਵੇਗ = ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ × ਆਕ੍ਰਿਤੀ
ਜਾਂ v = λ × υ (frequency)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕਿਸੇ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਧੁਨੀ ਤਰੰਗ ਦੀ ਆਕ੍ਰਿਤੀ 220 Hz ਅਤੇ ਵੇਗ (velocity) 440 m/s ਹੈ । ਤਰੰਗ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ υ = 440 ms
ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਵਿਤੀ (v) = 220 Hz
ਧੁਨੀ ਦੀ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
υ = v × λ
440 = 220 × λ
∴ λ = \(\frac{440}{220}\)
ਅਰਥਾਤ ਤਰੰਗ ਲੰਬਾਈ (λ) = 2 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਕਿਸੇ ਧੁਨੀ ਸ੍ਰੋਤ ਤੋਂ 450 m ਦੀ ਦੂਰੀ ‘ਤੇ ਬੈਠਾ ਹੋਇਆ ਕੋਈ ਮਨੁੱਖ 50 Hz ਦੀ ਧੁਨੀ ਸੁਣਦਾ ਹੈ । ਸੋਤ ਤੋਂ ਮਨੁੱਖ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਣ ਵਾਲੇ ਦੋ ਕੁਮਵਾਰ ਨਪੀੜਨਾਂ (two successive compressions) ਵਿੱਚ ਕਿੰਨਾ ਸਮਾਂ-ਅੰਤਰਾਲ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਤੀ (v) = 500 ਹਰਟਜ਼ (Hz)
ਕੁਮਵਾਰ ਦੋ ਨਪੀੜਨਾਂ ਦੇ ਵਿਚਾਲੇ ਦੀ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ (ਆਵਰਤ ਕਾਲ (T) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, ਆਵਰਤਕਾਲ (T) = PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 16
= \(\frac{1}{500}\)
= 0.002 ਸੈਕਿੰਡ

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਧੁਨੀ ਦਾ ਉੱਚਾਪਨ ਅਤੇ ਤੀਬਰਤਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਧੁਨੀ ਦੇ ਉੱਚਾਪਨ ਅਤੇ ਤੀਬਰਤਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਉੱਚਾਪਨ ਤੀਬਰਤਾ
1. ਧੁਨੀ ਲਈ ਉੱਚਾਪਨ ਕੰਨਾਂ ਦੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲਤਾ ਦਾ ਮਾਪ ਹੈ । 1. ਇਹ ਇਕਾਈ ਖੇਤਰਫਲ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਲੰਘਣ ਵਾਲੀ ਉਰਜਾ ਹੈ ।
2. ਧੁਨੀ ਦੇ ਉੱਚੇਪਨ ਨੂੰ ਮਾਪਿਆ ਨਹੀਂ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ । 2. ਧੁਨੀ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਨੂੰ ਮਾਪਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ ।
3. ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸੁਣਨ ਵਾਲਿਆਂ ਲਈ ਉੱਚਾਪਨ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ । 3. ਸਾਰਿਆਂ ਲਈ ਧੁਨੀ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ ਇੱਕੋ ਜਿਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
4. ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਦਾ ਸੁਣਾਈ ਨਾ ਦੇਣ ਕਾਰਨ ਉੱਚਾਪਨ ਸਿਫਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । 4. ਪਰਾਧੁਨੀ ਤਰੰਗਾਂ ਲਈ ਤੀਬਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਹਵਾ, ਪਾਣੀ ਜਾਂ ਲੋਹੇ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸ ਮਾਧਿਅਮ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਸਭ ਤੋਂ ਤੇਜ਼ ਚਲਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਲੋਹੇ ਵਿੱਚੋਂ ਧੁਨੀ ਹਵਾ ਅਤੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਸਭ ਤੋਂ ਤੇਜ਼ ਚਲਦੀ ਹੈ । ਲੋਹੇ ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ 5950ms-1 ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕੋਈ ਗੂੰਜ 3s ਬਾਅਦ ਸੁਣਾਈ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ 342 ms-1 ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਸੋਤ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਸੜਾ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਦਾ ਵੇਗ (v) = 342 ms-1
ਗੂੰਜ ਸੁਣਾਈ ਦੇਣ ਲਈ ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ (t) = 3 s
ਧੁਨੀ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ (S) = v × t
= 342 × 3
= 1026 m
3 s ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਨੇ ਸੋਤ ਤੋਂ ਪਰਾਵਰਤਕ ਸੜਾ ਅਤੇ ਫਿਰ ਪਰਾਵਰਤਕ ਸੜਾ ਤੋਂ ਸ੍ਰੋਤ ਤੱਕ ਵਾਪਸ ਆਉਣਾ ਹੈ ।
∴ ਸ੍ਰੋਤ ਅਤੇ ਪਰਾਵਰਤਕ ਸੜਾ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ = \(\frac{1026}{2}\)
= 513 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕਨਸਰਟ ਹਾਲ ਦੀਆਂ ਛੱਤਾਂ ਵਕਰਾਕਾਰ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਨਸਰਟ ਹਾਲ ਦੀਆਂ ਛੱਤਾਂ ਵਕਰਾਕਾਰ ਬਣਾਈਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਤਾਂ ਜੋ ਧੁਨੀ ਪਰਾਵਰਤਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪਰਾਵਰਤਿਤ ਧੁਨੀ ਹਾਲ ਦੇ ਸਾਰੇ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਸੁਣਾਈ ਦੇਵੇ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ 17

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਆਮ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਸੁਣਨ ਸੀਮਾ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਆਮ ਮਨੁੱਖ ਲਈ ਧੁਨੀ ਦੀ ਸੁਣਨ ਸੀਮਾ ਲਗਭਗ 20 Hz ਤੋਂ 20,000 Hz ਤੱਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਹੇਠ ਦਿੱਤਿਆਂ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਿਤ ਆਕ੍ਰਿਤੀਆਂ ਦੀ ਸੀਮਾ ਕੀ ਹੈ ?
(a) ਨੀਮ ਧੁਨੀ
(b) ਪਰਾਧੁਨੀ
ਉੱਤਰ-
(a) ਨੀਮ ਧੁਨੀ (infrasonic sound) ਲਈ ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਵਿਤੀ ਸੀਮਾ 20 Hz ਹੈ ।
(b) ਪਰਾਧੁਨੀ (ultrasonic sound) ਲਈ ਧੁਨੀ ਦੀ ਆਤੀ ਸੀਮਾ 20 kHz (ਅਰਥਾਤ 20,000 Hz) ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 12 ਧੁਨੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਇੱਕ ਪਣਡੁੱਬੀ ਸੋਨਾਰ ਪਰਾ-ਸਰਵਣ ਧੁਨੀ ਛੱਡਦਾ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਪਾਣੀ ਦੇ ਅੰਦਰ ਇੱਕ ਖੜੀ ਚੱਟਾਨ ਨਾਲ ਟਕਰਾ ਕੇ 1.02 s ਮਗਰੋਂ ਵਾਪਸ ਆਉਂਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਖਾਰੇ ਪਾਣੀ (sea water) ਵਿੱਚ ਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ 1531 ms ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਚੱਟਾਨ ਦੀ ਦੂਰੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਧੁਨੀ ਨੂੰ ਪਣਡੁੱਬੀ ਤੋਂ ਚੱਟਾਨ ਤੱਕ ਅਤੇ ਵਾਪਸ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ = 1.02 s
ਖਾਰੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਪਰਾਧੁਨੀ ਦੀ ਚਾਲ = 1531 m/s
ਧੁਨੀ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ 2 d = ਧੁਨੀ ਚਾਲ × ਸਮਾਂ
= 1531 × 1.02
= 1561.62 m
∴ ਪਣਡੁੱਬੀ ਅਤੇ ਚੱਟਾਨ ਵਿੱਚ ਦੂਰੀ, d = \(\frac{1561.62}{2}\)
= 780.81 m
ਅਰਥਾਤ ਪਣਡੁੱਬੀ ਤੋਂ ਚੱਟਾਨ ਦੀ ਦੂਰੀ = 780.81 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

PSEB 9th Class Science Guide ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਹੇਠ ਲਿਖੀਆਂ ਸੂਚੀਬੱਧ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਨਾਲ ਦੇਖੋ । ਆਪਣੀ ਕਾਰਜ ਸ਼ਬਦ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਤਰਕ ਦਿਓ ਕਿ ਇਸ ਵਿੱਚ ਕਾਰਜ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ਜਾਂ ਨਹੀਂ ।
(i) ਸੂਮਾ ਇੱਕ ਤਾਲਾਬ ਵਿੱਚ ਤੈਰ ਰਹੀ ਹੈ ।
(ii) ਇੱਕ ਗਧੇ ਨੇ ਆਪਣੀ ਪਿੱਠ ਉੱਤੇ ਬੋਝਾ ਉਠਾਇਆ ਹੈ ।
(iii) ਇਕ ਪਵਨ ਚੱਕੀ (ਪੌਣ ਮਿਲ) ਖੂਹ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਉਠਾ ਰਹੀ ਹੈ ।
(iv) ਇੱਕ ਹਰੇ ਪੌਦੇ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਦੀ ਕਿਰਿਆ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ ।
(v) ਇੱਕ ਇੰਜਣ ਗੱਡੀ ਨੂੰ ਖਿੱਚ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(vi) ਅਨਾਜ ਦੇ ਦਾਣੇ ਸੂਰਜ ਦੀ ਧੁੱਪ ਵਿੱਚ ਸੁੱਕ ਰਹੇ ਹਨ ।
(vii) ਇੱਕ ਕਿਸ਼ਤੀ ਪਵਨ ਊਰਜਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
(i) ਸੁਮਾ ਇੱਕ ਖ਼ਾਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਆਪਣੇ ਪੱਠਿਆਂ ਦਾ ਬਲ ਲਗਾ ਕੇ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਸੂਮਾ ਦੁਆਰਾ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ।

(ii) ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਗਧੇ ਦੀ ਪਿੱਠ ‘ਤੇ ਪਿਆ ਹੋਇਆ ਭਾਰ (ਬਲ) ਥੱਲੇ ਵੱਲ, ਪਰੰਤੂ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਲੰਬਵਤ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਕਾਰਜ ਨਹੀਂ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ।

(iii) ਹਾਂ ਕਾਰਜ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਪਾਣੀ ਨੂੰ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੇ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਬਲ ਲਗਾ ਕੇ ਉੱਪਰ ਚੁੱਕਿਆ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ।

(iv) ਹਰੇ ਪੌਦੇ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਪੌਦੇ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵਿਸਥਾਪਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਕੋਈ ਕਾਰਜ ਨਹੀਂ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ।

(v) ਗੱਡੀ ਨੂੰ ਖਿੱਚਦੇ ਸਮੇਂ ਕਾਰਜ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਗੱਡੀ ਦਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

(vi) ਧੁੱਪ ਵਿੱਚ ਪਏ ਦਾਣਿਆਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵਿਸਥਾਪਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਕੋਈ ਕਾਰਜ ਹੋਇਆ ਨਹੀਂ ਮੰਨਿਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ।

(vii) ਚਲਦੀ ਹੋਈ ਪਵਨ ਬਲ ਲਗਾ ਕੇ ਕਿਸ਼ਤੀ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਕਾਰਜ ਹੋ ਰਿਹਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਕਿਸੀ ਕੋਣ ’ਤੇ ਡਿਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਇੱਕ ਵਕਰ ਪੱਥ ਉੱਤੇ ਚੱਲਦਾ ਹੈ। ਅਤੇ ਵਾਪਸ ਧਰਤੀ ਉੱਤੇ ਆ ਡਿੱਗਦਾ ਹੈ । ਵਸਤੂ ਦੇ ਪੱਥ ਦੇ ਆਰੰਭਿਕ ਅਤੇ ਅੰਤਿਮ ਬਿੰਦੂ ਇੱਕ ਹੀ ਹੋਰੀਜ਼ੈਨਟਿਲ (ਖਿਤਿਜੀ) ਰੇਖਾ ਉੱਤੇ ਸਥਿਤ ਹੈ | ਵਸਤੁ ਉੱਤੇ ਗੁਰੁਤਾ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕਿੰਨਾ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ?
ਉੱਤਰ-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 1
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਖਿਤਿਜੀ ਰੇਖਾ ਨਾਲ, ਕਿਸੇ ਕੋਣ ’ਤੇ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਹ ਵਕਰੀ ਪੱਥ ਵਿੱਚ ਜਾਂਦੇ ਹੋਏ ਧਰਤੀ `ਤੇ ਆ ਡਿੱਗਦੀ ਆਰੰਭਿਕ ਬਿੰਦੂ ,
ਆਖਰੀ ਬਿੰਦੂ ਹੈ । ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਕਾਰਜ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਕਿਉਂਕਿ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਲੰਬਵਤ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਵਿਸਥਾਪਨ ਖਿਤਿਜ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਹਾਲਤ ਵਿੱਚ θ = 90° ਅਤੇ cosθ = cos 90° = 0
∴ W = F cos θ × S
F × 0 × S
W = 0

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਇੱਕ ਬੈਟਰੀ ਬਲਬ ਨੂੰ ਜਲਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਊਰਜਾ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਦਾ ਵਰਣਨ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਬੈਟਰੀ ਵਿੱਚ ਰਸਾਇਣਿਕ ਕਿਰਿਆ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਰਸਾਇਣਿਕ ਉਰਜਾ, ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਬਿਜਲਈ ਊਰਜਾ ਬਲਬ ਨੂੰ ਪਹਿਲਾਂ ਗਰਮ ਕਰਕੇ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਫਿਰ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
20 kg ਪੰਜ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਕੋਈ ਬਲ ਇਸਦੇ ਵੇਗ ਨੂੰ 5 ms-1 ਤੋਂ 2 ms-1 ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕਰ ਦੇਂਦਾ ਹੈ । ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਦਾ ਪਰਿਕਲਨ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਪੁੰਜ (m) = 20 kg
ਆਰੰਭਿਕ ਵੇਗ (u) = 5 ms-1
ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ) = 2 ms-1
ਵਸਤੂ ਦੀ ਮੁੱਢਲੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (EK1) = \(\frac {1}{2}\)mu2
= \(\frac {1}{2}\) × 20 × (5)2
= \(\frac {1}{2}\) × 20 × 5 × 5
= 250 J.

ਵਸਤੂ ਦੀ ਅੰਤਿਮ ਊਰਜਾ (EK2) : \(\frac {1}{2}\)mυ2
= \(\frac {1}{2}\) × 20 × (2)2
= \(\frac {1}{2}\) × 20 × 2 × 2
= 40 J
∴ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ = ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਅੰਤਿਮ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ – ਮੁੱਢਲੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ
= 40 – 250
= -210 J
ਰਿਣ ਚਿੰਨ੍ਹ ਤੋਂ ਪਤਾ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਕਿ ਵਿਰੋਧੀ ਬਲ ਕਾਰਜ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
10 kg ਮਾਨ (ਪੰਜ) ਦੀ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਮੇਜ਼ ਉੱਤੇ A ਬਿੰਦੂ ਉੱਤੇ ਰੱਖੀ ਗਈ ਹੈ । ਇਸਨੂੰ 8 ਬਿੰਦੂ ਤੱਕ ਲਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ A ਅਤੇ B ਨੂੰ ਮਿਲਾਉਣ ਵਾਲੀ ਰੇਖਾ ਹੋਰੀਜ਼ੈਨਟਲ ਹੈ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਉੱਤੇ ਗੁਰੂਤਵ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ । ਆਪਣੇ ਉੱਤਰ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 2
10 kg ਮਾਨ (ਪੰਜ) ਵਾਲੀ ਵਸਤੂ ਨੂੰ A ਤੋਂ B ਤੱਕ ਖਿਤਿਜ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਲੰਬਵਤ ਦਿਸ਼ਾ (ਲੰਬੇ ਦਾਅ) ਵਿੱਚ ਹੈ ਜੋ ਕਿ 90° ਦਾ ਕੋਣ ਬਣਾ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
∴ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ
W = F S cos θ
= FS cos 90°
= F S × 0
= 0 (ਸਿਫ਼ਰ)

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਮੁਕਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਡਿੱਗਦੇ ਇੱਕ ਪਿੰਡ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਲਗਾਤਾਰ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਕੀ ਇਹ ਊਰਜਾ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਨਿਯਮ ਦਾ ਉਲੰਘਣ ਕਰਦੀ ਹੈ ? ਕਾਰਨ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਨਹੀਂ, ਉਰਜਾ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਨਿਯਮ ਦੀ ਉਲੰਘਣਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਮੁਕਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਡਿੱਗਦੇ ਹੋਏ ਪਿੰਡ (ਵਸਤੂ ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਘੱਟ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਲਗਾਤਾਰ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵੱਧਦੀ ਹੈ । ਕਿਸੇ ਵੀ ਸਮੇਂ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਅਤੇ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਦਾ ਜੋੜ ਹਮੇਸ਼ਾ ਸਥਿਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਜਦੋਂ ਤੁਸੀਂ ਸਾਈਕਲ ਚਲਾਉਂਦੇ ਹੋ ਤਾਂ ਕਿਥੋਂ-ਕਿਥੋਂ ਉਰਜਾ ਰੂਪਾਂਤਰਣ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਸਾਈਕਲ ਚਲਾਉਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਸਾਡੀ ਪੱਠਿਆਂ ਦੀ ਊਰਜਾ, ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਸੜਕ ਦੀ ਰਗੜ ਊਰਜਾ ਦੇ ਖਿਲਾਫ਼ ਕੰਮ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਖ਼ਰਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਜਦੋਂ ਤੁਸੀਂ ਸਾਰੀ ਸ਼ਕਤੀ ਲਗਾ ਕੇ ਇੱਕ ਵੱਡੀ ਚੱਟਾਨ ਨੂੰ ਧੱਕਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ ਅਤੇ ਇਸਨੂੰ ਹਿਲਾਉਣ ਵਿੱਚ ਅਸਫਲ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹੋ, ਤਾਂ ਕੀ ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸਥਾਨਾਂਤਰਣ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਆਪਣੇ ਦੁਆਰਾ ਖਰਚ ਕੀਤੀ ਗਈ ਊਰਜਾ ਕਿੱਥੇ ਚਲੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਸਾਰੀ ਸ਼ਕਤੀ ਲਗਾ ਕੇ ਚੱਟਾਨ ਨੂੰ ਹਿਲਾਉਣ ਵਿੱਚ ਅਸਫਲ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ ਕੋਈ ਕੰਮ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ, ਪਰੰਤੂ ਅਸੀਂ ਆਪਣੀ ਪੱਠਿਆਂ ਦੀ ਉਰਜਾ ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਇਸ ਉਰਜਾ ਨੇ ਚੱਟਾਨ ਅਤੇ ਸੜਕ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਹੋਈ ਰਗੜ ਊਰਜਾ ਦੇ ਖਿਲਾਫ਼ ਕੰਮ ਕਰਨ ਦਾ ਯਤਨ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਤਾਪ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਿਤ ਹੋ ਗਈ ਜਿਹੜੀ ਪਸੀਨੇ ਅਤੇ ਥਕਾਵਟ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਗਟ ਹੋ ਗਈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕਿਸੀ ਘਰ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਮਹੀਨੇ ਵਿੱਚ ਊਰਜਾ ਦੀ 250 ਯੂਨਿਟ ਖ਼ਰਚ ਹੋਈ । ਇਹ ਊਰਜਾ ਜੂਲ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨੀ ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, 1 ਯੂਨਿਟ ਊਰਜਾ = 1 kW × 1 h
= 1000 w × 3600 s
= 36 × 105 J
= 3.6 × 106 J
∴ 250 ਯੂਨਿਟ ਊਰਜਾ = 250 × 3.6 × 106 J
= 900 × 106 J
= 9 × 108

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
40 kg ਪੁੰਜ ਦਾ ਇੱਕ ਪਿੰਡ ਧਰਤੀ ਤੋਂ 5 m ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੱਕ ਉਠਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਕਿੰਨੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਪਿੰਡ ਨੂੰ ਮੁਕਤ ਰੂਪ ਨਾਲ ਡਿੱਗਣ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਜਦੋਂ ਪਿੰਡ ਠੀਕ ਅੱਧੇ ਰਸਤੇ ਉੱਤੇ ਹੈ ਉਸ ਸਮੇਂ ਇਸਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਪਰਿਕਲਨ ਕਰੋ । g = 10 ms-2)
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ, m = 40 kg
h = 5 m
g = 10 ms-2
5 m ਦੀ ਉੱਚਾਈ ‘ਤੇ ਪਿੰਡ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ
= Ep = mgh
= 40 × 10 × 5
= 2000 J

ਜਦੋਂ ਪਿੰਡ ਅੱਧੇ ਰਸਤੇ ਹੇਠਾਂ ਆ ਗਿਆ ਹੈ, ਤਾਂ ਮੰਨ ਲਓ ਇਸਦਾ ਵੇਗ υ ਹੈ,
ਹੁਣ ਦੂਰੀ S = \(\frac{5}{2}\) m
= 2.5 m
υ2 – u2 = 2g s ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ
υ2 – (0)2 = 2 × 10 × 2.5
υ2 = 2 × 25
∴ v2 = 50
ਅੱਧੇ ਰਸਤੇ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਪਿੰਡ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ
EK = \(\frac{1}{2}\)mv2
= \(\frac{1}{2}\) × 40 × 50
= 1000 J

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਪ੍ਰਿਥਵੀ ਦੇ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਘੁੰਮਦੇ ਹੋਏ ਕਿਸੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਉੱਤੇ ਗੁਰੂਤਵ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕਿੰਨਾ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇਗਾ ? ਆਪਣੇ ਉੱਤਰ ਨੂੰ ਤਰਕਸੰਗਤ ਬਣਾਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਉਪਹਿ, ਪ੍ਰਿਥਵੀ ਦੇ ਚਾਰੇ ਪਾਸੇ ਚੱਕਰ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਗੁਰੂਤਾ ਬਲ ਇਸ ਤੀ ਪੱਥ ਦੇ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਦੇ ਨਾਲ ਅੰਦਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਇਸ ਪੱਥ ਦੀ ਸਪਰਸ਼ ਰੇਖਾ (Tangent) ਜੋ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ‘ਤੇ ਲੰਬ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਲੱਗਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਅਤੇ ਵਿਸਥਾਪਨ ਇਕ-ਦੂਜੇ ਨਾਲ 90° ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਤੇ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕੰਮ ਸਿਫ਼ਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਕੀ ਕਿਸੇ ਪਿੰਡ ਉੱਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਕਿਸੇ ਵੀ ਬਲ ਦੀ ਅਨੁਪਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ, ਇਸਦਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ? ਸੋਚੋ । ਇਸ ਪ੍ਰਸ਼ਨ ਦੇ ਬਾਰੇ ਵਿੱਚ ਆਪਣੇ ਮਿੱਤਰਾਂ ਅਤੇ ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਨਾਲ ਵਿਚਾਰ-ਵਟਾਂਦਰਾ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ (ਪਿੰਡ) ਉੱਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਬਲ ਦੀ ਅਨੁਪਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਇਸ ਵਸਤੁ (ਪਿੰਡ) ਦਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਸੰਭਵ ਹੈ ਜੇਕਰ ਉਹ ਪਿੰਡ ਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਵਸਤੁ (ਪਿੰਡ) ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਹੈ, ਤਾਂ ਬਲ ਦੀ ਅਨੁਪਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਇਸ ਦਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਸੰਭਵ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕੋਈ ਮਨੁੱਖ ਘਾਹ-ਫੂਸ ਦੀ ਇੱਕ ਪੰਡ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਸਿਰ ਉੱਤੇ 30 ਮਿੰਟ ਤੱਕ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਥੱਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕੀ ਉਸ ਨੇ ਕੁੱਝ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ ਹੈ ਜਾਂ ਨਹੀਂ ? ਆਪਣੇ ਉੱਤਰ ਨੂੰ ਤਰਕ ਸੰਗਤ ਬਣਾਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਮਨੁੱਖ ਨੇ ਘਾਹ-ਫੂਸ ਦੀ ਪੰਡ ਨੂੰ 30 ਮਿੰਟ ਲਈ ਆਪਣੇ ਸਿਰ ਉੱਪਰ ਰੱਖਿਆ ਅਤੇ ਥੱਕ ਗਿਆ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਲੱਗਣ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਪੰਡ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵਿਸਥਾਪਨ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਕੋਈ ਕਾਰਜ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਮੰਨਿਆ ਜਾਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਇੱਕ ਬਿਜਲੀ ਹੀਟਰ (ਉਸ਼ਮਕ) ਦੀ ਘੋਸ਼ਿਤ ਸ਼ਕਤੀ 1500 w ਹੈ । 10 ਘੰਟੇ ਵਿੱਚ ਇਹ ਕਿੰਨੀ ਉਰਜਾ ਉਪਯੋਗ ਕਰੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਹੀਟਰ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ (P) = 1500 W
ਸਮਾਂ (t) = 10 ਘੰਟੇ
ਕੁੱਲ ਖ਼ਰਚ ਹੋਈ ਊਰਜਾ = P × t
= 1500 W × 10 h
= 15000 ਵਾਟ-ਘੰਟਾ
ਯੂਨਿਟ = \(\frac{15000}{1000}\) = 15 kWh

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਕਿਸੇ ਸਰਲ ਲੋਲਕ ਦੇ ਗੋਲਕ ਨੂੰ ਇੱਕ ਤਰਫ਼ ਲੈ ਕੇ ਛੱਡਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਇਹ ਡੋਲਨ ਲੱਗਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਊਰਜਾ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਦੀ ਚਰਚਾ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਊਰਜਾ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਦੇ ਨਿਯਮ ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ । ਗੋਲਕ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਕਿਉਂ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸਦੀ ਊਰਜਾ ਦਾ ਕੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ? ਕੀ ਇਹ ਊਰਜਾ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਨਿਯਮ ਦੀ ਉਲੰਘਣਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਡੋਲਨ ਕਰ ਰਹੇ ਸਰਲ ਲੋਲਕ ਵਿਚ ਉਰਜਾ ਰੂਪਾਂਤਰਨ-ਸ਼ੁਰੂ ਵਿੱਚ ਲੋਕ ਆਪਣੀ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਇਸਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਸਿਫ਼ਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਇਸਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਸਿਰ ਮੰਨ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 3
ਜਦੋਂ ਗੋਲਕ ਨੂੰ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਇੱਕ ਪਾਸੇ ਲਿਜਾਂਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਇਸਦੀ ਉੱਚਾਈ ਵੱਧਣ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਕਿਰਿਆ ਦੌਰਾਨ ਗੁਰੂਤਵੀ ਬਲ ਦੇ ਖਿਲਾਫ਼ ਸਾਨੂੰ ਕੁੱਝ ਕਾਰਜ ਕਰਨਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਕਾਰਜ ਗੋਲਕ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਜਮਾ ਹੁੰਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਤੋਂ ਇੱਕ ਪਾਸੇ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੀ (ਆਯਾਮ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਜਦੋਂ ਗੋਲਕ ਨੂੰ ਛੱਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਵੇਲੇ ਗੋਲਕ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਅਧਿਕਤਮ ਅਤੇ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਸਿਫ਼ਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਹੁਣ ਗੋਲਕ ਨੂੰ ਛੱਡਣ ਨਾਲ ਗੋਲਕ ਵਾਪਸ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਵੱਲ ਵੱਧਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਗੋਲਕ ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਘੱਟ ਹੋਣ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਘੱਟ ਹੋਣ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ਜਦਕਿ ਵੇਗ ਵਿੱਚ ਹੌਲੀ-ਹੌਲੀ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਕਰਕੇ ਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵੱਧਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਦੀ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਗੋਲਕ ਨੂੰ ਹਵਾ ਦੇ ਰਗੜ ਬਲ ਖਿਲਾਫ਼ ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਲਈ ਕੁੱਝ ਊਰਜਾ ਖ਼ਰਚ ਕਰਨੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ।

ਇਸ ਨਾਲ ਹਵਾ ਦੇ ਅਣੂਆਂ ਦਾ ਵੇਗ ਵੱਧਣ ਕਾਰਨ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵੱਧ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਗੋਲਕ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਸਿਫ਼ਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਜੜ੍ਹਤਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਗੋਲਕ ਇੱਥੇ ਰੁੱਕਦਾ ਨਹੀਂ ਪਰੰਤੂ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਦੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹੁਣ ਗੋਲਕ ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਵੱਧਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਦੀ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਉਸਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਵੱਧਣ ਲੱਗਦੀ ਹੈ ਪਰ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ ਘੱਟ ਹੋਣੀ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਗੋਲਕ ਦੀ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਅਧਿਕਤਮ ਅਤੇ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਸਿਫ਼ਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਗੋਲਕ ਇੱਥੇ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਆਉਂਦਾ ਅਤੇ ਦੁਬਾਰਾ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਵਾਪਸ ਆਉਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਗੋਲਕ ਦੀ ਗਤੀ ਦੇ ਹਰੇਕ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਸਥਿਤਿਜ ਉਰਜਾ ਦਾ ਕੁੱਲ ਪਰਿਮਾਣ ਅਚਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।

ਗੋਲਕ ਦਾ ਆਯਾਮ ਉਸ ਦੀ ਕੁੱਲ ਊਰਜਾ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਗੋਲਕ ਦੁਆਰਾ ਹਵਾ ਦੇ ਅਣੂਆਂ ਨੂੰ ਦਿੱਤੀ ਊਰਜਾ ਵਾਪਸ ਨਹੀਂ ਮਿਲਦੀ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਲੋਕ ਆਪਣੀ ਸਾਰੀ ਉਰਜਾ ਹਵਾ ਦੇ ਅਣੂਆਂ ਨੂੰ ਦੇ ਦੇਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸਦੀ ਕੁੱਲ ਉਰਜਾ ਸਿਫ਼ਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਮੱਧ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਇਹ ਉਰਜਾ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਨਿਯਮ ਦੀ ਉਲੰਘਣਾ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
m ਪੁੰਜ ਦਾ ਇੱਕ ਪਿੰਡ ਇੱਕ ਨਿਯਤ ਵੇਗ υ ਨਾਲ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹੈ ।ਪਿੰਡ ਉੱਤੇ ਕਿੰਨਾ ਕਾਰਜ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਵੇ ? ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਉ
ਪਿੰਡ ਦਾ ਪੁੰਜ = m
ਪਿੰਡ ਦਾ ਵੇਗ = υ
∴ ਪਿੰਡ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ Ek = \(\frac {1}{2}\)mυ2
ਪਿੰਡ ਉੱਤੇ ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਦੀ ਲੋੜ = ਪਿੰਡ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ
=\(\frac {1}{2}\)mv2 – \(\frac {1}{2}\) m(0)2
= \(\frac {1}{2}\)mv2 – 0
\(\frac {1}{2}\)mυ2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
1500 kg ਪੁੰਜ ਦੀ ਕਾਰ ਨੂੰ ਜੋ 60 km/h ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਚੱਲ ਰਹੀ ਹੈ, ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਦਾ ਪਰਿਕਲਨ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਕਾਰ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 1500 kg
ਕਾਰ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (υ) = 60 km/h
= \(\frac{60 \times 1000}{60 \times 60}\)
= \(\frac{50}{3}\) ms-1
ਕਾਰ ਨੂੰ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿਚ ਲਿਆਉਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ
= ਕਾਰ ਦੀ ਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ
= \(\frac {1}{2}\)mυ2 – \(\frac {1}{2}\) m(0)2
= \(\frac {1}{2}\)mυ2
= \(\frac {1}{2}\) × 1500 × (\(\frac{50}{3}\))2
= \(\frac {1}{2}\) × 1500 × \(\frac {50}{3}\) × \(\frac {50}{3}\)
= 208333.3 J
= 208.33 kJ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਹੇਠਾਂ ਹਰੇਕ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ m ਵਮਾਨ ਦੇ ਇੱਕ ਪਿੰਡ ਉੱਤੇ ਇਕ ਬਲ F ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਪੱਛਮ ਤੋਂ ਪੂਰਬ ਵੱਲ ਹੈ ਜੋ ਇਕ ਲੰਬੇ ਤੀਰ ਨਾਲ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ । ਚਿੱਤਰਾਂ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਪੂਰਵਕ ਦੇਖੋ ਅਤੇ ਦੱਸੋ ਕਿ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੈ ਜਾਂ ਧਨਾਤਮਕ ਹੈ ਜਾਂ ਜ਼ੀਰੋ ਹੈ ?
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 4
ਉੱਤਰ-
(i) ਇੱਥੇ ਬਲ ਅਤੇ ਵਿਸਥਾਪਨ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ‘ਤੇ ਲੰਬ ਰੂਪ ਹਨ
∴ θ = 90°
∴ W = F S cos θ
= F S cos 90°
FS × 0
= 0

(ii) ਬਲ F ਅਤੇ ਵਿਸਥਾਪਨ – ਇੱਕ ਹੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿਚ ਹਨ
∴ θ = 0°
W = F S cos θ
= FS cos θ°
= F S × 1
= FS ਜੋ ਕਿ ਧਨਾਤਮਕ ਹੈ

(iii) ਇੱਥੇ ਬਲ Fਅਤੇ ਵਿਸਥਾਪਨ S ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹਨ।
∴ θ = 180°
cos θ = cos 180° = -1
ਪਰੰਤੂ W = F S cos θ
= F S cos 180°
= F S (-1)
= – F S ਜੋ ਕਿ ਰਿਣਾਤਮਕ ਹੈ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਸੋਨੀ ਕਹਿੰਦੀ ਹੈ ਕਿ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਉੱਤੇ ਵੇਗ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਚਾਹੇ ਉਸ ਉੱਤੇ ਕੋਈ ਬਲ ਕੰਮ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਨਾਲ ਸਹਿਮਤ ਹੋ ? ਦੱਸੋ ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਂ, ਮੈਂ ਸੋਨੀ ਦੇ ਕਥਨ ਨਾਲ ਸਹਿਮਤ ਹਾਂ ਕਿਉਂਕਿ ਜੇਕਰ ਵਸਤੂ ‘ਤੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਬਲ ਇੱਕੋ ਸਮੇਂ ਲੱਗ ਰਹੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦਾ ਪਰਿਣਾਮੀ ਜੋੜ ਸਿਫ਼ਰ ਹੈ, ਤਾਂ ਵਸਤੁ ਦਾ ਵੇਗ ਵੀ ਜ਼ੀਰੋ ਹੋਵੇਗਾ ।
a = \(\frac{\mathrm{F}}{m}\)
a = \(\frac{0}{m}\) = 0

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਚਾਰ ਯੁਕਤੀਆਂ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਹਰੇਕ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ 500 wਹੈ । 10 ਘੰਟੇ ਤਕ ਉਪਯੋਗ ਵਿੱਚ ਲਿਆਈ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਦੇ ਦੁਆਰਾ ਖ਼ਰਚ ਕੀਤੀ ਗਈ ਊਰਜਾ kWh ਵਿੱਚ ਪਰਿਕਲਿਤ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਇੱਕ ਯੁਕਤੀ (ਜੁਗਤ ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ (p) = 500 W
4 ਯੁਕਤੀਆਂ ਦੀ ਕੁੱਲ ਸ਼ਕਤੀ (P) = 500 × 4
= 2000 W
ਸਮਾਂ (t) = 10 ਘੰਟੇ
ਖ਼ਰਚ ਕੀਤੀ ਗਈ ਊਰਜਾ = P × t
= 2000 w × 10 h
= 20000 Wh
= \(\frac{20000}{1000}\)
= 20 kWh

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
ਮੁਕਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਡਿੱਗਦਾ ਇੱਕ ਪਿੰਡ ਜੋ ਧਰਤੀ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਣ ਤੱਕ ਰੁੱਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਪਿੰਡ ਮੁਕਤ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਹੇਠਾਂ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਰੁੱਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਹੋਰ ਊਰਜਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਊਰਜਾਵਾਂ ਤਾਪ, ਧੁਨੀ ਅਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਹਨ । ਅਖ਼ੀਰ ਵਿੱਚ ਇਹ ਸਥਿਤਿਜ ਊਰਜਾ ਵਿੱਚ ਰੂਪਾਂਤਰਿਤ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।

Science Guide for Class 9 PSEB ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਉੱਤੇ 7 N ਦਾ ਬਲ ਲੱਗਦਾ ਹੈ । ਮੰਨ ਲਉ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਵਿਸਥਾਪਨ 8 m ਹੈ । ਮੰਨ ਲਉ ਵਸਤੂ ਦੇ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੇ ਸਮੇਂ ਲਗਾਤਾਰ ਵਸਤੁ ਉੱਤੇ ਬਲ ਲੱਗਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਸਥਿਤੀ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 5
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਬਲ (F) = 7 N
ਵਿਸਥਾਪਨ (S) = 8 m
ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕੰਮ (W) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, W = F × S
= 7 N × 8 m
= 56 N × m
= 56 N – m
= 56 J (ਜੂਲ)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਅਸੀਂ ਕਦੋਂ ਕਹਿੰਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਕਾਰਜ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਰਜ (Work)-ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਉੱਤੇ ਬਲ ਲੱਗੇ ਅਤੇ ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਵਿਸਥਾਪਨ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਬਲ ਦੁਆਰਾ ਕਾਰਜ ਹੋਇਆ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਕਾਰਜ (W) = ਬਲ (F) × ਵਿਸਥਾਪਨ (S)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਉੱਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਬਲ ਇਸਦੇ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵੱਲ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਕੀਤੇ ਗਏ ਕਾਰਜ ਨੂੰ ਪ੍ਰਗਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਉੱਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਬਲ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿਚ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ
ਕਾਰਜ (W) = ਬਲ (F) × ਵਿਸਥਾਪਨ (S).

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
1J ਕਾਰਜ ਨੂੰ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਇੱਕ ਜੂਲ ਕਾਰਜ ਹੋਇਆ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ 1 ਨਿਊਟਨ ਬਲ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ 1 m ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਕਰੇ ।
W = F × S
1 J = 1 N × 1 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਬੈਲਾਂ ਦੀ ਇੱਕ ਜੋੜੀ ਖੇਤ ਨੂੰ ਜੋਤੇ ਸਮੇਂ ਕਿਸੇ ਹੱਲ ਉੱਤੇ 140 N ਬਲ ਲਗਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਜੋਤਿਆ ਗਿਆ ਖੇਤ
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ, ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਬਲ (F) = 140 N
ਜੋਤੇ ਗਏ ਖੇਤ ਦੀ ਲੰਬਾਈ (S) = 15 m
ਜੋਤਨ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ (w) = ?
ਹੁਣ, W = F × S
∴ ਜੋਤਨ ਵਿਚ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਕਾਰਜ (W) = 140 N × 15 m
= 140 × 15
= 2100 N – m
= 2100 J

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਤਿਜ ਊਰਜਾ ਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (Kinetic Energy)-ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਉਸ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਗਤੀ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
ਉਦਾਹਰਨ-
(i) ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਪੱਥਰ ।
(ii) ਵਗਦੀ ਹੋਈ ਹਵਾ ।
(iii) ਘੁੰਮਦਾ ਹੋਇਆ ਪਹੀਆ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦੇ ਲਈ ਸੂਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਇੱਕ m ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਵਸਤੂ ਜਿਹੜੀ ਇਕ ਸਮਾਨ ਵੇਗ υ ਨਾਲ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹੈ, ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (K, E) = \(\frac {1}{2}\) ਪੁੰਜ × (ਵੇਗ)2
= \(\frac {1}{2}\) × m × υ2
∴ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਦਾ ਸੂਤਰ ਹੈ : Ek = \(\frac {1}{2}\) mυ2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
5 ms-1ਦੇ ਵੇਗ ਵਿੱਚ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਕਿਸੇ ” ਪੁੰਜ ਦੀ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ 25 J ਹੈ । ਜੇਕਰ ਇਸ ਦੇ ਵੇਗ ਨੂੰ ਦੁੱਗਣਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਇਸਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ ਕਿੰਨੀ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ? ਜੇਕਰ ਇਸ ਦੇ ਵੇਗ ਨੂੰ ਤਿੰਨ ਗੁਣਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਇਸ ਦੀ ਤਿਜ ਊਰਜਾ ਕਿੰਨੀ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਦਿੱਤਾ ਹੈ- ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ = m
| ਵਸਤੁ ਦਾ ਵੇਗ (υ) = 5 ms-1
ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਉਰਜਾ (Ek) = 25 J
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, Ek = \(\frac {1}{2}\) mυ2
25 = \(\frac {1}{2}\) m(5)2
25 = \(\frac {1}{2}\) m × 25
∴ m = \(\frac{25 \times 2}{25}\)
= 2 kg

(i) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੇਗ ਦੁੱਗਣਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ
m = 2 kg
υ1 = 2 × 5 ms-1
= 10 ms-1
Ek1 = \(\frac {1}{2}\) × m × (υ1)2
∴ Ek1 = \(\frac {1}{2}\) × 2 × (10)2
= \(\frac {1}{2}\) × 2 × 10 × 10
= 100 J
= 4 × 25 J
Ek1 = 4 × Ek
∴ ਵੇਗ ਦੁੱਗਣਾ ਕਰਨ ਨਾਲ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (Ek1 ) ਪਹਿਲਾਂ ਦੀ ਊਰਜਾ (EEk = 25) ਨਾਲੋਂ ਚਾਰ ਗੁਣਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ।

(ii) ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੇਗ ਤਿਗੁਣਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ
υ2 = 3 × υ
= 3 × 5 ms-1
= 15 ms-1
∴ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (Ek2) = \(\frac {1}{2}\) × m × (υ2)2
= \(\frac {1}{2}\) × 2 × (15)2
= \(\frac {1}{2}\) × 2 × 15 × 15
= 225 J
= 9 × 25 J
Ek2 = 9 × Ek
ਅਰਥਾਤ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੇਗ ਤਿਗੁਣਾ ਕਰਨ ‘ਤੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (Ek2 ) , ਪਹਿਲੀ ਗਤਿਜ ਊਰਜਾ (Ek = 25 J) ਦਾ ਨੌਂ ਗੁਣਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਸ਼ਕਤੀ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸ਼ਕਤੀ (Power)-ਕਾਰਜ ਕਰਨ ਦੀ ਦਰ ਜਾਂ ਊਰਜਾ ਰੂਪਾਂਤਰਨ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਸ਼ਕਤੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਜੇਕਰ ਕੋਈ ਕਾਰਕ (ਏਜੰਟ) । ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਲਾ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਸ਼ਕਤੀ ਦਾ ਮਾਨ ਹੋਵੇਗਾ-
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 6
P = \(\frac{w}{t}\)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
1 ਵਾਟ ਸ਼ਕਤੀ ਨੂੰ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਾਟ (Watt)-1 ਵਾਟ ਉਸ ਏਜੰਟ ਕਾਰਕ) ਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਹੈ ਜੋ 1 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ 1 ਜੂਲ ਕਾਰਜ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਅਸੀਂ ਇੰਝ ਵੀ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਜੇਕਰ ਊਰਜਾ ਦੇ ਉਪਯੋਗ ਦੀ ਦਰ 1 Js-1 ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਸ਼ਕਤੀ 1 ਵਾਟ (W) ਹੋਵੇਗੀ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ 7
ਜਾਂ
1 W = 1 Js-1

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 11 ਕਾਰਜ ਅਤੇ ਊਰਜਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇਕ ਲੈਂਪ 1000 J ਬਿਜਲੀ ਊਰਜਾ 10 s ਵਿੱਚ ਵਰਤਦਾ ਹੈ । ਇਸਦੀ ਸ਼ਕਤੀ ਕਿੰਨੀ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ W = 1000 J
t = 10 s
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, p = \(\frac{\mathrm{W}}{t}\)
= \(\frac{1000 \mathrm{~J}}{10 \mathrm{~s}}\)
= 100 Js-1
= 100 W

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਔਸਤ ਸ਼ਕਤੀ ਨੂੰ ਪਰਿਭਾਸ਼ਿਤ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਔਸਤ ਸ਼ਕਤੀ (Average Power-ਕੁੱਲ ਉਪਯੋਗ ਕੀਤੀ (ਵਰਤੀ ਗਈ ਊਰਜਾ ਅਤੇ ਕੁੱਲ ਲਏ ਗਏ ਸਮੇਂ ਦੇ ਅਨੁਪਾਤ ਨੂੰ, ਔਸਤ ਸ਼ਕਤੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।
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PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

PSEB 9th Class Science Guide ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਅੱਧੀ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਉਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਿਵੇਂ ਬਦਲਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੰਨ ਲਓ ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ A ਅਤੇ B ਦੇ ਲੜੀਵਾਰ ਪੁੰਜ m1 ਅਤੇ m2 ਹਨ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਕੇਂਦਰਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ r ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਉਹਨਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ F = G\(\frac{m_{1} m_{2}}{r^{2}}\) ਹੋਵੇਗਾ ।
………. ..(i)
ਹੁਣ ਜੇਕਰ ਉਹਨਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਅੱਧੀ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ ਜੋ r’ = \(\frac{r}{2}\) ਹੈ ਤਾਂ ਉਹਨਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ
F’ = G\(\frac{m_{1} m_{2}}{r^{\prime 2}}\)
ਜਾਂ F’ = G\(\frac{m_{1} m_{2}}{\left(\frac{r}{2}\right)^{2}}\)
F’ = 4.G\(\frac{m_{1} m_{2}}{r^{2}}\) ……………… (ii)
ਸਮੀਕਰਨ (i) ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਤੇ
F’ = 4 × F
ਇਸ ਲਈ ਦੂਰੀ ਅੱਧੀ ਕਰਨ ਨਾਲ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਪਹਿਲਾਂ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ਦੇ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦਾ ਚਾਰ ਗੁਣਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ‘ ਤੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪੁੰਜਾਂ ਦੇ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਫਿਰ ਵੀ ਭਾਰੀ ਵਸਤੂ, ਹਲਕੀ ਵਸਤੂ ਨਾਲੋਂ ਤੇਜ਼ ਗਤੀ ਨਾਲ ਹੇਠਾਂ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਡਿੱਗਦੀ ਕਿਉਂ ?
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ F ਆਕਰਸ਼ਣ-ਬਲ ਆ ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਵਸਤੂ ‘ਤੇ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਹੈ |
∴ F = G\(\frac{\mathrm{M} m_{2}}{r^{2}}\) …………….(i)
ਅਤੇ F = mg …………….(ii)
(i) ਅਤੇ (ii) ਤੋਂ
F =\(\frac{\mathrm{GM} m}{r^{2}}\) = mg
ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ F ∝ m ਪਰੰਤੁ ਆਕਰਸ਼ਣ ਪਵੇਗ 8 ਪੁੰਜ ਅ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀ । ਇਸ ਲਈ ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ (ਹਲਕੀਆਂ ਅਤੇ ਭਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ) ਇਕਸਮਾਨ ਗਤੀ ਨਾਲ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਾ ‘ ਤੇ 1kg ਭਾਰ ਵਾਲੀ ਵਸਤੁ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਵਿਚਕਾਰ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦਾ ਪਰਿਮਾਣ ਮੁੱਲ ਕੀ ਹੈ ? (ਧਰਤੀ ਦਾ ਪੁੰਜ 6 × 1024 kg ਅਤੇ ਅਰਧ ਵਿਆਸ 6.4 × 106 m ਹੈ।
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 1kg
ਧਰਤੀ ਦਾ ਪੁੰਜ (M) = 6 × 1024 kg
ਧਰਤੀ ਦਾ ਅਰਧ ਵਿਆਸ (R) = 6.4 × 106 m
ਧਰਤੀ ਅਤੇ 1 kg ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਵਸਤੂ ਵਿਚਾਲੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦਾ ਪਰਿਮਾਣ
(F) = \(\frac{\mathrm{GM} m}{\mathrm{R}^{2}}\)
= \(\frac{6.67 \times 10^{-11} \times 6 \times 10^{24} \times 1}{\left(6.4 \times 10^{6}\right)^{2}}\) N
= \(\frac{6.67 \times 6}{6.4 \times 6.4}\) × 1024-11-6-6
= \(\frac{6.67 \times 6}{6.4 \times 6.4}\) × 10
= 9.77 N
= 9.8 N ਲਗਪਗ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਚੰਨ ਇਕ-ਦੂਸਰੇ ਵੱਲ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਰਕੇ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਕੀ ਧਰਤੀ ਜਿੰਨੇ ਬਲ ਨਾਲ ਚੰਨ ਨੂੰ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ, ਚੰਨ ਵੀ ਉਸੀ ਬਲ, ਉਸ ਤੋਂ ਵੱਧ ਬਲ ਜਾਂ ਉਸ ਤੋਂ ਘੱਟ ਬਲ ਨਾਲ ਧਰਤੀ ਨੂੰ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ? ਕਿਉਂ ?
ਹੱਲ:
ਚੰਨ ਵੀ ਧਰਤੀ ਨੂੰ ਓਨੇ ਹੀ ਬਲ ਨਾਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਿੰਨੇ ਬਲ ਨਾਲ ਧਰਤੀ ਚੰਨ ਨੂੰ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਅਜਿਹਾ ਨਿਉਟਨ ਦੇ ਤੀਜੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਦੋਵੇਂ ਬਲ ਬਰਾਬਰ ਪਰੰਤੁ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਉਲਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਜੇਕਰ ਚੰਨ ਧਰਤੀ ਨੂੰ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਧਰਤੀ, ਚੰਨ ਵੱਲ ਗਤੀ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀ ?
ਉੱਤਰ-
ਚੰਨ ਧਰਤੀ ਨੂੰ ਓਨੇ ਹੀ ਬਲ ਨਾਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਿੰਨੇ ਬਲ ਨਾਲ ਧਰਤੀ, ਚੰਨ ਨੂੰ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਧਰਤੀ ਚੰਨ ਨਾਲੋਂ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਧਰਤੀ ਵਿੱਚ ਪੈਦਾ ਹੋਇਆ ਵੇਗ (a ∝ \(\frac{1}{m}\) ਹੈ ਬਹੁਤ ਘੱਟ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਦਿਖਾਈ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਿਵੇਂ ਬਦਲਦਾ ਹੈ, ਜਦੋਂ
(i) ਇਕ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ ਦੁੱਗਣਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ?
(ii) ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਦੁੱਗਣੀ ਅਤੇ ਤਿੱਗੁਣੀ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ ?
(iii) ਦੋਨੋਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਾ ਪੁੰਜ ਦੁੱਗਣਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ?
ਹੱਲ:
(i) ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ F = \(\frac{\mathrm{G} m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\) …………..(1)
ਹੁਣ ਜੇਕਰ ਅਸੀਂ ਇਕ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ ਦੁੱਗਣਾ ਕਰ ਦੇਈਏ ਤਾਂ
∴ F’ = \(\frac{\mathrm{G} \cdot m_{1} \times 2 m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\)
= 2 × \(\frac{\mathrm{G} m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\)
(1) ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ
F’ = 2 × F
ਅਰਥਾਤ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਪਹਿਲਾਂ ਨਾਲੋਂ ਦੁੱਗਣਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।

(ii) ਜੇਕਰ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਦੁੱਗਣੀ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ
F’ = G\(\frac{m_{1} m_{2}}{(2 R)^{2}}\)
= \(\frac{\mathrm{G} m_{1} m_{2}}{4 \mathrm{R}^{2}}\)
= \(\frac{1}{4} \times \frac{\mathrm{G} m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\)
(1) ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਤੇ
F’ = \(\frac{1}{4}\) × F
ਅਰਥਾਤ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਪਹਿਲਾਂ ਨਾਲੋਂ \(\frac{1}{4}\) ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ
ਜੇਕਰ ਦੋਹਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਤਿਗੁਣੀ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇ, ਤਾਂ

F” = \(\frac{\mathrm{G} m_{1} m_{2}}{(3 \mathrm{R})^{2}}\)
= \(\frac{\mathrm{G} \mathrm{} m_{1} m_{2}}{9 \mathrm{R}^{2}}\)
= \(\frac{1}{9} \times \frac{\mathrm{G} m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\)
F” = \(\frac{1}{9}\)F
ਅਰਥਾਤ ਦੂਰੀ ਤਿਗੁਣੀ ਕਰਨ ਨਾਲ ਬਲ ਦਾ ਪਰਿਮਾਣ ਪਹਿਲਾਂ ਨਾਲੋਂ \(\frac{1}{9}\) ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।

(iii) ਜਦੋਂ ਦੋਹਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਾ ਪੁੰਜ ਦੁੱਗਣਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ
F”‘ = \(\frac{\mathrm{G} \cdot 2 m_{1} \times 2 m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\)
= \(\frac{4 \cdot \mathrm{G} 2 m_{1} m_{2}}{\mathrm{R}^{2}}\)
F”‘ = 4 × F
ਅਰਥਾਤ ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਪਹਿਲੇ ਬਲ ਨਾਲੋਂ 4 ਗੁਣਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਸਰਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਨਿਯਮ ਦਾ ਕੀ ਮਹੱਤਵ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਰਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਨਿਯਮ ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ-ਸਰਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਨਿਯਮ ਨੇ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਵਿੱਚ ਵਾਪਰ ਰਹੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦੀ ਸਫਲਤਾ ਪੂਰਵਕ ਵਿਆਖਿਆ ਕੀਤੀ । ਉਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੁੱਝ ਹੇਠਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ-

  1. ਉਹ ਬਲ ਜੋ ਸਾਨੂੰ ਧਰਤੀ ਨਾਲ ਬੰਨ੍ਹ ਕੇ ਰੱਖਦਾ ਹੈ ।
  2. ਹਿਆਂ ਦੀ ਸੂਰਜ ਦੁਆਲੇ ਗਤੀ ।
  3. ਚੰਨ ਦੀ ਧਰਤੀ ਦੁਆਲੇ ਗਤੀ ।
  4. ਚੰਨ ਅਤੇ ਸੂਰਜ ਦੀ ਖਿੱਚ ਕਾਰਨ ਸਮੁੰਦਰ ਵਿੱਚ ਜਵਾਰਭਾਟਾ ਆਉਣਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗਣ ਦਾ ਵੇਗ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗਣ ਦਾ ਵੇਗ-ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਉਤਪੰਨ ਹੋਇਆ ਪ੍ਰਵੇਗ ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਸਿਰਫ਼ ਧਰਤੀ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾਆਕਰਸ਼ਣ ਅਧੀਨ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸਨੂੰ ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗਣ ਦਾ ਵੇਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਦੇ ਨੇੜੇ ਇਸਦਾ ਮਾਨ 9.8 ms-2 ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਵਸਤੁ ਵਿਚਕਾਰ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਕੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਵਸਤੁ ਵਿਚਕਾਰ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਨੂੰ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਅਮਿਤ ਆਪਣੇ ਮਿੱਤਰ ਦੇ ਨਿਰਦੇਸ਼ ’ਤੇ ਧਰੁਵਾਂ ‘ਤੇ ਕੁਝ ਗਾਮ ਸੋਨਾ ਖ਼ਰੀਦਦਾ ਹੈ ।ਉਹੀ ਸੋਨਾ ਉਹ ਆਪਣੇ ਮਿੱਤਰ ਨੂੰ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੇ ਜਾ ਕੇ ਪਕੜਾ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਕੀ ਉਸਦਾ ਮਿੱਤਰ ਸੋਨੇ ਦੇ ਭਾਰ ਨਾਲ ਸਹਿਮਤ ਹੋਵੇਗਾ ? ਜੇਕਰ ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਕਿਉਂ ?
(ਸੰਕੇਤ – ਧਰੁਵਾਂ ਨਾਲੋਂ ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੇ 8 ਦਾ ਮਾਨ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ।
ਉੱਤਰ-
ਅਮਿਤ ਦਾ ਮਿੱਤਰ ਸੋਨੇ ਦੇ ਭਾਰ ਨਾਲ ਸਹਿਮਤ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ, ਕਿਉਂਕਿ ਧਰੁਵਾਂ ‘ਤੇ ਭੂ-ਮੱਧ ਨਾਲੋਂ g ਦਾ ਮਾਨ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਕੁੱਝ ਗ੍ਰਾਮ ਸੋਨੇ ਦਾ ਭਾਰ (W = m × g) ਭੂ-ਮੱਧ ਰੇਖਾ ਤੇ ਘੱਟ ਹੋਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇੱਕ ਕਾਗਜ਼ ਦੀ ਸ਼ੀਟ, ਓਨੇ ਹੀ ਕਾਗਜ਼ ਨੂੰ ਮਰੋੜ ਕੇ ਬਣਾਈ ਗਈ ਦ ਨਾਲੋਂ ਹੌਲੀ ਕਿਉਂ ਡਿੱਗਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਾਗਜ਼ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ ਗੇਂਦ ਦੇ ਖੇਤਰਫਲ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਕਾਗਜ਼ ਦੀ ਸ਼ੀਟ ਤੇ ਗੇਂਦ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹਵਾ ਦਾ ਪ੍ਰਤਿਰੋਧ ਬਲ (ਧਕੇਲ ਬਲ) ਹੋਵੇਗਾ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਚੰਨ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਤੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ, ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ \(\frac{1}{6}\) ਗੁਣਾ ਹੈ । 10 kg ਪੰਜ ਵਾਲੀ ਵਸਤੂ ਦਾ ਚੰਨ ‘ਤੇ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਨਿਊਟਨ (N) ਵਿੱਚ ਭਾਰ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਵਸਤੂ ਦਾ ਚੰਨ ‘ਤੇ ਪੁੱਜ = 10 kg
ਵਸਤੂ ਦਾ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਪੁੱਜ = 10 kg
ਵਸਤੂ ਦਾ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਭਾਰ (We) = m × g
= 10 × 9.8 N
= 98 N
ਹੁਣ ਵਸਤੂ ਦਾ ਚੰਨ ‘ਤੇ ਭਾਰ (Wm = \(\frac{1}{6}\) × ਵਸਤੂ ਦਾ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਭਾਰ
\(\frac{1}{6}\) × 98N
= 16.3 N

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਇੱਕ ਗੇਂਦ ਨੂੰ 49 m/s ਵੇਗ ਨਾਲ ਸਿੱਧਾ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਪਤਾ ਕਰੋ-
(i) ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਉਚਾਈ ਜਿੱਥੇ ਤੱਕ ਗੇਂਦ ਪਹੁੰਚਦੀ ਹੈ ।
(ii) ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤਾ ਤੱਕ ਵਾਪਸ ਆਉਣ ਵਿੱਚ ਲੱਗਾ ਕੁੱਲ ਸਮਾਂ ।
ਹੱਲ:
(i) ਇੱਥੇ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 49 m/s
ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ) = 0 (ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਉਚਾਈ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਕੇ)
ਧਰਤੀ ਦੀ ਸੜਾ ਦੇ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਜਾਣ ਕਾਰਨ
ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ (g) = – 9.8 ms-2
ਉਚਾਈ (h) = ?
ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਉਚਾਈ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ (t) = ?
ਗਤੀ ਸਮੀਕਰਨ υ2 – u2 = 2gh ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ
(0)2 – (49)2 = 2 × (-9.8) × h
– 49 × 49 = – 2 × 9.8 × h
∴ h = \(\frac{49 \times 49}{2 \times 9.8}\)
= \(\frac{245}{2}\) = 122.5 m

(ii) ਹੁਣ
υ = u + gt
0 = 49 + (-9.8) × t
– 49 = – 9.8 × t
t = \(\frac{49}{9 \cdot 8}\)
= \(\frac{49 \times 10}{98}\)
= 5s
ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਵਾਪਸ ਆਉਣ ਲਈ ਲੱਗਾ ਕੁੱਲ ਸਮਾਂ
T = t + t
= 2t
= 2 × 5s
= 10s

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਨੂੰ 19.6 m ਉੱਚੀ ਮੀਨਾਰ ਦੇ ਸਿਖਰ ਤੋਂ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਇਸਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ, ਮੀਨਾਰ ਦੀ ਉਚਾਈ (h) = 19.6 m
ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 0
ਗੁਰੂਤੀ ਵੇਗ (g) = + 9.8 ms-2
ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ) = ?
‘ਗਤੀ ਸਮੀਕਰਨ υ2 – u2 = 2gh ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ
υ2 – (0)2 = 2 × 9.8 × 19.6
υ2 = 19.6 × 19.6
υ2 = \(\sqrt{19.6 \times 19 \cdot 6}\)
= 19.6 ms-1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਨੂੰ 40 ms ਦੇ ਮੁੱਢਲੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਸਿੱਧਾ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । g = 10 m/s2 ਲੈਂਦੇ ਹੋਏ ਪਤਾ ਕਰੋ, ਪੱਥਰ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕਿੰਨੀ ਉਚਾਈ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਦਾ ਹੈ। ਕੁੱਲ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿੰਨਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪੱਥਰ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੁੱਲ ਦੂਰੀ ਕਿੰਨੀ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
ਪੱਥਰ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ-ਵੇਗ (u) = 40 ms-1
ਪੱਥਰ ਦਾ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਉਚਾਈ ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ) = 0
ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਗੁਰੂਤੀ ਵੇਗ (g) = – 10 ms-2
ਸਮਾਂ (t) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ , υ = u + gt
0 = 40 + – 10) × t
0 = 40 – 10 × t
– 40 = – 10 × t
t = \(\frac{-40}{-10}\)
∴ t = 4s
ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਦੂਰੀ (h) = ?
ਹੁਣ
υ2 – u2 = 2gh ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ
(0)2 – (40)2 = 2 × (-10) × h
– 40 × 40 = – 20 × h
∴ h = \(\frac{-40 \times 40}{-20}\)
= 80 m
ਪੱਥਰ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਕੁੱਲ ਦੂਰੀ = h + h
= 2h
= 2 × 80 m
= 160 m
ਕੁੱਲ ਵਿਸਥਾਪਨ = 80 – 80 = 0

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਧਰਤੀ , ਅਤੇ ਸੂਰਜ ਵਿਚਕਾਰ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦਾ ਬਲ ਪਤਾ ਕਰੋ। ਦਿੱਤਾ ਹੈ-ਧਰਤੀ ਦਾ ਪੁੰਜ , = 6 × 1024 kg, ਸੂਰਜ ਦਾ ਪੁੰਜ = 2 × 1030 kg, ਦੋਨਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਔਸਤ ਦੂਰੀ = 1:5 × 1011 m
ਹੱਲ:
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਧਰਤੀ ਦਾ ਪੁੰਜ (m1) = 6 × 1024 kg
ਸੂਰਜ ਦਾ ਪੁੰਜ (m2) = 2 × 1030 kg
ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਸੂਰਜ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ (d) = 1.5 × 1011 m
G = 6.7 × 10-11 Nm2kg2
ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ (F) = ?
ਸਰਵ-ਵਿਆਪੀ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ,
F = \(\frac{\mathrm{G} \cdot m_{1} \times m_{2}}{d^{2}}\)
ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਸੂਰਜ ਵਿਚਕਾਰ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ,
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 1
= 35.57 × 1021 N

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਇੱਕ ਪੱਥਰ 100 m ਉੱਚੀ ਮੀਨਾਰ ਦੀ ਛੱਤ ਤੋਂ ਥੱਲੇ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸੀ ਸਮੇਂ ਦੂਸਰਾ ਪੱਥਰ 25 m/s ਵੇਗ ਨਾਲ ਸਿੱਧਾ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪਤਾ ਕਰੋ ਦੋਨੋਂ ਪੱਥਰ ਕਦੋਂ ਅਤੇ ਕਿੱਥੇ ਮਿਲਣਗੇ ?
ਹੱਲ:
ਮੀਨਾਰ ਦੀ ਉਚਾਈ = 100 m
ਮੰਨ ਲਉ ਇਕ ਪੱਥਰ ਮੀਨਾਰ ਦੀ ਛੱਤ A ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਗਿਆ ਅਤੇ ਦੁਸਰਾ ਪੱਥਰ ਉਸੀ ਸਮੇਂ ਤੋਂ ਸਿੱਧਾ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟਿਆ ਗਿਆ । ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਪੱਥਰ t ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ B ਤੇ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ।
ਪਹਿਲੇ ਪੱਥਰ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ (AB) = x
ਦੁਸਰੇ ਪੱਥਰ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ (CB) = (100 – x)
ਪਹਿਲੇ ਪੱਥਰ ਦੀ ਉੱਪਰੋਂ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਦੀ ਯਾਤਰਾ
u = 0
g = + 10 ms-2
h = x ਮੀਟਰ
s = ut + \(\frac{1}{2}\)gt2 ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਤੇ
x = 0 × t + \(\frac{1}{2}\) × 10 × t2
x = 5t2
ਜਾਂ t2 = \(\frac{x}{5}\) ………….. (1)

ਦੂਸਰੇ ਪੱਥਰ ਦੀ ਹੇਠਾਂ ਉੱਪਰੋਂ ਵੱਲ ਦੀ ਯਾਤਰਾ
u = 25ms-1
h = (100 – x) ਮੀਟਰ
g = – 10 ms-2
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ 2
s = ut + \(\frac{1}{2}\)gt2 ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਤੇ
(100 – x) = 25 × t + \(\frac{1}{2}\) × (-10) × t2
(100 – x) = 25t2
5t2 = 25t – (100 – x)
5t2 = 25t – 100 + x)
t2 = \(\frac{25 t-100+x}{5}\) ……………… (2)

(1) ਅਤੇ (2) ਤੋਂ
\(\frac{x}{5}\) = \(\frac{25 t-100+x}{5}\)
x = 25t – 100 + x
0= 25t – 100
25t = 100
∴ t = \(\frac{100}{25}\)
= 4s
t = 4s ਸਮੀਕਰਨ (1) ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ਮਗਰੋਂ
(4)2 = \(\frac{x}{5}\)
16 = \(\frac{x}{5}\)
∴ x = 80
ਅਰਥਾਤ ਪਹਿਲਾ ਪੱਥਰ ਛੱਤ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ 80 m ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰੇਗਾ ।
ਦੁਸਰਾ ਪੱਥਰ 0 ਤੋਂ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਜਾ ਕੇ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰੇਗਾ = (100 – x)
= 100 – 80
= 20 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਸਿੱਧੀ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟੀ ਗਈ ਗੇਂਦ 6s ਬਾਅਦ ਸੁੱਟਣ ਵਾਲੇ ਕੋਲ ਵਾਪਸ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਪਤਾ ਕਰੋ-
(i) ਗੇਂਦ ਕਿਸ ਵੇਗ ਨਾਲ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟੀ ਗਈ ।
(ii) ਗੇਂਦ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕਿੰਨੀ ਉੱਚੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ।
(iii) 4s ਬਾਅਦ ਗੇਂਦ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ।
ਹੱਲ:
ਕੁੱਲ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ : (T) = 6s
ਗੇਂਦ ਦੀ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਯਾਤਰਾ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਆਉਣ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ
= \(\frac{6}{2}\)
= 3s
(i) ਮੰਨ ਲਓ ਗੇਂਦ ਮੁੱਢਲੇ ਵੇਗ u ਨਾਲ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਸੁੱਟੀ ਗਈ
g = – 9.8 ms-2
t = 3s
υ = 0 (ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਉਚਾਈ ਤੇ ਗੇਂਦ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ)
ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਉੱਚਾਈ
S = h
υ = + gt ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਕੇ
0 = +(-9.8) × 3
0 = u – 29.4
∴ u = 29.4 ms-1

(ii) ਹੁਣ
υ2 – u2 = 2gs
(0)2 – (29.4)2 = 2 × (-9.8) × h
– 29.4 × 29.4 = – 19.6 h
h = \(\frac{29.4 \times 29 \cdot 4}{19.6}\)
= 44.1 m

(iii) 3 ਸੈਕਿੰਡ ਬਾਅਦ ਗੇਂਦ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਆਉਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰੇਗੀ
∴ u = 0
g = + 9.8 ms-2
t = (4 – 3)
= 1s
ਗਤੀ ਸਮੀਕਰਨ
S = ut + \(\frac {1}{2}\)gt2 ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ
S = 0 × 1 + \(\frac {1}{2}\) × 9.8 × (1)2
S = 0 + 4.9 × 1 × 1
= 4.9 m
∴ ਸੁੱਟਣ ਵਾਲੇ ਤੋਂ ਗੇਂਦ ਦੀ ਉੱਚਾਈ = (44.1 – 4.9) m
= 39.2 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਕਿਸੇ ਵ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੀ ਹੋਈ ਵਸਤੂ ‘ਤੇ ਉਛਾਲ ਬਲ ਕਿਸ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਸੇ ਵ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੀ ਹੋਈ ਵਸਤੁ ’ਤੇ ਉਛਾਲ ਬਲ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਇੱਕ ਪਲਾਸਟਿਕ ਦਾ ਟੁਕੜਾ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਛੱਡ ਦਿੱਤੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਕਿਉਂ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਇੱਕ ਪਲਾਸਟਿਕ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਨੂੰ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਛੱਡਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਇਹ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਕਿਉਂਕਿ ਪਲਾਸਟਿਕ ਦੀ ਘਣਤਾ ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਣਤਾ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪਲਾਸਟਿਕ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਦੇ ਭਾਰ ਨਾਲੋਂ ਪਲਾਸਟਿਕ ਦੇ ਟੁਕੜੇ ਤੇ ਪਾਣੀ ਦੁਆਰਾ ਲੱਗਿਆ ਧਕੇਲ ਬਲ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਇਹ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤਾ ‘ਤੇ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 21.
50 gm ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਆਇਤਨ 20 cm3 ਹੈ। ਜੇਕਰ ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਣਤਾ 1 gm/cm3 ਹੈ, ਤਾਂ ਪਦਾਰਥ ਤੈਰੇਗਾ ਜਾਂ ਡੁੱਬੇਗਾ ?
ਹੱਲ :
ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 50 gm
ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਆਇਤਨ (V) = 20 cm3
ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਘਣਤਾ (D) = ?
ਪਾਣੀ ਦਾ ਘਣਤਾ (d) = 1 gm/cm3
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ D = \(\frac{m}{V}\)
= \(\frac{50}{20}\) = 2.5 gm/cm3
ਕਿਉਂਕਿ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਘਣਤਾ, ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਣਤਾ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਧਕੇਲ ਬਲ ਘੱਟ ਲੱਗੇਗਾ | ਪਦਾਰਥ ਦਾ ਭਾਰ ਵਿਸਥਾਪਤ ਪਾਣੀ ਦੇ ਭਾਰ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਇਹ ਪਦਾਰਥ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬ ਜਾਵੇਗਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 22.
500 gm ਸੀਲ ਬੰਦ ਪੈਕੇਟ ਦਾ ਆਇਤਨ 350 cm3 ਹੈ। ਪੈਕੇਟ 1 gm cm-3 ਘਣਤਾ ਵਾਲੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਤੈਰੇਗਾ ਜਾਂ ਡੁੱਬੇਗਾ | ਪੈਕੇਟ ਦੁਆਰਾ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਪਾਣੀ ਦਾ ਪੁੰਜ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਣਤਾ = 1 gm cm-3
( ਸੀਲ ਬੰਦ ਪੈਕੇਟ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 500 gm
ਸੀਲ ਬੰਦ ਪੈਕੇਟ ਦਾ ਆਇਤਨ (V) = 350 cm3
ਹੁਣ ਸੀਲ ਬੰਦ ਪੈਕੇਟ ਦੀ ਘਣਤਾ (d) = \(\frac{m}{V}\)
\(\frac{500}{350}\) gm/cm3
= \(\frac{10}{7}\) gm/cm3
= 1.43 gm/cm3
ਕਿਉਂਕਿ ਸੀਲ ਬੰਦ ਪੈਕੇਟ ਦੀ ਘਣਤਾ, ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਣਤਾ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਪੈਕੇਟ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬੇਗਾ । ਪੈਕੇਟ ਦੁਆਰਾ ਸਥਾਪਿਤ ਪਾਣੀ ਦਾ ਆਇਤਨ = ਪੈਕੇਟ ਦਾ ਆਇਤਨ 350 cm3
∴ ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਪਾਣੀ ਦਾ ਪੁੰਜ = ਵਿਸਥਾਪਿਤ ਪਾਣੀ ਦਾ ਆਇਤਨ × ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਣਤਾ
= 350 cm3 × 1 gm cm3
= 350 gm

Science Guide for Class 9 PSEB ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦਾ ਸਰਵ-ਵਿਆਪੀ ਨਿਯਮ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦਾ ਸਰਵ-ਵਿਆਪੀ ਨਿਯਮ (Universal Law of Gravitation) – ਇਸ ਹਿਮੰਡ ਵਿੱਚ ਹਰੇਕ ਵਸਤੂ ਹਰ ਦੂਜੀ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਲ ਨਾਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ। ਇਹ ਬਲ ਉਹਨਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੇ ਪੁੰਜਾਂ ਦੇ ਗੁਣਨਫਲ ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੇ ਕੇਂਦਰਾਂ ਵਿਚਕਾਰ ਦੂਰੀ ਦੇ ਵਰਗ ਦੇ ਉਲਟ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਬਲ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਉਹਨਾਂ ਦੋਨਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੇ ਕੇਂਦਰਾਂ ਨੂੰ ਮਿਲਾਉਣ ਵਾਲੀ ਰੇਖਾ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲਗਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਉਸਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਵਸਤੂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਦੇ ਪਰਿਮਾਣ ਦਾ ਸੁਤਰ ਲਿਖੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਮੰਨ ਲਉ, ਅ ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਧਰਤੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ਉੱਪਰ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਹੈ ਜਿਸਦਾ ਪੁੰਜ M ਅਤੇ ਅਰਧ ਵਿਆਸ ਹੈ । ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਸਰਵ-ਵਿਆਪੀ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਵਸਤੁ ਵਿਚਕਾਰ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਬਲ
ਦੇ ਪਰਿਮਾਣ ਦਾ ਸਤਰ ਹੈ, F = G\(\frac{\mathrm{M} \times m}{r^{2}}\)

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗਣ (Free Fall) ਦਾ ਕੀ ਅਰਥ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗਣਾ – ਜਦੋਂ ਵਸਤੁ ਉੱਪਰ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਹੋਰ ਕੋਈ ਬਲ ਨਹੀਂ ਲਗਦਾ, ਤਾਂ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਡਿੱਗ ਰਹੀ ਵਸਤੂ ਸੁਤੰਤਰ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਡਿੱਗ ਰਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਸੁਤੰਤਰ ਡਿੱਗਣਾ ਆਖਦੇ ਹਨ । ਡਿੱਗਦੀ ਹੋਈ ਵਸਤੁ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੁ ਧਰਤੀ ਦੇ ਆਕਰਸ਼ਣ ਦੇ ਕਾਰਨ ਵੇਗ ਦੇ ਮਾਨ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ (g) ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਵਸਤੂ ਸੁਤੰਤਰ ਰੂਪ ਨਾਲ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਵਸਤੂ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਪਰੰਤੂ ਵੇਗ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ। ਇਹ ਵੇਗ ਵਸਤੂ ‘ਤੇ ਲੱਗ ਰਹੇ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ ਬਲ ਕਾਰਨ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ਦੀ ਇਕਾਈ ms-2 ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਵਸਤੂ ਦੇ ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਸਤੂ ਦੇ ਪੁੰਜ ਅਤੇ ਭਾਰ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-ਵਸਤੂ ਵਿੱਚ ਉਪਸਥਿਤ ਪਦਾਰਥ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਉਸਦਾ ਪੁੰਜ ਕਹਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਵਸਤੁ ਦਾ ਪੁੰਜ ਉਸਦੀ ਜਤਾ ਦਾ ਮਾਪ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਵਸਤੁ ਦਾ ਪੁੰਜ ਵੱਧ ਹੋਵੇ, ਤਾਂ ਉਸਦੀ ਜੜ੍ਹਤਾ ਵੱਧ ਹੋਵੇਗੀ । ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ ਸਥਿਰ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਸਥਾਨ ਬਦਲਣ ਨਾਲ ਨਹੀਂ ਬਦਲਦਾ ਹੈ । ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਉਹ ਬਲ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਇਹ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਆਕਰਸ਼ਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਭਾਰ ਦੀ S.I. ਇਕਾਈ ਨਿਊਟਨ (N) ਹੈ । ਕਿਸੇ ਦਿੱਤੇ ਹੋਏ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਵਸਤੁ ਦਾ ਭਾਰ ਉਸਦੇ ਪੁੰਜ (m) ਦੇ ਸਿੱਧਾ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਗੁਰੂਤਾ ਵੇਗ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸਨੂੰ W ਨਾਲ | ਦਰਸਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਖੜ੍ਹਵੀਂ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਲਗਦਾ ਹੈ। ਇਸਨੂੰ ਕਮਾਨੀਦਾਰ ਤੁਲਾ ਨਾਲ ਮਾਪਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਵਸਤੂ ਦਾ ਭਾਰ ਸਥਾਨ ਬਦਲਣ ਨਾਲ ਬਦਲ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਿੱਚ ਦਿਸ਼ਾ ਅਤੇ ਪਰਿਮਾਣ ਦੋਨੋਂ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਚੰਨ ‘ਤੇ ਭਾਰ, ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਉਸਦੇ ਭਾਰ ਦਾ \(\frac{1}{6}\) ਗੁਣਾ ਕਿਉਂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਸਤੂ ਦਾ ਚੰਨ ‘ਤੇ ਭਾਰ ਧਰਤੀ ਤੇ ਭਾਰ ਦਾ \(\frac{1}{6}\) ਗੁਣਾ-ਚੰਨ ਦਾ ਪੁੰਜ, ਧਰਤੀ ਦੇ ਪੁੰਜ ਦਾ \(\frac{1}{100}\) ਵਾਂ ਭਾਗ
ਹੈ ਅਤੇ ਇਸਦਾ ਅਰਧ-ਵਿਆਸ, ਧਰਤੀ ਦੇ ਵਿਆਸ ਦਾ \(\frac{1}{4}\) ਹੈ। ਇਸ ਲਈ ਵਸਤੂ ‘ਤੇ ਚੰਨ ਦਾ ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ
ਧਰਤੀ ਦੇ ਗੁਰੂਤਾ ਆਕਰਸ਼ਣ ਦਾ \(\frac{1}{6}\) ਭਾਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਅਰਥਾਤ ਵਸਤੂ ਦਾ ਚੰਨ ‘ਤੇ ਭਾਰ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਭਾਰ ਦਾ \(\frac{1}{6}\) ਭਾਗ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਇੱਕ ਪਤਲੀ ਅਤੇ ਮਜ਼ਬੂਤ ਡੋਰੀ ਨਾਲ ਬਣੇ ਪੱਟੇ ਦੀ ਮਦਦ ਨਾਲ ਸਕੂਲ ਬੈਗ ਨੂੰ ਚੁੱਕਣਾ ਔਖਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਕਾਈ ਖੇਤਰਫਲ ‘ਤੇ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਬਲ (ਭਾਰ) ਦਬਾਅ ਅਖਵਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਪਤਲੀ ਡੋਰੀ ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ ਘੱਟ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਹੱਥ ‘ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਦਬਾਅ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਵਧੇਰੇ ਦਬਾਅ ਕਾਰਨ ਸਕੂਲ ਬੈਗ ਚੁੱਕਣਾ ਔਖਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 10 ਗੁਰੂਤਾ-ਆਕਰਸ਼ਣ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਉਛਾਲ ਬਲ ਤੋਂ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਮਝਦੇ ਹੋ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਛਾਲ ਬਲ (Buoyant Force) – ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਠੋਸ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਦਵ ਵਿੱਚ ਡੁਬੋਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਦ੍ਰਵ ਉਸ ਵਸਤੂ ‘ਤੇ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਇੱਕ ਬਲ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਵ ਦੁਆਰਾ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਲੱਗੇ ਬਲ ਨੂੰ ਧਕੇਲ ਬਲ (Upthrust) ਜਾਂ ਉਛਾਲ ਬਲ (Buoyant Force) ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ | ਜਦੋਂ ਕਿ ਦੂਵਾਂ ਦੇ ਇਸ ਵਰਤਾਰੇ ਨੂੰ Buoyancy ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਦਰਅਸਲ, ਸਾਰੀਆਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦ੍ਰਵ ਵਿੱਚ ਡੋਬੇ ਜਾਣ ‘ਤੇ ਉਛਾਲ ਬਲ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਉਛਾਲ ਬਲ ਦਾ ਮਾਨ ਦੀ ਘਣਤਾ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਕੋਈ ਵਸਤੂ ਕਿਉਂ ਤੈਰਦੀ ਜਾਂ ਡੁੱਬਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਵਸਤੂ ਉਸ ਵੇਲੇ ਤੈਰਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਪਾਣੀ-ਦੁਆਰਾ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਧਕੇਲ ਬਲ ਵਸਤੂ ਦੇ ਭਾਰ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹ ਵਸਤੁ ਉਸ ਹਾਲਤ ਵਿੱਚ ਡੁੱਬਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਵਸਤੁ ਦਾ ਭਾਰ ਪਾਣੀ ਦੁਆਰਾ ਲਗਾਏ ਗਏ ਧਕੇਲ ਬਲ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਤੁਸੀਂ ਭਾਰ ਤੋਲਣ ਵਾਲੀ ਮਸ਼ੀਨ ‘ਤੇ ਆਪਣਾ ਪੁੰਜ 42kg ਵੇਖਦੇ ਹੋ। ਕੀ ਤੁਹਾਡਾ ਪੁੰਜ 42kg ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੈ। ਜਾਂ ਘੱਟ ?
ਉੱਤਰ-
42kg ਤੋਂ ਵੱਧ ਪੁੰਜ ਹੋਵੇਗਾ ਕਿਉਂਕਿ ਭਾਰ ਤੋਲਣ ਵਾਲੀ ਮਸ਼ੀਨ 42kg ਪਤ ਦਸਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਹਵਾ ਦੁਆਰਾ ਧਕੇਲ ਬਲ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ‘ਤੇ ਵੀ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਤੁਹਾਡੇ ਕੋਲ ਇੱਕ ਰੂੰ ਦਾ ਬੋਰਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇੱਕ ਲੋਹੇ ਦੀ ਛੜ, ਭਾਰ ਤੋਲਣ ਵਾਲੀ ਮਸ਼ੀਨ ਦੋਨਾਂ ਦਾ ਪੁੰਜ 100kg ਦਰਸਾਉਂਦੀ ਹੈ | ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਇੱਕ-ਦੂਸਰੇ ਨਾਲੋਂ ਭਾਰਾ ਹੈ । ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਦੱਸ ਸਕਦੇ ਹੋ ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਭਾਰੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਊਂ ਦਾ ਬੋਰਾ ਲੋਹੇ ਦੀ ਛੜ ਤੋਂ ਭਾਰਾ ਹੈ । ਰੂੰ ਵਾਲੇ ਬੋਰੇ ‘ਤੇ ਲੋਹੇ ਦੀ ਛੜ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਹਵਾ ਦਾ ਧਕੇਲ ਬਲ ਲਗਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਭਾਰ ਤੋਲਣ ਵਾਲੀ ਮਸ਼ੀਨ ਨੂੰ ਦੇ ਅਸਲੀ ਪੁੰਜ ਤੋਂ ਘੱਟ ਪੰਜ ਦਰਸਾਉਂਦੀ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ

PSEB 9th Class Science Guide ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਕੋਈ ਵਸਤੂ ਬਾਹਰੀ ਅਸੰਤੁਲਿਤ ਬਲ ਸਿਫ਼ਰ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਕੀ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਲਈ ਸਿਫ਼ਰ ਵੇਗ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਨਾ ਸੰਭਵ ਹੈ ? ਜੇਕਰ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਦੇ ਵੇਗ ਦੇ ਪਰਿਮਾਣ ਅਤੇ ਦਿਸ਼ਾ ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲੀਆਂ ਸ਼ਰਤਾਂ ਬਿਆਨ ਕਰੋ । ਜੇਕਰ ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਕਾਰਨ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਹਾਂ, ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਲਈ ਕੁੱਝ ਵੇਗ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਨਾ ਸੰਭਵ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਉਹ ਵਸਤੂ ਬਾਹਰੀ ਅਸੰਤੁਲਿਤ ਬਲ ਸਿਫ਼ਰ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰ ਰਹੀ ਹੋਵੇ । ਅਜਿਹੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਵੇਗ ਦਾ ਪਰਿਮਾਣ ਅਤੇ ਦਿਸ਼ਾ ਸਮਾਨ ਰਹੇਗੀ ।
ਉਦਾਹਰਨ ਲਈ, ਮੀਂਹ ਸਮੇਂ ਪਾਣੀ ਦੀ ਬੂੰਦ ਜਦੋਂ ਸਥਿਰ ਵੇਗ ਨਾਲ ਹੇਠਾਂ ਧਰਤੀ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸ ਬੂੰਦ ਦਾ ਭਾਰ ਅਤੇ ਹਵਾ ਦਾ ਧਕੇਲ ਬਲ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ਅਰਥਾਤ ਪਾਣੀ ਦੀ ਬੂੰਦ ’ਤੇ ਬਲ ਸਿਫ਼ਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਛੜੀ ਨਾਲ ਇੱਕ ਦਰੀ (ਗਲੀਚੇ) ਨੂੰ ਕੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਧੂੜ ਦੇ ਕਣ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲ ਆਉਂਦੇ ਹਨ । ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਗਲੀਚੇ ਨੂੰ ਛੜੀ (ਸੋਟੀ) ਨਾਲ ਕੁੱਟਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਗਲੀਚਾ ਗਤੀ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂਕਿ ਧੂੜ ਕਣ ਜੜ੍ਹਤਾ ਕਾਰਨ ਵਿਰਾਮ ਵਿੱਚ ਬਣੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਧੂੜ ਕਣ ਗਲੀਚੇ ਤੋਂ ਅਲੱਗ ਹੋ ਕੇ ਡਿੱਗ ਪੈਂਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਬੱਸ ਦੀ ਛੱਤ ‘ਤੇ ਰੱਖੇ ਹੋਏ ਸਮਾਨ ਨੂੰ ਰੱਸੀ ਨਾਲ ਕਿਉਂ ਬੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਤੇਜ਼ ਗਤੀ ਨਾਲ ਚਲ ਰਹੀ ਬੱਸ ਕਿਸੇ ਤਿੱਖੇ ਮੋੜ ‘ਤੇ ਮੁੜਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਸ ਦੀ ਛੱਤ ‘ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਹੋਇਆ ਸਮਾਨ ਇੱਕ ਪਾਸੇ ਵੱਲ ਨੂੰ ਡਿੱਗ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਕਾਰਨ ਇਹ ਹੈ ਕਿ ਸਮਾਨ ਸਰਲ ਰੇਖੀ ਗਤੀ ਵਿੱਚ ਹੀ ਚਲਦਾ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਦੋਂ ਬੱਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲਣ ਲਈ ਇੰਜਨ ਦੁਆਰਾ ਇੱਕ ਅਸੰਤੁਲਿਤ ਬਲ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਛੱਤ ‘ਤੇ ਰੱਖਿਆ ਸਮਾਨ ਇੱਕ ਪਾਸੇ ਨੂੰ ਖਿਸਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਬੱਲੇਬਾਜ਼ (Batsman) ਦੁਆਰਾ ਕ੍ਰਿਕੇਟ ਦੀ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਜ਼ੋਰ ਦੀ ਮਾਰਣ ਨਾਲ ਉਹ ਜ਼ਮੀਨ ‘ਤੇ ਲੁੜਕਦੀ ਹੈ । ਕੁੱਝ ਦੂਰੀ ਚੱਲਣ ਦੇ ਬਾਅਦ ਗੇਂਦ ਰੁੱਕ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਗੇਂਦ ਰੁੱਕਣ ਲਈ ਹੌਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ
(a) ਬੱਲੇਬਾਜ਼ ਨੇ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਪੂਰੇ ਜ਼ੋਰ ਨਾਲ ਹਿੱਟ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਹੈ ।
(b) ਵੇਗ ਗੇਂਦ ਦੇ ਲਗਾਏ ਗਏ ਬਲ ਦੇ ਸਮਾਨੁਪਾਤੀ ਹੈ ।
(c) ਗੇਂਦ ਤੇ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਉਲਟ ਇੱਕ ਬਲ ਕਾਰਜ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ।
(d) ਗੇਂਦ ‘ਤੇ ਕੋਈ ਅਸੰਤੁਲਿਤ ਬਲ ਨਹੀਂ ਕੰਮ ਕਰ ਰਿਹਾ । ਇਸ ਲਈ ਗੇਂਦ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਵੇਗੀ ।
ਉੱਤਰ-
(c) ਗੇਂਦ ਤੇ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਉਲਟ ਇੱਕ ਬਲ ਕਾਰਜ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਇੱਕ ਟਰੱਕ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਤੋਂ ਕਿਸੇ ਪਹਾੜੀ ਤੋਂ ਥੱਲੇ ਵੱਲ ਸਥਿਰ ਪ੍ਰਵੇਗ ਨਾਲ ਲੁੜਕਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਹ 20s ਵਿੱਚ 400m ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਵੇਗ ਪਤਾ ਕਰੋ । ਜੇਕਰ ਇਸ ਦਾ ਪੁੰਜ 7 ਟਨ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਸ ‘ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਬਲ ਦਾ ਪਤਾ ਕਰੋ । (1 ਟਨ = 1000kg)
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ, ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 0
ਸਮਾਂ (t) = 20s
ਦੁਰੀ (S) = 400m
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, s = ut + \(\frac{1}{2}\)at2
400 = 0 × 20 + \(\frac{1}{2}\)a × (20)2
400 = 0 + \(\frac{1}{2}\) × a × 20 × 20
400 = 200 a
∴ a = \(\frac{400}{200}\)
= 2ms-2
ਹੁਣ ਟਰੱਕ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 7 ਟਨ
= 7 × 1000 kg
= 7000 kg
ਪ੍ਰਵੇਗ (a) = 2 ms-2
∴ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਬਲ, F = m × a
= 7000 × 2
= 14000 N (ਨਿਊਟਨ)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇੱਕ kg ਦੇ ਪੁੰਜ ਦੇ ਇੱਕ ਪੱਥਰ ਨੂੰ 20 ms-1 ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਜੰਮੀ ਹੋਈ ਝੀਲ ਦੀ ਸਤ੍ਹਾ ‘ਤੇ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪੱਥਰ 50m ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਰੁਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਪੱਥਰ ਅਤੇ ਬਰਫ਼ ਦੇ ਵਿੱਚ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਰਗੜ ਬਲ ਦਾ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਪੱਥਰ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 1kg
ਪੱਥਰ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 20 ms-1
ਪੱਥਰ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ (S)= 50m
ਪੱਥਰ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ) = 0 (ਰੁੱਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ)
ਪੱਥਰ ਅਤੇ ਬਰਫ਼ ਵਿੱਚ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਰਗੜ ਬਲ (F) = ?
υ2 – u2 = 2aS ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ
(υ)2 – (20)2 = 2 × a × 50
(0)2 – 20 × 20 = 100 × a
∴ a = \(\frac{-20 \times 20}{100}\)
a = – 4 ms-2
ਰਗੜ ਬਲ, F = m × a
= 1 × (-4)
= – 4N

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਇੱਕ 8000 kg ਪੰਜ ਵਾਲਾ ਰੇਲ ਇੰਜਨ ਪ੍ਰਤੀ 2000 kg ਪੰਜ ਵਾਲੇ 5 ਡੱਬਿਆਂ ਨੂੰ ਸਿੱਧੀ ਪਟਰੀ ‘ਤੇ ਖਿੱਚਦਾ ਹੈ । ਇੱਕ ਇੰਜਨ 40000 N ਦਾ ਬਲ ਲਗਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪਟਰੀ 5000 N ਬਲ ਲਗਾਉਂਦੀ ਹੈ,
ਪਤਾ ਕਰੋ –
(a) ਵੇਗਤ ਕਰਨ ਵਾਲਾ ਬਲ
(b) ਰੇਲ ਦਾ ਵੇਗ
(c) ਪਹਿਲੇ ਡੱਬੇ ਦੁਆਰਾ ਦੂਜੇ ਡੱਬੇ ‘ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਬਲ
ਹੱਲ :
ਇੰਜਨ ਦਾ ਪੁੰਜ = 8000 kg …………… (i)
5 ਡੱਬਿਆਂ ਦਾ ਪੁੰਜ, = 5 × 2000 kg
= 10,000 kg ……………. (ii)
ਇੰਜਨ ਅਤੇ 5 ਡੱਬਿਆਂ ਦਾ ਕੁੱਲ ਪੰਜ = (i) + (ii)
= 8000 kg + 10,000 kg
= 18000 kg
ਇੰਜਨ ਦੁਆਰਾ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਬਲ = 40000 N
ਪਟਰੀ ਦੁਆਰਾ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਰਗੜ ਬਲ = 5000 N
= ਇੰਜਨ ਦਾ ਬਲ – ਪਟਰੀ ਦਾ ਰਗੜ ਬਲ
(a) ਨੈੱਟ ਪ੍ਰਵੇਗਿਤ ਬਲ = 40000 N – 5000 N
= 35000 N

(b)
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ 1
= 1.94 ms-2

(c) ਪਹਿਲੇ ਡੱਬੇ ਦੁਆਰਾ ਦੂਜੇ ਡੱਬੇ ‘ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਬਲ = ਨੈੱਟ ਗਿਤ ਬਲ – ਡੱਬੇ ਦਾ ਪੁੰਜ × ਵੇਗ
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ 2
= 35000 – 2000 × \(\frac{35}{18}\)
= 35000 – 3888.8
= 31111.2 N

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਇੱਕ ਗੱਡੀ ਦਾ ਪੁੰਜ 1500 kg ਹੈ । ਇਸ ਗੱਡੀ ਨੂੰ 1.7ms-2 ਦੇ ਰਿਣਾਤਮਕ ਵੇਗ ਦੇ ਨਾਲ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਲਿਆਂਦਾ ਹੈ । ਗੱਡੀ ਅਤੇ ਸੜਕ ਦੇ ਵਿੱਚ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਰਗੜ ਬਲ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ, ਗੱਡੀ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 1500 kg
ਪ੍ਰਵੇਗ (a) = – 1.7 ms-2
ਰਗੜ ਬਲ (F) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, F = m × a
= 1500 × -1.7
= – 2550 N
ਅਰਥਾਤ ਗੱਡੀ ਅਤੇ ਸੜਕ ਦੇ ਵਿੱਚ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਰਗੜ ਬਲ 2550 N ਹੈ ਜਿਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗੱਡੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਉਲਟ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਕਿਸੇ m ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਵਸਤੂ ਜਿਸ ਦਾ ਵੇਗ υ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਸ ਦਾ ਸੰਵੇਗ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
(a) (mυ)2
(b) mυ2
(c) \(\frac{1}{2}\)mυ2
(d) mυ
ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਸਹੀ ਦੀ ਚੋਣ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
(d) mυ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਅਸੀਂ ਇੱਕ ਲੱਕੜ ਦੇ ਬੱਸੇ ਨੂੰ 200 N ਦਾ ਬਲ ਲਗਾ ਕੇ ਉਸਨੂੰ ਸਥਿਰ ਵੇਗ ਨਾਲ ਫ਼ਰਸ਼ ‘ਤੇ ਧਕੇਲਦੇ ਹਾਂ । ਬਕਸੇ ‘ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਰਗੜ ਬਲ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਲੱਕੜ ਦਾ ਬਕਸਾ ਉਸ ਹਾਲਤ ਵਿੱਚ ਸਥਿਰ ਵੇਗ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰੇਗਾ ਜੇਕਰ ਨੈੱਟ ਪਰਿਣਾਮੀ ਬਲ ਸਿਫ਼ਰ ਹੋਵੇਗਾ । ਇਸ ਲਈ ਬਕਸੇ ‘ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਰਗੜ ਬਲ = ਧਕੇਲਣ ਬਲ = 200 N
ਪਰੰਤੂ ਇਸ ਰਗੜ ਬਲ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਕਸੇ ਦੀ ਗਤੀ ਦੇ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ, ਹਰੇਕ ਦਾ ਪੁੰਜ 1.5 kg ਹੈ, ਇੱਕ ਹੀ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਵਿੱਚ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਗਤੀ ਕਰ ਰਹੀਆਂ ਹਨ । ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹਰੇਕ ਦਾ ਵੇਗ 2.5 ms-1 ਹੈ । ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨਾਲ ਜੁੜ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਤਾਂ ਇਹਨਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਾ ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜੁੜ ਜਾਣ ‘ਤੇ ਕਿੰਨਾ ਵੇਗ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ m1 = m2 = 1.5 kg
u1 = 2.5ms-1, u2 = -2.5 ms-1

ਕਿਉਂਕਿ ਦੋਨੋਂ ਵਸਤੂਆਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਤੋਂ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ, ਇਸ ਲਈ ਪਹਿਲੀ ਵਸਤੂ ਦੇ ਵੇਗ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਧਨ ਅਤੇ ਦੂਜੀ ਵਸਤੂ ਦੇ ਵੇਗ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਨੂੰ ਰਿਣ ਮੰਨਿਆ ਜਾਵੇਗਾ ।

ਮੰਨ ਲਉ ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦੋਨੋਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦੇ ਜੋੜ ਦਾ ਵੇਗ υ ਹੈ ।
ਸੰਵੇਗ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ, ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦੋਨਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਾ ਕੁੱਲ ਸੰਵੇਗ = ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦੋਨਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਾ ਕੁੱਲ ਸੰਵੇਗ
m1u1 + m2u2 = (m1 + m2 ) × υ
1.5 × 2.5 + 1.5 × (-2.5) = (1.5 + 1.5) × υ
1.5 (2.5 – 2.5) = 3 × υ
1.5 × 0 = 3 × υ
0 = 3υ
υ = \(\frac{0}{3}\)
= 0 ms-1

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਗਤੀ ਦੇ ਤੀਜੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਧੱਕਾ ਮਾਰਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਵੀ ਸਾਨੂੰ ਉੱਨੇ ਹੀ ਬਲ ਨਾਲ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਧੱਕਾ ਦਿੰਦੀ ਹੈ । ਜੇ ਉਹ ਵਸਤੂ ਇੱਕ ਟਰੱਕ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਸੜਕ ਦੇ ਕਿਨਾਰੇ ਖੜ੍ਹਾ ਹੈ, ਸੰਭਵ ਹੈ ਕਿ ਸਾਡੇ ਦੁਆਰਾ ਬਲ ਲਗਾਉਣ ‘ਤੇ ਵੀ ਉਹ ਗਤੀ ਮਾਨ ਨਹੀਂ ਹੋ ਪਾਵੇਗਾ । ਇੱਕ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਇਸਨੂੰ ਸਹੀ ਸਿੱਧ ਕਰਦਿਆਂ ਹੋਇਆਂ ਕਹਿੰਦਾ ਹੈ ਕਿ ਦੋਨੋਂ ਬਲ ਉਲਟ ਅਤੇ ਬਰਾਬਰ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸੇ ਕਰਕੇ ਦੋਨੋਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਖ਼ਤਮ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਤਰਕ ਤੇ ਆਪਣੇ ਵਿਚਾਰ ਦਿਉ ਅਤੇ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ਕਿ ਟਰੱਕ ਕਿਉਂ ਨਹੀਂ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਕਿਰਿਆ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਇਕ-ਦੂਜੇ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਅਤੇ ਉਲਟ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਵਸਤੁਆਂ ‘ਤੇ ਲਗਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਨਹੀਂ ਕੱਟਦੇ (ਕੈਂਸਲ) ਹਨ । ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਇਕ ਭਾਰੀ ਟਰੱਕ ਨੂੰ ਧੱਕਾ ਮਾਰਦੇ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਟਾਇਰ ਅਤੇ ਸੜਕ ਦੇ ਵਿੱਚ ਰਗੜ ਬਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜੋ ਬਹੁਤ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਟਰੱਕ ਗਤੀ ਨਹੀਂ ਕਰਦਾ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਇੱਕ ਹਾਕੀ ਦੀ ਗੇਂਦ ਜਿਸਦਾ ਪੁੰਜ 200g ਹੈ, 10 ms-1 ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਵਿੱਚ ਚਲਦਿਆਂ ਹੋਇਆਂ 5 kg ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਲੱਕੜੀ ਦੀ ਹਾਕੀ ਦੀ ਛੜ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ 5 ms-1 ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਆਪਣੇ ਅਸਲੀ ਮਾਰਗ ‘ਤੇ ਵਾਪਸ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਹਾਕੀ ਦੀ ਛੜ ਦੁਆਰਾ ਬਲ ਲਗਾਉਣ ਕਾਰਣ ਹਾਕੀ ਦੀ ਗੇਂਦ ਦੀ ਗਤੀ ਵਿੱਚ ਸੰਵੇਗ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਦਰ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਗੇਂਦ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 200g = 0.2 kg
ਗੇਂਦ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 10ms-1
ਗੇਂਦ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ) = -5ms-1
(∵ ਹੁਣ ਗੇਂਦ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਪਹਿਲੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਉਲਟ ਹੈ ।)
ਗੇਂਦ ਦੇ ਸੰਵੇਗ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ = mυ – mu
= m (υ – u)
= 0.2 (-5 – 10)
= 0.2 × (15)
= – 3.0kg – ms-1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
10g ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਬੰਦੂਕ ਦੀ ਗੋਲੀ ਜੋ ਕਿ 150 ms-1 ਗਤੀ ਨਾਲ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਵਿੱਚ ਚਲਦੀ ਹੋਈ ਇੱਕ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਗੁਟਕੇ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ 0.03 s ਵਿੱਚ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਗੁਟਕੇ ਵਿੱਚ ਗੋਲੀ ਦੁਆਰਾ ਭੇਜੀ ਗਈ ਦੂਰੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ਅਤੇ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਗੁਟਕੇ ਦੁਆਰਾ ਗੋਲੀ ‘ਤੇ ਲਗਾਏ ਗਏ ਬਲ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ, ਗੋਲੀ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 10g = 0.01kg
ਗੋਲੀ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u = 150ms-1
ਗੋਲੀ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ) = 0
ਸਮਾਂ (t) = 0.03 s
ਗੋਲੀ ਦਾ ਵੇਗ (a) = \(\frac{v-u}{t}\)
= \(\frac{0-150}{0.03}\)
= -5000 ms-2
ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਗੁਟਕੇ ਵਿੱਚ ਖੁੱਭੀ ਹੋਈ ਗੋਲੀ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ (S) = ?
s = ut + \(\frac{1}{2}\) at2 ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ
= 150 × 0.03 + \(\frac{1}{2}\) × (-5000) × (0.03)2
= 4.5 – 2.25
S = 2.25m
ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਗੁਟਕੇ ਦੁਆਰਾ ਗੋਲੀ ‘ਤੇ ਲੱਗੇ ਬਲ ਦਾ ਪਰਿਮਾਣ F = m × a
= 0.01 × 5000
= 50N

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਜਿਸਦਾ ਪੁੰਜ 1kg ਹੈ, 10ms-1 ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਇੱਕ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਨਾਲ ਚੱਲਦੇ ਹੋਏ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਰੱਖੇ ਹੋਏ 5kg ਪੁੰਜ ਵਾਲੇ ਇੱਕ ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਗੁਟਕੇ ਨਾਲ ਟਕਰਾਉਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਸ ਨਾਲ ਹੀ ਜੁੜ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਉਸਦੇ ਬਾਅਦ ਦੋਨੋਂ ਇੱਕ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਵਿੱਚ ਗਤੀ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਟੱਕਰ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਅਤੇ ਟੱਕਰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦਾ ਕੁੱਲ ਸੰਵੇਗ ਪਤਾ ਕਰੋ | ਆਪਸ ਵਿੱਚ ਜੁੜੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਦੋਨਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਾ ਵੇਗ ਵੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ (m1) = 1kg .
ਵਸਤੁ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u1) = 10ms-1
ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਗੁਟਕੇ ਦਾ ਪੁੰਜ (m2) = 5kg
ਲੱਕੜੀ ਦੇ ਗੁਟਕੇ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u2) = 0 (ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ)
ਮੰਨ ਲਉ ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜੋੜ (ਵਸਤੂ ਅਤੇ ਗੁਟਕਾ) ਦਾ ਵੇਗ ) ਹੈ ।
ਟੱਕਰ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵਸਤੂ ਅਤੇ ਗੁਟਕੇ ਦਾ ਕੁੱਲ ਸੰਵੇਗ = m1 u1 + m2u2
= 1 × 10 + 5 × 0
= 10 + 0
= 10kg ms-1
ਟੱਕਰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜੋੜ (ਵਸਤੂ ਅਤੇ ਗੁਟਕੇ) ਦਾ ਕੁੱਲ ਸੰਵੇਗ = (m1 + m2) × υ
= (1 + 5) × υ
= 6υ kg ms-1
ਸੰਵੇਗ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ,
ਟੱਕਰ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਜੋੜ ਦਾ ਕੁੱਲ ਸੰਵੇਗ = ਟੱਕਰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜੋੜ ਦਾ ਕੁੱਲ ਸੰਵੇਗ
10 = 6υ
∴ υ = \(\frac{10}{6}\)
\(\frac{5}{3}\) ms-1 = 1.67ms-1
∴ ਟੱਕਰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਜੋੜ ਦਾ ਕੁੱਲ ਸੰਵੇਗ = 6υ
= 6 × \(\frac{5}{3}\)
= 10 kg – ms-1

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
100kg ਪੰਜ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਵਸਤੂ 6 ਸੈਕਿੰਡਾਂ ਵਿੱਚ 5ms-1 ਤੋਂ 8ms-1 ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਚਲਦੇ ਹੋਏ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਗਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਵਸਤੂ ਦਾ ਪਹਿਲਾ ਅਤੇ ਅੰਤਿਮ ਸੰਵੇਗ ਪਤਾ ਕਰੋ | ਵਸਤੂ ਉੱਤੇ ਲੱਗੇ ਬਲ ਦਾ ਮਾਨ ਵੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ, ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 100 kg
ਵਸਤੂ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 5 ms-1
ਵਸਤੁ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ = (υ) 8 ms-1
ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ (t) = 6 ਸੈਕਿੰਡ
ਮੁੱਢਲਾ (ਜਾਂ ਪਹਿਲਾ) ਸੰਵੇਗ (P1) = mu
= 100 × 5
= 500kg ms-1
ਅੰਤਿਮ ਸੰਵੇਗ (p2) = mυ
= 100 × 8
= 800kg ms-1
ਵਸਤੁ ਤੇ ਲੱਗਦੇ ਬਲ ਦਾ ਮਾਨ, F = \(\frac{p_{2}-p_{1}}{t}\)
= \(\frac{800-500}{6}\)
= \(\frac{300}{6}\)
= 50N

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਅਖ਼ਤਰ, ਕਿਰਨ ਅਤੇ ਰਾਹੁਲ ਕਿਸੇ ਰਾਜ ਮਾਰਗ ਤੋਂ ਬਹੁਤ ਤੇਜ਼ ਗਤੀ ਨਾਲ ਚੱਲਦੀ ਹੋਈ ਕਾਰ ‘ਤੇ ਸਵਾਰ ਹਨ । ਅਚਾਨਕ ਇੱਕ ਕੀੜਾ ਉੱਡਦਾ ਹੋਇਆ ਕਾਰ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਵਾਲੇ ਸ਼ੀਸ਼ੇ ਵਿੱਚ ਆ ਟਕਰਾਇਆ ਅਤੇ ਸ਼ੀਸ਼ੇ ਨਾਲ ਚਿਪਕ ਗਿਆ । ਅਖ਼ਤਰ ਅਤੇ ਕਿਰਨ ਇਸ ਸਥਿਤੀ ‘ਤੇ ਵਿਚਾਰ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਕਿਰਨ ਦਾ ਮੰਨਣਾ ਹੈ ਕਿ ਕਾਰ ਵਿੱਚ ਸੰਵੇਗ ਦੇ ਪਰਿਵਰਤਨ ਨਾਲੋਂ ਕੀੜੇ ਵਿੱਚ ਆਏ ਸੰਵੇਗ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ, ਕਿਉਂਕਿ ਕਾਰ ਨਾਲੋਂ ਕੀੜੇ ਵਿੱਚ ਆਇਆ ਵੇਗ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ । ਅਖ਼ਤਰ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿਉਂਕਿ ਕਾਰ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਵੇਗ ਨਾਲ ਚਲ ਰਹੀ ਸੀ, ਇਸ ਕਰਕੇ ਇਸਨੇ ਕੀੜੇ ਉੱਪਰ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਲ ਲਗਾਇਆ ਅਤੇ ਇਸ ਕਾਰਣ ਕੀੜਾ ਮਰ ਗਿਆ । ਰਾਹੁਲ ਨੇ ਇੱਕ ਬਿਲਕੁਲ ਨਵਾਂ ਤਰਕ ਪੇਸ਼ ਕਰਦਿਆਂ ਹੋਇਆਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਦੋਨਾਂ ਨੇ ਮੋਟਰਕਾਰ ਅਤੇ ਕੀੜੇ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਬਲ ਮਹਿਸੂਸ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਦੋਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੰਵੇਗ ਦਾ ਪਰਿਵਰਤਨ ਵੀ ਬਰਾਬਰ ਹੋਇਆ । ਇਹਨਾਂ ਵਿਚਾਰਾਂ ‘ਤੇ ਆਪਣੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦਿਓ ।
ਉੱਤਰ-
ਰਾਹੁਲ ਦਾ ਤਰਕ ਸਹੀ ਹੈ । ਗਤੀ ਦੇ ਤੀਸਰੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ ਕਿਰਿਆ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤਿਕਿਰਿਆ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਦੋਨਾਂ-ਕਾਰ ਅਤੇ ਕੀੜੇ ਤੇ ਸਮਾਨ ਬਲ ਲਗੇਗਾ ਅਤੇ ਦੋਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸਮਾਨ ਸੰਵੇਗ ਪਰਿਵਰਤਨ ਹੋਵੇਗਾ । ਹੁਣ ਕੀੜੇ ਦਾ ਪੁੰਜ ਕਾਰ ਦੇ ਪੁੰਜ ਨਾਲੋਂ ਬਹੁਤ ਹੀ ਘੱਟ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਕੀੜੇ ਵਿੱਚ ਹੋਇਆ ਸੰਵੇਗ ਪਰਿਵਰਤਨ ਸਾਫ਼ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਜਤਾ ਘੱਟ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਕੀੜਾ ਮਰ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
10 ਕਿਲੋਗ੍ਰਾਮ ਪੰਜ ਵਾਲੀ ਇੱਕ ਘੰਟੀ ਫ਼ਰਸ਼ ਨੂੰ ਕਿੰਨਾ ਸੰਵੇਗ ਸਥਾਨਾਂਤਰਿਤ ਕਰੇਗੀ ਜਦੋਂ ਇਹ 80cm ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੋਂ ਥੱਲੇ ਵੱਲ ਨੂੰ ਡਿੱਗਦੀ ਹੈ । ਇਸਦਾ ਥੱਲੇ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦਿਆਂ ਹੋਇਆਂ ਵੇਗ ਦਾ ਮਾਨ 10ms-2 ਲੈ, ਲਓ ?
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ, ਘੰਟੀ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 10kg
ਆਰੰਭਿਕ ਵੇਗ (u) = 0
ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੁਰੀ (S) = 80cm = 0.80m
ਘੰਟੀ ਦਾ ਪ੍ਰਵੇਗ (a) = 10ms-2
ਮੰਨ ਲਉ ਘੰਟੀ ਦਾ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਵੇਗ υ ਹੈ
υ2 – u2 = 2aS ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਮਗਰੋਂ
υ2 – (0)2 = 2 × 10 × 0.80
υ2 = 16
∴ υ = \(\sqrt{16}\)
∴ ਘੰਟੀ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ, υ = 4ms-1
ਘੰਟੀ ਦੁਆਰਾ ਧਰਤੀ ਨੂੰ ਸਥਾਨਾਂਤਰਿਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਸੰਵੇਗ ਦਾ ਮਾਨ
p = mυ
= 10 × 4
= 40kg ms-1

ਅਤਿਰਿਕਤ ਅਭਿਆਸ (Additional Exercises)

ਪ੍ਰਸ਼ਨ A1.
ਇਕ ਵਸਤੂ ਦਾ ਗਤੀ ਦੀ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਦੂਰੀ-ਸਮਾਂ ਸਾਰਣੀ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ-

ਸਮਾਂ (ਸੈਕਿੰਡ) ਦੂਰੀ (ਮੀਟਰ)
0 0
1 1
2 8
3 27
4 64
5 125
6 216

(a) ਪ੍ਰਵੇਗ ਦੇ ਬਾਰੇ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਸਿੱਟਾ ਕੱਢ ਸਕਦੇ ਹੋ ਕਿ ਇਹ ਸਥਿਰ ਹੈ, ਵੱਧ ਰਿਹਾ ਹੈ, ਘੱਟ ਰਿਹਾ ਹੈ ਜਾਂ ਸਿਫ਼ਰ ਹੈ ?
(b) ਤੁਸੀਂ ਵਸਤੂ ‘ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਬਲ ਬਾਰੇ ਕੀ ਸਿੱਟਾ ਕੱਢ ਸਕਦੇ ਹੋ ?
ਹੱਲ:
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ 3
(a) ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਸਾਰਣੀ ਦਰਸਾਉਂਦੀ ਹੈ ਕਿ ਗਤੀ ਪ੍ਰਵੇਗਿਤ ਹੈ ਅਤੇ ਵੇਗ ਸਮੇਂ ਨਾਲ ਸਮਾਨ ਰੂਪ ਨਾਲ ਵੱਧ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(b) ਕਿਉਂਕਿ ਵੇਗ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਵੱਧ ਰਿਹਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਵਸਤੁ ’ਤੇ ਲੱਗ ਰਿਹਾ ਬਲ ਵੀ ਸਮੇਂ ਨਾਲ ਵੱਧ ਰਿਹਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ A2.
1200 kg ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਕਾਰ ਨੂੰ ਇੱਕ ਸਮਤਲ ਸੜਕ ਤੇ ਦੋ ਵਿਅਕਤੀ ਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ ਧੱਕਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਉਸੀ ਕਾਰ ਨੂੰ ਤਿੰਨ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਦੁਆਰਾ ਧੱਕਾ ਦੇ ਕੇ 0.2ms-2 ਦਾ ਵੇਗ ਪੈਦਾ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਹਰੇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਕਾਰ ਨੂੰ ਕਿੰਨੇ ਬਲ ਨਾਲ ਧੱਕਾ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ । (ਮੰਨ ਲਉ ਕਿ ਸਾਰੇ ਵਿਅਕਤੀ ਸਮਾਨ ਪੇਸ਼ੀ ਬਲ ਨਾਲ ਕਾਰ ਨੂੰ ਧੱਕਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।
ਹੱਲ :
ਇੱਥੇ ਕਾਰ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 1200kg
| ਕਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਵੇਗ , (a) = 0.2ms-2
ਪਹਿਲੇ ਦੋ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਦੇ ਧੱਕਾ ਦੇਣ ਕਾਰਣ ਵੇਗ = 0
ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੈ ਕਿ ਜਦੋਂ ਤੀਜਾ ਵਿਅਕਤੀ ਕਾਰ ਨੂੰ ਧੱਕਾ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਕ ਅਸੰਤੁਲਿਤ ਬਲ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
∴ ਤੀਜੇ ਵਿਅਕਤੀ ਦੁਆਰਾ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਬਲ, F = m × a
= 1200 × 0.2
= 240N
ਹੁਣ ਕਿਉਂਕਿ ਤਿੰਨੋਂ ਵਿਅਕਤੀ ਕਾਰ ਨੂੰ ਪੱਠਿਆਂ ਦਾ ਬਲ ਲਗਾ ਕੇ ਕਾਰ ਨੂੰ ਧੱਕਦੇ ਹਨ, ਇਸ ਲਈ ਹਰੇਕ ਵਿਅਕਤੀ ਬਲ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ = 24ON

ਪ੍ਰਸ਼ਨ A3.
500 ਪੁੰਜ ਵਾਲਾ ਇੱਕ ਹਥੌੜਾ 50ms-1, ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਗਤੀਮਾਨ ਹੋ ਕੇ, ਇੱਕ ਕਿੱਲ ‘ਤੇ ਮਾਰਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਕਿੱਲ, ਹਥੌੜੇ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਥੋੜ੍ਹੇ ਸਮੇਂ 0.015 s ਵਿੱਚ ਰੋਕ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਕਿੱਲ ਦੁਆਰਾ ਹਥੌੜੇ ‘ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਗਿਆ ਬਲ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਹਥੌੜੇ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 500 g
= \(\frac{500}{1000}\) kg
= \(\frac{1}{2}\) kg
ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 50ms-1
ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ) = 0 ms-1
ਸਮਾਂ (t) = 0.01s
ਬਲ (F) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, υ = u + at
0 = 50 + a × 0.01
-50 = a × \(\frac{1}{100}\)
a = -50 × 100
= -5000 ms-2
(ਰਿਣਾਤਮਕ ਚਿੰਨ੍ਹ ਮੰਦਨ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ )
ਹੁਣ (F) = m × a
= \(\frac{1}{2}\) × -5000
= -2500N
∴ ਕਿੱਲ ਦੁਆਰਾ ਹਥੌੜੇ ‘ਤੇ ਲਗਾਇਆ ਬਲ = -2500N

ਪ੍ਰਸ਼ਨ A4.
ਇੱਕ 1200kg ਪੁੰਜ ਵਾਲੀ ਕਾਰ 90km/h ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਇੱਕ ਸਰਲ ਰੇਖਾ ਵਿੱਚ ਚਲ ਰਹੀ ਹੈ । ਉਸਦਾ ਵੇਗ ਬਾਹਰੀ ਅਸੰਤੁਲਿਤ ਬਲ ਲੱਗਣ ਦੇ ਕਾਰਨ 4s ਵਿੱਚ ਘੱਟ ਕੇ 18km/h ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਵੇਗ ਅਤੇ ਸੰਵੇਗ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਪਤਾ ਕਰੋ । ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਬਲ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੀ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ : ਇੱਥੇ, ਕਾਰ ਦਾ ਪੁੰਜ (m) = 1200kg
ਸਮਾਂ (t) = 4s
ਕਾਰ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 90km/h
= \(\frac{90 \times 1000}{60 \times 60}\) ms-1
= 25 ms-1
ਕਾਰ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ) = 18km/h
= \(\frac{18 \times 1000}{60 \times 60}\)
= 5ms-1
ਕਾਰ ਦਾ ਵੇਗ (a) = ?
ਕਾਰ ਦੇ ਸੰਵੇਗ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ = ?
ਕਾਰ ਤੇ ਲੱਗਣ ਵਾਲੇ ਬਲ ਦਾ ਪਰਿਮਾਣ (F) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, υ = u + at
5 = 25 + a × 4
-20 = 4a
a = \(\frac{-20}{4}\)
= -5 ms-2
ਕਾਰ ਦੇ ਸੰਵੇਗ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ = ਅੰਤਿਮ ਸੰਵੇਗ – ਮੁੱਢਲਾ ਸੰਵੇਗ
= mυ – mu
= m (υ – u)
= 1200 (5 – 25)
= 1200 × (-20)
= -2400 kg ms-1
= 2400kg ms-1 ਦੀ ਘਾਟ
F = m × a
= 1200 × 5
= 6000N

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ A5.
ਇੱਕ ਟਰੱਕ ਅਤੇ ਇੱਕ ਕਾਰ ਦਾ ਵੇਗ ਨਾਲ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹਨ । ਦੋਨੋਂ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨਾਲ ਆਹਮਣੇ-ਸਾਹਮਣੇ ਟਕਰਾਉਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਕੁੱਝ ਸਮੇਂ ਬਾਅਦ ਦੋਨੋਂ ਰੁਕ ਜਾਂਦੇ ਹਨ | ਜੇਕਰ ਟਰੱਕ ਦਾ ਸਮਾਂ ਅੰਤਰਾਲ 1s ਹੈ, ਤਾਂ
(a) ਕਿਹੜੀ ਗੱਡੀ ‘ਤੇ ਬਲ ਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪਵੇਗਾ ?
(b) ਕਿਹੜੀ ਗੱਡੀ ਦੇ ਸੰਵੇਗ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
(c) ਕਿਸ ਗੱਡੀ ਦਾ ਵੇਗ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
(d) ਟਰੱਕ ਦੀ ਬਜਾਏ ਕਾਰ ਨੂੰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਨੁਕਸਾਨ ਕਿਉਂ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
(a) ਦੋਨੋਂ ਗੱਡੀਆਂ ‘ਤੇ ਬਰਾਬਰ ਬਲ ਲੱਗੇਗਾ ਕਿਉਂਕਿ ਕਿਰਿਆ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੋਨੋਂ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਹੁਣ ਕਿਉਂਕਿ ਕਾਰ ਦਾ ਪੁੰਜ ਘੱਟ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਕਾਰ ‘ਤੇ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਪਵੇਗਾ ।
(b) ਕਿਉਂਕਿ ਕਿਰਿਆ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਸਮਾਨ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹ ਸੰਵੇਗ ਦਾ ਪਰਿਵਰਤਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਕਾਰ ਅਤੇ ਟਰੱਕ ਦੋਨਾਂ ਦੇ ਸੰਵੇਗ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਬਰਾਬਰ ਹੋਵੇਗਾ ।
(c) ਕਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਵੇਗ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ਕਿਉਂ ਜੋ ਇਸ ਦਾ ਪੁੰਜ ਟਰੱਕ ਨਾਲੋਂ ਘੱਟ ਹੈ ।
(d) ਕਾਰ ਦੀ ਘੱਟ ਜੜ੍ਹਤਾ ਕਾਰਨ ਇਸ ਨੂੰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਨੁਕਸਾਨ ਹੋਵੇਗਾ ।

Science Guide for Class 9 PSEB ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਨਿਮਨ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਸ ਦੀ ਜਤਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ?
(a) ਇੱਕ ਰਬੜ ਦੀ ਗੇਂਦ ਅਤੇ ਉਸੀ ਆਕਾਰ ਦਾ ਪੱਥਰ ।
(b) ਇੱਕ ਸਾਈਕਲ ਅਤੇ ਇੱਕ ਰੇਲਗੱਡੀ ।
(c) ਪੰਜ ਰੁਪਏ ਦਾ ਇੱਕ ਸਿੱਕਾ ਅਤੇ ਇੱਕ ਰੁਪਏ ਦਾ ਸਿੱਕਾ ।
ਉੱਤਰ-
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ ਉਸ ਦੀ ਜੜ੍ਹਤਾ ਦਾ ਮਾਪ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਜਿਸ ਵਸਤੁ ਦਾ ਪੁੰਜ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ਉਸ ਵਸਤੂ ਦੀ ਜੜਤਾ ਵੱਧ ਹੋਵੇਗੀ ।
(a) ਗੇਂਦ ਦੇ ਆਕਾਰ ਦੇ ਪੱਥਰ ਦੀ ਜੜਤਾ ਵੱਧ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਇਸ ਦਾ ਪੁੰਜ ਗੇਂਦ ਦੇ ਪੁੰਜ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ।
(b) ਇੱਕ ਰੇਲ ਗੱਡੀ ਦਾ ਪੁੰਜ ਸਾਈਕਲ ਦੇ ਪੁੰਜ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਰੇਲ ਗੱਡੀ ਦੀ ਜਤਾ ਵੱਧ ਹੈ ।
(c) ਪੰਜ ਰੁਪਏ ਦੇ ਸਿੱਕੇ ਦੀ ਜੜ੍ਹਤਾ ਇੱਕ ਰੁਪਏ ਦੇ ਸਿੱਕੇ ਨਾਲੋਂ ਵੱਧ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਪੰਜ ਰੁਪਏ ਦੇ ਸਿੱਕੇ ਦਾ ਪੁੰਜ ਇੱਕ ਰੁਪਏ ਦੇ ਸਿੱਕੇ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਥੱਲੇ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਉਦਾਹਰਨ ਵਿੱਚ ਗੇਂਦ ਦਾ ਵੇਗ ਕਿੰਨੀ ਵਾਰ ਬਦਲਦਾ ਹੈ ? ਜਾਣਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰੋ ।
“ਫੁਟਬਾਲ ਦਾ ਇੱਕ ਖਿਡਾਰੀ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਠੋਕਰ ਮਾਰ ਕੇ/ਕਿੱਕ ਲਗਾ ਕੇ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਟੀਮ ਦੇ ਦੂਜੇ ਖਿਡਾਰੀ ਦੇ ਕੋਲ ਪਹੁੰਚਾਉਂਦਾ ਹੈ । ਦੂਜਾ ਖਿਡਾਰੀ ਉਸ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਕਿੱਕ ਲਗਾ ਕੇ ਗੋਲ ਵੱਲ ਪਹੁੰਚਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਵਿਰੋਧੀ ਟੀਮ ਦਾ ਗੋਲਕੀਪਰ (ਗੋਲਚੀ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਪਕੜਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਆਪਣੀ ਟੀਮ ਦੇ ਖਿਡਾਰੀ ਵੱਲ ਕਿੱਕ ਠੋਕਰ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ।” ਇਸ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਉਸ ਕਾਰਣ ਦੀ ਪਹਿਚਾਣ ਕਰੋ ਜੋ ਹਰੇਕ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਬਲ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
ਉੱਤਰ-
ਧੱਕਾ ਮਾਰਨਾ (ਠੋਕਰ ਮਾਰ), ਖਿੱਚਣਾ ਆਦਿ ਇਹ ਸਾਰੀਆਂ ਕਿਰਿਆਵਾਂ ਵਸਤੂ ਦੇ ਵੇਗ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਬਦਲਣ ਜਾਂ ਗਤੀ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਬਦਲਣ ਲਈ ਬਲ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਕੰਮ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਸ ਲਈ ਉੱਪਰ ਦਿੱਤੀ ਉਦਾਹਰਨ ਵਿੱਚ ਗੇਂਦ ਦਾ ਵੇਗ ਤਿੰਨ ਵਾਰੀ ਬਦਲਿਆ ਹੈ-

  1. ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਪਹਿਲੀ ਟੀਮ ਦੇ ਫੁੱਟਬਾਲ ਖਿਡਾਰੀ ਨੇ ਗੇਂਦ ਨੂੰ ਕਿੱਕ ਮਾਰ ਕੇ ਗੇਂਦ ਦਾ ਵੇਗ ਬਦਲਿਆ ਹੈ ।
  2. ਦੂਜੀ ਵਾਰ ਉਸੇ ਟੀਮ ਦੇ ਹੋਰ ਖਿਡਾਰੀ ਨੇ ਫੁੱਟਬਾਲ ਨੂੰ ਕਿੱਕ ਮਾਰ ਕੇ ਗੇਂਦ ਦਾ ਵੇਗ ਬਦਲਿਆ ਹੈ ।
  3. ਤੀਸਰੀ ਵਾਰ ਵਿਰੋਧੀ ਟੀਮ ਦੇ ਗੋਲਚੀ ਨੇ ਫੁੱਟਬਾਲ ਨੂੰ ਕਿੱਕ ਲਗਾ ਕੇ ਗੇਂਦ ਦੇ ਵੇਗ ਵਿੱਚ ਪਰਿਵਰਤਨ ਕੀਤਾ ਹੈ । ਬਲ ਲਗਾਉਣ ਵਾਲੇ ਕਾਰਕ ਨੂੰ ਮੋਟਿਆਂ ਅੱਖਰਾਂ ਵਿੱਚ ਲਿਖਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਕਿਸੇ ਰੁੱਖ ਦੀਆਂ ਟਾਹਣੀਆਂ ਨੂੰ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਹਿਲਾਉਣ ਨਾਲ ਕੁੱਝ ਪੱਤੀਆਂ ਝੜ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਟਾਹਣੀਆਂ ਨੂੰ ਹਿਲਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਟਹਿਣੀਆਂ ਅਤੇ ਪੱਤੇ ਦੋਨੋਂ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਸਨ । ਹਿਲਾਉਣ ਨਾਲ ਟਾਹਣੀਆਂ ਗਤੀ ਵਿੱਚ ਆ ਗਈਆਂ ਜਦੋਂ ਕਿ ਪੱਤੀਆਂ ਵਿਰਾਮ ਜੜ੍ਹਤਾ ਕਾਰਨ ਟਾਹਣੀਆਂ ਤੋਂ ਵੱਖ ਹੋ ਕੇ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਗਤੀਮਾਨ ਬੱਸ ਅਚਾਨਕ ਰੁੱਕ ਜਾਂਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਨੂੰ ਡਿੱਗਦੇ ਹੋ ਅਤੇ ਜਦੋਂ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਤੋਂ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦੇ ਹੋ ? ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਗਤੀਮਾਨ ਬੱਸ ਅਚਾਨਕ ਰੁਕਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਹੇਠਲਾ ਭਾਗ ਬੱਸ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਬੱਸ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂਕਿ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਉੱਪਰਲਾ ਭਾਗ ਗਤੀਮਾਨ ਰਹਿਣ ਦੀ ਪ੍ਰਵਿਰਤੀ ਰੱਖਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਕਰਕੇ ਅਸੀਂ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦੇ ਹਾਂ । ਜਦੋਂ ਬੱਸ ਅਚਾਨਕ ਵੇਗਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ, ਤਾਂ ਸਾਡੇ ਸਰੀਰ ਦਾ ਹੇਠਲਾ ਭਾਗ ਬੱਸ ਦੇ ਸੰਪਰਕ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਬੱਸ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਗਤੀਮਾਨ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਦਕਿ ਉੱਪਰਲਾ ਭਾਗ ਜੜ੍ਹਤਾ ਦੇ ਕਾਰਨ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਦੀ ਪ੍ਰਵਿਰਤੀ ਰੱਖਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਅਸੀਂ ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ ਡਿੱਗਦੇ ਹਾਂ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਜੇਕਰ ਕਿਰਿਆ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੈ ਤਾਂ ਇਸ ਤੱਥ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ਕਿ ਘੋੜਾ, ਗੱਡੀ ਨੂੰ ਕਿਵੇਂ ਖਿੱਚ ਪਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਨਿਊਟਨ ਦੇ ਗਤੀ ਦੇ ਤੀਸਰੇ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ, ”ਕਿਰਿਆ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਬਰਾਬਰ ਅਤੇ ਵਿਪਰੀਤ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੇ ਹਨ | ਘੋੜਾ, ਗੱਡੀ ਨੂੰ ਬਲ (ਕਿਰਿਆ) ਲਗਾ ਕੇ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਖਿੱਚਦਾ ਹੈ । ਗੱਡੀ ਵੀ ਘੋੜੇ ਨੂੰ ਬਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ) ਲਗਾ ਕੇ ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ ਖਿੱਚਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਦੋਨੋਂ ਬਲ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਘੋੜਾ ਗੱਡੀ ਨੂੰ ਖਿੱਚਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਹ ਆਪਣੇ ਪੈਰਾਂ ਨਾਲ ਧਰਤੀ ਨੂੰ ਪਿਛਾਂਹ ਵੱਲ ਧੱਕਦਾ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਦੀ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਕਾਰਜ ਕਰਦੀ । ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ ਬਲ ਦੋ ਭਾਗਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਲੰਬਵਤ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਤਮਕ ਬਲ ਘੋੜੇ ਦੇ ਭਾਰ ਨੂੰ ਸੰਤੁਲਿਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ਜਦ ਕਿ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆਤਮਕ ਬਲ ਦਾ ਖਿਤਿਜੀ ਘਟਕ ਗੱਡੀ ਨੂੰ ਅੱਗੇ ਵੱਲ ਗਤੀਮਾਨ ਕਰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ । ਧਰਤੀ ਅਤੇ ਪਹੀਆਂ ਵਿਚਕਾਰ ਰਗੜ ਬਲ ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਪਰੰਤੂ ਅੱਗੇ ਵਾਲੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲੱਗਣ ਵਾਲਾ ਬਲ ਰਗੜ ਬਲ ਨਾਲੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਉਹ ਗੱਡੀ ਨੂੰ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਕਰਨ ਵਿੱਚ ਕਾਮਯਾਬ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ 4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਇੱਕ ਅੱਗ ਬੁਝਾਉਣ ਵਾਲੇ ਕਰਮਚਾਰੀ ਨੂੰ ਤੇਜ਼ ਗਤੀ ਨਾਲ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਸੁੱਟਣ ਵਾਲੀ ਰਬੜ ਦੀ ਨਲੀ ਨੂੰ ਪਕੜਨ ਵਿੱਚ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਕਿਉਂ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ? ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰਦਿਆਂ ਸਮਝਾਉ ।
ਉੱਤਰ-
ਰਬੜ ਦੀ ਨਲੀ ਵਿੱਚੋਂ ਪਾਣੀ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਬਲ (ਕਿਰਿਆ) ਨਾਲ ਬਾਹਰ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਓਨੇ ਹੀ ਬਲ ਪ੍ਰਤੀਕਿਰਿਆ) ਨੂੰ ਅੱਗ ਬੁਝਾਉਣ ਵਾਲੇ ਕਰਮਚਾਰੀ ਦਾ ਹੱਥ ਅਨੁਭਵ ਕਰਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਉਸ ਨੂੰ ਰਬੜ ਦੀ ਨਲੀ ਨੂੰ ਪਕੜਨ ਵਿੱਚ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਇੱਕ 50g ਪੁੰਜ ਦੀ ਗੋਲੀ 4kg ਪੁੰਜ ਦੀ ਬੰਦੂਕ (ਰਾਇਫ਼ਲ) ਤੋਂ 35 ms-1 ਦੇ ਮੁੱਢਲੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਛੱਡੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਬੰਦੂਕ ਦੇ ਆਰੰਭਿਕ) ਮੁੱਢਲੇ ਪਿੱਛੇ ਵੱਲ ਨੂੰ ਲਗ ਰਹੇ ਵੇਗ ਦਾ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਗੋਲੀ ਦਾ ਪੁੰਜ (m1 ) = 50g = 0.05kg
ਰਾਇਫ਼ਲ ਦਾ ਪੁੰਜ (m2 ) = 4kg
ਗੋਲੀ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u1 ) = 0
ਰਾਇਫ਼ਲ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u2 ) = 0
ਗੋਲੀ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ1 ) = 35 ms-1
ਰਾਇਫ਼ਲ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ2 ) = ?
ਸੰਵੇਗ ਦੇ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ,
ਗੋਲੀ ਅਤੇ ਰਾਇਫ਼ਲ ਦਾ ਕੁੱਲ ਮੁੱਢਲਾ ਸੰਵੇਗ = ਗੋਲੀ ਅਤੇ ਰਾਇਫ਼ਲ ਦਾ ਕੁੱਲ ਅੰਤਿਮ ਸੰਵੇਗ
m1 u1 + m2 u2 = m1υ1 + m2υ2
.05 × 0 + 4 × 0 = .05 × 35 + 4 × υ2
0 + 0 = 1.75 +4 × υ2
– 4 × υ2 = 1.75
∴ υ2 = –\(\frac{1.75}{4}\)
= – 0437 ms-1
= – 0.44 ms-1
ਰਿਣਾਤਮਕ ਚਿੰਨ੍ਹ ਇਹ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਰਾਇਫ਼ਲ ਦੇ ਵੇਗ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਗੋਲੀ ਦੇ ਵੇਗ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਦੇ ਵਿਪਰੀਤ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 9 ਬਲ ਅਤੇ ਗਤੀ ਦੇ ਨਿਯਮ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
100g ਅਤੇ 200g ਪੁੰਜ ਦੀਆਂ ਦੋ ਵਸਤੂਆਂ ਇੱਕ ਹੀ ਰੇਖਾ ਵਿੱਚ ਅਤੇ ਇੱਕ ਹੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕ੍ਰਮਵਾਰ 2ms-1 ਅਤੇ 1 ms-1 ਵੇਗ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰ ਰਹੀਆਂ ਹਨ । ਦੋਨੋਂ ਵਸਤੂਆਂ ਟਕਰਾ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪਹਿਲੀ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੇਗ 1.67 ms-1 ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਦੂਜੀ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੇਗ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਪਹਿਲੀ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ (m1 ) = 100g = \(\frac{1}{10}\) kg
ਪਹਿਲੀ ਵਸਤੂ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u1 ) = 2 ms-1
ਦੂਜੀ ਵਸਤੂ ਦਾ ਪੁੰਜ (m2 ) = 200g = \(\frac{1}{5}\) kg
ਦੂਜੀ ਵਸਤੂ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u2 ) = 1 ms-1

ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ :
ਪਹਿਲੀ ਵਸਤੂ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਸੰਵੇਗ = : m1 u1
= \(\frac{1}{10}\) × 2
= \(\frac{1}{5}\) kg ms-1
ਦੂਜੀ ਵਸਤੂ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਸੰਵੇਗ = m2u2 = \(\frac{1}{5}\) × 1
\(\frac{1}{5}\) kg ms-1
ਦੋਨਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਾ ਕੁੱਲ ਮੁੱਢਲਾ ਸੰਵੇਗ (ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿ) = \(\frac{1}{5}\) + \(\frac{1}{5}\)
\(\frac{2}{5}\) kg ms-1

ਟਕਰਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ
ਪਹਿਲੀ ਵਸਤੂ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ1 ) = 1.67 ms-1
ਦੂਜੀ ਵਸਤੁ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (υ2 ) = ?
ਪਹਿਲੀ ਵਸਤੂ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਸੰਵੇਗ = m1 υ1
\(\frac{1}{10}\) × 1.67
= 0.167 kg ms-1
ਦੂਜੀ ਵਸਤੂ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਸੰਵੇਗ = m2 υ2

ਸੰਵੇਗਾ ਸੁਰੱਖਿਅਣ ਨਿਯਮ ਅਨੁਸਾਰ, = \(\frac{1}{5}\)υ2
ਦੋਨਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਾ ਟੱਕਰ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਕੁੱਲ ਸੰਵੇਗ = ਦੋਨਾਂ ਵਸਤੂਆਂ ਦਾ ਟੱਕਰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੁੱਲ ਸੰਵੇਗ
\(\frac{2}{5}\) = 0.167 + \(\frac{1}{5}\) × υ2
0.2 × υ2 = 0.4 – 0.167 ms-1
∴ υ2 = 0.116 ms-1

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 8 ਗਤੀ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 8 ਗਤੀ

PSEB 9th Class Science Guide ਗਤੀ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਇੱਕ ਐਥਲੀਟ 200 m ਵਿਆਸ ਵਾਲੇ ਇੱਕ ਵਿਤੀ (ਚੱਕਰਾਕਾਰ) ਪੱਥ ਦਾ ਇੱਕ ਪੂਰਾ ਚੱਕਰ 40 s ਵਿੱਚ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ । 2 ਮਿੰਟ 20 s ਦੇ ਬਾਅਦ ਉਹ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰੇਗਾ ਅਤੇ ਉਸ ਦਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ :
ਦਿੱਤਾ ਹੈ, ਤੀ (ਚੱਕਰਾਕਾਰ ) ਪੱਥ ਦਾ ਵਿਆਸ (d) = 200 m
ਵਿਤੀ ਪੱਥ ਦਾ ਅਰਧ ਵਿਆਸ (r) = \(\frac{200}{2}\) =100 m
ਵਿਤੀ ਪੱਥ ਦੀ ਲੰਬਾਈ = 2πr
2 × \(\frac{22}{7}\) × 100
= \(\frac{4400}{7}\) m

1 ਚੱਕਰ ਪੂਰਾ ਕਰਨ ਲਈ ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ (t) = 40 s
ਕੁੱਲ ਸਮਾਂ = 2 ਮਿੰਟ 20 ਸੈਕਿੰਡ
= (2 × 60 + 20) ਸੈਕਿੰਡ
= (120 + 20) ਸੈਕਿੰਡ
= 140 ਸੈਕਿੰਡ
40 s ਵਿੱਚ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ = \(\frac{4400}{7}\)m (= 1 ਚੱਕਰ)
1 s ਵਿੱਚ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ = \(\frac{4400}{7 \times 40}\)
∴ 140 s ਵਿੱਚ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ = [late]\frac{4400}{7 \times 40}[/latex] × 140
= 2200 m ( = [late]\frac{1}{2}[/latex] ਚੱਕਰ)
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 1
ਇਸ ਲਈ ਗਤੀ ਦੇ ਆਖੀਰ ਵਿੱਚ ਐਥਲੀਟ [late]\frac{1}{2}[/latex] ਚੱਕਰ ਲਗਾ ਕੇ ਵਿਆਸ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਸਿਰੇ B ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚੇਗਾ ।
∴ ਵਿਸਥਾਪਨ ਮੂਲ ਬਿੰਦੂ ਅਤੇ ਅੰਤਿਮ ਬਿੰਦੂ ਵਿੱਚ ਦੂਰੀ) = ਵਿਤ ਦਾ ਵਿਆਸ = 100 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
300 m ਸਰਲ ਰੇਖੀ ਪੱਥ ‘ਤੇ ਜੋਸੇਫ ਜਾਗਿੰਗ ਕਰਦਿਆਂ ਹੋਇਆਂ 2 ਮਿੰਟ 30 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਿਰੇ A ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਸਿਰੇ B ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਘੁੰਮ ਕੇ 1 ਮਿੰਟ ਵਿੱਚ 100 m ਪਿੱਛੇ ਬਿੰਦੂ c ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚਦਾ ਹੈ । ਜੋਸੇਫ ਦੀ ਔਸਤ ਬਾਲ ਅਤੇ ਔਸਤ ਵੇਗ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
(a) ਸਿਰੇ A ਤੋਂ ਸਿਰੇ B ਤੱਕ ।
(b) ਸਿਰੇ A ਤੋਂ ਸਿਰੇ 0 ਤੱਕ ।
ਹੱਲ:
(a) A ਸਿਰੇ ਤੋਂ B ਸਿਰੇ ਤੱਕ ਲੰਬਾਈ = AB = 300 m
ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ (t) = 2 ਮਿੰਟ 30 ਸੈਕਿੰਡ
= (2 × 60 + 30) s
= (120 + 30) s
= 150 s
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 2
= \(\frac{300}{150}\)ms-1
= 2ms-1

(b) A. ਸਿਰੇ ਤੋਂ c ਸਿਰੇ ਤੱਕ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਕੁੱਲ ਲੰਬਾਈ = AC = AB + BC
= 300m + 100 m
= 400 m
ਕੁੱਲ ਸਮਾਂ = 2 ਮਿੰਟ 30 ਸੈਕਿੰਡ + 1 ਮਿੰਟ
= 3 mm 30 s.
= (3 × 60 + 30) s
= (180 + 30) s = 210 s
ਔਸਤ ਚਾਲ = \(\frac{400}{210}\)
= 1.91 ms-1
ਔਸਤ ਵੇਗ = \(\frac{200}{210}\) 0.95 ms-1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਅਬਦੁਲ ਗੱਡੀ ਤੇ ਸਕੂਲ ਜਾਂਦਿਆਂ ਹੋਇਆਂ ਆਪਣੀ ਯਾਤਰਾ ਦੀ ਔਸਤ ਚਾਲ ਨੂੰ 20 km/h ਪੜ੍ਹਦਾ ਹੈ । ਵਾਪਸੀ ਵੇਲੇ ਘੱਟ ਭੀੜ ਹੋਣ ਕਾਰਣ ਉਸ ਦੀ ਔਸਤ ਚਾਲ 30 km/h ਹੈ | ਅਬਦੁਲ ਦੀ ਇਸ ਪੂਰੀ ਯਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਔਸਤ ਚਾਲ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਮੰਨ ਲਓ ਘਰ ਤੋਂ ਸਕੂਲ ਦੀ ਦੂਰੀ = L
ਘਰ ਤੋਂ ਸਕੂਲ ਅਤੇ ਵਾਪਸ ਸਕੂਲ ਤੋਂ ਘਰ ਤੱਕ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ = L + L
ਸਕੂਲ ਜਾਣ ਸਮੇਂ ਔਸਤ ਚਾਲ (v1) = 20 kmh
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 3

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਇੱਕ ਮੋਟਰਬੋਟ ਇੱਕ ਝੀਲ ਵਿੱਚ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਕੇ ਇੱਕ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਵਿੱਚ ਗਤੀ ਕਰਦਿਆਂ ਹੋਇਆਂ 3 ms-2 ਦੇ ਸਥਿਰ ਨਿਯਤ) ਵੇਗ ਨਾਲ 8 ਸੈਕਿੰਡ (s) ਤੱਕ ਚੱਲਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਸਮੇਂ ਅੰਤਰਾਲ ਵਿੱਚ ਮੋਟਰਬੋਟ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 0 (ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ).
ਪ੍ਰਵੇਗ (a) = 3 ms-1
ਸਮਾਂ (t) = 8 s
ਦੂਰੀ (S) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, S = ut + \(\frac{1}{2}\)at2
S = 0 × 8 + \(\frac{1}{2}\) × 3 × (8)2
S = 0 + \(\frac{1}{2}\) × 3 × 8 × 8
ਮੋਟਰਬੋਟ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ =. S = 96 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕਿਸੇ ਕਾਰ ਦਾ ਚਾਲਕ 52 kmh-1 ਦੀ ਗਤੀ ਨਾਲ ਚਲ ਰਹੀ ਕਾਰ ਵਿੱਚ ਬਰੇਕ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹ ਉਲਟ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਗਤੀ ਦਰ ਨਾਲ ਗਿਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਕਾਰ 5 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਰੁੱਕ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਦੂਜੀ ਕਾਰ ਦਾ ਚਾਲਕ 30 kmh-1 ਦੀ ਗਤੀ ਨਾਲ ਚਲ ਰਹੀ ਕਾਰ ਤੇ ਹੌਲੀ ਬਰੇਕ ਲਗਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ 10 s ਵਿੱਚ ਕਾਰ ਰੁੱਕ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਇੱਕ ਹੀ ਗਰਾਫ਼ ਵਿੱਚ ਦੋਨੋਂ ਕਾਰਾਂ ਦੇ ਲਈ ਚਾਲ-ਸਮਾਂ ਗਰਾਫ਼ ਬਣਾਓ । ਬਰੇਕ ਲਗਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦੋਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜੀ ਕਾਰ ਜ਼ਿਆਦਾ ਦੂਰ ਤੱਕ ਜਾਵੇਗੀ ।
ਹੱਲ:
ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦੋ ਕਾਰਾਂ ਦੇ ਚਾਲ-ਸਮਾਂ ਗਰਾਫ਼ AB ਅਤੇ CD ਦਰਸਾਏ ਗਏ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਕ੍ਰਮਵਾਰ ਚਾਲ 52 kmh-1 ਅਤੇ 30 kmh-1 ਹੈ ।
ਵਿਰਾਮ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਪਹਿਲੀ ਕਾਰ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ = ΔAOB ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ
= \(\frac{1}{2}\) × AO × BO
= \(\frac{1}{2}\) ×(52 × \(\frac{5}{18}\))× 5
= 36.1 m
ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਦੂਜੀ ਕਾਰ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਦੂਰੀ = ΔCOD ਦਾ ਖੇਤਰਫਲ
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 4

= \(\frac{1}{2}\) × CO × OD =
= \(\frac{1}{2}\) × (30 x \(\frac{5}{18}\)) × 10
= 47.2 m
ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬਰੇਕ ਲਗਾਉਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਦੂਜੀ ਕਾਰ ਨੇ ਪਹਿਲੀ ਕਾਰ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿਆਦਾ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਹੇਠ ਦਿੱਤੇ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਤਿੰਨ ਵਸਤੂਆਂ A,B ਅਤੇ C ਦੇ ਦੂਰੀ-ਸਮਾਂ ਗਰਾਫ਼ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਿਤ ਹੈ । ਗਰਾਫ਼ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕਰਕੇ ਨਿਮਨ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ ਦਿਓ ।
(a) ਇਹਨਾਂ ਤਿੰਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜਾ ਸਭ ਤੋਂ ਤੇਜ਼ ਚਲ ਰਿਹਾ ਹੈ ?
(b) ਕੀ ਇਹ ਤਿੰਨੋਂ ਕਿਸੇ ਸਮੇਂ ਸੜਕ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਹੀ ਜਗਾ ਤੇ ਹੋਣਗੇ ?
(c) c ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰ ਚੁੱਕਿਆ ਹੋਵੇਗਾ, ਜਦੋਂ B, A ਤੋਂ ਗੁਜ਼ਰਦਾ ਹੈ ?
(d) ਜਿਸ ਸਮੇਂ B, C ਤੋਂ ਗੁਜ਼ਰਦਾ ਹੈ ਉਸ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਉਹ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰ ਚੁੱਕਿਆ ਹੈ ?
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 5
ਹੱਲ:
(a) A ਦੀ ਚਾਲ = PN ਦੀ ਢਾਲ (Slope) = \(\frac{10-6}{1.1-0}\)
\(\frac{40}{11}\) = 3.63kmh-1
B ਦੀ ਚਾਲ = OM ਦੀ ਢਾਲ (Slope) = \(\frac{6-0}{0.7-0}=\frac{60}{7}\) 8.57kmh-1
C ਦੀ ਚਾਲ = OM ਦੀ ਢਾਲ (Slope) = \(\frac{6-2}{0.7-0}=\frac{40}{7}\) 5.71kmh-1

ਕਿਉਂਕਿ B ਵਸਤੂ ਦੀ ਢਾਲ (Slope) ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਵਸਤੂ B ਸਭ ਤੋਂ ਤੇਜ਼ ਚਲ ਰਹੀ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 6
(b) ਕਿਉਂਕਿ ਤਿੰਨਾਂ ਦੇ ਗਰਾਫ਼ ਇੱਕ ਬਿੰਦੂ ‘ਤੇ ਨਹੀਂ ਕੱਟਦੇ ਹਨ, ਇਸ ਲਈ ਇਹ ਤਿੰਨੋਂ ਕਿਸੇ ਸਮੇਂ ਵੀ ਸੜਕ ‘ਤੇ ਇੱਕ ਬਿੰਦੂ ‘ਤੇ ਨਹੀਂ ਮਿਲਣਗੇ ।
(c) ਜਦੋਂ B, N ਬਿੰਦੂ ਤੇ ਨ ਨੂੰ ਮਿਲਦੀ ਹੈ । (1.1 ਘੰਟੇ ‘ਤੇ), ਉਸ ਸਮੇਂ C ਮੂਲ ਬਿੰਦੂ 0 ਤੋਂ ਲਗਪਗ 9 km ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(d) B, M ਬਿੰਦੂ ‘ਤੇ C ਨੂੰ ਮਿਲਦੀ ਹੈ, ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ B 9 km ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
20 m ਦੀ ਉੱਚਾਈ ਤੋਂ ਇੱਕ ਗੇਂਦ ਆਰਾਮ ਨਾਲ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਉਸਦਾ ਵੇਗ 10 ms-2 ਦੇ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਵੇਗ ਦੀ ਦਰ ਨਾਲ ਵੱਧਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਇਹ ਗੇਂਦ ਕਿਸ ਵੇਗ ਦੇ ਨਾਲ ਧਰਤੀ ਨਾਲ ਅਤੇ ਕਿੰਨੇ ਸਮੇਂ ਦੇ ਬਾਅਦ ਧਰਤੀ ਨਾਲ ਟਕਰਾਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ,
u = 0,
S = 20 m
a = 10 ms-2
v = ?
t = ?
v2 – u2 = 2 as ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਨ ‘ਤੇ
v2 – (0)2 = 2 × 10 × 20
v2 = 400
= 20 × 20
∴ v = \(\sqrt{20 \times 20}\)
= 20 ms-1
ਹੁਣ
v = u + at
20 = 0 + 10 × t
∴ t = \(\frac{20}{10}\) = 2 s

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਕਿਸੇ ਕਾਰ ਦਾ ਚਾਲ-ਸਮਾਂ ਗਰਾਫ਼ ਚਿੱਤਰ ਵਿੱਚ ਦਰਸਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ?
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 7
(ਕ) ਪਹਿਲੇ ਚਾਰ ਸੈਕਿੰਡਾਂ ਵਿੱਚ ਕਾਰ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ ? ਇਸ ਸਮੇਂ ਅੰਤਰਾਲ ਵਿੱਚ ਕਾਰ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ ਨੂੰ ਗਰਾਫ਼ ਵਿੱਚ ਕਾਲੇ (shaded) ਖੇਤਰ ਦੁਆਰਾ ਦਰਸਾਓ ।
(ਖ) ਗਰਾਫ਼ ਦਾ ਕਿਹੜਾ ਹਿੱਸਾ ਕਾਰ ਦੀ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਗਤੀ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦਾ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
(ਕ) X- ਅਕਸ਼ ਦੇ 5 ਛੋਟੇ ਨਿਸ਼ਾਨ = 2 s.
Y-ਅਕਸ਼ ਦੇ 3 ਛੋਟੇ ਨਿਸ਼ਾਨ = 2 ms-1
15 ਛੋਟੇ ਵਰਗਾਂ ਦੀ ਲੰਬਾਈ = 2s × 2 ms-1
= 4 m
∴ 1 ਛੋਟੇ ਵਰਗ ਦੀ ਲੰਬਾਈ = \(\frac{4}{15}\)m
0 ਤੋਂ 4 s ਹੇਠ ਚਾਲ-ਸਮਾਂ ਗਰਾਫ਼ ਦਾ ਕੁੱਲ ਖੇਤਰਫਲ
= 57 ਛੋਟੇ ਵਰਗ + \(\frac{1}{2}\) × 6 ਛੋਟੇ ਵਰਗ
= 60 ਛੋਟੇ ਵਰਗ
ਕਾਰ ਦੁਆਰਾ 4 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ = 60 ਛੋਟੇ ਵਰਗ
= 60 × \(\frac{4}{15}\)m
= 16 m

(ਖ) 6 s ਬਾਅਦ ਕਾਰ ਦੀ ਇਕ ਸਮਾਨ ਗਤੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਹੇਠ ਲਿਖਿਆਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕਿਹੜੀਆਂ ਅਵਸਥਾਵਾਂ ਸੰਭਵ ਹਨ ਅਤੇ ਹਰੇਕ ਦੇ ਲਈ ਵਿੱਚ ਉਦਾਹਰਣ ਦੇਵੋ-
(ਕ) ਕੋਈ ਵਸਤੂ ਜਿਸਦਾ ਵੇਗ ਸਥਿਰ (ਨਿਯਤ) ਹੋਵੇ ਪਰ ਵੇਗ ਸਿਫ਼ਰ ਹੋਵੇ ।
(ਖ) ਕੋਈ ਵਸਤੂ ਜਿਹੜੀ ਨਿਸਚਿਤ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਗਤੀ ਕਰ ਰਹੀ ਹੋਵੇ ਅਤੇ ਉਸਦਾ ਪਵੇਗ ਲੰਬਵਤ ਹੋਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
(ਕ) ਹਾਂ, ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਸਥਿਰ ਵੇਗ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਇਸ ਦਾ ਵੇਗ ਸਿਫ਼ਰ ਹੈ । ਉਦਾਹਰਣ ਲਈ ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਨੂੰ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਲੰਬਵਤ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਉਚਾਈ ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਇਸ ਦਾ ਵੇਗ ਸਿਫ਼ਰ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਪਰੰਤੂ ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਵੇਗ ਗੁਰੂਤਾ-ਪ੍ਰਵੇਗ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 8

(ਖ) ਹਾਂ, ਖਿਤਿਜੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਚੱਲ ਰਹੇ ਜਹਾਜ਼ ਤੇ ਗੁਰੂਤੀ ਪ੍ਰਵੇਗ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਲੰਬਵਤ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਕਿਰਿਆ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਇੱਕ ਬਨਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿ 42250 km ਅਰਧ-ਵਿਆਸ ਦੇ ਚੱਕਰਾਕਾਰ ਹਿ ਪੱਥ ਵਿੱਚ ਘੁੰਮ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਉਹ 24 ਘੰਟਿਆਂ ਵਿੱਚ ਧਰਤੀ ਦੀ ਪਰਿਕਰਮਾ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਤਾਂ ਉਸਦੀ ਚਾਲ ਪਤਾ ਕਰੋ ?
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਬਨਾਉਟੀ ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਦੇ ਚੱਕਰਾਕਾਰ ਪੱਥ ਦਾ ਅਰਧ ਵਿਆਸ = (r) = 42250 km
ਧਰਤੀ ਦੇ ਕੇਂਦਰ ਤੇ ਬਣ ਰਿਹਾ ਕੋਣ (θ) = 2π ਰੇਡੀਅਨ
ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਦੁਆਰਾ ਧਰਤੀ ਦੁਆਲੇ 1 ਚੱਕਰ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ
(t) = 24 ਘੰਟੇ
= 24 × 3600 ਸੈਕਿੰਡ
= 86400 ਸੈਕਿੰਡ
∴ ਕੋਣੀ ਵੇਗ (ω) = \(\frac{\theta}{t}\)
= \(\frac{2 \pi}{86400}\)rads-1
ਉਪਗ੍ਰਹਿ ਦਾ ਰੇਖੀ ਵੇਗ (v) = r × ω
= 42250 × \(\frac{2 \pi}{86400}\) kms-1
= \(\frac{42250 \times 2 \times 3.14}{86400}\) kms-1
= 3.07 kms-1

Science Guide for Class 9 PSEB ਗਤੀ InText Questions and Answers

ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਕੁੱਝ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ । ਕੀ ਇਸਦਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਸਿਫ਼ਰ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ? ਜੇਕਰ ਹਾਂ, ਤਾਂ ਆਪਣੇ ਉੱਤਰ ਨੂੰ ਉਦਾਹਰਣ ਨਾਲ ਸਮਝਾਓ ।
ਉੱਤਰ-ਗਤੀ ਦੌਰਾਨ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਸਿਫ਼ਰ (ਜ਼ੀਰੋ) ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ਜੇਕਰ ਉਹ ਵਸਤੂ ਗਤੀ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਆਪਣੀ ਪਹਿਲੀ ਸਥਿਤੀ ‘ਤੇ ਆ ਜਾਵੇ । ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਅੰਤਿਮ ਸਥਿਤੀ, ਪਹਿਲੀ ਸਥਿਤੀ ਨਾਲ ਮਿਲ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਉਦਾਹਰਣ ਵਜੋਂ ਮੰਨ ਲਓ ਇੱਕ ਵਸਤੂ ਮੂਲ ਬਿੰਦੂ 0 ਤੋਂ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੋਈ ਨ ਤੱਕ 60 km ਦੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਜੇਕਰ ਉਹ ਵਸਤੂ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੋਈ ਵਾਪਿਸ 8 ਤੋਂ 0 ਤੱਕ ਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਉਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਉਸ
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 9
ਦਾ ਵਿਸਥਾਪਨ ਸਿਰ (ਜ਼ੀਰੋ) ਹੋਵੇਗਾ, ਪਰੰਤੂ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਕੁੱਲ ਦੂਰੀ
= OA + AO
60 km + 60 km = 120 km ਹੋਵੇਗੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਇੱਕ ਕਿਸਾਨ 10 ਮੀਟਰ ਦੀ ਭੁਜਾ ਵਾਲੇ ਇੱਕ ਵਰਗਾਕਾਰ ਖੇਤ ਦੀ ਸੀਮਾ ਤੇ 40 s (ਸੈਕਿੰਡ) ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਚੱਕਰ ਲਗਾਉਂਦਾ ਹੈ । 2 ਮਿੰਟ ਅਤੇ 20 s ਸੈਕਿੰਡ) ਦੇ ਬਾਅਦ ਕਿਸਾਨ ਦੇ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਕਿੰਨੀ ਸੰਖਿਆਤਮਕ ਮਾਨ) । ਹੋਵੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 10
ਖੇਤ ਦੀ ਸੀਮਾ (1 ਚੱਕਰ) = AB + BC + CD + DA
= 10m + 10m + 10m + 10m = 40m
ਕੁੱਲ ਸਮਾਂ = 2 ਮਿੰਟ 20 ਸੈਕਿੰਡ
= (2 × 60 + 20) ਸੈਕਿੰਡ
= (120 + 20 ) ਸੈਕਿੰਡ
= 140 ਸੈਕਿੰਡ
ਖੇਤ ਦੀ ਸੀਮਾ ਦਾ 1 ਚੱਕਰ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ਲੱਗਿਆ ਸਮਾਂ = 40 S
ਕਿਸਾਨ 3 ਚੱਕਰ ਲਗਾਉਣ ਲਈ ਸਮਾਂ ਲਵੇਗਾ
= 3 × 40 ਸੈਕਿੰਡ
= 120 ਸੈਕਿੰਡ
ਬਾਕੀ ਬਚਿਆ ਹੋਇਆ ਸਮਾਂ = 140 – 120 = 20 ਸੈਕਿੰਡ

∵ ਕਿਸਾਨ 40 s ਵਿੱਚ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦਾ ਹੈ = 40 m
∴ 1s ਵਿੱਚ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰੇਗਾ = 1 m
∴ 20 ਸੈਕਿੰਡ ਵਿੱਚ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੁਰੀ = 20 m
ਅਰਥਾਤ ਕਿਸਾਨ ਨੇ ਤੋਂ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ਹੋਇਆ 3 ਚੱਕਰ ਪੂਰੇ ਕਰਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ c ‘ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਜਾਏਗਾ ।
ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੀ ਮਾਤਰਾ = \(\overrightarrow{\mathrm{AC}}\) (ਮੂਲ ਬਿੰਦੂ ਅਤੇ ਅੰਤਿਮ ਬਿੰਦੂ ਵਿਚਕਾਰ ਛੋਟੀ ਤੋਂ ਛੋਟੀ ਦੂਰੀ)
= \(\sqrt{\mathrm{AB}^{2}+\mathrm{BC}^{2}}\)
= \(\sqrt{(10)^{2}+(10)^{2}}\)
= \(\sqrt{100+100}\)
= \(\sqrt{200} \mathrm{~m}\)
= \(\sqrt{100 \times 2} \mathrm{~m}\)
= 10√2m
= 10 × 1.414 m
= 14.14m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਵਿਸਥਾਪਨ ਲਈ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਵਿੱਚੋਂ ਕੀ ਸਹੀ ਹੈ ?
(a) ਇਹ ਸਿਫ਼ਰ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦਾ ?
(b) ਇਸਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(a) ਅਤੇ
(b) ਕਥਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੋਈ ਵੀ ਸਹੀ ਨਹੀਂ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਚਾਲ (Speed) ਅਤੇ ਵੇਗ (Velocity) ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ ਦੱਸੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਚਾਲ ਦਾ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰਨ ਲਈ ਸਿਰਫ਼ ਮਾਤਰਾ ਦੀ ਲੋੜ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਵੇਗ ਦਾ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਾਲ ਵਰਣਨ ਕਰਨ ਲਈ ਮਾਤਰਾ ਪਰਿਮਾਣ ਅਤੇ ਦਿਸ਼ਾ ਦੋਨਾਂ ਦੀ ਜ਼ਰੂਰਤ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਚਾਲ ਇੱਕ ਅਦਿਸ਼ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ, ਪਰੰਤੁ ਵੇਗ ਇੱਕ ਸਦਿਸ਼ ਰਾਸ਼ੀ ਹੈ । ਚਾਲ ਹਮੇਸ਼ਾ ਧਨਾਤਮਕ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਪਰੰਤੁ ਵੇਗ ਧਨਾਤਮਕ ਅਤੇ ਰਿਣਾਤਮਕ ਦੋਨੋਂ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ । ਚਾਲ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਇਕਾਈ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੁਰੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਜੇਕਰ ਇਸਦੇ ਨਾਲ ਦਿਸ਼ਾ ਵੀ ਦੱਸੀ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਇਹ ਵੇਗ ਕਹਾਉਂਦੀ ਹੈ । ਅਰਥਾਤ ਇੱਕ ਨਿਸਚਿਤ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਚਾਲ ਨੂੰ ਵੇਗ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕਿਹੜੀਆਂ ਅਵਸਥਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਔਸਤ ਵੇਗ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਔਸਤ ਚਾਲ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਹੱਲ:
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 11
ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਇੱਕ ਸਿੱਧੀ ਰੇਖਾ ਵਿੱਚ ਬਦਲਦੀ ਹੋਈ ਗਤੀ ਨਾਲ ਇੱਕ ਹੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਚਲਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਕੁੱਲ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੁਰੀ ਵਿਸਥਾਪਨ ਦੇ ਪਰਿਮਾਣ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਔਸਤ ਚਾਲ ਅਤੇ ਔਸਤ ਵੇਗ ਬਰਾਬਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਸਵੈਚਾਲਿਤ ਵਾਹਨ ਦਾ ਉਡੋਮੀਟਰ ਕੀ ਮਾਪਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਵੈਚਾਲਿਤ ਵਾਹਨ ਦਾ ਉਡੋਮੀਟਰ ਉਸ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ ਮਾਪਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਜਦੋਂ ਵਸਤੂ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਗਤੀ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸਦਾ ਮਾਰਗ ਕਿਹੋ ਜਿਹਾ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦਾ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਵਸਤੁ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਗਤੀ ਵਿੱਚ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸਦਾ ਮਾਰਗ ਇੱਕ ਸਿੱਧੀ ਸਰਲ ਰੇਖਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਇੱਕ ਪ੍ਰਯੋਗ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਪੁਲਾੜਯਾਨ ਤੋਂ ਇੱਕ ਸਿਗਨਲ ਨੂੰ ਧਰਤੀ ਤੱਕ ਪੁੱਜਣ ਲਈ 5 ਮਿੰਟ ਦਾ ਸਮਾਂ ਲੱਗਦਾ ਹੈ । ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਸਥਿਤ ਸਟੇਸ਼ਨ ਤੋਂ ਉਸ ਪੁਲਾੜਯਾਨ ਦੀ ਦੂਰੀ ਕਿੰਨੀ ਹੈ ?
(ਸਿਗਨਲ ਦੀ ਚਾਲ = ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਦੀ ਚਾਲ = 3 × 108ms-1)
ਹੱਲ:
ਸਿਗਨਲ ਨੂੰ ਪੁਲਾੜਯਾਨ ਤੋਂ ਧਰਤੀ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਣ ਲਈ ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ (t) = 5 ਮਿੰਟ
= 5 × 60 ਸੈਕਿੰਡ
= 300
ਸੈਕਿੰਡ ਸਿਗਨਲ ਦੀ ਚਾਲ (v) = 3 × 108 ms-1
ਪੁਲਾੜਯਾਨ ਦੀ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਦੂਰੀ (S) = ?
ਪੁਲਾੜਯਾਨ ਦੀ ਧਰਤੀ ਤੋਂ ਦੁਰੀ (S) = ਸਿਗਨਲ ਦੀ ਚਾਲ (v) × ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ (t)
(ਸਿਗਨਲ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੁਰੀ)
= 3 × 108 × 300
= 3 × 108 × 3 × 100
= 9 × 108 × 102
= 9 × 108+2
= 9 × 1010m
= 9 × 107 km

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਤੁਸੀਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਬਾਰੇ ਕਦੋਂ ਕਹੋਗੇ ਕਿ .
(i) ਉਹ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ ਗਤੀ ਵਿੱਚ ਹੈ ?
(ii) ਉਹ ਅਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ ਗਤੀ ਵਿੱਚ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
(i)ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਵਸਤੁ ਸਰਲ ਰੇਖਾ ਵਿੱਚ ਚਲਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸਦਾ ਵੇਗ ਬਰਾਬਰ ਸਮੇਂ ਅੰਤਰਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਬਰਾਬਰ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਘੱਟਦਾ ਜਾਂ ਵੱਧਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਵਸਤੂ ਦੇ ਵੇਗ ਨੂੰ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਦਾ ਹੋਇਆ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

(ii) ਜਦੋਂ ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੇਗ ਅਸਮਾਨ ਦਰ ਨਾਲ ਬਦਲਦਾ ਹੈ ਅਰਥਾਤ ਉਸ ਵਸਤੂ ਦਾ ਵੇਗ ਸਮਾਨ ਸਮੇਂ ਅੰਤਰਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਅਸਮਾਨ ਮਾਤਰਾ ਵਿੱਚ ਘੱਟਦਾ ਜਾਂ ਵੱਧਦਾ ਹੈ ਤਾਂ ਉਸ ਵੇਲੇ ਵਸਤੂ ਅਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ ਗਤੀ ਕਰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਇੱਕ ਬੱਸ ਦੀ ਚਾਲ 80 kmh-1 ਤੋਂ ਘੱਟ ਕੇ 60 kmh-1 5 s ਵਿੱਚ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ । ਬੱਸ ਦਾ ਵੇਗ ਪਤਾ ਕਰੋ ?
ਹੱਲ:
ਬੱਸ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 80 kmh-1
= 80 × \(\frac{5}{18}\)ms-1 (∵ 1 kmh-1 = \(\frac{5}{18}\)ms-1)
ਬੱਸ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (v) = 60kmh-1
= 60 × \(\frac{5}{18}\)ms-1
ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ (t) = 5 s
ਬੱਸ ਦਾ ਵੇਗ (a) = ?
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 12
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 13

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਇੱਕ ਰੇਲਗੱਡੀ ਰੇਲਵੇ ਸਟੇਸ਼ਨ ਤੋਂ ਚੱਲਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ ਚੱਲਦੇ ਹੋਏ 40 km/h ਦੀ ਚਾਲ 10 ਮਿੰਟਾਂ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਲੈਂਦੀ ਹੈ । ਉਸ ਦਾ ਵੇਗ ਪਤਾ ਕਰੋ ।
ਹੱਲ:
ਰੇਲ ਗੱਡੀ ਦੀ ਮੁੱਢਲੀ ਚਾਲ (u) = 0
ਅੰਤਿਮ ਚਾਲ (v) = 40 kmh-1
= 40 × \(\frac{5}{18}\)ms-1
= \(\frac{100}{9}\)ms-1
ਸਮਾਂ (t) = 10 ਮਿੰਟ
= 10 × 60 ਸੈਕਿੰਡ
= 600 ਸੈਕਿੰਡ
ਪ੍ਰਵੇਗ (a) = ?
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 14
= 0.018 ms-2

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੇ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਅਤੇ ਅਸਮਾਨ ਗਤੀ ਦੇ ਲਈ ਦੂਰੀ ਸਮਾਂ (x – t) ਗਰਾਫ਼ ਦੀ ਦਿੱਖ ਕਿਹੋ ਜਿਹੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਦੋਂ ਕੋਈ ਵਸਤੂ ਬਰਾਬਰ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਸਮਾਨ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ ਤਦੋਂ ਉਹ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਗਤੀ ਨਾਲ ਚਲਦੀ ਹੈ । ਅਰਥਾਤ ਇਸ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਵਸਤੂ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ ਲੱਗੇ ਸਮੇਂ ਦੇ ਅਨੁਪਾਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਗਤੀ ਵਾਲੀ ਵਸਤੂ ਲਈ ਦੁਰੀਸਮਾਂ ਗਰਾਫ਼ ਇੱਕ ਸਰਲ ਰੇਖੀ ਗਰਾਫ਼ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 15

ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਅਸਮਾਨ ਗਤੀ ਦੇ ਲਈ ਦੂਰੀ ਸਮਾਂ (x – t) ਗਰਾਫ਼ ਕਿਸੇ ਵੀ ਆਕਾਰ ਦਾ ਰੇਖੀ ਗਰਾਫ਼ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਜੋ ਇਹ ਵਸਤੂ ਬਰਾਬਰ ਸਮੇਂ ਅੰਤਰਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਅਸਮਾਨ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰਦੀ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 16

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ਦੇ ਸੰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹੋ, ਜਿਸਦਾ ਚਾਲ ਸਮਾਂ (x – t) ਗਰਾਫ਼ ਸਮਾਂਅਕਸ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਇੱਕ ਸਰਲ ਰੇਖਾ ਹੋਵੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਵਸਤੂ ਜਿਸ ਦਾ ਦੂਰੀ-ਸਮਾਂ (x – t) ਗਰਾਫ਼ ਸਮਾਂ-ਅਕਸ਼ (t-axis) ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਇੱਕ ਸਰਲ ਰੇਖਾ ਹੈ, ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਹੋਵੇਗੀ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 17

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਕਿਸੇ ਵਸਤੂ ਦੀ ਗਤੀ ਦੇ ਸੰਬੰਧ ਵਿੱਚ ਤੁਸੀਂ ਕੀ ਕਹਿ ਸਕਦੇ ਹੋ, ਜਿਸ ਦਾ ਚਾਲ-ਸਮਾਂ ਗਰਾਫ਼ (v – t), ਸਮਾਂ ਅਕਸ਼ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਇੱਕ ਸਰਲ ਰੇਖਾ ਹੋਵੇ ।
ਉੱਤਰ-
ਉਹ ਵਸਤੂ ਜਿਸਦਾ ਚਾਲ-ਸਮਾਂ ਗਰਾਫ਼ (v – t) ਸਮਾਂ-ਅਕਸ਼ ਦੇ ਸਮਾਨਾਂਤਰ ਇਕ ਸਰਲ ਰੇਖਾ ਹੈ, ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਚਾਲ ਨਾਲ ਚੱਲ ਰਹੀ ਹੋਵੇਗੀ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 18

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਵੇਗ-ਸਮੇਂ ਗਰਾਫ਼ (v -t) ਵਿੱਚ ਘੇਰੇ ਗਏ ਖੇਤਰਫਲ ਤੋਂ ਮਾਪੀ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਰਾਸ਼ੀ ਕਿਹੜੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਵੇ-ਸਮੇਂ ਗਰਾਫ਼ ਵਿੱਚ ਘੇਰੇ ਗਏ ਖੇਤਰਫਲ ਦੁਆਰਾ ਇੱਕ ਨਿਸ਼ਚਿਤ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ ਮਾਪਦਾ ਹੈ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ 19

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਕੋਈ ਬੱਸ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਤੋਂ ਚਲਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ 2 ਮਿੰਟ ਤੱਕ 0.1 ms-2 ਦੇ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਵੇਗ ਨਾਲ ਚੱਲਦੀ ਹੈ, ਪਤਾ ਕਰੋ-
(i) ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਗਈ ਚਾਲ
(ii) ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ ।
ਹੱਲ:
(i) ਬੱਸ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 0 (ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ)
ਸਮਾਂ (t) = 2 ਮਿੰਟ
= 2 × 60 ਸੈਕਿੰਡ
= 120 ਸੈਕਿੰਡ ,
ਪਵੇਗ (a) = 0.1 ms-2
ਬੱਸ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (v) = ?
ਬੱਸ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ (S) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, v = u + at
v = 0 + 0.1 × 120
v = 1 × 12
∴ v = 12 ms-1

(ii) ਹੁਣ v2 – u2 = 2 aS ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਕੇ
(12)2 – (0)2 = 2 × 0.1 × S
12 × 12 = 0.2 × S
∴ S = \(\frac{12 \times 12}{0.2}\)
= \(\frac{144 \times 10}{2}\)
= 720 m

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਕੋਈ ਰੇਲਗੱਡੀ 90 kmh-1 ਦੀ ਚਾਲ ਨਾਲ ਚੱਲ ਰਹੀ ਹੈ । ਬਰੇਕ ਲਗਾਏ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਹ 0.5ms-2 ਦਾ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਵੇਗ ਉਤਪੰਨ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਰੇਲਗੱਡੀ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਕਿੰਨੀ ਦੂਰੀ ਤੈਅ ਕਰੇਗੀ ?
ਹੱਲ:
ਰੇਲਗੱਡੀ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 90 kmh-1
= 90 × \(\frac{5}{18}\)ms-1
= 5 × 5 ms-1
= 25 ms-1
ਪ੍ਰਵੇਗ (a) = -0.5 ms-2
ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (v) = 0 (ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ)
ਰੇਲਗੱਡੀ ਦੁਆਰਾ ਤੈਅ ਕੀਤੀ ਗਈ ਦੂਰੀ (S) = ?
v2 – u2 = 2 as ਦਾ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਕੇ
(0)2 – (25)2 = 2 × (-0.5) × S
– 25 × 25 = -1 × S
S = 25 × 25 m
= 625 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 8 ਗਤੀ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 18.
ਇੱਕ ਟਰਾਲੀ ਇੱਕ ਢਾਲਵੇਂ ਤਲ ਤੇ 2 ms-2 ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ । ਗਤੀ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਨ ਦੇ 3 s ਦੇ ਬਾਅਦ ਉਸ ਦਾ ਵੇਗ ਕਿੰਨਾ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਇੱਥੇ ਟਰਾਲੀ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 0
ਪ੍ਰਵੇਗ (a) = 2 ms-2
ਸਮਾਂ (t) = 3s
ਟਰਾਲੀ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (v) = ?
v = u + at ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਤੇ
v = 0 + 2 × 3
= 6 ms-1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 19.
ਇੱਕ ਰੇਸਿੰਗ ਕਾਰ ਦਾ ਇੱਕ ਸਮਾਨ ਵੇਗ 4ms-2 ਹੈ ਅਤੇ ਗਤੀ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਨ ਦੇ 3s ਬਾਅਦ ਉਸਦਾ ਕਿੰਨਾ ਵੇ ਹੋਵੇਗਾ ?
ਹੱਲ:
ਰੇਸਿੰਗ ਕਾਰ ਦਾ ਪ੍ਰਵੇਗ (a) = 4 ms-2
ਕਾਰ ਦਾ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 0
ਸਮਾਂ (t) = 3 s
ਰੇਨਿੰਗ ਕਾਰ ਦਾ ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (v) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, v = u + at
v = 0 + 4 × 3
∴ ਰੇ ਸੰਗ ਕਾਰ ਦਾ 3 s ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਵੇਗ, v = 12 ms-1

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 20.
ਕਿਸੇ ਪੱਥਰ ਨੂੰ ਖੜੀ ਲੰਬਵੱਤ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ 5 ms-1 ਦੇ ਵੇਗ ਨਾਲ ਸੁੱਟਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜੇ ਗਤੀ ਦੌਰਾਨ ਪੱਥਰ ਦਾ ਹੇਠਾਂ ਵੱਲ ਨੂੰ ਵੇਗ 10ms-2 ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਪੱਥਰ ਦੁਆਰਾ ਕਿੰਨੀ ਉੱਚਾਈ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ ਗਈ ਅਤੇ ਉਸਨੂੰ ਉੱਥੇ ਪਹੁੰਚਣ ਵਿੱਚ ਕਿੰਨਾ ਸਮਾਂ ਲੱਗੇਗਾ ?
ਹੱਲ :
ਇੱਥੇ ਮੁੱਢਲਾ ਵੇਗ (u) = 5 ms-1
ਉੱਪਰ ਵੱਲ ਨੂੰ ਵੇਗ (g) = 10.0 ms-2
ਅੰਤਿਮ ਵੇਗ (v) = 0
∵ ਅਧਿਕਤਮ ਉਚਾਈ ਤੇ ਪੁਹੰਚ ਕੇ ਪੱਥਰ ਵਿਰਾਮ ਅਵਸਥਾ ਵਿੱਚ ਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਲੱਗਾ ਸਮਾਂ (t) = ?
ਉੱਚਾਈ (S = h) = ?
ਅਸੀਂ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ, y = u + gt
0 = 5 +(-10) × t
0 = 5 – 10t
ਜਾਂ 10t = 5
t = \(\frac{5}{10}\)
= 0.5 s

ਹੁਣ v2 – u2 = 2gs ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਕਰਨ ਤੇ
(0)2 – (5)2 = 2 × (-10) × h
– 5 × 5 = -20 h
∴ h = \(\frac{5 \times 5}{20}\)
= \(\frac{5}{4}\)m
∴ h = 1.25 m

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 ਸਜੀਵਾਂ ਵਿਚ ਵਿਭਿੰਨਤਾ

Punjab State Board PSEB 9th Class Science Book Solutions Chapter 7 ਸਜੀਵਾਂ ਵਿਚ ਵਿਭਿੰਨਤਾ Textbook Exercise Questions and Answers.

PSEB Solutions for Class 9 Science Chapter 7 ਸਜੀਵਾਂ ਵਿਚ ਵਿਭਿੰਨਤਾ

PSEB 9th Class Science Guide ਸਜੀਵਾਂ ਵਿਚ ਵਿਭਿੰਨਤਾ Textbook Questions and Answers

ਅਭਿਆਸ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਵਰਗੀਕ੍ਰਿਤ ਕਰਨ ਦੇ ਕੀ ਲਾਭ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਵਰਗੀਕ੍ਰਿਤ ਕਰਨ ਦੇ ਲਾਭ

  1. ਇਸ ਨਾਲ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਜੀਵਾਂ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਕਰਨਾ ਸੌਖਾ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
  2. ਇਹ ਸਾਰੇ ਜੀਵਾਂ ਦੀ ਇਕਦਮ ਸਾਫ਼ ਤਸਵੀਰ ਪੇਸ਼ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  3. ਇਹ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਮੂਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸੰਬੰਧ ਬਾਰੇ ਦੱਸਦਾ ਹੈ ।
  4. ਇਹ ਜੀਵ ਵਿਗਿਆਨ ਦੀਆਂ ਹੋਰ ਸ਼ਾਖਾਵਾਂ ਨੂੰ ਆਧਾਰ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।
  5. ਭੁਗੋਲ ਦਾ ਅਧਿਐਨ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਵਰਗੀਕਰਨ ‘ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੈ ।
  6. ਜੀਵ ਵਿਗਿਆਨ ਦੀਆਂ ਕਈ ਸ਼ਾਖ਼ਾਵਾਂ ਜਿਵੇਂ-ਸੈੱਲ ਵਿਗਿਆਨ, ਕਾਇਕੀ, ਪਰਸਥਿਤਕੀ ਆਦਿ ਦਾ ਵਿਕਾਸ ਵਰਗੀਕਰਨ ਦੇ ਕਾਰਨ ਹੀ ਸੰਭਵ ਹੋਇਆ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਵਰਗੀਕਰਨ ਵਿੱਚ ਪਦਮ ਨਿਰਧਾਰਨ ਕਰਨ ਲਈ ਦੋ ਲੱਛਣਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਤੁਸੀਂ ਇੱਕ ਨੂੰ ਕਿਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਚੁਣੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਵਰਗੀਕਰਨ ਲਈ ਪਦਮ ਨਿਰਧਾਰਨ ਕਰਨ ਲਈ ਸੈਂਲ ਸੰਰਚਨਾ, ਪੋਸ਼ਣ ਦੇ ਸਰੋਤ ਅਤੇ ਤਰੀਕੇ ਅਤੇ ਸਰੀਰਕ ਸੰਗਠਨ ਨੂੰ ਆਧਾਰ ਬਣਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਆਮ ਕਰਕੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਸਰੀਰਕ ਸੰਰਚਨਾ ਅਤੇ ਕਾਰਜ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਜਾਣਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ | ਸਰੀਰਕ ਬਣਾਵਟ ਦੇ ਲੱਛਣਾਂ ਵਿੱਚ ਹੋਰ ਲੱਛਣਾਂ ਦੀ ਤੁਲਨਾ ਵਿੱਚ ਵਧੇਰੇ ਬਦਲਾਵ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਜਦੋਂ ਸਰੀਰਕ ਬਣਾਵਟ ਹੋਂਦ ਵਿੱਚ ਆਉਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਇਹ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਪਰਿਵਰਤਨਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਸਰੀਰ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਪਹਿਲਾਂ ਦਿਖਾਈ ਦੇਣ ਵਾਲੇ ਲੱਛਣਾਂ ਨੂੰ ਮੁਲ ਲੱਛਣ ਮੰਨਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਵਰਗੀਕਰਨ ਦੇ ਪਦਮ ਵਿੱਚ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਲੱਛਣਾਂ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਸਮੂਹਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡ ਕੇ ਮੁੱਢਲੀ ਇਕਾਈ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਣ ਵਿੱਚ ਇਹ ਤਰੀਕਾ ਵਧੇਰੇ ਸਹਾਇਕ ਹੈ ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਨੂੰ ਚੁਣਨਾ ਹੀ ਵਧੀਆ ਗੱਲ ਹੈ । ਵਰਗੀਕਰਨ ਇਸ ਤਰ੍ਹਾਂ ਹੈ ।
ਜਗਤ → ਸੰਘ → ਵਰਗ → ਗਣ → ਕੁੱਲ → ਵੰਸ਼ → ਜਾਤੀ

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਪੰਜ ਜਗਤਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਣ ਲਈ ਚੁਣੇ ਗਏ ਆਧਾਰ ਦੀ ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਿਟਾਕਰ ਨੇ ਸੰਨ 1959 ਵਿੱਚ ਜਗਤਾਂ ਦੇ ਵਰਗੀਕਰਨ ਵਿੱਚ ਪੰਜ ਆਧਾਰ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤੇ ਸਨ । ਉਹ ਹਨ ਮੋਨੀਰਾ, ਟਿਸਟਾ, ਫੰਜਾਈ, ਪਲਾਂਟੀ ਅਤੇ ਐਨੀਮੀਲੀਆ । ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਵਰਗੀਕਰਨ ਤਿੰਨ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ਤਾਵਾਂ ‘ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੈ ।
(i) ਸੈਂਲ ਸੰਰਚਨਾ
(ii) ਪੋਸ਼ਣ ਦੇ ਸਰੋਤ ਅਤੇ ਤਰੀਕੇ
(iii) ਸਰੀਰਕ ਸੰਗਠਨ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 ਸਜੀਵਾਂ ਵਿਚ ਵਿਭਿੰਨਤਾ 1
ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਕਾਰਲ ਦੋਸ਼ ਨੇ ਸਾਲ 1977 ਵਿੱਚ ਇਸ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਬਦਲਾਵ ਕੀਤਾ ਸੀ ਅਤੇ ਮੋਨੀਰਾ ਕਿੰਗਡਮ ਨੂੰ ਆਰਥੀ ਬੈਕਟੀਰੀਆ ਅਤੇ ਯੂਬੈਕਟੀਰੀਆ ਵਿੱਚ ਵੰਡ ਲਿਆ | ਵਰਗੀਕਰਨ ਦੀ ਆਧਾਰਭੂਤ ਇਕਾਈ ਜਾਤੀ (ਸਪੀਸੀਜ਼) ਨੂੰ ਮੰਨਿਆ ਗਿਆ ਹੈ-ਕਿਉਂਕਿ ਇੱਕ ਹੀ ਜਾਤੀ ਦੇ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਬਾਹਰੀ ਰੂਪਾਂ ਵਿੱਚ ਕਾਫ਼ੀ ਸਮਾਨਤਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਵਿਟਾਕਰ ਦੁਆਰਾ ਵਰਗੀਕ੍ਰਿਤ ਪੰਜ ਜਗਤ ਹਨ-

(i) ਮੋਨੀਰਾ – ਇਸ ਵਰਗ ਵਿੱਚ ਉਹਨਾਂ ਇਕ ਸੈੱਲੀ ਪੋਕੇਰਿਉਟੀ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਸਥਾਨ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸੈੱਲ ਭਿੱਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਪੋਸ਼ਣ ਦੇ ਆਧਾਰ ਤੇ ਇਹ ਸਵੈਪੋਸ਼ੀ ਜਾਂ ਪਰਪੋਸ਼ੀ ਦੋਵੇਂ ਹੀ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ । ਨੀਲੀ ਹਰੀ ਕਾਈ, ਬੈਕਟੀਰੀਆ, ਮਾਈਕ੍ਰੋਪਲਾਜ਼ਮਾ ਆਦਿ ਇਸ ਵਰਗ ਵਿੱਚ ਆਉਂਦੇ ਹਨ ।

(ii) ਟਿਸਟਾ – ਇਸ ਵਰਗ ਵਿੱਚ ਉਹਨਾਂ ਇੱਕ ਸੈੱਲੀ ਯੁਕੇਰਿਉਟੀ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਸਥਾਨ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਗਤੀ ਕਰਨ ਲਈ ਸਿੱਲੀਆਂ, ਫਲੇਜੈਲਾ ਨਾਮਕ ਸੰਰਚਨਾਵਾਂ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਹ ਸਵੈਪੋਸ਼ੀ ਅਤੇ ਪਰਪੋਸ਼ੀ ਦੋਨੋਂ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਕ ਸੈੱਲੀ ਕਾਈ, ਪੈਰਾਮੀਸ਼ੀਅਮ, ਡਾਈਐਟਮ, ਪ੍ਰੋਟੋਜ਼ੋਆ, ਯੁਗਲੀਨਾ ਆਦਿ ਇਸ ਵਰਗ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਹਨ ।

(iii) ਫੰਜਾਈ – ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਮ੍ਰਿਤਕ ਜੀਵ ਵੀ ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹ ਪਰਪੋਸ਼ੀ ਯੂਕੇਰਿਉਟੀ ਜੀਵ ਗਲੇ ਸੜੇ ਕਾਰਬਨਿਕ ਪਦਾਰਥਾਂ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤਿਆਂ ਵਿੱਚ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਕਾਲ ਵਿੱਚ ਬਹੁਸੈੱਲੀ ਬਣਨ ਦੀ ਯੋਗਤਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਖਮੀਰ, ਮਸ਼ਰੂਮ, ਪੈਨੀਸਿਲੀਅਮ ਆਦਿ ਇਸ ਦੇ ਉਦਾਹਰਨ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 ਸਜੀਵਾਂ ਵਿਚ ਵਿਭਿੰਨਤਾ 2
(iv) ਪਲਾਂਟੀ – ਇਸ ਵਰਗ ਵਿੱਚ ਬਹੁਸੈੱਲੀ ਯੂਕੇਰਿਉਟੀ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਸਥਾਨ ਦਿੱਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਸੈੱਲ ਕਿੱਤੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹ ਸਵੈਪੋਸ਼ੀ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਵਿਧੀ ਦੁਆਰਾ ਇਹ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਸੂਰਜ ਦੀ ਰੋਸ਼ਨੀ
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 ਸਜੀਵਾਂ ਵਿਚ ਵਿਭਿੰਨਤਾ 3
ਵਿੱਚ ਕਲੋਰੋਫਿਲ ਦੀ ਸਹਾਇਤਾ ਨਾਲ ਖ਼ੁਦ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ । ਸਾਰੇ ਪੇੜ-ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਇਸ ਵਰਗ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ ਹੈ । ਥੈਲੋਫਾਈਟਾ, ਇਉਫਾਈਟਾ, ਟੈਰਿਡੋਫਾਈਟਾ, ਜਿਮਨੋਸਪਰਮ, ਐਂਜੀਓਸਪਰਮ ਆਦਿ ਇਸ ਦੇ ਹੀ ਭਾਗ ਹਨ ।

(v) ਐਨੀਮੀਲੀਆ-ਇਸ ਵਰਗ ਵਿੱਚ ਬਹੁਸੈੱਲੀ ਯੂਰਿਉਟੀ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਸਥਾਨ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੈੱਲ ਭਿੱਤੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਇਸ ਵਰਗ ਦੇ ਜੀਵ ਪਰਪੋਸ਼ੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਸਾਰੇ ਰੀਧਾਰੀ ਅਤੇ ਅਰੀਧਾਰੀ ਜੀਵ ਜੰਤੂ ਇਸ ਵਰਗ ਦੇ, ਉਦਾਹਰਨ ਹਨ ।
PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 ਸਜੀਵਾਂ ਵਿਚ ਵਿਭਿੰਨਤਾ 4

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਪਲਾਂਟੀ ਜਗਤ ਵਿੱਚ ਕਿਹੜੇ-ਕਿਹੜੇ ਵਰਗ ਹਨ ? ਇਹਨਾਂ ਵਰਗਾਂ ਨੂੰ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਕੀ ਆਧਾਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪਲਾਂਟੀ ਜਗਤ ਦੇ ਮੁੱਖ ਵਰਗ ਹਨ-

  1. ਥੈਲੋਫਾਈਟਾ
  2. ਬਾਇਓਫਾਈਟਾ
  3. ਟੈਰਿਡੋਫਾਈਟਾ
  4. ਜਿਮਨੋਸਪਰਮ
  5. ਐਂਜੀਓਸਪਰਮ ।

ਇਸ ਦੇ ਵਰਗੀਕਰਨ ਦੇ ਆਧਾਰ ਹਨ-

  1. ਪੌਦੇ ਦੇ ਸਰੀਰ ਦੇ ਮੁੱਖ ਭਾਗਾਂ ਦਾ ਪੂਰਨ ਵਿਕਾਸ ਅਤੇ ਵਿਭੇਦਨ ।
  2. ਪੌਦਾ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਹੋਰ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਢੋਆ-ਢੁਆਈ ਲਈ ਖ਼ਾਸ ਟਿਸ਼ੂਆਂ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ।
  3. ਪੌਦਿਆਂ ਵਿੱਚ ਬੀਜ਼ ਧਾਰਨ ਕਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ।
  4. ਫਲ ਵਿੱਚ ਬੀਜ ਦੀ ਸਥਿਤੀ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਵਰਗੀਕਰਨ ਦੇ ਆਧਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮੂਲ ਅੰਤਰ ਕੀ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੰਤੂਆਂ ਅਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਦੇ ਵਰਗੀਕਰਨ ਦੇ ਆਧਾਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮੂਲ ਅੰਤਰ-

ਪੌਦੇ (Plants) ਜੰਤੂ (Animals)
(1) ਇਹ ਇੱਕ ਸਥਾਨ ‘ਤੇ ਸਥਿਰ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । (1) ਇਹ ਇੱਕ ਸਥਾਨ ਤੋਂ ਦੂਜੇ ਸਥਾਨ ਤੱਕ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ।
(2) ਇਹ ਸੂਰਜ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਕਾਸ਼-ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਦੁਆਰਾ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਆਪ ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ । (2) ਇਹ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਜੰਤੂਆਂ ਤੋਂ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਅਨਿਸਚਿਤ ਅਤੇ ਲਗਾਤਾਰ ਵਾਧਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (3) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਵਾਧਾ ਕੁੱਝ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਉਮਰ ਦੇ ਬਾਅਦ ਰੁਕ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
(4) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕਲੋਰੋਫਿਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (4) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕਲੋਰੋਫਿਲ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ।
(5) ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਸੈਂਲ ਭਿੱਤੀ ਸੈਂਲੂਲੋਜ਼ ਦੀ ਬਣੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (5) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੈੱਲ-ਭਾਂਤੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਜੰਤੂਆਂ ਦੇ ਵਰਟੀਬਰੇਟਾ ਵਰਗ ਨੂੰ ਅੱਗੇ ਛੋਟੇ ਵਰਗ ਜਾਂ ਕਲਾਸਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਵੇਂ ਵੰਡਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ? ਵਿਆਖਿਆ ਕਰੋ ।
ਉੱਤਰ-
ਵਰਟੀਬਰੇਟਾ ਰੀੜ ਦੀ ਹੱਡੀ ਵਾਲੇ ਜੰਤੁ) ਵਿੱਚ ਵਾਸਤਵਿਕ ਮੇਰੂਦੰਡ (ਰੀੜ ਦੀ ਹੱਡੀ) ਅਤੇ ਅੰਤਰਿਕ ਕੰਕਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਪੇਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਵਿਤਰਣ ਅਤੇ ਪੇਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਕੰਕਾਲ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਚਲਣ-ਫਿਰਨ ਵਿੱਚ ਸਹਾਇਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਦਿਮਾਗ਼, ਦਿਲ, ਬਾਹਰੀ ਚਮੜੀ ਦੇ ਅਨੇਕ ਸਤਰ, ਹੀਮੋਗਲੋਬਿਨ, ਹੱਡੀਆਂ ਅਤੇ ਉਪਅਸਥੀਆਂ (Cartilage) ਆਦਿ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਸਾਰੇ ਵਰਟੀਬਰੇਟਾਂ ਵਿੱਚ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਗੁਣ ਪਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ-

  1. ਨੋਟੋਕਾਰਡ
  2. ਪਿਛਲੀ ਨਾੜੀ ਕਾਰਡ
  3. ਕੋਰਿਕ ਸਰੀਰ
  4. ਜੁੜਵੀਆਂ ਗਲਫੜਾ ਥੈਲੀਆਂ
  5. ਦੇਖੋੜ
  6. ਸਮਤਾਪੀ ਜਾਂ ਅਸਮਤਾਪੀ ।
  7. ਅੰਡਜ਼ ਜਾਂ ਜਰਾਯੁਜ
  8. ਦਿਲ ਵਿੱਚ ਖ਼ਾਨਿਆਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ
  9. ਕਲੋਮ, ਚਮੜੀ ਜਾਂ ਫੇਫੜਿਆਂ ਰਾਹੀਂ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ।
  10. ਕਵਚ ਰਹਿਤ ਜਾਂ ਕਵਚਯੁਕਤ ਆਂਡੇ ।

ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਟਿਸ਼ੂਆਂ ਅਤੇ ਅੰਗਾਂ ਦਾ ਜਟਿਲ ਵਿਭੇਦਨ ਪਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਸ ਲਈ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਪਾਇਸਿਸ, ਜਲੀਥਲੀ ਜੀਵ (ਐੱਫਿਆ) ਰੀਂਗਣ ਵਾਲੇ ਜੀਵ (ਰੈਪਟੀਲੀਆ), ਏਵੀਜ਼ (ਪੰਛੀ) ਅਤੇ ਮੇਮੈਲੀਆ (ਥਣਧਾਰੀ ਜੀਵ) ਵਰਗਾਂ ਜਾਂ ਕਲਾਸਾਂ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ।

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ਪਾਠ-ਪੁਸਤਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸ਼ਨਾਂ ਦੇ ਉੱਤਰ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 1.
ਅਸੀਂ ਸਜੀਵਾਂ ਦਾ ਵਰਗੀਕਰਣ ਕਿਉਂ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਸੰਸਾਰ ਵਿੱਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਕਿਸਮਾਂ ਦੇ ਪੌਦੇ ਅਤੇ ਜੰਤੁ ਮਿਲਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੁੱਝ ਜੀਵਾਂ ਦੀ ਸੰਰਚਨਾ ਸਰਲ ਅਤੇ ਕੁੱਝ ਦੀ ਗੁੰਝਲਦਾਰ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਅਧਿਐਨ ਨੂੰ ਸਰਲ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਲਈ ਵਰਗੀਕਰਣ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਇਹਨਾਂ ਦੀਆਂ ਸਮਾਨਤਾਵਾਂ ਅਤੇ ਅਸਮਾਨਤਾਵਾਂ ‘ਤੇ ਆਧਾਰਿਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 2.
ਆਪਣੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਫੈਲੇ ਜੀਵ ਰੂਪਾਂ ਦੀ ਵਿਭਿੰਨਤਾ ਦੀਆਂ ਕੋਈ ਤਿੰਨ ਉਦਾਹਰਣਾਂ ਦਿਉ ।
ਉੱਤਰ-

  1. ਅਮੀਬਾ ਵਰਗੇ ਜੀਵ ਸੂਖ਼ਮਦਰਸ਼ੀ ਨਾਲ ਹੀ ਦੇਖੇ ਜਾ ਸਕਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਨੀਲੀ ਵਹੇਲ 30 ਮੀਟਰ ਤੱਕ ਲੰਬੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
  2. ਲਾਈਕੇਨ ਛੋਟੇ ਧੱਬਿਆਂ ਦੇ ਸਮਾਨ ਦਿਖਾਈ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । ਜਦਕਿ ਕੈਲੀਫੋਰਨੀਆ ਦੇ ਰੇਡਵੁੱਡ ਪੇੜ 100 ਮੀਟਰ ਲੰਬੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
  3. ਮੱਛਰ ਦਾ ਜੀਵਨਕਾਲ ਕੁੱਝ ਦਿਨਾਂ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ਜਦਕਿ ਕੱਛੂ 300 ਸਾਲ ਤੱਕ ਜੀਵਤ ਰਹਿ ਲੈਂਦਾ ਹੈ । ਸਿਕੋਇਆ ਵਰਗੇ ਰੁੱਖ ਹਜ਼ਾਰਾਂ ਸਾਲਾਂ ਤੱਕ ਜੀਵਤ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 3.
ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਵਰਗੀਕਰਨ ਲਈ ਸਭ ਤੋਂ ਮੂਲ ਲੱਛਣ ਕਿਹੜਾ ਹੈ ?
(i) ਉਹ ਥਾਂ ਜਿੱਥੇ ਉਹ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ?
(ii) ਜਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਉਹ ਬਣੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਕਿਉਂ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਸ ਪ੍ਰਕਾਰ ਦੇ ਸੈੱਲਾਂ ਦੇ ਉਹ ਬਣੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 4.
ਸਜੀਵਾਂ ਦੀ ਮੁੱਢਲੀ ਵੰਡ ਲਈ ਕਿਹੜੇ ਮੂਲ ਲੱਛਣ ਨੂੰ ਆਧਾਰ ਬਣਾਇਆ ਗਿਆ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਜੀਵਾਂ ਦੇ ਸਥਲ, ਜਲ ਅਤੇ ਹਵਾ ਵਿੱਚ ਰਹਿਣ ਦੇ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 5.
ਕਿਸ ਆਧਾਰ ‘ਤੇ ਪੌਦਿਆਂ ਅਤੇ ਜੰਤੂਆਂ ਨੂੰ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਤੋਂ ਭਿੰਨ ਵਰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਜੰਤੂਆਂ ਨੂੰ ਭੋਜਨ ਹਿਣ ਕਰਨ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਅਤੇ ਬਨਸਪਤੀ ਨੂੰ ਭੋਜਨ ਬਣਾਉਣ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਦੇ ਅਨੁਸਾਰ ਇੱਕ-ਦੂਸਰੇ ਤੋਂ ਭਿੰਨ ਵਰਗਾਂ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 6.
ਕਿਹੜੇ ਸਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਜਾਂ ਪੁਰਾਤਨ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹ ਅਖਾਉਤੀ ਨਵੀਨ ਜੀਵਾਂ ਤੋਂ ਕਿਵੇਂ ਭਿੰਨ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਪ੍ਰਾਚੀਨ ਜੀਵ ਪਹਿਲੀ ਕਿਸਮ ਦੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਸਰੀਰਕ ਸੰਰਚਨਾ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਖ਼ਾਸ ਬਦਲਾਵ ਨਹੀਂ ਹੋਏ ਹਨ । ਪਰ ਅਖਾਉਤੀ ਨਵੀਨ ਜੀਵਾਂ ਦੇ ਸਮੂਹਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲਾਵ ਹੋਇਆ ਹੈ ਜੋ ਇਹਨਾਂ ਨੂੰ ਉਹਨਾਂ ਤੋਂ ਭਿੰਨ ਕਰਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 7.
ਕੀ ਨਵੀਨ ਜੀਵ ਅਤੇ ਗੁੰਝਲਦਾਰ ਜੀਵ ਇੱਕ ਹੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਹਾਂ, ਨਵੀਨ ਜੀਵ ਅਤੇ ਗੁੰਝਲਦਾਰ ਜੀਵ ਇੱਕੋ ਹੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਵਿਕਾਸ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਜੀਵਾਂ ਵਿੱਚ ਗੁੰਝਲਦਾਰ ਸੰਰਚਨਾ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਬਣੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 8.
ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਟਿਸਟਾ ਅਤੇ ਮੋਨੀਰਾ ਜਗਤ ਵਿੱਚ ਵੰਡਣ ਲਈ ਮਾਪਦੰਡ ਕੀ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਮੋਨੀਰਾ ਅਤੇ ਪੋਟਿਸਟਾ ਵਰਗੇ ਜੀਵ ਇੱਕ ਸੈੱਲੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਪੋਸ਼ਣ ਦੇ ਢੰਗ ਤੋਂ ਇਹ ਜੀਵ ਆਪਣਾ ਭੋਜਨ ਆਪ ਬਣਾਉਣ ਵਾਲੇ ਸਵੈਪੋਸ਼ੀ ਜਾਂ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਤੋਂ ਭੋਜਨ ਲੈਣ ਵਾਲੇ ਪਰਪੋਸ਼ੀ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 9.
ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸੰਸ਼ਲੇਸ਼ਣ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਇੱਕ ਸੈੱਲੇ ਯੂਕੇਰਿਉਟੀ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਤੁਸੀਂ ਕਿਸ ਜਗਤ ਵਿੱਚ ਰੱਖੋਗੇ ?
ਉੱਤਰ-
ਇਕ ਸ਼ੈਲੀ ਸ਼ੈਵਾਲ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 10.
ਵਰਗੀਕਰਨ ਦੇ ਵਿਭਿੰਨ ਪਦਮਾਂ ਵਿੱਚ ਕਿਸ ਸਮੂਹ ਵਿੱਚ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਮਿਲਦੇ-ਜੁਲਦੇ ਲੱਛਣ ਰੱਖਣ ਵਾਲੇ ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਅਤੇ ਕਿਸ ਸਮੂਹ ਵਿੱਚ ਸਭ ਤੋਂ ਜ਼ਿਆਦਾ ਗਿਣਤੀ ਵਾਲੇ ਜੀਵਾਂ ਨੂੰ ਰੱਖਿਆ ਜਾਵੇਗਾ ?
ਉੱਤਰ-
ਸਭ ਤੋਂ ਘੱਟ-ਜਾਤੀ (ਸਪੀਸੀਜ਼)
ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ-ਜਗਤ (ਕਿੰਗਡਮ) ।

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ਪ੍ਰਸ਼ਨ 11.
ਸਰਲ ਪੌਦਿਆਂ ਨੂੰ ਕਿਸ ਵਰਗ ਵਿੱਚ ਰੱਖਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਥੈਲੋਫਾਈਟਾ ਵਿੱਚ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 12.
ਟੈਰਿਡੋਫਾਈਟਾ ਅਤੇ ਫੈਨੀਰੋਗੇਮੀ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਟੈਰਿਡੋਫਾਈਟਾ ਵਿੱਚ ਜੜ੍ਹ, ਤਨਾ, ਪੱਤੇ ਅਤੇ ਸੰਵਹਿਣ ਟਿਸ਼ੂ ਮਿਲਦੇ ਹਨ । ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਲੁੱਕਵੇਂ ਜਨਣ-ਅੰਗ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਬੀਜ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਦੀ ਸਮਰੱਥਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । ਜਦਕਿ ਫੈਨੇਰੋਗੇਮੀ ਵਿੱਚ ਜਨਣ-ਅੰਗ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਵਿਕਸਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਤੇ ਵਿਭੇਦਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਜਨਣ ਕਿਰਿਆ ਦੁਆਰਾ ਬੀਜ ਪੈਦਾ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਬੀਜ ਅੰਦਰ ਭਰੂਣ ਅਤੇ ਜਮਾਂ ਭੋਜਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਜਿਸਦੀ ਵਰਤੋਂ ਭਰੁਣ ਦੇ ਸ਼ੁਰੂਆਤੀ ਵਾਧੇ ਅਤੇ ਪੁੰਗਰਣ ਸਮੇਂ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 13.
ਜਿਮਨੋਸਪਰਮ ਅਤੇ ਐਂਜੀਓਸਪਰਮ ਇੱਕ-ਦੂਜੇ ਤੋਂ ਭਿੰਨ ਕਿਵੇਂ ਹਨ ?
ਉੱਤਰ-
ਜਿਮਨੋਸਪਰਮ ਅਤੇ ਐਂਜੀਓਸਪਰਮ ਵਿੱਚ ਭਿੰਨਤਾ-

ਜਿਮਨੋਸਪਰਮ ਐਂਜੀਓਸਪਰਮ
(1) ਬੀਜ ਨੰਗੇ ਜਾਂ ਅਣਚੱਕੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (1) ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਬੀਜ ਢੱਕੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(2) ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਬੀਜ ਫਲਾਂ ਦੁਆਰਾ ਢੱਕੇ ਹੋਏ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । (2) ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਬੀਜ ਫਲਾਂ ਦੁਆਰਾਂ ਢੱਕੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(3) ਇਹ ਬੀਜ਼ ਪਾਈਨ ਅਤੇ ਸਾਈਕਸ ਵਿੱਚ ਪਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । (3) ਇਹ ਬੀਜ ਕਣਕ, ਮੱਕੀ ਆਦਿ ਵਿੱਚ ਪਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ।
(4) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਨ (Cones) ਬਣਦੇ ਹਨ । (4) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਫੁੱਲ ਬਣਦੇ ਹਨ ।
(5) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸਾਥੀ ਸੈੱਲ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । (5) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸਾਥੀ ਸੈੱਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(6) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਇਕਹਿਰਾ ਨਿਸ਼ੇਚਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (6) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਦੋਹਰਾ ਨਿਸ਼ੇਚਨ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(7) ਭਰੂਣਪੋਸ਼ ਨਿਸ਼ੇਚਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਬਣਦਾ ਹੈ । (7) ਭਰੂਣਪੋਸ਼ ਨਿਸ਼ੇਚਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਬਣਦਾ ਹੈ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 14.
ਪੋਰੀਫੇਰਾ ਅਤੇ ਸੀਲੈਂਟਰੇਟ ਵਰਗ ਦੇ ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਪੋਰੀਫੈਰਾ ਅਤੇ ਸੀਲੈਂਟਰੇਟ ਵਰਗ ਦੇ ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਪੋਰੀਫੇਰਾ ਸੀਲੈਂਟਰੇਟ
(1) ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਸਰੀਰਕ ਸੰਰਚਨਾ ਅਤਿਅੰਤ ਸਰਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਇਸ਼ ਵਿਭੇਦਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । (1) ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਸਰੀਰਕ ਸੰਗਠਨ ਟਿਸ਼ੂ ਪੱਧਰ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(2) ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਕਈ ਛੇਕ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (2) ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਖੋੜ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(3) ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਸਰੀਰ ਵਿੱਚ ਨਾਲੀ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਸਰੀਰ ਕਠੋਰ ਪਰਤ ਨਾਲ ਢਕਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (3) ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਸਰੀਰ ਦੋ ਪਰਤਾਂ (ਬਾਹਰੀ ਤੇ ਅੰਦਰਲੀ) ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(4) ਇਹ ਚਲ ਫਿਰ ਨਹੀਂ ਸਕਦੇ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਠੋਸ ਆਧਾਰ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । (4) ਇਹ ਮਿਲ-ਜੁਲ ਕੇ ਸਮੂਹਾਂ ਵਿੱਚ ਜਾਂ ਇਕੱਲੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ । ਕੋਰਲ ਸਮੂਹ ਵਿੱਚ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਜਦਕਿ ਹਾਈਡਰਾ ਇਕੱਲਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ ।
(5) ਇਹ ਸਥਿਰ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਮੂਹ ਵਿੱਚ ਮਿਲਦੇ ਹਨ । (5) ਇਹ ਚਲ ਸਕਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਮੂਹ ਵਿਚ ਜਾਂ ਇਕੱਲੇ ਮਿਲਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 15.
ਐਨੀਲੀਡਾ ਅਤੇ ਆਰਥਰੋਪੋਡਾ ਵਰਗ ਦੇ ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਐਨੀਲੀਡਾ ਅਤੇ ਆਰਥਰੋਪੋਡਾ ਵਰਗ ਦੇ ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਐਨੀਲੀਡਾ ਆਰਥਰੋਪੋਡਾ
(1) ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਸਰੀਰ ਦੋ ਪਾਸੀ ਸਮਮਿਤੀ, ਤਿਕੋਰਕ ਅਤੇ ਖੰਡਯੁਕਤ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (1) ਇਹ ਜੰਤੂ ਦੀ ਦੋ ਪਾਸੀ ਸਮਮਿਤੀ ਵਾਲੇ ਅਤੇ ਖੰਡਿਤ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(2) ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਦੇਹ ਖੋੜ ਵਿੱਚ ਅਸਲ ਅੰਗ ਠੀਕ ਤਰ੍ਹਾਂ ਫਿਟ ਹੋਏ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (2) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਖੁੱਲੀ ਸੰਚਾਰ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਦੇਹ ਖੋੜ ਲਹੂ ਨਾਲ ਭਰੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਦੇਹ ਖੋੜ ਸੀਲੋਮ ਦੀ ਬਜਾਏ ਹੀਮੋਸੀਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(3) ਇਸਦੇ ਜੀਵਾਂ ਦੀ ਸੰਖਿਆ ਘੱਟ ਹੈ । (3) ਇਸ ਵਰਗ ਦੇ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਜੀਵ ਹਨ ।
(4) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਅੱਖਾਂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ । (4) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੰਯੁਕਤ ਅੱਖਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(5) ਆਹਾਰ ਨਲੀ ਸਿੱਧੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (5) ਆਹਾਰ ਨਲੀ ਕੁੰਡਲਿਤ ਨਲੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(6) ਇਹ ਇੱਕ ਲਿੰਗੀ ਜਾਂ ਦੋ ਗੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (6) ਇਹ ਇੱਕ ਲਿੰਗੀ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(7) ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਚੱਲਣਾ ਸ਼ੂਕ, ਚੁਸਕ ਜਾਂ ਪੈਰੀਪੋਡੀਆ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (7) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਜੋੜਦਾਰ ਲੱਤਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(8) ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਬਾਹਰੀ ਕੰਕਾਲ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । (8) ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਬਾਹਰੀ ਕੰਕਾਲ ਕਾਇਟਿਨ ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।

PSEB 9th Class Science Solutions Chapter 7 ਸਜੀਵਾਂ ਵਿਚ ਵਿਭਿੰਨਤਾ

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 16.
ਐਮਫੀਆ ਅਤੇ ਰੈਪਟੀਲੀਆ ਸ਼ੇਣੀ ਦੇ ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਐਮਫੀਬੀਆ ਅਤੇ ਰੈਪਟੀਲੀਆ ਸ਼੍ਰੇਣੀ ਦੇ ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਐਮਫੀਬੀਆ ਰੈਪਟੀਲੀਆ
(1) ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਚਮੜੀ ਤੇ ਮਿਊਕਸ ਗ੍ਰੰਥੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਸਕੇਲਾਂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ । (1) ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਸਰੀਰ ਸਕੇਲਾਂ ਨਾਲ ਢੱਕਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(2) ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਬਾਹਰੀ ਕੰਕਾਲ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ । (2) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਹੱਡੀਆਂ ਤੋਂ ਬਣਿਆ ਕੰਕਾਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(3) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਗਲਫੜੇ ਚਮੜੀ ਜਾਂ ਫੇਫੜਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ । (3) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸਾਹ ਕਿਰਿਆ ਫੇਫੜਿਆਂ ਦੁਆਰਾ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(4) ਦਿਲ ਦੇ ਤਿੰਨ ਖ਼ਾਨੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।ਦੋ ਆਲਿੰਦ ਤੇ ਇਕ ਨਿਲਯ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (4) ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਦਿਲ ਵਿੱਚ ਦੋ ਆਲਿੰਦ ਅਤੇ ਅਪੂਰਣ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵੰਡਿਆ ਹੋਇਆ ਨਿਲਯ ਹੁੰਦਾ ਹੈ ।
(5) ਇਹ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਅੰਡੇ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਪਰਤ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ । (5) ਇਹ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਪਰਤ ਵਾਲੇ ਅੰਡੇ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ।
(6) ਇਹ ਪਾਣੀ ਅਤੇ ਧਰਤੀ ਦੋਵਾਂ ਥਾਂਵਾਂ ‘ਤੇ ਰਹਿ ਸਕਦੇ ਹਨ । (6) ਇਹ ਅਕਸਰ ਧਰਤੀ ‘ਤੇ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਗੈਂਗ ਕੇ ਚਲਦੇ ਹਨ ।

ਪ੍ਰਸ਼ਨ 17.
ਏਵੀਜ਼ ਅਤੇ ਮੇਮੈਲੀਆ ਵਰਗ ਦੇ ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਕੀ ਅੰਤਰ ਹੈ ?
ਉੱਤਰ-
ਏਵੀਜ਼ ਅਤੇ ਮੇਮੈਲੀਆ ਵਰਗ ਦੇ ਜੰਤੂਆਂ ਵਿੱਚ ਅੰਤਰ-

ਏਵੀਜ਼ (ਪੰਛੀ ਵਰਗ) ਮੇਮੈਲੀਆ (ਥਣਧਾਰੀ)
(1) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਲਿੰਗੀ ਦਵੀਪਤਾ ਸਪੱਸ਼ਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਤੇ ਇਹ ਅੰਡੇ ਦਿੰਦੇ ਹਨ । (1) ਇਹ ਸੰਤਾਨ ਨੂੰ ਜਨਮ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਦੁੱਧ ਉਤਪਾਦਨ ਲਈ ਗੰਥੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ । ਇਕੀਡਾਨਾ ਅਤੇ ਪਲੈਟੀਪਸ ਅੰਡੇ ਦਿੰਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਦੁੱਧ ਪਿਲਾਉਂਦੇ ਹਨ ।
(2) ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਸਰੀਰ ਪੰਖਾਂ ਨਾਲ ਢੱਕਿਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । (2) ਇਹਨਾਂ ਦੀ ਚਮੜੀ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਜਾਂ ਆਸ਼ਿਕ ਰੂਪ ਵਿੱਚ ਵਾਲਾਂ ਨਾਲ ਢੱਕੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ।
(3) ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਅੱਗੇ ਵਾਲੇ ਪੈਰ ਉੱਡਣ ਵਾਲੇ ਪੰਖਾਂ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । (3) ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਪੰਖ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ । ਚਮਗਾਦੜ ਇੱਕ ਅਪਵਾਦ ਹੈ ।
(4) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕਰਣ, ਪੱਲਣ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਗ੍ਰੰਥੀਆਂ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀਆਂ । (4) ਇਹਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕਰਣ, ਪੱਲਵ ਅਤੇ ਦੁੱਧ ਗ੍ਰੰਥੀਆਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ।
(5) ਇਹ ਅੰਡਜ਼ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । (5) ਇਹ ਜਰਾਯੁਜ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।
(6) ਜਬਾੜੇ ਦੰਦਾਂ ਤੋਂ ਬਗੈਰ ਚੁੰਝ ਵਿੱਚ ਬਦਲ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । (6) ਜਬਾੜੇ ਵਿੱਚ ਦੰਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ।